पंजाब के पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पर आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज है। आज (7 अक्टूबर) उनकी जमानत याचिका पर लगातार दूसरे दिन भी सुनवाई चल रही है। उम्मीद है कि आज उनकी याचिका पर फैसला हो जाएगा। बुधवार को मजीठिया के वकीलों की ओर से दलीलें पेश की गईं। इस मुद्दे पर सुनवाई करीब तीन घंटे चली। सुबह से सुनवाई शुरू हुई थी और लंच के बाद भी जारी रही। उन्होंने सारे तथ्य पेश किए और यह साबित करने की कोशिश की कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है। गिरफ्तारी से लेकर अब तक की सारी कहानी... हिमाचल से यूपी तक प्रॉपर्टी का दावा: विजिलेंस ब्यूरो ने बिक्रम सिंह मजीठिया को 25 जून को अमृतसर स्थित उनके निवास से गिरफ्तार किया था। इसके बाद टीमों ने हिमाचल, दिल्ली और यूपी समेत 25 जगह दबिश देकर उनकी प्रॉपर्टी की पहचान की है। छह जुलाई से जेल में: 6 जुलाई तक वह विजिलेंस ब्यूरो की रिमांड पर थे। इसके बाद से वह जेल में हैं। उन्होंने इस साल के बड़े त्योहार-रक्षा बंधन, दिवाली, दशहरा और गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व जेल में ही मनाए हैं। विजिलेंस ब्यूरो ने 200 गवाह बनाए विजिलेंस ब्यूरो की कोशिश है कि यह केस अदालत में कमजोर न पड़े। इसी के तहत 22 अगस्त को विस्तृत चार्जशीट दाखिल की गई। इसमें 40,000 से अधिक पन्नों के दस्तावेजी सबूत और 200 से ज्यादा गवाहों के बयान शामिल हैं। यह मामला 2013 में ईडी की उस जांच से जुड़ा है, जिसमें 6,000 करोड़ रुपए के सिंथेटिक ड्रग रैकेट का खुलासा हुआ था। पुराने साथियों ने भी खिलाफ दर्ज करवाएं बयान इस मामले में विजिलेंस ब्यूरो ने उनके पुराने साथी रहे अजनाला के पूर्व विधायक बोनी अजनाला, उनके पूर्व पीए समेत ईडी और पंजाब पुलिस के पूर्व अधिकारियों सहित छह लोगों के बयान दर्ज किए हैं। विजिलेंस का दावा है कि इससे केस मजबूत हुआ है। 700 करोड़ की संपत्ति का जिक्र चार्जशीट में विजिलेंस ने 700 करोड़ रुपए की अवैध और बेमानी संपत्ति का खुलासा चार्जशीट में किया है। पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, यूपी और दिल्ली में 15 ठिकानों की जांच के बाद चार्जशीट तैयार की गई है। चार्जशीट में कई अकाली और बीजेपी नेताओं के भी बयान दर्ज हैं। विजिलेंस का कहना है कि चार्जशीट तय समय पर दाखिल की गई है। डेरा ब्यास प्रमुख जेल में मिले 23 सितंबर को डेरा ब्यास प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों नाभा जेल में उनसे मिलने पहुंचे थे। यह मुलाकात करीब आधे घंटे चली थी। जेल में उनकी बहन भी मिलने आई थी। सरकार ने केस चलाने की परमिशन दी आय से अधिक संपत्ति मामले में अब बिक्रम मजीठिया पर अदालत में केस चलेगा। राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने उन पर मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। यह अनुमति भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19 के तहत दी गई है। इससे पहले राज्य कैबिनेट ने 8 सितंबर को इस पर सिफारिश भेजी थी।
एमपी यूथ कांग्रेस के चुनाव परिणाम घोषित हो गए हैं। प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में कमलनाथ और सिंघार गुट का दबदबा रहा है। पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक लखन घनघोरिया के बेटे यश घनघोरिया प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। वहीं, जिला अध्यक्षों में सबसे बड़ी जीत सीएम डॉ मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन में दर्ज की गई है। उज्जैन में अर्पित यादव 14,631 वोट पाकर प्रदेश में सबसे बडे़ अंतर से जीतने वाले जिला अध्यक्ष बने हैं। जानें, जिलों में किसे कितने वोट मिले... आगर मालवा: जिला अध्यक्ष बने पृथ्वीराज चौहान को सबसे ज्यादा 5050 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे लक्ष्मण सिंह को 2046 वोट मिले हैं। अलीराजपुर: जिला अध्यक्ष बने पुष्पराज सिंह रावत को 2743 वोट मिले। जबकि, 667 वोट पाकर दीपक भूरिया दूसरे नंबर पर रहे। अनूपपुर: 4406 वोट पाकर मानवेंद्र मिश्रा जिला अध्यक्ष बने। वहीं 1554 वोट पाकर दुर्गेश मिश्रा दूसरे नंबर पर रहे। अशोक नगर: 2988 वोट पाकर रजनीश सिंघई पहले नंबर पर रहे। 2848 वोट पाकर सचिन त्यागी दूसरे नंबर पर रहे। बड़वानी: 3344 वोट पाकर आदित्य गोयल जिला अध्यक्ष बने। मोतीराम सोलंकी 629 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। बालाघाट: शिवम विश्वकर्मा 1258 वोट पाकर जिला अध्यक्ष बने। दूसरे नंबर पर रहे अमरकांत बिसेन को 1080 वोट मिले। बैतूल: संजय यादव 10668 वोट पाकर जिलाध्यक्ष बने। 9986 वोट पाकर प्रदीप कोकटे दूसरे नंबर पर रहे। भिंड: मनीष कुमार शर्मा 3393 वोट पाकर जिला अध्यक्ष बने। दूसरे नंबर पर राजू सिंह लोधी को मात्र 173 वोट मिले। भोपाल ग्रामीण: राहुल सिंह मंडलोई 4785 वोट पाकर जिला अध्यक्ष बने। दूसरे नंबर पर रहे अंकुर राणा को 2146 वोट मिले। भोपाल शहर: 8172 वोट पाकर अंकित दुबे जिला अध्यक्ष चुने गए। 6374 वोट पाकर अमित खत्री दूसरे नंबर पर रहे। बुरहानपुर: 3786 वोट पाकर अर्जुन जांगले जिला अध्यक्ष चुने गए। 2505 वोट पाकर राजेंद्र मसाने दूसरे नंबर पर रहे। छतरपुर: जिला अध्यक्ष बने मानवेंद्र सिंह परमार को 7452 वोट मिले। गजेंद्र परमार 597 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। छिंदवाड़ा: मात्र 896 वोट पाकर हरिओम रघुवंशी निर्विरोध जिला अध्यक्ष बने। दमोह: 2454 वोट पाकर द्रगपाल लोधी जिला अध्यक्ष बने। दूसरे नंबर पर रहे अफजल अजीज को 1754 वोट मिले। दतिया: जिला अध्यक्ष बने अरविंद सिंह गुर्जर को 6188 वोट मिले। 4176 वोट पाकर नोमी सिंह कमरिया दूसरे नंबर पर रहे। देवास: जिले में किशोर सिंह चौहान 11209 वोट पाकर जिला अध्यक्ष बने। नवीन बाली 7041 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। धार : जिले में 6840 वोट पाकर रोहित कामदार जिला अध्यक्ष चुने गए। सोनू सेमलिया 3382 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। डिंडोरी: अमन पाठक 821 वोट पाकर जिला अध्यक्ष चुने गए। दूसरे नंबर पर रहे राजेश मरावी को 517 वोट मिले। गुना: युवा कांग्रेस अध्यक्ष बने पंचम सिंह भील को 3896 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे दीपक बिलरवां को 1775 वोट मिले। ग्वालियर ग्रामीण: पुष्पेंद्र सिंह 10408 वोट पाकर जिला अध्यक्ष बने। दूसरे नंबर पर रहे योगेंद्र परमार को 3322 वोट मिले। ग्वालियर शहर: 9616 वोट से विजय यादव जिला अध्यक्ष बने। दूसरे नंबर पर रहित सुमित सिंह को 6142 वोट मिले। हरदा: जिले में निर्विरोध जिला अध्यक्ष बने योगेश चौहान को 213 वोट मिले। इंदौर ग्रामीण: जिला अध्यक्ष बने गजेंद्र सिंह राठौड़ को 10156 वोट मिले। जबकि दूसरे नंबर पर रहे गौरव सिंह सोलंकी को 8218 वोट मिले। इंदौर शहर: अमित पटेल को 6286 वोट पाकर जिला अध्यक्ष चुने गए। दूसरे नंबर पर रहीं हिबा खान को 1541 वोट मिले। जबलपुर ग्रामीण: जिला अध्यक्ष बने शुभम श्रीवास्तव को 8267 वोट मिले। जबकि, 961 वोट पाकर सौरभ सिंह गौतम दूसरे नंबर पर रहे। जबलपुर शहर:10478 वोट पाकर सत्येंद्र कुकी जिला अध्यक्ष चुने गए। अमित सोनकर 8290 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। झाबुआ: नटवर डोडियार 3370 वोट पाकर जिला अध्यक्ष बने। दूसरे नंबर पर रहे प्रकाश परमार को 1709 वोट मिले। कटनी: जिला अध्यक्ष बने मोहम्मद इसराइल को 2952 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे पार्थ समाधिया को 915 वोट मिले। खंडवा: जिला अध्यक्ष बने अनिल यादव को 4212 वोट मिले। जबकि 324 वोट पाकर अक्षत अग्रवाल दूसरे नंबर पर रहे। खरगोन: जिला अध्यक्ष बने रजत डंडीर को 8479 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे सिद्धार्थ वर्मा को 4760 फुट मिले। मैहर: जिला अध्यक्ष बने सौरभ शर्मा को 3363 वोट मिले। जबकि पंकज सिंह कुशवाहा 2418 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। मंडला: जिला अध्यक्ष बने संजू अहिरवार को 3987 वोट मिले। जबकि 3606 वोट पाकर कोविद सिंह ठाकुर दूसरे नंबर पर रहे। मंदसौर: जिले में जिला अध्यक्ष बने दुर्गेश पवार पटेल को 10226 वोट मिले। 7122 वोट पाकर राघव राज सिंह शक्तावत दूसरे नंबर पर रहे। मऊगंज: 2214 वोट पाकर आशुतोष तिवारी जिला अध्यक्ष बने चैतन्य मिश्रा 736 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे मुरैना: जिले में जिला अध्यक्ष बने अनिल सिंह गुर्जर को 3754 वोट मिले। जबकि मोहित शुक्ला 3625 वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे। नर्मदापुरम: 12006 वोट पाकर हर्ष कटाक्वार जिला अध्यक्ष बने। दूसरे नंबर पर रहे गौरव चौधरी को 7717 वोट मिले। नरसिंहपुर: जिले में 5584 वोट पाकर विवेक पटेल जिला अध्यक्ष बने। 7740 वोट पाकर राजुल शेखर जायसवाल दूसरे नंबर पर रहे। नीमच: मोहन सिंह शक्तावत 3197 वोट पाकर जिला अध्यक्ष बने। दूसरे नंबर पर रहे वैभव अहीर को 1744 वोट मिले। निवाड़ी: 1850 वोट पाकर रोहित यादव जिला अध्यक्ष बने। दूसरे नंबर पर रहे विमलेश राय को 415 वोट मिले। पांढुर्णा: जिले में निर्विरोध जिला अध्यक्ष चुने गए प्रशांत धुर्वे को 2450 वोट मिले। पन्ना: जिला अध्यक्ष बने राज्यपाल सिंह को 2673 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे सारांश पांडे को 1559 वोट मिले। रायसेन: जिला अध्यक्ष बने हर्षवर्धन सोलंकी को 3944 वोट मिले। दूसरे नंबर पर परेश नगर को 1254 वोट मिले। राजगढ़: जिला अध्यक्ष बने अमन अरोड़ा को 8534 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे शिव प्रसाद दांगी को 4554 वोट मिले। रतलाम : जिला अध्यक्ष बने मयंक सिंह जाट को 9523 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे रवि कुमार को 1969 वोट मिले। रीवा: जिला अध्यक्ष बने अनूप सिंह को 8664 वोट मिले। 7151 वोट पाकर अमित सिंह दूसरे नंबर पर रहे। सागर: 5116 वोट पाकर संदीप अहिरवार जिला अध्यक्ष बने। 3689 वोट पाकर आदित्य चौधरी दूसरे नंबर पर रहे। सतना: 13039 वोट पाकर वरुण गुर्जर जिला अध्यक्ष बने। दूसरे नंबर पर रहे प्रवीण कुमार बागड़ी को 9561 वोट मिले। सीहोर: 6773 वोट पाकर देवेंद्र सिंह ठाकुर बोर्डी जिला अध्यक्ष बने दूसरे नंबर पर रहे संदीप सिंह ठाकुर को 4633 वोट मिले। सिवनी: आदित्य भरा 6637 वोट पाकर जिला अध्यक्ष बने। दूसरे नंबर पर रहे राहुल अल्के को 5857 वोट मिले। शहडोल: अनुपम गौतम 3636 वोट पाकर जिला अध्यक्ष बने। दूसरे नंबर पर रहे आदित्य आशीष तिवारी को 3320 वोट मिले। शाजापुर: जयंत सिंह सिकरवार 966 वोट पाकर जिला अध्यक्ष बने। दूसरे नंबर पर रहे चिराग परमार को 467 वोट मिले। श्योपुर: जिलाध्यक्ष बने राम भरत मीणा को 1255 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे रवि सिंह जादौन को 875 वोट मिले। शिवपुरी: जिले अध्यक्ष बने सत्यम सिंह चौहान को 2235 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे अमन धाकड़ को 436 वोट मिले। सीधी: जिले अध्यक्ष बने करण सिंह चौहान को 8057 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे सौरभ सिंह को 6896 वोट मिले। सिंगरौली: जिला अध्यक्ष बने प्रेम प्रकाश सिसोदिया को 3915 वोट मिले। जबकि दूसरे नंबर पर रहे मनोज कुमार सिंह को 2590 वोट मिले। टीकमगढ़: 2686 वोट पाकर पार्थ सिंह देव जिला अध्यक्ष बने ।दूसरे नंबर पर रहे देवेंद्र भास्कर को 1630 वोट मिले। उज्जैन: अर्पित यादव 14631 वोट पाकर जिला अध्यक्ष बने। दूसरे नंबर पर रहे प्रीतेश शर्मा को 9624 वोट मिले। उमरिया: जिला अध्यक्ष बने अनुराग सिंह को 5418 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे रोहित तिवारी को 2729 वोट मिले। विदिशा: जिला अध्यक्ष बने आकाश शर्मा को 7003 वोट मिले। दूसरे नंबर पर रहे सौरभ दुबे को 5897 वोट मिले।
अमृत भारत स्टेशन योजना में जोधपुर के ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन का कायाकल्प किया जा रहा है और इसमें अब बड़ी सुविधा जुड़ने जा रही है पार्किंग की। 474 करोड़ के इस प्रोजेक्ट के तहत जोधपुर रेलवे स्टेशन के दोनों तरफ दो मल्टीलेवल पार्किंग बिल्डिंग का निर्माण तेजी से चल रहा है। इन दोनों पार्किंग भवनों के पूरा होने पर लगभग 1,000 वाहनों को एक साथ पार्क करने की सुविधा मिल सकेगी। उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि स्टेशन री-डवलपमेंट प्रोजेक्ट के पूर्ण होने पर यात्रियों और शहरवासियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होंगी। जोधपुर रेलवे स्टेशन के दोनों तरफ भगत की कोठी साइड (ओलंपिक रोड) और राइका बाग साइड (हरीश जोशी मार्ग) दो मल्टीलेवल कार पार्किंग (एमएलसीपी) का निर्माण तेजी से जारी है। डवलप की जा रही मल्टीलेवल पार्किंग केवल रेल यात्रियों के लिए ही नहीं बल्कि आसपास के क्षेत्रों में आने-जाने वाले नागरिकों और व्यापारियों के लिए भी पार्किंग सुविधा प्रदान करेगी। इससे संपूर्ण क्षेत्र की यातायात व्यवस्था में सुधार हो सकेगा। भगत की कोठी साइड (ओलंपिक रोड) की पार्किंग डीआरएम त्रिपाठी के अनुसार भगत की कोठी साइड ओलंपिक रोड की तरफ बनने वाली पांच मंजिली पार्किंग 6667.5 मीटर के क्षेत्र में खड़ी की जा रही है। इसकी चार मंजिलों का कार्य पूरा हो चुका है और पांचवीं मंजिल का निर्माण कार्य चल रहा है। निर्माण के साथ-साथ फिनिशिंग का कार्य भी समानांतर रूप से किया जा रहा है। इस भवन में आम जनता के लिए चार मंजिलें पार्किंग के लिए उपलब्ध होंगी। जिसमें कुल 375 कारों और 210 दुपहिया वाहनों को पार्क किया जा सकेगा। दुपहिया वाहनों के लिए ग्राउंड फ्लोर को निर्धारित किया गया है और वाहनों की एंट्री मौजूदा पार्सल रोड की तरफ से होगी। राइका बाग साइड (हरीश जोशी मार्ग) इसी तरह, राईका बाग (हरीश जोशी मार्ग) की ओर भी पांच मंजिली मल्टीलेवल कार पार्किंग का निर्माण जारी है। यहां वर्तमान समय में ग्राउंड फ्लोर का काम अंतिम चरण में है। इस भवन में दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल में पार्किंग सुविधा दी जाएगी। राइका बाग साइड की पार्किंग में 265 कारें और 140 दुपहिया वाहन एक साथ खड़े किए जा सकेंगे। जोधपुर मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक विकास खेड़ा ने बताया कि यह मल्टीलेवल पार्किंग व्यावसायिक दृष्टि से रेलवे के लिए भी लाभकारी साबित होगी। रेल यात्रियों के अलावा अन्य नागरिक भी निर्धारित किराये पर इन पार्किंग स्थलों का उपयोग कर सकेंगे, जिससे रेलवे की आय में बढ़ोतरी होगी और सुविधाओं का विस्तार संभव होगा। 500 मीटर लंबी एलिवेटेड रोड से जुड़ेगी दोनों पार्किंग दोनों मल्टीलेवल कार पार्किंग को जोड़ने के लिए एक 500 मीटर लंबी एलिवेटेड रोड का निर्माण भी किया जाएगा। यह रोड मुख्य स्टेशन बिल्डिंग के सामने ड्रॉप एरिया पर आने-जाने के लिए बनाई जाएगी, इससे यात्रियों और वाहनों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। भगत की कोठी साइड की एमएलसीपी में वाहनों की एंट्री मौजूदा पार्सल रोड से होगी। भगत की कोठी वाली मल्टीलेवल कार पार्किंग का निर्माण 31 मार्च 2026 तक पूरा हो जाने का लक्ष्य है, जबकि राइका बाग की तरफ की पार्किंग का निर्माण 31 जनवरी 2027 तक पूरा किया जाना है। कुल पार्किंग क्षमता: 1,000 वाहन (585 + 405 + 500 मीटर एलिवेटेड रोड कनेक्टिविटी के साथ)
पश्चिमी विक्षोभ के चलते बारिश के बाद पंजाब के तापमान में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। बीते 24 घंटों में दिन के तापमान में 0.6 डिग्री की कमी आई है, जबकि दिन का तापमान सामान्य से 1.7 डिग्री तक अधिक ठंडा बना हुआ है। आने वाले दो दिन और हल्की-हल्की गिरावट देखने को मिल सकती है। वहीं, अब रात का तापमान जो सामान्य से अधिक बना हुआ था, उसमें 4 डिग्री की गिरावट हुई है। जिसके बाद राज्य में न्यूनतम तापमान सामान्य रिकॉर्ड किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अब राज्य के तापमान में हल्की कमी देखने को मिलेगी। ये ठंड की दस्तक है। पहाड़ी इलाकों में भी हुई बर्फबारी के चलते भी राज्य में ठंडी हवाओं के चलने का अनुमान है। पंजाब के शहरों का AQI (रात 11 बजे अनुसार)- न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री दर्ज पंजाब के न्यूनतम तापमान में 4 डिग्री की गिरावट के बाद राज्य के अधिकतर शहरों का तापमान 10 से 12 के बीच बना हुआ है। सबसे कम तापमान फरीदकोट में 7.9 डिग्री दर्ज किया गया है। वहीं, अधिकतर जिलों का अधिकतम तापमान भी 26 से 29 डिग्री के बीच दर्ज किए गए हैं। सबसे अधिक तापमान लुधियाना के समराला में दर्ज किया गया, जो 30.7 डिग्री रहा। वहीं, अमृतसर का न्यूनतम तापमान 10.7 डिग्री, लुधियाना का 14.4 डिग्री, पटियाला का 18.4 डिग्री, बठिंडा का 12, गुरदासपुर का 11.8 डिग्री दर्ज किया गया है। पराली जलाने के 351 मामले आए सामने पराली जलाने के मामलों में एक दिन गिरावट के बाद दोबारा से बड़ा उछाल देखने को मिला है। गुरुवार पराली जलाने में 351 मामले सामने आए। जिनमें सबसे अधिक मामले मोगा में दर्ज किए गए, जो 46 रहे। मुक्तसर में 40, संगरूर में 31, लुधियाना में 29, फिरोजपुर व तरनतारन में 28, बठिंडा में 27, अमृतसर में 25, मानसा में 24 व पटियाला में 21 मामले रिपोर्ट हुए। पंजाब के प्रमुख शहरों का तापमान-
हरियाणा के हिसार में हुड़दंग का विरोध करने पर सब इंस्पेक्टर रमेश की ईंट व डंडों से पीट- पीटकर हत्या कर दी। वारदात गुरुवार रात 11:30 बजे हुई। आरोपी मौके पर कार व 2 दोपहिया वाहन छोड़कर भाग गए। पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। नई सब्जी मंडी चौकी इंचार्ज राजबाला ने कहा कि परिजनों के बयान पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। शव पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल में भिजवाया है। आरोपियों की तलाश करने के लिए पुलिस जुटी हुई है। पुलिस की अलग-अलग टीमें दबिश दे रही हैं। बता दें करीब 57 वर्षीय सब इंस्पेक्टर रमेश की जनवरी में रिटायरमेंट होनी थी। इस तरह हुआ पूरा घटनाक्रम...एडीजीपी ऑफिस में तैनात थे : दरअसल, एडीजीपी ऑफिस में 10 साल से तैनात सब इंस्पेक्टर रमेश कुमार ढाणी श्यामलाल की गली नंबर-3 में परिवार के साथ रहते थे। सब इंस्पेक्टर रमेश लंबे समय से पुलिस विभाग में तैनात थे। परिवार के कई अन्य लोग भी पुलिस विभाग में कार्यरत हैं।रात साढ़े 10 बजे हुड़दंग हो रहा था : बताया जा रहा है कि रात 10:30 बजे कुछ युवक हुड़दंग और गाली गलौज कर रहे थे। शोर शराबा होने पर सब इंस्पेक्टर रमेश घर से बाहर निकले। उन्होंने युवकों को हुड़दंग करने से रोका। उस समय तो युवक चल गए। एक घंटे बाद फिर आए युवक : एक घंटे बाद कई युवक कार व दोपहिया वाहनों पर आए। उन्होंने रमेश के घर के सामने गाली गलौज करना शुरू कर दिया। रमेश ने उन्हें रोका तो उन्होंने डंडों व ईंटों से हमला कर दिया। रमेश घायल होकर गिर गए। चीख पुकार सुनकर परिवार के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे और हमलावरों का पीछा किया, लेकिन वे भागने में कामयाब हो गए।
राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर ने डीडवाना में ग्रीन बेल्ट के रूप में चिह्नित भूमि पर सर्किट हाउस निर्माण के आदेश पर रोक लगा दी है। जस्टिस (डॉ.) नूपुर भाटी ने इस संबंध में दायर सिविल रिट पिटीशन में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पारित किया है। इसके साथ ही राजस्व विभाग, डीडवाना कलेक्टर, तहसीलदार व नगर परिषद आयुक्त को नोटिस जारी कर विवादित जमीन के संबंध में निर्देश दिए कि जैसी स्थित आज है, वैसी ही दोनों पक्षों द्वारा बनाए रखी जाए। डीडवाना के शेखा बासनी निवासी मोहम्मद यूनुस खान, मोहम्मद यूसुफ, रुस्तम और लियाकत खान ने इस मामले में याचिका दायर की थी। संदर्भ केस: विवादित भूमि ग्रीन बेल्ट में चिन्हित याचिकाकर्ताओं के वकील ने कोर्ट का ध्यान समान विवाद वाले मामले बार एसोसिएशन रानी बनाम राजस्थान राज्य एवं अन्य की ओर आकर्षित किया। उन्होंने बताया कि समन्वय पीठ ने 10 मई 2023 के आदेश द्वारा नोटिस जारी करते समय अंतरिम आदेश दिया था। वकील ने कोर्ट का ध्यान रानी खुर्द के लिए स्वीकृत मास्टर प्लान (वर्ष 2010-2031) की ओर आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि स्पष्ट रूप से प्रावधान था कि आबादी का विकास आवासीय क्षेत्र में होगा, जबकि खसरा नंबर 798 से 802 की विवादित भूमि को ग्रीन बेल्ट के रूप में चिह्नित किया गया था और गोचर भूमि के रूप में दर्ज किया गया था। हालांकि, विवादित आदेश के माध्यम से कलेक्टर ने खसरा नंबर 798 से 802 में से सिविल कोर्ट भवन के लिए भूमि अलग कर दी। वकील ने बताया कि कलेक्टर ने राजस्थान नगरपालिका अधिनियम, 2009 की धारा 162 के तहत प्रक्रिया का पालन किए बिना विवादित आदेश पारित किया है और सार्वजनिक नोटिस जारी करके आपत्तियां आमंत्रित नहीं की गई हैं। डीडवाना मामले में वकील का तर्क याचिकाकर्ताओं के वकील ने इस कोर्ट का ध्यान डीडवाना के लिए स्वीकृत मास्टर प्लान (वर्ष 1998-2023) की ओर आकर्षित किया। वकील ने कहा कि आबादी का विकास आवासीय क्षेत्र में होगा, जबकि खसरा नंबर 359 से 360 की विवादित भूमि को ग्रीन बेल्ट के रूप में चिह्नित किया गया था और इवेक्यूई लैंड (निष्क्रांत संपत्ति) के रूप में दर्ज किया गया था। हालांकि, विवादित आदेश के माध्यम से कलेक्टर ने खसरा नंबर 354 से 360 में से सर्किट हाउस भवन के लिए भूमि अलग कर दी। क्या है इवेक्यूई लैंड (निष्क्रांत संपत्ति) निष्क्रांत संपत्ति से तात्पर्य उस संपत्ति से है, जो 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए लोगों द्वारा छोड़ी गई थी। दरअसल, 1947 में विभाजन के दौरान जो लोग भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे। इन लोगों की संपत्तियां - आवासीय भवन, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, कृषि भूमि आदि - भारत में छोड़ दीं। उसी संपत्ति को निष्क्रांत संपत्ति (Evacuee Property) कहा जाता है। भारत सरकार ने निष्क्रांत संपत्ति प्रशासन अधिनियम, 1950 पारित किया था। इसके तहत भारत सरकार इन संपत्तियों की संरक्षक (Custodian) बन गई। कोर्ट ने माना मामले पर विचार की जरुरत है... कोर्ट ने माना कि मामले पर विचार की आवश्यकता है। कोर्ट ने नोटिस जारी किया और स्टे आवेदन का भी नोटिस जारी किया, जो छह सप्ताह के भीतर वापसी योग्य है। इस बीच, विवादित भूमि के संबंध में जैसी आज स्थिति है, वैसी ही दोनों पक्षों द्वारा बनाए रखी जाए। इस मामले को रानी खुर्द के समान विवाद वाले मामले के साथ जोड़ा गया।
हिमाचल प्रदेश की अटल टनल रोहतांग में ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करना टूरिस्ट को भारी पड़ा है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पर संज्ञान लेते हुए दो वाहनों के सात हजार रुपए के चालान काटे है। डीएसपी मनाली केडी शर्मा ने बताया कि वायरल वीडियो में दो गाड़ियां अटल टनल के अंदर यातायात नियमों का उल्लंघन करती हुई दिखाई दी। इनमें से एक गाड़ी BR नंबर 32 जीबी 7697 तेज गति से दूसरी गाड़ी को ओवरटेक कर गलत लेन में जाती है। दूसरी स्कॉर्पियो गाड़ी नंबर HR-51-CM-9223 में एक व्यक्ति गाड़ी के सनरूफ से बाहर निकलकर नियमों का उल्लंघन कर रहा है। मोटर वाहन अधिनियम की धारा 179 और 184 के तहत दोनों गाड़ी का पुलिस ने 3500-3500 रुपए का चालान काटा है। सनरूफ से बाहर निकलकर स्टंटबाजी न करें: DSP केडी शर्मा ने बताया कि मनाली व आसपास के पर्यटन स्थलों पर आने वाले पर्यटकों और लोकल लोगों से ट्रैफिक नियमों का पालन करने की अपील की है। तेज रफ्तार और सनरूफ से बाहर निकलकर स्टंटबाजी जान पर भारी पड़ सकती है, क्योंकि पहाड़ों पर अक्सर पत्थर व लैंडस्लाइड से हादसे होने का अंदेशा रहता है। अटल टनल में पुलिस गश्त बढ़ाने के निर्देश DSP केडी शर्मा ने बताया- अटल टनल के अंदर निरंतर गश्त करने के आदेश दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। टनल के भीतर तेज रफ्तार दूसरे वाहन चालकों की जान पर भी भारी पड़ सकती है। उन्होंने कहा- अटल टनल रोहतांग में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ओवरटेकिंग और तय गति सीमा से अधिक गति से वाहन चलाना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है।
डीडीयू यूनिवर्सिटी में आयोजित गोरखपुर पुस्तक महोत्सव के छठवें दिन बाल मंडप में स्टोरी टेलिंग और रचनात्मकता का अनूठा संगम देखने को मिला। शहर के 30 विद्यालयों के 1500 से अधिक विद्यार्थियों ने इस रचनात्मकता आयोजन में हिस्सा लिया। सभी ने स्टोरी टेलिंग, कैलिग्राफी और क्ले मॉडलिंग वर्कशॉप खूब उत्साह दिखाया। दिन की शुरुआत रणजीता सचदेवा की ओर से 'कमीशिबाई कहानी कहे' के साथ हुई, जहां छोटे श्रोताओं ने पेपर थिएटर के अनोखे कहानी प्रस्तुति एक जापानी लोक कथा के माध्यम से जापान की यात्रा की। इसके बाद दीपिका कमालिया की ओर से आयोजित एक कैलिग्राफी वर्कशॉप आयोजित की गई, जहां विद्यार्थियों ने खेलने वाले स्ट्रोक के माध्यम से सुंदर लेटरिंग की कला सीखी। जबकि अगले सत्र में रूपेश कुमार के नेतृत्व में क्ले मॉडलिंग वर्कशॉप आयोजित हुई। जहां बच्चों ने अपनी कल्पना से मिट्टी को आकार दिया। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने सीखे शिक्षण के गुर ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के एक विभाग, ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया (ओयूपी) ने गुरूवार को महोत्सव में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए “कहानियों और गतिविधियों के माध्यम से आनंददायक शिक्षण का निर्माण” विषय पर एक संवादात्मक शिक्षक ट्रेनिंग वर्कशॉप आयोजित की। वर्कशॉप का संचालन प्रसिद्ध शिक्षिका, लेखिका सोनिया रेलिया ने किया। जिनका उद्देश्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमता को बढ़ाना था। ताकि वे छोटे शिक्षार्थियों के लिए एक प्रेरणादायक और आनंदमय शिक्षण वातावरण तैयार कर सकें, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में प्रस्तुत दृष्टिकोण के अनुरूप है। कहानी, संगीत और एक्टिविटी के माध्यम से सोनिया रेलिया ने समझाया कि शिक्षक छोटे बच्चों में संज्ञानात्मक क्षमताओं, सकारात्मक दृष्टिकोण और औपचारिक शिक्षा के प्रति कैसे प्रोत्साहित कर सकते हैं। अपने प्रदर्शन के दौरान उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कहानियां और कक्षा की गतिविधियां प्रारंभिक शिक्षा को बहु-इंद्रिय, समावेशी और भावनात्मक रूप से समृद्ध बनाने में मददगार हो सकती हैं। यह कार्यशाला ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस (ओयूपी) के कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) कार्यक्रम का हिस्सा थी। इस पहल के तहत ओयूपी ने नेशनल बुक ट्रस्ट (एनबीटी) के सहयोग से उत्तर प्रदेश के 100 आंगनवाड़ी केंद्रों में पुस्तकालय स्थापित किए हैं। जिनमें लखनऊ और गोरखपुर जिलों में 50-50 पुस्तकालय शामिल हैं। इस मौके पर नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के डायरेक्टर युवराज मलिक ने कहा - आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए आयोजित यह क्षमता विकास कार्यशाला छोटे शिक्षार्थियों में जिज्ञासा, सृजनात्मकता और संज्ञानात्मक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की भावना के अनुरूप है। कार्यशाला के दौरान सोनिया रेलिया ने कहा -प्रारंभिक शिक्षा किसी भी बच्चे की शैक्षणिक यात्रा की नींव होती है। इस तरह की कार्यशालाओं के माध्यम से हमारा उद्देश्य आंगनवाड़ीकार्यकर्ताओं को ऐसे व्यावहारिक उपकरण और रचनात्मक तरीके प्रदान करना है, जो प्रारंभिक साक्षरता को आनंददायक, संवादात्मक और सार्थक बना सकें। वहीं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया के प्रबंध निदेशक सुकांता दास ने कहा-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया में हमारा उद्देश्य शिक्षकों को आवश्यक कौशल, उपकरण और रणनीतियों से सशक्त बनाकर प्रारंभिक शिक्षार्थियों के लिए आधारभूत शिक्षा को मजबूत करना है।
सिंहस्थ 2028 से पहले पर्यटक उज्जैन में शेर सहित विभिन्न वन्यजीव प्राणी देख सकेंगे। अनंत अंबानी के वनतारा प्रोजेक्ट के साथ मध्यप्रदेश सरकार उज्जैन के नवलखी बीड़ के रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में 201 हेक्टेयर वन क्षेत्र में जू रेस्क्यू सेंटर और सफारी शुरू करने जा रही है। इसकी शुरुआत हो चुकी है। 21 अक्टूबर को चार सदस्यीय टीम क्षेत्र का अवलोकन कर चुकी है। जल्द ही इसका काम शुरू होगा, जिससे देश-विदेश से आने वाले धार्मिक पर्यटक अब रोमांच का भी आनंद ले सकेंगे। मध्यप्रदेश सरकार 350 करोड़ रुपए खर्च कर उज्जैन में वन्यजीव प्राणियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का सफारी, रेस्क्यू सेंटर और जू खोलने जा रही है। ‘वनतारा’ के साथ मिलकर इसकी शुरुआत की जाएगी। वन्य प्राणियों के लिए नए कॉन्सेप्ट के तहत इसकी शुरुआत होगी, जिसमें 4 किलोमीटर क्षेत्र में टाइगर सफारी विकसित की जाएगी। यहां लैंडस्केप आधारित क्षेत्र बनेगा, यहां आने वाले पर्यटक नदी और पत्थरों के बीच शेरों को देख सकेंगे। यहां बनने वाले जू में अलग-अलग वन्य प्राणियों को रखा जाएगा। फिलहाल प्रोजेक्ट की शुरुआत के लिए 350 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं। जल्द ही डीपीआर तैयार की जाएगी। इसके बाद यदि अतिरिक्त राशि की आवश्यकता हुई तो उसका वहन मध्यप्रदेश सरकार करेगी। इसे ओडिशा के नंदनकानन जू की तरह बनाया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर के इस जू, रेस्क्यू सेंटर और सफारी में जानवरों को उनके प्राकृतिक वातावरण में रखा जाएगा। तीन फेज में बनेगा सफारी, रेस्क्यू सेंटर और जू डीएफओ अनुराग तिवारी ने बताया कि वनतारा के साथ एमओयू साइन होने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर की चार सदस्यीय टीम उज्जैन के नवलखी बीड़ पहुंची थी। टीम में डॉ. इयान वैलेंटाइन (अंतरराष्ट्रीय चिड़ियाघर विशेषज्ञ), एडम गेट्रिक्स, कैरोलिना स्टामेंटे, अलीशा मेनेजेस (लैंडस्केप आर्किटेक्ट) और क्रिस्टोफर लियांग शामिल थे। ये सभी 21 अक्टूबर को क्षेत्र का अवलोकन करने पहुंचे थे। टीम ने गहन अध्ययन के दौरान क्षेत्र की टोपोग्राफी देखी, क्षेत्र का एनालिसिस किया और सभी डेटा एकत्र कर अपने साथ ले गई है। इसके बाद डीपीआर तैयार की जाएगी। टीम ने वन विभाग के अधिकारियों को एक प्रेजेंटेशन भी दिया, जिसमें सिंगापुर सहित अन्य देशों में चल रहे जू के बारे में जानकारी दी गई। 2030 तक पूरा होगा उज्जैन का मेगा जू प्रोजेक्ट उज्जैन में वन्यजीवों के लिए शुरू होने वाले इस बड़े प्रोजेक्ट को 2030 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। जू में विदेशी जानवरों के साथ-साथ मांसाहारी (कार्निवोरस), शाकाहारी (हर्बिवोरस), पक्षी और जलचर जीव (एक्वेटिक एनिमल) रखे जाएंगे। इनमें शेर, बाघ, भेड़िए, हाथी, हिरन, खरगोश सहित सभी प्रकार के पक्षी और अमीबा, पैरामीशियम, यूग्लीना और यीस्ट जैसे सूक्ष्म जीव भी उज्जैन के जू में देखे जा सकेंगे। खास बात यह है कि नाइट सफारी को लेकर भी चर्चा हुई है। विशेषज्ञों की टीम यह तय करेगी कि उज्जैन में नाइट सफारी शुरू की जा सकेगी या नहीं। जू के वन्य प्राणियों और सफारी का आनंद मिनी रेल में भी ले सकेंगे पर्यटक मालवा-निमाड़ का सबसे बड़ा रेस्क्यू सेंटर बनने जा रहा उज्जैन का जू और सफारी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। यहां मिनी रेल चलाने की भी योजना है। डीएफओ अनुराग तिवारी ने बताया कि देशभर से आने वाले पर्यटक जू के वन्य प्राणियों और सफारी का आनंद मिनी रेल से भी ले सकेंगे। इसकी योजना तैयार की जा चुकी है। रेल में बैठकर पर्यटक पूरा पार्क घूम सकेंगे और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कर पाएंगे। रेस्क्यू सेंटर के लिए बड़ा अस्पताल बनेगा तीन अलग-अलग सेटअप तैयार किए जाएंगे, जिनमें ज़ू अलग, सफारी का स्थान अलग और रेस्क्यू सेंटर के लिए बड़ा अस्पताल बनाया जाएगा। इसमें संभाग के छोटे-बड़े जंगली जानवरों का रेस्क्यू किया जा सकेगा, साथ ही यहीं पर वन्यजीवों का इलाज भी किया जाएगा। रेस्क्यू सेंटर की एक बड़ी बिल्डिंग बनेगी, जिसमें वेटरनरी डॉक्टर सहित कई पदों पर भर्ती की जाएगी।
बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में तैनात सिपाही शिवकुमार ने एक महिला की ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर 21 अगस्त को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। बताया गया कि सिपाही की शादी तय होने के बाद से ही महिला उसे लगातार धमका रही थी और शादी करने के लिए दबाव बना रही थी। अब सिपाही के भाई की तहरीर पर पुलिस ने महिला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। किराए के मकान में रहता था सिपाही मेरठ के ग्राम खाता, थाना फलावदा निवासी आदेश कुमार ने बताया कि उनका भाई शिवकुमार उत्तर प्रदेश पुलिस में 2021 में सिपाही के पद पर भर्ती हुआ था। 8 अप्रैल 2023 से उसकी तैनाती बिथरी चैनपुर थाने में थी। शिवकुमार थाना क्षेत्र के ग्राम बिथरी चैनपुर में सरकारी अस्पताल के सामने भूरे कश्यप के मकान में किराए पर रहता था। खाना बनाने आई महिला ने रचा जाल आदेश कुमार ने बताया कि उस मकान में दो कमरे थे- एक में शिवकुमार और उसका साथी सिपाही सचिन रहते थे, जबकि दूसरे में सिपाही आकाश और विकास रहते थे। चारों ने करीब दस माह पहले खाना बनाने के लिए सीता देवी नाम की महिला को रखा था, जिसे चार हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाते थे। इसी दौरान सीता ने शिवकुमार को अपने जाल में फंसा लिया और ब्लैकमेल करने लगी। शादी तय होते ही शुरू हुआ दबाव आरोप है कि जब शिवकुमार की शादी तय हो गई तो महिला को इसकी भनक लग गई। इसके बाद उसने उसे शादी के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया और धमकी दी कि अगर उसने शादी उससे नहीं की तो वो उसकी बदनामी कर देगी। शिवकुमार मानसिक रूप से परेशान हो गया। घर वालों से की थी अंतिम शिकायत 13 अगस्त को शिवकुमार छुट्टी पर घर आया था। उसने अपने परिवार को बताया कि एक महिला उसे ब्लैकमेल कर रही है। परिवार ने समझाया कि वह ड्यूटी पर लौटकर इस मामले की शिकायत करे। लेकिन 21 अगस्त को ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद महिला का दबाव इतना बढ़ गया कि उसने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। पुलिस ने दर्ज की FIR सिपाही के भाई आदेश कुमार की तहरीर पर पुलिस ने सीता देवी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। बरेली पुलिस अब महिला के मोबाइल कॉल डिटेल्स और चैट रिकॉर्ड खंगाल रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ब्लैकमेलिंग का सिलसिला कब से चल रहा था और किन हालातों ने सिपाही को आत्महत्या के लिए मजबूर किया।
पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी का असर मध्यप्रदेश में दिखाई दे रहा है। यहां रात के पारे में 6.1 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है। इंदौर में नवंबर महीने में 10 साल में पांचवीं सबसे ठंडी रात रिकॉर्ड हुई तो भोपाल और उज्जैन में भी पारा लुढ़का है। बुधवार-गुरुवार की रात से प्रदेश में ठंड का असर बढ़ गया। सभी शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री से नीचे ही रहा। राजगढ़ में सबसे कम 11 डिग्री रहा। धार में 14.1 डिग्री, गुना में 14.7 डिग्री और नौगांव में पारा 15.1 डिग्री रहा। 5 बड़े शहरों की बात करें तो भोपाल में 13 डिग्री, इंदौर में 12.1 डिग्री, ग्वालियर में 16.3 डिग्री, उज्जैन में 14.5 डिग्री और जबलपुर में 18.3 डिग्री सेल्सियस रहा। पिछले साल इंदौर में नवंबर में पारा 11.6 डिग्री तक पहुंचा था, लेकिन 10 साल की बात करें तो पांच बार ऐसा हुआ, जब पारा 12 डिग्री से ज्यादा रहा था। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, आने वाले पांच दिन तक प्रदेश में कहीं भी बारिश का अलर्ट नहीं है। उत्तरी हवाएं आने से ठंड का असर बढ़ेगा। रात के तापमान में गिरावट बनी रहेगी। रात के साथ दिन में भी ठंडक, पारा लुढ़कारात के अलावा दिन में भी ठंडक घुलने लगी है। गुरुवार को भोपाल में तापमान 28.4 डिग्री, इंदौर में 28.3 डिग्री, ग्वालियर में 28.6 डिग्री, उज्जैन में 29.5 डिग्री और जबलपुर में 30.7 डिग्री सेल्सियस रहा। दमोह, खजुराहो, मंडला, रीवा, सागर, सतना, उमरिया, नर्मदापुरम, खंडवा, खरगोन को छोड़ दें तो बाकी शहरों में पारा 30 डिग्री से कम ही दर्ज किया गया। इसलिए बढ़ा ठंड का असरबता दें कि हिमालय के तीन राज्य जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल में बर्फबारी शुरू हो गई है। जम्मू-कश्मीर के बारामूला में गुलमर्ग व्हाइट वंडरलैंड में बदल गया है। उत्तराखंड में बद्रीनाथ-केदारनाथ धाम भी बर्फ से ढंक गए हैं। हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों लाहौल और स्पीति और किन्नौर, कुल्लू में ताजा बर्फबारी हुई। इन पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का असर मैदानी राज्यों में नजर आने लगा है। मध्य प्रदेश में पारे में 6.1 तक की गिरावट दर्ज की गई है। उत्तर से लगातार हवा आने से पारे में और भी गिरावट हो सकती है। मौसम विभाग का मानना है कि नवंबर में पहले ही दौर में तेज ठंड शुरू हो गई है, जो अब लगातार रहेगी। उत्तरी हिस्से में दो सिस्टम एक्टिवमौसम विभाग के अनुसार, उत्तरी हिस्से में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन एक्टिव है। इनका असर तो प्रदेश में देखने को नहीं मिलेगा, लेकिन चक्रवात जब वेस्टर्न डिस्टरबेंस में समाहित हो जाएगा तो ठंड का असर भी तेज होगा। बता दें कि इस बार अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में बने मौसमी सिस्टम के कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर दोनों तरफ से नमी आई। जिससे बादल छाए रहे। इस वजह से दिन का तापमान नहीं बढ़ सका। आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान में भी गिरावट देखने को मिल सकती है। कोहरे का असर भी बढ़ेगामौसम विभाग की माने तो अब ठंड के साथ कोहरा भी बढ़ेगा। फिलहाल देर रात और अल सुबह ठंड का असर ज्यादा है। वहीं, सुबह हल्का कोहरा भी है, जो आने वाले दिनों में बढ़ जाएगा। अभी मंडला में सबसे कम 1-2 किलोमीटर विजिबिलिटी मंडला में देखने को मिली है। जबलपुर, रीवा और सतना में यह 2 से 4 किलोमीटर रही। नवंबर में तेज ठंड का ट्रेंडप्रदेश में नवंबर महीने में पिछले 10 साल से ठंड के साथ बारिश का ट्रेंड भी है। अबकी बार भी ऐसा ही मौसम रहेगा। वहीं, बारिश के लिहाज से अक्टूबर का महीना उम्मीदों पर खरा उतरा है। औसत 2.8 इंच पानी गिर गया, जो सामान्य 1.3 इंच से 121% ज्यादा है। वहीं, भोपाल में दिन ठंडे रहे। 30 अक्टूबर को दिन का तापमान 24 डिग्री रहा। मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले 25 साल में अक्टूबर का यह सबसे ठंडा दिन रहा। उज्जैन, छतरपुर, नरसिंहपुर समेत कई शहरों में पारा 24 डिग्री के नीचे ही रहा। अब जानिए नवंबर में कैसा रहेगा मौसममौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि नवंबर के दूसरे सप्ताह में ठंड का असर बढ़ेगा। हुआ भी वैसा ही। पारे में खासी गिरावट देखने को मिल रही है। खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में, जहां उत्तरी हवाएं सीधी आती हैं, वहां पारा लुढ़केगा। ग्वालियर में 56 साल पहले नवंबर में रात का टेम्प्रेचर रिकॉर्ड 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। उज्जैन में 52 साल पहले न्यूनतम पारा रिकॉर्ड 2.3 डिग्री तक जा चुका है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में इस महीने बारिश का ट्रेंड है। इस बार नवंबर के पहले सप्ताह में ही बारिश होने के आसार है। तीसरे और चौथे सप्ताह में सिस्टम एक्टिव होने से भी बारिश हो सकती है। जानिए, नवंबर में 5 बड़े शहरों का मौसम... भोपाल: 10 साल में 3 बार बारिश हो चुकीनवंबर में राजधानी में रात का तापमान 9 से 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। पिछले 10 साल से ऐसा ही ट्रेंड रहा है। इस बार भी दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से लुढ़केगा। मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में नवंबर में रात का तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह 30 नवंबर 1941 को दर्ज किया गया था। इस महीने बारिश होने का ट्रेंड भी है। 10 साल में तीन बार बारिश हो चुकी है। साल 1936 में महीने में साढ़े 5 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। इंदौर: 5.6 डिग्री तक जा चुका न्यूनतम पाराइंदौर में ठंड का असर रहता है। खासकर दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से गिरता है। इस वजह से रातें ठंडी हो जाती हैं और टेम्प्रेचर 10 से 12 डिग्री के बीच रहता है। हालांकि, 25 नवंबर 1938 को पारा 5.6 डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है। कभी-कभार बारिश भी हो जाती है। दिन में 31 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है। ग्वालियर: 1927 में 3 इंच पानी गिरा थापिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में पारा 8 डिग्री तक पहुंच चुका है। 54 साल पहले वर्ष 1970 में टेम्प्रेचर 3 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 2 नवंबर 2001 को दिन का तापमान 37.3 डिग्री तक पहुंच चुका है, जबकि यह सामान्य तौर पर 33 से 35 डिग्री के बीच रहता है। इस महीने बारिश भी होती है। 1927 में पूरे महीने 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में 3 बार ऐसा ही मौसम रह चुका है। जबलपुर: 1946 में 6 इंच से ज्यादा बारिशपिछले 10 साल में 2022 में न्यूनतम पारा 7.8 डिग्री तक जा चुका है। ओवरऑल रिकॉर्ड 12 नवंबर 1989 को दर्ज किया गया था, तब टेम्प्रेचर 3.9 डिग्री तक पहुंच गया था। 1946 में पूरे महीने 6 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। दिन में 30 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है। उज्जैन: न्यूनतम तापमान 10-11 के बीच रहता हैयहां 30 नवंबर 1974 को रात का तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 6 नवंबर 2008 को दिन का तापमान 36.5 डिग्री रहा था। पिछले 10 साल की बात करें तो न्यूनतम तापमान 10-11 डिग्री के बीच रहा है, जबकि दिन में यह 33 से 35 डिग्री के बीच पहुंच चुका है।
रांची सहित पूरे राज्य में ठंड तेजी से बढ़ रही है। हर जिले का न्यूनतम तापमान नीचे गिर रहा है। इसकी वजह से सुबह व रात में ठिठुरन बढ़ गई है। आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने की संभावना है। इसकी वजह से ठंड और बढ़ेगी। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दो से तीन दिनों में न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। रांची का न्यूनतम तापमान 9 नवंबर को 12 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। वहीं, कोडरमा, चतरा, गढ़वा, लातेहार, पलामू, रामगढ़ और सिमडेगा जिले का न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। इस वजह से रांची सहित इन जिलों में और अधिक ठंड पड़ेगी। हालांकि दिन में मौसम साफ रहेगा। धूप भी खिलेगी, जिससे दिन में हल्की गर्मी का अहसास होगा। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में अगले दो दिनों में न्यूनतम तापमान में तीन से पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट हो सकती है। वहीं, सुबह में कोहरा या धुंध रहेगा। इसके बाद में आसमान में मुख्यत साफ और मौसम शुष्क रहेगा। सबसे ठंडा रहा बानो पिछले 24 घंटे में राज्य में मौसम शुष्क रहा। सबसे अधिक अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री सेल्सियस चाईबासा में जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 13.9 डिग्री सेल्सियस बानो (सिमडेगा) में दर्ज किया गया राज्य में अगले दो दिनों में गिरेगा पारा मौसम विभाग रांची के अनुसार, राज्य में अगले पांच दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की जाएगी। देवघर, धनबाद, गिरिडीह, जामताड़ा, कोडरमा और पलामू जिलों में दिन का तापमान घटकर 27 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने का अनुमान है। दुमका और गिरिडीह में रातें और ठंडी होंगी, जहां तापमान 17 डिग्री तक गिर सकता है। रांची, गढ़वा, चतरा और पलामू जिले में तापमान में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिलेगी।
बाइक बोट घोटाले के आरोपी विजेंद्र हुड्डा के घर ईडी की टीम 8 घंटे तक रही। मुख्य दरवाजे से लेकर घर की हर अलमारी तक की डुप्लीकेट चाबी बनवाकर उन्हें खंगाला गया लेकिन टीम के हाथ कुछ नहीं लगा। खाली हाथ लौटी टीम जाते समय विजेंद्र हुड्डा के घर को सील कर गई। गेट पर चार पन्नों का नोटिस चिपका कर टीम लौट गई जिसमें 8 घंटे की हर छोटी से छोटी कार्यवाही का विवरण दिया गया था। ईडी के लखनऊ स्थित जोनल आफिस से सहायक निदेशक रूचीन कुमार के निर्देशन में टीम विजेंद्र हुड्डा के शिवलोकपुरी कंकरखेड़ा स्थित घर पहुंची। उनके साथ दो गवाह भी मौजूद थे। टीम के पास प्रवर्तन निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर मुकेश कुमार द्वारा जारी किए गए सर्च ऑपरेशन की कापी थी। टीम जब मकान पर पहुंची तो वहां ताला लगा था। पड़ौसियों से बात की तो उन्होंने बताया कि अक्सर यह मकान बंद ही रहता है। यह भी बताया कि एक केयरटेकर है जो हर तीन से चार दिन में यहां आता है। मकान स्वामी को यहां आए दो से तीन साल बीत गए हैं। ताले खोलने के लिए बनवाई डुप्लीकेट चाबी मकान बंद मिलने के बाद ईडी की टीम ने कंकरखेड़ा थाना पुलिस से संपर्क साधा। तब तक पुलिस को ईडी की मौजूदगी की जरा भी भनक नहीं थी। ईडी ने लॉक खोलने वाले को बुलाने का आग्रह किया। सतवीर सिंह नाम के व्यक्ति को लेकर पुलिसकर्मी पहुंचे, जिसने मकान के मुख्य दरवाजे पर लगे ताले को खोल दिया। ताला खोलकर वह वहां से लौट गया लेकिन जाने से पहले अपने भाई गोविंदा सिंह को वहां छोड़ गया। घर का हर कमरा, हर अलमारी खंगाली ताला खुलने के बाद टीम ने घर में प्रवेश किया। ग्राउंड फ्लोर पर तीन कमरे, एक किचन और बाथरूम बना था। सर्च की कार्रवाई शुरु की गई। हर कमरा और वहां रखी अलमारी को खुलवाया गया लेकिन कुछ नहीं मिला। इसके बाद प्रथम तल पर बने दो कमरे, किचन, बाथरूम और द्वितीय तल पर बने दो कमरों, पूजा घर, किचन व बाथरूम की तलाशी ली गई लेकिन यहां भी कुछ नहीं मिला। यहां ग्राउंड फ्लोर व द्वितीय तल पर भी टीम को एक एक अलमारी मिलीं, जिनका लॉक चाबी बनाने वाले गोविंदा से खुलवाया गया। नहीं बरामद हुआ किसी तरह का कागज करीब आठ घंटे सर्च ऑपरेशन चला लेकिन ईडी के हाथ कुछ नहीं लगा। कोई कागज तक बरामद नहीं हुआ। इसके बाद टीम में शामिल प्रत्येक व्यक्ति ने एक दूसरे की तलाशी ली और विजेंद्र हुड्डा के घर से बाहर आ गए। उन्होंने बताया कि घर के भीतर से कुछ भी बरामद नहीं हुआ है। इसके बाद पूरे घर को लॉक करने के बाद हर ताले को सील किया गया। मुख्य दरवाजे के ताले पर भी टीम ने सील लगाई और रवाना हो गई। सीलिंग का नोटिस भी किया गया चस्पा कार्रवाई पूरी होने के बाद शाम को टीम बाहर निकली और चार पेज का एक नोटिस दरवाजे के बराबर की दीवार पर चस्पा किया। इसमें ना केवल सीलिंग की कार्रवाई का विवरण था बल्कि कहां-कहां, क्या-क्या सर्च किया गया, इसकी भी जानकारी खोली गई थी। यह भी खुलासा हुआ कि मेरठ में चार स्थानों पर ईडी की टीम लगीं थीं जो बाइक बोट घोटाले के आरोपी विजेंद्र हुड्ड से जुड़े मोनाड यूनिवर्सिटी के फर्जीवाड़े की भी जांच कर रही है।
मुझे मेरी पत्नी और उसके प्रेमी से जान का खतरा है। मेरी पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर मेरी गर्दन रस्सी से दबा दी। मुझे यातनाएं दीं। मेरे पूरे शरीर पर हथौड़े और मुक्के मारे। मेरी पत्नी का प्रेमी बोला-हम लोगों ने तुझे नींद की गोलियां मीठे दूध में मिलाकर दी थीं, लेकिन तू फिर भी बच गया। नशे में बोला तुझे मैं जान से मार दूंगा। मुझे शिखा 5 लाख रुपए देगी और तेरी प्रॉपर्टी हम लोग बांट लेंगे। तेरा पता भी नहीं चलेगा, न कोई प्रमाण मिलेगा न गवाह। बेहोश करके छत से फेंक देंगे या गायब कर देंगे। पत्नी और प्रेमी ने रचा हत्या का प्लान थाना सुभाषनगर पहुंचे बरेली के प्रतिष्ठित डॉक्टर विशाल सक्सेना ने ये बातें पुलिस को बताई। उन्होंने पुलिस को दी तहरीर में लिखा है कि उनकी पत्नी शिखा सक्सेना ने रात में उन्हें दूध पीने को दिया। उसके बाद सुबह होश आने पर उनके हाथ, पैर, गले में रस्सी का फंदा और मुंह पर टेप लगी हुई थी। जब उन्होंने अपने आपको इस हालत में देखा तो हैरान रह गए। डॉक्टर विशाल ने बताया कि उनकी 57 साल की पत्नी शिखा और उसके 45 वर्षीय प्रेमी सौरभ सक्सेना ने मिलकर उनकी हत्या की साजिश रची थी। CCTV बंद करके कमरे में ले गए डॉ. विशाल ने बताया कि कुछ ही मिनटों में उनकी पत्नी शिखा और सौरभ उनके सामने आ गए। दोनों उन्हें उठाकर सबसे पीछे वाले कमरे में ले गए, जहां से आवाज बाहर नहीं जा सकती थी और CCTV पहले ही बंद कर दिया गया था। यहां दोनों ने हथौड़े से हाथ-पैरों पर वार किए और उन्हें घायल किया। पत्नी शिखा अलमारी से चेकबुक और पासबुक लेकर चली गई। शराब से बिगड़ा प्रेमी का प्लान पत्नी शिखा ने सौरभ को उसी समय शराब की बोतल पीने को दी। इसके बाद सौरभ कुर्सी पर बैठे-बैठे शराब के नशे में बेहोश हो गया। तभी शिखा वॉशरूम में गई। इसी बीच डॉ. विशाल मौके का फायदा उठाकर भाग निकले और बाहर आकर शोर मचा दिया। दैनिक भास्कर संवाददाता अनूप मिश्रा से बातचीत में डॉ. विशाल का दर्द छलक उठा। FIR में दर्ज हुई पूरी कहानी डॉ. विशाल सक्सेना ने सुभाषनगर थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में बताया कि उनकी पत्नी और सौरभ उनकी हत्या करना चाहते थे। पुलिस जांच में सौरभ सक्सेना की मोबाइल लोकेशन 28 अक्टूबर की रात से लेकर 29 अक्टूबर की सुबह 2:30 बजे तक उनके घर पर मिलने की संभावना है। सौरभ और शिखा दोनों के पास कई मोबाइल नंबर हैं। उनके मोबाइल पर हाल के दिनों की चैटिंग भी मिलेगी। डॉक्टर ने कहा कि वे सरकारी सेवा से निवृत्त सीनियर सिटीजन हैं, इसलिए उनकी जान की रक्षा की जाए। जाने कौन है डॉ विशाल और परिवार में कौन कौन है डॉ. विशाल सक्सेना बरेली के बदायूं रोड स्थित सुभाषनगर थाना क्षेत्र की BDA कॉलोनी में रहते हैं। उनका दो मंजिला मकान रोड पर ही है और नीचे क्लिनिक है, जहां वे आंखों के मरीजों को देखते हैं। उनकी एक बेटी और एक बेटा है। बेटी की शादी हो चुकी है और वह अपने पति के साथ बरेली में डॉक्टर हैं। उनका हॉस्पिटल प्रेमनगर में है। बेटा दिल्ली में इंजीनियर है। घटना की टाइमलाइन अब जानिए 10 अहम बातें 1. डॉ. विशाल सक्सेना BDA कॉलोनी के रहने वाले हैं, परिवार शहर में प्रतिष्ठित माना जाता है।2. डॉक्टर की पत्नी शिखा सक्सेना भी शिक्षित हैं और उनका प्रेमी सौरभ सक्सेना चार साल से परिवार के संपर्क में था।3. बेटी और दामाद दोनों डॉक्टर हैं, जबकि बेटा दिल्ली में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है।4. परिवार करोड़ों की कोठी में रहता है, जिसमें कई CCTV कैमरे लगे हैं।5. घटना वाली रात पत्नी ने दूध में नशीली दवा मिलाकर पति को बेहोश किया।6. बेहोशी के दौरान सौरभ और शिखा ने मिलकर डॉक्टर के हाथ-पैर बांध दिए, मुंह पर टेप लगाई और हथौड़े से वार किया।7. साजिश को छिपाने के लिए दोनों ने घर के CCTV कैमरे बंद कर दिए।8. डॉक्टर किसी तरह रस्सी छुड़ाकर घर से भागे और पड़ोसियों से मदद मांगी।9. घटना के बाद शिखा सक्सेना डॉक्टर बेटी के घर शरण लेने गईं, मगर बेटी ने सच्चाई जानकर मां को घर से निकाल दिया।10. डॉक्टर की तहरीर पर पुलिस ने घर से रस्सी, टेप और चाकू बरामद किए। एसपी सिटी मानुष पारीक के निर्देशन में जांच जारी है।
प्रयागराज में 15 साल की किशोरी की हत्या में किसी करीबी का ही हाथ होने की आशंका है। अब तक कि जांच में पुलिस को यही क्लू मिला है कि किशोरी को जानने वाले ने ही इस वारदात को अंजाम दिया। उधर पोस्टमार्टम के बाद यह भी माना जा रहा है कि हत्या के लिए धान काटने वाली दांतेदार दरांती का इस्तेमाल किया गया। फिलहाल खुलासे के लिए लगी तीन टीमें लगातार संदिग्धों की तलाश में सुरागरशी में जुटी रहीं। करीबी का हाथ होने की थ्योरी की वजह क्या पांच अहम बातें जाे पोस्टमार्टम में सामने आईं... अंतिम संस्कार शुक्रवार कोदेर शाम पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा गया। पुलिस ने बताया कि परिजनों ने अंतिम संस्कार शुक्रवार को करने का निर्णय लिया है। उधर पोस्टमार्टम के बाद शव घर लाया गया तो परिजनों में कोहराम मच गया।पुलिस अफसर बोले...डीसीपी यमुनानगर विवेक चंद्र यादव ने बताया, पोस्टमार्टम करा दिया गया है। परिवार की कोई रंजिश अब तक सामने नहीं आई है। जांच पड़ताल में कुछ अन्य बिंदु सामने आए हैं, जिन पर डिटेल इनवेस्टिगेशन कराया जा रहा है। उम्मीद है कि खुलासा जल्द किया जाएगा। अब जानिए पूरा मामला.....घूरपुर के कांटी गांव में रहने वाले रमेश कुमार की बेटी सरिता मानसिक रूप से दिव्यांग थी। रमेश कुमार ने बताया कि बेटी अक्सर घर से निकल जाया करती थी और कुछ देर बाद वापस आ जाती थी। गुरुवार सुबह 5.30 बजे सरिता घर से निकली तो घरवालों ने सोचा कि थोड़ी देर में आ जाएगी, लेकिन वह देर तक वापस नहीं लौटी।पिता ने बताया कि सरिता के न लौटने पर उसकी तलाश शुरू की। करीब 8 बजे गांव के कुछ लोगों ने बताया कि खेत में सरिता खून से लथपथ पड़ी है। हम सभी भागकर घर से करीब 100 मीटर दूर पानी भरे खेत में पहुंचे तो देखा कि उसकी गर्दन पर गहरा जख्म था और उसकी मौत हो चुकी थी। तीन भाइयों की इकलौती बहन थीसरिता माता-पिता की चार संतानों में इकलौती बेटी थी। वह तीसरे नंबर पर थी। दो भाई उससे बड़े, जबकि एक छोटा है। पिता रमेश मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करते हैं। बड़ा भाई मानसिक दिव्यांग है।
संभल में युवक को गोली मारी, अस्पताल में भर्ती:प्रधानी और जमीन के विवाद में हमला, आरोपियों की तलाश
संभल में प्रधानी और जमीनी रंजिश के चलते एक युवक को गोली मार दी गई। घटना गुरुवार रात करीब 9 बजे गुन्नौर तहसील के जुनावई थाना क्षेत्र के नगला डुमायल गांव में हुई। घायल मनीष यादव (28 वर्षीय) पुत्र सरवन यादव को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसके पैर में गोली लगी है। मनीष यादव संभल से दिल्ली जा रहे थे। उनके पिता सरवन यादव ने बताया कि गांव के कुछ लोगों ने खेत पर उनकी गाड़ी के आगे डनलप लगाकर रास्ता रोक दिया। जब मनीष ने भागने की कोशिश की, तो उन लोगों ने उसे गोली मार दी। इस मामले में पूर्व प्रधान पक्ष के विजेंद्र, नेत्रपाल, नवाब, रणबीर, मनोज और मुनेश सहित अन्य लोगों पर गोली मारने का आरोप लगा है। पिता सरवन यादव के अनुसार, उनकी उन लोगों से जमीन को लेकर पुरानी रंजिश चल रही है। उन्होंने बताया कि दो महीने पहले भी उन लोगों ने उन पर हमला किया था। सरवन यादव ने आरोप लगाया कि उन्होंने एक जमीन खरीदी थी, जिस पर आरोपियों का कब्जा था। इस संबंध में कानूनी कार्रवाई चल रही है। उन्होंने यह भी बताया कि आरोपियों ने उन्हें कई बार जान से मारने और उनकी औलाद को भी मारने की धमकी दी थी। घटना की सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर मेघपाल सिंह मौके पर पहुंचे। सीओ गुन्नौर आलोक सिद्धू ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया और बाद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। सीओ आलोक सिद्धू ने बताया कि घायल युवक वर्तमान प्रधान पक्ष से है, जबकि आरोपी पूर्व प्रधान पक्ष से हैं। दोनों पक्षों के बीच लंबे समय से चुनाव और जमीनी रंजिश को लेकर विवाद चल रहा है और दोनों के खिलाफ पहले भी मुकदमे दर्ज हैं। पुलिस की शुरुआती जांच में घटना संदिग्ध दिख रही है।
करनाल में इंडियन ऑयल पैट्रोल पंप, मंगलौरा पुलिस चौकी के सामने बाइक सवार एक बुजुर्ग को तेज रफ्तार कार ने पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में गंभीर रूप से घायल बुजुर्ग की कल इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि कई बार शिकायत देने के बावजूद पुलिस जांच में ढिलाई बरत रही है और न पैट्रोल पंप, न आसपास के ढाबों व नगर-निगम के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज चैक की जा रही। परिवार ने शक जताया कि पुलिस आरोपी से मिलकर समय निकाल रही है, ताकि फुटेज नष्ट हो जाए। इसी आधार पर पुलिस अधीक्षक करनाल को शिकायत देकर कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। झिंझाना लौटते वक्त हुआ हादसा, शामली में दम तोड़ा मोहल्ला शाह मुबारिक झिंझाना के सलीम मोटरसाइकिल पर सवार होकर करनाल से अपने घर जा रहे थे। 31 अक्तूबर को करीब 2:15 बजे मंगलौरा पुलिस चौकी के पास कार की टक्कर से गिर पड़े। परिजन उन्हें उपचार के लिए शामली के वोहरा अस्पताल ले गए, लेकिन कल इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। परिवार अंतिम संस्कार के बाद कार्रवाई के लिए आया, पर पुलिस ने शिकायत दर्ज करने में देरी की। CCTV फुटेज दिखाते रहे, पुलिस सुनती नहीं मृतक के बेटे आसू का कहना है कि वह अपने परिवार के साथ कई बार मंगलौरा चौकी गया। उसने पेट्रोल पंप की सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को दिखाने की कोशिश की, लेकिन उसकी बात पर ध्यान नहीं दिया गया। परिजनों को शक है कि चौंकी की पुलिस आरोपी कार चालक से साठगांठ कर रही है, इसलिए समय निकालकर मेरठ रोड पर लगे कैमरों की फुटेज खराब कराना चाहती थी। नाम-पता अज्ञात कार चालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज बार-बार शिकायत के बाद मामला पुलिस अधीक्षक करनाल के पास पहुंचा। जिसके बाद 6 नवंबर को पुलिस हरकत में आई और नाम पता अज्ञात कार चालक के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई शुरू की। मधुबन थाना में जांच अधिकारी लछमन सिंह ने बताया कि सड़क एक्सीडेंट में एक व्यक्ति की मौत हुई है। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आसपास के सीसीटीवी कैमरों को चेक किया जाएगा। सबूतों के आधार पर आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की वर्ल्ड चैंपियन खिलाड़ी क्रांति सिंह गौड़ वर्ल्ड कप जीतने के बाद आज (शुक्रवार) पहली बार अपने गृह जिले छतरपुर पहुंच रही हैं। उनके आगमन को लेकर पूरे जिले में उत्साह का माहौल है। शहर से लेकर गांव तक स्वागत की विशेष तैयारियां की गई हैं। जगह-जगह उनके सम्मान में भव्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार, क्रांति सिंह गौड़ सुबह 11:30 बजे खजुराहो एयरपोर्ट पहुंचेंगी। इसके बाद वे 12:45 बजे छतरपुर आएंगी। यहां उनका स्वागत कलेक्टर कार्यालय, पुलिस अधीक्षक कार्यालय, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की बगौता शाखा और एसीसी सीमेंट कार्यालय में किया जाएगा। इसके बाद कृष्णा यूनिवर्सिटी छतरपुर में एक सम्मान समारोह आयोजित होगा, जहां छात्र-छात्राओं और खेल प्रेमियों द्वारा उनका अभिनंदन किया जाएगा। दोपहर करीब 2:20 बजे क्रांति सिंह गुलगंज पहुंचेंगी। यहां वे चौपरिया सरकार मंदिर में दर्शन करेंगी, जिसके बाद शशिकांत अग्निहोत्री के फार्म हाउस में स्वागत कार्यक्रम रखा गया है। बंधा तिगड्डा और टोल प्लाजा पर रजऊ राजा और स्थानीय नागरिक उनका फूल-मालाओं से स्वागत करेंगे। इसके बाद वे 3:10 बजे बड़ा मलहरा पहुंचेंगी, जहां कृष्णा ढाबा, एसडीएम कार्यालय, किशन फर्नीचर समूह, हरशिल अग्रवाल और मोनू देवड़िया सहित कई संगठनों द्वारा उनका सम्मान किया जाएगा। शाम 4:20 बजे क्रांति सिंह गौड़ अपने गृह नगर घुवारा पहुंचेंगी। यहां नगर पंचायत द्वारा भव्य तुलादान समारोह और स्वागत जुलूस का आयोजन किया गया है। अंत में वे सागर रोड स्थित अपने निवास (वार्ड नंबर 09) जाएंगी, जहां क्षेत्रवासी उनका अभिनंदन करेंगे। जिले के खेल प्रेमी और युवा वर्ग उनकी इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहे हैं और उनका स्वागत करने को उत्सुक हैं।
तरनतारन हलके में इन दिनों बड़ी गिनती में बिना नंबर प्लेट की गाड़ियां घूम रही हैं। खास बात यह है कि गाड़ियों पर नंबर प्लेट की जगह A|F लिखा है और ऊपर पंजाब सरकार का स्टिकर लगा है। जिससे ये गाड़ियां शक के दायरे में आ गई। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू खुद सड़क पर उतरे और करीब 50 मीटर के दायरे में उन्होंने तीन से चार गाड़ियां दिखाई जिन पर नंबर नहीं था और ऊपर पंजाब सरकार लिखा था। यही नहीं इन गाड़ियों को पुलिस प्रोटेक्शन भी दी गई है। रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा हे कि प्रशासन स्पष्ट करे कि ये गाड़ियां किसकी हैं। एक पार्टी के दफ्तर के आसपास खड़ी थी गाड़ियां केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने बताया कि जब वो तरनतारन में प्रचार करने के लिए निकले तो एक पार्टी के दफ्तर के आगे से निकल रहे थे तो वहां बिना नंबर की गाड़ियां दिखी। अपने साथियों काे पूछा तो उन्होंने बताया कि पूरे तरनतारन में आजकल ऐसी बिना नंबर प्लेट की गाड़ियां दिख रही हैं। बिट्टू ने काफिला रुकवाया और गाड़ियां चेक की रवनीत सिंह बिट्टू ने बिना नंबर प्लेट की गाड़ी देखी और उन्होंने अपना काफिला रुकवा दिया। उसके बाद बिट्टू पैदल चले और एक के बाद एक चार गाड़ियां दिखी। जिनमें से दो गाड़ियों पर पंजाब सरकार लिखा गया था। एक गाड़ी पर पुलिस का स्टिकर लगा था। बिट्टू ने भाजपा के कार्यकारी प्रधान अश्वनी शर्मा को भी बुलाया रवनीत सिंह बिट्टू ने गाड़ियां देखने के बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी प्रधान अश्वनी शर्मा को मौके पर बुलाया। उसके बाद बिट्टू ने उन्हें ये सभी गाड़ियां दिखाई। इसी दौरान लोगों ने कहा कि तरनतारन में आजकल एएफ नंबर की गाड़ियां घूम रही हैं। इलेक्शन कमिशन व सरकार स्पष्ट करे बिट्टू ने कहा कि इलेक्शन कमिशन और जिला प्रशासन यह स्पष्ट करे कि ये गाड़ियां किसकी हैं। बिना नंबर प्लेट के सरकारी गाड़ियां कैसे हो सकती हैं और दूसरा किसी राजनीतिक पार्टी के दफ्तर के पास क्यों खड़ी की गई। इनमें सप्लाई की जाएगी अवैध सामग्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि चुनाव में पंजाब सरकार के लगे स्टिकरों और बिना नंबर प्लेट की गाड़ियों में अवैध सामग्री सप्लाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे गाड़ियों को ट्रेस भी नहीं किया जा सकेगा। उन्होंने चुनाव आयोग से कहा कि तुरंत कार्रवाई की जाए। अश्वनी शर्मा बोले, पंजाब सरकार कर रही मशीनरी का दुरुपयोग भाजपा के कार्यकारी प्रधान अश्वनी शर्मा ने कहा कि पंजाब सरकार सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि बिना नंबर के वाहनों पर सरकार के स्टिकर लगाकर शराब, नशा व अन्य सामग्री बांटी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत चुनाव आयोग को करेंगे।
इंदौर फैमिली कोर्ट ने एक पति का न केवल झूठ पकड़ा बल्कि उसे पत्नी को हर महीने 20 हजार रुपए भरण पोषण देने का आदेश भी दिया है। दरअसल, इंदौर के सिंधी कॉलोनी में रहने वाली एक युवती की तीन साल पहले साउथ अमेरिका के चिली में कारोबार करने वाले युवक से शादी हुई थी। शादी के वक्त सबकुछ परफेक्ट था, लेकिन कुछ महीने बाद ही इस रिश्ते में दरार आ गई। जब विवाद बढ़े तो पति ने पत्नी को घर से निकाल दिया और बच्ची को अपने पास रख लिया। पत्नी ने फैमिली कोर्ट में भरण पोषण का केस दायर किया। ये भी आरोप लगाए कि पति के दूसरी महिलाओं से संबंध हैं और उसने निगरानी के लिए उसके बैडरूम में कैमरे लगा दिए। केस की सुनवाई के दौरान पति ने कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हुआ। क्या है ये पूरा मामला...पढ़िए, रिपोर्ट विदेश में बिजनेस, कोर्ट में नौकरी का दावाहाईकोर्ट एडवोकेट केपी माहेश्वरी के मुताबिक, युवती ने अपने पति पर शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। 10 फरवरी 2022 को दोनों की शादी हुई थी। पति पिछले दस साल से चिली में व्यापार कर रहा था। शादी के बाद पत्नी को उम्मीद थी कि वह भी विदेश जाएगी, लेकिन पति ने वादा पूरा नहीं किया। कुछ महीनों बाद विवाद शुरू हुए तो पति ने पत्नी को घर से निकाल दिया। बच्ची को अपने पास रख लिया और पत्नी को भरण-पोषण देने से इनकार कर दिया। पत्नी ने फैमिली कोर्ट में केस किया। जवाब में पति ने कोर्ट में कहा कि उसने अपना विदेशी व्यापार बंद कर दिया है और अब वह उल्लासनगर में एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में 20 हजार रुपए महीने की नौकरी करता है। फर्जी दस्तावेज और खर्चों से खुली पोलपति ने जो प्रमाणपत्र कोर्ट में पेश किया, वह इंदौर की किसी ट्रांसपोर्ट कंपनी का नहीं, बल्कि उल्लासनगर स्थित एक फर्जी ट्रांसपोर्ट सर्विस का था। उसने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि वह वहां काम करता है या नहीं? कोर्ट ने पति के शपथपत्र में दिए गए खर्चों से उसकी असली आय का अंदाजा लगाया। उसने लिखा था कि बच्ची की देखभाल के लिए नौकरानी का वेतन 8 हजार, माता-पिता और खुद का खर्च 20 हजार यानी कुल 28 हजार रुपए महीना। कोर्ट ने कहा- जो व्यक्ति 28 हजार रुपए प्रतिमाह खर्च करता है, उसकी इनकम कम से कम तीन गुना यानी 90 हजार से एक लाख रुपए तक जरूर होगी। इस तरह पति का झूठा दावा खुद उसके आंकड़ों में फंस गया। शक, निगरानी और घरेलू हिंसा ने तोड़ा रिश्ताविवाद की जड़ सिर्फ पैसों की नहीं थी, बल्कि शक और निगरानी ने भी इस रिश्ते को खोखला कर दिया था। पत्नी ने कोर्ट में बताया कि जब पति विदेश जाता था, तो उसे साथ नहीं ले जाता था। पत्नी को शक था कि वहां उसकी किसी अन्य महिला से नजदीकियां हैं। जब पत्नी ने विरोध किया, तो पति ने उस पर ही शक करना शुरू कर दिया। पति ने पूरे घर में सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए, यहां तक कि बेडरूम में भी कैमरा फिट कर दिया। पत्नी ने इसका विरोध किया तो पति ने कहा कि यह सुरक्षा के लिए है, लेकिन पत्नी ने इसे अपमान बताया। गर्भावस्था में मारपीट, गर्भपात और झूठे आरोपपत्नी ने बताया कि जब वह पहली बार गर्भवती हुई थी, तब उसे विदेश ले जाने का झांसा दिया गया। पति ने वीजा के फर्जी दस्तावेज बनवाए, लेकिन चिली नहीं ले गया। जब पत्नी ने विरोध किया, तो पति और ससुरालवालों ने उसे बुरी तरह पीटा। गर्भावस्था के दौरान पेट पर लात मारी गई, जिससे उसका गर्भपात हो गया। पत्नी ने पुलिस में शिकायत की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। बाद में पति ने पत्नी पर चोरी का आरोप भी लगा दिया। मोबाइल चोरी का केस, गिरफ्तारी और काउंटर एफआईआरजब पत्नी मायके चली गई, तो पति ने जूनी इंदौर पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखाई कि पत्नी उसके भाई का मोबाइल फोन चुरा ले गई है। असल में वह फोन पति ने खुद गिफ्ट किया था, लेकिन पुलिस ने बिना जांच के केस दर्ज कर लिया और पत्नी को गिरफ्तार कर लिया। बाद में कोर्ट से उसे जमानत मिली। पति की दलील- पत्नी के पास भी इनकम का सोर्सपति ने कोर्ट में सफाई दी है कि पत्नी आर्थिक रूप से सक्षम है। उसने कहा- पत्नी टीचर है, 20 हजार रुपए कमाती है। कोचिंग क्लास में पढ़ाकर 10-15 हजार की आय हर महीने होती है। उसके पास एक फ्लैट है, जिसे किराए पर दे रखा है। ब्यूटी पार्लर से भी इनकम होती है। पति ने यह भी कहा- मैंने कभी पत्नी को घर से नहीं निकाला। वह खुद ही झगड़ा करके मायके चली गई। मैं तो उसे विदेश ले जाना चाहता था, लेकिन उसकी मां ने जाने नहीं दिया। हालांकि, पति पत्नी की आय को कोर्ट में प्रमाणित नहीं कर सका। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला, पति की पोल खुलीफैमिली कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के ‘रजनीश बनाम नेहा’ केस (2020) का हवाला दिया। इसमें कहा गया था कि पति-पत्नी दोनों को अपनी वास्तविक आय और खर्च का खुलासा शपथपत्र के साथ करना होगा। अगर कोई झूठ बोलता है या फर्जी दस्तावेज पेश करता है तो उसे सात साल की सजा हो सकती है। इसी आदेश के तहत जब पति से शपथपत्र मांगा गया तो उसकी पोल खुल गई। पत्नी को हर महीने 20 हजार भरण-पोषण का फैसलाफैमिली कोर्ट ने फैसला देते हुए कहा- पति ने पत्नी को दो साल से छोड़ रखा है। बेटी उसके पास है, इसलिए बच्ची का खर्च वही उठाएगा। पत्नी के भरण-पोषण का दायित्व भी उसी पर है। कोर्ट ने आदेश दिया कि पत्नी को छोड़ने की तारीख से पति, पत्नी को 4 लाख रुपए बकाया रकम एकमुश्त दे। आगे से हर महीने 20 हजार रुपए भरण-पोषण प्रतिमाह दे। ये खबर भी पढ़ें... ब्लेड से पत्नी की नाक काटकर की अलग, पति ने डंडे से पीटा झाबुआ में एक युवक ने अपनी पत्नी की ब्लेड से नाक काट दी। उसे डंडे से पीटा। ब्लेड के हमले से महिला की नाक का हिस्सा कटकर अलग हो गया। इसके बाद वह खुद उसे अस्पताल लेकर पहुंच गया। उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया है। पढ़ें पूरी खबर...
राजस्थान के सबसे बड़े सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (SMS) के ट्रॉमा सेंटर स्थित आईसीयू में 5 अक्टूबर की रात शॉर्ट सर्किट से आग लग गई थी। ट्रॉमा सेंटर में दूसरी मंजिल में लगी आग के कारण 8 मरीजों की मौत हो गई थी। 6 अक्टूबर को चिकित्सा मंत्री गजेंद्रसिंह खींवसर ने मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था। एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट आने और जिम्मेदारों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था। एक महीने बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं आई है। भास्कर ने मामले में पड़ताल की तो सामने आया कि जिस आईसीयू में आग लगी, वो तय मानकों के अनुसार बना ही नहीं था। साल 2015 में बने आईसीयू में गाइडलाइंस तोड़कर कई स्तर पर लापरवाही बरती गई। ऐसी ही 9 लापरवाही ने 8 मरीजों की जान ले ली। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… 1. आईसीयू में एंट्री और एग्जिट के लिए एक ही गेट ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में एंट्री और एग्जिट का एक ही गेट था। ऐसे में समय पर मरीजों को बाहर नहीं निकाला जा सका। SOP : वार्ड में एंट्री और एग्जिट के लिए अलग गेट होने चाहिए, ताकि इमरजेंसी सिचुएशन में मरीजों को निकाला जा सके। 2.आईसीयू में कर रखे थे पार्टिशन आईसीयू में काउंटर और मरीजों के बेड के बीच पार्टीशन कर रखे थे। इस कारण भी आग लगने के बाद मरीजों को तुरंत नहीं निकाला जा सका। SOP : वार्ड में अलग-अलग पार्टिशन नहीं होने चाहिए। 3.स्विच और वायरिंग की प्रॉपर मेंटिनेंस नहीं एफएसएल ने आग लगने का प्रारंभिक कारण शॉर्ट सर्किट माना है, यानी आईसीयू में इलेक्ट्रिक वायरिंग की मेंटीनेंस प्रॉपर नहीं की गई थी। SOP : इलेक्ट्रिक बोर्ड और वायरिंग क्वालिटी की होनी चाहिए। समय-समय पर इनका रखरखाव होना चाहिए। 4.फॉल्स रुफिंग की क्वालिटी घटिया ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में घटिया फॉल सीलिंग लगी हुई थी। कई जगह फॉल सीलिंग के क्षतिग्रस्त होने पर प्लास्टिक की शील्ड भी लगा दी गई थी। इस कारण आग लगने पर प्लास्टिक जलने से कई तरह की गैस निकली और ये गैस की मौत का कारण बनी। SOP : फॉल्स सीलिंग नहीं होनी चाहिए। एल्युमिनियम कम्पोजिट पैनल नहीं होना चाहिए। 5. बेड के बीच कम गैप आग लगी उस समय आईसीयू में 11 मरीजों का इलाज चल रहा था। मरीजों के बेड के गैप भी कम था। SOP : आईसीयू में बेड्स के बीच प्रॉपर गैप होना चाहिए। 6.आईसीयू में बना हुआ था स्टोर रूम आईसीयू के एक कोने में स्टोर रूम बनाया हुआ था। इसी स्टोर रूम में सबसे पहले आग लगी थी। जहां वायरिंग में शॉर्ट सर्किट के बाद आग ऊपर की और बढ़ी। SOP : स्टोर रूम में ज्वलनशील सामग्री नहीं होनी चाहिए। 7.एक कोने में आईसीयू, बाहर भी कम जगह ट्रॉमा सेंटर में दूसरी मंजिल पर आईसीयू कोने में बना हुआ था। बाहर भी प्रॉपर जगह नहीं थी। ऐसे में आग लगने के बाद तत्काल मरीजों को बाहर नहीं निकाला जा सका। SOP : आईसीयू ऐसी जगह स्थित होना चाहिए जहां से इमरजेंसी में मरीजों को जल्द से जल्द शिफ्ट किया जा सके। 8.फायर फाइटिंग सिस्टम खराब आईसीयू में आग लगी उस वक्त फायर फाइटिंग सिस्टम भी काम नहीं कर रहा था। ऐसे में खिड़कियां तोड़कर बाहर से आग से काबू पाया गया। SOP : फायर फाइटिंग सिस्टम होना चाहिए। समय समय पर फायर ड्रिल होनी चाहिए। 9. बचाव का प्लान नहीं था आग की सूचना के तुरंत बाद मरीजों को शिफ्ट कर दिया जाता तो कई की जान बचाई जा सकती थी। आग लगने पर क्या मेजर लेने चाहिए थे, उसका कोई प्लान नहीं था। SOP : इमरजेंसी सिचुएशन के लिए हमेशा प्लान होना चाहिए। मरीजों को कहां शिफ्ट किया जाना है? मरीजों को कैसे निकाला जाएगा? शिफ्ट करने के लिए मोबाइल वेंटिलेटर होना चाहिए। जानिए क्या कहती है गाइडलाइन भारत सरकार ने हेल्थ केयर फैसिलिटी में फायर एंड लाइफ सेफ्टी के लिए गाइडलाइन बना रखी है। इसमें हेल्थ केयर फैसिलिटी में हुए बड़े हादसों से सबक लेते हुए आग से बचने के लिए शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म मेजर लेने के लिए कहा गया है। शॉर्ट टर्म मेजर : लोकल फायर अथॉरिटी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेने, फायर रेस्पाॅन्स प्लान बनाने, समय-समय पर फायर ड्रिल करने, पोर्टेबल एग्जॉस्ट ब्लोअर लगाने, फायर डिटेक्शन और अलार्म सिस्टम लगाने को कहा गया है। आईसीयू और ओटी के लिए स्पेशल अरेंजमेंट के भी निर्देश दिए गए हैं। लॉग टर्म मेजर : नेशनल बिल्डिंग कोड अपनाने को कहा गया है। इसमें आग नहीं लगने वाले मटेरियल का उपयोग करने के साथ स्ट्रक्चरल कंपोनेंट बनाने के लिए कहा गया है। इसके अलावा फॉल सीलिंग,फेब्रिक कर्टेन का उपयोग नहीं करने को भी कहा गया है। अब दो वार्ड को मिलाकर बनेगा एक आईसीयू आगजनी के बाद अब आईसीयू को फिर से तैयार कराया जा रहा है। जिस आईसीयू में आग लगी थी, उसे और उसके पास स्थित सेमी आईसीयू को भी मिलाकर एक वार्ड तैयार किया जा रहा है। अब इस वार्ड में बेड्स की संख्या कम होगी। एनएबीएच की गाइडलाइन को फॉलो कर आईसीयू तैयार किया जा रहा है। ट्रॉमा सेंटर के नोडल ऑफिसर डॉ. बी एल यादव ने बताया कि नए आईसीयू का लेआउट बनाया जा रहा है। नेशनल बिल्डिंग कोड के अनुसार बनाया जाएगा। एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ.दीपक माहेश्वरी ने कहा- साल 2015 में ये आईसीयू बनाया गया था। उस समय की कंडीशन पर मैं कुछ नहीं कह सकता। नए आईसीयू में बेड कम कर एनएबीएच के स्टैण्डर्ड पर ही बनाया जाएगा। एक महीने बाद भी नहीं आई जांच रिपोर्ट घटना के बाद ट्रॉमा सेंटर में जायजा लेने पहुंचे चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने जांच रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई का आश्वासन दिया था। अब तक जांच रिपोर्ट सामने नहीं आई है। 29 अक्टूबर को भी चिकित्सा मंत्री ने चार पांच दिन में ट्रॉमा सेंटर की रिपोर्ट आने की बात कही थी। .... SMS हॉस्पिटल हादसे से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... SMS हॉस्पिटल में आग लगी, 8 मरीजों की मौत:ट्रॉमा सेंटर के ICU में शॉर्ट सर्किट से हादसा; अधीक्षक-ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज को हटाया, XEN निलंबित जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में रविवार देर रात आग लग गई। हादसे में 8 मरीजों (हॉस्पिटल स्टाफ के अनुसार) की मौत हो गई। इनमें 3 महिलाएं शामिल थीं। पूरी खबर पढ़िए...
सड़कों की भीड़भाड़ से बचाकर कच्चा और तैयार मॉल कंपनियों और बाजार तक पहुंचाने के लिए प्राधिकरण सिटी लॉजिस्टिक्स प्लान (सीएलपी) तैयार कर रहा है। इस प्लान को चयनित होने वाली एजेंसी बनाएगी। कंपनी का चयन के लिए एक समिति बनाई जा रही है। इस समिति में एफसी, प्लानिंग, टेक्निकल और विधि विभाग के अधिकारी को शामिल किया जा रहा है। एजेंसी के दस्तावेज चेक करेंगे इसके बाद फाइनेंशियल बिड खोली जाएगी। एजेंसी छह महीने में प्लान तैयार करेगी और उसे शहर में लागू करवाया जाएगा। यह पहल ऐसे समय में की गई है जब शहर में तेजी से निवेश बढ़ रहा है और भविष्य में इस प्लान की कारोबारियों की जरूरत होगी। ताकि लॉजिस्टिक परिवहन में किसी प्रकार की अड़चन नहीं आए। ये प्लान एक सलाहकार कंपनी तैयार करेगी। इससे करीब 10 हजार से ज्यादा फैक्ट्रियों को फायदा होगा। इसके अलावा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट तक कार्गो सेवा में इसका फायदा होगा।एसीईओ सतीश पाल ने बताया कि इस प्लान के तहत उन सड़कों की पहचान की जाएगी, जिससे सबसे ज्यादा लॉजिस्टिक आता जाता है। वेयर हाउस, बाज़ार और इंडस्ट्री जोन का एक मैप तैयार किया जाएगा। लॉजिस्टिक लाने ले जाने के लिए ट्रक आवाजाही , बेहतर पार्किंग और लोडिंग-अनलोडिंग सुविधाओं जैसे उपाय सुझाए जाएंगे। अभी नहीं है कोई प्लानवर्तमान में नोएडा में ट्रकों की आवाजाही के लिए कोई मैनेजमेंट प्लान नहीं है। जिससे अक्सर भारी वाहन आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों में घुस जाते हैं। इससे यातायात जाम और लोगों को खासी दिक्कत होती है। सीएलपी नॉन पीक आवर में भारी वाहनों की आवाजाही को निर्धारित करके, लॉजिस्टिक गतिविधियों के लिए क्षेत्रों को चिह्नित करेगा। एनएलपी को अपनाकर बनेगा प्लाननोएडा नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी (एनएलपी) को अपनाकर ही शहर का सिटी लॉजिस्टिक्स प्लान (सीएलपी) बनाएगी। इसके तहत माल ढुलाई भागीदारी समिति (एफपीसी) का गठन किया जाएगा। इन समितियों में सरकारी अधिकारी, उद्योग जगत, लॉजिस्टिक्स प्रदाता और शैक्षणिक विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो सामूहिक रूप से अलग-अलग क्षेत्रों जैसे ई-कॉमर्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्युटिकल्स के लिए विशेष कार्य योजनाएं बनाएंगे। नीयत यातायात से प्रदूषण होगा कमनए प्लान के तहत शहर के प्रमुख रास्तों पर लॉजिस्टिक एक नीयत ढंग से चलेगा। जिससे सड़कों पर वायु प्रदूषण कम होगा और यातायात जाम भी नहीं होगा। प्लान तैयार करने के बाद प्राधिकरण इसे नोएडा में लागू करेगा।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 5 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिस मथुरा के प्रह्लाद की तस्वीर दिखाई थी, उनसे दैनिक भास्कर ने हकीकत समझी। सामने आया कि प्रह्लाद मौजूदा सरपंच नहीं हैं। हां, 2015 से 2020 तक उनकी पत्नी चंदा देवी सरपंच रही थीं। राहुल गांधी ने प्रजेंटेशन के दौरान प्रह्लाद की BJP कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी के भतीजे के साथ तस्वीरें भी शेयर की थी। बताया कि BJP समर्थित प्रह्लाद हरियाणा के होडल विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में भी शामिल हैं। साथ ही, उन्हीं डिटेल के साथ प्रह्लाद मथुरा विधानसभा की वोटर रिकॉर्ड में भी हैं। राहुल ने ये 4 दावे भी किए राहुल के दावों के सामने आने के बाद दैनिक भास्कर टीम मथुरा से 60 km दूर कामर पहुंची। जिन प्रह्लाद को BJP समर्थित बताया गया था। उनसे डिटेल में पूरा मामला समझा। पढ़िए वो क्या कहते हैं– सवाल : क्या आप सरपंच हैं, अगर हैं, तो किस पार्टी को समर्थन देते हैं?प्रह्लाद : जी नहीं…। मैं इस वक्त सरपंच नहीं हूं। 2015 से 2020 तक मेरी पत्नी जरूर सरपंच रही हैं। किसी पार्टी के समर्थन की बात तो ठीक नहीं हैं, क्योंकि हम इस वक्त सरपंच है ही नहीं। सवाल : राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आपका नाम लिया, आपको कब पता चला?प्रह्लाद : ये टीवी देखकर पता चला था। मैं मथुरा से अपना नाम सुनकर चौंक गया था। सवाल : क्या उन्होंने वोट चोरी के जो फैक्ट बताए, वो आपको अपने संदर्भ में सही लग रहे हैं?प्रह्लाद : नहीं... उनके बयान तो अनर्गल लग रहे हैं। मेरा तो कामर (मथुरा) में ही वोट हैं। यही का रहने वाला हूं, यहीं मेरी जमीन जायदाद है। हरियाणा के जिस शहर का मुझे बताया जा रहा है, वहां न मेरी कोई जमीन है, न रिश्तेदार हैं, वहां से मेरा कोई नाता नहीं है। सवाल : राहुल आपकी ID यहां और हरियाणा दोनों जगह पर दिखा रहे?प्रह्लाद : हमारे गांव के सैकड़ों लोग हरियाणा में रहते हैं, जिन्होंने पलायन किया था। उनके वहां प्लॉट और मकान हैं। हमारे पड़ोस के लोग भी रहते हैं। किसी ने अपने स्वार्थ के लिए, चुनाव लड़ने के लिए बनवा दिया होगा, मुझे पता तक नहीं है। वहां की वोटर लिस्ट में मेरा नाम कैसे पहुंचा, मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है। सवाल : राहुल ने यूपी कैबिनेट मंत्री और छाता से BJP विधायक के साथ आपकी तस्वीर दिखाई?प्रह्लाद : कैबिनेट मंत्री का हरियाणा से क्या लेना-देना, उनका तो छाता (मथुरा) से लेनादेना है। उनको वहां से भला क्या ही फायदा होगा। रहा सवाल मेरी तस्वीर का, तो वो हमारे यहां के विधायक हैं, कोई परेशानी होती है, तो शिकायत लेकर जाते हैं। वो हमारे यहां के काम करवाते हैं। सवाल : राहुल जो वोटर लिस्ट को लेकर आरोप लगा रहे हैं, क्या कहेंगे?प्रह्लाद : उनकी पार्टी लगातार हार रही है, तो वो बौखला रहे हैं। यूपी, हरियाणा के वोटर लिस्ट दिखा रहे हैं, मगर इससे कुछ नहीं होगा। राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के 3 मोमेंट्स... 1. मेरा घर छीन लिया, अब नरेंद्र का छीन रहेराहुल ने आरोप लगाया कि वोटर लिस्ट में कई नाम ऐसे हैं जिनका हाउस नंबर 0 दिखाया गया। यानी कि वे लोग जिनका कोई घर नहीं है। इन्हीं में से एक नरेंद्र हैं जिन्होंने वोट तो किया लेकिन उनका घर नहीं है। जैसा कि इन लोगों (भाजपा) ने मेरा घर छीन लिया था, वैसा ही नरेंद्र के साथ किया। दरअसल 2023 में सांसदी जाने पर राहुल गांधी का 12 तुगलक रोड का सरकारी आवास खाली करा दिया गया था। उनका सामान मां सोनिया गांधी के 10 जनपथ स्थित आवास में शिफ्ट किया गया था। 2. अब सुनिए ज्ञानेश का ज्ञानराहुल ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की तस्वीर प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखाई। राहुल ने कहा- अब सुनते हैं ज्ञानेश का ज्ञान जो कहते हैं कि पुल के नीचे सड़क पर या लैंपपोस्ट के किनारे ऐसे लोगों का हाउस नंबर 0 होता है। 3. अब बेचारी बहुत ट्रोल होगीब्राजीलियन मॉडल की तस्वीर दिखाने के बाद राहुल ने कहा कि अब ये बेचारी बहुत ट्रोल होगी। राहुल का आरोप है कि महिला ने हरियाणा में 22 बार वोट किया। उसके कई नाम हैं जैसे सीमा, स्वीटी, सरस्वती, रश्मि, विमला। इस महिला ने 10 बूथ पर 22 बार वोट किया। ……………………….. ये भी पढ़ें - राहुल ने जिसकी फोटो दिखाई वह ब्राजीलियन मॉडल सामने आई, कहा- क्या पागलपन है, मैं भारत नहीं गई; दावा- 10 बूथ पर इनके 22 वोट कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिस ब्राजीलियन मॉडल की तस्वीर दिखाई थी, उसका एक वीडियो सामने आया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई अकाउंट से महिला का वीडियो पोस्ट करते हुए दावा किया गया कि उनका नाम लेरिसा है। पढ़िए पूरी खबर...
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आप पढ़ रहे हैं एक अविस्मरणीय गाथा- 'कृष्ण विग्रह विस्थापन'। इस सीरीज में जानेंगे कैसे क्रूर बादशाह औरंगजेब के आतंक ने पांच हजार साल पुराने दिव्य कृष्ण विग्रहों को वृंदावन की गलियों से बाहर निकलने पर मजबूर कर दिया। सेवायतों ने जान हथेली पर रखकर सदियों पुरानी मूर्तियों को बचाया। तीसरे एपिसोड में आज पढ़िए गोपीनाथ जी के विस्थापन की कहानी। द्वापरयुग की लीला एक बार फिर दोहराई। गोपीनाथ टोकरी में बैठकर वृंदावन से निकले। वहीं, भक्त के अटूट विश्वास ने अंग्रेज अफसर को पत्थर में प्राण होने का प्रमाण दिया… कहानी से पहले ये जानना जरूरी है... 1669 के आसपास का दौर। मुगल बादशाह औरंगजेब हिंदू मंदिरों को तोड़ने का फरमान जारी कर चुका था। सैकड़ों मंदिर और विग्रह खंडित किए जा चुके थे। काशी, मथुरा, वृंदावन जैसी धर्मनगरी में शंख और आरती के स्वर मंद पड़ गए थे। हिंदू भक्त अपने घरों में ही पूजा-पाठ करके संतोष मानते। ब्रज के राजा गोकुला जाट से यह देखा न गया। उनके भीतर बदले की आग जल रही थी। मगर, छोटी-सी सेना औरंगजेब से भिड़ने के लिए काफी नहीं थी। फिर भी कुछ न कुछ करना ही था। चोरी-छिपे एक बैठक बुलाई गई। ब्रज के बच्चे-बूढ़े, आदमी-औरत, हर जाति-वर्ग के लोग आए। राजा ने ललकारकर पूछा- “सिर्फ धूप-दीप जलाना और ठाकुर जी को भोग लगाना ही धर्म है? अगर ऐसा होता तो भगवान कुरुक्षेत्र में अर्जुन से शस्त्र उठाने को न कहते। ये समय चुप रहकर सहन करने का नहीं है।” एक आदमी बोला- “हम इतनी बड़ी फौज का मुकाबला कैसे करेंगे?”राजा ने हुंकार भरी- “बालगोपाल अकेले कालिया नाग पर भारी पड़े थे। हमारे अंदर भी उनका अंश है। फिर हम सब मिलकर लड़े तो ये मुगल टिक नहीं पाएंगे।” राजा की बातें सुनकर सभी सोच में पड़ गए। कुछ डरे और परेशान हुए। फिर सभी के अंदर एक उम्मीद और हिम्मत जगी। एक लड़का खड़ा हुआ और पूरे जोश में बोला- “हम कट जाएंगे, लेकिन अपने लालजू पर आंच नहीं आने देंगे।” धीरे-धीरे और लोग भी खड़े हुए और उद्घोष हुआ- “सुदर्शनधारी कृष्ण की… जय” देखते ही देखते करीब 10 हजार भक्त मुगल फौज से लड़ने को तैयार हो गए। महावन में सिहोरा गांव के पास मुगल फौज और कृष्णभक्तों का आमना-सामना हुआ। मुगल फौजदार अब्दुल नबी ग्वालों, किसानों और जाट सैनिकों की मिली-जुली फौज देखकर दंग रह गया और नाक सिकोड़कर बोला- “मंदिर में घंटियां बजाने वाले काफिरों में इतनी हिम्मत कहां से आई?”एक सिपाही ने बताया- “हुजूर, गोकुला जाट ने इन्हें इकट्ठा किया है।”अब्दुल नबी चिढ़कर बोला- “ये बेजान पत्थरों पर क्या चढ़ाते हैं?” सिपाही बोला- “दूध, घी… और मक्खन।” एक ठहाका गूंजा। फिर अब्दुल नबी बोला, “पत्थरों पर मांस भी चढ़ता है क्या?”कुटिल मुस्कान के साथ सिपाही बोला- “नहीं हुजूर, इससे पत्थर नापाक हो जाता है।”अब्दुल नबी तुरंत बोला- “आज हम इनके भगवान को इन्हीं काफिरों के खून से नहलाएंगे।” मुगल फौज और कृष्णभक्तों के बीच भयंकर लड़ाई हुई। ब्रज की मिट्टी, मुगलिया तोपों पर भारी पड़ी। मुगल फौज को काफी नुकसान हुआ। अब्दुल नबी मारा गया। कुछ समय तक ब्रज में शांति रही, लेकिन सभी जानते थे कि दोबारा हमला हुआ तो तबाही तय है। ‘गोपियों के नाथ’ ने छोड़ा वृंदावन अविरल और शांत यमुना का किनारा। तट पर गोपीनाथ मंदिर के कुछ गोस्वामी आपस में बात कर रहे थे। उनके चेहरे पर चिंता साफ झलक रही थी। परेशानी की वजह मौत का डर नहीं, गोपीनाथ जी के विग्रह को बचाना था। कभी भी कुछ हो सकता था। एक युवा गोस्वामी ध्यान में बैठे बड़े गोस्वामी के पास गया और बोला- “महाराज जी, वृंदावन वीरान हो गया है। भजन नहीं, पूजा-आरती नहीं और आप ध्यान रमा रहे हैं। आपको डर नहीं लगता?” बड़े गोस्वामी ने ध्यान तोड़ा। वे कुछ पल चुपचाप बैठे रहे। फिर गहरी सांस लेकर बोले- “राखे कृष्ण मारे के, मारे कृष्ण राखे के।” मतलब, भगवान कृष्ण रक्षा करें तो कौन मार सकता है। अगर कृष्ण किसी को मारना चाहें तो उसे कौन बचा सकता है? अचानक माहौल बदल गया। गोपानाथ के सेवायतों (पुजारी) का विश्वास लौट आया था। तभी एक गोस्वामी आगे बढ़ा और कांपती आवाज में बोला- “महाराज, नगर के हर मोड़, गली पर मुगल सिपाही पहरा दे रहे हैं। बाहर निकलना बहुत मुश्किल है। कैसे निकलेंगे? तैयारी भी कैसे करें ?” बड़े गोस्वामी मुस्कराए, बोले- “चिंता मत करो, बस देखते जाओ। प्रभु जाना चाहें तो उन्हें कोई रोक पाएगा?” कुछ देर रुककर बोले- “कुछ टोकरियों और ढेर सारी घास का इंतजाम करो। गोपीनाथ जी को उसमें छिपाकर ब्रज से बाहर निकालेंगे। राजा गोकुला को भी खबर कर दो। वो हमारी मदद करेंगे।” एक गोस्वामी राजा के महल की ओर दौड़ पड़ा। अन्य सेवायत बाकी इंतजाम करने में जुट गए। एक टोकरी में गोपीनाथ और दूसरी में राधारानी का विग्रह रखकर ऊपर ढेर सारी घास रख दी गई। कुछ अन्य टोकरियों में सिर्फ घास थी। सभी गोस्वामियों ने एक-एक टोकरी अपने सिर पर रखी और चल दिए। द्वापर की लीला कलयुग में दोहराई जा रही थी। द्वापर में बाबा वसुदेव, कंस के कारागार से कन्हैया को ले गए थे। इस बार वृंदावन के गोसाईं मुगलों की नजरों से कान्हा को बचा रहे थे। गोस्वामियों की टोली धीरे-धीरे चली जा रही थी। मुगल सैनिक पास से गुजरते तो सभी की धड़कनें बढ़ जातीं, लेकिन कृष्ण ने वृंदावन छोड़ने का मन बना लिया था। किसी पहरेदार या जासूस को जरा भी शक नहीं हुआ। टोली वृंदावन के बाहर राधाकुंड के नजदीक पहुंची। अचानक बड़े गोस्वामी की नजर राधाकुंड और मानसी गंगा के बीच एक गुफा पर गई। उन्हें वह जगह सुरक्षित लगी। बडे़ गोस्वामी जानते थे कि यात्रा लंबी है, इसमें पड़ाव जरूरी हैं। उन्होंने साथी सेवायतों से कहा- “गोपीनाथ जी कुछ दिन इसी गुफा में विराजेंगे।” आस्था की ऊर्जा से भरे एक सेवायत को वहां रुकना ठीक नहीं लगा। उसने कई मंदिर टूटते देखे थे। वह चिंतित स्वर में बोला- “लेकिन महाराज, मुगलों के लिए अपने कई भाई-बंधु भी जासूसी करते हैं। उन्हें भनक लगी तो अनर्थ हो जाएगा।” बड़े गोस्वामी ने उसे समझाया- “ये जगह सुरक्षित है। फिर गोकुला जाट के सिपाही भी हमारे साथ हैं। प्रभु इच्छा से ही सब हो रहा है।” प्रभु की इच्छा से दिन हफ्तों में बदले फिर महीने और साल बीत गए। कामवन का अल्प विराम, राजा त्रिलोक चंद्र का डर गुफा में कुछ साल बिताने के बाद गोस्वामी विग्रह लेकर आगे बढ़े और कामवन (कामां) पहुंचे। वहां के राजा त्रिलोक चंद्र और रानी भानुमति गोपीनाथ जी को देखकर भावविभोर हो उठे। “अहो भाग्य!” राजा त्रिलोक चंद्र ने कहा, “ठाकुर खुद सेवक के घर पधारे हैं।” गोपीनाथ के लिए राजा के मन में बहुत श्रद्धा थी, लेकिन मन के किसी कोने में औरंगजेब का खौफ भी था। औरंगजेब न केवल मंदिरों के खिलाफ था, बल्कि आस्थावान राजाओं से भी चिढ़ता था। त्रिलोक चंद्र को राजा गोकुला जाट के बारे में पता चला था। सिहोरा में मुगल फौज की हरा से औरंगजेब बौखला गया था। उसने हसन अली को फौजदार बनाकर फिर से राजा गोकुला से लड़ने भेजा। राजा और कृष्णभक्तों ने शाही सेना से कड़ा मुकाबला किया, लेकिन हार गए। 5 हजार भक्त मारे गए, 7 हजार कैद कर लिए गए। राजा गोकुला और उनके परिवार के लोगों को आगरा ले जाया गया। कोतवाली के सामने उनके टुकड़े-टुकड़े करके मार दिया गया। यह सब सोचकर राजा त्रिलोक चंद्र काफी परेशान थे। अपनी दुविधा लेकर वे बड़े गोस्वामी से मिलने पहुंचे। उन्होंने दबे स्वर में कहा- “महाराज, क्यों न गोपीनाथ जी को जयपुर में स्थापित किया जाए?”बड़े गोस्वामी कुछ देर उनकी तरफ देखते रहे। फिर पूछा- “ऐसा क्यों?” त्रिलोक चंद्र बोले- “औरंगजेब हिंदुओं के खून का प्यासा है। वह यहां भी हमला कर सकता है। गोपीनाथ की सुरक्षा केवल आमेर के राजा ही कर सकते हैं। मुगलों से उनकी संधि है। मुगल उन्हें नाराज नहीं करेंगे।” त्रिलोक चंद्र आंखें झुकाकर आगे बोले- “मेरे बस में हो तो प्रभु को यहां से जाने न दूं। पूरी जिंदगी गोपीनाथ की सेवा में गुजार दूं, लेकिन मेरी किस्मत…। मैं मजबूर हूं।” राजा की बात पूरी हुई। कमरे में एकदम से सन्नाटा छा गया। सभी चुप थे। इससे त्रिलोक चंद्र और परेशान हो गए। उन्होंने बड़े गोस्वामी की तरफ देखा और उनके पैर पकड़कर कांपते स्वर में पूछा- “क्या मुझसे कोई पाप हो रहा है?” बड़े गोस्वामी ने हल्की मुस्कान के साथ राजा की तरफ देखा। फिर धीरे, लेकिन दृढ़ स्वर में बोले- “राजन, आपके मन में भक्ति और सेवा है। डर और चिंता उस समय पैदा होती है, जब हम कर्तव्य और परिस्थिति के बीच फंस जाते हैं। आपने अपनी सीमा को समझा, ये विवेक है, पाप नहीं।” बड़े गोस्वामी की बात सुनकर राजा त्रिलोक चंद्र का मन शांत हुआ। गोस्वामियों ने आगे की यात्रा की तैयारी के लिए एक दिन का समय मांगा। गोपीनाथ कामवन में अब सिर्फ एक दिन के मेहमान थे। राजा-रानी ने पूरा दिन गोपीनाथ की सेवा में बिताया। देर रात तक कीर्तन होता रहा। शयन आरती के बाद राजा त्रिलोक चंद्र और रानी भानुमति काफी देर तक बैठे रोते रहे। बड़े गोस्वामी ने उन्हें समझाया- “आप लोग खुद को दोषी मत मानिए। गोपीनाथ अपनी इच्छा से आमेर जा रहे हैं। उन्हें कामवन में रुकना होता तो वे कोई लीला जरूर करते।” राजा बोले- “मैं जानता हूं स्वामी जी, आप ये सब मुझे ढाढ़स देने के लिए कह रहे हैं... लेकिन मैं समझ रहा हूं मुझसे कितना बड़ा पाप हो रहा है। मरने के बाद मैं अपने पुरखों को क्या मुंह दिखाऊंगा?” इतना कहकर राजा फूट-फूटकर रोने लगे। आसपास खड़े सभी गोस्वामियों की आंखों में भी आंसू थे। बड़े गोस्वामी ने किसी तरह राजा और रानी को समझाकर आराम करने भेजा। सुबह मंगला आरती हुई। राजा त्रिलोक चंद्र और रानी भानुमति ने कांपते हाथों से गोपीनाथ को प्रणाम किया। गोपीनाथ जी बैलगाड़ी में विराजमान थे। सभी सेवक, भक्त और गोस्वामी उनके साथ आगे बढ़ गए। इस तरह सिर्फ तीन दिन कामवन में रहने के बाद, गोपीनाथ आमेर (अब जयपुर) की ओर चल दिए। दान की होड़ और दीवान की आस्था तब का कामवन आज राजस्थान के डीग जिले में कामां के नाम से जाना जाता है। वहां से आमेर यानी अब के जयपुर के रास्ते में शेखावाटी इलाका पड़ता है। गोपीनाथ शेखावाटी राजाओं के इष्टदेव हैं। ऐसे में जिन इलाकों से बैलगाड़ी गुजरती, वहां के राजा गोपीनाथ का स्वागत करते। हीरे, जवाहरात, जमीन न्यौछावर कर देते। मंडावा के राजा ने 300 बीघा जमीन गोपीनाथ जी के नाम कर दी। यह खबर पूरे शेखावाटी में फैल गई। इसके बाद एक अन्य राजा ने अपनी जागीर की 10% जमीन गोपीनाथ को भेंट कर दी। देखते ही देखते दासारामगढ़, नवलगढ़ जैसे इलाकों के राजाओं में 'दशांश' (संपत्ति का दसवां हिस्सा) दान करने की होड़ मच गई। गोपीनाथ, जो घास की टोकरी में चले थे, अब उनके लिए राजाओं ने अपना खजाना खोल दिया था। गोपीनाथ आमेर पहुंचे। माधोविलास उनका नया ठिकाना बना। राग-भोग और सेवा में 17 साल बीत गए। एक दिन जयपुर के दीवान खुशहालीराम बोहरा शयन आरती के समय माधोविलास पहुंचे। आरती के बाद बोहरा ने सभी सेवायतों से बात करनी चाही। सभी इकट्ठा हुए। बोहरा मुख्य गोस्वामी की तरफ देखते हुए बोले- “आज्ञा हो तो मैं अपनी सबसे बड़ी हवेली गोपीनाथ जी को सौंपना चाहता हूं।”सभी चौंक गए। एक गोसाईं बोला- “आपका विचार बहुत अच्छा है दीवान जी, लेकिन आप ऐसा क्यों कर रहे हैं?”बोहरा ने झेंपते हुए कहा- “मेरी कोई औलाद नहीं है। धन-संपति का कोई वारिस नहीं है। कब मेरे प्राण निकल जाएं, पता नहीं। मैं चाहता हूं कि गोपीनाथ की कृपा से मेरी पीढ़ियां तर जाएं।” पूरे शहर में बात फैल गई, 'अब से गोपीनाथ बोहरा की बड़ी हवेली में रहेंगे।' हवेली को मंदिर का रूप दिया जाने लगा। दीवारों पर राधाकृष्ण की लीलाएं उकेरी गईं। दरवाजे का आकार इस तरह बदला गया कि अंदर आते ही भक्तों को गोपीनाथ के दर्शन हों। आखिरकार गोपीनाथ के उस हवेली में विराजने का दिन आया। पूरा शहर घंटी, शंख और कीर्तन की ध्वनियों से गूंज उठा। आसपास की रियासतों से तमाम लोग और राजा-महाराजा जयपुर आए। सैकड़ों हाथी-घोड़ों के साथ गोपीनाथ और राधारानी की शोभायात्रा निकली। 1792 के उस दिन से यह जुगल जोड़ी बोहरा की कोठी में विराजमान है। पत्थर में प्राण और अंग्रेज की घड़ी धीरे-धीरे मुगलों का दौर खत्म हुआ। अंग्रेजों का शासन आया। एक बार अंग्रेज अफसर जैकब गोपीनाथ मंदिर पहुंचा। गोपीनाथ जी का श्रृंगार, भोग और भक्तों की आस्था देखकर वह चौंक गया। उसके मन में भी वही सवाल उठा- “पत्थर की एक मूर्ति के लिए इतना इंतजाम?” उसने मुख्य सेवायत मदन गोस्वामी से रूखे भाव में पूछा- “इन पत्थरों को क्यों पूजते हो? ऐसा क्या है इसमें?” तीखे सवाल सुनकर भी मदन गोस्वामी के चेहरे का भाव तनिक भी न बदला। वे जानते थे अंग्रेज की गोपीनाथ में आस्था नहीं है। हल्की सी मुस्कान के साथ मदन गोस्वामी बोले- “ये मूर्ति नहीं साक्षात गोपीनाथ हैं। इनमें प्राण हैं।” अंग्रेज ठहाका लगाकर हंसा और बोला- “इसे साबित कर सकते हो?”फिर अपनी कलाई से घड़ी उतारकर गोस्वामी को देते हुए बोला- “ये घड़ी कलाई पर बांधने के बाद नब्ज से चलती है। ये पहनाओ अपने भगवान को। मैं भी देखूं पत्थर में प्राण हैं कि नहीं।” गोस्वामी ने गोपीनाथ की कलाई पर घड़ी बांधी, घड़ी नहीं चली। गोस्वामी ने घड़ी उतारकर दोबारा पहनाई। घड़ी फिर रुकी रही। एक बार फिर ऐसा किया, लेकिन घड़ी नहीं चली। मदन गोस्वामी शांत खड़े थे। उन्हें पता था कि घड़ी चलेगी। अंग्रेज घमंड से मुस्कुरा रहा था। गोस्वामी ने एक बार फिर घड़ी पहनाई। इस बार घड़ी से टिक-टिक की आवाज आने लगी। घड़ी चल रही थी। जैकब का चेहरा लाल हो गया। गोस्वामी अब भी शांत थे। उनके लिए यह नया नहीं था। अंग्रेज को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था। वह चिढ़ गया और बिना घड़ी लिए मंदिर से चला गया। इसके बाद से गोपीनाथ के साथ से घड़ी उतारी नहीं गई। काफी साल बाद जब घड़ी खराब हो गई तो रिपेयरिंग के लिए भेजी गई, लेकिन घड़ीसाज ने वह घड़ी कभी वापस नहीं लौटाई। इसके बाद से गोपीनाथ को बैट्री से चलने वाली घड़ी पहनाई जा रही है। स्टोरी एडिट- कृष्ण गोपाल ग्राफिक्स- सौरभ कुमार **** रेफरेंस लक्ष्मी नारायण तिवारी, सचिव- ब्रज संस्कृति शोध संस्थान, वृंदावन। ब्रज विभव: संपादक गोपाल प्रसाद व्यास। मथुरा-वृंदावन के वृहद हिंदू मंदिर: डॉ चंचल गोस्वामी। द कंट्रीब्यूशन ऑफ मेजर हिंदू टेंपल्स ऑफ मथुरा एंड वृंदावन: डॉ चंचल गोस्वामी। औरंगजेबनामा: संपादक डॉ अशोक कुमार सिंह। ब्रज के धर्म संप्रदायों का इतिहास: प्रभुदयाल मीतल। सनातन के संरक्षण में कछवाहों का योगदान: डॉ सुभाष शर्मा-जितेंद्र शेखावत। जयपुर इतिहास के जानकार- जितेंद्र शेखावत, संतोष शर्मा, प्रो देवेंद्र भगत (राजस्थान यूनिवर्सिटी)। गोपीनाथ जी के वृंदावन से जयपुर पहुंचने तक की पूरी कहानी क्रमवार ढंग से किसी एक किताब में नहीं मिलती। भास्कर टीम ने कई दस्तावेजों और इतिहास के जानकारों से बात करने के बाद सभी कड़ियों को जोड़कर यह स्टोरी लिखी है। फिर भी घटनाओं के क्रम में कुछ अंतर हो सकता है। कहानी को रोचक बनाने के लिए क्रिएटिव लिबर्टी ली गई है।
लखनऊ-कानपुर के बीच देश का सबसे छोटा एक्सप्रेस-वे बन रहा है। इसकी लंबाई 63 किलोमीटर है और लागत करीब 4700 करोड़ रुपए। जून- 2025 में इसका उद्घाटन प्रस्तावित था। लेकिन, बिजली के एक पोल से लगातार देरी होती चली गई। फाइनली उस बिजली के पोल की टेस्टिंग पूरी हो गई। अब उम्मीद है कि अगले डेढ़ से दो महीने के बीच काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद लखनऊ-कानपुर के बीच की दूरी एक घंटे कम हो जाएगी। दैनिक भास्कर की टीम ने एक्सप्रेस-वे की मौजूदा स्थिति को देखा। बाकी बचे कामों को देखा। जहां बन चुका है, उसकी मजबूती परखी। उस दावे की भी पड़ताल की, जिसमें कहा गया कि प्रदेश की राजधानी से प्रदेश की कॉमर्शियल राजधानी के बीच की दूरी 40 मिनट में पूरी होगी। उन लोगों से बात की, जिन्हें इसके बनने से राहत मिलेगी। कुछ ऐसे लोग भी मिले, जिनका रोजगार इस एक्सप्रेस-वे के बनने से ठप हो गया। एक्सप्रेस-वे बनने से 1 घंटे समय बचेगाहमारी टीम इस पूरे एक्सप्रेस-वे को कवर करने के लिए लखनऊ से निकली। अमौसी एयरपोर्ट के पास से इस एक्सप्रेस-वे की शुरुआत होती है। अभी लोग लखनऊ से कानपुर जाने वाले नेशनल हाईवे-27 का सहारा लेते हैं। इस हाईवे से दोनों शहरों के बीच की दूरी 93 किलोमीटर पड़ती है। अगर कोई मोहनलालगंज से मौरवां और उन्नाव होते हुए कानपुर पहुंचता है, तो 127 किलोमीटर चलना पड़ता है। हवाई मार्ग से दोनों शहरों के बीच की दूरी 77 किलोमीटर है। हालांकि, दोनों शहरों के बीच कोई फ्लाइट नहीं है। ट्रेन से दोनों शहरों के बीच की दूरी 74 किलोमीटर है। इस एक्सप्रेस-वे को बनाने के पीछे की वजह दोनों शहरों के बीच लगने वाला जाम है। इस वक्त लखनऊ से कानपुर का सफर जाम के चलते 2 से 3 घंटे में पूरा होता है। कई बार तो 3 घंटे से भी ज्यादा लग जाते हैं। एक्सप्रेस-वे बनने से यह समय 1 से डेढ़ घंटा कम हो जाएगा। हर उस जगह पर फ्लाईओवर बनाया गया है, जहां जाम की स्थिति बनती है। यह लखनऊ के 11 गांव से होकर गुजरता है। बाकी का हिस्सा उन्नाव में आता है, वहां के 31 गांव शामिल हैं। अभी तो बहुत संघर्ष करना पड़ता हैएनएच-27 पर स्थित प्रधान ढाबा पर हमारी मुलाकात कानपुर के सोनू प्रताप सिंह से हुई। वह कहते हैं- जब ये बन जाएगा, तो बहुत अच्छा रहेगा। अभी जहां-जहां भी एक्सप्रेस-वे का इस्तेमाल किए हैं, उसमें आनंद आया है। यह भी बन जाएगा, तो इसके जरिए चलेंगे और फिर अच्छे से इसका अनुभव बता पाएंगे। लेकिन हां, इसके बनने के बाद क्विक सर्विस मिलेगी। आदमी खटाक से कानपुर से आएगा, फटाक से लखनऊ से चला जाएगा। यहीं हमें भाजपा कानपुर महानगर के पूर्व जिला उपाध्यक्ष बबलू विश्वकर्मा मिले। वह कहते हैं- कानपुर महानगर तो इस एक्सप्रेस-वे को बहुत पहले से मांग रहा था। सीएम योगी की योजना है, इसलिए बहुत बढ़िया तरीके से बन रही। अभी कहीं-कहीं काम बाकी है। सीएम साहब का आदेश है कि जब पूरा काम हो जाए तभी इसे शुरू किया जाए। क्योंकि, कानपुर-दिल्ली रोड का भार भी इस पर ही पड़ेगा। बिजली के तार ने 6 महीने से काम रोकाहम यहां से आगे बढ़े। स्कूटर इंडिया के पास गौरी बाजार चौराहा है। यहीं एक जगह है, जहां अभी एक्सप्रेस-वे का पिलर नहीं बन पाया है। करीब 300 मीटर का एरिया खुला है। पिलर आधे बने हैं। ऊपर से दो हाईटेंशन बिजली के तार गुजरे हैं। एक का तो इंतजाम हो गया है, उसे ऊपर कर दिया गया है। लेकिन, 1.32 लाख पावर लाइन वाला खंबा अभी नहीं लग पाया है। इसी वजह से यहां इस वक्त सबसे ज्यादा जाम की स्थिति बनती है। हमने यहां की साइट के इंजीनियर मोहन अवस्थी से बात की। मोहन कहते हैं- यहां तार को ऊंचा करने के लिए 3 मोनोपोल लगाए जाएंगे। 2 हमारे पास आ भी गए हैं। एक आना बाकी है। जैसे ही वह आ जाएगा, हम उसे लगाना शुरू कर देंगे। तीनों का फाउंडेशन बन चुका है। हमने पूछा कि आखिर पहले से मोनोपोल क्यों नहीं तैयार हुए? मोहन कहते हैं- इसका एक प्रोसेस है, पहले तैयार होने के बाद भी टेस्ट के लिए हैदराबाद भेजा गया था। वहां जांच में वह रिजेक्ट कर दिया गया। इसके बाद दोबारा से बनना शुरू हुआ। पता चला है कि वो बन भी गया है। एक्सप्रेस-वे गुजरा और दुकान चली गईबनी (जगह का नाम) के पास हमें मो. अशफाक मिले। पहले उनकी दुकान नेशनल हाईवे के बगल थी। लेकिन एक्सप्रेस-वे गुजरा, तो उनकी दुकान के साथ 22 दुकानें टूट गईं। अशफाक कहते हैं- एक्सप्रेस-वे लोगों के लिए तो राहत वाला होगा, लेकिन हमारे लिए नुकसान वाला है। एक्सप्रेस-वे बन जाएगा, तो लोग ऊपर से चले जाएंगे। नीचे बहुत कम लोग हो जाएंगे। पास खड़े रमाशंकर कहते हैं- जब नीचे गाड़ियां कम चलेंगी, तो स्वाभाविक है कि व्यापार कम हो जाएगा। जहां एलिवेटेड, वहां 4 लेन, बाकी 6 लेनलखनऊ में एक्सप्रेस-वे का जितना हिस्सा पड़ता है, उसमें ज्यादातर एलिवेटेड है। क्योंकि, नीचे पहले से ही हाईवे मौजूद है। अमौसी से दरोगा खेड़ा तक 4 लेन है, इसके आगे जहां से ग्रीन फील्ड शुरू होती है। वहां यह 8 लेन का हो गया है। बनी तक यह एक्सप्रेस-वे नेशनल हाईवे के ऊपर चलता है। वहां से इसकी दिशा बदल जाती है। यहां से एक्सप्रेस-वे 45 किलोमीटर ग्रीनफील्ड है। मतलब उधर से पहले कोई रास्ता नहीं था। ये दतौली, कांथा, तौरा, नेरोना से होते हुए अमरसास तक जाता है। इधर एक्सप्रेस-वे का काम पूरा हो गया है। इस पूरे एक्सप्रेस-वे में 3 बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास और 6 फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं। 90% निर्माण पूरा हो गया है। जहां टोल गेट बनाया जाना है, वहां साइड की सड़कों का निर्माण आखिरी दौर में है। यह एक्सप्रेस-वे कानपुर के गंगा पुल से करीब 5 किलोमीटर पहले उन्नाव के आजाद चौराहे पर खत्म होता है। जो लोग लखनऊ से कानपुर जाएंगे, उन्हें गंगा पुल पार करना होगा। कई बार जाम की वजह यह पुल भी बन जाता है। यह देश का सबसे महंगा एक्सप्रेस-वे होगायूपी में इस वक्त 2 एक्सप्रेस-वे का निर्माण जारी है। पहला- गंगा एक्सप्रेस-वे। दूसरा- लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे। गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ से प्रयागराज के बीच बन रहा। 594 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे का बजट 37 हजार 350 करोड़ रुपए है। यानी एक किलोमीटर एक्सप्रेस-वे की कीमत 62 करोड़ 87 लाख रुपए पड़ेगी। वहीं, कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे की कुल लंबाई 62.7 किलोमीटर है। ऐसे में 1 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे का खर्च 75 करोड़ रुपए आ रहा। उन्नाव के पास यह एक्सप्रेस-वे गंगा एक्सप्रेस-वे से भी मिल रहा है। कुल मिलाकर लखनऊ-कानपुर देश का सबसे महंगा एक्सप्रेस-वे होगा। महंगा होने की मुख्य वजह जमीन का रेट है। असल में यह एक्सप्रेस-वे राजधानी से गुजरता है, यहां का सर्किल रेट ज्यादा है। मुआवजा ज्यादा देना पड़ा। इसके अलावा इसमें 6 फ्लाईओवर, 38 अंडरपास, 28 छोटे पुल हैं। इससे इसकी लागत बढ़ गई है। आखिरी सवाल- कब शुरू होगा?इस पूरे एक्सप्रेस-वे को देखने के बाद यह समझ आया कि स्कूटर इंडिया के पास वाला हिस्सा बनते ही इसे शुरू किया जा सकता है। क्योंकि, एक्सप्रेस-वे का मुख्य कैरिज-वे हर जगह बन गया है। थोड़ा-बहुत काम ही बाकी है। स्कूटर इंडिया के पास बचे हुए काम को लेकर एक्सप्रेस-वे के इंजीनियर कहते हैं, पोल लगने के बाद यहां का काम तेजी से होगा। हमें सिर्फ पिलर ही तैयार करना है, बाकी का हिस्सा बनाया जा चुका है। वह सिर्फ रखा जाएगा। अगले 2 महीने में हम इसे तैयार कर देंगे। इसका मतलब यह हुआ कि यह एक्सप्रेस-वे जनवरी के महीने में शुरू किया जा सकता है। ------------------------------ ये खबर भी पढ़ें... क्या 9 करोड़ का इंजेक्शन बचा सकता है जान, यूपी के 13 महीने के बच्चे को चाहिए; अब तक 90 बच्चों को लग चुका मिर्जापुर के करजी गांव के आलोक और प्रतिभा का इकलौता बेटा विनायक 13 महीने का है। दिल्ली AIIMS के डॉक्टरों ने कहा कि उसे 9 करोड़ का एक इंजेक्शन नहीं लगा, तो अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सकता। विनायक को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) नाम की दुर्लभ बीमारी है। यह बीमारी 10 लाख बच्चों में से किसी एक को होती है। विनायक को देखकर माता-पिता सिर्फ रो लेते हैं। दोनों घर का खर्च ही मुश्किल से चला पाते हैं, फिर 9 करोड़ कहां से लाएं। वह मदद के लिए अपील कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह है कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (SMA) क्या होती है? क्या यह इंजेक्शन लगने के बाद बच्चे की जान बच सकती है? पढ़िए पूरी खबर...
उत्तर भारत से चली बर्फीली हवाओं ने राजस्थान में अचानक सर्दी तेज कर दी। तापमान 7 डिग्री तक गिर गया और सीजन में पहली बार पारा सिंगल डिजिट में दर्ज हुआ। नागौर और फतेहपुर में गुरुवार को सबसे ज्यादा सर्दी रही, यहां न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे दर्ज हुआ। मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, राजस्थान में अगले एक सप्ताह तक प्रदेश में मौसम साफ रहेगा। सर्द हवाएं चलने से तापमान में 2 से 3 डिग्री तक और गिरावट हो सकती है। पिछले 24 घंटों के दौरान सबसे कम तापमान सीकर के पास फतेहपुर में दर्ज हुआ, जहां न्यूनतम तापमान 7.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। फतेहपुर में गुरुवार को न्यूनतम तापमान में 5.8 डिग्री की गिरावट हुई। कल यहां तेज सर्दी के साथ देर शाम हल्की सर्द हवाएं भी चलीं। फतेहपुर के अलावा, नागौर में कल न्यूनतम तापमान 9.4 और बीकानेर के पास लूणकरणसर में तापमान 8.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सभी शहरों में पारा 20 डिग्री से नीचे आयागुरुवार इस सीजन में पहली बार ऐसा हुआ, जब सभी शहरों में न्यूनतम तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज हुआ। बाड़मेर में न्यूनतम तापमान 18.2, जैसलमेर में 17.5, फलोदी में 18.2, जोधपुर में 13.7, बीकानेर, गंगानगर में 14.2-14.2, उदयपुर में 14, सीकर में 11, पिलानी में 11.6, जयपुर में 16.7, अजमेर में 13.7, कोटा में 17.8 और अलवर में 14.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। दिन में भी रहा सर्द हवाओं का असर उत्तर से आ रही बर्फीली हवाओं का असर राजस्थान के शहरों में कल दिन में भी रहा। यहां कल दिन के अधिकतम तापमान में लगभग सभी शहरों में गिरावट हुई। कल दिन में सबसे अधिक तापमान बाड़मेर में 34.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। इसके अलावा, अजमेर, जयपुर, भीलवाड़ा, टोंक, अलवर, सीकर, कोटा, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, चूरू, गंगानगर, हनुमानगढ़, नागौर समेत अन्य कुछ शहरों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज हुआ।
कुरुक्षेत्र के झिमरेहड़ी गांव की 40 महिलाओं को कैनरा बैंक की लोन स्कीम के नाम पर ठगा गया। गांव के एक दंपती ने महिलाओं के 8 ग्रुप बनाकर हर महिला 50 हजार रुपए का लोन दिलवाया, लेकिन दंपती ने लोन की किस्त बैंक में जमा नहीं करवाई। आरोपी दपंती गांव की महिलाओं का करीब 24 लाख रुपया लेकर फरार हो गया। करीब 2 साल बाद बैंक की ओर से महिलाओं को पैसे जमा करवाने का नोटिस आया तो ठगी का पर्दाफाश हो गया। पीड़ित महिलाओं ने मामले की शिकायत कुरुक्षेत्र SP को दी। SP नीतिश अग्रवाल ने सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया। फाइल के नाम पर 4 हजार हड़पे निशा, मिनाक्षी, नेहा, ममता, बबली और रमनदीप कौर ने बताया कि गांव ही गुरप्रीत कौर और उसके पति जसपाल सिंह ने उन्हें कैनरा बैंक पिपली ब्रांच से ग्रुप लोन स्कीम के जरिए हर महिला को 50 हजार रुपए दिलाने का भरोसा दिया। इसके लिए उसने 5 महिलाओं को जोड़कर कुल 8 ग्रुप बनाए। इस एवज में दंपती उनसे 200 रुपए फॉर्म भरने और फाइल खर्च के बहाने 4 हजार रुपए ले गए। हर ग्रुप को मिले ढाई लाख रुपए आरोपी दंपती ने शुभम, तेवर, तपस्वी, नित्या, कामना, सुरेखा समेत कुल 8 ग्रुप बनाए। हर ग्रुप में 5 महिलाओं को शामिल किया, जिसमें प्रत्येक ग्रुप को बैंक की तरफ से ढाई लाख रुपए का लोन दिया गया। इसमें हर एक महिला के हिस्से 50 हजार रुपए आए। हर महीने की 2600 की किस्त बनाई इस लोन को चुकाने के लिए उनकी हर महीने की 2600 रुपए की किस्त बनाई गई। जिसमें उनको कुल 23 महीने तक किस्तें भरनी थी। उन्होंने भरोसा करके हर महीने आरोपी दंपती को 2600 रुपए की किस्त जमा करनी शुरू कर दी। 2 साल बाद आया मैसेजउन सबने अपनी-अपनी 2600 रुपए महीने की 23 किस्तें दंपती के पास जमा करवा दी। अब कुछ दिन पहले ही उनके पास बैंक की तरफ से लोन के पैसे जमा करवाने का मैसेज आया। तब उन्होंने आरोपी दंपती के साथ बातचीत की। आरोपी ने तब टालमटोल कर दी। NOC के नाम पर गुमराह किया रमनदीप कौर ने बताया कि दोबारा मैसेज आया तो आरोपी दंपती ने कुछ दिन में NOC जारी करवाने का आश्वासन दिया। कुछ दिन बाद फिर बैंक से महिलाओं के पास दोबारा मैसेज आने लगे। इस बार भी आरोपी टालमटोल करने लगे। तब उन्होंने बैंक जाकर पता किया तो लोन उनके नाम खड़ा था। 24 लाख लेकर फरार आरोपी उनकी किस्तों के करीब 24 लाख रुपए ठग लिए। रुपए वापस मांगने पर आरोपी दंपती उनके साथ गाली-गलौच पर उतर आया और जान से मारने की धमकी दी। महिलाओं ने बैंक के कर्मियों पर भी आरोपियों के मिलीभगत करने के आरोप लगाए हैं। थाना सदर थानेसर पुलिस को भेजी जांच रमनदीप कौर ने बताया कि उन्होंने मामले की शिकायत SP ऑफिस में दी है। पुलिस अधिकारियों की ओर से निष्पक्ष जांच और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन मिला है। थाना सदर थानेसर पुलिस को जांच सौंपी गई है।
भारतीय महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप टीम की खिलाड़ी अमनप्रीत कौर व हरलीन कौर आज चंडीगढ़ पहुंच रही हैं। पंजाब सरकार की तरफ से उनका शहीद-ए-आजम भगत सिंह एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया जाएगा। इस दौरान शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस, सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर और विधायक अमनदीप कौर एयरपोर्ट पहुंचकर उनका स्वागत करेंगे। वहीं, दोनों खिलाड़ियों के पारिवारिक मेंबर भी मौजूद रहेंगे। सीएम ने खुद कप जीतने के बाद बधाई दी यह दोनों ही खिलाड़ी पंजाब की बेटियां हैं। दोनों ही मोहाली में रहती हैं। सीएम भगवंत मान ने वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के खिलाड़ियों को खुद वीडियो कॉल के जरिए बधाई दी थी। उन्होंने पूरी टीम के प्रयास की सराहना की थी। वहीं, पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन आने वाले दिनों में फाइनल मैच में खेली कैप्टन हरमनप्रीत कौर, खिलाड़ी अमनजोत कौर और फील्डिंग कोच मुनीश बाली को सम्मानित करेगा। दोनों खिलाड़ियों को 11-11 लाख रुपये दिए जाएंगे, जबकि कोच मुनीश बाली को 5 लाख रुपये का नकद इनाम दिया जाएगा। हालांकि, पंजाब सरकार की तरफ से जल्दी ही इस बारे में ऐलान किया जाएगा। हरलीन ने पीएम से पूछा स्किन केयर रूटीन वर्ल्ड कप टीम ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। इस दौरान पीएम के साथ उनका सवाल-जवाब का दौर चला। इस दौरान हरलीन कौर ने पीएम से सवाल किया था — “सर, मैं आपकी स्किन केयर रूटीन पूछना चाहती हूं, आप बहुत ग्लो करते हो सर।” इस पर पीएम ने कहा कि “मेरा इस विषय पर कभी ज्यादा ध्यान नहीं गया।” फिर हरलीन ने कहा, “टीम में माहौल को हल्का रखने के लिए एकाध इंसान ऐसा होना चाहिए। मुझे लगता है कि मैं ज्यादा ही फ्री रहती हूं, तो मैं कुछ न कुछ करती रहती हूं।” फिर पीएम ने पूछा, “यहां आने पर भी कुछ किया होगा?” इस पर हरलीन का जवाब था, “सर, इन्होंने मुझे डांट दिया था कि कुछ नहीं करना।”
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हुए भीषण रेल हादसे ने कई परिवारों की दुनिया उजाड़ दी। लेकिन उसी मलबे के बीच एक जिंदगी बाहर निकल कर आई जिसने हर किसी की आंखें नम कर दी। हादसे के मलबे से जब राहतकर्मी एक-एक कर लोगों को निकाल रहे थे, तभी मलबे में एक महिला की लाश दिखाई दी। देखने पर ऐसा लग रहा था मानो मां ने आखिरी पल तक बेटे को संभालने की कोशिश की हो। पहले किसी को लगा दोनों मर चुके हैं पर कुछ पल बाद पास में पड़े बच्चे की हल्की सांसें महसूस हुईं। 2 साल का मासूम ऋषि अपनी मां के पास बेहोश पड़ा था और मौत के बाद भी उसकी मां शीला की बाहें उसे इस तरह से जकड़ी हुई थी जैसे उसका बेटा अब भी उसके सीने से लिपटा हुआ हो। पास ही उसके पापा अर्जुन यादव और नानी मानमती की लाश पड़ी थी । तीनों की मौत हो चुकी थी, लेकिन शीला की ममता अब भी जिंदा थी क्योंकि इसी पकड़ की वजह से ऋषि की सांसें अभी भी चल रही थीं। इस रिपोर्ट में पढ़िए बिलासपुर रेल हादसे से जुड़े दर्दनाक घटनाक्रम और हादसे के बीच बची उम्मीद की कहानी:- पहले ये दो तस्वीर देखिए... मलबे में मिली जिंदगी की सबसे बड़ी तस्वीर ऋषि के पारिवारिक सदस्य विशाल चंद्र केसरी ने बताया कि जब रेस्क्यू टीम मौके पर थी, तब कोच में आवाजें थम चुकी थीं। इस भीषण हादसे में किसी को ये उम्मीद नहीं थी कि एक नन्हीं जान अब भी धीरे-धीरे सांस ले रही है। विशाल ने बताया कि तभी एक रेस्क्यू-कर्मी ने देखा कि एक औरत का शरीर दबा हुआ है और उसकी छाती के पास एक छोटा बच्चा बेहोश पड़ा था। मां ने अपने दोनों हाथों को इस तरह से जकड़ रखा था, जैसे आखिरी सांस तक भी उसे दुनिया से बचा रही हो। इलाज से लौट रहा था परिवार, रास्ते में हो गया हादसा ऋषि के मामा राकेश यादव ने बताया कि उनका परिवार जांजगीर से ऋषि के पिता अर्जुन का इलाज कराकर अपने गांव देवरीखुर्द लौट रहा था। ट्रेन शाम करीब साढ़े 4 बजे के आसपास लाल खदान के पास पहुंची थी और यहीं मालगाड़ी से टकरा गई। हादसे के कुछ ही मिनटों में दर्जनों जिंदगियां खत्म हो गईं। उन्हीं में अर्जुन, शीला और मानमती भी शामिल थीं। अभी तक मम्मी-मम्मी बोल रहा है बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में इलाज के बाद ऋषि अब खतरे से बाहर है। लेकिन उसे अब भी समझ नहीं है कि क्या खो गया है। ऋषि की बुआ अर्चना यादव अभी उसकी देखरेख कर रही है। अर्चना ने बताया कि डॉक्टरों ने कहा है कि ऋषि अभी खतरे से बाहर है लेकिन जब वो उठता है, तो ‘मम्मी-मम्मी’ कहता है। फिर हमें देखकर रो पड़ता है। उसे क्या बताएं कि उसकी मम्मी अब नहीं है भाई और भाभी की मौत से अर्चना खुद सदमे में है, वो ज्यादा कुछ नहीं कह पाईं, बस आंखों में आंसू भर आए। परिवार कहता है कि शायद ऋषि अभी छोटा है, इसलिए उसे दर्द का पूरा एहसास नहीं हुआ। लेकिन हर बार जब वो ‘मम्मी’ पुकारता है, तो सबकी आंखें नम पड़ जाती हैं। अब उसी मासूम की सांसें पूरे परिवार के लिए उम्मीद बन गई हैं। मां की बाहों से बची जान, अब दादी और बुआ की ममता उसका सहारा हादसे के बाद ऋषि अब पूरी तरह अनाथ हो चुका है। परिवार में अब सिर्फ दादी, बड़े पापा और बुआ हैं, जो उसकी परवरिश करेंगे। गांव में जब उसकी मां शीला की खबर पहुंची, तो माहौल गमगीन हो गया। खबर मिलने के बाद मॉर्चुरी पहुंची औरतें रोते हुए बस इतना ही कह पाईं शीला अपने बच्चे से बहुत प्यार करती थी, वो बिना ऋषि के कहीं नहीं जाती थी। महिलाओं ने बताया कि शीला हर वक्त बेटे को गोद में लेकर ही घूमती थी। परिजन बताते हैं कि अगले साल मार्च में ऋषि का दूसरा जन्मदिन मनाने की तैयारी चल रही थी। शीला अक्सर कहती थी इस बार ऋषि को नया सूट पहनाऊंगी, केक भी कटवाऊंगी। लेकिन किसे पता था कि उसके हाथों में झूला झुलाने वाली वही मां, आखिरी बार उसी की जान बचाने वाली बनेगी। 2 साल के ऋषि की जिम्मेदारी बनी पूरी दुनिया हादसे के बाद से ऋषि के मामा राकेश यादव सदमे में हैं। बहन, जीजा और मां तीनों को एक साथ खो देने के बाद वो किसी से ढंग से बात भी नहीं कर पा रहे। बीच-बीच में बस यही कहते हैं, 'अब तो ये बच्चा ही हमारी पूरी दुनिया है। बहन-जीजा चले गए, लेकिन उनका अंश हमारे पास है। भगवान ने शायद हमें इसी के लिए जिंदा रखा है। गांव के लोग बताते हैं कि राकेश पहले अपनी बहन के घर अक्सर जाते थे और ऋषि को गोद में लेकर खेलते थे। अब वही बच्चा उनके लिए जिंदगी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी बन गया है। हादसे के बीच मां-बाप के मोबाइल तक चोरी इस दर्दनाक हादसे के बीच ऋषि के माता-पिता के मोबाइल फोन हादसे की अफरा-तफरी में चोरी हो गए। परिजन लगातार उन्हीं नंबरों पर कॉल लगाते रहे, उम्मीद थी कि शायद अर्जुन या शीला फोन उठाएं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। बच्चे की खबर उन्हें काफी देर बाद मिली। आखिरकार, घंटों बाद एक अनजान महिला ने कॉल उठाया और बस इतना कहा, ट्रेन हादसा हुआ है…और फिर फोन स्विच ऑफ कर दिया। उस पल परिजनों की उम्मीद जैसे वहीं खत्म हो गई। सोशल मीडिया पर वायरल होती रही ऋषि की तस्वीर सोशल मीडिया पर ऋषि की तस्वीर तेजी से वायरल हुई। लोग हादसे में अकेला बचे इस बच्चे के परिवार को ढूंढने की अपील कर रहे थे। जिसने भी इस छोटे बच्चे के अकेले बचने की खबर सुनी, उसका दिल भर आया। किसी ने कहा कि भगवान ने चमत्कार किया है, तो किसी की आंखें नम हो गईं, यह सोचकर कि हादसे के बाद बच्चे की जिंदगी कैसे चलेगी। 11 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन, ट्रैक सुधारने में जुटी टीम बिलासपुर रेल हादसे के बाद करीब 11 घंटे तक मौके पर अफरा-तफरी का माहौल रहा। रेलवे, जिला प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी रहीं। रातभर चले इस ऑपरेशन में एक-एक बोगी को गैस कटर से काटकर यात्रियों को बाहर निकाला गया। कई बोगियों में फंसे शवों को निकालने में टीमों को घंटों मेहनत करनी पड़ी। रेलवे के सुरक्षा और तकनीकी विभाग की टीमें हादसे के तुरंत बाद ट्रैक दुरुस्ती में लग गई थीं। शाम करीब सात बजे तक एक ट्रैक पर ट्रेन परिचालन आंशिक रूप से शुरू कर दिया गया, जबकि मिडिल लाइन को देर रात बहाल किया गया। जिस ट्रैक पर हादसा हुआ था, वहां क्रेन और यान की मदद से मलबा हटाने और रेल पटरी सीधी करने का काम सुबह 4 बजे तक चलता रहा। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि सभी ट्रैक पूरी तरह चालू कर दिए गए है, ताकि रद्द और डायवर्ट हुई ट्रेनों का संचालन सामान्य हो सके। अब जानिए कैसे हुआ हादसा तेज रफ्तार कोरबा पैसेंजर ट्रेन मंगलवार शाम को कोरबा से बिलासपुर की ओर जा रही थी। यह ट्रेन लगभग 77 किलोमीटर की दूरी तय कर चुकी थी और बिलासपुर पहुंचने में करीब 8 किलोमीटर बाकी थे। शाम करीब 4 बजे के आसपास ट्रेन गतौरा स्टेशन के पास लाल खदान क्षेत्र में पहुंची। इसी दौरान जिस ट्रैक से पैसेंजर ट्रेन को गुजरना था, उसी लाइन पर पहले से एक मालगाड़ी खड़ी थी। शुरुआती जानकारी के अनुसार, सिग्नल सिस्टम फेल या मानवीय गलती के कारण पैसेंजर ट्रेन को समय पर खतरे का संकेत नहीं मिला। तेज रफ्तार में चल रही ट्रेन ने आगे खड़ी मालगाड़ी को सीधी टक्कर मार दी, जिससे पैसेंजर ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया। ट्रेन का सामने का हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और पीछे की बोगियों में बैठे यात्री झटकों से उछल पड़े। कुछ ही सेकेंड में बोगियों में चीख-पुकार मच गई। हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई। जबकि 20 घायलों का इलाज जारी है। हादसे से जुड़ी ये तस्वीरें भी देखिए... .................................... बिलासपुर ट्रेन हादसे से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... 1. बोगी से रिस-रिसकर गिर रहा था यात्रियों का खून:प्रत्यक्षदर्शी बोले-ट्रेन के अंदर तड़पते-कराहते देखा, लहूलुहान थे बच्चे-महिलाएं शाम 4 बजे का वक्त था। सूरज ढलने को था। एक जोरदार धड़ाम की आवाज आई। डिब्बे में चीखें गूंज रही थी। बोगी के अंदर खून से सने बच्चे थे, माताएं तड़प रहीं थीं। किसी के पेट से खून बह रहा था, किसी का सिर फट गया था, किसी का पैर, तो किसी का हाथ टूट चुका था। किसी का चेहरा पिचक गया था। बोगी से खून रिस-रिसकर गिर रहा था। पढ़ें पूरी खबर2. महीनेभर पहले प्रमोट होकर लोको-पायलट ने पैसेंजर ट्रेन संभाली:मालगाड़ी चलाते थे छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ट्रेन हादसे में कमिशन ऑफ रेलवे सेफ्टी (CRS) जांच से पहले रेलवे के पांच सदस्यीय टीम ने शुरुआती जांच रिपोर्ट सौंप दी है। जांच में यह बात सामने आई है कि हादसे में शामिल लोको पायलट एक माह पहले तक मालगाड़ी चला रहे थे। प्रमोशन देकर उन्हें पैसेंजर ट्रेन की कमान सौंपी गई थी। पढ़ें पूरी खबर
हरियाणा के यमुनानगर स्थित प्रतापनगर में रोडवेज बस का शिकार हुई 6 छात्राओं में से एक की मृत्यु हो चुकी है, पांच प्राइवेट अस्पताल में उपचाराधीन हैं। मृतका गांव कुटीपुर की आरती अग्रसेन कॉलेज में बीकॉम फाइनल ईयर की छात्रा थी। बस के पीछे के डबल टायर आरती के पेट के ऊपर से दो बार गुजरे, जिससे पेट से नीचे का हिस्सा पूरी तरह से कुचला गया और आंतें तक बाहर आ गई। इस अवस्था में पिता रामकुमार ने जब उसे अपनी गोद में उठाकर एम्बुलेंस में रखा, तब आरती के मुंह से एक ही बात निकली कि पापा बचा लो, अभी मैं जीना चाहती हैं। बेबस रामकुमार पहले तो बेटी को यमुनानगर के प्राइवेट अस्पतालों में लेकर भटका, लेकिन जब सभी डॉक्टर ने हाथ खड़े कर दिए तो तुरंत पीजीआई चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए। जिंदगी से जंग लड़ते PGI के गेट पर तोड़ा दम आरती के पिता ने बताया कि बेटी में जीने की इच्छा थी, इसलिए वह अपने आखिरी सांस तक पीड़ा को सहन करती रही। चंडीगढ़ तक पूरे रास्ते वह बार-बार एक ही बात दोहराती रही कि पापा मैं बचूंगी नहीं प्लीज बचा लो, अभी मुझे जीना है। मुझे पेट के नीचे का हिस्सा महसूस नहीं हो रहा है। इलाज के बाद जैसी भी हालत होगी मैं जी लूंगी।'' बेटी के इन आखिरी शब्दों से जहां रामकुमार के कानों में गूंजते रहे, और ठीक पीजीआई के आगे गेट पर जाते ही आरती की सांसें थम गई। उसके शव को वापिस यमुनानगर लेकर आया गया, जहां पोस्टमॉर्टम कराकर शाम चार बजे परिजनों को सौंप दिया गया। बीकॉम के बाद जॉब कर पिता का सहारा बनना चाहती थी आरती अग्रसेन कॉलेज में बीकॉम फाइनल ईयर की स्टूडेंट थी। आरती के पिता पेंटर का काम करते हैं, ऐसे में वह फाइनल ईयर के बाद जॉब करके पिता का सहारा बनना चाहती थी। रामकुमार ने बताया कि आरती अक्सर कहा करती थी कि पापा बस उसकी पढ़ाई खत्म होने ही वाली है। अब उसे टेंशन लेने की जरूरत नहीं। वह जॉब करके आगे की पढ़ाई का खर्च खुद उठाएगी और घर का सहारा भी बनेगी। छोटी बेटी को कॉलेज भेजने से लग रहा डर आरती के पिता रामकुमार ने बताया कि वह पेंटर का काम करता है। उसके पास चार बच्चे हैं, जिसमें सबसे बड़ा बेटा मोहित, दूसरे नंबर पर आरती थी, तीसरे नंबर पर बेटी आशा और सबसे छोटा बेटा रोहित है। उसका बड़ा बेटा कार मेकेनिक है और बाकी के बच्चे पढ़ाई कर रही हैं। उसकी छोटी बेटी आशा छछरौली से आईटीआई कर रही है। वह भी रोजाना बस में कॉलेज जाती है। आरती के चले जाने के बाद उसके पास एक ही बेटी बची है। ऐसे में अब उसे बस में बिठाकर कॉलेज भेजने से डर लग रहा है। ऐसा हादसा कहीं फिर से न हो जाए, इससे अच्छा वह अपनी बेटी का कॉलेज छुड़वाकर उसे घर पर रखें। बस का टायर दो बारे पेट के ऊपर से गुजरा हादसे में घायल प्रतापनगर की रहने वाली अंजलि ने बताया कि आरती उसकी स्कूल टाइम की दोस्त थी। बाद में उन्होंने अलग-अलग कॉलेज में दाखिले ले लिए। गुरुवार की सुबह जब रोडवेज की बस प्रतापनगर अड्डे पर आई तो वें आगे के दरवाजे से चढ़ने लगे थे। इसी दौरान ड्राइवर ने रेस दी और आठ से दस छात्राएं नीचे गिर गईं। इसी दौरान आरती बस के नीचे जा गिरी और स्पीड में बस के पिछले डबल टायर उसकी आंखों के सामने अंजली के पेट के ऊपर से गुजरे, जिससे आरती जोर से चीखी। ऐसे में बस अचानक से रुकी और फिर पीछे आने लगी और वही टायर दोबारा से आरती को कुचलते हुए उसके ऊपर से गुजरे, जिससे उसकी चीख शांत हो गई और दर्द से कराहते हुए वह उससे बोली अंजली, मैं अब न हीं बचने वाली आरती की दूसरी दोस्त अमनदीप ने बताया कि वह भी हादसे के समय आरती के साथ बस टायर के पास पड़ी थी। अंजली के पेट से आंतें बाहर आकर उसके आगे पड़ी थीं। उसके कपड़े तक फट चुके थे। आसपास खून ही खून हो चुका था। टांगों का मांस फटकर हड्डियां तक बाहर आ चुकी थीं। हादसे के बाद रोडवेज ने रूट पर बढ़ाई बसें हादसे में लापरवाही बरतने वाले ड्राइवर और कंडक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ-साथ प्रतापनगर के रूट पर बसों की संख्या बढ़ाने की मांग की। उनकी डिमांड पर ड्राइवर अनिल व बस कंडक्टर कमल को जहां सस्पेंड कर दिया गया। वहीं रोडवेज ने रूट पर पांच नई बसें लगाई हैं। जिसमें यमुनानगर से प्रतापनगर सुबह पांच बजे, प्रतापनगर से यमुनानगर सुबह 06:20 बजे, इसके ाद यमुनानगर से प्रतापनगर सुबह साढे 06 बजे वहीं प्रतापनगर से यमुनानगर सिर्फ महिलाओं के लिए सुबह 07:50 बजे। इसी प्रकार यमुनानगर से प्रतापनगर सुबह 07 बजे, प्रतापनगर से यमुनानगर सुबह 08:10 बजे, यमुनानगर से प्रतापनगर सुबह 07:25 बजे, प्रतापनगर से यमुनानगर सुबह 08:40 बजे व महिलाओं के लिए स्पेशल यमुनानगर से प्रतापनगर शाम साढे 4 बजे की बसें लगाई हैं। हादसे में घायल पांच छात्राएं अस्पताल में एडमिट प्रतापनगर बस स्टैंड पर गुरुवार सुबह करीब 7:30-8 बजे पांवटा साहिब से दिल्ली जा रही हरियाणा रोडवेज बस में चढ़ने की जल्दबाजी में 6 छात्राएं बस के पिछले टायर के नीचे कुचल गईं, जिसमें कुटीपुर गांव की अग्रसेन कॉलेज बीकॉम फाइनल ईयर छात्रा आरती की पेट पर पहिया चढ़ने से अस्पताल में मौत हो गई, जबकि अर्चिता (जीएमआईटी बीटेक थर्ड सेम), अंजलि (डीएवी बीसीए फाइनल), संजना (स्वामी विवेकानंद नर्सिंग सेकेंड ईयर), मुस्कान (टिब्बी) और अमनदीप (प्रतापनगर) घायल हुईं। सभी घायल छात्राएं प्राइवेट अस्पताल में एडमिट हैं। मामले में कार्रवाई करते हुए ड्राइवर और कंडक्टर काे सस्पेंड कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। वहीं परिवहन मंत्री अनिल विज ने जांच के आदेश दिए उधर पूर्व मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने बसें बढ़ाने, पीड़ितों को सहायता वादा व आरोपियों को बर्खास्त कराने का वादा किया।
हरियाणा सहित 8 राज्यों से आए 200 वॉलंटियर भिवानी में आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के राष्ट्रीय कैंप में शामिल हुए। जिन पर हरियाणा के चूरमा, खड़ी बोली व दामन आदि ने अलग ही छाप छोड़ी। वहीं स्वयं सेवकों ने कहा कि कैंप में रहने के बाद उनका जाने का मन भी नहीं कर रहा। बता दें कि एनएसएस का राष्ट्रीय कैंप भिवानी के भगत सिंह चौक स्थित राजकीय मॉडल संस्कृत वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल लोहड़ में आयोजित किया। जो 31 अक्टूबर से लेकर 6 नवंबर तक चला। इसमें हरियाणा, पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ व मध्य प्रदेश से पहुंचे स्वयं सेवकों ने भाग लिया। हिमाचल व हरियाणा के विवाह का कल्चर सीखापंजाब से पहुंचे अर्षदीप सिंह ने कहा कि वे एनएसएस कैंप के वॉलंटियर हैं। यहां पर हिमाचल की संस्कृति के बारे में देखा। इनके लोक नाच व विवाह के कल्चर के बारे में सीखा। वहीं हरियाणा के विवाह के बारे में सीखा। एनएसएस कैंप का काफी अच्छा अनुभव रहा। बिना परिजनों के रहना सीखापंजाब से पहुंची जैस्मिन कौर ने कहा कि यहां बहुत कुछ सीखने को मिला। अलग-अलग राज्यों की दोस्त बनी। इस दौरान हर परिस्थिति को संभालना सीखा। सबसे बड़ा अपने परिजनों के बिना अपने आप रहना व हर स्थिति को संभालना सीखा। वैसे तो पंजाब व हरियाणा एक ही है। खाने में ज्यादा फर्क नहीं है। सब समान थे, लेकिन नाम अलग थे। जैसे पंजाब में हम चुरी बोलते हैं, तो यहां चुरा बोलते हैं। बाकी खाना काफी अच्छा था। पहली बार खाया चूरमा दिल्ली से पहुंची उमेरा ने कहा कि सबसे पहले उन्होंने हरियाणा का चूरमा खाया था। जो उन्होंने पहली बार खाया था। यह हरियाणा की पहली डिस थी, जिसे चखा था। जो काफी अच्छी लगी। हरियाणा की बोली सीखी और हरियाणा का पहनावा पहनकर देखा। हरियाणा में ज्यादा को घणा बोलते हैं, लड़की को छोरी व लड़के को छोरा बोलते हैं। डट ज्या, रुक ज्या ये शब्द नए सीखे हैं। पंजाब में कैसे पाठ किया जाता है, वह सीखा दिल्ली से पहुंची दीक्षा ने कहा कि यहां काफी कुछ सीखने को मिला। यहां गुरुनानक जयंती पर सुबह-सुबह गुरु जी का पाठ हुआ था। हमनें पंजाब कल्चर सीखा कि वहां पूरा पाठ कैसे होता है। कैंप का काफी अच्छा अनुभाव रहा। दूसरों से मिलने का मौका मिला। एक बात सीखी कि बाजे-तो-बाजे हरियाणा बाजे, वर्ना लठ बाजेछत्तीसगढ़ से पहुंची किरण साहू ने कहा कि यहां आकर बहुत अच्छा लगा। यहां गट्टे की सब्जी खाई। यहां पहनने व बोलने का तरिका सीखा। एक बात सीखी कि बाजे-तो-बाजे हरियाणा बाजे, वर्ना लठ बाजे। खाने में गट्टे की सब्जी अच्छी लगी। कैंप का अनुभव बहुत अच्छा रहा और बहुत कुछ सीखने को मिला। हमने खुद आत्मनिर्भर बनने का मौका मिला। पहली बार पहना दामन छत्तीसगढ़ से पहुंची ललिता साहू ने कहा कि यहां बहुत कुछ सीखा। यहां दामन पहनकर देखा तो मित्रों ने बताया कि यह दामन बहुत भारी होता है। यह तो कम भारी है, जो हमारे बुजुर्ग पहनते थे, वह बहुत भारी होता था। इसे पहनकर अपनी दिनचर्या भी करते थे। हमने तो 2 मिनट पहना था, बहुत भारी था और कुछ नहीं कर पाए। पहली दफा दामन पहना था। बहुत सी भाषाएं सीखी। यहां की बोली थोड़ी खड़ी है। हमें शुरुआत में थोड़ी दिक्कत आई। हमें लग रहा था कि ये बहस तो नहीं कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भोलेभाले व आदिवासी लोग रहते हैं। वे प्यार से बात करते हैं। यहां खड़ी बोली थी। शुरुआत में दिक्कत हुई, लेकिन बाद में सब ठीक हो गया। ब्वायज आपस में बोलते हैं भाईचारा ऑन टॉप हिमाचल से पहुंचे आदि ने कहा कि एनएसएस कैंप बहुत अच्छा रहा। यहां हरियाणा की बोली सीखी है। यहां का कल्चर भी सीखा। यहां की फेमस डिस दाल भाटी चूरमा बहुत पसंद आया। मेरा मन नहीं कर रहा यहां से जाने का। यहां पर बॉयज होते हैं, वे आपस में बोलते हैं भाईचारा ऑन टॉप। यहां लोग आपस में बनकर रहते हैं। दूसरे प्रदेश के लोगों को भी भाई-बहन की तरह प्यार देते हैं। यहां की यादें बहुत अच्छी रही। नई-नई चीजों में भाग लेने का मौका मिला। कैंप में सीखी लीडरशिप हिमाचल से पहुंचे करण ने कहा कि उन्होंने यहां आकर अपने अंदर लीडरशिप की क्वालिटी डवलप की। वे यहां पर वन डे ऑफिसर बने थे। उस दिन पता चला कि इतने इतने बच्चों को एक साथ कैसे हैंडल करते हैं। यहां विभिन्न प्रदेशों से वॉलंटियर यहां आए और अपने राज्य के कल्चर दिखाया। मुझे यहां महसूस नहीं हुआ कि वे हिमाचल से हरियाणा आए हैं। हालांकि भाषा समझने में थोड़ी दिक्कत आ जाती है। यहां सबसे अच्छा चूरमा बहुत अच्छा लगा। चूरमा की यादें लेकर जाएंगे।
पंजाब यूनिवर्सिटी PU में सीनेट-सिंडिकेट को भंग करने के खिलाफ संघर्ष लगातार बढ़ता जा रहा है। आने वाले दिनों में यूनिवर्सिटी में पूरे पंजाब से किसान, समाज सेवी, राजनीतिक कार्यकर्ता जुटने शुरू हो रहे हैं। इसकी शुरुआात भी होनी शुरू हो गई है। फिलहाल अलग अलग राजनीतिक पार्टियों के नेता पहुंचे और अब इनकी संख्या लगातार बढ़ेगी। पंजाब के गायक अब यहां जुटने शुरू हो गए हैं। फिलहाल फिल्म डायरेक्टर अमितोज मान, गायक बब्बू मान और जसबीर जस्सी पहुंचे हैं। बब्बू मान ने सभी गायकों को प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की है। दूसरी तरफ से जसबीर सिंह जस्सी भी देर रात तक धरना प्रदर्शन में बैठे रहे। उनकी तरफ से संघर्षशील लोगों पर बना गीत मघदा रहीं वे सूरजा कम्मियां दे वेहड़े भी गाकर सुनाया और प्रदर्शनकारियों का हौसला बढ़ाया है। दस को पंजाब यूनिवर्सिटी बंद करने का ऐलान, शिअद का समर्थन सीनेट-सिंडिकेट को भंग करने के खिलाफ स्टूडेंट्स और पूर्व सीनेट सदस्यों का प्रदर्शन पिछले छह दिन से चल रहा है। यह प्रदर्शन पहले PU की तरफ से हल्फिया बयान लेने के फैसले से शुरू हुआ था। PU ने एफिडेविट का फैसला तो वापिस ले लिया है मगर सीनेट और सिंडिकेट भंग करने का पेंच अभी भी फंसा हुआ है। जिस वजह से धरना प्रदर्शन लगातार जारी है। स्टूडेंट्स का यह प्रदर्शन दिन रात वाइस चांसलर कार्यालय के समक्ष चल रहा है। यूनिवर्सिटी में इसे लेकर PU बचाओ मोर्चा भी बनाया हुआ है। मोर्चा की तरफ से ही 10 नवंबर को पंजाब यूनिवर्सिटी को बंद करने का ऐलान कर बड़ा प्रदर्शन का ऐलान किया है। जिसे शिरोमणि अकाली दल की तरफ से समर्थन देते हुए अपने वर्करों को बढ़चढ़ कर इसमें हिस्सा लेने की अपील की है। 28 को नोटीफिकेशन जारी, पांच को वापिस ले जारी किया न्या नोटीफिकेशन केंद्र सरकार की तरफ से 28 अक्तूबर को 1947 में बने सीनेट-सिंडिकेट को भंग कर दिया गया है। जबकि इसके चुनाव पिछले छह साल से नहीं हुए थे। 5 नवंबर को केंद्र सरकार ने अपना नोटीफिकेशन वापिस ले लिया था और न्या नोटीफिकेशन जारी करते हुए इसे आगे डाल दिया गया था कि सरकार कभी भी इसे भंग करने का फैसला ले सकती है। पूर्व सीनेटर और आप सांसद के अनुसार केंद्र भंग नहीं कर सकता सीनेट PU के दो बार सीनेटर रहे और AAP के फतेहगढ़ साहिब से सांसद मालविंदर सिंह कंग का कहना है कि पंजाब यूनिवर्सिटी सीनेट और सिंडिकेट 1947 पंजाब विधानसभा में पास हुए एक्ट के बाद बना है। इस कारण केंद्र सरकार का शिक्षा विभाग इसे रद्द नहीं कर सकता और न ही बदल सकता है। केंद्र सरकार ने गैर संवैधानिक तरीका अपनाया है, इस पर विरोध जाहिर किया गया है। हमने यूनिवर्सिटी में लोकतांत्रिक ढांचे के लिए प्रयास करने की बात रखी है।
महाकौशल के सबसे बड़े नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में खून का धंधा पकड़ा गया है। दलाल मरीजों से रुपए लेकर ब्लड दिलाने का सौदा कर रहे थे। मरीजों के इलाज से लेकर रिपोर्ट तक के लिए भी पैसे वसूले जा रहे हैं। इस गोरखधंधे में मेडिकल कॉलेज के वार्डबॉय भी शामिल हैं। दैनिक भास्कर के कैमरे में वार्डबॉय और दलालों के बीच रुपए का लेनदेन कैद हुआ है। वहीं, एएसपी ने इस गिरोह को एक लंबी चैन बताया है, जिसमें कई कर्मचारी और बाहरी लोग शामिल हैं। वार्डबॉय कैमरे में कैद, रुपए लेते दिखे दैनिक भास्कर की टीम ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में खून की दलाली के नेटवर्क का स्टिंग ऑपरेशन किया। जिसने पूरे मेडिकल सिस्टम की पोल खोल दी। वीडियो में तीन वार्डबॉय खुलेआम रुपए का लेन-देन करते दिखाई दिए। इनमें से एक वार्डबॉय एक्टिवा सवार युवक से पैसे लेते हुए यह कहते सुना गया- “सबको लेकर चलना पड़ता है।” जांच में सामने आया कि ये सभी मेडिकल कॉलेज के ही कर्मचारी हैं- कुछ स्थायी हैं, जबकि कुछ ठेके पर नियुक्त हैं। सामाजिक संस्था के सदस्य जयंत गिरधरे ने बताया कि मेडिकल कॉलेज में आने वाले ज्यादातर मरीज गरीब और असहाय होते हैं। वार्डबॉय उनकी जरूरतों की पूरी जानकारी रखते हैं, किसे ब्लड चाहिए, किसकी रिपोर्ट बाकी है, किसका इलाज चल रहा है और यही जानकारी बाहर के दलालों तक पहुंचाई जाती है। इसके बाद मरीजों से ब्लड और इलाज के नाम पर पैसे वसूले जाते हैं। जयंत गिरधरे ने कहा “अब यह गंदा खेल अस्पताल के सिस्टम का हिस्सा बन चुका है। यहां वार्डबॉय और दलाल मिलकर मरीजों की मजबूरी को कारोबार बना चुके हैं।” ऐसे करते है खून की खरीद-फरोख्त जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज में कुछ वार्डबॉय बाकायदा ग्रुप बनाकर काम कर रहे हैं। ये लोग मरीजों की जरूरत की जानकारी लेकर बाहर बैठे दलालों को बताते हैं। मरीज की मजबूरी का फायदा उठाकर ये दलाल 2 से 5 हजार रुपए में एक यूनिट खून बेचते हैं। सामाजिक संस्था की शिकायत पर कुछ समय पहले तीन ब्लड दलालों अन्नू, जाॅनसन और अंशुल तिवारी को सुरक्षा गार्डों की मदद से पकड़ा गया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि कॉलेज के कुछ वार्डबॉय और ब्लड बैंक से जुड़े कर्मचारी भी इस अवैध धंधे में शामिल हैं। जून में भी पकड़े गए थे वार्डबॉय जून 2024 में भी तीन मरीजों से ब्लड के बदले पैसे वसूले जाने का मामला सामने आया था। ठेका कंपनी के दो वार्डबॉय ने मरीजों के परिजनों से मोटी रकम लेकर ब्लड बैंक से ब्लड दिलाया। शिकायत मिलने पर अधीक्षक ने दोनों वार्डबॉय को हटाया और दो सुपरवाइजरों पर भी कार्रवाई की थी। बावजूद इसके, यह खेल रुक नहीं सका। इलाज और रिपोर्ट के लिए भी वसूली मेडिकल कॉलेज से एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें वार्डबॉय महिला मरीजों से पैसे लेकर सीधे डॉक्टर तक पहुंचाते दिखे। एक महिला मरीज ने बताया - “सुबह 11 बजे से लाइन में थे, दोपहर के तीन बज गए, लेकिन नंबर नहीं आया। जो वार्डबॉय को पैसे देता है, उसे सीधे डॉक्टर के सामने खड़ा कर देते हैं।” मजबूरी का फायदा उठाने वाली चेन संस्था से जुड़े इलविंदर सिंह के मुताबिक, ये दलाल जरूरतमंद मरीजों के साथ-साथ रक्तदान करने वाले लोगों से भी पैसे लेकर खून का कारोबार करते हैं। वे पैसों के बदले लोगों से ब्लड डोनेट करवाते हैं और उसे जरूरतमंद मरीजों को बेच देते हैं। उन्होंने कहा- “यहां पूरी एक चेन है, जिसमें बाहरी दलालों से लेकर अंदर के वार्डबॉय और ब्लड बैंक के कुछ कर्मचारी तक शामिल हैं।” डीन बोले- सीसीटीवी से निगरानी बढ़ाएंगे खून की दलाली और वार्डबॉय की संलिप्तता को लेकर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. नवनीत सक्सेना ने सभी विभागाध्यक्षों की बैठक में स्पष्ट निर्देश दिए कि अब ब्लड बैंक से ब्लड केवल पीजी चिकित्सक की मौजूदगी में ही लिया जाएगा। डॉ. सक्सेना ने कहा “अगर किसी भी विभाग का कर्मचारी इस गोरखधंधे में शामिल पाया गया, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। सीसीटीवी फुटेज से निगरानी बढ़ाई गई है और पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष को जांच के आदेश दिए गए हैं।” एएसपी बोले – लंबी है चेन एएसपी सूर्यकांत शर्मा ने बताया कि तीनों पकड़े गए दलालों से पूछताछ में कॉलेज के कर्मचारियों की संलिप्तता सामने आई है। कई नाम पुलिस के पास हैं जिनकी जांच जारी है। उन्होंने कहा- “यह नेटवर्क काफी बड़ा है, जांच चल रही है। जिनकी भूमिका पाई जाएगी, उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।” ये खबर पढ़ें... जबलपुर मेडिकल काॅलेज में खून बेचते 2 पकड़ाए महाकौशल के सबसे बड़े अस्पताल नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल काॅलेज में खून का सौदा हो रहा है। यहां पर जरूरतमंद मरीजों को 4 से 5 हजार रुपए तक में खून बेचा जाता है। शनिवार को एक सामाजिक संस्था ने गिरोह के दो सदस्यों को रंगे हाथों पकड़ा और उन्हें गढ़ा थाना पुलिस के हवाले किया है। पूरी खबर पढ़ें...
नारनौल शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे शोपीस बनकर ही रह गए हैं। हालांकि कुछ स्थानों पर कैमरे ठीक हैं, मगर कई स्थानों पर तो ये आसमान या सड़क की वीडियो बनाने की स्थिति में हैं। ऐसे में लोगों का कहना है कि इन सीसीटीवी कैमरों को ठीक कराया जाना चाहिए, ताकि अपराधियों को पकड़ा जा सके। शहर में महावीर चौक, बस स्टैंड के अलावा विभिन्न चौकों व सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे पुलिस प्रशासन द्वारा लगाए गए थे। इन कैमरों के लगाने के बाद से इनके रख रखाव की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया। वहीं इनके कंट्रोल रूम तक इनकी कनेक्टिवटी सही नहीं की गई। महावीर चौक पर कैमरे खराब पड़े महावीर चौक के पास रहने वाले मनोज कुमार ने बताया कि चौक पर लगे कैमरे खराब पड़े हैं। इनकी कनेक्टिवटी सीधे कंट्रोल रूम तक नहीं है। एक माह पहले किसी लापता लड़की की खोज में आया पिता कैमरे की सीसीटीवी फुटेज की तलाश करता रह गया। मगर उसको सीसीटीवी फुटेज नहीं मिला। कैमरे होने चाहिए ठीक दुकानदार प्रेम कुमार, महेश यादव, प्रकाश सिंह ने बताया कि यहां पर लगे सारे कैमरे खराब पड़े हैं। कई बार घटनाएं हो चुकी हैं, मगर सीसीटीवी खराब होने के कारण इन चोरियों के बारे में पता नहीं चलता। जिसके कारण उन्हें परेशानी होती है। इसलिए इन कैमरों को ठीक किया जाना चाहिए। बस स्टैंड पर लगे कैमरों की दिशा आसमान में बस स्टैंड के पास दुकानदारों का कहना है कि बस स्टैंड पर लगे कैमरों की दिशा आसमान व जमीन की ओर है। जिसके कारण ये कैमरे सही काम नहीं करते। उन्होंने बताया कि ऐसे में कोई फुटेज लेना चाहे तो उसे फुटेज नहीं मिल पाती। महावीर चौक के कैमरे ठीक वहीं इस बारे में पुलिस प्रवक्ता सुमित कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि महावीर चौक पर लगे सीसीटीवी ठीक हैं। यहां से कंट्रोल रूम तक सही प्रयोग होता है। अन्य जगह लगे कैमरे भी सही हैं।
हरियाणा राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (HVSCB) ने सस्पेंड CBI-ED स्पेशल कोर्ट के जस्टिस (पंचकूला) सुधीर परमार के खिलाफ डिटेल्ड चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में कई अहम खुलासे किए गए हैं। चार्जशीट में कुछ ऐसी ऑडियो रिकॉर्डिंग का भी जिक्र किया गया है, जिसमें जस्टिस परमार की भूमिका पूरी तरह से संदेहास्पद लग रही है। सबसे अहम बात यह है कि चार्जशीट में संयुक्त सहयोग समझौते (IREO-M3M) के तहत प्रॉपर्टियों को ईडी द्वारा कभी भी कुर्क नहीं किया गया। ये भी कहा गया है कि ईडी ऑफिसर्स, इन्वेस्टिगेटिव ऑफिसर की भूमिका जांच के दायरे में है। चार्जशीट में जस्टिस परमार द्वारा अवैध रूप से अर्जित किए गए पैसे से कई लग्जरी गाड़ियां खरीदी गईं। जिन गाड़ियों का ईडी ने चार्जशीट में नाम के साथ उल्लेख किया है। यहां पढ़िए क्या है पूरा मामला.... अप्रैल, 2023 में दर्ज हुई एफआईआर, 5-7 करोड़ मांगने का आरोपअप्रैल 2023 में हरियाणा पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB- पुराना नाम) की ओर से पंचकूला में विशेष PMLA अदालत में तैनात पूर्व जज सुधीर परमार, उनके भतीजे अजय परमार और रूप कुमार बंसल के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से पंचकूला विशेष अदालत के निलंबित जस्टिस सुधीर परमार को कथित रिश्वतखोरी के आरोप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया जा चुका है। एफआईआर में परमार एक केस में आरोपियों की मदद के बदले में 5 से 7 करोड़ रुपए मांग रहे हैं तो वॉट्सऐप चैट में उन्हें IREO केस के आरोपियों द्वारा 5 करोड़ रुपए दिए जाने का भी जिक्र है। FIR में यह भी कहा गया कि सुधीर परमार का भतीजा अजय परमार रियल एस्टेट कंपनी M3M में बतौर कानूनी सलाहकार नियुक्त है और सुधीर परमार डीलिंग के लिए उसी के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते थे। M3M के डायरेक्टर रूप कुमार बंसल और सुधीर परमार की बातचीत का जिक्र भी FIR में है। गुरुग्राम में तैनाती के वक्त हुआ था संपर्कपंचकूला में न्यायिक पदस्थापना से पहले सुधीर परमार गुरुग्राम में कार्यरत थे, जहां उनका संपर्क M3M और IREO प्रमोटरों से हुआ। उनके भतीजे अजय को दिसंबर 2020 में M3M में उप-प्रबंधक (कानूनी) के पद पर 8-10 लाख रुपए एनुअल की सैलरी पर नियुक्त किया गया था। परमार के सीबीआई-ईडी जज बनने के बाद कथित तौर पर वेतन बढ़ाकर 18-20 लाख रुपए कर दिया गया। एफआईआर के अनुसार, परमार ने 12 अगस्त, 2022 को रूप बंसल के साथ उनके आवास पर लंबित आईआरईओ-एम3एम मामलों पर चर्चा करके नैतिकता का उल्लंघन किया। इस मीटिंग में, बंसल ने परियोजना भूमि की रजिस्ट्री के लिए ईडी की अनुमति के संबंध में मदद मांगी। यहां सिलसिलेवार पढ़िए चार्जशीट में क्या क्या... 7-8 महीने में कमा लिए 7 से 8 करोड़ रुपएHVSCB के अनुसार, परमार और उनके परिवार के मेंबरों ने लोन चुकाने की क्षमता नहीं होने के बावजूद, केवल 3-4 महीनों के भीतर 7-8 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी खरीद ली। चार्जशीट में कहा गया है कि परमार 18 नवंबर, 2021 को पंचकूला में सीबीआई-ईडी की स्पेशल कोर्ट में जस्टिस के रूप में नियुक्त हुए थे। इसके तुरंत बाद, जनवरी 2022 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आईआरईओ (IREO) के ललित गोयल के खिलाफ घर खरीदारों के धन की हेराफेरी करने और देश के बाहर 1,777.48 करोड़ रुपए भेजने के आरोप में प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट (PC) रजिस्टर्ड की। IREO और M3M के बीच लेनदेन ED की प्रॉपर्टी कुर्की की कार्रवाई के दौरान, आईआरईओ और एम3एम ग्रुप के बीच गुरुग्राम के सेक्टर 61 में 22.61875 एकड़ और सेक्टर 58 में 30.256 एकड़ के लिए एग्जिक्यूट कोऑपरेशन एग्रीमेंट किए गए। इसके अलावा राजस्थान के भिवाड़ी में लगभग 78 एकड़ को कवर करने वाले 5 डेवलपमेंट एग्रीमेंट किए गए। एम3एम ने डेवलपमेंट राइट्स के लिए आईआरईओ को 700-800 करोड़ रुपए का पेमेंट किया। एसवी एंड एसीबी को उपलब्ध कराई गई ऑडियो रिकॉर्डिंग के अनुसार, रूप बंसल ने जस्टिस परमार का इस्तेमाल करके ललित गोयल पर जमीन की रजिस्ट्री कराने का दबाव बनाया। परमार की बातचीत का भी दिया हवालाचार्जशीट में ऐसी ही एक बातचीत का हवाला दिया गया है, जिसमें परमार ने आश्वासन दिया था कि संपत्तियां कुर्क नहीं की जाएंगी। इस दावे की पुष्टि ईडी के 14 अक्टूबर, 2022 के कुर्की आदेश से होती है, जिसमें ये संपत्तियां शामिल नहीं थीं। चार्जशीट में कहा गया है, एक अज्ञात व्यक्ति के साथ बातचीत के दौरान परमार ने दावा किया कि उन्होंने रूप बंसल को ईडी के मामलों में आरोपी नहीं बनने दिया। परमार ने पैसा प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट कियाविजिलेंस एजेंसी ने चार्जशीट में दावा किया है कि गुरुग्राम के सेक्टर 82 स्थित सिग्नेचर एवेन्यू में 327.96 वर्ग गज का प्लॉट परमार की भाभी पुष्पा देवी के नाम पर 15 अप्रैल, 2022 की तारीख वाले एक कन्वेयन्स डीड के जरिए 1.80 करोड़ रुपए में खरीदा गया था, जबकि इसका बाजार मूल्य 4.25-4.40 करोड़ रुपए से अधिक था। इस प्लॉट के लिए बाकी भुगतान रिश्वत के पैसे से किया गया है। बयाना 50 लाख रुपए दिया गया था, जबकि बचा हुआ पेमेंट पोस्ट-डेटेड चेक से किया गया। इसके अलावा पटौदी-गुरुग्राम रोड के किनारे सांपका गांव में 10 कनाल जमीन का उल्लेख है, जिसे 29 अप्रैल, 2022 को परमार के भतीजे अजय, मोहन लाल शर्मा और साईं ट्रांसपोर्ट के मालिक रोहित सिंह तोमर ने संयुक्त रूप से 20:40:40 के अनुपात में मात्र 1.01 करोड़ रुपए में खरीदा था। इसकी बाजार कीमत 6 करोड़ रुपए थी। 11 जनवरी, 2022 को अजय शर्मा की ओर से तोमर को भेजे गए एक व्हाट्सएप संदेश से कथित तौर पर पुष्टि होती है कि वास्तविक दर 5.3 करोड़ रुपए थी, जिसमें एक शेयर न्यायाधीश के नाम पर दिखाया गया था। इसे बाद में रजिस्ट्रेशन के दौरान अजय के नाम पर बदल दिया गया। इसके अलावा, गुरुग्राम में पुष्पा देवी के बहुमंजिला घर के निर्माण पर 1.5-2 करोड़ रुपए का खर्च आया, जबकि सीएनजी/पेट्रोल पंप लगाने में 1 करोड़ रुपए और खर्च हुए। ब्यूरो के अनुसार, परिवार ने 2.7 करोड़ रुपए का कर्ज भी लिया था। रिकॉर्डिंग में भी अहम खुलासेएम3एम के मालिक रूप बंसल के साथ एक अन्य रिकॉर्डिंग में सुधीर परमार ने यह भी वादा किया कि अगर उन्हें (रूप बंसल) सीबीआई मामले में छोड़ दिया जाता है, तो वह उन्हें ईडी मामले में आरोपी नहीं बनने देंगे। डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि 1200 करोड़ रुपए की संपत्ति से संबंधित एक अन्य रिकॉर्डिंग में सुधीर परमार ने दावा किया है कि उन्होंने सुनील यादव (ईडी ऑफिसर) से बात की है और वह इसे कुर्क नहीं होने देंगे, बशर्ते कि धन के लेन-देन का कोई औचित्य दिखाया जाए। जिस रिकॉर्डिंग का चार्जशीट में जिक्र, उसमें क्या... रूप बंसल: सर (परमार), मेरी एक रिक्वेस्ट है कि एक रजिस्ट्री करवानी है।जज: मैंने कहा है सुनील (ईडी अधिकारी) को, सुनील बोलेया कि मैंने बोल दिया है। साकेत (उप निदेशक, ईडी) को मैंने सीधे बोल दिया है, आईआरएस है। आईओ के काम होते हैं, बिना उसके मनोज मिश्रा (ईडी अधिकारी) के बजाय साकेत से मिल ले, साकेत सारे डॉक्यूमेंट देख कर बताएगा... अगर कागज पक्के हैं, परमिशन मिल जाएगी। --------------------ये खबर भी पढ़ें.... हरियाणा में CBI कोर्ट के जज का रिश्वत कांड:FIR में 5 करोड़ लेने का दावा; ऑडियो रिकॉर्डिंग और वॉट्सऐप चैट पर बिल्डरों से मांगे पैसे हरियाणा में CBI की स्पेशल कोर्ट के जज सुधीर परमार के भ्रष्टाचार के बारे में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की FIR में कई सनसनीखेज खुलासे किए गए हैं। इस केस में सुधीर परमार और M3M व IREO जैसे नामी बिल्डरों की कथित साठगांठ का सिलसिलेवार ढंग से ब्यौरा दिया गया है। (पूरी खबर पढ़ें)
ब्राजीलियन मॉडल-सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर लारिसा हरियाणा में सुर्खियों में बनी हुई हैं। वजह, कांग्रेस सांसद एवं नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ का खुलासा करने के लिए 5 नवंबर को दिल्ली में बुलाई प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मॉडल का जिक्र किया। राहुल ने एक स्लाइड दिखाते हुए दावा किया कि इस मॉडल की फोटो का इस्तेमाल कर 22 वोट सोनीपत के राई हलके की वोटर लिस्ट में शामिल किया गया। इन दावों की रियल्टी जानने के लिए दैनिक भास्कर एप की टीम राई हलके के 4 गांवों मच्छरौला, मुरथल, अकबरपुर बारोटा और खेड़ी मनाजात में पहुंची। इस दौरान हमारा 12 ऐसी महिला वोटरों से संपर्क हो सका, जिनकी वोटर लिस्ट में ब्राजीलियन मॉडल की फोटो लगी हैं। इनमें से एक मुरथल गांव की गुनिया की 2022 में मौत हो चुकी है। इस दौरान 6 महिलाओं ने बताया कि उन्होंने विधानसभा चुनाव में वोट डाला है, भले ही वोटर लिस्ट में उनकी वोट के आगे किसी और की फोटो लगी हो। उन्हें इस बारे में ज्यादा मालूम भी नहीं हैं। इन महिलाओं ने कहा कि उन्हें नहीं लगा कि उनकी वोट चोरी हुई हैं। पढ़िए पूरी ग्राउंड रिपोर्ट... अब सिलसिलेवार जानिये…4 गांवों की 7 केस स्टडी केस नंबर 1: मच्छरौला की पिंकी2018 में वोटर कार्ड पर गांव की दूसरी महिला का फोटोदैनिक भास्कर एप की टीम सबसे पहले मच्छरौला गांव की पिंकी के घर पहुंची। पिंकी की शादी 2016 में जोगेंद्र से हुई थी। आठवीं पास पिंकी का 7 साल का बेटा है। उनके पति जोगेंद्र एक प्राइवेट फैक्ट्री में काम करते हैं। साल 2018 में पहली बार उनका वोटर आईडी कार्ड बना, लेकिन उस पर गांव की किसी अन्य महिला का फोटो लगा हुआ था। उन्होंने बताया कि उनके कार्ड पर किसी भी विदेशी महिला का फोटो नहीं था। उन्होंने बीएलओ के माध्यम से कार्ड वापस किया, लेकिन अब तक सुधरा हुआ कार्ड नहीं आया। पिंकी बताती हैं कि तब से अब तक उन्होंने आधार कार्ड और वोटर स्लिप के जरिए ही सभी चुनावों में वोट डाला है। उनके पति जोगेंद्र इसे प्रशासन की लापरवाही बताते हैं। पिंकी और उनके पति का कहना है-“राहुल गांधी गलत बोल रहे हैं, सब झूठ और बकवास है।” हम वोट डाल रहे हैं। केस नंबर 2: मच्छरौला की मुनेशहर बार अपने पुराने वोटर कार्ड से डाल रहीं वोटजब हम गांव मच्छरौला की मुनेश के घर पहुंचे तो वह टीम के सामने नहीं आईं। उनकी तरफ से उनके देवर सुनील आंतिल ने बात की। सुनील बोले- मुनेश भाभी के पास पुराना वोटर कार्ड है और वह हर चुनाव में उसी से वोट डाल रही हैं। उन्हें इस बात की जानकारी नहीं कि मतदाता सूची में किस महिला का फोटो लगाया गया है। सुनील कहते है कि- “भाभी हर बार वोट डालती हैं, उनका वोट कभी नहीं कटा।” केस नंबर 3: मुरथल की गुनिया2022 में मौत, राहुल गांधी की लिस्ट में फोटो बदला दिखाया गयाजब गांव मुरथल में विनोद के घर पहुंचे तो पता चला कि उनकी पत्नी गुनिया की 1 मार्च 2022 को दिमाग की नस फटने से मौत हो गई थी। राहुल गांधी ने अप्रैल 2024 के लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव 2024 में उसके वोट डाले जाने का दावा किया। गुनिया के पति विनोद होटल में चौकीदार हैं। बेहद गरीब परिवार टूटी दीवारों वाले घर में रहता है। विनोद के पिता जगबीर ने बताया— “गुनिया की मौत 2022 में हो गई थी। उसके वोटर कार्ड पर कभी कोई फोटो नहीं बदला। राहुल गांधी की लिस्ट में जो विदेशी महिला का चेहरा है, वो झूठ है।” जगबीर ने बताया कि उनके बेटे को कभी बीपीएल या प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला। उन्होंने भावुक होकर कहा— “हमारी बहू के नाम पर राजनीति हो रही है, पर कोई हमारी हालत देखने वाला नहीं।” केस नंबर 4: मुरथल की रश्मिप्रवासी महिला, अब दूसरी शादी कर पहचान छुपा रहींराहुल ने जो वोटर लिस्ट मीडिया को दिखाई, उसमें मुरथल की रश्मि के वोट के आगे भी मॉडल की तस्वीर लगी थी। इसका सच जानने के लिए गांव में पता किया तो ग्रामीणों ने बताया कि रश्मि तो प्रवासी महिला थी। गांव के सरपंच ने बताया कि रश्मि पहले किसी और व्यक्ति के साथ रहती थी, अब दूसरी शादी कर चुकी है और अपनी पहचान छिपाकर रह रही है, इसलिए सामने नहीं आ रही। केस नंबर 5: अकबरपुर बारोटा की बिमला देवीवीडियो में दिखाई लिस्ट और असली कार्ड में कोई मेल नहींदोपहर बाद करीब 3:15 बजे हम अकबरपुर बारोटा गांव पहुंचे। यहां रमेश कुमार की पत्नी बिमला देवी का मामला सामने आया। राहुल गांधी द्वारा दिखाई गई वोटर लिस्ट और असली वोटर कार्ड में कोई मेल नहीं मिला। बिमला देवी ने बताया कि उनकी शादी 1983 में हुई थी। तीनों बेटे शादीशुदा हैं और परिवार एक साथ रहता है। वह बूथ नंबर 138 पर हर चुनाव में वोट डालती हैं। पति रमेश कुमार बोले- “राहुल गांधी के वीडियो के बाद से लोग लगातार घर आ रहे हैं, हम परेशान हैं। हमारी पत्नी के वोटर कार्ड में कभी कोई बदलाव नहीं हुआ। राहुल गांधी का दावा झूठा है। केस नंबर 6: खेड़ी मनाजात की स्वीटीबोलीं-मैंने तो विधानसभा में वोट डाला, दिक्कत नहीं हुईराई विधानसभा के गांव खेड़ी मनाजात में श्रीनिवास की पत्नी स्वीटी का नाम भी राहुल गांधी की लिस्ट में था। स्वीटी ने बताया— “2011 में शादी हुई थी। दो साल बाद से वोट डालना शुरू किया। मेरे वोटर आईडी पर हमेशा मेरा ही फोटो रहा है। अक्टूबर 2024 के विधानसभा चुनाव में खुद वोट डाला है और कभी कोई परेशानी नहीं हुई। केस नंबर 7 : खेड़ी मनाजात की मंजीतजेठ ने बताया-हमारी बहू वोट डालती हैखेड़ी मनाजात गांव में मनजीत के घर पहुंचे। घरवालों ने बताया कि मनजीत शादी समारोह में गई हैं। पति का नाम राहुल है। जेठ सुनील ने कहा- मंजीत के वोटर कार्ड में उनका असली फोटो है और वह हर चुनाव में वोट डालती हैं। वोटर लिस्ट में क्या है, किसका फोटो है, नहीं पता। वोट डालते समय वोटर की पहचान की पूरी जांच होती है, ऐसे में लगता नहीं कोई गड़बड़ की गुंजाइश है। अकबरपुर बारोटा के बीएलओ हरीश की 4 बातें... सभी 6 महिलाएं हर चुनाव में अपने वोट डाल रहींभास्कर टीम ने अकबरपुर बारोटा के बीएलओ हरीश कुमार से बात की। डेढ़ महीने पहले ही बीएलओ बने हरीश शिक्षा विभाग में कंप्यूटर टीचर हैं। उन्होंने बताया— “जैसे ही राहुल गांधी ने विदेशी महिला की फोटो का दावा किया, मैंने सभी पांच महिलाओं से संपर्क किया। सभी गांव में मौजूद हैं और अपने वोट डालती हैं।” हम भी हैरान कि ब्राजील महिला की फोटो कैसे आ गईहरीश आगे बताते है कि गांव की छह महिलाएं-अंजू, कलावंती, पूनम, सरोज, बिमला और दर्शना की वोट लिस्ट पर ब्राजील मॉडल की फोटो दिखाई गई थी। हालांकि उनके पास मौजूद वोटर आईडी में उनके खुद की फोटो लगी हैं। सभी महिलाएं अपने वोट डाल रही हैं। हम भी हैरान हैं कि राहुल गांधी की लिस्ट में ब्राजील महिला की फोटो कैसे आ गई। चुनाव में वोटर लिस्ट और आईडी से भी मिलान करना होता है हरीश ने यह भी बताया कि वोट डालने के दौरान वोटर लिस्ट और आईडी से भी मिलान करना होता है। नई ज्वॉइनिंग होने के चलते अभी तक इस प्रकार का कोई काम उन्होंने नहीं किया है। विधानसभा चुनाव में अंजू पत्नी देवराज ने इस बार वोट नहीं किया था, वह कहीं बाहर गईं हुई थी। चुनाव में ये मॉडल की फोटो नहीं थी, बाद में आईविदेशी मॉडल की फोटो वोटर लिस्ट में प्रिंट होने के सवाल पर हरीश ने कहा कि हो सकता है ये टेक्निकल इशू हो। यह तो ऊपर से होता है और इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं होती है। कई बार तो वह मैन्युअल पर्ची भी बना कर देते हैं। उन्होंने यह भी कहा है वोट डालने के दौरान वेरिफाई करने का काम भी उन्हीं का होता है। हालांकि उन्होंने यह भी बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान लिस्ट पर विदेशी मॉडल की फोटो नहीं थी, लेकिन बाद में ही फोटो आई है। तीन गांवों में वोटों का गणित मच्छरौला गांव: आबादी करीब 1200। वोट-750 वोट। विधानसभा चुनाव में करीब 600 पोल हुए। यहां बीजेपी का वर्चस्व बताया गया। अकबरपुर बारोटा: 3500 वोट, जिनमें करीब 2500 पोल हुए। खेड़ी मनाजात: 2200 वोट, विधानसभा चुनाव में 1850 वोट पड़े। यहां कांग्रेस के जय भगवान 552 वोटों से बढ़त मिली। लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी आगे रहे थे। ----------------------------------- ये खबर भी पढ़ें.... राहुल गांधी की दिखाई ब्राजीलियन मॉडल सामने आई:बोलीं- मेरा फोटो यूज किया, मैं कभी भारत नहीं आईं; हरियाणा के मंत्री बोले- कांग्रेस नेता की मौसी राहुल गांधी के वोट चोरी मुद्दे से चर्चा में आई ब्राजीलियन मॉडल का एक वीडियो सामने आया है। यह वीडियो उसने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया। वीडियो शेयर करते हुए मॉडल पुर्तगाली में बोल रही है। वह मजाक में कह रही है, 'दोस्तों, मैं आपको एक जोक सुनाने जा रही हूं। यह बहुत बुरा है। क्या वे मेरी पुरानी तस्वीर इस्तेमाल कर रहे हैं?' (पूरी खबर पढ़ें)
कांग्रेस सांसद एवं नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ को लेकर दिल्ली में की प्रेस कॉन्फ्रेंस में होडल के जिस मकान नंबर 265 का जिक्र किया, वो भाजपा से जुड़े पूर्व पार्षद शिवराम का है। 300 वर्गगज में बने घर में कुल 5 कमरे हैं और परिवार के 7 जन ही रहते हैं। इनमें से 6 वोटर और एक बच्चा है। दैनिक भास्कर एप की टीम ये मकान नंबर ढूंढते हुए पहुंची तो मकान मालिक शिवराम बोले- मैं खुद हैरान हूं। हमारे पते पर 501 वोट कैसे बन गए। राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिक्र आया तो हमें पता चला। हमारे पूरे कुनबे के वोटरों को भी जोड़ लें तो कुल संख्या करीब 80 ही बनती है। शिवराम ने बताया कि वे 1990 से इस घर में रह रहे हैं। उनकी पत्नी, दो बेटे व उनकी पत्नी और एक बच्चा है। ये घर होडल नगर परिषद के वार्ड नंबर 21 में आता है। इस वार्ड से शिवराम खुद साल 2016 से 2021 तक भाजपा समर्थित पार्षद रहे हैं। वो खुल कर मानते हैं कि परिवार भाजपा की विचारधारा से जुड़ा है। पहले उनके मकान का नंबर 265 था, जिसे बाद में 265-A कर दिया गया। हालांकि वोटर लिस्ट में आज भी मकान नंबर 265 ही लिखा है । इस वार्ड में कुल 2363 वोट हैं, जिनमें से 501 तो इसी पते पर बने हैं। नगर परिषद में इस वार्ड में भाजपा समर्थित पार्षद हैं। विधानसभा चुनाव में भी इस वार्ड से भाजपा को बढ़त मिली थी। वोट चोरी पर क्या बोले मकान मालिक... अब पढ़िए उदयभान ने क्या आरोप लगाए... भाजपा नप से लेकर लोकसभा चुनाव तक जीत रहीइस वार्ड से होडल नगर परिषद के चुनाव में भाजपा समर्थित पिंकी पार्षद बनीं। अप्रैल 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर को बढ़त मिली। अक्टूबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के हरिंद्र सिंह को बढ़त भी मिली थी। होडल विधानसभा सीट पर भाजपा के हरिंद्र सिंह ने तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान को महज 2,595 वोट से हराया था। ---------------------------- ये खबर भी पढ़ें... राहुल गांधी की दिखाई ब्राजीलियन मॉडल सामने आई:बोलीं- मेरा फोटो यूज किया, मैं कभी भारत नहीं आईं; हरियाणा के मंत्री बोले- कांग्रेस नेता की मौसी राहुल गांधी के वोट चोरी मुद्दे से चर्चा में आई ब्राजीलियन मॉडल का एक वीडियो सामने आया है। यह वीडियो उसने खुद अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया। वीडियो शेयर करते हुए मॉडल पुर्तगाली में बोल रही है। वह मजाक में कह रही है, 'दोस्तों, मैं आपको एक जोक सुनाने जा रही हूं। यह बहुत बुरा है। क्या वे मेरी पुरानी तस्वीर इस्तेमाल कर रहे हैं?' (पूरी खबर पढ़ें)
शासन की सार्वजनिक वितरण प्रणाली में जमकर फर्जीवाड़ा हो रहा है। मुफ्त में मिलने वाले राशन को लेने वालों में करोड़पति परिवार के साथ सरकारी नौकरी करने वाले लोग भी शामिल हैं। भास्कर ने जब खाद्यान्न वितरण को लेकर पड़ताल की तो पता चला कि प्रदेश के 55 जिलों में सबसे ज्यादा मुफ्त राशन सागर जिले में वितरित हो रहा है। यहाँ पर 4 लाख 81 हजार 455 परिवारों को मुफ्त राशन वितरित हो रहा है, जिनके सदस्यों की संख्या 18 लाख 73 हजार 760 है। इस हिसाब से जिले की कुल आबादी में से करीब 67 प्रतिशत लोग मुफ्त राशन ले रहे हैं। खाद्य विभाग ने भी मुफ्त राशन लेने वाले लखपति गरीबों की सूची तैयार कर प्रदेशभर में नोटिस जारी किए हैं। सागर जिले में 4475 परिवारों को नोटिस जारी किए गए हैं। नोटिस पाने वालों में 3528 परिवारों की सालाना आय 6 लाख रुपए से ज्यादा है, 67 का सालाना टर्नओवर 25 लाख रुपए से ज्यादा है और 574 परिवारों के मुखिया ऐसे हैं, जो खुद की फर्म संचालित कर रहे हैं और वही उसके डायरेक्टर भी हैं। खाद्य विभाग के अनुसार परिवारों की आय का यह डाटा उन्हें आयकर विभाग से मिला है। नोटिस बेटों को, शपथ-पत्र माता-पिता दे रहे खाद्य विभाग ने जिन लोगों को नोटिस जारी किए हैं, उनमें से कुछ लोगों ने जवाब भी दिए हैं। कार्यालय में ऐसे 2 नोटिस मिले, जिनमें नोटिस बेटों के नाम से जारी हुए थे, लेकिन उनके जवाब में शपथ-पत्र उनके माता-पिता ने दिए हैं। विभाग ने शहर के दयानंद वार्ड निवासी अक्षय साहू को सालाना आय 6 लाख रुपए से ज्यादा बताते हुए नोटिस दिया था, जिसका जवाब उनकी मां अचला साहू ने दिया। उनका कहना है कि उनके बेटे अक्षय, सुमित की शादी हो चुकी है और वह खुद अकेली रहती हैं, उनकी कोई आय नहीं है, इसलिए खाद्यान्न पर्ची जारी रखी जाए। इसी तरह कैंट क्षेत्र निवासी अरुण यादव को नोटिस जारी हुआ, जिसका जवाब गेंदालाल यादव ने शपथ-पत्र व आय प्रमाण पत्र पेश करते हुए दिया और खुद की सालाना आय 40-50 हजार रुपए बताई है। जिले में 20.61 करोड़ तो प्रदेश में 587 करोड़ रुपए का राशन हर माह बांट रहे खाद्य विभाग के अनुसार प्रति व्यक्ति 4 किग्रा गेहूं और 1 किग्रा चावल का वितरण हर माह किया जाता है। जिले में 18 लाख 73 हजार 760 लोगों को राशन वितरित होता है। 4 किग्रा के हिसाब से हर माह 74 हजार 950 क्विंटल गेहूं और 18 हजार 737 क्विंटल चावल की जरूरत होती है। यदि गेहूं की औसत दर 2 हजार रुपए प्रति क्विंटल व चावल की 3 हजार रुपए प्रति क्विंटल भी मान ली जाए, तो इस हिसाब से हर माह 20 करोड़ 61 लाख 11 हजार रुपए कीमत का खाद्यान्न अकेले सागर जिले में बांटा जा रहा है। वहीं प्रदेश की बात करें तो हर माह 5.34 करोड़ लोगों को 587 करोड़ रुपए कीमत का खाद्यान्न वितरित किया जाता है, जिसमें लगभग 427 करोड़ रुपए कीमत का गेहूं और 160 करोड़ रुपए कीमत का चावल शामिल है। सागर में 1.49 लाख से ज्यादा अति गरीब खाद्य विभाग के अनुसार जिन परिवारों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है, उसमें गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार, बीड़ी श्रमिक, घरेलू कामकाजी महिला, सामाजिक सुरक्षा पेंशनर्स, फेरीवाला सहित कुल 29 प्रकार की श्रेणियों में आने वाले परिवार शामिल हैं। इसमें एक श्रेणी अति गरीब परिवार की भी है। खाद्य विभाग के अनुसार जिले में 42982 परिवारों के 1 लाख 49 हजार 503 सदस्य अति गरीब की श्रेणी में शामिल हैं। सबसे ज्यादा सागर नगर में फर्जीवाड़ा खाद्य विभाग ने जिले के जिन 4475 परिवारों को नोटिस जारी किए हैं, उसमें सबसे ज्यादा 1407 परिवार सागर नगर निगम क्षेत्र के शामिल हैं। शहर में 86 फर्म डायरेक्टर मुफ्त राशन ले रहे हैं तो 26 लोगों का सालाना टर्न ओवर 25 लाख रुपए से ज्यादा और 1252 की इनकम 6 लाख रुपए से ज्यादा है। लोग नोटिस का जवाब नहीं दे रहे ^जिले के कुल 4475 परिवारों को नोटिस जारी किए गए हैं, यह सभी प्रदेश मुख्यालय से जारी हुए हैं, लेकिन लोग जवाब नहीं दे रहे हैं। अभी अधिकतम 30-40 लोगों के ही जवाब आए होंगे। ऐसे में अगले माह से उनकी राशन पर्चियां जारी नहीं होंगी। -ज्योति बघेल, जिला आपूर्ति नियंत्रक
सर्द हवा से एक दिन में रात का पारा 20 से 16 पर आया
जम्मू कश्मीर में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ अगले 24 घंटों में प्रदेश में कमजोर पड़ने का अनुमान है। इसके कमजोर होते ही उत्तर दिशा से आने वाली सर्द हवाओं का रुख मप्र की ओर हो जाएगा और इससे रात के तापमान में तेजी से गिरावट आएगी। इसका असर पिछले 24 घंटों में भी सागर में देखने मिला है। एक ही दिन में रात का पारा 20 डिग्री से 16.4 डिग्री पर आ गया है। पूर्वानुमान के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने से हवा का रुख भी उत्तरी होने लगेगा और सर्द हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट आएगी। गुरुवार को शहर का अधिकतम तापमान 30.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान 16.4 डिग्री दर्ज किया गया।
गौर पीठ प्रोत्साहन पुरस्कार के आवेदन 14 तक
डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय में संचालित गौर पीठ के तत्वावधान में गौर पीठ प्रोत्साहन पुरस्कार दिए जाएंगे। इसके तहत विवि के सभी संकाय के स्नातक सत्र 2024-25 के पहले सेमेस्टर में एक सिंगल गर्ल चाइल्ड छात्रा एवं एक दिव्यांग छात्र जिसने प्रथम सेमेस्टर में सर्वाधिक अंक प्राप्त किए हैं, उन्हें पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। विद्यार्थियों को दानदाताओं द्वारा मिली राशि के ब्याज से 25 हजार रुपए एकमुश्त दिए जाएंगे। एकल कन्या छात्रा को संलग्न फार्मेट में शपथ पत्र एवं दिव्यांग छात्र-छात्रा को मेडिकल बोर्ड का मान्य प्रमाण पत्र लगाना अनिवार्य होगा। पीठ समन्वयक प्रो. नवीन कानगो ने बताया कि विद्यार्थी 14 नवंबर तक गूगल फॉर्म लिंक: https://forms.gle/hi mid42aQcH4w8wV9 पर फॉर्म भर सकते हैं।
आज जिला अस्पताल फीडर से बंद रहेगी बिजली
बिजली कंपनी ने बारिश का सीजन समाप्त होने के बाद पोस्ट मानसून मेंटेनेंस शुरू कर दिया है। अब 11 केवी फीडर्स का मेंटेनेंस शुरू कर दिया है। शहर डिवीजन के मेंटेनेंस शाखा प्रभारी मोहम्मद अजीज खान ने बताया कि शेड्यूल के अनुसार शुक्रवार को 11 केवी जिला अस्पताल फीडर में रखरखाव का काम होगा। मेंटेनेंस के चलते संबंधित क्षेत्र में सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक बिजली सप्लाई बंद रहेगी। इसमें गुलाब कॉलोनी, यश विहार कॉलोनी, मेडिकल कॉलोनी, बालक कॉम्प्लेक्स आदि क्षेत्र प्रभावित होंगे।
भापेल में शुरू हुआ छह दिवसीय फुलेर मेला, तालाब के आसपास पंखुड़ियों की तरह लगी दुकानें
शहर से लगभग 10 किलोमीटर दूर ग्राम भापेल स्थित भगवान फूलनाथ के 300 वर्ष पुराने मंदिर में आस्था और परंपरा का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है। कार्तिक पूर्णिमा से पंचमी तक चलने वाला छह दिवसीय फुलेर मेला बुधवार से शुरू हुआ। पहले दिन मंदिर को गेंदे के फूलों से बने फूल बंगले से सजाया गया, जिसे देखने बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। मान्यता है कि बाबा फूलनाथ के दरबार में मांगी गई हर मन्नत पूरी होती है। यहां बने तालाब में स्नान करने से शारीरिक व्याधियां दूर होने की मान्यता भी है, जिसके चलते भक्त सुबह से ही स्नान और दर्शन के लिए उमड़ रहे हैं। राघवेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि भक्तों के सहयोग से मंदिर का पुनर्निर्माण कार्य जारी है। अब तक 4500 वर्गफीट क्षेत्र में 7.5 फीट ऊंची कर्टिन वॉल के साथ दोनों ओर सीढ़ियां सहित फर्श का निर्माण और 15 फीट ऊपर स्लैब ढलाई पूरी हो चुकी है। मेले के बाद गर्भगृह और गुंबद का निर्माण किया जाएगा। मेले में झूले, झांकियां, खानपान और घरेलू जरूरतों की दुकानों से रौनक बढ़ गई है।
उज्जैन-मक्सी फोरलेन का काम शुरू, अभी पेड़ों की छंटाई करवा रहे, अक्टूबर 27 तक का लक्ष्य
उज्जैन-मक्सी फोरलेन के लिए काम शुरू हो गया है। ठेकेदार अभी समतलीकरण के साथ ही आसपास के पेड़ व पौधों की कटाई-छंटाई करवा रहा है। दावा किया जा रहा है कि अक्टूबर 2027 में यह मार्ग बनकर तैयार हो जाएगा। सिंहस्थ 2028 में करीब 30 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में शासन-प्रशासन द्वारा शहर की चारों दिशाओं के कनेक्टिविटी वाले प्रमुख मार्गों का विस्तार करवाया जा रहा है। इसी क्रम में उज्जैन-इंदौर फोरलेन अब सिक्स लेन हो रहा है। उज्जैन-आगर मार्ग का विस्तार हो चुका है। उज्जैन-देवास मार्ग भी फोरलेन बन चुका है। केवल उज्जैन-मक्सी मार्ग का विस्तार बचा था, अब यह भी होने जा रहा है। वर्तमान में यह मार्ग बेहद संकरा है। इससे वाहन चालकों को परेशानी झेलनी पड़ती है। दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है। उम्मीद की जा रही है कि कुल 38.95 किमी लंबे इस मार्ग का विस्तार होने से सफर आसान व सुरक्षित हो सकेगा। एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने बताया कि मार्ग के निर्माण का ठेका अपेक्स स्ट्रक्चर प्रालि का है। करीब 203 करोड़ से निर्माण होना है। ठेकेदार ने सेटअप जमाने के बाद मार्ग पर काम शुरू कर दिया है। शुरुआत में मार्ग विस्तारित वाले स्थानों पर साइड क्लियर करने के लिए पेड़ और झाड़ियों की सफाई कर समतलीकरण किया जा रहा है। प्रोजेक्ट डेडलाइन में गुणवत्ता के साथ होगा पूरा ^ उज्जैन-मक्सी फोरलेन के लिए ठेकेदार ने काम शुरू कर दिया है। सेटअप जमाने के बाद ठेकेदार ने रूट पर पेड़ और झाड़ियों की कटाई-छंटाई कर समतलीकरण का काम शुरू कर दिया है। प्रोजेक्ट तय डेडलाइन अक्टूबर 2027 तक में गुणवत्ता के साथ पूरा करवाएंगे। - डॉ. विजय सिंह, संभागीय प्रबंधक एमपीआरडीसी मार्ग के विस्तार से ये होंगे फायदे
चौड़ीकरण : ट्रस्ट ने मंदिर का भाग हटाना शुरू किया
उज्जैन | बियाबानी चौराहा फाजलपुरा स्थित संभवनाथ जैन मंदिर ट्रस्ट मंडल द्वारा चौड़ीकरण में सहयोग करने के लिए समाज के आचार्य की उपस्थिति में जैन मंदिर का चिह्नित भाग हटाना शुरू किया गया। कार्यवाही गुरुवार को विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, निगम सभापति कलावती यादव और निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा की उपस्थिति में हुई। इस दौरान आचार्य अशोक सागर महाराज, आचार्य सागरचंद्र सागर महाराज एवं ट्रस्ट मंडल के पदाधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान रजत मेहता, पार्षद गब्बर भाटी, राजेश बाथम, सहायक आयुक्त प्रफुल्ल गठरे और सहायक यंत्री राजकुमार राठौर उपस्थित रहे।
रुद्रसागर इंटरपिटीशन मार्ग पर अस्थायी पार्किंग शुरू कराई, 40 स्लीपर बस नानाखेड़ा से चलने लगी
महाकाल क्षेत्र में इंटरप्रिटेशन, कर्कराज और नृसिंह घाट पार्किंग बंद किए जाने के बाद दर्शनार्थियों के वाहन पार्क करने की समस्या बढ़ गई है। इस बीच, सड़कें ही वाहनों के पार्किंग स्थल बन गई हैं, जिससे आवागमन बाधित हो रहा है। गुरुवार को रुद्रसागर इंटरप्रिटेशन मार्ग पर अस्थायी पार्किंग शुरू कराई गई। इंटरप्रिटेशन की स्मार्ट पार्किंग से लगे रुद्रसागर से चारधाम मंदिर जाने वाले मार्ग पर वाहन पार्क करवाए जा रहे हैं। यहाँ सड़क किनारे आधा किलोमीटर एरिया में गाड़ियों की नि:शुल्क पार्किंग शुरू कराई गई। इसके अलावा तकिया मस्जिद के आसपास की शासकीय जमीन को समतल करवाकर यहाँ भी वाहन पार्क कराने की व्यवस्था की गई। हालाँकि, ये इंतजाम नाकाफी हैं, क्योंकि बुधवार से बेगमबाग मार्ग पर भी यूडीए ने लीज अवमानना करने वाले मकानों को तोड़ना शुरू किया, जिससे महाकाल मंदिर के समीप यादव धर्मशाला स्थित पार्किंग तक भी वाहन नहीं पहुँच पाए, जिसके चलते उक्त पार्किंग भी बंद रही। देवासगेट से 40 स्लीपर बसों का दबाव कम, नानाखेड़ा से चलीं देवासगेट बस स्टैंड पर गुरुवार से 40 से ज्यादा स्लीपर बसों का संचालन बंद हो गया। उक्त बसें नानाखेड़ा से चलीं। शाम को उक्त बसें नानाखेड़ा स्थित नए स्टॉपेज पर रुकीं। सभी बाहरी रूट की बसें हैं। हालाँकि, उक्त बसों को नानाखेड़ा किए जाने के बाद यहाँ पर्याप्त रोशनी तथा पेयजल सुविधाएँ भी बढ़ाने की जरूरत है। डीएसपी ट्रैफिक दिलीपसिंह परिहार ने बताया स्लीपर बसों को नानाखेड़ा शिफ्ट कर दिया है, जिससे देवासगेट पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। हेलमेट को लेकर कार्रवाई शुरू, लोग बोले- शहर के अंदर राहत मिले पुलिस ने गुरुवार से हेलमेट को लेकर दोपहिया वाहन चालकों को रोककर कार्रवाई शुरू की। ट्रैफिक थाने के बाहर समेत कई जगह बिना हेलमेट दोपहिया वाहन चालकों को रोका गया और चालानी कार्रवाई की गई। इसे लेकर लोगों का पुलिस से तर्क-वितर्क भी चलता रहा। कई लोगों के चालान काटे गए। लोगों का कहना था कि हेलमेट की अनिवार्यता शहर के बाहर हाइवे व मुख्य मार्गों पर होनी चाहिए, शहर के अंदर राहत दी जानी चाहिए। हालाँकि, पुलिस का कहना था कि कोर्ट का आदेश है और हेलमेट पहनना अनिवार्य है, इसलिए कार्रवाई की जा रही है।
एक्सपो में ऊंट, हाथी प्रिंटेड जयपुरी रजाई की डिमांड, लुभा रहे फूड स्टॉल
क्राफ्ट्स इंडिया एग्जीबिट्स शो के तत्वावधान पर 20 दिवसीय हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट एक्सपो का आयोजन हरमू मैदान में किया गया है। गुरुवार को एक्सपो का दूसरा दिन रहा। सुबह से शाम तक लोग एक्सपो में खरीदारी के लिए पहुंचते रहे। शाम के वक्त ज्यादा भीड़ रही। इस 20 दिवसीय एक्सपो में देशभर से 150 स्टॉल लगाए गए हैं। इसमें ठंड को देखते हुए गर्म कपड़ों के स्टॉल लगाए गए हैं। लोग स्वेटर, शॉल, रजाई जैसे गर्म कपड़ों की खरीदारी के लिए मेले में पहुंच रहे हैं। एक्सपो में झारखंड के भी कई स्टॉल लगाए गए हैं। इसमें खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के खादी वस्त्र के साथ हैंडलूम के स्टॉल शामिल है। इसके अलावा फूड स्टॉल में तरह-तरह के व्यंजन लोगों को लुभा रहे है। वहीं, बच्चों के लिए मेले में विभिन्न प्रकार के झूलें भी लगाए गए है। पटना के स्टॉल में सजे हैं सुंदर खिलौने पटना के राजा ठाकुर ने अपने स्टॉल में बच्चों के लिए सुंदर खिलौने सजाए है। स्टॉल में 50 वेराइटी के खिलौने हैं। सुपर मैन, स्पाइडर मैन, हेलीकाप्टर रिमोट से चलने वाली कार बच्चों को भा रहे है। इनके यहां 100 रुपए से 12 रुपए तक के खिलौने है। इसके साथ एक्सपो में लखनऊ भदोई के प्रखर प्रजापति ने टेराकोटा मिट्टी के बने शो पीस का स्टॉल लगाया है। यहां वॉल हैंगिंग, डेकोरेटेड आइटम, गार्डेन शो आइटम, फाउंटेन, फ्लावर पॉट करीब 50 वेराइटी में उपलब्ध हैं। इन्हें 2 माह पूर्व कारीगरों से स्टॉल लगाने के लिए तैयार कराया गया। गणेश जी की मूर्ति, लाफिंग बुद्धा, कछुआ, लोग अधिक पसंद कर रहे हैं। मेले में जयपुरी रजाई के साथ गर्म कपड़े की कई वेराइटी जयपुर के मनीष मेहता ने रजाई, कुशन कवर, सोफा कवर, टेबल कवर का स्टॉल लगाया है। जो कई वेराइटी में उपलब्ध है। सिंगल रजाई की कीमत 1000-1800 रुपए और डबल बेड रजाई की कीमत 1500-2800 रुपए है। वहीं, कुशन, टेबल क्लॉथ, सोफा कवर 1300-3500 रु के हिसाब से बिक रहे हैं। expo
स्कूलों की संख्या दोगुनी बढ़ी, उच्च शिक्षा की भी बदल गई तस्वीर
साल 2000 में झारखंड का गठन हुआ था- एक ऐसे राज्य के रूप में, जहां खनिज संपदा तो थी, पर शिक्षा का बुनियादी ढांचा बेहद कमजोर। हर गांव में तब स्कूल नहीं थे। कॉलेजों में एडमिशन सीटें सीमित थी। विश्वविद्यालय सिर्फ तीन शहर में थे। आज 25 साल बाद, तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। अब झारखंड केवल खनिज संसाधनों के लिए नहीं, बल्कि शैक्षणिक विकास और संस्थागत विस्तार के लिए भी पहचान बना रहा है। राज्य में स्कूलों की संख्या लगभग दोगुनी हो चुकी है। विश्वविद्यालयों का नेटवर्क 10 गुना बढ़ा है। वहीं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र कई नए संस्थान स्थापित किए गए हैं। राज्य बनने के समय झारखंड में तीन सरकारी विश्वविद्यालय थे। उस दौर में न निजी विश्वविद्यालय था, केंद्रीय संस्थान के नाम पर धनबाद और सीआईपी, रिनपास थे । तकनीकी शिक्षा के नाम पर धनबाद का आईएसएम (अब आईआईटी) ही राज्य का प्रमुख संस्थान था। अधिकांश गांवों में शिक्षा का हाल और भी खराब था। प्राथमिक और उच्च विद्यालयों की संख्या आबादी के अनुसार नहीं थी। स्कूली शिक्षा सभी देना संभव नहीं था। इसलिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या भी कम थी। इसके बाद भी बड़ी संख्या में छात्र उच्च शिक्षा के लिए बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली या दक्षिण भारत का रुख करते थे। शिक्षा व रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम तकनीकी शिक्षा को सुलभ और समावेशी बनाने के लिए सरकार ने मांकी-मुंडा छात्रवृत्ति योजना, मुख्यमंत्री तकनीकी प्रोत्साहन योजना, डिजिटल स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम जैसी योजनाएं शुरू की हैं। इसके अलावा विदेशों में पढ़ाई के लिए 25 छात्रों का हर साल चयन किया जाता है। प्रत्येक छात्र की पढ़ाई पर एक-एक करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना संचालित की जा रही है। साक्षरता दर 22% बढ़ी राज्य गठन के समय झारखंड की साक्षरता दर में तेजी से सुधार हुआ है। 25 साल में 22 प्रतिशत साक्षरता दर बढ़ गए है। अभी लगभग 76.1 प्रतिशत साक्षरता दर है। जबकि राज्य के गठन के समय लगभग 54 प्रतिशत था। महिला साक्षरता में सबसे बड़ा सुधार हुआ है। बीएड और नर्सिंग कॉलेज तेजी से बढ़े राज्य गठन के बाद सरकारी बीएड और नर्सिंग कॉलेज स्थापित नहीं किए गए हैं। लेकिन निजी स्तर पर बीएड व नर्सिंग कॉलेज तेजी से स्थापित किए गए। बीएड कॉलेजों की संख्या 4 से बढ़कर 136 हो गई है। इसी प्रकार प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। सिर्फ रांची यूनिवर्सिटी के अंतर्गत 29 नर्सिंग कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं। 10 गुना बढ़ गई विवि की संख्या राज्य गठन के समय सिर्फ तीन सरकारी विश्वविद्यालय थे। राज्य में अब 12 सरकारी विश्वविद्यालय हैं। वहीं 18 निजी विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा 100 से अधिक डिप्लोमा के सरकारी और निजी संस्थान हैं। इसके अलावा राज्य में कई केंद्रीय संस्थान स्थापित किए गए हैं। चुनौतियां अब भी बरकरार... विवि में शिक्षकों के पद हैं रिक्त बेसिक शिक्षा को बढ़ावा दे रहे ये संस्थान गांव के स्कूलों में शहर जैसी सुविधा स्मार्ट क्लासरूम, टैबलेट आधारित शिक्षा और ऑनलाइन मॉड्यूल के जरिए अब गांवों के स्कूलों में भी शहर जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। राज्य में सीबीएसई रीजनल ऑफिस का खुलना भी ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, जिससे परीक्षा और मूल्यांकन प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है। एकेडमिक ऑटोनॉमी पर फोकस राज्य गठन के समय एक भी कॉलेज ऑटोनोमस नहीं थे। लेकिन वर्तमान समय में सामान्य कॉलेजों को ऑटोनॉमी तो मिला ही है, साथ ही छोटानागपुर लॉ कॉलेज भी ऑटोनॉमी लेने में सफल रहा है। लॉ कॉलेज राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाने में सफल रहा है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, मॉडल स्कूल, और नवोदय विद्यालय जैसी योजनाओं ने ग्रामीण इलाकों में शिक्षा को नई दिशा दी है। स्कूलों में शिक्षकों की 26 हजार वैकेंसी आई थी। लेकिन लगभग 15 हजार पद खाली रह गए। हालांकि झारखंड ने शिक्षा के हर स्तर पर उल्लेखनीय सुधार किए हैं, लेकिन चुनौतियां अब भी खत्म नहीं हुई हैं। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के अधिकांश पद रिक्त हैं। एक-दो कॉलेजों में ही स्थायी प्रिंसिपल हैं। ग्रामीण स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात अभी भी आदर्श नहीं है। उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात अभी भी राष्ट्रीय औसत से पीछे हैं। उद्योगों के साथ पाठ्यक्रमों का तालमेल बढ़ाने की जरूरत है। राज्य के किसी भी विवि रिसर्च की स्थिति अच्छी नहीं है।
राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के आज शुक्रवार को 150 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में सुबह साढ़े 9 बजे सालभर चलने वाले स्मरण समारोह की शुरुआत करेंगे। साथ ही डाक टिकट और सिक्का भी जारी करेंगे। वंदे मातरम् का 150वीं एनिवर्सरी इवेंट 7 नवंबर 2025 से 7 नवंबर 2026 तक पूरे देश में चलेगा। सरकारी बयान के अनुसार, मुख्य कार्यक्रम के अलावा, सुबह करीब 10 बजे देशभर के सार्वजनिक स्थानों पर लोग वंदे मातरम् गीत का सामूहिक गायन करेंगे। भारत के राष्ट्रगीत वंदे मातरम् को बंकिम चंद्र चटर्जी ने 7 नवंबर 1875 को अक्षय नवमी के पावन अवसर पर लिखा था। यह पहली बार उनकी पत्रिका बंगदर्शन में उनके उपन्यास आनंदमठ के हिस्से के रूप में छपा था। मोदी बोले- 7 नवंबर का दिन ऐतिहासिक होगा पीएम मोदी ने गुरुवार रात को X पर लिखा- 'कल 7 नवंबर का दिन देशवासियों के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है। हम वंदे मातरम् गान के गौरवशाली 150 वर्षों का उत्सव मनाने जा रहे हैं। यह वो प्रेरक आह्वान है, जिसने देश की कई पीढ़ियों को राष्ट्रभक्ति की भावना से ओतप्रोत किया है। इस विशेष अवसर पर सुबह करीब 9:30 बजे दिल्ली में एक समारोह में शामिल होने का सौभाग्य मिलेगा। यहां एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया जाएगा। वंदेमातरम् का सामूहिक गायन इस आयोजन का मुख्य आकर्षण होगा!' वंदे मातरम् की राष्ट्रगीत बनने की कहानी... 7 नवंबर 1875 को बंकिम चन्द्र चटर्जी ने वंदे मातरम् को पहली बार साहित्यिक पत्रिका बंगदर्शन में प्रकाशित किया। 1896 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में रवींद्रनाथ टैगोर ने मंच पर वंदे मातरम् गाया। यह पहला मौका था जब यह गीत सार्वजनिक रूप से राष्ट्रीय स्तर पर गाया गया। सभा में मौजूद हजारों लोगों की आंखें नम थीं। वंदे मातरम् गाने पर बच्चों पर 5 रुपए का जुर्माना लगा 1905 में बंगाल विभाजन के विरोध में वंदे मातरम् जनता की आवाज बन गया। रंगपुर के एक स्कूल में जब बच्चों ने यह गीत गाया, तो ब्रिटिश प्रशासन ने 200 छात्रों पर 5-5 रुपए का जुर्माना लगाया। सिर्फ इसलिए कि उन्होंने वंदे मातरम् कहा था। ब्रिटिश सरकार ने कई स्कूलों में वंदे मातरम् गाने पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस समय छात्रों ने कक्षाएं छोड़ दीं, जुलूस निकाले और यह गीत गाना नहीं छोड़ा। कई जगह पुलिस ने उन्हें मारा, जेल में डाला गया। 17 अगस्त 1909 को जब मदनलाल ढींगरा को इंग्लैंड में फांसी दी गई। उनके आखिरी शब्द वंदे मातरम् थे। संविधान सभा में वंदे मातरम् को राष्ट्रगीत घोषित किया देश को आजादी मिलने के बाद संविधान सभा को राष्ट्रगीत तय करना था। 24 जनवरी 1950 को संविधान सभा अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि वंदे मातरम् गीत ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में ऐतिहासिक भूमिका निभाई है। इसे राष्ट्रगीत जन गण मन के बराबर सम्मान और दर्जा दिया जाएगा। इसके साथ ही वंदे मातरम् को भारत का राष्ट्रीय गीत घोषित किया गया।
गैर-मजरूआ भूमि की रसीद नहीं कटने से भारी राजस्व हानि : चैंबर
झारखंड चैंबर की लैंड रिफॉर्म्स उप समिति की बैठक गुरुवार को हुई। इस दौरान भूमि सुधार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई। कहा गया कि गैर-मजरूआ भूमि संबंधी व्यवस्था बहाल करने के उच्च न्यायालय के आदेश का पालन अब तक नहीं हुआ है। वर्ष 2015 में तत्कालीन राजस्व सचिव केके सोन द्वारा जारी आदेश को उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया था और दाखिल-खारिज, रजिस्ट्री और रसीद निर्गत करने की पूर्व की स्थिति बहाल की थी। लेकिन आदेश के बाद भी राज्य सरकार द्वारा इसे लागू नहीं किया गया, जिस कारण राज्य को भारी राजस्व हानि हो रही है। वहीं, आम नागरिकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गैर-मजरूआ भूमि की रसीद नहीं कटने से सीसीएल-बीसीसीएल क्षेत्र के प्रभावित भू-स्वामियों को नौकरी व मुआवजा नहीं मिल पा रहा है, जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है। गैर मजरूआ भूमि की रजिस्ट्री, दाखिल खारिज और रसीद निर्गत नहीं होने के कारण हजारों माइनिंग लीज प्रक्रिया प्रभावित है, जिससे व्यापारी कार्य से वंचित हैं। निर्णय ले सरकार... खासमहाल भूमि का रेगुलराइजेशन जरूरी बैठक में खासमहाल भूमि के रेगुलराइजेशन के संबंध में भी चर्चा हुई। यह कहा गया कि भू-राजस्व मंत्री द्वारा विधानसभा में 8 महीने पूर्व यह घोषणा की गई थी कि 45 दिनों के भीतर शुल्क लेकर खासमहाल भूमि का रेगुलराइजेशन किया जाएगा। लेकिन आज तक इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ। सदस्यों ने राज्य में नई भूमि सर्वे की आवश्यकता पर भी बल दिया। बैठक में भूमि कब्जा कानून के निर्माण की मांग दोहराई गई। अब तक इस दिशा में पहल नहीं होने से भूमि विवादों के बहुत मुकदमे हो रहे हैं। चैंबर उपाध्यक्ष प्रवीण लोहिया ने कहा कि इन सभी विषयों पर सरकार से तत्काल वार्ता कर ठोस पहल की मांग की जाएगी। 50 साल पुराने उद्योगों पर संकट, बैंक खाते हो रहे फ्रीज जिस गैर मजरूआ भूमि पर पिछले 50 वर्षों से उद्योग चल रहे हैं और जो व्यापारी बैंक से ऋण लिए थे, गैर मजरूआ जमीन की रसीद निर्गत नहीं होने के कारण उद्योगों के बैंक खाते फ्रीज हो रहे हैं। आम नागरिकों को भी हाउसिंग लोन और एजुकेशन लोन जैसी सुविधाओं से भी वंचित होना पड़ रहा है। लैंड रिफॉर्म उप समिति के चेयरमेन रमेश कुमार साहू ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी कार्रवाई नहीं होना चिंतनीय है। सरकार को तत्काल निर्णय लेना चाहिए। बैठक में चैंबर के उपाध्यक्ष प्रवीण लोहिया, कार्यकारिणी सदस्य मुकेश अग्रवाल, अधिवक्ता मितुल कुमार, जितेंद्र शाह, अमन चौरसिया व अन्य मौजूद थे।
अनूठी पहल:गांव में दिवाली-धनतेरस पर बेटी का जन्म हुआ तो 2551 रक्षाबंधन पर 2100 रुपए
नवाखेड़ा ग्राम पंचायत अपनी अनूठी पहल के लिए पहचानी जाने लगी है। यहाँ के सरपंच नरेंद्रसिंह तोमर गांव में बेटियों के जन्म पर नकद शगुन, पौधा और चांदी का सिक्का तक भेंट करते हैं। बेटियों को प्रोत्साहित करने की प्रेरणा उन्हें अपने पिता जगन्नाथसिंह तोमर से मिली थी। उज्जैन जनपद की ग्राम पंचायत नवाखेड़ा की आबादी तीन हजार से अधिक है। इंदौर रोड स्थित ग्राम पंचायत नवाखेड़ा में यूं तो विकास के कई काम हो रहे हैं, लेकिन गांव को नई पहचान यहाँ बेटियों को प्रोत्साहित करने की इस अनूठी पहल से मिल रही है। इसकी सराहना आमजन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों तक में हो रही है। सामान्य दिनों में बेटी के जन्म पर एक हजार सरपंच तोमर ने उक्त पहल 15 अगस्त 2024 से शुरू की। इसके लिए उन्होंने बाकायदा एक चार्ट जारी किया। इसमें स्पष्ट किया कि बेटी का जन्म होने पर प्रोत्साहन स्वरूप कब कितनी शगुन की राशि व अन्य वस्तु भेंट की जाएगी। अब तक गांव में 20 बेटी व उनके परिजनों को इस पहल का लाभ मिला है। उज्जैन जनपद के सीईओ संदीप यादव ने सरपंच तोमर की इस पहल की सराहना करते हुए इसे प्रेरणादायी बताया। चार्ट में लिखा... जन्म पर कब कितना शगुन पंचायत का लेखा-जोखा ग्राम पंचायत: नवाखेड़ा सरपंच: नरेंद्रसिंह तोमर जनपद: उज्जैन पंचायत की आबादी: 3021 मतदाता: 1687
पीएचडी एंट्रेंस: आवेदन जमा करने के एक साल बाद भी परीक्षा लेने में रांची यूनिवर्सिटी विफल
एजुकेशन रिपोर्टर |रांची रांची विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2024 के आयोजन में देरी, एक व्यक्ति–एक पद नीति लागू करने को लेकर गुरुवार को छात्रों ने शहीद चौक स्थित विश्वविद्यालय मुख्यालय का घेराव किया। अबुआ अधिकार मंच के बैनर तले प्रदर्शन और नारेबाजी का नेतृत्व संयोजक अभिषेक शुक्ला ने किया। चार घंटे तक चले धरना-प्रदर्शन में छात्रों ने कुलपति से वार्ता की मांग करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया। कहा कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा का आवेदन लगभग एक वर्ष पहले आमंत्रित किया गया था। तब प्रवेश परीक्षा पर किसी प्रकार की रोक नहीं थी। आवेदन आमंत्रित करने के बाद राजभवन द्वारा रोक लगाई गई थी। इसलिए पीएचडी प्रवेश परीक्षा शीघ्र आयोजित की जाए। वहीं राज्यपाल सह कुलाधिपति के आदेश के बावजूद विश्वविद्यालय में एक व्यक्ति–एक पद नीति अभी तक लागू नहीं की गई है। प्रदर्शन में मुख्य रूप से विशाल यादव, विक्रम यादव, आयुष, दिवाकर अर्जुन, अनुज, ऋषि समेत अन्य छात्र मौजूद थे। विवि अधिकारियों ने कहा कि राजभवन पीएचडी प्रवेश परीक्षा को अनुमति मांगी जाएगी। वहीं एक व्यक्ति एक पद नवंबर माह में लागू कर दिया जाएगा। इसके अलावा कुरमाली भाषा के शोधार्थियों को रजिस्ट्रेशन में आ रही समस्या, परीक्षा संचालन में निजी एजेंसी की अनियमितता और स्नातकोत्तर सत्र 2025–27 के नामांकन में विलंब की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। विवि की ओर से रजिस्ट्रार डॉ गुरुचरण साहू और प्रॉक्टर डॉ मुकुंद मेहता ने प्रदर्शनकारियों से बात की।
प्रमोशन का फॉर्मेट तैयार, झारखंड को मिलेंगे वीसी-प्रोवीसी पद के अभ्यर्थी
रांची यूनिवर्सिटी (आरयू) ने विश्वविद्यालय शिक्षकों को प्रमोशन देने के लिए फॉर्मेट तैयार कर लिया है। इसे यूजीसी प्रमोशन रेगुलेशन 2018 के तहत बनाया गया है। प्रमोशन मिलने से झारखंड को वीसी-प्रोवीसी पद के लिए अभ्यर्थी मिलेंगे। समय पर प्रमोशन न मिलने से फिलहाल वीसी-प्रोवीसी के अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं। जेपीएससी द्वारा वैकेंसी आने के बाद भी पद खाली रह जाता है। यह फॉर्मेट उन शिक्षकों पर लागू होगा, जिन्हें छह अगस्त 2021 के बाद से प्रमोशन दिया जाना है। आरयू अब इस फॉर्मेट को सिंडिकेट से स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू करेगी। विश्वविद्यालय शिक्षकों से इस फॉर्मेट को विश्वविद्यालय मुख्यालय में जमा करने के लिए कहा जाएगा। इसमें शिक्षकों को अपने शैक्षणिक अनुभव, शोध प्रकाशन, कॉन्फ्रेंस, प्रशिक्षण कार्यक्रम और वार्षिक प्रदर्शन रिपोर्ट का उल्लेख करना होगा। फिर विशेषज्ञ आवेदन की स्क्रूटनी करेंगे। इसकी स्वीकृति मिलने पर प्रमोशन का प्रस्ताव झारखंड लोकसेवा आयोग (जेपीएससी) को भेजा जाएगा। गौरतलब है कि यूजीसी ने 18 जुलाई 2018 को लागू किए गए रेगुलेशन में स्पष्ट किया था कि अब शिक्षकों का प्रमोशन सिर्फ सेवा अवधि पर नहीं, बल्कि शोध योगदान, शिक्षण गुणवत्ता और एकेडमिक उपलिब्धयों पर आधारित होगा। शोध-स्कोर का ऐसे होगा निर्धारण... गतिविधि और अंक रिसर्च पेपर : प्रति प्रकाशन 10 अंक, यूजीसी केयर लिस्टेड रहने पर 15 अंक पुस्तक : राष्ट्रीय 10 अंक, अंतरराष्ट्रीय 12 अंक पीएचडी गाइडेंस : प्रति पीएचडी 10 अंक, को-गाइड है तो 5 अंक रिसर्च प्रोजेक्ट : 10 लाख रुपए से अधिक रहने पर 10 अंक, इससे कम है तो 5 अंक पेटेंट : राष्ट्रीय 07, अंतर्राराष्ट्रीय 10 कॉन्फ्रेंस या व्याख्यान : राष्ट्रीय 3 अंक, अंतरराष्ट्रीय दो कोटि में है, पहला बाहर जाकर करने पर 7 अंक, देश से करने पर 5 अंक एसो. प्रोफेसर के लिए पात्रता पीएचडी अनिवार्य। असिस्टेंट प्रोफेसर स्टेज-3 में तीन साल शैक्षणिक अनुभव। सात रिसर्च जरूरी, इसमें स्टेज-3 में तीन होना चाहिए। यूजीसी केयर लिस्टेड जर्नल में कम से कम सात रिसर्च पेपर का प्रकाशन। न्यूनतम रिसर्च स्कोर 75 प्वाइंट। प्रोफेसर के लिए ये है अर्हता एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कम से कम 3 वर्ष का अनुभव। पीएचडी के साथ शोध-गाइडेंस जरूरी। न्यूनतम रिसर्च स्कोर 120 प्वाइंट। रिसर्च पेपर कम से कम 10, इसमें एसोसिएट अवधि का तीन होना चाहिए। शोध-पत्र, पुस्तकें, पेटेंट, नीति-पत्र आदि को अंक आधारित प्रणाली से आंका जाएगा
झारखंड की पहली महिला डीजीपी बनीं तदाशा मिश्रा, आज पदभार संभालेंगी
डीजीपी अनुराग गुप्ता ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) ले ली। राज्य सरकार ने गुरुवार रात उनके वीआरएस के आवेदन को स्वीकार करते हुए 1994 बैच की झारखंड कैडर की आईपीएस अधिकारी तदाशा मिश्रा को डीजीपी का प्रभार दे दिया। वह राज्य की पहली महिला आईपीएस अधिकारी हैं, जिन्हें झारखंड पुलिस की कमान सौंपी गई है। वे अगले आदेश तक अपने ही वेतनमान में इस पद पर रहेंगी। गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने गुरुवार को इससे संबंधित अधिसूचना जारी कर दी। गृह विभाग ने गुरुवार को दो अलग-अलग अधिसूचना जारी की। पहली अधिसूचना अनुराग गुप्ता के डीजीपी पद से वीआरएस के आवेदन को स्वीकार करने की थी। वहीं दूसरी अधिसूचना तदाशा मिश्रा को डीजीपी का प्रभार देने की। तदाशा मिश्रा शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी का पदभार ग्रहण करेंगी। इसके साथ ही अनुराग गुप्ता के इस्तीफे को लेकर दो दिन से चल रहा सस्पेंस खत्म हो गया। पहले चर्चा थी कि अनुराग गुप्ता ने मंगलवार शाम डीजीपी के पद से इस्तीफा दे दिया है। लेकिन कोई इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहा था। इस मुद्दे पर कोई अधिकारी या सरकार से जुड़े लोग कुछ भी बोलने से कतरा रहे थे। गुरुवार को अनुराग गुप्ता पुलिस मुख्यालय नहीं पहुंचे। इसके बाद चर्चाओं का बाजार और गर्म हो गया। इसी बीच शाम में उनके वीआरएस लेने और तदाशा मिश्रा को डीजीपी का प्रभार देने की अधिसूचना जारी हुई। अनुराग ने मंगलवार शाम दिया वीआरएस का आवेदन, मंजूर होने में लग गए 48 घंटे बुधवार को अवकाश था, इस वजह से गृह विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई। गुरुवार रात 9:45 बजे गृह विभाग की ओर से अधिसूचना जारी की गई कि अनुराग गुप्ता का वीआरएस मंजूर कर लिया गया है। वीआरएस का आवेदन देने से लेकर स्वीकार करने तक करीब 48 घंटे का समय लगा। अनुराग गुप्ता दो बार रह चुके हैं झारखंड के प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता इससे पहले दो बार झारखंड की प्रभारी डीजीपी रह चुके हैं। पहली बार जुलाई 2024 में उन्हें प्रभारी डीजीपी बनाया गया था। विधानसभा चुनाव के दौरान अक्टूबर 2024 में चुनाव आयोग ने उन्हें पद से हटा दिया। उनकी जगह अजय कुमार सिंह को डीजीपी बनाया था। लेकिन विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद जैसे ही नई सरकार का गठन हुआ, अनुराग गुप्ता को फिर डीजीपी बना दिया गया। जनवरी में राज्य सरकार ने डीजीपी नियुक्ति की नियमावली में बदलाव किया और 3 फरवरी को उन्हें दो साल के लिए स्थाई डीजीपी बना दिया। {मंगलवार शाम गुप्ता ने सीएमओ में वीआरएस का आवेदन दिया। इस बीच इस्तीफे की अटकलें शुरू हुई। ये तीन डीजीपी भी पूरा नहीं कर सके अपना कार्यकाल तदाशा मिश्रा की रांची सिटी एसपी से डीजीपी बनने तक का सफर तदाशा मिश्रा कई महत्वपूर्ण पद संभाल चुकी हैं। अविभाजित बिहार में शीतकालीन राजधानी रांची में सिटी एसपी रह चुकी हैं। वे जैप वन और टू में कमांडेंट भी रहीं। बोकारो और गिरिडीह एसपी का पद भी संभाल चुकी हैं। वे डीआईजी कार्मिक, आईजी मानवाधिकार, आईजी स्पेशल ब्रांच और बोकारो आईजी भी रही हैं। एडीजी जैप के साथ ही गृह विभाग में दो बार विशेष सचिव रह चुकी हैं। फिलहाल वे गृह विभाग में विशेष सचिव के पद पर तैनात थीं। बोकारो एसपी रहते नक्सलियों के गढ़ झुमरा पहुंच गई थीं: तदाशा सख्त अधिकारी के रूप में जानी जाती हैं। बोकारो एसपी रहते वे नक्सलियों के गढ़ झुमरा पहाड़ पर पहुंच गई थीं। झुमरा पहाड़ उस समय नक्सलियों का बड़ा केंद्र था। तब पुलिस भी वहां जाने से डरती थी। लेकिन उन्होंने खुद नक्सल विरोधी अभियान की कमान संभाली और वहां ऑपरेशन चलाया। वो सबकुछ जो आपके लिए जानना जरूरी है {अजय कुमार सिंह : 1989 बैच के आईपीएस अजय कुमार सिंह को राज्य सरकार ने 15 फरवरी 2023 को डीजीपी नियुक्त किया था। उनका कार्यकाल 15 फरवरी 2025 तक था। लेकिन 26 जुलाई 2024 को उन्हें हटाकर अनुराग गुप्ता को प्रभारी डीजीपी बना दिया गया। चुनाव आयोग ने अक्टूबर 2024 में अनुराग गुप्ता हटाकर अजय सिंह को फिर डीजीपी बनाया। लेकिन 28 नवंबर 2024 को फिर उन्हें हटाकर गुप्ता को प्रभार दे दिया गया। एमवी राव : 1987 बैच के राव झारखंड के प्रभारी डीजीपी के पद पर 11 महीने तक रहे। एमवी राव 15 मार्च 2020 को प्रभारी डीजीपी बनाए गए थे। 12 फरवरी 2021 को उन्होंने नए डीजीपी नीरज सिन्हा को डीजीपी का पदभार दे दिया। अपने बेबाक अंदाज की वजह से उन्हें पूर्व में आलोचनाएं भी झेलनी पड़ी है। वे सितंबर 2021 में सेवानिवृत्त होने वाले थे, इसके पहले ही उन्हें डीजीपी के पद से हटा दिया गया। कमल नयन चौबे : 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी कमल नयन चौबे का 35 साल का करियर बेदाग रहा है। कभी भी किसी भी वजह से वे किसी विवाद में नहीं फंसे। आईपीएस अधिकारी कमलनयन चौबे जून 2019 से 14 मार्च 2020 तक झारखंड पुलिस के डीजीपी पद पर थे। लेकिन वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।
बरौनी-अहमदाबाद के बीच चलेगी स्पेशल ट्रेन, 11-12 से संचालन होगा
त्योहारों के दौरान यात्रियों को सुविधा देने और अतिरिक्त यात्रियों को समायोजित करने के उद्देश्य से पश्चिम रेलवे रतलाम मंडल से होकर बरौनी से अहमदाबाद के मध्य स्पेशल ट्रेन का परिचालन किया जाएगा। इस दौरान, बरौनी-अहमदाबाद-बरौनी स्पेशल ट्रेन दोनों दिशाओं में 2-2 फेरे लगाएगी। गाड़ी संख्या 05261, बरौनी-अहमदाबाद स्पेशल, बरौनी से 11 एवं 12 नवंबर को, क्रमश: मंगलवार एवं बुधवार को 22:00 बजे प्रस्थान करेगी और तीसरे दिन 08:00 बजे अहमदाबाद रेलवे स्टेशन पहुँचेगी। इस ट्रेन का रतलाम मंडल के उज्जैन (00:25 बजे आगमन व 00:30 बजे प्रस्थान, गुरुवार एवं शुक्रवार), नागदा (01:10 बजे आगमन व 01:12 बजे प्रस्थान) और रतलाम स्टेशन पर 02:00 बजे आगमन व 02:10 बजे प्रस्थान होगा। इसी प्रकार, वापसी में गाड़ी संख्या 05262, अहमदाबाद-बरौनी स्पेशल, अहमदाबाद से 13 एवं 14 नवंबर को, क्रमश: गुरुवार एवं शुक्रवार को 14:20 बजे प्रस्थान करेगी और दूसरे दिन 19:30 बजे बरौनी रेलवे स्टेशन पहुँचेगी। इस ट्रेन का रतलाम मंडल के रतलाम (20:20 बजे आगमन व 20:25 बजे प्रस्थान), नागदा (21:00 बजे आगमन व 21:02 बजे प्रस्थान) और उज्जैन स्टेशन पर 22:00 बजे आगमन व 22:05 बजे प्रस्थान होगा। यह ट्रेन दोनों दिशाओं में समस्तीपुर, हाजीपुर, पाटलिपुत्र, दानापुर, आरा, बक्सर, पं. दीनदयाल उपाध्याय, प्रयागराज छिवकी, मानिकपुर, सतना, कटनी मुड़वारा, दमोह, सागर, बीना, संत हिरदाराम नगर, उज्जैन, नागदा, रतलाम, गोधरा, छायापुरी और आणंद स्टेशनों पर रुकेगी। यह ट्रेन थर्ड एसी इकोनॉमी, स्लीपर एवं सामान्य श्रेणी कोच के साथ चलेगी।
तारों में उलझ रोज गिर रहे लोग, अबतक तीन के हाथ-पैर टूटे
तीन दिन बाद भी सड़क पर बिखरे हैं कटे तार जेबीवीएनएल एवं मोबाइल कंपनी एजेंसियों और ऑपरेशन-मेटेनेंस एजेंसियों के बीच आम जनता फंस गई है। जेबीवीएनएल ने हाईकोर्ट के आदेश व नियमों का हवाला देते हुए बिजली के खंभे में बेतरतीब तरीके से लगे मोबाइल केबल को काटना शुरू कर दिया है। पिछले दो दिनों से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में केबल काटो अभियान चल रहा है। केबल काटने के बाद उसे सड़क पर ही छोड़ दिया जा रहा है। इस वजह से रोजाना दुर्घटना हो रही है। दो पहिया वाहन सवार सड़क पर फैले तार पर फिसलकर गिर रहे हैं। डोरंडा, मेन रोड में दुकानदारों ने बताया कि तीन लोगों का हाथ-पैर टूट चुका है। इसके बावजूद जेबीवीएनएल की ओर से मोबाइल कंपनियों के तारों को सड़क से नहीं हटाया गया है। तार कटने से सबसे अधिक परेशानी मोबाइल नेटवर्क उपभोक्ताओं की बढ़ गई है। क्योंकि, जिन क्षेत्रों में जिन कंपनियों के तार काटे गए हैं उस क्षेत्र के उपभोक्ताओं के घर में नेटवर्क गायब हो गया है। इसके कारण कई सरकारी कार्यालयों में भी इंटरनेट सेवा बंद हो गई। हालांकि, सरकारी कार्यालयों में विकल्प के तौर पर दूसरी कंपनी का कनेक्शन लेकर काम चलाया गया। लेकिन सूचना दिए बिना तार काटने से हीनू, डोरंडा, मेन रोड, सर्कुलर रोड, राजभवन से बरियातू रोड, कोकर, लालपुर आदि क्षेत्रों के लोग परेशान हैं। लोगों की परेशानी से हम भी दु:खी, हटाए जा रहे हैं तार जीएम जेबीवीएनएल रांची एरिया बोर्ड के जीएम मनमोहन कुमार ने कहा कि मोबाइल कपंनियों के तार हटाने से लोगों को हुई परेशानी से हम भी दु:खी हैं। बिखरे तारों को हटाया जा रहा है। ट्राइ का निर्देश हमारे पास है। कोई भी मोबाइल कंपनी बिना अनुमति के बिजली खंभे पर अपने तार का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। इसकी एक प्रकिया होती है। अधिकांश एजेंसी बिना अनुमति तार लगा रही थी। इसलिए उसे काटा गया।
शहर में स्थित होटल-रेस्टोरेंट से गीला-सूखा कूड़ा मिलाकर दिया गया तो संचालकों पर कार्रवाई होगी। जिस होटल-रेस्टोरेंट से मिलावटी कूड़ा मिलेगा, उसका ट्रेड लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। निगम के अपर प्रशासक संजय कुमार ने गुरुवार को होटल-रेस्टोरेंट संचालकों के साथ बैठक करते हुए कहा कि शहर को साफ-स्वच्छ बनाने के लिए गीला-सूखा कूड़ा अलग-अलग देना होगा। क्योंकि, झिरी में गेल इंडिया द्वारा लगाए गए सीबीजी प्लांट के लिए रोजाना 150 मीट्रिक टन गीला कचरा की जरूरत है। फिलहाल इतनी मात्रा में गीला कचरा नहीं मिल रहा है। इसलिए अब सभी बल्क जनरेटर से गीला-सूखा अलग-अलग लेने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने संचालकों से इसमें सहयोग करने की अपील की है। स्वच्छता कॉर्पोरेशन के माध्यम से कूड़े का उठाव हो रहा है। सभी भवन मालिक, होटल-रेस्टोरेंट व बैंक्वेट हॉल संचालकों को गीला-सूखा कूड़ा के लिए अलग-अलग डस्टबिन रखने के लिए कहा गया है।
मौसम का हाल:सीजन की सबसे ठंडी रात रही, पारा 14.5 डिग्री पर पहुंचा
उज्जैन-मक्सी फोरलेन के लिए काम शुरू हो गया है। ठेकेदार अभी समतलीकरण के साथ ही आसपास के पेड़ व पौधों की कटाई-छंटाई करवा रहा है। दावा किया जा रहा है कि अक्टूबर 2027 में ये मार्ग बनकर तैयार हो जाएगा। सिंहस्थ 2028 में करीब 30 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में शासन-प्रशासन द्वारा शहर की चारों दिशाओं के कनेक्टिविटी वाले प्रमुख मार्गों का विस्तार करवाया जा रहा है। इसी क्रम में उज्जैन-इंदौर फोरलेन अब सिक्स लेन हो रहा है। उज्जैन-आगर मार्ग का विस्तार हो चुका है। उज्जैन-देवास मार्ग भी फोरलेन बन चुका है। केवल उज्जैन-मक्सी मार्ग का विस्तार बचा था, अब ये भी होने जा रहा है। वर्तमान में ये मार्ग बेहद संकरा है। इससे वाहन चालकों को परेशानी झेलना पड़ती है। दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती हैं। उम्मीद की जा रही हैं कि कुल 38.95 किमी लंबे इस मार्ग का विस्तार होने से सफर आसान व सुरक्षित हो सकेगा। एमपीआरडीसी के अधिकारियों ने बताया कि मार्ग के निर्माण का ठेका अपेक्स स्ट्रक्चर प्रालि का है। करीब 203 करोड़ से निर्माण होना है। ठेकेदार ने सेटअप जमाने के बाद मार्ग पर काम शुरू कर दिया है। शुरुआत में मार्ग विस्तारित वाले स्थानों पर साइड क्लियर करने के लिए पेड़ और झाड़ियों की सफाई कर समतलीकरण किया जा रहा है। प्रोजेक्ट डेडलाइन में गुणवत्ता के साथ होगा पूरा उज्जैन-मक्सी फोरलेन के लिए ठेकेदार ने काम शुरू कर दिया है। सेटअप जमाने के बाद ठेकेदार ने रूट पर पेड़ और झाड़ियों की कटाई-छंटाई कर समतलीकरण का काम शुरू कर दिया है। प्रोजेक्ट तय डेडलाइन अक्टूबर 2027 तक में गुणवत्ता के साथ पूरा करवाएंगे। - डॉ. विजय सिंह, संभागीय प्रबंधक एमपीआरडीसी मार्ग के विस्तार से ये होंगे फायदे
पनकी की रियल इस्टेट कंपनी कृष्णा होम बिल्डर्स के संचालक अविनाश पाल और मुख्तार आम दीपक मिश्रा पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन देने के नाम पर 1.13 करोड़ रुपए हड़पने में रिपोर्ट दर्ज की गई है। 6 पीड़ितों की शिकायत पर एडीसीपी वेस्ट कपिल देव सिंह के आदेश पर एसीपी पनकी ने जांच शुरू की है। 6 माह में किया गया बैनामा कल्याणपुर निवासी पीड़ित संजय कुमार, कृष्ण कुमार राजपूत, शैलेंद्र कुमार गुप्ता, अक्षय गुप्ता, दूरबीन सिंह और दयाशंकर गुप्ता का आरोप है कि अविनाश पाल और दीपक मिश्रा ने कूटरचित दस्तावेजों के जरिए कानपुर देहात के मैथा तहसील के ग्राम असई और अनूपपुर की जमीनों का फर्जी बैनामा कराया। यह बैनामा 19 जून 2020 से 11 नवंबर 2020 के बीच किया गया था। आरोप है कि बैनामे में गाटा संख्या 396 की जगह जानबूझकर गाटा संख्या 393 दर्ज कराई गई, जबकि उनके नाम पर गाटा संख्या 396 की कोई भूमि नहीं थी। पीड़ितों से अलग अलग रकम हड़पी गई है। आरोप है कि जमीन देने के नाम पर दया शंकर गुप्ता से 60 लाख, शैलेन्द्र गुप्ता से 8 लाख,अक्षय गुप्ता से 5 लाख, कृष्ण कुमार राजपूत से 6.65 लाख, संजय कुमार से 10 लाख और दूरबीन सिंह से 23.40 लाख रुपए आरोपियों ने हड़प लिए। कुल हड़पी गई रकम करीब 1.13 करोड़ है। पैसा मांगने पर मिली धमकी पीड़ितों ने बताया कि जमीन का कब्जा देने के नाम पर आरोपी लगातार टाल–मटोल करते रहे। जब उन्होंने पैसे की वापसी या कब्जे की मांग की, तो जान से मारने की धमकी दी गई। पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में 28 अगस्त और एक सितंबर 2025 को पुलिस कमिश्नर कार्यालय में प्रार्थना पत्र भी दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नही हुई। आरोप है कि मुख्य आरोपी कृष्णा होम बिल्डर्स कंपनी का मुख्तारआम दीपक मिश्रा है। पीड़ितों ने तहरीर में दीपक मिश्रा को हिस्ट्रीशीटर बताते हुए उस पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज होने की बात कही है। पुलिस ने फिलहाल मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। वहीं मामले में कृष्णा होम बिल्डर्स के मुख्तार आम दीपक मिश्रा ने बताया कि अक्षय गुप्ता और शैलेन्द्र का जमीन पर कब्जा है,संजय का साढ़े छह लाख रूपए बाकी है। उनसे खाते का रिकार्ड मांगा गया है, लेकिन उन्होंने अभी तक नहीं दिया जबकि बाकी लोगों को उनकी रकम वापस की जा चुकी है। कई लोगों से कोर्ट में मुकदमा भी विचाराधीन है। वहीं एडीसीपी कपिल देव सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्जकर जांच कराई जा रही है।
गुना|मप्र माध्यमिक शिक्षा मंडल ने डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (डीएलएड) फर्स्ट और सेकंड ईयर द्वितीय अवसर परीक्षाएं इस महीने शुरू हो जाएंगी। यह परीक्षाएं 19 नवंबर से शुरू होंगी। परीक्षा दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक आयोजित की जाएंगी। इसके तहत फर्स्ट ईयर की परीक्षा 29 नवंबर और सेकंड ईयर की परीक्षा 27 नवंबर तक आयोजित होंगी। मंडल ने स्पष्ट किया है कि कोई भी सार्वजनिक अथवा स्थायी अवकाश होने पर भी परीक्षाएं यथावत आयोजित की जाएंगी।
गड़बड़ी: जांच दल ने पीएचई का रिकॉर्ड अपने कब्जे में लिया
भास्कर संवाददाता| गुना पीएचई के कथित घोटाले की परतें खुलने लगी हैं। मामले की जांच के लिए गठित दल ने गुरुवार को तमाम रिकॉर्ड अपने कब्जे में ले लिया। पीडब्ल्यूडी ईई की अध्यक्षता में गठित दल को अगले चार दिन में रिपोर्ट देना है। वहीं इस गड़बड़ी में कई अधिकारियों की भूमिका संदेह के दायरे में आ गई है। सूत्र बताते हैं कि यह मामला उप्र की एक कंपनी हुए भुगतान से जुड़ा है। यह भुगतान करोड़ों का बताया जा रहा है। कंपनी को भुगतान कर दिया गया, लेकिन इसके बिल व अन्य दस्तावेजों पर बाद में हस्ताक्षर हुए। इस मामले में पूर्व प्रभारी ईई आरएल शाक्यवार के अलावा डिवीजनल एकाउंट ऑफिसर मिथलेश कुमार और सब इंजीनियर जांच के घेरे में हैं। किसी भी कंपनी को अगर कोई भुगतान होना है तो उक्त अधिकारियों की आंखों के सामने से ही फाइलें गुजरेंगी। मसलन सब इंजीनियर बिल बनाएंगे। ईई के इस पर हस्ताक्षर होंगे और एकाउंट ऑफिसर पोर्टल के माध्यम से पेमेंट आगे बढ़ाएंगे। ऐसे में अगर कोई गड़बड़ी हुई है तो इन पर जवाबदेही तय होगी। बहरहाल असल सच्चाई तो तभी सामने आएगी, जब जांच दल अपनी रिपोर्ट सौंपेगा। फिलहाल पीएचई की ईई रितु किरार ने कहा कि जांच दल ने जो दस्तावेज चाहे थे, वे उन्हें सौंप दिए गए हैं।
राजस्व वसूली में तेजी लाएं, योजनाओं की मॉनिटरिंग करें
खंडवा| संभागायुक्त डॉ. सुदाम खाडे की अध्यक्षता में गुरुवार को पहली कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस संभागायुक्त कार्यालय इंदौर के सभाकक्ष में हुई। इसमें कलेक्टर ऋषव गुप्ता भी शामिल हुए। इस दौरान संभागायुक्त ने योजनाओं सहित अभियानों और मुख्य कार्यक्रमों से जुड़े विषयों पर समीक्षा की। सभी जिलों के कलेक्टर्स द्वारा प्रस्तुत पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारियां दी गई। संभागायुक्त डॉ. खाडे ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राजस्व वसूली में तेजी लाए, इसके लिए विशेष कार्ययोजना बनाए। मैदान में जाकर कार्य करें और सतत मॉनिटरिंग की जाए।
नगरीय प्रशासन विभाग ने उपयंत्री की मांगी जानकारी
खंडवा| नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग इंदौर संभाग में शहरवासी रोहित अरोरा ने निगम में पदस्थ उपयंत्री राजेश गुप्ता की शिकायत की है। इसमें उपयंत्री गुप्ता द्वारा पारिवारिक जानकारी छिपाने का जिक्र किया है। इस शिकायत के बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने निगम आयुक्त को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारी की जानकारी मांगी है।
राष्ट्रीय सहकारिता सप्ताह 14 से
खंडवा|राष्ट्रीय सहकारिता सप्ताह 14 से 20 नवंबर तक मनाया जाएगा। इस वर्ष राष्ट्रीय सहकारिता सप्ताह की थीम आत्मनिर्भर भारत के माध्यम के रूप में सहकारिता निर्धारित की गई है। यह विषय आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को साकार करने में सहकारी समितियों की भूमिका को रेखांकित करता है। विशेष रूप से कृषि, ग्रामीण ऋण, सूक्ष्म-उद्यम, महिला सशक्तिकरण और स्थानीय उत्पादन जैसे क्षेत्रों में सहकारिता की भूमिका न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समावेशी एवं सतत विकास का भी आधार बन रही है। सहकारिता सप्ताह के दौरान ऐसे जन-जागरण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
बाबा खाटू श्याम के भजनों पर झूमे श्रोता
कुमठी | ग्राम में बुधवार रात श्री खाटू श्याम भजन संध्या का आयोजन किया गया। गुर्जर धर्मशाला में देर रात तक चले भजनों पर महिलाएं, पुरुष और युवा आनंद लेते और झूमते रहे। ग्रामीणों ने इस धार्मिक आयोजन की सराहना समिति का आभार जताया। समिति के सदस्य गले में श्याम नामी दुपट्टा पहने आगंतुकों का अभिवादन करते हुए व्यवस्था संभाल रहे थे।
भास्कर अपडेट्स:दिल्ली के टिकरी कलां इंडस्ट्रियल एरिया में आग लगी, दमकल की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंची
दिल्ली के टिकरी कलां इंडस्ट्रियल एरिया में गुरुवार देर रात एक गोडाउन में भीषण आग लग गई। आग की सूचना रात करीब 10 बजे मिली, जिसके बाद दमकल विभाग की 10 गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने का प्रयास शुरू किया। अधिकारियों के अनुसार, अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। आग गोडाउन में रखे सामान के कारण तेजी से फैल गई। पुलिस और राहत दल मौके पर मौजूद हैं। आग लगने के कारणों की जांच जारी है, प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक शॉर्ट सर्किट वजह हो सकता है।
कटैया जंगल में दो शराब भट्ठी किया ध्वस्त
सतगावां|थाना क्षेत्र के कटैया जंगल में अवैध महुआ शराब निर्माण के खिलाफ गुरुवार को पुलिस ने सघन छापामारी अभियान चलाया। इस दौरान पुलिस ने दो अवैध शराब भट्ठियों को ध्वस्त करते हुए करीब 150 किलोग्राम जावा महुआ को विनष्ट कर दिया। थाना प्रभारी सौरव शर्मा ने बताया कि क्षेत्र में अवैध महुआ शराब के निर्माण और बिक्री में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। चिन्हित लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस अभियान में सशस्त्र बल के जवान भी शामिल थे। प्रतापपुर| प्रतापपुर थाना प्रभारी आलोक रंजन चौधरी ने बुधवार रात्रि एवं गुरूवार को पुलिस बलों के साथ अज्ञात चोरों एवं शरारती तत्वों के विरूद्ध गहन छापेमारी अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत टंडवा, पथरा, योगिडीह, गजवा सहित कई अन्य क्षेत्रों में छापेमारी अभियान चलाकर ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने ग्रामीणों से शराबियो, शरारती तत्वों के बारे में पुलिस को जानकारी देने की बात कही। मालूम हो कि इन दिनों प्रतापपुर में चोरी की घटना बढ़ी है। पुलिस चोरों की गिरफ्तारी की घर पकड़ के लिए लगातार अभियान चला रही है।
रंग, रोशनी व खुशियों से दमक उठा देशबंधु मेला मनोरंजन से लेकर खरीदारी के लिए उमड़ी भीड़
भास्कर न्यूज | चित्तरंजन रूपनारायणपुर के लोकप्रिय देशबंधु मेला इन दिनों अपनी पूरी रौनक पर है। जैसे ही रात ढलती है, मेला परिसर की जगमगाहट रंगों, रोशनी, आवाज़ों और खुशियों से भर उठती है। शहरी और ग्रामीण जीवन की झलक एक साथ दिखाने वाले इस मेले में रौनक देखते ही बनती है। हर आयु वर्ग के लोग यहां घूमने, खरीदारी करने और मनोरंजन का आनंद लेने के लिए पहुंच रहे हैं। यह मेला हर वर्ष काली पूजा के उपलक्ष्य में चित्तरंजन के गेट संख्या 3 के समीप रांची मोड़ स्थित मैदान में आयोजित किया जाता है, जो 15 दिनों तक चलता है। इस मेले की पहचान केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं, बल्कि यह सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। मेले में लगे विभिन्न प्रकार के झूले, ब्रेक डांस, ड्रैगन ट्रेन, मिक्की माउस और अन्य रोमांचक मनोरंजन साधन बच्चों और युवाओं के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। वहीं महिलाओं के लिए सौंदर्य प्रसाधन, चूड़ी-बिंदी, कृत्रिम आभूषण, दुपट्टा, घरेलू सजावटी सामान आदि की दुकानों पर जबरदस्त भीड़ देखी जा रही है। खाने-पीने के शौकीनों के लिए है। चाट, गोलगप्पा, मोमोज, पाव-भाजी, भेलपुरी, चाउमीन, मिठाई, बर्फ का गोला सहित कई व्यंजनों का स्वाद लोग चख रहे हैं। विभिन्न राज्यों से आए अचार विक्रेताओं के स्टॉल भी भीड़ को आकर्षित कर रहे हैं। दूर-दराज़ से उमड़ती है भीड़, कई परिवारों के लिए परंपरा बन चुका है मेला मेले की लोकप्रियता का अंदाज़ा इससे लगाया जा सकता है कि दूर-दराज़ के गांवों, कस्बों और आसपास के जिलों से भी लोग इस मेला परिसर में आने के लिए विशेष रूप से समय निकालते हैं। कई परिवार सालों से इस मेले को अपनी परंपरा के रूप में मनाते आ रहे हैं। देशबंधु मेला सिर्फ मनोरंजन का स्थल नहीं, बल्कि स्थानीय संस्कृति, सामुदायिक एकजुटता और आनंद का प्रतीक बनकर की पहचान बनाए हुए है।
जनवितरण विक्रेताओं की बैठक संपन्न
भास्कर न्यूज | फतेहपुर फतेहपुर प्रखंड सभागार में जनवितरण विक्रेताओं की एक आवश्यक बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता गोदाम प्रबंधक कालिदास टुडू ने की। प्रखंड कृषि पदाधिकारी हरिपद रुई दास सहित सभी पंचायतों के जनवितरण विक्रेता एवं स्वयं सहायता समूह से जुड़े विक्रेता उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि राज्य स्तरीय जांच टीम 7 और 8 नवंबर को गोदामों का निरीक्षण करेगी,जबकि केंद्रीय जांच टीम 11 से 14 नवंबर तक खाद्यान्न आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन प्रणाली के तहत गुणवत्तापूर्ण भंडारण की स्थिति का मूल्यांकन करेगी। सिमलडूबी पंचायत के पाटनपुर गांव में विशेष जांच की जाएगी। अधिकारियों ने विक्रेताओं को निर्देश दिया कि वे विभागीय दिशानिर्देशों के अनुसार अपनी दुकानों की रंगाई करें तथा दैनिक खाद्यान्न भंडारण की स्थिति स्पष्ट रूप से अंकित करें। इसके अलावा सभी विक्रेताओं को धोती-साड़ी योजना की बकाया राशि जमा करने का निर्देश भी दिया गया। विक्रेताओं ने बैठक में अपनी समस्याएं भी रखी जिसमें जनवितरण विक्रेता संघ के अध्यक्ष कृष्ण चंद्र महतो और सचिव शिरोमणि यादव ने बताया कि विक्रेताओं ने छह माह पूर्व ही दुकानों की रंगाई और सूचना पट्ट का कार्य पूरा कर लिया था। परंतु बार-बार रंग बदलने के निर्देश से उन्हें आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्यारह माह से विक्रेताओं को कमीशन का भुगतान नहीं हुआ है, जिससे धोती-साड़ी योजना की राशि जमा कर पाना कठिन हो गया है। संघ के पदाधिकारियों ने सरकार से मांग की कि शीघ्र कमीशन का भुगतान किया जाए ताकि विक्रेताओं की आर्थिक समस्या का समाधान हो सके। बैठक में सुनील सिंह, विकास कुमार मोदी, मनोज महतो, आरती सुदन महतो, तपन गण, सुनीति हांसदा, हेमलाल मुर्मू, अमित मंडल सहित बड़ी संख्या में विक्रेता उपस्थित थे।
भास्कर न्यूज |जामताड़ा राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन (एनएमईओ-ऑयल सीड्स) योजनान्तर्गत वैल्यू चेन पार्टनर के रूप में चयनित आशा संस्थान की ओर से चयनित कृषकों के लिए आत्मा सभागार, जामताड़ा में एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य किसानों को सरसों की वैज्ञानिक पद्धति से खेती करने की जानकारी प्रदान करना और उत्पादन एवं आय में वृद्धि सुनिश्चित करना था। कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने किसानों को बताया कि सरसों की खेती में सल्फर तत्व का उपयोग अत्यंत लाभकारी होता है। सल्फर के संतुलित प्रयोग से न केवल उत्पादन में वृद्धि होती है, बल्कि तेल की गुणवत्ता और बीज की संरचना भी बेहतर होती है। वैज्ञानिकों ने किसानों को मिट्टी परीक्षण, उन्नत किस्मों का चयन, समय पर बुवाई, रोग नियंत्रण, और संतुलित उर्वरक उपयोग की विधियों की जानकारी दी। प्रशिक्षण के दौरान चयनित क्लस्टर के कुल 10 किसानों के बीच कृषि मेपर ऐप के माध्यम से बीज वितरण किया गया। शेष किसानों को बीज वितरण डेमोंस्ट्रेशन प्लॉट पर जाकर संस्था के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाएगा, ताकि किसान फसल की प्रायोगिक विधियों को प्रत्यक्ष रूप से समझ सकें। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) जामताड़ा के प्रधान एवं वरीय वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्नत तकनीक अपनाने से सरसों की उत्पादकता को दोगुना किया जा सकता है। उन्होंने किसानों से सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने का आह्वान किया। मौके पर उप परियोजना निदेशक, आत्मा श्री संजय कुमार सिंह, पौधा संरक्षण प्रवेक्षक श्री समसूदीन अंसारी, बीटीएम जामताड़ा मोहम्मद इकबाल हुसैन, बीटीएम कुंडहित सुजीत सिंह, बीटीएम नाला गंगाधर मंडल, एटीएम अमीर हेंब्रम, तथा आशा संस्था से परियोजना सहायक शबाना कासमी और विषय वस्तु विशेषज्ञ श्रेया हाजरा सहित अन्य अधिकारी एवं कृषि कर्मी उपस्थित थे। अधिकारियों ने किसानों को बताया कि इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। किसानों ने प्रशिक्षण से नई तकनीकों की जानकारी पाकर प्रसन्नता व्यक्त की और सरसों की वैज्ञानिक खेती को अपने खेतों में अपनाने का संकल्प लिया।
दुमका में दस दिन से लापता किशोरी का जंगल में पेड़ से लटका मिला शव
भास्कर न्यूज |दुमका दुमका के सरैयाहाट थाना क्षेत्र के दिग्घी गांव से 27 अक्टूबर को घर से गायब हुई 17 वर्षीय किशोरी का पुलिस ने गुरुवार को तीनघरा टोला के समीप झाड़ी में पेड़ से लटका हुआ क्षत- विक्षत शव बरामद किया। शव का आधा भाग पेड़ से लटका हुआ था और आधा भाग नीचे जमीन पर पड़ा था। ग्रामीणों ने संभावना व्यक्त करते हुए बताया कि हत्या कर एक भाग को वृक्ष में लटका दिया है। इधर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शव का पोस्टमार्टम कराया है। पुलिस अनुसंधान में जुट गई है। किशोरी के पिता ने थाना में आवेदन देकर बताया था कि बेटी 27 अक्टूबर को सुबह घर से निकलकर कहीं चली गई। वह जब शाम तक घर नहीं लौटी तो सभी रिश्तेदारों एवं आसपास काफी खोजबीन की, लेकिन कुछ पता नहीं चला। मृतक के चाचा ने बताया कि किशोरी पहले से बीमार चल रही थी। जिस युवक पर भगा ले जाने की शंका व्यक्त की गई है, वह किशोरी का रिश्ते में भाई लगता है। भगाने से दो दिन पहले ही दिलखुश मुंबई चला गया था। उसके जाने के बाद ही वह घर से निकली। उसकी हत्या नहीं हुई,उसने स्वयं फांसी लगाकर जान दी है। बेटी इसी थाना के बरहेट गांव के दिलखुश पासवान से मोबाइल पर बराबर बात किया करती थी। थाना प्रभारी राजेंद्र यादव ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर पुलिस को अनुसंधान करने में मदद मिलेगी। दुमका|गोपीकांदर थाना क्षेत्र के तालखोड़ा गांव में एक 45 वर्षीय सोना हेंब्रम की ह्रदय गति रुकने से मौत हो गई है। पति रसका मरांडी ने बताया कि सुबह मिट्टी ला रही थी। उसे काठीकुंड के रिंची अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां से चिकित्सक ने दुमका रेफर कर दिया लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई। पंचायत समिति सदस्य अल्बर्ट टुडू ने बताया कि महिला अपने पीछे 18 वर्षीय पुत्र सुतीराम मरांडी, 16 वर्षीय पानसूरी मराण्डी और 14 वर्षीय नमिता मरांडी को छोड़ गई है।
स्कूटी को ठोकर मारने के बाद पोल से टकराई वैन
दुमका |दुमका के जामा थाना क्षेत्र के दुमका मसलिया मुख्यमार्ग पर गुरुवार को अमलाचातर गांव के समीप एक पिकअप स्कूटी सवार को टक्कर मारने के बाद सड़क किनारे बिजली पोल से टकरा गई। दुर्घटना में स्कूटी सवार को हल्की चोट आयी है। उसे इलाज के लिए फुलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है। वहीं बिजली पोल टूट जाने से थोड़ा देर के लिए बिजली बाधित हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही थाना के एएसआई विनय कुमार मौके पर पहुंचे व गाड़ी को जब्त कर थाना ले आये। पिकअप दुमका से मसलिया के तरफ जा रही थी जबकि स्कूटी सवार मसलिया से दुमका की ओर जा रहा था।
मसानजार डैम से युवती का शव बरामद दुष्कर्म के बाद हत्या की आशंका
भास्कर न्यूज |दुमका मसानजोर थाना की पुलिस ने गुरुवार की सुबह डैम से करीब 25 साल की युवती का शव बरामद किया है। हत्या के बाद शव को यहां लाकर फेंक दिया गया है। शव करीब 12 दिन पुराना होने की वजह से पहचान लायक नहीं रहा। पुलिस को हत्या से दुष्कर्म की शंका है। गुरुवार को पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव को तीन दिन के लिए सुरक्षित दिया है। सुबह मसानजोर डैम में नौका चलाने वालों ने शव देख थाना प्रभारी अवधेश कुमार को सूचित किया। थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे और कड़ी मशक्कत के बाद शव को बाहर निकाला। शव पूरी तरह से सड़ चुका था और सर पर एक भी बाल नहीं था। पुलिस ने आसपास के लोगों को बुलाकर शव की शिनाख्त का प्रयास किया, लेकिन कोई पहचान नहीं हो सका। पुलिस को शक है कि कहीं और हत्या करने के बाद शव को यहां लाकर फेंक दिया गया है। अगर युवती की डूबने से मौत होती तो शरीर पर कपड़ा होता। जरूर हत्या करने के बाद कपड़े उतारकर शव को पानी में फेंक दिया गया है। थाना प्रभारी का कहना है कि युवती के शरीर पर कपड़ा नहीं होने के कारण हत्या प्रतीत होती है। हो सकता है कि हत्या से पहले उसके साथ दुष्कर्म हुआ हो, इसलिए पोस्टमार्टम करते समय इस बिंदु पर भी जांच करने को कहा है। युवती का एक हाथ भी कई जगह से कटा हुआ है। हो सकता है कि युवती की हत्या सेल्फी ब्रिज के पास की गई और शव बहता हुआ डैम तक आ गया हो। शव की शिनाख्त का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल अज्ञात पर हत्या का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
कन्वेंशन में 17 को होगा एसकेएमयू का नवम दीक्षांत समारोह
दुमका | सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय (एसकेएमयू) का नवम दीक्षांत समारोह 17 नवंबर को कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया जाएगा। विश्वविद्यालय को इस आयोजन के लिए दुमका जिला प्रशासन और राजभवन से अनुमति प्राप्त हो चुकी है। कन्वेंशन सेंटर एसपी कॉलेज के समीप एग्रो पार्क के पास स्थित है। विश्वविद्यालय परीक्षा नियंत्रक डॉ. रीना नीलिमा लकड़ा ने बताया कि दीक्षांत समारोह में यूजी सत्र, पीजी सत्र , पीजी सत्र, एमएड, बीएड, बीबीए, बीसीए , एमबीए, एमसीए , बी.लिब और एम.लिब के सफल विद्यार्थी उपाधि ग्रहण करेंगे। समारोह की तैयारियां कुलपति प्रो. कुनुल कंदीर के नेतृत्व में जोरों पर हैं। आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए मुख्य आयोजन समिति सहित कई उप-समितियों का गठन किया गया है। गौरतलब है कि विश्वविद्यालय का पिछला दीक्षांत समारोह सितंबर में आयोजित हुआ था, जिसमें झारखंड के राज्यपाल एवं कुलाधिपति संतोष गंगवार मुख्य अतिथि थे। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि इस बार का नवम दीक्षांत समारोह पूरी गरिमा और परंपरा के साथ संपन्न होगा। तैयारियों का अंतिम दौर चल रहा है और विश्वविद्यालय परिसर में उत्साह का वातावरण है।
काठीकुण्ड पुलिस ने पकड़ी 908 लीटर अवैध विदेशी शराब, एक गिरफ्तार
भास्कर न्यूज |दुमका अवैध शराब की तस्करी पर नकेल कसते हुए दुमका जिले के काठीकुण्ड पुलिस ने बुधवार की देरज्ञरात बड़ी सफलता हासिल की। थाना क्षेत्र के शिकारीपाड़ा-काठीकुण् ड सड़क पर वाहन जांच के दौरान पुलिस ने एक सफेद रंग के महिन्द्रा पिकअप से 908 लीटर विदेशी शराब जब्त की। इस दौरान एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जबकि मुख्य कारोबारी मौके से फरार हो गया। थाना प्रभारी त्रिपुरारी कुमार ने बताया कि गुप्त सूचना मिली थी कि शिकारीपाड़ा की ओर से अवैध शराब की खेप लायी जा रही है। आदेश पर पुलिस दल में पदस्थापित पुलिस अवर निरीक्षक विजय प्रताप सिंह, जैप-09 के आरक्षी पवन प्रसाद और नंदकिशोर पाण्डेय के साथ छापेमारी के लिए मौके पर रवाना हुए। चाँदनी चौक के समीप वाहन जांच के दौरान एक पिकअप को रोका गया। चालक लखन महतो (उम्र 45 वर्ष, निवासी – उदलबानी, थाना जामताड़ा, जिला जामताड़ा) ने वाहन में सब्जी लोड होने की बात कही, लेकिन तलाशी में टिरपाल के नीचे 105 कार्टन विदेशी शराब बरामद हुई। हर कार्टन में ऑफिसर चॉइस ब्रांड की 48 शीशियां (180 एमएल) पाई गईं, जिन पर ‘फॉर सेल इन उत्तर प्रदेश ओनली’ लिखा था। बताया गया कि जब्त विदेशी शराब को बिहार ले जाकर बेचा जाना था। पुलिस ने वाहन और शराब जब्त कर काठीकुण्ड थाना मामला दर्ज किया है। पुलिस ने फरार तस्कर मनोज मंडल की तलाश शुरू कर दी है और इस अवैध धंधे से जुड़े अन्य लोगों की पहचान की जा रही है। छापामारी दल में थाना प्रभारी त्रिपुरारी कुमार, सह-अनुसंधानकर्ता केदारनाथ पुरती, विवेक विल्सन बोयपाई, विजय प्रताप सिंह एवं सशस्त्र बल के जवान शामिल थे।
जामताड़ा के जिम्नास्टिक खिलाड़ी राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए प्रयागराज हुए रवाना
भास्कर न्यूज | जामताड़ा जामताड़ा जिले के जिम्नास्टिक खिलाड़ियों का दल ट्रेन से प्रयागराज उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुआ। खिलाड़ी राष्ट्रीय जिम्नास्टिक प्रतियोगिता में भाग लेंगे, जिसका आयोजन जिम्नास्टिक फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान में खेलो गांव पब्लिक स्कूल, प्रयागराज में किया जा रहा है। झारखंड राज्य जिम्नास्टिक संघ द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में जामताड़ा के छह खिलाड़ियों का चयन राष्ट्रीय स्तर के लिए किया गया है। चयनित खिलाड़ियों में अंकन घोष, अनुराधा बाउरी, दीप्तायन घोष, आदर्श प्रसाद, अभिषेक बाउरी और पीयूष रजक शामिल हैं। खिलाड़ियों को राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन के लिए जिला स्तर पर 15 दिनों का विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया था। इस दौरान कोच विनय बिस्वास और अरुण घोष ने खिलाड़ियों को तकनीकी और कौशल संबंधी प्रशिक्षण दिया। जिला जिम्नास्टिक संघ के सचिव राजीव साव ने बताया कि जिम्नास्टिक एक ऐसा खेल है जिसमें संतुलन, शक्ति, लचीलापन, चपलता, समन्वय, कलात्मकता और धैर्य की आवश्यकता होती है। यह खेल शरीर की विभिन्न मांसपेशियों के विकास में अहम भूमिका निभाता है। खिलाड़ियों को रवाना करने के मौके पर स्विमिंग संघ के जिला सचिव देवाशीष मुखर्जी, सरोज यादव, एथलेटिक्स कोच छोटे लाल कामत, सुमित कुमार ओझा, राजीव कुमार साव, विवेक कुमार रजक और संजय रवानी सहित कई खेल प्रेमी उपस्थित थे। सभी ने खिलाड़ियों को राष्ट्रीय प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं दीं।
सहभागी विकास मॉडल को अपनाने का संकल्प
भास्कर न्यूज | फतेहपुर झारखंड जस्ट ट्रांज़िशन यात्रा के तहत गुरुवार को फतेहपुर प्रखंड में जनसंवाद और जनसभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अंगूठियां मोड़ से हुई, जहां से प्रतिभागियों ने पैदल मार्च करते हुए सार्थी कार्यालय एवं पंचायत भवन परिसर तक रैली निकाली। सभा में बड़ी संख्या में स्थानीय जनप्रतिनिधि, महिलाएं, युवा और ग्रामीण समुदाय के लोग शामिल हुए। इस दौरान वक्ताओं ने जलवायु न्याय, सतत आजीविका और अबुआ भागीदारी, अबुआ भविष्य की अवधारणा पर विस्तार से चर्चा की। झारखंड जैसे खनन-प्रधान राज्य में विकास की प्रक्रिया को पर्यावरणीय संतुलन और स्थानीय समुदायों की भागीदारी के साथ आगे बढ़ाना आवश्यक है। कार्यक्रम में घनश्याम, शेखर, कुंदन, अफजल, राजाऊल, राजमेरी, सुशीला और रितिका सहित संवाद संगठन से जुड़े कई कार्यकर्ता मौजूद रहे। सभी ने मिलकर एक न्यायपूर्ण, टिकाऊ और सहभागी विकास मॉडल को अपनाने का संकल्प लिया। जस्ट ट्रांज़िशन यात्रा का मुख्य उद्देश्य झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन और हरित विकास को लेकर जनजागरूकता फैलाना है। यह यात्रा भोगनाडीह दुमका से प्रारंभ होकर राज्य के 13 जिलों से गुजरेगी और अंत में भगवान बिरसा मुंडा की जन्मभूमि उलीहातू खुंटी में समाप्त होगी। यात्रा के माध्यम से समुदायों को यह संदेश दिया जा रहा है कि विकास का मार्ग तभी न्यायसंगत होगा।
मंडल रेल प्रबंधक विनीता ने विजेताओं को किया सम्मानित
भास्कर न्यूज | चित्तरंजन चित्तरंजन रेल इंजन कारखाना (चिरेका) खेलकूद संगठन द्वारा आसानसोल राइफल क्लब में आयोजित 58वां ऑल इंडिया रेलवे शूटिंग चैंपियनशिप का समापन मंगलवार को पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ। यह पहली बार था जब चिरेका खेलकूद संगठन ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता का सफल आयोजन किया। समग्र प्रदर्शन में मध्य रेल ने प्रथम, पूर्व रेल ने द्वितीय तथा पश्चिम रेल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं, पूर्व रेल की आयुषी पोद्दार ने व्यक्तिगत श्रेणी में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान हासिल किया। प्रतियोगिता के विभिन्न वर्गों में कुल 75 पदक प्रदान किए गए। समापन समारोह में मंडल रेल प्रबंधक, आसनसोल, विनीता श्रीवास्तव मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं और विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किए। चिरेका खेलकूद संगठन अध्यक्ष एके मेश्राम तथा चिरेका खेलकूद संगठन सचिव रविंद्र प्रसाद सहित चिरेका के विभिन्न विभागों के प्रधान एवं वरीय अधिकारी भी उपस्थित थे।
ईसीएल की सुरक्षा टीम ने दो कोयला चोर को
भास्कर न्यूज | चित्तरंजन ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के सालानपुर एरिया के डाबर ओसीपी के समीप गुरुवार सुबह श्यामशान काली मंदिर के पास ईसीएल सुरक्षा विभाग टीम, सीआईएसएफ एवं स्थानीय पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से छापेमारी कर दो लोगों को रंगे हाथों कोयला तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया । मौके से भारी मात्रा में अवैध कोयला और उपकरण जब्त किए गए। मौके से सामडीह निवासी कृष्णा रविदास (22) एवं राधाबल्लभपुर निवासी जवान चौहान (58) को गिरफ्तार किया गया। मौके पर से अवैध खनन से निकाला गया कुल 6 मीट्रिक टन अवैध कोयला, तीन कोयला लदे बाइक, एवं बैलचा जब्त किया गया। वही मामले में दोनों आरोपियों को सालानपुर थाना में सुपुर्द कर गिरफ्तार आरोपियों समेत इलाके में कोयला चोरी का किंगपिन बता कर बापी बाउरी, सुमन मंडल, कुसल मंडल, रोहित बाउरी, एवं पिंटू मंडल को नामजद कर शिकायत दर्ज कराया है।
राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरा होने पर जिले में होगा भव्य कार्यक्रम
जामताड़ा| राष्ट्रगीत वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में जिले में कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी की ओर से जिलाध्यक्ष सुमित शरण की अध्यक्षता में प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। जिलाध्यक्ष ने बताया कि वंदे मातरम गीत के 150 वर्ष पूर्ण होने पर भाजपा पूरे देश में इसे उत्सव के रूप में मनाएगी। सभी शैक्षणिक संस्थानों में वंदे मातरम का सामूहिक गायन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह गीत हमारी मातृभूमि की वंदना का प्रतीक है, जिसे पुनः गौरव के साथ जन-जन तक पहुंचाने का उद्देश्य है। कार्यक्रम संयोजक रीता शर्मा ने कहा कि वंदे मातरम केवल गीत नहीं, बल्कि राष्ट्र की ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत है। सह संयोजक आभा आर्या ने कहा कि इसके प्रत्येक शब्द में देशभक्ति की भावना निहित है। सह संयोजक अनीता शर्मा ने कहा कि यह गीत भारत की प्राकृतिक सौंदर्यता और मातृभूमि की महिमा का प्रतीक है। मौके पर जिला सह मीडिया प्रभारी प्रदीप राउत सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
पत्नी की हत्या के दोषी सोम हांसदा को आजीवन कारावास की सजा
भास्कर न्यूज |जामताड़ा पत्नी की हत्या के मामले में तृतीय जिला जज अजय कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय ने गुरुवार को सजा के बिंदु पर अंतिम सुनवाई पूरी करते हुए आरोपी पति सोम हांसदा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने आरोपी पर 10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया।आरोपी सोम हांसदा, नारायणपुर थाना क्षेत्र के मोहनपुर आदिवासी टोला का निवासी है। वह अपनी पत्नी सोखो सोरेन की डंडे से प्रहार कर हत्या करने का दोषी पाया गया। सजा सुनाए जाने के बाद उसे पुनः न्यायिक हिरासत में मंडल कारा भेज दिया गया।उल्लेखनीय है कि अदालत ने 3 नवंबर को आरोपी को हत्या के मामले में दोषी करार दिया था, तथा सजा के निर्धारण के लिए 6 नवंबर की तिथि तय की थी। उसके खिलाफ नारायणपुर थाना कांड संख्या 112/23 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। घटना 12 मार्च 2023 की है।प्राथमिकी के अनुसार आरोपी ने अपनी पत्नी की डंडे से पिटाई कर हत्या कर दी थी। घटना की सूचना सूचक सरजन सोरेन को उनके भांजे हीरालाल हांसदा ने दी थी। आरोपी की शादी लगभग 30 वर्ष पहले सोखो सोरेन से हुई थी।सरकार की ओर से मामले में कुल आठ गवाहों का परीक्षण कराया गया, जिनके आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया गया।
भास्कर न्यूज | जामताड़ा खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के निर्देशों के अनुपालन में गुरुवार को जामताड़ा स्थित कंबाइंड बिल्डिंग रोड पर विभिन्न प्रतिष्ठानों एवं दवा दुकानों की जांच खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी अपूर्वा मिंज द्वारा की गई। इस दौरान एफएस सएआई के आदेश के आलोक में दवा विक्रेताओं को ओआरएस, पुनर्जलीकरण पेय, इलेक्ट्रोलाइट पेय के नाम पर बेचे जा रहे भ्रामक रेडी-टू-सर्व पेयों के विरुद्ध की जा रही नियामक कार्रवाई की जानकारी दी गई। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि ओआरएस शब्द या उसके किसी भी रूप ब्रांड नाम, ट्रेडमार्क, उपसर्ग या प्रत्यय का उपयोग किसी फल आधारित, गैर-कार्बोनेटेड या पीने योग्य पेय उत्पाद के नाम में नहीं किया जा सकता है। ऐसा करना उपभोक्ताओं को भ्रमित करने की श्रेणी में आता है और यह एफएस सएआई के मानकों का उल्लंघन है। दवा दुकानदारों को स्वीकृत उत्पाद ही बेचने का निर्देश, उल्लंघन पर कार्रवाई खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने दवा दुकानदारों को चेताया कि इस प्रकार के भ्रामक उत्पादों का विक्रय बंद करें तथा भविष्य में ऐसे किसी भी उत्पाद की बिक्री पाई जाने पर कड़ी नियामक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने दवा विक्रेताओं से आग्रह किया कि केवल स्वीकृत उत्पादों की ही बिक्री सुनिश्चित करें ताकि उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे। निरीक्षण के दौरान अरविंद प्रसाद लिपिक एवं निकिता मोदी भी उपस्थित रहीं। टीम ने विभिन्न दुकानों के स्टॉक, बिल एवं पैकेजिंग की भी जांच की और संबंधित दुकानदारों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। इस अभियान का उद्देश्य बाजार में उपलब्ध भ्रामक पेयों पर नियंत्रण स्थापित कर उपभोक्ताओं को सही एवं सुरक्षित पेय उत्पाद उपलब्ध कराना है।
संजय गोस्वामी | जामताड़ा केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना में नोटिस पर नोटिस दिए जाने के बावजूद भी हालात में कोई खास बदलाव नहीं दिख रहा है। जिले में 638 से अधिक पीएम आवास निर्माण कार्य लंबित पड़ा हुआ है। ये ऐसे लाभुक हैं, जिन्होंने पहली किस्त के रूप में 40,000 रुपये प्राप्त करने के बावजूद वर्षों बीत जाने के बाद भी घर निर्माण कार्य शुरू नहीं किया है। प्रखंड प्रशासन लगातार नोटिस जारी कर रहा है, परंतु इन लाभुकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा। जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) वित्तीय वर्ष 2016-22 के तहत आवास निर्माण कार्य प्राप्त आंकड़ों के अनुसार जिले के छह प्रखंडों में कुल 55,340 आवासों का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिसमें से 54,702 आवास पूर्ण कर लिए गए हैं, जबकि केवल 638 आवास निर्माणाधीन हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में 99% कार्य पूर्ण कर लिया गया है। जिले में सबसे अधिक लंबित पीएम आवास निर्माण फतेहपुर प्रखंड का है वहीं सबसे कम लंबित पीएम आवास निर्माण कार्य नारायणपुर प्रखंड में है। पीएम आवास निर्माण कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने को लेकर पदाधिकारी द्वारा समीक्षा बैठक की जा रही है ताकि निर्माण कार्य कराया जा सके, मगर लाभुकों की गांव में उपस्थित नहीं रहने सहित राशि को अन्य कार्य में खर्च कर दिए जाने से पीएम आवास निर्माण कार्य में परेशानी हो रही है ऐसे लाभुकों को नोटिस भेज पैसा रिकवरी करने की प्रक्रिया जारी है। कुछ लाभुक राशि प्राप्त करने के बाद चुप्पी साध ली, नहीं बनाए घर सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री आवास योजना (2016–22) के अंतर्गत फतेहपुर प्रखंड में कुल 142 लाभुक ऐसे हैं, जिन्हें आवास निर्माण के लिए राशि तो मिल चुकी है, लेकिन आज तक मकान निर्माण प्रारंभ नहीं किया गया। इनमें से कई लाभुक ऐसे हैं जो अन्य जिलों में रह रहे हैं, जबकि कुछ ने राशि प्राप्त करने के बाद चुप्पी साध ली है। उदाहरण के तौर पर, लाभुक को वर्ष 2021-22 में ही राशि दी गई थी, लेकिन वे अपने परिवार के साथ दूसरे जिले में रह रहे हैं। वहीं अन्य लाभूक को भी किस्त प्राप्त हो चुकी है, मगर उन्होंने अब तक निर्माण कार्य की शुरुआत नहीं की है। प्रखंड प्रशासन के अनुसार, ऐसे लाभुकों को दो बार नोटिस भेजा जा चुका है। पहली बार नवंबर-दिसंबर 2024 में और दूसरी बार हाल ही में। इसके बावजूद अधिकांश लाभुक न तो घर बना रहे हैं और न ही प्राप्त राशि वापस कर रहे हैं। सर्टिफिकेट केस की तैयारी : प्रखंड कोऑर्डिनेटर प्रधानमंत्री आवास योजना के फतेहपुर प्रखंड कोऑर्डिनेटर तापस लायक ने बताया कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद अगर लाभुक कार्रवाई नहीं करते हैं, तो जिला प्रशासन के निर्देशानुसार सर्टिफिकेट केस यानी वसूली की कार्रवाई शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह कदम उन लोगों के लिए आवश्यक है जो सरकारी योजनाओं की राशि का दुरुपयोग कर रहे हैं। लंबित स्थिति इस प्रकार है फतेहपुर प्रखंड में 7,526 आवास स्वीकृत हुए, जिनमें से 7,384 पूर्ण और 142 लंबित हैं। जामताड़ा प्रखंड में 9,452 में से 9,357 आवास पूर्ण, 95 शेष। करमाटांड़ प्रखंड में 9,059 में से 8,964 आवास पूर्ण, 95 लंबित। कुंडहित प्रखंड में 9,287 में से 9,186 आवास पूर्ण, 101 शेष। नाला प्रखंड में 7,970 में से 7,844 आवास पूर्ण, 126 लंबित। नारायणपुर प्रखंड में 12,046 में से 11,967 आवास पूर्ण, 79 शेष हैं।
छात्रों की राज्य स्तरीय चयन परीक्षा में शानदार उपलब्धि
बोकारो | जीजीपीएस बोकारो के खिलाड़ियों ने झारखंड एजुकेशन प्रोजेक्ट काउंसिल के तत्वावधान में आयोजित 69वीं राष्ट्रीय स्कूल गेम्स 2025-26 राज्य स्तरीय ओपन ट्रायल्स में खेल कौशल का प्रदर्शन कर विद्यालय का नाम रोशन किया। शतरंज में 8बी की निधि कुमारी ने राज्य स्तरीय शतरंज प्रतियोगिता में तृतीय स्थान प्राप्त की। प्रतियोगिता 13 से 14 अक्टूबर को मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स खेलगांव रांची में आयोजित हुई। वहीं बास्केटबॉल में कक्षा 10डी की सिद्धि कुमारी मिश्रा को एसजीएफआई राष्ट्रीय बास्केटबॉल चैम्पियनशिप के लिए झारखंड राज्य का प्रतिनिधित्व करने हेतु चयनित किया गया। कक्षा 10ई के कृष्णा कुमार ने राष्ट्रीय स्तर की बास्केटबॉल ट्रायल्स के पहले चरण में चयनित हुए। प्राचार्य ने सभी को सम्मानित किया।
दामोदर में बहे 3 युवकों के शव निकाले गए, दो अब भी लापता
दामोदर नदी में कार्तिक पूर्णिमा का स्नान के दौरान पानी की तेज धार में बहे 6 युवकों में से तीन के शव गुरुवार को स्थानीय गोताखोरों ने खोजबीन के क्रम में पानी से बाहर निकाले। इनमें भूली के रोहन यादव उर्फ गोलू व रोहित यादव तथा भीमकनाली का सन्नी चौहान शामिल हैं। बुधवार की शाम भूली के विजय कुमार यादव का शव निकाला जा चुका था। इस तरह घटना के 36 घंटे के भीतर चार युवकों के शव बरामद किए गए, जबकि दो युवक अभी भी लापता हैं। लापता युवकों में भीमकनाली के सुमित राय और भूली का अनीश कुमार यादव शामिल हैं। अंधेरा हो जाने के कारण शाम 5 बजे रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया गया। 36 घंटे बाद भी लापता युवकों को नहीं ढूंढ पाने से उनके परिजनों में असंतोष देखा जा रहा है। पुलिस ने सभी शवों को कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए धनबाद भेज दिया। फिलहाल मौके पर पुलिस के साथ दोनों युवकों के परिजन कैंप कर रहे हैं। तेलमच्चो पुल पर दोपहिया वाहन खड़े कर दिए परिजन इधर, सुबह करीब 9 बजे रेस्क्यू में विलंब होने और लापता युवकों की शीघ्र बरामदगी की मांग को लेकर भीमकनाली के लोगों ने धनबाद-बोकारो फोरलेन मार्ग को तेलमच्चो पुल पर जाम कर िदया। पुल पर दोपहिया वाहनों को आड़े-तिरछे लगाकर अवरुद्ध कर दिया। बाद में अधिकारियों के आश्वासन के बाद िदन के 11:30 बजे जाम हटाया गया। कार्तिक पूर्णिमा में स्नान के दौरान बह गए थे 6 युवक, आज सुबह िफर रेस्क्यू ये हैं लापता इनके मिले शव सन्नी चौहान सुमित राय अनीश यादव रोहन उर्फ गोलू रोहित यादव विजय यादव
प्रशासन नहीं हटा पाया 29 बूचड़खाने, हवाई उड़ान का नहीं मिल रहा लाइसेंस
बोकारो एयरपोर्ट से हवाई उड़ान शुरू होने की उम्मीद पर ग्रहण लगा हुआ है। वजह दुंदीबाद बाजार क्षेत्र में चल रहे अवैध 29 बूचड़खाने। जिन्हें हटाए बिना नागरिक उड्डयन विभाग एयरपोर्ट को लाइसेंस देने से इंकार कर रहा है। प्रशासन ने बीते 10 महीनों में चार बार नोटिस दिया। लेकिन अब तक दुकानें हटा नहीं पाया। पहली बार जनवरी में चास सीओ ने 29 बूचड़खानों को नोटिस देकर जगह खाली करने को कहा था। इसके बावजूद खाली नहीं किया। इसके बाद मई, अक्टूबर और नवंबर में भी नोटिस जारी किया गया। इस दौरान बीएसएल प्रशासन ने भी अवैध दुकानों पर नोटिस चिपकाया, लेकिन इसका भी कोई असर नहीं दिखा। जबकि प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, एयरपोर्ट परिसर में फायर, एंबुलेंस, वॉच टावर और लाइटिंग सिस्टम जैसी सुविधाएं लगभग पूरी हो चुकी है। केवल सतनपुर पहाड़ी पर वॉच लाइट लगाने का काम बाकी है, जो जल्द पूरा किया जा सकता है। लेकिन जब तक एयरपोर्ट के 5 किलोमीटर दायरे में स्थित बूचड़खाने नहीं हटेंगे, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय से उड़ान संचालन की अनुमति मिलना संभव नहीं है। चास एसडीओ प्रांजल ढांडा ने कहा कि कार्रवाई जारी है, जल्द ही हटाने की प्रक्रिया की जाएगी। उजाड़ने से पहले बसाने की मांग, हवाई अड्डा के खिलाफ प्रदर्शन बोकारो | बोकारो हवाई अड्डा की बाउंड्री से सटे झुग्गी-झोपड़ी वासियों ने गुरुवार को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन से मांग किया कि हवाई अड्डा विस्तार करने के लिए उन्हें उजाड़ा जाएगा। लेकिन इससे पहले उनके पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। इस संबंध में उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा। कहा कि पिछले 40 वर्षों से हवाई अड्डा की बाउंड्री के आसपास रह रहे हैं, जिनमें से कई लोग बीएसएल में सफाई कर्मी के रूप में कार्यरत हैं। कहा कि वे हवाई अड्डा विस्तारीकरण के विरोधी नहीं हैं, लेकिन प्रशासन को पहले उन्हें बसाने का प्रबंध करना चाहिए। विधानसभा समिति ने एक साल पहले दिया था हटाने का निर्देश दिसंबर 2024 में बोकारो पहुंचे झारखंड विधानसभा की गैर-सरकारी संकल्प समिति के सभापति ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि 15 दिसंबर 2024 तक सभी बुचड़खानों को हटा दिया जाए। जिला प्रशासन के साथ बैठक में समिति ने हवाई उड़ान की तैयारियों की समीक्षा की थी और दुकानदारों को 15 दिन का समय भी दिया गया था। लेकिन एक साल बीतने को है, और कार्रवाई अब तक अधर में लटकी है। बोकारो में हवाई उड़ान के लिए कई बार तिथि तय की गई। कई बार राज्य स्थापना दिवस, स्वतंत्रता दिवस पर उड़ान का दावा किया गया। कुछ दिन पहले डीसी ने कार्तिक पूर्णिमा पर भी उड़ान शुरू करने की बातें कही थी। लेकिन शुरू नहीं हुआ। इसका कारण 29 बूचड़खाने हैं। जब तक प्रशासन इन अवैध बूचड़खानों पर सख्त कार्रवाई नहीं करता, तब तक बोकारो एयरपोर्ट से उड़ान भरने का सपना अधूरा ही रहेगा। कई बार तारीख तय हुई, पर नहीं उड़ा जहाज इन दुकानदारों को जारी किया जा रहा है नोटिस कालेश्वर मेहता, बहादुर मेहता, लखन महतो, दिलीप महतो, कैलाश प्रसाद, राजू चिकन सेंटर, आशीष चिकन सेंटर, अजय चिकन सेंटर, अशोक महतो, छोटेलाल महतो, मनोहर महादेव, राजा चिकन सेंटर, विक्रम सोनू, मोहम्मद असलम अंसारी, धर्मेंद्र चिकन, आशीष झटका चिकन, शिव प्रसाद, अमरजीत, प्रदीप झटका, करू महतो, प्रकाश महतो, सुचित कुमार, अजय महतो, मिथुन महतो, आशीष मुर्गा दुकान, गणेश गोराई, अर्जुन महतो और विनोद महतो शामिल हैं। सेक्टर-12 मोड़ स्थित मीट, मुर्गा की दुकानें।
डीसी पहुंचे सदर अस्पताल, सभी मरीजों को कंबला देने का निर्देश
गुरुवार को उपायुक्त अजय नाथ झा ने सदर अस्पताल बोकारो का औचक निरीक्षण किया। उपायुक्त ने इस दौरान अस्पताल प्रबंधन समिति को साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। साथ ही प्रत्येक मरीजों को कंबल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। उन्होंने इसको लेकर सीएस कार्यालय में ही अस्पताल प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ बैठक की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में समिति सदस्य सिविल सर्जन डॉ. अभय भूषण प्रसाद, उपाधीक्षक डॉ. एनपी सिंह व डीएमओ डॉ. रेणु भारती उपस्थित रहीं। साथ ही डीसी ने अल्ट्रासाउंड नहीं होने सहित रजिस्टर संधारण पुस्तिका की जांच की। उन्होंने कहा जो भी कमियां हैं, उसे तुरंत दूर कर मरीजों को बेहतर सुविधा दें। 6 नवंबर को भास्कर में छपी खबर
युवती की मौत पर पति व भैसुर पर हत्या का आरोप
बरमसिया ओपी क्षेत्र के घोड़ागाड़ा गांव में 2 नवंबर को हुई विवाहिता की संदिग्ध मौत के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। मृतका के पिता ने गुरुवार को ओपी में लिखित आवेदन देकर मृतका के पति, भैसुर और गोतनी पर दहेज के लिए हत्या करने का आरोप लगाया है। आवेदन में पुरुलिया जिले के माहुलखूंटा गांव निवासी जितेन दास ने आरोप लगाया कि उनकी पुत्री की शादी 16 मार्च 2025 को संजय दास के साथ हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी। शादी के कुछ महीने बाद की बेटी को दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित व मारपीट किया जाने लगा। संजय दास दहेज के रूप में 60 हजार रुपए की मांग कर रहा था। गरीबी के कारण मांग पूरी नहीं कर सका। इसी बीच संजय मुंबई काम करने अपने पिता के साथ चला गया और वहीं से फोन पर बेटी को धमकी देता रहा। बताया कि घटना के दिन संजय ने फोन पर कहा कि अगर पैसा नहीं दे सकती हो तो फांसी लगा लो, नहीं तो घर आकर जान ले लूंगा। इस धमकी से भयभीत बेटी ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना के बाद भैसुर संदीप दास और गोतनी उमा दास उसे इलाज के बहाने पुरुलिया अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बाद में दोनों शव को वहीं छोड़कर भाग गए। सूचना मिलने पर मृतका के पिता अस्पताल पहुंचे, जहां उन्होंने बेटी का शव पाया। पुलिस प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
चिकित्सा संस्थानों की जांच शुरू, दो दिन में 100+ का निरीक्षण, आज भी चलेगा अभियान
भास्कर संवाददाता | चूरू चिकित्सा मंत्री गजेंद्र खींवसर के निर्देश पर जिले में चिकित्सा संस्थानों की जांच गुरुवार को दूसरे दिन हुई। अब तक 100 से ज्यादा चिकित्सा संस्थानों की जांच हो चुकी है। अभियान शुक्रवार को समाप्त होगा। इसके बाद जांच अधिकारी चिकित्सा संस्थानों में मिली कमियों की रिपोर्ट बनाकर निदेशालय को भिजवाएंगे। सीएमएचओ डॉ. मनोज शर्मा गुरुवार को डीबीएच, सेटेलाइट हास्पिटल, भालेरी सीएचसी एवं तारानगर उप जिला अस्पताल में गए। कई चिकित्सा संस्थानों में सफाई की कमी देखी गई। बतादें कि चिकित्सा संस्थानों की जांच चिकित्सा विभाग के जिला एवं ब्लाक स्तरीय अधिकारी कर रहे हैं। अभियान के तहत मेडिकल कॉलेजों से जुड़े अस्पताल, जिला अस्पताल, एमसीएच, उप-जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का निरीक्षण किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान चिकित्सा संस्थान में भवन एवं साफ-सफाई की स्थिति, मानव संसाधन की उपलब्धता, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, ओपीडी, आईपीडी में मरीजों की संख्या, संस्थान में आने वाले रोगियों की संख्या, एंबुलेंस, निशुल्क दवा एवं जांच योजना के क्रियान्वयन सहित अन्य कई बिंदुओं पर गहन निरीक्षण किया जा रहा है।
अतिवृष्टि से फसल खराब, किसानों ने मुआवजा व बीमा राशि मांगी
भास्कर न्यूज| इंद्रगढ़ इंद्रगढ़ तहसील कार्यालय पर क्षेत्र के भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन तहसीलदार को दिया। किसानों ने ज्ञापन में अतिवृष्टि से खराब हुई फसलों का मुआवजा व बीमा राशि दिलाने की मांग रखी। किसानों ने बताया कि हाल की बरसात के कारण खेतों में पकी हुई धान, मक्का, सोयाबीन, मूंग, उड़द फसलें पूरी तरह खराब हो चुकी हैं। कई जगह अब तक खेतों में पानी भरा हुआ है, जिससे अगली फसलों की समय पर बुवाई भी संभव नहीं हो पाएगी। कई किसानों के पास पशुओं के लिए चारा तक की कमी हो गई है, जिससे वे आर्थिक संकट में फंसते जा रहे हैं। किसानों ने मांग की कि पूरे जिले को अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाए। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा। तहसील प्रभारी हरभजन मीणा, अध्यक्ष अमरलाल सैनी, कैलाशचंद, रामजीलाल, रामनारायण सैनी, प्रहलाद सैनी, गोवर्धन, बिरदीलाल और रामकरण गुर्जर शामिल रहे।

