करतारपुर के गांव बरसरामपुर में सीवरेज प्रोजेक्ट शुरू, एनआरआईज ने की मदद
जालंधर| करतारपुर के गांव बरसरामपुर में एनआरआई के सहयोग से सीवरेज प्रोजेक्ट शुरू होगा। एक करोड़ रुपए की लागत से इसे तैयार करवाया जा रहा है। वीरवार को राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल और विधायक बलकार सिंह ने प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। इससे पहले गुरुद्वारा साहिब में सुखमनी साहिब का पाठ किया गया। इस मौके पर संत सीचेवाल ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि सामूहिक प्रयासों से ही विकास की गति को तेज किया जा सकता है। उन्होंने अपने विवेकाधीन फंड से भी पांच लाख रुपए देने की घोषणा की। इंग्लैंड से आए प्रवासी पंजाबी मनी सिंह ने बताया कि विदेशों में रहने वाले प्रवासी पंजाबियों ने प्रोजेक्ट के लिए 45 लाख रुपए जुटाए। बाकी का पैसा भी जल्द जुटा लिया जाएगा। प्रोजेक्ट की शुरुआत करते सांसद सीचेवाल, विधायक बलकार सिंह।
जयपुर में शाहपुरा के नजदीक नयाबास गांव का राहुल घोसलिया (22) कजाकिस्तान से MBBS कर रहा है। अगले साल पढ़ाई पूरी होने वाली है। घरवालों ने सोचा- राहुल डॉक्टर बनकर लौटेगा तो गरीब मरीजों और गांव की सेवा करेगा। 8 अक्टूबर को राहुल को ब्रेन हेमरेज हो गया। तब से वेंटिलेटर पर है। अपने घर-गांव से हजारों किलोमीटर दूर जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है। परिवार अब सरकार से अपने बेटे को वापस लाने की गुहार कर रहा है। कई जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने भी अपनी और से कोशिशें शुरू कर दी हैं। राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (राना) के अध्यक्ष प्रेम भंडारी ने बताया- मैंने राहुल के दादाजी से बात की है। मेरे पास राहुल की मेडिकल रिपोर्ट है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… बुजुर्ग माता-पिता और सात बड़ी बहनों ने राहुल को डॉक्टर बनाने का सपना देखा था। साल 2021 में उसे एमबीबीएस करने के लिए कजाकिस्तान भेजा गया। कजाकिस्तान के अस्ताना शहर में स्थित कारगंदा मेडिकल कॉलेज में उसका एडमिशन हुआ। अगले साल 2026 में राहुल की एमबीबीएस पूरी होने वाली है। इसी बीच 8 अक्टूबर को उसे ब्रेन हेमरेज हो गया। परिवार के सदस्यों ने बताया कि राहुल कजाकिस्तान के मेडिकल कॉलेज की लाइब्रेरी में पढ़ रहा था। इस दौरान उसी उल्टियां हुईं और चक्कर आने लगे। राहुल रूम पर आ गया और कुछ दवाएं ली। जब तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो राहुल के दोस्तों ने उसे मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में ही एडमिट करा दिया। परिवार के सदस्यों ने राहुल के दोस्तों से बातचीत के आधार पर बताया कि अगले 30 घंटों तक वह होश में था। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। अब हालात ये हैं कि राहुल के कोमा में जाने के साथ ही वेंटिलेटर पर रखने की खबरें हैं। परिवार के सदस्यों का आरोप- इलाज में ध्यान नहीं दियाराहुल के परिवार के सदस्यों का कहना है कि अस्पताल में इलाज पर ध्यान नहीं दिया गया। उस अस्पताल में सीटी स्कैन की सुविधा भी नहीं थी। पांच दिन बाद दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है, जहां उसका सीटी स्कैन कर अन्य जांच की गई है। राहुल के दो जीजा कजाकिस्तान पहुंच गए हैं। राहुल की हालत को लेकर परिवार के सदस्यों ने उसके पिता को नहीं बताया है। क्योंकि राहुल के पिता बंशीधर की भी तबीयत ठीक नहीं है। रिटायर्ड फौजी बंशीधर को इसी साल पैरालिसिस का अटैक आया था। राहुल की बुजुर्ग मां भी बेचैन हैं। परिवार के सदस्यों ने बताया कि पिता की तबीयत खराब होने के कारण राहुल जुलाई में घर आया था। करीब एक महीने रुकने के बाद 26 अगस्त को ही कजाकिस्तान लौटा था। राहुल को वापस लाने की कोशिशें तेजराहुल को वापस भारत लाकर यहीं इलाज कराने के लिए परिवार के सदस्यों ने कोशिशें तेज कर दी हैं। उन्हें अब जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों का भी समर्थन मिल रहा है। सोशल मीडिया पर भी राहुल को वापस लाने की मुहिम चलाई जा रही है। शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी के प्रत्याशी उपेन यादव ने राहुल की तीन बहनों और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बुधवार को केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से मुलाकात की। राहुल को लाने के लिए गुहार लगाई। इससे पहले 14 अक्टूबर को गृह विभाग के सचिव भास्कर ए सावंत से मुलाकात कर राहुल को वापस लाकर इलाज की व्यवस्था कराने की मांग की गई। राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका के प्रेम भंडारी भी इस मामले को लेकर कोशिशें कर रहे हैं। सांसद बोले- एयर लिफ्ट कर भारत लाया जाएबाड़मेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने भारत सरकार के मानवीय आधार पर राहुल घोसलिया को तत्काल भारत एयर लिफ्ट कर उच्च स्तरीय इलाज की व्यवस्था करने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट किया- हर बीतता क्षण महत्वपूर्ण है और प्रत्येक प्रयास राहुल की जिंदगी के लिए आशा की किरण बन सकता है। वहीं, उपेन यादव ने ट्वीट किया- कजाकिस्तान से राहुल को जल्द भारत लाया जाएगा। परिजनों की सहमति से जयपुर के SMS हॉस्पिटल या दिल्ली एम्स में बेहतर इलाज कराया जाएगा। मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए पूरी व्यवस्था कर दी है।
जीएस, फ्रीडम फाइटर और एनआरआई के बाद अब एसटी के फर्जी प्रमाण-पत्र से मेडिकल में एडमिशन
नीट यूजी काउंसिलिंग में फ्रीडम फाइटर और एनआरआई के बाद अब एसटी(अनुसूचित जनजाति) कोटे में भी फर्जी सर्टिफिकेट का खुलासा हुआ है। इंदौर निवासी जनरल कैटेगरी की छात्रा खुशी ने हलबा जाति का फर्जी प्रमाण-पत्र बनवाया और एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर में एमबीबीएस की सीट हासिल कर ली। लेकिन, छात्रा ने डर के कारण एडमिशन के कुछ समय बाद अचानक अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ। छात्रा का एडमिशन और जाति प्रमाण-पत्र निरस्त कर दिया गया है। लेकिन इस घटना ने नीट यूजी काउंसिलिंग में जांच प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठा दिए हैं, क्योंकि दस्तावेजों का वेरिफिकेशन भी हो चुका था और किसी स्तर पर गड़बड़ी पकड़ में नहीं आई। अब अन्य मामलों की भी जांच शुरू की जा रही है। सवाल इसलिए... दस्तावेज जांच के बाद सीट आवंटन हो चुका था, किसी ने नहीं पकड़ी गड़बड़ी इस साल अब तक सामने आए फर्जीवाड़े के मामले अब तक नहीं हुई किसी भी मामले में एफआईआर नीट यूजी में फर्जीवाड़े के इतने मामले पकड़े जाने के बाद भी किसी केस में एफआईआर नहीं हुई है। काउंसिलिंग समिति का तर्क है कि उनके पास सिर्फ काउंसिलिंग का अधिकार है। जिस विभाग के प्रमाण-पत्र फर्जी पाए जा रहे हैं, वही एफआईआर दर्ज कराएगा। इस तरह सीट ब्लॉकिंग से सीटों की खरीद-फरोख्त की आशंका फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे सीट ब्लॉक होने पर इन सीटों पर प्रवेश अब मॉपअप या स्ट्रे वैकेंसी में होगा। यहां से प्राइवेट कॉलेजों की बंदरबांट शुरू हो जाती है। इन रिक्त सीटों पर मॉनीटरिंग प्रॉपर ना होने से एजेंट के सहारे सीटें बेचने की आशंका बढ़ जाती है।
ललित सुरजन की कलम से - तेल के दाम और प्रवासी भारतीय
'दो साल पहले तक विश्व बाजार में खनिज तेल की कीमत एक सौ पचास डालर प्रति बैरल के आसपास थी