राजस्थान सरकार ने चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में एक अहम कदम उठाते हुए एनआरआई कोटे की एमबीबीएस सीटों की फीस में भारी कमी की है। अब तक 31.85 लाख रुपए प्रतिवर्ष ली जाने वाली फीस को घटाकर 23.92 लाख रुपए प्रतिवर्ष कर दिया गया है। यह संशोधन राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (आरएजेएमईएस) के अधीन संचालित सभी मेडिकल कॉलेजों पर लागू होगा। नई फीस संरचना इसी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होगी। सरकार के इस निर्णय से एनआरआई विद्यार्थियों को लगभग 8 लाख रुपए प्रतिवर्ष का सीधा लाभ मिलेगा। हालांकि, इससे सरकार को लगभग 154 करोड़ रुपए से अधिक का संभावित राजस्व नुकसान होगा। चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय राज्य में चिकित्सा शिक्षा को अधिक सुलभ और प्रतिस्पर्धी बनाएगा। जो फीस जमा करा चुके, उन्हें अगले साल कम करानी होगी शिक्षाविद् और एग्जाम एक्सपर्ट देव शर्मा बताते हैं कि मेडिकल डेंटल काउंसलिंग बोर्ड जयपुर द्वारा जारी की गई फीस शीट के मुताबिक राजमेस द्वारा संचालित मेडिकल संस्थानों में एनआरआई कोटे की एमबीबीएस सीटों की फीस 36465 यूएस डालर निर्धारित की गई थी व परिवर्तन दर 87.35 रुपए प्रति डालर निर्धारित थी। ऐसे में फीस 31.85 लाख रुपए प्रतिवर्ष थी, जो अब घटाकर 23.92 लाख रुपए प्रतिवर्ष कर दी गई है यानी लगभग 8 लाख रुपए प्रति वर्ष प्रति विद्यार्थी कमी की गई है, जो आगामी साढ़े पांच वर्ष के एमबीबीएस पाठ्यक्रम में जारी रहेगी। राजमेस मेडिकल संस्थानों में एनआरआई कोटे की 385 सीटें हैं। ऐसे में फीस राजस्व में कुल कमी लगभग 38585 =15400 लाख रुपए यानी कुल 154 करोड रुपए की कमी होगी। काउंसलिंग राउंड-1/राउंड-2 के तहत प्रवेशित एनआरआई कोटे के विद्यार्थियों द्वारा वर्तमान फीस की तुलना में 8 लाख रुपए फीस अधिक जमा कराई गई है। इन विद्यार्थियों को भी फीस में कमी का लाभ मिलेगा। इनके द्वारा जमा की गई अधिक फीस की राशि को आगामी वर्षों की फीस में समायोजित कर दिया जाएगा। भास्कर एक्सपर्ट
पंचकूला पुलिस ने NRI की पुश्तैनी संपत्ति को हड़पने के लिए जाली वसीयत तैयार कर कब्जा करने के मामले में पुलिस ने आरोपी गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान सेठी लाल निवासी लुधियाना पंजाब के रूप में हुई है। आरोपी को आज कोर्ट में पेश कर एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। पंचकूला सेक्टर-2 अर्बन एस्टेट निवासी रणजोध सिंह ने बताया कि यह यूके पुलिस से रिटायर्ड है। वर्तमान में यूके के डर्बी शहर में रहता है। साल 1996 में एचयूडीए द्वारा सेक्टर-2 अर्बन एस्टेट की उनकी प्रॉपर्टी मेरे पिता महंगा राम के नाम अलॉट की गई थी। जब मेरे रिलेटिव HSVP ऑफिस पंचकूला पहुंचे तो पता चला कि उक्त प्लॉट रोहित नामक व्यक्ति के नाम दर्ज है। साल 2008 में तैयार हुई जाली वसीयत जांच में सामने आया कि आरोपी ने वर्ष 2008 की तारीख में जाली वसीयत तैयार कर इस संपत्ति को अपने नाम करवाया है। इस पर पुलिस ने 7 जुलाई को थाना सेक्टर-5 में भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4), 336(2), 336(3), 338, 340 और 61 के तहत मामला दर्ज किया। वर्ष 2012 में महंगा राम की मृत्यु हो गई थी। 25 अगस्त को पुलिस टीम ने सब रजिस्ट्रार लुधियाना वेस्ट से आरोपी द्वारा तैयार की गई जाली वसीयत का रिकॉर्ड प्राप्त किया। जब तहसील में इसकी जांच की गई तो कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। फतेहाबाद निवासी युवक पूछताछ में किया खुलासा पुलिस ने आरोपी रोहित कुमार पुत्र बंत राम, निवासी जिला संगरूर (पंजाब), हाल निवासी फतेहाबाद को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। पूछताछ में उसने बताया कि पिता बंतराम और शिकायतकर्ता के पिता महंगा राम घनिष्ठ मित्र थे। महंगा राम ज्यादातर विदेश में रहते थे और भारत आने पर उनके घर पर ठहरते थे। इसी कारण घर की देखरेख और चाबी भी उसके पास रहती थी। कोठी हड़पने को बनवाए दस्तावेज महंगा राम के बच्चे कभी भारत नहीं आते थे। लालच में उसने जाली दस्तावेज तैयार करवाए। साथ ही प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते हुए उसने वसीयत को अपने नाम दिखाकर कोठी हड़पने की कोशिश की। पूछताछ के दौरान ही दूसरे आरोपी सेठी लाल की भूमिका के बारे में पता चला था। आरोपी काफी समय से फरार चल रहा था।जांच अधिकारी एएसआई निर्मल द्वारा मामले में तफ्तीश जारी है।
ललित सुरजन की कलम से - तेल के दाम और प्रवासी भारतीय
'दो साल पहले तक विश्व बाजार में खनिज तेल की कीमत एक सौ पचास डालर प्रति बैरल के आसपास थी