प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज इमलाई के समीप एक मैदान में दमोह संसदीय क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में आमसभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी का दमोह में 1 घंटे का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।
19 अप्रैल 2024 आज का कन्या राशिफल : आज कन्या राशि वालों के लिए सफलता पाने का दिन
Virgo Horoscope today Kanya Rashi Ka Rashifal Horoscope : राशि चक्र की यह छठी राशि है। जिन जातकों के जन्म समय में चन्द्रमा कन्या राशि में गोचर कर रहा होता है, उनकी राशि कन्या मानी जाती है।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण की आठ सीटों पर खड़े 80 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला आज होगा। पहले चरण में 1.44 करोड़ से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
गैंगरेप के बाद काट दी जुबान, फिर...; दिल्ली के गोविंदपुरी में मालकिन ने नौकरानी संग कराई दरिंदगी
इस घटना का एक और शर्मनाक पहलू यह है कि पीड़ित युवती की शिकायत पुलिस ने भी नहीं सुनी। दो साल के संघर्ष के बाद गत सोमवार को साकेत कोर्टके आदेश पर इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।
आज पहले चरण का मतदान... इन 10 धनकुबेरों की किस्मत EVM में होगी कैद
Lok Sabha Election 2024 के पहले चरण का मतदान आज होगा और इसमें 21 राज्यों की कुल 102 सीटों पर वोटिंग होने जा रही है. पहले चरण में कई दिग्गज और अमीर कैंडिडेट मैदान में हैं, जिनकी का फैसला EVM में कैद हो जाएगा.
jacresults com JAC 10th Result 2024 latest Updates:झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट आजजारी करेगी।रिजल्टjacresults.com और jac.jharkhand.gov.in के अलावा लाइव हिन्दुस्तान पर भी ज
शरद पवार की पत्नी-बेटी ने विपक्षी कैंडिडेट से लिया 85 लाख का लोन, बारामती से कनेक्शन
शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले की तरफ से दाखिल हलफनामे के अनुसार उन पर अजित और सुनेत्रा पवार के बेटे पार्थ पवार का भी 20 लाख रुपये बकाया है। सुप्रिया और सुनेत्रा बारामती से चुनावी मैदान में हैं।
शिव उपासक रामेश्वरम और शक्ति के केंद्र कन्याकुमारी से भाजपा को आशीर्वाद की उम्मीद...दोनों तटीय लोकसभा क्षेत्रों में मछुआरा समुदाय के वोट अहम। अंकित शुक्ला की रिपोर्ट...
रुपये की गिरावट अर्थव्यवस्था को पहुंचा रही चोट
डॉलर के मुकाबले रुपया मंगलवार को अब तक के सबसे निचले स्तर 83.53 पर बंद हुआ था। जानकार बताते हैं कि रुपये की गिरावट को रोकने के लिए केंद्रीय बैंक ने हस्तक्षेप किया। डॉलर के मुकाबले रुपया के नए निचले स्तर पर पहुंचना निर्यात के लिए लाभदायक है, लेकिन आयात महंगा हो गया है।
ईडी ने दिल्ली वक्फ बोर्ड के कथित घोटाले में गुरुवार देर शाम आप विधायक अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार कर लिया है। इस बीच संजय सिंह, आतिशी समेत अन्य नेता उनके परिवार से मिलने के लिए पहुंचे।
नई दिल्ली:दिल्ली वक्फ बोर्ड की संपत्तियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को ओखला से आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान से पूछताछ की। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अमानतुल्लाह गुरुवार सुबह पूछताछ में शामिल होने के लिए ईडी दफ्तर पहुंचे थे। …
पहले चरण का मतदान आज, कैसे वोट देने जाएं, क्या ले जाएं क्या नहीं…जानिए सबकुछ
नई दिल्ली : 2024 लोकसभा चुनाव के पहले फेज में आज वोटिंग का दिन है। इसी के साथ दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनावी महाकुंभ का शंखनाद हो रहा है। चुनाव आयोग के अनुसार वोटिंग सुबह सात बजे शुरू होकर शाम छह बजे तक चलेगा। पहले चरण में 21 …
सिंह राशिफल 19 अप्रैल : धन-दौलत में होगी वृद्धि, लव लाइफ रहेगी बढ़िया, प्रेमी का मिलेगा साथ
Aaj Ka Singh Rashifal Leo Horoscope today 19 April 2024 : राशि चक्र की यह पांचवीं राशि है। जिन जातकों के जन्म समय में चन्द्रमा सिंह राशि में गोचर कर रहा होता है, उनकी राशि सिंह मानी जाती है।
IPL 2024 Points Table Latest Update- हार्दिक पांड्या की अगुवाई वाली मुंबई इंडियंस ने गुरुवार 18 अप्रैल को पंजाब किंग्स को 9 रनों से धूल चटाकर पॉइंट्स टेबल में 7वां स्थान हासिल किया है।
21 राज्य, 102 सीटें और 16 करोड़ वोटर, लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग आज
आम चुनाव के पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) में 102 संसदीय सीटों के लिए शुक्रवार सुबह सात बजे मतदान शुरू होगा
21 राज्य, 102 लोकसभा सीट... पहले चरण के लिए मतदान आज, 1625 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में होगी कैद
आज पहले चरण के साथ ही लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज होने जा रहा है। पहले चरण में 21 राज्यों की 102 लोकसभा सीटों के लिए देश के कुल 97 करोड़ वोटरों में से 16 करोड़ 63 लाख मतदाता वोट डालकर अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे। इस बार चुनाव आयोग ने पोलिंग बुथ पर कुछ खास तैयारियां भी की हैं...
आम आदमी पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद ओखला से विधायक अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार कर लिया है। वे अदालत के आदेश पर जांच एजेंसी के सामने पेश हुए थे।
यूपीआई ट्रांजैक्शन के लिए नया विकल्प, गूगल और फोन-पे के पर कतरने की तैयारी
गूगल पे और फोन पे के बढ़ते एकाधिकार को सीमित किया जाएगा, अन्य कंपनियों को मौका मिलेगा। 85 फीसदी हिस्सेदारी है कुल यूपीआई लेनदेन में इन कंपनियों के पास। हर माह 10 अरब से ज्यादा यूपीआई लेनदेन होते है।
Aaj Ka Rashifal 19 April 2024 : ग्रह-नक्षत्रों की चाल से राशिफल का आकलन किया जाता है। 19 अप्रैल को शुक्रवार है। शुक्रवार का दिन कुछ राशि वालों के लिए शुभ तो कुछ राशियों के लिए सामान्य रहेगा।
Delhi Weather: दिल्ली का मौसम एक बार फिर बदलने वाला है। गुरुवार को लोग गर्मी से परेशान रहे। मौसम विभाग ने शुक्रवार को तेज हवाओं के साथ बारिश का अलर्ट जारी किया है। इससे मौसम में ठंडक आएगी।
Aaj Ka Rashifal 19 April 2024: दिन अनुकूल रहेगा, जानिए किन राशि वालों को मिलेगा अटका हुआ धन
Aaj Ka Rashifal 19 April 2024: कन्या राशि वालों के लिए आज का दिन सामान्य रहेगा। किसी कार्य विशेष के लिए बाहर लंबी यात्रा पर जा सकते हैं।
गर्वित और नंदिनी, मुंबई में मिले, दोस्त बने, फिर लिव इन में रहने लगे। दोनों सोशल मीडिया पर फेमस थे। नंदिनी हरियाणा के बहादुरगढ़ में रुहिल रेजिडेंसी सोसाइटी में रहती थी। 13 अप्रैल को गर्वित उससे मिलने आया। 7वें फ्लोर पर नंबर-701 में पहुंचा। दोनों में झगड़ा हुआ और उनकी डेडबॉडी नीचे पड़ी मिलीं। दोनों ने सुसाइड किया था या दोनों झगड़ते हुए नीचे गिर गए, ये अब तक साफ नहीं है। यूट्यूबर गर्वित सिंह गैरी और नंदिनी कश्यप की मौत अब मिस्ट्री बन गई है। जिस सोसाइटी में ये घटना हुई, वहां न CCTV कैमरा है और न ही किसी ने दोनों को नीचे गिरते देखा। पुलिस अब फोरेंसिक टीम की मदद से जांच कर रही है। दैनिक भास्कर ने केस की जांच कर रही बहादुरगढ़ पुलिस, सोसाइटी के लोगों और इन्वेस्टिगेशन एक्सपर्ट समेत तमाम लोगों से बातचीत की। एक कॉल से शुरू हुई कहानी…गर्वित के पास फोन आया, देहरादून से अचानक बहादुरगढ़ लौटा थापूरी कहानी 12 अप्रैल की रात को गर्वित के पास आए एक कॉल से शुरू होती है। पुलिस इन्वेस्टिगेशन में पता चला है कि इस कॉल पर दोनों की कुछ देर बात हुई। इसके तुरंत बाद ही गर्वित सिंह गैरी अचानक देहरादून से बहादुरगढ़ के लिए निकला। परिवार वालों ने ही गर्वित को बस स्टॉप तक छोड़ा था। इसके बाद 13 अप्रैल की सुबह करीब 5 बजे गर्वित नंदिनी के फ्लैट पर पहुंचा। कुछ देर बाद ही नंदिनी से उसकी बहस होने लगी। दोनों एक कमरे में गए और अंदर से लॉक लगा लिया। इसी दौरान झगड़ते हुए दोनों बालकनी में चले गए। फ्लैट में नंदिनी के साथ रहने वाले 4 लड़के और एक लड़की मौजूद थे। उन्होंने आवाज लगाई, लेकिन दोनों ने दरवाजा नहीं खोला। काफी देर तक दोनों के लड़ने की आवाज आती रही। सुबह करीब 6 बजे दोनों के बालकनी से गिरने का पता चला। बालकनी से गिरने के बाद सुबह 6 बजे सबसे पहले एक बुजुर्ग ने देखाहम हरियाणा के बहादुरगढ़ के सेक्टर-3 में रुहिल रेजिडेंसी सोसाइटी पहुंचे। सोसाइटी में 700 से ज्यादा फ्लैट हैं, लेकिन अभी सिर्फ 200 फ्लैट में लोग रह रहे हैं। यहां हमें एक शख्स मिले, जो सोसाइटी में कारें साफ करते हैं। वे रोज सुबह 5 बजे सोसाइटी में आते हैं। हालांकि वे अपनी पहचान बताने के लिए राजी नहीं हुए। शख्स ने बताया, ‘मैं शनिवार सुबह सोसाइटी में पहुंच गया था। करीब 6 बजे सोसाइटी में एक बुजुर्ग ने लड़के और लड़की को जमीन पर पड़े देखा। बुजुर्ग ने शोर मचाया, तो सिक्योरिटी गार्ड स्पॉट पर आए। तब तक दोनों के दोस्त भी नीचे आ गए थे। उस समय लग रहा था कि लड़के की सांसें चल रही हैं। तुरंत दोनों को अस्पताल पहुंचाया गया। तब तक दोनों की मौत हो गई थी।’ ‘लोग बात कर रहे थे कि लड़की जिस तरह जमीन पर पड़ी थी, उसे देखकर लग रहा था कि उसे नीचे फेंका गया है। इसके बाद लड़का नीचे कूद गया। या फिर ये भी हो सकता है कि लड़का खुद लड़की के साथ नीचे कूद गया हो क्योंकि लड़की बिल्कुल बैठने वाली पोजीशन में ही गिरी थी। उसके बैक और पेट में गंभीर चोट लगी थी, लेकिन लड़की के सिर में कोई चोट नहीं थी। वहीं, लड़के के पैर और सिर में चोट लगी थी।’ सोसायटी में रहने वालीं शानू बोलीं- सोसाइटी में किसी के सुसाइड की खबर मिली थीरुहिल रेजिडेंसी में ही रहने वाली शानू कहती हैं, ‘हम सब सो रहे थे। उसी वक्त हमारा एक दोस्त आया और बताया कि सोसाइटी में किसी ने सुसाइड कर लिया है। तब हमें पता लगा कि किसी ने बालकनी से छलांग लगा दी है। आप जानते ही हैं कि सोसाइटी में किसी को दूसरे से ज्यादा मतलब नहीं रहता। बाद में पता चला कि यहां पर कुछ यूट्यूबर रहते हैं। उन्हीं में से कोई था।’ सोसाइटी के लोग बोले- रेलिंग बहुत नीची है, दोनों गिर गए होंगेसोसाइटी में ही रहने वाले एक शख्स बताते हैं कि बालकनी में कम हाइट वाली रेलिंग की वजह से दोनों नीचे गिर गए। घटना की जानकारी मिलते ही मैं स्पॉट पर पहुंचा था। हालांकि उन्होंने ये बात कैमरे पर बोलने से इनकार कर दिया। वे बताते हैं, ‘रुहिल रेजिडेंसी सोसाइटी के फ्लैट की बालकनी में करीब 3 फीट से कम हाइट की रेलिंग लगी है। दोनों बच्चे यूट्यूबर थे और आपस में दोनों दोस्त थे। दोनों के बीच विवाद होना कोई बड़ी बात नहीं है। मुझे लगता है कि कहासुनी के दौरान दोनों ने एक दूसरे को धक्का दिया होगा और रेलिंग नीची होने की वजह से दोनों एक्सीडेंटली नीचे गिर गए होंगे।’ इस बारे में हम सोसाइटी के एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिस पहुंचे तो वहां मौजूद एक अफसर ने इस केस के बारे में बात करने से मना कर दिया। बोले कि कुछ बोलेंगे तो हमारी इमेज खराब होगी। DCP बोले- दोस्तों ने बताया कि दोनों में बहुत विवाद होते थेकेस की जांच कर रहे बहादुरगढ़ के DCP मयंक मिश्रा से हमने पूछा कि क्या ये सुसाइड केस है या कुछ और भी हो सकता है। इस पर DCP कहते हैं, ‘शुरुआती जांच में तो ये सुसाइड केस ही लग रहा है। परिवार ने किसी पर कोई शक जाहिर नहीं किया है। इनके दोस्तों ने बताया कि दोनों की आपस में कहासुनी हो जाती थी। ऐसे में सुसाइड एंगल भी है और एक्सीडेंटल फॉल भी हो सकता है।’ दोनों एक साथ 7वीं मंजिल से कूदे या फिर कुछ और हुआDCP मयंक मिश्रा बताते हैं, ‘पुलिस सभी एंगल पर जांच कर रही है। अभी कुछ भी सामने आ सकता है।’ हमने पूछा कि दोनों ने एक साथ 7वीं मंजिल से छलांग लगाकर सुसाइड किया या फिर पहले लड़की को गोद में उठाकर नीचे फेंका गया और फिर लड़का कूदा। इस पर DCP मयंक मिश्रा कहते हैं, ‘सुसाइड इन्वेस्टिगेशन का एक एंगल तो है, लेकिन एक साथ दोनों के कूदने की संभावना भी कम है।' 'ये एक्सीडेंटल केस भी हो सकता है क्योंकि जो बालकनी की रेलिंग है उसकी हाइट 3 फीट के आसपास या उससे कम ही है। ऐसे में ये भी हो सकता है कि कहासुनी के दौरान बैलेंस बिगड़ गया हो और दोनों एक के बाद एक नीचे गिर गए हों।’ क्या रेलिंग इतनी नीची थी कि हादसा हो जाएक्या गर्वित और नंदिनी की मौत छोटी रेलिंग की वजह से हुई, इसकी पड़ताल के दौरान पुलिस को न कोई जानकारी मिली और न ही कोई CCTV फुटेज मिला। इसकी जानकारी जुटाने के लिए हमने उसी जगह के वीडियो की तलाश की। नंदिनी का इंस्टाग्राम अकाउंट को खंगाला तो इस पर करीब डेढ़ महीने पहले अपलोड हुई एक रील मिली। रील का ये वीडियो रुहिल रेजिडेंसी की 7वीं मंजिल की उसी बालकनी में शूट किया गया था, जहां से गर्वित और नंदिनी गिरे थे। इस वीडियो में नंदिनी अकेली नजर आ रही हैं और वो एक गाने पर रील बना रही हैं। ऐसे में हादसा होने की कितनी आशंका है। ये जानने हमने यूपी पुलिस में आरुषि मर्डर मिस्ट्री से लेकर कई अहम केस की जांच कर चुके रिटायर्ड DSP गजेंद्र सिंह से बात की। उन्हें गर्वित और नंदिनी के नीचे गिरने के बाद वाली फोटो भी दिखाई। उन्होंने कई चौंकाने वाली जानकारी दी। एक्सपर्ट का दावा- हादसे में गिरने के चांस सिर्फ 1 से 2% रिटायर्ड DSP गजेंद्र सिंह बताते हैं, ‘फोटो के हिसाब से तो लग रहा है कि फ्लैट की रेलिंग की हाइट ढाई फीट से थोड़ी ही ज्यादा है। ऐसे में किसी हादसे की वजह से दोनों के नीचे गिरने के चांस बहुत कम हैं। इसकी संभावना सिर्फ 1 से 2% ही हो सकती है क्योंकि अगर दोनों धक्का-मुक्की में गिरते तो दोनों की बॉडी दूर-दूर होती, लेकिन ऐसा नहीं है।' गजेंद्र सिंह कहते हैं, ‘आप फोटो में भी देख सकते हैं कि पहले गर्वित नीचे गिरा है। उसकी पैर के ऊपर वाले हिस्से में नंदिनी है। वो बैठी हुई पोजिशन में है। ऐसे में इस बात की संभावना ज्यादा है कि गर्वित लड़की को गोद में उठाकर नीचे कूदा हो। इस स्थिति में वो गिरने के बाद नीचे पूरी तरह से लेट गया और उसके सिर में भी चोट आई।’ गजेंद्र सिंह ये भी कहते हैं, ‘मुझे नहीं लगता है कि लड़के ने पहले लड़की को गोद में उठाकर उसे नीचे फेंका और खुद बाद में कूदा क्योंकि फोटो देखकर ऐसा नहीं लगता है। अगर लड़का बाद में कूदता तो उसके पैर पर लड़की का बैक वाला हिस्सा नहीं होता। ऐसे में इसी बात के ज्यादा चांस हैं कि लड़के ने लड़की को गोद में लेकर 7वीं मंजिल से छलांग लगाई होगी। क्या नंदिनी की मौत गिरने से पहले हो चुकी थी?अब सवाल ये था कि जब लड़की को सिर या किसी ऐसे सेंसेटिव हिस्से में चोट ही नहीं लगी, तब उसकी मौत कैसे हुई। इस पर गजेंद्र कहते हैं, ‘लड़का अगर नंदिनी को गोद में लेकर 7वीं मंजिल से छलांग लगाता तो लड़की की मौत तुरंत होना काफी मुश्किल है क्योंकि उसे ऐसी कोई गंभीर चोट लगी नहीं दिख रही है, जिससे मौत हो जाए।' 'ऐसे में इसकी आशंका है कि दोनों के बीच जब कहासुनी हो रही थी तब गुस्से में लड़के ने उसका गला दबाया हो जिससे उसका दम घुट गया। इसके बाद लड़का उसे गोद में लेकर नीचे कूद गया हो।’ गजेंद्र आगे कहते हैं, ‘अगर ऐसा हुआ होगा तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में जरूर पता चल जाएगा क्योंकि फिर नंदिनी की मौत की वजह चोट लगने से नहीं बल्कि दम घुटने से होनी चाहिए थी।’ हालांकि वो कहते हैं कि मुझे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में पता नहीं है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बारे में हमने हरियाणा पुलिस के DCP मयंक मिश्रा से पूछा तो उन्होंने बताया कि दोनों की मौत की वजह ऊंचाई से नीचे गिरने की वजह से ही हुई है और यही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी सामने आया है। फिर भी पुलिस सभी एंगल को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच कर रही है। गर्वित और नंदिनी 5 साल पहले मुंबई में मिले थे पुलिस के मुताबिक, गर्वित घटना से 3 दिन पहले देहरादून में अपने घर पर परिवार के साथ था। उसके पिता सूबेदार सिंह उत्तराखंड पुलिस में ASI हैं। गर्वित के बड़े भाई यूपी पुलिस में हैं। वहीं, नंदिनी कश्यप का परिवार भी देहरादून के तपोवन में रहता है। दोनों की मुलाकात मुंबई में 5 साल पहले हुई थी। दोनों एक्टिंग के सिलसिले में देहरादून से मुंबई पहुंचे थे। बाद में दोनों दोस्त बन गए। दोनों ने शॉर्ट फिल्मों के अलावा कई वेब सीरीज में काम किया था। पिछले डेढ़ महीने से नंदिनी और उसकी टीम बहादुरगढ़ में रुहिल रेजिडेंसी के फ्लैट नंबर-701 में रह रही थी। इसमें नंदिनी समेत 2 लड़कियां और कुल 4 लड़के थे। गर्वित यहां कभी-कभार ही आता था। इनकी एक टीम है जो मिलकर वीडियो शूट करती है और शॉर्ट फिल्में बनाती है। दोनों यूट्यूबर सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर रहे हैं। सुनील शेट्टी के बेटे अहान शेट्टी की फिल्म तड़प के एक डांस सीन में गर्वित सिंह गैरी भी नजर आए थे। इस सीन का वीडियो गर्वित ने अपने फेसबुक पर 3 दिसंबर 2021 को शेयर भी किया था।
बीजेपी के 2019 के चुनावी घोषणा पत्र के वादों की पड़ताल की चौथी कड़ी… 2019 में बीजेपी ने ‘संकल्प पत्र’ नाम से 50 पेज का घोषणापत्र जारी किया था। इसमें जनकल्याण से जुड़े 40 प्रमुख वादे किए थे, जिनमें से 22 वादे पूरे कर दिए गए हैं। इस तरह जनकल्याण के एजेंडे पर बीजेपी का स्ट्राइक रेट करीब 55% निकलता है। 18 प्रमुख वादों पर काम अभी भी अधूरा है। इनमें से कई वादे स्वास्थ्य, गरीब जनता, किसान और उद्यमियों के मुद्दों से जुड़े हैं। वादा-1: देश के सभी किसानों के लिए PM किसान सम्मान निधि बीजेपी ने अपना ये वादा पूरा किया है। वादा-2: छोटे और सीमांत किसानों के लिए पेंशन योजना बीजेपी का यह वादा पूरा हो गया है। वादा-3: ब्याज मुक्त किसान क्रेडिट कार्ड बीजेपी का ऋण मुक्त किसान क्रेडिट कार्ड का वादा पूरा नहीं हुआ है। हालांकि कई बार KCC के तहत कर्ज देने वाले बैंक लिए गए कर्ज पर रियायत देते हैं। वादा-4: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में स्वैच्छिक पंजीकरण बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ है। वादा-5: जैविक खेती के तहत 20 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि रसायन मुक्त करेंगे बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ कहा जा सकता है। वादा-6: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का विस्तार बीजेपी का यह वादा अधूरा है। वादा-7: सौर फार्मिंग को बढ़ावा देंगे बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ है। वादा-8: भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ कहा जा सकता है। वादा-9: मत्स्य संपदा योजना आरंभ करेंगे बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ है। वादा-10: 'नल से जल' के तहत 2024 तक हर परिवार को पाइपलाइन से पानी देंगे बीजेपी का यह वादा आधा-अधूरा है। वादा-11: GST की प्रक्रिया को सरल करेंगे बीजेपी का यह वादा अधूरा है। वादा-12: 2024 तक ऋण गारंटी योजना के तहत एक लाख करोड़ रुपए तक के कर्ज देंगे बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ है। वादा-13: 2024 तक देश में 50,000 नए स्टार्टअप में मदद बीजेपी इस वादे पर खरी उतरी है। वादा-14: 20,000 करोड़ रुपए के सीड स्टार्टअप फंड की स्थापना बीजेपी का यह वादा आधा-अधूरा है। वादा-15: 2022 तक 1,50,000 स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र खोलेंगे बीजेपी ने यह वादा पूरा किया है। वादा-16: चिकित्सा यंत्रों की मूल्य निर्धारण नीति से कीमतों में कमी बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ कहा जा सकता है। वादा-17: 2024 तक MBBS और विशेषज्ञ डॉक्टर्स की संख्या दोगुनी करेंगे, प्रशिक्षित डॉक्टर और जनसंख्या का अनुपात 1:1400 करने का प्रयास करेंगे बीजेपी का यह वादा अधूरा है। वादा-18: 2025 तक टीबी को भारत से खत्म करने का मिशन बीजेपी का यह वादा पूरा नहीं हुआ है। वादा-19: उद्यमियों के लिए 50 लाख रुपए तक के कोलैटरल फ्री ऋण की नई योजना सरकार इस वादे पर खरी उतरी है। वादा-20: उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए 'उद्यमशील उत्तर-पूर्व योजना' के तहत वित्तीय सहायता और रोजगार बीजेपी का यह वादा पूरा कहा जा सकता है। वादा-21: 30 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का लाभ बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ है। वादा-22: प्रधानमंत्री इनोवेटिव लर्निंग प्रोग्राम की शुरुआत बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ है। वादा-23: माध्यमिक श्रेणी की कक्षाओं में स्मार्ट क्लासेज बीजेपी ने यह चुनावी वादा पूरा किया है। वादा-24: 2024 तक 200 नए केंद्रीय और नवोदय विद्यालय कुल स्वीकृत विद्यालयों की संख्या के आधार पर कह सकते हैं कि बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ है। वादा-25: 2024 तक केंद्रीय विधि, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट संस्थानों में 50% सीटों की बढ़ोतरी बीजेपी का यह वादा आधा-अधूरा है। वादा-26: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत सभी बालिकाओं को पर्याप्त वित्तीय सहायता कहा जा सकता है कि बीजेपी ने यह वादा पूरा किया है। वादा-27: महिला कार्यबल रोडमैप महिलाओं के सशक्तीकरण के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं, लेकिन महिलाओं की भागीदारी के आंकड़े अभी भी संतोषजनक नहीं हैं। वादा-28: 2022 तक क्रेच और चाइल्ड केयर सुविधाओं में कम से कम तीन गुना वृद्धि बीजेपी का यह वादा पूरा नहीं हुआ है। वादा-29: कुपोषण की दर में दोगुनी कमी बीजेपी का यह वादा अभी पूरा नहीं हुआ है। वादा-30: आयुष्मान भारत योजना का विस्तार बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ है। वादा-31: दुष्कर्म के मामलों में शीघ्र कार्रवाई के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट का विस्तार बीजेपी का यह वादा अभी आधा-अधूरा है। वादा-32: गरीबी रेखा से नीचे मौजूद परिवारों के प्रतिशत को 1 अंक में लाना बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ कहा जा सकता है। वादा-33: सभी अल्पसंख्यकों के सशक्तीकरण हेतु गरिमापूर्ण विकास बीजेपी का यह वादा आधा-अधूरा है। वादा-34: 11 छूटी हुई भारतीय गोरखा उप-जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा बीजेपी ने ये वादा पूरा नहीं किया है। वादा-35: सिक्किम विधानसभा में लिंबू और तमांग जनजातियों हेतु आरक्षण अभी तक बीजेपी का यह वादा पूरा नहीं हुआ है। वादा-36: राष्ट्रीय वयोश्री योजना का विस्तार बीजेपी ने यह वादा पूरा किया है। वादा-37: छोटे दुकानदारों के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का विस्तार बीजेपी का यह वादा अभी आधा-अधूरा है। वादा-38: पारंपरिक कलाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री कलानिधि योजना बीजेपी ने यह वादा पूरा किया है। वादा-39: भाषाओं और बोलियों के संरक्षण के लिए एक कार्यबल का गठन बीजेपी का यह वादा अभी आधा-अधूरा है। वादा-40: 2022 तक सभी कच्चे मकानों की जगह पक्का मकान देने का वादा बीजेपी का पक्के मकान बनाने का वादा अभी आधा-अधूरा है।
1977 के अक्टूबर महीने की एक सुबह। दिल्ली स्थित CBI के मुख्यालय में गहमागहमी थी। अधिकारी फाइलों में उलझे थे। पुलिस को भी तैयार रहने के निर्देश दे दिए गए थे। ये आपातकाल के बाद का वक्त था। केंद्र में मोरारजी देसाई की अगुआई वाली जनता पार्टी की सरकार बन चुकी थी। चौधरी चरण सिंह को गृहमंत्री बनाया गया था। सरकार में शामिल लगभग सभी नेता चाहते थे कि इमरजेंसी के दौरान सैकड़ों नेताओं को जेल भेजने वाली इंदिरा को भी गिरफ्तार किया जाए। इंदिरा पर भ्रष्टाचार के कई मामले थे। इनमें सबसे ऊपर था- जीप घोटाला। इंदिरा पर आरोप था कि रायबरेली सीट पर चुनाव प्रचार के लिए सरकारी पैसे से 100 जीपें खरीदी गई थीं। इंदिरा भी देश के गृहमंत्री चौधरी चरण सिंह को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती दे चुकी थीं। गिरफ्तारी के लिए पहले 1 अक्टूबर की तारीख तय की गई थी। तब चरण सिंह की पत्नी गायत्री देवी ने सुझाव दिया कि 1 अक्टूबर को शनिवार है। इस दिन अगर इंदिरा गिरफ्तार होती हैं तो दूसरे दिन रविवार होने की वजह उन्हें बेल नहीं मिलेगी और एक महिला के लिए यह दिक्कत की बात होगी। गृहमंत्री चरण सिंह गिरफ्तारी की तारीख को बदलकर 2 अक्टूबर करने का आदेश देते हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो में पूर्व DIG विजयकरण कहते हैं कि अगर गांधी जयंती के दिन गिरफ्तार किया गया तो पूरा मुद्दा कहीं और भटक जाएगा। 3 अक्टूबर इस काम के लिए परफेक्ट रहेगा। इस तरह 3 अक्टूबर को इंदिरा गांधी को गिरफ्तार कर लिया जाता है। हालांकि 16 घंटे हिरासत में रहने के बाद इंदिरा गांधी को जमानत मिल गई। इस एक्शन की वजह से चौधरी चरण सिंह सुर्खियों में छा गए। इसके बाद दो साल भी नहीं बीते, इंदिरा ने चरण सिंह से अपनी गिरफ्तारी का करारा बदला लिया। चौधरी चरण सिंह 28 जुलाई 1979 को प्रधानमंत्री तो बने, लेकिन महज 24 दिनों के लिए। इंदिरा गांधी के हाथ खींचने की वजह से वो बतौर प्रधानमंत्री एक भी दिन लोकसभा नहीं जा सके। हालांकि केयरटेकर प्रधानमंत्री के दौर पर उनका कार्यकाल करीब 5 महीने रहा। आज राजनीति में चौधरी चरण सिंह की तीसरी पीढ़ी का दबदबा है। उनके पोते जयंत चौधरी ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन किया है। देश के ताकतवर राजनीतिक परिवारों की सीरीज ‘परिवार राज’ के दसवें और आखिरी एपिसोड में चौधरी चरण सिंह परिवार के किस्से… अंग्रेजों ने चरण सिंह को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए थे23 दिसंबर 1902 को चौधरी चरण सिंह का जन्म मेरठ के नूरपुर गांव के एक जाट परिवार में हुआ था। उनके पिता छोटे जोत वाले किसान थे। 1929 में मास्टर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद चरण सिंह कांग्रेस पार्टी से जुड़ गए। वो महात्मा गांधी से प्रभावित थे। मेरठ और उससे लगे शहरों में युवा चरण सिंह गुप्त क्रांतिकारी संगठन भी चला रहे थे। ब्रितानिया हुकूमत की मुखालफत के चलते मेरठ प्रशासन ने चरण सिंह को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए थे, लेकिन पुलिस को जब तक कोई खबर मिलती ये नौजवान क्रांतिकारी नेता आंदोलन से जुड़ी सभाओं में भाषण देकर निकल जाता था। बाद में चरण सिंह गिरफ्तार हुए। जेल से वापसी हुई तब तक यूपी की राजनीति में उनका कद बड़ा हो चुका था। 1937 में चरण सिंह छपरौली विधानसभा से संयुक्त प्रांत के विधायक चुने गए। इसके बाद चरण सिंह 1946, 1952, 1962 और 1967 में भी विधानसभा के लिए चुने गए। इस बीच जून 1951 में स्टेट कैबिनेट मिनिस्टर और 1952 में डॉ. संपूर्णानंद की कैबिनेट में कृषि मंत्री बने। पहली गैर-कांग्रेसी सरकार के सीएम बने, फिर BKD बनाई 1 अप्रैल 1967 को चरण सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। कांग्रेस के 16 विधायक अपने साथ मिलाकर चरण सिंह ने ‘जन कांग्रेस’ नाम से एक अलग गुट बना लिया। ये गुट विपक्ष के नेताओं के बनाए ‘संयुक्त विधायक दल’ गठबंधन में शामिल हुआ। संयुक्त विधायक दल ने 1967 में चरण सिंह की अगुआई में उत्तर प्रदेश में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार बनाई। चरण सिंह को राज नारायण और राम मनोहर लोहिया जैसे नेताओं और जनसंघ व कम्युनिस्ट पार्टी का साथ मिला। 3 अप्रैल 1967 को चरण सिंह ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन सिर्फ एक साल बाद 17 अप्रैल 1968 को उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। दिसंबर 1968 में चरण सिंह ने अपने भरोसे के कुछ नेताओं को साथ लेकर एक नई पार्टी बनाई। इसका नाम ‘भारतीय क्रांति दल’ यानी BKD रखा गया। BKD ने 1969 में उत्तर प्रदेश में हुए मध्यावधि चुनाव में हिस्सा लिया और फरवरी 1970 में चरण सिंह दूसरी बार उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इस बार सरकार को कांग्रेस का समर्थन था। सितंबर 1970 तक चरण सिंह यूपी के सीएम रहे। उसके बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। इसके बाद साल 1977 तक चरण सिंह उत्तर प्रदेश की विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। इंदिरा की इमरजेंसी और राष्ट्रीय फलक पर चर्चित हुए चौधरीये वह दौर था जब दिल्ली के हालात तेजी से बदल रहे थे। चरण सिंह भी दिल्ली की सियासत की तरफ रुख करना चाहते थे। 1974 में चरण सिंह ने विपक्षी नेताओं को एकजुट किया और भारतीय लोकदल की नींव रखी। इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं, लेकिन देश में कांग्रेस के खिलाफ माहौल बन रहा था। 1975 में इंदिरा ने देश पर इमरजेंसी थोप दी। सैकड़ों नेता जेल में डाल दिए गए। 26 जून 1975 की रात चरण सिंह भी जेल में थे। इमरजेंसी के विरोध में ज्यादातर विपक्षी नेता एकजुट हो गए थे और 77 में जनता पार्टी का गठन हुआ। चरण सिंह इसके प्रमुख संस्थापकों में से एक थे। आपातकाल का निर्णय इंदिरा के लिए आत्मघाती साबित हुआ और 1977 के लोकसभा चुनाव में वे बुरी तरह हार गईं। 1977 का आम चुनाव ऐतिहासिक था। देश में पहली बार गैर-कांग्रेसी पार्टियों ने मिलकर जनता पार्टी की सरकार बनाई थी। इस चुनाव में जनता पार्टी का चुनाव निशान हलधर किसान था। वही निशान जो चरण सिंह की पार्टी BKD का था। मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने और चरण सिंह को इस सरकार में पहले गृहमंत्री और बाद में उप-प्रधानमंत्री बनाया गया। इसी दौरान उन्होंने इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करवाया था। बाद में मोरारजी देसाई से मतभेद होने के बाद चरण सिंह ने जनता पार्टी छोड़ दी। लोक दल का गठन और चरण सिंह से इंदिरा का बदलाचरण सिंह जनता पार्टी से अलग हुए तो नई पार्टी बना ली। नाम रखा- लोकदल। इसका चुनाव निशान था- दो बैल और हल से खेत जोतता हुआ किसान। एक बार फिर चरण सिंह और कांग्रेस के बीच की दूरियां कम हुईं। 28 जुलाई 1979 को कांग्रेस और अन्य कुछ दलों के समर्थन से चरण सिंह देश के पांचवें प्रधानमंत्री बने। सरकार को बहुमत साबित करने के लिए राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने 20 अगस्त तक का वक्त दिया था] लेकिन इंदिरा की कांग्रेस (आई) ने 19 अगस्त को ही समर्थन वापस ले लिया। इतिहासकार कहते हैं कि ये इंदिरा का चरण सिंह से लिया गया बदला था। सरकारों में मंत्री रहते हुए और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए चरण सिंह ने कई ऐसे काम किए थे, जिससे उनकी छवि किसान नेता की बन गई थी। लोग चरण सिंह को किसानों का अंबेडकर कहने लगे थे। सियासी गलियारों में जब देश के किसानों की बात होती है तो एक बात जरूर कही जाती है कि चौधरी चरण सिंह अगर संसद तक पहुंचे होते तो आज किसानों की स्थिति बेहतर होती। अपने बेटे अजित की सियासत में एंट्री को विरोध कियाचौधरी चरण सिंह की सेहत बिगड़ रही थी। उन्होंने IIT पास अपने बेटे अजित सिंह को राजनीति में बुला लिया। अजित सिंह देश लौटने के बाद राजनीति में एक्टिव हो गए। चौधरी चरण सिंह के करीबी डॉ. केएस राना ने एक इंटरव्यू में उनसे जुड़ा एक किस्सा याद करते हुए कहा कि एक बार मथुरा के डेम्पियर नगर में पब्लिक मीटिंग हो रही थी। चौधरी चरण सिंह मंच पर भाषण दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जो गांव और किसान को जानता है, उनकी परेशानियों को समझता है उसे देश की सियासत में आने का हक है। लेकिन, राजीव गांधी ने जहाज उड़ाए हैं। विदेश में पढ़े हैं। मेरा बेटा खुद अजित सिंह विदेश में पढ़ा है तो ऐसे लोगों के लिए सियासत में कोई जगह नहीं है। कुछ दिनों बाद लोकसभा चुनाव 1984 में किसे, कहां से टिकट देनी है इसको लेकर लिस्ट पढ़ी जा रही थी। मुलायम सिंह यादव खड़े होकर लिस्ट पढ़ रहे थे। कई बड़े नेताओं के अलावा चौधरी देवीलाल भी मौजूद थे। मथुरा का नाम आते ही अजित सिंह का नाम बोला गया। जिस पर चरण सिंह ने कहा कि यह कौन है? राजनीति में जिसे मैं नहीं जानता और आप उसे मथुरा से टिकट दे रहे हैं, तो आखिर यह है कौन? तब देवीलाल ने उनसे कहा कि यह तुम्हारा छोरो है। इस पर उन्होंने मुलायम सिंह को डांट लगाते हुए कहा कि तू तो मेरे से राजनीति सीख रहा है। फिर तू कैसे परिवारवाद की बात कर सकता है। मुझे तुझ से ऐसी उम्मीद नहीं थी। और यह कहकर वो उस मीटिंग को छोड़कर चले गए। इसी वजह से कहा जाता है कि चौधरी चरण सिंह ने राजनीति में एंट्री पर अपने बेटे चौधरी अजित सिंह का भी विरोध किया था। यही वजह रही है कि जब आखिरी वक्त में बीमारी के चलते चौधरी चरण सिंह 1986 में बेहोश थे तो उस वक्त ही पहली बार अजित सिंह राज्यसभा के सांसद बने थे। यहीं से अजित सिंह की सियासत में एंट्री हो पाई थी। चौधरी चरण सिंह के निधन से छिड़ी विरासत की जंगसाल 1987 में 29 मई को चौधरी चरण सिंह ने आखिरी सांस ली, लेकिन उनके निधन के पहले ही लोकदल की राजनीतिक विरासत को लेकर घमासान शुरू हो चुका था। ये सियासी लड़ाई चौधरी साहब के बेटे अजित सिंह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमवती नंदन बहुगुणा के बीच चल रही थी। पिता के निधन के बाद चरण सिंह की बनाई पार्टी पर उनके बेटे अजित सिंह कंट्रोल चाहते थे। इसमें दिक्कत ये थी कि पार्टी के ज्यादातर बड़े नेता जैसे कर्पूरी ठाकुर, नाथूराम मिर्धा, चौधरी देवीलाल और उस समय यूपी में पार्टी की तरफ से नेता विपक्ष मुलायम सिंह यादव, वगैरह बहुगुणा के खेमे में थे। पार्टी पर कब्जे की लड़ाई छिड़ी और मामला आखिरकार चुनाव आयोग तक पहुंचा, लेकिन आयोग ने अजित सिंह के खिलाफ फैसला सुनाया। चुनाव आयोग ने कहा, ‘अजित सिंह, चरण सिंह की संपत्ति के वारिस तो हो सकते हैं, मगर पार्टी की विरासत उन्हें नहीं मिल सकती।’ चरण सिंह के निधन के बाद अजित सिंह के इशारे पर लोकदल के ज्यादातर विधायकों की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में मुलायम सिंह को पार्टी के विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया। अजित सिंह के बजाय मुलायम को मिल गई सीएम कुर्सी11 अक्टूबर 1988 को अजित सिंह ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्मदिन की तारीख पर एक नई पार्टी बनाई। इसका नाम रखा- 'जनता दल'। जनमोर्चा, जनता पार्टी, लोकदल (अ), लोकदल (ब) और सोशलिस्ट कांग्रेस सब इसके घटक के तौर पर शामिल हुए। अजित सिंह इस नए मोर्चे के महासचिव चुने गए। कुछ ही महीने बाद 1989 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए। तब यूपी में कुल 425 विधानसभा सीटें होती थीं। सारे कांग्रेस विरोधी एकजुट थे। जनता दल यूपी में 356 सीटों पर लड़ी और 208 सीटें जीतीं। कांग्रेस का हाल ये कि लड़ी 410 सीटों पर और जीत सिर्फ 94 सीटों पर मिली। केंद्र में वीपी सिंह की सरकार बन गई थी। वीपी सिंह, अजित सिंह को सीएम बनाना चाहते थे और मुलायम को उनका डिप्टी, लेकिन मुलायम को ये मंजूर नहीं था। उन्होंने खुला विरोध कर दिया। कारण वही था- अजित से 2 साल पुरानी अदावत। चंद्रशेखर के समर्थन से मुलायम को बल मिल गया और मुलायम अड़ गए। कहा ये भी जाता है कि वीपी सिंह की चिंता संभावित चुनौती को लेकर भी थी। उन्हें लगता था कि देवीलाल, मुलायम और अजित सिंह के एक साथ आने से उन्हें चुनौती मिल सकती है। इसलिए अजित सिंह को मुख्यमंत्री पद का रास्ता दिखाया गया। अजित सिंह से कहा गया कि चौधरी साहब भी पहले यूपी के मुख्यमंत्री बने थे, उसके बाद प्रधानमंत्री। इस कुटिलता से अनजान अजित सिंह लखनऊ आ गए। दूसरी तरफ इन्हीं लोगों ने मुलायम सिंह की पीठ पर भी हाथ रख दिया। दिल्ली से बतौर पर्यवेक्षक तीन लोग लखनऊ भेजे गए। मुलायम को समझाने की कोशिश भी की गई, लेकिन जब बात नहीं बनी तो तय हुआ कि विधायक वोट करेंगे और जिसका नंबर ज्यादा, मुख्यमंत्री की कुर्सी उसकी, लेकिन मुलायम के आगे पिता चरण सिंह से मिला गठजोड़ का हुनर अजित के काम नहीं आया। बाहुबली डीपी सिंह और बेनीप्रसाद वर्मा ने मुलायम के पक्ष में विधायकों का नंबर बढ़ा दिया। अजित सिंह खेमे के 11 विधायकों ने भी मुलायम को वोट कर दिया। मुलायम को कुल 115 वोट मिले और अजित सिंह को 110 वोट मिले। पांच विधायकों के अंतर ने अजित सिंह का मुख्यमंत्री बनने का सपना तोड़ दिया। मुलायम सीएम बन गए। हालांकि बतौर कंपेन्सेशन वीपी सिंह, अजित सिंह को केंद्र में ले आए। वीपी सिंह की सरकार में अजित सिंह दिसंबर 1989 से नवंबर 1990 तक केंद्रीय उद्योग मंत्री भी रहे। राष्ट्रीय लोकदल का गठन और बीजेपी के साथ गठबंधन1999 में अजित सिंह ने लोकदल (अ) के नेताओं को साथ लेकर राष्ट्रीय लोकदल यानी RLD का गठन किया। इस पार्टी को चुनाव निशान मिला- हैंडपंप। जुलाई 2001 के आम चुनावों में अजित सिंह की पार्टी RLD ने भाजपा के साथ गठबंधन में पहला चुनाव लड़ा। अजित सिंह चुनाव भी जीते और अटल सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। इधर लंबी कानूनी लड़ाई के बाद असली 'लोकदल' की कमान अलीगढ़ के जाट नेता चौधरी राजेंद्र सिंह के हाथों में पहुंच गई थी। चरण सिंह के समय चौधरी राजेंद्र सिंह लोकदल के कद्दावर नेता थे। पार्टी का चुनाव निशान भी वही रहा जो चरण सिंह के जमाने में लोकदल का था- दो बैल और हल से खेत जोतता हुआ किसान। राजेंद्र सिंह के बेटे सुनील सिंह पिता के न रहने के बाद किसी तरह से लोकदल का नाम और चुनाव चिन्ह अपने पास बनाए हुए हैं। सुनील सिंह एक बार यूपी से विधान परिषद सदस्य बने, लेकिन उसके बाद हर चुनाव हारते आए हैं। इसकी एक वजह ये भी रही कि चौधरी चरण सिंह की राजनीतिक विरासत, राजेंद्र सिंह को नहीं बल्कि अजित की बनाई पार्टी राष्ट्रीय लोकदल को ही मिली थी। BJP-BSP छोड़ पुराने सियासी दुश्मन मुलायम को मुख्यमंत्री बनाया अजित सिंह ने RLD को भाजपा-बसपा गठबंधन में शामिल किया था, लेकिन 2003 में पहले RLD और फिर भाजपा इस गठबंधन से अलग हो गई और उत्तर-प्रदेश में मायावती की सरकार गिर गई। मायावती गईं तो मुलायम ने मौके पे चौका मारा। सपा को RLD का भी साथ मिला और जोड़-तोड़ करके मुलायम सिंह की सरकार बन गई। RLD की सपा के साथ जुगलबंदी 2007 में सपा की सरकार रहने तक चली। साल 2009 में लोकसभा चुनाव में RLD, भाजपा की अगुआई वाले NDA गठबंधन का हिस्सा बनी। अजित सिंह एक बार फिर सांसद बने, लेकिन 2011 में RLD ‘यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलाएंस’ यानी कांग्रेस की UPA सरकार में शामिल हो गई। और अजित सिंह को दिसंबर 2011 में मंत्री बना दिया गया। मई 2014 तक अजित सिंह मंत्री रहे। जब अजित ने बेटे जयंत को सौंपी पार्टी और राजनीतिक विरासत24 जुलाई 2019 को राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने कहा, '80 साल की उम्र होने की वजह से वह चुनावी राजनीति से संन्यास ले रहे हैं। हालांकि RLD पार्टी की राजनीति में वह सक्रिय रहेंगे।' पत्रकारों ने अजित सिंह से पूछा कि पार्टी के अगले अध्यक्ष कौन होंगे? मुस्कुराते हुए अजित सिंह ने कहा, 'जयंत अभी अपने तरीके से राजनीति सीख रहा है। यह तो भविष्य ही बताएगा कि वह राजनीति में अपने लिए कितनी जगह बना पाता है।' दो साल बाद मई 2021 में चौधरी अजित सिंह का निधन हो गया। इसी महीने 25 मई को जयंत चौधरी RLD अध्यक्ष चुन लिए गए। इससे पहले वह पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर थे। RLD अध्यक्ष बने जयंत पिता की तरह ही लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अपनी पढ़ाई पूरी कर राजनीति में आए थे। 2009 में वह मथुरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और जीत गए। हालांकि मोदी लहर में 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव जयंत चौधरी हार गए। वो बीजेपी पर बेहद हमलावर रहे हैं। 2019 में उन्होंने बीजेपी को ‘जूतिया पार्टी’ तक कहा था। 2022 में जब BJP ने जयंत को साथ चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था तो उन्होंने इसे ठुकरा दिया था। दरअसल, 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे के बाद RLD ने जाट और मुस्लिमों को एकजुट किया था। BJP इस एकजुटता का फायदा RLD से गठबंधन करके उठाना चाहती थी। हालांकि तब जयंत ने कहा था- 'मैं कोई चवन्नी नहीं जो पलट जाऊं।' अब 2 साल बाद फरवरी 2024 में जब BJP सरकार ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा की तो जयंत सिंह ने ट्वीट कर कहा-'दिल जीत लिया।' जयंत की RLD पार्टी BJP के साथ 2024 का चुनाव लड़ रही है। परिवार राज' सीरीज के अन्य एपिसोड यहां पढ़िए... एपिसोड-1: मोतीलाल ने बेटे के लिए गांधीजी से सिफारिश की: इंदिरा के हत्या के 8 घंटे में पीएम बने राजीव; गांधी-नेहरू फैमिली के किस्से एपिसोड- 2: पिता के पास मुश्किल से एक बीघा जमीन थी:लालू यादव कैसे बने CM; पांचवीं पास पत्नी को मुख्यमंत्री की कुर्सी देकर जेल गए एपिसोड- 3: गृहमंत्री ने बेटी के बदले 5 आतंकी रिहा किए:आतंकियों के जनाजे में रोने लगती थीं महबूबा; मुफ्ती मोहम्मद फैमिली के किस्से एपिसोड- 4: शेख अब्दुल्ला के पूर्वज हिंदू ब्राह्मण थे:फूल बरसाकर बेटे फारूक को सत्ता दी; दोस्त नेहरू ने उन्हें क्यों कैद करवाया एपिसोड- 5: जब पिता की प्रेमिका से अखिलेश का झगड़ा हुआ:भाई को किनारे कर बेटे को कैसे सौंपी सत्ता; मुलायम सिंह परिवार के किस्से एपिसोड- 6: मुस्लिमों को ‘हरा जहर’ कहते थे बाल ठाकरे:बेटे को पार्टी सौंपी तो भतीजे ने बगावत की, शिंदे ने कैसे छीनी शिवसेना एपिसोड- 7: मोरारजी की तरह स्वमूत्र पीते थे शरद पवार:इंदिरा को चुनौती देकर बने सबसे युवा CM; कभी चुनाव नहीं हारे, लेकिन भतीजे ने मात दी एपिसोड- 8: क्या ब्राह्मण थे असदुद्दीन ओवैसी के पूर्वज:अकबरुद्दीन ने पिता के खिलाफ जाकर की ईसाई लड़की से शादी; ओवैसी परिवार के किस्से एपिसोड- 9: करुणानिधि कहते थे- राम को वाल्मीकि ने शराबी लिखा:खुद राजीव को मेंढक कहा; छोटे बेटे के लिए बड़े को पार्टी से क्यों निकाला?
तीन तलाक कानून बनाकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बदला:34 साल पुराना वादा पूरा, मुस्लिम बोले-काबू करने की साजिश
साल 1956, प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू हिंदू कोड बिल लेकर आए। BJP की पुरानी पार्टी जनसंघ अड़ गई कि हम इसे लागू नहीं होने देंगे। अगर आप हिंदू लॉ में बदलाव कर रहे हैं, तो बाकी धर्मों के पर्सनल लॉ में भी बदलाव करिए, पर नेहरू इसके लिए तैयार नहीं हुए। साल 1985, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तलाक के बाद मेंटेनेंस का अधिकार मुस्लिम पर्सनल लॉ से ऊपर है। मुस्लिमों के विरोध और उपचुनावों में हार से घबराई राजीव गांधी सरकार ने 1986 में कानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। उस वक्त BJP ने कहा- हम सत्ता में आएंगे, तो पर्सनल लॉ में बदलाव करेंगे। साल 2017, सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार देते हुए सरकार से इस पर कानून बनाने के लिए कहा। पूर्ण बहुमत वाली मोदी सरकार को लगा कि दशकों पुराना एजेंडा पूरा करने का यही सही मौका है। 30 जुलाई 2019 को मोदी ने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाकर राजीव गांधी के 33 साल पुराने कानून को बदल दिया। आज फैसला सीरीज के छठे एपिसोड में PM मोदी के तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने की इनसाइड स्टोरी… ‘’हिंदू दो शादी करे। वो जेल चला जाए। उसके लिए आपको विचार नहीं आया कि तब उसके परिवार के लोग क्या खाएंगे।’’ PM मोदी ने ऐसा कब और क्यों कहा, यह हम आपको आगे बताएंगे... 7 फरवरी 1951, पंडित जवाहरलाल नेहरू सरकार के कानून मंत्री डॉ. भीमराव अंबेडकर लोकसभा में हिंदू कोड बिल लेकर आए। बिल पर जैसे ही चर्चा शुरू हुई, कई सांसद और मंत्री विरोध करने लगे। कांग्रेस नेता श्याम सुंदर ने कहा- ‘मैं आपको और सरकार को चेतावनी देता हूं कि हिंदू कोड बिल लाना आत्मघाती है।’ इस पर अंबेडकर ने कहा- ‘हम आत्महत्या के लिए तैयार हैं।’ सितंबर 1951… एक बार फिर से हिंदू कोड बिल सदन में पेश किया गया। राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, गृहमंत्री सरदार पटेल और कांग्रेस अध्यक्ष पट्टाभि सीतारमैया हिंदू कोड बिल के पक्ष में नहीं थे। राजेंद्र प्रसाद का कहना था कि इसमें हिंदुओं के साथ-साथ दूसरे धर्मों को भी शामिल करना चाहिए, लेकिन नेहरू इसके लिए तैयार नहीं हुए। उनका कहना था कि अभी अल्पसंख्यक रिफॉर्म के लिए तैयार नहीं हैं। दोनों के बीच तकरार इतनी बढ़ी कि राजेंद्र प्रसाद ने हिंदू कोड बिल पर दस्तखत नहीं करने तक की बात कह दी। 15 सितंबर 1951, को राजेंद्र प्रसाद ने नेहरू को चिट्ठी लिखी- ‘’इस बिल पर सहमति देने से पहले इसकी योग्यता जांचना मेरा अधिकार है। अगर बाद में मेरे किसी भी काम से सरकार को शर्मिंदगी होने की संभावना है, तो मैं अपनी अंतरात्मा की आवाज पर ऐसी शर्मिंदगी से बचने के लिए जरूरी कार्रवाई कर सकता हूं।'’ पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष जेबी कृपलानी तब संविधान सभा के सदस्य थे। उन्होंने हिंदू कोड बिल का विरोध करते हुए कहा कि पंडित नेहरू कम्युनल हैं। हिंदू महासभा और संत समाज भी इस बिल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस के साथ झड़प में संत करपात्री महाराज का दंड टूट गया, जिस पर खूब हंगामा हुआ। लोकसभा चुनाव में मुश्किल से एक महीने का वक्त बचा था। पंडित नेहरू अंदर और बाहर दोनों तरफ से हिंदू कोड बिल पर घिरे थे। लिहाजा बिल पर वोटिंग के लिए कोई व्हिप जारी नहीं किया गया। और 25 सितंबर 1951 को हिंदू कोड बिल वापस ले लिया गया। इस पर भीमराव अंबेडकर नाराज हो गए। उन्होंने कहा- ‘मैंने कभी एक चीफ व्हिप का प्रधानमंत्री के प्रति बेवफा होना और एक प्रधानमंत्री का एक धोखेबाज व्हिप चीफ के प्रति इतना वफादार होना नहीं देखा।’ 27 सितंबर 1951 को अंबेडकर ने नेहरू सरकार से इस्तीफा दे दिया। अक्टूबर 1951 और फरवरी 1952 के बीच देश में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए। पंडित नेहरू फिर प्रधानमंत्री बने। चार साल बाद यानी दिसंबर 1956 में एक बार फिर से सदन में हिंदू कोड बिल लाया गया। तमाम विरोधों के बाद इस बार पंडित नेहरू ने हिंदू कोड बिल पास करा लिया। इस बिल में हिंदू महिलाओं को संपत्ति में अधिकार, तलाक का अधिकार, एक से ज्यादा विवाह पर रोक और विधवा विवाह को मान्यता जैसी चीजें शामिल थीं। जनसंघ ने 1957 लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में लिखा- ‘हमारी सरकार बनी, तो हिंदू कोड बिल को खत्म कर देंगे।’ 1962 में जनसंघ ने हिंदू मैरिज एक्ट और हिंदू उत्तराधिकार विधेयक वापस लेने की बात कही। जबकि 1967 में उत्तराधिकार और गोद लेने के लिए एक समान कानून बनाने का वादा किया। 1971 में भी जनसंघ ने अपना ये वादा दोहराया, लेकिन 1977 और 1980 में इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मेंटेनेंस का अधिकार मुस्लिम पर्सनल लॉ से ऊपर है साल 1975... इंदौर की शाहबानो को उनके पति मुहम्मद ने पांच बच्चों सहित घर से निकाल दिया। 1978 में शाहबानो ने इंदौर की अदालत में CrPC की धारा 125 के तहत केस दर्ज कराते हुए 500 रुपए प्रति महीने गुजारा भत्ते की मांग की। कोर्ट का फैसला आता, उससे पहले ही शाहबानो के पति ने तलाक दे दिया। उसने कोर्ट में 3000 रुपए जमा कराते हुए कहा कि ये मेहर की रकम है। अगस्त 1979 में अदालत ने शाहबानो को हर महीने 25 रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया। शाहबानो इस फैसले से खुश नहीं हुईं और 1980 में उन्होंने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाई। हाईकोर्ट ने गुजारा भत्ते की रकम 179.20 रुपए कर दी। इस फैसले के खिलाफ शाहबानो के पति सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। दरअसल CrPC की धारा 125 के तहत बेसहारा या तलाकशुदा औरतें पति से गुजारा भत्ता मांग सकती हैं। चूंकि शादी या तलाक का केस सिविल केस होता है, लिहाजा इस मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ भी लागू होता था। इसी अधार पर शाहबानो के पति ने कोर्ट में दलील दी कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के मुताबिक मेहर की रकम चुकाने के बाद वे गुजारा भत्ता देने के लिए बाध्य नहीं हैं। 23 अप्रैल 1985 को सुप्रीम कोर्ट ने शाहबानो के हक में फैसला सुनाते हुए कहा कि CrPC 125 क्रिमिनल लॉ की धारा है, इसलिए वह मुस्लिम पर्सनल लॉ से ऊपर है। मुस्लिम उलेमाओं ने इस फैसले को अपने पर्सनल लॉ में दखल माना। वे कहने लगे कि ‘इस्लाम खतरे में है।' देश में विरोध प्रदर्शन होने लगे। राजीव गांधी की सरकार ने पहले तो सदन में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के पक्ष में दलील दी, लेकिन बाद में सरकार के भीतर ही विरोध के स्वर उठने लगे। पर्यावरण मंत्री जिया उर रहमान अंसारी ने कहा- ‘जजों को कुरान और हदीस का कुछ पता नहीं। पान बेचने वाला अगर तेली बनने की कोशिश करेगा, तो खराब अंजाम होना लाजिमी है।’ प्रधानमंत्री जी फैसला लीजिए, वर्ना मुसलमानों का भरोसा सरकार से उठ जाएगा राजीव गांधी सरकार में अल्पसंख्यक आयोग का काम देखने वाले वजाहत हबीबुल्लाह अपनी किताब ‘माय ईयर्स विद राजीव’ में लिखते हैं- ‘एक दिन मैं प्रधानमंत्री के चैंबर में पहुंचा। एमजे अकबर राजीव गांधी के पास ही बैठे थे। वे उन्हें समझा रहे थे कि सरकार ने शाहबानो केस में कोर्ट के जजमेंट खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया, तो मुसलमानों को लगेगा कि प्रधानमंत्री उन्हें अपना नहीं मानते।’ द टेलीग्राफ के संपादक रहे एमजे अकबर तब राजीव गांधी के बेहद करीबी थे। बाद में उनकी सरकार में मंत्री भी बने। मुस्लिम बहुल इलाके में कांग्रेस 40 सीटें हार गई शाहबानो केस पर सियासी गहमागहमी के बीच 1985 में कुछ राज्यों में विधानसभा और लोकसभा के उपचुनाव हुए। असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 66 सीटों का नुकसान हुआ। किशनगंज लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस हार गई। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 40 सीटें गंवा दीं। ये वो सीटें थीं, जहां मुस्लिम आबादी करीब 40 फीसदी थी। राजीव, आप मुझे नहीं समझा पा रहे, तो देश को कैसे समझाओगे- सोनिया गांधी 1985 के अंत तक मुस्लिम उलेमाओं ने राजीव गांधी को सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने के लिए मना लिया। जब सोनिया गांधी को इसके बारे में पता चला तो वो नाराज हो गईं। वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी अपनी किताब हाऊ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड में लिखती हैं- ‘सोनिया ने राजीव से कहा- राजीव, आप इस बिल के बारे में मुझे कन्विंस नहीं कर पा रहे हैं, तो देश को कैसे समझाओगे। आपको सुप्रीम कोर्ट के फैसले का साथ देना चाहिए।’ राजीव गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटा, विरोध में मंत्री आरिफ मोहम्मद खान का इस्तीफा फरवरी 1986, राजीव गांधी ने सोनिया की सलाह को दरकिनार करते हुए सदन में द मुस्लिम वुमेन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन डाइवोर्स) एक्ट 1986 पेश किया। 5 मई को सदन से कानून भी पास हो गया। नए कानून के तहत मुस्लिम महिलाएं गुजारा भत्ते का हक नहीं मांग सकती थीं। इस बिल के विरोध में राजीव गांधी सरकार में मंत्री रहे आरिफ मोहम्मद खान ने इस्तीफा दे दिया। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा- ‘कुछ महीने पहले, मैंने जिस जजमेंट के पक्ष में सदन में दलील दी और राजीव गांधी ने मेरे भाषण की तारीफ की थी, अब उसी जजमेंट के खिलाफ मैं कैसे खड़ा हो सकता हूं।’ 'नरसिम्हा राव ने मुझसे कहा ‘मुस्लिम गटर में रहना चाहते हैं तो रहने दो’- आरिफ मोहम्मद खान 2019 में एक टीवी इंटरव्यू में आरिफ मोहम्मद खान ने बताया, ‘जिस दिन राजीव गांधी बिल लेकर आए, उसी दिन मैंने इस्तीफा दिया। अगले दिन जब मैं पार्लियामेंट पहुंचा, तो अर्जुन सिंह (मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और गांधी परिवार के करीबी) मुझसे मिले। इस्तीफा वापस लेने की बात कहते हुए वे मुझे एक वेटिंग रूम में ले गए। वहां तीन केंद्रीय मंत्री मुझे समझाने आए। इसके बाद नरसिम्हा राव मुझसे मिले। उन्होंने कहा- ‘शाहबानो ने अपना केस वापस ले लिया है, लेकिन तुम जिद पर अड़े हो। अगर कोई वर्ग गटर में पड़ा रहना चाहता है, तो तुम्हें उस पर दबाव डालने की क्या जरूरत है। हम राजनीतिक पार्टी हैं, कोई समाज सुधारक थोड़े हैं।’ हिंदुओं की नाराजगी बैलेंस करने के लिए राम मंदिर का ताला खुलवाया साल 1989, नवंबर-दिसंबर में लोकसभा चुनाव होने थे। शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने के बाद सरकार के खिलाफ एंटी हिंदू सेंटिमेंट का माहौल था। BJP सरकार पर आरोप लगा रही थी कि हिंदू पर्सनल लॉ में तो रिफॉर्म कर दिया गया, लेकिन वोट बैंक के चक्कर में सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण कर रही है। वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी बताती हैं- 'अरुण नेहरू ने राजीव को सलाह दी कि बाबरी मस्जिद का ताला खोल दीजिए। इससे हिंदुओं की नाराजगी बैलेंस हो जाएगी।' अरुण नेहरू तब राजीव गांधी के सलाहकार थे। फरवरी 1989 में राम मंदिर का ताला खोल दिया गया।' BJP ने मैनिफेस्टो में लिखा- हमारी सरकार आई तो पर्सनल लॉ में बदलाव करेंगे 1956 में जब हिंदू कोड बिल आया, तो जनसंघ पर्सनल लॉ में रिफॉर्म के खिलाफ था। जनसंघ के नेताओं का कहना था कि सरकार को धार्मिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए, लेकिन 1989 में BJP ने अपने मैनिफेस्टो में लिखा- ‘हमारी सरकार बनी तो पर्सनल लॉ में बदलाव के लिए कमीशन बनाएंगे।’ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि शाहबानो केस के बाद BJP हिंदू कोड बिल वापस लेने की बात तो नहीं कर सकती थी, लेकिन उसे अपने वोटर्स को यह मैसेज देने का मौका मिल गया कि हिंदुओं के पर्सनल लॉ में बदलाव हुआ है, तो दूसरे धर्मों के पर्सनल लॉ में भी बदलाव होगा।’ 1989 के लोकसभा चुनाव में BJP शाहबानो मामले को बहुत हद तक भुनाने में कामयाब भी रही। 1984 में 414 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 197 सीटों पर सिमट गई। दूसरी तरफ 1984 में 2 सीटें जीतने वाली BJP 85 सीटों पर पहुंच गई। PM बनने के दो साल बाद मोदी ने पहली बार तीन तलाक का जिक्र किया फरवरी 2016, नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बने करीब दो साल हुए थे। इसी बीच उत्तराखंड की रहने वाली सायराबानो ने सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के खिलाफ याचिका लगाई। सायराबानो के पति ने डाक के जरिए चिट्ठी लिखकर तीन तलाक दिया था। सियासी गलियारे में 31 साल बाद फिर से तीन तलाक और पर्सनल लॉ का मुद्दा गूंजने लगा। तारीख 25 अक्टूबर 2016, यूपी विधानसभा चुनाव में तीन-चार महीने का वक्त बचा था। महोबा में PM मोदी ने एक रैली में कहा- ‘हम किसी भी मुस्लिम महिला की जिंदगी, तीन तलाक के चलते बर्बाद नहीं होने देंगे।’ यह पहली बार था जब प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने तीन तलाक का जिक्र किया। जनवरी 2017 में BJP ने यूपी चुनाव के लिए मैनिफेस्टो लॉन्च किया। इसमें पार्टी ने तीन तलाक का जिक्र किया। तब BJP अध्यक्ष अमित शाह ने कहा- तीन तलाक का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। यूपी में हमारी सरकार आती है, तो हम इस पर मुस्लिम महिलाओं से राय लेंगे।’ 22 अगस्त 2017, सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार देते हुए केंद्र से इस पर कानून बनाने के लिए कहा। इस फैसले से BJP को अपना दशकों पुराना वादा पूरा करने का मौका मिल गया। मोदी सरकार ने एक साल में दो बार तीन तलाक बिल पेश किया 28 दिसंबर 2017, मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल पेश किया। तब कांग्रेस, राजद, AIADMK, BJD सहित कई पार्टियों ने बिल का विरोध किया। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक देने के बाद शौहर जेल चला जाएगा, तो उस महिला को मेंटेनेंस कौन देगा। इस पर PM मोदी ने 7 फरवरी 2018 को राज्यसभा में कहा - ‘’हिंदू दो शादी करे। वो जेल चला जाए। उसके लिए आपको विचार नहीं आया कि तब उसके परिवार के लोग क्या खाएंगे।’’ यह बिल लोकसभा में ध्वनि मत से पास हो गया, लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं होने की वजह से सरकार ने इसे होल्ड कर दिया। करीब 9 महीने बाद यानी सितंबर 2018 में एक बार फिर से मोदी कैबिनेट ने तीन तलाक के अध्यादेश को मंजूरी दी। तब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव में एक महीने का वक्त बचा था। दिसंबर 2018 में एक बार फिर से तीन तलाक बिल पेश किया गया। इस बार भी यह बिल लोकसभा से पास हो गया, लेकिन राज्यसभा में अटक गया। एक्सपर्ट्स का मानना है कि मोदी सरकार 2019 लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे को लेकर जाना चाहती थी। इसलिए राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के बाद भी इसे सदन में लेकर आई। दोबारा PM बनने के दो महीने बाद बनाया तीन तलाक कानून 10 मार्च 2019 को लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई। BJP ने मैनिफेस्टो में तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने की बात कही। करीब एक महीने बाद यानी 14 अप्रैल को अलीगढ़ में एक चुनावी सभा में मोदी ने कहा- ‘मैं पीड़ित बहनों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि 23 मई को फिर एक बार मोदी सरकार बनने के बाद तीन तलाक पर बना कठोर बिल, सदन में लाया जाएगा।’ 30 मई 2019 को नरेंद्र मोदी 303 सीटें जीतकर दोबारा प्रधानमंत्री बने। जून 2019 में नई सरकार के पहले ही पार्लियामेंट सेशन में तीन तलाक बिल पेश किया गया। इस पर लोकसभा में जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा- ‘पांच साल से देश में लिंचिंग हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कानून बनाने के लिए कहा, लेकिन आपने कानून नहीं बनाया। जहां आपको सूट करता है, वहां आप सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेते हैं।’ हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- ‘इस्लाम में शादी एक कॉन्ट्रैक्ट है। हम उसमें खुश हैं। आप कह रहे हैं जन्म-जन्म का साथ है। नहीं बाबा एक ही जिंदगी काफी है। जो शादी कर चुके हैं, जिनके पास बीवी है, उनको मालूम है कि क्या तकलीफ है।’ इस पर सदन में ठहाका लगता है… फिर ओवैसी कहते हैं- ‘गैरमुस्लिम पति तलाक देता है, तो एक साल की सजा और मुसलमान के लिए तीन साल की सजा। यह संविधान के आर्टिकल 14 और 15 के खिलाफ है?’ इस पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद कहते हैं- ‘हम संसद हैं, हमारा काम कानून बनाना है और जनता ने हमें कानून बनाने के लिए चुना है। कानून पर बहस अदालत में होती है, लोकसभा को अदालत न बनाएं।’ रविशंकर प्रसाद आगे कहते हैं- ‘संविधान के आर्टिकल 15 में कहा गया है कि यह आर्टिकल सरकार को महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान बनाने से नहीं रोकता है।’ राज्यसभा में अल्पमत में रहने के बाद भी मोदी ने बिल पास करा लिया 26 जुलाई 2019 को तीन तलाक बिल लोकसभा से पास हुआ। इसके बाद 30 जुलाई को यह राज्यसभा से भी पास हो गया। राज्यसभा में इसके पक्ष में 99 वोट पड़े और विपक्ष में 84 वोट। वोटिंग के दौरान JDU, AIADMK सदन से वॉक आउट कर गए। कांग्रेस के तीन सांसद, NCP के दो सांसद, TMC के दो सांसद, RJD के दो और सपा के एक सांसद सदन में मौजूद नहीं थे। इससे राज्यसभा में अल्पमत में रहने के बाद भी मोदी सरकार ने बिल पास करा लिया। इस कानून के बनने के बाद इंस्टैंट तीन तलाक यानी एक ही बार में तीन तलाक देना अपराध हो गया। ऐसा करने वालों के लिए तीन साल तक की सजा का प्रावधान किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने तीन तलाक कानून क्यों बनाया… 5 बड़े मकसद 1. हिंदू कोड बिल से नाराज वोटर्स को साधना : 1956 में जब देश में हिंदू कोड बिल लागू हुआ, तो देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए। हिंदू महासभा और संत समाज ने इसका जोरदार विरोध किया। तब जनसंघ ने कहा था कि उसकी सरकार बनी, तो हिंदू कोड बिल वापस लिया जाएगा। जमाते इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद सलीम इंजीनियर बताते हैं, ‘तीन तलाक पर कानून बनाकर सरकार ने अपने वोटर्स को यह मैसेज दिया कि देखो हम ही वो हैं, जो मुसलमानों को काबू में रख सकते हैं। उन पर कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं। सरकार की मंशा तीन तलाक कानून के जरिए हिंदू बनाम मुसलमान करने की साजिश है, ताकि चुनावों में पोलराइजेशन हो सके। 2. मोदी का एजेंडा : प्रधानमंत्री बनने के बाद ही मोदी ने अपने फैसलों से यह दिखाने की कोशिश की है कि वे मजबूत फैसला लेते हैं। तीन तलाक करीब तीन दशक पुराना मामला था। दबाव के चलते राजीव गांधी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटना पड़ा था। मोदी ने PM बनने के पांच साल बाद ही राजीव गांधी के कानून को बदलकर तीन तलाक को अपराध बना दिया। 3. पार्टी का एजेंडा : शाहबानो केस के बाद BJP ने मैनिफेस्टो में पर्सनल लॉ में सुधार करने की बात कही थी। यूपी चुनाव के दौरान 2017 में और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने मैनिफेस्टो में तीन तलाक खत्म करने का वादा किया। जुलाई 2019 में मोदी सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाकर BJP के 1989 के वादे को पूरा किया। 4. प्रोग्रेसिव इमेज बनाने की कोशिश: तीन तलाक कानून बनने के बाद 30 जुलाई 2019 को मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘तीन तलाक बिल का पास होना महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। तुष्टिकरण के नाम पर देश की करोड़ों माताओं-बहनों को उनके अधिकार से वंचित रखने का पाप किया गया। मुझे इस बात का गर्व है कि मुस्लिम महिलाओं को उनका हक देने का गौरव हमारी सरकार को प्राप्त हुआ।’ 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री ने लाल किले से तीन तलाक का जिक्र करते हुए कहा- 'तीन तलाक खत्म करने का फैसला सदियों तक माताओं-बहनों की रक्षा की गारंटी देता है। इस साल यानी 10 फरवरी 2024 को 17वीं लोकसभा सत्र के आखिरी दिन PM ने कहा- ‘तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाना गेम चेंजर है।’ 5. मुस्लिम वोटर्स में सेंधमारी की कोशिश : लोकसभा की 543 सीटों में से 145 सीटें ऐसी हैं, जिन पर 10 से 20% मुस्लिम आबादी है। 35 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम आबादी 30% से ज्यादा है। 28 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम आबादी 20 प्रतिशत से ज्यादा है। इस तरह कुल 208 सीटों पर मुस्लिम वोटर्स की मजबूत पकड़ है। CSDS की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 के यूपी चुनाव में BJP को 7 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिले, जबकि 2022 के चुनाव में उसे 8 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिले। RSS की मुस्लिम विंग मानी जाने वाली संस्था राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक मोहम्मद फैज खान बताते हैं, ‘प्रधानमंत्री ने सदियों से जिल्लतभरी जिंदगी जी रही महिलाओं को इंसाफ दिलाया। ऐसे में जाहिर सी बात है कि उन महिलाओं का BJP के प्रति रुख नरम होगा।’ हालांकि प्रोफेसर मोहम्मद सलीम इंजीनियर का कहना है कि मुस्लिम महिलाएं मोदी के झांसे में नहीं आएंगीं। वे अच्छी तरह समझती हैं कि यह एक सियासी फैसला है। इसके पीछे राजनीति है। प्रधानमंत्री जी… हिंदू महिलाओं की तरह अधिकार दिला दीजिए- तीन तलाक पीड़ित महिला अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने के बाद जेल जाने के डर से बिना तलाक दिए पत्नी को छोड़ने के मामले बढ़े हैं। मथुरा की रहने वाली रोशनी के साथ भी ऐसा ही हुआ। वे बताती हैं- ‘’2022 में मेरी शादी हुई। कुछ महीने बाद ही ससुराल वाले मेरे साथ मार-पीट करने लगे। दहेज का दबाव बनाने लगे। फिर मुझे घर से निकाल दिया। सबके सामने मेरे चरित्र पर इल्जाम लगाया। कुछ महीने बाद पति ने बिना तलाक दिए दूसरी शादी कर ली। इसकी शिकायत लेकर जब मैं थाने गई, तो पुलिस ने कहा कि इस्लाम में चार शादियों की इजाजत है, हम कुछ नहीं कर सकते। मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहती हूं कि तीन तलाक कानून बहुत अच्छा है, लेकिन अब जेल जाने के डर से मर्द तलाक दिए बिना पत्नी को छोड़ दे रहे हैं। इससे महिलाओं का जख्म और बढ़ गया। आप मुस्लिम महिलाओं को भी हिंदू महिलाओं की तरह अधिकार दिला दीजिए।’’ फैसला सीरीज की ये स्टोरीज भी पढ़िए... 1. लोकसभा चुनाव की घोषणा से 12 दिन पहले बालाकोट स्ट्राइक:सर्वे में NDA को 245 सीटें मिल रही थीं, बालाकोट के बाद 108 बढ़ गईं 27 फरवरी 2019, शाम चार बजे का वक्त। पाकिस्तान के इस्लामाबाद में अमेरिकी ऐंबैसी में मीटिंग चल रही थी। शाम 5 बजकर 45 मिनट पर मीटिंग में एक नोट पहुंचा। नोट पढ़कर पाकिस्तान की विदेश सचिव ने कहा- हमारी आर्मी ने नोट भेजा है कि भारत ने पाकिस्तान की तरफ 9 मिसाइलें तान रखी हैं। अगर उनके एयरफोर्स के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा नहीं किया, तो वह हमला कर देगा। पढ़िए पूरी खबर... 2. आना दिल्ली था, पहुंच गए लाहौर:पाकिस्तानी सेना के हेलिकॉप्टर में बैठे, 90 मिनट अफसरों की सांसें थमी रहीं 25 दिसंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लाहौर पहुंच गए। एयरपोर्ट पर उतरते ही पाकिस्तानी PM नवाज शरीफ ने उन्हें गले लगाया। थोड़ी देर बाद मोदी पाकिस्तानी सेना के हेलिकॉप्टर में बैठ गए। इससे पहले भारत का कोई प्रधानमंत्री, पाकिस्तानी सेना के हेलिकॉप्टर में नहीं बैठा था। हेलिकॉप्टर ने जैसे ही उड़ान भरी, भारत की इंटेलिजेंस एजेंसियां सकते में आ गईं कि पाकिस्तान कोई साजिश तो नहीं करेगा। पढ़िए पूरी खबर...
Amanatullah Khan ED News: 13 घंटे की पूछताछ के बाद आप विधायक अमानतुल्लाह खान ईडी मुख्यालय से निकलककर अपने घर वापस आ गए हैं। उन्हें सरकारी जांच एजेंसी ने कुछ दिनों बाद दोबारा आने को कहा है। अमानतुल्लाह 18 अप्रैल की सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए ED के सामने पेश हुए थे
पहले चरण का मतदान आज, कैसे वोट देने जाएं, क्या ले जाएं क्या नहीं... जानिए सबकुछ
Lok Sabha Chunav Voting News: लोकसभा चुनाव में पहले फेज के लिए मतदाता आज अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीट पर मतदान होगा। वोटिंग को लेकर मतदाताओं में उत्साह तो है लेकिन कई ऐसे सवाल होते हैं जो उनके मन में रहते हैं। जानिए हर जरूरी जानकारी।
AAP के लिए नया संकट बन गए मेयर चुनाव, मैदान में उतरे तीन बागियों को मनाने की कोशिश जारी
शुक्रवार को मेयर पद के लिए बीजेपी और आप की ओर से कुल 2 और डिप्टी मेयर के लिए कुल 4 प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल हुए तो आप का सियासी संकट अब दिल्ली नगर निगम तक पहुंच चुका है. पार्टी की ओर से अधिकृत तौर पर मेयर पद के लिए महेश खींची और डिप्टी मेयर पद के लिए रविंद्र भारद्वाज ने सिविक सेंटर स्थित निगम सचिव कार्यालय में पहुंच कर नामांकन पत्र दाखिल किया.
बिटकॉइन पोंजी केस में जांच की आंच शिल्पा शेट्टी तक, बयान दर्ज कराने के लिए बुला सकती है ED
ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) एक्ट 2002 के प्रावधानों के तहत ये कार्रवाई की है. जब्त की गई संपत्तियों में जुहू का एक फ्लैट, पुणे का बंगला और राज कुंद्रा के नाम से कई इक्विटी शेयर भी शामिल हैं. ईडी ने महाराष्ट्र पुलिस और दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी.
नई दिल्ली: लोकसभा के पहले चरण का चुनाव शुक्रवार को होना है। 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की लोकसभा की 102 सीटों पर चुनावी जंग लड़ रहे उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला देश के मतदाता करेंगे। लोकसभा चुनाव के फर्स्ट फेज में तमिलनाडु (39 सीटें), राजस्थान (12 सीटें), उत्तर प्रदेश …
यूएन की पूर्ण सदस्यता के लिए फ़लस्तीन के अनुरोध पर अमेरिका का वीटो - UN News
यूएन की पूर्ण सदस्यता के लिए फ़लस्तीन के अनुरोध पर अमेरिका का वीटो UN News UN में फिलिस्तीन को मिलेगी सदस्यता? चीन और इंडोनेशिया का मिला साथ, गाजा में तुरंत युद्धविराम की LatestLY हिन्दी संयुक्त राष्ट्र में फ़लस्तीन का दर्जा व पूर्ण सदस्यता - कुछ अहम तथ्य UN News चीन फ़िलिस्तीन के संयुक्त राष्ट्र का औपचारिक सदस्य बनने का समर्थन करता है: वांग यी चाइना रेडियो इंटरनेशनल
Gold and Silver Price in MP: लगातार बढ़ोतरी के बाद सोने में 300 और चांदी में 200 रुपये की गिरावट
इंदौर में गुरुवार को सोना कैडबरी नकद में 75350 रुपये प्रति दस ग्राम तथा चांदी 83600 रुपये प्रति किलो बोली गई।
Indore Kirana Bazar Rate: आटा-मैदा में जोरदार तेजी, ऊपर में शकर 4050 बिकी, मखाना के दाम भी बढ़े
इंदौर में गुरुवार को आटा चक्की 150, रवा 1660, मैदा 1520 और बेसन के दाम भी बढ़कर 4200 रुपये कट्टा पहुंच गए।
Edible Oil Price in Indore: उत्पादक देशों में पाम तेल सस्ता, आपूर्ति की मुश्किलों से मंंदी नहीं
गुरुवार को सोया तेल इंदौर फिर से सुधरकर 960-965 रुपये प्रति दस किलो पर पहुंच गया।
पुरी-निजामुद्दीन के लिए समर स्पेशल, आज आएगी बिलासपुर
पुरी से निजामुद्दीन के बीच 10 फेरों के लिए मिलेगी सुविधा।
जबरन वसूली के आरोपी को पकड़ने गई पुलिस ने की फायरिंग, बेगुनाह आदिवासी की गोली लगने से मौत
आदिवासी व्यक्ति के परिवारवालों ने आरोप लगाया कि उनके परिजन की मौत पुलिस की गोली से हुई है. परिवारवालों ने उस पर गोली चलाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
पीसीसी प्रतिनिधि विष्णु यादव ने छोड़ी कांग्रेस, सीएम की मौजूदगी में किया प्रवेश
कांग्रेस को लगा झटका, बिलासपुर लोकसभा से टिकट न मिलने से था नाराज।
Indore Mandi Bhav: इंदौर में तुवर दाल और महंगी, चने के दाम भी उछले, गेहूं के दामों में मजबूती
इंदौर में गुरुवार को तुवर दाल के दाम भी 200 रुपये क्विंटल और बढ़ा दिए गए। वहीं, उड़द दाल के भाव 100 रुपये ऊंचे बोले गए।
विश्व लिवर दिवस :: शराब का सेवन और शरीरिक अभ्यास से दूरी से बढ़ रहे लिवर रोगी
राज्य में लिवर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हर दिन विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में लिवर के मरीज पहुंच रहे हैं।...
यूपीएससी सक्सेस स्टोरी से प्रेरित होकर तैयारी की : प्रखर
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2023 में एचईसी कॉलोनी में रहनेवाले प्रखर कुमार ने 92वीं और हिमांशु लाल ने 509वीं रैंक हासिल की। वहीं, धुर्वा के छात्र...
प्रो राजीव श्रीवास्तव बने ट्रिपल आईटी रांची के निदेशक
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आईटी), रांची में नए निदेशक की नियुक्ति शिक्षा मंत्रालय की ओर से कर दी गई है। आईआईटी बीएचयू के कंप्यूटर...
ईवीएम में हेराफेरी ना हो तो मोदी को झोला उठाकर जाना पड़ेगा: सुप्रिया श्रीनेत
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने मणिपुर के मुद्दे पर केंद्र सरकार को कटघरे में किया खड़े।
मल्टी नेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ यूपीएससी में हुईं सलेक्ट, कलेक्टर ने कराया मुंह मीठा
कलेक्टर अवनीश शरण ने पूर्वा की शानदार सफलता के लिए उन्हे बधाई देते हुए उनके उज्वल भविष्य की कामना की।
Lok Sabha Election : संजय राउत का विवादित बयान, भाजपा उम्मीदवार नवनीत राणा को बताया डांसर
Controversial statement of Sanjay Raut : शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को अमरावती लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार नवनीत राणा को ‘डांसर’ कहकर विवाद खड़ा कर दिया। अभिनय जगत से राजनीति में आईं राणा पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती लोकसभा सीट से 2019 में बतौर निर्दलीय निर्वाचित हुई थीं और इस बार वह भाजपा के टिकट से इस सीट पर चुनाव लड़ रही हैं। ALSO READ: लोकसभा चुनाव 2024 : क्यों जीत रही BJP, विपक्ष कहां कर रहा चूक, प्रशांत किशोर का दावा- बंगाल-तेलंगाना में चौंकाएंगे मोदी राउत ने कहा, लोकसभा चुनाव डांसर या ‘बबली’ (एक फिल्म का चर्चित किरदार) के खिलाफ नहीं है बल्कि यह लड़ाई महाराष्ट्र और मोदी के बीच है। वह डांसर हैं (नर्तकी), और पर्दे पर अभिनेत्री जो कुछ प्रेम भाव दिखाएंगी लेकिन उनके झांसे में नहीं आएं। राउत ने जनता से की राणा को हराने की अपील : शिवसेना (यूबीटी) नेता एवं राज्यसभा सदस्य राउत ने यह टिप्पणी अमरावती में राणा के खिलाफ महाराष्ट्र विकास आघाडी (एमवीए) की घटक कांग्रेस के उम्मीदवार बलवंत वानखेड़े के पक्ष में आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए की। भाजपा के खिलाफ मुखर राउत ने जनता से राणा को हराने की अपील की। शिवसेना नेता ने कहा,उन्होंने मातोश्री (शिवसेना-यूबीटी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के मुंबई स्थित आवास) में जबरन (2022 में विरोध प्रदर्शन के दौरान) दाखिल होने की कोशिश की। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की तीखी प्रतिक्रिया : उन्होंने हमें चुनौती दी और हिंदू धर्म के बारे में गलत बातें की। यह शिवसेना समर्थकों की प्राथमिक कर्तव्य और नैतिक जिम्मेदारी है कि वे उन्हें हराएं। अमरावती विदर्भ क्षेत्र का हिस्सा है और यहां पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा। राउत की टिप्पणी पर तीखी प्रतक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना की मनीषा कायंदे ने कहा,भाजपा सांसद हेमा मालिनी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला की तरह, संजय राउत पर भी निर्वाचन आयोग द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए। ALSO READ: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस में क्यों भगदड़, बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने की क्या है वजह? निर्वाचन आयोग ने हेमा मालिनी पर कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में सुरजेवाला के 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी थी। कायंदे ने कहा,निर्वाचन आयोग को राउत पर चुनावी रैलियों को संबोधित करने को लेकर रोक लगानी चाहिए और उन्हें सबक सिखाना चाहिए। पूरे अभियान अवधि के दौरान राउत को मीडिया में कोई भाषण या साक्षात्कार देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। (भाषा) Edited By : Chetan Gour
चैती दुर्गा पूजा का शहर में अभिनंदन
भुतहा तालाब, रांची और डोरंडा चैती दुर्गा पूजा समितियों की ओर से गुरुवार को निकली विसर्जन शोभायात्रा का शहरवासियों ने जगह-जगह अभिनंदन किया। समितियों...
एक माह में 25 फीसदी तक बढ़ी एसी-कूलर की मांग
रांची में गर्मी की तल्खी बढ़ते ही इलेक्ट्रॉनिक दुकानों में एसी, फ्रिज, कूलर व पंखे की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ जुटने लगी है। दुकानदारों के...
मुरहू के बस पड़ाव में नहीं हैपेयजल की व्यवस्था
मुरहू मुख्य चौक और डुडरी जहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में यात्रियों का आना जाना लगा रहता है। जहां यात्रियों के लिए ना ही बस स्टैंड और ना ही पेयजल की...
कर्रा रेलवे स्टेशन के प्याऊ से नहीं निकलता पानी
कर्रा रेलवे स्टेशन में स्थित प्याऊ बेकार हो गया है। इससे अब यात्रियों को पानी नहीं मिलता है। इस स्थिति में गर्मी के कारण यात्रियों को काफी परेशान...
तोरपा में एक भी प्याउ की व्यवस्था नहीं, पानी के लिए भटक रहे हैं लोग
गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है। पारा 38डिग्री पहुंच गया है। भीषण गर्मी से लोगों के कंठ सूख रहे हैं। तोरपा चौक में राहगीरों के लिए...
खूंटी के किसी भी अस्थाई बस र्स्टैंड में नहीं है पेयजल की व्यवस्था
खूंटी शहर में अस्थायी बस पड़ाव की स्थित काफी खराब है। मौसम के अनुरूप शहर में यात्रियों के लिए पानी की व्यवस्था नजर नहीं...
बाजार टांड़ में पानी के लिए भटकते हैं लोग
कृषि उत्पादन बाजार समिति के बाजार टांड़ में पानी की विकराल समस्या है। पूरे परिसर में पेयजल की व्यवस्था नहीं है। बाजार टांड़ परिसर से बाहर स्टाफ...
खूंटी में ऐतिहासिक रामनवमी मेला संपन्न
स्थानीय आश्रम मैदान में गुरूवार को ऐतिहासिक रामनवमी मेला का आयोजन केंद्रीय रामनवमी महासमिति द्वारा किया गया। जिसमें खूंटी के विभिन्न गांव-मुहल्लों...
लोकहित अधिकार पार्टी के प्रत्याशी बुधवार को भरेंगे पर्चा
लोकहित अधिकार पार्टी जिला इकाई के संभावित प्रत्याशी काशीनाथ संगा द्वारा आगामी बुधवार को लोक सभा के लिए नामांकन करेंगे। यह जानकारी लोकहित अधिकार...
अस्त्र-शस्त्र चालन प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने दिखाये हैरतअंगेज करतब
श्री रामनवमी महासमिति तोरपा की ओर से दशमी के अवसर पर गुरुवार को मेन रोड स्थित महावीर मंदिर के समीप अस्त्र शस्त्र चालन प्रतियोगिता का आयोजन किया...
छात्राओं ने क्षेत्रीय भाषा में मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक किया
स्वीप कांषांग के तहत मतदाता जागरुकता अभियान के तहत जिला के विभिन्न विद्यालयों के छात्र- छात्राओं के बीच गुरूवार को पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता आयोजित...
शहर से लेकर गांव तक बस पड़ावों पर नहीं है पेयजल की व्यवस्था
जिले में शहर से लेकर गांव तक लोगबाग भीषण गर्मी से परेशान हैं। जिले में गुरुवार को अधिकतम तापमान 39 व न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रहा। लोग...
विकास को गति देने के लिए कांग्रेस को दें समर्थन : कालीचरण
खूंटी संसदीय सीट के कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा गुरुवार को तमाड़ विधानसभा क्षेत्र के सुदूरवर्ती अड़की प्रखंड क्षेत्र का दौरा किया। प्रत्याशी...
लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी, पहले दिन छह उम्मीदवारों ने खरीदे पर्चे
खूंटी लोकसभा सीट के लिए 18 अप्रैल को अधिसूचना जारी कर दी गई है। पहले दिन खूंटी लोकसभा सीट के लिए पहले दिन कुल छह उम्मीदवारों ने नाम निर्देशन पत्र...
बिरसा मुंडा के गांव के 50 लोग पेट पालने के लिए कर गए हैं पलायन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2025 में धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती को जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है।...
निर्देशक अनुराग कश्यप की फ्लॉप फिल्म सीरीज ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का एक संवाद किसी भी फिल्म का टिकट खरीदने से पहले हमेशा याद रखना चाहिए। वही, ‘जब तक हिंदुस्तान में सिनेमा है लोग...’।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करने की वकालत कीपाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने खुलासा किया है कि उन्होंने भारत के साथ व्यापार दोबारा शुरू करने पर देश के व्यापारिक समुदाय के साथ आंतरिक परामर्श शुरू किया है।पंजाब के रूपनगर में निर्माणाधीन …
महाराष्ट्र में कांग्रेस ने गुरुवार को सत्तारूढ़ महायुति सरकार की सहयोगी शिवसेना पर चुनाव प्रचार के लिए महाराष्ट्र राज्य परिवहन की लगभग एक हजार सरकारी बसों का उपयोग कर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।महाराष्ट्र कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता …
वार्नर ब्रदर्स ने एम. नाइट श्यामलन की नवीनतम मनोवैज्ञानिक थ्रिलर 'ट्रैप' का ट्रेलर जारी कर दिया है। ट्रेलर रिलीज के बाद से ही यूट्यूब पर इसकी धूम देखने को मिल रही है।
Lok Sabha elections: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में यूपी की आठ सीटों पर भी चुनाव होगा। इसके लिए 14845 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। 1.44 करोड़ से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
इंदौर नगर निगम से फर्जी वर्क आर्डर से 28 करोड़ रुपये के भुगतान की साजिश में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
इंतजार खत्म! आज जारी होगा झारखंड बोर्ड 10वीं का रिजल्ट
JAC 10th Madhyamik Result 2024: बोर्ड अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जेएसी सभागार से दोपहर 11:30 बजे 10वीं क्लास का रिजल्ट जारी किया जाएगा. बोर्ड, 10वीं में पास हुए छात्रों का ओवरऑल पास प्रतिशत, छात्र और छात्राओं का अलग-अलग पास प्रतिशत, जिलेवार पास प्रतिशत आदि की जानकारी भी शेयर करेगा.
1951 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सात सीटों में बस् र सीट में मतदाताओं की संख्या सबसे कम यानी तीन लाख, 84 हजार 277 थी, लेकिन यहां सबसे ज्यादा 55. 65 प्रतिशत मतदान हुआ था। मतदान करने वालों की अंगुली काटने तक की धमकी दी गई थी।
तेलंगाना सीमा पर बसे छत्तीसगढ़ के प्रथम गांव मरईगुड़ा (वन) में सलवा जुडूम के पीड़ित कई गांवों के परिवारों को अस्थायी रूप से बसाया गया है।अतिनक्सल प्रभावित सुकमा जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर है।
किस सबजेक्ट में मिल रही ज्यादा कामयाबी? प्रोफेसर विजेन्द्र चौहान से खास बातचीत
UPSC के Mock interviews लेने वाले प्रोफेसर विजेन्द्र चौहान ने एनडीटीवी से खास बातचीत के दौरान बताया किUPSC में समाजशास्त्र सबसे पसंदीदा विषय होता है.
कर्क राशिफल 19 अप्रैल 2024 : पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में मिलेंगे नए अनुभव, कड़ी मेहनत का मिलेगा फल
Aaj Ka Kark Rashifal Cancer Horoscope Today :कर्क राशि राशि चक्र की चौथीराशी है। जिन जातकों के जन्म समय में चन्द्रमा कर्क राशि में गोचर कर रहा होता है, उनकी राशि कर्क मानी जाती है।
गर्मी में पक्षियों के लिए की जा रही दाना-पानी की व्यवस्था
नगर में पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था की जा रही है। इसमें समृद्धि समाज सेवी संस्थान शाखा के स्वयंसेवक प्रतिदिन दो -चार घंटे समय निकालकर जिले के विभिन्न जगहों पर पशु पक्षियों के लिए दाना, पानी की व्यवस्था कर रहे हैं l
अमानतुल्लाह खान के घर पहुंचे AAP नेता, सौरभ बोले- जब पैसों का लेन-देन नहीं हुआ तो फिर ईडी क्यों आई?
पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी के बाद पार्टी के प्रमुख नेता खान के घर गए। वहां से निकलकर उन्होंने भाजपा पर जमकर हमला बोला। सौरभ बोले इस मामले में ईडी को खास मकसद से लाया गया है।
102 सीटें और 16 करोड़ मतदाता; लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग आज, मैदान में ये दिग्गज
मतदान शाम छह बजे तक चलेगा। आयोग ने 1.87 लाख मतदान केंद्रों पर 18 लाख से अधिक मतदान कर्मियों को तैनात किया है। इन मतदान केंद्रों पर 16.63 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
अपनी मां की वजह से राजनीति में नहीं आई... : बांसुरी स्वराज ने NDTV के साथ इंटर्नशिप को भी किया याद
बांसुरी स्वराज की NDTV के साथ खास यादें भी जुड़ी हुई हैं. उन्होंने अपने स्कूल के दिनों में NDTV के ऑफिस में इंटर्नशिप की थी. बांसुरी स्वराज कहती हैं, मैं तब स्कूल में थी. समर जॉब के तौर पर मेरी जिंदगी की पहली नौकरी NDTV में थी. मैंने यहां के स्टूडियो में बहुत सारे वायर्स किए हैं. इंटर्नशिप के लिए मुझे 3000 रुपये का पे चेक भी मिला था.
Korba Rail News: चौथी लाइन जोड़ने के कारण बंद रहेगी कोरबा की दो पैसेंजर ट्रेन
कोरबा से चलने वाले दो जोडी ट्रेन समेत आठ ट्रेनों का परिचालन 24 अक्टूबर को बंद रखा है।
Korba Crime News: कलेक्ट्रेट परिसर के सामने रक्तरंजित, बेहोशी अवस्था में मिली युवती
युवती के शरीर पर चोंट के निशान देखने से ऐसा लग रहा था कि उस पर किसी ने हमला किया था और बेहोश होकर कलेक्टोरेट के बाहर पड़ी हुई मिली।
आशुतोष शर्मा की धुआंधार पारी के बावजूद मुंबई के खिलाफ पंजाब नौ रन से हारी
मुल्लांपुर (पंजाब), 18 अप्रैल . आईपीएल 2024 में यहां महाराजा यादवेंद्र सिंह क्रिकेट स्टेडियम में दिल की धड़कने तेज कर देने वाले मुकाबले में मुंबई इंडियंस ने पंजाब को नौ रन से हरा दिया. जीत के लिए 193 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही पंजाब को आखिरी ओवर में जीत के लिए 12 रन ... Read more The post आशुतोष शर्मा की धुआंधार पारी के बावजूद मुंबई के खिलाफ पंजाब नौ रन से हारी first appeared on दैनिक किरण .
Janjgir-champa News : मौसम के साथ राजनीति भी गरमाई
बढ़ते तापमान और तेज गर्मी के साथ लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पारा भी बढ़ने लगा है। जिला मुख्यालय में चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हुई है। गुरूवार को कांग्रेस प्रत्याशी डा. शिव कुमार डहरिया ने नामांकन जमा किया। इसके पूर्व कचहरी चौक में कांग्रेसियों की सभा हुई। जिसमें नेता प्रतिपक्ष डा. चरण दास महंत , लोकसभा के आठों विधानसभा के विधायक सहित अन्य कांग्रेस नेता उपस्थित थे।
Korba News: न्यायिक आवासीय कालोनी के निर्माण से कर्मियों की दक्षता में होगी वृद्धि
न्यायिक अधिकारी एवं कर्मचारी को सर्वसुविधायुक्त आवास उपलब्ध कराये जाने पर उनके कार्य में कुशलता होगी वे किसी मानसिक दवाब के अच्छे से अच्छा कार्य तत्परता से करेंगे।
मुंबई मेट्रो: लोकसभा चुनाव का पहला पड़ाव, महाराष्ट्र में 5 सीटों पर चुनाव!
महाराष्ट्र समेत पूरे देश में लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो गया है. शशि तुषार शर्मा के साथ देखें मुंबई मेट्रो.
Janjgir-champa News : 12 उम्मीदवारों ने जमा किया नामांकन , 6 लोगों ने खरीदा फार्म
लोकसभा चुनाव केअंतर्गत संसदीय निर्वाचन क्षेत्र जांजगीर-चांपा के लिए नामांकन के चौथे दिन गुरूवार को 6 अभ्यर्थियों ने नामांकन फार्म लिया और 12 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र कलेक्टर एवं रिटर्निंग अधिकारी आकाश छिकारा के समक्ष जमा किया ।
Korba Accident News: भारी वाहन की टक्कर से दो पहिया चालक की मौत, चक्काजाम
जिले में पिछले दस दिनों के भीतर 10 लोग की मौत हो गई। पुलिस व प्रशासन द्वारा दुर्घटना रोकने पर अपने स्तर पर प्रयास कर रहा, पर वाहनों की तेज रफ्तार से दुर्घटनाएं कम नहीं हो रही है।
साइबर सेल के प्रभारी सुरेश ध्रुव बने काप आफ द मंथ
साइबर सेल के प्रभारी उप निरीक्षक सुरेश ध्रुव काप आफ द मंथ बने। एनडीपीएस एवं चोरी के प्रकरणों में माल बरामदगी एवं आरोपितों के गिरफ्तारी में उत्कृष्ट कार्य किए।
राजनीतिक विश्लेषक सुकल्याण मोइत्रा ने कहा कि भावनात्मक मुद्दे 1-2 बार ही हावी हो सकते हैं. लेकिन इन सब बातों का एक लाइफ है. बार-बार एक ही मुद्दों से आप लोगों का वोट नहीं ले सकते हैं.
Janjgir-champa News : दिनदहाड़े ग्रामीण के घर चार नकाब पोशों ने बोला धावा
दिनदहाड़े चार नकाब पोश युवक दो बाइक में सवार होकर तनौद पहुंचे और एक ग्रामीण के घर घुस गए। चाकू दिखाकर ग्रामीण को धमकाते हुए आलमारी की चाबी मांगने लगे। इतने में कमरे में सो रही उसकी पत्नी बाहर आकर देखी तो उसने पड़ोसियों को मदद के लिए आवाज लगाई। जिसके बाद चारों युवक वारदात को अंजाम दिए बिना बैरंग लौट गए।
किस मामले में हुई आप विधायक अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी, जानिए
Amanatullah Khan News: अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पहले हाईकोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद आप विधायक को ईडी के सामने पेश होना पड़ा। कई घंटे की पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने उन्हें अरेस्ट कर लिया। जानिए क्या है पूरा केस जिसमें उन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया।
वृषभ राशिफल 19 अप्रैल : उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा आज का दिन, धन का खर्च सोच-समझकर ही करें
Aaj Ka Vrishabh Rashifal Taurus :राशि चक्र की यह दूसरी राशि है, इस राशि का चिन्ह ’बैल’ है। वृष राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है। जिन जातकों के जन्म समय में चन्द्रमा वृष राशि में गोचर कर रहा होता है।
पहले मतदान, फिर जलपानः केईएम रोड क्षेत्र के व्यापारिक प्रतिष्ठानों में बांटे मतदान के आमंत्रण पत्र
पचीसिया ने आम मतदाताओं को जिला उद्योग संघ द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी की प्रेरणा से मतदान प्रतिशत बढाने हेतु 19 व 20 तारीख को अंगुली पर मतदान पश्चात लगाई गई स्याही का निशान दिखाने पर 71 व्यापारिक प्रतिष्ठानों द्वारा 3 से लेकर 50 प्रतिशत तक दी जा रही विशेष छूट का लाभ उठाने हेतु भी प्रेरित किया।
US TOP-10: अमेरिका ने चीन पर जरूरत से ज्यादा स्टील डंप करने का आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन पर वैश्विक बाजार में जरूरत से ज्यादा स्टील डंप करने का आरोप लगाते हुए चीन में बने स्टील पर शुल्क बढ़ाने का आह्वान किया. साथ ही चीन सरकार पर वहां की स्टील कंपनियों पर पैसा झोंकने और ज्यादा स्टील बनाने का आरोप लगाया. देखें यूएस की टॉप 10 खबरें.
मां डिडनेश्वरी मंदिर से निकली कलश यात्रा
नगर में परम्परानुसार नौ दिनों की आराधना के बाद गुरुवार की शाम को मां डिडनेश्वरी मंदिर परिसर से कलश शोभायात्रा निकाली गई। दर्शन करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे रहे।