Thank You my friend... ट्रंप ने 75वें जन्मदिन पर दी बधाई, PM मोदी ने यूं जताया आभार

Donald Trump wishes PM Modi:भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर 2025 को 75 साल के हो गए. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए दोनों देशों के संबंधों को मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई है. देश-दुनिया के नेता पीएम मोदी के साथ अपने निजी अनुभव सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ 17 Sep 2025 12:18 am

DNA: फेडरल रिजर्व की पहली अश्वेत गवर्नर को क्यों हटाना चाहते हैं ट्रंप? जिस पर कोर्ट ने दे दिया है उन्हें बड़ा झटका

Donald Trump and Lisa Cook controversy news: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पिछले 20 दिनों में तीसरा बड़ा झटका लगा है. फेडरल रिजर्व की पहली महिला अश्वेत गवर्नर को पद से हटाने की ट्रंप की मांग कोर्ट ने खारिज कर दी है.

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 11:42 pm

DNA: क्या भारत और अमेरिका के बीच चल रहे टैरिफ वॉर में हो गया है सीजफायर? दोनों देशों के किन कदमों से मिल रहे हैं ये संकेत

India US Trade Deal Updates: क्या भारत और यूएस के बीच चल रहे टैरिफ वार के समाधान का रास्ता साफ हो गया है. यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि दोनों ही देशों ने इस संबंध में कई अहम संकेत दिए हैं.

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 11:36 pm

नामीबिया की राजधानी में शून्य उत्सर्जन सप्ताह का शुभारंभ

नामीबिया की राजधानी विंडहोक ने जलवायु परिवर्तन के नुकसान और कम कार्बन उत्सर्जन से होने वाले फायदे को लेकर जागरूकता अभियान की शुरुआत की है

देशबन्धु 16 Sep 2025 11:32 pm

मक्का लेलो मक्का... चीज और मक्का बेचने के लिए क्यों बेताब है US; किन मजबूरियों के चलते नहीं खरीद रहा भारत?

India Us Trade Deal:भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता फिर शुरू हो गई है. अमेरिका अब बड़ी मांगों की जगह छोटे और व्यवहारिक प्रस्ताव लेकर आया है. वह भारत में सिर्फ खास किस्म की चीज़ और मकई बेचना चाहता है. यह कदम दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने और व्यापार बढ़ाने में मदद करेगा.

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 9:08 pm

Israel News: 'आपके हाथ में मोबाइल का मतलब आप इजरायल के...', US के सामने नेतन्याहू ने दिया डराने वाला बयान

Benjamin Netanyahu Latest News: इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा में कथित नरसंहार के नाम पर हथियारों की आपूर्ति रोकने वाले पश्चिमी देशों को खरी-खोटी सुनाई है. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के सामने नेतन्याहू ने एक डराने वाला बयान दिया.

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 8:03 pm

साउथ चाइना सी में बढ़ा तनाव: टकराए चीन और फिलीपींस के जहाज, एक शख्स जख्मी

चीन के तटरक्षक बल (सीसीजी) ने फिलीपींस के जहाज पर दक्षिण चीन सागर में वॉटर कैनन फायर करने का दावा किया है। मंगलवार को स्कारबोरो शोल के पास फिलीपींस के जहाज पर जानबूझकर उसके एक जहाज को टक्कर मारने का आरोप लगाया। वहीं फिलीपींस ने कहा कि उनका जहाज मछुआरों को रसद पहुंचा रहा था

देशबन्धु 16 Sep 2025 5:54 pm

न गोला-बारूद न ही हमला फिर किसके 'आतंक' से दहशत में पूरा इजरायल? जिंदगी बचाने के लिए हर कोई कर रहा तैयारी

Israel reports 481 new measles cases:इजरायल में इन दिनों एक ऐसा 'आतंक' फैला हुआ है जो न गोले-बारूद से जुड़ा है, न ही सीधी हमलों से. फिर भी पूरा देश दहशत में है. ये है खसरे का प्रकोप, जो चुपचाप फैल रहा है और छोटे बच्चों की जिंदगियां खतरे में डाल रहा है. जानें पूरी खबर.

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 2:59 pm

दक्षिण कोरिया के पूर्व प्रधानमंत्री पर मार्शल लॉ लगाने के खिलाफ 30 सितंबर से शुरू होगा मुकदमा, हर सोमवार होगी सुनवाई

दक्षिण कोरिया के पूर्व प्रधानमंत्री हान डक-सू के खिलाफ विद्रोह का मुकदमा इस महीने के अंत से शुरू होगा। अदालत ने मंगलवार को कहा कि ये सप्ताह में एक बार आयोजित किया जाएगा

देशबन्धु 16 Sep 2025 2:53 pm

South Korea: मार्शल लॉ मामले में पूर्व प्रधानमंत्री सू के खिलाफ ट्रायल जल्द, हफ्ते का एक दिन तय

पहली औपचारिक सुनवाई में 3 दिसंबर के सीसीटीवी फुटेज को पेश किया जाएगा. ये उसी दिन का है जिस दिन राष्ट्रपति कार्यालय से मार्शल लॉ लागू करने की घोषणा हुई थी. यून द्वारा मार्शल लॉ घोषित करने से पहले, कथित तौर पर हान के सुझाव पर, उन्होंने राष्ट्रपति कार्यालय में एक कैबिनेट बैठक बुलाई थी.

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 2:52 pm

ट्रंप ने 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' पर 15 अरब डॉलर का मानहानि केस कराया दर्ज, कहा-चला रहा 'दशकों से झूठ का अभियान'

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्लोरिडा में अमेरिकी दैनिक समाचार पत्र 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' पर 15 अरब डॉलर का मानहानि केस दर्ज कराया है। ट्रंप का आरोप है कि 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' उनके खिलाफ 'दशकों से झूठ का अभियान' चला रहा है और 'कट्टरपंथी वामपंथी डेमोक्रेट पार्टी के मुखपत्र' की तरह काम कर रहा है

देशबन्धु 16 Sep 2025 2:36 pm

नशे के खिलाफ इंटरपोल का बड़ा एक्शन, भारत समेत 18 देशों में मारे छापे, जब्त किए 57,000 करोड़ के ड्रग्स

Operation Lionfish-Mayagh III: इंटरपोल की ओर से नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया गया है, जिसमें अरबों के सिंथेटिक ड्रग्स को जब्त किया गया है.

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 1:52 pm

दिनभर की ताजा खबरें और अपडेट

ट्रेड डील पर बातचीत के लिए भारत में अमेरिकी दल

देशबन्धु 16 Sep 2025 1:02 pm

'डिपोर्ट के लिए तैयार रहें...' चार्ली किर्क की हत्या का जश्न मनाने वालों का वीजा रद्द, अमेरिका से निकाला जाएगा बाहर

Visa revocations underway for foreigners celebrating Kirk death: अमेरिका में चार्ली किर्क की हत्या का जश्न मनाने वाले विदेशियों पर ट्रंप सरकार का बड़ा एक्‍शन सामने आया है. ऐसे लोगों का वीजा रद्द करने की घोषणा की गई है. जानें पूरा मामला.

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 12:23 pm

ट्रंप जापानी ऑटोमोबाइल पर 15 प्रतिशत टैरिफ लगाना करेगा शुरू, कोरियाई कारों पर 25 % शुल्क

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन द्विपक्षीय व्यापार समझौते के अनुरूप इस सप्ताह जापानी ऑटोमोबाइल पर 15 प्रतिशत टैरिफ लागू करना शुरू कर देगा

देशबन्धु 16 Sep 2025 11:43 am

'द न्यूयॉर्क टाइम्स अमेरिका के इतिहास का सबसे खराब अखबार...,' ट्रंप ने 15 अरब डॉलर का क्यों ठोका मुकदमा?

Trump files $15bn lawsuit against The New York Times:डोनाल्ड ट्रंप ने न्यूयॉर्क टाइम्स पर 15 अरब डॉलर का मानहानि मुकदमा ठोका है. इसके साथ ही इसे 'अमेरिका का सबसे नीच अखबार'बताया है. जानें पूरी खबर.

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 11:17 am

'द न्यूयॉर्क टाइम्स अमेरिका के इतिहास का सबसे खराब अखबार...,' ट्रंप ने 15 अरब डॉलर का क्यों ठोका मुकदमा?

Trump files $15bn lawsuit against The New York Times:डोनाल्ड ट्रंप ने न्यूयॉर्क टाइम्स पर 15 अरब डॉलर का मानहानि मुकदमा ठोका है. इसके साथ ही इसे 'अमेरिका का सबसे नीच अखबार' बताया है. जानें पूरी खबर.

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 11:17 am

चार्ली किर्क के हत्यारे टायलर रॉबिन्सन के खिलाफ मिले डीएनए सबूत, एफबीआई ने किया दावा

अमेरिकी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) के निदेशक काश पटेल ने कहा कि जांचकर्ताओं को चार्ली किर्क के कथित हत्यारे टायलर रॉबिन्सन के खिलाफ अपराध स्थल से डीएनए सबूत मिले हैं, जो उसे पिछले हफ्ते हुई घटना से जोड़ते हैं

देशबन्धु 16 Sep 2025 10:09 am

मैं चार्ली किर्क का जिंदगीभर कर्जदार हूं...अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने क्यों कहा ऐसा, हत्या के लिए वामपंथी उग्रवाद को बताया जिम्मेदार

JD Vance host 'The Charlie Kirk Show'?: अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने चार्ली किर्क की हत्या के बाद उनके पॉडकास्ट शो को होस्ट किया.वेंस ने हत्या को वामपंथी उग्रवाद का नतीजा बताया है. जानें वेंस ने खुद को चार्ली किर्क का कर्जदार क्यों बताया है?

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 8:56 am

US मिलिट्री का ड्रग्स शिप पर बड़ा हमला, डोनाल्ड ट्रंप ने किया 3 की मौत का दावा; अमेरिका-वेनेजुएला में बढ़ा तनाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा, 'आज सुबह मेरे आदेश पर अमेरिकी सैन्य बलों ने साउथकॉम क्षेत्र में पुष्टि किए गए अत्यंत हिंसक नशीली दवाओं के तस्करों और नारकोटेररिस्टों के खिलाफ दूसरा बड़ा हमला किया.'

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 8:23 am

चार्ली किर्क हत्याकांड में FBI का बड़ा खुलासा, आरोपी से मेल खा रहे घटनास्थल के पास मिले DNA के सबूत

Charlie Kirk Murder Suspect: चार्ली किर्क की हत्या को लेकर FBI डायरेक्टर काश पटेल ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि किर्क की हत्या वाली जगह के पास एक राइफल पर लिपटे तौलिये पर पाया गया DNA आरोपी से मैच करता है.

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 7:52 am

किम जोंग उन को ताउम्र देता रहा चैलेंज, नॉर्थ कोरिया के अधिकारियों का छूट गया पसीना; सबने कहा-दिलेर शख्‍स

किम सेओंग-मिनके सहकर्मियों ने बताया कि किम का अंतिम संस्कार कर दिया गया और उनकी अस्थियों को उत्तर कोरिया की सीमा के पास एक कोलंबेरियम में रखा गया है. किम के साथ 7 साल तक काम करने वाले चोई जंग-हून ने बताया, 'उत्तर कोरिया छोड़कर भागने वाले लोगों में से हमने एक नेता खो दिया है.'

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 7:42 am

'बाइडेन प्रशासन की गलती ने ले ली भारतीय की जान', अमेरिका में सिर काटने के मामले में ट्रंप ने किसे ठहराया दोषी?

Donald Trump Statement: अमेरिका में एक भारतीय व्यक्ति की निर्मम हत्या हुई और अब इसको लेकर अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग और राष्टपति ट्रंप ने बाइडेन प्रशासन की नीतियों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि अगर बाइडेन प्रशासन ने आरोपी कोबोस-मार्टिनेज को रिहा न किया होता तो यह घटना टाली जा सकती थी.

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 6:45 am

स्पॉटलाइट-लड़का बना पेड़, हाथ-पैर पर उगी छाल:परेशान शख्स ने अंग काटने की लगाई गुहार, ये कैसी बीमारी, देखें वीडियो

एक शख्स के पहले हाथ, पैर के नाखूनों से तने निकलने लगे फिर शरीर की खाल पेड़ की छाल में बदलने लगी. अब परेशान होकर उसने अपने हाथ काटने की गुहार लगाई है. आखिर ये बीमारी कौन-सी है, जिसका इलाज तक नहीं है. ये कैसे होती है और इसमें शरीर में कैसे बदलाव होते हैं, पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो....

दैनिक भास्कर 16 Sep 2025 5:12 am

आधी रात 58 दलितों की हत्या, 5 लड़कियों का रेप:महिलाओं के स्तन काटे, निजी अंगों में गोली मारी; आरोपी 45 लेकिन दोषी 0

दैनिक भास्कर की इलेक्शन सीरीज 'नरसंहार' के पांचवें एपिसोड में आज कहानी लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार की... राबड़ी देवी को बिहार की मुख्यमंत्री बने पांच महीने भी नहीं हुए थे। लालू यादव चारा घोटाले में जेल में बंद थे। सरकार कांग्रेस के बाहर से समर्थन के सहारे चल रही थी। ये अलग बात है कि उसके सभी 29 विधायक मंत्री बन गए थे। बिहार का जहानाबाद जिला। साल था 1997 और तारीख 1 दिसंबर। ठिठुरती सर्दियों वाली रात के करीब 9 बज रहे थे। 30-35 लोग बात करते हुए तेजी से सोन नदी की तरफ बढ़ रहे थे। हाथों में बंदूक, तलवार, गड़ासा और लाठी-डंडे थे। कुछ ही मिनटों में वे नदी के पास पहुंच गए। दो-तीन लोगों ने आवाज लगाई- ‘अरे कोई नाव वाला है क्या?’ एक मल्लाह भागता हुआ आया, लेकिन हथियारबंद लोगों को देखकर डर गया। कांपते हुए बोला- 'साहब… इतनी रात कहां जाएंगे। सभी नावें तो किनारे बंधी हैं।’ ‘तो खोल दो ना, हमें नदी पार करना है। दो-तीन और नाव वालों को बुलाओ।’ 40-45 साल का अधेड़ कंधे पर बंदूक की बेल्ट ऊपर सरकाते हुए बोला। मल्लाह ने आवाज लगाई- ‘अरे सुन रहे हो… साहब लोग को उस पार जाना है, जल्द नाव लेकर आओ।’ कुछ ही मिनटों में 4 मल्लाह 2 और नाव लेकर आ गए। सभी लोग 3 नावों में बैठ गए। एक घंटे के सफर के बाद नाव उस पार पहुंच गई। वहां पहले से 50-60 हथियारबंद लोग इनका इंतजार कर रहे थे। अब इनकी तादाद 100 के करीब हो गई। सभी घेरा बनाकर आपस में बात करने लगे। तभी एक आदमी बोल पड़ा- ‘इन मल्लाहों को खत्म करो, वर्ना राज खुल जाएगा।’ 10-15 लोगों ने पांचों मल्लाहों को दबोच लिया। हाथ-पैर बांध दिए। 30-35 साल के एक शख्स ने तलवार उठाई और एक मल्लाह की गर्दन पर दे मारी। वह चीख उठा। हमलावर ने फिर से उसकी गर्दन पर जोर से वार किया। मल्लाह की गर्दन कटकर लटक गई। अब भीड़ में शामिल 5-6 लोग तलवार लेकर बाकी मल्लाहों पर झपटे। मल्लाह बिलखने लगे- 'साहब... छोटा-छोटा बच्चा है। उनको कौन देखेगा। हम किसी से कुछ नहीं कहेंगे। मत मारो हमें।' हमलावर नहीं रुके। उन्होंने बाकी चारों मल्लाहों की भी गर्दन उतार दी। नावों में खून फैल गया। आसपास की रेत भी खून से सन गई। एक हमलावर बोला- ‘बोरी में भर लें क्या इन @#$%% को।’ दुबले कद काठी का एक अधेड़ बोल पड़ा- ‘अरे नहीं… सबको किनारे फेंक दो। जितनी लाशें दिखेंगी, उतना ही बढ़िया रहेगा।’ अब हमलावरों का झुंड आगे बढ़ा। सामने लक्ष्मणपुर बाथे नाम का गांव था। इसके एक हिस्से में दलितों की बस्ती है और दूसरे हिस्से में सवर्णों के घर। दलितों के घर मिट्टी के बने थे। उनके घरों में दरवाजे तक नहीं थे। अब रात के साढ़े 10 बज चुके थे। ये लोग तेजी से दलित बस्ती की तरफ चल दिए। 10-15 लोगों का गुट बनाया और अलग-अलग घरों में फायरिंग करते हुए घुसने लगे। एक घर के बरामदे में 3 लोग सो रहे थे। पति-पत्नी और बेटी। गोलियों की आवाज सुनकर पति दीवार फांदकर भाग गया, लेकिन उसकी पत्नी और बच्ची पकड़े गए। एक हमलावर ने दोनों पर बंदूक तान दी। तभी पीछे से दूसरा बोल पड़ा- ‘अरे गोली बर्बाद मत करो। तलवार से काट दो।’ हमलावर ने महिला की छाती पर तलवार मार दी। वो जमीन पर धड़ाम से गिर पड़ी। दूसरे ने महिला की गर्दन पर तीन-चार बार वार किया। उसकी गर्दन कट गई। इसी बीच एक हमलावर ने उसकी बेटी को दबोच लिया। वो कांपने लगी। कहने लगी- ‘भईया हमरा के मत मार.. छोड़ द.. हम तोहरा गोड़ पर गिरत बानी।’ हमलावर दांत पीसते हुए बोला- ‘@#%^ तुम्हें गवाही देने के लिए छोड़ दूं।’ उसने लड़की को जोर से तीन-चार थप्पड़ जड़े। धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया और रेप करने लगा। वो लगातार चीखती रही। फिर दूसरे हमलावर ने भी उसकी इज्जत लूट ली। फिर उसके शरीर के निचले हिस्से में गोली मारकर आगे बढ़ गया। 40-45 साल की महिला अपने पति, देवर और दो बच्चों के साथ डरकर कोने में छिपी थी। हमलावर ने उसके पति पर तलवार से वार किया। उसका हाथ कटकर लटक गया। वो जमीन पर गिर पड़ा। तड़पने लगा। इसी बीच दोनों बच्चे और उसका देवर भागने के लिए जैसे ही आगे बढ़े, पीछे से दूसरे हमलावरों ने फायरिंग शुरू कर दी। किसी के सीने में गोली लगी, तो किसी के सिर के आर-पार हो गई। तीनों वहीं खत्म हो गए। अपनी आंखों के सामने अपने ही बेटों का कत्ल महिला से देखा नहीं गया। वो दहाड़ मारकर चीखने लगी। तभी एक हमलावर ने उसके पति की गर्दन पर तलवार मार दी। खून के छींटे दीवारों पर पड़े। दूसरे हमलावर ने उसके हाथ-पैर काट दिए। कुछ ही मिनटों में वह तड़प-तड़पकर शांत पड़ गया। अब 4-5 हमलावर महिला को घसीटते हुए आंगन में ले गए। वो बदहवास चीख रही थी। एक हमलावर बोला- ‘अरे ई @#$%% बहुत चिल्ला रही। मुंह में कपड़ा भर दो।’ एक ने गमछा फाड़ा और महिला के मुंह में ठूंस दिया। दो-तीन हमलावर उसकी साड़ी खींचने लगे। फिर सबने बारी-बारी उसका रेप किया। इसी बीच एक हमलावर बोल पड़ा- 'देखना ये बचनी नहीं चाहिए।' हमलावर ने महिला की छाती पर दो-तीन गोलियां मारीं और चलते बने। एक घंटे बाद दीवार फांदकर भागने वाला शख्स रोते-बिलखते घर लौटा। टॉर्च जलाकर देखा- बरामदे में उसकी पत्नी की कटी-फटी लाश पड़ी थी। हर जगह खून फैला था। कमरे में उसकी बेटी की लाश पड़ी थी। छाती और कमर के नीचे वाले हिस्से से खून बह रहा था। वह सिर पकड़कर बैठ गया। फिर लड़खड़ाते हुए उठा। आगे बढ़ा और टॉर्च जलाई। दूसरे कमरे में उसके दो बेटे और दो पोतों की लाश पड़ी थी। और आंगन में बिन कपड़ों के बहू की लाश। वह बदहवासी में चीखते हुए घर से बाहर निकला। बगल के घर में गया। देखा वहां 5 लोगों की लाशें इधर-उधर बिखरी पड़ी थीं। किसी को गोली मारी गई थी, तो किसी को तलवार-गड़ासे से काटा गया था। 25-30 साल की एक महिला के स्तन काट दिए थे। पेट भी कटा हुआ था। पास ही खून से सना मांस का लोथड़ा पड़ा था। वह चीख उठा- 'अरे ये तो पेट से थी। दरिंदों ने इसे भी मार डाला।' थोड़ी देर बाद कई घरों से रोने-बिलखने की आवाज आने लगी। गांव में हाहाकार मच गया कि नरसंहार हो गया है। दर्जनों लोग मार दिए गए हैं। कई घरों में तो कोई बचा ही नहीं था। कुछ घरों में तो 8-9 लोग तक मारे गए थे। गांव की गलियों में लाशें बिखरी पड़ी थीं। रात करीब 2 बजे औरंगाबाद के एसपी गुप्तेश्वर पांडे 4 पुलिस वालों के साथ लक्ष्मणपुर बाथे पहुंचे। वे घर-घर जाकर लाशें गिनने लगे। एक, दो, तीन, चार…. 34 तक पहुंचने के बाद उनकी सांसें फूलने लगीं। सर्दी वाली रात में भी पसीना आने लगा। खुद को संभालते हुए उन्होंने कॉन्स्टेबल से कहा- ‘पुलिस मुख्यालय फोन लगाओ।’ कॉन्स्टेबल ने फोन लगाकर एसपी को दे दिया। वे बोले- ‘यहां बहुत बड़ा नरसंहार हो गया है। भारी संख्या में पुलिस-फोर्स भेजिए।’ सुबह 5 बजे मेहंदिया थाने की पुलिस गांव पहुंची। ऑफिस इंचार्ज SI अखिलेंद्र सिंह और SI अजय कुमार ने एक-एक करके लाशें गिनीं। 53 लोगों का नरसंहार हुआ था। सभी के सभी दलित। 32 महिलाएं और 10 बच्चे। कई बच्चों की उम्र दो साल से भी कम थी। 5 लड़कियों-महिलाओं के शरीर पर ना के बराबर कपड़े थे। ये बिहार का सबसे बड़ा दलित नरसंहार था। राष्ट्रपति के. आर नारायणन को पता चला, तो बोल पड़े- 'ये तो राष्ट्रीय शर्म की बात है।' ये वो दौर था, जब बिहार में पिछले 5 साल में 4 बड़े नरसंहार हो चुके थे। 1992 में गया जिले के बारा गांव में 34 भूमिहारों की हत्या कर दी गई थी। आरोप माओवादी संगठन MCC पर लगा। आरोपियों में ज्यादातर दलित थे। कहा गया कि लक्ष्मणपुर बाथे उसी नरसंहार का बदला था। नरसंहार के अगले दिन यानी 2 दिसंबर की सुबह अरवल और जहानाबाद से भी पुलिस लक्ष्मणपुर बाथे पहुंच गई। मीडिया वाले पहुंच गए। गांव छावनी में बदल चुका था। SI अखिलेंद्र सिंह ने पूछा- ‘ये नरसंहार किसने किया, किसी ने हमलावरों को देखा क्या?’ भीड़ से निकलकर बिनोद पासवान नाम का शख्स बिलखते हुए बोला- ‘साहब… मैंने देखा है।’ SI- ‘क्या देखा, पूरी बात बताओ?’ बिनोद कहने लगा- ‘कल रात साढ़े 10 बजे हम लोग खाने के बाद सोने जा रहे थे। अचानक गोलियां चलने लगीं। मैं खटिया से उठा ही था कि 10-15 लोग घर में घुस गए। सबके हाथ में हथियार थे। मैं दीवार फांदकर भाग गया। एक घर के छप्पर पर छिपकर बैठ गया। आधे एक घंटे तक गांव में चीख-पुकार मची रही। फिर मैंने देखा कि करीब 100 लोग नारा लगाते हुए गांव से निकल रहे थे। 'रणवीर बाबा की जय, रणबीर बाबा की जय।' सबके हाथ में हथियार थे। वो टॉर्च जलाते हुए जा रहे थे। उसकी लाइट से मैंने 26 लोगों को पहचान लिया। 19 लोग गांव के ही थे।’ फिर क्या देखा? अपने आंसू पोछते हुए बिनोद बोला- ‘रणवीर सेना वालों के जाने के बाद मैं अपने घर गया। वहां पत्नी, बहू, बेटे-पोते सबकी लाश पड़ी थी। मेरे सात सवांग (लोग) खत्म हो गए। कुछ देर बाद मुझे दूसरे घरों से रोने की आवाजें आने लगीं। मैं शिव बच्चन राम के घर गया। वहां 5 लाशें मिलीं। फिर गणेश राजबंशी के घर गया, वहां 3 लाशें मिलीं। देबेश राजबंशी के घर से 5, लक्ष्मण राजबंशी के घर से 6 और यदुनी के घर से 6 लाशें मिलीं। उससे आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं जुटा पाया।’ किधर गए वे लोग? ‘वे लोग उत्तर की तरफ निकले। सोन नदी पार किया और फिर छोटकी खरसुन गांव की तरफ बढ़ गए। इसके बाद कहां गए पता नहीं।’ पहले से कोई दुश्मनी थी क्या उनसे? ‘नहीं नहीं… पहले से कोई लड़ाई नहीं थी। हम लोग तो उनके ही खेतों में काम करते थे। बस उन लोगों को लगता था कि हम सीपीआई माले के सपोर्टर हैं। रणवीर सेना वालों की इनसे दुश्मनी है।' इसी बीच 34-35 साल की एक महिला भागती हुई आई। बोलने लगी- ‘साहब उन लोगों ने सिर्फ मारा ही नहीं, कई लड़कियों की इज्जत लूट ली है। बगल के घर में प्रभा नाम की लड़की थी। 2-3 दिन बाद वो ससुराल जाने वाली थी। मैंने देखा कि उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। स्तन कटे हुए थे। शरीर के निचले हिस्से से खून बह रहा था। मैंने अपनी आंखों से देखा कम से कम 5 लड़कियों के स्तन कटे थे। शरीर पर कपड़े नहीं थे। उनके शरीर के निचले हिस्से में गोली मारी गई थी।’ इस महिला का नाम सूरज मणि था। मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली एक संस्था ह्यूमन राइट वॉच को उसने ये बात बताई थी। अरवल थाने के DSP श्रीधर मंडल को इस नरसंहार का जांच अधिकारी बनाया गया। उन्होंने गांव पहुंचते ही जहानाबाद डीएम को मैसेज भेजा- ‘फौरन गांव में पोस्टमॉर्टम के लिए डॉक्टरों की टीम भेज दें।’ सुबह 11 बजे इन्वेस्टिगेटिंग ऑफिसर ने अलग-अलग जगहों पर छापा मारा। सोन नदी के दक्षिण किनारे तीन लाशें मिलीं। उत्तरी छोर पर दो लाश मिलीं। रेत पर जगह-जगह खून पड़ा था। एक नाव भी मिली, जो खून से सनी थी। पुलिस ने लाश के साथ खून के निशान वाले बालू और कारतूस के खोखे सीज कर लिए। पुलिस को कुल 58 लाशें मिलीं। 53 गांव में और 5 सोन नदी के पास। दोपहर बाद 3 बजे मेहंदिया थाने में हत्या और अपहरण सहित IPC की कई संगीन धाराओं में केस दर्ज किया गया। इसमें अगड़ी जातियों के प्रतिबंधित संगठन रणवीर सेना से जुड़े 100 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया। 2 दिसंबर को ही SI अजय कुमार ने एक खास मैसेंजर के जरिए FIR और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट जहानाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट भेज दी। उसी दिन पुलिस सभी लाशों का अंतिम संस्कार कराना चाहती थी, लेकिन गांव वाले अड़ गए। पुलिस को एक भी लाश उठाने नहीं दी। रात भर 100 से ज्यादा पुलिस वाले गांव में ही रुके रहे। अगले दिन यानी 3 दिसंबर को शाम 5 बजे बिहार की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी गांव पहुंचीं। थोड़ी देर बाद सपा सांसद बनी फूलन देवी भी पहुंच गईं। फूलन मल्लाहों की नेता थीं। ये वहीं फूलन थीं जो पहले डकैत थीं, पर सरेंडर करने के बाद राजनीति में आ गई थीं। राबड़ी देवी के समझाने के बाद आखिरकार गांव वाले अंतिम संस्कार के लिए मान गए। दो ट्रैक्टर लाए गए। एक-एक करके 58 लाशें ट्रैक्टरों में भरी गईं। सोन नदी के पास 6 चिताएं तैयार की गईं और सबका सामूहिक संस्कार कर दिया गया। 3 दिसंबर को ही शाम 5.25 बजे पहली गिरफ्तारी हुई और दूसरी गिरफ्तारी 6.15 बजे। एक आरोपी के घर से दोनाली बंदूक भी बरामद हुई। दोनों को थाने भेज दिया गया। 5 दिसंबर को 2 और आरोपी पकड़े गए। 7 दिसंबर को 7 और आरोपी पकड़े गए। सभी रिमांड पर भेज दिए गए। इसी बीच जांच अधिकारी श्रीधर मंडल पर लापरवाही के आरोप लगने लगे। दबाव बढ़ा, तो 10 दिसंबर को श्रीधर मंडल को हटाकर पटना के डीएसपी मिर्जा मकसूद को जांच अधिकारी बना दिया गया। अभी इस नरसंहार को एक महीना ही हुआ था कि जहानाबाद जिले के एक गांव रामपुर-चौरम में नक्सलियों ने 9 सवर्णों की हत्या कर दी। ये लोग रणवीर सेना से जुड़े थे। इसे लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार का बदला कहा गया। 11 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी लक्ष्मणपुर बाथे पहुंचे। उस रोज पटना लौटकर उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- 'मुझे बाथे जाने से रोक गया। परिवार वालों से मिलने से रोका गया। लेकिन मैं वहां पहुंचा और लोगों से मिला। उनकी बातें सुनीं। मैं उनकी मांग राष्ट्रपति तक पहुंचाऊंगा। मौजूदा हालात में बिहार में फेयर लोकसभा इलेक्शन संभव नहीं है।' सेशन कोर्ट में 9 साल तक सुनवाई नहीं हुई, नीतीश ने CM बनते ही जांच आयोग भंग किया 27 फरवरी 1998 को 152 लोगों की गवाही के आधार पर 50 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई। 6 जनवरी 1999 को आरोपियों को जहानाबाद जिला अदालत में पेश किया गया, लेकिन 10 महीने तक कोई सुनवाई नहीं हुई। अक्टूबर 1999 में पटना हाईकोर्ट ने इसे सेशन कोर्ट पटना ट्रांसफर कर दिया, लेकिन वहां भी 9 साल तक सुनवाई नहीं हुई। 2005 में बिहार में सत्ता बदल गई। NDA गठबंधन से नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने और शुरुआती महीनों में ही अमीर दास कमीशन को भंग कर दिया। ये वही कमीशन था, जिसे नरसंहार के बाद दिसंबर 1997 में राबड़ी देवी ने बनाया था। पटना हाईकोर्ट के पूर्व न्यायधीश जस्टिस अमीर दास इसे लीड कर रहे थे। इस कमीशन ने 700 लोगों से पूछताछ की। जिसमें बीजेपी नेता मुरली मनोहर जोशी, सीपी ठाकुर, सुशील मोदी और राजद नेता शिवानंद तिवारी जैसे लोग शामिल थे। सीनियर जर्नलिस्ट कुमार नरेंद्र सिंह अपनी किताब 'बिहार में निजी सेनाओं का उद्भव और विकास' में लिखते हैं- 'वामपंथी पार्टियों ने तब राज्यपाल से शिकायत की थी कि रणवीर सेना के साथ राजद और बीजेपी के कुछ नेताओं के संबंध हैं। इसके बाद ही सरकार ने अमीर दास कमीशन बनाया था।' 11 साल बाद 26 दोषी करार, 16 को फांसी की सजा और 10 को उम्रकैद नरसंहार के करीब 11 साल बाद दिसंबर 2008 में 44 आरोपियों के खिलाफ पटना सेशन कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। कुल 14 वकीलों ने पैरवी की। 8 वकील सरकार की तरफ से और 6 आरोपियों की तरफ से। 152 गवाहों में से 91 ने कोर्ट में बयान दिए। पीड़ितों की तरफ से सरकारी वकील सीके सिन्हा ने कोर्ट में बोलना शुरू किया- ‘माय लॉर्ड... ये कोई छोटी-मोटी वारदात नहीं है। ये नरसंहार है। 58 लोगों को बहुत ही क्रूरता से मारा गया है। इन दरिंदों ने गर्भवती महिलाओं और दुधमुंहे बच्चे तक को काट डाला। परिवार के परिवार खत्म हो गए। इन दरिंदों को फांसी से कम सजा हो ही नहीं सकती।’ बचाव पक्ष के वकील सुनील कुमार ने उन्हें टोकते हुए कहा- ‘माय लॉर्ड ये झूठा और बेबुनियाद इल्जाम है। हमला रात के अंधेरे में हुआ था। हमलावर बाहर से आए थे। ऐसे में कोई कैसे पहचान सकता है कि इन्हीं लोगों ने हत्या की है। इनके पास कोई साइंटिफिक एविडेंस नहीं है।’ तभी सरकारी वकील सीके सिन्हा बोल पड़े- ‘माय लॉर्ड, हत्या में सिर्फ बाहर वाले नहीं, बल्कि गांव वाले भी शामिल थे। हमारे गवाह ने टॉर्च की लाइट में उनका चेहरा देखा था। आवाज से पहचान की थी। आदमी गांव वालों की आवाज तो पहचानता ही है।’ 7 अप्रैल 2010 को सेशन कोर्ट पटना ने इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर बताते हुए 16 दोषियों को फांसी की सजा और 10 को उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। बाकी 18 लोगों को बरी कर दिया। हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी किया, जेल में बंद ब्रह्मेश्वर मुखिया को भगोड़ा बताती रही पुलिस 9 अक्टूबर 2013 को पटना हाईकोर्ट ने सेशन कोर्ट के फैसले को पलटते हुए सभी 26 आरोपियों को बरी कर दिया। पटना हाईकोर्ट के जस्टिस वीएन सिन्हा और जस्टिस एके लाल ने फैसला सुनाते हुए कहा- ‘पुलिस ने घटना के 24 घंटे बाद FIR दर्ज की। FIR को जहानाबाद जिला अदालत पहुंचने में तीन दिन लग गए। जबकि मेहंदिया थाने से जहानाबाद कोर्ट की दूरी 50 किलोमीटर ही है। जांच अधिकारी ने यह पता नहीं किया कि सोन नदी पार करने वाले लोग कहां गए। 10 दिन बाद जांच अधिकारी को बदला गया, तब तक देर हो चुकी थी। सोन नदी पार करने वालों के पैरों के निशान मिट चुके थे। पुलिस के पास गवाहों के बयानों के अलावा कोई मजबूत सबूत नहीं है। इसलिए अपील करने वालों को बेनिफिट ऑफ डाउट का फायदा मिलना चाहिए।’ इस नरसंहार केस में रणवीर सेना के ब्रह्मेश्वर मुखिया को भी आरोपी बनाया गया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें कभी कोर्ट के सामने पेश नहीं किया। कहा गया कि वे फरार हैं, जबकि उसी दौरान 2002 से 2011 तक वे जेल में बंद थे। 11 साल तक सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं, 12वें साल आरोपियों के वकील ने कहा- सभी 26 आरोपी मर चुके हैं 13 अक्टूबर 2013 को बिहार सरकार ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। जनवरी 2014 में पहली बार सुप्रीम कोर्ट में ये केस लिस्ट हुआ, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। 2023 में 6 बार केस लिस्ट हुआ, लेकिन सुनवाई टाल दी गई। 1 जनवरी 2025 को बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि 5 आरोपियों की मौत हो चुकी है। तीन महीने बाद अप्रैल 2025 में बचाव पक्ष के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सभी 26 आरोपियों की मौत हो चुकी है। तब के सीजेआई संजीव खन्ना ने बिहार सरकार को स्टेटस रिपोर्ट फाइल करने को कहा और मामला स्थगित कर दिया। कल छठे एपिसोड में पढ़िए बिहार के एक और बड़े नरसंहार की कहानी... (यह सच्ची कहानी पुलिस चार्जशीट, कोर्ट जजमेंट, गांव वालों के बयान, अलग-अलग किताबें और इंटरनेशल रिपोर्ट्स पर आधारित है। क्रिएटिव लिबर्टी का इस्तेमाल करते हुए इसे कहानी के रूप में लिखा गया है।) रेफरेंस :

दैनिक भास्कर 16 Sep 2025 5:08 am

जिस देश में घूस लेने पर सजा ए मौत, सेक्स इंडस्ट्री वहां कैसे फली-फूली? इतने लोग जुड़े

Resurgence of prostitution in China: इस रिपोर्ट को आगे बढ़ाने से पहले साल 2022 के उस मामले का जिक्र करना जरूरी हो जाता है जबजिआंगसू की एक महिला नारकीय हालत मेंजंजीरों से जकड़ी मिली थी. उस मामले ने चीन में तस्करी से लाई गई महिलाओं की दुर्दशा की ओर दुनियाभर का ध्यान खींचा था.

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 4:40 am

3 दिन और 9 सेंटर्स, क्यों कैंसिल हुआ SSC-CGL एग्जाम:स्टूडेंट बोले- कभी सेंटर बदल रहे, कभी सर्वर डाउन; SSC बोला- सुधार करेंगे

‘कभी पेपर लीक हो जाता है, कभी नकल हो जाती है, कभी सिस्टम खराब तो कभी कुछ। इतने बड़े एग्जाम में ऐसे सर्वर डाउन हो जाना सही है क्या। एग्जाम ही कैंसिल कर दिया गया। इसमें हमारा समय और पैसा दोनों बर्बाद हो रहा है।‘ दिल्ली में रहने वाली सिमरन SSC CGL एग्जाम कैंसिल होने से खफा हैं। 12 सितंबर से SSC की CGL (कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल) एग्जाम शुरू हुए, लेकिन पहले दिन से ही एग्जाम सेंटर्स में तरह-तरह की दिक्कतें आने लगी हैं। 3 दिनों में ही दिल्ली, गुरुग्राम, जम्मू, झारखंड, मुंबई समेत 9 सेंटर्स पर एग्जाम कैंसिल कर दिए गए। सेंटर पर पहुंचने के बाद स्टूडेंट्स को पता चला कि एग्जाम कैंसिल हो गया है। ये तब हो रहा है, जब ऑनलाइन एग्जाम में सुधार की मांग को लेकर पिछले कुछ दिनों में स्टूडेंट्स लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, इन गड़बड़ियों को लेकर SSC का कहना है कि सेंटर बदले जा रहे हैं। अब गलती नहीं होगी। जरूरत पड़ी तो कानूनी कार्रवाई भी करेंगे। इन गड़बड़ियों के कारण एक बार फिर SSC और एग्जाम कराने वाली एजेंसी एडुक्विटी पर सवाल उठने लगे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने ग्राउंड पर पहुंचकर उन स्टूडेंट्स से बात की, जिन्हें इस बदइंतजामी का सामना करना पड़ा। हमने इन गड़बड़ियों पर SSC के चेयरपर्सन से भी बात की है। पहले गुरुग्राम के सेंटर की बात…पहली शिफ्ट में ही सर्वर डाउन, हंगामे के बाद एग्जाम कैंसिलCGL का एग्जाम पहले 13 अगस्त से 30 अगस्त के बीच होना था, लेकिन जुलाई में सिलेक्शन पोस्ट फेज 13 और फिर स्टेनोग्राफर के एग्जाम में हुई गड़बड़ी के कारण इसमें देरी हुई। SSC ने भरोसा दिलाया था कि CGL के एग्जाम में कोई गड़बड़ी नहीं होगी, लेकिन 12 से 26 सितंबर तक होने वाले एग्जाम में पहले दिन पहली शिफ्ट से ही दिक्कतें शुरू हो गईं। हम गुरुग्राम में एक एग्जाम सेंटर पहुंचे। यहां हमें बिहार के सीतामढ़ी जिले के रहने वाले प्रभात कुमार मिले। वे 2022 से दिल्ली में रहकर CGL की तैयारी कर रहे हैं। उन्हें 12 सितंबर को गुरुग्राम के एमएम पब्लिक स्कूल में बने सेंटर पर तीसरी शिफ्ट में एग्जाम देना था। जब वे सेंटर पहुंचे तो पता चला कि एग्जाम कैंसिल हो गया है। उन्हें गेट भी बंद मिला। इन सब से नाराज प्रभात कहते हैं, ‘एक एग्जाम के लिए आपको मेंटली तैयार होना पड़ता है। उसके बाद जब ऐसी चीजें हो जाएं तो स्टूडेंट्स सिर्फ परेशान ही होता है। अब कहां सेंटर मिलेगा, कब एग्जाम होगा, उस दिन भी एग्जाम होगा या नहीं, कुछ तय नहीं है। आपने तैयारी कर ली है, लेकिन जब एग्जाम में सर्वर और दूसरी तकनीकी दिक्कतें होंगी तो उसका क्या होगा।’ प्रभात कहते हैं, 'तीन दिन पहले पता चला था कि सेंटर गुरुग्राम है। इसके लिए वे रोज वेबसाइट चेक कर रहे थे कि कहीं रीशेड्यूल न हो जाए। वे कहते हैं, ’एग्जाम कैंसिल करने का नोटिस जारी किया गया, लेकिन शिफ्ट का जिक्र नहीं था। जब यहां आया तो पता चला कि हमें ई-मेल आया है। अब 23, 24 या 25 सितंबर को फिर से एग्जाम होगा। आप नोटिस में लिख देते कि सारी शिफ्ट का एग्जाम कैंसिल हो गया, तो लोग बेवजह इतनी दूर नहीं आते।’ प्रभात आगे कहते हैं, ‘CGL एग्जाम में काफी मेहनत है। एक जवाब गलत होने या एक नंबर इधर-उधर होने पर 10 से 20 हजार स्टूडेंट्स की रैंक आगे-पीछे हो जाती है। इसके बावजूद हमें एग्जाम कैंसिल होने जैसे दौर देखने पड़ रहे हैं। सिलेक्शन पोस्ट और स्टेनोग्राफर के एग्जाम में भी यही दिक्कतें आईं थीं। फिर से वही हो रहा है।‘ कभी पेपर लीक-कभी नकल तो कभी सर्वर डाउन और एग्जाम कैंसिलप्रभात की तरह सिमरन वैद भी दिल्ली से गुरुग्राम सेंटर पर एग्जाम देने पहुंची थीं। हालांकि एग्जाम कैंसिल होने की वजह से लौटना पड़ा। तीन साल से SSC की तैयारी कर रहीं सिमरन कहती हैं, ‘पहले तो एग्जाम देरी से शुरू हुआ। अब सर्वर डाउन हो रहा है। पहले इस तरह की दिक्कतें नहीं होती थीं। लोग इतनी दूर-दूर से एग्जाम देने आते हैं। कभी पेपर लीक हो जाता है तो कभी सिस्टम खराब तो कभी कुछ।‘ सिमरन एग्जाम से एक दिन पहले 11 सितंबर की रात एडमिट कार्ड आने को लेकर भी शिकायत करती हैं। वे कहती हैं, ‘सेंटर को लेकर गुरुग्राम मेरी तीनों चॉइस में नहीं था। इसके बावजूद यहां सेंटर दे दिया। एक रात पहले एडमिट कार्ड आया। अगर सेंटर कहीं दूर होता तो मैं एग्जाम देने कैसे जाती? SSC को ये सोचना चाहिए कि दो-तीन दिन पहले एडमिट कार्ड दे।’ वे आगे कहती हैं कि जब गुरुग्राम पहुंची तो यहां आकर पता चला कि एग्जाम कैंसिल हो गया है। इसके बारे में उन्हें पहले से कोई जानकारी नहीं दी गई थी। गुरुग्राम के इस सेंटर पर 13 और 14 सितंबर को होने वाले एग्जाम भी कैंसिल कर दिए गए। ये आगे कब कराए जाएंगे, इसकी तारीख नहीं बताई गई है। SSC ने अपने नोटिस में रद्द करने की वजह 'प्रशासनिक' बताई है। CGL एग्जाम के पहले दिन यानी 12 सितंबर को गुरुग्राम के इस सेंटर के अलावा कई जगहों पर एग्जाम कैंसिल हुए हैं। अब कानपुर सेंटर की बात...SSC चेयरपर्सन तक बात पहुंचे, वरना साल बर्बाद हो जाएगा12 सितंबर को कानपुर के आरसीआरडी कन्या महाविद्यालय में बने एग्जाम सेंटर से भी स्टूडेंट्स का वीडियो सामने आया। स्टूडेंट ने आरोप लगाया कि एडमिट कार्ड लेकर उन्हें बाहर कर दिया गया और बताया कि उनका एग्जाम नहीं होगा। हालात ऐसे हो गए कि स्टूडेंट ने पुलिस को बुला लिया। फर्रुखाबाद की रहने वाली दिव्या पाल का एग्जाम इसी सेंटर पर पहली शिफ्ट में था, लेकिन वो एग्जाम नहीं दे सकीं। वे कहती हैं, ‘सुबह 9-10 के बीच पेपर था, लेकिन सर्वर डाउन हो गया। करीब 25 स्टूडेंट्स को एग्जाम नहीं देने दिया गया। जब हमने मुद्दा उठाया तो इनविजिलेटर ने कहा कि ये SSC की समस्या है, वे कुछ नहीं कर सकते हैं।‘ हमने बार-बार कहा कि नोटिस जारी कर बता दीजिए कि एग्जाम रीशेड्यूल होगा, इसके बावजूद उन्होंने कुछ नहीं किया। वे कहती हैं, ‘हमारी बात SSC चेयरपर्सन तक पहुंचनी चाहिए, नहीं तो सेंटर हमें ऐबसेंट भी दिखा सकता है और इससे उनका पूरा साल बर्बाद हो जाएगा, क्योंकि दोबारा एग्जाम को लेकर उन्हें अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है।‘ दिव्या कहती हैं कि सुबह 7 बजे से वहां भूखे रहने के कारण वो दो बार बेहोश भी हो गई थीं। 24 जुलाई को दिव्या इसी सेंटर पर सिलेक्शन पोस्ट फेज-13 एग्जाम भी देने आई थीं। तब भी सर्वर सही न होने के कारण एग्जाम कैंसिल हो गया था। बाद में दूसरी तारीख पर उन्होंने एग्जाम दिया। क्लासरूम से निकालकर गेट बंद किया, बोले- अब सीट नहींफतेहपुर के रहने वाले शशांक पटेल उन 25 स्टूडेंट्स में शामिल हैं, जिन्हें पेपर देने का मौका नहीं मिला। 2 साल से SSC की तैयारी कर रहे शशांक प्रयागराज से कानपुर एग्जाम देने पहुंचे थे। 12 सितंबर को सेंटर पर हुए विवाद को लेकर वे बताते हैं, ‘सुबह साढ़े 7 बजे एंट्री हो गई। वहां कुल चार लैब थी। इनमें से तीन ही सही थी।‘ ‘इनमें से एक लैब में मुझे 25 स्टूडेंट्स के साथ जाना था। हमें बताया गया कि सर्वर की दिक्कत है। बाद में कहा गया कि आप लोग एडमिट कार्ड दे दीजिए। 9:30 बजे भी एग्जाम शुरू नहीं हुआ। फिर हमें क्लासरूम से बाहर करके गेट बंद कर दिया गया। कई घंटों तक कोई अपडेट नहीं मिला।‘ शशांक सवाल उठाते हुए कहते हैं कि अगर सीट नहीं थी, तो उस सेंटर के लिए एडमिट कार्ड क्यों जारी किया गया। वे आगे कहते हैं, ‘हमें वहां बोला जा रहा था कि हमारा एग्जाम बाद में करा दिया जाएगा, लेकिन ये कोई लिखित में देने को राजी नहीं था। ये सब करते हुए 2 बज गए। बाद में हमें बोला गया कि हम उन्हें लिखकर दे दें कि हमारा एग्जाम बाद में करा दिया जाए। सभी 25 स्टूडेंट्स ने उन्हें ये लिखकर दिया।‘ अब जान लीजिए इन गड़बड़ियों को लेकर SSC क्या कह रही…सेंटर बदल रहे, अब गलतियां हुईं तो कानूनी कार्रवाई करेंगे CGL के एग्जाम कई सेंटर पर कैंसिल हुए। हमने SSC के चेयरपर्सन एस गोपाल कृष्णन से बात की। उन्होंने बताया कि कुछ सेंटर्स पर मिस मैनेजमेंट और तकनीकी वजहों से दिक्कतें हुईं। ऐसे सेंटर्स बंद किए जाएंगे और यहां होने वाले एग्जाम उसी शहर में दूसरे सेंटर पर करवाए जाएंगे। एग्जाम सेंटर्स में हुई गड़बड़ी को लेकर गोपाल कृष्णन कहते हैं, ‘उस सेंटर (गुरुग्राम) की तरफ से कुछ कमियां थीं, इसलिए हम उसे बंद कर रहे हैं। वहां के कैंडिडेट को दिल्ली के दूसरे सेंटर्स में शिफ्ट किया जाएगा और अगले 10 दिन में वो एग्जाम देंगे। कुछ सेंटर्स पर पुरानी मशीनें हैं और वायर हैं। अगर दिक्कत होती है तो हम तुरंत दूसरे सेंटर पर एग्जाम करवा रहे हैं।‘ SSC चेयरपर्सन ने दावा किया कि CGL की परीक्षा 227 सेंटर्स पर हो रही हैं और इनमें 215 सेंटर्स पर एग्जाम सही तरीके से हुए। हमने दिक्कतों का हल निकालने में कोई कमी नहीं की है। एडुक्विटी को हटाने की मांग पर गोपाल कृष्णन कहते हैं, ‘मेरा इस पर यही कहना है कि कुछ जगहों पर एग्जाम रीशेड्यूल हुए हैं। अगर उसके बाद भी गलतियां होंगी तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। हालांकि एक बात ये भी है कि हर एग्जाम में कई सारे तकनीकी बदलाव होते रहते हैं। हो सकता है कि उसी वजह से पहले टेस्ट में कुछ जगह दिक्कतें आई हों।‘ सिर्फ इन गड़बड़ियों पर एडुक्विटी को नहीं हटा सकतेएडुक्विटी की तकनीक बेहतर न होने के बावजूद उसे टेंडर क्यों मिला? इस पर गोपाल कृष्णन कहते हैं, ‘इसका जवाब मैं बहुत बार दे चुका हूं। बार-बार दोहराने से कुछ नहीं बदलेगा। टेंडर के प्रोसेस में दोनों (टेक्निकल और फाइनेंस) को वेटेज दिया जाता है। नियम के तहत ही फैसला लिया गया है।‘ टेंडर पर काम शुरू होने के बाद उसे बदलने की परमिशन नहीं है। टेंडर के नियम में है कि पहले एक साल तक उसके पास एग्जाम करवाने का ठेका है, उसके बाद अगर सही है तो बढ़ा सकते हैं। इससे पहले हुए एग्जाम्स में आई शिकायतों पर एडुक्विटी के खिलाफ कोई एक्शन लिया गया? इसके जवाब में SSC के एक सीनियर अधिकारी नाम न बताने की शर्त पर कहते हैं कि बिल्कुल, कंपनी को लिखित में बताया गया कि वो सिस्टम सही करे। इसके बाद उन्होंने सुधार भी किया है। एडुक्विटी ने भी सब-कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर दूसरी कंपनियों को ठेका दे रखा है। सारी कंपनियां इसी तरीके से एग्जाम करवाती हैं। अधिकारी मानते हैं कि एग्जाम प्रक्रिया में कमियां तो हैं, लेकिन इसे लगातार ठीक किया जा रहा है। अभी कुछ जगहों पर दिक्कतें आ रही हैं, लेकिन इसे ठीक किया जा सकता है। सिर्फ इन वजहों से अभी एडुक्विटी को हटाया नहीं जा सकता है, क्योंकि इससे सारी परीक्षाएं लेट होंगी। टेंडर की प्रक्रिया में पूरे एक साल तक लग सकते हैं। अगर कोई फ्रॉड या इस तरह की दिक्कतें आगे भी होंगी तो कंपनी को हटाया जा सकता है। जुलाई में भी SSC एग्जाम में हुई थीं गड़बड़ियांजुलाई में सिलेक्शन पोस्ट फेज-13 एग्जाम के दौरान कई तकनीकी गड़बड़ियां हुई थीं। माउस काम न करना, सर्वर डाउन, सेंटर दूर होने जैसी कई दिक्कतें थीं। इसके बाद एडुक्विटी विवादों में आ गई। स्टूडेंट्स ने सवाल भी उठाया था कि ऐसी एजेंसी को क्यों टेंडर मिला, जिसका रिकॉर्ड खराब रहा है। SSC की परीक्षाएं पहले टाटा कंस्लटेंसी सर्विसेज (TCS) करवाती थी, लेकिन नए टेंडर में एडुक्विटी को चुना गया है। पिछले महीने दैनिक भास्कर ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि तकनीक के मामले में पीछे रहने के बावजूद एडुक्विटी को कैसे टेंडर मिल गया था। सरकारी डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, 2 मार्च 2024 को SSC की एक कमेटी ने लिखा था कि टेंडर में शामिल हुई कंपनियों में TCS की तकनीक सबसे बेहतर है क्योंकि इसका ऑपरेटिंग सिस्टम काफी मजबूत है। कमेटी ने आगे लिखा था कि एडुक्विटी के पास एनक्रिप्टेड तकनीक है, जिससे कैंडिडेट के बारे में किसी को पता नहीं चलेगा, लेकिन वे विंडो पर काम करते हैं। ये बहुत ज्यादा सेफ नहीं है। इससे सभी कैंडिडेट के सिस्टम्स को सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है। हालांकि इससे बचने के लिए कंपनी फायरवॉल का इस्तेमाल कर रही है। इसके बाद फाइनेंशियल बिडिंग की प्रोसेस में एडुक्विटी ने सबसे कम 171 रुपए पर कैंडिडेट एग्जाम करवाने की बोली लगाई, जबकि TCS की बोली 311 रुपए थी। आखिरकार सबसे कम बोली लगाने वाली एडुक्विटी करियर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को चुना गया था, जिसने SSC एग्जाम करवाने के लिए कुल 273 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। SSC के नोटिफिकेशन के मुताबिक, किसी भी एजेंसी को चुनने के लिए तकनीकी मूल्यांकन को 70% और खर्च की बिडिंग को 30% प्राथमिकता दी जाती है। तब SSC के चेयरपर्सन ने भी यही दलील दी थी कि हर सरकारी टेंडर QCBS (क्वालिटी एंड कॉस्ट बेस्ड सिलेक्शन) फॉर्मूले से ही पूरा होता है। सिर्फ तकनीकी आधार पर किसी को नहीं चुना जाता है। .................... ये खबर भी पढ़ें...विवादों में रही एजेंसी को SSC एग्जाम का ठेका बिहार के गया जिले के रहने वाले मंटू कुमार 2020 से SSC की तैयारी कर रहे हैं। इस बार पर्चा बिगड़ने पर कहते हैं। ‘SSC में हमारा 2022 और 2024 में फाइनल सिलेक्शन नहीं हो सका। 2025 के लिए तैयारी कर रहे थे, लेकिन सब बेकार हो गया। अब सिलेक्शन के लिए होने वाले एग्जाम में इंतजाम पहले से बदतर हो गए हैं। जब तक TCS एग्जाम कराता था, तब तक सब बढ़िया था। जब से एडुक्विटी एग्जाम करा रहा है तो आप हाल देख ही रहे हैं।‘ पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 16 Sep 2025 4:00 am

ट्रंप के सलाहकार नवारो ने फिर उगला जहर, बोले- बातचीत की टेबल पर आ रहा भारत वो...

US Tariff on India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जहर उगला है.

ज़ी न्यूज़ 16 Sep 2025 3:59 am

DNA: क्या झुक जाएगा इजरायल? मुस्लिम देश बनाएंगे 'इस्लामिक सेना', US के NATO के आगे कितना पावरफुल

Muslim Countries Vs Israel:समिट में 50 से ज्यादा मुस्लिम देशों के राष्ट्रअध्यक्ष शामिल हुए हैं. जो इजरायल पर कतर के हमले के बाद नाराज हैं और मिलकर इस बात की योजना तैयार कर रहे हैं कि इजरायल को जवाब कैसे दिया जाए. इसके लिए एक इस्लामिक सेना तैयार करने का विचार भी सामने आया है.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 11:50 pm

कतर पर अटैक इजरायल Vs मोसाद क्यों हो गया? सबसे ताकतवर खुफिया एजेंसी की चेतावनी को नज़रअंदाज करना नेतन्याहू को पड़ा भारी!

DNA Analysis: इज़रायल ने कतर में हमास के वार्ताकारों को खत्म करने की जिम्मेदारी अपनी खुफिया एजेंसी मोसाद को सौंपी थी. लेकिन मोसाद ने इस आपरेशन को करने से इनकार कर दिया. आप जानकर चौंक सकते हैं मोसाद जैसी एजेंसी, जो इजरायल की सबसे बड़ी ताकत है.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 11:26 pm

DNA: क्या नेपाल में फिर से तख्तापलट होने वाला है? GEN-Z आंदोलन के नेता गुरुंग ने क्यों मांगा कार्की का इस्तीफा

DNA Analysis on latest updates in Nepal Protest: क्या नेपाल में दोबारा से तख्तापलट होने वाला है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि आंदोलनकारियों के नेता सुदन गुरुंग ने अंतरिम पीएम सुशीला कार्की का इस्तीफा मांग लिया है.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 10:51 pm

Nepal News: नेपाली सेना की चतुराई और नाकाम हो गई बाहरी साजिश, बांग्लादेश की तरह नहीं बन सकी कठपुतली सरकार

Army Role in Nepal Crisis News: बांग्लादेश में हुए हिंसक तख्तापलट के एक साल बाद उसी पैटर्न पर नेपाल में भी सत्ता बदल दी गई. लेकिन इस संकट में नेपाली सेना ने अपनी चतुराई और समझदारी से अपने देश को दूसरा 'बांग्लादेश' बनने से बचा लिया.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 9:41 pm

इस गल्फ कंट्री में प्लॉट खरीदकर आप भी बन सकते हैं 'शेख'? सरकार ने विदेशियों के खोल दिए दरवाजे, जानें कैसे पूरा करें सपना

How to acquire property in Oman: क्या आपका भी गल्फ कंट्री में प्रॉपर्टी खरीदकर वहां बसने का सपना है. अगर ऐसा है तो आपके लिए शानदार मौका है. ओमान ने विदेशियों के लिए संपत्ति खरीदने के नियम बहुत आसान कर दिए हैं.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 8:12 pm

इस गल्फ कंट्री में प्लॉट खरीदकर आप भी बन सकते हैं 'शेख'? सरकार ने विदेशियों के खोल दिए दरवाजे, जानें कैसे पूरा करें सपना

How to acquire property in Oman: क्या आपका भी गल्फ कंट्री में प्रॉपर्टी खरीदकर वहां बसने का सपना है. अगर ऐसा है तो आपके लिए शानदार मौका है. ओमान ने विदेशियों के लिए संपत्ति खरीदने के नियम बहुत आसान कर दिए हैं.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 8:12 pm

पहले किया TikTok पर बैन की धमकी का ड्रामा, अमेरिका ने अब चुपचाप की चीन से बड़ी डील! ट्रंप बोले- जिनपिंग से...

TikTok विवाद को लेकर अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा चीन के साथ हुई मीटिंग के दौरान उन्होंने एक विशेष कंपनी को लेकर समझौता भी किया है. वहीं, उन्होंने एक और ऐलान किया है.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 8:04 pm

चैटजीपीटी की मदद से गाजा से भागा फिलिस्तीनी एक साल तक भागता रहा, जानें आगे क्या हुआ

Gaza Man Flee to Europe: गाजा के हालात काफी खराब हैं. हमास आतंकियों का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में एक नौजवान ने गाजा से भागकर नई जिंदगी शुरू करने की कोशिश की. चीन, लीबिया, मिस्र, इटली से होता हुआ वह समंदर के रास्ते करीब एक साल तक यूं ही भागता रहा. जाने आखिर में क्या हुआ?

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 7:05 pm

गैंगरेप-मल त्याग की पेशकश...क्या है पोर्टा-पॉटी पार्टी, जहां दुबई के अमीरजादे खुलकर खेलते हैं गंदे खेल

Dubai Porta-Potty Parties: दुबई के एक हाई-प्रोफाइल सेक्स रिंग का पर्दाफाश हुआ है. लंदन के एक पूर्व बस ड्राइवर चार्ल्स म्वेसिग्वा ने एक रिपोर्टर को 'सेक्स पार्टी के लिए महिलाओं' की पेशकश की. उसने रिपोर्टर को बताया कि महिलाएं ग्राहकों की 'लगभग हर इच्छा' पूरी करेंगी. इस दौरान इस ड्राइवर ने चमकती दुबई की 'काली सच्चाई' बताई, जो बेहद ही खौफनाक है.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 6:22 pm

इंसान के सीने में धड़का 'सूअर' का दिल, मेडिकल हिस्ट्री में डॉक्टरों ने कर दिखाया 'चमत्कार', जानें पूरा मामला

Viral News: अमेरिका में डॉक्टरों ने 58 साल के मरीज को सूअर का दिल ट्रांसप्लांट कर नई जिंदगी दी. जेनेटिक रूप से बदले सूअर के अंगों से जेनो ट्रांसप्लांट संभव हो रहा है. पहले भी प्रयास हुआ था, लेकिन इस बार मरीज स्वस्थ है. यह विज्ञान की बड़ी सफलता मानी जा रही है.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 5:38 pm

Nepal Supreme Court: तंबू में चल रहा सुप्रीम कोर्ट, Gen-Z प्रोटेस्ट के बाद कैसी हो गई नेपाल की हालत? सामने आई तस्वीर

कई रिपोर्टों और स्थानीय मीडिया के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारियों ने सेवाएं जारी रखने के लिए नेपाल की शीर्ष अदालत के परिसर में टेंट लगा दिए हैं. हालांकि, सुनवाई फिर से शुरू नहीं हुई है.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 2:25 pm

बांग्लादेश में यूनुस की चली जाएगी सत्ता? जिन पार्टियों ने मिलकर शेख हसीना सरकार को उखाड़ फेंका, उनमें हो गई दुश्मनी

Bangladesh Political Upheaval Shifting Alliances:बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिराने में बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी का बड़ा हाथ है, लेकिन अब इन दोनों पार्टियों के बीच जमकर टकराव शुरू हो गया है. जिसके बाद बांग्लादेश में एक बार फिर बदलाव की आहट सुनाई देने लगी है. क्या बांग्लादेश में यूनुस की चली जाएगी सत्ता? जानें पूरी बात.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 1:27 pm

Nepal Goverment: नेपाल में नए मंत्रिमंडल का विस्तार, सुशीला कैबिनेट में किन मंत्रियों को मिली जगह?

Nepal Goverment: नेपाल में केपी शर्मा ओली की सत्ता बेदखल होने के बाद आज सोमवार को नए कैबिनेट का विस्तार हो चुका है. आज 3 प्रमुख मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 12:56 pm

नेपाल- फ्रांस के बाद अब फिलीपींस में भड़की चिंगारी, भ्रष्ट सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, राष्ट्रपति ने जोड़े हाथ

Corruption Protest In Philippines: फिलीपींस में भ्रष्टाचार को लेकर लोग सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने लगे हैं. इसको लेकर राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने जनता से कुछ आग्रह किया है.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 12:20 pm

Happy Birthday To You POPE...सफेद शर्ट, काली पैंट पहने पेरू की राष्ट्रपति ने देखें किस अंदाज में मनाया पोप LEO XIV का जन्मदिन

Pope Leo XIV 70 Birthday:पेरू की राष्ट्रपति डिना बोलुआर्टे ने पोप लियो XIV के 70वें जन्मदिन पर लंबायेक में स्टेज पर 'हैप्पी बर्थडे' गाना गाकर सबको चौंका दिया. सफेद शर्ट और काली पैंट में लंबायेक और लिमा में स्टेज पर जिस अंदाज में 'हैप्पी बर्थडे' पोप लियो XIV के लिए गाया गया. वह वायरल हो रहा है.पोप लियो, जो मूल रूप से अमेरिकी लेकिन पेरू के ही नागरिक हैं.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 10:13 am

अब NATO और EU को दबाने की कोशिश में ट्रंप, प्रतिबंधों के जरिए रूस से बढ़ाना चाहते है इनकी दूरिया

अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने कहा कि मैं रूस पर बड़े प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हूं लेकिन जब सभी नाटो देश और यूरोप भी अपने प्रतिबंधों को रूस पर बढ़ाए. इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूरोप की आलोचना करते हुए कहा कि यूरोप रूस पर जो प्रतिबंध लगा रहे हैं, वे पर्याप्त कड़े नहीं हैं. मैं रूस पर और प्रतिबंध लगाने को तैयार हूं लेकिन यूरोप को मेरे कहने के अनुरूप अपने प्रतिबंधों को और कड़ा करना होगा.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 10:09 am

30 सालों से कैलिफोर्निया में रह रही थी सिख दादी, अचानक ICE ने किया गिरफ्तार, भड़के समुदाय ने किया विरोध प्रदर्शन

Sikh Woman Detained In US: अमेरिका में पिछले 30 सालों से भी ज्यादा समय से रह रही एक सिख महिला को डिटेन कर दिया गया है. महिला के पास जरूरी दस्तावेज नहीं थे.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 9:33 am

यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिका की नई चाल! ट्रंप के सहयोगी लिंडसे ग्राहम ने भारत-चीन पर टैरिफ बढ़ाने की क्यों की मांग?

Lindsey Graham statement: पोलैंड के हवाई क्षेत्र में रूसी ड्रोन घुसने की घटना पर अमेरिका के एक सीनियर पॉलिटिशियन, लिंडसे ग्राहम का बयान सामने आया है. वह यूक्रेन-रूस वॉर खत्म करने के लिए भारत और चीन पर टैरिफ के जरिए दवाब डालने की बात कर रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 9:10 am

वामपंथी-लिबरल बहुत ‘नीच’, देश का झंडा जलाते-हिंसा फैलाते हैं... ट्रंप ने जिगरी दोस्त चार्ली किर्क की हत्या पर निकाली भड़ास

Charlie Kirk memorial in Arizona:कंजर्वेटिव एक्टिविस्ट चार्ली किर्क की हत्या के बाद अमेरिका में कोहराम मचा हुआ है. अपने जिगरी दोस्त को खोने के बाद ट्रंप को बहुत दुख है. तभी तो उन्होंने अपने दोस्त की हत्या परवामपंथियों और लिबरल्स को ‘नीच’ और ‘उकसावेबाज’ बता दिया.किर्क और ट्रंप का रिश्ता कितना गहरा था इस बात से लगाया जा सकता है किट्रंप 21 सितंबर को एरिजोना में किर्क की स्मृति सभा में भी जाएंगे. जानें ट्रंपवामपंथियों और लिबरल्स पर क्यों भड़क गए?

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 7:53 am

17 सितंबर के बाद टिकटॉक 'मर' सकता है...क्यों व्याकुल हो गए ट्रंप? 'जिंदा' रखने के लिए अब चीन ही सहारा!

Tiktok ban trump china deadline:अमेरिका में टिकटॉक के भविष्य पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नेचुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि टिकटॉक को बचाने या बंद करने का फैसला अब चीन पर निर्भर है. 17 सितंबर की डेडलाइन नजदीक है. ट्रंप ने बहुत साफ शब्दों में कह दिया है कि टिकटॉक मर भी सकता है और बचाया भी जा सकता है. जानें अंदर की बात.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 7:35 am

Charlie Kirk: इन्वेस्टिगेशन टीम का सिरदर्द बना चार्ली किर्क का हत्यारा रॉबिंसन, जांच में नहीं कर रहा सहयोग

Tyler Robinson: अमेरिकन एक्टिविस्ट चार्ली किर्क की हत्या मामले में कस्टडी में लिए गए टायलर रॉबिंसन से पूछताछ की जा रही है. इसको लेकर यूटा के गवर्नर सस्पेंसर कॉक्स का कहना है कि रॉबिंसन जांच में सहयोग नहीं कर रहा है.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 7:28 am

चार्ली किर्क की हत्या को लेकर FBI निदेशक काश पटेल पर फिर उठे सवाल, सीनेट के सामने होंगे पेश

चार्ली किर्क की हत्या के बाद FBI निदेशक काश पटेल का जल्दबाजी में उठाया कदम उनको भारी पड़ सकता है. जानकारी के अनुसार, मंगलवार और बुधवार को काश पटेल को कांग्रेस के सामने निगरानी सुनवाई के लिए पेश होना है जहां उनसे कड़े सवाल पूछे जा सकते हैं.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 7:15 am

टैरिफ की टेंशन देने के बाद डोनाल्‍ड ट्रंप के बदल रहे सुर, कंपनियों से कही ये बात

बीते 90 दिनों से दुनिया को अमेरिकी टैरिफ (US Tariff) की धौंस दिखा रहे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सुर कुछ बदले नजर आ रहे हैं. माना जा रहा है कि भारत-रूस-चीन तीनों से एक साथ संबंध खराब करने के बाद उनके रुख में ये बदलाव दिखा है.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 6:57 am

डोनाल्ड ट्रंप को आखिरकार सता रहा किस चीज का डर? दुनियाभर के लोगों से कर रहे चिरौरी

बीते 90 दिनों से दुनिया को अमेरिकी टैरिफ (US Tariff) की धौंस दिखा रहे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सुर कुछ बदले नजर आ रहे हैं. माना जा रहा है कि भारत-रूस-चीन तीनों से एक साथ संबंध खराब करने के बाद उनके रुख में ये बदलाव दिखा है.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 6:12 am

स्पॉटलाइट:जेन-Z ने गेमर्स के ऐप पर वोटिंग से चुनी PM:कैसे हुआ चुनाव, इसी ऐप से पलटी थी नेपाली सरकार

एक तरफ जहां दुनियाभर में EVM और बैलेट पेपर जैसे तरीको से वोटिंग की जाती है. वहीं, नेपाल में जनरेशन z ने अपनी पहली महिला प्रधानमंत्री गेमर्स के लिए बने ऐप पर चुनी है. नेपाल में सोशल मीडिया बैन होने के बाद प्रदर्शनकारियों की भीड़ भी यहीं से जुटी है. लेकिन किस ऐप पर ये सब मुमकिन हुआ. आखिर एक एप प्रदर्शन से लेकर चुनावों तक का हिस्सा कैसे बना. पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो....

दैनिक भास्कर 15 Sep 2025 4:56 am

21 दलितों-मुस्लिमों का कत्ल, रेप के बाद स्तन काटे:हवा में उछालकर तलवार से बच्चे के 2 टुकड़े किए; आरोपी 53, सजा 0

दैनिक भास्कर की इलेक्शन सीरीज 'नरसंहार' के चौथे एपिसोड में आज कहानी बथानी टोला नरसंहार की... बिहार की राजधानी पटना से करीब 90 किलोमीटर दूर भोजपुर जिले का बथानी टोला गांव। साल था 1996 और तारीख 11 जुलाई। दोपहर के 2 बज रहे थे। लुंगी बनियान पहने 60-70 लोग तेज कदमों से गांव की तरफ आ रहे थे। हाथों में बंदूक, कट्टा, तलवार, गड़ासा, केरोसिन तेल के डिब्बे और लाठी-डंडे थे। वे बार-बार एक नारा लगा रहे थे। नारा क्या था...आगे बताएंगे। कुछ देर में भीड़ गांव पहुंच गई। 50 साल का एक शख्स चीखते हुए बोला- ‘हड़बड़ी मत करो। पहले दो-चार लोग गांव में घूमकर आओ। टोह लो कि वे लोग कर क्या रहे हैं।’ तीन नौजवान दबे पांव गांव में घुसे। कुछ देर बाद लौटकर बोले- ‘सारे मर्द खेतों में काम करने गए हैं। महिलाएं-बच्चे हैं बस। कुछ देर रुकना पड़ेगा, तब तक मर्द आ जाएंगे।’ 30-35 साल का एक शख्स बोल पड़ा- ‘औरत-मर्द से मतलब नहीं है। सब @#$%#$ नक्सली है। चलो…जो मिले उसे खत्म कर दो। गड़ासे से काट दो। और सुनो… जो भागेगा उस #$%@$% को गोली मार देना।’ अब हमलावर गांव में घुसे। 4-5 महिलाएं चूड़ी बेचकर लौट रही थीं। घरों के बाहर बच्चे खेल रहे थे। हथियारबंद लोगों को देखकर महिलाएं चिल्लाने लगीं- ‘भागो सब भागो। गांव पे हमला हो गया है।’ जो जहां था, भागने लगा। कोई अनाज की कोठी में छिप गया, तो कोई दीवार फांदकर भाग गया। कुछ लड़के पेड़ पर चढ़कर गए। इधर, हमलावर 10-15 लोगों का गुट बनाकर अलग-अलग घरों में तबाही मचाने लगे। एक घर के बरामदे में तीन मासूम खेल रहे थे। हमलावरों को देखकर वे डर गए। चीखने लगे। हमलावर बोल पड़ा- ‘इन बच्चों से दुश्मनी नहीं है। इन्होंने क्या ही बिगाड़ा है हमारा। छोड़ दो इन्हें।’ दूसरा बोला- ‘ना ना किसी छोड़ना नहीं। ये जिंदा बच गए तो नक्सली बनेंगे। कल को हमारे बच्चों को मारेंगे।’ उसने तलवार उठाई और एक-एक करके तीनों मासूमों की गर्दन उतार दी। बरामदे में खून से रंग गया। घर के एक कोने में एक महिला 1 साल के बच्चे को गोद में लेकर छिपी थी। दूसरे कोने में 18-19 साल की लड़की छिपकर बैठी थी। हमलावरों को देखकर दोनों कांपने लगे। हाथ जोड़ लिया, लेकिन हमलावर ने महिला की पीठ पर तलवार मार दी। ‘ओह… अनर्थ हो गया। ये तो पेट से है।’ यह कहते हुए वह तलवार छोड़कर भाग खड़ा हुआ। तभी दूसरा बोल पड़ा- ‘%$#@ बहुत मर्दानगी दिखा रहे हो। इसका बच्चा बड़ा होकर तुम्हारे बेटे को मारेगा।’ उसने तलवार उठाई और महिला के पेट में घोंप दी। मांस का लोथड़ा कटकर लटक गया। महिला तड़प-तड़पकर शांत हो गई। उसका एक साल का बेटा चीख उठा- 'मां… मां'…। पसीना पोंछते हुए हमलावर बोला- ‘चल तुझे मां के पास पहुंचा देता हूं।’ उसने बच्चे का पैर पकड़ा और हवा में ऊपर उछाल दिया। फिर हवा में ही तलवार से उसके दो टुकड़े कर दिए। मिट्टी की दीवारों पर खून के धब्बे जम गए। अब हमलावर लड़की की ओर बढ़ा और बाल खींचकर उसे जमीन पर पटक दिया। तब तक चार-पांच और हमलावर आ गए। सबने मिलकर लड़की के साथ गैंगरेप किया। फिर उसकी छाती और गर्दन पर तलवार मारकर आगे बढ़ गए। चीख पुकार सुन कई लोग घर से भाग गए थे। हमलावरों को 4-5 घरों में कोई नहीं मिला, तो वे चिढ़ गए। एक अधेड़ बोला- ‘#$%@% सब पता नहीं कहां भाग गए। केरोसिन डालकर आग लगा दो। जो भी छिपा होगा जलकर राख हो जाएगा।’ हमलावर ने वैसा ही किया। गांव में घूम-घूमकर घरों में आग लगाने लगे। कुछ ही देर में चीखने-बिलखने की आवाज गूंजने लगीं- ‘बचाओ, बचाओ।’ पर बचाने कोई आए भी तो कैसे... हमलावरों ने पूरे गांव को घेर रखा था। एक घंटे के भीतर 12-15 घर जल गए। हमलावर आगे बढ़े। गांव में पक्के का इकलौता मकान मारवाड़ी चौधरी का था। हमलावरों ने कई बार दरवाजे पर लात मारी, पर कोई असर नहीं हुआ। गोलियां भी चला दी दरवाजे पर, फिर भी कोई असर नहीं हुआ। तभी एक हमलावर बोला- ‘गोली बर्बाद मत करो, दीवार फांदकर अंदर घूसो।’ 10-15 हमलावर पीछे की दीवार से छत पर चढ़े और फिर आंगन में उतर गए। अलग-अलग कमरों में 10-15 महिलाएं-बच्चे छिपे थे। हमलावर उन्हें घसीटते हुए आंगन में ले आए। लाठी-डंडे से पीटने लगे। पूरा आंगन महिलाओं-बच्चों की चीख से गूंज उठा। कुछ महिलाएं बच्चों के साथ एक के ऊपर एक लेट गईं। उन्हें लगा शायद कोई बच जाए। तभी दो-तीन हमलावर तलवार लेकर आ गए। दनादन वार करने लगे। कुछ ही मिनटों में आंगन में 14 लाशें बिछ गईं। आंगन खून से लाल हो गया। हमलावरों के कपड़े भी खून से भीग गए। इसी बीच एक नौजवान आया और अंधाधुंध फायरिंग करने लगा। बोला- 'कोई बच गया होगा तो वो भी मारा जाएगा।' लंबे कद काठी का अधेड़ बोला- ‘सब के सब मर गए। कहां ही कोई बचा होगा। एक काम करो, केरोसिन डालकर आग लगा दो।’ हमलावरों ने मारवाड़ी के घर में आग लगा दी। कुछ देर बाद उन्हें यकीन हो गया कि सब मर गए। फिर वे जयकारा लगाते हुए गांव से चल दिए। आधे घंटे बाद मारवाड़ी चौधरी घर पहुंचे। देखा घर जल चुका था। दरवाजा टूट चुका था। अंदर घुसते ही वो सीने पर हाथ रखकर बैठ गए। सोचने लगे- 'अब कहां ही कोई बचा होगा।' फिर भी हिम्मत करके आगे बढ़े, लेकिन आंगन में पैर रखते ही चक्कर खाकर गिर पड़े। कुछ देर बाद होश आया तो देखा अंगन में लाशें बिखरी पड़ी हैं। महिलाओं की, मासूमों की। तीन लाशें तो उनके अपने परिवार की थीं। बेटा, बहू और पोता। सब खत्म। एक-एक करके उन्होंने लाशें हटानी शुरू की। पता चला कि एक महिला जिंदा है। उसकी छाती से खून बह रहा था। हाथ की उंगलियां कट चुकी थीं। मारवाड़ी महिला को जैसे-तैसे उठाकर बाहर लाए। अब तक गांव में चीख पुकार मच चुकी थी। खेतों में काम कर रहे पुरुष गांव की तरफ भागे। गोलियों की आवाज सुनकर वामपंथी पार्टियों के लोग भी गांव आ गए। पूरा गांव दहल गया था। हर जगह लाशें, खून और घरों से उठ रहे धुएं। ये मंजर जो देखा सिहर गया। कुल 18 लाशें मिलीं। कटी-फटी और अधजली लाशें। तीन लोग जख्मी थे। इलाज के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। ये बथानी टोला नरसंहार था, कुल 21 लोग मारे गए। 15 दलित और 6 मुस्लिम। इनमें 11 महिलाएं, 9 बच्चे और 1 पुरुष थे। कहा गया कि ये 1992 में हुए बारा नरसंहार का बदला था, जिसमें 35 भूमिहारों की हत्या कर दी गई थी। नरसंहार के करीब 2 घंटे बाद, शाम करीब 4 बजे का वक्त। पास के सहर थाने को खबर मिली- 'बथानी टोला में नरसंहार हो गया है।' SI उमेश कुमार सिंह ने आवाज लगाई- 'जीप निकालो। जल्दी बथानी टोला चलो।' कुछ ही देर में वे 8-10 पुलिस वालों को लेकर गांव पहुंच गए। सन्नाटा पसरा था। लोग इधर-उधर छिपे हुए थे। 12 घर पूरी तरह जल चुके थे। घरों के बाहर, आंगन में और गलियों में कटी-फटी लाशें पड़ी थीं। गलियां खून से ऐसे सनी थी, जैसे कोई अभी-अभी चटक लाल रंग से होली खेल गया हो। SI उमेश कुमार समझ गए कि बड़ा नरसंहार हो गया है। शाम 6.30 बजे सहर थाने के ऑफिस इन चार्ज भी गांव पहुंच गए। देर शाम तक जोनल आईजी, भोजपुर के डीएम और दूसरे अधिकारी भी पहुंच गए। SI उमेश कुमार ने आवाज लगाई- ‘कोई जिंदा बचा है क्या? कोई बाहर क्यों नहीं निकल रहा, पुलिस आई है पुलिस।’ थोड़ी देर बाद एक शख्स बाहर निकला। उसके हाथ-पैर कांप रहे थे। SI उमेश चौधरी- क्या नाम है? साहब… किशुन चौधरी SI उमेश- किशुन डरो मत, पूरी बात बताओ कि हुआ क्या, कौन किया है ये सब? किशुन बिलखते हुए कहने लगा- ‘साहब रणवीर सेना वालों ने पूरे गांव को मार डाला। हर घर में लाश पड़ी है। मेरे परिवार के तीन लोग मार दिए। पत्नी और दो बेटियों को उन लोगों ने तलवार से काट दिया।’ तुमने हमलावरों को देखा था? ‘हां साहब… वो रणवीर बाबा की जय के नारे लगा रहे थे। उनके हाथों में हथियार थे। लुंगी बनियान पहने हुए थे। कुछ लोगों ने मुंह भी बांध रखे थे। मैं एक पेड़ पर चढ़ गया था। इसलिए बच गया।’ इस बीच गांव के कुछ लोग और भी वहां आ गए। 40 साल का एक शख्स कहने लगा- 'साहब मेरे परिवार में कोई जिंदा नहीं बचा है। रणवीर सेना वालों ने 6 लोगों को मार दिया है।' SI उमेश - क्या नाम है तुम्हारा? साहब… नईमुद्दीन अंसारी SI उमेश - क्या देखा तुमने, पूरी बात बताओ? 'साहब…मैं बरगद पेड़ के नीचे बैठकर खैनी बना रहा था। चार-पांच लोग भी साथ बैठे थे। हम बातें कर रहे थे। अचानक ‘रणवीर बाबा की जय’ के नारे सुनाई पड़ने लगे। एक ऊंची जगह पर खड़े होकर देखा तो 50-60 लोग बंदूक, तलवार लेकर गांव की तरफ आ रहे थे। हम लोग उठकर घर की तरफ भागे। मैंने जल्दी से महिलाओं और बच्चों को मारवाड़ी चौधरी के घर पहुंचा दिया और खुद भाग गया। मुझे लगा कि रणवीर सेना वाले मर्दों को मारने आए हैं। औरतों और बच्चों को छोड़ देंगे।’ फिर क्या हुआ? नईमुद्दीन ने रोते हुए कहा- ‘मैं दूर से देख रहा था। उन लोगों ने तीन तरफ से गांव को घेर लिया था। ताकि कोई भाग नहीं पाए। फिर केरोसिन तेल डालकर घरों में आग लगाने लगे। कुछ ही मिनटों में गांव में गोलियों की आवाज गूंजने लगीं। एक घंटे तक घर जलते रहे। जब वो लोग नारा लगाते हुए गांव से चले गए, तब मैं घर लौटा।’ SI उमेश - पहले से कोई रंजिश थी क्या? मारवाड़ी चौधरी नाम का शख्स बोल पड़ा- ‘साहब… जमींदारों और मजदूरों के बीच मजदूरी बढ़ाने के लिए विवाद चल रहा था। हम लोग एक दिन की मजदूरी 25 रुपए मांग रहे थे और वे सिर्फ 12 रुपए देने के लिए तैयार थे। इस वजह से 2 साल से दोनों तरफ से लड़ाई चल रही थी। सीपीआई माले वाले हमारी मदद कर रहे थे। जमींदारों को ये बात चुभती थी। वे लोग खून खराबे की धमकी दे रहे थे।’ सो उन्होंने खून कर ही दिया।' घटना के दिन ही पुलिस ने 8 लोगों के बयान लिए, लेकिन FIR दर्ज हुई अगले दिन यानी 12 जुलाई की सुबह 4.30 बजे। उसी दिन पुलिस ने FIR सीजेएम कोर्ट भिजवा दी, लेकिन रिपोर्ट पहुंचने में दो दिन लग गए। करीब 12 घंटे तक लाशें गांव में ही पड़ी रहीं। अगले दिन यानी 12 जुलाई को पोस्टमार्टम करने वाली टीम गांव पहुंची। जैसे ही डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम करना शुरू किया, तभी सीपीआई माले के लोगों ने बवाल कर दिया। कुर्ता-पजामा पहने 40 साल का एक शख्स कहने लगा- ‘देखिए प्रशासन की मनमानी नहीं चलेगी। आदमी मर गया इसका मतलब ये नहीं कि उसकी इज्जत नहीं है। पोस्टमार्टम कायदे से होना चाहिए। एक भी लाश का पोस्टमार्टम सड़क पर नहीं होगा।’ एक घंटे तक दोनों तरफ से तकरार होती रही। इसके बाद पुलिस किसी अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए राजी हुई। तीन-चार ट्रैक्टर बुलाए गए। सभी लाशें ट्रैक्टरों में लादी गईं। फिर आरा के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया। मानवाधिकारों की वकील बेला भाटिया एक आर्टिकल में लिखती हैं- 'अस्पताल के बाहर कीचड़ वाली जगह में लाशें रखी थीं। किसी भी लाश के ऊपर कपड़ा नहीं डाला गया था। महिलाओं की लाशें भी कवर नहीं की गई थीं। वहां खड़ा एक आदमी तो बोल पड़ा- 'मरनी के बाद भी गरीबों को इज्जत नहीं मिल रही। किसी को कोई मतलब ही नहीं है।’ CM लालू गांव पहुंचे तो नारा लगा- 'मुख्यमंत्री इस्तीफा दो, वापस जाओ' बथानी टोला नरसंहार का आरोप रणवीर सेना पर लगा। ये अगड़ी जाति के एक गुट की प्राइवेट आर्मी थी। इसमें ज्यादातर भूमिहार थे। कुछेक राजपूत भी। इसकी शुरुआत की भी कहानी है। दरअसल, 70 के दशक से ही बिहार में सवर्ण जमींदारों और मजदूरों के बीच संघर्ष चल रहा था। बाद में मजदूरों को नक्सली संगठनों का साथ मिल गया। जमींदार मारे जाने लगे। उनकी जमीनों की नाकेबंदी होने लगी। बदले की आग में जल रहे अगड़ी जातियों ने कई निजी सेनाएं बना लीं। इनमें बड़ा नाम रणवीर सेना का है। 1994 में भोजपुर जिले के बेलाउर गांव में रणवीर सेना की नींव रखी गई। रिटायर्ड फौजियों ने गांव के किसानों और लड़कों को बंदूक चलाने की ट्रेनिंग दी। इसके बाद तो दोनों तरफ से जातीय नरसंहार शुरू हो गए। जुलाई 1995 में सरकार ने भले ही रणवीर सेना पर प्रतिबंध लगा दिया, लेकिन ये संगठन बंद नहीं हुआ। तब बिहार में जनता पार्टी की सरकार थी और लालू यादव मुख्यमंत्री। नरसंहार के 2 दिन बाद यानी 13 जुलाई को लालू बथानी टोला पहुंचे। उनके साथ बिहार के डीजीपी भी थे। गांव वालों को पता चला कि मुख्यमंत्री आए हैं, तो भीड़ ने उन्हें घेर लिया। ‘मुख्यमंत्री इस्तीफा दो, मुख्यमंत्री वापस जाओ’ नारे लगने लगे। मजबूरन लालू को पटना लौटना पड़ा। उसी शाम बिहार सरकार ने मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपए मुआवजा और गांव वालों को घर बनाने के लिए 20-20 हजार रुपए देने का ऐलान कर दिया। 14 जुलाई को लापरवाही के आरोप में 9 पुलिसवाले सस्पेंड कर दिए गए। दरअसल, बथानी टोला से महज एक किलोमीटर की दूरी पर ही पुलिस चौकी थी। आरोप लगा कि फायरिंग और चीख पुकार की गूंज सुनने के बाद भी पुलिस वालों ने हमलावरों को नहीं रोका। हालांकि, इससे सरकार पर दबाव कम नहीं हुआ। BJP और लेफ्ट लगातार प्रोटेस्ट करते रहे। 17 जुलाई 1996 को केंद्रीय गृहमंत्री इंद्रजीत गुप्ता भी बथानी टोला पहुंच गए। उन्होंने नरसंहार के लिए बिहार पुलिस को जिम्मेदार ठहरा दिया। तब लालू सरकार की और भी किरकिरी हुई, क्योंकि जनता दल, केंद्र सरकार का भी हिस्सा था। बथानी टोला नरसंहार की जांच अभी चल ही रही थी कि मुख्यमंत्री लालू यादव चारा घोटाले में फंस गए। उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी। केंद्र सरकार की तरफ से इस्तीफे का दबाव बढ़ने लगा। 5 जुलाई 1997 को लालू ने जनता दल से अलग होकर RJD नाम से नई पार्टी बना ली। 25 जुलाई को लालू ने अपनी गिरफ्तारी से पहले पत्नी राबड़ी देवी CM बनवा दिया। ब्रह्मेश्वर मुखिया जेल में बंद थे, लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में फरार 16 जनवरी 1998, 18 महीने की जांच के बाद पुलिस ने 62 लोगों के खिलाफ अपहरण, हत्या, आगजनी, एट्रोसिटी एक्ट सहित कई संगीन धाराओं में चार्जशीट दायर की। 24 जनवरी 1998 को सीजेएम कोर्ट ने इस केस को भोजपुर जिला अदालत भेज दिया। नवंबर 2000 से जनवरी 2009 तक यानी करीब 8 साल तक सरकारी गवाहों की जांच होती रही। कुल 53 आरोपियों का ट्रायल किया गया। बाकी आरोपी या तो मर गए या फरार घोषित कर दिए गए। इन फरार आरोपियों में रणवीर सेना प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया भी शामिल थे। हालांकि, वे 2002 से 2011 तक जेल में बंद थे। कुल 16 गवाह बनाए गए। 13 सरकार की तरफ से और 3 आरोपियों की तरफ से। आरोपियों की तरफ से बड़की खड़ांव गांव के थाना प्रभारी और दो चौकीदारों ने भी जिला अदालत में गवाही दी। ये वहीं थाना प्रभारी थे, जिसे नरसंहार के बाद लापरवाही के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया था। इसी दौरान पहली बार गवाहों के सामने आरोपियों की परेड कराई गई। 38 साल की राधिका को सबकुछ जस का तस याद है। उस नरसंहार में उनकी छाती पर गोली लगी थी, लेकिन वो बच गई थीं। कहती हैं- ‘कोर्ट में मैंने आरोपियों को पहचान लिया था। गुस्से में कई आरोपियों की कमीज फाड़ दी, बाल खींच लिया। मैंने तो उन्हें मारने के लिए चप्पल भी उठा ली थी, लेकिन पुलिस ने रोक दिया।’ नरसंहार के करीब 14 साल बाद 1 अप्रैल 2010 से 20 अप्रैल 2010 तक भोजपुर जिला अदालत में सुनवाई हुई। 5 मई 2010 को भोजपुर जिला अदालत के जज एके श्रीवास्तव ने फैसला सुनाया। 53 आरोपियों में से 23 दोषी करार दिए गए। 3 को फांसी की सजा सुनाई गई और 20 को उम्रकैद। सबूतों की कमी के चलते 30 आरोपी बरी कर दिए गए। 23 दोषियों में से 4 नाबालिग थे। जिन दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई, वे थे- अजय सिंह, मनोज सिंह और नरेंद्र सिंह। नरसंहार के 14 साल बाद लोअर कोर्ट से 3 को फांसी, 20 को उम्रकैद, लेकिन हाईकोर्ट से सभी बरी लोअर कोर्ट के फैसले को दोषियों ने पटना हाईकोर्ट में चैलेंज किया। अप्रैल 2012 में सुनवाई शुरू हुई... बचाव पक्ष के वकील ने दलील दी- ‘माय लॉर्ड… मेरे मुवक्किल को जानबूझकर फंसाया गया है। पुलिस ने दबाव में आकर बिना जांच-परख के लोगों को गिरफ्तार किया। जैसे कबूतरों को बैठाकर झूंड में गिरफ्तार कर लिया गया हो। जानबूझकर FIR 12 घंटे बाद दर्ज की। ताकि उसे आरोप लगाने और प्लानिंग करने का वक्त मिल सके।’ 16 अप्रैल 2012, पटना हाईकोर्ट में फैसले का दिन। जस्टिस नवनीत प्रसाद सिंह और जस्टिस अश्वनी कुमार सिंह की डिवीजन बेंच ने कहा- ‘पुलिस की जांच रिपोर्ट और चार्जशीट में काफी लूप होल है। चश्मदीदों के पुलिस को दिए बयान और कोर्ट में दिए गए बयान मेल नहीं खा रहे।पुलिस के पास कोई साइंटिफिक एविडेंस नहीं है। कोर्ट सबूतों की कमी के चलते उन 23 लोगों को बरी करता है, जिन्हें निचली अदालत ने सजा सुनाई थी।’ इस फैसले से बथानी टोला के लोगों को सदमा सा लगा। नईमुद्दीन रो पड़े। मीडिया वालों से कहने लगे- 'मेरे परिवार के 5 लोग मारे गए। तब मेरी दिमागी हालत ठीक नहीं थी। मैंने तीन बयान दिए। दो मौखिक और एक लिखित। बाद में मैंने बयान में कुछ जुड़वाया भी। लोअर कोर्ट ने बयान को सही माना, लेकिन हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। ये कहकर कि बयान बदले गए हैं। अन्याय हुआ हमारे साथ।' बिहार सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। लेकिन 13 साल बीत जाने के बाद भी अब तक कोई फैसला नहीं आ सका है। बिहार सरकार ने अपील की थी कि जब तक फैसला नहीं आ जाता, तब तक आरोपियों को बेल नहीं दी जाए, पर कोर्ट नहीं माना। RJD की सीटें घटती गईं, जंगल राज का टैग लगा फरवरी 1998 में लोकसभा चुनाव हुए। तब बिहार में कुल 54 सीटें थीं। इनमें से 20 सीटें BJP को और 17 सीटें RJD को मिलीं। 1999 में फिर से लोकसभा चुनाव हुए। अब तक बथानी टोला नरसंहार के साथ-साथ लक्ष्मणपुर बाथे, शंकर बिगहा और सेनारी जैसे बड़े नरसंहार हो चुके थे। 200 से ज्यादा दलित और सवर्ण मारे जा चुके थे। इसी दौरान पटना हाईकोर्ट ने 'जंगल राज' शब्द का इस्तेमाल किया था। BJP और जदयू ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया। इसका असर चुनाव में भी दिखा। RJD महज 7 सीटों पर सिमट गई। जबकि 23 सीटों के साथ BJP सबसे बड़ी पार्टी बन गई। मार्च 2000 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए। तब बिहार में 324 सीटें थीं। RJD को 124 सीटें मिलीं। यानी बहुमत से 38 कम। आखिरकार कांग्रेस और लेफ्ट के समर्थन से राबड़ी देवी तीसरी बार CM बनीं। लेकिन उसके बाद के चुनावों में RJD कभी अपना CM नहीं बना पाई। कल 5वें एपिसोड में पढ़िए कहानी लक्ष्मणपुर बाथे नरसंहार की, जहां 58 दलितों की हत्या कर दी गई.. नोट : (यह सच्ची कहानी पुलिस चार्जशीट, कोर्ट जजमेंट, गांव वालों के बयान, अलग-अलग किताबें, अखबार और इंटरनेशल रिपोर्ट्स पर आधारित है। क्रिएटिव लिबर्टी का इस्तेमाल करते हुए इसे कहानी के रूप में लिखा गया है।) रेफरेंस :

दैनिक भास्कर 15 Sep 2025 4:56 am

GenZ लीडर बोले- 2 साल से आंदोलन की तैयारी थी:गांधी-भगत सिंह हमारे आदर्श, भारत से रोटी-बेटी का रिश्ता मजबूत करेंगे

‘ये कोई 2-4 दिन का आंदोलन नहीं था। हमने कई महीनों की प्लानिंग और रिसर्च के बाद इसे खड़ा किया। हम पिछले दो साल से लगातार मेहनत कर रहे थे और एक-एक कर युवाओं को जुटाया।‘ नेपाल में अपने आंदोलन से सरकार गिरा देने वाले GenZ लीडर्स में शामिल अर्जुन शाही और टंका धामी इस बदलाव से खुश हैं। वे कहते हैं अब देश में नई व्यवस्था बनाने की बारी है। GenZ लीडर्स इस जिम्मेदारी को उठाने की तैयारी में जुट गए हैं। 26 साल के अर्जुन शाही और 27 साल के टंका धामी का जेनजी रेवोल्यूशन नेपाल नाम का संगठन है, जो सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट का हिस्सा रहा। आने वाले दिनों में ये लीडर्स नेपाल की सरकार में मंत्री और एडवाइजर भी बनेंगे। वे भारत से रोटी-बेटी का संबंध बताते हैं। वहीं, महात्मा गांधी और भगत सिंह को अपना आदर्श बताते हैं। दैनिक भास्कर ने GenZ प्रोटेस्ट का नेतृत्व करने वाले इन लीडर्स से बात की और समझने की कोशिश की कि आखिर GenZ ने इतना बड़ा आंदोलन कैसे खड़ा किया? सोशल मीडिया की उसमें क्या भूमिका रही और वे आगे कैसा नेपाल बनाना चाहते हैं? देखिए और पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल: GenZ को सरकार के खिलाफ लामबंद करना और आंदोलन खड़ा करना, ये सब कैसे हुआ?जवाब: नेपाल में GenZ क्रांति की शुरुआत करप्शन से हुई। कई युवा सरकारी करप्शन से परेशान हो चुके थे। ये सिर्फ सरकार में ही नहीं बल्कि अफसरों से लेकर मंत्री-सांसद, विधायक बल्कि पूरा पॉलिटिकल सिस्टम ही भ्रष्ट हो चुका था। युवाओं में बेरोजगारी की वजह से भी नाराजगी बढ़ रही थी। यहां से दूसरे देशों में लोगों का पलायन भी युवाओं को परेशान कर रहा था। हालांकि 8 सितंबर को हमारे आंदोलन के बाद जो कुछ हुआ, उसके बाद सब कुछ पलट गया। हमने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी, लेकिन सरकार ने जो किया, उसके बाद हालात बेकाबू होते चले गए। सरकार में बैठे नेताओं के इशारे पर हमारे युवा साथियों की हत्या की गई। हमने अपने दम पर सरकार को झुका दिया और संसद पर कब्जा कर लिया। सवाल: GenZ युवाओं को कैसे जुटाया गया?जवाब: GenZ हमारे साथ इसलिए आए क्योंकि सभी को लगता था कि करप्शन बहुत बढ़ गया है। केपी ओली सरकार में करप्शन संस्थागत हो चुका था। राजनीतिक रूप से हमारा देश अस्थिर हो गया था। कोई किसी के भी साथ मिलकर सरकार बना रहा था। सरकार का करप्शन पकड़ने के लिए हमने कई GenZ टीमें बनाईं और डीप रिसर्च की। जब हम आंदोलन खड़ा कर रहे थे, तब हमने कई लीडर्स से भी बात की थी। हालांकि उनका यही कहना था कि हम सब अभी बच्चे हैं। हमें पढ़ाई करके विदेश जाना चाहिए। हम सब इस नतीजे पर पहुंचे थे कि अगर हमने आज कुछ नहीं किया तो हमारे बाद आने वाली पीढ़ी हमें कोसेगी। किसी न किसी को तो लीड करना ही होगा, जैसे- कभी राम और कृष्ण ने किया था। नेपाल में सब कुछ अच्छा है, पहाड़ हैं, नदियां हैं, मेहनती लोग हैं। हमारे रिश्ते भी सभी देशों से अच्छे हैं, लेकिन हम अफ्रीकी देशों से भी गरीब होते जा रहे थे। अब जब नेपाल में रामराज्य आएगा तो पूरी दुनिया के हिंदू यहां आएंगे। हम ऐसा ही नेपाल बनाना चाहते थे। सवाल: प्रोटेस्ट में नेपो किड्स (राजनेताओं के बच्चे) की लग्जरी लाइफस्टाइल कैसे मुद्दा बन गई?जवाब: इसे मुद्दा बनाने के लिए हमने यूनिवर्सिटी लेवल से शुरुआत की। कई सारे सोशल मीडिया अकाउंट तैयार किए और GenZ को इस काम में लगा दिया। हमने इस सरकार की ताकत और कमजोरी दोनों पर गहन रिसर्च की। हमने इसके लिए कई ब्यूरोक्रेट्स, रिटायर्ड पुलिस अफसरों और आर्मी अफसरों से भी बात की थी। फिर हमने पता किया कि इस सरकार की कमजोर कड़ी कौन सी है। हमें वो ट्रिगर पॉइंट ढूंढना था, जिसे दबाने से ये सत्ता गिर जाए? सवाल: इस सरकार का वो ट्रिगर पॉइंट क्या था और उसे दबाने के लिए क्या तैयारी की?जवाब: सबसे बड़ा ट्रिगर पॉइंट था कि नेपाल के आम लोग दिन-ब-दिन गरीब क्यों होते जा रहे हैं। हमने इसकी पूरी इकोनॉमिक स्टडी की। हमारे देश में जब इतने सारे संसाधन हैं, फिर भी हम गरीब क्यों हैं। हमारा पासपोर्ट इतना कमजोर है। हमने GenZ तक मैसेज पहुंचाया कि ये सब सिर्फ नेपाल के करप्ट लीडर्स की वजह से हो रहा है। पूरी दुनिया को लगता है कि हम गरीब हैं, लेकिन हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि हम उतने गरीब नहीं हैं जितना आप सोचते हो। हम जिस तरह की लाइफस्टाइल जीते हैं, वो बहुत अच्छी है। खराब जिंदगी जीने के लिए हमारी सरकार ने लोगों को मजबूर कर दिया है। लोग टैक्स भरते हैं, लेकिन सरकारें उसका सही इस्तेमाल नहीं करतीं। जो प्रोजेक्ट एक साल में पूरा हो सकता है, उसे पूरा होने में 5 साल लग रहे हैं। ये सब नेताओं के करप्शन की वजह से हो रहा है। सवाल: क्या आप लोग केपी ओली और प्रचंड जैसे करप्ट लीडर्स के खिलाफ केस चलाएंगे और उन्हें जेल भेजा जाएगा?जवाब: ये सिर्फ केपी ओली और प्रचंड तक सीमित नहीं रहने वाला। देश में जो भी करप्शन में शामिल होगा, उसकी जांच होगी और उसे जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। इस बदलाव के लिए जिन साथियों ने जिंदगी कुर्बान की है, वो हमें प्रेरित करती है कि हम उन भ्रष्ट लोगों की जांच करें और उन्हें जेल भेजें। इतने युवाओं की मौत हो जाना कोई आम बात नहीं है, उनकी जान की कीमत इतनी कम नहीं है। सवाल: आखिर 73 साल की सुशीला कार्की को GenZ ने PM क्यों चुना, प्रक्रिया क्या थी?जवाब: हमारे पास PM पद के लिए पांच विकल्प थे, जिनकी चर्चा हर कोई कर रहा था। हमने हर किसी का बैकग्राउंड देखा और उनका इतिहास पता करने के लिए पूरी टीम लगाई। मौजूदा हालात में सुशीला कार्की ही हम लोगों को सबसे बेहतर लगीं। हमने PM पद के लिए ऑनलाइन वोटिंग भी करवाई। हालांकि कोई भी फैसला लेने में हमने उन्हें फुल पावर नहीं दी है। हमने कई GenZ ग्रुप के नेता बनाए थे और उनकी राय भी ली। सुशीला कार्की का बैकग्राउंड देखने के बाद ज्यादातर GenZ लीडर उनके नाम पर सहमत थे। हमने इस प्रोटेस्ट के साथ ये इतिहास भी रच दिया कि देश को पहली महिला प्रधानमंत्री दे दी। अभी तक नेपाल में महिलाओं को घर तक सीमित रखने की सोच है, इससे ये सोच भी बदलेगी। सवाल: क्या आप या GenZ लीडर्स भी मंत्री और एडवाइजर बनेंगे?जवाब: अगर जरूरत पड़ी तो हम मंत्री बनेंगे और अगर नहीं पड़ी तो नहीं बनेंगे। हमने PM चुन लिया है। अब हम एक नया सिस्टम भी बना रहे हैं। हालांकि अब तक ये तय नहीं किया है कि इस सरकार का स्वरूप क्या होगा। मंत्री कौन बनेगा, एडवाइजर कौन बनेगा, सरकार किसके फैसले पर चलेगी और सिस्टम कैसे काम करेगा। हम इस पर चर्चा कर रहे हैं और जल्द ही एक पुख्ता ड्राफ्ट के साथ लोगों के सामने आएंगे। सवाल: PM मोदी ने कहा है कि नेपाल के युवाओं से एक नए नेपाल का उदय हो रहा है। इसे कैसे देखते हैं?जवाब: नेपाल के GenZ और यहां के सभी लोग मोदी जी को धन्यवाद कहना चाहते हैं। वो महान लीडर हैं और उन्होंने भारत को बदल कर रख दिया है। उन्होंने पूरी दुनिया में भारत का परचम लहराया है। उन्होंने दुनिया को मैसेज दिया है कि एशियाई देश इतना भी कमजोर नहीं हैं जैसा पश्चिम की दुनिया सोचती है। भारत के पास फार्मा इंडस्ट्री है, मैन्युफैक्चरिंग है। हम भारत सरकार, PM मोदी और भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों को भी धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने हमेशा नेपाल का समर्थन किया। जब हम कहते हैं कि रोटी-बेटी का संबंध है, हमारा रिश्ता बाकी देशों से भी बहुत पुराना है। हमारा सनातन का रिश्ता है, धर्म से लेकर समाज और भाषा से लेकर संस्कृति का रिश्ता है। सवाल: आपका भारत और दुनिया के लिए क्या मैसेज है?जवाब: क्रांति करना है तो जबरदस्त कीजिए। क्रांतिकारी की भाषा ही दूसरी होती है। मैं भारत के लोगों से कहना चाहता हूं कि नेपाल में जो हुआ वो सिर्फ नेपाल तक सीमित नहीं रहने वाला है, इसका असर दुनिया में होगा। सवाल: नेपाल में प्रोटेस्ट के साथ हुई हिंसा ने देश को कई साल पीछे धकेल दिया है, आपको नहीं लगता ज्यादा नुकसान हो गया?जवाब: जब भी अन्याय बहुत ज्यादा हो जाता है तो एक वक्त के बाद प्रलय आती है। नेपाल में अत्याचार और अन्याय चरम पर था, लोगों के साथ बहुत गलत किया गया। आपने जो देखा वो इसी का नतीजा है। मैं युवाओं से कहता हूं कि अब भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़िए, सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए लड़िए। सवाल: नेपाल का भविष्य कैसा होगा, उसके लिए आप लोग क्या फैसले लेने वाले हैं?जवाब: सबसे पहले हम उन्हें मरहम लगा रहे हैं, जिनका प्रोटेस्ट के दौरान नुकसान हुआ, जो लोग घायल हुए और जिनके अपनों ने जान गंवाई। साथ ही प्रदर्शन की वजह से ट्रैफिक बूथ, पुलिस स्टेशन कुछ भी नहीं बचा है। पूरा देश बिना पुलिस के चल रहा है, हम उसे फिर से बनाएंगे। हम कैबिनेट और सिस्टम बनाने के लिए मीटिंग कर रहे हैं। उससे पहले अभी हम उन लोगों के प्रति संवेदना ज्ञापित कर रहे हैं। जिन्होंने नेपाल में बदलाव के लिए शहादत दी है, उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं। नेपाल के इतिहास में इन शहीदों की सबसे खास जगह होगी। इन्होंने नया नेपाल बनाने के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। सवाल: GenZ प्रोटेस्ट में ‘केपी चोर देश छोड़’ नारा सबसे ज्यादा सुना, आपका पसंदीदा नारा कौन सा था?जवाब: मेरा पूरी दुनिया को एक ही नारा है- ‘अन्याय और अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़िए।’ साथ ही मैं नेपाल के लोगों को कहूंगा ‘हम कल भी लड़ रहे थे, आज भी लड़ रहे हैं और कल भी लड़ेंगे।’ सवाल: आप आंदोलन और संघर्ष की प्रेरणा कहां से लेते हैं?जवाब: हर लड़ाई आत्मबल से लड़ी जाती है। जब अन्याय एक हद से बढ़ जाता है तो व्यक्ति अपने आप लड़ने के लिए खड़ा हो जाता है। भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और क्रांतिकारी भगत सिंह हमारे लिए भी प्रेरणा हैं। मैं यही कहूंगा कि नई शुरुआत करने के लिए कभी देरी नहीं होती, रोम एक दिन में बनकर तैयार नहीं हुआ था। ..................... नेपाल से ये ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़िए... पूर्व PM-वित्त मंत्री को पीटा, संसद-सुप्रीम कोर्ट जलाए, लोग बोले- हमारी सरकार करप्ट गैंग नेपाल की संसद, सुप्रीम कोर्ट, पॉलिटिकल पार्टियों के ऑफिस, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री-मंत्रियों के घर और सबसे खास काठमांडू का सिंह दरबार, सब एक दिन में जल गया। पूरे काठमांडू के आसमान में काला धुआं दिख रहा है। पूर्व PM झालानाथ खनाल की पत्नी को जिंदा जला दिया गया। 20 से 25 साल के लड़के-लड़कियां सरकार के खिलाफ सड़कों पर हैं। इनका कहना है कि हमारी सरकार करप्ट है। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 15 Sep 2025 4:00 am

यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को 'घातक तोहफा', रूस के सीक्रेट हथियार से NATO चौंका! यूरोप में टेंशन

Russia Ukraine war: दावा है कि नाटो लड़ाकू विमानों ने सीमापार यूक्रेन जाकर उड़ान भरी. इस एक्शन को रूस ने उकसावे वाली कार्रवाई बताते हुए कहा नाटो रेड लाइन पार कर रहा है. रूसी फौज यूक्रेन में तबाही मचाती जा रही है, उससे यूरोप टेंशन में है. इस बीच फ्रांस ने नाटो सैन्य अभ्यास के दौरान पोलैंड के ऊपर राफेल तैनात किए है.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 3:58 am

पंजाबी दादी ने अमेरिकंस को 'रुलाया', ट्रंप प्रशासन पर उठे सवाल; लोग बोले- वापस लाओ-वापस लाओ!

Harjit Kaur news:पंजाबी दादी अम्मा हरजीत कौर बीते करीब 35 सालों नॉर्थ कैलिफोर्निया के ईस्ट बे में रह रही थीं. उन्हें हाल ही में रुटीन जांच के दौरान इमीग्रेशन और सीमा शुल्क प्रवर्तन (आईसीई) अधिकारियों ने हिरासत में लिया. जिसके बाद सरकारी कार्रवाई पर लोगों का आक्रोश देखने को मिल रहा है.

ज़ी न्यूज़ 15 Sep 2025 12:01 am

VIDEO: 'मेरा जूता है जापानी' के पुतिन भी हुए फैन, विक्ट्री डे पर जमकर बजवाया गाना; केंद्रीय मंत्री ने शेयर किया वीडियो

India Russia News in Hindi: भारतीय सिनेमा के गाने दुनिया में देश की बड़ी सॉफ्ट पावर बने हुए हैं. इसका नजारा इस साल रूस की विक्ट्री डे परेड में दिखा. जब वहां पर राष्ट्रपति पुतिन के आवास पर मेरा जूता है जापानी गीत बजाया गया.

ज़ी न्यूज़ 14 Sep 2025 8:29 pm

चंद मिनटों में उजड़ गई दुनिया, सड़क पर घायल को बचाने रुकी थी नर्स, चेहरा देखते ही उड़ गए होश

Thailand News: थाईलैंड में एक नर्स काम करके वापस लौट रही थी. तभी उसने देखा कि एक कार हादसे का शिकार हुई है. जैसे ही वह घायल को बचाने के लिए वहां पहुंची तो उसके होश उड़ गए.

ज़ी न्यूज़ 14 Sep 2025 7:43 pm

Russia Ukraine War: रूस को झुकाने के लिए यूक्रेन ने बदली रणनीति, ड्रोन अटैक से सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी में मचा दी तबाही

Ukraine War Latest Updates: अपने से कई गुना ज्यादा शक्तिशाली रूस को जंग के मैदान में झुकाने के लिए यूक्रेन ने अब अपनी रणनीति बदल दी है. वह चुन-चुनकर उसके ईंधन और हथियार उत्पादन केंद्रों को अपना निशाना बना रहा है.

ज़ी न्यूज़ 14 Sep 2025 6:42 pm

स्थानीय निकाय चुनावों में धुर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी को मिलेगी सफलता?

जर्मन राज्य नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया (एनआरडब्ल्यू) में रविवार को हो रहे स्थानीय निकाय के चुनाव से पहले आए पोल बता रहे हैं कि इस साल एएफडी एक मजबूत ताकत के रूप में उभर सकती है

देशबन्धु 14 Sep 2025 5:21 pm

लंदन में धुर दक्षिणपंथियों की विशाल रैली

लंदन के वेस्टमिंस्टर के पास शनिवार को धुर दक्षिणपंथी नेता टॉमी रॉबिन्सन के नेतृत्व में एक बड़ा आप्रवासन विरोधी प्रदर्शन हुआ. इसमें कम से कम 1,10,00 लोगों ने हिस्सा लिया. इस दौरान पुलिस अधिकारियों पर भी हमला किया गया

देशबन्धु 14 Sep 2025 5:14 pm

नेपाल: सुशीला कार्की ने पदभार संभालते ही किया बड़ा ऐलान, जेन-जी आंदोलन में मारे गए लोगों को मिलेगा 'शहीद' का दर्जा

नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने रविवार को औपचारिक रूप से पदभार ग्रहण किया। पदभार संभालते ही उन्होंने जेन-जी आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों को 'शहीद' का दर्जा और उनके आश्रितों को 10-10 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की

देशबन्धु 14 Sep 2025 2:09 pm

कतर पर इजरायली हमले के बाद खौफ में ये मुस्लिम देश, कभी कंधे से कंधा मिलाकर चलते थे दोनों यार

हमास अधिकारी नियमित रूप से तुर्की का दौरा करते हैं और कुछ पहले से वहां रहते हैं. इजरायल ने पहले तुर्की पर हमास को अपने क्षेत्र से हमलों की योजना बनाने की अनुमति देने का आरोप लगाया था और साथ ही आतंकियों की भर्ती और फंडिंग का आरोप भी लगाया था.

ज़ी न्यूज़ 14 Sep 2025 2:02 pm

कुर्सी संभालते ही बोलीं सुशीला- सत्ता का स्वाद चखने नहीं आई; हिंसा मारे गए लोग कहलाएंगे शहीद

Sushila Karki: नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता के बाद अब पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है. उनको लेकर लोगों में उम्मीद की किरण जगी है.

ज़ी न्यूज़ 14 Sep 2025 12:58 pm

'लड़ो या मरो' कोई दूसरा रास्ता नहीं... एलन मस्क क्यों लंदन में भड़के विरोध को दे रहे हवा?

लंदन में भड़के विरोध पर अब एलन मस्क का बयान सामने आया है. जानकारी के मुताबिक, मस्क ने कहा कि मुझे लगता है कि अब कीर स्टार्मर की अगुआई वाली लेबर सरकार को गिराने की जरूरत है.

ज़ी न्यूज़ 14 Sep 2025 12:42 pm

खौफनाक चीखें, जले मांस की बदबू... नरक देख लौटे US डॉ. ने बताई मौत के बाद की 'हकीकत'! आंखे खुलते ही छोड़ी करोड़ों की नौकरी और शाही ठाट-बाट, क्या हुआ ऐसा?

Life After Death: मौत एक दरवाजा है इस दुनिया से दूसरी दुनिया में जाने का. इस अनुभव ने डॉ. राजीव की पूरी जिंदगी बदल दी. जिसके बाद आंख खुलते ही उन्होंने उन सभी भौतिक चीजों को छोड़ दिया, जिसे पाना लोगों का अल्टीमेट गोल होता है.

ज़ी न्यूज़ 14 Sep 2025 12:24 pm

ट्रंप ने 'नाटो' देशों और विश्व को भेजा ओपन लेटर, रूस के खिलाफ बड़े पैमाने पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की बताई तैयारी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को सभी 'नाटो' देशों और विश्व को एक ओपन लेटर भेजा है, जिसमें उन्होंने रूस के खिलाफ बड़े पैमाने पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने की अपनी तैयारी बताई है

देशबन्धु 14 Sep 2025 11:38 am

ये देश मात्र ₹2.50 लाख में दे रहा है परमानेंट रेजीडेंसी का मौका, बस ये है शर्तें

स्पेन, यूरोप में स्थित एक आकर्षक देश है जो अब भारतीयों को भी स्पेन में परमानेंट रेजीडेंसी का मौका दे रहा है. परमानेंट रेजीडेंसी के तहत आप स्पेन में रह सकते हैं, काम कर सकते हैं और पढ़ाई कर सकते हैं.

ज़ी न्यूज़ 14 Sep 2025 11:23 am

लंदन : दक्षिणपंथी मार्च में भड़की हिंसा, प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा अधिकारियों के बीच झड़प, 26 पुलिसकर्मी घायल

ब्रिटिश एक्टिविस्ट टॉमी रॉबिन्सन के नेतृत्व में लंदन में आयोजित एक विशाल दक्षिणपंथी मार्च उस समय हिंसक हो गया, जब प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा अधिकारियों के बीच झड़पें हुईं

देशबन्धु 14 Sep 2025 10:39 am

ना युद्ध की साजिश और ना ही मैदान में उतरने का इरादा... 100% टैरिफ पर चीन का ट्रंप को करारा जवाब

चीन और अमेरिका के बीच जारी टैरिफ वॉर को लेकर अब चाइना भी खुलकर सामने आया है. जानकारी के अनुसार, स्लोवेनिया की राजकीय यात्रा के दौरान चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा कि युद्ध से समस्याएं हल नहीं हो सकतीं तथा प्रतिबंध केवल उन्हें और जटिल बनाते हैं.

ज़ी न्यूज़ 14 Sep 2025 7:05 am

हाथों में झंडे-तख्तियां जोरदार नारेबाजी, सड़कों पर आई लाखों की भीड़... नेपाल, फ्रांस के बाद अब लंदन में क्यों प्रोटेस्ट

London Protest: टॉमी रॉबिन्सन के नेतृत्व में एक लाख से भी अधिक प्रदर्शकारियों ने एंटी-इमिग्रेशन के खिलाफ मार्च निकाला. इस दौरान वहां तैनात कुछ पुलिसकर्मियों ने जब इस आंदोलन को रोकना चाहा तो प्रदर्शनकारियों से उनकी झड़प हो गई. इस दौरान कई पुलिस अधिकारियों पर प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया जिसमें कई पुलिस अधिकारी घायल हो गए.

ज़ी न्यूज़ 14 Sep 2025 6:48 am

संडे जज्बात-पति दूसरी लड़की संग भागा, प्रेमी प्रेग्नेंट करके मुकरा:कोर्ट में वकील के बेहूदे सवाल, मैंने ठाना- अकेले बच्चा पैदा करूंगी; वो तो मुझे अपना मानेगा

मैं रागिनी, मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली हूं। अपने गांव की आशा वर्कर हूं। मेरा बचपन गरीबी में और जवानी जलालत में गुजरी। पांच साल की थी, तभी मेरे पिता की मौत हो गई। पांचवीं के बाद मेरी पढ़ाई छुड़वा दी गई और 15 साल की उम्र में मां ने मेरी शादी कर दी। पति मुझे एक ही साल में छोड़कर दूसरी लड़की के साथ भाग गया। उसके बाद एक लड़के से प्यार हुआ। प्रेग्नेंट हुई तो वो शादी से मुकर गया। पंचायत बैठी, लेकिन उसने मेरे साथ न्याय नहीं किया। सभी ने मुझसे दूरी बना ली। फिर मैंने बच्चा पैदा करने का फैसला किया। सोचा कि वो तो मुझे अपना मानेगा। बेटा पैदा हुआ। पूरा गांव उसे देखने आया। सबको यही जानने को पड़ी थी कि किसका बच्चा है! मामला लोकल कोर्ट में गया। वकील ने मुझसे पूछा- जिस लड़के से प्रेग्नेंट हुई हो, उसके प्राइवेट पार्ट पर क्या निशान है! ऐसी बेहूदी बातों के साथ कोर्ट ने प्रेमी को केस जिता दिया। उसके बाद मैंने और मां ने बेटे को पाला। आज वो 22 साल का है। अपनी कहानी शुरू करती हूं बचपन की गरीबी से। पिता जी के जाने के बाद मैं, मेरा भाई और मां तीन लोग बचे थे। उस समय हमारे पास न तो पैसा था और न जमीन। मां को मजदूरी करनी पड़ती। वो एक स्कूल में मिड-डे-मील का खाना भी बनाती थीं। वहां महीने का 150 रुपए पातीं। सोच सकते हैं 150 रुपए में जिंदगी कैसे चलती रही होगी। उन्होंने बड़ी मुश्किल से हमें पाला। 15 साल हुई तो मां ने एक लड़का ढूंढा और मेरी शादी कर दी। अपनी हैसियत के हिसाब से शादी में जो कुछ दे सकती थीं, दिया। ससुराल पहुंची तो रोज 20-22 लोगों का खाना बनाना पड़ता। बचा हुआ बासी खाना सुबह मुझे ही खाना पड़ता। जिस दिन कम पड़ जाता, उस दिन कोई नहीं पूछता कि मैंने खाया या नहीं। अगर रात को घर के मर्द देर से आते, तो उठकर उनके लिए खाना बनाने की जिम्मेदारी भी मेरी ही थी। सास के खाने से पहले खा नहीं सकती थी। अगर खा लेती, तो वो जीना मुहाल कर देती थीं। हमेशा ताने देतीं - 'तू ठीक नहीं दिखती, बाल नहीं संवार पाती।' इतनी मेहनत के बावजूद मार पड़ती। एक बार तो लोहे की रॉड से इतनी पिटाई हुई कि रॉड टेढ़ी हो गई। शादी को एक साल भी नहीं हुआ था कि पति मुझे मायके छोड़कर चले गए। बोले - 'जल्द वापस आऊंगा।' लेकिन वे नहीं लौटे। किसी दूसरी लड़की से उनका चक्कर था और वे उसके साथ फरार हो गए। 16 साल की उम्र में बिना पति के हो गई। मायके में, मां के काम पर जाने के बाद घर में अकेलापन खलता। उस समय गांव का एक रिश्तेदार लड़का मेरे घर आता-जाता था। धीरे-धीरे उसने मुझसे नजदीकी बढ़ाई। उसने कहा कि वो मुझसे प्यार करता है। मैं भी उससे जुड़ने लगी। मुझे भी उससे प्यार हो गया। दो-तीन साल तक इसी तरह वो मेरे घर आता रहा। एक बार पीरियड्स नहीं आए तो घबरा गई। जब उसे बताया, तो उसने साफ मना कर दिया - 'ये बच्चा मेरा नहीं है'। पूछा- मिलने तुम आते थे, तो बच्चा किसका होगा? लेकिन वो एक न माना। घर आना बंद कर दिया। कुछ लोगों के कहने पर एक दिन उसके घर पहुंच गई। उसकी बहन घर से बाहर आई और पूछा- यहां क्यों आई हूं? कहा- अपने भाई से पूछो। उसे सारी बात पता थी। वो गुस्सा हो गई। कहा- 'रां$% मेरे भाई को फंसाना चाहती हो'। इतना कहते हुए मेरा बाल पकड़ लिया। खींचकर-खींचकर मुझे पीटने लगी। पूरा गांव इकट्ठा हो गया, सभी बस तमाशा देखते रहे। उनमें कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्हें सारी सच्चाई पता थी, लेकिन कोई सामने नहीं आया। इस बीच वो लड़का घर पर आता दिखा। दौड़कर मैंने उसका कॉलर पकड़ लिया, पूछा अब तो सच बोल दो। लेकिन उसने कहा- 'तेरे पेट में मेरा बच्चा नहीं है। तू मुझे फंसाना चाहती है'। आखिर थक-हार कर रोते हुए अपने घर लौट आई। घर लौटी तो मां बहुत गुस्से में थीं। वो मेरे पास आईं और कई थप्पड़ जड़ दिए। वो गुस्से में जरूर थीं, लेकिन बाद में उन्होंने ही मेरा साथ दिया। पंचायत बुलाई गई। पंचायत में उस लड़के को भी बुलाया गया। पंचायत में रो-रो कर कहती रही कि मेरी कोख में इसी लड़के का बच्चा है, लेकिन उसने कहा- 'तुम्हारी कोख में मेरा बच्चा नहीं है।' वो साफ-साफ मुकर गया और पंचायत ने उसे कुछ नहीं कहा गया। पंचायत ने मुझे ही जलील किया और दोषी ठहराया। मजबूरी में मां के साथ थाने जाकर एफआईआर दर्ज कराई। पुलिस मेरे घर आई और बयान दर्ज किया। फिर लड़के के घर जाकर उसका भी बयान लिया।​​ बयान लेते हुए इंस्पेक्टर ने मुझे समझाया - 'बेटा, परेशान मत हो। बहुत-सी औरतें ऐसे दर्द से गुजरी हैं। बस अपने बच्चे के लिए मजबूत रहना अपनी जान से कोई खिलवाड़ मत करना। मजदूरी करके अपनी जिंदगी बिता लेना।' उनकी बातों से हौसला मिला। उसके बाद जब मेरा पेट निकलने लगा। जिधर भी जाती, लोग रास्ता बदल लेते। पूरा गांव जानता था कि सच क्या है, बावजूद सबने दूरी बना ली। रिश्तेदारों ने भी नाता तोड़ लिया। बस मेरी मां थीं, जो मेरे साथ थीं। मां ने एक बार भी नहीं कहा कि बच्चा गिरा दो। मैंने तय किया - बच्चे को जरूर जन्म दूंगी। सोचा मां के बाद कोई तो होगा जो मुझे अपना होगा। नौ महीने जिस बच्चे को अपनी कोख में रखूंगी। उसका दर्द सहूंगी, वो किसी और का भला कैसे हो सकता है? जब आठवां महीने आया। उस वक्त बहुत कमजोर हो गई थी। इतनी कि मेरे हाथ-पैर पतले हो गए थे। लोग कहने लगे- ये बचेगी नहीं, मर जाएगी। डिलीवरी के दिन दर्द में थी। कोई अस्पताल ले जाने वाला नहीं था। मां किसी तरह ले गईं। बेटा पैदा हुआ। उसे गोद में लेकर लगा - यह मेरी सबसे अनमोल चीज है। यह ‘मेरा’ है। उसके बाद घर आई। उस दिन पंचायत चुनाव हो रहे थे। वोट डालने के बाद लोग मेरे घर आते। यह देखने कि वो कैसा है, किस पर गया है। सबको यही जानना था कि किसका बच्चा है! जैसे-जैसे बेटा बड़ा हुआ, साफ दिखने लगा कि वह उसी प्रेमी पर गया है। लोग कहने लगे - 'तेरे साथ नाइंसाफी हुई है। अब तो बच्चा ही सबूत है। अब से हम सब तुम्हारे साथ हैं।' कोर्ट में केस चला। जब बेटा छह महीने का था, मेरी गवाही हुई। वकील ने बेहूदा सवाल पूछे - 'प्रेमी के प्राइवेट पार्ट पर कौन-सा निशान है? संबंध कैसे बने?' उन सवालों ने मुझे तोड़ दिया। आप ही बताइए कोई किसी के शरीर का निशान देखकर उससे प्यार करता है? फिलहाल, सुनवाई हुई। उसके बाद वकीलों ने कहा- हम आपको आठ-दस दिन बाद फिर बुलाएंगे। बाद में अखबार में पढ़ा- बिना बहस के प्रेमी केस जीत गया। लगा, न्याय भी बिक चुका है! बेटे के पालने के लिए नौकरी चाहिए थी। पंचायत दफ्तर गई। आशा वर्कर की नौकरी मिली। एक अधिकारी ने कहा - 'आपसे बेहतर ये जिम्मेदारी कोई नहीं निभा सकता। दूसरी महिला शायद नौकरी करेगी, लेकिन आप पूरी जिम्मेदारी निभाएंगी।' सच भी है। आज अपने गांव वालों की बहुत सेवा करती हूं। उनके हर सुख-दुख में साथ रहती हूं। बेटा बड़ा हुआ। एक दिन पूछा- 'मम्मी, मेरे पापा कौन हैं?' मैंने कहा - 'वो अब नहीं रहे।' अब वो 22 साल का हो गया है। उसे सारा सच बता चुकी हूं। जल्द ही उसकी शादी करूंगी। हां, एक गलती हुई - कागजों में पिता के रूप में उसी प्रेमी का नाम लिखवा दिया। अब सोचती हूं, सिंगल मदर रहना चाहिए था। जिंदगी अब अच्छी है, लेकिन ताने अभी भी मिलते हैं। एक पड़ोसन ने पैसे लौटाने से मना किया और कहा - 'नाजायज बच्चा पैदा करने वाली!' उस दिन गुस्से में बोली- 'नौ महीने अपनी कोख में रखा, अपने खून से सींचा, नाजायज कैसे? कागजों में उसके बाप का नाम है हिम्मत है तो कटवाकर दिखाओ'। 'उस दिन पंचायत ने मेरा साथ दिया। उस औरत को फटकार लगाई और मुझे बेटी कहा। वही पंचायत, जिसने 22 साल पहले मेरे साथ अन्याय किया था।' (रागिनी ने अपने ये जज्बात भास्कर रिपोर्टर मनीषा भल्ला से साझा किए हैं।) ------------------------------------------- 1-संडे जज्बात-पति को मनोरोगी महिला से गलत काम करते पकड़ा:सड़क पर लावारिसों के दाढ़ी, बाल बनाती हूं, नहलाती हूं- पापा पहली मोहब्बत, लगता है वो देख रहे मेरा नाम नाजनीन शेख है। मध्य प्रदेश के सिवनी जिले की रहने वाली हूं। बीते आठ साल से सड़क पर पड़े मानसिक रूप से बीमार और लावारिस लोगों के दाढ़ी-बाल बनाती हूं, उन्हें नहलाती हूं और उनका इलाज कराती हूं। साथ ही ब्यूटी प्रोडक्ट्स का बिजनेस भी करती हूं। इस तरह गैर मर्दों को छूना इस्लाम में हराम कहा जाता है, लेकिन मुझे इसकी फिक्र नहीं। ऐसा करके मुझे सुकून मिलता है। लगता है मेरे पापा ये सब देख रहे हैं। पापा आज भी मेरी पहली मोहब्बत हैं। मैं हर रोज उनकी कब्र पर जाकर अपने दिल का हाल बताती हूं। एक बार पति को एक मानसिक रूप से बीमार महिला के साथ गलत हरकत करते पकड़ा था, जिस पर उन्होंने मुझे बहुत पीटा था। 14 की उम्र में मेरी उनसे शादी हुई थी, वो मुझसे 17 साल बड़े थे। मेरे भाई की शादी में चिकन-बिरयानी नहीं बनी तो पति ने हंगामा किया और मम्मी-पापा की बेइज्जती की, उस दिन कमरे में फंदे से लटक रही थी तो पापा ने बचाया था। पति का एक लड़की से चक्कर भी था, उसको गिफ्ट देने को लेकर जब मैंने उन्हें टोका, तो उन्होंने मुझे तलाक दे दिया और मेरे बच्चे भी छीन लिए। आज मैंने दो बच्चों को गोद लिया है और दूसरी शादी की है। मेरे नए पति इस काम में मेरी खूब मदद करते हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें 2- संडे जज्बात-पति ने मेरे चेहरे पर एसिड डालकर सुसाइड किया:सुंदर होने से लोग मुझे देखते थे; ब्लाउज, साड़ी फेंक पेटीकोट में भागते हुए तमाशा बनी मेरा नाम मीना सोनी है। लखनऊ के गोसाईंगंज में मायका है। कई सालों से यहीं रहती हूं। ऐसी अभागी हूं कि मेरी कोख से पैदा बच्चे मेरे ही चेहरा देखकर रोने लगते हैं। उनकी भी क्या गलती! मेरा चेहरा है ही इतना डरावना। तेजाब से पूरी तरह झुलसा हुआ। न आंखें दिखती हैं, न होंठ और न नाक। खाल भी जगह-जगह से चिपकी हुई है। मेरा यह हाल किसी और नहीं, पति ने किया है। बहुत सुंदर थी मैं और पति शकी। जब भी बाहर निकलती तो उन्हें लगता कि लोग मुझे देखते हैं। एक दिन दोपहर में सो रही थी, वो आए और मेरे चेहरे पर तेजाब उड़ेल दिया। चेहरे की खाल उधड़ गई। ब्लाउज जल गया। छाती भी झुलस गई। मैंने अधजला ब्लाउज और साड़ी को उतार फेंका। जान बचाने के लिए सिर्फ पेटीकोट में सड़क पर दौड़ रही थी। लोग तमाशा देख रहे थे। कोई बचाने नहीं आया। नंगे तन को ढंकने के लिए एक आदमी से गमछा मांगा, लेकिन उसने देने से इनकार कर दिया। भागते हुए एक प्राइवेट अस्पताल पहुंची तो वहां डॉक्टर ने एडमिट करने से मना कर दिया। फिर वहां से भागकर सरकारी अस्पताल पहुंची थी। पूरी खबर यहां पढ़ें

दैनिक भास्कर 14 Sep 2025 5:35 am

GenZ प्रोटेस्ट में भारतीयों ने भी खाईं गोलियां:बालेन दाई के मैसेज पर पहुंचे, बोले- न राजशाही चाहिए, न नेताओं की सरकार

‘नेपाल में करप्शन बहुत ज्यादा बढ़ गया है। मंत्री जमकर घोटाला कर रहे हैं। सड़कों की हालत खराब है। हर कोई पैसा खा रहा है। मैं नेपाली नहीं हूं तो क्या हुआ, रहता तो यहीं हूं। अब यही मेरा घर है। नेपाली GenZ जो भी कर रहे थे, मैं उनके साथ खड़ा रहा। गोली लगने तक लड़ता रहा।’ काठमांडू के ट्रॉमा सेंटर में इलाज करा रहे दानिश आलम बिहार के मोतिहारी के रहने वाले हैं। 9 सितंबर को सरकार के विरोध में प्रोटेस्ट शुरू हुआ, तो दानिश भी उसमें शामिल हो गए। उनके बाएं हाथ में गोली लगी है। 2 दिन चला प्रोटेस्ट शांत हो गया। प्रधानमंत्री केपी ओली को इस्तीफा देना पड़ा। पूर्व जस्टिस सुशीला कार्की अंतरिम प्रधानमंत्री बन चुकी हैं। इससे अलग पुलिस की गोलियों से घायल दानिश जैसे कई युवा हॉस्पिटल में इलाज करा रहे हैं। दानिश को खुशी है कि वे नेपाल के लिए जो चाहते थे, वो मिल गया। दानिश आलमउम्र 20 साल, काठमांडूप्रोटेस्ट में दोस्तों के साथ गए, पुलिसवालों ने गोलियां बरसा दीं दानिश काठमांडू के बलखू में रहते हैं। 12वीं पास कर चुके हैं और मैनेजमैंट की पढ़ाई के लिए कॉलेज में एडमिशन लेने वाले हैं। 10 साल पहले उनके माता-पिता बिहार से नेपाल आ गए थे। पिता काठमांडू में ही दुकान चलाते हैं। दानिश बताते हैं, ‘9 सितंबर की सुबह करीब 10 बजे घर के बाहर शोर होने लगा। मैंने देखा कि मेरे स्कूल के दोस्त प्रोटेस्ट में जा रहे हैं। मैं भी उनके साथ चल दिया। धीरे-धीरे लोग जुड़ते गए और हम संसद भवन की ओर जा रही रैली में शामिल हो गए। इस तरह सभी GenZ प्रोटेस्ट का हिस्सा बन गए।’ ‘बलखू से थोड़ा आगे कालीमाटी पुलिस स्टेशन है। रैली यहां पहुंची तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। भीड़ काबू के बाहर होने लगी, तब पुलिस ऊपरी मंजिल पर चली गई। पुलिसवाले बिल्डिंग की छत से गोलियां चलाने लगे।’ दानिश उस मंजर को याद करते हुए अब भी सिहर उठते हैं। वे कहते हैं, ‘मैंने खुद पुलिस को छत से फायरिंग करते देखा। वो रबर बुलेट नहीं, असली गोली चला रहे थे। मैं भीड़ में था। अचानक मेरे हाथ में दर्द सा उठा। मैंने दर्द वाली जगह पर हाथ लगाया, तो खून रिस रहा था। मेरे दोस्त मुझे लेकर हॉस्पिटल आए। टेस्ट के बाद डॉक्टरों ने बताया कि बाजू पर गोली लगी है। गोली मेरी बाजू के आर-पार निकल गई थी। ‘बालेन शाह का फैन हूं, आर्मी पर यकीन है’दानिश प्रदर्शन में शामिल होने गए थे, तो उन्हें लगा कि वे 2-3 घंटे में घर लौट आएंगे। ऐसा हुआ नहीं। उस दिन को याद करते हुए वे कहते हैं, ‘उस दिन मेरे साथियों में अलग ही जोश था। लग रहा था कि लड़के मिलकर कुछ भी तोड़ देंगे। कहीं भी चले जाएंगे। सब जला देंगे। हुआ भी ठीक वैसा ही।’ क्या सोचा था कि सरकार गिर जाएगी? दानिश जवाब देते हैं, ‘इतनी जल्दी सरकार गिर जाएगी, ऐसा तो नहीं लगा था। 8 सितंबर को पुलिस ने मेरे कुछ दोस्तों को गोलियों से मार दिया। इसके बाद सिर्फ युवा ही नहीं, हर कोई गुस्से से भर गया था। मुझे लग ही रहा था कि दूसरे दिन कुछ होगा।’दानिश आलम काठमांडू के मेयर बालेन शाह से बहुत प्रभावित हैं। कहते हैं, बालेन शाह ईमानदार हैं, इसलिए मुझे पसंद हैं। मैं उनका फैन हूं। उन्हें प्रधानमंत्री बनना चाहिए। प्रोटेस्ट खत्म होने के बाद काठमांडू में हर जगह आर्मी तैनात है। अंतरिम प्रधानमंत्री चुनने की प्रोसेस में भी आर्मी का दखल रहा। इस बारे में दानिश कहते हैं, ‘हमें नेपाली आर्मी पर यकीन है। इसलिए सब उनकी बात मान रहे हैं।’ विजय अधिकारीउम्र 22 साल, काठमांडूफेसबुक पर प्रोटेस्ट का पता चला, गए तो पैर में 6 गोलियां लगीं विजय अधिकारी के बाएं पैर पर 6 गोलियां लगीं हैं। कुछ गोलियां ऑपरेशन करके निकाल दी गई हैं। कुछ अब भी पैर में धंसी हुई हैं। विजय जापानी भाषा की पढ़ाई करते हैं और अभी सेकेंड ईयर में हैं। विजय को 8 सितंबर को गोलियां लगी थीं। उसी दिन प्रोटेस्ट में 19 युवाओं की मौत हुई थी। विजय को फेसबुक से पता चला कि जेनजी प्रोटेस्ट होने वाला है। उन्होंने दोस्तों से इस बारे में बात की। सबने मिलकर प्रोटेस्ट में जाने का प्लान बनाया। सुबह 9 बजे ही विजय घर से निकल गए। विजय बताते हैं, ‘हम सुबह प्रदर्शन में जा रहे थे। मेरे साथ कई दोस्त आगे चल रहे थे। आगे पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। अचानक से भगदड़ मच गई। पूरी भीड़ तितर-बितर हो गई। तभी पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागने शुरू कर दिया।' 'तभी हमने देखा कि पुलिसवालों ने अपनी राइफल निकाल ली। लोड करके फायरिंग पोजीशन ले ली। मेरे आगे खड़े दोस्त को गोली लगी। मैं उसे बचाने के लिए गया, तभी मेरे पैर पर गोलियां लगीं। पैर से खून निकलने लगा और मैं वहीं गिर गया। मेरे दोस्त मुझे हॉस्पिटल ले गए।’ ‘हम बालेन शाह दाई (भाई) के मैसेज पर प्रदर्शन में शामिल होने गए थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर ये मैसेज दिया था। केपी ओली ने हमें मारने का ऑर्डर दिया। 22 साल के स्टूडेंट के पैर में कोई 6 गोली कैसे मार सकता है। ऐसा तो नेपाल में राजशाही के समय भी नहीं हुआ। हम प्रदर्शन करने गए थे। उसका सबसे बड़ा कारण सरकारी भ्रष्टाचार और नेपो किड्स थे। सोशल मीडिया सिर्फ छोटा सा कारण था’ विजय अधिकारी आगे कहते हैं, ‘भारत में भ्रष्टाचार कम है, इसलिए वहां बहुत डेपवलपमेंट हुआ है। नेपाल में जितना भ्रष्टाचार हुआ है, उतना कहीं नहीं हुआ। हमने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो पैर में गोलियां मारी गईं। सीने पर गोलियां मारी गईं। अगर केपी ओली से बदला लेने के लिए मुझे जान भी देनी पड़ती, तो मैं तैयार था।’ राजू तमांगउम्र: 24 सालनेपो किड्स की वजह से गुस्सा पनप रहा था राजू कई दिनों से सोशल मीडिया पर नेताओं के बेटे-बेटियों के वीडियो देख रहे थे। इनमें कोई स्विटजरलैंड घूम रहा था, आलीशान लाइफ जी रहे थे। राजू इसे लेकर बहुत परेशान थे और अंदर ही अंदर गुस्सा भी पनप रहा था। राजू कहते हैं, ‘प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। बहुत लोगों को मार दिया। मां-बाप ने बच्चों को पाल-पोसकर बड़ा किया, लेकिन केपी ओली की गोली ने एक झटके में उनकी जान ले ली। ऐसे में कोई भी चुप कैसे रहेगा।’ राजू तमांग आगे कहते हैं कि हम न राजा का शासन चाहते हैं, न मौजूदा राजनीतिक पार्टियों में से किसी नेता को चाहते हैं। हां, काठमांडू के मेयर बालेन शाह पर मुझे यकीन है। इसके पहले जितने भी लोग और पार्टियों ने नेपाल पर राज किया, सबने धोखा ही दिया।’ नवीन तमांगउम्र 22 सालसाउथ कोरिया जाने का ख्वाब, अब हॉस्पिटल में इलाज करा रहे नवीन ने सोचा है कि साउथ कोरिया का वीजा मिल गया तो वहां कोई छोटा-मोटा काम कर लेंगे। नेपाल के मुकाबले वहां 10 गुना सैलरी मिलती है। नेपाल में न तो नौकरी है, न लाइफ। हालांकि वे अभी हॉस्पिटल में एडमिट हैं। नवीन अकेले नहीं है। नेपाल में लाखों लोग हैं, जिनकी इतनी हसरत है कि किसी देश का वीजा लें और वहां काम करने के लिए चले जाएं। GenZ प्रोटेस्ट में नेपाल से पलायन भी बड़ा मुद्दा बना। नवीन प्रोटेस्ट का हिस्सा रहे हैं। उनके पैर में चोट आई है। वे हॉस्पिटल के बेड पर लेटे हुए हैं। नवीन कहते हैं, ‘ये लड़ाई GenZ ने लड़ी और उन्हीं ने जीती है। इसलिए अब राजनीति भी युवाओं को ही करनी चाहिए। केपी शर्मा ओली को नेपाल से निकाल देना चाहिए।’ प्रोटेस्ट में 51 लोगों की मौत, इनमें एक भारतीयनेपाल पुलिस के प्रवक्ता रमेश थापा के मुताबिक, प्रदर्शन में कुल 51 लोगों की मौत हुई है। इसमें 3 पुलिसवाले हैं। एक भारतीय नागरिक भी है। स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्रालय ने पुष्टि की है कि 8 सितंबर से हुए प्रदर्शनों में 30 लोगों की मौत गोली लगने से हुई, जबकि 21 लोग जलने, घायल होने और दूसरी चोटों से मारे गए। नई सरकार बनने के बाद भारत-नेपाल सीमा पर हालात सामान्यनेपाल में नई सरकार बनने के साथ ही भारत-नेपाल सीमा पर हालात सामान्य होने लगे हैं। यूपी के बहराइच में रुपईडीहा बॉर्डर पर कारों, बाइक, पैदल यात्रियों और ट्रकों का आना-जाना फिर से शुरू हो गया। हालांकि आम लोगों की आवाजाही अभी कम ही है। सशस्त्र सीमा बल की 42वीं बटालियन के कमांडेंट गंगा सिंह उदावत ने बताया कि हालात सामान्य होने की वजह से हमने आज किसी को नहीं रोका। आमतौर पर करीब 50 लोग लोग हर दिन रुपईडीहा सीमा पार करते हैं। 13 सितंबर को करीब 20 हजार लोगों ने ही बॉर्डर पार किया। पूर्व प्रधानमंत्री केपी ओली पर FIRनेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ राजधानी काठमांडू में FIR दर्ज की गई है। ओली पर आरोप है कि 8 सितंबर को आंदोलन शुरू हुआ, तब उन्होंने पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर हमले और ज्यादती का आदेश दिया था। ओली ने भारी दबाव के बीच 9 सितंबर को पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही वे आर्मी की सुरक्षा में हैं। घायलों से मिलने पहुंची सुशीला कार्कीनेपाल की अंतरिम पीएम सुशीला कार्की घायल आंदोलनकारियों से मिलने काठमांडू के हॉस्पिटल पहुंची। उन्हें 5 मार्च, 2026 तक संसदीय चुनाव कराने की जिम्मेदारी दी गई है। उधर, 6 दिनों की हिंसा के बाद काठमांडू के कई इलाकों से कर्फ्यू हटा दिया गया है। 6 जगहों पर अब भी कर्फ्यू जारी है। यहां 5 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने, भूख हड़ताल, धरना, घेराव, जुलूस और सभा करने पर रोक लगा दी गई है। नोटिस में कहा गया है कि यह आदेश दो महीने तक लागू रहेगा। ..................... नेपाल से ये ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़िए... पूर्व PM-वित्त मंत्री को पीटा, संसद-सुप्रीम कोर्ट जलाए, लोग बोले- हमारी सरकार करप्ट गैंग नेपाल की संसद, सुप्रीम कोर्ट, पॉलिटिकल पार्टियों के ऑफिस, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री-मंत्रियों के घर और सबसे खास काठमांडू का सिंह दरबार, सब एक दिन में जल गया। पूरे काठमांडू के आसमान में काला धुआं दिख रहा है। पूर्व PM झालानाथ खनाल की पत्नी को जिंदा जला दिया गया। 20 से 25 साल के लड़के-लड़कियां सरकार के खिलाफ सड़कों पर हैं। इनका कहना है कि हमारी सरकार करप्ट है। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 14 Sep 2025 5:31 am

हाथ-पैर बांधे, जाति पूछकर 35 भूमिहारों को काट डाला:भीड़ ने CM लालू को पत्थर मारे; 8 लोगों की फांसी उम्रकैद में बदली

लालू यादव को पहली बार मुख्यमंत्री बने ठीक 1 साल 11 महीने 2 दिन हुए थे। 12 फरवरी की तारीख थी और 1992 का साल। बिहार के गया जिले का बारा गांव। करीब 300 लोगों की आबादी वाले इस गांव में 50 घर थे। सबसे ज्यादा 40 घर भूमिहारों के। ज्यादातर जमीनें भी उन्हीं की थीं। रात 9.30 बजे का वक्त। ज्यादातर लोग खा-पीकर सो गए थे। अचानक धमाके हुआ। गाय-भैंस भागने लगीं। फिर दूसरा, तीसरा, चौथा... लगातार दर्जनों धमाके हुए। कुछ लोगों ने दरवाजा खोलकर देखा- तकरीबन 500 लोगों की भीड़ 'MCC जिंदाबाद, लाल सलाम जिंदाबाद', नारा लगाते हुए गांव की तरफ आ रही थी। MCC यानी माओइस्ट कम्युनिस्ट सेंटर। ये माओवादियों का प्रतिबंधित संगठन है। लोग कुछ समझ पाते भीड़ गांव को घेर चुकी थी। हमलावरों के हाथों में बंदूक, कुल्हाड़ी, गड़ासा और केरोसिन तेल के डिब्बे थे। कुछ हमलावर पुलिस की वर्दी में भी थे। 40-45 साल का एक हट्टा-कट्टा शख्स इस भीड़ का कमांडर था। नाम किरानी यादव। सिर पर गमछा बांधते हुए किरानी बोला- ‘केवल मर्दों को मारना है। महिलाओं और बच्चों को नहीं। और हां अपनी जाति के लोगों को हाथ नहीं लगाना।’ भीड़ से आवाज आई- ‘पर अपने लोगों को पहचानेंगे कैसे?’ किरानी बोला- ‘सबको एक जगह ले जाकर मारना है, जाति पूछ-पूछकर। चलो अब शुरू हो जाओ।’ 'जो हमसे टकराएगा, चूर-चूर हो जाएगा' नारा लगाते हुए भीड़ गांव वालों पर टूट पड़ी। दरवाजे तोड़ने लगीं। हमलावर चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे थे- ‘दरवाजे नहीं टूट रहे तो बम से उड़ा दो। डाइनामाइट लगाकर दीवारें तोड़ दो। सब कुछ धुआं-धुआं कर दो।’ हमलावरों ने वैसा ही किया। कुछ ही देर में गांव धमाके से गूंज उठा। इसी बीच एक हमलावर भागते हुए आया। कहने लगा- ‘किरानी काका… %$#@#$ सब पता नहीं कहां (ढूक) छिप गया है। कोई मिलिए नहीं रहा है। फायरिंग चालू कर दें क्या।’ किरानी बोला- ‘अरे नहीं, ऐसा नहीं करना। अपने लोग भी मारे जाएंगे। कितनी बार कहूं कि चुन-चुनकर मारना है।' फिर थोड़ा रुककर बोला- 'एक काम करो आग लगा दो, @#$%@ खुद ही भागने लगेंगे।’ हमलावरों ने केरोसिन तेल छिड़कर घरों में आग लगा दी। जो लोग अंदर छिपे थे, निकलकर भागने लगे। पुरुष, महिलाएं, बच्चे सब। एक हमलावर चिल्लाया- ‘अरे भागो मत, वर्ना गोली मार देंगे। हम तुम्हें मारने नहीं आए हैं। बस एक आदमी का पता बता दो।’ किरानी यादव ने घूम-घूमकर मेगा फोन में बोलना शुरू किया- ‘हमें सिर्फ रामाधार सिंह और हरिद्वार सिंह से मतलब है। सुन लो, गांव वालों… दोनों को हमारे हवाले कर दो। हम किसी को मारेंगे नहीं।’ रामाधार सिंह, भूमिहारों की निजी सेना ‘सवर्ण लिबरेशन फ्रंट’ यानी SLF का कमांडर था। इलाके में 'डायमंड' नाम से मशहूर था। हरिद्वार उसका सबसे करीबी साथी था। गांव वाले कहने लगे- ‘काका हमें नहीं पता रामाधार कहां है। वो तो बहुत दिन से गांव भी नहीं आया।’ हवा में फायरिंग करते हुए एक हमलावर बोला- ‘%$#@#$ सब झूठ बोल रहे हैं। तुम लोग रामाधार को छुपाकर रखे हो।’ पुलिस की वर्दी पहना एक नौजवान बोला- ‘अरे रस्सी लाओ, हाथ बांध दो हर@#$ के। ले चलो नहर के पास।’ हमलावरों ने करीब 100 लोगों के हाथ बांध दिए। फिर गांव के बाहर नहर के पास ले गए। पीछे-पीछे महिलाएं भी दौड़ पड़ीं। कहने लगीं- ‘हमारे बेटे को छोड़ दो, भइया को छोड़ दो, पति को छोड़ दो।’ गुस्से में हमलावर बोला- ‘हमें सिर्फ रामाधार और हरिद्वार से मतलब है। हम उनकी पहचान करके बाकी लोगों को छोड़ देंगे। तुम सब भागो यहां से।’ 20-25 हमलावरों ने धक्के मारते हुए महिलाओं को भगा दिया। कुछ ने महिलाओं की इज्जत लूटने की भी कोशिश की। कपड़े फाड़ डाले। अब हमलावरों ने सारे मर्दों को लाइन में खड़ा किया। सबके हाथ बंधे थे। किरानी यादव एक-एक करके सबके पास गया। टॉर्च जलाकर चेहरा देखा। फिर जोर से चिल्लाया- ‘सच, सच बता दो रामाधार कहां है, वर्ना सबको उड़ा दूंगा।’ गांव के लोगों ने एक सुर में बोला- ‘हम नहीं जानते काका।’ चीखते हुए किरानी बोला- ‘तुम लोगों में से कौन-कौन भूमिहार नहीं है?’ बुधन सिंह, सतीष सिंह और बुंदा सिंह नाम के तीन लोग बोले- ‘हम ब्राह्मण हैं।’ हमलावरों ने उन्हें छोड़ दिया। असल में ये तीनों भूमिहार थे। एक और आदमी ब्राह्मण था, उसे भी हमलावरों छोड़ दिया। दो दलित थे, वे भी बच गए। सुरेश सिंह नाम का एक शख्स बोला- ‘काका…मैं भूमिहार हूं, लेकिन MCC से जुड़ा हूं। कामरेड हूं। आप लोगों वाली ही विचारधारा मेरी भी है। मुझे तो जाने दो।’ ठहाके लगाते हुए हमलावर बोला- ‘भूमिहार और MCC… पागल समझे हो क्या हमें। इसे बांधकर रखो, छोड़ना नहीं।’ अब रात के 10.30 बज चुके थे। गहरी सांस लेते हुए किरानी बोला- ‘एक चिलम जलाकर ला तो। शरीर में गर्मी नहीं आ रही।’ एक लड़के ने उसे चिलम जलाकर दे दी। लंबा कश लेते हुए किरानी बोला- ‘सुनो…सब %$#@# का गला काट दो। कोई तो रामाधार होगा। और नहीं भी होगा तो कोई बात नहीं। भूमिहार बचने नहीं चाहिए।’ 30-40 हमलावरों ने कुल्हाडी़ और गड़ासा लेकर लाइन से लोगों का गला रेतना शुरू किया। एक की गर्दन कटी तो दूसरा कांप गया, दूसरे की कटी तो तीसरा चीख उठा। बेटे के सामने पिता और पिता के सामने बेटे का गला काट डाला। जिनका गला नहीं कटा, उन्हें गोली मार दी। पूरा गांव चीखों से दहल गया। महिलाएं-बच्चे बिलखने लगे। इसी बीच अंधेरे का फायदा उठाकर कुछ लोगों ने खेतों की तरफ भागने की कोशिश की। हमलावरों ने उन पर गोलियां चला दीं। 15-20 लोग तो जैसे-तैसे भाग निकले, लेकिन चार लोगों को गोली लग गई। किरानी उन चारों के नजदीक गया और छाती में बंदूक सटाकर गोली मार दी। फिर गड़ासा उठाकर उनका गला रेत दिया। इसी बीच लाइन में खड़ा एक आदमी चीख उठा- ‘काका मैं तो यादव हूं। आपके ही जाति का। मुझे तो जाने दो। दही लेकर आया था इनके घर।’ एक हमलावर ने बंदूक की बट से उसकी गर्दन पर जोर से वार किया। वह गिर पड़ा। उसका कुर्ता फाड़ा और देखा कि उसने जनेऊ पहना है या नहीं। जब जनेऊ नहीं दिखा, तो उसे उठाया और गाली देते हुए बोला- ‘जल्द भाग जा #@$%%$#। फिर कभी इन भूमिहारों यहां नहीं आना।’ वह उठा और सरपट गांव की तरफ भाग गया, लेकिन ये आदमी यादव नहीं था। वो इसी गांव का भूमिहार था। आधे घंटे के भीतर हमलावरों ने दर्जनों लोगों का गला रेत दिया। फिर हमलावरों ने एक-एक लाश को उलट पलटकर देखा। जिस लाश में जरा भी हरकत दिखी, उसे पहले गोली मारी और फिर कुल्हाड़ी से काट डाला। अब तक रात के 11.30 बज चुके थे। तीन-चार किलोमीटर की दूरी पर कुछ पुलिस वाले पेट्रोलिंग कर रहे थे। उन लोगों ने देखा कि पास के एक गांव में आग लगी है। ऊंची-ऊंची लपटें दिख रही। पुलिस फौरन उस तरफ चल पड़ी, लेकिन कुछ दूर बाद ही पता चला कि रास्ता ब्लॉक है। गड्ढे खोद दिए गए हैं। माओवादियों ने राह में पेड़ काटकर गिरा दिया था। रास्ते में कई जगह रुक रुक कर धमाके भी हो रहे थे। पुलिस आगे नहीं बढ़ पाई। इसी बीच गया के एसपी को वायरलेस पर मैसेज मिला- ‘साहब… टेकारी प्रखंड के बारा गांव में नक्सली हमला हो गया है। घरों आग लगा दी है। नक्सली फायरिंग कर रहे हैं। फौरन पुलिस भेजिए।’ एसपी सुनील कुमार फौरन 20-25 पुलिस वालों को लेकर बारा गांव के लिए निकल गए। थोड़ी देर बाद गांव के मुहाने पर ही उनकी नक्सलियों से झड़प हो गई। दोनों तरफ से कुछ देर तक लगातार फायरिंग होती रही। चार-पांच पुलिस वालों को गोली भी लग गई। अल सुबह 3 बजे पुलिस गांव में पहुंची। गांव में कोहराम मचा हुआ था। लोग बदहवास थे। घर के घर जल रहे थे। पुलिस थोड़ा आगे बढ़ी। टॉर्च जलाकर देखा तो नहर के पास कई अधकटी लाशें बिखरी पड़ी थीं। खेतों में हर जगह खून ही खून दिख रहा था। पुलिस को वहां लाल-पीले कई पर्चे मिले। जिस पर लिखा था- ‘MCC जिंदाबाद। अगर जमींदारों ने हमारे कैडर के लोगों के खिलाफ अत्याचार बंद नहीं किया, तो यही अंजाम होगा। और ज्यादा हमले होंगे। लाल सलाम जिंदाबाद।’ पुलिस ने एक-एक करके लाशों को हटाना शुरू किया। 10-12 लोग जिंदा मिले। गर्दन और शरीर के बाकी हिस्सों में जख्म के बाद भी उनकी सांसें चल रही थीं। एसपी सुनील कुमार ने पुलिस वालों से कहा- ‘फौरन थाने से गाड़ी बुलाओ। इन्हें अस्पताल ले जाओ।’ अब तक सुबह के 5 बज गए थे। अंधेरा छंट चुका था। गया के साथ-साथ औरंगाबाद और जहानाबाद से भी पुलिस की टीम गांव पहुंच चुकी थी। एसपी के साथ-साथ मगध रेंज के डीआईजी भी पहुंच गए थे। जब लाशें गिनी गईं, तो कुल 35 लोग मारे गए थे। जवान से लेकर बुजुर्ग तक सभी के सभी भूमिहार थे। भूमिहार यानी सवर्ण। आरोप लगा माओवादी संगठन MCC पर। ये 23 दिसंबर 1991 को गया जिले के बरसिम्हा गांव में हुई 11 दलितों की हत्या का बदला था। कहा जाता है कि दलितों की हत्या सवर्ण लिब्रेशन फ्रंट यानी SLF के लोगों ने की थी। बारा नरसंहार के वक्त केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री। बिहार में जनता दल की सरकार थी और मुख्यमंत्री लालू यादव। लालू को सत्ता संभाले अभी दो साल भी नहीं गुजरे थे। तब तक बिहार में जाति के नाम पर सेनाएं बन चुकी थीं। भूमिहारों की ब्रह्मर्षि सेना, राजपूतों की कुंवर सेना, कुर्मियों की भूमि सेना और यादवों की लोरी सेना। राज्य में जातीय नरसंहार का दौर शुरू हो चुका था। लालू को देखकर भीड़ पत्थर मारने लगी, सीएम बोले- मैं भी सेफ नहीं, चोट लगी है मुझे सुबह होते-होते बारा गांव पुलिस छावनी में बदल गया था। एयरलिफ्ट करके दिल्ली से पैरामिलिट्री के जवान बुलाए जा रहे थे। दोपहर में मुख्यमंत्री लालू यादव बारा पहुंचे। उनके साथ डीजीपी एके चौधरी भी थे। अब भी कई घरों में आग जल रही थी। सीएम ने फौरन फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाने को कहा। लालू आगे बढ़े, नरसंहार वाली जगह जाना चाहते थे कि भीड़ हिंसक हो गई। मुर्दाबाद, वापस जाओ के नारे लगाने लगी। महिलाओं ने तो लालू को मारने के लिए लाठी-डंडे उठा लिए। लोग पत्थर फेंकने लगे। बड़ी मुश्किल से उनके बॉडीगार्ड्स ने संभाला। काफी देर तक लालू और पुलिस अधिकारी गांव वालों को समझाते रहे, लेकिन भीड़ उन्हें सुनने को तैयार ही नहीं थी। गांव वालों को लगता था कि लालू अपनी जाति के लोगों को बचा रहे हैं। लालू ने गांव के बाहर जाकर एलान किया- ‘जो लोग मारे गए हैं, उनके परिवार को 1-1 लाख रुपए और एक शख्स को सरकारी नौकरी दी जाएगी।’ इसके बाद लालू पटना लौट गए। पटना पहुंचते ही लालू ने पत्रकारों से कहा- ‘मैं भी सेफ नहीं हूं। गांव के लोग मुझे पत्थर मार रहे थे। मुझे चोट भी लगी है।’ नरसंहार को लेकर BJP और कांग्रेस के कई नेता लालू का इस्तीफा मांग रहे थे। जगन्नाथ मिश्रा और पूर्व सीएम भागवत झा आजाद ने सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाया- ‘नरसंहार से दो दिन पहले पुलिस गांव जाकर सभी लाइसेंसी और देसी हथियार जब्त कर ली थी। गांव के नजदीक ही पुलिस चौकी थी, उसे भी नरसंहार के पहले हटा दिया। यह सब कुछ साजिश के तहत किया गया।’ हालांकि, प्रशासन इन आरोपों को खारिज करते रहा। पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा ने तो अपनी ही पार्टी के नेता सीताराम केसरी को भी लपेट दिया। उन्होंने कहा कि केसरी ने बरसिम्हा में भाषण देकर लोगों को उकसाया था। नरसंहार के 8 दिन बाद यानी 20 फरवरी को केंद्रीय गृहमंत्री एसबी चह्वाण और कांग्रेस नेता सीताराम केसरी बारा गांव पहुंचे। गांव के बाहर ही भीड़ ने उन्हें घेर लिया। नारा लगाने लगे- ‘सीताराम केसरी लालू से मिला हुआ है। सीताराम केसरी वापस जाओ। लालू को बर्खास्त करो।’ गृहमंत्री ने समझाने की कोशिश की, पर गांव वाले कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। आखिरकार दोनों को लौटना पड़ा। उसी दिन लालू ने पीएम पीवी नरसिम्हा राव से सीबीआई जांच की मांग कर दी, लेकिन केंद्र सरकार ने इजाजत नहीं दी। माओवादी संगठन ने भूमिहारों को ही चुन चुनकर क्यों मारा… इसकी बुनियाद में एक और नरसंहार की कहानी है… सीनियर जर्नलिस्ट कृष्णा चैतन्य इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली में लिखते हैं- ‘जमींदारों और मजदूरों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा था। 80 और 90 के दशक की शुरुआत में मंदिर आंदोलन और जातिगत आरक्षण का मुद्दा भी गरमाया हुआ था। बिहार में पिछड़े तबके के लालू यादव सीएम बने थे। सवर्णों को लगने लगा कि जल्द ही सत्ता से वे बेदखल कर दिए जाएंगे। तब महेंद्र प्रसाद सिंह राज्यसभा सांसद थे। भूमिहार जाति से थे। दबंग छवि थी। लोग उन्हें किंग महेंद्र कहते थे। उन्होंने भूमिहारों की निजी सेना सवर्ण लिब्रेशन फ्रंट यानी SLF को सपोर्ट करना शुरू कर दिया। बहुत जल्द SLF के पास अच्छी खासी रकम जमा हो गई। गया और जहानाबाद रीजन में उसका दबदबा हो गया। रामाधीर सिंह SLF का कमांडर था। वह खुले तौर पर कहता था कि उसने 100 नक्सलियों की हत्या की है। वह अपने समर्थकों से कहता था- ‘मेरा इतिहास मजदूरों की चिता पर लिखा जाएगा।’ सितंबर 1991 की बात है। जहानाबाद जिले के सावनबिगहा में 6 दलित मजदूरों की हत्या कर दी गई। आरोप रामाधार सिंह पर लगा। पुलिस की चार्जशीट में भी रामाधार सिंह का नाम था, लेकिन वह गिरफ्तार नहीं हुआ। इसको लेकर लेफ्ट संगठनों ने बवाल कर दिया। जहानाबाद में जगह-जगह प्रोटेस्ट हुए। इसके बाद SLF ने जहानाबाद के बजाय गया में फोकस करना शुरू कर दिया। अक्टूबर 1991 MCC के 9 लोग मारे गए। बदले में MCC ने भी रामाधार सिंह के 3 लोगों की हत्या कर दी। तब रामाधार सिंह ने नारा दिया- ‘एक के बदले 3 को मारेंगे।’ ठीक दो महीने बाद। बारा के पास ही बरसिम्हा में 11 दलितों की हत्या कर दी गई। आरोप भूमिहारों के संगठन SLF पर लगा। 8 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई, लेकिन पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया। 15 जनवरी 1992, MCC के लोग गया में प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बीच रामाधार सिंह के एक आदमी हरिद्वार सिंह ने उन पर फायरिंग कर दी। इससे दोनों पक्षों में झड़प हो गई। MCC वालों की संख्या ज्यादा थी। उन्हें लगा कि वे SLF के लोगों को मार देंगे। पर अचानक हरिद्वार सिंह की तरफ से सैकड़ों लोग आग ए। MCC वालों को भागना पड़ा। MCC वालों ने इसके लिए बारा गांव के भूमिहारों को जिम्मेदार माना। सुरेंद्र यादव तब बेलागंज से जनता दल के विधायक थे। गया में उनका दबदबा था। लोग डरते थे। गया के डीएम, एसपी सुनील कुमार और मगध रेंज के डीआईजी बलबीर चंद लगातार सुरेंद्र यादव पर दबाव बना रहे थे। सुरेंद्र परेशान थे। वे कैसे भी करके इन अधिकारियों का तबादला करवाना चाहते थे। CM लालू यादव का फरमान था कि जिस एरिया में नरसंहार होगा, वहां के डीएम और एसपी हटा दिए जाएंगे। सुरेंद्र यादव ने इसका फायदा उठाने की कोशिश की। उसे लगा कि यहां नरसंहार हो गया, तो उसे इन अधिकारियों से छुटकारा मिल जाएगा। एससीसी में सुरेंद्र यादव की अच्छी खासी पैठ थी। उसने बारा गांव के पास के ही एक गांव में बैठक की। और बोला- ‘भूमिहारों ने हमारे गरीब मजदूरों की महिलाओं को अपने खेतों में काम पर लगा रखा है। जब तक हम अपने खेतों में उनके घरों की महिलाओं को काम पर नहीं लगाते, बदला पूरा नहीं होगा।’ इसकी रिकॉर्डिंग का ऑडियो टेप करके बरसिम्हा और आसपास के गांवों में सुनाया गया। सुरेंद्र, MCC के लोगों को समझा रहा था- ‘जब तक यहां के अधिकारी नहीं बदलेंगे, तब तक बरसिम्हा नरसंहार के दोषियों को सजा नहीं मिलेगी। इन अधिकारियों को हटाने के लिए कुछ तो करना ही पड़ेगा।’ 12 फरवरी 1992, MCC वालों को खबर मिली कि रामाधार सिंह और हरिद्वार सिंह बारा गांव में रुके हुए हैं। इसीलिए हमले के लिए उन लोगों ने 12 तारीख की रात चुनी। जबकि रामाधार 9 फरवरी से ही पटना में था। FIR में 136 से ज्यादा आरोपी, 4 दोषियों की फांसी को राष्ट्रपति ने उम्रकैद में बदला बारा नरसंहार मामले में टिकारी थाने में 36 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। बाद में इसमें 100 से ज्यादा लोगों के नाम जोड़े गए। हालांकि ट्रायल सिर्फ 13 लोगों का हुआ। इनमें 9 दलित थे। बाकी आरोपियों को पुलिस पकड़ नहीं पाई। 8 जून 2001, गया की स्पेशल TADA अदालत ने 9 लोगों को दोषी करार दिया। 4 को फांसी और 5 को उम्रकैद की सजा सुनाई। अगले साल यानी 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने भी चारों दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा। 2009 में कोर्ट ने 3 और दोषियों को फांसी की सजा सुनाई, लेकिन 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने तीन की फांसी को आजीवन कारावास में बदल दिया। अब कुल चार दोषियों को ही फांसी की सजा रह गई थी। 2017 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन चारों दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। 2015 में नरसंहार का मुख्य आरोपी रामचंद्र यादव यानी किरानी यादव पकड़ा गया, जो 1992 से ही फरार चल रहा था। 2023 में गया की विशेष अदालत ने उसे दोषी करार दिया और उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। कहा गया कि किरानी यादव ने अकेले 12 लोगों की हत्या की थी। बदले की आग में रणवीर सेना बनी, कांग्रेस के सवर्ण वोटर BJP में, दलित लालू की तरफ शिफ्ट हुए बारा नरसंहार के पहले 1987 में औरंगाबाद जिले में दलेलचक बघौरा नरसंहार हो चुका था। इसमें 54 राजपूतों की हत्या हुई थी। दोनों बड़े नरसंहारों को अंजाम MCC ने दिया था। MCC में ज्यादातर दलित और पिछड़ी जातियों के लोग थे। बदले की आग में जल रहे सवर्णों ने भी कई निजी सेनाएं बना लीं। बारा नरसंहार के बाद भूमिहारों और अगड़ी जाति के सवर्णों ने सितंबर 1994 में रणवीर सेना बनाई। भोजपुर के बेलाऊर गांव में इसकी नींव रखी गई। एक रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे शहरों से नौकरी छोड़-छोड़कर सवर्ण लड़कों ने रणवीर सेना जॉइन कर ली। उनकी जाति के रिटायर्ड फौजियों ने ट्रेनिंग दी। इसके बाद बिहार में दोनों तरफ से जातीय नरसंहार का सिलसिला शुरू हो गया। बैकवर्ड बनाम फॉरवर्ड की पॉलिटिक्स, कांग्रेस के वोटर्स कम होते गए इन नरसंहारों के बाद बिहार की राजनीति में फॉरवर्ड बनाम बैकवर्ड में बदल गई। राम मंदिर आंदोलन और बाद में लालू का साथ देने की वजह से दशकों तक कांग्रेस के सपोर्टर रहे सवर्णों का एक बड़ा तबका BJP की तरफ शिफ्ट हो गया। बेलछी के बाद कांग्रेस को जो दलितों का समर्थन मिला था, वो भी लेफ्ट और लालू में बंट गया। लालू, नीतीश और रामविलास पासवान अपनी-अपनी पिछड़ी जातियों के नेता बन गए। चूंकि लालू ने BJP नेता लालकृष्ण आडवाणी को रथयात्रा के दौरान गिरफ्तार कर लिया था। इस वजह से मुस्लिमों का झुकाव भी कांग्रेस से हटकर लालू की तरफ शिफ्ट हो गया। इसका असर चुनावों में भी दिखा। 1996 के लोकसभा में जनता दल को 22 सीटें मिलीं और BJP ने 18 सीटें जीत ली। जबकि 1991 में BJP के पास सिर्फ 5 सांसद थे। 1998 में BJP के 20 सांसद हो गए और 1999 के चुनाव में 23 सांसद। जबकि कांग्रेस 4 सीटें ही जीत पाई। इसके बाद बिहार में कांग्रेस लगातार कमजोर पड़ती गई। 1990 के बाद कांग्रेस बिहार में कभी मुख्य विपक्षी पार्टी भी नहीं बन पाई। नोट : (यह सच्ची कहानी पुलिस चार्जशीट, कोर्ट जजमेंट, गांव वालों के बयान, अलग-अलग किताबें, अखबार और इंटरनेशल रिपोर्ट्स पर आधारित है। क्रिएटिव लिबर्टी का इस्तेमाल करते हुए इसे कहानी के रूप में लिखा गया है।) अगले एपिसोड में पढ़िए कैसे रणवीर सेना ने बारा नरसंहार का बदला लिया… रेफरेंस :

दैनिक भास्कर 14 Sep 2025 5:14 am

UK Protest: कौन हैं टॉमी रॉबिंसन? उठाई ऐसी मांग, एक आवाज पर थम गया लंदन!

Tommy Robinson Rally in London:लंदन में टॉमी रॉबिन्सन की 'यूनाइट द किंगडम' रैली में 1,50,000 से ज्यादा लोग शामिल हुए. ये आयोजन ब्रिटेन के सबसे बड़े दक्षिणपंथी विरोध प्रदर्शनों में से एक बन गया, जिसमें पुलिस ने झड़पों, हमलों और जवाबी प्रदर्शनों की सूचना दी.

ज़ी न्यूज़ 14 Sep 2025 5:12 am

DNA : मदीना में 'धमाका'... मुस्लिम वर्ल्ड में महायुद्ध? अरब का एक धमाका 'खलीफा' का खेल बदल गया!

DNA:अब हम मुसलमानों के लिए दूसरे सबसे पवित्र स्थान मदीना में धमाके की खबर और इससे इस्लामिक वर्ल्ड की यूनिटी यानी मुस्लिम देशों की एकजुटता पर पड़ने वाले असर का विश्लेषण करेंगे.

ज़ी न्यूज़ 14 Sep 2025 1:23 am

नेपाल में बगावत अभी बाकी है? पूर्व डिप्टी पीएम ने खुद को किया कानून के हवाले, वापस जेल जाने को बताया 'जन्मदिन का तोहफा'

Nepal Political crisis:नेपाल की राजधानी काठमांडू में सेना की ओर से लगाया गया कर्फ्यू ज्यादातर हिस्सों से हटा लिया गया है. लेकिन नेपाल की नवनियुक्त प्रधानमंत्री सुशीला कार्की का विरोध शुरू हो गया है. विरोध करने वाले गैर-सांसद को प्रधानमंत्री बनाने और संसद भंग करने के फैसले से नाराज हैं. इस बीच नेपाल के पूर्व उप प्रधानमंत्री रबी लामिछाने जेल चले गए.

ज़ी न्यूज़ 14 Sep 2025 12:47 am

भारत विरोधी सोरोस पर ट्रंप की स्ट्राइक? दिया जांच का आदेश, वह बात जिससे उखड़ गया अमेरिकी राष्ट्रपति का मूड

DNA on Donald Trump and George Soros: भारत विरोधी जॉर्ज सोरोस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बिगड़ गए हैं. सोरोस की कुछ बातें ट्रंप को बहुत चुभ गई हैं, जिसके बाद उन्होंने सोरोस की जांच का आदेश दे दिया है.

ज़ी न्यूज़ 13 Sep 2025 11:30 pm

बंकर में भी भारत का क्रिकेट मैच देखते थे तालिबानी, हक्कानी बोले- इंडिया से भी जीत जाते अगर रोहित...

Anas Haqqani: दुनियाभर में क्रिकेट के दीवाने करोड़ों लोग हैं. इसमें तालिबान लीडर अनस हक्कानी भी है, जिन्हें लोग बंदूक और गोलियों के लिए जानते हैं लेकिन क्रिकेट में उनकी काफी ज्यादा दिलचस्पी है, आलम ऐसा है कि एक जमाने में वो बंकर में छिपकर क्रिकेट देखते थे.

ज़ी न्यूज़ 13 Sep 2025 9:11 pm

चीन : राष्ट्रीय उद्यान कानून सहित कई कानून पारित, शी चिनफिंग ने किए हस्ताक्षर

14वीं चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा (एनपीसी) की स्थायी समिति का 17वां सत्र 12 सितंबर की दोपहर को पेइचिंग स्थित जन बृहद भवन में सम्पन्न हुआ

देशबन्धु 13 Sep 2025 6:33 pm

US China: भारत के बाद अब चीन पर भड़के ट्रंप, कहा- यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए लगाएंगे 100 प्रतिशत टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत के बाद अब चीन पर भड़क गए हैं. उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध रोकने के लिए सभी नाटो देशों को रूस से तेल खरीद तुरंत बंद कर देना चाहिए.

ज़ी न्यूज़ 13 Sep 2025 6:15 pm

नेपाल को मिली पहली महिला प्रधानमंत्री

सुशीला कार्की ने नेपाल में प्रधानमंत्री पद की शपथ ले ली है. जेनजी कार्यकर्ताओं ने एक ऐप का इस्तेमाल कर उनके नाम पर सहमति बनाई

देशबन्धु 13 Sep 2025 6:06 pm

इस्राएल-फलस्तीनी विवाद: दो राष्ट्रों वाले समाधान के हक में यूएन

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक ऐसे प्रस्ताव का समर्थन किया है, जिसमें इस्राएल और फलस्तीन के बीच दो राष्ट्रों वाले समाधान की फिर से बात की गई है, लेकिन इसमें हमास की किसी भूमिका से इनकार किया गया है.

देशबन्धु 13 Sep 2025 6:02 pm

क्या जमाना आ गया! टीवी रिमोट लेने पर शख्स ने बूढ़ी मां को उतारा मौत के घाट, कोर्ट ने दी कड़ी सजा

Man killled Old Mother: 39 साल के सुरजीत सिंह ने टीवी रिमोट को लेकर हुए झगड़े के बाद अपनी 76 साल की मां की हत्या कर दी. इस अपराध के लिए कोर्ट ने सुरजीत को कड़ी सजा सुनाई है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला...

ज़ी न्यूज़ 13 Sep 2025 5:49 pm

अब पोलैंड बनेगा जंग का मैदान, रूस के खिलाफ लड़ाकू विमान भेजने लगे NATO देश

Russia News: रूस और यूक्रेन से जंग के बीच अब एक और देश युद्ध के मैदान में आने वाला है. उस देश को बचाने के लिए NATO के देश एक हो गए हैं और लड़ाकू विमान पोलैंड भेजने लगे हैं.

ज़ी न्यूज़ 13 Sep 2025 5:20 pm

हे भगवान! इस देश में गजब हो गया, सेना के प्लेन ने स्कूल में सो रहे बच्चों पर गिरा दिए 500-पाउंड के दो बम

म्यांमार में एक हमले ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया है. यहां एक स्कूल कैंपस में प्लेन से बमबारी में करीब 20 स्टूडेंट्स की मौत हो गई. उस समय बच्चे सो रहे थे. ऐसे में साफ है कि यह बोर्डिंग स्कूल रहा होगा.

ज़ी न्यूज़ 13 Sep 2025 4:57 pm

ट्रंप ने सोरोस के खिलाफ कार्रवाई के दिए संकेत, 'दंगों की फंडिंग' का लगाया आरोप

ट्रंप ने एक बार फिर अमेरिकी कारोबारी जॉर्ज सोरोस की गतिविधियों को संदेहास्पद माना है। दावा किया है कि यूएस में हो रहे विरोध प्रदर्शन को वो फंड मुहैया कराते हैं

देशबन्धु 13 Sep 2025 4:48 pm

'भूल गए क्या...'? लादेन तुम्हारी ही धरती पर मारा गया, UN में इजरायल ने पाकिस्तान को धोया

Israel on Pakistan: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में इजराइल ने पाकिस्तान पर एक बड़ा आरोप लगाया है. इजरायल ने कहा पाकिस्तान यह सच्चाई नहीं बदल सकता है कि अलकायदा सरगना ओसामा-बिन लादेन को उसकी जमीन पर पनाह मिली और वहीं पर उसका अंत हुआ.

ज़ी न्यूज़ 13 Sep 2025 4:22 pm

नेपाल में अगले आम चुनावों की तारीख तय, सुशीला कार्की ने किया ऐलान

नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने पहली मंत्रिमंडल बैठक में संसद को भंग करने की सिफारिश की है। प्रधानमंत्री ने आगामी संसदीय चुनाव के लिए तारीख भी 05 मार्च 2026 तय कर दी है

देशबन्धु 13 Sep 2025 2:42 pm