टाटा मोटर्स की हाल ही में लॉन्च हुई SUV सिएरा भारत में सबसे ज्यादा माइलेज वाली पेट्रोल कार बन गई है। कार ने इंदौर के नेट्रैक्स टेस्ट ट्रैक पर 30 नवंबर को हुए टेस्ट में 29.9kmpl का माइलेज हासिल किया, जो फ्यूल एफिशिएंसी का नया रिकॉर्ड है। इससे पहले ये रिकॉर्ड फॉक्सवैगन टाइगुन (29.8kmpl) के नाम था। हाइपरियन पेट्रोल इंजन वाली इस SUV ने लगभग 800 किमी की दूरी तय की, जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया। यही नहीं कार ने 222kmph की टॉप स्पीड भी हासिल की। नेट्रैक्स ट्रैक पर लगातार 12 घंटे चलाई कार नेट्रैक्स ट्रैक पर टेस्ट 30 नवंबर को किया गया। इसमें पिक्सल मोशन की टीम के प्रोफेशनल ड्राइवर्स ने कार को सुबह 7 से शाम 7 बजे तक लगातार 12 घंटे तक चलाया गया। हालांकि, ड्राइवर बदलने के लिए छोटे-छोटे ब्रेक लिए गए, लेकिन बाकी समय कार लगातार चलती रही। टेस्ट के लिए नेट्रैक्स का बंद ट्रैक इस्तेमाल किया गया, जहां ट्रैफिक, सिग्नल या रोड की खराबी जैसी परेशानियां नहीं थीं। एवरेज स्पीड 65-70kmph रखी गई, ताकि इंजन अपने बेस्ट RPM रेंज में काम कर सके। कुल दूरी करीब 800 किलोमीटर रही। टाटा ने कहा है कि ये आंकड़े कंट्रोल्ड कंडीशंस में हैं, रियल-वर्ल्ड में माइलेज कम हो सकता है। टाटा का नया 1.5 लीटर हाइपरियन टर्बो-पेट्रोल इंजन टाटा सिएरा 3 इंजन ऑप्शन का साथ आती है। कार में जिस इंजन का टेस्ट किया वह टाटा का नया डेवलप किया गया 1.5 लीटर का 4 सिलेंडर TGDi हाइपरियन टर्बो-पेट्रोल इंजन है, जो 160PS की पावर और 255Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इसमें एडवांस्ड कम्बशन सिस्टम, लो-फ्रिक्शन पार्ट्स और ब्रॉड टॉर्क बैंड है, जो फ्यूल को लंबे समय तक स्टेबल रखता है। ये इंजन 6-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ आता है। टेस्ट के दौरान कार ने 222kmph की टॉप स्पीड भी हासिल की, लेकिन ग्राहकों की सेफ्टी के लिए ये स्पीड 190kmph तक लिमिटेड होगी। सिएरा में अन्य दो इंजन ऑप्शन भी हैं, जिनमें 106PS पावर वाला 1.5 लीटर NA पेट्रोल इंजन और 1.5 लीटर का डीजल इंजन शामिल है। टाइगुन ने बनाया था 29.8kmpl के माइलेज का रिकॉर्ड इससे पहले फॉक्सवैगन टाइगुन के 1.0 TSI इंजन ने 2024 में 24 घंटे के रन में 29.8kmpl का माइलेज हासिल कर रिकॉर्ड बनाया था, जिसमें 1,300 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय की गई थी। टाटा सिएरा ने कम समय में ही इसे पीछे छोड़ दिया। दोनों ही टेस्ट नेट्रैक्स पर हुए थे, जहां कंस्टेंट स्पीड पर मॉडर्न टर्बो-पेट्रोल इंजन की ताकत दिखी। लेकिन एक्सपर्ट्स कहते हैं कि ये फिगर्स सिटी या हाईवे पर वैलिड नहीं, जहां ब्रेकिंग और ट्रैफिक माइलेज को 20-25% तक कम कर देते हैं। ये खबर भी पढ़ें 22 साल बाद मॉडर्न लुक में टाटा सिएरा लॉन्च: शुरुआती कीमत ₹11.49, तीन स्क्रीन वाली टाटा की पहली SUV, हुंडई क्रेटा को टक्कर देगी टाटा मोटर्स ने आज (25 नवंबर) अपनी मोस्ट अवेटिंग SUV सिएरा को भारतीय बाजार में लॉन्च कर दिया है। सिएरा टाटा के लिए एक आइकॉनिक नाम है, जिसे 2003 में बंद कर दिया गया था। अब 22 साल बाद सिएरा ने मॉडर्न स्टाइल और फीचर के साथ वापसी की है। कार में 360 कैमरा और लेवल-2 एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) जैसे सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं। नई सिएरा की इंट्रोडक्टरी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 11.49 लाख रुपए रखी गई है। इसकी बुकिंग 16 दिसंबर से शुरू होगी और डिलीवरी 15 जनवरी से की जाएगी। पूरी खबर पढ़ें...
एपल ने भारत में अपना पांचवां रिटेल स्टोर आज (11 दिसंबर) नोएडा के DLF मॉल ऑफ इंडिया में ओपन कर दिया है। यह दिल्ली NCR का दूसरा स्टोर है, दिल्ली में पहला स्टोर अप्रैल 2023 में खुला था। वहीं, 2025 में बेंगलुरु (2 सितंबर) और पुणे (4 सितंबर) के बाद एपल का भारत में यह तीसरा स्टोर ओपन हुआ है। CEO टिम कुक ने कहा था कि भारत में मुंबई-दिल्ली के अलावा 4 और स्टोर खोले जाएंगे। नोएडा स्टोर में आईफोन 17 सीरीज, M5-पावर्ड मैकबुक प्रो और 14 मैकबुक प्रो जैसे लेटेस्ट प्रोडक्ट्स मिलेंगे। कस्टमर्स नए फीचर्स ट्राई कर सकेंगे। स्पेशलिस्ट, क्रिएटिव्स, जीनियस और बिजनेस टीम्स एक्सपर्ट सपोर्ट देंगे। भारत में सबस महंगा स्टोर, मंथली किराया 45 लाख नोएडा का एपल का पांचवा रिटेल स्टोर भारत का सबसे महंगा स्टोर है। CRE मैट्रिक्स के सब-लीज डाक्यूमेंट्स से पता चला है कि, स्टोर का मंथली किराया लगभग 45.3 लाख रुपए है। एपल ने DLF मॉल ऑफ इंडिया के ग्राउंड फ्लोर पर 8,240 वर्ग फुट जगह ली है। लीज का पहला साल रेंट-फ्री रहेगा और इसके बाद कंपनी 263.15 रुपए प्रति स्क्वॉयर फीट के हिसाब से किराया देगी। इससे हर महीने करीब 45 लाख रुपए और सालाना लगभग 5 करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान करना होगा। पूरे लीज पीरियड में किराया लगभग 65 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। नोएडा एपल स्टोर क्यों खास है? नोएडा सेक्टर-18 स्थित DLF मॉल ऑफ इंडिया में खोला गया एपल स्टोर खास तौर पर युवाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है, क्योंकि नोएडा एक ऐसा शहर है, जहां देश के कई हिस्सों से लोग काम और नौकरी के लिए रहते हैं। यहां यूपी और दिल्ली के अलावा बिहार, उत्तराखंड, झारखंड और बंगाल से भी लोग बसे हुए हैं। शहर में युवा आबादी अच्छी-खासी है, जो IT और अन्य कंपनियों में काम कर रही है। इसलिए स्टोर युवाओं को एपल के प्रोडक्ट्स से जोड़ने और उन्हें कंपनी के करीब लाने में मदद कर सकता है। भारत में तेजी से बढ़ रही एपल की ग्रोथ एपल के लिए भारत लगातार महत्वपूर्ण बाजार के रूप में उभरा है। मार्केट ट्रैकर IDC के अनुसार, 2025 में कंपनी देश में 15 करोड़ आईफोन बेच सकती है। इससे एपल का मार्केट शेयर पहली बार 10% से ऊपर जा सकता है। सितंबर तिमाही में एपल भारत का चौथा सबसे बड़ा स्मार्टफोन विक्रेता बना, जहां कंपनी ने लगभग 5 मिलियन यूनिट की बिक्री के साथ 25% सालाना वृद्धि दर्ज की। कुक ने हाल के कई एनालिस्ट कॉल में भारत को स्टैंडआउट मार्केट बताया है जहां कंपनी ने लगातार 15 तिमाहियों से रिकॉर्ड राजस्व हासिल किया है। स्टोर में 'टुडे एट एपल' सेशन्स भी होंगे नोएडा स्टोर में 'टुडे एट एपल' सेशन्स का आयोजन होंगे, जो पूरी तरह फ्री होंगे। इन सेशन्स में एपल के क्रिएटिव्स ग्राहकों को डिजिटल आर्ट, स्टोरीटेलिंग, प्रोडक्टिविटी और कोडिंग जैसे विषयों पर वर्कशॉप्स देंगे। ये सेशन्स उन लोगों के लिए खास होंगे जो अपने एपल डिवाइसेज का बेहतर इस्तेमाल सीखना चाहते हैं या कुछ नया और रचनात्मक करना चाहते हैं। गैजेट्स खरीद सकेंगे और सर्विस भी मिलेगी
किआ मोटर्स इंडिया ने आज (10 दिसंबर) भारतीय बाजार में अपनी पॉपुलर मिड साइज SUV किआ सेल्टोस का न्यू जनरेशन मॉडल रिवील कर दिया है। कंपनी ने कार में न सिर्फ अंदर और बाहर के डिजाइन में बदलाव किए हैं, बल्कि कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट में इसे कॉम्पिटिटिव बनाए रखने के लिए अपग्रेड फीचर भी दिए गए हैं। कार में सेफ्टी के लिए 21 ऑटोनोमस लेवल-2 एडवांस ड्राइविंग असिस्ट सिस्टम (ADAS) फीचर्स दिए गए हैं। इसमें स्मार्ट क्रूज कंट्रोल, फ्रंट कॉलिजन अवॉइडेंस असिस्ट, लेन कीपिंग असिस्ट, पार्किंग कॉलिजन अवॉइडेंस असिस्ट रिवर्स और क्लस्टर में ब्लाइंड व्यू मॉनिटर जैसे फीचर्स शामिल है। नई 2026 किआ सेल्टोस की बुकिंग 11 दिसंबर को रात 12 बजे से शुरू होगी। आप इसे ऑनलाइन या ऑफलाइन 25,000 रुपए टोकन अमाउंट देकर बुक कर सकते हैं। कार की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 11.20 लाख रुपए हो सकती है, जिसका खुलासा 2 जनवरी को होगा। नई SUV की डिलीवरी जनवरी के बीच से शुरू होगी। इसका मुकाबला टाटा सिएरा, हुंडई क्रेटा, मारुति विक्टोरिस, फॉक्सवैगन टाइगन और स्कोडा कुशाक से है। एक्सटीरियर: 4.4 मीटर लंबाई के साथ सेगमेंट में सबसे बड़ी कार में से एक न्यू जनरेशन किआ सेल्टोस में कंपनी की नई डिजाइन थीम अपनाई गई है, जिससे यह मौजूदा मॉडल से अलग नजर आती है। इसका लुक पहले से कहीं ज्यादा बोल्ड, शार्प और प्रीमियम हो गया है। कार ब्रांड के K3 प्लेटफॉर्म पर बेस्ड है। कार का साइज बढ़ाया गया है। ये अब पहले से 95mm लंबी और 30mm चौड़ी हो गई है। इसका व्हील बेस 80mm बढ़ाया गया है। हालांकी हाइट 10mm घटाई गई है। वहीं, बूट स्पेस में 14 लीटर की बढ़ोतरी हुई है, जिससे ये 4.4 मीटर लंबाई के साथ अब सेगमेंट में सबसे बड़ी कार में से एक हो गई है। इंटीरियर: 64-कलर एम्बिएंट लाइटिंग और पैनोरमिक सनरूफ 2026 किआ सेल्टोस में कई नए फीचर दिए गए हैं जिसमें इंफोटेनमेंट सिस्टम और डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले के लिए डुअल 12.3-इंच डिस्प्ले शामिल है। इसमें 5-इंच स्क्रीन भी दी गई है जो इन दोनों स्क्रीन के बीच में पोजिशन की गई है। इसके अलावा इसमें मेमोरी सेटिंग्स के साथ 10-वे पावर-एडजस्टेबल ड्राइवर सीट, फ्रंट और रियर डैशकैम, डुअल-ज़ोन ऑटो एसी, 8-स्पीकर बोस साउंड सिस्टम, फ्रंट सीट वेंटिलेशन, 64-कलर एम्बिएंट लाइटिंग, पैनोरमिक सनरूफ, वायरलेस फोन चार्जर और कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी जैसे फीचर भी दिए गए हैं। सेफ्टी: 6 एयरबैग स्डैंडर्ड और लेवल-2 ADAS फीचर्स सेफ्टी के लिए कार में 6 एयरबैग स्डैंडर्ड, फ्रंट, साइड और रियर पार्किंग सेंसर, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC), हिल स्टार्ट असिस्ट, ISOFIX चाइल्ड सीट एंकरेज, 360-डिग्री कैमरा सिस्टम और लेवल-2 एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) दिया गया है। परफॉर्मेंस: तीन इंजन और पांच ट्रांसमिशन ऑप्शन 2026 किआ सेल्टोस में मैकेनिकली कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। इसमें 3 इंजन और पांच ट्रांसमिशन ऑप्शन मिलते हैं। इसमें एक नया 1.5 लीटर का 4 सिलेंडर टर्बो GDI पेट्रोल इंजन दिया गया है, जो 160 PS की पावर और 253 NM का टॉर्क जनरेट करता है। ट्रांसमिशन की बात करें तो इस इंजन के साथ 6 स्पीड iMT और 7 स्पीड DCT का ऑप्शन मिलता है। कार के साथ 1.5 लीटर का 4 सिलेंडर एडवांस्ड स्मार्टस्ट्रीम नॉर्मल पेट्रोल इंजन भी दिया गया है, जो 115 PS की पावर और 144 NM का टॉर्क जनरेट करता है। इस इंजन को दो ट्रांसमिशन ऑप्शन 6 स्पीड मैनुअल (6MT) और IVT ऑटोमेटिक गियरबॉक्स के साथ ट्यून किया गया है। इसके अलावा 1.5 लीटर का एक 4 सिलेंडर रिफाइंड CRDi VGT डीजल इंजन का ऑप्शन भी दिया गया है। ये इंजन 116 PS की पावर और 250 NM का टॉर्क जनरेट करता है। इसे 6iMT और 6AT गियरबॉक्स के साथ ट्यून किया गया है।
टेक कंपनी नथिंग ने फोन (3a) का कम्यूनिटी एडिशन लॉन्च कर दिया है। स्पेशल एडिशन स्मार्टफोन की सिर्फ 1000 यूनिट ही बनाई गई हैं। भारत में 28,999 रुपए की कीमत में बेचा जाएगा। इसकी सेल 13 दिसंबर 2025 को बेंगलुरु में स्पेशल ड्रॉप इवेंट में शुरू होगी। 90s के गेम्स से इंस्पायर्ड रेट्रो बैक डिजाइन इसकी सबसे बड़ी खासियत कम्यूनिटी-ड्रिवन डिजाइन है, जिसे यूजर्स की क्रिएटिविटी से बनाया गया है। यह 12GB रैम + 256GB स्टोरेज वैरिएंट मिलेगा, जो रेगुलर मॉडल में नहीं है। रेट्रो बैक डिजाइन 90s के गेम्स से इंस्पायर्ड है, जो फ्यूचरिस्टिक ग्लिफ इंटरफेस के साथ आता है। कस्टम लॉक-स्क्रीन क्लॉक क्लटर-फ्री UI देता है, जबकि 'डाइस' एक्सेसरी हिस्टोरिकल टच जोड़ती है। ब्लू-पर्पल वॉलपेपर्स ईस्टर एग्स से फन बढ़ाते हैं। ये सब मिलकर फोन को पर्सनल और कलेक्टिबल बनाते हैं, जो क्रिएटिव यूजर्स के लिए अच्छी चॉइस बन सकता है। कम्यूनिटी एडिशन प्रोजेक्ट के तहत डिजाइन किया फोन 2025 की शुरुआत में फोन (3a) लॉन्च होने के बाद, नथिंग ने 'कम्यूनिटी एडिशन प्रोजेक्ट' शुरू किया। इसमें दुनिया भर के क्रिएटर्स को इनवाइट किया गया कि वे हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, एक्सेसरीज और मार्केटिंग आइडियाज दें। 700 से ज्यादा एंट्रीज आईं, और चार विनर्स चुने गए। इन विनर्स ने मिलकर फोन को नया लुक दिया। नथिंग फोन (3a) कम्यूनिटी एडिशन: स्पेसिफिकेशंस डिजाइन के अलावा, नथिंग फोन (3a) कम्युनिटी एडिशन के स्पेसिफिकेशन रेगुलर वर्जन जैसे ही हैं।
माइक्रोसॉफ्ट के बाद अब अमेजन ने भी भारत में बड़ा निवेश करने का ऐलान किया है। अमेजन ने घोषणा की है कि 2030 तक कंपनी भारत में 35 बिलियन डॉलर यानी 3.14 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश करेगी। यह निवेश AI ड्रिवन डिजिटाइजेशन, एक्सपोर्ट ग्रोथ और जॉब क्रिएशन पर फोकस्ड होगा। यह ऐलान अमेजन की सालाना SMBhav समिट में हुआ। जहां कंपनी ने छोटे बिजनेस और MSMEs को AI टूल्स देने का प्लान बताया। 2013 से अब तक अमेजन ने भारत में कुल 40 बिलियन डॉलर यानी 3.59 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिसमें कर्मचारियों की सैलरी और इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है। अमेजन तीन सेक्टरों पर फोकस करेगी अमेजन का यह नया निवेश तीन मुख्य सेक्टरों में बंटा है। पहला- AI से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को तेज करना। दूसरा- एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना ताकि मेड-इन-इंडिया प्रोडक्ट्स ग्लोबल मार्केट में पहुंचें। तीसरा- जॉब क्रिएशन के जरिए इकोनॉमी को बूस्ट करना। इस महीने ही अमेजन ने 12.7 बिलियन डॉलर (1.14 लाख करोड़ रुपए) के निवेश का ऐलान किया था, जो AI और AWS (अमेजन वेब सर्विसेज) पर था। इसमें तेलंगाना और महाराष्ट्र में डेटा सेंटर्स का एक्सपेंशन शामिल है। कुल मिलाकर 2030 तक यह निवेश लॉजिस्टिक्स, स्टोरेज और छोटे बिजनेस को सपोर्ट करने में लगेगा। की-स्टोन स्ट्रेटेजी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेजन ने अब तक 12 मिलियन यानी 1.2 करोड़ से ज्यादा छोटे बिजनेस को डिजिटाइज किया है और 20 बिलियन डॉलर यानी 1.79 लाख करोड़ रुपए के ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट एनेबल किए हैं। AI पर जोर, लाखों लोगों को फायदा अमेजन AI को भारत के लिए गेम चेंजर मान रही है। कंपनी का प्लान है कि 14 मिलियन यानी 1.4 करोड़ छोटे बिजनेस और सैकड़ों मिलियन शॉपर्स को AI के फायदे मिलें। इसमें LLM (लार्ज लैंग्वेज मॉडल) ट्रेनिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट शामिल है। साथ ही 4 मिलियन यानी 40 लाख गवर्नमेंट स्कूल स्टूडेंट्स को AI एजुकेशन और करियर एक्सप्लोरेशन दिया जाएगा। यह कदम भारत की नेशनल प्रायोरिटी से मैच करता है, जहां डिजिटल इनोवेशन को पुश दिया जा रहा है। अमेजन का कहना है कि AI से छोटे बिजनेस अपनी सेल्स, कस्टमर सर्विस और इन्वेंटरी मैनेजमेंट को बेहतर कर सकेंगे। एक्सपोर्ट को बूस्ट करने में नया कदम SMBhav समिट में अमेजन ने अपेरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ पार्टनरशिप का ऐलान किया। यह पार्टनरशिप एक्सपोर्ट्स को बढ़ावा देने के इनिशिएटिव के तहत की गई है, जो डिजिटल एंटरप्रेन्योर्स को मैन्युफैक्चरर्स से जोड़ेगी। ताकि वे ग्लोबल सेलिंग कर सकें। इसके लिए 10 से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स में ऑन-ग्राउंड ऑनबोर्डिंग होगी, जैसे तिरुपुर, कानपुर और सूरत। यह पार्टनरशिप मैन्युफैक्चरिंग फोकस्ड है और छोटे बिजनेस को एक्सपोर्ट में मदद करेगी। माइक्रोसॉफ्ट के 17.5 बिलियन डॉलर (1.57 लाख करोड़ रुपए) के AI-क्लाउड निवेश के बाद अमेजन का यह ऐलान टेक जायंट्स की रेस को दिखाता है। 2030 तक 10 लाख जॉब्स क्रिएट करेंगे अमेजन के इमर्जिंग मार्केट्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अमित अग्रवाल ने समिट में कहा, 'हम पिछले 15 सालों से भारत के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का हिस्सा बने हैं। अमेजन की ग्रोथ यहां आत्मनिर्भर और विकसित भारत की विजन से मैच करती है।' उन्होंने आगे बताया, 'हमने फिजिकल और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में स्केल पर निवेश किया है। जिससे लाखों जॉब्स क्रिएट हुए और मेड-इन-इंडिया प्रोडक्ट्स ग्लोबल हुए। आगे हम AI को लाखों भारतीयों के लिए डेमोक्रेटाइज करेंगे, 1 मिलियन यानी 10 लाख जॉब्स क्रिएट करेंगे और 2030 तक ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट को 80 बिलियन डॉलर यानी 7.18 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाएंगे।' 2013 से भारत में अमेजन का सफर अमेजन ने 2013 में भारत में अपना मार्केटप्लेस लॉन्च किया था। तब से कंपनी ने तेजी से ग्रोथ की है। 2024 की की-स्टोन स्ट्रेटेजी रिपोर्ट कहती है कि अमेजन ने 2.8 मिलियन यानी 28 लाख से ज्यादा डायरेक्ट, इंडायरेक्ट, इंड्यूस्ड और सीजनल जॉब्स सपोर्ट किए हैं। ई-कॉमर्स से 20 बिलियन डॉलर यानी 1.79 लाख करोड़ रुपए के एक्सपोर्ट एनेबल हुए हैं। यह निवेश अमेजन के ग्लोबल स्ट्रैटेजी का हिस्सा है, जहां भारत को सबसे बड़ा मार्केट माना जा रहा है। पहले भी अमेजन ने लॉजिस्टिक्स और क्लाउड सर्विसेज में भारी निवेश किया, जो अब AI के साथ और मजबूत होगा। 2030 तक अमेजन का टारगेट क्या है? 2030 तक अमेजन का टारगेट है कि ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट 80 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएं, जो मौजूदा का चार गुना है। 1 मिलियन नई जॉब ऑपर्च्युनिटीज क्रिएट होंगी। AI से छोटे बिजनेस और स्टूडेंट्स को स्किल्स मिलेंगी, जो इकोनॉमी को बूस्ट करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, यह निवेश एक्सपोर्ट और जॉब्स से GDP में योगदान देगा। अमेजन का फोकस आत्मनिर्भर भारत पर है, जहां टेक से ग्रामीण इलाकों तक कनेक्टिविटी पहुंचेगी। ये खबर भी पढ़ें... माइक्रोसॉफ्ट भारत में ₹1.6 लाख करोड़ निवेश करेगी: AI और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होगा; CEO सत्य नडेला ने PM मोदी से मुलाकात के बाद ऐलान किया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दबाव के बावजूद माइक्रोसॉफ्ट भारत में 17.5 अरब डॉलर (करीब ₹1.57 लाख करोड़) निवेश करने जा रही है। अमेरिकी टेक कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा। फंड का इस्तेमाल AI, क्लाउड और डेटा सेंटर जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए किया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें...
भारतीय मूल के यूट्यूब के CEO नील मोहन को टाइम मैगजीन ने 2025 का CEO ऑफ द ईयर चुना है। 2023 से CEO बने नील ने यूट्यूब को ट्रांसफॉर्मेटिव एरा में लीड किया है। मैगजीन ने उन्हें कल्चरल आर्किटेक्ट कहा, जो अरबों लोगों का डेली कंजम्प्शन शेप करता है। टाइम ने लिखा मोहन फार्मर है, जो वो कल्टीवेट करेगा, वो हम खाएंगे। यूट्यूब इस साल अपनी 20वीं एनिवर्सरी मना रहा है। टाइम ने नील की किसान से तुलना की टाइम ने अपने स्टेटमेंट में लिखा यूट्यूब आज पूरी दुनिया का खाना बना रहा है। नील मोहन किसान हैं, जो वो उगाएंगे, वही हम सब खाएंगे। यूट्यूब एक खेत है। इसमें कोई अच्छी फसल बोता है, कोई जहरीली। खेत पूरा प्लैनेट बन चुका है, इसलिए जो भी उगेगा, वही सबकी प्लेट में आएगा। नील मोहन कौन हैं? नील मोहन 52 साल के हैं, 1973 में मिशिगन के एन आर्बर में जन्मे थे। 1980 के दशक में तमिल पैरेंट्स के साथ लखनऊ आए, जहां हिंदी और संस्कृत सीखा। संस्कृत को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग से कंपेयर किया। स्टैनफोर्ड से अंडरग्रेजुएट और MBA किया। उनके भाई अनुज की 30 साल की उम्र में स्विमिंग पूल एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। मोहन ने पाना करियर कंसल्टिंग से शुरू किया। उन्होंने नेटग्रेविटी जॉइन किया जो डबलक्लिक में मर्ज हुआ। 2007 में गूगल ने $3.1 बिलियन में डबलक्लिक खरीद लिया। नील मोहन की यूट्यूब में जर्नी डबलक्लिक डील से सुजैन वोझिक्की से मिले, जो बाद में यूट्यूब CEO बनीं। वोझिक्की ने उन्हें यूट्यूब में रिक्रूट किया। वोझिक्की के कैंसर डायग्नोसिस के समय मोहन ने जिम्मेदारियां संभालीं। 2023 में मोहन यूट्यूब के CEO बने। 2024 में वोझिक्की का निधन हो गया। टाइम ने कहा, मोहन क्वाइट-स्पोकेन, डेलिबरेटिव, हार्ड टू रफल हैं। मोहन को स्पोर्ट्स देखना, बेटियों के डांस रिसाइटल जाना पसंद है। कई बार वे क्रिएटर्स के वीडियो में भी आ जाते हैं।
टेक कंपनी आईटेल ने भारत में आईटेल A90 स्मार्टफोन के लिमिटेड एडिशन का 128GB स्टोरेज वैरिएंट लॉन्च कर दिया है। इसे 12GB रैम (4GB फिजिकल +8GB वर्चुअल) सपोर्ट के साथ मार्केट में उतारा गया है। आईटेल फोन को “3P प्रोमिस” के साथ लेकर आया है। जो इसे डस्ट, वॉटर और ड्रॉप रेसिस्टेंट बनाते हैं। फोन IP54 सर्टिफिकेशन और MIL-STD-810H मिलिट्री ग्रेड प्रोटेक्शन के साथ लॉन्च हुआ है, जिससे यह बारिश, धूल और छोटे-मोटे झटकों से सुरक्षित रहता है। कंपनी 100 दिन में फ्री स्क्रीन रिप्लेसमेंट भी ऑफर कर रही है। इसकी कीमत 7,299 रखी गई है और यह देशभर के रिटेल स्टोर्स पर 3 कलर ऑप्शन- स्पेस टाइटेनियम, स्टारलाइट ब्लैक, अरोरा ब्लू में अवेलेबल है। आईटेल A90 लिमिटेड एडिशन: स्पेसिफिकेशंस डिस्प्ले: आईटेल A90 में 6.6 इंच का HD+ IPS डिस्प्ले दिया गया है, जो 90Hz रिफ्रेश रेट पर काम करता है। इसमें ऑलवेज-ऑन डिस्प्ले और डायनामिक बार जैसे फीचर्स मिलते हैं। जिससे यूजर को बैटरी, कॉल्स और नोटिफिकेशन जैसी जरूरी जानकारी बिना स्क्रीन को पूरी तरह ऑन किए मिल जाती हैं। कैमरा: फोटोग्राफी के लिए फोन में 13MP का प्राइमरी रियर कैमरा दिया गया है, जो एडवांस इमेज प्रोसेसिंग और स्लाइडिंग जूम बटन के साथ फोटोज कैप्चर करता है। वहीं, सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 8MP का फ्रंट कैमरा मिलता है। परफॉर्मेंस: स्मार्टफोन में परफॉर्मेंस के लिए ऑक्टा-कोर T7100 प्रोसेसर दिया गया है। फोन एंड्रॉएड 14 गो एडिशन ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है। मोबाइल में 4GB रैम के साथ 8GB वर्चुअल रैम का फ्यूजन सपोर्ट मिलता है, जिससे मल्टीटास्किंग और एप स्विचिंग स्मूद मिलती है। ये 128GB इंटरनल स्टोरेज के साथ अवेलेबल है। बैटरी: पावरबैक के लिए फोन में 5000mAh की बैटरी दी गई है, जिसे चार्ज करने के लिए 10W का चार्जर मिलता है, जबकि फोन 15W तक चार्जिंग का सपोर्ट करता है। अन्य: फोन IP54 रेटिंग के साथ आता है, जिससे यह डस्ट और स्प्लैश प्रूफ बनता है। सेफ्टी के लिए फोन में फेस अनलॉक और साइड-माउंटेड फिंगरप्रिंट सेंसर जैसे फीचर्स दिए गए हैं। आईटेल A90 में DTS साउंड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है, जो यूजर को एक रिच, क्रिस्प और इमर्सिव ऑडियो का एक्सपीरियंस देता है।
टेक कंपनी वनप्लस भारत में नया फ्लैगशिप स्मार्टफोन वनप्लस 15R और मिड-रेंज टैबलेट वनप्लस पैड गो 2 लॉन्च करने जा रही है। कंपनी 12वीं एनवर्सरी के मौके पर 17 दिसंबर को बेंगलुरू में होने वाले इवेंट में दोनों डिवाइस को पेश करेगी। लॉन्च ईवेंट वनप्लस की ऑफिशियल वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीम होगा। वनप्लस 15R को स्नैपड्रैगन 8 जेन-5 प्रोसेसर, 7400mAh बैटरी और 50 मैगापिक्सल कैमरा के साथ उतारा जाएगा। फोन की कीमत 40 से 50 हजार रुपए के बीच हो सकती है। इस प्राइस रेंज में स्नैपड्रैगन 8 जेन-5 प्रोसेसर वाला ये भारत में पहला फोन होगा। वहीं, वनप्लस पैड गो 2 को मीडियाटेक डाइमेंशन 7300-अल्ट्रा प्रोसेसर और 10,050mAh की बैटरी के साथ उतारा जाएगा। टैबलेट की कीमत 20 हजार रुपए के आसपास रखी जा सकती है। वनप्लस 15आर: स्पेसिफिकेशंस परफॉर्मेंस: वनप्लस 15R में परफॉर्मेंस के लिए स्नैपड्रैगन 8 जेन-5 प्रोसेसर मिलेगा। यह मोबाइल चिपसेट 3 नैनोमीटर प्रोसेस पर बना ऑक्टा-कोर प्रोसेसर है जो 3.8GHz तक की क्लॉक स्पीड पर रन कर सकता है। ये पावरफुल और लैगफ्री प्रोसेसिंग देता है। वहीं, ग्राफिक्स के लिए फोन में एड्रेनो 830 GPU दिया गया है। फोन एंड्रॉएड 16 पर बेस्ड ColorOS 16 ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ आएगा। इसमें LPDDR5X रैम मिलेगी, जो स्मूथ मल्टीटास्किंग करने में मदद करती है। मोबाइल में UFS 4.1 स्टोरेज लगी है, जिससे फास्ट डाटा ट्रांसफर होता है। इसके अलावा फोन में NFC, वाई-फाई 7 और ब्लूटूथ 5.4 का सपोर्ट मिलेगा। बैटरी: कंपनी ने ऑफिशियल अनाउंसमेंट कर दी है कि वनप्ल्स 15R को 7400mAh बैटरी पर लॉन्च होगा। इसे चार्ज करने के लिए 80W सुपरवूक चार्जिंग तकनीक मिलेगी। इससे पहले वनप्लस का कोई भी फोन इतनी बड़ी बैटरी के साथ नहीं आया है। हाल ही में लॉन्च हुआ वनप्लस 15 स्मार्टफोन 7300mAh बैटरी पर लॉन्च हुआ था। वनप्लस 15R की बैटरी को सिलीकॉन नेनोस्टेक टेक्नोलॉजी पर बनाया गया है। कंपनी का दावा है कि 4 साल बाद भी इसकी बैटरी हेल्थ 80% से कम नहीं जाएगी। कैमरा: फोटोग्राफी के लिए वनप्लस 15R के बैक पैनल पर डुअल कैमरा सेटअप मिलेगा। इसमें ऑप्टिकल इमेज स्टेब्लाइजेशन के साथ 50 मेगापिक्सल का सोनी IMX906 मेन रियर सेंसर और 8 मेगापिक्सल का अल्ट्रावाइड एंगल लेंस शामिल है। वहीं, सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 16 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा मिलेगा। फोन डिटेलमैक्स इंजन के साथ आएगा। इसमें अल्ट्रा क्लीयर मोड, क्लीयर बर्स्ट और क्लियर नाइट इंजन जैसे एडवांस फीचर्स मिलेंगे। डिस्प्ले: वनप्लस 15R में 28001272 पिक्सल रेजोल्यूशन वाली 6.83-इंच की 1.5K स्क्रीन मिलेगी। यह एमोलेड पैनल पर बनी डिस्प्ले 165Hz तक के हाई रिफ्रेश रेट सपोर्ट के साथ आएगी। इसके साथ 1800 निट्स की पीक ब्राइटनेस और 450PPI ऑटो डिमिंग मिलेगी। कंपनी ने बताया कि मोबाइल TUV राइनलैंड इंटेलीजेंट आई केयर 5.0 सर्टिफाइड है, जो अंधेरे में फोन चलाने पर भी आंखों को नुकसान से बचाने में मदद करेगा। स्क्रीन में इन-डिस्प्ले अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर भी मिलेगा। वनप्लस पैड गो 2: स्पेसिफिकेशंस परफॉर्मेंस: वनप्लस पैड गो 2 को मीडियाटेक डाइमेंसिटी 7300 अल्ट्रा चिपसेट के साथ पेश किया जाएगा। यह मिड रेंज में गेमिंग और डेली यूज के लिए अच्छी परफॉर्मेंस देता है। कंपनी का दावा है कि टैबलेट को 4 साल वाली फ्लुएंसी सर्टिफिकेशन मिल चुकी है, यानी लंबे समय तक स्मूथ और भरोसेमंद परफॉर्मेंस मिलेगी। बैटरी: पावरबैकअप के लिए टैबलेट में 10,050mAh की बैटरी और 33 वॉट की सुपरवूक फास्ट चार्जिंग मिलेगी। कंपनी का दावा है कि फुल चार्ज करने पर टैबलेट में 15 घंटे तक वीडियो चला सकते हैं, 53 घंटे म्यूजिक सुन सकते हैं या 60 दिन तक स्टैंडबाय पर रख सकते हैं। इसके साथ रिवर्स केबल चार्जिंग भी मिलेगी, यानी फोन या अन्य डिवाइस भी चार्ज कर सकते हैं। डिस्प्ले: फ्रंट में 12.1 इंच की बड़ी स्क्रीन है, जिसकी पीक ब्राइटनेस 900 निट्स है। डिस्प्ले को TUV राइनलैंड इंटेलिजेंस आई केयर 4.0 सर्टिफिकेशन भी मिला है, यानी लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर आंखों को नुकसान नहीं होगा। स्क्रीन को खास तौर पर ओपन केनवास मल्टीटास्किंग सॉफ्टवेयर के लिए ऑप्टिमाइज किया गया है, यानी स्प्लिट स्क्रीन और कई विंडो के बीच आसानी से स्विच कर सकेंगे। टैबलेट डॉल्बी विजन सपोर्ट के साथ आएगा। वनप्लस पेड गो 2 स्टाइलो कंपनी पहली बार वनप्लस पेड गो 2 स्टाइलो भी लॉन्च करेगी। ये स्टाइलस खास इसी टैबलेट के लिए बनाया गया है। इसे सिर्फ 10 मिनट चार्ज करने पर आधे दिन तक लिख और पेंट कर सकते हैं।
पोको C85 5G स्मार्टफोन भारत में लॉन्च:6.9-इंच 120Hz डिस्प्ले और 6,000mAh बैटरी; कीमत ₹12,499 से शुरू
शाओमी की सब-ब्रैंड पोको ने भारत में अपना नया बजट स्मार्टफोन C85 5G लॉन्च कर दिया है। C सीरीज का ये लेटेस्ट एडिशन 6.9 इंच HD+ डिस्प्ले और 6000mAh बैटरी के साथ आया है। कंपनी का दावा है कि 106 घंटे तक म्यूजिक प्लेबैक चलेगा। फोन की तीन कलर ऑप्शंस मिस्टिक पर्पल, स्प्रिंग ग्रीन और पावर ब्लैक के साथ बाजार में उतारा गया है। पोको C85 5G की सेल 16 दिसंबर दोपहर 12 बजे फ्लिपकार्ट पर शुरू होगी। कंपनी इंट्रोडक्टरी ऑफर में HDFC, ICICI या SBI कार्ड पर ₹1,000 डिस्काउंट दे रही है। C85 5G: डिस्प्ले और डिजाइन पोको C85 5G में 6.9 इंच की बड़ी HD+ स्क्रीन है, जो 7201600 पिक्सल रेजोल्यूशन और 120Hz रिफ्रेश रेट के साथ आती है। पीक ब्राइटनेस 810 निट्स तक जाती है। फोन 7.9mm पतला है और वजन 211 ग्राम है। बैक पर क्वाड-कर्व्ड डिजाइन है। वहीं फोन की IP64 रेटिंग धूल और बारिश के छींटों से बचाती है। फोन के साइड में फिंगरप्रिंट स्कैनर है। C85 5G: प्रोसेसर और स्टोरेज C85 5G में मीडियाटेक डायमेंसिटी 6300 चिपसेट दिया गया है, जो 6nm पर बना है। ये प्रोसेसर पावरफुल और बैटरी बचाने वाला है। इसका AnTuTu स्कोर 4.5 लाख से ज्यादा है। फोन में 128GB UFS 2.2 स्टोरेज दिया गया है जो एप्स और गेम्स को तेजी से खोलता है। माइक्रो SD कार्ड से 1TB तक बढ़ा सकते है। ड्यूल सिम + अलग SD कार्ड स्लॉट तीन चीजें एक साथ चला सकते हैं। C85 5G: बैटरी और चार्जिंग C85 की 6000mAh की बड़ी बैटरी नॉर्मल यूज में 2 दिन से ज्यादा चल सकती है। कंपनी का दावा है कि इसमें म्यूजिक प्लेबैक 106 घंटे तक मिलेगा। फोन में 33W फास्ट चार्जिंग दी गई है। फोन सिर्फ 28 मिनट में 50% चार्ज हो सकता है। फोन में 10W रिवर्स वायर्ड चार्जिंग भी है। C85 5G: कैमरा और सॉफ्टवेयर स्मार्टफोन में पीछे ड्यूल कैमरा सेटअप दिया गया है। इसमें 50MP का मेन सेंसर (f/1.8) + QVGA सेकंडरी सेंसर शामिल है। । फ्रंट में 8MP का सेल्फी कैमरा है जो वीडियो 1080p 30fps पर रिकॉर्ड कर सकता है। फोन का सॉफ्टवेयर हाइपरOS 2.2 पर एंड्रॉइड 15 पर काम करता है। पोको ने वादा किया है कि फोन में 2 साल के एंड्रॉइड अपडेट और 4 साल सिक्योरिटी पैच अपडेट दिए जाएंगे। कनेक्टिविटी और अन्य फीचर्स स्मार्टफोन की कनेक्टिविटी में 5G, Wi-Fi 5, ब्लूटूथ 5.4, 3.5mm जैक, USB Type-C पोर्ट दिए गए हैं। इसके अलावा फोन में एम्बिएंट लाइट, प्रॉक्सिमिटी, E-कंपास, एक्सेलेरोमीटर सेंसर दिए गए हैं।
टाटा मोटर्स अपनी पॉपुलर फुल साइज SUV टाटा हैरियर और सफारी का पेट्रोल वर्जन आज (9 दिसंबर) लॉन्च करने जा रही है। कंपनी दोनों कारों को नए 1.5-लीटर TGDI टर्बो-पेट्रोल इंजन के साथ पेश करेगी। कंपनी ने ये इंजन पहली बार ऑटो एक्सपो 2023 में शोकेस किया था। ये इंजन 25 नवंबर को लॉन्च होने वाली नई SUV टाटा सिएरा में दिया जा सकता है। इसके अलावा, पेट्रोल वैरिएंट्स में कुछ नए फीचर भी मिल सकते हैं। टाटा सफारी का मुकाबला MG हेक्टर प्लस, महिंद्रा XUV700 और हुंडई अल्कजार से है। वहीं टाटा हैरियर की टक्कर MG हेक्टर और जीप कंपास से है। टाटा हैरियर और सफारी के पेट्रोल वैरिएंट्स की कीमत इनके डीजल मॉडल से कम हो सकती है। सफारी की डीजल वर्जन की कीमत 14.66 लाख रुपए से 25.96 लाख रुपए के बीच है। वहीं, हैरियर डीजल वर्जन की कीमत 14 लाख रुपए से 25.25 लाख रुपए के बीच है। परफॉर्मेंस : 2.0-लीटर का 4-सिलेंडर डीजल इंजन टाटा सफारी और टाटा हैरियर में फिलहाल 2.0-लीटर का 4-सिलेंडर डीजल इंजन मिलता है, जो 170PS की मैक्सिमम पावर और 350Nm का पीक टॉर्क जनरेट करता है। इंजन को 6-स्पीड मैनुअल और ऑटोमेटिक गियरबॉक्स के साथ ट्यून किया गया है। हैरियर इस इंजन के साथ मैनुअल ट्रांसमिशन में 16.80kmpl और ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन में 14.60kmpl का माइलेज देती है। वहीं, सफारी में मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ 16.30kmpl और ऑटोमेटिक गियरबॉक्स के साथ 14.50kmpl का क्लेम्ड माइलेज मिलता है। सेफ्टी के लिए लेवल-2 ADAS फीचर्स दोनों कार में सेफ्टी के लिए 360 कैमरा के साथ लेवल-2 ADAS फीचर्स मिलते हैं। इनमें लेन कीप असिस्ट, एडेप्टिव स्टीयरिंग असिस्ट, एडॉप्टिव क्रूज कंट्रोल, ऑटोनॉमस इमरजेंसी ब्रेकिंग, फॉरवर्ड कॉलिजन वॉर्निंग और हाई बीम असिस्ट जैसे फीचर्स शामिल हैं।
मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने क्लेरिफिकेशन दिया है कि उसने भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक की प्राइसिंग का ऐलान अभी नहीं किया है। कंपनी ने बताया कि स्टारलिंक की इंडिया वेबसाइट पर जो गलत प्राइसिंग दिखाई दे रही थी, वो एक ग्लिच के कारण थी। दरअसल, सोमवार को कंपनी की वेबसाइट पर स्टारलिंक की सर्विस के प्लान दिखाई दे रहे थे। जिसमें मंथली प्लान ₹8,600 और हार्डवेयर किट की प्राइसिंग ₹34,000 दिखाई दी थी। हालांकि, अब कंपनी ने क्लेरिफाई किया कि ये नंबर्स डमी टेस्ट डेटा थे और असली सर्विस अभी लाइव नहीं हुई है। भारत में सैटेलाइट इंटरनेट लॉन्च के लिए फाइनल अप्रूवल का इंतजार है। वेबसाइट पर क्या गलत दिखा था? स्टारलिंक इंडिया की वेबसाइट कुछ घंटों के लिए लाइव हो गई थी, जहां न्यू सब्सक्राइबर्स के लिए मंथली सर्विस प्राइस ₹8,600 और हार्डवेयर किट की कीमत ₹34,000 बताई गई। लेकिन कंपनी ने तुरंत इसे फिक्स कर दिया। स्पेसएक्स की वाइस प्रेसिडेंट लॉरेन ड्रेयर ने X पर पोस्ट शेयर कर बताया, 'स्टारलिंक इंडिया वेबसाइट अभी लाइव नहीं हुई है। प्राइसिंग भी अनाउंस नहीं की गई हैं और हम अभी इंडियन कस्टमर्स से कोई ऑर्डर नहीं ले रहे हैं। ये डमी टेस्ट डेटा था, जो वेबसाइट पर गलती से दिखाई दे गया था। असली प्राइसिंग इससे अलग होगी। ये गड़बड़ी कॉन्फिगरेशन ग्लिच की वजह से हुई थी, जो कुछ ही देर में ठीक भी कर दी गई।' स्टारलिंक का भारत में क्या प्लान है? स्टारलिंक भारत में हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट लाने की तैयारी में है। खासकर उन इलाकों में जहां टेरेस्ट्रीयल ब्रॉडबैंड कमजोर है। कंपनी का फोकस प्लग-एंड-प्ले इंस्टॉलेशन, 99.9% से ज्यादा अपटाइम, एक्सट्रीम वेदर रेसिस्टेंस और अनलिमिटेड डेटा कैप्स पर है। हालांकि, अभी सर्विस एक्टिवेट करने के लिए कंपनी को भारत सरकार से फाइनल अप्रूवल मिलना बाकी है। लॉरेन ड्रेयर ने कहा, 'हमारी टीम अप्रूवल्स पर फोकस्ड है। इंडिया के लोगों को स्टारलिंक के हाई-स्पीड इंटरनेट से कनेक्ट करने को उत्सुक हैं।' कंपनी ने बेंगलुरु में पेमेंट्स मैनेजर, अकाउंटिंग मैनेजर, सीनियर ट्रेजरी एनालिस्ट और टैक्स मैनेजर जैसी चार पोजिशन्स के लिए हायरिंग शुरू की है, जो इंटरनेशनल एक्सपेंशन प्लान का हिस्सा है। महाराष्ट्र सरकार के साथ LoI साइन किया महाराष्ट्र गवर्नमेंट ने हाल ही में स्टारलिंक के साथ लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) साइन किया। ये डील मुंबई में CM देवेंद्र फडणवीस और IT मिनिस्टर आशीष शेलार की मौजूदगी में हुई। LoI के तहत गड़चिरोली, नंदुरबार, धाराशिव और वाशिम जैसे रिमोट डिस्ट्रिक्ट्स में सर्विस डिप्लॉय होगी। ये गवर्नमेंट इंस्टीट्यूशन्स, रूरल कम्युनिटीज और पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए होगा। CM फडणवीस ने कहा था, 'मुंबई में स्टारलिंक की वाइस प्रेसिडेंट लॉरेन ड्रेयर का स्वागत करना शानदार रहा। महाराष्ट्र पहला स्टेट है जो स्टारलिंक के साथ फॉर्मल पार्टनरशिप कर रहा। इलॉन मस्क की कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी ICT कंपनी है, जिसके पास सबसे ज्यादा कम्युनिकेशन सैटेलाइट्स हैं।' स्टारलिंक का ग्लोबल एक्सपेशन स्टारलिंक स्पेसएक्स का प्रोजेक्ट है, जो हजारों सैटेलाइट्स से ग्लोबल इंटरनेट कवरेज देता है। भारत में एंट्री लंबे समय से डिले हो रही थी, लेकिन अब अप्रूवल्स क्लियर होते दिख रहे हैं। ये सर्विस खासकर रूरल और अंडरसर्व्ड एरियाज के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है, जहां फाइबर या मोबाइल नेटवर्क कमजोर हैं। कंपनी का दावा है कि ये सर्विस एक्सट्रीम कंडीशन्स में भी काम करेगी, जैसे भारी बारिश या दूरदराज इलाके। भारत लॉन्च से स्टारलिंक की मार्केट वैल्यू और बढ़ेगी, क्योंकि यहां 1.4 बिलियन पॉपुलेशन है और डिजिटल डिवाइड बड़ा चैलेंज है। आगे क्या होगा, कब लॉन्च होगी सर्विस? स्टारलिंक जल्द फाइनल अप्रूवल्स लेने पर काम कर रही है। अप्रूवल मिलते ही वेबसाइट एक्टिवेट हो जाएगी और प्राइसिंग अनाउंस होंगी। महाराष्ट्र से शुरुआत हो सकती है, लेकिन नेशनल लेवल पर रोलआउट प्लान्ड है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये भारत की डिजिटल इकोनॉमी को बूस्ट देगा। कंपनी ने कहा कि असली प्राइसिंग कस्टमर्स को सूट करने वाली होगी, लेकिन अभी कोई टाइमलाइन नहीं दी। अगर सब ठीक रहा, तो 2026 की शुरुआत तक सर्विस स्टार्ट हो सकती है। ये खबर भी पढ़ें... स्टारलिंक मंथली ₹8,600 में अनलिमिटेड इंटरनेट देगी: 220+ Mbps की स्पीड; जियो-एयरटेल ₹1,600 में देते हैं 300 Mbps स्पीड वाला प्लान इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने भारत में अपने सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक की प्राइसिंग का ऐलान कर दिया है। रेसीडेंशियल प्लान के लिए यूजर्स को ₹8,600 हर महीने देने होंगे। वहीं, हार्डवेयर के रूप में एक सैटेलाइट डिश किट लेनी होगी, जिसकी कीमत ₹34,000 है। पूरी खबर पढ़ें...
हार्ले डेविडसन ने अपनी पॉपुलर रोडस्टर बाइक X440 सीरीज में नया वैरिएंट X440 T लॉन्च किया है। कंपनी ने इसे भी हीरो मोटोकॉर्प के साथ मिलकर बनाया है। बाइक X440 पर ही बेस्ड है, लेकिन इसके रियर डिजाइन को बदला गया है साथ ही कुछ नए फीचर्स भी जोड़े गए हैं। इसमें राइड-बाय-वायर थ्रॉटल के साथ राइडिंग मोड्स, स्विचेबल ABS और स्विचेबल ट्रैक्शन कंट्रोल जैसे फीचर्स शामिल हैं। प्रीमियम रोडस्टर बाइक की भारत में एक्स-शोरूम कीमत 2.79 लाख रुपए रखी गई है, जो इसके लाइनप में सबसे महंगा है। कंपनी ने X440 के अन्य वैरिएंट विविड की कीमत में 25 हजार और S वैरिएंट की कीमत में 24,600 रुपए की कीमत में कटौती की है। इसके अलावा सबसे सस्ते और पुराने डेनिम वैरिएंट को डिस्कंटीन्यू कर दिया गया है। नई X440 T की बुकिंग शुरू कर दी गई है और जल्द ही डिलीवरी शुरू की जाएगी। इसे हार्ले-डेविडसन और हीरो प्रेमिया डीलरशिप्स से बेचा जाएगा। बाइक का मुकाबला रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350, येज्दी रोडस्टर, जावा 350, होंडा CB350 और ट्रायम्फ स्पीड 400 से है। डिजाइन: न्यू डिजाइन रियर प्रोफाइल X440 T में सबसे बड़ा बदलाव रियर डिजाइन में है, जो हार्ले की पुरानी XR1200 से इंस्पायर्ड है। इसमें न्यू डिजाइन रियर फेंडर को पतला किया गया है और टेल लाइट अंदर ही फिट की गई है। इसके अलावा रोडस्टर बाइक में नई रिब्ड (लाइन वाली) रियर सीट, रीडिजाइन ग्रैब हैंडल्स, पहले से ज्यादा चौड़ा और फ्लैट हैंडलबार, बार-एंड मिरर्स और न्यू डिजाइन एग्जॉस्ट मिलता है। बाइक में 4 नए कलर ऑप्शन मिलते हैं। टैंक, साइड पैनल और टेल पर अपडेटेड ग्राफिक्स हैं, जिससे ये स्टैंडर्ड X440 से अलग लगती है। फ्यूल टैंक पर 3D एम्ब्लेम की जगह स्टिकर्स लगाए गए हैं। न्यू हार्ले-डेविडसन X440 T में पहले की तरह स्क्वॉयरिश फ्यूल टैंक, LED DRLs के साथ गोल हेडलाइट, हेडलाइट के ऊपर राउंड स्पीडो मीटर, चौड़े हैंडलबार के साथ इंडिकेटर्स और मिरर्स दिए हैं। हेडलाइट में रिंग जैसा LED प्रोजेक्टर दिया गया है, जिसके ऊपर हार्ले-डेविडसन लिखा है। डायमेंशंस स्टैंडर्ड X440 जैसे ही हैं, लेकिन कर्ब वेट 1.5kg बढ़ाकर 192kg किया गया है। परफॉर्मेंस: सेफ राइडिंग के लिए स्विचेबल ट्रैक्शन कंट्रोल सिस्टम X440 T में परफॉर्मेंस के लिए स्टैंडर्ड X440 वाली ही 440cc का सिंगल-सिलेंडर, एयर/ऑयल-कूल्ड इंजन दिया गया है, जो 30bhp की पावर और 40Nm का टॉर्क जेनरेट करता है। 6-स्पीड गियरबॉक्स के साथ राइड-बाय-वायर सिस्टम है। स्विचेबल रियर ABS और ट्रैक्शन कंट्रोल जैसे फीचर्स इसे सेफ और फन राइडिंग के लिए परफेक्ट बनाते हैं। राइड-बाय-वायर थ्रॉटल के साथ दो राइडिंग मोड्स- रोड और रेन मिलते हैं, जो अलग-अलग कंडीशंस में बाइक को कंट्रोल करते हैं। पैनिक ब्रेकिंग अलर्ट सिस्टम भी है, जो हार्ड ब्रेकिंग के दौरान इंडिकेटर्स को फ्लैश करता है। रोड मोड में फुल परफॉर्मेंस मिलती है, ABS और ट्रैक्शन कंट्रोल ऑफ रहते हैं। रेन मोड में टॉर्क करीब 10% कम हो जाता है और सेफ्टी फीचर्स ऑन रहते हैं। माइलेज की ऑफिशियल फिगर नहीं हैं, लेकिन यूजर्स रिव्यूज से 30-35kmpl की उम्मीद की जा सकती है। हार्ले-डेविडसन X440: ब्रेकिंग और फीचर्स हार्ले-डेविडसन X440 T में कंफर्ट राइडिंग के लिए फ्रंट टेलिस्कोपिक फोर्क्स और रियर ट्विन शॉक एब्जॉर्वर्स दिए गए हैं। वहीं, ब्रेकिंग के लिए एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के साथ डुअल-चैनल ABS (फ्रंट और रियर में डिस्क ब्रेक) दिए गए हैं। बाइक में 18 इंच के फ्रंट और 17 इंच के रियर अलॉय व्हील हैं। इसमें स्मार्टफोन कनेक्टिविटी के साथ नेविगेशन, कॉल और मैसेज को मैनेज करने वाली एक TFT यूनिट दी गई है। इसके अलावा एक USB चार्जिंग सॉकेट भी दिया गया है। हार्ले-डेविडसन CVO स्ट्रीट ग्लाइड और रोड ग्लाइड भी लॉन्च हार्ले-डेविडसन का CVO (कस्टम व्हीकल ऑपरेशंस) डिपार्टमेंट क्रूजर बाइक्स को एडवांस और नया लुक देने के लिए जाना जाता है। अब कंपनी ने भारतीय बाजार में हार्ले-डेविडसन CVO स्ट्रीट ग्लाइड और CVO रोड ग्लाइड लॉन्च की है। स्ट्रीट ग्लाइड की एक्स-शोरूम कीमत 63.03 लाख रुपए और रोड ग्लाइड की कीमत 67.37 लाख रुपए रखी गई है। दोनों बाइक लक्जरी टूरिंग सेगमेंट में उतारी गई हैं। इनकी बुकिंग शुरू कर दी गई है, डिलीवरी जल्द शुरू होगी। हार्ले-डेविडसन CVO स्ट्रीट ग्लाइड हार्ले-डेविडसन CVO स्ट्रीट ग्लाइड
सोशल मीडिया पर चैटजीपीटी में एड दिखने के दावों के बीच ओपनएआई के वाइस प्रेसिडेंट और चैटजीपीटी हेड निक टर्ले ने X पर पोस्ट करके साफ किया कि कंपनी चैटजीपीटी पर ऐड्स टेस्ट नहीं कर रही है। उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर जो भी स्क्रीनशॉट शेयर किए जा रहे हैं वे या तो फेक हैं या विज्ञापन नहीं हैं। कुछ यूजर्स ने सोशल मीडिया पर ऐड्स जैसे प्रॉम्प्ट्स के स्क्रीनशॉट शेयर किए थे। ओपनएआई के चीफ रिसर्च ऑफिसर मार्क चेन ने भी माना है कि चैटजीपीटी सजेशन्स विज्ञापन जैसे लगे, लेकिन अब इसे बंद कर दिया गया है। यूजर्स ने सोशल मीडिया पर विज्ञापन के स्क्रीनशॉट शेयर किए कुछ यूजर्स ने चैटजीपीटी एप में प्रॉम्प्ट्स में विज्ञापन दिखाने के स्क्रीनशॉट शेयर किए। टर्ले ने X पर लिखा, चैटजीपीटी में विज्ञापन की अफवाहों से कन्फ्यूजन हो रहा है। लेकिन विज्ञापन पर कोई लाइव टेस्ट नहीं किया जा रहा है। अगर ऐड्स लाएंगे तो थॉटफुल अप्रोच लेंगे। मार्क चेन ने कहा, जो भी ऐड जैसा लगे, उसे केयर से हैंडल करना चाहिए। लेकिन हमने मॉडल की प्रिसिजन सुधारने के लिए सजेशन्स बंद कर दिए। इससे यूजर्स की कन्फ्यूजन हुआ। बेहतर कंट्रोल्स पर काम कर रहे हैं ताकि यूजर्स इसे ऑफ कर सकें। सैम ऑल्टमैन ने रेड कोड दिया यह कंट्रोवर्सी तब आई जब ओपनएआई ने चैटजीपीटी सजेशन्स रोलआउट किए। यूजर्स को शॉपिंग और ऐप्स से जुड़े प्रॉम्प्ट्स दिखे, जो ऐड्स जैसे लगे। वहीं वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, CEO सैम ऑल्टमैन ने इंटरनल मेमो में चैटजीपीटी के लिए कोड रेड कॉल किया है। इससे हेल्थ, शॉपिंग पर AI एजेंट्स और पर्सनल असिस्टेंट पल्स जैसे प्रोजेक्ट्स पॉज हो गए। पहले कोड ऑरेंज मॉडल परफॉर्मेंस सुधारने के लिए था। ओपनएआई में कलर-कोड सिस्टम यूज होता है, रेड सबसे हाई प्रायोरिटी है। कोड रेड और कोड ऑरेंज का मतलब क्या है? कोड रेड और कोड ऑरेंज ओपनएआई कंपनी के अंदर इस्तेमाल होने वाले अलर्ट हैं। जैसे आर्मी में रेड अलर्ट सबसे खतरनाक होता है, वैसे ही कोड रेड मतलब सबसे हाई प्रायोरिटी यानी सब कुछ रोककर एक काम पर फोकस करो, ये बहुत जरूरी है। अभी सैम ऑल्टमैन ने चैटजीपीटी के लिए कोड रेड लगाया है, यानी सारे इंजीनियर्स सिर्फ चैटजीपीटी को बेहतर बनाने में लगे हैं। कोड ऑरेंज उससे थोड़ा कम सीरियस होता है। ये भी जरूरी है, लेकिन अभी रेड जितना नहीं। मतलब कंपनी के अंदर रंगों से पता चल जाता है कि कौन सा प्रोजेक्ट सबसे ऊपर है।
इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने भारत में अपने सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक की प्राइसिंग का ऐलान कर दिया है। रेसीडेंशियल प्लान के लिए यूजर्स को ₹8,600 हर महीने देने होंगे। वहीं, हार्डवेयर के रूप में एक सैटेलाइट डिश किट लेनी होगी, जिसकी कीमत ₹34,000 है। कंपनी ने कहा है कि यूजर्स को पहले 30 दिन के ट्रायल का मौका मिलेगा, अगर वो इससे संतुष्ट नहीं होंगे तो पुरा पैसा रिफंड हो जाएगा। सर्विस जनवरी 2026 तक शुरू हो सकती है। सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस शुरू होने से अनलिमिटेड डेटा के साथ 99.9% अपटाइम मिलेगा, जो ग्रामीण और दूरदराज इलाकों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। 220+ Mbps होगी डाउनलोड स्पीड सैटेलाइट्स से आप तक कैसे पहुंचेगा इंटरनेट? 3 सवाल-जवाब में जानें स्टारलिंक से जुड़ी जरूरी बातें... सवाल 1: स्टारलिंक क्या है और ये खास क्यों है? जवाब: स्टारलिंक, स्पेसएक्स का प्रोजेक्ट है, जो सैटेलाइट्स के जरिए हाई-स्पीड इंटरनेट देता है। इसके सैटेलाइट्स पृथ्वी के करीब घूमते हैं, जिससे इंटरनेट तेज और स्मूथ चलता है। ये खासकर उन इलाकों के लिए फायदेमंद है, जैसे गांव या पहाड़, जहां आम इंटरनेट नहीं पहुंचता। सवाल 2: आम लोगों को क्या फायदा होगा? जवाब: स्टारलिंक से गांवों और दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंचेगा, जिससे ऑनलाइन एजुकेशन, टेलीमेडिसिन, और बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, टेलीकॉम मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से सस्ते और बेहतर प्लान्स मिल सकते हैं। सवाल 3: स्टारलिंक को लाइसेंस मिलने में इतना वक्त क्यों लगा? जवाब: स्टारलिंक 2022 से कोशिश कर रही थी, लेकिन सिक्योरिटी चिंताओं की वजह से देरी हुई। भारत सरकार ने डेटा सिक्योरिटी और कॉल इंटरसेप्शन जैसी शर्तें रखी थीं। स्टारलिंक ने इन शर्तों को माना, और मई 2025 में लेटर ऑफ इंटेंट मिलने के बाद अब लाइसेंस मिल गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने नेटफ्लिक्स और वॉर्नर ब्रदर्स के बीच हो रही मल्टी-बिलियन डॉलर डील पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि नेटफ्लिक्स का मार्केट शेयर पहले से ही बहुत बड़ा है, जो इस डील से और बढ़ सकता है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि नेटफ्लिक्स का वॉर्नर ब्रदर्स को खरीदना बाजार के लिए खतरा भी हो सकता है। ट्रम्प ने साफ कहा कि वे इस डील से जुड़े फैसले में खुद शामिल रहेंगे। हॉलीवुड में एंटीट्रस्ट की चिंताओं के बीच फेडरल अथॉरिटी डील की जांच भी कर रही है। ट्रम्प की चिंता- OTT दिग्गजों का बढ़ता दबदबा ट्रम्प ने कहा कि नेटफ्लिक्स का मार्केट शेयर पहले से ही बहुत ज्यादा है और यह एक समस्या हो सकती है। उनका मानना है कि यह डील मीडिया लैंडस्केप को हिला देगी। OTT प्लेटफॉर्म्स का दबदबा बढ़ने से कॉम्पिटिशन कम हो सकता है, जो कंज्यूमर्स के लिए अच्छा नहीं है। हॉलीवुड में भी इस डील को लेकर विरोध हो रहा है। वहां कंसोलिडेशन की आशंका से एंटीट्रस्ट चिंताएं बढ़ गई हैं। फेडरल अथॉरिटी देख रही है कि क्या यह डील आगे बढ़नी चाहिए या नहीं। ट्रम्प का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब डील का रिव्यू चल रहा है। ट्रम्प का बयान इस डील में सीधा दखल ट्रम्प ने कहा कि मैं इस डील के फैसले में शामिल रहूंगा। व्हाइट हाउस का इस डील से सीधा कनेक्शन हो सकता है। वे चाहते हैं कि मार्केट में बैलेंस बना रहे। लेकिन दिलचस्प बात यह है कि ट्रम्प ने नेटफ्लिक्स के को-सीईओ टेड सरेंडोस की तारीफ भी की। ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने मूवीज के इतिहास में सबसे शानदार काम किया है। ट्रम्प का यह रुख दिखाता है कि वे बिजनेस डील्स में पर्सनल टच रखना पसंद करते हैं। पहले भी उन्होंने कई मर्जर-एक्विजिशन में दखल दिया है। आगे क्या होगा, रेगुलेटरी चुनौतियां और संभावनाएं अभी इस डील को मंजूरी मिलना बाकी है। अगर फेडरल अथॉरिटी ने ग्रीन सिग्नल दिया, तो नेटफ्लिक्स का कंटेंट पोर्टफोलियो और मजबूत हो जाएगा। लेकिन एंटीट्रस्ट इश्यूज से डील में देरी या बदलाव हो सकता है। हॉलीवुड के लिए यह एक बड़ा शेकअप होगा। क्योंकि इस डील से कंटेंट क्रिएटर्स और स्टूडियोज पर असर पड़ सकता है। वहीं यह डील कंज्यूमर्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है, अगर उन्हें ज्यादा कंटेंट एक ही जगह मिल जाए। लेकिन ट्रम्प की चिंता सही साबित हुई, तो डील रद्द भी हो सकती है। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि OTT सेक्टर में कंसोलिडेशन जारी रहेगा, लेकिन रेगुलेशन टाइट होगा। यह खबर भी पढ़ें... नेटफ्लिक्स ने वॉर्नर ब्रदर्स स्टूडियो को खरीदने का ऐलान किया: ₹6.47 लाख करोड़ में डील हुई, इससे OTT प्लेटफॉर्म की कंटेंट लाइब्रेरी बढ़ेगी OTT प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने वॉर्नर ब्रदर्स स्टूडियो को 72 बिलियन डॉलर यानी 6.47 लाख करोड़ रुपए में खरीदने का ऐलान किया है। ये डील एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक बड़ा मर्जर है, जो स्ट्रीमिंग और ट्रेडिशनल मीडिया को जोड़ेगी। पूरी खबर पढ़ें...
जोमैटो की पैरेंट कंपनी ईटर्नल के फाउंडर-सीईओ दीपिंदर गोयल ने अपना नया डिवाइस टेम्पल का टीजर इंस्टाग्राम पर शेयर किया। यह छोटा गोल्डन डिवाइस ब्रेन ब्लड फ्लो को रियल-टाइम मॉनिटर करता है। गोयल ने कैप्शन में लिखा, गेटिंग देयर। पहले उन्होंने इसे पहले माथे पर दाहिने ओर पहना था, जिससे सोशल मीडिया पर काफी क्यूरियोसिटी बढ़ी। डिवाइस गोयल के ग्रेविटी एजिंग हाइपोथेसिस पर रिसर्च का हिस्सा है। टेम्पल डिवाइस की डिटेल्स गोयल ने लिंक्डइन पर बताया कि टेम्पल एक एक्सपेरिमेंटल डिवाइस है जो ब्रेन फ्लो को एक्यूरेटली, रियल-टाइम और कंटीन्यूअस कैलकुलेट करता है। यह छोटा गोल्डन डिवाइस सिर पर लगता है। गोयल ने कहा कि यह उनके कंटिन्यू रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो ह्यूमन एग्जिस्टेंस एक्सप्लोरेशन पर काम करता है। पिछले दो साल से बायोलॉजी स्टडी कर रहे हैं ताकि एजिंग स्लो डाउन करने का तरीका ढूंढें। ग्रेविटी एजिंग हाइपोथेसिस क्या है? पिछले महीने गोयल ने लिंक्डइन पर सीरीज पोस्ट की, जिसमें ग्रेविटी एजिंग हाइपोथेसिस बताया। उन्होंने कहा कि ग्रेविटी डायरेक्टली ह्यूमन एजिंग को इन्फ्लुएंस कर सकती है। न्यूटन ने नाम दिया, आइंस्टीन ने कहा कि यह स्पेस-टाइम बेंड करता है। मैं कहता हूं कि ग्रेविटी लाइफस्पैन शॉर्ट करती है। गोयल ने तीन आइडियाज लिंक किए।अपराइट पोस्चर से ब्रेन ब्लड फ्लो में स्लाइट रिडक्शन, हाइपोथैलेमस और ब्रेनस्टेम न्यूरॉन्स की सेंसिटिविटी, और इन रीजन का एजिंग रेगुलेट करने में रोल। कस्टमर्स का ट्रस्ट खोना मेरा गेम नहीं गोयल ने कहा, मैं ईटर्नल के CEO के तौर पर नहीं, बल्कि एक क्यूरियस ह्यूमन के तौर पर शेयर कर रहा हूं। हाइपोथेसिस को डिवाइस प्रमोट करने के आरोप पर बोले, टेम्पल छोटी क्यूट कंपनी बनेगी, अगर बनेगी। ईटर्नल से तुलना नहीं है। हमने हाइपोथेसिस को मार्केटिंग गिमिक के लिए नहीं बनाया। कस्टमर्स का ट्रस्ट खोना मेरा गेम नहीं है। गोयल का एजिंग स्लो करने पर फोकस गोयल का कंटिन्यू रिसर्च प्रोजेक्ट एजिंग स्लो करने पर फोकस कर रहा है। टेम्पल डिवाइस ग्रेविटी हाइपोथेसिस को टेस्ट करने का टूल बनेगा। गोयल ने कहा कि यह साइंटिफिक लेकिन अनकन्वेंशनल है। रिसर्च जारी है, डिवाइस लॉन्च पर अपडेट देंगे।
बजाज ऑटो ने 160cc सेगमेंट में अपनी पॉपुलर बाइक पल्सर N160 का नया वैरिएंट लॉन्च किया है। इसमें गोल्डन कलर का इनवर्टेड USD फोर्क और सिंगल-सीट लेआउट दिया गया है। इसकी एक्स-शोरूम कीमत 1,23,983 रुपए रखी गई है। नया वैरिएंट इसके टॉप वैरिएंट से 2000 सस्ता है। बाइक देशभर में सभी डिलरशिप पर अवेलेबल है। बाइक का मुकाबला TVS अपाचे RTR 160 4V , हाल ही में अपडेट की गई हीरो एक्सट्रीम 160R 4V, और 2025 यामाहा FZ-S Fi से है। कंपनी का कहना है कि ग्राहकों की डिमांड पर ये अपडेट लाया गया है। कंपनी की रिसर्च से पता चला कि कई ग्राहक सिंगल पीस सीट को ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि ये लॉन्ग राइड्स में कम्फर्ट देती है। पहले USD फोर्क सिर्फ टॉप वैरिएंट में था, लेकिन अब ये फीचर कीम कीमत में अवेलेबल हो गया है। कुल मिलाकर N160 के अब 4 वैरिएंट हो गए हैं। पल्सर N160: वैरिएंट्स वाइस प्राइस डिजाइन: LED हेडलाइट के साथ गोल्डन पेंटेड इनवर्टेड फोर्क नए वैरिएंट में गोल्डन पेंटेड इनवर्टेड फोर्क (USD फोर्क) सबसे हाइलाइट फीचर है। ये फोर्क न सिर्फ लुक को प्रीमियम बनाता है, बल्कि हैंडलिंग को भी बेहतर करता है। सिंगल पीस सीट को वापस लाया गया है, जो पहले के लोअर वैरिएंट्स में था। बाइक का ओवरऑल डिजाइन एग्रेसिव है, जिसमें LED हेडलाइट और मस्कुलर फ्यूल टैंक शामिल हैं। कलर ऑप्शन में पहले की तरह ही 4 शेड्स हैं। इसमें पर्ल मेटालिक व्हाइट, रेसिंग रेड, पोलर स्काई ब्लू और ब्लैक कलर शामिल है। डायमेंशंस में कोई बदलाव नहीं है। पहले की तरह ही इसकी लंबाई 2212mm, चौड़ाई 744mm और व्हीलबेस 1352mm है। परफॉर्मेंस: 45-60kmpl का माइलेज नई पल्सर N160 में में कोई भी मैकैनिकली बदलाव नहीं किए गए है। इसमें परफॉर्मेंस के लिए 165 cc का सिंगल-सिलेंडर इंजन दिया गया है, जो 17 hp की मैक्सिमम पावर और 14.3 Nm का पीक टॉर्क जनरेट करता है। ट्रांसमिशन की बात करें तो इंजन को 5-स्पीड गियरबॉक्स के साथ ट्यून किया गया है। सिटी राइडिंग में माइलेज करीब 45kmpl और हाईवे पर 60kmpl तक मिल सकता है। टॉप स्पीड 120kmph के आसपास है। पल्सर N160 : ब्रेकिंग और सस्पेंशन कंफर्ट राइडिंग के लिए बाइक के फ्रंट में गोल्डन कलर के USD फोर्क्स और रियर में नाइट्रोक्स गैस-चार्ज्ड मोनोशॉक एब्जॉर्बर सस्पेंशन दिए गए हैं। वहीं, ब्रेकिंग के लिए पल्सर N160 में डुअल चैनल ABS के साथ 300mm फ्रंट डिस्क ब्रेक दिए गए हैं और रियर में 230mm डिस्क ब्रेक मिलते हैं। वहीं, बाइक के दोनों तरफ 17 इंच के अलॉय दिए गए हैं। इनमें फ्रंट व्हील पर 100/80-17 सेक्शन और रियर व्हील 130/70-17 सेक्शन के ट्यूबलेस टायर मिलते हैं। फीचर्स: ब्लूटूथ कनेक्टेड LCD कंसोल और नेविगेशन बाइक में फुली डिजिटल LCD कंसोल दिया गया है, जो ब्लूटूथ से कनेक्ट होता है। कंपनी ने अपडेटेड बाइक में फुली डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर दिया है। इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर को ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के जरिए बजाज राइड कनेक्ट एप से जोड़ा जा सकता है। इससे राइडर बाएं हाथ के स्विचगियर पर एक बटन का इस्तेमाल करके कॉल रिसीव या रिजेक्ट भी कर सकता है। ये डिस्प्ले फोन की बैटरी और सिग्नल की स्थिति दिखाता है। इसके अलावा, कंसोल स्पीडोमीटर, ओडोमीटर, टैकोमीटर, गियर पोजीशन इंडिकेटर, रियल टाइम फ्यूल एफिशिएंसी और एवरेज माइलेज भी देख सकते हैं। बाइक में डुअल-चैनल ABS के 3 मोड्स- सेफ्टी बढ़ाते हैं।
भारत के शहरी इलाकों में जंक फूड का चलन तेजी से बढ़ रहा है। लोकलसर्कल्स के सर्वे के अनुसार, क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर बिकने वाले पैकेज्ड फूड आइटम्स में आधे से ज्यादा हाई फैट, शुगर, सॉल्ट (HFSS) वाले या अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (UPF) हैं। सर्वे में 39% घरों ने बताया कि वे सॉफ्ट ड्रिंक्स, बिस्किट, चिप्स, नूडल्स जैसे आइटम रेगुलर खरीदते हैं, यानी हर 10 में 4 घर से जंक फूड ऑर्डर किया जा रहा है। खास बात ये है कि ऑर्डर करने वालों में बच्चे और यूवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। कोविड के बाद अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड की सेल वैल्यू 10% से ऊपर पहुंच गई है, जो हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे मोटापा, डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ा रही है। रिपोर्ट में बताया कि हर 10 में से 9 पैरेंट्स ने जंक फूड पर रेड कोडिंग लगाने की मांग की है। जंक फूड का जेन Z में सबसे ज्यादा क्रेज रिपोर्ट के अनुसार, इन प्लेटफॉर्म्स पर हर दो में से एक आइटम जंक या हाई-फैट, हाई-शुगर, हाई-सॉल्ट (HFSS) वाला है। ये वही चीजें हैं जो बच्चे सबसे ज्यादा ऑर्डर करते हैं। इसमें बिस्किट, कोल्ड ड्रिंक, चिप्स, नूडल्स, चॉकलेट और आइसक्रीम शामिल है। ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर इतने ज्यादा ऑप्शन होने से बच्चों के लिए इनसे दूर रहना मुश्किल हो जाता है। रिपोर्ट में पाया गया कि जंक या अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड (UPF) की डिमांड कोविड के बाद 'V-शेप्ड' बढ़ रही है। खासकर जेन Z में ये ट्रेंड ज्यादा है, क्योंकि क्विक डिलीवरी और लो कॉस्ट की वजह से ये आसानी से मिल जाते हैं। 10 में से 9 पैरेंट्स एप्स पर रेड वार्निंग लेबल चाहते हैं लोकलसर्कल्स ने जुलाई-सितंबर 2024 के बीच देशभर के 277 जिलों में 42,000 से ज्यादा लोगों का सर्वे किया। इनमें से 39% माता-पिता ने बताया कि उनके बच्चे नियमित रूप से इन एप्स से जंक फूड मंगाते हैं। सर्वे में पता चला कि 10 में से 9 माता-पिता चाहते हैं कि एप्स पर भी रेड वार्निंग लेबल दिखाया जाए, ताकि बच्चे समझ सकें कि कौन-सी चीज स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लेकिन फिलहाल, ज्यादातर एप्स ऐसी कोई जानकारी नहीं देते। स्वाद और अवेलेबलिटी की वजह से लत लग रही पिछले साल ICMR और NIN ने साफ कहा था कि UPF में फाइबर और पोषक तत्व में कम, लेकिन शुगर, नमक और तेल में अत्यधिक होते हैं। इनका स्वाद ऐसा होता है कि ये जल्दी लत लगा देते हैं और इनकी उपलब्धता पूरे देश में इतनी आसान है कि लोग इन्हें रोजमर्रा के खाने में शामिल करने लगे हैं। इकॉनोमिक सर्वे ने भी बताया कि भारत के 56% से ज्यादा रोगों की जड़ अस्वास्थ्यकर भोजन है, जिसमें जंक फूड मुख्य भूमिका निभा रहा है। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड क्या है? अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड वे खाद्य पदार्थ होते हैं, जो इंडस्ट्रियल प्रोसेसिंग से तैयार किए जाते हैं। इनमें प्रिजर्वेटिव, इमल्सीफायर, आर्टिफिशियल फ्लेवर, कलर, एडेड शुगर, सेचुरेटेड फैट और नमक जैसी कई चीजें मिलाई जाती हैं। इनका उद्देश्य फूड को लंबे समय तक खराब होने से बचाना और उसे स्वाद व दिखने में अधिक आकर्षक बनाना होता है। आसान भाषा में कहें तो ये रेडी-टू-ईट फूड्स होते हैं, जिन्हें बार-बार गर्म करने या पकाने की जरूरत नहीं होती है। इनमें फ्रोजन फूड्स, शुगरी ड्रिंक्स, प्रोसेस्ड मीट, इंस्टेंट नूडल्स, पिज्जा, बर्गर, मोमोज, फ्रेंच फ्राईज, चिप्स, नमकीन, कुकीज, केक और मफिन जैसे प्रोडक्ट्स शामिल होते हैं, जो दिखने और खाने में तो लाजवाब होते हैं, लेकिन स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक हैं।
फोन में प्रोसेसर कौन सा चुनें, रैम कितनी जरूरी:नया फोन खरीदने से पहले इन 9 फीचर्स के बारे में जानिए
आज बाजार में हर बजट, हर जरूरत और हर यूजर के लिए फोन मिल रहा है। सिर्फ ब्रांड या विज्ञापन देखकर फोन खरीद लेना समझदारी नहीं है। अगर आप नया फोन लेने जा रहे हैं तो ये 9 बातें जानना जरूरी है। फोन में रैम, प्रोसेसर या डिस्प्ले चुनते समय इन बातों का ध्यान रखें... 1. आपको कितनी RAM चाहिए? RAM फोन की एक्टिव मेमोरी है जो फोन को एक-एक काम तेजी से करने में मदद करती है। इसे रेस्टोरेंट के वेटर से समझें। रेस्टोरेंट में वेटर जितने ज्यादा होंगे, सर्विस उतनी तेज होगी। वैसे ही रैम जितनी ज्यादा होगी, फोन एक साथ अधिक एप्स खोलकर लैग (फंसेगा) नहीं करेगा। 15 हजार रुपए तक के फोन में 6 से 8GB रैम ठीक है। 2. प्रोसेसर क्या है... कैसे चुनें? प्रोसेसर फोन की स्पीड और क्षमता तय करता है। इस समय स्नैपड्रैगन 8 एलीट जेन 5 और मीडियाटेक डाइमेंसिटी 9500 टॉप लेवल माने जाते हैं। प्रोसेसर का चिप साइज भी जरूरी होता है। यह नैनोमीटर में हाेता है। इसका आंकड़ा कम होना बेहतर है। जैसे 3nm चिप 4nm से आगे मानी जाती है। 3. एमोलेड-एलीसीडी डिस्प्ले में अंतर? LCD: ट्रेडिशनल डिस्प्ले होता है। सस्ता और बैकलाइट इस्तेमाल करता है (एक तरह की ट्यूबलाइट जैसी रोशनी)। AMOLED: यह हर पिक्सल खुद रोशन करता है। इसका फायदा है कि कलर ऑरिजनल लगते हैं और पावर कम खर्च होती है। फिल्में-सीरीज और डीप कॉन्ट्रास्ट के लिए एमोलेड बेहतर है। 4. रिफ्रेश रेट क्या होता है? रिफ्रेश-रेट बताती है कि स्क्रीन एक सेकेंड में कितनी बार खुद को अपडेट करती है। 60Hz यानी 60 बार/सेकंड, 90Hz/120Hz यानी ज्यादा स्मूद एनीमेशन और स्क्रॉलिंग। 144Hz/165Hz यानी गेमिंग के लिए और भी स्मूद, पर फोन का प्रोसेसर और गेम दोनों सपोर्ट करना चाहिए। 5. कैमरा में मेगापिक्सल क्या? मेगापिक्सल पिक्सल की संख्या बताते हैं। जैसे 1MP यानी 10 लाख पिक्सल। 50MP यानी 5 करोड़ पिक्सल। लेकिन फोटो की क्वालिटी सिर्फ मेगापिक्सल पर निर्भर नहीं करती। सेंसर का साइज और अपर्चर ज्यादा महत्वपूर्ण है। कम रोशनी में अच्छी फोटो का राज होता है बड़ा सेंसर और छोटा अपर्चर नंबर। 6. मेन और अल्ट्रावाइड कैमरा जानें प्राइमरी कैमरा मेन कैमरा होता है और सबसे बेहतर क्वालिटी देता है। अल्ट्रावाइड कैमरा ज्यादा चौड़ा एंगल कैप्चर करता है। ग्रुप फोटो या लैंडस्केप के लिए बढ़िया है। टेलीफोटो कैमरा 2x, 3x या 5x जूम देता है। दूर की चीजें साफ दिखती हैं और पोट्रेट फोटो क्वालिटी में आती है। 7. IP रेटिंग क्या होती है? IP Rating बताती है कि फोन धूल और पानी से कितनी सुरक्षा देता है। IP68 सबसे भरोसेमंद रेटिंग मानी जाती है। इसका मतलब है कि यह फोन 15 फीट पानी में 30 मिनट तक टिक सकता है। ध्यान रखें कि IP Rating का मतलब यह नहीं कि पानी से खराब होने पर वारंटी मिलेगी। 8. eSIM कैसे अलग होती है? eSIM फोन के अंदर लगी होती है और सॉफ्टवेयर से एक्टिव होती है। इंटरनेशनल ट्रैवल में इसका बड़ा फायदा है। आप नई कंट्री का eSIM ले सकते हैं, बिना अपनी असली SIM निकाले। वापस आने पर पुराने SIM या eSIM को आसानी से री-एक्टिव किया जा सकता है। 9. एआई फीचर्स क्या हैं? अब कई फोन एआई वाले काम अपने अंदर ही कर लेते हैं, वो भी बिना इंटरनेट की मदद से। जैसे टेक्स्ट एडिट करना, छोटी कमांड्स चलाना, फोटो प्रोसेसिंग आदि। एंड्राइड में यह गूगल के जेमिनी नैनो मॉडल से चलता है। जानकारी टेक एक्सपर्ट तुषार मेहता (को-फाउंडर athenil) के पॉडकास्ट के आधार पर है।
OTT प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने वॉर्नर ब्रदर्स स्टूडियो को 72 बिलियन डॉलर यानी 6.47 लाख करोड़ रुपए में खरीदने का ऐलान किया है। ये डील एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक बड़ा मर्जर है, जो स्ट्रीमिंग और ट्रेडिशनल मीडिया को जोड़ेगी। कंपनी के मुताबिक, ये खरीदारी उनके कंटेंट को और मजबूत करेगी। नेटफ्लिक्स के CEO टेड सारंडोस ने कहा, 'ये डील हमारी ग्रोथ को नई ऊंचाई देगी। वॉर्नर की फिल्में और शोज हमारी लाइब्रेरी का हिस्सा बनेंगे, जिससे यूजर्स को ज्यादा ऑप्शन्स मिलेंगे।' ये ऐलान गुरुवार को कंपनी की बोर्ड मीटिंग के बाद किया गया। डील के तहत नेटफ्लिक्स, वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी (WBD) के फिल्म-टीवी स्टूडियोज और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म (HBO Max और HBO) को अपने साथ मिलाएगा। नेटफ्लिक्स कैश और स्टॉक से वॉर्नर ब्रदर्स को पेमेंट करेगी ये डील 72 बिलियन डॉलर की है, जिसमें ज्यादातर कैश पेमेंट होगा और बाकी नेटफ्लिक्स के शेयर से भी पेमेंट किया जाएगा। वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी का हिस्सा है, जो पहले ही कई बिडर्स के चक्कर में था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डिज्नी और अमेजन ने भी बिड लगाई थी, लेकिन नेटफ्लिक्स ने सबसे ऊंची बोली लगाई। डील अगले साल की पहली तिमाही में पूरी होने की उम्मीद है, बशर्ते रेगुलेटरी अप्रूवल मिल जाए। नेटफ्लिक्स के पास अभी दुनियाभर में 30 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं, जबकि वॉर्नर ब्रदर्स 13 करोड़ से ज्यादा यूजर्स को सर्विस देता है। ये मर्जर दोनों की ऑडियंस को एक प्लेटफॉर्म पर ले आएगा। नेटफ्लिक्स की शुरुआत DVD से, वॉर्नर ब्रदर्स की हॉलीवुड हिस्ट्री नेटफ्लिक्स 1997 में रीड हेस्टिंग्स ने DVD रेंटल से शुरू किया था। आज ये ग्लोबल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म है, जिसका रेवेन्यू 2024 में 35 बिलियन डॉलर यानी 3.14 लाख करोड़ रुपए रहा। कंपनी ओरिजिनल कंटेंट पर फोकस करती है, जैसे स्ट्रेंजर थिंग्स और द क्राउन। वहीं वॉर्नर ब्रदर्स 1923 में बनी थी, जो हॉलीवुड के पुराने स्टूडियो में से एक है। ये बैटमैन, हैरी पॉटर जैसी फ्रेंचाइजी की मालिक है। 2022 में वॉर्नर डिस्कवरी का मर्जर हुआ था, लेकिन कंपनी डेट और कॉम्पिटिशन से जूझ रही थी। नेटफ्लिक्स के लिए ये खरीदारी सस्ते में क्वालिटी कंटेंट हासिल करने का मौका है। डील से स्ट्रीमिंग मार्केट में नेटफ्लिक्स का दबदबा बढ़ेगा इस डील से स्ट्रीमिंग वॉर में नेटफ्लिक्स आगे निकल जाएगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वॉर्नर की 10 हजार से ज्यादा फिल्में और शोज नेटफ्लिक्स पर आ जाएंगी, जो यूजर्स को प्लेटफॉर्म पर रोकने में मदद करेंगी। लेकिन ये डील एंटी-ट्रस्ट चिंताओं को बढ़ावा दे सकती है, क्योंकि मार्केट शेयर 40% से ऊपर चला जाएगा। वॉर्नर के चेयरमैन डेविड जसलेव ने कहा, 'नेटफ्लिक्स के साथ पार्टनरशिप से हमारी क्रिएटिविटी को नया प्लेटफॉर्म मिलेगा।' इंडस्ट्री एनालिस्ट्स मानते हैं कि ये मर्जर छोटे प्लेयर्स जैसे पैरामाउंट को प्रेशर देगा। ज्यादा ओरिजिनल कंटेंट, ग्लोबल एक्सपेंशन की प्लानिंग डील के बाद नेटफ्लिक्स 2026 तक 50 नए ओरिजिनल शोज लॉन्च करने का प्लान कर रहा है, जिनमें वॉर्नर की IP इस्तेमाल होगी। कंपनी इंडिया और एशिया में एक्सपेंड करेगी, जहां अभी 5 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये डील स्ट्रीमिंग को मेनस्ट्रीम बनाएगी, लेकिन प्राइवेसी और कंटेंट रेगुलेशन पर फोकस बढ़ेगा। नेटफ्लिक्स अब AI टूल्स से पर्सनलाइज्ड रिकमेंडेशन पर काम भी करेगा। ये खबर भी पढ़ें... वेबसाइट्स को साइबर-अटैक से बचाने वाली क्लाउडफ्लेयर फिर डाउन: जीरोधा, ग्रो, कैनवा यूज करने में दिक्कत हुई; 16 दिन में दूसरी बार डाउन वेबसाइट्स को साइबर अटैक से बचाने वाली क्लाउडफ्लेयर शुक्रवार को फिर से डाउन हो गई। इससे जीरोधा, ग्रो, कैनवा, डाउंडिटेक्टर, जूम, एंजेल वन, अपस्टॉक्स जैसे कई प्लेटफॉर्म्स प्रभावित हुए। पूरी खबर पढ़ें...
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को 23वें भारत-रूस समिट के लिए दो दिन के भारत दौरे पर पहुंचे। उन्हें रिसीव करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर खुद दिल्ली के पालम एयरपोर्ट आए। यहां से दोनों लीडर एक ही कार में बैठकर पीएम आवास पहुंचे। खास बात ये रही कि ये कोई बुलेटप्रूफ कार नहीं, बल्कि वाइट कलर की टोयोटा फॉर्च्यूनर थी। अब प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति की ये राइड अब इंटरनेट और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जहां लोग फॉर्च्यूनर ओनर्स के लिए 'प्राउड मोमेंट' बता रहे हैं। वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स इसे पश्चिमी देशों के लिए एक डिप्लोमैटिक सिग्नल मान रहे हैं। चलिए जानते हैं सफेद कलर की कार का ही इस्तेमाल क्यों किया गया, ये जापानी ब्रांड की कार क्यों यूज की गई। साथ ही इस कार के बारे में डिटेल में जानेंगे... मोदी-पुतिन ऑफिशियल कार छोड़ टोयोटा फॉर्च्यूनर में एक साथ बैठे आमतौर पर विदेशी मेहमानों के लिए रेंज रोवर या मर्सिडीज जैसी लग्जरी कारें इस्तेमाल होती हैं। वहीं, पुतिन हर विदेशी दौरे पर अपनी बुलेटप्रूफ लिमोजिन कार ऑरस सीनेट का इस्तेमाल करते हैं और पीएम मोदी की ऑफिशियल कारें रेंज रोवर (यूके मेड) और मर्सिडीज-मेबैक S650 गार्ड हैं। दोनों लीडर ने अपनी कारों को छोड़ टोयोटा फॉर्च्यूनर में एक साथ सफर किया। इसके पीछे प्रधानमंत्री की रेंज रोवर और पुतिन की बुलेटप्रूफ लग्जरी कार ऑरस सीनेट भी चल रही थीं। वाइट फॉर्च्यूनर क्यों? अफसरों का कहना है कि ऐसी गाड़ियां हाल ही में अपडेट हुए VIP फ्लीट का हिस्सा हैं, जो हाई-प्रोफाइल मूवमेंट्स के लिए सेफ्टी, एमिशन और ऑपरेशनल स्टैंडर्ड्स को पूरा करने के लिए मेंटेन की जाती हैं। सिक्योरिटी एजेंसियां VIP मूवमेंट्स के लिए अक्सर वाइट फॉर्च्यूनर इस्तेमाल करती हैं, क्योंकि ये मॉडल गवर्नमेंट फ्लीट्स में काफी यूज होती हैं, कन्वॉय में आसानी से घुल-मिल जाती हैं और हाई स्टेबिलिटी व ग्राउंड क्लीयरेंस देती हैं। यूनिफॉर्म कलर और स्टैंडर्ड लुक की वजह से गाड़ी लो प्रोफाइल रख पाती है, साथ ही सेफ्टी भी सुनिश्चित हो जाती है। सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स कन्वॉय में आमतौर पर आर्मर्ड व्हीकल्स होते हैं, लेकिन ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी के लिए फॉर्च्यूनर और इनोवा जैसी सपोर्टिंग कारें भी जोड़ी जाती हैं। फॉर्च्यूनर का रेगुलर रजिस्ट्रेशन प्लेट ध्यान खींच गया, क्योंकि VIP मूवमेंट्स में ज्यादातर स्पेशल नंबर प्लेट्स या अनमार्क्ड गाड़ियां इस्तेमाल होती हैं। हालांकि, अफसरों ने ये नहीं बताया कि महाराष्ट्र रजिस्टर्ड फॉर्च्यूनर क्यों यूज हुई, लेकिन सिक्योरिटी एजेंसियां हाई-प्रोफाइल विज़िट्स के लिए कई स्टेट्स में फ्लीट रखती हैं। वेस्ट को मैसेज या प्रैक्टिकल वजह? डिफेंस एनालिस्ट कर्नल रोहित देव ने X पर पोस्ट किया, 'ये वेस्ट को मैसेज है।' बीजेपी स्पोक्सपर्सन शहजाद पूनावाला ने कहा, 'स्मार्ट लोग समझ जाएंगे क्यों।' एक यूजर ने लिखा, 'नो अमेरिकन, नो यूरोपियन, जापानीज कार। सिग्नलिंग शुरू!' ये कदम दिखाता है कि डिप्लोमेसी में सिंबॉलिक स्टेप्स कितने जरूरी होते हैं।
वेबसाइट्स को साइबर अटैक से बचाने वाली क्लाउडफ्लेयर शुक्रवार को फिर से डाउन हो गई। इससे जीरोधा, ग्रो, कैनवा, डाउंडिटेक्टर, जूम, एंजेल वन, अपस्टॉक्स जैसे कई प्लेटफॉर्म्स प्रभावित हुए। कंपनी ने कहा कि डैशबोर्ड और APIs में प्रॉब्लम है, इसके कारण आधे घंटे तक तक सिस्टम ठप रहा। इसके कारण रिक्वेस्ट फेल हुईं और यूजर्स को एरर मैसेज दिखे। यह नवंबर 18 के बाद दूसरा बड़ा आउटेज है। सर्वर डाउन होने की जानकारी देने वाली वेबसाइट डाउनडिटेक्टर पर 2,100 से ज्यादा रिपोर्ट्स आईं, जो दोपहर 1:50 बजे से शुरू हुईं। कैनवा, जूम जैसे प्लेटफॉर्म भी डाउन हुए क्लाउडफ्लेयर ने बताया कि आंतरिक सर्विस डिग्रेडेशन की वजह से डैशबोर्ड और APIs प्रभावित हैं। यूजर्स को वेबसाइट एक्सेस, सर्वर कनेक्शन और होस्टिंग में दिक्कत हो रही है। जीरोधा ने कहा कि सर्विस रिस्टोर हो गई। ग्रो ने भी कन्फर्म किया कि क्लाउडफ्लेयर आउटेज की वजह से इश्यू था। कैनवा, जूम, शॉपिफाई, वैलोरेंट, स्पॉटिफाई, चैटजीपीटी जैसे ग्लोबल प्लेटफॉर्म्स भी डाउन हुए। आउटेज करीब 30 मिनट चला। 16 दिन में दूसरी बार डाउन हुआ क्लाउडफ्लेयर इससे पहले 18 नवंबर को क्लाउडफ्लेयर की वजह से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X, AI चैटबॉट चैटजीपीटी और कैनवा की सर्विसेज देशभर में डाउन हो गईं। ये सर्विसेज मंगलवार शाम करीब 5 बजे से रात 9 बजे तक डाउन रहीं। भारत समेत दुनियाभर में यूजर्स को लॉगिन, साइनअप, पोस्ट करने और देखने के अलावा प्रीमियम सर्विसेज सहित प्रमुख सुविधाओं का उपयोग करने में दिक्कत आई। सर्वर डाउन होने की जानकारी देने वाली वेबसाइट डाउनडिटेक्टर भी बंद रही। कौन सी सर्विसेज सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं थीं 18 नवंबर को क्लाउडफ्लेयर डाउन होने से से 1.4 करोड़ से ज्यादा वेबसाइट्स प्रभावित हुई। इनमें X, चैटजीपीटी, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम, स्पॉटिफाई, कैनवा, क्लॉड AI, उबर, जूम शामिल थीं। क्लाउडफ्लेयर दुनिया की 20% से ज्यादा वेबसाइट्स को कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क, सिक्योरिटी और रूटिंग सर्विस देता है। एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया की हर पांचवीं वेबसाइट को क्लाउडफ्लेयर सर्विस देता है। क्लाउड सर्विसेज और साइबर सिक्योरिटी कंपनी है क्लाउडफ्लेयर क्लाउडफ्लेयर एक ग्लोबल क्लाउड सर्विसेज और साइबर सिक्योरिटी कंपनी है। यह डेटासेंटर्स, वेबसाइट और ईमेल सिक्योरिटी, डेटा लॉस से बचाव और साइबर खतरों से सुरक्षा देती है। कंपनी खुद को “इंटरनेट का इम्यून सिस्टम” बताती है। मतलब उसकी टेक्नोलॉजी अपने क्लाइंट्स और बाकी दुनिया के बीच में बैठकर रोजाना अरबों साइबर अटैक ब्लॉक करती है। साथ ही, अपनी ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर की मदद से यह इंटरनेट ट्रैफिक को तेज भी बनाती है। कंपनी हर तिमाही में 500 मिलियन डॉलर (लगभग 4.42 हजार करोड़ रुपए) से ज्यादा की कमाई करती है। इसके करीब 3 लाख ग्राहक हैं। कंपनी चीन समेत 125 देशों में काम करती है।
चाइनीज टेक कंपनी रियलमी ने P सीरीज में नया स्मार्टफोन P4x 5G भारत में लॉन्च कर दिया है। स्मार्टफोन में 7,000mAh की बड़ी बैटरी के साथ 45W की फास्ट चार्जिंग दी गई है। बेहतर पर्फोमेंस के लिए मीडियाटेक डाइमेंसिटी 7400 अल्ट्रा चिपसेट के साथ 8GB तक RAM और 256GB तक स्टोरेज दिया गया है। फोन को तीन कलर ऑप्शंस मैट सिल्वर, एलिगेंट पिंक और लेक ग्रीन के साथ लॉन्च किया गया है। कंपनी ने लॉन्च ऑफर के तहत बेस मॉडल पर ₹2,000 का डिस्काउंट दे रही है। इस फोन की सेल 12 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से शुरू होगी। आप इसे फ्लिपकार्ट और रियलमी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं। रियलमी P4x 5G की बैटरी और चार्जिंग फीचर्स बड़ी बैटरी: इस फोन की सबसे बड़ी खासियत इसकी बैटरी है। 7,000mAh की बड़ी बैटरी इस सेगमेंट में सबसे बड़ी बैटरी में से एक है। फास्ट चार्जिंग: बैटरी को जल्दी चार्ज करने के लिए इसमें 45W वायर्ड फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट दिया गया है। रिवर्स चार्जिंग: यह फोन रिवर्स वायर्ड चार्जिंग को भी सपोर्ट करता है, यानी आप इससे अपनी दूसरी डिवाइस को भी चार्ज कर सकते हैं। बाईपास चार्जिंग: इसमें बाईपास चार्जिंग का सपोर्ट भी है, जिसका मतलब है कि गेमिंग के दौरान चार्जिंग सीधे बैटरी को बायपास करके फोन को पावर देगी, जिससे फोन ज्यादा गरम नहीं होगा। रियलमी P4x 5G: डिस्प्ले और डिजाइन 6.72 इंच फुल-HD LCD डिस्प्ले है, 144Hz रिफ्रेश रेट के साथ। पीक ब्राइटनेस 1,000 निट्स तक जाती है, धूप में भी साफ दिखेगा। IP64 रेटिंग से फोन डस्ट और स्प्लैश प्रूफ रहेगा। स्मार्टफोन की मोटाई 8.39mm और वजन 208 ग्राम है। रियलमी P4x 5G:परफॉर्मेंस और स्टोरेज स्मार्टफोन में मीडियाटेक डाइमेंसिटी 7400 अल्ट्रा चिपसेट (6nm) दिया गया है। 8GB तक RAM और 256GB तक स्टोरेज। वर्चुअल RAM 18GB तक। लंबे गेमिंग सेशन के लिए इसमें खास 'फ्रोजन क्राउन कूलिंग सिस्टम' दिया गया है, जिसमें 5300mm का वेपर चैंबर और कॉपर-ग्रेफाइट कोटिंग है। 50+2 मेगापिक्सल का डुअल कैमरा सेटअप इस फोन में डुअल कैमरा सेटअप दिया गया है। इसका मेन कैमरा 50 मेगापिक्सल का है, जिसे 2 मेगापिक्सल के सेकेंडरी सेंसर के साथ जोड़ा गया है। सेल्फी और वीडियो कॉल के लिए इसमें 8 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है। रियलमी P4x 5G कनेक्टिविटी फीचर्स फोन में 5G, Wi-Fi, ब्लूटूथ, GPS, USB टाइप-C पोर्ट दिया है। स्मार्टफोन एंड्रॉइड 15 पर बेस्ड रियलमी UI 6.0 पर रन करता है। इसके साथ ही 2 साल OS अपडेट और 3 साल सिक्योरिटी पैच मिलेंगे। रियलमी ने स्मार्टवॉच 5 भी लॉन्च की रियलमी ने भारत में नई स्मार्टवॉच 5 लॉन्च कर दी है। P4x 5G फोन के साथ AIoT लाइनअप में आई यह वॉच बड़ी AMOLED स्क्रीन, इंडिपेंडेंट GPS और ढेर सारे हेल्थ फीचर्स के साथ आई है। कंपनी ने बताया कि वॉच ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ पार्टनरशिप में भारत में ही बनी है। रियलमी वॉच 5 की कीमत ₹4,499 रखी गई है। लॉन्च ऑफर में ₹500 डिस्काउंट के साथ सिर्फ ₹3,999 में मिलेगी। पहली सेल 10 दिसंबर दोपहर 12 बजे रियलमी इंडिया ई-स्टोर, फ्लिपकार्ट और मेनलाइन चैनल्स पर शुरू होगी। चार कलर ऑप्शंस टाइटेनियम ब्लैक, टाइटेनियम सिल्वर, मिंट ब्लू और वाइब्रेंट ऑरेंज दिए गए हैं।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा में उनकी लिमोजिन कार ‘ऑरस सीनेट’ चर्चा में है। 7 टन वजनी ये कार एक चलता-फिरता किला है। इसका 900 किलो का एक डोर हाथ से नहीं हाइड्रोलिक सिस्टम से खुलता है। कार की टॉप स्पीड 250 किमी प्रति घंटा है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की कार ‘द बीस्ट’ से दोगुनी स्पीड से दौड़ती है। ‘द बीस्ट’ की स्पीड 112 किमी प्रति घंटा है। ये कार पूरी तरह से बुलेट और ब्लास्ट प्रूफ है। टायर फटने पर भी दौड़ सकती है गाड़ी चारों टायर फटने पर भी ये गाड़ी 80kmph की स्पीड से दौड़ सकती है। 6cm मोटा कांच पूरी तरह बुलेटप्रूफ है। यह असॉल्ट राइफल, AK-47, ग्रेनेड हमले को झेल सकता है। केमिकल अटैक होने पर कार के अंदर ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम शुरू हो जाता है। पुतिन की ऑरस सीनेट एकमात्र ऐसी कार है जो पूरी तरह स्वदेशी है, दुनिया के किसी राष्ट्राध्यक्ष के पास स्वदेशी कार नहीं है। ऑटोनॉमस डिफेंस सिस्टम: खतरा होने पर खुद अलर्ट भेज सकता है इसका ऑटोनॉमस डिफेंस सिस्टम 360 डिग्री खतरे को हमेशा मॉनिटर करता रहता है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि को यह खुद डिटेक्ट करता है। तुरंत सुरक्षा बल को अलर्ट करता है। ड्राइवर को तुरंत रूट चेंज करने की जानकारी देता है। यह एडवांस कम्युनिकेशन सिस्टम से भी लैस है। परमाणु हमले की स्थिति में भी यह सिस्टम एक्टिव रहता है। काउंटर अटैक में सक्षम 1. टियर गैस लॉन्चर सिस्टम: सेल्फडिफेंस के लिए इसमें ऑटोमैटिक टियर गैस लॉन्चर फिट किए गए हैं। दुश्मन के करीब आने पर ऑटोमैटिकली टियर गैस फायर होता है। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए भी इसका इस्तेमाल हो सकता है। 2. स्मोक स्क्रीन सिस्टम: गाड़ी के विभिन्न हिस्सों से ऑटोमैटिक स्मोक ग्रेनेड निकलते हैं। इस सिस्टम के ऑन करते ही कार के चारों तरफ से धुएं की एक चादर बन जाती है। यह दुश्मन की नजर को धुंधला कर चकमा दे सकती है। 3. फायर सप्रेशन सिस्टम: अगर बम विस्फोट हो जाए या आग लग जाए, तो इसका सेंसर उसे डिटेक्ट कर लेता है। इसके बाद इसमें लगा फायर सप्रेशन सिस्टम खुद ऑन हो जाता है और फायर एक्सटिंग्विशर (अग्निशामक यंत्र) बाहर निकलकर आग पर काबू पा लेता है। इसमें विशेष फ्लेम रिटार्डेंट केमिकल स्प्रे होता है। 4. इलेक्ट्रिक शॉक सिस्टम: गाड़ी इलेक्ट्रिक शॉक सिस्टम से भी लैस रहती है। इसके गेट व हैंडल से इलेक्ट्रिक शॉक छोड़ा जा सकता है। हमले की स्थिति में इसका इस्तेमाल होता है, ताकि बाहर से कोई हमलावर उसे पकड़ न सके। पुतिन के सुरक्षा गार्ड को आजीवन रहना होता है सीक्रेट; 35 में हो जाते हैं रिटायर्ड पुतिन की सुरक्षा में लगे बॉडीगार्ड्स को 35 साल की उम्र के बाद रिटायर कर दिया जाता है। माना जाता है कि इसके बाद रिफ्लेक्स (प्रतिक्रिया) धीमे हो जाते हैं। ये मूंछें, दाढ़ी, टैटू और पियर्सिंग नहीं करा सकते हैं। इन्हें पूरी लाइफ सीक्रेटली बितानी होती है। सुरक्षा गार्ड स्थायी रूप से राष्ट्रपति के बारे में जानकारी प्रकट करने से भी प्रतिबंधित हैं। पुतिन के बॉडीगार्ड्स ‘पूप सूटकेस’ भी लेकर चलते हैं खाने-पीने की चीजों के साथ चम्मच, प्लेट व कटोरी भी टीम लेकर चलती है। पुतिन के बॉडीगार्ड्स पूप सूटकेस भी लेकर चलते हैं। ताकि, विदेश में पुतिन के अपशिष्ट पदार्थ (मल-मूत्र) न छूटे। वजह, डीएनए व अन्य जानकारी लीक न करना है। पुतिन प्लेन: ट्रम्प एयर फोर्स वन से ज्यादा गोपनीय है पुतिन का विमान इल्यूशिन आईएल-96-300पीयू ट्रम्प के एयर फोर्स वन की तुलना में ज्यादा गोपनीय है। इसके डिजाइन व सिस्टम की सभी बातें छुपी हैं। वहीं, एयर फोर्स वन की जानकारी सार्वजनिक है। पुतिन जहां भी जाते हैं वह दो या तीन विमान ले जाते हैं।
देश का सबसे बड़ा मोटरसाइक्लिंग फेस्ट इंडिया बाइक वीक (IBW) इस साल एक नई जगह पर होगा। गोवा में होने वाले जिला परिषद चुनावों के चलते IBW के 12वें एडिशन को महाराष्ट्र के पंचगनी में शिफ्ट किया गया है। इस बार इवेंट में 10 से ज्यादा एडवेंचर राइडिंग एक्सपीरियंस, हिल क्लाइंब, फ्लैट ट्रैक रेस, स्टंट शो, बच्चों के लिए मिनी मोटोट्रैक और देश का सबसे बड़ा टेस्ट-राइड एरीना शामिल होगा। जिसमें कई प्रीमियम मोटरसाइकिल ब्रांड अपनी बाइक्स पेश करेंगे। पंचगनी के धुंध से ढके पठारों और घुमावदार पहाड़ी रास्तों के बीच IBW 2025 राइडर्स के लिए एक बिल्कुल नया हाई-एड्रेनालाईन एक्सपीरियंस होगा। म्यूजिक सेशन में किंग-सुगा हनी जैसे आर्टिस्ट होंगे म्यूजिक सेशन में किंग, करण कंचन, सुगा हनी और कई पॉपुलर आर्टिस्ट मंच संभालेंगे। वहीं बिग ट्रिप स्टेज पर दुनिया के जाने-माने ट्रैवलर्स- साइमन और लिसा थॉमस, एल्स्पेथ बियर्ड, कैंडिडा लुइस जैसे नाम अपनी रोमांचक यात्राओं की कहानियां सुनाएंगे। इवेंट में ईवी और सस्टेनेबिलिटी पर फोकस होगा इवेंट में ईवी और सस्टेनेबिलिटी पर भी खास ध्यान दिया जा रहा है। Vida EV ऑपरेशंस सपोर्ट करेगी। साथ ही रीसाइक्लिंग जोन, EV चार्जिंग पॉइंट्स और बेहतर वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था की जाएगी। राइडर्स को कैम्पिंग, बोनफायर नाइट्स, नए ऑफ-रोड ट्रेल्स, आफ्टर-पार्टियां और बाइकिंग गियर से भरी मार्केटप्लेस जैसी सुविधा भी मिलेंगी। जिससे IBW 2025 एक और यादगार इवेंट बनेगा।
चीन की लीडिंग प्राइवेट स्पेस कंपनी लैंडस्पेस ने 3 दिसंबर को अपना पहला रीयूजेबल रॉकेट ZQ-3 Y1 लॉन्च किया। रॉकेट ने सफलतापूर्वक ऑर्बिट हासिल की, लेकिन फर्स्ट स्टेज बूस्टर की लैंडिंग के दौरान खराबी आ गई। यह रिकवरी साइट के ऊपर फट गया। यह चीन का पहला ऐसा प्रयास था जहां रीयूजेबल रॉकेट को ऑर्बिट में भेजा गया। अमेरिका अब भी इकलौता देश है, जिसका ऑर्बिटल क्लास बूस्टर धरती पर सफलतापूर्वक लौटा है। इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए सबसे पहले ऐसा किया था। इसके अलावा, जेफ बोजेस की कंपनी ब्लू ओरिजिन ऐसा कर चुकी है। पिछले महीने न्यू ग्लेन रॉकेट अपने दूसरे मिशन में बूस्टर को रिकवर करने और रीयूज करने में कामयाब रहा था। मिशन की 3 तस्वीरें... मिशन का मकसद: रीयूजेबल टेक्नोलॉजी को टेस्ट करना इस मिशन का मकसद रॉकेट को लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) तक ले जाना और फर्स्ट स्टेज को वापस पृथ्वी पर लैंड करना था। हालांकि, आग लगने के कारण वो इसमें कामयब नहीं हो सका। टेस्ट कैसे रहा: लॉन्च स्मूथ हुआ लेकिन रिटर्न के दौरान फटा मिथेन-पवार्ड इंजन से चलता है रॉकेट छोटी-मोटी टेक्निकल प्रॉब्लम ने रॉकेट फेल हुआ एक्सपर्ट्स का कहना है कि छोटी-मोटी टेक्निकल प्रॉब्लम ने रॉकेट को फेल कर दिया। इस प्रॉब्लम को ठीक करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। कंपनी के एक स्पोक्सपर्सन ने कहा, ये पहला टेस्ट था, डेटा से हम अगली फ्लाइट्स को और मजबूत बनाएंगे। यह टेस्ट चीन की कॉमर्शियल स्पेस सेक्टर का हिस्टोरिक मोमेंट था, क्योंकि यह पहली बार किसी चाइनीज प्राइवेट फर्म ने ऑर्बिटल टेस्ट के साथ फर्स्ट स्टेज रिकवरी ट्रायल किया। अभी तक चीन के पास सिंगल-यूज रॉकेट्स हैं, लेकिन रीयूजेबल से कॉस्ट 30-50% कम हो सकती है। 2015 में झांग चांगवू ने बनाई थी लैंडस्पेस लैंडस्पेस बीजिंग बेस्ड प्राइवेट स्पेस फर्म है, जिसकी स्थापना 2015 में हुई था। इसके फाउंडर और CEO झांग चांगवू का फोकस रीयूजेबल रॉकेट टेक्नोलॉजी पर है। 2023 में लैंडस्पेस ने ZQ-2 के साथ दुनिया का पहला मिथेन-LOX रॉकेट ऑर्बिटल लॉन्च किया था। फ्यूचर प्लान्स: स्पेस स्टेशन सप्लाई से मून मिशन्स तक लैंडस्पेस 2026 से चीन के तियांगोंग स्पेस स्टेशन के लिए स्पेसक्राफ्ट लॉन्च मिशन्स करेगी। कंपनी रीयूजेबल टेक्नोलॉजी को वेरिफाई और अप्लाई करने पर काम जारी रखेगी। रीयूजेबल टेक से चीन सैटेलाइट कांस्टेलेशन, मून मिशन्स और स्पेस टूरिज्म पर फोकस करेगा।
टेक कंपनी वीवो ने भारतीय बाजार में नई फ्लैगशिप स्मार्टफोन सीरीज X300 लॉन्च कर दी है। इसमें X300 और X300 प्रो मॉडल पेश किए गए हैं। दोनों मॉडल्स X200 के अपग्रेडेड वर्जन है। इनमें मीडियाटेक का नया डायमेंसिटी 9500 चिपसेट दिया गया है। इसके अलावा, दोनों फोन 200 मेगापिक्सल कैमरा, बड़ी बैटरी और नए डिजाइन के साथ पेश किए गए हैं। फोन्स के साथ फोटोग्राफी के लिए वीवो जाइस 2.35x टेलीफोटो एक्सटेंडर किट भी मिलेगी। वीवो X300 को तीन स्टोरेज वैरिएंट में पेश किया गया है। X300 की कीमत 75,999 से शुरू होती है, जबकि X300 प्रो को सिंगल वैरिएंट में 1,09,999 की कीमत में लॉन्च किया गया है। फोन के साथ कंपनी ने वीवो जाइस 2.35x टेलीफोटो एक्सटेंडर किट भी 18,999 की कीमत में पेश की है। सभी डिवाइस की प्री-बुकिंग वीवो इंडिया ई-स्टोर, ई-कॉमर्स और ऑफलाइन स्टोर्स पर शुरू कर दी गई है। इनकी सेल 10 दिसंबर से शुरू होगी। इनका मुकाबला ओप्पो फाइंड X9 सीरीज, सैमसंग गैलेक्सी S25 अल्ट्रा, शाओमी 17 प्रो मैक्स और एपल आईफोन 17 सीरीज से रहेगा। वीवो X300 सीरीज: स्पेसिफिकेशंस कैमरा: वीवो X-सीरीज की सबसे बड़ी खासियत हमेशा से ही कैमरा क्वालिटी रही है। वीवो X300 के बैक पैनल पर ट्रिपल कैमरा सेटअप दिया गया है। इसमें ऑप्टिकल इमेज स्टेब्लाइजेशन (OIS) और CIPA 4.5 स्टेबिलाइजेशन के साथ 200MP का प्राइमरी सेंसर है, जो 50MP वाइड-एंगल लेंस और 50MP टेलीफोटो सेंसर के साथ मिलकर काम करता है। फोन में में 3x ऑप्टिकल जूम मिलता है। वहीं, सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए फ्रंट में 50MP ऑटो फोकस कैमरा दिया गया है। वहीं, वीवो X300 में भी तीन कैमरे दिए गए हैं। इनमें 50MP सोनी LYT-828 प्राइमरी OIS सेंसर के साथ 50MP वाइड-एंगल और 200MP टेलीफोटो कैमरा शामिल है। ये सेटअप 3.5x ऑप्टिकल जूम और CIPA 5.5 स्टेबिलाइजेशन सपोर्ट करता है। प्रोफेशनल फोटोग्राफी के लिए दोनों स्मार्टफोन जाइस पोर्टरेट, एस्ट्रो मोड, लैंडस्केप मोड, लॉन्ग एक्सपोजर और टेलीफोटो एक्सटेंडर जैसे एडवांस मोड्स को सपोर्ट कर सकते हैं। डिस्प्ले: वीवो X300 में 2640 1216 रिजॉल्यूशन वाला 6.31-इंच का एमोलेड डिस्प्ले दिया गया है, जो 120Hz एडेप्टिव रिफ्रेश रेट पर काम करता है। सेफ्टी के लिए जेनसेशन XT कोर ग्लास दिया गया है। वहीं, X300 प्रो में बड़ा 6.78-इंच LTPO एमोलेड पैनल है। जो 120Hz एडेप्टिव रिफ्रेश रेट सपोर्ट करता है। इसमें HDR10+ और डॉल्बी विजन के साथ हाई-क्वालिटी मल्टीमीडिया एक्सपीरियंस मिलेगा। दोनों फोंस में 94% से ज्यादा स्क्रीन-टू-बॉडी रेशियो के साथ आते हैं। परफॉरमेंस: परफॉरमेंस के लिए X300 और X300 प्रो मीडियाटेक डायमेंसिटी 9500 चिपसेट दिया गया है। इसमें C1-अल्ट्रा, C1-प्रीमियम और C1-प्रो कोर स्ट्रक्चर है। ये कॉन्फिग्रेशन मल्टीटास्किंग, गेमिंग और प्रोफेशनल-ग्रेड वीडियो रेंडरिंग को स्मूद कमांड दे सकता है। दोनों डिवाइसेस LPDDR5X अल्ट्रा रैम और UFS 4.1 स्टोरेज के साथ आते हैं। बैटरी: पावर बैकअप के लिए X300 में 6040mAh की बैटरी और 90W फ्लैश चार्ज सपोर्ट दिया गया है, जबकि वीवो X300 प्रो में इससे बड़ी 6510mAh बैटरी दी गई है, जो 90W वायर्ड चार्जिंग और 40W वायरलेस फ्लैश चार्ज सपोर्ट करती है। अन्य फीचर: सिक्योरिटी और बिल्ड की बात करें तो वीवो X300 में सिंगल-पॉइंट 3D अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर दिया गया है, जबकि वीवो X300 प्रो में भी इसी फिंगरप्रिंट तकनीक का उपयोग हुआ है। दोनों फोन IP68 और IP69 रेटिंग के साथ आते है। जिसका मतलब है कि पानी और धूल से पूरी तरह सुरक्षित हैं। इनमें NFC, वाई-फाई 7, ब्लूटूथ 6.0, USB 3.2 जेन1, NavIC सपोर्ट और ई-सिम जैसे फीचर्स हैं।
Sanchar Saathi App News : केंद्र सरकार ने स्मार्टफोन कंपनियों को आदेश दिया था कि वे अपने सभी नए स्मार्टफोन में संचार साथी एप को प्री-इंस्टॉल करके बेचें। इस एप को यूजर्स डिसेबल नहीं कर सकेंगे। पुराने फोन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह एप इंस्टॉल किया ...
अमेरिकी टेक कंपनी एपल भारत सरकार के उस आदेश को मानने से इनकार कर दिया है, जिसमें हर नए फोन में ‘संचार साथी’ एप इंस्टॉल करने को कहा गया है। मंगलवार (2 दिसंबर) को पीटीआई ने रिपोर्ट में बताया कि, एपल इस फैसले से सहमत नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह संचार साथी एप और पोर्टल यूजर्स के सिम कार्ड्स को ट्रैक करने के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन एपल इसे प्राइवेसी में दखल मान रही है। कंपनी का कहना है कि, 'आदेश पर सरकार के साथ बातचीत की जाएगी और बीच का रास्ता निकालेंगे। हम मौजूदा स्वरूप में आदेश लागू करने में सक्षम नहीं है।' फ्रॉड रोकने का नया टूल मान रही सरकार सरकार का कहना है कि एप चोरी या गुम फोन ट्रैक करने, ब्लॉक करने और उनका गलत इस्तेमाल रोकने के काम आएगा। यानी साइबर फ्रॉड रोकने में मदद मिलेगी। संचार साथी एप की मदद से अब तक 7 लाख से ज्यादा गुम या चोरी हुए मोबाइल वापस मिल चुके हैं। आदेश में एपल, सैमसंग, वीवो, ओप्पो और शाओमी जैसी मोबाइल कंपनियों को 90 दिन का समय दिया गया है। इस एप को यूजर्स डिसेबल नहीं कर सकेंगे। पुराने फोन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह एप इंस्टॉल किया जाएगा। एपल ने कहा- यूजर की प्राइवेसी पहली प्रायोरिटी रॉयटर्स के मुताबिक, कंपनी के एक प्रवक्ता ने रिपोर्ट में बताया, 'हम यूजर प्राइवेसी को सबसे ऊपर रखते हैं। सरकार के इस डायरेक्टिव से iOS डिवाइसेस पर डेटा शेयरिंग की जरूरत पड़ेगी, जो हमारी पॉलिसी के खिलाफ है।' एपल का तर्क है कि पोर्टल और एप से यूजर्स का पर्सनल डेटा, जैसे IMEI नंबर और कॉल हिस्ट्री, लीक होने का खतरा है। एपल अब सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में चैलेंज करने की प्लानिंग कर रही है। कंपनी के वकीलों ने DoT को लेटर लिखा है, जिसमें आदेश को 'अनरेशनल' बताया है। एपल इंडिया के हेड ने इंटरनल मीटिंग में स्टाफ को आदेश दिया है कि कोई भी डेटा शेयर न करें। एपल की पॉलिसी क्या है? डेटा को लेकर पहले भी सरकार से हो चुका टकराव भारतीय बाजार में एपल की 9% हिस्सेदारी भारत में तेजी से बढ़ रही एपल की ग्रोथ एपल के लिए भारत लगातार महत्वपूर्ण बाजार के रूप में उभरा है। मार्केट ट्रैकर IDC के अनुसार, 2025 में कंपनी देश में 15 करोड़ आईफोन बेच सकती है। इससे एपल का मार्केट शेयर पहली बार 10% से ऊपर जा सकता है। सितंबर तिमाही में एपल भारत का चौथा सबसे बड़ा स्मार्टफोन विक्रेता बना, जहां कंपनी ने लगभग 5 मिलियन यूनिट की बिक्री के साथ 25% सालाना वृद्धि दर्ज की। कुक ने हाल के कई एनालिस्ट कॉल में भारत को स्टैंडआउट मार्केट बताया है जहां कंपनी ने लगातार 15 तिमाहियों से रिकॉर्ड राजस्व हासिल किया है। संचार साथी एप क्या है और कैसे काम करता है ये खबर भी पढ़ें... क्या संचार एप से जासूसी हो सकती है:सरकार ने इसे हर मोबाइल के लिए जरूरी किया; यह OTP पढ़ सकता है, बातचीत सुन सकता है कल्पना करें... किसी के पास ऐसा सीक्रेट वेपन हो कि वो जब चाहे आपके फोन में झांक सके। पर्सनल मैसेज के साथ बैंक OTP जैसे मैसेज पढ़ सके। जब चाहे आपकी बात सुन सकें। आपकी लोकेशन जान सके और आपके फोन में मौजूद फोटो-वीडियो देख सकें। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ ऐसा ही हो सकता है संचार साथी मोबाइल एप से, जिसे सरकार ने हर मोबाइल पर इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है। इस स्टोरी में जानेंगे कि संचार साथी मोबाइल एप क्या है? इसका विरोध क्यों हो रहा है? क्या इससे जासूसी की जा सकती है और क्या ये लोगों की प्राइवेसी पर हमला है? पूरी खबर पढ़ें...
कल्पना करें... किसी के पास ऐसा सीक्रेट वेपन हो कि वो जब चाहे आपके फोन में झांक सके। पर्सनल मैसेज के साथ बैंक OTP जैसे मैसेज पढ़ सके। जब चाहे आपकी बात सुन सके। आपकी लोकेशन जान सके और आपके फोन में मौजूद फोटो-वीडियो देख सके। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ ऐसा ही हो सकता है संचार साथी मोबाइल एप से, जिसे सरकार ने हर मोबाइल पर इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि यह कदम लोगों की प्राइवेसी पर सीधा हमला है। यह एक जासूसी एप है। सरकार हर नागरिक की निगरानी करना चाहती है। इस स्टोरी में जानेंगे कि संचार साथी मोबाइल एप क्या है? इसका विरोध क्यों हो रहा है? क्या इससे जासूसी की जा सकती है और क्या ये लोगों की प्राइवेसी पर हमला है? सवाल 1: संचार साथी मोबाइल एप क्या है, यह एप मेरे लिए कैसे फायदेमंद है? जवाब: यह केंद्र सरकार का एक डिजिटल सेफ्टी प्रोजेक्ट है। इसे 17 जनवरी 2025 को लॉन्च किया गया था। इसे गूगल प्ले स्टोर और एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। वेबसाइट पर भी ये मौजूद है। इसके जरिए आम लोगों को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। जैसे… सवाल 2: संचार एप का विरोध क्यों हो रहा है, यह मेरे फोन में क्या-क्या डेटा देख सकता है? जवाब: 1 दिसंबर 2025 को एक सरकारी प्रेस रिलीज आई। कहा गया, “अब हर नए स्मार्टफोन में सरकार का साइबर सिक्योरिटी एप ‘संचार साथी’ पहले से इंस्टॉल रहेगा। 90 दिन में सभी कंपनियों को लागू करना होगा। इसे डिसेबल नहीं किया जा सकेगा।” पहले तो किसी ने ध्यान नहीं दिया। फिर कुछ एक्सपर्ट्स ने एप की परमिशन लिस्ट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर डाले। इसमें बताया गया कि ये एप कैमरा, माइक, कीबोर्ड, मैसेज, कॉल लॉग, लोकेशन जैसी परमिशन मांगता है, जिन्हें यूजर ऑफ नहीं कर सकते। सवाल 3: क्या इस एप से मेरी निगरानी या जासूसी हो सकती है? जवाब: एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये संभव है। संचार साथी एप को फोन के कई हिस्सों तक एक्सेस चाहिए, जो IMEI चेक से कहीं ज्यादा है। इसका सर्वर भी यही है। सवाल 4: एप जो डेटा लेता है, उसे कितने समय तक रखा जाता है? जवाब: संचार साथी की प्राइवेसी पॉलिसी कहती है कि डेटा सुरक्षित रखा जाएगा और कानूनी जरूरत पर शेयर होगा, लेकिन कितने समय तक स्टोर रहेगा, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। एक्सपर्ट का मानना है कि इससे प्राइवेसी रिस्क बढ़ सकता है। सवाल 5: क्या एप में कोई ऐसी अनुमति है जिसके बिना भी ये चल सकता है? जवाब: संचार साथी एप के कोर फंक्शन IMEI वेरिफिकेशन, खोए फोन की रिपोर्टिंग, फ्रॉड कॉल/SMS रिपोर्टिंग, SIM चेक है। इसके लिए मुख्य रूप से डिवाइस आइडेंटिफायर्स (IMEI), फोन स्टेट (कॉल/SMS), लोकेशन (ट्रैकिंग) और नेटवर्क एक्सेस काफी हैं। लेकिन एप गूगल प्ले और एप स्टोर लिस्टिंग के अनुसार कैमरा, माइक, स्टोरेज, कीबोर्ड जैसी ब्रॉड अनुमतियां मांगता है, जो IMEI चेक या फ्रॉड रिपोर्ट के बिना भी एप को बेसिक रन करने देती हैं। DoT पॉलिसी में इन्हें सपोर्टिंग फीचर्स कहा गया है। सवाल 6: क्या पहले भी जासूसी के मामले आए हैं? जवाब: 2023 में पेगासस स्पाइवेयर केस आया था। ये इजराइल के NSO ग्रुप का टूल था, जो फोन में घुसकर मैसेज, कैमरा, माइक एक्सेस करता था। आरोप लगाए गए थे कि भारत सरकार ने पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए बेहद खतरनाक पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल और द वॉशिंगटन पोस्ट की नई जांच में ये खुलासा हुआ था। ये स्पाइवेयर मैसेज और ईमेल पढ़ सकता था, फोटो देख सकता था, कॉल सुन सकता था, लोकेशन ट्रैक कर सकता था, यहां तक कि कैमरा चालू करके वीडियो रिकॉर्डिंग भी कर सकता था। हालांकि ये पेगासस एक स्पाइवेयर था जिसे चुपचाप से फोन में छोड़ दिया जाता था। सरकार का संचार साथी एप डिजिटल सेफ्टी प्रोजेक्ट है। ये फोन में पहले से इंस्टॉल होकर आएगा। अभी इसे गूगल प्ले स्टोर और एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। यानी, ये स्पाइवेयर नहीं है। सरकार इसे नागरिकों को बेहतर सर्विस देने के लिए लाई है। हालांकि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि इसका इस्तेमाल भी स्पाइवेयर की तरह हो सकता है। सवाल 7: कई सारे एप्स हैं, जो ऐसी परमिशन मांगते है, संचार एप का विरोध क्यों? जवाब: विरोध और चिंताएं मुख्य रूप से दो फैक्टर्स पर निर्भर करती हैं- बड़ी और स्थापित कंपनियां जैसे गूगल या एपल आमतौर पर डेटा प्राइवेसी पॉलिसीज में ज्यादा पारदर्शिता रखती हैं और सख्त नियमों के तहत काम करती हैं। हां, सैद्धांतिक रूप से किसी भी एप से जासूसी हो सकती है, यदि उसके पास आवश्यक अनुमतियां हैं। इसी वजह से संचार एप के मामले में आलोचकों का तर्क है कि सरकार द्वारा अनिवार्य रूप से इंस्टॉल किया गया एप निगरानी का रास्ता खोल सकता है। डर है कि इस डेटा का उपयोग व्यक्तिगत स्तर पर नागरिकों की निगरानी के लिए किया जा सकता है, न कि केवल धोखाधड़ी रोकने के लिए। सवाल 8: क्या एप को अन इंस्टॉल किया जा सकता है या यह जबरन रहेगा? जवाब: पहले ये खबरें थीं कि इसे अन इंस्टॉल नहीं किया जा सकेगा। इसी वजह से इसका ज्यादा विरोध हो रहा था। हालांकि आज दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये साफ किया कि एप को अन इंस्टॉल कर सकेंगे। सवाल 9: मोबाइल कंपनियों के पास क्या विकल्प, एपल क्या करेगा? जवाब: मोबाइल कंपनियों को 90 दिन का समय दिया गया है। नए फोन में संचार एप को प्री इंस्टॉल करके देना होगा। वहीं पुराने फोन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह एप इंस्टॉल किया जाएगा। कंपनियों को 120 दिनों में कंप्लायंस रिपोर्ट जमा करनी होगी। ये टेलिकॉम साइबर सिक्योरिटी रूल्स, 2024 के तहत है, लेकिन कंपनियों के पास क्या विकल्प हैं? सवाल 10: यूजर्स को प्राइवेसी के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब: संचार साथी एप अभी पूरी तरह वैकल्पिक है, इसलिए अगर आपको लगता है कि ये आपकी प्राइवेसी के लिए खतरा है तो इसे डाउनलोड करने से बचें। पुराने फोन में ऑटो सॉफ्टवेयर अपडेट बंद कर दें। प्राइवेसी सेटिंग्स में कैमरा, माइक, लोकेशन, SMS और कॉल लॉग की परमिशन को “आस्क एवरी टाइम” कर दें। हर रीस्टार्ट के बाद बैटरी यूजेज चेक करें कि एप बैकग्राउंड में तो नहीं चल रहा। ---------------- ये खबर भी पढ़ें... संचार साथी एप पर प्रियंका बोलीं-सरकार जासूसी करना चाहती है: सरकार ने कल कहा था- सभी मोबाइल में इंस्टॉल होगा; आज बोली- डिलीट कर सकते हैं सभी मोबाइल फोन में साइबर सिक्योरिटी एप 'संचार साथी' को प्री-इंस्टॉल करने के दूरसंचार विभाग (DoT) के आदेश पर विवाद बढ़ने के बाद मंगलवार को केंद्र सरकार की सफाई आई। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ये कंपलसरी नहीं है। चाहे तो यूजर इसे डिलीट कर सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें...
मारुति सुजुकी अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार ई-विटारा आज (2 दिसंबर) लॉन्च करने जा रही है। इसमें 49kWh और 61kWh के दो बैटरी पैक ऑप्शन मिलेंगे। कंपनी का दावा है कि कार एक बर फुल चार्ज करने पर 500 किलोमीटर से ज्यादा चलेगी। इलेक्ट्रिक SUV 360 डिग्री कैमरा, एयरबैग और लेवल-2 एडवांस ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) जैसे सेफ्टी फीचर्स के साथ आएगी। ईवी का प्रोडक्शन फरवरी-2025 से सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड के प्लांट में हो चुका है। ई विटारा इलेक्ट्रिक को पिछले साल रिवील किया गया था कंपनी ने ईवी को इस साल जनवरी में हुए भारत ग्लोबल मोबिलिटी एक्सपो-2025 में रिवील किया था। इससे पहले मारुति की पेरेंट कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने पिछले साल अक्टूबर में इटली के मिलान में हुए मोटर शो EICMA-2024 में ई-विटारा को ग्लोबल मार्केट में रिवील किया था। मिड साइज इलेक्ट्रिक एसयूवी EVX का प्रोडक्शन वर्जन है, जिसे पहली बार ऑटो एक्सपो-2023 में पेश किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अगस्त 2025 को गुजरात के हंसलपुर में ई-विटारा को एक्सपोर्ट के लिए फ्लैग-ऑफ किया था। ये पूरी तरह से मेड-इन-इंडिया इलेक्ट्रिक कार है और इसे 100 से ज्यादा देशों, जैसे यूरोप और जापान में निर्यात किया जाएगा। 20 लाख रुपए से शुरू हो सकती है कीमत मारुति ई विटारा के 49kWh बैटरी पैक वाले बेस मॉडल की कीमत 20 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) रखी जा सकती है। वहीं, हाई पावर वाली मोटर के साथ 61kWh बैटरी पैक वाले मॉडल की कीमत 25 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) हो सकती है। इसके अलावा ई-ऑलग्रिप AWD वर्जन की कीमत 30 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) हो सकती है। भारतीय बाजार में ई विटारा इलेक्ट्रिक SUV का मुकाबला MG ZS EV, टाटा कर्व EV और हुंडई क्रेटा EV और महिंद्रा BE 6 से रहेगा। एक्सटीरियर : LED हेडलैंप और 19-इंच ब्लैक व्हील सुजुकी ई विटारा को नए हार्टेक्ट-ई प्लैटफॉर्म पर डेवलप किया गया है, जिसे कंपनी ने टोयोटा के साथ मिलकर बनाया है। सुजुकी ई विटारा का एक्सटीरियर डिजाइन EVX कॉन्सेप्ट मॉडल की तरह ही है। इसके फ्रंट में पतली LED हेडलाइट और वाई-शेप्ड LED DRL और स्टाइलिश बंपर के साथ इंटीग्रेटेड फॉग लाइट दी गई हैं। बॉडी क्लेडिंग और 19-इंच ब्लैक व्हील के साथ मिड साइज SUV साइड से काफी मस्क्यूलर दिखाई देती है। पिछले गेट पर डोर हैंडल को सी-पिलर पर दिया गया है। इसके अलावा रुफ पर एक इलेक्ट्रिक सनरुफ भी है। ई विटारा के रियर में कॉन्सेप्ट वर्जन की तरह 3-पीस लाइटिंग एलिमेंट वाली कनेक्टेड LED टेल लाइट दी गई है। इंटीरियर : 6 एयरबैग स्टैंडर्ड और इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक मिलेंगे ई-विटारा में डुअल-टोन ब्लैक और ऑरेंज केबिन दी गई है। इसमें 2-स्पोक फ्लेट बॉटम स्टीयरिंग व्हील और वर्टिकल ओरिएंटेड AC वेंट्स के चारों ओर क्रोम टच दिया गया है। इसके केबिन का प्रमुख हाइलाइट इंटीग्रेटेड फ्लोटिंग स्क्रीन सेटअप दिया गया है, जिसमें एक इंफोटेनमेंट और दूसरी ड्राइवर डिस्प्ले है। सुजुकी ने ई विटारा के फीचर्स का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है मारुति की इलेक्ट्रिक कार में ऑटोमैटिक AC, वेंटिलेटेड फ्रंट सीटें और वायरलेस फोन चार्जर जैसे फीचर दिए जा सकते हैं। वहीं, सुरक्षा के लिए इसमें 6 एयरबैग स्टैंडर्ड, 360 डिग्री कैमरा और इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक जैसे सेफ्टी फीचर मिलेंगे। बैटरी पैक और रेंज यूरोपियन मार्केट में ई विटारा को दो बैटरी पैक ऑप्शन के साथ पेश किया गया है। इसमें 49kWh और 61kWh का बैटरी पैक ऑप्शन शामिल है। कंपनी ने अभी तक ई विटारा की सर्टिफाइड रेंज का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है इसकी फुल चार्ज में रेंज 500 किलोमीटर तक हो सकती है। कार में 2 व्हील ड्राइव और 4 व्हील ड्राइव का ऑप्शन भी दिया जाएगा।
साइबर खतरों से निपटने के लिए भारत सरकार ने नया आदेश जारी किया है। स्मार्टफोन कंपनियों को ये निर्देश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि कंपनियां नए स्मार्टफोन में साइबर सिक्योरिटी एप 'संचार साथी' (Sanchar Saathi) प्री-इंस्टॉल (पहले से डाउनलोड) ...
अब हर नए स्मार्टफोन में साइबर सिक्योरिटी एप 'संचार साथी' प्री-इन्स्टॉल (पहले से डाउनलोड) मिलेगा। केंद्र सरकार ने स्मार्टफोन कंपनियों को आदेश दिया कि वे स्मार्टफोन में सरकारी साइबर सेफ्टी एप को पहले से इंस्टॉल करके बेचें। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ये आदेश आज सामने आया है। इसमें एपल, सैमसंग, वीवो, ओप्पो और शाओमी जैसी मोबाइल कंपनियों को 90 दिन का समय दिया गया है। इस एप को यूजर्स डिलीट या डिसेबल नहीं कर सकेंगे। पुराने फोन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह एप इन्स्टॉल जाएगा। हालांकि यह आदेश फिलहाल पब्लिक नहीं किया गया है, बल्कि चुनिंदा कंपनियों को निजी तौर पर भेजा गया है। इसका मकसद साइबर फ्रॉड, फर्जी IMEI नंबर और फोन की चोरी को रोकना है। एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने कहा, 'यह एप फर्जी IMEI से होने वाले स्कैम और नेटवर्क मिसयूज को रोकने के लिए जरूरी है।' संचार साथी एप क्या है, कैसे करेगा मदद डुप्लीकेट IMEI नंबर से बढ़ रहा साइबर क्राइम भारत में 1.2 अरब से ज्यादा मोबाइल यूजर्स हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट है, लेकिन फर्जी या डुप्लीकेट IMEI नंबर की वजह से साइबर क्राइम बढ़ रहा है। IMEI एक 15 डिजिट का यूनिक कोड होता है, जो फोन की पहचान करता है। अपराधी इसे क्लोन करके चोरी के फोन को ट्रैक से बचाते हैं, स्कैम करते हैं या ब्लैक मार्केट में बेचते हैं। सरकार का कहना है कि यह एप पुलिस को डिवाइस ट्रेस करने में मदद करेगा। सितंबर में DoT ने बताया था कि 22.76 लाख डिवाइस ट्रेस हो चुके हैं। कंपनियों पर असर, ऐपल-सैमसंग को दिक्कत हो सकती इंडस्ट्री सोर्सेज कहते हैं कि पहले से कंसल्टेशन न होने से कंपनियां परेशान हैं। खासकर एपल के लिए मुश्किल है, क्योंकि कंपनी की पॉलिसी में गवर्नमेंट या थर्ड-पार्टी एप प्री-इंस्टॉलेशन पर पाबंदी है। पहले भी एपल का एंटी-स्पैम एप पर रेगुलेटर से टकराव हुआ था। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि एपल सरकार से नेगोशिएशन कर सकती है। एपल यूजर्स को वॉलंटरी प्रॉम्प्ट देने का सुझाव भी दे सकता है। हालांकि, अभी तक किसी भी कंपनी ने आदेश के बारे में कोई कमेंट नहीं किया है। यूजर्स की सीधा फायदा मिलेगा यूजर्स को सीधा फायदा मिलेगा। चोरी का फोन होने पर IMEI चेक करके तुरंत ब्लॉक कर सकेंगे। फ्रॉड कॉल रिपोर्ट करने से स्कैम कम होंगे, लेकिन एप डिलीट न होने से प्राइवेसी ग्रुप्स सवाल उठा सकते हैं। यूजर कंट्रोल कम होगा। भविष्य में एप और फीचर्स जुड़ सकते हैं, जैसे बेहतर ट्रैकिंग या AI बेस्ड फ्रॉड डिटेक्शन। DoT का कहना है कि यह टेलीकॉम सिक्योरिटी को नेक्स्ट लेवल पर ले जाएगा। ये खबर भी पढे़ं सुप्रीम कोर्ट बोला- वॉट्सएप क्यों, स्वदेशी एप अपनाएं:सोशल मीडिया अकाउंट्स को सस्पेंड-ब्लॉक करने के नियम बनाने की मांग थी, याचिका खारिज सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका खारिज कर दिया, जिसमें देशभर में सोशल मीडिया अकाउंट्स को सस्पेंड या ब्लॉक करने के नियम बनाने की मांग थी। याचिकाकर्ता चाहते थे कि सोशल मीडिया कंपनियां अकाउंट सस्पेंड या ब्लॉक करने में साफ प्रक्रिया, पारदर्शिता और संतुलन रखें। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने अनुच्छेद 32 के तहत कहा कि वॉट्सएप तक पहुंच को मौलिक अधिकार कैसे कहा जा सकता है। पूरी खबर पढ़ें...
इंडियन मोबाइल मार्केट में दिसंबर महिने में 10 हजार रुपए के बजट फोन से लेकर 1 लाख रुपए तक के फ्लैगशिप स्मार्टफोन लॉन्च होंगे। इसमें वीवो, रेडमी, वनप्लस, रियलमी जैसे ब्रांड अपने डिवाइस पेश करेंगे। इन फोन्स में लेटेस्ट AI फीचर्स मिलेंगे। इसके अलावा, DSLR जैसी क्वालिटी वाला 200 मेगापिक्सल मेन कैमरा, 50 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा, 7000mAh की बड़ी बैटरी और एमोलेड स्क्रीन जैसे फीचर मिलेंगे। चलिए डिटेल में जानते हैं... वीवो X300 लॉन्च डेट- 2 दिसंबर वीवो X300 छोटा लेकिन पावरफुल फोन होगा, जिसमें मीडियाटेक का नया डायमेंसिटी 9500 प्रोसेसर मिलेगा। इस कॉम्पैक्ट फोन में 6.31-इंच की 1.5K ओलेड स्क्रीन मिलेगी, जो 120Hz की रिफ्रेश रेट और 4500 निट्स पीक ब्राइटनेस के साथ आएगी। फोटोग्राफी के लिए फोन में 200 मेगापिक्सल का मेन कैमरा, 50 मेगापिक्सल का जूम वाला पेरिस्कोप लेंस और एक 50 मेगापिक्सल का अल्ट्रावाइड कैमरा। सेल्फी के लिए 50 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा है। पावर बैकअप के लिए फोन में 90W वायर्ड और 40W वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट के साथ 6040mAh की बैटरी मिलेगी। वीवो X300 प्रोलॉन्च डेट – 2 दिसंबर वीवो X300 प्रो भारत में इस साल लॉन्च होने वाला आखिरी फ्लैगशिप फोन होगा। ये फोन भी मीडियाटेक डाइमेंसिटी 9500 प्रोसेसर के साथ आएगा। डिवाइस में 6.78 इंच की 1.5K एमोलेड डिस्प्ले मिलेगी। फोटोग्राफी के लिए इसमें 200MP पेरिस्कोप टेलीफोटो लेंस के साथ 50MP सोनी LYT828 सेंसर और 50MP अल्ट्रा-वाइड कैमरा दिया गया है। वहीं सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 50MP फ्रंट कैमरा मिलेगा। पावर बैकअप के लिए 6510mAh बैटरी दी गई है, जिसके साथ 90W वायर्ड, 40W वायरलेस और रिवर्स वायरलेस चार्जिंग भी मिलती है। रेडमी 15C 5Gलॉन्च डेट- 3 दिसंबर रेडमी 15C को 12 से 15 हजार रुपए की रेंज में लाया जाएगा। मोबाइल मीडियाटेक डायमेंसिटी 6300 प्रोसेसर पर काम करता है। इसमें 33W फास्ट चार्जिंग के साथ पावर बैकअप के लिए 6000mAh बैटरी मिलेगी। फोटोग्राफी के लिए फोन 50 मेगापिक्सल डुअल रियर कैमरा सपोर्ट करता है और फ्रंट पर 8 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा है। रेडमी 15C फोन में 6.9-इंच की HD+ स्क्रीन दी गई है, जो 120Hz रिफ्रेश रेट सपोर्ट करती है। रियलमी P4xलॉन्च डेट- 4 दिसंबर ये रियलमी ‘P4’ सीरीज का तीसरा मॉडल होगा। पावर बैकअप के लिए फोन में 45W फास्ट चार्जिंग तकनीक के साथ 7000mAh बैटरी मिलेगी। लीक्स के अनुसार, स्मार्टफोन में 144Hz रिफ्रेश रेट वाली 6.72-इंच की फुल HD+ LCD स्क्रीन और इसमें 18GB डायनामिक रैम भी मिलेगी। वहीं, फोटोग्राफी के लिए 50 मेगापिक्सल डुअल रियर कैमरा और 8 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा दिया जा सकता है। वनप्लस 15Rलॉन्च डेट- 17 दिसंबर वनप्लस 15 के बाद अब कंपनी प्रीमियम मोबाइल वनप्लस 15R लॉन्च करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फोन में स्नैपड्रैगन 8 जेन 5 प्रोसेसर, 16GB रैम और पावर बैकअप के लिए 120W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 7800mAh बैटरी जैसे फीचर्स मिल सकते हैं। वहीं, 1.5K रेजोल्यूशन और अल्ट्रासोनिक इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर सपोर्ट वाली OLED स्क्रीन मिलेगी, जो 165Hz रिफ्रेश रेट पर काम करती है। पोको C85लॉन्च डेट- तय नहीं यह पोको का लो बजट स्मार्टफोन इसी महीने 15 हजार से कम में आएगा। इसमें 33W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 6000mAh बैटरी दी जाएगी। मोबाइल मीडियाटेक डायमेंसिटी 6300 प्रोसेसर पर काम करेगा। फोटोग्राफी के लिए 50 मेगापिक्सल डुअल रियर कैमरा और 8 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा मिलेगा। पोको C85 में 120Hz रिफ्रेश रेट सपोर्ट के साथ बड़ी 6.9-इंच स्क्रीन मिलेगी। ओप्पो रेनो 15 सीरीजलॉन्च डेट – तय नहीं ओप्पो रेनो 15 सीरीज चीन में लॉन्च हो चुकी है, कंपनी दिसंबर में इसके दोनों फोन- रेनो 15 और रेनो 15 प्रो लॉन्च भारत में लॉन्च कर सकती है। फोन मीडियाटेक डायमेंसिटी 8450 प्रोसेसर के साथ आएंगे। फोटोग्राफी के लिए इनमें 200MP प्राइमरी सेंसर, 50MP अल्ट्रावाइड और 50MP टेलीफोटो कैमरा मिलेगा। वहीं सेल्फी के लिए 50MP फ्रंट कैमरा दिया गया है। रेनो 15 6200mAh और प्रो मॉडल 6500mAh बैटरी के साथ आएगा। प्रो मॉडल में जहां 6.78-इंच स्क्रीन दी गई है, वहीं नॉन प्रो मॉडल 6.32-इंच डिस्प्ले मिलेगा।
नवंबर में UPI से ₹26.32 लाख करोड़ का लेनदेन:2,047 करोड़ ट्रांजैक्शन, सालाना आधार पर 32% की बढ़ोतरी
नवंबर महीने में देशभर में UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के जरिए 2,047 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए, जिसमें 26.32 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ। सालाना आधार पर लेनदेन की संख्या 32% बढ़ी है। पिछले साल यानी नवंबर में 1,548 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए थे। वहीं, ट्रांसफर की गई राशि में 22% का इजाफा हुआ है। नवंबर 2024 में 21.55 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ था। नवंबर 2025 में रोजाना औसतन 68.2 करोड़ ट्रांजैक्शन हुए और ₹87,721 करोड़ राशि ट्रांस्फर की गई। इससे पहले अक्टूबर 2025 में 2,071 करोड़ ट्रांजैक्शन के जरिए ₹27.28 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए थे। यह अब तक किसी एक महीने में रिकॉर्ड है। UPI को रेगुलेट करने वाली संस्था नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने आज यानी 1 नवंबर को डेटा जारी किया। IMPS, FASTag और AePS में भी बढ़त UPI को NCPI ऑपरेट करता है भारत में RTGS और NEFT पेमेंट सिस्टम का ऑपरेशन RBI के पास है। IMPS, RuPay, UPI जैसे सिस्टम को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ऑपरेट करती है। सरकार ने 1 जनवरी 2020 से UPI ट्रांजैक्शन के लिए एक जीरो-चार्ज फ्रेमवर्क मैंडेटरी किया था। UPI कैसे काम करता है? UPI सर्विस के लिए आपको एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस तैयार करना होता है। इसके बाद इसे बैंक अकाउंट से लिंक करना होगा। इसके बाद आपका बैंक अकाउंट नंबर, बैंक का नाम या IFSC कोड आदि याद रखने की जरूरत नहीं होती। पेमेंट करने वाला बस आपके मोबाइल नंबर के हिसाब से पेमेंट रिक्वेस्ट प्रोसेस करता है। अगर, आपके पास उसका UPI आईडी (ई-मेल आईडी, मोबाइल नंबर या आधार नंबर) है तो आप अपने स्मार्टफोन के जरिए आसानी से पैसा भेज सकते हैं। न सिर्फ पैसा बल्कि यूटिलिटी बिल पेमेंट, ऑनलाइन शॉपिंग, खरीदारी आदि के लिए नेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड भी जरूरत नहीं होगी। ये सभी काम आप यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस सिस्टम से कर सकते हैं। ------------------------ PAN-आधार लिंक करने की डेडलाइन इस महीने खत्म हो रही: लोन सस्ते हो सकते हैं, कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम 10 रुपए घटे; 6 बदलाव इस बार दिसंबर के महीने में 6 बड़े बदलाव हो रहे हैं। इसमें आधार-पैन लिंकिंग डेडलाइन से लेकर तय तारीख के बाद भरे जाने वाले ITR की आखिरी तारीख और SBI mCASH सर्विस बंद होना भी शामिल है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
मारुति सुजुकी अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार ई-विटारा कल (2 दिसंबर) लॉन्च करने जा रही है। इसमें 49kWh और 61kWh के दो बैटरी पैक ऑप्शन मिलेंगे। कंपनी का दावा है कि कार एक बर फुल चार्ज करने पर 500 किलोमीटर से ज्यादा चलेगी। इलेक्ट्रिक SUV का प्रोडक्शन फरवरी-2025 से सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड के प्लांट में हो चुका है। ई विटारा इलेक्ट्रिक को पिछले साल रिवील किया गया था कंपनी ने ईवी को इस साल जनवरी में हुए भारत ग्लोबल मोबिलिटी एक्सपो-2025 में रिवील किया था। इससे पहले मारुति की पेरेंट कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने पिछले साल अक्टूबर में इटली के मिलान में हुए मोटर शो EICMA-2024 में ई-विटारा को ग्लोबल मार्केट में रिवील किया था। मिड साइज इलेक्ट्रिक एसयूवी EVX का प्रोडक्शन वर्जन है, जिसे पहली बार ऑटो एक्सपो-2023 में पेश किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अगस्त 2025 को गुजरात के हंसलपुर में ई-विटारा को एक्सपोर्ट के लिए फ्लैग-ऑफ किया था। ये पूरी तरह से मेड-इन-इंडिया इलेक्ट्रिक कार है और इसे 100 से ज्यादा देशों, जैसे यूरोप और जापान में निर्यात किया जाएगा। 20 लाख रुपए से शुरू हो सकती है कीमत मारुति ई विटारा के 49kWh बैटरी पैक वाले बेस मॉडल की कीमत 20 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) रखी जा सकती है। वहीं, हाई पावर वाली मोटर के साथ 61kWh बैटरी पैक वाले मॉडल की कीमत 25 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) हो सकती है। इसके अलावा ई-ऑलग्रिप AWD वर्जन की कीमत 30 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) हो सकती है। भारतीय बाजार में ई विटारा इलेक्ट्रिक SUV का मुकाबला MG ZS EV, टाटा कर्व EV और हुंडई क्रेटा EV और महिंद्रा BE 6 से रहेगा। एक्सटीरियर : LED हेडलैंप और 19-इंच ब्लैक व्हील सुजुकी ई विटारा को नए हार्टेक्ट-ई प्लैटफॉर्म पर डेवलप किया गया है, जिसे कंपनी ने टोयोटा के साथ मिलकर बनाया है। सुजुकी ई विटारा का एक्सटीरियर डिजाइन EVX कॉन्सेप्ट मॉडल की तरह ही है। इसके फ्रंट में पतली LED हेडलाइट और वाई-शेप्ड LED DRL और स्टाइलिश बंपर के साथ इंटीग्रेटेड फॉग लाइट दी गई हैं। बॉडी क्लेडिंग और 19-इंच ब्लैक व्हील के साथ मिड साइज SUV साइड से काफी मस्क्यूलर दिखाई देती है। पिछले गेट पर डोर हैंडल को सी-पिलर पर दिया गया है। इसके अलावा रुफ पर एक इलेक्ट्रिक सनरुफ भी है। ई विटारा के रियर में कॉन्सेप्ट वर्जन की तरह 3-पीस लाइटिंग एलिमेंट वाली कनेक्टेड LED टेल लाइट दी गई है। इंटीरियर : 6 एयरबैग स्टैंडर्ड और इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक मिलेंगे ई-विटारा में डुअल-टोन ब्लैक और ऑरेंज केबिन दी गई है। इसमें 2-स्पोक फ्लेट बॉटम स्टीयरिंग व्हील और वर्टिकल ओरिएंटेड AC वेंट्स के चारों ओर क्रोम टच दिया गया है। इसके केबिन का प्रमुख हाइलाइट इंटीग्रेटेड फ्लोटिंग स्क्रीन सेटअप दिया गया है, जिसमें एक इंफोटेनमेंट और दूसरी ड्राइवर डिस्प्ले है। सुजुकी ने ई विटारा के फीचर्स का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है मारुति की इलेक्ट्रिक कार में ऑटोमैटिक AC, वेंटिलेटेड फ्रंट सीटें और वायरलेस फोन चार्जर जैसे फीचर दिए जा सकते हैं। वहीं, सुरक्षा के लिए इसमें 6 एयरबैग स्टैंडर्ड, 360 डिग्री कैमरा और इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक जैसे सेफ्टी फीचर मिलेंगे। बैटरी पैक और रेंज यूरोपियन मार्केट में ई विटारा को दो बैटरी पैक ऑप्शन के साथ पेश किया गया है। इसमें 49kWh और 61kWh का बैटरी पैक ऑप्शन शामिल है। कंपनी ने अभी तक ई विटारा की सर्टिफाइड रेंज का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है इसकी फुल चार्ज में रेंज 500 किलोमीटर तक हो सकती है। कार में 2 व्हील ड्राइव और 4 व्हील ड्राइव का ऑप्शन भी दिया जाएगा।
टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ इलॉन मस्क ने एक पॉडकास्ट में कहा कि उनकी पार्टनर शिवोन जिलिस दिल से आधी भारतीय हैं। उन्होंने अपने बेटे का नाम नोबेल विजेता वैज्ञानिक सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर के नाम पर ‘शेखर’ रखा है। पूरा नाम सेल्डन शेखर लाइकुर्गस मस्क है। मस्क ने कहा कि अमेरिका को भारतीय टैलेंट से बहुत फायदा हुआ है। वहीं उन्होंने कहा कि 10-20 साल में AI और रोबोटिक्स इतने डेवलप हो जाएंगे कि इंसानों के लिए काम करना जरूरी नहीं रह जाएगा। काम उनके लिए हॉबी की तरह होगा। मस्क ने ये बात ब्रोकिंग फर्म जिरोधा के फाउंडर निखिल कामत के पॉडकास्ट 'पीपल बाय WTF' में कही। ये पॉडकास्ट 1 घंटे 54 मिनट का था जो रविवार को रिलीज हुआ। पढ़ें इंटरव्यू के महत्वपूर्ण हिस्से... सवाल 1: AI और रोबोटिक्स की वजह से काम का भविष्य क्या होगा? जवाब: मेरा अनुमान है कि आने वाले 10-20 साल में काम एक विकल्प बन जाएगा। लोग चाहें तो काम करें, चाहें तो ना करें। AI इतना काम कर देगा कि ज्यादातर जरूरतें रोबोट्स और मशीन खुद पूरी कर देंगी। जॉब इंसानों के लिए जरूरत की जगह हॉबी जैसा बन जाएगा। कुछ लोग काम इसलिए करेंगे, क्योंकि उन्हें मजा आता है, न कि अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए। AI और रोबोट्स सुनामी की तरह आगे बढ़ रहे हैं। कुछ ही सालों में दुनिया में जरूरत से ज्यादा सामान बनेंगे, यानी कीमतें कम होंगी। सवाल 2: सबको सब कुछ मिलेगा तो लोग किस बात पर कम्पीट करेंगे? जवाब 2: हम सिंगुलैरिटी की तरफ जा रहे हैं। यानी, AI इंसानों से कहीं ज्यादा होशियार हो जाएगा। उसके बाद क्या होगा, कोई नहीं जानता। पहले 20-30 साल तक AI हमें खुश रखने में लगेगा। अच्छा खाना, अच्छी फिल्में सब कुछ सस्ता और बेस्ट क्वालिटी में देगा। उसके बाद AI अपने लिए काम करने लगेगा। जब सारे इंसान खुश और सेट हो जाएंगे, तब AI अंतरिक्ष में नई दुनिया बसाएगा, नई खोज करेगा। वो सब जो हम सोच भी नहीं सकते। सवाल 3: आप अमेरिका में भारतीय टैलेंट को लेकर क्या सोचते हैं? जवाब: दुनिया के लिए भारत काफी महत्वपूर्ण है। यहां टैलेंट बहुत है। अमेरिका को भारतीयों से काफी फायदा हुआ है। टेस्ला और स्पेसएक्स में सबसे स्मार्ट लोग भारतीय हैं। H-1B प्रोग्राम का दुरुपयोग हुआ था, लेकिन इसे खत्म करने की बात गलत है। बिना बॉर्डर कंट्रोल के कोई देश नहीं चल सकता, लेकिन टैलेंटेड इमीग्रेंट्स को वेलकम करना चाहिए। बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन में फ्री-फॉर-ऑल था, जिससे नेगेटिव इफेक्ट पड़ा। अमेरिका को टॉप टैलेंट चाहिए और भारत इसमें लीडर है। मेरी कंपनियों में हम दुनियाभर से बेस्ट लोगों को लाते हैं। इमिग्रेशन पॉलिसी को बैलेंस्ड रखना होगा अवैध इमिग्रेशन रुकना चाहिए, लेकिन स्किल्ड वीजा को प्रमोट करना चाहिए। सवाल 4: ट्विटर को X क्यों बनाया? क्या यह सही फैसला था? जवाब: ट्विटर एक तरह की आइडियोलॉजिकल इंबैलेंस में चला गया था। वो वामपंथी विचारों को बढ़ावा दे रहा था, जबकि दक्षिणपंथी आवाजें दबाई जा रही थीं। मैंने इसे सबके लिए बराबर बनाने की कोशिश की। X का विजन ग्लोबल टाउन स्क्वायर है यानी वर्ड्स, वीडियो, कॉलिंग, मैसेजिंग और पेमेंट एक ही जगह पर। यानी X का फ्यूचर एक एवरीथिंग एप की तरह है। सवाल 5: ज्यादा बच्चे होने चाहिए या नहीं? फर्टिलिटी रेट क्रैश क्यों खतरनाक है? जवाब: जरूर होने चाहिए। दुनिया में आज ज्यादातर देशों में औसतन एक महिला से सिर्फ 1.5-1.6 बच्चे ही हो रहे हैं, जबकि समाज चलते रहने के लिए कम-से-कम 2.1 बच्चे चाहिए। अगर यही चलता रहा तो 100-150 साल बाद इंसान की आबादी इतनी कम हो जाएगी कि पूरी मानव जाति ही खत्म हो जाएगी। कॉन्शियसनेस बढ़ानी है तो ज्यादा लोग चाहिए। बच्चे आपको अनकंडीशनल लव करते हैं। सवाल 6: आपके कई पार्टनर्स से बच्चे हैं? आप पारंपरिक परिवार मॉडल में विश्वास करते हैं? जवाब: हां, मेरा मानना है कि ट्रेडिशनल फैमिली मॉडल काम करता है और ज्यादातर लोगों के लिए सही भी है। मेरी स्थिति थोड़ी अलग है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ट्रेडिशनल फैमिली मॉडल गलत है। सवाल 7: आपकी बॉडी देखकर हैरानी हुई, आप काफी मस्कुलर हैं, उतना सोचा नहीं था। जवाब: (हंसते हुए) ओह स्टॉप, आप मुझे ब्लश करवा रहे हो! बस वर्कआउट करता हूं, लेकिन रियल चीट कोड है- कभी क्विट न करना। मैं अभी भी 100 घंटे से ज्यादा काम करता हूं। सवाल 8: अमेरिका पर बहुत ही ज्यादा कर्ज है, इसे सॉल्व करने का रास्ता क्या है? जवाब: करेंसी डिफ्लेशन से नहीं चलेगा। एक ही रास्ता है- एआई और रोबोटिक्स। ये प्रोडक्टिविटी को इतना बढ़ा देगा कि कर्ज मैनेज हो जाएगा। लेकिन ये बस बदलाव जैसा होगा, लंबा नहीं चलेगा। परमानेंट ग्रोथ के लिए यूनिवर्सल हाई इनकम की तरफ जाना पड़ेगा, जहां एआई वैल्यू क्रिएट करे। सवाल 9: फ्यूचर में पैसा रहेगा भी या गायब हो जाएगा? जवाब: लॉन्ग टर्म में पैसा गायब हो जाएगा। जब AI-रोबोट्स हर जरूरत पूरी कर देंगे तो लेबर एलोकेशन के लिए पैसा नहीं चाहिए। एनर्जी ही असली करेंसी बनेगी। सवाल 10: इंडिया के एंटरप्रेन्योर्स को क्या एडवाइस देंगे? जवाब: यूजफुल प्रोडक्ट या सर्विस बनाओ जो लोगों की जिंदगी आसान करे, पैसा अपने आप पीछे-पीछे दौड़ेगा। दिन-रात मेहनत करो, असफलता को गले लगाओ, बार-बार गिरो, लेकिन हर बार कुछ नया सीखकर उठो। बस ये याद रखो – आप समाज से जितना लेंगे, उससे ज्यादा वापस लौटाओ। नेट पॉजिटिव कंट्रीब्यूटर बनो, बाकी सब अपने आप सेट हो जाएगा। सवाल 11: लाइफ का मतलब क्या है? आपने क्या निष्कर्ष निकाला? जवाब: “मैंने इस सवाल पर बहुत सोचा। बचपन में 12-13 साल की उम्र में डगलस एडम्स की किताब द हिचहाइककर्स गाइड टू द गैलेक्स पढ़ी। किताब में पृथ्वी एक सुपर-कंप्यूटर निकलती है जिसका काम था ‘लाइफ, यूनिवर्स और एवरीथिंग’ का जवाब ढूंढना। 7.5 मिलियन साल चलने के बाद कंप्यूटर का जवाब आता है - 42। लेकिन फिर सब समझ आता है कि असली जवाब नहीं, असली सवाल ढूंढना सबसे मुश्किल है। 42 का मतलब क्या है, ये कोई नहीं जानता क्योंकि सवाल ही गलत था। सही सवाल ढूंढने के लिए पृथ्वी से भी बड़े कंप्यूटर की जरूरत है। तो मेरा निष्कर्ष ये है- लाइफ का मतलब है कॉन्शियसनेस का दायरा और स्केल बढ़ाना। हम अभी ये भी नहीं जानते कि हमें क्या नहीं पता। जो सवाल हमें पता भी नहीं कि पूछने हैं, वही सबसे जरूरी हैं। सवाल 12: लॉन्ग टर्म में स्टॉक में पैसा लगाने का एकमात्र फॉर्मूला क्या है? जवाब: प्रोडक्ट्स-सर्विसेज अभी पसंद हैं? प्रोडक्ट रोडमैप शानदार है? टीम टैलेंटेड + हार्डवर्किंग है और मॉटिवेटेड है? बस इतना देखो। डेली फ्लक्चुएशंस को पूरी तरह इग्नोर करें। सवाल 13: अभी आपको सबसे एक्साइटेड क्या कर रहा है- टेस्ला, स्पेसएक्स, xAI? जवाब: तीनो कंपनियां एक साथ मिल रही हैं। टेस्ला + स्पेसएक्स + xAI… भविष्य सोलर-पावर वाले AI सैटेलाइट्स का है। धूप तो अंतरिक्ष में 24 घंटे मिलती है। इसलिए वहां ऊपर सोलर एनर्जी इकट्ठा करके AI को कभी बैटरी खत्म होने की टेंशन नहीं रहेगी। इसके लिए तीनों का कॉम्बिनेशन चाहिए। टेस्ला दुनिया का नंबर-1 रियल वर्ल्ड AI बना रहा है → सेल्फ-ड्राइविंग कारें अब ऑस्टिन में कोई भी ऐप से बुला के ट्राई कर सकता है → अगले साल गर्मियों से ऑप्टिमस रोबोट की फैक्ट्री में बड़े पैमाने पर बनना शुरू होगा → हर आदमी को अपना निजी C-3PO/R2-D2 जैसा रोबोट हेल्पर मिलने वाला है स्पेस एक्स का स्टारलिंक कमाल कर रहा है → आज 150 देशों में चल रहा है, भारत में भी जल्द आएगा → धरती पर कहीं भी हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचा देगा तीनों मिलकर ऊपर अंतरिक्ष में सोलर पावर + AI + इंटरनेट का जाल बिछाएंगे। फिर नीचे हर इंसान के पास अपना रोबोट और हमेशा ऑन इंटरनेट रहेगा। सवाल 14: हम सिमुलेशन में हैं? प्रोबेबिलिटी कितनी है? जवाब: काफी ज्यादा प्रोबैबलिटी है 50 साल पहले गेम में काफी छोटे थे, आज गेम असली दुनिया जैसे दिखते हैं। अगर यही स्पीड चली तो जल्दी ही गेम और हकीकत में फर्क ही नहीं रहेगा। बेस रियलिटी में होने की प्रोबेबिलिटी बहुत कम है। सवाल 15: धर्म के बिना नैतिकता संभव है या नहीं? जवाब: बिल्कुल पॉसिबल है। नैतिकता का धर्म से कोई जरूरी रिश्ता नहीं है। प्यार से रहो, दूसरे का दुख समझो, चोरी-मार-काट मत करो। ये बातें किसी भी धर्म में मिल जाएंगी, लेकिन ये धर्म से पहले भी थीं। ये तो बस कॉमन सेंस है। अगर सब एक-दूसरे को मारने लगें या धोखा देने लगें तो समाज दो दिन भी नहीं टिकेगा। इसलिए अच्छे नियम हर कहीं खुद-ब-खुद बन जाते हैं। चाहे भगवान को मानो या न मानो। सवाल 16: आज के जमाने में कॉलेज जाना जरूरी है या नहीं? जवाब: सोशल रीजंस के लिए ठीक है। लेकिन फ्यूचर में स्किल्स की जरूरत नहीं पड़ेगी। पोस्ट-वर्क सोसाइटी आएगी। AI-रोबोटिक्स सुपरसॉनिक सुनामी है। मेरे बड़े बेटे भी कॉलेज जा रहे हैं हालांकि जानते हैं कि उनकी स्किल्स फ्यूचर में अनयूजफुल हो जाएंगी। सवाल 17: अगर अपनी कंपनी के अलावा एक स्टॉक खरीदना हो तो कौन सा? जवाब: AI-रोबोटिक्स वाली कंपनियां। गूगल और एनवीडिया अभी सबसे सॉलिड लग रहे हैं। फ्यूचर में लगभग सारी वैल्यू AI, रोबोटिक्स और स्पेस से आएगी। सवाल 18: ट्रंप के टैरिफ प्लान से आप डिसअग्री करते हैं? जवाब: हां। फ्री ट्रेड बेस्ट है। टैरिफ्स मार्केट में डिस्टॉर्शन लाते हैं। स्टेट के अंदर टैरिफ लगाएंगे तो इकोनॉमी तबाह हो जाएगी। मैंने ट्रम्प को समझाने की कोशिश की, लेकिन नहीं माने। सवाल 19: DOGE से सबसे बड़ा सबक क्या मिला? जवाब: DOGE यानी, डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी ने सिखाया कि सबसे साधारण बदलाव भी अरबों डॉलर बचा सकते हैं। पहले सरकारी पेमेंट सिस्टम में फ्रॉड का बोलबाला था। जैसे फर्जी NGO बनाकर “बेबी पांडा बचाओ” जैसे नाम से पैसा लूटना। DOGE ने बस दो बेसिक चीजें जोड़ीं... हर पेमेंट के लिए कोड नंबर जरूरी और कमेंट बॉक्स में डिटेल्स भरना अनिवार्य कर दिया। इससे फ्रॉड पकड़ना आसान हो गया, और हर साल 100-200 बिलियन डॉलर की बचत हो रही है। मतलब, बड़ी-बड़ी स्कीम्स की बजाय छोटी-छोटी सावधानियां ही असली गेम-चेंजर हैं। पॉडकास्ट करने वाले निखिल कामत के बारे में भी जानिए... -------------------------- इलॉन मस्क के बारे डिटेल में जानने के लिए ये स्टोरी पढ़ें... 1. पिता ने मानसिक यातना दी, डिप्रेशन में रहे:गर्लफ्रेंड बोली- ऐसा लगता था इलॉन को हार्ट-अटैक आ जाएगा; 54 साल के हुए मस्क 2. इलॉन मस्क की 5 रिलेशनशिप और 13 बच्चे:12 साल की उम्र में वीडियो गेम बनाकर बेचा, आज दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी
चैटजीपीटी में यूजर्स को जल्द ही स्पॉन्सर्ड सजेशंस और विज्ञापन दिखने को मिल सकते हैं। ब्लीपिंग कंप्यूटर और फाइंडआर्टिकल्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओपनएआई चैटजीपीटी में ऐड्स लाने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने आधिकारिक घोषणा नहीं की है, पर चैटजीपीटी के नए एंड्रॉइड बीटा एप वर्जन के शुरुआती कोड रेफरेंस में विज्ञापन शुरू होने के संकेत मिले हैं। बीटा एप लीक में मिले एड शुरू होने के संकेत टेक पोर्टल ब्लीपिंग कंप्यूटर के अनुसार, ChatGPT के एंड्रॉइड बीटा एप (वर्जन 1.2025.329) के कोड में 'सर्च ऐड', 'सर्च ऐड्स कैरोसेल' और 'बाजार कंटेंट' जैसे स्ट्रिंग्स मिले हैं। इससे संकेत मिलता है कि ओपन AI चैट-बेस्ड स्पॉन्सर्ड कंटेंट दिखाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर बना रहा है। वहीं एक इंजीनियर तिबोर ब्लाहो ने X पर शेयर किया कि कोड में स्पॉन्सर्ड कंटेंट के लिए सिस्टम बन रहा है। यह जनरल चैट से ज्यादा सर्च क्वेरी पर फोकस्ड लगता है। टेक न्यूज प्लेटफॉर्म गिज्मोचाइना ने कहा कि ऐड्स ट्रेडिशनल बैनर नहीं, बल्कि कन्टेक्स्टुअल सजेशंस होंगे। जैसे शॉपिंग क्वेरी में प्रोडक्ट कार्ड्स। विज्ञापन क्यों ला रही ओपनएआई ओपनएआई के पावरफुल मॉडल्स चलाने का कॉस्ट बहुत ज्यादा है। अभी सब्सक्रिप्शन (चैटजीपीटी प्लस) और API लाइसेंसिंग से कमाई हो रही है, लेकिन ऐड्स तीसरा रेवेन्यू सोर्स बनेगा। CEO सैम ऑल्टमैन यह कह चुके हैं कि ऐड्स ट्राई करने का विकल्प है, लेकिन हमने कोई कमिटमेंट नहीं किया। 2022 में ChatGPT को पब्लिकली अनवील किया था OpenAI ने नवंबर 2022 में दुनिया के लिए ChatGPT अनवील किया था। इस AI टूल ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। म्यूजिक और पोएट्री लिखने से लेकर निबंध लिखने तक, ChatGPT बहुत सारे काम कर सकता है। यह एक कन्वर्सेशनल AI है। एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जो आपको इंसानों की तरह जवाब देता है। OpenAI में माइक्रोसॉफ्ट जैसी बिग टेक कंपनी ने 13 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश कर रखा है। कंपनी ने अपने सर्च इंजन ‘बिंग’ में भी ChatGPT को इंटीग्रेट किया है। कई कंपनियां भी ChatGPT का इस्तेमाल करने के लिए आतुर हैं। ऐसे में AI बेस्ड इस चैटबॉट का इस्तेमाल आने वाले दिनों में कहीं ज्यादा फैलने की उम्मीद है।
कल तक निपटा लें ये 4 जरूरी काम:पेंशन नहीं मिलेगी, बैंक अकाउंट बंद हो जाएगा, टैक्स नोटिस भी आ सकता है
नवंबर का महीना कल हो जाएगा और इसके साथ ही 4 जरूरी काम की डेडलाइन भी खत्म हो जाएगी। इन काम में पेंशन पाने के लिए लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना, पंजाब नेशनल बैंक में KYC, टैक्स से जुड़े फॉर्म और केंद्रीय कर्मचारियों के लिए UPS ऑप्शन शामिल हैं। अगर अब तक आपने अब तक ये काम नहीं किए हैं, तो पेंशन रुक सकती है, फाइनेंशियल प्रोसेस अटक सकते हैं, टैक्स से जुड़ी दिक्कतें बढ़ सकती हैं और पेनाल्टी भी लग सकती है। आइए समझते हैं इन जरूरी कामों को कैसे पूरा कर सकते हैं। 1. पेंशनर्स के लिए लाइफ सर्टिफिकेट 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए है। केंद्र और राज्य सरकार के पेंशनभोगियों को अपनी पेंशन जारी रखने के लिए हर साल 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक अपना जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) जमा करना होता है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) की डोरस्टेप लाइफ सर्टिफिकेट सर्विस इस प्रक्रिया को और आसान बना दिया है। इसमें पेंशनर्स घर बैठे ही डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं। 2. टैक्स से जुड़े जरूरी फॉर्म की डेडलाइन टैक्सपेयर्स को 30 नवंबर तक अक्टूबर 2025 के लिए (सेक्शन 194-IA, 194-IB, 194M और 194S के तहत) TDS का चालान-कम-स्टेटमेंट जमा करना जरुरी है। इसके अलावा, जिन टैक्सपेयरों की अंतरराष्ट्रीय या स्पेशल घरेलू फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन सेक्शन 92E के तहत आती है, उन्हें ITR भरना होगा। वहीं, विदेशी कंपनियों की भारतीय यूनिट्स को फॉर्म 3CEAA भी 30 नवंबर तक जमा करना होगा। 3. पंजाब नेशनल बैंक के ग्राहक पंजाब नेशनल बैंक के ग्राहकों को 30 नवंबर 2025 तक eKYC करानी है। अगर ग्राहक ऐसा नहीं करते हैं तो उनका अकाउंट ऑपरेटिव नहीं रहेगा। ग्राहक अपने अकाउंट से पैसा निकाल नहीं पाएंगे। साथ ही पैसा ट्रांसफर नहीं कर पाएंगे। अगर आपका खाता पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में है और आपका KYC अपडेट बाकी है, तो 30 नवंबर तक जरूर निपटा लें। 4. यूनिफाइड पेंशन स्कीम में शामिल होने का आखिरी मौका केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में शामिल होने की आखिरी तारीख 30 नवंबर 2025 है। पहले ये डेडलाइन 30 सितंबर थी, जिसे दो महीने बढ़ाकर 30 नवंबर किया गया था। UPS, नई पेंशन व्यवस्था (NPS) से अलग है और इसमें कर्मचारियों और सरकार दोनों का योगदान तय होता है। UPS के तहत कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 10% योगदान करते हैं, जबकि सरकार 18.5% देती है। यह व्यवस्था पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) से अलग है, जिसमें कर्मचारियों को बिना योगदान दिए अंतिम बेसिक पे का 50% पेंशन मिलती थी।
होंडा कार्स इंडिया की पॉपुलर सेडान अमेज भारत में कंपनी की सबसे सेफ कार बन गई है। थर्ड जनरेशन मॉडल को भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (BNCAP या भारत NCAP) के क्रैश टेस्ट में एडल्ट प्रोटेक्शन कैटेगरी में 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है, जो इसके सभी वैरिएंट्स पर लागू होगी। हालांकि कार चाइल्ड, प्रोटेक्शन के लिए 4 स्टार ही स्कोर कर पाई। एजेंसी के क्रैश टेस्ट रिजल्ट के अनुसार, होंडा अमेज को एडल्ट सेफ्टी के लिए 32 में से 28.33 और चाइल्ड सेफ्टी के लिए 49 में से 40.81 पॉइंट मिले हैं। इसके साथ ही ये मारुति की डिजायर के बाद भारत में दूसरी सेडान है, जिसे 5 स्टार मिले हैं। होंडा भारत में एक SUV एलिवेट और दो सेडान- सिटी और अमेज (सेकेंड और थर्ड जनरेशन मॉडल) बेचती है। थर्ड जनरेशन अमेज कंपनी की पहली कार है जिसका भारत-एनकैप में क्रैश टेस्ट हुआ है। आइए जानते हैं क्रैश टेस्ट में दोनों कारों का स्कोर क्या रहा... होंडा अमेज: भारत एनसीएपी क्रैश टेस्ट डिकोड होंडा अमेज: एडल्ट ऑक्युपेंट प्रोटेक्शन क्रैश टेस्ट फ्रंटल इंपैक्ट टेस्ट- 64kmph की स्पीड में हुए फ्रंटल इंपैक्ट टेस्ट में अमेज को 16 में से 14.33 अंक मिले। इसमें ड्राइवर के सिर, गर्दन, कमर, जांघ और टखने की प्रोटेक्शन को 'अच्छा' बताया गया। वहीं, छाती और दोनों पैरों की टिबिया (घुटने और टखने के बीच का हिस्सा) की सुरक्षा को पर्याप्त पाया गया। वहीं, साइड पैसेंजर के सिर, गर्दन, छाती, कमर, जांघ, टिबिया और टखने की प्रोटेक्शन को 'अच्छा' बताया गया। इसका फुटवेल एरिया और बॉडीशेल इंटीग्रिटी 'स्थिर' बताई गई है। साइड इम्पेक्ट टेस्ट- सेडान का 50kmph की स्पीड से साइड इंपैक्ट टेस्ट किया गया, जिसमें इसे 16 में से 14 अंक मिले। इस टेस्ट में सिर, पेट और कमर के हिस्से को 'अच्छा' प्रोटेक्शन मिला, जबकि छाती को मार्जिनल सेफ्टी मिली। साइड पोल इम्पेक्ट टेस्ट- इस टेस्ट में ड्राइवर के सिर, छाती, पेट और कमर की सेफ्टी को अच्छा पाया गया। इन तीनों टेस्ट की परफॉर्मेंस के बेस पर होंडा अमेज को एडल्ट प्रोटेक्शन कैटेगरी में 32 में से 28.33 पॉइन्ट मिले, जो 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग के लिए काफी है। होंडा अमेज: चाइल्ड ऑक्युपेंट प्रोटेक्शन क्रैश टेस्ट इस टेस्ट में 18 महीने और एक 3 साल के बच्चे की डमी को चाइल्ड रेस्ट्रेंट सिस्टम पर उल्टी दिशा की तरफ रखा गया। होंडा अमेज को चाइल्ट प्रोटेक्शन कैटेगरी में 49 में से 40.81 अंक मिले, जिससे इस कैटेगरी में 4 स्टार क्रैश टेस्ट रेटिंग मिली। इस कैटेगरी में कार डायनामिक स्कोर 24 में से 23.81, चाइल्ड रेस्टरेंट सिस्टम (CRS) इंस्टॉलेशन स्कोर 12 में से 12 और व्हीकल असिसमेंट स्कोर 13 में से 5 रहा। क्रैश टेस्ट में 3 साल के बच्चे की डमी ने फ्रंटल क्रैश टेस्ट में 8 में से 8 अंक और साइड क्रैश टेस्ट में 4 में से 4 अंक हासिल किए। वहीं, 18 महीने के बच्चे की डमी ने फ्रंटल क्रैश टेस्ट में 8 में से 7.81 अंक, जबकि साइड क्रैश टेस्ट में 4 में से 4 अंक हासिल किए। हालांकि, प्रोटेक्शन के लेवल्स की जानकारी तो शेयर नहीं की गई है। 2025 होंडा अमेज के सेफ्टी फीचर्स होंडा अमेज में 6 एयरबैग स्टैंडर्ड, ABS के साथ EBD, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC), टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS), हिल स्टार्ट असिस्ट, फ्रंट-रियर पार्किंग सेंसर्स और चाइल्ड ISOFIX सीट एंकर जैसे सेफ्टी फीचर्स मिलते हैं। हायर वैरिएंट में ब्लाइंड व्यू मॉनिटर और लेवल-2 ADAS पैकेज फीचर भी दिए गए हैं। इसमें एडाप्टिव क्रूज कंट्रोल, लेन कीप असिस्ट, ऑटो हाई-बीम, अपने आप इमरजेंसी ब्रेकिंग शामिल हैं। सब-4 मीटर सेडान की कीमत 7.41 लाख से शुरू होकर 10 लाख तक (एक्स-शोरूम) जाती है। सेगमेंट में इसका सीधा मुकाबला हुंडई ऑरा, मारुति डिजायर और टाटा टिगोर से है। क्रैश टेस्ट की प्रोसेस 1. टेस्ट के लिए इंसान जैसी 4 से 5 डमी को कार में बैठाया जाता है। बैक सीट पर बच्चे की डमी होती है, जो चाइल्ड ISOFIX एंकर सीट पर फिक्स की जाती है।2. गाड़ी को फिक्स्ड स्पीड पर ऑफसेट डिफॉर्मेबल बैरियर (हार्ड ऑब्जेक्ट) से टकराकर देखा जाता है कि गाड़ी और डमी को कितना नुकसान पहुंचा है। ये तीन तरीके से किया जाता है। 2. टेस्ट में देखा जाता है कि इम्पैक्ट के बाद डमी कितनी डैमेज हुई, एयरबैग और सेफ्टी फीचर्स ने काम किया या नहीं। इन सभी के आधार पर रेटिंग दी जाती है।
जल्द ही आप घर बैठे आधार कार्ड में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदल सकेंगे। आधार को रेगुलेट करने वाली संस्था यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने नई डिजिटल सर्विस की घोषणा की है। इसके जरिए यूजर्स आधार एप पर OTP वेरिफिकेशन और फेस ऑथेंटिकेशन से अपना मोबाइल नंबर अपडेट कर पाएंगे। इस सर्विस से दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोग और सीनियर सिटिजन को आसानी होगी। नई सर्विस कैसे काम करेगी? UIDAI के मुताबिक मोबाइल अपडेट करने की प्रोसेस काफी सिंपल रखा गया है। इसके लिए कोई डॉक्यूमेंट या फिजिकल विजिट की जरूरत नहीं है। पूरी प्रोसेस कुछ मिनटों में हो जाएगी। आधार मोबाइल अपडेट क्यों जरूरी है? आधार कार्ड देश की सबसे बड़ी आइडेंटिटी सर्विस है, जिसमें 130 करोड़ से ज्यादा लोगों का डेटा जुड़ा हुआ है। मोबाइल नंबर इसका सबसे अहम हिस्सा है, क्योंकि इसी से OTP के जरिए बैंक अकाउंट, सरकारी सब्सिडी, इनकम टैक्स वेरिफिकेशन और डिजिटल सर्विसेज जैसे डिजीलॉकर तक एक्सेस मिलता है। अगर नंबर पुराना हो जाए या खो जाए तो कई समस्याएं हो सकती हैं। अभी तक इसे अपडेट करने के लिए एनरोलमेंट सेंटर जाना पड़ता था, जहां बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और लंबी कतारों का झंझट होता है। लेकिन अब UIDAI डिजिटल तरीके से इसे आसान बनाने जा रहा है। UIDAI ने पिछले महीने AADHAAR एप लॉन्च किया था एक महीने पहले UIDAI ने आधार कार्ड का नया मोबाइल एप लॉन्च किया था। इसमें यूजर एक ही फोन में 5 लोगों के आधार रख सकते हैं। इसमें आधार की सिर्फ वही जानकारी शेयर करने का ऑप्शन है, जो जरूरी होते हैं। इस ऐप में आप UPI में जिस तरह स्कैन कर पेमेंट करते है, उसी तरह आधार डिटेल्स शेयर कर सकते हैं। एप को ज्यादा सिक्योर बनाने के लिए इसमें फेस ऑथेंटिकेशन जैसे फीचर्स जोड़े गए हैं। आधार के नए एप के फीचर्स पुराना आधार एप पहले से था, फिर नया क्यों लाया गया? पुराना mAadhaar और नया आधार एप का मकसद आधार को डिजिटल तरीके से यूज करना है, लेकिन फोकस अलग-अलग है... नए एप से यूजर्स को क्या फायदा मिलेगा? 2009 में शुरू हुआ था आधार आधार 2009 में शुरू हुआ था। अब 1.3 अरब यानी 130 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास आधार हैं। पहले पेपर कार्ड था, फिर mAadhaar एप आया। अब डिजिटल इंडिया के तहत फुली डिजिटल एप लाया गया है। सरकार की कोशिश है कि हर सर्विस ऑनलाइन हो जाए। --------------------------- देश में 6 करोड़ मृतकों के आधार कार्ड एक्टिव: पश्चिम बंगाल में 34 लाख ID धारक अब जिंदा नहीं; UIDAI ने सर्वे शुरू किया देश में जनवरी 2009 में आधार कार्ड लागू हुआ था। हर नागरिक को आधार नंबर जारी करने की शुरुआत के 15 साल हो चुके हैं। इस दौरान 142 करोड़ से अधिक आधार कार्ड जारी हुए, लेकिन 8 करोड़ से ज्यादा धारकों की मौत के बावजूद 1.83 करोड़ कार्ड ही निष्क्रिय हो पाए हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
एपल ने भारत में अपना पांचवां रिटेल स्टोर 11 दिसंबर को नोएडा के DLF मॉल ऑफ इंडिया में खोलने का ऐलान किया है। यह दिल्ली NCR का दूसरा स्टोर होगा, पहला अप्रैल 2023 में दिल्ली में खुला था। बेंगलुरु (2 सितंबर) और पुणे (4 सितंबर) के बाद 2025 में एपल का यह तीसरा स्टोर ओपन होगा। CEO टिम कुक ने कहा था कि भारत में मुंबई-दिल्ली के अलावा चार और स्टोर खोले जाएंगे। नोएडा स्टोर में आईफोन 17 सीरीज, M5-पावर्ड मैकबुक प्रो और 14 मैकबुक प्रो जैसे लेटेस्ट प्रोडक्ट्स मिलेंगे। कस्टमर्स नए फीचर्स ट्राई कर सकेंगे। स्पेशलिस्ट, क्रिएटिव्स, जीनियस और बिजनेस टीम्स एक्सपर्ट सपोर्ट देंगे। भारत में तेजी से बढ़ रही एपल की ग्रोथ एपल के लिए भारत लगातार महत्वपूर्ण बाजार के रूप में उभरा है। मार्केट ट्रैकर IDC के अनुसार, 2025 में कंपनी देश में 15 करोड़ आईफोन बेच सकती है। इससे एपल का मार्केट शेयर पहली बार 10% से ऊपर जा सकता है। सितंबर तिमाही में एपल भारत का चौथा सबसे बड़ा स्मार्टफोन विक्रेता बना, जहां कंपनी ने लगभग 5 मिलियन यूनिट की बिक्री के साथ 25% सालाना वृद्धि दर्ज की। कुक ने हाल के कई एनालिस्ट कॉल में भारत को स्टैंडआउट मार्केट बताया है जहां कंपनी ने लगातार 15 तिमाहियों से रिकॉर्ड राजस्व हासिल किया है। स्टोर में 'टुडे एट एपल' सेशन्स भी होंगे नोएडा स्टोर में 'टुडे एट एपल' सेशन्स का आयोजन होंगे, जो पूरी तरह फ्री होंगे। इन सेशन्स में एपल के क्रिएटिव्स ग्राहकों को डिजिटल आर्ट, स्टोरीटेलिंग, प्रोडक्टिविटी और कोडिंग जैसे विषयों पर वर्कशॉप्स देंगे। ये सेशन्स उन लोगों के लिए खास होंगे जो अपने एपल डिवाइसेज का बेहतर इस्तेमाल सीखना चाहते हैं या कुछ नया और रचनात्मक करना चाहते हैं। गैजेट्स खरीद सकेंगे और सर्विस भी मिलेगी
मारुति सुजुकी अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार ई-विटारा को 2 दिसंबर को लॉन्च करने जा रही है। कंपनी ने इवेंट के इनवाइट भेजे हैं। इसमें 49kWh और 61kWh के दो बैटरी पैक ऑप्शन मिलेंगे। कंपनी का दावा है कि कार एक बर फुल चार्ज करने पर 500 किलोमीटर से ज्यादा चलेगी। इलेक्ट्रिक SUV का प्रोडक्शन फरवरी-2025 से सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड के प्लांट में हो चुका है। ई विटारा इलेक्ट्रिक को पिछले साल रिवील किया गया था कंपनी ने ईवी को इस साल जनवरी में हुए भारत ग्लोबल मोबिलिटी एक्सपो-2025 में रिवील किया था। इससे पहले मारुति की पेरेंट कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने पिछले साल अक्टूबर में इटली के मिलान में हुए मोटर शो EICMA-2024 में ई-विटारा को ग्लोबल मार्केट में रिवील किया था। मिड साइज इलेक्ट्रिक एसयूवी EVX का प्रोडक्शन वर्जन है, जिसे पहली बार ऑटो एक्सपो-2023 में पेश किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अगस्त 2025 को गुजरात के हंसलपुर में ई-विटारा को एक्सपोर्ट के लिए फ्लैग-ऑफ किया था। ये पूरी तरह से मेड-इन-इंडिया इलेक्ट्रिक कार है और इसे 100 से ज्यादा देशों, जैसे यूरोप और जापान में निर्यात किया जाएगा। 20 लाख रुपए से शुरू हो सकती है कीमत मारुति ई विटारा के 49kWh बैटरी पैक वाले बेस मॉडल की कीमत 20 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) रखी जा सकती है। वहीं, हाई पावर वाली मोटर के साथ 61kWh बैटरी पैक वाले मॉडल की कीमत 25 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) हो सकती है। इसके अलावा ई-ऑलग्रिप AWD वर्जन की कीमत 30 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) हो सकती है। भारतीय बाजार में ई विटारा इलेक्ट्रिक SUV का मुकाबला MG ZS EV, टाटा कर्व EV और हुंडई क्रेटा EV और महिंद्रा BE 6 से रहेगा। एक्सटीरियर : LED हेडलैंप और 19-इंच ब्लैक व्हील सुजुकी ई विटारा को नए हार्टेक्ट-ई प्लैटफॉर्म पर डेवलप किया गया है, जिसे कंपनी ने टोयोटा के साथ मिलकर बनाया है। सुजुकी ई विटारा का एक्सटीरियर डिजाइन EVX कॉन्सेप्ट मॉडल की तरह ही है। इसके फ्रंट में पतली LED हेडलाइट और वाई-शेप्ड LED DRL और स्टाइलिश बंपर के साथ इंटीग्रेटेड फॉग लाइट दी गई हैं। बॉडी क्लेडिंग और 19-इंच ब्लैक व्हील के साथ मिड साइज SUV साइड से काफी मस्क्यूलर दिखाई देती है। पिछले गेट पर डोर हैंडल को सी-पिलर पर दिया गया है। इसके अलावा रुफ पर एक इलेक्ट्रिक सनरुफ भी है। ई विटारा के रियर में कॉन्सेप्ट वर्जन की तरह 3-पीस लाइटिंग एलिमेंट वाली कनेक्टेड LED टेल लाइट दी गई है। इंटीरियर : 6 एयरबैग स्टैंडर्ड और इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक मिलेंगे ई-विटारा में डुअल-टोन ब्लैक और ऑरेंज केबिन दी गई है। इसमें 2-स्पोक फ्लेट बॉटम स्टीयरिंग व्हील और वर्टिकल ओरिएंटेड AC वेंट्स के चारों ओर क्रोम टच दिया गया है। इसके केबिन का प्रमुख हाइलाइट इंटीग्रेटेड फ्लोटिंग स्क्रीन सेटअप दिया गया है, जिसमें एक इंफोटेनमेंट और दूसरी ड्राइवर डिस्प्ले है। सुजुकी ने ई विटारा के फीचर्स का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है मारुति की इलेक्ट्रिक कार में ऑटोमैटिक AC, वेंटिलेटेड फ्रंट सीटें और वायरलेस फोन चार्जर जैसे फीचर दिए जा सकते हैं। वहीं, सुरक्षा के लिए इसमें 6 एयरबैग स्टैंडर्ड, 360 डिग्री कैमरा और इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक जैसे सेफ्टी फीचर मिलेंगे। बैटरी पैक और रेंज यूरोपियन मार्केट में ई विटारा को दो बैटरी पैक ऑप्शन के साथ पेश किया गया है। इसमें 49kWh और 61kWh का बैटरी पैक ऑप्शन शामिल है। कंपनी ने अभी तक ई विटारा की सर्टिफाइड रेंज का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है इसकी फुल चार्ज में रेंज 500 किलोमीटर तक हो सकती है। कार में 2 व्हील ड्राइव और 4 व्हील ड्राइव का ऑप्शन भी दिया जाएगा।
दुनिया का पहला फुली मोबाइल AI-इनेबल्ड एंटी-ड्रोन पैट्रोल व्हीकल 'इंद्रजाल रेंजर' लॉन्च किया गया है। ये सिंगल मूवमेंट में ही ड्रोन को 10 किलोमीटर दूर से डिटेक्ट और ट्रैक कर सकता है। यही नहीं 4 किलोमीटर दूर से न्यूट्रलाइज भी कर सकता है। इसे हैदराबाद की एरियल डिफेंस सिस्टम वाली कंपनी इंद्रजाल ड्रोन डिफेंस ने बनाया है। कंपनी ने इसे शहरों और बॉर्डर एरिया में बिना इजाजत उड़ने वाले ड्रोन्स को ढूंढकर रोकने के लिए डिजाइन किया है। हैदराबाद में चल रहे स्टार्टअप इन्क्यूबेटर इवेंट 'टी-हब' में इसे पेश किया गया, जहां लाइव डेमो भी दिया गया। इवेंट में कंपनी के CEO किरण राजू ने कहा कि ये गाड़ी बॉर्डर पर ड्रग्स, हथियारों और विस्फोटकों की स्मगलिंग को रोकने के काम आएगी। गाड़ी में AI से चलने वाला कमांड सिस्टम इस गाड़ी में शरारती ड्रोन्स से निपटने के लिए ढेर सारे गैजेट्स लगे हैं, जैसे ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) स्पूफिंग, रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) जैमिंग और एक स्प्रिंग वाला किल स्विच भी है, जो ड्रोन को तुरंत मार गिरा सकता है। ये पूरी तरह घूमने-फिरने लायक व्हीकल है और इसमें AI से चलने वाला कमांड सिस्टम भी फिट है, जिसका नाम स्काईओएस है। इस पूरे सिस्टम को ग्रीन रोबोटिक्स ने बनाया है, जो सारे ऑपरेशंस को ऑटोमेटिकली कंट्रोल करता है। मिलिट्री ग्रेड के साथ 100% मेड इन इंडिया इंद्रजाल रेंजर की ऑफिशियल प्राइस नहीं बताई गई है। कंपनी ने कहा है कि ये 100% मेड इन इंडिया है। इसका डिप्लॉयमेंट बॉर्डर रोड्स, कैनाल्स, एग्रीकल्चर बेल्ट्स, क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और अर्बन एरियाज में अगले कुछ महीनों में शुरू होगा। बुकिंग या ऑर्डर के लिए इंद्रजाल की वेबसाइट या डायरेक्ट कॉन्टैक्ट का ऑप्शन है। ARDTC-सर्टिफाइड होने से ये मिलिट्री और सिविल यूज के लिए रेडी है। एक्सटीरियर: 4x4 ऑल-टेरेन व्हीकलइंद्रजाल रेंजर एक 4x4 ऑल-टेरेन व्हीकल है, यानी हर तरह के सतह पर चल सकता है। इसका एक्सटीरियर 4x4 टोयोटा हाइलक्स पर बेस्ड है। फ्रंट में रग्ड बंपर और सेंसर दिए गए हैं, जो हाई-थ्रेट जोन्स में स्टेबल रहने के लिए डिजाइन किए गए हैं। साइड में रेनफोर्स्ड साइड पैनल्स और एक्सटर्नल एंटिना सेटअप है, जो मूविंग डिटेक्शन को सपोर्ट करता है। रियर में इंटीग्रेटेड जैमर और लेजर यूनिट्स लगे हैं। इंटीरियर: मल्टी टच डिस्प्ले के साथ टेक-लोडेड कैबिन अंदर इंटीरियर मिलिट्री-स्टाइल है, जो ऑपरेटर्स के लिए फंक्शनल है। डैशबोर्ड पर सेंट्रल कंट्रोल कंसोल है, जिसमें 10-12 इंच की मल्टी-टच स्क्रीन्स लगी हैं। इसमें एक थ्रेट मॉनिटरिंग के लिए और दूसरा नेविगेशन और कमांड्स के लिए काम आती है। स्टीयरिंग व्हील पर क्विक-एक्सेस बटन्स हैं, जो RF जैमिंग या सॉफ्ट किल को एक्टिवेट करते हैं। सीट अपहोल्स्ट्री वाटर-रेजिस्टेंट फैब्रिक वाली हैं। परफॉरमेंस: ऑल व्हील ड्राइव सेटअप के साथ ड्राइव मोड इंद्रजाल रेंजर में टोयोटा हाइलक्स वाला ही 2.8 लीटर का डीजल इंजन दिया गया है, जो 201hp की पावर और 500Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इसकी टॉप स्पीड 180kmph है और ये 0-100kmph की स्पीड 10 सेकेंड्स में हासिल कर सकता है। इसमें 4x4 ऑल व्हील ड्राइव सेटअप के साथ ऑफ-रोड मोड्स (सैंड, मड, रॉक) मिलते हैं। सेफ्टी फीचर्स: थ्रेट न्यूट्रलाइजेशन वाली प्रोटेक्शन व्हीकल सेफ्टी में के लिए एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक डिस्ट्रीब्यूशन (EBD), 6 एयरबैग्स, 360-डिग्री कैमरा और टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम हैं। ARDTC सर्टिफिकेशन से मिलिट्री-ग्रेड प्रोटेक्शन मिलता है। ये खबर भी पढ़ें भारत का पहला प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट तैयार:300 किलो तक के सैटेलाइट अंतरिक्ष में ले जाएगा; मोदी ने उद्घाटन किया, अगले साल लॉन्चिंग पीएम मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत के पहले प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट विक्रम-I को दुनिया के सामने रखा। इस रॉकेट की ऊंचाई 26 मीटर यानी करीब 85 फीट है। रॉकेट को प्राइवेट स्पेस कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने बनाया है। इस रॉकेट को 2026 में लॉन्च किया जाएगा। यह अपने साथ 300 किग्रा सैटेलाइट ले जाने में सक्षम है। पीएम ने रॉकेट के अलावा कंपनी के नए इनफिनिटी कैंपस का भी इनॉगरेशन किया। इस कैंपस में कई लॉन्च व्हीकल के डिजाइन, डेवलपमेंट, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग का काम किया जाएगा। कैंपस तेलंगाना के हैदराबाद में बना है। कंपनी का हेड ऑफिस भी यहीं है। पूरी खबर पढ़ें
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने आज (27 नवंबर) अपने स्क्रीम इलेक्ट्रिक इवेंट के दूसरे दिन नई 7-सीटर इलेक्ट्रिक SUV लॉन्च की है। भारत में इलेक्ट्रिक कार को तीन बैटरी पैक ऑप्शन के साथ 6 वैरिएंट में उतारा गया है और इसकी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 19.95 लाख रुपए रखी गई है। इसे XEV 9e के INGLO प्लेटफॉर्म पर ही बनाया गया है, लेकिन ये 1.95 लाख रुपए सस्ती है। XEV 9S की बुकिंग अगले साल 14 जनवरी से शुरू होगी और इसकी डिलीवरी 23 जनवरी 2026 से की जाएगी। कार की टेस्ट ड्राइव यूनिट 5 दिसंबर से डीलरशिप पर मिलेगी। ये XUV400, BE 6e और XEV 9e के बाद महिंद्रा की चौथी इलेक्ट्रिक SUV है। SUV में 12.3 इंच की ट्विन स्क्रीन और खुलने वाला पैनोरमिक सनरूफ दिया गया है, जबकि BE 6e और XEV 9e फिक्स्ड ग्लास रूफ के साथ आती हैं। इसमें फुल चार्ज में 679km तक की रेंज मिलेगी। महिंद्रा XEV 9S: वैरिएंट वाइस प्राइस एक्सटीरियर डिजाइन: बोल्ड और स्पेशियस लुक महिंद्रा XEV 9S का एक्सटीरियर डिजाइन XUV700 से इंस्पायर्ड है, लेकिन इसमें EV एलिमेंट्स दिए गए हैं। फ्रंट में L-शेप्ड कनेक्टेड LED DRLs, ट्रायंगुलर LED हेडलैंप्स, क्लोज्ड-ऑफ ग्रिल और इल्यूमिनेटेड महिंद्रा लोगो है, जो चंकी प्रोफाइल देते हैं। साइड में लॉन्ग व्हीलबेस (2762mm) और ओवरहैंग्स (फ्रंट 915mm, रियर 1099mm) से बैलेंस्ड स्टांस मिलता है, साथ में 18-इंच या 20-इंच एरो-स्टाइल अलॉय व्हील्स और ग्लॉस ब्लैक पैनल्स। रियर में स्मोक्ड LED टेल लैंप्स, रीडिजाइन बंपर और इंटीग्रेटेड स्पॉयलर है। डायमेंशन्स: लंबाई 4737mm, चौड़ाई 1900mm, ऊंचाई 1745mm, ग्राउंड क्लीयरेंस 201mm (बैटरी पर 219mm)। बूट स्पेस थर्ड रो फोल्ड करने पर 527 लीटर, फ्रंक 150 लीटर। कलर ऑप्शन्स: स्टेल्थ ब्लैक, रूबी वेलवेट, नेबुला ब्लू, मिडनाइट ब्लैक, डेजर्ट मिस्ट, एवरेस्ट व्हाइट। इंटीरियर डिजाइन: प्रीमियम और वर्सेटाइल कैबिन अंदर लाइट ब्लैक और ब्लैक-व्हाइट थीम है, जो XUV700 से मिलती-जुलती है। सीट अपहोल्स्ट्री लेदरेट वाली है, सेकंड रो स्लाइडिंग और रिक्लाइनिंग वाली, थर्ड रो बच्चों या पेट्स के लिए सूटेबल। फ्रंट सीट्स वेंटिलेटेड हैं, मैक्सिमम हेडरूम राइवल्स से ज्यादा। डैशबोर्ड पर ट्रिपल-स्क्रीन सेटअप: 12.3-इंच डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, सेंट्रल इंफोटेनमेंट टचस्क्रीन (वायरलेस एंड्रॉयड ऑटो/एप्पल कारप्ले) और पैसेंजर डिस्प्ले (कंटेंट स्ट्रीमिंग के लिए)। स्टीयरिंग टू-स्पोक वाली, फिजिकल बटन्स के साथ। ओपनेबल पैनोरमिक सनरूफ, मल्टी-कलर एम्बिएंट लाइटिंग और AR HUD हाई वैरिएंट्स में हैं। सेकंड रो पैसेंजर्स के लिए फ्रंट सीट्स पर माउंटेड स्क्रीन्स BYOD फीचर सपोर्ट करती हैं। फीचर्स: कंफर्ट और एडवांस टेक का कॉम्बो कंफर्ट के लिए डुअल-जोन क्लाइमेट कंट्रोल, रियर AC वेंट्स, वेंटिलेटेड फ्रंट सीट्स, बॉस मोड (फ्रंट सीट्स एडजस्टमेंट) और 16-स्पीकर हार्मन कार्डन साउंड सिस्टम है। कन्वीनियंस में कीलेस एंट्री, पुश-बटन स्टार्ट, ऑटो हेडलैंप्स, रेन-सेंसिंग वाइपर्स, रियर डिफॉगर और वायरलेस चार्जिंग मिलती है। एडवांस फीचर्स में 12.3-इंच टचस्क्रीन (क्रिस्प ग्राफिक्स), OTA अपडेट्स, वॉयस कमांड्स और 540-डिग्री कैमरा (अंडर-कार व्यू के साथ) हैं। सब कुछ INGLO प्लेटफॉर्म पर रन करता है, जो EV आर्किटेक्चर को स्मूथ बनाता है। परफॉरमेंस: सिंगल मोटर और लॉन्ग रेंज RWD सेटअप वाली XEV 9S में सिंगल इलेक्ट्रिक मोटर है, जो 231 PS (59kWh) से 286 PS (79kWh) पावर और 380Nm टॉर्क देती है। कंपनी का दावा है कि कार 0-100kmph की स्पीड 7 सेकंड्स में हासिल कर सकती है और इसकी टॉप स्पीड 202kmph है। बैटरी ऑप्शन्स: 59kWh (521km रेंज), 70kWh (600km) और 79kWh (679km, ARAI)। रियल-वर्ल्ड रेंज 400-550km के बीच। चार्जिंग: 140kW (59kWh) से 180kW (79kWh) DC फास्ट, 20-80% 20 मिनट में। 7.2kW AC पर 0-100% 8.7-11.7 घंटे, 11kW पर 6-8 घंटे। फोर ड्राइव मोड्स और फाइव रिजेन ब्रेकिंग लेवल्स हैं। फर्स्ट ओनर्स को लाइफटाइम बैटरी वारंटी मिलेगी। सेफ्टी फीचर्स: 360-डिग्री कैमरा के साथ लेवल-2 ADAS सेफ्टी में लेवल-2 ADAS सूट है, जिसमें एडाप्टिव क्रूज कंट्रोल, लेन कीप असिस्ट, ऑटो इमरजेंसी ब्रेकिंग और डॉरोसनेस डिटेक्टर शामिल हैं।6 एयरबैग्स, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, 360-डिग्री कैमरा, ऑल-डिस्क ब्रेक्स, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक विथ ऑटो-होल्ड और हिल स्टार्ट असिस्ट स्टैंडर्ड हैं। ऑटो पार्किंग और 540-डिग्री व्यू सेफ्टी बढ़ाते हैं। भारत NCAP से 5-स्टार रेटिंग एक्सपेक्टेड है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा का स्क्रीम इलेक्ट्रिक इवेंट आज (26 नवंबर) से शुरू हो गया है। ये महिंद्रा की इलेक्ट्रिक व्हीकल जर्नी का 1 साल का सेलिब्रेशन इवेंट है। इवेंट के पहले दिन कंपनी ने अपनी पॉपुलर इलेक्ट्रिक एसयूवी BE 6 का फॉर्मुला ई एडिशन भारत में लॉन्च किया। स्पेशल एडिशन टॉप-स्पेक पैक 3 वैरिएंट पर बेस्ड है, जिसकी फुल चार्ज पर 682km की रेंज है। स्पेशल एडिशन SUV को स्टैंडर्ड BE 6 की तुलना में कॉस्मेटिक चेंजेस और कुछ नए फीचर्स के साथ पेश किया है। महिंद्रा ने इसे दो वैरिएंट- FE2 और FE3 में उतारा है, इसकी शुरुआती कीमत 23.69 लाख रुपए (एक्स-शोरूम, पैन-इंडिया) है, जो स्टैंडर्ड मॉडल से ₹80,000 ज्यादा है। पहले 999 कस्टमर्स को ट्रैक डे एक्सपीरियंस और फॉर्मूला ई रेस के टिकट्स जैसे गिफ्ट मिलेंगे। BE 6 फॉर्मूला ई की बुकिंग 14 जनवरी 2026 से शुरू होगी और डिलीवरी 14 फरवरी से की जाएगी। ये भारत में टाटा कर्व ईवी, हुंडई क्रेटा इलेक्ट्रिक और MG ZS EV को टक्कर देती है। महिंद्रा BE 6 फॉर्मूला-ई एडिशन: वैरिएंट वाइस प्राइस एक्सटीरियर डिजाइन: रेसिंग वाली बोल्ड लुक स्पेशल एडिशन SUV रेस ट्रैक से निकली लगती है। इसके फ्रंट और रियर बंपर्स को और ज्यादा आक्रामक डिजाइन दिया गया है, फॉर्मूला ई से इंस्पायर्ड ग्राफिक्स, डिकल्स और कई खास चीजें मिली हैं। कार के फ्रंट में रिवाइज्ड ग्रिल, सर्कुलर LED प्रोजेक्टर हेडलैंप्स और आईब्रो स्टाइल DRLs हैं। बंपर्स को फिर से डिजाइन किया गया है, रियर में ब्रश्ड एल्युमिनियम फॉक्स स्किड प्लेट और इंटीग्रेटेड स्पॉयलर लगा है। बॉडी पर मोटरस्पोर्ट ग्राफिक्स, हूड स्ट्रिप्स, व्हील स्ट्रिप्स और फॉर्मूला ई बैज हैं। रेड ब्रेक कैलीपर्स और ऑरेंज टो हुक स्पोर्टी वाइब ऐड करते हैं। डायमेंशन्स स्टैंडर्ड BE 6 जैसे ही हैं- लंबाई 4371mm, चौड़ाई 1985mm, ऊंचाई 1495mm और व्हीलबेस 2775mm। कलर ऑप्शन्स में ब्लैक-रेड एक्सेंट्स के साथ फायरस्टॉर्म ऑरेंज, टैंगो रेड, एवरेस्ट व्हाइट और स्टेल्थ ब्लैक हैं। 20-इंच अलॉय व्हील्स नया एरो डिजाइन वाले हैं, जो 2023 के राल-ई कॉन्सेप्ट से इंस्पायर्ड हैं। इंटीरियर डिजाइन: प्रीमियम और रेस-रेडी अंदर डुअल-टोन ऑरेंज-ब्लैक थीम है, जो एक्सक्लूसिव फील देती है। डैशबोर्ड पर कार्बन फाइबर फिनिश, डोर ट्रिम्स पर फॉर्मूला ई लोगो और सीट बैक पर मोटिफ लगा है। स्टीयरिंग व्हील पर ऑरेंज इंसर्ट्स, सेंटर कंसोल बटन्स और डोर हैंडल्स ऑरेंज हैं। सीट अपहोल्स्ट्री वेंटिलेटेड फ्रंट सीट्स वाली है, ड्राइवर के लिए 6-वे पावर एडजस्टमेंट के साथ। पैनोरमिक मूनरूफ इल्यूमिनेटेड लाइटिंग स्ट्रिप्स के साथ है। टचस्क्रीन ट्विन 12.3-इंच डिस्प्ले- एक कर्व्ड इंफोटेनमेंट और दूसरा डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर। महिंद्रा का एड्रेनॉक्स AI इंटरफेस वायरलेस एप्पल कारप्ले, एंड्रॉयड ऑटो, OTA अपडेट्स और वॉयस कमांड्स सपोर्ट करता है। रियर AC वेंट्स, लैमिनेटेड डोर्स और 65W टाइप-सी फास्ट चार्जर कन्वीनियंस बढ़ाते हैं। फीचर्स: कंफर्ट और एडवांस टेक का मिक्स कंफर्ट के लिए डुअल-जोन क्लाइमेट कंट्रोल, वायरलेस चार्जिंग, ऑटो-डिमिंग IRVM, ऑटो हेडलैंप्स और रेन-सेंसिंग वाइपर्स हैं। एडवांस फीचर्स में डॉल्बी एटमॉस के साथ 16-स्पीकर हार्मन कार्डन साउंड सिस्टम, जो म्यूजिक को नेक्स्ट लेवल ले जाता है। रेस-रेडी डिजिटल कॉकपिट वॉयस कंट्रोल से नेविगेशन और क्लाइमेट हैंडल करता है। ये सब INGLO प्लेटफॉर्म पर हैं, जो इलेक्ट्रिक आर्किटेक्चर को पावरफुल बनाता है। परफॉरमेंस: पावरफुल मोटर और लॉन्ग रेंज RWD सेटअप वाली ये SUV सिंगल इलेक्ट्रिक मोटर से 282bhp पावर और 380Nm टॉर्क जनरेट करती है। 79kWh बैटरी पैक के साथ MIDC सर्टिफाइड रेंज 682km (P1+P2 कॉम्बाइंड) है। 175kW DC फास्ट चार्जिंग से 10-80% चार्ज 20 मिनट में हो जाता है। 180kW तक सपोर्ट है, जो आइडियल कंडीशंस में 20 मिनट का टाइम देता है। एक्सेलेरेशन 0-100kmph में 6.7 सेकंड्स है, टॉप स्पीड 200kmph। ये परफॉरमेंस स्टैंडर्ड BE 6 जैसी ही है, लेकिन रेसिंग थीम इसे एक्साइटिंग बनाती है। सेफ्टी फीचर्स: 5-स्टार रेटिंग वाली प्रोटेक्शन सेफ्टी में लेवल-2 ADAS सूट है, जिसमें एडाप्टिव क्रूज कंट्रोल, लेन कीप असिस्ट और ऑटो इमरजेंसी ब्रेकिंग शामिल हैं। इसके अलावा 6 एयरबैग्स, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, 360-डिग्री कैमरा, ऑल-डिस्क ब्रेक्स, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक विथ ऑटो-होल्ड और हिल स्टार्ट असिस्ट स्टैंडर्ड मिलते हैं। भारत NCAP से 5-स्टार रेटिंग मिली चुकी है। एरो विंग और स्पॉयलर ड्रैग कम करके स्टेबिलिटी बढ़ाते हैं।
अमेरिकी टेक कंपनी HP इंक ने ग्लोबल लेवल पर 4,000 से 6,000 कर्मचारियों की छंटनी का प्लान बनाया है। कंपनी का यह प्लान FY28 यानी फिस्कल ईयर 2028 के आखिरी तक पूरा होगा। कंपनी का कहना है कि मेमोरी चिप के दामों में तेजी से लागत बढ़ रही है, जिसके चलते यह फैसला लिया गया। साथ ही AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर फोकस बढ़ाने के लिए ऑपरेशंस को स्ट्रिमलाइन किया जा रहा है। इससे कंपनी को तीन साल में 1 बिलियन डॉलर यानी 8,927 करोड़ रुपए की ग्रॉस सेविंग होगी। कंपनी के पास अभी करीब 58,000 कर्मचारी HP के CEO एनरिके लोर्स ने मंगलवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि प्रोडक्ट डेवलपमेंट, इंटरनल ऑपरेशंस और कस्टमर सपोर्ट टीम्स पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। कंपनी के पास अभी करीब 58,000 कर्मचारी हैं। इस साल की शुरुआत में भी कंपनी ने 1,000 से 2,000 कर्मचारियों की छंटनी की थी। मेमोरी चिप के दामों ने मुश्किलें बढ़ाईं टेक सेक्टर में मेमोरी चिप की डिमांड तेजी से बढ़ रही है, खासकर डेटा सेंटर्स की वजह से ऐसा हो रहा है। मोर्गन स्टैनली के एनालिस्ट्स ने चेतावनी दी है कि इससे HP, डेल और एसर जैसी कंपनियों पर प्रॉफिट का दबाव बढ़ेगा। HP का कहना है कि PC सेल्स साइकल के फायदे को ये बढ़ते खर्च कैंसल कर रहे हैं। कंपनी ने बताया कि पहले हाफ में इन्वेंटरी की वजह से असर कम रहेगा, लेकिन सेकंड हाफ में सतर्क रहेंगे। लोर्स ने कहा, 'हम ज्यादा मेमोरी सप्लायर्स जोड़ रहे हैं, जहां जरूरी न हो वहां मेमोरी कम कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर प्रयास बढ़ा रहे हैं।' इसके अलावा नॉर्थ अमेरिका के लिए प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग चीन से बाहर शिफ्ट की जा रही है, ताकि टैरिफ का असर कम हो। चौथे क्वार्टर में HP की सेल्स 4.2% बढ़ी थी फिस्कल फोर्थ यानी चौथे क्वार्टर में HP की सेल्स 4.2% बढ़कर 14.6 बिलियन डॉलर यानी 1.30 लाख करोड़ रुपए रही। PC यूनिट की कमाई 8% ऊपर गई, क्योंकि विंडोज 11 मशीन्स और AI PCs की डिमांड बढ़ी है। AI वाले PCs ने Q4 में 30% से ज्यादा शिपमेंट्स कवर किए। लेकिन प्रिंटर यूनिट की सेल्स 4% गिरकर 4.27 बिलियन डॉलर यानी 38,111 करोड़ रुपए रह गई। एडजस्टेड प्रॉफिट 93% प्रति शेयर रहा, जो एनालिस्ट्स के 92% के अनुमान से थोड़ा बेहतर था। HP AI को प्रोडक्ट डेवलपमेंट तेज करने, कस्टमर सैटिस्फैक्शन बढ़ाने और प्रोडक्टिविटी सुधारने के लिए इस्तेमाल करेगी। लोर्स ने कहा, 'यह कदम उठाना जरूरी है ताकि कंपनी कॉम्पिटिटिव बनी रहे।' 3 साल पहले भी HP ने 6,000 कर्मचारियों को निकाला था तीन साल पहले भी HP ने 4,000 से 6,000 नौकरियां कम करने का प्लान किया था, जब कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 61,000 थी। उससे 2.2 बिलियन डॉलर (19,634 करोड़ रुपए) की सेविंग हुई थी। अभी के प्लान से 650 मिलियन डॉलर (5,801 करोड़ रुपए) के रिस्ट्रक्चरिंग चार्जेस होंगे, जिसमें FY26 में 250 मिलियन डॉलर (2,231 करोड़ रुपए) शामिल हैं। कंपनी का अनुमान है कि पूरे साल का एडजस्टेड प्रॉफिट $2.90 (258 रुपए) से $3.20 (285 रुपए) प्रति शेयर रहेगा, जबकि एनालिस्ट्स $3.32 (296 रुपए) की उम्मीद कर रहे थे। जनवरी तक खत्म होने वाले पीरियड में एनालिस्ट्स के 78% के मुकाबले 73% से 81% प्रति शेयर का प्रॉफिट दिखेगा। टेक सेक्टर में छंटनी का सिलसिला जारी टेक इंडस्ट्री में नौकरियां कम करने का ट्रेंड चल रहा है। अमेजन ने हाल ही में 14,000 से ज्यादा जॉब्स कट किए हैं, जो उसके 3.5 लाख कॉर्पोरेट एम्प्लॉई का करीब 10% है। पैनडेमिक के दौरान हायरिंग बढ़ाने के बाद अब खर्च कंट्रोल करने की कोशिश हो रही है। मेटा ने भी AI ऑपरेशंस में सैकड़ों रोल्स खत्म किए। एपल ने भी सेल्स डिविजन में रीऑर्गनाइजेशन के तहत दर्जनों एम्प्लॉई को पिंक स्लिप थमाई है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 20 रोल्स पहले ही चले गए हैं। HP की छंटनी भी इसी चेन का हिस्सा है। रॉयटर्स के मुताबिक, अमेजन ने पैनडेमिक के बाद 30,000 कॉर्पोरेट पोजिशंस कम किए हैं। भविष्य में क्या असर होगा? HP को तीन साल में 1 बिलियन डॉलर की सेविंग से फायदा होगा, लेकिन शॉर्ट टर्म में रिस्ट्रक्चरिंग कॉस्ट्स प्रेशर डालेंगी। AI PCs की ग्रोथ से PC सेगमेंट मजबूत रहेगा, लेकिन मेमोरी चिप प्रॉब्लम सेकंड हाफ में चुनौती बनेगी। लोर्स ने कहा, 'हम गाइडेंस पर सतर्क रहेंगे, लेकिन एग्रेसिव एक्शंस ले रहे हैं।' एनालिस्ट्स का मानना है कि मेमोरी प्राइसेज अगर कंट्रोल न हुए तो प्रॉफिट मार्जिन पर असर पड़ेगा। कंपनी AI इनोवेशन पर फोकस करके मार्केट शेयर बढ़ाने की कोशिश करेगी। ग्लोबल वर्कफोर्स पर 7%-10% का असर पड़ेगा, जो टेक सेक्टर के ओवरऑल ट्रेंड को दिखाता है। ये खबर भी पढ़ें... नैनो-बनाना प्रो से अब फर्जी आधार और पैन-कार्ड बन रहे: फोटो-नाम और डिटेल्स डालकर रियल जैसे बन जाते हैं डॉक्यूमेंट्स, गूगल की सेफ्टी गाइडलाइंस पर सवाल गूगल का नया AI मॉडल नैनो बनाना प्रो तेजी से पॉपुलर हो रहा है, लेकिन इससे अब फर्जी आधार और पैन कार्ड भी जनरेट किए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये बात सामने आई कि ये मॉडल यूजर्स के प्रॉम्प्ट पर बिना किसी चेतावनी के रियलिस्टिक लुकिंग डॉक्यूमेंट बना देता है। इसमें यूजर का फोटो, फर्जी नाम और ID नंबर्स सब कुछ रियल ID की तरह ऐड हो जाते हैं। ये प्राइवेसी और फ्रॉड का बड़ा खतरा पैदा कर रहा है। पूरी खबर पढ़ें...
गेमिंग फोन बनाने वाली टेक कंपनी आईक्यू ने आज (26 नवंबर) भारत में नया फ्लैगशिप स्मार्टफोन iQOO 15 लॉन्च किया है। यह फोन क्वालकॉम के फ्लैगशिप 3Nm ऑक्टा-कोर स्नैपड्रैगन 8 एलीट जेन 5 चिपसेट से लैस है। इस चिपसेट के साथ ये कंपनी का पहला और भारत में दूसरा फोन है। इससे पहले वनप्लस 15 इसी प्रोसेसर के साथ आया था। इसके अलावा, फोन में 100W वायर्ड फास्ट चार्जिंग के साथ 7000mAh बैटरी, 2K रेजोल्यूशन वाला 6.85-इंच डिस्प्ले मिलता है। वहीं, सुरक्षा के लिए इसमें 3D अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर भी है। आइकू 15 को 2 स्टोरेज वैरिएंट में उतारा गया है और इसकी शुरुआती कीमत 72,999 रुपए है। कंपनी लॉन्च ऑफर में मोबाइल पर 7000 रुपए का इंस्टेंट बैंक डिस्काउंट दे रही है। फोन 1 दिसंबर दोपहर 12 बजे से ई-कॉमर्स साइट पर अवेलेबल होगा। डिजाइन: ग्लास और मेटल बॉडी आइकू 15 स्मार्टफोन ग्लास और मेटल बॉडी से बना है। इसमें कर्व्ड एजेस हैं, जो हाथ में अच्छे से फिट हो जाते हैं। बैक पैनल पर रीडिजाइन कैमरा मॉड्यूल फ्यूचरिस्टिक टच देता है, जबकि फ्रंट में मिनिमल बेजल्स के साथ AMOLED डिस्प्ले है। पंच होल सेल्फी कैमरा मॉडर्न फील देता है। फोन का डायमेंशन स्लिम है। ये 161.5 लंबा, 75.2 चौड़ा, 8.5mm पतला और वजन 200g है। IP68 रेटिंग से वॉटर-डस्ट रेसिस्टेंट है, जो आउटडोर यूज के लिए अच्छा है। कुल मिलाकर, iQOO 15 का डिजाइन प्रीमियम और गेमिंग-फोकस्ड है, जो स्लिक लुक के साथ कम्फर्टेबल ग्रिप देता है। आइकू 15 स्मार्टफोन: स्पेसिफिकेशंस डिस्प्ले: मोबाइल में 6.85-इंच 2K ओलेड डिस्प्ले दिया गया है। इसमें सैमसंग की लाइट-एमिटिंग एडेप्टिव डिस्प्ले (LEAD) तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इससे स्क्रीन विजिबिलिटी बढ़ती है और रिफ्लेक्शन कम होते हैं। डिस्प्ले 144Hz रिफ्रेश रेट पर काम करता है। इसकी पीक ब्राइटनेस 6000 निट्स है और इसमें 3D अल्ट्रासोनिक इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर भी दिया गया है। कंपनी ने इसे इंडिया का सबसे ब्राइट डिस्प्ले कहा है। परफॉर्मेंस: फोन में परफॉर्मेंस के लिए क्वालकॉम स्नेपड्रैगन 8 एलिट जेन 5 ऑक्टा-कोर प्रोसेसर दिया गया है। यह 3 नैनोमीटर आर्किटेक्चर पर बना मोबाइल चिपसेट है, जो 3.63GHz से 4.6GHz तक की क्लॉक स्पीड पर रन कर सकता है। मोबाइल में BGMI और COD जैसे गेम्स खेलने के लिए सुपर कंप्यूटिंग चिप Q3 लगाई गई है। यह मोबाइल यूजर्स को लंबा गेमिंग सेशन देती है और गेम खेलने के दौरान फोन को हीट होने से रोकती है। कंपनी का दावा है कि फोन में गेम खेलते वक्त 144FPS फ्रेम रेट मिलेगी और लैग व हैंग जैसी प्रॉब्लम भी नहीं आएगी। फोन ओरिजन OS6 ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है। कैमरा: फोटोग्राफी के लिए आइकू 15 के बैक पैनल पर ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप दिया गया है। इसमें LED फ्लैश के साथ 50 मेगापिक्सल सोनी IMX921 VCS सेंसर दिया गया है। इसके साथ 50 मेगापिक्सल अल्ट्रा-वाइड एंगल लेंस और 50 मेगापिक्सल 3x पेरिस्कोप टेलिफोटो लेंस मिलता है। वहीं, सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 32 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा मिलता है। बैटरी और चार्जार: पावर बैकअप के लिए फोन में 7000mAh की बैटरी दी गई है। इसे चार्ज करने के लिए फोन में 100W वायर्ड फास्ट चार्जिंग और 40W वायरलेस फास्ट चार्जिंग तकनीक दी गई है। मोबाइल ग्लोबल डायरेक्ट ड्राइव पावर सप्लाई 2.0 टेक्नोलॉजी से लैस है। यह जरूरत पड़ने पर फोन की बैटरी की बजाय सीधे मदरबोर्ड को पावर देती है, जिससे बैटरी पर लोड नहीं पड़ता है और मोबाइल हीट नहीं होता।
हीरो मोटोकॉर्प ने आज (26 नवंबर) इंडियन मार्केट में हीरो एक्सट्रीम 160R का नया कॉम्बैट एडिशन लॉन्च कर दिया है। हीरो ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर नए वैरिएंट को 'एक्सट्रीम 160R 4V क्रूज कंट्रोल' नाम दिया है। इसे क्रूज कंट्रोल, कलर LCD डिस्प्ले और 3 राइडिंग मोड्स जैसे फीचर्स के साथ उतारा गया है। ये भारत में क्रूज कंट्रोल फीचर वाली पहली 160CC स्पोर्टी बाइक है। बाइक डुअल चैनल ABS फीचर से भी लैस है, जो ब्रेक लगाने पर फ्रंट और रियर दोनों व्हील्स को कंट्रोल करता है। इससे बाइक फिसलने का खतरा कम हो जाता है। इसकी कीमत 1,34,100 लाख रुपए (एक्स-शोरूम, दिल्ली) है। हीरो एक्सट्रीम 160R अपने सेगमेंट में TVS अपाचे RTR 160 4V (₹1.33 लाख) और बजाज पल्सर NS160 (₹1.23 लाख) को टक्कर देगी। डिजाइन, डायमेंशन और कलर ऑप्शन हीरो एक्सट्रीम 160R 4V कॉम्बैट एडिशन का डिजाइन रेगुलर मॉडल से थोड़ा अलग है। इसमें शार्पर LED हेडलाइट और सिग्नेचर ग्रे/फ्लोरोसेंट यलो कलर स्कीम इसे मिलिट्री-इंस्पायर्ड लुक देगा। डायमेंशन स्टैंडर्ड ही हैं। इसकी लंबाई 2023mm, चौड़ाई 781mm, ऊंचाई 1054mm, व्हीलबेस 1335mm है। सीट हाइट 795mm रखी गई है, जो एवरेज हाइट वालों के लिए परफेक्ट है। कलर ऑप्शन में नया ग्रे विद येलो हाइलाइट्स मिलेगा, जो स्पोर्टी वाइब देगा। वजन 139.5 किलो है, जो हैंडलिंग को लाइट रखता है। हीरो ने ग्राफिक्स पर भी फोकस किया है, ताकि स्ट्रीट पर ये बाइक हेड-टर्नर बने। परफॉरमेंस: 163cc इंजन के साथ 50kmpl से ज्यादा का माइलेज बाइक के इंजन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसमें पहले की तरह ही 163CC का सिंगल-सिलेंडर ऑयल-कूल्ड इंजन दिया गया है, जो 16.6hp की मैक्सिमम पावर और 14Nm का टार्क जनरेट करता है। इस इंजन को 5-स्पीड गियरबॉक्स यूनिट के साथ ट्यून किया गया है। बाइक OBD-2 अनुरूप और E20 पेट्रोल (20% इथेनॉल मिक्स पेट्रोल) पर चलने में सक्षम है। परफॉर्मेंस बेस मॉडल जैसी ही है, लेकिन राइड-बाय-वायर से रिस्पॉन्स बेहतर हो गया है। कंपनी का दावा है कि बाइक 0-60kmph की स्पीड सिर्फ 4.5 सेकेंड में हासिल कर लेती है। माइलेज शहर में 45kmpl और हाईवे पर 50kmpl से ऊपर मिलेगा। तीन राइडिंग मोड्स से रेन मोड में सेफ्टी बढ़ती है, जबकि स्पोर्ट मोड में थ्रिल मिलता है। हीरो का दावा है कि ये बाइक सिटी कम्यूटिंग और वीकेंड राइड्स दोनों के लिए बैलेंस्ड है। इसकी टॉप स्पीड 115kmph के आसपास है, जो सेगमेंट में कॉम्पिटिटिव है। हार्डवेयर: KYB सस्पेंशन और डुअल-चैनल ABS से सेफ्टी फुल ऑन हीरो ने हार्डवेयर को रिफाइन किया है, ताकि स्पोर्टी राइडिंग में भी स्टेबिलिटी बनी रहे। कंफर्ट राइडिंग के लिए बाइक के फ्रंट में KYB इनवर्टेड फोर्क और रियर में मोनोशॉक सस्पेंशन सेटअप दिया गया है, जो खराब रास्तों को अच्छे से हैंडल करता है। इसमें 17-इंच के अलॉय व्हील्स हैं। वहीं, फ्रंट व्हील में 100/80-17 सेक्शन और रियर में 130/70-17 सेक्शन के टायर्स मिलते हैं। ब्रेकिंग में 276mm फ्रंट डिस्क और 220mm रियर डिस्क के साथ डुअल-चैनल ABS स्टैंडर्ड है। फीचर्स: कलर LCD कंसोल से मॉडर्न टच नया कलर LCD इंस्ट्रूमेंट कंसोल स्पीड, फ्यूल लेवल, टाइम, गियर पोजिशन, टैकोमीटर, ओडोमीटर और ट्विन ट्रिप मीटर्स दिखाता है। ये कंसोल हीरो ग्लैमर X125 और एक्सट्रीम 125R जैसा है, लेकिन 160cc के लिए ऑप्टिमाइज्ड है। फुल LED लाइटिंग सेटअप है, जो नाइट राइडिंग को ब्राइट बनाता है।

