गोरखपुर के चौरीचौरा इलाके में रहने वाली दो बहनों के साथ 26.45 लाख की साइबर जालसाजी का मामला सामने आया है। लंदन से एक जालसाज ने सोशल मीडिया पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर दोनों बहनों से बात चीत कर विश्वास जमाया। बोला- मेरी कोई बहन नहीं है, भाई-बहन का रिश्ता जोड़कर बातचीत करने लगा। अपने बर्थडे में दोनों बहनों को मंहगा गिफ्ट भेजने का झांसा देकर, उनसे रुपये लेकर हड़प लिए। दोनों बहनों ने अपने गहने बेच कर उसे रुपये भेजे थे। चौरीचौरा की 35 साल की अंजू वर्मा ने साइबर क्राइम थाने में तहरीर देकर मंगलवार को अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। साइबर क्राइम थाने की पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। अब विस्तार से पढ़िए पूरी घटना अंजू वर्मा ने बताया- मेरे पति बाहर रहते हैं। घर पर उनके साथ सगी बहन खुशबू रहती हैं। अंजू ने बताया- मेरी बहन के सोशल मीडिया एकाउंट पर 22 अप्रैल 2025 को एक अंजान व्यक्ति का फ्रेंड रिक्वेस्ट आया। जिसे गलती से बहन ने स्वीकार कर लिया। इसके बाद वह व्यक्ति बातचीत करने लगा। उसने बताया, वह लंदन में रहता है। उसका नाम अमन है। उसने कहा- मेरी कोई बहन नहीं है। आप दोनों को मैं अपनी बहन मानता हूं। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों के बारे में पूछने लगा। उसने बोला मुझे सबसे बात करनी है, इस तरह विश्वास में लेकर भाई बहन का रिश्ता जोड़कर दोनों बहनों से बातें करने लगा। अपने बर्थडे में भेजा गिफ्ट तीन दिन बीत जाने के बात अमन बोला- दीदी 25 अप्रैल को मेरा जन्मदिन है। मैं आप लोगों को गिफ्ट भेज रहा हूं। हम दोनों बहनों ने मना किया। इसके बाद भी वह बोला कि दीदी मैंने गिफ्ट भेज दिया है। 28 अप्रैल को मेरी बहन के मोबाइल नंबर पर हिमांशू खरे नाम के डिलेवरी ब्याव का फोन आया। उसने बताया- आपका गिफ्ट लंदन से मुम्बई एअरपोर्ट पर आया है। जिसके लिये आपको डिलेवरी चार्ज देना पड़ेगा। यह कहते हुए उसने स्कैनर भेजा माल छुड़ाने के लिए 17000 रुपये की डिमांड की। जिसपर मेरी बहन ने मुझसे कहा तो मैने स्कैनर पर 17000 रुपये भेज दिए। कस्टम विभाग ने पकड़ लिया गिफ्ट थोड़ी देर बात डिलेवरी ब्याय का फिर फोन आया कि मुम्बई एअरपोर्ट पर निकलते समय गिफ्ट कस्टम विभाग ने पकड़ लिया है। उसमे डायमंड व गोल्ड की महंगी ज्वेलरी है। जिसके लिए 50000 रुपये देने पड़ेंगे। टैक्स जमा करना पड़ेगा। फिर हम दोनों बहनों ने किसी तरह से 50 हजार रुपये का अरेंजमेंट कर भेजा। लेकिन कोई डिलेवरी हम लोगों को नहीं मिली। डिलेवरी ब्वाय कई प्रकार से डराकर अलग-अलग खाते में पैसा मंगाता रहा। कुछ दिन बाद फिर फोन आया कि जिसने गिफ्ट भेजा है। उसे लंदन से आना पड़ेगा, तभी सामान मिलेगा। डिलेवरी ब्वाय अमन को फोन कर लंदन से मुंबई बुलाया। अमन का फोन आया कि हम मुंबई आ गये हैं। हम दोनों को CBI वालों ने पकड़ लिया है। दीदी हमको किसी तरह यहां से छुड़ाकर लंदन भेजिए। उसके बाद से फोन कर बोलने लगा कि दीदी मुझे बचा लीजिए। यह कहकर दोनों बहनों से पैसा मांगता रहा। इस प्रकार हम दोनों बहनों ने ये सोचते हुए कि एक अजनबी को जान को खतरा है। उसके झांसे में आकर अपना सारा जेवर बेच कर रूपया देते रहे। इस प्रकार अप्रैल से 15 अक्टूबर तक 26.50 लाख रुपये दे दिए। लेकिन कोई गिफ्ट नहीं मिला। वहीं अमन लगातार रुपये मांगता रहा। 25 लाख रूपया इश्योरेन्स के नाम पर भी मांग रहा था। इस घटना के बाद दोनों बहनें मानसिक रूप से परेशान हो गए हैं। पति बाहर रहते हैं, घर पर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। एक्सपर्ट जालसाज के बारे में जुटा रहे जानकारी इस संबंध में साइबर क्राइम थाने के प्रभारी रशीद खान ने बताया कि महिला की तहरीर पर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साइबर एक्सपर्ट को जालसाज के बारे में पता लगाने के लिए लगाया गया है।
राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर की डिवीजन बेंच ने वाहन फिटनेस सेंटर विवाद में अहम आदेश दिया है। जस्टिस डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस अनुरूप सिंघी की खंडपीठ ने स्पष्ट किया है कि जब तक किसी जिले में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (ATS) स्थापित नहीं हो जाते, तब तक उदयपुर फिटनेस सेंटर सहित अन्य याचिकाकर्ताओं को FIJA-2018 योजना के अनुरूप अपनी स्वचालित मशीनों के माध्यम से संचालन की अनुमति दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले 15 फिटनेंस सेंटर्स संचालकों की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद 25 सितंबर को जस्टिस कुलदीप माथुर की एकलपीठ ने भी ऐसा ही आदेश किया था। इस पर राज्य सरकार ने डिवीजन बेंच में अपील की थी। खंडपीठ ने आंशिक संशोधन के साथ एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखा। कोर्ट के चार महत्वपूर्ण निर्देश क्या है FIJA-2018 योजना FIJA-2018 (Fitness Inspection and Judging Apparatus) एक योजना है जिसके तहत निजी फिटनेस सेंटर स्वचालित मशीनों और उपकरणों का उपयोग करके वाहनों की फिटनेस जांच करते हैं और प्रमाण पत्र जारी करते हैं। इस योजना में वाहनों की ब्रेक, लाइट, उत्सर्जन और अन्य सुरक्षा पैरामीटर की जांच की जाती है। नए नियमों की पृष्ठभूमि केंद्र सरकार ने सेंट्रल मोटर व्हीकल (Twenty First Amendment) Rules 2021 में नए प्रावधान लागू किए। इसके बाद राजस्थान सरकार ने 2 जुलाई 2025 को ऑफिस ऑर्डर नंबर 05/2025 जारी कर ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (ATS) की स्थापना और नियंत्रण के लिए दिशानिर्देश जारी किए। नए नियमों के अनुसार, सभी प्रकार के भारी और मध्यम वाहनों के लिए ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन के माध्यम से ही टेस्टिंग सुविधा उपलब्ध करानी होगी। फिटनेस सेंटर संचालकों के लिए राहत यह आदेश फिटनेस सेंटर संचालकों के लिए बड़ी राहत है। सरकार ने नए नियम लागू करके FIJA-2018 योजना के तहत चल रहे निजी फिटनेस सेंटरों को बंद करने का आदेश दिया था। लेकिन हाईकोर्ट के इस आदेश से अब वे तब तक काम जारी रख सकते हैं जब तक उनके जिले में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन स्थापित नहीं हो जाते। वाहन मालिकों को भी फायदा इस आदेश से वाहन मालिकों को भी लाभ होगा। जिन जिलों में अभी तक ATS स्थापित नहीं हुए हैं, वहां के वाहन मालिक निजी फिटनेस सेंटरों से अपने वाहनों की फिटनेस करवा सकेंगे। इससे उन्हें फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सरकार के लिए समयसीमा कोर्ट के आदेश से सरकार के लिए स्पष्ट समयसीमा तय हो गई है। उसे 30 दिनों के भीतर ATS स्थापना के लिए प्राप्त आवेदनों पर निर्णय लेना होगा। साथ ही चार सप्ताह में ATS की स्थापना और निजी आवेदनों की स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी। इन फिटनेस सेंटर्स के संचालकों ने दायर की थी याचिका इसके लिए उदयपुर फिटनेस सेंटर, वाहन फिटनेस सेंटर नागौर, नवदीप फिटनेस सेंटर जोधपुर, रॉयल मोटर्स फिटनेस सेंटर जोधपुर, श्री विनायक ऑटो फिटनेस सेंटर नागौर, राजस्थान व्हीकल फिटनेस सेंटर नोखा, बीकानेर, प्रेरणा परिवहन फिटनेस सेंटर सिरोही, शिवकृपा फिटनेस सेंटर प्राइवेट लिमिटेड दौसा, प्रेक्षा परिवहन फिटनेस सेंटर जोधपुर, मीरा फिटनेस सेंटर नागौर, महादेव फिटनेस सेंटर जोधपुर, मारवाड़ फिटनेस सेंटर नागौर, अलवर फिटनेस सेंटर नागौर, पवन व्हीकल फिटनेस सेंटर प्राइवेट लिमिटेड ब्यावर अजमेर, बालाजी एलायंस सिरोही सहित कुल 15 याचिकाकर्ता शामिल थे।
कार्तिक पूर्णिमा देव दिवाली के अवसर पर मथुरा वृंदावन के घाट और यमुना दीपों की रोशनी से जगमगाएगी। मथुरा वृंदावन में देव दिवाली के अवसर पर ढाई लाख दीपक जलाये जायेंगे। मथुरा देव दीपावली महोत्सव समिति सवा लाख दीप जलायेगी तो वृंदावन में संत ऋतेश्वर महाराज के सानिध्य में एक लाख 8 हजार दीपों से दीपदान किया जायेगा। शंख ध्वनि से होगा शुभारंभ कार्तिक पूर्णिमा को सायं 5 बजे से वेदव्यास जी की साधना स्थली कृष्ण गंगा घाट से विश्राम घाट सहित ध्रुव जी महाराज की तपस्थली ध्रुव घाट तक एवं यमुना पार के सभी प्राचीन घंटों पर सवा लाख दीपक प्रज्वलित कर भव्य देव दीपावली महोत्सव मनाया जाएगा। महोत्सव का मुख्य आयोजन सती बुर्ज राजा घाट पर होगा जिसमें ब्रज के संत धर्माचार्यों एवं मथुरा महानगर के नागरिकों द्वारा शंख ध्वनि के साथ महोत्सव का शुभारंभ किया जाएगा। चातुर्मास में ब्रज में 33 करोड़ देवी-देवता करते हैं निवास इस अवसर पर महोत्सव समिति के अध्यक्ष पंडित सोहन लाल शर्मा ने कहा कि पुराणों के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा से कार्तिक पूर्णिमा तक चातुर्मास में ब्रज में 33 करोड़ देवी-देवताओं का निवास रहता है कार्तिक पूर्णिमा को सभी देवी-देवता मां यमुना जी से आशीर्वाद लेकर अपने अपने स्थान पर प्रस्थान करते हैं इसी मान्यता को लेकर देव दीपावली महोत्सव समिति द्वारा यह भव्य आयोजन किया जाता है। महामंत्री आचार्य ब्रजेन्द्र नागर ने बताया कि यमुना के सभी घाट सवा लाख दीपकों से जगमगाएंगे तथा सभी घाटों पर आकर्षक लाइटिंग व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा विशाल शिवलिंग आकर्षण का केन्द्र रहेगा प्रमुख घाटों पर रंग, फूलों व दीपकों से आकर्षक रंगोली बनाई जाएगी तथा नाव पर आकर्षक झांकियां सजाई जाएगी । वृंदावन में चीरघाट पर होगा आयोजन कार्तिक मास के पावन अवसर पर सद्गुरु ऋतेश्वर महाराज की दैनिक पदयात्रा में लाखों भक्तों की आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है।यह पदयात्रा प्रतिदिन सायं 6:15 बजे से सुनरख रोड़ स्थित श्री आनंदम धाम से प्रारंभ होकर परिक्रमा और श्री बांके बिहारी मंदिर से होकर चीरघाट, यमुना जी के तट तक पहुँचती है। इस दौरान भक्तजनों को श्रीयमुना महारानी का दर्शन, पूजन और आरती करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है। इसी के अंतर्गत 5 नवम्बर को सद्गुरु ऋतेश्वर महाराज के सानिध्य में चीर घाट,यमुना तट पर 1 लाख 8 हज़ार दीपों का दीपदान संपन्न होगा। इस दीपोत्सव से सम्पूर्ण ब्रजभूमि आस्था एवं प्रकाश से आलोकित हो उठेगी।
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे स्वर्गीय अर्जुन सिंह की जयंती पर आज भोपाल में कार्यक्रम होंगे। सुबह 10:30 बजे विधानसभा के सेंट्रल हॉल में सीएम डॉ मोहन यादव, विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर, विधायकों, मंत्रियों और अर्जुन सिंह परिवारजनों के साथ पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। अमेठी के सांसद कार्यक्रम में होंगे शामिलरवीन्द्र भवन में अर्जुनसिंह सद्भावना मंच द्वारा आयोजित 'यादें अर्जुन सिंह समारोह’ में महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्निथला मुख्य अतिथि रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता अमेठी के सांसद किशोरीलाल शर्मा करेंगे। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आरिफ नसीम खान, भोपाल के मध्य से विधायक आरिफ मसूद और उत्तर विधायक आतिफ अकील विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। आयोजन समिति के संरक्षक और पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया और उनके बड़े भाई अभिमन्यु सिंह अतिथियों का स्वागत और आभार करेंगे। रविन्द्र भवन में होगा मुशायरा और कवि सम्मेलन आयोजन समिति के सचिव डा० महेन्द्र सिंह चौहान ने बताया रविन्द्र भवन के मुक्ताकाश मंच पर रात आठ बजे से अखिल भारतीय मुशायरा और कवि सम्मेलन का आयोजन होगा। इस अवसर पर आयोजित मुशायरा और कवि सम्मेलन में प्रख्यात रचनाकार ताहिर फराज़ (रामपुर), पापुलर मेरठी (मेरठ), शकील आज़मी (मुम्बई), खुर्शीद हैदर (मुजफ्फरनगर), नदीम फार्रुख (एटा), मुमताज नसीम (दिल्ली), बिलाल सहारनपुरी (सहारनपुर), और तबरेज मुनव्वर राणा (लखनऊ) अपनी प्रस्तुति देंगे। अर्जुन सिंह अलंकरण से यह हस्तियां होंगी सम्मानितअर्जुनसिंह अलंकरण से सप्रे संग्रहालय के संस्थापक वरिष्ठ पत्रकार पद्मश्री विजयदत्त श्रीधर, पूर्व ओलंपियन हाकी खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद्र, कलाधर्मी पद्मश्री हरि चन्दनसिंह भट्टी और प्रसिद्ध कबीर लोक गायक पद्मश्री प्रहलाद सिंह टिपानिया को सक्रिय योगदान के लिये अलंकृत किया जायेगा।
हम आपको बता रहे हैं, भोपाल शहर में आज कहां-क्या हो रहा है। यहां हर वो जानकारी होगी, जो आपके काम आएगी। संगीत-संस्कृति, आर्ट, ड्रामा के इवेंट से लेकर मौसम, सिटी ट्रैफिक, बिजली-पानी की सप्लाई से जुड़ा हर अपडेट मिलेगा। काम की जरूरी लिंक्स
लुधियाना की सीएमसी कॉलोनी भामियां रोड में रहने वाले एक युवक ने दो पेज का सुसाइड नोट और एक वीडियो अपलोड किया। वीडियो व सुसाइड नोट अपलोड करने के बाद वह लापता हो गया। परिवार उसे ढूंढने में लगा है। सुसाइड नोट अपलोड करने वाले युवक का नाम अजय कुमार हे और व सीएमसी कॉलोनी भामियां रोड पर सेनेटरी की दुकान चलाता है। उसने सुसाइड नोट में विक्की नाम के व्यक्ति को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। उसने विक्की नाम के व्यक्ति पर आठ लाख रुपए की ठगी का आरोप लगाया है। परिवार ने इस मामले की शिकायत थाना जमालपुर में दे दी है। दुकान दिलाने के नाम पर लिए थे 8 लाख रुपए सुसाइड नोट में दुकानदार ने लिखा है कि विक्की नाम के व्यक्ति ने उससे दुकान दिलाने के नाम पर आठ लाख रुपए लिए। उसके बाद उसने न तो दुकान दी और न ही पैसे वापस दिए। बार बार पैसे मांगने के बाद भी उसने पैसे वापस नहीं दिए जिससे वो मानसिक तनाव में आ गया। सरपंच के सामने दो मीटिंगें हुई सुसाइड नोट में दुकानदार ने लिखा है कि यह मामला सरपंच के पास पहुंचा तो दो बार बैठक हुई। बैठक के बावजूद उसने पैसे वापस नहीं दिए। दूसरी बैठक में उसने दबाव बनाकर किस्तों में पैसे देने को कहा। पैसे न मिलने के कारण उसकी आर्थिक स्थिति खराब हो गई। धोखाधड़ी व आर्थिक स्थिति खराब होने से व परेशान हो गया। इसलिए वो अपनी जीवनलीला समाप्त कर रहा हे। अभी तक नहीं लगा कोई सुराग सुसाइड नोट व वीडियो अपलोड करने वाले दुकानदार का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। परिवार ने थाने में लापता की सूचना दी है। जमालपुर थाना पुलिस का कहना है कि दुकान के परिजनों ने लापता की शिकायत दी है। उसे ढूंढने की कोशिश की जा रही है। दुकानदार ने वीडियो में यह कहा विक्की ने दुकान के नाम पर आठ लाख रुपए की ठगी मारी। इसमें उसका परिवार भी शामिल है। इस विषय में मैं पहले ही कुछ करने की सोच रहा था। लोगों के समझाए मुताबिक मैं सरपंच साहब के पास गया। पहली मीटिंग हुई। उसमें थोड़ा बहुत समझौता हो गया। जो दूसरी मीटिंग हुई उसमें बहला फुसला के मेरे को झांसे में लेकर मेरी पेमेंट की बेकदरी की गई। एक पक्ष का फैसला सुनाया गया। उससे मेरा मेंटल हेल्थ और फाइनेंशियल प्रोब्लम आई। उसकी वजह से मैं आत्महत्या की कोशिश करने लगा हूं। इसके जिम्मेदार विक्की व विक्की का परिवार है। जिन्होंने सोची समझी साजिश के तहत मेरे साथ आठ लाख रुपए की ठगी मारी है। जब मैं पेमेंट वापसी के लिए गया मेरे साथ समझौते के तहत पेमेंट किस्तों में बांध ली जबकि इनको चाहिए था कि पेमेंट थोड़ी बहुत कैश देते बाकी थोड़ा बहुत समय दे सकते थे।
रेलवे ने किया रेलवन ऐप लॉन्च:टिकट बुक , शिकायत और ट्रैकिंग सब एक जगह कर सकेंगे यात्री
भारतीय रेल ने यात्रियों की सुविधा और डिजिटल सुविधा को बढ़ाने के लिए “रेलवन” मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। यह ऐप “One App for All Railway Needs” के कॉन्सेप्ट पर आधारित है और रेलवे की सभी प्रमुख सेवाओं को एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराता है। लखनऊ मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक कुलदीप तिवारी ने बताया कि, यह पहल रेल यात्रियों के अनुभव को अधिक सरल, पारदर्शी और तकनीक-आधारित बनाएगी। एक ऐप, अनेक सुविधाएं रेलवन ऐप के माध्यम से यात्री अब अपनी यात्रा से जुड़ी लगभग हर ज़रूरी सेवा का लाभ ले सकते हैं। इस ऐप से— आरक्षित, अनारक्षित, प्लेटफॉर्म और सीजन टिकट आसानी से बुक किए जा सकते हैं। ट्रेन की लाइव लोकेशन, पीएनआर स्थिति और कोच पोजीशन तुरंत देखी जा सकती है। यात्रा के दौरान ई-कैटरिंग की सुविधा उपलब्ध है। Rail Madad के ज़रिए शिकायत दर्ज करने और रिफंड प्रबंधन की सुविधा मिलती है। R-Wallet के ज़रिए अनारक्षित टिकट बुकिंग पर 3% की छूट का लाभ दिया जा रहा है। ऐसे करें “रेलवन” ऐप इंस्टॉल अपने एंड्रॉयड मोबाइल पर गूगल प्ले स्टोर खोलें। “RailOne” सर्च करें और ऐप इंस्टॉल करें। अपने मोबाइल नंबर से नया पंजीकरण करें। यूज़रनेम और पासवर्ड सेट कर लॉग इन करें। इसके बाद जर्नी प्लैनर , लाइव ट्रेन ट्रैकिंग सहित सभी सुविधाओं का लाभ उठाएं। लखनऊ मंडल में शुरू होगा जागरूकता अभियान यात्रियों को ऐप की जानकारी देने के लिए लखनऊ मंडल के प्रमुख स्टेशनों पर “रेलवन” जागरूकता अभियान शुरू किया जा रहा है। रेलवे का कहना है कि इस डिजिटल पहल से सेवा वितरण में पारदर्शिता बढ़ेगी और यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा।
गाजियाबाद में एनडीआरएफ रोड पर एक शीशे की शॉप में मंगलवार रात 8 बजकर 15 मिनट पर शीशे गिर गए। इन शीशों के नीचे दुकान मालिक और 2 किशोर दब गए, जिसमें एक किशोर मामली रूप से घायल हुआ। जबकि 15 साल का कैफ 25 मिनट तक दबा रहा। 100 से ज्यादा लोगों को हुजूम उमड़ पड़ा, जहां एनडीआरएफ के जवान भी मौके पर पहुंचे। जिसके बाद एनडीआरएफ और पुलिस ने लोगों की मदद से शीशे हटाकर कैफ की जान बचाई। जिसका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। देखिए हादसे की तस्वीरें... 9 बजे बंद करनी थी शॉप गाजियाबाद के कविनगर थाना क्षेत्र में एनडीआरएफ रोड पर मसूरी निवासी कादिर चौधरी की एके ग्लास एंड एल्युमिनियम वर्कशॉप है। कादिर के अलावा मंगलवार रात 8:15 बजे इस वर्कशॉप में 14 और 15 साल के दो किशोर भी मौजूद थे। शॉप बंद करने से पहले शीशे की संख्या गिनी जा रही थी। अचानक दुकान में शीशे गिर गए। इस दौरान दुकान मालिक कादिर (38 साल) और कैफ(13 साल) दब गए। जबकि 14 साल का एक किशोर मामूली रूप से घायल हुआ है। मौके पर लोगों ने पुलिस को सूचना दी। दोनों को शीशे हटाकर बाहर निकलने का प्रयास किया। शीशे नहीं हटे तो पुलिस को सूचना दी। इस दौरान पास में अपनी बटालियन होने के चलते एनडीआरएफ के जवान भी मौके पर पहुंच गए। गनीमत रही कि गर्दन नहीं कटी इसमें कैफ की गर्दन 20 से 25 मिनट तक शीशे के नीचे फंसी रही। करीब आधा घंटे की मशक्कत के बाद दुकान मालिक और घायल किशोर को किसी तरह चीजों से निकलते हुए अस्पताल में भेजा गया। गनीमत रही कि जहां दोनों दबे शीशे और बीच में दीवार आ गई नहीं तो दोनों के साथ अनहोनी हो सकती थी। एसीपी कविनगर सूर्यबली का कहना है कि इस मामले में कोई तहरीर नहीं आई है
शास्त्री ब्रिज मध्यभारत की सबसे बड़ी योजनाओं में शामिल था। ब्रिज का उद्घाटन करने के लिए खुद लाल बहादुर शास्त्री इंदौर आए थे। यह उस वक्त का पहला ऐसा ब्रिज था जो रेलवे ओवर ब्रिज कहलाया। उस जमाने में शास्त्री ब्रिज से चंद कारों के अलावा बग्गी, साइकिलें,तांगे ही गुजरा करते थे। मगर इस ब्रिज को अगले 100 साल की प्लानिंग करके बनाया गया था। इस ब्रिज को बनाने में शहर के ही लोकल इंजीनियरों का रखा गया था। आज भी इस ब्रिज की अच्छे से मरम्मत कर दी जाए ये तो यह ब्रिज अगले एक-दो दशक तक अपनी सेवाएं इंदौर को दे सकता है। यह कहना है इंदौर के इतिहासकार जफर अंसारी का। दरअसल, रविवार को शास्त्री मार्केट के पास शास्त्री ब्रिज की रोड में 6 फीट चौड़ा और 5 फीट गहरा गड्ढा चूहों के कारण हो गया था। उसे तुरंत मटेरियल डालकर बंद किया गया। सोमवार को जनकार्य प्रभारी राजेंद्र राठौर ने वहां की स्थिति देखी। जीएसआईटीएस और नगर निगम के इंजीनियर्स से ब्रिज का निरीक्षण कराया। उनके कहे अनुसार गड्ढे की मिट्टी को वापस निकाला गया। वहां नए ढंग और तकनीक से गड्ढे का भराव किया। साथ ही जहां सुधार की जरूरत होगी उसे भी ठीक कराया जाएगा, ब्रिज सुधार के लिए 40 लाख रुपए मंजूर किए गए है। 12 जनवरी 1953 को हुआ उद्घाटन इतिहासकार जफर अंसारी ने दैनिक भास्कर को बताया शास्त्री ब्रिज इंदौर शहर ही नहीं बल्कि मध्यभारत के प्रारंभिक रेलवे फ्लाई ओवर ब्रिज में से एक है। ब्रिज को बनने में करीब ढाई साल का समय लगा था, जिसे शहर के ही लोकल इंजीनियरों और ठेकेदारों द्वारा बनाया गया था। 12 जनवरी 1953 में ब्रिज का उद्घाटन लाल बहादुर शास्त्री द्वारा किया गया था, उस समय वे परिवहन मंत्री थे। इसी वजह से इस ब्रिज का नाम शास्त्री ब्रिज भी पड़ा था। इस ब्रिज ने इंदौर शहर की रीड का काम किया। इस ब्रिज का निर्माण मध्यभारत की सबसे बड़ी योजनाओं में से एक था। उन्होंने बताया कि 50-60 के दशक में इस ब्रिज से दिनभर में गिनती की ही कारें गुजरा करती थी। उस समय ब्रिज से अमूमन साइकिलें, तांगे और बैल गाड़ियां ही गुजरा करती थी। ट्रैफिक भी बड़ा सुगम और प्रदूषण मुक्त था। शास्त्री ब्रिज के बनने के पहले गांधी हाल के सामने से रीगल से होते हुए एक रास्ता था, जिस पर रेलवे सिग्नल पर भीड़ हो जाया करती थी। रीगल के नजदीक ही होलकर रियासत का ऑक्टेयर नाका हुआ करता था, रियासत के जमाने में व्यापार के लिए यहां पर नाका देना होता था। संगमरमर का बोर्ड लगा था, हो गया गायब वे बताते हैं कि शास्त्री ब्रिज के ऊपर (बीच में) संगमरमर का एक बोर्ड लगा था, जिसका मेटल का फ्रेज आज भी ब्रिज पर लगा हुआ है। इस बोर्ड पर लिखा था लाल बहादुर शास्त्री पुल, मगर आज ये पत्थर यहां से गायब है। शास्त्री ब्रिज के निर्माण के समय महात्मा गांधी प्रतिमा स्थापित नहीं थी। उन्होंने बताया कि वर्तमान एसपी ऑफिस के पास शास्त्री ब्रिज के एक हिस्से को चौड़ा किया गया था। शास्त्री ब्रिज के ऊपरी हिस्से पर दशकों तक एक ट्रैफिक सिपाही ट्रैफिक को कंट्रोल करता था, क्योंकि उस समय स्टेशन की ओर जाने के लिए रास्ता खुला था। शास्त्री ब्रिज के आसपास रीगल सिनेमा, मिल्की वे, यशवंत एवं बम्बिनो टॉकिज थे। इसलिए इसके आसपास अच्छी खासी चहल-पहल होती थी। ब्रिज के चारों ओर हरियाली से लबालब इलाका था। शास्त्री ब्रिज के बनने के बाद इसके नजदीक शास्त्री मार्केट बनाया गया जहां बेहद खूबसूरत एक बावड़ी थी जिसे बंद कर दिया गया। 80- 90 के दशक तक इंदौर के कुछ स्कूलों के स्टूडेंट्स तागों से इसी ब्रिज से होकर स्कूल जाया करते थे। 90 के दशक में इंदौर में टेम्पो का चलन बड़ा और यह यातायात का मुख्य साधन था। शास्त्री ब्रिज पर इन टेम्पो की सांस फूल जाया करती थीं और कई बार टेम्पो चढ़ते समय यहां रुक जाया करते थे। जालियों के पीछे छिप गया नाम शास्त्री ब्रिज की बात करें तो यहां पर ब्रिज के दोनों तरफ संगमरमर के दो बोर्ड लगे है। जिसमें एक बोर्ड पर अंग्रेजी में लिखा है इस ब्रिज का उद्घाटन लाल बहादुर शास्त्री द्वारा किया गया है। वहीं दूसरी तरफ बोर्ड पर इस ब्रिज को बनाने वालों के नाम लिखे हैं, लेकिन उनके नाम भी वक्त के साथ दिखना बंद हो गए हैं। ब्रिज के दोनों तरफ जहां ये बोर्ड लगे है वहां पर लोहे की जालिया रखी है, जिसके कारण ये दोनों बोर्ड नजर नहीं आते है। वहीं ब्रिज के ऊपर आने के लिए दोनों तरफ सीढ़ियां भी बनी हैं, हालांकि देखरेख के अभाव में इनकी हालत भी खराब हो रही हैं। सीढ़ियां जगह-जगह से टूट गई हैं। सीढ़ियों पर गंदगी भी फैली नजर आती है। हालांकि आज भी कई लोग इन सीढ़ियों का इस्तेमाल ब्रिज पर चढ़ने उतरने के लिए करते हैं। इतिहासकार जफर अंसारी ने कहा कि अगर ब्रिज की अच्छी तरीके से मरम्मत कर दी जाए तो ये आने वाले दो दशकों तक शहर को अपनी सेवाएं दे सकता है। चूंकि काफी अरसे से इसकी मरम्मत नहीं हुई है, इसलिए इसके आसपास झाड़ियां भी उग आई हैं। मंगलवार को भी चला सुधार कामइधर, ब्रिज में रोड धंसने के बाद मंगलवार को भी यहां पर सुधार काम किया गया। इसके चलते यहां पर बैरिकेड भी लगाए गए थे। साथ यहां पर काम के लिए सारा सामान भी रोड के किनारे रखा हुआ था। कई लोग यहां पर सुधार का काम कर रहे थे। जनकार्य प्रभारी राजेंद्र राठौर ने बताया कि यहां पर स्लैब भरने का काम किया जा रहा है, जिसके बाद आगे का काम किया जाएगा। ये खबर भी पढ़ें... इंदौर में चूहों ने खोद दी शास्त्री ब्रिज की मिट्टी इंदौर के पुराने और व्यस्त शास्त्री ब्रिज पर रविवार को रोड किनारे का एक हिस्सा अचानक धंस गया। जिससे यहां एक गड्ढा हो गया। गांधी प्रतिमा से शास्त्री मार्केट की ओर जाने वाली लेन में 5 फीट गहरा और करीब 6 फीट लंबा गड्ढा हो गया था। पूरी खबर पढ़ें
ग्वालियर में गेहूं की बोरियों में 50 से ज्यादा सल्फास की गोलियां और सल्फास कैप्सूल का छिड़काव ने एक परिवार को खत्म कर दिया है। परिवार का इकलौता चिराग वैभव और उसकी बहन क्षमा उर्फ वैष्णवी की मौत हो चुकी है, जबकि इनके मां-पिता की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। घायल पिता को अब याद आ रहा है कि शायद वह कूलर नहीं चलाया होता तो परिवार की यह हालत नहीं होती। जिस समय सल्फास की गोलियां पोर्च में रखे गेहूं में रखी गई थी। उस समय सत्येन्द्र शर्मा का परिवार घर पर नहीं था। वह रात को लौटे तो सल्फास रखे जाने से अनजान थे। उन्होंने कमरे में अंदर से दरवाजा लगाया और सोने चले गए। इस दौरान गर्मी लगने पर कूलर ऑन कर दिया। कूलर में लगे एग्जॉस्ट फैन ने बाहर बन रही जहरीली गैस को खींचकर कमरे में भर दिया, जिससे पूरा परिवार सल्फास की जहरीली गैस की चपेट में आ गया। 250 क्विंटल गेहूं में रखीं थी सल्फास की 50 गोलियां पुलिस को जांच में पता लगा है कि मकान मालिक ने गांव से गेहूं मंगाया था। पोर्च में 250 क्विंटल गेहूं को स्टोर कर रखा गया था। उसमें घुन और कीड़े न लगे इसके लिए मकान मालिक ने 50 से ज्यादा सल्फास की गोलियां गेहूं में रखी थीं। कुछ सल्फास के कैप्सूल का छिड़काव किया था। किराएदार सत्येन्द्र शर्मा और उनका परिवार घर पर नहीं था। रात को सत्येन्द्र, पत्नी रजनी, बेटी क्षमा उर्फ वैष्णवी (13), बेटा करुआ उर्फ वैभव शर्मा (4) के साथ घर लौटे थे। खाना खाने के बाद पूरा परिवार एक ही रूम में सो गया। कमरा बंद कर कूलर चलाने से एग्जॉस्ट फैन ने बाहर पोर्च में बन रही जहरीली गैस को अंदर कमरे में भर दिया। जहर परिवार के चारों सदस्यों की सांसों में घुल गया। रात 1 बजे के बाद सभी उल्टी करने लगे। पूछा- वैभव कैसा है?, उसकी मौत से अनजान बहन भी हुई खामोश सल्फास की जहरीली गैस की चपेट में आए परिवार में अब चार साल के वैभव के बाद उसकी बहन क्षमा उर्फ वैष्णवी ने भी दम तोड़ दिया है। रात 1 बजे तक क्षमा ने कई बार पूछा वैभव कहां है?, वो कैसा है?, लेकिन किसी ने उसे नहीं बताया था कि वैभव अब इस दुनिया में नहीं रहा है। रात 1 बजे के बाद उसकी सांसें उखड़ने लगी तो उसे बिड़ला हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया। इकलौते छोटे भाई की मौत से अनजान बड़ी बहन ने सुबह चार बजे अंतिम सांस ली और हमेशा के लिए दुनिया को छोड़ गई। बेटा-बेटी की मौत, मां-पिता की हालत गंभीर सोमवार को चार साल के करुआ उर्फ वैभव की ऑन स्पॉट मौत हो गई थी, जबकि भाई की मौत से 18 घंटे बाद मंगलवार सुबह चार बजे 13 वर्षीय बहन क्षमा उर्फ वैष्णवी ने दम तोड़ दिया। वैभव परिवार का इकलौता बेटा था, जबकि क्षमा सबसे छोटी बिटिया थी। अब इस मामले में मृतक बच्चों की मां रजनी की हालत बेहद नाजुक है। रजनी के भाई रामू शर्मा ने बताया कि बहन की हालत बेहद नाजुक है, कभी भी कुछ भी हो सकता है, जबकि बहनोई सत्येन्द्र भी गंभीर हैं। दोनों को प्राइवेट हॉस्पिटल से न्यू जेएएच में भर्ती कराया गया है। मासूम का शव रखकर लगाया जाम मंगलवार को क्षमा के शव को रखकर गोला का मंदिर पर परिजन ने जाम भी लगाया। ट्रैफिक जाम की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। परिजन की मांग थी कि आरोपी मकान मालिक और उसके बेटे पर मामला दर्ज किया जाए। पीड़ित परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब है। इलाज के लिए पैसे नहीं हैं, इसलिए आर्थिक सहायता की मांग की गई। पुलिस अफसरों ने दोनों मांगों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। जिसके बाद परिजन मान गए। फैक्ट्री कर्मचारी का पूरा परिवार जहरीली गैस की चपेट में आया भिंड के मालनपुर टूडीला गांव निवासी 51 वर्षीय सत्येन्द्र शर्मा ग्वालियर के महाराजपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में एक फैक्ट्री में कर्मचारी हैं। सत्येन्द्र अभी ग्वालियर के गोला का मंदिर जडेरुआ बांध के पास प्रीतम विहार कॉलोनी में श्रीकृष्ण यादव के मकान में किराए से रहते हैं। सत्येन्द्र के परिवार में पत्नी रजनी, छोटी बेटी क्षमा (13) व बेटा करुआ उर्फ वैभव शर्मा (4 साल) रहते थे। जिस मकान में यह परिवार रहता है। वह तीन मंजिला है। किराएदार नीचे ग्राउंड फ्लोर पर रहते हैं, जबकि मकान मालिक तीसरी मंजिल पर रहते हैं। मकान के पोर्च में 250 क्विंटल गेहूं रखा हुआ है। जिस पर रविवार रात को ही उन्होंने काफी मात्रा में सल्फास की गोलियां रखते हुए सल्फास के कैप्सूल का स्प्रे किया था, जिससे बरसात की नमी में गेहूं में घुन नहीं लगे। ऐसा बताया गया है कि सोमवार दोपहर जब मकान मालिक श्रीकृष्ण यादव तीसरी मंजिल से नीचे उतरे तो किराएदार का पूरा परिवार बेहोश पड़ा हुआ था। अंदर कमरे में उल्टी पड़ी थी। अंदर पोर्च से लेकर नीचे के पूरे कमरों में तेज बदबू फैली हुई थी। देखा तो सत्येन्द्र का बेटा चार वर्षीय वैभव की मौत हो चुकी थी, जबकि सत्येन्द्र, रजनी व उनकी 13 वर्षीय बेटी को रिम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां मंगलवार सुबह चार बजे क्षमा ने भी दम तोड़ दिया। अब इस घटना में मौत का आंकड़ा दो हो गया है। पांच बहनों के बाद मन्नत से हुआ था वैभव का जन्म ऐसा बताया गया है कि सत्येन्द्र का वैभव इकलौता बेटा था। सत्येन्द्र की उम्र 51 साल है। पांच बेटियों के बाद कई मंदिरों में मन्नत मांगी थी। तब जाकर 46 साल की उम्र में उनको बेटा का सुख मिला था। पर यह कोई नहीं जानता था कि वह इस तरह साथ छोड़कर चला जाएगा। सत्येन्द्र की दो बेटियों की बचपन में ही मौत हो गई थी। दो बड़ी बेटी भारती और दीपा की शादी हो चुकी है। सबसे छोटी बेटी छाया थी, इस हादसे में अपने इकलौते भाई के साथ क्षमा ने भी दम तोड़ दिया है। सीएसपी रॉबिन जैन ने बताया गोला का मंदिर प्रीतम विहार में एक घर में सल्फास की जहरीली गैस से बहन-भाई की मौत हो गई है, जबकि मां-पिता का इलाज चल रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
गुरुनानक देवजी के प्रकाश पर्व पर बुधवार को भोपाल में कई आयोजन होंगे। अरेरा कॉलोनी, हमीदिया रोड और पिपलानी स्थित गुरुद्वारों को रंगबिरंगी रोशनी और फूलों से सजाया गया है। मंगलवार देर रात से ही श्रद्धालु गुरुवाणी और कीर्तन में शामिल होकर इस पवित्र पर्व की शुरुआत कर चुके हैं। हमीदिया रोड गुरुद्वारे में 15 हजार लोगों के लिए लंगर की तैयारी की गई है। गुरु नानक जयंती पर गुरुद्वारों में लंगर होंगे। हमीदिया रोड स्थित गुरुद्वारा पर सबसे बड़ा लंबर होगा। अलग-अलग पांच से छह गुरुद्वारों में रोटियां तैयार की जा रही हैं, जो बनकर मुख्य गुरुद्वारे में पहुंचाई जाएंगी। कुल मिलाकर करीब 35 से 40 क्विंटल खाद्य सामग्री का उपयोग इस विशाल लंगर में होगा। अरेरा कॉलोनी और पिपलानी गुरुद्वारों में शबद कीर्तन और दीवानइस बार का मुख्य आयोजन हमीदिया रोड, पिपलानी और अरेरा कॉलोनी गुरुद्वारों में किया जा रहा है। यहां शबद कीर्तन, दीवान और अरदास के साथ हजारों श्रद्धालु गुरु ग्रंथ साहिब के समक्ष माथा टेकेंगे। सुबह से ही श्रद्धालुओं का आगमन शुरू हो जाएगा। गुरुद्वारों में प्रभात फेरी, नितनेम और भजन-कीर्तन के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। गुरुनानक देव के उपदेशों से प्रेरित सेवा की मिसालगुरुनानक देव जी ने अपने जीवन से मानवता, समानता और सेवा का संदेश दिया। सिख धर्म में लंगर की परंपरा की शुरुआत भी उन्होंने ही की थी। आज उनके प्रकाश पर्व के अवसर पर श्रद्धालु न केवल धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेंगे, बल्कि समाज सेवा और जरूरतमंदों की मदद के कार्यों में भी शामिल होंगे।
तेज बारिश और आंधी का दौर थमने के बाद अब मध्यप्रदेश में ठंडक बढ़ने लगी है। मंगलवार को ग्वालियर-चंबल में रात का पारा 18 डिग्री के नीचे रहा। वहीं, सुबह कोहरा छाया रहा। दूसरी ओर, ज्यादातर शहरों में दिन में तापमान 30 डिग्री ही रहा। बुधवार को भी ऐसा ही मौसम रहेगा। हालांकि, जबलपुर, नर्मदापुरम, भोपाल और शहडोल संभाग में बादल-बूंदाबांदी वाला मौसम रहेगा। मौसम विभाग ने रायसेन, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, जबलपुर, कटनी, सिवनी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट में कहीं-कहीं बूंदाबांदी होने का अनुमान जताया है। वहीं, भोपाल, इंदौर और उज्जैन में तेज धूप खिली रहेगी। 6 नवंबर को 3 जिले- छिंदवाड़ा, सिवनी और बालाघाट में बूंदाबांदी की संभावना है। उत्तरी हिस्से में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशनमौसम वैज्ञानिकों की माने तो मध्यप्रदेश के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम एक्टिव है। इसके असर से कुछ जिलों में बूंदाबांदी हो सकती है। दूसरी ओर, एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) भी एक्टिव हो रहा है। अगले कुछ दिन में यह भारत में पहुंच जाएगा। जिससे हिमालयीन क्षेत्र में बर्फबारी भी हो सकती है। इसके बाद उत्तरी हवाओं का असर बढ़ेगा और एमपी में भी ठंडक का असर बढ़ जाएगा। दो दिन बाद पूरी तरह से साफ हो जाएगा मौसममौसम विभाग के अनुसार, 5 और 6 नवंबर को कुछ ही जिलों में बूंदाबांदी, बादल वाला मौसम रहेगा। फिर उत्तर से हवा आने की वजह से पारे में 2 से 3 डिग्री की गिरावट होने लगेगी। यह दौर दूसरे सप्ताह तक चलेगा। इसके बाद दिन-रातें ठंडे होने लगेंगे। 15 नवंबर के बाद तेज ठंड का दौर शुरू हो जाएगा। पचमढ़ी सबसे ठंडा, तापमान 24.6 डिग्रीमंगलवार को प्रदेश के ज्यादातर शहरों में दिन के तापमान में 1 से 2 डिग्री तक की गिरावट देखने को मिली। प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा। यहां 2 डिग्री की गिरावट के बाद पारा 24.6 डिग्री पहुंच गया। शिवपुरी, श्योपुर, रतलाम, रायसेन, इंदौर, ग्वालियर, बैतूल, धार, नरसिंहपुर, सिवनी, सीधी, टीकमगढ़ और मलाजखंड में पारा 30 डिग्री से नीचे रहा। ग्वालियर में सुबह विजिबिलिटी 1 से 2 किलोमीटर रही। वहीं, अधिकांश शहरों में 4 से 10 किलोमीटर दर्ज की गई। रात में रीवा में पारा 12.5 डिग्री रहा। नौगांव में 13 डिग्री, उमरिया में 13.4 डिग्री दर्ज किया गया। अक्टूबर में 121% बारिश ज्यादा, नवंबर में तेज ठंड का ट्रेंडप्रदेश में नवंबर महीने में पिछले 10 साल से ठंड के साथ बारिश का ट्रेंड भी है। अबकी बार भी ऐसा ही मौसम रहेगा। वहीं, बारिश के लिहाज से अक्टूबर का महीना उम्मीदों पर खरा उतरा है। औसत 2.8 इंच पानी गिर गया, जो सामान्य 1.3 इंच से 121% ज्यादा है। वहीं, भोपाल में दिन ठंडे रहे। 30 अक्टूबर को दिन का तापमान 24 डिग्री रहा। मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले 25 साल में अक्टूबर का यह सबसे ठंडा दिन रहा। उज्जैन, छतरपुर, नरसिंहपुर समेत कई शहरों में पारा 24 डिग्री के नीचे ही रहा। इंदौर में 10 साल में दूसरी बार सबसे ज्यादा बारिशअक्टूबर में बारिश के रिकॉर्ड की बात करें तो दो साल बाद प्रदेश में सबसे ज्यादा पानी गिरा। भोपाल में 2.8 इंच, जबलपुर में 3.3 इंच, ग्वालियर में 4.2 इंच और उज्जैन में 2.1 इंच बारिश दर्ज की गई। साल 2022 में इससे ज्यादा बारिश हुई थी। वहीं, इंदौर में 3.4 इंच पानी गिरा। यहां 10 साल में दूसरी बार अक्टूबर में इतनी अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। ओवरऑल सबसे ज्यादा बारिश वाले जिले में श्योपुर नंबर-1 पर है। यहां 6.52 इंच, झाबुआ में 5.52 इंच, सिंगरौली में 5.35 इंच, सीधी में 5 इंच, उमरिया में 4.14 इंच, अनूपपुर में 4.82 इंच, बड़वानी में 4.21 इंच और भिंड में 4.36 इंच बारिश हो गई। प्रदेश का खंडवा ही एक मात्र ऐसा जिला रहा, जहां सामान्य से कम पानी गिरा। बाकी 53 जिलों में सामान्य से ज्यादा बारिश दर्ज की गई। इस बार मानसून भी बेहतर रहाइस बार प्रदेश में मानसून की भी 'हैप्पी एंडिंग' रही। भोपाल, ग्वालियर समेत 30 जिले ऐसे रहे, जहां 'बहुत ज्यादा' बारिश दर्ज की गई। ओवरऑल सबसे ज्यादा बारिश वाला जिला गुना है। जहां पूरे सीजन 65.7 इंच पानी गिर गया, जबकि श्योपुर में 216.3% बारिश हुई। एक्सपर्ट की माने तो अच्छी बारिश होने से न सिर्फ पेयजल बल्कि सिंचाई के लिए भी भरपूर पानी है। भू-जल स्तर भी बढ़ा रहेगा। हालांकि, शाजापुर ऐसा जिला रहा, जहां सबसे कम 28.9 इंच (81.1%) ही बारिश हुई है। अब जानिए नवंबर में कैसा रहेगा मौसममौसम विभाग के अनुसार, नवंबर के दूसरे सप्ताह से ठंड का असर बढ़ेगा। खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में, जहां उत्तरी हवाएं सीधी आती हैं, वहां पारा लुढ़केगा। ग्वालियर में 56 साल पहले नवंबर में रात का टेम्प्रेचर रिकॉर्ड 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। उज्जैन में 52 साल पहले न्यूनतम पारा रिकॉर्ड 2.3 डिग्री तक जा चुका है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में इस महीने बारिश का ट्रेंड है। इस बार नवंबर के पहले सप्ताह में ही बारिश होने के आसार है। तीसरे और चौथे सप्ताह में सिस्टम एक्टिव होने से भी बारिश हो सकती है। एमपी में अगले 2 दिन ऐसा रहेगा मौसम... जानिए, नवंबर में 5 बड़े शहरों का मौसम... भोपाल: 10 साल में 3 बार बारिश हो चुकीनवंबर में राजधानी में रात का तापमान 9 से 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। पिछले 10 साल से ऐसा ही ट्रेंड रहा है। इस बार भी दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से लुढ़केगा। मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में नवंबर में रात का तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह 30 नवंबर 1941 को दर्ज किया गया था। इस महीने बारिश होने का ट्रेंड भी है। 10 साल में तीन बार बारिश हो चुकी है। साल 1936 में महीने में साढ़े 5 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। इंदौर: 5.6 डिग्री तक जा चुका न्यूनतम पाराइंदौर में ठंड का असर रहता है। खासकर दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से गिरता है। इस वजह से रातें ठंडी हो जाती हैं और टेम्प्रेचर 10 से 12 डिग्री के बीच रहता है। हालांकि, 25 नवंबर 1938 को पारा 5.6 डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है। कभी-कभार बारिश भी हो जाती है। दिन में 31 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है। ग्वालियर: 1927 में 3 इंच पानी गिरा थापिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में पारा 8 डिग्री तक पहुंच चुका है। 54 साल पहले वर्ष 1970 में टेम्प्रेचर 3 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 2 नवंबर 2001 को दिन का तापमान 37.3 डिग्री तक पहुंच चुका है, जबकि यह सामान्य तौर पर 33 से 35 डिग्री के बीच रहता है। इस महीने बारिश भी होती है। 1927 में पूरे महीने 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में 3 बार ऐसा ही मौसम रह चुका है। जबलपुर: 1946 में 6 इंच से ज्यादा बारिशपिछले 10 साल में 2022 में न्यूनतम पारा 7.8 डिग्री तक जा चुका है। ओवरऑल रिकॉर्ड 12 नवंबर 1989 को दर्ज किया गया था, तब टेम्प्रेचर 3.9 डिग्री तक पहुंच गया था। 1946 में पूरे महीने 6 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। दिन में 30 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है। उज्जैन: न्यूनतम तापमान 10-11 के बीच रहता हैयहां 30 नवंबर 1974 को रात का तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 6 नवंबर 2008 को दिन का तापमान 36.5 डिग्री रहा था। पिछले 10 साल की बात करें तो न्यूनतम तापमान 10-11 डिग्री के बीच रहा है, जबकि दिन में यह 33 से 35 डिग्री के बीच पहुंच चुका है।
ठंड में बढ़ रहा जोड़ों का दर्द:ज्यादा संख्या में पहुंच रहें मरीज, डॉक्टर ने कहा- बचाव से मिलेगी राहत
गोरखपुर में बदलते मौसम के साथ हड्डी रोगियों की संख्या भी बढ़ रही। मंगलवार को जिला अस्पताल की हड्डी ओपीडी मरीजों की लंबी लाइन घंटो तक लगी रही। रोगियों में महिला पुरुष और युवा सभी शामिल थे। किसी को नई दिक्कत शुरू हुई थी तो किसी का पुराना दर्द उभर पड़ा है। डॉक्टर के अनुसार हड्डी ओपीडी में एक दिन में 350 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। जिनमें से 250 के आस-पास नए मरीजों की संख्या रह रही है। डॉक्टर का कहना है कि ठंड बढ़ने से जोड़ो में दर्द की समस्या बढ़ रही है। हालांकि कुछ सावधानियों से इससे राहत पाया जा सकता है। अर्थराइटिस के मरीज ज्यादा जिला अस्पताल के ऑर्थो ओपीडी के डॉक्टर आरके सिंह ने बताया- ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों में सबसे ज्यादा मरीज इस समय जोड़ों के दर्द के आ रहे हैं। जिनकी संख्या 150 के ऊपर रह रही है। उसमें भी यह समस्या ज्यादातर वृद्ध लोगों में ही देखा जा रहा है। इसके अलावा किसी को पहले किसी तरह की चोट लगी हुई थी तो उस जगह पर दर्द उभरने की समस्या ज्यादा है। उन्होंने बताया- ठंडी हवा जब शरीर पर पड़ती है, तो पुराने दर्द भी उभर पड़ते हैं। अब ठंड धीरे-धीरे शुरू हो रहा है। जिसकी वजह से मरीजों की संख्या दोगुनी ही गई है। हालांकि कुछ इलाज और बचाव से इस दर्द से राहत पाया जा सकता है। स्पाइन प्रॉब्लम भी बढ़ी डॉक्टर ने बताया- रोज आ रहे साढ़े तीन सौ तक मरीजों में से 100 के आस पास तो स्पाइन की समस्या वाले मरीज रह हैं। जो जिनके नस दबने की वजह से दर्द बढ़ गया है। हालांकि ऐसे लोगों को बचाव के तरीके और एक्सरसाइज बताई जा रही है। साथ में कुछ दवाएं भी दी जा रही हैं। ज्यादातर यह समस्या लंबे समय तक एक मोशन में बैठने या खड़े रहने की वजह से देखी जा रही है। इस परेशानी से महिला और पुरुष दोनों ही जूझ रहें हैं। इसीलिए हमेशा काम करते वक्त यह ध्यान रखें की रेगुलर बेसिस पर घंटों तक न बैठे और नहीं खड़े रहें। बढ़ते उम्र के बच्चों में बढ़ रही मसल्स पेन की समस्या इसके आलावा ग्रोविंग एज के बच्चों में भी दर्द की समस्या देखने को मिल रही है। इसके पीछे का कारण उनका शारीरिक विकास है। डॉक्टर का कहना है कि इस उम्र में लंबाई धीरे-धीरे बढ़ती है, जिसकी वजह से कुछ बच्चों में मसल्स पेन होता है। ठंड के समय यह दिक्कत थोड़ी ज्यादा देखी जाती है। इससे निपटने के लिए खान पान पर विशेष ध्यान देना पड़ेगा। विटामिन और प्रोटीन का सेवन लाभदायक होगा। साथ ही बाहरी हवा से बचना होगा। गरम कपड़ें पहनने से हवा अंदर प्रवेश नहीं करेगी जिससे राहत मिलेगा। नार्मल लोगों में भी बढ़ा दर्द जिला अस्पताल की ओपीडी में जोड़ों की दर्द लेकर डॉक्टर के पास पहुंचने वाले मरीजों में गठियां रोगियों के अलावा नार्मल लोगों की संख्या भी ज्यादे है। इलाज कराने आई संगीता ने बताया- पहले मुझे दर्द की कोई समस्या नहीं थी। लेकिन पिछले एक दो दिन से कमर से लेकर पैर तक बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है। ये दर्द ठंड बढ़ने के बाद ही शुरू हुआ है। वहीं रितेश ने बताया- मेरी मम्मी के कोहनी के पास बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है। ऐसा पहले कभी हुआ है। इसीलिए उनको लेकर इलाज के लिए आया हूं। अब देखते हैं कि क्या दिक्कत है। गठिया से बचाव के उपाय डॉ. सिंह ने गठिया से बचाव के कुछ सरल उपाय बताएं हैं। उनका कहना है कि....
रामगंगा घाट पर उमड़ी लाखों श्रद्धालुओं की भीड़:सुबह तड़के से ही लोगों के आने का सिलसिला जारी
बरेली के ऐतिहासिक रामगंगा घाट पर इस बार चौबारी मेले में कार्तिक पूर्णिमा पर लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ सुबह तड़के ही उमड़ पड़ी है। लोगों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है। आलम ये है कि बदायूं रोड से लेकर रामगंगा तक लाखों लोग दिखाई दे रहे है। बरेली के रामगंगा स्थित चौबारी मेला की इस बार 100वीं वर्षगांठ है। इस ऐतिहासिक मेले कार्तिक पूर्णिमा पर करीब 10 लाख श्रधालुओं के आने की संभावना है। जो रामगंगा में श्रद्धा की डुबकी लगाएंगे। यहां बरेली का सबसे बड़ा मेला लगता है। जिनमें मनोरंजन के लिए बड़े बड़े झूले तो मौत का कुआं भी होता है। खाने पीने से लेकर कॉस्मेटिक के भी सैकड़ों स्टॉल लगाए गए है। तंबुओं का शहर कहलाता है चौबारी मेला बरेली के रामगंगा पर लगने वाला मेला तंबुओं का शहर कहलाता है। जहां दूर दूर से लोग आकर तम्बू लगाकर रहते है। जो आकर्षण का केंद्र होता है। जहां तक लोगों की नजर जाती है सिर्फ तंबू हो तंबू नजर आते है। सुरक्षा के लिए 500 पुलिसकर्मी तैनात, बनाया गया मेला थाना वही सुरक्षा के लिए 500 पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। मेले में मेला थाना, मेला चौकी, खोया पाया केंद्र स्थापित किया गया है। एसपी सिटी मानुष पारीक को मेले की जिम्मेदारी दी गई है। महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई है। इसके अलावा तैराकों को भी तैनात किया गया है।
रोहतक के गांव मायना निवासी अंतर्राष्ट्रीय बॉक्सर अमित पंघाल की शादी के बाद कल रात रिसेप्शन पार्टी रखी गई, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों के साथ नेताओं ने पहुंचकर वर वधु को आशीर्वाद दिया। अमित पंघाल ने 2 नवंबर को जींद में अंशुल श्योकंद संग 7 फेरे लिए थे और 4 नवंबर की रात को शादी का रिसेप्शन रखा गया। बॉक्सर अमित पंघाल की 31 मार्च को जींद के एक निजी होटल में सगाई हुई, जिसमें अमित पंघाल व अंशुल श्योकंद के परिवार के लोग ही शामिल थे। सगाई की तस्वीरें सामने आने के बाद ही इसके बारे में लोगों को जानकारी मिली थी। अमित पंघाल की 2 नवंबर को हिंदू रीति रिवाजों के साथ शादी हुई और शादी का कल रात रिसेप्शन करते हुए संगे संबंधियों को आमंत्रित किया गया। 2 नवंबर को घोड़ी चढ़े थे अमित पंघालअमित पंघाल की शादी की रस्में 27 अक्टूबर से शुरू हो गई थी, जिसमें हल्दी से लेकर मेहंदी की रस्म की गई। 2 नवंबर को पूरे धूमधाम से अमित पंघाल की बारात गांव मायना से निकली और जींद में अंशुल श्योकंद के साथ हिंदू रीति रिवाजों के साथ 7 फेरे लेकर शादी के बंधन में बंध गए। रिसेप्शन पार्टी में शामिल हुए खिलाड़ी अमित पंघाल की शादी के बाद रिसेप्शन का कार्यक्रम एक निजी बैंक्वेट में रखा गया, जिसमें कई अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों ने भाग लिया। वहीं स्थानीय नेताओं के अलावा प्रदेश के कई नेता रिसेप्शन पार्टी में शामिल हुए और नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद दिया। पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने दी अमित पंघाल को बधाई अमित पंघाल की रिसेप्शन पार्टी में पहुंचे पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पहुंचकर बधाई दी। भूपेंद्र हुड्डा ने अमित पंघाल व अंशुल श्योकंद को आशीर्वाद देते हुए उनके नवविवाहित जीवन की शुभकामनाएं दी। वहीं, स्थानीय विधायक भारत भूषण बतरा ने भी वर वधु को आशीर्वाद दिया।
व्यापार मेले में अभी रोड टैक्स छूट को लेकर संशय, प्रस्ताव ही नहीं पहुंचा, नोटिफिकेशन दूर की बात
हर बार की तरह इस बार भी ग्वालियर व्यापार मेले का लोगों को बेसब्री से इंतजार है। मेले में दुकाने लगाने के लिए अब तक 1059 आवेदन ऑनलाइन प्राप्त हो चुके हैं। इनमें ऑटोमोबाइल सेक्टर के 67 आवेदकों को 116 दुकानों का आवंटन भी कर दिया गया है, जिनमें बीएमडब्लू, वॉल्वो तथा मर्सिडीज आदि कंपनी कंपनियों के डीलर्स भी शामिल हैं। वहीं व्यापार मेले में रोड टैक्स को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है। इसके लिए संभाग आयुक्त कार्यालय से परिवहन विभाग को रोड टैक्स छूट के संबंध में 14 अक्टूबर को ही प्रस्ताव भेज दिया गया है। मगर उसके आगे कुछ नहीं हो सका है। भास्कर ने इस संबंध में परिवहन कमिश्नर, सचिव समेत अन्य अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, मगर कोई जवाब नहीं मिला। गौरतलब है कि प्राधिकरण से प्रस्ताव निकला 50% आरटीओ छूट का प्रस्ताव पहले परिवहन विभाग, फिर वित्त विभाग समेत कई अधिकारियों व विभागों से होते हुए संक्षेपिका बनकर केबिनेट में जाता है। उसके बाद सहमति बनने पर नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। बीएमडब्लू, वॉल्वो, मर्सिडीज ने भी कराई दुकानें बुक ऑटोमोबाइल सेक्टर में 67 आवेदकों को 116 दुकानों का आवंटन हो चुका है, जिनमें बीएमडब्लू, वॉल्वो तथा मर्सिडीज आदि कंपनी कंपनियों के डीलर्स भी शामिल हैं। वहीं मेले अब तक 1059 दुकानें लगाने के लिए ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। मेले के विभिन्न सेक्टर में दुकानें लगाने के लिए पुराने दुकानदारों के लिए 6 नवंबर तक आवेदन होंगे। नोटिफिकेशन का इंतजार^सभी डीलर्स ने पुराने ड्यूज खत्म करके दुकानें आवंटित करा ली हैं। किराया भी जमा करा दिया है। अब नोटिफिकेशन का इंतजार है।- हरिकांत समाधिया, पूर्व अध्यक्ष, ग्वालियर व्हीकल डीलर्स एसोसिएशन पत्र भेज दिया है^परिवहन विभाग को रोड टैक्स छूट के संबंध में पत्र भेज दिया है। जिम्मेदारों से भी बातचीत की है। कोशिश हैं कि समय-सीमा के भीतर गजट नोटिफिकेशन जारी हो जाए। - मनोज खत्री, संभाग आयुक्त
हरदोई में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आज राजघाट और मल्लावां के बेरिया घाट पर महास्नान का आयोजन किया जा रहा है। अनुमान है कि इस दौरान तीन से चार लाख श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाएंगे। प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं, जिसके तहत चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है। मंगलवार शाम से ही गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था। आज सुबह तीन बजे से ही लोग गंगा में डुबकी लगाना प्रारंभ कर देंगे। मेले में यातायात सुचारु रखने के लिए प्रशासन ने इस बार डायवर्जन लागू किया है, जिसमें आने-जाने के रास्ते अलग-अलग होंगे। एसडीएम एन. राम और सीओ रवि प्रकाश सिंह ने मेले की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। सीओ ने समीक्षा के बाद बताया कि गंगा का पानी दूर जाने के कारण इस बार स्नान घाट में बदलाव किया गया है। पुराने घाट पर कटान के चलते नया स्नान घाट दो किलोमीटर अंदर बनाया गया है। राजघाट पर दो सीओ, एक नायब तहसीलदार और 200 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। बेरिया घाट पर एक किलोमीटर लंबा स्नान घाट तैयार किया गया है, जहां एएसपी, एडीएम, तहसीलदार और भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहेगा। राजघाट पर नमामि गंगे के अशोक सिंह, प्रवीण सिंह, रामलीला के प्रबंधक नीरज सिंह, संयोजक धर्मेंद्र सिंह और कमेटी के पदाधिकारियों ने भी प्रशासन के साथ तैयारियों पर मंथन किया। एसडीएम ने जानकारी दी कि बिलग्राम से राजघाट तक के मेले क्षेत्र में दो सीओ, 50 दरोगा, 150 सिपाही, 25 महिला सिपाही और एक फ्लड यूनिट की टीम तैनात की गई है। जाम से बचने और श्रद्धालुओं की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए रात भर गश्त के लिए दो टीमें बनाई गई हैं। बिलग्राम मेला क्षेत्र मे कहीं जाम न लगे इस लिए प्रशासन ने आने आने के रास्ते अलग अलग कर दिए है। बाजार से कोई वाहन नही गुजरेगा। वही ट्रैक्टर,कार,मोटर साइकिल सभी रहुला मार्ग से राजघाट के आगे बनाए गए घाट पर पहुचेगे। बस और मैजिक सवारियों के लिए चलेगी ये गाड़ियां सीधे कन्नौज रोड पर जरसेनामऊ तक ही जाएगी। वहां पैदल चलना होगा। मेला क्षेत्र और रास्ते पर रहेगी रोशनीबिलग्राम में इस बार रास्तों में बदलाव की वजह से मेले को जाने वाले रास्तों पर जनरेटर की रोशनी रहेगी। इसके लिए जिलापंचायत से पूरी व्यवस्था की गई है। वहीं मेला क्षेत्र में खोया-पाया कैम्प, स्वास्थ्य शिविर, प्रशासनिक कक्ष व अग्नि शमन केन्द्र बनाए गए हैं।
जौनपुर में देव दीपावली की पूर्व संध्या पर शीतला चौकिया धाम में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें बॉलीवुड अभिनेता राजपाल यादव और सांसद मनोज तिवारी शामिल हुए। दोनों ने उपस्थित दर्शकों का मनोरंजन किया। राजपाल यादव ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दीपावली का अर्थ है मन को स्वच्छ रखना और बुराई छोड़कर अच्छाई की ओर बढ़ना। उन्होंने धर्म के इस प्रांगण में बोलने का अवसर मिलने पर आभार व्यक्त किया। अभिनेता ने दीपावली पर दीप जलाने के महत्व और देव दीपावली के ब्रह्मांड को स्वच्छ व सुंदर बनाने की बात कही। उन्होंने 'मां' के विभिन्न रूपों का भी वर्णन किया। राजपाल यादव ने कहा कि पुत्री जीवन को एक सूत्र में पिरोती है, बहन संकटों से बचाती है, पत्नी विपत्ति से रक्षा करती है, और सभी दुखों का नाश करने वाली माँ होती है। उन्होंने माँ को प्रकृति का रूप बताया, जिसमें जल, अग्नि और वायु समाहित हैं। राजपाल यादव ने पूर्वांचल को कलाकार, गीतकार, चित्रकार, शिल्पकार और ऋषि-मुनियों की धरती बताते हुए इस भूमि को प्रणाम किया। उन्होंने कहा कि मानव शिक्षण धाम में शिक्षा, कर्म धाम में गुरु का आशीर्वाद और दिव्य भूमि को आत्मसात करने से जीवन धन्य हो जाता है। राजपाल यादव ने दर्शकों की फरमाइश पर अपनी फिल्मों के मशहूर डायलॉग सुनाए। उन्होंने मैं कोई मंदिर का घंटा हूं जो कोई आकर बजा जाता है, मैं हूं छोटा डॉन, छोटा डॉन..... और ओहो रहा नहीं जाता... जैसे संवादों से सभी को खूब हंसाया और जोश भर दिया। उन्होंने धर्म की विजय हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो कहकर अपना संबोधन समाप्त किया। सांसद मनोज तिवारी ने भी कार्यक्रम में जौनपुर की जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपने भक्ति गीतों के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। समापन में उन्होंने चौकिया माता के हम आभारी हैं, हां हम बिहारी हैं जी गीत गाया। इसके पूर्व आयोजक विनय त्रिपाठी,सतीश जय किशन तिवारी, विशाल भारद्वाज आदि ने चुनरी ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कृष्णा पंडित की टीम ने कान्हा से राधा दूर रहे ना प्यार हमें मंजूर रहे....गीत पर राधा कृष्णा झांकी प्रस्तुत कर मन मोह लिया।भोला भंग बनाके के पीले.... गीत पर शिव पार्वती झांकी ने श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया। मां शीतला माता मंदिर व सरोवर रंग बिरंगे झालरो की रौशनी से अद्भुत छटा बिखेरता रहा। जम्मू कश्मीर से अटल अखाड़ा पीठाधिश्वर श्री विश्वात्मानन्द सरस्वती जी ने पधार कर भक्तों को आशीर्वाद दिया। अटल अखाड़ा श्री विश्वात्मानन्द सरस्वती जी ने कहा- सभी इकठ्ठा रहे ये सनातन की पहचान है। धर्म का बल सारे संसार को धारण करता है, पालन करता है, इसलिए धर्म कहा जाता है। यह आयोजन बहुत अच्छा लगा। कॉरिडोर की घोषणा कर गए कृपा शंकर सिंह देव दीपावली की पूर्व संध्या पर आयोजकों को बहुत-बहुत साधुवाद। मां शीतला धाम से सांसद मनोज तिवारी जी की पहचान बनी। जैसे काशी व माँ विंध्यवासिनी का कॉरिडोर बना है।उसी तरह मुख्यमंत्री योगी जी ने भी माँ शीतला के कॉरिडोर की स्वीकार्यता कर ली है। जल्द ही इसकी घोषणा योगी जी करेंगे। कार्यक्रम में मां शीतला कार्य समिति ट्रस्ट अध्यक्ष विनय त्रिपाठी,भाजपा नेता कृपा शंकर सिंह, क्षमानाथ त्रिपाठी, संजय श्रीमाली, अनिल सोनकर मुरली वाले सतीश जय कृष्ण तिवारी, विशाल भारद्वाज,उद्योगपति आशीष सिंह,कर्नल माहिम शर्मा आदि उपस्थित रहे।
देव दीपावली पर संगम तट पर हाई अलर्ट:दो ड्रोन से निगरानी, 100 से ज्यादा CCTV कैमरे एक्टिव
प्रयागराज में देव दीपावली की रात संगम तट लाखों दीपों से जगमगाएगा। इस दिन यहां हजारों लोगों की भीड़ उमड़ने की संभावना है। भीड़ के उसी अनुपात में सुरक्षा भी बढ़ाई गई है। प्रयागराज पुलिस ने संगम और उसके आसपास के इलाकों में हाईटेक सिक्योरिटी सिस्टम एक्टिव कर दिया है। दो ड्रोन कैमरे ऊपर से रीयल टाइम निगरानी करेंगे, जबकि 100 से ज्यादा CCTV कैमरे संगम मार्ग, घाटों और पार्किंग जोन पर लगाए गए हैं। तीन जोन में बंटी सुरक्षा व्यवस्थासंगम, अरैल और झूंसी तट को तीन सुरक्षा जोन में बांटा गया है। हर जोन में एसीपी रैंक के अधिकारी के पास सुरक्षा व्यवस्था की कमान रहेगी। सभी कैमरों और ड्रोन की फीड मेला क्षेत्र स्थित कंट्रोल सेंटर में लाइव मॉनिटर की जाएगी। ड्रोन कैमरों से रखी जाएगी पैनी नजरदो हाई-रिजॉल्यूशन ड्रोन कैमरे लगातार भीड़ की मूवमेंट मॉनिटर करेंगे। ये ड्रोन संगम आरती स्थल और मुख्य स्नान क्षेत्र पर फोकस करेंगे ताकि किसी भी भीड़भाड़ या आपात स्थिति पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके। जल पुलिस और गोताखोरों की टीम तैनातसंगम में जल पुलिस की मोटरबोट लगातार गश्त करेगी। 10 गोताखोरों की टीम भी तैयार है, जो किसी भी इमरजेंसी में रेस्क्यू ऑपरेशन संभालेगी। पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे स्नान के दौरान डीप वाटर बैरिकेडिंग से आगे न जाएं। फायर ब्रिगेड और मेडिकल टीम भी मुस्तैदअग्निशमन विभाग की मोबाइल यूनिट और एक फायर टेंडर घाट के नजदीक स्टैंडबाय पर रहेंगे। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की एंबुलेंस और मेडिकल टीम भी मौके पर मौजूद रहेगी। कंट्रोल पॉइंट्स से इन सभी यूनिट्स को जोड़ा गया है ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत एक्शन लिया जा सके। CCTV सर्विलांस से भी मॉनिटरिंगसंगम तट की ओर जाने वाले सभी प्रमुख रास्तों पर 100 से ज्यादा CCTV कैमरे लगाए गए हैं। पुलिस की मोबाइल पेट्रोलिंग यूनिट्स लगातार राउंड कर रही हैं। आवागमन में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और यातायात सामान्य रहे इसके लिए यातायात पुलिस कर्मियों की भी तैनाती संगम तट तक जाने वाले मार्गों पर की गई है। एडिशनल सीपी डाॅ. अजयपाल शर्मा ने बताया कि सुरक्षा को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सुरक्षा व्यवस्था की माॅनिटरिंग खुद आला अफसर कर रहे हैं।
गाजियाबाद के शालीमार गार्डन क्षेत्र के तुलसी निकेतन की फरजाना लगातार अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में है। कभी सीएम योगी पर बयान दे चुकी है, तो कभी गाय काटकर खाने का बयान दे चुकी है। 23 अक्टूबर को इन्हीं बयानों को लेकर हिंदू गौ रक्षा दल की महिलाओं ने फरजाना में थप्पड़ जड़ते हुए पुलिस को सौंप दिया था। दैनिक भास्कर की टीम मंगलवार को फरजाना के घर पहुंची तो ताला लटका मिला। पड़ाेसी भी फरजाना को लेकर कैमरे के आगे नहीं आना चाहते, पड़ोसी कहते हैं कि इससे कोई बात नहीं करता, किसी को भी फंसवा सकती है। पड़ोसी बोले 2 पति को छोड़ चुकी है फरजाना को लेकर सामने भले ही कोई कुछ नहीं बोल पाता हो, लेकिन पीछे उसको लेकर बात करते हैं। पड़ोस के लोग कहते हैं वह बालिग है, 2 शादी हो चुकी हैं, पुलिस को नाबालिग बताती है। दो पति को छोड़ चुकी है, 4-5 महीने से फरजाना के पिता का भी कुछ नहीं पता। मां भी कभी रात में आती है, तो कई कई दिन तक घर पर ताला लटका रहता है। फरजाना के आगे कोई बोलता नहीं है। थाने में शिकायत कर दी फंसा देती है। एक बड़ी बहन है। जब से वीडियो वायरल हुई मां कभी कभी रात में आती है। यह कहना है टीला मोड थाना क्षेत्र में तुलसी निकेतन का है। 2 दिन पहले का फरजाना का बयान फरजाना अपने नए वीडियो में कहती है-मेरे भाइयों को सलाम, मैंने वो वीडियो काफिरों और अंध भक्तों के लिए बनाई थी। मुझे किसी से डर नहीं है। दो-तीन हजार लोगों के सामने मुझे दो चांटे क्या लग गए, तुम क्या समझे मैं डर जाऊंगी? अली के चाहने वाले भागते नहीं हैं।उसका यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कई जगह उसने आपत्तिजनक और भड़काऊ भाषा का प्रयोग किया है, जिससे माहौल खराब होने की आशंका जताई जा रही है। गाय काटकर खाने का बयान इससे पहले भी यही फरजाना “गाय काटकर खाने” वाले विवादित बयान के कारण सुर्खियों में आई थी। उस वक्त भी उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभद्र शब्दों का प्रयोग किया था और सोशल मीडिया पर चैलेंज देते हुए कहा था कि कोई उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ताओं ने की थी पिटाई उस बयान के बाद हिंदू रक्षा दल के कार्यकर्ता उसके घर पहुंचे थे। उस समय वह घर पर नहीं थी, उसकी मां मौजूद थी। बाद में संगठन की महिला ब्रिगेड ने उसे पकड़कर थप्पड़ मारे, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था।
DDUGU के नाम एक और उपलब्धि:QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग साउथ एशिया में 330वां स्थान
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डी.डी.यू.जी.यू.) ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करते हुए 'QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग साउथ एशिया 2026' में 330वां स्थान और एशिया स्तर पर 1001–1100 बैंड में स्थान प्राप्त किया है। क्वाक्वेरेली साइमंड्स (QS) की ओर से जारी इस प्रतिष्ठित रैंकिंग में विश्वविद्यालय ने बेहतरीन प्रगति करते हुए अपना टोटल स्कोर 10.0 से बढ़ाकर 15.5 कर लिया है, जो कि 55 प्रतिशत की शानदार वृद्धि है।यह उपलब्धि विश्वविद्यालय की शिक्षा, अनुसंधान और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के प्रति सतत प्रयासों का परिणाम है। इस साल क्यूएस एशिया रैंकिंग में एशिया के 1,526 विश्वविद्यालयों और भारत के 294 विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है। उत्तर प्रदेश के केवल आठ राज्य विश्वविद्यालयों को इस सूची में स्थान मिला है, जिनमें डीडीयूजीयू का प्रदर्शन विशेष रूप से सराहनीय रहा है। इन सेक्टर में यूनिवर्सिटी का बेहतर प्रदर्शनपिछले साल की तुलना में विश्वविद्यालय ने सभी प्रमुख सूचकों में सराहनीय सुधार किया है। जिसमें टोटल स्कोर 10.0 से बढ़कर 15.5 हुआ। जो 55 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। इसके अलावा पीएचडी धारक शिक्षकों का अनुपात 73.5 से बढ़कर 86.0 हुआ है। वहीं फैकल्टी-स्टूडेंट अनुपात 26.9 से घटकर 24.1 हुआ है, जिससे शिक्षण गुणवत्ता में सुधार हुआ है। अंतरराष्ट्रीय शोध नेटवर्क में सात गुना वृद्धि इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय शोध नेटवर्क में विश्वविद्यालय ने अभूतपूर्व प्रगति करते हुए अपना स्कोर 2.7 से बढ़ाकर 20.9 कर लिया, जो सात गुना वृद्धि है। वहीं एकेडमिक रेप्यूटेशन 7.3 से बढ़कर 15.2 हुआ और साइटेशन प्रति शोधपत्र 2.7 से बढ़कर 6.3 हुआ,जो शोध की गुणवत्ता और वैश्विक दृश्यता में तीव्र वृद्धि को दर्शाता है। साथ ही प्रति शिक्षक शोधपत्र 5.4 से बढ़कर 8.2 हुआ है, जबकि एम्प्लॉयर रेप्यूटेशन पिछले पांच वर्षों में विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने 693 शोधपत्र प्रकाशित किए हैं जबकि पिछले साल यह संख्या 552 थी। और साइटेशन की संख्या 3,897 से बढ़कर 5,851 तक पहुंच गई है ,जो विश्वविद्यालय की बढ़ती वैश्विक शोध पहचान का प्रमाण है। सामूहिक प्रयास का परिणाम कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा -दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का क्यूएस साउथ एशिया रैंकिंग में निरंतर सुधार हमारे संकाय, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के सामूहिक परिश्रम और प्रतिबद्धता का परिणाम है। समग्र स्कोर में 55 प्रतिशत की वृद्धि हमारे शोध, नवाचार और अंतरराष्ट्रीय सहयोग पर केंद्रित दृष्टिकोण की सफलता को दर्शाती है। उन्होंने आगे कहा- यह उपलब्धि राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की भावना के अनुरूप है। हमारा लक्ष्य है कि गोरखपुर विश्वविद्यालय पूर्वी उत्तर प्रदेश को ज्ञान, नवाचार और वैश्विक शिक्षण का केंद्र बनाए। इन पहलों से सुधरी रैंकिंग डी.डी.यू. गोरखपुर विश्वविद्यालय की इस सफलता के पीछे पिछले वर्षों में शुरू की गई कई रणनीतिक पहलें हैं। जिनमें अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देते हुए विभिन्न विषयों में अंतरविषयी शोध केंद्रों की स्थापना, संकाय अनुसंधान अनुदान तथा उच्च गुणवत्ता वाले प्रकाशनों को बल दिया गया। वहीं वैश्विक सहभागिता पर फोकस करते हुए एशिया और यूरोप के विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू और संयुक्त शोध परियोजनाओं के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय सहयोग को सशक्त बनाया गया। इसके अलावा शिक्षक विकास कार्यक्रम पर जोर देते हुए पीएचडी धारक संकाय की संख्या में वृद्धि, अकादमिक प्रशिक्षण और परिणाम-आधारित शिक्षा सुधार पर ध्यान दिया गया। साथ ही छात्र रोजगारोन्मुखी पहल को भी बढ़ावा देते हुए उद्योग आधारित कोर्स, कौशल विकास और स्टार्टअप इन्क्यूबेशन केंद्रों की स्थापना से एम्प्लॉयर रेप्यूटेशन में सुधार को बल दिया गया। इतना ही नहीं डिजिटल और सतत विकास के लिए स्मार्ट क्लासेज, डेटा-आधारित प्रबंधन प्रणाली और हरित परिसर की दिशा में ठोस कदम उठाया गया। इसके साथ ही सामुदायिक सहभागिता और नीति क्रियान्वयन करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु अकादमिक जागरूकता और नीति संवाद कार्यक्रम। यूपी के आठ राज्य विश्वविद्यालयों को मिला स्थानक्यूएस साउथ एशिया 2026 रैंकिंग में उत्तर प्रदेश के आठ राज्य विश्वविद्यालयों को स्थान प्राप्त हुआ है, जो राज्य की उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और वैश्विक उपस्थिति को दर्शाता है। इनमें दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का 330वां स्थान विशेष रूप से उल्लेखनीय है। विश्वविद्यालय का यह प्रदर्शन पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नेतृत्व की दिशा में एक सशक्त कदम है। जानिए QS साउथ एशिया रैंकिंग 2026 क्या है क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग: साउथ एशिया 2026 में विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन 11 प्रमुख संकेतकों के आधार पर किया गया है, जिनमें एकेडमिक रेप्यूटेशन, एम्प्लॉयर रेप्यूटेशन,फैकल्टी-स्टूडेंट रेशियों , पीएचडी स्टाफ, साइटेशन प्रति शोधपत्र पेपर्स पर फैकल्टी, और इंटरनेशनल रिसर्च नेटवर्क प्रमुख हैं। इस साल क्यूएस ने 1.98 करोड़ शोधपत्रों और 20 करोड़ साइटेशनों का विश्लेषण किया जो अब तक का सबसे व्यापक आकलन है। डी.डी.यू. गोरखपुर विश्वविद्यालय का यह प्रदर्शन उसके 'स्थानीय प्रतिबद्धता और वैश्विक उत्कृष्टता के समन्वय' के दृष्टिकोण को साकार करता है।
इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने देश भर में SIR अभियान की शुरुआत की है। जिसके तहत वोटर लिस्ट को अपडेट किया जायेगा। डुप्लीकेट नाम हटाये जायेंगे। वोटर लिस्ट अपडेट और नए मतदाताओं के नाम जोड़ने की प्रक्रिया का ऐलान किया गया है। यह अभियान 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक चलेगा। इस बीच दरगाह आला हजरत के प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खान (सुब्हानी मियां) ने मुसलमानों से अपील की है कि वे इस राष्ट्रीय जिम्मेदारी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और अपने-अपने इलाकों में वोटर लिस्ट रिन्यूअल अभियान को कामयाब बनाएं। हर मोहल्ले में बनें हेल्प डेस्क दरगाह के मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि सुब्हानी मियां की ओर से जारी अपील में कहा गया है कि इस बार 2003 की वोटर लिस्ट को नई मतदाता सूची की बुनियाद माना गया है। जिन परिवारों के नाम उस सूची में हैं, उनके 18 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले सभी सदस्य (1 जनवरी 2026 तक) नई वोटर लिस्ट में शामिल किए जा सकते हैं। सुब्हानी मियां ने समाजसेवियों, मस्जिदों की कमेटियों और इमामों से कहा है कि वे अपने-अपने मोहल्लों में जागरूकता मुहिम चलाएं। उन्होंने सुझाव दिया कि हर मस्जिद के पास एक सहायता केंद्र या हेल्प डेस्क बनाया जाए, जहां लोगों को फार्म भरने और प्रक्रिया समझने में मदद मिल सके। वोट बनवाना जिम्मेदारी भी, ताकत भी सुब्हानी मियां ने कहा कि वोट सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि जिम्मेदारी भी है। हर नागरिक को लोकतंत्र में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा, “हर घर का नाम वोटर लिस्ट में जुड़ना चाहिए। जिन युवाओं ने 18 साल पूरे कर लिए हैं, वे आगे आकर वोटर कार्ड बनवाएं। यही हमारे देश और समाज की मजबूती की नींव है।”
अमरोहा के तिगरी गंगा मेले में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान सुबह चार बजे शुरू हो गया। अब तक 40 लाख से अधिक श्रद्धालु मेले में पहुंच चुके हैं। लाखों की संख्या में लोग गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। गंगा घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। महिला और पुरुष पुलिसकर्मी बड़ी संख्या में तैनात हैं। स्नान के बाद श्रद्धालुओं के लौटने का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा। पुलिस प्रशासन ने नेशनल हाईवे 9 पर श्रद्धालुओं को जाम या किसी अन्य परेशानी से बचाने के लिए विशेष व्यवस्था की है। हाईवे पर भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है और उन्हें वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा रहा है। मेले में भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने बाइक सवारों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। देखें कार्तिक मेले की 4 तस्वीरें...
हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) ने हाईकोर्ट के आदेश पर असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए 17 कैंडिडेट के लिए इंटरव्यू शेड्यूल जारी किया है। कैमिस्ट्री विषय के लिए युवाओं को 3 से 5 नवंबर तक इंटरव्यू के लिए आयोग मुख्यालय पर बुलाया है। लेकिन कुछ को इससे बाहर किया तो हाईकोर्ट चले गए थे। हरियाणा में HPSC ने advt. No. 43/2024 के तहत कैमिस्ट्री असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए भर्ती आयोजित की है। जिसमें 123 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे। 123 पदों में 79 पद जनरल, 15 एससी, 13 बीसी व बीसीबी के लिए 5 तथा EWS के लिए 11 पद आरक्षित किए गए थे। विभाग नॉलेज टेस्ट व स्क्रीनिंग टेस्ट की परीक्षाएं आयोजित कर चुका है।जिसमें 232 अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए योग्य पाए गए हैं। जिनका 3 से 5 नवंबर तक इंटरव्यू शेड्यूल रखा गया था। लेकिन 17 उम्मीदवार ऐसे थे, जिन्हें इंटरव्यू के लिए नहीं बुलाया गया। जो इसके खिलाफ कोर्ट चले गए। इन कैंडिडेट ने हाईकोर्ट में 12 केस फाइल किए थे। अब इन्हें इंटरव्यू के लिए 5 नवंबर को आयोग मुख्यालय बुलाया है। ऐसे चल रहा है इंटरव्यू शेड्यूल रोल नंबर 40025 से 41903 के बीच योग्य उम्मीदवारों को 3 नवंबर सुबह की शिफ्ट में, 41924 से 43214 के बीच वालों को 3 नवंबर को 12 बजे रिपोर्ट करना था। 43222 से 44141 के बीच वालों को 4 नवंबर सुबह साढे 8 बजे तथा 44195 से 45558 तक वालों को 4 नवंबर 12 बजे तक रिपोर्ट करना था। अब 45564 से 46356 तक वालों को 5 नवंबर सुबह साढे 8 बजे तक तथा 46362 से 46945 के बीच पाए गए योग्य उम्मीदवार 5 नवंबर 12 बजे तक रिपोर्ट करेंगे।
सोचिए, आपने पूरे किराए का टिकट लिया हो, लेकिन जब ट्रेन आई तो आपका कोच ही नहीं मिले! मंगलवार को संपर्क क्रांति एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12650) से सफर कर रहे यात्रियों के साथ ऐसा ही हुआ। रेलवे की एक गंभीर चूक से 51 यात्रियों के लिए आरक्षित थर्ड एसी इकॉनमी कोच (बीईआई-1) ट्रेन में लगाया ही नहीं गया। इससे यात्रियों ने निजामुद्दीन से ग्वालियर तक करीब तीन घंटे हंगामा किया। झांसी कंट्रोल को सूचना दी गई। इसके बाद ही ग्वालियर रेलवे स्टेशन प्रबंधक को सूचना दी गई। जिसके बाद ग्वालियर में ट्रेन के पहुंचने पर नया बीईआई कोच जोड़ा गया। इससे यह ट्रेन ग्वालियर रेलवे स्टेशन से करीब 2 घंटे देरी से दोपहर1:46 बजे रवाना हुई। यह ट्रेन प्लेटफार्म नंबर एक पर 50 मिनट खड़ी रही। इसके बाद पांच कोच काटकर एसी का नया कोच जोड़ा गया। तब जाकर यात्रियों को राहत मिली। इस ट्रेन का स्टॉपेज निजामुद्दीन के बाद सीधे ग्वालियर था। इसके चलते बीच में कोच जोड़ा नहीं जा सका। अलग-अलग कोचों में आए 51 यात्रीयात्रियों ने बताया कि संपर्क क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन निजामुद्दीन से सुबह 8:20 बजे यशवंतपुर के लिए रवाना हुई। रिजर्वेशन सिस्टम में चार थर्ड एसी कोच—B-1, B-2, B-3 और BE-1 दिखाए गए थे, जबकि बीईआई कोच गायब था। जब यात्रियों ने टीटीई से पूछा, तो वह भी हैरान रह गए। स्थिति ऐसी बनी कि 51 यात्री निजामुद्दीन से ग्वालियर तक अलग-अलग कोच में आए। इनमें से कुछ यात्रियों का दावा था कंफर्म टिकट के बाद भी उन्हें खड़े होकर यात्रा करना पड़ा। जबकि उनकी कोई गलती ही नहीं थी। ग्वालियर से इस कोच में दो यात्रियों के टिकट बुक थे। एक्सपर्ट - पीपी चौबे, रिटा. स्टेशन प्रबंधक ऑपरेटिंग व कॉमर्शियल विभाग की भूलअतिरिक्त कोच लगाने के आदेश मुख्यालय से मिलते हैं। यदि मुख्यालय के आदेश थे तो बुकिंग के बाद अतिरिक्त कोच लगाने में दोनों विभागों को अतिरिक्त कोच जोड़ने के इंतजाम करना चाहिए। इसमें दोनों विभागों के बीच सामंजस्य का अभाव है। जांच के बाद जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई^यशवंतपुर संपर्क क्रांति में एसी कोच क्यों नहीं जोड़ा गया, इसके जांच के आदेश दे दिए गए है। इसमें कहां गलती हुई है इसकी जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी के हिसाब से कार्रवाई होगी।-हिमांशु शेखर उपाध्याय, सीपीआरओ, उत्तर रेलवे
मध्य प्रदेश क्राइम फाइल्स के पार्ट-1 में आपने पढ़ा कि एक आंगन में खिलखिलाती दो मासूम बहनें अचानक लापता हो जाती है। अगले दिन घर से कुछ दूर एक नहर में उनकी लाशें मिलती हैं। 3 साल की छोटी बच्ची का क्षत-विक्षत शरीर दरिंदगी की कहानी कहता है। पुलिस तेजी से जांच करती है, शक की सुई परिवार पर ही घूमती है और बच्चियों का सगा ताऊ सलाखों के पीछे पहुंच जाता है। पुलिस दावा करती है कि उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। मामला अदालत पहुंचता है। लोअर कोर्ट आरोपी को फांसी की सजा सुनाता है, लेकिन हाईकोर्ट में पूरी कहानी बदल जाती है। आखिर क्या होता है कोर्ट में… पढ़िए इस कहानी का पार्ट-2 पुलिस और अभियोजन ने कोर्ट में सबूतों की चेन पेश कीपुलिस ने आरोपी और बच्चियों के बड़े पिता यानी ताऊ गिरधारी सोनवाने को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पूछताछ में गिरधारी टूट गया और उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस ने गिरधारी को मुख्य आरोपी बताते हुए उसी के खिलाफ सारे सबूत इकट्ठे किए और कोर्ट में चालान पेश किया। मामला वारासिवनी की विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) कविता इवनाती की अदालत में पहुंचा। पुलिस ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की एक चेन पेश की। अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि आरोपी बच्चियों का सगा रिश्तेदार था, इसलिए वे भरोसे में उसके साथ चली गईं। उसने इस विश्वास का गला घोंटा और अपनी हवस मिटाने के लिए पहले 3 साल की मासूम से बलात्कार किया और फिर पहचान छिपाने के लिए दोनों की हत्या कर नहर में फेंक दिया। आरोपी को फांसी की सजा का ऐलान16 महीने तक चली सुनवाई के बाद 31 जनवरी 2024 को जज कविता इवनाती ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए गिरधारी को फांसी की सजा सुनाई। उन्होंने इस मामले को ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ करार दिया। अदालत ने गिरधारी सोनवाने को तब तक फांसी पर लटकाए रखने का आदेश दिया, जब तक कि उसके प्राण न निकल जाएं। इस फैसले से बच्चियों के माता-पिता और गांव वालों को एक तसल्ली मिली। उन्हें लगा कि उनकी बेटियों के हत्यारे को उसके किए की सजा मिल गई है और अब उन्हें इंसाफ मिलेगा। गिरधारी को बालाघाट की वारासिवनी जेल भेज दिया गया। लेकिन यह इंसाफ अधूरा था और कहानी का सबसे चौंकाने वाला मोड़ अभी बाकी था। हाईकोर्ट का फैसला और पुलिस की जांच पर उठे गंभीर सवालगिरधारी सोनवाने ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। 27 सितंबर 2025 को हाईकोर्ट के जज विवेक अग्रवाल और अवनींद्र कुमार सिंह की पीठ ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाया, जिसने पूरे केस को पलटकर रख दिया। हाईकोर्ट ने न केवल गिरधारी सोनवाने को सभी आरोपों से बरी कर दिया, बल्कि पुलिस की जांच प्रक्रिया पर भी टिप्पणी करते हुए सवाल खड़े किए। अदालत ने कहा कि पुलिस ने कदम-कदम पर लापरवाही की है और जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई है। हाईकोर्ट ने जांच अधिकारी, टीआई चैनसिंह उइके पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया और आदेश दिया कि यह राशि आरोपी गिरधारी सोनवाने को मुआवजे के तौर पर दी जाए। 5 चूक जिसकी वजह से हाईकोर्ट ने आरोपी को दोषमुक्त कियाआखिर पुलिस की जांच में ऐसी क्या खामियां थीं, जिनकी वजह से फांसी की सजा बरी होने में बदल गई? हाईकोर्ट ने एक-एक कर उन सभी चूकों को अपने फैसले में उजागर किया 1. मेडिकल रिपोर्ट का विरोधाभास: पोस्टमॉर्टम करने वाली डॉक्टर रजनी शेंडे का बयान इस केस का सबसे कमजोर पहलू साबित हुआ। निचली अदालत में उन्होंने कहा था कि रेप की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। लेकिन हाईकोर्ट में जिरह के दौरान उन्होंने कहा कि बच्ची के गुप्तांगों पर मिली सूजन किसी जलीय जानवर के काटने या पानी में किसी वस्तु से टकराने से भी हो सकती है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि बच्ची के साथ यौन हिंसा हुई थी। इस बयान ने अभियोजन पक्ष के रेप के आरोप की नींव ही हिला दी। 2. FIR में आरोपी का नाम न होना: मामले के मुख्य गवाह ओम प्रकाश ने बच्चियों को आखिरी बार आरोपी गिरधारी की टीवीएस बाइक पर जाते हुए देखा था। इसके बावजूद, जब बच्चियों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई, तो वह ‘अज्ञात व्यक्ति’ के खिलाफ थी। हाईकोर्ट ने सवाल उठाया कि जब एक चश्मदीद गवाह आरोपी का नाम बता रहा था, तो एफआईआर में उसका जिक्र क्यों नहीं किया गया? यह जांच की पहली और सबसे बड़ी लापरवाही थी। 3. मोटरसाइकिल के रंग का बड़ा अंतर: गवाह ने बताया था कि उसने बच्चियों को एक ‘सुनहरे रंग’ की मोटरसाइकिल पर जाते देखा था। लेकिन पुलिस ने जो बाइक जब्त की, वह ‘काले रंग’ की थी, जिस पर सिल्वर रंग की पट्टियां थीं। यह एक बड़ा विरोधाभास था, जिसने मुख्य गवाह की विश्वसनीयता और पुलिस की जब्ती प्रक्रिया, दोनों पर सवाल खड़े कर दिए। 4. मौत के समय का बड़ा झोल: यह सबसे बड़ा तकनीकी पेंच था, जिसने पुलिस की कहानी को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। गवाह ने बच्चियों को सुबह 10:30 बजे के आसपास देखा था। जबकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, मौत का समय शव मिलने से 12 से 18 घंटे पहले का था। इस हिसाब से मौत 4 अप्रैल की रात 9 बजे से 5 अप्रैल की सुबह 3 बजे के बीच हुई होगी। बच्चियों के देखे जाने और उनकी अनुमानित मौत के समय में करीब 27 घंटे का भारी अंतर था। यह टाइमलाइन पुलिस की थ्योरी से मेल नहीं खा रही थी। 5. बिना सबूत के दावे: पुलिस ने यह भी दावा किया था कि आरोपी ने अपराध के बाद पीड़िताओं की तस्वीरों की पूजा की थी। इस पर कोर्ट ने पूछा कि अगर ऐसा था तो उन तस्वीरों को बरामद क्यों नहीं किया गया और सबूत के तौर पर पेश क्यों नहीं किया गया? इन तमाम खामियों के आधार पर हाईकोर्ट ने माना कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे अपना केस साबित करने में बुरी तरह विफल रहा है। परिस्थितिजन्य साक्ष्यों की कड़ियां कहीं से भी जुड़ नहीं रही थीं, बल्कि हर कदम पर टूट रही थीं। एक मां का सवाल और अधूरा इंसाफ हाईकोर्ट के फैसले के बाद भास्कर संवाददाता ने पीड़ित बच्चियों के माता-पिता और गांव वालों से बात की। गांव में गुस्सा और मायूसी का माहौल है। ज्यादातर लोगों का मानना है कि गिरधारी ही दोषी है। वे कहते हैं, ‘जब बच्चियों की लाश मिली, तो गिरधारी गांव से फरार क्यों था? अगर उसने कुछ नहीं किया, तो वह भागा क्यों?’बच्चियों के माता-पिता टूट चुके हैं। कचहरी के चक्कर काट-काटकर वे थक गए हैं, लेकिन नतीजा सिफर रहा। उनकी बेटी का हत्यारा, जिसे एक अदालत ने फांसी दी थी, आज आजाद है। बच्ची की मां रोते हुए बस एक ही सवाल पूछती है, ‘कोर्ट कहता है कि पुलिस ने जांच ठीक से नहीं की। हम मानते हैं, लेकिन अगर मेरी बच्चियों को उसने नहीं मारा, तो किसने मारा? किसने हमें बेऔलाद कर दिया? हमें हमारा जवाब कौन देगा? इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है। आरोपी गिरधारी का परिवार इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर रहा है। वहीं, अपनी साख पर लगे बट्टे और जांच पर उठे सवालों के बाद पुलिस अब इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने की तैयारी कर रही है। मगर, माता-पिता का सवाल बरकरार है कि ‘आखिर हमारी बेटियों का कातिल कौन है?’ क्राइम फाइल्स सीरीज का पार्ट-1 भी पढ़िए... ताऊ की हैवानियत… 2 बच्चियों को मार डाला:नहर में फेंक दिए शव तारीख 3 अप्रैल 2022। बालाघाट जिले से लगभग 85 किलोमीटर दूर, तिरोड़ी के एक शांत गांव में उस दिन सुबह के 10 बजे थे। सभी लोग अपने कामकाज में जुटे थे। एक घर के आंगन में दो नन्हीं बच्चियां खेल रही थीं। बड़ी बहन की उम्र 6 साल और छोटी की उम्र 3 साल थी। दोनों अपनी ही दुनिया में मगन थीं। दोनों अचानक गायब हो गईं। पढ़ें पूरी खबर...
लुधियाना में समराला के गांव मानकी में कबड्डी प्लेयर गुरविंदर सिंह व उसके दोस्त धर्मपाल पर गोली मारने वाले चारों नकाबपोश बेनकाब हो गए हैं। पुलिस ने चारों आरोपियों की पहचान कर ली है और उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर दिया है। बाइक पर आकर अंधाधुंध फायरिंग करने वाले आरोपियों की पहचान संदीप सिंह, तेजी (निवासी चक सराय, खन्ना), करण (निवासी मादपुर) और सिम्मी (निवासी बालियों) के रूप में हुई है। पुलिस इनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करने में जुट गई है। पुलिस अफसरों का कहना है कि गुरविंदर सिंह की हत्या निजी दुश्मनी के कारण हुई है। उन्होंने बताया कि पुलिस इस मामले की अभी छानबीन कर रही हे कि इनकी आपस में दुश्मनी किस बात को लेकर थी। घटना में घायल धर्मपाल कार सेल परचेज का काम करता है। रंजिश गुरविंदर की नहीं उसके साथ वालों की थी गुरविंदर के पिता राजिंदर सिंह का कहना है कि उनके बेटे की किसी के साथ निजी दुश्मनी नहीं थी। उन्होंने कहा क उसके साथ जो युवक थे उनकी दुश्मनी थी। उनके चक्कर में गुरविंदर की जान चले गई। उन्होंने पुलिस से मांग की है कि आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाए। परिवार बोला, जब तक गिरफ्तारी नहीं हुई तब तक संस्कार नहीं गुरविंदर की मौत के बाद उसका शव सिविल अस्पताल समराला में रखा गया है। पुलिस ने बुधवार को शव का पोस्टमार्टम करना था लेकिन उसके परिजनों ने पुलिस को साफ कह दिया कि जब तक उन्होंने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया तब तक वो शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। पुलिस कबड्डी प्लेयर का टैग लगाने से कर रही परहेज जगराओं में कबड्डी खिलाड़ी की हत्या के बाद कबड्डी खिलाड़ी गुरविंदर सिंह की गोली मारकर हत्या की गई। पुलिस गुरविंदर सिंह को कबड्डी खिलाड़ी बताने से परहेज कर रही है। खन्ना के एसपी पवनजीत सिंह ने तो बाकायदा कह भी दिया कि गुरविंदर सिंह कबड्डी का खिलाड़ी नहीं था बल्कि वह कबूतर पालने का शौकीन था। पिता बोले, बेटा कबड्डी प्लेयर था, कबूतर पालने का शौकीन भी था मृतक के पिता राजिंदर सिंह ने बताया कि उनका बेटा स्थानीय स्तर पर कबड्डी खेलता था और वह कबूतर पालने का शौक भी रखता था। उसने घर में कबूतर भी पाले हुए थे। पुलिस के यह कहने पर उन्हें सख्त एतराज है कि गुरविंदर कबड्डी का प्लेयर नहीं था। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बनाई टीमें खन्ना पुलिस के एसपी ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सीनियर लेवल के अधिकारियों की अगवाई में टीमों का गठन किया गया है। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों से उनका रूट ट्रेस किया जा रहा है। जल्दी ही अपराधी पकड़ लिए जाएंगे। परगट सिंह बोले, खिलाड़ियों को मेडल के बजाय मिल रही गोलियां कांग्रेस के विधायक व पूर्व हॉकी टीम के कप्तान परगट सिंह ने कबड्डी खिलाड़ियों पर हो रही फायरिंग पर गंभीर सवाल खड़े किए। परगट सिंह ने कहा क पंजाब में हमारे कबड्डी खिलाड़ी मेडल जीतने के बजाय अब गोलियों का निशाना बन रहे हैं। पहले संदीप सिंह, फिर तेजपाल सिंह और अब गुरिंदर सिंह। सरकार कितने परिवार उजाड़ने के बाद जागेगी? कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। इन लगातार हो रहे हत्याओं की जिम्मेदारी कौन लेगा? यह है घटना क्रम तीन नवंबर: सोमवार देर रात गांव की पुली पर सड़क की सफाई कर रहे थे तीन दोस्त। चार नकाबपोश आए और उन्होंने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई। गुरविंदर को पेट में गोली लगी और जबकि उसके साथ धर्मपाल को भी गोली लगी है। समराला सिविल अस्पताल ले गए और उनकी स्थिति गंभीर देखते हुए पीजीआई रेफर किया। गुरविंदर की रास्ते में ही मौत हो गई। धर्मपाल पीजीआई चंडीगढ़ में दाखिल है। उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। रात को ही पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। पुलिस ने आरोपियों के बारे में जानकारी हासिल की और मौके से एक सीसीटीवी फुटेज कलेक्ट की। 4 नवंबर: पुलिस ने परिवार के बयान लिए और पर्चा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की। इसी बीच पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर दिया। पुलिस ने परिवार को शव का पोस्टमार्टम करने को कहा। परिवार ने पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया और कहा कि जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होते तब तक संस्कार नहीं करेंगे।
सुविधा:जेएएच में मनोरोगियों का अब ईसीटी मशीन से होगा इलाज
जयारोग्य चिकित्सालय के मनोचिकित्सा विभाग में पहुंचने वाले मरीजों को अब इलेक्ट्रो कंवल्सिव थैरेपी (ईसीटी) और बायो फीडबैक के इलाज के लिए आगरा या दिल्ली जैसे बड़े शहरों की ओर दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी, क्योंकि, ये मशीन अब हजार बिस्तर अस्पताल में आ गई हैं। जीआरएमसी डीन डॉ.आरकेएस धाकड़ ने इनका शुभारंभ भी कर दिया है। ताकि इनका लाभ अस्पताल में आने वाले मनोरोग से पीड़ित मरीजों को मिलने लगे। मनोचिकित्सा विभागाध्यक्ष डॉ.प्रियंका शर्मा ने बताया कि मशीनों के अभाव में मरीजों को आगरा भेजना पड़ता था, लेकिन अब मशीनें आने से उन्हें रैफर या बाहर भेजने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। ईसीटी और बायो फीडबैक मशीन का यह है उपयोग मनोरोग की विभागाध्यक्ष डॉ. प्रियंका शर्मा ने बताया कि ईसीटी मशीन का उपयोग गंभीर मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों, जैसे कि गंभीर अवसाद या द्वि ध्रुवी विकार के इलाज के लिए किया जाता है, जब अन्य उपचार काम नहीं करते हैं। मशीन मस्तिष्क में एक संक्षिप्त विद्युत प्रवाह भेजती है, जिससे एक नियंत्रित दौरा पड़ता है। यह प्रक्रिया सामान्य एनेस्थीसिया के तहत की जाती है, जिससे मरीज को दर्द या बेचैनी महसूस नहीं होती है। इससे व्यक्ति को उसके शरीर की अनैच्छिक शारीरिक प्रक्रियाओं (जैसे हृदय गति, रक्तचाप, मांसपेशियों में तनाव, और त्वचा के तापमान) पर सचेत नियंत्रण करने में होता है।
कार्तिक पूर्णिमा की पावन रात को यमुनानगर स्थित कपालमोचन तीर्थस्थल एक बार फिर आस्था के अपार सागर में डूब गया, जहां 17 डिग्री की ठंड भी श्रद्धालुओं के उत्साह को ठंडा नहीं कर सकी। चार दिनों रौनक के बाद मंगलवार की रात 12 बजते ही मोक्ष की डुबकी का सिलसिला शुरू हुआ। इस दौरान श्रद्धालुओं ने दीप दान भी किया। घड़ी की सुईयां मध्यरात्रि को जैसे ही 12 पर आईं, श्रद्धालु पवित्र सरोवरों की ओर लपके, भीड़ इतनी ज्यादा थी कि चलने की जरूरत ही नहीं पड़ती थी, भीड़ खुद श्रद्धालुओं को कपालमोचन, फिर ऋणमोचन और अंत में सूरजकुंड सरोवर तक ले जा रही थी। करीब 3 लाख लोगों ने सरोवरों ने आस्था की डुबकी लगाई। 12 बजते ही गुरुद्वारे पर आतिशबाजी तीन डुबकियां लगाते ही आधी रात में कई लोग घरों की ओर रवाना होना शुरू हो गए। रात के ठीक 12 बजते ही कपालमोचन गुरुद्वारे में आतिशबाजी भी हुई। आसमान रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठा और जमीन से लेकर आकाश तक दस मिनट तक प्रकाश की बौछार बरसती रही। इससे पहले 10 बजे के करीब मेले में बारिश भी हुई। सरोवरों में डुबकी लगाकर की मोक्ष की कामना शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पदाधिकारियों ने बताया कि इस बार सालाना गुरुपर्व के उपलक्ष्य में गुरुद्वारे को पहले से कहीं अधिक लाइटों से सजाया गया था, जो हिंदू-सिख एकता का प्रतीक बनकर चमका। ठंड का अहसास ही नहीं हुआ क्योंकि आस्था की गर्मी ने हर दिल को गरम रखा, श्रद्धालु सरोवरों में डुबकी लगाकर पापों से मुक्ति और मोक्ष की कामना करते रहे। गुरु गोबिंद सिंह जी का भी प्रिय रहा स्थल महाभारत काल से प्रसिद्ध यह तीर्थस्थल गुरु गोबिंद सिंह जी का भी प्रिय रहा, जहां उन्होंने भंगानी युद्ध के बाद 52 दिन बिताए और खालसा पंथ की प्रशंसा की। मेले में 2 हजार से अधिक पुलिसकर्मी, ड्रोन निगरानी, सौ से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे, गोताखोरों की टीमें मौके पर तैनात रहीं। चार दिन में करीब 7 लाख श्रद्धालु पहुंचे एक नवंबर से जारी मेले में अभी तक करीब सात लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं, जिसमें मुख्य रूप से पंजाब, हिमाचल, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व दिल्ली सहित हरियाणा के सभी जिलों के श्रद्धालु शामिल हैं। पंजाब के मुक्सर से आए मनदीप सिंह ने बताया कि वह मेले में पहले दिन ही आए गए थे। उन्होंने यहां सेवा कि और अब स्नान कर वापिस लौट रहे हैं।
14 साल बाद होमगार्ड के पदों पर होगी भर्ती:हर दिन लगती है ड्यूटी, सिलेक्शन के बाद कितनी मिलेगी सैलरी?
यूपी में 41 हजार से ज्यादा होमगार्ड पदों पर भर्ती शुरू होने जा रही है। सरकार ने इसका आदेश जारी करते हुए यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड को प्रक्रिया शुरू करने की जिम्मेदारी सौंपी है। प्रमुख सचिव होमगार्ड राजेश कुमार सिंह के अनुसार, जिलों से खाली पदों की डिटेल मिलने के बाद एनरोलमेंट (रजिस्ट्रेशन) की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद लिखित परीक्षा होगी और मेरिट के आधार पर सिलेक्शन किया जाएगा। वर्तमान में प्रदेश में होमगार्ड के 1.18 लाख स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 71 हजार पर ही तैनाती है। सीएम योगी ने जून में बड़े पैमाने पर भर्ती के निर्देश दिए थे। सवाल यह है कि कितने साल बाद ये भर्ती आ रही? परीक्षा पैटर्न क्या होगा? पात्रता और शैक्षिक योग्यता क्या है? सिलेक्टेड अभ्यर्थियों को कितना मानदेय मिलेगा? भुगतान किस आधार पर होगा? कितने साल बाद हो रही होमगार्ड की भर्ती?यूपी में होमगार्ड विभाग में बड़े पैमाने पर भर्ती करीब 14 साल बाद होने जा रही है। पिछली बार इस स्तर पर भर्ती 2011 के आसपास हुई थी। उसके बाद से सिर्फ सीमित संख्या में एनरोलमेंट हुए। लेकिन, 41,424 हजार से ज्यादा पदों पर इतनी बड़ी वैकेंसी पहली बार निकाली जा रही है। भर्ती की नई नियमावली में पात्रता, शैक्षिक योग्यता, आयु सीमा और चयन प्रक्रिया के मानक साफ किए गए हैं। एनरोलमेंट साल के मध्य में यानी 1 जुलाई को जो रिक्तियां रहेंगी, उसके आधार पर भर्ती की जाएगी। इसमें आरक्षण नियमों का पालन किया जाएगा। यूपी होमगार्ड 2025 परीक्षा का पैटर्न क्या होगा?यूपी होमगार्ड में इस बार 2 बदलाव हुए हैं। इस बार यूपी में 41 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती कराने की जिम्मेदारी यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (UPPRPB) को दी गई है। दूसरा यह फाइनल हो गया है कि 10वीं पास अभ्यर्थी इस भर्ती में फॉर्म भर पाएंगे। शासनादेश के अनुसार, लिखित परीक्षा 100 नंबर की होगी। इसमें 100 ऑब्जेक्टिव सवाल पूछे जाएंगे। 2 घंटे की परीक्षा होगी। इसमें सामान्य ज्ञान और सामान्य विज्ञान के सवाल पूछे जाएंगे। परीक्षा का पाठ्यक्रम UPPRPB तय करेगा। पहले होमगार्ड में भर्ती के लिए औपचारिक लिखित परीक्षा नहीं होती थी। सिलेक्शन प्रक्रिया मुख्य रूप से शारीरिक दक्षता परीक्षण (PET) और दस्तावेज सत्यापन पर आधारित होती थी। क्या है पात्रता और शैक्षिक योग्यता? क्या होंगे शारीरिक मानक? कैसे होगा सिलेक्शन लिखित परीक्षा में मिले अंकों, एनसीसी (1-3), स्काउट एवं गाइड प्रमाण पत्र (2-5), आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण (3) या वैध ड्राइविंग लाइसेंस (1) जैसी वरीयता योग्यताओं के लिए अतिरिक्त अंकों के आधार पर मेरिट सूची बनाई जाएगी। आरक्षण मानदंडों और उपलब्ध रिक्तियों की संख्या के आधार पर अभ्यर्थियों को जिलावार सूचीबद्ध किया जाएगा। चयन होने के बाद कितना मानदेय मिलेगा?होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति बताते हैं- यूपी में होमगार्डों को प्रतिदिन के आधार पर मानदेय (ड्यूटी अलाउंस) दिया जाता है। वर्तमान में होमगार्ड स्वयंसेवक को 900 रुपए से ज्यादा प्रतिदिन (नियमित ड्यूटी के अनुसार) मानदेय मिलता है। इसके साथ ही नियमानुसार यातायात भत्ता, वर्दी भत्ता और भोजन भत्ता भी दिया जाता है। मानदेय का भुगतान महीने के अनुसार किया जाता है। साथ ही ड्यूटी के दिनों के आधार पर राशि तय होती है। जितने दिन ड्यूटी लगती है, उसी हिसाब से भुगतान किया जाता है। हालांकि, 2017 से पहले इनको ड्यूटी रोज नहीं मिलती थी। लेकिन, सीएम योगी के आने के बाद बदलाव हुआ और अब होमगार्डों की डेली ड्यूटी लगती है। मंत्री धर्मवीर प्रजापति का कहना है कि पहले ट्रेनिंग भत्ता 260 रुपए था, लेकिन अब ट्रेनिंग भत्ता और डेली भत्ता समान है। पहले अंतर जनपदीय जिले में 30 रुपए मिलते थे, लेकिन अब 120 रुपए मिलते हैं। साथ ही वर्दी भत्ता सीधे इनके खाते में जाता है, ड्यूटी ऑनलाइन लगती है। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी में एक करोड़ डुप्लीकेट वोटर, जिनके नाम कई जगह, इन्हें हटाने में DM दिलचस्पी नहीं ले रहे पंचायत चुनाव-2026 की मतदाता सूची से एक करोड़ डुप्लीकेट मतदाताओं के नाम हटवाना राज्य निर्वाचन आयोग के लिए चुनौती बन गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी (डीएम) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (एसडीएम) मतदाता सूची से नाम हटाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। ऐसे में पंचायत चुनाव 2026 से पहले फर्जी वोटरों से निपटना चुनौती बन गया है। पढ़िए पूरी खबर...
राजस्थान में आज (बुधवार) से मौसम ड्राय होगा और उत्तरी हवा चलनी शुरू होगी। इससे तापमान में गिरावट होगी और सर्दी बढ़ेगी। वेस्टर्न डिस्टरबेंस के प्रभाव से 4 नवंबर को राज्य के कुछ जिलों में बादल छाए और दिन में बारिश के साथ ओले भी गिरे। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ जिलों में दिन में तेज हवा चली और हल्की बारिश हुई। मौसम के इस बदलाव के बाद प्रदेश में ठंडक और बढ़ गई। पिछले 24 घंटों के दौरान हनुमानगढ़, जयपुर, चूरू, गंगानगर, कोटा, करौली, बारां, अजमेर समेत कई जिलों में बादल छाए रहे। हनुमानगढ़, चूरू जिलों में दोपहर बाद तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। तूफानी बारिश के साथ हनुमानगढ़ के कुछ इलाकों में छोटे-छोटे ओले भी गिरे। सिरोही में 4 नवंबर को रहा सबसे ठंडा दिन4 नवंबर को कोटा में दिन का अधिकतम तापमान चार डिग्री गिरकर 28.7 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज हुआ। राजधानी जयपुर में अधिकतम तापमान 4.8 डिग्री गिरकर 28 डिग्री सेल्सियस, अलवर में 29.8, अजमेर में 28, बारां में 27.4 डूंगरपुर में 26.2, करौली में 26.5, दौसा में 28.1, प्रतापगढ़ में 28.9, झुंझुनूं में 27.4, पाली में 28.5, गंगानगर में 32.7, हनुमानगढ़ में 30.9, जोधपुर में 31.3, जैसलमेर में 34.1 और बीकानेर में 33.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। वहीं 4 नवंबर को सबसे ज्यादा ठंडा दिन सिरोही में रहा, जहां अधिकतम तापमान 23.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। पारा 3 डिग्री तक गिरने की संभावनामौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, उत्तर भारत में एक्टिव वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर आज से खत्म होगा। इस सिस्टम के आगे निकलने के बाद उत्तर से बफीर्ली हवा फिर से चलेगी। इससे मैदानी राज्यों हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों में तापमान गिरेगा। सुबह-शाम की सर्दी बढ़ सकती है। कई जिलों में रात में सर्दी बढ़ेगीप्रदेश में भी कल देर शाम से उत्तरी हवा चलने की संभावना है। इससे अगले 24 से 48 घंटे के दौरान न्यूनतम तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट हो सकती है। राज्य के शेखावाटी अंचल के अलावा बीकानेर, भरतपुर, जयपुर संभाग के जिलों में रात में सर्दी बढ़ेगी।
आज कार्तिक पूर्णिमा है। काशी में देव दीपावली मनाई जाएगी। लेकिन, देव दीपावली काशी में ही क्यों मनाई जाती है और कैसे ये देवताओं के दीपों का द्वार बनी। इसको लेकर कुछ मान्यताएं हैं। देव दीवाली की कहानी त्रिपुरासुर के संहार से जुड़ी है। कहा जाता है तरकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली नाम के तीन राक्षस भाई त्रिपुरासुर राक्षस कहलाए। उन्होंने सोने, चांदी और लोहे के तीन नगर बनवाए थे। ब्रह्मा के आशीर्वाद से त्रिपुरासुर इतने शक्तिशाली हो गए कि उनके अत्याचार से देवी-देवताओं ने परेशान होकर भगवान शिव से प्रार्थना की और कार्तिक पूर्णिमा के दिन शिवजी ने त्रिपुरासुर का वध कर उनके अत्याचार से देवताओं को मुक्ति दिलाई थी। कहा जाता है, तब से ही देवता काशी में उतरकर दीप जलाने वालों को आशीर्वाद देते हैं। वहीं, घाटों पर दीप प्रज्वलित होने की कथा पंचगंगा घाट से जुड़ी है। जहां 1785 में काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराने वाली महारानी अहिल्याबाई होलकर ने दीप जलाकर देव दीपावली उत्सव की शुरुआत की थी और इसे भव्य बनाने में काशी नरेश महाराज विभूति नारायण सिंह ने मदद की। देव दीपावली से जुड़ी इन मान्यताओं को ऊपर क्लिक करके वीडियो में देखिए...
वाराणसी में देव दीपावली की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। गंगा के घाट पर लेजर शो का रिहर्सल पूरा हुआ। आज शाम CM योगी खुद पहला दीया जलाकर दीपोत्सव की शुरुआत करने वाले हैं। इससे पहले जब ड्रोन से गंगा के 84 घाट देखे गए, तो तट पर सजी नौकाएं और घाट पर लाखों टूरिस्ट नजर आए। घाट पर लेजर एंड साउंड शो का रिहर्सल चल रहा था। आज 25 लाख दीये जब जगमगाएंगे, तो ऐसा लगेगा कि आसमान के टिमटिमाते तारे जमीं पर उतर आए हैं। इस इवेंट से पहले भास्कर ने ड्रोन की मदद से गंगा के घाटों को कैमरे में कैद किया। ऊपर क्लिक करके पूरा वीडियो देखिए...
टाइम - 10.45 बजे (रात), 23 जनवरी, 2025 स्पॉट - महाकुंभ में किन्नर अखाड़े का टेंट... मुख्य आसन पर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी बैठी थीं। करीब ही बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी मौजूद थीं। दूसरी तरफ जो अखाड़े के कुछ अहम चेहरे बैठे थे, उनमें कौशल्या नंद गिरि उर्फ टीना मां भी शामिल थीं। अचानक डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी कहती हैं- ममता कुलकर्णी अपने अखाड़े में महामंडलेश्वर बनेंगी, यह अंतिम निर्णय है...। कुछ देर तक टेंट में सन्नाटा पसर जाता है। फिर इस आयोजन को कैसे करना है, इसकी चर्चा शुरू हो गई। टीना मां उस वक्त मौन रहती हैं, फिर धीरे से वह उठकर बाहर चली जाती हैं। यही वो घटना थी, जब किन्नर अखाड़ा 2 हिस्सों में बंटने की शुरुआत होती है। अखाड़े में किसी ने मुखर होकर कुछ नहीं कहा, लेकिन सबको पता था कि टीना मां को ये फैसला पसंद नहीं आया। 24 जनवरी को ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बना दिया गया। उनका पट्टाभिषेक भी भव्य तरीके से किया गया। इस घटना के 3 महीने बाद टीना मां खुलकर बगावत की और अपना नया अखाड़ा बना लिया। अब वो सनातनी किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर बन गई हैं। टीना मां, ममता कुलकर्णी से नाराज क्यों हैं? नए अखाड़े को बनाने के पीछे के बड़े चेहरे कौन हैं? पढ़िए पूरी रिपोर्ट... बता दें, किन्नर अखाड़े में डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के बाद सबसे ज्यादा आशीर्वाद लेने वालों की लाइन महामंडलेश्वर टीना मां के पास रहती थी। टीना मां से जब अलग अखाड़ा बनाने का सवाल पूछा गया, तब वह कहती हैं- किन्नर अखाड़ा अपने एजेंडे से कहीं न कहीं भटक चुका है। ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बना दिया गया, जिसका नाम दाउद जैसे देशद्रोही से जुड़ा है। शांडिल्य महाराज बोले- ममता के अखाड़े में आने से संत भी नाराजममता कुलकर्णी से टीना मां की नाराजगी पर हमने श्रृंगवेरपुर धाम की पीठाधीश्वर जगद्गुरु शांडिल्य महाराज से सवाल किया। वो कहते हैं- किन्नर अखाड़ा में ममता कुलकर्णी के आने के बाद से विवाद देखा गया है। टीना मां ने नया अखाड़ा बनाया। शायद वह नहीं चाहती थीं कि ममता कुलकर्णी जैसे विवादित लोग अखाड़े में महामंडलेश्वर बनें। सिर्फ टीना मां ही नहीं, ममता कुलकर्णी के आने से कहीं न कहीं सभी सनातनियों और साधु संतों में आक्रोश है। मुझे लगता है कि नया अखाड़ा बनाने के पीछे ये कारण भी हो सकता है कि वह भविष्य में होने वाले संभावित विवादों को ध्यान में रखते हुए किन्नरों के एक गुट को लेकर अलग हो गई हो। क्योंकि, हाल में ममता कुलकर्णी ने फिर दाउद को लेकर एक विवादित बयान दिया। इससे उनकी मानसिकता का पता चलता है। सनातनी किन्नर अखाड़े के पीछे के किरदारों भी जानिए टीना मां की बगावत उनके अकेले की नहीं थी। सनातनी किन्नर अखाड़ा की स्थापना के पीछे 3 अहम किरदार भी रहे, जिन्होंने टीना मां के साथ मिलकर पूरा ब्लू प्रिंट तैयार किया। दैनिक भास्कर रिपोर्टर किन्नर अखाड़े के अलग-अलग सदस्यों से बात करने के बाद इन किरदारों तक भी पहुंचे। भवानी मां ने किन्नर अखाड़े से अलग होकर कुछ साल पहले ही वाल्मीकि अखाड़ा बनाया था। माघ मेले में इस अखाड़े के नाम से इन्हें शिविर में भी अलॉट होता रहा है। लेकिन, भवानी मां के साथ किन्नर समुदाय के लोग नहीं थे। इससे उनका अखाड़ा स्वरूप नहीं ले पाया था। वह भी टीना मां के साथ आ गई हैं। वह अब इस अखाड़े में पीठाधीश्वर के पद पर हैं। सनातनी किन्नर अखाड़ा बनाने के पीछे डाली मां की भी अहम भूमिका बताई जा रही है। टीना मां के अखाड़े में यह पीठाधीश्वर बनाई गई हैं। मुंबई के पालघर स्थित विष्णु मोहनी मठ से गौरी मां ने टीना मां के सपोर्ट में हैं। हिमांगी सखी ने कहा- टीना मां का फैसला सहीहिमांगी सखी भी कभी किन्नर अखाड़े से जुड़ी थीं। लेकिन, महाकुंभ के पहले ही उन्होंने वैष्णव किन्नर अखाड़ा बनाने का दावा किया था। अपने अखाड़े की वह जगद्गुरु हैं। महाकुंभ में किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी और हिमांगी सखी के बीच काफी रार ठनी थी। हिमांगी सखी ने डॉ. त्रिपाठी और उनके लोगों पर मारने का आरोप भी लगाया था। अब हिमांगी सखी भी टीना मां के समर्थन में उतर गई हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से टेलीफोन पर कहा- किन्नर अखाड़ा धर्म के रास्ते को छोड़कर पथभ्रष्ट हो चुका है। टीना मां ने सही समय पर सही निर्णय लिया है। हमारा वैष्णव किन्नर अखाड़ा उनके समर्थन में है। जल्द ही दिल्ली से प्रयागराज आकर टीना को बधाई दूंगी। टीना मां बोलीं- सनातन को विस्तार देंगे, चाहे अपने लोगों की आहुति देनी पड़े दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत के दौरान टीना मां ने कहा- साल-2019 से हम किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर रहे, लेकिन यह कुछ समय से उस रास्ते से भटक गया है। यही कारण रहा कि हमारी विचारधारा उस अखाड़े से नहीं मिल रही थी, इसलिए उससे मैं निकल गई हूं। अब हमने नया “सनानती किन्नर अखाड़ा” बनाया है। टीना मां ने कहा- अपने नए अखाड़े के जरिए हम सनातन को और मजबूत करेंगे। इस सनातन धर्म का और विस्तार करेंगे। इसके लिए अगर हमें अपने लोगों की आहुति भी देनी पड़ी, तो हम पीछे नहीं हटेंगे। किन्नर अखाड़ा बनने की कहानी 3 सवालों में जानिए- सवाल- किन्नर अखाड़े की शुरुआत कब हुई?जवाब- साल 2015 में एक्टिविस्ट और किन्नरों की लीडर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने किन्नर अखाड़े की स्थापना की। उन्होंने अपने साथियों के साथ किन्नर समाज को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए इसे शुरू किया। किन्नर अखाड़ा बनाने के पीछे वो तर्क देती हैं, किन्नरों को समाज में सम्मान दिलाने के लिए इसकी शुरुआत की। एक इंटरव्यू में वो कहती हैं, कानून बन जाने के बाद भी जब तक समाज न स्वीकार करे, जीत अधूरी है। धर्म उसे समाज से जोड़ने का जरिया है। वो कहती हैं कि धर्म के जरिए सीधे लोगों से जुड़ा जा सकता है, जो एक्टिविजम से नहीं हो पाएगा। LGBTQ समुदाय के एक्टिविस्ट सिर्फ आपस के अपने समूहों से जुड़े होते हैं। यह एक इको चैंबर जैसा है। सवाल- पहली बार किन्नर अखाड़ा कुंभ में कब शामिल हुआ?जवाब- किन्नर अखाड़ा सबसे पहले 2016 में उज्जैन कुंभ में शामिल हुआ था। उसके बाद 2019 में प्रयागराज के कुंभ मेले में शामिल हुआ। तब इस अखाड़े के टेंट में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी थी। अखाड़ों के इतिहास में यह पहली बार था, जब किन्नर समूह का एक अलग अखाड़ा बना था। किन्नर अखाड़ा, जूना अखाड़ा के साथ ही जुड़ा है। कुंभ 2019 में किन्नर अखाड़े ने देवत्व यात्रा यानी पेशवाई निकाली थी। इसमें अखाड़े की महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के अलावा पीठाधीश्वर प्रभारी उज्जैन की पवित्रा माई, उत्तर भारत की महामंडलेश्वर भवानी मां और महामंडलेश्वर डॉ. राज राजेश्वरी भी पहुंची थीं। सवाल- क्या किन्नर अखाड़े को मान्यता है?जवाब- किन्नर अखाड़ा शुरू हुए 10 साल बीत गए हैं। वो प्रयागराज से लेकर उज्जैन तक के धार्मिक आयोजनों में शामिल हो चुका है। इसके बावजूद अखाड़ों को मान्यता देने वाली संस्था 'अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद' की तरफ से किन्नर अखाड़े को आज तक मान्यता नहीं मिली। जब इस अखाड़े की शुरुआत की गई, तब अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इसका विरोध किया था। ऐसे में, आधिकारिक रूप से 2019 के प्रयागराज के कुंभ में किन्नर अखाड़े के पास शामिल होने की इजाजत नहीं थी। तब किन्नर अखाड़े ने यह कहते हुए महाकुंभ में शिरकत की कि वे उप-देवता हैं। इसलिए उन्हें किसी मान्यता की जरूरत नहीं। यही वजह है कि आज भी यह अखाड़ा जूना अखाड़े के तहत आता है। इसे अलग अखाड़े की मान्यता नहीं दी गई है। --------------------------------- ये खबर भी पढ़ें - ममता कुलकर्णी बोलीं- जिससे मेरा नाम जुड़ा, वो आतंकी नहीं, दाऊद से कोई नाता नहीं 90 के दशक की मशहूर अदाकारा ममता कुलकर्णी का अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर दिया गया बयान चर्चा में है। गोरखपुर में उन्होंने कहा, उसने कोई बम ब्लास्ट नहीं किया, वह आतंकी नहीं है। VIDEO में जानिए पूरा विवाद और महामंडलेश्वर के पास कितना पैसा है?
राजस्थान क्राइम फाइल्स के पार्ट 1 में आपने पढ़ा कि ढेलाणा गांव की सुथार मोहल्ले में रहने वाले कैलाश ने लोहावट पुलिस थाने में शिकायत दी थी। रिपोर्ट में बताया कि 6 फरवरी 2015 से उसके चाचा संतोष रहस्यमय तरीके से गायब था। 12 फरवरी को यानी छह दिन बाद चाचा के खून से सने अधजले कपड़े ग्रेवल रोड के पास पड़े हैं। उसे लगता है कि किसी ने उसके चाचा की हत्या कर उनके शव को कहीं ठिकाने लगा दिया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। पुलिस इन्वेस्टिगेशन में कई सवाल थे जिनके जवाब तलाशने बाकी थे… इस बीच पुलिस टीम संतोष की पत्नी रामेश्वरी देवी और उसकी 3 बेटियों मनीषा, भावना और अंकिता को पूछताछ के लिए थाने बुला लाती है। यहां कुछ अजीब घटता है, जो पुलिस को हैरत में डाल देता है। अब पढ़िए आगे की कहानी… दरअसल थाने में पहुंचते ही संतोष की तीनों बेटियां एएसपी सत्येंद्रपाल सिंह से डिमांड करती हैं कि वो अपनी मम्मी रामेश्वरी देवी के सामने कुछ भी नहीं बोलेगी। उनकी इस डिमांड ने एएसपी सत्येंद्रपाल सिंह को अचरज में डाल दिया। अगले ही पल उन्होंने अलग-अलग पूछताछ करने की व्यवस्था कर दी। हालांकि अपनी बेटियों की ये डिमांड सुन रामेश्वरी देवी का चेहरे का रंग उड़ गया। पुलिस ने रामेश्वरी को अलग बिठा कर उसकी तीनो बेटियों से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि वो अपने पिता की हत्या की चश्मदीद गवाह है। उनकी मम्मी रामेश्वरी देवी ने अपने प्रेमी भोम सिंह के साथ मिलकर उन्हें मारा था। तीनों बहनों की ये बात सुन कर सभी अधिकारी सन्न रह गए। रामेश्वरी तब तक थाने में ही बैठी थी। इधर एएसपी के आदेश पर SHO भोम सिंह के घर पहुंच गए। वह घर पर ही मिल गया। वह उसे गिरफ्तार कर के थाने ले आए। थाने में रामेश्वरी और उस के बच्चों को देख कर भोम सिंह के चेहरे का रंग भी उड़ गया। वह समझ गया कि इन लोगों ने पुलिस को सब कुछ बता दिया होगा। उसने पुलिस पूछताछ में बिना किसी सख्ती के ही सारी कहानी बयां कर दी। उस ने बताया कि उसी ने तलवार से काट कर संतोष की हत्या की थी। भोम सिंह से पूछताछ के बाद संतोष के मर्डर की जो कहानी सामने आई, वो ये थी- संतोष कुमार लकड़ी के फर्नीचर का कारीगर था। ढेलाणा गांव की छोटी सी ढाणी में उसे उसके हुनर के अनुरूप मजदूरी नहीं मिल पाती थी। ऐसे में 2 साल पहले वो एक जानकार के बुलाने पर मुंबई चला गया था, जहां उसे अच्छा खासा काम मिल गया था। संतोष के परिवार में पत्नी रामेश्वरी के अलावा 3 बेटियां और एक बेटा था। बेटा सब से छोटा था। बड़ी बेटी मनीषा 13 साल, भावना 10 और अंकिता 8 साल की थी। संतोष काम के चलते अक्सर घर से बाहर ही रहता था। इसी दौरान गांव के ही 28 साल के भोम सिंह के साथ 50 साल की रामेश्वरी का अफेयर हो गया। उसका रामेश्वरी के यहां आनाजाना बढ़ गया। भोम सिंह एक आवारा युवक था। ऐसे में रामेश्वरी के ससुराल वालों ने उसके बार-बार घर आने पर ऑब्जेक्शन भी किया। मोहल्ले के लोग भी तरह तरह की बातें करने लगे। डर की वजह से कोई भी सीधे भोम सिंह से कहने की हिम्मत नहीं कर पाता था। संतोष कुमार जब मुंबई से लौटा, तब उसे लोगों ने पत्नी के अफेयर के बारे में बताया। संतोष ने रामेश्वरी को पीटा। भोम सिंह एक दिन ऐसे वक्त में रामेश्वरी से मिलने उसके घर पहुंच गया, जब संतोष मौजूद था। संतोष पहले से गुस्से में था। उसने भोम सिंह को चेतावनी दे दी कि आइंदा वह इस घर की ओर रुख करेगा तो अच्छा नहीं होगा। बेइज्जती होने के बावजूद भी भोम सिंह ने उसके घर आना न छोड़ा और न ही रामेश्वरी ने उसे घर आने से मना किया। संतोष की मजबूरी थी कि वह ज्यादा दिन छुट्टी नहीं ले सकता था। मुंबई में रिहायशी दिक्कत के कारण परिवार को साथ नहीं ले जा सकता था। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि अब वह करे तो क्या करे? एक बार संतोष ने पत्नी और भोम सिंह को रंगे हाथों पकड़ लिया। भोम सिंह फुर्ती से वहां से भाग गया। जाते-जाते वह कह गया कि वह इस बेइज्जती का बदला ले कर रहेगा। फरवरी, 2015 में संतोष मुंबई से घर लौटा। संतोष के आने के बाद रामेश्वरी और भोम सिंह का मिलना बंद हो गया था। ऐसे में दोनों ने संतोष की हत्या की प्लानिंग बना ली। उन्होंने तय कर लिया कि इस बार वे संतोष को ठिकाने लगा कर ही रहेंगे। प्लानिंग के अनुसार 6 फरवरी, 2015 की आधी रात को भोम सिंह छिपते-छिपाते संतोष के घर पहुंच गया। उस समय संतोष गहरी नींद में सो रहा था, जबकि रामेश्वरी भोम सिंह के आने के इंतजार में जाग रही थी। उसी समय भोम सिंह ने सोते संतोष के ऊपर तलवार से वार कर दिया। संतोष की दर्दनाक चीख सुन कर तीनों बेटियां हड़बड़ा कर उठ बैठीं। वे घर के भीतरी चौक में पहुंचीं। वहां का नजारा देखकर उनकी रूह कांप गई। भोम सिंह उनके पिता पर तलवार से वार कर रहा था। वह गिरते-पड़ते छोड़ देने की मिन्नतें कर रहे थे। रामेश्वरी पास में खड़ी सब कुछ देख रही थी। मनीषा ने अपने पिता को बचाने की कोशिश की। भोम सिंह ने धमका कर उसे परे धकेल दिया। कहा कि अगर किसी को भी बताया तो तीनों को तलवार से काट देगा। संतोष के मर्डर के बाद रामेश्वरी और भोम सिंह ने खुशियां मनाई। मनीषा से जबरन धमकाकर अपने लिए चाय बना कर पी। संतोष की हत्या के बाद भोम सिंह ने उस के कपड़े उतार दिए और शव को एक पॉलीथिन में लपेट कर बोरी में भर दिया। बाद में उस बोरी को एक ड्रम में डाल कर कमरे में रख दिया। इस के बाद भोम सिंह चला गया। अगले दिन रात को वह बैलगाड़ी लेकर आया। रामेश्वरी और भोम सिंह ने मिल कर शव वाले ड्रम को गाड़ी में डाला। शव को शिवपुरी रोड पर घने जंगल में दफना दिया। रामेश्वरी ने घर लौटने के बाद रात को पति के खून सने कपड़े चूल्हे में डाल कर जलाने का प्रयास किया, लेकिन कपड़े खून से गीले होने के कारण पूरी तरह से जल नहीं पाए। फिर 11 फरवरी की रात को रामेश्वरी अधजले कपड़ों को ग्रेवल रोड पर फेंक आई। इसके बाद वह शोर मचाने लगी कि मेरे भरतार (पति) के खून सने कपड़े ग्रेवल रोड पर पड़े हैं, लेकिन उन का कहीं पता नहीं चल रहा है। उस की चीख पुकार सुन कर काफी लोग भी वहां आ गए। उसी दौरान संतोष का भतीजा कैलाश भी आ गया था। उस ने ग्रेवल रोड पर चाचा के खून सने अधजले कपड़े देखे तो थाने पहुंचकर पुलिस को रिपोर्ट दी। तीनों बेटियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने डर की वजह से पहले अपना मुंह नहीं खोला। भोम सिंह और रामेश्वरी से पूछताछ के बाद पुलिस ने उन की निशानदेही पर संतोष की लाश और तलवार बरामद कर ली। पुलिस ने सारे सबूत जुटा कर दोनों के खिलाफ IPC की धारा 450, 302, 201, 120बी के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया। करीब 2 सालों तक अदालत में केस की सुनवाई चली। तमाम साक्ष्य पेश करने के साथ गवाह भी पेश हुए। 10 जुलाई, 2017 को न्यायाधीश नरेंद्र सिंह मालावत ने केस का फैसला सुनाने का दिन निश्चित किया। कोर्ट ने रामेश्वरी देवी और भोमसिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई। .... पति के कपड़े देख जोर-जोर से रोने लगी पत्नी:तीन दिन से गायब था, छोटा भाई पहुंचा थाने, क्राइम मीटिंग छोड़कर पहुंचे अधिकारी
केसली में पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव के प्रमुख पात्रों का चयन
सागर | केसली में 15 से 21 नवंबर तक आयोजित होने वाले पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव के प्रमुख पात्रों का चयन हुआ। चयन प्रक्रिया मुनिश्री महासागर महाराज ससंघ, मुनिश्री निष्कंप सागर एवं मुनिश्री निष्काम सागर महाराज के सानिध्य में प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी विनय बंडा के निर्देशन में हुई। भगवान के माता-पिता के रूप में मालती-हेमंत जैन (बिलासपुर), सौधर्म इंद्र के रूप में रोहित जैन-प्राची जैन (इंदौर), कुबेर इंद्र के रूप में मुन्नी जैन-मनीष जैन (ढाना), सीमा जैन केसली, महायज्ञ नायक के रूप में मनीष-सावित्री जैन (केसली) सहित अन्य प्रमुख पात्र चयनित किए गए। कार्यक्रम में पूर्व विधायक सुनील जैन, मुकेश जैन ढाना, राजेश जैन, प्रदीप जैन सहित नागरिक उपस्थित थे।
सनातन सद्भाव संगठन ने कलेक्टर के नाम सौंपा ज्ञापन
सागर | सनातन सद्भाव संगठन के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर के नाम अपर कलेक्टर अविनाश रावत को ज्ञापन सौंपा। इसमें कजलीवन मैदान के पास मंदिर में वाशिद उर्फ नाशिद मकरानी नामक युवक द्वारा की गई तोड़फोड़ और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश की जांच कर कठोर कार्रवाई की मांग की गई है। साथ ही विभिन्न मंदिरों के पास चल रही मांसाहारी दुकानों को बंद कराने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल सेन, महेंद्र सिंह कौरव, संतोष राय, राजेश्वर सेन, एड. करन जैन, एड. गिरीशकांत तिवारी, एड. शैलेंद्र सोनी, एड. अशोक विश्वकर्मा, रीतेश ठाकुर, हरिकिशन शाक्य, अभिषेक साहू सहित बड़ी संख्या में संगठन के कार्यकर्ता मौजूद रहे।
रमाकांत तिवारी की सेवानिवृत्ति पर समारोह पूर्वक विदाई दी
सागर| सागर विकास खण्ड में पदस्थ कृषि विकास अधिकारी रमाकांत तिवारी की सेवानिवृत्ति पर उन्हें समारोहपूर्वक विदाई दी गई। वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी रविन्द्र कुशवाहा के नेतृत्व में शॉल, श्रीफल भेंट कर उनका स्वागत किया और उनके द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की गई। इस दौरान राकेश जैन, एमके सक्सेना, शुशील पाण्डे, निशी जैन, दयाशंकर द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में कर्मचारी मौजूद रहे।
मक्का बेचने जा रहे किसान को चाकू मारा
सागर| मोतीनगर थानांतर्गत कलारी के पास बदमाशों ने मक्का बेचने जा रहे किसान पर चाकू से हमला कर दिया। पुलिस के अनुसार 2-3 नवंबर की दरमियानी रात वीरेंद्र सिंह निवासी जैसीनगर के साथ मारपीट की गई। वीरेंद्र ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह ट्रैक्टर में मक्का भरकर सागर मंडी जा रहा था। रात के 12.30 बजे थे। मैं मोतीनगर चौराहे के थोडे़ आगे पहुंचा। रास्ता भटक जाने से मैं राहतगढ़ बस स्टैंड कलारी के पास पहुंचा। अज्ञात व्यक्ति से मैंने मंडी जाने का रास्ता पूछा तो वह मुझे रास्ता न बताकर गालियां देने लगा। उसे रोका तो बदमाश ने अपनी जेब से चाकू निकालकर मुझे मारा जो बाएं पैर के घुटनों के पास लगा। आरोपी ने मेरा मोबाइल फेंक दिया। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है।
छत्रसाल नगर में वाहनों में आगजनी, पुलिस कर रही जांच
सागर| शहर के सबसे संवेदनशील माने जाने वाले बाघराज वार्ड के छत्रसाल नगर कॉलोनी में बीतीरात अज्ञात बदमाशों ने उत्पात मचाया। घरों के बाहर रखे वाहनों में आग लगा दी। आगजनी का वीडियो भी सामने आया है। मोतीनगर पुलिस सीसीटीवी कैमरों से जांच कर रही है। दूसरी तरफ नगर निगम प्रशासन का ध्यान यहां आवासों में रह रहे असामाजिक तत्वों से ज्यादा किराएदारों पर है। लगातार मुहिम चलाई जा रही है, लेकिन संगीन वारदातें थम नहीं रहीं।
सागर | भारतीय शैली कुश्ती महासंघ भारत एवं भारतीय शैली कुश्ती संघ मध्यप्रदेश के तत्वावधान में महाराष्ट्र के सतारा में देश का सबसे बड़ा कुश्ती दंगल 52वां हिंद केसरी आयोजित होने जा रहा है। इस दंगल में मध्य प्रदेश की टीम भी शिरकत करेगी। इसी के चलते मध्यप्रदेश की कुश्ती टीम की चयन प्रक्रिया बुधवार को सागर स्थित छत्रसाल अखाड़ा में आयोजित होगी। भारतीय शैली कुश्ती संघ सागर के जिलाध्यक्ष कौशल सोनी ने यह जानकारी दी।
11 केवी लाइन का तार टूटा, डेढ़ घंटे बिजली बंद
सागर | पंतनगर क्षेत्र में स्थित गुलाब बाबा मंदिर के पास मंगलवार रात बिजली की 11 केवी हाइटेंशन लाइन का तार टूटने के बाद बड़ा बाजार क्षेत्र में अंधेरा छा गया। सोमवार को सुबह से बिना पूर्व सूचना के दोपहर तक क्षेत्र की सप्लाई बंद रही थी, इसके बाद मंगलवार रात को बिजली गुल होने से लोगों में नाराजगी देखने को मिली। सुधार कार्य के चलते करीब डेढ़ घंटे यानी रात 9:30 बजे तक बड़ा बाजार, गांधी चौक, इतवारी टौरी, इतवारा बाजार सहित आसपास के क्षेत्रों में बिजली सप्लाई बंद रही। बिजली कंपनी के अनुसार किसी अज्ञात वाहन की टक्कर लगने से हाइटेंशन लाइन का तार टूटने का अनुमान लगाया जा रहा है। सुनसान इलाका होने के कारण इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है।
एयरपोर्ट ग्रीन रोड का विरोध : मंगलवार को होने वाली संघर्ष समिति की बैठक आज
उज्जैन | इंदौर-उज्जैन एयरपोर्ट ग्रीन रोड निर्माण के लिए किए जा रहे जमीन अधिग्रहण के विरोध में बनी संघर्ष समिति की मंगलवार को होने वाली बैठक अब आज बुधवार को होगी। इसमें बनाए जाने वाली सड़क की हाइट से लेकर किसानों को सही मुआवजा दिलाने की प्लानिंग बनेगी। हासामपुरा स्थित हनुमान मंदिर में होने वाली बैठक में प्रभावित 7 गांव के किसान शामिल होंगे। भारतीय किसान संघ के कोषाध्यक्ष राजेशसिंह सोलंकी ने बताया कि मंगलवार को जिस समय बैठक रखी गई थी। उस समय संभागायुक्त आशीष सिंह से मुलाकात का समय मिल गया। इस कारण बैठक स्थगित करना पड़ी। इधर, संभागायुक्त ने समस्या सुनकर आश्वासन दिया है। अगले एक-दो दिनों में संभागायुक्त व कलेक्टर के साथ बैठक करते हुए अपनी बात रखेंगे। इस मुलाकात के बाद ही जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन की प्लानिंग बनाएंगे।
मंडी श्रमिकों ने काम बंद कर प्रदर्शन किया
उज्जैन | कृषि उपज मंडी में 40 साल से मिल रही मजदूरी को पिछले 8 महीने से बंद किए जाने से नाराज मजदूरों ने चार घंटे के लिए मंडी में काम बंद कर प्रदर्शन किया। हम्माल तुलावटी एकता फेडरेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष शेर खान भाई एवं अध्यक्ष मोहन जायसवाल ने बताया मजदूरों ने पुरानी व्यवस्था बहाल करने की मांग की और मंडी सचिव को ज्ञापन दिया। किसानों की परेशानी को देखते हुए मंडी प्रशासन की बात मानकर मजदूरों ने फिलहाल हड़ताल समाप्त कर दी है लेकिन चेतावनी दी है कि यदि उनकी पुरानी मजदूरी वापस शुरू नहीं की गई तो 11 नवंबर को फिर हड़ताल करेंगे। सचिव राजेश जादव, संगठन सचिव मनोज मीणा, कार्यालय सचिव शिवम मीणा, भगवानसिंह गेहलोत मौज्ूद थे।
रीगल टॉकीज की दुकानों की जल्द तुड़ाई करें
उज्जैन | गोपाल मंदिर स्थित रीगल टॉकीज परिसर में मंगलवार को नगर निगम आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने नए कॉम्पलेक्स निर्माण कार्य का स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि रीगल टॉकीज में संचालित 34 दुकानों को शीघ्र खाली करवाया जाकर तुड़ाई का कार्य शुरू किया जाए। इसके लिए आयुक्त ने दुकानदारों से दुकानों के विस्थापन के संबंध में चर्चा की। आयुक्त ने अन्य कर विभाग स्टोर विभाग, वर्क शॉप, सिविल विभाग को आवश्यक कार्रवाई करने हेतु निर्देश प्रदान किए। निरीक्षण के दौरान कार्यपालन यंत्री पीयूष भार्गव, सहायक आयुक्त प्रदीप सेन और उपयंत्री मुकुल मेश्राम उपस्थित रहे।
बेगमबाग में आज सुबह 8 बजे से यूडीए की कार्रवाई, 16 निर्माण को हटाएंगे
उज्जैन | उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) बुधवार सुबह 8 बजे से बेगमबाग क्षेत्र में एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है। इस संयुक्त कार्रवाई में नगर निगम की अतिक्रमण रिमूवल गैंग भी शामिल रहेगी। टीम तीन प्लॉटों पर बने कुल 16 अवैध निर्माणों को हटाने की कार्रवाई करेगी। प्राधिकरण ने इन मकानों में रह रहे परिवारों को 24 अक्टूबर को ही अंतिम नोटिस थमा दिया था। कार्रवाई प्लॉट नंबर 26, 48 और 63 पर की जाएगी। इससे पहले भी यूडीए इसी क्षेत्र में 27 अवैध निर्माणों को ध्वस्त कर चुका है। कार्रवाई के दौरान पुलिस बल भी मौजूद रहेगा। साथ ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर मौजूद रहेंगे।
शरीर में घुटने से नीचे के भाग में कृत्रिम अंग के लिए परीक्षण शिविर 7 को
उज्जैन | घुटने से नीचे के भाग के लिए कृत्रिम अंग के लिए परीक्षण शिविर का आयोजन 7 नवंबर को सुबह 10 बजे से मनोविकास विशेष विद्यालय सेक्टर 09, जवाहर नगर में किया जाएगा। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग के संयुक्त संचालक ने बताया कि यह आयोजन अहमदाबाद की संस्था ब्लाइंड पिपल एसोसिएशन के सहयोग से किया जाएगा।
काशी के आश्रम में महिला से अश्लीलता:4 शिष्य कमरे में खींच ले गए; महंत बोले- केवल मारपीट हुई थी
काशी के करपात्री धाम आश्रम में 4 शिष्यों ने एक महिला के साथ अश्लीलता की। ये सब उसके पति के सामने हुआ, जो 6 महीने पहले इसी आश्रम में रहता था। एक गोशाला में गोपालक हुआ करता था। पति के विरोध करने पर शिष्यों ने उसको भी पीटा। शोर मचाने पर आश्रम के बाकी शिष्य कमरे में पहुंचे और महिला को बचाया। ये पूरा वाकया 14 अक्टूबर को हुआ। इस वारदात के बाद आश्रम ने 4 शिष्यों को निष्कासित कर दिया। दूसरी तरफ, पुलिस ने आश्रम के दबाव में ही चारों शिष्यों का चालान करने के बाद उन्हें छोड़ दिया, जेल नहीं भेजा। महिला ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने साथ हुई आपबीती का बयान दर्ज कराया है। इसमें कहा- मेरे साथ रेप का प्रयास हुआ। दैनिक भास्कर टीम करपात्री धाम आश्रम पहुंची। पदाधिकारियों से बातचीत के बाद साजिश और बदले की एक नई कहानी सामने आई। दरअसल, जिन 4 शिष्यों पर पूर्व गोपालक की पत्नी से अश्लीलता और मारपीट करने के आरोप लगे हैं, उन्होंने साजिश के तहत ये सब किया। 6 महीने पहले महिला के पति ने इन शिष्यों को बहुत भला-बुरा कहा था। फिर आश्रम छोड़कर लुधियाना जॉब करने चला गया था। वहां से लौटने पर जब वो वापस आश्रम आया, तब इन शिष्यों को बदला लेने का मौका मिल गया। 3 नवंबर को FIR दर्ज होने के बाद 4 नवंबर को पुलिस सादी वर्दी में आश्रम पहुंची और नए सिरे से पूछताछ की। शिष्यों ने ऐसी साजिश क्यों रची थी? इसकी पीछे की कहानी क्या है? यह जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम भी इस आश्रम में पहुंची... 7 साल पहले गोपालक काशी आया, आश्रम में रहने लगाआश्रम के पदाधिकारियों से बातचीत के बाद सामने आया कि करपात्री धाम आश्रम में जो कुछ भी हुआ, उस घटना की कहानी 7 साल पहले शुरू होती है। तब हरदोई का रहने वाला युवक काशी में घूमने आया था। यहां करपात्री धाम आश्रम से जुड़ने के बाद उसके अंदर ऐसा सेवा भाव जागा कि यहीं रहने का फैसला कर लिया। कपिलधारा पोखरा के पास गोशाला में जॉब कर ली। आश्रम ने उसको रहने के लिए कमरा भी दिया। इस बीच युवक की शादी हो गई। फिर उसकी पत्नी भी उसके साथ काशी आ गई। इस दौरान सब कुछ ठीक चल रहा था। असल विवाद 6 महीने पहले शुरू हुआ, जब गोपालक पर आश्रम की खरीदारी को लेकर कुछ आरोप लगे। आश्रम के प्रबंधन ने तय किया कि गोपालक अब यहां नहीं रह सकता, उसको आश्रम छोड़ना होगा। आश्रम से जाने से पहले गोपालक का 4 शिष्यों से झगड़ा हो गया। इन शिष्यों के नाम राहुल, राज, शुभम और शिवम हैं। लुधियाना में रहने के दौरान भी आश्रम से जुड़ा रहाआश्रम के लोगों के मुताबिक, उस दिन गोपालक ने चारों शिष्यों को पूरे आश्रम के सामने बहुत भला-बुरा कहा। फिर वो आश्रम छोड़कर पंजाब के लुधियाना चला गया। वाराणसी में उसने एक कमरा भी किराए पर ले रखा था, जहां उसका परिवार रहता था। लुधियाना की एक होजरी में उसने नौकरी शुरू कर दी, लेकिन वह आश्रम से जुड़ा रहा। युवक आश्रम में महंत का आशीर्वाद लेने पहुंचा14 अक्टूबर को वो पत्नी के साथ वाराणसी आया, तो आश्रम भी पहुंचा। यहां मुख्य महंत का आशीर्वाद लिया। महंत की इजाजत के बाद आश्रम के मंदिर में दर्शन किए और पुराने लोगों से मुलाकात करने लगा। 2 साल पहले जिन युवकों से उसका झगड़ा हुआ वो भी सामने पड़ गए, तो चारों ने तल्ख टिप्पणी कर दी। इसके बाद पत्नी के साथ युवक आश्रम के ऊपर वाली मंजिल पर चला गया। आरोप है कि चारों युवक उनके कमरे में घुस आए। इन लोगों ने पति के सामने ही छेड़खानी और अश्लील हरकत की। जब पति ने विरोध किया, तो चारों ने पहले पति को पीटा, फिर महिला को खींचकर दूसरे कमरे में ले गए। महिला ने शोर मचाया, तो आश्रम के लोग आ गए और उसे बचाया। गोपालक को आश्रम के प्रबंधन ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने उसी दिन भेलूपुर थाना पुलिस को शिकायत सौंप दी। लेकिन, पुलिस ने कुछ एक्शन नहीं लिया। महिला ने कहा कि आश्रम के दबाव में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। पुजारी बोले- हमने शिष्यों को बाहर निकाला, पुलिस अपना काम कर रही करपात्री आश्रम मंदिर के पुजारी अनिरुद्ध शर्मा कहते हैं- मंदिर में जो अश्लीलता और विवाद हुआ, वह पुरानी लड़ाई का बदला लेने का मामला है। मठ की दूसरी मंजिल पर मौजूद राहुल, राज, शुभम, शिवम, एक अन्य साथी ने महिला और उसके पति से झगड़ा किया। पति के सामने ही छेड़खानी और अश्लील हरकत की शिकायत आई थी। ये सभी आरोपी मंदिर के शिष्य थे, जो लंबे समय से रह रहे थे। अब आश्रम ने उन सभी को निकाल दिया है। बाकी पुलिस अपना काम कर रही है। वहीं, करपात्री धाम आश्रम के महंत सर्वेश्वर महाराज कहते हैं- सिर्फ मारपीट का मामला सामने आया था। आरोपियों को आश्रम से हटा दिया गया है। दंपती परिचित हैं। आश्रम में रेप जैसा कोई मामला सामने नहीं आया था। छेड़छाड़ के आरोप की पुलिस जांच कर रही है। अब पुलिस की बात जानिए भेलूपुर ACP गौरव कुमार कहते हैं- महिला का पति आश्रम में गोशाला में काम करता था। 4 महीने पहले उसे निकाल दिया गया था। मामले में 14 अक्टूबर को केस दर्ज कर आरोपियों का चालान किया गया था। महिला ने अदालत में रेप की बात कही है। जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। ---------------------------- ये खबर भी पढ़ें - प्रयागराज में किन्नरों ने तलवारें लहराईं, ममता कुलकर्णी से नाराज टीना मां ने नया अखाड़ा बनाया किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर टीना मां अब 'सनातनी किन्नर अखाड़े' की आचार्य महामंडलेश्वर बन गईं हैं। चर्चा है कि ममता कुलकर्णी के किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद से वह नाराज चल रही थीं। पढ़िए पूरी खबर...
इसी हफ्ते आ सकता है राज्य सेवा परीक्षा-2023 का फाइनल रिजल्ट
एमपी पीएससी की दो राज्य सेवा परीक्षाओं पर लंबे समय से जारी सस्पेंस खत्म होने के आसार हैं। एक तरफ जहां राज्य सेवा परीक्षा-2023 का फाइनल रिजल्ट यानी चयन सूची इसी हफ्ते जारी हो सकती है, वहीं दूसरी ओर राज्य सेवा परीक्षा-2025 की रुकी हुई मुख्य परीक्षा पर भी सस्पेंस खत्म होने की उम्मीद है। 10 नवंबर को कोर्ट में सुनवाई है। इस दौरान पीएससी अपना पक्ष रखे मुख्य परीक्षा करवाने की अनुमति मांगेगा। संभावना है इस सुनवाई में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। दोनों राज्य सेवा परीक्षाओं को लेकर न केवल हजारों अभ्यर्थी बल्कि खुद पीएससी के सामने भी असमंजस की स्थिति है। बहरहाल, कोर्ट से ग्रीन सिग्नल मिलने से पीएससी के सामने 2023 की परीक्षा की चयन सूची जारी करने का रास्ता साफ हो गया। शुक्रवार तक किसी भी दिन पीएससी की यह चयन सूची जारी हो जाएगी। राज्य सेवा 2023: देरी डेढ़ साल, 229 पदों के लिए हो चुके हैं साक्षात्कार राज्य सेवा परीक्षा-2023 के 229 पदों के लिए साक्षात्कार 7 जुलाई से शुरू होकर सितंबर के पहले सप्ताह में खत्म हुए थे। तब से दो माह बीत चुके। साक्षात्कार में 800 अभ्यर्थी शामिल हुए थे। इसमें 87 प्रतिशत को मुख्य भाग में 204 पदों के लिए 659 और 13 प्रतिशत हिस्से यानी प्रावधिक भाग के 25 पदों के लिए 141 अभ्यर्थी इंटरव्यू के लिए पहुंचे थे। दरअसल मुख्य परीक्षा से जुड़ा मामला कोर्ट में होने से उसका रिजल्ट 9 महीने देरी से घोषित हुआ था। मुख्य परीक्षा 11 से 16 मार्च 2024 तक हुई थी, जबकि रिजल्ट दिसंबर अंत में आया था। उसके बाद 11 महीने का समय बीत चुका है। राज्य सेवा परीक्षा 2025: अनुमति मिली तो दिसंबर अंत या जनवरी में मेन्स संभव दरअसल, 2025 की मुख्य परीक्षा इसी साल 9 जून को होना थी, लेकिन कोर्ट के निर्देश के बाद निरस्त कर दी गई। तब से सस्पेंस बना हुआ है कि परीक्षा कब होगी। 10 नवंबर को सुनवाई है। इस परीक्षा में 158 पद हैं। दरअसल कई अभ्यर्थियों ने अपनी याचिका में परीक्षा नियम 2015 को लेकर आपत्ति जताई थी। उनका तर्क था कि यह नियम संविधान के विरुद्ध है। यदि किसी उम्मीदवार ने आरक्षित वर्ग को मिलने वाली किसी भी छूट का लाभ लिया है तो उसे फिर अंतिम मेरिट तक अपनी कैटेगरी में ही रहना होगा और वह अंकों के आधार पर मेरिट से अनारक्षित कैटेगरी में नहीं आ सकता। इसी पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मुख्य परीक्षा पर रोक लगा दी थी। इस साल : दो परीक्षाओं की चयन सूची आ चुकी इधर, पीएससी इस साल दो राज्य सेवा परीक्षाओं की चयन सूची दे चुका है। पीएससी ने फरवरी में 2022 के 457 पदों की चयन सूची जारी की थी। इस परीक्षा के लिए 87 फीसदी मुख्य भाग में शामिल 406 पदों पर नियुक्तियां की गईं, जबकि, कुछ दिन पहले पीएससी राज्य सेवा परीक्षा-2024 के 110 पदों की भी चयन सूची जारी कर चुका है।
पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में एक और वंदे भारत ट्रेन जुड़ने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 नवंबर 2025 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए लखनऊ जंक्शन से सहारनपुर के बीच चलने वाली इस नई वंदे भारत एक्सप्रेस का शुभारंभ करेंगे। इस ट्रेन के शुरू होने से लखनऊ, हरदोई, शाहजहांपुर, बरेली होते हुए सहारनपुर तक का सफर और तेज़ और सुविधाजनक हो जाएगा। वंदे भारत से पहली बार सीतापुर को भी मिलेगा कनेक्शन इस नई वंदे भारत ट्रेन के शुरू होने से लखनऊ से सीतापुर का भी नाम तेज गति ट्रेन रूट की सूची में जुड़ जाएगा। ट्रेन संख्या 26504 सोमवार को छोड़कर सप्ताह के बाकी छह दिनों में चलेगी। सुबह 5:00 बजे लखनऊ जंक्शन से रवाना होकर यह ट्रेन 5:55 बजे सीतापुर, 7:10 बजे शाहजहांपुर, 8:08 बजे बरेली, 9:27 बजे मुरादाबाद, 10:45 बजे नजीबाबाद, 11:40 बजे रुड़की होते हुए 12:45 बजे सहारनपुर पहुंचेगी। वापसी यात्रा: रात 11 बजे लखनऊ पहुंचेगी ट्रेन वापसी में ट्रेन संख्या 26503 वंदे भारत सहारनपुर से दोपहर 3:00 बजे रवाना होगी। यह 3:45 बजे रुड़की, 4:40 बजे नजीबाबाद, 6:10 बजे मुरादाबाद, 7:33 बजे बरेली, 8:38 बजे शाहजहांपुर, 9:50 बजे सीतापुर पहुंचकर रात 11:00 बजे लखनऊ जंक्शन लौटेगी। वापसी का संचालन भी सोमवार को छोड़कर हर दिन किया जाएगा। यूपी में बढ़ रहा वंदे भारत का नेटवर्क उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जहां सबसे पहले वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की शुरुआत हुई थी। वाराणसी से दिल्ली के बीच चली पहली वंदे भारत ट्रेन के बाद अब राज्य के कई बड़े शहर इस तेज रफ्तार नेटवर्क से जुड़ चुके हैं। नई लखनऊ-सहारनपुर वंदे भारत के शुरू होने के बाद प्रदेश के यात्रियों को उत्तर भारत के धार्मिक, औद्योगिक और व्यावसायिक शहरों के बीच बेहतर रेल कनेक्टिविटी मिलेगी। ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर बच्चों ने बनाई पेंटिंग ट्रेन के उद्घाटन से पहले लखनऊ मंडल के ज़िलों में स्थित स्कूलों में ‘आत्मनिर्भर भारत’ थीम पर रचनात्मक प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। लखनऊ के एम.एल.एम. इंटर कॉलेज, बाल विद्या मंदिर, बीडी कॉन्वेंट, टी.डी. गर्ल्स इंटर कॉलेज और लखनऊ पब्लिक स्कूल के अलावा सीतापुर के रीजेंसी पब्लिक स्कूल, सैक्रेड हार्ट हायर सेकेंडरी स्कूल और सुमित्रा पब्लिक इंटर कॉलेज में बच्चों ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन किया।
10-11 दिन से छा रहे बादल जैसे ही मंगलवार से छंटना शुरू हुए, वैसे ही रात के तापमान में गिरावट आने लगी। रविवार रात पारा 22.4 डिग्री तक पहुंच गया था, जो सोमवार रात लुढ़ककर 20.8 डिग्री दर्ज किया गया। हालांकि यह भी औसत से 5 डिग्री ज्यादा रहा। अच्छी बात यह है कि 6 नवंबर के बाद से तापमान में गिरावट आने लगेगी। खासकर रात का तापमान 16-17 डिग्री तक पहुंच सकता है। दरअसल, ठंड को प्रभावित करने वाला कोई सिस्टम फिलहाल एक्टिव होता नजर नहीं आ रहा है। वहीं पहाड़ी इलाकों में भी अभी से बर्फबारी शुरू हो गई है। आसमान साफ होते ही उत्तर से आने वाली हवा अपने साथ जोरदार ठंड लेकर आएगी। दिन के तापमान में भी गिरावट आएगी। लगातार बादल, बारिश के कारण रात की जगह दिन ज्यादा ठंडे रहेमंगलवार को दिन का तापमान 29.8 डिग्री दर्ज किया गया, जो औसत से 1 डिग्री कम रहा। इस ठंड के सीजन की खास बात यह है कि बादल, बारिश की वजह से रात के बजाय दिन में ठंड महसूस हुई। अधिकतम तापमान पर नजर डालें तो यह औसत से 9 डिग्री तक कम दर्ज हो चुका है। वहीं इस बार लगातार 12 रात से न्यूनतम तापमान औसत से 4 से 6 डिग्री तक अधिक दर्ज हो रहा है। मंगलवार को सुबह के वक्त आसमान साफ हुआ था, फिर 7 बजे के बाद हलके बादल छा गए थे। बारिश जैसी स्थिति भी बनी, लेकिन 10 बजे तक मौसम फिर साफ होता चला गया।
झज्जर जिले के बहादुरगढ़ शहर की खूबसूरती में जल्द ही चार चांद लगने जा रहे हैं। नगर परिषद बहादुरगढ़ ने पहली बार शहर के प्रमुख चौक-चौराहों का विशेष थीम पर सौंदर्यीकरण कराने की तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए करीब 1.35 करोड़ रुपए की राशि खर्च की जाएगी। जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले चरण में शहर के पांच प्रमुख चौक-चौराहों को मॉडल चौक के रूप में विकसित किया जाएगा। इन्हें न केवल आकर्षक लुक दिया जाएगा बल्कि इन्हें हरियाणा की संस्कृति, खेल, देशभक्ति और सामाजिक संदेशों से जोड़ते हुए एक नई पहचान दी जाएगी। विशेष थीम पर होगा सभी चौक का सौंदर्यीकरणइन चौकों पर अलग-अलग थीम के तहत सजावट और निर्माण कार्य किया जाएगा। किसी चौक को ‘तिरंगा थीम’ पर तैयार किया जाएगा, जहां राष्ट्रीय ध्वज के रंगों का आभास देने वाली लाइटिंग और संरचना होगी। वहीं किसी चौक को ‘हरियाणा स्पोर्ट्स थीम’ के तहत सजाया जाएगा, जिसमें राज्य के खेलों के गौरव,खिलाड़ियों और खेल प्रतीकों को दर्शाया जाएगा। एक चौक को ‘पुलिस थीम’ पर विकसित किया जाएगा, जिसमें पुलिस की छतरी और अनुशासन व सुरक्षा का संदेश होगा, जबकि एक अन्य चौक पर ‘शेर का प्रतीक’ स्थापित किया जाएगा, जो शक्ति और साहस का प्रतीक होगा। पहले चरण में 5 चौक का होगा सौंदर्यीकरणनगर परिषद की ओर से पहले चरण में पांच चौकों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा, उनमें नाहरा-नाहरी रोड पर ड्रेन रोड का जंक्शन, रेलवे रोड पर ड्रेन चौक जंक्शन, सेक्टर-9 का एंट्री चौक, सेक्टर-2 में झज्जर रोड का टी-प्वाइंट चौक और झज्जर रोड पर बादली चुंगी चौक शामिल हैं। इन सभी के डिजाइन फाइनल हो गए हैं। इन डिजाइनों को विशेष रूप से आर्किटेक्ट से बनवाया गया है। बढ़ेगी शहर की सुंदरता और पहचाननगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अरुण नांदल ने बताया कि यह परियोजना बहादुरगढ़ शहर की सुंदरता को बढ़ाने के साथ-साथ नागरिकों में जागरूकता भी लाएगी। चौक-चौराहों को इस तरह से डिज़ाइन किया जाएगा कि वे शहर की पहचान बनें और लोगों को आकर्षित करें। चौक-चौराहे देंगे विशेष थीम का संदेशअरुण नांदल ने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने के बाद बहादुरगढ़ की सूरत निखर जाएगी। उन्होंने बताया कि हम शहर के चौक-चौराहों को केवल सजावट के लिए नहीं, बल्कि पहचान और संदेश देने वाले प्रतीकों में बदलना चाहते हैं। पहले चरण में पांच चौक चुने गए हैं, बाद में अन्य चौक भी इसी तरह विकसित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि काम की शुरुआत जल्द ही होगी और कोशिश की जाएगी कि ये चौक आने वाले कुछ महीनों में आकर्षक रूप में नजर आएं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहल न केवल बहादुरगढ़ की सुंदरता बढ़ाएगी बल्कि शहर की पहचान को भी नई दिशा देगी। थीम आधारित सौंदर्यीकरण से शहर सांस्कृतिक और आधुनिक रूप मिलेगा नगर परिषद की चेयरपर्सन सरोज राठी ने बताया कि थीम आधारित सौंदर्यीकरण से शहर को एक सांस्कृतिक और आधुनिक रूप मिलेगा। बहादुरगढ़ में पहली बार इस तरह की थीम आधारित परियोजना शुरू होने जा रही है। उम्मीद है कि इन पांच चौकों से शहर की सुंदरता ही नहीं, बल्कि उसकी पहचान और गौरव भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा। बहादुरगढ़ के चौकों का थीम अनुसार PHOTOS
रामपुर सांसद की एक शादी पहली रात ही टूटी:दूसरी 15 दिन चली; मौलाना नदवी के 5 निकाह की पूरी कहानी
रामपुर से सपा सांसद और पार्लियामेंट स्ट्रीट मस्जिद के इमाम मौलाना मोहिबुल्ला नदवी चौथी पत्नी रुमाना नदवी से विवाद के बाद से ट्रोल हो रहे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि वह रुमाना को हर महीने 30 हजार रुपए गुजारा-भत्ता दें। इसके बाद से नदवी के 5 शादियां करने की चर्चा तेज है। नदवी का आजम खान से भी छत्तीस का आंकड़ा है। दोनों के एक-दूसरे के खिलाफ बयान सुर्खियां बन रहे हैं। आजम के गढ़ से सांसद मोहिबुल्ला नदवी की शादियों को लेकर पूरी कंट्रोवर्सी क्या है पढ़िए… संभल की आफिया से हुई थी पहली शादीमोहिबुल्ला नदवी रामपुर की तहसील स्वार स्थित गांव रजानगर के रहने वाले हैं। वर्तमान में जामा मस्जिद, पार्लियामेंट हाउस 5-रेसकोर्स रोड नई दिल्ली में रह रहे हैं। मोहिबुल्ला के करीबी बताते हैं कि उनकी पहली शादी संभल की रहने वाली आफिया खातून से हुई थी। शादी के कुछ साल बाद आफिया बीमार रहने लगीं। जांच कराई गई तो पता चला कि कैंसर है। इलाज शुरू हुआ, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। करीब 10 साल साथ रहने के बाद आफिया की मौत हो गई। आफिया से मोहिबुल्ला को 2 बेटियां हैं। 15 दिन भी नहीं चली दूसरी शादीपहली पत्नी की मौत के बाद मोहिबुल्ला नदवी ने रामपुर के ही शम्सी परिवार की बेटी नजीफा से शादी की। मोहिबुल्ला के एक करीबी ने नाम न छापे जाने की शर्त पर बताया कि निकाह के बाद नजीफा घर आई। पहली ही बार जब वह घर से अपने मायके गईं, तो फिर मोहिबुल्ला के पास नहीं लौटीं। इस तरह यह शादी 15 दिन भी नहीं चली। पहली रात ही कर लिया तीसरी पत्नी को छोड़ने का फैसलामोहिबुल्ला इसके बाद दिल्ली चले गए और वहीं रहने लगे। यहां उनके दोस्तों ने उन्हें शादी का मशविरा दिया। बुलंदशहर की एक लड़की से शादी करा दी। मोहिबुल्ला के एक करीबी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि शादी के बाद जब दुल्हन घर आई, तो पहली रात ही दोनों ने अलग होने का फैसला कर लिया। साल- 2012 में हुई चौथी शादीमोहिबुल्ला नदवी की चौथी शादी 22 अक्टूबर, 2012 को आगरा की रुमाना परवीन के साथ हुई। रुमाना की भी ये दूसरी शादी थी। ये शादी करीब साढ़े 3 साल चली। रुमाना बताती हैं- मेरी बड़ी बहन की रिश्तेदारी में सपा सांसद मोहिबुल्ला नदवी का आना-जाना था। मोहिबुल्ला की पहली पत्नी की मौत हो चुकी थी। वह दूसरी शादी करना चाहते थे। मेरे रिश्तेदार से अच्छा रिश्ता ढूंढने के लिए कहा था। बड़ी बहन के रिश्तेदार ने मेरे बारे में उन्हें बताया। मोहिबुल्ला नदवी की तरफ से रिश्ता आया, जिसे मेरे अब्बू ने स्वीकार कर लिया। रुमाना परवीन का आरोप है कि मोहिबुल्ला ने पहले की शादियों के बारे में नहीं बताया। वे कहती हैं- मुझे हर कदम सिर्फ धोखा मिला। 2 बेटियों के बारे में बिना बताए, मुझसे निकाह किया। घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया। प्रेग्नेंट होने पर अबॉर्शन कराना चाहा। बेटे को लेकर अब मैं आगरा में अपने अब्बू के घर रह रही हूं। मैं मोहिबुल्ला के साथ करीब 3 साल तक रही। हलफनामे में 5 बच्चों को आश्रित बतायामोहिबुल्ला नदवी ने 5वी शादी अपनी पहली पत्नी की रिश्तेदार समरा नाज से की है। वे मौजूदा समय उनके साथ रह रही हैं। इस पत्नी से भी मोहिबुल्ला को 2 बच्चे हैं। दोनों उन्हीं के साथ रहते हैं। मोहिबुल्ला नदवी ने अपनी 5वीं पत्नी का जिक्र 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान अपने हलफनामे में भी किया है। इसमें उन्होंने अपने 5 बच्चों को खुद पर आश्रित बताया है। जिसमें पहली पत्नी की दो बेटियां, चौथी पत्नी का बेटा, 5वीं पत्नी की एक बेटी और एक बेटा शामिल है। अब हाईकोर्ट का आदेश भी जानिएइलाहाबाद हाईकोर्ट ने सांसद मोहिबुल्ला नदवी के खिलाफ 14 अक्टूबर को आदेश दिया था। कहा था कि सपा सांसद को अपनी चौथी बीवी रुमाना को हर महीने 30 हजार रुपए गुजारा-भत्ता देना होगा। सांसद की पत्नी रुमाना नदवी ने उनके खिलाफ भरण-पोषण का दावा दायर किया था। कोर्ट ने मामला सुलझाने के लिए इसे हाईकोर्ट के मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र भेजा था। कोर्ट ने कहा था- रामपुर सांसद अपनी बीवी रुमाना नदवी के साथ अपने वैवाहिक विवाद को मध्यस्थता केंद्र के माध्यम से सुलझाएं। अदालत ने दोनों पक्षों को 3 महीने का समय दिया है। साथ ही आदेश दिया कि नदवी 55 हजार रुपए जमा करें। जिसमें से 30 हजार रुपए हर महीने बीवी को भरण-पोषण के लिए दिए जाएंगे। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान मोहिबुल्ला नदवी की ओर से पेश वकील नरेंद्र कुमार पांडे ने दलील दी कि यह मामला वैवाहिक विवाद से जुड़ा है। उनका मुवक्किल इसे आपसी सहमति और सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहता है। वकील ने कोर्ट से आग्रह किया कि मामला मध्यस्थता केंद्र को भेजा जाए, जिससे दोनों पक्ष मिल-बैठकर समाधान निकाल सकें। मोहिबुल्ला नदवी ने अपनी गंभीरता और ईमानदारी दिखाने के लिए यह भी पेशकश की कि वे मध्यस्थता केंद्र में पहली पेशी के दिन ही अपनी पत्नी को 50 हजार देने को तैयार हैं। समाधान तलाशने के लिए 3 महीने का समयकोर्ट ने मध्यस्थ को दोनों पक्षों के बीच विवाद का समाधान तलाशने के लिए 3 महीने का समय दिया है। साथ ही कहा कि इसके बाद मामले को दूसरी उपयुक्त बेंच के सामने रिपोर्ट के साथ पेश किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि यह मामला वर्तमान बेंच के समक्ष लंबित नहीं रहेगा। इसे आंशिक रूप से भी सुना हुआ नहीं माना जाएगा। जब तक अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, मोहिबुल्ला को अपनी पत्नी को हर महीने 30 हजार रुपए की मौजूदा भरण-पोषण राशि का भुगतान करना होगा। साथ ही, कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि याचिका दाखिल करने की तारीख से लेकर इस आदेश की तारीख तक की बकाया राशि की वसूली पर फिलहाल रोक रहेगी। हालांकि, अगर मोहिबुल्ला यह तयशुदा राशि जमा करने में असफल रहते हैं या मासिक भरण-पोषण राशि का भुगतान नहीं करते हैं, या फिर यदि मध्यस्थता विफल हो जाती है, तो यह अंतरिम आदेश खुद-ब-खुद निरस्त हो जाएगा। आजम को लेकर बयानों से भी चर्चा में रहे हैं नदवी मोहिबुल्ला नदवी सपा नेता आजम खान को लेकर दिए बयानों को लेकर भी चर्चा में हैं। आजम भी उनके खिलाफ बोलने का कोई मौका नहीं चूकते। जेल से रिहा होने पर जब उनसे सपा सांसद के बारे में पूछा गया तो आजम ने कहा था कि वह कौन हैं मैं नहीं जानता। इस पर नदवी ने कहा था- वह बुजुर्ग हो गए हैं। लंबे समय तक जेल में रहे, तो उन्हें पहचानने में दिक्कत होगी ही। यही नहीं जेल से वापस आने के बाद से आजम की अब तक रामपुर सांसद मौलाना मोहिबुल्ला नदवी से मुलाकात तक नहीं हुई है। मोहिबुल्ला नदवी ने भी बीते दिनों एक इंटरव्यू में कहा था कि जिस तरह से एक्ट्रेस जयाप्रदा को प्रताड़ित किया गया, उसी तरह का कुछ लोग ख्वाब देख रहे हैं। लेकिन, मुझे डराने की कोशिश न करें। रामपुर की जनता मेरे साथ खड़ी है। आजम खान ने 2024 के चुनाव का बहिष्कार किया, उनके लोगों ने बसपा को वोट दिया था। नदवी ने कहा था- ये सब तरीके ठीक नहीं हैं। बड़ी ओछी हरकतें होती हैं कि बात बिगड़ जाएगी। बहुत बुरा हो जाएगा। आप इस लहजे में किसको धमका रहे? इस उम्र में ज्यादा बोलना भी बीमारी होती है। बाद में नदवी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि ये तो अल्लाह ही जान सकता है कि नाराजगी की वजह क्या है? मैं तो इस पर हैरान हूं कि इस वक्त पूरे हिंदुस्तान में इतने मसले हैं। उन्हें सिर्फ ले-देकर मेरी ही जात का मसला सबसे अहम लग रहा है कि एक गांव में पैदा होने वाला मस्जिद का इमाम रामपुर का सांसद कैसे बन गया? -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... संभल हिंसा के वांटेड की गोल्ड बिस्किट संग तस्वीरें, दिल्ली से पासपोर्ट बनवा दुबई भागा शारिक साठा जामा मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर सर्वे चल रहा था। इसके विरोध में जमकर हिंसा हुई। 4 युवक मारे गए, 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए। जांच आगे बढ़ी तो शारिक साठा का नाम सामने आया। शारिक साठा यूपी पुलिस का मोस्ट वांटेड है। उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराने की तैयारी पुलिस ने शुरू कर दी है। विदेश मंत्रालय से पता चला है कि शारिक ने अगस्त, 2020 में दिल्ली के फर्जी एड्रेस से पासपोर्ट बनवाया और एक महीने बाद ही दुबई भाग गया था। पढ़ें पूरी खबर
बुलडोजर...बुलेट और बाबा-बाबा की गूंज। ये नजारा CM योगी के रोड शो का है। CM योगी ने मंगलवार को दरभंगा में 10 किलोमीटर रोड शो किया। बुलडोजर से फूल बरसाए गए। महिलाओं ने योगी की आरती उतारी। योगी हाथ में माइक लेकर भारत माता और जय श्री राम के नारे लगाते रहे। 60 मिनट के रोड शो में यूपी के सीएम योगी ने 260 बार जय श्रीराम और 70 बार मां जानकी के नारे लगाए। योगी के रोड शो में एक लड़की बुलेट पर सवार होकर आई। उसने भगवा रंग के कपड़े पहने थे। हाथ में बीजेपी का झंडा था। वो योगी-मोदी के नारे लगाती दिखी। VIDEO में देखिए रोड शो के रंग...
कार्रवाई:एमआर-9 से एलआईजी लिंक रोड के बीच मालवीय नगर से 100 बाधक निर्माण तोड़े
एमआर-9 से एलआईजी लिंक रोड के बीच मालवीय नगर से बाधाएं हटाना शुरू कर दिया गया। मंगलवार को यहां 100 से ज्यादा बाधक मकान तोड़े गए। यहां 100 फीट चौड़ी सड़क बनाने में 170 निर्माण प्रभावित होंगे। निगम ने पहले एक साइड की बाधाएं हटाईं। बुधवार को मलबा हटाया जाएगा। गुरुवार को दूसरी साइड पर रिमूवल किया जाएगा। यहां दूसरे ही दिन सड़क निर्माण शुरू करने की योजना है। भारी पुलिस बल के साथ टीम मौके पर पहुंची तो रहवासियों ने विरोध किया। अफसरों ने बताया नोटिस की समय सीमा बीत चुकी, इसलिए अब बाधक निर्माण हटाए जाएंगे। कुछ ने खुद निर्माण हटा लिया, बाकी निर्माण पांच जेसीबी और पोकलेन मशीनों से हटाए गए। हाल ही में रहवासियों ने विधायक रमेश मेंदोला के घर के सामने रिमूवल कार्रवाई के खिलाफ धरना दिया था। इस सड़क के बनने से एमआर-9 पर बर्फानी धाम के पास से मालवीय नगर होते हुए सीधे एलआईजी लिंक रोड तक पहुंच सकेंगे। इससे एबी रोड पर एमआर-9 चौराहा से एलआईजी चौराहा तक ट्रैफिक का दबाव कम होगा। रिंग रोड पर भी राहत मिलेगी। हर हफ्ते 1 सड़क पर कार्रवाईमास्टर प्लान की 23 सड़कों के लिए निगम ने चार पैकेज में टेंडर जारी किए, लेकिन एक साल बाद भी काम में गति नहीं आई। अब निगम ने सर्वे, मार्किंग और नोटिस देने की प्रक्रिया तेज कर दी। पिछले दिनों निगमायुक्त दिलीप कुमार यादव ने भी मास्टर प्लान की सड़कों का मौका-मुआयना कर बाधक निर्माए हटाने की प्रक्रिया में तेजी लाने का कहा था। हर हफ्ते एक सड़क से बाधाएं हटाई जाएंगी। 15 नवंबर को स्टार चौराहा से जमजम चौराहा तक 20 बाधक हटाए जाएंगे। इसके बाद जोन-12 की ब्लैंकेट वाली रोड पर रिमूवल होगा। चरणबद्ध काम का सुझाव
वह दौर था दमन का, जब आस्था के दीप बुझाने के लिए औरंगजेब की तलवार गरज रही थी। आज से हम शुरू कर रहे हैं एक अविस्मरणीय गाथा- ‘कृष्ण पलायन’। इस सीरीज में आप पढ़ेंगे, कैसे क्रूर बादशाह औरंगजेब की वजह से हजारों साल पुराने दिव्य कृष्ण विग्रह ब्रजभूमि छोड़कर चले गए। कुछ विग्रह 100-200 साल बाद लौट आए। लेकिन, ज्यादातर जहां गए, वहीं के हो गए और बन गए नए धाम के प्राण… कहानी से पहले ये जानना जरूरी है... पहले एपिसोड में आज पढ़िए, वृंदावन के ध्वस्त हुए सात मंजिला मंदिर के प्रभु गोविंददेव जी की अद्भुत यात्रा, जिसमें उन्हें बैलगाड़ी में घास के भीतर छिपाकर जयपुर पहुंचाया गया... वृंदावन में यमुना किनारे गोविंददेव मंदिर। संध्या आरती हो रही है। मृदंग, शंख और करताल की धुन के बीच गोविंद का नाम लेकर भक्त झूम रहे हैं। सात मंजिला मंदिर दीपकों की रोशनी में सोने-सा दमक रहा है। मंदिर के शिखर पर सवा मन यानी 50 किलो घी का विशाल दीप जल रहा है, जिसकी लौ आसमान चीर रही है। इसे कोसों दूर से देखा जा सकता है। मंदिर के सेवायत भावविभोर होकर बोले- “हे गोविंद! आपका प्रकाश तीनों लोक में फैल रहा है।” मुख्य सेवायत शिवराम गोस्वामी ने आंखें मूंदते हुए धीरे से कहा- “ये लौ घी से नहीं भक्ति से जलती है। जब-तक कृष्णभक्ति है, ये दीप नहीं बुझेगा।” आगरा का किला… बादशाह औरंगजेब आगरा के किले में कैद अपने पिता शाहजहां से मिलने आया था। पिता से ठंडी मुलाकात के बाद औरंगजेब किले की छत पर टहल रहा था। तभी दूर आसमान में एक तेज लौ दिखाई दी। उसने चौंककर पूछा- “ये क्या है? रात के अंधेरे में ये कैसी रोशनी है?” एक हिंदू सूबेदार आगे बढ़ा और सिर झुकाकर बोला- “जहांपनाह, ये रोशनी वृंदावन से आ रही है। वहां गोविंददेव जी का मंदिर है। इस मंदिर के लिए आपके दादाजान बादशाह अकबर ने काफी पैसा दिया था। मंदिर के शिखर पर एक विशाल दीपक जलता है। उसकी लौ यहां आगरा से भी दिखाई देती है।” औरंगजेब की आंखें तमतमा उठीं। दूर रोशनी की तरफ देखकर दांत पीसते हुए बोला- “अच्छा... तो ये वो मंदिर है जिस पर हमारे दादाजान ने लाखों खर्च किए थे। लेकिन हम अपने दादा जैसे नहीं हैं। हम खुदा के बंदे हैं। हमारी हुकूमत में काफिरों का मंदिर इतना बुलंद?” फिर पलटकर हिंदू सूबेदार को हुक्म दिया- “जाओ, उस मंदिर को जमीन के बराबर कर दो। हिंदोस्तान की कोई भी मस्जिद इतनी ऊंची नहीं है, तो बुतखाना इतना बुलंद कैसे हो सकता है।” हिंदू सूबेदार के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आईं। वो जानता था कि बादशाह का हुक्म टाला नहीं जा सकता। उसने सिर झुकाकर कहा- “जैसा बादशाह का हुक्म...।” मगर उसके भीतर से आवाज आई, “आस्था का दीप तलवार से नहीं बुझाया जा सकता।” फौज रवाना करने से पहले सूबेदार ने अपने एक खास आदमी को बुलाया और धीमी आवाज में आदेश दिया- “तुम्हें मुगल फौज से पहले ये खबर वृंदावन में गोविंददेव मंदिर तक पहुंचानी है। गोस्वामीजी को बता दो कि परसों सुबह होते ही फौज पहुंचेगी और मंदिर गिरा देगी।” वृंदावन… नगर की गलियां उस रात असामान्य रूप से शांत थीं। फिर भी कहीं मृदंग की मद्धम गूंज थी, कहीं कंठों से निकली हरिनाम की झंकार। लेकिन, मंदिर के भीतर अचानक हलचल मच गई थी। सूबेदार का आदमी मंदिर पहुंचा। उसके चेहरे पर थकान और डर दोनों थे। वह हांफते हुए बोला- “स्वामी जी, भयानक खबर है। बादशाह ने मंदिर गिराने का फरमान दिया है। परसों सुबह तक फौज यहां पहुंच जाएगी।” मंदिर के मुख्य सेवायत शिवराम गोस्वामी पलभर के लिए जैसे पत्थर हो गए। आसपास खड़े सेवायत हैरान थे। एक ने डरते हुए कहा- “अब क्या होगा महाराज!” शिवराम बोले- “हम बादशाह से नहीं लड़ सकते। भले ही मंदिर न बच पाए, लेकिन गोविंददेव जी का विग्रह तो बचाया जा सकता है। हमारे पास सिर्फ आज रात का समय है। विग्रह को सुरक्षित स्थान पर ले जाना होगा।” अब मुश्किल ये थी कि विग्रह नगर से बाहर कैसे निकाला जाए? एक सेवायत बोला- “गोविंद जी को झोली में छिपाकर ले चलें…?” शिवराम ने कहा- “गोविंद जी इतने छोटे नहीं हैं कि झोली में आ जाएं।” किसी को कुछ सूझ नहीं रहा था। शिवराम गोस्वामी आंख मूंदकर कुछ सोच रहे थे। अचानक उनका ध्यान टूटा और एक सेवायत से बोले- “बैलगाड़ी का इंतजाम करो। उसमें हरा चारा लाद दो। घास के भीतर गोविंद जी को छिपाया जाएगा और हम सब चरवाहे के वेश में चलेंगे।” सभी एक-दूसरे की ओर देखने लगे। निराशा में जैसे एक आस जगी हो। विग्रह का वृंदावन से निकलना… रात का दूसरा पहर बीत चुका था। पूरा वृंदावन गहरी नींद में था। मंदिर के पीछे से बैलगाड़ी धीरे-धीरे निकली। पीछे हरी घास का चारा, चारे के भीतर गोविंददेव जी का विग्रह। शिवराम गोस्वामी गाड़ी के साथ चल रहे थे। उनके पीछे अन्य सेवायत थे। टोली मुगल चौकी पार कर रही थी। कई सिपाही सोए हुए थे, लेकिन एक जाग रहा था। उसकी तलवार रात के अंधेरे में भी चमक रही थी। सिपाही ने जोर से आवाज दी- “रुको...!” लेकिन डर को दबाते हुए शिवराम ने गाड़ीवान से कहा- “चलते रहो, पलटकर मत देखना। सब ठाकुरजी पर छोड़ दो।” सिपाही ने भी दोबारा आवाज नहीं दी और बैलगाड़ी रात के अंधेरे में गुम हो गई। अगली सुबह औरंगजेब की फौज वृंदावन पहुंची। गोविंददेव मंदिर पर तोपें दागी जाने लगीं। मंदिर हिला और सात मंजिला मंदिर का शिखर भरभराकर ढह गया। तीन मंजिलें तोड़ दी गईं। वृंदावन के लोगों की आंखों में आंसू थे और मन में द्वंद्व कि हमारे गोविंद जी का क्या होगा? हाथ जोड़े सभी भक्त एक ही प्रार्थना कर रहे थे- “प्रभु कोई लीला करो, हमसे ये देखा नहीं जाता।” उन्हें क्या पता कि प्रभु पहले ही लीला कर चुके हैं। शिखर तोड़ने के बाद सिपाही मंदिर में घुसे। गर्भगृह का दरवाजा तोड़ा और मशालें जलाईं। देखा तो गोविंददेव जी का विग्रह गायब था। सिपाही चिल्लाया- “हुजूर, यहां मूर्तियां नहीं हैं। गर्भगृह खाली है। लगता है काफिर मूर्तियां ले गए।” दूसरा सिपाही बोला- “कहां तक बचेंगे? खुदा के बंदों की चाबुक उन्हें ढूंढ निकालेगी।” राधाकुंड में 13 साल… वृंदावन से करीब 25 किलोमीटर दूर, राधाकुंड। शिवराम गोस्वामी ने अपने साथियों से कहा- “वो दूर जंगलों के बीच एक टूटा-फूटा घर दिखाई दे रहा है। गोविंददेव जी वहीं विराजेंगे। यहां आसपास बड़े-बड़े पेड़ हैं, झाड़-झंखाड़ है। सिर्फ ग्वाले ही आते हैं यहां। मुगलों को इस जगह की भनक नहीं लगेगी।” गोविंददेव करीब 13 साल तक राधाकुंड के पास विराजमान रहे। किसी तरह औरंगजेब को इसकी खबर मिल गई। ये बादशाह के लिए एक हार थी। उसे ये बात चुभ गई। औरंगजेब अपने सूबेदार को फटकारते हुए बोला- “लानत है तुम पर… काफिर बचकर निकल गए। बुतपरस्ती जारी है। जाओ और देखो वो मूर्ति किसकी है। ऊंचे वाले गोविंददेव की हो, तो उसे तोड़ दो। उसके टुकड़े मेरे पास लाओ। जिसने मूर्ति बचाने की गुस्ताखी की, उसका सिर कलम करके मेरे सामने लाओ।” कामवन, राजस्थान ये खबर भी किसी तरह सिपाहियों के पहुंचने से पहले गोस्वामी को पता चल गई। आमेर रियासत के मिर्जा राजा जय सिंह के छोटे बेटे कीरत सिंह को खबर भेजी गई। उस वक्त कामवन यानी कामां की जागीर उनके पास थी। कीरत सिंह ने शिवराम गोस्वामी को कहलवाया कि गोविंददेव जी को लेकर वहां आ जाएं। सभी विग्रह लेकर कामवन पहुंच गए। मुगल सिपाहियों को राधाकुंड में कुछ नहीं मिला। औरंगजेब को खबर दी गई, “जहांपनाह, काफिर हमारे पहुंचने से पहले ही जा चुके थे।” औरंगजेब दांत पीसकर रह गया। उसने अपने विश्वासपात्र जासूसों को आदेश दिया कि किसी भी कीमत पर उस मूर्ति का पता लगाओ। पता लगाने वाले को जागीरदार बना दिया जाएगा। गोविंददेव के विग्रह पर खतरा बढ़ता जा रहा था, लेकिन इस बार सेवायत अकेले नहीं थे। कामवन के जाट भी उनके साथ थे। सरदार चूड़ामन जाट ने कई साल तक विग्रह की रक्षा की। आमेर रियासत से भी गोविंद जी की सेवा में नजराना आता रहा। मुसीबत के उस वक्त में भी भगवान को रोज आठ बार भोग लगता था। कामवन से आमेर... जब तक औरंगजेब का आतंक खत्म नहीं हो गया, गोविंद जी कामवन यानी कामां में ही रहे। 1707 में बादशाह की मौत के बाद गोविंद जी ने सांगानेर के पास गोविंदपुरा गांव में अपना पड़ाव डाला। 16 बैलगाड़ियों के साथ गोविंद जी गोविंदपुरा पहुंचे। सबसे आगे गोविंद जी की बैलगाड़ी थी। उनके पीछे सेवायत और फिर आमेर (अब जयपुर) के घुड़सवार सिपाही चल रहे थे। गोविंदपुरा आमेर रियासत का हिस्सा था, लेकिन महल से दूर था। सवाई राजा जय सिंह (ये मिर्जा राजा जय सिंह के पोते थे) चाहते थे कि गोविंददेव उनके नजदीक ही विराजमान हों। करीब 7 साल बाद राजा की इच्छा पूरी हुई। 1714 में गोविंददेव आमेर किले के नजदीक कनक घाटी में विराजमान हुए। किले तक जाने वाले रास्ते की दाहिनी तरफ मानसागर और पहाड़ियों के बीच मंदिर बना। भक्तों में ऐसा उल्लास था कि मानो रियासत में महीनों से कोई त्योहार चल रहा हो। राजा जय सिंह भी अब निश्चिंत थे। एक दिन गोविंददेव जी ने राजा को सपने में दर्शन दिए। उन्होंने राजा से कहा- “मुझे अकेला मत छोड़। मुझे तेरे साथ रहना है। मुझे अपने पास लेकर चल। अपने साथ रख।” राजा हड़बड़ाकर नींद से उठे। उन्होंने उसी समय दीवान विद्याधर भट्टाचार्य को बुलवाया। विद्याधर शिल्पकार भी थे। राजा ने उन्हें महल में कोई ऐसी जगह ढूंढने को कहा जहां गोविंददेव जी का मंदिर बन सके। ऐसी जगह जो सोते-जागते हमेशा राजा की नजरों के सामने रहे। राजा ने सपने की बात राजगुरु रत्नाकर पौंडरी को भी बताई। राजगुरु ने सपने का रहस्य राजा को समझाया- “ईश्वर भक्तों से ऐसे ही बात करता है राजन। ये एक इशारा है। सपने की बात को जल्द से जल्द साकार किया जाना चाहिए।” विद्याधर भट्टाचार्य ने सुझाव दिया- “महाराज, क्यों न गोविंददेव जी को सूर्य महल में विराजमान किया जाए? सुबह उठते ही आपको गोविंददेव जी के दर्शन होंगे।” जय सिंह को सुझाव पसंद आया। गोविंददेव सूर्य महल में विराजमान हुए। जयपुर शहर में मासिक उत्सव का ऐलान हुआ। राजा ने आदेश दिया- “हाथी-घोड़े सजाकर प्रभु के स्वागत में लगाया जाए। रियासत में कोई भूखा न रहे। आसपास की रियासतों में न्योता भेजा जाए। शंख, मृदंग और करताल से रियासत की गलियां गूंजती रहें।” आमेर में दीवाली-सा माहौल था। आठों पहर भंडारे चलते रहे। बड़े-बड़े व्यापारी, सेठ-साहूकार और आम लोग इस उत्सव में शामिल हुए। गोविंद जी को सैकड़ों तोपों की सलामी दी गई। राजा ने एक और ऐलान किया। ये भक्ति की पराकाष्ठा थी। राजा ने भरे दरबार में धीरे लेकिन साफ शब्दों में कहा- “आज से इस रियासत का राजा मैं नहीं, गोविंददेव जी होंगे। मैं उनका दीवान रहूंगा। दस्तावेजों पर उनका नाम चलेगा। दरबार में मुख्य स्थान उनके लिए खाली रहेगा।” ये बात आग की तरह फैल गई। “राजा ने राजपाट त्याग दिया, सब गोविंद को सौंप दिया।” लोग बिना पगड़ी-चप्पल पहने महल की ओर दौड़ पड़े। उस भाव ने जैसे जनता को मोह लिया था। राजा ने खुद को पीछे करके भगवान को आगे कर दिया था। सवाई राजा ने गोविंददेव जी को साष्टांग दंडवत किया और बोले- “प्रभु, आपका शिखर गिरा दिया गया, पर आपकी आस्था को कोई नहीं गिरा सका। हुकूमतें मिट जाएंगी, तलवारें जंग खा जाएंगी, लेकिन आपकी भक्ति हमेशा रहेगी। आप हमेशा रहेंगे।” जयपुर के सिटी पैलेस में गोविंददेव मंदिर आज भी उस दिन का गवाह है, जब तोप-तलवारें हारीं और आस्था-विश्वास जीते। अब पढ़िए वृंदावन में कैसे बना था गोविंदवेव मंदिर स्टोरी एडिट- कृष्ण गोपाल ग्राफिक्स- सौरव कुमार **** रेफरेंस मथुरा-वृंदावन के वृहद हिंदू मंदिर: डॉ चंचल गोस्वामी। ब्रज विभाव: संपादक गोपाल प्रसाद व्यास। द कंट्रीब्यूशन ऑफ मेजर हिंदू टेंपल्स ऑफ मथुरा एंड वृंदावन: डॉ चंचल गोस्वामी। औरंगजेबनामा: संपादक डॉ अशोक कुमार सिंह। ब्रज के धर्म संप्रदायों का इतिहास: प्रभुदयाल मीतल। सनातन के संरक्षण में कछवाहों का योगदान: डॉ सुभाष शर्मा-जितेंद्र शेखावत। गोविंद गाथा: नंदकिशोर पारिख। लक्ष्मी नारायण तिवारी, सचिव- ब्रज संस्कृति शोध संस्थान, वृंदावन। जयपुर इतिहास के जानकार- जितेंद्र शेखावत, संतोष शर्मा, सिया शरण लश्करी, प्रो देवेंद्र भगत (राजस्थान यूनिवर्सिटी) (कहानी को रोचक बनाने के लिए क्रिएटिव लिबर्टी लेकर लिखा गया है।)
नोएडा में दादरी-सूरजपुर-छलेरा (डीएससी) रोड पर एलिवेटेड बनकर तैयार है। ये एलिवेटेड सेक्टर-41 अगाहपुर से फेज-2 गंदे नाले तक है। नाले पर सड़क कम चौड़ी है। जाहिर है शुभारंभ के साथ नाले के पास बॉटलनेक बन सकता है। इसलिए इस नाले पर बनी पुलिया को चौड़ा किया जाएगा। एसीईओ सतीश पाल ने बताया कि पुलिया को चौड़ा करने के लिए सिचाई विभाग को पत्र लिखा जा रहा है। चौड़ाई वो बढ़ा देंगे और खर्च प्राधिकरण करेगा। उन्होंने बताया कि इससे और ट्रैफिक बेहतर हो जाएगा। हालांकि उद्घाटन से ठीक पहले नोएडा प्राधिकरण को इसकी याद आई। एलिवेटेड का निर्माण करीब 608 करोड़ में किया गया। इसकी कुल लंबाई 4.5 किमी है। दो महीने से ये रोड़ बनकर तैयार है। प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम इस प्रयास में है कि सीएम योगी आदित्यनाथ इसका उद्घाटन करे। इसको लेकर शासन स्तर पर बातचीत की जाएगी। अगर समय मिलता है तो इसका लोगों की सहुलियत को देखते हुए इसे पहले खोला जा सकता है। इस एलिवेटेड का काम जून 2020 में शुरू किया गया था। एलिवेटेड के प्रत्येक कर्व पर कवरिंग शीट भी लगाई जाएगी। रोड पर दुर्घटनाओं को रोका जा सके। चढ़ने उतरने के लिए बनाए जाएंगे दो लूपइस एलिवेटेड रोड के लिए सेक्टर-49-107 चौराहे पर दोनों ओर दो-दो लूप बनाया जाना प्रस्तावित है। सेक्टर-37 से आकर सेवन एक्स सेक्टरों की ओर जाने के लिए हनुमान मूर्ति के पास लूप उतरेगा। इसी तरह सेवन एक्स से फेज टू की ओर से सूरजपुर की ओर जाने वालों के लिए लूप चढ़ाया जाएगा। इसके दूसरी तरफ सेक्टर-107 की ओर चढ़ने-उतरने के लिए लूप बनाए जाएंगे। एक नजर में एलिवेटेड
एमआर-10 जंक्शन और अर्जुन बड़ौद में फ्लायओवर निर्माण की धीमी गति, बायपास की सर्विस रोड पर धूल और गड्ढे, जगह-जगह पर बने ब्लैक स्पॉट के चर्चा में आने के बाद मंगलवार को एनएचएआई चेयरमैन संतोष कुमार यादव जमीनी हकीकत जानने इंदौर पहुंचे। इंदौर-देवास बायपास, इंदौर-हरदा प्रोजेक्ट, इंदौर-खंडवा रोड का जायजा लिया। भास्कर से चर्चा में एनएचएआई चेयरमैन ने माना कि इंदौर-देवास बायपास की प्लानिंग में बड़ी खामी रही। बायपास पर दिक्कतें हैं, लेकिन टोल बंद करना मुमकिन नहीं। बायपास के रीडेवलपमेंट का प्लान बनाएंगे। बायपास की प्लानिंग में बड़ी खामी, शहर की जरूरत का ध्यान नहीं रखा, अब रीडेवलपमेंट प्लान बनाएंगे Q : इंदौर-देवास बायपास चलने लायक नहीं है। जगह-जगह गड्ढे, धूल। कैसे सुधार होगा?A : इंदौर-देवास बायपास जब बना था, तब प्लानिंग करने वालों ने प्रशासन से बात नहीं की और शहर की जरूरतें नहीं समझी। गलती हम ठीक करेंगे। प्लानिंग करने वाली एजेंसी को प्रशासन के साथ जोड़ेंगे और बायपास को रीडेवलप करने का प्लान बनाएंगे। Q : बायपास पर जगह-जगह ब्लैक स्पॉट बन चुके। हर दिन एक्सीडेंट हो रहे। वाहन चलाना जानलेवा हो गया है?A : बायपास के हर एक्सीडेंट जोन, हर ब्लैक स्पॉट का सेफ्टी ऑडिट कराएंगे। जहां भी सुधार की जरूरत होगी, तत्काल कराएंगे। प्रोजेक्ट डायरेक्टर बगैर स्वीकृति 25 लाख रुपए तक के सुधार काम ब्लैक स्पॉट पर करवा सकते हैं। हर घोषित ब्लैक स्पॉट को दुरुस्त करने के लिए 50 करोड़ तक के फंड का भी प्रावधान है। Q : बायपास चलने लायक नहीं तो टोल क्यों वसूला जा रहा?A : बायपास पर जो परेशानी है वो निर्माण कार्यों की वजह से है। निर्माण काम जल्द पूरे कराने पर जोर है। जहां सड़कों की हालत वाकई खराब है, वहां 4-6 महीनों के लिए टोल कलेक्शन रोकते भी हैं। इंदौर में अगर ये कदम उठाया तो देशभर से मांग उठेगी, सरकार को राजस्व की हानि होगी। Q : बायपास पर जगह-जगह कट हैं। समाधान कब होगा? A : बायपास पर लोगों ने अवैध कट बना दिए हैं। उन्हें तुरंत सील करने के निर्देश दिए हैं। ट्रकों की पार्किंग हटाने के लिए ट्रैफिक पुलिस और प्रशासन से सहयोग मांगेंगे। मीडियन में पौधारोपण और मुख्य रोड और सर्विस रोड के बीच कांक्रीट के बैरियर लगाएंगे, ताकि एक्सीडेंट न हो। Q : बायपास की सर्विस रोड भी ठीक स्थिति में नहीं। A : हाईवे के नियमों में टू लेन सर्विस रोड बनाने का प्रावधान है। हमने कलेक्टर को अवगत कराया है कि एनएचएआई अपने फंड से 4 लेन सर्विस रोड नहीं बना सकता। यह प्रोजेक्ट प्रशासन को ही देखना होगा। Q : इंदौर-हरदा रोड, इंदौर-खंडवा प्रोजेक्ट में भी देरी हो रही? A : इंदौर-हरदा रोड, इंदौर-खंडवा रोड का काम जल्द पूरा कराएंगे। बाकी सिंहस्थ से जुड़े अन्य प्रोजेक्ट के लिए स्वीकृति और टेंडर प्रक्रिया फरवरी 2026 तक करेंगे। दिसंबर 2027 तक इन्हें पूरा करने पर फोकस रहेगा। सिंहस्थ-2028 से पहले पूरी व्यवस्था चाक चौबंद करनी है। Q : आउटर रिंग रोड का काम लंबे समय से अटका है? A : आउटर रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण का काम चल रहा है। प्लानिंग प्रशासन के साथ मिलकर होगी, ताकि बायपास जैसा हश्र न हो।
लखनऊ के सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में बुधवार को गुरु नानक देव की जयंती के मौके पर अवकाश रहेगा। ऐसे में चिकित्सा संस्थानों में बुधवार को OPD पूरी तरह से बंद रहेगी। वहीं, सरकारी अस्पतालों में OPD का संचालन दोपहर 12 बजे तक होगा। अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों के अधिकारियों ने बताया कि इमरजेंसी में मरीजों को 24 घंटे इलाज दिया जाएगा। SGPGI, KGMU, लोहिया, कैंसर संस्थान में OPD का संचालन बुधवार को नहीं होगा। KGMU प्रवक्ता डॉ. केके सिंह ने बताया कि बुधवार को OPD का संचालन नहीं होगा पर ट्रॉमा सेंटर में राउंड द क्लॉक मरीजों को देखा जाएगा सभी गंभीर जरूरतमंद मरीजों का बिना देर किए इलाज देने के निर्देश है। लारी कार्डियोलॉजी की इमरजेंसी भी चलेगी। इन में भी रहेगा अवकाश लोहिया संस्थान के निदेशक डॉ. सीएम सिंह ने बताया कि गुरुनानक जयंती को अवकाश के चलते OPD कल संचालन नहीं होगा। इस दौरान एमरजैंसी सर्विसेज यथावत चलती रहेगी।आपातकालीन व्यवस्था में हर किसी को इलाज मिलेगाकैंसर संस्थान के निदेशक डॉ. एमएलबी भट्ट ने बताया कि बुधवार को छुट्टी की वजह से ओए में मरीज नहीं देखे जाएंगे। इमरजेंसी में मरीजों को 24 घंटे स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। सरकारी अस्पतालों में दोपहर तक OPD बलरामपुर अस्पताल में एमएस डॉ. देवाशीष शुक्ला ने बताया कि अस्पतालों में OPD का संचालन दोपहर 12 बजे तक होगा। मरीजों की जांचें और इलाज दोपहर 12 बजे तक मिलेगा। इमरजेंसी में मरीजों को लगातार इलाज मिलेगा। आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दिनेश कुमार मौर्या ने बताया कि अस्पताल की ओपीडी का संचालन दोपहर 12 बजे तक होगा।
रफ्तार धीमी- खर्च तेज:7500 से 12 हजार करोड़ पहुंची मेट्रो की लागत
अलाइनमेंट विवाद, प्रशासनिक देरी और तकनीकी बदलावों की वजह से इंदौर और भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट की स्पीड धीमी है, लेकिन खर्च तेजी से बढ़ रहा है। इंदौर मेट्रो तय समय सीमा से पांच साल पीछे चल रहा है। शुरुआत में इसकी लागत 7500 करोड़ तय की गई थी, जो अब बढ़कर करीब 12 हजार करोड़ तक पहुंच गई है। कुछ इसी तरह से भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत भी 6941 करोड़ से बढ़कर 10 हजार करोड़ हो गई है। इंदौर में 61% और भोपाल में 44% लागत बढ़ी है। कुल मिलाकर दोनों शहरों की मेट्रो की कीमतें अब 18 हजार करोड़ के पार पहुंच चुकी हैं। इंदौर की बात करें तो साल 2015 में बनी डीपीआर के बाद से रेट बढ़ते रहे, जबकि प्रोजेक्ट की गति लगातार सुस्त रही। अब तक 4409 करोड़ रुपए की फंडिंग मिली है, जिसमें से 4228 करोड़ खर्च हो चुके हैं। प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार, राज्य सरकार, न्यू डेवलपमेंट बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक मिलकर फंड कर रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर फैसला जल्द नहीं हुआ तो मेट्रो की लागत दोगुनी हो सकती है। इंदौर में 17.5 किमी एलिवेटेड कॉरिडोर ही अब तक अधूरा... इंदौर में मेट्रो का काम 2018-19 में शुरू हुआ था। 2021 में रफ्तार मिली, लेकिन कोविड से पहले एजेंसी-कंसल्टेंट विवाद और सरकार बदलने से प्रोजेक्ट अटक गया। 31.32 किमी में से अब तक 17.5 किमी एलिवेटेड कॉरिडोर अधूरा है। तय लक्ष्य 2025-26 था, अब 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है। भोपाल मेट्रो की डेडलाइन भी बढ़कर 2027 कर दी गई है। अलाइनमेंट विवाद... डेढ़ साल काम ही नहीं हो पाया रोबोट चौराहा से पलासिया चौराहा तक कुल 5.50 किमी पर एलिवेटेड कॉरिडोर का टेंडर 550 करोड़ में हुआ था। अलाइमेंट विवाद के कारण डेढ़ साल से काम ठप पड़ा था। खजराना के बाद से ही इसे अंडरग्राउंड करने की तैयारी है। ठेका निरस्त करने पर भी मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को मुआवजा देना होगा। अब तक इंदौर मेट्रो पर 4409 करोड़ और भोपाल मेट्रो पर करीब 3950 करोड़ खर्च हो चुके हैं। दूसरे व तीसरे चरण के रूट भी तयदिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने उज्जैन-इंदौर (लगभग 40 किमी) और इंदौर-पीथमपुर (44 किमी) के लिए रिपोर्ट तैयार की है। 25 जुलाई 2024 को डीएमआरसी को डीपीआर तैयार करने का आदेश मिल चुका है। रिपोर्ट जुलाई 2025 तक आने की उम्मीद है। मेट्रो के दूसरे व तीसरे चरण की रूट लाइन भी तय हो गई है।
छत्तीसगढ़ में अब प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी-2.0) के साथ मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान योजना की भी शुरुआत हो गई है। योजना के तहत जो लाभार्थी 18 महीने में अपने मकान का निर्माण पूरा करेंगे, उन्हें राज्य सरकार की ओर से 32850 रुपए का पुरस्कार मिलेगा। केंद्र सरकार से आवास निर्माण की मंजूरी मिलते ही योजना का क्रियान्वयन शुरू हो गया है। राज्य सरकार ने इस नई योजना के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री की पहल पर इसे महिलाओं और शहरी गरीबों के स्वामित्व वाले घरों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है। राज्य के 141 निकायों में पीएम आवास के तहत 11282 मकान बनाए जाने हैं। केंद्र सरकार ने 15 अक्टूबर को इन आवासों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि हर पात्र परिवार को स्वामित्व वाला पक्का मकान मिले। ऐसे में मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना की गति बढ़ाने और समयबद्ध निर्माण को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह छत्तीसगढ़ को ‘हर घर पक्का घर’ के संकल्प के करीब ले जाएगा। ढाई लाख रुपए के अलावा मिलेगी यह राशिकेंद्र और राज्य सरकार से इन मकानों के लिए अब तक कुल ढाई लाख रुपए का प्रावधान है। इसमें केंद्र सरकार की तरफ से डेढ़ लाख रुपए और राज्य सरकार का राज्यांश एक लाख रुपए है। हालांकि, मुख्यमंत्री गृह प्रवेश सम्मान योजना के तहत दी जाने वाली 32850 रुपए अलग से दिए जाएंगे लेकिन शर्त यह है कि मकान का निर्माण 18 महीने के भीतर पूरा हुआ हो। हर चरण में अलग- अलग राशि सीधे खाते मेंयोजना के तहत आवास निर्माण के अलग- अलग चरण में अलग- अलग राशि सरकार की तरफ से हितग्राहियों के खाते में ट्रांसफर की जाएगी। यह राशि चार किश्तों में दी जाएगी। हर चरण में आवंटित राशि का 70 प्रतिशत उपयोग होने के बाद तय फार्मेट में उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजने के बाद ही अगली किश्त जारी की जाएगी। राशि चार किश्तों में सीधे खाते में: फाउंडेशन स्तर पर ₹63,000 {लिंटल स्तर पर 87,000 {रूफ स्तर पर ₹65,000 {निर्माण पूर्ण होने पर ₹35,000 बिल्डिंग परमिशन की कॉपी सूडा को भेजना अनिवार्ययोजना के तहत बनने वाले मकानों की बिल्डिंग परमिशन केवल नगरीय निकाय द्वारा ही जारी की जाएगी। साथ ही परमिशन की एक कॉपी सूडा (राज्य शहरी विकास अभिकरण) में भेजना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर योजना के तहत राशि जारी नहीं की जाएगी। बता दें कि नगरीय निकाय से मिले बिल्डिंग परमिशन में दर्ज कॉरपेट एरिया के अनुसार ही हितग्राहियों को घर बनाना होगा। इसमें 30 वर्ग मीटर से 45 वर्ग मीटर के कारपेट क्षेत्रफल में घर बनाने की अनुमति है।
ग्वालियर में देश और दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित संगीत महोत्सव तानसेन समारोह-2025 के तहत लय, सुर व ताल की सभाएं सजने की बेला आ गई है। तानसेन समारोह का 101वां आयोजन पूरी गरिमा और भव्यता के साथ कराने के लिए मंगलवार को संभाग आयुक्त की अध्यक्ष में स्थानीय समिति की बैठक हुई है। समारोह 14 से 19 दिसंबर के बीच तानसेन के मकबरा पर होने जा रहा है। इस बार तानसेन समारोह के दौरान ग्वालियर के ऐतिहासिक दुर्ग पर समवेत कार्यक्रम में एक साथ एक हजार कलाकार एक साथ शास्त्रीय संगीत का गायन करेंगे, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड होगा। इसके अलावा समारोह से पूर्व संध्या पर गमक व कुछ दिन पहले से पूर्व रंग संगीत सभाएं होंगी। 100 साल से आयोजित होता आ रहा समारोहसालाना समारोह भारतीय संगीत की अनादि परंपरा के श्रेष्ठ कला मनीषी संगीत सम्राट तानसेन को श्रद्धांजलि व स्वरांजलि देने के लिए पिछले 100 साल से आयोजित हो रहा है। इस साल समारोह का 101वां वर्ष है। इसलिए इसे और खास माना जा रहा है। मंगलवार को समारोह की तैयारियों को लेकर स्थानीय समिति की बैठक में संभाग आयुक्त खत्री ने समिति के सदस्यों को भरोसा दिलाया कि बैठक में आए अच्छे सुझावों पर ध्यान देकर तानसेन समारोह के कार्यक्रम बेहत्तर बनाकर आयोजित करेंगे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि समारोह में अधिकाधिक संगीत रसिक पहुँचें। इसके लिये समारोह का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाए। बैठक में ये रहे उपस्थितसंभाग आयुक्त कार्यालय के सभागार में हुई तानसेन समारोह की स्थानीय समिति की बैठक में विधायक मोहन सिंह राठौर, मंत्रिगण, विधायकगण एवं महापौर के प्रतिनिधिगण, उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी के निदेशक प्रकाश सिंह ठाकुर, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, प्रभारी कलेक्टर कुमार सत्यम, नगर निगम आयुक्त संघ प्रिय, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सोजान सिंह रावत, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय के कुलसचिव अरुण सिंह चौहान एवं संगीत व कला मर्मज्ञों सहित समिति के अन्य सदस्यगण व संबंधित अधिकारी मौजूद थे। आयुक्त बोले- सदस्यों के सुझावों को गंभीरता से लेंसंभाग आयुक्त मनोज खत्री ने बैठक में मौजूद निदेशक उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी को निर्देश दिए कि समिति के सदस्यों द्वारा दिए गए सुझावों पर गंभीरता से लें और यथासंभव इन सुझावों पर अमल करें। उन्होंने निर्देश दिए कि स्थानीय कलाकारों के चयन के लिए गठित की जाने वाली ज्यूरी निष्पक्ष हो और इसमें ग्वालियर के संगीत व कला विशेषज्ञों को शामिल किया जाए। स्थानीय समिति की बैठक में संभाग आयुक्त ने सभी आयोजन स्थलों पर जिला प्रशासन, पुलिस व नगर निगम से संबंधित सभी व्यवस्थायें पूर्ण करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। साथ ही कहा कि सुर सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट में भी समारोह की सभा से संबंधित सभी व्यवस्थायें गुणवत्ता के साथ पूर्ण करें। 'गमक' में मूर्धन्य उप शास्त्रीय संगीत कलाकार की होगी प्रस्तुति समारोह के एक दिन पहले पहले 14 दिसंबर को इंटक मैदान में गमक का आयोजन होगा। इसके लिए समिति के सदस्यों ने उप शास्त्रीय संगीत के ख्यातिनाम कलाकारों के नाम सुझाव स्वरूप बताए। दुनियाभर में विख्यात मूर्धन्य गायक पं. हरिहरण एवं शंकर महादेवन सहित अन्य प्रतिष्ठित कलाकारों के नाम समिति के सदस्यों ने सुझाए हैं। संभाग आयुक्त ने कलाकारों से शीघ्र संपर्क कर गमक के लिये कलाकार का नाम तय करने के निर्देश निदेशक संगीत एवं कला अकादमी को दिए। पूर्वरंग “गमक” की संगीत सभाएं सजेंगी इस साल के तानसेन संगीत समारोह के मुख्य आयोजन से चार दिन पहले से 10 दिसंबर से पूर्वरंग की श्रृंखला में संगीत सभाएं आयोजित करने का सुझाव समिति के सदस्यों ने दिया है। संभाग आयुक्त मनोज खत्री ने संगीत की नगरी ग्वालियर में इन सभाओं के आयोजन के लिए जल्द से जल्द 10 प्रमुख स्थल चयनित करने के लिए आयोजन से जुड़े अधिकारियों एवं संगीत व कला मर्मज्ञों से कहा है। गमक श्रृंखला की सभाएं संगीत की नगरी ग्वालियर के अलावा शिवपुरी, दतिया एवं बटेश्वर में भी सजेंगीं। समिति के सदस्यों ने इन सभाओं में स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुतियां रखने का सुझाव दिया है। साथ ही इन सभाओं में अधिक से अधिक रसिकों की भागीदारी के लिये सुबह और शाम सभाएं रखने के सुझाव भी आए हैं। 15 दिसंबर को पारंपरिक ढंग से होगा शुभारंभ101वें तानसेन समारोह का औपचारिक आगाज 15 दिसंबर को होगा। इस दिन सुबह 10 बजे हजीरा स्थित सुर सम्राट तानसेन की समाधि पर शहनाई वादन, ढोलीबुआ महाराज की हरिकथा एवं मीलाद वाचन से समारोह का पारंपरिक शुभारंभ होगा। सायंकाल 6 बजे समारोह की मुख्य सभाओं के लिए बनाए गए भव्य मंच पर औपचारिक शुभारंभ किया जाएगा। साथ ही इस अवसर पर “राष्ट्रीय तानसेन सम्मान” एवं 'राष्ट्रीय राजा मानसिंह सम्मान' समारोह भी प्रस्तावित है। हर साल की तरह वादी-संवादी कार्यक्रम भी होंगे। चित्रकला पर केंद्रित कार्यक्रम व प्रदर्शनी लगाने के लिए भी आयोजन से जुड़े अधिकारियों से कहा है। मुख्य समारोह में 10 संगीत सभाएं होंगींतानसेन संगीत समारोह में इस साल 10 संगीत सभाएं होंगी। पहली सभा 15 दिसंबर को सायंकाल तानसेन समाधि परिसर में बनाए गए भव्य मंच पर सजेगी। इसके बाद हर दिन यहीं पर प्रातः एवं सायंकालीन सभाएं होंगी। समारोह के आखिरी दिन यानि 19 दिसंबर को प्रातः कालीन सभा संगीत शिरोमणि तानसेन की जन्मस्थली बेहट में और इस साल के समारोह की अंतिम संगीत सभा सायंकाल गूजरी महल परिसर में सजेगी।
शादियों का सीजन शुरू होते ही शादी वाले घरों में कुछ अलग करने की परंपरा बन चुकी है। उज्जैन के गोयल परिवार में हो रही शादी का निमंत्रण कार्ड देखकर हर कोई हैरान है। दरअसल, बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में इस परिवार ने भगवान महाकाल को समर्पित एक अनोखा कार्ड तैयार किया है। कार्ड में महाकाल मंदिर की भस्म, त्रिशूल, रुद्राक्ष और डमरू पर निमंत्रण प्रिंट करवाया है। इस कार्ड को परिवार के 10 सदस्यों ने मिलकर लगभग एक माह में तैयार किया। खास बात यह है कि कार्ड पर मालवा की लोक परंपरा 'मांडना' को भी उकेरा गया है, जिसमें सबसे अधिक मेहनत लगी। उज्जैन के आजाद नगर में रहने वाले सचिन गोयल के बेटे पार्थ की शादी भोपाल निवासी कोमल से 27 नवंबर को होने जा रही है। एक लाख रुपए में बने 400 कार्डबेटे की शादी के लिए निमंत्रण कार्ड परिवार के सभी सदस्यों ने मिलकर तैयार किया। प्रत्येक कार्ड की लागत करीब 250 रुपए आई। यह कार्ड भगवान महाकाल को समर्पित है। इसमें भस्म, रुद्राक्ष, डमरू और त्रिशूल जैसे प्रतीक शामिल हैं। कार्ड को दूल्हे के माता-पिता, दो बहनों, मामा-मामी और सेवाधाम आश्रम के दिव्यांग बच्चों ने मिलकर एक माह में तैयार किया। कुल 400 निमंत्रण कार्ड बनाए गए हैं। जिन पर लगभग एक लाख रुपए खर्च हुए हैं। दो माह तक एकत्रित की भस्म महाकाल मंदिर में सुबह होने वाली भस्म आरती के दौरान भगवान महाकाल को भस्म अर्पित की जाती है। कई श्रद्धालु इस भस्म को अपने घर में रखते हैं। शादी के निमंत्रण कार्ड में उपयोग के लिए सचिन गोयल ने लगभग दो माह तक भस्म एकत्रित की, क्योंकि महाकाल मंदिर की भस्म आसानी से नहीं मिलती। उन्होंने इस पवित्र भस्म को विशेष रूप से पैक करवाकर हर निमंत्रण कार्ड में लगाया, ताकि कोई भी व्यक्ति इस कार्ड को फेंके नहीं। शिव और शक्ति का प्रतीक बना विवाह का निमंत्रणदूल्हे के पिता सचिन गोयल ने बताया कि उज्जैन शहर में शिव और शक्ति दोनों विराजमान हैं। शिव महाकाल के स्वरूप में और शक्ति माता हरसिद्धि के रूप में हैं। इसी कारण शादी के कार्ड में शक्ति का प्रतीक त्रिशूल और भगवान महाकाल का प्रिय डमरू शामिल किया गया है। कार्ड में उपयोग किए गए डमरू और त्रिशूल को मेरठ से मंगवाया गया, जबकि अन्य सामग्री उज्जैन और इंदौर से लाई गई। यह खबर भी पढ़ेंपति को गोद में लिए चलती है महिला उज्जैन में ढाई फीट हाइट के रोहित को पांच फीट लंबी लड़की टीना से प्यार हो गया। प्यार परवान चढ़ा तो घर से भागकर शादी कर ली। शहर के नईपैठ में रहने वाले रोहित नागमोतिया (35) जन्म से ही दिव्यांग हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें...
कबड्डी खिलाड़ी तेजपाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अहम खुलासा हुआ है। पोस्टमार्टम में पता चला है कि गोली तेजपाल की छाती के बीचों बीच लगी है। गोली हार्ट के नजदीक से नीचे की तरफ निकली और किडनी के पास से होते हुए बाहर निकली। वही गोली कार की पिछली लाइट में जाकर घुस गई थी। तेजपाल का पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों के मुताबिक गोली बहुत नजदीक से फायर की गई। जिस तरह से गोली छाती पर लगकर नीचे की तरफ निकलकर बाहर निकली है उससे लग रहा हे कि पिस्तौल की नोक छाती पर रखकर ही गोली चलाई गई है। मेडिकल से यह भी स्पष्ट हो गया कि उसे .30 एमएम की पिस्टल से गोली मारी गई है। पोस्टमार्टम से पहले डॉक्टरों के बोर्ड ने तेजपाल की छाती का एक्सरे भी करवाया था ताकि यह पता चल सके कि गोली का शरीर में रूट क्या था। डॉक्टरों ने एक्सरे रिपोर्ट देखने के बाद उसका पोस्टमार्टम किया। गाड़ी की पिछली लाइट पर भी लगी थी गोली घटना के बाद पुलिस को मौके से गोली का एक खोल बरामद हुआ था। वहीं एक गोली तेजपाल के दोस्त प्रलाभ सिंह की कार की पिछली लाइट में भी लगी थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जिस तरह से गोली शरीर में लगी है और बाहर निकली है उससे पुलिस अधिकारियों को भी लग रहा हे कि जिस समय तेजपाल को गाली लगी है वो उस समय कार की पिछली लाइट के पास खड़ा रहा होगा। जिस ग्राउंड में कबड्डी खेलनी शुरू की वहीं पर होगा अंतिम संस्कार तेजपाल ने गिद्दड़विंडी के जिस खेल मैदान में बचपन में कबड्डी खेलनी शुरू की आज उसी मैदान में उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। ग्रामीण बताते हैं कि तेजपाल रोजाना इस ग्राउंड में प्रैक्टिस करने आता था और बाकी बच्चों को भी कबड्डी के गुर सिखाता था। मौसेरे भाई अनमोल सिंह ने बताया कि गांव गिद्दड़विंडी के खेल मैदान में बुधवार दोपहर 12 बजे तेजपाल का संस्कार किया जाएगा। तेजपाल को खेल से बेहद लगाव था और उसने अपने जीवन का अधिकांश समय इसी मैदान में बिताया, इसलिए परिवार ने वहीं अंतिम संस्कार करने का निर्णय लिया है। आरोपी काला की गिरफ्तारी के लिए पुलिस कर रही छापेमारी डीएसपी जसविंदर सिंह ढींढसा ने बताया कि आरोपी काला की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें मंगलवार को लगातार छापेमारी करती रही। उन्होंने बताया कि कुछ टीमें अन्य राज्यों में भी रेड करने गई हैं। जल्दी ही उसे पकड़ लिया जाएगा। जानिए कबड्डी खिलाड़ी की हत्या के पांच दिन में क्या क्या हुआ: 31 अक्तूबर: दोपहर बाद 2:50 बजे एसएसपी दफ्तर से 250 मीटर की दूरी पर आरोपियों ने कबड्डी खिलाड़ी तेजपाल सिंह की गोली मारकर हत्या की। पुलिस शव को लेकर सिविल अस्पताल पहुंची। शव सिविल अस्पताल की मॉर्चरी में रखा। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें बनाई और छापेमारी शुरू की। शाम को पिता रघुबीर सिंह के बयान पर जगराओं के थाना सिटी में हनी, काला और गगना के अलावा 8-9 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ। जस्सू कूम नाम के युवक ने फेसबुक पोस्ट डालकर हत्या की जिम्मेदारी ली। 1 नवंबर: परिजनों ने तेजपाल का पोस्टमार्टम करने से इंकार किया। पुलिस के सामने शर्त रखी कि आरोपियों को गिरफ्तार करो तभी पोस्टमार्टम होगा। शव को सिविल अस्पताल की मॉर्चरी से निकाल कर शेरपुरा रोड स्थित श्मशान घाट के फ्रीजर में रखा। 2 नवंबर: मुख्य आरोपी हनी व गगना गिरफ्तार। अवैध पिस्तौल बरामद। पुलिस परिजनों के पास पहुंची और पोस्टमार्टम करवाने को कहा। परिवार मान गया और तीन नवंबर को सुबह 11 बजे पोस्टमार्टम का समय तय हुआ। 3 नवंबर: सुबह पुलिस परिवार के पास पहुंची तो परिवार ने तीसरे आरोपी की गिरफ्तारी की मांग रखी और फिर पोस्टमार्टम से इंकार किया। पुलिस ने दोबारा परिजनों व ग्रामीणों से बात की और परिवार 12:30 बजे पोस्टमार्टम के लिए राजी हुआ। 12 बजे पुलिस फिर से परिवार से शव लेने गई तो परिवार ने कह दिया कि काला की गिरफ्तारी के बगैर पोस्टमार्टम नहीं करेंगे। देर शाम परिजनों ने साफ कर दिया कि पोस्टमार्टम की बात करने पुलिस हमारे घर न आए। काला को गिरफ्तार करके ही पोस्टमार्टम होगा। पुलिस ने परिवार को भरोसा दिलाया कि जल्दी ही काला गिरफ्तार कर लिया जाएगा। 4 नवंबर: परिवार पोस्टमार्टम करवाने को राजी हुआ। तीन डॉक्टरों के बोर्ड ने पोस्टमार्टम किया। परिवार ने 5 नवंबर को 12 बजे अंतिम संस्कार करने का ऐलान किया और लोगों को इसमें शामिल होने की अपील की।
गोरखपुर के पीपीगंज क्षेत्र में छठ के दिन दो गिरोह के बीच गैंगवार हुआ। गोली बारी की घटना ने पूरे क्षेत्र का दहला दिया था। एके-47 गैंग जो अपने शरीर और गाड़ियों पर AK-47 लिखवाए हुए है। वहीं दूसरी रेड गैंग के सदस्य अपने सिर के बाल लाल कर लिए हैं। दोनों ही गिरोह में युवा से लेकर नाबालिग तक शामिल हैं। जो एक व्हाट्सएप मैसेज पर मरने मारने को तैयार हो जाते हैं। इस घटना के बाद पुलिस दोनों ही गिरोह की कमर तोड़ना शुरू कर दी है। मंगलवार को 3 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस अब तक 22 बदमाशों को गिरफ्तार कर जेल भेजवा चुकी है। अभी और बदमाशों की तलाश चल रही है। इस गिरोह के ज्यादातार सदस्य महराजगंज जिले के हैं। पुलिस ने घटना के बाद जब गोली-बारी और दिन दहाड़े मारपीट करने वालों की गिरफ्तारी शुरू की तब कई हैरान करने वाली बातें सामने आईं। मुखिया के मरने के बाद बनी दो गैंग जांच में सामने आया कि नई उम्र के एक साथ पढ़ने लिखने वाले युवाओं की टीम ने काफी पहले एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था। जिसमे सैकड़ों युवाओं को जोड़ा गया था। ग्रुप के सदस्यों को कहीं भी कोई परेशानी होती थी। तब व्हाट्सएप ग्रुप पर एक मैसेज करने पर तय स्थान पर सभी सदस्य जुट जाते थे। एक जुट होकर मारपीट करते थे। इससे क्षेत्र के लोगों में भी दहशत थी। इसी बीच इस गिरोह के मुखिया की मौत हो गई। तब इस गिरोह पर राज करने के लिए होड़ मच गई। एक गिराेह दो गुट में बंट गया। एक ने अपना नाम एके-47 रख लिया। वहीं दूसरे ने अपने गिरोह का नाम रेड गैंग रख लिया। इसके बाद एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए सोशल मीडिया पर एक से बढ़कर एक दहशत वाली फोटो दोनों ही गैंग शेयर करने लगे। एके-47 गैंग ने अपनी बाइक और शरीर पर उसी नाम का टैटू बनवाया। वहीं रेड गैंग के सदस्यों ने अपने बाल लाल रंग से रंगवा लिए। इसके बाद दोनों ही गैंग में आए दिन मारपीट होने लगी। छठ के दिन जमकर मारपीट और फायरिंग 27 अक्टूबर को छठ पर्व के दिन दोनों गिरोह पीपीगंज के अकटहवां में आमने-सामने आ गए। इसके बाद हॉकी, डंडे और अवैध असलहे का जमकर इस्तेमाल हुआ। दोनों ही गैंग एक दूसरे पर हमला बोल दिए। दोनों गिरोह की बीच मारपीट और गोलीबारी की घटना का वीडियो भी बन गया। जो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। इसके बाद पुलिस के उच्च अधिकारियों ने गंभीरता से इस मामले को लिया। कैंपियरगंज सीओ और पीपीगंज थानेदार पर लापरवाही बरतने का आराेप लगा। यह बात अधिकारियों के संज्ञान में भी आ गई। उन्होंने तत्काल सीओ और थानेदार को हटा दिया। इसके बाद दोनों गिरोह के सदस्यों पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस टीम बनाई। इधर लगातार हुई कार्रवाई में अब तक दोनों ही गैंग के 22 सदस्यों को पकड़कर पुलिस जेल भेज चुकी है। अभी अन्य सदस्यों की तलाश चल रही है। गिरोह के कई सदस्य तो पुलिस से बचने के लिए नेपाल और मुंबई तक निकल गए हैं। मंगलवार को 3 सदस्य हुए गिरफ्तार गैंगवार में शामिल एके 47 व रेड गैंग के तीन आरोपियों को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान पनियरा के डोमरा निवासी सनी कनौजिया, चिलुआताल के बलुआ निवासी बालकिशुन और पनियरा के मुहद्दीनपुर निवासी सचिन यादव के रूप में हुई है। पुलिस की गिरफ्त में आए एक आरोपी के हाथ पर ‘एके-47’ का टैटू बना हुआ है, जो उसकी आपराधिक प्रवृत्ति और एक 47 गैंग से कनेक्शन की पुष्टि करता है। वहीं सोमवार को भी 10 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिन्हें मंगलवार को जेल भेजवाया। पुलिस अब तक 22 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। इसमे सात नाबालिग को बाल सुधार भेजा है। पुलिस गैंग लीडर और शरणदाताओं की तलाश करने के साथ ही प्रकाश में आए आरोपियों के बैंक खाते फ्रीज और सिम कार्ड लॉक कराने की तैयारी कर रही है। लखनऊ तक पहुंचा मामला छठ पूजा के दिए एके 47 व रेड गैंग के बीच हुए गैंगवार की आंच लखनऊ तक पहुंच गई। इसके बाद पीपीगंज पुलिस ने आनन फानन में केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। इसके साथ ही डीआईजी एस चनप्पा के आदेश पर एसपी नार्थ के नेतृत्व में पीपीगंज और महाराजगंज की पनियरा पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी शुरू की। पुलिस ने अकटहवा पुल पर बनाया कैंप, दिन-रात छापेमारी फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पीपीगंज और महराजगंज जिले की पनियरा पुलिस टीम ने अकटहवा पुल पर अस्थाई कैंप बना रखा है। पूरी रात गांवों में दबिश दी जा रही है और दिन में परिजनों व रिश्तेदारों से पूछताछ जारी है। गांव में अब भी तनाव का माहौल बना हुआ है। घटना के बाद पुलिस ने सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुपों पर विशेष नजर रखनी शुरू कर दी है। अधिकारी चेतावनी दे चुके हैं कि कोई भी व्यक्ति ऐसे किसी ग्रुप से न जुड़े जो हिंसा या कानून विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में एसपी उत्तरी जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया- घटना के वीडियो से आरोपियों की पहचान कर उनकी लगातार गिरफ्तारी की जा रही है। उपद्रव करने वाले सभी आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। फरार आरोपियों की तलाश में पुलिस टीम लगी है। बहुत जल्द घटना से जुड़े सभी आरोपी गिरफ्तार कर लिए जाएंगे।
राजस्थान में गैंग टैंकरों से पेट्रोल-डीजल चुरा रही हैं। ऑयल डिपो से रवाना होने के बाद पंप पर पहुंचने से पहले गैंग के बदमाश गैरेज, झाड़ियों या सुनसान रास्तों पर ड्राइवरों की मिलीभगत से महज 15-20 मिनट में हजारों लीटर पेट्रोल-डीजल चुरा लेते हैं। उसकी जगह एथेनॉल, थिनर और केरोसिन तेल मिलाकर तैयार किया 30 रुपए का मिलावटी पेट्रोल-डीजल भर देते हैं। 104 रुपए लीटर का असली पेट्रोल किराणा व्यापारियों और हाईवे पर बने वर्कशॉप को 60 रुपए लीटर के भाव में बेच दिया जाता है। भास्कर रिपोर्टर ने पेट्रोल के लुटेरों को एक्सपोज करने के लिए 1 महीने तक जोधपुर सालावास स्थित ऑयल डिपो से पेट्रोल-डीजल सप्लाई करने वाले टैंकरों का पीछा किया तो ये हैरान कर देने वाला सच सामने आया। इस दौरान गैंग ने रिपोर्टर की गाड़ी को भी पिकअप से टक्कर मारने की कोशिश की। पढ़िए पूरी इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट... टैंकर नंबर 1 : महज 15 मिनट में पानी की मोटर से तेल चुरा लिया रिपोर्टर ने सबसे पहले टैंकर नंबर RJ13GB1370 का पीछा किया। टैंकर जैसे ही ऑयल डिपो से निकला, रिपोर्टर ने उसका गाड़ी से पीछा किया। जोधपुर से करीब 80 किलोमीटर दूर तिंवरी-ओसियां रोड पर टैंकर शिव शक्ति नाम के होटल के पास रुका। होटल के पास टीनशेड का गैरेज बना हुआ था। भास्कर टीम टैंकर पर नजर रखने के लिए होटल से दूर जाकर खड़ी हो गई। 15-20 मिनट बाद ड्राइवर होटल से बाहर आया। स्टाफ ने गैरेज का गेट खोल दिया। ड्राइवर टैंकर को गैरेज में ले गया। बाहर से गेट बंद कर दिया। गैरेज के दूसरी तरफ क्या चल रहा है, ये जानने के लिए हमने ड्रोन उड़ाया। ड्राइवर और उसके साथी तेल चुराने के लिए स्पेशल चाबी से टैंकर के ढक्कन खोल रहे थे। ढक्कर खोलने के बाद एक पाइप ड्रम में डाला। फिर पानी की मोटर से टैंकर से 2 से 3 हजार लीटर तेल निकालकर पास रखे ड्रम में भर लिया। इसके बाद वहीं पर पड़े एक और ड्रम में रखा मिलावटी तेल वापस टैंकर में भर दिया। पूरे प्रोसेस में महज 15 मिनट लगे। इसके बाद टैंकर गैरेज से बाहर आ गया और बाहर खड़ा दूसरा टैंकर तेल चोरी के लिए अंदर पार्क कर दिया। ये सबकुछ ड्रोन के कैमरे में रिकॉर्ड हो गया। टैंकर नंबर 2 : ड्राइवर ने अपने साथियों को बुलाया, रिपोर्टर की कार को टक्कर मारने की कोशिश 5 दिन बाद रिपोर्टर ने हिंदुस्तान पेट्रोलियम के डिपो से निकले एक और टैंकर RJ04GC 5559 का पीछा किया। टैंकर बाड़मेर हाईवे की तरफ जा रहा था। 60 किलोमीटर तक पीछा करने के बाद ड्राइवर को शक हो गया। उसने कल्याणपुर के पास टैंकर रोक दिया। ड्राइवर ने किसी को फोन किया। कुछ देर बाद एक बाइक सवार वहां आया। टैंकर ड्राइवर से कुछ बात की और वहां से चला गया। करीब एक घंटे कल्याणपुर में रुकने के बाद टैंकर ड्राइवर रवाना हो गया। रिपोर्टर फिर से टैंकर का पीछा करने लगा। थोड़ी दूर चलने के बाद एक पिकअप आई। ड्राइवर ने पिकअप आगे लगाकर रिपोर्टर की कार रोकने की कोशिश की। पिकअप में कई बदमाश सवार थे। रिपोर्टर ने नहीं रोकी तो पिकअप ड्राइवर ने कार को टक्कर मारने की कोशिश की। रिपोर्टर ने कार कुछ दूरी पर बने पेट्रोल पंप पर रोकी और पुलिस को फोन किया। पुलिस के पेट्रोल पंप पर पहुंचते ही पिकअप में सवार बदमाश वहां से भाग गए। टैंकर नंबर 3 : डिपो से महज 200 मीटर दूर झाड़ियों की आड़ में तेल चोरी रिपोर्टर ने 10 दिन बाद एक और टैंकर RJ19 GH1137 का पीछा किया। ड्राइवर ने इंडियन ऑयल के डिपो से बाहर आते ही महज 200 मीटर चलने के बाद टैंकर सुनसान कच्चे रास्ते की तरफ ले जाकर झाड़ियों की आड़ में रोक दिया। वहां पहले से मौजूद अपने साथी के साथ पाइप डालकर टैंकर का पेट्रोल पानी की मोटर की मदद से वहां पड़े ड्रम में भरने लगा। वहीं पर मिलावटी तेल का एक दूसरा ड्रम भी पड़ा था। जितना तेल निकला, उतना ही मिलावटी तेल वापस भर दिया, ताकि माप बराबर आए। हाईवे पर बने वर्कशॉप और किराणा स्टोर पर बोतलों में बिकता है चोरी का पेट्रोल गैंग के बदमाश टैंकरों से चुराया पेट्रोल-डीजल ड्रमों में भरकर 60 रुपए लीटर में हाईवे पर बने वर्कशॉप और किराणा स्टोर को बेच देते हैं। बाद में इन वर्कशॉप और किराणा स्टोर पर बोतलों में भरकर डीजल 80-85 और पेट्रोल 90 से 100 रुपए में बिकता है। जोधपुर के सालावास से बोरानाड़ा तक एक दर्जन से ज्यादा किराणा स्टोर और वर्कशॉप पर खुलेआम बोतलों में पेट्रोल-डीजल बिक रहा है। रिपोर्टर ने यहां 2 दुकानदारों से बात की… सालावास में पेट्रोल-डीजल बेचने वाला दुकानदार रिपोर्टर : पेट्रोल भरवाना है। दुकानदार : कितना? रिपोर्टर : एक लीटर! क्या रेट लगेगी? दुकानदार : 100 रुपए लगेंगे। रिपोर्टर : दूसरे तो 90 में दे रहे हैं। दुकानदार : 90 में मिलावटी मिलेगा। हम 100 रुपए में ओरिजिनल देंगे। सांगरिया महालक्ष्मी किराणा स्टोर रिपोर्टर : 1 लीटर पेट्रोल चाहिए। दुकानदार : वहां बोतलें पड़ी हैं। उठा लो। रिपोर्टर : कितने रुपए हुए? दुकानदार : 1 लीटर के 90 रुपए दे दो। तेल कंपनियां बोलीं- रास्ते में होती है बदमाशीजोधपुर के सालावास स्थित इंडियन ऑयल डीपो के डीजीएम विकास जेना ने बताया कि टैंकर ड्राइवर डिपो से निकलने के बाद रास्ते में बदमाशी करते हैं। टैंकर की सील से छेड़खानी नहीं हो और तेल चोरी को रोकने के लिए हम सील में एडवांस तकनीक से बदलाव करने की तैयारी कर रहे हैं। इसके अलावा तेल चोरी की शिकायत मिलने पर हम टैंकर ड्राइवर को हमेशा के लिए बैन कर करते हैं। तेल चोरी में डिपो के किसी भी कर्मचारी और अधिकारी की मिलीभगत नहीं होती है। यह बहुत पहले होता था। लेकिन बाद में कार्रवाई करके इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया। जोधपुर में एचपीसील डिपो मैनेजर हिमांशु मीणा ने बताया कि टैंकर पर सील और जीपीएस लोकेशन जैसी तकनीक से टैंकर से तेल चोरी को रोका जाता है। फिर भी अगर कोई तेल चोरी की शिकायत मिलने पर हम कार्रवाई करते हैं। विशेष सहयोग : विजय ओझा .... भास्कर इन्वेस्टिगेशन से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... 1. राजस्थान में तेल से सस्ता घी, हर जगह सप्लाई:जहर बेच रहे माफिया, बोले- कोई पहचान नहीं पाएगा, खरीदने के लिए चाहिए- 3 कोडवर्ड असली के नाम पर केमिकल से बना घी बेचने वाले माफिया ये सच दैनिक भास्कर के कैमरे पर कबूल कर रहे हैं। करीब एक महीने की पड़ताल के बाद हमारी टीम नकली घी बेचने वाले माफियाओं तक पहुंची। पूरी खबर पढ़िए... 2. फैक्ट्रियों में केमिकल से तैयार होता नकली घी देखिए:ऑर्डर मिलते ही 15 मिनट में माल रेडी, 2 किलो बनाने में खर्चा महज- 230 रुपए भास्कर टीम उन फैक्ट्रियों तक भी पहुंची, जहां रात के अंधेरे में नकली घी बनकर तैयार होता है। दिन में गार्ड पहरा देते हैं। रिपोर्टर गार्ड को चकमा देकर फैक्ट्री के अंदर तक पहुंच गए। पूरी खबर पढ़िए...
चुनाव:बिहार में छत्तीसगढ़ मॉडल का प्रचार करने पहुंची 250 लोगों की टोली, 55 नेताओं ने संभाली कमान
बिहार में पहले फेस की वोटिंग 6 नवंबर को होने जा रही है। चुनाव बिहार में है लेकिन इसकी तैयारी छत्तीसगढ़ में पिछले 8 महीने से चल रही थी। एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के तहत भाजपा छत्तीसगढ़ के उन 8 जिलों में कार्यक्रम कर रही थी जहां बिहार के लोग अधिक रहते हैं। इसमें रायपुर, भिलाई-दुर्ग, बिलासपुर, रायगढ़, जशपुर, अंबिकापुर, कोरबा और मनेंद्रगढ़-चिरमिरी शामिल हैं। इन शहरों में अप्रैल महीने से बिहार के लोगों को मोटिवेट किया जा रहा था कि वे अपने रिश्तेदारों को छत्तीसगढ़ मॉडल के बारे में बताएं। यहां हो रहे विकास कार्यों की जानकारी दें। एनडीए की सरकार बनने पर बिहार की सूरत कैसे बदल सकती है, यह भी बताएं। इसके साथ ही जो आज भी बिहार के वोटर्स हैं उन्हें भी मोटिवेट किया जा रहा था कि वे वोट डालने जरूर जाएं। इस अभियान के तहत ऐसे 250 आम लोग भी तैयार हुए, जो अपनी इच्छा से बिहार चुनाव में भाजपा के समर्थन में प्रचार करने पहुंचे हैं। ये लोग गांव-गांव जाकर प्रचार कर रहे हैं। भाजपा संगठन ने भी डाला डेराभाजपा संगठन के कई बड़े पदाधिकारी की ड्यूटी भी बिहार चुनाव में लगी हुई है। प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव, मुख्य प्रवक्ता संतोष पांडेय, हेमंत पाणिग्रही जैसे नेताओं ने कमान संभाल रखी है। वहीं पिछले चार महीने से सीजीएमएससी के अध्यक्ष दीपक महस्के भाजपा सोशल मीडिया को लीड कर रहे हैं। नान के अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव को सिवान, गोपालगंज और छपरा में लगा रखा गया है। अपेक्स बैंक के अध्यक्ष केदारनाथ गुप्ता चंपारण वेस्ट और चंपारण ईस्ट की 21 विधानसभाओं को लीड कर रहे हैं। महतारी वंदन से लेकर नई उद्योग नीति तकछत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद महतारी वंदन और नई उद्योग नीति जैसे फैसलों का प्रचार बिहार में किया जा रहा है। एनडीए की सरकार बनने के बाद कैसे राज्य और केंद्र सरकार एक साथ मिलकर विकास करती है, इसके उदाहरण भी दिए जा रहे हैं। जैसे पीएम आवास में कैसे मकानों को कांग्रेस ने रोक रखा था लेकिन सरकार बनते ही गरीबों को मकान मिलना शुरू हाे गया। घोषणा पत्र के वचनों को किस तरह निभाया जाता है, इसकी मिसाल भी पेश की जा रही है। मंत्री-विधायक की लगी ड्यूटी दो मंत्री गजेंद्र यादव और लखनलाल देवांगन को पूरी तरह से बिहार चुनाव में ही लगा रखा गया है। बाकी मुख्यमंत्री की भी दो सभाएं वहां करवाई गईं। उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा भी वहां प्रचार करने में जुटे हुए हैं। बाकी मंत्रियों को भी दो-तीन दिन के लिए चुनाव प्रचार में अलग-अलग विधानसभा में भेजा गया। इसके अलावा सुशांत शुक्ला, भावना बोहरा जैसे विधायक भी नियमित बिहार में ही हैं।
जोधपुर की सूरसागर थाना पुलिस ने मोटरसाइकिल चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से 13 मोटरसाइकिल बरामद की गई है। सूरसागर थाना अधिकारी हरिश्चंद्र सोलंकी ने बताया कि शहर में लगातार हो रही चोरियों को देखते हुए सूरसागर थाना स्तर पर एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने सूचना के आधार पर संदिग्ध लोगों पर निगरानी रखी। निगरानी के दौरान थाना क्षेत्र के गांव मणाई से संदिग्ध व्यक्ति मोहम्मद इमरान और मेघाराम को पकड़ कर सख्ती से पूछताछ की गई तो उन्होंने जोधपुर शहर से उदय मंदिर, रातानाडा एरिया, जोधपुर ग्रामीण, जयपुर और अजमेर में अलग-अलग जगह से चोरी की गई कुल 13 वारदातें करना स्वीकार किया। आरोपियों की निशानदेही पर उनके कब्जे से चोरी की गई 13 मोटरसाइकिल जब्त की गई है। आरोपियों से अन्य वारदात को लेकर पूछताछ की गई जा रही है। ये आरोपी गिरफ्तार आरोपी मोहम्मद इमरान (30) पुत्र मोहम्मद अनवर निवासी संजय नगर कच्ची बस्ती मदीना मार्ग भट्टा बस्ती पुलिस थाना भट्टा बस्ती जयपुर को गिरफ्तार किया गया है। मोहम्मद इमरान के खिलाफ जयपुर के विभिन्न थानों में आठ मामले अलग-अलग धाराओं में दर्ज हैं। वहीं दूसरा आरोपी मेघाराम (25) पुत्र भगवानाराम बावरी निवासी जुगत सिंह नगर बालरवा, जोधपुर को गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ भी मथानिया थाने में एक मामला दर्ज है।
यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। पूर्वोत्तर रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए 5 नवंबर को विभिन्न रूटों पर 10 पूजा स्पेशल ट्रेनों का संचालन करने का फैसला किया है। इन गाड़ियों में से कई ट्रेनें लखनऊ मंडल से होकर गुजरेंगी, जिससे यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। यात्रियों को त्योहार के बाद यात्रा में राहत दीपावली और छठ पर्व के बाद पूर्वांचल से लेकर महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और पंजाब की ओर यात्रियों की भीड़ बढ़ी हुई है। इसे ध्यान में रखते हुए रेलवे प्रशासन ने विशेष पूजा स्पेशल गाड़ियां चलाई हैं ताकि सामान्य ट्रेनों पर दबाव कम हो सके और यात्रियों को टिकट मिलने में सुविधा हो। लखनऊ रूट पर चलेंगी ये ट्रेनें.. लखनऊ से होकर गुजरने वाली या आसपास के स्टेशनों से संबंधित गाड़ियों में प्रमुख हैं— 05131 गोरखपुर–बहराइच पूजा विशेष: सुबह 5.25 बजे गोरखपुर से रवाना होकर आनंदनगर, बढ़नी, गोंडा होकर बहराइच पहुंचेगी। 05132 बहराइच–गोरखपुर पूजा विशेष: दोपहर 2.30 बजे बहराइच से चलेगी, गोंडा, बढ़नी, आनंदनगर होते हुए गोरखपुर पहुंचेगी। 05005 बढ़नी–अमृतसर पूजा विशेष: दोपहर 3.10 बजे बढ़नी से रवाना होकर गोंडा, सीतापुर, मुरादाबाद से अमृतसर जाएगी। 01080 गोरखपुर–छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (मुंबई) पूजा विशेष: दोपहर 2.30 बजे गोरखपुर से चलेगी, कानपुर सेंट्रल और झांसी होते हुए मुंबई पहुंचेगी। 01416 गोरखपुर–पुणे पूजा विशेष: शाम 5.30 बजे गोरखपुर से प्रस्थान कर कानपुर सेंट्रल, वीरांगना लक्ष्मीबाई जंक्शन (झांसी) होकर पुणे पहुंचेगी। पूर्वांचल और बिहार से भी मिलेंगी सीधी कनेक्टिविटी त्योहारों पर घर लौटने वालों के लिए बिहार और बंगाल रूट पर भी कई ट्रेनें दी गई हैं— 03132 गोरखपुर–सियालदह पूजा विशेष: दोपहर 1.00 बजे प्रस्थान कर सीवान, छपरा, पटना होकर सियालदह जाएगी। 05064 मऊ–कोलकाता पूजा विशेष: दोपहर 1.30 बजे मऊ से चलेगी, भटनी, सीवान, छपरा के रास्ते कोलकाता पहुंचेगी। 03216 थावे–पटना पूजा विशेष: शाम 6.25 बजे थावे से रवाना होकर मसरख, खैरा के रास्ते पटना पहुंचेगी। 01432 गाजीपुर सिटी–पुणे पूजा विशेष: रात 10.40 बजे गाजीपुर सिटी से रवाना होकर जौनपुर और झांसी होकर पुणे जाएगी। 04182 लालकुआं–वीरांगना लक्ष्मीबाई जंक्शन (झांसी) पूजा विशेष: दोपहर 12.20 बजे लालकुआं से चलेगी, बरेली सिटी, कासगंज, मथुरा होकर झांसी पहुंचेगी।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में मंगलवार को कोरबा पैसेंजर ट्रेन और एक मालगाड़ी के बीच जोरदार टक्कर हुई। बिलासपुर कलेक्टर संजय अग्रवाल ने 11 लोगों की मौत की पुष्टि की है। वहीं 20 लोग घायल हैं। इनमें बच्चे, महिलाएं शामिल हैं। हादसा गतौरा रेलवे स्टेशन के लाल खदान के पास हुआ है। CPRO विपुल कुमार ने बताया कि घायल यात्रियों का इलाज रेलवे अस्पताल, सिम्स और अपोलो में जारी है। रेस्क्यू टीम ने कई यात्रियों को बोगी से सुरक्षित निकाला। पैसेंजर ट्रेन की बोगी को गैस कटर से भी काटा गया है। बोगी में फंसे 2 लोग भी निकाल लिया गया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हादसे की जानकारी ली है। मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए और गंभीर घायलों को 5 लाख रुपए का मुआवजा घोषित किया है। वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपए और घायलों को 50 हजार की आर्थिक सहायता राशि देने का ऐलान किया है। वहीं कोरबा से बिलासपुर रूट पर ट्रेनों का संचालन ठप कर दिया गया है। आजाद हिंद एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस, बिलासपुर-टाटा एक्सप्रेस, अमरकंटक एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों का समय 4-5 घंटे देरी से चल रहा है। इस रिपोर्ट में विस्तार से पढ़िए अब तक क्या-क्या हुआ, कहां-कहां यात्री घायल हैं, कहां-कहां इलाज चल रहा है, कैसे है अभी स्थिति ? सबसे पहले जानिए कैसे हुआ हादसा ? दरअसल, तेज रफ्तार कोरबा पैसेंजर ट्रेन कोरबा से बिलासपुर जा रही थी। करीब 77 किलोमीटर की दूरी तय कर ली थी। बिलासपुर पहुंचने के लिए 8 किलोमीटर तय करना बाकी था। 4 बजे के आसपास कोरबा पैसेंजर ट्रेन गतौरा रेलवे स्टेशन के लाल खदान के पहुंची। इसी बीच जिस रूट से पैसेंजर ट्रेन की गुजरने वाली थी, उसी रूट पर एक मालगाड़ी खड़ी थी। तेज रफ्तार से बिलासपुर की ओर बढ़ रही पैसेंजर ट्रेन ने टक्कर मार दी। हादसा इतना भयंकर था कि पैसेंजर ट्रेन का इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया। अब हादसे से जुड़ी ये 3 तस्वीरें देखिए... हादसे के बाद यात्रियों को निकाला गया बोगी से बाहर इस दौरान हादसे में 11 लोगों की मौत हुई है, जबकि 20 लोग घायल हैं। इनमें 5 लोग बिलासपुर की रहने वाले हैं, जबकि बाकी यात्री रायपुर और जांजगीर-चांपा के रहने वाले हैं। वहीं मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। मरने वालों की जानकारी जुटाई जा रही है। रेलवे के मुताबिक घायलों को बिलासपुर के रहने वाले 5 को सिम्स अस्पताल, 2 लोगों को अपोलो हॉस्पिटल और बाकी 6 लोगों को रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से कई लोगों की हालत गंभीर है।हालांकि इनके अलावा कई लोगों को छुट्टी मिल चुकी है। प्रत्यक्षदर्शी ने बताया- हादसे में कई लोग घायल तखतपुर के यात्री देवकुमार धुरी ने बताया कि कोटमीसुनार से बिलासपुर जाने के लिए आ रहा था। इसी बीच अचानक से ट्रेन में धक्का लगा। बाहर झांककर देखा तो पता चला कि इंजन मालगाड़ी के ऊपर चढ़ गया था। आनन-फानन में अपने सामान लेकर हम लोग नीचे कूद गए। इस दौरान बोगी में फंसे लोगों को बाहर निकलने में मदद की। हम अपने घर जाने के लिए अब दूसरी व्यवस्था देख रहे हैं। हादसे में कई लोग घायल हुए हैं। मौके पर चीख-पुकार मच गई थी। कुछ देर बाद रेलवे के अधिकारी और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। लोगों को बाहर निकाला गया। बिलासपुर में ट्रेन हादसे से 4-5 घंटे देरी से चली गाड़ियां कोरबा से बिलासपुर रूट पर ट्रेनों का संचालन ठप कर दिया गया था। बिलासपुर ट्रेन हादसे की वजह से आजाद हिंद एक्सप्रेस, हीराकुंड एक्सप्रेस, बिलासपुर-टाटा एक्सप्रेस, अमरकंटक एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनों का समय 4-5 घंटे देरी से चला। इससे यात्री स्टेशन पर परेशान होते रहे। वहीं बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को ट्रेनों की सही जानकारियां भी नहीं दी जा रही थी, जिससे यात्री इस प्लेटफॉर्म से उस प्लेटफॉर्म में भटकते दिखे। वहीं रायगढ़ और कोरबा में भी एक्सप्रेस ट्रेनों को रोक लिया गया था, जिसकी वजह से यात्री परेशान होते रहे। 3 महीने पहले ही ऑटोमैटिक सिग्नलिंग से लैस किया गया था रूट दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के मुताबिक कोरबा-बिलासपुर रूट समेत बिलासपुर जोन में 3 महीने पहले ही 462 किलोमीटर का दायरा मॉडर्न तकनीक से लैस हो गया था। एक ट्रैक पर एक साथ एक से अधिक ट्रेनें चलने का रेलवे ने दावा भी किया था, लेकिन हादसे ने रेलवे की पोल खोल दी। दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे ने बताया था कि यात्रियों को बेहतर, सुविधाजनक, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव देने के लिए लगातार प्रयासरत है। यात्रियों को बेहतर सेवाएं देने के साथ-साथ क्षमता में वृद्धि के लिए आधुनिक और उन्नत तकनीक का इस्तेमाल भी किया गया है। अब ग्राफिक्स के जरिए समझिए भारत में हादसों के बारे में ?
राज्य की फॉरेंसिक लैब को मिली एनएबीएल की मान्यता, 78 से अधिक देशों में मान्य होगी रिपोर्ट
राज्य की फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएल) से चार साल के लिए मान्यता मिली है। बोर्ड ने जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रयोगशाला की 11 यूनिट को मान्यता दी है। क्योंकि यहां जांच अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप आधुनिक मशीनों से की जा रही है। इसकी रिपोर्ट भी उत्कृष्ट रही है। यह देश की उन गिनी-चुनी प्रयोगशालाओं में से एक है, जो गंभीर मामलों की रिपोर्ट सात दिनों के भीतर दे देती है। एनएबीएल की मान्यता मिलने के बाद छत्तीसगढ़ की फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट अब न केवल सुप्रीम कोर्ट बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 78 देशों में मान्य होगी। इस उपलब्धि के साथ छत्तीसगढ़ फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी देश की टॉप-5 प्रयोगशालाओं में शामिल हो गई है। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, ओडिशा, मध्यप्रदेश और आंध्रप्रदेश जैसे राज्यों की तुलना में रायपुर की लैब में अधिक आधुनिक मशीनें और बेहतर सुविधाएं हैं। संयुक्त संचालक टीएल चंद्रा ने बताया कि रायपुर की स्टेट फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को लगातार अपडेट किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक 3500 से अधिक डीएनए टेस्ट किए जा चुके हैं। इसके आधार पर कई आरोपियों की पहचान हुई और उन्हें न्यायालय से सजा भी मिली है। लैब में नकली जेवर की जांच की भी सुविधाटैगोर नगर स्थित प्रयोगशाला में सोने-चांदी के जेवरों की गुणवत्ता जांच की जाती है। पुलिस थानों में जब्त जेवरों को जांच के लिए यहां भेजा जाता है। इससे कार्रवाई में आसानी होती है। देश की बहुत कम प्रयोगशालाओं में इस तरह की सुविधा उपलब्ध है। 420 के कई मामलों में रिपोर्ट से सजा हुई है। टैंपर सीडी और मोबाइल की जांच टैंपर सीडी, वीडियो या फोटो की जांच भी लैब में शुरू हो गई है। इसके लिए लैब में 80 लाख से सवा करोड़ रुपए तक की कई हाईटेक मशीनें और सॉफ्टवेयर लगाए गए हैं। इस यूनिट में मोबाइल, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, ईमेल और सोशल मीडिया डेटा की फॉरेंसिक जांच की जाती है। लैब में नकली जेवर की जांच की भी सुविधाटैगोर नगर स्थित प्रयोगशाला में सोने-चांदी के जेवरों की गुणवत्ता जांच की जाती है। पुलिस थानों में जब्त जेवरों को जांच के लिए यहां भेजा जाता है। इससे कार्रवाई में आसानी होती है। देश की बहुत कम प्रयोगशालाओं में इस तरह की सुविधा उपलब्ध है। 420 के कई मामलों में रिपोर्ट से सजा हुई है। टैंपर सीडी और मोबाइल की जांच टैंपर सीडी, वीडियो या फोटो की जांच भी लैब में शुरू हो गई है। इसके लिए लैब में 80 लाख से सवा करोड़ रुपए तक की कई हाईटेक मशीनें और सॉफ्टवेयर लगाए गए हैं। इस यूनिट में मोबाइल, लैपटॉप, हार्ड डिस्क, ईमेल और सोशल मीडिया डेटा की फॉरेंसिक जांच की जाती है। और नई यूनिट भी खुलेंगी^ हाईटेक होगा राज्य की फॉरेंसिक लैब एनएबीएल की मान्यता मिलना इस बात का प्रमाण है कि स्टेट फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी आधुनिक और विश्वसनीय है। सुविधाएं लगातार बढ़ाई जा रही हैं और जल्द कुछ नए यूनिट भी खोले जाएंगे। ताकि सभी तरह की जांच राज्य में ही संभव हो। पुलिस या जांच एजेंसियों को बाहर न जाना पड़े।-विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री
करनाल जिले के अलीपुर खालसा गांव में फैक्ट्रियों से निकलते वाला केमिकल युक्त पानी न सिर्फ भू-जल को बर्बाद कर रहा है, बल्कि फैक्ट्रियों से गांव के नालों में बहने वाला यह दूषित पानी गांव की आबोहवा को भी खराब कर रहा है। ग्रामीणों ने शासन से लेकर प्रशासन तक का दरवाजा खटखटाया, अधिकारियों ने शिकायतों पर संज्ञान तो लिया, लेकिन कोई संतोषजनक कार्रवाई नहीं हुई। केमिकल युक्त पानी की वजह से बर्बादी की कगार पर है। नालों से केमिकल युक्त पानी बहता है और इसकी वजह से गंदे नाले का पानी ओवरफ्लो होकर गलियों में भर जाता है। इस बर्बादी से अलीपुर खालसा को बचाने के लिए गांव के युवाओं ने जिला कष्ट निवारण समिति का दरवाजा खटखटाया। जहां शिकायतकर्ता रविंद्र की तरफ से विश्वास शर्मा ने पूरे मामले को प्रोसीड किया। कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने विश्वास शर्मा की शिकायत के बाद अधिकारियों से जवाब मांगा तो अधिकारियों ने अपनी कार्रवाई के तर्क रखे। जिस पर विश्वास ने मंत्री को बताया, गांव में टीम सैंपल के लिए जाती है और केमिकल वाले पानी की रिपोर्ट आती है कि यह तो बरसात का पानी है। डिपार्टमेंट सही तरीके से काम कर ही नहीं रहा। कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने जिला उपायुक्त को कमेटी का गठन कर पूरे मामले की जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं। अब टीम गांव में जाकर पूरे मामले की जांच करेगी और सैंपलिंग करेगी और पूरे मामले की रिपोर्ट को अगली मीटिंग में रखा जाएगा। उसमें क्या कुछ सामने आता है, वह अगली मीटिंग में ही पता चलेगा। विश्वास की माने तो आज केमिकल युक्त लाल पानी इन फैक्ट्रियों से निकलकर गांव के नालों में बह रहा है और वह किसी को नजर न आए, इसलिए फैक्ट्री से बाहर आने वाले पानी के ऊपर कंक्रीट की स्लैब को ढक रखा है। अब सिलसिलेवार ढंग से समझते है पूरा मामला... 25 अगस्त को उपायुक्त को दी गई थी शिकायत गांव अलीपुर खालसा में 50 से ज्यादा फैक्ट्रियां है। जिनसे लगातार केमिकल युक्त पानी बाहर निकलता रहा है। 25 अगस्त 2025 को उपायुक्त कार्यालय में शिकायत की गई थी। जिसमें शिकायतकर्ता रविंद्र ने लिखा था कि गांव अलीपुर खालसा में नालों की सफाई नहीं होती, जिसकी वजह से गांव का गंदा पानी ओवरफ्लो होकर गली में एवं घरों में घुस जाता है। केमिकल युक्त पानी को धरती के अंदर एवं गांव के पंचायती नाले एवं पंचायती जमीन में छोड़ती है, जिससे की गांव का पानी बुरी तरह से जहरीला हो चुका है एवं गांव के लोग गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हो चुके है। अधिकारी भी आंखे मूंदे बैठे है, जिसका परिणाम गांव की जनता को भुगतना पड़ता है। गांव में 2 सफाई कर्मी लगे हुए हैं, जो बार- बार कहने पर भी नालों की सफाई नहीं करते। 6 महीने से नालों की सफाई नहीं हुई है। इस बाबत गांव के सरपंच विशाल शर्मा को भी बोला गया एवं ग्राम सचिव हरदीप राठी को भी बोला गया। ग्राम सचिव हरदीप राठी का कहना है कि आप लिखित में शिकायत कर दो। कुछ लोगों द्वारा गांव के नालों पर दुकान बना कर नाले के ऊपर सीमेंट से कवर कर रखा है जिसकी वजह से नाले से पानी आगे नहीं जा रहा। शिकायत से पहले किए थे दो ट्विट (13 मई 2025 व 28 मई 2025) फैक्ट्रियों के केमिकल युक्त पानी की समस्या से जुझ रहे रविंद्र ने पॉल्युशन विभाग को दो ट्विट भी किए थ। पहला ट्विट 13 मई 2025 को किया गया। डिपार्टमेंट के AEE वैभव ने मौके पर आकर जांच की और 26 मई 2025 को अपनी रिपोर्ट दी। जिसमें बताया गया कि कोई भी हानिकारक तत्व पानी में नहीं पाया गया। इसके बाद फिर से रविंद्र ने एचएसपीसीबी इनवायरमेंट डिपर्टमेंट को ट्विट किया, यह ट्विट 28 मई 2025 को किया गया था। जिस पर फिर AEE ने जांच की और 19 जून 2025 को अपनी रिपोर्ट दी। इस रिपोर्ट के मुताबिक भी सैंपल में कोई हानिकारक तत्व नहीं मिला। कब-कब हुई शिकायतें... पहली शिकायत एसडीएम को (29 मई 2023) : 29 मई 2023 को शिकायतकर्ता ने एसडीएम घरौंडा को शिकायत दी थी। जिसमें उन्होंने लिखा था कि उसके खेत में गांव, फैक्ट्रियों और अवैध कालोनियां का गंदा पानी घुस रहा है। फैक्ट्रियों का केमिकल युक्त पानी खेत में घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहा है। दूसरी शिकायत एसडीएम को (5 जून 2023): 5 जून 2023 को शिकायतकर्ता ने एसडीएम घरौंडा को दोबारा शिकायत दी और लिखा कि 5 जून 2023 को की गई शिकायत पर कोई भी कार्रवाई नहीं हुई। गांव का गंदा पानी नाले ओवरफ्लो की वजह से खेत में घुस रहा है। तीसरी शिकायत विधायक को (2 जुलाई 2023): 2 जुलाई 2023 को शिकायतकर्ता ने घरौंडा विधायक को केमिकल युक्त पानी की शिकायत की थी। जिसमें उन्होंने लिखा था कि वह दो महीने से खेत में गंदे पानी के घुसने की समस्या से जुझ रहा है और इसको लेकर एसडीएम घरौंडा को 29 मई 2023 और 5 जून 2023 को शिकायत दे चुका है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। बरसात के दिनों में समस्या और भी ज्यादा बढ़ जाता है। गंदे नाले ओवरफ्लो हो जाते है और पानी खेत में आ जाता है, जिससे फसल खराब होने की कगार पर है। इसका स्थायी समाधान किया जाए। चौथी शिकायत सीएम आफिस हरियाणा को (18 अगस्त 2023): 18 अगस्त 2023 को शिकायतकर्ता ने सीएम आफिस हरियाणा को शिकायत दी थी। जिसमें उन्होंने शिकायत दी थी कि उपायुक्त करनाल और विधायक घरौंडा के आदेशों पर भी नहीं हुई कोई कार्रवाई। शिकायतकर्ता के मुताबिक, वह पिछले करीब 6 महीने से खेत में गंदे पानी के घुसने की समस्या से जूझ रहा है। इसको लेकर दो बार एसडीएम को भी शिकायत दी जा चुकी है। लेकिन समाधान नहीं हुआ। इसके अतिरिक्त विधायक घरौंडा ने भी एसडीएम घरौंडा को सख्त कार्रवाई के लिए लिखा है एवं उपायुक्त करनाल ने भी तहसीलदार घरौंडा को 26 जुलाई 2023 को लिखकर 15 दिन के अंदर समस्या का समाधान करवाने के लिए लिखा है। परंतु 25 दिन होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे ये साफ झलक रहा है कि कोई भी अधिकारी जनता की समस्या से सरोकार नहीं रखता। शिकायतकर्ता ने लिखा कि वह पिछले 6 महीने से अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है, मेरी सारी धान की फसल खराब हो गयी। परंतु अभी तक कोई समाधान नहीं किया गया। इस शिकायत के आधार पर डीसी करनाल ने हरियाणा भू अभिलेख निदेशक के 14 जून 23 के पत्र के तहत तहसीलदार को जांच के लिए लिखा। डीसी ने 25 जुलाई 2023 को तहसीलदार को जांच के लिए आदेश दिए थे और 15 दिन में जांच रिपोर्ट सब्मिट करने के आदेश दिए। शिकायतों पर क्या रहा प्रशासन का जवाब बीडीपीओ कार्यालय की तरफ से उपायुक्त करनाल को जवाब बनाकर भेजा गया था। जिसमें लिखा गया था कि इस संबंध में खंड कार्यालय के द्वारा अलीपुर खालसा के सरपंच व संबंधित ग्राम सचिव से रिपोर्ट मांगी गई थी। रिपोर्ट में लिखा गया कि गांव में ग्राम पंचायत द्वारा समय-समय पर जरूरत अनुसार सफाई अभियान चलाकर साफ-सफाई का कार्य करवाया जा रहा है। ग्राम पंचायत द्वारा सफाईकर्मियों व मजदूरों की सहायता से नालों की सफाई करवाई जा रही है। कभी-कभी ज्यादा बारिश होने के कारण पानी भर जाता है तो कि अस्थाई समस्या है। जहां तक केमिकल पानी के कारण पानी की प्रदूषित होने की बात है, उस संबंध में प्रदूषण विभाग द्वारा गांव में आकर पानी के सैंपल लिए जाते हैं। ग्राम पंचायत द्वारा नाले व नालियों की साफ-सफाई करवा दी गई है। कष्ट निवारण समिति की बैठक में विश्वास ने किया प्रोसीड हाल ही में हुई कष्ट निवारण समिति की बैठक में विश्वास शर्मा ने यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया। उन्होंने बताया कि केमिकल युक्त पानी के मामले को 2023 से उठाया जा रहा है, लेकिन आज तक कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई है। प्रदूषण विभाग के अधिकारी हमारे सामने ही सैंपल लेकर जाते है और बाद में जब रिपोर्ट आती है तो उसे बारिश का पानी बता दिया जाता है। दूसरा, गांव में गंदे नाले की पानी की निकासी के लिए जो नाला बनाया गया है उसमें किसी भी फैक्ट्री वाले को एक बूंद पानी डालने का अधिकार नहीं है, फिर भी उसमें पानी डाला जा रहा है। जिससे गांव का गंदा पानी पीछे ही ब्लॉक हो जाता है और गलियों में घुसा रहता है। यह समस्या सिर्फ अकेले शिकायतकर्ता की नहीं बल्कि 2500 लोगों की जिंदगियों से जुड़ी हुई है। जिसके बाद मीटिंग में ही अधिकारियों ने अपना पक्ष रखा और बताया कि पानी के सैंपल में ऐसा कोई केमिकल वाला तत्व नहीं पाया गया। अगर मिलता तो कार्रवाई होती। वहां पर मौके का निरीक्षण भी टीम द्वारा किया जाता है। इस पर विश्वास शर्मा ने तर्क रखा कि वहां पर अगर अब मौके पर जाकर देखेंगे तो हकीकत सामने आएगी। अधिकारी झूठ बोल रहे हैं कि वे मौके पर जाकर देखकर आए है। जहां तक बीडीपीओ की रिपोर्ट है उसमें कुछ भी लिखा जा सकता है। यह जिंदगियों से जुड़ा मामला है, ऐसे कैसे कर सकते हो। जिला कष्ट निवारण समिति के सदस्य नरेश कैमला ने भी रखी बात बोले- मैंने मौके का मुआयना किया जिला कष्ट निवारण समिति के सदस्य एवं बरसत भाजपा मंडल के अध्यक्ष नरेश कैमला ने भी मीटिंग में अपनी बात रखी और कहा कि, मैंने मौके का मुआयना किया था। वहां पर नाला भी बना हुआ है और पाइप भी दबे हुए हैं, जिसके अंदर फैक्ट्री वाले निकासी कर रहे हैं। जो जानकारी वहां से मिली है, उससे यही लग रहा है कि वहां पर मिलीभगत चल रही है। कमेटी बनाने के दिए निर्देश कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने डीसी को कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं, जिसमें बीडीपीओ, एसडीओ और शिकायतकर्ता शामिल हो और मामले की जांच की जाए और आगामी मीटिंग में उस रिपोर्ट को रखा जाए।
नक्सलियों की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ध्वस्त:17 राइफल समेत उपकरण और सामान बरामद, अधिकांश हथियार कंट्रीमेड
सुकमा जिले में जंगल के अंदर बनी नक्सलियों की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री को जवानों ने ध्वस्त कर दिया है। जानकारी के मुताबिक सुकमा डीआरजी ने सोमवार को मिले सटीक इनपुट पर गोमगुड़ा इलाके में सर्चिंग ऑपरेशन चलाया। इसी बीच उन्हें नक्सलियों की अवैध ऑर्डिनेंस (हथियार निर्माण) फैक्ट्री का पता चला तो उन्होंने इसे ध्वस्त कर दिया। नक्सलियों की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से मिले सभी 17 राइफल चालू हालत में हैं। इसके अलावा हथियार बनाने के उपकरण, मशीनें, गन पार्ट्स व हथियारों के निर्माण में उपयोग में आने वाले सामान भी बरामद किए गए हैं। प्रारंभिक जांच में ये सामने आया है कि नक्सलियों ने क्षेत्र में सशस्त्र गतिविधियों को बढ़ाने के लिए यहां फैक्ट्री स्थापित कर रखी थी। नक्सलियों का नया वीडियो वायरल, डीआरजी जवानों को बताया ‘गद्दार’ दंतेवाड़ा|बस्तर में लगातार हो रहे आत्मसमर्पण के बीच नक्सलियों का एक नया वीडियो वायरल हुआ है। इसमें नक्सली गाना गाकर डीआरजी जवानों को ‘गद्दार’ बता रहे हैं। वीडियो में कांकेर और जगदलपुर में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के फुटेज भी शामिल हैं। गोंडी भाषा में गाए गीत में नक्सली कह रहे हैं कि जल-जंगल की लड़ाई जारी रहेगी और जनता से कोई नहीं जीत सकता। सूत्रों के मुताबिक, नक्सली अब अपने साथियों को आत्मसमर्पण से रोकने अभियान चला रहे हैं। इसके लिए एरिया कमेटियों से पत्र जारी किए जा रहे हैं और नाट्य मंडलियों के जरिए गांव-गांव में गाना-बजाना कर ग्रामीणों को प्रभावित करने की कोशिश हो रही है। नक्सली आत्मसमर्पण करने वालों को गद्दार और डरपोक बता रहे हैं। 545 नक्सली छोड़ चुके हैं हिंसापिछले साल 545 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया, जबकि 454 नक्सलियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है। अलग-अलग मुठभेड़ों में 64 नक्सलियों को मार गिराया गया है। जिले में बाकी बचे नक्सलियों पर लगातार दबाव बढ़ाया जा रहा है। सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले हर नक्सली को पूरी सुरक्षा और सम्मान दिया जाएगा। राज्य सरकार की पुनर्वास नीति के तहत उन्हें बेहतर जीवन, रोजगार और आर्थिक मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जो भी नक्सली हथियार छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं, वे जल्द लौटें।
अक्टूबर में दीपावली के दाैरान पर्यटकों की बहार से झिलमिलाई झीलों की नगरी अब नवंबर और दिसंबर में सांस्कृतिक उत्सवों में झूमेंगी। विंटर सीजन नवंबर-दिसंबर में शहर संस्कृति, शादियों और शिल्पकला के रंगों से सराबोर रहेगा।डेस्टिनेशन वेडिंग्स के साथ ड्रोन शो, 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग और ‘साइलेंट फायरवर्क्स’ जैसे हाई-टेक आयोजन नया ट्रेंड बन रहे हैं। शाही महलों और लेक-व्यू लोकेशन्स पर 100 से 500 ड्रोन से आकाश में बनते हार्ट रेन और वर-वधू थीम्स अब शादी समारोहों की नई पहचान हैं। 3डी सजावट भी होगी। सीजन में 3 लाख पर्यटक आएंगे। 300 करोड़ के कारोबार की उम्मीद है। 14 शुभ मुहूर्त... वेडिंग इंडस्ट्री में रहेगी दोगुनी रौनक संस्कृति से अर्थव्यवस्था तक लाभ इन सभी आयोजनों से न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि होटल, ट्रैवल और हस्तशिल्प सेक्टर को नई उड़ान मिलेगी। उदयपुर एक बार फिर साबित कर रहा है कि यह केवल झीलों की नगरी नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक राजधानी भी है। देवउठनी एकादशी (1 नवंबर) के बाद विवाह सीजन ने जोर पकड़ लिया है। इस माह 14 शुभ मुहूर्त हैं, जिनमें 18, 22-25, 29 और 30 नवंबर को सबसे ज्यादा शादियां होंगी। पिछोला और फतेहसागर झील किनारे लग्जरी होटलों में हाई-प्रोफाइल वेडिंग्स होंगी। होटल, डेकोरेशन, ज्वेलरी और फैशन कारोबार में 100% तक की बढ़ोतरी का अनुमान है। शहर के बाजारों बापू बाजार, हाथीपोल और बड़गांव रोड में खरीदारी की रौनक चरम पर रहेगी। शिल्प-संगीत का संगम
बिलासपुर में हादसा:सिग्नल फेल या अनदेखी, मालगाड़ी से भिड़ी मेमू ट्रेन, 11 की मौत
छत्तीसगढ़ के कोरबा से बिलासपुर आ रही एक मेमू लोकल ट्रेन मंगलवार दोपहर 4 बजे मिडिल लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। दुर्घटना बिलासपुर स्टेशन से पहले लालखदान के पास हुई। हादसे में लोको पायलट समेत 11 लोगों की मौत हो गई। 25 से ज्यादा घायल हैं। 8 के शव निकाले जा चुके थे। 3 के शव देर रात तक डिब्बों में फंसे थे। प्रारंभिक जांच में हादसे की वजह ऑटो सिग्नल फेल होना माना जा रहा है। हालांकि इसकी पुष्टि जांच के बाद ही होगी। 50-60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही मेमू में करीब 200 यात्री सवार थे। मेमू ट्रेन ने मालगाड़ी को पीछे से इतनी तेज टक्कर मारी कि मेमू का इंजन मालगाड़ी के ब्रेक वैन को लेकर कोयले से भरे वैगन पर चढ़ गया। मालगाड़ी के ट्रेन मैनेजर ने कूदकर जान बचाई। मेमू के लोको पायलट विद्या सागर का शव 3:30 घंटे बाद बोगी काटकर निकाला गया, जबकि असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि राज गंभीर घायल हुए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित इंजन से लगे डिब्बे के यात्री हुए हैं। वहीं, सीएम विष्णुदेव साय ने कलेक्टर संजय अग्रवाल से वीडियो कॉल पर बात की। उन्होंने घटना के बारे में जानकारी ली और हरसंभव मदद के निर्देश दिए हैं। सीएम ने ट्रेन दुर्घटना को दुखद और पीड़ादायक बताया है। दक्षिण पूर्वी सर्किल के कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी बीके मिश्रा गतौरा रेल दुर्घटना की जांच करने के लिए 6 नवंबर की सुबह बिलासपुर पहुंचेंगे। वे सुबह 9 बजे से डीआरएम कार्यालय में अपनी जांच शुरू करेंगे। जोरदार धमाका हुआ, गाड़ी के पास पहुंचे तो मची थी अफरा-तफरीपटरी के किनारे हमारा मकान है। घटना के समय हम लोग घर में थे। जोरदार धमाका हुआ तो बाहर निकले। देखने से समझ में आया तो हम गाड़ी की ओर भागे। पहुंचे तो वहां अफरा-तफरी मची हुई थी। यात्री उतर कर इधर-उधर भाग रहे थे। ट्रेन के भीतर घुसे और घायलों को निकालकर बाहर रखते गए। कुछ देर बाद एंबुलेंस आई तो उसमें अस्पताल भेजे। शाम करीब 4.30 बजे तक करीब 10 लोगों को निकाल चुके थे। कोई चल नहीं पा रहा था, तो किसी के हाथ में और किसी के सिर में चोट थी। हमने चार पांच डेड बॉडी भी देखे।-जैसा कि प्रत्यक्षदर्शी नरेंद्र मौर्य ने भास्कर को बताया। जांच के बाद स्पष्ट होगा कारण^कोरबा से आ रही मेमू ने मालगाड़ी को टक्कर मारी है। घायलों का इलाज चल रहा है। सीआरएस स्तर पर जांच कराई जाएगी। इसके बाद कारण स्पष्ट होगा।डॉ. सुष्कर विपुल विलास राव, सीपीआरओ ऑटो सिग्नल: 100 मीटर के अंतर से एक के पीछे एक चलती हैंलालखदान के पास जिस जगह ट्रेन दुर्घटना हुई है, वहां से लेकर बिलासपुर और आगे चांपा की दिशा में जयरामनगर के आगे तक ऑटो सिग्नल शुरू हो चुका है। इसकी वजह से अब ट्रेनें 100 मीटर के अंतराल में एक के पीछे एक चलती हैं। मंगलवार को भी ऐसा ही हुआ। दुर्घटना की दो वजह हो सकती है या तो ऑटो सिग्नल सिस्टम फेल हो गया होगा या फिर लोको पायलट ने सिग्नल को ओवरशूट किया हो। हालांकि सिग्नल फेल होने की अधिक आशंका जताई जा रही है। दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है। रेलवे 10 लाख, राज्य सरकार 5 लाख देगीरेलवे ने हादसे में जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को 5 लाख और सामान्य घायलों को एक लाख देने की घोषणा की है। वहीं, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख और घायलों को 50 हजार रुपए देने की घोषणा की है। 15 हजार से ज्यादा इंजन, 1290 में ही कवच, SECR में एक भी नहीं अनुपम सिंह की रिपोर्ट रेलवे के पास देशभर में इलेक्ट्रिक और डीजल को मिलाकर 15 हजार से अधिक इंजन हैं। इसके अलावा करीब 92 हजार कोच और करीब 3 लाख 27 हजार वैगन हैं। कवच सिस्टम सिर्फ 1290 इंजनों में ही लगाए जा सके हैं। कोयले की ढुलाई से देश में सबसे ज्यादा कमाई करने वाले दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के फिलहाल किसी भी इंजन में कवच सिस्टम नहीं लगा है। बीते वित्तीय वर्ष में बिलासपुर जोन ने 27000 करोड़ की कमाई की है। कवच सिस्टम पर 2016 में परीक्षण शुरू किया गया था। इससे ट्रेन हादसों को रोका जा सकता है, लेकिन एक इंजन में कवच सिस्टम लगाने पर 80 से 90 लाख रुपए का खर्च आता है। प्रारंभिक रूप से परीक्षण कामयाब रहने पर वर्ष 2020 में यह सिस्टम स्थापित करने की शुरुआत की गई। राज्यसभा में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के जवाब में जानकारी दी थी कि जुलाई 2025 तक 1290 में कवच सुरक्षा प्रणाली स्थापित किए जा चुके हैं। जबकि 10 हजार इंजनों का लक्ष्य तय किया गया है।जुलाई 2025 तक 15 हजार से अधिक इंजनों में से सिर्फ 1290 रेल इंजनों में कवच प्रणाली का प्रावधान किया जा चुका है। यानी अब भी 8710 इंजनों में यह सिस्टम लगना बाकी है। एक इंजन पर कवच सिस्टम लगाने पर करीब 80 लाख रुपए खर्च होते हैं। क्या है कवच सिस्टम कवच एक अत्याधुनिक सिस्टम है, जिसे जुलाई 2020 में ऑटोमेटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम के तौर पर अपनाने का निर्णय लिया गया था। रेलवे के अनुसार इससे ट्रेन और लोको पायलट को अत्याधुनिक सुरक्षा-संरक्षा मिलती है। यह लोको पायलट के फेल होने पर ऑटोमेटिक ब्रेक लगाकर ट्रेन को निर्धारित गति सीमा के भीतर चलाने में मदद करता है। भास्कर एक्सपर्ट - बीके जोशी पूर्व रेल अधिकारी ये कारण भी... सिग्नल फेल या ओवरशूट दुर्घटना की दो वजह हो सकती हैं। ऑटो सिग्नल सिस्टम फेल हुआ या लोको पायलट ने सिग्नल ओवरशूट किया। पहला, सिग्नल में खराबी या ब्रेक न लगने जैसी तकनीकी त्रुटि हो सकती है। दूसरा, मेमू ड्राइवर ने सिग्नल ओवरशूट किया हो या तय स्पीड मेंटेन नहीं करने के कारण ट्रेन को संभाल नहीं पाया हो।
गाजियाबाद क्राइम ब्रांच की टीम ने 3 नवंबर की रात को 4 ट्रक कफ सिरप पकड़ा, इसकी कीमत 3 करोड़ 40 लाख रुपये है। जिसमें 8 लोगों को अरेस्ट करते हुए 20 लाख रुपये, फर्जी मुहरें, कागजात और लेपटाॅप भी बरामद किए गए हैं। एडिशनल पुलिस कमिश्नर क्राइम केशव कुमार चौधरी ने मंगलवार को पुलिस लाइन में इस गैंग का खुलासा किया। इस गैंग का अपना खुद का सिंडिकेट है, जिसमें मुख्य आरोपी मेरठ निवासी आसिफ है, जो दुबई में बैठकर इस गैंग को ऑपरेट कर रहा है। दैनिक भास्कर पर पढ़िए पुलिस इस गैंग तक कैसे पहुंची... और इंटरनेशनल तस्करी कैसे की जा रही है... पहली गिरफ्तारी सोनभद्र में हुई सोनभद्र पुलिस द्वारा 18 अक्टूबर को 2 ट्रक कफ सिरप के पकड़े गए। जिनसे पूछताछ में पता चला कि यूपी के गाजियाबाद में गाेदाम में इन्हें स्टॉक किया जाता है। सोनभद्र पुलिस भी गाजियाबाद पहुंची, पता चला कि जो दिल्ली और गाजियाबाद व पूरे देश में सप्लाई होते हैं। इसके बाद गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने एडिशनल डीसीपी पीयूष सिंह और क्राइम ब्रांच के प्रभारी अनिल राजपूत को जिम्मेदारी दी। गाजियाबाद पुलिस के बाद फिर झारखंड में एक ट्रक पकड़ा गया। जिसके बाद गाजियाबाद में 4 ट्रक कफ सिरप से भरे मेरठ रोड स्थित मछली गोदाम से 4 ट्रकों को पकड़ा गया। इनके कब्जे से 12 टायरा 2 ट्रक व 2 आयशर कैंटर जिनमें बरामद प्रतिबंधित Eskuf Cough Syrup व Phensedyl Cough Syrup की कुल 1,57,350 शीशी भरीं थीं। 4 ट्रकों से कुल 1150 पेटी कफ सीरप जिसमें 850 पेटी Eskuf Cough Syrup तथा 300 पेटी Phensedyl Cough Syrup जिन्हे चूने के बोरों के बीच में छिपाकर रखा गया था। प्रत्येक पेटी में 100 मिलीग्राम की शीशी थी। इस प्रकार कुल 15735 लीटर सीरप बरामद हुआ। 100 ML की शीशी का प्रिंट रेट 210 और 212 रुपये है। जहां शराब पर प्रतिबंध वहां अधिक डिमांड पुलिस ने बताया कि कफ सीरप में कोडीन होता है, जोकि मादक द्रव्य की श्रेणी में आता है। यह नशा करने के काम आता है। आरोपियों से पूछताछ में यह भी सामने आया है कि इस कफ सिरप की बांग्लादेश व यहां के रास्ते कई दूसरे देशाें में भी डिमांड है। 210 रुपये की शीशी को बांग्लादेश व इसके बाहर 600 रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक बेचा जाता है। Eskuf Cough Syrup का उत्पादन लेबोरेट फार्मा, पोन्टा साहिब, हिमाचल प्रदेश तथा Phensedyl Cough Syrup का उत्पादन एबॉट फार्मा बद्दी हिमाचल प्रदेश में होता है। एबॉट फार्मा बद्दी द्वारा दिसम्बर 2024 से Phensedyl Cough Syrup का उत्पादन बन्द कर दिया गया था। जिस सिरप को बंद किया गया सबसे ज्यादा उसी की अधिक डिमांड रहती है। यह भी पूछताछ में सामने आया है कि जहां जहां शराब बंद है, वहां नशे के लिए इसकी अधिक डिमांड है। जो प्रिंट रेट से 3 से 5 गुना रेट पर यह सप्लाई होता है। 3 साल में 550 से अधिक ट्रक कफ सिरप खफाया गिरफ्तार मुख्य आरोपी सौरव त्यागी है तथा संतोष भडाना इसका मुख्य ट्रांसपोर्टर है, जिसके गोदाम से यह माल को ट्रको में शिफ्ट किया गया था। गाजियाबाद के एक गोदाम में एक ट्रक को एक दिन तक खड़ा करने का 20 हजार रुपये दिए जाते थे। जितने दिन ट्रक खड़े होते थे उस हिसाब से किराया भी इतने ही गुना बढ़ जाता था। सौरव त्यागी द्वारा पूछताछ में पुलिस को बताया गया कि इन कफ सौरप में कोडीन होने के कारण भारत व बांग्लादेश में नशे की सामग्री के रूप में प्रयोग किया जाता है। सोनभद्र, झारखंड और गाजियाबाद में 15 दिन में हमारे 7 ट्रक पकड़े गए हैं। हर महीने 30 ट्रकों को यह देश के अलग अलग राज्यों से लेकर बार्डर पार कर बांग्लादेश तक पहुंचाते थे। जहां 3 साल में 550 ट्रक से अधिक माल यह खफा चुके हैं। यह कफ सिरप दिल्ली से यूपी, बिहार, झारखंड के रास्ते बांग्लादेश पहुंचता था। दुबई से गैंग को ऑपरेट कर रहा आसिफ आरोपियों ने पूछताछ में बताया गैंग आसिफ दुबई में रहता है, वहीं से वह गैंग को ऑपरेट कर रहा है। आसिफ मेरठ का रहने वाला है। आसिफ के साथ मेरठ निवासी वसीम भी पार्टनर है। तीसरा आरोपी शुभम जायसवाल निवासी वाराणसी है। यह तीनों ही फरार हैं। देश के अलग-अलग भागों से कफ सीरप को तस्करी कर बांग्लादेश भेजा जाता है। NCR में कफ सीरप को एकत्रित करने का कार्य सौरव त्यागी के द्वारा किया जाता था। फर्म से लेकर बार्डर तक तक सब सेटिंग सौरव त्यागी के पास RS फार्मा फर्म इंदिरापुरम गाजियाबाद का लाइसेंस है तथा इसके द्वारा अलग अलग फर्जी फार्मा कम्पनियों का लाइसेंस लेकर वान्या इन्टर प्राइजेज, नई दिल्ली से कफ सीरप क्रय किये जाते थे। वान्या इन्टर प्राइजेज नई दिल्ली, लेबोरेट फार्मा व एबॉट फार्मा हेतु carry and forward unit (वेयर हाउस) है, जहां उत्पादन के बाद कफ सीरप स्टोर किये जाते है। इसके बाद उक्त कफ सीरप को मछली गोदाम परिसर गाजियाबाद स्थित बरेली-गोरखपुर ट्रांसपोर्ट के गोदाम पर रखा जाता था। इसके बाद आसिफ व वसीम आदि द्वारा मांग के अनुसार सप्लाई हेतु बताये जाने पर सौरव त्यागी द्वारा अन्य पदार्थों के परिवहन के नाम पर ट्रक बुक कर उनके बीच में इन कफ सीरप को छिपाकर झारखण्ड, बंगाल, असम आदि प्रदेशों को भेजा जाता था, जहां से इनकी तस्करी की जाती थी। हर बार ट्रकों के बीच नए तरह से सामान में छिपाया जाता है। सौरव ने पुलिस को बताया कि 12 से अधिक मेरी फर्म हैं, अलग फर्म का भी प्रयोग किया गया। जिसमें बार्डर पार कराने तक सब सेटिंग है। यह हैं गिरफ्तार 8 आरोपी 1- सौरव त्यागी पुत्र मुकेश कुमार त्यागी निवासी मकनपुर शनि चौक के पास थाना इंदिरापुरम गाजियाबाद। 2- शादाब पुत्र रियाजुद्धीन निवासी लाला प्रमोद वाली गली, कैला चौक कैला भट्टा, थाना कोतवाली नगर गाजियाबाद। 3- शिवकांत उर्फ शिव पुत्र सियाराम निवासी ग्राम बेदीपुर, थाना बिल्हौर जिला कानपुर नगर हाल निवासी विपिन पाल का किराये का मकान, आम्रपाली स्कूल के पास कनावनी, थाना इन्द्रापुरम गाजियाबाद। 4. संतोष भडाना पुत्र जयकार सिंह निवासी ग्राम गढी माजरा थाना मधुबन बापूधाम, पुलिस कमिश्ररेट गाजियाबाद। 5. अंबुज कुमार पुत्र विनोद कुमार निवासी ग्राम नंगली साधारण, थाना दौराला, जनपद मेरठ, हाल पताः मछली गोदाम हरवंश नगर, थाना नंदग्राम, गाजियाबाद। 6. धर्मेंद्र कुमार सिंह पुत्र पूरणमल सिंह निवासी ग्राम शेषपुर, थाना सुरापुरा, जनपद सुल्तानपुर यूपी, हाल पता राजन ट्रांसपोर्ट कंपनी लिवासपुर दिल्ली। 7. दीपू यादव पुत्र वृषभान यादव निवासी ग्राम जरवा, थाना जतारा जिला टीकमगढ मध्य प्रदेश। 8. सुशील यादव पुत्र मुन्नीलाल यादव निवासी ग्राम जरवा, थाना जतारा, जनपद टीकमगढ़ मध्य प्रदेश।
गुरुवार से पूरी टीम उतरेगी फील्ड पर:बीएलओ 10% मतदाताओं तक ही पहुंच पाए, वजह- देर से मिले फार्म
प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का कार्य मंगलवार से शुरू हो गया। हालांकि मतदाताओं से भरवाए जाने वाले फार्म ज्यादातर जगहों पर बीएलओ को दोपहर बाद मिले। इस वजह से 10 फीसदी बीएलओ ही फील्ड पर निकले। उन्होंने भी 10-12 घरों में ही फार्म बांटा, क्योंकि सीरियल से जमाने और फिर मतदाता का घर तलाश करने में समय लग गया। बुधवार को गुरुनानक देव जयंती की छुट्टी है। ऐसे में एसआईआर का काम गुरुवार से पूरी तरह शुरू होगा। ये काम 4 दिसंबर तक चलेगा। बीएलओ को एक पेज का फार्म दिया गया है। इसमें मतदाताओं से जानकारी मांगी या भरवाई जाएगी। 2003 की वोटरलिस्ट को आधार बनाकर मिलान किया जा रहा है। बीएलओ केवल अपने बूथ के मतदाताओं के घर-घर जाकर मिलान करेंगे। 22 सालों में जितने वोटर दूसरी जगहों पर शिफ्ट हुए हैं या बूथ के परिसीमन से इधर-उधर हुए हैं, उनका मिलना करना है। मतदाताओं का मिलान अगर 2003 की सूची से हो गया तो ज्यादा प्रक्रिया की जरूरत नहीं पड़ेगी। कलर फोटो, आधार जरूरी, समझ नहीं आए तो छोड़ना, फिर आऊंगी: बीएलओ राजातालाब नई बस्ती... शाम लगभग 4.35 बजे। हाथों में मतदाता गणना पत्रक का बंडल लेकर घूम रही बीएलओ मैडम ने एक मकान का दरवाजा खटखटाया। गेट पर खोलते ही युवती बाहर आई और मुस्कुराते हुए कहा- मैडम आप फिर आ गईं। फिर चुनाव आने वाले हैं क्या...। बीएलएल सुनीला फ्रैंक्लीन ने कहा- नहीं चुनाव नहीं नई वोटर लिस्ट बन रही है। फिर उन्होंने अपने बंडल से उस परिवार का मतदाता पत्रक निकाला। चार फार्म निकालकर कहा- जिसका-जिसका फार्म है, उसकी रंगीन फोटो लगा देना। आधार नंबर लिखना, मोबाइल नंबर और जन्म तारीख लिखकर रखना और जो भी समझ नहीं आए छोड़ देना। मैं फार्म देने आई हूं तो लेने भी आऊंगी। महिला ने जी दीदी कहकर सिर हिला दिया। फिर फार्म देने से पहले बीएलओ ने सभी को अपने मोबाइल में स्कैन किया। बमुश्किल एक मिनट में चारों फार्म स्कैन हो गए। बीएलओ ने बताया- स्कैन होते ही जिसके नाम का फार्म है उसका नाम हमारे मोबाइल एप में रेड से ब्लू हो जाएगा। जब हम फार्म वापस लेने आएंगे और फिर स्कैन करेंगे तो नाम ब्लू से ग्रीन हो जाएगा। यानी फार्म कंप्लीट। फिर बीएलओ आगे बढ़ीं। बाजू वाले मकान में महिला गेट पर ही बैठी थी। वह बीएलओ को देखते ही उठ खड़ी हुई और मुस्कुराने लगी। पता चला फ्रैंक्लीन मैडम पिछले 15 साल से बीएलओ की ड्यूटी कर रही हैं। इसलिए उनके बूथ वाले इलाके के ज्यादातर मतदाता उन्हें जानते हैं। पता चला पूरे प्रदेश में ऐसे ही शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है जो बरसों से बीएलओ की ड्यूटी कर रहे हैं। ताकि उन्हें ज्यादा दिक्कत न हो। घर बंद मिला तो नोटिस चिपकाएंगे बीएलओ एसआईआर सर्वे के लिए घर-घर जाने वाले बीएलओ को यदि मकान में ताला मिला तो वे गेट पर नोटिस चिपकाएंगे। बीएलओ तीन बार घर जाएंगे। तीसरी बार भी मकान बंद मिलने बीएलओ आयोग को फार्म लौटा देंगे।
राजधानी लखनऊ में राज्य कर विभाग ने एक बोगस फर्म द्वारा की गई बड़ी कर चोरी का खुलासा किया है। विभाग की जांच में सामने आया कि केएस इंटरप्राइजेज नाम की फर्म ने फर्जी बिलों के जरिए 2.04 करोड़ रुपये का कारोबार दिखाकर 37.52 लाख रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) क्लेम किया। विभाग ने फर्म के संचालक अनुपम गोगोई, निवासी टीटाबोर (असम), के खिलाफ महानगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। फर्जी दस्तावेजों से कराया गया ऑनलाइन पंजीकरण राज्यकर उपायुक्त अशोक कुमार त्रिपाठी की ओर से दर्ज रिपोर्ट में बताया गया कि आरोपी ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे फर्म का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराया था। पते के रूप में अलीगंज के अंशुल राज के भवन का विवरण दर्ज किया गया, लेकिन जांच में वहां फर्म का कोई अस्तित्व नहीं मिला। भवन मालिक ने स्पष्ट कहा कि उसने किसी भी व्यापारी को किराये पर ऐसा कोई भवन नहीं दिया। बिना सामान भेजे बनाई 31 फर्जी ई-वे बिल राज्य कर विभाग की जांच में खुलासा हुआ कि फर्म ने 31 फर्जी ई-वे बिल जारी कर कारोबार का झूठा रिकॉर्ड तैयार किया। जेएमके इंडस्ट्रीज के नाम से 3 बिलों पर 17.17 लाख रुपये का कारोबार दिखाया गया। मल्टीमेटल इंडस्ट्रीज के नाम से 18 बिलों पर 1.19 करोड़ रुपये का लेनदेन दर्ज किया गया। वहीं, कपित सिंगला के नाम से 10 बिलों पर 71.51 लाख रुपये का कारोबार दर्शाया गया। दरअसल, किसी भी वस्तु की वास्तविक आवाजाही नहीं हुई, केवल बिलों के सहारे ही टैक्स क्रेडिट हासिल करने की कोशिश की गई। विभाग की कार्रवाई, बढ़ेगी जांच राज्य कर विभाग का कहना है कि यह मामला टैक्स चोरी की सुनियोजित साजिश का हिस्सा है। फिलहाल फर्म के बैंक खातों और लेनदेन की जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारियों का मानना है कि इस तरह के और भी बोगस रजिस्ट्रेशन सामने आ सकते हैं, जिन पर आगे कार्रवाई होगी।
क्या आपने सुना है कि सांप और बिच्छुओं को कंट्रोल किया जा सकता है? क्या आपको पता है हमारे प्रदेश के अधिकारी सांप और बिच्छू को रास्ता बताएंगे और वे उसी रास्ते पर चलेंगे? नहीं न... लेकिन हमारे अफसरों ने ऐसा प्लान बनाया है। भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत एनएचएआई पत्थलगांव-कुनकुरी होकर झारखंड सीमा तक ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बना रहा है। 104.25 किलोमीटर लंबे इस फोरलेन सड़क की लागत 3150 करोड़ रुपए है। इस सड़क पर 122 जगहों पर सांप और बिच्छू के आने-जाने के लिए पाइप कल्वर्ट बनाया जाएगा। एनएचएआई 1.2 मीटर चौड़ी कांक्रीट की पाइप डालेगा। पाइप के माध्यम से सांप और बिच्छू आना-जाना कर सकेंगे। एनएचएआई ने इसकी ड्राइंग-डिजाइन तैयार कर ली है। टेंडर जारी कर एजेंसी तय हो गई है, लेकिन भू-अधिग्रहण के चलते इसका निर्माण अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। एनएचएआई के अफसरों का मानना है कि भू-अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है। लेकिन भू-स्वामियों को अभी तक पैसा नहीं मिल पाया है। क्योंकि कुछ भू-स्वामी बाहर हैं तो कई जगहों पर एक जमीन के कई हिस्सेदार हैं। विभाग जल्द ही इसका काम पूरा कर काम शुरू करेगा। हाथियों की आवाजाही के लिए कुल 11 अंडरपास बनेंगेहाथी व दूसरे वन्य जीवों के लिए भी इस मार्ग पर 11 अंडरपास बनाए जाएंगे। इस फोरलेन हाइवे में 3.65 किमी में पहला अंडरपास, 9.6 किमी में दूसरा, 23.6 किमी में तीसरा, 30.820 किमी में चौथा, 35.500 किमी में पांचवां, 59.480 किमी में छठवां, 83.860 किमी में सातवां, 85.140 किमी में आठवां, 87.480 किमी में नौंवा, 88.060 किमी में दसवां और 88.920 ग्यारहवें अंडरपास का निर्माण होगा। जानिए कितने मेजर ब्रिज बनेंगे104 किमी की दूरी में कुल सात मेजर ब्रिज बनेंगे। ये ब्रिज नदी, नालों एवं बड़े जल निकायों के ऊपर बनाए जा रहे हैं। पहला मेजर ब्रिज 15.900 किमी की दूरी पर, दूसरा 31.882 किमी की दूरी पर प्रस्तावित है। इसके बाद 35.020 किमी, 37.482 किमी, 46.352 किमी, 77.930 किमी और अंतिम मेजर ब्रिज 104.075 किमी की दूरी पर बनेगा। सांप के लिए हाईवे पर 20 एंट्री प्वाइंट सांप के लिए हाईवे पर सड़क के नीचे पाइप लगाए जाएंगे। नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अफसर का कहना है कि अब फोरलेन सड़क निर्माण में छोटे-छोटे जीव-जंतुओं का भी ख्याल रखा जा रहा है। इसके साथ ही फोरलेन सड़क में हर 20 किलोमीटर में एंट्री पॉइंट होगा। एक्सेस कंट्रोल से बनने वाली इस फोरलेन सड़क में जितनी दूरी तय करेंगे, उतना ही टोल टैक्स देना पड़ेगा। एग्जिट और एंट्री पॉइंट में कैमरा भी लगा होगा। भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत पत्थलगांव-कुनकुरी से झारखंड बार्डर तक फोर लेन हाईवे का निर्माण किया जा रहा है। विभाग ने निर्माण एजेंसी नियुक्त कर दी है। परियोजना के तहत कई जगहों पर वन्यजीवों के आने जाने के लिए अंडरपास और छोटे जीवों के लिए कांक्रीट की पाइप कल्वर्ट का निर्माण किया जाएगा।-डीडी पार्लावर, परियोजना निदेशक, कोरबा इधर, पानी से भरे गड्ढे में गिरे तीन हाथी, सुरक्षित निकाला पिछले 10 साल में 167 हाथियों की मौत, 62 की मौत करंट लगने से बारनवापारा अभयारण्य के हरदी गांव (कसडोल) के पास सोमवार को खेत में सिंचाई के बनाए गए गड्डे में रोहांसी दल के तीन हाथी गिर गए। इसकी सूचना पर वन विभाग की टीम ने जेसीबी की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। हाथियों के निकलने के लिए रैंप बनाया गया। दोपहर 12 बजे तक उन्हें सुरक्षित निकालकर जंगल में छोड़ दिया गया। इधर, अभयारण्य क्षेत्र और जंगलों में वन्यजीवों के इलाकों में खुले गड्डों काे भरने और इनके चारों ओर दीवार खड़ी करने को लेकर रायपुर के नितिन सिंघवी ने साल 2018 में प्रधान मुख्य संरक्षक को पत्र लिखा था। इसके बावजूद इस ओर विभाग ने ध्यान नहीं दिया। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 10 साल में 167 हाथियों की मौत हो चुकी है। जबकि बिजली के करंट से 62 हाथियों की मौत हुई है।
रांची मौसम केंद्र के अनुसार झारखंड में अगले पांच दिनों तक मौसम पूरी तरह साफ और शुष्क रहने वाला है। 8 नवंबर तक राज्य के ज्यादातर जिलों में सुबह से लेकर दोपहर तक तेज धूप रहेगी, जिससे दिन का तापमान सामान्य रहेगा। लेकिन शाम ढलते ही हल्की ठंडक बढ़ने लगेगी। मौसम विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस दौरान झारखंड के किसी भी जिले में बारिश की संभावना नहीं है। पश्चिमी हिस्सों जैसे रांची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा और खूंटी में दिन भर खुला आसमान रहेगा, जबकि पूर्वी इलाकों धनबाद, जमशेदपुर, सरायकेला और पश्चिम सिंहभूम में भी मौसम शुष्क बना रहेगा। दो से तीन डिग्री तक गिरेगा तापमान मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दो दिनों में न्यूनतम तापमान में दो से तीन डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जाएगी। रांची और आसपास के इलाकों में अधिकतम तापमान 26 से 27 डिग्री और न्यूनतम तापमान 15 से 16 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। हालांकि 8 नवंबर तक मौसम में किसी बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। उसके बाद भी साफ और शुष्क मौसम बना रहेगा। विभाग के अनुसार उत्तर-पश्चिम दिशा से चलने वाली ठंडी हवाएं ही तापमान में गिरावट का मुख्य कारण हैं। इससे सुबह और देर शाम के समय हल्की सर्दी का एहसास बढ़ेगा। उत्तरी और मध्य झारखंड में तेजी से गिरेगा पारा मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, झारखंड के उत्तरी और मध्य हिस्सों में रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। 8 नवंबर तक रांची, लोहरदगा, गुमला और हजारीबाग में न्यूनतम तापमान 13 से 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। वहीं, पलामू और लातेहार में रात का पारा 12 से 14 डिग्री के बीच रहने की संभावना है। पूर्वी झारखंड के धनबाद, जमशेदपुर और सरायकेला में दिन का तापमान 30 से 31 डिग्री और रात का तापमान 16 से 18 डिग्री तक दर्ज किया जा सकता है। अगले हफ्ते और बढ़ेगी ठंड गढ़वा और चतरा जैसे उत्तर-पश्चिमी जिलों में भी तापमान में 2 से 3 डिग्री की गिरावट का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि उत्तर-पश्चिम दिशा से बहने वाली ठंडी हवाएं धीरे-धीरे पूरे राज्य में सर्दी का असर बढ़ा रही हैं। अगले पांच दिनों तक झारखंड के सभी जिलों में दिन में धूप और रात में हल्की ठंड बनी रहेगी। लोगों को सुबह और देर शाम के समय सर्दी का हल्का एहसास होने लगा है।
भिवानी के बहल में फौजी के पिता की गला रेतकर हत्या करने की गई है। जिसका शव खुद के खेतों में बने कमरे के आगे खून से लथपथ अवस्था में पड़ा हुआ था। जो घर पर सिंचाई करने की कहकर रात को गया था, लेकिन वह वापस नहीं लौटा, लौटा तो मौत की सूचना। वहीं मामले की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई। मृतक की पहचान बहल निवासी करीब 50 वर्षीय दलीप उर्फ पप्पू के रूप में हुई है। इधर, पुलिस ने मृतक की पत्नी के बयान के आधार पर हत्या का केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। पुलिस जांच के अनुसार मृतक की गर्दन व शरीर के अन्य हिस्सों पर तेजधार हथियार से वार किए हुए के निशान मिले हैं। जिसके बाद स्थानीय पुलिस की विभिन्न टीमें व सीआईए जांच में जुटी हुई हैं। पुलिस को दिए बयान में बहल निवासी शीला ने बताया कि उसका पति दलील उर्फ पप्पू सोमवार रात को करीब 8-9 बजे घर से खेत में जाने की बात कहकर गया था। जो खेत में सिंचाई के लिए गया हुआ था। वह सुबह तक भी वापस नहीं आया। इसी दौरान पता लगा कि मंगलवार सुबह बहल से भिवानी रोड पर खेतों में दलीप उर्फ पप्पू का शव पड़ा हुआ मिला। इसके बाद परिवार वाले भी मौके पर पहुंचे। वहीं इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई। सूचना पाकर बहल थाना पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और जांच में जुट गई। 2 बच्चों के पिता का खून से लथपथ शव खेतों में मिलामृतक दलील उर्फ पप्पू के गले व शरीर के अन्य हिस्सों पर तेजधार हथियार के निशान मिले हैं। वहीं दलीप का शव भी खून से लथपथ अवस्था में पड़ा हुआ था। जिसकी गला रेतकर हत्या की गई है। इधर, पुलिस ने सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर मृतक के शव को कब्जे में लिया। वहीं पुलिस शव को भिवानी के नागरिक अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए लेकर पहुंचे। जहां पर चिकित्सकों के बोर्ड द्वारा मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया है। मृतक 2 बच्चों (बेटा-बेटी) के पिता हैं। जो दोनों शादीशुदा हैं। वहीं बेटा आर्मी में तैनात है। हत्या का केस दर्जबहल पुलिस थाना के एसएचओ संजय कुमार ने बताया कि बहल से भिवानी रोड पर खेतों में शव मिलने की सूचना प्राप्त हुई थी। जिसके बाद पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुंची और जांच में जुट गई। मृतक दलीप उर्फ पप्पू की पत्नी की शिकायत पर हत्या का केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। जल्दी ही हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वहीं पुलिस की विभिन्न टीमें जांच में जुटी हैं।
छिंदवाड़ा में जहरीले सिरप से 24 बच्चों की मौत के बाद भी प्रदेश का औषधि अमला सतर्क नहीं हुआ है। भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने अप्रैल में देशभर में 35 फिक्स डोज कॉम्बीनेशन (FDC) दवाओं को “अनअप्रूव्ड” बताते हुए उनके निर्माण और बिक्री रोकने के निर्देश दिए थे। लेकिन मध्य प्रदेश के प्राइवेट मेडिकल स्टोर और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों पर यह दवाएं आसानी से बिक रही हैं। भास्कर ने 7 जिलों में पड़ताल करके ये दवाएं मेडिकल स्टोर्स से बिना डॉक्टर के पर्चे के खरीदी हैं। भास्कर टीम ने भिंड, मुरैना, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर के मेडिकल स्टोर्स से ऐसी कई दवाएं फुटकर और थोक में खरीदीं। इन अनअप्रूव्ड दवाओं का इस्तेमाल बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों में खांसी-जुकाम, बुखार, एंटीबायोटिक, ब्लड प्रेशर और शुगर जैसी बीमारियों के लिए किया जा रहा है। DCGI डॉ. राजीव रघुवंशी के मुताबिक, राज्यों ने बिना केंद्र की स्वीकृति के इन दवाओं के निर्माण और बिक्री के लाइसेंस जारी कर दिए, जिससे लोगों की जान को गंभीर खतरा है। 24 बच्चों की मौत से भी सबक नहीं: डीजीसीआई के आदेश के बाद भी बेपरवाह 1. मुरैना के पोरसा में मेडिकल स्टोर से दैनिक भास्कर रिपोर्टर को अनअप्रूव्ड दवाएं देने के लिए लेकर आता दुकानदार 2. गुना में अनअप्रूव्ड कॉम्बिनेशन दवा देते हुए मेडिकल स्टोर संचालक। कागजों में बैन, भास्कर पड़ताल में मिली ये दवाएं 1. दवा: ऑफ्लॉक्सासिन 50mg + ऑर्निडाजोल 125mg + रेसैकैडोट्रिल 15mg सिरप {उपयोग: बच्चों को डायरिया (दस्त), पेचिश, पेट दर्द, और डिहाइड्रेशन रोकने।2. दवा: नॉरफ्लॉक्सासिन 125mg + मेट्रोनिडाजोल 120mg + सिमेथिकोन 10mg सिरप {उपयोग: बच्चों को दस्त, डायरिया व पेट के संक्रमण रोकने।3. दवा: सेफिक्सिम 200mg + एज़िथ्रोमाइसिन 250mg + लैक्टिक-ऐसिड बैसिलस टैबलेटउपयोग: कान, गला, सांस की नली, फेफड़े, त्वचा, मूत्र नली और पेट/आंत संबंधी संक्रमणों में।4..दवा: ऐस्ब्रोफिलीन 200mg + मॉन्टेलुकास्ट 10mg + फैक्सोफेनेडाइन 120mg टैबलेटउपयोग: अस्थमा, एलर्जीक राइनाइटिस, ब्रोंकाइटिस, सांस संबंधित एलर्जी5. दवा: मेटफॉरमिन हाइड्रोक्लोराइड (एसआर) 500एमजी+ वोग्लिबोस 0.2एमजी टैबलेटउपयोग: टाइप-2 डायबिटीज़ में, जब डाइट, एक्सरसाइज या एक ही दवा से डायबिटीज कंट्रोल नहीं होती। (ये सभी दवाएं औषधि महानियंत्रक की उस सूची में शामिल हैं, जिन पर निर्माण, बिक्री और वितरण रोकने के आदेश हैं।) डीजीसीआई से मार्गदर्शन मांगेंगे यह कांबिनेशन दवाएं कई वर्षों से चल रही हैं। अब मैं इनके संबंध में औषधि महानियंत्रक भारत और इन दवाओं को बनाने का लाइसेंस देने वाले राज्यों के ड्रग कंट्रोल को पत्र लिख रहा हूं। औषधि महानियंत्रक से स्पष्ट मार्गदर्शन और निर्देश आने के बाद इसमें कार्रवाई की जाएगी। हमारे यहां पर समय-समय पर कार्रवाई की जा रही है।दिनेश श्रीवास्तव, ड्रग कंट्रोलर, मप्र निर्माण और बिक्री पर रोक DCGI ने सभी प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर के नाम भेजे पत्र में 35 अनअप्रूव्ड कांबिनेशन की सूची दी गई है। इन दवाओं के निर्माण और बिक्री पर रोक के लिए लिखा है।
एसीबी की कार्रवाई:पटवारी के फर्जी साइन से करा दिया तीन माइंस लीज का आवंटन, फोरमैन समेत तीन गिरफ्तार
आसींद क्षेत्र के पांडरु गांव में खान विभाग की बड़ी लापरवाही और फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। विभाग के कार्मिकों ने आवेदित फर्मों के साथ मिलकर पटवारी के फर्जी साइन कर तीन माइंस लीज का आवंटन करा दिया। मामला तब खुला जब वर्ष-2015 में संबंधित पटवारी ने अपने फर्जी हस्ताक्षर की शिकायत एसीबी में दर्ज कराई। एसीबी टीम ने कार्रवाई करते हुए खान विभाग के तत्कालीन फोरमैन व वर्तमान में भूजल विभाग जोधपुर में कार्यरत मनीष पंवार सहित दो फर्म संचालकों भोलेनाथ माइंस एंड मिनरल के साझेदार रतन लाल खटीक और मैसर्स अंजनि माइंस केम की साझेदार सुमित्रा देवी को गिरफ्तार कर लिया है। तीनों आरोपियों को न्यायालय के आदेश के बाद जेल भेज दिया गया। पूरे प्रकरण में अन्य संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच की जा रही है। एसीबी प्रथम के पुलिस उपाधीक्षक पारसमल ने बताया कि आसींद तहसील के पांडरु क्षेत्र में माइंस लीज के लिए मैसर्स अंजनि माइंस केम की साझेदार आशा देवी पत्नी और धापू देवी ने आवेदन किया था। लीज नंबर 782-12 के लिए मैसर्स भोलेनाथ माइंस एंड मिनरल के साझेदार मुकेश खोइवाल, संजय मेहता और रतन लाल खटीक ने आवेदन किया। आवेदित क्षेत्र की संयुक्त सीमांकन रिपोर्ट खान विभाग के लिए खान विभाग के फोरमैन मनीष पंवार और झालरिया पंचायत के पटवारी नरेश नाथ को नियुक्त किया गया था। मौके की स्थिति और राजस्व रिकॉर्ड में अंतर होने के कारण पटवारी ने रिपोर्ट पर साइन करने से इनकार कर दिया। इसके बावजूद रिपोर्ट तैयार कर खान विभाग को भेज दी गई। बाद में विभाग ने उसी फर्जी रिपोर्ट के आधार पर निदेशालय से स्वीकृति जारी करा दी।
कैथल में मां के बॉयफ्रेंड की हत्याकांड में गिरफ्तार कर जेल भेजे गए दोनों आरोपियों से पुलिस की पूछताछ में कई अहम तथ्य सामने आए हैं। पूछताछ में आरोपियों ने कबूला कि महिला का करीब डेढ़ साल से मृतक सुरेंद्र के साथ अफेयर था। सुरेंद्र बुकिंग पर गाड़ी चलाता था और एक बुकिंग के लिए ही उनके गांव मानस में आया था। वहां पर उसकी जान पहचान महिला के साथ हो गई। उन्होंने एक दूसरे के साथ अपना मोबाइल नंबर शेयर कर लिया। उसके बाद में लगातार बातें करते रहते थे। महिला के पति की मौत हो चुकी है। महिला के बेटे अमन को उसकी मां पर शक था कि उसका सुरेंद्र के साथ अफेयर है। संदिग्ध हालात में मिले अमन के दोस्त विजय ने जैसे ही युवक सुरेंद्र और महिला को हनुमान वाटिका में देखा तो तुरंत उसने महिला के बेटे अमन को इसके बारे में सूचना दे दी। जब वे कमरे पर पहुंचे तो वहां पर सुरेंद्र व और महिला संदिग्ध हालत में पाए गए। इसी के चलते गुस्साए अमन ने सुरेंद्र पर पेचकश से हमला कर दिया था। उस पर एक के बाद एक कई पेचकस मारे गए। उसने बचाव के लिए दुकान की ऊपर बने कमरे से छत से नीचे छलांग लगा दी, जिससे बाद में उसकी मौत हो गई थी। डीएसपी बीर भान ने बताया कि पुलिस द्वारा पूछताछ के लिए आरोपियों का दो दिन पुलिस रिमांड हासिल किया गया था। पूछताछ के बाद अब पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल में भेज दिया है। ये था मामला बता दें कि, छह दिन पहले कैथल में बेटे ने अपने दोस्त संग मिलकर मां के बॉयफ्रेंड की हत्या कर दी थी। इस संबंध में महिला सहित उसके बेटे व बेटे के दोस्त के खिलाफ केस दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले में महिला के बेटे अमन व उसके दोस्त विजय उर्फ विक्की को गिरफ्तार कर लिया था। विजय ने अमन को फोन कर कहा कि तेरी मां किसी के साथ कमरे में है। यह सुनकर अमन पेंचकस खरीदकर लाया और मां के बॉयफ्रेंड की हत्या कर दी।
ब्रज रज उत्सव के दसवें दिन मंगलवार की देर शाम पद्मश्री हेमा मालिनी की अनुपम प्रस्तुति ने पूरे वातावरण को भक्ति और भाव से सरोबार कर दिया। मंच पर उन्होंने अपनी प्रसिद्ध नृत्य नाटिका “यशोदा कृष्ण” का मंचन किया, जिसमें मां यशोदा के वात्सल्य और बालकृष्ण की मोहक लीलाओं को अत्यंत भावनात्मक रूप में प्रस्तुत किया। 77 वर्ष की उम्र में सांसद हेमा मालिनी ने डेढ़ घंटे तक अभिनय किया। कृष्ण ने चुराया माखन,यशोदा ने डांटा धौली प्याऊ स्थित रेलवे मैदान पर आयोजित ब्रज रज उत्सव में सिने अभिनेत्री सांसद हेमा मालिनी द्वारा प्रस्तुत प्रसिद्ध नृत्य नाटिका “यशोदा कृष्ण” का मंचन किया गया। नृत्य के हर भाव, मुद्रा और लय के साथ हेमा मालिनी ने साथी कलाकारों के साथ मातृत्व की कोमलता और कृष्ण के बालरूप की नटखट छवि को इस तरह साकार किया कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो उठे। जब मंच पर कृष्ण माखन चुराते और यशोदा उन्हें स्नेह पूर्वक डांटती दिखीं, तो दृश्य इतना जीवंत लगा मानो गोकुल की गलियों का सजीव प्रसंग सामने आ गया हो। मंचन देख भाव विभोर हुए दर्शक नृत्य नाटिका की संगीतमय पृष्ठभूमि, शास्त्रीय रागों और भाव प्रधान गीतों ने प्रस्तुति को दिव्यता प्रदान की। प्रकाश व्यवस्था और मंच सज्जा ने हर दृश्य को अलौकिक बना दिया। मां यशोदा के स्वरूप में हेमा मालिनी की साथी कलाकारों की संगति, सधी ताल और सूक्ष्म अभिनय ने प्रदर्शन को पूर्णता प्रदान की। मंचन में हर दृश्य पर दर्शकों के भाव भी गंभीर हो गए। श्रद्धा का ऐसा संचार हुआ कि हर दृश्य देख बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग सभी यशोदा-कृष्ण की लीला में डूब गए। नाट्य अभिनय देखने उमड़ी भीड़ उत्सव स्थल पर मंगलवार को भीड़ उमड़ी। भीड़ ने उत्सव के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए।इस दौरान ठाकुर श्री बांके बिहारी जी मंदिर हाई पावर्ड मैनेजमेंट कमेटी, के अध्यक्ष रिटायर्ड न्यायाधीश हाईकोर्ट अशोक कुमार, उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र, एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ, मंडलायुक्त शैलेंद्र कुमार सिंह, डीआईजी शैलेश पांडेय, डीएम चंद्रप्रकाश सिंह, MVDA उपाध्यक्ष एसबी सिंह, परिषद के सीईओ सूरज पटेल, MVDA सचिव आशीष कुमार सिंह आदि मौजूद रहे। अतिथियों ने पद्मश्री हेमा मालिनी तथा मुंबई से आए उनके साथी कलाकारों का अभिनंदन करते हुए स्मृति चिन्ह प्रदान किया। ब्रज रज उत्सव में हेमा मालिनी ने हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों को सराहा सिने अभिनेत्री एवं मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने नाट्य प्रस्तुति देने से पहले ब्रज रज उत्सव में लगे विभिन्न स्टॉलों का भ्रमण कर स्थानीय हस्तशिल्प, हर्बल उत्पाद, पारंपरिक वस्त्रों और ब्रज की सांस्कृतिक झलक प्रस्तुत करने वाले सामान की जानकारी ली। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में धौली प्याऊ रेलवे ग्राउंड पर आयोजित ब्रज रज उत्सव में हेमा मालिनी के पहुंचने पर ब्रज के लोक कलाकारों ने अपनी लोक प्रस्तुति देते हुए परम्परागत वेशभूषा के साथ स्वागत किया। हस्तशिल्पियों से की बातचीत हेमा मालिनी ने कलाकारों और शिल्पकारों से उनके बनाए उत्पादों की विशेषताओं के बारे में बातचीत की और उनके प्रयासों की प्रशंसा की। विभिन्न शहरों से अपने उत्पाद के साथ आए हस्तशिल्पी से बातचीत की। सांसद ने कार्यक्रम स्थल पर ब्रज संस्कृति से जुड़े थीम जोन और स्थानीय उत्पादों के प्रदर्शन क्षेत्र का भी अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि ब्रज क्षेत्र की कला, संस्कृति और पारंपरिक हस्तशिल्प देशभर में अपनी अलग पहचान रखते हैं, इनका संरक्षण और प्रचार आवश्यक है। उनकी उपस्थिति से उत्सव स्थल पर मौजूद कलाकारों और आगंतुकों में उत्साह का माहौल रहा।
गुरुनानक देवजी का प्रकाश पर्व:51 साल पहले बनाया था श्री गुरुसिंघ सभा गुरुद्वारा, रोशनी से जगमगाया
गुरु नानकदेवजी का 556वां प्रकाश पर्व बुधवार को मनाया जाएगा। इसके लिए गुरुद्वारों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया है। प्रकाश पर्व से पहले मंगलवार को 51 साल पुराना श्री गुरुसिंघ सभा गुरुद्वारा आकर्षक रोशनी से जगमगा उठा। ज्ञानी जसवीर सिंघ राणा ने बताया शहर में पहला गुरुद्वारा 1955 में बनाया था। इसके बाद 1967 में गुरुद्वारे के लिए जमीन खरीदी गई। 1974 में श्री गुरु सिंघ सभा गुरुद्वारे का निर्माण किया। विशेष बात यह है कि गुरुद्वारे का हॉल जो 70 बॉय 80 का बना है। इस गुरुद्वारे का संचालन श्री गुरुसिंघ सभा द्वारा किया जा रहा है। 1920 में सिंघ सभा की लहर चली थी। इसी संस्था ने अंग्रेजों के समय गुरुद्वारों को महंतों से आजाद कराकर फिर गुरु की मर्यादा को स्थापित किया है। सभी को एक करने के लिए ही श्री गुरुसिंघ सभा की स्थापना की गई थी।
भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी की ‘झूठी’ सूची दो बार वायरल हो चुकी है, लेकिन कुछ नामों पर लॉबिंग व खींचतान की वजह से नए पदाधिकारियों की ‘सच्ची’ सूची तीन महीने से जयपुर और दिल्ली के बीच मंथन में है। भाजपा वरिष्ठ नेताओं के बीच पदाधिकारियों के नामों को लेकर कई बार विचार विमर्श हुआ, लेकिन कुछ नामों पर सहमति नहीं मिल पाई, ऐसे में अधिकृत सूची जारी नहीं हो पाई। अब शहरी निकाय व पंचायत चुनावों से पहले ही प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को नई टीम मिलने की संभावना जताई जा रही है। दो बार वायरल हो चुकी ‘झूठी’ सूची में आए नामों पर विवाद की वजह से भाजपा प्रदेश में नई टीम को ओर इंतजार करने की संभावना बढ़ गई है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से 20 राज्यों की कार्यकारिणी को मंजूरी दी जा चुकी है। दावेदार नेताओं की अग्नि-परीक्षानई प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल होने की कतार में लगए दावेदार नेताओं की पार्टी अपनी स्तर पर जांच परख कर रही है। पार्टी की ओर से पिछले एक साल से चलाए जा रहे अभियान, कार्यक्रमों में इन में से कुछ नेताओं को संयोजक, सह संयोजक व टीम के तौर पर जिम्मेदारी देकर अग्नि परीक्षा ली जा रही है। प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व तक इन अभियानों व कार्यक्रमों की सफलता व असफलता का आंकलन कर रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है। बताया जा रहा है कि यह रिपोर्ट की अंतिम तौर पर प्रदेश पदाधिकारियों के नाम तय करेगी। मंत्रीमंडल विस्तार व प्रदेश कार्यकारिणी साथ-साथ संभावना जताई जा रही है कि भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने पर वर्तमान मंत्रियों के कामकाज की भी समीक्षा की जाए। ऐसे में कुछ मंत्रियों को संगठन में जोड़ा जा सकता है। वहीं सक्रिय विधायकों को कैबिनेट में जगह देने पर विचार किया जा सकता है। इसके लिए कुछ वरिष्ठ नेता मंत्रियों व विधायकों के साथ ही संगठन के दावेदार नामों का फीडबैक केंद्रीय नेतृत्व दो दे रहे है। ऐसे में मंत्रीमंडल विस्तार व प्रदेश कार्यकारिणी नई साल में हो सकती है। वरिष्ठ नेताओं से कई बार हुई चर्चा प्रदेश टीम को लेकर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल और प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ के बीच चर्चा हो चुकी है। प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ की भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बी. संतोष और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी कई बार बात हो चुकी है। भाजपा की झूठी सूची अगस्त व अक्टूबर में वायरल हो चुकी है, लेकिन पार्टी की ओर से जांच ही नहीं करवाई गई।
हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी को रोकने का नया पैंतरा अपनाया जा रहा है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह ने सभी नेताओं को एक लेटर जारी कर अनुरोध किया है कि अपने होर्डिंग्स, बैनर, पोस्टर या कार्यक्रम के बैकड्रॉप को तैयार करवाते समय प्रोटोकॉल के हिसाब से आलाकमान के नेताओं के फोटो लगवाएं। इतना ही नहीं, नेता अपने जिले के विधायक और सांसद का भी फोटो लगवाएं। यह सभी बड़े नेताओं के साथ जिला कमेटियों के अध्यक्ष, पिछले चुनावों (लोकसभा, विधानसभा और निगम चुनाव) के उम्मीदवारों के लिए भी अनिवार्य रहेगा। इस पर राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इससे हुड्डा गुट को ही फायदा होगा। नया लेटर जारी कर राव ने ये बातें लिखीं... यहां देखिए लेटर... पद संभालते ही 10 नेताओं के फोटो का आदेश दिया थाहरियाणा कांग्रेस गुटबाजी से बचने को नए-नए पैंतरे आजमा रही है, मगर गुटबाजी कम होने का नाम नहीं ले रही। राव नरेंद्र के नए प्रदेशाध्यक्ष के रूप में पदभार संभालने के बाद कांग्रेस ने 12 अक्टूबर 2025 आदेश जारी कर कहा था कि हरियाणा कांग्रेस के किसी भी प्रचार सामग्री में केवल 10 नेताओं की ही तस्वीरें होंगी। इनमें सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल, बीके हरिप्रसाद, राव नरेंद्र सिंह, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कुमारी सैलजा और दीपेंद्र हुड्डा की फोटो लगाई जाएंगी। यह आदेश बृजेंद्र सिंह की यात्रा के समय टूट गए। सद्भावना यात्रा के प्रचार रथ से 3 बड़े नेता गायब दिखेबृजेंद्र सिंह ने सद्भावना यात्रा के दौरान प्रचार रथ पर लगाए पोस्टर से प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और दीपेंद्र हुड्डा तीनों के फोटो गायब कर दिए। वहीं, कांग्रेस के बताए क्रम को भी नजरअंदाज किया गया। उन नेताओं के फोटो भी पोस्टर में लगाए गए, जिन्हें लेकर कोई आदेश नहीं थे। बृजेंद्र ने सहप्रभारी जितेंद्र बघेल, रणदीप सुरजेवाला और बीरेंद्र सिंह की फोटो को पोस्टर में शामिल कर दिया। वहीं, इंदिरा गांधी की जयंती पर भी अलग-अलग गुटों ने कार्यक्रम किए जिसकी रिपोर्ट प्रदेश हाईकमान तक पहुंच गई। इसी को देखते हुए कांग्रेस ने रिवाइज आदेश जारी किए। नए आदेश से हुड्डा गुट को फायदाप्रदेशाध्यक्ष राव नरेंद्र की ओर से जारी आदेशों में गुटबाजी रोकने के लिए यह आदेश दिया गया है, लेकिन इस फैसले से हुड्डा गुट को ही ज्यादा फायदा होगा, क्योंकि कांग्रेस के हरियाणा में जीते 5 सांसदों में से 4 हुड्डा समर्थित हैं। वहीं, कांग्रेस के जीते 37 विधायकों में कम से कम 30-32 विधायक हुड्डा समर्थित हैं। ऐसे में नए आदेशों से फायदा हुड्डा गुट को होगा। विधानसभा चुनाव में अधिकतर हुड्डा समर्थकों को ही टिकट मिले थे। बताया जा रहा है कि प्रदेशाध्यक्ष की ओर से बताए गए 10 नामों में दीपेंद्र हुड्डा का फोटो लगाने से दूसरे गुट के नेताओं को एतराज है। इसलिए, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को दोबारा नए सिरे से आदेश जारी करने पड़े। स्थानीय नेताओं की भी सीमा तयनिर्देश में यह भी कहा गया है कि जिला अध्यक्ष या स्थानीय पदाधिकारी की तस्वीर केवल नीचे बाईं ओर लगाई जा सकेगी। किसी अन्य नेता या समर्थक को अतिरिक्त फोटो लगाने की अनुमति नहीं होगी। राव नरेंद्र सिंह ने सभी जिला अध्यक्षों, पूर्व मुख्यमंत्री, सांसदों, विधायकों और वरिष्ठ पदाधिकारियों को पत्र भेजकर स्पष्ट किया है कि आगे से हर कार्यक्रम में ‘पार्टी प्रोटोकॉल’ का पालन अनिवार्य होगा। उनका कहना है अब आयोजन व्यक्ति-केंद्रित नहीं, संगठन-केंद्रित होंगे। कांग्रेस के भीतर माना जा रहा है कि यह कदम सिर्फ अनुशासन नहीं, बल्कि संगठन में एकता लाने की हाईकमान रणनीति का हिस्सा है। हरियाणा में हुड्डा, सैलजा और सुरजेवाला खेमों के बीच वर्चस्व की लड़ाई ने अक्सर पार्टी को नुकसान पहुंचाया है।
तारीख: 31 अक्टूबर 2025 जगह: सुरेंद्र नगर, गुजरात पंजाब के CM भगवंत मान की मंच पर मौजूदगी के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने किसान महापंचायत में कहा– आप लोगों ने सुना होगा, अभी थोड़े दिन पहले पंजाब में बहुत बड़ी बाढ़ आई थी। ऐतिहासिक बाढ़ आई थी। पंजाब में 23 जिले हैं और सभी जिलों में बाढ़ आई थी। एक महीने के अंदर भगवंत मान साहब ने सभी पीड़ितों के अकाउंट के में 50 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से जमा करा दिए। जैसे ही इसका वीडियो पंजाब में पहुंचा तो केजरीवाल अपने दावे पर घिर गए। विपक्षी दलों ने तो उनके दावे की बखिया उधेड़ी ही, बाढ़ पीड़ितों से लेकर किसान नेताओं ने भी इसे कोरा झूठ करार दे दिया। विपक्षी दलों ने इसे AAP का झूठ बोलने वाला चरित्र करार देते हुए तरनतारन उपचुनाव में मुद्दा तक बना लिया। किसान नेताओं ने कहा- 2400 गांवों में बाढ़ आई, मुआवजा सिर्फ 53 में बंटा, वह भी सिर्फ अपने चहेतों को। केजरीवाल का दावा 100% झूठा है। किसान नेताओं ने केजरीवाल के बयान पर क्या कहा… मनजीत राय बोले- 53 गांवों में 5.16 करोड़ बंटा, नुकसान 12 हजार करोड़ काभारतीय किसान यूनियन दोआबा के प्रधान मनजीत सिंह राय ने कहा कि गुजरात में दिया गया अरविंद केजरीवाल का बयान 100 प्रतिशत झूठा है। सरकार मानती है कि पंजाब के 2400 गांव बाढ़ की जद में आए और कम से कम 12 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। जख्मों पर नमक छिड़का जा रहा, किसान परेशानउन्होंने कहा कि सरकार ने मुआवजे के नाम पर सिर्फ 53 गांवों में 5.16 करोड़ रुपए की राशि बांटी है। उन्होंने कहा कि 53 गांवों में भी सभी को मुआवजा नहीं मिला है। सरकार ने यह राशि भी अपने चहेतों को दी है। आम आदमी पार्टी झूठ बोलना बंद करे। किसान एक तरफ परेशान हैं दूसरी तरफ उनके जख्मों पर नमक छिड़का जा रहा है। गिने चुने किसानों को मुआवजा देकर झूठा प्रचार कर रही आप: पंधेरकिसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि अरविंद केजरीवाल ने गुजरात में 100 फीसदी से ज्यादा झूठ बोला है। उन्होंने कहा कि 2400 गांवों के किसान आज भी मुआवजे के लिए सरकार की राह देख रहे हैं। लोगों की फसलें बर्बाद हो गई। घर टूट गए। किसी को पांच पैसे मुआवजा नहीं मिला। कुछ अपने चहेतों को उन्होंने चेक दिए हैं। उनमें से भी कई चेक पास नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि आप इस तरह झूठा प्रचार न करे। विपक्षी दलों ने केजरीवाल के दावे पर क्या कहा.. सुखबीर बादल बोले- सब झूठ, लोग रो रहे, एक रुपया नहीं मिलाशिरोमणि अकाली दल (बादल) ने केजरीवाल के बयान को राजनीतिक मुद्दा बना दिया। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल कुछ दिन पहले गुजरात में झूठ बोल गए। 50 हजार रुपए देने की बात पूरी तरह झूठी है। अभी तक किसी को एक रुपया मुआवजा नहीं मिला। मैं हर गांव में होकर आया। लोग रो रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की फसलें बर्बाद हो गई। घर टूट गए। जानवरों का नुकसान हो गया। एक रुपया नहीं दिया। अपने आप को आम आदमी पार्टी का प्रेजिडेंट बोलते हैं और लोगों के सामने झूठ बोलते हैं। यह एक उदाहरण है कि आम आदमी पार्टी घटिया राजनीति करती है। भाजपा ने कहा– ये आपदा में अवसर वाले बहरूपिए, एक किसान लाकर दिखाओभाजपा ने केजरीवाल के साथ CM भगवंत मान पर भी सवाल खड़े किए। भाजपा महासचिव परमिंदर सिंह बराड़ ने कहा कि ये आपदा में अवसर ढूंढने वाल बहरूपिए हैं। पंजाब के लोगों, किसानों का दुख बेचकर वोट हासिल करने वाले लोग हैं। पंजाब के लोग बाढ़ के शिकार हो गए और ये उस चीज को वोट में कनवर्ट करने के लिए पूरे देश में झूठा प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने केजरीवाल को चुनौती दी कि पंजाब का एक किसान ले आओ, जिसके खाते में आपने 50 हजार रुपए डाल दिए हैं। उसी स्टेज पर भगवंत मान खड़े थे और चुपचाप केजरीवाल का झूठ सुन रहे थे। भगवंत मान साहब मान लो कि मैं रबड़ स्टेंप हूं। जो केजरीवाल कहते हैं वो सच हे। मेरे पल्ले कुछ नहीं है। पंजाबियों पर तरस खाओ। 50 दिन हो गए, पंजाब के किसानों को मुआवजा नहीं मिला है।
पिछले दिनों कुरुक्षेत्र के 9 करोड़ी युवराज की मौत की खबर ने जुनूनी पशु प्रेमियों को गम से भर दिया। मुर्रा नस्ल के इस झोटे को हरियाणा का सबसे कीमती मवेशी होने का गौरव था। अब युवराज की मौत के बाद रिक्त हुए स्थान को फतेहाबाद के कुबेर ने भर दिया है। राजस्थान के पुष्कर मेले में इंट्रोड्यूस किए गए कुबेर की कीमत 21 करोड़ रुपए लगी। हालांकि, मालिक विकास भांभू ने साफ कर दिया कि कोई 50 करोड़ भी देगा तो वह कुबेर का सौदा नहीं करेंगे। फतेहाबाद जिले के नाढ़ोडी गांव के किसान विकास भांभू अपने मुर्रा नस्ल के झोटे कुबेर को लेकर राजस्थान के अजमेर जिले स्थित पुष्कर मेले में गए। वहां आंध्र प्रदेश के पशु व्यापारियों ने उसकी कीमत 21 करोड़ रुपए लगाई। विकास ने कहा कि यह झोटा शान है, इसे नहीं बेचेंगे। अब इसके सीमन बेचेंगे। विकास 10 एकड़ में खेतीबाड़ी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। साथ में पशुपालन भी करते हैं। पुष्कर मेले में हुई पशुओं की प्रतियोगिता में झोटे कुबेर ने पहला स्थान प्राप्त किया। अब राजस्थान सरकार के पशुपालन विभाग की ओर से बुधवार को झोटे कुबेर और उसके मालिक विकास भांभू को सम्मानित किया जाएगा। मेले में कुबेर ऐसा छाया है कि विदेशी पर्यटक उसके साथ सेल्फी लेने को आतुर दिखे, खासकर महिला पर्यटक। सीमन बैंक में रखेंगे कुबेर, प्रदेश में बढ़ेगी नस्ल सुधार की उम्मीदपशुपालक विकास भांभू ने बताया कि वह कुबेर झोटे को बेचने के बजाय सीमन बैंक में रखेंगे, ताकि उससे उच्च गुणवत्ता वाला सीमन तैयार कर पशुपालकों को वाजिब दामों पर उपलब्ध कराया जा सके। इससे उन्हें हर महीने लाखों रुपए की आय भी होगी और आसपास के इलाकों में मुर्रा नस्ल के सुधार में मदद मिलेगी। सीमन बुकिंग के लिए आने लगी कॉलविकास भांभू बताते हैं कि कुबेर झोटे की 21 करोड़ रुपए की कीमत लगने के बाद हरियाणा, पंजाब और राजस्थान से सीमन की बुकिंग के लिए उनके पास लगातार कॉल आ रही हैं। वह हिसार में बने भैंस अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों से भी संपर्क करेंगे। जानिए कुबेर झोटे की क्या है खासियत डिप्टी डायरेक्टर बोले- हमारे जिले के लिए गौरव की बातपशुपालन एवं डेयरी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. सुखविंद्र सिंह ने बताया कि जिले के किसी झोटे की कीमत 21 करोड़ तक लगना बेहद गौरव की बात है। इस कुबेर झोटे को हरियाणा के राज्य स्तरीय पशुधन मेले में भी शामिल किया जाएगा। कुबेर की वजह से जिला ही नहीं, बल्कि प्रदेश भी गौरवान्वित हुआ है। 9 दिन पहले युवराज का निधनहरियाणा में कुरुक्षेत्र के पशुपालक कर्मवीर सिंह के प्रसिद्ध 9 करोड़ रुपए के झोटे युवराज का 9 दिन पहले 23 वर्ष की उम्र में निधन हुआ। युवराज 29 बार राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के मेलों में अपनी मुर्रा नस्ल में चैंपियन रहा। वह लगभग 1500 किलोग्राम वजनी, 9 फीट लंबा और 6 फीट ऊंचा था। मालिक का दावा है कि उसके सीमन से करीब 2 लाख कटड़े और कटड़ियां पैदा हुईं। युवराज की सालाना कमाई लगभग 80 लाख रुपए तक बताई जाती थी। उसे खरीदने के कई ऑफर आए, लेकिन उसके मालिक कर्मवीर ने हमेशा इनकार कर दिया। हिसार स्थित राष्ट्रीय भैंस अनुसंधान केंद्र में युवराज की एक प्रतिमा भी लगाई गई है। -------------------------------------------- यह खबर भी पढ़ें... कुरुक्षेत्र में 9 करोड़ के झोटे युवराज की मौत:6 फीट लंबा था; 80 लाख तक सालाना कमाई, सीमन से 2 लाख कटड़े-कटड़ी पैदा हुईं हरियाणा में कुरुक्षेत्र के पशुपालक कर्मवीर सिंह के प्रसिद्ध 9 करोड़ रुपए के झोटे युवराज का 23 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। युवराज 29 बार राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के मेलों में अपनी मुर्रा नस्ल में चैंपियन रहा। पूरी खबर पढ़ें...

