छात्र से नेता बने शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद से बांग्लादेश में तनाव का माहौल है। अब तक हादी के हत्यारों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इस बीच ढाका यूनिवर्सिटी में शेख मुजीबुर रहमान हॉल के हॉल यूनियन ने इसका वास्तविक नाम बदलकर 'उस्मान हादी हॉल' कर दिया है। हॉल के बाहर लगे नेमप्लेट को हटाकर वहां हादी के नाम का नेमप्लेट लगा दिया गया है
Epstein Files : एप्स्टीन मामले में नया ट्विस्ट, अमेरिकी विधि विभाग की वेबसाइट से 16 फाइलें गायब
अमेरिकी विधि विभाग की वेबसाइट के उस विभाग से कम से कम 16 फाइलें गायब हो गई हैं, जहाँ फाइनेंसर जेफरी एप्स्टीन के मामले से संबंधित दस्तावेज प्रकाशित किये गये थे
UK: 2023 की गर्मियों में अल्वास्टन में एक कबड्डी टूर्नामेंट में हुई हिंसक झड़प में शामिल होने के आरोप में 3 भारतीय मूल के लोगों को जेल हुई है. डर्बीशायर पुलिस के अनुसार, बूटा सिंह, दमनजीत सिंह और राजविंदर तखर सिंह को नवंबर में ट्रायल में दोषी पाए जाने के बाद 19 दिसंबर को डर्बी क्राउन कोर्ट में सजा सुनाई गई.
Mass Shooting: अब जोहान्सबर्ग में अंधाधुंध फायरिंग, 3 बच्चों सहित 11 की मौत; 20 लोग घायल
Johannesburg Mass Shooting:दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में अज्ञात बंदूकधारियों की फायरिंग में 11 लोगों की मौत हो गई जबकि 20 लोग घायल हो गए.घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, गोलीबारी एक शराबखाने के पास हुई जहां पर अवैध रूप से शराब बेची जा रही थी.
इस्लाम के खिलाफ नहीं बोला था कोई अपशब्द...बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या में हुए बड़े खुलासे
Bangladesh Violence: शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसा के बीच मैमनसिंह में अल्पसंख्यक हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की मॉब लिंचिंग का मामला सामने आया. अधिकारियों ने कहा कि दीपू चंद्र दास के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का कोई सबूत नहीं मिला. आरएबी के अनुसार, न तो सोशल मीडिया पोस्ट मिले और न ही स्थानीय लोगों ने ऐसे किसी कार्य की पुष्टि की.
तोशाखाना-2 केस : कोर्ट के फैसले के बाद इमरान खान ने पूरे देश में विरोध प्रदर्शन का किया ऐलान
तोशाखाना-2 मामले में कोर्ट ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बेगम को 17-17 साल की जेल की सजा सुनाई। कोर्ट के बाद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से पूरे देश में विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया है। साथ ही पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ पार्टी के चीफ इमरान इस्लामाबाद हाईकोर्ट में कोर्ट के फैसले को चुनौती देने की योजना बना रहे हैं
USA: तुलसी गैबार्ड ने इस्लामी विचारधारा को स्वतंत्रता और लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए उसकी आलोचना की है. तुलसी गैबार्ड के बयान के बाद से अमेरिका में तीखी बहस छिड़ गई है.
दक्षिण अफ्रीका में हुई गोलीबारी, 10 लोगों की मौत, 10 अन्य घायल
दक्षिण अफ्रीका में जोहान्सबर्ग के पास हुयी गोलीबारी की घटना में कम से कम 10 लोग मारे गए और 10 अन्य घायल हो गए है। एएफपी ने पुलिस के हवाले से यह जानकारी दी है
दुनिया के पहले सबसे अमीर व्यक्ति बने मस्क, 700 अरब डॉलर से ज़्यादा की सम्पति है इनके पास
अमेरिका के उद्योगपति एलन मस्क 700 अरब डॉलर से ज्यादा की सम्पति वाले दुनिया के पहले व्यक्ति बन गए है। फोर्ब्स मैगज़ीन ने यह जानकारी दी है
अमेरिकी सेना ने वेनेजुएला तट से दूसरा तेल टैंकर किया जब्त, तनाव बढ़ा
अमेरिका होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने बताया कि अमेरिकी सेना ने शनिवार को वेनेजुएला के तट के पास एक और तेल टैंकर को अपने कब्जे में ले लिया है
जेलेंस्की आशावादी : यूक्रेन-यूएस-रूस त्रिपक्षीय बैठक पर नजरें टिकीं
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदीमीर जेलेंस्की ने कहा है कि वे यूक्रेन, अमेरिका और रूस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की त्रिपक्षीय बैठक के विचार का आमतौर पर समर्थन करते हैं
लैटिन अमेरिकी देश के पीछे क्यों पड़े हैं ट्रंप? अब ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने US को दी चेतावनी
US-Venezuela Tensions:ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने वेनेजुएला में किसी भी सैन्य हस्तक्षेप के खिलाफ चेतावनी दी है. मर्कोसुर शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा कि अमेरिकी सैन्य दबाव, नौसैनिक नाकेबंदी और धमकियां चिंताजनक हैं. लूला ने इसे पूरे दक्षिण अमेरिका के लिए मानवीय आपदा बताते हुए संवाद और कूटनीति पर जोर दिया.
एक्सप्लेनर: कवि काजी नजरुल इस्लाम और उस्मान हादी की विचारधारा अलग तो कब्र साथ क्यों?
Osman Hadi:हादी को नजरूल इस्लाम के बगल में दफना दिया गया है लेकिन इसके बाद बांग्लादेश में एक बड़ी बहस शुरू हो गई है. एक पक्ष कहता है कि हादी ने सत्ता के खिलाफ आवाज उठाई इसलिए वे शहीद हैं. दूसरा पक्ष मानता है कि नजरूल सहिष्णुता और धर्मनिरपेक्षता के प्रतीक थे जबकि हादी पर उग्र राजनीति और पहचान आधारित नफरत को बढ़ावा देने के आरोप हैं तो उन्हें क्यों राष्ट्रकवि के बगल में दफनाया गया.
अंदर हो रहा है खेला...ट्रंप की तस्वीर समेत 16 एपस्टीन फाइलें वेबसाइट से गायब, कहां है PHOTO No-468?
epstein files trump photo missing: अमेरिका की न्याय विभाग वेबसाइट से 16 एपस्टीन फाइलें गायब हो गईं, जिसमें ट्रंप की तस्वीर भी शामिल थी. इससे सार्वजनिक भरोसे और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.
Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पत्नी और फर्स्ट लेडी मेलानिया के अंडरगारमेंट्स के बारे में बात की. उन्होंने तहा कि उन्हें देखकर ऐसा लगा कि जैसे वह उन्हें स्टीम करती हैं.
Brown University shooter: अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी में गोलीबारी करने वाले शूटर ने सुसाइड कर लिया, शूटर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. जानकारी के मुताबिक स्टूडेंट कभी एक अच्छा-खासा स्टूडेंट था.
ढाका में उफान: भीड़ ने मासूम बच्ची को जिंदा जलाया, सरकार को 24 घंटे का दिया अल्टीमेटम
Bangladesh violence: छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़क गई है, इसी बीच एक सात साल की बच्ची को जिंदा जलाए जाने की घटना ने देश को झकझोर दिया है. हालात बेकाबू होते देख हादी की पार्टी ने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है, जिससे तनाव और बढ़ गया है.
ट्रंप का सख्त एक्शन! अमेरिका ने वेनेजुएला के तट पर किया दूसरा टैंकर सीज, ग्लोबल मार्केट में टेंशन...
US-Venezuela tensions: अमेरिका ने वेनेजुएला के तट के पास दूसरे तेल टैंकर को जब्त कर दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ा दिया है. इस कार्रवाई से वेनेजुएला के तेल निर्यात पर असर पड़ा है और अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार पर भी इसके संकेत दिखने लगे हैं.
मैं संतोष दास, पश्चिम बंगाल के बर्धवान जिले के छोटे से गांव गिद्धग्राम का रहने वाला हूं। वो शिवरात्रि का दिन मुझे कभी नहीं भूलता। 300 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में हम पांच लोगों ने मंदिर में कदम रखा था। पैर लड़खड़ा रहे थे। मंदिर के बाहर दंगे का माहौल था। लोग लाठी-डंडे लेकर खड़े थे। कह रहे थे- गाय का चमड़ा निकालने वाले भगवान नहीं छू सकते। किसी भी वक्त हम पर हमला हो सकता था। जब हमने शिवलिंग पर जल चढ़ाया तो हाथ कांप रहे थे। पुलिसकर्मियों ने हमें चारों तरफ से घेरा हुआ था, ताकि हम पर हमला न हो। इसी शिव मंदिर से मेरे पापा और दादा को धक्के मारकर बाहर कर दिया गया था। वो लोग हाथ-पैर जोड़ते रहे, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। वो कहने लगे कि तुम लोग नीच हो, गाय के चमड़े का काम करते हो और हम लोग गाय की पूजा करते हैं। तुम लोग अपना अलग मंदिर बना लो। तब दादाजी ने उन लोगों ये भी कहा कि हमारे घर में बहुएं हैं, दामाद आते हैं, शादी ब्याह होते हैं, कई घरों में लोगों की मौत होती है, तब हम कहां जाएं। उन लोगों ने एक नहीं सुनी। उस वक्त हम बहुत छोटे थे। हमारे गांव में बिजली भी नहीं थी। तेल की बत्ती वाला दीया जल रहा था। शाम में दादा रुंआसे होकर घर लौट आए। उस रात हमारे घर में कोई सो नहीं पाया था। पापा का कहना था कि हम अलग मंदिर क्यों बनाएं। हमने कोई पाप तो नहीं किया है। उस दिन के बाद से हमने हर दिन अपने दादाजी को जलील होते देखा है। हर दिन उन लोगों के घर जाते थे। चप्पल-जूते भी उनके घर के बाहर ही उतारना पड़ता था। दादाजी उनके आंगन में जमीन पर बैठकर हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते थे, मिन्नतें करते थे। बदले में उन्हें केवल गालियां मिलती थीं। इसके बाद इस हक के लिए मैंने अपने पिता को जलील होते देखा है। कुछ सालों बाद हमने अपना अलग मंदिर बना भी लिया। दरअसल, हमारे गांव में दलितों के लगभग 200 घर हैं और मेरे दादाजी के दादाजी ने भी कभी इस मंदिर में किसी को जाते नहीं देखा था। ऊंची जाति के लोग हम दलितों को शिव मंदिर नहीं जाने देना चाहते थे। वो लोग गोमांस को लेकर भी हम पर आरोप लगाते थे। जब मैं बड़ा हुआ और ये सब समझने लगा तो एक दिन मैंने ठान लिया कि अब दलित भी इसी शिव मंदिर में जाएंगे। चाहे इसके लिए मुझे कितनी भी लंबी लड़ाई क्यों न लड़नी पड़े। इस लड़ाई के लिए मुझे गांव के दलितों को राजी करना था। सभी को इस लड़ाई के लिए राजी करना आसान काम नहीं था। सभी को मनाने, उनके दिल में डर खत्म करना, मंदिर में प्रवेश के लिए जोश जगाने में मुझे आठ महीने लगे। हमारा गांव तो हजारों साल पुराना है। मैं नहीं जानता कि मंदिर में प्रवेश कितने सालों से बंद है लेकिन दादा बताया करते थे कि उनके दादा को भी यह सौभाग्य हासिल नहीं हुआ था। जितना हमने सुना है उस हिसाब से लगभग 500 साल से हम दलितों को गांव के शिव मंदिर में जाने की इजाजत नहीं थी। मेरे लिए यह सिर्फ एक धार्मिक अधिकार नहीं था बल्कि मेरी पहचान थी। जब हमारे घर नई दुल्हन आती और मंदिर जाने के लिए कहती, तो उसे ये बताने में हमें शर्म आती कि मंदिर जाने की इजाजत नहीं है। ऐसे में बहुत खराब लगता था। मैं कई दफा रात को लेटा हुआ सोचता था कि शिव तो श्मशान में रहने वालों को भी अपना लेते थे, तो दलितों के कैसे नहीं अपनाएंगे। मुझे लगता था कि नहीं शिव ने कहीं दलितों को मंदिर में आने की मनाही नहीं की। राम ने दलितों को खुद से दूर नहीं किया। मैंने धीरे-धीरे अपने लोगों से बात करना शुरू किया, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। बस पीढ़ी दर पीढ़ी उन लोगों ने मान लिया था कि यह रिवाज सदियों से चला आ रहा है। ऊंची जात वालों ने फरमान सुना दिया और हमने सिर झुका कर मान लिया। किसी ने सवाल ही नहीं किया। मुझे तो नहीं भूलता था कि किस तरह से मेरे दादा और पिता ने उन लोगों के आगे हाथ जोड़े थे, मिन्नतें की थी, अपने लोगों को एकजुट करने की कोशिश की थी। मुझे लगा कि दादाजी और पिता तो एकदम अनपढ़ थे। मैं 7वीं क्लास तक पढ़ा हूं, लेकिन कानून तो जानता हूं कि मेरा हक क्या है, क्या नहीं है। इतनी सूझ है मुझे। आज से 30 साल पहले की बात है। मैं स्कूल जाता था। जब मेरे पिता की विनती और हाथ जोड़ने से भी ऊंची जात के लोग नहीं माने तो मेरे पिता ने अपने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की थी। लेकिन ऊंची जात के सभी लोग इकट्ठा हो गए और बात मरने मारने पर आ गई। मेरे पिता डर गए कि उनकी वजह से गांव में हिंसा न हो जाए इसलिए उन्होंने तमाम कोशिशें छोड़ दीं और आराम से घर बैठ गए। मेरे और मेरे पिता के दौर में एक फर्क है कि मुझे डराया नहीं जा सकता है। इस तैयारी में मैंने सबसे पहले तो अपनी पत्नी से बात की। जैसे ही उसने सुना तो आग बबूला हो गई। कहने लगी कि तुम्हें क्या पड़ी है, हर कोई अपने अपने काम में लगा है। तुम भी कुछ काम-धंधा करो। किसी और को तो मंदिर जाना नहीं है। बहुत दिन तक हमारी बहस चलती रही, लेकिन मैं जिद पर अड़ा था। पत्नी इस लड़ाई में साथ नहीं थी, लेकिन उसने अब मेरा विरोध करना भी छोड़ दिया था। बस मैं यही चाहता था कि अगर वह साथ नहीं भी दे रही है तो कम से कम विरोध भी न करे। मैं अकेला घर-घर गया। घर के एक एक सदस्य से बात की। मैंने उनसे पूछा कि हमें मंदिर जाने की इजाजत नहीं है, क्या ये सही है। सभी ने कहा कि गलत है। इस तरह से मैंने अपने साथ 100 लोगों को जोड़ा। हम 100 लोगों ने एक पिटीशन तैयार की। हमने कसम खाई कि इस शिवरात्रि हम शिव को जल अर्पित करेंगे। हमने शहर में एक रविदास संस्था से भी मदद ली, जिसने हमें कानून और प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचने में सुविधा मुहैया करवाई। कानूनी कार्रवाई होने पर गांव में खलबली मच गई। कटवा पुलिस और प्रशासन के उच्च अधिकारी गांव में आए। ऊंची जात के लोगों को समझाया कि मंदिर में जाना इन लोगों का कानूनी और सामाजिक अधिकार है, इन्हें रोका न जाए। गांव में पुलिस दल तैनात किया गया। मैंने सोच लिया था कि मरेंगे तो मर जाएं। कम से कम लाश मंदिर से तो उठेगी। मंदिर में जा नहीं सके तो क्या, लाश तो वहां से उठेगी। भगवान का दर्शन करते वक्त कोई मार दे, तो कोई गम नहीं। एक दिन तो मरना ही है। उस दिन हम दस लोगों ने यह मन बना लिया था। लगभग 300 पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में पांच दलितों ने मंदिर में पैर रखा। लेकिन सब शांति से हो गया। पता है इतिहास में यह लिखा जाएगा कि कैसे हम लोग उस दिन ढोल, नगाड़ों के साथ मंदिर गए। पूरे गांव में दिवाली थी, जश्न था। एसपी मैडम, एसडीएम और तमाम बड़े अधिकारी खड़े थे और हम 5 दलित मंदिर जाने के लिए आगे बढ़ रहे थे। 500 साल बाद हम मंदिर की सीढ़ियां चढ़े तो मैं बस रो रहा था और बोल रहा था कि भोले शंकर गांव में शांति बनाए रखना। हालांकि उस दिन गांव में जो माहौल था उससे मुझे अंदर से डर लग रहा था कि कहीं किसी का कोई नुकसान न हो जाए। मुझे मेरी जान की कोई परवाह नहीं थी। अपने लिए तो मेरे अंदर डर से ज्यादा संकल्प था कि भगवान के दर्शन करने के लिए मरना भी पड़े तो मंजूर। कुछ लोगों के चेहरे बता रहे थे कि वह हमसे नफरत कर रहे हैं, वह नहीं चाहते कि हम वहां जाएं। उनके व्यवहार से हमें फर्क नहीं पड़ता। हमने पहले भी संयम रखा और आज भी संयम रखा है। आज लगभग 9 महीने से हम लोग मंदिर जा रहे हैं। अभी कोई समस्या नहीं आई है । मेरा परिवार आज भी मेरी जिंदगी की चिंता करता है, लेकिन मैं इसी में खुश हूं कि जो कभी सपने में नहीं सोचा था वो हो गया। ऐसा लगता है कि मैंने बाबा और पिता का कर्ज उतार दिया। सम्मानित सा महसूस होता है। गर्व होने लगा खुद पर। त्यौहारों पर घर की औरतें जो रुआंसी रहती थीं, अब ऐसा नहीं होता है। वे मंदिर जाती हैं। मेरी आने वाली पीढ़ियों को अब नहीं सुनना पड़ेगा कि तुम मंदिर नहीं जा सकते हो। यह सब कुछ हो सका कानून की मदद से हम जितना भी पढ़े थे कानून की मदद ली। बहुत सूझ आ गई है कि शिक्षित होना बहुत जरूरी है। (संतोष दास ने अपने ये जज्बात भास्कर रिपोर्टर मनीषा भल्ला से साझा किए हैं) ------------------------------------------------------ 1- संडे जज्बात-रिश्तेदार की लाश लेकर आया, मेरे गाल छूने लगा:लाशें जलाने के कारण शादी नहीं हुई- पति के बिना जी लूंगी, लाशों के बिना नहीं मैं टुम्पा दास- पश्चिम बंगाल में डोम समुदाय की पहली महिला हूं, जो पिछले कई सालों से कोलकाता के बड़िपुर गांव के श्मशान में लाशें जला रही हूं। पता नहीं भारत में कोई और महिला यह काम करती है या नहीं, पर मैंने यही रास्ता चुना… और यह रास्ता आसान नहीं था। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें 2-संडे जज्बात-मैं मुर्दा बनकर अर्थी पर भीतर-ही-भीतर मुस्कुरा रहा था:लोग ‘राम नाम सत्य है’ बोले तो सोचा- सत्य तो मैं ही हूं, थोड़ी देर में उठकर साबित करूंगा मेरा नाम मोहनलाल है। बिहार के गयाजी के गांव पोची का रहने वाला हूं। विश्व में शायद अकेला ऐसा इंसान हूं, जिसने जिंदा रहते अपनी शव यात्रा देखी। यह बात चंद करीबी लोगों को ही पता थी। मरने का यह सारा नाटक किसी खास वजह से किया गया था। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें
'पति ने मुझे बंगाल से सीधा तलाक का पहला खत भेज दिया। जबकि पहले सुलह का नोटिस आना चाहिए। हमने दूसरे और तीसरे महीने आया तलाक का खत भी रिसीव नहीं किया। फिर भी उधर से कह दिया गया कि तलाक-ए-हसन हो गया। तलाक के पेपर में मेरी बेटी का जिक्र तक नहीं। न कोई मेंटेनेंस, न मेहर की रकम की बात।' झारखंड की रहने वाली हिना 2018 से एकतरफा तलाक के खिलाफ कोर्ट में केस लड़ रही हैं। उनका आरोप है कि तलाक शरिया कानून के मुताबिक नहीं हुआ। क्योंकि तलाक-ए-हसन की 4 शर्तें होती हैं, जो उनके तलाक में पूरी नहीं की गईं। इसे लेकर जब उन्होंने तलाक कराने वाले काजी से शिकायत की तो जवाब मिला- तुम कुत्ते की औलाद हो। मुंबई की जरीना की भी ऐसी ही कहानी है। तीन तलाक पर प्रतिबंध के बाद से अब मुस्लिम महिलाएं तलाक-ए-हसन से परेशान हैं। दैनिक भास्कर ने इसका सामना कर रही हिना और जरीना से बात की। दोनों की कहानियां मिलती-जुलती हैं। पहले निकाह, फिर दहेज की मांग, घरेलू हिंसा और फिर पति ने खत भेजकर तलाक दे दिया। अलग-अलग शहरों में रहने वाली इन महिलाओं के नाम से एक संस्था ने सुप्रीम कोर्ट में PIL लगाई है। 19 नवंबर को कोर्ट ने तलाक-ए हसन का नाम लेकर एक जर्नलिस्ट हिना बेनजीर के हक में फैसला सुनाया तो इन महिलाओं की भी उम्मीद जागी है। पढ़िए इनकी आपबीती... सबसे पहले हिना की कहानी…तलाक पर उठाए सवाल तो काजी बोला- तुम कुत्ते की औलाद36 साल की हिना की शादी 2015 में हुई और 2018 में तलाक हो गया। इस बीच एक बेटी हुई। खत के जरिए उनका तलाक-ए-हसन हुआ। हिना कोर्ट गईं, जहां से मेंटेनेंस का ऑर्डर भी पास कर दिया गया। बावजूद इसके अब तक पति ने एक पैसा नहीं दिया। वो कहती हैं, ‘तलाक के खत में लिखे पते पर हमने फोन करके काजी हकीम अब्दुल अजीज से कॉन्टैक्ट किया। उन्होंने ही हमारा तलाक करवाया था। जब मैंने कहा कि हम तो झारखंड के रहने वाले हैं, हमारा ज्यूरिसडिक्शन कलकत्ता है ही नहीं, फिर आपने वहां से कैसे तलाक करवा दिया। इस पर काजी हकीम भड़़क गए और कहने लगे- 'तुम कुत्ते की औलाद हो, जाओ कोर्ट में अपने बाप के पास जाकर ठीक करवा लो।' हिना कहती हैं कि वो और उनके पति दोनों झारखंड के रहने वाले हैं। पति दिल्ली में जॉब करते थे तो वो भी वहीं उनके साथ रहती थीं लेकिन तलाक का जो खत आया, उस पर पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता की राइटर्स बिल्डिंग का पता था।' तलाक में शरिया कानून फॉलो नहीं हुआ, फिर तलाक कैसे हुआ? हिना बताती हैं कि तलाक-ए-हसन की 4 शर्तें होती हैं, जो मेरे तलाक में पूरी ही नहीं हुई। 1. पति-पत्नी के बीच सुलह के लिए पहले नोटिस भेजा जाता है। नोटिस में पत्नी से कहा जाता है कि आप पति से सुलह कर लें नहीं तो तलाक हो जाएगा। ये नोटिस मुझे मिला ही नहीं। 2. हमारा ज्यूरिसडिक्शन झारखंड है लेकिन तलाक के पेपर में पता कोलकाता का है। काजी कोलकाता का है और हमने पता किया तो वो काजी रजिस्टर्ड भी नहीं है। 3. तलाक-ए-हसन में पति-पत्नी 3 महीने तक एक साथ एक छत के नीचे रहते हैं, तब प्रक्रिया पूरी होती है। मेरे केस में ये भी नहीं हुआ। सीधे तलाक का खत आया। दो खत मैंने रिसीव भी नहीं किए जबकि रिसीविंग जरूरी होती है। 4. तलाक के खत में नाम मेरे पति का था लेकिन साइन मेरे ससुर ने किए थे। अगर तलाक पति देगा तो सिग्नेचर भी उसी के होने चाहिए? बेटी की जिम्मेदारी से भी पति ने किनारा कियाहिना बताती हैं कि जब पति ने तलाक दिया तो मेरी बेटी 2 साल की थी लेकिन तलाक के पेपर में उसका जिक्र तक नहीं था। ये कैसे? उलटा ये लिखा है कि मेरे और मेरी पत्नी के बीच संबंध नहीं थे। CM और गवर्नर से शिकायत की लेकिन जवाब नहीं आयाहिना बताती हैं, 'मैंने ममता बनर्जी के दफ्तर में कई लेटर भेजे। मैंने लिखा कि मेरे पति ने तलाक के लिए आपके राज्य का नाम लेकर एक गैर रजिस्टर्ड काजी का इस्तेमाल किया है। आप इस पर संज्ञान लीजिए लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया।' 'गवर्नर ऑफिस में भी खत भेजा तो अजीब जवाब आया। कहा गया कि CM हमारी बात नहीं सुनती हैं। वो क्या करती हैं, किसी को नहीं पता। हमने आपका लेटर आगे भेज दिया है। जब उनका कोई जवाब आएगा, तब ही हम कुछ कर पाएंगे।' हिना आगे कहती हैं, 'हद ये है कि एक व्यक्ति बंगाल के सबसे मशहूर प्रशासनिक भवन राइटर्स बिल्डिंग के पते का मिसयूज कर मुझे तलाक भेज रहा है। इस पर CM की चुप्पी और गवर्नर का अजीब जवाब आता है। जबकि लेटर भेजने वाले का आधार कार्ड दिल्ली का है और घर झारखंड में है। बंगाल से उसका कोई नाता नहीं है। उस काजी पर भी कार्रवाई होनी चाहिए जिसने ये गैर शरीयत वाला झूठा तलाक करवाया।' 'मैं खुद दो बार कोलकाता गई। मेरी वकील ऋतु दुबे ने बंगाल के लॉ सेक्रेटरी सलीम अंसारी को नोटिस भेजा था। मैं जब अंसारी से मिली तो वो कहते हैं कि ऐसे नोटिस तो हम कचरे के डिब्बे में डाल देते हैं। आप बताइए इस तरह सिर्फ मेरी ही नहीं, न जाने कितनी औरतों की जिंदगी तबाह हो रही है और किसी को कोई फिक्र नहीं।' घरेलू हिंसा के केस के जवाब में मिला तलाक हिना बताती हैं, 'मेरे पति दिल्ली में फ्लैट लेना चाहते थे। मुझ पर दबाव डालते थे कि मैं अपने पापा से 5 लाख मांग लाऊं। जबकि वो पहले ही बहुत दहेज दे चुके थे। दहेज की मांग और मारपीट से परेशान होकर मैंने 2017 में घरेलू हिंसा का केस कर दिया। इसके बाद 2018 में उन्होंने तलाक भेज दिया।' 'मैं केस होने से पहले तक उनके साथ दिल्ली में ही थी। जब मैंने केस कर दिया तो उन्होंने मुझे जबरदस्ती झारखंड भेज दिया। अब मैं कोर्ट के ऑर्डर के बाद अपने ससुराल में पैतृक घर पर हूं।' हिना आगे बताती हैं, 'कोर्ट हर महीने 10 हजार रु. का मेंटेनेंस ऑर्डर पास कर चुका है लेकिन अब तक एक फूटी कौड़ी नहीं मिली। 9 लाख रु. अब तक ड्यू हो चुका है। घरेलू हिंसा के केस में मेरे पति ने अपील की तो उसकी अपील रद्द हो गई। अब मेरे पति और सास-ससुर के खिलाफ वारंट निकला है। तीनों फरार हैं।' अब जरीना की कहानी…डिलीवरी के बहाने मायके भेजा, बुलाने से मना कर दियाहिना के बाद हमने मुंबई की रहने वाली जरीना से बात की। वे कहती हैं, ‘मेरे पति अहमद महबूब शेख का परिवार तमिलनाडु के मदुरई में टीवीएस नगर में रहता है। मैं भी शादी करके वहीं गई थी। उन्होंने झूठ बोलकर दूसरी शादी की। मुझसे कहा कि उनकी पहली पत्नी की मौत हो गई है जबकि वो जिंदा थीं। निकाह में मेरे पापा ने 2 लाख रु. का दहेज और कुछ सामान दिया था लेकिन कुछ ही दिन बाद इन लोगों ने और दहेज की डिमांड शुरू कर दी। 'जब मैं प्रेग्नेंट हुई तो डिलीवरी के बहाने मायके भेज दिया। मेरा बेटा हुआ। पापा ने कुछ महीनों बाद ससुराल में फोन किया कि बेटी को ले जाइए तो उन्होंने साफ मना कर दिया।' बिना तलाक पति ने तीसरी-चौथी शादी की, पांचवीं की तैयारी में थाजरीना बताती हैं, 'मुझे फोन करने पर वो गंदी गालियां देते। कई महीने गुजर गए तो मैंने अपने बेटे के साथ चेन्नई पहुंच गईं। ससुराल वालों ने बवाल से बचने के लिए मुझे एक किराए के घर में अकेला रख दिया। ‘मैं दुधमुंहे बच्चे के साथ ऐसे घर में करीब 3 महीने तक रही, जहां बिजली भी नहीं थी। मेरे मकान मालिक को तरस आया तो उन्होंने ससुराल वालों को फोन किया और कहा कि अगर तुम लोग इसे नहीं ले जाते तो मैं पुलिस को इन्फॉर्म कर दूंगा। ये लोग डर गए और मुझे मेरे पति के पास लखनऊ भेज दिया। वहां जाकर मुझे पता चला कि मेरे पति ने तीसरी शादी कर ली थी।' 'मुझे लखनऊ में भी अलग रखा और टॉर्चर करने लगे। तीसरी शादी का पता चले कुछ महीने हुए थे कि तभी उन्होंने बिना किसी को तलाक दिए चौथी शादी भी कर ली। पांचवीं शादी के लिए मैट्रिमोनियल में डायवोर्सी का स्टेटस लगाकर प्रोफाइल भी बना ली। फिर एक दिन तो वो मुझे लेकर चेन्नई लौट गए और वहां मुझे जान से मारने की धमकी देने लगे।' पति ने भेजा पहले तलाक का खत, 3 महीने बाद मुफ्ती ने भेजा फतवाजरीना कहती हैं, 'मैंने चेन्नई में पति के खिलाफ मजिस्ट्रेट के पास शिकायत दर्ज की। पुलिस ने कहा कि आप मायके चली जाएं, तब तक हम कार्रवाई करेंगे। यहां आपको खतरा है। मैं मायके मुंबई आ गई। वहां एक दिन सादे कागज पर पोस्ट के जरिए तलाक का खत आया। तलाक की वजह मेरा कैरेक्टर लेस होना बताया गया। तीन महीने बाद मदरसा नदवा के मुफ्ती ने मुझे फतवा भेजा और कहा कि आपका तलाक हो चुका है।' पुलिस बोली- इसके लिए कोई कानून नहीं जरीना कहती हैं, ‘पुलिस ने साफ कह दिया कि ऐसे मामलों के लिए कोई कानून नहीं, हम कुछ नहीं कर सकते हैं। दूसरी तरफ मुफ्ती ने कहा कि फतवा टाला नहीं जा सकता क्योंकि तलाक हो गया है।‘ ‘जब मैंने कहा कि मेरे कैरेक्टर पर सवाल उठाया गया है जबकि इसका कोई प्रूफ नहीं और मुझसे कुछ पूछा तक नहीं गया। तब मुफ्ती ने कहा कि पूछने की जरूरत नहीं है‘ इस्लामिक स्कॉलर बोले, कुरान के नाम पर फर्जीवाड़ाइस्लामिक स्कॉलर शेख निजामुद्दीन कहते हैं, 'कुरान के नाम पर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। एकतरफा तलाक का जिक्र कुरान या हदीस में है ही नहीं। तलाक दो लोगों के बीच होता है, जैसे निकाह दो लोगों के बीच दोनों की मर्जी से होता है।' 3 तलाक तो अब गैरकानूनी है। तलाक-ए-हसन क्या है? इसके जवाब में वो कहते हैं, 'तलाक-ए-हसन को शरीयत लीगल करार देती है लेकिन ये भी दोनों की मर्जी से होता है। जब पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर डिस्प्यूट हो जाए तो नियम कहता है कि पहले पंच या मस्जिद के जिम्मेदार लोग या अब अदालत में सुलह की कोशिश करवाई जाती है। तब भी बात न बने तो 3 महीने तक पति-पत्नी साथ रहते हैं।' ' हर महीने में तलाक दिया जाता है यानी तीन माह में तीन बार। इसमें ये ध्यान रखा जाता है, गर्भ नहीं ठहरना चाहिए। कई बार ऐसा होता है कि इन तीन महीनों में मामला खुद ब खुद सुलझ जाता है। कुरान में फोन, लेटर, वॉट्सएप का तो को जिक्र तक नहीं, ये तो वैसे भी गैरकानूनी है।' सुप्रीम कोर्ट में तलाक-ए-हसन और पॉलीगेमी के खिलाफ PIL दाखिलन्याय बोध नाम की संस्था की वकील ऋतु दुबे कहती हैं, 'तलाक-ए-हसन के 7 मामलों की एक PIL हमने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की है। हिना बेनजीर का मामला भी पहले हमारे पास था और करीब 8-9 मामले लाइन में हैं। जो अभी दाखिल नहीं किए हैं।' 'इसका सबसे बुरा पक्ष ये है कि बिना औरत की मर्जी के तलाक दे दिया जाता है। बच्चे का जिक्र तो ससुराल वाले तलाक में करते ही नहीं। मेंटेनेंस अधर में लटका रहता है।' निकाह टूटने के बाद पति मेंटेनेंस के लिए जिम्मेदार नहींऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता एस क्यू आर इलियासी इन मामलों को लेकर कहते हैं, 'तलाक-ए-हसन, तलाक का बेहतर तरीका है। पति पत्नी में विवाद होने की स्थिति में सुलह के लिए पहले कुछ स्टेप फॉलो होते हैं, जैसे शुरुआत में दोनों के बिस्तर अलग कर दिए जाते हैं। ताकि वे साथ न सोएं और कोई संबंध न बने। फिर दोनों पक्षों के लोग सुलह की कोशिश करते हैं।' 'कोई हल न निकलने पर तीन महीने की तलाक-ए-हसन की प्रक्रिया शुरू होती है। इन तीन महीनों को इद्दत कहते हैं। हर महीने में एक बार तलाक बोलना होता है। तीसरे महीने में तलाक बोलने पर निकाह टूट जाता है। अगर इस प्रक्रिया के बीच किसी भी महीने पति-पत्नी के बीच संबंध बन जाए तो फिर तलाक रद्द हो जाता है।' 'इस तरह के तलाक में एक बार प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोबारा वही दोनों मर्द उस औरत से निकाह नहीं कर सकता है। क्या बच्चे और पति मेंटेनेंस की हकदार भी नहीं होते? इस पर इलियासी कहते हैं, 'जब निकाह होता है तो पति ही पत्नी की सारी जिम्मेदारी लेता है। बच्चा होने पर उसकी भी लेता है लेकिन तलाक के साथ जिम्मेदारियां भी खत्म हो जाती है। इस्लाम में तलाक के बाद औरत किसी भी तरह के मेंटेनेंस की हकदार नहीं है।' .....................ये खबर भी पढ़ें... कौन हैं देवजी, गणपति और बेसरा, शाह के लिए चैलेंज 'हिड़मा एग्जीक्यूटर था, डिसीजन मेकर नहीं। वो नक्सलियों का एक बेहतरीन लड़ाका था। उसका एनकाउंटर एंटी-नक्सल ऑपरेशन की बड़ी कामयाबी है, लेकिन हम इस मूवमेंट के पीछे लग रहे दिमाग को खत्म करना चाहते हैं। अभी ऐसे 3 नाम हैं, जिनके सरेंडर या एनकाउंटर के बाद हम कह सकते हैं कि अब आंदोलन खत्म हुआ।' नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन खत्म होने के सवाल पर एंटी नक्सल ऑपरेशन की कोर टीम के एक अधिकारी ने ये जवाब दिया। पढ़िए पूरी खबर...
'आईएस के खिलाफ कार्रवाई में अमेरिका के साथ हम,' सीरिया हवाई हमलों पर जॉर्डन का बयान
जॉर्डन आर्म्ड फोर्सेज (जेएएफ) ने कबूल किया कि उसने सीरिया में मौजूद आईएस के ठिकानों को नष्ट करने के अभियान में अमेरिका का पूरा साथ दिया
How Dipu Das murdered in Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदू दीपू दास ने अपने मर्डर की आशंका जताते हुए खुद पुलिस को कॉल किया था. इसके बाद पुलिस उसे थाने ले गई थी. फिर वह कट्टरपंथियों के हत्थे कैसे चढ़ गया.
Bangladesh Violence Latest Updates: बांग्लादेश भले ही इस्लामिक मुल्क था लेकिन उसकी पहचान अब तक सेक्युलर विरासत वाली बनी हुई थी. काजी नजरूल इस्लाम इसके बड़े प्रतीक थे. लेकिन लगता है कि अब यह पहचान खत्म होने वाली है.
आसमान में धमाका! 37 साल पहले उड़ते विमान में लगी भीषण आग, जांच ने खोला खौफनाक राज
अंतरराष्ट्रीय विमानन इतिहास की सबसे भयावह घटनाओं में से एक 21 दिसंबर 1988 की रात घटी, जब पैन अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट 103 स्कॉटलैंड के छोटे से शहर लॉकरबी के ऊपर हवा में धमाके के साथ उड़ा दी गई.
हादी की हत्या पर बवाल: इंकलाब मंच ने सरकार को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम
बांग्लादेश बेहद अशांत है। इंकलाब मंच के युवा नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद से बवाल मचा हुआ है
DNA: हादी के जनाजे में पहुंचे जसीमुद्दीन रहमानी और अताउर रहमान बिक्रमपुरी, जानिए इनकी कुंडली
DNA: शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद ढाका के शाहबाग इलाके में एक जमावड़ा लगा था. इसमें एक से बढ़कर छंटे हुए आतंकी शामिल हुए. इनमें दो नाम सबसे प्रमुख थे. एक जसीमुद्दीन रहमानी और दूसरा नाम है अताउर रहमान बिक्रमपुरी. ये दोनों बांग्लादेश के बड़े आंतकी हैं.
ट्रंप के नए ऐलान से दुनिया भर के फार्मा सेक्टर में हड़कंप, जानें भारत पर क्या पड़ेगा असर?
America drug price cuts: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक और बड़ा ऐलान किया है, जिसमें उन्होंने दवाओं की कीमतों में बड़ी कटौती की बात कही है. जिसके बाद पूरी दुनिया के दवा बाजार पर इसके असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. इसकी भारत की जेनेरिक दवाओं का निर्यात भी शामिल है. माना जा रहा है कि दवाओं की कीमत तय करने के लिए अमेरिका अब अंतरराष्ट्रीय लेवल पर तुलना करने की ओर बढ़ रहा है.
बांग्लादेश के छात्र नेता उस्मान हादी का शव सुपुर्दे खाक कर दिया गया. हादी के बड़े भाई, अबू बकर ने जनाजे की नमाज पढ़ाई.इस मौके पर जमकर भारत विरोधी नारेबाजी हुई.
यूक्रेन की मदद के लिए 90 अरब यूरो कैसे जुटाएगा ईयू?
रूसी संपत्तियों के एवज में यूक्रेन को कर्ज देने की योजना फेल होने के बाद, ईयू कर्ज लेने के लिए तैयार हो गया है. 90 अरब यूरो के इस कर्ज पर यूरोपीय संघ हर साल लगभग 3 अरब यूरो ब्याज चुकाएगा
हैवानियत पर उतरी पाकिस्तानी सेना, रात के अंधेरे का फायदा उठा बलूच महिला को किया अगवा, मचा हड़कंप
Baloch women Kidnapping: पाकिस्तानी सेना की तरफ से बलूचिस्तान के हब चौकी में दारो होटल इलाके से एक और महिला हजीरा बलूच के जबरन गायब हुई है, जिसको लेकर बलूच महिला फोरम ने गहरी चिंता व्यक्त की है. बीडब्ल्यूएफ ने इसको पाचंवी घटना करार दिया है. जिसमें बलूच महिलाओं का अपहरण किया जा रहा है.
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में एक बार फिर हालात गंभीर है और हिंसा भड़क गई है. देश में जारी हिंसा और टकराव के बीच आतंकी नेता का सामने आकर हिंदुओं और मंदिरों की सुरक्षा का दावा करना चौंकाने वाला है. भारत विरोधी उकसावे और कट्टरपंथी गतिविधियों के लिए जाने वाला हारून इजहार के इस बयान ने बांग्लादेश की कानून व्यवस्था और प्रशासनिक कंट्रोल पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
तोशाखाना केस : इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को 17 साल की जेल
पाकिस्तान की अदालत से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तगड़ा झटका लगा है। अदालत ने उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में 17-17 साल कैद की सजा सुनाई है। इमरान खान पहले से ही जेल में बंद हैं और कई मामलों में सजा काट रहे हैं।
Dipu Das Murder: बांग्लादेश में गुस्साई भीड़ ने एक हिंदू युवक को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया, जिसके बाद माहौल और ज्यादा खराब हो गया है. इस मामले में 7 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में जारी हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि प्रेस पर हो रहे हमले केवल प्रेस की स्वतंत्रता नहीं बल्कि देश के बहुलतावाद पर भी हमला हैं. थरूर ने बांग्लादेश के अंतरिम सरकार से हिंसा को समाप्त करने और सुधारों की आवश्यकता पर बल दिया.
Bangladesh News: बांग्लादेश के हालात बेकाबू हो गए हैं. यहां पर गुस्साई भीड़ ने एक हिंदू युवक की हत्या कर दी. जिसे लेकर सलीमा नसरीन ने दावा किया है कि हिंदू युवक दीपू चंद्र दास पर ईशनिंदा का झूठा आरोप लगाया गया था.
अमेरिका में सबसे ज़्यादा चर्चित एप्सटीन मामले में सबसे बड़ा खुलासा हो गया है। इस केस की फाइल्स अमेरिकी न्याय विभाग की वेबसाइट पर जारी कर दी गई हैं। जिसमे कई प्रमुख हस्तियों के नाम और तस्वीरें सामने आई हैं
दुनिया के सबसे हाई-प्रोफाइल सेक्स स्कैंडल ‘एपस्टीन फाइल्स’ से जुड़े 3 लाख दस्तावेज पब्लिक हो चुके हैं। हजारों तस्वीरें जारी हुई हैं, जिनमें बिल क्लिंटन, माइकल जैक्सन, प्रिंस एंड्रयू, क्रिस टकर जैसी शख्सियतें बेनकाब हुईं। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति क्लिंटन लड़कियों के साथ पूल में नहाते, ब्रिटिश प्रिंस एंड्रयू 5 महिलाओं की गोद में लेटे हुए हैं और एपस्टीन की गोद में नाबालिग लड़कियां नजर आ रही हैं। एक नाबालिग की शिकायत से कैसे खुली एपस्टीन फाइल्स, इसमें किन शख्सियतों के नाम सामने आए, क्या ये लोग अपराधी माने जाएंगे और अब आगे क्या; जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में... सवाल-1: एपस्टीन फाइल्स क्या है, जिसमें बेनकाब हो रहे राष्ट्रपति से अरबपति तक? जवाबः अमेरिकी अरबपति जेफ्री एपस्टीन से जुड़े तमाम कानूनी दस्तावेजों को 'एपस्टीन फाइल्स' नाम दिया गया है। इनमें एपस्टीन से जुड़े कोर्ट रिकॉर्ड्स, फ्लाइट लॉग्स, ईमेल, फोटो, वीडियो, सबूत वगैरह शामिल हैं। 19 दिसंबर को अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस यानी DOJ ने 5 सेट में 3 लाख डॉक्यूमेंट्स जारी किए हैं, जो एपस्टीन फाइल्स का हिस्सा हैं। इनमें खुलासा हुआ है कि 250 से ज्यादा नाबालिग लड़कियों का शोषण हुआ। साथ ही 1200 से ज्यादा पीड़िताओं और उनके परिवार वालों के बारे में पता चला। इन लड़कियों के साथ कई ग्लोबल लीडर्स, अरबपतियों, सीईओ, साइंटिस्ट जैसे नामचीन लोगों ने यौन संबंध बनाए। कुछ की संदिग्ध हालातों में फोटो भी जारी हुई हैं। सवाल-2: इतने बड़े सेक्स स्कैंडल का खुलासा कैसे हुआ? जवाबः एपस्टीन सेक्स स्कैंडल के खुलासे की पूरी टाइमलाइन 20 साल पुरानी है… सवाल-3: एपस्टीन कौन था और अपने प्राइवेट आइलैंड में क्या करवाता था? जवाबः जेफ्री एपस्टीन… पेशे से फाइनेंसर, डोनर और बिजनेसमैन, लेकिन करतूतों से नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर उनका शोषण और तस्करी करने वाला यानी सेक्स ट्रैफिकिंग का आरोपी। एपस्टीन के पास यूएस वर्जिन आइलैंड के पास ‘लिटिल सेंट जेम्स’ नाम का एक प्राइवेट आइलैंड था, जिसे आमतौर पर एपस्टीन आइलैंड कहा जाता है। यहां सिर्फ प्राइवेट जेट, हेलिकॉप्टर या बोट से ही पहुंचा जा सकता था। इसी आइलैंड पर एपस्टीन पार्टियां करता, जिनमें दुनियाभर के रईस, ताकतवर और बुद्धिमानी लोग भी जाते। लेकिन यहां खाने-पीने की पार्टी से इतर भी कई कारनामे होते… नशे और अय्याशी का अड्डा मीटिंग्स और नेटवर्किंग का पूरा सिस्टम सवाल-4: जेफ्री एपस्टीन के साथ क्या हुआ? जवाबः जुलाई 2019 में जब एपस्टीन को न्यूयॉर्क पुलिस ने गिरफ्तार किया तो उसके एक महीने बाद ही 10 अगस्त 2019 को उसकी मौत हो गई। सरकारी रिपोर्ट में तो कहा गया कि एपस्टीन फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया, लेकिन कई मेडिकल और लॉ एक्सपर्ट्स ने इस पर सवाल उठाए… सवाल-5: कौन-कौन से लीडर्स, बिजनेसमैन और सेलेब्रिटीज का नाम इसमें आ चुका है? जवाबः अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट से जारी दस्तावेजों में कई शख्सियतों के नाम सामने आए हैं... सवाल-6: एपस्टीन फाइल्स में नाम आने से क्या ये लोग अपराधी माने जाएंगे? जवाबः नहीं, एपस्टीन फाइल्स में नाम आने का मतलब यह नहीं कि वे लोग अपराधी माने जाएंगे। अमेरिकी अदालतों ने भी साफ किया है कि एपस्टीन फाइल्स में सिर्फ नाम आने से किसी को भी दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। अपराध साबित करने के लिए गवाही, पैसे के लेन-देन जैसे ठोस सबूत पेश करने होंगे। एपस्टीन फाइल्स में बिल क्लिंटन, डोनाल्ड ट्रम्प, स्टीफन हॉकिंग्स, बिल गेट्स, इलॉन मस्क जैसे दर्जनों नाम सामने आएं है, लेकिन फिलहाल उन्हें कोई सजा नहीं हुई है। हालांकि नैतिकता के आधार पर कुछ लोगों को अपने पद छोड़ना पड़ा। सवाल-7: क्या किसी भारतीय शख्सियत का नाम भी सामने आया है? जवाबः नहीं, 19 दिसंबर को DOJ की ओर से जारी एपस्टीन फाइल्स की शुरुआती जांच में पाया गया है कि एपस्टीन सेक्स स्कैंडल का जुड़ाव भारत से नहीं है। लॉ एक्सपर्ट्स और अमेरिकी अधिकारियों को बयानों से भी साफ है कि भारत को इसमें कोई रोल नहीं है। हालांकि ये बात सामने आई है कि एपस्टीन भारत-इजराइल के संबंधो में दिलचस्पी रखता था। ऐसी बातें करके वो अपना रुतबा बढ़ता था। सवाल-8: इस मामले में अब आगे क्या होगा? जवाबः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 19 नवंबर 2025 को एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट पर साइन किए, जिसके मुताबिक 30 दिन के भीतर एपस्टीन फाइल्स को पब्लिक करना था। इसी के तहत 19 दिसंबर को एपस्टीन फाइल्स के 3 लाख दस्तावेज सबके सामने आए। इसी एक्ट के मुताबिक, DOJ को डॉक्यूमेंट जारी होने के 15 दिन के भीतर एक रिपोर्ट तैयार करनी होगी, जिसमें ये बताना होगा कि कौन से रिकॉर्ड पब्लिक किए और कौन से रिकॉर्ड्स रोक लिए हैं। साथ ही ये भी बताना होगा कि कौन से डॉक्यूमेंट्स, फोटो वगैरह को जारी करने से पहले एडिट किया है और इन सभी की कानूनी वजह देनी होगी। DOJ को 3 जनवरी 2026 तक ये रिपोर्ट तैयार करनी होगी ****** एपस्टीन फाइल्स से जुड़ी ये भी स्टोरी पढ़िए... इजराइल ने ट्रम्प जैसे वर्ल्ड लीडर्स के सेक्स टेप बनवाए: जेफ्री ने आत्महत्या नहीं की, मरवाया गया; एपस्टीन सेक्स स्कैंडल की 5 कॉन्स्पिरेसी थ्योरीज जेफ्री एपस्टीन… एक ऐसा शख्स, जो एक वक्त दुनिया के ज्यादातर ताकतवर नेताओं का चहेता था, लेकिन आज सपने में भी कोई जेफ्री नाम नहीं लेना चाहता। वजह- दुनिया का सबसे सनसनीखेज सेक्स स्कैंडल ‘एपस्टीन फाइल्स’। इससे जुड़े कई ऐसी बातें, जो पूरी तरह सच नहीं, लेकिन झूठ भी नहीं। पूरी खबर पढ़ें...
Dhaka Violence: बांग्लादेश के प्रमुख दैनिक प्रोथोम आलो के कार्यकारी संपादक सज्जाद शरीफ ने कहा कि उपद्रवियों ने मीडिया हाउस में तोड़फोड़ की और आग लगा दी जिससे पत्रकारों को कार्यालय छोड़कर भागना पड़ा और अखबार और उसके ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का प्रकाशन रुक गया.
बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि काजी नजरुल इस्लाम के बगल में ही क्यों दफनाए जाएंगे उस्मान हादी
Usman Hadi:शरीफ उस्मान हादी को दफनााया जाएगा. हादी का पार्थिव शरीर राजधानी ढाका पहुंच चुका है. बता दें, हादी की मौत के बाद ढाका में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. कार्यकर्ताओं ने न्याय की मांग करते हुए शहर में तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी थी.
जंग के शोर-गुल के बीच पुतिन का इजहार-ए-इश्क, पत्रकार के सवाल पर बोले- हां मैं प्यार में हूं
Vladimir Putin: कहते हैं कि प्यार कब किसे हो जाए, इसका कोई भरोसा नहीं होता है. प्यार को लेकर रूसी राष्ट्रपति भी काफी चर्चाओं में हैं, एक न्यूज कॉन्फ्रेंस में जब उनसे पूछा गया कि क्या वो प्यार में हैं तो उन्होंने जवाब दिया हां, हालांकि उन्होंने कोई डिटेल नहीं दी.
Jeffrey Epstein Files Release: अमेरिका में जेफरी एप्स्टीन से जुड़े हजारों सरकारी दस्तावेज सार्वजनिक किए गए हैं. इन फाइलों में पहली बार एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम दिखाई दिया है. हालांकि ज्यादातर जानकारी को काले रंग से ढक दिया गया है, फिर भी इस खुलासे ने अमेरिकी राजनीति में हलचल मचा दी है.
ट्रंप की बड़ी घोषणा : अमेरिका में सस्ती होंगी दवाएं
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दवाओं की कीमतों को कम करने की अब तक की सबसे बड़ी पहल की घोषणा की है
Epstein sex scandal:एपस्टीन सेक्स स्कैंडल की जांच चल रही है. अब इस केस में कई चर्चित हस्तियों की तस्वीरें सामने आई हैं. इन तस्वीरों में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, पॉप सिंगर माइकल जैक्सन और हॉलीवुड अभिनेता क्रिस टकर का जिक्र है.कुछ तस्वीरों में बिल क्लिंटन महिलाओं के साथ स्विमिंग पूल में दिखते हैं, जबकि प्रिंस एंड्रयू को कई महिलाओं के बीच लेटे हुए देखा गया है.
Donald Trump: सत्ता की कुर्सी संभालने के बाद अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे विदेशियों को देश से बाहर का रास्ता दिखाया था. अब विदेश में रह रहे अमेरिकियों को लेकर ट्रंप प्रशासन नया हथकंडा अपनाने जा रहा है.
अपने 2 सैनिकों की मौत पर बौखलाए ट्रंप, किया सीरिया में ISIS पर बड़ा अटैक; 70 से अधिक ठिकाने तबाह
Donald Trump: सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर हमले के बाद अमेरिका ने ISIS के खिलाफ बड़ा जवाबी हमला किया है. ऑपरेशन हॉकआई स्ट्राइक के तहत अमेरिकी सेना ने दर्जनों ISIS ठिकानों पर हवाई हमले किए. रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने इसे बदले की कार्रवाई बताया.
The Hindi meaning of First Alo: बांग्लादेश में राजनीतिक अशांति के बीच द डेली स्टार और प्रथम आलो जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों पर हुए हिंसक हमले को प्रेस की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर एक गंभीर प्रहार माना जा रहा है.
बोंडी बीच के हमलावर को रोकने वाले हीरो पर नोटों की बारिश, फंड रेजिंग से जमा हुए 22 करोड़
Sydney atatck:हॉस्पिटल के बेड पर लेटे अहमद ने कहा, 'जब मैं लोगों को बचाता हूं, तो मैं यह काम पूरे दिल से करता हूं'. वीडियो देखने वाले लोग अहमद की बहादुरी के कायल हैं. इस बीच हॉस्पिटल मेंअहमद को$2.5 मिलियन का चेक दिया गया.
रूस के खिलाफ यूरोप का बड़ा कदम, यूक्रेन को 90 अरब यूरो का ब्याज मुक्त कर्ज देने को तैयार
यूरोपीय देशों के कई नेता इस बात पर सहमत नहीं हुए कि क्या यह ऋण यूरोपीय ब्लॉक में रूस की फ्रीज की गई परिसंपत्तियों के आधार पर दिया जाना चाहिए, जिसे कई सदस्य देश अधिक उपयुक्त विकल्प मानते हैं.
ढाका पहुंचा हादी का शव, बांग्लादेश संसद भवन के पास होगी जनाजे की नमाज, हाई अलर्ट पर पूरा देश
Bangladesh News: यूनुस ने पोस्ट में लिखा 'शहीद उस्मान हैदर के जनाजे की नमाज कल दोपहर 2:30 बजे जातीय संसद भवन के साउथ प्लाजा में होगी. यूनुस ने हादी के जनाजे में शामिल होने वाले लोगों से भारी बैग नहीं लाने की अपील की है. उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि जनाजे की नमाज के दौरान संसद भवन के आसपास ड्रोन उड़ाने को पूरी तरह बैन है.
Bangladesh violence latest update: कट्टरपंथी उस्मान हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में हालात बेकाबू हैं. शनिवार को हादी की लाश को दफन किया जाएगा. उस दौरान देश में हिंसा भड़क सकती है. इसे देखते हुए यूएस और यूके ने अपने नागरिकों के लिए अलर्ट जारी किया है.
EU on Russia Ukraine War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही रूस के प्रति नजदीकी दिखा रहे हों लेकिन यूरोपीय संघ अब भी पुतिन को बख्शने के मूड में नहीं दिख रहे हैं. यूक्रेन की फायर पावर मजबूत करने के लिए ईयू ने उसे 105 डॉलर का भारी भरकम लोन देने का फैसला किया है.
जंग रोकनी है या नहीं? कौन तय करेगा, रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पुतिन ने बताया
Putin on Peace deal:पुतिन ने 2025 की आखिरी सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'गेंद पूरी तरह से कीव सरकार के प्रमुख और उसके यूरोपीय समर्थकों के पाले में है. मैं फिर दोहराना चाहता हूं कि हम शांति वार्ता को नहीं खींच रहे क्योंकि मॉस्को ने अमेरिका द्वारा प्रस्तावित डील में कुछ समझौते स्वीकार किए हैं'.
दक्षिण कोरिया में बस से टकराई कार, 60 साल की महिला की मौत, छह घायल
दक्षिण कोरिया के पश्चिमी सियोल से एक बड़ी सड़क दुर्घटना की जानकारी सामने आ रही है। पश्चिमी सियोल में सड़क के गलत साइड से एक गाड़ी आ रही थी, जो हगवॉन बस से टकरा गई
Vladimir Putin News in Hindi: पुतिन को दुनिया के गंभीर नेता के रूप में माना जाता है. लेकिन एक पत्रकार ने पुतिन के लाइव टीवी सेशन के दौरान स्टूडियो में मौजूद अपनी साथी को शादी के लिए प्रपोज कर दिया. अपने सामने यह प्रपोज देख पुतिन हैरान रह गए.
Afghan Refugee Crisis News: इस्लामिक उम्माह एक ऐसा शब्द है, जिसे हर मुस्लिम देश बड़े गर्व के साथ इस्तेमाल करता है. लेकिन इसी उम्माह की धज्जियां उड़ाते हुए पाकिस्तान-ईरान अपने 'इस्लामिक बिरादर' अफगानिस्तान पर कहर ढा रहे हैं.
Baldness Hair loss treatment: बालों का झड़ना किसी व्यक्ति के लिए एक दर्दनाक अनुभव हो सकता है, लेकिन सरकारों के लिए यह कभी भी गंभीर चिंता का विषय नहीं रहा. गंजेपन/हेयर लॉस को लेकर बना ये मिथक टूट चुका है, क्योंकि दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने इस बीमारी को अस्तित्व के संकट से जोड़ दिया है.
Osman Hadi कौन है? जिसकी मौत से जला बांग्लादेश, ढाका पहुंची लाश, हिंदुओं पर आई आफत
Bangladesh Violence: उस्मान हादी पर हमले की खबर के बाद सेबांग्लादेश जल रहा है. हिंसा अपने चरम पर है. हिंसा के बाद अल्पसंख्यकों को टारगेट किया गया है. खासकर हिंदुओं को ढूंढ ढूंढकर मारा जा रहा है.
Bangladesh Violence: 2 दिन में 4 भारतीय राजनयिकों पर हमला, हिंसा से क्यों सुलग रहा बांग्लादेश?
Bangladesh Protest: फरवरी में होने वाले चुनाव से पहले एक बार फिर बांग्लादेश हिंसा की चपेट में है.महज दो दिनों में 4 भारतीय राजनयिकों पर हमला हो चुका है. कई शहरों से पथराव और आगजनी की खबरें भी आ रही हैं. इन प्रदर्शनों में हुई हिंसा के पीछे छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत को भी बताया जा रहा है.
Bangladesh Osman Hadi Death: बांग्लादेश में भारत विरोधी कट्टरपंथी नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या को लेकर नया खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि हत्या में शामिल आरोपी को पहले से ही प्रदर्शन का अंदाजा था.
मरी हुई दादी को लेकर फ्लाइट में बैठा परिवार, यात्रियों का फूटा गुस्सा; 12 घंटे देर हुई फ्लाइट
Wheeling Dead Grandmother In Flight: स्पेन में एक ब्रिटिश परिवार पर अपनी मरी हुई दादी को विमान में चढ़ाने का मामला सामने आया है. इसको लेकर लोगों ने नाराजगी जताई है.
बांग्लादेश में भारतीय मिशनों पर भीड़ के हमलों के परिप्रेक्ष्य में पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा उप-सलाहकार पंकज सरन ने दोनों देशों को सलाह दी है कि वे आपसी रिश्तों में किसी भी ताकत को दखलअंदाजी न करने दें और भड़काऊ बयानों तथा कार्रवाइयों से बचें
विरोध से कैसे आतंकवाद का नारा बना 'ग्लोबलाइज द इंतिफादा'... सिडनी से पहले कश्मीर भी बना था निशाना
Intifida Chant Relation In Bondi Attack: आस्ट्रेलिया के बॉन्डी बीच में 14 दिसंबर 2025 को यहूदियों पर हुए हमले को 'ग्लोबलाइज द इंतिफादा' नारे का नतीजा माना जा रहा है.
Kremlin warns seizure of Russian assets: क्रेमलिन ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि रूसी संपत्तियों की जब्ती को बिना जवाब दिए नहीं छोड़ा जाएगा. इसके लिए जिम्मेदार सभी लोग चाहे फैसला लेने वाले हों या उसे लागू करने वाले सजा भुगतेंगे. रूस सभी उपलब्ध कानूनी तरीकों से उनका पीछा करेगा.
ब्राउन यूनिवर्सिटी और MIT में गोलीबारी के बाद बौखलाए ट्रंप, सस्पेंड किया ग्रीन कार्ड लॉटरी प्रोग्राम
Trump Suspends Green Card Lottery Program: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीन कार्ड लॉटरी प्रोग्राम को सस्पेंड कर दिया है. यह फैसला 'ब्राउन यूनिवर्सिटी' में गोलाबारी के बाद लिया गया है.
Hindu man lynched in Bangladesh: बांग्लादेश में फैली हिंसा के बीचमैमनसिंह में कथित ईशनिंदा के आरोप में हिंदू व्यक्ति दीपू चंद्र दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई है. जिसका वीडिया सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो पर बंगाल बीजेपी ने अपनी प्रतिकिया दी है. देखते है बहुत कलेजा फाड़ देने वाला वीडियो.
Nepal Election:नेपाल में आम चुनाव को अब ढाई महीने से भी कम समय बचा है लेकिन राजनीतिक तस्वीर अभी भी साफ नहीं है. 5 मार्च को प्रस्तावित चुनाव से पहले जेन-जी आंदोलन, पुरानी राजनीतिक पार्टियां और अंतरिम सरकार, तीनों अपने-अपने दांव चल रहे हैं.
Malik Ambar: हाल ही में पीएम मोदी ने अपने इथियोपिया की यात्रा में मलिक अंबर का जिक्र किया. मलिक अंबर एक गुलाम थे, जिन्होंने अपनी बहादुरी के दम पर अहमदनगर सल्तनत में अपनी जगह बनाई.
पहले खुद रिफ्यूजी अब बने संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त, बरहम सालेह को मिली बड़ी जिम्मेदारी
Barham Salih:इराक के पूर्व राष्ट्रपति बरहम सालेह को संयुक्त राष्ट्र का शरणार्थी उच्चायुक्त चुना गया है. खास बात यह है कि वे खुद कभी शरणार्थी रह चुके हैं. उन्हें यह जिम्मेदारी ऐसे समय मिली है जब एजेंसी को धन की कमी और शरणार्थियों की संख्या में तेजी से वृद्धि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
5 बच्चे, साथ ही 2 तलाक! ट्रंप परिवार में नई बहू लाने जा रहे हैं जूनियर, बेटिना एंडरसन से की सगाई
donald trump jr engagement: डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने बेटिना एंडरसन से सगाई की है, जिससे वह ट्रंप परिवार की होने वाली बहू बन गई हैं. कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पढ़ीं बेटिना एक सोशलाइट और पर्यावरण से जुड़े NGO की सक्रिय सदस्य हैं.
UK Cyber Attack China: ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय पर एक बड़ा साइबर हमला हुआ है. इसने सरकार की डिजिटल सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. चीन से जुड़े हैकर्स पर आरोप है कि उन्होंने हजारों गोपनीय दस्तावेज और संवेदनशील निजी जानकारियां चुरा लीं हैं.
ट्रंप ने एनडीएए पर किए हस्ताक्षर, भारत के साथ अमेरिकी सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए फैसला किया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वित्त वर्ष 2026 के लिए नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट (एनडीएए) पर हस्ताक्षर किए। यह एक बड़ा रक्षा कानून है, जिसमें वॉशिंगटन की इंडो-पैसिफिक पॉलिसी के हिस्से के तौर पर भारत के साथ अमेरिकी सैन्य सहयोग बढ़ाने और क्वाड के जरिए संबंधों को गहरा करने की बात कही गई है
एक झटके में खत्म हुआ कार रेसर का पूरा परिवार, नॉर्थ कैरोलिना में धू-धू कर जला प्लेन-Video
North Carolina Plane Crash:अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में स्टेट्सविल हवाई अड्डे पर एक सेसना सी 550 जेट विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसमें 7 लोगों की मौत हुई. मृतकों में NASCAR के रेसिंग कार ड्राइवर ग्रेग बिफल उनकी पत्नी और दो बच्चे भी शामिल हैं.
बांग्लादेश में यूनुस सरकार का तुगलकी फरमान, आवामी लीग कार्यकर्ताओं को देखते ही गिरफ्तारी का आदेश
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी ने पुलिस को निर्देश दिया है कि आवामी लीग के सदस्यों को बिना यह जांच किए कि उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज है या नहीं, देखते ही गिरफ्तार किया जाए
अमेरिका ने ईरान के तेल नेटवर्क पर कसा शिकंजा, भारत से जुड़ी शिपिंग कंपनियां भी निशाने पर
ट्रंप प्रशासन ने गुरुवार को ईरान के गुप्त पेट्रोलियम शिपिंग नेटवर्क से जुड़े 29 जहाजों पर प्रतिबंध लगा दिए। इनमें भारत से जुड़ी कई कंपनियां और परिचालन इकाइयां भी शामिल हैं
नॉर्थ कैरोलिना एयरपोर्ट पर विमान हादसे में 7 लोगों की मौत
अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना राज्य के स्टेट्सविल शहर के एक क्षेत्रीय हवाई अड्डे पर एक छोटा जेट विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया
Who was Nuno Loureiro shot dead at his house:अमेरिका के मशहूर एमआईटी यूनिवर्सिटी के प्लाज्मा साइंस एंड फ्यूजन सेंटर के डायरेक्टर नुनो लौरेइरो की 15 दिसंबर 2025 को उनके ब्रुकलाइन घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस इसे हत्या का केस बता रही है, लेकिन सोशल मीडिया पर उनकी फ्यूजन एनर्जी रिसर्च से जोड़कर साजिश की अफवाहें उड़ रही हैं. जानें पूरी खबर.
Bangladesh violence after Osman Hadi death:बांग्लादेश में छात्र नेता शरीफ ओस्मान हादी की सिंगापुर में मौत के बाद ढाका में बड़े प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. गुस्साए लोगों ने डेली स्टार और प्रोथोम आलो जैसे अखबारों के ऑफिस में आग लगा दी है. अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस ने शांति की अपील की और हत्यारों को सजा देने का वादा किया. देश में एक दिन का राजकीय शोक घोषित है. आइए जानते हैं पूरी कहानी.
Marijuana laws are changing in the US: राष्ट्रपति ट्रंप ने मारिजुआना को कम खतरनाक श्रेणी में लाकर रिसर्च को आसान बनाने का फैसला लिया है, हालांकि, इसे पूरी तरह कानूनी नहीं बनाया जाएगा.
जल उठा बांग्लादेश! एक्टिविस्ट की मौत के बाद भड़के दंगे, भारत के खिलाफ प्रदर्शन
Bangladesh violent protests: शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद ढाका में हिंसक विरोध प्रदर्शन भड़क उठे, जिससे गुस्साए लोगों ने प्रोथोम आलो और डेली स्टार के दफ्तरों को आग के हवाले कर दिया. पूरे बंग्लादेश में हिंसा अपने चरम सीमा पर पहुंच चुका है.
बांग्लादेश में चुनावी हिंसा पर अवामी लीग की गंभीर चेतावनी
बांग्लादेश की अवामी लीग ने फरवरी 2026 में होने वाले आम चुनावों से पहले देश में बढ़ती हिंसा पर गंभीर चिंता जताई है
जेफ्री एपस्टीन… एक ऐसा शख्स, जो एक वक्त दुनिया के ज्यादातर ताकतवर नेताओं का चहेता था। जिसके प्राइवेट आइलैंड की सीक्रेट पार्टियों में जाने की सभी की हसरत होती थी। आज सपने में भी कोई जेफ्री नाम नहीं लेना चाहता। वजह- दुनिया का सबसे सनसनीखेज सेक्स स्कैंडल ‘एपस्टीन फाइल्स’। एपस्टीन सेक्स स्कैंडल से जुड़े कई ऐसी बातें, जो पूरी तरह सच नहीं, लेकिन झूठ भी नहीं। मसलन- इस पूरे स्कैंडल के पीछे इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ था। जेफ्री ने सुसाइड नहीं किया, बल्कि राज खुलने के डर से उसकी हत्या करवाई गई। ऐसी ही 5 कॉन्स्पिरेसी थ्योरीज की पूरी कहानी, जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में… ******* एपस्टीन फाइल्स से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... एपस्टीन के प्राइवेट आइलैंड में क्या-क्या होता था; नई तस्वीरों में ट्रम्प लड़कियों के साथ अंतरंग और कंडोम के पैकेट पर दुनिया के सबसे हाई-प्रोफाइल सेक्स स्कैंडल ‘एपस्टीन केस’ से जुड़ी 92 तस्वीरें पब्लिक हुई हैं। इनमें 3 तस्वीरें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की हैं। इसमें से एक तस्वीर में वे कई लड़कियों से घिरे दिख रहे हैं, तो एक तस्वीर में वे कंडोम के पैकेट पर नजर आ रहे हैं। कहा जा रहा है कि 19 दिसंबर को एपस्टीन केस से जुड़ी तमाम कागजात, ईमेल और तस्वीरें पब्लिक हो सकती हैं। पूरी खबर पढ़िए...
'अमीर वर्ग नियम नहीं मानता। वो बड़ी-बड़ी डीजल कारें, जनरेटर और प्रदूषण फैलाने वाली बाकी चीजें इस्तेमाल करता है। गाड़ियों से होने वाला प्रदूषण राजधानी और आसपास के इलाकों को चोक कर रहा है। गरीब और मेहनतकश वर्ग ही इसके सबसे ज्यादा संपर्क में आता है और सबसे ज्यादा पीड़ित है।' 15 दिसंबर को जब दिल्ली एयर पॉल्यूशन का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तब चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने ये टिप्पणी की। दिल्ली में सर्दी बढ़ते ही एयर पॉल्यूशन खराब हाल में पहुंच गया है। पिछले कुछ दिन ऐसे रहे, जब ज्यादातर जगहों पर AQI 500 के करीब रहा। 14 दिसंबर को दिल्ली में औसत AQI 461 रहा, जो 'गंभीर' माना जाता है। दैनिक भास्कर की टीम चीफ जस्टिस के दावों की पड़ताल करने के लिए दिल्ली में ग्राउंड पर पहुंची। साथ ही हमने एयर पॉल्यूशन को लेकर कराए सर्वे और स्टडी की रिपोर्ट्स भी देखीं। पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया में चाय की दुकान लगाने वाली नीतू भी प्रदूषण के लिए अमीर वर्ग को जिम्मेदार मानती हैं। वे कहती हैं कि अमीरों की गाड़ियां प्रदूषण फैला रहीं और गरीब इसके नुकसान झेल रहा है। वहीं एयर पॉल्यूशन को लेकर CEEW की स्टडी कहती है कि दिल्ली में PM 2.5 एयर क्वालिटी लेवल के लिए सबसे ज्यादा गाड़ियां जिम्मेदार हैं। सड़कों की धूल, इंडस्ट्री, पावर प्लांट्स और कंस्ट्रक्शन का भी अहम रोल है। 60% से ज्यादा पॉल्यूशन इनकी वजह से होता है। दिल्ली ही नहीं, देश के बाकी कई बड़े शहरों में भी एयर पॉल्यूशन बड़ी चुनौती बना हुआ है। 18 दिसंबर को जब दिल्ली में AQI 305 रहा, तब पटना में 387, लखनऊ में 350, जयपुर में 156 और भोपाल में 124 रहा। सबसे पहले दिल्ली के लोगों की बात…अमीर गाड़ियों में घूमकर प्रदूषण फैला रहे, गरीब तकलीफें उठा रहेपटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया में हमें नीतू देवी मिलीं। यहां 15 सालों से चाय की दुकान लगा रही हैं। वे कहती हैं, ‘प्रदूषण के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही है और आंखों में लगातार जलन रहती है। ऐसा लगता है कि किसी ने मिर्च डाल दी हो। कभी-कभी पानी का छिड़काव होता है, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं। प्रदूषण पहले से बढ़ गया है। दिन में 8-9 घंटे यहां रहती हूं। करीब 4-5 घंटे मास्क लगाकर रहना पड़ता है। ज्यादा देर मास्क लगाने पर भी घुटन होती है।‘ नीतू मानती हैं कि अगर गाड़ियां कम की जाएं तो प्रदूषण रोका जा सकता है। वे कहती हैं, 'यहां परिवार में हर इंसान के पास एक गाड़ी है। यही प्रदूषण फैला रही हैं। गरीब कुछ नहीं कर सकते हैं, बस परेशान हो सकते हैं। यहां कई गाड़ियों के शोरूम हैं। हर शोरूम से रोज 10-12 कारें निकलती हैं। इनका असर आबोहवा पर ही पड़ेगा न।‘ इसी तरह की बातें नोखे लाल भी करते हैं। वे पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया में 30 साल से रह रहे हैं और सड़क किनारे नमकीन-भूंजे का ठेला लगाते हैं। वे मानते हैं कि प्रदूषण बहुत बढ़ गया है और इसी के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही है। 59 साल के लाल कहते हैं, ‘सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक यहां ठेला लगाता हूं। दिन भर धूल खाता हूं। हवा बहती है तो कुछ राहत मिलती है, नहीं तो सांस लेना मुश्किल हो जाता है। मुझे हार्ट की समस्या भी है। प्रदूषण के कारण और ज्यादा हो जाती है। यहां दवाइयां के बिना तो रह नहीं पाऊंगा।‘ नोखे लाल के मुताबिक, पिछले कई सालों से यही स्थिति है कोई सुधार नहीं हुआ। वे कहते हैं, ‘कभी-कभी पानी छिड़कने के लिए गाड़ी आती है, लेकिन उससे कुछ नहीं होता है। गाड़ियों के कारण ही प्रदूषण फैल रहा है। अमीर तो अपना इंतजाम कर लेते हैं। गरीब सड़क पर ही काम करेगा न इसलिए उन्हें ही सबसे ज्यादा नुकसान होता है। हमेशा मास्क या गमछा लपेटे रहना पड़ता है।‘ दिल्ली रहने लायक नहीं, शहर छोड़ रहे लोगइसके बाद दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके में हम कुछ ऐसे लोगों से भी मिले, जो पॉल्यूशन से परेशान हैं, लेकिन इससे बचने के इंतजाम करने में सक्षम हैं। यहां रहने वाली खुशी विलियम खांसी से परेशान हैं। वे कहती हैं, ‘दिल्ली अब जरा भी रहने लायक नहीं है। हम यहां से शिफ्ट करने की सोच रहे हैं, कहीं पहाड़ों पर जाकर रहेंगे। पहले लोग दिल्ली में रहने के लिए तरसते थे, अब छोड़कर जा रहे हैं।‘ ‘मेरे कई जानने वाले हॉस्पिटल जा रहे और दवाई ले रहे हैं। ये सब प्रदूषण की वजह से हो रहा है। शाम को तो आप घर से बाहर नहीं निकल सकते हैं। घर पर हमने इसी साल एयर प्यूरिफायर लगाया है, लेकिन बाहर तो जाना ही है। बच्चों को पार्क में लाना होता है, उन्हें पिंजरे में तो बंद नहीं कर सकते हैं।‘ वो कहती हैं कि सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि प्रदूषण कम हो। समस्या की जड़ पर जाना चाहिए कि क्या उपाय हो सकते हैं। मॉर्निंग वॉक करना मुश्किल, सिर्फ इमरजेंसी में घर से निकल रहेदिल्ली के सीआर पार्क इलाके में हमें शशि शर्मा मिले। वे एक रिटायर्ड सरकारी अधिकारी हैं। वे कहते हैं, ‘प्रदूषण का फेफड़ों पर बुरा असर पड़ रहा है। मॉर्निंग वॉक पर भी हमें मास्क लगाकर जाना पड़ता है। पत्नी को अस्थमा है। सुबह उठते ही उन्हें नेब्यूलाइजर लगाना पड़ता है। रात को सोते हुए CPAP मशीन लगानी पड़ती है, जिससे ऑक्सीजन सही तरीके से मिल सके। प्रदूषण के कारण सांस लेने में दिक्कत हो रही है।‘ शशि भी उन लोगों में हैं जिन्होंने घर में एयर प्यूरिफायर लगवा रखा है। वे कहते हैं, ‘इससे तो हम सिर्फ घर में सुरक्षित हैं, लेकिन बाहर तो निकलना ही पड़ेगा। इसी इलाके में हमें सुजीत चौधरी मिले, जो मास्क लगाकर एक पार्क में अखबार पढ़ रहे थे। वे कहते हैं, ’सांस लेने में काफी दिक्कत है। प्रदूषण के कारण मॉर्निंग वॉक पर भी नहीं निकल पा रहे हैं। लोग अब इमरजेंसी में ही घर से निकल रहे हैं। ये सरकार की छोटी-मोटी कोशिशों से दूर नहीं होने वाला है। इसके लिए ठोस पॉलिसी बनानी होगी।’ प्रदूषण पर अलग-अलग रिपोर्ट्स क्या कहती हैं?पॉल्यूशन को लेकर कई रिपोर्ट्स बताती हैं कि दुनियाभर में प्रदूषण फैलाने में अमीर सबसे आगे हैं, लेकिन इसका शिकार गरीब हो रहे हैं। अक्टूबर 2021 में छपी 'नेचर सस्टनेबिलिटी' की रिपोर्ट बताती है कि भारत में गरीब एयर पॉल्यूशन का ज्यादा सामना कर रहे हैं जबकि वो इसके लिए जिम्मेदार नहीं हैं। ज्यादा आय वाले गाड़ियों और दूसरे जरियों से पॉल्यूशन बढ़ा रहे हैं, लेकिन वे एयर कंडीशन और बढ़िया हेल्थ केयर जैसी सुविधाओं से लैस हैं। रिपोर्ट बताती हैं कि एयर पॉल्यूशन समय से पहले मौत के बड़े कारणों में एक है। भारत में एयर पॉल्यूशन के कारण सबसे कम आय वर्ग के 54.7% लोगों की समय से पहले मौत हो रही है। वहीं सबसे ज्यादा आय वर्ग में 6.3% लोग ही इसका शिकार हैं। यानी एयर पॉल्यूशन का गरीबों पर असर अमीरों की तुलना में 9 गुना ज्यादा है। द लैंसेट प्लेनेटरी हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की करीब 82% आबादी भारत के नेशनल एम्बिएंट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड्स के ऊपर की हवा में रह रही है। दिसंबर 2024 में छपी इस रिपोर्ट के अनुसार, सिर्फ 2019 में एयर पॉल्यूशन के कारण भारत में 18 लाख लोगों की मौत हुई है। वहीं साल 2009 से 2019 के बीच इसके कारण औसतन हर साल 15 लाख लोगों की मौत हुई। पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए अलॉट फंड इस्तेमाल नहीं हो रहाभारत सरकार ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 2019 में नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (NCAP) की शुरुआत की थी। इसका टारगेट देश के 130 शहरों की एयर क्वालिटी में सुधार लाना था। इसके तहत PM-10 के लेवल को 40% तक कम करना था। हालांकि दिल्ली में अब तक ये हासिल नहीं किया जा सका है। इस प्रोग्राम के तहत अब तक राज्यों को 13,036 करोड़ फंड अलॉट हो चुका है। जुलाई महीने में पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट बताती है कि इन शहरों में करीब 71% यानी 9209 करोड़ रुपए का फंड इस्तेमाल किया गया। इस मामले में दिल्ली की स्थिति और भी बुरी है क्योंकि दिल्ली सरकार ने पूरा फंड इस्तेमाल ही नहीं किया। एक्सपर्ट बोले- घनी आबादी वाले इलाके पॉल्यूशन के हॉटस्पॉटग्रीनपीस साउथ एशिया के डिप्टी प्रोग्राम डायरेक्टर अविनाश चंचल चीफ जस्टिस की बातों से इत्तफाक रखते हैं। वे कहते हैं, ‘अगर हम दिल्ली की बात करें तो लगभग सभी स्टडीज बताती हैं कि 40 से 50% तक पॉल्यूशन की वजह गाड़ियों से निकलने वाला धुआं है। दिल्ली में कारों की संख्या ज्यादा है। NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) का स्तर काफी ज्यादा है जो गाड़ियों से ही निकलती है।‘ ‘इस पॉल्यूशन का गरीबों की सेहत और जिंदगी पर क्या असर पड़ता है, इस पर बहुत कम रिसर्च हुई है। आप देखेंगे कि दिल्ली में जितने भी प्रदूषण के हॉटस्पॉट हैं, वहां सबसे ज्यादा घनी आबादी है। वहां वर्किंग क्लास के लोग रहते हैं।‘ अविनाश आगे कहते हैं, ट्रक या दूसरे ट्रांसपोर्ट से भी प्रदूषण फैल रहा है, लेकिन तुलनात्मक रूप से अगर देखें तो प्राइवेट गाड़ियां इसके लिए ज्यादा जिम्मेदार हैं। वे कहते हैं, ‘इंडस्ट्री से होने वाला प्रदूषण भी दिल्ली की हवा को खराब कर रहा है। दिल्ली के आसपास कई थर्मल पावर प्लांट भी हैं। IIT कानपुर की 2015 की एक स्टडी के मुताबिक, तब 30% उत्सर्जन में पावर प्लांट की भागीदारी थी। कूड़ों का सही प्रबंधन न होने और कंस्ट्रक्शन सेक्टर भी बड़े स्तर पर जिम्मेदार हैं। ये सारे फैक्टर पूरे साल मौजूद रहते हैं और इसके कारण हवा हमेशा खराब होती है। ठंड में दिक्कत बढ़ जाती है क्योंकि प्रदूषण बाहर नहीं निकल पाता है। इसलिए हम बोलते हैं कि जो फैक्टर पूरे साल प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है, उसे सोर्स पर रोका जाए।’ अविनाश के मुताबिक, ग्रीनपीस ने कई सालों तक भारत के शहरों की हवा पर स्टडी की थी। रिपोर्ट में कहा गया कि देश के 80% शहर हवा के नेशनल एयर क्वालिटी मानकों पर खरे नहीं उतरते हैं। वे कहते हैं, ‘प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए जो भी समाधान लाए जाते हैं, वो सब गरीब विरोधी हैं, जैसे- जब भी ग्रैप (GRAP) लागू होता है तो कहा जाता है कि लोगों को घरों में रहना है, एयर प्यूरिफायर इस्तेमाल करना है। कितने लोग हैं, जो एयर प्यूरिफायर इस्तेमाल कर सकते हैं? क्या वर्किंग क्लास घरों पर रह सकते हैं? बिल्कुल नहीं।’ दिल्ली में पॉल्यूशन हमेशा से ऐसा, ठंड में दिखने लगताचिंतन की फाउंडर भारती चतुर्वेदी कहती हैं, ’गरीब आदमी गाड़ी नहीं चला रहा है जबकि वो बाहर काम करता है, जैसे- स्ट्रीट वेंडर्स, सफाईकर्मी। इनके पास कोई विकल्प नहीं है। ये वर्क फ्रॉम होम नहीं कर सकते हैं और कोई छुट्टी भी नहीं ले सकते हैं। AQI चाहे 150 हो या 750 हो, उन्हें काम करना है और 10-12 घंटे बाहर रहना है।’ ’दूसरी तरफ सबसे ज्यादा प्रदूषण गाड़ियों से आ रहा है, जो अमीर चला रहे हैं। ये वर्ग काफी हद तक प्रदूषण से बचा रहता है। एयर प्यूरिफायर लगा रहे हैं। यही क्लास AC का इस्तेमाल कर रहा है यानी बिजली का इस्तेमाल भी ज्यादा कर रहा है। गरीब तो बिजली भी लिमिटेड ही इस्तेमाल कर रहा है। अमीरों के घर सजाने के लिए बिजली का इस्तेमाल हो रहा है।’ भारती कहती हैं दिल्ली के प्रदूषण में 20 से 30% योगदान गाड़ियों का है। इसके अलावा कूड़े से 9-14% तक होता है। उनके मुताबिक, ठंड में स्थिति ये होती है क्योंकि हम अक्टूबर में जागना शुरू करते हैं। जबकि प्रदूषण हमेशा ऐसा ही होता है। पॉल्यूशन से सांस की नली को पहुंच रहा नुकसान दिल्ली के सीके बिरला हॉस्पिटल में रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के डायरेक्टर डॉ. विकास मित्तल कहते हैं कि प्रदूषण के कारण लोगों को सांस की नली में काफी दिक्कतें आ रही हैं। वे बताते हैं, ‘अगर ये प्रदूषण बार-बार नली को प्रभावित करता है तो ये लंबे समय तक चलने वाली बीमारी (COPD) का रूप ले लेता है।‘ ‘अगर ऐसा ही चलता रहा तो भविष्य में ऐसी बीमारियां लगातार सामने आएंगी। यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो की स्टडी में पाया गया है कि प्रदूषण के कारण दिल्ली के लोगों का लाइफ स्पैन 8.2 साल कम हो जाता है।‘ ‘अस्थमा, फेफड़े और हार्ट के मरीजों पर प्रदूषण का ज्यादा असर पड़ रहा है। PM 2.5 कण खून के जरिए धमनियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसके कारण हार्ट पर असर पड़ सकता है। धमनियों के नुकसान पहुंचने से पूरे शरीर पर प्रभाव पड़ता है। जो लोग बाहर ज्यादा रहेंगे, उन पर प्रदूषण का ज्यादा असर होगा।‘ रजिस्टर्ड मजदूरों को 10 हजार का मुआवजा- दिल्ली सरकारबढ़ते प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने GRAP-3 के तहत कंस्ट्रक्शन के काम पर रोक लगाई थी। अब दिल्ली सरकार काम बंद होने के कारण प्रभावित मजदूरों को 10 हजार रुपए का मुआवजा देगी। दिल्ली सरकार के तहत कुल रजिस्टर्ड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स की संख्या 2.57 लाख है। 17 दिसंबर को दिल्ली के श्रम मंत्री कपिल मिश्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ’निर्माण कार्य बंद होने से प्रभावित सभी रजिस्टर्ड और वेरिफाइड निर्माण मजदूरों को मुआवजे के तौर पर 10 हजार रुपए दिए जाएंगे। ये राशि मजदूरों के खाते में भेजी जाएगी। GRAP-4 के तहत जितने दिनों का काम बंद होगा, उसके हिसाब से भी आगे मुआवजा दिया जाएगा।’...................ये खबर भी पढ़ें... दिल्ली ब्लास्ट-20 घंटे पहले मिला अलर्ट, फिर उमर कैसे भागा 10 नवंबर को दिल्ली में हुए ब्लास्ट के बाद संदिग्ध आतंकी जेल में है, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। दैनिक भास्कर को खुफिया जांच एजेंसियों से ऐसे डॉक्यूमेंट मिले हैं, जिससे डॉक्टर टेरर मॉड्यूल को लेकर 3 बड़ी बातें पता चली हैं। पहली, आतंकी अब भी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस के खुफिया विभाग से जारी अलर्ट में इसका खुलासा हुआ। पढ़िए पूरी खबर...
किराये के सॉफ्टवेयर से ट्रेनों के टिकट बुक हो रहे हैं। ये सॉफ्टवेयर महज 50 सेकंड में तत्काल का टिकट बुक कर देते हैं, यानी जितनी देर में कोई यात्री IRCTC के ऐप पर लॉगिन करेगा, उतनी देर में इस सॉफ्टवेयर से टिकट कंफर्म हो जाएगा। भास्कर रिपोर्टर ने एजेंट बनकर गिरोह से संपर्क किया। दलाल ने न सिर्फ 50 सेकंड में ऐसे एक सॉफ्टवेयर से दिल्ली से पटना का टिकट बुक कर दिया, बल्कि रिपोर्टर को सॉफ्टवेयर चलाने की ऑनलाइन ट्रेनिंग भी दी। सॉफ्टवेयर डेवलपर तैयार करते हैं, टिकट बुक करने का काम एजेंट्स का है। सॉफ्टवेयर का 1200 रुपए से लेकर 3200 रुपए तक मासिक किराया है। जांच एजेंसियों को झांसा देने के लिए सॉफ्टवेयर बेचने वाले दलाल टिकट बेचने वाले दलालों को आईपी एड्रैस भी मुहैया कराते हैं। जिसकी कीमत प्रति आईपी 600 रुपए है। आईपी एड्रेस अलग होने से एजेंट्स पकड़ में नहीं आते। भास्कर इन्वेस्टिगेशन में खुलासा हुआ कि, टेसला, गदर , ब्रह्मोस, सुपर तत्काल, अवेंजर नाम से ऑनलाइन सॉफ्टवेयर मिल रहे हैं। टेसला, गदर और अवेंजर को ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। एजेंट ने रिपोर्टर को सॉफ्टवेयर की ऑनलाइन ट्रेनिंग दी यूट्यूब पर तमाम वीडियो खंगालने के बाद हमें बलराम नाम के एजेंट की लिंक मिली। हमने उससे कहा कि, ‘हम तत्काल टिकट बुकिंग का काम शुरू करना चाहते हैं। भरोसा होने के बाद एजेंट ने पूरी प्रॉसेस समझाई और ऑनलाइन ट्रेनिंग दी। आमने–सामने मिलने से इंकार कर दिया।’ रिपोर्टर : तत्काल टिकट बुकिंग वाले सॉफ्टवेयर को लेकर बात हुई थी, कैसे मिलेगा एजेंट : हार्ड रूट चाहिए या सॉफ्ट रूट रिपोर्टर: ये क्या होता है एजेंट: हार्ड रूट में 55 से 60 सेकंड में टिकट बुक होता है। सॉफ्ट रूट में टोकन या आईपी की जरूरत नहीं होती, लेकिन दो मिनट का प्रीमियम टाइम चाहिए रिपोर्टर: तत्काल टिकट एक मिनट में खत्म हो जाता है एजेंट: इसलिए टेसला या गदर सॉफ्टवेयर लेना होगा रिपोर्टर: इसके लिए और क्या चाहिए होगा एजेंट: आईपी और सॉफ्टवेयर दोनों लेना होंगे रिपोर्टर: कैसे मिलेंगे एजेंट: अल्ट्रा व्यूवर दीजिए, मैं रिमोट से इंस्टॉल कर दूंगा रिपोर्टर: सॉफ्टवेयर की कीमत कितनी है एजेंट: 1800 रुपए रिपोर्टर: आईपी का क्या रेट है एजेंट: एक आईपी 1000 रुपए का है रिपोर्टर: सस्ता आईपी नहीं चलेगा एजेंट: 400–500 वाला आईपी जल्दी ब्लॉक हो जाता है रिपोर्टर: एक आईडी से कितने टिकट बनेंगे एजेंट: एक आईडी से छह फॉर्म रिपोर्टर: क्या आप नया IRCTC लॉगिन देंगे एजेंट: कस्टमर का ही लॉगिन बना लेना रिपोर्टर: यानी कस्टमर का आईडी–पासवर्ड इस्तेमाल करना है एजेंट: हां, उसी से टिकट बनाना है रिपोर्टर: आगे मुझे क्या करना होगा एजेंट: अल्ट्रा व्यूवर दीजिए, मैं सब इंस्टॉल कर के समझा दूंगा एंटीवायरस हटाने की बातचीत एजेंट: सर जी, क्या मैं इसे अनइंस्टॉल कर दूं रिपोर्टर: क्या अनइंस्टॉल कर रहे हैं एजेंट: ट्रेंड माइक्रो सिक्योरिटी एजेंट रिपोर्टर: ये तो एंटीवायरस है, इसे हटाना नहीं चाहिए एजेंट: इससे कोई वायरस प्रोटेक्शन नहीं होता रिपोर्टर: फिर क्यों हटाना है एजेंट: ये पुलिस है, हमारा सॉफ्टवेयर चोर। ये रहेगा तो वो काम नहीं करेगा रिपोर्टर: एंटीवायरस रहने से सॉफ्टवेयर नहीं चलेगा एजेंट: हां, एंटीवायरस होने से टिकट बुकिंग सॉफ्टवेयर काम नहीं करता टेसला सॉफ्टवेयर और टोकन प्रक्रिया एजेंट: आपको टेसला चाहिए ना, जिससे बुकिंग तेज होती है रिपोर्टर: हां एजेंट: हर दिन टोकन जनरेट करना पड़ेगा, नहीं तो काम नहीं होगा रिपोर्टर: टोकन कैसे एजेंट: रोज IRCTC साइट खोलकर टोकन जनरेट करना होगा। रिपोर्टर: बिना टोकन काम नहीं चलेगा एजेंट: नहीं। अवेंजर में सिर्फ एक-दो फॉर्म बनेंगे, डेढ़ मिनट में टिकट खत्म हो जाता है रिपोर्टर: ठीक है एजेंट: टेसला और आईपी लो, डेली टोकन बनाना पड़ेगा रिपोर्टर: प्रोसेस समझा दोगे एजेंट: वीडियो भेज दूंगा रिपोर्टर: शुरू में हेल्प कर देना। एजेंट: हां, लेकिन डेली टोकन आपको ही बनाना होगा रिपोर्टर: फोन को लेकर कोई शर्त एजेंट: एंड्रॉयड फोन होना चाहिए। आईफोन में फाइल डाउनलोड नहीं होगी IRCTC लॉगिन को लेकर रिपोर्टर: क्या आप IRCTC लॉगिन आईडी भी देते हैं एजेंट: वो अलग चीज है, उसके पैसे लगते हैं रिपोर्टर: पैसे लेकर दिलवा सकते हो एजेंट: हां, लेकिन अलग से चार्ज लगेगा। फर्जी लॉगिन, मोबाइल नंबर और OTP रिपोर्टर: अगर लॉगिन खरीदेंगे तो मोबाइल नंबर कहां से आएगा एजेंट: IRCTC आईडी में जो नंबर रहता है, वो मत डालिए रिपोर्टर: फिर क्या डालना है एजेंट: कोई अनजान, बंद पड़ा नंबर डाल दिया जाता है ताकि कभी जांच हो तो कुछ न मिले रिपोर्टर: टिकट कैसे देंगे एजेंट: आईडी से निकाल कर प्रिंट दे दीजिए रिपोर्टर: मोबाइल पर मैसेज नहीं आएगा एजेंट: नहीं आएगा रिपोर्टर: ये आईडी कैसे बनती हैं एजेंट: मशीन से बनी टेम्परेरी और आधार वाली आईडी होती हैं रिपोर्टर: प्रीमियम ट्रेन में OTP आ रहा है, उसका क्या एजेंट: अभी OTP बायपास नहीं है, मैन्युअली डालना पड़ेगा रिपोर्टर: मतलब कस्टमर को फोन पर रखना होगा एजेंट: हां, OTP वही बताएगा सेकंड्स में बुक हुआ टिकट… एजेंट ने सबसे पहले सिस्टम पर अल्ट्रा व्यूवर डाउनलोड करने को कहा। (अल्ट्रा व्यूवर की मदद से किसी का भी सिस्टम रिमोट पर लिया जा सकता है) अल्ट्रा व्यूवर डाउनलोड करने के बाद पासवर्ड शेयर करने के लिए कहा। फिर बलराम ने हमारे सिस्टम में सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया। सॉफ्टवेयर इंस्टॉल करने से पहले बलराम ने हमारे लैपटॉप से एंटी वायरस को डिलीट किया। फिर रिपोर्टर को ऑनलाइन टेसला सॉफ्टवेयर से तत्काल टिकट बुक करने की ट्रेनिंग दी। हमने बलराम को कहा कि वो हमें एक टिकट बुक कर के दिखाए, क्योंकि हम देखना चाहते थे कि टेसला सॉफ्टवेयर से कैसे टिकट बुक किया जा रहा है। काफी मशक्कत के बाद बलराम ने टेसला सॉफ्टवेयर से एक टिकट बुक करके दिखाया। टिकट बुकिंग के लिए IRCTC का ऐप खोला भी नहीं गया फिर भी तत्काल टिकट बुक हो गया। सवाल उठता है कि IRCTC ने अपने हर यूजर के लिए आधार कार्ड जरूरी कर रखा है तो दलालों के पास इतने IRCTC के लॉगिन पासवर्ड कहां से आते हैं। बलराम ने बताया कि एक लॉगिन आईडी की कीमत साढ़े तीन सौ रुपए है जितने चाहो आप ले सकते हैं। बलराम ने हमें एजेंट अभिजीत का नंबर दिया। अभिजीत टेसला और गदर से टिकट बुकिंग का काम करता है। हमने पूछा की फेक लॉगिंग आईडी के लिए नंबर कहां से लाते हो, तो उसने बताया कि पीछे से लॉगिन आईडी बनाकर दिया जाता है। टिकट बुक करते समय ऐसे नंबर का इस्तेमाल किया जाता है जो बंद हो गया हो, ग्राहक को बस लॉगिंग आईडी से टिकट प्रिंट करके देना है। ऐसे बुक किये गए तत्काल टिकट का मैसेज नहीं आता है क्योंकि बुकिंग में गलत नंबर डाला जाता है जिससे अगर कभी IRCTC जांच भी करे तो गलत नंबर के कारण पकड़े जाने का डर नहीं होता। रेलवे ने पहचान जनवरी 2025 से अब तक: 3.03 करोड़ पर्सनल यूजर आईडी संदिग्ध मानकर इनएक्टिव किए। 2.69 करोड़ यूजर आईडी अस्थायी रूप से सस्पेंड कर री-वेलिडेशन में डाली गईं कोडिंग के आधार पर ट्रेनों और स्टेशन को बांटा अवैध तरीके से ऑनलाइन मिल रहे इन सॉफ्टवेयर के जरिए कुछ ही सेकंड्स में सीटें एजेंट्स के पास चली जाती हैं। आम यात्रियों को टिकट नहीं मिल पाता। एजेंट्स ने हार्डरूट और सॉफ्टरूट में शहरों को बांट रखा है। जिस रूट में सबसे ज्यादा टिकट का डिमांड होता है उसे हार्ड रूट कहा जाता है। जैसे दिल्ली-पटना, दिल्ली-दरभंगा, दिल्ली-कटिहार, दिल्ली- गोरखपुर, दिल्ली-मुंबई , दिल्ली-बंगलोर आदि। वहीं, जिस रूट में टिकट आसानी से मिल जाता है, उसे सॉफ्टरूट कहते हैं, जैसे- दिल्ली-कानपुर, दिल्ली- भोपाल, दिल्ली-जयपुर आदि। कोडिंग ट्रेन के आधार पर भी की गई है जो ट्रेन कम समय में दूरी तय करती है उस ट्रेन को भी हार्डरूट ट्रेन कहा जाता है। जैस- सम्पूर्ण क्रांति एक्सप्रेस , पूर्व एक्सप्रेस , सभी रूट की संपर्क क्रांति एक्सप्रेस, सभी रूट की गरीब रथ , भोपाल एक्सप्रेस, चेन्नई एक्सप्रेस, गोवा एक्सप्रेस, स्लीपर वाली दुरंतों एक्सप्रेस। हार्ड रूट में तत्काल बुकिंग के लिए दलालों ने अलग से सॉफ्टवेयर बना रखा है टेसला, गदर , ब्रह्मोस, सुपर तत्काल और सॉफ्टरूट के लिए अवेंजर नाम से सॉफ्टवेयर ऑनलाइन मिल रहे है। हार्डरूट के साफ्टवेयर का किराया 1800 से लेकर 3200 रुपए जबकि सॉफ्ट रूट के लिए अवेंजर का किराया 1200 रुपए प्रति महीना है। जांच एजेंसियों को झांसा देने के लिए ये सॉफ्टवेयर बेचने वाला दलाल टिकट बेचने वाले दलाल को आईपी एड्रैस भी मुहैया कराते हैं। जिसकी कीमत प्रति आईपी 600 रुपए है। ये सॉफ्टवेयर कुछ ही सेकंड्स में प्रॉसेस पूरी कर देते हैं आईटी एक्सपर्ट हेमंत शर्मा कहते हैं कि, ‘आम यात्रियों के साथ ट्रेन टिकट बुकिंग में दो लेवल पर गड़बड़ी की जा रही है। पहला, ऑटोमेशन और AI-बेस्ड सॉफ्टवेयर का मिसयूज और दूसरा, एजेंटों द्वारा इन सॉफ्टवेयरों का कमर्शियल यूज।’ ‘जब कोई यात्री IRCTC वेबसाइट या ऐप पर मैन्युअली टिकट बुक करता है, तो उसे लॉग-इन, ट्रेन चयन, यात्री विवरण, कैप्चा और पेमेंट जैसी प्रॉसेस खुद पूरी करनी होती हैं। इसी दौरान हजारों-लाखों यूजर एक साथ सिस्टम पर एक्टिव रहते हैं, खासकर तत्काल और ARP बुकिंग के समय। इसमें अधिकांश यात्रियों को टिकट नहीं मिल पाता।’ ‘इसके उलट, एजेंटों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे ऑटोमेशन/AI सॉफ्टवेयर वही पूरी प्रॉसेस सेकंड्स में पूरी कर देते हैं। यह सॉफ्टवेयर आम यूजर के कम्पेरिजन में कई गुना तेजी से सर्वर को रिक्वेस्ट भेजते हैं। इसी कारण आम यात्री मैन्युअल प्रक्रिया में फंसा रहता है, वहीं दूसरी ओर सॉफ्टवेयर बेस्ड सिस्टम पहले ही टिकट बुक कर लेता है।’ जांच में यह भी सामने आया है कि एजेंट इन टिकटों को अतिरिक्त शुल्क जोड़कर उन यात्रियों को बेचते हैं जो ज्यादा पैसा देने को तैयार होते हैं। जबकि रेलवे की टिकट नीति ‘पहले आओ, पहले पाओ’ (First Come, First Serve) की है। रेलवे इन सॉफ्टवेयरों पर रोक क्यों नहीं लगा पा रही है? इसके पीछे मुख्य रूप से दो कारण सामने आते हैं। पहला, कानूनी खामी। ऑटोमेशन और एआई बेस्ड टिकट बुकिंग सॉफ्टवेयर को लेकर फिलहाल कोई सख्त कानून नहीं है, जो इसे पूरी तरह से प्रतिबंधित करे। मौजूदा आईटी और रेलवे नियम इसे आंशिक तौर पर ही कवर करते हैं, जिससे सख्त कार्रवाई नहीं हो पाती। दूसरा, तकनीकी। भारतीय रेलवे अपने लेवल पर असामान्य गति से टिकट बुक करने वाले IP एड्रेस को पहचानकर ब्लॉक करती है। लेकिन एजेंट लगातार नए IP एड्रेस, VPN, नई यूज़र आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल करते हैं। IP एड्रेस असीमित हैं, इसलिए पकड़ में नहीं आते। इसका नतीजा यह है कि एजेंट और सॉफ्टवेयर डेवलपर लगातार सिस्टम को बायपास करने के नए तरीके खोज रहे हैं और अवैध कमाई कर रहे हैं। वहीं आम यात्रियों को टिकट के लिए ज्यादा पैसा देना पड़ रहा है। .................................... ये इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट भी पढ़ सकते हैं देश में 5 ब्लास्ट करने वाला भी अल–फलाह का स्टूडेंट:2007 में बीटेक किया, उसी साल गोरखपुर में धमाका, अब तक फरार देश में 5 बार ब्लास्ट करने वाला आतंकी मिर्जा शादाब बेग भी फरीदाबाद की अल–फलाह यूनिवर्सिटी का ही स्टूडेंट है। ये खुलासा दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की रिपोर्ट से हुआ है, जिसकी कॉपी भास्कर के पास है। 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किला के पास ब्लास्ट करने वाला आतंकी डॉ उमर नबी भी यहां प्रोफेसर था। पूरी खबर पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें...।
‘मैं एक छोटे से कंटेनर में कैद था। आसपास इतना घना जंगल था कि लोकेशन का पता ही नहीं चलता। आतंकी जिन लोगों को पकड़कर लाते, कंटेनर में ठूंस देते थे। मेरे कंटेनर में 50-60 लोग थे। अंदर दम घुटता था। सांस लेने में भी मुश्किल होती थी। 3-4 दिन बाद मुझे जेल की तरह एक कोठरी में भेज दिया। भयानक ठंड में जमीन पर सोता था। खाने में सिर्फ एक ब्रेड मिलती थी। टॉयलेट के लिए एक बॉल्टी थी। वो भी साफ नहीं होती थी। हर दिन सोचता था कि यहां से जिंदा निकल भी पाऊंगा या नहीं।’ सूडान में सरकार के खिलाफ लड़ रहे विद्रोही लड़ाकों की कैद से छूटकर आए आदर्श बेहरा के चेहरे पर अब भी घबराहट है। आदर्श ओडिशा के जगतसिंहपुर में रहते हैं और 17 दिसंबर को घर लौटे हैं। वे सूडान में एक प्लास्टिक फैक्ट्री में मशीन ऑपरेटर का काम करते थे। सूडान में 2023 से सूडानी सशस्त्र बलों (SAF) और रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के बीच जंग चल रही है। 26 अक्टूबर को RSF ने देश के अल-फशीर शहर पर कब्जा कर लिया। तभी आदर्श को भी बंधक बना लिया गया। अगवा किए जाने के बाद आदर्श का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें अपहरण करने वाले लड़ाके उनसे शाहरुख खान के बारे में पूछ रहे हैं। आदर्श की पत्नी सुष्मिता ने सरकार के अलावा शाहरुख खान से भी पति को रिहा कराने की अपील की थी। करीब डेढ़ महीने विद्रोहियों की कैद में रहे आदर्श अब घर पर हैं। पढ़िए उनकी आपबीती… हट्टा-कट्टा शरीर, इसलिए विद्रोहियों ने फौजी समझकर पकड़ा आदर्श का परिवार जगतसिंहपुर जिले के कोटकणा गांव में रहता है। घर में माता-पिता के अलावा पत्नी सुष्मिता और दो बेटे हैं। आदर्श ने सिर्फ 10वीं तक ही पढ़ाई की। इसके बाद महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और फिर गुजरात कमाने चले गए। प्लास्टिक फैक्ट्री में 8-10 साल काम किया। सिर्फ 15-16 हजार रुपए सैलरी मिलती थी। इसमें खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था। इसलिए सूडान चले गए। वे बताते हैं, ‘मैं 2022 में सूडान गया था। अल-फशीर शहर में नौकरी मिली। सब ठीक चल रहा था, लेकिन अचानक गृहयुद्ध ने शहर को चपेट में ले लिया। अल-फशीर विद्रोहियों का गढ़ बन गया। चारों तरफ बमबारी और गोलीबारी होती थी। फैक्ट्री के अंदर रहना मौत को बुलाने जैसा था।’ ‘मैंने शहर छोड़ने का फैसला लिया। मैं और मेरे मैनेजर पैदल ही चल पड़े। हमने सड़कों की बजाय जंगल का रास्ता चुना ताकि किसी की नजर में न आएं। रास्ते में हथियारबंद विद्रोहियों ने घेर लिया। मेरी कद-काठी अच्छी है। हुलिया भी सूडान के लोग से अलग था। विद्रोहियों को लगा कि मैं सूडान की फोर्स में हूं और वर्दी छोड़कर भाग रहा हूं।’ ‘उन्होंने पीटना शुरू कर दिया। 1500 डॉलर (करीब 1.25 लाख रुपए), मोबाइल फोन और एपल वॉच छीन ली। विद्रोहियों ने मेरे मैनेजर को जंगल में ही छोड़ दिया, लेकिन मैं विदेशी था, इसलिए मुझे साथ ले गए।’ 3 दिन जंगल में रखा, पूछा- शाहरुख खान के रिश्तेदार हो क्याआदर्श बताते हैं, ‘किडनैप करने के बाद मुझे तीन दिन घने जंगल में रखा गया। वहां कड़ाके की ठंड थी। मेरे पास ओढ़ने के लिए कंबल तो दूर, सोने के लिए बिस्तर तक नहीं था। मैं जमीन पर सोता था। खाने में सिर्फ बिस्किट या ब्रेड का एक टुकड़ा देते थे।’ कैद के दौरान विद्रोहियों ने आदर्श का एक वीडियो रिकॉर्ड किया। यह वीडियो दिखाने के लिए था कि उन्होंने एक विदेशी नागरिक को पकड़ लिया है। वीडियो में विद्रोहियों ने कैमरे के सामने चिल्लाकर कहा, ‘अब यह वापस नहीं जा सकता।’ इसी वीडियो से पता चला कि आदर्श को किडनैप कर लिया गया है। आदर्श बताते हैं, ‘वीडियो बनाते हुए उन्होंने मुझसे बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान के बारे में पूछा। वे मुझसे पूछ रहे थे कि क्या तुम शाहरुख खान को जानते हो। क्या शाहरुख खान तुम्हारा रिश्तेदार है। क्या तुम उसी के इलाके में रहते हो। 3-4 दिन बाद मुझे जंगल से निकालकर एक जेल में ले गए। वहां बहुत गंदगी थी। इतने मच्छर थे कि आप सो नहीं सकते।' सेल के अंदर टॉयलेट नहीं था। मुझे एक बाल्टी दी गई थी, जिसे टॉयलेट के लिए इस्तेमाल करना था। उसे साफ करने वाला कोई नहीं था। ‘मुझे लगा कि अगर घर तक खबर नहीं पहुंचाई तो जिंदा नहीं बचूंगा। मैंने एक शख्स से बहुत गिड़गिड़ाकर फोन मांगा। उसने मुझे सिर्फ 5 मिनट के लिए फोन दिया। मैंने पत्नी सुष्मिता को फोन किया। रोते हुए पूरी बात बताई। कहा कि जल्दी सरकार से मदद मांगो, वरना मैं नहीं बचूंगा।’ ‘करीब एक महीने बाद आतंकियों का लीडर आया। उसका नाम एब्सोक था। उसने कहा कि रेडक्रॉस वाले आएंगे, तब तुम्हें छोड़ देंगे। वे एंबेसी में बात नहीं करते थे। कहते थे कि जिसे बात करनी है, उसे यहां आना होगा।’ रेड क्रॉस की मदद से छूटे, सरकार ने स्पेशल फ्लाइट भेजीआदर्श के कहने पर उनकी पत्नी सुष्मिता ने सरकार और रेडक्रॉस से मदद मांगी। आखिरकार विद्रोहियों से बात हुई और वे आदर्श को छोड़ने के लिए तैयार हो गए। विद्रोहियों ने उन्होंने न्याला सिटी छोड़ दिया। यहां से भारत सरकार ने आदर्श को अबू धाबी लाने के लिए स्पेशल फ्लाइट भेजी। आदर्श बताते हैं, ‘मैं उस फ्लाइट में अकेला पैसेंजर था। मैं PM मोदी, केंद्र सरकार, विदेश मंत्रालय और रेडक्रॉस का शुक्रगुजार हूं। अगर एंबेसी का कोई व्यक्ति पहले से मौजूद होता, तो शायद मैं जल्दी छूट जाता।’ आदर्श घर लौट आए हैं, लेकिन उनके पास अब कोई काम नहीं है। उनके पैसे विद्रोहियों ने लूट लिए। आदर्श कहते हैं, ‘अगर ओडिशा में ही कोई नौकरी मिल जाए, तो मैं कभी बाहर नहीं जाऊंगा। अब घर चलाने में बहुत मुश्किल आएगी।’ पत्नी बोलीं- वीडियो देख डर गई थी, विधायक-सांसद तक से मदद मांगीआदर्श की पत्नी सुष्मिता उनकी रिहाई के लिए सरकारी अफसरों, विधायक, सांसद के घर चक्कर काटती रहीं। वे बताती हैं, ‘डेढ़ महीने से आदर्श से बात नहीं हो रही थी। तभी सोशल मीडिया पर वीडियो देख लिया। वीडियो में आदर्श के चारों तरफ हथियारबंद लोग थे। हम तो डर गए कि अब क्या होगा। ‘पहले 2-3 दिन में एक वॉयस मैसेज आ जाता था, फिर वह भी बंद हो गया। विद्रोहियों ने उन्हें बंधक बना रखा था। उनकी जान खतरे में थी। वॉयस मैसेज में एक ही बात होती थी कि किसी भी तरह सरकार से कहो कि मुझे यहां से छुड़ा ले। मैंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद और विधायक को लेटर भेजा। उनसे कहा कि आप ही इकलौती उम्मीद हैं। जगतसिंहपुर के सांसद विभु प्रसाद तराई ने बहुत मदद की। भरोसा दिलाया कि वे हर हाल में आदर्श को वापस लेकर आएंगे।’ ‘16 दिसंबर को रात 9 बजे इंडियन एंबेसी का कॉल आया। अधिकारी ने बताया कि आदर्श सुरक्षित बचा लिए गए हैं। उन्होंने आदर्श से बात भी करवाई। उन्होंने फोन पर सिर्फ इतना कहा कि मैं ठीक हूं, अब चिंता मत करना। अधिकारी ने बताया कि आदर्श रात की फ्लाइट से भुवनेश्वर आएंगे और सुबह 8:30 बजे भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर लैंड करेंगे।’ आदर्श को रिहा कराने वालीं डॉ. कल्पनाआदर्श की रिहाई के पीछे सबसे बड़ा योगदान मेजर डॉक्टर कल्पना का है। वे रेडक्रॉस से जुड़ी हैं। वे बताती हैं, ‘सुष्मिता का छोटा भाई मेरा स्टूडेंट है। वो मदद मांगने आया। मैंने कोऑर्डिनेट करना शुरू किया। रेड क्रॉस में एक फैमिली न्यूज सर्विस होती है, जो ऐसे समय में लोगों की जानकारी जुटाती है।' 'इस सर्विस के जरिए हमने ऐसे 15 मामले सुलझाए थे, लेकिन आदर्श का केस मुश्किल था। सूडान में सिविल वॉर इतना भीषण था कि सामान्य प्रोटोकॉल काम नहीं कर रहे थे। मैंने स्टेट और नेशनल रेड क्रॉस से संपर्क किया। वहां से उम्मीद नहीं मिली।’ ‘सूडान में इंटरनेशनल रेड क्रॉस को भी काम करने की परमिशन नहीं है। ऐसे में किसी को सुरक्षित बाहर निकालना नामुमकिन लग रहा था। इसी दौरान आदर्श ने मैसेज भेजा कि सूडान के न्याला शहर में रेड क्रॉस को परमिशन मिल रही है। हमने तय किया कि अगर न्याला रेड क्रॉस और इंडियन एंबेसी कोशिश करें, तो रेस्क्यू मुमकिन है।’ ‘मैंने स्विट्जरलैंड में रेडक्रॉस हेडक्वार्टर लेटर भेजा। भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन माझी को लेटर लिखे। स्विट्जरलैंड के अधिकारी बहुत प्रोफेशनल थे। वे हर लेटर का जवाब देते थे। रेडक्रॉस ने विद्रोहियों से बात की और तय कराया कि आदर्श को सही-सलामत रखा जाए। इसी के बाद उन्हें जेल में खाना-पीना, कपड़े और दवाइयां दी गईं।’ 'सूडान में सबसे बड़ा सवाल था कि किससे बात की जाए। पूरा शहर अलग-अलग आतंकी गुटों में बंटा हुआ है। हर इलाके का अपना लीडर है। रेडक्रॉस इंडियन एंबेसी के जरिए नेगोशिएशन करता है। आदर्श को पकड़ने वाले विद्रोही थे, इसलिए नेगोशिएशन में बहुत वक्त लगा।’ विधायक बोले- लोगों का काम के लिए विदेश जाना हमारी नाकामीआदर्श का घर तिरतोल विधानसभा सीट में आता है। BJD नेता रमाकांत भोई यहां से विधायक हैं। उन्होंने आदर्श का मामला विधानसभा में भी उठाया था। वे कहते हैं, ‘जगतसिंहपुर जिले में पारादीप बंदरगाह है। यहां बड़ी इंडस्ट्री और फैक्ट्रियां हैं। ये दुख की बात है कि आदर्श को काम के लिए सूडान जैसे खतरनाक देश जाना पड़ा। यह हमारी व्यवस्था की बड़ी नाकामी है।’ वे कहते हैं, ‘सरकार को युवाओं को स्किल सिखानी चाहिए ताकि वे इंडस्ट्री की जरूरतें पूरी कर सकें। स्थानीय लोगों को नौकरी में प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इससे उन्हें मजबूरी में घर छोड़कर बाहर नहीं जाना पड़ेगा।’ ................................... ये खबर भी पढ़ें- शादी में नोट उठाए, मदन ने साहिल को गोली मारी 29 नवंबर को CISF के हेड कॉन्स्टेबल मदन गोपाल तिवारी ने 14 साल के साहिल की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस को मिली शिकायत के मुताबिक, CISF जवान मदन के भाई की शादी थी। बारात में साहिल अपने दोस्तों के साथ नोट बीन रहा था। इसी पर गुस्साए मदन ने साहिल को पहले पीटा फिर पिस्तौल से सिर में गोली मार दी। हालांकि मदन का परिवार जानबूझकर गोली मारने के आरोप को गलत बता रहा है। पढ़ें पूरी खबर
बांग्लादेश में विपक्षी नेता उस्मान हादी का निधन, गोलीकांड के बाद सिंगापुर में तोड़ा दम
बांग्लादेश में पिछले साल पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हिंसक आंदोलन का बिगुल बजाने वाले विरोधी नेता उस्मान हादी का गुरुवार की सिंगापुर में मौत हो गई है
दक्षिण कोरिया के एक स्टेशन पर निर्माणाधीन ढांचा गिरा, एक की मौत
अधिकारियों ने बताया कि पश्चिमी सोल में सबवे स्टेशन पर भूमिगत निर्माण स्थल पर स्टील की छड़ें गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई
कोल्ड प्ले कॉन्सर्ट मामले पर अब HR हेड ने तोड़ी चुप्पी, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था आपत्तिजनक वीडियो
53 साल की कैबोट कई महीनों तक चुप रहीं, लेकिन आखिरकार उन्होंने अब वायरल हो चुकी इस घटना पर सार्वजनिक रूप से बात की है, और दावा किया है कि यह सिर्फ एक बार शराब के नशे में हुई गलती थी. उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में बताया, 'मैंने एक गलत फैसला लिया थोड़ी ज्यादा शराब टकीला और कॉकटेल पी ली. अपने बॉस के साथ डांस की इस दौरान हमने आपत्तिजनक अवस्था में एक दूसरे को गले लगाया.
US China tension over Taiwan: ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका और चीन के बीच ठनती जा रही है. आशंका जताई जा रही है कि चीन 2027 तक ताइवान पर हमला कर सकता है. इसे देखते हुए यूएस ने उसकी 'रेड लाइन' पर सीधा अटैक कर दिया है.
इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ इजरायल-ग्रीस-साइप्रस ने मिलाया हाथ, अब 'खलीफा' का पूरा होगा हिसाब
Coalition against Islamic terrorism formed: इस्लामिक आतंकवाद से अब पूरी दुनिया परेशान हो चुकी है. इसके खिलाफ अब इजरायल, ग्रीस और साइप्रस ने गठबंधन बनाकर जंग छेड़ने का ऐलान कर दिया है.
DNA: अरब को कर्ज देने वाले हिंदू शेख का DNA टेस्ट, जानिए वो दिलचस्प किस्सा
DNA: ये कहानी इसलिए दिलचस्प है क्योंकि भारतीय मूल के ये व्यापारी ओमान के सुल्तान को भी कर्ज़ देते थे. भारतीय व्यापारी की मदद से ओमान के सुल्तान इतने प्रभावित हुए कि उन्हें शेख़ की उपाधि दे दी. किसी हिंदू के नाम के आगे आपने शेख़ नहीं सुना होगा.

