न्यूजीलैंड के एक व्यक्ति का नाम 2 हजार 253 शब्दों का है. जो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने की वजह से चर्चा में है. लेकिन इस व्यक्ति का इतना बड़ा नाम क्यों है, आखिर इसकी वजह से न्यूजीलैंड ने कौन सा कानून बदला. पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक पर देखें वीडियो...
12वीं करने के बाद 3 साल पढ़ाई छोड़ दी। नरेंद्र मोदी की कॉल पर यूनाइटेड नेशंस की नौकरी छोड़ दी। मोदी के पीएम बनने के बाद नीतीश के साथ गए। 2015 में नीतीश की वापसी कराई, फिर ममता, जगन, स्टालिन को जिताया। 6 साल में 6 सीएम बनवाने वाला ये शख्स अब खुद बिहार जीतने निकला है। कहता है- इस बार अर्श पर रहूंगा या फर्श पर। विरोधी कहते हैं वो बीजेपी की ‘B-टीम' हैं, इसलिए इतने पैसे खर्च करने के बावजूद उन पर छापे नहीं पड़ते। मंडे मेगा स्टोरी में प्रशांत किशोर उर्फ पीके की पूरी कहानी; वो किसी दूसरे के खेल का हिस्सा हैं या अब खुद अपनी बिसात बिछा चुके हैं... **** ग्राफिक्स: द्रगचन्द्र भुर्जी और अजीत सिंह ------ ये स्टोरी भी पढ़िए... 80 वर्षीय डोभाल पर इतना भरोसा क्यों करते हैं मोदी:कभी आडवाणी के फेवरेट, रिटायर होते ही मोदी ने गुजरात बुलाया; ‘भारतीय जेम्स बॉन्ड' के किस्से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत पर लगातार हमलावर थे। कभी सीजफायर के मुद्दे पर, तो कभी टैरिफ पर। अचानक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ मुलाकात का वीडियो सामने आता है और चीजें बदलने लगती हैं।आखिर 80 साल के डोभाल पर इतना भरोसा क्यों करते हैं PM मोदी, पूरी कहानी…
तारीख: 12 अक्टूबर, 2024वक्त: रात 9:30 बजेजगह: मुंबई में बांद्रा का खेर वाड़ी सिग्नल NCP (अजित पवार गुट) के नेता और महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी बेटे जीशान के ऑफिस से बाहर निकले। सलमान, शाहरुख खान जैसे बॉलीवुड स्टार्स से दोस्ती की वजह से बाबा सिद्दीकी सेलिब्रिटी लीडर बन गए थे। तीन पुलिसवाले हमेशा उनके साथ रहते थे। इससे बेपरवाह तीन लड़के बाबा सिद्दीकी के पास आए और उन्हें 6 गोलियां मारीं। 2 गोली पेट में और एक सीने पर लगी। बेटे जीशान बाबा सिद्दीकी को लीलावती हॉस्पिटल ले गए, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। मुंबई क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया कि तीनों संदिग्ध शूटर ने मर्डर से पहले गैंगस्टर लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई से बात की थी। अनमोल भी पुलिस की पकड़ से बाहर अमेरिका में है। उसे नवंबर 2024 में कैलिफोर्निया पुलिस ने पकड़ा भी था, लेकिन फिर छोड़ दिया। एक साल बीत गया, 27 लोग अरेस्ट किए गए, लेकिन मर्डर के मास्टरमाइंड माने गए शुभम लोनकर और यासीन अख्तर एक साल बाद भी नहीं पकड़े गए। शुभम लोनकर ने फेसबुक पर मर्डर की जिम्मेदारी ली थी। यासीन के अजरबैजान में होने की खबरें आई थीं। केस की जांच में अब तक क्या-क्या मिला और आरोपी अब कहां हैं, ये जानने के लिए हमने दोनों पक्षों से बात की। जीशान के वकील बोले- पुलिस सच्चाई छिपा रहीइस केस में जीशान सिद्दीकी की तरफ से वकील प्रदीप घरट पैरवी कर रहे हैं। वे बताते हैं, ‘बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी और बेटी आर्शिया ने मुख्य आरोपी अनमोल बिश्नोई पर कार्रवाई के बारे में जानने के लिए RTI डाली थी। मुंबई पुलिस ने जवाब दिया कि हम कुछ नहीं कर रहे हैं। इसके बाद हमने कोर्ट में अपील की, लेकिन उसे रिजेक्ट कर दिया गया। अब हम फिर से अपील करेंगे।’ ‘हमने कोर्ट में पूछा कि अनमोल बिश्नोई पर क्या कार्रवाई हो रही है। वो अगर अमेरिका में है, तो उसे भारत क्यों नहीं लाया जा रहा है।’ बाकी आरोपियों पर क्या कार्रवाई हुई? प्रदीप घरट बताते हैं, ‘चार्जशीट में दर्ज किए गए 26 अरेस्ट आरोपियों में शिव कुमार गौतम ही मेन शूटर था। उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब तक जितने भी आरोपी अरेस्ट हुए, वे सिर्फ घटना में शामिल थे। इस हत्याकांड का असली मकसद कैसे पता चलेगा।’ मर्डर में अब तक 27 आरोपी गिरफ्तार, किसी को जमानत नहींहमने बचाव पक्ष के वकील अंजिक्य मिरगल से बात की। वे बताते हैं, ‘मर्डर के 24 घंटे के अंदर तीन आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया था। ये आरोपी नंबर-1, 2 और 3 थे, यानी गुरमेल सिंह, धर्मराज कश्यप और प्रवीण लोनकर।’ ‘इसके अलावा 2024 में 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। 27वां आरोपी अनमोल गायकवाड़ पिछले महीने पकड़ा गया है। वो पुणे का रहने वाला है। हमने आरोपियों की जमानत के लिए अपील की है। अब तक किसी को जमानत नहीं मिली है। कोर्ट में सुनवाई चल रही है।’ सलमान खान पर फायरिंग और दाऊद कनेक्शन से सीधा लिंक नहींक्या बाबा सिद्दीकी मर्डर केस और सलमान खान के घर पर फायरिंग में कोई कनेक्शन है? एडवोकेट अंजिक्य मिरगल इस पर दावा करते हैं कि पुलिस हत्याकांड का कनेक्शन सलमान खान से जोड़ने की कोशिश कर रही है। इसका कोई सबूत नहीं मिला है। न ही चार्जशीट में कोई ठोस जानकारी है। फिर क्यों सलमान खान को इस केस से जोड़ा जा रहा है? अंजिक्य जवाब देते हैं, ‘मीडिया में इस एंगल को ज्यादा दिखाया गया। कहा गया कि बाबा सिद्दीकी सलमान खान के बेहद करीबी थे। उनके कनेक्शन दाऊद से भी रहे हैं। इसलिए शूटर्स का ब्रेनवॉश करके बाबा सिद्दीकी की हत्या कराई गई।’ 6 आरोपी बयान से पलटे, इनमें मेन शूटर भी शामिलअंजिक्य मिरगल बताते हैं, ‘अब तक 6 आरोपी बयान बदल चुके हैंं। इनमें मेन शूटर शिव कुमार गौतम और रेकी करने का आरोपी नितिन सप्रे भी शामिल हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने दबाव डालकर बयान लिए थे।’ ‘अभी कोर्ट में आरोपियों की जमानत पर सुनवाई चल रही है। किसी भी आरोपी को जमानत नहीं मिली, बल्कि याचिका खारिज हो गई। अब हम हायर कोर्ट में अपील करेंगे। हालांकि अभी शिव कुमार की जमानत के लिए अर्जी नहीं डाली है। जेल में लॉरेंस गैंग और दूसरे गैंग में मारपीटमुंबई पुलिस में हमारे सोर्स बताते हैं कि बाबा सिद्दीकी मर्डर केस के आरोपियों को जेल में दूसरे कैदी टारगेट कर रहे हैं। ठाणे जेल में पिछले महीने नवरात्रि से कुछ दिन पहले लॉरेंस गैंग के शूटर्स को दूसरे धर्म के बदमाशों ने निशाना बनाया। दोनों गैंग में काफी मारपीट हुई। इसकी शिकायत जेल प्रशासन ने निर्मल नगर थाने में दी है। हालांकि इस पूरी घटना को सीक्रेट रखा गया है। बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में गिरफ्तार 27 आरोपियों में से 8-9 ठाणे जेल में बंद हैं। शूटर शिव कुमार ऑर्थर रोड जेल में है। कई आरोपी कल्याण जेल में भी बंद हैं। 126 लोगों के बयान दर्ज, जीशान बोले- बिल्डर लॉबी की जांच होबाबा सिद्दीकी मर्डर केस में पुलिस की चार्जशीट में 126 लोगों के बयान दर्ज हैं। इनमें बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी भी शामिल हैं। जीशान ने अनमोल बिश्नोई गैंग पर हत्या का शक नहीं जताया। उन्होंने बिल्डर लॉबी पर आरोप लगाया और कुछ लोगों का नाम लेते हुए पिता को जान से मारने की धमकी मिलने की बात कही। जीशान ने कहा कि पुलिस को इस एंगल से जांच करनी चाहिए। अब आरोपियों की बात… संभाजी किशन की पत्नी बोलीं- दोस्त ने बदले के लिए फंसायाहमने एक आरोपी संभाजी किशन की पत्नी अक्षता से फोन पर बात की। अक्षता बताती हैं, ‘मेरे पति पहले क्रिमिनल थे। नितिन उनका दोस्त था। पति ने पिछले कई साल से क्राइम छोड़ दिया था। नितिन भी क्राइम छोड़ना चाहता था। उसने कहा कि मुझे एक लड़की से शादी करनी है। रहने के लिए कमरे दिलवा दे। पति ने कमरा तलाशने में उसकी मदद की थी।’ ‘हमारी तीन बेटियां हैं। एक बेटी की शादी हो गई है। दो अभी पढ़ रही हैं। बड़ी बेटी 12वीं और छोटी 9वीं में है। पति ने बेटियों की वजह से ही क्राइम छोड़ा था। उन्होंने एक बार नितिन को जेल से छुड़ाने में मदद नहीं की थी। मुझे लगता है कि उसी का बदला लेने के लिए संभाजी को फंसा दिया गया।’ हत्या के लिए 10 लाख मिले, अब केस लड़ने के पैसे नहींबाबा सिद्दीकी मर्डर केस में यूपी के बहराइच जिले के 3 लड़कों शिवकुमार, धर्मराज और हरीश का नाम सामने आया था। तीनों गंडारा गांव के रहने वाले है। पिछले साल 10 नवंबर को गिरफ्तारी के बाद सभी मुंबई पुलिस की कस्टडी में हैं। शिवकुमार, धर्मराज और हरीश के घर वाले पिछले एक साल से उनसे नहीं मिले हैं। परिवार को उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी गई। हम सबसे पहले गंडारा गांव में शूटर शिवकुमार के घर पहुंचे। घर पर ताला लगा था। पड़ोसी रामू बताते हैं, ‘शिवकुमार के पिता बालकृष्ण की तबीयत ठीक नहीं है। वे घर बंद करके अस्पताल गए होंगे या मजदूरी पर निकले होंगे।’ शिवा यहां आया था? रामू जवाब देते हैं, ‘नहीं, वो मुंबई में बंद है। पिछले साल बाबा सिद्दीकी की हत्या का मामला उठा था, तो यहां रोज पुलिस और मीडिया वाले आते थे। शिवा, धर्मराज और हरीश पकड़ लिए गए, तब से कोई नहीं आता।’ आरोपी हरीश की बहनें मजदूरी कर रहीं, घर में खाने को नहींजांच में पता चला था कि बाबा सिद्दीकी की सुपारी देने के लिए लॉरेंस गैंग के गुर्गे शुभम लोनकर ने शूटर हरीश को 60 हजार रुपए ट्रांसफर किए थे। हरीश मुंबई से हर महीने अपने घरवालों को पैसा भेजता था। शिवा के घर से 5 मकान आगे हरीश का घर है। हम उसकी बहन गुड्डी से मिले। वे बताती हैं, ‘हम 11 भाई-बहन हैं। हरीश तीसरे नंबर का है। वो 6 साल पहले पुणे गया था। वहीं काम करता था। उसके बारे में हम ज्यादा नहीं जानते। इतना ही पता है कि वो अभी जेल में है। एक साल से हमसे बात भी नहीं हुई है।‘ ‘भैया पहले हर महीने 1500-2000 रुपए भेजते थे। उसी से काम चलता था। हमारे मां-बाप नहीं हैं। पेट पालने के लिए मैं और मेरी बड़ी बहन खेतों में मजदूरी करते हैं। दिनभर में जो कमाई होती है, उसी से घर चल रहा है।’ धर्मराज की मां बोलीं– मेरे बेटे ने कुछ नहीं किया, उसे फंसा दियाआखिर में हम आरोपी धर्मराज कश्यप के घर गए। घर में मां कुसुमा और पिता राधे मिले। बेटे के बारे में पूछने पर कुसुमा भावुक हो जाती हैं। कहती हैं, ‘पिछले साल दिवाली पर पुलिस हमारे लड़के को पकड़ कर ले गई थी। तब से उससे मिलने नहीं दिया गया।' घर में न खाने के लिए अनाज है न इलाज के लिए पैसा है। भीख मांगने की हालत हो गई है। हमारे बेटे को इस मामले में गलत फंसाया गया है। वो बेकसूर है, उसे छोड़ दिया जाए। कुसमा के बगल में बैठे राधे कहते हैं, ‘पहले कैसरगंज बाजार में हमारी कपड़े की दुकान थी। धर्मराज की गिरफ्तारी के बाद सब बर्बाद हो गया। दुकान पर छोटा बेटा अनुराग बैठता था। उसे भी इस केस में जबरदस्ती घसीट लिया गया। अब बुढ़ापे में हमारे दोनों बेटे जेल में बंद हैं। डर के मारे पुलिस से उनके बारे में पूछने तक नहीं जाते हैं। कहीं हमको भी न बंद कर दें।’ शूटर शिवा का कबूलनामाहत्याकांड की जांच के दौरान पुलिस पूछताछ में शूटर शिवकुमार ने कबूला था कि वो लॉरेंस गैंग के लिए काम करता था। पुलिस को दिए बयान में शिवकुमार ने बताया, ‘मैं और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले हैं। मैं पुणे में स्क्रैप का काम करता था। मेरी और शुभम लोनकर की स्क्रैप की दुकान अगल-बगल थी। 'शुभम लारेंस बिश्नोई के लिए काम करता है। उसने स्नैप चैट के जरिए लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई से कई बार मेरी बात कराई थी।’ ‘बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए हमें 10 लाख रुपए दिए गए थे। ये भी वादा किया गया था कि मर्डर के बाद तुम्हें हर महीने कुछ न कुछ मिलता रहेगा। हत्या के लिए हथियार, कारतूस, सिम और मोबाइल फोन शुभम और यासीन अख्तर ने हम लोगों को लाकर दिए थे। हत्या के बाद आपस में बात करने के लिए हमें नए सिम और मोबाइल फोन भी दिए गए थे।’ ‘कई दिनों से हम लोग मुंबई में बाबा सिद्दीकी की रेकी कर रहे थे। 12 अक्टूबर की रात सही समय मिलने पर हमने उनकी हत्या कर दी। उस दिन त्योहार था। पुलिस और भीड़-भाड़ भी थी, जिसकी वजह से 2 लोग पकड़ लिए गए। मैं मौका पाकर फरार हो गया।' 'मैंने फोन रास्ते में फेंक दिया और मुंबई से पुणे चला गया। वहां से बहराइच पहुंचा। नेपाल भागने का प्लान बनाया, लेकिन 10 अक्टूबर को नानपारा में पुलिस ने मुझे पकड़ लिया।’
मुसलमान, यहूदी और... इजरायल पहुंचने से पहले ट्रंप का बयान, जानिए मिनट टू मिनट शेड्यूल
US President news:एयरफोर्स वन पर एक प्रेस वार्ता के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, 'हम सभी को खुश करेंगे. हर कोई खुश है, चाहे वह यहूदी हो या मुस्लिम या अरब देश. हम इजरायल के बाद मिस्र जा रहे हैं. हम बहुत शक्तिशाली और रईस नेताओं से मिलने जा रहे हैं और वे सभी इस डील का हिस्सा हैं.
मेरे प्यारे भाइयों-बहनों... हमास की कैद से इजरायली बंधकों की रिहाई से पहले इमोशनल हुए नेतन्याहू
Benjamin Netanyahu news:द टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक नेतन्याहू ने ये भी कहा, 'यह समझौता आसान नहीं है. इसमें कुछ बेहद दर्दनाक पहलू शामिल होंगे और वे पहले से ही दर्दनाक हैं.'
जिनपिंग ने धमकाया तो ट्रंप का दिमाग ठिकाने आया? बोले- 'अमेरिका चीन का नुकसान नहीं चाहता'
US China trade tariff:
पहली बार दिखा इन मुसलमानों का दर्द, ब्रिटिश सांसदों ने पाक से की अपील; कहा- अहमदिया मुसलमानों की...
एप्सम और इवेल की लिबरल डेमोक्रेट सांसद हेलेन मैग्वायर ने इस हमले की निंदा की. उन्होंने इस हमले को अहमदिया मुस्लिमों के खिलाफ वर्षों से चली आ रही पाकिस्तान के प्रांत प्रायोजित नफरत की हिंसक वजह बताई.
जस्टिन ट्रूडो और कैटी पेरी की तस्वीरें वायरल, यॉट पर किस करते आए नजर; सोशल मीडिया पर ट्रोल
Justin Trudeau News: शनिवार को डेली मेल द्वारा साझा की गई कुछ तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है. इन तस्वीरों में 40 वर्षीय हॉलीवुड सिंगर को एक काले रंग के वन-पीस स्विमसूट में कैरेबियन की एक कैरेवेल के डेक पर देखा गया, जहां वे कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री के साथ रोमांस करती हुईं दिखाई दे रही थीं.
कैमरून में रविवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। 92 साल की उम्र में दुनिया के सबसे बुजुर्ग राष्ट्राध्यक्ष पॉल बिया इस मध्य अफ्रीकी देश में आठवीं बार सत्ता में आने के प्रबल दावेदार हैं
यूनुस को सताया कुर्सी जाने का खतरा! बोले-'बाहरी ताकतें' शेख हसीना के साथ, PM मोदी से की ये मिन्नत
Sheikh Hasina: शेख हसीना के खिलाफ 2024 में छात्रों ने सड़कों पर उतरकर हिंसक प्रदर्शन किया था. मोहम्मद यूनिस की तरफ से शेख हसीना को दूसरे देश खासकर भारत से मिल रहे राजनीतिक संरक्षण पर चिंता जाहिर की है. यूनिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की शेख हसीना के पॉलिटिक्ल स्टेमेंट पर पाबंदी लगाने की मांग की थी.
Pakistan Taliban Border Clash News: अपने देश की राजधानी काबुल पर अटैक से भड़के तालिबान ने पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाना शुरू कर दिया है. एक रात के संघर्ष में ही पाकिस्तान घुटनों पर आकर घिघियाने लगा है.
बांग्लादेश के बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा को झूठा बताया। इसके साथ ही उन्होंने भारत पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने बांग्लादेशी हिंदुओं से कहा कि मत कहो कि मैं हिंदू हूं, मेरी रक्षा करो
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच जारी हिंसक झड़प को लेकर ईरान, कतर और सऊदी अरब समेत मुस्लिम देशों ने चिंता जाहिर की है। काबुल में पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक के बाद अफगानिस्तान ने पलटवार किया, जिसके बाद सीमा पर दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई। सऊदी अरब और कतर ने बयान जारी कर दोनों पक्षों से आत्मसंयम बरतने और तनाव कम करने का आग्रह किया है
ट्रंप 13 अक्टूबर को इजरायली संसद में देंगे भाषण, गाजा से छोड़े गए बंधकों से करेंगे मुलाकात
गाजा में दो साल तक चले संघर्ष के बाद हमास और इजरायल ने शांति समझौते के लिए हामी भरी है। ट्रंप के पीस प्लान के अनुसार रविवार को दोनों पक्षों के बीच बंधकों और कैदियों की अदला-बदली होगी। वहीं मिस्र में गाजा शांति शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा
ये दूसरा नकबा है!' UN एक्सपर्ट ने बताया- गाजा में जिंदगी पटरी पर लौटने में कितना वक्त लगेगा?
इजरायल-हमास जंग का सबसे बड़ा दर्द गाजा पट्टी के लोगों को झेलना पड़ा है. वहां के ज्यादातर निवासी को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा. ये घटना 1948 की नकबा की याद दिलाती है.
गाजा पीस समिट से एक दिन पहले मिस्र में कार हादसा, कतर के 3 राजनयिकों की मौत
मिस्र जहां गाजा शांति शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, वहीं शर्म अल-शेख में एक कार हादसे में कतर के 3 डिप्लोमैट्स की मौत हो गई है. बता दें की इजराइल-हमास के बीच समझौते कराने में कतर का अहम रोल रहा हैं.
अमेरिका में एक दिन में 3 जगह गन फायरिंग, 8 लोगों की हत्या से सदमे में मिसिसिपी स्टेट के निवासी
अमेरिका के गन कल्चर पर एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया, जब मिसिसिपी स्टेट में एक ही दिन में शूटिंग की 3 वारदात देखने को मिली, जिसमें 8 लोगों की जान चली गई.
मैं रिटायर्ड मेजर जनरल मुक्ति शर्मा हूं। अभी चंडीगढ़ में रहती हूं। सेना के वेस्टर्न कमांड अस्पताल को कमांड करने वाली भारत की पहली महिला सेना अधिकारी थी। एक दफा हम रात में डिनर कर रहे थे। मुझे कर्नल ब्रिगेडियर बनाया जाने वाला था। मेरे बेटे गौरव को जब ये बात पता चली, तो वो दुखी हो गया। उस समय वो 17 साल का था। उसने कहा- अब क्या होगा, घर में गोलियां चलेंगी और आपको तो मूछें आ जाएंगी! चारों तरफ हंटर चलेंगे। दरअसल, उसके दिमाग में फिल्मों वाला कर्नल ब्रिगेडियर था। फिल्मों में उसे वैसा ही दिखाया जाता है। उसके बाद वो बहुत डर गया। उसे लग रहा अब मैं मम्मी नहीं रह जाऊंगी। कहने लगा कि अब वो अपने दोस्तों को क्या बताएगा कि मेरी मम्मी ब्रिगेडियर हो गईं। आखिर सोचिए जरा, उस वक्त मैं ब्रिगेडियर बनने के लिए दुआ कर रही थी, लेकिन बेटा डरा बैठा था। बड़ी मुश्किल से उसे समझाया था। आज वो देश का जाना-माना रीढ़ की हड्डी का डॉक्टर है। इसी तरह जब कारगिल युद्ध हुआ तो बहुत सी दिक्कतें झेलीं, लेकिन उस वक्त ये भी समझ में आया कि जिंदगी बहुत खूबसूरत भी है। एक सेक्सुअल हैरासमेंट के केस में मेरे बॉस जनरल बिपिन रावत की ईमानदारी ने मेरा दिल जीत लिया था। दरअसल, जब 9 साल की थी तो पापा की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। उनकी मौत ने मेरे दिलो-दिमाग पर गहरा असर डाला था। आज भी उस घटना का सदमा महसूस करती हूं। दरअसल, पापा आईपीएस अधिकारी थे। एकदम स्वस्थ। वो उस समय मेरठ के एसएसपी थे। वो दफ्तर से घर आए, चाय पी। अचानक उनके सीने में दर्द शुरू हुआ। हम उन्हें लेकर हॉस्पिटल गए। वहां से दिखाकर घर लौटे तो कुछ देर में अचानक गिरे और उनकी मौत हो गई। उस वक्त यह सोच कर हैरान थी कि इस तरह कोई स्वस्थ आदमी भला दुनिया से कैसे जा सकता है। उसी एक बात ने मेरे अंदर डॉक्टर बनने की इच्छा पैदा की। सोचती थी कि डॉक्टर बनकर हार्ट अटैक पर रिसर्च करूंगी। उसके बाद जब स्कूल की पढ़ाई पूरी हुई तो मैंने आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल, पुणे में एडमिशन लिया। वहां पढ़ने के लिए शर्त होती है कि आगे चलकर आर्मी में सेवा देनी होगी। इस बात को लिखकर देना होता है। इस तरह सेना के अस्पताल में पढ़ाई किया और फिर सेना में ही डॉक्टर बनी। सेना में डॉक्टर बनकर न केवल बीमार, जख्मी जवानों का ख्याल रखना होता है, बल्कि उनके परिवारों को भी संभालना होता है। उनके परिवारों की काउंसलिंग करते रहना होता है। उनके साथ समय भी बिताना पड़ता है, ताकि उनका हौसला बना रहे। मेरी शादी हुई। मेरे पति भी सेना में डॉक्टर थे। मुझे जुड़वां बेटे पैदा हुए। जिनका नाम वरुण और गौरव रखा। बच्चे होने के बाद जब हमारी अलग-अलग जगहों पर पोस्टिंग हुई, तो घर बदलने में बहुत दिक्कतें झेलीं। कई बार दोनों बच्चों को डयूटी पर साथ लेकर जाती। हालांकि उस वक्त मेरे परिवार और ससुराल के लोगों ने बच्चों को पालने में बड़ी मदद की। उस जिंदगी की भागमभाग में कई बार बच्चों के स्कूल अपनी यूनिफॉर्म में ही चली जाती। उस पर मेरे बच्चे बोलते- मम्मी आप हमारे स्कूल में ये क्या पहनकर आ जाती हो। उनके साथी बच्चे भी उनका मजाक उड़ाते कि तुम्हारी मम्मी ये सब क्या पहनकर आ जाती हैं। एक दिन तो मेरे बेटे गौरव ने कहा- मम्मी आप टीचर क्यों नहीं बन जातीं? उस पर सोच रही थी कि आखिर क्या जवाब दूं। एक दिन रात को 8 बजे ऑफिस से घर जाने की तैयारी कर रही थी। उस दिन मुझे एक सीनियर ने बुलाया। उसने कहा कि हम सेना के अस्पतालों में जेनेटिक डिपार्टमेंट शुरू करने जा रहे हैं। आप अभी इसी वक्त सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली जाइए और उनके जेनेटिक डिपार्टमेंट का सिस्टम समझकर आइए। उसके बाद रिपोर्ट कल 11 बजे तक मेरे टेबल पर दीजिए। उसी वक्त रात में ही सर गंगाराम अस्पताल गई। वहां उनका जेनेटिक डिपार्टमेंट खुलवाया और सारा सिस्टम समझ कर आई। फिर आधी रात को वापस ऑफिस आकर, सुबह तक रिपोर्ट बनाती रही। सुबह 11 बजे से पहले सीनियर की टेबल पर वो रिपोर्ट रख दी। यानी महिला होने के नाते आप यह नहीं बोल सकतीं कि घर में मेरे बच्चे अकेले हैं। पेट में दर्द हो रहा है। आज घर का काम करने बाई नहीं आई। कुक नहीं आई। दरअसल, सेना में जेंडर के आधार पर कोई रियायत नहीं मिलती। वहां सिर्फ रैंक के आधार पर आपसे पेशेवर व्यवहार किया जाता है। मेरे करियर का सबसे खतरनाक दौर कारगिल युद्ध था। मुझे याद है कि उस वक्त आरआर आर्मी अस्पताल, दिल्ली में तैनात थी। वैसे तो हमारे पास पूरे देश से मामले आते थे, लेकिन उस वक्त नॉर्दर्न कमांड से आने वाले मामले बढ़ गए। अस्पताल में जख्मी जवानों की तादाद बढ़ गई। हमारी छुट्टियां रद्द कर दी गईं। उस वक्त तो हमारे कैजुअल्टी वॉर्ड भर गए, जिनमें बच्चे, औरतें और सेना के जवान सभी थे। किसी जवान की आंखें चली गई थीं, किसी की नाक। कई जवानों के चेहरे जल गए थे, जिनकी प्लास्टिक सर्जरी होनी थी। किसी के गन शॉट्स के केस थे। उस वक्त सबको संभालना बहुत मुश्किल हो रहा था। उस समय मेरा काम सीनियर डॉक्टर्स की मदद करना था। डॉक्यूमेंटेशन, हेल्प डेस्क संभालती थी। खासतौर से हर शाम जवानों के परिवारों के साथ बिता रही थी। उस वक्त उनके बूढ़े मां-बाप की काउंसलिंग करती थी, ताकि उनका डर कम हो और वे सहज महसूस कर सकें। दरअसल, उस वक्त सबसे ज्यादा दिक्कत किसी जवान के मरने पर होती थी। उस वक्त उनके बूढ़े मां-बाप आंसू नहीं बहाते, लेकिन काउंसलर होने के नाते जान जाती कि उन पर क्या गुजर रही है। जिस तरह वे अफसोस में पड़ते, उन्हें समझा पाना मुश्किल होता। कभी-कभी तो खुद को बहुत कमजोर पाती। उस समय परिवारों के सामने और जख्मी जवानों के सामने बहुत मजबूत बनकर रहना होता था, लेकिन जब रात होती और अस्पताल में किसी जवान सिपाही को मरते हुए देखती, तो दिल भारी हो जाता था। युवा सिपाही को मरते देखना सबसे खराब लगता था। लेकिन हां, यह भी कहूंगी कि उस वक्त सबसे खूबसूरत दुनिया भी देखी। मुझे याद है कि उन दिनों फिल्म एक्टर नाना पाटेकर की एक फिल्म आई थी, जो सेना पर ही थी। उस वक्त वो खुद सेना की वर्दी में हमारे अस्पताल आए थे। उन्होंने जवानों और उनके परिवारों को हौसला दिया था। हमारा भी हौसला बढ़ाकर गए थे। उसके बाद तो कई फिल्म एक्टर्स उस अस्पताल में आए। यही नहीं, उस वक्त हर धर्म के लोग हमारे लिए प्रार्थना कर रहे थे। बहुत सारे लोग पत्र भेजकर जवानों और उनके परिवारों का हौसला बढ़ा रहे थे। यानी कि हर कोई जवानों के लिए कुछ न कुछ कर रहा था। वो सब देखकर लग रहा था कि किस तरह पूरा देश एक माला में पिरो उठा है। आखिर हमारे बीच कितनी एकता है! अब वो घटना बताती हूं, जिसको लेकर आज भी मन में टीस है। दरअसल उसी अस्पताल में इलाज के दौरान एक युवा सिपाही की मौत हो गई। वह शादीशुदा था और उसकी विधवा पत्नी की उम्र लगभग 22 साल थी। सिपाही की मौत के बाद एक दिन उसकी पत्नी रोते हुए मेरे पास आई। कहने लगी कि मुझे बचा लीजिए। मेरे ससुराल वाले और मायके के लोग मेरी शादी देवर से कराने जा रहे हैं। उस पर मैंने कहा था ये तो अच्छी बात है। उसमें क्या दिक्कत है? भारत में तो ऐसी शादी का बहुत जगहों पर चलन है। विधवा भाभियों की शादी अक्सर देवर से की जाती है। उसके बाद उसने जो बताया, मैं हैरान रह गई। उसने कहा- दरअसल, मेरे देवर की उम्र 8 साल है। वो मेरे लिए बच्चा जैसा है। आखिर एक बच्चे से कैसे शादी कर लूं? यह कहते हुए वो रोने लगी। वह सुनकर तो मैं कांप गई, हैरान रह गई! सोचा कि ये तो बहुत गलत है। महिला के साथ भी गलत हो रहा है और उस बच्चे के साथ भी। उसके बाद लड़की के ससुराल वालों और उसके परिवार को बुलाया। उन्हें समझाया कि इस तरह से तो आप दोनों की जिंदगी खराब कर देंगे। भविष्य में बहुत नुकसान पहुंच सकता है। उस पर दोनों परिवारों ने कहा कि दरअसल हम चाहते हैं कि घर की इज्जत घर में ही रहे। बहुत समझाया, लेकिन वे नहीं माने। उसके बाद उन्हें आर्मी वाइफ्स वेलफेयर एसोसिएशन से मिलने के लिए भेजा। वहां भी वे कुछ तय नहीं कर पाए। बाद में पता चला कि गांव जाकर उन लोगों ने पंचायत बुलाई, लेकिन आखिरकार क्या हुआ, मालूम नहीं चला। इतने साल बाद आज भी जब उस घटना को याद करती हूं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। अब रिटायर हो चुकी हूं, लेकिन मन करता है कि उस लड़की को ढूंढूं। पता करूं कि उसके साथ आखिर क्या हुआ? न्याय हुआ या नहीं। वह मेरे करियर की ऐसी घटना है, जो कभी नहीं भूलूंगी। आखिर में एक और दिलचस्प वाकया बताकर अपनी बात खत्म करूंगी। एक बार एक महिला ऑफिसर की सेक्शुअल हैरेसमेंट की शिकायत आई। उस वक्त हमारे बॉस जनरल बिपिन रावत थे। उन्होंने उस महिला की अंदरूनी जांच का जिम्मा मुझे दिया। उस दिन उन्होंने मुझे बुलाकर कहा था- आप उस ऑफिसर की जगह खुद को रखकर देखना, फिर मामले की जांच करना। मैंने उस केस की जांच की। जब उन्हें रिपोर्ट सौंपी तो उन्होंने उससे एक शब्द नहीं हटाया। उनकी ईमानदारी ने दिल जीत लिया। इस तरह के हौसलों से काम की थकान उतर जाती थी। दरअसल, अगर काम करते हुए आपको अच्छा बॉस मिल जाए तो नौकरी का मजा बढ़ जाता है। मुझे जनरल बिपिन रावत, ब्रिगेडियर पी सरकार, ब्रिगेडियर बाबरा घोष जैसे बॉस मिले, जिन्होंने मेरे करियर को शेप दिया। (भारतीय सेना की रिटायर्ड मेजर जनरल और डॉक्टर रहीं मुक्ति शर्मा ने अपने ये जज्बात भास्कर रिपोर्टर मनीषा भल्ला से साझा किए हैं।) ------------------------------------------ 1- संडे जज्बात-मुझे 5 गोलियां लगीं, 2 महीने कोमा में रहा:अस्पताल में पत्नी और पुलिस के ताने सुनता रहा; बोलना तो दूर हिल भी नहीं सका इस दौरान मुझे चार बोतल खून चढ़ाया गया। हालांकि, मेरी जान बच गई, लेकिन कोमा में चला गया। दो महीने कोमा मे बिस्तर पर पड़ा रहा। शरीर में जान नहीं थी, लेकिन दिमाग पूरी तरह जिंदा था। लोग आते, बातें करते और चले जाते। सब सुनता, लेकिन कुछ कर नहीं पाता। पूरी खबर यहां पढ़ें 2- संडे जज्बात-पति दूसरी लड़की संग भागा, प्रेमी प्रेग्नेंट करके मुकरा:कोर्ट में वकील के बेहूदे सवाल, ठाना- अकेले बच्चा पैदा करूंगी, वो तो मुझे अपना मानेगा मैं रागिनी, मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली हूं। अपने गांव की आशा वर्कर हूं। मेरा बचपन गरीबी में और जवानी जलालत में गुजरी। पांच साल की थी, तभी मेरे पिता की मौत हो गई। पांचवीं के बाद मेरी पढ़ाई छुड़वा दी गई और 15 साल की उम्र में मां ने मेरी शादी कर दी। पति मुझे एक ही साल में छोड़कर दूसरी लड़की के साथ भाग गया। उसके बाद एक लड़के से प्यार हुआ। प्रेग्नेंट हुई तो वो शादी से मुकर गया। पूरी खबर यहां पढ़ें
अवामी लीग ने बांग्लादेश में गहराते आर्थिक संकट पर जताई चिंता
बांग्लादेश की अवामी लीग ने शनिवार को देश के रेडीमेड परिधान उद्योग की बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि जिसे कभी राष्ट्र का गौरव माना जाता था
बलूचिस्तान में नागरिकों पर पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई जारी
प्रमुख मानवाधिकार संगठनों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना द्वारा कई बलूच नागरिकों को जबरन गायब कर दिया गया है, क्योंकि प्रांत भर में जबरन गायब किए जाने, हत्याओं और यातनाओं के बीच उत्पीड़न का चक्र जारी है
भारत-नेपाल के बॉर्डर पर बसा भिखनाठोरी गांव। आजादी से आज तक यहां बिजली नहीं पहुंच सकी। सड़क कटकर कच्ची हो गई और गांव की पहचान वोटर कार्ड से लेकर आधार कार्ड तक ही सीमित है। इसे लेकर वन विभाग कहता है कि पूरे गांव की जमीन हमारी है। रेलवे का भी यही दावा है। रामनगर का राज परिवार इसे अपनी जमीन बताता है। वहीं गांव के लोगों का कहना है कि ये उनकी जमीन है। पश्चिमी चंपारण जिले में 179 घरों वाले इस गांव का विकास चार दावेदारों के बीच अटका है। गांव भारत-नेपाल बॉर्डर पर बसा है। गांव की आबादी करीब 2 हजार है। ये फॉरेस्ट एरिया में है। लोगों का आरोप है कि इसी वजह से वन विभाग आए दिन जमीन खाली करने का नोटिस भेजता है और बुलडोजर चलाने की धमकी देता है। गांव वाले बताते हैं कि कागजों में ये भारत का हिस्सा है, लेकिन हकीकत में इसे अब भी पहचान की दरकार है। यहां न बिजली है, न सड़क और न लोगों के पास मकानों का मालिकाना हक। बिजली के लिए मकानों पर लगी सोलर प्लेट ही सहारा है। धूप निकले तभी घरों में बल्ब जलता है वरना रात अंधेरे में कटती है। गांव वालों का कहना है कि अगर हमें हक न मिला तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे। गांव में किस तरह की परेशानियां हैं? गांव के जमीन पर अलग-अलग विभाग क्यों अपना दावा कर रहे हैं? गांव वालों को आज तक बिजली और सड़क क्यों नहीं मिल सका? ये जानने के लिए हम भिखनाठोरा गांव पहुंचे। गांव की हकीकत पढ़िए इस रिपोर्ट में… आजादी के पहले बसा गांव, जमीन का मालिकाना हक तक नहींहमें गांव तक पहुंचने के लिए करीब 7 किलोमीटर तक जंगल से होते हुए कच्ची सड़क से गुजरना पड़ा। PWD की पुरानी सड़क उखड़ी पड़ी थी। गांव में हमें नल-जल की पाइपलाइन दिखी लेकिन बिजली न होने से मोटर नहीं चलता। इसलिए पानी की सुविधा भी नहीं मिल रही है। गांव के लोग नदी से पानी से बर्तन धोते मिले। गांव में स्कूल की बिल्डिंग खड़ी है लेकिन छत नहीं डल सकी। थोड़ा आगे बढ़े तो कुछ गांव वाले मिले। ग्राम वनाधिकार समिति के अध्यक्ष पूर्णा प्रसाद बताते हैं, ‘गांव रामनगर के राजा ने बसाया था। नेपाल से आने वाले बौद्ध भिक्षु यहां ठहरते थे, क्योंकि आगे घना जंगल है। इसीलिए गांव का नाम भिखनाठोरी पड़ गया। 1865 में जॉर्ज पंचम भी गांव आए थे। उन्हीं के लिए रेल लाई गई।‘ वे कहते हैं, ‘हम आजादी के पहले से बसे हैं। 2013 में नीतीश कुमार आए और वनाधिकार समिति बनी। 2006 के वन अधिकार नियम के तहत तीन पीढ़ी से बसे लोगों को बसावट का पर्चा मिलना था। हमने 179 दावा पत्र अनुमंडल पदाधिकारी और बीडीओ को दिया। तत्कालीन DM श्रीधर सिंह राजी भी थे, लेकिन वन विभाग ने सब अटका दिया।‘ हमारे गांव का सर्वे छूटा, आज तक गुलाम जैसी जिंदगीगांव में रहने वाले सुनेश सहनी कहते हैं, ‘हम पर अवैध बसावट के आरोप लगे हैं, लेकिन ये जमीन हमारी है। पूर्वजों के समय से बसे हैं। सरकार का नियम है कि अगर 12 साल से अवैध या गैरमजरूआ जमीन पर बसे हैं तो बिना अनुमति सरकार दे दे लेकिन वन विभाग जबरदस्ती दावा ठोक रहा। कहता है कि जंगल में बसे हो, खाली करो वरना तोड़ देंगे लेकिन उनके पास हमें हटाने के कागज नहीं हैं। अगर विभाग गलत नीयत रखेगा तो हम अनशन और आंदोलन करेंगे।‘ ‘गांव के पास भारत सरकार की सारी सुविधाएं हैं। 2017 की बाढ़ में कटाव हुआ तो सरकार ने 40 करोड़ खर्च कर बांध बनवाया। अगर ये गांव न होता तो क्यों बनवाता?‘ नेता लिखित शिकायत पर आश्वासन देते हैं लेकिन कार्रवाई नहीं करते। 1947 में आजादी के सर्वे में गांव जंगल सर्वे से छूट गया। हम आज भी गुलाम जैसे जी रहे। सरकार से मांग है कि वन विभाग से निदान कराएं और हमें बसावट का पर्चा दें। ‘सरकार ने बिजली पास की लेकिन वन विभाग ने उसे पास के भतुजला गांव में डायवर्ट कर दिया। भतुजला को पर्चा मिला लेकिन हमें नहीं। PWD ने अंडरग्राउंड बिजली रोकी, विरोध किया गया तो 22 लोगों पर केस हो गया। सड़क न होने से अस्पताल जाना मुश्किल। नेपाल बॉर्डर दो कदम पर है, वहां विकास है लेकिन यहां नहीं।‘ नेता पहले बसावट का पर्चा दें, तभी वोट करेंगेमोतीलाल सरकार से मांग करते हुए कहते हैं, ’हमें बसावट का पर्चा मिले। 2006 में भारत सरकार ने कानून बनाया कि वनवासियों और परंपरागत लोगों को बसावट का पर्चा देंगे, वो चाहे भूमिहीन हो या गैर-भूमिहीन। अगर हटाना है तो विस्थापित करें और प्रति परिवार पैसा दें। हम उसी कानून की बात करते हैं।’ इस बार के चुनाव में इसे मुद्दा बताते हुए वे कहते हैं, ’नेता वोट मांगने आएंगे तो कहेंगे, बसावट का पर्चा दीजिए वरना वोट नहीं करेंगे। आप सालों से सत्ता में हैं, विधायक बने लेकिन कोई काम नहीं किया। यहां बाकी सरकारी सुविधाएं हैं- पोस्ट ऑफिस, स्कूल सब है लेकिन गांव की पहचान नहीं है।’ ’नेता सिर्फ वोट ले जाते हैं। सांसद-विधायक एक-दो बार आते हैं, वोट पड़ने के बाद फिर कोई नजर नहीं आता। हम गरीब, असहाय लोग उनके पीछे दौड़ते हैं। सड़क की दुर्दशा देखिए, पहले अच्छी थी। 2014-15 में टेंडर हुआ, डबल लाइन के लिए उखाड़ा लेकिन काम बंद कर दिया। अब सब अधर में है।’ जमीन के कागज, फिर भी वन विभाग परेशान कर रहा भिखनाठोरी गांव के पूर्व मुखिया दयानंद सहनी कागज दिखाते हुए कहते हैं, ’मेरे पास 1966 की आईडी है। हमारे पूर्वज 100 साल से पहले से यहां बसे थे। ये राजा रामनगर की जमीन थी। आजादी से पहले सारी जनता राजा की जमीन पर बसी थी। यहां पत्थर का व्यवसाय होता था। आजादी के बाद भी बसावट बनी रही।’ ’अंग्रेजों के समय रेल आई। रेल ने जमीन ली, वन विभाग ने भी अधिग्रहण किया। वन विभाग ही अन्याय कर रहा है, रोड नहीं बनने दे रहा, बिजली नहीं आने दे रहा। पानी के लिए हाल में बिहार सरकार ने तीन बोरिंग लगाईं। PHE ने पहले भी कोशिश की। हमारे पास सब कुछ है, आईडी, राशन कार्ड, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, टीकाकरण केंद्र और आशा कार्यकर्ता।’ ’राशन से लेकर सब सुविधाएं बिहार सरकार दे रही। जो काम रुका है, उसके पीछे वन विभाग की गलत नीयत है। स्कूल के छत की ढलाई को रोक दी गई। बच्चे कहां पढ़ने जाएंगे? क्या हमारे बच्चे पढ़ें लिखेंगे नहीं? विभाग झूठे मुकदमे करा रहा है। गोपनीय तरीके से आता है।’ ’एक बार रेंजर सुनील पाठक आए, बोले- सर्वे कराकर बसाएंगे लेकिन 20 से 50 लोगों को नोटिस जारी कर गए। नोटिस में कहा- हमारी जमीन पर बसे हो, जवाब दो। जब ग्रामीण जवाब देने गए तो धोखे में रखकर सहमति पत्र लिखवा लिया कि हम उनकी जमीन पर बसे हैं। वन एक्ट 1972 से पहले बसे गांव के पास 1966 का प्रूफ है क्योंकि तब कोई वन एक्ट नहीं था। विभाग फिर भी नहीं मान रहा।’ ’वन अधिकारी बुलडोजर चलाने की धमकी देते हैं। कहते है कि दो महीने में हट जाओ, वरना बुलडोजर चला देंगे। नोटिस पर मुकदमे दर्ज हो जाते हैं। वकील रखे बिना एकतरफा बयान लेते हैं। जब पता चला तो हम विभाग के लोगों से मिले लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। नोटिस में लिखा है कि वकील जवाब देंगे।’ सांसद-विधायक वोट मांगने आते, कोई हक नहीं दिलातादयानंद आगे कहते हैं, ’2011 में मैं मुखिया बना, तब विकास भवन में DM के समक्ष 50 पंचायतों की बैठक हुई। भिखनाठोरी को प्राथमिकता दी गई।’ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा पत्र का आदेश दिया। 2013 में नीतीश कुमार खुद भिखनाठोरी पहुंचे, 179 व्यक्तियों के दावा पत्र लिए। पेपर मेरे पास हैं। अंचल से नजरी नक्शा बनवाया। सब सबूत हैं, लेकिन वन विभाग जबरदस्ती परेशान करता है। ’सांसद, विधायक, मंत्री वोट मांगने आते हैं। सांत्वना देते हैं और गायब हो जाते हैं। इस बार हमारे अस्तित्व की लड़ाई ही हमारा मुद्दा है। इस बार वोट भी उसी को देंगे जो हमारी पहचान दिलाएगा। हमने जिला पदाधिकारी, अनुमंडल, प्रखंड हर जगह आवेदन दिया, कोई नहीं सुन रहा। हम जैसे वोट बहिष्कार की बात करते हैं तो CO-BDO सब पहुंच जाते हैं और भरोसा दिलाने लगते हैं। चुनाव के बाद अधिकारी भी काम नहीं आते हैं।’ ’अगर हमारी समस्या न सुलझी तो आंदोलन करेंगे। बच्चा-बच्चा बैठेगा, सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। हम आगामी विधानसभा में वोट बहिष्कार करेंगे। बिहार सरकार ने इतने दिनों से अंधेरा में रखा। हम JDU-BJP के समर्थक हैं, लेकिन अब विरोध करेंगे। हमें न्याय दो, वरना वोट लेने का अधिकार नहीं।’ सरकारी योजनाएं पहुंची लेकिन बिजली-सड़क नहीं गांव में रहने वाली पूनम देवी कहती हैं, ‘परेशानी ये है कि हमारे पूर्वज आजादी से पहले से यहां बसे हैं। उस समय वन विभाग का अस्तित्व नहीं था। आज जीविका समूह हैं, 17 ग्राम संगठन हैं। अंग्रेजों का गेस्ट हाउस है, पोस्ट ऑफिस है, स्कूल भी है लेकिन छत टूट गई है अब वन विभाग डालने नहीं दे रहा।‘ ‘स्वस्थ भारत अभियान चल रहा है। सारी सरकारी सुविधाएं हैं, लेकिन वन विभाग हमें उजाड़ना चाहता है। वृद्धावस्था पेंशन मिलती है, लेकिन बिजली और सड़क नहीं है। रेलवे लाइन बंद कर दी। पीएम आवास में किसी को घर नहीं मिला क्योंकि वन विभाग बनने नहीं देता है। ‘ ‘नल-जल योजना है, लेकिन बिजली न होने से ठप है। वन विभाग जबरदस्ती नोटिस दे रहा। 20 लोगों को खाली करने का नोटिस मिला, 10 सितंबर को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश मिली। रेलवे ने भी 2023 में अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया। 179 के करीब परिवार उजड़ने की कगार पर हैं। हमारे साथ अन्याय हो रहा है।‘ ये राजा या रेलवे की जमीन, वन विभाग नहीं मान रहागांव के बुजुर्ग मोतीलाल पासवान दस्तावेज दिखाते हुए कहते हैं, ‘मेरे पास 1865 का सबूत है। जब से यहां रेल चल रही है। 1800 में भारत-नेपाल समझौता हुआ, जिसमें हमारे नाले का पानी नेपाल को देने की बात तय हुई। सब कुछ होते हुए भी वन विभाग कहता है कि जमीन उसकी है। ये गांव कभी सोने की चिड़िया जैसा था लेकिन वन विभाग के कारण बर्बाद हो गया। चाहे युवा हो या बुजुर्ग यहां लगभग सभी पर केस चल रहा है।‘ वे DFO से हुई बात का जिक्र करते हुए कहते हैं, ‘मैं साहब के पास गया। कहा- सर 59 नंबर और 62 नंबर प्लॉट की भी मैपिंग कर लीजिए। अगर फॉरेस्ट में है तो उजाड़ दीजिए, अगर नहीं तो ये राजा या रेलवे की जमीन है। वे बोले- हम कैसे मान लें? बताइए भला जियो-मैपिंग और जियो-टैगिंग हो चुकी है। उन्हें सैटेलाइट इमेज भी दिखाई, लेकिन वो मानने को तैयार नहीं थे।’ वे आगे कहते हैं, ‘हमें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है, ताकि लोग यहां से चले जाएं और वन विभाग मनमानी कर सके। गांव के लोग डरे-सहमे हैं। फॉरेस्ट सिपाही देखते ही भाग जाते हैं। सब डरकर नेपाल भाग जाते हैं कि कहीं पकड़ न लिए जाएं।’ विधायक बोलीं- वन विभाग के चलते जमीन से जुड़ी योजनाएं अटकींगांव वालों की परेशानियों को लेकर हमने क्षेत्र की विधायक भागीरथी देवी से बात की। वे कहती हैं, 'जो भी जमीन से जुड़ी योजनाएं है, जैसे- सड़क, मकान इन सभी का लाभ उन्हें नहीं मिल पाता है। क्योंकि गांव में वन विभाग अपनी जमीन होने का दावा करता है। बाकी सभी योजनाएं वहां पहुंच गई हैं।' वन विभाग बोला- पूरी बस्ती अवैध नहीं, कुछ जमीन विवादित हम बेतिया में वन विभाग के सह निदेशक नेसा मणि से मिले। उन्होंने बताया कि कुछ लोग बसे हुए हैं। दुकानें भी बनी हैं। संबंधित वन पदाधिकारी ने संगठन बनाकर अवैध बसावट पर नोटिस जारी किए, ताकि लोग अपना पक्ष रख सकें। नोटिस में कहा गया कि जमीन किसकी है, इसका जवाब दें। सुनवाई का मौका दिया गया। अगर जंगल में नया अतिक्रमण हो तो रोकते हैं, पुराने मामले में नोटिस देकर पक्ष सुनते हैं। यही मानक प्रक्रिया है। वे आगे कहते हैं, 'पूरी बस्ती अवैध नहीं, कुछ विवादित जमीन है। विभाग के अनुसार, जमीन पहले वन की थी। सरकारी सुविधाएं जैसे आधार, पैन, वोटर आईडी बना है। लोग वोट देते हैं लेकिन तत्काल खाली कराने की कोई कार्रवाई नहीं हुई। नोटिस पक्ष रखने के लिए है। अगर लीगल हैं तो पेपर लेकर DFO या न्यायालय जाएं। सुनवाई के बाद फैसला होगा। अवैध अतिक्रमण पर नोटिस का जवाब देना जरूरी है वरना कार्रवाई हो सकती है।'............... ये खबर भी पढ़ें...‘नेपाल न होता तो हम भूखे-प्यासे मर जाते’ रक्सौल का सीवान टोला गांव। नेपाल से इतना करीब कि लोग कमाने भी वहीं जाते हैं। यहां आपस में लोग इतने घुले-मिले हैं कि भारत के दीपनारायण पटेल और नेपाल के लाल बाबू पटेल एक दलान में बैठे मिल जाते हैं। ये सीवान टोला का एक पहलू है। दूसरा पहलू ये कि यहां के लोगों को सरकार से बहुत शिकायतें हैं। गांव की लीलावती कहती हैं, ‘यहां न नाली है, न रोड। हम लोग नेपाल से पानी लाकर पी रहे हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट...
US सेना को कौन बंधक बना रहा? भड़के ट्रंप बोले- सैनिकों को टाइम पर मिले सैलरी वरना...
US News:ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, 'चक शूमर ने हाल ही में अपने 'कट्टरपंथी वामपंथी' बंद के दौरान कहा था हर दिन बेहतर होता जा रहा है. मैं इससे असहमत हूं! अगर कुछ नहीं किया गया, तो चक शूमर जैसे नेताओं और डेमोक्रेट्स की वजह से, हमारे जांबाज सैनिकों को 15 अक्टूबर को उनकी सैलरी नहीं मिलेगी.
गाजा में हमारे सैनिकों की तैनाती नहीं होगी: शीर्ष अमेरिकी कमांडर एडमिरल कूपर
शीर्ष अमेरिकी सैन्य कमांडर ने इजरायली सेना के बेस का दौरा करने के बाद स्पष्ट किया है कि गाजा पट्टी पर अमेरिकी सैनिकों की तैनाती नहीं होगी
DNA: नोबेल का गुस्सा ट्रंप ने चीन पर उतारा! फोड़ डाला टैरिफ का सुपर बम, भारत को फायदा या नुकसान?
China-US Tarrif:ट्रंप को नोबेल नहीं मिलने का चीन पर टैरिफ लगाने से क्या संबंध हो सकता है. ये हम आपको बताएंगे लेकिन पहले जानिए ट्रंप ने चीन पर टैरिफ को लेकर कौन कौन से बड़े एलान किए.
14वीं पंचवर्षीय योजना अवधि में चीन का निर्माण उद्योग हुआ और अधिक सशक्त
11 अक्टूबर को चीन की राज्य परिषद के सूचना कार्यालय द्वारा आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में आवास और शहरी-ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि “14वीं पंचवर्षीय योजना” (2021–2025) अवधि के दौरान चीन के निर्माण उद्योग ने उल्लेखनीय प्रगति की है
बॉर्डर पर तालिबान और PAK सेना के बीच फिर छिड़ा संग्राम, भारी गोलाबारी के बीच भारी नुकसान की खबर
Afghanistan Pakistan fight: पाकिस्तान का बुरा हाल हो रखआ है, एक ओर बलूचिस्तान में उसकी फौज की पोस्टों पर भीषण हमले हो रहे हैं जिनमें पाकिस्तानी सेना को भारी तादाद में अपने सैन्य अफसरों को खोना पड़ा है, दूसरी ओर अफगानिस्तान पाकिस्तान बॉर्डर पर पाकिस्तानी सैनिक हलाक हो रहे हैं.
'यहां आतंकी बरपा सकते हैं कहर...', अमेरिका ने इस देश के लिए जारी कर दिया टेरर अलर्ट
US Alert for Terror Attack: आतंकवादी भीड़-भाड़ वाले पर्यटक स्थलों या फिर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स पर किसी भी समय हमला कर सकते हैं. सोशल मीडिया और छुट्टियों के शौकीनों के लिए यह खबर चिंता वाली है. अमेरिकी अधिकारियों ने विजिटर्स को सतर्क रहने और इस दौरान संभावित रिस्क समझने की सलाह दी है.
Best Dosa in Dubai News: मुस्लिम शहर दुबई में भी डोसा खूब पसंद किया जाता है. वहां पर डोसा बेचने वाले बहुत सारे कैफे खुले हुए हैं. लेकिन अगर आपसे पूछा जाए कि दुबई में सबसे बढ़िया डोसा कहां मिलता है तो आपका जवाब क्या होगा.
चीन ने अमेरिका से जुड़े जहाज़ों पर बंदरगाह सेवा शुल्क लगाने की घोषणा की, 14 अक्टूबर से होगा लागू
चीन ने शुक्रवार को अमेरिका से जुड़े जहाज़ों पर विशेष बंदरगाह सेवा शुल्क लगाने की घोषणा की है। यह कदम उस अमेरिकी निर्णय के जवाब में उठाया गया है, जिसके तहत अमेरिका ने चीनी उद्यमों के स्वामित्व या संचालन वाले जहाज़ों पर अतिरिक्त बंदरगाह सेवा शुल्क लगाने की घोषणा की थी। यह नया शुल्क 14 अक्टूबर से प्रभावी होगा
रूस-चीन के सामने किम ने निकाली सबसे घातक मिसाइल, अमेरिका भी नहीं बच पाएगा; टेंशन में US
किम जोंग-उन ने इस मिसाइल का उल्लेख पहली बार सितंबर में अपनी बीजिंग यात्रा से ठीक पहले किया था. जिससे यह संकेत मिला था कि उत्तर कोरिया अपने सामरिक शस्त्रागार को अपडेट करने में लगा है. परेड के दौरान यह मिसाइल कवर में रखी हुई दिखाई दी.
Donald Trump: वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को इस खिताब से नवाजा गया.अमेरिकी राष्ट्रपति शांति पुरस्कार न मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए हुए दावा किया कि उन्होंने मारिया कोरिना मचाडो की कई मौकों पर हेल्प की है.
'इससे बेहतर तो नर्क है...', दुनिया की वो खतरनाक जेलें, जहां कैदी भी मांगते थे मौत की भीख
Dangerous Prison: दुनिया भर में कई ऐसी जेलें हैं, जहां पर कैदी मौत की भीख मांगते थे. इन जेलों के कठोर नियम थे जो कैदियों के लिए नर्क के सामान थे. आइए जानते हैं इसके बारे में.
आईएमएफ ने जब पाकिस्तान से 11 अरब डॉलर का मांगा हिसाब, तो चीन-अमेरिका के सामने फैला रहा हाथ
भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान से 11 अरब डॉलर का हिसाब मांग लिया। आईएमएफ से फटकार लगने के बाद पाकिस्तान अब चीन और अमेरिका समेत दुनिया के अन्य देशों के सामने हाथ फैला रहा है
Afghanistan Foreign Minister India Visit: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की भारत में हुई प्रेस वार्ता में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किया गया.
अमेरिका में कतर के लिए बनेगा मिलिट्री एयरबेस, तैनात रहेंगे F15 जेट, पायलटों को भी मिलेगी ट्रेनिंग
Qatar- US Joint Airbase: अमेरिका जल्द इडाहो में कतर एयरफोर्स के लिए संयुक्त एयरबेस स्थापित करने की योजना बना रहा है. इसकी जानकारी अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ ने दी.
Marwan Barghouti: कौन है वो फिलिस्तीन का सबसे पॉपुलर लीडर जिसे इजरायल ने आजाद करने से किया इनकार?
इजराइल-हमाज के बीच सीजफायर डील हो चुकी है, लेकिन नेतन्याहू सरकार ने फिलिस्तीन के सबसे पॉपुलर लीडर मारवान बरगौती को जेल से रिहा करने से इनकार कर दिया है.
'भारत वापस जाओ...' विदेशी धरती पर भारतीय बेटी के साथ बदतमीजी, क्यों हो रहे बार-बार हमले?
Indian in Ireland: आयरलैंड में रह रही स्वाति वर्मा को उस समय नस्लीय हिंसा का सामना करना पड़ा जब वो जिम से घर जा रही थी. जिम कर वापस घर लौट रही स्वाति वर्मा को बीच सड़क एक अधेड़ महिला ने रोक लिया. महिला के बैज पर लिखा है 'डबलिन सिटी यूनिवर्सिटी' यानी की DCU.
VIDEO: लाइव न्यूज पढ़ते हुए एंकर के सामने आया चूहा, डर के मारे निकल गई चीख; कुर्सी से कूदकर भाग गईं
Viral Video: सोशल मीडिया पर कतरी न्यूज चैनल अल-जज़ीरा का एक छोटा सा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एंकर खबरें पढ़ रही है लेकिन इसी बीच एक बिल बुलाया मेहमान आ जाता है.
पेरू : जोस जेरी ने राष्ट्रपति के रूप में ली शपथ
पेरू के कांग्रेस नेता जोस जेरी ने देश के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। यह शपथ ग्रहण समारोह तब हुआ, जब संसद ने पूर्व राष्ट्रपति दीना बोलुआर्टे को उनके पद से हटा दिया
'डोनाल्ड ट्रंप का दिल उनकी उम्र से 14 साल जवान है', मेडिकल चेकअप के बाद डॉक्टर ने और क्या कहा?
Donald Trump Exceptional Health: डोनाल्ड ट्रंप की सेहत को लेकर एक चेकअप हुआ जिसके बाद उनके डॉक्टर ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति की एक्सेप्शनल हेल्थ है. कुल मिलाकर उन्हें फिट डिक्लेयर किया गया.
अमेरिका के सैन्य विस्फोटक प्लांट में भीषण धमाका, कई लोगों की मौत की आशंका
अमेरिका के टेनेसी में एक सैन्य विस्फोटक संयंत्र में जोरदार धमाका हुआ
40 मील दूर सुनी गई धमाके की आवाज, जब अमेरिका की बम बनाने वाली फैक्ट्री में हुआ ब्लास्ट, कितने हताहत?
अमेरिका की एक विस्फोटक बनाने वाली फैक्ट्री में ब्लास्ट हो गया है, धमाका बेहद खतरनाक था, आसपास मौजूद लोगों को एक पल के लिए यकीन नहीं हो पाया कि असल में हुआ क्या था.
शटडाउन के 10वें दिन व्हाइट हाउस ने शुरू की फेडरल कर्मचारियों की फायरिंग, 4000 लोगों की नौकरी पर खतरा
व्हाइट हाउस के बजट कार्यालय ने अदालत में पहले ही कह चुका है कि वो शटडाउन के दौरान 4,000 से ज्यादा फेडरल कर्मचारियों को नौकरी से निकाल सकता है.
चीन पर फूटा ट्रंप का टैरिफ बम, लगाया 100% टैरिफ, बातचीत खत्म करने दी धमकी
US Tariff on China: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने अब चीन पर 100 फीसद टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है. साथ ही शी जिनपिंग के साथ बातचीत भी खत्म करने का आरोप लगाया है.
पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अजहर की बहन ऑपरेशन सिंदूर में पति की मौत के बाद अब आतंकवादी बन चुकी है. जो महिलाओं के नए बने आतंकी संगठन को लीड करेगी. लेकिन पहले भी कई महिलाएं पति की मौत के बाद आतंकवादी बनी है. उनके बारे में जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक पर देखें वीडियो..
'पहले मुझे इमोशनल ब्लैकमेल किया। फिर UN में फ्रॉड का केस करके करियर बर्बाद करने की कोशिश की। जब मुझे क्लीन चिट मिल गई तो पॉलिटिकल पावर की धौंस देने लगा। कहता है कि अब मैं सांसद हूं, जो करते बने कर लो। सुसाइड के लिए उकसाने वाला ये वही इंसान है, जो 2022 में हमारा रिश्ता बचाने के लिए गिड़गिड़ा रहा था। कहता- तुम्हारे बिना जिंदा नहीं रहूंगा, मर जाऊंगा।' 'जब मैंने बोला- मैं 4 साल से इस रिश्ते में हूं। सबको हमारे अफेयर के बारे में पता है। तो सांसद बनने के बाद अब कह रहा है कि संबंध यहीं खत्म करना पड़ेगा। मैंने कहा- मैं सुसाइड कर लूंगी तो कहता है कि अगर तुम्हारी मौत ऐसे ही होनी है तो यही सही। मैं तुम्हारी मौत को कंट्रोल नहीं कर सकता।' भीम आर्मी के फाउंडर चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण पर PHD स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी सिर्फ यौन उत्पीड़न का आरोप ही नहीं लगा रहीं। उनका कहना है कि वो अब इन आरोपों को लेकर चंद्रशेखर खिलाफ लड़ाई लड़ेंगी। रोहिणी अब तक पुलिस के FIR दर्ज न करने से परेशान हैं। हालांकि वकील की सलाह पर वो मजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करा चुकी हैं। दैनिक भास्कर ने रोहिणी घावरी से बात कर पूरा मामला समझा। हमने यूपी की नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद का पक्ष भी जानने की कोशिश की लेकिन सवालों के जवाब नहीं मिले। बस इतना कहा गया कि चंद्रशेखर ने हाईकोर्ट में रोहिणी पर उनकी इमेज डैमेज करने का आरोप लगाते हुए केस किया है। सांसद अपना जवाब कोर्ट में ही देंगे। शादी की बात छिपाई, जब संबंध तोड़ना चाही तो कहा- तुम्हारे बिना मर जाऊंगाभीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली रोहिणी कहती हैं, '2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में चंद्रशेखर ने चुनाव लड़ने के लिए जब फॉर्म भरा, तब मुझे पता चला कि वो शादीशुदा हैं। तब मैंने उससे पूछा कि तुमने मुझसे इतनी बड़ी बात क्यों छिपाई। मैं इस रिश्ते से पूरी तरह पीछे हट गई। तब उसने न जाने मुझे कितने फोन किए। वो रो-रोकर कहता कि तुम्हारे बिना नहीं रह पाऊंगा। अपनी जिंदगी खत्म कर लूंगा।' 'मैं तब भी नहीं मानी तो कहने लगे कि मैं चुनाव लड़कर क्या करूंगा। मैं कैंपेनिंग नहीं करूंगा। मेरी बहन को कई फोन किए। स्विट्जरलैंड के दोस्तों को भी फोन किए। वो रो-रोकर बस यही कहते कि रोहिणी से कहो कि वो मुझसे बात करे। नहीं तो मैं मर जाऊंगा।' रोहिणी कहती हैं कि अगर तब मुझे इतना इमोशनल ब्लैकमेल नहीं किया होता तो मैं इस रिश्ते से निकल गई होती। पहले तलाक का वादा किया, फिर कहा- ब्लैकमेल करती है, नहीं ले सकता रोहिणी आगे बताती हैं, 'चंद्रशेखर ने यहां तक कहा था कि उनकी शादी एक कॉम्प्रोमाइज है। ये ब्लैकमेल करके हुई है। लड़की शादी से पहले प्रेग्नेंट हो गई और FIR करने जा रही थी। इसलिए जबरदस्ती शादी करनी पड़ी। मैं इस महिला से बहुत नफरत करता हूं। मेरी चंद्रशेखर की मां से भी बात हुई थी लेकिन उन्होंने भी शादी के बारे में मुझे कुछ नहीं बताया था।' ‘उसने तलाक लेने का भी वादा किया था। कहा कि उसकी प्रोसेस के लिए लॉयर से बात कर ली है। पत्नी को भी बता दिया है कि मैं अब तुम्हारे साथ नहीं रहूंगा। रोहिणी से शादी करूंगा। फिर एक दिन अचानक कहने लगे कि पत्नी ब्लैकमेल कर रही है। छोड़ने की बात पर सारे राज खोलने की धमकी दे रही। कह रही सबको शब्बीरपुर कांड का राज बता दूंगी। राज क्या है? पता नहीं।' रोहिणी कहती हैं कि मेरे पास ऐसी कई वाइस रिकॉर्डिंग हैं, जिसमें उन्होंने मुझसे पहले शादी करने का वादा किया था। कई और भी सबूत हैं, जो बहुत प्राइवेट हैं। अभी पिछली बार जब मैं भारत आई थी, तब उसने मेरा फोन लेकर ये सारा डेटा भी डिलीट करने की कोशिश की। हालांकि उससे पहले ही मैं सब लैपटॉप में ट्रांसफर कर चुकी थी।‘ सांसद बनने के बाद रिश्ता तोड़ दियारोहिणी बताती हैं, 'चंद्रशेखर जब सांसद बनने के बाद सितंबर 2024 में ऑस्ट्रिया आए। तब उसने मुझे बुलाया और रिश्ता खत्म करने की बात कही। उसने कहा कि मैं अब राजनीति में हूं। मुझे अपने समाज के लिए काम करना है। हमारा समाज इस रिश्ते को कभी नहीं समझेगा। हमारी जातियां अलग हैं। तुम वाल्मीकि हो और मैं जाटव हूं। अब ये रिश्ता यहीं खत्म करना होगा।' 'मैंने सवाल किया कि आपने तो कहा था कि एक बार सांसद बन जाऊंगा तो फिर हमारे रिश्ते पर कोई उंगली नहीं उठाएगा। हमारी शादी से दोनों कम्युनिटी के बीच यूनिटी बनेगी। हम मिलकर काम करेंगे। हमारी जोड़ी कांशीराम-मायावती जैसी है। अब सांसद बनकर आपकी राय बदल गई। इटली के मिलान एयरपोर्ट पर इसी बात को लेकर मेरा उनसे खूब झगड़ा हुआ।' वो कहती हैं, 'तब तक मुझे समझा आ गया था कि चंद्रशेखर ने मुझे टूल की तरह इस्तेमाल किया। उसका प्लान था कि सांसद बन गए तो मुझे छोड़ देंगे। नहीं बने तो स्विटजरलैंड में मेरे साथ सेट हो जाएंगे। वो मुझसे कहते भी थे कि अगर सांसद नहीं बना तो यहां अपने समाज के लिए काम नहीं कर पाऊंगा। मेरे ऊपर बहुत सारे केस हैं। तुम्हारे साथ रहूंगा, वहीं काम करूंगा।' रोहिणी कहती हैं कि 2024 मेरे लिए बहुत खराब रहा। रिश्ता टूटने के बाद मैं चंद्रशेखर से कहती थी कि मैं सुसाइड कर लूंगी।' UN में मेरे खिलाफ फ्रॉड का केस किया, ताकि ब्लैकमेल कर सकेरोहिणी कहती हैं कि इन सबके बाद चंद्रशेखर को पता था कि अब मैं चुप नहीं रहने वाली। इसीलिए उसने सबसे पहले यूनाइटेड नेशंस में मेरी शिकायत की। वे बताती हैं, ‘मेरे पास नोटिस आया कि मैं इंडिया के रिप्रजेंटेटिव का फायदा उठाती हूं। लोगों से फ्रॉड करती हूं। 5-5 लाख रु. लेती हूं। मैंने कोई सफाई नहीं दी और जांच होने दी। मेरे खिलाफ कुछ साबित नहीं हुआ।' 'चंद्रशेखर ने ये केस इसलिए किया था ताकि मैं डर जाऊं। उसके सामने गिड़गिड़ाऊं की केस वापस ले लो वरना मेरा करियर बर्बाद हो जाएगा। मैंने ऐसा कुछ नहीं किया और मुझे क्लीन चिट मिल गई। जब जांच में कुछ नहीं निकला तो डराने लगे। कहने लगे- अब तो मैं सांसद बन गया हूं। जो करना है कर लो।' सफाईकर्मी मां की बेटी हूं, किसी का एक पैसा नहीं खायारोहिणी घावरी इंदौर की रहने वाली हैं। वे कहती हैं, 'मैं एक सफाई कर्मचारी की बेटी हूं। मेरी मां आज भी सफाईकर्मी का ही काम करती हैं। मैं बहुत मुश्किल से यहां तक पहुंची हूं और चंद्रशेखर ने मेरा सब कुछ बर्बाद कर दिया। मेरी इमेज और मेरा स्ट्रगल सबकुछ।' 'मेरी स्कॉलरशिप सिर्फ 2 साल की थी, जो 2022 में ही खत्म हो गई। फिर मैंने अपने खर्च पूरे करने और घर पर पैसे भेजने के लिए इवनिंग रेस्टोरेंट में वेट्रेस का भी काम किया। मैंने किसी का एक भी पैसा नहीं खाया। इसने मुझ पर ही फ्रॉड का केस कर दिया। मैं अब चंद्रशेखर और इन सारे आरोपों के खिलाफ लड़ूंगी।' पुलिस बोली- 24 घंटे में FIR होगी, फिर कहा- ऊपर से ऑर्डर नहींरोहिणी कहती हैं कि पहली बार मैंने 23 जून, 2025 को राष्ट्रीय महिला आयोग, दिल्ली कमिश्नर ऑफिस और दिल्ली पुलिस के पास शिकायत भेजी थी। राष्ट्रीय महिला आयोग में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज हुई है। हालांकि पुलिस ने कहा कि मैं जब यहां आऊंगी, तब ही FIR दर्ज हो पाएगी। क्योंकि ऐसे मामलो में विक्टिम का होना जरूरी है। वो कहती हैं, '6 अगस्त को मैं इंडिया आई। DCP, ACP और SHO से मिली। सबने हौसला दिया। यहां तक कि मैंने जिन-जिन जगहों और होटल्स का जिक्र कम्प्लेन में किया था, उन सब जगहों पर जाकर पुलिस पहले ही पड़ताल भी कर चुकी थी। ये सारी पड़ताल एक लेडी इंस्पेक्टर ने की थी। पुलिस ने 6 अगस्त को कहा कि 24 घंटे के अंदर आपकी FIR दर्ज हो जाएगी लेकिन ऐसा हुआ नहीं।' रोहिणी कहती हैं, 'मैंने FIR कन्फर्मेशन का इंतजार किया। जब कोई खबर नहीं मिली तो 18 अगस्त को फिर दिल्ली पहुंची। वहां थाने से कोई जवाब नहीं मिला। जब भी पुलिस वालों को फोन कर FIR के बारे में पूछती, तो बस यही बोलते थे कि अभी ऊपर से ऑर्डर नहीं आया।' फिर एक पुलिस वाले ने बताया कि 4 धाराओं में हमने आपके केस की फाइल भी बना ली थी। तभी हमें ऊपर से मामले को आगे न बढ़ाने का ऑर्डर मिल गया।' फिर सितंबर में एक बार फिर मैं थाने गई, तब मुझसे कहा गया कि ऊपर से FIR दर्ज न करने का आदेश मिला है। रोहिणी कहती हैं, 'पुलिस के FIR दर्ज न करने पर मेरे वकील ने सलाह दी कि मैं अपना बयान मजिस्ट्रेट के सामने 156 (3) के तहत दर्ज करा दूं। अब बयान दर्ज हो चुका है। आगे कोर्ट पुलिस से पूछेगी, तब पता चलेगा कि पुलिस FIR क्यों नहीं दर्ज कर रही थी।' रोहिणी और चंद्रशेखर 4 साल रिश्ते में रहेआप दोनों पहली बार कब मिले? इस पर रोहिणी कहती हैं, '30 जून 2021 को पहली बार हमारी फोन पर बात हुई। मैं स्विट्जरलैंड में फैलोशिप प्रोग्राम में थी। कुछ महीनों की बातचीत के बाद हम रिलेशनशिप में आ गए। वो मुझसे कहते थे कि मुझे ऐसी ही लड़की चाहिए जो बहुजन आंदोलन को समझे। शादी का वादा करते और कहते कि हर युग में कोई न कोई जोड़ी दलितों के उद्धार के लिए आती है। सावित्रीबाई फुले-ज्योतिबा फुले, कांशीराम-मायावती। अब हम होंगे।' 'मैं उनसे पहली बार भारत में ही अक्टूबर, 2021 में मिली थी। वो मुझे एयरपोर्ट पर लेने भी आए थे। हम जब भी मिले, भारत में ही मिले। उनके पास पासपोर्ट नहीं था इसलिए वो विदेश नहीं जा सकते थे। हां पिछले साल सितंबर 2024 में सांसद बनने के बाद आस्ट्रिया में उनसे मुलाकात हुई थी।' रोहिणी का दावा- चंद्रशेखर की पार्टी में डिसीजन मेकर थीरोहिणी दावा करती हैं कि चंद्रशेखर की पार्टी के पॉलिटिकल डिसीजन और पॉलिसीज में उनका बड़ा रोल था। अध्यक्ष, कोर कमेटी मेंबर और दूसरे सदस्यों से वो रोज बात करती थीं। उनकी सलाह पर पार्टी और चंद्रशेखर खुद अमल करते थे। वे बताती हैं, 'समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव जब अस्पताल में एडमिट थे। तब मैंने ही चंद्रशेखर से कहा था कि आप उनसे मिलने जाइए। उनके निधन के बाद तो दुनिया जाएगी लेकिन आपको उनके जीवित रहते हुए जाना चाहिए। उस वक्त अखिलेश यादव और इनके रिश्ते में कुछ खटास थी इसलिए ये नहीं जाना चाहते थे लेकिन फिर भी मिलने गए।' 'जब चंद्रशेखर तेलंगाना गए तो वहां से मुझे फोन किया। पूछने लगे कि CM से मिलना चाहिए या नहीं? मैंने कहा- बिल्कुल मिलिए। इनका कांग्रेस के सीनियर लीडर कमलनाथ से मिलने का फैसला भी हम दोनों का था। नगीना सीट से चुनाव लड़ने में भी मेरा बहुत बड़ा रोल था।' 'हम सब चंद्रशेखर के लिए सीट चुन रहे थे, तब बातों ही बातों में इन्होंने बताया कि नगीना सीट से कांशीराम और मायावती चुनाव लड़े थे। तब मैंने ही कहा कि आपको भी इसी सीट से चुनाव लड़ना चाहिए। फिर नगीना सीट पर किस संख्या में किस कम्युनिटी के लोग हैं? हर कम्युनिटी तक पहुंचने की रणनीति क्या होगी। इन सब कामों में मेरा अहम रोल था। ये पावर चंद्रशेखर ने ही मुझे दी थी।' शराब पीना कोई बड़ी बात नहीं, जनता से झूठ बोलना गलतआपने सोशल मीडिया पर लिखा कि चंद्रशेखर आपसे शराब मंगवाते थे? इस पर रोहिणी कहती हैं, 'शराब पीना कोई बड़ी बात नहीं। विदेश से जो भी भारत आता है, उसके जानने वाले ऐसी डिमांड करते हैं। मैंने सोशल मीडिया पर इस बात का जिक्र सिर्फ तब किया, जब चंद्रशेखर ने जनता के सामने कहा कि वो शराब नहीं पीते।' 'मेरा मानना है कि जनता से झूठ नहीं बोलना चाहिए। मैं जब भी इंडिया आने वाली होती थी, तब वो मुझे ब्रांड बताते थे और मैं उनके लिए लेकर आती थी।' चंद्रशेखर ने कहा- कोर्ट में जवाब देंगेरोहिणी के दावों और आरोपों को लेकर दैनिक भास्कर ने भीम आर्मी के फाउंडर चंद्रशेखर आजाद को कई बार फोन किया लेकिन जवाब नहीं मिला। सांसद प्रतिनिधि काशी का फोन तो कई बार उठा। उन्होंने वादा भी किया कि उसी दिन शाम को बात करवाएंगे। हालांकि न उनका फोन आया और न ही दोबारा काशी का फोन उठा। हमने चंद्रशेखर और उनके सांसद प्रतिनिधि को 5 सवाल भेजे। जवाब आया कि चंद्रशेखर कोर्ट में जवाब देंगे। उन्होंने एक डॉक्यूमेंट की कॉपी भेजी, जिसे सांसद ने रोहिणी घावरी पर उनकी इमेज डैमेज करने के मामले में हाईकोर्ट में दाखिल किया है। पुलिस ने कहा- कुछ न बोलने का आदेश मिलाइस केस को लेकर हमने पुलिस से भी बात करने की कोशिश की। केस की पड़ताल एक लेडी इंस्पेक्टर ने की थी। हमने उसने बात करनी चाही तो उन्होंने कहा कि SHO से बात कीजिए। हमने कम्प्लेन की पड़ताल के बारे में पूछा तो जवाब मिला, ‘केस के बारे में कुछ न बोलने का आदेश है।' SHO ने बात करने से साफ मना कर दिया। DCP पार्लियामेंट से बात की तो जवाब मिला कि केस के बारे में जानकारी नहीं है। जबकि रोहिणी का दावा है कि इन सभी अधिकारियों से उसकी मुलाकात और बात दोनों हुई है। इन्हीं में से एक अधिकारी ने उनसे पॉलिटिकल प्रेशर होने और ऊपर से FIR दर्ज न करने के ऑर्डर मिलने की बात कही थी।..........................ये खबर भी पढ़ें...इंदौर की रोहिणी ने दी सुसाइड की धमकी, कहा- अय्याश खुशियां मना रहा यूपी की नगीना सीट से सांसद और भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी ने सुसाइड की धमकी दी है। रोहिणी इंदौर की रहने वाली हैं और अभी स्विट्जरलैंड में रहती हैं। एक पोस्ट में रोहिणी ने चंद्रशेखर, उनकी पत्नी और बच्चे की तस्वीर पोस्ट की और लिखा- मेरा जीवन बर्बाद करके खुशियां मना रहा है। आज ही तेरे नाम पर जहर खाऊंगी। पढ़िए पूरी खबर...
Amir Khan Muttaqi:तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की भारत यात्रा के दौरान एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति ने सबका ध्यान आकर्षित किया. सूत्रों के अनुसार, इस कार्यक्रम में केवल 20 पत्रकारों ने भाग लिया और भागीदारी पर अंतिम निर्णय तालिबान अधिकारियों द्वारा लिया गया था.
'मैं यह पुरस्कार ट्रंप को समर्पित करती हूं...' शांति का नोबेल जीतने वाली मारिया ने ऐसा क्यों कहा?
Donald Trump: वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो ने नोबेल शांति पुरस्कार जीतने पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह सम्मान वेनेजुएला के पीड़ित लोगों और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंपको समर्पित है, जिन्होंने उनकी आजादी की लड़ाई में समर्थन किया है.
ये सुनकर तो काफी आश्चर्य लगता होगा कि हिटलर के नाम पर शांति का नोबेल का नॉमिनेशन? कोई भी इस बात का भरोसा नहीं कर सकता है कि भला हिटलर जैसे क्रूर शख्स को भी नोबेल के शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया जा सकता है. हिटलर की क्रूरता के किस्सों से इतिहास पटा हुआ है.
Philippines News: जलजले के बाद फिर थर्राया फिलीपीन, 6.9 तीव्रता का आया भूकंप; सुनामी का अलर्ट जारी
Philippines Earthquake Latest News: फिलीपींस में डर और दहशत का माहौल है. वहां पर कुछ ही घंटे के अंतराल पर दो बड़े भूकंप आ चुके हैं. इन भूकंपों के बाद से सुनामी का अलर्ट भी जारी है, जिसके चलते लोग घर छोड़कर सुरक्षित इलाकों की ओर भाग रहे हैं.
Contender shark: रहस्यों से भरी दुनिया में अटलांटिक महासागर भी अपने आप में रहस्यों का बड़ा भंडार है. इसकी गहराई में न जाने कितने राज छिपे हुए हैं और न जाने कितने रहस्यों के बारे में वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं. ऐसे में यहां एक विशालकाय ग्रेट व्हाइट शार्क दिखी, जिसने सबको हैरान कर दिया है.
Norwegian committee on Nobel: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई बार खुलकर नोबेल पुरस्कार के लिए अपनी इच्छा जताई थी. हालांकि ये पुरस्कार वेनेजुएला की नेता विपक्ष मारिया कोरिना मचाडो को मिला. अब नार्वे की नोबेल कमेटी ने इस बात का खुलासा भी कर दिया है कि उन्होंने आखिरकार ट्रंप को क्यों नहीं दिया ये नोबेल पुरस्कार?
नोबेल कमेटी पर भड़का व्हाइट हाउस, ट्रंप को शांति पुरस्कार ना मिलने पर कह दी ये बात
Donald Trump: राष्ट्रपति ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार ना मिलने पर व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया सामने आई है. व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप शांति समझौते करने, युद्ध समाप्त करने और लोगों की जान बचाने के अपने प्रयास जारी रखेंगे.
ट्रंप का टूट गया दिल! इस साल का नहीं मिला नोबेल शांति पुरस्कार, जानें किसने मारी बाजी?
Nobel Peace Prize 2025Maria Corina Machado:इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा हो चुकी है. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम विजेताओं में शामिल नहीं है. ट्रंप के समर्थकों को अब अगले साल यानी 2026 तक इंतजार करना होगा.मारिया कोरिना मचाडो को शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.
यूक्रेन पर फिर रूस का मिसाइल अटैक, सर्दियों से पहले हमले की पीछे छिपी है खास रणनीति
Russian missile strikes on Kyiv: रूस और यूक्रेन के बीच जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रहा, शुक्रवार को हुए हमले में 20 लोग घायल हो चुके हैं, और एक बच्चे की मौत की खबर आ रही है.
चकनाचूर होने वाला है भारतीयों का 'अमेरिकन ड्रीम', H1B वीजा पर ट्रंप ने फंसाया नया पेंच
America H1B Visa Rule Change: अमेरिका में H1B वीजा को लेकर अब एक और नया नियम लागू हो सकता है, जिसका सबसे ज्यादा असर भारतीयों को पड़ सकता है.
Maori Haka dance in New Zealand Parliament:भारतीय संसद के अंदर आप सबने खूब जबरदस्त नोकझोंक देखी होगी, लेकिनन्यूज़ीलैंड की संसद में जो हुआ उसे देखकर आपके रोंगेटे खड़े हो जाएंगे. चलती हुई संसद में महिला सांसद ने ऐसा अपना रौद्र रूप दिखाया कि स्पीकर गुस्से से लाल हो गए. देखें रोंगटे खड़ा करने वाला Video और समझें पूरा मामला.
गाजा 'पीस प्लान' पर ट्रंप की कड़ी नजर, निगरानी के लिए मिडिल ईस्ट में तैनात किए जाएंगे 200 सैनिक
गाजा में संघर्ष खत्म करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 'पीस प्लान' के पहले चरण पर इजरायल और हमास ने मुहर लगा दी है। इसके तहत इजरायली डिफेंस फोर्स गाजा पट्टी से एक सीमा के भीतर वापस जाएगी
फिलीपींस में महसूस किए गए भूकंप के झटके, 7.6 रही तीव्रता
फिलीपींस में भूकंप के झटके थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। शुक्रवार सुबह मिंडानाओ क्षेत्र के दावाओ ओरिएंटल प्रांत में धरती एक बार फिर डोली, जिसके बाद अफरातफरी मच गई। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.6 मापी गई
स्पेन रक्षा खर्च नहीं बढ़ाता, तो नाटो से बाहर हो : ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सुझाव दिया कि अगर स्पेन अपना रक्षा खर्च नहीं बढ़ाता, तो उसे नाटो से बाहर कर देना चाहिए
Netanyahu Pauses Security Meet For PM Modi: पूरी दुनिया में पीएम मोदी और नेतन्याहू की दोस्ती मशहूर है. इसकी ताजा बानगी तब और मिली जब पीएम मोदी से बात करने के लिए नेतन्याहू नेसिक्योरिटी कैबिनेट मीटिंग तक रुकवा दी. अब जानते हैं आखिर दोनों को किस मामले पर बात करनी थी, जिसके लिए इतना बड़ा लिया नेतन्याहू ने फैसला.
खौफ में फिलीपींस, समंदर में 7.6 तीव्रता का भूकंप, खतरनाक सूनामी की आशंका, इन 2 देशों में भी खतरा
Earthquake In Philippines:एशियाई देश फिलीपींस के दक्षिण हिस्से के पास समंदर में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया, और इसकी वजह से आसपास खतरनाक सुनामी आने की आशंका जारी की गई है.
All eyes on Trump Nobel Peace Prize:नोबेल पाने के लिए ट्रंप ने क्या-क्या नहीं किया, हर वो काम किए जो उन्हें नोबेल दिला सकता था. दुनिया में कोई भी जंग में सीजफायर हुआ, ट्रंप ने उसकी क्रेडिट ली, कई देशों के बीच खुद सीजफायर कराने का दावा भी किया. पूरी दुनिया में खूब धौंस दिखाई. यहां तक अपने ताकत के दमपर इजरायल- हमास की जंग रुकवा दी, लेकिन ये सब करने के बाद भी ट्रंप को नहीं 2025 का नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा. जानें पूरी कहानी.
Carla Belluci Controversy: 'ब्रिटेन की सबसे बदनाम महिला' कार्ला बेलुची नो मर्दों को लेकर एक बयान दिया है. उनका कहना है कि शादीशुदा पुरुष उन्हें मैसेज भेजते हैं.
Bardsey Island:दुनिया के कुछ आइलैंड ऐसे भी हैं जहां इंसान की आबादी काफी कम है, इसलिए वहां कुछ नए लोगों को इनवाइट किया जा रहा है, ताकि भेड़-बकरियां चराने और खेती करने में मदद मिल सके.
बंधकों को वापस लाने वाले इजरायली अभियान का नाम 'रिटर्न टू देयर बॉर्डर'
इजरायल-हमास शांति ढांचे के पहले चरण पर सहमत हो गए हैं। इसके तहत बंधकों की रिहाई होनी है
इंस्टाग्राम स्क्रॉल कर रही श्रेया को एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म का विज्ञापन दिखा। जिसमें एक ड्रेस की कीमत 750 रुपए थी। श्रेया ने फौरन उसे क्लिक किया, लेकिन खरीदते वक्त उसी ड्रेस की कीमत 1400 रुपए हो गई। श्रेया ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के डार्क पैटर्न का इकलौता शिकार नहीं हैं। कम्युनिटी प्लेटफॉर्म लोकल सर्कल्स ने 77,000 हजार लोगों पर सर्वे करके ई-कॉमर्स मार्केट प्लेस के ऐसे 5 डार्क पैटर्न्स बताए हैं, जो ग्राहकों को गुमराह करते हैं… 1. Drip Pricing: कम कीमत दिखाकर ग्राहकों को लुभाना ड्रिप प्राइसिंग’ यानी जब आप प्रोडक्ट देखते हैं तब उसकी कीमत कम होती है, लेकिन पेमेंट पेज पर पहुंचते ही टैक्स, सर्विस फीस, प्लेटफॉर्म फीस, हैंडलिंग चार्ज और कैश ऑन डिलीवरी (COD) चार्ज जोड़ देते हैं। इससे प्रोडक्ट की कीमत काफी बढ़ जाती है। लोकल सर्कल्स के सर्वे में 75% यानी हर 4 में से 4 ग्राहक इस डार्क पैटर्न का शिकार बने। उदाहरण: पहले प्रोडक्ट सिर्फ ₹1000 दिखाया गया, लेकिन चेकआउट पर अचानक ₹80 पेमेंट चार्ज और ₹50 प्लेटफॉर्म फीस जुड़ गई। अब प्रोडक्ट कुल 1130 रुपए का हो गया। 2. Bait Switch: चारा डालकर ग्राहक को फंसा लेना ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म कई बार किसी प्रोडक्ट की कीमत या फास्ट डिलीवरी को बहुत आकर्षक तरीके से दिखाते हैं, ताकि ग्राहक ऐप या वेबसाइट पर आए। यूजर जैसे ही वेबसाइट पर लॉग-इन करता है, कीमत पहले से ज्यादा निकलती है। सर्वे में शामिल 48% लोगों को इस डार्क पैटर्न का शिकार हुए। उदाहरण: सोशल मीडिया पर कोई प्रोडक्ट ₹500 में दिखाया गया, लेकिन लॉग-इन करने के बाद वही प्रोडक्ट ₹700 में मिल रहा है। 3. Privacy Zuckering: बिना इजाजत डेटा का इस्तेमाल करना प्राइवेसी जकरिंग यानी कस्टमर की जानकारी का गलत इस्तेमाल करना और बिना इजाजत उसे मैसेज पर नए-नए ऑफर भेजना। लोकल सर्कल्स के सर्वे में 44% लोग इससे परेशान हैं। प्राइवेसी जकरिंग के कई तरीके हैं… 4. Forced Action: ग्राहक को मजबूर करना फोर्स्ड एक्शन यानी कस्टमर को उनकी सहमति के बिना किसी एक्शन लेने के लिए मजबूर करना। जैसे- ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर 29% यूजर्स को अकसर इसका सामना करना पड़ता है। 5. Basket Sneaking: ग्राहक के कार्ट में खुद कुछ जोड़ देना कई ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स कस्टमर की सहमति के बिना उसके कार्ट में कोई प्रोडक्ट, सर्विस या डोनेशन ऐड कर देते हैं, जिन्हें यूजर को मैनुअली हटाना पड़ता है। जैसे- लोकल सर्कल्स की रिपोर्ट के मुताबिक Amazon, Flipkart, Tata Neu, JioMart और Myntra पर डार्क पैटर्न पाए गए। हालांकि Meesho पर ऐसा देखने को नहीं मिला। ई-कॉमर्स साइट्स प्रोडक्ट बेचने के लिए कस्टमर में फोमो पैदा करती हैं ई-कॉमर्स वाली कई साइटें ‘लास्ट पीस बचा है’, ‘सिर्फ 2 मिनट में ऑफर खत्म’ जैसी लाइनों से कस्टमर में फोमो (FOMO) यानी फियर ऑफ मिसिंग आउट पैदा करती हैं। कुछ ई-कॉमर्स साइट पर तो ‘डिफॉल्ट ऑप्शन’ में ऐसे प्रोडक्ट या सर्विस जुड़े होते हैं, जिनकी जरूरत ही नहीं होती। 8 अक्टूबर 2025 को कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्टर प्रहलाद जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया कि ई-कॉमर्स साइटों पर कैश ऑन डिलीवरी पर एक्स्ट्रा चार्ज की शिकायतें मिली हैं। जबकि इसके खिलाफ सरकार ने सख्त नियम बना रखे हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट पर ये भी कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। -------- ये खबर भी पढ़िए... बिहार में आचार संहिता लागू, ये होती क्या है:जब लालू ने चुनाव आयुक्त को कहा- भैंसिया पर चढ़ाकर गंगाजी में हेला देंगे; जानिए पूरी कहानी बिहार में 243 सीटों पर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में चुनाव की घोषणा की है। नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। चुनाव की तारीखों के साथ ही राज्य में आचार संहिता भी लागू हो गई है। पूरी खबर पढ़िए...
जापान में एक वायरस तेजी से फैल रहा है. जिसकी चपेट में पिछले एक हफ्ते में अबतक 4 हजार से ज्यादा लोग आ चुके है. तेजी से फैलते इस वायरस पर दवाएं भी बेअसर है, फिर क्या है इसका इलाज. क्या ये कोविड जैसी वैश्विक महामारी बन सकता है, पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...
'वह इसके हकदार हैं' ये कहते हुए नेतन्याहू ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार जीतते हुए दिखाया!
सोशल मीडिया पर इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक एआई-जनरेटेड तस्वीर शेयर की है जिसमें उनके गले में नोबेल पुरस्कार पदक लटका हुआ है
'90 के दशक की बात है। मेरी पत्नी मुरादाबाद की एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थीं। हम वहीं रहते थे। वहां मुस्लिम आबादी काफी ज्यादा है। उस वक्त शाम होने के बाद औरतों को घर से बाहर नहीं ले जा सकते थे। माहौल ऐसा था कि अगर मुस्लिम कम्युनिटी के किसी व्यक्ति की बकरी से मेरी स्कूटर छू भी जाती तो वो मुझे उतारकर मारते-पीटते और पत्नी को उठा ले जाते। वहां ऐसा अक्सर होता था।' जस्टिस बीआर गवई की तरफ जूता फेंकने वाले एडवोकेट राकेश किशोर अपनी जिंदगी से जुड़े इस किस्से से मुस्लिमों के प्रति अपनी सालों पुरानी नाराजगी जता देते हैं। वे कहते हैं कि जस्टिस गवई ने भी हिंदू देवी-देवताओं और सनातन धर्म का अपमान किया है, इस पर मैं चुप नहीं रह सकता था। 16 सितंबर को CJI गवई ने खजुराहो में भगवान विष्णु की खंडित मूर्ति की बहाली की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। इसके विरोध में 6 अक्टूबर को राकेश ने सुप्रीम कोर्ट के अंदर CJI गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की। जूता CJI तक नहीं पहुंच सका। सुरक्षाकर्मियों ने राकेश को पकड़कर बाहर कर दिया। इस दौरान उसने नारे लगाए- 'सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।' इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने वकील राकेश किशोर (72) का लाइसेंस 9 अक्टूबर को तत्काल प्रभाव से कैंसिल कर दिया। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने भी उन्हें सस्पेंड कर दिया है। राकेश बिना जांच सस्पेंशन पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि मुझे इससे काफी नुकसान हुआ। मेरे क्लाइंट्स अपना पैसा और केस दोनों वापस ले रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने आरोपी वकील राकेश किशोर से बात कर पूरा मामला समझा और बार काउंसिल ऑफ इंडिया का भी पक्ष जाना। मन में सवाल आया- ‘सनातनियों के अपमान पर चुप क्यों हूं‘जूता फेंकने की घटना के बारे में पूछने पर आरोपी एडवोकेट राकेश किशोर बड़ी बेबाकी से कहते हैं, 'जिस दिन ये कांड हुआ, उस दिन कोर्ट में मेरा कोई केस नहीं था। मैं सिर्फ इसी काम के लिए पहुंचा था क्योंकि क्या सही है और क्या गलत, इसे लेकर मेरे अंदर कई सवाल थे। कोई शक्ति थी जो लगातार मुझसे पूछ रही थी कि जब सनातनियों का अपमान हुआ, तब भी मैं चुप क्यों रहा।' '16 सितंबर को जस्टिस गवई ने पहले 100 करोड़ लोगों की आस्था वाले हिंदू धर्म और सनातन धर्म के साथ हिंसा की। उन्होंने हमारे प्रभु विष्णु का अपमान किया और मजाक उड़ाया। मैंने ये सब उसके जवाब में किया।' याद रखना चाहिए कि पहली हिंसा उनकी तरफ से हुई, मेरी तरफ से नहीं। पूरे कांड में एक्शन तो जस्टिस गवई का था, मैंने सिर्फ रिएक्शन दिया था। वे आगे कहते हैं, 'हिंसा दो तरह से होती है। एक हिंसा दिखाई देती है और एक दिखाई नहीं देती। पहली हिंसा ये होती है कि कोई छुरी आपकी तरफ कर दे और कहे कि ये काम करो नहीं तो इसे छाती में घोप दूंगा। दूसरी हिंसा वो होती है, जिसमें कोई व्यक्ति छुरे को अपनी तरफ कर ले और कहे कि ये काम करो नहीं तो जान दे दूंगा। मैं समझाना चाहता हूं कि पहली वाली हिंसा हिंदू धर्म के साथ हुई। गवई साहब ने हमारे देवी-देवताओं का अपमान किया।' राकेश सवाल करते हुए कहते हैं, 'गवई साहब ने कहा कि विष्णु भगवान से कहो कि वो अपनी मूर्ति खुद बनवा लें। क्या ऐसा कमेंट किसी और धर्म के लिए कोई जज या जस्टिस करेगा? ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदू धर्म सॉफ्ट टारगेट है।' बरेली में बुलडोजर एक्शन पर गवई के रिएक्शन से नाराजगी एडवोकेट राकेश किशोर कहते हैं, 'मैं बरेली में पैदा हुआ और वहीं पला-बढ़ा। मैंने जमीनों पर कब्जा होते देखा है। जिस व्यक्ति के खिलाफ बुलडोजर एक्शन हो रहा है, उसके बारे में कौन नहीं जानता। और गवई साहब मॉरीशस में कहते हैं कि देश बुलडोजर से नहीं चलेगा। यूपी के CM योगी ने कम से कम ये हिम्मत तो की। पहले की सरकारें तो चुप्पी साधे रहीं। अगर इन लोगों को नोटिस पहुंचता भी था तो उसका जवाब दे या न दें, कोई पूछने वाला नहीं था।' अपने परिवार पर भी भड़के एडवोकेट, बोले- पत्नी-बच्चे मुझसे नाराजइन सबको लेकर आपका परिवार क्या सोचता है? इसके जवाब में एडवोकेट राकेश कहते हैं, 'मेरा परिवार बहुत नाराज है। सनातन धर्म की सबसे बड़ी कमी यही है। मुस्लिम धर्म की औरतें अपने धर्म को लेकर हिंसा होने पर सड़क पर आ जाती हैं। उनकी छोटी-छोटी बच्चियां तक सड़कों पर आ जाती हैं। हमारे घर की औरतें तो बच्चे और पति को अंदर करके दरवाजा बंद कर लेती हैं। बगल के घर में रेप भी हो रहा हो तो विरोध करने के बजाय अपना घर बंद कर लेती हैं।' वे कहते हैं, 'हम गुलाम ही इसलिए हुए क्योंकि पृथ्वीराज चौहान पर मोहम्मद गौरी हमला करता रहा और बाकी राजा मजे से सब देखते रहे। यही मेरे साथ भी हो रहा है। सनातन का अपमान करने से तब कोई व्यक्ति नहीं डरेगा, जब एक तरफ विरोधी लोग हों और बैरिकेड के दूसरी तरफ भगवा ध्वज लिए सनातनी हों।' दलित का मुद्दा बनाने वालों को पता नहीं, मैं खुद दलित जूता कांड के बाद से एडवोकेट राकेश को परिवार के साथ ही अपने जानने वालों का भी सपोर्ट नहीं मिल रहा है। वे कहते हैं, 'मेरे घर के बाहर आम आदमी पार्टी के लोग जूतों की माला लेकर आ गए। पूरे दिन घर के बाहर हंगामा होता रहा, लेकिन मेरी सोसाइटी से कोई भी व्यक्ति मेरे सपोर्ट में नहीं निकला।' 'उल्टा ये लोग मेरे ही बारे में कुछ-कुछ शिकायतें करते रहे। तुच्छ के लिए मेरी सोसाइटी के लोग विराट सनातन को नकार रहे थे। मैं सनातन के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा।' इस घटना को दलितों का अपमान बताने वाले लोगों पर एडवोकेट राकेश कहते हैं, 'जो लोग इसे दलितों का मुद्दा बना रहे हैं, वो ये नहीं जानते हैं कि मैं खुद दलित हूं। कोरी समाज से आता हूं। दरअसल ये मुद्दा दलित या सवर्ण का नहीं है। ये सनातन धर्म के अपमान का है।' सस्पेंशन से नुकसान हुआ, क्लाइंट केस और पैसा दोनों ले जा रहेसुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने 9 अक्टूबर को ही एडवोकेट राकेश का लाइसेंस कैंसिल कर दिया। उनका रजिस्ट्रेशन 2011 का था। इसके बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने भी आरोपी राकेश को तुरंत सस्पेंड कर दिया। इसे लेकर राकेश कहते हैं, 'सस्पेंशन के बाद मेरा काफी नुकसान हुआ है। मेरे क्लाइंट डर गए हैं कि अब मैं केस नहीं लड़ पाऊंगा। वे आकर अपने पैसे और केस दोनों वापस ले जा रहे हैं। अब मेरे पास इतना पैसा नहीं था कि सबकी फीस लौटा सकूं तो कुछ लोग कोस भी रहे हैं। वे मेरी मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। कह रहे हैं कि मैं पैसा नहीं देना चाहता। जबकि ऐसा नहीं है, मैं उनके सारे पैसे लौटा दूंगा।' वे आगे कहते हैं, 'मैं हार्ट पेशेंट हूं। अपोलो में मेरे हार्ट के वॉल्व का ऑपरेशन होना है। किडनी भी खराब है। शुगर और बीपी की भी शिकायत है। मैं 72 साल का हूं।' हालांकि दूसरे ही पल वो कहते हैं, 'मैं मरने वाला नहीं हूं। ईश्वर ने मुझे कुछ बड़ा करने के लिए चुना है। मैं कम से कम 10-12 साल और जिऊंगा।' बिना जांच पड़ताल किए सस्पेंशन कैसे हुआ एडवोकेट राकेश अपने सस्पेंशन पर सवाल उठाते हुए कहते हैं, 'अधिवक्ता अधिनियम का सेक्शन-35 कहता है कि जब बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पास कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट की कोई शिकायत पहुंचे तो डिसीप्लीनरी कमेटी बनाई जाए, ये कमेटी आरोपी को एक शोकॉज नोटिस भेजती है। आरोपी से जवाब मांगा जाता है और उस पर सुनवाई होती है।' 'आप देखिए एक एडवोकेट हैं प्रशांत भूषण। उन पर भी कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का केस बना था। ये बात 2020 की है। उन्हें तब कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का दोषी ठहराया गया था। उन्हें सजा के तौर पर बस एक रु. जुर्माना भरना पड़ा और बरी हो गए। अब आप मेरे केस में देखिए मेरी आलोचना तो हो ही रही है। मुझे बिना जांच सस्पेंड भी कर दिया गया।' 'जबकि प्रशांत भूषण ने भी चीफ जस्टिस के खिलाफ ही ट्वीट किया था और टिप्पणी की थी। दरअसल 29 जून, 2020 को एडवोकेट प्रशांत भूषण ने महंगी बाइक पर बैठे चीफ जस्टिस बोबडे की तस्वीर ट्वीट करते हुए कमेंट किया था। जबकि दूसरे ट्वीट में उन्होंने भारत के हालात को लेकर पिछले 4 मुख्य न्यायाधीशों की भूमिका पर अपनी राय दी थी।' BCI अध्यक्ष ने कहा- वकील का व्यवहार कोर्ट की गरिमा के खिलाफ BCI अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने 6 अक्टूबर को ही एक अंतरिम निलंबन आदेश जारी कर दिया। इसमें कहा गया कि वकील का ये व्यवहार 'न्यायालय की गरिमा के अनुकूल नहीं' है और ये अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के तहत पेशेवर आचार संहिता का उल्लंघन है। BCI ने कहा, 'राकेश किशोर को तत्काल प्रभाव से प्रैक्टिस से सस्पेंड किया जाए और उन्हें भारत के किसी भी न्यायालय, प्राधिकरण या अधिकरण में हाजिर होने, काम करने, पैरवी करने या प्रैक्टिस करने से दूर रखा जाए।' वकालत से पहले WHO में काम करते थे एडवोकेट राकेश किशोर ने वकालत 2011 के बाद शुरू की। उन्होंने बताया- वकालत से पहले वो WHO के कुछ प्रोजेक्ट में काम करते थे। राकेश, मेडिकल एंटोमोलॉजी के एक्सपर्ट हैं। वो कहते हैं कि डेंगू, मलेरिया वेक्टर जनित बीमारियों के प्रोजेक्ट में वो काम करते थे। उन्होंने भारत सरकार के लिए भी काम किया। 16 सितंबर को CJI ने कहा था- जाओ, भगवान से खुद करने को कहोCJI गवई ने 16 सितंबर को मध्य प्रदेश के खजुराहो के जवारी (वामन) मंदिर में भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची खंडित मूर्ति की बहाली की मांग वाली याचिका खारिज की थी। कोर्ट ने कहा कि प्रतिमा जिस स्थिति में है, उसी में रहेगी। भक्तों को पूजा करनी है तो वे दूसरे मंदिर जा सकते हैं। याचिकाकर्ता ने इस फैसले पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि ये हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला फैसला है। याचिकाकर्ता का दावा है कि ये मूर्ति मुगलों के आक्रमणों के दौरान खंडित हो गई थी और तब से ये इसी हालत में है। हालांकि दो दिन बाद ही 18 सितंबर को जस्टिस गवई ने अपनी टिप्पणी पर सफाई भी दी थी। उन्होंने कहा कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। बेंच में शामिल जस्टिस के विनोद चंद्रन ने सोशल मीडिया को एंटी-सोशल मीडिया कहा था। उन्होंने बताया कि उन्हें भी ऑनलाइन गलत तरह पेश किया गया।..........................ये खबर भी पढ़ें... CJI अटैक मामला, आरोपी वकील की बार एसोसिएशन मेंबरशिप खत्म सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने गुरुवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बी आर गवई पर हमले की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर (71) की मेंबरशिप तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी। SCBA ने कहा कि वकील का व्यवहार पेशेवर नैतिकता, शिष्टाचार और सुप्रीम कोर्ट की गरिमा का गंभीर उल्लंघन है। पढ़िए पूरी खबर...
DNA: इस्लामिक कट्टरता पर सख्त हुईं मेलोनी, इटली में बुर्का और नकाब पर बैन की तैयारी; नहीं माने तो...
इटली की सत्तारूढ़ पार्टी ने एक नया कानून बनाने के लिए विधेयक पेश किया है इस विधेयक के पारित होते ही इटली में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का, नकाब और हिजाब तीनों को बैन कर दिया जाएगा ये बैन दफ्तर, कॉलेज और दुकानों जैसी जगह पर लागू होगा और बैन का उल्लंघन करने पर 30 हजार से लेकर 3 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा
क्या है लॉरेंस बिश्नोई का ऑपरेशन ‘C’, आतंकी घोषित होने से नाराज गैंगस्टर ने बनाया ये खास प्लान
Lawrence Bishnoi:कनाडा में लॉरेंस बिश्नोई गैंग द्वारा फायरिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं. हाल ही में कनाडा सरकार ने इस गैंग को आतंकवादी संगठन घोषित किया है, जिसके बाद गैंग के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है. गैंग के सदस्यों की संपत्तियां जब्त की जा रही हैं और उनके बैंक खाते फ्रीज किए जा रहे हैं.
No War Countries: आंगन में कभी नहीं महकी बारूद की बू, दुनिया के वो देश जिन्होंने कभी नहीं लड़ी जंग
Countries Which never been in War:अगर इतिहास की किताब को उलट कर देखें तो दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जिन्होंने किसी ना किसी रूप में जंग लड़ी है. लेकिन कई देश ऐसे हैं, जिनकी फिजाओं में बारूद की बू महक ना पाई. चलिए आपको उन देशों के बारे में बताते हैं.
Russia-Ukraine War:'सीजफायर से डरते हैं पुतिन', यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बताई रूस की रणनीति
जेलेंस्की का मानना है कि अगर एक बार युद्ध रुक गया तो फिर से युद्ध शुरू करना उनके लिए आसान नहीं होगा. यह सिर्फ सैनिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और वैश्विक दबाव की वजह से भी मुश्किल होगा. इसलिए पुतिन फिलहाल युद्ध जारी रखना चाह रहे हैं.
Donald Trump: बेंजामिन नेतन्याहू ने एक तस्वीर पोस्ट की है, जिसमेंडोनाल्ड ट्रंप के गले में शांति का नोबेल पुरस्कार नजर आ रहा है और उनके बगल में बेंजामिन नेतन्याहू खड़े हैं. पीछे लोग तालियां बजा रहे हैं.
300 गुना सैलरी आई तो 3 दिन में छोड़ दी नौकरी, उसके बाद कोर्ट ने तो गजब ही कर दिया!
Chile:चिली में एक कर्मचारी को अपने वेतन से 300 गुना अधिक राशि गलती से मिलने के बाद उसे रखने की अनुमति मिल गई है. तीन साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सैंटियागो की एक अदालत ने फैसला सुनाया कि यह मामला चोरी का नहीं बल्कि अनधिकृत वसूली का है.
Putin Admit Plane Crash:अज़रबैजानी राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के साथ बैठक में पुतिन ने कहा कि रूस ने घटना की सुबह यूक्रेनी ड्रोनों को नष्ट करने के लिए मिसाइलें तैनात की थीं, और वे विमान से कुछ मीटर की दूरी पर फट गईं.
मैनचेस्टर में भी Mayday Call, फ्यूल खत्म होने से 6 मिनट पहले हुई इमरजेंसी लैंडिंग; थम गई थीं सांसे
शुक्रवार (3 अक्टूबर) को इटली के पीसा से आए रायनएयर विमान को आयरशायर के प्रेस्टविक हवाई अड्डे पर लैंडिंग होनी थी. इसी दौरान अचानक से फ्लाइट को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी. फ्लाइट की मैनचेस्टर में इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई.
कतर एयरवेज की शर्मनाक हरकत, शाकाहारी डॉक्टर को परोसा नॉन-वेज खाना; हो गई मौत
Qatar Airways: कतर एयरवेज की एक उड़ान में शाकाहारी भोजन ऑर्डर करने के बावजूद मांसाहारी भोजन मिलने से एक यात्री की मौत के मामले ने फिर तूल पकड़ लिया है. जानकारी के अनुसार, मृत शख्स के परिवार ने अब कतर एयरवेज के खिलाफ मुकदमा दायर किया है और हर्जाने की मांग की है.
Nobel Literature Prize:साल 2025 के नोबेल के साहित्य के पुरस्कार का गुरुवार को ऐलान हो गया. हंगरी के लेखक लास्ज़लो क्रास्ज़नाहोरकाई को उनके सम्मोहक और दूरदर्शी कृति के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया है, जो सर्वनाशकारी आतंक के बीच, कला की शक्ति की पुष्टि करता है.
एक गलती से गई टिकटॉकर Yoon Ji-Ah की जान, इन्फ्लुएंसर का दोस्त ही बना कातिल; लड़कियां हो जाएं सावधान!
Justice For Yoon Ji-Ah:दक्षिण कोरिया की लोकप्रिय टिकटॉकर यून जी आह की हत्या की पुष्टि हो गई है. यून जी आह के टिकटॉक पर 3 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स थे. बता दें, यून अपनी आखिरी लाइवस्ट्रीम के कुछ घंटों बाद एक पहाड़ी इलाके में मृत पाई गईं थी.
Why Erdogan Thanks Trump On By Gaza Ceasefire: पाकिस्तान के साथ 'भाईचारा' रखने वाला तुर्की इन दिनों हमास के मामले में खूब चौधरी बन रहा है. राष्ट्रपति एर्दोगन ने तो ट्रंप के कसीदे इतने पढ़े हैं कि हर कोई देखकर हैरान है. आइए जानते हैं पूरी कहानी.
दक्षिण-पश्चिम चीन के सिचुआन में भूकंप के झटके महसूस किए गए
दक्षिण-पश्चिम चीन के सिचुआन प्रांत के गंजी तिब्बती स्वायत्त प्रान्त के शिनलोंग काउंटी में गुरुवार को स्थानीय समयानुसार 1:17 बजे 5.4 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किये गये। चीन के भूकंप नेटवर्क केंद्र (सीईएनसी) ने यह जानकारी दी
अमेरिकी कांग्रेस के 19 सदस्यों ने ट्रंप को लिखा पत्र, भारत पर लगे टैरिफ वापस लेने का किया आह्वान
अमेरिकी कांग्रेस के 19 सदस्यों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को पत्र लिखकर उनसे भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है
Cameroon: दुनिया के सबसे बुजुर्ग प्रेजीडेंट का सत्ता से मन नहीं भरा, 92 का होकर भी चुनावी रेस में
कैमरून के राष्ट्रपति पॉल बिय्या इस बार भी चुनावी रेस में शामिल हैं और कहा तो यहां तक जा रहा है कि वो सबसे आगे चल रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि बिय्या की उम्र अब 92 वर्ष हो चुकी है और वो पिछली 7 बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं.
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को गाजा युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के पहले चरण के लिए हमास के साथ हुए नए समझौते की सराहना की और इस समझौते को मंज़ूरी देने के लिए आज ही कैबिनेट की बैठक बुलाने का फ़ैसला किया
What is First phase of Gaza peace plan:हमास और इजरायल दोनों शांति प्लान के पहले चरण के लिए अपनी सहमति दे दी है. आइए इस मौके पर जानते हैं आखिर किसने कहा किजब 'सूर्य-चंद्रमा और सितारें एक साथ आए' फिर इजरायल-हमास जंग रोकने पर हुआ राजी. साथ में जानते हैं कि जिस शांति प्लान के लिए दोनों देशों ने हामी भरी है, उसके पहले चरण में क्या-क्या होगा.