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कीव ने एससीओ समिट के बयान में रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र न होने पर जताई नाराजगी

यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने तियानजिन में हुई शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के परिणामों को ध्यान में रखते हुए कहा कि इस सम्मेलन के मुख्य दस्तावेज, 20 पेज के तियानजिन घोषणा पत्र में रूस के यूक्रेन पर युद्ध का जिक्र न होना बहुत ही आश्चर्यजनक और नकारात्मक संकेत है

देशबन्धु 2 Sep 2025 10:26 am

SCO समिट में अमेरिका कई बार हुआ रुसवा, तियानजिन घोषणापत्र में नहीं हुआ रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र

Russia Ukraine war: रूस-यूक्रेन युद्ध कब रुकेगा ये बात शायद पुतिन के अलावा कोई नहीं जानता. इस बीच एससीओ घोषणापत्र में पाकिस्तान की जगहंसाई हुई तो उसका पालनकर्ता अमेरिका भी कई बार रुसवा हुआ. अमेरिका और यूरोप की फंडिंग से रूस को हराने का सपना सिर्फ जेलेंस्की का ही नहीं टूटा है, अमेरिकी दिग्गजों के अनुमान भी धरे के धरे रह गए.

ज़ी न्यूज़ 2 Sep 2025 2:37 am

दुनिया की अर्थव्यवस्था पर बड़ा खतरा! क्या ट्रंप की जिद से हिले जाएगा फेड? यूरोपीय सेंट्रल बैंक की चीफ की चेतावनी

ECB chief Christine Lagarde: ईसीबी चीफ क्रिस्टीन लेगार्ड ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के लिए फेड के ब्याज दरों पर फैसलों को कंट्रोल करना बहुत मुश्किल होगा. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी अदालत ने ट्रंप के ज्यादातर टैरिफ को गैर-कानूनी बताया है, जिससे दुनिया की अर्थव्यवस्था में और अनिश्चितता बढ़ रही है.

ज़ी न्यूज़ 1 Sep 2025 9:50 pm

फ्रांस की तरह डेवलप होगा जैसलमेर शहर:दोनों शहर टूरिस्ट के लिए शेयर करेंगे प्लान, कारकासोन सिटी की तर्ज पर होगा काम

फ्रांस के कारकासोन और भारत के जैसलमेर शहर के बीच फ्रांस में ही एक अनूठा एग्रीमेंट हुआ है। इस समझौते में दोनों शहर के बीच संस्कृति, विरासत और विकास को साझा करने के लिए जॉइंट सिटी का समझौता किया गया है। इस समझौते पर कारकासोन के मेयर जेरार्ड लैरेट व जैसलमेर नगर परिषद आयुक्त लजपाल सिंह सोढ़ा ने हस्ताक्षर किए। फ्रांस में आयोजित हुए कार्यक्रम में जैसलमेर के राजपरिवार सदस्य पूर्व महारावल चैतन्यराज सिंह भी सांस्कृतिक प्रतिनिधि के तौर पर मौजूद रहे। साथ ही कारकासोन के डिप्टी मेयर भी उपस्थित रहे। आयुक्त लाजपाल सिंह ने इस मौके पर बताया- दोनों शहर ऐतिहासिक है। ऐसे में इस समझौते से दोनों शहरों की संस्कृति एवं विरासत को संजोए रखते हुए सतत विकास किया जाएगा। ऐतिहासिक नगर है फ्रांस का कारकासोन शहर गौरतलब है कि फ्रांस का कारकासोन शहर अपने आप में इतिहास की समृद्धि समेटे हुए है। करीब 800 ईसा पूर्व में कार्सक नामक बस्ती से शुरू हुआ। रोमनों ने 122 ईसा पूर्व में इस पर कब्जा किया, जिससे यह शराब के व्यापार के कारण समृद्ध हुआ। बाद में यह गॉथ और सारासेन्स के नियंत्रण में रहा और फिर 11वीं और 12वीं शताब्दी में एक शक्तिशाली काउंटी की राजधानी बना। यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल 1209 में अल्बिजेन्सियन धर्मयुद्ध के दौरान शहर पर कब्जा कर लिया गया और ट्रेंकेवेल परिवार के शासन का अंत हुआ। जिसके बाद फ्रांसीसी राज्य ने अपना नियंत्रण स्थापित किया। यूनेस्को द्वारा जैसलमेर की तरह इस शहर को भी विश्व विरासत में शामिल किया है। जैसलमेर के राजपरिवार सदस्य ने की थी पहल फ्रांस के कारकासोन से पिछले साल अक्टूबर महीने में उपमहापौर जॉन लुइस सहित प्रतिनिधि मंडल के साथ जैसलमेर पहुंचे थे। इस दौरान जैसलमेर के राजपरिवार सदस्य पूर्व महारावल चैतन्यराज सिंह के आमंत्रण पर दक्षिण फ्रांस के शहर कारकासोन के प्रतिनिधि मंडल के साथ दोनों शहरों के नीति हस्तांतरण करने को लेकर संवाद हुआ था। उस समय भी यूनाइटेड नेशन के ‘ट्यूनिंग और सिटीज' कॉन्सेप्ट पर आधारित था। जिसमें दोनों शहरों के साझा प्रयासों से पर्यटन को बढ़ावा, वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण, स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन, जल संरक्षण, किले व शहर का मास्टर प्लान तैयार करने सहित कई उद्देश्यों को लेकर सार्थक संवाद हुआ था। कारकासोन शहर की तर्ज पर जैसलमेर में पर्यटन को बढ़ावा मिले अब यह प्रयास किया जा रहा है कि कारकासोन शहर की तर्ज पर जैसलमेर में पर्यटन को बढ़ावा मिले। इसके लिए अब नगर परिषद ने भी समझौता कर लिया है। कारकासोन शहर व जैसलमेर शहर कई मूल्यों में समरूप है। फ्रांस का कारकासोन शहर पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण शहर है, जहां हर साल चार मिलियन पर्यटक आते हैं। अब दोनों शहरों के साझा प्रयासों से पर्यटन को बढ़ावा, वास्तुकला और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण, स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन, जल संरक्षण, किले व शहर का मास्टर प्लान तैयार करने सहित कई उद्देश्यों को लेकर काम होगा।

दैनिक भास्कर 31 Aug 2025 8:02 am

मप्र के सेज अप्रभावित:एआई टैलेंट से मिडिल ईस्ट-यूरोप में भी अवसर

ट्रंप टैरिफ के कारण दुनिया में चल रही अस्थिरता के बीच मध्य प्रदेश का विशेष आर्थिक प्रक्षेत्र (सेज) अप्रभावित रहा। चार महीने में आईटी एक्सपोर्ट में 2 फीसदी वृद्धि देखी गई है। वहीं फार्मा में भी मांग बनी हुई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में अप्रैल से जुलाई तक सेज से 5888 करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट हुआ है। यह पिछले वित्तीय वर्ष के 5884 करोड़ से चार करोड़ रुपए ज्यादा है। आईटी क्षेत्र में 22 करोड़ रुपए की बढ़त देखी गई, मल्टी प्रोडक्ट में गारमेंट, फैब्रिक, वोवन और केमिकल के कारण मामूली कमी आई, जिसे फार्मा ने संतुलित कर दिया है। हाल ही में जारी इन आंकड़ों से सेज पीथमपुर और इंदौर की कंपनियों से एक्सपोर्ट का जो आकलन सामने आया है, उससे आने वाले दिनों में मल्टी प्रोडक्ट और आइटी सेज से अच्छी उम्मीद बन रही है। पिछले साल सेज एक्सपोर्ट में गिरावट देखी गई थी। इसकी वजह मल्टी प्रोडक्ट में आई कमी रही थी। सॉफ्टवेयर एसोसिएशन के अखिलेश गांधी का कहना है, देश के आईटी एक्सपोर्ट में अमेरिका का हिस्सा करीब 62 प्रतिशत है। लेकिन अब कंपनियां मिडिल ईस्ट और यूएई में अवसर तलाश रही हैं। इन देशों के लिए तेजी से काम शुरू भी कर दिया गया है। वहां से भी एआई आधारित सॉल्यूशन की मांग आ रही है। इसमें इंदौर अच्छा काम कर रहा है। कंपनियों के पास अच्छा एआई टैलेंट इंफोबीन्स के सहसंस्थापक सिद्धार्थ सेठी के अनुसार टैरिफ अस्थिरता के बीच इंदौर की कंपनियां एआई प्रोडक्ट में अच्छा काम कर रही हैं। एआई टैलेंट में हमारी क्षमताएं अच्छी होने से दुनिया की बड़ी कंपनियों में पैठ बनी हुई है। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूरोप से अच्छा निवेश मिल रहा है। क्षमताएं वैश्विक मानकों पर खरी फार्मा विशेषज्ञ डॉ. दर्शन कटारिया के अनुसार अमेरिका ने फार्मा प्रोडक्ट पर टैरिफ में बदलाव नहीं किया है। अब हमारी क्षमताएं वैश्विक मानकों के अनुरूप होने से अन्य देशों से भी काम आने लगा है।

दैनिक भास्कर 31 Aug 2025 5:00 am

'ये बैन पूरी तरह से भेदभावपूर्ण...', US- यूरोपीय संघ के किस रवैये पर बरसे पुतिन, SCO समिट से पहले कही ये बात

Russia News: एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका और यूरोपीय संघ को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि यूक्रेन से जंग के बीच जो प्रतिबंध लगाया गया है वो पूरी तरह से भेदभावपूर्ण है.

ज़ी न्यूज़ 30 Aug 2025 3:32 pm

मध्यप्रदेश के सेज अप्रभावित:एआई टैलेंट से मिडिल ईस्ट-यूरोप-ऑस्ट्रेलिया में भी अवसर

ट्रंप टैरिफ के कारण दुनिया में चल रही अस्थिरता के बीच मध्य प्रदेश का विशेष आर्थिक प्रक्षेत्र (सेज) अप्रभावित रहा। चार महीने में आईटी एक्सपोर्ट में 2 फीसदी वृद्धि देखी गई है। वहीं फार्मा में भी मांग बनी हुई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में अप्रैल से जुलाई तक सेज से 5888 करोड़ रुपए का एक्सपोर्ट हुआ है। यह पिछले वित्तीय वर्ष के 5884 करोड़ से चार करोड़ रुपए ज्यादा है। आईटी क्षेत्र में 22 करोड़ रुपए की बढ़त देखी गई, मल्टी प्रोडक्ट में गारमेंट, फैब्रिक, वोवन और केमिकल के कारण मामूली कमी आई, जिसे फार्मा ने संतुलित कर दिया है। हाल ही में जारी इन आंकड़ों से सेज पीथमपुर और इंदौर की कंपनियों से एक्सपोर्ट का जो आकलन सामने आया है, उससे आने वाले दिनों में मल्टी प्रोडक्ट और आइटी सेज से अच्छी उम्मीद बन रही है। पिछले साल सेज एक्सपोर्ट में गिरावट देखी गई थी। इसकी वजह मल्टी प्रोडक्ट में आई कमी रही थी। सॉफ्टवेयर एसोसिएशन के अखिलेश गांधी का कहना है, देश के आईटी एक्सपोर्ट में अमेरिका का हिस्सा करीब 62 प्रतिशत है। लेकिन अब कंपनियां मिडिल ईस्ट और यूएई में अवसर तलाश रही हैं। इन देशों के लिए तेजी से काम शुरू भी कर दिया गया है। वहां से भी एआई आधारित सॉल्यूशन की मांग आ रही है। इसमें इंदौर अच्छा काम कर रहा है। कंपनियों के पास अच्छा एआई टैलेंट इंफोबीन्स के सहसंस्थापक सिद्धार्थ सेठी के अनुसार टैरिफ अस्थिरता के बीच इंदौर की कंपनियां एआई प्रोडक्ट में अच्छा काम कर रही हैं। एआई टैलेंट में हमारी क्षमताएं अच्छी होने से दुनिया की बड़ी कंपनियों में पैठ बनी हुई है। ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और यूरोप से अच्छा निवेश मिल रहा है। फार्मा में क्षमताएं वैश्विक मानकों पर खरी फार्मा विशेषज्ञ डॉ. दर्शन कटारिया के अनुसार अमेरिका ने फार्मा प्रोडक्ट पर टैरिफ में बदलाव नहीं किया है। अब हमारी क्षमताएं वैश्विक मानकों के अनुरूप होने से अन्य देशों से भी काम आने लगा है।

दैनिक भास्कर 30 Aug 2025 4:11 am

पर्वतारोही कादियान ने की यूरोप की सबसे ऊंची चोटी फतह:अब तक 8 पर्वतों पर फहरा चुके तिरंगा; नूंह जिला जेल में कार्यरत

नूंह जिला जेल में कार्यरत व अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही राकेश कादियान ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। सरकारी सेवा में रहते हुए भी पर्वतारोहण के प्रति जुनून बनाए रखने वाले राकेश ने अब यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुश (5642 मीटर) और दूसरी सबसे ऊंची चोटी (5621 मीटर) पर भारतीय तिरंगा फहराया। इससे पहले वह माउंट एवरेस्ट, ल्होत्से, किलिमंजारो, सतोपंथ और नून जैसी दुर्गम चोटियों पर भी तिरंगा लहरा चुके हैं। अपने साहस और उपलब्धियों के दम पर राकेश कादियान न केवल हरियाणा बल्कि पूरे भारत का नाम विश्व पटल पर रोशन कर रहे हैं। कादियान ने 2018 में की शुरुआत पर्वतारोही राकेश कादियान मूल रूप से झज्जर जिले के गांव बेरी के रहने वाले हैं। राकेश ने अप्रैल 2018 में शुरुआत की, बेसिक माउंटेन कोर्स करके ( HMI संस्थान दार्जिलिंग) से किया। फिर अगस्त 2018 में लेह लद्दाख की 6400 मीटर ऊंची चोटी माउंट कांग यात्से-1 पर चढ़ाई की। उसके बाद अक्टूबर 2018 में एडवांस माउंटेन कोर्स (HMI संस्थान दार्जिलिंग) से पास किया। इसके बाद उन्होंने जेल में नौकरी करने के साथ-साथ तैयारी को जारी रखा। जिसमें वह ड्यूटी भी करते और मेहनत भी करते थे। लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज राकेश कादयान ने बताया कि माउंट एवरेस्ट ओर माउंट ल्होत्से पर 21 साल सरकारी सेवा में सेवारत रहते हुए 45 साल की उम्र में ये चढ़ाई करने वाला दुनिया का पहला कर्मचारी बना हूं । इसके साथ ही लंदन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज हुआ। उन्हें कहा कि जेल विभाग से अपनी निजी छुट्‌टी लेकर ये सब अभियान किए हैं, विभाग में साल 2003 में वार्डर के पद पर भर्ती हुआ था। छुट्टियों की वजह से अब तक कोई प्रमोशन नहीं हुआ है। जबकि मेरा सर्विस रिकॉर्ड बिल्कुल ठीक है, जेल विभाग हरियाणा का अब तक का प्रथम अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोही हूं। उन्होंने कहा कि किसी भी चोटी पर चढ़ाई करने जाते हैं, तो वापस अपने परिवार के पास आने की कोई गारंटी नहीं होती , पर्वतारोही मौत के साथ खेलते हैं। सबसे जोखिम भरा खेल है। उन्होंने कहा कि अपनी सामान्य ड्यूटी पूरी करने के बाद ही तैयारी करता हूं ,अब तक 40 लाख रुपए खर्च हो चुका है। यूरोप की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा पर्वतारोही राकेश कादियान ने यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुश (5642 मीटर – पश्चिमी छोर) और दूसरी सबसे ऊंची चोटी माउंट एलब्रुश (5621 मीटर – पूर्वी छोर) पर भारतीय तिरंगा फहराकर नूंह जिले और हरियाणा का नाम विश्व स्तर पर रोशन किया है। 24 अगस्त को रात 2 बजे बेस कैम्प (4000 मीटर) से शुरू हुई चढ़ाई के बाद राकेश ने सुबह 6 बजे पहली चोटी पर और 10:15 बजे दूसरी चोटी पर सफलता पाई। वह इतने कम समय में दोनों चोटियों पर फतह करने वाले विश्व के पहले पर्वतारोही बन गए। माउंट एलब्रुश फतह के समय टेम्प्रेचर -25 ओर हवा की गति 75 किलोमीटर प्रति घंटे की थी। प्रत्येक चोटी पर बर्फ बहुत ज्यादा होती है। हवा से सामना करते हुए आगे बढ़ना पड़ा जो बहुत मुश्किल था, इस अभियान में राकेश ने किसी गाइड की सहायता नहीं ली।

दैनिक भास्कर 28 Aug 2025 6:26 am

गर्मी ने बिगाड़ी यूरोप की तस्वीर

यूरोप का दक्षिणी हिस्सा फिलहाल जबरदस्त गर्मी और लू की चपेट में है. कुछ जगहों पर तापमान 46 डिग्री से भी ऊपर चला गया.

देशबन्धु 1 Jul 2025 9:46 am

फ्रांस के मशहूर अभिनेता एलेन डेलन का निधन, 88 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

Alain Delon passes away: 'द लेपर्ड' और 'रोक्को एंड हिज ब्रदर्स' जैसी सुपर हिट फिल्मों में अभिनय का जौहर दिखाने वाले फ्रांस के मशहूर अभिनेता एलेन डेलन का निधन हो गया है। एलेन डेलन ने 88 वर्ष की उम्र में आखिरी सांस ली। अभिनेता के पारिवारिक सूत्रों ने ...

वेब दुनिया 18 Aug 2024 5:40 pm

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मनोरंजन नामा 29 Apr 2024 9:00 pm