Jabalpur News : रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय का एक और प्रयोग, अब जल्द निपटेंगे मामले
Jabalpur News : सुगमता एवं सरलीकरण के लिए सभी विभागों को निर्देश जारी किए गए हैं।
भोजशाला का शुक्रवार को भी सर्वे होगा। शुक्रवार को भोजशाला में मुस्लिम समाज को नमाज की अनुमुति होती है। ऐसे में दोपहर 1 से 3 बजे तक नमाज होगी।
जम्मू-कश्मीर में अब नहीं सुनाई देता पाकिस्तान का नाम, कई सीटों पर बदला समीकरण
Jammu-Kashmir: सीमा पार से भड़काने की कोशिश या आतंकवाद के नए तरीकों को आजमाने की मुहिम के बाद भी घाटी में लोग अपने विकास और अपने भाग्य से जुड़े मुद्दों पर ज्यादा बात कर रहे हैं।
Jabalpur News : कालोनी-सोसायटी बनेंगे बिजली वितरक, उपभोक्ता को देना होगा सेवा शुल्क
Jabalpur News : इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई काेड में बदलाव का प्रस्ताव, मप्र विद्युत नियामक आयोग ने 12 अप्रेल तक बुलाई आपत्तियां।
'गहरी साजिश थी, धीमा जहर दिया जा रहा था...' मुख्तार अंसारी के बेटे उमर ने लगाए गंभीर आरोप
मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की मौत पर उसके बेटे उमर अंसारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि ये गहरी साजिश थी. उमर अंसारी ने कहा कि पिता के न रहने पर जो दुख होता है, वो मुझे भी है. मैं भी इंसान हूं. उमर ने कहा कि मुझे पिता ने बताया था कि उन्हें स्लो पॉइजन दिया जा रहा है.
गाजीपुर के इस कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक होगा मुख्तार अंसारी, पिता के बगल में खोदी गई कब्र
यूपी के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत के बाद अब प्रशासन ने सुपुर्दे खाक की तैयारी शुरू कर दी है. गाजीपुर में मुख्तार के पैतृक गांव में डीआईजी वाराणसी रेंज ओमप्रकाश सिंह, जिलाधिकारीआर्यका अखौरी और एसपी ओमवीर सिंह ने पुलिस बल के साथ उस कब्रिस्तान का मुआयना भी किया जहां मुख्तार अंसारी को दफनाया जाएगा. मुख्तार की कब्र उसके पिता के बगल में खोदी गई है.
बांदा अस्पताल पहुंचा मुख्तार का परिवार, सुबह 9 बजे होगा पोस्टमार्टम
मुख्तार अंसारी का शव मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी से मोर्चरी पहुंचा दिया गया। मुख्तार का परिवार बांदा पहुंच गया है। बेटा उमर मोर्चरी हाउस पहुंचा।
IPL 2024 में KKR vs RCB मैच आज, जानिए अन्य इवेंट्स
आईपीएल 2024 में 29 मार्च को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स का मुकाबला बेंगलुरु में शाम साढ़े सात बजे से खेला जाएगा. जानें आज के अन्य इवेंट्स.
13 अप्रैल तक मीन राशि में सूर्य के साथ रहेंगे शुक्र, इन राशियों की लाइफ होगी शानदार
Horoscope Rashifal:चैत्र कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि 31 मार्च 2024 दिन रविवार को प्रातः 7:10 बजे शुक्र अपने मित्र ग्रह शनि की दूसरी राशि कुंभ को छोड़कर देवगुरु बृहस्पति की दूसरी राशि मीन में प्रवेश करेंगे।
पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट को एक और मामले में 20 साल की क़ैद
संजीव भट्ट पर इस मामले में दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
भारतीय सैनिकों की वापसी के लिए क्या डील हुई? मुइज्जू का अभी बताने से इनकार
चीन समर्थक मालदीव के नेता मुइज्जू ने भारत के प्रति सख्त रुख अपनाया था और मांग की थी कि तीन विमानन प्लेटफॉर्म का संचालन करने वाले भारतीय सैन्यकर्मियों को 10 मई तक उनके देश से वापस भेजा जाए।
सुप्रिया की ‘पोस्ट’ पर दिल्ली पुलिस को जांच के आदेश
नयी दिल्ली, 28 मार्च (एजेंसी) दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अदाकारा और मंडी लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार कंगना रणौत के खिलाफ कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत की आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा से विस्तृत जांच रिपोर्ट मांगी है। राजनिवास के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी [...] The post सुप्रिया की ‘पोस्ट’ पर दिल्ली पुलिस को जांच के आदेश appeared first on dainiktribuneonline.com .
मामी से प्रेम प्रसंग के चलते साजिश रच की मामा की हत्या
गुरुग्राम, 28 मार्च (हप्र) सेक्टर-10 पुलिस थाना के अंतर्गत बसई एनक्लेव पार्ट-2 में एक व्यक्ति की हत्या का पुलिस ने खुलासा करते हुए एक महिला व एक व्यक्ति को काबू किया है। पूछताछ में सामने आया है कि यह हत्या प्रेम प्रसंग के चलते मृतक की पत्नी ने अपने प्रेमी से करवाई थी। एसीपी क्राइम [...] The post मामी से प्रेम प्रसंग के चलते साजिश रच की मामा की हत्या appeared first on dainiktribuneonline.com .
Jabalpur Weather : सूरज ने दिखाई तल्खी, सीजन में पहली बार पारा 40 डिग्री पर पहुंचा
मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटों में नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। इसके प्रभाव से मौसम में बदलाव आएगा।
पाइपलाइन से तेल चोरी करने का एक और आरोपी गिरफ्तार
रेवाड़ी (हप्र) अपराध शाखा-1 रेवाड़ी इंचार्ज निरीक्षक सुमेर सिंह की टीम ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की मुंद्रा-पानीपत पाइपलाइन के रेवाड़ी-पानीपत सेक्शन से तेल चोरी करने के मामले में एक और आरोपी जिला इटावा (यूपी) के गांव राजपुर के भारत को गिरफ्तार किया है। पुलिस को दी शिकायत में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन रेवाड़ी के सहायक प्रबंधक [...] The post पाइपलाइन से तेल चोरी करने का एक और आरोपी गिरफ्तार appeared first on dainiktribuneonline.com .
अग्निवीर अगर कमियां हैं तो हम सुधारने को तैयार : राजनाथ
नयी दिल्ली, 28 मार्च (एजेंसी) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बृहस्पतिवार को अग्निवीर योजना की आलोचना को लेकर कहा कि ऐसे सवालों का ‘‘कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि हर कोई मानता है कि सशस्त्र बलों का युवा स्वरूप होना चाहिए। ‘टाइम्स नाउ समिट’ के समापन दिवस पर बातचीत के दौरान अग्निवीर योजना का [...] The post अग्निवीर अगर कमियां हैं तो हम सुधारने को तैयार : राजनाथ appeared first on dainiktribuneonline.com .
उचाना के लोगों के साथ दिल का रिश्ता : बीरेंद्र सिंह
उचाना, 28 मार्च (निस) छातर गांव के कई परिवारों ने जजपा को अलविदा कर दिया और पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह में आस्था व्यक्त की। इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि ये सभी उनके अपने परिवार के सदस्यों की तरह हैं और उन्हें पूरा सम्मान दिया जाएगा। बीरेंद्र सिंह ने [...] The post उचाना के लोगों के साथ दिल का रिश्ता : बीरेंद्र सिंह appeared first on dainiktribuneonline.com .
सैनिकों की वापसी व अन्य मुद्दे
नयी दिल्ली, 28 मार्च (एजेंसी) पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी सीमा विवाद के बीच, भारत और चीन के शीर्ष राजनयिकों ने ताजा दौर की बातचीत की तथा दोनों पक्ष राजनयिक एवं सैन्य माध्यमों से नियमित संपर्क में बने रहने पर सहमत हुए, हालांकि किसी सफलता का कोई संकेत नहीं मिला। विदेश मंत्रालय ने [...] The post सैनिकों की वापसी व अन्य मुद्दे appeared first on dainiktribuneonline.com .
अशाेक तंवर के आवास पर अध्यापकों का प्रदर्शन
सिरसा, 28 मार्च (हप्र) अपनी मांगों को लेकर गेस्ट टीचर व हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के सदस्यों ने भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी अशोक तंवर के आवास के बाहर सांकेतिक प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि जो गेस्ट टीचर 31 मार्च को रिटायर्ड हो रहे हैं, उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद वे सभी लाभ मिले जो एक [...] The post अशाेक तंवर के आवास पर अध्यापकों का प्रदर्शन appeared first on dainiktribuneonline.com .
विद्यार्थियों ने मानव शृंखला बनाकर मतदान के प्रति किया जागरूक
यमुनानगर, 28 मार्च (हप्र) ‘चुनाव का पर्व, देश का गर्व’ कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों ने मानव शृंखला बनाकर अभिभावकों एवं जनता को मतदान के प्रति जागरूक किया। राजकीय माध्यमिक विद्यालय चांदपुर के वार्ड-142 ,143,144 तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जगाधरी वर्कशॉप के वार्ड-149,150, 151व 152 पर विद्यार्थियों ने मानव शृंखला बनायी। ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर केएस [...] The post विद्यार्थियों ने मानव शृंखला बनाकर मतदान के प्रति किया जागरूक appeared first on dainiktribuneonline.com .
बाबा के भजनों से बहेगी भक्ति रस की फुहार
पानीपत, 28 मार्च (वाप्र) खाटु वाले श्याम का तृतीय श्रीश्याम वंदना महोत्सव 31 मार्च को सेक्टर-13-17 के दशहरा ग्राउंड में होगा। श्याम रस सेवा समिति के तत्वावधान में होने वाले इस आयोजन में भजनों के माध्यम से श्री श्याम प्रभु का गुणगान किया जाएगा। इस अवसर पर भजन सुनाने के लिए खाटु धाम मन्दिर राजस्थान [...] The post बाबा के भजनों से बहेगी भक्ति रस की फुहार appeared first on dainiktribuneonline.com .
सत्र न्यायाधीश आशिता श्रीवास्तव ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से फैसला सुनाया। इसमें आरोपी मां प्रमिला को सजा सुनाई गई। लोक अभियोजक श्याम देशमुख ने बताया-यह घटना 26 मार्च 2023 की है
जर्जर फड़, पानी की टंकी से हादसे की आशंका
समालखा, 28 मार्च (निस) नयी अनाज मंडी में गेहूं के सीजन की तैयारियों के दावों पर आढती एसोसिएशन ने सवाल उठाये हैं। यहां पर एक अप्रैल से गेहूं का सीजन शुरू होगा। किसानों को यहां मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने के निर्देश दिये हैं। नयी मंडी आढती एसोसिएशन के प्रधान बलजीत सिंह रूहल ने तैयारियों को [...] The post जर्जर फड़, पानी की टंकी से हादसे की आशंका appeared first on dainiktribuneonline.com .
कार की चपेट में आने से 8 साल के बालक की मौत
फतेहाबाद, 28 मार्च (हप्र) गांव धांगड़ में बृहस्पतिवार सुबह कार की चपेट में आने से 8 वर्ष के बच्चे की मौत हो गई। बच्चा होली मनाने के लिए अपने नाना के घर आया हुआ था। जानकारी के अनुसार, सदलपुर निवासी कुलदीप के बेटे हर्ष को होली पर्व पर उसका नाना धांगड़ निवासी महावीर अपने घर [...] The post कार की चपेट में आने से 8 साल के बालक की मौत appeared first on dainiktribuneonline.com .
कैथल, 28 मार्च (हप्र) नशा तस्करी के एक दोषी को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा विशेष अदालत एनडीपीएस संगीता राय सचदेव की अदालत ने 10 साल की जेल और डेढ़ लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इस बारे में 27 नवंबर 2020 को थाना राजौंद में एनडीपीएस एक्ट के तहत केस के अनुसार, [...] The post नशा तस्कर को 10 साल की जेल appeared first on dainiktribuneonline.com .
फर्जी कैबिनेट मीटिंग से 500 करोड़ की जमीन रिलीज कराने की कोशिश
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस चंडीगढ़, 28 मार्च हरियाणा कैबिनेट की फर्जी मीटिंग और इस मीटिंग के फर्जी लेटर के जरिये तीन शहरों – गुरुग्राम, रोहतक और सोनीपत में जमीन रिलीज करवाने की कोशिश की गई। इस पहले कुछ होता, मामला पकड़ में आ गया। इस पर कड़ा नोटिस लेते हुए मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद के आदेशों [...] The post फर्जी कैबिनेट मीटिंग से 500 करोड़ की जमीन रिलीज कराने की कोशिश appeared first on dainiktribuneonline.com .
टोहाना, 28 मार्च (निस) रामनगर के रविदास मोहल्ले के सतविंद्र सिंह (30) ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में टोहाना शहर थाना पुलिस के आईओ द्वारा प्रताड़ित करने का आरोप लगाया और गली निवासी तीन व्यक्ति और शहर थाने के आईओ को अपनी मौत के लिए जिम्मेदार बताया है। सुसाइड नोट में सतविंद्र [...] The post जहर खाकर एक ने दी जान appeared first on dainiktribuneonline.com .
विदेश भेजने के नाम पर 15 लाख की ठगी, 5 के खिलाफ केस दर्ज
समालखा, 28 मार्च (निस) विदेश भेजने के नाम पर गांव आट्टा के सरपंच के भतीजों से 15 लाख रुपए हड़प लिये। पुलिस ने आट्टा गांव के सरपंच दिलबाग सिंह के भतीजे गौरव के बयान पर पांच लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। आट्टा गांव के सरपंच दिलबाग सिंह के भतीजे गौरव ने [...] The post विदेश भेजने के नाम पर 15 लाख की ठगी, 5 के खिलाफ केस दर्ज appeared first on dainiktribuneonline.com .
व्यापार प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष सुभाष गुप्ता ने दिया इस्तीफा
करनाल, 28 मार्च (हप्र) जननायक जनता पार्टी के व्यापार प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सुभाष गुप्ता ने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि वे समाज की सेवा करना चाहते है। वह बिना राजनीति जिम्मेदारी के बाद भी सेवा करते रहेंगे। गौरतलब है कि सुभाष गुप्ता चौटाला परिवार से लंबे समय से जुड़े [...] The post व्यापार प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष सुभाष गुप्ता ने दिया इस्तीफा appeared first on dainiktribuneonline.com .
नरवाना हत्या में एक अन्य गिरफ्तार
नरवाना, 28 मार्च (निस) दनोदाकलां निवासी सुशील की हत्या के मामले में पुलिस टीम ने फरार चल रहे आरोपी दनोदाकलां निवासी नवीन कुमार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, सुशील गुजरात स्थित भरूच में ट्रांसपोर्ट में मैनेजर था। घटना वाले दिन गांव बडनपुर में बाइक सवार विक्रम और 4 अन्य युवकों [...] The post नरवाना हत्या में एक अन्य गिरफ्तार appeared first on dainiktribuneonline.com .
स्किन केयर सेंटर पर सीएम फ्लाइंग का छापा, किया सील
पंकज अरोड़ा/निस पिपली (कुरुक्षेत्र), 28 मार्च सीएम फ्लाइंग ने बृहस्पतिवार को जिंदल स्किन केयर सेंटर पर छापा मारा और सेंटर को सील कर दिया। टीम ने यहां से कुछ सैंपल भी लिए हैं, जिन्हें जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा। जानकारी के मुताबिक, सीएम फ्लाइंग की टीम को कुरुक्षेत्र के छठी पातशाही गुरुद्वारा की [...] The post स्किन केयर सेंटर पर सीएम फ्लाइंग का छापा, किया सील appeared first on dainiktribuneonline.com .
न्यायपालिका पर निहित स्वार्थी समूह बना रहा दबाव
नयी दिल्ली, 28 मार्च (एजेंसी) वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया’ के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा समेत अनेक वकीलों ने प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि एक निहित स्वार्थ वाला समूह ‘बेकार के तर्कों और घिसे-पिटे राजनीतिक एजेंडा’ के आधार पर न्यायपालिका पर दबाव डालने और अदालतों [...] The post न्यायपालिका पर निहित स्वार्थी समूह बना रहा दबाव appeared first on dainiktribuneonline.com .
अमिताभ स. लखनऊ के चार बाग रेलवे स्टेशन पर उतरते ही नवाबी सजधज हर आने वाले का तहेदिल से आवभगत करती लगती है। या कहिए, कि लखनऊ की अदब तहजीब से स्टेशन पर ही मुलाकात हो जाती है। पाकीजा व उमराव जान के अहसास, गलौटी कबाब, चिकन कुर्ते समेत लखनवी अदब के रचे-बसे शहर को [...] The post नवाबी मिज़ाज का हसीन शहर लखनऊ appeared first on dainiktribuneonline.com .
मुख़्तार अंसारी: अपराध और गैंगवार की दुनिया में उभार की कहानी
मुख़्तार अंसारी ने राजनीति की शुरुआत बीएसपी से की थी. बाद में निर्दलीय चुनाव लड़े. फिर 2012 में पारिवारिक पार्टी क़ौमी एकता दल से खड़े हुए और 2017 में पार्टी के बसपा में विलय होने के साथ ही वह भी बसपा में शामिल हो गए थे.
Omkareshwar News: ओंकारेश्वर में नर्मदा नदी में मगरमच्छ होने की खबर से श्रद्धालुओं में दहशत
मगरमच्छ की खबर के बीच प्रशासन द्वारा नर्मदा के घाटों पर सावधानी से स्नान करने की लगातार अपील कंट्रोल रूम के माध्यम से की जा रही है।
रामनवमी पर 24 घंटे हो सकेंगे रामलला के दर्शन, 15 लाख श्रद्धालु करेंगे दर्शन
जानकारों की मानें तो राममंदिर निर्माण के बाद यह पहली रामनवमी है। 9 अप्रैल को वासंतिक नवरात्र को रामनवमी मेले का आरंभ होगा। इस अवसर पर सप्तमी से ह रोजाना 15 लाख दर्शनार्थियों के आने की संभावना है।
DP World में बिजनेस डेवलपमेंट एग्जीक्यूटिव की वैकेंसी, ग्रेजुएट करें अप्लाय, कई शहरों में ओपनिंग
लॉजिस्टिक कंपनी, DP World ने बिजनेस डेवलपमेंट एग्जीक्यूटिव के पोस्ट पर वैकेंसी निकाली है. इस पोस्ट पर शॉर्टलिस्ट किए गए कैंडिडेट के ऊपर रिटेल बिजनेस डेवलप करने की जिम्मेदारी होगी. इस पोस्ट के लिए ओपनिंग कई शहरों में है. रोल और रिस्पॉन्सिबिलिटी : करेक्ट आइडेंटिफिकेशन, प्लानिंग और एक्टिवेशन की लिस्टिंग के जरिए बिजनेस ग्रोथ को …
नवोदय विद्यालय में 1300 से ज्यादा वैकेंसी, एज लिमिट 40 साल, सैलरी 1 लाख 12 हजार तक
नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) ने नॉन टीचिंग पदों पर सीधी भर्ती निकाली है. इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. उम्मीदवार navodaya.gov.in/nvs/en/Home पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. वैकेंसी डिटेल्स : महिला स्टाफ नर्स: 121 पद सहायक अनुभाग अधिकारी: 5 पद ऑडिट असिस्टेंट: 12 पद कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी: 4 पद कानूनी सहायक: 1 पद स्टेनोग्राफर: …
डॉ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज यानी DRRMLIMS, लखनऊ में वैकेंसी निकली है. इस भर्ती के लिए 252 पद अनारक्षित हैं. उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट https://www.drrmlims.ac.in/ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. एजुकेशनल क्वालिफिकेशन : बीएससी ऑनर्स नर्सिंग या बीएससी नर्सिंग की डिग्री. बीएससी (पोस्ट सर्टिफिकेट) / पोस्ट बेसिक बीएससी नर्सिंग. स्टेट या इंडियन …
Vedantu में सेल्स एक्जीक्यूटिव की वैकेंसी, 3 लाख तक का मिलेगा पैकेज, वर्क फ्रॉम होम जॉब
एडटेक पोर्टल, Vedantu ने सेल्स एक्जीक्यूटिव के पोस्ट पर वैकेंसी निकाली है. इस पोस्ट पर शॉर्टलिस्ट किए गए कैंडिडेट के संभावित कस्टमर्स को लीड बनाने की जिम्मेदारी होगी. यह एक पूरी तरह से वर्क फ्रॉम होम जॉब है. रोल और रिस्पॉन्सिबिलिटी : आउटबाउंड कॉल के जरिए संभावित कस्टमर्स के साथ सक्रिय रूप से जुड़ना. कंपनी …
AI Jobs में सैलरी कितनी मिलती है? भारत में भी आसमान छू रहा है ग्राफ, देख लीजिए ये रिपोर्ट
दुनियाभर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उद्योग (AI Industry) काफी तेजी से तरक्की कर रहा है. नतीजा ये है कि भारत में एआई और मशीन लर्निंग प्रोफेशनल्स की डिमांड आसमान छू रही है. मौजूदा दौर में जितनी डिमांड और सैलरी AI Jobs और मशीन लर्निंग जॉब्स में है, उतनी किसी और टेक्निकल या आईटी जॉब में …
मकर राशिफल 29 मार्च : जीवन में आएंगे कई बड़े बदलाव, लव, करियर, हेल्थ और धन के मामले में लकी दिन
Aaj ka Makar Rashifal Horoscope Future Predictions,Capricorn Horoscope: राशि चक्र की यह 10वीं राशि है। जिन जातकों के जन्म समय में चन्द्रमा मकर राशि में गोचर कर रहा होता है, उनकी राशि मकर मानी जाती है।
राजनीतिक दल फिल्म स्टारों पर क्यों खेलते हैं दांव, क्या रहा है सक्सेस रेट? यहां समझिए पूरी बात
फिल्म स्टार गोविंदा शिवसेना में शामिल हो गए। राजनीति में फिल्म स्टारों की एंट्री कोई नई नहीं है। कई पार्टियां फिल्म स्टारों पर दांव खेलती हैं। बीजेपी से लेकर विपक्ष की पार्टियां फिल्म स्टारों को टिकट देती हैं। आखिर इसकी वजह क्या है? आइए समझते हैं।
पवन की गुरुवार को लोकेशन कूनो के पास स्थित अगरा क्षेत्र के जंगल में मिली है। पवन के वापस लौटने पर कूनो प्रबंधन ने राहत की सांस ली है।
दिल्ली में एक बार फिर इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना घटी है। पीरागढ़ी में गुरुवार को तीन साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। बच्ची कमरे में खून से लथपथ हालत में मिली।
Bhopal News: युवक और युवती का आपत्तिजनक वीडियो वायरल, लव जिहाद का आरोप, हंगामा
हिंदू संगठनों का कहना है कि मुस्लिम युवक ने लव जिहाद की मुहिम के तहत अपना नाम बदलकर युवती को झांसे में लेकर गलत काम करने की कोशिश की है।
Indore News: यात्री की तबीयत बिगड़ी, अहमदाबाद जा रही फ्लाइट की इंदौर में इमरजेंसी लैंडिंग
यात्री की तबीयत पर विमान को इंदौर एयरपोर्ट पर उतारने का निर्णय लिया गया। तुरंत एयरपोर्ट पर संपर्क करके इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति मांगी गई।
सुपर सीनियर सिटीजन्स को भी बेच दीं स्मॉलकैप स्कीमें, इस बात से हुआ SEBI नाराज
आज गुड फ्राइडे है। इस वजह से भारतीय शेयर बाजारों में आज छुट्टी है। शेयर बाजार इस वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन यानी गुरुवार, 28 मार्च को भी बढ़ कर बंद हुआ। पिछले कुछ महीनों से देखें तो स्मॉल मैप और मिड कैप शेयरों में जोरदार तेजी दिखी है। ऐसे में अधिकतर निवशक स्मॉल कैप की तरफ भागने लगे हैं। लेकिन स्मॉल कैप में रिस्क ज्यादा होता है।
1 अप्रैल से ई-बीमा एकाउंट जरूरी, इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में ही जारी होगी इंश्योरेंस पॉलिसी
Rules Change 1 April: नई व्यवस्था से पॉलिसी धारकों को काफी फायदा पहुंचेगा। पॉलिसी होल्डर को कागजी दस्तावेज खोने, फटने का डर रहता हैॉ लेकिन अब यह जोखिम नही होगा।
मेथी के बीजों का इन 3 तरह से सेवन करने पर कम होने लगती है कमर की चर्बी, वजन हो जाता है कम
Fenugreek Seeds For Weight Loss: कई पोषक तत्वों और खनिजों से भरपूर मेथी के दाने शरीर को फिट बनाए रखने में मदद करते हैं. इन दानों का सही तरह से सेवन किया जाए तो फैट बर्न होने लगता है.
Somwati Amavasya 2024: अप्रैल में किस दिन पड़ रही है सोमवती अमावस्या, जानिए स्नान-दान का मुहूर्त
Somwati Amavasya Date: अमावस्या की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. पितरों के साथ-साथ शिव पूजा के लिए भी सोमवती अमावस्या को बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है.
साल 1931 में रिलीज हुई थी भारत की पहली बोलती फिल्म, दर्शकों को देखने के लिए रखी गई थीं ये 5 शर्तें
93 साल पहले आई भारत की पहली बोलती फिल्म तो आपको याद ही होगी, जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें 14 मार्च 1931 में रिलीज हुई आलम आरा भारत की पहली बोलती मूवी है, जिसमें कुल सात गाने थे. फिल्म को डायरेक्ट अरदेशिर ईरानी ने किया था.
Exclusive: हार्दिक पांड्या की कैप्टंसी पर स्टैंडअप कॉमेडियन गौरव कपूर का रिएक्शन
एंटरटेनमेंट जगत की बात करें तो मेहमानों की लिस्ट में सिद्धार्थ मल्होत्रा, अलाया एफ, जसलीन रॉयल, स्टैंड अप कॉमेडियन गौरव कपूर, रानी कोहीनूर, म्यूजीशियन अक्षय और आई सिंह हैं.
बॉलीवुड इंडस्ट्री में कई ऐसे स्टार किड हैं जो अपने डेब्यू का इंतजार कर रहे हैं. उन्हीं में से एक है शोले के सूरमा भोपाली यानी एक्टर जगदीप की पोती और बॉलीवुड एक्टर और कॉमेडियन जावेद जाफरी की बेटी अलाविया जाफरी, जो बॉलीवुड डेब्यू से पहले ही इंटरनेट सेंसेशन बनी हुई हैं
सालार एक्टर पृथ्वीराज के फैन हुए सभी, आडुजीवितम का फर्स्ट डे फर्स्ट शो का आ गया रिव्यू
सालार एक्टर पृथ्वीराज सुकुमारन जिस फिल्म आड़ुजीवितम पर 16 साल से काम कर रहे थे वह आखिरकार 28 मार्च को दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है.
टीवी सीरियल चाहें जितने भी आएं या जाएं, हमलोग की जगह कभी नहीं ले सकते हैं. हमलोग वो टीवी सीरियल है जिसे देश के पहले टीवी धारावाहिक होने का सम्मान हासिल है.
दिल्ली शराब घोटाले मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हिरासत 1 अप्रैल तक बढ़ गई है। गुरुवार को अदालत में केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी के खिलाफ खुद बात रखी। वो कोर्ट में 15 मिनट तक बोले और कई सवाल ईडी के सामने रखे।
शोएब इब्राहिम के नए व्लॉग में रोती दिखीं दीपिका कक्कड़, बोलीं- हम लायक नहीं हैं....
टीवी की दुनिया में एक्टिव रहने के अलावा शोएब इब्राहिम अपने व्लॉग पर भी खासे एक्टिव रहते हैं. उनके व्लॉग पर उनकी फैमिली के अलावा वाइफ दीपिका कक्कड़ और बेटे रुहान के भी खूब वीडियोज नजर आते हैं.
लोकसभा चुनाव: कांग्रेस प्रत्याशी नकुल नाथ की घोषित संपत्ति करीब 700 करोड़ रुपये
नकुल नाथ उन 113 उम्मीदवारों में शामिल हैं, जिन्होंने पहले चरण के तहत 19 अप्रैल को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है. इस चरण के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया बुधवार को समाप्त हो गई.
दिल्ली में बीजेपी जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगी हुई है। पार्टी हर मतदाता को साधने की कोशिश में लगी है। बीजेपी कथित शराब घोटाले से जुड़े मुद्दों पर दिल्ली सरकार को घेरने में लगी है।
IPL 2024 Points Table- संजू सैमसन की अगुवाई वाली राजस्थान रॉयल्स सीजन का लगातार दूसरा मैच जीतने के बावजूद चेन्नई सुपर किंग्स से नंबर-1 का ताज नहीं छीन पाई है। टीम 4 पॉइंट्स के साथ दूसरे पायदान पर है।
UP में लोकसभा चुनाव के पहले चरण की आठ सीट के लिए कुल 155 नामांकन में से 71 अस्वीकृत
उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बृहस्पतिवार को बताया कि लोकसभा चुनाव के प्रथम चरण में आठ निर्वाचन क्षेत्रों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 27 मार्च थी.
मोदी लहर में भी जेल से चुनाव जीता मुख्तार अंसारी, फिर आखिरी 7 साल अपना साम्राज्य को ढहते देखता रहा
मऊ: मुख्तार अंसारी पर पहली बार 1986 में मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश को ऐसा माफिया मिला, जिसने संगठित अपराध की दुनिया में नई इबारत लिखनी शुरू कर दी। यूपी का पूर्वांचल प्रदेश ही नहीं पूरे देश में अपराध की दुनिया के रूप में कुख्यात होता चला …
डांस, एक्सप्रेशन और एक्टिंग के मेल की जब भी बात होगी, बॉलीवुड में श्रीदेवी का नाम सबसे पहले आएगा. जिनके डांस का कोई मुकाबला नहीं है और उस डांस के साथ चेहरे पर आने वाले एक्सप्रेशन तो बस दिलों में घर कर जाते थे.
नब्बे के दशक में एक्शन हीरो के रूप में पॉपुलर हुए सुनील शेट्टी रोमांटिक और कॉमेडी रोल में भी खूब हिट रहे हैं. उनकी कई सुपरहिट फिल्में आज भी लोगों के दिल में बसती हैं.
Weather Update: यलो अलर्ट के बीच हिमाचल में भूस्खलन, पंजाब-हरियाणा में तीन दिन बारिश के आसार
हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी के यलो अलर्ट के बीच बृहस्पतिवार को रोहतांग दर्रा के साथ ऊंची चोटियों में बर्फ के फाहे गिरे।
वायरल हो रही पहली फोटो है संजय दत्त और सुष्मिता सेन की. इस फोटो में दोनों ब्लैंक एंड व्हाइट आउटफिट में नजर आ रहे हैं. फोटो में संजय ने सुष्मिता को बैक से पकड़ा हुआ है.
भारतीय क्रिकेट टीम और राजस्थान रॉयल्स के अनुभवी खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन ने अपनी जादुई गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं। हालांकि उन्होंने दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ अपनी बल्लेबाजी से कमाल कर दिया।
हरियाणा की पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल ने कांग्रेस छोड़ी, भाजपा में शामिल
Former Haryana minister Savitri Jindal left Congress : हरियाणा की पूर्व मंत्री सावित्री जिंदल कांग्रेस छोड़कर गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं। कुछ ही दिन पहले उनके बेटे और उद्योगपति नवीन जिंदल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अन्य भाजपा नेता उपस्थित थे। ALSO READ: Lok Sabha Election 2024 Dates: लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से 1 जून के बीच, मतगणना 4 जून को सावित्री जिंदल (84) हिसार में आयोजित एक कार्यक्रम में भाजपा में शामिल हुईं। इस दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और अन्य भाजपा नेता उपस्थित थे। सावित्री ने बुधवार देर रात एक सोशल मीडिया पोस्ट में कांग्रेस छोड़ने के अपने फैसले की घोषणा की। उन्होंने एक पोस्ट कर कहा, मैंने एक विधायक के रूप में 10 वर्ष तक हिसार के लोगों का प्रतिनिधित्व किया और एक मंत्री के रूप में निस्वार्थ भाव से हरियाणा राज्य की सेवा की है। हिसार के लोग मेरा परिवार हैं और अपने परिवार की सलाह पर मैं आज कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं। ALSO READ: लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी की 7वीं लिस्ट, घोषित किए 5 नाम ‘फोर्ब्स इंडिया’ पत्रिका ने इस साल देश की सर्वाधिक अमीर महिलाओं की सूची में सावित्री जिंदल का नाम शामिल किया था। पत्रिका के अनुसार, प्रसिद्ध उद्योगपति और हरियाणा के पूर्व मंत्री ओपी जिंदल की पत्नी सावित्री जिंदल की कुल संपत्ति 29.1 अरब डॉलर है। सैनी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, हम भाजपा परिवार में दिग्गज कांग्रेस नेता, हरियाणा सरकार में पूर्व मंत्री, प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता श्रीमती सावित्री जिंदल जी और उनकी बेटी श्रीमती सीमा जिंदल जी का स्वागत करते हैं। हरियाणा में कांग्रेस की पूर्ववर्ती भूपेंद्र हुड्डा सरकार में सावित्री जिंदल मंत्री थीं। वर्ष 2014 के चुनाव में सावित्री हिसार सीट पर भाजपा के डॉ. कमल गुप्ता से हार गई थीं। गुप्ता वर्तमान में नायब सिंह सैनी सरकार में मंत्री हैं। ALSO READ: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू, 12 राज्यों की 88 सीटों पर 26 अप्रैल को वोटिंग सावित्री जिंदल के बेटे और उद्योगपति नवीन जिंदल कांग्रेस छोड़कर रविवार को भाजपा में शामिल हुए। नवीन को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए कुरूक्षेत्र से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया है। सैनी और खट्टर द्वारा पार्टी में स्वागत किए जाने के बाद सावित्री जिंदल ने कहा, हम एक बार फिर (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी के नेतृत्व में केंद्र में एक मजबूत सरकार बनाने के लिए मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा, हमें 'मोदी परिवार' का सदस्य बनाने के लिए मैं भाजपा के प्रत्येक पदाधिकारी और कार्यकर्ता का आभार व्यक्त करती हूं। हम पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। उन्होंने कहा कि पिछली खट्टर सरकार के तहत हरियाणा में अभूतपूर्व विकास हुआ। सावित्री जिंदल ने कहा, मैं 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण से प्रभावित हूं। ALSO READ: महुआ मोइत्रा ने क्यों किया ED नोटिस को नजरअंदाज, क्या है लोकसभा चुनाव से कनेक्शन? साल 2005 में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में जान गंवाने वाले अपने पति ओपी जिंदल को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उनका विचार था कि दलित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के उत्थान से भारत एक महान राष्ट्र बन सकता है। सावित्री ने कहा, उन्होंने (ओपी जिंदल) 1991 में इसी प्रतिज्ञा के साथ राजनीति में प्रवेश किया था। मार्च 2005 में उनके निधन के बाद मैंने उनके सपनों को साकार करने के लिए राजनीति में प्रवेश किया। उन्होंने कहा, हिसार मेरी जन्मभूमि और कर्मभूमि है। हिसार के लोगों ने हमेशा अपना प्यार बरसाया है और मैंने भी उन्हें अपने परिवार का हिस्सा माना है। सावित्री जिंदल ने कहा कि आज देश को भाजपा और मोदी की जरूरत है। इस अवसर पर सैनी ने कहा कि भाजपा की डबल इंजन सरकार ने पिछले 10 वर्षों में बहुत सारे विकास कार्य किए हैं। ALSO READ: कौन हैं सावित्री जिंदल? कमाई के मामले में अंबानी और अडाणी को पीछे छोड़ा इस मौके पर पार्टी नेता कमल गुप्ता, भव्य बिश्नोई और पूर्व राज्यपाल गणेशी लाल भी मौजूद थे। इस बीच, पार्टी नेताओं ने रणजीत सिंह चौटाला के चुनाव कार्यालय का भी उद्घाटन किया, जिन्हें भाजपा ने हिसार लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है। हरियाणा की 10 लोकसभा सीट पर छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा। (भाषा) Edited By : Chetan Gour
Aaj Ka Panchang 29 March 2024: जानें कैसा है आज का पंचांग, चतुर्थी तिथि को इस समय रहेगा राहुकाल
Aaj Ka Panchang 29 March 2024 आज सूर्योदय सुबह 06:14 बजे होगा, वहीं चन्द्रोदय रात 10:46 बजे होगा।
Good Morning Wishes: मोटिवेशन से भरे इन मैसेज के साथ अपनों को बोलें 'गुड मॉर्निंग'
Good Morning Wishes: किसी रिश्तेदार या दोस्त का दिन खराब जा रहा हो और उसे पॉजिटिव बातों से मोटिवेट करने की जरूरत हो तो इन शानदार गुड मॉर्निंग मैसेज के साथ उसके दिन को स्पेशल बना दें और मुश्किले हल करे
Horoscope 29 March 2024 rashifal in hindi zodiac signs: ग्रह-नक्षत्रों की चाल से राशिफल का आकलन किया जाता है। 29 मार्च का दिन कुछ राशि वालों के लिए शुभ तो कुछ राशि वालों के लिए सामान्य रहेगा।
गुजरात, नासिक, दमन दीप, ठाणे और अरब सागर से घिरी, पालघर सीट का सियासी गणित जानें
पालघर लोकसभा सीट उत्तर में गुजरात और नासिक से घिरा है तो उत्तर-पश्चिम में दमन दीप से। पालघर में दक्षिण से ठाणे का बॉर्डर लगता है और पश्चिम में अरब सागर। इस लोकसभा सीट पर हर पार्टी के लिए अस्तित्व की लड़ाई है। बहुजन विकास आघाडी, शिवसेना और बीजेपी के बीच सीट को लेकर बातचीत चल रही है।
केजरीवाल जेल से ही चलाएंगे सरकार, आप को BJP ने याद दिलाई नैतिकता; सीएम से पूछे तीखे सवाल
आप का कहना है कि जेल से ही सरकार चलेगी। आप मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि विपक्ष को बेवजह के सवाल नहीं पूछना चाहिए। वहीं बीजेपी ने आप को नैतिकता की याद दिलाई है। इसके अलावा सीएम से भी सवाल पूछे।
दिल्ली-नोएडा में दो दिन से गर्मी कर रही परेशान, आज से मिलेगी राहत, पढ़िए मौसम विभाग का अपडेट
Delhi-NCR Weather: दिल्ली-एनसीआर में मौसम का मिजाज बदल गया है। पिछले कई दिनों से गर्मी काफी बढ़ गई है, सुबह शाम भी गर्मी का अहसास हो रहा है। इस बीच मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है। आज से दिल्ली में गर्मी कम होगी और वीकेंड पर राहत मिलेगी।
सेंसेक्स, निफ्टी, सोना और क्रूड में इन्वेस्टर्स को बंपर रिटर्न मिला वहीं, चांदी ने एफडी से कम रिटर्न दिया। इस अवधि में निफ्टी ने सबसे अधिक रिटर्न दिया। देश में सोने का भाव 67,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गया।
गाजीपुर से बनारस तक असर और जीत का रिकॉर्ड, मुख्तार अंसारी कैसे राजनीति में भी पड़ा भारी
Mukhtar Ansari Death: 1952 के बाद से उत्तर प्रदेश के मऊ सीट से कोई भी लगातार दूसरी बार चुनाव नहीं जीता, लेकिन मुख्तार अंसारी ने 1996 से लगातार पांच बार सीट जीतकर इस मिथक को तोड़ दिया।
दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार की मौत, कई जिलों में अलर्ट, धारा 144 लागू... योगी ने की बैठक
Mukhtar Ansari Passed Away: पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में हार्ट अटैक के बाद मौत हो गई। मुख्तार अंसारी को दिल का दौरा पड़ने के बाद आनन- फानन में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। लेकिन, जान नहीं बचाई जा सकी। इसके बाद यूपी में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है।
'मुख्तार को जेल में रहते 19 साल हो गए। बस जान लीजिए कि हर तीज-त्योहार पर उनकी कमी खलती है। ईद की सेवई में उनके बिना मिठास नहीं रहती।' ये बेबसी UP के गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी की है। जिस जगह बैठकर अफजाल अंसारी ने ये बात कही थी, कभी वहां से गाजीपुर ही नहीं, पूरे पूर्वांचल की राजनीति तय होती थी। उनके भाई मुख्तार अंसारी का सिक्का लखनऊ तक चलता था। बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी की 28 मार्च की शाम कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई। दैनिक भास्कर 1 मार्च को उनके घर पहुंचा था। तब अफजाल अंसारी को समाजवादी पार्टी से लोकसभा का टिकट मिला था। अफजाल ने मुख्तार पर भी बहुत सी बातें की थीं। कहा था, ‘गाजीपुर का बड़ा फाटक हमेशा से सरकार को चुभता रहा है। केंद्र और UP सरकार ने साजिश कर अंसारी परिवार को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मीडिया के जरिए हमें ऐसे बदनाम किया गया, मानो हम देशद्रोही हैं।’ ये स्टोरी हमने 7 मार्च को की थी। अब इसे दोबारा पब्लिश कर रहे हैं। अफजाल अंसारी 5 बार विधायक रहे हैं, गाजीपुर से 2 बार सांसद भी चुने गए। उनके सबसे बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से विधायक रह चुके हैं। एक वक्त था, जब अंसारी परिवार के 'बड़े फाटक' पर UP के बड़े नेताओं से लेकर सरकारी अधिकारी तक मुख्तार के आगे सिर झुकाए खड़े रहते थे। अब हवा उल्टी दिशा में बह रही है। बीते 3 साल में अंसारी परिवार से जुड़ी 500 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चल चुका है। अफजाल ने बताया, ‘इसी फाटक पर ED 13 घंटे बिता चुकी है। पूरे मकान की तलाशी ली, लेकिन सुई की नोंक तक नहीं मिली। 9 साल से अंसारी परिवार पर लगातार जुल्म होता रहा। ऊपर वाले की रहमत है कि हमारे पुरखों की जमीनें अब भी मौजूद हैं। इन्हें बेचकर मैं लोकसभा चुनाव लड़ूंगा और जीतूंगा।’ UP की सियासत के सबसे ताकतवर घरानों में शामिल अंसारी परिवार कैसे बिखरता गया, अफजाल अंसारी क्यों जमीन बेचकर चुनाव लड़ने की बात कर रहे हैं, अंसारी परिवार के पास पहले कितनी प्रॉपर्टी थी और अब कितनी बची है, पढ़िए पूरी खबर। बड़ा फाटक के रास्ते पर जगह-जगह जब्ती के नोटिस, ये सब मुख्तार की प्रॉपर्टीगाजीपुर के मुहम्मदाबाद इलाके में यूसुफपुर रेलवे स्टेशन है। यहां से सिर्फ 2 किमी दूर 'बड़ा फाटक' है। ये अंसारी परिवार का पता है। रेलवे स्टेशन से बड़ा फाटक तक जाने वाले रास्ते में जगह-जगह टूटी बिल्डिंग और प्लॉट हैं, जिन पर जब्ती के सरकारी नोटिस चिपके हैं। ये सभी प्रॉपर्टी मुख्तार अंसारी और उनके करीबियों की हैं। संकरी गलियों से होते हुए हम 'बड़ा फाटक' बाजार पहुंचे। यहां दूर से ही मुख्तार अंसारी की कोठी दिखने लगती है। कोठी में सिबगतुल्लाह अंसारी मिले। वे हमें गेस्ट रूम में ले गए। गेस्ट रूम की दीवारों पर लाइन से अंसारी परिवार के सदस्यों की फोटो लगी हैं। सबसे बड़ी फोटो मुख्तार के दादा डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी की है। वे 1926-27 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष थे। दूसरी फोटो मुख्तार के नाना और महावीर चक्र विजेता ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान की है। ब्रिगेडियर उस्मान 1947 में नौशेरा की लड़ाई में शहीद हुए थे। एक फोटो मुख्तार के पिता सुभानउल्ला अंसारी की है। सुभानउल्ला गाजीपुर के बड़े कम्युनिस्ट नेता थे। साफ-सुथरी छवि की वजह से उन्हें 1971 में नगर पालिका चुनाव में निर्विरोध चुना गया था। एक फोटो पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की भी है। हामिद रिश्ते में मुख्तार के चाचा लगते हैं। रूम के बीच में बनी अलमारी में मुख्तार के बचपन से राजनीति के दिनों तक की फोटो रखी हैं। गेस्ट रूम में 10 मिनट इंतजार के बाद एक लड़का आया और बोला- चलिए, आपको अफजाल भाई बुला रहे हैं। वो हमें कोठी के अंदर ले गया। सीढ़ियां चढ़कर हम छत पर पहुंचे, जहां अफजाल अंसारी बैठे थे। सरकार ने बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी, मीडिया ने बदनाम कियाअफजाल अंसारी कहते हैं, ‘सबने देखा है कि कैसे हमारी प्रॉपर्टी पर बुलडोजर चल रहा है। हमारे लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। इस बार तो हद ही हो गई। मुझे गैंगस्टर एक्ट में 4 साल की सजा करवा दी। मेरी सांसदी रद्द कर दी गई। हम हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक गए। आखिरकार मुझे इंसाफ मिला और अब मैं फिर से सांसद हूं।’ अफजाल आगे कहते हैं, ‘हमारे घर की महिलाओं और बच्चों को जेल में डाल दिया। बहू निखत अंसारी पर झूठा केस लगाया कि वो जेल में पति अब्बास से मिलती थी। उसे अपने एक साल के बच्चे से नहीं मिलने दिया। अंसारी परिवार के घर और जमीनें कुर्क कर लीं। हमारा सब कुछ खत्म कर दिया। कोई कारोबार या कमाई का जरिया नहीं बचा है। जरूरत पड़ी तो हम अपने बाप-दादा की जमीनें बेचकर चुनाव लड़ेंगे।’ मुख्तार पर जेल में रहते 50 केस लगा दिएमुख्तार के बारे में अफजाल अंसारी कहते हैं, 'अजीब बात है कि जो शख्स इतने साल से जेल में हो, उसके खिलाफ एक के बाद एक 50 से ज्यादा झूठे मुकदमे लिख दिए। ये अंसारी परिवार को बदनाम करने की साजिश नहीं है तो क्या है।’ ‘आज अगर सरकार के किसी बड़े नेता के खिलाफ मुकदमा होता है, तो कुछ महीनों में सब रफा-दफा कर दिया जाता है। मामला बढ़ने पर पता चलता है कि जज साहब ही बैकुंठ चले गए। और जो सत्ता के खिलाफ हैं, उसके साथ हमेशा गलत होता है। ये सरकार एक परीक्षा ढंग से नहीं करवा सकती। इन्हें बस विरोधियों पर झूठे मुकदमे लिखवाना, बुलडोजर चलवाना आता है।’ चुनावी हलफनामे में मुख्तार के पास 22, तो अफजाल के पास 14 करोड़ की प्रॉपर्टीअफजाल अंसारी भले पुश्तैनी जमीन बेचकर चुनाव लड़ने की बात कह रहे हों, लेकिन चुनावी हलफनामे बताते हैं कि अंसारी परिवार अब भी करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी के मालिक है। 2017 के विधानसभा चुनाव में दिए शपथ पत्र में मुख्तार अंसारी ने 21.88 करोड़ रुपए की संपत्ति बताई थी। इसमें 3.23 करोड़ रुपए की एग्रीकल्चर लैंड, 4.90 करोड़ की नॉन एग्रीकल्चर लैंड, 12.45 करोड़ की कॉमर्शियल बिल्डिंग और 1.70 करोड़ की रेसिडेंशियल बिल्डिंग शामिल थीं। वहीं, अफजाल अंसारी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में इलेक्शन कमीशन को दिए शपथ पत्र में 13.79 करोड़ रुपए की संपत्ति बताई थी। इसमें 3.36 करोड़ रुपए की एग्रीकल्चर लैंड, 14 लाख की नॉन-एग्रीकल्चर लैंड, 1.53 करोड़ की कॉमर्शियल प्रॉपर्टी शामिल थी। अफजाल ने प्रॉपर्टी में 1.08 लाख की चल संपत्ति और 12.70 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति का दावा किया था। मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच कर रही ED ने अंदेशा जताया था कि मुख्तार अंसारी और उसके करीबियों के पास 10 हजार करोड़ की बेनामी संपत्ति हो सकती है। पुलिस के मुताबिक, 2020 से लेकर मई, 2023 तक मुख्तार की 576 करोड़ की प्रॉपर्टी पर सरकार कार्रवाई कर चुकी है। इसमें 291 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई। 284 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया गया है। सिर्फ मऊ में ही 200 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चला है। प्रॉपर्टी इतनी कि 2017 से अब तक कार्रवाई नहीं थमीमोहम्मदाबाद में ज्यादातर लोग मुख्तार या अंसारी परिवार के बारे में बोलने से बचते हैं। हमने बात करने की कोशिश कि तो जवाब मिला कि 'रहने दीजिए...तालाब में रहकर मगरमच्छ से भला कौन दुश्मनी लेता है।' इसके बाद हम गाजीपुर और मऊ की राजनीति को करीब से जानने वाले पॉलिटिकल एक्सपर्ट कुमार भवेश चंद्र से मिले। वे कहते हैं, ‘चुनाव से पहले अंसारी परिवार भले ही खुद को आर्थिक रूप से कमजोर बता रहा हो, लेकिन इनके पास एफिडेविट मे बताई प्रॉपर्टी से कई सौ करोड़ रुपए ज्यादा की संपत्ति है और ये लगातार बढ़ी है।' 'इनकी प्रॉपर्टी का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि योगी सरकार 2017 से अब तक इनकी अवैध बिल्डिंगों और जमीनों पर कार्रवाई कर रही है, लेकिन ये सिलसिला थम नहीं रहा।’ ‘मुख्तार ने 2012 और 2017 का विधानसभा चुनाव जेल से ही लड़ा था। योगी सरकार की सख्ती के बाद उसने खुद को लाइमलाइट से दूर कर लिया। 2022 में मुख्तार ने बड़े बेटे अब्बास अंसारी को उतारा। अब्बास ने चुनाव जीता, लेकिन बाद में उसे हेट स्पीच के मामले में जेल जाना पड़ा। अब्बास फिलहाल कासगंज जेल में है।’ जीप में असलहे लहराता चलता था मुख्तार, गैंग ने सरकारी तालाब तक नहीं छोड़ेहम UP के पूर्व IPS अधिकारी राजेश कुमार पांडे से भी मिले। पांडे ने 2016 में मुख्तार पर पत्रकार को पीटने का केस दर्ज करवाया था। वे मुख्तार गैंग के खिलाफ चले ऑपरेशन के साथ-साथ 70 एनकाउंटर में भी शामिल रहे हैं। राजेश बताते हैं, ‘UP में 80 से 90 का दशक शहाबुद्दीन, बृजेश सिंह और हरिशंकर तिवारी जैसे बड़े अपराधियों का रहा। मुख्तार अंसारी भी उसी समय की देन है। शुरुआत में ही मुख्तार जीप के बोनट पर बैठकर हाथ में असलहा लिए निकलता था। साथ में 500 लोगों का काफिला चलता था।’ ‘1996 में मऊ सदर सीट से पहली बार विधायक बनने के बाद उसकी हनक और बढ़ गई। पैसे और क्रिमिनल पावर के दम पर मुख्तार गैंग की नजर सरकारी जमीनों पर भी पड़ने लगी। हालत ये थी कि उसके गुर्गे गरीबों से जबरदस्ती कर गाजीपुर में नजूल की जमीनों से लेकर तालाब-पोखरों तक कब्जाने लगे।’ ‘मुख्तार के खिलाफ मुकदमों का ट्रायल नहीं हुआ। कभी सजा नहीं होती थी। उसके खिलाफ जो गवाही देने जाता, वो या तो किडनैप हो जाता या फिर कोर्ट आने के काबिल नहीं बचता था।’ अंसारी ब्रदर्स के खिलाफ हालिया कार्रवाई 29 अप्रैल, 2023 को हुई थी। गाजीपुर MP-MLA कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट केस में मुख्तार को 10 साल और अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, बाद में अफजाल को कोर्ट ने बरी कर दिया था। फिलहाल, अंसारी परिवार पर कुल 95 केस दर्ज हैं। मुख्तार के साथ-साथ उसका बड़ा बेटा जेल में हैं। बहू अभी जमानत पर है। मुख्तार की पत्नी और छोटा बेटा फरार हैं। 2021 में मुख्तार को पंजाब से UP की जेल में शिफ्ट किया गया, तभी से कार्रवाई जारीमुख्तार अक्टूबर, 2005 से जेल में बंद है। 2017 में योगी सरकार आने से पहले वो पंजाब की रोपड़ जेल में था। उसे पंजाब से UP लाने के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। 2021 में मुख्तार को बांदा जेल में शिफ्ट किया गया था। जेल में उस पर 24 घंटे CCTV कैमरों से निगरानी रहती थी। रिश्तेदारों से मिलने पर रोक थी। सख्ती इतनी थी कि जेल में मुख्तार पर नरमी बरतने वाले डिप्टी जेलर वीरेश्वर प्रताप सिंह को सस्पेंड कर दिया गया था। 2020 से 2023 तक अंसारी परिवार की करोड़ों की संपत्ति पर एक्शन हो चुका है। अफजाल अंसारी ने पिछला चुनाव 1.2 लाख वोट से जीता, इस बार मुश्किलगाजीपुर के सीनियर जर्नलिस्ट शिवकुमार कहते हैं, ‘2019 में अफजाल अंसारी बसपा की टिकट पर चुनाव लड़े थे। तब पार्टी का सपा से गठबंधन था। अफजाल करीब 1.2 लाख वोट से चुनाव जीत गए थे। हालांकि, केंद्र में मोदी सरकार बनने से और कुछ हद तक अपने ऊपर लगे मुकदमों की वजह से वे बहुत काम नहीं करवा पाए।’ ‘सांसद रहते हुए उन्हें 4 साल की सजा भी हो गई। इसके बाद वे खुद को बेगुनाह साबित करने में लगे रहे। इससे लोगों के बीच ज्यादा नहीं जा पाए। ऐसे में BJP कोई मजबूत कैंडिडेट गाजीपुर से उतारती है, तो इस बार बाजी पलट सकती है।’ अफजाल के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं बृजेश सिंहBJP से गठबंधन के बाद सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओपी राजभर ने घोसी, चंदौली और गाजीपुर लोकसभा सीट मांगी थी। वे गाजीपुर सीट से पूर्वांचल के बाहुबली बृजेश सिंह को चुनाव लड़वाना चाहते हैं। पिछले साल नवंबर में भी राजभर ने बृजेश सिंह को चुनाव लड़वाने की बात कही थी। बृजेश और मुख्तार गुट के बीच 23 साल पुरानी अदावत है। 15 जुलाई 2001 को गाजीपुर में मुख्तार अंसारी पर हमला हुआ था। तब मुख्तार का काफिला रेलवे फाटक पर रुका था। तभी सामने से आए हमलावरों ने उस पर 40 से ज्यादा गोलियां बरसाई थीं। फायरिंग में मुख्तार को तो कुछ नहीं हुआ, लेकिन उसके 2 बॉडीगार्ड मारे गए। हमले के बाद मुख्तार अंसारी ने बृजेश सिंह, त्रिभुवन सिंह समेत 20 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। तभी से बृजेश सिंह और मुख्तार के बीच ठन गई थी।
35 लाख आबादी, 18 लाख वोटर्स मुंबई के नॉर्थ वेस्ट से BJP देगी उत्तर भारतीय को टिकट!
मुंबई में उत्तर भारतीय समाज को बीजेपी और कांग्रेस दोनों से उम्मीद है। उम्मीदवारों का चयन समाज के प्रति न्याय को बढ़ाएगा। मुंबई लोकसभा में 6 सीटें हैं और वहीं अगर मेट्रोपोलिटन की बात करें तो लोकसभा की 10 सीटें हैं। इन सीटों पर उत्तर भारतीय वोटर्स बहुत प्रभावी हैं।
Aaj ka Kumbh Rashifal Horoscope Future, Aquarius Horoscope Today: राशि चक्र की यह 11वीं राशि है। जिन जातकों के जन्म समय में चन्द्रमा कुंभ राशि में गोचर कर रहा होता है, उनकी राशि कुंभ मानी जाती है।
Delhi Weather Report : राजधानी दिल्लीमें बढ़ते तापमान के बीच अगले दो दिन बादल छाए रहेंगे। साथ ही, हल्की बूंदाबांदी की भी संभावना है। इसके चलते अधिकतम तापमान में दो से तीन डिग्री तक गिरावट आएगी।
Aaj Ka Rashifal 29 March 2024: आज रुके काम पूरे होने से मन प्रसन्न रहेगा
Aaj Ka Rashifal 29 March 2024: कन्या राशि वालों के लिए आज का दिन उतार-चढ़ाव वाला रहेगा। स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
5 अगस्त 2019 को आर्टिकल 370 हटाया गया, लेकिन उसकी स्क्रिप्ट 2015 में ही लिख दी गई थी। आज फैसला सीरीज के तीसरे एपिसोड में जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटाने की इनसाइड स्टोरी... तारीख 1 जनवरी 2015, गुलमर्ग के एक रिसॉर्ट में जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम मुफ्ती मोहम्मद सईद और पीडीपी विधायक हसीब द्राबू खामोश बैठे थे। दोनों ही राज्य में सरकार बनाने की संभावनाएं तलाश रहे थे। दरअसल, दिसंबर 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को बहुमत नहीं मिला था। 87 सीटों वाली विधानसभा में 28 सीटों के साथ पीडीपी सबसे बड़ी पार्टी और 25 सीटों के साथ बीजेपी दूसरे नंबर पर थी। इसी बीच मुफ्ती के फोन की घंटी बजी। फोन रखने के बाद मुफ्ती ने हसीब से कहा- ‘कल सुबह आपको दिल्ली जाना है। वहां कब और किससे मिलना है, इसकी जानकारी दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचते ही मिल जाएगी।’ अगले दिन हसीब जैसे ही दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे, उन्हें एक फोन आया। फोन पर उन्हें खास जगह पर एक शख्स से मिलने के लिए कहा गया। कुछ देर बाद हसीब उस शख्स से मिले। दोनों के बीच बातचीत हुई, फिर वहां से हसीब को मुंबई जाने के लिए बोला गया। कुछ देर बाद हसीब मुंबई के छत्रपति शिवाजी एयरपोर्ट पहुंच गए। वहां उनकी मुलाकात राम माधव से हुई। आरएसएस से आए राम माधव तब बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव थे। दोनों के बीच जम्मू-कश्मीर में गठबंधन को लेकर पहली बार बात हुई। हसीब ने उसी दिन कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का पहला ड्राफ्ट बनाया, लेकिन आर्टिकल 370 और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (अलगाववादी नेताओं का एक समूह) से बातचीत जैसे कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं बनी। 9 जनवरी 2015 को जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लग गया। करीब दो महीने बाद 26 फरवरी को हसीब फिर से दिल्ली पहुंचे। रात में उनकी मुलाकात पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और राम माधव से हुई। काफी देर तक तीनों के बीच बातचीत हुई, पर हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को लेकर पेंच फंस गया। पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह का साफ स्टैंड था कि केंद्र सरकार हुर्रियत नेताओं से बात नहीं करेगी। दूसरी तरफ मुफ्ती ने हसीब से साफ-साफ कह रखा था कि हुर्रियत नेताओं से बातचीत के बिना कोई गठबंधन नहीं होगा। उसी रात अरुण जेटली ने अमित शाह से मुलाकात की। दोनों के बीच रात के करीब एक बजे तक बात हुई। इसके बाद अरुण जेटली ने हसीब से कहा कि कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस को भी शामिल कर लीजिए। हसीब थोड़ा हैरान भी हुए और खुश भी, पर वे इस बात से बेखबर थे कि बीजेपी का यह स्टैंड सत्ता के लिए नहीं, बल्कि जम्मू कश्मीर में कुछ बड़ा करने के लिए है। अगले दिन शाम को दिल्ली में मोदी और मुफ्ती सईद की मुलाकात हुई। करीब 45 मिनट तक दोनों के बीच बातचीत हुई। इसके बाद मुफ्ती सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती और अमित शाह की मुलाकात हुई। तब अमित शाह बीजेपी के अध्यक्ष थे। दोनों ने गठबंधन के फॉर्मूले पर फाइनल मुहर लगा दी। इस किस्से का जिक्र इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में हसीब द्राबू ने किया था। बेमेल सरकार बनाना, रूठना और मनाना 1 मार्च 2015, बीजेपी ने अपनी धुर-विरोधी पीडीपी के साथ सरकार बना ली। पीडीपी के मुफ्ती मोहम्मद सईद जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री बने। विपक्ष ने इस पर बीजेपी को खूब घेरा। बीजेपी के कुछ सीनियर नेताओं ने भी इस फैसले का विरोध किया। दरअसल बीजेपी, हमेशा से पीडीपी का विरोध करती आ रही थी। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने तो पीडीपी पर पाकिस्तान और आतंकियों से साठगांठ के आरोप लगाए थे, जिसका जिक्र भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के प्रमुख रहे एएस दुलत ने अपनी किताब ‘कश्मीर द वाजपेयी ईयर्स’ में किया था। इधर जम्मू-कश्मीर में पीडीपी-बीजेपी सरकार बनने के हफ्तेभर बाद ही मुफ्ती सईद ने अलगाववादी नेता मसर्रत आलम को रिहा कर दिया। इस पर दोनों पार्टियां आपने-सामने आ गईं। बीजेपी ने आरोप लगाया कि पीडीपी ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। पीएम मोदी ने संसद में कहा कि केंद्र को राज्य सरकार के इस फैसले के बारे में जानकारी नहीं थी। 7 जनवरी 2016 को मुफ्ती मोहम्मद सईद का निधन हो गया। उसके बाद पीडीपी ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया। पीडीपी का कहना था कि दोनों पार्टियों की आइडियोलॉजी मैच नहीं कर रही। दूसरी तरफ बीजेपी अंदरखाने फिर से सरकार बनाने की कोशिश कर रही थी। आखिरकार अप्रैल 2016 में बीजेपी और पीडीपी ने फिर से सरकार बनाई। इस बार मुफ्ती सईद की बेटी महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री बनीं। 39 महीने बाद अचानक बीजेपी ने सरकार गिरा दी महबूबा मुफ्ती के मुख्यमंत्री बनने के बाद बीजेपी और पीडीपी के बीच कई मुद्दों पर टकराव हुआ। आतंकवाद और अलगाववाद जैसे मुद्दों पर बीजेपी को विपक्ष का कड़ा विरोध भी झेलना पड़ा, पर बीजेपी सत्ता में बनी रही। दूसरी तरफ तब के वित्त मंत्री और सॉलिसिटर जनरल रहे अरुण जेटली आर्टिकल 370 हटाने के लीगल पहलुओं पर काम कर रहे थे। तारीख 19 जून 2018, सुबह का वक्त। एनएसए अजित डोभाल ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। दोपहर में बीजेपी के महासचिव राम माधव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पीडीपी सरकार से समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी। हालांकि उन्होंने समर्थन वापस लेने की कोई ठोस वजह नहीं बताई। तब मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को इस फैसले की भनक तक नहीं थी। थोड़ी देर बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मुफ्ती ने कहा कि दोनों दलों में मतभेद थे, लेकिन बीजेपी समर्थन वापस लेगी, यह फैसला हैरान करने वाला है। इधर सरकार बनाने की तैयारी चल रही थी, उधर राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दी बीजेपी-पीडीपी गठबंधन टूटने के अगले ही दिन राज्यसभा सांसद रहे सुब्रमण्यम स्वामी ने सोशल मीडिया पर लिखा- 'मैंने पीएमओ को संविधान सभा की बहस की कॉपी और अपने कानूनी तर्कों के साथ एक नोट भेजा है। संसद की सहमति के बिना, राष्ट्रपति की अधिसूचना के जरिए आर्टिकल 370 को हटाया जा सकता है।' 19-20 नवंबर 2018 की बात है। मीडिया में चर्चा चलने लगी कि पीडीपी, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस मिलकर जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने जा रहे हैं। अगले ही दिन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी। इस पर महबूबा मुफ्ती नाराज हो गईं। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा- ‘पांच महीने से हम विधानसभा भंग करने की बात कह रहे थे, तब हमारी सुनने वाला कोई नहीं था। अब हम सरकार बनाने जा रहे थे, तो राज्यपाल ने विधानसभा भंग कर दी।’ सत्यपाल मलिक ने दैनिक भास्कर को बताया, ‘ये बीजेपी की सोची-समझी रणनीति थी। जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने से लेकर अलग होने और विधानसभा भंग करना सब कुछ सोच-समझकर किया गया था, ताकि विधानसभा की शक्तियां संसद के पास आ जाएं।’ दरअसल इस पूरी कवायद के दो पहलू थे... पहला- बीजेपी सरकार में शामिल होकर जम्मू-कश्मीर की सारी व्यवस्थाओं को समझना चाहती थी। इस्लामिक विश्वविद्यालय, कश्मीर के पूर्व कुलपति और पॉलिटिकल एनालिस्ट सिद्दीकी वाहिद ने 2018 में द वायर को दिए इंटरव्यू में बताया कि बीजेपी ने सत्ता में रहने के दौरान कश्मीर और जम्मू में कम्युनल डिवाइड पैदा किया, ताकि वहां उसका बेस मजबूत हो सके। पीडीपी के कुछ विधायकों का भी आरोप था कि बीजेपी घाटी में आरएसएस मॉडल लागू कर रही है। दूसरा- आर्टिकल 370 को हटाने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा की सहमति जरूरी थी। अगर वहां विधानसभा रहती तो 370 हटाने की सहमति राष्ट्रपति को नहीं देती। इसलिए विधानसभा भंग होने के बाद तब के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एक आदेश के जरिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा की शक्तियां संसद को दे दीं। रॉ चीफ और पीएम मोदी की मुलाकात, कश्मीर में बगावत की आशंका जम्मू-कश्मीर विधानसभा भंग होने के कुछ दिनों बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अरुण जेटली से कहा कि आर्टिकल 370 हटाने को लेकर ऐसा ड्राफ्ट तैयार करिए, जिसे किसी अदालत में चैलेंज नहीं किया जा सके। इस बात का जिक्र अरुण जेटली की पत्नी संगीता जेटली ने 370 हटने के बाद 5 अगस्त 2019 को सोशल मीडिया पर किया था। बीजेपी 2019 लोकसभा चुनाव से पहले ही 370 हटाना चाहती थी, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने आगाह किया कि इससे कश्मीर में हालात बिगड़ जाएंगे। इसके बाद 370 हटाने का प्लान आगे बढ़ा दिया गया। मई में 2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित हुए। 303 सीटें जीतकर नरेंद्र मोदी दोबारा प्रधानमंत्री बने। करीब एक महीने बाद 26 जून को केंद्र सरकार ने सामंत गोयल को रॉ चीफ बनाया। 9 दिन बाद यानी 5 जुलाई को सामंत गोयल ने दिल्ली में प्रधानमंत्री से मुलाकात की। हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक रॉ चीफ ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, 'अमेरिका, अफगानिस्तान को लेकर तालिबान से डील कर रहा है। दोनों के बीच डील हो गई और अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया, तो कश्मीर से 370 हटाना मुश्किल हो जाएगा। पाकिस्तान की मदद से तालिबानी लड़ाके कश्मीर में घुसपैठ कर सकते हैं।' जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लग चुका था। इधर संसद में बीजेपी प्रचंड बहुमत के साथ सरकार में थी। प्रधानमंत्री को लगा कि 370 हटाने का मुफीद वक्त है, पर सुरक्षा एजेंसियों को डर था कि 370 हटाया तो लोकल पुलिस बगावत कर सकती है। पाकिस्तान के साथ मिलकर अलगाववादी नेता षड्यंत्र कर सकते हैं। अब फैसला प्रधानमंत्री मोदी को लेना था। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह से चर्चा के बाद तय किया कि हम 370 खत्म करने का प्लान ड्रॉप नहीं करेंगे। कश्मीर में हालात कैसे काबू किया जाए, इस पर सुरक्षा एजेंसियां काम करें। 11 जुलाई 2019, रॉ चीफ सामंत गोयल कश्मीर पहुंचे। 12 दिन बाद यानी 23 जुलाई को एनएसए अजीत डोभाल घाटी पहुंचे। अगले दिन डोभाल ने तीनों सेना प्रमुखों और इंटेलिजेंस चीफ के साथ मीटिंग की। उस वक्त सीडीएस रहे बिपिन रावत भी एक महीने के भीतर दो बार कश्मीर पहुंचे। पार्लियामेंट का सेशन बढ़ाया, रातों-रात तीन पूर्व सीएम नजरबंद सुरक्षा एजेंसियों के इनपुट के बाद जुलाई के आखिरी हफ्ते में बड़ी संख्या में इजराइली ड्रोन कश्मीर भेजे गए, ताकि कड़ी निगरानी की जा सके। 45 हजार से ज्यादा अतिरिक्त जवान घाटी में तैनात कर दिए गए। 250 से ज्यादा कश्मीरी पुलिस अधिकारियों के हथियार जब्त कर लिए गए। 26 जुलाई को पार्लियामेंट का मानसून सेशन खत्म हो रहा था। 25 जुलाई को सरकार ने इसे 7 अगस्त तक बढ़ा दिया। सरकार की तैयारी देख लोग ये कयास लगाने लगे कि कश्मीर में कुछ तो बड़ा होने वाला है। इसी बीच 3 अगस्त को केंद्र सरकार ने अमरनाथ यात्रा पर रोक लगा दी। स्टूडेंट्स, टूरिस्ट और तीर्थ यात्रियों को फौरन कश्मीर छोड़ने के लिए कहा गया। सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताया कि कश्मीर में आतंकी हमला हो सकता है। इसलिए अमरनाथ यात्रा रोकी गई है। अगले दिन राज्य में धारा 144 लगा दी गई। जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू लग गया। रात होते-होते पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुला, महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला सहित कई लोकल नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया। इंटरनेट पर रोक लगा दी गई। सरकार नहीं चाहती थी कि उसके प्लान के बारे में किसी को खबर लगे, यहां तक कि उसके खुद के सांसदों को भी। रणनीति के तहत 3 और 4 अगस्त को बीजेपी ने अपने सांसदों के लिए सोशल मीडिया ट्रेनिंग वर्कशॉप करवाई। इसमें प्रधानमंत्री मोदी भी शामिल हुए। देर रात गवर्नर को पता चला- कल आर्टिकल 370 खत्म हो जाएगा लोकसभा में बहुमत जुटाना सरकार के लिए आसान था, लेकिन राज्यसभा में मैजिक नंबर तक पहुंचना मुश्किल टास्क था। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पीयूष गोयल, प्रह्लाद जोशी और सांसद भूपेंद्र यादव को राज्यसभा में नंबर जुटाने की जिम्मेदारी दी गई। 4 अगस्त की शाम प्रधानमंत्री को गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि राज्यसभा में भी हमने नंबर जुटा लिए हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमें लोकसभा की बजाय राज्यसभा में ही पहले बिल लाना चाहिए, ताकि विपक्ष कोई रणनीति बनाए उससे पहले हम बिल पास करा लें। 4 अगस्त की शाम गृहमंत्री अमित शाह ने रॉ चीफ और आईबी चीफ के साथ मीटिंग की और उन्हें तैयार रहने के लिए कहा। उसी दिन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों को पता चला कि सरकार कल 370 खत्म करने जा रही है। भास्कर से बातचीत में पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक ने बताया, ‘4 अगस्त की रात गृहमंत्री अमित शाह ने फोन किया। उन्होंने कहा कि मैं एक चिट्ठी भेज रहा हूं, आप अपने दफ्तर से पास कराके कल 11 बजे से पहले मुझे भेज दीजिए। मुझे राज्यसभा में पेश करना है। तब मुझे पता चला कि कल सरकार 370 हटाने जा रही है।’ अमित शाह की स्पीच और सदन में जबरदस्त हंगामा 5 अगस्त 2019, वक्त 11 बजकर 8 मिनट। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा- ‘’कश्मीर कर्फ्यू के अंदर है, तीन-तीन पूर्व सीएम हाउस अरेस्ट हैं। कश्मीर में जो वॉर सिचुएशन है, उस पर पहले चर्चा होनी चाहिए।’’ थोड़ी देर के लिए सदन में हंगामा होता रहा। 11 बजकर 14 मिनट पर गृहमंत्री अमित शाह, गुलाम नबी आजाद को कोट करते हुए कहते हैं, ‘मैं उनसे एक ही निवेदन करना चाहता हूं कि जो संकल्प और बिल लेकर आया हूं, वो कश्मीर पर ही है।’ वक्त 11 बजकर 15 मिनट। अमित शाह ने कहा, ‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 (3) की शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति संसद की सिफारिश पर यह घोषणा करते हैं कि जिस दिन भारत के राष्ट्रपति इस पर हस्ताक्षर करेंगे, उस दिन से 370 के सभी खंड लागू नहीं होंगे, सिवाय खंड 1 के।’ सदन में हंगामा शुरू हो गया। पीडीपी के दो सांसदों ने संविधान की प्रति फाड़ने की कोशिश की। एक सांसद ने कुर्ता फाड़ दिया। गुलाम नबी ने कहा- बीजेपी ने डेमोक्रेसी और संविधान का मर्डर किया है। राज्यसभा में आर्टिकल 370 खत्म करने के पक्ष में 125 वोट मिले और विरोध में 61 वोट। जबकि लोकसभा में पक्ष में 370 और विरोध में 70 वोट पड़े। बीएसपी, बीजेडी, एआईएडीएमके, आम आदमी पार्टी और शिव सेना जैसी पार्टियों ने 370 खत्म करने का समर्थन किया। जबकि कांग्रेस, जदयू, राजद, पीडीपी और डीएमके जैसी पार्टियों ने इसका विरोध किया। इस तरह जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाला आर्टिकल 370 खत्म हो गया। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग करके केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया। ये बीजेपी का सबसे पुराना और बड़ा वादा था। बीजेपी हमेशा से कहती आ रही थी कि एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे। मोदी के आर्टिकल 370 हटाने के पांच बड़े मकसद 1. मोदी का एजेंडा : पीएम मोदी ने आर्टिकल 370 हटाकर यह मैसेज दिया कि वे एक मजबूत प्रधानमंत्री हैं। उनकी सरकार साहसिक फैसले लेती है। 2. पार्टी का एजेंडा : आर्टिकल 370 खत्म करना, राम मंदिर बनाना और यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करना, ये तीन मुद्दे बीजेपी के कोर एजेंडा में शामिल थे। 2019 में सरकार में आते ही मोदी ने आर्टिकल 370 हटाकर बीजेपी का पहला बड़ा वादा पूरा किया। 3. चुनावी एजेंडा : आर्टिकल 370 हटने के बाद यानी 2019 से 2021 के बीच देशभर में 10 राज्यों में चुनाव हुए। इसमें झारखंड और महाराष्ट्र में बीजेपी को सत्ता गंवानी पड़ी। असम और बिहार में बीजेपी सरकार में बनी रही, लेकिन दिल्ली, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में तमाम कोशिशों के बाद भी बीजेपी कुछ खास नहीं कर पाई। 4. आतंकवाद खत्म करने का एजेंडा : आर्टिकल 370 हटाने को लेकर केंद्र सरकार का कहना था कि इससे कश्मीर में आतंकवाद घटेगा। आतंकवाद घटा या नहीं, इसे जानने के लिए हमने 370 हटाने के चार साल पहले और चार साल बाद यानी पिछले आठ सालों का डेटा लिया। इसके मुताबिक आतंकी घटनाओं में कमी आई है, लेकिन न के बराबर। सिविलियंस और सुरक्षाबलों की हत्या के मामलों में जरूर 52% की कमी आई है। 5. देश से कश्मीर को जोड़ना : सरकार का दावा था कि 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में दूसरे राज्यों के लोग जमीन खरीदेंगे। नई कंपनियां और कारखाने खुलेंगे। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के राज्यसभा में पेश किए गए लिखित जवाब के मुताबिक, 370 हटन के बाद 2022 तक जम्मू-कश्मीर में 185 लोगों ने जमीनें खरीदीं हैं। जबकि 1559 भारतीय कंपनियों ने जम्मू-कश्मीर में निवेश किया है। पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक कहते हैं, ‘आर्टिकल 370 खत्म करना बहुत जरूरी था। 370 की वजह से कश्मीर के लोग भारत से जुड़ाव महसूस नहीं करते थे। सुरक्षाबलों को भी दिक्कत होती थी। हालांकि अब कश्मीर को राज्य का दर्जा देना चाहिए। वहां के लोगों को इसकी जरूरत है।’ फैसला सीरीज की ये स्टोरीज भी पढ़िए... एपिसोड 1- आना दिल्ली था, पहुंच गए लाहौर:पाकिस्तानी सेना के हेलिकॉप्टर में बैठे, 90 मिनट अफसरों की सांसें थमी रहीं 25 दिसंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लाहौर पहुंच गए। एयरपोर्ट पर उतरते ही पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने उन्हें गले लगाया। थोड़ी देर बाद मोदी पाकिस्तानी सेना के हेलिकॉप्टर में बैठ गए। इससे पहले भारत का कोई प्रधानमंत्री, पाकिस्तानी सेना के हेलिकॉप्टर में नहीं बैठा था। हेलिकॉप्टर ने जैसे ही उड़ान भरी, भारत की इंटेलिजेंस एजेंसियां सकते में आ गईं कि पाकिस्तान कोई साजिश तो नहीं करेगा। पढ़िए पूरी खबर... एपिसोड 2- बांग्लादेश को 10 हजार एकड़ ज्यादा जमीन दी:इंदिरा-मनमोहन बिल लाए तो BJP ने विरोध किया; 68 साल पुराना विवाद कैसे खत्म हुआ प्रधानमंत्री मोदी ने 2015 में बांग्लादेश के साथ लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट किया। इसके तहत भारत को सिर्फ 51 गांव मिले और बांग्लादेश को 111 गांव। करीब 10 हजार एकड़ ज्यादा जमीन बांग्लादेश को मिली। ये वो फैसला था जिसका विपक्ष में रहते बीजेपी विरोध करती आ रही थी, पर सत्ता में आते ही पीएम ने एक साल में ही इस समझौते पर मुहर लगा दी। पढ़िए पूरी खबर... शुक्रवार, 29 मार्च को फैसला सीरीज के चौथे एपिसोड में पढ़िए पीएम मोदी के एक और चौंकाने वाले फैसले की कहानी...
9 जून 2013 की घटना है। गोवा में बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का आखिरी दिन था। तब के पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह सबसे आखिर में भाषण देने आए। 25 मिनट तक राजनाथ ने सामान्य चुनावी बातें कीं और पार्टी नेताओं के बड़े दिल की तारीफ की। भाषण के आखिर में राजनाथ ने कहा कि मैंने फैसला किया है कि केंद्रीय स्तर पर भी सेंट्रल कैंपेन कमेटी बनाई जाए और मैं नरेंद्र मोदी को उस सेंट्रल कैंपेन कमेटी का चेयरमैन घोषित करता हूं। राजनाथ के भाषण का वीडियो... दरअसल, इस फैसले की सुगबुगाहट तो थी, लेकिन इस मीटिंग में ऐसी किसी घोषणा की उम्मीद नहीं थी। पार्टी के कई नेता इस फैसले से सहमत नहीं थे। मंच पर मोदी को देने के लिए गुलदस्ता तक नहीं था। ऐसे में राजनाथ ने किसी और को दिया हुआ गुलदस्ता उठाया और मोदी के हाथों में थमा दिया। इस ऐलान के साथ ही 2014 लोकसभा चुनाव के पूरे कर्ताधर्ता मोदी बन गए। राजनाथ सिंह की ये घोषणा नरेंद्र मोदी के भारत का प्रधानमंत्री बनने की दिशा में बड़ा कदम थी। हालांकि नरेंद्र मोदी ने इसकी तैयारी काफी पहले शुरू कर दी थी। 'मैं भारत का पीएम' सीरीज के 14वें और फाइनल एपिसोड में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की कहानी और उनसे जुड़े किस्से… गुजरात से नरेंद्र मोदी का राजनीतिक वनवास बीजेपी की सियासत में नरेंद्र मोदी का सीधा दखल तब शुरू हुआ जब 1987 में संघ ने उन्हें गुजरात का संगठन सचिव बनाया। उस समय गुजरात बीजेपी में शंकर सिंह वाघेला और केशुभाई पटेल का दबदबा था। 1995 के चुनाव में बीजेपी को बड़ी जीत मिली और केशुभाई सीएम बने। उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में वाघेला खेमे के किसी भी विधायक को जगह नहीं दी। इधर वाघेला भी पलटवार के लिए सही मौके की तलाश में थे। सितंबर 1995 में सीएम केशुभाई अमेरिका के दौरे पर गए और इधर वाघेला ने 55 विधायकों के साथ सरकार गिराने की साजिश रच डाली। मसला हल करने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी को अहमदाबाद जाना पड़ा। दो दिन तक मान-मनौवल चलता रहा। केंद्रीय नेतृत्व को शंकर सिंह वाघेला की 3 शर्तें माननी पड़ीं। सबसे बड़ी शर्त के मुताबिक केशुभाई को मुख्यमंत्री पद से हटाना पड़ा, वाघेला समर्थक विधायकों को मंत्री बना दिया गया और नरेंद्र मोदी को सूबे की सियासत से हटाकर दिल्ली में राष्ट्रीय सचिव बना दिया गया। 1995 से 1997 तक गुजरात में राजनीतिक उठा-पटक चलती रही। इस दौरान 3 मुख्यमंत्री बने, लेकिन कोई लंबे वक्त तक सरकार नहीं चला सका। आखिरकार 1998 के चुनाव में बीजेपी ने गुजरात विधानसभा में बड़ी जीत दर्ज की। 4 मार्च 1998 को केशुभाई पटेल दूसरी बार प्रदेश के सीएम बने। केशुभाई के कार्यकाल के दौरान गुजरात में भूकंप और सूखे ने भयंकर तबाही मचाई थी। उनका प्रशासन आपदा प्रबंधन में बुरी तरह नाकाम रहा था। संघ, केशुभाई के काम से खुश नहीं था। विश्व हिंदू परिषद के नेताओं से भी उनके रिश्ते अच्छे नहीं थे। वहीं नरेंद्र मोदी दिल्ली में रहकर गुजरात का रास्ता बना रहे थे। वो अक्सर संघ के हेडक्वॉर्टर 'केशव कुञ्ज' में देखे जाते। कहा जाता है कि नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में केशुभाई पटेल के खिलाफ माहौल बनाना शुरू किया। यहां तक कि उन्होंने दिल्ली में कुछ संपादकों से केशुभाऊ के खिलाफ नकारात्मक खबरें करने को कहा था। आउटलुक के संपादक विनोद मेहता ने अपने संस्मरण में ऐसी ही एक मुलाकात का जिक्र किया है। मेहता के मुताबिक, 'मैं पार्टी के दिल्ली ऑफिस में काम कर रहा था तभी नरेंद्र मोदी मेरे ऑफिस आए। वह कुछ कागज लाए थे जिनसे साबित होता था कि गुजरात के सीएम केशुभाई कुछ गलत कर रहे हैं।' मोदी की ये कोशिशें रंग लाईं और पार्टी नेतृत्व ने केशुभाई को सीएम पद से हटाने का फैसला किया। अब सवाल था कि नया सीएम किसे बनाया जाए। इसमें मोदी के आरएसएस, अटल और आडवाणी से रिश्ते काम आए। अटल बोले- पंजाबी खाना खाकर मोटे हो गए, दिल्ली छोड़कर गुजरात जाइए 1955 में गुजरात छोड़ने के 6 साल बाद 2001 में नरेंद्र मोदी की गुजरात वापसी हुई। केशुभाई पटेल को हटाकर उन्हें सीएम बनाया गया। इसका भी किस्सा इंट्रेस्टिंग है। एक इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी ने बताया, 'मुझे पीएम वाजपेयी ने बुलाया। उन्होंने मुझसे कहा कि पंजाबी खाना खा-खाकर आप मोटे हो गए हैं। आपको वजन कम करना चाहिए। यहां से जाइए, दिल्ली छोड़ दीजिए। मैंने पूछा कि कहां जाऊं? उन्होंने कहा- गुजरात जाइए, वहां आपको काम करना है। मुझे ये अंदाजा नहीं था कि अटल जी मुझे मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं।' मोदी को मुख्यमंत्री बने सालभर भी नहीं हुआ था कि 2002 में गुजरात में दंगे हो गए। इसमें करीब एक हजार लोगों की जान गई। दंगों के करीब 1 साल बाद विधानसभा चुनाव होने थे, लेकिन 3 महीने पहले ही करा लिए गए। इसमें मोदी की अगुवाई में बीजेपी ने कुल 182 में से रिकॉर्ड 127 सीटें जीत ली। मोदी दूसरी बार सीएम बने। इसके बाद 2007 में तीसरी बार और 2012 में चौथी बार गुजरात के सीएम बने। नरेंद्र मोदी ने खुद को गुजरात से बाहर भी प्रोजेक्ट करना शुरू किया बतौर सीएम अपने आखिरी कार्यकाल में मोदी ने पूरे गुजरात में सद्भावना यात्रा निकाली थी। उनके महत्वाकांक्षी इरादे पहली बार इस रैली के जरिए ही सामने आए। मोदी ने गुजरात में व्यापार को बढ़ावा देकर ‘गुजरात मॉडल’ को चर्चा में ला दिया था। मार्च 2012 में टाइम मैगजीन के कवर पेज पर 'मोदी मीन्स बिजनेस' शीर्षक वाली कवर स्टोरी छपी। 2009 से 2012 तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार रहे हरीश खरे अपनी किताब ‘हाउ मोदी वॉन इट’ में लिखते हैं, ‘मोदी ने बीजेपी के बाहर के अपने सभी सहयोगियों को आक्रामक रूप से सक्रिय करना शुरू कर दिया था। उन्होंने सबसे पहले कॉर्पोरेट जगत के लोगों को अपने पक्ष में किया। इसके बाद बाबा रामदेव और श्री श्री रविशंकर जैसी धार्मिक हस्तियों को अपने फेवर में कर लिया।' हरीश खरे लिखते हैं, 'ये वो वक्त था जब मोदी ने गुजरात का इस्तेमाल केंद्र की कांग्रेस सरकार पर हमले के लिए करना शुरू कर दिया था।’ नरेंद्र मोदी मनमोहन सरकार के भ्रष्टाचार, महंगाई, डॉलर के मुकाबले रुपए की गिरती कीमत पर बयान दे रहे थे। आडवाणी की नाराजगी के बावजूद 2014 में मोदी को बड़ी जिम्मेदारी 22 जनवरी 2013 को महाराष्ट्र में पूर्ति ग्रुप ऑफ कंपनीज पर इनकम टैक्स की रेड पड़ी। इसमें नितिन गडकरी का नाम भी आया। उन्हें बीजेपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा। नए अध्यक्ष बने राजनाथ सिंह। हरीश खरे के मुताबिक, ‘मोदी के लिए गडकरी की जगह राजनाथ का अध्यक्ष बनना फायदेमंद रहा, क्योंकि गडकरी की तुलना में उनके लिए राजनाथ को मैनेज करना आसान था।’ इतिहासकार और लेखक गौतम चिंतामणि अपनी किताब ‘राजनीति: ए बायोग्राफी ऑफ राजनाथ सिंह' में लिखते हैं, ‘अध्यक्ष बनने के कुछ हफ्ते बाद ही राजनाथ सिंह ये समझ चुके थे कि पार्टी कैडर के बीच मोदी को बीजेपी का नेतृत्व सौंपने का विचार मजबूत हो रहा है। हालांकि उन्हें पार्टी के अंदर मोदी के विरोध का भी अंदाजा था।' बीजेपी की एक बड़ी लॉबी नरेंद्र मोदी को चुनावी चेहरा बनाने के लिए लामबंद हो चुकी थी। उधर आडवाणी खेमे को इस बात का अंदाजा था कि जून 2013 में होने वाली गोवा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मोदी को लेकर कोई बड़ा ऐलान हो सकता है। इसके चलते आडवाणी समेत कई नेताओं ने इस बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया। गौतम चिंतामणि के मुताबिक, ‘इसी बीच बीजेपी गठबंधन की बरसों पुरानी सहयोगी पार्टी जेडीयू के मुखिया नीतीश कुमार ने राजनाथ को फोन किया और मोदी के नाम पर अपनी असहमति जताई। राजनाथ सिंह का कहना था कि बीजेपी का संसदीय बोर्ड मोदी को कुछ अतिरिक्त जिम्मेदारियां सौंपेगा। नीतीश इस पर भी नहीं माने।’ गौतम चिंतामणि लिखते हैं कि अगर बैठक में मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने के निर्णय पर आम सहमति न बनती और बैठक बेनतीजा रहती तो गलत मैसेज जाता। इसलिए राजनाथ ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। बैठक के लिए मोदी जब गोवा पहुंचे तो उनका जोरदार स्वागत हुआ। तब के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने मोदी का समर्थन किया। आखिरकार 9 जून को राजनाथ ने चुनाव समिति के अध्यक्ष के पद के लिए मोदी के नाम की घोषणा कर दी। आडवाणी का भावुक इस्तीफा, नीतीश ने गठबंधन तोड़ने की धमकी दी इस घोषणा के बाद नीतीश ने राजनाथ को फोन करके कहा कि उन्होंने गठबंधन से अलग होने का निर्णय ले लिया है। राजनाथ का कहना था कि चुनाव समिति की जिम्मेदारी देने के अलावा अभी कोई बड़ी घोषणा नहीं हुई है, लेकिन नीतीश कुमार के लिए उसी पल सब साफ हो गया था जब राजनाथ ने मोदी को ‘नेता’ कहा था। इधर आडवाणी अपने ब्लॉग में शरशैया पर लेटे भीष्म पितामह का जिक्र कर रहे थे। अगले ही दिन यानी 10 जून को आडवाणी ने पार्टी के सभी पदों से अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया। उन्होंने राजनाथ सिंह को पत्र में लिखा, 'पिछले कुछ समय से मैं अपने आप को पार्टी में सहज नहीं पा रहा हूं। मुझे नहीं लगता कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीन दयाल उपाध्याय और अटल बिहार वाजपेयी ने जिस पार्टी को बनाया, खड़ा किया, ये वही पार्टी है। बीजेपी दिशा भटक चुकी है। इस पत्र को मेरा इस्तीफा समझा जाए।' इसके बाद बीजेपी के बड़े नेताओं की आडवाणी के घर तक दौड़ शुरू हो गई। राजनाथ ने कहा, ‘मैं ये इस्तीफा स्वीकार नहीं कर सकता। मोदी को चुनाव प्रचार समिति का चेयरमैन बनाने का फैसला सबकी सहमति से लिया गया था। ये बदला नहीं जाएगा।’ आडवाणी के घर पहुंची सुषमा स्वराज ने कहा, ‘मैं उनके इस्तीफे से हैरान हूं।’ हालांकि ये भी भरोसा जताया कि वे आडवाणी को मना लेंगी। आडवाणी के करीबी माने जाने वाले वेंकैया नायडू, पार्टी के तब के महासचिव अनंत कुमार और प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी भी आडवाणी के घर पहुंचे। आडवाणी को मनाने की कवायद सफल हुई। 11 जून को संघ प्रमुख मोहन भागवत से फोन पर बात करने के बाद आडवाणी ने इस्तीफा वापस ले लिया। बीजेपी की इस रस्साकशी पर कांग्रेस कटाक्ष कर रही थी। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरीश रावत ने कहा, 'रक्तबीज से जब दूसरा रक्तबीज पैदा होता है तो वह ज्यादा ताकतवर होता है। सब बीजेपी नेता समझ रहे हैं कि अगर ये पहलवान (मोदी) दिल्ली आ गया तो हमारा क्या होगा।' आरएसएस की जरूरत ने मोदी के लिए दिल्ली का रास्ता खोला दिल्ली की सियासत में पैर जमाने में मोदी को संघ का सहयोग मिला। इसकी अपनी वजहें थीं। वरिष्ठ पत्रकार पीआर रमेश के मुताबिक, 15 मार्च 2013 को जयपुर में आरएसएस की बैठक में ही यह तय हो गया था कि 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे और उत्तर प्रदेश के एक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। 31 मार्च 2014 को ओपेन मैगजीन में रमेश ने इसके बारे में विस्तार से लिखा है। रमेश के मुताबिक, 'बीजेपी में आंतरिक कलह थी, संघ को लगा कि उसका दखल जरूरी है। कांग्रेस की हार सुनिश्चित करने के लिए नरेंद्र मोदी जैसा ऊर्जावान व्यक्तित्व संघ परिवार की पहली पसंद था। बावजूद इसके कि मोदी के संघ से अच्छे संबंध नहीं थे।' हरीश खरे कहते हैं, 'मोदी के लिए संघ का ये प्रेम अचानक नहीं उपजा था। 2010 से ही इसकी पृष्ठभूमि तैयार हो चुकी थी। संघ को चिंता थी कि UPA सरकार संघ के खिलाफ कार्रवाई करना चाहती थी। जुलाई 2010 में ये खबरें छपने लगी थीं कि जांच एजेंसियां कई मुस्लिम पूजा स्थलों पर हुए आतंकी हमलों में हिंदुओं के शामिल होने के सबूत जुटा रही हैं। 25 अगस्त 2010 को केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने पहली बार भगवा आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया था।' हरीश खरे के मुताबिक, ‘जब संघ 'भगवा आतंक' को लेकर असहज स्थिति में था, उसी वक्त मोदी, कथित इशरत जहां एनकाउंटर के मामले में असहजता का सामना कर रहे थे। ऐसा लग रहा था कि जांच एजेंसियां पहले अमित शाह और फिर खुद मोदी पर शिकंजा कसने जा रही थीं। शाह, मोदी के सबसे करीबी और वफादार साथी थे। उन्हें राज्य में गृहमंत्री का पद छोड़ना पड़ा था। 25 जुलाई 2010 को शाह गिरफ्तार हुए और कुछ दिन जेल में भी रहना पड़ा।’ इस सबके बीच मोदी की अगुआई में बीजेपी ने 2012 का गुजरात विधानसभा का चुनाव लड़ा। बीजेपी 182 में से 115 सीटों पर जीती। इस चुनाव से साफ हो गया कि कांग्रेस का सामना मोदी ही कर सकते हैं। हरीश लिखते हैं, ‘2014 के चुनाव में संघ का सीधा दखल दिखा। संघ ने न सिर्फ मोदी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने का रास्ता साफ किया, बल्कि कार्यकर्ताओं को भी निर्देश दिया गया कि वह बीजेपी के लिए पुरजोर मेहनत करें। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने विजयदशमी के भाषण में सौ प्रतिशत वोटिंग की अपील की। इमरजेंसी के बाद ये पहली बार था जब संघ युद्ध स्तर पर चुनाव अभियान में जुटा।’ गडकरी ने आडवाणी को फोन पर बताया- मोदी पीएम उम्मीदवार होंगे करीब तीन महीने बाद 13 सितंबर 2013 को बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। वरिष्ठ पत्रकार पीआर रमेश के मुताबिक, दोपहर करीब 3 बजे बोर्ड की बैठक के लिए आडवाणी अपने आवास से निकलने ही वाले थे कि गडकरी का फोन आ गया। उन्होंने बताया कि बैठक में नरेंद्र मोदी को पीएम पद का उम्मीदवार बनाए जाने पर फैसला लेना है। आडवाणी ने राजनाथ सिंह को एक पत्र में लिखा, 'मैंने आपको पहले ही बताया था कि मैं परेशान हूं। अब बेहतर होगा कि मैं बैठक में शामिल न होऊं।' लालकृष्ण आडवाणी को छोड़कर, 12 सदस्यीय बोर्ड का हर सदस्य इस बैठक में शामिल हुआ। इसमें नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। गौतम चिंतामणि के मुताबिक, ‘संघ और बीजेपी के नेता चाहते थे कि मोदी के नाम की घोषणा के वक्त आडवाणी बैठक में मौजूद रहें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आडवाणी का कहना था कि मोदी को उम्मीदवार बनाने से कांग्रेस के खिलाफ महंगाई और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे ठंडे बस्ते में चले जाएंगे और गुजरात के विवादास्पद सीएम का मुद्दा उछाला जाएगा।’ आडवाणी की 'शिष्या' सुषमा स्वराज ने भी अपनी आपत्तियां बोर्ड के सामने रखी थीं, लेकिन अरुण जेटली और वेंकैया नायडू जैसे नेताओं ने उन्हें समझा लिया। बाद में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुषमा एकजुटता दिखाते हुए मोदी के बगल में बैठीं। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ में उनके समकक्ष रमन सिंह ने ट्वीट करके मोदी की उम्मीदवारी का समर्थन किया। जेडीयू ने मोदी के नाम की घोषणा के बाद गठबंधन तोड़ दिया था। वहीं दूसरी सहयोगी पार्टी शिवसेना और अकाली दल ने इस फैसले का स्वागत किया। मोदी के लिए वाराणसी सीट नहीं छोड़ना चाहते थे मुरली मनोहर जोशी 27 फरवरी 2014 को बीजेपी ने लोकसभा सीट के उम्मीदवारों की घोषणा शुरू कर दी। बीजेपी नेताओं का कहना था कि मोदी दो सीटों से चुनाव लड़ेंगे- वाराणसी और वडोदरा। वाराणसी के मौजूदा सांसद मुरली मनोहर जोशी को इस बारे में आरएसएस के भैयाजी जोशी ने पहले ही बता दिया था, लेकिन जोशी अड़ गए कि उन्हें पार्टी ने व्यक्तिगत रूप से इस बारे में नहीं बताया है। गौतम चिंतामणि कहते हैं कि जोशी ड्रामा क्वीन की भूमिका में थे। बीजेपी के नेता उन्हें मनाते रहे, लेकिन वे अड़े रहे। आखिर में 13 मार्च 2014 को यूपी में बीजेपी के प्रभारी अमित शाह ने जोशी से साफ शब्दों में कहा कि उन्हें कानपुर से चुनाव लड़ना होगा। 15 मार्च को उम्मीदवारों की अगली सूची आई। इसमें वाराणसी के कॉलम के आगे लिखा था- नरेंद्र मोदी। 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी ने 282 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया। आखिर में 3 किस्से, जो मोदी को मोदी बनाते हैं… 1. गुजरात दंगों के बाद सवाल उठे, मोदी को लोकप्रियता और क्लीन-चिट दोनों मिली 7 अक्टूबर 2001 को नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने। 24 फरवरी 2002 को राजकोट-2 विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और करीब 14 हजार वोट से जीते। 27 फरवरी 2002 को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के S-6 कोच में आग लगी और 59 कारसेवकों की मौत हो गई। इसके बाद गुजरात के कई इलाकों में भीषण दंगा फैल गया। गुजरात दंगे की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 5 सदस्यों की एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई थी। जिसे दंगों से जुड़े 9 मामलों की जांच करनी थी। सुप्रीम कोर्ट ने SIT को गुजरात दंगों में नरेंद्र मोदी की भूमिका की जांच की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी। ये आदेश पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की शिकायत पर दिया गया था। SIT ने मोदी को 11 मार्च 2010 को एक नोटिस जारी किया, जिसमें उनको आरोपों पर जवाब देने के लिए बुलाया गया था। जांच के बाद फरवरी 2011 में SIT ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी। इस रिपोर्ट में मोदी को क्लीन चिट दी गई। जकिया जाफरी ने मोदी को क्लीन चिट देने के खिलाफ पिटीशन दायर की। 27 दिसंबर 2013 को कोर्ट ने जकिया की याचिका खारिज कर दी और SIT ने मोदी को क्लीन चिट देते हुए अपनी क्लोजर रिपोर्ट लगा दी। दूसरी तरफ दंगों के बाद दिसंबर 2002 में गुजरात विधानसभा चुनाव हुए और इस बार मोदी राजकोट-2 के बदले मणिनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े। इस बार जीत का अंतर 75 हजार से ज्यादा था। बीजेपी भी प्रचंड बहुमत से जीती। इसके बाद लगातार मोदी मणिनगर सीट से करीब 1 लाख वोट से जीतते रहे। 2. जब पीएम अटल ने राजधर्म की याद दिलाई, लेकिन मोदी ने बीच में टोक दिया 2002 के गुजरात दंगों के बाद प्रधानमंत्री अटल बिहारी गुजरात दौरे पर गए। पत्रकारों ने अटल से सवाल किया तो उन्होंने अपनी चिरपरिचित शैली में कहा, ‘मुख्यमंत्री के लिए मेरा सिर्फ एक संदेश है कि वह राजधर्म का पालन करें… राजधर्म… ये शब्द काफी सार्थक है। मैं उसी का पालन कर रहा हूं। पालन करने का प्रयास कर रहा हूं। राजा के लिए, शासक के लिए प्रजा-प्रजा में भेद नहीं हो सकता। न जन्म के आधार पर, न जाति के आधार पर, न संप्रदाय के आधार पर।’ तब उनके बगल में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी भी बैठे थे। बीच में ही नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘हम भी वही कर रहे हैं साहेब।’ इसके बाद वाजपेयी जी ने आगे कहा, ‘मुझे विश्वास है कि नरेंद्र भाई यही कर रहे हैं।’ एक और किस्सा 12 अप्रैल 2002 का है। गोवा में बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होनी थी। आडवाणी एक इंटरव्यू में बताते हैं कि गोवा के सफर में वे प्रधानमंत्री अटल के साथ थे। उनके अलावा विदेश मंत्री जसवंत सिंह और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अरुण शौरी भी जहाज में बैठे थे। गुजरात की चर्चा हुई तो जसवंत सिंह ने अटल से पूछा कि वह क्या चाहते हैं। अटल ने कहा, कम से कम इस्तीफे का ऑफर तो करते। (मोदी को कम से कम इस्तीफे की पेशकश करनी चाहिए थी) गोवा पहुंचने के बाद आडवाणी ने मोदी से कहा कि उन्हें इस्तीफे की पेशकश करनी चाहिए। बैठक में मोदी ने गोधरा और बाद के घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने अपने भाषण के आखिर में कहा, 'फिर भी सरकार के मुखिया के बतौर मैं अपने राज्य में जो कुछ हुआ है उसकी जिम्मेदारी लेता हूं। मैं अपना इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।' मोदी के इतना कहते ही, बैठक का हॉल 'इस्तीफा मत दो- इस्तीफा मत दो’ के शोर से गूंज उठा। वाजपेयी हालात समझ गए और बोले इस पर बाद में फैसला लेंगे। 3. मोदी के आने के बाद बीजेपी का अभूतपूर्व विस्तार मोदी के युग में बीजेपी ने संख्याबल, राज्यों में सरकार और वोट शेयर के मामले में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हासिल की है। मोदी युग से पहले बीजेपी ने 1999 के लोकसभा चुनाव में अधिकतम 182 सीटें जीती थीं। 2014 में नरेंद्र मोदी के कमान संभालने के बाद 282 सीटों के साथ पहली बार अकेले पूर्ण बहुमत हासिल किया। 2019 के लोकसभा चुनाव में सीटें बढ़कर 303 हो गईं। 2014 लोकसभा चुनाव के बाद तमाम राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने रिकॉर्ड जीत दर्ज की। 2018 तक 21 राज्यों की सत्ता में बीजेपी आ चुकी थी। बीजेपी ने 2014 के बाद अपना कैडर भी बढ़ाया। बीजेपी के मुताबिक 2015 में पार्टी के 11 करोड़ रजिस्टर्ड सदस्य थे। 2019 में जब बीजेपी का सदस्यता अभियान खत्म हुआ तो ये तादाद 7 करोड़ बढ़कर कुल 18 करोड़ हो गई थी। कार्यकर्ताओं के लिहाज से बीजेपी खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है। **** 'मैं भारत का पीएम' सीरीज का ये आखिरी एपिसोड था। 16 मार्च से शुरू हुई सीरीज में हमने भारत के सभी 14 प्रधानमंत्रियों के किस्से पेश किए। इसे आपने बेहद पसंद किया। इस सीरीज को अपने दोस्तों और परिजनों के साथ भी शेयर कीजिए। **** 'मैं भारत का पीएम' सीरीज के अन्य सभी एपिसोड यहां पढ़िए... एपिसोड-1: एक कागज की पर्ची से PM बने नेहरू:पटेल को चुनना चाहती थीं 80% कांग्रेस कमेटियां, लेकिन गांधीजी अड़ गए एपिसोड-2: रुआंसी इंदिरा बोलीं- अब आप मुल्क संभालिए:शास्त्री के पीएम बनने की कहानी, जो टहलते हुए लाहौर चले गए थे एपिसोड-3: फिरोज गांधी ने पत्नी इंदिरा से कहा- आप फासीवादी हो:'गूंगी गुड़िया' से आयरन लेडी बनीं पीएम इंदिरा के किस्से एपिसोड-4: लंबी उम्र के लिए खुद का मूत्र पीते थेः मोरारजी देसाई ने पीएम बनते ही इंदिरा का टाइम कैप्सूल क्यों खुदवा दिया एपिसोड-5: जब थानेदार ने PM से ली 35 रुपए रिश्वत:चौधरी चरण सिंह कैसे बने 5 महीने के PM; इंदिरा को गिरफ्तार करवाया एपिसोड-6: सुबह इंदिरा की हत्या, शाम को राजीव की पीएम शपथ:सोनिया गांधी ने रोका तो बोले- मैं वैसे भी मारा जाऊंगा एपिसोड-7: एक मुड़ा कागज लहराकर राजीव गांधी की कुर्सी छीनी:लालू के जरिए आडवाणी की रथयात्रा रुकवाई; PM वीपी सिंह के किस्से एपिसोड-8: चंद्रशेखर ने पाक PM से कहा- जाओ कश्मीर तुम्हारा:कांग्रेस विरोध में जीते, फिर भी राजीव ने PM क्यों बनवाया एपिसोड-9: प्रधानमंत्री, जिन्हें दिल्ली में अंतिम संस्कार की जगह नहीं मिली:सोनिया गांधी नाराज थीं; पीवी नरसिम्हा राव के किस्से एपिसोड-10: अटल कहते थे- कुंआरा हूं, ब्रह्मचारी नहीं:शराब की लत और मीटिंग्स में सोने की खबरें छपीं; अपने-पराए दोनों मुरीद थे एपिसोड-11ः लालू बोले- तुमको PM बनाकर गलती कर दी:एचडी देवगौड़ा को किस्मत से मिली कुर्सी; चलती मीटिंग में सो जाते थे एपिसोड-12: नींद से जगाकर प्रधानमंत्री बनाए गए गुजराल:संजय गांधी से बोले- तमीज से बात करें, आपका नहीं आपकी मां का मंत्री हूं एपिसोड-13: राहुल गुस्से में बोले- मां आप PM नहीं बनेंगी:मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री कैसे बने, जिन्हें राजीव ने कभी ‘जोकर’ कहा
Mandsaur Lok Sabha Seat: किसी को उम्मीद नहीं थी कि पहली बार चुनावी मैदान में उतर रहीं नई और युवा प्रत्याशी मीनाक्षी नटराजन आठ चुनाव जीतने वाले डा. पांडे का मुकाबला कर पाएंगी।
Aaj Ka Love Rashifal 29 March 2024: आपका दिन जोश से भरा हो सकता है। कोई आपके लिए खास है, आपके और करीब आ सकता है। आपका रिश्ता गंभीर हो सकता है। यह खुशी के लम्हे देगा।
MP Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश कांग्रेस ने चुनाव अभियान का खींचा खाका, केंद्रीय नेतृत्व की सहमति के लिए भेजा जा रहा प्रस्ताव।
पाकिस्तान में चीन की एक और कंपनी ने कामकाज किया बंद
इस्लामाबाद, 29 मार्च . पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में एक जलविद्युत परियोजना पर आत्मघाती हमले में पांच चीनी नागरिकों के मारे जाने के दो दिन बाद चीन की एक कंपनी ने इसी अशांत प्रांत में एक अन्य जलविद्युत परियोजना में निर्माण कार्य रोक दिया और सैकड़ों श्रमिकों को काम से …
चुनाव की निष्पक्षता पर अमेरिका चिंतित
अमेरिका ने केजरीवाल के अलावा कांग्रेस के बैंक खातों को सीज किए जाने से निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया पर चिंता जताई। The post चुनाव की निष्पक्षता पर अमेरिका चिंतित appeared first on Naya India .