Aaj Ka Rashifal 19 April 2024: दिन अनुकूल रहेगा, जानिए किन राशि वालों को मिलेगा अटका हुआ धन
Aaj Ka Rashifal 19 April 2024: कन्या राशि वालों के लिए आज का दिन सामान्य रहेगा। किसी कार्य विशेष के लिए बाहर लंबी यात्रा पर जा सकते हैं।
लोकसभा चुनाव के पहले फेज में 19 अप्रैल, यानी आज 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 102 सीटों पर वोटिंग हो रही है। 2019 के चुनाव में इन्हीं सीटों पर BJP ने 40, DMK ने 24 और कांग्रेस ने 15 सीटें जीती थीं। अन्य को 23 सीटें मिली थीं। दैनिक भास्कर के रिपोर्टर पहले फेज की 102 में से 99 सीटों पर पहुंचे और जाना कि ‘हवा का रुख’ क्या है। इस बार BJP के नेतृत्व वाले NDA को 40 से 45 सीटें मिलती दिख रही हैं। विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक को 42 से 47 सीटें मिल सकती हैं। बाकी सीटें या तो अन्य के खाते में जा रही हैं या वहां कड़ा मुकाबला है। पश्चिम बंगाल में BJP तीनों सीटें जीतते दिख रही है। तमिलनाडु में INDIA ब्लॉक क्लीन स्वीप करेगा। मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में कड़ी टक्कर दिख रही है। राज्य: तमिलनाडु, कुल सीट: 39, वोटिंग: सभी 39 सीटों परसंभावित स्कोरDMK-कांग्रेस अलायंस: 32-37 सीटेंAIADMK अलायंस: 3-0BJP: 2-0 सीटों के लिहाज से साउथ के सबसे बड़े राज्य तमिलनाडु में BJP की कोशिश है कि उसका खाता खुल जाए। DMK की राज्य में पकड़ और मुख्यमंत्री स्टालिन की योजनाओं की वजह से यहां BJP के लिए जगह बना पाना फिलहाल मुश्किल है। उसने स्टेट प्रेसिडेंट और IPS अफसर रह चुके अन्नामलाई पर दांव खेला है। अन्नामलाई कोयंबटूर से चुनाव लड़ रहे हैं। BJP को यहीं जीत की उम्मीद सबसे ज्यादा है। तमिलनाडु में DMK-कांग्रेस अलायंस सबसे मजबूत नजर आ रहा है। उसे 39 में से 32-37 सीटें मिल सकती हैं। राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी AIADMK के लिए ये चुनाव अस्तित्व बचाने की लड़ाई है। पार्टी का फोकस भी नंबर दो की पोजिशन बनाए रखने पर है। DMDK के साथ उसका गठबंधन है। इस अलायंस को 3-0 सीटें मिलने के आसार हैं। BJP के पास तमिलनाडु में खोने के लिए कुछ नहीं है। उसका वोट पर्सेंट 3 से बढ़कर 15% होने के आसार हैं, हालांकि सीट 2-0 आ सकती हैं। राज्य: राजस्थान, कुल सीट: 25, वोटिंग: 12 सीट परसंभावित स्कोरBJP: 5कांग्रेस: 1अन्य: 15 सीटों पर कड़ा मुकाबला पहले फेज में राजस्थान की 12 सीटों श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू, नागौर, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, अलवर, भरतपुर, दौसा और करौली-धौलपुर में वोटिंग होगी। फिलहाल बढ़त में BJP है, लेकिन कांग्रेस भी टक्कर दे रही है। 2019 चुनाव में कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई थी, इस बार उसे कम से कम खाता खुलने की उम्मीद है। जयपुर सिटी सीट पर BJP मजबूत दिख रही है। वहीं जयपुर रूरल सीट पर बराबरी का मुकाबला है। शेखावाटी की सीकर, चूरू और झुंझुनूं सीट पर मुकाबला आमने-सामने का है। इसमें झुंझुनूं सीट कांग्रेस जीत सकती है। दौसा में एक ही जाति के प्रत्याशी होने के बावजूद मुकाबला पेचीदा है। नागौर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक हनुमान बेनीवाल को हरा पाना BJP के लिए मुश्किल है। बीकानेर से मौजूदा कानून मंत्री और PM मोदी के करीबी माने जाने वाले अर्जुनराम मेघवाल चुनाव लड़ रहे हैं। मुकाबले में गहलोत सरकार में मंत्री रहे गोविंदराम मेघवाल हैं। अलवर से केंद्रीय वन, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव BJP के उम्मीदवार हैं। ये सीटें BJP आसानी से निकालते दिख रही है। राज्य: उत्तरप्रदेश: कुल सीट: 80, वोटिंग: 8 सीट परसंभावित स्कोरBJP: 4INDIA ब्लॉक: 4 यूपी में पहले फेज की 8 सीटें बराबर बंटती दिख रही हैं। 4 सीटों पीलीभीत, सहारनपुर, कैराना और मुजफ्फरनगर सीट पर सपा गठबंधन बढ़त बना रहा है। मुजफ्फनगर सीट से केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान चुनाव लड़ रहे हैं। वरुण गांधी का टिकट कटने के बाद पीलीभीत सीट पर BJP के लिए चैलेंज बढ़ गया है। 4 सीटों रामपुर, मुरादाबाद, बिजनौर और नगीना में BJP अच्छी स्थिति में दिख रही है। 2019 के चुनाव में इन चारों सीटों पर BJP हारी थी। 2019 में समाजवादी पार्टी को 2 सीटों रामपुर और मुरादाबाद में जीत मिली थी। रामपुर में सपा को 64.4% और मुरादाबाद में 68.3% वोट मिले थे। पोलराइजेशन से उसका वोट शेयर 10% तक कम हो सकता है। नगीना सीट पर आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर गेमचेंजर हैं। हालांकि उनकी जीत के चांस कम ही हैं। राज्य: मध्यप्रदेश, कुल सीट: 29, वोटिंग: 6 सीट पर संभावित स्कोरBJP: 4कांग्रेस: 2 मध्यप्रदेश में पहले फेज में छिंदवाड़ा समेत 6 सीटों पर वोटिंग होनी हैं। बाकी 5 सीटें मंडला, सीधी, बालाघाट, शहडोल और जबलपुर हैं। मोदी फैक्टर, राम मंदिर और SC-ST वोट के सहारे BJP 2019 का रिजल्ट दोहराने की कोशिश में है। जब उसे 28 सीटें मिली थीं। पार्टी को इस बार छिंदवाड़ा जीतने का भरोसा है। कांग्रेस लीडर कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ यहां से सांसद हैं। कांग्रेस ने उन्हें ही कैंडिडेट बनाया है। BJP ने विवेक बंटी साहू को टिकट दिया है। यही सीट है, जहां कांग्रेस के जीत के सबसे ज्यादा चांस हैं। मंडला से BJP ने केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को उतारा है। कुलस्ते विधानसभा चुनाव हार गए थे। अगर आदिवासी वोट बंटे तो लोकसभा सीट में जीत आसान नहीं होगी। महाराष्ट्र: कुल सीट: 48, 5 सीटों पर वोटिंगसंभावित स्कोर:NDA: 4INDIA ब्लॉक: 1 महाराष्ट्र में पहले फेज वाली पांचों सीटें विदर्भ रीजन में आती हैं। इन्हीं में नागपुर भी है, जहां से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ कांग्रेस ने विकास ठाकरे को उतारा है। 1952 में पहले चुनाव के बाद से कोई कैंडिडेट नागपुर से लगातार तीन बार नहीं जीता है। गडकरी यहां से दो बार जीत चुके हैं। यहां BJP की लड़ाई जीत का अंतर बढ़ाने की है। चंद्रपुर सीट छोड़ दी जाए तो महाविकास अघाड़ी बाकी 4 सीटों पर NDA के सामने टिकता नहीं दिख रहा है। डॉ. भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी दलित वोट लेकर महाविकास अघाड़ी को नुकसान पहुंचा सकती है। इसका फायदा BJP को होगा। उत्तराखंड: कुल सीट-5, पांचों पर वोटिंगसंभावित स्कोरBJP: 5कांग्रेस: 0उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों टिहरी, पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार, नैनीताल-उधम सिंह नगर और अल्मोड़ा सीट पर BJP के पास बढ़त दिखाई दे रही है। हालांकि पौड़ी और हरिद्वार सीट पर BJP और कांग्रेस में टक्कर है। टिहरी लोकसभा सीट पर BJP की कैंडिडेट माला राजलक्ष्मी शाह चौथी बार चुनाव लड़ रही हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के जोत सिंह गुनसोला से है। 2012 में उपचुनाव जीतने के बाद से माला राजलक्ष्मी शाह लगातार यहां से जीत रही हैं। पौड़ी गढ़वाल सीट पर BJP के अनिल बलूनी के सामने कांग्रेस के गणेश गोदयाल हैं। BJP ने इस सीट पर तीरथ सिंह रावत का टिकट काटकर अनिल बलूनी को दिया है। 2014 से ये सीट BJP के कब्जे में है। यहां पलायन के अलावा अंकित भंडारी मर्डर केस भी चुनावी मुद्दा बना रहा। हालांकि गणेश गोदियाल के मुकाबले अनिल बलूनी का पलड़ा भारी दिख रहा है। हरिद्वार सीट पर बड़ा फैक्टर जातिवाद और मुस्लिम कम्युनिटी है। यहां करीब 27% मुस्लिम वोट हैं। 24% ठाकुर, 22% ब्राह्मण, 22% SC-ST और 5% प्रतिशत अन्य हैं। यहां इस बार पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत से हैं। इस सीट पर BSP का भी अच्छा-खासा वोट बैंक है। इसके बावजूद ये सीट BJP के लिए सेफ मानी जा रही है। नैनीताल-उधम सिंह नगर से BJP ने मौजूदा सांसद अजय भट्ट को टिकट दिया है। उनके सामने कांग्रेस ने प्रकाश जोशी को उतारा है। वे 2012 और 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन दोनों बार हार गए। इस लिहाज से अजय भट्ट उनके सामने मजबूत दिख रहे हैं। रिजर्व सीट अल्मोड़ा से BJP के अजय टम्टा मैदान में हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रदीप टम्टा से है। अजय टम्टा 2014 और 2019 में लगातार चुनाव जीत चुके हैं। उनसे पहले 2009 में प्रदीप टम्टा यहां से सांसद थे। अल्मोड़ा सीट पर मोदी फैक्टर का ज्यादा असर है। बिहार: कुल सीट: 40, 4 सीट पर वोटिंग संभावित स्कोरNDA: 4INDIA ब्लॉक: 0 बिहार में पहले फेज में चार सीटों जमुई, गया, औरंगाबाद और नवादा में वोटिंग होनी है। चारों सीटों पर बढ़त NDA के पास है। जमुई सीट से चिराग पासवान की लोकजन शक्ति पार्टी (रामविलास) के कैंडिडेट अरुण भारती का पलड़ा भारी है। 2019 में यहां से चिराग पासवान ने चुनाव जीता था। गया पर कास्ट पॉलिटिक्स सबसे बड़ा फैक्टर है। NDA की तरफ से यहां बिहार के पूर्व CM जीतन राम मांझी चुनाव लड़ रहे हैं। यहां राममंदिर का मुद्दा वोट में बदलता दिख रहा है। यही वजह है कि राम को काल्पनिक बताने वाले मांझी अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन कर आए। औरंगाबाद में NDA ने BJP के सुशील सिंह को कैंडिडेट बनाया है। INDIA ब्लॉक से RJD से अभय कुशवाहा कैंडिडेट हैं। इस सीट से कांग्रेस के निखिल कुमार दावेदार थे, लेकिन ये सीट RJD को मिल गई। पार्टी ने अभय कुशवाहा को मैदान में उतारा है। इससे कांग्रेस का कोर वोटर पाला बदल सकता है। यही वजह कि सुशील सिंह का पलड़ा भारी दिख रहा है। नवादा में BJP ने पूर्व केंद्रीय मंत्री सीपी ठाकुर के बेटे डॉ. विवेक ठाकुर को कैंडिडेट बनाया है। उनका मुकाबला RJD के श्रवण कुशवाहा से है। भूमिहार और यादव बहुल इस सीट पर RJD और BJP के बीच सीधी लड़ाई है, लेकिन RJD में रहे राजवल्लभ यादव के भाई विनोद यादव पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। यादव वोट में फूट पड़ने से विवेक ठाकुर की स्थिति मजबूत हो गई है। पश्चिम बंगाल: कुल सीट: 42, 3 सीटों पर वोटिंगसंभावित स्कोरBJP: 3TMC:0 पश्चिम बंगाल में पहले फेज में तीन सीटों कूचबिहार, अलीपुरद्वार और जलपाईगुड़ी में वोटिंग होगी। 2019 में BJP ने तीनों सीटें जीती थीं। इन सीटों पर 40% राजबंशी वोट और टी वर्कर्स का वोट अहम है। कूचबिहार से 2019 में BJP के निशिथ प्रमाणिक जीते थे। वे राजबंशी कम्युनिटी से आते हैं और अभी गृह राज्य मंत्री हैं। उनके खिलाफ TMC ने सिताई सीट से विधायक जगदीश चंद्र बसुनिया को टिकट दिया है। कम्युनिटी के वोट बैंक की वजह से निशिथ TMC कैंडिडेट पर भारी पड़ते दिख रहे हैं। 2021 के विधानसभा चुनाव में दिनहाटा और सिताई को छोड़कर 7 में से 5 सीटें BJP ने जीती थीं। दिनहाटा और सिताई सीट TMC के खाते में गई थीं। जलपाईगुड़ी सीट से मौजूदा सांसद जयंत कुमार रॉय BJP के उम्मीदवार हैं। TMC ने उनके सामने दुपगुरी से विधायक निर्मल चंद रॉय को उतारा है। यहां की 7 विधानसभा सीटों में से 5 पर TMC का कब्जा है। 2019 में जयंत कुमार रॉय को करीब 51% वोट मिले थे। इस बार भी उन्हें बढ़त नजर आ रही है। अलीपुरद्वार सीट से BJP ने मदारीहाट विधायक मनोज तिग्गा को टिकट दिया है। इस सीट की सभी 7 विधानसभा सीटों पर BJP का कब्जा है। यहां कुल वोटर्स में 80% एससी और एसटी समुदाय के हैं। उनका झुकाव BJP की ओर है। यही वजह है कि BJP यहां मुकाबले में आगे है। TMC ने इस सीट से राज्यसभा सांसद प्रकाश चिक बड़ाइक को टिकट दिया है। राज्य: छत्तीसगढ़, कुल सीट: 11, वोटिंग: 1 सीट पर संभावित स्कोर: तय नहीं, बराबरी का मुकाबलाछत्तीसगढ़ में पहले फेज में बस्तर सीट पर वोटिंग होनी है। यहां कांग्रेस के पूर्व मंत्री कवासी लखमा और BJP के उम्मीदवार महेश कश्यप के बीच मुकाबला है। 2019 में ये सीट कांग्रेस ने जीती थी। यहां 80% आबादी आदिवासी है। इस सीट के तहत 8 विधानसभा सीटें आती हैं, इनमें से 5 में BJP के विधायक हैं। कवासी लखमा की आदिवासी कम्युनिटी में पॉपुलैरिटी BJP के लिए बड़ी चुनौती है। जम्मू-कश्मीर : कुल सीट: 5, वोटिंग: 1 सीट पर संभावित स्कोर BJP: 1 INDIA ब्लॉक: 0 जम्मू-कश्मीर में पहले फेज में उधमपुर पर वोटिंग होनी है। यहां से मौजूदा सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को BJP ने दोबारा टिकट दिया है। उनका मुकाबला कांग्रेस के चौधरी लाल सिंह से है। उधमपुर लोकसभा सीट में 5 जिले हैं। कठुआ और उधमपुर जिले में हिंदू वोटर्स ज्यादा हैं। डोडा, रामबन और किश्तवाड़ में मुस्लिम वोटर्स ज्यादा हैं। पहले मुस्लिम वोटर कांग्रेस और दूसरी रीजनल पार्टियों जैसे नेशनल कॉन्फ्रेंस, PDP, पैंथर्स पार्टी में बंटे रहते थे। इस बार नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। ऐसे में मुस्लिम वोटर्स INDIA ब्लॉक और गुलाम नबी आजाद की पार्टी DPAP के प्रत्याशी जी.एम. सरूरी के बीच बंटेंगे। बदले समीकरणों से BJP को कड़ी टक्कर मिल सकती है, लेकिन जीत की संभावनाएं ज्यादा BJP के पक्ष में ही हैं। नॉर्थ ईस्ट: कुल सीट: 25, पहले फेज में 15 सीटों पर वोटिंग संभावित स्कोरNDA: 11INDIA ब्लॉक: 2अन्य: 2 नॉर्थ ईस्ट में पहले फेज में अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम में वोटिंग पूरी हो जाएगी। सिर्फ असम, मणिपुर और त्रिपुरा में आगे के फेज में भी वोटिंग होगी। इन 8 राज्यों की 15 सीटों पर चुनाव हैं। इनमें से NDA 11 सीटों पर जीतता दिख रहा है। असम की पांचों सीट काजीरंगा, सोनितपुर, लखीमपुर, डिब्रूगढ़ और जोरहाट पर BJP का पलड़ा भारी है। डिब्रूगढ़ से पूर्व CM सर्बानंद सोनोवाल चुनाव लड़ रहे हैं। असम से सटे मणिपुर की 2 सीटों आउटर मणिपुर और इनर मणिपुर पर वोटिंग होगी। आउटर मणिपुर में 2 फेज में वोटिंग होगी। BJP सिर्फ इनर मणिपुर से चुनाव लड़ रही है। आउटर मणिपुर सीट पर उसने NPF को समर्थन दिया है। आउटर मणिपुर सीट पर कुकी समुदाय के वोटर ज्यादा हैं। मणिपुर में चल रही हिंसा की वजह से BJP गठबंधन आउटर मणिपुर पर हार सकता है। इनर मणिपुर में मुकाबला टफ है, लेकिन BJP यहां जीत सकती है। मिजोरम में BJP और कांग्रेस चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन दोनों मुकाबले में नहीं हैं। यहां लोकल पार्टियां मजबूत हैं। मुकाबला सरकार चला रही ZPM और MNF के बीच है। मिजोरम, सिक्किम और नगालैंड के बारे में कहा जाता है कि यहां सरकार चला रही पार्टी ही लोकसभा चुनाव जीतती है। इस लिहाज से मिजोरम में ZPM और सिक्किम से SKM गठबंधन और नगालैंड से BJP की सहयोगी पार्टी NDPP सीट निकाल सकता है। अरुणाचल की ईसाई आबादी मणिपुर हिंसा की वजह से BJP से नाराज है, लेकिन एक्सपर्ट मानते है कि इससे सिर्फ BJP के वोट कम होंगे, पार्टी यहां की दोनों सीटें जीत सकती है। मेघालय में दोनों सीटों शिलॉन्ग और तूरा पर BJP सीधे मुकाबले में नहीं है। यहां उसकी सहयोगी पार्टी NPP चुनाव लड़ रही है। एक्सपर्ट मान रहे है कि शिलॉन्ग सीट कांग्रेस जीत सकती है। तूरा पर NPP का दावा मजबूत है। मेघालय से सटे त्रिपुरा में BJP दोनों सीटों पर मजबूत है। यहां त्रिपुरा मोर्चा CAA को बड़ा मुद्दा बना सकता था, लेकिन BJP ने उसे अपने साथ कर लिया। ................................................... देश के राज्यों में कैसा है हवा का रुख, ये भी पढ़िए
बीजेपी के 2019 के चुनावी घोषणा पत्र के वादों की पड़ताल की चौथी कड़ी… 2019 में बीजेपी ने ‘संकल्प पत्र’ नाम से 50 पेज का घोषणापत्र जारी किया था। इसमें जनकल्याण से जुड़े 40 प्रमुख वादे किए थे, जिनमें से 22 वादे पूरे कर दिए गए हैं। इस तरह जनकल्याण के एजेंडे पर बीजेपी का स्ट्राइक रेट करीब 55% निकलता है। 18 प्रमुख वादों पर काम अभी भी अधूरा है। इनमें से कई वादे स्वास्थ्य, गरीब जनता, किसान और उद्यमियों के मुद्दों से जुड़े हैं। वादा-1: देश के सभी किसानों के लिए PM किसान सम्मान निधि बीजेपी ने अपना ये वादा पूरा किया है। वादा-2: छोटे और सीमांत किसानों के लिए पेंशन योजना बीजेपी का यह वादा पूरा हो गया है। वादा-3: ब्याज मुक्त किसान क्रेडिट कार्ड बीजेपी का ऋण मुक्त किसान क्रेडिट कार्ड का वादा पूरा नहीं हुआ है। हालांकि कई बार KCC के तहत कर्ज देने वाले बैंक लिए गए कर्ज पर रियायत देते हैं। वादा-4: प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में स्वैच्छिक पंजीकरण बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ है। वादा-5: जैविक खेती के तहत 20 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि रसायन मुक्त करेंगे बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ कहा जा सकता है। वादा-6: प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का विस्तार बीजेपी का यह वादा अधूरा है। वादा-7: सौर फार्मिंग को बढ़ावा देंगे बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ है। वादा-8: भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ कहा जा सकता है। वादा-9: मत्स्य संपदा योजना आरंभ करेंगे बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ है। वादा-10: 'नल से जल' के तहत 2024 तक हर परिवार को पाइपलाइन से पानी देंगे बीजेपी का यह वादा आधा-अधूरा है। वादा-11: GST की प्रक्रिया को सरल करेंगे बीजेपी का यह वादा अधूरा है। वादा-12: 2024 तक ऋण गारंटी योजना के तहत एक लाख करोड़ रुपए तक के कर्ज देंगे बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ है। वादा-13: 2024 तक देश में 50,000 नए स्टार्टअप में मदद बीजेपी इस वादे पर खरी उतरी है। वादा-14: 20,000 करोड़ रुपए के सीड स्टार्टअप फंड की स्थापना बीजेपी का यह वादा आधा-अधूरा है। वादा-15: 2022 तक 1,50,000 स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्र खोलेंगे बीजेपी ने यह वादा पूरा किया है। वादा-16: चिकित्सा यंत्रों की मूल्य निर्धारण नीति से कीमतों में कमी बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ कहा जा सकता है। वादा-17: 2024 तक MBBS और विशेषज्ञ डॉक्टर्स की संख्या दोगुनी करेंगे, प्रशिक्षित डॉक्टर और जनसंख्या का अनुपात 1:1400 करने का प्रयास करेंगे बीजेपी का यह वादा अधूरा है। वादा-18: 2025 तक टीबी को भारत से खत्म करने का मिशन बीजेपी का यह वादा पूरा नहीं हुआ है। वादा-19: उद्यमियों के लिए 50 लाख रुपए तक के कोलैटरल फ्री ऋण की नई योजना सरकार इस वादे पर खरी उतरी है। वादा-20: उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए 'उद्यमशील उत्तर-पूर्व योजना' के तहत वित्तीय सहायता और रोजगार बीजेपी का यह वादा पूरा कहा जा सकता है। वादा-21: 30 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का लाभ बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ है। वादा-22: प्रधानमंत्री इनोवेटिव लर्निंग प्रोग्राम की शुरुआत बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ है। वादा-23: माध्यमिक श्रेणी की कक्षाओं में स्मार्ट क्लासेज बीजेपी ने यह चुनावी वादा पूरा किया है। वादा-24: 2024 तक 200 नए केंद्रीय और नवोदय विद्यालय कुल स्वीकृत विद्यालयों की संख्या के आधार पर कह सकते हैं कि बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ है। वादा-25: 2024 तक केंद्रीय विधि, इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट संस्थानों में 50% सीटों की बढ़ोतरी बीजेपी का यह वादा आधा-अधूरा है। वादा-26: बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत सभी बालिकाओं को पर्याप्त वित्तीय सहायता कहा जा सकता है कि बीजेपी ने यह वादा पूरा किया है। वादा-27: महिला कार्यबल रोडमैप महिलाओं के सशक्तीकरण के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं, लेकिन महिलाओं की भागीदारी के आंकड़े अभी भी संतोषजनक नहीं हैं। वादा-28: 2022 तक क्रेच और चाइल्ड केयर सुविधाओं में कम से कम तीन गुना वृद्धि बीजेपी का यह वादा पूरा नहीं हुआ है। वादा-29: कुपोषण की दर में दोगुनी कमी बीजेपी का यह वादा अभी पूरा नहीं हुआ है। वादा-30: आयुष्मान भारत योजना का विस्तार बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ है। वादा-31: दुष्कर्म के मामलों में शीघ्र कार्रवाई के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट का विस्तार बीजेपी का यह वादा अभी आधा-अधूरा है। वादा-32: गरीबी रेखा से नीचे मौजूद परिवारों के प्रतिशत को 1 अंक में लाना बीजेपी का यह वादा पूरा हुआ कहा जा सकता है। वादा-33: सभी अल्पसंख्यकों के सशक्तीकरण हेतु गरिमापूर्ण विकास बीजेपी का यह वादा आधा-अधूरा है। वादा-34: 11 छूटी हुई भारतीय गोरखा उप-जातियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा बीजेपी ने ये वादा पूरा नहीं किया है। वादा-35: सिक्किम विधानसभा में लिंबू और तमांग जनजातियों हेतु आरक्षण अभी तक बीजेपी का यह वादा पूरा नहीं हुआ है। वादा-36: राष्ट्रीय वयोश्री योजना का विस्तार बीजेपी ने यह वादा पूरा किया है। वादा-37: छोटे दुकानदारों के लिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना का विस्तार बीजेपी का यह वादा अभी आधा-अधूरा है। वादा-38: पारंपरिक कलाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री कलानिधि योजना बीजेपी ने यह वादा पूरा किया है। वादा-39: भाषाओं और बोलियों के संरक्षण के लिए एक कार्यबल का गठन बीजेपी का यह वादा अभी आधा-अधूरा है। वादा-40: 2022 तक सभी कच्चे मकानों की जगह पक्का मकान देने का वादा बीजेपी का पक्के मकान बनाने का वादा अभी आधा-अधूरा है।
1977 के अक्टूबर महीने की एक सुबह। दिल्ली स्थित CBI के मुख्यालय में गहमागहमी थी। अधिकारी फाइलों में उलझे थे। पुलिस को भी तैयार रहने के निर्देश दे दिए गए थे। ये आपातकाल के बाद का वक्त था। केंद्र में मोरारजी देसाई की अगुआई वाली जनता पार्टी की सरकार बन चुकी थी। चौधरी चरण सिंह को गृहमंत्री बनाया गया था। सरकार में शामिल लगभग सभी नेता चाहते थे कि इमरजेंसी के दौरान सैकड़ों नेताओं को जेल भेजने वाली इंदिरा को भी गिरफ्तार किया जाए। इंदिरा पर भ्रष्टाचार के कई मामले थे। इनमें सबसे ऊपर था- जीप घोटाला। इंदिरा पर आरोप था कि रायबरेली सीट पर चुनाव प्रचार के लिए सरकारी पैसे से 100 जीपें खरीदी गई थीं। इंदिरा भी देश के गृहमंत्री चौधरी चरण सिंह को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती दे चुकी थीं। गिरफ्तारी के लिए पहले 1 अक्टूबर की तारीख तय की गई थी। तब चरण सिंह की पत्नी गायत्री देवी ने सुझाव दिया कि 1 अक्टूबर को शनिवार है। इस दिन अगर इंदिरा गिरफ्तार होती हैं तो दूसरे दिन रविवार होने की वजह उन्हें बेल नहीं मिलेगी और एक महिला के लिए यह दिक्कत की बात होगी। गृहमंत्री चरण सिंह गिरफ्तारी की तारीख को बदलकर 2 अक्टूबर करने का आदेश देते हैं। इंटेलिजेंस ब्यूरो में पूर्व DIG विजयकरण कहते हैं कि अगर गांधी जयंती के दिन गिरफ्तार किया गया तो पूरा मुद्दा कहीं और भटक जाएगा। 3 अक्टूबर इस काम के लिए परफेक्ट रहेगा। इस तरह 3 अक्टूबर को इंदिरा गांधी को गिरफ्तार कर लिया जाता है। हालांकि 16 घंटे हिरासत में रहने के बाद इंदिरा गांधी को जमानत मिल गई। इस एक्शन की वजह से चौधरी चरण सिंह सुर्खियों में छा गए। इसके बाद दो साल भी नहीं बीते, इंदिरा ने चरण सिंह से अपनी गिरफ्तारी का करारा बदला लिया। चौधरी चरण सिंह 28 जुलाई 1979 को प्रधानमंत्री तो बने, लेकिन महज 24 दिनों के लिए। इंदिरा गांधी के हाथ खींचने की वजह से वो बतौर प्रधानमंत्री एक भी दिन लोकसभा नहीं जा सके। हालांकि केयरटेकर प्रधानमंत्री के दौर पर उनका कार्यकाल करीब 5 महीने रहा। आज राजनीति में चौधरी चरण सिंह की तीसरी पीढ़ी का दबदबा है। उनके पोते जयंत चौधरी ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी के साथ गठबंधन किया है। देश के ताकतवर राजनीतिक परिवारों की सीरीज ‘परिवार राज’ के दसवें और आखिरी एपिसोड में चौधरी चरण सिंह परिवार के किस्से… अंग्रेजों ने चरण सिंह को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए थे23 दिसंबर 1902 को चौधरी चरण सिंह का जन्म मेरठ के नूरपुर गांव के एक जाट परिवार में हुआ था। उनके पिता छोटे जोत वाले किसान थे। 1929 में मास्टर्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद चरण सिंह कांग्रेस पार्टी से जुड़ गए। वो महात्मा गांधी से प्रभावित थे। मेरठ और उससे लगे शहरों में युवा चरण सिंह गुप्त क्रांतिकारी संगठन भी चला रहे थे। ब्रितानिया हुकूमत की मुखालफत के चलते मेरठ प्रशासन ने चरण सिंह को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए थे, लेकिन पुलिस को जब तक कोई खबर मिलती ये नौजवान क्रांतिकारी नेता आंदोलन से जुड़ी सभाओं में भाषण देकर निकल जाता था। बाद में चरण सिंह गिरफ्तार हुए। जेल से वापसी हुई तब तक यूपी की राजनीति में उनका कद बड़ा हो चुका था। 1937 में चरण सिंह छपरौली विधानसभा से संयुक्त प्रांत के विधायक चुने गए। इसके बाद चरण सिंह 1946, 1952, 1962 और 1967 में भी विधानसभा के लिए चुने गए। इस बीच जून 1951 में स्टेट कैबिनेट मिनिस्टर और 1952 में डॉ. संपूर्णानंद की कैबिनेट में कृषि मंत्री बने। पहली गैर-कांग्रेसी सरकार के सीएम बने, फिर BKD बनाई 1 अप्रैल 1967 को चरण सिंह ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी। कांग्रेस के 16 विधायक अपने साथ मिलाकर चरण सिंह ने ‘जन कांग्रेस’ नाम से एक अलग गुट बना लिया। ये गुट विपक्ष के नेताओं के बनाए ‘संयुक्त विधायक दल’ गठबंधन में शामिल हुआ। संयुक्त विधायक दल ने 1967 में चरण सिंह की अगुआई में उत्तर प्रदेश में पहली गैर-कांग्रेसी सरकार बनाई। चरण सिंह को राज नारायण और राम मनोहर लोहिया जैसे नेताओं और जनसंघ व कम्युनिस्ट पार्टी का साथ मिला। 3 अप्रैल 1967 को चरण सिंह ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन सिर्फ एक साल बाद 17 अप्रैल 1968 को उन्हें सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा। दिसंबर 1968 में चरण सिंह ने अपने भरोसे के कुछ नेताओं को साथ लेकर एक नई पार्टी बनाई। इसका नाम ‘भारतीय क्रांति दल’ यानी BKD रखा गया। BKD ने 1969 में उत्तर प्रदेश में हुए मध्यावधि चुनाव में हिस्सा लिया और फरवरी 1970 में चरण सिंह दूसरी बार उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इस बार सरकार को कांग्रेस का समर्थन था। सितंबर 1970 तक चरण सिंह यूपी के सीएम रहे। उसके बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। इसके बाद साल 1977 तक चरण सिंह उत्तर प्रदेश की विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे। इंदिरा की इमरजेंसी और राष्ट्रीय फलक पर चर्चित हुए चौधरीये वह दौर था जब दिल्ली के हालात तेजी से बदल रहे थे। चरण सिंह भी दिल्ली की सियासत की तरफ रुख करना चाहते थे। 1974 में चरण सिंह ने विपक्षी नेताओं को एकजुट किया और भारतीय लोकदल की नींव रखी। इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री थीं, लेकिन देश में कांग्रेस के खिलाफ माहौल बन रहा था। 1975 में इंदिरा ने देश पर इमरजेंसी थोप दी। सैकड़ों नेता जेल में डाल दिए गए। 26 जून 1975 की रात चरण सिंह भी जेल में थे। इमरजेंसी के विरोध में ज्यादातर विपक्षी नेता एकजुट हो गए थे और 77 में जनता पार्टी का गठन हुआ। चरण सिंह इसके प्रमुख संस्थापकों में से एक थे। आपातकाल का निर्णय इंदिरा के लिए आत्मघाती साबित हुआ और 1977 के लोकसभा चुनाव में वे बुरी तरह हार गईं। 1977 का आम चुनाव ऐतिहासिक था। देश में पहली बार गैर-कांग्रेसी पार्टियों ने मिलकर जनता पार्टी की सरकार बनाई थी। इस चुनाव में जनता पार्टी का चुनाव निशान हलधर किसान था। वही निशान जो चरण सिंह की पार्टी BKD का था। मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने और चरण सिंह को इस सरकार में पहले गृहमंत्री और बाद में उप-प्रधानमंत्री बनाया गया। इसी दौरान उन्होंने इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करवाया था। बाद में मोरारजी देसाई से मतभेद होने के बाद चरण सिंह ने जनता पार्टी छोड़ दी। लोक दल का गठन और चरण सिंह से इंदिरा का बदलाचरण सिंह जनता पार्टी से अलग हुए तो नई पार्टी बना ली। नाम रखा- लोकदल। इसका चुनाव निशान था- दो बैल और हल से खेत जोतता हुआ किसान। एक बार फिर चरण सिंह और कांग्रेस के बीच की दूरियां कम हुईं। 28 जुलाई 1979 को कांग्रेस और अन्य कुछ दलों के समर्थन से चरण सिंह देश के पांचवें प्रधानमंत्री बने। सरकार को बहुमत साबित करने के लिए राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने 20 अगस्त तक का वक्त दिया था] लेकिन इंदिरा की कांग्रेस (आई) ने 19 अगस्त को ही समर्थन वापस ले लिया। इतिहासकार कहते हैं कि ये इंदिरा का चरण सिंह से लिया गया बदला था। सरकारों में मंत्री रहते हुए और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए चरण सिंह ने कई ऐसे काम किए थे, जिससे उनकी छवि किसान नेता की बन गई थी। लोग चरण सिंह को किसानों का अंबेडकर कहने लगे थे। सियासी गलियारों में जब देश के किसानों की बात होती है तो एक बात जरूर कही जाती है कि चौधरी चरण सिंह अगर संसद तक पहुंचे होते तो आज किसानों की स्थिति बेहतर होती। अपने बेटे अजित की सियासत में एंट्री को विरोध कियाचौधरी चरण सिंह की सेहत बिगड़ रही थी। उन्होंने IIT पास अपने बेटे अजित सिंह को राजनीति में बुला लिया। अजित सिंह देश लौटने के बाद राजनीति में एक्टिव हो गए। चौधरी चरण सिंह के करीबी डॉ. केएस राना ने एक इंटरव्यू में उनसे जुड़ा एक किस्सा याद करते हुए कहा कि एक बार मथुरा के डेम्पियर नगर में पब्लिक मीटिंग हो रही थी। चौधरी चरण सिंह मंच पर भाषण दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जो गांव और किसान को जानता है, उनकी परेशानियों को समझता है उसे देश की सियासत में आने का हक है। लेकिन, राजीव गांधी ने जहाज उड़ाए हैं। विदेश में पढ़े हैं। मेरा बेटा खुद अजित सिंह विदेश में पढ़ा है तो ऐसे लोगों के लिए सियासत में कोई जगह नहीं है। कुछ दिनों बाद लोकसभा चुनाव 1984 में किसे, कहां से टिकट देनी है इसको लेकर लिस्ट पढ़ी जा रही थी। मुलायम सिंह यादव खड़े होकर लिस्ट पढ़ रहे थे। कई बड़े नेताओं के अलावा चौधरी देवीलाल भी मौजूद थे। मथुरा का नाम आते ही अजित सिंह का नाम बोला गया। जिस पर चरण सिंह ने कहा कि यह कौन है? राजनीति में जिसे मैं नहीं जानता और आप उसे मथुरा से टिकट दे रहे हैं, तो आखिर यह है कौन? तब देवीलाल ने उनसे कहा कि यह तुम्हारा छोरो है। इस पर उन्होंने मुलायम सिंह को डांट लगाते हुए कहा कि तू तो मेरे से राजनीति सीख रहा है। फिर तू कैसे परिवारवाद की बात कर सकता है। मुझे तुझ से ऐसी उम्मीद नहीं थी। और यह कहकर वो उस मीटिंग को छोड़कर चले गए। इसी वजह से कहा जाता है कि चौधरी चरण सिंह ने राजनीति में एंट्री पर अपने बेटे चौधरी अजित सिंह का भी विरोध किया था। यही वजह रही है कि जब आखिरी वक्त में बीमारी के चलते चौधरी चरण सिंह 1986 में बेहोश थे तो उस वक्त ही पहली बार अजित सिंह राज्यसभा के सांसद बने थे। यहीं से अजित सिंह की सियासत में एंट्री हो पाई थी। चौधरी चरण सिंह के निधन से छिड़ी विरासत की जंगसाल 1987 में 29 मई को चौधरी चरण सिंह ने आखिरी सांस ली, लेकिन उनके निधन के पहले ही लोकदल की राजनीतिक विरासत को लेकर घमासान शुरू हो चुका था। ये सियासी लड़ाई चौधरी साहब के बेटे अजित सिंह और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष हेमवती नंदन बहुगुणा के बीच चल रही थी। पिता के निधन के बाद चरण सिंह की बनाई पार्टी पर उनके बेटे अजित सिंह कंट्रोल चाहते थे। इसमें दिक्कत ये थी कि पार्टी के ज्यादातर बड़े नेता जैसे कर्पूरी ठाकुर, नाथूराम मिर्धा, चौधरी देवीलाल और उस समय यूपी में पार्टी की तरफ से नेता विपक्ष मुलायम सिंह यादव, वगैरह बहुगुणा के खेमे में थे। पार्टी पर कब्जे की लड़ाई छिड़ी और मामला आखिरकार चुनाव आयोग तक पहुंचा, लेकिन आयोग ने अजित सिंह के खिलाफ फैसला सुनाया। चुनाव आयोग ने कहा, ‘अजित सिंह, चरण सिंह की संपत्ति के वारिस तो हो सकते हैं, मगर पार्टी की विरासत उन्हें नहीं मिल सकती।’ चरण सिंह के निधन के बाद अजित सिंह के इशारे पर लोकदल के ज्यादातर विधायकों की बैठक बुलाई गई। इस बैठक में मुलायम सिंह को पार्टी के विधायक दल के नेता पद से हटा दिया गया। अजित सिंह के बजाय मुलायम को मिल गई सीएम कुर्सी11 अक्टूबर 1988 को अजित सिंह ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्मदिन की तारीख पर एक नई पार्टी बनाई। इसका नाम रखा- 'जनता दल'। जनमोर्चा, जनता पार्टी, लोकदल (अ), लोकदल (ब) और सोशलिस्ट कांग्रेस सब इसके घटक के तौर पर शामिल हुए। अजित सिंह इस नए मोर्चे के महासचिव चुने गए। कुछ ही महीने बाद 1989 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव हुए। तब यूपी में कुल 425 विधानसभा सीटें होती थीं। सारे कांग्रेस विरोधी एकजुट थे। जनता दल यूपी में 356 सीटों पर लड़ी और 208 सीटें जीतीं। कांग्रेस का हाल ये कि लड़ी 410 सीटों पर और जीत सिर्फ 94 सीटों पर मिली। केंद्र में वीपी सिंह की सरकार बन गई थी। वीपी सिंह, अजित सिंह को सीएम बनाना चाहते थे और मुलायम को उनका डिप्टी, लेकिन मुलायम को ये मंजूर नहीं था। उन्होंने खुला विरोध कर दिया। कारण वही था- अजित से 2 साल पुरानी अदावत। चंद्रशेखर के समर्थन से मुलायम को बल मिल गया और मुलायम अड़ गए। कहा ये भी जाता है कि वीपी सिंह की चिंता संभावित चुनौती को लेकर भी थी। उन्हें लगता था कि देवीलाल, मुलायम और अजित सिंह के एक साथ आने से उन्हें चुनौती मिल सकती है। इसलिए अजित सिंह को मुख्यमंत्री पद का रास्ता दिखाया गया। अजित सिंह से कहा गया कि चौधरी साहब भी पहले यूपी के मुख्यमंत्री बने थे, उसके बाद प्रधानमंत्री। इस कुटिलता से अनजान अजित सिंह लखनऊ आ गए। दूसरी तरफ इन्हीं लोगों ने मुलायम सिंह की पीठ पर भी हाथ रख दिया। दिल्ली से बतौर पर्यवेक्षक तीन लोग लखनऊ भेजे गए। मुलायम को समझाने की कोशिश भी की गई, लेकिन जब बात नहीं बनी तो तय हुआ कि विधायक वोट करेंगे और जिसका नंबर ज्यादा, मुख्यमंत्री की कुर्सी उसकी, लेकिन मुलायम के आगे पिता चरण सिंह से मिला गठजोड़ का हुनर अजित के काम नहीं आया। बाहुबली डीपी सिंह और बेनीप्रसाद वर्मा ने मुलायम के पक्ष में विधायकों का नंबर बढ़ा दिया। अजित सिंह खेमे के 11 विधायकों ने भी मुलायम को वोट कर दिया। मुलायम को कुल 115 वोट मिले और अजित सिंह को 110 वोट मिले। पांच विधायकों के अंतर ने अजित सिंह का मुख्यमंत्री बनने का सपना तोड़ दिया। मुलायम सीएम बन गए। हालांकि बतौर कंपेन्सेशन वीपी सिंह, अजित सिंह को केंद्र में ले आए। वीपी सिंह की सरकार में अजित सिंह दिसंबर 1989 से नवंबर 1990 तक केंद्रीय उद्योग मंत्री भी रहे। राष्ट्रीय लोकदल का गठन और बीजेपी के साथ गठबंधन1999 में अजित सिंह ने लोकदल (अ) के नेताओं को साथ लेकर राष्ट्रीय लोकदल यानी RLD का गठन किया। इस पार्टी को चुनाव निशान मिला- हैंडपंप। जुलाई 2001 के आम चुनावों में अजित सिंह की पार्टी RLD ने भाजपा के साथ गठबंधन में पहला चुनाव लड़ा। अजित सिंह चुनाव भी जीते और अटल सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। इधर लंबी कानूनी लड़ाई के बाद असली 'लोकदल' की कमान अलीगढ़ के जाट नेता चौधरी राजेंद्र सिंह के हाथों में पहुंच गई थी। चरण सिंह के समय चौधरी राजेंद्र सिंह लोकदल के कद्दावर नेता थे। पार्टी का चुनाव निशान भी वही रहा जो चरण सिंह के जमाने में लोकदल का था- दो बैल और हल से खेत जोतता हुआ किसान। राजेंद्र सिंह के बेटे सुनील सिंह पिता के न रहने के बाद किसी तरह से लोकदल का नाम और चुनाव चिन्ह अपने पास बनाए हुए हैं। सुनील सिंह एक बार यूपी से विधान परिषद सदस्य बने, लेकिन उसके बाद हर चुनाव हारते आए हैं। इसकी एक वजह ये भी रही कि चौधरी चरण सिंह की राजनीतिक विरासत, राजेंद्र सिंह को नहीं बल्कि अजित की बनाई पार्टी राष्ट्रीय लोकदल को ही मिली थी। BJP-BSP छोड़ पुराने सियासी दुश्मन मुलायम को मुख्यमंत्री बनाया अजित सिंह ने RLD को भाजपा-बसपा गठबंधन में शामिल किया था, लेकिन 2003 में पहले RLD और फिर भाजपा इस गठबंधन से अलग हो गई और उत्तर-प्रदेश में मायावती की सरकार गिर गई। मायावती गईं तो मुलायम ने मौके पे चौका मारा। सपा को RLD का भी साथ मिला और जोड़-तोड़ करके मुलायम सिंह की सरकार बन गई। RLD की सपा के साथ जुगलबंदी 2007 में सपा की सरकार रहने तक चली। साल 2009 में लोकसभा चुनाव में RLD, भाजपा की अगुआई वाले NDA गठबंधन का हिस्सा बनी। अजित सिंह एक बार फिर सांसद बने, लेकिन 2011 में RLD ‘यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलाएंस’ यानी कांग्रेस की UPA सरकार में शामिल हो गई। और अजित सिंह को दिसंबर 2011 में मंत्री बना दिया गया। मई 2014 तक अजित सिंह मंत्री रहे। जब अजित ने बेटे जयंत को सौंपी पार्टी और राजनीतिक विरासत24 जुलाई 2019 को राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह ने कहा, '80 साल की उम्र होने की वजह से वह चुनावी राजनीति से संन्यास ले रहे हैं। हालांकि RLD पार्टी की राजनीति में वह सक्रिय रहेंगे।' पत्रकारों ने अजित सिंह से पूछा कि पार्टी के अगले अध्यक्ष कौन होंगे? मुस्कुराते हुए अजित सिंह ने कहा, 'जयंत अभी अपने तरीके से राजनीति सीख रहा है। यह तो भविष्य ही बताएगा कि वह राजनीति में अपने लिए कितनी जगह बना पाता है।' दो साल बाद मई 2021 में चौधरी अजित सिंह का निधन हो गया। इसी महीने 25 मई को जयंत चौधरी RLD अध्यक्ष चुन लिए गए। इससे पहले वह पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर थे। RLD अध्यक्ष बने जयंत पिता की तरह ही लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अपनी पढ़ाई पूरी कर राजनीति में आए थे। 2009 में वह मथुरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और जीत गए। हालांकि मोदी लहर में 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव जयंत चौधरी हार गए। वो बीजेपी पर बेहद हमलावर रहे हैं। 2019 में उन्होंने बीजेपी को ‘जूतिया पार्टी’ तक कहा था। 2022 में जब BJP ने जयंत को साथ चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया था तो उन्होंने इसे ठुकरा दिया था। दरअसल, 2013 के मुजफ्फरनगर दंगे के बाद RLD ने जाट और मुस्लिमों को एकजुट किया था। BJP इस एकजुटता का फायदा RLD से गठबंधन करके उठाना चाहती थी। हालांकि तब जयंत ने कहा था- 'मैं कोई चवन्नी नहीं जो पलट जाऊं।' अब 2 साल बाद फरवरी 2024 में जब BJP सरकार ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा की तो जयंत सिंह ने ट्वीट कर कहा-'दिल जीत लिया।' जयंत की RLD पार्टी BJP के साथ 2024 का चुनाव लड़ रही है। परिवार राज' सीरीज के अन्य एपिसोड यहां पढ़िए... एपिसोड-1: मोतीलाल ने बेटे के लिए गांधीजी से सिफारिश की: इंदिरा के हत्या के 8 घंटे में पीएम बने राजीव; गांधी-नेहरू फैमिली के किस्से एपिसोड- 2: पिता के पास मुश्किल से एक बीघा जमीन थी:लालू यादव कैसे बने CM; पांचवीं पास पत्नी को मुख्यमंत्री की कुर्सी देकर जेल गए एपिसोड- 3: गृहमंत्री ने बेटी के बदले 5 आतंकी रिहा किए:आतंकियों के जनाजे में रोने लगती थीं महबूबा; मुफ्ती मोहम्मद फैमिली के किस्से एपिसोड- 4: शेख अब्दुल्ला के पूर्वज हिंदू ब्राह्मण थे:फूल बरसाकर बेटे फारूक को सत्ता दी; दोस्त नेहरू ने उन्हें क्यों कैद करवाया एपिसोड- 5: जब पिता की प्रेमिका से अखिलेश का झगड़ा हुआ:भाई को किनारे कर बेटे को कैसे सौंपी सत्ता; मुलायम सिंह परिवार के किस्से एपिसोड- 6: मुस्लिमों को ‘हरा जहर’ कहते थे बाल ठाकरे:बेटे को पार्टी सौंपी तो भतीजे ने बगावत की, शिंदे ने कैसे छीनी शिवसेना एपिसोड- 7: मोरारजी की तरह स्वमूत्र पीते थे शरद पवार:इंदिरा को चुनौती देकर बने सबसे युवा CM; कभी चुनाव नहीं हारे, लेकिन भतीजे ने मात दी एपिसोड- 8: क्या ब्राह्मण थे असदुद्दीन ओवैसी के पूर्वज:अकबरुद्दीन ने पिता के खिलाफ जाकर की ईसाई लड़की से शादी; ओवैसी परिवार के किस्से एपिसोड- 9: करुणानिधि कहते थे- राम को वाल्मीकि ने शराबी लिखा:खुद राजीव को मेंढक कहा; छोटे बेटे के लिए बड़े को पार्टी से क्यों निकाला?
तीन तलाक कानून बनाकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बदला:34 साल पुराना वादा पूरा, मुस्लिम बोले-काबू करने की साजिश
साल 1956, प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू हिंदू कोड बिल लेकर आए। BJP की पुरानी पार्टी जनसंघ अड़ गई कि हम इसे लागू नहीं होने देंगे। अगर आप हिंदू लॉ में बदलाव कर रहे हैं, तो बाकी धर्मों के पर्सनल लॉ में भी बदलाव करिए, पर नेहरू इसके लिए तैयार नहीं हुए। साल 1985, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि तलाक के बाद मेंटेनेंस का अधिकार मुस्लिम पर्सनल लॉ से ऊपर है। मुस्लिमों के विरोध और उपचुनावों में हार से घबराई राजीव गांधी सरकार ने 1986 में कानून बनाकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट दिया। उस वक्त BJP ने कहा- हम सत्ता में आएंगे, तो पर्सनल लॉ में बदलाव करेंगे। साल 2017, सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार देते हुए सरकार से इस पर कानून बनाने के लिए कहा। पूर्ण बहुमत वाली मोदी सरकार को लगा कि दशकों पुराना एजेंडा पूरा करने का यही सही मौका है। 30 जुलाई 2019 को मोदी ने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाकर राजीव गांधी के 33 साल पुराने कानून को बदल दिया। आज फैसला सीरीज के छठे एपिसोड में PM मोदी के तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने की इनसाइड स्टोरी… ‘’हिंदू दो शादी करे। वो जेल चला जाए। उसके लिए आपको विचार नहीं आया कि तब उसके परिवार के लोग क्या खाएंगे।’’ PM मोदी ने ऐसा कब और क्यों कहा, यह हम आपको आगे बताएंगे... 7 फरवरी 1951, पंडित जवाहरलाल नेहरू सरकार के कानून मंत्री डॉ. भीमराव अंबेडकर लोकसभा में हिंदू कोड बिल लेकर आए। बिल पर जैसे ही चर्चा शुरू हुई, कई सांसद और मंत्री विरोध करने लगे। कांग्रेस नेता श्याम सुंदर ने कहा- ‘मैं आपको और सरकार को चेतावनी देता हूं कि हिंदू कोड बिल लाना आत्मघाती है।’ इस पर अंबेडकर ने कहा- ‘हम आत्महत्या के लिए तैयार हैं।’ सितंबर 1951… एक बार फिर से हिंदू कोड बिल सदन में पेश किया गया। राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद, गृहमंत्री सरदार पटेल और कांग्रेस अध्यक्ष पट्टाभि सीतारमैया हिंदू कोड बिल के पक्ष में नहीं थे। राजेंद्र प्रसाद का कहना था कि इसमें हिंदुओं के साथ-साथ दूसरे धर्मों को भी शामिल करना चाहिए, लेकिन नेहरू इसके लिए तैयार नहीं हुए। उनका कहना था कि अभी अल्पसंख्यक रिफॉर्म के लिए तैयार नहीं हैं। दोनों के बीच तकरार इतनी बढ़ी कि राजेंद्र प्रसाद ने हिंदू कोड बिल पर दस्तखत नहीं करने तक की बात कह दी। 15 सितंबर 1951, को राजेंद्र प्रसाद ने नेहरू को चिट्ठी लिखी- ‘’इस बिल पर सहमति देने से पहले इसकी योग्यता जांचना मेरा अधिकार है। अगर बाद में मेरे किसी भी काम से सरकार को शर्मिंदगी होने की संभावना है, तो मैं अपनी अंतरात्मा की आवाज पर ऐसी शर्मिंदगी से बचने के लिए जरूरी कार्रवाई कर सकता हूं।'’ पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष जेबी कृपलानी तब संविधान सभा के सदस्य थे। उन्होंने हिंदू कोड बिल का विरोध करते हुए कहा कि पंडित नेहरू कम्युनल हैं। हिंदू महासभा और संत समाज भी इस बिल के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस के साथ झड़प में संत करपात्री महाराज का दंड टूट गया, जिस पर खूब हंगामा हुआ। लोकसभा चुनाव में मुश्किल से एक महीने का वक्त बचा था। पंडित नेहरू अंदर और बाहर दोनों तरफ से हिंदू कोड बिल पर घिरे थे। लिहाजा बिल पर वोटिंग के लिए कोई व्हिप जारी नहीं किया गया। और 25 सितंबर 1951 को हिंदू कोड बिल वापस ले लिया गया। इस पर भीमराव अंबेडकर नाराज हो गए। उन्होंने कहा- ‘मैंने कभी एक चीफ व्हिप का प्रधानमंत्री के प्रति बेवफा होना और एक प्रधानमंत्री का एक धोखेबाज व्हिप चीफ के प्रति इतना वफादार होना नहीं देखा।’ 27 सितंबर 1951 को अंबेडकर ने नेहरू सरकार से इस्तीफा दे दिया। अक्टूबर 1951 और फरवरी 1952 के बीच देश में पहली बार लोकसभा चुनाव हुए। पंडित नेहरू फिर प्रधानमंत्री बने। चार साल बाद यानी दिसंबर 1956 में एक बार फिर से सदन में हिंदू कोड बिल लाया गया। तमाम विरोधों के बाद इस बार पंडित नेहरू ने हिंदू कोड बिल पास करा लिया। इस बिल में हिंदू महिलाओं को संपत्ति में अधिकार, तलाक का अधिकार, एक से ज्यादा विवाह पर रोक और विधवा विवाह को मान्यता जैसी चीजें शामिल थीं। जनसंघ ने 1957 लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में लिखा- ‘हमारी सरकार बनी, तो हिंदू कोड बिल को खत्म कर देंगे।’ 1962 में जनसंघ ने हिंदू मैरिज एक्ट और हिंदू उत्तराधिकार विधेयक वापस लेने की बात कही। जबकि 1967 में उत्तराधिकार और गोद लेने के लिए एक समान कानून बनाने का वादा किया। 1971 में भी जनसंघ ने अपना ये वादा दोहराया, लेकिन 1977 और 1980 में इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मेंटेनेंस का अधिकार मुस्लिम पर्सनल लॉ से ऊपर है साल 1975... इंदौर की शाहबानो को उनके पति मुहम्मद ने पांच बच्चों सहित घर से निकाल दिया। 1978 में शाहबानो ने इंदौर की अदालत में CrPC की धारा 125 के तहत केस दर्ज कराते हुए 500 रुपए प्रति महीने गुजारा भत्ते की मांग की। कोर्ट का फैसला आता, उससे पहले ही शाहबानो के पति ने तलाक दे दिया। उसने कोर्ट में 3000 रुपए जमा कराते हुए कहा कि ये मेहर की रकम है। अगस्त 1979 में अदालत ने शाहबानो को हर महीने 25 रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया। शाहबानो इस फैसले से खुश नहीं हुईं और 1980 में उन्होंने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाई। हाईकोर्ट ने गुजारा भत्ते की रकम 179.20 रुपए कर दी। इस फैसले के खिलाफ शाहबानो के पति सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। दरअसल CrPC की धारा 125 के तहत बेसहारा या तलाकशुदा औरतें पति से गुजारा भत्ता मांग सकती हैं। चूंकि शादी या तलाक का केस सिविल केस होता है, लिहाजा इस मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ भी लागू होता था। इसी अधार पर शाहबानो के पति ने कोर्ट में दलील दी कि मुस्लिम पर्सनल लॉ के मुताबिक मेहर की रकम चुकाने के बाद वे गुजारा भत्ता देने के लिए बाध्य नहीं हैं। 23 अप्रैल 1985 को सुप्रीम कोर्ट ने शाहबानो के हक में फैसला सुनाते हुए कहा कि CrPC 125 क्रिमिनल लॉ की धारा है, इसलिए वह मुस्लिम पर्सनल लॉ से ऊपर है। मुस्लिम उलेमाओं ने इस फैसले को अपने पर्सनल लॉ में दखल माना। वे कहने लगे कि ‘इस्लाम खतरे में है।' देश में विरोध प्रदर्शन होने लगे। राजीव गांधी की सरकार ने पहले तो सदन में सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के पक्ष में दलील दी, लेकिन बाद में सरकार के भीतर ही विरोध के स्वर उठने लगे। पर्यावरण मंत्री जिया उर रहमान अंसारी ने कहा- ‘जजों को कुरान और हदीस का कुछ पता नहीं। पान बेचने वाला अगर तेली बनने की कोशिश करेगा, तो खराब अंजाम होना लाजिमी है।’ प्रधानमंत्री जी फैसला लीजिए, वर्ना मुसलमानों का भरोसा सरकार से उठ जाएगा राजीव गांधी सरकार में अल्पसंख्यक आयोग का काम देखने वाले वजाहत हबीबुल्लाह अपनी किताब ‘माय ईयर्स विद राजीव’ में लिखते हैं- ‘एक दिन मैं प्रधानमंत्री के चैंबर में पहुंचा। एमजे अकबर राजीव गांधी के पास ही बैठे थे। वे उन्हें समझा रहे थे कि सरकार ने शाहबानो केस में कोर्ट के जजमेंट खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया, तो मुसलमानों को लगेगा कि प्रधानमंत्री उन्हें अपना नहीं मानते।’ द टेलीग्राफ के संपादक रहे एमजे अकबर तब राजीव गांधी के बेहद करीबी थे। बाद में उनकी सरकार में मंत्री भी बने। मुस्लिम बहुल इलाके में कांग्रेस 40 सीटें हार गई शाहबानो केस पर सियासी गहमागहमी के बीच 1985 में कुछ राज्यों में विधानसभा और लोकसभा के उपचुनाव हुए। असम विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 66 सीटों का नुकसान हुआ। किशनगंज लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस हार गई। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 40 सीटें गंवा दीं। ये वो सीटें थीं, जहां मुस्लिम आबादी करीब 40 फीसदी थी। राजीव, आप मुझे नहीं समझा पा रहे, तो देश को कैसे समझाओगे- सोनिया गांधी 1985 के अंत तक मुस्लिम उलेमाओं ने राजीव गांधी को सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने के लिए मना लिया। जब सोनिया गांधी को इसके बारे में पता चला तो वो नाराज हो गईं। वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी अपनी किताब हाऊ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड में लिखती हैं- ‘सोनिया ने राजीव से कहा- राजीव, आप इस बिल के बारे में मुझे कन्विंस नहीं कर पा रहे हैं, तो देश को कैसे समझाओगे। आपको सुप्रीम कोर्ट के फैसले का साथ देना चाहिए।’ राजीव गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटा, विरोध में मंत्री आरिफ मोहम्मद खान का इस्तीफा फरवरी 1986, राजीव गांधी ने सोनिया की सलाह को दरकिनार करते हुए सदन में द मुस्लिम वुमेन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन डाइवोर्स) एक्ट 1986 पेश किया। 5 मई को सदन से कानून भी पास हो गया। नए कानून के तहत मुस्लिम महिलाएं गुजारा भत्ते का हक नहीं मांग सकती थीं। इस बिल के विरोध में राजीव गांधी सरकार में मंत्री रहे आरिफ मोहम्मद खान ने इस्तीफा दे दिया। आरिफ मोहम्मद खान ने कहा- ‘कुछ महीने पहले, मैंने जिस जजमेंट के पक्ष में सदन में दलील दी और राजीव गांधी ने मेरे भाषण की तारीफ की थी, अब उसी जजमेंट के खिलाफ मैं कैसे खड़ा हो सकता हूं।’ 'नरसिम्हा राव ने मुझसे कहा ‘मुस्लिम गटर में रहना चाहते हैं तो रहने दो’- आरिफ मोहम्मद खान 2019 में एक टीवी इंटरव्यू में आरिफ मोहम्मद खान ने बताया, ‘जिस दिन राजीव गांधी बिल लेकर आए, उसी दिन मैंने इस्तीफा दिया। अगले दिन जब मैं पार्लियामेंट पहुंचा, तो अर्जुन सिंह (मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और गांधी परिवार के करीबी) मुझसे मिले। इस्तीफा वापस लेने की बात कहते हुए वे मुझे एक वेटिंग रूम में ले गए। वहां तीन केंद्रीय मंत्री मुझे समझाने आए। इसके बाद नरसिम्हा राव मुझसे मिले। उन्होंने कहा- ‘शाहबानो ने अपना केस वापस ले लिया है, लेकिन तुम जिद पर अड़े हो। अगर कोई वर्ग गटर में पड़ा रहना चाहता है, तो तुम्हें उस पर दबाव डालने की क्या जरूरत है। हम राजनीतिक पार्टी हैं, कोई समाज सुधारक थोड़े हैं।’ हिंदुओं की नाराजगी बैलेंस करने के लिए राम मंदिर का ताला खुलवाया साल 1989, नवंबर-दिसंबर में लोकसभा चुनाव होने थे। शाहबानो केस में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलटने के बाद सरकार के खिलाफ एंटी हिंदू सेंटिमेंट का माहौल था। BJP सरकार पर आरोप लगा रही थी कि हिंदू पर्सनल लॉ में तो रिफॉर्म कर दिया गया, लेकिन वोट बैंक के चक्कर में सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण कर रही है। वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी बताती हैं- 'अरुण नेहरू ने राजीव को सलाह दी कि बाबरी मस्जिद का ताला खोल दीजिए। इससे हिंदुओं की नाराजगी बैलेंस हो जाएगी।' अरुण नेहरू तब राजीव गांधी के सलाहकार थे। फरवरी 1989 में राम मंदिर का ताला खोल दिया गया।' BJP ने मैनिफेस्टो में लिखा- हमारी सरकार आई तो पर्सनल लॉ में बदलाव करेंगे 1956 में जब हिंदू कोड बिल आया, तो जनसंघ पर्सनल लॉ में रिफॉर्म के खिलाफ था। जनसंघ के नेताओं का कहना था कि सरकार को धार्मिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए, लेकिन 1989 में BJP ने अपने मैनिफेस्टो में लिखा- ‘हमारी सरकार बनी तो पर्सनल लॉ में बदलाव के लिए कमीशन बनाएंगे।’ एक्सपर्ट्स मानते हैं कि शाहबानो केस के बाद BJP हिंदू कोड बिल वापस लेने की बात तो नहीं कर सकती थी, लेकिन उसे अपने वोटर्स को यह मैसेज देने का मौका मिल गया कि हिंदुओं के पर्सनल लॉ में बदलाव हुआ है, तो दूसरे धर्मों के पर्सनल लॉ में भी बदलाव होगा।’ 1989 के लोकसभा चुनाव में BJP शाहबानो मामले को बहुत हद तक भुनाने में कामयाब भी रही। 1984 में 414 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 197 सीटों पर सिमट गई। दूसरी तरफ 1984 में 2 सीटें जीतने वाली BJP 85 सीटों पर पहुंच गई। PM बनने के दो साल बाद मोदी ने पहली बार तीन तलाक का जिक्र किया फरवरी 2016, नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बने करीब दो साल हुए थे। इसी बीच उत्तराखंड की रहने वाली सायराबानो ने सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के खिलाफ याचिका लगाई। सायराबानो के पति ने डाक के जरिए चिट्ठी लिखकर तीन तलाक दिया था। सियासी गलियारे में 31 साल बाद फिर से तीन तलाक और पर्सनल लॉ का मुद्दा गूंजने लगा। तारीख 25 अक्टूबर 2016, यूपी विधानसभा चुनाव में तीन-चार महीने का वक्त बचा था। महोबा में PM मोदी ने एक रैली में कहा- ‘हम किसी भी मुस्लिम महिला की जिंदगी, तीन तलाक के चलते बर्बाद नहीं होने देंगे।’ यह पहली बार था जब प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने तीन तलाक का जिक्र किया। जनवरी 2017 में BJP ने यूपी चुनाव के लिए मैनिफेस्टो लॉन्च किया। इसमें पार्टी ने तीन तलाक का जिक्र किया। तब BJP अध्यक्ष अमित शाह ने कहा- तीन तलाक का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। यूपी में हमारी सरकार आती है, तो हम इस पर मुस्लिम महिलाओं से राय लेंगे।’ 22 अगस्त 2017, सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार देते हुए केंद्र से इस पर कानून बनाने के लिए कहा। इस फैसले से BJP को अपना दशकों पुराना वादा पूरा करने का मौका मिल गया। मोदी सरकार ने एक साल में दो बार तीन तलाक बिल पेश किया 28 दिसंबर 2017, मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल पेश किया। तब कांग्रेस, राजद, AIADMK, BJD सहित कई पार्टियों ने बिल का विरोध किया। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक देने के बाद शौहर जेल चला जाएगा, तो उस महिला को मेंटेनेंस कौन देगा। इस पर PM मोदी ने 7 फरवरी 2018 को राज्यसभा में कहा - ‘’हिंदू दो शादी करे। वो जेल चला जाए। उसके लिए आपको विचार नहीं आया कि तब उसके परिवार के लोग क्या खाएंगे।’’ यह बिल लोकसभा में ध्वनि मत से पास हो गया, लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं होने की वजह से सरकार ने इसे होल्ड कर दिया। करीब 9 महीने बाद यानी सितंबर 2018 में एक बार फिर से मोदी कैबिनेट ने तीन तलाक के अध्यादेश को मंजूरी दी। तब मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव में एक महीने का वक्त बचा था। दिसंबर 2018 में एक बार फिर से तीन तलाक बिल पेश किया गया। इस बार भी यह बिल लोकसभा से पास हो गया, लेकिन राज्यसभा में अटक गया। एक्सपर्ट्स का मानना है कि मोदी सरकार 2019 लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे को लेकर जाना चाहती थी। इसलिए राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के बाद भी इसे सदन में लेकर आई। दोबारा PM बनने के दो महीने बाद बनाया तीन तलाक कानून 10 मार्च 2019 को लोकसभा चुनाव की घोषणा हुई। BJP ने मैनिफेस्टो में तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाने की बात कही। करीब एक महीने बाद यानी 14 अप्रैल को अलीगढ़ में एक चुनावी सभा में मोदी ने कहा- ‘मैं पीड़ित बहनों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि 23 मई को फिर एक बार मोदी सरकार बनने के बाद तीन तलाक पर बना कठोर बिल, सदन में लाया जाएगा।’ 30 मई 2019 को नरेंद्र मोदी 303 सीटें जीतकर दोबारा प्रधानमंत्री बने। जून 2019 में नई सरकार के पहले ही पार्लियामेंट सेशन में तीन तलाक बिल पेश किया गया। इस पर लोकसभा में जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा- ‘पांच साल से देश में लिंचिंग हो रही है। सुप्रीम कोर्ट ने कानून बनाने के लिए कहा, लेकिन आपने कानून नहीं बनाया। जहां आपको सूट करता है, वहां आप सुप्रीम कोर्ट का सहारा लेते हैं।’ हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा- ‘इस्लाम में शादी एक कॉन्ट्रैक्ट है। हम उसमें खुश हैं। आप कह रहे हैं जन्म-जन्म का साथ है। नहीं बाबा एक ही जिंदगी काफी है। जो शादी कर चुके हैं, जिनके पास बीवी है, उनको मालूम है कि क्या तकलीफ है।’ इस पर सदन में ठहाका लगता है… फिर ओवैसी कहते हैं- ‘गैरमुस्लिम पति तलाक देता है, तो एक साल की सजा और मुसलमान के लिए तीन साल की सजा। यह संविधान के आर्टिकल 14 और 15 के खिलाफ है?’ इस पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद कहते हैं- ‘हम संसद हैं, हमारा काम कानून बनाना है और जनता ने हमें कानून बनाने के लिए चुना है। कानून पर बहस अदालत में होती है, लोकसभा को अदालत न बनाएं।’ रविशंकर प्रसाद आगे कहते हैं- ‘संविधान के आर्टिकल 15 में कहा गया है कि यह आर्टिकल सरकार को महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान बनाने से नहीं रोकता है।’ राज्यसभा में अल्पमत में रहने के बाद भी मोदी ने बिल पास करा लिया 26 जुलाई 2019 को तीन तलाक बिल लोकसभा से पास हुआ। इसके बाद 30 जुलाई को यह राज्यसभा से भी पास हो गया। राज्यसभा में इसके पक्ष में 99 वोट पड़े और विपक्ष में 84 वोट। वोटिंग के दौरान JDU, AIADMK सदन से वॉक आउट कर गए। कांग्रेस के तीन सांसद, NCP के दो सांसद, TMC के दो सांसद, RJD के दो और सपा के एक सांसद सदन में मौजूद नहीं थे। इससे राज्यसभा में अल्पमत में रहने के बाद भी मोदी सरकार ने बिल पास करा लिया। इस कानून के बनने के बाद इंस्टैंट तीन तलाक यानी एक ही बार में तीन तलाक देना अपराध हो गया। ऐसा करने वालों के लिए तीन साल तक की सजा का प्रावधान किया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने तीन तलाक कानून क्यों बनाया… 5 बड़े मकसद 1. हिंदू कोड बिल से नाराज वोटर्स को साधना : 1956 में जब देश में हिंदू कोड बिल लागू हुआ, तो देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए। हिंदू महासभा और संत समाज ने इसका जोरदार विरोध किया। तब जनसंघ ने कहा था कि उसकी सरकार बनी, तो हिंदू कोड बिल वापस लिया जाएगा। जमाते इस्लामी हिन्द के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर मोहम्मद सलीम इंजीनियर बताते हैं, ‘तीन तलाक पर कानून बनाकर सरकार ने अपने वोटर्स को यह मैसेज दिया कि देखो हम ही वो हैं, जो मुसलमानों को काबू में रख सकते हैं। उन पर कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं। सरकार की मंशा तीन तलाक कानून के जरिए हिंदू बनाम मुसलमान करने की साजिश है, ताकि चुनावों में पोलराइजेशन हो सके। 2. मोदी का एजेंडा : प्रधानमंत्री बनने के बाद ही मोदी ने अपने फैसलों से यह दिखाने की कोशिश की है कि वे मजबूत फैसला लेते हैं। तीन तलाक करीब तीन दशक पुराना मामला था। दबाव के चलते राजीव गांधी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटना पड़ा था। मोदी ने PM बनने के पांच साल बाद ही राजीव गांधी के कानून को बदलकर तीन तलाक को अपराध बना दिया। 3. पार्टी का एजेंडा : शाहबानो केस के बाद BJP ने मैनिफेस्टो में पर्सनल लॉ में सुधार करने की बात कही थी। यूपी चुनाव के दौरान 2017 में और फिर 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने मैनिफेस्टो में तीन तलाक खत्म करने का वादा किया। जुलाई 2019 में मोदी सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाकर BJP के 1989 के वादे को पूरा किया। 4. प्रोग्रेसिव इमेज बनाने की कोशिश: तीन तलाक कानून बनने के बाद 30 जुलाई 2019 को मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘तीन तलाक बिल का पास होना महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है। तुष्टिकरण के नाम पर देश की करोड़ों माताओं-बहनों को उनके अधिकार से वंचित रखने का पाप किया गया। मुझे इस बात का गर्व है कि मुस्लिम महिलाओं को उनका हक देने का गौरव हमारी सरकार को प्राप्त हुआ।’ 15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री ने लाल किले से तीन तलाक का जिक्र करते हुए कहा- 'तीन तलाक खत्म करने का फैसला सदियों तक माताओं-बहनों की रक्षा की गारंटी देता है। इस साल यानी 10 फरवरी 2024 को 17वीं लोकसभा सत्र के आखिरी दिन PM ने कहा- ‘तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाना गेम चेंजर है।’ 5. मुस्लिम वोटर्स में सेंधमारी की कोशिश : लोकसभा की 543 सीटों में से 145 सीटें ऐसी हैं, जिन पर 10 से 20% मुस्लिम आबादी है। 35 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम आबादी 30% से ज्यादा है। 28 सीटें ऐसी हैं, जहां मुस्लिम आबादी 20 प्रतिशत से ज्यादा है। इस तरह कुल 208 सीटों पर मुस्लिम वोटर्स की मजबूत पकड़ है। CSDS की रिपोर्ट के मुताबिक 2017 के यूपी चुनाव में BJP को 7 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिले, जबकि 2022 के चुनाव में उसे 8 प्रतिशत मुस्लिम वोट मिले। RSS की मुस्लिम विंग मानी जाने वाली संस्था राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक मोहम्मद फैज खान बताते हैं, ‘प्रधानमंत्री ने सदियों से जिल्लतभरी जिंदगी जी रही महिलाओं को इंसाफ दिलाया। ऐसे में जाहिर सी बात है कि उन महिलाओं का BJP के प्रति रुख नरम होगा।’ हालांकि प्रोफेसर मोहम्मद सलीम इंजीनियर का कहना है कि मुस्लिम महिलाएं मोदी के झांसे में नहीं आएंगीं। वे अच्छी तरह समझती हैं कि यह एक सियासी फैसला है। इसके पीछे राजनीति है। प्रधानमंत्री जी… हिंदू महिलाओं की तरह अधिकार दिला दीजिए- तीन तलाक पीड़ित महिला अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीन तलाक के खिलाफ कानून बनने के बाद जेल जाने के डर से बिना तलाक दिए पत्नी को छोड़ने के मामले बढ़े हैं। मथुरा की रहने वाली रोशनी के साथ भी ऐसा ही हुआ। वे बताती हैं- ‘’2022 में मेरी शादी हुई। कुछ महीने बाद ही ससुराल वाले मेरे साथ मार-पीट करने लगे। दहेज का दबाव बनाने लगे। फिर मुझे घर से निकाल दिया। सबके सामने मेरे चरित्र पर इल्जाम लगाया। कुछ महीने बाद पति ने बिना तलाक दिए दूसरी शादी कर ली। इसकी शिकायत लेकर जब मैं थाने गई, तो पुलिस ने कहा कि इस्लाम में चार शादियों की इजाजत है, हम कुछ नहीं कर सकते। मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहती हूं कि तीन तलाक कानून बहुत अच्छा है, लेकिन अब जेल जाने के डर से मर्द तलाक दिए बिना पत्नी को छोड़ दे रहे हैं। इससे महिलाओं का जख्म और बढ़ गया। आप मुस्लिम महिलाओं को भी हिंदू महिलाओं की तरह अधिकार दिला दीजिए।’’ फैसला सीरीज की ये स्टोरीज भी पढ़िए... 1. लोकसभा चुनाव की घोषणा से 12 दिन पहले बालाकोट स्ट्राइक:सर्वे में NDA को 245 सीटें मिल रही थीं, बालाकोट के बाद 108 बढ़ गईं 27 फरवरी 2019, शाम चार बजे का वक्त। पाकिस्तान के इस्लामाबाद में अमेरिकी ऐंबैसी में मीटिंग चल रही थी। शाम 5 बजकर 45 मिनट पर मीटिंग में एक नोट पहुंचा। नोट पढ़कर पाकिस्तान की विदेश सचिव ने कहा- हमारी आर्मी ने नोट भेजा है कि भारत ने पाकिस्तान की तरफ 9 मिसाइलें तान रखी हैं। अगर उनके एयरफोर्स के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा नहीं किया, तो वह हमला कर देगा। पढ़िए पूरी खबर... 2. आना दिल्ली था, पहुंच गए लाहौर:पाकिस्तानी सेना के हेलिकॉप्टर में बैठे, 90 मिनट अफसरों की सांसें थमी रहीं 25 दिसंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लाहौर पहुंच गए। एयरपोर्ट पर उतरते ही पाकिस्तानी PM नवाज शरीफ ने उन्हें गले लगाया। थोड़ी देर बाद मोदी पाकिस्तानी सेना के हेलिकॉप्टर में बैठ गए। इससे पहले भारत का कोई प्रधानमंत्री, पाकिस्तानी सेना के हेलिकॉप्टर में नहीं बैठा था। हेलिकॉप्टर ने जैसे ही उड़ान भरी, भारत की इंटेलिजेंस एजेंसियां सकते में आ गईं कि पाकिस्तान कोई साजिश तो नहीं करेगा। पढ़िए पूरी खबर...
AAP के लिए नया संकट बन गए मेयर चुनाव, मैदान में उतरे तीन बागियों को मनाने की कोशिश जारी
शुक्रवार को मेयर पद के लिए बीजेपी और आप की ओर से कुल 2 और डिप्टी मेयर के लिए कुल 4 प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल हुए तो आप का सियासी संकट अब दिल्ली नगर निगम तक पहुंच चुका है. पार्टी की ओर से अधिकृत तौर पर मेयर पद के लिए महेश खींची और डिप्टी मेयर पद के लिए रविंद्र भारद्वाज ने सिविक सेंटर स्थित निगम सचिव कार्यालय में पहुंच कर नामांकन पत्र दाखिल किया.
नई दिल्ली: लोकसभा के पहले चरण का चुनाव शुक्रवार को होना है। 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की लोकसभा की 102 सीटों पर चुनावी जंग लड़ रहे उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला देश के मतदाता करेंगे। लोकसभा चुनाव के फर्स्ट फेज में तमिलनाडु (39 सीटें), राजस्थान (12 सीटें), उत्तर प्रदेश …
जहां मैटर बड़े वहां शशांक खड़े, 25 गेंद में कूट दिए 41 रन, फिर आया आशुतोष का तूफान
मुल्लांपुर: मुंबई इंडियंस के खिलाफ आईपीएल 2024 के 33वें मैच में पंजाब किंग्स की बैटिंग बहुत ही खराब रही। टॉप ऑर्डर के पांच बल्लेबाज सिर्फ 49 रन के स्कोर पर आउट हो गए। मुंबई के गेंदबाजों ने विकेट की झड़ी लगा थी। ऐसा लग रहा था कि पंजाब की टीम …
यूएन की पूर्ण सदस्यता के लिए फ़लस्तीन के अनुरोध पर अमेरिका का वीटो - UN News
यूएन की पूर्ण सदस्यता के लिए फ़लस्तीन के अनुरोध पर अमेरिका का वीटो UN News UN में फिलिस्तीन को मिलेगी सदस्यता? चीन और इंडोनेशिया का मिला साथ, गाजा में तुरंत युद्धविराम की LatestLY हिन्दी संयुक्त राष्ट्र में फ़लस्तीन का दर्जा व पूर्ण सदस्यता - कुछ अहम तथ्य UN News चीन फ़िलिस्तीन के संयुक्त राष्ट्र का औपचारिक सदस्य बनने का समर्थन करता है: वांग यी चाइना रेडियो इंटरनेशनल
Gold and Silver Price in MP: लगातार बढ़ोतरी के बाद सोने में 300 और चांदी में 200 रुपये की गिरावट
इंदौर में गुरुवार को सोना कैडबरी नकद में 75350 रुपये प्रति दस ग्राम तथा चांदी 83600 रुपये प्रति किलो बोली गई।
Indore Kirana Bazar Rate: आटा-मैदा में जोरदार तेजी, ऊपर में शकर 4050 बिकी, मखाना के दाम भी बढ़े
इंदौर में गुरुवार को आटा चक्की 150, रवा 1660, मैदा 1520 और बेसन के दाम भी बढ़कर 4200 रुपये कट्टा पहुंच गए।
Edible Oil Price in Indore: उत्पादक देशों में पाम तेल सस्ता, आपूर्ति की मुश्किलों से मंंदी नहीं
गुरुवार को सोया तेल इंदौर फिर से सुधरकर 960-965 रुपये प्रति दस किलो पर पहुंच गया।
पुरी-निजामुद्दीन के लिए समर स्पेशल, आज आएगी बिलासपुर
पुरी से निजामुद्दीन के बीच 10 फेरों के लिए मिलेगी सुविधा।
जबरन वसूली के आरोपी को पकड़ने गई पुलिस ने की फायरिंग, बेगुनाह आदिवासी की गोली लगने से मौत
आदिवासी व्यक्ति के परिवारवालों ने आरोप लगाया कि उनके परिजन की मौत पुलिस की गोली से हुई है. परिवारवालों ने उस पर गोली चलाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है.
Indore Mandi Bhav: इंदौर में तुवर दाल और महंगी, चने के दाम भी उछले, गेहूं के दामों में मजबूती
इंदौर में गुरुवार को तुवर दाल के दाम भी 200 रुपये क्विंटल और बढ़ा दिए गए। वहीं, उड़द दाल के भाव 100 रुपये ऊंचे बोले गए।
जब जीतते हैं तो ईवीएम पर काई बात नहीं करते, हारते हैं तो फोड़ते हैं ठीकरा: सीएम साय
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीनेत के आरोपों का मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दिया जवाब।
विश्व लिवर दिवस :: शराब का सेवन और शरीरिक अभ्यास से दूरी से बढ़ रहे लिवर रोगी
राज्य में लिवर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। हर दिन विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी अस्पतालों में लिवर के मरीज पहुंच रहे हैं।...
यूपीएससी सक्सेस स्टोरी से प्रेरित होकर तैयारी की : प्रखर
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा-2023 में एचईसी कॉलोनी में रहनेवाले प्रखर कुमार ने 92वीं और हिमांशु लाल ने 509वीं रैंक हासिल की। वहीं, धुर्वा के छात्र...
प्रो राजीव श्रीवास्तव बने ट्रिपल आईटी रांची के निदेशक
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आईटी), रांची में नए निदेशक की नियुक्ति शिक्षा मंत्रालय की ओर से कर दी गई है। आईआईटी बीएचयू के कंप्यूटर...
ईवीएम में हेराफेरी ना हो तो मोदी को झोला उठाकर जाना पड़ेगा: सुप्रिया श्रीनेत
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता ने मणिपुर के मुद्दे पर केंद्र सरकार को कटघरे में किया खड़े।
मल्टी नेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ यूपीएससी में हुईं सलेक्ट, कलेक्टर ने कराया मुंह मीठा
कलेक्टर अवनीश शरण ने पूर्वा की शानदार सफलता के लिए उन्हे बधाई देते हुए उनके उज्वल भविष्य की कामना की।
Lok Sabha Election : संजय राउत का विवादित बयान, भाजपा उम्मीदवार नवनीत राणा को बताया डांसर
Controversial statement of Sanjay Raut : शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बृहस्पतिवार को अमरावती लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार नवनीत राणा को ‘डांसर’ कहकर विवाद खड़ा कर दिया। अभिनय जगत से राजनीति में आईं राणा पूर्वी महाराष्ट्र के अमरावती लोकसभा सीट से 2019 में बतौर निर्दलीय निर्वाचित हुई थीं और इस बार वह भाजपा के टिकट से इस सीट पर चुनाव लड़ रही हैं। ALSO READ: लोकसभा चुनाव 2024 : क्यों जीत रही BJP, विपक्ष कहां कर रहा चूक, प्रशांत किशोर का दावा- बंगाल-तेलंगाना में चौंकाएंगे मोदी राउत ने कहा, लोकसभा चुनाव डांसर या ‘बबली’ (एक फिल्म का चर्चित किरदार) के खिलाफ नहीं है बल्कि यह लड़ाई महाराष्ट्र और मोदी के बीच है। वह डांसर हैं (नर्तकी), और पर्दे पर अभिनेत्री जो कुछ प्रेम भाव दिखाएंगी लेकिन उनके झांसे में नहीं आएं। राउत ने जनता से की राणा को हराने की अपील : शिवसेना (यूबीटी) नेता एवं राज्यसभा सदस्य राउत ने यह टिप्पणी अमरावती में राणा के खिलाफ महाराष्ट्र विकास आघाडी (एमवीए) की घटक कांग्रेस के उम्मीदवार बलवंत वानखेड़े के पक्ष में आयोजित चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए की। भाजपा के खिलाफ मुखर राउत ने जनता से राणा को हराने की अपील की। शिवसेना नेता ने कहा,उन्होंने मातोश्री (शिवसेना-यूबीटी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के मुंबई स्थित आवास) में जबरन (2022 में विरोध प्रदर्शन के दौरान) दाखिल होने की कोशिश की। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने की तीखी प्रतिक्रिया : उन्होंने हमें चुनौती दी और हिंदू धर्म के बारे में गलत बातें की। यह शिवसेना समर्थकों की प्राथमिक कर्तव्य और नैतिक जिम्मेदारी है कि वे उन्हें हराएं। अमरावती विदर्भ क्षेत्र का हिस्सा है और यहां पर दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा। राउत की टिप्पणी पर तीखी प्रतक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना की मनीषा कायंदे ने कहा,भाजपा सांसद हेमा मालिनी के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने वाले कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला की तरह, संजय राउत पर भी निर्वाचन आयोग द्वारा कार्रवाई की जानी चाहिए। ALSO READ: लोकसभा चुनाव में कांग्रेस में क्यों भगदड़, बड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं के पार्टी छोड़ने की क्या है वजह? निर्वाचन आयोग ने हेमा मालिनी पर कथित अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में सुरजेवाला के 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर रोक लगा दी थी। कायंदे ने कहा,निर्वाचन आयोग को राउत पर चुनावी रैलियों को संबोधित करने को लेकर रोक लगानी चाहिए और उन्हें सबक सिखाना चाहिए। पूरे अभियान अवधि के दौरान राउत को मीडिया में कोई भाषण या साक्षात्कार देने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। (भाषा) Edited By : Chetan Gour
एक माह में 25 फीसदी तक बढ़ी एसी-कूलर की मांग
रांची में गर्मी की तल्खी बढ़ते ही इलेक्ट्रॉनिक दुकानों में एसी, फ्रिज, कूलर व पंखे की खरीदारी के लिए लोगों की भीड़ जुटने लगी है। दुकानदारों के...
प्रोजेक्ट इंफ्रैक्ट में पांच स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई
राज्य के विभिन्न जिलों में प्रयास सह प्रोजेक्ट इंपैक्ट (एनईपी) के अनुश्रवण के लिए गई टीमों का निरीक्षण जारी है। राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक आदित्य...
मुरहू के बस पड़ाव में नहीं हैपेयजल की व्यवस्था
मुरहू मुख्य चौक और डुडरी जहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में यात्रियों का आना जाना लगा रहता है। जहां यात्रियों के लिए ना ही बस स्टैंड और ना ही पेयजल की...
कर्रा रेलवे स्टेशन के प्याऊ से नहीं निकलता पानी
कर्रा रेलवे स्टेशन में स्थित प्याऊ बेकार हो गया है। इससे अब यात्रियों को पानी नहीं मिलता है। इस स्थिति में गर्मी के कारण यात्रियों को काफी परेशान...
तोरपा में एक भी प्याउ की व्यवस्था नहीं, पानी के लिए भटक रहे हैं लोग
गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है। पारा 38डिग्री पहुंच गया है। भीषण गर्मी से लोगों के कंठ सूख रहे हैं। तोरपा चौक में राहगीरों के लिए...
खूंटी के किसी भी अस्थाई बस र्स्टैंड में नहीं है पेयजल की व्यवस्था
खूंटी शहर में अस्थायी बस पड़ाव की स्थित काफी खराब है। मौसम के अनुरूप शहर में यात्रियों के लिए पानी की व्यवस्था नजर नहीं...
बाजार टांड़ में पानी के लिए भटकते हैं लोग
कृषि उत्पादन बाजार समिति के बाजार टांड़ में पानी की विकराल समस्या है। पूरे परिसर में पेयजल की व्यवस्था नहीं है। बाजार टांड़ परिसर से बाहर स्टाफ...
खूंटी में ऐतिहासिक रामनवमी मेला संपन्न
स्थानीय आश्रम मैदान में गुरूवार को ऐतिहासिक रामनवमी मेला का आयोजन केंद्रीय रामनवमी महासमिति द्वारा किया गया। जिसमें खूंटी के विभिन्न गांव-मुहल्लों...
अस्त्र-शस्त्र चालन प्रतियोगिता में खिलाड़ियों ने दिखाये हैरतअंगेज करतब
श्री रामनवमी महासमिति तोरपा की ओर से दशमी के अवसर पर गुरुवार को मेन रोड स्थित महावीर मंदिर के समीप अस्त्र शस्त्र चालन प्रतियोगिता का आयोजन किया...
वर्चुअल तकनीक के जरिए लोगों को चुनाव संबंधी दी गई जानकारी
लोकसभा आम चुनाव को लेकर जिला में स्वीप के तहत मतदाताओं को जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसी कड़ी में गुरूवार को जिला...
छात्राओं ने क्षेत्रीय भाषा में मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक किया
स्वीप कांषांग के तहत मतदाता जागरुकता अभियान के तहत जिला के विभिन्न विद्यालयों के छात्र- छात्राओं के बीच गुरूवार को पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता आयोजित...
शहर से लेकर गांव तक बस पड़ावों पर नहीं है पेयजल की व्यवस्था
जिले में शहर से लेकर गांव तक लोगबाग भीषण गर्मी से परेशान हैं। जिले में गुरुवार को अधिकतम तापमान 39 व न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रहा। लोग...
विकास को गति देने के लिए कांग्रेस को दें समर्थन : कालीचरण
खूंटी संसदीय सीट के कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा गुरुवार को तमाड़ विधानसभा क्षेत्र के सुदूरवर्ती अड़की प्रखंड क्षेत्र का दौरा किया। प्रत्याशी...
लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी, पहले दिन छह उम्मीदवारों ने खरीदे पर्चे
खूंटी लोकसभा सीट के लिए 18 अप्रैल को अधिसूचना जारी कर दी गई है। पहले दिन खूंटी लोकसभा सीट के लिए पहले दिन कुल छह उम्मीदवारों ने नाम निर्देशन पत्र...
बिरसा मुंडा के गांव के 50 लोग पेट पालने के लिए कर गए हैं पलायन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2025 में धरती आबा बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती को जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है।...
निर्देशक अनुराग कश्यप की फ्लॉप फिल्म सीरीज ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का एक संवाद किसी भी फिल्म का टिकट खरीदने से पहले हमेशा याद रखना चाहिए। वही, ‘जब तक हिंदुस्तान में सिनेमा है लोग...’।
महाराष्ट्र में कांग्रेस ने गुरुवार को सत्तारूढ़ महायुति सरकार की सहयोगी शिवसेना पर चुनाव प्रचार के लिए महाराष्ट्र राज्य परिवहन की लगभग एक हजार सरकारी बसों का उपयोग कर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।महाराष्ट्र कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता …
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को कहा कि उन्हें 2022 में प्रधानमंत्री के पद से हटाने में अरब की कोई भूमिका नहीं थी। रावलपिंडी की अदियाला जेल में उनसे मुलाकात के बाद पीटीआई के नेताओं ने उनके बयान की जानकारी दी।
वार्नर ब्रदर्स ने एम. नाइट श्यामलन की नवीनतम मनोवैज्ञानिक थ्रिलर 'ट्रैप' का ट्रेलर जारी कर दिया है। ट्रेलर रिलीज के बाद से ही यूट्यूब पर इसकी धूम देखने को मिल रही है।
Lok Sabha elections: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में यूपी की आठ सीटों पर भी चुनाव होगा। इसके लिए 14845 पोलिंग बूथ बनाए गए हैं। 1.44 करोड़ से ज्यादा मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
इंदौर नगर निगम से फर्जी वर्क आर्डर से 28 करोड़ रुपये के भुगतान की साजिश में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है।
इंतजार खत्म! आज जारी होगा झारखंड बोर्ड 10वीं का रिजल्ट
JAC 10th Madhyamik Result 2024: बोर्ड अधिकारी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, जेएसी सभागार से दोपहर 11:30 बजे 10वीं क्लास का रिजल्ट जारी किया जाएगा. बोर्ड, 10वीं में पास हुए छात्रों का ओवरऑल पास प्रतिशत, छात्र और छात्राओं का अलग-अलग पास प्रतिशत, जिलेवार पास प्रतिशत आदि की जानकारी भी शेयर करेगा.
1951 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सात सीटों में बस् र सीट में मतदाताओं की संख्या सबसे कम यानी तीन लाख, 84 हजार 277 थी, लेकिन यहां सबसे ज्यादा 55. 65 प्रतिशत मतदान हुआ था। मतदान करने वालों की अंगुली काटने तक की धमकी दी गई थी।
तेलंगाना सीमा पर बसे छत्तीसगढ़ के प्रथम गांव मरईगुड़ा (वन) में सलवा जुडूम के पीड़ित कई गांवों के परिवारों को अस्थायी रूप से बसाया गया है।अतिनक्सल प्रभावित सुकमा जिला मुख्यालय से 80 किमी दूर है।
कर्क राशिफल 19 अप्रैल 2024 : पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में मिलेंगे नए अनुभव, कड़ी मेहनत का मिलेगा फल
Aaj Ka Kark Rashifal Cancer Horoscope Today :कर्क राशि राशि चक्र की चौथीराशी है। जिन जातकों के जन्म समय में चन्द्रमा कर्क राशि में गोचर कर रहा होता है, उनकी राशि कर्क मानी जाती है।
जयपुर में युवाओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सेल्फी प्रतियोगिता
जयपुर, 19 अप्रैल . जयपुर में चुनाव अधिकारी युवाओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए शुक्रवार को मतदान के दिन एक सेल्फी प्रतियोगिता आयोजित कर रहे हैं. इस पहल की शुरुआत जिला निर्वाचन अधिकारी प्रकाश राजपुरोहित ने की है. जिला स्वीप नोडल अधिकारी शिल्पा सिंह ने कहा, “प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए ... Read more The post जयपुर में युवाओं को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सेल्फी प्रतियोगिता first appeared on दैनिक किरण .
गर्मी में पक्षियों के लिए की जा रही दाना-पानी की व्यवस्था
नगर में पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था की जा रही है। इसमें समृद्धि समाज सेवी संस्थान शाखा के स्वयंसेवक प्रतिदिन दो -चार घंटे समय निकालकर जिले के विभिन्न जगहों पर पशु पक्षियों के लिए दाना, पानी की व्यवस्था कर रहे हैं l
अमानतुल्लाह खान के घर पहुंचे AAP नेता, सौरभ बोले- जब पैसों का लेन-देन नहीं हुआ तो फिर ईडी क्यों आई?
पार्टी विधायक अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी के बाद पार्टी के प्रमुख नेता खान के घर गए। वहां से निकलकर उन्होंने भाजपा पर जमकर हमला बोला। सौरभ बोले इस मामले में ईडी को खास मकसद से लाया गया है।
102 सीटें और 16 करोड़ मतदाता; लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग आज, मैदान में ये दिग्गज
मतदान शाम छह बजे तक चलेगा। आयोग ने 1.87 लाख मतदान केंद्रों पर 18 लाख से अधिक मतदान कर्मियों को तैनात किया है। इन मतदान केंद्रों पर 16.63 करोड़ से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
अपनी मां की वजह से राजनीति में नहीं आई... : बांसुरी स्वराज ने NDTV के साथ इंटर्नशिप को भी किया याद
बांसुरी स्वराज की NDTV के साथ खास यादें भी जुड़ी हुई हैं. उन्होंने अपने स्कूल के दिनों में NDTV के ऑफिस में इंटर्नशिप की थी. बांसुरी स्वराज कहती हैं, मैं तब स्कूल में थी. समर जॉब के तौर पर मेरी जिंदगी की पहली नौकरी NDTV में थी. मैंने यहां के स्टूडियो में बहुत सारे वायर्स किए हैं. इंटर्नशिप के लिए मुझे 3000 रुपये का पे चेक भी मिला था.
Korba Rail News: चौथी लाइन जोड़ने के कारण बंद रहेगी कोरबा की दो पैसेंजर ट्रेन
कोरबा से चलने वाले दो जोडी ट्रेन समेत आठ ट्रेनों का परिचालन 24 अक्टूबर को बंद रखा है।
Korba Crime News: कलेक्ट्रेट परिसर के सामने रक्तरंजित, बेहोशी अवस्था में मिली युवती
युवती के शरीर पर चोंट के निशान देखने से ऐसा लग रहा था कि उस पर किसी ने हमला किया था और बेहोश होकर कलेक्टोरेट के बाहर पड़ी हुई मिली।
Janjgir-champa News : मौसम के साथ राजनीति भी गरमाई
बढ़ते तापमान और तेज गर्मी के साथ लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पारा भी बढ़ने लगा है। जिला मुख्यालय में चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हुई है। गुरूवार को कांग्रेस प्रत्याशी डा. शिव कुमार डहरिया ने नामांकन जमा किया। इसके पूर्व कचहरी चौक में कांग्रेसियों की सभा हुई। जिसमें नेता प्रतिपक्ष डा. चरण दास महंत , लोकसभा के आठों विधानसभा के विधायक सहित अन्य कांग्रेस नेता उपस्थित थे।
Aaj Ka Mithun Rashifal Gemini Horoscope Today : मिथुन राशि राशि चक्र की तीसरी राशी है। जिन जातकों के जन्म समय में चन्द्रमा मिथुन राशि में गोचर कर रहा होता है, उनकी राशि मिथुन मानी जाती है।
Korba News: न्यायिक आवासीय कालोनी के निर्माण से कर्मियों की दक्षता में होगी वृद्धि
न्यायिक अधिकारी एवं कर्मचारी को सर्वसुविधायुक्त आवास उपलब्ध कराये जाने पर उनके कार्य में कुशलता होगी वे किसी मानसिक दवाब के अच्छे से अच्छा कार्य तत्परता से करेंगे।
मुंबई मेट्रो: लोकसभा चुनाव का पहला पड़ाव, महाराष्ट्र में 5 सीटों पर चुनाव!
महाराष्ट्र समेत पूरे देश में लोकसभा चुनाव का शंखनाद हो गया है. शशि तुषार शर्मा के साथ देखें मुंबई मेट्रो.
Janjgir-champa News : 12 उम्मीदवारों ने जमा किया नामांकन , 6 लोगों ने खरीदा फार्म
लोकसभा चुनाव केअंतर्गत संसदीय निर्वाचन क्षेत्र जांजगीर-चांपा के लिए नामांकन के चौथे दिन गुरूवार को 6 अभ्यर्थियों ने नामांकन फार्म लिया और 12 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र कलेक्टर एवं रिटर्निंग अधिकारी आकाश छिकारा के समक्ष जमा किया ।
Korba Accident News: भारी वाहन की टक्कर से दो पहिया चालक की मौत, चक्काजाम
जिले में पिछले दस दिनों के भीतर 10 लोग की मौत हो गई। पुलिस व प्रशासन द्वारा दुर्घटना रोकने पर अपने स्तर पर प्रयास कर रहा, पर वाहनों की तेज रफ्तार से दुर्घटनाएं कम नहीं हो रही है।
साइबर सेल के प्रभारी सुरेश ध्रुव बने काप आफ द मंथ
साइबर सेल के प्रभारी उप निरीक्षक सुरेश ध्रुव काप आफ द मंथ बने। एनडीपीएस एवं चोरी के प्रकरणों में माल बरामदगी एवं आरोपितों के गिरफ्तारी में उत्कृष्ट कार्य किए।
राजनीतिक विश्लेषक सुकल्याण मोइत्रा ने कहा कि भावनात्मक मुद्दे 1-2 बार ही हावी हो सकते हैं. लेकिन इन सब बातों का एक लाइफ है. बार-बार एक ही मुद्दों से आप लोगों का वोट नहीं ले सकते हैं.
किस मामले में हुई आप विधायक अमानतुल्लाह खान की गिरफ्तारी, जानिए
Amanatullah Khan News: अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पहले हाईकोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद आप विधायक को ईडी के सामने पेश होना पड़ा। कई घंटे की पूछताछ के बाद जांच एजेंसी ने उन्हें अरेस्ट कर लिया। जानिए क्या है पूरा केस जिसमें उन्हें ईडी ने गिरफ्तार किया।
वृषभ राशिफल 19 अप्रैल : उतार-चढ़ाव से भरा रहेगा आज का दिन, धन का खर्च सोच-समझकर ही करें
Aaj Ka Vrishabh Rashifal Taurus :राशि चक्र की यह दूसरी राशि है, इस राशि का चिन्ह ’बैल’ है। वृष राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है। जिन जातकों के जन्म समय में चन्द्रमा वृष राशि में गोचर कर रहा होता है।
पहले मतदान, फिर जलपानः केईएम रोड क्षेत्र के व्यापारिक प्रतिष्ठानों में बांटे मतदान के आमंत्रण पत्र
पचीसिया ने आम मतदाताओं को जिला उद्योग संघ द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी की प्रेरणा से मतदान प्रतिशत बढाने हेतु 19 व 20 तारीख को अंगुली पर मतदान पश्चात लगाई गई स्याही का निशान दिखाने पर 71 व्यापारिक प्रतिष्ठानों द्वारा 3 से लेकर 50 प्रतिशत तक दी जा रही विशेष छूट का लाभ उठाने हेतु भी प्रेरित किया।
US TOP-10: अमेरिका ने चीन पर जरूरत से ज्यादा स्टील डंप करने का आरोप
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन पर वैश्विक बाजार में जरूरत से ज्यादा स्टील डंप करने का आरोप लगाते हुए चीन में बने स्टील पर शुल्क बढ़ाने का आह्वान किया. साथ ही चीन सरकार पर वहां की स्टील कंपनियों पर पैसा झोंकने और ज्यादा स्टील बनाने का आरोप लगाया. देखें यूएस की टॉप 10 खबरें.
मां डिडनेश्वरी मंदिर से निकली कलश यात्रा
नगर में परम्परानुसार नौ दिनों की आराधना के बाद गुरुवार की शाम को मां डिडनेश्वरी मंदिर परिसर से कलश शोभायात्रा निकाली गई। दर्शन करने बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटे रहे।
Indore Crime: चोरी छिपे गुजरात तक पहुंचाई जा रही लाखों रुपये की अवैध शराब, जांच में जुटी पुलिस
महंगी शराब को अवैध रूप से अन्य माल के बीच छुपाकर पहुंचाया जा रहा है। इसकी भनक आबकारी विभाग को नहीं लग पा रही है। हालांकि पुलिस की कार्रवाई के बाद गुरुवार को आबकारी विभाग ने भी कार से लाखों रुपये की अवैध शराब जब्त की है। यह शराब गुजरात पासिंग कार में गुप्त चेंबर में छिपाकर ले जाई जा रही थी।
Janjgir-champa News : निकल रही थी बरात,टीम ने पहुंचकर रोका
महिला एवं बाल विकास विभाग और पुलिस विभाग के संयुक्त प्रयास से बाल विवाह रोका गया। बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होते ही जिला कार्यक्रम अधिकारी अनिता अग्रवाल, जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेन्द्र सिंह जायसवाल के नेतृत्व में में टीम तैयार कर ग्राम पंचायत भिलौनी विकासखंड पामगढ़ में युवक के घर जाकर उसकी अंकसूची की जांच की गई।
AAP विधायक अमानतुल्लाह खान को ईडी ने किया गिरफ्तार, वक्फ बोर्ड नियुक्ति से जुड़े मामले में ऐक्शन
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के विधायक अमानुतल्लाह खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। ईडी की टीम करीब 8-9 घंटे से पूछताछ के बाद ये कार्रवाई की। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर अमानतुल्लाह गुरुवार को ईडी दफ्तर पहुंचे थे। दिन से ही पूछताछ की जा रही थी, इसी के …
कांग्रेस का एक छोटा कार्यकर्ता भी स्मृति ईरानी को इस बार लोकसभा चुनाव में हरा सकता है : अभय दुबे
अभय दुबे ने कहा कि चुनावी बॉन्ड को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले से भाजपा ‘बेनकाब’ हो गयी है और वह इस बात से ‘घबराई’ हुई है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग कांग्रेस को बैठक के लिए समय नहीं दे रहा है.
लखनऊ के शिया वोटों की हर चुनाव में रहती है अहम भूमिका, ईरान से है खास कनेक्शन
अभय सिंह राठौड़, लखनऊ: 2024 को लेकर सभी राजनीतिक दल अपने अपने चुनाव () प्रचार में जुट गए हैं। पहले फेज की वोटिंग 19 अप्रैल को है। मुसलमान वोटर सभी राजनीतिक दलों के एजेंडे में हैं। भारतीय जनता पार्टी भी मुसलमानों में सेंधमारी करने की पूरी कोशिश कर रही है। …
वोटिंग ऑफर : अंगुली पर लगी नीली स्याही दिखाकर दो दिन 50 प्रतिशत तक की छूट ले सकेंगे मतदाता
जिला निर्वाचन अधिकारी नम्रता वृष्णि ने कहा कि जिले के अधिक से अधिक मतदाता अपने मत का उपयोग करें। लोकतंत्र को मजबूत बनाने में प्रत्येक मतदाता का अहम योगदान है। इस नवाचार के माध्यम से मतदाता प्रेरित होंगे और मत प्रतिशत में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि महिलाएं अधिक संख्या में मतदान कर पूरे देश में एक मिसाल कायम करें।
माले: मालदीव की उच्च न्यायालय ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को रिहा कर दिया है। यामीन पिछले 480 दिनों से भ्रष्टाचार के मामलों में सजा काट रहे थे। पिछले साल मोहम्मद मु्इज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद अब्दुल्ला यामीन को जेल से निकालकर उनके घर में कथित तौर पर नजरबंद …
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के पहले फेज में मोदी सरकार में 8 केंद्रीय मंत्रियों की किस्मत EVM में लॉक होगी. पिछले चुनाव (2019) में यूपीए ने इन 102 सीटों में से 45 और एनडीए ने 41 सीटें जीती थीं.
नवमी पर निकली जयकारे के साथ निकली श्रीराम की झांकी
नगर में भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। राम मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इसके अलावा अन्य मंदिर से भगवान की शोभायात्रा निकाली गई।
कनाडा में 136 करोड़ की कैश और गोल्ड डकैती, 2 भारतीय समेत 6 गिरफ्तार
गोल्ड और कैश चोरी की इस घटना में Air Canada के कुछ कर्मचारियों ने आरोपियों की मदद की थी. इस पर कंपनी ने कहा कि गिरफ्तारियों के ऐलान से पहले एक आरोपी ने कंपनी छोड़ दी और दूसरे को निलंबित कर दिया गया है. मामल अब कोर्ट में है, ऐसे में हम आगे कुछ नहीं कह सकते हैं.
Janjgir-champa News : बिना सूचना के तहसील कार्यालय का नए भवन में स्थानांतरण
बिना किसी सूचना के छुट्टी के दिन रामनवमीं को शबरी पुल रोड स्थित तहसील कार्यालय को तहसीलदार द्वारा नवीन तहसील भवन तुस्मा में स्थानांतरित कर दिया गया। जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। शिवरीनारायण तहसील अंतर्गत 37 गांव आते हैं। जिसमें शिवरीनारायण नगर सहित किसी भी गांव में तहसील कार्यालय के नवीन भवन तुस्मा चले जाने की मुनादी तक नहीं कराई गई है।
मेष राशिफल 19 अप्रैल 2024 : आज शाम तक का समय बेहद ही महत्वपूर्ण, जीवन में होंगे बड़े बदलाव
Aaj Ka Mesh Rashifal Aries Horoscope Today 19 April 2024: राशि चक्र की यह पहली राशि है। जिन जातकों के जन्म समय में चन्द्रमा मेष राशि में गोचर कर रहा होता है, उनकी राशि मेष मानी जाती है।
पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में 25 लोकसभा सीटें हैं. बीजेपी ने पूर्वोत्तर से 22 सीटें जीतने का टारगेट सेट किया है. पूर्वोत्तर में कमल खिलेगा या विपक्ष भारी पड़ेगा?
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल तिहाड़ जेल में बंद हैं। इस दौरान आज आप के कई नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आरोप लगाया कि सीएम केजरीवाल के इंसुलिन पर रोक लगा दी गई है। अब इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल ने डीजी से 24 घंटे में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है...
भगवान के नाम से ही टाल जाते हैं सभी संकट : लाल साईं
भगवान आपके हाथ तब तक नहीं छोड़ता है जब तक आप भगवान को याद करते रहते हो। वे हर व्यक्ति से प्यार करते हैं और ख्याल भी रखते हैं। जीवन में कितनी भी कठिनाई आ जाए अगर आप ईश्वर को सच्चे दिल से याद करते हैं तो वे जरूर आपकी मदद करने आते है। बड़े-बड़े संकट उनकी कृपा से टल जाते है इसलिए हमेशा इष्टदेव को याद करते रहें।
कर्नाटक: लड़की ने ठुकराया प्रपोजल तो सिरफिरे आशिक ने चाकू से 7 बार गोदा, मौत
हुबली धारवाड़ की पुलिस आयुक्त रेणुका सुकुमार ने कहा कि नेहा को अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
नक्सल प्रभावित इलाके में रील और रियल वोटिंग में क्या आया फर्क? Newton के कलाकारों ने बताया
फिल्म Newton में राजकुमार राव को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाके में चुनावी ड्यूटी के लिए भेजा जाता है. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित अबूझमाड़ के एक ऐसे दुर्गम इलाके में उन्हें चुनाव करवाना है, जहां पहुंचना काफी मुश्किल है. यहां सिर्फ 76 मतदाता हैं.
इजरायल पर हमले के बाद ईरान पर टूटा कहर, अमेरिका-ब्रिटेन ने लगा दिया कड़े प्रतिबंध
इजरायल पर हमले के बाद अमेरिका-ब्रिटेन ने ईरान के खिलाफ प्रतिबंधों का ऐलान किया है. इजरायल हमले में शामिल शहीद यूएवी का प्रोडक्शन करने वाली कंपनी और इससे जुड़े 16 लोगों को प्रतिबंधों की लिस्ट में डाला गया है. ब्रिटेन ने भी अलग-अलग लोगों पर प्रतिबंध लगाए हैं.
नागा समूह ने मतदान के दिन शुक्रवार को पूर्वी नागालैंड में बंद का आह्वान किया
कोहिमा, 18 अप्रैल . नागालैंड की एकमात्र लोकसभा सीट के लिए मतदान से एक दिन पहले, एक नागा समूह ने गुरुवार शाम से राज्य के पूरे पूर्वी हिस्से में अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है, जबकि ईस्टर्न नागालैंड पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (ईएनपीओ) ने क्षेत्र के 20 विधायकों से “किसी भी अप्रिय घटना को रोकने” के लिए ... Read more The post नागा समूह ने मतदान के दिन शुक्रवार को पूर्वी नागालैंड में बंद का आह्वान किया first appeared on दैनिक किरण .
ऑनलाइन ठगी के जरिए व्यवसायी को लगा 35 लाख का चूना, मुंबई पुलिस ने बरामद किए रुपये
ऑनलाइन जालसाजों ने एक व्यवसायी को 35.12 लाख रुपये का चूना लगा दिया, लेकिन मुंबई पुलिस के जरिए व्यवसायी का पैसा उसे वापस मिल गया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि दक्षिण मुंबई के रहने वाले पीड़ित ने घटना की सूचना तुरंत पुलिस को दी. जिससे, क्राइम ब्रांच के साइबर सेल को तेजी से कार्रवाई करने का मौका मिल गया.
लोकसभा चुनाव-2024ः मतदान दिवस पर लंबी कतारों का नहीं करना पड़ेगा सामना, आसानी से होगा मतदान
गौरव अग्रवाल ने बताया कि सुगम्य पोर्टल का उद्देश्य शहरी उदासीनता को कम से कम करना है। यह सुविधा जोधपुर संसदीय क्षेत्र की सरदारपुर, सूरसागर, जोधपुर शहर विधानसभाओं के मतदाताओं के लिए उपलब्ध रहेगी। प्रशिक्षण के दौरान ज़िला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ धीरज कुमार सिंह, डॉ. अंशुप्रिय (आईएएस), एसीपी नगर निगम कपिल लूणा उपस्थित रहे।
'पेड़ों को गले लगाना' है, तो दीजिए 1500 रुपये; बेंगलुरु की कंपनी का अनोखा 'स्टार्टअप'
विज्ञापन में बताया गया है कि फॉरेस्ट बाथिंग की टिकट 1500 रुपये में बुक की जा सकती है। कंपनी का यह विज्ञापन सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। कुछ लोग जहां इसे ‘फर्जी’ बता रहे हैं।
Tesla कारें जल्द ही भारत में बिकेंगी? जानिए- एलोन मस्क की कंपनी के वाहनों की कितनी हो सकती है कीमत
एलोन मस्क के अगले सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के लिए भारत आने और देश में टेस्ला मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए 2 से 3 बिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा करने की उम्मीद है.