उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधार वर्ष में संशोधन का प्रस्ताव किया
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आधार वर्ष में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है, ताकि उपभोग पैटर्न को सटीक रूप से बताया जा सके। केंद्र सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जयपुर में शुक्रवार को आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में यह जानकारी दी गई। कार्यशाला में उत्तर क्षेत्र के लद्दाख, जम्मू एवं कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और राजस्थान के लगभग 250 अधिकारियों और कर्मचारियों ने हिस्सा लिया। इसका उद्देश्य कंप्यूटर असिस्टेड पर्सनल इंटरव्यू प्लेटफॉर्म के माध्यम से डिजिटल डेटा संकलन प्रक्रिया को समझाना था, जो सीपीआई की नई शृंखला के लिए महत्वपूर्ण है। इस डिजिटल बदलाव से डेटा संकलन में सटीकता, दक्षता और समयबद्धता सुनिश्चित की जाएगी। कार्यशाला में मूल्य सांख्यिकी प्रभाग के निदेशक राम सजीवन ने बताया कि सीपीआई डेटा का उपयोग मौद्रिक नीति निर्धारण के साथ विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं तक में किया जाता है। सीपीआई आधार वर्ष में संशोधन सुनिश्चित करेगा कि मुद्रास्फीति के आंकड़े आम नागरिकों के वास्तविक खर्च और उपभोग की आदतों के अनुरूप हों, जिससे सरकार को नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। उत्तर अंचल के उप महानिदेशक डॉ. हरदीप सिंह चोपड़ा और क्षेत्रीय कार्यालय जयपुर के उप महानिदेशक डॉ. हंसराज यादव ने भी विचार व्यक्त किए। तकनीकी सत्र में सीएपीआई संचालन, प्रायोगिक डेटा प्रविष्टि अभ्यास और मूल्य संकलन की पद्धतियों पर गहन चर्चा की गई।
जरूरी चीजों के घट रहे दाम, अक्टूबर की खुदरा महंगाई दर में आएगी बड़ी गिरावट: रिपोर्ट
अक्टूबर की खुदरा महंगाई दर में 0.4 प्रतिशत से लेकर 0.6 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है। इसकी वजह जरूरी चीजों की कीमतों में कमी आना है। यह जानकारी शुक्रवार को जारी बैंक ऑफ बड़ौदा की एक रिपोर्ट में दी गई
चित्रकूट खनन विभाग को 56.61 करोड़ राजस्व मिला:पिछले वित्तीय वर्ष से 49.02% अधिक राजस्व की प्राप्ति
चित्रकूट के जिलाधिकारी पुलकित गर्ग ने 7 नवंबर को खनन विभाग के कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान विभाग ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में 56.61 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 49.02 प्रतिशत अधिक है। समीक्षा बैठक में अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व), उप प्रभागीय वनाधिकारी (वन प्रभाग चित्रकूट), खान अधिकारी और खान निरीक्षक उपस्थित रहे। अपर जिलाधिकारी ने राजस्व प्राप्ति के आंकड़े प्रस्तुत किए। खान अधिकारी ने बताया कि जनपद में नए खनन क्षेत्रों के व्यवस्थापन के प्रयास किए जा रहे हैं। इस पर जिलाधिकारी ने उप प्रभागीय वनाधिकारी को खनन विभाग के साथ संयुक्त जांच कर नए क्षेत्रों की पहचान करने के निर्देश दिए। खान अधिकारी ने अवगत कराया कि जनपद में खनिज लदे वाहन केवल 6 से 7 घंटे ही परिवहन कर पाते हैं, जिससे राजस्व प्रभावित होता है। जिलाधिकारी ने उपखनिजों के परिवहन के लिए वैकल्पिक मार्गों के संबंध में लोक निर्माण विभाग, चित्रकूट को निर्देशित किया। अवैध परिवहन की रोकथाम के लिए जनपद में दो चेक गेट स्थापित किए गए हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 330 वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 2.53 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है और तीन मामलों में प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज कराई गई है। जिलाधिकारी ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड (DMF) मद से किए गए कार्यों की भी समीक्षा की और खनन प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्य कराने के निर्देश दिए। उन्होंने टास्क फोर्स को नियमित चेकिंग बढ़ाने और अवैध खनन/परिवहन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए, ताकि कोई भी वाहन बिना वैध प्रपत्र के परिवहन न कर सके।

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