प्रयागराज के बाहुबली करवरिया परिवार की बेटी मीनाक्षी की शादी हो गई। मगर इस शादी में BJP के बड़े नेता नहीं पहुंचे। जबकि करवरिया बंधुओं ने गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों व मंत्रियों को आमंत्रित किया गया था। मगर शादी में BJP के बड़े चेहरे, मंत्री या दिग्गज नेता नहीं पहुंचे। कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी जो इसी शहर के हैं। वह शहर के छोटे छोटे कार्यकर्ताओं के घर पर हर कार्यक्रम में पहुंचते हैं। वह भी करवरिया बंधु की मेहमानवाजी से परहेज करते दिखे। 29 नवंबर को करवरिया परिवार की बेटी मीनाक्षी की शादी थी। इसकी तैयारियां महीनों से चल रही थी। दरअसल, करवरिया बंधुओं का नाम जवाहर पंडित हत्याकांड से जुड़ा हुआ है। तीनों भाई सजायफ्ता हैं। परिवार के मुखिया कपिलमुनि करवरिया 10 दिन और सूरजभान करवरिया 4 दिन के पैरोल पर शादी के लिए बाहर हैं। वहीं उदयभान करवरिया 10 साल बाद जेल से बाहर निकले हैं उनकी सजा माफ कर दी गई है। जाे बड़े चेहरे वो भी सोशल मीडिया पर नहीं दिखे अमूमन सभी बड़े नेता व मंत्री, विधायक जब किसी भी कार्यक्रम में पहुंचते हैं तो वह फेसबुक आदि प्लेटफार्म पर फोटो जरूर अपलोड करते हैं। करवरिया परिवार की शादी में बड़े नेता नहीं पहुंचे और जो पहुंचे भी वह भी कैमरे से बचते हुए दिखे। उनके सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर यह जिक्र तक नहीं हुआ कि वह करवरिया परिवार की शादी समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे। एक दिन पहले ही मत्स्य मंत्री संजय निषाद कुमार निषाद का प्रोटोकाल आ गया था लेकिन शनिवार की देर शाम अचानक उनका कार्यक्रम स्थगित हो गया। जानिए, वो बड़े चेहरे जिन्हें दिया गया था निमंत्रण देश के गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक व केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, परिवहन मंत्री अशोक कटियार, राज्यमंत्री चौधरी उदयभान सिंह, गिरीश चंद्र यादव, रवींद्र जायसवाल, चौधरी लक्ष्मी नारायण सिंह समेत अन्य कई मंत्रियों को निमंत्रण दिया गया था। पूर्व सीएम मायावती को भी इसमें निमंत्रण दिया गया था। दरअसल, काफी दिन पहले से ही इस शादी के लिए निमंत्रण दिया जा रहा था। उदयभान करवरिया खुद दिग्गजों के यहां निमंत्रण लेके पहुंचे थे। इसमें से कोई नहीं आया। विपक्ष को मौका नहीं देना चाहती BJP पालिटिकल एक्सपर्ट सुनील शुक्ला कहते हैं, करवरिया परिवार की एक अलग पहचान रही है। तीनों भाई जनप्रतिनिधि रह चुके हैं। उदयभान करवरिया की पत्नी नीलम करवरिया भी विधायक रहीं। लेकिन जवाहर पंडित हत्याकांड से नाम जुड़ा होने के कारण ऐसा लगता है कि कहीं न कहीं भाजपा ने करवरिया परिवार से दूरी बनाई है। क्योंकि यदि भाजपा के मंत्री व बड़े चेहरे इस शादी में आते तो शायद विपक्ष के लिए बड़ा मौका मिल जाता। हां, यह भी बात सही है कि एक समय रहा जब करवरिया बंधुओं की ऊपर तक अच्छी पैठ रही लेकिन कई वर्षों से जेल में रहने के चलते उनके संबंधों में कहीं न कहीं कमी दिख रही है। भाजपा के कद्दावर नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी का इस परिवार से अच्छा संबंध रहा है। उदयभान करवरिया उन्हें अपना गुरु मानते हैं। जानिए, करवरिया परिवार का इतिहास दरअसल, वर्ष 1996 में पूर्व विधायक जवाहर यादव की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें उनके ड्राइवर की भी हत्या हुई थी। इसमें करवरिया बंधुओं का नाम आया। कोर्ट ने भुक्खल महराज के बेटे पूर्व सांसद फूलपुर कपिल मुनि करवरिया, पूर्व विधायक उदयभान करवरिया, पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया व परिवार के अन्य सदस्यों को सजा सुनाई थी। 29 नवंबर को ही कपिलमुनि करवरिया की बेटी मीनाक्षी की शादी थी। मीनाक्षी की शादी अकबरपुर के डॉ. सिद्धांत के साथ हुई है। इस शादी की तैयारियां कई महीनों से चल रही थी।
राज्यपाल द्वारा गोद लिए गांव को स्मार्ट विलेज बनाने का नाम सुनते ही आप कल्पना करते होंगे कि गांव में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, रोजगार और पर्यावरण सुधार के कई बड़े काम कराए होंगे। लेकिन भास्कर पड़ताल में गांव बरसो, सुंदरावली, हलैना, कठेरा, नगला मेहतना, बैलारा को स्मार्ट विलेज की जगह स्मार्ट अधिकारी नजर आए। अब तक बरसो, सुंदरावली, हलैना, कठेरा को स्मार्ट विलेज विश्वविद्यालय घोषित कर चुका है, जिनमें सामुदायिक शौचालय तो छोड़िए, गांव को स्मार्ट विलेज बनाने वाले बृज विश्वविद्यालय के जिम्मेदार झांकने तक नहीं गए।जबकि महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय के 5वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े के समक्ष विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गांव को स्मार्ट विलेज का दावा किया गया था। राजस्थान में राज्यपाल द्वारा गोद लिए गए गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने के साथ उनमें कार्य कराने के लिए पूरे साल के कार्यक्रमों की सूची दी जाती है, जिसके तहत सरकारी योजनाओं का लाभ गांव के लोगों तक पहुंचे—उसका कार्य विश्वविद्यालय को करना होता है, लेकिन विश्वविद्यालय के कर्मचारी व अधिकारी विश्वविद्यालय के बाहर कदम रखे बिना ही फाइलों में गांव को स्मार्ट विलेज बनाते रहे हैं। भास्कर एक्सपर्ट – डॉ. जयंत सोरवाल, पूर्व कुलपति “राज्यपाल की योजना थी कि वह एक गांव को गोद लेकर स्मार्ट बनाने का कार्य करें, जिसकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालयों को दी थी। किसी विश्वविद्यालय के पास स्मार्ट विलेज के लिए फंड नहीं है तो सरकार की योजनाएं होती हैं। उनके माध्यम से उन योजनाओं का लाभ लोगों को दिला ही सकते हैं।” — डॉ. जयंत सोरवाल, पूर्व कुलपति “स्मार्ट विलेज के लिए फंड नहीं मिलता। हम गांव के लोगों को जागरूक करते हैं। राजभवन से साल के कार्यक्रमों की सूची आती है और हम कार्य करा देते हैं। पहले की जानकारी नहीं।” — प्रो. त्रिभुवन शर्मा, कार्यवाहक कुलपति “2017 में गांव को गोद लिया था। विश्वविद्यालय के पास लोग इतने हैं नहीं। हम मानते हैं कि बरसो, सुंदरावली, हलैना में काम नहीं हुआ, कठैरा में हमने काम किया है।” — डॉ. अरुण पांडे, उप कुलसचिव नगला मैथना व बैलारा में ही चल रहे प्रोजेक्ट विश्वविद्यालय द्वारा गांव बैलारा व नगला मैथना में स्मार्ट विलेज बनाने का कार्य पिछले डेढ़ साल से चल रहा है, जिसकी भी पड़ताल की।सरपंच कलुआराम ने बताया—विश्वविद्यालय से लोग आते हैं, सिर्फ फोटो खिंचवाकर चले जाते हैं। साफ-सफाई भी हम करते हैं। पंचायत की तरफ से 30–40 हजार पौधे हमने लगाए।नगला मैथना के सरपंच मुकेश गुर्जर बताते हैं कि विश्वविद्यालय से लोग तो हर महीने आते हैं, लेकिन विकास कार्य क्या हुए—ये हमें खुद नहीं पता। गोद लेने से गांव में कुछ खास फर्क नहीं पड़ा। ये है स्मार्ट विलेज की स्थिति बरसो: विश्वविद्यालय ने एक पौधा तक नहीं लगाया…पूर्व सरपंच सुमित्रा देवी ने बताया—बृज विश्वविद्यालय ने 2017 में बरसो को गोद लिया, लेकिन वहां एक पौधा तक नहीं लगाया। यहां सार्वजनिक शौचालय तक नहीं बने। जल संरक्षण के लिए तालाब का निर्माण होना था। पड़ताल में वहां ऐसा कुछ भी नहीं मिला। कठेरा: एक बार कंबल बांटे, दोबारा नहीं दिखे…खेड़ा ब्राह्मण पंचायत के गांव कठेरा की पूर्व सरपंच रेखा बताती हैं—2019–20 में गांव को गोद लिया। कागजों में यहां विद्यालय में कंप्यूटर शिविर लगाने की बात कही। पड़ताल में यहां किसी भी तरह का शिविर कभी लगा ही नहीं। एक-दो बार नशामुक्ति शिविर लगे, फिर कोई नहीं आया। सुंदरावली: घोषणा करने आए थे यूनिवर्सिटी से 2 लोग, दोबारा कोई नहीं दिखा…सुंदरावली के पूर्व सरपंच देवहरी बताते हैं—2017 में गांव को गोद लिया गया। यूनिवर्सिटी से दो लोग सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की कहकर गए, लेकिन कोई नहीं आया। कागजों में क्या हुआ—हमें इसकी जानकारी नहीं। हलैना: तालाब का जीर्णोद्धार नहीं…हलैना के पूर्व सरपंच लखमी ने बताया—स्मार्ट विलेज हलैना में तालाब का जीर्णोद्धार नहीं हुआ।
उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों पर एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव है, इसके कारण फिलहाल उत्तरी हवाएं कमजोर हैं। लेकिन 2-3 दिसंबर के बाद, जब यह सिस्टम आगे बढ़ जाएगा तब फिर से बर्फीली हवाएं चलने लगेंगी। इसके असर से राजस्थान समेत बाकी मैदानी राज्यों हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में सर्दी तेज होगी। इस दाैरान कई शहरों में शीतलहर चलने लगेगी। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक राजस्थान के सीकर, अलवर, चूरू, श्रीगंगानगर, पंजाब के फिरोजपुर, फरीदकोट, मुक्तसर, फाजिल्का, बठिंडा, मोगा और जालंधर में शीतलहर चलने की संभावना है। मध्य प्रदेश में तापमान 12 डिग्री पहुंच गया है, यहां भोपाल-इंदौर में सोमवार को कोल्डवेव का अलर्ट जारी किया गया है। हिमाचल प्रदेश के 15 शहरों का पारा 5 से नीचे रिकॉर्ड किया गया। यहां 4 दिसंबर से बर्फबारी की संभावना है। जिला प्रशासन ने रोहतांग पास पर्यटकों के लिए खोल दिया है। रविवार को यहां 6 हजार लोग बर्फीली वादियों का नजारा देखने पहुंचे। राज्यों में मौसम की 3 तस्वीरें... मैप से समझें, राज्यों में मौसम का हाल राज्यों के मौसम की खबरें... राजस्थानः 3 डिग्री तक गिरा पारा, 7 दिन कोल्ड वेव का अलर्ट राजस्थान में सर्दी फिर से बढ़ने लगी है। रविवार को प्रदेश के कई शहरों में रात का न्यूनतम तापमान 1 से 3 डिग्री तक गिर गया। सीकर, अलवर, चूरू, श्रीगंगानगर समेत कुछ शहरों में कल (30 नवंबर) न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे यानी सिंगल डिजिट में पहुंच गया। झुंझुनूं और सीकर जिलों में 3 और 4 दिसंबर को शीतलहर चलने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। पढ़ें पूरी खबर...
बहू को विदा कराकर हम घर लाए। रात में मेरा बेटा मोहसिन और बहू कमरे में सोने चले गए। कमरे के अंदर बहू ने दूध का ग्लास बेटे को दिया। फिर बहू बोली कि कमरे में रोशनी बहुत ज्यादा है। कोई छोटा बल्ब बाजार से लाकर लगा दो। बेटा रात 12 बजे घर से बल्ब लेने निकला था। फिर नहीं लौटा। दूसरे दिन दो बहनों का निकाह था। वह बिना भाई के विदा हुईं। ये कहना है मेरठ की रहने वाली फरीदा का। फरीदा का बेटा मोहसिन सुहागरात वाले दिन (27 नवंबर) से लापता है। पूरी रात दूल्हन इंतजार करती रही। मगर दूल्हा मोहसिन घर नहीं लौटा। गंगनहर के पास सीसीटीवी में मोहसिन को लास्ट टाइम देखा गया। आशंका जताई जा रही कि मोहसिन ने कहीं गंगनहर में कूदकर जान तो नहीं दे दी। हालांकि, पुलिस टीमें सर्च कर रही हैं। आसपास के सीसीटीवी भी खंगाले जा रहे।। मोहसिन जाते समय क्या किसी से कुछ कहकर गया था? क्या वह निकाह से नाखुश था? कहीं उसकी किसी से कोई दुश्मनी तो नहीं थी? घरवाले किस आशंका में हैं? यह जानने के लिए दैनिक भास्कर ऐप टीम मोहसिन के घर के सरधना थाना क्षेत्र के मोहल्ला ऊंचापुर पहुंची। उसके परिजन से बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट... सुहागरात पर दुल्हन ने कम रोशनी वाला बल्ब लगाने का किया था डिमांड26 नवंबर को मोहसिन उर्फ मोनू का निकाह था। वह बारात लेकर सरधना से मुज़फ्फरनगर के खतौली गया था। रात में निकाह की रस्में हुईं। 27 नवंबर को मोहसिन अपनी दुल्हन की विदाई कराकर घर लाया। परिजन ने बताया- सुहागरात से पहले वह बल्ब लेने घर से निकला। फिर वापस नहीं लौटा। नई दुल्हन सुहाग की सेज पर पति के आने की राह देखती रही। दूसरे दिन परिवार ने उसकी मिसिंग कंप्लेन भी फाइल कराई। अभी तक मोहसिन का कोई सुराग नहीं लगा। मोहसिन की मां फरीदा ने बताया कि हमारे घर में तो निकाह की शहनाई बज रही थी। बेटे की शादी के दूसरे दिन ही मेरी दो बेटियों का निकाह था। दोनों बेटियों का निकाह भी हमें बेटे के बिना करना पड़ा। किसी तरह दोनों बेटियों को विदा किया। बताइए जिस घर में तीन बच्चों की एक साथ शादी हुई हो। घर में नई बहू आई हो, 2 बेटियों की डोली उठी हो, वहां मातम पसरा है। पूरा खानदान गम में है। हमारा बेटा कहां चला गया। पता नहीं। आज तक वह गांव से बाहर नहीं गया। मां बोली- मुझे भी कुछ नहीं बताया और चला गया मोहसिन की मां ने कहा- बहू ने हमें बताया कि हमने कहा था कि कमरे में कोई कम रोशनी वाला बल्ब लगा दो। वह रात में ही बाजार बल्ब लेने चला गया। मैं यहीं सोफे पर सो रही थी। मेरा बेटा किसी से कुछ भी कहकर नहीं गया। मां ने कहा कि घर का सारा काम मोहसिन ही करता था। वो तो कभी कहीं नहीं गया, केवल काम पर जाना और घर आना। अपनी शादी की सारी तैयारी भी मोहसिन ने ही की थी। बस अब तो अल्लाह हमारा बच्चा लौटा दे। दूसरे दिन हमने बहू को वापस भेज दिया। क्योंकि बेटे के जाने के बाद बहू का भी मन नहीं लग रहा था, इसलिए बहू को उसके मायके भेज दिया। मायकेवाले उसको ले गए। पिता बोले- अपनी शादी से बहुत खुश था मोहसिन के पिता सईद ठेकेदार हैं। सईद के 9 बच्चे हैं। इसमें 7 बेटियां और 2 बेटे हैं। मोहसिन सबसे छोटा है। सईद ने बताया- समझ नहीं आ रहा बच्चा कहां चला गया। हमने तो बहुत खुशी से उसका निकाह किया था। निकाह दोनों परिवारों की रजामंदी से हुआ था। लड़का-लड़की भी खुश थे। दोनों की सगाई के बाद से बातचीत भी हो रही थी। पता नहीं उस दिन ऐसा क्या हो गया। बहू भी परेशान है। कुछ नहीं बता पा रही। उसने उससे सिर्फ ये कहा कि बल्ब लेकर आ रहा हूं, लेकिन अब तक नहीं लौटा। सोचिए दूसरे दिन हमने दोनों बेटियों की शादी किसी तरह की है। बिना भाई के बेटियां विदा हुई हैं। सईद ने कहा- हमें किसी पर शक नहीं है, मेरा तो घर लुट रहा है। मेरा पूरा परिवार उसे तलाशता फिर रहा है। सीसीटीवी में वह नहर पर नजर आया। कुछ कैमरों में दिखा है। आजतक हमने उसे कभी इतना लंबा जाता नहीं देखा। गंगनहर के पास जाता दिखा सीओ सरधना आशुतोष ने बताया कि दूल्हे की गुमशुदगी दर्ज कर ली गई है। पुलिस परिजनों से लगातार संपर्क में है। उन्होंने कहा कि परिवार अभी खुलकर ज़्यादा जानकारी देने की स्थिति में नहीं है, फिर भी पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। क्या युवक खुद गया है, किसी दबाव में निकलना पड़ा, या शादी से खुश नहीं था या फिर अन्य कोई कारण है। गंगनहर के पास सीसीटीवी में मोहसिन लास्ट टाइम देखा गया है। गंगनहर में भी पुलिस टीमें सर्च ऑपरेशन चला रही हैं। साथ ही आसपास के सीसीटीवी भी देख रहे हैं। .............................. ये खबर भी पढ़िए- यूपी में SIR से तंग BLO टीचर फंदे पर लटका, लिखा- 4 बेटियां हैं...जीना चाहता हूं यूपी के मुरादाबाद में टीचर BLO ने सुसाइड कर लिया। रविवार सुबह उनका शव कमरे में फंदे से लटका मिला। शव देखकर परिवार में कोहराम मच गया। टीचर सर्वेश सिंह (46) ने जान देने से पहले बेसिक शिक्षा अधिकारी के नाम 3 पेज का सुसाइड नोट लिखा। अगर समय ज्यादा होता तो शायद मैं इस काम को पूरा कर देता। जो वक्त था वह मेरे लिए पर्याप्त नहीं था। क्योंकि, मैं अपने जीवन में पहली बार BLO बना था। पढ़ें पूरी खबर...
मथुरा में तैनात IPS आशना चौधरी की शादी सुर्खियों में है। उनका दूल्हा भी IAS अफसर है। 27 नवंबर को आशना और अभिनव सिवाच ने सात फेरे लिए। शादी बिल्कुल फिल्मी अंदाज में हुई। वरमाला के वक्त फूलों की बारिश हुई। दूल्हा अभिनव सफेद शेरवानी में और दुल्हन आशना लाल लहंगे में नजर आईं। हापुड़ की रहने वाली आशना ने UPSC में 116वीं रैंक हासिल की थी। 2022 बैच की IPS हैं। अभिनव भी उसी बैच के IAS हैं और हरियाणा के पिहोवा में SDM के तौर पर तैनात हैं। इनकी लव स्टोरी की शुरुआत ट्रेनिंग के दौरान हुई। धीरे-धीरे मुलाकातें बढ़ीं और रिश्ता दिल तक जा पहुंचा। हालांकि, शादी परिवार की मर्जी से हुई। फोटो पर क्लिक करके VIDEO देखें…
सेक्टर-95 में महामाया फ्लाईओवर व ओखला पक्षी विहार के बीच बने नोएडा जंगल ट्रेल पार्क का से पब्लिक के लिए खोला जा रहा है। इस पार्क में बनी आकृतियों को कबाड़ व लोहे से बनाया गया है। यहां करीब 650 जानवरों की आकृतियां लगाई गई हैं। सोमवार को इसका शुभारंभ नोएडा के विधायक पंकज सिंह करेंगे। अभी तक इस पार्क को ट्रायल के तौर पर खोला हुआ था। इस पार्क को पीपीपी मॉडल पर बनाया गया है। लोग इस पार्क में महामाया फ्लाईओवर के नीचे बने गेट से प्रवेश कर सकेंगे। नोएडा जंगल ट्रेल पार्क में प्रवेश के लिए 118 रुपए देने होंगे। पार्क में पहुंचने पर ऑनलाइन या नगद, दोनों तरह से प्रवेश शुल्क का भुगतान कर सकेंगे। पार्क में ये होंगी एक्टिविटीनोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि यहां पर एडवेंचर भी किया जा सकेगा। इसके लिए जंगल की एक्टिविटी को भी शामिल किया गया है जैसे रॉक क्लाइंबिंग, जिप लाइन, जिप साइकलिंग के अलावा और अधिक एडवेंचर गेम्स को जंगल ट्रेल में शामिल किया गया है। नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ लोकेश एम ने बताया कि सोमवार से पार्क को लोगों के लिए खोल दिया जाएगा। 18.27 एकड़ में बनाया गया पार्क प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि जून 2024 में पीपीपी मॉडल पर पार्क का निर्माण शुरू हुआ था। प्राधिकरण यह पार्क करीब 18.27 एकड़ में बनाया गया है। यहां पार्क के अंदर कबाड़ से बने डायनासोर, गैंडा, मगरमच्छ, अजगर, बंदर की आकृतियां लगाई गई हैं। इसके साथ ही छोटी आकृतियों में सुंदर-सुंदर चिडिय़ां भी कबाड़ से बनाई गई है। पार्क में आने वाले लोग जंगल में सैर का लुत्फ भी उठा सकेंगे। इस पार्क को बनाने में करीब 25 करोड़ रुपए की लागत आई है। तीन जोन में बना है पार्क पार्क को तीन जोन में बांटा गया है। पहला जोन-ए 4.05 एकड़ का है। इसमें पार्किंग, एम्फीथिएटर (1000 लोगों की क्षमता का), फूड कोर्ट और ऐग्जीबिशन एरिया है। यहां 8 बसों और 76 कारों की पार्किंग होगी। जोन-बी 8.77 एकड़ का बनाया जा रहा है। इसमें ट्रोपिकल रेन फारेस्ट , ग्रास लैंड , वेट लैंड को बनाया जा रहा है। तीसरा जोन-सी 5.45 एकड़ का है। इसमें आईस लैंड ओशियन, ट्रेमप्रेट फारेस्ट और पोलर रीजन होगा।
विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान:बीकानेर में एक लाख वोट कटने का खतरा, खाजूवाला-पूर्व में सर्वाधिक डर
विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान अब अपने अंतिम चरण में है। अभियान समाप्त होने में अब चंद दिन ही शेष हैं, मगर तस्वीर सामने आने लगी है। यह अभियान 2028 में होने वाले विधानसभा, 2029 में होने वाले लोकसभा और हाल ही में होने वाले निकाय चुनावों का समीकरण बदल देगा। तमाम कोशिशों के बाद भी पूरे जिले में करीब एक लाख वोट ऐसे हैं जिनकी मैपिंग 2002 की एसआईआर से नहीं हो पाने के कारण उन पर खतरा मंडराने लगा है। अगर ये एक लाख वोट कटे तो भाजपा का समीकरण बिगड़ने की पूरी संभावना है, क्योंकि सबसे ज्यादा खाजूवाला और पूर्व विधानसभा में ऐसा हो रहा है और इनमें ज्यादातर नौकरीपेशा और ट्रांसफर होकर आए लोग शामिल हैं। खाजूवाला का पुनरीक्षण पूरे जिले में टॉप पर है, मगर सबसे ज्यादा वोट भी इसी विधानसभा के कटने की कगार पर हैं। 35,834 मतदाता ऐसे हैं जिनकी मैपिंग 2002 की एसआईआर से नहीं हो रही। हालांकि यह अंतिम तस्वीर नहीं है, मगर बीएलओ मिलान कर रहे हैं और इतने लोगों के डिजिटलीकरण में दिक्कत हो रही है, वरना अब तक शत-प्रतिशत एसआईआर का काम हो जाता। खाजूवाला इसलिए भी टॉप पर है क्योंकि बीकानेर शहर से सटी नई कॉलोनियों में बसे लोगों के वोट 2002 में कहां थे, उसका मिलान नहीं हो रहा। इसी वजह से पूर्व विधानसभा में दूसरे नंबर पर वोटों का मिलान नहीं हो रहा। इसकी मुख्य वजह यह है कि यही वह इलाका है जहां लोग ट्रांसफर होकर आकर बसते हैं। इसी इलाके में लोगों ने नए मकान बनाए हैं। यानी पहले कहीं और वोट था और वह अब कन्फर्म नहीं हो रहा। इसलिए यह सबसे बड़ा नुकसान भाजपा को ही होने वाला है। दोनों विधानसभाओं में प्रभावित होने वाले इतने वोट हैं कि रिजल्ट का पूरा समीकरण बदल सकता है। अभी भाजपा इसे बहुत हल्के में ले रही है, मगर आने वाले चुनाव में इसका नतीजा देखने को मिलेगा। दोहरे वोट का भी एंगल खतरे की जद में आए एक लाख वोटों में दोहरे वोट भी शामिल हैं। पूर्व विधानसभा में ऐसे लोग बहुतायत में हैं, जो यहां बसे तो हैं, मगर उनके वोट उनके पुस्तैनी गांवों में भी हैं। अब एसआईआर में एक ही जगह मैपिंग हो सकती है। ग्रामीण परिवेश से जुड़े लोग गांव में वोट रखना चाहते हैं, इसलिए भी यहां मैपिंग नहीं हो रही। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, मध्यप्रदेश के लोगों के साथ काफी तादाद में नेपाल के लोग भी यहां हैं जिनके मिलान में दिक्कत आ रही है। बाहरी राज्यों वालों के दोहरे वोट और वहां एसआईआर 2003 में हुई जबकि राजस्थान में 2002 में, इसलिए भी मिलान में दिक्कत आ रही। 2008 के परिसीमन में तमाम विधानसभाओं के क्षेत्र बदल गए, इसलिए भी कई समस्याएं खड़ी हो रही हैं। इधर… आयोग ने एक सप्ताह का समय बढ़ाया कुछ जिलों में एसआईआर का काम पूरा न होते देख चुनाव आयोग ने समय में बढ़ोतरी की है। जो एसआईआर अब तक 4 दिसंबर तक होनी थी, वह अब 11 दिसंबर तक होगी। यानी अब बीएलओ 11 दिसंबर तक पुनरीक्षण का काम कर सकेंगे। अब अंतरिम सूची का प्रकाशन 14 फरवरी को होगा। 16 दिसंबर को पब्लिकेशन ड्राफ्ट जारी होगा। इससे बीएलओ ने राहत की सांस ली है। खाजूवाला–बीकानेर पूर्व में वोट कटने की सीक्रेट जांच जरूरी खाजूवाला सीमावर्ती इलाका है। खबर है कि यहां खेतों में बहुत सारे लोग ऐसे बसे हुए हैं जिनकी भाषा आधी बंगाली है। सीमावर्ती इलाका होने के कारण यहां बसने वालों को पहले संबंधित थानों से परमिशन लेनी पड़ती है, मगर बज्जू, खाजूवाला समेत कुछ सीमावर्ती इलाके ऐसे हैं जहां अलग भाषा बोलने वाले लोग बसे हुए हैं। पुलिस से बिना परमिशन के बसे तो हैं, मगर पुलिस ने भी उनसे पूछताछ करना जरूरी नहीं समझा। यह सेंसिटिव मामला है, मगर अब तक न तो जनप्रतिनिधियों ने ध्यान दिया न ही प्रशासन ने। पूर्व में भी स्थिति अलग है। यहां ट्रांसफर होकर आए लोगों ने वोट 2002 के बाद बनवा लिए। अब यहीं बस भी गए, मगर 2002 की वोटर लिस्ट से मिलान नहीं हो पा रहा। इसलिए उनके वोट कटने की नौबत आ गई है। जो भी नई कॉलोनियां बसीं, वहां के वोट ज्यादा हैं। “हां, सुना है कि ऐसा कोई पत्र आया है मगर जब तक वह पत्र ऑफिसियली नहीं आएगा तब तक कुछ नहीं कह सकते। यह व्हाट्सऐप पर चल रहा है। ईमेल पर आने के बाद कन्फर्म होगा। बाकी काम प्रोग्रेस पर हैं।” -सुरेश यादव, एडीएम प्रशासन
यूपी में 10 दिसंबर के बाद पारा तेजी से गिरेगा। पश्चिमी यूपी से लेकर तराई क्षेत्र तक धुंध और ठंड बढ़ेगी। महीने के आखिरी 10 दिन सबसे ठंडे रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार दिसंबर में ठंड देर से शुरू होगी। लेकिन, महीने के आखिरी में अपना असर जरूर दिखाएगी। यूपी में किस साल सबसे ज्यादा ठंड पड़ी थी? इस बार दिसंबर में न्यूनतम तापमान कितना रह सकता है? खेती-किसानी पर इसका क्या असर पड़ेगा? इस रिपोर्ट में पढ़िए… अंतिम सप्ताह में पड़ेगी कड़ाके की ठंडयूपी के ज्यादातर जिलों में दिसंबर की शुरुआत में दिन का तापमान सामान्य के करीब रहेगा। रात में हल्की ठंड महसूस होगी, लेकिन न्यूनतम तापमान में खास गिरावट नहीं दिखेगी। हालांकि, 10 दिसंबर के बाद ठंड बढ़नी शुरू होगी। सुबह-शाम की हवाएं सर्द होंगी। पश्चिमी और तराई क्षेत्रों में धुंध की हल्की परत दिख सकती है। दिसंबर के आखिरी 10 दिन सबसे ठंडे रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, कई जिलों में न्यूनतम तापमान 8-10 डिग्री सेल्सियस या इससे नीचे जा सकता है। पश्चिमी यूपी, लखनऊ, मेरठ, बरेली और गोरखपुर मंडल में घने कोहरे से यातायात प्रभावित हो सकता है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहेगा। क्या होता है अधिकतम और न्यूनतम तापमानमौसम विभाग के मुताबिक, यूपी का औसत दैनिक तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है। गर्मियों में अधिकतम औसत तापमान 35 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच जाता है। वहीं, ठंड में अधिकतम औसत तापमान 20 से 25 या 26 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। ठंड में औसत न्यूनतम तापमान 10 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। यहां ध्यान रखना जरूरी है कि पूरे भारत का भूगोल एक जैसा नहीं। इस वजह से तापमान को लेकर भी अलग-अलग कैटेगरी हैं। पूरे देश की बात करें, तो सामान्य तापमान -2C से 40C के बीच होता है। क्या कहते है बीएचयू के मौसम वैज्ञानिकबीएचयू के मौसम वैज्ञानिक मनोज श्रीवास्तव बताते हैं कि दिसंबर में ठंड अपने चरम की तरफ बढ़ती जाएगी। कोहरा बढ़ने से तापमान और नीचे जाएगा, कई दिनों तक धूप भी कमजोर रहेगी। रातें लंबी और ठंडी होंगी। दिन बढ़ने के साथ ठंड और बढ़ती जाएगी। दिसंबर में महसूस होगी अच्छी ठंडमौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दिसंबर में पश्चिमी और सेंट्रल यूपी में ठंड काफी बढ़ सकती है। जहां न्यूनतम तापमान 6 डिग्री से 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। वहीं, पूर्वी यूपी में यह तापमान अपेक्षाकृत अधिक रहेगा। इसके 10 डिग्री से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है। नवंबर में प्रदेश का औसत तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा, जिसे सामान्य माना जाएगा। हालांकि, अगर इस दौरान पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो गया, तो उत्तर भारत के पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी या ओस जैसी स्थितियां हो सकती हैं। इसका असर प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों पर भी पड़ेगा, जहां कुछ दिनों के लिए सीवियर कोल्ड जैसा हो सकता है। इस स्थिति में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अचानक गिरावट दर्ज हो सकती है। लेकिन, यह गिरावट सामान्यतः 0.5 डिग्री सेल्सियस से 1 डिग्री सेल्सियस तक ही सीमित रहेगी। यानी दिसंबर में हल्की से मध्यम ठंड बढ़ेगी, लेकिन कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना फिलहाल कम है। 2019 में हुआ दर्ज किया गया सबसे कम तापमान2018 में 30 दिसंबर को लखनऊ का तापमान 3.3 दर्ज किया गया था। जो दिसंबर महीने का सबसे ठंडा दिन था। वहीं, 2019 में 31 दिसंबर, 2019 को 0.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। साल के आखिरी दिन शहर के पारे ने पिछले 7 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया था। सुबह 4 बजे शहर का न्यूनतम तापमान शून्य से कुछ ऊपर 0.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इससे पहले 2012 में पारा 0.7 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा था। वीक में कैसा रहेगा मौसममौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, 1 दिसंबर को प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी दोनों हिस्सों में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। सुबह के वक्त कुछ इलाकों में हल्का से मध्यम कोहरा छा सकता है। इसी तरह 2 दिसंबर को भी आसमान साफ रहने के साथ सुबह कोहरे का असर देखने को मिल सकता है। 4 से 6 दिसंबर तक प्रदेश में मौसम सामान्य और साफ रहने के संकेत हैं। हालांकि तापमान में थोड़ी गिरावट होगी। साल- 2024 में दिसंबर में पड़ी थी कड़ाके की ठंडउत्तर प्रदेश में सर्दी का मौसम 2024 में दिसंबर के अंत से शुरू हुआ था। इसका मतलब यह है कि नवंबर में ठंड महसूस तो हुई थी, लेकिन गंभीर ठंड या कोल्ड‑वेव जैसी परिस्थितियां नहीं थीं। IMD के अनुसार, पिछले साल दिसंबर तक पश्चिमी विक्षोभ नहीं आया था। इसके चलते ठंड की शुरुआत काफी देर से हुई थी। IMD (भारत मौसम विज्ञान विभाग) के अनुसार 28 दिसंबर 2024 को पश्चिमी यूपी में रात का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे गिरने लगा था। खेती-किसानी के लिए कैसा रहेगा दिसंबरकृषि वैज्ञानिक प्रो. पीके सिंह के मुताबिक, दिसंबर का मौसम खेती-किसानी के लिए मिला-जुला, लेकिन लाभदायक माना जा रहा। यूपी में इस समय रबी फसलों (गेहूं, चना, मटर, सरसों, आलू) की बुवाई और बढ़वार पर मौसम का बड़ा असर पड़ता है। इस बार दिसंबर में तापमान और मौसम की स्थिति रबी फसलों की बढ़वार के लिए अनुकूल रहने वाला है। महीने की शुरुआत साफ आसमान के साथ होने की उम्मीद है। बारिश की संभावना बेहद कम है, जो फसलों की बोनी और शुरुआती बढ़वार के लिए बेहतर माना जाता है। इस तरह का कोहरा फसल के लिए नुकसानदायक नहीं, बल्कि नमी बनाए रखने में सहायक होता है। इससे रबी फसलों को फायदा मिलेगा। साफ मौसम, नियंत्रित ठंड और नमी की मौजूदगी गेहूं, सरसों और आलू जैसी रबी फसलों की बढ़वार को मजबूती देगी। किसानों के लिए दिसंबर का महीना इस बार सामान्य से बेहतर साबित हो सकता है। ------------------------------ ये खबर भी पढ़ें... यूपी में इस बार कैसी रहेगी ठंड, क्या रिकॉर्ड तोड़ेगी, जनवरी-दिसंबर में 5 डिग्री तक पहुंचेगा पारा यूपी से 13 अक्टूबर को मानसून की विदाई हो गई। पोस्ट मानसून में जमकर बारिश हुई। इसके बाद अंदाजा लगाया जाने लगा है कि पिछले सालों की तुलना में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ेगी। सुबह–शाम ठंड की शुरुआत भी हो चुकी है। सुबह के समय कई इलाकों में हल्की धुंध और ओस गिर रही है। पढ़िए पूरी खबर...
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यूपी में रिश्वत लेकर प्राइवेट स्कूलों को दे रहे मान्यता:DIOS का रेट 1 लाख, SDM 50 हजार ले रहे
'प्राइवेट स्कूल में 12वीं की मान्यता चाहिए… 5 लाख खर्च होंगे। DIOS को 1 लाख… SDM, AE और GIC के प्रिंसिपल को 50-50 हजार जाते हैं। इलाहाबाद (यूपी माध्यमिक शिक्षा मंडल) में 1 से डेढ़ लाख लगेंगे… फिर शासन भी 1 लाख लेगा।' DIOS ऑफिसों के बाबुओं की इन बातों से साफ है कि यूपी के शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी हैं। यहां प्राइवेट स्कूलों की मान्यता के लिए मोटी रकम लगती है। इसमें सभी की हिस्सेदारी है। प्राइवेट स्कूल संचालक रिश्वत की इस राशि की भरपाई बच्चों की फीस बढ़ाकर कर रहे। यही वजह है कि यूपी में प्राइवेट स्कूलों ने 2024 में 11% और 2025 में 12% तक फीस बढ़ाई। अब फिर नए सत्र के लिए फीस बढ़ाने की तैयारी है। अखिल भारतीय प्राइवेट स्कूल प्रबंधक एसोसिएशन के यूपी अध्यक्ष ह्रदयनारायण जायसवाल का तर्क है कि यूपी के शिक्षा विभाग में हर लेवल पर पैसा देना पड़ता है। जो 10 करोड़ रुपए लगाकर स्कूल खोलेगा, वह कमाएगा भी। ये पैसा पेरेंट्स से वसूला जा रहा। ह्रदयनारायण के इस तर्क की हकीकत जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने सीतापुर, बाराबंकी के DIOS और बेसिक शिक्षा विभाग में 10 दिन तक इन्वेस्टिगेशन किया। पढ़िए, पूरा खुलासा… पहले जानिए प्राइवेट स्कूलों का फीस बढ़ाने का तर्कह्रदयनारायण जायसवाल का कहना है- इस बात में सच्चाई है कि बगैर पैसा दिए मान्यता नहीं होती। शिक्षा विभाग में हर लेवल पर पैसा देना पड़ रहा। इसे लेकर सरकार को ध्यान देना चाहिए, क्योंकि विद्यालय चलाना पुण्य का काम है। लेकिन, आज की तारीख में स्कूल खोलना बड़े लोगों का काम हो गया है। अब कम से कम 10 करोड़ रुपए के बिना स्कूल नहीं खोल सकते। अब अगर कोई 10 करोड़ रुपए लगाएगा, तो कमाई भी करेगा। क्योंकि उसे बैंक का लोन देना होगा। वो ये खर्च कहां से उठाएगा? अब जानिए मान्यता के लिए शिक्षा विभाग में क्या खेल चल रहा?हमने एक प्राइवेट स्कूल से ऐसी फाइल का जुगाड़ किया, जिसे 8वीं (जूनियर हाईस्कूल) और 12वीं (इंटर कॉलेज) की मान्यता चाहिए। हम लखनऊ से 90 किमी दूर सीतापुर के DIOS ऑफिस पहुंचे। यहां DIOS बाहर कुर्सी डालकर बैठे थे। भीतर हमारी मुलाकात मान्यता का काम देख रहे सुभाष बाबू से हुई। उसने पहले तो फॉर्म देकर प्रक्रिया समझाई। इसके बाद खुलकर बताया कि मान्यता के लिए कितने रुपए देने होंगे? इसमें किसकी, कितनी हिस्सेदारी है… रिपोर्टर: सुभाष भाई… एक स्कूल की मान्यता कराना है। सुभाष बाबू: कहां का है? रिपोर्टर: नैमिष वाले रोड पर। सुभाष बाबू: वहां… किधर…? रिपोर्टर: सिधौली से नैमिष को जाती है… उसी पर 5 किलोमीटर पर। सुभाष बाबू: ठीक है… हो जाएगा। ये प्रोफार्मा है… इसमें विज्ञान और कला का लिख दे रहे हैं। रिपोर्टर: ठीक है दीजिए… और बताइए। सुभाष बाबू: यहां का खर्चा ढाई लाख रुपए आएगा। रिपोर्टर: इसमें कौन-कौन लेता है? सुभाष बाबू: इसमें DIOS (जिला विद्यालय निरीक्षक), SDM (उप-जिलाधिकारी), AE (असिस्टेंट इंजीनियर) और GIC (गवर्नमेंट इंटर कॉलेज) का प्रिंसिपल। रिपोर्टर: …तो आप ही डील करेंगे? सुभाष बाबू: हां, हो जाएगा… 4 अफसरों की कमेटी है। रिपोर्टर: …तो DIOS का क्या रहता है? सुभाष बाबू: सब उसी में है। बाबू सुभाष ने ये साफ कर दिया कि DIOS में मान्यता की फाइल आगे बढ़ाने और जांच रिपोर्ट स्कूल के पक्ष में देने के लिए कमेटी को ढाई लाख रुपए देने होंगे। इसके बाद सुभाष ने इलाहाबाद में यूपी माध्यमिक शिक्षा मंडल और शासन में फाइल पास कराने का तरीका और रेट भी बताए। इलाहाबाद में डेढ़ लाख और शासन में 1 लाख खर्च होंगे सुभाष बाबू: जब फाइल इलाहाबाद (यूपी माध्यमिक शिक्षा मंडल) चली जाएगी तो वहां भी करना है। रिपोर्टर: वहां… क्या खर्च आएगा? सुभाष बाबू: एक से डेढ़ लाख रुपए। रिपोर्टर: अच्छा… यानी 4-5 लाख रुपए खर्च करने होंगे। सुभाष बाबू: …और वहां से फाइल जब शासन (विभाग) को जाएगी, तो वहां भी देने होंगे। रिपोर्टर: वहां कितना देना होगा? सुभाष बाबू: वहां भी लगभग 1 लाख रुपए खर्च होंगे। रिपोर्टर: मतलब टोटल 5 लाख रुपए मानकर चला जाए। सुभाष बाबू: हां, ऐसा ही। रिपोर्टर: यहां वाला तो सब आप करा देंगे न? सुभाष बाबू: हां, यहां वाला तो हम करा ही लेंगे। इलाहाबाद के लिए आपको नंबर दे देंगे। रिपोर्टर: स्कूल की जांच करने कौन-कौन आता है? सुभाष बाबू: जांच में DIOS साहब भी जाते हैं, GIC प्रिंसिपल जाते हैं, बाकी सबका मैनेज हो जाता है। रिपोर्टर: PWD का कोई अधिकारी जाता है क्या? सुभाष बाबू: जाते नहीं, सब मैनेज हो जाता है। रिपोर्टर: SDM…? सुभाष बाबू: वो भी नहीं जाते, वो सब उसी में मैनेज हो जाता है। जब ले रहे हैं… तब जांच क्या करेंगे…? रिपोर्टर: DIOS कितना लेते हैं? सुभाष बाबू: पूरे 1 लाख रुपए। रिपोर्टर: …और SDM…? सुभाष बाबू: 50 हजार रुपए। अब चलिए बाराबंकी… बाबू सुभाष ने पूरे 5 लाख रुपए की रिश्वत का हिसाब-किताब दे दिया। अब हमारे सामने सवाल था कि क्या यूपी के बाकी जिलाें में भी ऐसा हो रहा। इसकी इन्वेस्टिगेशन के लिए हम अगले दिन लखनऊ से 40 किमी दूर बाराबंकी के DIOS ऑफिस पहुंचे। यहां हमारी हमारी मुलाकात बाबू मनोज कश्यप से हुई। हमने उनसे स्कूल की मान्यता के बारे में बात की… रिपोर्टर: मान्यता कराना है, काम में थोड़ी कमी हो तो हो जाएगा न? मनोज बाबू: हां, थोड़ा-बहुत तो चलेगा ही। रिपोर्टर: जैसे क्या…? मनोज बाबू: जैसे- मान लो… पल्ले (दरवाजे) नहीं लगे हैं, तो बाद में लग जाएंगे। प्लास्टर नहीं हुआ हो, तो बाद में भी हो जाएगा। रिपोर्टर: और क्या करना होगा? मनोज बाबू: असल में साहब ऊपर (पहली मंजिल पर अपने केबिन में) लेते हैं… क्या लेते हैं…? क्या करते हैं…? वही बताएंगे… जो भी आता है… ऊपर चला जाता है। जो उनको देना होता है… दे देता है। जो हमको देना होता है… हमको दे देता है। रिपोर्टर: आप ही के जिम्मे कर देते हैं… जो होगा देखिएगा। मनोज बाबू: वो हमारे जिम्मे करने से नहीं लेंगे… वो डायरेक्ट ही आपसे बात करेंगे। रिपोर्टर: …तो क्या क्राइटेरिया है? मनोज बाबू: (इशारा करते हुए) थोड़ा-सा उससे ऊपर है… यानी 1 (एक लाख रुपए) से ऊपर है। रिपोर्टर: ठीक है… फाइल तैयार कर लेते हैं। मनोज बाबू: हां, फाइल तैयार करके किसी को भेजिएगा… आप न आइएगा। जो थोड़ा-बहुत 19-20 होगा… वह चलेगा… ऐसा नहीं है कि 19-20 नहीं चलेगा। रिपोर्टर: …लेकिन आप ही को सब कुछ करना है। मनोज बाबू: हां, 19-20 चलाना पड़ेगा। रिपोर्टर: ठीक है। मनोज बाबू: इसको (आवेदन की फाइल) तब तक ऑनलाइन करा दीजिए… जो भी सत्यापन कराना है… अपने स्तर से करा लीजिए। रिपोर्टर: ठीक है, ये सब करा लेंगे। मनोज बाबू: फाइल मेंटेन करा लीजिए… फिर जब यहां आएगी फाइल… तो तहसील स्तर से हम लोग जांच करा लेंगे… इसके बाद समिति का समय ले लिया जाएगा… बात हो जाएगा… फिर आपका काम हो जाएगा। अब पढ़िए, DIOS ने क्या कहा? बाराबंकी के बाबू मनोज से हुई बातचीत से साफ हो गया कि यहां भी रुपए दिए बगैर मान्यता की फाइल आगे नहीं बढ़ती। अब हमारे सामने सवाल था कि क्या DIOS पैसा लेते हैं? यह जानने के लिए हम DIOS ओपी त्रिपाठी से मिलने पहुंचे। उन्होंने इशारों में रिश्वत लेकर काम करने की सारे बातें समझा दीं। रिपोर्टर: स्कूल खोल रहे हैं, मान्यता चाहिए? DIOS ओपी त्रिपाठी: किस नाम से खोल रहे हैं? रिपोर्टर: एमजी कॉन्वेंट इंटर कॉलेज। DIOS ओपी त्रिपाठी: क्या सीबीएसई…? रिपोर्टर: नहीं… यूपी बोर्ड। DIOS ओपी त्रिपाठी: ऑनलाइन अप्लाई किया है क्या…? रिपोर्टर: अभी किया नहीं… सोचा, एक बार आपसे बात कर लें। DIOS ओपी त्रिपाठी: इस बार ऑनलाइन में जो मानक चेंज हुए हैं, उसे जरूर देख लीजिए। रिपोर्टर: सर देखिए… ये सही है ना…? (हमने स्कूल की जानकारी का कागज आगे बढ़ाया) DIOS ओपी त्रिपाठी: (कागज देखते हुए) ग्रामीण में आएगा ना…? हां, ठीक है ये। इसमें जितनी क्लास होगी, उतने कमरे होना चाहिए। प्लस… हाईस्कूल लेवल पर 2 प्रैक्टिकल लैब। प्लस… इंटर यदि ले रहे हैं तो फिजिक्स, केमिस्ट्री और बॉयो लैब होगा। अगर आर्ट सब्जेक्ट ले रहे हैं, जैसे- होम साइंस या भूगोल तो इसका अलग से एक-एक लैब होगा। इसके अलावा एक स्मार्ट क्लास अनिवार्य है, एक कम्प्यूटर लैब जरूरी है। उसमें 10 या जितने भी लिखे हैं… नियमानुसार उतने कम्प्यूटर होना चाहिए। इतना सब तो मस्ट है। इसके अलावा वैकल्पिक कक्ष… स्टाफ रूम… प्रिंसिपल रूम… कॉमन रूम… ये 4 रूम होते हैं। सबसे जरूरी जो है, वो लाइब्रेरी…। अब ये आपके ऊपर है कि किस विषय की मान्यता ले रहे- साइंस, आर्ट्स… जो भी सब्जेक्ट ले रहे हैं, उसके हिसाब से होगा। रिपोर्टर: दोनों सब्जेक्ट का एक साथ हो जाएगा या एक-एक का लेना पड़ेगा… मतलब कला वर्ग अलग और विज्ञान वर्ग का अलग…? DIOS ओपी त्रिपाठी: दोनों का एक साथ हो जाएगा… लेकिन जैसी स्थिति रहेगी… उसी हिसाब से कमरों की संख्या घटती-बढ़ती रहती है। जो कॉमन कमरे हैं, वो सब रहेंगे… जैसे- पुस्तकालय, स्मार्ट रूम, कम्प्यूटर रूम… ये सब रहेंगे। चाहे हाईस्कूल लीजिए… चाहे इंटर लीजिए… चाहे आर्ट्स लीजिए… या साइंस लीजिए। केवल इंटर का प्रैक्टिकल रूम वरी (Worry) करता है। अगर आप आर्ट्स लेते हैं, तो आपको 3 लैब की जरूरत नहीं पड़ेगी- फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉयो की। आर्ट्स है तो 2 लैब में काम चल जाता है। गृह विज्ञान विषय है तो एक लैब उसकी हो जाती है और जियोग्राफी सब्जेक्ट है तो एक लैब उसकी हो जाती है… तो सब्जेक्ट के ऊपर वरी करेगा… कराइए… अप्लाई कराइए। रिपोर्टर: थोड़ा 19-20 चलेगा…? DIOS ओपी त्रिपाठी: हां, 19-20 ही चलेगा, जो प्लान करके बिल्डिंग बनाएगा तो अच्छा स्कूल बनेगा… आर्किटेक्ट को बोलिए कि हमको इतना चाहिए… आप इतना प्लान करके दो। फर्स्ट फ्लोर पर नहीं है तो सेकेंड फ्लोर पर कीजिए। अप्लाई हो जाए तो फिर बताइए… ठीक है ना…? रिपोर्टर: बाकी सर फिर आप बताइएगा…? DIOS ओपी त्रिपाठी: हां, बिल्कुल… पहले आप इसको कम्प्लीट कर लीजिए… फिर आवेदन जब आप करेंगे तो हम (DIOS) , SDM और वो (GIC के प्रिंसिपल और AE) लोग आएंगे। रिपोर्टर: कमेटी में 4 लोग हैं ना…? DIOS ओपी त्रिपाठी: हां, पहले 3 थे, अब AE बढ़ गए ना… इंजीनियरिंग (PWD विभाग) वाले। रिपोर्टर: …तो कमेटी के सभी लोगों से मिलना भी पड़ेगा हमको क्या…? DIOS ओपी त्रिपाठी: वो कोई इश्यू नहीं… वो सब देख लेंगे यार… पहले आवेदन करें… वो सब कर देंगे हम। रिपोर्टर: क्या खर्चा आएगा? DIOS ओपी त्रिपाठी: अभी कुछ नहीं बता सकते… पहले आप कम्प्लीट कीजिए… इसमें तब बात होगी… ठीक है। रिपोर्टर: हमें बाबू ने बताया था… इसलिए पूछ रहे हैं। DIOS ओपी त्रिपाठी: चलिए…पहले कम्प्लीट कीजिए…। रिपोर्टर: फिर आप ही के जिम्मे रहेगा सब। DIOS ओपी त्रिपाठी: (सिर हिलाते हुए) ठीक है… पहले ऑनलाइन अप्लाई कीजिए… फिर उसी का प्रिंट निकालकर… पूरी फाइल… दो सेट में बनती है… दे दीजिए। DIOS ने खर्च की बात को नहीं नकारा… DIOS की बातों से साफ हो गया कि बगैर पैसा दिए जांच रिपोर्ट ओके नहीं होगी और मान्यता अटक भी सकती है। उन्होंने खर्च की बात पर इनकार नहीं किया। सिर हिलाकर सहमति जता दी। अब हमारे सामने सवाल था कि क्या SDM, AE और GIC के प्रिंसिपल भी मान्यता के इस खेल में शामिल हैं? इसके जवाब के लिए हम बाराबंकी के पीएमश्री राजकीय इंटर कॉलेज पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात प्रिंसिपल राधेश्याम कुमार से हुई। पहले तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि आज तक मुझे मान्यता की कमेटी में नहीं रखा, जबकि नियम पुराना है। जिले में GIC तो बहुत हैं, लेकिन मुझे ही रखना चाहिए। इसके बाद जब लेन-देन की बात की, तो उन्होंने इससे इनकार नहीं किया। प्रिंसिपल राधेश्याम: जब हम जाएंगे (आपके स्कूल की जांच करने) तो अपने पैरामीटर देखेंगे… तब आप बोलेंगे कि ये तो हमने कर (रुपए दे दिए) दिया है… बहुत सारी चीजें हैं। रिपोर्टर: …तो हम सर आपसे डायरेक्ट ही मिल लेंगे। प्रिंसिपल राधेश्याम: हां, चलेगा…। रिपोर्टर: आप जैसा-जो कहेंगे… वैसा कर देंगे… ठीक है। प्रिंसिपल राधेश्याम: अरे… हां, ठीक है… ठीक… ठीक है। यानी बगैर पैसों के फाइल आगे नहीं बढ़ सकतीGIC के प्रिंसिपल से हुई बातचीत से ये साफ हो गया कि यहां भी पैसा दिए बगैर स्कूल मान्यता की फाइल आगे नहीं बढ़ सकती। प्रिंसिपल ने डायरेक्ट पैसा लेने से कोई परहेज नहीं किया। इसके बाद सवाल था कि क्या 8वीं (जूनियर हाईस्कूल) की मान्यता के लिए भी पैसा देना होता है? इसके जवाब के लिए हम बाराबंकी के ही बेसिक शिक्षा विभाग के ऑफिस पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात मान्यता का कामकाज देख रहे बड़े बाबू गोपाल मिश्रा से हुई। गोपाल ने इस ऑफिस में रिश्वतखोरी की पूरी प्रक्रिया समझाई… गोपाल बाबू: अरे… BEO (खंड शिक्षा अधिकारी) बहुत बड़े खिलाड़ी हैं भैया। रिपोर्टर: ठीक है… उनसे हम मिल लेंगे… यहां (बेसिक शिक्षा अधिकारी) वाला आप देख लीजिएगा। गोपाल बाबू: ठीक है… प्राइमरी स्कूल की मान्यता यहां से होगी और जूनियर की एडी बेसिक, अयोध्या से होगी। रिपोर्टर: ठीक है करा दीजिएगा। गोपाल बाबू: हमसे लोग कहते हैं कि एडी के यहां से करा दो… हम तुमसे कह दें कि एक लाख रुपए लगेंगे… तुम हमको एक लाख रुपए दे दो… मगर हम उनको (एडी को) एक लाख दें तो उन्हें लगेगा कि 1 लाख 25 हजार रुपए लिए होंगे। रिपोर्टर: अच्छा…? गोपाल बाबू: मेरा फंडा ये है कि अगर फाइल हमारी गई है तो हम स्वयं चले जाएं… उनसे बोलें- अरे सरकार… 50 हजार रुपए में निपटाओ… छुट्टी करो। रिपोर्टर: अगर वहां का भी आपके ही जिम्मे कर दें तो…? गोपाल बाबू: वहां आप ही चले जाओ… यहां पेमेंट कर दोगे तो हम काम कर देंगे। हमारी इन्वेस्टिगेशन में ये निकला जानिए जिम्मेदार क्या बोले? वीडियो सामने आने पर कार्रवाई करेंगे पैसों का लेन-देन सामने आया तो कार्रवाई करेंगे सीतापुर DIOS राजेंद्र सिंह ने बताया कि मान्यता का काम खत्म हो चुका है। अगर किसी बाबू ने कोई लेन-देन की बात की होगी तो उसके खिलाफ FIR कराएंगे। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... दलितों को बीमार बताकर राज्यमंत्री के ट्रस्ट ने खरीदी जमीनें, यूपी के मेरठ में 19 बीघा का सौदा 'हमने मंत्री (ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर) को जमीन बेची। उनके लोगों ने हमारी डॉक्टरी (मेडिकल चेकअप) करा दी… प्यारेलाल हॉस्पिटल में। वे धोखे से ले गए। हमने पूछा- डॉक्टरी किस बात की? फिर भी जबरदस्ती बीमार बता दिया। उसके गुर्गे हैं… छोटू को जानते होंगे… एक जॉनी है… वही आए थे…।' यूपी के मेरठ से 15 किमी दूर कायस्थ गावड़ी गांव के दलित ये बात कह रहे। पढ़ें पूरी खबर
हरियाणा सरकार ने रविवार को 20 आईएएस अधिकारियों के बड़े पैमाने पर ट्रांसफर और नियुक्ति के आदेश जारी किए, जिसमें चार जिलों के उपायुक्त (डीसी) बदले गए। इस फेरबदल का प्रमुख हिस्सा यमुनानगर जिला है, जहां अब 2015 बैच की आईएएस अधिकारी प्रीति नई डीसी के रूप में कार्यभार संभालेंगी। प्रीति पहले कैथल की डीसी थीं और अब उन्हें यमुनानगर की प्रशासनिक कमान सौंपी गई है, जबकि कैथल में स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) की मिशन डायरेक्टर अपराजिता को डीसी बनाया गया है। IAS पार्थ गुप्ता को सौंपे तीन महत्त्वपूर्ण प्रभार इसके साथ ही, यमुनानगर के पूर्व डीसी पार्थ गुप्ता को राज्य सरकार ने तीन महत्वपूर्ण प्रभार सौंपे हैं। 2013 बैच के गुप्ता अब निदेशक, खेल, हरियाणा तथा विशेष सचिव, खेल एवं युवा मामले विभाग के रूप में कार्य करेंगे। साथ ही, उन्हें निदेशक, पर्यटन, हरियाणा तथा विशेष सचिव, पर्यटन विभाग का दायित्व भी दिया गया है। इसके अतिरिक्त, वे हरियाणा पर्यटन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक भी बनाए गए हैं। यह नियुक्ति हाल ही में दो युवा खिलाड़ियों की मौत के मामले के बाद खेल विभाग में हुए बदलावों का हिस्सा भी मानी जा रही है।
नमस्कार, कल की बड़ी खबर सोनिया और राहुल गांधी पर एक और FIR दर्ज होने से जुड़ी रही। दूसरी बड़ी खबर मुरादाबाद से रही। यहां BLO ने SIR ड्यूटी से परेशान होकर जान दे दी। सुसाइड से पहले वह फूट-फूटकर रोया। ⏰ आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... कल की बड़ी खबरें... 1. SIR की डेडलाइन 7 दिन बढ़ाई गई, 12 राज्यों में वोटर वेरिफिकेशन 11 दिसंबर तक चलेगा चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल SIR की समय सीमा 7 दिन बढ़ा दी है। ड्राफ्ट सूची 16 दिसंबर को आएगी, जबकि अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित होगी। आयोग ने बताया कि 99.53% फॉर्म वितरित हो चुके हैं और करीब 79% फॉर्म का डिजिटलीकरण पूरा हो गया है। कांग्रेस SIR का विरोध कर रही: SIR प्रक्रिया को लेकर लगातार विपक्ष हमलावर हैं। कांग्रेस ने प्रक्रिया के दौरान काम के दबाव के चलते जान गंवाने वाले BLO की मौत को मर्डर बताया था। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा था कि 20 दिनों में 26 BLOs की मौत दिनदहाड़े मर्डर जैसी है। सुप्रिया ने गोंडा के BLO विपिन यादव का जिक्र करते हुए कहा कि उनके परिवार ने बताया है कि उन पर वोटर लिस्ट से पिछड़े वर्ग के लोगों के नाम हटाने का दबाव था। पढ़ें पूरी खबर... 2. मुरादाबाद में SIR से तंग टीचर जान देने से पहले फूट-फूटकर रोया मुरादाबाद में टीचर BLO ने सुसाइड कर लिया। रविवार सुबह उनका शव कमरे में फंदे से लटका मिला। सर्वेश सिंह (46) ने जान देने से पहले BSA के नाम 3 पेज का सुसाइड नोट लिखा। इसमें कहा- रात-दिन काम करता रहा, फिर भी SIR का टारगेट हासिल नहीं कर पा रहा। रात बहुत मुश्किल में कटती है। सिर्फ 2-3 घंटे सो पा रहा हूं। 4 बेटियां हैं, 2 की तबीयत खराब है। मैं जीना तो चाहता हूं, लेकिन क्या करता। जो वक्त था, वह मेरे लिए पर्याप्त नहीं था। इसका वीडियो भी सामने आया। इसमें सर्वेश फूट-फूटकर रोते नजर आ रहे। वह कह रहे कि मैं 20 दिन से सोया नहीं। मेरी मौत का जिम्मेदार मैं खुद हूं। सर्वेश, भगतपुर टांडा थाना के गांव जाहिदपुर सिकंदरपुर कंपोजिट स्कूल में सहायक अध्यापक थे। अब तक 7 BLO की मौत: यूपी में SIR शुरू होने के बाद से 7 BLO की जान जा चुकी है। इसमें 3 ने सुसाइड किया, 3 की मौत हार्ट अटैक से और एक की जान ब्रेन हेमरेज से गई। पढ़ें पूरी खबर 3. नेशनल हेराल्ड केस- सोनिया और राहुल पर नई FIR, दिल्ली पुलिस ने ED की शिकायत पर दर्ज की नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सोनिया और राहुल गांधी समेत 9 लोगों के खिलाफ नई FIR दर्ज की है। इसमें तीन कंपनियां भी शामिल हैं। इन सभी पर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को धोखाधड़ी से हासिल करने का आरोप है। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक बदला बताया है। 16 दिसंबर को फैसला आएगा: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में इस केस की सुनवाई पूरी हो चुकी है। कोर्ट को तय करना है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की चार्जशीट पर संज्ञान लिया जाए या नहीं। बहस 14 जुलाई को पूरी हुई थी। तब से फैसला तीन बार टल चुका है। अब अदालत 16 दिसंबर को फैसला सुनाएगी। नेशनल हेराल्ड केस क्या है: आरोप है कि सोनिया और राहुल ने यंग इंडियन के जरिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) कंपनी को सस्ते में अपने कब्जे में लिया। ED का कहना है कि इस सौदे में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग हुई, जिससे हजारों करोड़ की संपत्ति जुड़ी बताई जा रही है। पढ़ें पूरी खबर... 4. देश छोड़कर भागने वाली थी लखनऊ की आतंकी डॉ. शाहीन, पाकिस्तानी हैंडलर से मिलना था आतंकी मॉड्यूल में शामिल लखनऊ की डॉ. शाहीन सईद दिल्ली ब्लास्ट के बाद खाड़ी देश में जाकर पाकिस्तानी हैंडलर से मिलने वाली थी। इसके लिए शाहीन नया पासपोर्ट बनवा रही थी। उसने ब्लास्ट से 7 दिन पहले पासपोर्ट वेरिफिकेशन कराया था, लेकिन पुलिस रिपोर्ट समय पर नहीं भेज सकी, इसलिए वह देश से भाग नहीं पाई। फिलहाल वह NIA की रिमांड पर है और पूछताछ जारी है। शाहीन के फ्लैट से ₹18.50 लाख मिले: डॉ. शाहीन के अल-फलाह यूनिवर्सिटी के फ्लैट से 18.50 लाख रुपए नकद मिले थे। उसने सीक्रेट लॉकर में 2 सोने के बिस्किट, करीब 300 ग्राम जेवर और विदेशी करेंसी छिपा रखे थे। NIA ने बताया था कि टेरर फंडिंग का पैसा विदेशों से आता था। पढ़ें पूरी खबर... 5. राजनाथ सिंह के सवाल पर चकराए 600 ट्रेनी IAS लखनऊ से सांसद और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के सवाल पर 600 से ज्यादा ट्रेनी IAS चकरा गए। एक मिनट तक कोई जवाब नहीं दे पाया। रक्षामंत्री ने दोबारा सवाल दोहराया। फिर एक ट्रेनी IAS ने जवाब दिया, लेकिन राजनाथ सिंह ने सिर हिलाते हुए उसे गलत बताया। इसके बाद एक अन्य ट्रेनी IAS ने उनके सवाल का सही उत्तर दिया। यह पूरा वाकया उत्तराखंड के मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA) में हुआ। पढ़ें पूरी खबर 6. मुरादाबाद में शादी से लौट रहे परिवार के 6 लोगों की मौत मुरादाबाद में शादी से लौट रहे परिवार के 6 लोगों की हादसे में मौत हो गई। इनमें 3 महिलाएं भी शामिल हैं। परिवार टेंपो से जा रहा था। तभी हाईवे पर रोडवेज बस ने टेंपो में टक्कर मार दी और फिर टेंपो पर चढ़ गई। टक्कर लगने से लोग करीब 15 फीट दूर उछलकर गिरे। सिर और चेहरे पर गंभीर चोटें आने के चलते उनकी मौत हो गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि टेंपो बुरी तरह डैमेज हो गया। उसकी छत उड़ गई और दो हिस्सों में बंट गया। मरने वालों की पहचान कुंदरकी निवासी सीमा पत्नी करन सिंह, आरती, अभय, सुमन पत्नी हरदीप, अनन्या और ऑटो चालक संजू के रूप में हुई।पढ़ें पूरी खबर आज का कार्टून ⚡ कुछ अहम खबरें हेडलाइन में… ️ बयान जो चर्चा में है... खबर हटके... बैलगाड़ी पर मुख्यमंत्री के बेटे-बहू की एंट्री MP के उज्जैन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बेटे डॉ. अभिमन्यु यादव ने अपनी होने वाली पत्नी डॉ. इशिता यादव के साथ बैलगाड़ी पर सवार होकर एंट्री की। दोनों ने सामूहिक विवाह सम्मेलन में एक साथ फेरे लिए। मुख्यमंत्री ने बेटे की शादी सामूहिक सम्मेलन में की, जिसकी सोशल मीडिया पर तारीफ हो रही है। पूरी खबर पढ़ें... फोटो जो खुद में खबर है भास्कर की एक्सक्लूसिव स्टोरीज, जो सबसे ज्यादा पढ़ी गईं… करेंट अफेयर्स ⏳आज के दिन का इतिहास ️ मौसम का मिजाज वृष राशि के लोगों को मेहनत के मनचाहे नतीजे मिलेंगे। मिथुन राशि वालों की इनकम बेहतर होगी। जानिए आज का राशिफल... आपका दिन शुभ हो, पढ़ते रहिए दैनिक भास्कर ऐप… मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ को और बेहतर बनाने के लिए हमें आपका फीडबैक चाहिए। इसके लिए यहां क्लिक करें...
स्ट्रॉबेरी की सफल खेती के बाद अब उदयपुर में लीची की नई कहानी लिखी जा रही है। पहली बार उदयपुर संभाग में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लीची के पौधे लगाए गए हैं। इसके लिए बिहार का मुजफ्फरपुर जिला देश में लीची का हब माना जाता है। वहीं से 100 पौधे मंगाकर बड़गांव केवीके, आरसीए कॉलेज की उद्यान नर्सरी, चित्तौड़गढ़ के सीताफल एक्सीलेंस सेंटर और प्रतापगढ़ के केवीके फार्म पर रोपे गए हैं। उद्यान विभाग के उपनिदेशक कैलाश चंद्र शर्मा के अनुसार, एक साल तक इन पौधों की ग्रोथ पर बारीकी से नजर रखी जाएगी। यदि परिणाम संतोषजनक रहे तो पौधों की संख्या बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही उदयपुर संभाग लीची उत्पादन का नया केंद्र बन सकता है। उदयपुर का वातावरण अनुकूल, यहां की जलवायु मुजफ्फरपुर जैसी स्थानीय अधिकारियों ने पहले घरों में पौधे लगाकर परीक्षण किया था और वे सफल रहे। इसी पर आगे बढ़ते हुए अब इसे बागवानी स्तर पर अपनाने की योजना तैयार की गई है। बड़गांव केवीके के हेड डॉ. प्रफुल्ल भटनागर और डॉ. मनप्रीत सिंह का कहना है कि उदयपुर का वातावरण लीची के लिए अनुकूल है। यहां की जलवायु मुजफ्फरपुर जैसी है, जिससे पौधों के पनपने की संभावना काफी मजबूत है। केंद्र पर लगाए गए पौधे अब एक साल के हो चुके हैं। लीची का ग्राफ्टेड पौधा आमतौर पर छह साल में फल देना शुरू करता है। लिची की खेती बिहार में सबसे ज्यादा भारत में लीची की सबसे अधिक खेती बिहार में होती है, जो कुल उत्पादन का लगभग 40% हिस्सा देता है। इसके बाद पश्चिम बंगाल (16%), झारखंड (10%), असम (8.2%), छत्तीसगढ़ (6.4%), उत्तराखंड (5.2%), पंजाब (4.8%), ओडिशा (3.5%) और त्रिपुरा (3.4%) आते हैं। मिट्टी और जलवायु की खास जरूरतों के कारण लीची पूरे देश में स्वतः नहीं फैल सकी। यह गर्म उपोष्ण जलवायु, पाला-रहित सर्दी, लंबी गर्मी और उच्च आर्द्रता वाले क्षेत्रों में अच्छा उत्पादन देती है। लीची खाने के फायदे लीची स्वादिष्ट होने के साथ सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें विटामिन सी, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होते हैं। यह इम्युनिटी बढ़ाती है, त्वचा सुधारती है, पाचन को दुरुस्त करती है और दिल के लिए भी लाभकारी मानी जाती है। पानी की अधिक मात्रा के कारण यह गर्मियों में शरीर को हाइड्रेट रखने का बेहतरीन विकल्प है। इसे सीमित मात्रा में और खाली पेट न खाने की सलाह दी जाती है।
शहर में चार नवंबर से चल रहे एसआईआर की अंतिम तिथि बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दी गई है। पहले फिर के अंतिम तिथि चार दिसंबर घोषित की गई थी। रविवार देर रात डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए अंतिम तिथि को बढ़ाने की जानकारी दी। यह हैं प्रमुख तिथियां डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि एसआईआर की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया गया है। 16 दिसंबर को ड्राफ्ट रोल का प्रकाशन किया जाएगा। 16 दिसंबर से 15 जनवरी 2026 के बीच आपत्तियां दर्ज कराई जाएंगी। 16 दिसंबर से सात फरवरी तक आपत्तियां का निस्तारण किया जाएगा। 14 फरवरी को फाइनल मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। गणना पत्रक भरकर देना बताते चलें कि एसआईआर अभियान के अंतर्गत बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना पत्रक की दो कॉपी बांटी जा रही हैं। मतदाताओं को एक गणना पत्रक भरकर स्वयं रख लेना है। एक कॉपी को बीएलओ को देनी है। मतदाता द्वारा भरे गए गणना पत्र के आधार पर ही वोटर लिस्ट का प्रकाशन किया जाएगा। डीएम बताया की गणना पत्रक भरने में किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर बीएलओ से संपर्क कर सकते हैं।
मुस्लिम युवक को दूसरी शादी करना महंगा पड़ गया। चोरी छिपे शादी के बाद शनिवार को रिसेप्शन समारोह चल रहा था। समारोह में उसकी पहली पत्नी पहुंची तो दूल्हा स्टेज से भाग गया। महिला ने मैरिज गार्डन में जमकर हंगामा किया और पुलिस बुला ली। पुलिस ने समझाइश देकर मामला शांत कराया। घटना बहोड़ापुर थाना क्षेत्र के मयूर गार्डन मैरिज हॉल की है। महिला और उसके पति के बीच तलाक का केस कोर्ट में विचाराधीन है। दहेज के लिए की मारपीट, केस दर्ज कंपू ईदगाह निवासी नेहा खान (30) का निकाह 17 दिसंबर 2023 को इस्लामपुर निवासी जीशान से हुआ था। विवाद के कुछ दिन बाद जीशान नेहा से दहेज की मांग करते हुए मारपीट करने लगा। परेशान होकर नेहा ने थाने में FIR दर्ज कराई। मारपीट में ढाई महीने का बच्चा पेट में ही खत्म महिला ने आरोप लगाया कि शादी के कुछ समय बाद ही वह गर्भवती हो गई थी, लेकिन पति और सास की लगातार मारपीट ने उसके गर्भ पर इतनी गंभीर चोट पहुंचाई कि ढाई महीने का मासूम बच्चा पेट में ही खत्म हो गया। पीड़िता ने मेडिकल जांच कराई और उसके सभी दस्तावेज भी पुलिस को सौंप दिए, मगर इसके बाद भी उसकी सुनवाई नहीं हो रही है। कोर्ट के बुलाने पर भी नहीं पहुंचा युवक जीशान कोर्ट के बुलाने पर भी जीशान नहीं पहुंचा। शनिवार को नेहा को पड़ोसियों से सूचना मिली कि उसका पति दूसरी शादी कर रहा है। नेहा पहुंची तो रिसेप्शन पार्टी चल रही थी। दूल्हा और दुल्हन स्टेट पर खड़े थे। तभी नेहा वहां पहुंच गई। पहली पत्नी नेहा को देखते ही जीशान स्टेट से कूदकर भाग गया। थाना प्रभारी आलोक सिंह परिहार का कहना है कि पुलिस जांच कर रही है। नई दुल्हन और उसका परिवार कार्यक्रम छोड़कर चला गयानेहा ने जमकर हंगामा किया और 112 को फोन कर पुलिस बुला ली। पुलिस ने समझाइश देकर महिला को शांत कराया और पार्टी रुकवाई। दूसरी लड़की का परिवार भी कार्यक्रम छोड़कर चला गया। महिला का कहना है कि वह कई बार थाने के चक्कर लगा चुकी है, लेकिन कार्रवाई की बजाय उसे केवल आश्वासन ही मिल रहा है।
सहालग का सीजन इन दिनों जोरों पर है। ऐसे में शादी में दक्षिणा व रंक माला आदि में देने के लिए करारे नोटों की जोरदार मांग है। एक ओर जहां आम नागरिकों को 10, 20 व 50 रुपए के नोटों की गड्डी बैंकों से नहीं मिल पा रही हैं। वहीं छोटे नोटों की बड़े पैमाने पर कालाबाजारी शुरू हो गई है। स्थित यह है कि 10 रुपए की 1000 रुपए की गड्डी 1500 रुपए तक में ब्लैक की जा रही है। वहीं 20 रुपए की गड्डी के बदले 200 से 300 रुपए ज्यादा और 50 रुपए की गड्डी 100 से लेकर 200 रुपए ज्यादा में खुलेआम बिक रही है। महाराज बाड़ा समेत कई अन्य स्थानों पर करेंसी बेचने का यह धंधा खुलेआम चल रहा है। बाड़ा स्थित स्टेट बैंक के सामने कटे-फटे व पुराने नोट बदलने का कारोबार दशकों से हो रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि जिन फटे पुराने नोटों को बैंक कर्मचारी लेने से मना कर देते हैं, जबकि उन्हीं नोटों को दलाल कमीशन (बट्टा) लेकर बदल देते हैं। साथ ही करारे नोट की गड्डी भी बैंक कर्मचारियों से मिलकर निकाल लाते हैं। भास्कर रिपोर्टर ने ऐसे ही नोटों की गड्डी का स्टिंग किया, जिसमें दलाल और कर्मचारियों की मिलीभगत का खुलासा हुआ। भास्कर संवाददाता जयेंद्रगंज स्थित सेंट्रल बैंक में 10, 20 व 50 रुपए की गड्डी के लिए कैशयर से मिला। यहां कैशियर ने नए नोटों की गड्डी देने से मना कर दिया। बैंक मैनेजर अजय यादव से जब मदद मांगी तो उन्होंने कहा कि जब आरबीआई से मिलेगी तभी मिलेगी। मैनेजर से जब घर में शादी की बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे पास ऐसे 100 लोग आते हैं, मैं गड्डी के लिए किस-किस के लिए कैशियर से कहूंगा। अंत में रिपोर्टर ने पूछा कि करारे नहीं तो साफ नोट की गड्डी ही दिलवा दो, तो उन्होंने नोटों की गड्डी देने से साफ इनकार कर दिया। भास्कर संवाददाता जयेंद्रगंज स्थित सेंट्रल बैंक में 10, 20 व 50 रुपए की गड्डी के लिए कैशयर से मिला। यहां कैशियर ने नए नोटों की गड्डी देने से मना कर दिया। बैंक मैनेजर अजय यादव से जब मदद मांगी तो उन्होंने कहा कि जब आरबीआई से मिलेगी तभी मिलेगी। मैनेजर से जब घर में शादी की बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे पास ऐसे 100 लोग आते हैं, मैं गड्डी के लिए किस-किस के लिए कैशियर से कहूंगा। अंत में रिपोर्टर ने पूछा कि करारे नहीं तो साफ नोट की गड्डी ही दिलवा दो, तो उन्होंने नोटों की गड्डी देने से साफ इनकार कर दिया। यहां ब्रांच में कैशियर ने पुराने व फटे नोटों की मिक्स गड्डी होना बताया। जब उनसे आग्रह किया कि क्या बिना फटे नोट निकालकर दे सकते हैं, पुराने भी चलेंगे। तो कर्मचारी ने मना कर दिया। बैंक मैनेजर राजकुमार के यहां आग्रह लेकर पहुंचे, तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि ‘पीएनबी में 20 की गड्डी आ तो गई है, लेकिन वह अगले सप्ताह में ही उपलब्ध हो पाएगी।’ हालांकि मैनेजर ने 50 रुपए की गड्डी तत्काल उपलब्ध कराने की बात कही। उन्हें बताया गया कि हमारे यहां 28 नवंबर की शादी है, जल्दी गड्डी चाहिए, फिर भी उन्होंने एक सप्ताह में ही गड्डी उपलब्ध कराने की बात कही। महाराज बाड़ा पर स्थित फटे नोटों को बदलने वालों के यहां भास्कर रिपोर्टर पहुंचा। जहां उसने काउंटर लगाए दलाल से 10 रुपए के नोट की 2 गड्डी मांगी। पहले तो दलाल ने नए नोटों की गड्डी होने से इनकार कर दिया। मगर जब उससे कहा कि घर में शादी है, बहुत जरूरत है, तो दलाल ने दो गड्डियों (2 हजार रुपए) के लिए 3 हजार रुपए की मांग की। मोलभाव करने पर 1450 रुपए प्रति गड्डी में सौदा तय हुआ। पैसे पहले जमा करने के कुछ देर बाद नए नोटों की गड्डी देने की बात दलाल ने कही। एक्सपर्ट - आशीष पारख, वरिष्ठ चार्टेड एकाउंटेंट अंकित मूल्य से अधिक पर करेंसी बेचना गैर कानूनी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नियमावली के अनुसार, वर्तमान प्रचलन के छोटे मूल्य के बैंक नोटों को उनके अंकित मूल्य से अधिक कीमत (ब्लैक)में बेचना गैरकानूनी है। भारतीय मुद्रा कानूनी निविदा है और इसका मूल्य वही होता है जो उस पर छपा होता है। प्रचलन वाले नोटों को प्रीमियम पर बेचना कालाबाजारी माना जाता है, जिससे बाजार में मुद्रा की कृत्रिम कमी पैदा होती है। आम तौर पर, प्रचलन वाले नोटों की कालाबाजारी से बचना चाहिए, यह एक गंभीर अनियमितता है, एवं अपराध है। बैंकों पर हैं 10 के नोट, पता करती हूं क्या परेशानी है^बैंकों के पास छोटी करेंसी उपलब्ध है। आप किस ब्रांच की बात कर रहे हैं, हमें बताएं। मैं पता करती हूं क्या परेशानी है। बाहर कालाबाजारी हो रही है, उसके लिए मैं कुछ नहीं कह सकती। 10 के नोटों की गड्डी सभी बैंक में होना चाहिए, दीपावली पर भी 10 की गड्डियां बांटी गई हैं।- अमिता शर्मा, लीड बैंक मैनेजर
प्रगतिशील किसान:खेतों में अजोला घास उगाई, पशुओं को आहार मिला, बेचकर कमाई भी
कम पानी में खेती साथ ना दे तो किसान उपलब्ध सुविधाओं में भी बेहतर कर सकता है। राजधानी जयपुर से सटे चिमनपुरा गांव के किसान ओमप्रकाश यादव ने यही कर दिखाया है। पिता पहले गेहूं, जौ, चना और सब्जियां बोते थे, लेकिन ट्यूवबेल में पानी कम होने पर पैदावार लगातार घट रही थी। तब 12वीं पढ़ने वाले ओमप्रकाश ने कृषि विभाग की सलाह पर साल 2022 में 12 एकड़ में से एक एकड़ खेत में अजोला घास बो दी। वे बताते हैं कि खेत में गड्ढा कर के प्लास्टिक का तिरपाल बिछाकर इसमें वर्मी कम्पोस्ट और खेत की मिट्टी डाल दी। शुरुआत में प्लांट के लिए घास के 10 किलो बीज खरीदकर लाने पड़े। अब 15 दिन में 50 किलो से ज्यादा अजोला घास ले रहा हूं। इससे दोहरा फायदा हो रहा है। वे बताते हैं कि 18 से ज्यादा हॉलिस्टन नस्ल की गायें भी पालता हूं। गायों को अजोला घास ही खिला रहा हूं। ये अब ज्यादा दूध देने लगी है। पहले गायों को बाजार से कैल्शियम लाकर देना पड़ता था, लेकिन अजोला पशुओं में कैल्शियम की कमी भी दूर कर रहा है। वे बताते हैं कि अजोला पशुओं को ठंडक देता है। दिन का 18 लीटर से ज्यादा दूध देने वाले पशु हांफते हैं। इसे खिलाने से गायें हांफती नहीं। दिनभर में पशुओं को करीब 30 किलो अजोला खिला रहे हैं। इसके बाद भी घास बच जाती है। इसे बाजार में बेच देता हूं। खेत में पानी नहीं होने से पहले जितना खर्चा बीज बोने में कर देता था, अब उससे ज्यादा आमदनी अजोला घास दे रही है। अजोला के प्लांट में 15 दिन में एक बार पानी बदलता हूं। यह कम पानी में भी उग आती है। अजोला खिलाने के बाद पशुओं में प्रसव के दौरान हडि्डयों की कमजोरी के कारण उठ नहीं पाने की बीमारी भी दूर हुई है। बचे हुए खेत में 20-25 फीट के अंतराल में आंवला बो रखा है। तीन साल से ये फल दे रहे हैं। इन्हें चौमूं में बेच देता हूं। आंवले के बीच में मौसम के अनुसार बाजरा, सरसों की बुवाई अब भी कर रहा हूं। खेत पर ट्यूबवेल में पानी अब भी कम ही है, लेकिन यह अजोला की पैदावार के लिए पर्याप्त है। छह बीघा के खेत में आंवले के 160 पेड़ इस तरह लगा रखे हैं कि इससे दूसरी फसलें भी आसानी से ले पाते हैं। खरीफ में बाजरा तो रबी में सरसों की बुवाई भी कर रहा हूं।
लाड़ली लक्ष्मी... बेटियों को सामाजिक, शैक्षिक और आर्थिक सुरक्षा देने वाली मप्र की फ्लैगशिप स्कीम। साल 2007 में शुरू हुई इस योजना ने भाजपा सरकार पर मतदाताओं का ऐसा आशीर्वाद बरसाया कि वह लगातार सत्ता में बनी रही। योजना के प्रारंभिक वर्ष में 40 हजार 854 बच्चियों का रजिस्ट्रेशन हुआ था। अब ये लाड़ली लक्ष्मियां 21 साल की होने जा रही हैं और सरकार ने इन्हें लखपति बनाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए 2026-27 के बजट में करीब 408 करोड़ का प्रावधान किया जा रहा है। हालांकि चिंताजनक यह है कि बेटियों की शिक्षा को प्रोत्साहन देने के मकसद से शुरू हुई इस योजना के आंकड़े ही बता रहे हैं कि बमुश्किल 30% बेटियां ही 12वीं कक्षा तक पहुंच पा रही हैं। यह स्थिति तब है, जब योजना में बेटियों को माध्यमिक से लेकर कॉलेज स्तर तक की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति दी जा रही है। ... लेकिन बारहवीं तक पहुंच पाना बड़ी चुनौती 2010-11 में पहली कक्षा में 23.38 लाख बच्चे थे। इनमें 11.07 लाख लड़कियां लाड़ली लक्ष्मी योजना में थीं। लेकिन 2021-22 में 12वीं में पहुंचने वाली लड़कियां 3.4 लाख ही रहीं। यानी राज्य में लगभग 30 प्रतिशत पंजीकृत लाड़लियां ही 12वीं कक्षा तक पहुंच पाईं। यही नहीं, पहले साल में जिन 40,854 बालिकाओं का पंजीयन हुआ था, 2022-23 में उनमें से सिर्फ 1477 कॉलेज में पहुंचीं। लगातार बढ़ रहा योजना खर्च2007-08 से 2010-11 के बीच 7.46 लाख पंजीकरण हुए। इन्हें 2030 तक 1-1 लाख रुपए देने में 7400 करोड़ खर्च होंगे। 2011-12 में 3.80 लाख पंजीकरण हुए। इन्हें एक लाख देने में 3800 करोड़ लगेंगे। भुगतान की तैयारी हो रही है इस योजना में जो भी लड़कियां पात्र हैं, उन्हें नियमों के अनुसार भुगतान किया जाएगा। शासन के स्तर पर इसकी तैयारी की जा रही है।मनीष रस्तोगी, अपर मुख्य सचिव, वित्त, मप्र शासन
जिले के सहरिया आदिवासी बहुल बस्तियों में आजादी के 78 साल बाद सड़कें बन रही है। अब इन बस्तियों में तक पहुंच भी आसान हो जाएगी, ताे यहां के निवासियों काे भी आवागमन में बड़ी राहत मिलेगी। पीएम जनमन योजना में किशनगंज-शाहाबाद की ऐसी 31 बस्तियां चिह्नित की गई थी। अब स्वीकृति के बाद यहां सड़क निर्माण हो रहा है। चार बस्तियां सड़क से जुड़ चुकी हैं, जबकि अन्य का काम जारी है। बीलखेड़ा डांग पंचायत के सरपंच इंद्रलाल सहरिया का कहना है कि अब बस्ती के लाेगाें काे अस्पताल पहुंचने में देरी नहीं होती और बच्चों का स्कूल जाना भी अब सपना नहीं रहा। उन्होंने कहा यह केवल सड़क नहीं है, बल्कि सहरिया आबादी के लिए एक नई जिंदगी का आधार है। पीडब्ल्यूडी ने चार बस्तियों तक सड़क बना दी है। देशभर में विशेष रूप से कमजोर 75 जनजातीय समूहों (पीवीजीटीज) के समग्र विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर केंद्र सरकार महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री जनमन कार्यक्रम से जिले के सहरिया बहुल क्षेत्रों में 31 बस्तियों को ऑलवेदर पक्की सड़क से जोड़ा जा रहा है। आवागमन, शिक्षा और चिकित्सा सेवा सुगम हुई ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़कें उनके जीवन में उजियारा लेकर आई हैं। पहले सड़क नहीं होने के कारण गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में देरी होने से कई गर्भवतियों, प्रसूताओं और नवजातों की माैत हो जाती थी। अब सड़क बनने से ग्राम पंचायत, ब्लॉक और जिला मुख्यालय तक लोगों की पहुंच आसान हुई है। शिक्षा और चिकित्सा सुविधाओं का लाभ सुलभ हुआ है।
सर, मैं क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट ऑनलाइन सर्विस मुंबई से बोल रहा हूं… आपका कार्ड एक्सपायर हो गया है, इसे अपडेट करना है। यह एक साइबर ठग का कॉल था, जिसने भिंड के ऊमरी टीआई शिवप्रताप सिंह राजावत को फंसाने की कोशिश की। खुद को एसबीआई क्रेडिट कार्ड ऑनलाइन सर्विस का अधिकारी बताकर, उसने कार्ड की वैलिडिटी खत्म होने का बहाना बनाया। टीआई राजावत ने तुरंत भांप लिया कि यह ठगी है और उसे पकड़ने की योजना बनाई। 20 मिनट तक ठग को उलझाए रखा, लोकेशन ट्रेस करने का मौका पाया। इस दौरान ठग बार-बार ओटीपी और बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी मांगता रहा, जबकि टीआई उसे उलझाते हुए उसकी लोकेशन ट्रेस करने में लगे रहे उधर, साइबर ठग अधिकारी के अकाउंट में घुसकर धोखाधड़ी से रकम उड़ाने की तैयारी में था। इधर, टीआई राजावत उसकी हर चाल पर नजर रखते हुए उसे जाल में फंसा रहे थे। बातचीत के दौरान ही टीआई राजावत ने ठग का स्थान झारखंड के कुख्यात साइबर अपराध क्षेत्र जामताड़ा के जंगलों में ट्रेस कर लिया। लोकेशन ट्रेस होते ही टीआई राजावत ने तुरंत झारखंड के जामताड़ा पुलिस से संपर्क किया और मौके पर टीम भेजने की कार्रवाई की गई। लेकिन पुलिस के पहुंचने के पहले ही ठग वहां से फरार हो गया। जामताड़ा से कोलकाता तक: साइबर ठगी का जाल ऊमरी टीआई के साथ हुई साइबर ठगी के प्रयास की जांच में पुलिस को अहम सुराग मिले हैं। तकनीकी जांच में पता चला कि ठग झारखंड के कुख्यात साइबर अपराध क्षेत्र जामताड़ा से ऑपरेट कर रहा था। दिलचस्प बात यह है कि ठग जिस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर रहा था, वह कोलकाता में रेखा मंडल के नाम पर रजिस्टर्ड पाया गया। इससे पता चलता है कि साइबर ठगी का यह जाल कई राज्यों तक फैला हो सकता है। पुलिस अब जामताड़ा और कोलकाता दोनों जगहों पर जांच कर रही है ताकि इस नेटवर्क से जुड़े सभी अपराधियों को पकड़ा जा सके। 20 मिनट तक चली टीआई और साइबर ठग की बातचीत 26 नवंबर की दोपहर टीआई शिवप्रताप सिंह राजावत कानूनी कार्रवाई में व्यस्त थे, तभी उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल रिसीव करते ही सामने वाले ने बड़ी सफाई से कहा- “सर, मैं क्रेडिट कार्ड डिपार्टमेंट ऑनलाइन सर्विस मुंबई से बोल रहा हूं… आपका कार्ड एक्सपायर हो गया है, इसे अपडेट करना है। कुछ जानकारी चाहिए…” टीआई शिवप्रताप सिंह राजावत तुरंत समझ गए कि कॉल करने वाला साइबर ठग है, लेकिन उन्होंने उसे पकड़ने के लिए बात जारी रखने का निर्णय लिया। करीब 20 मिनट तक ठग और निरीक्षक राजावत के बीच बातचीत चलती रही। ठग बार-बार ओटीपी और बैंक अकाउंट से जुड़ी जानकारी मांगता रहा, जबकि टीआई उसे उलझाते हुए उसकी लोकेशन ट्रेस करने में लगे रहे। लोकेशन ट्रेस होते ही टीआई राजावत ने तुरंत झारखंड पुलिस से संपर्क किया और मौके पर टीम भेजने की कार्रवाई की गई। लेकिन पुलिस टीम पहुंचने से पहले ही ठग को भनक लग गई और वह अपने ठिकाने से फरार हो गया। उधर साइबर ठग अधिकारी के अकाउंट में घुसकर धोखाधड़ी से रकम उड़ाने की तैयारी में था। इधर टीआई राजावत उसकी हर चाल पर नजर रखते हुए उसे जाल में फंसा रहे थे। पढ़िए बातचीत के अंश... साइबर ठग बार-बार मांगता रहा ओटीपी साइबर ठग ने की ओटीपी ठगी का प्रयास एक साइबर ठग ने डेट ऑफ बर्थ का मिलान न होने पर भी ओटीपी के माध्यम से ठगने की कोशिश की। उसने बैंक अधिकारी बनकर टीआई राजावत से ओटीपी मांगा। राजावत ने ओटीपी देने से इनकार कर दिया। साइबर सेल ने ठग की लोकेशन जामताड़ा के करमाटांड़ में पाई, लेकिन वहां पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह फरार हो गया। ठग कोलकाता की रेखा मंडल के नाम से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर का उपयोग कर रहा था। उसने बार-बार ओटीपी बताने का दबाव बनाया, लेकिन राजावत ने सख्त लहजे में उसे मना कर दिया। साथ ही उन्होंने साइबर सेल में होने का बताया, उसकी बाद भी उसने कहा कोई बात नहीं। आप ओटीपी दे दीजिए। टीआई बोले-पकड़े जाने का डर नहीं था ऊमरी टीआई शिवप्रताप सिंह राजावत के अनुसार, ठग आत्मविश्वास से भरपूर था और उसकी बातचीत का तरीका ऐसा था कि कोई भी आम आदमी आसानी से उसके झांसे में आ सकता था। टीआई ने बताया कि पुलिस होने की जानकारी देने के बाद भी ठग में पकड़े जाने का डर या घबराहट नहीं थी। वह लगातार ओटीपी बताने का दबाव बनाता रहा और कहता रहा, ठीक है सर, आप पुलिस हों या साइबर सेल से, इससे फर्क नहीं पड़ता… आप बस ओटीपी बता दीजिए।
मैं चंद्रपुरा प्रखंड के तारानारी पंचायत का युवा किसान हूं। वर्ष 2016 में इंटर की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी की तलाश में असफल रहा। खेती-किसानी से पहले मैं ट्रैक्टर चलाता था। अपने ही ट्रैक्टर से काम शुरू किया। उसी वर्ष 36 डिसमिल जमीन पर खेती की शुरुआत की। अपनी मेहनत, लगन और नई तकनीकी सोच से खेती को नए मुकाम पर पहुंचाया। मैं मानता हूं कि अगर इच्छा शक्ति मजबूत हो तो कम संसाधन में भी सफलता हासिल कर सकते हैं। मैंने कम जमीन पर खेती शुरू की। धीरे-धीरे अनुभव और तकनीकी ज्ञान के बल पर आज 9 एकड़ जमीन पर खेती कर रहा हूं। 8 एकड़ जमीन लीज पर ली है। पुराने तरीकों को छोड़कर वैज्ञानिक तकनीक, प्लास्टिक मलचिंग और ड्रिप इरिगेशन प्रणाली को अपनाया। उपजा रहे ग्राफ्टिंग बैगन, खीरा, टमाटर, कद्दू इन तकनीकों के जरिए ग्राफ्टिंग बैगन, खीरा, टमाटर, कद्दू, करेला, कोहड़ा और गोभी जैसी कई सब्जियों की खेती कर रहा हूं। खेती में और मेरी पत्नी अनिता देवी का बराबर का सहयोग रहा। कई मजदूरों को सालभर रोजगार मिला रहा है। मेरे पिता पारंपरिक खेती करते थे। उनसे खेती का मूल ज्ञान सीखा। मेरे यहां राज्य के कई जिलों से प्रशिक्षु किसान खेती देखने आते हैं। उन्हें मैं प्रेरित करता हूं। जो आज खेती कर अपना जीविकोपार्जन अच्छी तरह से चला रहे हैं। सालाना कमा रहे ढ़ाई से तीन लाख वैज्ञानिक खेती के जरिए हर साल ढाई से तीन लाख रुपए की आमदनी होती है। बाजार जाने की जरूरत नहीं पड़ती। विक्रेता मेरे खेत से ही उपज खरीद लेते हैं। बची सब्जियां गोमो और फुसरो मंडी में बेचता हूं। मुझे कृषि एवं उद्यान विभाग से पैक हाउस, पीपीटी, कीट-रहित पौध उत्पादन यूनिट, मनरेगा कूप और पीएम कुसुम योजना से सोलर पंप सेट और ड्रिप एरिगेशन प्रणाली जैसी सुविधाएं मिली हैं। खेती अगर वैज्ञानिक तरीके से की जाए, तो यह सबसे बड़ा रोजगार है। मेहनत और सही तकनीक से खेती में आर्थिक, पारिवारिक और सामाजिक विकास संभव है। कृषि व उद्यान विकास विभाग से लिया वैज्ञानिक प्रशिक्षण मैंने कृषि एवं उद्यान विकास विभाग से वैज्ञानिक प्रशिक्षण लेकर आधुनिक तकनीक को अपनाया। पहली ट्रेनिंग हरियाणा में ली थी। वहां पर पौधे की बीमारी की जानकारी व नर्सरी के संबंध में जाना। दूसरी ट्रेनिंग बनारस ली थी। वर्तमान में 50 डिसमिल में 1300 ग्राफ्टिंग बैंगन और 550 खीरा पौधे लगाए हैं। साथ ही अपनी नर्सरी में 12000 बंधा गोभी के पौधे तैयार किए हैं। अब तक करीब 40 हजार रुपए की लागत आ चुकी है। जानिए... कौन हैं हीरालाल महतो किसान हीरालाल महतो के घर में चार सदस्य हैं। बेटा और बेटी बाहर में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। किसान की पत्नी भी खेती में बराबर का साथ देती है। पिता के कहने पर पहले 50 डिसमिल जमीन पर खेती करना शुरू किए। उस समय पुरानी तकनीकी से खेती कर रहे थे। बाद में वह कृषि विभाग से प्रशिक्षण लेकर आधुनिक तरीके से खेती करने लगे और आज वह करीब 9 एकड़ जमीन पर खेती कर लाखों रुपए कमा रहे हैं। अब खुशहाल जिंदगी भी जी रहे हैं।
उज्जैन के दशहरा मैदान में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 1 से 3 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा, सोमवार को सीएम मोहन यादव सुबह 9 कार्यक्रम में शामिल होंगे। सोमवार शाम 7 बजे दशहरा मैदान पर प्रसिद्ध कलाकार पुनीत इस्सर के निर्देशन में जय श्री कृष्ण-गीता सार नृत्य-नाट्य का मंचन किया जाएगा। 3 दिन होंगे अलग-अलग कार्यक्रम मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग, जनसंपर्क विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, जेल विभाग, श्री कृष्ण पाथेय न्यास एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में दशहरा मैदान में तीन दिन तक चलने वाले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान श्रीकृष्ण परंपरा के आचार्यों के सानिध्य में गीता प्रेमियों द्वारा श्रीमद भगवत गीता के 15 वें अध्याय का सस्वर पाठ होगा। प्रतिदिन श्री कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मंगलवार 2 दिसंबर को शाम 7 बजे नई दिल्ली की कलाकार वैष्ण्वी शर्मा द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी। इसके पश्चात मोहित शेवानी के निर्देशन में कृष्णायन नाट्य का मंचन किया जाएगा। बुधवार 03 दिसंबर को शाम 7 बजे विश्ववंदनीय नाट्य का मंचन किया जाएगा। सलाउद्दीन पाशा द्वारा गीता ऑन व्हील्स नाट्य का मंचन किया जाएगा। महोत्सव में माधव दर्शनम-लघु चित्र शैलियों में चित्रों की प्रदर्शनी लगाई जाएंगी। गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं वीर भारत न्यास के न्यासी सचिव श्रीराम तिवारी ने बताया कि गीता जयंती 1 दिसंबर 2025 को मध्यप्रदेश में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव भव्य स्तर पर मनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं बल्कि जीवन जीने की कला सिखाती है। यह महोत्सव समाज में ज्ञान, कर्तव्य, अनुशासन और सकारात्मकता का वातावरण बनाने का माध्यम बनेगा। इंदौर के गोपाल मंदिर में होंगे आयोजन मुख्यमंत्री डॉ. यादव एवं हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी इंदौर के मुख्य आतिथ्य में मध्यप्रदेश के पहले गीता भवन-गोपाल मंदिर का लोकार्पण किया जाएगा। साथ ही प्रदेश में 16 से 28 नवंबर 2025 तक आयोजित हुई श्रीमद्भगवद्गीता ज्ञान प्रतियोगिता के विजेताओं के नामों की घोषणा की जाएगी। पुरस्कारों का वितरण गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2026 के मौके पर होगा। इस अवसर पर श्री संजीव मालवीय द्वारा निर्देशित नृत्य नाटिका कृष्णायन की प्रस्तुति होगी।
राजधानी भोपाल की हवा लगातार ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण विभाग आंकड़ों को सुधरता दिखाने के लिए ऐसा जुगाड़ कर रहा है, जिससे हवा तो नहीं सुधरती, लेकिन स्क्रीन पर एअर क्वालिटी जरूर ठीक दिखने लगती है। दैनिक भास्कर की पड़ताल में सामने आया कि कलेक्ट्रेट ऑफिस, टीटी नगर और पर्यावरण परिसर शाहपुरा सहित तीन लोकेशन्स पर दिन में 10 से 15 बार तक पानी का छिड़काव कराया जा रहा है। यहां शहर के लाइव एअर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम लगे हैं। इन जगहों पर लगातार दमन (वाटर स्प्रिंकलिंग) से धूल कुछ देर के लिए बैठ जाती है, और मशीन कम AQI दिखाती है, जबकि हवा में जहरीले कण बने रहते हैं। लोकेशन-1: कलेक्ट्रेट ऑफिस ऐसा करने से इन लोकेशन की स्थित बेहतर दिखती है कलेक्ट्रेट के सामने लगे मॉनिटरिंग सिस्टम के आसपास रोजाना करीब 15 से अधिक बार सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाता है। बता दें कि इस लोकेशन से लालघाटी, रॉयल मार्केट, हमीदिया अस्पताल, ईदगाह हिल्स आदि इलाकों की स्थिति दिखाई देती है। लोकेशन-2: पर्यावरण परिसर पर्यावरण परिसर के आसपास भी लगातार छिड़काव किया जा रहा है। इस सड़क पर रोजाना 15 से अधिक बार छिड़काव किया जाता है। इन इलाकों पर दिखता है आसर इससे अरेरा कॉलोनी, शाहपुरा, बिट्टन मार्केट और वंदे भारत चौराहे आदि के इलाकों का दर्शाता है। यहां का मॉनिटरिंग स्टेशन पर्यावरण परिसर में बना है लोकेशन-3: टीटी नगर इन इलाकों में असर टीटी नगर में भी रोजाना करीब 15 से अधिक बार छिड़काव किया जाता है। इससे लिंक रोड, न्यू मार्केट, रोशनपुर मालवीय नगर आदि शामिल है। यहां मॉनिटरिंग सिस्टम थाने से ऑपरेट किया जाता है। यह लोगों के जान से खिलवाड़ पर्यावरण के जानकार सुभाष सी पांडे ने बता कि यह तरीका सिर्फ रिपोर्ट पर हवा को साफ दिखाता है, लेकिन लोगों की फेफड़ों तक पहुंच रहे जहर को नहीं रोकता। दिल्ली में जैसे ही हवा खराब होती है, तुरंत एडवाइजरी और एक्शन होता है। भोपाल में बस ग्राफ गिरा दो और कह दो हवा क्लीन है, यह खतरनाक खेल है। उन्होंने चेतावनी दी कि एक्यूआई 300 के पार (वेरी पुअर) पहुंच चुका है। ऐसे में लोगों को मॉर्निंग वॉक बंद कर देनी चाहिए और बच्चों, बुजुर्गों, अस्थमा मरीजों को बाहर निकलने से बचाना चाहिए। 25 से अधिक स्टेशंस की जरूरत शहर में अभी कुछ चुनी हुई लोकेशंस पर ही मॉनिटरिंग सिस्टम लगे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भोपाल की आबादी और भौगोलिक विस्तार को देखते हुए कम से कम 25 लाइव मॉनिटरिंग सिस्टम की जरूरत है। एमपी नगर, बोर्ड ऑफिस, कोलार रोड, हमीदिया रोड, करोंद, भानपुर और नादरा बस स्टैंड जैसे क्षेत्रों में हवा की वास्तविक स्थिति का कोई रिकॉर्ड नहीं है। यह इलाकों में प्रदूषण और भी ज्यादा होने की आशंका है, लेकिन आंकड़ों में यह दिखाई ही नहीं देता। विशेषज्ञों ने तत्काल दो जरूरी कदम सुझाए दिल्ली मॉडल की कॉपी: आंकड़ों को सुधारो, हवा को नहीं पर्यावरण विशेषज्ञ सुभाष सी. पांडे कहते हैं कि भोपाल में वही गलती दोहराई जा रही है, जो दिल्ली में लंबे समय तक होती रही “जब हवा खराब हो तो स्क्रीन पर नंबर अच्छा दिखाओ, मैदान में असली सुधार मत करो। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की तरह यहां भी डेटा मैनेजमेंट पर ज्यादा फोकस है और पब्लिक हेल्थ पर कम। दिल्ली में एक्यूआई 350 के पार होते ही ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) लागू हो जाता है, कंस्ट्रक्शन रोकना, ट्रैफिक रेशनिंग और बायोमास बर्निंग पर कड़ी रोक। लेकिन भोपाल की स्थिति बेहद खराब क्वालिटी तक पहुंच गई, फिर भी कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया। यह नीति जनता के स्वास्थ्य के साथ सीधा खिलवाड़ है क्योंकि यहां समस्या का इलाज नहीं, सिर्फ रिपोर्ट मेकअप हो रहा है। बिना मॉनिटरिंग वाले इलाकों की स्थिति पता ही नहीं कोहरा और सर्दी में इसलिए बढ़ता है प्रदूषणपर्यावरण के जानकारों का कहना है कि ठंड के सीजन में आम तौर पर एक्यूआई बढ़ता ही है। ठंड में वाहनों से निकलने वाली हानिकारक गैस एक्सपेंड नहीं हो पातीं व वायुमंडल में ठहरी रहती हैं। जैसे-जैसे सर्दी बढ़ती है, गैस व धूल के कण वायुमंडल में देर तक ठहरते हैं। इससे AQI बढ़ता है। इसी के साथ अधिक कोहरे की वजह से भी कई बार वायुमंडल में मौजूद हानिकारक गैस डिजॉल्व नहीं हो पाती हैं। व्यवस्था पूरे शहर में लगा हो एमपीपीसीबी के रीजनल मैनेजर बृजेश शर्मा ने कहा- सिर्फ चुनिंदा स्थानों पर नहीं बल्कि यह छिड़काव तो शहर भर में होना चाहिए, हमने इस संबंध में निगम व प्रशासन को बोला है कि छिड़काव से अगर फर्क पड़ता है तो पूरे शहर में यह व्यवस्था होनी चाहिए ना कि चुनिंदा सड़कों पर प्रदूषण जांचने वाली मशीन अलग पूरे मामले में शाखा के प्रभारी राजेंद्र कुमार त्रिवेदी ने बताया कि कुल 18 मशीनों के जरिए प्रदूषण को नियंत्रित करते हैं। जो फोटो बताया गया है, उसे सही नहीं कह सकते, क्योंकि मशीन से शाहपुरा से लेकर विट्ठल मार्केट तक पानी का छिड़काव किया जाता है। बीच रोड पर गाड़ी नहीं चला सकते। इसी बीच प्रदूषण बताने वाली मशीन के आसपास छिड़काव होना स्वाभाविक है। प्रदूषण जांचने वाली मशीन अलग लगी है।
आपको हम बता रहे हैं, भोपाल शहर में आज कहां-क्या हो रहा है। यहां हर वो जानकारी होगी, जो आपके काम आएगी। संगीत-संस्कृति, आर्ट, ड्रामा के इवेंट से लेकर मौसम, सिटी ट्रैफिक, बिजली-पानी की सप्लाई से जुड़ा हर अपडेट मिलेगा। काम की जरूरी लिंक्स
चुनाव आयोग:SIR के शेड्यूल में एक सप्ताह की वृद्धि, प्रदेश में 95 प्रतिशत डिजिटलाइजेशन काम पूरा
चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (एसआईआर) की समय सीमा बढ़ाई है। आयोग ने शनिवार को कहा कि अब अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।मतदाता जोड़ने-हटाने का एन्यूमरेशन पीरियड यानी वोटर वेरिफिकेशन अब 11 दिसंबर तक चलेगा, जो पहले 4 दिसंबर तक तय था। वहीं, पहले ड्राफ्ट लिस्ट 9 दिसंबर को जारी होनी थी, लेकिन अब इसे 16 दिसंबर को जारी किया जाएगा। उधर राजस्थान में निर्वाचन आयोग ने भले तिथि बढ़ा दी है, लेकिन राजस्थान में डिजिटलाइजेशन का काम 95 प्रतिशत से अधिक रविवार को ही पूरा हो चुका है। प्रदेश में कुल 5 करोड़ 46 लाख 56 हजार 215 गणना प्रपत्रों में से 5 करोड़ 24 लाख से अधिक प्रपत्र ECI-NET पर अपलोड किए जा चुके हैं, जो निर्धारित अवधि से पूर्व ही 95.9 प्रतिशत उपलब्धि है।प्रदेश के 25,000 से अधिक पोलिंग बूथों पर बीएलओ द्वारा 100 प्रतिशत कार्य पूरा कर लिया गया है। बाड़मेर, सलूंबर, बालोतरा एवं झालावाड़ जिलों में 100 प्रतिशत गणना प्रपत्र डिजिटलाइज हो चुके हैं। वहीं 15 विधानसभा क्षेत्रों — खानपुर, सिवाना, डग, मनोहर थाना, भीनमाल, सलूंबर, चौहटन, पचपदरा, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़, गुड़ामालानी, झालरापाटन, बाड़ी, शिव एवं बाड़मेर में 100 प्रतिशत गणना प्रपत्र डिजिटाइज हो चुके हैं। विशेष गहन पुनरीक्षण का संशोधित कार्यक्रम तबादलों पर रोक जारी रहेगी, इलेक्शन पर असर भी एसआईआर से जुड़े कर्मचारी और अधिकारियों के तबादलों पर रोक की तिथि में भी सप्ताह भर की वृद्धि मानी जाएगी। उधर प्रदेश में स्थानीय चुनाव कब होंगे, इसका पता नहीं है, लेकिन चुनाव कराने की आयोग की प्लानिंग पर भी इन तिथियों की वृद्धि का छोटा-सा असर पड़ेगा।भारत निर्वाचन आयोग ने 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए प्रासंगिक तिथियों को एक सप्ताह बढ़ाकर संशोधित कार्यक्रम की घोषणा की है, जिसमें 01.01.2026 को अर्हक तिथि माना गया है।
14 साल के बच्चे ने कुएं में लगाई छलांग:मां की डांट से नाराज था, SDRF का 14 घंटे से रेस्क्यू जारी
छिंदवाड़ा: देहात थाना क्षेत्र के न्यू बजरंग नगर कॉलोनी में रविवार सुबह एक दर्दनाक घटना सामने आई। यहां 14 वर्षीय सार्थक वानखेड़े (पिता स्व. श्रीकांत वानखेड़े) ने घर की छत से सीधे कच्चे कुएं में छलांग लगा दी। सुबह करीब 10 बजे हुई घटना के बाद से ही एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासनिक टीम राहत-बचाव कार्य में जुटी हुई है, लेकिन देर रात तक सफलता नहीं मिल सकी। बच्चा सुबह करीब साढ़े 9 बजे कुएं में कूदा था, साढ़े 10 बजे एसडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में जुटी है। मां के डांटने पर उठाया कदम, शुरुआती जांच में खुलासा देहात थाना प्रभारी जीएस राजपूत के अनुसार प्रारंभिक जांच में पता चला है कि बच्चे ने घर में मां के डांटने के बाद आवेश में आकर कुएं में छलांग लगाई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंचीं और ऑपरेशन शुरू किया। कुएं में कोई हलचल नहीं, उम्मीदें कम कुएं में कोई हलचल नहीं दिखने से बच्चे के जीवित मिलने की उम्मीदें कम दिखाई दे रही हैं। वहीं, रातभर रेस्क्यू जारी रहने की जानकारी अधिकारियों ने दी है। पानी ज्यादा, कुआं कच्चा, रेस्क्यू में बड़ी बाधा कुआं काफी गहरा है और लंबे समय से बंद होने के कारण पानी का स्तर करीब 40 फीट तक पहुंच गया था। एसडीआरएफ प्लाटून कमांडर गणेश धुर्वे ने बताया कि कुएं से 3 मोटर पंपों की मदद से लगातार पानी निकाला जा रहा है। अब तक 20 फीट पानी खाली किया गया है, लेकिन नीचे से लगातार पानी रिसने (झिरी फूटने) के कारण कुआं खाली नहीं हो पा रहा। 4 से 5 घंटे का और समय लगेगा कुएं में कचरा और झाड़ियां होने से गोताखोर नीचे उतर नहीं पा रहे हैं। पानी पूरी तरह निकालने में अभी 4 से 5 घंटे और लगने का अनुमान। देहात थाना निरीक्षक जी.एस. राजपूत ने बताया कि कुएं में झिरी फूटने से पानी लगातार बढ़ रहा है। तीन मोटरों से पानी निकालने के बावजूद कुआं खाली नहीं हो रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन देर रात 3 से 4 बजे तक चलने की उम्मीद जताई गई है। घटना से स्थानीय रहवासी भी चिंतित मौके पर मौजूद रहवासी जगदीश पटेल ने बताया कि वे सुबह से ही घटनास्थल पर हैं, लेकिन कुआं गहरा और पानी अधिक होने से रेस्क्यू में काफी परेशानी हो रही है। “हमें नहीं लगता कि कुआं पूरी तरह खाली हो पाएगा,” उन्होंने कहा कि मौके पर मौजूद टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं। प्रशासन ने बताया कि पानी के स्तर में कमी आते ही गोताखोरों को भीतर उतारकर खोजबीन की जाएगी। फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और सभी की निगाहें बच्चे की तलाश और सुरक्षित बरामदगी पर टिकी हैं।
गोरखपुर के कैंपियरगंज थाना क्षेत्र की नवविवाहिता शशि यादव ने पति, ननद और ससुराल पक्ष के लोगों पर गंभीर आरोप लगाते हुए महिला थाने में तहरीर दी है। जिसके आधार पर महिला थाने की पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़िता का आरोप है कि दहेज में कम वस्तुएं मिलने से नाराज ससुरालियों ने उसके साथ लगातार मारपीट की, जबरन नस सूखने का इंजेक्शन लगाया और दवाएं देकर उसका गर्भ भी गिरा दिया। पीड़िता शशि यादव ने बताया कि मेरी शादी एक मई 2025 को हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार जितेंद्र यादव से हुई थी। विवाह के बाद उसके मायके वालों ने 5 लाख रुपये नकद, पल्सर मोटरसाइकिल, सोना-चांदी के जेवर, फर्नीचर, घरेलू सामान और करीब दो लाख रुपये का अन्य सामान देकर उसे ससुराल विदा किया था। शादी के चार दिन बाद ही पति और ननद उसे मुंबई ले गए। जहां बताया गया था कि उसके पति लीलावती अस्पताल में सरकारी नौकरी करते हैं। इसी विश्वास में पीड़िता के पिता ने करीब 20 लाख रुपये तक खर्च कर दिए। कुछ ही दिनों बाद पति जितेंद्र यादव, ननद माया और अन्य ससुरालजन दहेज कम लाने का ताना देने लगे। पीड़िता का आरोप है कि पति ने बिना बीमारी के ही उसे “नस सूखने” का इंजेक्शन लगाते थे। ननद माया ने गर्भपात कराने वाली दवा जबरन खिलाई। जिससे उसका गर्भ खराब हो गया। विरोध करने पर उसे चार पहिया वाहन लाने का दबाव दिया गया और लगातार मारपीट की गई।पीड़िता ने बताया कि 28 जुलाई 2025 को उसे मारपीट कर उसके ससुराल स्थित बंदोह बनोहिया गांव भेज दिया गया। जहां उसने अपनी पीड़ा ससुराल के अन्य सदस्यों को बताई लेकिन उल्टा उसे ही दोषी ठहराते हुए कार लाने की मांग दोहराई गई। तबीयत बिगड़ने पर उसने पिता को जानकारी दी। 29 जुलाई को पिता जब उसे लेने पहुंचे तो ससुराल वालों ने उसका सारा जेवर और सामान रोक लिया और केवल पहने हुए कपड़ों में ही उसे मायके भेज दिया। डाॅक्टर बोलीं- गलत इंजेक्शन दिया जा रहा था पीड़िता को पीपीगंज में डॉ. रीमा गोयल के पास ले जाया गया। जहां जांच के दौरान चिकित्सक ने बताया कि उसकी नसों में कोई बीमारी नहीं थी और उसे गलत इंजेक्शन दिया जा रहा था। स्वास्थ्य सुधरने के बाद पीड़िता ने पूरी घटना की सूचना पुलिस को दी।महिला थाने की निरीक्षक प्रभा ने बताया कि पुलिस ने पीड़िता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर कॉल डिटेल, चिकित्सीय रिपोर्ट एवं बयान के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है।
लुधियाना की राजनीति में इन दिनों एक दिलचस्प तस्वीर उभरकर सामने आ रही है। विधानसभा चुनाव 2027 में अपनी टिकट की दावेदारी पक्की करने के लिए स्थानीय कांग्रेसी नेताओं ने कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करने के साथ-साथ शादी, भोग, धार्मिक समागम से लेकर छोटे पारिवारिक समारोहों तक में अपनी मौजूदगी दर्ज करवानी शुरू कर दी। कांग्रेस के नेताओं की समागमों में यह मौजूदगी औपचारिक नहीं, बल्कि एक रणनीतिक कदम का हिस्सा है। नेता शादी, धार्मिक समागम व अन्य समारोहों में जाकर एक तो ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिल जाते हैं और दूसरा लोगों से मेल मिलाप की फोटो व वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करके हाईकमान का ध्यान अपनी तरफ आकर्षित करना चाहते हैं। दोनों गुटों के नेता दावेदारी जताने में जुटे लुधियाना में कांग्रेस पार्टी इस समय दो धड़ों में बंटी है। एक धड़ा पार्टी प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग का है जबकि दूसरा धड़ा पूर्व कैबिनेट मंत्री व पूर्व कार्यकारी प्रधान भारत भूषण आशु का है। दोनों गुटों के नेता 2027 के टिकट के लिए अपनी-अपनी दावेदारी जता रहे हैं। लुधियाना शहर के ज्यादातर विधानसभा क्षेत्रों में दोनों गुटों के नेता 2027 चुनाव के टिकट की दावेदारी जता रहे हैं। इसलिए दोनों गुटों के नेता इन दिनों शहर के किसी भी शादी, धार्मिक समागम, भोग या अन्य समारोहों को मिस नहीं कर रहे हैं। जहां से भी उन्हें न्योता मिला है वो जरूर कार्यक्रम में पहुंच रहे हैं। शादियों को बना दिया पब्लिक कनेक्ट का जरिया शहर के लोग अपने इलाके के नेताओं को शादी समारोह हो या कोई धार्मिक समागम सभी के लिए न्योता देते हैं। चुनाव से पहले नेताओं को टिकट के लिए अपनी दावेदारी मजबूत करनी है तो वो इन दिनों ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलने में लगे हैं। शादी समेत अन्य समारोह में बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं इसलिए नेता भी उन कार्यक्रमों में जाकर पब्लिक कनेक्ट बढ़ा रहे हैं। सोशल मीडिया के जरिए नेताओं की लोकप्रियता का आकलन सभी राजनीतिक दल अब अपने नेताओं की लोकप्रियता का आकलन उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स के जरिए करने लगे हैं। कांग्रेस के स्थानीय नेता इसीलिए इन जिस भी शादी, धार्मिक प्रोग्राम, भोग या अन्य समारोहों में जा रहे हैं तो उसके फोटो और वीडियो तुरंत सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं। नेताओं की सोशल मीडिया टीम सक्रिय लुधियाना के कांग्रेसी नेताओं ने अपनी सोशल मीडिया टीम को सक्रिय कर दिया है। उनकी सोशल मीडिया टीम हर कार्यक्रम में साथ होती है। उनकी टीम ही फोटो वीडियो या कंटेंट तैयार करती है। नेता किन किन लोगों से मिल रही है और किस एंगल से उनकी फोटो क्लिक करनी है इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है। ये सब बातें अब टिकट की दावेदारी का हिस्सा बन गई हैं।कई वार्ड स्तर के कार्यकर्ता भी अपने-अपने गुट के नेताओं को अधिक भीड़ और बेहतर फोटो दिलाने में जुटे हैं। क्यों बढ़ा शादी-समारोहों में नेताओं की आवाजाही -2027 टिकट के लिए नेता अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुट गए - राजा वड़िंग–आशु गुट के नेताओं में खुद को बेस्ट साबित करने की दौड़ -सोशल मीडिया हाईकमान तक पहुंचने का तेज माध्यम - समारोहों में नेता बिना किसी खर्च के ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिल रहे हैं -स्थानीय समीकरण मजबूत करने की सबसे आसान जगह हैं समारोह कांग्रेस के ये नेता हैं इन दिनों सक्रिय नेता का नाम हलके का नाम भारत भूषण आशु: लुधियाना वेस्ट पवन दीवान : लुधियाना वेस्ट संजय तलवाड़: लुधियाना ईस्ट अश्वनी शर्मा: लुधियाना ईस्ट| लुधियाना नार्थ राकेश पांडे: लुधियाना नार्थ सुरिंदर डावर: लुधियाना सेंट्रल सिमरजीत सिंह बैंस: आत्म नगर कलजीत सिंह कड़वल: आत्म नगर बलविंदर सिंह बैंस: लुधियाना साउथ ईश्वरजोत चीमा : लुधियाना साउथ कुलदीप वैद: गिल
गोरखपुर की मशहूर चटोरी गली इन दिनों गलत तरीके से खड़ी हो रही गाड़ियों की वजह से अपना पुराना रंग-रूप खोती जा रही है। गली के दोनों एंट्री प्वाइंट—बलदेव प्लाजा और हरिओम नगर—पर लोग अपनी दोपहिया और चारपहिया गाड़ियां खड़ी कर देते हैं। इससे न सिर्फ रास्ता जाम होता है, बल्कि गली की वह सुंदरता भी फीकी पड़ने लगी है जिसके लिए लोग खासकर रात में यहां आते थे। पहले रंग-बिरंगी लाइटों से चमकती चटोरी गली लोगों को खूब आकर्षित करती थी। कई लोग चटोरी गली के बोर्ड के पास खड़े होकर फोटो और सेल्फी लेते थे, लेकिन अब खड़ी गाड़ियों की लाइन की वजह से जगह ही नहीं बचती। हालांकि चटोरी गली को नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया है, लेकिन बावजूद इसके अंदर गाड़ियों की आवाजाही जारी है। परिवार के साथ आने वालों के लिए यह बड़ी चिंता बन गया है। बच्चे गली में खेलते-घूमते रहते हैं और अचानक से आती गाड़ियों की वजह से दुर्घटना का डर बना रहता है। अब देखिए चटोरी गली की 3 लेटेस्ट तस्वीरें.... हरिओम नगर की ओर हो रही सख्त कार्रवाईट्रैफिक पुलिस फिलहाल हरिओम नगर वाले हिस्से में खड़ी गाड़ियों पर 500 रुपये का चालान काट रही है।इसके अलावा नगर निगम भी सक्रिय है। वह गलत तरीके से खड़ी गाड़ियों को उठाकर जलकल की मल्टीपार्किंग में ले जाता है। ऐसे में वाहन मालिकों को गाड़ी छुड़ाने के लिए दोपहिया पर 200 रुपये और चारपहिया पर 500 रुपये जुर्माना देना पड़ता है। यहां यह भी बता दें कि पार्किंग की सुविधा पहले से उपलब्ध है। हरिओम नगर एंट्री प्वाइंट पर जीडीए टावर की पार्किंग और गोलघर की ओर जलकल की पार्किंग का साइन बोर्ड लगाया गया है, लेकिन लोग फिर भी गाड़ियों को अंदर खड़ी कर देते हैं। नगर निगम जल्द लगाएगा रोकदैनिक भास्कर द्वारा पूछे जाने पर अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा ने बताया कि बहुत जल्द चटोरी गली में गाड़ियों की एंट्री पर पूरी तरह रोक लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही वहां पब्लिक अवेयरनेस सिस्टम लगाने की भी योजना है। यह सिस्टम लोगों को समय-समय पर संदेश देगा कि गाड़ी अंदर न खड़ी करें और कूड़ा डस्टबिन में ही डालें। नगर निगम का कहना है कि सख्त कार्रवाई और जागरूकता से चटोरी गली का पुराना आकर्षण फिर से लौटाया जाएगा, ताकि लोग सुरक्षित और आराम से यहां घूम सकें।इंदिरा बाल विहार का इतिहास और सुंदरीकरणइंदिरा बाल विहार का नाम तो कई वर्षों से नगर के लोगों की जुबान पर है। यह स्थल नगरवासियों के लिए न केवल मनोरंजन और विश्राम का स्थान रहा है, बल्कि यहाँ स्थापित मूर्ति के कारण यह धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी रखता है। फिलहाल यहाँ स्थित मूर्ति का स्थापना वर्ष 1995 है, जिसे नगर निगम के द्वारा भव्य रूप से स्थापित कराया गया था। समय के साथ इसकी महत्ता और भी बढ़ी और नगर निगम ने वर्ष 2025 में इस स्थल का सौंदर्यकरण कराया। सौंदर्यकरण के अंतर्गत मूर्ति के चौहदी को और अधिक बड़ा आकार दिया गया, जिसके कारण यह स्थान पहले की तुलना में और भी भव्य दिखाई देने लगा। चौहदी के अंदर हरियाली का विशेष ध्यान रखा गया। सुंदर पौधों और पेड़ों की सजावट ने इस स्थल को प्राकृतिक आकर्षण से भर दिया। इसके अलावा यहां आधुनिक लाइटिंग की व्यवस्था भी की गई है। रात के समय जब ये लाइटें जल उठती हैं तो उनकी चमक मूर्ति और आस-पास की हरियाली को और भी मनमोहक बना देती है। यही कारण है कि शाम ढलते ही यहां आने वाले लोग इस नज़ारे को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। गोरखपुर की खासियत: इनके तर्ज पर तैयार हो रही गली देशभर के उदाहरणों पर तैयार हो रही गली गोरखपुर की यह चटोरी गली देश के कई शहरों की तर्ज पर बनाई जा रही है। लखनऊ और बनारस में पहले से ही चटोरी गली मौजूद है। जयपुर में मसाला गली और इंदौर में छप्पन दुकान इंदौर काफी लोकप्रिय है। अब गोरखपुर भी इसी लिस्ट में शामिल होने जा रहा है। जानिए इंदिरा बाल विहार के प्रसिद्ध फूड के बारे में... यह जगह खास तौर पर अपने मोमोज, कबाब पराठा, इडली डोसा,सोया-चाप, गरमा-गरम गुलाब जामुन, आइसक्रीम, मिश्रांबु, लस्सी, टिकिया मटर और दही बताशा जैसे तमाम व्यंजनों के लिए मशहूर है। मोमोज: यहां अफगानी, ग्रेवी, तंदूरी और फ्राइड मोमोज जैसी कई वैराइटी मिलती हैं। हर स्वाद में कुछ अलग और मजेदार फ्लेवर होता है। कबाब पराठा: नरम पराठे में लिपटे मसालेदार कबाब का स्वाद ऐसा होता है कि एक बार खाने के बाद बार-बार खाने का मन करता है। दही बताशा: खट्टी-मीठी चटनी, ठंडी दही और करारे बताशों का कॉम्बिनेशन इस जगह की एक और खास पहचान है। गरम गुलाब जामुन: यहां पर कढ़ाई से निकलते ही गरमा-गरम गुलाब जामुन लोगों को खूब पसंद आते हैं।आइसक्रीम और फालूदा: गर्मी के मौसम में लोग आइसक्रीम खूब खाते हैं, लेकिन इसकी डिमांड ठंडी में भी कम नहीं होती है। सोया चाप: एक शाकाहारी व्यंजन है जो मुख्य रूप से सोयाबीन और मैदा से बनता है।
ग्वालियर EOW की अपराध शाखा में पदस्थ आरक्षक राजवीर भदौरिया की 81 वर्षीय मां शांति भदौरिया से मारपीट और लूट की वारदात को अंजाम देने वाले अज्ञात बदमाशों का पुलिस को करीब एक महीने बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है। घटना वाले दिन शांति भदौरिया मंदिर से दर्शन कर घर लौट रही थीं। रास्ते में तीन से चार बदमाशों ने उन्हें पकड़कर झाड़ियों में खींच लिया और बेरहमी से मारपीट करते हुए सिर पर पत्थर से हमला किया। इसके बाद बदमाश उनके हाथों में पहने पीतल के कंगन को सोने का समझकर लूटकर फरार हो गए। मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे घटना के दिन से ही बुजुर्ग महिला पर हमला कर लूटकर फरार हुए बदमाशों की तलाश कर रहे हैं, पुलिस ने दावा किया था कि घटना के बाद एक सप्ताह तक अलग-अलग टीमों ने घटनास्थल और आसपास के क्षेत्रों में लगे 500 से अधिक CCTV कैमरे खंगाले, लेकिन बदमाशों का कोई सुराग नहीं मिल सका। अब जानिए क्या है पूरा मामला घटना ग्वालियर के कम्पू थाना क्षेत्र स्थित आमखो पहाड़िया क्षेत्र में 1 अक्टूबर की सुबह करीब 9:30 बजे हुई थी। 81 वर्षीय शांति देवी भदौरिया, निवासी शिवाजी नगर टंकी रोड, भूरी माता मंदिर में दर्शन करने के बाद घर लौट रही थीं। मंदिर से लगभग 100 मीटर दूरी पर झाड़ियों के पास खड़े तीन से चार बदमाशों ने उन्हें रोक लिया। बुजुर्ग महिला के विरोध करने पर बदमाशों ने उन्हें झाड़ियों में खींचकर ले गए और मारपीट शुरू कर दी। इसके बाद सिर पर पत्थर से हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। बदमाशों ने उनके हाथों में पहने पीतल के कंगन को सोने का समझकर लूट लिया और मौके से फरार हो गए। हमले के बाद बदमाश बुजुर्ग महिला को झाड़ियों में ही छोड़कर भाग गए। घायल शांति देवी किसी तरह बाहर निकलीं और स्थानीय लोगों से मदद मांगी। उनकी हालत देखकर आसपास मौजूद लोग तुरंत उनकी सहायता के लिए पहुंचे और घटना की सूचना पुलिस और परिजनों को दी। सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायल शांति देवी को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया।
आगरा में एक सड़क हादसे में एमबीबीएस छात्र कनिष्क गुप्ता की मौत हो गई। कनिष्क आवास विकास कॉलोनी निवासी ईंट भट्टा व्यवसायी रविंद्र गुप्ता के छोटे बेटे थे। घटना की सूचना मिलते ही परिवार में शोक छा गया। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, कनिष्क अपने एक दोस्त के साथ बाइक से जा रहे थे, तभी यह हादसा हुआ। हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। कनिष्क आगरा में एमबीबीएस तृतीय वर्ष के छात्र थे। वे पढ़ाई में मेधावी माने जाते थे। इस दुर्घटना ने उनके डॉक्टर बनने के सपने को अधूरा छोड़ दिया। हादसे की खबर मिलते ही उनके पिता रविंद्र गुप्ता और माता सहित पूरा परिवार तत्काल आगरा के लिए रवाना हो गया। कनिष्क अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उनके परिवार में माता-पिता के अतिरिक्त एक भाई और दो बहनें हैं। बेटे की मौत की खबर सुनकर परिजनों का बुरा हाल है। क्षेत्र में शोक का माहौल है और परिचित लगातार परिवार को सांत्वना देने उनके घर पहुंच रहे हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से सड़क सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। कनिष्क की मृत्यु से क्षेत्र में शोक व्याप्त है।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव (IGM) में आज (सोमवार) 21 हजार विद्यार्थी एक साथ वैश्विक गीता पाठ करेंगे। इसमें देश-विदेश के विद्यार्थी और नागरिक ऑनलाइन वैश्विक गीता पाठ के साथ जुड़ेंगे।यह कार्यक्रम केशव पार्क (थीम पार्क) में होगा। इस कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी शिरकत करेंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ज्योतिसर तीर्थ पर जाकर माथा टेकेंगे। इस वैश्विक गीता पाठ में गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद का सानिध्य रहेगा। प्रदेश के सभी जिलों में चह रही जिला स्तरीय गीता जयंती कार्यक्रम के साथ-साथ 50 से ज्यादा देशों के लोग ऑनलाइन प्रणाली से वैश्विक गीता पाठ जुड़ेंगे। पहली बार जुड़ेंगे 21 हजार स्टूडेंट इस 10वें IGM में पहली बार 21 हजार स्टूडेंट वैश्विक पाठ के लिए जुड़ेंगे। इससे पहले 18 हजार विद्यार्थियों को जोड़ा था। असल में, इस बार महोत्सव का स्वरूप भी बढ़ाया गया। पहले महोत्सव 18 दिन तक चलता था, लेकिन इस बार में 3 दिन का इजाफा किया गया। इसलिए विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ाई गई है। तीर्थ प्रतिनिधि करेंगे सम्मेलन दोपहर करीब 2 बजे कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के श्रीमद्भागवद गीता सदन में 48 कोस के तीर्थों के प्रतिनिधियों का सम्मेलन होगा। इस सम्मेलन में तीर्थों के विकास और भावी योजनाओं के साथ महोत्सव के कार्यक्रमों को लेकर भी चर्चा होगी। 5 दिसंबर तक चलेगा मेला महोत्सव में 24 नवंबर से चलकर आज 1 दिसंबर को मुख्य कार्यक्रम का समापन होगा, लेकिन सरस और क्राफ्ट मेला जारी रहेगा। इस मेले का समापन 5 दिसंबर को होगा। आज ही प्रदेशभर के जिलों में चल रही जिला स्तरीय गीता जयंती का शोभा यात्रा के साथ समापन होगा। सन्निहित सरोवर पर होगा दीपदान शाम 5 बजे सन्निहित सरोवर पर दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसमें संस्थाओं के सहयोग से एक साथ हजारों दीपक जलाएं जाएंगे। वहीं शाम 5:30 बजे ब्रह्मसरोवर पर महाआरती के साथ अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का समापन होगा। संध्याकालीन कार्यक्रम में भजन गायक अनूप जलोटा अपनी प्रस्तुति देंगे।
धार जिले के खलघाट में टोल नाके पर सोमवार को पांच जिलों के किसान राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करेंगे। किसान नेताओं का कहना है कि सुबह से खलघाट पर चक्काजाम किया जाएगा। इसे देखते हुए पुलिस की ओर से एडवाइजरी भी जारी की गई है। इसके तहत खलघाट में बड़े वाहन को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। सभी मुख्य मार्गों पर नाकाबंदी और निगरानी बढ़ाई जाएगी। इसके अलावा, मनावर एसडीएम प्रमोद गुर्जर ने टोल प्लाजा (NH-52) के दोनों ओर 500 मीटर के दायरे में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। इससे पहले, शनिवार को सरकार ने किसान नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया था। इसमें धार, बड़वानी, खरगोन और खंडवा जिलों के प्रतिनिधियों ने भोपाल में कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना से मुलाकात की थी। किसान प्रतिनिधि फसलों के एमएसपी और कर्ज मुक्ति सहित अपनी अन्य मांगों पर अड़े रहे। इसके बाद किसानों ने आंदोलन का फैसला किया। बेनतीजा रही थी कृषि मंत्री के साथ बैठक महासंघ के प्रतिनिधियों और कृषिमंत्री कंसाना के बीच भोपाल में हुई बैठक बेनतीजा रही। किसान प्रतिनिधि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और कर्ज मुक्ति सहित अपनी अन्य मांगों पर अड़े रहे। शनिवार दोपहर हुई इस चर्चा के दौरान, कृषिमंत्री ने किसानों से आंदोलन न करने का आग्रह किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा और वे मांगों को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तक पहुंचाएंगे। मंत्री ने CM के घर में शादी का हवाला देते हुए आंदोलन स्थगित करने का अनुरोध किया था। लेकिन, किसानों ने इसे इनकार कर आंदोलन करने का फैसला लिया। आरोप- कंपनियों से मिलीभगत, किसानों का शोषण हो रहा मध्य भारत प्रांत संगठन प्रभारी गोपाल पाटीदार (खरगोन), कैलाश पाटीदार और शंकर जाट ने आरोप लगाया कि कंपनियों की मिलीभगत से किसानों का शोषण हो रहा है। उन्होंने बताया कि मक्का, सोयाबीन और कपास जैसी फसलें न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदी जा रही हैं। किसानों ने बताया कि यदि ऋण मुक्ति और समर्थन मूल्य लागू होता है तो वे आंदोलन रोक देंगे। गोमाता को राष्ट्र माता घोषित करने की भी मांग किसानों ने फसल MSP, अन्य राज्यों की तरह भूमि अधिग्रहण पर उचित मुआवजा, सभी किसानों को ऋण मुक्त करने और MSP की गारंटी का कानून बनाने जैसी कई मांगें रखीं। इसके अतिरिक्त, गोमाता को राष्ट्र माता का दर्जा देने और दलहन, कपास व प्याज के आयात पर रोक लगाने की मांग भी शामिल है। चूंकि केंद्र स्तर की इन मांगों पर सहमति नहीं बन पाई, इसलिए आंदोलन का निर्णय लिया गया है। ट्रैक्टरों से पहुंचेंगे किसान, कपड़े-आटा साथ लाने की अपील इस प्रदर्शन में निमाड़ क्षेत्र के चार जिलों के किसान ट्रैक्टरों के साथ पहुंचेंगे। प्रांतीय संगठन मंत्री गोपाल पाटीदार ने सभी किसानों से कंबल, दो जोड़ी कपड़े, आटा, दाल, लकड़ी और कंडे साथ लाने का आग्रह किया है। संगठन ने संकेत दिया है कि यह आंदोलन लंबा चल सकता है। हक की लड़ाई के लिए सड़क पर उतर रहे पदाधिकारियों ने बताया कि संगठन लंबे समय से इन मांगों को लेकर संघर्ष कर रहा है, लेकिन स्थानीय प्रशासन केवल आश्वासन दे रहा है। अब किसानों के पास अपने हक की लड़ाई के लिए सड़क पर उतरने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इस आंदोलन में खरगोन, खंडवा, धार और बड़वानी जिलों के किसान शामिल होंगे। गोपाल पाटीदार ने बताया कि यह आंदोलन पूरी तरह शांतिपूर्ण होगा और इसका उद्देश्य किसानों की वास्तविक समस्याओं को सरकार तक मजबूती से पहुंचना है। गांव-गांव जाकर किसानों को आमंत्रित किया संगठन से जुड़े पदाधिकारियों ने गांव-गांव जाकर किसानों को आंदोलन में पहुंचने की अपील की जा रही है। उनका कहना है कि आज भी मालवा-निमाड़ का किसान उपज का उचित मूल्य न मिलने, मौसम की अनिश्चितता और कर्ज के दबाव से जूझ रहा है। ऐसे में यह आंदोलन किसानों की भविष्य की सुरक्षा और अधिकारों की लड़ाई का महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगा। प्रशासन के आला अधिकारी सक्रिय दिखे हालांकि, ठोस आश्वासन न मिलने के कारण राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने खलघाट में बड़ा किसान महाकुंभ आयोजित करने का निर्णय लिया। इस बीच, रविवार को प्रशासन के आला अधिकारी सक्रिय दिखे। खलघाट में हाईवे के समीप एक खेत को जेसीबी चलाकर समतल किया गया। प्रशासन चाहता है कि किसान संगठन टोल प्लाजा के बजाय इस स्थान पर आंदोलन करें। वहीं, किसान संघ ने टोल प्लाजा पर अपने निर्धारित कार्यक्रम की तैयारी की है। ट्रैफिक प्लान भी लागू किया धार जिला ट्रैफिक पुलिस की ओर से आंदोलन को देखते हुए डायवर्जन प्लान जारी किया गया है। इसके मुताबिक...
राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका (राना) के अध्यक्ष प्रेम भंडारी ने कहा- अधिकारियों को माइंडसेट बदलने की जरूरत है। सरकार की मंशा अगर काम करने की होगी तब ही काम हो सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा काम कर रहे हैं, वैसी इच्छाशक्ति राजस्थान में नजर नहीं आती है। 10 दिसंबर को राजस्थान में होने वाले प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन को लेकर कहा कि उनके पास निमंत्रण तो आया है, लेकिन अभी वह जाएंगे या नहीं, इसका फैसला ‘राना’ की कमेटी करेगी। प्रेम भंडारी ने अप्रवासी राजस्थानियों से जुड़े कई मुद्दों पर अपना पक्ष रखा। मंडे स्पेशल स्टोरी में पढ़िए बातचीत के खास अंश…. सवाल: एमबीबीएस स्टूडेंट राहुल घोसलिया का शव कजाकिस्तान से लाने में आपने बहुत मदद की थी। उसके परिवार से भी आप मिलकर आए हैं, बेहद ही दर्दनाक घटना थी।जवाब: रोज ऐसे मामले देशभर से आ रहे हैं। मैं बस अपना प्रयास करता हूं। कल-परसों चेन्नई में शव भिजवा रहा हूं। मुंबई से एक युवक अमेरिका में प्लेन से उतरा उसके 3 घंटे बाद ही उसे हार्ट अटैक आ गया। ऐसे मामलों में दो काम होने चाहिए। पहला- जब बच्चों को आप पढ़ने के लिए भेज रहे हैं, हर यूनिवर्सिटी में मेडिकल इंश्योरेंस कंपल्सरी है ही, लेकिन इंश्योरेंस कवर पूरा लेना चाहिए। इसमें एअरलिफ्टिंग वगैरह सब कुछ शामिल होती है, जिससे अगर कोई भी अप्रत्याशित घटना होती है तो आपको सरकार की जरूरत नहीं पड़ेगी। सवाल : राजस्थान सरकार प्रवासी राजस्थान सम्मेलन करने जा रही है, आएंगे आप?जवाब : मैं अप्रवासियों की राजस्थान के बाद विश्व की सबसे बड़ी संस्था का प्रमुख कार्यकर्ता हूं। अब देखिए मुझे 92 वर्षीय एनआरआई डॉ. राज खरे का फोन आया था। उन्होंने कहा था कि पिछली बार तो मेरा साथ देने की वजह से आपको भी राइजिंग राजस्थान सम्मेलन में नहीं बुलाया गया था। लेकिन इस बार आपको निमंत्रण आया है। आप मत जाइएगा। उन्होंने कहा कि आप देखिए मैंने भैरों सिंह शेखावत जी के कहने पर यहां जमीन ली, कॉलेज बनाया। एसीबी में धरना दिया जगह-जगह घूमे। एक एनआरआई के साथ ऐसा बर्ताव हुआ था और फिर आप वहां जाकर कुछ बोलोगे तो दुनियाभर में लोग आपकी बात सुनते हैं, वहां फॉरेन कंपनियों के लोग भी होंगे, आप मत जाइए। मैंने अभी इस फैसले को अपने बोर्ड पर डाल दिया है। सवाल: प्रवासी सम्मेलन में आपने कहा कि फैसला होगा आना या नहीं आना है?जवाब: राना बोर्ड (राजस्थान एसोसिएशन ऑफ नॉर्थ अमेरिका) डिसाइड करेगा। एक बुजुर्ग NRI राज खरे को बेहद दुख पहुंचा है…जयपुर में देश के पहले प्राइवेट वेटनरी कॉलेज के संस्थापक हैं। उन्हें खुद के बनाए कॉलेज में भ्रष्टाचार के खिलाफ ACB कार्यालय पर धरना देना पड़ा था। …..इसलिए मैं कहता हूं, कोई काम करने दें, तभी काम हो सकता है। काम करने के लिए इच्छा शक्ति होने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं न, बिना छुट्टी लिए। उस इच्छाशक्ति की राजस्थान में कमी दिखती है। आप निवेश की बात कर रहे हैं। पूर्व पीएम राजीव गांधी ने NRI के लिए एक विभाग बनाया था- सिंगल विंडो होगी। 6 महीने बाद एक अधिकारी को बुलाकर पूछा, उस सिंगल विंडो का क्या हुआ? उसने कहा कि पहले एक व्यापारी को 13 जगह जाना पड़ता था, अब 14 जगह जाना पड़ रहा है। निवेश अखबारों में विज्ञापन लगाने से और तमाशा करने से नहीं होना है। अधिकारियों का माइंडसेट चेंज करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो सपना है 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का, यह विकसित राष्ट्र न्यूयॉर्क के विकसित होने से नहीं बनेगा। जबतक देश का हर राज्य विकसित नहीं होगा, तब तक राष्ट्र भी विकसित नहीं हो सकता है। हम चाह रहे हैं…लेकिन उसके लिए माहौल बनाना पड़ेगा। सवाल: आपको क्या लगता है, कहां कमी रह रही है?जवाब: भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा में डूबे हुए हैं सब। सिर्फ राजस्थान की बात नहीं है, हमें अगर विकसित राष्ट्र बनाना है तो इसे (भ्रष्टाचार) काबू करना होगा। अधिकारियों को मेरिट बेसिस पर तवज्जो मिलनी चाहिए। डिजायरवाद नहीं होना चाहिए। जो सक्षम अधिकारी है, उसको जगह दो। सही मायने में काम करने के लिए आपको लोगों को प्रमोट करना होगा। मैं आत्मा से राजस्थानी हूं, इसलिए शुभकामनाएं दे रहा हूं। दिसंबर में होने वाले प्रवासी राजस्थानी सम्मेलन में मोदी साहब और पीएमओ हस्तक्षेप करे। सबकुछ सही रहा तो अकेले सोलर के क्षेत्र से ही बड़ा निवेश आ सकता है। सवाल: केंद्र को किस तरीके का हस्तक्षेप करना चाहिए, किन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए, जिससे नाराजगी दूर हो सके?जवाब: कोई नाराजगी नहीं है। निवेश लाने के लिए अधिकारियों को कोई न कोई इंटरेस्ट दिखना चाहिए, तभी यह संभव होगा। मैं गारंटी देता हूं आपको, मैंने राजस्थान की डिप्टी सीएम को आमंत्रित किया है, न्यूयॉर्क आ जाएं खाली हाथ नहीं जाएंगी। अमेरिका और दुनिया की कई कंपनियों से हम बात करते हैं और निवेश लाते हैं। मैं तो कहता हूं, क्यों हमारे बच्चों को बाहर जाना पड़ता है पढ़ने के लिए? यहीं पर यूनिवर्सिटीज होनी चाहिए। बस एक पहल करनी होगी। सवाल: राजस्थान में साइबर क्राइम एक बड़ी चुनौती बनकर आ रहा है।जवाब: साइबर क्राइम एक बड़ी चुनौती बन गया है। डिजिटल अरेस्ट भी शुरू हो गया है। मैं राजस्थान सरकार से यही उम्मीद करता हूं कि अच्छे-अच्छे अफसर जो इसमें न पड़ें कि कौन सा मंत्री किसे लगवाना चाह रहा है, उन्हें मौका दे। मैंने साइबर स्लेवरी में भी श्रीलंका से कुछ लोगों को निकालने में मदद की थी। सवाल: आप इन्फॉर्मेशन और घटनाओं के अपडेट कहां से पाते हैं?जवाब: मैं आप ही के अखबार से पढ़ता हूं। लेकिन जो आपका डिजिटल है उसको पूरे विश्व में लोग पढ़ रहे हैं। पूरे विश्व के अंदर राजस्थानियों के बीच में भारतीयों के बीच में। मेरी बहुत बहुत शुभकामनाएं हैं आप लोगों को। सवाल: विदेश से शव लाने में बेहद परेशानी होती थी, आपने एयरलाइंस के मुद्दे को कैसे सुलझाया?जवाब: पीएम मोदी को ट्वीट किया था, 1 दिन में काम हो गया…ऐसे हैं हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। इमिग्रेशन का एक डिपार्टमेंट होता है। उसमें पहले कोई भी शव आता है तो मृतक का पासपोर्ट पर कैंसिल लिखा होना जरूरी होता था। लेकिन कई बार पासपोर्ट नहीं होता या खराब या जल गया होता था तो दूसरा तरीका यह था कि एंबेसी मृतक की पहचान करके एक नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट दे देती थी। फिर इसके लिए ₹1 लाख एयरलाइंस पर पेनल्टी शुरू कर दी। उसके बाद सभी एयरलाइंस ने हाथ खड़े कर दिए। दुनिया की कोई एयरलाइन किसी मृतक का शव हिंदुस्तान लाने को तैयार नहीं थी। मुझे पता चला तो मैंने गृह सचिव को पत्र लिखा। उसके बाद मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ट्वीट भी कर दिया। फिर तुरंत बाद काम हो गया। सवाल: आप जयपुर फुट से भी जुड़े हैं, इस संस्था ने लोगों को बहुत राहत दी है। अब आम जनता को क्या नई सौगात मिल सकती है?जवाब: जयपुर फुट कृत्रिम अंग लगाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी संस्था है। इसके संस्थापक डीआर मेहता साहब हैं और मैं उनका कार्यकर्ता हूं। इस काम के लिए भी 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में स्वयं मुझे वादा किया था। इसी दौरान उन्होंने हमारे कैंप का शुभारंभ किया था। उसके बाद 2018 में भगवान महावीर दिव्यांग सहायता समिति को पार्टनर बना लिया। इस समय 35वां कैंप चल रहा है। 70 से 75 करोड़ प्रधानमंत्री मोदी ने खर्च किए हैं। सवाल: आपकी संस्था राना अब आगे तीन ऐसे कौन से महत्वपूर्ण विषय पर काम करने जा रही है?जवाब: हमारी संस्था हर राजस्थानी के दुख-सुख की बात करती है और अब तो राना (RANA) राजस्थान से भी बाहर निकल गया है। अब हम पूरे देश की बात करते हैं। देशभर में टीम बनाने के लिए एप्लिकेशन भरी पड़ी हैं। पूरी टीम का जो डिसीजन होता है, मैं वही करता हूं। सवाल: घुमंतू जाति के लिए आपने रोजगार मेले जैसी बड़ी पहल की है।जवाब: इसका श्रेय मैं तीन लोगों को दे रहा हूं- राकेश कुमार, सर्वेश और कमल इन लोगों ने मुझे इस काम में लगाया है। मैं पहले भी जयपुर की इन बस्तियों में आ चुका हूं। अब राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी भी यहां शामिल हुईं। उन्होंने मुझे और भी ज्यादा जिम्मेदारी दे दी है। अभी और काम करेंगे। मैं राजनीति से ऊपर उठकर सेवा के काम करना चाहता हूं।
गीता जयंती पर समवेत गीता का सामूहिक पाठ कोठी बाजार में आज
बैतूल| अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती के अवसर पर 1 दिसंबर को सुबह 9 बजे से कोठीबाजार स्थित ओपन ऑडिटोरियम में सामूहिक समवेत गीता स्वाध्याय कार्यक्रम का आयोजन होगा। इसके साथ ही जिले के सभी स्कूल, कॉलेजों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इस अवसर पर कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि, स्कूल-कॉलेजों के विद्यार्थी और गणमान्य नागरिक शामिल होंगे।
अचानक सड़क की एक साइड की बंद, पेट्रोल टैंकर पलटा
बैतूल| बैतूल–इंदौर नेशनल हाईवे पर ढेकना गांव के पास इंदौर की ओर से आ रहा पेट्रोल से भरा टैंकर अनियंत्रित होकर सड़क पर पलट गया। सड़क पर पेट्रोल फैल गया है, जानकारी के अनुसार सड़क निर्माण व मरम्मत का काम कर रहे ठेकेदार ने अचानक सड़क पर एक साइड बंद कर दी थी। इसी दौरान बैतूल की ओर से आ रहे एक ट्रक चालक ने सामने रोड बंद देखा तो घबराहट में गाड़ी को तुरंत गलत दिशा में मोड़ दिया। ट्रक की यह अचानक मोड़ बदलने की हरकत देख पेट्रोल टैंकर चालक ने भी अपनी गाड़ी को बचाने की कोशिश की। तेज मोड़ के दबाव में टैंकर का संतुलन बिगड़ा और पलट गया।
अब 11 दिसंबर तक होगा मतदाता गणना पत्रक एवं सत्यापन का कार्य
बैतूल| भारत निर्वाचन आयोग द्वारा विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्यक्रम में संशोधन करते हुए सभी चरणों की समय-सीमा बढ़ा दी है। आयोग द्वारा जारी नवीन एसआईआर कार्यक्रम के अनुसार घर-घर गणना पत्रक एवं सत्यापन का कार्य अब 11 दिसंबर तक पूरा किया जाएगा। इसके बाद प्रारूप मतदाता सूची 16 दिसंबर और उसके बाद 15 जनवरी 2026 तक दावे एवं आपत्तियां स्वीकार की जाएंगी। दावे और आपत्तियों पर सुनवाई, सत्यापन, प्रपत्रों की जांच तथा निर्णय प्रक्रिया निर्वाचन रजिस्ट्रेशन अधिकारियों (EROs) द्वारा 16 दिसंबर 2025 से 7 फरवरी 2026 तक निरंतर रूप से की जाएगी। अंतिम मतदाता सूची 14 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
जिला पेंशनर्स समाज की मासिक बैठक आज
सागर| मध्यप्रदेश शासकीय अधिकारी- कर्मचारी पेंशनर्स समाज जिला शाखा सागर की मासिक नियमित बैठक सोमवार को दोपहर 3 बजे से पुराने कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय में होगी। अध्यक्षता जिला अध्यक्ष जीएल छत्रसाल करेंगे। विशिष्ट अतिथि सुखदेव प्रसाद तिवारी रहेंगे। बैठक में पेंशनर्स की समस्याओं पर चर्चा की जाएगी। उक्त जानकारी प्रवक्ता केके तिवारी ने दी।
लघु वेतन कर्मचारी संघ ने 15 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा
सागर | लघु वेतन कर्मचारी संघ ने अपनी लंबित मांगों के शीघ्र निराकरण के लिए शुक्रवार को संभाग आयुक्त को 15 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। संघ के अध्यक्ष थान सिंह मंडल के नेतृत्व में कर्मचारियों ने चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों पर सीधी भर्ती, भृत्य पदनाम को कार्यालय सहायक करने, आकस्मिक निधि से वेतन पा रहे कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित करने, सातवें वेतनमान के लाभ, वर्दी एवं वर्दी-धुलाई भत्ता देने जैसी प्रमुख मांगें उठाईं। कर्मचारियों ने 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की मांग दोहराई। ज्ञापन सौंपने वालों में चुरामन रैकवार, प्रमोद अहिरवार, काशी प्रसाद यादव, शैलेंद्र अहिरवार, पिंटू रैकवार शामिल हैं।
दद्दाजी महाराज हमारे प्रेरणास्रोत : केशव गिरी
सागर| ब्रह्मलीन गृहस्थ संत पं. देव प्रभाकर शास्त्री दद्दाजी महाराज की समाधि स्थल कटनी दादा धाम में पहुंचकर भक्तों ने गुरुदेव महाराज की आरती पूजन किया। कटनी दादा धाम में दद्दाजी महाराज का श्री विग्रह कुछ दिन पूर्व स्थापित किया गया है। जिसमें देश के जानेमाने कथा वाचक एवं साधु-संत महात्माओं ने शिरकत की। इस मौके पर गृहस्थ संत केशव गिरी महाराज ने कहा कि दद्दा महाराज ने सारे जीवन विश्व एवं राष्ट्र कल्याण के लिए शिवलिंग निर्माण के आयोजन किए। वह हमारे जीवन के आधार और हमारे प्रेरणास्रोत हैं। इस अवसर पर नीरज त्रिपाठी सहित दद्दा शिष्य मंडल कटनी के सभी वरिष्ठ गुरु भाई उपस्थित रहे।
जिले में 733 बीएलओ ने 100 प्रतिशत काम किया पूरा
सागर। जिले में 8 विधानसभा क्षेत्र में अब तक 733 बूथ लेवल अधिकारियों ने 100 प्रतिशत मतदाता गणना पत्रक का डिजिटलाइजेशन किया है। आयोग के निर्देश अनुसार कार्य करते हुए बंडा विधानसभा क्षेत्र में 82 बीएलओ, बीना में 140, देवरी में 207, खुरई में 58, नरयावली में 55, रहली में 67, सागर में 48 एवं सुरखी में 76 बीएलओ ने 100 प्रतिशत कार्य को पूरा किया है।
गीता जयंती महोत्सव में सामूहिक पाठ आज
सागर| मप्र शासन संस्कृति विभाग के वीर भारत न्यास एवं विश्व गीता प्रतिष्ठानम का अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव 1 दिसंबर को मार्गशीर्ष शुक्ल मोक्षदा एकादशी पर होगा। श्रीदेव वृंदावन बाग मंदिर परिसर में श्रीमद्भगवद्गीता के 15वें अध्याय का सामूहिक सस्वर पाठ किया जाएगा। यह कार्यक्रम सुबह 10.30 बजे से शुरू होगा।
मुंबई के होटल ताज में तब खूनी मंजर था। रह-रहकर गूंजती चीखें। चार दिन चले ऑपरेशन में हर मंजिल पर बिखरे खून से लथपथ लाशों के बीच लेटकर आतंकियों पर फायर किए थे। करीब सौ घंटे तक निशाने पर सिर्फ आतंकी थे और कई जिंदगियां बचाने की चुनौती थी। 26/11 के आतंकी अटैक में हमारे जांबाज एनएसजी कमांडो केशव भी ऑपरेशन में शामिल थे। अब केशव वीआरएस लेकर गांव में पुश्तैनी खेती संभाल रहे हैं। स्कूल-कॉलेजों में युवाओं को सेना की तैयारी करवाते हैं। अपने बेटे को भी फौज ज्वॉइन कराई है। हम इस समय हैं वैर के त्यौहारी गांव में। एनएसजी कमांडो केशव मिले तो जय हिंद से अभिवादन किया। आज भी चुस्त-फुर्तीले हैं। बताते हैं- 10 जनवरी 2001 को कामटी (नागपुर) से फौजी सफर शुरू हुआ। ट्रेनिंग खत्म होते ही उन दिनों संसद पर अटैक हुआ। बढ़ते तनाव के बीच सीमा पर भेजा। एक साल पंजाब बॉर्डर पर रहा। फिर शांति सेना में इथोपिया में। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ काउंटर इंटरजेंसी के कई ऑपरेशनों में आतंकियों को खदेड़ा। 2007-11 तक एनएसजी कमांडो के रूप में सेवा दी। 2008 के मुंबई अटैक पर लौटते हैं- बोले, आतंकी हमले ने देश को सन्न कर दिया। मैं दिल्ली में था। सेना के अलार्म पर आर्मी के विशेष विमान से यूनिट के साथ मुंबई पहुंचा। होटल ताज में एंट्री करते ही बिखरी लाशों से सामना हुआ। आतंकी एके 47 से लगातार स्प्रे फायर कर रहे थे। न जाने कितनी ही जिंदगियां फंसी थी उस समय ताज में। हमने 100 घंटे से ज्यादा चले ऑपरेशन में आतंकियों को ढेर कर दिया। सिर में गोली लगी एक महिला को संभालता उससे पहले ही मेरी गोद में दम तोड़ दिया। ऑपरेशन पूरा होने के बाद जब होटल को फायर ब्रिगेड साफ कर रही थी तो चारों तरफ पानी भी लाल हो गया। लौटने लगे तो सड़कों पर जय हिंद के जयकारों के बीच हीरो जैसा स्वागत हुआ। केशव का कहना है, जब बॉडी में वो फुर्ती नहीं रही तो वीआरएस ले लिया। अब गांव में खेती संभालकर खुश है। सरकार से दरख्वास्त है कि देश के लिए मर मिटने वाले फौजियों की हर परेशानी का समय रहते हल जरूर निकाला जाएं।
रात का तापमान सामान्य से 3 डिग्री नीचे
भास्कर संवाददाता | सागर मौसम साफ होने के बाद से लगातार शहर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। लगातार दूसरे दिन भी रात का तापमान सामान्य से 3 डिग्री नीचे बना हुआ है। वहीं मौसम विशेषज्ञों के अनुसार आने वाले दिनों में भी स्थिति जस की तस रहेगी और आने वाले शुक्रवार तक तापमान एक बार फिर से 10 डिग्री के आसपास आ सकता है। आसमान साफ होने और दिन में तेज धूप पड़ने के कारण शहर की हवा भी पहले की तुलना में स्वच्छ हो गई है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार को शहर का अधिकतम तापमान 27.4 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1 डिग्री कम था, वहीं न्यूनतम तापमान 12.1 डिग्री दर्ज किया गया।
जबलपुर में पिच्छिका परिवर्तन समारोह 2 को
सागर| आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के शिष्य विद्या शिरोमणि आचार्यश्री समय सागर महाराज ससंघ का वर्षायोग चातुर्मास उपरांत पिच्छिका परिवर्तन समारोह 2 दिसंबर को दोपहर 1:30 बजे जबलपुर में आयोजित होगा। मुकेश जैन ढाना ने बताया कि कार्यक्रम बड़े दादा ग्राउंड, मढिया जी के सामने पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव के मुख्य पंडाल में होगा। पंचकल्याणक 7 दिसंबर तक चलेगा और यह दयोदय गौशाला, तिलवारा घाट में बने नए जिनालय में आयोजित है।
डॉ. वर्मा का सेवानिवृत्ति पर किया सारस्वत सम्मान
भास्कर संवाददाता | उज्जैन प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शासकीय माधव कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में वाणिज्य के प्राध्यापक डॉ. मनोहरसिंह वर्मा की सेवानिवृत्ति के अवसर पर शिक्षक संघ द्वारा सारस्वत सम्मान किया गया। मुख्य अतिथि डॉ. राकेश ढंड ने कहा मेरे शिष्य डॉ. वर्मा विद्यार्थी काल से ही होनहार और अनुशासित रहे हैं। जागीरदार परिवार में जन्म के बावजूद उन्होंने शिक्षकीय जीवन को अपनाया। उच्च शिक्षा विभाग के प्रतिभावान शिक्षक के रूप में उन्होंने अनेकानेक विद्यार्थियों को तराशा। अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य प्रो. कल्पना सिंह ने कहा शिक्षक कभी रिटायर्ड नहीं होता। डॉ. वर्मा ने पठन-पाठन के अलावा महाविद्यालय के प्रशासकीय कार्यों को बखूबी किया। शासकीय विधि महाविद्यालय देवास के प्राचार्य डॉ. अजय चौहान ने डॉ. वर्मा को आकर्षक और मिलनसार व्यक्तित्व का धनी बताया। स्वागत वक्तव्य शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ. नीरज सारवान ने दिया। सम्मान पत्र का वाचन सचिव डॉ. राजश्री सेठ ने किया। कार्यक्रम में डॉ. मृदुलचंद्र शुक्ल, डॉ. केएम शर्मा, डॉ. शोभा मिश्रा ने भी डॉ. वर्मा की कार्य कुशलता की प्रशंसा करते हुए संबोधित किया। संचालन डॉ. जफर मेहमूद ने किया। आभार डॉ. शुभकामना रक्ताले ने माना। अतिथियों द्वारा शॉल, श्रीफल एवं सम्मान पत्र देकर डॉ. वर्मा को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर डॉ. विजय सैनी (सोनकच्छ) सहित डॉ. वर्मा के परिजन विशेष रूप से उपस्थित थे।
स्थानीय अखाड़ा परिषद भंग, अब अखिल भारतीय परिषद के साथ काम करेंगे
भास्कर संवाददाता | उज्जैन सिंहस्थ के पहले स्थानीय अखाड़ा परिषद के चार सदस्यों ने पद से इस्तीफे दे दिए हैं। इसके बाद परिषद भंग हो गई है। रविवार को शिप्रा तट स्थित दत्त अखाड़े में आपात बैठक रखी गई। महंत आनंदपुरी महाराज की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में स्थानीय अखाड़ा परिषद को तत्काल प्रभाव से भंग करने की घोषणा कर दी गई। आनंदपुरी महाराज ने बताया कि स्थानीय अखाड़ा परिषद से उपाध्यक्ष महंत आनंदपुरी महाराज, महामंत्री महंत रामेश्वर गिरि महाराज, प्रवक्ता महंत श्याम गिरि महाराज ने मौके पर इस्तीफे सौंपे, जबकि उदासीन अखाड़ा के महंत सत्यानंद गिरि ने मोबाइल पर अपने इस्तीफे की बात कही। इस घोषणा के बाद अब महंत डॉ. रामेश्वर दास महाराज स्थानीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नहीं रहेंगे। परिषद भंग होने के बाद अब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के साथ काम करेंगे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्रपुरी महाराज शहर में ही हैं। वे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के बेटे के विवाह समारोह में शामिल होने यहां आए हैं। स्थानीय अखाड़ा परिषद के सदस्य पक्ष रखने सोमवार को अखाड़ा परिषद अध्यक्ष से मुलाकात कर सकते हैं। सिंहस्थ की तैयारियों के बीच स्थानीय अखाड़ा परिषद में बदलाव चौंकाने वाला बताया जा रहा है। हालांकि सिंहस्थ की तैयारियां अभा अखाड़ा परिषद की अगुवाई में ही होती हैं। शिप्रा तट स्थित दत्त अखाड़े में हुई आपात बैठक में मौजूद साधु-संत सदस्यों में किसी भी प्रकार का मतभेद भी नहीं चार सदस्यों के इस्तीफे के संबंध में स्थानीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत डॉ. रामेश्वर दास महाराज ने बताया कि उन्हें कोई इस्तीफा नहीं मिला। सदस्यों में किसी भी प्रकार का मतभेद भी नहीं है। बैठक के बारे में भी मुझे कोई जानकारी नहीं है। स्थानीय परिषद के पास ये थे दायित्व: स्थानीय अखाड़ा परिषद का गठन संतों की सेवा, गोसेवा, विद्यार्थियों की पढ़ाई के साथ समय-समय पर होने वाले स्थानीय आयोजन में सहभागिता का दायित्व था।
स्नातकोत्तर के तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं कल से
उज्जैन | सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के तीसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं 2 दिसंबर से शुरू होगी। 2025-26 की स्नातकोत्तर एमए, एमकॉम, एमएससी तृतीय सेमेस्टर के नियमित, स्वाध्यायी, एटीकेटी व पूर्व विद्यार्थियों और एमएचएससी के नियमित, एटीकेटी एवं पूर्व विद्यार्थियों के लिए विवि की ओर से परीक्षा कार्यक्रम पहले ही जारी कर दिया है। एमए तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा 2 से 22 दिसंबर तक, एमकॉम तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा 2 से 13 दिसंबर और एमएससी तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा 2 से 24 दिसंबर तक होगी। वहीं एमएचएससी (रिसोर्स मैनेजमेंट) तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा 2 से 13 दिसंबर तक होगी। यह सभी परीक्षाएं सुबह 8.30 से 11.30 बजे की शिफ्ट में होगी।
नवजात की मौत के मामले में गिरफ्तार फर्जी डॉक्टर को जेल भेजा
भास्कर संवाददाता | उज्जैन मक्सी रोड पंवासा क्षेत्र में फर्जी क्लीनिक संचालित करने वाले तैयबा शेख को पंवासा पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया था। जिसे कोर्ट ने सेंट्रल जेल भैरवगढ़ भेज दिया। एएसआई संतोष राव ने बताया फर्जी डिग्री पर इलाज करने व नवजात की मौत के मामले में तैयबा काफी समय से फरार थी तथा अक्टूबर से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। तैयबा लंबे समय से रायपुर में फरारी काट रही थी। उज्जैन आने पर पुलिस ने उसे घेराबंदी कर धरधबोचा था। सूचना मिलने पर उसे गिरफ्तार कर कार्रवाई की और कोर्ट में पेश किया।
सांसद खेल महोत्सव में कबड्डी प्रतियोगिता कल
हरदा| सांसद खेल महोत्सव की शुरुआत 2 दिसंबर को कबड्डी प्रतियोगिता के साथ होगी। कलेक्टर सिद्धार्थ जैन ने बताया सांसद खेल महोत्सव में उम्र का कोई बंधन नहीं है। इसमें 15 वर्ष से अधिक आयु के कोई भी खिलाड़ी भाग ले सकते हैं। इस खेल उत्सव में समूह खेल खो-खो, कबड्डी, रस्साकसी, वालीबॉल, फुटबॉल, हॉकी, पिट्टू, क्रिकेट लेदर बॉल एवं व्यक्तिगत खेल योग, एथेलेटिक्स, बैडमिंटन, कुश्ती, आदि खेलो का आयोजन किया जाएगा। बुधवार को कबड्डी प्रतियोगिता हरदा में तथा गुरुवार को टिमरनी में खो-खो प्रतियोगिता होगी। कलेक्टर जैन ने बताया खेल महोत्सव के लिए एसडीएम अशोक डेहरिया को नोडल एवं ब्लॉक समन्वयक सलमा खान को महोत्सव आयोजनकर्ता नियुक्त किया है। इस महोत्सव में शासकीय, अशासकीय खेल प्रशिक्षक निर्णायक रहेंगे।
21 नवंबर की रात गौहरगंज क्षेत्र में दरिंदगी का शिकार हुई मासूम बच्ची की जिंदगी बचाने के लिए डॉक्टरों को एक ऐसा कदम उठाना पड़ा है, जो उसे आने वाले कई महीनों तक एक कठिन जीवन जीने पर मजबूर कर देगा। दरअसल, बच्ची के प्राइवेट पार्ट में इतनी गंभीर चोटें आईं कि एम्स (AIIMS) के डॉक्टरों को उसकी जान बचाने के लिए कोलॉस्टोमी नाम की एक बड़ी सर्जरी करना पड़ी। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके बाद बच्ची कम से एक साल तक सामान्य जीवन नहीं जी सकेगी। उसकी रिकवरी की राह लंबी और चुनौतियों से भरी है, जिसमें शारीरिक घावों के साथ-साथ मानसिक आघात से उबरना भी शामिल है। डॉक्टरों का यह भी कहना है कि यदि बच्ची को तीन घंटे पहले अस्पताल लाया जाता तो शायद इस जटिल सर्जरी की नौबत नहीं आती। क्या होती है कोलोस्टॉमी सर्जरी और मासूम को इसके बाद किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। पढ़िए रिपोर्ट... किस हालत में अस्पताल पहुंची थी मासूम?जब बच्ची को एम्स लाया गया तो वह जिंदगी और मौत के बीच झूल रही थी। वह पूरी तरह बेहोश थी। उसके शरीर से लगातार खून बह रहा था। उसकी मां के मुताबिक, बच्ची के साथ न केवल रेप हुआ, बल्कि उसे बेरहमी से पीटा भी गया था। उसके दोनों गाल सूजे हुए और लाल थे, जैसे किसी ने उसे बार-बार पूरी ताकत से थप्पड़ मारे हों। उसके घुटनों, हाथों और यहां तक कि कमर पर भी गहरे छिलने और चोट के निशान थे, जो उसके संघर्ष और उस पर हुए अत्याचार की गवाही दे रहे थे। डॉक्टरों के सामने सबसे पहली और बड़ी चुनौती थी, उस अत्यधिक रक्तस्राव को रोकना, जो अस्पताल लाने में हुई देरी के कारण और भी गंभीर हो गया था। क्या होती है कोलोस्टॉमी? क्यों पड़ी इसकी जरूरत?बच्ची की जान बचाने के लिए 22 नवंबर को डॉक्टरों ने एक मेजर और एक माइनर सर्जरी की। मेजर सर्जरी कोलॉस्टोमी थी। यह एक जीवन रक्षक प्रक्रिया है, लेकिन यह मरीज के जीवन को पूरी तरह बदल देती है। कोलॉस्टोमी एक सर्जिकल प्रक्रिया है, जिसमें डॉक्टर शरीर से मल त्याग के प्राकृतिक रास्ते (रेक्टम और एनस) को बायपास कर देते हैं। इस सर्जरी में बड़ी आंत (कोलन) के एक हिस्से को काटकर पेट की दीवार पर एक छेद (ओपनिंग) के जरिए बाहर निकाल दिया जाता है। इस ओपनिंग को स्टोमा कहा जाता है। अब शरीर का मल प्राकृतिक रास्ते से बाहर न आकर इसी स्टोमा से बाहर आता है और पेट पर चिपकाए गए एक विशेष मेडिकल बैग (कोलॉस्टोमी बैग) में इकट्ठा होता है। पीड़िता के मामले में यह क्यों जरूरी था?इलाज करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट और रेक्टम (मलाशय) बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे। वे अपना सामान्य काम करने की स्थिति में नहीं थे। ऐसे में उस हिस्से को ठीक होने के लिए समय देना बेहद जरूरी था, अगर मल त्याग का रास्ता वही रहता तो संक्रमण फैलने का खतरा बहुत ज्यादा था और घाव कभी नहीं भर पाते। डॉक्टरों ने कोलोस्टॉमी के जरिए मल त्याग के लिए एक अस्थायी और सुरक्षित रास्ता बनाया। इससे क्षतिग्रस्त हिस्से को आराम मिलेगा। उसकी हीलिंग प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। यह एक अस्थायी व्यवस्था है, लेकिन इसके साथ जीना मरीज और उसके परिवार के लिए एक बड़ी चुनौती होती है। सर्जरी के बाद की चुनौतियांफिलहाल बच्ची आईसीयू में डॉक्टरों की निगरानी में है। अब वह बातचीत कर पा रही है, लेकिन उसकी असली लड़ाई अब शुरू हुई है। एम्स के डॉक्टरों के मुताबिक, इस सर्जरी के बाद 4 मेजर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, उचित देखभाल की जाए तो इन चुनौतियों से निपटा जा सकता है। एक और बड़ी सर्जरी का इंतजारयह कोलोस्टॉमी एक अस्थायी उपाय है। डॉक्टरों के अनुसार, लगभग एक महीने बाद जब अंदरूनी घाव कुछ हद तक भर जाएंगे, तब बच्ची की एक और मेजर सर्जरी की जाएगी, जिसे 'परमानेंट रिपेयर ऑफ रेक्टम' कहा जाता है। इस सर्जरी में स्टोमा को बंद कर आंत को वापस अपनी सामान्य जगह पर जोड़ दिया जाएगा, ताकि मल त्याग का रास्ता पहले की तरह प्राकृतिक हो सके। यह सर्जरी भी बेहद जटिल होगी और इसके बाद भी रिकवरी में लंबा समय लगेगा। क्या बच्ची सामान्य जीवन जी पाएगी?इस सवाल का जवाब हां है, लेकिन एक लंबी और कठिन प्रक्रिया के बाद। डॉक्टरों का अनुमान है कि पूरी तरह से ठीक होने और सामान्य जीवन में लौटने में उसे छह महीने से लेकर एक साल तक का समय लग सकता है। इन छह महीनों के दौरान उसे सख्त मेडिकल देखभाल, नियमित जांच और दवाओं का पालन करना होगा। शारीरिक घाव तो शायद समय के साथ भर जाएंगे, लेकिन इस सर्जरी का निशान जीवन भर उसके शरीर पर रहेगा। यह निशान उसे उस भयावह रात की याद दिलाता रहेगा। शारीरिक रिकवरी से कहीं ज्यादा मुश्किल और लंबी लड़ाई मानसिक और भावनात्मक स्तर पर होगी। इस आघात से उबरने के लिए उसे निरंतर मनोवैज्ञानिक सहारे और परिवार के सहारे की जरूरत होगी।
पोस्टमार्टम रूम जर्जर, हादसे का अंदेशा
मोहन बड़ोदिया | मोहन बड़ोदिया के मंडोदा जोड़ के समीप गत दिनों सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जिसे परिजन मोहन बड़ोदिया सीएचसी से पोस्टमार्टम रूम तक करीब 1 किलोमीटर तक शव को लाने, ले जाने में समस्याओं का सामना करना पड़ा।ओंकार सिंह यादव ने बताया कि मोहन बड़ोदिया में शव वाहन नहीं होने से परिजन को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं मोहन बड़ोदिया का पोस्टमार्टम रूम भी जर्जर हालत में है, ऐसे में पोस्टमार्टम रूम में डॉक्टर तक को जाने में डर लगता है। डॉक्टर ने अपना नाम न बताने की शर्त पर कहा कि मोहन बड़ोदिया का पोस्टमार्टम रूम काफी जर्जर हालत में है, ऐसी स्थिति में किसी दिन पोस्टमार्टम करते हुए भवन गिर जाए तो डॉक्टर का भी वही पोस्टमार्टम हो जाएगा, इसको लेकर जब बीएमओ डॉ. राजेश रुहेला से बात की गई तो उनका कहना है, कि उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया है।
उत्कृष्ट कार्य करने पर बीएलओ को किया सम्मानित
भास्कर संवाददाता | तनोड़िया निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण कार्य करवाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत प्रथम चरण में मतदाताओं से गणना पत्रक भरवाए जा रहे हैं। यह कार्य 4 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक जारी रहेगा। एसआईआर के लिए बीएलओ द्वारा घर घर जाकर आयोग द्वारा प्रदाय गणना पत्र का वितरण किया गया। जैसे जैसे इसकी अंतिम तारीख नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे अब मतदाता भी इस कार्य को प्राथमिकता से निपटाने में लगे हैं। गणना पत्र भरने में मतदाताओं का सहयोग बीएलओ के साथ राजनीतिक दलों के बीएलए भी कर रहे हैं। मंगलवार को बूथ क्रमांक 232 और 235 मतदान केंद्र पर बीएलओ जगदीश कादरा और पोपसिंह राठौर और पार्टी बीएलए 2 हरिओम सिंह राठौर और भवंरसिंह राठौर शासकीय कन्या शाला भवन में बीएलओ का शत प्रतिशत कार्य पूर्ण किया गया। इनका भाजपा जिलाध्यक्ष ओम मालवीय के नेतृत्व में सम्मान किया गया। उनके अनुभव एवं कार्य करने के तरीके के संबंध में चर्चा की गई। और बूथ क्रमांक 233, 234, 236 व 237 पर भी निरीक्षण किया गया और कार्य में तेजी लाने की बात कही गई। इस दौरान महेश कुमार मित्तल, जिला उपाध्यक्ष डॉ राहुल जैन, महेश शर्मा, आयुष तिवारी, पंकज मित्तल, बलराम सिंह टुंगनी, डॉ बाबू प्रजापत, पटवारी संदीप जोशी, बीएलओ गोपाल परमार, जयपालसिंह राठौर, किरण परमार व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका आदि उपस्थित रहे।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव पर आयोजन आज
आगर मालवा | गीता जयंती के अवसर पर सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन होगा। जिला स्तरीय गीता महोत्सव पुरानी कृषि उपज मंडी आगर में सुबह 10.30 बजे से आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में श्रीमद् भागवत गीता के 15 वे अध्याय का सहपाठियों द्वारा सामूहिक पाठ होगा। जिला प्रशासन द्वारा कार्यक्रम में जिले के समस्त जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों से उपस्थित रहने की अपील की है।
दूल्हे को घोड़ी से उतारा, भाई के सिर पर पत्थर मारा
भास्कर संवाददाता | शाजापुर ग्राम पतौली में शनिवार रात वर निकासी के दौरान दो पक्षों में विवाद हो गया। मारपीट में दूल्हे के भाई के सिर पर चोट लगी है। मामले में पुलिस ने चार को खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। भगवान परमार (21) पिता रामप्रसाद परमार ने लालघाटी थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि रात करीब 8.30 बजे उसके बड़े भाई जितेंद्र की बारात शासकीय स्कूल के सामने रोड पर पहुंची, तभी गांव के भारत सिंह राजपूत, नरेंद्र सिंह राजपूत, विजेंद्र सिंह राजपूत और लाला सिंह राजपूत ने जुलूस निकालने से रोका और दूल्हे जितेंद्र को घोड़ी से उतार दिया। विरोध करने पर आरोपियों ने भगवान सिंह के सिर पर पत्थर से वार किया, जिससे उसे चोट आई। उन्होंने गोवर्धन परमार के साथ भी मारपीट की। इस दौरान उन्होंने जान से मारने की धमकी दी। शिकायत पर पुलिस ने चारों के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। टीआई अर्जुन सिंह मुजाल्दे ने बताया मामले में जांच कर रहे हैं। मंदिर के सामने अश्लील गाने बजाने का आरोप : रविवार दोपहर दूसरे पक्ष के ग्रामीण लालघाटी थाने पहुंचे और एक शिकायती आवेदन दिया। इसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बारात निकालने के दौरान राम मंदिर के सामने अश्लील गाने बजाकर डांस किया जा रहा था। जब उन्होंने इसका विरोध किया तो बारात निकाल रहे लोगों ने विवाद किया और उन पर झूठा मामला दर्ज करा दिया। ग्रामीणों ने पुलिस से निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
सहारनपुर में सर्दियों में संभावित घने कोहरे को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। सहारनपुर से होकर गुजरने वाली 16 ट्रेनों को तीन महीने तक निरस्त रखने का निर्णय लिया गया है। ये ट्रेनें 1 दिसंबर 2025 से फरवरी 2026 के अंत तक बंद रहेंगी। रेलवे के अनुसार, कोहरे के कारण हर वर्ष ट्रेनों की संचालन व्यवस्था गंभीर रूप से प्रभावित होती है, जिसके चलते यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। समयबद्ध संचालन और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया गया है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कोहरे के मौसम में विशेषकर लंबी दूरी की ट्रेनें अपने निर्धारित समय पर नहीं चल पातीं। इससे न केवल यात्रियों को दिक्कत होती है, बल्कि अन्य ट्रेनों का संचालन भी बाधित होता है। इसी वजह से दिसंबर से फरवरी तक कई ट्रेनों को अस्थायी रूप से रद्द किया गया है। ये ट्रेनें रहेंगी निरस्त
खाटू श्याम मंदिर का वार्षिक महोत्सव आज
देवास| अमृत नगर स्थित खाटू श्याम धाम मंदिर का 16वां वार्षिक महोत्सव 1 दिसंबर को धूमधाम से मनाया जाएगा। खाटू श्याम बाबा के भक्त पिछले 15 दिनों से महोत्सव की तैयारियों में जुटे हुए हैं। शीश के दानी बाबा श्याम का अलौकिक शृंगार उज्जैन के कलाकारों द्वारा मोगरा, चमेली, गुलाब, रंग-बिरंगे फूलों से किया जाएगा। महोत्सव में 56 भोग और पवित्र ज्योत दर्शन की विशेष व्यवस्था रहेगी। रात्रि 8 बजे से भजन संध्या की जाएगी, जिसमें आमंत्रित भजन गायक यशवंत चावड़ा (सोनकच्छ) और हिमांशु विजयवर्गीय (देवास) श्याम भजनों की प्रस्तुति देंगे। सुबह 9 बजे निशान यात्रा खेड़ापति मंदिर से प्रारंभ होगी प्रमुख मार्गों से होते हुए अमृत नगर स्थित खाटू श्याम मंदिर पहुंचेगी।
शंकरगढ़ पहाड़ी पर एडीजी ने पुलिस बल वाटिका का शुभारंभ किया
देवास| शंकरगढ़ पहाड़ी क्षेत्र में मध्यप्रदेश के एडीजी (प्रशिक्षण) राजा बाबू सिंह ने पुलिस बल वाटिका का शुभारंभ किया। उन्होंने क्षेत्र का अनौपचारिक निरीक्षण किया। यहां संचालित हरित गतिविधियों की विस्तृत समीक्षा की। टीम ग्रीन आर्मी और वन विभाग के प्रयासों की सराहना की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने विलुप्त प्रजातियों जैसे दहीमान, त्रिवेणी के साथ अधिक से अधिक पौधों के अतिरिक्त रोपण का संयुक्त संकल्प लिया। ये सभी पौधे मध्यप्रदेश पुलिस बल वाटिका, शंकरगढ़ में लगाए जाएंगे। एडीजी सिंह ने कहा कि शंकरगढ़ की पारिस्थितिकी का संरक्षण आने वाली पीढ़ियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। इस अवसर पर औद्योगिक थाना टीआई शशिकांत चौरसिया, सुरेश धाकड़, विनोद जायसवाल टीम ग्रीन आर्मी से समरजीत सिंह जाधव, माखनलाल पटेल, यश पांचाल तथा वन विभाग से डिप्टी रेंजर राकेश मोदी, किरण राठौर और सरजीत सिंह उपस्थित रहे। सभी सदस्यों ने क्षेत्र के संरक्षण, पुनर्जीवन और संवेदनशील पारिस्थितिकी को सुरक्षित रखने के लिए निरंतर सहयोग देने के संकल्प को दोहराया। एडीजी राजा बाबू सिंह ने कहा शंकरगढ़ प्रकृति की धरोहर है। पौधरोपण केवल कार्यक्रम नहीं, बल्कि पर्यावरण और आने वाली पीढ़ियों के प्रति हमारी जिम्मेदारी है।
ई-रिक्शा से नीचे उतरी बच्ची को अज्ञात वाहन ने कुचला
देवास| रविवार को सुबह बालगढ़ रोड मीरा बावड़ी क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हो गया। 1 साल की बालिका की अज्ञात वाहन की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई। कोतवाली थाना क्षेत्र निवासी राजकातिजा अपने तीन बच्चों को खुद के ई-रिक्शे में बैठाकर मीरा बावड़ी क्षेत्र में जा रहा था। इसी बीच दवा लेने के लिए रोड किनारे रिक्शा खड़ा कर मेडिकल स्टोर्स पर गया। तभी उसकी 1 साल की छोटी बालिका प्रिया रिक्शा से नीचे उतर गई। इसी बीच एक तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आ गई। जिससे वह गंभीर घायल हो गई। रिक्शा चालक राजकातिजा बालिका को जिला अस्पताल लेकर पहुंचा। डॉक्टर ने देखकर बालिका को मृत घोषित कर दिया। घटना थाना कोतवाली की है। टीआई श्यामचंद शर्मा ने बताया एक बच्ची की अज्ञात वाहन की चपेट में आने से रविवार को सुबह मौत हो गई। मर्ग कायम कर मामला जांच में लिया है। आसपास के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज देख रहे हैं।
मंदिर से चरण पादुका चुराकर सुनार को बेची, दोनों गिरफ्तार
भास्कर संवाददाता|देवास शहर के आनंद बाग स्थित शीलनाथ धूनी मंदिर से चांदी की चरण पादुकाएं चुराने के बाद चोर ने शहर के एक सराफा व्यापारी को बेच दी थी। पुलिस ने चोर और ज्वेलर्स के संचालक को गिरफ्तार किया है। दोनांे पादुकाआंे मंे एक चोर के घर से और दूसरी ज्वेलर्स के यहां से बरामद की गई है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर चोर का पता लगाकर उसे रेवाबाग क्षेत्र से पकड़ा। पूछताछ मंे उसने नावेल्टी चौराहा पर एक ज्वेलर्स को चांदी की एक पादुका 1500 रुपए में बेचने की बात कबूली। यह भी सामने आया कि चोरी करने से पहले उसने मंदिर की रेकी की थी। 28 नवंबर को सुबह 11.30 बजे अज्ञात चोर आनंद बाग की धूनी से चांदी की पादुकाएं चुरा ले गया था। यहां आने वाले भक्तों ने पुलिस को बताया था कि वह पहली बार यहां देखा गया था। इसी आधार पर सीसीटीवी फुटेज खंगाले। भक्तांे ने फुटेज के आधार पर उसे पहचान लिया। पुलिस ने 30 नवंबर को चोरी करने के आरोप मंे अरुण (30) पिता बंशीलाल सोलंकी निवासी रेवाबाग थाना नाहर दरवाजा को पकड़ा। सख्ती से पूछताछ में उसने बताया कि उसने एक पादुका ज्वेलर्स देवेश (31) चंद्रशेखर जैन निवासी रामनगर सिविल लाइन को 1500 रुपए में बेची थी। एक उसके पास है। पुलिस ने दोनों पादुकाएं बरामद कर दोनांे को गिरफ्तार कर लिया है। एसपी पुनीत गेहलोद ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल लाइंस टीआई हितेश पाटिल को टीम बनाकर चोर को तुरंत पकड़ने के आदेश दिए थे। टीआई पाटिल का कहना है कि ज्वेलर्स के खिलाफ चोरी का माल खरीदने की धाराआंे में केस दर्ज किया गया है। चोरी के आरोपी अरुण के खिलाफ जितेंद्र शर्मा निवासी आनंद बाग की रिपोर्ट पर मामला दर्ज किया गया है। आरोपी मजदूरी करता है। दो छोटी चांदी की पादुकाएं थी, जिनको वह निकालकर जेब में रखकर ले गया था। बाइक से आया था। कोर्ट में पेश किया गया है। जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है।
प्रदेश में पिछले एक साल में अपराध के आंकड़े बदल गए हैं। दुष्कर्म के मामले में वर्ष 2023 के आंकड़ों में राजस्थान भले ही पहले नंबर पर हाे मगर गत साल की तुलना करें ताे अक्टूबर माह तक दस माह में प्रदेश में दुष्कर्म के 20 प्रतिशत मामले कम हाे गए। प्रदेश में गत वर्ष अक्टूबर माह तक दस माह में दुष्कर्म के कुल 4345 मामले दर्ज हुए। वहीं इस साल 3463 मामले सामने आए। जाे गत वर्ष की तुलना में 882 मामले कम हैं। यानी की गत वर्ष की तुलना में करीब 20 प्रतिशत कम हैं। महानिदेशक पुलिस की सख़्ती, निगरानी की आधुनिक व्यवस्था और नवीन कानूनों पर आधारित रणनीति ने बड़े अपराधों पर ब्रेक लगाने का काम किया है। इसी के चलते गत साल की तुलना में कुल अपराध मेंं भी करीब 24 हजार केस कम हुए हैं यानी की 13 प्रतिशत की कमी आई है। दुष्कर्म से लेकर महिला अत्याचार तक लगातार गिरते आंकड़े बता रहे हैं कि पुलिस की सख्ती अब असर दिखा रही है। सख्त मॉनिटरिंग, टेक्नोलॉजी का दिखा असर, इस साल 1.63 लाख केस दर्ज हुए लूट के मामले 46% तक कमगत वर्ष की तुलना में लूट के मामलों में रिकॉर्ड 46% की कमी आई है। 2024 में अक्टूबर माह तक लूट के 1619 मामले आए थे। इस वर्ष केवल 872 केस दर्ज हुए। यानी की गत वर्ष हर दिन औसत चार से पांच लूट की वारदातें होती थी। वहीं इस साल औसतन दाे से तीन वारदात हाे रही है। कुल अपराधों में 13% कम गत साल की तुलना में इस साल कुल अपराधों में 13 प्रतिशत की कमी रही। गत साल दस माह में 1.87 लाख मामले दर्ज हुए। वहीं इस साल केवल 1.63 लाख 63 मामले सामने आए। इस तरह से कुल अपराधों में भी 23 हजार 948 मामले कम सामने आए। जाे कुल अपराध का करीब 13 प्रतिशत कम हैं। गैंगरेप के 39% केस कम इस साल नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के पॉक्सो मामलों में 13 प्रतिशत की कमी रही। गत वर्ष 436 मामले सामने आए थे। इस साल 380 केस आए। जबकि पॉक्सो एक्ट के मामलों में 39% प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। 2024 में पॉक्सों के कुल 1912 मामले सामने आए। वहीं इस साल 2676 मामले दर्ज हुए। महिला अत्याचार के 647 मामले कम सामने आए गत वर्ष अक्टूबर तक महिला अत्याचार के 33797 मामले आए। इस साल अब तक 33,150 मामले दर्ज हुए। इस साल 647 मामले कम सामने आए। जाे गत वर्ष की तुलना में करीब 2% कम हैं। सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप अपराधियों पर नियंत्रण के लिए नियमित मॉनिटरिंग हो रही है। तकनीक ने इस दिशा में प्रभावी काम किया है। -राजीव शर्मा, डीजीपी
संसद में सोमवार से शीतकालीन सत्र (विंटर सेशन) की शुरुआत हो रही है। लोकसभा और राज्यसभा में कार्यवाही 11 बजे शुरू होगी। शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा। 19 दिन में सत्र में 15 बैठकें होंगी। इस दौरान एटॉमिक एनर्जी बिल समेत 10 नए बिल पेश हो सकते हैं। सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में 7 राज्यों में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर हंगामा हो सकता है। विपक्ष लगातार SIR को लेकर सरकार पर हमलावर है। SIR के काम में लगे BLO की मौतों का मुद्दा भी उठ सकता है। आरोप है अधिक दबाव के कारण BLO खुदकुशी कर रहे हैं या उनकी मौत हो रही है। इधर बिहार चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली NDA की रिकॉर्ड जीत के बाद विपक्ष एक बार फिर वोट चोरी का मुद्दा उठा सकता है। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी लगातार मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयोग पर हमलावर हैं। संभावना जताई जा रही है कि विपक्ष इस सत्र में CEC ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग भी ला सकता है। उधर इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ चल रहे महाभियोग को लेकर बनाई गई स्पेशल कमेटी भी अपनी रिपोर्ट रखेगी। जस्टिस वर्मा के बंगले पर बने सर्वेंट क्वार्टर से 14 मार्च को जले हुए नोट बरामद हुए थे। इसके अलावा सरकार दिल्ली में 10 नवंबर को हुए ब्लास्ट को लेकर भी चर्चा हो सकती है। विपक्ष नेशनल सिक्योरिटी का मुद्दा उठा सकता है। वहीं, राहुल और सोनिया गांधी पर नेशनल हेराल्ड केस में दर्ज नई FIR और दिल्ली में प्रदूषण और नए लेबर लॉ को लेकर भी हंगामे के आसार हैं। 30 नवंबर: सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई शीतकालीन सत्र से पहले रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। इस मीटिंग में विपक्ष के सभी सीनियर लीडर शामिल हुए। इस दौरान पार्लियामेंट्री अफेयर्स मिनिस्टर किरेन रिजिजू ने कहा- हम विपक्षी पार्टियों की बात सुनेंगे। यह विंटर सेशन है, हम उम्मीद करते हैं कि सब लोग ठंडे दिमाग से काम करेंगे और गरमागरम बहस से बचेंगे। उन्होंने कहा, पार्लियामेंट में एक सार्थक चर्चा होगी, कोई डिस्टरबेंस नहीं होगा। अगर हम ठंडे दिमाग से काम करेंगे, तो यह देश के लिए फायदेमंद होगा और पार्लियामेंट सेशन आसानी से चलेगा। SIR मुद्दे पर रिजिजू ने कहा- मैं यह नहीं कह सकता कि हम चर्चा के लिए कौन से मुद्दे लाएंगे। इलेक्शन कमीशन अपना काम करता है। मैं इलेक्शन कमीशन का स्पोक्सपर्सन नहीं हूं। शीतकालीन सत्र में 10 नए बिल पेश होंगे संसद के शीतकालीन सत्र में 10 नए बिल पेश होंगे। लोकसभा बुलेटिन में शनिवार (22 नवंबर) को इसकी जानकारी दी गई थी। इनमें सबसे अहम एटॉमिक एनर्जी बिल है, जिसके तहत पहली बार निजी कंपनियों (भारतीय और विदेशी) को न्यूक्लियर पावर प्लांट लगाने की अनुमति देने का प्रस्ताव है। फिलहाल देश में सभी परमाणु संयंत्र सरकार के नियंत्रण वाली कंपनियां जैसे NPCIL ही बनाती और चलाती हैं। बिल पास होने पर निजी क्षेत्र को भी न्यूक्लियर पावर प्रोडक्शन में प्रवेश मिलेगा। सत्र में आने वाला दूसरा बड़ा बिल ‘हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया’ बिल होगा। इसमें UGC, AICTE और NCTE जैसे अलग-अलग रेगुलेटरी संस्थानों को खत्म करके एक ही राष्ट्रीय कमीशन बनाने की योजना है। सरकार का कहना है कि इससे उच्च शिक्षा व्यवस्था अधिक सुगम और प्रभावी होगी। अहम बिल जो पेश होंगे, उनसे क्या बदलाव मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग ला सकता है विपक्ष संसद के शीतकालीन सत्र में I.N.D.I.A. ब्लॉक मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग ला सकता है। मानसून सत्र के दौरान 18 अगस्त को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आवास पर I.N.D.I.A. ब्लॉक की बैठक हुई थी। बैठक के बाद कांग्रेस, TMC, सपा, DMK, राजद समेत 8 विपक्षी दलों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें TMC महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा था- संसद के मौजूदा सत्र (मानसून सत्र) में 3 दिन बाकी हैं। महाभियोग लाने के लिए 14 दिन पहले नोटिस देना जरूरी है। CEC के रवैये को देखते हुए हम अगले सत्र (शीतकालीन सत्र) में नोटिस देंगे। दरअसल राहुल गांधी चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप में अब तक तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस (4 नवंबर, 18 सितंबर, 7 अगस्त) कर चुके हैं। उन्होंने आयोग को मोदी सरकार की “B टीम” भी कहा था। भाजपा के साथ वोट चोरी करने का आरोप लगाया था। जस्टिस वर्मा महाभियोग के तहत हटाए जा सकते हैं कैश कांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ संसद के इस सत्र में महाभियोग की प्रक्रिया पूरी हो सकती है। मानसून सत्र में उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश हुआ था, फिर सत्र के दौरान ही 12 अगस्त को लोकसभा में स्पीकर ओम बिरला ने महाभियोग प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। स्पीकर ने जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी का ऐलान किया था। इसमें सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के 1-1 जज और 1 कानूनविद शामिल हैं। शीतकालीन सत्र में जांच समिति की अपनी रिपोर्ट रखेगी। अगर जस्टिस वर्मा पर आरोप साबित होते हैं तो संसद में वोटिंग के लिए महाभियोग प्रस्ताव पेश होगा। प्रस्ताव के समर्थन में अगर दो तिहाई वोट पड़ेंगे तो प्रस्ताव पास हो जाएगा और राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए जाएगा। हालांकि, आशंका जताई जा रही है कि जांच समिति की रिपोर्ट में आरोप तय हुए तो जस्टिस वर्मा खुद इस्तीफा दे सकते हैं। मानसून सत्र- धनखड़ का इस्तीफा, बिहार SIR पर हंगामा संसद में 21 अगस्त से 21 जुलाई तक मानसून सत्र था। पूरे सत्र में कुल 21 बैठकें हुईं। लोकसभा में 120 घंटे चर्चा का समय तय था सिर्फ 37 घंटे ही चर्चा हो सकी। वहीं राज्यसभा में 41 घंटे चर्चा हुई। इस दौरान लोकसभा में 12 बिल और राज्यसभा में 15 बिल पास हुए। सबसे चर्चित बिल गिरफ्तार पीएम-सीएम और मंत्रियों को हटाने वाला संविधान संशोधन बिल रहा। इसे जेपीसी के पास भेजने का प्रस्ताव पारित हुआ। सत्र की शुरुआत राज्यसभा के उपसभापति जगदीप धनखड़ के बीच सत्र में इस्तीफे के साथ हुई। पूरे सत्र के दौरान विपक्ष ने बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा और विरोध प्रदर्शन किया, जिससे कार्यवाही नहीं हो सकी। 28 और 29 जुलाई को ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा हुई जिसका समापन पीएम मोदी के जवाब के साथ हुआ। 18 अगस्त को देश के सफल अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों पर विशेष चर्चा शुरू हुई लेकिन बेनतीजा रही। लोकसभा में 419 प्रश्न एजेंडे में रखे गए थे लेकिन विपक्ष के हंगामे के कारण सिर्फ 55 प्रश्नों का ही उत्तर दिया जा सका। वहीं, राज्यसभा में 285 प्रश्न एजेंडे में रखे गए लेकिन 14 प्रश्न का जवाब दिया जा सके। मानसून सत्र की 3 महत्वपूर्ण घटनाएं... 21 जुलाई: राज्यसभा में जगदीप धनखड़ का उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अचानक देश के 14वें उपराष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया था। 74 साल के धनखड़ का कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था। बीच सत्र में इस्तीफा देने वाले धनखड़ पहले उपराष्ट्रपति हैं। पूरी खबर पढ़ें... 22 जुलाई: विपक्ष का पहले से आखिरी दिन तक बिहार SIR पर हंगामा मानसून सत्र के दूसरे दिन 22 जुलाई को लोकसभा और राज्यसभा विपक्ष ने बिहार SIR को लेकर हंगामा किया। सांसदों ने सदन के अंदर और बाहर विरोध किया। ये विरोध प्रदर्शन पूरे सत्र के दौरान जारी रहा जिससे दोनों सदन में पूरे दिन की कार्यवाही नहीं हो सकी। पूरी खबर पढे़ं... 29 जुलाई: ऑपरेशन सिंदूर 16 घंटे चर्चा, PM मोदी और राहुल गांधी के बीच तीखी बहस लोकसभा में 29 जुलाई को ऑपरेशन सिंदूर पर 16 घंटे लंबी बहस हुई। पीएम मोदी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी इसमें हिस्सा लिया। राहुल गांधी ने 36 मिनट की स्पीच में कहा, 'अगर दम है तो प्रधानमंत्री यहां सदन में यह बोल दें कि वह झूठ बोल रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में 16 घंटे से ज्यादा बहस चली।' पीएम मोदी ने एक घंटा 40 मिनट की स्पीच में ट्रम्प का नाम लिए बिना कहा, 'ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दुनिया में किसी भी देश ने भारत को अपनी सुरक्षा में कार्रवाई करने से रोका नहीं है।' पूरी खबर पढ़ें... पिछले शीतकालीन सत्र में 4 बिल पेश किए गए थे पिछला शीतकालीन सत्र 25 नवंबर 2024 से 20 दिसंबर 2024 तक चला था। पूरे सत्र में कुल 20 बैठकें हुईं। दोनों सदन (लोकसभा और राज्यसभा) में लगभग 105 घंटे कार्यवाही चली। सत्र के दौरान लोकसभा की प्रोडक्टिविटी 57.87%, राज्यसभा में 41% रही। सदन में कुल चार बिल पेश किए गए। हालांकि, कोई पारित नहीं हो सका। सबसे चर्चित एक देश, एक चुनाव के लिए पेश हुआ 129वां संविधान (संशोधन) बिल रहा।
मुख्य रास्ते पर कचरा व झूठन फेंकने से रहवासी परेशान
भूलगांव| देश को स्वच्छ बनाने कई प्रयास हो रहे, लेकिन ग्राम पंचायत स्वच्छता अभियान की धज्जियां उड़ा रही है। यहां मुख्य रास्ते पर रोजाना फेंका जा रहा कचरा व झूठन अब ग्रामीणों के लिए समस्या बन गया है। इससे न केवल बदबू फैल रही बल्कि मच्छरों व मक्खियों का प्रकोप बढ़ रहा। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर खतरा बढ़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा कई बार पंचायत सचिव व सरपंच से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। पंचायत सफाई भी नहीं करवाती है। कचरा उठाने की व्यवस्था भी ठीक से नहीं की है। कुछ लोग तो दिन में ही खुले में कचरा फेंक देते हैं। इससे स्कूली बच्चों व लोगों का आवागमन दूभर हो रहा है। ग्रामीणों ने मांग की कि पंचायत जल्द सफाई व्यवस्था दुरुस्त करें। कचरा गाड़ी व डस्टबिन की व्यवस्था करें। साथ ही खुले में कचरा फेंकने वालों पर सख्त कार्रवाई करें। पंचायत ने इस दिशा में जल्द कदम उठाने की बात कही।
खलघाट टोल गेट पर राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ का चक्काजाम आज
भास्कर संवाददाता| लोनारा/निमरानी राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ धार, बड़वानी, खरगोन व खंडवा के किसानों ने सोमवार को खलघाट में टोल गेट पर चक्काजाम की योजना बनाई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार कक्का, प्रांतीय संगठन मंत्री गोपाल पाटीदार, खरगोन जिलाध्यक्ष किशोर पाटीदार, निमाड़ प्रांतीय अध्यक्ष जगदीश यादव सहित धार, बड़वानी व खंडवा जिलों के अध्यक्षों व किसानों के शामिल होने की संभावना है। पदाधिकारियों का कहना है कि इस आंदोलन का उद्देश्य किसान हित में सरकार पर निर्णय लेने के लिए दबाव बनाना है। इस आंदोलन को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड पर है। प्रशासन ने टोल गेट पर धारा 144 लागू कर दी है। साथ ही आवागमन को सुचारू रखने के लिए रूट भी डायवर्ट किया है। लेकिन एबी रोड पर कुछ देर के लिए भी यातायात रूकता है तो लोगों को जाम का सामना करना पड़ सकता है। पिछले दिनों संजय सेतु पुल के मेंटेनेंस के चलते थोड़ी ही देर में यहां वाहनों की लंबी कतार लग गई थी। क्योंकि यह क्षेत्र बड़वानी, धार व खरगोन जिले से जुड़ा हुआ है। 100 से अधिक जवानों ने संभाला मोर्चा स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए प्रशासन ने निमरानी बायपास, बलखड़ रोड, चिचली रोड, भोइंदा रोड, बामंदी रोड व बड़वानी जिले से आने वाले वाहनों के लिए बाहर से ही रूट डायवर्ट किया है। सभी प्रमुख मार्गों पर बैरिकेड लगाए हैं। 100 से ज्यादा पुलिस जवानों ने एक दिन पहले रविवार से ही मोर्चा संभाल लिया है। सोमवार को ड्रोन से निगरानी भी की जाएगी। रविवार को बलकवाड़ा टीआई रितेश यादव ने क्षेत्र के किसानों से गांव-गांव जाकर चर्चा की। टीआई ने बताया सभी से शांति बनाए रखने के लिए कहा जा रहा है। उम्मीद है सभी लोग प्रशासन का सहयोग करेंगे। वहीं प्रशासन ने लोगों से कहा वैकल्पिक मार्ग का उपयोग करें और अनावश्यक रूप से आंदोलन स्थल की ओर न जाए।
भागवत कथा सुनने जा रहे ग्रामीण
बोरावां| ग्राम भट्याण बुजुर्ग में पं. कमल किशोर नागर जी की भागवत कथा जारी है। बड़ी संख्या में गांव के श्रद्धालु भी कथा सुनने पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं ने बताया नर्मदा तट व संत सियाराम बाबा की तपोस्थली होने से यहां कथा श्रवण का कई गुना लाभ मिलने के साथ आनंद आ रहा है। महिलाएं भी रोजाना संत सियाराम बाबा के जयकारे लगाते व भजन गाते कथा सुनने जा रही है।
प्रदेश में चुनाव समय पर नहीं हाेने से केंद्र ने प्रोजेक्टों के 3000 करोड़ रुपए रोक लिए हैं। फंड नहीं मिलने से विकास और सफाई जैसे काम बंद हो गए हैं। काम न होने पर सरकार ने 100 से अधिक पंचायतों में प्रशासकों पर एक्शन लिया है और 25 को बर्खास्त कर दिया है। इधर, सरपंच संघ का दावा है कि 200 प्रशासकों पर कार्रवाई हुई है। प्रदेश काे डेढ़ साल से कई प्रोजेक्टों के लिए केंद्र से मिलने पैसा नहीं आया है। प्रदेश में 13 जनवरी से पंचायतों में प्रशासक लगाए गए थे। अब एक साल गुजर जाने के बाद भी ये प्रशासक हैं। इधर, सरकार वन स्टेट वन इलेक्शन की मंशा जाहिर कर चुकी है और राज्य निर्वाचन आयोग भी दिशा में काम कर रहा है। हाईकोर्ट ने चुनाव जल्द कराने की दिशा में दिशा-निर्देश दे रखे हैं। हालांकि एसआईआर से पहले चुनाव संभव नहीं है। ओबीसी प्रतिनिधितित्व आयोग की रिपोर्ट भी आनी है। ऐसे में मई-जून तक पंचायत और निकाय चुनाव के आसार दिख रहे हैं। भास्कर इनसाइट- पंचायत चुनाव नहीं होने से केंद्र ने 3000 करोड़ रु. का फंड रोका विभागीय सूत्रों का दावा है वित्त आयोग द्वारा फंड रोके जाने के पीछे पंचायती राज चुनाव नहीं होने को कारण माना जा रहा है। केंद्रीय वित्त आयोग की स्पष्ट गाइड लाइंस है कि जो राज्य समय पर पंचायत चुनाव नहीं कराते हैं, उन्हें फंड जारी नहीं होगा। चुने हुए जनप्रतिनिधि ही ग्राम पंचायत की धुरी हैं। ऐसे में जब चुनाव ही नहीं हुए तो बजट क्यों जारी करें। केंद्रीय वित्त आयोग से वित्तीय वर्ष 2024-25 की पहली किस्त 1300 करोड़ की जून-जुलाई में आनी थी, जबकि 1800 करोड़ की दूसरी किस्त नवंबर में राज्य सरकार को मिलनी थी। वित्त आयोग यह राशि जनसंख्या के हिसाब से देता है। ऐसे में यह राशि घटती-बढ़ती रहती है। केंद्र सरकार ने टाइड और अनटाइड फंड के तहत राज्य को दिए जाने वाली 3 हजार करोड़ रुपए का राशि एक रुपया भी राजस्थान को नहीं दिया है। असर...पानी और सफाई जैसे काम बंद
राजस्थान में अब सर्दी फिर से बढ़ने लगी है। रविवार को प्रदेश के कई शहरों में रात का न्यूनतम तापमान 1 से 3 डिग्री तक गिर गया। सीकर, अलवर, चूरू, श्रीगंगानगर समेत कुछ शहरों में कल (30 नवंबर) न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे यानी सिंगल डिजिट में पहुंच गया। सबसे कम तापमान रविवार को बीकानेर के पास लूणकरणसर में दर्ज हुआ। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, सोमवार और मंगलवार को राज्य में इसी तरह का मौसम रहने का अनुमान है। 3 दिसंबर से राज्य के कुछ शहरों में शीतलहर का दौर शुरू होगा, जिसके चलते शेखावाटी के जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के कई शहरों में आसमान में हल्की धुंध छाई रही, जिससे धूप कमजोर रही। जयपुर, अजमेर, सीकर, नागौर, बाड़मेर, जोधपुर समेत कई शहरों में रविवार को धूप कमजोर रहने से दिन में भी ठंडक का असर रहा। रविवार को बाड़मेर में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जोधपुर में अधिकतम तापमान 29.4, फलोदी में 27.2, जैसलमेर में 26.9, उदयपुर में 27.4, कोटा में 27.4, जयपुर में 26, अजमेर में 25.7, बीकानेर में 26.6 और चूरू में 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। श्रीगंगानगर में अधिकतम तापमान 25.7, चित्तौड़गढ़ में 28.6, सीकर में 25.5, अलवर में 25, भीलवाड़ा में 27.4, वनस्थली (टोंक) में 26.2, हनुमानगढ़ में 27.1, जालौर में 29.4, बारां में 26.7 और सिरोही में 22.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। रात में सर्दी बढ़ी, पारा 10 डिग्री से नीचे आयाकुछ दिनों तक सीकर, पिलानी (झुंझुनूं), झुंझुनूं समेत कुछ शहरों में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव और उत्तरी हवाओं के कमजोर पड़ने से न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज हो रहा था। रविवार को यहां तापमान में बड़ी गिरावट हुई। सीकर में न्यूनतम तापमान (2.5 डिग्री गिरकर) 9 डिग्री सेल्सियस, श्रीगंगानगर में (2 डिग्री गिरकर) 7.3, अलवर में (1.5 डिग्री गिरकर) 9.5, पिलानी में (1.5 डिग्री गिरकर) 8.5, बीकानेर में (3.5 डिग्री गिरकर) 10.8 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज हुआ। कल सबसे कम न्यूनतम तापमान लूणकरणसर में 5.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। 3 दिसंबर से शीतलहर चलने का अलर्टमौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि एक पश्चिमी विक्षोभ अभी उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों पर सक्रिय है। इसके कारण अभी उत्तरी हवाएं कमजोर हैं। यह सिस्टम 2-3 दिसंबर तक सक्रिय रहेगा। इस सिस्टम के आगे जाने के बाद उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों से फिर बर्फीली हवाएं चलेंगी, जिससे राजस्थान सहित अन्य मैदानी राज्यों (हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश) में सर्दी तेज होगी और कई शहरों में शीतलहर चलने लगेगी। राजस्थान के झुंझुनूं और सीकर जिलों में 3 और 4 दिसंबर को शीतलहर चलने का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान राज्य के तापमान में और गिरावट देखने को मिलेगी। प्रदेश के प्रमुख शहरों का तापमान
जल जीवन मिशन घोटाले का मामला:पहली बार...जलदाय विभाग में 2 दिन कैंप लगा 140 अफसरों को चार्जशीट दी
जल जीवन मिशन घोटाले में 55 करोड़ रुपए एडवांस पेमेंट करने वाले 110 इंजीनियरों सहित 140 अफसरों को सरकार ने चार्जशीट दी है। इन अफसरों को चार्जशीट देने के लिए दो दिन स्पेशल कैंप भी लगाया गया। इस दौरान सभी के मोबाइल बंद करा दिए गए थे। पहली बार है कि जब चार्जशीट देने के लिए कैंप लगाए गए। कैंप में जयपुर ग्रामीण, कोतपूतली-बहरोड़, दौसा, अलवर , नीमकाथाना और झुंझुनूं के एडिशनल चीफ इंजीनियर, अधीक्षण अभियंता व एक्सईएन स्तर के अधिकारियों को मुख्यालय बुलाया गया। प्रोसेस पूरा करने के बाद चार्जशीट दी गई। गौरतलब है कि मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास ने आरोपियों की चार्जशीट तत्काल कार्मिक विभाग (डीओपी) भेजने के निर्देश दिए थे। जेजेएम में बिना काम के ही जलदाय विभाग के इंजीनियरों ने मिलीभगत कर ठेकेदारों (मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी व मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी) को 55 करोड़ रुपए से ज्यादा का एडवांस पेमेंट कर दिया। पूर्व मुख्य सचिव सुधांश पंत ने भी चार्जशीट देने के निर्देश दिए थे, लेकिन एक साल से चार्जशीट पेंडिंग चल रही थी। 15 एक्सईएन, 10 एईएन और 50 जेईएन आरोपी फर्जी पेमेंट के मामले में 15 एक्सईएन, 40 एईएन और 50 जेईएन को कारण बताओ नोटिस थमाए गए थे। एक साल में 140 अफसरों और इंजीनियर्स में से सिर्फ 50 की ही चार्जशीट डीओपी पहुंची, बाकी 90 अफसरों की चार्जशीट विभाग में घूम रही है। प्रदेश में पहली बार ऐसा हो रहा है, जहां एक ही घोटाले में 140 अफसरों को चार्जशीट बनाने के लिए स्पेशल कैंप लगाना पड़ा। दूसरी ओर, अलवर एनसीआर के अधीक्षण अभियंता (एसई) धर्मवीर यादव का कहना है कि सभी इंजीनियरों को जल जीवन मिशन से जुड़े रिकॉर्ड लेकर जयपुर बुलाया गया था। हमनें अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंप दी है। 58 साल में पहली बार ऐसी कार्रवाई जलदाय विभाग का गठन 58 साल पहले 1 जुलाई 1967 शनिवार को हुआ था। सरकार ने 40 पन्नों का राजपत्र जारी कर विभाग के अधिनियम का पूरा चिट्ठा अंकित किया गया। इसमें विभाग की योजनाएं में गड़बड़ी करने वाले इंजीनियर्स पर कार्रवाई का उल्लेख था। तब से अब तक जलदाय महकमे में इंजीनियर्स ने गड़बड़ी की तो, उन्हें नोटिस थमाकर जवाब मांगा और संतुष्ट जवाब नहीं मिलने पर चार्जशीट थमाकर कार्रवाई की। लेकिन विभाग के 58 साल के इतिहास में पन्ने पलटकर देखते हैं तो विभाग में आज तक इतनी बड़ी कार्रवाई नहीं हुई, जो अब हो रही है। पहली बार ही हो रहा है कि जब किसी विभाग में अफसरों को चार्जशीट के लिए स्पेशल कैंप लगाना पड़ा। अब तक एक साथ जेजेएम में केवल 10 चार्जशीट एक साथ दी गई थी। गड़बड़ी करने वालों में सिर्फ दो फर्मों की ही जांच, अन्य से दूरी बनाई जेजेएम में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र से काम लेने वाली मैसर्स श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी व मैसर्स श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी पर एसीबी व ईडी ने कार्यवाही की थी। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि विवादित ठेकेदार फर्मों को बिना कार्य के ही 70 से 90 प्रतिशत तक पेमेंट किया गया, जबकि पाइप भी मौके पर नहीं नहीं मिले। वहीं उदयपुर ग्रामीण व बांसवाड़ा डिविजनों में कार्रवाई नहीं की गई है। यहां पर जेजेएम में पाइपलाइन डालने व टंकियां में कम लोहे- घटिया कंक्रीट का फर्जीवाड़ा और फोटोकॉपी बिलों पर ही करोड़ों रुपए का पेमेंट होने के गंभीर मामलों की शिकायत के बाद भी कई सबडिवीजनों में कार्रवाई नहीं हो पाई है। कई डिविजनों में टीपीआईए की आपत्तियों के बावजूद ठेकेदारों को पेमेंट कर दिया।
उत्तर पश्चिम रेलवे ने दिसंबर माह में बढ़ते यात्री दबाव को देखते हुए जोधपुर मंडल की 17 जोड़ी नियमित व साप्ताहिक ट्रेनों में अस्थायी रूप से 43 अतिरिक्त डिब्बे लगाने का निर्णय लिया है। यह व्यवस्था 1 से 31 दिसंबर की अवधि के लिए रहेगी, जिससे भीड़भाड़ वाली ट्रेनों की प्रतीक्षा सूची में कमी आने और अधिक यात्रियों को कंफर्म बर्थ मिलने की संभावना बढ़ेगी। जोधपुर डीआरएम अनुराग त्रिपाठी के अनुसार भीड़ वाले रूटों पर यात्रा सुविधा बढ़ाने के उद्देश्य से अलग-अलग श्रेणी के कोच जोड़े जा रहे हैं। इनमें फर्स्ट मय सेकंड एसी, थर्ड एसी, स्लीपर और जनरल श्रेणी के डिब्बे शामिल हैं, जिन्हें मांग और उपलब्धता के अनुसार ट्रेनों में अस्थायी तौर पर लगाया जाएगा। डीआरएम त्रिपाठी के अनुसार विभिन्न श्रेणियों के डिब्बे जोड़ने से हर श्रेणी के अतिरिक्त यात्रियों को बैठने की सुविधा मिलेगी। देखें किस ट्रेन में किस श्रेणी के कितने डिब्बे बढ़ रहे – यात्रियों को क्या फायदा यह अस्थायी सुविधा रेलवे द्वारा यात्रियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दी जा रही है, जिससे यात्रा अनुभव बेहतर हो सकेगा।
जरूरतमंदों की सामाजिक सुरक्षा वाली पेंशन योजना खुद ही असुरक्षित है। सिस्टम ऐसा है कि लाभार्थी की मृत्यु, पुनर्विवाह के बाद भी खातों में पेंशन जारी होती रहती है। पेंशन आवेदन से जारी करने तक का जिम्मा ब्लॉक विकास अधिकारियों का है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग इसकी मॉनिटरिंग करता है, लेकिन दोनों ही विभागों में तालमेल नहीं है। लाभार्थी का सालाना वेरिफिकेशन तो किया जाता है, लेकिन मृत्यु के बाद अगले साल तक वेरिफिकेशन होने तक पेंशन जारी होती रहती है। ऐसा कोई सिस्टम नहीं है कि लाभार्थी की मृत्यु के बाद से ही पेंशन जारी होना बंद हो जाए। पिछले 2 वित्तीय वर्षों में जालोर, पाली व सिरोही जिलों के करीब 30 हजार पेंशनरों को 28.88 करोड़ रुपए की पेंशन बिना किसी वेरिफिकेशन के जारी कर दी गई। इनमें कई ऐसे पेंशनर भी हैं जिनकी मौत हो चुकी है, तो कई विधवा दोबारा शादी कर चुकी हैं। मई 2024 में रिकवरी के आदेश जारी किए गए, लेकिन रिकवरी किससे करनी है यह विभाग को पता ही नहीं। ऐसे पेंशनरों की सूची विभाग के पास नहीं है जिनकी मृत्यु हो चुकी है या कोई विधवा महिला पुनर्विवाह कर चुकी है। 2 साल में जयपुर के 22649 पेंशनरों के खाते में 24.21 करोड़ रु. का भुगतान हो गया... यह प्रदेश में सबसे ज्यादा केस 1. रानीवाड़ा के सूरजवाड़ा की चूनी देवी की 2022 में मौत। लेकिन 2024 तक कुल 19 हजार रुपए अतिरिक्त वृद्धावस्था पेंशन जारी हो चुकी है। केस 2. बागोड़ा में कूका की सोमारी देवी को जून 2013 से मुख्यमंत्री वृद्धावस्था सम्मान पेंशन मिल रही। 2022 में मृत्यु के बाद 2024 तक खाते में 50 हजार 250 रुपए अतिरिक्त पेंशन जारी हुई। केस 3. सायला में तिलोडा की गंगा देवी मार्च 2013 से विधवा पेंशन व एकलनारी पेंशन ले रही। 2022 में मृत्यु के बाद भी एकलनारी पेंशन के 35 और विधवा पेंशन के 17 हजार 500 रुपए जारी। केस 4. हरचंद को वर्ष 2014 से पेंशन का लाभ मिल रहा था। वर्ष 2022 में मृत्यु के बाद भी पेंशन मिलती रही। कुल 11 हजार अतिरिक्त पेंशन जारी। वर्ष 2024 की ऑडिट में खुलासा हुआ कि राज्य के 3.12 लाख लाभार्थियों ने 318 करोड़ रुपए की फर्जी पेंशन उठाई। ये लाभार्थी या तो मृत थे या पुनर्विवाह कर चुके थे। रजिस्ट्रेशन और ई केवायसी की अनिवार्यता लागू नहीं की। रिकवरी में फेल : दो वित्तीय सालों में विभाग सिर्फ ₹3.01 करोड़ ही निकाल पाया। परिजन पैसा लौटाने को तैयार नहीं हैं। विधवा पेंशन ले रही कई महिलाएं पुनर्विवाह कर चुकीं हैं। जालोर में अभी भी 9.60 करोड़, पाली में 11.56 करोड़ और सिरोही में 4.70 करोड़ की वसूली बाकी है। विभाग का रिकवरी सिस्टम क्यों फेल? सत्यापन सिस्टम में ही भारी गड़बड़ीवेरिफिकेशन साल में सिर्फ एक बार होता है। यदि पेंशनर की मृत्यु जीवित प्रमाण पत्र जमा होने के 1 माह बाद होती है, तो अगले साल फिर प्रमाण पत्र जमा कराने तक उसके खाते में पेशन जारी होती रहेगी। बैंक, मृत्यु की जानकारी मिलने पर बाद में आई रकम होल्ड कर विभाग को भेजती है।
पंजाब के सिद्धू मूसेवाला की हवेली से एक वीडियो सामने आया है, जिसने लाखों दिलों को फिर से धड़का दिया है। दिवंगत पंजाबी स्टार सिद्धू मूसेवाला के छोटे भाई छोटा शुभदीप का एक वीडियो सोशल मीडिया पर धमाल मचा रहा है।छोटा शुभदीप का पहली वीडियो से करीब दो महीने बाद सिद्धू के पिता बलकौर सिंह ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया और देखते ही देखते इंटरनेट पर छोटा सिद्धू नाम की ही धूम मच गई। रील शेयर करते हुए पिता बलकौर सिंह ने पंजाबी में लिखा: ਲੰਮੇ ਪੈਡੇ ਨੇ,ਥੱਕਣਾ ਕਿਉ ਰੱਬ ਪਰਖਦਾ,ਅੱਕਣਾ ਕਿਉ (रास्ते लंबे हैं,तो थकना क्यों भगवान परखता है इसलिए रुकना क्यों) ट्रैक्टर की ड्राइविंग वीडियो में छोटा शुभदीप हरे रंग के छोटे ट्रैक्टर पर बैठा है। ट्रैक्टर के आगे लगी बड़े सिद्धू मूसेवाला की तस्वीर है, जिसे देखकर फैंस भावुक हो उठे। ऐसा लग रहा है कि जैसे समय थोड़ी देर के लिए पलट गया हो और लोगों को एक बार फिर अपना सिद्धू दिखाई दे गया हो। वीडियो में कई पल देखने को मिले पहले शॉर्ट में नजर आया कि छोटा शुभदीप हरे रंग के छोटे ट्रैक्टर पर बैठा है। दूसरी जगह वो पेड़ों के बीच खेलते,हंसते, भागते हुए नज़र आए। वही इस पूरी वीडियो में बैकग्राउंड में चल रहे सिद्धू मूसेवाला के गीत ने इस छोटे-से वीडियो को और भी भावुक बना दिया। फैंस ने कर दी कमेंट्स की बरसात जैसे ही वीडियो अपलोड हुआ कमेंट सेक्शन पूरी तरह भर गया। हजारों फैंस ने वही पुराना प्यार दिखाया । कुछ लोगों ने कमेंट किया तबाही पर तबाही कभी नया गाना कभी छोटा सिद्धू की रील जल्दी वड्डा हो पुत्त मरन तो पहलां इक वार सिद्धू नूं फेर देखना ऐ। वड्डे ने हैटरां दे नाक च दम किता सी हुण छोटा वी आ गया। बा कमाल lyrics,बा कमाल आवाज़ पूरी टीम ने दिल जीत लिया। जिन्होंने यह गीत बनाया उन्हें सलाम सिद्धू भाई की याद ताज़ा हो गई। बलकौर सिंह का पोस्ट वीडियो सिर्फ एक रील नहीं यह सिद्धू मूसेवाला की विरासत का जारी रहना है। बलकौर सिंह के चेहरे की मुस्कान में जहां अपने छोटे बेटे की खुशी है वहीं कहीं गहरे भीतर बड़े बेटे की याद भी।और फैंस वो छोटे शुभदीप में अपने लाडले सिद्धू की झलक साफ देख रहे हैं। रील पर बरसा फैंस का प्यार सिर्फ एक दिन में इस रील ने हर तरफ धूम मचा दी।आँकड़े खुद बता रहे हैं कि फैंस ने छोटे सिद्धू पर कितना प्यार लुटाया जिसमे 1.3 मिलियन लाइक्स, 53.6K कमेंट,24.1K दुबारा शेयर और 61.9K शेयर हुए यह वीडियो सिर्फ वायरल नहीं हुआ यह भावनाओं की लहर बनकर हर दिल तक पहुँचा।
कैथल शहर के लोगों को अब जल्द ही सब्जी मंडी, कबूतर चौक और शहीद भगत सिंह चौक के पास लगने वाले जाम से छुटकारा मिलेगा। मार्केटिंग बोर्ड शहर की सब्जी मंडी को जींद रोड स्थित अतिरिक्त अनाज मंडी में शिफ्ट करेगा। इसके लिए बोर्ड की ओर से टैंडर जारी किया गया है। मंडी बनाने का कार्य भी शुरू किया जा चुका है। पहले एक एकड़ में है सब्जी मंडी शहर में जो पुरानी सब्जी मंडी है। वह काफी तंग है। करीब एक एकड़ में यह मंडी बनी हुई है। दूसरा यह शहर के बीचों-बीच है, जिससे शहर में जाम की स्थिति बनी रहती है। अब इसे शहर की अतिरिक्त अनाज मंडी में ही शिफ्ट किया जाएगा। यह करीब 11 एकड़ में बनेगी। पहले फेज में इसे छह एकड़ में बनाया जाएगा, जिसका टैंडर हो चुका है और काम चल रहा है। शैड व सड़कें बनेंगी मार्केटिंग बोर्ड कैथल के एक्सईएन सतपाल सिंह ने बताया कि नई बनने वाली मंडी में शुरुआत में एक फड़ बनाया जाएगा, जिसके ऊपर शैड भी बनाए जाएंगे। जो आंतरिक सड़कें हैं, वे भी सभी बनाई जाएंगी। इसके अलावा दुकानें और मंडी में काम के लिए आने वाले लोगों की सुविधा को देखते हुए अन्य प्रबंध किए जाएंगे। इस कार्य को अगले करीब छह महीने में पूरा कर लिया जाएगा। नई बनने वाली मंडी में दीवारें बनाने, मिट्टी भराई और रास्ते बनाने का कार्य जारी है। मौजूदा मंडी में रहता है जाम बता दें कि इस समय शहर की सब्जी मंडी कबूतर चौक के पास है, जो शहर का काफी व्यस्त क्षेत्र है। रोजाना हजाराें की संख्या में लोगों और वाहनों की यहां से आवाजाही होती है। इससे शहर में जाम की स्थिति बनी रहती है। शादियों और त्योहारों के सीजन में यहां भीड़ इतनी ज्यादा हो जाती है कि आधे आधे घंटे तक जाम लगा रहता है। अब मंडी बाहर जाने से लोगों को काफी लाभ होगा।
अंतरराष्ट्रीय पहलवान और ओलिंपिक पदक विजेता रवि दहिया अपने बेहद सरल और सहज जीवन-मूल्यों के अनुरूप सादगी भरे विवाह के बंधन में बंध गए। रविवार को नाहरी गांव से बारात लेकर रवि ने बिलबिलान की रहने वाली रिचा के साथ सात फेरे लिए। बिना दान-दहेज और सिर्फ ₹1 की रस्म के साथ हुई यह शादी समाज के लिए एक सकारात्मक संदेश छोड़ गई। रात करीब 8 बजे रवि दहिया अपनी बारात लेकर बिलबिलान पहुंचे। रिचा के पिता के स्कूल में विवाह समारोह आयोजित था। रवि दहिया रथ पर सवार होकर एक गेट से दूसरे गेट तक पहुंचे, जहां आतिशबाजी के बीच बारात का पारंपरिक स्वागत हुआ।रिचा के भाई वंश ने मंच पर लड्डू खिलाकर रस्म पूरी की। बहनों ने नीम झराई, आरता और रिबन कटवाने की रस्म निभाई। इस दौरान दूल्हा पक्ष की तरफ से मज़ाकिया डायलॉग और पारंपरिक बोलों ने माहौल को हल्का-फुल्का बना दिया। रवि दहिया-रिचा की शादी की यादगार तस्वीर देखिए... पहलवानों और प्रशंसकों का उत्साह, फोटो सेरेमनी बनी यादगार रवि दहिया के साथ पहुंचे कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी उनके साथ फोटो खिंचवाते नजर आए। बारातियों का उत्साह ऐसा था कि हर कोई यादगार पलों को कैमरे में कैद करने में जुटा रहा। दूल्हा रवि अपनी सामान्य, शर्मीली मुस्कान के साथ सभी से मिलते रहे। रिचा के पिता की भावुक प्रतिक्रिया-“कभी नहीं सोचा था कि रवि दहिया दामाद बनेंगे” पहली बार मीडिया के सामने आए रिचा के पिता रजनीश, जो पेशे से किसान हैं, ने भावुक होकर कहा कि उन्होंने रवि को कई बार कुश्ती खेलते देखा था, पर कभी कल्पना नहीं की थी कि वही अंतरराष्ट्रीय पहलवान एक दिन उनके दामाद बनेंगे।उन्होंने बताया कि रिचा एम.ए. कर रही है और हमेशा पढ़ाई पर फोकस करती आई है। पिता ने कहा-“बेटियां बोझ नहीं होतीं। गांवों में दसवीं-बारहवीं के बाद शादी की बात होने लगती है, लेकिन बेटियों को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाना चाहिए।”रिचा का भाई वंश शमशेर पहलवान के पास कुश्ती सीख रहा है, जिससे पूरा परिवार खेलों से जुड़ा हुआ है। रिचा के रॉकिंग स्टाइल की तस्वीरें दुल्हन रिचा ने खुशी जाहिर की रिचा ने भी खुशी जताते हुए कहा कि वह वर्तमान में एमए जियोग्राफी की पढ़ाई कर रही है और यूजीसी नेट की तैयारी में लगी है। उन्होंने कहा कि यह सब उनके लिए सपना जैसा है और वह सरल व सादगी पसंद परिवार में जाने से खुश हैं। दूल्हा रवि दहिया-“एक नई पारी की शुरुआत, सभी का आशीर्वाद साथ” रवि दहिया ने कहा कि विवाह का यह दिन उनके लिए बेहद खास है। परिवार और दोस्तों के साथ होने से खुशी और बढ़ गई।₹1 की शादी पर उन्होंने कहा-“मैं अकेला ऐसा नहीं हूं। यह परंपरा पहले भी कई लोगों द्वारा निभाई जाती रही है। एक पिता जब बेटी दे देता है, उससे बड़ा कोई दहेज नहीं।”उन्होंने बिना दान-दहेज शादी कर समाज को सकारात्मक संदेश दिया। रवि के पिता का संदेश-“सिर्फ ₹1 लिया, बेटी से नौकरी की कोई इच्छा नहीं” रवि के पिता ने बताया कि उन्होंने पहले ही निश्चय कर लिया था कि शादी में दहेज नहीं लेंगे। दोनों परिवार किसान हैं और वही उनकी सबसे बड़ी खुशी है।उन्होंने कहा-“हमने सिर्फ ₹1 का रिश्ता लिया है। लड़की से नौकरी करवाने की कोई इच्छा नहीं। बस बेटे-बेटी खुश रहें।” एक ही तारीख, दो यादें 30 नवंबर का दिन रिचा के परिवार के लिए दो खुशियों का दिन रहा। जिस दिन रिचा अपने पति रवि दहिया परिवार में दुल्हन बनकर गई, उसी तारीख को वर्षों पहले उसके माता-पिता ने भी विवाह किया था। यह संयोग इस शादी को और भी दिलचस्प और यादगार बनाता है। सादगी और मूल्यों से भरी पहलवान परिवार की मिसाल राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पहचान के बावजूद रवि दहिया ने हमेशा सादा जीवन, सरल स्वभाव और नैतिक मूल्यों को प्राथमिकता दी है। शादी में भी न कोई दिखावा, न कोई शोर-शराबा-सिर्फ पारंपरिक रीति-रिवाज और सौहार्द नजर आया। रिचा के परिवार की जीवनशैली भी बिल्कुल सरल है, जिससे दोनों परिवारों का मेल बेहद सहज दिखाई दिया। दुल्हन की रॉकिंग एंट्री-फिल्मी अंदाज ने सबको किया आकर्षित रिचा की एंट्री बेहद ग्लैमरस और आत्मविश्वास से भरी थी। स्टाइलिश चश्मा, खूबसूरत लिबास और परंपरा व आधुनिकता का सुंदर मिश्रण—दुल्हन किसी फिल्मी हीरोइन की तरह सबका ध्यान खींच रही थी।स्टेज पर सबसे पहले रिचा ने वरमाला पहनाई, फिर रवि ने अपने शर्मीले अंदाज में उन्हें वरमाला पहनाकर जीवनसंगिनी बना लिया। दोनों की जोड़ी मंच पर बेहद खूबसूरत लग रही थी।
हरियाणा में 30 नवंबर को तीन बड़ी ग्रैंड मैरिज हुई। इनमें दो राजनीतिक परिवारों थी और एक खेल जगत से जुड़ी थी। ये शादियां अपने वैभव, खास व्यंजन और सेलिब्रिटी मेहमानों की वजह से सुर्खियों में रही। ओलिंपिक मेडलिस्ट पहलवान रवि दहिया ने जहां स्कूल चलाने वाली रिचा के साथ फेरे लिए। उनके मेहमानों के लिए देसी घी का चूरमा और कढ़ाई का दूध खासतौर पर तैयार किया गया था। पहलवानों की डाइट के हिसाब से व्यंजन शुद्ध और देसी अंदाज में परोसे गए। रवि दहिया अपनी बारात सोनीपत के गांव नाहरी से लेकर गांव बिलबिलान पहुंचे, देर रात तक कार्यक्रम चलता रहा। वहीं, पूर्व गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा के बेटे शुभम की दिल्ली में अगस्त में हुई ग्रैंड रिंग सेरेमनी पहले ही चर्चा में रही, देर रात उनकी शादी की रस्में गुरुग्राम के होटल में हुई, जहां कई राजनीतिक और फिल्मी हस्तियों के शामिल हुई। कांडा बंधु पहले भी स्टेज पर कोरियोग्राफर के साथ डांस प्रस्तुति देकर सुर्खियां बटोर चुके हैं। उधर, विधानसभा डिप्टी स्पीकर एवं जींद विधायक कृष्ण मिड्ढा के बेटे ऋषि की भिवानी के ज्वेलर्स राजेश तलवार की बेटी प्रियंका संग शादी के बंधन में बंधे। प्रियंका दिल्ली में अपने परिवार का बिजनेस संभालती हैं, जबकि ऋषि यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं। शादी की रस्में पंचकूला में हुई, जिसमें सीएम नायब सैनी भी शामिल हुए। आइए अब आपको बताते हैं कि इन शादी से लेकर सगाई में क्या खास रहा... 1. रवि वेड्स रिचाः 3 एकड़ में टेंट, चांदी के एक रुपए के सिक्के से की सगाई अंतरराष्ट्रीय पहलवान रवि दहिया के परिवार ने चांदी के ₹1 के सिक्के की सगाई ली थी। दान दहेज में कुछ भी नहीं लिया था। रिचा के परिवार ने रवि के लिए गाड़ी देने की पेशकश की तो उसे भी मना कर दिया और रवि दहिया के परिवार ने बिना दहेज की शादी करने का फैसला किया था। रविवार की शाम को रवि दहिया की बारात बिलबिलान गांव में पहुंची। गांव से बाहर बने जेएस इंटरनेशनल स्कूल में तीन एकड़ में भव्य पंडाल लगाया था। ये स्कूल रिचा के पिता रजनीश का ही है। यहीं से घर थोड़ी दूरी पर है। शादी में परंपरागत हरियाणवी खानपान की झलक दिखी। बारातियों के स्वागत के लिए देसी घी का खास चूरमा तैयार किया था। कढ़ाई दूध और जलेबी परोसे गए। रिचा पढ़ाई में होशियार, शादी के बाद एमए के एग्जामरिचा के पिता रजनीश ने बताया कि उनकी बेटी रिचा बचपन से ही पढ़ाई में इंटेलिजेंट रही है। बेटी उनके लिए किसी लक्ष्मी से काम नहीं। बेटी शुरुआत से ही भाग्यवान रही है। छोटा बेटा वंश है। पिता ने यह प्रण किया हुआ ताकि रिचा जब तक जितनी पढ़ाई करना चाहेगी वह उसके कदमों को नहीं रोकेंगे। पिता बताते हैं कि आमतौर पर 12वीं पास करते ही बेटी की शादी के लिए तैयारी शुरू हो जाती है। लेकिन उन्होंने अपनी बेटी को हमेशा से ही पढ़ाई के प्रति प्रेरित किया है। रिचा ने अपनी पहली कक्षा से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई अपने स्कूल से ही पूरी की है। हालांकि इन दोनों स्कूल को उनके मामा चला रहे हैं। रिचा सोनीपत के जीवीएम गर्ल्स कॉलेज से अपनी एमए ज्योग्राफी ऑनर्स से कर रही हैं। प्रथम वर्ष के एग्जाम में रिचा दिसंबर में देगी। घर में शादी की तैयारी के माहौल में भी वो किताबें नहीं छोड़ रही। कुश्ती से परिवार का नातारजनीश ने बताया कि वह खुद पहले पहलवान रहे हैं। हालांकि बाद में जूडो में सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड जीता। अब 16 वर्षीय बेटा वंश अखाड़े में कुश्ती करता है। रिचा का खेल से कोई भी जुड़ाव नहीं रहा है। पिता ने बताया कि उनके परिवार में रिचा से पहले उसकी ताई एम ए हिंदी पास है और अब उनके बाद परिवार की दूसरी सबसे ज्यादा पढ़ी-लिखी बेटी के रूप में रिचा होगी। माता-पिता की एनिवर्सरी भी आज के हीपिता रजनीश ने बताया कि जहां 30 नवंबर को ही उनकी शादी रिचा की मां संगीता के साथ हुई थी। यह संयोग है कि उनकी बेटी रिचा की शादी भी 30 नवंबर को हो रही है। बेटी की शादी हमेशा उन्हें अपनी शादी एनिवर्सरी पर याद रहेगी। 2. मिड्ढा-तलवार फैमिली की शादी में राजनेता मेहमान ऋषि वेड्स प्रियंका: शादी में सिर्फ एक रुपया व नारियल हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा के बेटे ऋषि की बारात पंचकूला-चंडीगढ़ के शिवालिक क्लब में हुई। जिसकी पूरी व्यवस्था डॉ. कृष्ण मिड्ढा ने की। खास बात ये है कि मिड्ढा ने बेटे की रिंग सेरेमनी-सगाई में सिर्फ एक नारियल व एक रुपया ही कबूला। रिंग सेरेमनी के बाद जींद में भोज-पार्टी रखी गई, जिसमें विधानसभा हलके के लोगों को न्योता दिया गया था। 23 नवंबर को जींद में रिंग सेरेमनी का आयोजन हुआ थाभिवानी के ज्वैलर्स राजेश तलवार ने बताया कि डॉ. कृष्ण मिड्ढा के पुरानी और गहरी मित्रता है। काफी पुरानी जान पहचान है। इस रिश्ते के बाद दोनों परिवारों में खुशी है। उन्होंने बताया उनके तीन बच्चे (दो बेटी व एक बेटा) है। बड़ी बेटी प्रियंका की शादी ऋषि के साथ हुई। 23 नवंबर को जींद में रिंग सेरेमनी का आयोजन किया गया था। इस दौरान केवल एक रुपया व नारियल में शादी की रस्म पूरी की गई। दिल्ली में पढ़ाई के बाद संभाल रही बिजनेसराजेश तलवार ने बताया कि प्रियंका तलवार दिल्ली से पढ़ी हैं और पढ़ाई करने के बाद वहीं मां के साथ फैमिली बिजनेस संभाल रही हैं। उनका डिजाइनर सूट एवं ज्वैलरी का बिजनेस है। प्रियंका आत्मनिर्भर हैं। रिंग सेरेमनी में सीएम, पूर्व सीएम समेत कई राजनेता पहुंचे23 नवंबर को जींद में रिंग सेरेमनी हुई। उस दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कैबिनेट मंत्री कृष्ण बेदी, रणबीर गंगवा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, भाजपा प्रदेश प्रभारी सतीश पूनिया, भाजपा राष्ट्रीय सचिव ओमप्रकाश धनखड़ समेत भाजपा और कांग्रेस के विधायक-पूर्व विधायक पहुंचे थे। इस दौरान नायब सैनी और भूपेंद्र हुड्डा ने एक ही टेबल पर भोजन किया। इसकी तस्वीरें-वीडियो खूब वायरल हुईं। रविवार को हुए शादी समारोह में भी सीएम सैनी ने शिरकत की। कैबिनेट मंत्री राव नरबीर ने भी दूल्हा-दुल्हन को आशीर्वाद दिया। 3. कांडा फैमिली के मेहमानों में राजनेता और फिल्मी हस्तियां शुभम वेड्स शौर्याः गुरुग्राम के 4-स्टार होटल में हुई रस्में हरियाणा के पूर्व गृह राज्य मंत्री एवं हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा की छोटे बेटे शुभम दिल्ली के बिजनेसमैन की बेटी शौर्या के साथ शादी के बंधन में बधे। गुरुग्राम के 4-स्टार होटल में समारोह हुआ। केंद्र व हरियाणा के कई नेताओं को और बॉलीवुड हस्तियों को इन्विटेशन दिया गया था। हरियाणा सीएम नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा बॉलीवुड सिंगर बादशाह, अभिनेत्री नोरा फतेही जैसी हस्तियां को भी आमंत्रण भेजा गया था। इनेलो सुप्रीमो अभय चौटाला व जजपा सुप्रीमो अजय चौटाला को भी न्योता दिया गया था। लेडीज संगीत में पहुंचे विजयवर्गीय, कांडा थिरकेशुक्रवार को लेडीज संगीत कार्यक्रम था, जिसमें मध्य प्रदेश से मंत्री कैलाश विजयवर्गीय पहुंचे थे। लेडीज संगीत के दौरान गोपाल कांडा के स्टेज पर डांस करते हुए का वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह हाथ में ढफली लेकर हिंदी गानों पर थिरकते नजर आए। उनके भाई गोबिंद कांडा ने भी अपनी पत्नी के साथ स्टेज पर डांस किया था। तीन माह पहले दिल्ली में हुई थी रिंग सेरेमनीकरीब तीन माह पहले शुभम कांडा की शौर्या के साथ रिंग सेरेमनी दिल्ली में हुई थी। उस दौरान केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा समेत कई बड़े नेता और बालीवुड एक्ट्रेस जैकलीन फर्नांडिस, कॉमेडियन राजीव ठाकुर, बिसमिल, कपिल शर्मा शो से कृष्णा सहित अन्य सेलिब्रिटी शामिल हुए थे। दोनों की अरेंज मैरिज हुईगोबिंद कांडा के अनुसार, शुभम कांडा की मंगेतर शौर्या के साथ अरेंज मैरिज हुई है। उन्होंने कहा- हमारे समाज में यही परंपरा है। परिवार की सहमति से ही रिश्ता तय हुआ। शौर्या के पिता मुकेश अग्रवाल का दिल्ली में चांदनी चौक पर सोना-चांदी का बिजनेस है। शौर्या खुद एमबीए पास हैं। पिता का बिजनेस संभालते हैं शुभमशुभम कांडा अपने पिता गोपाल कांडा का रियल एस्टेट का बिजनेस संभालते हैं। इसके अलावा गुरुग्राम और नेपाल में कैसीनो का काम संभालते हैं।
मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्यक्रम के तहत बिहार में बड़ी संख्या में वोटर्स के मतदाता सूची से नाम कट गए थे। इसकी वजह मतदाताओं का मूल निवासी होने का सत्यापन नहीं होना था। इसके लिए जन्म प्रमाण पत्र सहित 12 दस्तावेज मांगे गए थे। ऐसे में प्रदेश में भी नाम कटने के डर से लोग जन्म प्रमाण पत्र बनवाने लगे। प्रदेश में यह आंकड़ा करीब 35 हजार से अधिक का है। अकेले झुंझुनूं जिले में पिछले 4 महीन में ही 13 हजार से अधिक लोगों ने जन्म प्रमाण पत्र बनवा लिए। इनमें आधे से ज्यादा 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले हैं। इन सभी ने तहसीलदारों के अनुज्ञा पत्र के आधार पर प्रमाण पत्र बनवाए। इनमें 90% लोग समुदाय विशेष हैं। हालांकि प्रदेश में एसआईआर प्रक्रिया में 2002 की मतदाता सूची में नाम होने के आधार पर सत्यापन किया जा रहा है। इसलिए जन्म प्रमाण पत्र नहीं लिया जा रहा। लेकिन जिन मतदाताओं के परिजनों के 2002 की सूची में नाम नहीं हैं, उनसे ही मांगा जाएगा। गोविंदपुरा के इकबाल ने 67 व नवलगढ़ के लियाकत ने 64 वर्ष की उम्र में बनवाया चिड़ावा क्षेत्र के गाेविंदपुरा गांव के इकबाल पुत्र सदीक का जन्म 1957 में हुआ। 67 वर्ष की उम्र में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए तहसीलदार से अनुज्ञा पत्र प्राप्त किया। नवलगढ़ के वार्ड 30 के लियाकत पुत्र यासीन खान का जन्म 1961 में हुआ। 64 वर्ष की उम्र में जन्म प्रमाण पत्र के लिए तहसीलदार के समक्ष शपथ पत्र पेश किया। चिड़ावा क्षेत्र के गिडानिया गांव के नजरू पुत्र गफ्फूर खान का जन्म 1963 में हुआ। 62 वर्ष की उम्र में जन्म प्रमाण पत्र बनवाने तहसीलदार से अनुज्ञा पत्र प्राप्त किया। उदयपुरवाटी, नवलगढ़-झुंझुनूं में सर्वाधिक प्रमाण पत्र बने एसआईआर में नाम कटने के डर का सबसे ज्यादा असर ग्रामीण क्षेत्र में नजर आ रहा है। जिले की उदयपुरवाटी, नवलगढ़ और खेतड़ी पंचायत समिति क्षेत्र में ज्यादा बनवाए गए। जुलाई से अक्टूबर के बीच उदयपुरवाटी व नवलगढ़ में 1026-1026, खेतड़ी में 1010 जन्म प्रमाण पत्र बनवाए। वहीं शहरी क्षेत्र में झुंझुनूं व नवलगढ़ में सर्वाधिक बनवाए। यहां क्रमश: 1891 व 1537 जन्म प्रमाण पत्र बनवाए गए। शत प्रतिशत जन्म व मृत्यु का पंजीयन ऑनलाइन है। एक वर्ष से अधिक उम्र के बाद जन्म प्रमाण पत्र तहसीलदार के अनुज्ञा पत्र से जारी किए जाते हैं। जुलाई के बाद अनुज्ञा पत्र से जन्म प्रमाण पत्र बनवाने वालों में अप्रत्याशित इजाफा हुआ है। - पूनम कटेवा, सहा. निदेशक, सांख्यिकी विभाग
झांसी में सपा प्रमुख अखिलेश यादव के एक बयान से खलबली मच गई है। अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए एक पुलिस अफसर पर निशाना साधा है। कहा- एक पुलिस अधिकारी हमारी पार्टी के पूर्व विधायक दीपक उर्फ दीपनारायण यादव पर 32 हजार रुपए की डकैती का केस लगा रहे हैं। वो पुलिस अधिकारी वहां का स्क्रैप माफिया है, जो ये केस लगवा रहा है। हम तो इसलिए नहीं बोल रहे हैं कि वो लोग दीपक का नुकसान करेंगे। वो भ्रष्ट अधिकारी है। वह जब नोएडा से गया था तो नोएडा में खुशी मनी थी। किसी से भी जानकारी कर लीजिए। क्योंकि वो सजातीय है, इसलिए संरक्षण मिल रहा है। ये वही है, जिन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव कन्नौज में समाजवादी पार्टी को हरवाया था। सजातीय लोग ऊपर से नीचे तक नेटवर्ट में बैठे हुए थे। अखिलेश का यह बयान रविवार को सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। तमाम लोगों ने फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी इस वीडियो को शेयर किया है। मोंठ थाने में लिखा गया था केस अखिलेश के बयान की पुलिस महकमे में सबसे अधिक चर्चा हो रही है। लोग कई पुलिस अफसरों के नाम की अटकलें लगाते रहे। पूर्व विधायक दीपनारायण के खिलाफ मोंठ थाने में डकैती, रंगदारी समेत अन्य कई गंभीर धाराओं में कुछ दिनों पहले ही नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। इसके बाद से पुलिस पूर्व विधायक को तलाशने में जुटी है। कुछ दिनों पहले पुलिस पूर्व विधायक के समर्थक को इस मामले में जेल भी भेज चुकी। पुलिस की इस कार्रवाई के बीच पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बयान ने इसे नया रंग दे दिया।
आप खुशकिस्मत हैं कि मध्य प्रदेश की हरियाली और स्वच्छ हवा आपको मिल रही है। कुछ दिन प्रदूषण वाले राज्यों में रहकर देखें, तब शायद पेड़ों की कीमत समझ आएगी। भोपाल और सागर में पेड़ों की कटाई को लेकर पिछले दिनों मप्र हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की थी। अधिकारियों ने जब कोर्ट को बताया कि भोपाल में 244 पेड़ों में से 112 को रिलोकेट किया गया है और इसकी तस्वीरें कोर्ट के सामने पेश की गईं तो कोर्ट इन्हें देखकर भड़क गया। कोर्ट ने कहा कि ऐसे ट्रांसप्लांटेशन से पेड़ नहीं बचते, मर जाते हैं। कोर्ट की यह टिप्पणी इस समय इसलिए मायने रखती है, क्योंकि भोपाल में वेस्टर्न बायपास प्रोजेक्ट को सरकार ने मंजूरी दे दी है। करीब 41 किमी लंबे इस बायपास के निर्माण के लिए 6 हजार से ज्यादा पेड़ों को काटा या शिफ्ट किया जाएगा। हालांकि, विभागीय सूत्रों का कहना है कि कम से कम पर्यावरणीय नुकसान को देखते हुए बायपास के नए अलाइनमेंट को मंजूरी दी गई है। वहीं भोपाल के अमझरा गांव में 90 हेक्टेयर जमीन वन विभाग को दी गई है। पर्यावरण के जानकारों का कहना है कि 6 हजार पेड़ों को काटने के बाद जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई इतनी जल्दी नहीं हो सकेगी। बहरहाल, वेस्टर्न बायपास के 4 हजार रुपए करोड़ के प्रोजेक्ट के लिए राज्य सरकार ने 2981 करोड़ रुपए की प्रशासकीय मंजूरी भी जारी की है। हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) पर बनने वाली यह सड़क न केवल भोपाल को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाएगी, बल्कि इंदौर, जबलपुर और नर्मदापुरम के बीच एक हाई-स्पीड कॉरिडोर भी बनेगा.। पढ़िए रिपोर्ट पहले जानिए क्यों बदला वेस्टर्न बायपास का अलाइनमेंटपहले यह बायपास मंडीदीप के पास इकायाकलां से शुरू होकर फंदा तक बनना था, लेकिन अब यह 11 मील स्थित प्रतापपुर से शुरू होकर फंदा कलां तक जाएगा। नए रूट में वन क्षेत्र 6.1 किमी से घटकर 5.45 किमी रह गया है। सड़क विकास निगम के अधिकारियों का तर्क है कि रातापानी टाइगर रिजर्व के बफर जोन और समसगढ़ स्थित पुराने शिव मंदिर को बचाने के लिए रूट में बदलाव किया गया है। हालांकि, इस बदलाव के पीछे की कहानी कुछ और ही बताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, पुराने रूट पर कई नेताओं, अधिकारियों और रसूखदारों की जमीनें आ रही थीं, जिन्हें बचाने के लिए अलाइनमेंट बदला गया। पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने इस मामले की शिकायत सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय से की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रोजेक्ट को जानबूझकर प्रभावशाली लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए बदला गया है। सड़क के लिए कटेंगे 6463 पेड़ भोपाल वेस्टर्न बायपास का निर्माण पर्यावरण के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। इस प्रोजेक्ट के लिए कुल 416.25 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है, जिसमें लगभग 45 हेक्टेयर वन भूमि भी शामिल है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस भूमि पर मौजूद 6463 पेड़ों को या तो काटा जाएगा या फिर उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। वन विभाग ने पेड़ों की कटाई की अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी है। इसके तहत क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण के लिए भोपाल के अमझरा गांव में 90 हेक्टेयर भूमि वन विभाग को उपलब्ध कराई गई है। हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि हजारों पुराने और घने पेड़ों के कटने से होने वाले पारिस्थितिक नुकसान की भरपाई महज नए पौधे लगाकर नहीं की जा सकती। यह बायपास कोलार और हुजूर तहसील के उन इलाकों से गुजरेगा, जो अपनी हरियाली के लिए जाने जाते हैं। बाघों के मूवमेंट के लिए 1.5 किमी लंबे पुल बनेंगेचूंकि नया रूट भी रातापानी टाइगर रिजर्व के बफर जोन के करीब से गुजर रहा है, इसलिए वन्यजीवों, विशेषकर बाघों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। अब जानिए बायपास के फायदेपर्यावरणीय चिंताओं के बावजूद इस बायपास के बनने से भोपाल और आसपास के क्षेत्र को 4 बड़े फायदे होंगे... जनवरी से शुरू होगी भूमि अधिग्रहण की प्रक्रियाराज्य सरकार से सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद अब अगले महीने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की बैठक में प्रोजेक्ट को अंतिम मंजूरी दी जाएगी। इसके बाद नए साल में जनवरी से ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इस प्रोजेक्ट के लिए 23 गांवों की जमीनें अधिगृहीत की जाएंगी।
कम कद की लड़कियों के लिए खुले रास्ते:मर्चेंट नेवी में जाने की जिद, कोटा की बेटी ने बदलवा दिए नियम
राजस्थान के कोटा की बेटी प्रियंका सेन की जिद ने दुनिया भर की कम कद की लड़कियों के लिए मर्चेंट नेवी में करिअर बनाने का रास्ता खोल दिया है। अब तक मर्चेंट नेवी में जाने के लिए लड़कियों का कद 157 सेमी होना जरूरी था। लेकिन प्रियंका के संघर्ष के बाद अब इसे 5 सेमी घटाकर 152 कर दिया गया है। इससे पहले 157 सेमी से कम कद वाली लड़कियां शिपिंग कोर्स ही नहीं कर पाती थीं। प्रियंका ने इस नियम में बदलाव के लिए मर्चेंट नेवी अधिकारियों से बार-बार तर्क के साथ आग्रह किया। उनकी जिद के बाद नियम बदले गए। प्रियंका आज अमेरिका के फ्लोरिडा स्थित रॉयल कैरेबियन इंटरनेशनल के ‘हॉरमनी ऑफ द सीज’ क्रूज शिप पर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं। कोटा से 12वीं की पढ़ाई के बाद सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर से बीटेक किया। यहां एनसीसी की आर्मी विंग जॉइन की, लेकिन सपना नेवी का था। बीटेक के बाद नेवी में जाने के लिए अनिवार्य ईटीओ के चार महीने के कोर्स से फीस जमा होने के बाद भी निकाल दिया गया, क्योंकि वे लड़की थीं। उन्हें मुश्किल से दूसरी जगह दाखिला मिला। कोर्स के बाद भी नौकरी नहीं मिली। हर कंपनी ने प्लेसमेंट में यह कहकर लौटाया कि मर्चेंट शिपिंग में तकनीकी विभाग में लड़कियां नहीं चाहिए। मर्चेंट नेवी से छूट मिली पर कंपनियों ने नौकरी नहीं दी लगातार कोशिशों के बाद मर्चेंट नेवी में कद की छूट तो मिली, लेकिन कंपनियां नौकरी देने को तैयार ही नहीं थीं। फिर मैंने नौकरी के लिए पुणे के बाहरी इलाके में एक सस्ता कमरा किराए पर लिया। कई बार मुंबई के रेलवे स्टेशनों पर ही सोना पड़ा। फिर सुबह रिज्यूमे के साथ कंपनियों के चक्कर लगाने निकल जाती। कोर्स करने के बाद लगातार दो साल के संघर्ष के बाद 2021 में एंग्लो ईस्टर्न शिपिंग ने मौका दिया और मैं लेडी ईटीओ बनी। मैं शिप पर एक अकेली लड़की होती थी। इसके बाद क्रूज कंपनी में जाने का लक्ष्य तय किया। सात-आठ महीने तक संघर्ष के बाद मेहनत रंग लाई। कंपनी के तकनीकी विभाग में मैं पहली भारतीय लड़की हूं। वे कहती हैं- “छोरी कांइ करैगी? बदनाम करकै छोड़ैगी। शादी कुण करअगो?’ जैसे ताने ही शायद मेरे लिए प्रेरणा बने, जो मैं यहां तक आ सकी। हम लड़कियां अगर हिम्मत न छोड़ें तो अपने लिए हर हाल में रास्ता बना सकती हैं।
मेरा काम मेरा सच:जंगल में जानवरों से बचना नहीं, उन्हें बचाना ही मेरी जिम्मेदारी
मेरी पहली पोस्टिंग 2013 में जैसलमेर के डेजर्ट नेशनल पार्क में हुई। यह इलाका शहर से लगभग 60 किलोमीटर दूर था। तब वहां न फोन का नेटवर्क आता था, ना ही किसी से संपर्क रख पाना आसान था। कई-कई महीनों तक मैं अपने परिवार से बात तक नहीं कर पाती थी। शुरुआत में जंगल का सन्नाटा और अकेलापन डराता था, लेकिन धीरे-धीरे वही डर मेरी जिम्मेदारी में बदल गया। मैं वहां इकलौती महिला फॉरेस्ट गार्ड थी। रहने के लिए सिर्फ एक छोटी-सी झोपड़ी थी, जिसमें न पानी था, ना अन्य सुविधाएं। बारिश के दिनों में मैं टंकियों में पानी जमा करती और महीनों उसी से काम चलाती। सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक लगातार पैदल गश्त जंगली जानवरों का रेस्क्यू, घायल हालत में उनका इलाज, देखभाल-सब कुछ मेरे जिम्मे था। नीलगाय, हिरण के बच्चे, सांप सहित कई जानवरों को मैंने खुद बचाया है। कई बार तो रात के 2-3 बजे तक रेस्क्यू में लगी रहती थी। यह नौकरी सच में 24 घंटे की ड्यूटी है। मैं रोज देखती कि कोई जानवर घायल तो नहीं है, पानी के कुंड भरे हैं या नहीं, कहीं किसी को मदद की जरूरत तो नहीं। जिंदगी आसान नहीं थी। राशन के लिए भी मुझे 60 किलोमीटर दूर शहर जाना पड़ता था। एक बार कई दिनों तक तेज आंधी चलती रही। झोपड़ी में चूल्हा जलाने पर आग का खतरा था, इसलिए खाना बनाना असंभव था। उन दिनों मैंने सिर्फ चने खाकर गुजारा किया। इन्हीं परिस्थितियों में मैं अपनी डेढ़ साल की बेटी को भी संभाल रही थी। उसे गोद में उठाकर ही मैं फील्ड में निकल जाती थी। एक बार झोपड़ी की छत पर एक वाइपर सांप लटक गया था और नीचे मेरी बेटी सो रही थी। जंगल ने मुझे सिखाया था कि कई बार बस शांत रहना ही सबसे बड़ी सुरक्षा होती है। कुछ देर बाद सांप खुद ही सरककर चला गया। बीकानेर के गिद्ध संरक्षण क्षेत्र में भी मेरी पोस्टिंग रही। अब मैं गंगानगर में नहरों के किनारे काम कर रही हूं। अब तक लगभग हर जंगली जानवर से सामना हो चुका है। अनुभव ने मुझे सिखाया है- जानवर तब तक हमला नहीं करते, जब तक इंसान उन्हें छेड़ता नहीं। आज मैं जंगल को समझ चुकी हूं। मेरी प्राथमिकता जानवरों से बचना नहीं… उन्हें बचाना है।-जैसा ईशा सिंह को बताया
ब्राह्मणों को लेकर विवादित टिप्पणी देने वाले आईएएस संतोष वर्मा का विवादों से पुराना नाता है। इससे पहले वे एक पूर्व महिला जज और एक युवती पर भी गंभीर एवं निराधार आरोप लगा चुके हैं। न्यायालयीन दस्तावेजों में भी यह उल्लेखित है कि वर्मा की कार्यशैली पूर्वाग्रहपूर्ण रही है और वे अनर्गल आरोप लगाने की प्रवृत्ति रखते हैं। महिला जज पर लगाए थे झूठे आरोप कुटुंब न्यायालय, इंदौर में लंबित एक भरण-पोषण प्रकरण के दौरान आईएएस वर्मा ने पीठासीन महिला जज के खिलाफ गंभीर और झूठे आरोप लगाए थे। इस पर जज द्वारा 10 अगस्त 2018 को प्रिंसिपल रजिस्ट्रार, इंदौर को पत्र लिखा गया था, जिसमें स्पष्ट उल्लेख था कि संतोष वर्मा द्वारा पीठासीन अधिकारी पर मिथ्या, अनर्गल और आधारहीन आक्षेप लगाए गए हैं।”जज ने लिखा था कि ऐसी स्थिति में यदि कोई भी आदेश पारित किया जाता है तो वर्मा पक्ष पूर्वाग्रह का आरोप लगा सकता है, इसलिए प्रकरण को दूसरे न्यायालय में स्थानांतरित किए जाने का निवेदन किया गया था। वर्मा द्वारा हाई कोर्ट में दायर याचिका क्रमांक 2644/2018 भी खारिज कर दी गई थी। इससे स्पष्ट हुआ कि वे पूर्व में भी न्यायालय पर गलत आरोप लगाते रहे हैं। सत्र न्यायाधीश की सख्त टिप्पणी शिकायतकर्ता युवती पर भी कराई एफआईआर आईएएस वर्मा से विवाद के बाद संबंधित युवती के खिलाफ भी वर्मा द्वारा फर्जी वोटर आईडी और पासपोर्ट आवेदन में गलत जानकारी देने की शिकायत कराई गई। इस पर लसूडिया पुलिस ने 5 मार्च 2021 को धारा 420, 467, 468, 471 के तहत एफआईआर दर्ज की। जिला अदालत ने युवती की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की थी, लेकिन हाई कोर्ट से उसे राहत मिल गई। मामला अभी पुलिस विवेचना में है। युवती के आरोप और इस मामले के बाद युवती को भी सोशल मीडिया पर काफी ट्राेल किया गया था। इंदौर के अधिवक्ताओं ने सोशल मीडिया पर अपना गुस्सा निकाला था। एससी-एसटी एक्ट का भी दुरुपयोग युवती की ओर से वर्मा की मां द्वारा किए गए जातिसूचक टिप्पणी संबंधी आरोपों की जांच भी हुई थी, जिसमें एससी-एसटी एक्ट के तहत कोई अपराध सिद्ध नहीं हुआ। जांच में शिकायत बेबुनियाद पाई गई। समझौते के बाद भी चल रहे विवादसूत्रों के अनुसार, वर्मा और युवती के बीच आपसी समझौता हो चुका है, हालांकि कुछ मामलों में समझौता लंबित है। ब्राह्मणों पर वर्मा की हालिया विवादित टिप्पणी के बाद जिला न्यायालय के वकीलों ने कड़ा विरोध जताया। इसी दौरान युवती सोशल मीडिया पर आईएएस वर्मा के समर्थन में दिखी, जिसके बाद वह अभिभाषक समुदाय के निशाने पर आ गई। पूर्व अभिभाषक संघ अध्यक्ष दिनेश पांडे ‘गुरु’ सहित कई वकीलों ने युवती को “अवसरवादी”, “मौकापरस्त” बताते हुए पोस्ट कर विरोध दर्ज किया। ये खबरें भी पढ़ें... 1. IAS अब Gen-Z के निशाने पर; पुतला गधे पर बैठाया अजाक्स के प्रांताध्यक्ष और सीनियर IAS अधिकारी संतोष वर्मा के ब्राह्मण की बेटियों को लेकर दिए बयान को लेकर विरोध तेज होता जा रहा है। शनिवार को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (BU) के सामने सैकड़ों की संख्या में GEN-Z ने पंडित आशीष शर्मा के नेतृत्व में जोरदार प्रदर्शन किया। पूरी खबर पढ़ें 2. IAS संतोष वर्मा के खिलाफ ब्राह्मणों का कफन बांधकर प्रदर्शन मध्यप्रदेश में IAS अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मण समाज की बेटियों को लेकर दिए गए कथित बयान ने प्रदेशभर में आक्रोश पैदा कर दिया है। रविवार को राजधानी भोपाल में सैकड़ों की संख्या में ब्राह्मण समाज के लोगों ने कफन बांधकर प्रदर्शन किया और AJAKS कार्यालय (अजाक्स भवन) का घेराव करने निकले। पूरी खबर पढ़ें
इंदौर के बहुचर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड मामले में भाई विपिन रघुवंशी के गवाही के बाद अब कुछ और लोगों की गवाही होना है। विपिन का कहना है कि इसी महीने इंदौर से कुछ और लोगों की भी गवाही होना है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया है कि सोनम से मिलने के लिए उसका भाई गोविंद शिलांग गया था। जहां उसने सोनम से मुलाकात की और उसे ठंड के लिए कपड़े भी देकर आया है। हाल ही में विपिन की कोर्ट में गवाही के दौरान सोनम और अन्य चार आरोपियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विपिन ने देखा था। विपिन ने बताया कि इस दौरान उन्होंने नए कपड़े पहने हुए थे।दरअसल, राजा रघुवंशी हत्याकांड मामले में राजा के भाई विपिन के शिलांग कोर्ट में बयान दर्ज किए गए हैं। 26 नवंबर को दूसरी बार विपिन शिलांग कोर्ट में बयान देने गए थे। तीन दिनों तक उनके कोर्ट में बयान हुए, क्रॉस भी हुए।इस दौरान राजा की हत्या की आरोपी सोनम, राज कुशवाह व अन्य आरोपियों वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विपिन के सामने आए थे। तभी विपिन ने उन्हें नए कपड़ों में देखा था। इस महीने होना है बयान विपिन ने बताया कि अपने भाई राजा की जान तो वह बचा नहीं पाए, लेकिन उसे न्याय दिलाने के लिए प्रयासरत है। उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा है कि उनके भाई को न्याय मिलेगा और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा होगी।विपिन के मुताबिक कोर्ट में उनके बयान होने के बाद उन्हें ये जानकारी मिली है कि दिसंबर महीने में ही इंदौर के कुछ ओर लोगों के बयान होना है। इसके चलते उन्हें शिलांग कोर्ट में बुलाया जा सकता है। हालांकि उन्होंने उन लोगों के नाम बताने से इनकार कर दिया, लेकिन ये जरूर कहा है कि उन लोगों को बयान होना तय है। विपिन ने कहा- लोग बोले शिलांग आया था गोविंद विपिन रघुवंशी ने बताया कि पिछले दिनों ही सोनम का भाई गोविंद उससे मिलने और गर्म कपड़े देने के लिए शिलांग गया था। वहां लोगों से उन्हें ये जानकारी मिली है कि गोविंद शिलांग आया और उसने सोनम से मुलाकात भी की।विपिन ने शिलांग जाने के पहले ये आशंका जताई थी कि गोविंद अपनी बहन से मिलने के लिए शिलांग गया है। विपिन ने बताया कि शिलांग में जब उनकी लोगों से बातचीत हुई तो उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि गोविंद भी यहां आया था और सोनम को गर्म कपड़े देकर गया है।
मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। यह 5 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान 4 दिन ही विधानसभा की बैठकें होंगी। 3 दिसंबर को भोपाल गैस त्रासदी की बरसी पर स्थानीय अवकाश के कारण विधानसभा की भी छुट्टी रहेगी। सत्र में विपक्षी विधायक सीहोर की वीआईटी यूनिवर्सिटी में छात्रों को खराब भोजन-पानी मिलने के कारण हुए विवाद का मुद्दा जोर-शोर से उठाएंगे। अतिवृष्टि से नुकसान और मुआवजे का मुद्दा भी गूंजेगा। दिसंबर में सत्र की अधिसूचना जारी होने से अब तक विधानसभा सचिवालय में 751 तारांकित और 746 अतारांकित प्रश्नों को मिलाकर 1497 प्रश्नों की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। ध्यानाकर्षण की 194, स्थगन प्रस्ताव की 06, अशासकीय संकल्प की 14, शून्यकाल की 52, नियम-139 की 02 सूचनाएं जबकि 15 याचिकाएं मिली हैं। 2 शासकीय विधेयक भी प्राप्त हुए हैं। विधानसभा सत्र में पेश होंगे ये दो विधेयकमध्य प्रदेश सरकार नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष के चुनाव में बड़ा बदलाव करने जा रही है। अब तक पार्षद ही अध्यक्ष चुनते थे, लेकिन संशोधन के बाद अध्यक्ष को जनता सीधे चुनेगी। इसके साथ ही राइट टू रिकॉल की व्यवस्था भी लागू होगी। यानी जनता यदि अध्यक्ष के काम से नाखुश है तो वोट देकर उन्हें हटा भी सकेगी। मध्यप्रदेश सरकार ने व्यापार और दुकानों से जुड़े महत्वपूर्ण बदलावों को मंजूरी दी है। पिछले हफ्ते हुई कैबिनेट की बैठक में दुकान एवं स्थापना (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2025 को स्वीकृति दी गई थी। अब रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी। साथ ही, दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम में संशोधन के तहत दुकानदारों और कामगारों को सप्ताह में एक दिन अनिवार्य अवकाश देना जरूरी होगा। दुकान खोलने और संचालन के लिए लाइसेंस की प्रक्रिया भी सरल बनाई जाएगी। सरकार का तर्क है कि यह व्यवस्था कामगारों के स्वास्थ्य, बेहतर कार्य वातावरण और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। नई व्यवस्था में ये होगा बदलाव 7 दिन में अपडेट करना अनिवार्यदुकान एवं स्थापना (द्वितीय संशोधन) विधेयक 2025 के मुताबिक, अब रजिस्ट्रेशन शुल्क अधिकतम ₹2,500 होगा। कर्मचारियों की संख्या या अन्य प्रमुख बदलाव होने पर 7 दिन के भीतर पोर्टल पर अपडेट करना जरूरी होगा। प्रतिष्ठान बंद होने पर 10 दिन के भीतर पोर्टल पर सूचना देना अनिवार्य होगा। सूचना दर्ज होते ही रजिस्ट्रेशन खुद ही हट जाएगा। श्रम विभाग के अनुसार संशोधन का उद्देश्य
हरिद्वार के गुरुमंडल आश्रम में हुई बैठक में स्थानधारी और आश्रमधारी संतों ने 2027 में होने वाले अर्धकुंभ के आयोजन पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। बैठक में शामिल रहे जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी परबोधानंद ने कहा कि सरकार को कुंभ और अर्धकुंभ की परंपरा पर फिर से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा- अर्धकुंभ में न छावनी लगती है, न ध्वज लगता है, न शाही स्नान की परंपरा होती है। ऐसे में उसे कुंभ के रूप में कैसे मनाया जा सकता है? रविवार को हुई बैठक में कई संतों ने ये भी आरोप लगाए की प्रशासन आश्रमों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है, संतों ने कहा कि कुंभ मेला, अखाड़ों के साथ ही सभी साधु संतों का भी होता है, इसलिए सरकार ने जिस तरह से अखाड़ा परिषद के साधु संतों से बैठककर सुझाव मांगें और कुंभ की तिथियों की घोषणा की। उसी तरह से आश्रम में रहने वाले साधु संतों के साथ भी बैठक की जाए, उन्हें भी व्यवस्थाएं दी जाएं। बैठक में ‘अखिल भारतीय आश्रम’ बनाने की भी घोषणा कर दी गई, जो आश्रमों की समस्याओं और कुंभ से जुड़े मुद्दों पर सरकार से बातचीत करेगा। हालांकि विवाद बढ़ता देख बैठक के कुछ ही घंटों बाद जूना अखाड़ा ने दो महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद और स्वामी प्रबोधानंद को अखाड़े से निष्कासित कर दिया। पहले तीन प्वाइंट्स में पढ़िए आखिर संत क्यों नाराज... बैठक के बाद सामने आए संतों के बयान... विवाद के बाद दो महामंडलेश्वर निष्कासित इस बैठक के कुछ ही घंटों बाद पंच दशनाम जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष महंत मोहन भारती महाराज ने अपने दो संतों महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज को अखाड़े से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया। जारी किए गए पत्र में उन्होंने लिखा- महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी महाराज और महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने एक बैठक में सरकार व प्रशासन के विरोध में अनर्गल बयान दिए व गाली गलौज की भाषा का प्रदर्शन किया। ये लोग सनातन धर्म को नुकसान पहुंचा रहे हैं व आगामी कुंभ मेला बिगाड़ना चाहते हैं। जिससे सनातन धर्म की छवि खराब हो रही है। ये सनातन विरोधी कृत्य कर रहे हैं। अब समझिए सरकार क्यों अर्धकुंभ को कुंभ की तरह आयोजित कर रही... उत्तराखंड सरकार 2027 के हरिद्वार अर्धकुंभ को पूर्ण कुंभ की तरह भव्य एवं दिव्य बनाने के लिए इसलिए पूरी तरह जुटी हुई है क्योंकि 2021 का कुंभ कोविड-19 महामारी के कारण सख्त पाबंदियों के बीच सीमित और प्रतीकात्मक शाही स्नान के साथ संपन्न हुआ था, जिससे लाखों श्रद्धालुओं को पूर्ण आध्यात्मिक अनुभव नहीं मिल सका। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपने बयानों में कई बार कह चुके हैं कि इस बार का कुंभ भव्य रूप से आयोजित किया जाएगा, सरकार ने अर्धकुंभ में शाही स्नान को भी शामिल कर ये भी साफ कर दिया है कि जो 2021 में नहीं हो पाया वो अब होगा। ताकि सनातन संस्कृति की यह महान परंपरा अपने पूरे वैभव के साथ जीवंत हो, देवभूमि उत्तराखंड की आध्यात्मिक पहचान विश्व स्तर पर और मजबूत हो और भक्तों को वह अविस्मरणीय अनुभव मिले जो 2021 में महामारी ने छीन लिया था।
मिशन शक्ति: विभिन्न पदों पर भर्ती, दावा-आपत्ति 8 तक
मुंगेली | मिशन शक्ति अंतर्गत जिला स्तरीय महिला सशक्ति केंद्र में एक मुस्त संविदा मासिक वेतन अंतर्गत जेन्डर विशेषज्ञ, वित्तीय साक्षरता एवं समन्वय विशेषज्ञ तथा कार्यालय सहायक की पदों पर भर्ती के लिए प्राप्त आवेदनों के संबंध में दावा-आपत्ति 08 दिसंबर तक आमंत्रित किया गया है। पात्र-अपात्र की सूची के लिए जिले के वेबसाइट https://mungeli.gov. in एवं कार्यालय के सूचना पटल का अवलोकन किया जा सकता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि दावा-आपत्ति कलेक्टोरेट स्थित कक्ष क्रमांक 256 कार्यालय जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास में जमा किया जाएगा।
आदिवासी संस्कृति भारतीय धरोहर का अंग: डॉ. शर्मा
पथरिया | वीरांगना अवंति बाई लोधी शासकीय महाविद्यालय, पथरिया में शनिवार को जनजातीय गौरव दिवस बड़े ही उत्साह, सांस्कृतिक गरिमा और जागरूकता के साथ मनाया गया। इस आयोजन का उद्देश्य आदिवासी जननायक भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष, बलिदान और समाज सुधार में उनके अमूल्य योगदान को स्मरण करना था। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की पूजा-अर्चना के साथ हुआ। मंच संचालन समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. यू. एस. श्रीवास्तव ने किया, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अंजलि शर्मा ने की। प्रदीप धुर्वे ने कहा कि बिरसा मुंडा के विचार आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। प्राचार्य डॉ. अंजलि शर्मा ने आदिवासी समाज को भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण अंग बताया। उन्होंने छात्रों को आदिवासी समाज की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं को समझने व संवेदनशीलता के साथ समाज सेवा के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी विभागों के प्राध्यापकगण और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। अंत में डॉ. यूएस श्रीवास्तव द्वारा आभार व्यक्त किया गया।
प्लेसमेंट कैंप: 23 अभ्यर्थियों का चयन
मुंगेली | जिले के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में पहल करते हुए जिला रोजगार कार्यालय द्वारा लाईवलीहुड कॉलेज परिसर, जमकोर में प्लेसमेंट कैंप का आयोजन किया गया। इस कैंप का उद्देश्य युवाओं को निजी क्षेत्र में उपलब्ध विभिन्न रोजगार अवसरों से जोड़ना और उनकी कौशल क्षमता के अनुरूप उपयुक्त पदों पर चयन सुनिश्चित करना था। प्लेसमेंट कैंप में दो निजी कंपनियोंध्नियोजकों ने भाग लिया, जिन्होंने उपस्थित अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लेकर उनकी योग्यता, संप्रेषण कौशल, व्यवहारिक बुद्धिमत्ता और क्षेत्रीय समझ का परीक्षण किया। साक्षात्कार प्रक्रिया के बाद 23 अभ्यर्थियों का चयन इलेक्ट्रिशियन, फील्ड ऑफिसर और बिजनेस डेवेलपमेंट आफिसर के पद पर किया गया।
जल संरक्षण पर सोशल मीडिया रील्स प्रतियोगिता शुरू
मुंगेली | मुंगेली कृषि विभाग द्वारा जलग्रहण क्षेत्र प्रबंधन के तहत जल संरक्षण के प्रति जनभागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वाटरशेड महोत्सव सोशल मीडिया रील्स प्रतियोगिता 2025-26 का आयोजन किया जा रहा है। यह प्रतियोगिता 31 दिसंबर तक चलेगी। कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को जल संरक्षण विषय पर 30 से 60 सेकेंड का आकर्षक रील्स बनाना होगा और उसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करना होगा। प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को आकर्षक पुरस्कार दिए जाएंगे। सर्वश्रेष्ठ 4 रील्स के लिए 50-50 हजार और 50 अन्य प्रतिभाओं को 1-1 हजार रुपए की पुरस्कार राशि दी जाएगी। इच्छुक प्रतिभागी अपनी रील को विभाग द्वारा निर्धारित ऑनलाइन पोर्टल पर पोस्ट कर सकते हैं और पोर्टल लिंक https://wdcpmksy.dol r.gov.in/registerMah otsav पर पंजीयन करा सकते हैं। नियम और अधिक जानकारी के लिए कार्यालय उप संचालक कृषि से संपर्क किया जा सकता है।
आईसीएआई ने जीएसटी में फर्जी इनवॉइसिंग के दुष्परिणाम बताए
बिलासपुर| द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की बिलासपुर शाखा द्वारा इशु रिलेटेड फेक इनवाइसिंग अंडर जीएसटी विषय पर सेमिनार किया गया। इसमें मुख्य वक्ता सीए जयेन्द्र तिवारी ने जीएसटी के अंतर्गत फर्जी इनवॉइसिंग से जुड़े कानूनी मुद्दे, नवीनतम संशोधन, विभागीय प्रक्रियाएं, कार्रवाई में अपनाई जाने वाली सावधानियां, जोखिम प्रबंधन और रोकथाम के व्यावहारिक उपायों पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया। बिलासपुर शाखा के पदाधिकारियों ने बताया कि यह सेमिनार सदस्यों को बदलते कर ढांचे और अनुपालन की चुनौतियों से निपटने में सहायक सिद्ध होगा। सेमिनार के अंत में प्रश्नोत्तर सत्र हुआ, जिसमें प्रतिभागियों के विभिन्न प्रश्नों का समाधान विशेषज्ञों ने किया । कार्यक्रम में शाखा अध्यक्ष सीए मनीष सखूजा, सचिव सीए उदय चौरसिया आदि उपस्थित रहे।
IIM नवा रायपुर में 60वीं ऑल इंडिया DGP-IG कॉन्फ्रेंस में PM नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस देश की सिक्योरिटी स्ट्रैटजी को बदलने के लिए एक प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करती है। पुलिस को अब जनता और युवाओं के बीच भरोसे की एक नई इमेज बनानी होगी। PM ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ क्राइम को रोकने के लिए डायल 112 जैसा एक देशव्यापी प्लेटफॉर्म बनाया जाना चाहिए। देश में भविष्य की पुलिसिंग AI, फोरेंसिक, NATGRID और डेटा-ड्रिवन सिस्टम से चलेगी। साथ ही भगोड़ों को विदेश से भारत लाने पर भी रणनीति बनी। उन्होंने आतंकवाद, ड्रग्स का गलत इस्तेमाल, साइबर क्राइम और महिलाओं की सेफ्टी जैसे मुद्दों पर एक तेज और को-ऑर्डिनेटेड स्ट्रैटजी की जरूरत पर भी जोर दिया। साथ ही कहा कि विजन 2047 की तैयारी में पुलिसिंग को एकाउंटेबल, सेंसिटिव और मॉडर्न बनाने की जरूरत है। कॉन्फ्रेंस में खास सेवा के लिए प्रेसिडेंट पुलिस मेडल और शहरी पुलिस सुधारों के लिए अवॉर्ड भी दिए गए। कॉन्फ्रेंस खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अलग-अलग स्कूलों के 30 छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। बच्चों से कॅरियर और परीक्षा को लेकर चर्चा की। गाइडलाइन तैयार करने की प्रक्रिया पर फोकस IIM नवा रायपुर में 60वें अखिल भारतीय DGP-IG कॉन्फ्रेंस में रविवार सुबह उन राज्यों को प्रेजेंटेशन देने का मौका मिला, जो शनिवार को अपनी रिपोर्ट पेश नहीं कर पाए थे। पहले सत्र में पुलिसिंग में AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के उपयोग पर चर्चा की गई। दूसरा सत्र गाइडलाइन तैयार करने की प्रक्रिया पर फोकस रहा। सुरक्षा एजेंसियों की जरूरतों, राज्यों के इनपुट और पिछली सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए अंतिम गाइडलाइन का ड्राफ्ट तैयार किया गया। साथ ही देश के जियो-पॉलिटिकल चैलेंजेस पर चर्चा हुई। इसी दौरान ‘मॉडल स्टेट’ भी चुना गया, जिसकी बेहतरीन प्रैक्टिस को पूरे देश में लागू किए जाने की तैयारी है। वहीं कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन शनिवार को 13 घंटे मैराथन बैठक हुई थी। बैठक की कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संभाली। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल समेत देशभर की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी मौजूद रहे। दूसरे दिन 13 घंटे बैठक, 4 सेशन हुए शनिवार को कॉन्फ्रेंस में 4 सत्र निर्धारित थे, जिनमें विभिन्न राज्यों के DGP ने अपनी-अपनी प्रेजेंटेशन दी। बैठक का मुख्य फोकस राष्ट्रीय सुरक्षा, उभरती चुनौतियां और पिछली सिफारिशों के अमल की समीक्षा पर है। बैठक के एजेंडा में महिला सुरक्षा को तकनीक के माध्यम से और मजबूत करने पर भी विशेष चर्चा शामिल है। छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम ‘बस्तर 2.0’ पर अपनी बात रखी। उन्होंने मार्च 2026 तक नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन के बाद बस्तर में विकास की रणनीति पर विस्तार से जानकारी दी। इसके अलावा 2047 की पुलिसिंग का रोडमैप तैयार किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने पुलिस अधिकारियों को आने वाले समय को ध्यान में रखते हुए काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी 21 साल में अपराध, तकनीक और सुरक्षा की नई चुनौतियों को देखते हुए पुलिस प्रणाली में बदलाव की जरूरत है। विदेश से भगोड़ों को भारत लाने पर चर्चा कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन विदेश में छिपे भारतीय भगोड़ों को वापस लाने के रोडमैप पर चर्चा की गई। इसमें कई बड़े नामों का उल्लेख किया गया। फिलहाल, भारत की 47 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि और 11 देशों के साथ प्रत्यर्पण व्यवस्था (एग्रीमेंट) है। इस प्रक्रिया का नोडल विभाग गृह मंत्रालय है। केंद्रीय एजेंसियों और राज्यों की पुलिस को भगोड़ों की वापसी के लिए ठोस रोडमैप तैयार करने के निर्देश दिए गए। चर्चा में बताया गया कि छत्तीसगढ़ के 4 भगोड़े ऐसे हैं, जिनके खिलाफ इंटरपोल ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया है। इनमें महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, शुभम सोनी और शराब घोटाले में फरार आरोपी विकास अग्रवाल उर्फ सिब्बू शामिल हैं। खबर है कि चारों दुबई में छिपे हुए हैं। गाजीपुर थाने को बेस्ट पुलिस स्टेशन अवॉर्ड वहीं पहले दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश के टॉप-3 पुलिस स्टेशनों को सम्मानित किया। दिल्ली के गाजीपुर थाने को बेस्ट पुलिस स्टेशन घोषित किया गया, जबकि अंडमान-निकोबार के पहरगांव थाना दूसरे और कर्नाटक के रायचूर जिले के कवितला थाना तीसरे स्थान पर रहा। पीएम मोदी M-1, शाह M-11 में ठहरे थे प्रधानमंत्री एम-1 और केंद्रीय गृहमंत्री एम-11 में ठहरे हैं। नए सर्किट हाउस में एनएसए अजीत डोभाल, डिप्टी एनएसए अनीश दयाल सिंह, आईबी चीफ तपन डेका, केंद्रीय गृह सचिव और दोनों केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के ठहरने की व्यवस्था की गई थी। सर्किट हाउस में 6 सूइट और 22 कमरे बुक किए गए थे। ठाकुर प्यारेलाल संस्थान में 140 कमरे और निमोरा अकादमी में 91 कमरे बुक थे। इस कार्यक्रम में शामिल 33 राज्यों के डीजीपी, पैरामिलिट्री फोर्स के 20 डीजी/एडीजी समेत 75 पुलिस अधिकारी ठहराए गए थे। 1 महीने में पीएम मोदी का दूसरा दौरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक महीने में दूसरी बार छत्तीसगढ़ पहुंचे थे। इससे पहले, 1 नवंबर को वे राज्य स्थापना दिवस पर रायपुर आए थे। उन्होंने सत्य साईं संजीवनी अस्पताल में बच्चों से मुलाकात की। आदिवासी संग्रहालय का उद्घाटन किया और राज्योत्सव में हिस्सा लिया था। ................................. इससे संबंधित यह खबर भी पढ़ें... PM बोले-लाल झंडे की जगह शान से लहरा रहा तिरंगा: छत्तीसगढ़-राज्योत्सव में कहा-कुछ लोग संविधान का दिखावा करते हैं, सुरक्षा में तैनात आरक्षक की मौत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस के मौके पर रजत महोत्सव का उद्घाटन किया। मोदी ने PM आवास योजना के 5 हितग्राहियों को चाबियां सौंपी। PM मोदी ने छत्तीसगढ़ी में भाषण की शुरुआत की। मोदी ने कहा कि जम्मो भाई-बहनी, लइका, सियान मन ल हाथ जोड़ के जय जोहर। पढ़ें पूरी खबर...
बहतराई में चार साल से पीएम आवास अधूरे पड़े
बिलासपुर| प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बहतराई में बन रहे आवास पिछले चार वर्षों से अधूरे पड़े हैं। योजना के तहत पात्र परिवारों को पक्के मकान मुहैया कराने के उद्देश्य से निर्माण कार्य शुरू तो किया गया था । स्थिति यह है कि अधूरे पड़े इन मकानों में अब जंगल जैसी झाड़ियां उग आई हैं, जिससे पूरे परिसर का स्वरूप अव्यवस्थित और भयावह दिखने लगा है। लोगों का कहना है कि शुरूआती दौर में तेजी से काम हुआ, पर कुछ ही महीनों बाद निर्माण पूरी तरह रुक गया। कई बार अधिकारियों को शिकायत भी की गई, मगर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के मौसम में झाड़ियां और मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। - राकेश साहू , बहतराई

