'90 के दशक की बात है। मेरी पत्नी मुरादाबाद की एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थीं। हम वहीं रहते थे। वहां मुस्लिम आबादी काफी ज्यादा है। उस वक्त शाम होने के बाद औरतों को घर से बाहर नहीं ले जा सकते थे। माहौल ऐसा था कि अगर मुस्लिम कम्युनिटी के किसी व्यक्ति की बकरी से मेरी स्कूटर छू भी जाती तो वो मुझे उतारकर मारते-पीटते और पत्नी को उठा ले जाते। वहां ऐसा अक्सर होता था।' जस्टिस बीआर गवई की तरफ जूता फेंकने वाले एडवोकेट राकेश किशोर अपनी जिंदगी से जुड़े इस किस्से से मुस्लिमों के प्रति अपनी सालों पुरानी नाराजगी जता देते हैं। वे कहते हैं कि जस्टिस गवई ने भी हिंदू देवी-देवताओं और सनातन धर्म का अपमान किया है, इस पर मैं चुप नहीं रह सकता था। 16 सितंबर को CJI गवई ने खजुराहो में भगवान विष्णु की खंडित मूर्ति की बहाली की मांग वाली याचिका खारिज कर दी थी। इसके विरोध में 6 अक्टूबर को राकेश ने सुप्रीम कोर्ट के अंदर CJI गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की। जूता CJI तक नहीं पहुंच सका। सुरक्षाकर्मियों ने राकेश को पकड़कर बाहर कर दिया। इस दौरान उसने नारे लगाए- 'सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।' इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने वकील राकेश किशोर (72) का लाइसेंस 9 अक्टूबर को तत्काल प्रभाव से कैंसिल कर दिया। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने भी उन्हें सस्पेंड कर दिया है। राकेश बिना जांच सस्पेंशन पर सवाल उठाते हुए कहते हैं कि मुझे इससे काफी नुकसान हुआ। मेरे क्लाइंट्स अपना पैसा और केस दोनों वापस ले रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने आरोपी वकील राकेश किशोर से बात कर पूरा मामला समझा और बार काउंसिल ऑफ इंडिया का भी पक्ष जाना। मन में सवाल आया- ‘सनातनियों के अपमान पर चुप क्यों हूं‘जूता फेंकने की घटना के बारे में पूछने पर आरोपी एडवोकेट राकेश किशोर बड़ी बेबाकी से कहते हैं, 'जिस दिन ये कांड हुआ, उस दिन कोर्ट में मेरा कोई केस नहीं था। मैं सिर्फ इसी काम के लिए पहुंचा था क्योंकि क्या सही है और क्या गलत, इसे लेकर मेरे अंदर कई सवाल थे। कोई शक्ति थी जो लगातार मुझसे पूछ रही थी कि जब सनातनियों का अपमान हुआ, तब भी मैं चुप क्यों रहा।' '16 सितंबर को जस्टिस गवई ने पहले 100 करोड़ लोगों की आस्था वाले हिंदू धर्म और सनातन धर्म के साथ हिंसा की। उन्होंने हमारे प्रभु विष्णु का अपमान किया और मजाक उड़ाया। मैंने ये सब उसके जवाब में किया।' याद रखना चाहिए कि पहली हिंसा उनकी तरफ से हुई, मेरी तरफ से नहीं। पूरे कांड में एक्शन तो जस्टिस गवई का था, मैंने सिर्फ रिएक्शन दिया था। वे आगे कहते हैं, 'हिंसा दो तरह से होती है। एक हिंसा दिखाई देती है और एक दिखाई नहीं देती। पहली हिंसा ये होती है कि कोई छुरी आपकी तरफ कर दे और कहे कि ये काम करो नहीं तो इसे छाती में घोप दूंगा। दूसरी हिंसा वो होती है, जिसमें कोई व्यक्ति छुरे को अपनी तरफ कर ले और कहे कि ये काम करो नहीं तो जान दे दूंगा। मैं समझाना चाहता हूं कि पहली वाली हिंसा हिंदू धर्म के साथ हुई। गवई साहब ने हमारे देवी-देवताओं का अपमान किया।' राकेश सवाल करते हुए कहते हैं, 'गवई साहब ने कहा कि विष्णु भगवान से कहो कि वो अपनी मूर्ति खुद बनवा लें। क्या ऐसा कमेंट किसी और धर्म के लिए कोई जज या जस्टिस करेगा? ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदू धर्म सॉफ्ट टारगेट है।' बरेली में बुलडोजर एक्शन पर गवई के रिएक्शन से नाराजगी एडवोकेट राकेश किशोर कहते हैं, 'मैं बरेली में पैदा हुआ और वहीं पला-बढ़ा। मैंने जमीनों पर कब्जा होते देखा है। जिस व्यक्ति के खिलाफ बुलडोजर एक्शन हो रहा है, उसके बारे में कौन नहीं जानता। और गवई साहब मॉरीशस में कहते हैं कि देश बुलडोजर से नहीं चलेगा। यूपी के CM योगी ने कम से कम ये हिम्मत तो की। पहले की सरकारें तो चुप्पी साधे रहीं। अगर इन लोगों को नोटिस पहुंचता भी था तो उसका जवाब दे या न दें, कोई पूछने वाला नहीं था।' अपने परिवार पर भी भड़के एडवोकेट, बोले- पत्नी-बच्चे मुझसे नाराजइन सबको लेकर आपका परिवार क्या सोचता है? इसके जवाब में एडवोकेट राकेश कहते हैं, 'मेरा परिवार बहुत नाराज है। सनातन धर्म की सबसे बड़ी कमी यही है। मुस्लिम धर्म की औरतें अपने धर्म को लेकर हिंसा होने पर सड़क पर आ जाती हैं। उनकी छोटी-छोटी बच्चियां तक सड़कों पर आ जाती हैं। हमारे घर की औरतें तो बच्चे और पति को अंदर करके दरवाजा बंद कर लेती हैं। बगल के घर में रेप भी हो रहा हो तो विरोध करने के बजाय अपना घर बंद कर लेती हैं।' वे कहते हैं, 'हम गुलाम ही इसलिए हुए क्योंकि पृथ्वीराज चौहान पर मोहम्मद गौरी हमला करता रहा और बाकी राजा मजे से सब देखते रहे। यही मेरे साथ भी हो रहा है। सनातन का अपमान करने से तब कोई व्यक्ति नहीं डरेगा, जब एक तरफ विरोधी लोग हों और बैरिकेड के दूसरी तरफ भगवा ध्वज लिए सनातनी हों।' दलित का मुद्दा बनाने वालों को पता नहीं, मैं खुद दलित जूता कांड के बाद से एडवोकेट राकेश को परिवार के साथ ही अपने जानने वालों का भी सपोर्ट नहीं मिल रहा है। वे कहते हैं, 'मेरे घर के बाहर आम आदमी पार्टी के लोग जूतों की माला लेकर आ गए। पूरे दिन घर के बाहर हंगामा होता रहा, लेकिन मेरी सोसाइटी से कोई भी व्यक्ति मेरे सपोर्ट में नहीं निकला।' 'उल्टा ये लोग मेरे ही बारे में कुछ-कुछ शिकायतें करते रहे। तुच्छ के लिए मेरी सोसाइटी के लोग विराट सनातन को नकार रहे थे। मैं सनातन के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा।' इस घटना को दलितों का अपमान बताने वाले लोगों पर एडवोकेट राकेश कहते हैं, 'जो लोग इसे दलितों का मुद्दा बना रहे हैं, वो ये नहीं जानते हैं कि मैं खुद दलित हूं। कोरी समाज से आता हूं। दरअसल ये मुद्दा दलित या सवर्ण का नहीं है। ये सनातन धर्म के अपमान का है।' सस्पेंशन से नुकसान हुआ, क्लाइंट केस और पैसा दोनों ले जा रहेसुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने 9 अक्टूबर को ही एडवोकेट राकेश का लाइसेंस कैंसिल कर दिया। उनका रजिस्ट्रेशन 2011 का था। इसके बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने भी आरोपी राकेश को तुरंत सस्पेंड कर दिया। इसे लेकर राकेश कहते हैं, 'सस्पेंशन के बाद मेरा काफी नुकसान हुआ है। मेरे क्लाइंट डर गए हैं कि अब मैं केस नहीं लड़ पाऊंगा। वे आकर अपने पैसे और केस दोनों वापस ले जा रहे हैं। अब मेरे पास इतना पैसा नहीं था कि सबकी फीस लौटा सकूं तो कुछ लोग कोस भी रहे हैं। वे मेरी मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। कह रहे हैं कि मैं पैसा नहीं देना चाहता। जबकि ऐसा नहीं है, मैं उनके सारे पैसे लौटा दूंगा।' वे आगे कहते हैं, 'मैं हार्ट पेशेंट हूं। अपोलो में मेरे हार्ट के वॉल्व का ऑपरेशन होना है। किडनी भी खराब है। शुगर और बीपी की भी शिकायत है। मैं 72 साल का हूं।' हालांकि दूसरे ही पल वो कहते हैं, 'मैं मरने वाला नहीं हूं। ईश्वर ने मुझे कुछ बड़ा करने के लिए चुना है। मैं कम से कम 10-12 साल और जिऊंगा।' बिना जांच पड़ताल किए सस्पेंशन कैसे हुआ एडवोकेट राकेश अपने सस्पेंशन पर सवाल उठाते हुए कहते हैं, 'अधिवक्ता अधिनियम का सेक्शन-35 कहता है कि जब बार काउंसिल ऑफ इंडिया के पास कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट की कोई शिकायत पहुंचे तो डिसीप्लीनरी कमेटी बनाई जाए, ये कमेटी आरोपी को एक शोकॉज नोटिस भेजती है। आरोपी से जवाब मांगा जाता है और उस पर सुनवाई होती है।' 'आप देखिए एक एडवोकेट हैं प्रशांत भूषण। उन पर भी कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का केस बना था। ये बात 2020 की है। उन्हें तब कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट का दोषी ठहराया गया था। उन्हें सजा के तौर पर बस एक रु. जुर्माना भरना पड़ा और बरी हो गए। अब आप मेरे केस में देखिए मेरी आलोचना तो हो ही रही है। मुझे बिना जांच सस्पेंड भी कर दिया गया।' 'जबकि प्रशांत भूषण ने भी चीफ जस्टिस के खिलाफ ही ट्वीट किया था और टिप्पणी की थी। दरअसल 29 जून, 2020 को एडवोकेट प्रशांत भूषण ने महंगी बाइक पर बैठे चीफ जस्टिस बोबडे की तस्वीर ट्वीट करते हुए कमेंट किया था। जबकि दूसरे ट्वीट में उन्होंने भारत के हालात को लेकर पिछले 4 मुख्य न्यायाधीशों की भूमिका पर अपनी राय दी थी।' BCI अध्यक्ष ने कहा- वकील का व्यवहार कोर्ट की गरिमा के खिलाफ BCI अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने 6 अक्टूबर को ही एक अंतरिम निलंबन आदेश जारी कर दिया। इसमें कहा गया कि वकील का ये व्यवहार 'न्यायालय की गरिमा के अनुकूल नहीं' है और ये अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के तहत पेशेवर आचार संहिता का उल्लंघन है। BCI ने कहा, 'राकेश किशोर को तत्काल प्रभाव से प्रैक्टिस से सस्पेंड किया जाए और उन्हें भारत के किसी भी न्यायालय, प्राधिकरण या अधिकरण में हाजिर होने, काम करने, पैरवी करने या प्रैक्टिस करने से दूर रखा जाए।' वकालत से पहले WHO में काम करते थे एडवोकेट राकेश किशोर ने वकालत 2011 के बाद शुरू की। उन्होंने बताया- वकालत से पहले वो WHO के कुछ प्रोजेक्ट में काम करते थे। राकेश, मेडिकल एंटोमोलॉजी के एक्सपर्ट हैं। वो कहते हैं कि डेंगू, मलेरिया वेक्टर जनित बीमारियों के प्रोजेक्ट में वो काम करते थे। उन्होंने भारत सरकार के लिए भी काम किया। 16 सितंबर को CJI ने कहा था- जाओ, भगवान से खुद करने को कहोCJI गवई ने 16 सितंबर को मध्य प्रदेश के खजुराहो के जवारी (वामन) मंदिर में भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची खंडित मूर्ति की बहाली की मांग वाली याचिका खारिज की थी। कोर्ट ने कहा कि प्रतिमा जिस स्थिति में है, उसी में रहेगी। भक्तों को पूजा करनी है तो वे दूसरे मंदिर जा सकते हैं। याचिकाकर्ता ने इस फैसले पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि ये हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला फैसला है। याचिकाकर्ता का दावा है कि ये मूर्ति मुगलों के आक्रमणों के दौरान खंडित हो गई थी और तब से ये इसी हालत में है। हालांकि दो दिन बाद ही 18 सितंबर को जस्टिस गवई ने अपनी टिप्पणी पर सफाई भी दी थी। उन्होंने कहा कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। बेंच में शामिल जस्टिस के विनोद चंद्रन ने सोशल मीडिया को एंटी-सोशल मीडिया कहा था। उन्होंने बताया कि उन्हें भी ऑनलाइन गलत तरह पेश किया गया।..........................ये खबर भी पढ़ें... CJI अटैक मामला, आरोपी वकील की बार एसोसिएशन मेंबरशिप खत्म सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने गुरुवार को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बी आर गवई पर हमले की कोशिश करने वाले वकील राकेश किशोर (71) की मेंबरशिप तत्काल प्रभाव से खत्म कर दी। SCBA ने कहा कि वकील का व्यवहार पेशेवर नैतिकता, शिष्टाचार और सुप्रीम कोर्ट की गरिमा का गंभीर उल्लंघन है। पढ़िए पूरी खबर...
Donald Trump News:हमास और इजरायल के बीच शांति समझौते से दुनिया में एक नई उम्मीद जगी है. उम्मीद इस बात की कि जल्द ही रूस और यूक्रेन के बीच भी मिसाइलों और बमों की बारिश बंद हो सकती है.
DNA: इस्लामिक कट्टरता पर सख्त हुईं मेलोनी, इटली में बुर्का और नकाब पर बैन की तैयारी; नहीं माने तो...
इटली की सत्तारूढ़ पार्टी ने एक नया कानून बनाने के लिए विधेयक पेश किया है इस विधेयक के पारित होते ही इटली में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का, नकाब और हिजाब तीनों को बैन कर दिया जाएगा ये बैन दफ्तर, कॉलेज और दुकानों जैसी जगह पर लागू होगा और बैन का उल्लंघन करने पर 30 हजार से लेकर 3 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा
क्या है लॉरेंस बिश्नोई का ऑपरेशन ‘C’, आतंकी घोषित होने से नाराज गैंगस्टर ने बनाया ये खास प्लान
Lawrence Bishnoi:कनाडा में लॉरेंस बिश्नोई गैंग द्वारा फायरिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं. हाल ही में कनाडा सरकार ने इस गैंग को आतंकवादी संगठन घोषित किया है, जिसके बाद गैंग के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है. गैंग के सदस्यों की संपत्तियां जब्त की जा रही हैं और उनके बैंक खाते फ्रीज किए जा रहे हैं.
No War Countries: आंगन में कभी नहीं महकी बारूद की बू, दुनिया के वो देश जिन्होंने कभी नहीं लड़ी जंग
Countries Which never been in War:अगर इतिहास की किताब को उलट कर देखें तो दुनिया में कई ऐसे देश हैं, जिन्होंने किसी ना किसी रूप में जंग लड़ी है. लेकिन कई देश ऐसे हैं, जिनकी फिजाओं में बारूद की बू महक ना पाई. चलिए आपको उन देशों के बारे में बताते हैं.
Russia-Ukraine War:'सीजफायर से डरते हैं पुतिन', यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने बताई रूस की रणनीति
जेलेंस्की का मानना है कि अगर एक बार युद्ध रुक गया तो फिर से युद्ध शुरू करना उनके लिए आसान नहीं होगा. यह सिर्फ सैनिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आर्थिक, सामाजिक और वैश्विक दबाव की वजह से भी मुश्किल होगा. इसलिए पुतिन फिलहाल युद्ध जारी रखना चाह रहे हैं.
300 गुना सैलरी आई तो 3 दिन में छोड़ दी नौकरी, उसके बाद कोर्ट ने तो गजब ही कर दिया!
Chile:चिली में एक कर्मचारी को अपने वेतन से 300 गुना अधिक राशि गलती से मिलने के बाद उसे रखने की अनुमति मिल गई है. तीन साल लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सैंटियागो की एक अदालत ने फैसला सुनाया कि यह मामला चोरी का नहीं बल्कि अनधिकृत वसूली का है.
Putin Admit Plane Crash:अज़रबैजानी राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव के साथ बैठक में पुतिन ने कहा कि रूस ने घटना की सुबह यूक्रेनी ड्रोनों को नष्ट करने के लिए मिसाइलें तैनात की थीं, और वे विमान से कुछ मीटर की दूरी पर फट गईं.
मैनचेस्टर में भी Mayday Call, फ्यूल खत्म होने से 6 मिनट पहले हुई इमरजेंसी लैंडिंग; थम गई थीं सांसे
शुक्रवार (3 अक्टूबर) को इटली के पीसा से आए रायनएयर विमान को आयरशायर के प्रेस्टविक हवाई अड्डे पर लैंडिंग होनी थी. इसी दौरान अचानक से फ्लाइट को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी. फ्लाइट की मैनचेस्टर में इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई.
आखिर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को क्या है दिक्कत? स्वास्थ्य को लेकर अटकलें तेज, कल फिर होगी जांच
Donald Trump Health: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वास्थ्य की शुक्रवार को फिर जांच होगी. जानकारी के अनुसार, उनके स्वास्थ्य को लेकर पिछले कुछ समय से चिंताएं जताई जा रही हैं क्योंकि पिछले कुछ महीने से उनके शरीर पर चोट और सूजन दिखी है.
कतर एयरवेज की शर्मनाक हरकत, शाकाहारी डॉक्टर को परोसा नॉन-वेज खाना; हो गई मौत
Qatar Airways: कतर एयरवेज की एक उड़ान में शाकाहारी भोजन ऑर्डर करने के बावजूद मांसाहारी भोजन मिलने से एक यात्री की मौत के मामले ने फिर तूल पकड़ लिया है. जानकारी के अनुसार, मृत शख्स के परिवार ने अब कतर एयरवेज के खिलाफ मुकदमा दायर किया है और हर्जाने की मांग की है.
Nobel Literature Prize:साल 2025 के नोबेल के साहित्य के पुरस्कार का गुरुवार को ऐलान हो गया. हंगरी के लेखक लास्ज़लो क्रास्ज़नाहोरकाई को उनके सम्मोहक और दूरदर्शी कृति के लिए साहित्य का नोबेल पुरस्कार दिया गया है, जो सर्वनाशकारी आतंक के बीच, कला की शक्ति की पुष्टि करता है.
एक गलती से गई टिकटॉकर Yoon Ji-Ah की जान, इन्फ्लुएंसर का दोस्त ही बना कातिल; लड़कियां हो जाएं सावधान!
Justice For Yoon Ji-Ah:दक्षिण कोरिया की लोकप्रिय टिकटॉकर यून जी आह की हत्या की पुष्टि हो गई है. यून जी आह के टिकटॉक पर 3 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स थे. बता दें, यून अपनी आखिरी लाइवस्ट्रीम के कुछ घंटों बाद एक पहाड़ी इलाके में मृत पाई गईं थी.
Why Erdogan Thanks Trump On By Gaza Ceasefire: पाकिस्तान के साथ 'भाईचारा' रखने वाला तुर्की इन दिनों हमास के मामले में खूब चौधरी बन रहा है. राष्ट्रपति एर्दोगन ने तो ट्रंप के कसीदे इतने पढ़े हैं कि हर कोई देखकर हैरान है. आइए जानते हैं पूरी कहानी.
अमेरिकी कांग्रेस के 19 सदस्यों ने ट्रंप को लिखा पत्र, भारत पर लगे टैरिफ वापस लेने का किया आह्वान
अमेरिकी कांग्रेस के 19 सदस्यों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को पत्र लिखकर उनसे भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है
Cameroon: दुनिया के सबसे बुजुर्ग प्रेजीडेंट का सत्ता से मन नहीं भरा, 92 का होकर भी चुनावी रेस में
कैमरून के राष्ट्रपति पॉल बिय्या इस बार भी चुनावी रेस में शामिल हैं और कहा तो यहां तक जा रहा है कि वो सबसे आगे चल रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि बिय्या की उम्र अब 92 वर्ष हो चुकी है और वो पिछली 7 बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं.
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गुरुवार को गाजा युद्धविराम और बंधकों की रिहाई के पहले चरण के लिए हमास के साथ हुए नए समझौते की सराहना की और इस समझौते को मंज़ूरी देने के लिए आज ही कैबिनेट की बैठक बुलाने का फ़ैसला किया
What is First phase of Gaza peace plan:हमास और इजरायल दोनों शांति प्लान के पहले चरण के लिए अपनी सहमति दे दी है. आइए इस मौके पर जानते हैं आखिर किसने कहा किजब 'सूर्य-चंद्रमा और सितारें एक साथ आए' फिर इजरायल-हमास जंग रोकने पर हुआ राजी. साथ में जानते हैं कि जिस शांति प्लान के लिए दोनों देशों ने हामी भरी है, उसके पहले चरण में क्या-क्या होगा.
The Peace President: व्हाइट हाउस ने फिर छेड़ी 'नोबेल' की धुन, शुक्रवार को होने वाला है ऐलान
Nobel Peace Prize: व्हाइट हाउस ने एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप के लिए नोबेल पीस प्राइस देने की मांग की है. हमास और इजरायल के बीच हुई युद्धबंदी के बाद व्हाइट हाउस सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखी है.
Zohran Mamdani wearing shoes inside Hindu temple: न्यूयॉर्क मेयर उम्मीदवार जोहरान मामदानी ने हिंदू मंदिर में जूते पहनकर दौरा किया, जिससे सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया है. नेटिजंस ने इसे हिंदू संस्कृति का अपमान बताया है. मामदानी ने वैसे तो अपनी हिंदू विरासत पर गर्व जताया है, लेकिन यूजर्स ने तीखी आलोचना की है. और खूब सारे सवाल उठाए हैं. 4 नवंबर के चुनाव में ये विवाद उनके कैंपेन को प्रभावित कर सकता है. जानें पूरी खबर.
कांतारा चैप्टर 1 फिल्म को देखने सिनेमा घरों में पहुंचे लोगों से फिल्म की पूरी टीम क्यों नाराज है. सुपरस्टार ऋषभ शेट्टी ने क्या अपील की है. और क्या वाकई इंसान के अंदर दैव आते है. पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...
हिंदी सिनेमा की मशहूर गायिका नूरजहां का मैं फैन था- उनके नाम से ‘नूर’ लिया, अपना ‘ज़ोरा’ जोड़ा और बन गया नूर ज़ोरा। मैंने औरतों से घाघरा-चोली मांगा, फेयर एंड लवली लगाई और जब पहली बार गिद्दा डांस किया, तो उसके बाद जो सिलसिला चला, उस पर किताब लिख सकता हूं। दरअसल, मेरे भीतर एक औरत थी, उसे निखारा, संवारा और दुनिया के सामने रखा, लेकिन जिन लोगों को मैंने गिद्दा सिखाया और अपने ग्रुप में शामिल किया, वही बाद में हमारे दुश्मन बन गए। सच ये है कि हमारे समाज में किसी लड़के के लिए लड़की बनकर काम करना अब भी बहुत मुश्किल है। ऑस्ट्रेलिया डांस करने गया था, तभी भाई की मौत हुई- उस दिन रो भी नहीं पाया। कई बार तो लोग मुझे लड़की समझकर पीछा करने लगते थे; तब बताना पड़ता कि 'भाई, मैं मर्द हूं।' इसी तरह गिद्दा डांसर क्रिस्टल को लोग कहते, 'लड़का होकर लड़कियों का डांस करता है।'' दोस्तों ने उन्हें ‘खुसरा’, ‘छक्का’ कहकर तरह-तरह से बदनाम किया। गिद्दा डांसर बिंदर को तो लोगों ने पकड़कर बहुत मारा। वे कहते हैं, 'आज हम देश-विदेश में टूर करते हैं; हमारे खानदान में कोई हमारी जैसी जिंदगी नहीं जी रहा।' ब्लैकबोर्ड में इस बार कहानी गिद्दा डांस करने वाले पुरुष डांसरों की, जिन्हें लोगों के तरह-तरह के ताने मिलते हैं, लेकिन नूर ज़ोरा जैसे डांसरों ने साबित किया कि हुनर की महिला-पुरुष वाली कोई हद नहीं होती। नूर ज़ोरा पंजाब में महिलाओं के डांस गिद्दा को दोबारा से लोकप्रिय करने जोरावर सिंह उर्फ नूर ज़ोरा अभी एक प्राइमरी स्कूल में सरकारी टीचर हैं। वो कहते हैं कि मुझे गिद्दा करते-करते 30 साल हो गए हैं। दरअसल, कुछ पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता है। मेरी लाइफ कुछ ऐसी ही रही है। बहुत कुछ छूटा, लेकिन हासिल जो है, वो है- नूर ज़ोरा। अपने घर से बात शुरू करता हूं। मेरे घर में कभी कोई गिद्दा नहीं करता था। हां, पापा जरूर गीत लिखते और गाते थे। शायद मेरी आवाज में जो मिठास है, वो उन्हीं के कारण है। मेरे परिवार ने गिद्दा डांस के लिए हमेशा साथ दिया। भगवान को भी शुक्रिया कहूंगा कि उसने मुझे कला दी और मैंने इसे लगन से किया। सच तो यह है कि वो बहुतों को कला का इनपुट देता है, लेकिन हर कोई आउटपुट नहीं दे पाता। पहली बार जब गिद्दा किया, तब नहीं सोचा था कि इसमें इतना आगा बढ़ूंगा। दरअसल, गांव में दोस्त की शादी थी। सभी को कुछ-न-कुछ काम दिया गया था। किसी को बिस्तर इकट्ठा करने का काम, किसी को सजावट का, लेकिन उस दिन मैंने कुछ भी करने से मना कर दिया और कहा कि आप लोगों को आज एक अलग चीज करके दिखाऊंगा। प्लान सीक्रेट रखा। 2-3 दोस्तों को साथ लिया। गांव की औरतों से घाघरा-चोली और दुपट्टा लिया। अपने घर पर फेयर एंड लवली क्रीम से मेकअप किया। इसके बाद जाकर उस शादी में गिद्दा किया। 'लोगों ने खूब तालियां बजाईं। उस दिन तो बस मजाक-मजाक में गिद्दा कर लिया था, लेकिन उसके बाद जो सफर शुरू हुआ, उस पर किताब लिखी जा सकती है। सच ये है कि मेरे अंदर एक औरत थी, उसे तराशा, ग्लैमराइज, चैनेलाइज किया और लोगों के आगे रख दिया। उसके बाद लोगों ने मुझे गले लगा लिया, लेकिन पहले ही दिन से लोगों ने मुझे नहीं अपनाया। मेकअप करके जब डांस करता तो चार लोग तारीफ करते, तो उन्हीं में से कुछ लोग ये भी कहते- 'ये क्या कर रहा है? दाढ़ी, मूंछ मुंडवाकर औरत बन गया है?' यही नहीं, इस दौरान जिन लोगों गिद्दा डांस सिखाया, उन्हीं लोगों ने बड़ा धोखा दिया। वे मेरा प्रोग्राम डिस्टर्ब करने लगे। कार्यक्रम में आकर शोर मचाते और लोगों को मेरे खिलाफ भड़काते। एक बार तो इतना परेशान हुआ कि लगा कि सिर फोड़ लूं। उस दिन मैंने अपनी घाघरा-चोली और विग आग में फेंक दी थी। उसके बदा उन लोगों ने तय किया कि वे मुझे गिद्दा ग्रुप से निकाल देंगे। उन्हें डर था कि नूर ज़ोरा कहीं उनकी जगह न ले ले, लेकिन मैंने ठान लिया था कि जब तक नौकरी नहीं मिलती, गिद्दा करना नहीं छोड़ूंगा। आखिर प्राइमरी स्कूल में सरकारी टीचर के लिए मेरा सिलेक्शन हो गया। लेकिन अभी नौकरी ज्वाइन करने में एक महीने बाकी थे। तभी उन लोगों ने वखरा नाम से नया गिद्दा डांस ग्रुप बना लिया। लेकिन मैंने भी उन्हें चैलेंज दिया था कि चलो देखते हैं। मैं आज भी गिद्दा करता हूं। लोग मुझे जानते और पहचानते हैं। लेकिन उन लोगों की चर्चा कोई नहीं करता। एक बार मुझे किसी ने गिद्दा देखने के लिए एक कार्यक्रम में बुलाया। वहां लड़कियों के बीच बैठकर गिद्दा देख रहा था। अचानक एक शख्स आया और मेरा हाथ पकड़कर वहां से बाहर कर दिया। उसने झुंझलाकर कहा, 'लड़कियों के बीच तू क्या कर रहा है?' दुखी होकर वापस लौट आया था। इसी तरह एक कॉलेज में लड़कियों को गिद्दा सिखाने जाता था। मेरे एक दोस्त ने बोला- तुम उनमें से किसी को मेरी फ्रेंड बनवा दो। उस दिन मेरी आंखें नम हो गई थीं। किसी ने एक बार मुझसे कहा कि जो मर्द हाथों में चूड़ियां पहन ले, वो लोगों के बीच बात करने के लायक नहीं रहता। उस दिन दिल को बहुत चोट पहुंची थी। स्कूल में जिन बच्चों को पढ़ाता हूं, जब उनके मां-बाप को पता चला कि मैं गिद्दा करता हूं तो उन्होंने मुझसे हैरानी से पूछा, 'मास्टर जी, ये सब क्या करते हैं आप?' दरअसल, इस समाज में किसी लड़के के लिए लड़की बनकर काम करना आसान नहीं, लेकिन मैंने हिम्मत नहीं हारी- मेरा नूर वैसे ही चमकता गया, जैसे लोहे को पीट-पीटकर उसकी चमक निखरती है। इन्हीं परेशानियों से लड़कर आज नूर ज़ोरा हूं। नूर कहते हैं- दिसंबर 2014 में सोशल मीडिया पर लोकरंग नाम का एक पेज बनाया और उस पर एक वीडियो डाला। वीडियो को बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला। उसके बाद दुनियाभर के लोगों के फोन आने लगे। सोशल मीडिया पर मुझे गिद्दा करते देख लड़कियों में भी रश्क हुआ। उन्हें लगा कि अगर एक लड़का गिद्दा कर सकता है, तो हम क्यों नहीं। फिर गिद्दा, जिसका प्रचलन कम होने लगा था, अचानक चर्चित होने लगा। आखिर मैं एक जरिया बना हूं, जिसकी वजह से खत्म होता गिद्दा बच गया। हमने कभी गिद्दा के नाम पर गंदगी नहीं परोसी। पहले दिन से ही क्लियर था कि गिद्दा करने के लिए हमेशा घरेलू महिलाओं की वेशभूषा अपनाऊंगा। उसे ही अपनाया। कभी कोई चीटिंग नहीं की। दरअसल, गिद्दा मेरे लिए एक पूजा की तरह है। मेरी वेशभूषा पर कई बार लड़के कन्फ्यूज हो गए। वे हमें तंग करने की कोशिश करते। हमारे गले पड़ जाते, तो बोलना पड़ता- 'भाई हम मर्द हैं, औरत नहीं। हमारे अटायर यानी वेश-भूषा पर मत जाओ।' अपने पहले ऑस्ट्रेलिया ट्रिप के बारे में नूर बताते हैं कि जुलाई में टूर था, लेकिन मां फरवरी में हमें छोड़कर जा चुकी थीं। उसके बाद भाई बीमार चल रहा था, लेकिन मेरे ऑस्ट्रेलिया जाने को लेकर बहुत खुश था। 1 जुलाई को हम ऑस्ट्रेलिया पहुंचे। वहां 8 जुलाई को मेरा पहला प्रोग्राम था, लेकिन 4 जुलाई को ही मेरे भाई की भी मौत हो गई। उस दिन न रो सकता था और न किसी को रुला सकता था। चाहकर भी उसका अंतिम दर्शन नहीं कर पाया। डेढ़ महीने बाद ऑस्ट्रेलिया का टूर खत्म करके वापस आया, तो घर में कोई खुशी नहीं थी। नूर कहते हैं कि पहले परिवार में बहन, बड़ा भाई, मां-बाप थे, लेकिन अब खुशी बांटने वाला कोई नहीं बचा था। बस भाभी और भतीजे हैं। उदास होकर वो बताते हैं कि जब आप कामयाब होते हैं और परिवार मौजूद होता है तो खुशी चौगुनी हो जाती है। लेकिन हां, कुछ हासिल करने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है। मेरे साथ भी यही हुआ है। मैंने शादी का मौका खो दिया है। अक्सर जब भी किसी से मेरी शादी की बात चलती, तो मुझे रिजेक्ट कर दिया जाता। कुछ लड़कियां शादी को तैयार हुईं तो मुझे पसंद नहीं आईं। क्रिस्टल नूर की तरह ही पंजाब के नाभा के रहने वाले 30 साल के क्रिस्टल भी पिछले 16 साल से गिद्दा कर रहे हैं। वो भी नूर ज़ोरा की टीम में हैं। क्रिस्टल कहते हैं कि कॉलेज के समय से ही गिद्दा करता आ रहा हूं। शुरुआत में तो घर वालों से छिप-छिपाकर गिद्दा करता था, लेकिन धीरे-धीरे सबको पता चल गया। जब सबको पता चला तो सबसे पहले रिश्तेदार नाराज हुए। उन्होंने मुझे और घर वालों को ताने देने शुरू कर दिए और आखिर में दूरी बना ली। दरअसल, एक लड़का होकर लड़कियों के डांस फॉर्म को अपनाना बड़ा मुश्किल काम है। लोगों के ताने सुनने पड़ते हैं, परिवार के लोग भी सवाल-जवाब करते हैं। एक बार की बात बताता हूं। एक शो में गिद्दा करने गया था। वहां मेरे एक कजिन ने मुझे देख लिया और पीछा करते-करते मेरे चेंजिंग रूम तक आ गया। उसे देखकर हैरान रह गया था। उसने पूछा- 'भैया आप ये क्या कर रहे हो? उसके बाद उसके मम्मी-पापा भी आ गए। वो भी मुझे देखकर चौंक गए। वहां तो उन्होंने कुछ नहीं कहा, लेकिन मेरे घर वालों को जाकर सब बता दिया। घर लौटने पर मेरी मां ने मुझे बहुत डांटा। उन्होंने कहा- रिश्तेदारों ने तुम्हें डांस करते देखा है। ये अच्छा काम नहीं है। लड़का होकर लड़कियों वाला डांस क्यों करते हो? तुम्हें इतना पढ़ाने-लिखाने का क्या फायदा? ये काम छोड़ दो, कुछ और कर लो? लेकिन उस दिन मां से साफ कह दिया था, 'कुछ गलत नहीं कर रहा हूं। न नशा करता हूं, न चोरी, बस मेहनत करके कुछ पैसे कमा रहा हूं। जिस दिन मेरे रिश्तेदार मुझे रोज के हिसाब से एक हजार रुपए, यानी महीने के 30 हजार दे देंगे, उस दिन से इसे करना बंद कर दूंगा। अब मुझसे पढ़ाई-लिखाई नहीं होगी। अब से यही करूंगा।' यही नहीं, मेरे कुछ दोस्तों को भी मेरा गिद्दा करना पसंद नहीं था। एक बार एक कार्यक्रम में उनसे मेरी बहस हो गई। उन्होंने कहा- तू ‘खुसरा’ और ‘छक्का’ है। वे मेरे घर गए और बताया कि मैं टोल प्लाजा और सड़क पर ‘छक्का’ बनकर नाचता हूं। पैसे कमाता हूं। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे दोस्त ऐसी हरकत करेंगे। उस दिन उनसे हमेशा के लिए दोस्ती खत्म कर ली। उसके बाद जब घर आया तो मेरी मम्मी ने मुझसे पूछा कि तू ये सब क्यों कर रहा है? उन्हें बड़ी मुश्किल से समझा पाया कि सिर्फ गिद्दा करता हूं और कुछ नहीं। सोशल मीडिया पर उन्हें अपने वीडियोज दिखाए, फिर उन्हें भरोसा हुआ। उस दिन मेरे दादाजी ने मेरा साथ दिया। उन्होंने घर में सभी से कह दिया कि कोई भी अब से मुझे कुछ नहीं कहेगा। मैं जो करना चाहूं, करूं। उसके बाद से घर वालों ने मेरा साथ देना शुरू कर दिया। मेरे दादाजी तो अब इस दुनिया में नहीं हैं, उनकी बहुत याद आती है। एक बार जालंधर के पास हम एक शो करने गए थे। शो खत्म होने के बाद हम वापस लौट रहे थे। रास्ते में एक ढाबे पर रुके। देखा तो हमारे पीछे कुछ लोग आए थे। वे गाड़ी से हमारा पीछा कर रहे थे। उसके बाद जब हम आगे जाकर अपने एक साथी को छोड़ने के लिए रुके, तो वे वहां तक पीछा करते हुए पहुंचे। उनमें से एक लड़का हमारे पास आया और बोला कि हम आपसे बात करना चाहते हैं। मैंने कहा- बताइए क्या हुआ? वो मेरी आवाज सुनकर हैरान रह गया। उसने कहा कि ओह, मुझे लगा कि आप औरत हो। आप तो मर्द हैं। इस तरह कई बार लोग हमें देखकर महिला-पुरुष का फर्क नहीं कर पाते। अब गिद्दा की बात करूं तो आप 5-6 साल पीछे जाकर देखिए। इसका क्रेज नहीं बचा था। बस यह घरों तक सीमित रह गया था। सोशल मीडिया पर भी ये कम नजर आता था। हमारे साथी नूर जी ने सोशल मीडिया पर इसे पॉपुलर बना दिया है। अब तो हमें देखकर लड़कियां भी इसके वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालने लगी हैं। यही नहीं, पहले डीजे पर गिद्दा कम होता था, अब तो डीजे बजता है तो उस समय भी गिद्दा खूब होने लगा है। दरअसल, घर से लेकर सोशल मीडिया तक गिद्दा को पहुंचाने में नूर जी का बड़ा योगदान है। हमें इस बात की खुशी है कि हमारा कल्चर प्रमोट हो रहा है। हां, लेकिन सोशल मीडिया पर भी लोग हमारे वीडियो पर अक्सर गंदे कमेंट्स करते हैं। ‘जनाना’, छक्का, हिजड़ा कहते हैं, लेकिन अब हम इन बातों से ऊपर उठ चुके हैं। हां, शादी को लेकर मुझे अक्सर ताने मिलते हैं। लोग कहते हैं- तूने तो अपना जेंडर ही बदलवा लिया है, अब शादी कैसे करेगा? तू गे तो नहीं है? उन्हें समझाता हूं कि भाई लड़का हूं। गिद्दा करता हूं, इसलिए लड़कियों जैसा बनाना पड़ता है। लंबे बाल, लंबे नाखून रखने पड़ते हैं। सजना-धजना पड़ता है। बावजूद इसके लोग हमें समझते नहीं। सोचता हूं पता नहीं, जिससे मेरी शादी होगी, वो मेरे काम को किस तरह लेगी। लोग महिला-पुरुष के अलावा कुछ और नहीं समझना चाहते। कॉलेज गया तो वहां अपने जैसे दोस्त मिले, तो मेरे अंदर कॉन्फिडेंस आया। हुनर बाहर निकलकर आया। बिंदर 50 साल के बिंदर पटियाला के रहने वाले हैं। वो भी गिद्दा डांस करते हैं। वो बताते हैं दरअसल, मेरे परिवार में मेरी पांच बहनें, चार भाई हैं। शुरुआत में घर में बहुत गरीबी थी। पापा आटे की चक्की पर काम करते थे और मां खेतों में मजदूरी। घर का खर्च बड़ी मुश्किल से चलता था। गरीबी के कारण पढ़ाई नहीं कर सका। घर में सबसे छोटा होने के बावजूद बचपन से ही कमाना शुरू कर दिया। मां के साथ खेतों और लोगों के घरों में काम करता था। उसके साथ ही गिद्दा करता था। वो बताते हैं कि शुरुआत में बहुत दिक्कतें आईं। मेरे पिंड गांव के लोग बहुत बुरा कमेंट करते थे। वे लेडीज, जनाना बुलाते थे। कहते थे- इसके लक्षण ठीक नहीं हैं। गांव में किसी की शादी, त्योहार पर गिद्दा करता तो अक्सर ‘छक्का’ और ‘हिजड़ा’ कहा जाता। वे नहीं समझते कि डांस परमात्मा की देन होती है। जब मेरी शादी हुई तो गिद्दा की बात पत्नी से छुपाई। उससे बताता कि वेटर का काम करता हूं, इसलिए क्लीन शेव रहना पड़ता है। लेकिन जब गिद्दा के लिए पहने जाने वाले कपड़ों से भरा बैग घर लाता, तो वो पूछती- ये सब क्या है? उस पर कहता कि शादियों में पंजाबी खाने के स्टॉल लगते हैं। उन पर औरत बनकर खाना परोसता हूं, लेकिन एक दिन घर पर सबको सच पता चल गया। उन्हें किसी ने बता दिया कि मैं नाचने का काम करता हूं। उसके बाद सभी ने गिद्दा करने से मना कर दिया। पत्नी और मां ने गिद्दा छोड़ने को कहा। उस समय सोच रहा कि आखिर फिर क्या करूं? घर में गरीबी के कारण कई बार खाने को कुछ नहीं होता। उस समय लगता कि जहर खा लूं। भगवान से कहता कि जब कमाने का कोई जरिया नहीं दिया है, तो पैदा क्यों किया? फिलहाल, मैंने गिद्दा करना नहीं छोड़ा। उसके बाद जब मेरी बेटी हुई तो मुझ पर फिर से गिद्दा न करने का दबाव बढ़ा। उस समय पत्नी कहती कि अब बेटी हो गई है, छोड़ दो गिद्दा करना। लोग बेटी से कहेंगे कि इसका बाप नाचता है। उस वक्त बहुत दुख होता था, लेकिन आज मेरी बेटियों की शादी हो चुकी है और वो खुश हैं। एक बार हम एक गांव में डांस करने गए। वहां लड़कों ने शराब पी रखी थी। उन्होंने जबर्दस्ती मेरा हाथ पकड़ लिया। जब भागने की कोशिश की, तो उनमें से एक ने मेरी चोटी पकड़ ली। घाघरा पहना था। भाग नहीं पाया, गिर पड़ा। मेरी विग उस लड़के के हाथ में रह गई। उसके बाद उन्होंने मुझे बहुत मारा। उस दिन मेरे गांव में हल्ला मच गया कि नाचने वाले मर्द की गर्दन काट दी गई है। फिर तो लोग मेरे घर पहुंचने लगे थे। पूछ रहे थे कि वो ठीक है? क्या हुआ? अब मेरे नाचने की खबर आस-पास के गांवों में भी फैल गई थी। मेरी काफी बदनामी हुई। यही नहीं, मेरी बेटियों को भी नहीं छोड़ा। एक बार मेरे नगर नाभा में ही मेरे भांजे की शादी थी। बेटियों को पंजाबी लहंगे और ट्रेडिशनल ज्वेलरी दिलाई। उस दिन मेरे रिश्तेदारों ने कहा कि इसने तो अपनी बेटियों को भी नचार बना दिया है। मेरे गांव के पढ़े-लिखे सरपंच भी मेरा मजाक उड़ाते। कहते- तेरे बाल इतने लंबे क्यों हैं? तूने जूड़ा क्यों बना रखा है? एक दिन पलट कर कहा दिया- ये मेरा शौक, मेरी मर्जी, आपको क्या दिक्कत है? अगर यही जूड़ा आपका बेटा बनाता तो आप उसे बहुत मॉडर्न, स्टाइलिश बताते। यही नहीं, सोशल मीडिया पर भी मुझे खूब ट्रोल किया जाता है। मेरा रंग सांवला है। इस वजह से लोग तंज कसते है- 'कितने गंदे हाथ हैं तेरे, जब मुंह ठीक कर लेता है, तो हाथ भी ठीक कर लिया कर'। हालांकि, धीरे-धीरे मेरे काम ने सबकी बोलती बंद कर दी। जो लोग मेरा मजाक उड़ाते थे, अब वही सैल्यूट करते हैं। नूर सर के साथ पिछले 25 साल से काम कर रहा हूं। अब लोग मेरे काम को आर्ट कहते हैं और मुझे आर्टिस्ट। आज देश-विदेश में टूर करता हूं। अब जिस तरह से रहता, खाता हूं। वैसी जिंदगी मेरे पूरे खानदान में किसी ने नहीं जी है। बस एक ही बात का गम है कि मां को कोई सुख नहीं दे पाया। गरीबी के कारण उनका आखिरी समय इलाज भी नहीं करा पाया। आज जब मेरे पास पैसे हैं, तो मां नहीं हैं! अगर वो होतीं, तो उनकी सारी ख्वाहिशें पूरी करता। ---------------------------------------- 1- ब्लैकबोर्ड-56 की उम्र में 20 साल छोटे लड़के से शादी:देवर बोला, भाभी कहूं या बुआ; लोग तंज कसते हैं- देखो मां-बेटे जा रहे 56 साल की थी जब कनाडा में पति ने मुझे तलाक दे दिया। भारत लौटी तो बहुत परेशान थी। यहां मुझे अपने से 20 साल छोटे लड़के निखिल से प्यार हो गया। शादी के लिए जब हम तैयार हुए तो लोगों ने जमकर विरोध किया। निखिल की मां ने मुझसे कहा कि सोचो, अगर तुम्हारा लड़का 20 साल बड़ी लड़की से शादी करता तो तुम एक मां के तौर पर क्या करती? पूरी खबर यहां पढ़ें 2-ब्लैकबोर्ड- पति पीरियड्स में भी संबंध बनाता था:पीटकर दांत तोड़ा, दूसरी शादी भी 9 दिन चली; वृंदावन में कृष्ण भक्त महिलाओं की कहानियां वृंदावन आकर रह रहीं हरियाणा की ज्योति बताती हैं- मायके में मेरे ताऊ के लड़के की शादी थी। अपने बेटे कार्तिक के साथ वहां जाने की तैयारी में लगी थी, लेकिन पति चाहते थे कि न जाऊं। जाने से एक दिन पहले वो रात में मेरे कमरे में आए और मुझे पीटने लगे। इतना मारा कि अधमरा कर दिया। कपड़े फाड़ दिए। गर्दन से पकड़ा और मुंह बेड में लड़ा दिया। मेरा एक दांत टूट गया और होंठ कट गए। खून से सारा कपड़ा भीग गया। वो पीरियड्स में भी मेरे साथ सेक्स करता था। आखिरकार मेरा तलाक हो गया। पूरी खबर यहां पढ़ें
पाकिस्तान : इमरान खान का आदेश मान खैबर पख्तूनख्वा के सीएम गंडापुर ने दिया इस्तीफा
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने घोषणा की कि वह पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान के निर्देश पर पद से इस्तीफा दे रहे हैं
‘ऑपरेशन सिंदूर के बाद से साउथ एशिया की राजनीति काफी बदल रही है। पिछले कुछ सालों में चीन की मदद से पाकिस्तान ने खुद को बेहतर किया है। लिहाजा भारत, पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति पर काम कर रहा है। अब अफगानिस्तान के करीब आने से साउथ एशिया में भारत की स्थिति मजबूत होगी।‘ अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी के भारत दौरे को तुर्किये की यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर ओमैर अनस काफी उम्मीदों भरा बता रहे हैं। तालिबानी विदेश मंत्री आज से 16 अक्टूबर तक भारत दौरे पर हैं। मुत्तकी यूनाइटेड नेशंस की सिक्योरिटी काउंसिल में प्रतिबंधित आतंकवादियों की लिस्ट में शामिल हैं। इसीलिए उन्हें भारत आने के लिए विशेष छूट लेनी पड़ी है। भारत दौरे से पहले अफगानी मंत्री रूस की राजधानी मॉस्को भी पहुंचे। यहां वे 'मॉस्को फॉर्मेट कंसल्टेशन' की बैठक में शामिल हुए, जिसमें भारत उनके सपोर्ट में दिखा। भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस प्लान का विरोध किया है, जिसमें उन्होंने अफगानिस्तान से बगराम एयरबेस वापस लेने की बात कही थी। इस मुद्दे पर पाकिस्तान, चीन और रूस ने भी भारत का सपोर्ट किया। हालांकि रूस के अलावा भारत समेत किसी भी देश ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। अब अफगान मंत्री के भारत दौरे से क्या बदलेगा? भारत के लिए ये दौरा किस तरह फायदेमंद होने वाला है। अफगानिस्तान के लिए कैसे पाबंदियां कम हो सकती हैं। तुर्किये की अंकारा यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर ओमैर अनस और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार राजन राज से बात कर हमने यह समझने की कोशिश की। तालिबान सरकार को मान्यता देने पर हो सकती है बात2021 में अमेरिका के अफगानिस्तान छोड़ने और तालिबान की सरकार बनने के बाद भारत ने काबुल में अपना दूतावास बंद कर दिया। तब से दोनों देशों के बीच कोई औपचारिक रिश्ता नहीं रहा। भारत ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को ऑफिशियली मान्यता भी नहीं दी है। हालांकि भारत लंबे वक्त से अफगानिस्तान के साथ बैकडोर डिप्लोमेसी करता रहा है। अब तालिबान सरकार के करीब 5 साल के शासन के बाद विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत दौरे पर हैं। दौरे का एजेंडा जानने के लिए हमने अफगानिस्तान में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मैसेज और कॉल का जवाब नहीं दिया। विदेश मंत्रालय के सोर्स बताते हैं कि मुत्तकी की दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात हो सकती है। दोनों के बीच अफगानिस्तान में मानवीय सहायता, वीजा, व्यापारियों के लिए सुविधा और अफगान नागरिकों के मामले उठाए जा सकते हैं। वहीं ड्राय फ्रूट एक्सपोर्ट, चाबहार-रूट, पोर्ट-लिंक, रीजनल सिक्योरिटी और आतंकवाद पर रोक (खासकर TTP के मद्देनजर) समेत अफगान सरकार की अंतरराष्ट्रीय मान्यता जैसे मुद्दों पर भी बात हो सकती है। हमारे रिश्ते ऐतिहासिक, हमेशा दोनों एक दूसरे के साथअंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार तुर्किये की अंकारा यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर ओमैर अनस कहते हैं कि भारत और अफगानिस्तान हमेशा से एक दूसरे के लिए अहम पड़ोसी रहे हैं। जब भारत के दो हिस्से नहीं हुए थे, उस वक्त अफगानिस्तान हमारा पड़ोसी था। ऐतिहासिक तौर पर देखें तो अफगानिस्तान हमेशा भारत के साथ रहा है। ऐसे बहुत कम मौके रहे जब अफगानिस्तान और भारत के बीच संबंध बिगड़े हों। अफगानिस्तान में जब कभी आंतरिक संघर्ष रहा, तब भारत ने मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। क्या अब तालिबान सरकार को गंभीरता से ले रहा भारतइसका जवाब में इंटरनेशनल मामलों के एक्सपर्ट और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज JNU में एसोसिएट प्रोफेसर राजन राज कहते हैं कि भारत के साथ अफगानिस्तान की तालिबान सरकार की जो बातचीत शुरू हुई है, वो कई मायनों में अहम है। भले ही भारत ने अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को आधिकारिक तौर पर मान्यता नहीं दी है, लेकिन बातचीत और मंत्रियों के दौरे हो रहे हैं। वे कहते हैं, इससे साफ संदेश जाता है कि भारत अब तालिबान सरकार को गंभीरता से ले रहा है और उसे अफगानिस्तान के प्रतिनिधि संस्था के तौर पर स्वीकार कर रहा है। भारत को ये अंदाजा हो गया है कि तालिबान अफगानिस्तान में लंबे वक्त तक रह सकता है इसलिए उनके साथ बातचीत जरूरी है। ’अब ऐसा लग रहा है कि अफगानिस्तान में आंतरिक संघर्ष खत्म हो चुका है और तालिबान की सत्ता को स्वीकार कर लिया गया है। अब ऐसा तालिबान सत्ता में आया है, जो करीब-करीब सारे गुटों को साथ लेकर चल रहा है। इससे पहले हामिद करजई की सरकार थी। उसके बारे में यही कहा जाता था कि वो काबुल के चेयरमैन हैं, उससे ज्यादा कुछ नहीं। बाकी पूरे देश पर तालिबान का ही कब्जा हुआ करता था।’ वहीं प्रोफेसर ओमैर अनस कहते हैं कि इसके पहले की सरकार अफगानिस्तान में लोकप्रिय नहीं थी। उसकी पश्चिमी देशों पर निर्भरता ज्यादा थी। इसी वजह से पड़ोसी देश जैसे पाकिस्तान के पास मौका रहा कि वो अफगानिस्तान के अंदरूनी संघर्ष में अपना फायदा उठाएं। जब से तालिबान की सरकार आ गई, तब से अब एक मजबूत अफगानिस्तान हमारे सामने है। भारत से दोस्ती के पीछे अफगानिस्तान के क्या फायदेप्रोफेसर राजन कहते हैं, ’भारत के जरिए अफगानिस्तान अपने ऊपर लगे कारोबारी और आर्थिक प्रतिबंध कम करा सकता है। यही वजह है कि वो भारत के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है। हाल में अफगानिस्तान में आए भूकंप में भी भारत ने काफी मदद और राहत सामग्री भेजी थी।’ ’भारत और तालिबान की मुलाकात अफगानिस्तान के लोगों के लिए भी अहम है। रूस, चीन और अमेरिका सभी बड़ी शक्तियां अफगानिस्तान से बात कर रही हैं। ऐसे में भारत को लगता है कि अगर वो पीछे रहा तो साउथ एशिया में भारत का हित प्रभावित होगा।’ वे आगे कहते हैं, ’भारत की बातचीत के लिए कदम उठाने के पीछे एक वजह फोमो (फियर ऑफ मिसिंग आउट) भी हो सकती है। अफगानिस्तान में पहले भी भारत ने इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने में काफी मदद की है। तालिबान सरकार आने के बाद दोनों देशों के बीच जो गैप आया था, अब उसे भरने की कोशिश हो रही है। ’भारत ने लंबे वक्त तक इस मुलाकात को टालने की कोशिश की, लेकिन अब ये होना ही था। अगर भारत बात नहीं करता तो वहां के कट्टरपंथी आतंकी गुट भारत विरोधी हो सकते थे, ऐसे में अब तालिबान की जिम्मेदारी होगी कि वो अपनी जमीन पर भारत विरोधी गतिविधि न होने दे।’ ऑपरेशन सिंदूर के बाद अफगानिस्तान से बातचीत क्यों अहमऑपरेशन सिंदूर के बाद से साउथ एशिया की राजनीति काफी बदल रही है। प्रोफेसर अनस कहते हैं कि श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल में जो भी तख्तापलट हुए, उसका फायदा पाकिस्तान को जरूर हुआ है। भारत के लिए ये जरूरी होगा कि वो पड़ोसी देश नेपाल, बांग्लादेश, मालदीव और श्रीलंका से बेहतर संबंध बनाए। सरकार इस दिशा में काम भी कर रही है।’ ’अफगानिस्तान के विदेश मंत्री का भारत दौरा सिर्फ दो देशों के बीच की बात नहीं है, बल्कि पूरे साउथ एशिया पर इसका असर होगा। मुझे ऐसा लगता है कि इसीलिए भारत इस दौरे को काफी अहमियत दे रहा है।’ प्रोफेसर राजन कहते हैं कि पाकिस्तान का अफगानिस्तान पर प्रभाव हक्कानी नेटवर्क के जरिए रहा था। हक्कानी नेटवर्क एक अफगान सुन्नी इस्लाम वादी उग्रवादी समूह है, जो मुख्य तौर पर पूर्वी अफगानिस्तान और उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान में एक्टिव है। अब जबकि भारत की तालिबान से सीधी बातचीत हो रही है, तब पाकिस्तान भारत को तालिबान के जरिए टारगेट नहीं कर पाएगा। इससे पाकिस्तान का अफगानिस्तान पर असर भी कम होगा। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार भी भारत के साथ अच्छे रिश्ते चाहती है। तालिबान सरकार से रिश्ते रखते हुए सतर्कता भी बरतनी होगीप्रोफेसर अनस कहते हैं, ‘भारत को अफगानिस्तान के साथ रिश्ते बनाने और बढ़ाने में बहुत सतर्कता बरतनी होगी। पाकिस्तान से उनके रिश्ते अच्छे हो सकते हैं। हालांकि अफगानिस्तान अगर ये भरोसा देता है कि वो अपनी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों में नहीं होने देगा तो भारत के लिए ये सबसे बड़े इत्मीनान की बात होगी।‘ ‘भारत अगर अफगानिस्तान को ऐसा करने के लिए राजी कर लेता है तो ये दौरा सफल रहेगा।‘ अभी भारत के पास एक अच्छा मौका है कि वो तालिबान के साथ अगर कोई समझौता करता है तो उसे पूरा अफगानिस्तान मानेगा। इसलिए ये भरोसा जीतने की एक पहल हो सकती है। भारत के लिहाज से इसके बेहतर नतीजे आ सकते हैं। पाकिस्तान ने नाजायज फायदा उठाया, अफगानी ये समझ गएअफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों पड़ोसी मुल्क हैं। अफगान जिहाद के दौर में अफगानिस्तान दोनों देशों के बीच लॉन्च बेस और सपोर्ट बेस हुआ करता था। बड़े पैमाने पर अफगानी शरणार्थी अब भी पाकिस्तान में रह रहे हैं। प्रोफेसर अनस कहते हैं कि हमें ये समझना चाहिए कि पाकिस्तान का अफगानी जनता और सियासत में गहरा असर है। अफगानिस्तान के सभी गुटों में ये भाव है कि पाकिस्तान ने एक पड़ोसी होने के नाते उन्होंने मदद तो की, लेकिन नाजायज फायदे बहुत उठाए। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में कई तरह के हथियारबंद समूहों को तैयार किया और उन्हें ट्रेनिंग दी। इसे लेकर अफगानिस्तान में बहुत नाराजगी है। अफगानिस्तान चाहता है कि ऐसा न हो कि सिर्फ पाकिस्तान ही उनका एक अकेला पड़ोसी बनकर रह जाए। वो पाकिस्तान पर अपनी निर्भरता घटाना चाहता है। तालिबान की सरकार आने के बाद उन्होंने पाकिस्तान की बजाय चीन से करीबी बढ़ाई है। अफगानिस्तान और ईरान के रिश्ते भी बेहतर हो रहे हैं। भारत को वो अपने मददगार के तौर पर देखता है। फिर क्या अफगानिस्तान के पाकिस्तान से रिश्ते खराब हो जाएंगे? इसके जवाब में प्रोफेसर अनस कहते हैं, ’ऐसा नहीं है कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान से अपने रिश्ते खराब कर लेगा। बस वो पाकिस्तान को ये एहसास करा देगा कि अब तुम ही एक पड़ोसी नहीं हो जो हमारी मदद कर सकते हो। हमारे और भी पड़ोसी हैं। अफगानिस्तान की इस नीति में भारत को उसका साथ देना चाहिए।’ पश्चिमी देश और बड़ी शक्तियां इस मुलाकात को कैसे देखेंगी?प्रोफेसर अनस कहते हैं कि तालिबानी मंत्री के भारत दौरे का सभी देश वेलकम करेंगे। अगर भारत के तालिबान के साथ रिश्ते अच्छे होते हैं तो भारत, तालिबान और पश्चिमी देशों के बीच ब्रिज का काम कर सकता है। तालिबान को भी ये बात मालूम है कि भारत के साथ अच्छे संबंध रखने से उसे पश्चिम तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी। भारत अगर एक अच्छी नीति के साथ अफगानिस्तान में रहता है, तो यूरोप से लेकर अमेरिका तक उसे मदद मिलेगी और फायदा होगा। वहीं प्रोफेसर राजन का कहना है, ‘भारत की तालिबान के साथ बातचीत को रूस बहुत सकारात्मक तरीके से लेगा। भारत का तालिबान को लेकर स्टैंड काफी बैलेंस रहा है। रूस के हित में यही है कि भारत भी तालिबान के साथ संपर्क बढ़ाए। इससे पश्चिमी देशों को भी कोई एतराज नहीं होगा।‘ ‘हालांकि पाकिस्तान नहीं चाहता है कि अफगानिस्तान और भारत के रिश्ते अच्छे हों। हालांकि मुझे नहीं लगता कि पाकिस्तान के अलावा कोई दूसरा देश भारत की इस पहल का विरोध करेगा।‘ अफगानिस्तान में मिलिट्री बेस बनाना गलत, ट्रम्प की मांग का विरोधभारत ने तालिबान सरकार के समर्थन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की उस मंशा का विरोध किया है, जिसमें उन्होंने तालिबान से बरगाम एयरबेस अमेरिका को फिर सौंपने के लिए कहा था। रूस में हुए मॉस्को फॉर्मेट कंसल्टेशन ऑन अफगानिस्तान में भारत भी हिस्सा रहा। उसने भी तालिबान, पाकिस्तान, चीन और रूस के साथ मिलकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बरगाम एयर बेस पर फिर से नियंत्रण की मांग का विरोध किया है। भारत का ये स्टैंड तालिबान के समर्थन में है और अमेरिका को चुभने वाला है। अमेरिका के साथ चल रही भारत की खटास पर भी ये एक मुहर है।.....................ये खबर भी पढ़ें...
गाजा पीस डील का ऐलान करने मिडिल ईस्ट जा रहे ट्रंप? अमेरिकी राष्ट्रपति का चौंकाने वाला दावा
Israel hamas war: इजरायल-हमास की जंग खत्म कराने को लेकर चौंकाने वाला अपडेट सामने आया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि गाजा (Gaza) में युद्धविराम यानी पीस डील (Gaza Peace deal) को लेकर उनके पास अहम जानकारी सामने आई है, ऐसे में वो वीकेंड पर मिडिल ईस्ट यात्रा (trump middle east visit) पर जा सकते हैं.
Why USA want to acquire Bagram airbase: भारत को नीचा दिखाने के लिए ट्रंप इन दिनों कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. अब भारत ने भी यूएस को उसी के अंदाज में झटका दे दिया है.
Mystery of Karnak Temple in Egypt: दुनिया में इस्लाम मजहब 1400 साल पहले शुरू हुआ. उससे पहले अरब के लोग किस धर्म का पालन करते थे. इस बात का रहस्य अब सामने आ गया है.
कीर स्टार्मर 9 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी से करेंगे मुलाकात
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर दो दिवसीय भारत दौरे पर मुंबई पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया
मोहम्मद यूनुस के कट्टरपंथी प्लान का फिर पर्दाफाश, महिषासुर का सहारा लेकर किया हिंदुओं को टारगेट
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान महिषासुर की मूर्ति में दाढ़ी होने के कारण विवाद खड़ा हो गया है. सरकार ने 793 पूजा पंडालों की जांच के आदेश दिए हैं और कुछ लोगों की पहचान की गई है जिनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी चल रही है.
Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है. जिसका असर व्यापार पर पड़ रहा है, अब ट्रंप की इस नीति की वजह से अमेरिकी कांग्रेस सांसदों ने उनपर निशाना साधा है.
Russia News: रूस के चुकोटका से एक हैरान करने वाला मंजर कैमरों में कैद हुआ है. ये मंजर इतना ज्यादा खौफनाक है कि इसे देखकर आपका दिल दहल जाएगा. यहां पर चारों तरफ कंकाल की कंकाल नजर आ रहे हैं.
बुजुर्ग सेल्समैन ऑनलाइन रोमांस का शिकार, फेसबुक-व्हाट्सएप पर गर्लफ्रेंड ने ठगे 6 लाख
QR Code Fraud: सिंगापुर में 68 वर्षीय सेल्समैन एक ऑनलाइन रोमांस घोटाले का शिकार हो गया जिसमें उसने 10000 सिंगापुर डॉलर (लगभग 6 लाख रुपये) गंवा दिए.
क्या है Schengen Visa? एक वीजा से ही घूम सकते हैं 29 देश, जानें फीस और वैलिडिटी
What is Schengen Visa: यात्रा करने के लिए शेंगेन वीजा एक बेहतरीन विकल्प है जिससे आप एक ही वीजा पर 29 देशों की यात्रा कर सकते हैं. यह वीजा न केवल समय बचाता है, बल्कि पैसा भी बचाता है. आइए जानते है कि शेंगेन वीजा की खासियत...
भारत से बस 20 किमी दूर इस देश में मचा हाहाकार, अब नहीं बिकेगा इस जानवर का मांस
African Swine Fever: श्रीलंका में अफ्रीकी स्वाइन बुखार के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा सख्त कदम उठाए गए. सूअर का मांस बेचने के साथ-साथ इन चीजों पर लगाए जा रहे रोक.
फ्रांस में सियासी संकट, अपने ही बने राष्ट्रपति मैक्रों के दुश्मन, क्या छोड़नी पड़ जाएगी कुर्सी?
France Political Crisis: फ्रांस में राजनीतिक संकट गहराता नजर आ रहा है. पहले सेबेस्टियन लेकोर्नू ने फ्रांस के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया. अब राष्ट्रपति मैक्रों की पार्टी के लोग ही उन पर पद छोड़ने का दबाव बना रहे हैं.
क्या-क्या है जापान की 'आयरन लेडी'- सनाए ताकाइची के एजेंडे में
अपने बेहद रूढ़िवादी नजरिए के लिए मशहूर सनाए ताकाइची जल्द ही जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बन सकती है
हमास और इजरायल युद्धविराम वार्ता जारी, हमास ने रखीं ये दो मांगें
मिस्र के शर्म अल-शेख में फिलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन (हमास) और इजरायल के बीच युद्धविराम वार्ता का एक नया दौर आयोजित हुआ
बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और सुरक्षा बलों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। आरोप है कि अवामी लीग के राज में लोगों को जबरन गायब कराया गया था
वियतनाम में मत्मो टाइफून तूफान का कहर, 8 की मौत, पशुधन पानी में बहे और फसलें बुरी तरह बर्बाद
वियतनाम में बुआलोई तूफान के बाद मत्मो टाइफून का प्रकोप देखने को मिला। मत्मो के कारण हुई भारी बारिश और बाढ़ से आठ लोगों की मौत हो गई और पांच अन्य घायल हो गए। वियतनाम आपदा और डाइक प्रबंधन प्राधिकरण ने बुधवार को ये जानकारी साझा की
इक्वाडोर के राष्ट्रपति के कत्ल की कोशिश, 500 लोगों के काफिले ने घेरकर की पत्थरबाजी
इक्वाडोर के राष्ट्रपतिडेनियल नोबोआ को लेकर बड़ी खबर आ रही है कि उनपर जानलेवा हमला किया गया है. तकरीबन 500 लोगों की भीड़ ने उनके काफिले को घेर लिया और पत्थरबाजी शुरू कर दी.
Lawrence Bishnoi Gang: लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने कनाडा के 3 रेस्टोरेंट पर फायरिंग कराई. हमले की जिम्मेदारी लेते हुए गोल्डी ढिल्लन ने मालिकों को धमकी दी है कि किसी की शिकायत हुई तो नतीजे के लिए तैयार रहे.
अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन पर ऐसा खुलासा हुआ है, जिसके बाद अमेरिकी राजनीति में तूफान आ सकता है. यूक्रेनी जंग के बीच ये पुरानी फाइलें नई बहस छेड़ रही हैं. क्या ये बाइडेन की छवि को धक्का देगी? या ओबामा प्रशासन की साजिशें और उजागर होंगी? वॉशिंगटन में चर्चाएं तेज हैं हो गई हैं. ये खुलासा न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया को हिला सकती है.
9 भाई, 7 भतीजे और 4 बेटों का कत्ल करने वाला राजा, मक्का और मदीना पर भी लहराया जीत का परचम
History of Ottoman Empire: आज हम आपको ऑटोमन साम्राज्य के एक ऐसे सुल्तान के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने पिता के खिलाफ ही जंग लड़ी और गद्दी पर बैठने के बाद अपने 9 भाइयों का भी कत्ल किया.
म्यांमार: बौद्ध धर्म के धार्मिक आयोजन के दौरान पैराग्लाइडर का हमला, 24 लोगों की मौत
MyanmarParaglider Attack: म्यांमार में एक बौद्ध धार्मिक आयोजन के दौरान बड़ा हमला हुआ है, जिसमें 24 लोगों की मौत हो गई है. बतया जा रहा है कि आयोजन के दौरानपैराग्लाइडरसे हमला हुआ है.
अमेरिका में हवाई यात्रा पर असर, शटडाउन पर गतिरोध जारी
अमेरिकी सरकार का शटडाउन अपने सातवें दिन में प्रवेश कर गया है, तथा देश भर के कई हवाई अड्डों पर उड़ानों में देरी की खबरें हैं
ISKP and LeT working together:पाकिस्तान की आईएसआई इस्लामिक स्टेट खोरासान प्रांत (आईएसकेपी) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) को एकजुट कर रही है. बालोच विद्रोहियों और अफगान तालिबान को निशाना बनाने के अलावा इनका प्लान कश्मीर में आतंकी हमले बढ़ाने की है. जानें पूरी खबर.
बगराम पर US से बिगड़ गई बात! भारत ने धुर विरोधियों PAK-चीन का दिया साथ
India Oppose US Takeover Of Bagram Air Base: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कल्पना नहीं की होगी बगराम एयरबेस मामले में भारत उनका इस तरह विरोध करेगा. भारत ही नहींतालिबान, पाकिस्तान, चीन और रूस सब अमेरिका का विरोध कर रहे हैं. आइए जानते हैं क्या है बगराम एयरबेस, ट्रंप क्यों चाहते हैं कब्जा करना. क्या है इसकी कहानी.
Kim Jong Un opens Pyongyang hospital: देर आए दुरुस्त आए. पांच साल की देरी ही सही लेकिन माना जा रहा है कि अब तानाशाह किम जोंग उन के देश में लोगों को सस्ता और वर्ल्ड क्लास इलाज मिलने लगेगा. राजधानी प्योंगयांग के जनरल हॉस्पिटल के उद्धाटन के मौके पर किम ने देश की स्वास्थ्य सेवाओं में आमूलचूल बदलाव लाने का भरोसा दिलाया है.
US-Canada Relations: गाजा शांति प्रस्ताव लाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद को क्रिएटिव बताया. उन्होंने कार्नी के साथ मीटिंग में मजाक में कनाडा को यूएस में शामिल करने की भी बात की.
यह बहुत खास पल है... अमेरिका के एक और राज्य ने दिवाली पर बनाया अहम कानून
Diwali 2025 Holiday in America: दिवाली 2025 से पहले अमेरिका के एक और राज्य ने बड़ा कदम उठाते हुए अहम कानून बनाया है. बिल के कानून बनने के बाद भारतीय समुदाय में खुशी की लहर है और विधायकों का कहना है कि यह पहल बहुत खास है.
हाल ही में भारत बनाम पाकिस्तान मैच में महज 20 रन देकर 3 विकेट लेने वाली क्रांति प्लेयर ऑफ द मैच रही. कैसे मैच देखने गई क्रांति उसी मैच में प्लेयर ऑफ द मैच बन कर लौटीं. पूरी कहानी जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...
'4 अक्टूबर, शनिवार का दिन था। तेलंगाना के मोइनाबाद इलाके में 'चेरी ओक्स' फार्महाउस पर रेव पार्टी चल रही थी। इस पार्टी के बारे में हमें इनपुट मिला कि यहां ड्रग्स और गांजे का इस्तेमाल किया जा रहा है। सूचना मिलते ही हमारी राजेंद्रनगर स्पेशल ऑपरेशन टीम मौके पर पहुंची। फार्महाउस पर कुल 65 लोग थे, जिनमें 22 नाबालिग और 12 लड़कियां भी थीं। सभी नशे में धुत थे।' तेलंगाना में 'ट्रैप हाउस' रेव पार्टी केस की जांच टीम में शामिल एक सीनियर पुलिस अफसर ने ये बात बताई। अफसर के मुताबिक जांच में सामने आया है कि इस इवेंट को लेकर बीते एक महीने से हैदराबाद, रंगारेड्डी और मोइनाबाद में सोशल मीडिया के जरिए प्रमोशन हुआ। रेव पार्टी में लोगों को कोकीन, गांजा, एक्साइटमेंट बढ़ाने वाली एक्सटेसी पिल्स और MDMA जैसे ड्रग्स दिए गए। मामले में कनाडा कनेक्शन सामने आया है। मोइनाबाद पुलिस फार्महाउस मालिक समेत पार्टी में शामिल सभी लोगों को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है। मामले में मुख्य आरोपी पार्टी के होस्ट ईशान को बनाया गया है। वो पिछले साल कनाडा से भारत लौटा था। उस पर फार्महाउस पर ऐसी ही रेव पार्टियां कराने और नशीले प्रतिबंधित पदार्थों का रोजाना सेवन करने का शक जताया गया है। एक इंस्टाग्राम पोस्ट ने खोला पूरा मामला तेलंगाना में जुलाई से अक्टूबर तक रेव पार्टियों में बड़ी मात्रा में ड्रग्स मिलने के तीन बड़े मामले आ चुके हैं। इसके मद्देनजर पुलिस सहित नारकोटिक्स डिपार्टमेंट पूरे राज्य में प्राइवेट बार, फार्महाउस और कैफे में चेकिंग अभियान चला रहा है। 3 अक्टूबर को राजेंद्रनगर पुलिस को इनपुट मिला कि मोइनाबाद इलाके में वीकेंड पर चेरी ओक्स फार्महाउस में रेव पार्टी होने वाली है। इसमें ड्रग्स और नशीली दवाओं का इस्तेमाल हो सकता है। तेलंगाना पुलिस में हमारे सोर्सेज के मुताबिक, मोइनाबाद में होने वाली रेव पार्टी को लेकर 11 सितंबर से ही माहौल बनाया जा रहा था। इंस्टाग्राम पर 9MM नाम की एक प्रोफाइल पर पार्टी से जुड़ी पोस्ट शेयर होती है। इसमें लाल रंग के बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा जाता है, 'ट्रैप हाउस'...यहां का सिर्फ एक नियम है। डूबो, नाचो और माहौल का पूरा आनंद उठाओ। पार्टी का पता- मोइनाबाद फार्महाउस और टाइमिंग- शाम 6 से रात 12 बजे तक। 20 दिन तक हैदराबाद, रंगारेड्डी जैसे जिलों में यूथ को पार्टी से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया पर कई कैंपेन चलाए गए। पार्टी में सिंगल एंट्री के लिए 1600 रुपए और कपल एंट्री के लिए 2800 रुपए के पास बेचे गए। तीन हफ्तों में 50 से ज्यादा लोगों ने ये पास खरीदे थे। सीक्रेट तरीके से फार्महाउस पहुंचाई गई ड्रग्स मोइनाबाद इंस्पेक्टर जी पवन कुमार रेड्डी कहते हैं, ‘हमें इलाके के कुछ लोगों ने सूचना दी थी कि ‘चेरी ओक्स' फार्महाउस पर आए दिन देर रात तक पार्टियां होती हैं। इसमें ज्यादातर कॉलेज जाने वाले कम उम्र के लड़के-लड़कियां आते हैं। रातभर तेज आवाज में गाने बजाए जाते हैं, जिससे लोगों को परेशानी होती है। लोकल लोगों ने शक जताया कि फार्म हाउस में गुपचुप तरीके से ड्रग्स की सप्लाई होती है, जिसे युवाओं को सर्व किया जाता है।‘ ‘शिकायत मिलने पर राजेंद्रनगर की SOT टीम ने 4 अक्टूबर की रात फार्महाउस पर छापा मारा। जहां मौके पर 65 लोग नशे में चूर मिले। सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि पकड़े गए लोगों में 22 की उम्र 18 साल से भी कम थी। 12 लड़कियां अचेत हालत में मिलीं, इनमें से पांच नाबालिग थीं। नशे में धुत मिले सभी 65 लोगों को हिरासत में लेकर उनके ब्लड और यूरिन सैंपल लिए गए।‘ कनाडा रिटर्न ईशान ने ‘ट्रैप हाउस’ पार्टी का बनाया प्लान मामले की जांच कर रहे तेलंगाना पुलिस की एक सीनियर अफसर ने बताया कि इस ड्रग पार्टी का प्लान ईशान नाम के एक लड़के ने बनाया था। वो यहीं के एक प्राइवेट कॉलेज में सेकेंड ईयर का स्टूडेंट है। पूछताछ में ईशान ने कबूला है कि वो बीते एक साल से यहां अकेले रह रहा था। उसकी फैमिली कनाडा में रहती है। हालांकि पार्टी में ड्रग्स किसने भिजवाई, इसका पता अभी नहीं चल पाया है। मोइनाबाद पुलिस को शक है कि ईशान नशीली दवाओं और प्रतिबंधित ड्रग्स का लंबे समय से इस्तेमाल कर रहा था। उस पर शक जताया गया है कि वो पहले भी ऐसी रेव पार्टियां ऑर्गनाइज करवा चुका है। उससे पूछताछ के बाद पुलिस ऐसी इल्लीगल रेव पार्टियों के नेटवर्क और ड्रग्स सप्लायर्स का पता लगा रही है। कितना आसान है रेव पार्टियों तक ड्रग्स पहुंचना तेलंगाना पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन टीम के अधिकारियों ने फिलहाल मोइनाबाद फार्महाउस को सील कर दिया है। मौके पर 10 विदेशी शराब की बोतलें और नशीले पदार्थ को कब्जे में लिया गया है। पुलिस सोर्सेज के मुताबिक, रेव पार्टी traphouse.9MM नामक एक इंस्टाग्राम अकाउंट के जरिए प्रमोट की गई थी, जिसे हैदराबाद के एक डीजे ने बनाया है। छापेमारी के बाद फार्महाउस पर मौजूद सभी लोगों को मोइनाबाद पुलिस स्टेशन ले जाया गया है। दो लोगों का ड्रग टेस्ट पॉजिटिव आया है, जिन पर NDPS एक्ट की धारा 27 और बिना पुलिस अनुमति के इवेंट करने की धाराएं शामिल हैं। घटना में शामिल सभी नाबालिगों के परिवारों को भी सूचना दे दी गई है। रेव पार्टियों में युवाओं के बीच बढ़ते ड्रग्स इनटेक के मामलों पर हमने तेलंगाना के एक्सपर्ट्स से बात की। हमने 3 सवाल किए… 1) बीते एक साल में तेलंगाना में रेव पार्टियों में ड्रग्स पकड़े जाने और इसमें यूथ के इन्वॉल्वमेंट का ट्रेंड क्यों बढ़ा है? 2) युवाओं की पार्टियों तक ड्रग्स का पहुंचना कितना आसान है? 3) तेलंगाना सरकार इस ट्रेंड को रोकने के लिए क्या कर रही है? युवाओं तक ड्रग्स की पहुंच कितनी आसान हुई? तेलंगाना में ड्रग्स सिंडिकेट से जुड़े कई मामलों को कवर कर चुकीं हैदराबाद की सीनियर जर्नलिस्ट उमा सुधीर कहती हैं, ‘न सिर्फ यूथ के बीच बल्कि समाज के हर तबके में ड्रग्स कंज्यूम करने का पैटर्न तेजी से बढ़ रहा है। यहां तक कि बिजनेसमैन, कॉलेज जाने वाले बच्चों से लेकर हाउस वाइफ्स में भी इसका चलन बढ़ गया है।‘ ‘पहले ड्रग सप्लाई का धंधा डार्क नेट पर चोरी-छिपे होता था, लेकिन अब तो इसकी बिक्री वॉट्सएप ग्रुप, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर खुलेआम हो रही है।‘ डिलवरी कैसे होती है? इस पर उमा दो मेन तरीके बताती हैं। पहला: घर पर पार्सल के जरिए सीधी सप्लाई।दूसरा: ड्रग डीलर आपको तय जगह बताएगा, वहां जाकर आपको इसे कलेक्ट करना होगा। ऐसे मामलों पर तेलंगाना सरकार का क्या रुख है? उमा आगे कहती हैं, ‘तेलंगाना में रेवंत रेड्डी सरकार आने के बाद ड्रग कंट्रोल पर काफी काम हुआ है। राज्य में ड्रग्स और नशीली दवाओं के बढ़ते ट्रेंड को रोकने के लिए एंटी-नारकोटिक्स ब्यूरो के साथ एलीट एक्शन ग्रुप फॉर ड्रग लॉ एन्फोर्समेंट (ईगल) नाम से नया विभाग बनाया गया है।‘ ‘ईगल टीम, लोकल पुलिस के साथ मिलकर फार्महाउस, सर्विस अपार्टमेंट और गेस्ट हाउस जैसे संदिग्ध ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है। इससे कई ड्रग पैडलर्स के नेटवर्क और गैर-कानूनी रेव पार्टियों पर शिकंजा कसा गया है।‘ रेव पार्टियां, नशा और ड्रग्स के करीब क्यों आ रहा तेलंगाना का यूथ? हैदराबाद की मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के सीनियर प्रोफेसर अफरोज आलम कहते हैं, ‘सिर्फ तेलंगाना ही नहीं, बल्कि युवाओं में ड्रग्स इनटेक के मामले मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में भी तेजी से बढ़े हैं। ये केवल कानून-व्यवस्था के लिए ही नहीं, बल्कि समाज और परिवारों के लिए बड़ा खतरा बनकर उभरा है।‘ ‘आजकल पढ़ाई-करियर बनाने का प्रेशर और पेरेंट्स का बच्चों पर कम ध्यान दे पाना उनके अंदर अकेलापन और भावनात्मक खालीपन पैदा कर रहा है। इस भरने के लिए वो रेव पार्टियां या फिर नशे की ओर मुड़ते हैं।‘ ‘आजकल नशे से जुड़े प्लेटफॉर्म्स तक युवाओं की पहुंच बहुत आसान हो गई है, जिनसे घर बैठे नशीले पदार्थों, यहां तक कि ड्रग्स की डिलीवरी आसानी से हो जाती है। सरकार और पुलिस को ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर निगरानी को और सख्त करना होगा, ताकि नशे की तरफ युवाओं का इन्वॉल्वमेंट कम किया जा सके।‘ ट्रैप-हाउस मामले में तेलंगाना पुलिस क्या कह रही…फार्महाउस मालिक समेत 6 पर केस दर्ज, ड्रग्स सिंडिकेट का पता लगा रहेमामले के चीफ इन्वेस्टिगेटिव अफसर पवन रेड्डी ने भास्कर को बताया, ‘मोइनाबाद इलाके में ये ऐसा पहला इवेंट था, जिसमें नशीले सामान के साथ इतनी बड़ी संख्या में युवा पकड़े गए। मुख्य आरोपी ईशान की गिरफ्तारी के बाद उसके परिवार को सूचना दे दी गई है। उसके पिता कनाडा में रहते हैं। अब तक मामले में फार्महाउस मालिक समेत 6 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है।‘ 'मोइनाबाद समेत आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों को ऐसे इवेंट्स से सतर्क रहने की हिदायत दी गई है। जिन लोगों की गिरफ्तारी हुई है, उनसे पूछताछ की जा रही है, ताकि ड्रग्स सप्लायर और उससे जुड़े नेटवर्क का पता लगाया जा सके।' 'चेरी ओक्स फार्महाउस में रेड के दौरान कुछ विदेशी लोग भी मिले हैं, जिनमें इवेंट ऑर्गनाइजर भी शामिल है। फार्महाउस से जो शराब बरामद हुई है, वो भी विदेशी ब्रांड की है। लिहाजा केस में बाहरी स्पॉन्सर्स और फॉरेन फंडिंग की भी जांच हो रही है।' ................ये खबर भी पढ़ें... पिटवाया, घर तोड़ा, गोली चलवाई; अब आजम खान रिहा रामपुर के रहने वाले फैसल लाला का परिवार 19 साल से आजम खान के खिलाफ केस लड़ रहा है। वो दावा करते हैं कि आजम के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें 3 बार झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल भेजा गया। बरेली गेट पर उनकी 40 दुकानें तोड़ दी गईं। उनके करीबियों को डराया-धमकाया गया, यहां तक कि उनके घर की बिजली भी काट दी गई। 23 सितंबर को सीतापुर जेल से रिहा होकर सपा नेता आजम खान रामपुर पहुंचे। आजम की रिहाई के बाद एक तबका डरा-सहमा है। पढ़िए पूरी खबर...
आर्किटेक्चर, डिजाइनर और DIY इन्फ्लुएंसर बेन उयेडा कैलिफोर्निया के 29 पाम्स शहर में अपने नए होटल Reset में पूल के किनारे आराम कर रहे हैं. वे अपने नए प्रोजेक्ट के बारे में बताते हुए आसपास के नाजरे से लुत्फ-अंदोज हो रहे हैं.
'अब कभी भी जाकर नमाज...', दो किबलों वाली मस्जिद पर आ गया किंग सलमान का शाही फरमान
Saudi Arab: मदीना की तारीखी मस्जिद अल-किबलातैन अब दिन-रात खुली रहेगी. 6 अक्टूबर, 2025 को किंग सलमान ने शाही हुक्म दिया कि लोग कभी भी यहां नमाज़ पढ़ सकते हैं. मस्जिद अल-किबलातैन, जिसे 'दो किबलों की मस्जिद' भी कहा जाता है. इस्लाम में बहुत अहम है.
Majoti Sahil Mohamed Hussein: यूक्रेन की सेना ने एक भारतीय छात्र को गिरफ्तार किया है. यूक्रेनी सेना ने कहा कि उन्होंने एक भारतीय नागरिक को पकड़ लिया है जो रूसी सेना के साथ लड़ रहा था.
'रेत, ब्लूम या फिर कुछ और...', समंदर में क्यों दिखती है 'खूनी पट्टी', कहीं ये वजह तो नहीं?
Red Stripe in the Sea: समंदर का किनारा काफी ज्यादा लोगों को पंसद आता है. किनारों पर लोग रूमानियत का मजा लेने जाते हैं. कभी आपने देखा है कि समंदर में लाल पट्टी पड़ गई हो? ये पट्टी आखिर क्यों बन जाती है?
खिलाने को पैसे नहीं इसलिए दो दर्जन विशालकाय व्हेल का कत्ल होगा! दुनियाभर में हड़कंप
beluga whales विशालकाय होती हैं और सफेद दिखने के कारण काफी आकर्षक होती हैं.कनाडा के ओंटारियो में 1000 एकड़ इलाके में बने पार्क में ये व्हेल्स संकट में हैं. पैसे नहीं हैं इसलिए पार्क प्रशासन ने इनका कत्ल करने की बात कही है.
Neom The Line City: क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 प्रोजेक्ट का बजट 1 ट्रिलियन डॉलर है. बता दें, क्राउन प्रिंस का विजन 2030 लाल सागर के तट पर नियोग द लाइन शहर को बसाना है. नियोग द लाइन शहर को बनाने के लिए सऊदी अरब की सरकार पानी की तरह पैसा बहा रही है.
Youngest Self Made Billionaire: क्या आपको पता है कि दुनिया के सबसे कम उम्र के सेल्फ मेड अरबपति कौन है? हो सकता है इसके बारे में आपको जानकारी हो, अगर नहीं तो आइए जानते हैं कि ये शख्स कौन है.
इस मुस्लिम देश में लड़कियां कर रहीं 'प्लेजर मैरिज', क्यों बना रहीं 15 दिनों का शौहर
Mutah Marriage: मुताह निकाह एक प्रकार का विवाह है जो एक निश्चित अवधि के लिए किया जाता है. इस विवाह में महिला और पुरुष एक निश्चित अवधि के लिए पति-पत्नी के रूप में रहते हैं. आइए जानते है कि आखिर क्या होता है ये मुताह निकाह?
Bangladesh Election:यह टिप्पणी चुनाव आयोग (ईसी) के उस हालिया निर्देश के बाद आई है जिसमें एनसीपी को 50 विकल्पों में से अपना चुनाव चिन्ह चुनने को कहा गया था. इन विकल्पों में पार्टी की ओर से मांगा गया शापला शामिल नहीं था.
मेडिसिन के बाद फिजिक्स के नोबेल प्राइज का ऐलान, इन 3 नामों पर लगी मुहर
Nobel Prize 2025: मेडिसिन के बाद अब फिजिक्स के नोबेल प्राइज का ऐलान हो गया है. रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने जॉन क्लार्क, मिशेल एच. डेवोरेट और जॉन एम. मार्टिनिस को ये पुरस्कार दिया है.
US Government shutdown updates:अमेरिका में गवर्नमेंट शटडाउन छह दिन से जारी है. दोनों दल एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.जल्द समाधान न हुआ तो अमेरिका में हाहाकार मच जाएगा. इसी को देखते हुए ट्रंप के होश उड़ गए हैं. नजीजा यह है किराष्ट्रपति ट्रंप अब डेमोक्रेट्स से बातचीत को तैयार हैं. जानेंमात्र 6 दिन में अमेरिका में मचा हाहाकार.
पाकिस्तान : बाढ़ राहत प्रयासों को लेकर राजनेताओं में मतभेद, जरदारी ने गृह मंत्री को किया तलब
पाकिस्तान में सिंध और पंजाब प्रांतों की सरकारों के बीच बाढ़ राहत प्रयासों को लेकर चल रहा विवाद तेज हो गया है
Intruder attacks Washington State Capitol Building:अमेरिका में रविवार रात वॉशिंगटन स्टेट कैपिटल में एक घुसपैठिए ने खूब तांडव मचाया. जॉर्ज वॉशिंगटन और मार्टिन लूथर किंग जूनियर की मूर्तियां गिराईं, लग्जरी रिसेप्शन रूम में आग लगाई और झंडे जला दिए. जानें पूरी कहानी.
Donald Trump from sending National Guard troops:अमेरिका में राजनीतिक तनाव चरम पर पहुंच गया है.हालात इतने खराब हैं कि ट्रंप को रोकने के लिए अब लोग अदालत तक में लड़ने को तैयार हैं. एक तरफ ट्रंप सेना अपने ही शहरों में भेज रहे हैं, दूसरी तरफ ट्रंप के विरोध में शहर के नेताओं ने 'जंग' लड़ने का ऐलान कर दिया है. जानें पूरी खबर.
ऑपरेशन सिंदूर पर ट्रंप ने फिर बजाया पुराना नॉन ऑथेंटिक रिकॉर्ड, बस बोलना था तो बोल दिया
Donal Trump:ट्रंप ने कहा, 'हम एक शक्तिशाली देश हैं क्योंकि, आप जानते हैं, मैंने 7 युद्ध समाप्त किए हैं, उनमें से कम से कम आधे मेरी व्यापार क्षमता और टैरिफ के कारण फौरन रुक गए. अगर मेरे पास टैरिफ लगाने की ताकत नहीं होती, तो सब बर्बाद हो जाता.
एक दुर्लभ दो सिर वाला किंगस्नेक मिला है, जिसे देखकर वैज्ञानिक भी हैरान है. क्योंकि ऐसे सांप जन्म के बाद जिंदा नहीं रह पाते है. लेकिन ये पूरी तरह स्वस्थ है. आखिर ये अजूबा कैसा हुआ? ये सांप कहां मिला. पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...
6 अक्टूबर की शाम 4 बजे बिहार में इलेक्शन का ऐलान हो गया। आचार संहिता लग भी गई, लेकिन इससे महज 5 घंटे पहले सीएम नीतीश कुमार ने पटना मेट्रो का उद्घाटन किया। पिछले 12 साल में करीब 6 राज्यों में चुनाव से ठीक पहले मेट्रो शुरू हुईं। 4 राज्यों में मेट्रो लॉन्च करने वाली पार्टी की सरकार भी बनी। यानी 67% स्ट्राइक रेट। किन-किन राज्यों में चुनाव से पहले मेट्रो से जुड़ी स्कीम लॉन्च हुईं और चुनाव पर उनका क्या असर हुआ, जानेंगे इस स्टोरी में… 2013, राजस्थान: चुनाव से 3 महीने पहले जयपुर मेट्रो का ट्रायल रन राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 18 सितंबर 2013 को जयपुर मेट्रो का ट्रायल रन शुरू किया था। यह कार्यक्रम विधानसभा चुनाव से 3 महीने पहले हुआ था। तब राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। नतीजा: 200 सीटों वाली राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस 21 सीटों पर सिमट गई। बीजेपी ने 163 सीटों के साथ बहुमत हासिल किया और वसुंधरा राजे सीएम बनीं। मेट्रो शुरु होने वाले जयपुर जिले में 19 सीटें आती हैं, लेकिन मेट्रो शुरू करने वाली कांग्रेस महज एक सीट जीत पाई। वहीं बीजेपी यहां की 17 सीटों पर काबिज हुई। 2017, उत्तर प्रदेश: चुनाव से कुछ महीने पहले कानपुर और लखनऊ में मेट्रो स्कीम यूपी की तत्कालीन सपा सरकार के सीएम अखिलेश यादव ने 4 अक्टूबर 2016 को कानपुर मेट्रो का शिलन्यास किया। फिर 1 दिसंबर को लखनऊ मेट्रो शुरू की। फरवरी-मार्च 2017 में चुनाव हुए। नतीजा: यूपी की 403 विधानसभा सीटों में से केवल 47 ही सपा जीत पाई। बीजेपी ने 312 सीटों के साथ सरकार बनाई और योगी आदित्यनाथ सीएम बने। वहीं कानपुर की 10 में 2 और लखनऊ की सिर्फ 1 सीट ही सपा जीत पाई। 2022, उत्तर प्रदेश: चुनाव से 2 महीने पहले कानपुर मेट्रो का फेज-1 शुरू पीएम नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2021 में कानपुर मेट्रो के फेज-1 शुरू किया। तब राज्य में बीजेपी की योगी सरकार थी। इसके 2 महीने बाद विधानसभा चुनाव हुए। नतीजा: यूपी की 403 में से 255 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। कानपुर की 10 में से 7 सीटें जीतीं। बीजेपी की सरकार बनी और योगी आदित्यनाथ सीएम बने। 2023, मध्यप्रदेश: चुनाव से 45 दिन पहले भोपाल मेट्रो का ट्रायल रन 3 अक्टूबर 2023 को मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल मेट्रो का ट्रायल रन लॉन्च किया। इसके 45 दिन बाद राज्य में विधानसभा चुनाव हुए। नतीजा: नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 230 में से 163 सीटें जीतीं। वहीं भोपाल जिले की 7 में से 6 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। हालांकि इस बार शिवराज सिंह चौहान की जगह डॉ. मोहन यादव को सीएम बनाया गया। 2024, महाराष्ट्र: चुनाव से कुछ महीने पहले पुणे और मुंबई मेट्रो लॉन्च पीएम नरेंद्र मोदी ने 29 सितंबर 2024 को पुणे मेट्रो के कुछ हिस्सों का उद्घाटन किया। फिर 5 अक्टूबर 2024 को मुंबई मेट्रो लाइन-3 के फेज-1 शुरू किया। तब राज्य में बीजेपी, शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित) की महायुति की सरकार थी और एकनाथ शिंद सीएम थे। नतीजा: नवंबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में महायुति को 288 से में 230 सीटे मिली। वहीं मुंबई की 36 में से 22 सीटें और पुणे की 21 में से 18 सीटें महायुति ने जीतीं। हालांकि, एकनाथ शिंदे की जगह देवेंद्र फडणवीस सीएम बने। 2025, दिल्ली: चुनाव से एक महीने पहले दिल्ली मेट्रो फेज-4 का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने 5 जनवरी 2025 को दिल्ली मेट्रो के फेज-4 का उद्घाटन किया। तब राज्य में AAP की अरविंद केजरीवाल सरकार थी। नतीजा: महीनेभर बाद हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतीं और 27 साल बाद सरकार बनाई। रेखा गुप्ता सीएम बनीं। क्या मेट्रो लॉन्च से चुनाव पर कोई असर पड़ता है? 6 राज्यों के इलेक्शन एनालिसिस से तो पता चलता है कि मेट्रो लॉन्च से चुनाव पर असर पड़ता है। क्योंकि 6 में से 4 राज्यों में मेट्रो लॉन्च करने वाली पार्टी को तो फायदा हुआ। मुंबई के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पॉपुलेशन साइंस के एसोसिएट प्रोफेसर श्रीनिवास गोली के मुताबिक, भारत की लगभग 40-42% आबादी अब शहरी है और वो शहरीकरण को विकास समझते हैं। इसलिए पार्टियां अब मेट्रो जैसी चीजों को चुनावी फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही हैं। हालांकि सरकार बदलती रहती हैं और इस दौरान मेट्रो का काम रुकता या चलता रहता है। 6 अक्टूबर को पटना में सीएम नीतीश कुमार ने भी मेट्रो लॉन्च की। इसको लेकर द हिंदू के सीनियर असिस्टेंट एडिटर अमरनाथ तिवारी कहते हैं, पटना बी और सी ग्रेड का शहर है। लोगों को सहूलियत मिलेगी। ये बड़ा डेवलेपमेंटल प्रोजेक्ट है, जिसका सीधा असर पड़ेगा। नीतीश कुमार को इसका फायदा मिल सकता है। सरकार भी ये समझ रही थी। तभी तो सरकार दो-तीन बार इसका उद्घाटन टाला। हालांकि कितना असर पड़ा ये चुनाव के बाद ही पता चलेगा। सीनियर जर्नलिस्ट अरविंद मोहन बताते हैं, मेट्रो या किसी भी डायरेक्ट योजनाओं का असर चुनाव पर पड़ता है। किसी भी बड़े शहरों में मेट्रो का होना बेहद जरूरी है, लेकिन चुनाव के ठीक पहले इसका उद्घाटन करना एक राजनीतिक चतुराई और बेईमानी है। खास कर नीतीश कुमार जैसे नेता जो हल्की पॉलिटिक्स करने के लिए नहीं जाने जाते हैं। नीतीश कुमार का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है कि वे नई सरकार के गठन के बाद नई योजनाएं शुरु करते रहे हैं। अब नई सरकार योजनाओं में कटौती करती है।'
बिहार में 243 सीटों पर विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में चुनाव की घोषणा की है। नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। चुनाव की तारीखों के साथ ही राज्य में आचार संहिता भी लागू हो गई है। आखिर क्या है ये आचार सहिंता, इसकी शुरुआत कब हुई, इसे सही तरीके से लागू करवाना किसने शुरू किया और लागू होने के बाद किन कामों पर रहेगी पाबंदी; जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में… शुरुआत एक किस्से से… 2 अगस्त 1993। उस वक्त के चुनाव आयुक्त टीएन शेषन ने 17 पेज का एक आदेश जारी किया। इसमें कहा गया था कि जब तक सरकार चुनाव आयोग की शक्तियों को मान्यता नहीं देती, तब तक देश में कोई चुनाव नहीं कराया जाएगा। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की राज्यसभा सीट पर चुनाव नहीं होने दिया, जिसकी वजह से केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु इतना नाराज हुए कि उन्होंने चुनाव आयुक्त शेषन को 'पागल कुत्ता' तक कह दिया। वीपी सिंह ने कहा- शेषन ने तो प्रजातंत्र को ही लॉक-आउट कर दिया है। टीएन शेषन को ही भारत में चुनावों के दौरान आचार संहिता को सही से लागू करवाने का श्रेय जाता है। आचार संहिता क्या है और चुनाव से कितने दिन पहले लागू होती है? चुनाव आयोग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कुछ नियम बनाए हैं, जिसे मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट या आचार संहिता कहा जाता है। इसमें बताया गया है कि राजनीतिक पार्टियों और कैंडिडेट को चुनाव के दौरान क्या करना है और क्या नहीं करना है। आचार संहिता की सबसे खास बात ये है कि ये नियम किसी कानून के जरिए नहीं बल्कि राजनीतिक पार्टियों की आपसी सहमति से बनाए गए हैं। आचार संहिता की वजह से चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों, कैंडिडेट्स और सत्ताधारी पार्टी के कामकाज और उनके व्यवहार पर नजर रखना संभव होता है। इस दौरान अगर किसी पार्टी या कैंडिडेट को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी पाया जाता है तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है। जरूरत होने पर आयोग आपराधिक मुकदमा भी दर्ज करा सकता है। यहां तक कि दोषी पाए जाने पर जेल की सजा भी हो सकती है। आचार संहिता चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है, जो इलेक्शन की पूरी प्रकिया खत्म होने तक जारी रहती है। 65 साल पहले केरल चुनाव में पहली बार आचार संहिता लागू हुई 25 जनवरी 1950 को देश में चुनाव आयोग की स्थापना हुई थी। इसका मकसद था कि चुनाव को निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी रखा जाए। इसके दस साल बाद 1960 के केरल विधानसभा चुनाव से आचार संहिता की शुरुआत हुई। चुनाव आयोग के अधिकारी और राजनीतिक पार्टियों के बीच बातचीत और सहमति के आधार पर आचार संहिता को तैयार किया गया। इसमें पार्टियों और उम्मीदवारों ने तय किया वो किन-किन नियमों का पालन करेंगे। 1962 के आम चुनाव के बाद 1967 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भी आचार संहिता लागू हुई। बाद के चुनावों में उसमें और नियम जुड़ते चले गए। आचार संहिता किसी कानून का हिस्सा नहीं है। हालांकि इसके कुछ प्रावधान बीएनएस की धाराओं पर भी लागू होते हैं। जब लालू ने चुनाव आयोग से कहा- भैंसिया पर चढ़ा कर गंगाजी में हेला देंगे देश में भले ही आचार संहिता पर काम 1960 के दशक में शुरू हो गया था, लेकिन इसे सख्ती से लागू होने में तीन दशक लग गए। इसका श्रेय टीएन शेषन को जाता है। उन्होंने चुनाव आयोग को सरकार से अलग स्वतंत्र रखा। इसके लिए वो बिहार के मुख्यमंत्री लालू यादव से भी भिड़ गए थे। साल 1995। बिहार में विधानसभा चुनाव का माहौल था। चुनाव करवाने की जिम्मेदारी टीएन शेषन के हाथों में थी। शेषन के लिए ऐसे राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना मुश्किल था, जो चुनावों के दौरान हिंसा और बूथ कैप्चरिंग के लिए कुख्यात था। चुनाव की घोषणा से पहले शेषन ने कहा, 'बिहार पर थोड़ा ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि अंत में यह नहीं कहा जाना चाहिए कि बाकी जगह काम बेहतर था, लेकिन बिहार में हम असफल रहे। पत्रकार संकर्षण ठाकुर ने द ब्रदर्स बिहारी में लिखा- मुक्त और निष्पक्ष चुनावों के लिए कब्रगाह के रूप में बिहार शेषन के लिए अंतिम चुनौती था, जिस पर उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगाई। शेषन ने एक बार कहा था- I will Change the Bihar (मैं बिहार को बदल दूंगा।) शेषन ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि आचार संहिता का थोड़ा उल्लंघन भी हुआ तो पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दिया जाएगा। चुनाव आयोग ने चार बार इलेक्शन की तारीखों की घोषणा की फिर उसे आगे बढ़ाया। जब दिल्ली से चौथी बार चुनाव की तारीख को आगे टालने का फैक्स आया तो लालू तिलमिला गए। लालू ने बिहार चुनाव आयोग के एक अधिकारी को फोन लगाया। तिलमिलाते हुए बोले- ऐ पिल्लई, ई का हो रहा है... हम तुमरा चीफ मिनिस्टर हैं और तुम हमरा अधिकारी, ई बीच में बेर-बेर शेषनवा कहां से आ जाता है और समझाओ उसको उ फैक्स करता है... बीतने दो चुनाव सब फैक्स फुस्स उड़ा देंगे। लालू चुनाव आयोग से इतना खीझ चुके थे कि उन्होंने एक सभा में कहा- उ शेषनवा को बुझाता ही नहीं है, हम कउन हैं। भैंसिया पर चढ़ाकर गंगा जी में हेला देंगे। हालांकि 1995 का चुनाव ठीक उसी तरह पूरा हुआ, जैसा शेषन चाहते थे। लालू की जीत हुई, लेकिन चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव कराने में सफलता पाई। जब एक नियम को लागू करने में 10 साल लग गए 1991 का आम चुनाव आचार संहिता के लिहाज से सबसे अहम था। उस साल चुनाव आयोग ने पहली बार सोचा कि आचार संहिता को चुनावों की तारीखों के साथ ही लागू कर देना चाहिए। हालांकि सरकार इसे उस दिन से लागू करना चाहती थी, जिस दिन अधिसूचना जारी हो। चुनाव आयोग और सरकार के बीच ठनी तो मामला कोर्ट तक गया। 1997 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को सही ठहराया। इस फैसले के खिलाफ सु्प्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई, लेकिन वहां से कुछ क्लियर नहीं हुआ। आखिरकार 16 अप्रैल 2001 को चुनाव आयोग और सरकार में सहमति बनी। तय किया गया कि आचार संहिता उसी दिन से लागू होगी जिस दिन चुनाव का कार्यक्रम जारी होगा। इसमें एक शर्त जोड़ी गई कि चुनाव की तारीखों की घोषणा अधिसूचना जारी होने से तीन हफ्ते से ज्यादा नहीं की जाएगी। अब जानिए आचार संहिता के दौरान राजनीतिक पार्टियों और कैंडिडेट्स पर किस तरह की रोक होती है, कौन से सरकारी काम रोक दिए जाते हैं… सवाल-1: आचार संहिता के दौरान कौन से काम रुक जाते हैं और कौन से चालू रहते हैं? जवाब: अचार संहिता की वजह से इन कामों पर रोक लग जाती है... सवाल-2: क्या आम आदमी पर भी आचार संहिता के नियम लागू होते हैं? जवाब: आम नागरिकों पर भी आचार संहिता के कुछ नियम लागू होते हैं, लेकिन यह मुख्य रूप से राजनीतिक दलों और सरकारी अधिकारियों के लिए बनाई गई है। आम नागरिकों की जिम्मेदारी यह है कि वे चुनाव के दौरान निष्पक्ष और शांतिपूर्ण रहें। उन्हें किसी को पैसे, उपहार या कोई और लाभ देकर वोट देने के लिए प्रभावित नहीं करना चाहिए। किसी को धमका कर या डराकर वोट दिलाने का प्रयास नहीं करना चाहिए। पोलिंग बूथ पर नियमों का पालने करें। वोटिंग मशीन या चुनाव से जुड़ी मशीनों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। सवाल-3: क्या चुनाव आयोग आचार संहिता लागू होने से पहले भी कार्रवाई कर सकता है? जवाब: हां, इसे ऐसे समझें कि 2010 में चुनाव आयोग को एक शिकायत आई थी कि बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने सरकारी पैसे से अपने चुनाव चिह्न 'हाथी' की प्रतिमाएं बनवाई थीं, जिसे आचार संहिता का उल्लंघन माना गया। शुरुआत में चुनाव आयोग ने कहा कि आचार संहिता लागू होने की समय-सीमा से पहले किसी राजनीतिक दल की ओर से सरकारी संसाधनों का कथित गलत इस्तेमाल होने पर कार्रवाई नहीं की जा सकती, लेकिन इस रुख को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। मामले की जांच के बाद हाई कोर्ट ने फैसला दिया कि चुनाव आयोग BSP के चुनाव चिह्न को अमान्य घोषित कर सकता है। साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा कि सत्ता में रहने वाली पार्टी को आचार संहिता लागू होने से पहले भी सरकारी पैसे का उपयोग अपने चुनाव चिह्न या नेताओं की स्थिति मजबूत करने के लिए नहीं करना चाहिए। बिहार विधानसभा चुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... बिहार में छठ के बाद 2 फेज में चुनाव:6 और 11 नवंबर को वोटिंग, नतीजे 14 नवंबर को; जानिए 40 दिन की चुनाव प्रक्रिया में कब-क्या होगा बिहार की 243 विधानसभा सीटों पर 2 फेज में वोटिंग होगी। मतदान 6 और 11 नवंबर को और नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। चुनाव आयोग ने सोमवार शाम 4 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी। चुनाव के ऐलान से काउंटिंग तक की प्रक्रिया 40 दिन चलेगी। पूरी खबर पढ़िए...
Buffalo Beauty Pageants: थाईलैंडके के चोनबुरी शहर में भैंसों का ब्यूटी पेजेंट रखा गया. दरअसल यहां एक त्योहार मनाया जाता है, जिसमें भैंसों की रेस और सुंदरता की प्रतियोगिता करवाई जाती है.
मोटेगी को जापान का अगला विदेश मंत्री नियुक्त कर सकती हैं ताकाइची
जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) की नेता चुनी गईं पूर्व आर्थिक सुरक्षा मंत्री साने ताकाइची जल्द ही प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकती हैं
22 पोते-पोतियां, 15 परपोते... कौन हैं दुनिया के सबसे बुजुर्ग शख्स जोआओ नेटो? कितनी है उम्र
World Oldest Man:दुनिया के सबसे बुजुर्ग शख्स जोआओ मारीन्हो नेटो ने हाल ही में अपना 113वां जन्मदिन मनाया. ब्राजील के रहने वाले जोआओ मारीन्हो नेटो का जन्म 5 अक्टूबर 1912 को मरांगुआपे में हुआ था. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने उनके जन्मदिन की कुछ तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर कीं.
घूमने के लिए और ढीली करनी पड़ेगी जेब, जापान टूरिस्ट्स पर लादेगा टैक्स का बोझ, नोट कर लें डेट
Japan:जापान पर्यटन की मौजूदा समस्या से निपटने के लिए एक नया आवास कर लागू करने की योजना बना रहा है. यह कर योजना क्योटो शहर में 1 मार्च 2026 से लागू होगी. इस कर के तहत होटल में ठहरने पर प्रति व्यक्ति प्रति रात 10000 येन का कर लगेगा.
Saudi Arabia:सऊदी अरब के 1 रियाल भारतीय करंसी में करीब 23.65 रुपये के बराबर है. यही वजह है कि भारत के कई लोग वहां काम करना पसंद करते हैं. ऐसे में चलिए जानते हैं कि अगर कोई भारतीय सऊदी अरब में 5 लाख रियाल कमाता है तो भारतीय करंसी में वो कितने रूपये के बराबर हो जाएंगे.
पाक ने US को भेज दी 'सबसे बड़े खजाने' की पहली खेप, किसके पास है इसका सबसे बड़ा भंडार
Pakistan-USA Relations: पाकिस्तान ने अमेरिका को दुर्लभ मृदा और महत्वपूर्ण खनिजों (Rare Earth Elements) की अपनी पहली खेप भेज दी है. यह खेप पाकिस्तान और अमेरिकी कंपनी यूएस स्ट्रैटेजिक मेटल्स (यूएसएसएम) के बीच हुए एक समझौता ज्ञापन के तहत भेजी गई है.
Bangladesh News:ढाका के चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में रिमांड सुनवाई के दौरान, मोनी ने अपने पूर्व कैबिनेट सहयोगी नूरुल मजीद महमूद हुमायूं की हाल ही में हुई मौत का जिक्र किया.
1200 से ज्यादा मौतें, 250 बंधक, जब इजरायल में मचा था कत्लेआम, क्यों तारीख भूलना चाहते हैं लोग?
History of 7 October: हर दिन का अपना कोई न कोई इतिहास होता है. ऐसे ही हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं 7 अक्टूबर के इतिहास से, इस दिन इजरायल में भीषण कत्लेआम हुआ था जिसमें 1200 से ज्यादा लोग मारे गए थे.
Shehbaz Sharif Malaysia: मलेशिया गए पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ पैसा मांगने की हर जुगत कर रहे हैं. मलेशिया के पीएम की तारीफ यह भी भूल गए कि वह पीएम हैं या प्रेसिडेंट. कभी मुशायरे वाले अंदाज में शायरी करते हैं तो कभी पाकिस्तान को कर्ज देकर पालने वाले आईएमएफ को ही गुडबाय कहने का सपना देखने लगते हैं.
Shut Down का असर या फिर कुछ और... आखिर 24 घंटे के क्यों बंद हो रहे हैं अमेरिका के बैंक
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Ursula Von Der Leyen: ईयू प्रमुख उर्सुला वॉन डेर लेयेन को दो अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ा. इसे पैट्रियट्स फॉर यूरोप (पीएफई) और द लेफ्ट ने लेयेन के खिलाफ पेश किया गया है. हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि लेयेन के खिलाफ दायर दोनों प्रस्तवा विफल होंगे.
टीचर की हवस का शिकार बना 15 साल का लड़का, एक नहीं कई बार बनाए संबंध, डिनर टेबल से कैसे हुआ खुलासा?
Sydney News: सिडनी के एक नामी स्कूल से हैरान करने वाला मामला सामने आया है, यहां पर एक अंग्रेजी टीचर पर 15 साल के लड़के के साथ सेक्स संबंध बनाने के आरोप लगे हैं. जानिए पूरा मामला.
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Tibet Climate Crisis: तिब्बत जलवायु संकट को लेकर स्टॉकहोम पेपर ने चेतावनी दी है कि अगर ध्यान नहीं दिया गया तो ये जलवायु संकट दुनिया भर को परेशान कर सकता है. जानिए विशेषज्ञों ने क्या कहा है.
'आप हमेशा नेगेटिव क्यों रहते हैं...' गाजा पीस प्लान के दौरान ट्रंप ने नेतन्याहू को क्यों लगाई फटकार?
Donald Trump: पिछले सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गाजा में बंधक बनाए गए बाकी लोगों को रिहा करने और हमास के खिलाफ इजरायल के सैन्य ऑपरेशन को खत्म करने के मकसद से एक 20-सूत्रीय योजना पेश की. इस बीच, ट्रंप ने इजयारली पीएम को जमकर फटकार लगा दी.
Nobel Prize 2025: साल 2025 के
फ्रांस के पीएम सेबेस्टियन ने भी दिया इस्तीफा, 2024 से अब तक 5वां रिजाइन, क्यों मची है भगदड़?
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लेकोर्नू का मंत्रिमंडल कई नीतिगत मतभेदों और सत्ता-साझेदारी के मुद्दों से जूझ रहा था. नए मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर पार्टी के अंदर भी तीखी नाराज़गी थी.