जोधपुर में मंगलवार को आयोजित जिला स्तरीय साप्ताहिक समीक्षा बैठक में जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने अधिकारियों को प्रशासनिक प्रक्रियाओं में अधिक दक्षता, उत्तरदायित्व और मानवीय दृष्टिकोण अपनाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासनिक व्यवस्था को प्रभावी और संवेदनशील बनाना समय की मांग है। प्रत्येक अधिकारी अपने कार्य क्षेत्र में तकनीकी दक्षता के साथ संवेदनशील व्यवहार सुनिश्चित करें, जिससे आमजन का विश्वास प्रशासन पर और मजबूत हो। अग्रवाल ने कहा कि ई-फाइल प्रणाली और संपर्क पोर्टल जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म केवल कार्यवाहियों का औपचारिक माध्यम नहीं, बल्कि पारदर्शी और जवाबदेह शासन की रीढ़ हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक फाइल का निस्तारण समय-सीमा के भीतर हो और समाधान इस प्रकार हो कि आवेदक को संतोष मिले। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि केवल आंकड़े नहीं, बल्कि परिणाम और संतोषजनक निष्कर्ष ही प्रशासन की सफलता का मापदंड हों। लंबित प्रकरणों के निस्तारण में लाएं ठोस परिणामबैठक में लंबित शिकायतों, विशेषकर जनसुनवाई, मुख्यमंत्री कार्यालय, माननीय जनप्रतिनिधियों के संदर्भ, मानवाधिकार आयोग तथा न्यायालयों से संबंधित अवमानना प्रकरणों की समीक्षा की गई। जिला कलेक्टर ने इन मामलों में त्वरित, निष्पक्ष और दस्तावेजीकृत कार्यवाही के निर्देश देते हुए कहा कि बार-बार की याद दिलाने वाली प्रवृत्ति पर अंकुश लगे, इसके लिए प्रकरणों की सतत मॉनिटरिंग जरूरी है। विभागीय समन्वय को बनाएं योजनाओं के क्रियान्वयन की आधारशिलाअग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रभाव तभी दिखेगा जब विभागों के बीच सशक्त समन्वय होगा। उन्होंने कहा कि योजनाएं केवल कागजों में नहीं, ज़मीन पर दिखाई दें,इसके लिए संबंधित अधिकारी क्षेत्र में जाकर वस्तुस्थिति देखें और रियल टाइम प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। प्रत्येक अधिकारी अपनाए ‘प्रो-एक्टिव अप्रोच’जिला कलेक्टर ने कहा कि प्रत्येक अधिकारी की कार्यशैली में “प्रो-एक्टिव अप्रोच” झलके। केवल फॉलोअप तक सीमित न रहते हुए पहल करके समाधान निकालें। उन्होंने कहा कि तकनीकी दक्षता और संवेदनशीलता, दोनों का समन्वय ही प्रशासनिक उत्कृष्टता का मार्ग प्रशस्त करता है। बैठक में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष कुमार मिश्रा, अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रथम) जवाहर चौधरी, अतिरिक्त जिला कलेक्टर (द्वितीय) सुरेन्द्र राजपुरोहित सहित सभी जिला स्तरीय विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
जुलाई का मौसम:पहले और दूसरे सप्ताह में बरसेंगे बादल, तीसरे-चौथे में सुस्त मानसून बढ़ाएगा उमस
शहर में जून की तरह जुलाई में भी अच्छी बारिश की संभावना है। शुरुआती दाे सप्ताह मानसून सक्रिय रहेगा। शेष दोनों सप्ताह में बारिश में कमी आएगी। मानसून कमजोर रहने के आसार हैं। इन सबके बावजूद औसत से ज्यादा पानी बरस सकता है। मौसम विज्ञान केंद्र, जयपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. हिमांशु शर्मा ने बताया कि पहले दो सप्ताह में मजबूत सिस्टम सक्रिय रहेगा। इससे अच्छी बारिश की संभावना है। फिर 15 जुलाई के बाद मानसून कमजोर पड़ेगा। ऐसे में बारिश की गतिविधियां कुछ कम हो सकती हैं। दूसरे सप्ताह के अंत में भी बारिश में कमी रहेगी। दिन का पारा औसत के करीब, जबकि रात का सामान्य से ज्यादा रह सकता है। उदयपुर में जुलाई में औसत अधिकतम तापमान 32.2 और न्यूनतम 22.7 डिग्री तय है। बता दें, उदयपुर में 30 जून तक 180 मिमी बारिश हो चुकी है। औसत 81 मिमी होती है। यानी अब तक सामान्य से 123 फीसदी ज्यादा बारिश हो चुकी है। इसे देखते हुए जुलाई में बारिश का आंकड़ा सामान्य 235.6 मिमी से ऊपर पहुंच सकता है। पूरे मानसून सीजन (जून से सितंबर तक) उदयपुर में 617.7 मिमी बारिश होती है। इसका 38 फीसदी हिस्सा जुलाई में बरसता है। पहला दिन : तापमान 1.7 डिग्री बढ़कर 31.4, आज से भारी बारिश मंगलवार को दिन भर बादल छाए रहे। धूप भी खिली। पारे में 1.7 डिग्री की बढ़ोतरी हुई। यह 31.4 डिग्री पर जा पहुंचा। सामान्य से 0.8 डिग्री कम। जुलाई में इसका औसत 32.2 डिग्री सेल्सियस तय है। दूसरी तरफ रात के पारे में भी 0.6 डिग्री की बढ़ोतरी हुई। यह 25.6 डिग्री रहा। सामान्य से 0.7 डिग्री ज्यादा। इस महीने इसका औसत 24.9 डिग्री है। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार सुबह से ही जिले समेत संभाग के कई हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है। यह दौर तीन-चार दिन यानी इस पूरे सप्ताह तक बना रह सकता है। 2009 में 410 पार पहुंच गया था दिन का तापमान 2004 : आठ इंच से ज्यादा बारिश एक ही दिन में2009 : सात जुलाई को दिन सबसे गर्म, पारा 41.4 डिग्री तक जा पहुंचा था।2009 : 10 जुलाई को रात सबसे ठंडी रही, पारा इस दिन 20 डिग्री रहा।2004 : दस जुलाई को सबसे ज्यादा बारिश 213.8 मिमी हुई 24 घंटे के दौरान।
लिव इन पार्टनर हत्याकांड:तलाक का केस पेंडिंग होने के कारण साढ़े तीन साल से साथ रह रहे थे दोनों
सचिन ने की थी लव मैरिज, पत्नी से विवाद हुआ तो बढ़ी रितिका से नजदीकी लिव इन पार्टनर रितिका सेन की हत्या करने वाले सचिन राजपूत ने वर्ष 2018 में लव मैरिज की थी। वह मूलत: सिरोंज, विदिशा का रहने वाला है। उसने वर्ष 2020 में करोंद इलाके में ई-रिक्शा का शोरूम खोला था। इस बीच छोटी-छोटी बातों पर पत्नी से विवाद होने लगा। पत्नी ने घरेलू हिंसा की शिकायत की थी। कोर्ट ने दोनों के बीच राजीनामा करा दिया था। दोबारा घरेलू हिंसा होने पर कोर्ट में तलाक का केस पेंडिंग है। रितिका सचिन के ई-रिक्शा शोरूम पर बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थी। पत्नी से विवाद के चलते सचिन की नजदीकी रितिका से बढ़ने लगी। दोनों शादी करना चाहते थे और रितिका के परिजन भी इसके लिए तैयार थे। तलाक का केस पेंडिंग होने के कारण दोनों साढ़े तीन साल से साथ रह रहे थे। रितिका ने गला दबाने की कोशिश कीपुलिस के मुताबिक सचिन ने पूछताछ में बताया कि 27 तारीख को दोनों में मारपीट हुई। रितिका ने सचिन का गला दबाने की कोशिश की। फिर सचिन ने रितिका को पटककर उसका गला दबा दिया। उसे लगा वह बेहोश हो गई। फिर वह दोस्त के पास चला गया। अगले दिन सुबह 10 बजे जब वापस आया तो रितिका की सांसें थम चुकी थीं। वह दिनभर इधर-उधर घूमता रहा। बाद में घर पहुंचा और रितिका के शव को दो कंबल, साड़ियों और चादर और प्लास्टिक की बोरी में पैक कर दिया। 40 हजार की नौकरी करने लगा थाबजरिया थाना प्रभारी शिल्पा कौरव के अनुसार दो साल पहले सचिन ई-रिक्शा शोरूम से करोड़ों रुपए का कारोबार करता था। मार्केट में सवा करोड़ रुपए डूबने के कारण उसे शोरूम बंद करना पड़ा। इसके बाद सचिन ने 40 हजार रुपए प्रतिमाह की नौकरी कर ली। उधर, रितिका कृषि उपकरण की दुकान पर सेल्स मैनेजर के रूप में काम करने लगी। इस दौरान कृषि उपकरण दुकान संचालक से रितिका की दोस्ती हो गई। इसी विवाद के चलते दोनों में विवाद होने लगे थे। फिर सचिन ने 27 जून को रितिका की हत्या कर दी। मंगलवार को पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद रितिका का शव परिजनों को सौंप दिया है। आरोपी सचिन बुधवार तक पुलिस रिमांड पर है। दोस्त से बोला- मैंने रितिका को मार दिया उसने 29 जून को मिसरोद निवासी दोस्त अनुज को एमपी नगर बुलाया। शराब पीने के दौरान उसने अनुज को बताया कि रितिका को मार दिया है। रात को सचिन अनुज के घर रुका। अगले दिन सुबह अनुज ने सचिन से पूछा कि रात में शराब के नशे में क्या बोल रहा था तो उसने बताया कि सच में उसने रितिका को मार दिया है। इसके बाद अनुज ने सचिन से उसके घर की चाबी ली। माता-पिता को बताया तो उन्होंने पुलिस को सूचित करने की सलाह दी। अनुज ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस दोनों को लेकर गायत्री नगर, करारिया फार्म स्टेशन बजरिया पहुंची। जहां प्लास्टिक की बोरी में रितिका का शव बंधा पड़ा था। {दोनों शादी करना चाहते थे, रितिका के घरवाले भी इसके लिए राजी थे {शोरूम बंद हुआ तो कृषि उपकरण की दुकान पर काम करने लगी थी रितिका।
ईओडब्ल्यू:130 करोड़ की जीएसटी चोरी संगठित घोटाला, और खुलासे होंगे
130 करोड़ की जीएसटी चोरी के आरोप में रांची से पकड़े गए विनोद सहाय उर्फ एनके खरे की रिमांड बुधवार को खत्म होगी। इसके बाद ईओडब्ल्यू आरोपी को अदालत में पेश करेगी। जरूरत पड़ी तो रिमांड बढ़ाने का आवेदन होगा। जांच एजेंसी का मानना है कि यह पूरा नेटवर्क एक संगठित जीएसटी घोटाले की तरह है। लेनदेन, बैंक खाते, ई-मेल, मोबाइल नंबर और आईटीसी क्लेम के बीच पूरा डिजिटल तालमेल दिखा है।अब तक 14 फर्जी फर्म और 9 अन्य व्यक्तियों के नाम पर चलाई जा रहीं फर्म मिलाकर 23 से ज्यादा कंपनियां सामने आई हैं। 512 करोड़ की इनवॉयस वैल्यू का कोई माल, स्टॉक, गोदाम या ट्रांसपोर्ट दस्तावेज नहीं मिला।विनोद ने नर्मदा ट्रेडर्स, नमामि ट्रेडर्स, अभिजीत ट्रेडर्स, मां रेवा ट्रेडर्स, अंकिता स्टील एंड कोल, जगदंबा कोल कैरियर्स, महक इंटरप्राइजेज, केडी सेल्स जैसी कंपनियों का संचालन खुद या दूसरों के नाम पर दिखाया। जांच में और खुलासे होंगे। 150 बैंक खाते ट्रेस हुए ईओडब्ल्यू के मुताबिक आरोपी का नेटवर्क मप्र, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में फैला है। अब तक की पड़ताल में 150 बैंक खाते ट्रेस हुए हैं, जिन्हें आरोपी या उसके सहयोगी संचालित कर रहे थे। आरोपी के कब्जे से अलग-अलग विभागों की सील, नकली ट्रांसपोर्ट रसीदें, जीएसटी बिल बुक्स, पैन कार्ड, आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
एआई से चेक होंगी बच्चों की आंखें, आईसीएमआर से मिले 1.5 करोड़, रिसर्च शुरू
कोरोना के बाद बच्चों का स्क्रीन टाइम बढ़ा है। मैदानों में खेलने का समय घटा है। इससे मायोपिया, यानी निकट दृष्टिदोष की समस्या तेजी से बढ़ी है। इसी खतरे को देखते हुए एम्स भोपाल और मैनिट भोपाल ने मिलकर एक रिसर्च प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित मॉडल और मोबाइल एप तैयार किए जाएंगे। ये स्कूली बच्चों में मायोपिया की पहचान करेंगे। इस प्रोजेक्ट को आईसीएमआर ने 1.5 करोड़ रुपए की फंडिंग दी है। यह तीन साल की परियोजना है। इसमें भोपाल के 10 से 12 हजार स्कूली बच्चों पर अध्ययन होगा। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों से आंकड़े जुटाए जाएंगे।
प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2025 में मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी दूर करने के लिए 470 पदों पर भर्ती शुरू की थी। इनमें 90 प्राध्यापक, 179 सह-प्राध्यापक और 201 सहायक प्राध्यापक शामिल थे। लेकिन तीन महीने बाद पहले चरण में सिर्फ 59 शिक्षकों का चयन हो सका, यानी कुल पदों पर सिर्फ 12.5% पर ही भर्ती हुई। प्राध्यापक के 90 पदों में 11 पर नियुक्ति हुई। 179 सह-प्राध्यापक में केवल 8 पद भरे गए। 201 सहायक प्राध्यापक में 40 का चयन हो सका। सह-प्राध्यापक वर्ग में सबसे कम 4.5% पद भरे गए। सरकारी नौकरी में रुचि कम होने की वजह योग्य उम्मीदवारों की कमी, प्राइवेट सेक्टर में बेहतर अवसर, दूरस्थ जिलों में पोस्टिंग से बचना और प्रमोशन के साथ ही फैसले लेने की आजादी नहीं होना है। उधर, मेडिकल काउंसिल की गाइडलाइन देखें तो फैकल्टी की कमी से का सीधा असर छात्रों के प्रैक्टिकल, ट्रेनिंग, पीजी सुपरविजन और संस्थानों की मान्यता पर पड़ रहा है। कई मेडिकल कॉलेजों में तो एमबीबीएस की पढ़ाई गेस्ट फैकल्टी और वीडियो लेक्चर से चल रही है।
228 क्वार्टर का ब्लॉक धराशाई:अब यहां हादसे का खतरा खत्म
टीटी नगर स्मार्ट सिटी एरिया में 228 क्वार्टर का एक ब्लॉक मंगलवार को धराशाई कर दिया गया। 12 मकानों के इस आई टाइप ब्लॉक में तीन लोग कब्जा कर रह रहे थे। जिला प्रशासन से लेकर पुलिस, नगर निगम, संपदा और स्मार्ट सिटी की टीम ने इन मकानों को धराशाई कराया। इस इलाके में अलग-अलग ब्लॉक में पिछले 20 सालों से 72 परिवार अवैध कब्जा करके रह रहे थे। मंगलवार को इनमें से 12 से मकान खाली कराए गए हैं। इस कार्रवाई के बाद भी 60 परिवार यहां रह रहे हैं। बारिश का हवाला देकर इन्होंने प्रशासन से कुछ समय मांगा था, जिसके बाद इन्हें दो दिन का समय दिया गया है। इसके बाद इन्हें सख्ती से हटाया जाएगा। प्रशासन पहले ही जर्जर कर तोड़ चुका है। इन आवासों में से खिड़की, दरवाजे और दीवारों के कुछ-कुछ हिस्से को तोड़कर छोड़ दिया। उसके बाद लोग यहां पर अस्थायी व्यवस्था कर रहने लगे। कई मकान में तो ग्राउंड फ्लोर को आधा तोड़ जा चुका है, लेकिन उसके बाद भी फर्स्ट और सेकंड फ्लोर पर लोग रह रहे हैं। ननद को मिला था मकान, 20 साल से भाभी का परिवार काबिज यहां रहने वाली डॉली बताती हैं, कि वे साल 2006 में यहां रहने आई थीं। उनकी ननद के पति पीडब्ल्यूडी में थे। उन्हें यह मकान मिला था। उनके बाद वे यहां रहने लगी। हमारे पास कोई विकल्प नहीं है, इस कारण यहां रह रहे हैं। हमारे साथ 4 और परिवार रह रहे थे। उन्होंने पहले खाली कर दिए थे। 12 परिवारों ने मकान खाली का दिए। तीन मंजिला एक ब्लॉक के 12 मकानों को तोड़ दिया है। एक और ब्लॉक खाली किया गया है। ज्यादा बारिश से पहले सभी 72 आवासों का खाली कराया जाएगा। - प्रीति श्रीवास्तव, बेदखली अधिकारी संपदा
जुलाई का मौसम:पहले हफ्ते में दो-तीन दिन रिमझिम, तीसरे हफ्ते में तेज बारिश संभव
डॉ दिव्या ई सुरेंद्रन, फोरकास्ट ऑफिसर, मौसम केंद्र भोपाल जुलाई मानसून का सबसे सक्रिय महीना होता है। भोपाल इसका बेहतरीन उदाहरण है। बीते 13 वर्षों के बारिश के रिकॉर्ड बताते हैं कि भोपाल में जुलाई के महीने में अक्सर कोटे से ज्यादा बारिश हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, इस बार भी शहर में जुलाई का सामान्य कोटा 339.6 मिमी बारिश पार हो सकता है। 2012 से लेकर 2024 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो 8 बार जुलाई में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई। 2019 में तो इस माह 643.1 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से करीब दोगुना थी। चार बार तो बारिश 400 मिमी से भी ज्यादा रही।तापमान जितना दिन में गिरा, रात में उतना बढ़ गया: जुलाई के पहले दिन मंगलवार को शहर में रुक-रुक कर रिमझिम फुहारें पड़ती रहीं। दिन का तापमान 29.4 डिग्री दर्ज किया गया। सोमवार के मुकाबले इसमें 0.2 डिग्री की गिरावट हुई। रात का तापमान 23.4 डिग्री दर्ज हुआ। 24 घंटे में दो डिग्री का इजाफा हुआ। कैसा रहेगा जुलाई का हफ्तावार मौसम पहला हफ्ता: जुलाई के पहले दो दिनों के बाद एक सक्रिय मानसूनी सिस्टम बनने की संभावना है। 3-4 दिन अच्छी बारिश हो सकती है, जिनमें से 1-2 दिन तेज बारिश संभव है। दूसरा हफ्ता: बंगाल की खाड़ी में बनने वाला मानसूनी सिस्टम यदि सक्रिय रहा और ट्रफ लाइन बनी रही, तो सप्ताह में तीन से चार दिन अच्छी बारिश की उम्मीद है। तीसरा हफ्ता: इस हफ्ते सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली दोहरी नमी के कारण 2-3 दिन तेज बारिश हो सकती है। चौथा हफ्ता: यदि बंगाल की खाड़ी में मजबूत सिस्टम बना और उसका ट्रैक सागर संभाग की ओर हुआ तो भोपाल में फिर मूसलधार बारिश हो सकती है। 3-4 दिन बारिश संभव है।
बीजेपी के पूर्व कोषाध्यक्ष और बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल बीजेपी के 18वें प्रदेश अध्यक्ष होंगे। उन्होंने सिंगल कैंडिडेट के तौर पर नामांकन दाखिल किया है। उनके नाम का औपचारिक ऐलान आज (2 जुलाई) किया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि 61 साल के हेमंत खंडेलवाल को मप्र बीजेपी का अध्यक्ष बनाने की पटकथा लोकसभा चुनाव के बाद ही लिख ली गई थी। दरअसल, केंद्रीय नेतृत्व ने खंडेलवाल को प्रत्याशियों के को-ऑर्डिनेशन की अहम जिम्मेदारी सौंपी थी। इस वजह से लोकसभा चुनाव में पार्टी का बेहतर प्रदर्शन रहा और बीजेपी क्लीन स्वीप करने में कामयाब रही। साथ ही संघ और सीएम ने भी खंडेलवाल के नाम पर मुहर लगाई थी। वैश्य समुदाय से आने वाले हेमंत खंडेलवाल की पृष्ठभूमि राजनीतिक रही है। उनके पिता विजय खंडेलवाल बैतूल से 4 बार सांसद रहे हैं। जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण के आधार पर कई नाम प्रदेशाध्यक्ष की दौड़ में शामिल थे। इन सभी को पीछे छोड़ते हुए आखिर हेमंत खंडेलवाल के नाम पर सहमति कैसे बनी? खंडेलवाल के सामने कौन सी चुनौतियां होंगी? पढ़िए रिपोर्ट... धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में भरा नामांकनबीजेपी के प्रदेश चुनाव अधिकारी और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मंगलवार शाम 4 बजे भोपाल पहुंचे। इसके बाद प्रदेश कार्यालय में संगठन चुनाव के अधिकारी विवेक शेजवलकर और धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में हेमंत खंडेलवाल ने 4.30 बजे अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। शाम 6.30 बजे तक किसी और उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल नहीं किया, जिससे ये तय हो गया कि खंडेलवाल ही बीजेपी के निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष होंगे। आज प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में उनके नाम का औपचारिक ऐलान किया जाएगा। राजेंद्र शुक्ला और नरोत्तम मिश्रा भी थे रेस मेंसूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष की रेस में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी थे। मिश्रा ने दिल्ली में लॉबिंग की थी। जबकि शुक्ला के लिए प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के समर्थन की कोशिश हुई, लेकिन हेमंत खंडेलवाल के नाम पर सहमति बनी। लोकसभा चुनाव के दौरान समन्वय की जिम्मेदारीलोकसभा 2024 चुनाव के दौरान हेमंत खंडेलवाल को राष्ट्रीय नेतृत्व ने संगठन और उम्मीदवारों के बीच को-ऑर्डिनेशन की जिम्मेदारी सौंपी थी। इस काम को उन्होंने बखूबी अंजाम दिया। जब लोकसभा चुनाव खत्म हो गए और प्रदेश अध्यक्ष के चयन की कवायद शुरू हुई तो कई नाम सामने आए। राजनीतिक और जातिगत समीकरणों को देखते हुए कई नेताओं की दावेदारी थी, लेकिन खंडेलवाल ने बाजी मार ली। बीजेपी के सूत्र बताते हैं कि हेमंत खंडेलवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के लिए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सौदान सिंह ने संगठन को प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव पर आरएसएस के वरिष्ठ नेता सुरेश सोनी और सीएम डॉ. मोहन यादव ने भी सहमति जताई थी। शिवराज, तोमर से भी खंडेलवाल के अच्छे रिश्तेखंडेलवाल के शिवराज सिंह चौहान और नरेंद्र सिंह तोमर से संबंध अच्छे हैं। उनके पिता और बैतूल से चार बार के सांसद विजय खंडेलवाल का 2007 में निधन हो गया था। उस समय प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे। बैतूल सीट पर हुए उपचुनाव में शिवराज और तोमर की सहमति से खंडेलवाल को टिकट मिला और वे सांसद बने थे। हालांकि, 2009 के लोकसभा चुनाव में परिसीमन के बाद ये सीट रिजर्व हो गई। इसके बाद उन्हें संगठन की कई बड़ी जिम्मेदारियां दी गई। मप्र के कई जिलों में बीजेपी के नए कार्यालयों को बनाने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई थी। अब जानिए क्या रहेंगी खंडेलवाल के सामने चुनौतियां? 1. नगरीय निकाय और पंचायत के चुनावसाल 2027 में मप्र में नगरीय निकाय और पंचायत के चुनाव होने हैं। इस बार सरकार ने तय किया है कि पंचायत के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली की बजाय प्रत्यक्ष प्रणाली यानी पार्टी सिंबल पर कराए जाए। इसी तरह नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्षों के चुनाव भी पार्टी सिंबल पर होंगे। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर हेमंत खंडेलवाल के सामने एक बड़ी चुनौती होगी। 2. विधानसभा चुनाव की रणनीति बनानानगरीय निकाय चुनाव के बाद 2028 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। हालांकि हेमंत खंडेलवाल का कार्यकाल जुलाई 2028 तक रहेगा, मगर चुनाव के लिए रणनीति बनाने की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर रहेगी। साल 2023 के चुनाव में बीजेपी ने 165 सीटें जीतकर सरकार बनाई है। खंडेलवाल के सामने जीत के इस मार्जिन को बरकरार रखना चुनौती होगी। 3. निगम-मंडल और आयोग में नियुक्तियांमोहन सरकार ने पिछली सरकार में निगम मंडल और आयोग में हुई नियुक्तियों को रद्द कर दिया है। खंडेलवाल के अध्यक्ष के बाद प्रदेश के निगम, मंडलों, बोर्ड, प्राधिकरणों में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की नियुक्ति की प्रक्रिया तेज होगी। पहले की तुलना में पार्टी और सरकार के बीच समन्वय बेहतर होगा। साथ ही जिला कार्यकारिणी और कोर कमेटियों के गठन में भी तेजी आएगी। दूसरी बार विधानसभा में सीएम और अध्यक्ष साथ होंगेहेमंत खंडेलवाल बैतूल से विधायक हैं। ये दूसरी बार होगा जब बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री एक साथ विधानसभा में नजर आएंगे। साल 2006 से 2010 के बीच नरेंद्र सिंह तोमर प्रदेश अध्यक्ष रहे तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे। हालांकि, ये जुगलबंदी केवल 9 महीने तक ही रही। तोमर ने 2008 का चुनाव नहीं लड़ा और 2009 में राज्यसभा के लिए चुने गए। इससे पहले और बाद में जितने प्रदेशाध्यक्ष रहे। उनमें से कोई भी विधानसभा का सदस्य नहीं रहा। हेमंत खंडेलवाल 2023 में दूसरी बार विधायक बने हैं। प्रदेश अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है। सीएम डॉ. मोहन यादव और खंडेलवाल 2028 तक विधानसभा में एक साथ नजर आएंगे। तोमर के बाद खंडेलवाल भी तोड़ेंगे परंपराबीजेपी की एक परंपरा रही है कि प्रदेश अध्यक्ष राज्यसभा या लोकसभा का सदस्य होता है। साल 1990 से लखीराम अग्रवाल से ये परंपरा शुरू हुई थी। वे उस समय मप्र राज्यसभा के सदस्य थे। इसके बाद लक्ष्मीनारायण पांडे, नंदकुमार साय, विक्रम वर्मा, कैलाश जोशी, शिवराज सिंह चौहान, सत्यनारायण जटिया तक ये परंपरा कायम रही। 2006 में जब नरेंद्र सिंह तोमर अध्यक्ष बने तब वे मप्र विधानसभा के सदस्य थे। हालांकि, दो साल बाद 2009 में वे राज्यसभा के लिए चुने गए थे। दूसरी बार 2012 में जब वे अध्यक्ष बने तब लोकसभा सांसद थे। हेमंत खंडेलवाल दूसरे प्रदेश अध्यक्ष होंगे जो सांसद न होकर राज्य विधानसभा के सदस्य हैं। बीस साल बाद मध्य क्षेत्र से प्रदेश अध्यक्ष मिलामप्र में मालवा क्षेत्र से सबसे ज्यादा प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। 1980 में जब पार्टी की स्थापना हुई तब मंदसौर से आने वाले सुंदरलाल पटवा पहले अध्यक्ष बने इसके बाद देवास जिले से आने वाले कैलाश जोशी ने दूसरे अध्यक्ष के तौर पर पार्टी की बागडोर संभाली। दोनों दो-दो बार प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। इसके बाद मालवा से तीन और प्रदेश अध्यक्ष रहे जिसमें रतलाम के डॉ. लक्ष्मीनारायण पांडे, धार के विक्रम वर्मा और उज्जैन के सत्यनारायण जटिया का नाम शामिल है। मालवा के बाद ग्वालियर-चंबल अंचल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने का मौका मिला है। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर दो बार अध्यक्ष रहे और निवर्तमान अध्यक्ष वीडी शर्मा भी चंबल इलाके से आते हैं। मध्य क्षेत्र से पहली बार 2005 में शिवराज सिंह चौहान प्रदेश अध्यक्ष बने थे। उस समय वे विदिशा सांसद थे। हेमंत खंडेलवाल बैतूल के रहने वाले हैं, यानी मध्य क्षेत्र से बीजेपी को दूसरा प्रदेश अध्यक्ष मिलेगा। खास बात ये है कि विंध्य और बुंदेलखंड ये दो ऐसे रीजन हैं, जहां से आजतक कोई प्रदेश अध्यक्ष नहीं रहा है। OBC सीएम और सवर्ण प्रदेश अध्यक्ष का फॉर्मूलामध्यप्रदेश में बीजेपी ने 2003 के विधानसभा चुनाव में 10 सालों की कांग्रेस सरकार को हटाकर प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। तब जिस फॉर्मूले का इस्तेमाल किया था, उसने पार्टी को मध्यप्रदेश में बेहद मजबूत स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया। यह फॉर्मूला था-ओबीसी मुख्यमंत्री और सवर्ण प्रदेश अध्यक्ष का। बीजेपी ने 2003 में कद्दावर नेता उमा भारती को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था जो ओबीसी वर्ग से आती हैं। उमा भारती के बाद बाबूलाल गौर, शिवराज सिंह चौहान और अब मोहन यादव एमपी के मुख्यमंत्री बने और यह चारों ओबीसी वर्ग से आते हैं। वहीं, इन सभी मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल में बीजेपी के संगठन की जिम्मेदारी सवर्ण वर्ग से आने वाले नेताओं ने संभाली। उमा भारती के समय कैलाश जोशी प्रदेश अध्यक्ष थे। इसके बाद नरेंद्र सिंह तोमर, प्रभात झा, नंदकुमार सिंह चौहान, राकेश सिंह और वीडी शर्मा ने ये जिम्मेदारी संभाली जो सवर्ण वर्ग से आते हैं। अब हेमंत खंडेलवाल भी इसी फार्मूले में फिट हैं। वीडी शर्मा के लिए अब दो संभावनाएं 1.राष्ट्रीय संगठन में बड़ी जिम्मेदारीवीडी शर्मा ने फरवरी 2020 में प्रदेश अध्यक्ष का पदभार संभाला था। उनका तीन साल का कार्यकाल फरवरी 2023 में पूरा हो गया था। विधानसभा चुनाव नजदीक होने के कारण उन्हें कार्यकाल विस्तार दिया गया था। सूत्रों का कहना है कि वीडी शर्मा के नेतृत्व में बीजेपी ने न केवल विधानसभा चुनाव में 163 सीटें जीतीं, बल्कि लोकसभा चुनाव में भी 29 सीटें जीतने में कामयाब रही। ऐसे में उन्हें केंद्रीय संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष या फिर राष्ट्रीय महासचिव बनाया जा सकता है। 2.मोदी कैबिनेट में मिल सकती है जगह पार्टी के वरिष्ठ नेता का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के बाद मोदी कैबिनेट में फेरबदल की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। यदि ऐसा हुआ तो मप्र के दो से तीन मंत्रियों को ड्रॉप करने और नए चेहरों को शामिल करने किए जाने पर विचार होगा। ऐसे में वीडी शर्मा की दावेदारी मजबूत होगी।
खजुराहो से सांसद वीडी शर्मा की जगह 1964 दिन बाद आज बैतूल से विधायक हेमंत खंडेलवाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगे। कल यानी मंगलवार को हेमंत खंडेलवाल ने प्रदेश अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल किया था। सिंगल नॉमिनेशन होने के चलते कल ही ये तय हो गया था कि हेमंत नए प्रदेश अध्यक्ष होंगे। आज उनके प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने का औपचारिक ऐलान होगा। प्रदेश भाजपा कार्यालय में आज सुबह 10:30 बजे बैठक होगी। इस बैठक में चुनाव प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान, संगठन चुनाव की पर्यवेक्षक और प्रदेश चुनाव अधिकारी विवेक शेजवलकर हेमंत खंडेलवाल के निर्वाचन की औपचारिक घोषणा करेंगे। इस दौरान सीएम डॉ. मोहन यादव, मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, डॉ. वीरेन्द्र कुमार खटीक सहित तमाम दिग्गज मौजूद रहेंगे। अब मंगलवार को नामांकन के दौरान का पूरा घटनाक्रम पढ़िए मप्र के चुनाव प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान को 4 बजे भाजपा कार्यालय आना था। लेकिन, फ्लाइट लेट होने के कारण वे करीब 4:45 बजे भोपाल एयरपोर्ट पहुंचे। प्रधान के साथ दिल्ली से केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, डॉ. वीरेन्द्र कुमार और मप्र के खेल मंत्री विश्वास सारंग भी भोपाल पहुंचे। यहां बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सभी का स्वागत किया। शाम 5:13 बजे धर्मेन्द्र प्रधान बीजेपी ऑफिस पहुंचे। इसके बाद सीएम डॉ. मोहन यादव, शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित तमाम दिग्गजों ने राउंड टेबल पर करीब 20 मिनट बैठक की। इसके बाद 5:30 बजे सभागार में दिग्गजों से लेकर प्रदेश प्रतिनिधि बैठे। मंच से कुर्सियां हटवाईंबीजेपी के प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने मंच पर रखी दर्जन भर कुसियों में सिर्फ तीन कुर्सियों को छोड़कर बाकी हटाने को कहा। मंच पर बीचोंबीच धर्मेन्द्र प्रधान और दाएं तरफ विवेक शेजवलकर और बाएं तरफ सरोज पांडे बैठे। मंच के सामने सीएम के अलावा तमाम केन्द्रीय मंत्री और नेता गण बैठे। दाएं तरफ केन्द्रीय मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार और गोपाल भार्गव के बीच हेमंत खंडेलवाल बैठे थे। प्रधान ने उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करने का ऐलान किया7:40 बजे चुनाव प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा- जैसा हमारी पार्टी की परिपाटी है कि निर्वाचन के लिए नामांकन दाखिल किए जाएंगे। उसके बाद स्क्रूटनी और नाम वापसी होगी। प्रधान ने कहा- जो भी कार्यकर्ता खुद को उचित मानते हैं और नामांकन दाखिल करना चाहते हैं वे अपना नामांकन पत्र जमा कर सकते हैं। यदि एक से ज्यादा नामांकन होगा तो फिर कल चुनाव होगा। उसके बाद चुनाव परिणाम की घोषणा होगी। संगठन महामंत्री ने किया इशारा, सीएम मंच तक साथ लेकर गए धर्मेन्द्र प्रधान के कहने के तुरंत बाद सीएम के पास खडे़ कार्यालय प्रभारी भगवानदास सबनानी और कार्यालय मंत्री राघवेन्द्र शर्मा ने नामांकन फॉर्म में समर्थक, प्रस्तावकों के फॉर्म छांटने शुरू किए। इसके बाद प्रदेश संगठन् महामंत्री हितानंद शर्मा ने हेमंत खंडेलवाल की तरफ इशारा किया। प्रदेश प्रवक्ता राहुल कोठारी खंडेलवाल के पास पहुंचे। हेमंत उठे तभी सीएम उनके पास पहुंचे और उनके कंधे पर हाथ रखकर मंच की तरफ चलने का इशारा किया। इसके बाद सीएम बतौर प्रस्तावक हेमंत को साथ लेकर मंच पर पहुंचे और नामांकन दाखिल कराया। इसके बाद वीडी शर्मा, शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, डॉ. वीरेन्द्र खटीक जैसे दिग्गजों ने अपना प्रस्तावक का पत्र जमा किया। हेमंत के अलावा दूसरा उम्मीदवार नहींधर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि कोई दूसरा उम्मीदवार नामांकन दाखिल करना चाहे तो कर सकता है। इसके बाद राष्ट्रीय प्रतिनिधि के नामांकन लिए जाएंगे। जब तय समय तक प्रदेश अध्यक्ष के लिए कोई नहीं आया तो राष्ट्रीय प्रतिनिधि के उम्मीदवारों ने अपने नामांकन फॉर्म जमा किए। बुधवार सुबह 10:30 बजे भाजपा संगठन की बड़ी बैठक होगी। माना जा रहा है इसी दौरान या इसके बाद खंडेलवाल के निर्विरोध निर्वाचन का औपचारिक ऐलान होगा। मालवा-निमाड़ से 8 बार बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष बनेमालवा-निमाड़ क्षेत्र से भाजपा ने सबसे ज्यादा 8 बार संगठन को नेतृत्व दिया। भाजपा के पहले प्रदेशाध्यक्ष रहे सुंदरलाल पटवा (सामान्य) मंदसौर के थे। इस पद पर वे दो बार रहे। पहली बार 1980 से 1983 तक और दूसरी बार 1986 से 1990 तक। इसके बाद रतलाम के लक्ष्मीनारायण पाण्डे (सामान्य) 1994 से 1997 तके प्रदेशाध्यक्ष रहे। मालवा क्षेत्र से धार के विक्रम वर्मा (ओबीसी) 2000 से 2002 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। इसी तरह देवास से पूर्व सीएम कैलाश जोशी (सामान्य) ने 2002 से 2005 तक संगठन का नेतृत्व किया। उज्जैन के सत्यनारायण जटिया (एससी) फरवरी 2006 से नवंबर 2006 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। खंडवा सांसद रहे नंदकुमार सिंह चौहान (सामान्य) इस पद पर 2016 से 2018 तक रहे। ग्वालियर-चंबल से 4 बार प्रदेशाध्यक्ष चुने गएग्वालियर-चंबल से संगठन को 4 बार नेतृत्व मिला। नरेंद्र सिंह तोमर (सामान्य) को दो बार कमान सौंपी गई। पहली बार वे 2006 से 2010 तक और दूसरी बार 2012 से 2014 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। 2014 में वो मोदी कैबिनेट में शामिल हुए। इसके बाद कमान प्रभात झा (सामान्य) को मिली, वे 2010 से 2013 तक प्रदेशाध्यक्ष रहे। मौजूदा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा (सामान्य) भी चंबल से हैं। उन्हें 2020 में संगठन की कमान सौंपी गई थी। महाकौशल क्षेत्र से दो बार संगठन को नेतृत्व मिलाइसी तरह महाकौशल क्षेत्र से दो बार प्रदेशाध्यक्ष मिला। पहली बार शिवप्रसाद चनपुरिया (सामान्य) 1985 से 1986 से तक अध्यक्ष रहे। दूसरी बार राकेश सिंह (सामान्य) को मौका मिला। वे 2018 से 2020 तक संगठन के प्रदेशाध्यक्ष रहे। वर्तमान में राकेश सिंह पीडब्ल्यूडी मंत्री हैं। मध्य क्षेत्र से शिवराज के बाद हेमंत दूसरे नेतामध्य क्षेत्र से दूसरी बार किसी नेता को प्रदेश भाजपा संगठन के नेतृत्व का मौका मिला है। हेमंत खंडेलवाल (सामान्य) शिवराज के बाद दूसरे नेता हैं। प्रदेश का सीएम बनने से पहले शिवराज सिंह चौहान (ओबीसी) मई 2005 से फरवरी 2006 तक भाजपा प्रदेशाध्यक्ष रहे। छत्तीसगढ़ के दो नेता भी एमपी संगठन की कमान संभाल चुकेअविभाजित मध्य प्रदेश के समय छत्तीसगढ़ के दो नेता भी एमपी भाजपा अध्यक्ष रहे। रायगढ़ से लखीराम अग्रवाल (सामान्य) ने 1990 से 1994 तक और नंदकुमार साय (एसटी) ने 1997 से 2000 तक प्रदेश संगठन की कमान संभाली थी।
महाकाल मंदिर क्षेत्र में प्रतिदिन लगने वाले जाम की समस्या को देखते हुए नगर निगम की टीम ने अतिक्रमण को सख्ती से हटा दिया। मंगलवार शाम को हुई कार्रवाई में महाकाल मंदिर के आसपास मुख्य मार्गों पर लगे दुकानों और होटलों के अवैध बोर्ड, टेबल और अन्य अतिक्रमण हटाए गए। उज्जैन नगर निगम की टीम ने यह कार्रवाई भारत माता मंदिर से महाकाल चौराहा, कोट मोहल्ला और हरसिद्धि चौराहा क्षेत्र में की है। इन स्थानों पर फुटपाथ और सड़क के किनारे अतिक्रमण कर यातायात को बाधित किया जा रहा था, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को रोजाना परेशानी का सामना करना पड़ता था। कार्रवाई के दौरान नगर निगम और महाकाल थाना की टीम ने होटल और दुकान संचालकों को चेतावनी दी की दोबारा अतिक्रमण किया गया या बोर्ड, टेबल आदि से यातायात में बाधा पहुंचाई गई तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। टीम ने मौके से कई बोर्ड, टेबल व अन्य सामग्री जब्त किए है। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि महाकाल क्षेत्र में दर्शनार्थियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सावन माह ऐसे में अतिक्रमण यातायात में बाधा डालता है और किसी भी आपात स्थिति में परेशानी खड़ी कर सकता है।
हाई कोर्ट के आदेश पर एनटीए की अपील:नीट यूजी- दोबारा परीक्षा कराने पर 10 जुलाई तक अंतरिम रोक
मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने 3 जून से पहले प्राकृतिक आपदा से प्रभावित छात्रों के लिए नीट यूजी परीक्षा दोबारा कराने का आदेश दिया था। इस आदेश के महज 19 घंटे में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने डिवीजन बेंच में अपील दायर कर दी। इस पर डिवीजन बेंच ने मौखिक रूप से दोबारा परीक्षा पर 10 जुलाई तक अंतरिम रोक लगा दी है। बता दें कि वे छात्र भी अब अपील में शामिल हो रहे हैं जिन्होंने 3 जून के बाद याचिकाएं दायर की थीं। उनकी भी मांग है कि उन्हें भी दोबारा परीक्षा का अवसर मिले। एनटीए की अपील पर जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की खंडपीठ ने सुनवाई की।
मप्र देश का पहला राज्य बन गया है, जहां कोर्ट की पूरी कार्यवाही ऑनलाइन करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग नियम लागू होंगे। इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। हाई कोर्ट की ओर से तैयार मसौदे को राज्य सरकार ने मंजूरी देते हुए इसे लागू कर दिया है। इसके साथ ही गवाही, ट्रायल, बहस और जांच संबंधी सभी न्यायिक कार्यवाहियां वीसी से की जा सकेंगी। हाई कोर्ट ने पहली बार वीसी के लिए अधिकृत सॉफ्टवेयर तय किए हैं। डेटा सुरक्षा, रिकार्डिंग प्रक्रिया भी स्पष्ट की गई है। अनधिकृत व्यक्ति न तो सुनवाई में शामिल हो सकेगा और न रिकॉर्डिंग कर सकेगा। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने ‘इलेक्ट्रॉनिक संचार और ऑडियो-वीडियो इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों के उपयोग नियम-2025’ का ड्राफ्ट तैयार कर शासन को भेजा था। अब शासन ने इसे राजपत्र में प्रकाशित कर लागू कर दिया है। इस नई व्यवस्था से लंबित मामलों की सुनवाई तेज होगी और गवाहों या जांच अधिकारियों की अनुपस्थिति से फैसलों में होने वाली देरी रुकेगी। यहां होंगे वीसी रूम : हर हाईकोर्ट, जिला कोर्ट, जेल, पुलिस कार्यालय, कलेक्टर ऑफिस, मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, लैब, थाने, ईडी, एसटीएफ और नारकोटिक्स यूनिट तक में वीसी रूम तैयार होंगे।
बीएनएस... भारतीय न्याय संहिता - सालभर बाद भी क्राइम सीन से साक्ष्य जुटाने से लेकर उन्हें डिजिटली फॉरवर्ड करने तक कुछ भी अमल में नहीं आ सका एक जुलाई 2024 को देशभर में तीन नए कानून लागू किए गए थे। इनमें विवेचना व ट्रायल के अलग-अलग स्तर पर तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया गया है। आरोपी की गिरफ्तारी, पुलिस और फॉरेंसिक एक्सपर्ट द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण, पीड़ित और साक्षी के कथन, तलाशी आदि के वक्त ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य एकत्रित किए जाने को जरूरी बनाया गया है। लेकिन, एक साल बाद भी न तो पुलिस तकनीकी रूप से इतनी दक्ष हो पाई है कि इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जुटा पाए, न ही केस से संबंधित अफसरों और एजेंसियों को दस्तावेज डिजिटली फॉरवर्ड हो पा रहे हैं। दरअसल, इसके लिए सबसे पहले पुलिस, न्यायालय और जेल के सॉफ्टवेयर्स को लिंक किया जाना है, जिसमें सबसे ज्यादा दिक्कत आ रही है। ट्रेनिंग का अभाव, नौसिखिया तरीके से ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग, जानिए क्यों कोर्ट में ये टिक नहीं पाएंगे इविडेंस : उपकरण नहीं मिले, पर साक्ष्य तो जुटाने ही हैंअब तक पुलिस अफसरों को साक्ष्य इकट्ठा करने के लिए जरूरी मोबाइल या टैब नहीं मिले हैं। मजबूरन उन्हें निजी मोबाइल में रिकॉर्डिंग करनी पड़ रही है। इन साक्ष्यों की विश्वसनीयता पर कोर्ट में सवाल भी उठ सकता है। बहुत से विवेचकों और फॉरेंसिक विशेषज्ञों को इस तरह की फोटोग्राफी की ट्रेनिंग ही नहीं दी गई है। नतीजतन बेहद नौसिखिया तरीके से घटनास्थल, जब्ती और गिरफ्तारी के बयानों की रिकॉर्डिंग हो रही है। आशंका है कि जिरह के दौरान ये कमजोर कड़ी न बन जाएं। एफएसएल : डिजिटली फॉरवर्ड नहीं हो रही रिपोर्टएफएसएल रिपोर्ट पुलिस अधीक्षकों, विवेचकों और कोर्ट को सीधे डिजिटल रूप में फॉरवर्ड नहीं हो पा रही है। न ही पुलिस से एफएसएल को भेजे जाने वाले जांच रिक्विजिशन(अनुरोध), क्वेरी दस्तावेज सीधे सीसीटीएनएस पर अपलोड होकर एफएसएल को जा पा रहे हैं। पुलिस की ओर से घायलों या शव को मेडिकल के लिए अस्पताल ले जाते समय भेजा जाने वाला रिक्विजिशन भी डिजिटली संबंधित चिकित्सक को नहीं जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग का संबंधित मेडलैब रिपोर्ट सॉफ्टवेयर अभी तक तैयार नहीं है। अभियोजन: सॉफ्टवेयर में कोई यूटिलिटी नहींअभियोजन की हालत तो और ज्यादा खराब है। इनके सॉफ्टवेयर में ऐसी कोई यूटिलिटी नहीं है, जो अभियोजन अफसरों को उनके रोज के काम में मदद देती हो। तमाम पुलिस अफसरों का कहना है कि अभी तक नए कानून के प्रावधान के अनुरूप इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य को व्यवस्थित रूप में किसी सॉफ्टवेयर में अपलोड करने की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। केस डायरी : सॉफ्टवेयर में अपलोड नहीं हो रही फाइलरिमांड और जमानत पर सुनवाई के वक्त केस डायरी सीमलेस तरीके से न्यायालयों तक पहुंचाने की सॉफ्टवेयर में पुख्ता व्यवस्था नहीं है। ऐसे ही विधिक अधिकारियों से कानूनी परामर्श लेने के लिए उन्हें केस डायरी सॉफ्टवेयर पर उपलब्ध नहीं हो रही है। इसलिए केस डायरी को पहले सॉफ्टवेयर से डाउनलोड कर हार्डकॉपी तैयार करनी पड़ती है, फिर उसे स्कैन करके अभियोजन के सॉफ्टवेयर में अपलोड करना पड़ता है। फाइल साइज इतना छोटा है कि अक्सर पूरी डायरी अपलोड ही नहीं हो पाती। आरोपी-पीड़ित पक्ष : मेल के बजाय पेन ड्राइव में डेटाचालान और अन्य जरूरी दस्तावेजों को आरोपियों और पीड़ित पक्ष को डिजिटल माध्यम से ई-मेल पर देने की बजाय अब भी पेन ड्राइव में दिया जा रहा है। इससे वक्त और खर्च ज्यादा लग रहा है। कई बार पेन ड्राइव न्यायालय में साक्ष्य के दौरान डेटा दिखा ही नहीं पाईं। नेटवर्क स्पीड भी बहुत स्लो है। समाधान : पुलिस को आगे आकर पहल करनी होगीकेंद्र और राज्य सरकार को नए कानूनों के साथ लागू तकनीकी व्यवस्था को मिशन मोड में शुरू करने की जरूरत है। ताकि अगले दो साल में कम से कम पुलिस, एफएसएल, मेडिकोलीगल संस्थान, स्वास्थ्य विभाग और अभियोजन के सभी सॉफ्टवेयर्स को सीसीटीएनएस प्लेटफॉर्म से एकीकृत किया जा सके। इसके लिए पुलिस को ही आगे आना होगा, क्योंकि जनता की नजर में जिम्मेदारी पुलिस की ही मानी जाती है।
खनन विभाग ने भेजी जानकारी:पन्ना के हीरों का अपना ब्रांड लोगो होगा, अगस्त तक मिल सकता है जीआई टैग
पन्ना के हीरे अब ब्रांड लोगो के साथ बाजार में उतरने की तैयारी में हैं। दुनियाभर में अपनी खास चमक के लिए पहचाने जाने वाले इन हीरों को जल्द ही ज्योग्राफिकल इंडिकेशन (जीआई) टैग मिल सकता है। मंगलवार को चेन्नई स्थित इंटलेक्चुअल प्रॉपर्टी इंडिया कार्यालय ने प्रक्रिया के तहत खनन विभाग से हीरों के भौगोलिक क्षेत्र, उत्पादन, उत्पादकों की संख्या और विशेषताओं से जुड़ी जानकारी मांगी है। जिला खनिज कार्यालय पन्ना ने यह जानकारी भेज दी है, जबकि लोगो का डिजाइन एक-दो दिन में भेजा जाएगा। बता दें कि जीआई टैग के लिए साल 2023 में आवेदन किया गया था। जीआई टैग की बची हुई औपचारिकताएं अगस्त तक पूरी होने की उम्मीद है। क्या होगा फायदा? पन्ना के जिला खनिज अधिकारी, रवि पटेल के अनुसार, ‘जानकारी भेज दी गई है, लोगो भी 1-2 दिन में भेज देंगे।’
प्री स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप:मथुरा में कमिश्नर और DIG ने लगाया निशाना,1000 प्रतिभागी करेंगे शिरकत
मथुरा में प्री यू पी स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है। मथुरा के BSA कॉलेज में राइफल एसोसिएशन के सहयोग से आयोजित इस चैंपियनशिप में 1000 निशानेबाज प्रतिभाग करेंगे। 1 जुलाई से 4 जुलाई तक चलने वाली इस चैम्पियनशिप का मंगलवार की देर शाम कमिश्नर,DIG,DM और SSP ने शुभारंभ किया। पहली बार मथुरा में हो रहा आयोजन मथुरा में मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह ने म पहली बार आयोजित प्री यू पी स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप का फीता काटकर उद्घाटन किया। उद्घाटन समारोह में पुलिस उपमहानिरीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार उपस्थित रहे। जिला राइफल एसोसिएशन मथुरा के तत्वाधान में आयोजित 27वीं यू पी प्री स्टेट शूटिंग चैंपियनशिप के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि खिलाड़ियों को दृढ़ता से दक्षता बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए। निरंतर अभ्यास ही हमारी दक्षता बढ़ाता है और निरंतरता से ही लक्ष्य आसान होते हैं। इस चैंपियनशिप का शुभारंभ करने पहुंचे अधिकारी भी निशाना लगाते नजर आए। खिलाड़ियों की सुविधा का रखा जाएगा ध्यान अति विशिष्ट अतिथि पुलिस उपमहानिरीक्षक शैलेश कुमार पांडेय ने कहा कि खिलाड़ियों को अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित रहकर मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि निशानेबाजी के खेल में अपने लक्ष्य के प्रति समर्पण ही खिलाड़ी को लक्ष्य भेदने में मार्ग प्रशस्त करता है।जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि मथुरा में पहली बार निशानेबाजी की प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता हो रही है, जिसके आयोजन में हम खिलाड़ियों के लिए सभी सुविधाओं की व्यवस्था का ध्यान रखेंगे। खिलाड़ियों को मिले शस्त्र लाइसेंस जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने कहा कि खेल व्यक्तित्व विकास में सहायक है तथा अभिभावकों को अपने बच्चों को शिक्षा के साथ ही खेलों के प्रति भी जागरूक रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि खेलने से शारीरिक और मानसिक विकास होता है तथा आत्मविश्वास व टीम भावना का विकास होता है। खेलों से स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान होता है। यू पी स्टेट राइफल एसोसिएशन के महासचिव जी एस सिंह ने खिलाड़ियों के शस्त्र लाइसेंस में प्रशासन द्वारा उचित सहयोग करने की मांग की गई। अतिथियों का किया स्वागत कार्यक्रम आयोजक राकेश कुमार नगर मजिस्ट्रेट एवं शूटिंग कोच मनीष चौधरी ने सभी अतिथियों को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार, अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमरेश कुमार, पुलिस अधीक्षक नगर राजीव कुमार सिंह, क्षेत्राधिकारी नगर भूषण वर्मा, नगर निगम से सहायक नगर आयुक्त राकेश त्यागी, डिप्टी कलेक्टर ऊषा सिंह, शूटिंग कोच विक्रांत सिंह तोमर, सादिक अनीश, वेदप्रकाश शर्मा, विकास तोमर, कैप्टन फरीदुद्दीन,विजय चंदेल, डा हिमानी सिंह, अनिल कुमार पाल आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शूटिंग कोच मुकेश चौधरी ने किया।
NHM संविदाकर्मियों को भी अनुकंपा नियुक्ति
मध्य प्रदेश में अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों के आश्रितों को भी अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी। यह नियम 1 अप्रैल 2025 के बाद लागू होंगे। अनुकंपा नियुक्ति के लिए मृतक की प|ी या आश्रित पति पात्र होंगे। यदि वे नियुक्ति नहीं लेना चाहें या योग्य न हों तो पुत्र, पुत्री को मौका मिलेगा। पात्र न होने की स्थिति में विधवा पुत्रवधू, विवाहित पुत्री, दत्तक संतान, अविवाहित भाई-बहन या उभयलिंगी संतान पात्र होंगे। सभी मामलों में शपथ पत्र देना जरूरी होगा और शैक्षणिक योग्यता अनिवार्य होगी। एनएचएम में अभी 32 हजार संविदा कर्मचारी तैनात हैं। काम की बात- जानें कौन पात्र होगा
गुजरात के गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी (आरआरयू) का नया कैंपस भोपाल में बनेगा। राज्य केबिनेट ने मंगलवार को भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय परिसर में आरआरयू के अस्थाई कैंपस शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही केबिनेट ने आरजीपीवी के पास मौजूद अतिरिक्त जमीन में से 10 एकड़ जमीन आरआरयू के स्थाई कैंपस निर्माण के लिए हस्तांतरित करने का निर्णय लिया है। मप्र सरकार इस रक्षा यूनिवर्सिटी को हर साल एक करोड़ 5 लाख रु. की ग्रांट भी देगी। जब तक नया कैंपस में भवन निर्माण पूरा नहीं हो जाता, तब तक आरजीपीवी में उपलब्ध भवन को अस्थाई रूप से संचालन के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। 12वीं में 75% अंक वाले 94 हजार छात्रों को लैपटॉप के लिए मिलेंगे 25-25 हजार मुख्यमंत्री 4 जुलाई को 12वीं में 75% से अधिक अंक लाने वाले 94,234 विद्यार्थियों को 25-25 हजार रुपए की राशि देंगे। कार्यक्रम कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में होगा।
डॉक्टरों की पोस्टिंग गांव में, पर सेवा शहरों में:2000 बॉन्डेड डॉक्टरों में से 634 जिला अस्पताल में
ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के नाम पर की गई बॉन्ड डॉक्टरों की पोस्टिंग योजना सवालों के घेरे में आ गई है। दावा था कि पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को बॉन्ड के तहत गांवों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) में तैनात किया जाएगा। लेकिन अधिकांश डॉक्टर शहरों के जिला व सामुदायिक अस्पतालों में बैठा दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड बताते हैं कि 2021 बैच के 2000 बॉन्डेड डॉक्टरों में से 634 को सीधे जिला अस्पतालों में तैनात कर दिया गया। पीएचसी जैसे प्राथमिक केंद्रों में महज 367 डॉक्टर ही भेजे गए। भोपाल के जेपी अस्पताल में ही 11 बॉन्डेड डॉक्टरों की नियुक्ति कर दी गई। इससे जिला अस्पताल ओवरलोड हो गए हैं। नोटशीट की भी अनदेखी : डिप्टी सीएम डॉ. राजेंद्र शुक्ला ने 2 जून को 36 डॉक्टरों के ट्रांसफर के लिए प्रमुख सचिव और आयुक्त को नोटशीट भेजी थी। डॉ. रितेश तंवर, डॉ. रमेश चंद्र, मनीष सिंह, आनंद गुप्ता और संगीता गोयल जैसे डॉक्टरों के नाम इसमें शामिल थे। लेकिन सूची जारी हुई तो इनमें से किसी का नाम तक नहीं था। ₹59,000 मानदेय, सिर्फ दो छुट्टियों की सुविधा: बांडेड डॉक्टरों को ₹59,000 मासिक मानदेय मिलेगा। उन्हें एक माह की सामान्य छुट्टी और मातृत्व अवकाश दिया जाएगा। इसके अलावा किसी भी प्रकार की छुट्टी स्वीकृत नहीं होगी।राजधानी में सेवा दे रहे ‘गांव के डॉक्टर’ : जिन डॉक्टरों को गांव में पोस्ट होना था, उनमें से कई की तैनाती राजधानी के अस्पतालों में कर दी गई। इनमें से जिला अस्पताल, भोपाल में डॉ. अभिषेक पासेरकर, डॉ. नुंगशितो, डॉ. इमलीमेनबा वॉलिंग, डॉ. करनवीर सिंह, डॉ. एमी शैलेषकुमार व्यास तैनात हैं। वहीं, सीहोर में डॉ. दिव्या दीक्षित, बेटमा (इंदौर) में डॉ. मयंक मोहन मिश्रा: सीएचसी, सीएचसी पीथमपुर (धार) में डॉ. प्राक्रति भुटा:, सीएचसी, जतारा (टीकमगढ़) में डॉ. कीर्ति हारदासानी, सीएचसी, गोहद (भिंड) में डॉ. उत्कर्षा जैन, सीएचसी, सांवेर (इंदौर) में डॉ. थोराट कृतिका, सीएचसी, खातेगांव (देवास) में डॉ. सुमिता चतुर्वेदी जैसे कई डॉक्टरों की भी सीएचसी/जिला अस्पतालों में नियुक्ति की गई है। बॉन्ड योजना बनी ‘शहरी सेवा योजना’ कागजों में योजना ग्रामीण स्वास्थ्य सुधार की थी, लेकिन उपयोग शहरी जरूरतों के हिसाब से कर लिया गया। सबसे ज्यादा डॉक्टर उन्हीं जगहों पर बैठा दिए गए जहां पहले से संसाधन उपलब्ध हैं। जिन सिविल सर्जनों ने बार-बार डॉक्टरों की मांग की थी, उन्हें आज भी पोस्टिंग का इंतजार है। आदेश के बावजूद ग्रामीण अस्पतालों में जॉइनिंग नहीं 27 जून को जारी आदेश में साफ कहा गया है कि सभी डॉक्टरों को 15 दिन में नियुक्ति स्थल पर जॉइन करना होगा, वरना यह बॉन्ड उल्लंघन माना जाएगा। फिर भी कई डॉक्टर जॉइनिंग नहीं कर रहे। पीएचसी स्तर पर डॉक्टर कम हैं। नई मेडिकल शिक्षा नीति के बाद हालात सुधरेंगे। अभी 1500 डॉक्टरों को च्वाइस फिलिंग के आधार पर पोस्ट किया है। 400 का अपने स्तर से ट्रांसफर किया है। -नरेंद्र शिवाजी, राज्य मंत्री, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग
अफसर-हावी...:रायसेन जिले में डीईओ ने पोर्टल पर नहीं डाली सूची, तबादले अटक गए
अमित शर्मा की रिपोर्ट रायसेन जिले के प्रभारी मंत्री नारायण सिंह पंवार ने शिक्षा विभाग में तबादलों की जो सूची मंजूर की थी, उसे जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) डीडी रजक ने रोक दिया। डीईओ अपने 23 पसंदीदा नाम शामिल करवाना चाहते थे। जब ये नाम स्वीकृत नहीं हुए, तो उन्होंने जानबूझकर सूची पोर्टल पर अपलोड नहीं की। मंत्री ने 13 जून को 236 प्राथमिक शिक्षकों की तबादला सूची मंजूर कर दी थी। डीईओ ने 14 जून की रात 12 बजे तक पोर्टल पर एक भी नाम अपलोड नहीं किया। इसी रात पोर्टल बंद हो गया और सभी तबादले अटक गए। ओएसडी के मुताबिक, 13 जून को सूची मिलने के बाद डीईओ ने उसे अपलोड नहीं किया। उल्टा 14 जून को वे फिर से 23 नए नामों की अलग सूची लेकर मंत्री निवास पहुंच गए। मंत्री ने साफ कहा कि पहले पुरानी सूची पोर्टल पर चढ़ाओ, फिर नए नामों पर विचार करेंगे। शाम से रात 12 बजे तक मंत्री स्टाफ ने डीईओ, क्लर्क सुनील सक्सेना और ऑपरेटर महेंद्र नाथ बोध को 10 बार फोन किया, पर किसी ने कॉल रिसीव नहीं की। डीईओ और प्रभारी मंत्री के ओएसडी के तर्क, भास्कर ने बताई हकीकत 1- मंत्री ने 13 जून को दी सूची, भास्कर के पास पावती{डीईओ: प्रभारी मंत्री कार्यालय से तबादले की फाइल नहीं दी, पेन ड्राइव भी रख ली गई।{मंत्री कार्यालय: डीईओ कार्यालय के लेखापाल शिवनारायण अहिरवार को 13 जून को सूची दे दी थी।{हकीकत- प्रभारी मंत्री के दफ्तर से जो पावती मिली है, उसमें 13 जून को ही डीईओ ऑफिस के लेखापाल ने तबादलों की रिसीव ली।2- जिनके कोड थे, उनमें से भी एक भी नाम की एंट्री नहीं:{डीईओ: तबादला सूची में स्कूलों के कोड नहीं थे। ऐसे में कैसे पोर्टल पर एंट्री करते।{मंत्री कार्यालय: जिन प्राथमिक शिक्षकों के कोड थे, उनके नाम भी अपलोड नहीं हुए।हकीकत: जिन स्कूलों के कोड दिए थे, कम से कम उन शिक्षकों के नाम तो अपलोड करने थे।3-अन्य विभागों ने असहमति वाले नाम अपलोड:डीईओ: तबादला सूची में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नाम भी थे। इनके तबादले के अधिकार प्रभारी मंत्री को नहीं थे।{मंत्री कार्यालय: असहमति वाले नाम हटाकर सूची अपलोड करनी थी, जैसा अन्य विभागों में किया है।{हकीकत: राजस्व, पंचायत, स्वास्थ्य, पीडब्ल्यूडी समेत अन्य विभागों ने असहमति वाले नाम छोड़कर अन्य नाम समय पर अपलोड कर दिए।4- जनप्रतिनिधियों ने जिनकी सिफारिश की, डीईओ को उनके स्कूल तय करने होते हैं:{डीईओ: कई शिक्षकों का तबादला अन्यत्र होना था, लेकिन स्कूलों के नाम ही नहीं मिले।{मंत्री कार्यालय: जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तावित शिक्षकों काे वर्तमान पदस्थापना वाले स्थान से हटाना था। उन्हें कहां भेजना है, यह डीईओ को तय करना था। डीईओ की मंशा ही नहीं थी।{हकीकत: जिन शिक्षकों को अन्यत्र भेजना होता है, उनके स्कूल का चयन डीईओ को ही करना होता है। डीईओ की कार्यप्रणाली को लेकर सीएम को चिट्ठीडीईओ की लापरवाही की वजह से तबादले अटके। समय पर सूची उपलब्ध कराई थी। मैंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी है।नारायण सिंह पंवार, प्रभारी मंत्री डीईओ की कार्यप्रणाली को लेकर सीएम को चिट्ठीडीईओ की लापरवाही की वजह से तबादले अटके। समय पर सूची उपलब्ध कराई थी। मैंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी है।नारायण सिंह पंवार, प्रभारी मंत्री डीईओ झूठ बोल रहे, सूची देने की पावती हमारे पास है:हमारे कार्यालय से 13 जून को सूची डीईओ को दे दी गई थी। इसकी पावती भी हमारे पास है।-अभिषेक चौरासिया, ओएसडी, प्रभारी मंत्री, रायसेन
भोपाल में 57 लाख का फर्जीवाड़ा:छात्रवृत्ति में गबन, 40 स्कूल-मदरसों पर केस
क्राइम ब्रांच ने 83 शिक्षण संस्थाओं को संदिग्ध माना भोपाल में अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना के नाम पर 57.78 लाख रुपए का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। शहर की 40 शिक्षण संस्थाओं ने सिर्फ पहली से 8वीं तक की मान्यता के बावजूद कक्षा 9वीं से 12वीं तक के 972 फर्जी छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति निकाली। यह गड़बड़ी वर्ष 2021-22 में हुई। शिकायत मिलने पर क्राइम ब्रांच ने संस्थाओं के संचालकों, प्राचार्यों और नोडल अधिकारियों सहित दर्जनों पर धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज की है। क्राइम ब्रांच अधिकारियों के मुताबिक, ‘शिकायत मिलने पर सभी दस्तावेजों का मिलान किया गया। 972 फर्जी नामों से छात्रवृत्ति निकाली गई है। संबंधितों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।’ जांच में 83 शिक्षण संस्थाओं को रेड फ्लैग कर संदिग्ध माना गया है। अब इनकी भी जांच की जाएगी। माना जा रहा है कि बड़ा घोटाला सामने आ सकता है। इनके खिलाफ एफआईआर : राजकुमार साहू, किशवर जहां, समीना, अफसर खान, गौहर बुसरा, राजेश सिंह, सैय्यद याकूब अली, शमीम बानो, अलीजिया खान, फैज, अनवर अली, अहाद खान, ऐमान अली, परवीन बी, शबाना अली, केसर खान, मोहम्मद अखलाक, रेहाना आयशा बेगम, रोजी बी, शादमा खान, मो. अमीनुद्दीन हाशमी, शमीम, इरफान खान, तौफिक खान, राज बंधु, शाजिया अली, अशिया खान, सैय्यद जीशान अली, हासिर रहमान, हमीद खान, वहीद खान, अजरा खान, राजेश अहिरवार, शिरीन खान और रेशमा खान—इन सभी के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचना और अमानत में खयानत की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। ऐसे किया घोटालापोर्टल पर 9वीं-12वीं तक के फर्जी नाम चढ़ाएइन शिक्षण संस्थाओं को प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत लॉगइन और पासवर्ड दिए गए थे, ताकि वे पात्र छात्रों को नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर रजिस्टर कर सकें। लेकिन इन्होंने अपनी मान्यता से बाहर जाकर 9वीं से 12वीं तक के फर्जी नाम दर्ज किए और स्कॉलरशिप की राशि हड़प ली। केंद्र सरकार के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के पोर्टल से संस्थाओं की मान्यता और छात्रों की वास्तविक संख्या का डेटा लिया गया। जब इसे नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर दर्ज छात्रों से मिलाया गया तो गड़बड़ी उजागर हुई।
...लेकिन मप्र की अर्थव्यवस्था में 50% योगदान सिर्फ 15 जिलों का मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था का 50% हिस्सा इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन जैसे सिर्फ 15 जिलों से आता है। हालांकि, प्रदेश में पहली बार जारी हुए जिला घरेलू उत्पाद (डीडीपी) के आंकड़े बताते हैं कि जिन जिलों को अब तक आर्थिक रूप से पीछे माना जाता था, उन्होंने बीते एक दशक में ज़बरदस्त छलांग लगाई है। साल 2011-12 से 2022-23 के बीच प्रदेश की कुल जीडीपी 3.16 लाख करोड़ से बढ़कर 12.46 लाख करोड़ रुपए हो गई। इसी दौरान सीधी, डिंडोरी, रीवा, राजगढ़ और खरगोन जैसे आदिवासी बहुल या छोटे जिलों की इकोनॉमी में 383% से 491% तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई। वहीं, बड़े जिलों की बात करें तो इंदौर 82.83 हजार करोड़ के जिला घरेलू उत्पाद के साथ सबसे आगे है। इसके बाद भोपाल, जबलपुर और उज्जैन का नंबर आता है। इसके अलावा ग्वालियर, सागर, सिंगरौली, सतना, धार और रायसेन टॉप-15 में हैं। प्रति व्यक्ति आय... इंदौर में 1.89 लाख सालाना, भोपाल में 1.87 लाख प्राथमिक क्षेत्र (प्राकृतिक संसाधन) में सबसे अधिक 71% योगदान कृषि का है। वहीं मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सबसे अधिक 42% योगदान कंस्ट्रक्शन और 40% इन्फ्रास्ट्रक्चर का है। वहीं सर्विस में रियल एस्टेट का 30% योगदान है। भास्कर एक्सपर्ट - अमिताभ सिंह, अर्थशास्त्री क्षेत्रीय आर्थिक असंतुलन दूर करने में मददगार होगी रिपोर्ट अर्थव्यवस्था तीन हिस्सों से बनती है- खेती, फैक्ट्रियों से बनी चीजें और सेवाएं। हाल में जारी मधय प्रदेश की रिपोर्ट बताती है कि मैन्युफैक्चरिंग में इंदौर, जबलपुर और भोपाल टॉप पर हैं। इन्हीं जिलों का मप्र की कुल आय में 27.67% हिस्सा है। निर्माण क्षेत्र में भी यही जिले सबसे आगे हैं और इनका योगदान 24.66% है। ये आंकड़े सरकार के साथ ही जिला प्रशासन, योजना समितियों और पंचायतों को यह समझने में मदद करेंगे कि उनका जिला किस क्षेत्र में कितना मजबूत है और आगे किन प्रयासों से आय बढ़ाई जा सकती है। इससे क्षेत्रीय असमानता दूर करने की दिशा भी तय होगी। आर्थिक तस्वीर का आइना मिल गया है।’(नीति आयोग व यूएनडीपी के साथ काम कर चुके हैं।)
बुढ़ापे की लाठी ने मार डाला:मुहाना में मां को चाकू से गोदा फिर खुद भी ट्रेन के आगे कूद मरा
मुहाना थाना क्षेत्र की पार्श्वनाथ काॅलोनी के एक अपार्टमेंट में रहने वाले बेटे अभिजीत (38) ने सोमवार सुबह अपनी मां पुष्पांजलि (68) की चाकू से गोदकर हत्या कर दी। इसके बाद उसने भी दोपहर करीब 3:30 बजे जवाहर सर्किल थाना क्षेत्र के मालवीयर नगर में ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव के पास मिले दस्तावेजों से नंबर लेकर फ्लैट मालिक किशन लाल से संपर्क किया। उसने मृतक की मां को फोन लगाया तो रिसीव नहीं हुआ। करीब 9 बजे किशन लाल अपार्टमेंट पहुंचा। गेट नहीं खुला तो मुहाना थाना पुलिस को साथ लेकर रात 10 बजे फ्लैट खुलवाया। पुष्पांजलि अंदर लहूलुहान हालात में मृत मिली। पुलिस ने मृतक अभिजीत के फोन से करीब 150 नंबर लेकर परिचितों को फोन किया मगर शव लेने कोई नहीं आया। एफएसएल टीम ने मौके से जांच के लिए साक्ष्य लिए। इस दौरान पुष्पांजलि पुष्पांजलि के शव से दुर्गंध आना शुरू हाे गई थी। मौके पर खून लगा हुआ चाकू मिला है। मां के गले काे रेतकर और गहरे वारकर हत्या की गई है। प्रारंभिक जांच में शव के करीब 15 घंटे पुराना हाेने का पता चला। इसके बाद शव काे पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल में रखवाया गया। गुस्सैल था अभिजीत, घर से नशा मिला पुलिस के मुताबिक, अभिजीत गुस्सैल था। फ्लैट पर पहुंची पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि अभिजीत ने चाकू से मां के गले व पीठ पर वार कर हत्या की और शव को कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद बाथरूम में अपने हाथ धोए, कपड़े बदले और करीब 8 बजे स्कूटी लेकर घर से निकल गया। इस दौरान उसे जाते हुए गार्ड ने देखा था। अभिजीत एक कॉल सेंटर पर काम करता था। बताया जा रहा है कि वह कुछ माह से बेरोजगार चल रहा था। 2007 में तलाक, मां बेटे को साथ लाई थी मुहाना थानाधिकारी गुर भपूेंद्र सिंह ने बताया कि घटना के दूसरे दिन मंगलवार को पुलिस ने सुबह 6 बजे से ही परिजनों की तलाश शुरू कर दी। मृतक अभिजीत के मोबाइल से नंबर लेकर 150 लोगों को फोन किया। सभी ने आने से मना कर दिया। पुलिस 14 घंटे की मशक्कत के बाद रात 8 बजे मानसरोवर स्थित अभिजीत के पिता अमिताभ भादुड़ी के घर पहुंची। घटना का पता चला तो वे रोने लगे। उन्होंने बताया कि 2007 में दोनों पति-पत्नी अलग हो गए थे।
राजा भोज एयरपोर्ट पर जुलाई के अंत से यात्रियों को बार-बार पहचान पत्र दिखाने की जरूरत नहीं होगी। एयरपोर्ट प्रबंधन ने डिजी यात्रा योजना के तहत फेस रिकग्निशन सिस्टम लागू करने की तैयारियां लगभग पूरी कर ली हैं। इसके तहत यात्रियों को केवल एक बार मोबाइल एप के जरिए रजिस्ट्रेशन करना होगा। इसके बाद चेहरा ही उनकी पहचान बन जाएगा। एयरपोर्ट डायरेक्टर रामजी अवस्थी ने बताया कि सिक्योरिटी और अन्य स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा रही है, जो अब अंतिम चरण में है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी से सर्टिफिकेशन लेकर व्यवस्था को लागू किया जाएगा। पहचान के लिए चेहरा ही काफी इस व्यवस्था में एयरपोर्ट पर लगे फेस स्कैनर गेट यात्री के चेहरे को पहचान कर ई-गेट खोल देंगे। सुरक्षाकर्मी को केवल ग्रीन सिग्नल का इंतजार करना होगा। अब तक यात्री को आधार कार्ड या अन्य पहचान पत्र दिखाना होता था। लेकिन इस नई प्रणाली से वह झंझट खत्म हो जाएगा। समय की बचत होगी अक्सर दस्तावेज जांच में समय लगने के कारण कुछ यात्रियों की फ्लाइट छूट जाती है। चूंकि बोर्डिंग काउंटर टेकऑफ के 45 मिनट पहले बंद हो जाते हैं, इसलिए समय पर जांच जरूरी होती है। डिजी यात्रा से चेहरा पहचानते ही सिस्टम टिकट बुकिंग की पुष्टि कर देगा और प्रवेश मिल जाएगा। ट्रायल में कमियां दूर की जा रहीं फिलहाल एयरपोर्ट पर दो स्कैनर गेट सुरक्षा क्षेत्र में लगाए गए हैं। फेस रिकग्निशन मोबाइल एप से चेक-इन की ट्रेनिंग दी जा रही है। ट्रायल के दौरान सामने आ रही कमियों को लगातार सुधारा जा रहा है। इसके बाद यह सुविधा पूरी तरह लागू कर दी जाएगी। शुरुआत वाराणसी से डिजी यात्रा योजना की शुरुआत सबसे पहले वाराणसी एयरपोर्ट से हुई थी। अब इसे भोपाल समेत देश के अन्य प्रमुख एयरपोर्ट पर लागू किया जा रहा है। इस तकनीक से इंटरनेशनल रूट पर यात्रा करने वाले यात्रियों को भी फायदा होगा। हालांकि, भोपाल से अभी कोई अंतरराष्ट्रीय उड़ान नहीं है, लेकिन भविष्य में इसकी उम्मीद है।
जनसुनवाई:कलेक्ट्रेट में आए 130 आवेदन, इसमें स्कूल से जुडे कई मामले
शराब दुकान के विरोध में लगातार 18वीं बार पहुंचे रहवासी, अभी हल नहीं मंगलवार को जनसुनवाई में 130 आवेदन आए। इस दौरान लोगों ने स्कूलों द्वारा किताबें चुनिंदा दुकानों से खरीदने और वैन चालकों द्वारा बचचों को गेट पर ही छोड़कर जाने की शिकायत की। शराब दुकानों को लेकर लगातार 18वीं बार लोग जनसुनवाई में पहुंचे। अधिकारियों ने सभी समस्याओं को लेकर जिम्मेदारों को निर्देश दिए। इधर, कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई की व्यवस्था को एक बार फिर बदल दिया गया है। ग्राउंड फ्लोर पर होने वाली जनसुनवाई पूरी तरह फेल होने के बाद मंगलवार को इसे फिर फर्स्ट फ्लोर पर किया गया है। नीचे होने वाली जनसुनवाई में लोगों के चलने और भीड़ को व्यवस्थित करने की जगह नहीं थी। फर्स्ट फ्लोर पर जहां जनसुनवाई होती है, वहां प्लास्टर टूटकर गिरता है। इससे भी लोगों को समस्या हुई। मकान देने की प्रक्रिया शुरू की जाए कांग्रेस से पूर्व मंत्री और विधायक पीसी शर्मा और पार्षद शाबिस्ता जकी ने मंगलवार को जनसुनवाई में आवेदन दिया। इसमें भदभदा बस्ती के लोगों के 20 हजार रुपए सरकार की ओर से नहीं जमा किए गए हैं। इन पैसों को जमा कराया जाए और उन्हें मकान देने की प्रक्रिया शुरू की जाए। यहां शराब दुकान का विरोध विजय नगर साईं राम कॉलोनी, सेमरा के रहवासी स्कूल और रहवासी इलाके के पास शराब दुकान के विरोध में लगातार 18वीं जनसुनवाई में पहुंचे। उनका कहना है कि शराब दुकान होने के कारण महिलाएं और बच्चे निकल नहीं पाते। शराबी सड़क पर जमावड़ा लगाए रहते हैं। इससे पहले भी रहवासियों ने आंख पर काली पट्टी बांधकर शराब दुकान का विरोध किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जब स्कूल खुल जाए, तभी बच्चों को छोड़कर जाएं स्कूल वैन द्वारा स्कूली बच्चों को स्कूल खुलने से पहले ही गेट पर छोड़ दिए जाने का आवेदन भोपाल नागरिक विकास समिति के अध्यक्ष रमेश राठौर ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में दिया। उनका कहना था कि वैन चालक ज्यादा फेरों के कारण जब स्कूल का गेट भी नहीं खुलता है, बच्चों को स्कूल छोड़ देते हैं। ऐसे में छोटे बच्चे गेट पर ही खड़े रहते हैं। वैन चालक और संचालकों को निर्देश दिया जाए कि जब स्कूल खुल जाए तभी बच्चों को स्कूल छोड़ा जाए। चुनिंदा दुकानों से किताबें खरीदवा रहे प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने जनसुनवाई में शिक्षा के नाम पर हो रही लूट के खिलाफ आवेदन दिया। उन्होंने शिकायत में बताया कि भोपाल में प्राइवेट स्कूल कुछ चुनिंदा दुकानों से ज्यादा कीमतों पर ड्रेस, किताबें और स्टेशनरी खरीदवा रहे हैं। इसके लिए स्कूल पैरेंट्स पर दबाव भी बना रहे हैं। इन दुकानों के पास न तो वैध रजिस्ट्रेशन है न ही जीएसटी बिल दिए जाते हैं। एडीएम निधी चौकसे ने जांच के आदेश दिए।
मामी के खाते से दोस्त का मोबाइल लिंक करा 93 हजार की खरीदारी , 1 साल जेल
मामी के बैंक खाते में अपने दोस्त का मोबाइल नंबर लिंक करा फ्लिपकार्ट से 93 हजार रुपए की शॉपिंग करने के आरोपियों को एक साल की सजा हुई है। साथ ही उनके खिलाफ 1-1 हजार रुपए जुर्माना लगाया गया है। फैसला अपर सत्र न्यायाधीश विजय कुमार शर्मा ने सुनाया है। शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक मंजू जैन सिंह ने पैरवी की है। घटना जून 2019 से अगस्त 2019 के बीच की है। साइबर सेल ने इस मामले में मुनीम सूर्यवंशी और देवेंद्र जाटव को आरोपी बनाया था। आरोपी देवेंद्र की मामी घरेलू महिला हैं और तकनीक की जानकार कम हैं। मुनीम देवेंद्र का दोस्त है। देवेंद्र ने मुनीम से उसका बीएसएनएल का सिम कार्ड लेकर आइडिया में पोर्ट कराया और उसे अपनी मामी के बैंक अकाउंट में जुड़वा दिया। इससे ऑनलाइन पेमेंट होने पर मामी के पास मैसेज जाना बंद हो गया। आरोपी देवेंद्र ने मामी के अकाउंट से पेमेंट कर 93 हजार 982 रुपए से 59 आइटम्स फ्लिपकार्ट से ऑर्डर किए थे।मामी ने जब बैंक अकाउंट की जानकारी निकाली, तो फ्लिपकार्ट में पेमेंट होने की जानकारी मिली। तब साइबर सेल में शिकायत की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम सुनने में हरियाणा देश भर में पहले स्थान पर रहा है। यहां रिकॉर्ड 98.8% फीसदी बूथों पर यह कार्यक्रम सुना गया। हैरान करने वाली बात ये है कि हरियाणा BJP के कद्दावर नेता कैबिनेट मंत्री अनिल विज का अम्बाला कैंट हलका इस मामले में प्रदेश में सबसे फिसड्डी रहा है। भाजपा की ओर से जारी आंकड़ों पर नजर डालें तो कैंट में सिर्फ 35% बूथों पर ही मन की बात सुनी गई। यह संख्या प्रदेश के सभी 90 हलकों में सबसे कम है। देशभर में प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को BJP हर बूथ पर उत्साह के साथ मनाती है। पार्टी वर्करों को हर बूथ पर कार्यक्रम करने करने और उसके फोटो खींचकर सरल एप पर अपलोड किया जाता है। इस आधार पर पूरे देश और राज्य का अपना डाटा संग्रह होता है। इन आंकड़ों के मुताबिक हरियाणा में 98.8% बूथों पर लोगों ने मन की बात कार्यक्रम सुना है, जो देश में सबसे ज्यादा है। दूसरे नंबर पर चंडीगढ़ और तीसरे नंबर पर त्रिपुरा रहा। हरियाणा में प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र पूनिया पूरे कार्यक्रम के कोआर्डिनेटर हैं। जहां देश में हरियाणा पहले स्थान पर है, वहीं प्रदेश के 90 हलकों में 4 हलके ऐसे हैं जो बूथों पर 100 प्रतिशत कार्यक्रम पूरे नहीं कर पाए। जिसमें सबसे नीचे अनिल विज का हलका अंबाला कैंट है। प्रधानमंत्री कार्यालय इसकी रिपोर्ट तैयार रहा है, जो प्रधानमंत्री को दिखाई जाएगी। 122 एपिसोड में 89वें स्थान पर था, इस बार सबसे नीचेभाजपा लगातार इस बात पर जोर दे रही है कि सभी बूथों पर मन की बात कार्यक्रम सुना जाए। जिन बूथों या हलकों में वर्कर कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं, उनके संबंध में प्रदेशाध्यक्षों से वजह पूछी जाएगी। मई में मन की बात के 122वें एपिसोड में अंबाला कैंट 90 में से 89वें स्थान पर था, जो इस बार फिसलकर आखिरी पायदान पर आ गया है। अंबाला जिले के बाकी तीन विधानसभा हलकों अंबाला सिटी, मुलाना और नारायणगढ़ में 100% बूथ कवर हुए हैं। अंबाला कैंट के पिछड़ने के सवाल पर भाजपा के अम्बाला जिलाध्यक्ष मनदीप राणा का कहना है कि संभवत तकनीकी दिक्कत के कारण नंबर कम आए हैं। कार्यक्रम तो हुए, मगर वह एप पर चढ़ नहीं पाए। आगे जब भी कार्यक्रम होगा उसमें सुधार होगा। बड़ौली ने लिखा-हरियाणा ने इतिहास रचाभाजपा की ओर से सरल पोर्टल का डाटा जारी करने के बाद पार्टी प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया- मन की बात कार्यक्रम में हरियाणा ने रचा इतिहास 20,629 बूथों में से 20,000 से अधिक बूथों पर सुनी गई मन की बात सरल पोर्टल पर दर्ज हुआ आंकड़ा। सभी देवतुल्य कार्यकर्ताओं को हार्दिक बधाई। ये 4 विधानसभा क्षेत्र नहीं कर पाए 100 प्रतिशत बूथ कवर 20 लाख वर्कर सुनते हैं मन की बात कार्यक्रमहरियाणा में 20,269 बूथ हैं। इन बूथों में से 20,387 बूथों पर रिकॉर्ड तोड़ करीब 20 लाख वर्करों ने मन की बात कार्यक्रम सुना है। पिछली बार 9667 बूथ कवर किए गए थे। पिछली बार एपिसोड 27 मई और इस बार 30 जून को एपिसोड प्रसारित किया गया था। भाजपा मन की बात कार्यक्रम के जरिए अधिक से अधिक लोगों को पार्टी से जोड़ती है। इसमें हर बूथ पर नए लोगों को एपिसोड सुनने के लिए आमंत्रित किया जाता है। बूथ अध्यक्ष से लेकर शक्ति केंद्र प्रमुख और पन्ना प्रमुख इसमें भाग लेते हैं। अभी औसतन एक बूथ पर 10 लोग मन की बात कार्यक्रम सुनते हैं। आने वाले समय में इसे 20 और 50 लोगों को प्रत्येक बूथ तक मन की बात कार्यक्रम सुनाने की BJP की हरियाणा में योजना है। बड़ौली बोले-हो सकता है बरसात वजह हो, या ट्रेनिंग की कमीभाजपा प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली का कहना है कि हमने मन की बात कार्यक्रम को लेकर वर्करों को ट्रेनिंग दिलाई थी, कि किस प्रकार एप पर इसे चढ़ाना है। इस कारण सुधार देखने को मिला है। अंबाला कैंट समेत जिन 4 विधानसभा के आंकड़े कम हैं, उसका कारण भी कहीं ना कहीं तकनीकी जानकारी कम होना या बारिश के दौरान बूथ पर ना पहुंच पाना हो सकता है। पिछड़ने वाली चारों विधानसभा की अलग से ट्रेनिंग करवाएंगे और इनको भी 100% पर लाएंगे।
हरियाणा में मानसून एक्टिव है। मौसम विज्ञान विभाग केंद्र चंडीगढ़ (IMD) ने 5 जुलाई तक का बारिश की संभावना जताई है। आज 3 जिलों अंबाला, पंचकूला व यमुनानगर में 50-75 प्रतिशत हो सकती है। वहीं बाकी 19 जिलों में 25-50 प्रतिशत तक बरसात हो सकती है। ममंगलवार (1 जुलाई) को 9 जिलों, भिवानी, गुरुग्राम, पानीपत, झज्जर, रेवाड़ी, जींद, महेंद्रगढ़, चरखी दादरी और सोनीपत में बारिश हुई। इस दौरान हिसार में आसमानी बिजली गिरने से खेत में काम कर रहे मजदूर की मौत हो गई, जबकि साथी झुलस गया। भिवानी में बारिश से सड़कों-गलियों में इतना पानी भरा कि पूर्व CM बंसीलाल की पुत्रवधू भाजपा सांसद किरण चौधरी और उनकी मंत्री बेटी श्रुति चौधरी की कोठी में भी पानी घुस गया। चरखी दादरी के DC मुनीश शर्मा और SP अर्श वर्मा के सरकारी निवास के बाहर भी भारी जलभराव हो गया, जिसके बाद पानी उनके आवास में घुस गया। यहां तूफान से किसान का टीन शेड उड़ गया और मलबे में बाइक दब गई। जून माह में बारिश ने पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ा है। करीब तीन गुना अधिक बारिश हुई है। मंगलवार को प्रदेश का अधिकतम तापमान सामान्य से 5.2 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा। मौसम विभाग के अनुसार 2024 के जून महीने में हरियाणा में 29.3MM बरसात हुई थी, जबकि आमतौर पर जून में 55.3MM बारिश होती है यानी 47% कम बारिश हुई थी। वहीं इस साल जून महीने में औसतन बारिश 82.3MM दर्ज की गई, जबकि 57.8MM बारिश होनी चाहिए थी। आगे कैसा रहेगा मौसम अधिकतम तापमान 0.4 डिग्री बढ़ाप्रदेश के अधिकतम तापमान में मंगलवार को 0.4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान सामान्य से 5.2 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच गया है। सबसे गर्म जिला सिरसा रहा। सिरसा का अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस मापा गया।
देश के ज्यादातर हिस्सों में मानसूनी बारिश जारी है। मौसम विभाग ने आज हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, गुजरात, मध्य महाराष्ट्र, गोवा, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। हिमाचल प्रदेश के मंडी में पिछले 24 घंटे में 11 जगह बादल फटा। बाढ़ और लैंडस्लाइड से अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है, 16 लोग लापता हैं। वाराणसी में गंगा हर घंटे 50mm की रफ्तार से बढ़ रही है। 24 घंटे में जलस्तर 2 मीटर तक बढ़ा है। गंगा का पानी मणिकर्णिका घाट तक आ गया है। जिससे गंगा द्वार घाट से संपर्क टूट गया है। बारिश से तबाही की तस्वीरें... देशभर में 1 जुलाई को हुई बारिश मैप में देखिए... देशभर में बारिश से जुड़े अपडेट्स के लिए नीचे दिए ब्लॉग से गुजर जाइए...
हरियाणा के फरीदाबाद में सरकार ने एलिवेटेड फ्लाईओवर के लिए 8 हजार मकानों को खाली करा कर गिराने की तैयारी कर ली है। इसके लिए बाकायदा पुनर्वास विभाग की तरफ इन मकानों में रहने वालों को नोटिस भेज दिया गया है। इस नोटिस में लोगों को 10 जुलाई तक का समय दिया गया है। चेतावनी भी दी गई है कि यदि निर्धारित समय सीमा में मकान सरेंडर नहीं किया गया तो 10 जुलाई के बाद विभाग स्वयं कब्जा खाली करा लेगा। उधर, नोटिस मिलने के बाद से इन 8 हजार मकानों में बसे लोगों को छत छीनने का डर सताने लगा है। कहना है कि वे पिछले करीब 50 साल से यहां रह रहे है। चुनाव में वोट भी करते है, अगर सरकार घर छीन लेगी तो वे कहां जाएंगे। उधर, क्षेत्रीय विधायक ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होने देंगे। सरकार सबके साथ है। पहले जानिए सरकार की ओर से जारी नोटिस की 3 अहम बातें... 60 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा बता रही सरकारयह मामला फरीदाबाद में एनआईटी क्षेत्र स्थित नेहरू कॉलोनी से जुड़ा है। नेहरू कालोनी में इस समय छोटे और बड़े मिलाकर 8 हजार के करीब मकान है। यहां पर रहने वाले लोगों के संख्या कई लाख के करीब है। सरकार इन मकानों को अवैध कब्जा करके बनाया जाना बता रही है। कहा जा रहा है कि इन लोगों ने पुनर्वास विभाग की 60 एकड़ जमीन पर कब्जा कर अवैध रूप से मकान मनाए है। सरकार की एलिवेटेड फ्लाइओवर बनाने की योजनाफरीदाबाद में मेट्रो चौक से सैनिक कॉलोनी रोड तक जाम खत्म करने के लिए एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाने की तैयारी की जा रही है। यह एलिवेटेड फ्लाइओवर मेट्रो चौक से शुरू होकर एनआईटी तीन होते हुए सैनिक कॉलोनी मोड़ तक जाएगा। ऐसे में गुरुग्राम जाने वाले इस फ्लाईओवर का प्रयोग करेंगे। वहीं, जिन लोगों को अंदर की कॉलोनियों में जाना है, वे नीचे से जा सकेंगे। इसी को लेकर इस जमीन को खाली कराने की बात कही जा रही है। पुनर्वास विभाग के तहसीलदार ने भेजा नोटिस 26 जून को नेहरू कालोनी में बने मकानों को सरेंडर करने का नोटिस पुनर्वास विभाग के तहसीलदार विजय सिंह की तरफ से लगाया गया था। नोटिस में कहा गया है कि लोगों को अपने मकानों को विभाग को सरेंडर करने के लिए 15 दिन का समय दिया जा रहा है। अगर वक्त रहते कब्जा सरेंडर नहीं किया गया तो 10 जुलाई से विभाग स्वयं कब्जा खाली कराएगा। नोटिस मिलने के बाद लोगों ने क्या-क्या कहा... 50 से ज्यादा साल हो गए यहां रहते हुएनेहरू कालोनी के रहने सुशील कुमार ने बताया कि पिछले करीब 50 सालों से उनका परिवार यहां पर रह रहा है। प्रशासन ने उनको यहां पर बिजली कनेक्शन दिया, पानी के लिए सरकारी टयूबवेल लगाया। उनका राशन कार्ड भी बनाया गया है। वो अपने घर का टैक्स तक भर रहे है। प्रशासन को अगर उनके घर तोड़ने ही थे तो उस समय उनको बसने क्यों दिया गया। यदि सरकार ने घर छीन लिया तो कहां जाएंगेकरीब 60 साल की सुमित्रा देवी ने बताया कि पिछले 22 सालों से वह यहां रह रही है। उनके बच्चों की शादी यहीं पर हुई है। उनका पूरा परिवार यहीं रहता है। आज से 20-22 साल पहले भी मकान को खाली करने की बात कही गई थी, लेकिन उस समय नोटिस नहीं लगा था। लेकिन अब नोटिस लगने के उनको कुछ समझ नहीं आ रहा है। यदि सरकार ने घर छीन लिया तो कहां जाएंगे। दूसरी जगह मिलेगी तो ही मकान छोड़ेंगेराम सिंह ने बताया कि उसकी उम्र 46 साल के करीब है। साल 1994 से वो यहां पर मकान बनाकर रह रहा है। प्रशासन ने अचानक से उनके घर को खाली करने का नोटिस लगा दिया गया है। कई हजार परिवार यहां पर रहते है, लेकिन आज तक किसी को कोई परेशानी नहीं थी। उनका कहना है कि या तो सरकार उनको रहने के लिए कोई दूसरी जगह दे, तभी वो मकान को छोड़कर यहां से जाएंगे। किसी का आशियाना छीन जाए, यह कहां का न्यायशिवराम ने बताया कि वो साल 1980 में यूपी से आकर यहां पर बसे थे। तब से आज कर किसी को कोई परेशानी नहीं हुई। मगर, अब उनके घर को खाली करने की बात कही जा रही है। उनके सभी कागजात यही के बने हुए है। ऐसे एकदम से अपने घर को खाली करके कैसे जा सकते है। मानते है कि विकास जरूरी है, लेकिन किसी का आशियाना छीन जाए, यह कहां का न्याय है। सभी कागजात पास में, फिर अवैध कैसेज्ञान सिंह ने बताया कि साल 1994 से पहले से ही उनका परिवार यहां पर बसा था, उसके पास 1977 का वोटर कार्ड भी मौजूद है। वो नगर निगम में हाउस टैक्स भरते आ रहे है। बिजली का बिल देते आ रहे है, उनका आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड इन्हीं मकानों के पते पर बना हुआ है। उनके हर कागजात में यही का पता है। अगर उनके मकान अवैध है तो प्रशासन उनसे टैक्स क्यों ले रहा है। तहसीलदार बोले- उच्च अधिकारियों के पास मामलापुनर्वास विभाग के तहसीलदार विजय सिंह ने बताया कि उच्च अधिकारियों को इस मामले की जानकारी है। उनके आदेश तक के लिए किसी प्रकार की कोई तोड़-फोड़ अभी नहीं की जा रही है। सरकार के पास भी पूरे मामले की जानकारी है। इन कब्जाधारियों को पहले मौखिक रूप से कई बार चेताया जा चुका था, लेकिन किसी प्रकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। ---------------कब्जे से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... हरियाणा में पूरा गांव खाली करने के आदेश:ASI ने नोटिस भेजा, उसे देख घबराहट में महिला की हार्ट अटैक से मौत; माहौल तनावपूर्ण हरियाणा में कैथल के एक गांव को खाली करने के आदेश दिए गए हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) ने ग्रामीणों को कोर्ट का नोटिस भेजा है और कहा है कि जल्द से जल्द गांव खाली कर दो। इससे गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। ASI इस गांव में खोदाई करना चाहता है। इसके आसपास पहले भी कई बार खोदाई हो चुकी है। अब ASI को वहां खोदाई करनी है, जहां घर बने हैं। (पूरी खबर पढ़ें)
दोस्त की मौत के बाद उसकी पत्नी को सहारा देने के बहाने दुष्कर्म
मिसरोद पुलिस ने एक महिला की शिकायत पर उसके स्वर्गीय पति के दोस्त के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया है। दोस्त की मौत के बाद आरोपी ने महिला को सहारा दिया और शादी का झांसा देकर पिछले आठ साल से उसका शारीरिक शोषण कर रहा था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। मिसरोद पुलिस के मुताबिक 39 वर्षीय महिला के पति की वर्ष 2015 में एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। पति के दोस्त अनिल निसाद का घर आना-जाना था। उसने महिला को शादी का झांसा दिया और उसका शारीरिक शोषण करने लगा। छह महीने पहले उसने शादी करने से इनकार कर दिया। महिला ने समझाने का प्रयास किया। बाद में महिला ने थाने में शिकायत की। पुलिस ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया है।
एम्स : नेत्र विभाग की एचओडी बोलीं- फाइल मेरे पास नहीं
एम्स भोपाल की नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. भावना शर्मा ने बताया कि रिफ्रैक्टिव सर्जरी सूट की फाइल उनके पास नहीं है। न ही फाइल में किसी तरह की देरी उनकी ओर से हुई है। वह तकनीकी मूल्यांकन समिति का हिस्सा हैं। इस समिति में विभाग के सभी सदस्य, बाहरी विशेषज्ञ, डीजीएचएस के प्रतिनिधि, वित्त, स्टोर्स, प्रशासन और कार्यकारी निदेशक के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। फाइल प्रक्रिया में देरी का कारण आधिकारिक रूप से संबंधित विभागों से पूछा जा सकता है। डॉ. शर्मा ने कहा कि वह देश की कई प्रतिष्ठित नेत्र सर्जनों की मेंटर रही हैं। कई बार उन्हें और अन्य मेंटर्स को कार्यक्रमों में आमंत्रित किया जाता है। इसमें किसी भी प्रकार के सीसीएस कंडक्ट रूल का उल्लंघन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि किसी भी नियम उल्लंघन पर जांच समिति बनाई जाती है, लेकिन इस मामले में ऐसा कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
शहर में डेढ़ महीने में करंट से हुई तीन लोगों मौत से बिजली कंपनी के मेंटेनेंस पर सवाल उठ रहे हैं। मंगलवार को शाहजहांनाबाद इलाके में खंभे में फैले करंट से 6 साल की बच्ची आयशा की मौत हो गई थी। इस मामले में बिजली कंपनी प्रबंधन बुधवार को हरकत में आया। एमडी क्षितिज सिंघल ने अधिकारियों की बैठक बुलाकर जानकारी ली। मृत बच्ची के परिजनों को ₹4 लाख की आर्थिक सहायता देने की प्रक्रिया भी शुरू की गई। बिजली कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि इस घटना की जांच की गई। एफओसी स्टाफ ने बारीकी से खंभे की जांच की। इसमें पाया कि बिजली चोरी के लिए किसी ने डग्गा डाला था। यही तार क्लैम्प से टच हो रहा था। जिससे खंभे में करंट आ गया था। सिंघल ने कहा कि बिजली से जुड़ी दुर्घटनाओं को गंभीरता से लें। इधर, विधायक आरिफ मसूद बुधवार को बिजली कंपनी के सिटी सर्किल ऑफिस पहुंचे। वहां उन्होंने जनरल मैनेजर बीबीएस परिहार से बातचीत की। विधायक ने जीएम से कहा डेढ़ महीने में तीन हादसे होना गंभीर मामला है।
लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू के एसपी समेत 10 अधिकारियों के तबादले
गृह विभाग ने सोमवार को लोकायुक्त और ईओडब्ल्यू एसपी समेत अधिकारियों के तबादले कर दिए। देर रात जारी आदेश में लोकायुक्त ग्वालियर एसपी राजेश कुमार मिश्रा को सहायक पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय भोपाल पदस्थ किया है। समर वर्मा को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जबलपुर से पुलिस अधीक्षक, ईओडब्ल्यू उज्जैन भेजा है। जबकि अनिल विश्वकर्मा को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त उज्जैन से पुलिस अधीक्षक, ईओडब्ल्यू जबलपुर पदस्थ किया गया है। पल्लवी त्रिवेदी को एआईजी ईओडब्ल्यू मुख्यालय भोपाल से एआईजी पुलिस मुख्यालय भोपाल में पदस्थ किया गया है। इसी तरह संजय साहू को पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त जबलपुर से एआईजी पुलिस मुख्यालय भोपाल भेजा गया है। भोपाल ईओडब्ल्यू में बतौर एआईजी पदस्थ सुनील पाटीदार को पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त रीवा बनाया गया है। अंजुलता पटले को उप सेनानी, 6वीं वाहिनी विसबल जबलपुर से पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त जबलपुर और यास्मीन जहरा जमाल को एएसपी, पीटीसी भौंरी भोपाल से एआईजी पुलिस मुख्यालय पदस्थ कया है। इनके अलावा निरंजन शर्मा एएसपी ग्वालियर को पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त ग्वालियर और एडीसीपी जोन-4 नगरीय पुलिस इंदौर आनंद यादव को पुलिस अधीक्षक, लोकायुक्त उज्जैन में नई जिम्मेदारी दी गई है।
बिजली खपत का 50 फीसदी हिस्सा अक्षय ऊर्जा से पूरा करने का लक्ष्य : अमनवीर सिंह
प्रदेश सरकार ने अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं। अक्षय ऊर्जा नीति 2025 के तहत वर्ष 2030 तक प्रदेश की कुल बिजली खपत का 50 प्रतिशत हिस्सा अक्षय ऊर्जा स्रोतों से पूरा करने का लक्ष्य है। इस दिशा में चरणबद्ध लक्ष्य तय किए गए हैं। वर्ष 2024 तक 20 प्रतिशत, 2027 तक 50 प्रतिशत और 2030 तक शत-प्रतिशत हरित ऊर्जा अनुपालन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सरकार ने वर्ष 2030 तक अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में 50 हजार से अधिक नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य रखा है। यह जानकारी मंगलवार को ऊर्जा विकास निगम में आयोजित कार्यशाला में निगम के प्रबंध संचालक अमनवीर सिंह बैंस ने दी। यह कार्यशाला निगम और इसके नॉलेज पार्टनर काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायर्नमेंट एंड वॉटर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई। एमडी ने कहा कि प्रदेश में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।
32 साल की सेवा करने के बाद भी नहीं मिली ग्रेच्युटी-पेंशन राशि
कार्यालय कल्याण आयुक्त, भोपाल गैस पीड़ित में 30 से 35 साल तक सेवा देने वाले कर्मचारी आज भी ग्रेच्युटी और पेंशन से वंचित हैं। 2023-24 तक यहां 96 कर्मचारी कार्यरत थे। सभी को केंद्र सरकार के वेतनमान और भत्तों का लाभ मिला। भविष्य निधि और अर्जित अवकाश की पात्रता भी दी गई। सेवा निवृत्ति के बाद भी कर्मचारियों को ग्रेच्युटी और पेंशन नहीं मिली। यह विभाग शुरू से ही केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के अधीन है। नियम के अनुसार 10 साल सेवा के बाद कर्मचारी ग्रेच्युटी और पेंशन का हकदार होता है। यहां 32 साल सेवा देने के बाद भी कर्मचारी वंचित हैं। वर्ष 2020 से 2025 के बीच रिटायर 15 से ज्यादा कर्मचारियों के परिवार आज भी आर्थिक तंगी में हैं।
आरोपियों के खिलाफ 15 हजार रुपए जुर्माना:पड़े मिले वोटर कार्ड से सिम खरीदकर फिरौती मांगी, जेल
आरोपी कलीम और मुजम्मिल को तीन साल की सजा सुनाई रास्ते में मिले वोटर आईडी से सिम खरीदकर डेढ़ लाख रुपए की फिरौती मांगने के आरोपी कलीम और मुजम्मिल को कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही आरोपियों पर 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। फैसला अपर सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार जैन ने सुनाया। इस मामले में शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक नूतन नागर ने पैरवी की। पीड़ित ने आरोपियों की धमकी की कॉल रिकॉर्ड कर ली थी। घटना 1 से 11 जनवरी 2016 के बीच की है। आरोपियों को आसिफ नाम के व्यक्ति का वोटर कार्ड बैरसिया रोड पर रेलवे फाटक के पास पड़ा मिला था। आरोपियों ने उस कार्ड से फोटो बदलकर दूसरा फोटो लगा दिया। इसके बाद आरोपियों ने तीन फर्जी सिम भी इस कार्ड के जरिए खरीदे। आरोपियों ने उन दस दिनों के अंदर पीड़ित नरेंद्र हासवानी को कई बार कॉल करके 1 लाख 50 हजार रुपए की फिरौती मांगी। आरोपियों ने नरेंद्र को धमकी दी थी कि यदि वह आरोपियों को 1 लाख 50 हजार रुपए नहीं देता, तो वे नरेंद्र या उसके परिवार के सदस्यों को जान से मार देंगे। इसके बाद पीड़ित ने उनकी धमकी भरी कॉल रिकॉर्ड कर ली थी। आरोपियों ने पीड़ित की कार में धमकी भरा पत्र भी रखा था।
पीडब्ल्यूडी की प्लानिंग:डामर वाले हाईवे के गड्ढे को ही नहीं भरेंगे, पूरा हिस्सा बदल देंगे
मप्र में हाईवे के कुछ हिस्सों में बार-बार होने वाले गड्ढों से अब जल्दी निजात मिल जाएगी। लोक निर्माण विभाग और रोड डवलपमेंट कार्पोरेशन मिलकर ऐसी सड़कों के गड्ढों वाले हिस्से को सीमेंट कंक्रीट से बदल देंगे। यानी केवल गड्ढे को नहीं भरा जाएगा, बल्कि सड़क का एक लंबा हिस्सा ही बदल दिया जाएगा। हालांकि, इसके पहले भी यह प्रयोग हुए हैं, लेकिन तब छोटे-छोटे पेंच को सुधारा गया था, जो सफल नहीं हुआ। इस बार इसमें बदलाव किया जा रहा है। इसकी शुरुआत स्टेट हाइवे से होगी, लेकिन नेशनल हाइवे के अधिक परेशानी वाले हिस्सों को भी शामिल किया जाएगा। इस बरसात में सड़क के उन हिस्सों को चिन्हित किया जाएगा, जहां सड़क सर्वाधिक खराब होती है। जैसे भोपाल बायपास पर 11वां मील से लेकर रापड़िया तक और भौंरी तिराहे से आयल डिपो तक का हिस्सा हर साल खराब हो जाता है। इस बार भी यह पहली बारिश में खराब हो गया है। बता दें कि मप्र में अभी लोक निर्माण विभाग के अधीन करीब 80,775 किमी लंबा सड़क नेटवर्क है। जिसमें से 9,315 किमी नेशनल और 11,389 किमी स्टेट हाइवे है। इसके अलावा 25,639 किमी मुख्य जिला मार्ग तथा 34,432 किमी अन्य जिला मार्ग शामिल हैं। पहले फेज में 2 हजार किमी इस बारिश में खराब होने वाली सड़कों के पैचवर्क के साथ इन जगहों की लोकेशन, लंबाई और कारण के साथ रिपोर्ट तैयार की जाएगी। बारिश खत्म होने के बाद इन पर काम शुरू हो जाएगा। जैसे अभी सीसी रोड पर आरडीसी कर रहा है। खराब हिस्से में सीसी रोड बनाने के साथ पानी के बहाव के लिए सड़क का ढलान बदला जाएगा। इस काम से जुड़े इंजीनियरों ने बताया कि यह काम 200 मीटर से लेकर 1 किमी लंबे हिस्से तक में किया जाएगा। पहले फेज में लगभग 2 हजार किमी सड़क को शामिल किया जाएगा। खासकर बड़े शहर के पास बायपास वाले हिस्से को पहले सीसी रोड से बदला जाएगा। ये सड़कें वे हैं, जो नेशनल हाइवे को फोर लेन में बदली गई हैं और इसकी कुल लंबाई 4,740 किमी है।
नमस्कार, कल की बड़ी खबर हिमाचल और राजस्थान में भारी बारिश की रही। एक खबर RBI की उस रिपोर्ट की रही, जिसमें कहा गया है कि भारत के हर व्यक्ति पर औसतन 4.8 लाख रुपए का कर्ज है। सिर्फ मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ में... ⏰ आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... कल की बड़ी खबरें... 1. राजस्थान में सड़कें डूबीं, हिमाचल में 11 जगह बादल फटे, 5 लोगों की मौत, 16 लापता देश के ज्यादातर हिस्सों में मानसूनी बारिश जारी है। राजस्थान के अलवर, धौलपुर और भरतपुर में सड़कों पर दो फीट तक पानी भर गया। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर, मंडी में समेत 11 जगहों पर बादल फटा। बाढ़ और लैंडस्लाइड से अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है, 16 लोग लापता हैं। पढ़ें पूरी खबर... 2. जुलाई से हुए बड़े बदलाव: रेल सफर महंगा, पैन के लिए आधार जरूरी; कॉमर्शियल सिलेंडर ₹58.50 तक सस्ताजुलाई से रेल सफर महंगा हो गया है। वहीं तत्काल बुकिंग के नियमों में बदलाव हुए हैं। जानते हैं जुलाई से हुए 6 बड़े बदलाव... पढ़ें पूरी खबर... 3. हर भारतीय ₹4.8 लाख का कर्जदार, 2023 में ₹3.9 लाख का कर्ज था, 2 साल में 23% बढ़ा भारत के हर व्यक्ति पर औसतन 4.8 लाख रुपए का कर्ज है। मार्च 2023 में यह 3.9 लाख रुपए था। बीते दो साल में इसमें 23% की बढ़ोतरी हुई है। यानी, हर भारतीय पर औसतन 90,000 रुपए का कर्ज और बढ़ा है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने जून 2025 की फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। कर्ज बढ़ने का मतलब क्या है: इसका मतलब है कि लोग पहले से ज्यादा उधार ले रहे हैं। इसमें होम लोन, पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड का बकाया और अन्य रिटेल लोन शामिल हैं। नॉन-हाउसिंग रिटेल लोन जैसे पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड बकाया में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। ये लोन टोटल डोमेस्टिक लोन का 54.9% हिस्सा है। ये डिस्पोजेबल इनकम (खर्च करने योग्य आय) का 25.7% है। हाउसिंग लोन का हिस्सा 29% है और इसमें भी ज्यादातर उनका है जो पहले से लोन लेकर दोबारा से ले रहे हैं।पढ़ें पूरी खबर... 4. ट्रम्प बोले-सब्सिडी बंद की तो मस्क को अफ्रीका लौटना पड़ेगा, दुकान बंद हो जाएगी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने टेस्ला के CEO इलॉन मस्क पर तंज कसा। उन्होंने कहा- अगर मस्क को मिलने वाली सब्सिडी बंद हो जाए, तो उनको अपनी दुकान बंद कर दक्षिण अफ्रीका लौटना पड़ेगा। ट्रम्प के कहा कि सब्सिडी बंद होने से न टेस्ला इलेक्ट्रिक कार का प्रोडक्शन कर पाएगी, न ही स्पेसएक्स के रॉकेट, सैटेलाइट लॉन्च होंगे। ट्रम्प ने दावा किया कि मस्क को सरकारी सब्सिडी के तौर पर इतना पैसा मिला है, जितना शायद किसी और को नहीं मिला। पढ़ें पूरी खबर... 5. कर्नाटक CM पद पर फिर विवाद, डिप्टी CM शिवकुमार के करीबी MLA का दावा- 100 विधायक साथ कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर अंदरूनी खींचतान तेज हो गई है। डिप्टी CM डीके शिवकुमार के करीबी विधायक इकबाल हुसैन ने दावा किया कि करीब 100 MLA मुख्यमंत्री बदलने के पक्ष में हैं। इस बीच कांग्रेस नेता और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला बेंगलुरु दौरे पर पहुंचे हैं और पार्टी विधायकों के साथ लगातार मीटिंग कर रहे हैं। हालांकि सुरजेवाला ने कहा, 'राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की बात सिर्फ कल्पना है।' डीके शिवकुमार CM पद के दावेदार थे: 2023 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद डीके शिवकुमार CM पद के अहम दावेदार थे, लेकिन पार्टी हाईकमान के कहने पर डिप्टी CM पद की जिम्मेदारी संभाली। उस समय रोटेशनल CM फॉर्मूले की बात भी सामने आई थी, लेकिन इसे कभी सार्वजनिक रूप से मंजूरी नहीं मिली। अब एक बार फिर यह मुद्दा खुलकर सतह पर आ गया है।पढ़ें पूरी खबर... 6. BJP ने 5 राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष चुने; तेलंगाना में विरोध के बावजूद रामचंदर राव अध्यक्ष बनेभाजपा ने हिमाचल, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में निर्विरोध प्रदेशाध्यक्ष चुन लिए हैं। एमपी में हेमंत विजय खंडेलवाल ने भी निर्विरोध नामांकन भरा। आज उनकी जीत का ऐलान होगा। तेलंगाना में रामचंद्र राव को अध्यक्ष चुना गया। रामचंदर राव को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद विधायक टी राजा ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हिमाचल में राजीव बिंदल को तीसरी बार, जबकि महेंद्र भट्ट दूसरी बार उत्तराखंड के अध्यक्ष बने। राष्ट्रीय अध्यक्ष जुलाई में चुने जा सकते हैं: 2 दिन में 9 राज्यों में नए प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने के बाद BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की तस्वीर साफ हो जाएगी। भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव 50% राज्यों में चुनाव होने के बाद ही होता है। फिलहाल भाजपा की 37 मान्यता प्राप्त स्टेट यूनिट हैं। इनमें से अब तक 14 राज्यों में अध्यक्ष चुने जा चुके हैं। बुधवार को 19 राज्यों के अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे। राष्ट्रीय अध्यक्ष जुलाई में चुने जा सकते हैं।पढ़ें पूरी खबर... 7. बेंगलुरु भगदड़ केस में सस्पेंड सीनियर IPS बहाल, ट्रिब्यूनल बोला- पुलिस के पास अलादीन का चिराग नहीं, जो उंगली रगड़कर भीड़ को काबू कर ले बेंगलुरु भगदड़ केस में सस्पेंड IPS विकास कुमार को सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (CAT) ने बहाल कर दिया। CAT ट्रिब्यूनल ने कहा कि हादसे के लिए रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) जिम्मेदार है। CAT ने कहा- पुलिस भगवान या कोई जादूगर नहीं है। पुलिस को व्यवस्था करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया जाता तो उससे भारी भीड़ को नियंत्रित करने की उम्मीद नहीं की जा सकती। विक्ट्री परेड में 11 लोगों की मौत हुई थी: IPL ट्रॉफी जीतने के बाद RCB ने 4 जून को विक्ट्री परेड निकाली थी। इस दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ मच गई थी, इसमें 11 लोगों की जान गई थी और 75 लोग घायल हो गए थे। इस केस में IPS अधिकारी विकास कुमार को सस्पेंड किया गया था।पढ़ें पूरी खबर... आज का कार्टून ⚡ कुछ अहम खबरें हेडलाइन में… ️ बयान जो चर्चा में है... खबर हटके... ₹100 करोड़ की सड़क बनाई, बीच में खड़े पेड़ नहीं काटे बिहार के जहानाबाद में 100 करोड़ रुपए की लागत से बनी पटना-गया सड़क पर के बीच पेड़ छोड़ दिए गए हैं। 7.48 किमी लंबी इस रोड पर लाइटें भी नहीं लगी हैं। पेड़ टेढ़े-मेढ़े खड़े हैं, जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। वही DM ने कहा की यह वन भूमि है, मंजूरी नहीं मिली थी, इसलिए पेड़ हटाए नहीं गए। पढ़ें पूरी खबर... फोटो जो खुद में खबर है भास्कर की एक्सक्लूसिव स्टोरीज, जो सबसे ज्यादा पढ़ी गईं… करेंट अफेयर्स ⏳आज के दिन का इतिहास बाजार का हाल ️ मौसम का मिजाज मिथुन राशि वालों को सितारों का साथ मिलेगा। कर्क राशि के लोग मेहनत और कोशिश से सफलता पाएंगे। जानिए आज का राशिफल... आपका दिन शुभ हो, पढ़ते रहिए दैनिक भास्कर ऐप… मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ को और बेहतर बनाने के लिए हमें आपका फीडबैक चाहिए। इसके लिए यहां क्लिक करें...
प्रदेश में कांग्रेस के 25 फीसदी जिलाध्यक्ष हो सकते हैं रिपीट
मप्र कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के लिए चल रही रायशुमारी पूरी हो गई है। सोमवार को रायशुमारी का आखिरी दिन था। ऑब्जर्वर ने मंगलवार से अपना पैनल बनाकर एआईसीसी को भेजना शुरू कर दिया है। इसी सप्ताह में प्रत्येक जिले से पैनल एआईसीसी को भेज दी जाएगी। इसके बाद गुजरात की तर्ज पर एक साथ पूरे मप्र के जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा होगी। जानकारी के अनुसार इनमें से लगभग 25 फीसदी जिलाध्यक्ष रिपीट किए जाएंगे। रायशुमारी के दौरान ऑब्जर्वर की पहली रिपोर्ट से लगभग स्पष्ट हो गया है कि कुछ जिलाध्यक्ष अच्छा काम कर रहे हैं। इनमें युवा चेहरों के रिपीट होने की अधिक उम्मीद है। बता दें कि मप्र में कांग्रेस संगठन के 70 जिले हैं। इनमें 55 शहरी और 15 ग्रामीण जिले शामिल हैं। इनमें से 5 जिले अभी खाली हैं। शेष 65 में से करीब 16 जिलाध्यक्ष रिपीट होंगे।
पटवारी पर एफआईआर के विरोध में 8 को प्रदर्शन
मप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ अशोकनगर जिले के मुंगावली थाने में दर्ज एफआईआर के विरोध में पूरी कांग्रेस एकजुट हो गई है। एफआईआर के खिलाफ पटवारी के समर्थन में हर जिले से कार्यकर्ता मुंगावली थाने के सामने प्रदर्शन करेंगे और गिरफ्तारी देंगे। संगठन महामंत्री संजय कामले ने बताया कि 8 जुलाई को दोपहर 12 बजे अशोकनगर में कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी एकजुट होकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने बताया कि इसमें विधायक, लोकसभा और विधानसभा चुनाव प्रत्याशी भी शामिल होंगे।
मप्र में अप्रैल-मई में जीएसटी कलेक्शन 9035 करोड़ रहा
देश में वर्ष 2024-25 में 22.08 लाख करोड़ जीएसटी वसूला गया। मप्र ने इस टैक्स कलेक्शन में 44,780 करोड़ का योगदान दिया। वित्तीय वर्ष 2025-26 के पहले दो महीनों, अप्रैल-मई में मप्र में 9,035 करोड़ जीएसटी कलेक्शन हुआ। प्रदेश में जीएसटी के लगभग 1.5 करोड़ सक्रिय करदाता हैं। राजधानी में आयोजित 8वें जीएसटी दिवस पर कार्यक्रम की अध्यक्षता मानस रंजन मोहंती, मुख्य आयुक्त, सेंट्रल जीएसटी ने की। उन्होंने कर अधिकारियों को सुविधा प्रदाता और नियंत्रणकर्ता की दोहरी जिम्मेदारी निभाने के लिए कहा। इस अवसर पर उन्होंने करदाताओं को सम्मानित किया। साथ ही, कई अधिकारियों को कर उत्कृष्ट प्रशासन और करदाताओं को सुविधाएं देने के लिए सम्मानित किया। डीजीजीआई के सीनियर इंटेलिजेंस अधिकारी आशुतोष दीक्षित, सुपरिन्टेन्डेन्ट राम लखन मीणा - महेश मुचरिकर आदि को टैक्स चोरी पकड़ने पर सम्मानित किया गया।
70 साल से रह रहे लोगों के मकान नहीं तोड़ें: बसपा
बसपा के जिलाध्यक्ष एडवोकेट पूर्णेंद्र अहिरवार और पूर्व जोन प्रभारी इंदर वर्मा के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। पार्टी ने आरोप लगाया कि भोपाल कलेक्टर के आदेश पर शहर में 70 साल से रह रहे निवासियों के मकान तोड़े जा रहे हैं। इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। स्कूलों और स्लम बस्तियों के पास से शराब दुकानें हटाई जाएं। शराब पीकर लोग इन बस्तियों में आए दिन रहवासियों को परेशान करते हैं। स्मार्ट मीटर से मनमाने बिल आ रहे हैं, इन्हें हटाकर सामान्य मीटर लगें। झुग्गीवासियों को पट्टे दिए जाएं।
मुख्य सचिव के ऑफिस से लेकर पीएचई के ईएनसी तक पहुंची विभागीय मंत्री संपतिया उइके के कथित तौर पर कमीशन लेने की जांच का मुद्दा मंगलवार को कैबिनेट बैठक में छाया रहा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अधिकारियों को बाहर करने के बाद मंत्रियों से कहा कि हम सभी मंत्री के साथ हैं। कोई अधीनस्थ अधिकारी कैसे उच्च की जांच कर सकता है? इसे दिखवाऊंगा कि यह कैसे हुआ। बाकी मंत्रियों ने भी संपतिया उइके का पक्ष लिया और कहा कि ऐसी शिकायतों पर कागज कैसे चल जाते हैं, जिन्हें इंटरटेन ही नहीं करना चाहिए। सीएम बोले कि मंत्री का विषय तो शिकायत उनके पास आनी चाहिए थी। सीधे नीचे कैसे चली गई। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि शिकायत बाहर आई कैसे? पहले तो यह देखना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा, किशोर समरीते तो प्रमाणिक आदमी ही नहीं हैं। फिर शिकायत मप्र कैसे आई? इस दौरान मंत्री उइके चुपचाप बैठी रहीं। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि ये आज उनके साथ हुआ, किसी दूसरे मंत्री के साथ भी हो सकता है। पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह बोले, यह देखना होगा कि एक शिकायत नीचे तक कैसे पहुंच गई। बताया गया है कि कथित तौर पर मंत्री उइके पर एक हजार करोड़ कमीशन लेने से जुड़ी शिकायत मुख्य सचिव दफ्तर से पीएचई में गई। शिकायत पर मुख्य सचिव कार्यालय की सील है, लेकिन मुख्य सचिव अनुराग जैन के हस्ताक्षर नहीं हैं। यानी सीएस को रेखांकित (मार्क) करते हुए उनके ऑफिस आई शिकायत को उनके ही अधीनस्थ अधिकारी ने सीधे नीचे विभाग के प्रमुख सचिव पी. नरहरि को भेज दी। फिर शिकायत और नीचे अवर सचिव व ईएनसी तक पहुंच गई। पीएचई के ईएनसी संजय कुमार अंधवान ने फिर सभी मुख्य अभियंता और परियोजना निदेशक को पत्र भेज दिया। इसी के बाद हड़कंप मच गया। कैबिनेट में पीएचई मंत्री के पक्ष में बोलने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मुख्य सचिव जैन की तरफ देखकर पूछा, वे कुछ बोलना चाहते हैं। सीएस ने सिर हिलाकर मना कर दिया। ईएनसी को नोटिस जारी देर रात 9:30 बजे के करीब विभाग ने मंत्री उइके से चर्चा करने के बाद ईएनसी अंधवान को नोटिस जारी कर दिया। इसमें सिविल सेवा आचरण के घोर उल्लंघन का जिक्र किया गया है। साथ ही लिखा है कि पूर्व विधायक किशोर समरीते की शिकायत पर तथ्यात्मक प्रतिवेदन लेने के लिए ईएनसी को लिखा गया था, लेकिन वे अपने अधिकार क्षेत्र से आगे बढ़ गए और शिकायत के तथ्यों की जांच का पत्र निकाल दिया। कर्तव्य के विपरीत काम किया।
मध्यप्रदेश में इस बार किसानों ने समय से बोवनी कर दी, लेकिन सरकार बीमा का इंतजाम करना ही भूल गई। खरीफ की 47.12 लाख हेक्टेयर जमीन में बीज पड़ चुके हैं, अंकुर फूटने को तैयार हैं, लेकिन फसल पर बीमा की परत नहीं चढ़ी है। वजह : कृषि विभाग अब तक यह तय नहीं कर पाया कि प्रति हेक्टेयर बीमित राशि कितनी होगी। यह पहली बार है जब पूरा जून बीत गया और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए जरूरी गजट अधिसूचना जारी नहीं हुई। नतीजा, बीमा कंपनियां प्रीमियम तय नहीं कर पाईं और पोर्टल अब तक बंद है। योजना के नियम कहते हैं कि फसल बीमा का कवरेज बीज बोने से लेकर कटाई और खेत से निकालने के बाद 10 दिन तक रहता है। अगर बीमा समय पर हो, तो बोवनी के तुरंत बाद नुकसान होने पर भी किसान क्लेम का हकदार होता है। प्रदेश में बारिश का मिजाज असंतुलित रहता है। कहीं बाढ़ जैसे हालात बनते हैं तो कहीं किसान बादलों को ताक रहा होता है। ऐसे में यदि फसल बोवनी के बाद ही खराब हो जाए, तो बिना बीमा के मुआवजा मिलना मुश्किल होगा। सीजन से एक महीने पहले अधिसूचना जरूरी फसल बीमा योजना की गाइडलाइंस के सेक्शन 7 में स्पष्ट है कि हर सीजन से कम से कम एक महीने पहले बीमित राशि अधिसूचित होनी चाहिए। सेक्शन 6 में यह भी कहा गया है कि राज्य सरकार की अधिसूचना के बिना बीमा कंपनियां प्रीमियम तय नहीं कर सकतीं। 2022 में अधिसूचना 20 जून, 2023 में 16 जून और 2024 में 30 मई को जारी हुई थी, लेकिन इस बार विभाग की नींद अब तक नहीं खुली। किसानों को होगा ये सीधा नुकसान प्रदेश में करीब 85% से ज्यादा बोवनी हो चुकी है, लेकिन बीमा प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई। आमतौर पर बीमा कवरेज 1 जुलाई से 30 अगस्त तक रहता है, लेकिन किसान समय से बीमा कराकर शुरुआत से जोखिम से बचना चाहते हैं। इस बार अधिसूचना में देरी से प्रक्रिया लंबी खिंच सकती है और नुकसान की स्थिति में किसान क्लेम से वंचित रह सकता है। बीमित राशि क्यों होती है सबसे अहम? फसल खराब होने पर क्लेम बीमित राशि के आधार पर तय होता है, जिसे कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला समिति तय करती है। यह राशि जितनी ज्यादा होगी, उतना ही ज्यादा प्रीमियम देना होगा, लेकिन नुकसान की स्थिति में क्लेम भी उसी अनुपात में ज्यादा मिलेगा। बैंक भी उलझन में-वसूली कैसे होगी? एक किसान के नाम से दो–तीन खाते होना सामान्य बात है। प्रदेश में 96.47 लाख खाताधारकों पर कृषि लोन चल रहा है। बैंक, लोन के साथ बीमा प्रीमियम काटकर किसान को कवरेज में शामिल कर देते हैं ताकि नुकसान की स्थिति में क्लेम खाते में आ सके और ऋण की वसूली हो जाए। लेकिन जब बीमा ही अटका हो, तो बैंक के सामने भी मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
सागर:दा किमी तय करने में लगे 60 मिनट, फिर हुए गढ़पहरा के हनुमान जी के दर्शन
प्राचीन गढ़पहरा हनुमान मंदिर में दर्शन के लिए मंगलवार को दो किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। यह फासला तय करने में 45 मिनट से लेकर 1 घंटे तक का समय लगा। जाम में एक बार में 1000 से ज्यादा ट्रक, बस, चार पहिया वाहन, ऑटो एवं अन्य वाहन फंसकर रेंगते नजर आए। बावजूद इसके आस्था पर कोई असर नहीं पड़ा। सागर नगर सहित फोरलेन की ओर से हजारों श्रद्धालु लगातार आते जाते रहे। मान्यता और परंपरा अनुसार सैकड़ों भक्तों ने मनोकामना के लिए ध्वज पताका चढ़ाई।
सबसे अधिक फर्जी जाति प्रमाण-पत्र ग्वालियर से बने ग्वालियर-चंबल व मालवा में अनुसूचित जाति-जनजाति के फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी कर रहे 25 अधिकारी व कर्मचारियों पर ग्वालियर एसटीएफ ने प्रकरण दर्ज किया है। एसटीएफ की प्रारंभिक जांच में जिन कर्मचारी व अफसरों के फर्जी प्रमाण पत्रों पर नौकरी करने की पुष्टि हुई है, वे ग्वालियर-चंबल सहित इंदौर, शाजापुर, विदिशा, होशंगाबाद व बैतूल में राजस्व, पुलिस, मेडिकल व पीडब्ल्यूडी में पदस्थ हैं। इस मामले में जल्द ही 40 से 45 आरोपियों की गिरफ्तारी होगी। सबसे अधिक फर्जी प्रमाण-पत्र ग्वालियर से जारी हुए हैं। एसपी एसटीएफ राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि दो माह पूर्व एसटीएफ डीजी पंकज कुमार श्रीवास्तव को इस फर्जीवाड़े की शिकायत मिली थी। शिकायत गौरीशंकर राजपूत की ओर से की गई थी। इस पर एसटीएफ ग्वालियर की एक एसआईटी गठित कर पांच अलग-अलग टीमें बनाकर जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में शिकायत की पुष्टि होने पर एफआईआर की गई है। फर्जी प्रमाण-पत्र बनाकर ज्वाइनिंग दी, फिर वेरिफिकेशन भी करा दिया जांच में स्पष्ट हुआ है कि इस फर्जीवाड़े में गैंग ने विभागों में तैनात अमले के साथ मिलकर काम किया है। यही कारण है कि फर्जी प्रमाण-पत्र पर न सिर्फ नौकरी लगवाई गई बल्कि ज्वाइनिंग के बाद संबंधित विभाग में वेरिफिकेशन लेटर पहुंचा तो प्रमाण पत्र को सही भी बता दिया गया। ग्वालियर में अधिकांश प्रमाण-पत्र के लश्कर एसडीएम कार्यालय में वेरीफिकेशन हुए हैं। ग्वालियर में शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के इन कर्मचारियों पर केस जिन 25 लोगों पर एफआईआर हुई है उनमें जवाहर सिंह, सीताराम, सरला देवी, राजेश कुमार, कुसुमा देवी व सुनीता रावत के नाम शामिल हैं। यह कर्मचारी ग्वालियर में शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत हैं। साथ ही एक जेएएच का डॉक्टर व इंजीनियर का नाम भी सूची में बताया गया है, जिनकी तस्दीक की जा रही है। ^फर्जी व कूटरचित प्रमाण पत्रों से सरकारी विभागों में नौकरी करने वाले अफसर व कर्मचारियों के नाम सामने आए हैं। फर्जी प्रमाण पत्र बनाने व उनका वेरिफिकेशन करने वाली गैंग में सरकारी अमला भी शामिल है। -राजेश भदौरिया, एसपी, एसटीएफ, ग्वालियर
आईआईएम-इंदौर के नए बैच में इस बार लड़कियों का वर्चस्व:PGP में 53% और PGP-HRM में 100% छात्राएं
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) इंदौर के नए सत्र (2025-26) में इस बार महिलाओं के एडमिशन अधिक हुए हैं। संस्थान के इतिहास में यह पहला मौका है जब फ्लैगशिप कोर्स पीजीपी (पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम) में पुरुष प्रतिभागियों की तुलना में लड़कियां ज्यादा हैं। इस कोर्स में 53.72 प्रतिशत छात्राएं और 46.28 प्रतिशत छात्र हैं। पीजीपी-एचआरएम (पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम इन ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट) में तो 100 फीसदी एडमिशन लड़कियों के हुए हैं। यानी इस कोर्स में एक भी छात्र को एडमिशन नहीं मिला। खास बात यह है कि मंगलवार से शुरू हुए नए बैचेस में नॉन-इंजीनियरिंग बैकग्राउंड वाले प्रतिभागियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। अब तक बीटेक और बीई डिग्रीधारी छात्रों की संख्या 50 प्रतिशत और इससे अधिक रहती थी। लेकिन इस बार पीजीपी में 54.6 प्रतिशत और पीजीपी-एचआरएम में 88.24 प्रतिशत प्रतिभागी गैर-इंजीनियरिंग बैकग्राउंड से हैं। पीजीपी के नए बैच में इंजीनियरिंग/टेक्नोलॉजी बैकग्राउंड के 126, मैनेजमेंट के 65, कॉमर्स के 54, इकोनॉमिक्स के 42 और कंप्यूटर साइंस के 59 एडमिशन हुए। इनके साथ ही लॉ, फैशन, सायकोलॉजी, बायोलॉजी, लिटरेचर सहित अन्य विषयों के ग्रेजुएट्स के एडमिशन हुए हैं।
लापरवाही:15 दिन से स्कूल मैदान में सड़ रहीं 400 साइकिलें, 1 जुलाई से बच्चों को मिलनी थीं
पहली जुलाई से विद्यार्थियों को जिन साइकिलों पर सवार होकर स्कूल जाना था, वे 15 दिन से बालक हायर सेकंडरी स्कूल के खुले मैदान में खड़ी हैं और बारिश के पानी से खराब हो रही हैं। इनके आसपास ऊंची-ऊंची झाड़ियां उग आई हैं। 400 से ज्यादा इन साइकिलों की कीमत करीब 15 लाख रु. से ज्यादा है। साइकिल सप्लाई का टेंडर लुधियाना की एवन कंपनी ने लिया है। कंपनी के इंचार्ज शकील टिकादर का कहना है कि कई बार शिक्षा अधिकारी से साइकिल रखने के लिए जगह मांगी गई, लेकिन कोई व्यवस्था नहीं की। ऐसे में स्कूल मैदान में ही पार्ट्स जोड़कर साइकिल तैयार कर रहे हैं। गौरतलब है कि अभी तक इनकी क्वालिटी चेक करने का भी काम शुरू नहीं हुआ है। यानी अभी कुछ दिन और विद्यार्थियों को साइकिलें नहीं मिल पाएंगी। अफसर बोले- ये ठेकेदार की लापरवाही ^ये ठेकेदार की लापरवाही है। तीन-चार बार मौखिक रूप से चेतावनी दी जा चुकी है। साइकिलें तभी स्वीकार की जाएंगी जब गुणवत्ता जांच में सही पाई जाएंगी। -संजय नारमदेव, विकासखंड शिक्षा अधिकारी
50 करोड़ का घोटाला...:सवा एकड़ के 12 टुकड़े किए, 20 लाख की जमीन 2 करोड़ तक में बेची
भारतमाला के मुआवजे में गोलमाल -कुरूद के सिवनीकला गांव में 90 किसानों की जमीन ली भारत माला प्रोजेक्ट में खेती की जमीन को टुकड़ों में बांटकर करोड़ों का घोटाला किया गया। मुआवजा पाने वालों में ज्यादातर ऐसे लोग हैं, जिनके पूरे परिवार के नाम पर जमीन दर्ज की गई। किसी परिवार के 12, किसी के 8, तो कई के 5 से 7 सदस्यों के नाम पर जमीन चढ़ा दी गई। कुरूद ब्लॉक के सिवनीकला गांव में 90 किसानों की जमीन अधिग्रहित हुई। भास्कर पड़ताल में सामने आया कि करीब सवा एकड़ जमीन को 12 हिस्सों में बांटकर 2 करोड़ रुपए तक मुआवजा लिया गया, जबकि असली कीमत सिर्फ 19 से 21 लाख थी। कई किसानों ने मिलीभगत कर खेती की जमीन को कॉमर्शियल दिखाया। फिर टुकड़ों में बांटकर मोटी रकम मुआवजे में ली। मुआवजे की बंदरबांट के लिए पति-पत्नी, पिता-पुत्र, बेटी-पिता तक के नाम पर जमीन बांटी गई। ज्यादा गड़बड़ी सिवनीकला, सिर्री, भरदा, बारना और उमरदा में हुई। सिवनीकला में ही घोटाला 50 करोड़ तक पहुंचा। बाकी गांवों को मिलाकर घोटाला 200 करोड़ से ज्यादा का है। अपर कलेक्टर को जांच रिपोर्ट सौंपी: कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने बताया कि सिवनीकला गांव के ग्रामीणों ने रायपुर-विशाखापट्टनम सड़क निर्माण में मुआवजा घोटाले की शिकायत की है। जांच अपर कलेक्टर को सौंपी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी। तात्कालीन कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार पटवारी पर रुपयों की बंदरबांट की आशंका पूर्व जनप्रतिनिधियों ने सरकारी वेबसाइट से ऑनलाइन निकाले घोटालों के दस्तावेज ऐसे हुई बंदरबांट केस-1 : 12 टुकड़े किए पंचूराम की लगभग 1.31 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई। खसरा नंबर 725/2 से 725/13 तक कुल 12 टुकड़ों में यह जमीन बंटी। इसके बदले कुल 2.87 करोड़ रुपए मुआवजा दिया गया। स्वयं पंचुराम के अलावा कविता, कपिल देव, जतीन कुमार, धनेश्वर, हर्ष, संध्या, विद्या, खिलावन, हर्षित, विजय कुमार, किशोर कुमार और लछवंतीन के नाम से जारी हुआ। कपिल ने कहा कि मुझे 1.26 करोड़ मुआवजा मिला है। मुआवजा घोटाले का आरोप बेबुनियाद है। केस-2 : 1.75 करोड़ मुआवजा खिलावन की करीब 0.82 एकड़ जमीन है। खसरा नंबर क्रमश: 881/1 से 881/7, 882/3, 4 और 897/1, 2 मिलाकर कुल 11 टुकड़ों में जमीन हुई। जिसका करीब 1.75 करोड़ मुआवजा बंटा। जमीन खिलावन के अलावा पुष्कर, कल्याणी, दिनेश्वर प्रसाद, प्रेरक, राकेश कुमार, ऋषि, गिरीश, जागृति, शैलेंद्र, सुधा के नाम से मुआजवा राशि जारी हुआ। खिलावन का कहना है कि 21.57 लाख रुपए मुआवजा मिला है। दस्तावेज में जो नाम है, कौन है? मुझे नहीं पता। सांठगांठ कर मुआवजे की राशि की बंदरबांट इस घोटाले में सन 2019 में रहे तत्कालीन कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार, पटवारी और आरआई की मिलीभगत की आशंका है। इन्होंने जमीन मालिकों और भूमाफियाओं से मिलकर सरकारी पैसे की बंदरबांट की। पूर्व जनपद सदस्य मिलन साहू और पूर्व सरपंच ईश्वर साहू ने आरटीआई से जानकारी मांगी। अफसरों ने दस्तावेज देने से इनकार कर दिया। इसके बाद जनप्रतिनिधियों ने सरकारी वेबसाइट से दस्तावेज जुटाए। ग्रामीणों ने ये दस्तावेज कलेक्टर अबिनाश मिश्रा को सौंपे। अब जांच, दोषियों पर एफआईआर और मुआवजा राशि की कुर्की की मांग की गई है। आरोप है कि अधिग्रहित जमीनों का हितग्राहियों को जानकारी होने के बाद भी फर्जी तरीके से हल्का पटवारी से सांठगांठ कर नामांतरण, बंटवारा, नक्शा बटांकन कराकर शासन से अवैधानिक लाभ देने नीयत से राजस्व अभिलेख में फेरबदल की गई है। नियमानुसार प्रति एकड़ 18 लाख रुपए मुआवजा का प्रावधान निर्धारित था।
डॉक्टर्स डे:हर अस्पताल में हो डॉक्टर, इसलिए 109 संविदा और 563 बॉन्डेड को किया तैनात
राष्ट्रीय चिकित्सा दिवस के मौके पर कोविड के दौरान दिवंगत हुए 14 चिकित्सकों के परिजनों को सम्मानित किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने चिकित्सकों के परिजनों का सम्मान किया। इस मौके पर सीएम ने कहा कि चाहे कोरोना महामारी का संकट रहा हो या दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने की चुनौती, हमारे डॉक्टरों ने हर परिस्थिति में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया है। कठिन परिश्रम, लंबी ड्यूटी और मानसिक तनाव उनके दैनिक जीवन का हिस्सा हैं। फिर भी वे अपनी जिम्मेदारी से कभी पीछे नहीं हटते। उनके साहस और समर्पण के कारण हमारा समाज सुरक्षित और स्वस्थ रहता है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि हमारी सरकार की स्पष्ट नीति है कि हर नागरिक तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचें और हर डॉक्टर को पूरा सम्मान और सहयोग मिले। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर हमने 109 संविदा चिकित्सकों एवं 563 बॉन्डेड डॉक्टरों के पदस्थापना आदेश जारी किए हैं। हॉस्टल की मांग के लिए नारेबाजी डॉक्टर्स डे के कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने नारेबाजी कर दी। कार्यक्रम के बीच में ही छात्रों ने हॉस्टल की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। वे जोर-जोर से चिल्लाने लगे वी वॉन्ट हॉस्टल...। थोड़ी देर के लिए स्थिति असहज हो गई। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने छात्रों को आश्वासन दिया कि जल्द ही 200 सीटर हॉस्टल का अधूरा निर्माण पूरा किया जाएगा। दूसरे फेज में पुराने हॉस्टल की मरम्मत भी कराई जाएगी।
नदियों में गंदगी पर एनजीटी सख्त:राज्य में 22 हजार मामलों में वसूला 74 लाख रुपए जुर्माना
छत्तीसगढ़ की नदियों को प्रदूषण से बचाने के लिए खारून, अरपा, महानदी, शिवनाथ और केलो नदियों में 22 सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा चुके हैं। वहीं नदियों में प्रदूषण फैलाने वालों पर भी सख्ती बरती जा रही है। इसके तहत रायपुर, धमतरी, रायगढ़, बिलासपुर समेत 10 बड़े स्थानों पर 22 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और उनसे 74 लाख रुपए का जुर्माना भी वसूला गया है। दरअसल प्रदेश के नदियों की सफाई में एनजीटी अहम रोल निभा रहा है। नदियों की सफाई के साथ ही केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय नदियों की सफाई की प्रोग्रेस रिपोर्ट भी भेजी जा रही है। राज्य सरकार की ओर से भेजी गई रिपोर्ट के जिन 22 स्थानों पर एसटीपी ने काम करना शुरू कर दिया है। उसकी कुल क्षमता 446 एमएलडी है। इससे नालों के गंदे पानी को सीधे में नदियों में जाने से रोका जा रहा है। इसी तरह पांच स्थानों पर एसटीपी बनाने का काम प्रगति पर है तो वहीं 14 स्थानों पर नया एसटीपी बनाने की योजना बनाई जा रही है। इनमें कुम्हारी, सक्ती, शिवरीनारायण, दंतेवाड़ा, चंद्रपुर, दुर्ग जोन-1, दुर्ग जोन-3, भिलाई, कोरबा, अंबिकापुर में तीन, राजनांदगांव में दो एसटीपी शामिल हैं। 9 निकायों में 18 हजार रेन वाटर हार्वेस्टिंग का टारगेटरायपुर, धमतरी, रायगढ़ समेत 10 निकायों में 18452 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का टारगेट रखा गया है। इनमें से 16404 सिस्टम लगाए जा चुके हैं। जबकि 2162 प्रक्रियाधीन हैं। सबसे ज्यादा रायपुर में 10936 सिस्टम बनाना था। इसमें से 9517 लगाए जा चुके हैं। इसी तरह बिलासपुर में 3390 के एवज में 3287 सिस्टम बैठाए जा चुके हैं। केलो, हसदेव, अरपा जैसी नदियों से 63 अतिक्रमण हटाएनदियों की साफ-सफाई में अतिक्रमण काफी बाधक होते हैं। लेकिन संबंधित निकायों द्वारा केलो, हसदेव, अरपा और शिवनाथ जैसी नदियों पर हुए 63 अतिक्रमण को हटाया गया है। इनमें केलो नदी रायगढ़ में 14, हसदेव में 8, महानदी कांकेर में एक, शिवनाथ सिमगा में 4 तथा अरपा बिलासपुर में अतिक्रमण के 36 मामले पाए गए थे। नदियों को अतिक्रमण मुक्त करने और प्लांटेशन के निर्देश नदी किनारे 13 हजार से ज्यादा पौधे रोपे गएनदी किनारे बाढ़ प्रभावित इलाकों में मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए प्लांटेशन करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत खारून में 10 स्थान चिन्हांकित हैं लेकिन यह स्थान काफी नीचे होने के कारण यहां प्लांटेशन नहीं किया गया है जबकि केलो नदी में 7700, हसदेव में 3600, कांकेर में महानदी के किनारे 250, नवापारा में महानदी के किनारे 1600 और राजिम में महानदी के किनारे 520 पौधे लगाए गए हैं। इसी तरह शिवनाथ में 50 पौधे रोपे गए हैं। रायपुर में सबसे अधिक 30 लाख रुपए जुर्माना वसूलानदियों को प्रदूषित होने से बचाने के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। इसी कड़ी में रायपुर, धमतरी, रायगढ, कोरबा समेत दस निकायों में 22 हजार से ज्यादा मामले पंजीकृत किए गए हैं और इनसे 74 लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया है। इनमें सबसे ज्यादा रायपुर जिले में 11 हजार से अधिक मामले में 30 लाख रुपए जुर्माना वसूल किया गया है।
रायपुर-अभनपुर के बीच ट्रेन का परिचालन शुरू हो गया है। अभनपुर-राजिम के बीच भी रेलवे पटरी बिछाने का काम पूरा हो गया है। सोमवार को महाप्रबंधक तरुण प्रकाश ने आरएसडी यार्ड, अभनपुर स्टेशन और निर्माणाधीन राजिम स्टेशन पर सुरक्षा इंतजामों व अन्य तैयारियों का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों को काम में गुणवत्ता का कड़ाई से पालन करने और बचे हुए समय पर काम पूरा करने का निर्देश दिया। धमतरी ब्रॉड गेज का काम भी तेजी से चल रहा, जल्द होगा पूरा बता दें कि अभनपुर से राजिम के बीच गेज कन्वर्जन का काम पिछले चार साल से चल रहा था। अभनपुर से धमतरी के बीच भी गेज कन्वर्जन का काम चल रहा है। इन दोनों प्रोजेक्ट के पूरा होने से छत्तीसगढ़ के प्रमुख धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन स्थलों को ब्रॉड गेज नेटवर्क से जोड़ा जा सकेगा। इससे इन क्षेत्रों की सीधी रेल पहुंच बड़े शहरों से स्थापित होगी। इससे न केवल यात्रियों को तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा विकल्प उपलब्ध होंगे, बल्कि क्षेत्रीय व्यापार, कृषि, तीर्थाटन और पर्यटन को भी नए अवसर मिलेंगे।
भारतमाला घोटाला:उमा बनकर मुआवजा लेने वाली उर्वशी तिवारी को नहीं मिली जमानत
भारत माला परियोजना के मुआवजा घोटाले की आरोपी उमा तिवारी की अंतरिम जमानत आवेदन को हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया है। मंगलवार को आवेदन पर सुनवाई हुई। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस विभू दत्ता गुरु की डबल बैंच ने आवेदन को खारिज कर दिया है। दरअसल, दुर्ग से विशाखापत्तनम व मुंबई से कलकत्ता तक बनाई जा रही भारत माला सड़क परियोजना रायपुर के अभनपुर से गुजर रही है। इसमें भू अर्जन के लिए राजपत्र में सूचना प्रकाशन के बाद भी जमीन दलाल हरमीत सिंह खनूजा ने जमीन दलालों व राजस्व अधिकारियों का सिंडिकेट बनाया। फिर बड़ी-बड़ी जमीनों को छोटे-छोटे टुकड़ों मे बदलकर तत्कालीन भू अर्जन अधिकारी निर्भय साहू तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक व पटवारियों से मिलकर मुआवजा घोटाला किया। इससे सरकार को भारी नुकसान हुआ। इसमें एसीबी, ईओडब्ल्यू ने जमीन दलाल हरमीत सिंह खनुजा, विजय जैन, उमा तिवारी व उसके पति केदार तिवारी को ढाई माह पहले गिरफ्तार किया है। फिलहाल वह जेल में बंद हैं। इसमें ठाकुर राम चंद्र स्वामी, जैतु साव मठ का मुआवजा 2.13 करोड़ रुपए बना था। इस मुआवजे को हड़पने के लिए उर्वशी तिवारी ने उमा तिवारी बनकर तत्कालीन भू अर्जन अधिकारी निर्भय साहू से मिली भगत कर झूठा आवेदन व शपथ पत्र देकर ले लिया था।
सभी संभाग मुख्यालयों पर होगा हरित भारत एक्सपो, सरकारी नीतियों की देंगे जानकारी
जयपुर | सोलर संगठन भारत की ओर से सभी संभाग मुख्यालयों पर हरित भारत एक्सपो आयोजित करने के साथ हरित भारत अभियान चलाया जाएगा। इसमें प्रदेश के औद्योगिक और व्यापारिक संगठन भी सहयोग करेंगे। इस कड़ी में 25 से 27 जुलाई तक कोटा में हरित भारत एक्सपो आयोजित होगा। इसका पोस्टर जारी करने के मौके पर सोलर संगठन भारत के अध्यक्ष अरविंद सिंधावा, कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश सोमानी, कैट के प्रदेश महासचिव हेमंत प्रभाकर, राजस्थान दुकानदार महासंघ के अध्यक्ष किशोर टाक, लघु उद्योग भारती जयपुर के उपाध्यक्ष विष्णु शर्मा तथा कलर एंड डिजाइन के निदेशक अमित परनामी व जितेंद्र गोयल मौजूद रहे। सिंधावा ने बताया कि पहले चरण में प्रदेश के सभी संभाग मुख्यालयों पर एक्सपो के जरिए राज्य और केंद्र सरकार की हरित ऊर्जा प्रोत्साहन योजनाओं की जानकारी और व्यावसायिक संभावनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। कोटा एक्सपो में रिन्युएबल एनर्जी कंपोनेंट कंपनियां, सर्विस प्रोवाइडर, इलेक्ट्रिक वाहन तकनीक, उपकरण और मशीनरी का प्रदर्शन होगा। विशेषज्ञ हरित ऊर्जा के साथ कोटा के औद्योगिक विकास व सरकार की रिन्युएबल पॉलिसी पर चर्चा करेंगे।
एआईएसबीओएफ उप महासचिव बने जयपुर सर्किल के राजेश जैन
जयपुर | ऑल इंडिया स्टेट बैंक ऑफिसर्स फेडरेशन (एआईएसबीआेएफ) की हैदराबाद में संपन्न त्रैवार्षिक महासभा में हुए संगठन के चुनाव में जयपुर सर्किल के राजेश जैन उप-महासचिव निर्वाचित हुए हैं। वहीं, कॉमरेड अरुण कुमार बिशोई अध्यक्ष और कॉमरेड रूपम रॉय महासचिव चुने गए। महासभा में अधिकारियों के हितों की रक्षा के प्रस्ताव पारित किए गए। महासभा में एसबीआई के एमडी विनय एम. टोंसे एवं उप प्रबंध निदेशक (मानव संसाधन) किशोर कुमार पोलुदासु भी उपस्थिति रहे। एसबीआईओए जयपुर सर्किल के महासचिव रामावतार सिंह जाखड़ ने यह जानकारी दी।
साई नाथ से कंप्रेस्ड बायो गैस खरीदेगी एचपीसीएल
जयपुर | साई नाथ रिन्युएबल एनर्जी को हिंदुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड (एचपीसीएल) से लेटर ऑफ इंटेंट (एलओआई) मिला है। इसके तहत एचपीसीएल किरतपुरा गांव में स्थित कंपनी के प्लांट से कंप्रेस्ड बायो गैस खरीदेगी। प्लांट की सीबीजी क्षमता 10 टन प्रतिदिन होगी। प्लांट का निर्माण इस माह शुरू होने की उम्मीद है। इस परियोजना से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। इसके साथ कंपनी प्रदेश के अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में योगदान करेगी।
डॉ. ललित ने वर्ल्ड संस्कृत कॉन्फ्रेंस में दिया व्याख्यान
जयपुर | केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के जयपुर परिसर में साहित्य विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ललित शर्मा ने नेपाल में आयोजित वर्ल्ड संस्कृत कॉन्फ्रेंस में भाग लिया। उन्होंने श्रीमद्भागवत महापुराण में सामाजिक स्थिति विषय पर विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किया। इसमें श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णव्यवस्था, आश्रमव्यवस्था, पतिव्रता स्त्री और साध्वी स्त्री के धर्मों को वर्तमान समाज से जोड़ते हुए उदाहरणों के माध्यम से अपनी बात कही।
जुलाई में औसतन 377.4 मिमी बारिश, इस साल छह फीसदी ज्यादा की संभावना
डॉ. जीके दास- मौसम विशेषज्ञ राजधानी रायपुर में इस साल जुलाई में औसत से ज्यादा बारिश होने की संभावना है। जुलाई महीने के 31 दिनों में औसतन 377.4 मिमी बारिश होती है। वहीं इस साल 106 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है। यानी महीनेभर में 400 मिमी के आसपास पानी गिर सकता है। प्रदेश में मानसून सक्रिय है और लगातार बारिश की गतिविधियां जारी हैं। यही कारण है कि जुलाई के पहले दिन से प्रदेशभर में बारिश हो रही है। अगले चार-पांच दिनों तक पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश की संभावना है। कहीं-कहीं पर भारी वर्षा भी हो सकती है। जुलाई में होने वाली अच्छी और सरप्लस बारिश से जून की कमी भी पूरी हो सकती है, क्योंकि जून में बारिश कम हुई थी। अच्छी बारिश के कारण जुलाई के महीने में ज्यादातर समय मौसम ठंडा रहेगा। दिन का तापमान सामान्य या सामान्य से नीचे रहने की संभावना है। वैसे जुलाई में अधिकतम तापमान का औसत 31.3 डिग्री है। इस साल भी तापमान इसी के आसपास या इससे थोड़ा कम रह सकता है। इस दौरान प्रदेश में मानसून की सक्रियता अधिक रहेगी। बारिश की मात्रा भी ज्यादा रहेगी। जुलाई मौसम सारांश 1. सबसे ज्यादा मासिक बारिश 988.8 मिमी, 1884 2. 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश- 272.2 मिमी, 14 जुलाई 20093. सबसे अधिकतम तापमान - 41.2 डिग्री, 1 जुलाई 19874. सबसे कम न्यूनतम तापमान - 17.1 डिग्री,8 जुलाई 1988 एक-दो बार भारी बारिशजुलाई महीने में राजधानी रायपुर में 24 घंटे के दौरान कई बार भारी बारिश की स्थिति बन जाती है। पिछले दस साल में कुछ वर्षों को छोड़कर लगातार एक-दो बार भारी बारिश हुई है। सबसे ज्यादा 2016 में एक दिन में 92.3 मिमी बारिश हुई थी। 2023 में भी 91.5 मिमी पानी गिरा था। 2015, 2017, 2020 में क्रमश: 44.4, 28.4 और 38.9 मिमी बारिश हुई। यह भारी बारिश से कम है। 64.5 मिमी से अधिक बारिश को भारी बारिश की श्रेणी में रखा जाता है। जुलाई में औसतन 14.4 दिन बारिश वाले होते हैं। बादल गरजने वाले दिनों की संख्या 3.3 है। इस पूरे सप्ताह अच्छी बारिशप्रदेश में मानसून सक्रिय है। समुद्र से आ रही नम हवा के कारण राज्य के अधिकांश हिस्सों में बारिश हो रही है। अगले सप्ताहभर बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी। राजधानी रायपुर और पूरे जिले में इस दौरान हल्की से मध्यम बारिश होगी। रायपुर संभाग के गरियाबंद, धमतरी और महासमुंद जिले में एक-दो बार मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। इसके बाद भी पहले पखवाड़े तक मानसून की गतिविधियां तेज रहेंगी। इस दौरान अच्छी बारिश होगी।
चिकित्सा शिविर में 500 लोगों की जांच
जयपुर | रोटरी क्लब जयपुर सेंट्रल द्वारा डॉक्टर्स डे के अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार एवं एपेक्स हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वावधान में मानसरोवर में निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया गया। सचिव रवीना प्रतीक श्रीवास्तव ने बताया कि 500 व्यक्तियों की स्वास्थ्य जांच की गई। मां भगवती स्कूल के 200 बच्चों की भी स्वास्थ्य जांच की गई। शिविर में मुख्य अतिथि भाजपा की राजस्थान प्रदेश मंत्री स्टेफी चौहान रही। इस अवसर पर क्लब अध्यक्ष हेमेंद्र शर्मा, गायत्री परिवार के राजस्थान जोन समन्वयक ओमप्रकाश अग्रवाल, व्यवस्थापक वेदना निवारण केंद्र आरडी गुप्ता, शिक्षा समिति अध्यक्ष केदार शर्मा, समाज सेवी रामप्रकाश वर्मा, अशोक पाटनी व ट्रस्टी डॉ प्रशांत भारद्वाज सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
पर्यावरण संरक्षण व पौधरोपण का दिलाया संकल्प
जयपुर | जयपुर शहर पूर्व सांसद रामचरण बोहरा ने मंगलवार को वाटिका मोहनपुरा में स्थित गोशाला में गौ सेवा के साथ ही पौधरोपण भी किया। इस दौरान उन्होंने यहां मौजूद लोगों को पर्यावरण संरक्षण और पौधरोपण के लिए प्रेरित और संकल्प भी दिलाया। इस दौरान ग्रामीणों ने माला पहनाकर बोहरा को सम्मानित किया।
प्रेस क्लब; शिविर में 250 सदस्य व परिजन लाभांवित
जयपुर | राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय के तत्वावधान में प्रेस क्लब परिसर में निशुल्क चिकित्सा शिविर एवं स्वास्थ्य संवाद का आयोजन किया गया। प्रेस क्लब के 250 सदस्यों व उनके परिजनों ने शिविर का लाभ उठाया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हेरिटेज निगम महापौर कुसुम यादव रही। इस दौरान आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा, प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेश मीणा, महासचिव मुकेश चौधरी व उपाध्यक्ष परमेश्वर शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
मजदूर की बेटी... सबजूनियर एशिया कुश्ती में गोल्डन हैट्रिक
17 साल की पहलवान अश्विनी बिश्नोई ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अश्विनी ने लगातार तीसरे साल सब जूनियर एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। हाल ही में वियतमान में सम्पन्न सब जूनियर एशियन कुश्ती चैम्पियनशिप में अश्विनी ने चीन की पहलवान को हराकर गोल्ड मेडल जीता। इसी चैम्पियनशिप की मिट्टी स्पर्धा में भी उन्हें गोल्ड मेडल मिला। खास बात यह है कि अश्विनी के पिता मुकेश बिश्नोई भीलवाड़ा की कपड़ा फैक्ट्री में मजदूरी का काम करते हैं। वे खुद भी पहलवानी करते थे लेकिन अपने खेल को परवान नहीं चढ़ा सके तो बेटी के मार्फत अपने सपने पूरे करने में लगे हैं। लगातार तीन गोल्ड जीतने वाली अश्विनी राजस्थान की पहली महिला पहलवान बन गई हैं। 2023 में अंडर-15 में जॉर्डन, अम्मान में आयोजित हुई एशियन सब जूनियर कुश्ती के 62 किलो में और 2024 में जार्डन में ही अंडर-17 की सबजूनियर एशियाई चैम्पियनशिप में गोल्ड जीत चुकी हैं। वे राष्ट्रीय स्तर पर भी अब तक 14 मेडल जीत चुकी हैं। सफलता का श्रेय पिता मुकेश और कोच कल्याण को अश्विनी अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता मुकेश और कोच कल्याण को देती हैं। पिता खुद भी राष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती में हिस्सा ले चुके हैं। सरकार से मदद मिले तो ओलिंपिक तक पहुंच सकती है पिता ने बेटियों को सफलता के शिखर तक पहुंचाने के लिए अपना सबकुछ दाव पर लगा दिया। खुद मजदूरी करते हैं। पैसा ज्यादा नहीं था तो प|ी के जेवर बेचकर बच्चियों को खेल में आगे बढ़ाया। अब वे चाहते हैं कि सरकारी मदद मिले तो बच्चियां इंटरनेशनल लेवल पर और भी अच्छा कर सकती हैं और ओलिंपिक तक का सफर तय कर सकती हैं। दूसरी बेटी भी पहलवान है। रोज 8-9 घंटे के अभ्यास ने दिलाई सफलता अश्विनी रोजाना सुबह 5 से 8 बजे तक मैट पर, उसके बाद 11 से 1 बजे तक अखाड़े पर अभ्यास करती हैं। इसके बाद 1-3 बजे तक रेस्ट करती हैं। फिर शाम 4 बजे से 8 बजे तक पिता की देखरेख में घर पर मेट ट्रेनिंग करती हैं। इस तरह रोजाना 8-9 घंटे का अभ्यास करती हैं।
लड़कों की टीम से खेली सुमित्रा, 83 रन बनाए
जयपुर | अंडर-19 लक्ष्य कप के मैच में राजस्थान की सीनियर महिला क्रिकेट टीम की रेगुलर सदस्य सुमित्रा जाट ब्रिलिएंट एकेडमी की टीम में अकेली लड़की थीं। उसने 83 रन की पारी भी खेली, लेकिन वह जीत दिलाने में सफल नहीं हो सकीं। अरावली एकेडमी ने ब्रिलिएंट को 4 विकेट से हराया। ब्रिलिएंट ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 213 रन बनाए। रक्षित श्रीमाल और अक्षत ने 3-3 विकेट लिए। अरावली ने 6 विकेट पर 215 रन बना मैच जीत लिया। तनय ने 48 रन की पारी खेली।
आरसीए लोकपाल ने भेजा धर्मवीर और रतन को नोटिस
सीएम से मिली नवगठित आरसीए एडहॉक कमेटी जयपुर | राजस्थान क्रिकेट संघ के लोकपाल दीपक वर्मा भी अब एक्शन में आ गए हैं। उन्होंने पाली जिला क्रिकेट संघ के सचिव धर्मवीर सिंह शेखावत और बीकानेर जिला क्रिकेट संघ के सचिव रतन सिंह शेखावत को नोटिस भेजकर 10 जुलाई को जूम मीटिंग पर उपस्थित होने के लिए कहा है। उल्लेखनीय है कि आरसीए एडहॉक कमेटी ने बीकानेर और पाली दोनों जिलों की मान्यता समाप्त कर दी थी और बार-बार कहने के बाद भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने के बाद मामला लोकपाल के पास भेज दिया था। आरसीए द्वारा मामला लोकपाल को भेजे जाने के बाद लोकपाल ने कहा कि आप द्वारा मामले में सहयोग न करना आरसीए के संविधान, राजस्थान स्पोर्ट्स एक्ट के विरुद्ध है। आपने आरसीए एडहॉक कमेटी के द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध न कराकर नियमों का उल्लंघन किया है। उल्लेखनीय है कि आरसीए ने 30 अप्रैल और 27 मई को पत्र लिखकर आपसे जानकारी और दस्तावेज मांगे गए थे जो कि आपने समय रहते उपलब्ध नहीं कराए। इसके बाद आरसीए एडहॉक कमेटी ने मान्यता खत्म करने का निर्णय लिया। अब आपको अपनी बात रखने का मौका दिया जा रहा है। आप व्यक्तिगत रूप से या किसी अधिकृत प्रतिनिधि के मार्फत 10 जुलाई की ऑनलाइन मीटिंग में उपस्थित होकर अपना पक्ष रख सकते हैं। इससे पहले 7 जुलाई तक संबंधित दस्तावेज justicedverma@gmail.com पर भेज सकते हैं। आरसीए की नवगठित एडहॉक कमेटी के सदस्यों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मंगलवार को सीएम निवास पर शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से भेंट कर राज्य में क्रिकेट गतिविधियों को बढ़ावा देने और युवा खिलाड़ियों को निरंतर प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता जताई। इस अवसर पर एडहॉक कमिटी के संयोजक दीनदयाल कुमावत, सदस्य धनंजय खींवसर, आशीष तिवाड़ी, मोहित यादव एवं पिंकेश पोरवाल उपस्थित रहे। इससे पहले एडहॉक कमेटी के सभी सदस्य खेलमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से भी मिले।
गोल्फ; अभ्युदय रहे प्रोफेशनल ग्रॉस विनर
जयपुर | रामबाग गोल्फ क्लब में दो दिवसीय रणबीर सिंह डुण्डलोद मेमोरियल गोल्फ टूर्नामेंट (मंथली मेडल - पंचम) का आयोजन हुआ। टूर्नामेंट का समापन पुरस्कार वितरण समारोह के साथ हुआ। प्रो ग्रॉस विनर अभ्युदय रावत और रनर-अप हेमेन्द्र चौधरी रहे। इसी तरह ‘अमेच्योर ग्रॉस विनर’ का खिताब अहसास खानिजाऊ ने जीता और ‘अमेच्योर ग्रॉस रनर-अप’ नितेश बन्दावला रहे। पुरस्कार समारोह में अलग-अलग श्रेणियों और हैंडीकेप्स में विजेता और उपविजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर स्वर्गीय रणबीर सिंह डुण्डलोद की पोत्री काशिका राणा (डुण्डलोद), रामबाग गोल्फ क्लब के कैप्टन योगेन्द्र सिंह, टूर्नामेंट कमेटी संयोजक डॉ. हिमांशु शर्मा सहित क्लब कार्यकारिणी के सदस्य धीरज झामरिया व सुनील शेखावत आदि उपस्थित रहे। हैंडीकेप्स श्रेणियों में विजेता और उपविजेता; हैंडीकैप (00-09) में रजत करवासरा और पुष्पेंद्र एस. राठौड़, हैंडीकैप (10-16) में युवराज सिंह और समरंजय सिंह, हैंडीकैप (17-24) ओमप्रकाश सारस्वत और युगांक शर्मा। ‘बेस्ट सीनियर’ प्रदीप टाक और ‘बेस्ट सुपर सीनियर’ एन.एस. राठौड़ विजेता रहे। वहीं ‘बेस्ट लेडी गोल्फर’ के विजेता का पुरस्कार शिक्षा जैन ने हासिल किया और उपविजेता वृन्दा सैनी रहीं। ‘नियरेस्ट टू पिन’ के विजेता अमिताभ टण्डन, ‘लॉन्गेस्ट ड्राइव’ की विजेता खुशी खानिजाऊ, ‘वेटरन लॉन्गेस्ट ड्राइव’ के विजेता डॉ. राजीव शर्मा, ‘लेडीज लॉन्गेस्ट ड्राइव’ की विजेता गाथा जैन और ‘स्ट्रेटेस्ट ड्राइव’ के विजेता डॉ. राकेश थापर रहे।
जयपुर गर्ल्स टीम को सब जूनियर बास्केटबॉल खिताब
हनुमानगढ़ में सम्पन्न हुई सब जूनियर बास्केटबॉल प्रतियोगिता का गर्ल्स टीम का खिताब जयपुर ने जीता। यह प्रतियोगिता 27 से 29 जून तक आयोजित की गई है। जयपुर की गर्ल्स टीम ने पहले मैच में अजमेर को 23-6 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। सेमीफाइनल में जयपुर टीम भीलवाड़ा की गर्ल्स टीम को 47-28 से पराजित कर फाइनल में जगह बनाने में सफल रही। रोमांचक फाइनल मुकाबले में भी जयपुर की गर्ल्स ने बाजी मारी और उदयपुर की सब जूनियर गर्ल्स टीम को 50-35 के स्कोर से पराजित कर खिताब जीता। जीत के बाद टीम को ट्रॉफी प्रदान की गई। टीम के कोच डॉ़. राजबीर सिंह झाला ने बताया कि बेहतरीन प्रदर्शन के लिए नायसा को टूर्नामेंट की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार दिया गया। इस चैम्पियनशिप का लड़कों का खिताब जैसलमेर बॉयज एकेडमी ने जीता।
अभ्यास मैच में सचिन का दोहरा शतक
जयपुर | सीकर में खेले गए एक अभ्यास मैच में ग्रीन फील्ड क्रिकेट एकेडमी ने आरआर क्रिकेट एकेडमी के खिलाफ 502 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। सचिन चौधरी ने 143 गेंद पर 212 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 28 चौके और 6 छक्के लगाए। वे मैन ऑफ द मैच रहे। नितिन सैनी ने 104, गोपी ने 55 और विनय ने 36 रन की पारी खेली। आरआर एकेडमी की टीम 84 रन ही बना सकी। अनुज मीणा और अभिषेक ने 3-3 विकेट लिए। रवि को 2 विकेट मिले।
जयपुर की गौरवी ने तेलंगानामें जीता स्क्वैश खिताब
जयपुर | जयपुर की स्क्वैश खिलाड़ी गौरवी अजमेरा ने हाल ही में हैदराबाद के सिकन्दराबाद क्लब में आयोजित तेलंगाना स्क्वैश ओपन टूर्नामेंट में अंडर-9 मिक्स्ड कैटेगरी का खिताब जीत लिया। सवाई मानसिंह स्टेडियम स्थित स्क्वैश एकेडमी की प्रशिक्षु गौरवी अजमेरा ने फाइनल मुकाबले में अबीर रूपेरिया को सीधे सेटों में 11-8, 11-5, 11-6 से शिकस्त दे खिताब अपने नाम किया। गौरवी ने इससे पूर्व क्वार्टर फाइनल में वॉकओवर मिलने के बाद सेमी फाइनल में धुवीन रेड्डी को 11-6, 11-2, 11-0 से हरा खिताबी मुकाबले में जगह बनाई थी। एकेडमी के चीफ कोच रोनी शर्मन के अनुसार, टूर्नामेंट में गौरवी ने अंडर-11 कैटेगरी में भी हिस्सा लिया, जहां वह पांचवें स्थान पर रही।
नीति आयोग की मीटिंग, पर्यटन विकास पर चर्चा
जयपुर| नीति आयोग की मंगलवार को हुई मीटिंग में देश में पयर्टन विकास को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। नीति आयोग में बैठक की अध्यक्षता पूर्व आईएएस राजीव गौबा ने की। बैठक में आयोग के संयुक्त सचिव राजीव ठाकुर भी मौजूद थे। विशेष आमंत्रित सदस्य पूर्व आईएएस डॉ. ललित के. पंवार ने बताया कि किस प्रकार पर्यटन विकास भारत में एक महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधि हो सकती है।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पकड़ना पुलिस का नया चलन : गहलोत
जयपुर| पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार पर नया हमला करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं के दौरों के समय कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अकारण हिरासत में लेना आजकल पुलिस का नया चलन बन गया है। केन्द्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के अनूपगढ़ दौरे से पहले अनूपगढ़ जिला बहाल करने की मांग कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। भाजपा सरकार के दबाव में ऐसे अलोकतांत्रिक कृत्य करना उचित नहीं है।
शैक्षणिक दूत; 15 साल पहले 18 बच्चों की भरी थी फीस, इस साल 146 की भरेंगे
आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभाशाली बच्चे बीच में पढ़ाई न छोड़े और अवसरों से वंचित ना रहे इसके लिए कई संस्थाएं काम कर रही है। ऐसी ही एक समर्पण संस्था है, जो पिछले 15 साल से जरूरतमंद बच्चों का सहारा बनी हुई है। तब 18 बच्चों की फीस भरी थी। अब तक 875 की फीस जमा करवा चुकी संस्था इस साल 146 बच्चों की स्कूल फीस भरेगी। इसमें पहली से 12वीं, ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के विद्यार्थी शामिल हैं। इसके लिए संस्था प्रदेश भर से आवेदन मांगती है उसके बाद बच्चों का चयन करती है। समर्पण संस्था के अध्यक्ष डॉ. दौलत राम माल्या ने बताया कि इस साल 11वां शिक्षा दान महोत्सव है, जो 6 जुलाई को प्रताप नगर सेक्टर-17 स्थित रावत पब्लिक स्कूल के निर्मला ऑडिटोरियम में सुबह 10 बजे से होगा। चयन के 3 फॉर्मूले 1 संस्थान ने अप्रैल में 60% से ज्यादा अंक लाने वाले बच्चों से ऑफलाइन आवेदन मांगे गए थे। 2 संस्था को प्रदेशभर से 300 आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से स्क्रूटनी कर 146 विद्यार्थियों का चयन किया गया। 3 जिनके माता-पिता नहीं हैं उनको प्रथम वरियता दी जाती है। जिनके पिताजी नहीं उनको द्वितीय और जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति खराब है और बच्चे पढ़ना चाहते हैं। उन्हें तीसरे क्रम पर रखा जाता है। {स्कूली विद्यार्थियों के अलावा बी-टेक, एमबीबीएस, एम-कॉम, बी-कॉम और बीए की पढ़ाई करने वालों को फीस दी जाएगी। इन की शिक्षा में मदद करने वालों को संस्थान शैक्षणिक दूत कहती है। ऐसे 72 लोगों का भी सम्मान होगा।
शिया समाज; मोहर्रम की मजलिसों का दौर शुरू
जयपुर | माह-ए-मोहर्रम शुरू होते ही शिया समाज की ओर से इमाम हुसैन की शहादत की याद में मजलिसों का दौर शुरू हो गया है। परकोटे की इमाम बारगाह में दिनभर में 10 मजलिसों का आयोजन किया जा रहा है। मौलाना जुल्फिकार अली, शिया इमाम बारगाह हकीम मोमिन अली पन्नीग्रान में मजलिस को संबोधित कर रहे हैं। मौलाना मुजतबा अली साहब शेरपुर हाउस, मौलाना नाज़िश अकबर काज़मी कप्तान हाउस में बयान दे रहे हैं। मजलिसों का सिलसिला 5 जुलाई तक चलेगा और 6 जुलाई को योमे आशुरा मनाया जाएगा।
भास्कर- एकादशी पर कैसे संभालेंगे व्यवस्था, प्रबंधन बोला-झांकी दर्शनों का समय बढ़ाएंगे
गोविंददेवजी मंदिर में दर्शनों की नई व्यवस्था का प्रयोग सफल या असफल रहा, यह पांच दिन बाद तय होगा। रविवार को देवशयनी एकादशी को 3 झांकियों में इसका परीक्षण किया जाएगा। इसी दिन ढाई लाख लोगों के आने की संभावना है। मंदिर प्रबंधन, पुलिस प्रशासन और वरिष्ठजन धूप व राजभोग झांकी में दर्शन व्यवस्था को परखेंगे और संध्या झांकी में आने वाली भीड़ को देखकर प्लानिंग करेंगे। इस दौरान देखा जाएगा कि कितने लोग आ रहे हैं और नई व्यवस्था के तहत किस तरह बाहर निकल रहे हैं। कॉरिडोर में जाम की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है तो उसका उपाय सोचेंगे। इसके बाद ही तय होगा कि लाइन सीधे की जाएगी या यथावत रखी जाएगी। बता दें कि मंदिर प्रबंधन ने पिछले रविवार से डेढ़ महीने के लिए बैरिकेड्स लगाकर दो लेन का अस्थायी कॉरिडोर बनाया है। इसी से गुजरते हुए लोगों को दर्शन करना है, लेकिन यह व्यवस्था श्रद्धालुओं को रास नहीं आई। इधर, श्रद्धालुओं ने नई व्यवस्था के खिलाफ न केवल सोशल मीडिया पर मुहिम चला दी है, बल्कि सीधे गोविंददेव जी दूसरी; 6 फीट की रेलिंग में लोग उमस से परेशान रहे, बच्चे रो दिए थे पिछले रविवार झांकी खुलने के इंतजार में आधे से पौन घंटे तक 6 फीट की रेलिंग में दो कतारों में खड़े श्रद्धालु तेज गर्मी और उमस से परेशान होते रहे। दर्शन खुलने के इंतजार में बाहर भी नहीं जा पा रहे थे। बच्चे खासे परेशान दिखे। पानी के लिए बिलखते रहे। नई व्यवस्था का रिव्यू करवा रहे : डीसीपी एकादशी; दर्शन का समय बढ़ाया एकादशी पर ढाई लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। मंदिर प्रबंधन ने झांकियों का समय बढ़ाया है, जो इस तरह रहेगा। मंगला झांकी 2:15 घंटे मंगला झांकी 1:45 संध्या झांकी 1:00 शयन झांकी 30 मिनट पहली; मंगलवार को पट बंद थे, भक्त बैठकर इंतजार कर सके दर्शन की दो तस्वीरें; पहली सुकून भरी, दूसरी दर्द भरी...
हरित क्षेत्र विकसित; 3000 पौधों का रोपण
जयपुर | गौरांग अर्थकेयर फाउंडेशन की ओर से मंगलवार को सीकर रोड भवानी निकेतन महाविद्यालय में पौधारोपण व इको-फॉरेस्ट्री विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अभियान के तहत 50 हजार वर्गफुट भूमि पर हरित क्षेत्र विकसित किया गया। तीन हजार से अधिक पौधे रोपित किए गए। इस दौरान निदेशक विपुल खंडेलवाल, अभिषेक खंडेलवाल, पर्यावरणविद महेश मिश्रा मौजूद रहे।
54 किमी की परिक्रमा; सूर्य की पहली किरण पड़ते ही सोने की तरह चमक उठा कैलाश पर्वत
जयपुर | मंगलवार के रात 10 बजकर 10 मिनट (भारत में शाम के 7:35) हो रहे हैं और हमारा जत्था मानसरोवर झील के पास रात्रि िवश्राम के लिए रुका हुआ है। कैलाश पर्वत की परिक्रमा के पहले दिन की शुरुआत दारचैन से सुबह 7 बजे हुई थी। कैलाश पर्वत पर ज़मी बर्फ जैसे ही सूर्य की पहली किरण पड़ी वह सोने की तरह चमक उठा। ऐसा लगा जैसे स्वर्ण आभा लिए स्वयं महादेव दिव्य समाधि से बाहें फैलाए हमें अपने आगोश में ले रहे हैं। मन रोमांचित हो गया।
देव नगर समिति का निशुल्क चिकित्सा शिविर
जयपुर | देवी नगर विकास समिति ने स्थानीय लोगों के लिए निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। शिविर में आंख, दांत, नाक, कान, गला, बीपी, शुगर की जांचे की गई। शिविर में देवी नगर, कटेवा नगर, विवेक विहार सहित आसपास की कॉलोनियों के निवासी शामिल हुए। इस दौरान देवी नगर विकास समिति अध्यक्ष समंदर सिंह शेखावत, महासचिव जितेंद्र शर्मा, उपाध्यक्ष रतिराम जांगिड़ सहित कई लोग मौजूद रहे।
जयपुर नगर निगम हैरिटेज की नेहरू नगर पानीपेच में करोड़ों रुपए कीमत की जमीन के निगम ने पट्टे जारी कर िदए। इस मामले में आयुक्त डॉ. निधि पटेल ने चार अधिकारियों की कमेटी बनाकर तीन दिन में जांच रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि दैनिक भास्कर में 1 जुलाई को ‘सर्वे नंबर में हेरफेर कर निगम की जमीन के निगम से ही पट्टे उठाए, 35 में 10 की रजिस्ट्री भी करवा ली’ खबर प्रकाशित की थी। जांच कमेटी में अतिरिक्त आयुक्त को अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक और उप-विधि परामर्शी को सदस्य और उपायुक्त (मुख्यालय) को सदस्य सचिव नियुक्त किया है। आदेश में स्पष्ट किया गया कि कमेटी प्रकरण की पूरी जांच कर हेरफेर की सच्चाई का पता लगाए और जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करते हुए 3 दिन के भीतर अपनी विस्तृत रिपोर्ट आयुक्त के समक्ष प्रस्तुत करे। प्राथमिक जानकारी के अनुसार कुछ भू-माफिया तत्वों ने निगम की बेशकीमती जमीन के सर्वे नंबर में हेरफेर कर निगम अधिकारियों से मिलीभगत कर पट्टे जारी करवा लिए। इससे नगर निगम को करोड़ों रुपये का नुकसान होने का अंदेशा जताया जा रहा है। आयुक्त डॉ. निधि पटेल ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और अगर निगम के कर्मचारी या अधिकारी इस फर्जीवाड़े में शामिल पाए गए तो उन पर भी कड़ी विभागीय कार्रवाई की जाएगी। मामला सामने आने के बाद निगम कार्यालय और संबंधित विभागों में खलबली मची हुई है। स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने भी मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है। इधर, विधायक सिविल लाइन गोपाल शर्मा का कहना है कि इस विषय में नगर निगम हेरिटेज से रिपोर्ट मांगी गई है। साथ ही मेयर को दोषियों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने को कहा है। भास्कर में 1 जुलाई को प्रकाशित खबर
ईएआर ने जापान में व्यापार नवाचार पर रिपोर्ट बनाई, सरकार को सौंपेगा
जयपुर | एम्पलॉयर्स एसोसिएशन ऑफ राजस्थान (ईएआर) ने जापान में व्यापार नवाचार पर तैयार की रिपोर्ट की है। इसको राज्य सरकार को सौंपा जाएगा। बता दें, ईएआर का 37 सदस्यीय दल 10 दिन की जापान यात्रा से हाल ही लौटा है। ईएआर के अध्यक्ष एन.के जैन ने कहा कि यात्रा के अनुभव के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। इसे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को सौंपा जाएगा। यात्रा में खासतौर से इस बात पर फोकस किया कि प्राकृतिक चुनौतियों के बाद जापान कैसे औद्योगिक विकास का उदाहरण बना। हमारे दल ने ओसाका में आयोजित वर्ल्ड एक्सपो का विजिट किया। इसके बाद नागोया में ऑटोमोबाइल कंपनी टोयोटा के म्युजियम के साथ सोया सॉस, टेक्सटाइल और इलेक्टॉनिक इंडस्ट्रियल यूनिट्स का विजिट किया।
आरओ प्लांट में कर रहे थे बिजली चोरी, 21 लाख का जुर्माना लगाया
जयपुर | बिजली निगम की सतर्कता टीम ने मंगलवार को वाटिका और शिकारपुरा क्षेत्र में बिजली चोरी करने वालों पर कार्रवाई की। इस दौरान 2 आरओ प्लांट में बिजली चोरी होती हुई मिली। इन जगह पर बिजली लाइन में केबिल डाल कर और मीटर में डिवाइस लगा कर बिजली चोरी की जा रही थी। कार्रवाई सतर्कता शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (सतर्कता) महेन्द्र कुमार शर्मा के निर्देश पर उपासना सिंह, सहायक अभियंता (सतर्कता) ने की। दोनों की वीसीआर भरकर करीब 21 लाख का जुर्माना लगाया गया है। चोरी लक्ष्मी देवी/कान्हा सैनी, प्लाट नं. 140, श्रीकृष्णा नगर, कालावाला, राजू गुर्जर / रामकरण, खसरा नं. 254, साईडपुरा, शिकारपुरा में की जा रही थी। मौके पर उपभोक्ताओं के विद्युत मीटरों व केबिल को जब्त कर लिया है और कनेक्शन काट दिया गया।
राजपूत सभा; जयपुर शहर अध्यक्ष बने महेन्द्र प्रताप
जयपुर | श्री राजपूत सभा की जिला इकाई जयपुर शहर के चुनाव राजपूत सभा भवन पर हुए। चुनाव पर्यवेक्षक संगठन मंत्री अजयपाल सिंह व गठित चुनाव समिति की देख-रेख में हुए। अध्यक्ष पद के लिए तीन प्रत्याशियों ने नामांकन भरा था। इसमें एडवोकेट महेन्द्र प्रताप सिंह की जीत हुई। सभाध्यक्ष राम सिंह चंदलाई ने बताया कि इस दौरान उपाध्यक्ष प्रताप सिंह, सहमंत्री पृथ्वी सिंह, कोषाध्यक्ष प्रधुम्न सिंह आदि मौजूद रहे। महामंत्री धीरसिंह शेखावत ने बताया कि अब तक 12 जिला इकाइयों के अध्यक्षों के चुनाव हो चुके हैं।
केसों की पेंडेंसी कम करने के लिए रालसा का अभियान शुरू
सुप्रीम कोर्ट व नालसा के निर्देश पर हाईकोर्ट सहित प्रदेश की लोअर कोर्ट में मंगलवार से रालसा का 90 दिन का मीडिएशन फॉर द नेशन अभियान शुरू हो गया। इस अभियान के तहत हाईकोर्ट व लोअर कोर्ट में पेंडिंग उन केसों को िचह्नित किया जाएगा, जिनमें पक्षकारों के बीच मीडिएशन के जरिए केस का निस्तारण हो सकता है। रालसा के सदस्य सचिव हरिओम अत्रे ने बताया कि इस संबंध में डीएलएसए व तालुका स्तर पर भी निर्देश दे दिए गए हैं। इसके अनुसार जुलाई महीने में कोर्ट केसों को चिह्नित कर देखेगा कि क्या उनमें मीडिएशन के जरिए निस्तारण हो सकता है। इस प्रक्रिया के तहत कोर्ट में पेंडिंग सभी केसों को फिल्टर किया जाएगा। रालसा ने 1500 मीडिएटर्स को भी ट्रेनिंग दे दी है। इस तीन महीने की प्रक्रिया में संबंधित कोर्ट की रिपोर्ट नालसा व सुप्रीम कोर्ट को भेजी जाएगी। इस मीडिएशन की प्रक्रिया में रिटायर जज व वकीलों के अलावा ब्यूरोक्रेट्स, डॉक्टर्स व अन्य सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोगों को भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश की बार एसोसिएशनों से भी सहयोग के लिए आग्रह किया जाएगा। रालसा का उद्देश्य है कि वह मीडिएशन की प्रक्रिया को चौपाल, पार्क या सार्वजनिक जगह पर पहुंचाए ताकि कोर्ट में केस दायर करने से पहले मीडिएशन की बात कर सके। मीडिएशन फॉर द नेशन अभियान पर दी बार एसोसिएशन जयपुर के अध्यक्ष संदीप लुहाड़िया का कहना है कि यदि बार से इस संबंध में सहयोग लिया जाएगा तो वे तैयार हैं।
दिल्ली-मुम्बई हाईवे के बीच मिलेगी मेडिकल सुविधा, इमरजेंसी में मिल सकेगा फायदा: सीएम
जयपुर | दिल्ली-मुंबई हाईवे के बीच एक्सीडेंट या मेडिकल इमरजेंसी होने पर किसी प्रकार की चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पाती। ऐसे में सरकार यह विचार कर रही है कि आने वाले समय में यहां भी चिकित्सा की सुविधा दी जाए। अभी जो भी स्टे की जगह हैं, वहीं यह सुविधा विकसित की जाएंगी, ताकि आमजन को इसका फायदा मिल सके। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मंगलवार को जेएमए की ओर से डॉक्टर्स डे पर आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह ने कहा कि डॉक्टर्स की सेफ्टी भी सरकार की प्राथमिकता है और डॉक्टर्स में निष्पक्षता और ईमानदारी होनी चाहिए। जेएमए अध्यक्ष डॉ. जगदीश मोदी की मांग पर उन्होंने कहा कि जेएमए के लिए नई जगह दी जाएगी। एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. दीपक माहेश्वरी ने कहा कि डॉक्टर्स अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करते हैं। इस दौरान डॉ. राकेश जैन, डॉ. एसएम शर्मा, डॉ. दिनेश गौतम, डॉ. गिरधर गोयल, डॉ. अनुराग तोमर, डॉ. पंकज गुप्ता, डॉ. शालू गुप्ता, डॉ. दिनेश खंडेलवाल, डॉ. जीवन कांकरिया सहित अनेक डॉक्टर्स को सम्मानित किया गया।
सीवरेज लाइन जाम होने से लोग परेशान, अधिकारी नहीं ले रहे सुध
जयपुर | लंबे समय से जाम सीवरेज लाइन की वजह से प्रताप नगर के वार्ड नंबर 116 में स्थित सेक्टर 26 के ब्लॉक 265 के लोग परेशान है। यहां पर पिछले कई साल से सीवरेज लाइन जाम हो रही है। नागरिक विकास समिति की ओर से कई बार निगम अधिकारियों को शिकायत कर चुके हैं। इसके बावजूद भी अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि सीवरेज लाइन के लीकेज की वजह से आसपास के लोग बदबू की वजह से परेशान है। सीवरेज लाइन लीकेज होने की वजह से जगह-जगह गंदगी जमा हो गई है। ऐसे में मौसमी बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है। हालात यह है कि सीवरेज का गंदा पानी लोगों के घरों में भर रहा है।
डीएनटी समाज का महा बहिष्कार आंदोलन, समाजिवकास व उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए रखी मांगें
विमुक्त, घुमंतू ,और अर्ध घुमंतू (डीएनटी) समाज विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को मानसरोवर वीटी रोड ग्रांउड पर महा बहिष्कार आंदोलन किया। डीएनटी संघर्ष समिति के अध्यक्ष लालजी राईका एवं विमुक्त, घुमंतू अर्ध घुमंतू जाति परिषद के प्रदेशाध्यक्ष रतन नाथ कालबेलिया ने बताया कि डीएनटी समाज के विकास और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए 10 मांगे रखी गई हैं। ये सभी मांगे इन समाजों के विकास के लिए गठित रेनके आयोग और इदाते आयोग की सिफारिशों के अनुरूप हैं। डीएनटी की सरकारी लिस्ट में 32 समाज हैं, जबकि वास्तव में कुल 50 से अधिक डीएनटी समाज हैं। अभी तक इन समाजों को प्रशासनिक, राजनीतिक एवं व्यवसाय आदि में कोई भागीदारी नहीं दी गई। इन समाजों के पास घर नहीं है, घर हैं तो पट्टे नहीं है। अलग से आरक्षण की भी व्यवस्था नहीं है। इधर... प्रताप नगर में ज्वैलर से लूट के मामले में स्वर्णकार समाज का प्रदर्शन समाज के लोगों ने थाने का किया घेराव। जयपुर | प्रताप नगर में शनिवार रात को ज्वैलर से हुई लूट मामले में स्वर्णकार समाज के लोगों ने थाने के बाहर मंगलवार को विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए थानाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। पुलिस ने आरोपियों को 3 दिन में गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया। इस पर लोग शांत हुए। वहीं पुलिस आरोपियों की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तलाश रही है। वह महल रोड होते हुए शहर से बाहर की ओर निकले थे। गौरतलब है कि प्रताप नगर सेक्टर-26 में शनिवार रात करीब 9:15 बजे काली स्कॉर्पियो सवार बदमाशों ने थाने से महज 550 मीटर की दूरी पर ही ज्वैलर चंद्रप्रकाश सोनी की बाइक को टक्कर मारते हुए लूट की वारदात को अंजाम दिया था। बदमाशों ने उनके पास से 10 किलो चांदी 15 ग्राम सोना और 20 हजार रुपए की नकदी लूट ले गए थे। वहीं बदमाशों ने चंद्रप्रकाश के साथ मारपीट करते हुए उनके सिर को फोड दिया था। इलाज के दौरान उसके 12 टांके आए हैं। इलाज के बाद उनकी स्थिति में सुधार है। प्रदर्शन के दौरान पीड़ित ज्वैलर भी मौके पर मौजूद रहे। लूट मामले की जांच के लिए थाना स्पेशल टीम और जिला स्पेशल टीम को लगा रखा है।
शिव चरण गुर्जर बने मुख्य लेखाधिकारी
जयपुर| राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम की विभागीय पदोन्नति समिति की सिफारिशों के आधार पर वरिष्ठ लेखाधिकारी शिव चरण गुर्जर को पदोन्नत कर मुख्य लेखाधिकारी के पद पर नियुक्ति दी है। मुख्य लेखाधिकारी के पद पर पदोन्नति पर शिव चरण गुर्जर को मुख्य अभियंता (कोटा थर्मल पावर स्टेशन), कोटा के अधीन लगाया गया है। गुर्जर भांडारेज कस्बे के निवासी हैं।
बच्चों को सिंधी संस्कृति, साहित्य के बारे में पढ़ाया
जयपुर | श्री झूलेलाल मंदिर सिंधी कॉलोनी राजा पार्क में राजस्थान सिंधी अकादमी व अमर लाल साहब मंडल के तत्वावधान में ग्रीष्मकालीन शिविर का समापन समारोह मनाया गया। मंडल अध्यक्ष शंकर आसनानी व प्रकाश टहलानी ने बताया कि कार्यक्रम में बच्चों को सिंधी संस्कृति, वेशभूषा, साहित्य, सिंधी भाषा के बारे में एक माह का शिविर लगाकर प्रतिदिन पढ़ाया व सिखाया गया। सभी बच्चों को गिफ्ट में पेंसिल,पेन, बिस्कुट व अल्पाहार दिया गया।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मिशन 2026 की शुरुआत की है। मार्च 2026 तक बस्तर से नक्सलवाद को खत्म करने का टारगेट फोर्स को दिया है। इस टारगेट के मिलने के बाद फोर्स बेहद आक्रामक हो गई है और हाल के दिनों में कई बड़े नक्सल लीडर्स को ढ़ेर कर दिया है। फोर्स की बढ़ती सक्रियता और आक्रामकता को देखते हुए अब नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी ने नया निर्णय लिया है। जंगल के सूत्रों की मानें तो आमतौर पर मानसून में फोर्स की ओर से ज्यादा खतरा नहीं होता था, लेकिन इस बार नक्सलियों को ऑपरेशन का डर है। इसीलिए बस्तर में तैनात 5 से ज्यादा सीसी मेंबर्स को अंडरग्राउंड होने का निर्देश जारी कर दिए गए हैं और कई बड़े नक्सली लीडर्स या तो तेलंगाना या नक्सलियों के एमएमसी जोन में शिफ्ट हो गये हैं। कुछ एक नेता अभी भी फोर्स की घेराबंदी के कारण बस्तर के जंगलों में ही फंसे हुए हैं। वे भारी बारिश का इंतजार कर रहे हैं और बारिश के दौरान वे भी इलाका छोड़ देंगे। नक्सलियों की सभी मिलिट्री टुकड़ियों को निर्देश मिला है कि अभी वे फोर्स के साध सीधी लड़ाई न लड़ें। बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ मानसून में भी ऑपरेशन जारी रहेगा। नक्सल संगठन में बिखराव की स्थिति है। नक्सलियों के बड़े लीडर्स सुरक्षित पनाहगाह की तलाश में हैं। लेकिन उन्हें सरेंडर करना ही होगा। नक्सल बटालियन के गठन के बाद ये पहला मौका नक्सली पूरे देश में सिर्फ बस्तर में ही अपनी बटालियन खड़ी कर पाए हैं। नक्सलियों की बटालियन नंबर एक में 300 से एक हजार लाल लड़ाकों को तैनात किया गया था। बस्तर में अब तक फोर्स पर व अन्य बड़े हमलों में इसी बटालियन के लड़ाके शामिल रहे हैं। लेकिन अब जब फोर्स बटालियन पर भी भारी पड़ रही है और एक साथ इतनी बड़ी संख्या में छिपने के लिए नक्सलियों को जंगल कम पड़ रहे हैं, तब बटालियन के लड़ाकों को अलग-अलग किया जा रहा है। बटालियन के गठन के बाद ये पहला मौका है, जब पूरी बटालियन एक साथ नहीं रह रही है और लड़ाके सुरक्षित ठिकानों पर चले गए हैं। ये भी जानें, क्या है नक्सलियों का एमएमसी जोन नक्सलियों ने कुछ समय पहले अपने संगठन और इलाके का विस्तार किया था। नक्सल मूवमेंट को महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ के जरिए बढ़ाने के लिए एमएमसी जोन का गठन किया। इसके तहत महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के वे इलाके, जो छत्तीसगढ़ सीमा से लगे हुए हैं, वहां संगठन विस्तार किया और अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए दक्षिण बस्तर के लाल लड़ाकों को महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में शिफ्ट किया।
कांग्रेस का इतिहास आदिवासियों पर जुल्म करने का रहा : प्रतुल शाहदेव
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस का इतिहास आदिवासियों पर जुल्म करने का रहा है। कांग्रेस आदिवासी विरोधी पार्टी रही है। इनका इतिहास आदिवासियों पर अत्याचार से भरा हुआ है। ऐसे में इसके नेता घड़ियाली आंसू बहाना बंद करें। प्रतुल ने कहा कि सरायकेला खरसावां गोलीकांड में हजारों आदिवासियों को गोली मार दी गई थी। गुआ गोलीकांड में झारखंड आंदोलनकरियों को थाने के हाजत से बाहर निकालकर गोली मार दी गई थी। दोनों समय कांग्रेस की ही सरकार प्रदेश में थी। मामले को रफा दफा कर दिया गया। झारखंड आंदोलन की सबसे बड़ी विरोधी कांग्रेस पार्टी ही रही थी।
आदिवासियों को लड़ाना चाहती है भाजपा, जल्द करेंगे बेनकाब : इरफान अंसारी
स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने आरोप लगाया है कि हिंदू-मुसलमान के बाद अब आदिवासियों को भाजपा लड़ाना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता भोगनाडीह में माहौल बिगाड़ने गए थे। यह एक सोची-समझी साजिश थी। यह झारखंड की एकता, आदिवासी अस्मिता और हेमंत सरकार की स्थिरता पर हमला है। जल्द ही इस साजिश के पीछे शामिल चेहरों को बेनकाब किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कोई सामान्य हंगामा नहीं था, बल्कि सिदो-कान्हू की विरासत और झारखंड की सामाजिक समरसता पर एक सुनियोजित हमला था। भाजपा की नफरत की राजनीति यहां काम नहीं आएगी। कहा कि सीएम हेमंत सोरेन की लोकप्रियता से भाजपा नेता घबराए हुए हैं।