शुरुआती कारोबार में Share Bazaar में आई तेजी, Sensex 25980 के पार, Nifty में भी आया उछाल
Share Market Update News : शुरुआती कारोबार में आज शेयर बाजार में अच्छी तेजी देखी जा रही है। शुक्रवार को आई गिरावट के बाद आज सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ा उछाल आया है। शुरुआती सुस्ती के बाद अचानक आई खरीदारी से सेंसेक्स 659 अंक की छलांग लगाकर 84871 के ...
यमुनानगर जिले में साइबर अपराध का एक नया मामला सामने आया है, जहां कुवैत में तेल कंपनी में नौकरी करने वाले एक 39 वर्षीय इंजीनियर ऑनलाइन निवेश के नाम पर 14 लाख 10 हजार रुपए की ठगी का शिकार हो गया। पुलिस ने पीड़ित फतेहगढ़ के कपिल कुमार की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में कपिल ने बताया कि वह बीटेक (मैकेनिकल) की डिग्री धारक हैं और पिछले कई वर्षों से कुवैत की एक तेल कंपनी में इंजीनियर के रूप में कार्यरत है। लिंक भेजकर वॉट्सऐप नंबर से जोड़ा शेयर मार्केट में 5-6 साल से निवेश करने का अनुभव होने के बावजूद, फरवरी में गूगल सर्च के दौरान आईटीआई लिमिटेड कंपनी के लिंक पर क्लिक करने पर वह एक वॉट्सऐप नंबर से जुड़ गया। आरोपी ने उसे एक ट्रेडिंग टिप्स वाले वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ दिया और फर्जी वेबसाइट पर डीमैट अकाउंट खुलवाकर इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग का लालच दिया, जहां बड़े निवेश पर भारी मुनाफा मिलने और कभी भी पैसे निकालने का वादा किया गया। लालच में आकर उसने अप्रैल से मई तक विभिन्न यूपीआई आईडी और बैंक खातों में कुल 10 लाख 10 हजार रुपए ट्रांसफर किए, जिनमें एचडीएफसी, बैंक ऑफ बड़ौदा, नॉर्थ ईस्ट स्मॉल फाइनेंस बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक और कैनरा बैंक के खाते शामिल थे। फर्जी वेबसाइट व डीमैट अकाउंट किए गायब डीमैट अकाउंट में फर्जी प्रॉफिट दिखाकर उनका विश्वास बढ़ाया गया, जहां 29 लाख रुपए का बैलेंस नजर आया, लेकिन जब 27 मई को पैसे निकालने की कोशिश की, तो आरोपी ने 20 प्रतिशत शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स के नाम पर अतिरिक्त 4 लाख रुपए मांग लिए। 29 मई को यह राशि बंधन बैंक के खाते में ट्रांसफर करने के बाद भी पैसे नहीं मिले। इसके बाद आरोपी ने उसका नंबर ब्लॉक कर दिया और फिर फर्जी वेबसाइट व डीमैट अकाउंट गायब हो गया। इस प्रकार आरोपी ने उसके साथ 14.10 लाख रुपए का फ्रॉड किया। साइबर थाना पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
Lenskart IPO से होगी तगड़ी कमाई! चश्मा बनाने वाली कंपनी ने तय किया प्राइस बैंड
Lenskart IPO का कंपनी ने प्राइस बैंड तय कर दिया है, ये ₹382 से ₹402 प्रति शेयर तय किया गया है. इसकी फेस वैल्यू ₹2 प्रति शेयर होगी. लेंसकार्ट सॉल्यूशंस (Lenskart Solutions) का IPO 31 अक्टूबर को खुलेगा.
अडाणी ग्रुप की कंपनियों में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का निवेश भले ही सुर्खियों में हो, लेकिन हालिया आंकड़े कुछ और ही तस्वीर सामने ला रहे हैं। अरबपति गौतम अडाणी की यूनिट्स में कुछ सबसे बड़े निवेश LIC से नहीं, बल्कि प्रमुख अमेरिकी और ग्लोबल बीमा कंपनियों से आए हैं। आंकड़ों से खुलासा हुआ है कि जून 2025 में, अडाणी पोर्ट्स एंड SEZ में LIC के 5 हजार करोड़ रुपए के निवेश के एक महीने बाद, अमेरिकी एथेन इंश्योरेंस ने अडाणी के मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट में 6,650 करोड़ रुपए का निवेश किया। वैश्विक कर्जदाता जैसे डीबीएस बैंक, डीजेड बैंक, रोबोबैंक और बैंक सिनोपैक कंपनी ने भी अडाणी एनर्जी में करीब 25 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। एसएंडपी की अगस्त की रिपोर्ट के अनुसार, पहली छमाही में अपनी चार इकाइयों के लिए 10 अरब डॉलर की नई लोन सुविधाएं हासिल की हैं। दरअसल, वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट ने एलआईसी के निवेश के फैसलों में सरकारी दखल का आरोप लगाया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि LIC ने अडाणी ग्रुप में 3.9 अरब डॉलर यानी करीब 33 हजार करोड़ रुपए इन्वेस्ट किए। अडाणी ने वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट को गलत बताया अडाणी ग्रुप ने कहा है कि वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पूरी तरह गलत है। रीफाइनेंसिंग की जगह कंपनी ने जून में 45 करोड़ डॉलर का कर्ज समयपूर्व अदा किया। ग्रुप सीएफओ जुगेशिंदर सिंह ने कहा, फाइनेंस पर वॉशिंगटन पोस्ट का लिखना वैसा ही है जैसे मैं और जेफ बेजोस बालों पर आर्टिकल लिखें। LIC ने कहा कि अडाणी ग्रुप में किया गया निवेश, स्वतंत्र जांच और बोर्ड अप्रूवल के बाद हुआ है। LIC की इन्वेस्टमेंट वैल्यू 2014 के 1.56 लाख करोड़ रु. से बढ़कर 15.6 लाख करोड़ हो गया। LIC के पूर्व चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने कहा, सरकार कंपनी के निवेश निर्णयों में दखल नहीं देती। जीवन बीमा निगम के पास अडाणी के 4% शेयर भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी ने पिछले कुछ साल में विभिन्न कंपनियों में निवेश के फैसले लिए हैं। भारत की टॉप 500 कंपनियों में इसका निवेश मूल्य 2014 से 10 गुना बढ़कर 1.56 लाख करोड़ से 15.6 लाख करोड़ रुपए हो गया है। अडाणी ग्रुप में इसका निवेश ग्रुप के कुल 2.6 लाख रुपए के कर्ज के 2% से भी कम है। इसके अलावा, अडानी एलआईसी की सबसे बड़ी होल्डिंग नहीं है, बल्कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, आईटीसी और टाटा समूह हैं। LIC के पास अडाणी के 4% करीब 60,000 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर हैं, जबकि रिलायंस में 6.94% यानी करीब 1.33 लाख करोड़ रुपए, आईटीसी लिमिटेड में 15.86% 82,800 करोड़, एचडीएफसी बैंक में 4.89% 64,725 करोड़ और एसबीआई में 9.59% यानी 79,361 करोड़ के शेयर हैं। एलआईसी के पास टीसीएस में 5.02% हिस्सेदारी है, जिसका मूल्य 5.7 लाख करोड़ है। कांग्रेस ने संसदीय कमेटी से मामले की जांच की मांग की कांग्रेस ने अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि बीमा कंपनी ने अडाणी ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए मई 2025 में यह निवेश किया। पार्टी का कहना है कि ग्राहकों की मेहनत की कमाई का गलत इस्तेमाल किया गया। कांग्रेस ने संसद की पब्लिक अकाउंट्स कमेटी (PAC) से इसकी जांच की मांग की है। वहीं, TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर द वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पोस्ट की है, जिसके अनुसार गौतम अडाणी जब इस साल की शुरुआत में भारी कर्ज में डूबे थे, अमेरिका में घूसखोरी के आरोपों का सामना कर रहे थे तब केंद्र सरकार और LIC ने अडाणी ग्रुप में निवेश किया। अडाणी एशिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी गौतम अडाणी एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति हैं। फोर्ब्स के अनुसार उनकी नेटवर्थ 6.22 लाख करोड़ रुपए है। दुनिया के अमीरों की लिस्ट में वे 27वें नंबर पर हैं। अडाणी ग्रुप का साम्राज्य कोल ट्रेडिंग, माइनिंग, लॉजिस्टिक्स, पावर जेनरेशन, सीमेंट इंडस्ट्री और डिस्ट्रीब्यूशन तक फैला हुआ है।
निगम जारी करेगा 100 करोड़ का ग्रीन बॉन्ड; आम लोग नहीं, बड़े निवेशक ही खरीदेंगे
पिछले दो साल से चल रही नगर निगम की ग्रीन बॉन्ड जारी करने की प्रक्रिया को आखिरकार राज्य शासन की मंजूरी मिल गई है। राज्य शासन ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। अब जल्द ही नगर निगम बॉन्ड जारी करेगा। इससे मिलने वाले 100 करोड़ रुपए की राशि शंकर नगर में क्रिस्टल आर्किड के सामने व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स निर्माण समेत दो-तीन प्रोजेक्ट्स पर खर्च की जाएगी। इन प्रोजेक्ट्स से होने वाली आय के जरिए नगर निगम ग्रीन बॉन्ड खरीदने वाले लोगों को ब्याज के साथ उनका मूलधन चुकाएगा। राजधानी रायपुर में विकास कार्यों के लिए फंड की आवश्यकता को महसूस करते हुए नगर निगम ने दो साल पहले ग्रीन बॉन्ड जारी करने की घोषणा की थी। इसकी एक लंबी प्रक्रिया है। नगर निगम को सेबी में पंजीयन कराने के साथ राज्य शासन से इसके लिए मंजूरी लेनी पड़ी। केंद्र से मिलेंगे 13 करोड़ आत्मनिर्भर होने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से केंद्र सरकार रायपुर नगर निगम को बॉन्ड जारी करने के एवज में प्रोत्साहन राशि देगी। प्रति 100 करोड़ पर केंद्र सरकार 13 करोड़ प्रोत्साहन राशि देती है। निगम पूर्व में 200 करोड़ के बॉन्ड एक साथ जारी करने वाला था। इसे बाद में बदलकर 100 करोड़ किया गया। इसलिए केंद्र से निगम को अभी 13 करोड़ ही मिलेंगे। शर्तों के साथ शासन ने दी मंजूरी राज्य शासन ने नगर निगम को ग्रीन बॉन्ड की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी है। जारी आदेश के अनुसार राज्य शासन की ओर से इस बॉन्ड योजना की कोई गारंटी नहीं ली गई है। यानी यदि कभी ऐसी परिस्थिति बनती है कि निगम निवेशकों के ब्याज और मूलधन लौटाने में विफल रहता है तो इसके लिए राज्य शासन जवाबदेह नहीं होगा। सभी देनदारियां निगम की होगी। बॉन्ड से होने वाली आय दो प्रोजेक्ट्स पर होंगे खर्च निगम के अफसरों के अनुसार बॉन्ड बेचने से मिलने वाला फंड नगर निगम दो प्रोजेक्ट पर खर्च करेगा। इस राशि से शंकर नगर में क्रिस्टल आर्किड के सामने 8-10 मंजिला व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स तैयार किया जाएगा। निगम कॉम्प्लेक्स में दुकान, स्पेस इत्यादि की पहले से बुकिंग करेगा। यानी निर्माण के साथ-साथ व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स में दुकान, हाल और स्पेस लीज पर देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इससे नगर निगम को प्रोजेक्ट्स से तत्काल आय मिलनी शुरू हो जाएगी। इस आय को नगर निगम बैंक में जमा करेगा। इसके बाद निवेशकों को ब्याज और उनका मूलधन लौटाया जाएगा। जानिए, इसलिए कहा जाता है ग्रीन बॉन्ड नगर निगम की ओर से जारी होने वाला बॉन्ड ग्रीन बॉन्ड कहलाएगा। यानी इस बॉन्ड से मिलने वाले फंड का उपयोग नगर निगम ऐसे प्रोजेक्ट्स में करेगा, जिसमें बिजली बचाने और ग्रीनरी पर फोकस किया जाएगा। निगम के बनने वाले व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स में सोलर सिस्टम होंगे। बिल्डिंग ऊर्जा दक्षता नियमों के तहत बनेगी, जहां कम से कम बिजली की आवश्यकता होगी।
खत्म हुआ इंतजार! इस दिन आएगा चश्मा बनाने वाली कंपनी Lenskart का IPO, ₹2,150 करोड़ जुटाने का टारगेट
अरबपति इनवेस्टर और डीमार्ट के फाउंडर राधाकृष्ण दमानी ने चश्मा बेचने वाली कंपनी लेंसकार्ट सॉल्यूशंस में 90 करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट किया है. ये इनवेस्टमेंट दमानी की तरफ लेंसकार्ट का आईपीओ (IPO) आने से पहले हुआ है.
रायपुर नगर निगम अब शेयर मार्केट की तरह कमाई का जरिया बनेगा। शासन ने 100 करोड़ रुपए की म्यूनिसिपल बॉन्ड योजना को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है। इसके तहत आम नागरिकों को निगम की परियोजनाओं में निवेश करने का अवसर मिलेगा। खास बात यह है कि इस योजना में 10 रुपए से लेकर लाखों रुपए तक निवेश किया जा सकेगा। यानी छोटे निवेशक से लेकर बड़े निवेशक तक सभी को मुनाफा कमाने का मौका मिलेगा। म्यूनिसिपल बॉन्ड का मकसद म्यूनिसिपल बॉन्ड का मकसद शहरों के विकास कार्यों के लिए पूंजी जुटाना है, ताकि निगम अपने स्तर पर वित्तीय संसाधन बढ़ा सके और राज्य सरकार पर निर्भरता घटे। इस व्यवस्था से निगम के अधीन सड़कों, जलापूर्ति, सीवरेज, स्ट्रीट लाइट और ग्रीन जोन जैसी परियोजनाओं के लिए सीधे जनता से फंड जुटाया जाएगा। नगर निगम ने सरकार को भेजा था प्रस्ताव नगर निगम रायपुर ने शासन को बॉन्ड जारी करने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे अब स्वीकृति मिल गई है। बताया जा रहा है कि प्रारंभिक चरण में 100 करोड़ रुपए के बॉन्ड जारी किए जाएंगे। इसके तहत निगम को एक निर्धारित ब्याज दर पर निवेशकों को रिटर्न देना होगा। ब्याज दरें शेयर बाजार की तर्ज पर तय की जाएंगी, ताकि लोगों को आकर्षक मुनाफा मिल सके। पुणे, अहमदाबाद और इंदौर में सफल हो चुका मॉडल निगम अधिकारियों के अनुसार, इस पहल से निवेश के नए अवसर खुलेंगे और आम नागरिकों को भी विकास कार्यों में भागीदारी का मौका मिलेगा। नगर निगम का कहना है कि यह मॉडल देश के कई बड़े शहरों जैसे पुणे, अहमदाबाद और इंदौर में सफल साबित हुआ है, जहां नगर बॉन्ड जारी कर करोड़ों की राशि जुटाई गई। नगर निगम की वित्तीय स्थिति होगी मजबूत अधिकारियों के मुताबिक, रायपुर नगर निगम की वित्तीय स्थिति मजबूत है, इसलिए यह योजना निवेशकों के लिए भरोसेमंद साबित होगी। निगम बॉन्ड को सिक्योर (सुरक्षित) कैटेगरी में रखा जाएगा, यानी निवेशक को पूंजी की सुरक्षा और निश्चित ब्याज का आश्वासन रहेगा। राज्य शासन ने नहीं ली जिम्मेदारी राज्य शासन के अधिकारियों के अनुसार, म्यूनिसिपल बॉन्ड प्रणाली से न केवल स्थानीय निकायों की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी। वित्त विभाग ने निगम को इस योजना के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निगम को सेबी (SEBI) और आरबीआई (RBI) के नियमानुसार आवश्यक मंजूरी भी लेनी होगी। इसके साथ ही राज्य शासन की ओर से इस बॉन्ड योजना की कोई गारंटी नहीं दी जाएगी। इन म्यूनिसिपल बॉण्ड से संबंधित सभी देनदारियों नगर निगम रायपुर की होगी एवं राज्य शासन द्वारा किसी प्रकार का कोई Viability Gap Funding नहीं किया जावेगा। डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए बॉन्ड खरीदने की सुविधा इस प्रणाली के तहत निगम निवेशकों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए बॉन्ड खरीदने की सुविधा देगा। ऑनलाइन माध्यम से निवेश की प्रक्रिया पारदर्शी होगी। निवेशक अपने मोबाइल या कंप्यूटर से ही बॉन्ड खरीद और बेच सकेंगे। निगम इसके लिए एक समर्पित पोर्टल तैयार कर रहा है, जहां निवेश राशि, ब्याज दर और रिटर्न की जानकारी उपलब्ध रहेगी। बॉन्ड में लगने वाले पैसे इन्वेस्ट होगे इन प्रोजेक्ट्स में रायपुर नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि म्यूनिसिपल बॉन्ड से मिलने वाली पूंजी का उपयोग मुख्य रूप से अधोसंरचना और नागरिक सुविधाओं के विकास में किया जाएगा। इसमें स्मार्ट रोड, सोलर लाइटिंग, जल संरक्षण परियोजनाएं और कचरा प्रबंधन जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी। केंद्र सरकार से मिलेगा 25 प्रतिशत राज्य सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने म्यूनिसिपल बॉन्ड लॉन्च करने की तैयारियां शुरू कर दी है। केंद्र सरकार सब्सिडी के रूप में 25 प्रतिशत राशि नगर निगम को देगी। निगम 100 करोड़ की म्यूनिसिपल बॉन्ड पॉलिसी ला रहा है, इसके तहत निगम को 25 प्रतिशत यानि 25 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से मिलेगा, जिसका सीधा फायदा रायपुर नगर निगम का होगा। पढ़े आदेश की कॉपी ........................................ यह खबर भी पढ़ें... रायपुर निगम बजट...इलेक्ट्रॉनिक मार्केट और ट्रेड टावर बनेंगे:वर्किंग विमेंस हॉस्टल, युवाओं को हाईटेक लाइब्रेरी, दिव्यांग पार्क और बच्चों के लिए प्ले जोन बनाए जाएंगे रायपुर नगर निगम में मेयर मीनल चौबे ने 1529 करोड़ 53 लाख 28 हजार रुपए का बजट पेश कर दिया है। शहर में तीन जगहों पर वर्किंग विमेंस हॉस्टल और विमेन रेस्ट रूम बनाए जाएंगे, जिसमें सेनेटरी वेंडिंग मशीन और बेबी फीडिंग रूम भी होंगे। बच्चों के लिए प्ले जोन, युवाओं के लिए लाइब्रेरी का ऐलान किया गया है। पढ़ें पूरी खबर...
अडाणी समूह में LIC के निवेश प्लान पर उठे सवाल, क्या बोली बीमा कंपनी?
LIC Adani Group news in hindi : अडाणी समूह में LIC के निवेश प्लान पर वॉशिंगटन पोस्ट एक खबर से भारत में बवाल मच गया। कांग्रेस ने मामले को प्रधानमंत्री मोदी से जोड़ते हुए कहा कि मोदी का फंडा साफ है। जनता को तबाह करो, दोस्त की तिजोरी भरो। हालांकि ...
शांति पर करो निवेश, जंग पर नहीं: गुटेरेस की अपील
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दुनिया से अपील की है कि युद्ध पर नहीं, शांति और विकास पर खर्च बढ़ाया जाए।उन्होंने सुरक्षा परिषद में सुधार की जरूरत बताते हुए कहा अब समय है पारदर्शी और न्यायपूर्ण वैश्विक व्यवस्था बनाने का।
शेयर बाजार में कैसी रही निवेशकों की दिवाली, सेबी ने कसा म्यूचुअल फंड्स पर शिकंजा
Share market review Market ki Baat : भारतीय शेयर बाजार के लिए दीपावली वाला हफ्ता भी अच्छा रहा। हफ्ते में केवल 4 दिन कारोबार हुआ इसमें भी एक दिन मुर्हूत ट्रेडिंग थी। शेष 3 में से 2 दिन बाजार हरे निशान में बंद हुआ। इस तरह पिछले हफ्ते में सेंसेक्स 259 अंक बढ़ा जबकि निफ्टी में 89 अंकों की बढ़त दिखाई दी। जानिए मार्केट ट्रेड और निवेशकों के लिए कैसा रहेगा अगला सप्ताह। कैसी रही सेंसेक्स और निफ्टी की चाल : 20 अक्टूबर को सेंसेक्स 411 अंक चढ़कर 84,363.37 पर बंद हुआ। निफ्टी-50 भी 133 अंक की बढ़त के साथ 25,843 पर पहुंच गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर में जोरदार तेजी और सरकारी बैंकिंग शेयरों में बढ़त से बाजार चढ़कर बंद हुआ। 21 अक्टूबर को मुर्हूत ट्रेडिंग में शेयर बाजार हरे निशान में बंद हुआ। सेंसेक्स 63 अंक की तेजी के साथ 84,426 पर बंद हुआ। निफ्टी 26 अंक की तेजी के साथ 25,869 पर जा पहुंचा। 22 अक्टूबर को दीपावली के अवसर पर शेयर बाजार बंद रहे। 23 अक्टूबर को सेंसेक्स 130 अंक बढ़कर 84,556 अंक पर बंद हुआ वहीं निफ्टी भी 20 अंकों की बढ़त के साथ 25,889 पहुंच गया। 24 अक्टूबर को शेयर बाजार में निवेशकों ने मुनाफा वसूली की। सेंसेक्स 345 अंकों की गिरावट के साथ 84,212 पर था तो निफ्टी भी 96 अंक गिरकर 25,795 पर बंद हुआ। इन फैक्टर्स से तय हुई बाजार की चाल : भारतीय शेयर बाजारों में तेजी घरेलू कारणों के साथ ही वैश्विक स्तर पर आई सकारात्मक खबरों के कारण भी है। ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से निवेशकों का बाजार में विश्वास मजबूत हुआ। निवेशकों ने सोने चांदी की अपेक्षा शेयरों में निवेश किया। मंगलवार को मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान बाजार का सकारात्मक बंद होना भारतीय स्टॉक मार्केट की स्थिरता को दिखाता है। हफ्ते के आखिरी दिन बैंकिंग शेयरों में गिरावट से बाजार लाल निशान में बंद हुआ। प्री आईपीओ निवेश नहीं खरीद पाएंगे म्यूचुअल फंड्स : SEBI ने म्यूचुअल फंड्स को प्री-आईपीओ में सीधे निवेश से रोक दिया है। अब म्यूचुअल फंड्स केवल IPO के एंकर हिस्से या सार्वजनिक हिस्से में निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड्स सिर्फ ऐसे शेयरों में निवेश कर सकेंगे जो पहले से लिस्टेड हों या जल्द ही लिस्टेड होने वाले हों। अनलिस्टेड शेयरों में म्यूचुअल फंड्स का निवेश नियामक के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा। क्या कहते हैं एक्सपर्ट : बाजार एक्सपर्ट मनीष उपाध्याय ने कहा कि पिछले हफ्ते शेयर बाजार रेंज बाउंड रहा। शुक्रवार को बाजार में 3 दिन मुनाफा वसूली दिखाई दी। निवेशकों का रुझान सोने चांदी से हटकर फिर शेयरों में बढ़ा है। रियलिटी, ऑटो, बैंकिंग आदि सेक्टर्स में तेजी रहेगी। कंपनियों की सेल्स रिपोर्ट भी बाजार पर सकारात्मक असर डालेगी। आने वाले हफ्ते में सेंसेक्स में 600 से 700 और निफ्टी में 200 से 300 अंकों की बढ़त दिखाई दे सकती है। अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने फेसबुक के साथ मिलकर एक नई AI कंपनी बनाई है। दोनों कंपनियों ने इस जॉइंट वेंचर का नाम रिलायंस एंटरप्राइज इंटेलिजेंस लिमिटेड (REIL) रखा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शनिवार (25 अक्टूबर) को रेगुलेटरी फाइलिंग में इसका ऐलान किया। इस जॉइंट वेंचर में मुकेश अंबानी और मार्क जुकरबर्ग की कंपनियों ने मिलकर शुरुआती तौर पर 855 करोड़ रुपए का निवेश किया है। रिलायंस इंटेलिजेंस लिमिटेड ने फेसबुक की इंडियन आर्म के साथ मिलकर यह नई कंपनी बनाई है। यह नई कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) सर्विसेज को डेवलप करने, मार्केटिंग करने और बेचने पर काम करेगी। REIL में किसकी कितनी हिस्सेदारी? इस कंपनी का मकसद क्या है? अगस्त में रिलायंस की एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में इस जॉइंट वेंचर का ऐलान किया था। REIL का फोकस मेटा के ओपन-सोर्स लामा मॉडल्स और रिलायंस की बिजनेस पहुंच का इस्तेमाल करके अलग-अलग सेक्टर्स के लिए AI टूल्स तैयार करना होगा। REIL दो मेजर प्रोडक्ट्स पर काम करेगी - लामा-बेस्ड AI मॉडल्स बनाने की एक्सपर्टीज देगा मेटा मेटा इस पार्टनरशिप में लामा-बेस्ड AI मॉडल्स बनाने की टेक्निकल एक्सपर्टीज देगा। वहीं रिलायंस अपने डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और भारत की हजारों कंपनियों और छोटे बिजनेस तक पहुंच का फायदा उठाएगा। ये AI सॉल्यूशंस क्लाउड, ऑन-प्रिमाइसेस और हाइब्रिड एनवायरनमेंट में इस्तेमाल किए जा सकेंगे, और इनका मकसद कंपनियों के लिए लागत को कम करना होगा। REIL को कोई सरकारी मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ी रिलायंस की फाइलिंग के मुताबिक, REIL का फॉर्मेशन रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन के तहत नहीं आता है और न ही रिलायंस के प्रमोटर्स या ग्रुप कंपनियों का इसमें कोई निजी हित है। साथ ही इस कंपनी को बनाने के लिए किसी सरकारी या रेगुलेटरी मंजूरी की जरूरत नहीं पड़ी है। इस पार्टनरशिप से भारत के बिजनेस को AI टेक्नोलॉजी का फायदा आसानी से मिल सकेगा। रिलायंस की मार्केट पहुंच और मेटा की टेक्नोलॉजी छोटे-बड़े बिजनेस को और स्मार्ट और किफायती बनाने में मदद करेगा। ये खबर भी पढ़ें... रिलायंस इंडस्ट्रीज का मुनाफा 16% बढ़कर ₹22,146 करोड़ हुआ: दूसरी तिमाही में कमाई ₹2.63 लाख करोड़ रही, कंपनी का रेवेन्यू 10% बढ़ा मार्केट वैल्यू के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही में कुल कमाई (टोटल इनकम) 263,380 करोड़ रुपए रही। यह पिछले साल के मुकाबले करीब 10% ज्यादा है। पिछले साल की पहली तिमाही में कंपनी ने 2,40,357 करोड़ रुपए की कमाई की थी। पूरी खबर पढ़ें...
सिर्फ 1000 रुपए में सोने में निवेश का मौका; जानिए गोल्ड ETF का फॉर्मूला
अगर आप सोने के गहनों या सिक्कों में निवेश नहीं करना चाहते, तो गोल्ड ईटीएफ आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह न सिर्फ सुरक्षित है, बल्कि कम रकम से भी सोने में निवेश का मौका देता है।
SEBI का बड़ा एक्शन, प्री-IPO प्लेसमेंट में निवेश नहीं कर पाएंगे म्यूचुअल फंड्स
SEBI ने कहा कि म्यूचुअल फंड अब केवल एंकर इनवेस्टर वाले हिस्से या IPO के पब्लिक इश्यू में ही निवेश कर सकेंगे.
बालोतरा के पचपदरा-बालोतरा में एचपीसीएल राजस्थान रिफाइनरी लिमिटेड में शीघ्र ही कॉमर्शियल प्रॉडक्शन शुरू होने जा रहा है। अब इससे निकलने वाले डाउनस्ट्रीम उत्पादों का उपयोग करने वाले उद्योग यहां लगाए जाएंगे। ऐसे में रिफाइनरी के निकट रीको की ओर से स्थापित राजस्थान पेट्रो जोन (आरपीजेड) में भी उद्यमियों का रुझान बढ़ रहा है। इसे देखते हुए रीको ने आरपीजेड में भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। रिफाइनरी से निकलने वाला डाउनस्ट्रीम प्रॉडक्ट का उपयोग आरपीजेड में लगने वाले उद्योगों में ही कच्चे माल के रूप में हो सकेगा। इसके लिए उद्यमी रीको से लगातार संपर्क कर रहे हैं। असल में लंबे समय से आरपीजेड को लेकर संशय की स्थिति बनी हुई थी। अब भूखंडों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही कई एंसिलरीज के आने से स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ सकेंगे। पॉलीमर के 11 उद्योगों को जमीनें दींप्रत्यक्ष आवंटन योजना-2025 के तहत पॉलिमर-आधारित उद्योगों के लिए 11 भूखंडों के ऑफर लेटर भी जारी कर दिए गए हैं। इसमें लगभग 65 करोड़ रुपए का निवेश होगा। इसके अतिरिक्त 25 अन्य उद्यमियों ने भी राजस्थान सरकार के साथ राइजिंग राजस्थान के तहत पेट्रोकेमिकल एवं प्लास्टिक उद्योग लगाने के लिए एमओयू किये हैं। इन एमओयू से राज्य में करीब 200 करोड़ रुपए का निवेश होगा तथा स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा। प्लग व प्ले फैक्ट्री शेड भीऐसे उद्यमी जिनके पास पेट्रोकेमिकल एवं केमिकल्स में टेक्निकल योग्यता तो है परंतु पूंजी की उपलब्धता नहीं है, उनके लिए रीको आरपीजेड में ही प्लग एवं प्ले फैक्ट्री शेड भी बना रहा है। इससे इस तरह के तकनीकी उद्यमी अपना उद्योग शुरू कर सकेंगे। रीको ऐसे करीब 8 प्लग एवं प्ले फैक्ट्री शेड्स का आरपीजेड में निर्माण कर रहा है। एक शेड की कीमत करीब 3 करोड़ रुपए है। इन उद्योगों के लिए फीड-स्टॉक की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। रिफाइनरी से 12 किलोमीटर की दूरी राजस्थान पेट्रो जोन रिफाइनरी से मात्र 12 किमी की दूरी पर स्थित है। अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेसवे और राष्ट्रीय राजमार्ग 25 से जुड़ा हुआ है। इस परियोजना से प्लास्टिक व पॉलीमर प्रोसेसिंग, रबड़ व पीयू मैन्युफैक्चरिंग, टेक्निकल टैक्सटाइल, रसायनिक एवं फार्मास्यूटिकल जैसे उद्योगों के जरिये राज्य में बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित होने की उम्मीद है। यह सभी उद्योग प्रोपलीन, बेंजीन, टॉल्यूइन और ब्यूटाडाइन जैसे फीड-स्टॉक का उपयोग करेंगे। पेट्रो जोन के पहले चरण में LLDPE और HDPE जैसे कच्चे माल पर आधारित डाउनस्ट्रीम उद्योगों की स्थापना पर विशेष ध्यान रहेगा। आरपीजेड विकसित होने से रिफाइनरी से निकलने वाले उत्पादों का बेहतर इस्तेमाल यहीं पर हो सकेगा।
DMart वाले दमानी जी ने लेंसकार्ट पर खेला बड़ा दांव, IPO से पहले ही कर दिया इतना निवेश
Radhakishan Damani Investment: लेंसकार्ट की तरफ से आईपीओ को लेकर तेजी से काम हो रहा है. आईपीओ के जरिये जुटाए जाने वाले पैसे का यूज कंपनी नए स्टोर खोलने के साथ ही टेक्नोलॉजी और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिये करेगी.
सोना-चांदी के दामों में भारी गिरावट ; निवेशकों की बेचैनी ने लिया नया रुख
दिवाली के बाद सोने-चांदी की चमक फीकी पड़ गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर की मजबूती, मुनाफावसूली और कम मांग की वजह से यह गिरावट आई है।
लाल निशान में बंद हुआ बाजार; निवेशकों के चेहरों पर छाई मायूसी!
भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के आखिरी दिन लाल निशान में फिसल गया। बैंकिंग और फाइनेंशियल शेयरों में भारी बिकवाली से सेंसेक्स 344 अंक टूट गया, जबकि निफ्टी भी करीब 100 अंक नीचे बंद हुआ।
Share Bazaar की तेजी पर लगा विराम, Sensex 345 अंक टूटा, Nifty में भी आई गिरावट
Share Market Update News : शेयर बाजार में आज 6 दिनों की बढ़त के बाद गिरावट दर्ज की गई। इस बीच 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 344.52 अंक या 0.41 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,211.88 पर बंद हुआ। वहीं 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 96.25 अंक या 0.37 प्रतिशत ...
सहरसा से BJP के निवर्तमान विधायक डॉ.आलोक रंजन ने चौथी बार विधानसभा सीट के लिए चुनावी मैदान मे है। वे बीते 16 अक्टूबर को नामांकन पत्र दाखिल करते हुए 51 वर्षीय डॉ. आलोक रंजन ने एफिडेविट में अपनी और पत्नी की संपत्ति का ब्यौरा प्रस्तुत किया। एफिडेविट के अनुसार, डॉ.आलोक रंजन के पास कुल 4 करोड़ 31 लाख 16 हजार 692 रुपये की चल-अचल संपत्ति है, जबकि उनकी पत्नी के पास 3 करोड़ 2 लाख 66 हजार 822 रुपये की चल एव अचल संपत्ति दर्ज है। मधेपुरा से PHD हैं आपके नेता... सहरसा के भारतीय नगर वार्ड संख्या 35 के निवासी डॉ. आलोक रंजन ने अपनी शैक्षणिक योग्यता भी बताई। उन्होंने 1989 में मैट्रिक, 1994 में स्नातक और 2007 में बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। चल संपत्ति की बात करें, तो डॉ. रंजन के पास 1 करोड़ 81 लाख रुपये की संपत्ति है,जिसमें 71,158 रुपये नकद, 6.91 लाख रुपये की क्रेटा कार, 2.40 लाख रुपये का सोना, 30 हजार रुपये की चांदी और एक पिस्टल शामिल है। आइए जानें, पत्नी की संपत्ति उनकी पत्नी के पास 2 करोड़ 77 लाख रुपये की चल संपत्ति है। इसमें 15.12 लाख रुपये नकद, 7.50 लाख रुपये मूल्य का 250 ग्राम सोना और 2.10 लाख रुपये मूल्य की 350 ग्राम चांदी शामिल है। निवेश के मोर्चे पर, डॉ. रंजन ने व्यापार में 40.91 लाख रुपये और शेयर बाजार में 18.32 लाख रुपये का निवेश किया है। उनकी पत्नी का व्यापार में 63.22 लाख रुपये और शेयर बाजार में 1.20 करोड़ रुपये का निवेश है। ये है अचल संपत्ति... अचल संपत्ति के रूप में डॉ. रंजन के पास कहरा में 3.76 एकड़ कृषि भूमि (70 लाख रुपये), सुलिंदाबाद में 2.40 एकड़ गैर-कृषि भूमि (11 लाख रुपये) और भारतीय नगर में 2400 वर्गफुट का एक मकान (1.68 करोड़ रुपये) है। उनकी कुल अचल संपत्ति का मूल्य 2.49 करोड़ रुपये है। उनकी पत्नी के पास सरायकेला (झारखंड) में 0.082 एकड़ भूमि है, जिसकी कीमत 25 लाख रुपये है। हलफनामे के अनुसार, डॉ. रंजन पर 1.85 करोड़ रुपये और उनकी पत्नी पर 1.58 करोड़ रुपये का ऋण भी दर्ज है।
कोटपूतली-बहरोड़ जिले में जल्द ही प्रदेश का पहला ई-बस मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट लगाया जाएगा। राज्य सरकार ने नीमराणा तहसील के घिलोठ औद्योगिक क्षेत्र में इलेक्ट्रिक बस मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट के लिए 65.56 एकड़ भूमि का आवंटन किया है। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में हुए एमओयू के तहत निजी क्षेत्र की कंपनी पीएमआई इलेक्ट्रो मॉबिलिटी सॉल्यूशन्स प्रा. लिमिटेड को रीको के माध्यम से यह भूमि आवंटित की गई है। इस प्लांट में शुरुआत में लगभग 1200 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। ई-बसों के अलावा यहां बस बॉडी, मोटर, बैटरी, वायर हार्नेस तथा अन्य स्पेयर पार्ट्स का भी निर्माण किया जाएगा। मुख्यमंत्री बोले- हरित परिवहन को मिलेगा बढ़ावामुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर पीएमआई इलेक्ट्रो मॉबिलिटी सॉल्यूशन्स के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। वहीं जल्द भूमि आवंटन के लिए सीएम का आभार जताया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और बुनियादी सेवाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार फैसले ले रही है। उन्होंने कहा कि यह प्लांट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया संकल्प को साकार करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। इससे राज्य के औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी और इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण क्षेत्र में राजस्थान देश का महत्वपूर्ण केंद्र बनकर उभरेगा। युवाओं को इलेक्ट्रो मॉबिलिटी क्षेत्र का दिया जाएगा प्रशिक्षण मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को इलेक्ट्रो मॉबिलिटी क्षेत्र का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उनके लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर बनेंगे। उन्होंने कहा कि ई-बसों के संचालन से राज्य में ग्रीन एनर्जी और हरित परिवहन को बढ़ावा मिलने के साथ ही शहरी परिवहन सेवा भी सुगम होगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री कार्यालय के उच्चाधिकारियों सहित पीएमआई इलेक्ट्रो मॉबिलिटी सॉल्यूशन्स के प्रबंध निदेशक सतीश कुमार जैन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. आंचल जैन, कार्यकारी निदेशक गजेंद्र यादव, निदेशक दीपांशु द्विवेदी और प्लांट हैड हरीश यादव उपस्थित रहे। यह भी पढ़ें : देश के टॉप-10 प्रदूषित शहरों में राजस्थान का भिवाड़ी भी:दीपावली के बाद जहरीली हुई हवा, 300 के पार पहुंचा AQI लेवल दीपावली के बाद आज (मंगलवार) राजस्थान की हवा जहरीली हो गई है। देश के टॉप-10 प्रदूषित शहरों में प्रदेश का भिवाड़ी (खैरथल-तिजारा) भी शामिल है। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का लेवल 300 के पार (रेड जोन) चला गया है। जयपुर, अजमेर, अलवर सहित कई अन्य शहरों की भी स्थिति ठीक नहीं है। यहां का AQI लेवल 200 के पार है। (पूरी खबर पढ़ें)
दिवाली के मौके पर उत्तर प्रदेश के रियल एस्टेट मार्केट में जबरदस्त बूम देखने को मिला। सरकारी जमीन की ई-नीलामी में लोगों ने दिल खोलकर बोली लगाई और आवास विकास परिषद ने अकेले दिवाली की नीलामी में 850 करोड़ रुपए की संपत्ति बेच डाली। इससे पहले दशहरे पर हुई ई-नीलामी में भी 1178 करोड़ की रिकॉर्ड बिक्री हुई थी। यानी सिर्फ दो बड़े मौकों पर ही 2000 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी बिक गई। अब तक इस साल कुल मिलाकर करीब 2500 करोड़ रुपए की सरकारी जमीनें बिक चुकी हैं। आईटी हब की तरफ तेज़ी से बढ़ रहा लखनऊ लखनऊ अब सिर्फ नवाबों का शहर नहीं रहा, यहां अब टेक्नोलॉजी की हवा भी बहने लगी है। आईटी सिटी के विस्तार के लिए जमीनें चिह्नित कर दी गई हैं। वृंदावन योजना के तहत 10,000 से लेकर 85,000 वर्गमीटर तक के प्लॉट्स की तैयारी हो चुकी है। आने वाले वक्त में यहां बड़े-बड़े आईटी ऑफिस नजर आ सकते हैं। गाजियाबाद से कानपुर तक प्रॉपर्टी की बहार लखनऊ ही नहीं, गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, आगरा और कानपुर जैसे बड़े शहरों में भी जमीनों की ऑनलाइन बोली (ई-नीलामी) लगातार चल रही है। लोग रेसिडेंशियल और कमर्शियल दोनों तरह की प्रॉपर्टी में जमकर इन्वेस्ट कर रहे हैं।
रियल एस्टेट निवेश: लंबे समय तक सुरक्षित विकल्प या बदलता समीकरण?
भारत में रियल एस्टेट दशकों से निवेशकों के लिए सबसे भरोसेमंद विकल्प माना जाता रहा है। “अपना घर” न...
काजोल ने किया रियल एस्टेट में निवेश, खरीदी इतने करोड़ की कमर्शियल प्रॉपर्टी
बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल ने इंडस्ट्री में एक अलग मुकाम हासिल किया है। काजोल भले ही फिल्मों में कम नजर आती हो, लेकिन वह सुर्खियों में बनी रहती हैं। काजोल ने अब एक्टिंग के साथ-साथ रियल एस्टेट में भी कदम रख दिया है। काजोल ने मुंबई के गोरेगांव वेस्ट ...
जानिए क्यों पैन इंडिया सुपरस्टार प्रभास पर है 2100 करोड़ रुपए निवेश
पैन इंडिया सुपरस्टार प्रभास अपने करियर के शानदार दौर से गुजर रहे हैं, और निर्विवाद रूप से अखिल भारतीय सुपरस्टार के रूप में अपनी जगह पक्की कर रहे हैं। बाहुबली, सलार, कल्कि 2898 एडी जैसी बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाने वाली फिल्मों के साथ, उन्होंने भारतीय ...
खतरों के खिलाड़ी सीजन 14 के कंटेस्टेंट अभिषेक कुमार जिन्होंने बिग बॉस 17 में अपने कार्यकाल से काफी लोकप्रियता हासिल की, अपने आकर्षक व्यक्तित्व से लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं। विवादित रियलिटी शो में उनकी भागीदारी ने उन्हें स्टार बना दिया और उन्हें रातोंरात सफलता दिलाई। अभिषेक जो वर्तमान में रोहित शेट्टी के शो खतरों के खिलाड़ी 14 में हैं, ने साझा किया कि वह एक प्रोडक्शन हाउस खोलना चाहते हैं। इसे भी पढ़ें: Kartik Aaryan का खुलासा, Pyaar Ka Punchnama की सफलता के बावजूद उनके पास ‘कोई ऑफर नहीं था, कोई पैसा नहीं था ईटाइम्स टीवी के साथ एक इंटरव्यू में, अभिषेक ने खुलासा किया कि वह भविष्य के लिए पैसे बचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता चाहते हैं कि वह मुंबई में एक घर खरीदें, लेकिन वह एक व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। अभिषेक ने कहा कि वह एक उद्यमी बनना चाहते हैं और उनके बड़े सपने हैं जिन्हें वह हासिल करना चाहते हैं। अभिषेक कुमार मुंबई में घर नहीं खरीदना चाहते इंटरव्यू में, अभिषेक ने कहा कि उन्होंने पैसे बर्बाद करना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह मुंबई में घर नहीं खरीदना चाहते क्योंकि शहर काफी महंगा है और कहा कि किराए पर रहना एक समझदारी भरा फैसला है। उन्होंने यहां तक कहा कि घर खरीदने में बड़ी रकम लगाने और फिर हर महीने लोन के रूप में बैंक को बड़ी EMI चुकाने का कोई मतलब नहीं है। इसे भी पढ़ें: Karan Johar को कोर्ट से मिली राहत, फिल्म Shaadi Ke Director Karan Aur Johar की रिलीज परह लगी रोक अभिषेक ने कहा कि वह अपना पैसा निवेश करना चाहते हैं और उस पर ब्याज पाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह रवि दुबे और सरगुन मेहता की तरह एक प्रोडक्शन हाउस स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि उनका परिवार चंडीगढ़ में घर खरीदे, लेकिन मुंबई में नहीं क्योंकि वे वहीं रह सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह पैसे बचाना चाहते हैं और कोई दूसरा व्यवसाय शुरू करने में निवेश कर सकते हैं। KKK 14 की बात करें तो शिल्पा शिंदे शो से बाहर हो गईं। एक यूट्यूब चैनल के अनुसार, सनी वरुण ने बात की, गश्मीर, करणवीर, अदिति और अभिषेक ने निष्कासन स्टंट किया।
कंगना रनौत के किस बयान पर भड़की CISF की महिला जो सरेआम एक्ट्रेस को जड़ दिया थप्पड़, जानिए पूरा मामला
चंडीगढ़: हिमाचल की मंडी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी सांसद एवं एक्ट्रेस कंगना रनौत से चंडीगढ़ हवाईअड्डे पर बदसलूकी के पश्चात् हंगामा मचा हुआ है. दरअसल, 6 जून को कंगना दिल्ली जाने के लिए चंडीगढ़ हवाईअड्डे पर पहुंची थीं. तभी सिक्योरिटी चेक के पश्चात् CISF की एक महिला जवान कुलविंदर कौर ने उनको थप्पड़ मार दिया. हालांकि CISF की अपराधी महिला कर्मी को निलंबित कर दिया गया है तथा उनके खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि CISF की जवान ने थप्पड़ क्यों मारा, तो इसका जवाब है कंगना का 4 वर्ष पुराना एक ट्वीट. कंगना रनौत ने इस ट्वीट में 3 कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन के चलते पंजाब की 80 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला किसान की गलत पहचान करते तथा उन्हें बिलकिस बानो कहा था. कंगना ने जो ट्वीट किया था उसमें एक वृद्ध महिला नजर आ रही थीं, जो भले ही झुककर चल रही थीं, लेकिन उन्होंने किसान आंदोलन का झंडा बुलंद किए हुए था. उनका नाम मोहिंदर कौर था. कंगना ने मोहिंदर कौर की फोटो को ट्वीट करते हुए लिखा था कि ''हा हा. ये वही दादी हैं जिन्हें टाइम मैगज़ीन की 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में सम्मिलित किया गया था.... और ये 100 रुपये में उपलब्ध हैं. हालांकि कंगना रनौत ने बाद में ये ट्वीट डिलीट कर दिया था. बता दें कि कंगना ने जिस बिलकिस बानो का जिक्र किया था, वह 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला हैं तथा उन्होंने दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में CAA प्रोटेस्ट के चलते अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी थीं. कंगना के इस बयान को लेकर CISF की महिला जवान भड़की हुई थी. चंडीगढ़ हवाईअड्डे पर कंगना से बदसलूकी का वीडियो सामने आया था, इसमें CISF की यह जवान कहती नजर आ रही है कि 'इसने बोला था किसान आंदोलन में 100-100 रुपये में महिलाएं बैठती थीं. वहां मेरी मां भी थी'. राहुल गांधी ने भाजपा पर लगाया शेयर बाजार में हेराफेरी का आरोप, बताया देश का सबसे बड़ा घोटाला उत्तर भारत में भीषण गर्मी का कहर जारी, यूपी के कुछ क्षेत्रों में राहत की उम्मीद बिहार के गया जिले में भीषण सड़क हादसा, तीन लोगों की मौत

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