PM मोदी आज 4 वंदे भारत को हरी झंडी दिखाएंगे:वाराणसी को 8वीं ट्रेन मिलेगी, CM योगी के साथ की मीटिंग
पीएम मोदी आज, शनिवार को वाराणसी से चार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे। इसमें 1 ट्रेन वाराणसी से खजुराहो तक चलेगी। ये वाराणसी को मिलने वाली 8वीं वंदे भारत है। PM शुक्रवार की शाम करीब 5 बजे वाराणसी पहुंचे थे। वे एयरपोर्ट से बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) गेस्ट हाउस सड़क मार्ग से पहुंचे। करीब 27 किमी लंबे इस रूट पर जगह-जगह भाजपा कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी का स्वागत किया। कार्यकर्ताओं ने फूल बरसाए। हर-हर महादेव का जयघोष किया। पीएम मोदी का यह इस साल का 5वां और वाराणसी सांसद रहते 53वां दौरा है। स्वागत में खड़ी एक महिला ने कहा- हमें योगी लक्ष्मण और मोदी राम के रूप में दिखते हैं। पीएम को देखने दिव्यांग बृजेश कुमार सिंह भी पहुंचे थे। उन्होंने कहा- 2 बार मोदी से मुलाकात हुई है। आज देख कर खुशी हुई। पीएम ने गेस्ट हाउस में नाइट स्टे किया। इससे पहले यहां CM योगी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी समेत कई नेताओं के साथ बैठक की। शनिवार को मोदी 4 वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे। जानिए ट्रेन किन रूट पर चलेंगी... वाराणसी को 8वीं वंदे भारत मिलेगीPM नरेंद्र मोदी 8वीं वंदे भारत की सौगात देंगे। ये ट्रेन काशी से विंध्यवासिनी धाम और चित्रकूट को जोड़ेगी। इससे पहले यूपी, बिहार, झारखंड और दिल्ली के अलग-अलग शहरों के लिए 7 वंदे भारत चलाई जा रही हैं। खजुराहो के लिए चलने वाली पहली ऐसी वंदे भारत ट्रेन होगी, जो काशी से 3 धार्मिक शहरों काशी, विंध्याचल (मिर्जापुर) और चित्रकूट को जोड़ेगी। इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। 8 कोच वाली इस ट्रेन में 7 चेयरकार हैं। एक कोच एक्जीक्यूटिव का रहेगा। सिक्योरिटी कारणों से 8 नवंबर तक बनारस स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर- 6 से 8 तक ट्रेनों का संचालन रोक दिया गया है। SPG की गाइडलाइन के बाद ऐसा निर्णय लिया गया है। ऐसे में 2 ट्रेनें अब वाराणसी सिटी स्टेशन से गोरखपुर के लिए रवाना होंगी।
KGMU के हिमैटोलॉजी विभाग में ब्लड कैंसर से पीड़ित मरीजों का बोन मैरो ट्रांसप्लांट अगले माह से शुरू हो जाएगा। शुक्रवार को KGMU कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने इसका ऐलान किया। वहीं, यूपी के डिप्टी सीएम स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने शुक्रवार को इंडियन सोसाइटी ऑफ हेमेटोलॉजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन के 66वें एनुअल कॉन्फ्रेंस का उद्घाटन किया। राजधानी के एक निजी होटल में इंडियन सोसाइटी ऑफ हिमैटोलॉजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन (आईएसएचबीटी) के 66वें वार्षिक सम्मेलन में बोलते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि डॉक्टरों को प्रभावी उपचार देने के साथ ही सस्ती चिकित्सा के लिए भी प्रयास करना चाहिए। इससे सभी लोग उपचार करा सकेंगे। उन्होंने ने कहा कि कैंसर का इलाज काफी महंगा है। अच्छी बात है कि कैंसर के इलाज में जागरूकता आ रही है। मरीज शुरुआती अवस्था में ही इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। हालांकि, अभी भी इसका इलाज काफी महंगा है। इसे सस्ता बनाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है। ट्रांसप्लांट यूनिट में होंगे 10 बेड कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि 11 दिसंबर से KGMU के हिमैटोलॉजी विभाग में बोन मैरो प्रत्यारोपण की शुरुआत हो जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी विभाग में 65 बेड पर मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट में 10 बेड होंगे। ऐसे मरीजों को ट्रांसप्लांट की पड़ती है जरूरत शुरुआत में मरीज के बहन या भाई से बोनमैरो लेकर प्रत्यारोपित किया जाएगा। KGMU हिमैटोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ.एसपी वर्मा ने कहा कि ब्लड कैंसर का शुरुआत में दवाओं से इलाज किया जाता है। उन मरीजों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है। जब किसी कारण से मरीज के शरीर का बोन मैरो खराब हो जाता है। पर्याप्त स्वस्थ रक्त कोशिकाएं नहीं बना पाता है। ऐसी दशा में स्वस्थ व्यक्ति से खून के माध्यम से बोन मेरो लेकर मरीज में प्रत्यारोपित किया जाता है। ऐसे मरीजों का इलाज होता है कठिन टोरंटो के डॉ.ऑरो विश्वबंद्या ने बताया कि ब्लड कैंसर मायलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम (एमडीएस) के मरीजों में बोन मैरो प्रत्यारोपण मुश्किल होता है। बुजुर्गों के मामलों में प्रत्यारोपण और भी कठिन हो जाता है। ऐसे में कीमोथेरेपी ही विकल्प बचता है। जिससे बीमारी पर काबू पाने का प्रयास किया जाता है। इन्हें मिला लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड तीन डॉक्टरों को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड सम्मेलन में देश के तीन वरिष्ठ हिमैटोलॉजिस्ट डॉ. एमबी अग्रवाल, डॉ. टीके दत्ता और डॉ. रेनू सक्सेना को लाइफ टाइम अचीवमेंट से सम्मानित किया गया। ये भी रहे मौजूद इस मौके पर डॉ.विजय तिलक, डॉ.एसपी वर्मा, डॉ.रश्मि कुशवाहा, डॉ.नम्रता पी अवस्थी और डॉ.अंशुल गुप्ता मौजूद रहे। इन रोगों में बोन मैरो प्रत्यारोपण ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, एप्लास्टिक एनीमिया, थैलेसीमिया और ब्लड कैंसर बुजुर्ग मरीजों प्रत्यारोपण कठिन डॉ.तपन सैकिया ने बताया कि मल्टीपल मायलोमा के मामले अभी भी शुरुआती चरण में पकड़ में नहीं आ रहे हैं। इसमें बदलाव आ रहा है, लेकिन भी अभी और सुधार की जरूरत है। डॉ. नीना कपूर ने प्रतिरक्षी विकारों के प्रबंधन में कोशिका थेरेपी में हुई प्रगति पर चर्चा की। उनके मुताबिक कोशिका थेरेपी से इलाज के नए विकल्प खुल रहे हैं।
पाली में सड़क हादसे 1 की मौत, 6 घायल:बोलेरो–खड़े ट्रक से टकराई, एक ही परिवार के 6 घायल
पाली में शनिवार सुबह एक बोलेरो–ट्रक से टकरा गई। हादसे में एक युवक की मौत हो गई और 6 जने घायल हो गए। घायलों का हॉस्पिटल में इलाज जारी है और मृतक की बॉडी हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में रखवाई। हादसा पाली शहर के 72 फीट बालाजी मंदिर के पास हाईवे पर हुआ। खड़े ट्रक से बोलेरो टकरा गई। बोलेरो में सवार सभी एक ही परिवार के लोग है।
कानपुर में जिस सड़क पर मेयर खराब पैचवर्क देख नाराज हुईं। हथौड़ा चलाकर चेक किया, उस डिप्टी पड़ाव से जरीब चौकी तक डेढ़ किमी में हुए PWD द्वारा कराए गए पैचवर्क कार्य की हकीकत जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची। गुरुवार को कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे दोपहर के समय जरीब चौकी से जाने वाली डिप्टी पढ़ाओ की सड़क पर गुजर रही थी, तभी वहां के लोगों ने उनकी गाड़ी रोक ली, लोगों ने शिकायत की कि यहां तीन दिन पहले ही सड़क में पैचवर्क का कार्य हुआ था, अब यहां फिर से गड्ढे हो रहे हैं। मेयर प्रमिला पांडे ने गाड़ी से उतरकर तुरंत पैच वर्क कार्य को दिखा, पीडब्ल्यूडी के अधिकारी को फोन किया, इसके बाद उन्होंने हथौड़ा मंगाकर इस पैच वर्क कार्य पर चला दिया। डामर गिट्टी बाहर आई। इस पूरे मामले में IIT को मैटिरियल भेजा है। अब पढ़िए सड़क पर पैचवर्क कार्य को लेकर वहां रहने वाले लोगों ने क्या कहा... टीम सबसे पहले हम भन्नानपुरवा चौराहे पर पहुंची, जहां मेयर ने हथौड़ा चलाकर सड़क चेक की थी। इस स्थान पर सामने परचून की दुकान चलाने वाले महेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया- गुरुवार को मेयर यहां आई थी, जो पैचवर्क उखाड़ रहा था, यहां पर गाड़ी रोकी और यहां पर चेक करने के लिए खोदा। यहां पर बहुत से लोग परेशान थे, क्योंकि जो पैच वर्क हुआ था वह सही नहीं था। इसकी वजह से दिनभर यहां बैठने के कारण धूल उड़ती रहती है। क्योंकि यह लगातार चलने वाली सड़क है, जो जीटी रोड से जाकर मिलती है। कई जगह तो ऐसा भी है कि गड्ढे खुले पड़े हैं, वहां पर पैचवर्क किया ही नहीं गया। यह पैच वर्क 2 नवंबर को हुआ था, 3 दिन बाद ही गिट्टी डामर उखड़ने लगा। भन्नानापुरवा में रहने वाले अमित वर्मा ने बताया- मेयर ने यह बहुत अच्छा काम किया ऐसा करना चाहिए, उन्होंने अधिकारियों की अच्छे से क्लास ली, इसमें डामर गिट्टियां सड़क पर बिखरने के कारण कई बार हादसे हो जाते हैं। खासकर बाइक इसमें फिसल जाती है और कई बार हादसा भी हो जाता है। इसके बाद हम अगले चौराहे चंद्रिका देवी मंदिर के पास पहुंचे। जहां हमारी मुलाकात जय नारायण दीक्षित से हुई। उन्होंने कहा कि आप देख लीजिए कि खुद पैचवर्क उखाड़ रहा है। सब तरफ बजरी पड़ी हुई है, बस ऊपर से लेप की तरह लगा दिया और पेमेंट हो गया काम खत्म, मुश्किल से इसे 4 या 5 दिन बने हुए हुआ है। इसमें सबसे ज्यादा दिक्कत यह है कि बजरी फैली होने के कारण एक्सीडेंट हो जाते हैं, मोटरसाइकिल का टायर तुरंत ही इस पर फिसल जाता है। चंद्रिका देवी पर ही सुबोध बाजपेई ने बताया- मेयर हर जगह तो नहीं जा सकती हैं, लेकिन इन अधिकारियों को अपने कार्य को ठीक से करना चाहिए। अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि कार्य को सही से कराया जाए। यह सब अधिकारियों को सही से कार्य करना चाहिए। रायपुरवा के पास रहने वाले राधा कृष्ण वर्मा ने बताया कि ऐसा कार्य हफ्ते भर भी नहीं चल पाए, सड़क पर जो रोड़ी फैली है, इससे एक्सीडेंट हो जाते हैं, लेकिन प्रमिला पांडे ने जो इसे चेक किया और अधिकारियों को फोन कर क्लास ली, यह सराहनीय कार्य है। लेकिन अधिकारियों को यह देखना चाहिए कि अगर कार्य कहीं कार्य कराया जा रहा है, तो उसका सही से इंप्लीमेंट होना चाहिए। लापरवाही करने वालों पर एक्शन भी होना चाहिए। इस सरकार में लापरवाही पर एक्शन भी होता है ,लेकिन नीचे का तबका लापरवाही करने से बाज नहीं आता। जिसकी वजह से प्रशासन की बेज्जती होती है। पैचवर्क का काम भी ऐसा है कि कहीं-कहीं पर हुआ है ,और कहीं पर छोड़कर चले गए हैं। अब पढ़िए मेयर प्रमिला पांडे ने क्या कहा ... कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे ने कहा कि लोगों ने मेरी गाड़ी भन्नानापुरवा में रोक ली थी, इसके बाद मैने सड़क का कार्य चेक किया , पैचवर्क बिल्कुल गलत है, पैचवर्क कम से कम 1 इंची से सवा इंची तक होना चाहिए लेकिन ये सेंटीमीटर में भी नहीं है,उसको मैंने चप्पल से उखाड़ तो भी उखड़ गया। फिर वहीं बीच का हिस्सा हमने छन्नी से निकलवा कर IIT से जांच कराएंगे निश्चित तौर पर जब इसकी रिपोर्ट आ जाएगी । इसकी लिखित शिकायत में मुख्यमंत्री जी के यहां करूंगी। मैं यह कहना चाहूंगी कि पूरे शहर में जहां भी पैचवर्क का कार्य हुआ है ,कहीं भी अगर पैच वर्क उखाड़ दिखाई दे। मुझे तत्काल इसकी शिकायत फोन पर करें तत्काल उसके जांच कराई जाएगी। अधिकारी को जब मैने फोन कर कहा तो बस वह यही कहते रहे, कि मैं ठीक करता हूं, मैं ठीक करता हूं। अब पढ़िए इसपर PWD के अधिशाषी अभियंता ने क्या कहा ... अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी अनूप कुमार मिश्रा ने बताया की जो पैच वर्क का कार्य कराया गया था ,अगर उसको चेक करने के लिए छेनी हथौड़ी मांगनी पड़ी तो इसका मतलब पैचवर्क मजबूत है । अगर क्वालिटी अच्छी नहीं होती तो आदमी तो हाथ डालकर ही पैचवर्क को उखाड़ देता। मैने स्वयं गुरुवार दोपहर डिप्टी पड़ाव से जरीब चौकी जाने वाली सड़क पर पैचवर्क कार्य का निरीक्षण किया था। जो बने हुए पैचवर्क हैं, वह कहीं से नहीं उखड़ेगा। कहीं भी ऐसा नहीं था कि जहां पर पैचवर्क कार्य किया गया हो और वह उखड़ गया हो। हां उस सड़क पर डेढ़ किलोमीटर पर कई ऐसे छोटे गड्ढे हैं ,जिन्हें पैचवर्क नहीं किया गया था। दो दिनों के भीतर उसमें भी पैचवर्क का कार्य कराया जाएगा।
मेरठ की काजल ने 2 साल की मोहब्बत के लिए अपनी 8 साल की शादी कुर्बान कर दी। पति को मारते वक्त अपने 3 बच्चों का चेहरा भी उसे ख्याल नहीं आया। अगर वो जेल चली गई तो बच्चे अनाथ हो जाएंगे। रोहटा थाना क्षेत्र में पति अनिल की हत्या की मास्टरमाइंड पत्नी काजल ही थी। सौरभ राजपूत हत्याकांड में पत्नी मुस्कान ने जिस तरह प्रेमी साहिल को सौरभ की हत्या के लिए उकसाया था। उसी तरह काजल ने प्रेमी आकाश को मजबूर कर दिया कि वो अनिल की हत्या कर दे। आकाश के पास कोई रास्ता नहीं बचा तो उसने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। प्रेमी संग पति की हत्या करने वाली काजल ही इस कांड की मास्टरमाइंड कैसे है पूरी कहानी पढ़िए.. पहले काजल-आकाश की लवस्टोरी को 4 लाइनों में समझते हैं रोहटा में 26 साल की काजल अपने 36 साल के पति अनिल और तीन बच्चों के साथ रहती है। अनिल मजदूरी करता है। दो घर छोड़कर 20 साल का आकाश रहता। आकाश भी अनिल के साथ मजदूर था। आकाश का अनिल के घर पिछले 2 साल से आना जाना था। इसी बीच काजल, आकाश में दोस्ती हुई। बातचीत बढ़ी और अफेयर हो गया। ये बात पति अनिल को पता चला। उसने काजल, आकाश दोनों को रोका। इस संबंध को यहीं खत्म करने की बात भी समझाई लेकिन दोनों नहीं माने। उन दोनों ने मिलकर अनिल की हत्या कर दी। अब मर्डर की पूरी प्लानिंग पढ़िए.. पुलिस ने अनिल की हत्या के आरोप में प्रेमी आकाश, पत्नी काजल और आकाश के दोस्त बादल जो बडौत निवासी है तीनों को अरेस्ट कर जेल भेज दिया है। पुलिस पूछताछ में काजल ने हत्या की पूरी कहानी बताई। काजल ही मास्टरमाइंड, आकाश से कहा इसे हटाना होगा लगभग डेढ़ साल पहले आकाश और काजल को अनिल ने एकसाथ कमरे पर देख लिया था। उसे दोनों पर काफी समय से शक था। लेकिन शक उस दिन हकीकत में बदला जब दोनों साथ कमरे में गलत अवस्था में थे। इसके बाद अनिल ने आकाश, काजल को समझाया कि मान जाएं वो नहीं माने। दरअसल काजल ने आकाश से कहा कि हमें एक होना है तो अनिल को रास्ते से हटाना पड़ेगा। क्योंकि अनिल हमें एक नहंी होने देगा। अनिल ने काजल पर बंदिशें लगाने लगा काजल के अफेयर के बारे में पति को पता चला तो उसने काजल के घर से बाहर आने-जाने पर रोक लगा दी। बाजार का सामान भी अनिल लाता। काजल को घर पर अकेला भी कम छोड़ता था। अनिल खुद ज्यादा समय घर पर रहता। लेकिन फिर भी काजल आकाश से मिलने के रास्ते निकाल लेती। अनिल की ये बंदिशें, रोकाटोकी काजल को खटकने लगी थी उसने सोचा कि इसे रास्ते से हटाना पड़ेगा आकाश को कसम देकर हत्या के लिए उकसाया पुलिस पूछताछ में आकाश और काजल देानों ने जो बयान दिया उससे साफ है कि हत्या के लिए आकाश को काजल ने उकसाया था। आकाश ने मना भी किया था कि अनिल को मत मारो, हम छिपकर मिलते रहेंगे, शादी कर लेंगे और भाग जाएंगे। लेकिन काजल नहीं मानी। उसने आकाश को कसम दी कि इसे खत्म कर दो तभी हम चैन से रह सकेंगे। आकाश को अपनी कसम देकर काजल ने हत्या के लिए राजी कर लिया। 24 अक्टूबर की रात ढाई बजे दिया नशा काजल ने 23 अक्टूबर की रात ही आकाश को सारा प्लान बता दिया था। उसी के चलते 24 अक्टूबर की रात ढाई बजे काजल ने अनिल को खाने में 6 स्लीपिंग पिल्स डालकर खिलाईं। ये गोलियां उसे आकाश ने दिन में लाकर दे दी थीं। नशीला खाना खाकर अनिल बेसुध हो गया। काजल ने आकाश को फोन कर कहा कि आ जाओ वो बेहोश हो गया। इसके बाद आकाश काजल के घर बाइक लेकर पहुंचा। चूंकि दोनों घर आसपास हैं इसलिए आने में देर नहीं लगी। वहां से आकाश-काजल बेसुध अनिल को बाइक पर लेकर सिवालखास नहर के पास ले गए। वही ंरास्ते में उनको बादल भी मिल गया। बादल भी 24 अक्टूबर को दिन में ही बड़ौत से मेरठ अपने दोस्त आकाश के पास आ गया था। आकाश ने दो दिन पहले ही बादल को सारी प्लानिंग बता दी थी। नहर पर पहुंचकर प्रेमी आकाश ने काजल का दुपट्टा लेकर उससे अनिल का गला दबाया। इसके बाद उसे अधमरी हालत में वहीं से नहर में फेंक दिया। फिर तीनों लोग वापस अपने घर आकर सो गए। दूसरे दिन बादल वापस बड़ौत चला गया। घरवालों से बताया कि पति काम पर गया है अनिल के घर से लगे हुए बाजू वाले घर में उसके भाई परिवार संग रहते हैं। 25 अक्टूबर की शाम तक भी जब अनिल नजर नहीं आया तो घरवाले पूछने लगे कि अनिल कहां हैं। तब काजल ने कहा वो सुबह से काम पर निकले हैं अब तक लौटे नहीं है। घरवाले राह देखते रहे अनिल वापस नहीं लौटा तब बड़े भाई अजय को शक हुआ। उसने 26 अक्टूबर की सुबह रोहटा थाने मे ंजाकर भाई अनिल की मिसिंग कंप्लेन कराई। पुलिस उसे तलाशने में जुट गई। लेकिन 10 दिन गुजरने पर भी अनिल का सुराग नहीं लगा। भाई ने दोबारा दी तहरीर तब अजय ने 5 नवंबर को दोबारा रोहटा थाने में तहरीर दी जिसमें उसने अपने भाई अनिल की हत्या का शक जताया। क्योंकि काजल-आकाश के अफेयर की चर्चा पूरे गांव में हैं। ग्रामीणों ने कइ्र बार दोनों को साथ देखा है। आकाश को अनिल के घर जाकर काजल के साथ काफी देर रहते हुए भी गांववाले देख चुके हैं। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने कई बार अनिल से की थी। अनिल जब घर पर नहीं होता तब आकाश उसके घर जाकर रहता है। अनिल के भाई अजय ने हत्या का आरोप उसकी पत्नी काजल, पड़ोसी आकाश उसके दोस्त बादल पर लगाया। इस तहरीर के बाद पुलिस की 3 टीमें जांच में जुटीं। पुलिस ने सीडीआर और सीसीटीवी के आधार पर इन्हें अरेस्ट किया। पूछताछ में इन्होंने अपना अपराध कुबूला। काजल के घर से नशे की गोलियों के पत्ते मिले हैं। गोलियां भी मिली हैं। साथ ही आकाश और काजल की कॉल डिटेल में आपस में बार-बार बातचीत होना भी मिला है।
त्योहारों के दौरान रेलवे की अव्यवस्था और यात्रियों की परेशानियों पर सोशल मीडिया पर उठाए गए सवाल ने अब कानूनी विवाद का रूप ले लिया है। भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के नेता सुनील अस्तेय के खिलाफ भोपाल अपराध शाखा में एफआईआर दर्ज की गई है। अस्तेय ने अपने ट्विटर (X) हैंडल @SunilAstay से रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए सवाल किया था दीपावली और छठ पूजा के मौके पर केंद्र सरकार ने बिहार के लोगों के लिए 12,000 स्पेशल ट्रेनें चलाने का बड़ा वादा किया था... अब सवाल उठता है वो ट्रेनें कहां हैं? सुनील अस्तेय की यह पोस्ट त्योहारों के दौरान रेल सेवाओं में आई समस्याएं और अव्यवस्था को लेकर थी, जिसमें उन्होंने मुंबई के कल्याण रेलवे स्टेशन का एक वीडियो साझा किया था। वीडियो में हजारों यात्री प्लेटफॉर्म पर धूप में खड़े दिखाई दे रहे हैं, जबकि ट्रेनें खचाखच भरी हुई हैं और लोग किसी तरह घर लौटने की कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा अस्तेय ने 3 अन्य पोस्ट भी किए थे। बता दें कि अस्तेय आजाद समाज पार्टी के स्टेट के पूर्व प्रेसिडेंट और पूर्व में विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। अस्तेय पर मामला 23 अक्टूबर को दर्ज किया गया है। पोस्ट में सीधे प्रधानमंत्री और रेल मंत्री पर निशानाअस्तेय ने लिखा था कि “मुंबई के कल्याण रेलवे स्टेशन का यह दृश्य हमारी आंखों के सामने सच दिखा रहा है। यूपी और बिहार के लोग जान जोखिम में डालकर, भीड़ और गर्मी के बीच घर लौटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जनता के लिए दिया गया वादा अधूरा और केवल प्रचार तक सीमित रह गया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को टैग करते हुए कहा कि केवल घोषणाओं से नहीं, व्यावहारिक कदमों से जनता का भरोसा जीता जा सकता है। आरपीएफ की शिकायत पर एफआईआर दर्ज रेल सुरक्षा बल (RPF) भोपाल में पदस्थ उप निरीक्षक प्रभुनाथ तिवारी ने इस पोस्ट को “रेलवे प्रशासन और सरकार की प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाला, भ्रामक और जनभावनाओं को भड़काने वाला” बताया। उन्होंने अपने आवेदन में लिखा कि त्योहारों के दौरान करोड़ों यात्री रेल सेवाओं पर निर्भर रहते हैं, ऐसे में इस तरह के मिथ्या पोस्ट सार्वजनिक शांति भंग करने, अफवाह फैलाने और सरकार के प्रति अविश्वास पैदा करने का प्रयास हैं। प्रभुनाथ तिवारी ने शिकायत में चार पोस्टों के लिंक और उनके स्क्रीनशॉट के लिंक संलग्न किए, जिनमें रेलवे की व्यवस्था को लेकर अस्तेय द्वारा किए गए ट्वीट शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अस्तेय का ट्वीट एक “सुनियोजित प्रयास” प्रतीत होता है, जिससे केंद्र सरकार और रेलवे विभाग की छवि को नुकसान पहुंचे। एफआईआर में क्या कहा गयाएफआईआर में कहा गया है कि आरोपी का कृत्य भारतीय न्याय संहिता की धारा 353 और 356 बीएनएस तथा आईटी एक्ट की धारा 66(D) के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है। एफआईआर में उल्लेख है कि “ट्विटर आईडी उपयोगकर्ता द्वारा रेलवे एवं वर्तमान सरकार तथा आम जनता के बीच वैमनस्य और अविश्वास फैलाने के उद्देश्य से भ्रामक पोस्ट प्रसारित किए गए हैं। उक्त पोस्ट्स त्योहारों के समय जब देशभर में करोड़ों लोग रेल सेवाओं पर निर्भर हैं, उस दौरान किए गए, जिससे सार्वजनिक शांति भंग होने की संभावना है। हालांकि, आरपीएफ कमांडेट डाॅ. अभिषेक ने बताया कि हमें इस तरह की एफआईआर की कोई जानकारी नहीं है। सुनील अस्तेय बोले- मैं फांसी के फंदे पर चढ़ने को तैयार हूंएफआईआर दर्ज होने के बाद आज़ाद समाज पार्टी के फाउंडर मेंबर और भीम आर्मी के पूर्व अध्यक्ष सुनील अस्तेय ने सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने दीपावली और छठ पूजा के दौरान आम जनता की परेशानियों की आवाज सोशल मीडिया पर उठाई, तो केंद्र की 'तानाशाही सरकार' ने उनके गांव में पुलिस भेज दी। अस्तेय ने आगे कहा कि “हमने संवैधानिक दायरे में रहकर आवाज उठाई थी। जो लोग बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश से दिल्ली, मुंबई और गुजरात में काम करते हैं, त्योहारों पर जब अपने घर लौट रहे थे तो ट्रेनों में अफरातफरी और भीड़ का हाल बेहाल था। हमने सिर्फ वही सच्चाई एक्स हैंडल पर साझा की। लेकिन इसके बाद मेरे गांव में पुलिस भेजी गई, लोगों को डराया गया और पोस्ट डिलीट करवाने का दबाव बनाया गया।”
गोरखपुर में साइबर जालसाजी गिरोह के 5 सदस्य गिरफ्तार किए गए। इनके म्यूल खातों में साइबर जालसाजी की रकम आती थी। इसके बाद अपना 5 से 10 प्रतिशत हिस्सा लेकर रकम क्रिप्टो करेंसी में बदल कर विदेश भेजते थे। जांच में आया है कि पकड़े गए 5 जालसाजों में से एक शैलेश चौधरी चीन के हैकर के संपर्क में था। यही गोरखपुर में परिचितों को घर बैठे कमाने की लालच देकर म्यूल खाते खोलवाता था। चीन में बैठे हैकर का देश भर में नेटवर्क फैला है। उसके गिरोह में शामिल सदस्य एनजीओ और कामर्शियल खातों का जाल बिछाकर साइबर फ्रॉड से मिली रकम को पहले नकद और फिर क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश में बैठे हैकर तक पहुंचाते हैं। पुलिस अब उनके खातों की डिटेल खंगाल रही है। पकड़े गए आरोपियों में गोरखनाथ क्षेत्र के जमुनियाबाग निवासी आदिल शफीक, कैंट थाना क्षेत्र के शैलेश चौधरी, कुशीनगर मूल निवासी हाल पता दिव्यनगर निवासी शुभम राय, कोतवाली क्षेत्र के बक्शीपुर निवासी विशाल गुप्ता और माया बाजार के अनुज साह का नाम शामिल है। इसमे शैलेश चौधरी मास्टर माइंड था। शैलेश के पिता फोर्स से रिटायर्ड हैं। उन्हें जब अपने बेटे की करतूत के बारे में जानकारी हुई। तब उन्होंने पुलिस से कहा- बेटे ने गद्दारी की है। इसे सख्त से सख्त सजा दी जाए। जार्जिया से एमबीबीएस करवाता था शैलेश शैलेश चौधरी ने बीकॉम किया था। चीन के जालसाज के संपर्क में आने के बाद उसने अपना एक एनजीओ बनाया था। एनजीओ का विद्या पर सबका अधिकार (बीपीएसए) नाम रखा था। वह एजुकेशनल कंसल्टेंट बनकर जार्जिया में एमबीबीएस में दाखिला दिलाता था। जांच में सामने आया कि दिखावे के लिए यह सब करता था। इसका मेन काम जालसाजी ही था। एनजीओ में रकम आने पर टैक्स नहीं लगता था, दूसरे कोई पूछताछ नहीं होती थी। इसलिए उसने अपने दोस्तों के नाम पर भी एनजीओ का रजिस्ट्रेशन कराकर बैंक में खाता खुलवाया था। शैलेश के एक साथी शुभम राय की 25 नवंबर को शादी थी। पकड़े जाने के बाद शुभम रोने लगा। पुलिस वालों से कहने लगा, सर, प्लीज मुझे छोड़ दीजिए, दोस्तों के बहकावे में आकर फंस गया। मेरी 25 नवंबर को शादी है। इस तरह काम करते थे गिरोह के 5 सदस्य एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि प्राथमिक पूछताछ में खुलासा हुआ कि गिरोह का मास्टरमाइंड शैलेश चौधरी अपने साथियों के नाम पर म्यूल बैंक खाता खुलवाता था। इन खातों में साइबर ठगी से आई रकम ट्रांसफर कर बैंक,एटीएम के जरिये नकद निकाल ली जाती थी। इसके बाद राशि को अपने साथियों की मदद से क्रिप्टो करेंसी में कन्वर्ट कराया जाता था। बदले में वह 5–10 प्रतिशत कमीशन लेता था। वहीं इसी नेटवर्क का दूसरा अहम सदस्य आदिल शफीक कई एनजीओ के नाम पर करंट अकाउंट खुलवाया था। इन खातों में भी ठगी की रकम आती थी, जिसे कैश में बदलकर सीधे गैंग को सौंपा जाता था। जबकि अनुज साहू ने अपने मछली व्यापार के नाम पर करंट अकाउंट खुलवाकर ठगी की रकम को कैश आउट करने में इस्तेमाल किया। पुलिस के अनुसार गैंग पूरी तरह संगठित तरीके से काम करता था। जो फर्जी खातों, यूपीआई और हवाला चैनलों के जरिए करोड़ों की धनराशि को ट्रांसफर कर रहा था। जांच में यह भी सामने आया कि गिरोह के अन्य सदस्य शुभम राय और विशाल गुप्ता शैलेश से प्राप्त नकद को अपने डिजिटल संपर्कों के माध्यम से क्रिप्टो करेंसी में बदलवाते थे। इसके बाद हवाला नेटवर्क के जरिए यह राशि विदेश भेजी जाती थी।70.54 लाख की वित्तीय गतिविधि ट्रेस, 9.60 लाख फ्रीजअब तक की विवेचना में पुलिस को 70.54 लाख से अधिक की संदिग्ध वित्तीय गतिविधियों का पता चला है। इनमें से 9.60 लाख रुपये विभिन्न खातों में फ्रीज किए गए हैं। पुलिस ने बरामद दस्तावेजों और चैट्स में विदेशी व्हाट्सएप नंबर, चार डिजिटल वॉलेट एड्रेस, और टीम ऑर टूटर्स जैसे बैंक खातों का उपयोग पाया है। पुलिस के निशाने पर अब विदेशी कनेक्शनपुलिस ने गिरोह के विदेशी संपर्कों की पहचान शुरू कर दी है। एसपी सिटी का कहना है कि डिजिटल वॉलेट और ब्लॉकचेन ट्रांजेक्शन ट्रेस किए जा रहे हैं। बरामद चैट में डॉलर में हुए ट्रांजैक्शन के सबूत भी मिले हैं। जांच एजेंसियों को आशंका है कि यह नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय ठग गिरोहों से जुड़ा है जो भारत के अंदर से विदेशी नियंत्रण में साइबर अपराध को अंजाम दे रहे हैं। प्राथमिक जांच में पता च ला कि गैंग का मास्टर माइंड चीन के एक हैकर के संपर्क में था। जिससे वह अक्सर व्हाट्एप कॉल पर बातचीत करता था। गुरुवार को सभी आरोपी भेजे गए जेल पकड़े गए सभी आरोपी गोरखनाथ क्षेत्र के जमुनियाबाग निवासी आदिल शफीक, कैंट थाना क्षेत्र के शैलेश चौधरी, कुशीनगर मूल निवासी हाल पता दिव्यनगर निवासी शुभम राय, कोतवाली क्षेत्र के बक्शीपुर निवासी विशाल गुप्ता और माया बाजार के अनुज साह को पूछताछ के बाद गुरुवार को पुलिस ने जेल भिजवा दिया। मोबाइल से ट्रांसफर की जाती थी रकम जालसाजों के पास से पुलिस ने 23 हजार नकद और 6 मोबाइल बरामद किया है। इनका यूज म्यूल खातों से पैसा ट्रांसफर करने में किया जाता था। पुलिस की जांच में सामने आया कि अब तक इस गिरोह ने 3 करोड़ से ज्यादा के ट्रांजैक्शन हुए हैं। साइबर थाने की पुलिस की जांच में इनके विदेशी कनेक्शन की भी आशंका है। साइबर क्राइम थाना और एसओजी ने पकड़ा गिरोह एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया- साइबर क्राइम थाना और एसओजी टीम की संयुक्त कार्रवाई में संगठित साइबर ठगी गिरोह के 5 सदस्यों को बिस्मिल पार्क के पास से पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उनके पास से 23,100 रुपए नकद और 6 मोबाइल बरामद हुए हैं। गिरोह के सदस्य म्यूल खातों के जरिए करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर विदेशी नेटवर्क को यह रुपए ट्रांसफर करते थे। आरोपियों के पास से मोबाइल, बैंक एंट्री, UPI हैंडल और टीआरसी -20 यूएसडीटी डिजिटल वॉलेट एड्रेस से जुड़े कई सबूत मिले हैं। मौके पर बरामद लैपटॉप और प्रिंटर से 235 पन्नों के साक्ष्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं। एसपी सिटी ने बताया- मुख्य आरोपी शैलेश चौधरी के खिलाफ पहले से मुम्बई में आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज है। अब तक की जांच में करीब 3.10 करोड़ रुपए और तीन लाख यूएसडीटी के लेन-देन के साक्ष्य मिले हैं। अब पढ़िए किस तरह से गैंग काम करता हैएसपी सिटी ने बताया- साइबर टीम संदिग्ध लेन-देन के बारे में जानकारी मिल रही थी। जांच करने पर पता चला कि 70.54 लाख के फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन किए गए हैं। टीम ने 9.60 लाख रुपए फ्रीज करा दिए। गैंग म्यूल बैंक खातों और यूपीआई हैंडल्स के माध्यम से ठगी की रकम प्राप्त कर कैश-आउट करता था। इसके बाद रकम को यूएसडीटी (टीआरसी-20) वॉलेट के जरिए क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर हवाला चैनल से विदेश भेजता था। इनके पास से मिले मोबाइल में विदेशी वॉट्सऐप नंबर, वॉलेट एड्रेस और बैंक ट्रांजैक्शन के साक्ष्य मिले हैं। गिरोह ने लगभग 3.10 करोड़ और 3 लाख यूएसडीटी का ट्रांजैक्शन किया है।
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बाइक बोट घोटाले के आरोपी व मोनाड यूनिवर्सिटी से जुड़े फर्जी मार्कशीट मामले में जेल में बंद चल रहे विजेंद्र हुड्डा पर ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है। मेरठ में दो दिन पहले हुई कार्रवाई इसका एक बड़ा उदाहरण है। भले ही विजेंद्र हुड्डा सलाखों के पीछे हैं लेकिन यह तय है कि आने वाले दिनों में उनकी मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। आइए आपको बताते हैं कितने गंभीर हैं विजेंद्र हुड्डा पर लगे आरोपों के बारे में। एक नजर ईडी के द्वारा हुई कार्रवाई पर बाइक बोट घोटाले व मोनाड यूनिवर्सिटी से जुड़ा मामला ईडी देख रही है। गुरुवार को ईडी ने मोनाड यूनिवर्सिटी से जुड़े मामले में कंकरखेड़ा शिवलोकपुरी में स्थित विजेंद्र हुड्डा के मकान पर रेड की। करीब आठ घंटे कार्रवाई चली लेकिन ईडी को कुछ हाथ नहीं लगा। शाम करीब सवा छह बजे ईडी की टीम नोटिस लगाकर वहां से लौट गई। एक नजर डालते हैं बाइक बोट घोटाले पर गाजियाबाद के दादरी में वर्ष 2010 में गर्वित इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी रजिस्टर्ड हुई। करीब 8 साल बाद इसी कंपनी ने बाइक बोट नाम से एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया। प्रोजेक्ट के अंतर्गत 62000 निवेश करने थे। निवेश करने वाले को प्रति माह 9500 दिए जाने थे। काफी लोगों ने इसमें निवेश किया और उनके खातों में रकम भी पहुंचने लगी। अनुमान है कि इस घोटाले में देश भर के 2 लाख से अधिक निवेशकों से लगभग 3 हजार करोड़ से 15 हजार करोड़ तक की ठगी की गई। नई स्कीम को बनाया ठगी का हथियार इसी दौरान एक नई स्कीम भी लॉन्च कर दी गई। 1.24 लाख रूपए का निवेश करने पर निवेशक को 17 हजार रूपए महीना मिलने थे। लालच में बड़ी संख्या में लोगों ने स्कीम ज्वाइन कर ली। कुछ महीने तक निवेशकों को रिटर्न मिला और उसके बाद अचानक कंपनी बंद हो गई। हंगामा खड़ा हो गया और मामले में ईडी को जांच सौंप दी गई। संजय भाटी इस वित्तीय घोटाले का मुख्य आरोपी है। इसकी गिरफ्तारी के बाद ही विजेंद्र हुड्डा के नाम का खुलासा भी हुआ था। अब जानते हैं क्या है मोनार्ड का फर्जीवाड़ाफर्जी डिग्री का मामला 2023 अक्टूबर में सामने आया था। एसटीएफ की टीम ने ऑपरेशन शुरू करते हुए राजस्थान, हरियाणा व पंजाब में इसी यूनिवर्सिटी की फर्जी मार्कशीट और डिग्री पकड़ीं। एसटीएफ ने खुद ग्राहक बनकर और रकम देकर यह साक्ष्य जुटाए। सभी डिग्री पिलखुवा स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी के कार्यालय से जारी की गई और यहां इनका रिकार्ड अपडेट किया गया।यूनिवर्सिटी ने इन सभी फर्जी डिग्री का सत्यापन करते हुए सही बताया। इसके बाद एसटीएफ लखनऊ यूनिट ने 17 मई को छापा मारा। 1372 फर्जी मार्कशीट, 262 फर्जी प्रोविजनल व माइग्रेशन बरामद किए। 18 मई को एसटीएफ ने मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र हुड्डा समेत 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया और सलाखों के पीछे भेजा। तब से विजेंद्र हुड्डा सलाखों के पीछे चल रहे हैं। विजेंद्र ने जेल से भागने का भी किया प्रयासफर्जी मार्कशीट प्रकरण में गाजियाबाद की डासना जेल में बंद मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा ने जेल से भागने का भी षड्यंत्र रचा लेकिन वह सफल नहीं हुआ। इसमें सिपाहियों की संलिप्तता सामने आई, जिन्होंने वारदात का प्रयास किया। बाद में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिनमें एक आरोपी विजेंद्र सिंह का रिश्तेदार है।इसने ही विजेंद्र की फरारी का पूरा षड़यंत्र रचा लेकिन सफलता नहीं मिली। इसमें मुकुल तोमर निवासी बागपत और वंश सेनी निवासी मुजफ्फरनगर को गिरफ्तार किया गया था। जेल प्रशासन ने शक होने पर कमिश्नर से शिकायत की। जांच कराई गई तो पूरा मामला खुलकर सामने आ गया। राजनीति के सहारे जिले में दी दस्तक बाइक बोट घोटाले में अपने आप को सुरक्षित करने के बाद विजेंद्र हुड्डा ने देश का रुख किया। वह लंबे समय विदेश में रहे। लोकदल के बैनर तले कई बड़ी सभाएं की और दर्शा दिया कि वह कुछ बड़ा करने वाले हैं। जिस तरह प्रचार चल रहा था, उसको देखकर लगने लगा कि जल्द लोकदल उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित कर देगी लेकिन उससे पहले ही विजेंद्र हुड्डा ने बीएसपी ज्वाइन कर ली।बिजनौर लोकसभा सीट से उन्होंने टिकट की तैयारी कर दी। जल्द ही बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने उनके नाम पर मोहर भी लगा दी। जबरदस्त तरीके से उन्होंने अपना चुनाव प्रचार किया लेकिन इसके बावजूद बीएसपी तीसरे स्थान पर रही। चुनाव के तुरंत बाद विजेंद्र हुड्डा पर शिकंजा कसना शुरु हो गया।
दो दिन बाद फिर बिगड़ी मेरठ की हवा:241 दर्ज किया गया AQI, तापमान में भी आने लगी गिरावट
मेरठ में नवंबर के पहले हफ्ते के पिछले दो दिन की राहत के बाद एनसीआर की हवा एक बार फिर दूषित होने लगी है। शुक्रवार को मेरठ का एयर क्वालिटी इंडेक्स AQI 241 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आता है। दीपावली के बाद कुछ दिनों तक चली तेज हवाओं से प्रदूषण में कमी आई थी, लेकिन अब एक बार फिर स्मॉग और धूल ने शहर की हवा को प्रदूषित कर दिया है। तापमान में भी आने लगी गिरावट नवंबर की शुरूवात से ही मौसम में ठंडक बढ़ने लगी है। सुबह और रात के समय सर्दी महसूस की जा रही है। तापमान गिरने के साथ ही लोगों ने गर्म कपड़े पहनने शुरू कर दिए हैं। बच्चे अब सर्दी की ड्रेस में स्कूल जाते दिखाई दे रहे हैं। अभिभावकों भी बच्चों को गर्म जैकेट और मफलर पहनाकर स्कूल भेज रहे हैं। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की मौसम वेधशाला के अनुसार, शुक्रवार को अधिकतम तापमान 28.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 14.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिक डॉ. यू.पी. शाही ने बताया कि तापमान में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी रहेगा। चिकित्सकों ने लोगों को बदलते मौसम में सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में पूरी बाजू के और गर्म कपड़े पहनें, ताकि मौसमी बीमारियों से बचाव हो सके। शहर के केंद्रों पर AQI गंगानगर में 206 जयभीमनगर में 256 पल्लवपुरम में 260 बेगमपुल में 266 दिल्ली रोड में 271 आसपास के जिलों में AQI बागपत में 291 गाजियाबाद में 314 मुजफ्फरनगर में 236
प्रयागराज में औरैया में तैनात एसडीएम कमल कुमार सिंह पर हॉस्पिटल में गालीगलौज, तोड़फोड़ करने का आरोप लगा है। हॉस्पिटल संचालिका डॉ. विभा राय का कहना है कि शिकायत के बावजूद झूंसी थाने में एक्शन नहीं लिया गया। इस पर उन्होंने कोर्ट में गुहार लगाई। कोर्ट ने कंप्लेंट केस दर्ज कर एसडीएम को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। उधर एसडीएम ने आरोपों को गलत बताया है। झूंसी के अस्पताल में घटना डॉ. विभा राय प्रयागराज के झूंसी स्थित त्रिवेणीपुरम में संगम हॉस्पिटल चलाती हैं। उनका आरोप है कि 10 अगस्त की सुबह करीब 11 बजे वह मरीजों को देख रही थीं, तभी कमल कुमार सिंह और उनकी पत्नी स्वाति सिंह उनके चैंबर में घुस आए। दोनों ने गालियां दीं और हाथापाई की। ‘मैं बहुत पॉवरफुल हूं, तुम्हारा हॉस्पिटल बंद करवा दूंगा’डॉ. राय के मुताबिक, कमल कुमार सिंह ने खुद को प्रशासनिक अधिकारी बताते हुए धमकी दी,“मैं बहुत पॉवरफुल व्यक्ति हूं, तुम्हारे जैसे डॉक्टर मेरे पास आकर तलवे चाटते हैं, तुम्हारा हॉस्पिटल बंद करवा दूंगा।” आरोप यह भी है कि इसके बाद दोनों ने मेज पलट दी और अन्य कीमती वस्तुएं तोड़ दीं। सीसीटीवी में कैद हुई घटनाडॉक्टर ने बताया कि हॉस्पिटल में लगे सीसीटीवी कैमरे में घटना रिकॉर्ड हो गई। हालांकि चैंबर के अंदर कैमरा न होने के कारण वहां की रिकॉर्डिंग नहीं हो पाई। उन्होंने उसी दिन झूंसी थाने में सीसीटीवी फुटेज के साथ एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। पुलिस ने कहा, एसडीएम हैं, कार्रवाई मुश्किलडॉ. विभा ने बताया कि जब वह 13 अगस्त को फिर से थाने पहुंचीं तो थानाध्यक्ष ने कहा कि जांच में पता चला है कि कमल कुमार सिंह औरैया के सदर तहसील में एसडीएम हैं। इसलिए कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। इसके बाद उन्होंने पुलिस आयुक्त प्रयागराज, मुख्य सचिव, डीजीपी और मुख्यमंत्री को डाक से प्रार्थनापत्र भेजा। नोटिस जारी करने का आदेशइसके बाद डॉक्टर ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने बीएनएसएस की धारा 173(4) के तहत प्रार्थनापत्र दाखिल किया। कोर्ट ने सभी साक्ष्यों सीसीटीवी फुटेज, शपथपत्र और प्रार्थनापत्रों को देखा और पाया कि मामला गंभीर है। यह भी कहा कि पुलिस जांच से कोई नया तथ्य सामने आने की संभावना नहीं है। ऐसे में इसे परिवाद के रूप में दर्ज किया जाना चाहिए। अदालत ने आदेश दिया कि विपक्षी पक्ष को सुनवाई का अवसर दिया जाए। मामले में विपक्षियों को नोटिस जारी करने का आदेश जारी करते हुए अगली सुनवाई के लिए 25 नवंबर 2025 की तारीख तय की गई है। अब पढ़िए, क्या बोले एसडीएम... गार्ड ने मुझे धक्का मारकर निकालाउधर एसडीएम कमल कुमार सिंह ने आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा, सभी आरोप गलत हैं। वह अपनी बहन को दिखाने के लिए गए थे जिनका पहले से ही इलाज चल रहा था। नंबर लेने के बावजूद करीब दो घंटे तक इंतजार करते रहे। पूछने पर बताया गया कि डॉक्टर ओटी में हैं। बाद में डॉक्टर के आने पर पूछा गया तो उनसे ही मिसबिहेव किया गया। गार्ड ने मुझे धक्का देकर बाहर निकाला। मैं गोद में अपना बच्चा लिए हुए था। चार महीने पहले तहसीलदार से बने एसडीएममूल रूप से प्रयागराज के हनुमानगंज के रहने वाले कमल कुमार सिंह चार महीने पहले जुलाई में तहसीलदार से एसडीएम बने। 27 जुलाई से वह औरैया जनपद के मुख्यालय में तैनात हैं। 41 साल के यह अफसर एसडीएम बनने से पहले आजमगढ़, मैनपुरी, रायबरेली और मिर्जापुर में तहसीलदार और नायब तहसीलदार पद पर तैनात रह चुके हैं।
SIR की बैठक में होंगे एक दल के 4 सदस्य:डीएम ने कहा-संवाद को बनाएंगे प्रभावी; पारदर्शी होगी प्रक्रिया
जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से लगातार संपर्क किया जा रहा है। अगली बैठक से एक राजनीतिक दल से 4 सदस्य शामिल होंगे। इनमें जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष के साथ कोई दो और कार्यकर्ता शामिल हो सकेंगे। इस प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी ने राजनीतिक दलों से सहयोग मांगा है। उन्होंने उनसे बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त करने को कहा है। शुक्रवार को एक बार फिर उनके साथ बैठक की गई। बैठक में डीएम ने बताया कि अभी तक केवल भाजपा, कांग्रेस व सपा ने ही उन पदाधिकारियों के नाम दिए हैं जो जिले में BLA नियुक्त करने के लिए अधिकृत है। उन्होंने अन्य दलों से भी अपने किसी पदाधिकारी को यह जिम्मेदारी सौंपने की अपील की है। उन्होंने कहा कि एक दल से 4 सदस्यों को बैठक में बुलाने का उद्देश्य संवाद को और प्रभावी बनाकर पुनरीक्षण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य में सटीकता, पारदर्शिता और समयबद्धता जरूरी है। उन्होंने बताया कि SIR के तहत प्रत्येक बूथ लेवल आफिसर अपने क्षेत्र में एक-एक घर पर तीन-तीन बार जाएगा। वे मतदाताओं की जानकारी का सत्यापन करेंगे। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया का उद्देश्य है कि किसी भी पात्र मतदाता का नाम छूटने न पाए और कोई अपात्र सूची में जगह न पाने पाए। राजनीतिक दलों से मांगा सहयोग डीएम ने राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे भी इस प्रक्रिया में सक्रिय सहयोग करें ताकि मतदाता सूची को अधिक से अधिक त्रुटिरहित बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों की भागीदारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को और मजबूत बनाती है। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों और सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर यदि निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़ी कोई समस्या आती है तो जिला प्रशासन तत्काल समाधान के लिए तैयार है। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी/एडीएम (वित्त) विनीत कुमार सिंह, सहायक निर्वाचन अधिकारी शंकर मिश्रा एवं विभिन्न मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सोशल मीडिया के जरिए नेताओं ने की अपील इस बैठक के बाद राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने सोशल मीडिया के जरिए जनता से अपील की है। उन्होंने सभी लोगों को बताया कि बीएलओ उनके यहां तीन बार जाएंगे। सभी लोग अपने नाम सूची में जांच लें। आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष विजय कुमार श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया पर अपना मोबाइल नंबर शेयर करते हुए बीएलओ के न जाने पर उन्हें जानकारी देने की अपील की है।
गोरखपुर के डीडीयू में चल रहे नौ दिवसीय पुस्तक महोत्सव में इस बार युवाओं का अभूतपूर्व जमावड़ा देखने को मिल रहा है। उनमें आध्यात्मिक, देशभक्ति और सनातन धर्म से जुड़ी किताबों की विशेष मांग देखी जा रही है। इतना ही नहीं अभी तक युवा जिन लेखकों को सोशल मीडिया पर फॉलो करते थे उनकी किताबें ढूंढते हुए यहां पहुंच रहे हैं। आचार्य प्रशांत की हाल ही में पब्लिश हुई 'ट्रुथ विदाउट अपॉलिजी', स्त्री, विद्यार्थी जीवन और पैरेंटिंग जैसी कई किताबों का डिमांड इतना अधिक है कि स्टॉक लगभग खत्म ही है। साथ ही अक्षय गुप्ता की 'द हिडन हिंदू' को भी पाठक ढूंढते हुए पहुंच रहे हैं। इसके अलावा क्रांतिकारी भगत सिंह की जीवन से जुड़ी किताबों को भी खूब पसंद किया जा रहा है। सेलर का कहना है कि अब तक 100 से अधिक किताबें बिक चुकी हैं। सेलर्स का कहना है कि हमें कुछ किताबों की और कॉपी मंगानी पड़ेगी। आचार्य प्रशांत की 'स्त्री' आ रही पसंद लिब्रेट्रेट पब्लिशर की सेलर आराधना ने बताया- महोत्सव में सबसे ज्यादा चर्चा में रही लेखक आचार्य प्रशांत की नई किताब 'ट्रुथ विदाउट अपॉलिजी' (Truth Without Apology)। साथ ही 'विद्यार्थी जीवन' की सबसे ज्यादा कॉपी बिकी है। इसके अलावा 'द सूत्र', 'स्त्री', 'बच्चों की परवरिश' की भी डिमांड हाई। 'स्त्री' किताब को तो पुरुष भी बहुत ज्यादा खरीद रहे हैं। उनका कहना है कि हमारी जिंदगी जिन स्त्रियों से जुड़ा है, उन्हें बेहतर तरीके से समझने के लिए यह बहुत अच्छी किताब है। हमारे पास इन किताबों की स्टॉक खत्म हो चुकी है। सोशल मीडिया से प्रेरित होकर आ रहे युवा पाठक इस पुस्तक महोत्सव में एक और बहुत अलग चीज देखने को मिली। यहां ऐसे भी युवा पाठक मिलें जो सोशल मीडिया पर कुछ मशहूर लेखकों को वीडियो के माध्यम से फॉलो करते हैं, उनकी किताबें ढूंढते हुए पहुंच रहे हैं। अमित ने बताया- मैंने अवध ओझा को सुना था कि हर युवा को विवेकानंद की किताब 'माइंड' एक बार जरूर पढ़ना चाहिए। उसी किताब ढूंढते हुए मैं यहां आया था। मुझे खुशी है कि मिल भी गया। सनातन धर्म और न्यूमरोलॉजी की जिज्ञासा बढ़ी इस पुस्तक महोत्सव में ऐसे भी पाठक आ रहे हैं जिनकी रूचि सनातन धर्म को गहराई से जानने की है। मोहित राय का कहना है कि आज की जनरेशन को सनातन धर्म को गहराई से जानना चाहिए। जिसके लिए सबसे बेहतर किताब है अक्षय गुप्ता की 'द हिड न हिंदू',सभी को यह पढ़ना चाहिए। वहीं सतीश ने बताया- मैं यहां अंक ज्योतिष की किताब ढूंढते हुए आया हूं। मुझे इसके बारे में जानना काफी पसंद है। लेकिन किताबों के नाम पता नहीं है। इसीलिए यहां ढूंढ़ के लूंगा। 150 से अधिक बिकी भगत सिंह की किताब गोरखपुर के पाठकों की रुचि का एक और महत्वपूर्ण पहलू सामने आया है। क्रांतिकारियों की किताबों को पढ़ने के लिए पाठक उन्हें ढूंढते नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही, क्रांति के नायक भगत सिंह के जीवन पर आधारित 150 से अधिक किताबें बिक गईं। युवाओं में अपने इतिहास और संस्कृति को जानने की ललक साफ दिखाई दे रही है। जनचेतना पब्लिशर की सेलर रूबी ने बताया- मेरे स्टॉल से भगत सिंह, राहुल सांकृत्यायन, रविंद्र नाथ और मार्क्स लेनिन की किताबें खूब बिकी हैं। दिल्ली और लखनऊ ने ज्यादा गोरखपुर में डिमांड युवाओं के साथ-साथ, महोत्सव में आने वाले पैरेंट्स भी पेरेंटिंग से संबंधित किताबों को खूब पसंद कर रहे हैं। बदलते दौर में बच्चों की परवरिश को लेकर सही मार्गदर्शन चाहने वाले माता-पिता इन स्टॉलों पर विशेष रूप से समय दे रहे हैं। सेलर आराधना ने बताया- आचार्य प्रशांत की किताब '10 सूत्र बच्चों के परवरिश के' लोग बहुत ज्यादा खरीद रहे हैं। इस किताब के मामले में हमें दिल्ली और लखनऊ ने ज्यादा अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है। सबसे अच्छा और अद्भुत रिस्पॉन्सराजपाल प्रकाशन के सेलर अशोक शुक्ला ने बताया- मैं इससे पहले भी गोरखपुर में जितने छोटे- बड़े बुक फेयर लगें सब में आया हूं। लेकिन इस बार की बात ही अलग है। इसमें जितना हमने सोचा नहीं था उससे ज्यादा रिस्पॉन्स मिल रहा है। सबसे अच्छी बात है कि इस बार सबसे ज्यादा युवा वर्ग में उत्साह देखा जा रहा है। जो एक बहुत अच्छा संदेश है। अभी तक 8 सौ के आसपास कॉपी बिक चुकी हैं।
बाराबंकी में सर्विस सेंटर में लगी आग:7 वाहन जले, 50 लाख का नुकसान, 3 घंटे यातायात ठप
बाराबंकी में शुक्रवार देर शाम अयोध्या रोड स्थित एक निजी कंपनी के सर्विस सेंटर और गोदाम में भीषण आग लग गई। यह घटना एक पेट्रोल पंप के पास हुई, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। आग की चपेट में आकर सात वाहन और अन्य सामान जलकर राख हो गए, जिससे करीब 50 लाख रुपए के नुकसान का अनुमान है। आग लगने की सूचना मिलते ही दमकल विभाग की लगभग आधा दर्जन छोटी-बड़ी गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। दमकलकर्मियों ने आग को पेट्रोल पंप तक फैलने से रोकने के लिए तुरंत कार्रवाई की। लगभग तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पा लिया गया। सुरक्षा कारणों से नाका सतरिख से लेकर रामनगर तिराहे तक यातायात को पूरी तरह डायवर्ट कर दिया गया। इसके परिणामस्वरूप, लगभग दो किलोमीटर तक बाजार और सड़क यातायात बाधित रहा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सर्विस सेंटर के भीतर से अचानक धुआं और लपटें उठने लगी थीं। वहां मौजूद कर्मचारियों और मजदूरों ने किसी तरह बाहर निकलकर अपनी जान बचाई। सौभाग्य से इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। आग इतनी भीषण थी कि गोदाम में खड़ी सात गाड़ियां और अन्य सामान पूरी तरह जलकर खाक हो गए। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, संपत्ति को लगभग 50 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। हालांकि, कंपनी प्रबंधन द्वारा सटीक आकलन अभी किया जा रहा है। शहर कोतवाल सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि रात करीब 11:00 बजे तक आग पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया गया था।
बरेली का नगर निगम शुक्रवार को जंग का मैदान बन गया। एबीवीपी कार्यकर्ताओं और नगर निगम कर्मचारियों के बीच जमकर हंगामा हुआ। एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें कमरे में बंद कर कर्मचारियों से पिटवाया गया। वहीं कर्मचारियों ने एबीवीपी पर ही अभद्रता और मारपीट का आरोप लगाया। विवाद बढ़ने पर निगम के सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। कमरे में बंद कर पिटवाने का आरोपएबीवीपी कार्यकर्ताओं ने बताया कि वे शुक्रवार दोपहर नगर आयुक्त से मुलाकात करने पहुंचे थे, ताकि शहर की सफाई, सड़क व्यवस्था और कॉलेज परिसर से जुड़ी अनियमितताओं पर चर्चा कर सकें। लेकिन आयुक्त ने बात करने से इनकार कर दिया और उन्हें कमरे से बाहर जाने को कहा। जब कार्यकर्ताओं ने विरोध किया तो वे नाराज हो गए और कर्मचारियों को बुलाकर पिटवाया। किसी तरह वे कमरे से भागकर बाहर आए। अब देखिये हंगामे की कुछ खास तस्वीरे नगर निगम बना धरना स्थल, विहिप भी पहुंचीघटना के बाद एबीवीपी के कार्यकर्ता निगम परिसर में ही धरने पर बैठ गए। थोड़ी देर में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता भी पहुंच गए और नगर आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। माहौल बिगड़ता देख पुलिस मौके पर पहुंची और सीओ सिटी आशुतोष शिवम ने कार्यकर्ताओं से बात कर स्थिति शांत कराने का प्रयास किया। डीएम से मुलाकात, कार्रवाई का आश्वासनधरना स्थल से एबीवीपी कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे और गेट पर नारेबाजी शुरू कर दी। करीब एक घंटे तक चले इस विरोध के बाद डीएम अविनाश सिंह ने प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर आश्वासन दिया कि जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। डीएम के आश्वासन के बाद कार्यकर्ता लौट गए। कर्मचारी हड़ताल पर, सफाई ठपदूसरी ओर, नगर निगम के कर्मचारी आयुक्त के समर्थन में हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने कूड़ा ट्रालियां और जेसीबी निगम के बाहर खड़ी कर दीं। कर्मचारियों ने कहा कि एबीवीपी के लोग दफ्तर में घुसकर गुंडागर्दी कर रहे थे। जब तक उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होगी, वे काम पर नहीं लौटेंगे। नगर आयुक्त की गाड़ी घेरकर की नारेबाजीहंगामा बढ़ता देख नगर आयुक्त सुरक्षा कर्मियों के साथ दफ्तर से बाहर निकले और गाड़ी में बैठकर निकलने लगे। इस दौरान एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने उनकी गाड़ी को चारों ओर से घेर लिया। कई कार्यकर्ता गाड़ी पर चढ़ गए। पुलिस ने किसी तरह उन्हें बचाकर गाड़ी को बाहर निकाला। एबीवीपी ने कहा- नगर आयुक्त के खिलाफ FIR दर्ज होएबीवीपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक नगर आयुक्त संजीव मौर्य के खिलाफ FIR दर्ज नहीं होगी और उन्हें पद से नहीं हटाया जाएगा, आंदोलन जारी रहेगा। विहिप ने भी की तीखी टिप्पणीविभाग संगठन मंत्री अवनी यादव ने कहा- “नगर आयुक्त का यह व्यवहार पूरी तरह अस्वीकार्य है। छात्र शक्ति के साथ अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर कार्रवाई नहीं हुई तो परिषद सड़कों पर उतरेगी।”विभाग सह संयोजक श्रेयांश बाजपेई ने कहा-“नगर निगम की लापरवाही और अधिकारियों की गुंडागर्दी अब नहीं चलेगी। प्रशासन को जल्द कार्रवाई करनी होगी।” सैकड़ों कार्यकर्ता हुए शामिलधरने में विभाग संगठन मंत्री अवनी यादव, श्रेयांश बाजपेई, हर्षित चौधरी, कुणाल मिश्रा, हर्षवर्धन सिंह, सानिध्य शर्मा, पवन राजपूत, लकी शर्मा, विपिन शर्मा, अभिजीत, हर्ष राजपूत, नितिन मिश्रा, काव्य गंगवार, रोशनी ठाकुर, दीपिका कश्यप, केशव कनौजिया, अर्पण गर्ग, दीपांशु चौधरी और आतिश सक्सेना समेत सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल रहे।
मौलाना तौकीर रजा की जमानत अर्जी खारिज:बरेली में 26 सितंबर को हुई थी हिंसा, साजिश रचने का है आरोप
बरेली हिंसा के मास्टरमाइंड मौलाना तौकीर रजा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बरेली कोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है। तौकीर रजा के साथ पांच अन्य आरोपियों की जमानत अर्जी भी नामंजूर की गई है। अपर सत्र न्यायाधीश अमृता शुक्ला ने शुक्रवार को इस पर फैसला सुनाया। ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद से भड़का था मामलादरगाह आला हजरत परिवार के सदस्य और आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा ने ‘आई लव मोहम्मद’ पोस्टर विवाद के बाद 26 सितंबर को धरना-प्रदर्शन का ऐलान किया था। जबकि उस समय जिले में BNS की धारा 163 लागू थी। प्रशासन ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन इसके बावजूद तौकीर रजा ने वीडियो जारी कर पुलिस और सरकार को चुनौती दी थी कि धरना हर हाल में होगा। उन्होंने कहा था, “अगर हमारे लोगों को रोका गया तो जिम्मेदार पुलिस प्रशासन होगा।” नमाज के बाद भड़की हिंसा, पुलिस पर पेट्रोल बम और फायरिंग26 सितंबर को जुमा की नमाज के बाद शहर में कई जगहों पर हजारों लोगों की भीड़ जमा हो गई। भीड़ ने पुलिसकर्मियों से धक्कामुक्की शुरू कर दी और इस्लामिया ग्राउंड की ओर कूच करने की कोशिश की। पुलिस ने रोकने का प्रयास किया तो भीड़ ने पथराव कर दिया। पुलिस के अनुसार, भीड़ में शामिल लोगों ने पेट्रोल बम और फायरिंग की। वाहनों में तोड़फोड़ की गई और पुलिस का वायरलेस व गन भी लूट लिया गया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा। अब तक दर्ज हुए 12 मुकदमे, 10 में पुलिस वादीबवाल के बाद पुलिस की ओर से पांच थानों में 10 मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें पांच कोतवाली, दो बारादरी और एक-एक किला, प्रेमनगर व कैंट थाने में हैं। इसके अलावा एक मुकदमा एक पत्रकार ने दर्ज कराया था, जिसकी आंख कवरेज के दौरान पत्थर लगने से घायल हो गई थी। तौकीर समेत छह की जमानत खारिज, कोर्ट ने सुनाया आदेशशहर में हुए बवाल, पथराव, फायरिंग और एसिड अटैक के मामले में शुक्रवार को कोर्ट ने आरोपी आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा समेत छह आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी। इनमें गुलाबनगर चौधरी तालाब निवासी फैजान सकलैनी, पंजाबपुरा राजो वाली गली निवासी ताकीम, बिहारीपुर मेमरान निवासी मुनीर इदरीशी, बिहार के पूर्णिया जिले के खता टोला निवासी हरमैन रजा और कुंडाले असजा मावईया निवासी नेमतुल्ला शामिल हैं। खलिल तिराहे से शुरू होकर शहरभर में फैला बवाल26 सितंबर को खलिल तिराहे पर नमाज के बाद भीड़ ने नारेबाजी की और ‘सर तन से जुदा’ जैसे नारे लगाए। पुलिस से धक्का-मुक्की के बाद पथराव और पेट्रोल बम से हमला हुआ। इसके बाद नौमहला मस्जिद, कोतवाली, एसपी सिटी ऑफिस, नावेल्टी चौराहा, आजमनगर और श्यामगंज इलाकों में भी हिंसा फैल गई। चार्जशीट की तैयारी शुरू, रिहाई अभी मुश्किलतौकीर रजा पर दंगा भड़काने, उकसाने, वीडियो वायरल कर प्रशासन को धमकाने और हत्या की साजिश जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं। उनके वकील सुनील सक्सेना के मुताबिक, जिन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं, उनमें छह महीने के भीतर जमानत मिलना कठिन है। अगर NSA की कार्रवाई लागू हुई तो कम से कम एक साल तक रिहाई संभव नहीं होगी। करीबी नेता भी जेल में, 250 करोड़ की संपत्ति पर एक्शनतौकीर रजा के साथ उनके कई करीबी और आईएमसी पदाधिकारी भी जेल में हैं। इनमें राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता डॉ. नफीस, पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम, फरहत, मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीशी, अनीस सकलैनी और साजिद शामिल हैं। कुल 105 लोग अब तक जेल भेजे जा चुके हैं। सीएम योगी के सख्त रुख के बाद बरेली प्रशासन ने करीब 250 करोड़ की संपत्तियां सील और ध्वस्त की हैं। इसमें डॉ. नफीस का 5 करोड़ का बारातघर और सपा पार्षद का अवैध चार्जिंग स्टेशन भी शामिल है। पुलिस ने सात आरोपियों पर 15-15 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।
रोहतक के गांव बलियाना में रंजिशन पिता-पुत्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई। 2 साल पहले हुई हत्या की रंजिश में वारदात को अंजाम दिया गया। सूचना के बाद पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। वहीं, खरखौदा में पुलिस ने मुठभेड़ में दो आरोपियों को काबू कर लिया। पुलिस मामले में जांच कर रही है। मृतकों की पहचान धर्मबीर पुत्र मीर सिंह व दीपक पुत्र धर्मबीर निवासी बलियाना के रूप में हुई। वारदात के दौरान दीपक अपने दोस्तों के साथ चौकीदार की बैठक में था और धर्मबीर घर पर ही अपने छोटे भाई के साथ मौजूद था। आरोपी पहले चौकीदार की बैठक में पहुंचे, जहां दीपक से उसके पिता का नाम पूछकर छाती में गोली मार दी। आरोपियों ने करीब 4 राउंड फायर किए, जिनके खोल भी पुलिस ने बरामद किए। वहीं, दीपक की हत्या करने के बाद पुलिस धर्मबीर के घर पहुंची, जहां धर्मबीर खाना लेने के लिए रसोई में गया था। आरोपियों ने धर्मबीर को रसोई में ही घेर लिया और पिस्तौल तानकर गोलियां चला दी। जिसके कारण धर्मबीर की मौके पर ही मौत हो गई। 2 साल पहले जगबीर की हत्या में शामिल रहा धर्मबीर का बेटा सचिनदो साल पहले 2023 में गांव के ही परचून दुकानदार जगबीर पुत्र रामधारी की गांव में हत्या हो गई थी, जिसका इल्जाम सचिन उर्फ सागर पर लगा था। इस मामले में सचिन उर्फ सागर जेल में बंद है। इसी घटना की रंजिश रखते हुए संजय पुत्र रामधारी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया है। घर पर टीवी देख रहा था धर्मबीर का छोटा भाई मृतक धर्मबीर के छोटे भाई धर्मराज ने बताया कि वह तीन भाई बहन है, जिनमें सबसे बड़ी बहन सावित्री, उससे छोटा धर्मबीर और सबसे छोटा वह है। धर्मबीर के तीन बच्चे है, जिसमें से एक जेल में है और बेटी की शादी हो चुकी है। जब आरोपी घर में घुसे तो वह कमरे में बैठकर टीवी देख रहा था। इसी दौरान दोपहर करीब सवा 2 बजे आरोपियों ने धर्मबीर को गोली मार दी। धक्का देकर कमरे में धर्मराज को धकेला मृतक के छोटे भाई धर्मराज ने बताया कि जब उसने गोलियों की आवाज सुनी तो वह अपने भाई को बचाने के लिए दौड़े। लेकिन आरोपियों ने उसे कमरे में धकेल दिया और बाहर जाते हुए बोले कि धर्मबीर के लड़के को मार दिया है। आरोपियों में से एक जगबीर का भाई संजय व दूसरा सन्नी पुत्र राम कुवार निवासी गांव बलियाना है। बाकी आरोपियों की पहचान नहीं हुई है। पिता पुत्र की हत्या मामले में दो आरोपी काबू गांव बलियाना में आपसी रंजिश में पिता पुत्र की गोली मारकर हत्या कर दी। इस मामले में आरोपी वारदात को अंजाम देकर सोनीपत की तरफ भाग गए थे। सूचना के आधार पर एसटीएफ टीम ने सोनीपत पुलिस के साथ मिलकर खरखौदा में पुलिस मुठभेड़ के बाद दो आरोपियों को काबू कर लिया है। पुलिस मामले में आरोपियों से पूछताछ कर रही है। जल्द ही अन्य आरोपियों को काबू कर लिया जाएगा।
पंजाब में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली 10वीं की स्टूडेंट्स के साइकोमेट्रिक टेस्ट करवाने की प्रक्रिया शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी। शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर उन कंपनियों से प्रपोजल मांगे हैं जो साइकोमेट्रिक टेस्ट करती हैं। वहीं कंपनियां अपना प्रपोजल दे सकेंगी जिनके पास इस टेस्ट को करने का लाइसेंस हो। शिक्षा विभाग ने 10 क्लास की स्टूडेंट के ये टेस्ट 31 मार्च 2025 से पहले करवाने थे लेकिन शिक्षा विभाग स्टूडेंट्स के टेस्ट समय पर नहीं करवा पाया। शिक्षा विभाग ने टेस्ट की प्रक्रिया अब शुरू की है। विभाग का मकसद 10वीं की स्टूडेंट के दिमाग का आंकलन करना है ताकि उनकी योग्यता के हिसाब से उन्हें करियर से संबंधित गाइडेंस दी जा सके। कमेटियों की देखरेख में होंगे टेस्ट शिक्षा विभाग ने जिला स्तर पर डीईओ की अगवाई में टीम बनाई है जो कि टेस्ट करने के लिए कंपनियों को हायर करेगी। उसके बाद स्कूल स्तर पर कमेटियां बनेंगी जिनके सामने लड़कियों के टेस्ट करवाए जाएंगे। जिला शिक्षा अधिकारियों ने कंपनियां हायर करने की प्रक्रिया शुरू कर दी। लुधियाना में डीईओ ने कंपनियों को 10 नवंबर तक प्रपोजल जमा करवाने को कहा है। 10वीं क्लास के बाद करियर चुनने में कंफ्यूज्ड रहती हैं छात्राएं 10वीं क्लास के बाद यानि 11 वीं क्लास में स्ट्रीम का सिलेक्शन सबसे महत्वपूर्ण होता है। स्ट्रीम सिलेक्शन ही बच्चे के करियर का निर्धारण करता है। रिटायर्ड प्रिंसिपल अनूप पासी का कहना है कि 10 क्लास में अगर बच्चे का आंकलन कर दिया जाए कि वह किस फील्ड के लिए परफेक्ट है तो उसे 11वीं क्लास में स्ट्रीम सिलेक्शन में दिक्कत नहीं आएगी। एससीईआरटी के अधीन करवाए जा रहे हैं टेस्ट छात्राओं के साइकोमेट्रिक टेस्ट करवाने की जिम्मेदारी स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) को सौंपी गई है। इस टेस्ट के लिए सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को टेस्ट की राशि भेज दी गई है। पूरे पंजाब में 90 हजार के करीब छात्राओं का साइकोमेट्रिक टेस्ट किया जाएगा। साइकोमेट्रिक टेस्ट क्या होता है मनोविज्ञान पर आधारित यह एक ऐसा वैज्ञानिक परीक्षण होता है, जिसके जरिए किसी व्यक्ति की व्यक्तित्व, मानसिक क्षमता, रुचि, सोचने-समझने की क्षमता, भावनात्मक संतुलन और व्यवहारिक गुणों को परखा जाता है। यह टेस्ट आमतौर पर दो मुख्य भागों में होता है – एप्टीट्यूड टेस्ट : इससे यह जाना जाता है कि व्यक्ति में किसी विशेष क्षेत्र (जैसे विज्ञान, कला, गणित, प्रशासन आदि) में सफलता पाने की कितनी क्षमता है पर्सनैलिटी टेस्ट : इससे व्यक्ति के स्वभाव, आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता, निर्णय लेने की योग्यता और सामाजिक व्यवहार का मूल्यांकन किया जाता है। टेस्ट का मकसद छात्रों की करियर गाइडेंस में मदद करना। यह पता लगाना कि स्टूडेंट का झुकाव किस विषय या पेशे की ओर है। भावनात्मक और मानसिक हेल्थ को समझना। कंपनियों से प्रपोजल मांगी है, जल्दी शुरू होंगे टेस्ट जिला शिक्षा अधिकारी डिंपल मदान ने बताया कि टेस्ट करवाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने बताया कि कंपनियां हायर करने के बाद जल्दी ही टेस्ट शुरू करवा दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 10 नवंबर तक प्रपोजल आ जाएंगे।
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) में गुरुवार को गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की OPD रात साढ़े 12 बजे तक चलती रही। बुधवार को गुरुनानक जयंती का अवकाश होने से मरीजों की भीड़ ज्यादा थी। ऐसे में गैस्ट्रो मेडिसिन विभाग में डॉ.गौरव पांडेय की यूनिट में सुबह 9 बजे से रात 12:30 बजे तक OPD का संचालन हुआ। पेट के मरीजों की संख्या में हो रहा इजाफा SGPGI के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में पूरे प्रदेश भर से मरीज परामर्श के लिए आते हैं। इस समय संस्थान में पांच दिन विभाग की OPD चलती है। पेट के बढ़ते रोगियों के कारण यहां मरीजों का दबाव ज्यादा रहता हैं। यहां प्रदेश के तमाम जिलों के अलावा पड़ोसी राज्यों से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं। इस समय संस्थान में पांच दिन विभाग की OPD चलती है। गुरुवार को डॉ. गौरव पांडेय के साथ ही डॉ. राकेश अग्रवाल की OPD रहती है। डॉ.राकेश अग्रवाल छुट्टी पर हैं। इससे डॉ. गौरव पांडेय ही अपने रेजिडेंट के साथ OPD में तैनात थे। राउंड लेने के बाद वापस OPD पहुंचे सुबह 9 बजे से OPD शुरू हुई। शाम साढ़े 9 बजे तक करीब साढ़े तीन सौ मरीज देखे गए। इसके बाद भी कई मरीज अपनी बारी के इंतजार में बैठे रहे। इस दौरान डॉ. गौरव पांडेय वार्ड में भर्ती गंभीर मरीजों को देखने भी गए। रेजिडेंट ने कुछ देर का अवकाश लेने के बाद दोबारा मरीजों की हिस्ट्री लेनी शुरू की। कुछ देर बाद राउंड लेकर डॉ. गौरव पांडेय दोबारा OPD में आए और बचे हुए मरीजों को देखने के बाद करीब साढ़े 12 OPD समाप्त की। मरीजों की सुविधा के लिए देर तक देख लेते हैं कई डॉक्टर डॉ. गौरव पांडेय ही नहीं, SGPGI में क्लीनिक इम्यूनोलॉजी विभाग के प्रो.विकास अग्रवाल और नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉक्टर प्रो.नारायण प्रसाद भी मरीजों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। ये डॉक्टर भी देर तक OPD चलाते हैं। वे केबिन पहुंचने वाले मरीजों को निराश नहीं करते। सभी को कंसल्टेशन देकर खत्म हुई OPD डॉ.गौरव पांडेय में बताया कि रात आठ बजे तक OPD का संचालन आम बात है। बुधवार को छुट्टी होने से मरीजों की संख्या ज्यादा थी। इस बीच गंभीर मरीजों को वार्ड में भी देखा गया। मरीजों को निराश न होना पड़े, इसलिए सभी को परामर्श देकर ही OPD समाप्त की गई।
सेक्टर-82 कट के पास गुरुवार को नाले में मिली महिला की सिर कटी लाश मामले में पुलिस को सुराग मिले है। सिर की तलाश में पुलिस ने घटनास्थल के तीन किलोमीटर के रेडियस में सर्च अभियान चलाया पर सफलता नहीं मिली। लाश मिलने वाले दिन के तीन दिन पहले तक घटनास्थल की तरफ से गुजरे 550 चार पहिया वाहनों को पुलिस ने संदिग्ध मानकर चिह्नित किया है। वहीं पुलिस ने 500 से ज्यादा सीसीटीवी की फुटेज देखी। एडिशनल डीसीपी सुमित शुक्ला ने बताया कि महिला के सिर की तलाश में पुलिस ने अभियान चलाया। जंगलों, नालों, झाड़ियों और पार्कों समेत अन्य जगहों पर महिला के सिर को तलाशा गया। जहां शव मिला है, वहां के आसपास लगे पांच सौ से अधिक सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया है। अभी तक महिला की पहचान नहीं हो सकी है। अब महिला की पहचान और हत्यारोपी की गिरफ्तारी के लिए दस टीमें गठित कर दी गई हैं। सभी टीमों में शामिल पुलिसकर्मियों को अलग-अलग भूमिका दी गई है। दिल्ली हरियाणा पुलिस से किया संपर्क पुलिस अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार सुबह करीब 11 बजे सेक्टर-82 कट के पास एक महिला का शव बिना सिर के नाले में मिला था। महिला के शरीर पर कपड़े नहीं थे। हथेली भी गायब थी। महिला के शरीर के कई हिस्से में गंभीर चोट के निशान भी थे। प्राथमिक जांच में ऐसा लगा कि महिला की निर्ममता से हत्या कर शव को नाले में पहचान छिपाने के लिए फेंका गया था। महिला के शव की पहचान के लिए पुलिस ने यूपी के विभिन्न जिलों के अलावा दिल्ली और हरियाणा पुलिस से भी संपर्क किया है। पहचान छिपाने के लिए काटी हथेलीएक सप्ताह में 30 से 40 साल की महिला की दर्ज हुई गुमशुदगी की सूची मांगी गई है। गाजियाबाद पुलिस से भी संपर्क किया गया है। आशंका जताई जा रही है कि महिला की हत्या कहीं अलग की गई। पहचान छिपाने के लिए सिर काटकर उसके शव को नोएडा में फेंका गया। हाथों की हथेली कटने के पीछे तर्क यह भी दिया जा रहा है कि हो सकता है कि महिला के हाथ में कोई टैटू हो जो पहचान में सहायक बन जाता। इससे बचने के लिए योजनाबद्ध तरीके से हथेली भी काटी गई।
मध्य प्रदेश में पिछले महीने लोकायुक्त के दो बड़े छापों की चर्चा रही। पहला छापा आबकारी विभाग के रिटायर्ड जिला अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के यहां पड़ा और दूसरी कार्रवाई लोक निर्माण विभाग (PWD) के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर जीपी मेहरा के ठिकानों पर हुई। दोनों ही मामलों में लोकायुक्त ने बेहिसाब संपत्ति का खुलासा किया। भदौरिया के यहां छापे में 25 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का पता चला तो मेहरा के घर से 3 करोड़ का सोना और लग्जरी फार्म हाउस समेत एक फैक्ट्री का खुलासा हुआ। लोकायुक्त ने ये भी खुलासा किया कि आबकारी के रिटायर्ड अफसर धर्मेंद्र भदौरिया ने 38 साल की सर्विस में 829 फीसदी अनुपातहीन संपत्ति इकट्ठा की। अब यहां सवाल उठता है कि इन्होंने इतनी अकूत संपत्ति भ्रष्टाचार के किस तरीके से हासिल की? भास्कर ने इस सवाल का जवाब जानने के लिए आबकारी और पीडब्ल्यूडी के रिटायर्ड अफसरों से बात की। उन्होंने दोनों ही विभागों में भ्रष्टाचार के नए ट्रेंड के बारे में बताया। 38 साल की नौकरी में 800 फीसदी अनुपातहीन संपत्ति 15 अक्टूबर, 2025 को लोकायुक्त पुलिस ने रिटायर्ड जिला आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के इंदौर, ग्वालियर और उज्जैन स्थित 8 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। भदौरिया के पास 25 करोड़ रुपए से ज्यादा की चल-अचल संपत्ति के दस्तावेज मिले। यह उसकी पूरी सेवा के दौरान हुई कुल वैध आय (लगभग 2 करोड़ रुपए) से 829% ज्यादा थी। जांच में यह भी सामने आया है कि भदौरिया के बेटे सूर्यांश ने विशाल पंवार के शिवा चाइनीज वॉक में साझेदारी की है और अन्नपूर्णा व विजयनगर की दुकानों में 40% हिस्सेदारी ली है, जिसके बदले 25 लाख रुपए का भुगतान किया गया था। महंगी गाड़ियों और सुपर बाइक्स का शौकीनधर्मेंद्र सिंह भदौरिया महंगी गाड़ियों का भी शौक रखता है। उसके यहां से अधिकारियों को एक वॉल्वो, एक फॉरच्यूनर, दो इनोवा सहित चार लग्जरी बाइक मिल चुकी हैं। बताया जा रहा है कि अधिकारियों को उसके फ्लैट से दो महंगी सुपर बाइक मिली हैं, जिन्हें मोडिफाइड कराया गया है। भदौरिया ने अपनी अधिकांश गाड़ियों का नंबर 0045 लिया है। इंदौर में 10 करोड़ का आलीशान मकान बन रहालोकायुक्त को इस कार्रवाई के दौरान भदौरिया के आलीशान बंगले के बारे में भी पता चला। इंदौर के मालवा काउंटी टाउनशिप में स्थित प्लॉट नंबर सी-35 पर ये आलीशान मकान इंदौर की आर्किटेक्ट कंपनी द डिजाइन चैरेट तैयार कर रही है। इस कंपनी में धर्मेंद्र सिंह भदौरिया की बेटी अपूर्वा सिंह भदौरिया के पार्टनर होने का पता चला। लोकायुक्त को पता चला कि इस बंगले के इंटीरियर के लिए उसने विदेशी सामान लगाने की प्लानिंग की थी और 4 करोड़ रुपए खर्च करने की तैयारी में था। इटालियन डिजाइन में बन रहा बंगलाभदौरिया ने बंगले को इटालियन डिजाइन में तैयार करने की प्लानिंग की थी। इसमें मुख्य हॉल में 22 लाख रुपए से ज्यादा कीमत का झूमर लगाने की प्लानिंग थी। साथ ही 50 लाख की लागत से होम थिएटर भी बनाया जा रहा था। चार बेडरूम वाले बंगले के साइड में एक गार्डन तैयार हो रहा था जिसमें लग्जरी फाउंटेन लगाने की तैयारी थी। सूत्रों की मानें तो भदौरिया ने इस आलीशान बंगले के लिए करीब 1.5 करोड़ रुपए का फर्नीचर चीन से इम्पोर्ट करने की प्लानिंग की थी। 2 किलो सोना और 5 किलो चांदी मिली थीलोकायुक्त पुलिस ने 9 अक्टूबर को लोक निर्माण विभाग (PWD) के पूर्व चीफ इंजीनियर गोविंद प्रसाद (जीपी) मेहरा के भोपाल स्थित आवास समेत 4 ठिकानों पर छापा मारा था। छापे के दौरान मण्पुरम कॉलोनी के निवास से लगभग 8.79 लाख नकद, 50 लाख के सोने-चांदी के आभूषण, 56 लाख की फिक्स डिपॉजिट जानकारी और अन्य कीमती दस्तावेज मिले थे। इसके अलावा ओपल रीजेंसी (दाना पानी, भोपाल) स्थित फ्लैट से 26 लाख नकद, लगभग 2.649 किलोग्राम सोना (अनुमानित कीमत 3.05 करोड़) और 5.523 किलो चांदी (कीमत 5.93 लाख) बरामद हुई। फार्म हाउस से 17 टन शहद और लग्जरी वाहनग्राम सैनी (सोहागपुर) स्थित फार्महाउस से लोकायुक्त टीम को 17 टन शहद, कृषि भूमि, 6 ट्रैक्टर, 32 निर्माणाधीन कॉटेज, 7 तैयार कॉटेज, 2 मछली पालन केंद्र, 2 गोशालाएं और कई महंगे कृषि उपकरण मिले। मेहरा परिवार के नाम पर 4 लग्जरी कारें (फोर्ड एंडेवर, स्कोडा स्लाविया, किया सोनेट और मारुति सियाज) रजिस्टर्ड पाई गईं। अब जानिए क्या है आबकारी और पीडब्ल्यूडी में भ्रष्टाचार का नया ट्रेंड आबकारी विभाग: हिस्सेदारी और तस्करी का खेलविभाग से सेवानिवृत्त हुए एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘पहले अधिकारी केवल फिक्स रिश्वत लेते थे, लेकिन पिछले एक दशक में ट्रेंड बदल गया है। अब अधिकारी ठेके के बदले सीधे हिस्सेदारी लेते हैं।’ पूर्व अफसर ने बताया कैसे काम करता है यह मॉडलरिटायर्ड अधिकारी बताते हैं कि अफसर अपने बच्चों या रिश्तेदारों के नाम पर ठेकेदार की फर्म में हिस्सेदारी ले लेते हैं। इसके बाद वे साल भर ठेकेदार को हर तरह का संरक्षण देते हैं। नियमों को ताक पर रखकर शराब की बिक्री, अवैध परिवहन और ओवर-रेटिंग की खुली छूट दी जाती है। ठेकेदार जितना अधिक कमाता है, अधिकारी का मुनाफा भी उतना ही बढ़ता है। इस 'पार्टनरशिप' मॉडल में दोनों का फायदा होता है, इसलिए यह फिक्स रिश्वत से ज्यादा लोकप्रिय हो गया है। 1 से 1.5 प्रतिशत में 'कमाऊ' पोस्टिंगये दूसरा ट्रेंड है। ये सिस्टम इतना संगठित है कि जिलों में पोस्टिंग का रेट तक तय है। अधिकारी बताते हैं कि किसी जिले के शराब ठेके की कुल कीमत का 1 से 1.5 प्रतिशत उस जिले में पोस्टिंग का रेट होता है। उदाहरण के लिए, अगर आलीराजपुर जिले का ठेका 300 करोड़ रुपए का है, तो वहां जिला आबकारी अधिकारी के पद पर बैठने के लिए 3 करोड़ रुपए देने होंगे। धार, आलीराजपुर और इंदौर संभाग के अन्य जिले सबसे महंगे माने जाते हैं। गुजरात बॉर्डर पर हर बोतल पर कमीशनइंदौर संभाग की सीमा गुजरात से लगी है, जहां शराबबंदी है। यहां से गुजरात में अवैध शराब की तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। विभागीय जानकार बताते हैं कि गुजरात जाने वाले हर ट्रक में अधिकारियों का हिस्सा बंधा होता है। एक ट्रक में करीब 800 पेटी यानी लगभग 10,000 बोतलें होती हैं। हर बोतल पर छोटे से लेकर बड़े अधिकारी का 1 से 3 रुपए तक का कमीशन तय होता है। इस तरह, एक ट्रक पर एक अधिकारी को 10 से 20 हजार रुपए तक मिलते हैं। हर दिन ऐसे कई ट्रक बॉर्डर पार करते हैं, जिससे यह अवैध कमाई करोड़ों में पहुंच जाती है। PWD विभाग में जमीन से लेकर गड्ढे भरने तक में लूटPWD प्रदेश के सबसे कमाऊ विभागों में से एक है। यहां भी कमीशनखोरी का तरीका बदल गया है। एक अधिकारी के अनुसार, 'पहले सिर्फ बड़े ठेकों में पैसा लिया जाता था, लेकिन अब हर छोटे-बड़े काम में बिना लेन-देन के फाइल आगे नहीं बढ़ती।' प्रोजेक्ट की जानकारी लीक कर कमाईPWD में कमाई का सबसे बड़ा जरिया है प्रोजेक्ट की जानकारी लीक करना। विभाग के उच्च अधिकारी किसी बड़े प्रोजेक्ट, जैसे हाईवे या बायपास की घोषणा से पहले ही इसकी जानकारी अपने करीबी नेताओं और प्रॉपर्टी डीलरों को दे देते हैं। यह गठजोड़ प्रोजेक्ट के रास्ते में आने वाली जमीनें किसानों से कौड़ियों के दाम पर खरीद लेता है। जैसे ही प्रोजेक्ट की आधिकारिक घोषणा होती है, जमीन की कीमतें आसमान छू लेती हैं और उसे कई गुना मुनाफे पर बेचा जाता है। इस मुनाफे में अधिकारी की तय हिस्सेदारी होती है। वेस्टर्न बायपास प्रोजेक्ट: जब खुला खेल, तो रद्द हुआ प्रोजेक्टइस खेल का सबसे बड़ा उदाहरण 41 किलोमीटर का वेस्टर्न बायपास प्रोजेक्ट है। 31 अगस्त, 2023 को 3000 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिलते ही नेताओं और अधिकारियों ने आसपास की जमीनें खरीदनी शुरू कर दी थीं। पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने इसकी शिकायत सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से की। शिवराज सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 31 अगस्त 2023 को कैबिनेट में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी। इसके तहत फोर लेन रोड के साथ 6 लेन स्ट्रक्चर और दोनों तरफ टू लेन सर्विस रोड का निर्माण होना था। नवंबर 2025 तक इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का टारगेट रखा गया था। जोशी की शिकायत के बाद मामले की जांच हुई और जब यह गठजोड़ सामने आया, तो सरकार को पूरा प्रोजेक्ट ही रद्द करना पड़ा। ब्लैक लिस्टेड फर्मों और गड्ढों में कमीशनकमाई के अन्य तरीकों में ब्लैक लिस्ट हो चुकी कंपनियों को मोटी रकम लेकर काम देना शामिल है। इसके अलावा, सड़कों के गड्ढे भरने के नाम पर भी बड़ा खेल होता है। कागजों पर सैकड़ों गड्ढे भरने का ठेका दिया जाता है, लेकिन असल में 15-20 प्रतिशत काम ही होता है। बाकी की रकम अधिकारी और ठेकेदार आपस में बांट लेते हैं। रिटायर्ड अधिकारी कहते हैं कि धर्मेंद्र भदौरिया और जीपी मेहरा पर हुई कार्रवाई महज एक बानगी है। प्रदेश में भ्रष्टाचार अब केवल व्यक्तिगत लालच नहीं, बल्कि एक संगठित और सुनियोजित उद्योग बन चुका है, जिसके अपने नियम, रेट और मॉडल हैं। वे कहते हैं कि जब तक इस पूरे इकोसिस्टम पर वार नहीं किया जाएगा, तब तक कुछ 'धनकुबेरों' के पकड़े जाने के बावजूद नए धनकुबेर पैदा होते रहेंगे। ये खबरें भी पढ़िए... रिटायर्ड आबकारी अधिकारी से फिर मिला करोड़ों का सोना:इंदौर में बेटी, बेटा और बहू के लॉकर से निकले पौने 4 करोड़ के जेवरात हनी से मनी का व्यापार, 100 एकड़ का फॉर्म हाउस:पूर्व चीफ इंजीनियर ने न परमिशन ली, न टैक्स दिया; करप्शन से कमाए करोड़ों
मेरठमें बदलते मौसम और संक्रमण में बढ़ती मौसमी और संक्रामक बीमारियों के कारण बढ़े मरीजों ने अस्पतालों में बने ब्लड बैंकों पर दबाव बढ़ा दिया है। डेंगू, टाइफाइड और वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा होने के कारण रक्त की मांग भी लगातार बढ़ रही है। जिले के विभिन्न अस्पतालों से रोजाना बड़ी मात्रा में ब्लड की डिमांड की जा रही है। B और Oब्लड ग्रुप की डिमांड ज्यादा- प्रिया गुप्ता मेरठ के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज की ब्लड बैंक प्रभारी प्रिया गुप्ता ने बताया कि इन दिनों सबसे ज्यादा मांग B और O ग्रुप की हो रही है। केवल यह ग्रुप ही नहीं, बल्कि A+ और O+ ग्रुप की डिमांड भी बढ़ी है। औसतन हर दिन करीब 60 यूनिट तक ब्लड की सप्लाई मरीजों के लिए की जा रही है। जंबो पैक की भी डिमांड अस्पतालों में भर्ती मरीजों में से बड़ी संख्या डेंगू और अन्य बुखारों से पीड़ित है। डेंगू मरीजों में प्लेटलेट्स की कमी के कारण खून और प्लेटलेट्स दोनों की जरूरत पड़ रही है। इससे ब्लड बैंक में यूनिट स्टॉक तेजी से घट रहा है। ब्लड बैंक प्रभारी ने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन यदि संक्रमण के मामले और बढ़े तो खून की कमी का संकट खड़ा हो सकता है। लोगों से अपील की गई है कि वे स्वस्थ होने पर स्वैच्छिक रक्तदान करें ताकि जरूरतमंद मरीजों की जान बचाई जा सके। ब्लड बैंक प्रभारी की अपील डेंगू और वायरल के मरीजों के इलाज में देरी न हो, इसके लिए रक्तदान शिविर आयोजित किए जाएं। सोशल मीडिया के माध्यम से ब्लड डोनेशन के लिए आगे आएं। जरूरतमंदों के लिए समूह स्तर पर ब्लड बैंक से संपर्क करें। ब्लड बैंक को खून जरूर दान दें ताकि जरूरतमंद की मदद हो सके।
कानपुर की एक लव स्टोरी की यूपीभर में चर्चा हो रही। 22 साल के पति ने अपनी पत्नी को सोने की चेन गिफ्ट करने के लिए 1 साल तक सिक्के इकट्ठा किए। दरअसल, उनकी शहर के एचएएल चौराहा पर पान शॉप है। जब वो राजा बाजार के महेश ज्वेलर की दुकान पर 1.05 लाख रुपए के 10, 20 रुपए के सिक्के लेकर पहुंचे, तो शोरूम मालिक महेश वर्मा भी हैरान रह गए। उन्होंने कहा- भाई, इतने सारे सिक्के मैं मार्केट में किसे दूंगा। कोई लेगा नहीं, इसलिए मैं तुम्हें चेन नहीं बेच सकता। तुम कहीं और से खरीद लो। इस पर पति अभिषेक यादव भावुक हो गए। वह आंखों में आंसू लिए बोले- आपको मालूम नहीं कि मैंने ये सिक्के कैसे जोड़े हैं। इनकी कीमत का अंदाजा इस वक्त सिर्फ मैं ही समझता हूं। मैं अपनी पत्नी को एक सोने की चेन गिफ्ट करना चाहता हूं, बस आप ही मदद कर सकते हैं। इसके बाद महेश भी एक पानवाले की मोहब्बत को समझ गए। उन्होंने सिक्के अपने पास रखकर सोने की चेन देने का वादा किया। अब अभिषेक 15 नवंबर को अपनी पत्नी राखी को मायके से लेने जाएंगे। तब वो सोने की चेन गिफ्ट करेंगे। वहीं जब भास्कर ने अभिषेक की पत्नी से संपर्क किया। तो उन्हें इस सरप्राइज के बारे में पहले ही पता चल चुका था। उन्होंने कहा- मेरे हसबैंड मुझसे बहुत प्यार करते हैं। मैं बहुत खुश हूं। आई Love यू हसबैंड...। कानपुर की इस लव स्टोरी को और करीब से समझने के लिए दैनिक भास्कर की टीम अभिषेक के घर श्यामनगर पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… सवाल. आपको कैसे ख्याल आया कि पत्नी को सोने की चेन गिफ्ट करनी है? पति. जब मेरी शादी राखी से तय हुई थी। तब हमारी फोन पर बात होने लगी। बातो-बातों में उसने कहा कि मेरी इच्छा है कि मैं सोने की चेन पहनकर आपके साथ शॉपिंग करने जाऊं। मैंने उसी वक्त तय कर लिया था कि राखी को सोने की चेन दूंगा। सवाल. आपने शादी के तुरंत बाद सोने की चेन क्यों नहीं दी? पति. मेरे पास इतने रुपए नहीं थे। सोना भी बहुत महंगा था। इसलिए शादी के तुरंत बाद मैं ये गिफ्ट नहीं दे सका। फिर मेरे दिमाग में ये भी ख्याल था कि जाने कैसी लड़की हो? शादी चलेगी या नहीं, ये भी नहीं पता था। सवाल. फिर शादी के बाद ऐसा क्या हुआ, जो आपको लगा कि सोने की चेन गिफ्ट करनी चाहिए? पति. मैं दिनभर शॉप पर रहता था। मैंने देखा कि मैं चाहे कितने बजे भी घर वापस पहुंचता था। वो जागती रहती थी, खाना भी नहीं खाती थी। मेरे साथ ही खाना खाती थी। वो बहुत अच्छी लड़की है। सवाल. रुपए कैसे इकट्ठे किए? कितना समय लगा? पति. मैंने अपनी पान की दुकान पर सिक्के जोड़ना शुरू किए। धीरे-धीरे मेरे पास 10 और 20 के काफी सिक्के इकट्ठा हो गए। मैंने सिक्के गिने नहीं थे, लेकिन जब मुझे लगा कि इतने रुपए हो गए कि मुझे सोने की चेन मिल जाएगी, तब मैं सिक्कों की बोरियां लेकर राजा मार्केट के महेश ज्वेलर के पास पहुंच गया। सवाल. फिर शोरूम पर आपकी पसंद की चेन मिली या दिक्कत हुई? पति. वहीं पर तो असली दिक्कत हुई, इतने सिक्के देखकर शोरूम के मालिक महेशजी भड़क गए। फिर मैं क्या करता, उन्हें पूरी सिचुएशन समझाई। अपनी शादी और पत्नी की इच्छा पूरी करने की पूरी कहानी सुना दी। बताया कि मेरी एक छोटी सी पान की दुकान है। आप ही मेरी मदद करिए। सवाल. फिर शोरूम के मालिक कैसे माने? पति. मैं काफी भावुक हो गया था। उनसे रिक्वेस्ट की, तब महेश जी सिक्के लेने को तैयार हो गए। उन्होंने मेरी भावनाओं को समझा और 1.05 लाख के सिक्के लेकर मेरी चेन का ऑर्डर ले लिया। सवाल. चेन खरीदने पर आपको कैसा लगा? पति. उस दिन मैं काफी खुश हुआ, मुझे लगा कि मैं अब अपनी पत्नी की इच्छा पूरी कर सकूंगा और उसे सरप्राइज दूंगा कि उसकी सोने की चेन बनवाकर उसे पहना दूंगा। सवाल. तो क्या पत्नी को सरप्राइज कर सके? पति. अरे नहीं, पहली बात तो वो अपने मायके में है। दूसरी बात, ये सब हुआ, तो मेरी वीडियो बनाकर किसी ने सोशल मीडिया पर डाल दी। फिर मेरी 1 खबर छप गई। वो मेरी पत्नी ने पढ़ ली। उसका फोन आया कि तुमने मेरे लिए चेन बनवा ली। सवाल. अब पत्नी को चेन कब देंगे? पति. वो 31 अक्टूबर को मायके से लौट रही हैं। इसके बाद ही उन्हें चेन दूंगा। अब पत्नी राखी की बात मुझे इंतजार है, कब घर जाऊं और मेरे पति मुझे चेन दें...पत्नी राखी काफी खुश नजर आती हैं, वो कहती हैं- मैं 31 अक्टूबर को अपने मायके आई थी। इसी बीच मेरे पति ने मुझे सरप्राइज देने का प्लान बनाया, लेकिन मुझे 1 अखबार पढ़कर पता चला कि उन्होंने कानपुर में ऐसी कोशिश की है। फिर मैंने उन्हें फोन किया और थैंक्यू बोला। मेरे पति ने पूछा- तुम्हें कैसे पता चला? तब मैंने बताया कि मुझे अखबार से पता चला है। मेरे पति और मैं एक-दूसरे से बहुत प्यार करते हैं, फिर मैंने 'आई लव यू हसबैंड जी' कहा। अब मुझे इंतजार है कि जल्द ही मैं घर पहुंच जाऊं और पति अपने हाथों से मेरे गले में सोने की चेन पहनाएं। …………….. ये भी पढ़ें - राहुल ने जिसे BJP समर्थित बताया, वो सरपंच नहीं:मथुरा से अपना नाम सुन चौंक गए; कांग्रेस नेता के दावों का सच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने 5 अक्टूबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जिस मथुरा के प्रह्लाद की तस्वीर दिखाई थी, उनसे दैनिक भास्कर ने हकीकत समझी। सामने आया कि प्रह्लाद मौजूदा सरपंच नहीं हैं। हां, 2015 से 2020 तक उनकी पत्नी चंदा देवी सरपंच रही थीं। राहुल गांधी ने प्रजेंटेशन के दौरान प्रह्लाद की BJP कैबिनेट मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी के भतीजे के साथ तस्वीरें भी शेयर की थी। बताया कि BJP समर्थित प्रह्लाद हरियाणा के होडल विधानसभा क्षेत्र की वोटर लिस्ट में भी शामिल हैं। साथ ही, उन्हीं डिटेल के साथ प्रह्लाद मथुरा विधानसभा की वोटर रिकॉर्ड में भी हैं। पढ़िए पूरी खबर...
शुक्रवार काे कलेक्ट्रेट में उन लाेगाें ने आपस में शहर की सड़काें पर चर्चा की जिन पर सड़काें काे दुरुस्त करने की जिम्मेदारी है। सांसद और कानून मंत्री ने एक सच्चे किस्से के मार्फत प्रभारी मंत्री से लेकर कलेक्टर तक काे आइना दिखाया। हैरानी ये कि कानून मंत्री के किस्से से जाे हकीकत बयां हुर्ई उसे सुधारने के बजाय दोनों ने हंसकर गंभीरता खत्म कर दी। ये बात है शुक्रवार काे कलेक्ट्रेट में हुई प्रभारी मंत्री की मीटिंग की। बजट घोषणाओं की समीक्षा मीटिंग में तमाम मुद्दे उठे मगर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी ने 15 करोड़ की सड़कें कितनी बनी। ये पूछा ताे सांसद और कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल बोले, भाई सड़काें की बहुत शिकायते हैं। बोले मैं एक शादी में गया ताे एक दूल्हा घोड़ी से उतरा और मुझे सड़क दिखाई। बोला, देखिए इतनी धूल उड़ रही कि मुझे बारात लेकर लड़की वालों के घर पहुंचने से पहले दाेबारा मुंह धोना पड़ेगा। मंत्री ने एक किस्से के सहारे प्रभारी मंत्री और प्रशासनिक अधिकारियों काे आइना दिखाया मगर चिंता इस बात की समझने वालों ने उसे हंसकर खत्म कर दिया। हालांकि पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने सिद्धि काे जवाब दिया कि 1 करोड़ से मिसिंग लिंक और 14 करोड़ से सड़काें का काम चल रहा है। मजाकिया अंदाज में कानून मंत्री ने नाल में पीएचसी का भी मुद्दा उठाया। कहा, मैं पाना देवी के घर खाना खाने गया ताे वहां मुझसे कहा कि चिकित्सा मंत्री से कहकर एक पीएचसी ताे बनवा दाे। मेघवाल ने कहा कि मैं दाेबारा खाना खाने जाऊं उससे पहले बन जाए ताे ठीक है। हालांकि इसके बनने के आदेश भी हाथों हाथ हाे गए। इससे पहले कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने बजट घोषणाओं काे लेकर अटके जमीन आवंटन के बारे में बताया। बीकानेर से सीकर तक फोरलेन का प्रयास कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि बीकानेर से सीकर तक फोरलेन सड़क बनाने का भरसक प्रयास किया जाएगा। हालांकि सर्वे में वाहनों की संख्या कुछ कम आई है लेकिन इस मार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए फोरलेन सड़क बनाने के पूरे प्रयास किए जाएंगे। सिविल एयरपोर्ट से एनएच रोड़ तक रोड चौड़ी करने और सर्किट हाउस में 10 नए कमरे बनाने को लेकर भी अपडेट लिया। शहर तभी विकास करता है जब रिंग रोड बने कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि किसी भी शहर के विकास के लिए रिंग रोड़ बनाना जरूरी है। शहर तभी विकास करता है जब रिंग रोड़ बने। मेघवाल ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से उदयरामसर से नाल और नाल से श्रीगंगानगर बाईपास तक बनने वाली रिंग रोड की जानकारी ली तो पीडब्ल्यूडी एसई ओपी मण्डार ने बताया कि एनएच पीडब्ल्यूडी 39 लाख की लागत से डीपीआर बना रहा है। 15 अप्रैल 2027 तक डीपीआर बनकर तैयार हो जाएगी।
मुरादाबाद में ईरान की रहने वाली एक महिला फैजा ने अपने ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। फैजा ने मुरादाबाद के महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि ससुराल वालों ने उन्हें दहेज के लिए प्रताड़ित किया, ब्लैकमेल किया और जान से मारने की धमकी दी। वहीं, फैजा की सास का कहना है कि उनकी विदेशी बहू अंग्रेजी और फारसी में गाली देती है। पीटती है। फैजा ने यूट्यूबर दिवाकर से प्रेम विवाह किया था। VIDEO में देखिए यूट्यूबर फैमिली का ड्रामा...
राधादामोदर ने 2 बार छोड़ा वृंदावन:128 साल बाद ब्रज लौटे, 25 साल बाद महारानी की अर्जी पर फिर जयपुर गए
मथुरा के राजा गोकुला की हार के बाद मुगलिया फौज भेड़ियों की तरह लोगों पर टूट पड़ी थी। सामने बच्चा हो या बूढ़ा इससे कोई मतलब नहीं था। उनका मकसद हिंदुओं में इतना डर भर देना था कि वे मन में भी अपने आराध्य का नाम लेने से कांप जाएं। तमाम मंदिर गिरा दिए गए थे। उनमें विराजमान विग्रह खंडित करके आगरा भेजे जा रहे थे, ताकि वहां मस्जिद की सीढ़ियों पर उन्हें लगाया जा सके। चौथे एपिसोड में आज पढ़िए राधादामोदर जी के विस्थापन की कहानी। वे वृंदावन से निकलने के बाद 63 साल जयपुर में रहे। औरंगजेब का आतंक खत्म होने के बाद वृंदावन लौट आए। 25 साल बाद रानी जी की अर्जी पर दोबारा जयपुर आए… मथुरा को तबाह करने के बाद औरंगजेब का फौजदार हसन अली वृंदावन कूच कर चुका था। भक्ति और उल्लास में डूबा रहने वाला धाम अब मरघट सा मालूम होता था। हवा में तैरती घंटियों और मृदंग की झंकार हसन अली के कानों में पड़ी। उसके चेहरे पर चिढ़ और आश्चर्य के भाव थे। फौजदार गुस्से में बोला- “न जाने कितने मंदिर बना रखे हैं इन काफिरों ने। दर्जनों बुतखाने जमींदोज कर चुका हूं। जब सोचता हूं कि ये आखिरी होगा, एक नया नाम सामने आ जाता है। कहां से आ रही है ये आवाज?”एक सिपाही बोला- “हुजूर, वृंदावन यहां से ज्यादा दूर नहीं है। ये आवाज शायद राधादामोदर मंदिर से आ रही है।” फौजदार ने दूर उस तरफ देखा जहां से घंटियों की आवाज आ रही थी। मंद हो चली सूरज की रोशनी में वृंदावन के मंदिरों के शिखर सोने से दमक रहे थे। उसकी आंखें सिकुड़ गईं। वह कुछ देर चुप रहा फिर तलवार की मूठ थामी और कड़क आवाज में बोला- “कल रात होने से पहले ये बुतखाना जमींदोज हो जाना चाहिए। ऐसा सबक सिखाओ इन काफिरों को कि दोबारा बुतबरस्ती करने की हिमाकत न कर सकें।” सिपाही ने झुककर सलाम किया और बोला- “ऐसा ही होगा हुजूर...।” उधर मथुरा में हुए अत्याचारों की खबर वृंदावन पहुंच चुकी थी। वहां की हवाओं ने अजीब सी चुप्पी ओढ़ ली थी। वृंदावन के गोस्वामियों के दिमाग में एक ही बात घूम रही थी- “अब आगे क्या होगा?” राधादामोदर मंदिर के सेवायत नवल गोस्वामी के पास बैठे बातचीत कर रहे थे। किसी ने धीमी खबर दी, “औरंगजेब के सिपाही कल सुबह वृंदावन पहुंच जाएंगे। उससे पहले प्रभु को कैसे निकालेंगे।” नवल गोस्वामी सब कुछ सुन रहे थे। कुछ देर सोचने के बाद बोले- “कोई नई बात नहीं है। वृंदावन पहले भी ये सब देख चुका है। गजनवी, तुगलक, लोदी न जाने कितने आए, लेकिन हमारे ठाकुर को कोई छू भी नहीं सका। मंदिर क्या है, जहां ठाकुर विराजेंगे वहीं मंदिर हो जाएगा।” रात का तीसरा पहर। कुछ घुड़सवार परछाई की तरह नगर में दाखिल हुए और राधादामोदर मंदिर के पास रुके। गोस्वामियों से मिले। गोस्वामियों ने राधादामोदर का विग्रह पहले ही लकड़ी के संदूक में छिपा दिया। निकलने से पहले नवल गोस्वामी ने मंदिर के सूने गर्भगृह की तरफ देखा। विनती की- “जो सबका रक्षक है, हम उसे बचाने का दावा नहीं कर सकते। प्रभु, ये आपकी लीला है। हमारे भाग्य में आपके लीलामंच का पात्र बनना लिखा है तो वही सही।”अचानक नवल गोस्वामी ने मन को झटकारा। साथी गोस्वामियों को कहा- “आंसू बहाने से काम नहीं बनेगा, हिम्मत से आगे बढ़ना होगा।” घोड़ागाड़ी में संदूक रखा गया। गोस्वामियों के साथ उनके परिवार के लोग भी थे। सभी इस तरह तैयार हुए जैसे कोई परिवार गांव छोड़कर जा रहा है। रास्ता कठिन था। जंगल, झाड़ी, खेत-खलिहान… छह-आठ गांव के बाद मुगल चौकियां। दिन में पकड़े जाने का डर रहता इसलिए सफर रात में होता और दिन में आराम। एक रात इतनी तेज बारिश हुई कि न तो रोशनी का इंतजाम हुआ और न ही दिशाओं का भान रहा। रास्ता भटककर वापस वृंदावन की ओर लौटने लगे। कुछ शंका हुई तो रास्ता फिर बदला गया। कई दिन के कठिन सफर के बाद राधाकुंड पहुंचे। दामोदर जी को विराजमान किया गया। आसपास के लोग रोज भगवान को भोग चढ़ाते। ग्वाले दूध और मिठाइयां लाते; किसान चावल, दाल और आटे का बंदोबस्त कर जाते। करीब 13 साल यूं ही बीत गए। माहौल कुछ बदल रहा था, लेकिन औरंगजेब का उत्पात अभी बंद नहीं हुआ था। राधादामोदर को कामवन यानी कामां ले जाया गया। कामवन का कण-कण पहले ही कृष्णमय था। कई विग्रह पहले ही वहां से होते हुए आमेर की ओर गए थे। राधादामोदर के पहुंचने की खबर लोगों को मिली तो नगर में नई ऊर्जा फैल गई। यह खबर सरदार जवाहर जाट को मिली तो वे दर्शन के लिए आए। ऐसी लगन लगी कि राजीरदारी भूलकर ठाकुर जी की सेवा में लग गए। भोग लगाते, मृदंग बजाते और गाते- “श्याम तेरी बंसी पुकारे, हम भागे चले आएं रे।” उधर औरंगजेब की आंखें इन विग्रहों की तलाश में भटक रही थीं। दिल्ली से लेकर आगरा तक फरमान था “जो उन मूर्तियों का ठिकाना बताएगा, जहांपनाह उसे मालामाल कर देंगे।” इस लालच में कुछ अपने भी जासूसी करने लगे थे। कई बार मुगल फौज आसपास के गांवों में पहुंचती, तलाशी लेतीं। एक दिन सैनिक उस जगह तक पहुंच गए जहां राधादामोदर विराजमान थे। हवेली के बाहर से ही जवाहर जाट ने अंदर इशारा कर दिया। बिजली की रफ्तार से गोस्वामियों ने विग्रह चादर में लपेटकर संदूक में रख दिया और उसे तहखाने में छिपा दिया। तलाशी में कुछ न मिला। जाते-जाते धमकी दी- “अगर मूर्ति पकड़ी गई तो पूरा कामवन जलाकर राख कर देंगे।” नवल गोस्वामी मुस्कुराए और मन ही मन बोले- “भगवान मन में बसते हैं, पत्थर में नहीं। तुम मलेच्छों को सपने में भी उनकी छाया नहीं मिलेगी।” मुगल फौज को अंदाजा लग गया था कि विग्रह कामवन में ही कहीं है। नगर में अजनबियों की आवाजाही बढ़ गई थी। अब ज्यादा दिन वहां रुकना सुरक्षित नहीं था। एक शाम जब आसमान में बादल थे और हवेली में आरती की तैयारी चल रही थी। जवाहर जाट को पता चला कि कल भोर होते ही फौजदार हसन अली कामवन पहुंचेगा और हर एक घर की तलाशी होगी। नवल गोस्वामी धीरे से बोले- “अब यहां से प्रस्थान करेंगे। वृंदावन से निकले थे भक्ति बचाने, अब कामवन से निकलेंगे आस्था बचाने।” उस रात ठाकुर जी की शयन आरती हुई। इस बार दीपों की लौ में एक अनकहा विरह जल रहा था। जवाहर जाट की आंख में आंसू थे। उन्होंने पूरे भाव से राधादामोदर को रेशमी चादर में लपेटकर संदूक में रख दिया। आधी रात को घोड़ागाड़ी निकल पड़ी अलवर की तरफ। रात का सफर आसान नहीं रहता। घोड़े की टाप और पहियों की चरमराहट के अलावा कोई आवाज न होती। हर मोड़ पर जान का खतरा। कभी कुछ दिन किसी गांव में गुजार लेते। खान-पान का सामान इकट्ठा करके आगे बढ़ जाते। इसी तरह एक गांव से निकलने ही वाले थे कि एक आदमी नवल गोस्वामी के पास आया और बोला- “महाराज, आज प्रभु को यहां से न ले जाएं।” गोस्वामी ने कारण पूछा तो बताया, “मैंने दो कोस दूर मुगल सैनिक देखे हैं। वे रास्ते में आपसे टकरा सकते हैं।” उस रात सब वहीं रुक गए। अगले दिन यात्रा फिर शुरू हुई, लेकिन भगवान परीक्षा ले रहे थे। जंगल में कुछ दूर निकले ही थे कि घोड़ों के हिनहिनाने की आवाज आई। सभी को मानो पाला मार गया। काफिला पगडंडी से डटकर घने जंगल की ओर मोड़ दिया गया। काफी अंदर जाकर एक गुफा में छुप गए। कच्ची सड़क पर मुगल सिपाहियों ने कुछ निशान देखे। निशान अचानक पगडंडी से हटकर जंगल में जा रहे थे। कुछ सिपाही निशान के पीछे जंगल में चल दिए। गुफा से थोड़ी दूरी पर निशान खत्म हो गए। सिपाहियों ने आसपास खोजना शुरू किया। कुछ सिपाही गुफा के एकदम नजदीक पहुंच गए, लेकिन झाड़ियों से ढंकी गुफा उन्हें नजर नहीं आई। जब कुछ नहीं मिला तो सिपाही वापस लौट गए। नवल गोस्वामी ने राहत की सांस ली और बोले- “प्रभु, आपकी ये कैसी लीला है। आज तो हमारे प्राण ही निकल जाते। कुछ तो दया करो।” अलवर, गोविंदपुरा, रोपड़ा और न जाने कितने गांवों में रुकते-ठहरते साल 1734 में राधादामोदर जयपुर पहुंचे। 64 साल की यात्रा में यह ऐसा दिन था जब सूरज की रोशनी से डर नहीं लगा था। दूर से ही आमेर का किला दिख रहा था। सभी के मन में शांति थी। सवाई राजा जय सिंह के पास खबर पहुंची कि नवल गोस्वामी राधादामोदर जी को लेकर जयपुर पधारे हैं और उनसे मिलने राजमहल आए हैं। यह सुनकर राजा का चेहरा उतर गया। किसी को समझ न आया कि खुशी के मौके पर राजा उदास क्यों हैं। कुछ देर चुप रहकर जयसिंह बोले- “गोस्वामी जी राजमहल क्यों आया, मैं खुद उनकी सेवा में पहुंच जाता। मेरे जीवन से ये पुण्य नष्ट हो गया।”राजा ने आदेश दिया- “उन्हें पूरे सम्मान से राजदरबार में लाया जाए।” नवल गोस्वामी आए और सिर झुकाकर प्रणाम किया। राजा सिंहासन से उठे और हाथ जोड़कर बोले- “वृंदावन की भक्ति हमारे नगर में आई है। ठाकुर जी के आगमन से जयपुर धन्य हुआ। माफी चाहता हूं कि आपको राजमहल आना पड़ा। अहो भाग्य होता अगर मैं दर्शन करने आता।” नवल गोस्वामी ने कहा- “सबके सहयोग से प्रभु की वनयात्रा पूरी हुई। वृंदावन से यहां तक सभी भाई-बंधुओं ने ठाकुर जी का भोग-राग संभाला। अब आपको संभालना है।”राजा कुछ देर तक शांत रहे, फिर बोले- “आज से राधादामोदर जी का भोग की व्यवस्था राजकोष से की जाएगी। रोजाना तीन रुपए… शुद्ध घी, दूध, मक्खन, मिश्री, फल, फूल कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।” सिर्फ राजा ही नहीं जयपुर के सेठ-साहूकार भी कृष्णसेवा में जुट गए। हिम्मतराम नाजिर को पता चला तो वे प्रार्थना करने लगे- “प्रभु मेरे आंगन में आ जाएं तो जीवन सफल हो जाए।” एक दिन वे खुद नवल गोस्वामी से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा- “प्रभु झोपड़ी में भी रहते हैं तो राजमहल हो जाता है। गोसाईं जी मेरी जायदाद, मेरे पुरखों की हवेली का कोई वारिस नहीं है। मुझे तो ठाकुर जी का ही सहारा है। वही नाथ हैं और वही वारिस। मैं चाहता हूं ठाकुर जी मेरी हवेली में विराजें।” नवल गोस्वामी सोच में पड़ गए। हिम्मतराम ने अपनी पगड़ी उतारी और राधादामोदर के विग्रह की ओर उठाकर बोले- “आपकी कृपा से मैंने बहुत धन कमाया है प्रभु, आज पहली बार धन सार्थक हो रहा है।”नवल गोस्वामी मुस्कुराकर बोले- “जैसी ठाकुर के भक्त की इच्छा। राधादामोदर जी आपके आंगन में ही विराजेंगे।” चौड़ा रास्ता के पास हिम्मतराम की हवेली में राधादामोदर विराजमान हुए। 63 साल बाद वृंदावन लौटे राधादामोदरसाल 1797, करीब 63 साल जयपुर की उस हवेली में निवास करने के बाद राधादामोदर वृंदावन लौट आए। ऐसा क्यों हुआ इसकी ठीक-ठीक वजह किसी को नहीं पता। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि उस समय प्रभु के भोग-राग का इंतजाम ठीक से नहीं हो पा रहा था। इसी वजह से राधादामोदर वृंदावन लौट आए, लेकिन जयपुर के मन में हमेशा इस बात की पीर रही। सवाई राजा प्रताप सिंह को मरते दम तक यह टीस रही। उनके बाद सवाई राजा जगत सिंह की पत्नी ने राधादामोदर जी को वापस जयपुर लाने की कोशिश शुरू कीं। उन्होंने जयपुर के प्रधानमंत्री रावल बैरिसाल को बुलावा भेजा और बोलीं- “हमारी सेवा में क्या कमी रह गई थी रावल सा, जो प्रभु जयपुर से चले गए?” रावल चुप रहे। रानी जी ने आगे, “आप वृन्दावन जाइए और वहां गोस्वामियों से बात कीजिए। कैसे भी करके प्रभु को वापस लाइए।” रानी जी की बात सुनकर रावल बैरिसाल फिर चुप रहे। रनिवास में राधाकृष्ण के विग्रह के सामने दीप टिमटिमा रहा था। रावल ने सिर झुकाकर धीरे से कहा- “रानी सा, प्रभु तो अपने भक्तों की इच्छा के अधीन हैं, लेकिन उन्हें दोबारा जयपुर लाना आसान नहीं है। फिर भी जैसा आपका हुकुम… मैं खुद वृंदावन जाऊंगा।” रानी जी निराश भाव से कहा- “रावल जी, प्रभु के बिना जयपुर सूना है। हमारे महलों में दीप जलते हैं पर उनमें रोशनी नहीं है। आप गोसाइयों से विनती कीजिए, जरूरत पड़े तो उनके पैर पकड़ लीजिए। बस कुछ भी करके राधादामोदर जी को जयपुर वापस ले आइए।” अगले दिन रावल बैरिसाल वृंदावन के लिए रवाना हुए। वृंदावन पहुंचते ही वे गोस्वामी जी से मिलने चल दिए। उन्होंने कहा- “महाराज, मैं जयपुर से रानी जी की अरजी लेकर लाया हूंं।” गोस्वामी तनिक चकित हुए और बोले- “कहिए, क्या बात है?” रावल को कहने में झिझक हो रही थी। संकोच के भाव में उन्होंने कहना शुरू किया- “जब से राधादामोदर जी जयपुर से गए हैं, शहर वीरान हो गया है। रानी सा की यही अरजी है कि ठाकुर जी फिर से अपनी हवेली में विराजें।” गोस्वामी जी थोड़ी देर चुप रहे, फिर बोले- “रावल जी, जब ठाकुर जी ने वृंदावन छोड़ा था, तब हालात कुछ और थे। अब तो सब शांति है और फिर भगवान राजाज्ञा से नहीं भक्ति के वशीभूत होकर कहीं भी आते-जाते हैं।” रावल जोड़कर बोले- “ये राजाज्ञा नहीं अरजी है महाराज। मैं जिद विनती लेकर आया हूं। जैसे बच्चा अपनी मां की गोद से उतरकर बेचैन हो जाता है, वैसे जयपुर भी प्रभु के बिना छटपटा रहा है।” गोस्वामी कुछ न बोले। रावल जी खाली हाथ जयपुर लौट आए। रानी को इसका अंदेशा था। कुछ समय बाद उन्होंने फिर से रावल बैरीसाल को वृंदावन भेजा। रावल फिर से खाली हाथ लौट आए। यह सिलसिला चार-छह महीनों में दोहराया जाने लगा। इसी दौरान रानी पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। सवाई राजा जगह सिंह अचानक चल बसे। रानी गर्भवती थीं। राजपाट की जिम्मेदारी भी उन्हें ही उठानी पड़ी। रानी ने अब हर महीने दो महीने में रावल जी को वृंदावन भेजना शुरू कर दिया। आखिरकार साल 1821 में राधादामोदर प्रभु फिर से जयपुर पधारे। राधादामोदर को वृंदावन से विदा करते हुए गोसाईं ने रावल जी से कहा- “जाइए रावल जी, प्रभु को उनके भक्त के धाम पहुंचा दीजिए। जहां उनका नाम गाया जाए, वही वृंदावन है।” इस बार ठाकुर जी भक्त इच्छा से आए और दोबारा हिम्मतराम की हवेली में विराजमान हुए। पूरा जयपुर यूं सजा था मानो जयपुर नरेश का राजतिलक हो। औरंगजेब के दौर में जयपुर आए कई विग्रह आज भी वहीं विराजमान हैं। राधादामोदर जी के पहुंचने से ये क्रम पूरा हुआ। ‘गुलाबी नगरी’ जयपुर की दूसरी पहचान अब ‘गुप्त वृंदावन’ है। ग्राफिक्स- सौरभ कुमार **** रेफरेंस मलय गोस्वामी, मुख्य सेवायत- राधादामोदर मंदिर, जयपुर। आचार्य कृष्णबलराम, सेवायत- राधादामोदर मंदिर, वृंदावन। लक्ष्मी नारायण तिवारी, सचिव- ब्रज संस्कृति शोध संस्थान, वृंदावन। ब्रज विभव: संपादक गोपाल प्रसाद व्यास। मथुरा-वृंदावन के वृहद हिंदू मंदिर: डॉ चंचल गोस्वामी। द कंट्रीब्यूशन ऑफ मेजर हिंदू टेंपल्स ऑफ मथुरा एंड वृंदावन: डॉ चंचल गोस्वामी। औरंगजेबनामा: संपादक डॉ अशोक कुमार सिंह। ब्रज के धर्म संप्रदायों का इतिहास: प्रभुदयाल मीतल। सनातन के संरक्षण में कछवाहों का योगदान: डॉ सुभाष शर्मा-जितेंद्र शेखावत। जयपुर इतिहास के जानकार- जितेंद्र शेखावत, संतोष शर्मा, प्रो देवेंद्र भगत (राजस्थान यूनिवर्सिटी)। गोपीनाथ जी के वृंदावन से जयपुर पहुंचने तक की पूरी कहानी क्रमवार ढंग से किसी एक किताब में नहीं मिलती। भास्कर टीम ने कई दस्तावेजों और इतिहास के जानकारों से बात करने के बाद सभी कड़ियों को जोड़कर यह स्टोरी लिखी है। फिर भी घटनाओं के क्रम में कुछ अंतर हो सकता है। कहानी को रोचक बनाने के लिए क्रिएटिव लिबर्टी ली गई है।
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‘लोग जंगलों में घूमने के लिए जाते हैं। क्या कहते हैं? उसे सफारी कहते हैं। पूरा बिहार जंगल है। उस जंगल में हथियार बंद लोग जा रहे हैं। उस जंगल में रहने वालों के लिए कितना हथियार जा रहा है। क्या ये बिहार का सम्मान है? बिहार को जंगल कहना और वहां की हुकूमत को जंगलराज कहना। बिहार में रहने वालों को जंगल के बाशिंदे कहना, या वो कहना जो मैं नहीं कहना चाहता। क्या ये अच्छी बात है? जम्हूरियत में तहजीब याफ्ता समाज में इस लफ्ज के लिए कोई गुंजाइश है?’ ये कहना है समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता, रामपुर से 10 बार विधायक रहे, सांसद रहे माेहम्मद आजम खान का। 'दैनिक भास्कर' के साथ खास बातचीत में उन्होंने कहा- हमारे यहां इस वक्त सियासत में ऐसे लोग कामयाब हैं, जिनके पूर्वज तमंचे बेचा करते थे, रामपुर मेड पिस्टल। 1975 में ट्रेन में एक बक्से में तमंचों के साथ पकड़े गए थे और जेल गए थे। वो बाद में विधायक हुए, कई बार विधायक हुए। आगे भी उनकी विधायकी का सिलसिला जारी है, हम तो उनसे भी गए-गुजरे हैं। मोहम्मद आजम खान ने और क्या-क्या कहा? दैनिक भास्कर के इस खास इंटरव्यू में पढ़िए… सवाल: बिहार में पहले फेज का चुनाव हुआ है। आपको क्या उम्मीद है? आजम खान: अंधे को क्या चाहिए… दो नहीं सिर्फ एक आंख। भूखे को क्या चाहिए? बिरयानी नहीं, सूखी रोटी। हो सकता है सूखी रोटी मिल जाए। बिरयानी तो लोग खा ही रहे हैं। जंगल राज में तो जाहिर है, कुछ भी मुमकिन है। ये कितनी अजीब बात है कि वहां सत्ता में बैठे हुए लोग 20 साल में जंगलराज को मंगलराज नहीं कर सके। आज भी जंगलराज है। आज के बाद जो तकरीरें होंगी, वो जंगलराज के लिए होंगी। ऐसे लोगों को तो सैल्यूट करना चाहिए। सवाल: आप इनकार करते रहे हैं कि कहीं नहीं जाऊंगा, लेकिन ये भी नहीं कहते कि सपा में ही हूं, सपा में ही रहूंगा। तंज भी कसते रहते हैं, ऐसा क्यों? आजम खान: अरे साहब मैं चोर आदमी, मुर्गी चोर, बकरी चोर, मैं चौथी बार का कैबिनेट मिनिस्टर, जेड सिक्योरिटी की सुरक्षा मेरी। पत्नी मेरी एसोसिएट प्राेफेसर थीं उस वक्त, हम दोनों ने मिलकर शराब की दुकान लूटी थी। 16,900 रुपए गल्ले से लूट लिया। हम लोगों की हैसियत हो सकती है, भला। हम तो समाज के सबसे गंदे व्यक्ति हैं। अब आपका ये बड़प्पन है कि हम जैसे घटिया लोगों का भी इंटरव्यू लेने आए हैं। हमारे शहर में तो आज वो एमएलए है, जिसने पूरे शहर की राजनीति को लूट लिया, जम्हूरियत को लूट लिया। हमारे यहां इस वक्त सियासत में ऐसे लोग कामयाब हैं, जिनके पूर्वज तमंचे बेचा करते थे, रामपुर मेड पिस्टल। 1975 में ट्रेन में एक बक्से में तमंचों के साथ पकड़े गए थे और जेल गए थे। वो बाद में विधायक हुए, कई बार विधायक हुए। आगे भी उनकी विधायकी का सिलसिला जारी है, हम तो उनसे भी गए गुजरे हैं। उन तमंचे बेचने वालों से भी गए गुजरे हैं। उनको आज जेड सिक्योरिटी सेंट्रल गर्वमेंट से मिली हुई है, कमांडोज मिले हुए हैं। ये अलग बात की नकल में वे पकड़े गए थे, बहुत से लोग पकड़े जाते हैं। वो भी पकड़े गए थे, मगर नेता हैं। सवाल: आपने विधायक की चर्चा की, सांसद हैं आपके मौलाना मोहिबुल्ला नदवी साहब, उनसे क्या नाराजगी है? आजम खान: मैं चोर, उचक्का, मुर्गी चोर, बकरी चोर, किताब चोर, भैंस चोर, शराब की दुकान लूटने वाला और वो इमाम मस्जिद के इमाम। मेरी भला ये हैसियत कि मैं उनसे अपना मुकाबला करूं। मुझे जहन्नुम के दरवाजे पर थोड़े जाना है। मुझे तो उनसे इजाजत लेनी होगी, जन्नत में दाखिल होने के लिए भी। मैं कहां, वो कहां… फिर वैसे भी उनकी दुआएं हमेशा मेरे साथ रहीं हैं। उनकी बजुर्गाना हैसियत को मैंने हमेशा तस्लीम किया है। उन्होंने तो यहां तक फरमाया कि मैं सुधार गृह में हूं। इससे बड़ापन उनका और क्या हो सकता है। उन्होंने मुझे कैदी नहीं कहा, मुजरिम नहीं कहा। अपराधी नहीं कहा। सुधार गृह। कितनी अच्छी बात कही। मेरा उनसे क्या विरोध हो सकता है और क्यों होगा? उन्हें मैं जानता भी नहीं था, भला उनसे मेरा क्या विरोध होगा। मैं क्या पूरा रामपुर नहीं जानता था उन्हें। सवाल: वो मिलने भी नहीं आए आपसे, या उन्होंने मिलने की कोशिश की? आजम खान: अरे साहब मेरी हैसियत? मैं फरिश्तों से मिलने से मना कर सकता हूं। बताइए मस्जिद के इमाम से, नमाज पढ़ाने वाले से। मैं तो कहीं पीछे की सफ में खड़ा होने वाला व्यक्ति हूं। मैं तो सर आंखों पर बिठाता। मैं उनके जूते अपने सर रखता, आज रख लूंगा। सवाल: आप समाजवादी पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची में थे, आप एक बार भी गए नहीं? आजम खान: जा नहीं सका। पैर नहीं है। वो सामने सरे मंजिल चराग जलते हैं.. जवाब पांव न देते तो मैं कहां होता? मैने थोड़ा सा बदला है इसे… वो सामने सरे मंजिल चराग जलते हैं.. जवाब पांव न देते तो मैं यहां होता? कैसे चला जाऊं जंगलराज में निहत्था, अकेला। कैसे चला जाऊं? जिस मुल्क में जस्टिस लोया नहीं बच सके, मैं क्या चीज हूं? (जस्टिस लोया सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस की सुनवाई कर रहे थे। 1 दिसंबर 2014 को वे नागपुर में अपने साथी जज की बेटी की शादी में जा रहे थे, तभी हार्ट अटैक से उनकी कथित तौर पर संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी।) सवाल: खतरा खुद भी महसूस कर रहे हैं, लेकिन सिक्योरिटी ले नहीं रहे? आजम खान: कहां है? कहां है सिक्योरिटी, कोई खत तो पत्र होगा मेरे नाम। आप ला दीजिए? सवाल: अफसरों का कहना है जिसे सिक्योरिटी मिलती है और वह जेल जाता है तो सिक्योरिटी को सस्पेंड कर दिया जाता है। वापस आने पर ऑटोमैटिक बहाल हो जाती है, आप के साथ भी ऐसा ही हुआ है। आजम खान: सिक्योरिटी तो शरीफ लोगों को मिलती है न, सिक्योरिटी तो उनको मिलती है जिनकी हिफाजत की जरूरत हो, शरीफ हों। मुर्गी चोरों को, बकरी चोरों को, शराब की दुकान लूटने वालों को, धोखा देने वालों, चीटर्स को, हर केस में चार सौ बीसी करने वालों को सिक्योरिटी थोड़ी मिलती है। अगर मिली है तो इसका मतलब मैं चार सौ बीस नहीं हूं, मैं चीटर नहीं हूं, मैं मुर्गी चोर नहीं हूं। तभी तो मिली है मुझे। मैं तो चाहता हूं कि वो सर्टिफिकेट मिले, वो सबूत मिले ताकि मैं अपने माथे पर चिपका कर चला करूं। सवाल: सिक्योरिटी तो आपको भी मिली थी, वापस कर दी ऐसा क्यों? आजम खान: मुझे मिली थी, ये बात मैंने सिर्फ सुनी। मैंने ये चाहा कि अगर मुझे कोई सिक्योरिटी मिली है तो लिखकर मिलना चाहिए ना सबूत कि ये फलां–फलां कॉन्स्टेबल या दरोगा आपकी सुरक्षा में हैं। मेरे पास तो आज तक किसी तरह का कोई लिखित आदेश नहीं आया है, तो मैं कैसे मान लूं कि मुझे सिक्योरिटी मिली थी। अखबारों से सुना मैंने, आपसे सुना मैंने। तो मैं कैसे मान लूं। मुझे तो कुछ नहीं मिला। हवा में मिली थी, हवा में वापस कर दी। सवाल: दस बार विधायक, 4 बार कैबिनेट मंत्री, सांसद और राज्यसभा सदस्य रहे, इसके बाद भी लखनऊ आने पर आपको होटल में रुकना पड़ रहा है? आजम खान: गेस्ट हाउस मुझे मिलता नहीं है। एक बार गलती से दे दिया था, वो न जाने कहां था, उसकी बाउंड्री वाल ढाई फिट ऊंची थी। मुझे आखिरी कमरा दिया था, जिसमें शीशे की खिड़कियां थीं। रात भर मैं कोने में कुर्सी पर बैठा रहा था, सोया नहीं था। मैं तकरीबन ढाई साल एमपी रहा, लेकिन मुझे रहने को घर नहीं मिला। यहां मैं लीडर ऑफ अपोजीशन था, तब भी मुझे आवास नहीं मिला था। बेघर तो रहा ही हूं, 50 साल की सियासत में लखनऊ में एक कोठरी तक नहीं बना सका। ये कमी तो मेरी है, किसी से शिकवा नहीं कर सकता। सवाल: लोग एक बार विधायक रहते हैं, कोठियां बन जाती हैं। आप दस बार रहे उसके बाद भी लखनऊ में एक मकान तक नहीं? आजम खान: मैं लोग नहीं था। मैं एक शख्स था। सवाल: आपके ऊपर जितने भी मुकदमे हुए उसमें ज्यादातर बचकाने आरोप थे? आजम खान: नहीं, ऐसा नहीं है, इल्जाम लगाने वाले ने अपना स्टैंडर्ड तय किया। मुझ पर धाराएं डकैती की लगीं और इल्जाम चोरी का लगा। दुख ये है कि चोरी मैंने खुद नहीं की, करवाई। बकरी, भैंस, पायल, फर्नीचर यहां तक कि किताब। एक ही मुकदमे में मुझे 21 बरस की सजा हुई, 36 लाख का जुर्माना। हम अपने बच्चे की यौम-ए-पैदाइश नहीं साबित कर सके। जब बच्चे का एडमिशन हुआ तो हमारे ही किसी मिलने वाले ने उसका एडमिशन करा दिया। उसकी डेट ऑफ बर्थ भी लिखवा दी। मामूली सा फर्क था] उसके लिए मैंने सीबीएसई बोर्ड को लिखा, डीएम को लिखा, स्कूल के प्रिंसिपल को लिखा। सारी कानूनी औपचारिकताएं पूरी की। लखनऊ सिविल कोर्ट में मुकदमा भी है। क्वींस मेरी हास्पिटल का बर्थ सर्टिफिकेट है। नगर निगम लखनऊ का बर्थ सर्टिफिकेट है। अब्दुल्ला के बाद कोई बच्चा नहीं हुआ। है ही नहीं। वो आखिरी लीव थी। उससे बड़ा कोई सबूत नहीं होता कानून में। और इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस पर फांसी के तख्त से नीचे उतर आता है। हमने इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस दे दिया। तकरीबन डेढ़ घंटे का वीडियो दे दिया। जिसमें मां की गोद में अब्दुल्ला है, बराबर बड़ा बेटा खड़ा है। साथ में सास, सालियां सब खड़ी हैं। और अब्दुल्लाह कुछ बोलता है, मां कहती हैं कि अब्दुल्लाह बोला। कैसेट पर डेट चल रही है, टाइम चल रहा है। उसका तमाम फोरेंसिक टेस्ट हो गया। फोरेंसिक लैब ने अपनी रिपोर्ट दी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। फैसले में उसका जिक्र भी नहीं किया। सवाल: क्या कई मामलों में आपके साथ निचली अदालतों ने इंसाफ नहीं किया, आप हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट गए तब राहत मिली…? आजम खान: ये बड़ी इत्मीनान की बात है। जो लोग कानून का इंतजार करते हैं, इंसाफ का इंतजार करते हैं, उनके चिराग अभी बुझे नहीं हैं। मिसाल के तौर पर 4 नवंबर 2016 को एक कॉलोनी जिस की जमीन पर नाजायज कब्जे थे, सरकार ने खाली कराई। आसरा योजना के तहत वहां मल्टी स्टोरी कॉलोनी बनी। डेढ़ साल इसको बनने में लगा, जिलाधिकारी ने ये कॉलोनी अलॉट कर दी। चार नवंबर, 2016 को उस पर सबको कब्जा मिल गया। तीन साल के बाद एक एफआईआर होती है कि 6 नवंबर 2016 को हमारे मकान तुड़वा दिए गए और आजम खान ने हमारी मुर्गी चोरी कर ली। 4 नवंबर को मकान बांट दिए गए डीएम की ओर से और 6 नवंबर को वहां मकानात तोड़ दिए गए और मुझे सजा हो गई। सवाल: क्या आपको लगता है कि निचली अदालतें किसी प्रेशर में काम करती हैं? आजम खान: एक मुकदमा और कायम कराएंगे आप मुझ पर? खामोशी गुफ्तगू है। बेजुबानी है, जुबां मेरी। सवाल: लंबे अरसे बाद लखनऊ आएं हैं, काफी लोगों से मुलाकात भी हुई है। क्या पार्टी ऑफिस जाने और पार्टी के नेताओं से मिलने का भी इरादा है? आजम खान: जी हां, यकीनन इरादा है, जैसे ही वक्त मिलेगा मैं जाऊंगा। सवाल: आप लगभग दो साल जेल में रहे, इस दौरान किसी से कोई खतो किताबत की हो, जेल में रह कर कोई किताब लिखी हो? आजम खान: अब वो मामला तो मेरा है नहीं कि… कुछ.. चंद तस्वीरें बुतां, चंद हसीनों के खुतूत, बाद मरने के मेरे घर से ये सामान निकला…वो हालात तो हैं नहीं। इस उम्र में क्या खत लिखूंगा, क्या किताब लिखूंगा। बस हम खुद ही चलती फिरती किताब हैं। अफसाने लोग सुनाया करेंगे। सवाल: क्या सिर्फ दरो दीवार से बातें होती थीं? आजम खान: यकीनन…दरो दीवार के सिवा कुछ था ही नहीं, तन्हाई थी और दरो दीवार थी। वो भी बहुत तंग। छोटी सी कोठरी थी। पांच साल रहा हूं। तीन साल एक बार दो साल एक बार। डेढ़ महीने के लिए छूट कर आया था फिर अंदर हो गया। पता नहीं कल क्या होने वाला है। सवाल: बिहार में 11 नवंबर को आखिरी दौर की वोटिंग हैं, आप क्या अपील करना चाहेंगे वहां के वोटर से? आजम खान: कुछ खुद पर रहम करें, कुछ हम पर रहम करें। और उन लोगों से जो हमारी ही सफों के लोग हैं, उन्हें अल्लाह का वास्ता देकर कहना चाहता हूं कि हमें टुकड़े–टुकड़े न करें। हमें बरबाद होने से बचा लें। अल्लाह के यहां उन्हें हिसाब देना होगा। हमारी बरबादी का इंतजाम न करें, हम पर रहम करें। ------------------- ये खबर भी पढ़ें... लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे इस साल शुरू होना मुश्किल:तार ने 6 महीने रोका काम, नए साल में जाम से मुक्ति मिलेगी लखनऊ-कानपुर के बीच देश का सबसे छोटा एक्सप्रेस-वे बन रहा है। इसकी लंबाई 63 किलोमीटर है और लागत करीब 4700 करोड़ रुपए। जून- 2025 में इसका उद्घाटन प्रस्तावित था। लेकिन, बिजली के एक पोल से लगातार देरी होती चली गई। फाइनली उस बिजली के पोल की टेस्टिंग पूरी हो गई। अब उम्मीद है कि अगले डेढ़ से दो महीने के बीच काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद लखनऊ-कानपुर के बीच की दूरी एक घंटे कम हो जाएगी। पढ़िए पूरी खबर...
लखनऊ में 51.74 करोड़ की टैक्स चोरी:दो व्यापारियों ने बनाई बोगस फर्में, जीएसटी विभाग ने दर्ज कराई FIR
राजधानी में टैक्स चोरी का बड़ा मामला सामने आया है। विभूतिखंड और बिजनौर इलाके में दो व्यापारियों ने फर्जी फर्में बनाकर करीब 51.74 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की। दोनों मामलों में राज्य कर विभाग के सहायक आयुक्त और उपायुक्त ने अलग-अलग थानों में एफआईआर दर्ज कराई है। बिजली बिल और पता दोनों गलत निकले, 25 करोड़ का नुकसान राज्य कर खंड-21 के सहायक आयुक्त गौरव कुमार राजपूत ने बताया कि 13 जून 2024 को व्यापारी हसीब खान ने एचके इंपैक्स नाम से एक फर्म का जीएसटी पंजीकरण कराया था। दस्तावेजों में उसने फर्म का पता अयोध्या रोड पर दर्शाया और बिजली बिल को प्रमाण के तौर पर लगाया, जो जांच में फर्जी निकला। अधिकारियों की टीम जब मौके पर पहुंची, तो फर्म अस्तित्व में नहीं मिली। दस्तावेजों की जांच में खुलासा हुआ कि हसीब खान ने नकली इनवॉइस जारी कर करोड़ों का इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) हासिल किया था। जांच में अनुमानित टैक्स चोरी की राशि करीब 25 करोड़ रुपये पाई गई। इसके बाद 3 नवंबर को विभूतिखंड थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई। बिजनौर के ‘सन इंटरप्राइजेज’ से 26.74 करोड़ की टैक्स चोरी वहीं, राज्य कर खंड-19 के उपायुक्त अशोक कुमार त्रिपाठी के अनुसार, व्यापारी सुवेंदु ने 24 मई 2024 को अपनी फर्म सन इंटरप्राइजेज का पंजीकरण बिजनौर क्षेत्र में कराया था। विभाग की जांच टीम जब बताए पते पर पहुंची, तो वहां कोई फर्म नहीं मिली। संदेह बढ़ने पर जीएसटी पोर्टल की जांच की गई, जहां यह सामने आया कि सुवेंदु ने 26.74 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए विभाग ने बिजनौर थाने में केस दर्ज कराया है। राज्य कर विभाग सख्त, दस्तावेजों की जांच जारी थानों के प्रभारी निरीक्षकों का कहना है कि विभाग से संबंधित दस्तावेज मांगे गए हैं, ताकि साक्ष्यों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा सके। विभाग ने साफ किया है कि फर्जी फर्मों और टैक्स चोरी के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। “दोनों मामलों में सबूत पुख्ता हैं। जांच में और फर्मों के नाम भी सामने आ सकते हैं।”
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से शुरू किए गए विद्यालय स्वास्थ्य परीक्षण कार्यक्रम (स्कूल हैल्थ एक्जामिनेशन ड्राइव) में चौंकाने वाला मामला सामने आया है। उदयपुर जिले में हुए सर्वे में पहली से 12वीं कक्षा तक के 592 विद्यार्थियों में मोतियाबिंद के लक्षण पाए गए हैं। यही नहीं 12 बच्चों को तत्काल सर्जरी की जरूरत बताई है। इस रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग भी सकते में है। क्योंकि, अमूमन मोतियाबिंद जैसी समस्या 60 साल की उम्र के बाद ही देखी जाती है। बच्चों में ये बीमारी होना चौंकाता है। निदेशालय ने गत 3 नवंबर को आदेश जारी कर स्पष्ट किया था कि प्रदेश के करीब 75 लाख विद्यार्थियों की 70 मानकों पर स्वास्थ्य जांच की गई। जांच के दौरान पाई गई गंभीर स्थितियों जैसे दृष्टि दोष, पोषण की कमी, त्वचा व दंत समस्याओं की रिपोर्ट शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड की गई। इसमें उदयपुर में मोतियाबिंद को छोड़कर अन्य बीमारियों की स्थिति सामान्य रही। जांच रिपोर्ट शाला दर्पण पर अपलोडप्रदेश में 47,000 विद्यार्थियों में विभिन्न स्वास्थ्य समस्याएं पाई गईं। सभी स्कूलों को जांच रिपोर्ट निर्धारित प्रारूप में पोर्टल पर अपलोड की गई। मोतियाबिंद प्रभावित विद्यार्थियों की प्राथमिक स्क्रीनिंग के बाद उन्हें निशुल्क उपचार के लिए रैफर किया जाएगा। निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) सीताराम जाट ने निर्देश दिए हैं कि जिन विद्यार्थियों को चिकित्सीय जांच या उपचार की आवश्यकता है। उन्हें स्थानीय स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सकों, एनजीओ तथा सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से उपचार उपलब्ध कराया जाए। 75 लाख विद्यार्थियों की 70 मानकों पर की जांचें, 47 हजार में समस्या उदयपुर जिले में जिन 592 बच्चों में मोतियाबिंद सामने आया है, इनमें से 12 बच्चों में जल्द सर्जरी की जरूरत बताई गई है। अन्य बच्चों की स्क्रीनिंग हो चुकी है, लेकिन फिलहाल उनकी सर्जरी जैसी गंभीर स्थिति नहीं है। जिन 12 बच्चों में सर्जरी की जरूरत बताई गई है, उनमें भींडर 1, गिर्वा 2, गोगुंदा 3, झाड़ोल 2, खेरवाड़ा 1, मावली 2, ऋषभदेव से 1 बच्चा शामिल है। इनमें से भींडर के एक बच्चे की सर्जरी हो भी चुकी है। सीडीओ ने कहा- बच्चों का उपचार कराएंगे मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी प्रतिभा गुप्ता का कहना है कि जिन बच्चों में स्वास्थ्य समस्याएं सामने आई हैं, उनका उपचार करवाया जाएगा। इतनी बड़ी संख्या में बच्चों में मोतियाबिंद होना असंभव सा लगता है। आंखें कमजोर तो हो सकती है। कुछ बच्चों में सुनने की समस्या भी सामने आई है, इसका भी हम उपचार करवाएंगे। मेटाबोलिज्म डिसऑर्डर से भी हो सकती है समस्या इतनी बड़ी संख्या में बच्चों में मोतियाबिंद है तो यह रिपोर्ट चिंताजनक है। यह सामान्य बात नहीं है। इन बच्चों की सर्जरी समय रहते करवानी चाहिए। कई बार मां की ओर से संक्रमण होने, लगातार डायरिया होने व मेटाबोलिज्म डिसऑर्डर होने से बच्चों में मोतियाबिंद की समस्या हो सकती है। इससे दृष्टि धुंधली या धूमिल हो सकती है। पढ़ने, रात में गाड़ी चलाने या चेहरे व अन्य विवरण स्पष्ट रूप से देखने में परेशानी हो सकती है। चीजें विकृत दिखाई देती हैं। वस्तुओं का रंग भी भूरा या पीला दिखाई दे सकता है। गंभीर स्थिति में आंख की पुतली का रंग भी बदल जाता है।
राजधानी रांची समेत पूरे झारखंड में अगले कुछ दिनों तक मौसम शुष्क बना रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र, रांची के पूर्वानुमान के अनुसार, 11 नवंबर तक सुबह में कोहरा या धुंध छाने और उसके बाद आसमान मुख्य रूप से साफ रहने का अनुमान है। इस दौरान मौसम शुष्क बना रहेगा। पूरे राज्य के मौसम पर नजर डालें तो मध्य, दक्षिणी, उत्तर-पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी झारखंड में अगले पांच दिनों तक मौसम में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। मौसम विभाग ने बताया है कि राज्य में अगले 2 से 3 दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में धीरे-धीरे 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है। इसके बाद के दो दिनों में इसमें कोई बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। रांची के मौसम में जारी रहेगा उतार चढ़ाव रांची और आसपास के क्षेत्रों के लिए जारी विशेष पूर्वानुमान के मुताबिक, 11 नवंबर तक अधिकतम और न्यूनतम तापमान में आंशिक उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। आज अधिकतम तापमान 26C और न्यूनतम तापमान 13C रह सकता है। इसके बाद 9 नवंबर को अधिकतम तापमान 26C और न्यूनतम तापमान 11C तक गिर सकता है। 10 और 11 नवंबर को भी अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 25C और 11C के आसपास बने रहने की संभावना है। यानी, राजधानी के लोगों को सुबह में हल्की ठंड और दिन में सुहावने मौसम का अनुभव होगा। उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हवाओं की वजह से ठंड झारखंड में मौसम पिछले 24 घंटे से शुष्क बना हुआ है। उत्तरी और उत्तर-पश्चिमी हवाओं की वजह से सुबह और रात में ठंडक बढ़ने लगी है, जबकि दिन में हल्की गर्मी महसूस की जा रही है। मौसम विज्ञान केंद्र रांची के अनुसार राज्य में किसी बड़े वेदर सिस्टम का प्रभाव नहीं है, इसलिए अगले 24 घंटे तक मौसम सामान्य रहेगा। राज्य में पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक तापमान 32.9 डिग्री सेल्सियस पाकुड़ में दर्ज किया गया। वहीं सबसे कम न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस गुमला में रिकॉर्ड किया गया। इसके साथ ही सुबह और रात की ठंड बढ़ने के संकेत साफ दिखने लगे हैं। रांची, जमशेदपुर, बोकारो, दुमका समेत कई जगह तापमान में मामूली गिरावट देखी गई। न्यूनतम तापमान में गिरावट का असर न्यूनतम तापमान भी सामान्य दायरे में है, लेकिन कुछ स्थानों पर यह सामान्य से नीचे या ऊपर देखने को मिला। गुमला, जमशेदपुर और दुमका जैसे स्थानों पर रात की ठंड बढ़ती दिख रही है। मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में रात और सुबह का पारा और नीचे जा सकता है। वहीं राज्य में पिछले 24 घंटे में कहीं भी बारिश दर्ज नहीं की गई। मौसम विभाग ने साफ कहा है कि फिलहाल झारखंड में वर्षा की कोई संभावना नहीं है। नमी का स्तर भी सामान्य स्थिति में बना हुआ है। राज्य में फिलहाल मौसम के स्थिर रहने के संकेत हैं। हवा की दिशा और गति में हल्के बदलाव के बीच नवंबर की ठंड धीरे-धीरे दस्तक दे रही है। उत्तर और मध्य झारखंड में तेजी से बढ़ेगा ठंड पूर्वानुमान के अनुसार राज्य के लगभग सभी जिलों में अधिकतम और न्यूनतम तापमान में 2 से 4 डिग्री की कमी दर्ज की जाएगी। उत्तर और मध्य झारखंड में यह गिरावट ज्यादा तेज दिखेगी, जबकि दक्षिणी जिलों में हल्की ठंड बढ़ने के संकेत हैं। देवघर, दुमका, गोड्डा और पाकुड़ जैसे जिलों में अधिकतम तापमान 31-32 डिग्री से घटकर 27-29 डिग्री तक पहुंच जाएगा। न्यूनतम तापमान भी 18 डिग्री से गिरकर 13 से 15 डिग्री तक आ जाएगा, जिससे सुबह के समय ठंडक महसूस होगी। जमशेदपुर, धनबाद और गिरिडीह में भी इसी तरह की गिरावट दर्ज होने के आसार हैं। मध्य झारखंड में बढ़ेगी सर्द हवा का असर रांची, हजारीबाग, बोकारो और रामगढ़ में दिन का तापमान 27 से घटकर 25-26 डिग्री के आसपास रहेगा, जबकि रात का पारा 11 से 13 डिग्री तक पहुंच सकता है। इससे सुबह और देर शाम ठंड का असर और बढ़ेगा। ग्रामीण इलाकों में कुहासा छाने की संभावना भी जताई गई है। सिंहभूम और सरायकेला में अधिकतम तापमान 31-32 डिग्री से गिरकर 28-29 डिग्री तक आएगा, जबकि न्यूनतम तापमान 12-13 डिग्री रहेगा।
राष्ट्रीय पशुपालक संघ व डीएनटी (घुमंतू, अर्ध घुमंतू एवं विमुक्त) संघर्ष समिति का 10 सूत्री मांगों काे लेकर शुरू महापड़ाव शुक्रवार को उग्र प्रदर्शन में बदल गया। ब्यावर-पिंडवाड़ा फोरलेन पर बालराई में हजारों की भीड़ जुटी थी। ये लोग फोरलेन से महज 60 मीटर दूर महापंचायत कर रहे थे। दोपहर 3 बजे भीड़ अचानक फोरलेन की ओर बढ़ी और जाम लगा दिया। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का प्रयोग किया। इस बीच पथराव और लाठीचार्ज की नौबत आ गई। पथराव में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए, एक को पाली के बांगड़ अस्पताल लाया गया। कुछ प्रदर्शनकारियों के भी घायल होने की सूचना है। पुलिस ने पाली के पास हेमावास से और सांडेराव के पास बैरिकेडिंग कर दी। इसके बाद पाली से सुमेरपुर रूट का ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा। प्रदर्शनकारी एक घंटे ही जाम लगाए रहे, लेकिन फोरलेन का डायवर्शन शुक्रवार रात साढ़े 9 बजे तक रहा। प्रदर्शनकारी हाईवे से तो हटा दिए गए, लेकिन आंदोलन जारी है। प्रशासन ने अतिरिक्त जाब्ता बुला लिया है। पशुपालक संघ अध्यक्ष बोले- मांगें पूरी होने तक पड़ाव रहेगा राष्ट्रीय पशुपालक संघ के अध्यक्ष लालसिंह राइका ने भास्कर से कहा कि हमने हमारी मांगें रखीं। प्रशासन ने 3 बजे का समय दिया। लेकिन कुछ हुआ नहीं। शाम 4 बजे पुलिस ने हमारे युवाओं पर डंडे बरसाए, लाठियां चलाई। प्रदर्शन में 20 हजार की भीड़ जुटी। स्थानीय प्रशासन से बातचीत हाे रही है। मांगें पूरी होने तक पड़ाव जारी रहेगा। सरकार से काेई बुलावा नहीं आया। बता दें कि लाल सिंह रायका पाली लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। मंत्री देवासी बोले-पहले भी बात की थी, जल्द समाधान करेंगे राज्यमंत्री ओटाराम देवासी ने भास्कर से कहा कि तीन दिन पहले प्रतिनिधियों को बुलाया था। साथ बैठाकर बात भी की थी कि जाे भी डिमांड है सरकार के साथ मिल बैठकर समाधान करेंगे। हमने कहा था कि चुनाव निपट जाए इसके बाद बैठकर समाधान करेंगे। ये लोग जिद पर अड़े कि 7 तारीख काे हम प्रदर्शन करेंगे। मैं अभी उप चुनाव के लिए अंता में हूं। चुनाव कार्य के बाद इस मामले का कुछ न कुछ समाधान कराएंगे। सीएम से संपर्क में हूं। जल्द और बात करेंगे।
भिवानी जिले के गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी करीब 19 वर्षीय शिक्षिका मनीषा की मौत मामले में CBI की टीम दोबारा भिवानी लौटेगी। मनीषा के पिता संजय कुमार ने कहा कि उनकी सीबीआई के अधिकारियों से बातचीत हुई है। इस दौरान सीबीआई के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि एक-दो दिन में सीबीआई की टीम वापस भिवानी लौटेगी। गांव ढाणी लक्ष्मण निवासी संजय कुमार ने बताया कि उन्होंने सीबीआई के अधिकारियों से फोन पर उसकी बात हुई थी। इस दौरान सीबीआई के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि वे रिपोर्ट लेने के लिए दिल्ली गए थे। सीबीआई ने उन्हें आश्वासन दिया कि जांच तेजी से चल रही है। उचित कार्रवाई की जाएगी। संजय कुमार ने कहा कि अभी पुलिस द्वारा जारी किए मनीषा के सुसाइड नोट के मिलान की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। उसका अभी इंतजार है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी को न्याय दिलाया जाए। बता दें कि मनीषा मौत मामले की जांच में जुटी CBI की टीम 27 अक्टूबर सोमवार को भिवानी से दिल्ली लौट गई। जो मामले की जांच के लिए दीपावली के बाद दिल्ली से भिवानी आई थी। CBI की टीम 3 बार भिवानी आ चुकी है। वहीं अब दिल्ली वापस लौट गई। जो टीम भिवानी के रेस्ट हाउस में ठहरी थी। 11 अगस्त को लापता हुई थी मनीषागांव ढाणी लक्ष्मण निवासी संजय ने बताया था कि उसकी बेटी मनीषा 11 अगस्त को प्ले स्कूल में ड्यूटी पर गई थी। इसके बार वह नर्सिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए जाने की बात कहकर गई थी। जिसके बाद मनीषा घर नहीं लौटी। इसके बाद 13 अगस्त को मनीषा का शव गांव सिंघानी के खेतों में पड़ा हुआ मिला। इसके बाद परिवार ने हत्या का आरोप लगाया और पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया। लोगों ने मनीषा को न्याय दिलाने के लिए धरना प्रदर्शन किया। वहीं 18 अगस्त को पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया। वहीं लोगों का विरोध बढ़ गया। इसके बाद बढ़ते आंदोलन को देखते हुए मनीषा का तीसरी बार दिल्ली एम्स में पोस्टमॉर्टम करवाया और जांच CBI को सौंप दी। 3 सितंबर को पहली बार आई थी सीबीआईCBI की जांच शुरू होने के बाद 3 सितंबर को टीम पहली बाद दिल्ली से भिवानी पहुंची थी। इसके बाद लगातार सीबीआई की टीम जांच में जुटी हुई है। इसी जांच के दौरान CBI की टीम 2 बाद दिल्ली लौट चुकी है। वहीं CBI की टीम फिर से तीसरी बार दिल्ली से भिवानी पहुंची है। CBI की टीम मनीषा मौत मामले की जांच कर रही है।
सिविल सेवा अपीलेंट अधिकरण से जुड़ा मामला:प्रमुख विधि सचिव व अधिकरण अध्यक्ष को कोर्ट ने किया तलब
राजस्थान हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी और न्यायाधीश अनुरूप सिंघी की खंडपीठ ने 19 जुलाई 2022 में पारित आदेश की पालना में जोधपुर में राजस्थान सिविल सेवा अपीलेंट अधिकरण की स्थाई पीठ वास्तविक रूप से क्रियान्वन नहीं करने तथा इस बाबत बाद के विभिन्न निर्देशों की पालना नहीं करने के मामले में राज्य के प्रमुख विधि सचिव और अधिकरण अध्यक्ष को 10 नवंबर को न्यायालय के समक्ष हाजिर होने का आदेश दिया है। कहा कि उनके खिलाफ अवमानना करवाई जवाबी स्पष्टीकरण पर निर्भर होगी। खंडपीठ ने कहा कि न्यायालय के विभिन्न निर्देशों की पालना नहीं कर उनका राज्य सरकार और अधिकरण अध्यक्ष द्वारा तिरस्कार किया जाना हैरानी भरा कदम है। भादरा अस्पताल निर्माण को चुनौती वाली याचिका खारिज हाईकोर्ट ने हनुमानगढ़ जिले के भादरा क्षेत्र में प्रस्तावित उप-जिला अस्पताल के निर्माण स्थल के संबंध में सरकार के निर्णय को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज कर दिया। न्यायाधीश डॉ. पुष्पेन्द्रसिंह भाटी एवं न्यायाधीश संदीप तनेजा की खंडपीठ ने इस परियोजना को व्यापक जनहित का विषय मानते हुए निर्देश दिया कि अस्पताल निर्माण कार्य को शीघ्रता से पूर्ण किया जाए। भादरा में प्रस्तावित उप-जिला अस्पताल के निर्माण हेतु पूर्व में चिन्हित सरकारी भूमि से स्थानांतरित कर निजी व्यक्तियों द्वारा दान की गई भूमि पर अस्पताल निर्माण का निर्णय को याचिका में चुनौती दी गई थी।
अंता उपचुनाव:विधानसभा क्षेत्र में अब तक 20.55 करोड़ रुपए का नशा और 11 लाख कैश जब्त किया
अंता उपचुनाव में प्रत्याशियों का त्रिकोणीय संघर्ष जारी है। बीजेपी, कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशी ताकत झोंक रहे हैं और 15 प्रत्याशी चुनावी रण में हैं। मतदाताओं को प्रलोभन देने का काम भी जारी है। चुनाव आयोग ने इसकी रोकथाम के लिए आचार संहिता लागू होने के बाद से अब तक कुल 21 करोड़ 21 लाख की अलग-अलग केटेगरी में जब्ती की है। इनमें अवैध शराब 19.27 लाख रुपए की रही। अन्य नशीले पदार्थ 35.46 लाख, फ्रीबीज व अन्य सामग्री कुल 20.55 करोड़ रुपए और नकद राशि 11.34 लाख की जब्त की गई है। उधर, आयोग के अनुसार 10 नवंबर को अंतिम प्रशिक्षण के बाद मतदान दलों की रवानगी होगी। मतदान समाप्ति के बाद काम में ली गई ईवीएम व सामग्री जमा कराने के लिए 6 काउंटर बनाए गए हैं, जिनमें एक काउंटर महिला एवं दिव्यांग कर्मियों के लिए आरक्षित रहेगा। ईवीएम को सुरक्षित रखने के लिए 3 स्ट्रॉन्ग रूम तैयार किए गए हैं, जिन पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। गौरतलब है कि इस उपचुनाव में 11 नवंबर को मतदान और 14 नवंबर को मतगणना होगी। एसआईआर से 1 करोड़ से अधिक को मिले गणना प्रपत्र राजस्थान में विशेष गहन पुनरीक्षण 2026 कार्य तीव्र गति से चल रहा है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर गणना प्रपत्र का वितरण किया जा रहा है। अब तक राज्य के विभिन्न जिलों में एक करोड़ से अधिक मतदाताओं को गणना फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। कल से साइलेंस पीरियड लागू होगा मतदान समाप्ति से 48 घंटे पूर्व साइलेंस पीरियड लागू हो जाएगा। ऐसे में कोई भी पार्टी या अभ्यर्थी किसी भी प्रत्याशी या पार्टी के पक्ष में मोबाइल पर संदेश के माध्यम से अपील नहीं कर सकेगा। ऐसा करने पर कार्रवाई होगी, जबकि नियमानुसार चुनावी शोर थमने का नियम लागू रहेगा। विकास में आप भी भागीदार बनें : वसुंधरा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को कोयला और अंता नगर मंडल के कार्यकर्ताओं की बैठक ली। उन्होंने कहा कि विकास की बहती गंगा में हाथ धोने के लिए भाजपा के मोरपाल सुमन को जिताएं। भाजपा के पक्ष में मतदान कर विकास के रास्ते खोलें। भाजपा को वोट देने पर एक वोट में दो सरकारें — केंद्र और राज्य — तथा तीन जनप्रतिनिधि — मैं, सांसद और विधायक — मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में बाहरी और स्थानीय का मुद्दा है। भाजपा को वोट देने का मतलब तरक्की है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने शुक्रवार को कई गांवों में जनसंपर्क किया। इस दौरान जूली ने कहा कि तीन काले कानून जो भाजपा सरकार लागू करना चाहती थी, लेकिन किसानों के विरोध और एक हजार किसानों की जान जाने के बाद जाकर वे कानून वापस लिए गए।
वेस्टर्न डिस्टरबेंस से उत्तर भारत के राज्यों (जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड) में हुई बर्फबारी ने मैदानी राज्यों में सर्दी तेज कर दी। राजस्थान में दो दिन के अंदर पारा 10 डिग्री सेल्सियस तक लुढ़क गया। शुक्रवार को 5 शहरों में न्यूनतम तापमान सिंगल डिजिट में दर्ज हुआ। नागौर, जयपुर, अजमेर, उदयपुर समेत कई शहरों में सीजन की सबसे ठंडी रात रही। मौसम केन्द्र जयपुर ने राज्य में अगले एक सप्ताह मौसम साफ रहेगा। पिछले 24 घंटे के दौरान बीकानेर, जयपुर, जोधपुर, अजमेर, भरतपुर और जयपुर संभाग के जिलों में सुबह-शाम उत्तरी हवा का ज्यादा प्रभाव रहा। सबसे ज्यादा सर्दी नागौर में रही, जहां का न्यूनतम तापमान 6.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। अजमेर में शुक्रवार को सीजन की सबसे ठंडी रात रही, यहां न्यूनतम तापमान गिरकर 8.2 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। आसमान साफ, दिन में तेज हुई धूप उत्तरी-पश्चिमी हवा चलने से राजस्थान में आसमान बिल्कुल साफ हो गया। पॉल्यूशन का स्तर गिर गया और सुबह से तेज धूप निकल रही है। राज्य के सभी शहरों में दिन में तेज धूप रही और अधिकतम तापमान में मामूली उतार-चढ़ाव हुआ। बाड़मेर में अधिकतम तापमान 34.1 डिग्री सेल्सियस, जैसलमेर में 33.3, फलोदी में 31.8, बीकानेर में 30.8, जोधपुर में 30.6, पिलानी में 30.5 और टोंक में 30.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। इसके अलावा सभी शहरों में कल दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज हुआ।
लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर शुक्रवार को अचानक ऑटोमेटिक मेसेज स्विचिंग सिस्टम (एएमएसएस) फेल हो जाने से हवाई संचालन पूरी तरह गड़बड़ा गया। इस तकनीकी खामी के चलते करीब 45 उड़ानें प्रभावित हुईं और सैकड़ों यात्री घंटों तक टर्मिनल में फंसे रहे। कुछ विमान रनवे और एप्रन पर ही खड़े रह गए, जिससे यात्रियों में गुस्सा फूट पड़ा। नाराज यात्रियों ने एयरलाइन स्टाफ से बहस और हंगामा भी किया। तकनीकी सिस्टम ठप, एयर ट्रैफिक कंट्रोल पर दबाव एएमएसएस सिस्टम एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) का अहम हिस्सा होता है, जो फ्लाइट की रूटिंग, मौसम अपडेट और अन्य तकनीकी डेटा साझा करता है। सिस्टम बंद होने के बाद एटीसी की स्क्रीन पर उड़ानों की जानकारी दिखनी बंद हो गई। संचालन मैन्युअल मोड में करना पड़ा, जिससे जहां सामान्य रूप से चार–पांच सेकंड में डेटा ट्रांसफर होता था, अब एक उड़ान की प्रक्रिया में 15–20 मिनट लगने लगे। गड़बड़ी गुरुवार रात से शुरू हुई थी और शुक्रवार सुबह तक बनी रही। इस वजह से जयपुर, अमृतसर, पटना, अहमदाबाद और जम्मू की उड़ानें भी प्रभावित हुईं। घंटों देरी से उतरीं और उड़ीं उड़ानें शुक्रवार सुबह 6:35 बजे दिल्ली से आने वाली इंडिगो की फ्लाइट (6ई 6350) करीब एक घंटे लेट 7:34 बजे उतरी। एयर इंडिया (एआई 2499) की फ्लाइट 7:10 पर आनी थी, लेकिन 9:15 बजे पहुंची। इसी तरह इंडिगो (6ई 2107) की फ्लाइट 9:20 की बजाय 11:25 पर उतरी, जबकि एयर इंडिया एक्सप्रेस (आईएक्स 1058) की फ्लाइट दोपहर 1:42 बजे लैंड हुई। लखनऊ से दिल्ली जाने वाली उड़ानों पर भी असर पड़ा। एयर इंडिया (एआई 2100) की उड़ान 8 बजे की जगह 10:35 पर और इंडिगो (6ई 6737) की फ्लाइट 10:05 की जगह 12:35 पर रवाना हुई। रनवे पर खड़ी रहीं तीन फ्लाइटें, यात्रियों का गुस्सा फूटा करीब 11:15 बजे इंडिगो की तीन फ्लाइटें (6ई 6521, 6ई 6737, 6ई 607) रनवे पर खड़ी रहीं। लंबा इंतजार होने पर यात्रियों ने हंगामा किया। एयरलाइंस स्टाफ ने किसी तरह उन्हें समझा-बुझाकर शांत किया। यात्री दुर्गेश मिश्रा ने बताया कि उन्हें दिल्ली में एक जरूरी मीटिंग के लिए जाना था, लेकिन देरी से टिकट रीशेड्यूल करना पड़ा। कई यात्रियों ने तो अपनी यात्रा ही रद्द कर दी। बोर्डिंग के बाद भी एक घंटे तक लेट रहीं फ्लाइटें एयर डिफेंस क्लीयरेंस और फ्लाइट इंफॉर्मेशन संदेशों के आदान-प्रदान में बाधा आने से आठ उड़ानें बोर्डिंग पूरी होने के बाद भी एक घंटे से अधिक देरी से रवाना हो सकीं। एयरपोर्ट प्रबंधन ने बताया कि सभी प्रभावित उड़ानों का संचालन सावधानी से किया गया और यात्रियों की सुविधा के लिए हरसंभव इंतजाम किए गए। एयरपोर्ट के बाहर यात्रियों के परिजन भी परेशान टर्मिनल के बाहर यात्रियों के परिजन भी परेशान रहे। वेटिंग एरिया में कई लोगों को चार-पांच घंटे तक इंतजार करना पड़ा। कुछ लोग फर्श पर बैठकर उड़ानों की अपडेट का इंतजार करते रहे। पार्किंग जोन में गाड़ियों की लंबी कतारें लग गईं। सबसे ज्यादा प्रभावित दिल्ली रूट की उड़ानें रहीं, जिनमें आधे घंटे से लेकर दो घंटे तक की देरी दर्ज की गई।
अंबाला जिले से काम की तलाश में रूस गए युवक के लापता होने से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। बताया जा रहा है कि युवक रूस में मजदूरी के लिए गया था। लेकिन वहां एक कर्नल की बातों में आकर वह रूसी सेना में शामिल हो गया। कुछ दिनों बाद ही उसे बॉर्डर पर भेज दिया गया, और अब पिछले 23 दिनों से उसका कोई अता-पता नहीं है। परिवार ने भारत सरकार से युवक को जल्द से जल्द खोजकर वापस लाने की गुहार लगाई है। रूस में नौकरी के लिए गया था जावेद अंबाला का रहने वाला 32 वर्षीय मोहम्मद जावेद अगस्त 2025 में बेहतर कमाई की उम्मीद लेकर रूस गया था। वह अपने परिवार का एकमात्र सहारा था। घर पर बूढ़ी मां, पत्नी, तीन छोटे बच्चे और एक बहन हैं। शुरुआत में जावेद ने रूस में मजदूरी का काम किया, लेकिन कुछ समय बाद ज्यादा पैसों के लालच में वह एक एजेंट के संपर्क में आया। जिसने उसे “रूसी आर्मी में खोदाई (बंकर डिगिंग)” का काम दिलाने का झांसा दिया। रूसी कर्नल ने भर्ती करवाया, 15 दिन की ट्रेनिंग दी जावेद की बहन ने बताया कि रूस में एक कर्नल ने उससे संपर्क किया और सेना में मजदूरी के तौर पर भर्ती होने का प्रस्ताव दिया। कर्नल ने कहा कि उसे सिर्फ बंकर खोदने का काम मिलेगा और इसके बदले में उसे अच्छी तनख्वाह दी जाएगी। जावेद ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया और 15 दिन की ट्रेनिंग के बाद उसे बॉर्डर पर भेज दिया गया। परिजनों का कहना है कि शुरुआत में जावेद रोजाना परिवार से फोन पर बात करता था। उसने यह भी बताया था कि हालात बेहद कठिन हैं और चारों ओर तनाव का माहौल है। लेकिन 23 दिन पहले आखिरी बार फोन पर बातचीत में जावेद ने सिर्फ इतना कहा- मेरे बच्चों और पत्नी का ख्याल रखना। उसके बाद से परिवार का उससे कोई संपर्क नहीं हो पाया। परिवार की आंखों में आंसू और दिल में डर जावेद की पत्नी और मां का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी ने बताया कि जब से जावेद गया है, घर की जिम्मेदारियां उस पर आ गई हैं। अब जब उससे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा, तो पूरा परिवार बेचैनी में है। जावेद की मां ने कहा कि वह हर दिन यही दुआ करती हैं कि उनका बेटा सकुशल लौट आए। जावेद की बहन ने बताया कि उसने भारत सरकार और विदेश मंत्रालय से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने कहा कि हमारा भाई मजदूर बनकर रूस गया था, लेकिन उसे युद्ध में धकेल दिया गया। अब हमें नहीं पता वह जिंदा है या नहीं। सरकार से निवेदन है कि हमारे भाई को ढूंढा जाए और सुरक्षित भारत लाया जाए। सरकार से मदद की अपील अंबाला में बैठे जावेद के परिजन अब सरकार से मदद की उम्मीद लगाए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री से निवेदन करते हैं कि उनके बेटे का पता लगाया जाए। परिजनों ने कहा कि अब उनके घर में केवल दुआएं और आंसू बचे हैं। हर फोन की घंटी पर उम्मीद जगती है कि शायद जावेद का कॉल आया हो- लेकिन फिर सन्नाटा छा जाता है।
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी आज और कल (शनिवार-रविवार) को पचमढ़ी में रहेंगे। राहुल गांधी पचमढ़ी के रविशंकर भवन में एमपी कांग्रेस के चुनिंदा नेताओं से मुलाकात करेंगे। इसके बाद होटल हाईलैंड में जिला अध्यक्षों के प्रशिक्षण शिविर में एक सत्र को संबोधित करेंगे। दिग्विजय, अरुण यादव, सहित तमाम दिग्गज पहुंचेंगेजिला अध्यक्षों के प्रशिक्षण शिविर में राहुल गांधी के शामिल होने के पहले पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, सहित तमाम दिग्गज नेता पचमढ़ी पहुंचेंगे। जिलाध्यक्षों को ये चीजें लेकर आना जरूरी ट्रेनिंग कैंप में आने वाले जिलाध्यक्षों के लिए कांग्रेस ने निर्देश जारी किए थे। जिसमें उन्हें आवश्यक दवाई और गर्म कपड़े, स्वेटर, टोपी समेत आने का कहा था। यह खबर भी पढ़ें...हर विधानसभा में 100-100 रुपए जुटाएगी कांग्रेस मध्य प्रदेश कांग्रेस अब पार्टी को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए हर विधानसभा क्षेत्र के 25 हजार घरों से 100-100 रुपए जुटाएगी। इसके पीछे संगठन की सोच यह है कि एक तरफ जहां पार्टी के पास फंड की व्यवस्था होगी। दूसरी तरफ आर्थिक रूप से मदद करने वाले परिवारों से पार्टी के नेताओं का सीधा संपर्क होगा। पूरी खबर यहां पढ़ें...
मध्य प्रदेश के इस बार कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इसकी शुरुआत नवंबर के दूसरे सप्ताह में ही हो गई है। बीती दो रात से पारा रिकॉर्ड लुढ़का है। इंदौर में नवंबर की सर्दी का 10 साल का रिकॉर्ड भी टूट गया। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन ऐसे शहर हैं, जहां हिल स्टेशन पचमढ़ी से भी ज्यादा सर्दी है। ठंड की वजह से झाबुआ में स्कूलों की टाइमिंग बदली जा चुकी है। मौसम विशेषज्ञों की माने तो प्रदेश में आमतौर पर ठंड की दस्तक नवंबर के दूसरे पखवाड़े से होती है। यानी 15 नवंबर से ठंड का असर तेज होता है, जो जनवरी तक रहता है, लेकिन इस बार तेज सर्दी का असर एक सप्ताह पहले से ही हो रहा है। एक्सपर्ट बताते हैं कि मानसून के बाद जैसे-जैसे नमी घटती है, रातें जल्दी ठंडी होने लगती हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी होती है, बर्फ पिघलती है और ठंडी हवा मैदानों तक आती है। हवा का रुख दक्षिण-पश्चिमी से उत्तर-पूर्वी दिशा में होता है, जिसे ‘विंड पैटर्न सेट होना’ कहा जाता है। इन सभी वजहों से प्रदेश में ठंड का असर बढ़ा है। दो रात में ही पारा 10 डिग्री के नीचे आयामौसम विभाग के अनुसार, पिछली दो रातों में ही प्रदेश में रात का तापमान 10 डिग्री से नीचे आ गया। गुरुवार-शुक्रवार की रात ज्यादा ठंडी रही। सबसे ठंडा राजगढ़ रहा। यहां एक ही रात में 2 डिग्री की गिरावट के बाद तापमान 9 डिग्री पर आ गया। इंदौर में 10.3 डिग्री रिकॉर्ड हुआ। साल 2015 से 2024 के बीच न्यूनतम तापमान कभी भी इतने नीचे नहीं पहुंचा। साल 2017, 2020 और 2022 में पारा जरूर 11 डिग्री के आसपास रहा था। भोपाल में 2 डिग्री नीचे आया पाराभोपाल में पारा 2 डिग्री नीचे आ गया। रात में यह 11 डिग्री दर्ज किया गया। पिछले 10 साल में से 5 बार ऐसा हुआ है, जब पारा इतना नीचे आया हो। ग्वालियर में 11.3 डिग्री, जबलपुर में 14.6 डिग्री और उज्जैन में 13 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। सभी शहरों में तापमान में गिरावटमौसम विभाग की मानें तो गुरुवार-शुक्रवार की रात में प्रदेश के सभी शहरों में पारे में गिरावट दर्ज की गई। दतिया में 11.1 डिग्री, गुना में 12.2 डिग्री, धार में 12.4, रीवा में 12.5 डिग्री, श्योपुर-नौगांव में 13 डिग्री, बैतूल में 13.2 डिग्री, उमरिया में 13.8 डिग्री, टीकमगढ़ में 14 डिग्री, सागर में 14.2 डिग्री, रतलाम में 14.5 डिग्री, सतना में 14.9 डिग्री, छिंदवाड़ा-दमोह में 15 डिग्री सेल्सियस रहा। झाबुआ में तेज ठंड, स्कूलों का समय बदलाझाबुआ में तीन दिन के दौरान न्यूनतम तापमान में 8.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। ठंड बढ़ने से कलेक्टर नेहा मीना ने स्कूलों के समय में बदलाव किया है। इसके अनुसार, नर्सरी से कक्षा 3 तक की कक्षाएं सुबह 9 बजे से पहले और कक्षा 4 से कक्षा 12 तक की कक्षाएं सुबह 8 बजे से पहले नहीं लगेंगी। यह आदेश झाबुआ जिले की सभी शैक्षणिक संस्थाओं पर लागू होगा। ठंड के साथ कोहरे का असर भी बढ़ेगामौसम विभाग के मुताबिक अब ठंड के साथ कोहरा भी बढ़ेगा। फिलहाल, देर रात और अलसुबह ठंड का असर ज्यादा है। वहीं सुबह हलका कोहरा भी है, जो आने वाले दिनों में बढ़ जाएगा। अभी मंडला में सबसे कम 1-2 किलोमीटर विजिबिलिटी मंडला में देखने को मिली है। जबलपुर, रीवा और सतना में यह 2 से 4 किलोमीटर रही। पिछले 10 साल से नवंबर में ठंड का ट्रेंडप्रदेश में नवंबर में पिछले 10 साल से ठंड के साथ बारिश का ट्रेंड भी है। अबकी बार भी ऐसा ही मौसम रहेगा। वहीं, बारिश के लिहाज से अक्टूबर का महीना उम्मीदों पर खरा उतरा है। औसत 2.8 इंच पानी गिर गया, जो सामान्य 1.3 इंच से 121% ज्यादा है। वहीं, भोपाल में दिन ठंडे रहे। 30 अक्टूबर को दिन का तापमान 24 डिग्री रहा। मौसम विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार, पिछले 25 साल में अक्टूबर का यह सबसे ठंडा दिन रहा। उज्जैन, छतरपुर, नरसिंहपुर समेत कई शहरों में पारा 24 डिग्री के नीचे ही रहा। अब जानिए, पूरे नवंबर में कैसा रहेगा मौसम मौसम विभाग ने अनुमान लगाया था कि नवंबर के दूसरे सप्ताह में ठंड का असर बढ़ेगा। हुआ भी वैसा ही। पारे में खासी गिरावट देखने को मिल रही है। खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में, जहां उत्तरी हवाएं सीधी आती हैं, वहां पारा लुढ़केगा। ग्वालियर में 56 साल पहले नवंबर में रात का टेम्प्रेचर रिकॉर्ड 3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। उज्जैन में 52 साल पहले न्यूनतम पारा रिकॉर्ड 2.3 डिग्री तक जा चुका है। भोपाल, इंदौर, जबलपुर में इस महीने बारिश का ट्रेंड है। इस बार नवंबर के पहले सप्ताह में ही बारिश होने के आसार है। तीसरे और चौथे सप्ताह में सिस्टम एक्टिव होने से भी बारिश हो सकती है। नवंबर में 5 बड़े शहरों का मौसम... भोपाल: 10 साल में 3 बार बारिश हो चुकीनवंबर में राजधानी में रात का तापमान 9 से 12 डिग्री सेल्सियस पहुंच जाता है। पिछले 10 साल से ऐसा ही ट्रेंड रहा है। इस बार भी दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से लुढ़केगा। मौसम विभाग के अनुसार, भोपाल में नवंबर में रात का तापमान 6.1 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह 30 नवंबर 1941 को दर्ज किया गया था। इस महीने बारिश होने का ट्रेंड भी है। 10 साल में तीन बार बारिश हो चुकी है। साल 1936 में महीने में साढ़े 5 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है। इंदौर: 5.6 डिग्री तक जा चुका न्यूनतम पाराइंदौर में ठंड का असर रहता है। खासकर दूसरे सप्ताह से पारा तेजी से गिरता है। इस वजह से रातें ठंडी हो जाती हैं और टेम्प्रेचर 10 से 12 डिग्री के बीच रहता है। हालांकि, 25 नवंबर 1938 को पारा 5.6 डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है। कभी-कभार बारिश भी हो जाती है। दिन में 31 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है। ग्वालियर: 1927 में 3 इंच पानी गिरा थापिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो ग्वालियर में पारा 8 डिग्री तक पहुंच चुका है। 54 साल पहले वर्ष 1970 में टेम्प्रेचर 3 डिग्री तक पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 2 नवंबर 2001 को दिन का तापमान 37.3 डिग्री तक पहुंच चुका है, जबकि यह सामान्य तौर पर 33 से 35 डिग्री के बीच रहता है। इस महीने बारिश भी होती है। 1927 में पूरे महीने 3 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में 3 बार ऐसा ही मौसम रह चुका है। जबलपुर: 1946 में 6 इंच से ज्यादा बारिशपिछले 10 साल में 2022 में न्यूनतम पारा 7.8 डिग्री तक जा चुका है। ओवरऑल रिकॉर्ड 12 नवंबर 1989 को दर्ज किया गया था, तब टेम्प्रेचर 3.9 डिग्री तक पहुंच गया था। 1946 में पूरे महीने 6 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। 10 साल में दो बार बारिश हो चुकी है। दिन में 30 से 33 डिग्री के बीच तापमान रहता है। उज्जैन: न्यूनतम तापमान 10-11 के बीच रहता हैयहां 30 नवंबर 1974 को रात का तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 6 नवंबर 2008 को दिन का तापमान 36.5 डिग्री रहा था। पिछले 10 साल की बात करें तो न्यूनतम तापमान 10-11 डिग्री के बीच रहा है, जबकि दिन में यह 33 से 35 डिग्री के बीच पहुंच चुका है।
बढ़ते सड़क हादसों के बावजूद आरटीओ उड़नदस्ता ओवरलोड व ओवरहैंग वाहनों के खिलाफ गंभीर नहीं है। सड़क सुरक्षा अभियान के बाद भी हाईवेज पर ओवरलोड और ओवरहैंग वाहन सड़कों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं। अभियान की सच्चाई जानने के लिए शुक्रवार दोपहर 2:30 से शाम 4:30 के बीच भास्कर टीम ने 46 किमी की रिंग रोड पर सफर किया। पूरे रिंग रोड पर आरटीओ उड़नदस्ता नहीं मिला। हाईवे पर 4 हजार से अधिक ट्रक और ट्रेलर दौड़ते हुए मिले। इनमें से 210 से अधिक ट्रक-ट्रेलर ओवरलोड और ओवरहैंग थे। इनमें निर्धारित क्षमता से 10 टन अधिक और तय ऊंचाई से 5 फीट ऊपर तक सामान था। हालात यह थे कि एक ट्रक की ऊंचाई तो सीतारामपुरा टोल तक थी। सवाल: उड़नदस्ते गायब, कैसे रोकेंगे ओवरलोडिंग भास्कर ने इस मामले में प्रवर्तन डीटीओ संजय दलाल से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हाईवे पर वाहनों की जांच के लिए राउंड द क्लॉक आरटीओ उड़न दस्ते की टीम रहती है। रिंग रोड पर दोपहर में किस निरीक्षक की ड्यूटी थी, मुझे जानकारी नहीं है। टीम पॉइंट पर ड्यूटी पर नहीं है तो जांच करेंगे। 1 घंटे बाद नई टीमें गठित, 24 घंटे तैनाती के आदेश एक घंटे बाद ही प्रशासन ने टोल नाकों पर 24 घंटे टीम तैनाती के आदेश जारी कर दिए। अब आरटीओ व पुलिस साथ में अभियान चलाएगी। ये टीमें ठीकरिया, शिवदासपुरा, राजाधोक टोल पर तैनात रहेंगी। केस-1 अजमेर रोड की तरफ से आने वाले करीब 200 से अधिक ट्रक सीतारामपुरा टोल पर खड़े थे। इन ट्रकों में से टोल प्लाजा पर करीब 33 से अधिक ट्रक ओवरलोड और ओवरहैंग शामिल थे। ट्रक संख्या आरजे 22 जीसी 4599 तो टोल प्लाजा की हाइट से महज करीब 1 फीट नीचा था। यह ट्रक अजमेर की तरफ से आ रहा था। इसके अलावा ट्रक संख्या आरजे 19 जीके 5285, आरजे 04 जीडी 5088, आरजे 19 जीएफ 5576 ओवरहैंग थे। ये सभी ट्रक निर्धारित ऊंचाई से 5 फीट तक ज्यादा थे। केस-2 - शिवदासपुरा पुलिया यहां भी कई वाहन ओवरलोड और ओवरहैंग थे। इस मार्ग पर भी कहीं आरटीओ उड़नदस्ता नजर नहीं आया। इसके अलावा जयपुर-अजमेर, जयपुर-दिल्ली, जयपुर-आगरा और जयपुर-टोंक रोड पर इस तरह के ओवरलोड वाहन धड़ल्ले से चल रहे हैं, लेकिन कोई भी पुलिसकर्मी नहीं दिखाई दिया, जिससे यह ओवरलोड वाहन बेखौफ निकल रहे थे। केस-3 - बगराना टोल प्लाजा पर दोपहर 2:30 बजे टीम पहुंची। ट्रक (यूपी 80 एफटी 7178), (आरजे 29 जीबी 6629) और (आरजे 05 जीबी 9788) जयपुर-बांदीकुई एक्सप्रेसवे पर आ रहे थे। टीम ने इन ट्रकों का सीतारामपुरा टोल से आगे अजमेर रोड तक पीछा किया। ये बिना रोक-टोक निकल गए। उड़नदस्ता 46 किमी सफर में कहीं नहीं दिखा। यह हैं नियम ट्रक: लंबाई 12 मीटर, चौड़ाई 2.6 मीटर, ऊंचाई 4 मीटर निर्धारित है। ट्रेलर: चौड़ाई 2.6 मीटर, लंबाई 18.75 मीटर, ऊंचाई 4 मीटर निर्धारित है।
साइबर जालसाजों के 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी को खपाने वाले इंडसइंड बैंक के मैनेजर उत्तम विश्वास की मुसीबतें बढ़ गई हैं। पुलिस अब उसकी और उसके साथियों की संपत्तियों का ब्योरा जुटा रही है। पुलिस उपायुक्त (अपराध) कमलेश दीक्षित ने बताया कि जांच में जो भी संपत्तियां अपराध की कमाई से बनी पाई जाएंगी, उन्हें गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क किया जाएगा। इसके लिए पुलिस ने पूरी तैयारी शुरू कर दी है। मोबाइल और गैजेट्स से मिले अहम सुराग जांच टीम को उत्तम विश्वास और गिरोह के अन्य सदस्यों के मोबाइल व इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से कई चौंकाने वाले खुलासे मिले हैं। इनमें पता चला है कि यश बैंक, बंधन बैंक समेत कई अन्य बैंकों के मैनेजर और कर्मचारी इस गिरोह के मददगार थे। पुलिस अब इन सभी पर निगाह रखे हुए है और उनके खिलाफ साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कमीशन पर खुलवाता था खाते पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि उत्तम विश्वास की कई बैंक अधिकारियों से गहरी सांठगांठ थी। वह उनकी मदद से अन्य बैंकों में भी खाते खुलवाता था और इसके एवज में कमीशन देता था। बाद में इन्हीं खातों में साइबर जालसाजों द्वारा की गई ठगी की रकम मंगवाई जाती थी। रकम ट्रांसफर होने के बाद बैंक कर्मियों और अफसरों में कमीशन का बंटवारा होता था। कई राज्यों में फैले हैं तार जांच में सामने आया है कि इस गिरोह के तार मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार, दिल्ली समेत कई राज्यों से जुड़े हुए हैं। पुलिस अब इन राज्यों की एजेंसियों से भी संपर्क कर रही है ताकि गिरोह की पूरी चेन को तोड़ा जा सके। गुरुवार को हुई थी गिरफ्तारी गुरुवार को साइबर क्राइम थाना और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए चिनहट स्थित इंडसइंड बैंक के डिप्टी ब्रांच मैनेजर उत्तम विश्वास को गिरफ्तार किया था। वह गुडंबा, कुर्सी रोड का निवासी है। उसके साथ बस्ती जिले के बभनान के उमाकांत और राजीव को भी पकड़ा गया। तीनों पर आरोप है कि वे मिलकर साइबर जालसाजों को फर्जी बैंक खाते मुहैया कराते थे, जिनमें ‘डिजिटल अरेस्ट’, निवेश और अन्य ठगी के पैसों को खपाया जाता था। अब पुलिस की जांच का फोकस इन पैसों से जुड़ी अवैध संपत्तियों की कुर्की और गिरोह के बाकी सदस्यों की गिरफ्तारी पर है।
जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में राज्य से बाहर के व्यक्ति को कुलगुरु बनाने को लेकर विवाद गहराने लगा है। कुछ समय पहले राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) में महाराष्ट्र के डॉ. प्रमोद येवले को कुलगुरु नियुक्त करने को लेकर डॉक्टरों ने विरोध किया था। अब ऐसी ही स्थिति संस्कृत विवि में सामने आ रही है। कुलगुरु पद के लिए गठित सर्च कमेटी ने जो चार नाम सौंपे हैं। उनमें तीन बिहार से और एक यूपी से है। बिहार से प्रो. मदनमोहन झा, प्रो. श्रीधर मिश्र और प्रो. राधाकांत ठाकुर और यूपी के मेरठ के प्रो. सोमदेव शतांशु का नाम शामिल है। राजस्थान से एक भी विद्वान का नाम शामिल नहीं है। विधायकों का सीएम को पत्रप्रदेश के संस्कृत विद्वानों का कहना है कि राजस्थान में कई विद्वान हैं, लेकिन अनदेखी कर बाहरी को प्राथमिकता दी जा रही है। आरयूएचएस की तरह संस्कृत विवि में यह गलती क्यों दोहराई जा रही है। छबड़ा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी, डीडवाना विधायक युनूस खान और बाली विधायक पुष्पेन्द्र सिंह राणावत ने राज्य के विद्वानों को ही कुलगुरु लगाने की मांग का पत्र राज्यपाल और मुख्यमंत्री को लिखा है। आवेदन प्रक्रिया पर भी सवाल विवि में कुलगुरु पद के निर्धारित तिथि तक 28 आवेदन आए थे। सर्च कमेटी चेयरमैन प्रो. अखिल रंजन गर्ग (बीकानेर तकनीकी विवि कुलपति) ने बाद में 11 दिन अवधि बढ़ा दी। समय बढ़ाने के बाद 5 और आवेदन आए। राजस्थान निवासी संस्कृत विद्वान ही संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलगुरु पद पर नियुक्त होना चाहिए। -बालमुकुन्दाचार्य, हवामहल विधायक एवं सिंडिकेट सदस्य संस्कृत विवि, जयपुर
छत्तीसगढ़ के गौरेला-पेंड्रा-मारवाही जिले में शराब के नशे में बुआ के बेटे ने 10 साल के बच्चे से अननेचुरल सेक्स किया। फिर उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद शव को निर्माणाधीन मकान में साड़ी से फंदा बनाकर लटका दिया। मामले में पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी बुआ के बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। मामला मरवाही थाना क्षेत्र का है। जानकारी के मुताबिक, आरोपी का नाम अर्जुन (25) है। पेशे से मजदूर है और कोरबा के पसान ब्लॉक में रहता है। वह अक्सर अपने मामा के घर आता-जाता रहता था। वारदात वाले दिन भी वह शराब पीकर पहुंचा था। खाना खाने के बाद वह बच्चे के साथ घूमने निकला। इस दौरान दोनों के बीच विवाद हो गया। अर्जुन ने बच्चे को पीट दिया। बच्चा बेहोश हो गया। अचेत अव्यवस्था का फायदा उठाकर आरोपी ने उससे अननेचुरल सेक्स किया था। पुलिस को आरोपी के मोबाइल से पोर्न वीडियो मिले थे। इसी आधार पर मामले का खुलासा हुआ। जानिए क्या है पूरा मामला ? दरअसल, 2 नवंबर को 10 वर्षीय बच्चे का शव निर्माणाधीन मकान में फंदे से लटका हुआ मिला था। शरीर पर चोट के निशान थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि बच्चे की मौत आत्महत्या से नहीं, बल्कि हत्या के कारण हुई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस जांच तेज की। टीम ने ग्रामीणों से घर-घर जाकर पूछताछ की। पुलिस को बुआ के बेटे अर्जुन पर शक गहराया। उसे हिरासत में लिया गया। मोबाइक चेक किया गया। इस दौरान अननेचुरल सेक्स से रिलेटेड कई वीडियो मिले। जब सख्ती से पूछताछ किया गया तो उसने जुर्म स्वीकार किया। शराब पीकर आया था आरोपी आरोपी ने बताया कि 1 नवंबर की रात वह शराब पीकर मामा के घर आया था। खाना खाने के बाद जब सभी सो गए। बाहर मौजूद मामा के बेटे के साथ वह घूमने निकल गया। इस दौरान दोनों में विवाद हो गया और उसने बच्चे को पीट दिया। जिससे वह अचेत हो गया। अचेत अवस्था में बच्चे को देख उसकी देख नीयत बिगड़ी और फिर वारदात को अंजाम दिया। फिर गला घोंटकर मार डाला। घटना को सुसाइड दिखाने के लिए शव को निर्माणाधीन मकान में साड़ी का फंदा बनाकर लटका दिया। न्यायिक रिमांड पर भेजा जेल DSP दीपक मिश्रा ने बताया कि संदेह के आधार पर बुआ के बेटे को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, तो उसने सारी सच्चाई बताई। आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया। कोर्ट में न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। ......................................... क्राइम से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... रायपुर में नाबालिग से अननेचुरल सेक्स कर गला घोंटा: झाड़ियों के बीच कीचड़ में छिपाई लाश; 14 साल का लड़का गणेश देखने निकला था रायपुर में गणेश देखने गए एक नाबालिग से अननेचुरल सेक्स कर उसकी गला घोंटकर हत्या हो गई। वारदात के बाद लाश को झाड़ियों के बीच कीचड़ में छिपा दिया गया। 11 दिन बाद आसपास के लोगों को बदबू आई, तो उन्होंने झाड़ियों के बीच लाश देखी। इस मामले में पुलिस ने रविवार को मुख्य आरोपी सहित 3 को गिरफ्तार किया है। पढ़ें पूरी खबर...
हरियाणा के यात्रियों के लिए शनिवार का दिन एक और बड़ी सौगात लेकर आया है। प्रदेश को आज एक नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिलने जा रही है, जो फिरोजपुर कैंट से दिल्ली जंक्शन के बीच चलेगी। यह ट्रेन हरियाणा के तीन प्रमुख रेलवे स्टेशनों अंबाला कैंट, कुरुक्षेत्र और पानीपत पर रुकेगी। इससे पहले हरियाणा में चलने वाली वंदे भारत ट्रेनें मुख्य रूप से अंबाला तक ही सीमित थीं। लेकिन अब यात्रियों को और अधिक सुविधा मिलने जा रही है। उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि ट्रेन संख्या 26462/26461 वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन आज यानी 8 नवंबर 2025 को फिरोजपुर कैंट रेलवे स्टेशन से किया जाएगा। उद्घाटन के बाद ट्रेन अपने नियमित संचालन पर आ जाएगी और उसी दिन दिल्ली जंक्शन तक जाएगी। अंबाला कैंट स्टेशन पर होगा स्वागत यह नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन अंबाला कैंट स्टेशन पर दोपहर 12:18 बजे पहुंचेगी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ट्रेन के आगमन पर अंबाला कैंट स्टेशन पर एक औपचारिक स्वागत समारोह भी आयोजित किया जाएगा। स्थानीय रेलवे अधिकारी, जनप्रतिनिधि और यात्री इस ऐतिहासिक पल के साक्षी बनेंगे। अधिकारियों ने बताया कि नई वंदे भारत ट्रेन यात्रियों को एक तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करेगी। ट्रेन में उन्नत सुविधाएं जैसे ऑटोमैटिक दरवाजे, जीपीएस आधारित सूचना प्रणाली, ऑनबोर्ड वाईफाई, बायो-वैक्यूम टॉयलेट्स और एर्गोनॉमिक सीटिंग दी गई हैं। पहली बार पानीपत और कुरुक्षेत्र में ठहराव अब तक वंदे भारत ट्रेनें दिल्ली और अंबाला के बीच सीमित ठहरावों के साथ चलती थीं। लेकिन यह नई ट्रेन हरियाणा के दो और महत्वपूर्ण स्टेशनों पानीपत जंक्शन और कुरुक्षेत्र जंक्शन पर भी रुकेगी। रेलवे ने यह निर्णय यात्रियों की बढ़ती मांग और इन स्टेशनों से भारी ट्रैफिक को देखते हुए लिया है। इससे न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी बल्कि दिल्ली-हरियाणा-पंजाब रूट पर कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा। यह ट्रेन क्षेत्रीय व्यापारिक, शैक्षणिक और औद्योगिक यात्राओं के लिए भी अहम साबित होगी। मिनी वंदे भारत, भविष्य में 16 कोच का प्लान फिलहाल यह नई वंदे भारत एक्सप्रेस एक मिनी वंदे भारत के रूप में शुरू की जा रही है। इसमें कुल 8 कोच होंगे। हालांकि रेलवे अधिकारियों का कहना है कि आगे मांग और यात्रियों की संख्या बढ़ने पर इसे पूर्ण 16 कोच वाली ट्रेन में परिवर्तित किया जाएगा। मिनी वंदे भारत ट्रेनों को विशेष रूप से उन मार्गों के लिए तैयार किया गया है, जहां यात्रियों की संख्या मध्यम है लेकिन गति और आराम की आवश्यकता अधिक है। इससे रेलवे को ईंधन और ऊर्जा की बचत करने में भी मदद मिलेगी। हरियाणा के यात्रियों को मिलेगा बड़ा फायदा अंबाला, कुरुक्षेत्र और पानीपत हरियाणा के तीन प्रमुख रेलवे केंद्र हैं, जिनसे प्रतिदिन हजारों यात्री दिल्ली और पंजाब की ओर यात्रा करते हैं। अब इस नई वंदे भारत ट्रेन के शुरू होने से यात्रियों को तेज, समयबद्ध और आरामदायक यात्रा का विकल्प मिलेगा। वंदे भारत ट्रेनों की लोकप्रियता देशभर में तेजी से बढ़ रही है और हरियाणा में इसकी एक और शुरुआत राज्य की परिवहन सुविधाओं को नई दिशा देगी।
प्रदेश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों के चलते सरकार की सख्ती के बाद अब जयपुर कमिश्नरेट क्षेत्र में भी लेन सिस्टम लागू किया जाएगा। पहले चरण में इसे बगरू से दौलतपुरा तक करीब 40 किलाेमीटर तक लागू किया जाएगा। बाद में आस-पास से गुजरने वाले अन्य हाईवे और बड़े मार्गों पर भी लागू किया जाएगा। स्पेशल कमिश्नर राहुल प्रकाश ने बताया कि लेन सिस्टम लागू करने के लिए शनिवार को वेस्ट जिले के डीसीपी हनुमान मीणा और डीसीपी ट्रैफिक सुमित मेहरड़ा की टीम के साथ इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। इसमें संबंधित थानों के एसएचओ और ट्रैफिक पुलिस की टीम संयुक्त काम करेगी। साथ ही परिवहन विभाग की मदद से आईटीएमएस कैमरे भी जल्द लगाए जाएंगे। गौरतलब है कि आईपीएस राहुल प्रकाश ने जयपुर रेंज आईजी रहने के दौरान इसी हाईवे पर जयपुर ग्रामीण व कोटपूतली-बहरोड़ में पहली बार लेन सिस्टम लागू किया था। इसकी सफलता के बाद ही डीजीपी और सीएम ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने के आदेश दिए थे। पहले रोजाना 600 चालान बन रहे थे, अब 4000, ये 6 गुना ज्यादा कमिश्नर सचिन मित्तल ने सड़क सुरक्षा अभियान के तहत पारदर्शी और प्रभावी असर के लिए वीओसी एप से ही कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, ताकि पुलिस वसूली जैसे आरोपों से बच सके और कार्रवाई भी पारदर्शी रहे, क्योंकि एप से कार्रवाई के दौरान नियम तोड़ने वाले वाहन की फोटो भी अपलोड होती है। इस एप में नो-पार्किंग, लाल बत्ती क्रॉस करने, जेब्रा क्रॉसिंग पार करने, रॉन्ग साइड जैसी 12 कैटेगरी में चालानी कार्रवाई कर सकते हैं। इससे वाहनों को रोकना नहीं पड़ता और दुर्घटनाओं की भी संभावना भी कम रहती है। किसी को आपत्ति हो तो 15 दिन में अपील कर सकता है। डीसीपी सुमित मेहरड़ा ने बताया कि एप से पहले रोजाना 600 से 700 कार्रवाई हो रही थीं, अब 4 हजार तक की जा रही हैं। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी। आमजन सुविधा के लिए ऑनलाइन पेमेंट के लिए लिंक भेजा जाता है। ताकि वाहन मालिक खुद के स्तर जुर्माना जमा करवा सकता है। एप में ओवर स्पीड और ड्रिंक एंड ड्राइव की कार्रवाई का ऑप्शन नहीं है। ऐसे में ये कार्रवाई मैन्युअली और आईटीएमएस कैमरों के जरिए की जा रही है। बड़े स्तर जागरूकता अभियान शुरू किया जा रहा है। साथ ही शहर के प्रमुख मार्ग और चौराहों पर यातायात नियमों से जुड़े पोस्टर-बैनर लगेंगे।
अंबाला ज़िले की मुलाना विधानसभा क्षेत्र के धकोला गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक बुजुर्ग महिला चरणजीत कौर की फोटो का इस्तेमाल कर 223 फर्जी वोट बनाए जाने का आरोप है। इस मामले को हाल ही में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सार्वजनिक रूप से उठाया, जिससे प्रशासन और चुनाव आयोग दोनों में हलचल मच गई है।राहुल गांधी ने कहा कि यह घटना लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ है और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाती है। बुजुर्ग चरणजीत कौर का आरोप- कई बार की शिकायत धकोला गांव की बुजुर्ग महिला चरणजीत कौर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने इस मामले की शिकायत कई बार अधिकारियों से की, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की।उन्होंने कहा, “मेरी फोटो का इस्तेमाल गलत तरीके से वोटर लिस्ट में किया गया। जब मैं खुद वोट डालने जाती हूं तो वहां मौजूद पुलिसकर्मी और लोग मज़ाक उड़ाते हैं ‘माता जी, अब वोट करने आई हैं, सुबह से आपकी फोटो वाले कई लोग वोट डालकर चले गए।’” चरणजीत कौर ने इस पूरे मामले को राजनीतिक शरारत बताते हुए कहा कि यह सब विरोधी दलों की साजिश है। बेटा हैप्पी बोला- बूथों पर 223 फर्जी वोट चरणजीत कौर के बेटे हैप्पी, जो धकोला गांव से सरपंच पद का चुनाव लड़ चुके हैं, ने बताया कि उनकी मां की फोटो का इस्तेमाल दो बूथों पर 223 वोटों में किया गया है।उन्होंने कहा, “हमने इस मुद्दे पर धरने तक दिए, अधिकारियों से कई बार शिकायत की, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। यह प्रवासियों के नाम पर बनाई गई फर्जी वोटों की साजिश है।”हैप्पी ने इस घटना को चुनावी तंत्र की “सबसे बड़ी विफलता” बताया और कहा कि प्रशासन इस मामले में “जानबूझकर चुप” है। राहुल गांधी ने फर्जी वोटों पर उठाए सवाल राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा कि अगर एक गांव में एक महिला की फोटो 223 वोटों पर लग सकती है, तो पूरे राज्य या देश में ऐसी कितनी घटनाएं छिपी होंगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।उन्होंने निर्वाचन आयोग और हरियाणा सरकार से इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। राहुल गांधी ने इसे “लोकतंत्र की विश्वसनीयता पर हमला” बताते हुए कहा कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
नवंबर से जनवरी तक 20 हजार जरूरतमंद लोगों के बीच बांटे जाएंगे गर्म वस्त्र
सर्दी का मौसम है और रांची की दर्जनों सामाजिक संस्थाएं जरूरतमंदों को राहत देने के लिए आगे आने लगी हैं। लायंस क्लब ऑफ रांची ग्लोबल, भगवा नारी सेना, अग्रसेन हितकारिणी सभा, मारवाड़ी महिला मंच, जेसीआई उड़ान, रोटरी क्लब समेत 50 से अधिक संगठन ठंड से बचाव के लिए 20,000 से अधिक गरीबों के बीच कंबल, स्वेटर और गर्म कपड़ों का वितरण करने जा रहे हैं। दिसंबर से जनवरी तक चलने वाले इन सेवा कार्यों में हजारों लोग लाभान्वित होंगे। अस्पतालों, झुग्गी-झोपड़ियों और स्कूलों में विशेष वितरण अभियान चलाकर इन संस्थाओं ने समाजसेवा की मिसाल पेश करने की तैयारी की है। सर्द रातों में ठिठुरते लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने का यह अभियान रांची की मानवीय संवेदना और सहयोग की भावना को एक नया आयाम देगा। लायंस क्लब ऑफ रांची ग्लोबल : दिसंबर की शुरुआत में होगा वितरण अस्पतालों व कई क्षेत्रों में जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण किया जाएगा। साथ ही बच्चों और बुजुर्गों के लिए गर्म टोपी का वितरण किया जाएगा। संस्था के अमित शर्मा ने बताया कि करीब 500 कंबल और इतने ही गर्म कपड़े दिसंबर की शुरुआत में बांटे जाएंगे। रोटरी क्लब : 15 दिसंबर से 15 जनवरी तक बंटेगा जेसीआई उड़ान : ठंड बढ़ने पर बांटे जाएंगे कंबल अग्रसेन हितकारिणी सभा : 20 से वितरण मारवाड़ी महिला मंच : 20 नवंबर से होगी शुरुआत 20 नवंबर से पहले ही रांची के जरूरतमंद लोगों को चिह्नित कर 100 से अधिक कंबल का वितरण किया जाएगा। संस्था की अध्यक्ष मधु सर्राफ ने कहा कि संस्था हमेशा की तरह कुछ स्कूलों में स्वेटर और टोपी भी वितरित करने की प्लानिंग कर रही है। क्लब द्वारा 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच रांची व आसपास की झुग्गी-झोपड़ियों के गरीबों के बीच 500 कंबल का वितरण किया जाएगा। संस्था के अध्यक्ष अमित अग्रवाल ने कहा कि गर्म वस्त्र भी वितरण होगा। संस्था के सौजन्य से ठंड पड़ने पर स्लम क्षेत्र व मंदिरों के बाहर जरूरतमंदों के बीच गर्म कपड़े और कंबल वितरण किया जाएगा। संस्था की सचिव प्रिया लाखोटिया ने बताया कि 400 कंबल बांटने की योजना है। सभा के सौजन्य से 20 से 25 नवंबर के बीच शिवनारायण कन्या पाठशाला में 150 स्वेटर का वितरण किया जाएगा। संस्था के संरक्षक प्रभाकर अग्रवाल ने बताया कि इस महीना के अंत तक और भी दो-तीन स्कूलों में जरूरतमंदों के बीच स्वेटर का वितरण किया जाएगा। 25 दिसंबर को संस्था की तरह से झुग्गी-झोपड़ी के जरूरतमंदों के बीच स्वेटर और कंबल का वितरण करेगी। संस्था की अध्यक्ष ने कहा कि ढाई सौ से ज्यादा लोगों के बीच वितरण किया जाएगा। रांची-आसपास में भी वितरण कार्यक्रम चलाया जाएगा। भगवा नारी सेना : 25 दिसंबर से बांटेगा
देश, धर्म व संस्कृति की रक्षा करना ही विहिप का लक्ष्य : अंबरीश सिंह
झारखंड की प्रांत टोली बैठक रांची के एयरपोर्ट रोड स्थित ग्रीन एकर्स में प्रांत अध्यक्ष चंद्रकांत रायपत की अध्यक्षता में हुई, जिसमें प्रांत पदाधिकारी,आयामों के प्रमुख सभी विभागों के मंत्री व संगठन मंत्री उपस्थित थे। बैठक में विगत कार्यक्रमों की समीक्षा और आगामी कार्यक्रमों की योजना बनाई गई। बैठक में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री सह विशेष संपर्क प्रमुख अंबरीश सिंह और क्षेत्र संगठन मंत्री आनंद पांडे उपस्थित थे। अंबरीश सिंह ने कहा कि परिषद के कार्यकर्ता कार्यक्रमों के माध्यम से संपूर्ण हिंदू समाज के बीच संगठन का कार्य स्थापित करें। समाज में किस प्रकार समरसता का भाव बढ़े, गो माता की रक्षा हो, मठ-मंदिरों की सुरक्षा हो, मतांतरण रुके, सेवा, सत्संग ऐसे अनेक कार्यों में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता लगे हुए हैं। संगठन का एक ही लक्ष्य है अजेय हिंदू शक्ति खड़ा कर देश, धर्म और संस्कृति की रक्षा करना। चंद्रकांत रायपत ने पूर्ण निष्ठा के साथ परिषद के कार्यों को सफल बनाने का आह्वान किया। प्रांत मंत्री मिथिलेश्वर मिश्र ने कहा कि 15 नवंबर भगवान बिरसा मुंडा जयंती जनजातीय गौरव दिवस, 24-25 नवंबर को गुरु तेग बहादुर बलिदान दिवस, एक दिसंबर से 7 दिसंबर गीता जयंती शौर्य दिवस, 26 दिसंबर वीर बाल दिवस और 23 दिसंबर से 31 दिसंबर तक धर्म रक्षा दिवस का कार्यक्रम विश्व हिंदू परिषद द्वारा सभी प्रखंडों में किया जाएगा। सभी कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए जिला बैठकें 8, 9 और 10 नवंबर और प्रखंड बैठकें 11 नवंबर से 16 नवंबर के बीच आयोजित की जाएंगी।बैठक में प्रांत संगठन मंत्री देवी सिंह, प्रांत उपाध्यक्ष गंगा प्रसाद यादव , राजेंद्र सिंह मुंडा ,प्रांत सह मंत्री मनोज पोद्दार, प्रांत संयोजक रंगनाथ महतो व अन्य मौजूद थे।
लोहामंडी भीषण सड़क हादसे ने जेडीए की कुंभकरणी नींद उड़ा दी है। जेडीए अब शहर की सभी मुख्य सड़कों से अतिक्रमण हटाकर उन्हें तय चौड़ाई में लाएगा। शुरुआत लोहामंडी को एक्सप्रेस-वे से कनेक्ट करने वाली उसी सड़क से हाेगी, जहां दर्दनाक हादसे में 14 लोगों की जान गई। जोनल प्लान के अनुसार इस सड़क की चौड़ाई 80 फीट है, लेकिन मौके पर कहीं 60 तो कहीं 70 फीट चौड़ी ही मिली। यहां दोनों तरफ दुकानदारों ने 10 से 20 फीट तक स्थायी अतिक्रमण कर रखे हैं। हादसे के बाद निगम द्वारा अस्थायी अतिक्रमण हटाने के बाद जेडीए प्रवर्तन और जोन टीम ने डिमार्केशन किया। अब जेडीए नोटिस देकर कार्रवाई करेगा। डीआईजी कोटोकी खुद फील्ड में उतरेंगेजेडीए डीआईजी राहुल कोटोकी खुद फील्ड में अवैध कॉमर्शियल बिल्डिंग चिह्नित करेंगे। क्वींस रोड, गांधी पथ, अमरपाली मार्ग, वैशाली मार्ग और सिरसी मुख्य सड़क पर स्वीकृत पट्टे के विपरीत बनी बिल्डिंगों का निरीक्षण कर अवैध निर्माण ध्वस्त करने के नोटिस दिए जाएंगे। 30 फीट तक कब्जे, सर्विस लेन गायब मुख्य सड़कों का भी होगा सर्वे हादसे के बाद जागी सरकार और हाई काेर्ट के आदेशों के बाद जेडीए शहर को हाईवे, एनएच और एक्सप्रेस-वे से कनेक्ट करने वाली सड़कों के साथ मुख्य सड़कों का भी सर्वे करवाएगा। इनमें सांगानेर, वैशाली नगर, कालवाड़ रोड, सिरसी, आगरा रोड, दिल्ली रोड, टोंक रोड, कमला नेहरू नगर सहित 10 सड़क शामिल हैं। मामला कोर्ट में था, अब आदेश की पालना होगीहाई कोर्ट में अतिक्रमण हटाने को लेकर मामला पेंडिंग था। अब हाई कोर्ट ने भी सड़कों से अतिक्रमण हटाने के आदेश दे दिए हैं। हादसे के बाद राज्य सरकार के निर्देशों की पालना में जेडीए मुख्य सड़कों का सर्वे करेगा। अवैध कॉमर्शियल बिल्डिंगों पर कार्रवाई होगी। सर्वे कर नोटिस देंगे। सड़क को तय चौड़ाई के अनुसार स्थायी अतिक्रमण हटाकर सुगम ट्रैफिक कॉरिडोर बनाया जाएगा। -राहुल कोटोकी, डीआईजी, जेडीए
झारखंड पेडिकॉन : इनवेसिव वेंटिलेशन पर कार्यशाला में देशभर के डॉक्टर हुए शामिल
रांची| इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) रांची शाखा द्वारा आयोजित तीन दिवसीय 24वां झारखंड पेडिकॉन 2025 शुक्रवार से शुरू हो गया। पहले दिन रिम्स और रानी हॉस्पिटल में इनवेसिव वेंटिलेशन विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से आए पीडियाट्रिक और न्यूनेटल विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। रिम्स के शिशु रोग विभाग में हुई कार्यशाला का उद्घाटन डॉ. राजीव मिश्रा, डॉ. पार्थ कुमार चौधरी, बालपन हॉस्पिटल के डॉ. राजेश कुमार और डॉ. शक्तिपाद दास ने संयुक्त रूप से किया। कार्यशाला के दौरान नवजात और शिशुओं में सांस संबंधी गंभीर बीमारियों के इलाज में वेंटिलेटर के उपयोग को लेकर विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया। एम्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नीलाद्री भूनियां, डॉ. कल्याणी और डॉ. रतन कुमार ने बच्चों में इनवेसिव वेंटिलेशन की बारीकियों पर महत्वपूर्ण सत्र लिया। वहीं जयपुर मेडिकल कॉलेज के डॉ. अविनाश गीतांजलि, एम्स के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. के. समीर, रिम्स के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. किरण शंकर दास और अशर्फी हॉस्पिटल धनबाद के डॉ. किशोर गांधी ने नवजात शिशुओं में नॉन-इनवेसिव वेंटिलेशन की तकनीक और चुनौतियों कोर विस्तार से बताया। दूसरी ओर, रानी हॉस्पिटल में आयोजित समानांतर कार्यशाला में विशाखापत्तनम से आए डॉ. सुनील किशोर, हैदराबाद की डॉ. अपर्णा चंद्रशेखरण, रानी हॉस्पिटल के डॉ. राजेश, डॉ. हेमंत, डॉ. रौनक और पारस अस्पताल के डॉ. निशांत पाठक ने भाग लिया।
20 लाख रंगदारी नहीं देने पर दुकान में बम फेंकने के मामले में दो गिरफ्तार
रांची| ठाकुरगांव थाना क्षेत्र स्थित उरूगुटू में 20 लाख रुपए रंगदारी देने से इंकार करने पर दुकान में बम फेंकने के मामले में दो आरोपी को गिरफ्तार कर शुक्रवार को जेल भेज दिया गया। इन आरोपियों का नाम अब्दुल रहीम उर्फ पप्पू और मोजीब अंसारी है। दोनों पिठौरिया का ही रहने वाला है। पुलिस की पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने 20 लाख रंगदारी मांगने व पैसा नहीं देने पर दुकान में बम फेंकने की बात को स्वीकार की है। मालूम हो कि 3 नवंबर को ठाकुरगांव थाना क्षेत्र स्थित बसरी गांव के एक व्यवसायी की दुकान पर अपराधियों ने बम फेंक दिया था। पीड़ित व्यवसायी ने पूरी घटना की जानकारी पुलिस को देते हुए अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए प्लानिंग की। रंगदारी का पैसा देने के लिए आरोपियों को ठाकुरगांव-पिठौरिया रोड में बुलाया गया। पुलिस ने पूरे इलाके में घेराबंदी कर रखी थी। इसके बाद जैसे ही दोनों आरोपी पैसा लेने पहुंचे, उन्हें दबोच लिया गया।
इंटरनेशनल कराटे चैंपियनशिप के लिए तीन खिलाड़ी चयनित
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में 9 नवंबर को आयोजित होने वाली तीसरे इंटरनेशनल सीरीज-2 कराटे चैंपियनशिप में रांची के ड्रेगो मार्शल आर्ट अकादमी से तीन खिलाड़ी चयनित हुए हैं। इन खिलाड़ियों में आकृति उरांव, अंकित कुमार सिंह और सिद्धि सिंह शामिल हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। टीम को रवाना करते समय सांसद प्रतिनिधि व भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व उपाध्यक्ष राकेश कुमार चौधरी ने तिरंगा भेंट कर खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थानीय खिलाड़ियों का चयन होना, पूरे राज्य और देश के लिए गर्व की बात है। चौधरी ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि वे अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से देश का नाम रोशन करेंगे। ड्रेगो मार्शल आर्ट अकादमी के अध्यक्ष लव कुमार ने बताया कि यह उपलब्धि बच्चों की कड़ी मेहनत और अनुशासन का परिणाम है। अकादमी की ओर से बेहतर प्रशिक्षण और मार्गदर्शन देकर खिलाड़ियों को तैयार किया गया है।
अवैध हथियार मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव समेत सात आरोपियों का बयान दर्ज
अवैध हथियार रखने के मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव सहित सात आरोपियों का बयान दर्ज किया गया। तीन अन्य आरोपियों का बयान दर्ज नहीं हो सका, क्योंकि सुनवाई के दौरान तीन अन्य आरोपी संदीप साहू, प्रकाश साहू और मुकेश साव कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। इन तीनों आरोपियों का बयान दर्ज करने के लिए अपर न्याय आयुक्त एके तिवारी की अदालत ने 13 नवंबर की तिथि निर्धारित की है। उक्त सभी 10 आरोपियों के खिलाफ 1 सितंबर 2014 को हजारीबाग जिला अंतर्गत गिद्दी थाना में तत्कालीन थाना प्रभारी कमलेश प्रसाद ने मामला दर्ज कराया था। आरोप है कि हजारीबाग जिला अंतर्गत बरका चुंबा टोला उच्चरिंगा बस्ती में छापेमारी के दौरान पुलिस ने इन लोगों के कब्जे से भारी मात्रा में राइफल और जिंदा कारतूस बरामद किया था। इसके अलावा प्रतिबंधित संगठन झारखंड टाइगर ग्रुप का लेटर पैड भी बरामद किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दर्ज मामले में आगे की सुनवाई के लिए हजारीबाग सिविल कोर्ट से स्थानांतरित कर मामला रांची सिविल कोर्ट में भेजा गया।
स्टेट यूनिवर्सिटी : विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के सात शिक्षकों के लिए 34 लाख रुपए हुए स्वीकृत
रांची राज्य के यूनिवर्सिटी शिक्षकों के लिए अच्छी खबर है। आने वाले दिनों में कैंपस में कक्षा की दीवारों से आगे बढ़कर विचार, विज्ञान और शोध की गूंज सुनाई देगी। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत के झारखंड स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल (जेएसएचईसी) द्वारा राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के शिक्षकों को विभिन्न एकेडमिक एक्टिविटी के लिए राशि आवंटित की गई है। इस राशि से राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और राज्यस्तरीय सेमिनार, कॉन्फ्रेंस और वर्कशॉप आयोजित किए जाएंगे। इस पहल का उद्देश्य शिक्षण संस्थानों में शोध, नवाचार और संवाद की संस्कृति को बढ़ावा देना है। राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों के सात शिक्षकों को 34 लाख 3 हजार 473 रुपए की स्वीकृति दी है। बताते चलें कि हाल में ही शिक्षकों ने एकेडमिक एक्टिविटी के लिए प्रस्ताव जमा किया था। सभी प्रस्तावों की स्क्रूटनी प्रोजेक्ट अप्रेजल कमेटी द्वारा की गई थी। उन्ही कार्यक्रमों को मंजूरी दी गई है, जिन्हें राज्यहित में उपयोगी और शैक्षणिक रूप से प्रभावशाली माना गया। इसके बाद विभाग द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए राशि आवंटित से संबंधित कार्यवाही पूरी कर ली गई है।
मध्यप्रदेश में कैंसर मरीजों के लिए प्रदेश का पहला सेंट्रलाइज्ड कैंसर ब्लॉक तैयार किया जा रहा है। जो 2026 तक शुरू हो जाएगा। इस मॉडर्न ब्लॉक में कैंसर के मरीजों को गामा नाइफ और पीईटी-सीटी स्कैन जैसी एडवांस सुविधाएं एक ही स्थान पर मिलेंगी। अभी मरीजों को संस्थान में इलाज के लिए लंबी वेटिंग का सामना करना पड़ रहा है। सिटी स्कैन और एमआरआई जैसी जांच के लिए 6 माह से एक साल तक की वेटिंग है। इन परेशानियों से मरीज को बचाने के लिए यह सेंट्रलाइज्ड ब्लॉक तैयार किया जा रहा है। जांच से लेकर 6 तरह के इलाज तक की सुविधानए कैंसर ब्लॉक में मरीजों को जांच से लेकर ट्रीटमेंट तक की सभी सेवाएं एक ही स्थान पर मिलेंगी। इसमें कीमोथेरेपी, सर्जरी, टारगेट थेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, मेंटल हेल्थ काउंसलिंग और स्टेम सेल ट्रीटमेंट की व्यवस्था होगी। एम्स प्रशासन का कहना है कि फिलहाल कैंसर मरीजों को अलग-अलग विभागों में भटकना पड़ता है। जांच एक जगह, सर्जरी दूसरी जगह और रेडिएशन तीसरी जगह होती है। लेकिन इस ब्लॉक के शुरू होने के बाद सभी विशेषज्ञ एक साथ मिलकर मरीज की स्थिति के अनुसार संयुक्त निर्णय लेंगे। गंभीर मरीजों के लिए ‘प्रिफरेंस सिस्टम’ तैयार होगा एम्स के इस नए ब्लॉक में स्मार्ट स्क्रीनिंग सिस्टम तैयार किया जा रहा है। अस्पताल में आने वाले हर मरीज को पहले एक स्क्रीनिंग यूनिट से गुजरना होगा। यहां डॉक्टर उनकी जांच करेंगे और यह तय करेंगे कि मरीज को कैंसर है, या नहीं। जिन मरीजों में कैंसर की पुष्टि होगी, उन्हें गंभीरता के आधार पर वर्गीकृत किया जाएगा। इससे जिन मरीजों की स्थिति गंभीर है, उन्हें कम वेटिंग में प्राथमिकता के आधार पर इलाज मिलेगा। वहीं, जिन मरीजों में सिर्फ कैंसर का संदेह होगा, उन्हें आवश्यक जांच के लिए अन्य संबंधित विभागों में भेजा जाएगा। एमपी के इन जिलों से सबसे ज्यादा मरीजएम्स भोपाल के आंकड़ों के अनुसार, हर साल 36 हजार से ज्यादा कैंसर मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमें से करीब 60% मरीज भोपाल के बाहर के हैं। सबसे ज्यादा केस आगर मालवा (3664), रायसेन (1776), विदिशा (1536), नर्मदापुरम (1216), सागर (1072), रीवा (944) जैसे जिले टॉप पर हैं। हालांकि, इसका बड़ा कारण भोपाल से भौगोलिक नजदीकी है। लेकिन, यह भी सवाल उठाता है कि इन जिलों के जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में कैंसर इलाज की व्यवस्था मजबूत क्यों नहीं है?। एम्स निदेशक बोले- रिसर्च और क्लीनिकल ट्रायल्स पर भी फोकस किया जाएगा एम्स भोपाल के कार्यकारी निदेशक डॉ. माधवानंद कर ने बताया कि यह कैंसर ब्लॉक प्रदेश में कैंसर उपचार की दिशा बदल देगा। उन्होंने कहा कैंसर के हर मरीज को समग्र इलाज की जरूरत होती है। अभी मरीजों को विभिन्न विभागों में भाग-दौड़ करनी पड़ती है, लेकिन इस ब्लॉक के शुरू होने से सर्जरी, कीमो और रेडिएशन सब एक ही छत के नीचे संभव हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यहां रिसर्च और क्लीनिकल ट्रायल्स पर भी फोकस किया जाएगा, ताकि कैंसर के शुरुआती लक्षणों में ही सटीक इलाज शुरू किया जा सके। यह भी पढ़ें...अब पुरुषों में ब्रेस्ट कैंसर, महिलाओं वाले हार्मोन बढ़ रहे महिलाओं की तरह अब पुरुषों में भी स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पहले जहां 100 ब्रेस्ट कैंसर के मरीजों में एक पुरुष होना भी दुर्लभ था, वहीं अब यह आंकड़ा 4 तक पहुंच गया है। नेशनल कैंसर अवेयरनेस डे के मौके पर एम्स, भोपाल के निदेशक और देश के जाने-माने ऑन्को सर्जन डॉ. माधवानंद कर ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि पुरुषों में हार्मोनल असंतुलन की समस्या बढ़ रही है। पुरुषों में महिलाओं वाले हार्मोन एस्ट्रोजेन का स्तर बढ़ रहा है। वयस्क पुरुषों और यहां तक कि बच्चों में भी गाइनेकोमास्टिया यानी ब्रेस्ट टिशू के असामान्य रूप से बढ़ने की समस्या आम हो गई है। पढ़िए पूरी खबर।
सीयूजे... नियुक्ति परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप, परीक्षा रद्द करने की मांग
रांची|झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUJ) की नॉन-टीचिंग नियुक्ति परीक्षा सुर्खियों में है। अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) ने इस परीक्षा को भ्रष्टाचार और मिलीभगत का मॉडल बताते हुए तत्काल रद्द करने और न्यायिक जांच की मांग की है। आजसू का कहना है कि पहले राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा परीक्षा कराई गई थी, जिसे यूनिवर्सिटी प्रशासन ने रद्द कर दिया था। इसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा निजी एजेंसी से पुनः परीक्षा कराई। संघ ने आरोप लगाया कि प्रश्न पत्र खुले लिफाफों में A4 शीट पर बिना किसी सुरक्षा चिह्न के वितरित किए गए। हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों को तीन प्रश्न कम दिए गए। आजसू ने यूनिवर्सिटी प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाया है। संघ ने कहा कि परीक्षा के दिन कुलपति अनुपस्थित थे, जबकि हाईकोर्ट में इस भर्ती पर पहले से स्टे ऑर्डर जारी है। आजसू के प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा ने कहा कि यह परीक्षा नहीं, झारखंड के युवाओं के भविष्य के साथ धोखा है। यह साजिश उजागर होगी तो कई बड़े नाम सामने आएंगे। संघ ने कुलाधिपति, शिक्षा मंत्रालय और यूजीसी से मांग की है कि पूरी प्रक्रिया की स्वतंत्र न्यायिक जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
झारखंड के 3 लाख नए हरा राशन कार्ड धारक भी होंगे ‘आयुष्मान’
झारखंड सरकार ने राज्यवासियों के लिए बड़ी राहत की घोषणा की है। पूर्व में जहां सीमित संख्या में हरा राशन कार्डधारी आयुष्मान भारत-मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ उठा रहे थे, अब सरकार ने सूची में 3 लाख नए लाभुक परिवारों को जोड़ दिया है। अब सभी हरा राशन कार्डधारी परिवारों को सालाना 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज मिल सकेगा। ये वे लोग हैं जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के पात्र तो हैं, लेकिन केंद्र द्वारा तय सीमा के कारण एनएफएसए के तहत खाद्यान्न वितरण का लाभ नहीं ले पा रहे थे। स्वास्थ्य विभाग ने झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना के तहत चिह्नित 15 लाख नए लाभुकों (करीब 3 लाख परिवार) को योजना में शामिल करने का निर्णय लिया है। अब उन्हें स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए योजना पर 175 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी है। इस राशि से राज्य के कुल 61 लाख 50 हजार परिवारों को योजना के दायरे में लाया गया है, इनमें अतिरिक्त 3 लाख हरा राशन कार्डधारी परिवार जुड़ चुके हैं। पहले 58.5 लाख परिवारों को लाभ मिल रहा था। गंभीर बीमारी में भी आर्थिक चिंता नहीं होगी 3 लाख नए परिवार समेत सभी हरा कार्डधारी गंभीर बीमारी के इलाज में आर्थिक रूप से सुरक्षित होंगे। गरीब परिवारों की जेब से होने वाला इलाज खर्च घटेगा। राज्य की कुल आबादी का बड़ा हिस्सा स्वास्थ्य सुरक्षा दायरे में आ जाएगा। निजी एवं सरकारी अस्पतालों में कैश-लेस ट्रीटमेंट आसानी से उपलब्ध होगा। अब एपीएल परिवार के सदस्य भी इन बीमारियों का इलाज मुफ्त करा सकेंगे... हरा राशन कार्डधारक अब वे सभी सुविधाएं पा सकेंगे, जो बाकी आयुष्मान लाभुकों को मिलती हैं। हार्ट सर्जरी (बाईपास, वॉल्व रिप्लेसमेंट), किडनी डायलिसिस, ट्रांसप्लांट से पहले की प्रक्रिया, ब्रेन स्ट्रोक, न्यूरो सर्जरी, कैंसर की सर्जरी एवं इलाज, हड्डी टूटना, बड़े ऑपरेशन, स्त्री रोग से जुड़ी सर्जरी, नवजात शिशु और प्रसूती संबंधी इलाज, दुर्घटना में लगी गंभीर चोटों का इलाज सहित करीब 1500 से अधिक पैकेज का लाभ मिलेगा। हरा राशन कार्डधारक ऐसे ले पाएंगे योजना का लाभ... योजना का लाभ लेने के लिए लाभुक परिवार के पास हरा राशन कार्ड होना अनिवार्य है। यह कार्ड स्वतः योजना में शामिल कर लिया जाएगा और पात्रता सूची में परिवारों के नाम आयुष्मान पोर्टल में अपडेट होंगे। लेकिन इलाज लेने के लिए गोल्डन कार्ड बनवाना होगा। इसके लिए नजदीकी जन सेवा केंद्र (सीएचसी) या रिम्स व अन्य अस्पतालों में लगे आयुष्मान काउंटर पर राशन कार्ड व आधार कार्ड के साथ जाकर गोल्डन कार्ड प्रिंट कराया जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह द्वारा जारी आदेश के अनुसार प्रति परिवार 5 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा कवरेज दिया जाएगा। इसमें एक लाख रुपए बीमा कंपनी द्वारा (इंश्योरेंस मॉडल) और 4 लाख रुपए ट्रस्ट मॉडल के तहत झारखंड स्टेट हेल्थ ट्रस्ट द्वारा वहन किए जाएंगे। पूर्व के लाभुकों के प्रीमियम भुगतान में 60% हिस्सा केंद्र सरकार और 40% हिस्सा राज्य सरकार वहन करती है, पर इन हरा कार्ड धारक 3 लाख परिवारों के बीमा खर्च का भार पूरी तरह राज्य निधि से वहन किया जाएगा।
छह लाख मीट्रिक टन धान खरीदेगी सरकार, किसान खुद स्लॉट बुक करा सकेंगे
झारखंड में धान कटाई का मौसम शुरू हो गया है। खाद्य आपूर्ति विभाग भी धान खरीद योजना को अंतिम रूप देने में जुटा है। इसके लिए संचालन की प्रक्रिया (एसओपी) तैयार कर ली गई है। इसे मंजूरी के लिए राज्य योजना प्राधिकृत समिति को भेजी जाएगी। इस बार राज्य में छह लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है। खरीदारी की व्यवस्था में भी बदलाव किया गया है। टू वे कम्युनिकेशन प्रणाली लागू की जा रही है। इसके तहत जहां निबंधित किसानों को एसएमएस या फोन से संबंधित लैम्पस-पैक्स में धान बेचने की सूचना दी जाएगी। वहीं किसान अपनी सुविधा के अनुसार खुद स्लॉट बुक कर सकेंगे। इसके लिए उपार्जन पीएमयू द्वारा एक मोबाइल एप विकसित किया जाएगा। इस पर किसान स्लॉट बुक कर अपनी सहूलियत के हिसाब से धान बेच सकेंगे। स्लॉट बुकिंग के लिए कॉल सेंटर की व्यवस्था भी होगी, ताकि जिन किसानों के पास स्मार्ट फोन नहीं है, वे कॉल करके स्लॉट बुक करा सकेंगे। इस बार एक किसान से अधिकतम 200 क्विंटल धान खरीदी जाएगी। लेकिन अगर कोई किसान इससे ज्यादा धान बेचना चाहते हैं तो संबंधित जिले के डीसी से इसकी अनुमति लेनी होगी। पिछले सीजन में 2.37 लाख का हुआ था निबंधन राज्य में पिछले सीजन में करीब 2.37 लाख किसानों ने धान बिक्री के लिए निबंधन कराया था। इसमें से 58,827 किसानों ने झारखंड राज्य खाद्य निगम को धान की बिक्री की थी। खरीफ विपणन मौसम 2024-25 में 40 लाख क्लिंटल धान की खरीदारी हो पाई थी। विभाग को उम्मीद है कि धान की खरीदारी में इस साल निर्धारित लक्ष्य पूरा हो जाएगा। क्योंकि इस बार मानसून मेहरबान रहा, जिससे पैदावार अच्छी हुई है। जमीन का सीओ करेंगे वेरिफिकेशन अंचल अधिकारी (सीओ) किसानों के रजिस्ट्रेशन के आवेदन में दर्ज भूमि की जांच और धान खरीद के दौरान जमीन का रेंडम वेरिफिकेशन करेंगे। प्रखंड विकास पदाधिकारी भी निबंधित किसानों के वास्तविक किसान होने संबंधी जांच करेंगे। धान बेचने वाले किसान कृषि कार्य में संलग्न हैं या नहीं और घोषित भूमि पर धान की खेती हुई या नहीं, इसका भी रेंडम वेरिफिकेशन किया जाएगा। खरीद के समय किसान का होगा ई-केवाईसी धान खरीद के लिए झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड रांची को नोडल एजेंसी बनाया गया है। पहले से रजिस्टर्ड सभी किसानों का धान खरीद के समय ई-केवाईसी किया जाएगा। फिर उपार्जन पोर्टल पर निबंधित किसानों की एक सूची तैयार की जाएगी, जो बैंक खाता, मोबाइल नंबर और जमीन के खाते के आधार पर होगी। यह सूची दो तरह से तैयार होगी। पहला-वे किसान जो हर साल नियमित रूप से धान बेचते हैं। दूसरा-जो पिछले कुछ सालों से धान नहीं बेच रहे थे। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करा सकेंगे धान खरीद का काम कंप्यूटरीकृत प्रणाली (ई-उपार्जन पोर्टल) के तहत होगा। जिला आपूर्ति पदाधिकारी नियमित रूप से किसानों का रजिस्ट्रेशन करेंगे। किसान इस बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी करा सकेंगे। इसके लिए किसानों को आवेदन के साथ फोटोयुक्त पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, बैंक खाता विवरणी, भूमि का रकबा (खाता व प्लॉट संख्या) की कॉपी अपलोड करनी होगी। वैध मोबाइल नंबर भी देना होगा। मोबाइल नंबर और बैंक खाते में सुधार भी किसान खुद उपार्जन पोर्टल से कर सकेंगे। इसी तरह ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए भी यही दस्तावेज देने होंगे। जिला आपूर्ति कार्यालय इसे ई-उपार्जन पोर्टल पर अपलोड करेगा। एक किसान से अधिकतम 200 क्विंटल धान की खरीद होगी
जेबीवीएनएल का कैंप आजमोबाइल नंबर व सिक्यूरिटी मनी अपडेट कराने का मौका
रांची| झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) शनिवार (8 नवंबर) को आम बिजली उपभोक्ताओं के लिए उपभोक्ता जागरूकता कैंप लगा रहा है। यह कैंप हर विद्युत अवर प्रमंडल कार्यालय में लगाया जाएगा। यह जानकारी रांची सर्किल के अधीक्षण अभियंता डीएन साहू ने दी। उन्होंंने रांची अंचल के सभी सम्मानित उपभोक्ताओं से अपने नजदीकी बिजली कार्यालय में आकर इस शिविर का लाभ उठाने का आग्रह किया है। कैंप में उपभोक्ता अपने मोबाइल नंबर को अपने बिजली कनेक्शन के साथ अपडेट करा सकते हैं, जिससे कि उन्हें समय पर अपने बिल की जानकारी मिलने में कोई दिक्कत नहीं होगी। उपभोक्ता अपनी सिक्योरिटी राशि को भी अपने कनेक्शन के साथ अपडेट करा सकते हैं। चूंकि अब उपभोक्ताओं को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ही व्हाट्सएप के माध्यम से बिजली बिल उपलब्ध कराया जा रहा है। इसलिए जेबीवीएनएल ने सभी उपभोक्ताओं से अनुरोध किया है कि शिविर में आकर अपने कनेक्शन में अपना मोबाइल नंबर अपडेट जरूर करा लें।
रात का पारा चढ़ा, पर शाम ढलते ही बढ़ रही ठंड, बर्फबारी का भी असर झारखंड में ठंडी हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है। सुबह आैर शाम में सर्द हवाएं सताने लगी हैं। जैकेट -स्वेटर के बिना सड़कों पर चलना मुश्किल हो रहा है। शुक्रवार को रात का पारा मामूली रूप से चढ़ गया। रांची का न्यूनतम तापमान 1.8 डिग्री बढ़कर 17.4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो सामान्य से 2.4 डिग्री अधिक है। इसी तरह अन्य जिलों का न्यूनतम तापमान भी 1 से 2 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया। इसके बावजूद शाम ढलते ही ठिठुरन बढ़ गई। मौसम विभाग केंद्र रांची के अनुसार, अगले तीन दिनों में ठंड और बढ़ेगी। न्यूनतम तापमान में पांच डिग्री तक की गिरावट आने की संभावना है। मतलब 10 नवंबर तक कई जिलों का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे जा सकता है। राजधानी रांची का न्यूनतम तापमान भी 10 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंचने की संभावना है। हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी होने के बाद शीतलहर भी चलेगी। 15 नवंबर के बाद ठंड और सताएगी। सुबह में कोहरा छाया रहेगा, इसके बाद आसमान साफ रहेगा। इधर, पिछले 24 घंटे में सबसे कम न्यूनतम तापमान गुमला जिले का 12.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गौरतलब है कि पहाड़ों पर बर्फ पड़ने लगी है। इसका असर झारखंड में दिख रहा है।
दो माह में सात सड़कों से 21 बार हटाया कब्जा, पर हर बार लौट आए कब्जाधारी
रांची को राजधानी बने ढ़ाई दशक होने वाले हैं। इतने वर्षों में रांची की आबादी 8.50 लाख से बढ़कर 15 लाख से अधिक हो गई है। वाहनों की संख्या तीन लाख से बढ़कर 15 लाख के करीब पहुंच गई है। जिस अनुपात में आबादी और वाहनों की संख्या बढ़ी उस अनुसार सड़कें चौड़ी नहीं हुई और न शहर का विकास हुआ। इसका नतीजा है सड़क पर ही फुटपाथ की दुकानें सजती है। नगर निगम ने शहर में चार वेंडिंग जोन बनाए इसके बावजूद फुटपाथ से कब्जा नहीं हट रहा है। सड़कों को अतिक्रमणमुक्त कराने के लिए निगम लगातार अभियान चला रहा है। पिछले दो माह के दौरान नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस ने चार रूट में 21 बार अतिक्रमण हटाया। दैनिक भास्कर की टीम ने चार रूट में अतिक्रमण हटाओ अभियान की सच्चाई की पड़ताल की तो हालात जस के तस दिखी। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि आखिर यह अतिक्रमण हटता क्यों नहीं? देखिए कैसे सड़कों पर आज भी कब्जा है और लोग इन सड़कों पर कैसे सरक रहे हैं। किस जगह पर कितनी बार चला है अभियान स्थान कितनी बार हटा डोरंडा 3 कांटाटोली के पास 3 कांके रोड 2 कडरू 2 लालपुर-कोकर 2 रिम्स परिसर 2 स्टेशन रोड 2 लगातार अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला रही है बड़ा तालाब : बड़ा तालाब के चारों ओर निगम की टीम पिछले 2 महीने में 4 बार अभियान चला चुकी है। तालाब के किनारे सड़क पर अतिक्रमण कर सजाए गए ठेला- खोमचा के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है। कई बार सामान जब्त कर ली गई। पुलिस ने सख्ती से चेतावनी भी दी। हालांकि इसके बाद भी वहां दुकानें सज रही हैं। रातू रोड : नागाबाबा खटाल, किशोरी यादव चौक व आेटीसी मैदान के आसपास समेत रातू रोड में 2 महीने में 4 बार अतिक्रमण हटाया गया। 20 से अधिक ठेले-खोमचों को जब्त किया गया। दर्जनों दुकानों के बाहर से बोर्ड, होर्डिंग्स हटाए गए। लेकिन अब स्थिति ऐसी है कि रातू रोड में सड़क किनारे फिर अतिक्रमण हो गया। हरमू : हरमू बाजार, विद्यानगर, हरमू चौक से पटेल चौक व बाईपास रोड समेत विभिन्न जगहों पर 2 माह में 5 बार अभियान चलाया गया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद हरमू बाजार के रास्ते को अतिक्रमण मुक्त कराया गया था। दुबारा दुकान नहीं लगाने की चेतावनी दी गई थी। लेकिन अब हालात बदले हुए हैं। दुकानें पहले की तरह सज गई हैं। कचहरी चौक से मेन रोड- इस रूट में दो माह में 8 बार अतिक्रमण हटाया गया। दुर्गा पूजा में अभियान तेज हुआ था। गुरुवार को भी इस रूट से अतिक्रमण हटा। लेकिन शुक्रवार को स्थिति वैसी ही दिखी। कचहरी चौक से अल्बर्ट एक्का चौक तक नो वेंडिंग जोन है। इसके बावजूद यहां रोजाना दुकानें सज रही हैं। शहीद चौक से सर्जना चौक रोड के दोनों किनारे पर दुकानें लगी थीं। जैसे ही निगम-ट्रैफिक पुलिस की टीम अतिक्रमण हटाती है, दो घंटे के अंदर दुबारा दुकानें सज जाती हैं। कार्रवाई के बाद भी हालात जस के तस, रोजाना सड़कें हो रहीं जाम
झारखंड में 25 साल में मेडिकल कॉलेज 3 से बढ़कर 9 हो गए, एमबीबीएस की सीटें भी 350 से बढ़कर 1100
15 नवंबर 2000 को झारखंड अलग राज्य बना। तब राज्य में स्वास्थ्य सेवाएं बेहद सीमित थीं। सिर्फ तीन मेडिकल कॉलेज-रिम्स (तब राजेंद्र मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल), एसएनएमएमसीएच धनबाद (तब पीएमसीएच) और एमजीएम मेडिकल कॉलेज जमशेदपुर पर ही डॉक्टर तैयार करने का जिम्मा था। एमबीबीएस की सीटें भी महज 350 थीं। विशेषज्ञ डॉक्टर कम थे। सुपर स्पेशियलिटी विभाग नहीं थे। कैंसर, हार्ट, लिवर और फेफड़े की गंभीर बीमारियों का इलाज झारखंड में नहीं होता था। इसके लिए मरीजों को पटना, दिल्ली, कोलकाता और वेल्लोर पर निर्भर रहना पड़ता था। लेकिन अब स्थिति बदल गई है। 25 सालों में झारखंड में चिकित्सा शिक्षा और इलाज क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव आया। एमबीबीएस की सीटें 350 से बढ़कर 1155 हो गईं। बीडीएस (डेंटल) की भी 363 सीटें हैं। वहीं मेडिकल कॉलेज तीन से बढ़कर नौ हो गए। इनमें सात सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। कैंसर जैसी बीमारियों का भी झारखंड में इलाज हो रहा है। रिम्स समेत कई अस्पतालों में इमरजेंसी ऑन्कोलॉजी सेवा चल रही है। इसमें कीमोथेरेपी, रेडिएशन और सर्जिकल ऑन्कोलॉजी की सुविधाएं उपलब्ध है। पहले थी न्यूरोसर्जरी, 2010 के बाद शुरू हुई ब्रेन की सर्जरी रिम्स में 2000 से पहले न्यूरोसर्जरी विभाग सक्रिय था। लेकिन 2010 के बाद ब्रेन की जटिल से जटिल सर्जरी शुरू हुई। सुपर स्पेशियलिटी विभागों की संख्या में उछाल आया। आज स्थिति यह है कि रिम्स में 10 से अधिक सुपर स्पेशियलिटी विभाग चल रहे हैं। इनमें कार्डियोलॉजी, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी, न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी जैसे विभाग शामिल हैं। राज्य में इन बीमारियों का भी इलाज... {हार्ट सर्जरी (सीएबीजी), वाल्व रिप्लेसमेंट, एंजियोप्लास्टी {ब्रेन और स्पाइन की जटिल सर्जरी {कैंसर की सर्जरी, रेडिएशन, कीमोथेरेपी {किडनी ट्रांसप्लांट की तैयारी (कुछ केंद्रों में प्रक्रिया शुरू) {लिवर और गेस्ट्रो-इंटेस्टाइनल सर्जरी {पेडियाट्रिक सर्जरी और नवजात गहन चिकित्सा उपचार (एनआईसीयू) {एंडोस्कोपी, कोलोनोस्कोपी, ईआरसीपी जैसी उन्नत तकनीकी जांच। 2010 के बाद बदलाव... रिम्स में कार्डियोलॉजी विभाग शुरू 15 नवंबर... स्थापना दिवस झारखंड में चिकित्सा ढांचे में वास्तविक सुधार 2010 के बाद दिखना शुरू हुआ। इसी दौरान रिम्स में कार्डियोलॉजी विभाग की शुरुआत हुई। डॉ. हेमंत नारायण की देखरेख में यह विभाग स्थापित हुआ। 2014 में कार्डियोलॉजी विभाग को नया भवन मिला, जिसके बाद हार्ट से जुड़ी जांच और एंजियोप्लास्टी-एंजियोग्राफी जैसी सुविधाएं सक्रिय रूप से शुरू हुईं।
कोल इंडिया व डीवीसी लगाएगा 1600 मेगावाट का पावर प्लांट
चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन परिसर में लगेगा प्लांट कोल इंडिया और दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) चंद्रपुरा में 1600 मेगावाट का अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट लगाएगा। इसके लिए शुक्रवार को कोलकाता स्थित कोल इंडिया मुख्यालय में दोनों संस्थानों के बीच एमओयू हुआ। इस पर कोल इंडिया के कार्यकारी निदेशक (नवीकरणीय) तुषार कुमार और डीवीसी के कार्यकारी निदेशक (वितरण) ने हस्ताक्षर किए। इस दौरान कोल इंडिया के चेयरमैन सनोज कुमार झा, डीवीसी के सीएमडी आशिम कुमार मोदी और कोल इंडिया के निदेशक (व्यवसाय विकास) आशीष कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस प्रोजेक्ट में दोनों की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। इस परियोजना का उद्देश्य बिजली उत्पादन बढ़ाना, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और रोजगार के अवसर पैदा करना है। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यहां आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा। 800-800 मेगावाट के दो प्लांट चंद्रपुरा थर्मल पावर स्टेशन परिसर में लगेंगे। यह एक ब्राउनफील्ड परियोजना है यानी मौजूदा पावर स्टेशन का विस्तार है। इससे जमीन और अन्य बुनियादी सुविधाएं आसानी से उपलब्ध होंगी, जो अक्सर नए प्रोजेक्ट के लिए बड़ी चुनौती होती है। यह समझौता देश की बिजली उत्पादन क्षमता को मजबूत करने और ऊर्जा अवसंरचना को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 21 हजार करोड़ की लागत से बनेगी दो यूनिट एमओयू के मुताबिक इस प्रोजेक्ट पर करीब 21 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी। पहले इसकी लागत 16,500 करोड़ रुपए अनुमानित थी। इस बिजली प्लांट के लिए कोयले की आपूर्ति सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) से की जाएगी। इस पावर प्लांट में अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जो पारंपरिक कोयला आधारित बिजली प्लांट की तुलना में अधिक कुशल है और उत्सर्जन कम करती है। 2031-32 में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य
800 से ज्यादा फ्लाइट्स लेट, रांची की एक फ्लाइट कैंसिल
देश के व्यस्ततम इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर शुक्रवार सुबह एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) के ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (एएमएसएस) में खराबी आ गई। इसके चलते 800 से ज्यादा घरेलू और अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स 50 मिनट तक लेट हो गईं। 20 फ्लाइट्स कैंसिल होने की सूचना है। इसमें रांची से दिल्ली आने वाली इंडिगो की फ्लाइट 6ई6031 भी शामिल है। इन सबके चलते 15 घंटे अफरा-तफरी मची रही। एयरपोर्ट टर्मिनल्स में बोर्डिंग गेट के पास रात तक कतारें दिखीं और सैकड़ों यात्री अपडेट का इंतजार करते रहे। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने शुक्रवार रात करीब 9 बजे समस्या दूर करने की सूचना दी। कहा, एएमएसएस में समस्या ठीक कर दी गई है। कुछ बैकलॉग के कारण थोड़ी देरी हो सकती है, लेकिन स्थिति जल्द सामान्य हो जाएगी। मालूम हो, आईजीआई पर रोजाना 1,500 से अधिक उड़ानें संचालित होती हैं। इसका रांची एयरपोर्ट पर भी असर दिखा। दिल्ली और अन्य जगहों से आने वाली फ्लाइट देरी से रांची पहुंची। कुछ विमान तो तीन घंटे देरी से यहां पहुंचे। इससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। रांची के एयरपोर्ट डायरेक्टर विनोद कुमार ने कहा कि फ्लाइट कैंसिल न हो, इसकी कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा िक जल्दी ही इस तकनीकी गड़बड़ियों को ठीक कर लिया जाएगा। कुछ सेकंड के काम में 60 मिनट तक लगे क्या ये साइबर अटैक था? एयरपोर्ट प्राधिकरण ने कहा है कि यह साइबर हमला नहीं है। आखिर समस्या क्या हुई? एयरपोर्ट अथॉरिटी ने सुबह 10:08 बजे एक्स पर बताया कि एएमएसएस में खराबी के कारण फ्लाइट ऑपरेशंस में देरी हो रही है। यह सिस्टम एटीसी डेटा को सपोर्ट करता है। फ्लाइट से जुड़ी सूचनाएं जैसे उड़ान योजना, मौसम, रूट, ऊंचाई, ईंधन, ट्रैफिक स्टेटस एक से दूसरी जगह अपने आप भेजता है। ...तो कैसे हो रहे काम? जब सिस्टम फेल हुआ, तो कंट्रोल रूम में कामकाज मैन्युअल हुआ। पायलटों और एटीसी अधिकारियों को उड़ान से पहले हर विवरण लिखित रूप में साझा करना पड़ा। जो प्रक्रिया आमतौर पर कुछ सेकंड में होती है, वह 45 से 60 मिनट तक खिंच गई। कब चला समस्या का पता? दो दिन से एटीसी सिस्टम में दिक्कतें आ रही थीं, लेकिन शुक्रवार सुबह 5:45 बजे से यह गंभीर हो गई। अन्य जगह परेशानी आई? सैकड़ों विमानों का क्लीयरेंस एक ही डिजिटल नेटवर्क से होता है। इसलिए देश के अन्य हवाई अड्डों पर भी इसका असर हुआ। ये विमान एक से 3 घंटे की देरी से रांची पहुंचे दिल्ली से सुबह 8.35 बजे आनेवाला इंडिगो का विमान 11.16 बजे पहुंचा। बेंगलुरू से सुबह 8.45 बजे आने वाला एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान 9.35 बजे पहुंचा। दिल्ली से सुबह 9.10 बजे आने वाला एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान 11.27 बजे पहुंचा। पटना से दोपहर 12.55 बजे आने वाली इंडिगो की फ्लाइट 3.10 बजे रांची पहुंची। अहमदाबाद से शाम 5.50 बजे आने वाला इंडिगो का विमान 6.50 बजे पहुंचा। दिल्ली से दोपहर 1.35 बजे आने वाला एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान 3.23 बजे पहुंचा। 20-25 मिनट देरी से आने वाले विमान दोपहर 2.15 बजे दिल्ली से आने वाला इंडिगो का विमान 2.55 बजे रांची एयरपोर्ट पहुंचा। शाम 6.20 बजे मुंबई से आने वाला इंडिगो का विमान 6.40 बजे आया। शाम 7.20 बजे हैदराबाद से आने वाला विमान शाम 7.36 बजे पहुंचा। भुवनेश्वर से शाम 7.35 बजे आने वाला इंडिगो का विमान 8.08 बजे पहुंचा। देर शाम की कुछ फ्लाइट भी लेट रहीं।
10 वर्ष पूर्व इलाज के लिए दिल्ली-वेल्लोर जाते थे, अब बाहर से मरीज यहां आ रहे
रांची का सदर अस्पताल, जो साल 2000 में केवल कुछ बुनियादी विभाग और सीमित बेड के साथ जिला अस्पताल के रूप में जाना जाता था, अब मातृ-शिशु देखभाल से लेकर कई स्पेशलाइज्ड सुविधाओं तक पहुंच चुका है। वर्ष 2000 में यहां सामान्य मेडिसिन, सर्जरी, प्रसूति-स्त्री रोग और बाल रोग जैसे विभाग ही सक्रिय थे। 25 वर्षों में यह न केवल नई तकनीकों से लैस हुआ, बल्कि डीएनबी प्रशिक्षण, प्राइवेट- पब्लिक पार्टनरशिप मॉडल और दर्जन भर सुपरस्पेशियलिटी विभाग जैसी सेवाओं का भी केंद्र बन चुका है। वहीं, राज्य के सबसे बड़े मेडिकल कॉलेज रिम्स (तब आरएमसीएच) में वर्ष 2000 में 300 से भी कम बेड थे। डॉक्टरों और स्पेशलिस्ट्स की भारी कमी थी। सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी बेसिक मशीनें भी नहीं थीं। रेफर की मजबूरी थी और बेहतर इलाज के लिए दिल्ली- कोलकाता, वेल्लोर ही विकल्प थे। पर अब यहां 2000+ बेड, 350+ डॉक्टर, 40+ विभाग संचालित हैं। कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, कैंसर, ट्रॉमा सहित दर्जन भर सुपर स्पेशियलिटी विंग, अत्याधुनिक उपकरण जैसे एमआरआई, सीटी स्कैन, आईसीयू, मॉड्यूलर आेटी, सेंट्रल लैब व अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। एमबीबीएस सीटें भी 180 हो चुकी हैं। पीजी और सुपर स्पेशलाइजेशन कोर्स की पढ़ाई हो रही है। बाकी जिले भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगातार बदलाव ला रहे हैं... रांची सदर अस्पताल को पीपीपी मोड में मेडिकल कॉलेज में बदलने की तैयारी जारी है। रांची सदर अस्पताल की तर्ज पर रामगढ़, हजारीबाग, कोडरमा और खूंटी के जिला अस्पताल को भी आधुनिक बनाया जा रहा है। आगे क्या... मिल चुकी है एक और मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति कांके में एक और मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति मिल चुकी है- इसका नाम होगा शिबू सोरेन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एसएसआईएमएस या रिम्स-2) के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने की जिम्मेदारी एक अंतरराष्ट्रीय कंसल्टिंग फर्म को सौंपी जा चुकी है। {प्रारंभिक योजना के अनुसार, यहां 700 से अधिक बेड, 20 ऑपरेशन थिएटर और 10 सुपर-स्पेशियलिटी यूनिट्स होंगी। {2026 तक निर्माण कार्य शुरू और 2030 तक इसे चालू करने का लक्ष्य है। वर्ष 2000 से 2025 : सदर अस्पताल में बड़े बदलाव की कहानी... बिस्तरों की क्षमता में बदलाव : कोविड काल में अस्थायी बेड की संख्या बढ़ाई गई, जिससे संकट के समय यहां 24 घंटे मरीज भर्ती हो सके। अब स्थाई बेड की संख्या 750 से अधिक है। नए विभाग और आईसीयू सेवा : अब यहां आईसीयू, नियोनेटल आईसीयू (एनआईसीयू), हाई-डिपेंडेंसी यूनिट और मातृ-शिशु देखभाल के लिए अलग वॉर्ड मौजूद हैं। करीब 15 से ज्यादा सुपरस्पेशियलिटी विभाग संचालित हैं। डीएनबी प्रशिक्षण : पीजी मेडिकल ट्रेनिंग के लिए सीटें मिलीं, जिससे यहां पढ़ाई और शोध का माहौल बना। पीपीपी मॉडल से विस्तार : निजी स्पेशलिस्ट्स डॉक्टरों को जोड़कर कैंसर, न्यूरोलॉजी और कार्डियोलॉजी जैसी सेवाएं शुरू की गईं। नवीन सुविधाएं : 2024 में यहां राज्य का दूसरा ह्यूमन मिल्क बैंक स्थापित करने की घोषणा हुई। लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट भी जोड़ी गई। डिजिटल डायग्नोस्टिक्स : रेडियोलॉजी सेंटर की स्थापना हुई। एमआरआई व सीटी स्कैन जांच, डिजिटल एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, हाई-एंड ब्लड टेस्ट मशीनें लगीं। इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव : दो नई बिल्डिंग बनी, पुरानी इमारतों का रेनोवेशन भी कराया गया। पिछले 25 सालों में क्या-क्या नया खुला रिम्स में? रांची सदर अस्पताल : 25 साल में मातृ-शिशु से लेकर सुपर-स्पेशियलिटी तक बदला, इस मॉडल से देश भर में मिली पहचान 15 नवंबर... स्थापना दिवस बर्न यूनिट : जलने के गंभीर मामलों के लिए अलग से उच्च स्तरीय यूनिट तैयार। कैंसर यूनिट : मेडिकल, रेडिएशन व सर्जिकल ऑन्कोलॉजी की सुविधाएं। कॉर्डियोलॉजी विंग : कैथ लैब, एंजियोग्राफी व ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा। न्यूरोलॉजी और न्यूरोसर्जरी : ब्रेन स्ट्रोक, ट्यूमर व जटिल मामलों का इलाज संभव। पीडियाट्रिक आईसीयू : नवजात की क्रिटिकल देख-रेख के लिए अत्याधुनिक यूनिट। ट्रॉमा सेंटर : सड़क दुर्घटनाओं और इमरजेंसी मामलों के लिए 24x7 सुविधा। सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक : नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी जैसी सेवाएं एक्टिव। सेंट्रल लैब व टेलीमेडिसिन कनेक्टिविटी : रिमोट एरिया से जुड़ाव। मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर : जटिल सर्जरी के लिए डिजिटल सर्जिकल सेटअप। डायलिसिस यूनिट और कैथ लैब : किडनी व हार्ट पेशेंट्स के लिए राहत। आरएमसीएच को एम्स की तर्ज पर रिम्स में तब्दील किया गया। एमबीबीएस की सीटें बढ़कर 180 हुईं, साथ ही पीजी व सुपर स्पेशलाइजेशन कोर्सेज शुरू हुए। डॉक्टरों की संख्या 350 से अधिक, 2200+ बेड, हाईटेक आईसीयू, पीआईसीयू व एनआईसीयू का संचालन शुरू हुआ। आधुनिक मशीनें - सीटी स्कैन, एमआरआई (खरीद हो चुकी), डायलिसिस यूनिट, डिजिटल रिकॉर्ड सिस्टम और मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर चालू हुए। करीब 15 तरह के सुपरस्पेशियलिटी विभाग खुले और चिकित्सक लगातार बेहतर इलाज से रिम्स को नई ऊंचाइयों पर लेकर जा रहे हैं। मेडिकल रिसर्च, सुपर स्पेशियलिटी और हार्ट-किडनी की गंभीर बीमारियों के इलाज की दिशा में जबरदस्त विस्तार हुआ है।
यमुनानगर जिले के गांव कुटिपुर में इन दिनों मातम पसरा हुआ है। गुरुवार को प्रतापनगर में हुए एक भयानक हादसे ने गांव की 21 वर्षीय आरती की जिंदगी छीन ली। हरियाणा रोडवेज की बस ने छह छात्राओं को कुचल दिया, जिसमें आरती की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गईं। लेकिन यह हादसा सिर्फ एक परिवार का दर्द नहीं, बल्कि पूरे गांव की पुरानी पीड़ा को फिर से जिंदा कर गया। सात साल पहले इसी गांव की एक और युवती, आरती की बचपन की सहेली नीलम, ठीक उसी तरह रोडवेज बस की लापरवाही का शिकार होकर चली गई थी। दोनों की मौतें नवंबर महीने में हुईं, एक कॉलेज से लौट रही थी और दूसरी कॉलेज जा रही थी। बचपन की दोस्ती और टूटते सपने कुटीपुरा गांव के तंग गलियों में आरती और नीलम का बचपन एक साथ बीता। दोनों के घरों में ज्यादा फासला नहीं था। छोटी उम्र में वे साथ खेलतीं और बड़े होकर दुनिया बदलने के सपने बुनतीं। नीलम के पिता लालच चंद बताते हैं कि उनकी बेटी जो चौधरी रणबीर सिंह राजकीय पॉलिटेक्निक हथिनीकुंड में मेकेनिकल ट्रेड की छात्रा थी। नीलम हमेशा कहती थी, मैं जापान जाकर नौकरी करूंगी, बड़ा घर बनाऊंगी और मम्मी-पापा को खुश रखूंगी। उसकी आंखों में चमक थी, लेकिन किस्मत ने उसे सिर्फ 18 साल की उम्र दी। 20 नवंबर 2018 को नीलम कॉलेज से घर लौटने के लिए हथिनीकुंड बस स्टॉप पर खड़ी थी। आरती की तरह पेट के ऊपर से गुजरे टायर हरियाणा रोडवेज की बस आई। चढ़ते समय ड्राइवर की लापरवाही से वह फिसल गई और बस के टायर उसके पेट के ऊपर से गुजर गए। मौके पर ही उसकी मौत हो गई। परिवार तबाह हो गया। लाल चंद बताते हैं, मेरी बेटी के सपने इतने बड़े थे, लेकिन एक पल में सब खत्म। बस ड्राइवर पर केस हुआ, लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी। न्याय की उम्मीद अधर में लटक गई। समय बीता, लेकिन कुटिपुर का दर्द ठंडा नहीं पड़ा। आरती नीलम की तरह ही महत्वाकांक्षी थी। वह भी कॉलेज जाती, दोस्तों से घिरी रहती। लेकिन गुरुवार को प्रतापनगर में रोडवेज बस ने उसे और पांच अन्य छात्राओं को कुचल दिया। सात साल बाद फिर वही दर्द आरती की मौत से उसका परिवार टूट गया। गांव वाले बताते हैं कि दोनों सहेलियां एक-दूसरे की तरह दिखती थीं हंसमुख, सपनों से भरी। हैरानी की बात यह कि दोनों हादसे नवंबर में हुए, दोनों रोडवेज बस से, और दोनों में ड्राइवर की लापरवाही साफ दिखी। लाल चंद की आंखें नम हो जाती हैं जब वे कहते हैं, आरती मेरी नीलम की तरह थी। दोनों साथ खेलीं, बड़ी हुईं। सात साल बाद फिर वही हादसा, वही दर्द। उनके जख्म फिर हरे हो गए। प्रशासन अभी भी अगर नहीं जागा तो ऐसी कितनी की घटनाएं छात्रों की जिंदगी लील लेंगी। छह छात्राओं पर चढाई थी बस प्रतापनगर बस स्टैंड पर गुरुवार सुबह करीब 7:30-8 बजे पांवटा साहिब से दिल्ली जा रही हरियाणा रोडवेज बस में चढ़ने की जल्दबाजी में 6 छात्राएं बस के पिछले टायर के नीचे कुचल गईं थीं, जिसमें कुटीपुर गांव की अग्रसेन कॉलेज बीकॉम फाइनल ईयर छात्रा आरती की पेट पर पहिया चढ़ने से अस्पताल में मौत हो गई, जबकि अर्चिता (जीएमआईटी बीटेक थर्ड सेम), अंजलि (डीएवी बीसीए फाइनल), संजना (स्वामी विवेकानंद नर्सिंग सेकेंड ईयर), मुस्कान (टिब्बी) और अमनदीप (प्रतापनगर) घायल हुईं। ड्राइवर शराब पीकर चला रहा था बस मामले में कार्रवाई करते हुए ड्राइवर और कंडक्टर काे सस्पेंड कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। वहीं परिवहन मंत्री अनिल विज ने जांच के आदेश दिए उधर पूर्व मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने बसें बढ़ाने, पीड़ितों को सहायता वादा व आरोपियों को बर्खास्त कराने का वादा किया। मेडिकल जांच में ड्राइवर अनिल निवासी गांव गडी उजाले खां, थाना गोहाना, जिला सोनीपत की शराब पीने की पुष्टि हुई तो पुलिस ने उसके खिलाफ गैर-इरादतन हत्या सहित विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। एक माह पहले जीएनजी कॉलेज की छात्रा गिरी थी बस से रोडवेज बसों से हादसों के किस्से और भी कई हैं। पिछले माह 3 अक्तूबर को अग्रसेन चौक के निकट बुडथला रूट की हरियाणा रोडवेज बस से उतरते समय 19 वर्षीय छात्रा सृष्टि सड़क पर सिर के बल गिर गई थी। वह गुरु नानक गर्ल्स कॉलेज में बीए-बीएड प्रथम वर्ष की छात्रा थी और छोटा बुड माजरा की निवासी। बस अचानक चल पड़ी, जिससे सृष्टि के सिर में गहरी चोट लगी और खून बहने लगा। घटना देखी कॉलेज की ही सीनियर छात्रा स्वाति (बीएड तृतीय वर्ष, देवधर निवासी) ने, जो ऑटो से कॉलेज जा रही थी। उसने तुरंत ऑटो रुकवाया, सृष्टि को उठाया और सिविल अस्पताल यमुनानगर पहुंचाया। भीड़ जमा हो गई, पर ड्राइवर बिना रुके बस लेकर फरार हो गया। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद सृष्टि को गंभीर हालत में पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया। परिजन अस्पताल पहुंचे तो रोडवेज के खिलाफ गुस्सा जताया था, लेकिन रोडवेज के अधिकारियों ने लापरवाह ड्राइवर पर कार्रवाई करने की बजाय छात्रा की ही गलती निकाल दी थी।
हरियाणा के हिसार स्थित कैंप चौक पर नॉनवेज की शॉप खोलने पर दुकानदार मनु के साथ मारपीट की गई। दुकानदार का कसूर इतना था कि उसने मंगलवार को नॉनवेज की शॉप खोली हुई थी। इस घटना से संबंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि भगवा रंग का गमछा पहने एक व्यक्ति नॉन वेज की शॉप आता है और आते ही दुकानदार को थप्पड़ मार देता है। थप्पड़ मारने के बाद युवक अपना परिचय देते हुए कहता है कि मैं बजरंग दल का मेंबर हूं। इसके बाद दुकानदार पूछता है कि मेरा कसूर क्या है। इसके बाद गाली देते हुए युवक दुकानदार के सिर पर पानी की बोतल देकर मारता है। दुकानदार कहता है- भइया आगे से ऐसा नहीं होगा, मगर वह नहीं रूकता और कहना कि तूं गुंडा है क्या। वह दुकानदार का हाथ मरोड़ देता है और कहता है कि उसे थप्पड़ मारकर कहता है कि जय श्री राम के नारे लगा। दुकानदार कहता है कि मैं हिंदू हूं। मगर फिर भी वह जान बचाने के लिए जय श्री राम के नारे लगाता है। ये घटना मंगलवार 2 नवंबर की बताई जा रही है। इस घटना के बाद ईआरवी मौके पर पहुंची मगर अब तक कोई कार्रवाई इस मामले में नहीं हो पाई है। हिंदू संगठन के नेता बोले-हमारा कोई वास्ता नहींवहीं इस बारे में हिंदू संगठन से जुड़े संजीव चौहान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वीडियो में दिख रहा शख्स रणबीर है और इसका बजरंग दल से कोई लेना देना नहीं है। संजीव चौहान ने बताया कि रणबीर गोरक्षा दल का सदस्य होगा। बजरंग दल हिंदू समाज के लिए संवैधानिक दायरे में रहकर काम करता है। किसी से भी मारपीट करना गलत है और अपने स्वार्थ के लिए संगठन को बदनाम करना गलत है। एसपी बोले-हमने 10 को अरेस्ट कियावहीं, एसपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने सवाल करते हुए पूछा कि सर, दुकानदार से हिसार में मारपीट करते हुए जय श्री राम के नारे लगवाए, इस मामले में पुलिस ने क्या किया। इस पर एसपी शशांक कुमार सावन ने कहा कि इस मामले में 10 आरोपी अरेस्ट किए हैं। इसके बाद जब पीआरओ विकास कुमार से घटना से संबंधित एफआईआर की कॉपी मांगी तो उनका कहना था कि इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पुलिस को ईआरवी के माध्यम से सूचना मिली थी। एसपी ने कॉन्फ्रेंस में कोई मामला समझकर उत्तर दिया। जानिए वायरल वीडियो में क्या दिख रहा... जिस पुलिस थाने क्षेत्र का मामला उनको पता नहींइस मामले में सेक्टर 9-11 स्थित अर्बन एस्टेट थाना प्रभारी विजय पाल से बात की तो उन्होंने कहा कि उनको जानकारी नहीं कि इस तरह का कोई मामला आया है। वहीं, अर्बन एस्टेट चौकी इंचार्ज राजेश कुमार ने भी बताया कि इस तरह को कोई मामला उनके संज्ञान में नहीं है और ना ही कोई शिकायत उनके पास आई है। पीड़ित युवक बोला- दो वक्त की रोटी कमानी हैवहीं दुकानदार मनु का कहना है कि वह काम धंधा करके दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करते हैं। वह किसी से लड़ना नहीं चाहते इसलिए बात को आगे बढ़ाने के बजाय उन्होंने वहीं खत्म कर दी। दुकानदार मनु मूलरूप से उत्तराखंड का रहने वाला है।
हरियाणा के राज्यपाल प्रो. अशिम कुमार घोष शनिवार को भिवानी के द टेक्नोलॉजिकल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्सटाइल एंड साइंसेज के दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। इससे पहले राज्यपाल शुक्रवार को भिवानी पहुंचे। भिवानी हवाई पट्टी पहुंचने पर उनको पुलिस की टुकड़ी ने गार्ड ऑनर का सम्मान दिया। वहीं जिला प्रशासन की तरफ से प्रवर पुलिस अधीक्षक सुमित कुमार और एसडीएम महेश कुमार ने पुष्प कुछ देकर उनका स्वागत किया। राज्यपाल प्रोफेसर अशिम कुमार घोष 8 नवंबर को भिवानी के टीआईटीएस संस्थान के वार्षिक दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। संस्थान के निदेशक प्रो. बीके बेहरा ने बताया कि संस्थान में दीक्षांत समारोह राज्यपाल प्रो. घोष द्वारा संस्थान के करीब 300 स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को डिग्री-उपाधियां प्रदान की जाएगी। इस दौरान एमडीयू रोहतक के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह व सीबीएलयू, भिवानी की कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगी। दीक्षांत समारोह की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
हरियाणा के नारनौल में मंगलमुखी किन्नर समाज की ओर से हिंदू मुस्लिम एकता का प्रतिक दो दिवसीय माता का जागरण व पीर बाबा की कव्वाली का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम 11 व 12 नवंबर को मोहल्ला कोलियान में होगा। इन दोनों कार्यक्रमों में जाने माने भजन गायक व कव्वाल आएंगे। इसकी तैयारियों के लिए किन्नर समाज लोगों से भी संपर्क कर रहा है। यह जानकारी समाज के प्रधान विनोद सैनी ने शुक्रवार देर शाम आयोजित एक पत्रकारवार्ता में दी। इस मौके पर किन्नर समाज की गुरु मां मनीषा भी मौजूद रही। हर साल होता उन्होंने बताया कि मंगलमुखी किन्नर समाज हर वर्ष यह कार्यक्रम आयोजित कराता है। इसके पीछे का मुख्य कारण सबकी मंगलकामना करना तथा समाज में भाईचारा कायम रखना है। उन्होंने बताया कि पूरे समाज की मंगलकामना के लिए 11 नवंबर रात को मां भवानी का जागरण होगा। आएंगे संजय मित्तल इस जागरण में मुख्य रूप से कोलकत्ता के विश्वविख्यात भजन गायक संजय मित्तल अपने भजनों के माध्यम से माता की महिमा का गुणगान करेंगे। वहीं उनके साथ उज्जैन से आरती सिंह राजपूत, देहरादून से सन्नी सांई, पटीयाला पंजाब से टोनी राजन व अमित माही भी रहेंगे। 12 को होगी कव्वाली इसी प्रकार दूसरे दिन 12 नवंबर को सुबह 11 बजे से पीर बाबा की कव्वाली का आयोजन किया जाएगा। जिसमें फैजान अजमेरी, जयपुर से इदरिश कादरी, मुंबई से नरसीमा परवीण व इंद्री से जुनैद-जुवेद वारसी आएंगे। उन्होंने बताया कि इसी दिन सुबह से विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाएगा।
हरियाणा के सीनियर IPS अफसर वाई. पूरन कुमार के सुसाइड केस में नया मोड़ आ गया है। चंडीगढ़ पुलिस की SIT की जांच में सामने आया है कि पूरन कुमार ने अपने पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) सुशील कुमार की रिवॉल्वर से नहीं, बल्कि गनमैन सुनीत कुमार की रिवॉल्वर से खुद को गोली मारी थी। घटना वाले दिन यानी 7 अक्टूबर को सुनीत कुमार की ड्यूटी पूरन कुमार के सेक्टर-11 स्थित आवास पर ही थी। अब पुलिस डिपार्टमेंटल जांच कर रही है कि सुनीत कुमार की रिवॉल्वर IPS अफसर के पास कैसे पहुंची? बताया जा रहा है कि वाई पूरन कुमार की जब अंबाला रेंज में पोस्टिंग थी, तभी से सुनीत कुमार उनके गनमैन के तौर पर साथ हैं। घटना के बाद जांच टीम ने वो पिस्टल अपने कब्जे में ली हुई है, जिसको फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है, लेकिन अभी तक रिपोर्ट नहीं आई है। वहीं सुसाइड के एक महीने बाद भी SIT की जांच पूरी नहीं हो पाई है। इसे लेकर दिवंगत IPS पूरन कुमार का परिवार नाराज है। परिवार की लीगल टीम के मेंबरों ने इसको लेकर शुक्रवार को SIT टीम के अधिकारियों से मुलाकात कर जांच का अपडेट भी लिया है। अब जानिए मीटिंग में क्या हुआ और जांच कहां पहुंची.... 1. तीन हफ्ते बाद भी नहीं आई पोस्टमॉर्टम रिपोर्टपोस्टमॉर्टम के लगभग तीन हफ्ते बीत जाने के बावजूद SIT ने अभी तक एक भी प्रेस ब्रीफिंग या निष्कर्षों पर अपडेट जारी नहीं किया है। जैसे कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में क्या निकला, रोहतक में जो FIR दर्ज हुई है, उसका क्या हुआ, या ये सुसाइड से जुड़ा है या नहीं। IPS अफसर के परिवार वाले इस बात से बहुत नाराज हैं और मीटिंग में ये मुद्दा उठाया। 2. सुसाइड के दिन ही फाइनल नोट टाइप हुआजांच में पता चला है कि सुसाइड नोट पूरन कुमार के लैपटॉप पर उसी दिन टाइप किया गया था, जिस दिन उन्होंने सुसाइड किया था। SIT के अनुसार, इससे सुसाइड की बात सच साबित होती है। हालांकि, पूरन कुमार की पत्नी IAS अफसर अमनीत पी. कुमार, ने लैपटॉप वापस मांगा है, लेकिन पुलिस ने इसे यह कहते हुए वापस नहीं किया कि यह एक महत्वपूर्ण सबूत है और इसे अभी जारी नहीं किया जा सकता। 3. सरकार से नहीं मिले जरूरी दस्तावेजचंडीगढ़ पुलिस के अधिकारियों ने हरियाणा पुलिस और राज्य सरकार से संबंधित रिकॉर्ड और दस्तावेज मिलने में देरी की बात स्वीकार की है, जिससे जांच धीमी हुई है। एसआईटी कथित तौर पर रोहतक की एफआईआर और संबंधित फाइलों की जांच कर रही है, ताकि मामले और पूरन कुमार के सुसाइड के बीच स्पष्ट संबंध पता चल सके। SIT ने सरकार ने 32 दस्तावेज मांगे थे। 4. दो अहम गवाहों के बयान बाकीSIT ने इस मामले में कई अधिकारियों और पुलिसवालों से पूछताछ की है, लेकिन अभी भी दो अहम गवाहों के बयान लेने बाकी हैं। इनमें पूरन कुमार की बेटी भी शामिल है, जिसने सबसे पहले उनका शव देखा था। इसके अलावा, रोहतक के तत्कालीन एसपी नरेंद्र बिजारणिया, जिनका नाम विवाद में आया था, उन्हें भी अभी तक पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया है, जबकि घटना के बाद उन्हें एसपी के पद से हटा दिया गया था। 5. SIT से परिवार ने अनुरोध कियाSIT के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि वे अभी भी पूरन कुमार की बेटी के बयान का इंतजार कर रहे हैं। परिवार ने कहा है कि वे चाहते हैं कि उसका बयान उसकी स्कूल की परीक्षाओं के बाद लिया जाए। उम्मीद है कि बयान इसी हफ्ते दर्ज किया जाएगा। घर में काम करने वाले कर्मचारियों के बयान पहले ही लिए जा चुके हैं। ------------------------------------- ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा के IPS पूरन कुमार के PSO की जेल बदली:रोहतक से अंबाला शिफ्ट किया; पत्नी ने जान का खतरा बताया था हरियाणा के सीनियर IPS वाई पूरन कुमार सुसाइड केस में अहम गवाह PSO सुशील कुमार की जेल बदल दी गई है। सुशील को सुरक्षा कारणों से रोहतक जेल से अंबाला जेल शिफ्ट कर दिया गया है। आईजी जेल आलोक राय ने बताया है कि सुशील की पत्नी सोनी देवी ने दावा किया था कि रोहतक जेल में उनके पति को जान का खतरा है और उसे जेल में यातनाएं दी जा रही हैं। पढ़ें पूरी खबर...
करनाल में 25 साल की नौकरानी के साथ 50 साल के बिजनेसमैन द्वारा रेप करने के केस की दोबारा जांच हो रही है। रेप केस को दबाने के लिए बड़े सियासी व बिजनेसमैन रसूखदारों ने कोशिशें की। पीड़िता के बयान बदलवाने की कोशिश की गई। पैसों का लालच दिया गया। दिल्ली के एक गैर सरकारी संगठन (NGO) ने यह मामला राष्ट्रीय महिला आयोग और अनुसूचित जनजाति (ST) आयोग के संज्ञान में लाया। आयोग के दखल के बाद करनाल पुलिस ने ASP स्तर पर जांच शुरू कर दी है। आरोपी कारोबारी अमित गुप्ता ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत याचिका भी लगाई, लेकिन कोर्ट से खारिज हो गई। फिलहाल वह फरार है। दिल्ली की एजेंसी ने करनाल भेजी थी आदिवासी महिला आदिवासी महिला झारखंड की रहने वाली है और अनुसूचित जनजाति से है। उसे एक सर्विस एजेंसी के जरिए दिल्ली से करनाल घरेलू काम के लिए भेजा गया था। आयोग को की गई शिकायत में आरोप है कि यह श्याम एजेंसी मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराध में शामिल है। 5 अगस्त 2025 को एजेंसी ने युवती को करनाल भेजा। यहां महिला को मॉडल टाउन क्षेत्र में रहने वाले कारोबारी के घर काम पर लगाया गया। 14 अगस्त को रेप, अकेले होने का फायदा उठाने का आरोपशिकायत के अनुसार, 14 अगस्त 2025 को कारोबारी ने उस समय रेप किया जब उसकी पत्नी अस्पताल में और बेटी फैक्ट्री में थी। अपने साथ हुई बर्बरता से युवती सदमे में थी, लेकिन 22 अगस्त 2025 को मॉडल टाउन चौकी में आरोपी के खिलाफ रेप की FIR दर्ज करवाई गई। FIR दर्ज होते ही मामले की चर्चा पूरे शहर में फैल गई, क्योंकि आरोपी की आर्थिक और राजनीतिक पकड़ मजबूत बताई जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक उसे जन्मदिन की बधाई दे चुके हैं। पैसे और दबाव से महिला को चुप कराने का आरोपFIR दर्ज होते ही कई बड़े लोग बीच में आए। खबर है कि आरोपी की तरफ से पैसे और दबाव के दम पर मामले को दबाने की कोशिश की गई। महिला को डराकर उसके बयान आरोपी के पक्ष में दिलवाए गए। यह भी कहा जा रहा है कि इसमें एक वकील की भी भूमिका रही। दिल्ली जाकर अनुसूचित जनजाति आयोग में की शिकायतपीड़िता यहां से दिल्ली लौटी, जहां एक NGO के संपर्क में आई। इसके बाद से NGO इस केस को लड़ रहा है। पीड़िता ने आरोप लगाए कि उसे धमकाकर गलत बयान देने के लिए मजबूर किया। इसके बाद उसने 28 अगस्त को अनुसूचित जनजाति आयोग में शिकायत दे दी। शिकायत पर आयोग ने करनाल पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए। आयोग के दबाव के बाद करनाल के SP गंगाराम पूनिया ने मामले की जांच ASP को सौंप दी। बचने के लिए अग्रिम जमानत ली, लेकिन कोर्ट से लगा झटकागिरफ्तारी के डर से कारोबारी ने अग्रिम जमानत की याचिका लगाई। इस दौरान सरकारी वकील ने कोर्ट को बताया कि महिला से दबाव में गलत बयान दिलवाए गए थे और मामले में कई रसूखदार शामिल हैं। कोर्ट ने 1 नवंबर को आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी। बताया जा रहा है कि आरोपी पुलिस गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार है। कई आरोपियों की भूमिका की जांच की मांगपीड़िता ने कोर्ट और पुलिस को बताया है कि इस पूरे मामले में रेप के आरोपी कारोबारी के साथ-साथ श्याम एजेंसी का मालिक, NGO चलाने वाली दीपशिखा, प्रभा मुनि और रोहित मुनि की भूमिका भी जांच के घेरे में लाई जाए। सिलसिलेवार ढंग से समझिए पूरा मामला... काम पर लगी और तीन दिन बाद ही हुई छेड़छाड़पीड़िता झारखंड के एक गांव की रहने वाली है। शिकायत के मुताबिक, करीब तीन साल पहले वह दिल्ली में काम करने आई थी और अब एक माह पहले श्याम एजेंसी के जरिए करनाल आई थी। बीते 5 अगस्त को उसे बिजनेसमैन अमित गुप्ता के घर पर काम मिला। महिला का आरोप है कि घर में काम करने के तीसरे दिन ही अमित गुप्ता ने उससे छेड़छाड़ की। हालांकि बाद में उसने माफी मांगते हुए कहा कि अब दोबारा ऐसा नहीं होगा और उसे काम जारी रखने के लिए कहा। 14 अगस्त को जबरदस्ती कमरे में बुलाकर किया रेपमहिला ने बताया कि 14 अगस्त को दोपहर 3 से 4 बजे के बीच अमित गुप्ता की पत्नी अस्पताल और बेटी फैक्ट्री गई थी, वह किचन में काम कर रही थी। इस दौरान अमित गुप्ता चाय का बहाना बनाकर उसे ऊपर वाले फ्लोर के कमरे में बुला ले गया। आरोप है कि कमरे में जाते ही उसने दरवाजा बंद कर दिया और जबरदस्ती करने लगा। इसके बाद धमकी देकर उसके साथ रेप किया। धमकी देकर चुप रहने का दबाव बनाया, लालच भी दिया पीड़िता के मुताबिक जब उसने आरोपी से कहा कि वह उसकी पत्नी को सबकुछ बताएगी तो आरोपी ने धमकी दी कि अगर तुमने किसी को बताया तो यहां से जिंदा नहीं जा पाओगी। साथ ही आरोपी ने उसे 10 हजार रुपए एक्स्ट्रा देने का लालच भी दिया और कहा कि किसी को मत बताना। महिला ने बताया कि उसकी सैलरी 15 हजार रुपए प्रतिमाह तय थी। 16 अगस्त को घर से निकली, पुलिस के पास पहुंची पीड़िता के अनुसार, घटना के बाद 16 अगस्त को वह अमित गुप्ता के घर से निकल गई और पुलिस के पास जाकर अपनी व्यथा बताई। उसने बताया कि कैसे अमित गुप्ता ने उसे अपनी हवस का शिकार बनाया और कैसे वह उसके घर से बचकर निकली है। उसने पुलिस से मामले में इंसाफ की मांग की। आरोप है कि पुलिस ने अमित गुप्ता का नाम सुनते ही उसे थाने से टरका दिया। 22 अगस्त को पुलिस ने मुकदमा दर्ज कियापीड़िता ने आगे बताया कि 22 अगस्त को उसने महिला पुलिस चौकी मॉडल टाउन पहुंचकर लिखित शिकायत दी। चौकी इंचार्ज एसआई गीता ने मामले की जांच करते हुए इसे थाना सिविल लाइन भिजवाया। जांच के बाद पुलिस की ओर से आरोपी अमित गुप्ता के खिलाफ बीएनएस की धारा 64 और धारा 351 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पीड़िता बोली- आरोपी प्रभावशाली व्यक्तिउधर, पीड़िता का आरोप है कि आरोपी और उसका परिवार प्रभावशाली है, इसलिए पुलिस तुरंत कार्रवाई नहीं कर रही। उसने साफ कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जाए। बता दें कि अमित गुप्ता बड़ा बिजनेसमैन होने के साथ-साथ एक केंद्रीय मंत्री का नजदीकी रहा है। इतना ही नहीं, प्रधानमंत्री की एडमिन ईमेल से अमित गुप्ता को जन्मदिन की बधाई आई थी।
सरकारी अस्पताल की घटना:ऐसी भी क्या दुश्मनी थी; 5 घंटे के नवजात का गला घोंट दिया...मौत
यह घटना रोंगटे खड़े करने वाली है। हत्यारे की ऐसी भी क्या दुश्मनी थी कि जिस बच्चे ने अभी आंखें भी नहीं खोली थीं, उसे हमेशा के लिए मौत की नींद सुला डाला। यह वारदात है चूरू के सबसे बड़े सरकारी मातृ-शिशु अस्पताल की...। शुक्रवार को सुबह 5 घंटे के नवजात की गला दबाकर हत्या कर दी गई। बच्चे का जन्म गुरुवार रात करीब साढ़े 12 बजे हुआ था। बच्चा बिलकुल स्वस्थ था। पुलिस को प्रारंभिक जांच में बच्चे के गले पर अंगुलियों के निशान मिले हैं। ऐसे में हत्यारे और कारणों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने आईसीयू प्रभारी की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। नवजात के पोस्टमार्टम और डीएनए रिपोर्ट आनी बाकी है। फिलहाल, मां और मौसी शक के दायरे में हैं। इधर, प्रसूता को छुट्टी नहीं दिए जाने के भी आदेश दिए गए हैं। सबसे बड़ी लापरवाही यह रही कि वार्डों के गेट पर सीसीटीवी ही नहीं थे। इधर, शहर कोतवाल सीआई सुखराम चोटिया का कहना है कि प्रथम दृष्टया गला दबाकर हत्या किए जाने की आशंका है। हालांकि वास्तविक स्थिति पोस्टमार्टम और डीएनए सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगी। जब तक मामले का खुलासा नहीं हो जाता है, तब तक प्रसूता को अस्पताल से डिस्चार्ज नहीं करने के लिए कहा गया है। दो-तीन संदिग्ध हैं। इनको लेकर जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में बच्चे के गले पर अंगुलियों के निशान मिले पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि नवजात के गले पर अंगुलियों के निशान हैं। घटना के समय अस्पताल में मां और मौसी ही थीं। ऐसे में यही पुलिस की प्राइम सस्पेक्ट हैं। गौरतलब है कि विवाहिता के चार बच्चे हैं। यह पांचवां प्रसव था। शक इसलिए... 9 माह में एक भी जांच नहीं लेबर रूम में देर रात गुड्डी के सामान्य प्रसव से बेटा पैदा हुआ था। परिजनों को सूचना दी, मगर बेटे को लेने के लिए कोई नहीं आया। लेबर रूम स्टाफ के अनुसार प्रसूता के पास नौ महीने की गर्भावस्था के समय में करवाई गई एक भी जांच की पर्ची नहीं थी। जांच के बारे में पूछा गया तो परिजन कुछ भी नहीं बोल पाए। शुक्रवार शाम तक कोई परिजन नहीं पहुंचा अस्पताल, रिपोर्ट भी नहीं कराई पुलिस का कहना है कि गुड्डी (40) पत्नी ताराचंद निवासी अजीतसर ( सरदारशहर) को प्रसव पीड़ा होने पर बहन मैना, बेटी और भाई मनीराम गुरुवार रात अस्पताल लाए थे। शुक्रवार अल सुबह करीब पांच बजे नवजात में किसी प्रकार की हरकत नहीं देखकर मामा और मौसी आईसीयू वार्ड में लेकर पहुंचे। डॉक्टरों का कहना था कि नवजात की पहले ही मौत हो चुकी है। फिलहाल, पुलिस ने आईसीयू प्रभारी डॉ. निकिता की रिपोर्ट पर हत्या का केस दर्ज कर लिया है। साथ ही, मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर शव मामा को सौंप दिया। घटना को लेकर शुक्रवार देर शाम तक मृतक नवजात के परिजनों की तरफ से पुलिस को किसी प्रकार की कोई रिपोर्ट नहीं दी गई। यहां तक कि शुक्रवार देर शाम तक परिवार का भी कोई व्यक्ति अस्पताल नहीं पहुंचा। मौसी का दावा-बच्चे को मां के पास सुलाया था, तब बच्चा ठीक थापूछताछ में मैना ने बताया कि प्रसव के बाद नवजात को उसकी मां के पास ही सुलाकर वह सो गई थी। सुबह पांच बजे देखा, तो बच्चे के शरीर में कोई हरकत नहीं थी। उसने भाई मनीराम को जानकारी दी। वे नवजात को लेकर आईसीयू में भागे-भागे पहुंचे। बहन गुड्डी खेत में ढाणी बनाकर पति व बच्चों सहित रहती है। पति सात वर्ष से गंभीर रूप से बीमार है। महिला के दो बेटी और दो बेटे हैं।
हरमाड़ा कांड:डंपर चालक ने पौन लीटर शराब पी रखी थी, इतने नशे में कोई ठीक से चल भी नहीं सकता
तेज रफ्तार डंपर से 14 लोगों की जान लेने वाले चालक कल्याण मीणा के 10 एमएल खून में 1.26 एमएल शराब मिली है। यह खुलासा एफएसएल जांच में हुआ है। शरीर में औसतन चार से पांच लीटर खून में 630 एमएल शराब थी। जांच टीम के अनुसार यह नशे की वह अवस्था है जिसमें इंसान न तो ठीक से खड़ा रह सकता है, न चल सकता है और न ही किसी वाहन नियंत्रित कर सकता है। लेकिन कल्याण मीणा इतने नशे में डंपर चला रहा था। उसे पता ही नहीं चला था कि वह तेज रफ्तार डंपर से लाेगाें काे कुचल रहा है। हादसे के बाद पुलिस ने ब्लड सैंपल काे जांच के लिए एफएसएल लैब में भेजा था। जांच रिपोर्ट शुक्रवार काे हरमाड़ा थाने में भेज दी गई। इसके मुताबिक ब्लड अल्कोहल 0.08% स्तर पर व्यक्ति की निर्णय क्षमता खत्म होने लगती है। लेकिन कल्याण के मामले में यह स्तर लगभग 1.26% था जिसे चिकित्सकीय रूप से “घातक अवस्था” माना जाता है। ड्राइवर के ब्लड की जांच रिपोर्ट हमने संबंधित थाने में भेज दी है। जांच में ब्लड में अत्यधिक मात्रा में शराब होना पाया गया है। -डॉ. अजय शर्मा, एफएसएल निदेशक डंपर चालक ने जानबूझकर कृत्य किया है, हत्या की धारा जोड़कर केस लाएं : कोर्ट हरमाड़ा में शराब के नशे में डंपर दौड़ाकर 14 लोगों की जान लेने वाले डंपर चालक के खिलाफ कोर्ट ने सख्ती बरती है। आरोपी कल्याण मीणा को पुलिस ने शुक्रवार को सुबह चौमूं स्थित एसीजेएम-10 कोर्ट में पेश किया। जज सत्येन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि आरोपी ने जानबूझकर यह अपराध किया है। यह दुर्घटना नहीं, हत्या का मामला है। उसने जानबूझकर लोगों को कुचला है। इसलिए आईओ ड्राइवर के खिलाफ हत्या की धारा जोड़कर लाएं। कोर्ट ने पुलिस को जांच में गंभीरता बरतने के निर्देश दिए। आरोपी को 21 नवंबर तक के लिए जेल भेज दिया। आरोपी कल्याण मीणा ने सोमवार को डंपर दौड़ाकर 4 की जान ले ली थी। डंपर चलाने से पहले उसने शाहपुरा, चंदवाजी में शराब पी थी। नशा करने के बाद बावजूद डंपर चलाया और दर्दनाक हादसा कर दिया। कल्याण मीणा ने सोमवार को नशे में 400 मीटर में 100 की रफ्तार से डंपर से 14 वाहन, 27 लोगों को कुचला था। 14 लोगों की मौत हो गई थी। आरोपी कल्याण मीणा ने जानबूझकर यह अपराध किया है। यह सीधे-सीधे हत्या है। आईओ अगली पेशी पर हत्या के अपराध की धाराएं जोड़ें। पुलिस मामले की अग्रिम जांच में भी गंभीरता बरते।-सत्येंद्र सिंह, एसीजेएम, चौमूं
खालसा कॉलेज ने मालवा हॉकी एकेडमी को 4–2 से हराया
भास्कर न्यूज | लुधियाना पीएयू मैदान में चल रहे 100 ईयर ऑफ इंडियन हॉकी टूर्नामेंट के तहत शुक्रवार को लड़कों और लड़कियों के दो अहम मुकाबले करवाए गए। पहले मैच में मालवा हॉकी एकेडमी, लुधियाना और खालसा कॉलेज गुरुसर की टीमें आमने-सामने हुईं। रोमांचक मुकाबले में खालसा कॉलेज ने 4–2 से जीत हासिल की। मैच के शुरू में दोनों टीमों ने तेज खेल दिखाया, लेकिन खालसा कॉलेज ने बेहतर फिनिशिंग और लगातार पेनल्टी कॉर्नर का फायदा उठाकर बढ़त बनाई। दूसरा मुकाबला गर्ल्स हॉकी एकेडमी और राउंड ग्लास एकेडमी चच्छरारी, लुधियाना के बीच खेला गया। इस एकतरफा मुकाबले में राउंड ग्लास की टीम ने 6-0 से बड़ी जीत दर्ज की। मैच की शुरुआत से ही राउंड ग्लास एकेडमी ने आक्रामक खेल दिखाया और पहले क्वार्टर में ही बढ़त हासिल कर ली। टीम ने पेनल्टी कॉर्नरों को गोल में तब्दील किया।
फीको ने केंद्र सरकार से हलवारा हवाई अड्डा जल्द शुरू करने की मांग की
भास्कर न्यूज |लुधियाना फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल ऑर्गनाइजेशन (फीको) ने केंद्र सरकार से हलवारा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को जल्द शुरू करने की मांग की है। फीको के प्रधान गुरमीत सिंह कुलार और महासचिव मनजिंदर सिंह सचदेवा ने नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू से आग्रह किया है कि इस परियोजना को बिना किसी और देरी के चालू किया जाए। फीको पदाधिकारियों ने कहा कि लुधियाना के व्यापारिक समुदाय को हवाई अड्डे के संचालन में देरी के कारण गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हलवारा हवाई अड्डे की योजना इस उद्देश्य से बनाई गई थी कि लुधियाना के उद्योगों को बेहतर हवाई संपर्क मिले और निर्यात में वृद्धि हो, लेकिन कई समय सीमाएं निकल जाने के बावजूद हवाई अड्डा अब तक चालू नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि हवाई अड्डे का सिविल टर्मिनल लुधियाना के कारोबारियों की वर्षों पुरानी मांग को पूरा करने के लिए तैयार किया गया था।
आर्म्स लाइसेंस के लिए फर्जी डोप टेस्ट रिपोर्ट लगाई, 2 पर केस दर्ज
भास्कर न्यूज | लुधियाना पुलिस ने हथियार लाइसेंस की फाइलों में फर्जी डोप टेस्ट रिपोर्ट लगाने के आरोप में दो व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की है। यह कदम एसीपी (लाइसेंसिंग) की शिकायत पर उठाया गया, जिसके बाद पुलिस ने दोनों के खिलाफ मामले दर्ज कर आगे जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार, वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर हथियार लाइसेंस के लिए जमा की गई सभी डोप टेस्ट रिपोर्ट की गहन जांच की गई। जांच के दौरान सामने आया कि दो आवेदकों ने फर्जी डोप टेस्ट रिपोर्ट लगाई थी। रिपोर्ट फर्जी पाने के बाद इन पर तुरंत कार्रवाई की सिफारिश की गई। पुलिस के मुताबिक जिन दो व्यक्तियों पर केस दर्ज हुआ है। उनकी पहचान छावनी मोहल्लों के रहने वाले प्रिंस सिंह और हरजिंदर सिंह के रूप में हुई है। मामला दर्ज होने के बाद पुलिस अब इस दिशा में भी जांच कर रही है कि क्या सिविल अस्पताल लुधियाना का कोई स्टाफ मेंबर भी इन रिपोर्टों को तैयार कराने में शामिल था। गौरतलब है कि लुधियाना पुलिस इससे पहले भी ऐसे कई केस दर्ज कर चुकी है, जहां आवेदकों ने हथियार लाइसेंस की फाइलों में फर्जी डोप टेस्ट रिपोर्ट लगाई थीं। पुलिस का कहना है कि मामले की पूरी जांच के बाद आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बाड़मेर के मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स से विलंब शुल्क के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। अवैध वसूली इस एवज में की गई है कि विलंब शुल्क लगने नहीं दिया जाएगा, यदि इस शुल्क के आधे रुपए निजी खातों में ट्रांसफर करवा दें।ऐसे 50 से अधिक स्टूडेंट हैं जो इसका शिकार बने और निजी खातों में रुपए ट्रांसफर करवा दिए। इन्हें कोई रसीद भी नहीं दी गई, न ही राशि कॉलेज खाते में जमा हुई। स्टूडेंट झांसे में आ गए कि उन्हें पेनल्टी के आधे रुपए देने से उनका खाता क्लियर हो जाएगा और बचत होगी। ऐसे 50 से अधिक स्टूडेंट हैं जिन्हें 12 प्रतिशत से विलंब शुल्क जमा करवाना है, यह करीब एक करोड़ से अधिक की राशि होगी।यह खेल पिछले कुछ सालों से लेखा शाखा के कर्मियों की ओर से किया जा रहा है। जबकि राजमेस की ओर से विलंब शुल्क का प्रावधान भी नहीं है। कॉलेज ने 13 मई को आदेश निकालते हुए 2020 बैच के 23, 2021 बैच के 48, 2022 बैच के 19 तथा 2023 बैच के 32 स्टूडेंट्स की लिस्ट जारी की। इसमें फीस जमा कराने की अंतिम तिथि एक फरवरी थी। आदेश में 12 प्रतिशत वार्षिक सामान्य ब्याज दर से पेनल्टी सहित हॉस्टल फीस/शैक्षणिक शुल्क जमा कराने के निर्देश थे। 122 को लेट फीस भरने के निकाले थे आदेश, 3 केस से समझें गड़बड़झाला बाड़मेर मेडिकल कॉलेज में 520 स्टूडेंट्स हैं। इनमें से 122 ने समय पर फीस नहीं भरी, तो विलंब शुल्क समेत राशि जमा करने के आदेश निकाले। फीस व विलंब शुल्क जमा नहीं होने के चलते 15 स्टूडेंट्स को राजमेस की ओर से स्टाइपेंड भी नहीं दिया जा रहा। जबकि 12 ऐसे भी हैं जिन्होंने बैकडोर या लेखा शाखा की मिलीभगत से निजी खातों में विलंब शुल्क के नाम पर सुविधा शुल्क के आधे रुपए जमा करवाए, उन्हें स्टाइपेंड दिया जा रहा है। ऐसे स्टूडेंट्स को कॉलेज की ओर से रसीद नहीं दी गई है। केस 1:एक स्टूडेंट ने 15 हजार रुपए कॉलेज के बाहर किसी दलाल के निजी खाते में जमा करवाए, तो बैकडेट में एनओसी दी गई। दिनांक के कॉलम में 6 डिजिट में अंक लिख दिए गए। इस स्टूडेंट ने 4 जनवरी को 15 हजार रुपए निजी खाते में भेजे। इसकी पेनल्टी 24,108 रुपए थी। केस 2:एक और स्टूडेंट की कॉलेज की फीस व विलंब शुल्क मिलाकर करीब 27 लाख रुपए बकाया चल रहा है। इसमें करीब 6 लाख विलंब शुल्क है। ऐसे में अब तक यह स्टूडेंट फीस जमा नहीं करवा सका। फिलहाल डिप्रेशन में है। केस 3:चार साल से पढ़ रहे छात्र ने दो साल की फीस तो जमा करवा दी। अब दो साल की बकाया 3 लाख 75 हजार फीस जमा करवाने पहुंचा तो उसे पहले एक लाख 70 हजार पेनल्टी जमा करवाने के लिए कहा गया। ऐसे में उसने फीस ही जमा नहीं करवाई और डिप्रेशन में आ गया। झालावाड़ का आदेश यहां लागू किया पूर्व प्राचार्य डॉ. आर.के. आसेरी ने बताया कि झालावाड़ में कोर्ट ने 6 मासिक किश्तों में 15 प्रतिशत विलंब शुल्क वसूलने के आदेश दिए थे। इस पर छात्र डबल बेंच में गए, यहां से कोर्ट ने आदेश दिए कि यदि 2 माह में स्टूडेंट जमा करवा दें तो ब्याज नहीं वसूला जाएगा, लेकिन इसके बाद कॉलेज ब्याज लेने के लिए स्वतंत्र होगा। इसके बाद रियायत देते हुए सरकार व प्रशासन ने झालावाड़ में 12 प्रतिशत सामान्य विलंब शुल्क लिया गया। स्टूडेंट्स समय पर फीस जमा करा दें, इसलिए बाड़मेर में भी नियम बनाया गया। मेरे कार्यकाल में 4-5 स्टूडेंट्स से ही विलंब शुल्क लिया था। 2017 से अब तक के सारे आदेश ढूंढ़े गए, लेकिन राजमेस की ओर से 12 प्रतिशत विलंब शुल्क का आदेश नहीं मिला। इस मामले की जांच कमेटी गठित करवाई जाएगी। नियम सभी कॉलेजों के लिए बनाए जाते हैं। नियम विरुद्ध विलंब शुल्क वसूला गया है तो कार्रवाई की जाएगी। -अनूप सिंह गुर्जर, प्राचार्य, मेडिकल कॉलेज, बाड़मेर.
कार सवार आरोपियों ने देर रात नंबरदार के घर पर किया हमला
भास्कर न्यूज |लुधियाना दुगरी इलाके में उस वक्त दहशत फैल गई, जब देर रात करीब 3 बजे चार अज्ञात हमलावरों ने नम्बरदार हरमिंदर सिंह राणा के घर पर हमला कर दिया। राणा ने बताया कि आरोपी सफेद रंग की कार में सवार होकर आए थे। उन्होंने घर की खिड़की के शीशे पर पत्थर मारे और लोहे की दात से दरवाजे पर वार किए। राणा के मुताबिक, जैसे ही शीशा टूटा, वह बाहर निकलकर देखने आए, तब तक सभी हमलावर मौके से फरार हो गए। उन्होंने तुरंत दुगरी पुलिस को सूचना दी। घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने घर का जायजा लिया और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज कब्जे में ली है। राणा ने बताया कि आरोपियों ने अपने चेहरों को ढका हुआ था। पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। पुलिस अब फुटेज के आधार पर हमलावरों की तलाश में जुटी हुई है। फुटेज में दिखा हमलावार।
सांसद सीचेवाल ने एसटीपी का दौरा कर बुड्ढा दरिया को स्वच्छ बनाने पर दिया जोर
भास्कर न्यूज | लुधियाना ‘बुड्ढा दरिया’ के पुनर्जीवन परियोजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने शुक्रवार को शहर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (एसटीपी) का निरीक्षण किया। निरीक्षण नगर निगम के भट्ठियां, बल्लोके और जमालपुर स्थित एसटीपी में किए गए। सांसद सीचेवाल ने हैबोवाल डेयरी कॉम्प्लेक्स में डेयरी अपशिष्ट के उपचार के लिए स्थापित एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (ईटीपी) का भी निरीक्षण किया। एसटीपी का निरीक्षण करते हुए उन्होंने प्लांट्स के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने और यह पक्का करने के लिए निर्देश जारी किए कि बिना उपचारित गंदा पानी दरिया में न जाए। निरीक्षण के बाद सांसद सीचेवाल ने जमालपुर एसटीपी में अधिकारियों के साथ एक बैठक कर प्रगति की समीक्षा की। इस मौके पर एडीसी रूपिंदरपाल सिंह, नगर निगम के सहायक आयुक्त नीरज जैन, एसई एकजोत सिंह, एसई पारुल गोयल सहित नगर निगम, पुलिस, पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी), ड्रेनेज विभाग आदि के अधिकारी उपस्थित रहे। सांसद सीचेवाल ने अधिकारियों को ये भी निर्देश दिया कि डाइंग उद्योगों के अपशिष्ट और डेयरी अपशिष्ट के उपचार के लिए स्थापित सीईटीपी और ईटीपी का उचित संचालन सुनिश्चित किया जाए। सांसद सीचेवाल ने कहा कि बुड्ढा दरिया की सेहत सुधारने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ‘रंगला पंजाब’ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सामूहिक प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने निवासियों से भी बुड्ढा दरिया के पुनर्जीवन में प्रशासन का सहयोग करने की अपील की। एसटीपी का निरीक्षण करते सांसद सीचेवाल ।
छात्रों ने दिखाया इको-फ्रेंडली सोच के साथ फैशन का नया रूप
भास्कर न्यूज़| लुधियाना सीटी यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ डिजाइन एंड इनोवेशन की ओर से इंटर-कॉलेज फैशन इवेंट ‘द वस्त्र सागा’ का आयोजन किया गया, जिसमें सस्टेनेबिलिटी यानी पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को केंद्र में रखते हुए छात्रों ने अपनी रचनात्मकता और कला का शानदार प्रदर्शन किया। इस फैशन शो का मकसद था यह दिखाना कि फैशन केवल आकर्षण नहीं, बल्कि जागरूकता और जिम्मेदारी का भी प्रतीक हो सकता है। छात्रों ने अपने डिजाइनों के माध्यम से यह संदेश दिया कि अगर सोच सही हो तो कपड़ों में भी प्रकृति की कहानी बुनी जा सकती है। कार्यक्रम में नॉर्थ इंडिया की कई यूनिवर्सिटीज़ और संस्थानों ने भाग लिया। रैंप पर पेश किए गए डिजाइनों में पारंपरिक कपड़ों की बुनावट के साथ आधुनिकता और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता का अनोखा मेल देखने को मिला। पूरे इवेंट को स्कूल ऑफ डिजाइन एंड इनोवेशन के हेड मोनू शर्मा और उनकी टीम ने बारीकी से तैयार किया। कार्यक्रम के जज रहे प्रसिद्ध फैशन एक्सपर्ट सिद्धार्थ के. कक्कड़ और मनलीन सेठी, जिन्होंने अपने अनुभव से प्रतिभागियों को मूल्यवान सुझाव दिए और फैशन के नए आयामों पर सोचने के लिए प्रेरित किया। विजेताओं ने पेश किया प्रकृति संग फैशन का संतुलन : प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार (11,000) पीसीटीई को उनके ‘रस्टफुल कलेक्शन’ के लिए मिला, जिसमें टेक्सचर, टोन और पर्यावरण की कहानी का सुंदर मिश्रण था। दूसरा पुरस्कार (5,100) चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी और तीसरा पुरस्कार (3,100) सीटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस, शाहपुर कैंपस को मिला। सीटी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. नितिन टंडन ने कहा कि वस्त्र सागा सिर्फ फैशन शो नहीं, बल्कि युवाओं की जागरूकता और उनकी जिम्मेदारी का प्रतिबिंब है। यूनिवर्सिटी ऐसे प्लेटफॉर्म लगातार उपलब्ध करवाता रहेगा जो उद्देश्यपूर्ण नवाचार को प्रोत्साहित करें। डायरेक्टर डीएसडब्ल्यू एर दविंदर सिंह ने कहा कियह कार्यक्रम इस बात का प्रमाण है कि फैशन सिर्फ दिखावे तक सीमित नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति और नैतिक सोच का माध्यम भी बन सकता है। विजेता टीम पीसीटीई ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि वस्त्र सागा का अनुभव अद्भुत रहा। इस थीम ने हमें सिखाया कि डिजाइन और प्रकृति का संतुलन ही असली क्रिएटिविटी है। सीटी यूनिवर्सिटी ने इस इवेंट के माध्यम से न केवल डिजाइन शिक्षा में नई दिशा दी, बल्कि युवाओं को सस्टेनेबल सोच के साथ फैशन इंडस्ट्री में सकारात्मक बदलाव लाने का संदेश भी दिया।
कोर्ट केस में फंसी जमीन को बेचकर की 10 करोड़ रुपए की ठगी, 4 आरोपियों पर पर्चा
भास्कर न्यूज | लुधियाना टिब्बा गांव क्षेत्र में चल रहे एक प्रॉपर्टी विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। कोर्ट द्वारा स्टे ऑर्डर जारी होने के बावजूद एक पक्ष द्वारा जमीन पर चारदीवारी निर्माण करने का आरोप लगाया गया है। पीड़ित जसपाल सिंह ने कमिश्नर ऑफिस में शिकायत करते हुए बताया कि टिब्बा गांव स्थित उनकी जमीन को लेकर मामला कोर्ट में विचाराधीन है और सिविल जज (जूनियर डिवीजन) आइशा शर्मा ने उस पर स्पष्ट रूप से स्टे लगाया हुआ है। जसपाल सिंह का कहना है कि इसके बावजूद आरोपी पक्ष परमिंदर कौर, मंजीत सिंह धालीवाल, उनका बेटा सुखतियार सिंह धालीवाल और 5 अज्ञात लोग मौके पर पहुंचे और विवादित जमीन पर चारदीवारी खड़ी कर कब्जा करने की कोशिश की। पीड़ित के अनुसार, आरोपियों ने कोर्ट आदेश की अनदेखी करते हुए जबरन निर्माण करवाया, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई। सूचना मिलने के बाद थाना साहनेवाल पुलिस ने शिकायत पर कार्रवाई की और जांच अधिकारी गुरमीत सिंह ने सभी नामजद आरोपियों व अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
लड़कों की फिटनेस फ्रीक प्रतियोगिता में मोहम्मद रिहान ने जीता पहला स्थान
भास्कर न्यूज| लुधियाना पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (पीएयू) के निदेशक छात्र कल्याण विभाग की ओर से फिटनेस फ्रीक (लड़के और लड़कियां) तथा बेस्ट फिजिक (लड़के) प्रतियोगिताओं का सफल आयोजन किया गया। इन प्रतियोगिताओं का उद्देश्य युवाओं में शारीरिक तंदुरुस्ती और अनुशासन के महत्व को बढ़ावा देना था। विजेताओं को प्रसिद्ध पीएयू एलुमनस डॉ. गुलजार भलवान उच्ची रुड़की वाला पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता में कुल 30 छात्रों ने भाग लिया। लड़कों की श्रेणी में फिटनेस फ्रीक प्रतियोगिता में पहला स्थान मोहम्मद रिहान (कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर) ने हासिल किया, दूसरा स्थान खुशकर्ण सिंह (कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग) को मिला, जबकि तीसरा स्थान महकदीप सिंह (कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर) और गुरमनजोत सिंह (कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग) ने साझा किया। वहीं लड़कियों की श्रेणी में पहला स्थान गुरप्रीत कौर (कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर), दूसरा स्थान अरुणदीप कौर (कॉलेज ऑफ बेसिक साइंसेज) और तीसरा स्थान हरीता एम (कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर) ने प्राप्त किया। बेस्ट फिजिक प्रतियोगिता में पहला स्थान विवेक घई (कॉलेज ऑफ बेसिक साइंसेज) को मिला, दूसरा स्थान नवजोत सिंह (कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर) और तीसरा स्थान रोमनप्रीत सिंह (कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग) तथा नवप्रीत सिंह (कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर) ने संयुक्त रूप से प्राप्त किया। सभी विजेताओं को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर के डीन डॉ. चरणजीत सिंह औलख ने कहा कि यह तंदरुस्ती का युग है, जहां युवा शारीरिक और मानसिक फिटनेस दोनों को महत्व दे रहे हैं। डायरेक्टर, छात्र कल्याण डॉ. निर्मल सिंह जौड़ा ने प्रतिभागियों की लगन और समर्पण की प्रशंसा की।
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना पर दी जानकारी,पावर पॉइंट प्रस्तुति से योजना समझाई
भास्कर न्यूज | लुधियाना कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम भविष्य निधि भवन, श्याम नगर में हुआ। कार्यक्रम का नेतृत्व क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-I सौरभ स्वामी ने किया। इस अवसर पर विनोद थापर, अध्यक्ष निटवियर क्लब और क्लब के कई प्रमुख सदस्य मौजूद रहे। कार्यक्रम में परितोष दीप सिंह सेखों, जगदीश गखड़, अर्मान, देवांश और प्रवर्तन अधिकारियों की पूरी टीम ने हिस्सा लिया।सेमिनार का उद्देश्य निटवियर उद्योग से जुड़े नियोक्ताओं को प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना के बारे में जागरूक करना और उन्हें इसके लाभों की जानकारी देना था। कार्यक्रम के दौरान प्रवर्तन अधिकारी ब्रिजेश ने योजना पर विस्तृत पावरपॉइंट प्रस्तुति दी। इसके बाद प्रश्नोत्तर सत्र हुआ, जिसमें परितोषदीप सिंह सेखों और उनकी टीम ने प्रतिभागियों के सवालों के जवाब दिए। सौरभ स्वामी ने कहा कि यह योजना सिर्फ सरकारी पहल नहीं है, बल्कि प्रधानमंत्री के विकसित भारत मिशन को सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने नियोक्ताओं से अपील की कि वे इसे रोजगार बढ़ाने और कर्मचारियों को सुरक्षा देने के अवसर के रूप में देखें। निटवियर क्लब के प्रतिनिधियों ने EPFO टीम के प्रयासों की सराहना की और ऐसे सेमिनारों को उद्योग और सरकार के बीच विश्वास और पारदर्शिता बढ़ाने वाला कदम बताया।
सट्टा व अवैध लॉटरी का धंधा करने वाला काबू
लुधियाना| थाना मोती नगर पुलिस ने अवैध सट्टा व लॉटरी चलाने वाले एक युवक के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस को सूचना मिली कि सुभाष चंद्र उर्फ मिंटा, निवासी गली नंबर 3, शेरपुर खुर्द, बिना किसी सरकारी लाइसेंस के लॉटरी/सट्टेबाजी का अवैध काम कर रहा है। सूचना के अनुसार आरोपी शेरपुर मार्केट के पास 100 फुटा रोड स्थित खाली प्लॉट के पास खड़े होकर राहगीरों को आवाज लगाकर लालच दे रहा था कि ‘10 रुपये लगाओ, नंबर निकला तो 100 रुपये मिलेंगे’, जबकि नंबर न निकलने पर लोगों के पैसे हड़प लेता था। पुलिस के अनुसार, उसके पास इस तरह की लॉटरी या गेमिंग गतिविधि का कोई लाइसेंस नहीं है। पुलिस ने सुभाष चंद्र उर्फ मिंटा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। प्राथमिक जांच के बाद पुलिस टीम मौके पर छापेमारी के लिए पहुंच चुकी थी और आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
पंजाब होमगार्ड्स और नागरिक सुरक्षा अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण करवाया
लुधियाना। गुरु अंगद देव वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज यूनिवर्सिटी के टीचिंग वेटरनरी क्लिनिकल कॉम्प्लेक्स विभाग ने आपदाओं के दौरान पशु कल्याण और प्रबंधन पर पंजाब होमगार्ड्स और नागरिक सुरक्षा अधिकारियों के लिए एक प्रभावी प्रशिक्षण सत्र आयोजित करके सामुदायिक सहभागिता की एक और पहल की। पशु चिकित्सा अस्पताल के निदेशक डॉ. जतिंदर महेंद्रू के मार्गदर्शन में आयोजित इस प्रशिक्षण सत्र का उद्देश्य आपातकालीन स्थितियों के दौरान पशु जीवन और जन स्वास्थ्य की रक्षा के लिए अग्रिम पंक्ति में तैनात कर्मियों को कौशल प्रदान करना था। डॉ. महेंद्रू ने आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों के रूप में पशु चिकित्सकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने समय पर और प्रभावी प्रतिक्रिया प्रयासों को सुनिश्चित करने के लिए विश्वविद्यालय और आपदा प्रबंधन एजेंसियों के बीच मजबूत और निरंतर सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. जतिंदर पाल सिंह गिल, वाइस चांसलर ने टीम के प्रयासों की सराहना की और कहा कि यूनिवर्सिटी समाज के कल्याण के लिए समर्पित है। विशेषज्ञ सत्र के दौरान, डॉ. रणधीर सिंह ने पशु देखभाल, संयम और मृत पशुओं के निपटान के वैज्ञानिक तरीकों के बारे में जानकारी दी। डॉ. गुरप्रीत सिंह ने प्रतिभागियों को पशुओं से मनुष्यों में होने वाली बीमारियों की रोकथाम, पशुओं की सुरक्षित निकासी और आपदाओं के दौरान गंदगी से बचाव के बारे में जागरूक किया। जिला कमांडर रछपाल सिंह एवं कंपनी कमांडरों और प्लाटून कमांडरों सहित 28 अधिकारियों ने प्रशिक्षण में सक्रिय रूप से भाग लिया। उन्होंने आपदा तैयारी के लिए वैज्ञानिक ज्ञान प्रदान करने के यूनिवर्सिटी के प्रयासों की सराहना की। डॉ. स्वर्ण सिंह रंधावा, डीन, वेटरनरी साइंस कॉलेज ने भी टीम की सराहना की। कार्यक्रम का समापन आपदा प्रबंधन के लिए तत्परता और सहानुभूति के संदेश के साथ हुआ।
मेरे हलके में कोई नशा बेचता मिला, तो मैं खुद बुलडोजर चला कर घर गिरा दूंगा: सिद्धू
लुधियाना| मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार की “युद्ध नशों विरुद्ध” मुहिम को और तेज़ करने के लिए शुक्रवार को आत्म नगर हलके में बड़ी बैठक हुई। बैठक का आयोजन यूनाइटेड साइकिल पार्ट्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन , गिल रोड स्थित परिसर में विधायक एडवोकेट कुलवंत सिंह सिद्धू के निर्देशों पर किया गया। कार्यक्रम का संचालन कंवलजीत सिंह सचदेवा (संगठन इंचार्ज) और महिंदर पाल सिंह (कोऑर्डिनेटर) ने किया। इस दौरान मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए अधिकारियों और जनता को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य पंजाब के युवाओं को नशे से दूर कर “रंगला पंजाब” दोबारा बसाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के सौदागरों पर अब किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। विधायक कुलवंत सिंह सिद्धू ने बताया कि इस मुहिम की शुरुआत के बाद अब तक 15 से ज़्यादा युवा उनके संपर्क में आए हैं, जिन्होंने नशा छोड़ने की इच्छा जताई। इनका इलाज प्रशासन की मदद से करवाया गया है। सिद्धू ने लोगों से अपील की कि अगर उनके आसपास नशा बेचने या करने की जानकारी हो तो तुरंत पुलिस को बताएं। शिकायतकर्ता की पहचान गुप्त रखी जाएगी। उन्होंने सख्त चेतावनी दी “अगर मेरे हलके में कोई नशा बेचता मिला, तो मैं खुद बुलडोज़र चलाकर उसका घर गिरा दूंगा।” इस मौके पर डीएसपी सतविंदर सिंह विर्क, नगर निगम के जोनल कमिश्नर गुरपाल सिंह, एसएचओ बलवंत सिंह, सुपरिंटेंडेंट अब्दुल, सोहन सिंह गोगा, परमिंदर सिंह सोमा, मनी भगत, रेशम सग्गू, लखविंदर लक्की और सभी काउंसलर मौजूद रहे।
सोशल मीडिया पर वीडियो देख खुली पोल, फैक्ट्री से चोरी माल दुकानों पर बिक रहा था
भास्कर न्यूज |लुधियाना टिब्बा रोड इलाके में एक होजरी फैक्ट्री में से काफी समय से लाखों की कीमत के कपड़े चोरी हो रहे थे। फैक्ट्री मालिक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो में जब अपनी फैक्ट्री में बने हुए माल को बिकता देखा तो चोरी का खुलासा हुआ। होजरी कारोबारी साहिल कालिया वासी सेक्टर-32 ने बताया कि उनकी होजरी फैक्ट्री न्यू शक्ति नगर, टिब्बा में स्थित है। उनकी फैक्ट्री में पुरुषों के कपड़े बनाए जाते हैं। काफी समय से उनके बनाए गए माल में कमी आ रही थी। लेकिन, माल के बेचने का कोई रिकॉर्ड नहीं था। फिर एक दिन उन्होंने सोशल मीडिया पर 3 कपड़ों की दुकानों की वीडियो देखी। उसमें जो कपड़े बेचे जा रहे थे वो सारा माल उनकी फैक्ट्री में बनाया गया था। लेकिन, वह दुकानदार उनके ग्राहक नहीं थे। फिर उन्होंने अपने कर्मचारियों से उक्त दुकानदारों के बारे में पूछा लेकिन दुकानदारों को सामान बेचने का रिकॉर्ड उनके पास नहीं था। फिर वह खुद सभी दुकानदारों के पास गए और सामान के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि वह सुजल से माल खरीदते हैं। जोकि खुद को डीलर बताता था। फिर मामले में थाना टिब्बा की पुलिस में शिकायत दी तो आरोपी सुजल कुमार पुत्र बिंदर कुमार वासी मोहल्ला अमरपुर और उसके 2 अज्ञात साथियों पर केस दर्ज किया है। जांच अधिकारी कमलजीत सिंह ने बताया कि अभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग विभाग (IET) के छात्रों अपनी कुछ मांग लेकर कुलपति से मिलने के लिए पहुंचे। छात्रों ने बताया कि मैडम कहीं जा रही थीं तो हमलोग उनके पास गए। लेकिन उन्होंने उनसे बात नहीं हो पाई और वेट करने के लिए कहा। जबकि उनका कोई प्रोग्राम बुक फेयर में होना था। इसके बाद हमलोग ने वहीं पुस्तक महोत्सव में जाकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान अपने विभाग से जुड़ी कई गंभीर समस्याएँ सामने रखीं। फर्स्ट ईयर से लेकर लास्ट ईयर तक के छात्रों ने मिलकर अपने शैक्षणिक माहौल में आ रही दिक्कतों के बारे में चर्चा की और प्रशासन से सुधार की मांग की। दैनिक भास्कर से बात करते हुए छात्रों ने बताया कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग की प्रयोगशाला पिछले डेढ़ साल से अधूरी पड़ी है। निर्माण कार्य शुरू तो हुआ था, लेकिन अब तक पूरा नहीं हो सका। इसी तरह अन्य विभागों जैसे CS, IT और ECE में भी पर्याप्त प्रयोगशाला सुविधाएँ नहीं हैं। इसके अलावा वाशरूम की सुविधा, साफ पानी जैसी मूलभूत सुविधा नहीं है। छात्रों का कहना है कि प्रोजेक्टर, स्मार्ट बोर्ड जैसी मूलभूत शिक्षण सुविधाएँ कई कक्षाओं में नहीं हैं, जिससे पढ़ाई प्रभावित होती है। कुछ विषयों में अध्यापक भी नहीं हैं, जिसके कारण नियमित कक्षाएँ नहीं हो पा रही हैं। विकास यादव और वैभव पाठक ने बताया कि यहाँ की फीस अधिक है, लेकिन सुविधाएँ उस अनुपात में नहीं मिल रही हैं। कई बार छात्रों को स्थायी कक्षा न होने के कारण जगह-जगह भटकना पड़ता है। इसके साथ ही, जब मौजूदा शाखाओं में ही संसाधन अधूरे हैं, तो नई इलेक्ट्रिकल और सिविल शाखाएँ शुरू करने की योजना छात्रों में चिंता पैदा कर रही है। छात्र प्रतिनिधियों ने कहा कि इससे पहले भी उन्होंने कुलपति मैंम को प्रयोगशाला निर्माण और अन्य सुविधाओं के लिए आवेदन पत्र सौंपा था, तब 90 दिनों में कार्य पूरा करने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं हुई। हर बार समय सीमा बढ़ाई जाती है और केवल आश्वासन मिलता है, जबकि वास्तविक काम शुरू नहीं हो पाता। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के मुख्य प्रॉक्टर टी. एन. मिश्रा और IET के प्रोफेसर इंचार्ज एस. एन. तिवारी ने छात्रों का ज्ञापन प्राप्त किया और उनकी बातें गंभीरता से सुनीं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि–अगले 7 दिनों में सभी विभागों में स्मार्ट बोर्ड और अन्य बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।–अगले माह से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की प्रयोगशाला का निर्माण कार्य विधिवत शुरू किया जाएगा। छात्रों ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी यह बैठक पूरी तरह शांतिपूर्ण थी। उनका उद्देश्य किसी तरह का विरोध या विवाद करना नहीं था, बल्कि अपने शिक्षण वातावरण में सुधार की मांग करना था। छात्रों की केवल इतनी अपेक्षा है कि उन्हें बेहतर, सहयोगपूर्ण और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का माहौल मिले, जहाँ हर विद्यार्थी को सीखने और आगे बढ़ने का समान अवसर मिल सके।
डीग जिले के खोह थाना क्षेत्र में शुक्रवार तड़के हुई पुलिस मुठभेड़ में 10 हजार रुपए का इनामी बदमाश जाहिद उर्फ बुल्टी मेव (40) पुत्र नसरू मेव निवासी गढ़ी मेवात, थाना खोह, जिला डीग दोनों पैरों में गोली लगने से घायल हो गया। पुलिस ने घायल बदमाश को राजकीय जिला अस्पताल डीग में प्राथमिक उपचार के बाद आरबीएम हॉस्पिटल भरतपुर रेफर किया है। पुलिस ने मौके से एक 315 बोर का कट्टा, 10 जिंदा कारतूस और एक बिना नंबर की अपाचे मोटरसाइकिल बरामद की है। खोह थाना प्रभारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे डीएसटी टीम प्रभारी एसआई वीरेंद्र सिंह और थाना खोह पुलिस की संयुक्त टीम अपराधियों की तलाश में गांव जटेरी और हयातपुर के बीच मोनी बाबा के आश्रम के पास पहुंची। वहां पुलिस को गढ़ी मेव निवासी शातिर बदमाश जाहिद उर्फ बुल्टी मेव बाइक पर दिखाई दिया। पुलिस को देखकर वह भागने लगा और पकड़े जाने पर पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसमें जाहिद के दोनों पैरों में घुटनों के नीचे गोली लगी। घायल बदमाश को पुलिस ने मौके पर ही काबू कर लिया। चोरी कराता, फिर पैसे लेकर करता था मध्यस्ता जाहिद उर्फ बुल्टी वाहन चोरी गिरोह का सक्रिय सरगना था। बाइक से लेकर ट्रैक्टर और उसकी ट्रॉली तक चोरी कराता और फिर पीड़ितों से पैसे लेकर मध्यस्थता करता था। रकम लेकर वही चोरी किया वाहन दिलवाता था। साथ ही गो-तस्करी में भी संलिप्त था। आरसी गांव में हुए गोलीकांड में भी इसकी भूमिका सामने आई थी। लगातार बढ़ते अपराधों के चलते डीग एसपी ने 5 नवंबर को उस पर ₹10 हजार का इनाम घोषित किया था। हैरानी की बात यह रही कि इनाम घोषित होने के ठीक अगले दिन ही वह पुलिस मुठभेड़ में घायल होकर गिरफ्तार हो गया। मुठभेड़ के बाद एफएसएल, एमआईयू और एमओबी टीम मौके पर पहुंचीं। टीमों ने फिंगरप्रिंट, फोटो, वीडियो और अन्य तकनीकी साक्ष्य एकत्र किए। वहीं घायल आरोपी जाहिद उर्फ बुल्टी का इलाज आरबीएम जिला अस्पताल भरतपुर में चल रहा है। मुठभेड़ के बाद मौके से एफएसएल टीम को 5 खाली खोखे मिले दोनों ओर से करीब 15 मिनट तक फायरिंग चली। जाहिद ने पुलिस पर अपने अवैध 315 बोर कट्टे से 20 से अधिक राउंड फायर किए। पुलिस की ओर से एसआई वीरेंद्र सिंह ने पिस्टल से 2 और डीएसटी कांस्टेबल परशुराम ने एके-47 से 8 राउंड फायर किए। जवाबी फायरिंग में जाहिद के दोनों पैरों में गोलियां लगीं। मुठभेड़ के बाद पुलिस को मौके से 5 खाली खोखे भी मिले हैं।डीएसटी कांस्टेबल परशुराम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पुलिस जांच में पता चला है कि जाहिद उर्फ बुल्टी हार्डकोर अपराधी है। उसके खिलाफ राजस्थान के 15 थानों और हरियाणा के एक थाने में चोरी, वाहन चोरी, पशु चोरी, डकैती, लूट, प्राणघातक हमला और पुलिस पर हमले जैसे कुल 30 मुकदमे दर्ज हैं। खोह क्षेत्र में हुई मुठभेड़ पुलिस की मुस्तैदी और कार्रवाई की गंभीरता को दर्शाती है। सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिए हैं कि अपराधियों पर सख्त निगरानी रखें और किसी भी स्थिति में कानून व्यवस्था से समझौता न करें। जो भी अपराध करेगा, वह अब जिले की सीमा में सुरक्षित नहीं रहेगा। अपराधी चाहे कितना भी बड़ा या प्रभावशाली क्यों न हो, उसे जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा। -ओम प्रकाश मीणा , एसपी डीग।

