US-Venezuela:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जबसे कहा कि वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलास मादुरो अवैध तरीके से राष्ट्रपति हैं, तब से यह अटकले लगाई जा रही हैं कि किसी समय वेनेजुएला में सत्ता पलट सकती है. उसके लिए ट्रंप ने बकायदा अपनी पूरी तैयारी कर ली है. समझें पूरी ट्रंप-मादुरो की जंग की अब तक की पूरी कहानी.
गाजा में युद्धविराम और शांति प्रयास : नई वास्तविकताएं और चुनौतियां
साल 2023 का अक्टूबर महीना दुनिया की आत्मा को झकझोर गया था। हमास के हमले और उसके बाद इजरायल की भीषण सैन्य कार्रवाई ने गाजा को मानवीय त्रासदी की गहराई में धकेल दिया
कौन हैं होशाम अल-अस्तल जिनकी गुहार पर ट्रंप ने कहा-हमास को उतार देंगे मौत के घाट?
Israel Hamash War: गाजा में खान यूनिस इलाके के इजरायल समर्थित मिलिशिया नेता ने डोनाल्ड ट्रंप से हमास के हमलों से फिलिस्तीन के लोगों को बचाने की अपील की है. ट्रंप ने हमास को फिलिस्तीन लोगों पर तुरंत प्रभाव से हमले रोकने की चेतावनी दी है. ऐसा नहीं करने पर ट्रंप की तरफ हमास लड़ाकों को अंदर घुसकर मारने की चेतावनी दी गई है.
टाइप 1 : फर्जी अकाउंट। डेली लिमिट 50 लाख से 2 करोड़ तक। कॉर्पोरेट अकाउंट होगा, 5 से 7 लाख खर्च करने पर हाथों–हाथ मिल जाएगा। फिर इनमें कितना भी हवाला का पैसा घुमा सकते हो। टाइप 2 : ऐसे अकाउंट होल्डर्स के अकाउंट मिल जाएंगे जिनकी डेली ट्रांजैक्शन लिमिट करोड़ों में होगी। लेकिन ये अकाउंट बेचे नहीं जाते, बल्कि हिस्सेदारी पर काम करते हैं। यानी आप अकाउंट किराये पर लेंगे। ये ऑफर उन माफियाओं के हैं, जो प्रॉपर बैंकिंग चैनल से हवाला का रैकेट चला रहे हैं। हवाला रैकेट सीरीज के पहले पार्ट में आपने देखा कि, कैसे दिल्ली के चांदनी चौक से देशभर में हवाला के जरिए पैसा पहुंचाया जा रहा है। अब देखिए बैंकिंग चैनल के जरिए कैसे फर्जी अकाउंट्स खुलवाकर पैसे इधर से उधर करवाए जा रहे हैं। पड़ताल के दौरान हमारी मुलाकात जावेद और वसीम नाम के दो हवाला एजेंट्स से होती है। अब आगे की कहानी…। माजिद ने जावेद से मुलाकात करवाई सूत्रों से हमें पता चला था कि पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में हवाला के कई ऐसे एजेंट्स सक्रिय हैं, जो प्रॉपर बैंकिंग चैनल से हवाला रैकेट चला रहे हैं और ये एजेंट्स माजिद के संपर्क में हैं। इसलिए हमने माजिद को फॉलो किया। माजिद ने बताया कि वो जावेद नाम के एजेंट को जानता है, जो हवाला का काम बैंकिंग चैनल के जरिए करता है। हमारे कहने पर माजिद ने जावेद को फोन लगाया और उसे मिलने के लिए कहा। माजिद ने अगले दिन शाम 4 बजे दरियागंज आने को कहा। हम तय समय पर लोकेशन पर पहुंचे। वहां माजिद ने हमारी जावेद से मुलाकात करवाई। जावेद हमें पास ही मौजूद एक खुली जगह पर ले गया और डीलिंग शुरू कर दी। फोटो तुम्हारा, बाप का नाम मेरा, एड्रेस इनका… जावेद : यह देखो कौन सा बैंक है…प्राइवेट लिमिटेड…अकाउंट नंबर ये है…इसकी 2 करोड़ की लिमिट है, ये आधार–पैनकार्ड, ये सारी चीजें आएंगी जावेद : अकाउंट तो बहुत हैं रिपोर्टर : किसी बड़े बैंक का हो और लिमिट अच्छी होना चाहिए जावेद : खरीदोगे या परसेंटेज पर काम करोगे रिपोर्टर : इनमें क्या अंतर है जावेद : परसेंटेज का 50–50 है। फिर पैसा एक नंबर का हो या दो नंबर का, हमें कोई मतलब नहीं। रिपोर्टर : यह फ्रेश अकाउंट हैं, या इनमें ऑलरेडी काम चल रहा है जावेद : सब फेक अकाउंट हैं, लेकिन सब रनिंग में हैं रिपोर्टर : मतलब पैसा आ गया न इनमें जावेद : फिलहाल अपना ही पैसा घूम रहा है। चार–पांच दिन चले फिर बंद हो गए, ऐसे अकाउंट नहीं हैं रिपोर्टर : जो अकाउंट खरीदते हैं, वो कितने दिन चलेगा जावेद : 10–15 दिन तो चलता ही है रिपोर्टर : यह सारे कॉर्पोरेट काउंट हैं न जावेद : हां रिपोर्टर : खरीदने का क्या सिस्टम है जावेद : 5 से 10 लाख में पड़ेगा रिपोर्टर : कितने अकाउंट दे दोगे जावेद : जितने लेना चाहो रिपोर्टर : 100 अकाउंट मिल जाएंगे अभी जावेद : हां, मिल जाएंगे। सेविंग अकाउंट भी मिल जाएंगे रिपोर्टर : ये असली अकाउंट हैं या फेक जावेद : सारे फेक हैं। फोटो तुम्हारा, बाप का नाम मेरा, एड्रेस इनका, कहां ढूंढेगा। अपना काम करो, सिम तोड़ कर फेंक दो, क्योंकि जब भी बम फटेगा, अकाउंट वाले की तरफ से फटेगा रिपोर्टर : जिनके अकाउंट हैं, ये दिल्ली के हैं या बाहर के हैं जावेद : सब बाहर के हैं। अगर दिल्ली के भी होंगे, तो उसमें एड्रेस पर बंदा मिलेगा नहीं। ये सारे इंटरनेशनल बैंक के अकाउंट नंबर होते हैं रिपोर्टर : अच्छा, सारे बाहर के फेक अकाउंट हैं जावेद : सारे यूपी, बंगाल के लड़के हैं रिपोर्टर : कुछ अकाउंट की डिटेल दे सकते हो क्या जावेद : हां, मंगवा देता हूं। लिमिट वगैरह सब चेक कर लो। ओके हो तो मंगवा दूंगा। नेट बैंकिंग वाली सिम हमारे पास रहती है रिपोर्टर : और एटीएम कार्ड जावेद : वो मिल जाएगा। पूरी किट दूंगा। एटीएम, चेक बुक, पिन सब। सिम आपके पास रहेगी, नेट बैंकिंग एक्सेस आपके पास रहेगा, यूजर आईडी पासवर्ड आपको शेयर करेंगे, आप चेंज कर सकते हो रिपोर्टर : रेट कौन तय करेगा, अग्रवाल साहब या आप जावेद : मैं ही करूंगा। सिम कार्ड, किट दूंगा रिपोर्टर : और बैंक अकाउंट जावेद : जब कहोगे उनसे मांग लूंगा रिपोर्टर : रेट थोड़ा देख लेना, 100 अकाउंट आप से ही लेंगे जावेद : जो परसेंटेज वाले होंगे, वो परसेंटेज पर चलेंगे। जो बिकने वाले होंगे, आप खरीद लेना। बहुत से लोग बेचते नहीं हैं रिपोर्टर : अच्छा जावेद : अकाउंट होल्डर को बुला लेंगे। तुमने गोद ले लिया समझो। जहां रखना है रखो रिपोर्टर : 50 या 100 करोड़ का काम करना है तो जावेद : बड़े–बड़े अकाउंट हैं, बड़े मगरमच्छ हैं। 2–2 हजार वाले रिपोर्टर : अकाउंट की लिमिट कितनी रहेगी जावेद : कॉर्पोरेट अकाउंट की 75 लाख की है। 2–3 बार उसको रनिंग करोगे तो अपने आप बढ़ जाएगी जावेद ने फर्जी अकाउंट के दो तरीके बताए। पहला, वह ऐसा अकाउंट मुहैया करवाएगा जिसकी डेली ट्रांजैक्शन लिमिट 50 लाख से 2 करोड़ के बीच होगी। कॉर्पोरेट अकाउंट होगा, 5 से 7 लाख खर्च करने पर हाथों–हाथ मिल जाएगा। ऐसे 100 से जयादा अकाउंट्स एक से डेढ़ महीने में दे देगा। दूसरे तरीके में जावेद ने बताया कि, उसके पास कुछ अकाउंट होल्डर्स ऐसे हैं, जिनके अकाउंट्स की डेली लिमिट 50 करोड़ से 100 करोड़ तक है। लेकिन ये अकाउंट्स बेचे नहीं जाते, बल्कि हिस्सेदारी पर काम करते हैं। अब दो सवाल खड़े होते हैं। पहला, वो कौन लोग हैं जिनके नाम पर फर्जी अकाउंट खोले गए, या वो कौन लोग हैं जो ऐसे अकाउंट अपने नाम पर खोल रहे हैं और किसी की पकड़ में नहीं आ रहे? दूसरा, क्या बैंक ऐसे अकाउंट्स को बिना वेरिफिकेशन के ही खोल देता है। इन्हीं सवालों को जानने के मकसद से हमने फेक अकाउंट एजेंट जावेद से बातचीत आगे बढ़ाई। फर्जी GST नंबर भी बन जाएगा… जावेद : हम दिल्ली के अकाउंट यूज नहीं करते, बाहर के मिल जाएंगे रिपोर्टर : जम्मू–कश्मीर का मिल जाएगा क्या जावेद : जे एंड के का रिपोर्टर : हां, उस तरफ से इनका पैसा आ नहीं पाता। इसलिए हवाला की जरूरत है जावेद : खुल जाएगा। आईडी वाला बंदा है तुम्हारे पास रिपोर्टर : मिल जाएगा जावेद : अगर बंदे नहीं हैं तो अकाउंट खुलवाने वाले बंदे भी दे दूंगा। अपनी आईडी पर खुलवा कर आपको दे देगा, अकाउंट खुलवाओ, कम से कम एक लाख या 50 हजार से अकाउंट खुलवाना रिपोर्टर : मतलब जावेद : उसमें लिमिट ज्यादा होती है, जीएसटी नंबर नहीं है तो वो भी बन जाएगा। वेरिफिकेशन वाले को गोदाम और माल दिखा देंगे। सेटिंग सबकी है, सारे काम होते हैं रिपोर्टर : जो अकाउंट खोलेगा उसे बुला दीजिए। आमने–सामने बात हो जाएगी जावेद : बुला लूंगा इस खेल में अब एक और किरदार की एंट्री होती है — नाम है वसीम… हवाला रैकेट की परतें धीरे-धीरे हमारे सामने खुल रही थीं। लेकिन अब हमें उस शख्स तक पहुंचना था, जो इस गिरोह के लिए फर्जी बैंक अकाउंट, दस्तावेज, सिम और फर्जी लड़के तक मुहैया कराता है। जावेद ने बताया था कि वह उस शख्स से मिलवाएगा, जो फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए लड़के और दस्तावेज मुहैया कराता है। ठीक दो दिन बाद, यानी 25 सितंबर को, जावेद का फोन आया। वह आईटीओ स्थित बाल भवन के ठीक सामने बनी चाय की दुकान पर मिलने के लिए बुलाता है। हम उसकी बताई जगह पर पहुंचते हैं। जावेद चाय की दुकान के बाहर इंतजार कर रहा था। उसके साथ वसीम मिलता है। जावेद बताता है कि वसीम ही वह व्यक्ति है, जो फर्जी बैंक अकाउंट खुलवाने के लिए लड़के दिलवाता है। फिर वसीम से हम फर्जी अकाउंट्स को लेकर बातचीत करते हैं। 10 करोड़ की डेली लिमिट वाला अकाउंट भी बनवा दूंगा रिपोर्टर : आपने मुझे जो अकाउंट दिया है, इसकी लिमिट 50 लाख बता रहे हो, इसमें ट्रांजैक्शन हुए हैं क्या जावेद : नया अकाउंट है, कोई ट्रांजैक्शन नहीं है, अभी यूज में नहीं हैं रिपोर्टर : इसका स्टेटमेंट दे सकते हो क्या जावेद : एटीएम से निकालकर भेज देंगे (वसीम फोन पर किसी को बताता है की जिस अकाउंट का कहा था, उसका मिनी स्टेटमेंट निकलवा दो) जावेद फोन पर : अग्रवाल जी आपने जो भेजा है यह 3 आईडी है या 5 आईडी है, वो बस चेक करवा लो रिपोर्टर : 3 आईडी मतलब तीन लोग का कंबाइंड अकाउंट जावेद : 10 करोड़ डेली की लिमिट मिल जाती है। लॉगिन आईडी ज्यादा होती हैं रिपोर्टर : अकाउंट किसके नाम पर होते हैं वसीम : लड़के हैं अपने पास रिपोर्टर : लड़के अपने नाम पर अकाउंट देंगे वसीम : हां रिपोर्टर : कितने बंदे मिल जाएंगे वसीम : जितने कहोगे रिपोर्टर : 100 बंदे मिल जाएंगे वसीम : हां, अच्छे लड़के हैं, हर तरह के आदमी हैं जावेद : अपनी आईडी लेकर आ जाएंगे, बाकी डॉक्युमेंट्स हम बनवाएंगे रिपोर्टर : एक अकाउंट पर कितना खर्चा आएगा वसीम : कम से कम 5 लाख रुपए रिपोर्टर : लिमिट कितनी होगी वसीम : 1 से 5 करोड़ डेली जावेद : प्रोसीजर क्या है वसीम : डॉक्युमेंट्स तैयार करना पड़ेंगे। सेटअप बनाना पड़ेगा रिपोर्टर : कैसा सेटअप वसीम : कोई काम दिखाना पड़ेगा। फैक्ट्री वगैरह। मैनेजर से सेटिंग करना पड़ेगी, लिमिट वही देगा क्योंकि अब कोई भी बैंक 50 लाख से ज्यादा लिमिट नहीं दे रहा रिपोर्टर : कल से कोई एक्शन हो गया तो बंदा हाथ आएगा या नहीं वसीम : तभी हाथ आएगा, जब एड्रेस ओरिजिनल होगा। यहां सब फेक आईडी पर है रिपोर्टर : मतलब आधार, पैन कार्ड सब फेक वसीम : मोबाइल नंबर भी फेक। जो आधार कार्ड होगा, उसका नंबर डालने पर ऑनलाइन शो करेगा रिपोर्टर : अच्छा, उस आदमी का वसीम : लेकिन फिंगर लगे तो पकड़ा जाएगा रिपोर्टर : अच्छा ये बताओ जो अकाउंट दोगे वो सारे 50 लाख और एक करोड़ की लिमिट के होंगे न वसीम : हां रिपोर्टर : एडवांस पैसा देता हूं तो कब तक मिल जाएंगे वसीम : 15 दिन लगेंगे जावेद : पंगा जीएसटी का है, जीएसटी कितने दिनों में आ रही है वसीम : जीएसटी में अगर नॉर्मल तरीके से करोगे तो एक महीना लग रहा है, लेकिन जो हम करवाएंगे उसमें थोड़ा पैसा ज्यादा जाएंगे, लेकिन वो 5-6 दिन में आ जाएगा रिपोर्टर : जीएसटी के वेरिफिकेशन नहीं होती है क्या वसीम : सेटिंग है 10 हजार जाते आगे 5-6 दिन में सब हो जाता है वसीम और जावेद सरकारी से लेकर प्राइवेट बैंक तक के अकाउंट्स खुलवा रहे हैं। लिमिट, नेट बैंकिंग सब इनके कंट्रोल में होती है। हर नए अकाउंट के पीछे एक नया चेहरा और एक नया नाम होता है, लेकिन असली खिलाड़ी वही रहते हैं, जो परदे के पीछे से इस पूरे खेल को मैनेज कर रहे हैं। फर्जी अकाउंट, फर्जी दस्तावेज, फेक सिम, नकली आधार कार्ड, बैंक मैनेजर से सेटिंग और यहां तक कि जीएसटी विभाग में भी सांठगांठ। इन सब खुलासों से साफ होता है कि यह नेटवर्क गहराई तक फैला हुआ है। हर कड़ी किसी न किसी सिस्टम से जुड़ी है, जो इस अवैध कारोबार को चलाए रखती है। चांदनी चौक का इलाका हवाला रैकेट के लिए मशहूर दिल्ली पुलिस के पूर्व अधिकारी वेद भूषण कहते हैं, ‘हवाला का व्यापार तब शुरू हुआ जब लेन‑देन बहुत बड़े हो गए और एक जगह से दूसरी जगह अधिक पैसा ले जाना नामुमकिन हो गया।’ ‘पुराने समय के बट्टा/एक्सचेंज सिस्टम की तरह ही उसी पैटर्न पर यह व्यवस्था लागू की गई। धीरे‑धीरे यह एक पेशा बन गया और एक तरह का गैरकानूनी व्यापार हो गया क्योंकि सरकार की कोई प्रभावी रोक‑टोक या दखलअंदाजी नहीं थी।’ वे कहते हैं, ‘चांदनी चौक का इलाका हवाला रैकेट के लिए मशहूर है। किसी को खबर नहीं होती। करोडों रुपए कुछ ही सेकेंड में लेन‑देन हो जाते हैं। ये इतना सीक्रेटली होता है कि किसी को भनक न लगे और पैसा ट्रांसफर हो जाए।’ ‘हजारों करोड़ के हवाला लेन‑देने होते रहते हैं जिनकी खबर न तो आम व्यापारियों को होती है, न पुलिस‑इंटेलिजेंस एजेंसियों और न ही आर्थिक अपराध से जुड़ी संस्थाओं को — और यह हवाला आज भी जारी है।’ वे कहते हैं, ‘बैंकिंग संस्थान में कई तरह के लूपहोल्स हैं और इस वजह से हवाला के लेन‑देने बैंकिंग सिस्टम के जरिए भी बड़े पैमाने पर हो रहे हैं। सरकार ऐसे ट्रांजैक्शनों को रोकने में असफल रही है।’ ‘खासकर अगर बेटिंग की बात की जाए — क्रिकेट जैसे बड़े मैचों के समय बेटिंग में हजारों करोड़ रुपये बैंकिंग सिस्टम के जरिए ट्रांसफर होते हैं। इसलिए सरकार को इतने सख्त कानून बनाने चाहिए कि उन्हें गैर‑जमानती धाराओं के दायरे में लाया जा सके।’ मिनिस्ट्री को सवाल भेजे : भास्कर ने इस खुलासे से जुड़े सवाल भारत सरकार के गृह मंत्रालय को ईमेल किए हैं। जैसे ही जवाब आएगा, उसे खबर में अपडेट किया जाएगा। ......................................................... ये इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट भी पढ़ सकते हैं ‘2 घंटे में कैश कहीं भी पहुंचा देंगे’:कोडवर्ड जयश्री महाकाल; हवाला का अड्डा दिखाते हुए माफिया कैमरे में कैद ‘देश में कहीं भी करोड़ों रुपए पहुंच जाएंगे। दो मिनट का फर्क नहीं होगा। कश्मीर में भी पहुंच जाएंगे लेकिन वहां किसी मुस्लिम से डील नहीं होगी। क्योंकि अगर किसी के हाथ चढ़ गया तो मामला सीधे आतंकवाद से जुड़ेगा। पैसे मिलते ही ‘जयश्री महाकाल’ लिख देना, यही कोडवर्ड है’। पूरी खबर पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें...।
दुनियाभर में तालिबानी लड़ाकों की पाकिस्तानी सैनिकों की पैंट हाथ में लहराते तस्वीर वायरल हो रही हैं। लेकिन ये लड़ाके इतने खतरनाक कैसे है. कैसे इन्होंने अमेरिका, सोवियत संघ और ब्रिटेन जैसी विश्व महाशक्तियों को भी धूल चटाई? जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...
'IPS पूरन सिंह 5 दिन तक करीब-करीब किडनैप रहे। ये किडनैपिंग पुलिस के हाथों हुई। उन्हें पुलिस ने शराब व्यापारियों से वसूली के आरोप में पूछताछ के लिए उठाया और ह्यूमिलेट किया। गुनाह कबूलने का दबाव डाला। फिर पुलिस ने इस गैरकानूनी हिरासत के सबूत भी मिटा दिए।' 'थाने से उन 5 दिनों की सीसीटीवी फुटेज आज भी गायब है। पूरन को इस दौरान न किसी से मिलने दिया और न बात करने दी। कोई नहीं जानता कि उन्हें कहां रखा गया था।' हरियाणा के सीनियर IPS वाई पूरन कुमार के सुसाइड करने से पहले क्या-क्या हुआ, उसे लेकर एक सीनियर प्रशासनिक अधिकारी ये दावे कर रहे हैं। उनका ये भी आरोप है कि इस कथित किडनैपिंग को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि रोहतक SP नरेंद्र बिजराणिया हैं। IPS पूरन ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ में अपने घर पर गोली मारकर सुसाइड कर लिया था। इसके पहले उन्होंने पत्नी IAS अफसर अमनीत पी. कुमार को आखिरी नोट भेजा था। उसने 8 पन्ने की नोट में अपनी मौत के लिए 15 अफसरों को जिम्मेदार ठहराया। चंडीगढ़ पुलिस ने नोट के आधार पर DGP शत्रुजीत कपूर समेत 15 अफसरों पर केस दर्ज किया है। पूरन कुमार की खुदकुशी के 7 दिन बाद 14 अक्टूबर को रोहतक में साइबर सेल में तैनात ASI संदीप कुमार ने भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली। अपने आखिरी वीडियो में संदीप ने आरोप लगाया कि IPS पूरन कुमार ने करप्शन केस में बदनामी के डर से सुसाइड किया है। IPS पूरन कुमार के साथ आखिर क्या हुआ, सुसाइड नोट में लगाए आरोपों की सच्चाई क्या है? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर ने पूरन कुमार को करीब से जानने वाले और हाल ही में उनके परिवार से मिले कुछ प्रशासनिक अधिकारियों से बात की। अफसर ने सुसाइड नोट में लगाए आरोपों की हकीकत बताई…सीनियर प्रशासनिक अधिकारी बताते हैं, ‘IPS पूरन कुमार के साथ इमोशनल, सोशल और इकोनॉमिक हर तरह का अत्याचार किया गया। पूरन ही नहीं कोई भी इलीट, अंग्रेजी बोलता और तेज दिमाग वाला दलित अधिकारी सबकी आंखों में चुभता है। पूरन शार्प और हाजिर जवाब अधिकारी थे। उन पर जब आरोप लगाए गए, वो झुकने की जगह अकड़ कर खड़े हुए। बस उनके यही तेवर अफसरों को चुभ गए।‘ 1. पांच दिन की हिरासत में ह्यूमिलेशन, फिर मीडिया ट्रायल की साजिशएक इतने बड़े अधिकारी को 5 दिन की हिरासत में रखने के आरोप लग रहे हैं, जबकि उनकी पत्नी भी IAS हैं। इस मामले को पूरन कुमार ने दबाया क्यों? सोर्स कहते हैं, 'जितनी बड़ी इज्जत, उतनी बड़ी बेइज्जती। पूरन पर बड़ा आरोप लगा था। पत्नी पर भी डिपार्टमेंटल कई केस हैं। ऐसा नहीं कि वो ये शिकायत लेकर DGP या फिर सरकार के पास नहीं गए लेकिन उन्हें कहीं से कोई मदद नहीं मिली।' पूरन के खिलाफ जो लॉबी है, वो बहुत मजबूत है। या यूं कहें कि ऐसे दलित अफसर जो झुकते नहीं, उनके खिलाफ मजबूत लॉबी ही होती है। उन्हें झुकाने के लिए उन पर कई आरोप मढ़ दिए जाते हैं। कुछ इन आरोपों से डरकर झुक जाते हैं तो कुछ नप जाते हैं। 'उन पर शराब कारोबारियों से उगाही करने का आरोप था। मैं नहीं जानता ये सच था या झूठ लेकिन डिपार्टमेंट में उनके खिलाफ अगर कोई जांच चल रही थी तो सवाल उठता है कि मीडिया में इसे क्यों लीक किया गया? फिर जहां उन्हें 5 दिन की हिरासत में रखा गया, वहां के सीसीटीवी कैमरों से उन दिनों के फुटेज क्यों गायब हुई। मुझे थोड़ा बहुत याद है कि पूरन ने फुटेज निकलवाने की कोशिश की थी लेकिन नहीं मिली। उनकी हिरासत के सबूत मिटाने की जरूरत क्यों पड़ी?' 'तीसरा और सबसे अहम सवाल ये है कि सेक्शन-17 ए के तहत ऐसी किसी भी जांच के लिए संबंधित अधिकारी को सरकार और DGP से फॉर्मल परमिशन लेनी चाहिए लेकिन ये परमिशन क्यों नहीं ली गई। यही वजह है कि उनकी हिरासत के सबूत मिटा दिए गए। हिरासत में पूरन पर आरोप कबूल करने का दबाव डाला गया। जाति संबंधी कमेंट तो हर बार किए जाते हैं।' 2. अंबाला थाने में मंदिर में दाखिल होने पर मिला नोटिसIPS पूरन ने सुसाइड नोट में मंदिर में एंट्री को लेकर भेदभाव का आरोप लगाया है। ये क्या घटना थी? सोर्स ने बताया, '2020 में पूरन कुमार अंबाला थाने के मंदिर के अंदर गए। जैसे हर व्यक्ति को मंदिर जाने का अधिकार होता, उसी अधिकार के तहत पूरन भी गए। हालांकि यहां असमान्य ये हुआ कि उन्हें इसके बदले नोटिस मिल गया।' 'नोटिस में सीधे तौर पर क्या लिखा था ये तो याद नहीं है लेकिन कुछ अनुशासन से संबंधित था। क्योंकि पूरन खुद कानून के अच्छे जानकार थे। इसलिए नोटिस का जवाब उन्होंने खुद ही दिया था। नोटिस उस वक्त DGP रहे मनोज यादव ने भेजा था।' ये सीधा भेदभाव का मामला था। SC-ST एक्ट का मामला बनता है। इसकी शिकायत पूरन कुमार ने ऊपर क्यों नहीं की? अधिकारी आरोपी लगाते हुए कहते हैं, 'DGP जब खुद भेदभाव कर रहा है तो शिकायत कितनी भी ऊपर जाए, उसका नतीजा शून्य ही रहता है। हालांकि मैं भरोसे से नहीं कह सकता कि उन्होंने शिकायत नहीं की होगी? उन्होंने इन सब मामलों में कई शिकायतें की थीं। अगर कोई पता लगा पाए तो ढेरों शिकायतें सामने आएंगी।' 3. ऐसी पोस्ट दी गई ताकि ह्यूमिलेशन हो सकेपूरन कुमार ADGP थे, फिर उन्होंने सुसाइड नोट में ये क्यों लिखा कि उन्हें नॉन एग्जिस्टेंशियल पोस्ट मिली? जवाब में अधिकारी कहते हैं, 'आप जर्नलिस्ट हैं। ये सबको पता है, लेकिन अपनी पोस्ट की बारीकी कोई जर्नलिस्ट ही समझ सकता है। वैसे ही पूरन ADGP थे लेकिन उन्हें जो नियुक्ति मिली थी वो IG होमगार्ड की थी।' 'पूरन चाहते थे कि उन्हें उनके कॉडर के हिसाब से पोस्ट मिले लेकिन उन्हें ह्ययूमिलेट करने के लिए पद के हिसाब से पोस्ट न देकर वो पोस्ट दी गई, जो प्रशासनिक सेवा में बहुत रुतबे वाली नहीं मानी जाती है। इस वक्त तो उन्हें पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में डाल दिया गया था। वैसे भी अच्छी, मलाईदार और रुतबे वाली पोजीशन उन्हें ही मिलती है, जो सरकार और बॉस के चहेते होते हैं।' 29 सितंबर, 2025 को उनकी पनिशमेंट पोस्टिंग हुई। IG रोहतक के पद से हटाकर इन्हें पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज सुनारिया भेज दिया गया। सोर्स के मुताबिक, पूरन कुमार को मिला ये ट्रांसफर एक तरह से पनिशमेंट थी। सबको पता है कि IG के पद से हटाकर ट्रेनिंग में लगाना यही होता है।' 4. अफसरों ने पब्लिकली किए जातिगत कमेंटप्रशासनिक सोर्स बताते हैं, 'जाति पर आधारित कमेंट सीधे नहीं किए जाते। इनका तरीका कुछ ऐसा होता है कि आप शिकायत भी न कर पाएं और कमेंट भी हो जाए। ज्यादातर दलित अधिकारियों को इसका अनुभव होगा।' 'IPS पूरन के मामले में कई बार काम को लेकर चर्चा के दौरान उन्हें नीचा दिखाने के लिए व्यंग्य में पूछा गया- पढ़ाई कहां से की है? अपनी बिरादरी से ऊपर उठो या कौन सी बिरादरी से हो? किसी दलित के केस को दलित अधिकारी के सामने ही डिस्कस करना और फिर कहना कि इन लोगों के साथ यही तो दिक्कत है, वगैरह-वगैरह। कोई दलित अधिकारी जब कुछ कहता है, तो कह देंगे यार मजाक नहीं समझते क्या?' 5. तीन बैचमेट और उनके लीडर पूर्व मनोज यादव पर प्रताड़ना आरोपसीनियर अधिकारी बताते हैं, 'ADGP पूरन कुमार ने अपने नोट में मनोज यादव, IPS (1988 बैच) और तत्कालीन DGP हरियाणा पीके अग्रवाल, IPS (1988 बैच) और तत्कालीन DGP हरियाणा टीवीएसएन प्रसाद, IAS (1988 बैच) तत्कालीन ACS गृह पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। उन्होंने साफ लिखा है कि मनोज यादव प्रमुख साजिशकर्ता थे और बाकी बैचमेट होने का फर्ज निभा रहे थे। 6. उनके खिलाफ कई झूठी कम्प्लेन हुईं, आपको कुछ पता हैं?डिपार्टमेंटल कम्प्लेन कुछ न कुछ सब पर होती हैं लेकिन पूरन पर कई थीं। ये बहुत बड़े आरोप नहीं होते। ज्यादातर अनुशासनहीनता के आरोप होते हैं लेकिन स्पेसिफिक कम्प्लेन के बारे में बिना डॉक्यूमेंट देखे कहना ठीक नहीं है। सोर्स आगे कहते हैं, ‘अभी ताजा मामला 6 अक्टूबर का है, जब पूरन के गनमैन के खिलाफ FIR हुई।‘ इसमें पूरन के खिलाफ शराब व्यापारियों से पैसा उगाही करने के आरोप लगे। उनके गनमैन के खिलाफ 6 अक्टूबर को हरियाणा के अर्बन थाना स्टेट में FIR की गई। सोर्स की मानें तो गनमैन ने पूछताछ में पूरन का नाम ले लिया था और यहीं से तनाव बढ़ गया। ‘पूरन ने DGP शत्रुजीत कपूर को फोन किया। फोन उठा भी लेकिन उधर से मदद मिलने की जगह गोलमोल जवाब मिला। फिर पूनम कुमार ने SP नरेंद्र बिजराणिया को फोन किया लेकिन वहां से तो कई कॉल करने के बाद भी फोन नहीं उठा। ये सब कुछ जानबूझकर हुआ।' 7. पिता की मौत पर भी छुट्टी नहीं मिलीतब ACS गृह रहे संजीव अरोड़ा पर पूरन कुमार ने पिता के निधन से पहले उनसे आखिरी बार मिलने की भी छुट्टी न देने का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा है- 'ये मेरी अर्न्ड लीव थी। इस घटना ने मुझे तोड़ दिया था।' इस पर सोर्स बताते हैं, 'उनके पिता की डेथ शायद 2021 में हुई थी। ये ठीक उससे पहले की बात है। इस बारे में पूरन ने उस वक्त मुख्य सचिव को लिखित में शिकायत भी की थी लेकिन संजीव अरोड़ा के खिलाफ कुछ नहीं हुआ।' 8. नोट में मकान अलॉटमेंट को लेकर एडिश्नल कंडीशन का जिक्र है, ये क्या था? सोर्स ने इसका जवाब नहीं दिया क्योंकि उनके पास इसकी कोई सटीक जानकारी नहीं थी। 9. शिकायतों पर गृहमंत्री ने की थी बैठक, डॉक्यूमेंट में दर्जपूरन कुमार ने नोट में लिखा है कि उस वक्त राज्य के गृहमंत्री रहे अनिल बिज ने मेरे सभी आवेदनों और शिकायतों पर नवंबर 2023 में बैठक की थी। इसमें DGP शत्रुजीत कपूर और ACS होम टीवीएसएन प्रसाद भी थे। हमने सोर्स से जब इस बारे में पूछा तो जवाब मिला, 'बैठक हुई थी। शिकायतों पर चर्चा भी हुई थी लेकिन कुछ हुआ नहीं था। इससे भी पूरन काफी आहत थे।' 'उन्हें उम्मीद थी कि गृहमंत्री की बैठक के बाद उनकी शिकायतों पर कार्रवाई होगी लेकिन बैठक के बाद चर्चा तक नहीं हुई।' 10. बैठक या उसके बाद एक अधिकारी ने उनका सार्वजनिक मजाक उड़ायाहमने सोर्स से पूछा कि सुसाइड नोट में लिखा है कि 1996 के IPS अधिकारी रवि किरण ने पूरन का सार्वजनिक तौर पर मजाक उड़ाया था। ये कब हुआ था? वो जवाब में कहते हैं, 'शायद गृहमंत्री की बैठक के बाद लेकिन ठीक से नहीं पता।' DGP पर भी करप्शन के आरोप, दलित अफसर को घेरा-कपूर को बचायासोर्स ने बताया कि पूरन पर करप्शन का आरोप भी लगा लेकिन साबित नहीं हुआ। जांच होने में कोई बुराई नहीं लेकिन जांच सबकी हो और प्रोसेस के साथ हो। शत्रुजीत कपूर के खिलाफ भी करप्शन का एक केस सामने आया लेकिन उन्होंने सरकार से एफिडेविट बनवाकर जमा कर दिया कि उनके खिलाफ प्राथमिक जांच के लिए भी सरकार से परमिशन लेनी होगी। उन्हें ये प्रोटेक्शन क्यों? वे आगे कहते हैं, ‘क्योंकि पूरन दलित थे इसलिए उन्हें आरोप लगने पर ही हिरासत में ले लिया गया। सबूत तक मिटा दिए गए कि मामला क्या था? शत्रुजीत कपूर पर बिजली विभाग में टेंडर पास करने में 25 लाख रुपए के करप्शन का आरोप लगा था। ऑल इंडिया इंजीनियर्स एसोसिएशन ने शिकायत भी की थी लेकिन सब अंदर ही अंदर खत्म कर दिया गया।‘ वे बात खत्म करते हुए आखिर में कहते हैं, 'दलित अफसर का मुंह बंद करने का जरिया सिर्फ ये है कि उस पर आरोप मढ़ दो। एक नहीं कई अधिकारी मिलेंगे, जिन पर आरोपों की लंबी लिस्ट है। उन्हें पता है कि वो अगर बोलेंगे तो उनकी सुनी नहीं जाएगी। पूरन साहसी थे इसलिए बोलते थे लेकिन प्रताड़ना का क्या स्तर रहा होगा जो आत्महत्या जैसा कदम उठा लिया। शायद अब कोई दलित अधिकारी सवाल पूछने की हिम्मत भी न करे।' IPS पूरन के गनमैन को अरेस्ट करने वाले ASI ने भी किया सुसाइडIPS वाई पूरन कुमार की मौत के 7 दिन बाद रोहतक पुलिस के साइबर सेल में तैनात ASI संदीप लाठर ने भी सुसाइड कर लिया। उन्होंने अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मारकर जान दे दी। सुसाइड से पहले संदीप लाठर ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया और 4 पेज का एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें IPS वाई पूरन कुमार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए है। रिश्वत केस में पूरन कुमार के गनमैन (PSO) सुशील कुमार को हिरासत में लेने वाली टीम में संदीप लाठर भी शामिल था। चंडीगढ़ पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) टीम रिश्वत केस और सुशील की गिरफ्तारी से जुड़ी रोहतक पुलिस के सभी कर्मियों से पूछताछ कर रही है। टीम ने संदीप से भी पूछताछ की थी।.................ये खबर भी पढ़ें...CJI पर जूता फेंकने वाले वकील बोले- मुस्लिम पीटते थे '90 के दशक की बात है। मेरी पत्नी मुरादाबाद की एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थीं। हम वहीं रहते थे। माहौल ऐसा था कि अगर मुस्लिम कम्युनिटी के किसी व्यक्ति की बकरी से मेरी स्कूटर छू भी जाती तो वो मुझे उतारकर मारते-पीटते और पत्नी को उठा ले जाते। वहां ऐसा अक्सर होता था।' जस्टिस बीआर गवई की तरफ जूता फेंकने वाले एडवोकेट राकेश किशोर अपनी जिंदगी से जुड़े इस किस्से से मुस्लिमों के प्रति अपनी सालों पुरानी नाराजगी जता देते हैं। पढ़िए पूरी खबर...
'मानो यौन संबंध बनाना उसका अधिकार हो...' ब्रिटेन के प्रिंस पर गिफ्रे ने लगाए आरोप
Prince Andrew:गिफ्रे ने कहा है कि उसने एंड्रयू के साथ तीन अलग-अलग मौकों पर यौन संबंध बनाए थे, जिसमें वह समय भी शामिल है जब वह 18 वर्ष से कम उम्र की थी. बता दें, गिफ्रे उस समय चर्चित हुईं जब उन्होंने आरोप लगाया कि बदनाम अमेरिकी फाइनेंसर एपस्टीन ने उन्हें यौन कर्मी के रूप में इस्तेमाल किया तथा एंड्रयू ने उन पर हमला किया.
क्या मुस्लिम देशों से ढीली होती जा रही है पाकिस्तान की पकड़? अब मिस्र के विदेश मंत्री भारत पहुंचे
मिस्र के विदेश मंत्री का यह दौरा बताता है कि कश्मीर का राग अलापने वाले पाकिस्तान की पकड़ मुस्लिम देशों से ढीली होती जा रही है. मुस्लिम देश भी आतंक और युद्ध से निकलकर आर्थिक और सामाजिक विकास के साथ ही स्थिरता की ओर देख रहे हैं.
'कर्ज नहीं चुकाने का ये सिला...',पहले डेड बॉडी के पास पहुंची महिला, फिर करने लगी ये काम
Taiwan News: ताइवान से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां पर एक महिला शव देखने के बहाने एक युवक के शव के पास पहुंच गई और फिंगर प्रिंट लेने लगी. ये करता देख वहां पर लोग दंग हो गए.
बेड से बांधकर लगाया जाता है जहरीला इंजेक्शन, मौत की सजा के इस ऑप्शन से क्यों बच रही सरकार?
सुप्रीम कोर्ट में मौत की सजा देने के तरीके पर बहस हो रही है. फांसी को अमानवीय और क्रूर बताते हुए मांग की गई है कि इसकी जगह जहरीले इंजेक्शन या दूसरा कोई विकल्प चुना जाए. हालांकि सरकार अभी इंजेक्शन के विकल्प के लिए तैयार नहीं है. अमेरिका में तीन इंजेक्शन वाली 9 डोज से ही दोषी को मौत की सजा दी जाती है.
सोशल मीडिया पर ब्लॉक करने पर की हत्या! महिला ने की बॉयफ्रेंड की नई गर्लफ्रेंड को उतारा मौत के घाट
Florida Murder Case: साकिना थॉम्पसन ने अपने एक्स बॉयफ्रेंड की नई गर्लफ्रेंड कायला हॉयसन की हत्या कर दी. ऐसा थॉम्पसन ने इसलिए किया कि उनके एक्स ने उनसे सोशल मीडिया पर ब्लॉक कर दिया.
America News: सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी के साथ वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला अमेरिका के जॉन एफ कैनेडी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचती है. यहां पहुंचने के बाद महिला अपना पासपोर्ट दिखाती है. उसके देश पर ‘टोरेंजा’ लिखा हुआ था, जिसे देखकर अधिकारियों का सिर चकरा गया.
War start again between Israel-Hamas:गाजा में जब युद्धविराम हुआ तो दुनिया को लगा की अब खून-खराबा थम जाएगा, लेकिन सीजफायर के छठे दिन बात बिगड़ गई और इजरायल के रक्षा मंत्री ने चेतावनी दी कि अगर हमास बंधकों के शव नहीं लौटाएगा और हथियार नहीं छोड़ेगा, तो इजरायल अमेरिका के साथ मिलकर फिर हमला करेगा. ट्रंप ने भी हमास को धमकी दी कि वे गिरोहों का सफाया करें, वरना इजरायल वापस लौटेगा. सेना अलर्ट पर है.
महारानी के साथ कौन सोएगा? कुश्ती से होता था फैसला, सत्ता के लिए आशिक को भी कर दिया था कुर्बान
Queen Nzinga: अंगोला की तेज तर्रार और बुद्धिमान रानी एनजिंगा की कई कहानियां वायरल रहती है. आज हम आपको उनके बारे कुछ ऐसी कहानियां बताने जा रहे हैं जिनके बारे में लोग कम ही जानते हैं.
इजरायल ने दी चेतावनी, कहा - अगर हमास समझौते का पालन नहीं करता तो हम अमेरिका के साथ मिलकर करेंगे हमला
इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज़ ने चेतावनी दी है कि अगर हमास ने सैन्यीकरण नहीं किया और अपने बंधकों के सभी शव नहीं लौटाए, तो इजरायल फिर से लड़ाई पर उतर जाएगा
Pakistan Taliban Ceasefire: तालिबान के लड़ाकों ने जिस तरह पाकिस्तानी सैनिकों की पैंट फाड़ी और बेइज्जत करने के वीडियो बनाए, उससे पाकिस्तानी सेना की हालत पस्त हो गई है. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ अब भारत-भारत चिल्ला रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि डोनाल्ड ट्रंप यह जंग भी रुकवाएं तो स्वागत है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला में अमेरिकी केंद्रीय खुफिया एजेंसी (सीआईए) को सीक्रेट ऑपरेशन चलाने की मंजूरी दे दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस फैसले पर वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो का रिएक्शन भी सामने आया
पहली बार भारत आईं श्रीलंका की पीएम, 18 अक्टूबर तक भारत में रहेंगी, कई मुद्दों पर करेंगी चर्चा
श्रीलंका की प्रधानमंत्री हरिनी अमरसूर्या पहली बार दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर गुरुवार को भारत पहुंचीं। श्रीलंका में प्रधानमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद यह उनकी पहली भारत यात्रा है
लोग मुझे देखकर ताने मारते हैं कि ये हैंगर में टंगे कपड़े सी लगती है। राह चलते लड़के तंज कसते हैं। मोहल्ले की आंटियां तो मेरे पीछे ही पड़ गई हैं कि जब तक इसकी शादी नहीं होती, इसका शरीर ही नहीं भरेगा। दुकानों पर फिटिंग के कपड़े नहीं मिलते। एक्स्ट्रा स्मॉल साइज के कपड़े छोटा करा-कराकर बार-बार पहनती हूं। अच्छे-अच्छे कपड़े खराब हो जाते हैं। ऐसा लगता है कि पतला होना पाप हो गया। मैंने कोई गुनाह कर दिया है। आज ब्लैकबोर्ड में कहानी इन्हीं पतली लड़कियों की… दिल्ली के एक पार्क में 20 साल की गिन्नी नीली जीन्स और सफेद टॉप में बैठी हैं। वो बेहद पतली हैं। उनका वजन 40 किलो है। मिलते ही गिन्नी मुस्कुरा देती हैं, लेकिन उनकी मुस्कुराहट के पीछे बहुत शिकायतें हैं। बताती हैं कि जब वो 11-12 साल की थीं, तब इनका वजन बिल्कुल ठीक था। लेकिन जैसे ही प्यूबर्टी यानी शारीरिक बदलाव शुरू हुआ, सब कुछ बदल गया। पीरियड शुरू होते ही अचानक वजन कम होने लगा- पूरे 10 किलो घट गया। मां डर गईं। वे उन्हें डॉक्टरों के पास ले गईं। हर तरह का टेस्ट कराया। थायरॉइड, ब्लड चेकअप, हार्मोनल चेकअप, लेकिन सब नॉर्मल निकला। गिन्नी कहती हैं, 'मेरा वजन कम होना तो जैसे मोहल्ले की आंटियों के लिए तमाशा बन गया। सभी को लगता था कुछ न कुछ तो गड़बड़ है। कुछ कहती खाना कम खाती हूं। एक बार पड़ोस में गाने-बजाने का कार्यक्रम था। वहां गई तो मुझे देखकर मोहल्ले की आंटियां तरह-तरह की बातें बनाने लगीं। एक आंटी ने हंसते हुए पूछा- 'बेटा, डॉक्टर ने क्या बताया?' आखिर घर में सबका शरीर ठीक है, तुम इतनी पतली क्यों हो? वे मुझे जिम जाने की सलाह देते हैं। प्रोटीन पाउडर लेने को कहते हैं। उन्हें ऐसा लगता है, जैसे पतला होना कोई बीमारी है। एक दिन एक शादी में जाने के लिए तैयार हुई। मेरे कपड़े देखकर दादी ने कहा कि तुम बहुत पतली लग रही हो। सूट के बजाय जीन्स-टी-शर्ट पहनकर जाओ। उस दिन रो दिया था। सोच रही थी कि अब तो शादी-ब्याह के पारंपरिक कपड़े भी नहीं पहन पाऊंगी। इसी तरह कॉलेज में दोस्त पड़ोस और रिश्तेदारों से अलग ही बातें करते। वे कहते कि गिन्नी थोड़ा खाया-पीया करो। तुम ऐसी लगती हो कि फूंक दो तो उड़ जाओ। जैसे हैंगर पर टंगा कपड़ा लगती है। उसके बाद जब एक ऑफिस ज्वाइन किया तो लोग वहां हंसकर कहते तुम्हें देखकर लगता है जैसे स्केलेटन यानी कोई कंकाल हो। इस तरह की बातें मजाक में कही जाती हैं, लेकिन दिल टूट जाता है। यही नहीं, सोशल मीडिया पर भी चैन से नहीं रहने देते लोग। वहां मेरे दोस्त मोटी होने के नुस्खे बताने वाली रील्स भेजते हैं। कहते हैं कि गिन्नी, इस सलाह को फॉलो करो, वजन बढ़ जाएगा। उस पर मन करता है कि जाकर मुक्का मार दूं। आखिर में इन बातों से तंग आकर मैंने पैडेड ब्रा पहनना शुरू किया, ताकि भरी-भरी दिखूं। लेकिन असलियत तो मुझे पता है। इन कपड़ों से आत्मविश्वास नहीं आता। एक बार लाल रंग का, एक गोल गले वाला ब्लाउज खरीदी। घर आकर पहना, तो बहुत ढीला था। उसके बाद टेलर के पास जाकर उसकी फिटिंग कराई, लेकिन उसका सारा मैटीरियल और स्टाइल खराब हो गया। उस दिन बहुत अफसोस हुआ था। ऐसा लग रहा था जैसे किसी और के शरीर में खुद को फिट कर रही हूं। अब किसी दुकान पर कपड़े खरीदने जाती हूं तो टेंशन होती है। महिलाओं के सेक्शन में तो जाती ही नहीं। उसमें मेरे साइज के कपड़े ही नहीं मिलते। बच्चों के सेक्शन में जाकर अपने साइज के कपड़े ढूंढती हूं। कई बार तो दुकानदार भी कह देते हैं- 'अभी स्कूल जाती हो क्या?' अब तो बड़े कपड़े पहनने लगी हूं। इस पर कुछ लोग मजाक उड़ाते हुए कहते हैं कि तुम्हारे ऊपर कपड़ा ऐसे लगता है, जैसे धूप में सूखने को टंगा हो। इस बार नवरात्र में एक आंटी ने मुझे कन्या समझकर अष्टमी के दिन भोज के लिए बुला लिया। मैंने उनसे कहा था कि आंटी मैं 20 साल की हूं। 'वो हंसते हुए बोली थीं- अरे, मुझे लगा कि तू अभी बच्ची है।' गिन्नी कहती हैं कि आखिर वो वही सब खाती हैं, जो बाकी लोग। लेकिन उन पर कुछ असर नहीं करता। कोई कहता है कि जेनेटिक कारण हैं, तो कोई कमजोरी बताता है। जबकि मेरा पूरा परिवार एकदम फिट है। घर में मां हर दिन कोशिश करती हैं कि मेरा वजन बढ़ जाए। वो मुझे दूध में बादाम मिलाकर देती हैं। केला शेक बनाती हैं। कभी न्यूट्री ग्रेन, तो कभी वेट गेन पाउडर लाकर देती हैं। लेकिन कोई खास फायदा नहीं होता। शादी के बाद भी नहीं बढ़ा पूजा का वजन 29 साल की पूजा, नोएडा की एक साधारण गृहिणी हैं। वह भी बेहद पतली हैं। उनका वजन हमेशा 42 से 45 किलो के बीच रहा है। पूजा बताती हैं कि जब उनकी शादी तय हुई तो घर वालों ने पूरी कोशिश की कि थोड़ी मोटी हो जाएं। पापा दूध में केले और मुनक्का डालकर पिलाते। कहते- इससे भूख बढ़ेगी, ज्यादा खाओगी। पड़ोस के एक अंकल कहते कि सबके साथ बैठकर खाना खाया करो। सबके साथ खाओगी तो दो रोटी ज्यादा खा लोगी। आखिर सब करके देख लिया, लेकिन उनका वजन नहीं बढ़ा। सगाई के दिन तो लोग कह रहे थे कि बाकी सब तो ठीक है, लेकिन लड़की पतली है। फिर शादी के दिन जब खूब सजी-धजी थीं तब भी लोग बातें कर रहे थे- 'लड़की तो बहुत पतली है।' उस समय लगा कि सजना-धजना सब बेकार हो गया। जब शादी हुई तो तानों ने एक अलग ही रंग ले लिया। लोग कहते हैं- 'तुम्हारी सास खाने नहीं देती क्या? घर में लड़ाई होती है? टेंशन में रहती हो?' जब उनकी प्रेग्नेंसी हुई तो भी केवल 10 किलो वजन बढ़ा था। डॉक्टर कहते थे कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का वजन 75 से 80 किलो तक हो जाता है, लेकिन उनका वजन सिर्फ 55 किलो हुआ। जब बच्चा पैदा हो गया तो वजन फिर से कम हो गया। उससे पहले लोग कहते थे कि शादी के बाद वजन बढ़ जाएगा। लेकिन कुछ नहीं बदला। लोगों की बातें बढ़ती गईं। इस दौरान डॉक्टर से हर 3-6 महीने में मेडिकल चेकअप करवाती हूं। थायरॉयड, टीबी सबका चेकअप होता है, लेकिन रिपोर्ट हमेशा नॉर्मल रहती है। वह रुककर कहती हैं- ‘अगर मुझे कोई बीमारी होती, तो इलाज करवा लेती, लेकिन मेरा शरीर ही ऐसा है, क्या करूं?' पूजा कहती हैं कि जब वह शादी या किसी फंक्शन में साड़ी पहनकर जाती हैं, तो लोग कहते हैं- ‘साड़ी तुम पर सूट नहीं करती।' तुम्हारी तो जैसे कमर ही नहीं है। अब तो घर से बाहर कहीं जाने का मन नहीं करता। सोशल मीडिया पर भी राहत नहीं मिलती। उनके इंस्टाग्राम पेज पर और वॉट्सऐप पर मोटी होने के नुस्खे वाले मैसेज आते रहते हैं। पतली होने की वजह से सीमा की शादी नहीं हो रही 25 साल की सीमा पटना यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट हैं। वह बताती हैं, घर में हम तीन बहनें हैं- दोनों की शादी हो चुकी है, मैं सबसे छोटी हूं। सीमा मानती हैं कि पतली होने से उनका व्यक्तित्व अधूरा लगता है। मन में एक अजीब-सा डर रहता है। जब अपने दोस्तों के साथ होती हूं तो वे कहते हैं कि हमारे बीच एक कुपोषित लड़की रहती है। वे कहते हैं, लगता है जैसे कॉलेज के बच्चों के बीच पांचवीं क्लास का कोई बच्चा खड़ा हो। मैं कॉम्पिटिटिव परीक्षाओं की तैयारी करती हूं। कुछ परीक्षाओं के लिए न्यूनतम वजन जरूरी होता है, नहीं तो मैं पात्र नहीं हो पाती। जैसे दरोगा की परीक्षा के लिए 48 किलोग्राम वजन होना जरूरी है। अभी हाल ही में मेरी दीदी की शादी हुई है। मैं भी उनके साथ लहंगा लेने गई थी। जो लहंगा पसंद आया, वह मेरे साइज का नहीं था। जब दुकानदार से उसे छोटा करने को कहा, तो उसने कहा- थोड़ा बहुत छोटा किया जा सकता है, ज्यादा नहीं। आपके साइज का करूंगा तो ड्रेस का डिजाइन और मटेरियल दोनों खराब हो जाएगा। ऐसी बातें चिंता और अवसाद में डाल देती हैं। अब जब मेरी भी शादी की बात चल रही है। कई रिश्ते आए, लेकिन ज्यादातर में लड़के वालों ने मेरा शरीर देखकर रिश्ता करने से मना कर दिया। रिश्तेदार बताते हैं कि फोटो भेजने पर लोग कहते हैं-आंखें तो अच्छी हैं, लेकिन शरीर कमजोर है। लोगों के ताने सुन-सुनकर परेशान हो चुकी हूं। मैंने अब लोगों से मिलना-जुलना बंद कर दिया है। हमेशा सोचती हूं कि क्या करूं कि शरीर सही हो जाए। वजन कम होने से लोग मेरी बातें गंभीरता से नहीं लेते। (गिन्नी, पूजा और सीमा तीनों बदले हुए नाम हैं।) --------------------------------------- 1- ब्लैकबोर्ड- तंग आकर घाघरा-चोली आग में फेंक दी:लोग लड़की समझकर पीछा करने लगते थे; तब बताना पड़ता कि 'भाई, मैं मर्द हूं' 'मेरे भीतर एक औरत थी। शुरुआत से ही। दुनिया क्या कहेगी, लोग क्या कहेंगे, यह सब सोचकर मैं चुप रह जाती थी। फिर एक दिन मैंने तय कर लिया कि अपने भीतर की औरत को सजाना है, संवारना है और दुनिया के सामने निखारना है। मैंने महिलाओं से घाघरा-चोली मांगे और फेयर एंड लवली लगाकर सज गई। मुझे बॉलीवुड की नूरजहां बहुत पसंद थीं, सो मैंने अपना नाम नूरजोरा रख लिया। पूरी खबर यहां पढ़ें 2- ब्लैकबोर्ड-56 की उम्र में 20 साल छोटे लड़के से शादी:देवर बोला, भाभी कहूं या बुआ; लोग तंज कसते हैं- देखो मां-बेटे जा रहे 56 साल की थी जब कनाडा में पति ने मुझे तलाक दे दिया। भारत लौटी तो बहुत परेशान थी। यहां मुझे अपने से 20 साल छोटे लड़के निखिल से प्यार हो गया। शादी के लिए जब हम तैयार हुए तो लोगों ने जमकर विरोध किया। निखिल की मां ने मुझसे कहा कि सोचो, अगर तुम्हारा लड़का 20 साल बड़ी लड़की से शादी करता तो तुम एक मां के तौर पर क्या करती? पूरी खबर यहां पढ़ें
दिवाली से पहले ही बाजारों में सोने के बाद अब चांदी को लेकर भी मारामारी शुरू हो गई है. क्योंकि पूरी दुनिया चांदी की कमी से जूझ रही है. लेकिन क्यों? आखिर दुनियाभर में 5 सालों का चांदी का स्टॉक कैसे खत्म हुआ, जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...
‘देश में कहीं भी करोड़ों रुपए पहुंच जाएंगे। दो मिनट का फर्क नहीं होगा। कश्मीर में भी पहुंच जाएंगे लेकिन वहां किसी मुस्लिम से डील नहीं होगी। क्योंकि अगर किसी के हाथ चढ़ गया तो मामला सीधे आतंकवाद से जुड़ेगा। पैसे मिलते ही ‘जयश्री महाकाल’ लिख देना, यही कोडवर्ड है’ यह बात कारोबारी बनकर दिल्ली में हवाला रैकेट चलाने वाले माफियाओं ने भास्कर के हिडन कैमरे पर कही। शॉपिंग और खाने–पीने के लिए फेमस दिल्ली का चांदनी चौक इन माफियाओं का गढ़ है। जो दुकानें ऊपर से साज–सजावट के सामान से भरी नजर आती हैं, वहीं से ये माफिया हवाला का रैकेट चलाते हैं। रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए भास्कर रिपोर्टर ने ब्रोकर बनकर तीन माफियाओं से डील की। पढ़िए और देखिए रैकेट कैसे चल रहा है, और कैसे करोड़ों रुपए चंद घंटों में यहां से वहां किए जा रहे हैं। पहले 50 लाख दो दिन बाद 1 करोड़ लोकेशन : चांदनी चौक किससे मिले : गुलशन–नीरज (हवाला एजेंट्स) दिल्ली का चांदनी चौक। ओल्ड लाजपत राय मार्केट। रंगीन लाइटों की दुकानें। संकरी सीढ़ियों से होते हुए हम दुकान के अंदर दाखिल हुए। चारों तरफ लाइटों से भरे कर्टन रखे थे। कमरेनुमा दफ्तर था। जब हम यहां पहुंचे तो दो लोग पहले से ही बैठे थे। कुछ ही मिनटों में तीसरा शख्स भी पहुंचा। हमने खुद को ब्रोकर बताया। कहा कि, दुबई में हमारी सट्टा कंपनी है, जो क्रिकेट और गेम्स पर सट्टा खिलवाती है। इसका पैसा हवाला के जरिए कश्मीर भेजना है और कश्मीर से पैसा दिल्ली लाना है। अब पढ़िए रिपोर्टर और ब्रोकर के बीच हुई बातचीत। नीरज : कश्मीर में किस जगह चाहिए रिपोर्टर : जहां दे दे नीरज : यहां पे कहां देंगे रिपोर्टर : यहीं दे देंगे नीरज : करोल बाग रिपोर्टर : करोल बाग में दे देंगे नीरज : चांदनी चौक में कोई लेना नहीं चाहता रिपोर्टर : ठीक है। सिस्टम क्या रहेगा नीरज फोन पर : हेलो, यह करोल बाग में दे देंगे, वहां कश्मीर में कहां दोगे रिपोर्टर : श्रीनगर अगर दे देंगे, तो बढ़िया रहेगा। सबसे सेफ तो श्रीनगर ही है। नीरज फोन पर : कोई नहीं, जैसे बोलोगे, वैसा कर लेंगे। पहले 50 देंगे, दो दिन, फिर उसके बाद एक सीआर, दो सीआर जो भी है, स्टार्टिंग एक से रिपोर्टर : ठीक है कोई बात नहीं, स्टार्टिंग एक से करते हैं नीरज फोन पर : वहां बंदा जो हमारा पैसा गिनेगा, यहां पर आप पैसा देख लो, वहां पैसा उसने हाथ में लिया, यहां आप ले लो। कोई दिक्कत नहीं हमारा बंदा वहां पहुंच जाएगा। आपके बताए हुए एड्रेस पर, यहां पर आप माल देख लो, वहां पर वो गिनना चालू करेगा। नीरज : देखो पेमेंट आप यहां पे ऐसे लेकर बैठोगे। बंदा देख लिया पेमेंट है, गिन लिया। हम पहुंचे पैसे लेकर, आपका बंदा वहां पहुंच जाएगा पैसे लेने वाली लोकेशन पे रिपोर्टर : ठीक है नीरज : यहां से यह पैसे गिने, वहां से, ओके जी पैसे गिन लिए, यह पैसे पकड़, वो पैसे हमने दिए रिपोर्टर : ठीक है गुलशन: बिल्कुल, साफ–सुथरा काम रिपोर्टर : श्रीनगर में कहां पर नीरज : जहां आप बोलोगे, वहां पर वो दे देंगे, अगर हम लोकेशन बताएंगे, तो आपको वहां पर आकर लेना पड़ेगा रिपोर्टर : ठीक है, मतलब लोकेशन तो श्रीनगर की रहेगी ना नीरज : हां, कश्मीर में कहीं भी ले लो आप। आप जहां बोलोगे उस लोकेशन पर पहुंच जाएगा, लेकिन प्रोफाइल 'M' नहीं होना चाहिए रिपोर्टर : 'M' मतलब नीरज : मोमदन, कंडीशन यह है कि मोमदन नहीं होना चाहिए, सामने वाला पैसा लेने वाला भी और इधर से देने वाला भी, क्योंकि अगर हाथ किसी के चढ़ गया फिर, हवा लग जाएगी ज्यादा गुलशन : देखो जी साफ काम करने में कोई बुराई नहीं है। बात मुसलमान की नहीं है, वहां पर थोड़ी दिक्कत है रिपोर्टर : समझ रहा हूं। वहां कोई हिन्दू तो रहता नहीं है, सब मुस्लिम ही हैं। मेरे ख्याल से आपकी जो पेमेंट होगी, वहां पर भी कोई कश्मीरी ही होगा, कोई मुस्लिम कश्मीरी ही होगा नीरज : डील सब हिन्दू करते हैं। बाकी लेने देने का जब काम हो जाता है, उसके बाद बात की बात है, लेकिन डीलिंग सारी मुसलमान से नहीं होगी। सब हिन्दू से ही होगा। लेने वाला वर्कर भले ही मुसलमान हो। क्योंकि मोमदन केस में मामला सीधे आतंकवादी तक पहुंच जाता है रिपोर्टर : ठीक है, पैसे यहां देने हैं या करोल बाग नीरज : चांदनी चौक में डील नहीं रिपोर्टर : क्या दिक्कत है नीरज : यहां ईडी, क्राइम ब्रांच, विजिलेंस सब घूमते हैं, ईडी रेड मारेगी तो टाइम लेती है, एक घंटे का, मारने से पहले परमिशन लेती है, लेकिन एनआईए परमिशन बाद में लेती है कि हमने रेड मारी है रिपोर्टर : करोल बाग सेफ है ना गुलशन : सेफ है भाईसाहब, मार्केट आपने देखी नहीं करोल बाग की रिपोर्टर : मार्केट देखी हुई है गुलशन : मार्केट में ही, कोई बाहर थोड़ी ना जंगल में पैसे लेंगे रिपोर्टर : ठीक है गुलशन : जब आप पैसे लेकर आ रहे हो, किसी को बताना मत। फोन स्विच ऑफ कर दो। लोकेशन आपकी… लेटेस्ट की होगी। अब आप वहां पहुंचोगे। मेरे बंदे खड़े होंगे। छोटा भाई नीरज मिलेगा। पैसा गिनेगा…पैसे ले लिए, ओके हो गया, कोड श्री जय महाकाल लिख कर भेज दिया। वो गया, इधर पैसे गए। मेरे बंदे खड़े होंगे, पूरी टीम, सेफ्टी के लिए रिपोर्टर : ठीक है मिडिल मैन (राजुल) : अच्छा गुलशन भाई जैसे यहां से पैसे भेजा, वहां से अगर मंगाना भी हो तो रिपोर्टर : सेम रूट से आएगा नीरज : पूरे हिंदुस्तान में लिंक है। बांग्लादेश के पास भी दे देंगे। सऊदी अरब में भी दे देंगे। आप यहां बैठे हो ना। आप बोलो कि भाई मैं आपको कैश दे दूंगा, सऊदी अरब में आप उसको दे दो, तो दे देंगे रिपोर्टर : सेम रूट से वापस भी आ जाएगा पैसा, यहां पर पैसा अगर मंगवाना हो नीरज : जाएगा दूसरे रूट से, आता दूसरे रूट से है रिपोर्टर : कश्मीर से पैसा आ जाएगा दिल्ली नीरज : आ जाएगा गुलशन और नीरज की बातों से पता चलता है कि, चांदनी चौक–करोल बाग में हवाला का नेटवर्क एक्टिव है। दोनों ने दावा किया कि, कश्मीर से दिल्ली हवाला के जरिए पैसा पहुंचा भी सकते हैं और ला भी सकते हैं। सऊदी अरब–बांग्लादेश तक नेटवर्क है। चांदनी चौक पर जांच एजेंसियों की नजर है, इसलिए अब कारोबार करोल बाग से हो रहा है। कश्मीर को लेकर दोनों ने साफ कहा कि, किसी भी मुस्लिम से कोई हवाला डील नहीं करेंगे, हिंदू के जरिए डील करने को राजी हैं। नीरज के मुताबिक, हवाले की रकम का 5% हिस्सा कमीशन के तौर पर कट जाता है। बाकी पैसा कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक, जहां कहो वहां पहुंच सकता है। चाहे चुनावी खर्च का कैश हो या सट्टे का काला धन, इस हवाला नेटवर्क के लिए सब एक जैसा है। हाल ही में बड़े आतंकी हमले से दहले पहलगाम जैसे संवेदनशील इलाके में भी ये लोग बिना किसी परेशानी के रकम पहुंचाने का दावा कर रहे है। दूसरी मुलाकात हवाला रैकेट चलाने वाले राकेश जैन से हुई....... लोकेशन : चांदनी चौक, पुरानी दिल्ली किससे मिले : राकेश जैन, हवाला रैकेट चलाता है पड़ताल के दौरान हमारी अगली मुलाकात अदनान से हुई। अदनान के संपर्क में पुरानी दिल्ली के कई हवाला एजेंट हैं। अदनान ने बताया कि वह राकेश जैन नाम के शख्स को जानता है, जो आज के हालात में श्रीनगर में हवाला के जरिए पैसा पहुंचा सकता है। अदनान के मुताबिक, राकेश चांदनी चौक का बड़ा हवाला एजेंट है। शुरुआत में अदनान ने राकेश से फोन पर बात की, क्योंकि मामला श्रीनगर का था और फिलहाल कोई भी एजेंट वहां डील करने को तैयार नहीं था। राकेश ने अपने नेटवर्क से बातचीत करने के लिए दो दिन का वक्त मांगा। फिर अदनान ने हमे जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन के ठीक सामने मिलने के लिए बुलाया। हम अदनान के साथ चांदनी चौक की एक दुकान पर पहुंचे, जहां राकेश से मुलाकात हुई। राकेश : मेरे से क्या चाहते हो रिपोर्टर : बात हुई थी ना अभी राकेश : दुबई से पैसे चाहिए रिपोर्टर : दुबई नहीं, कश्मीर राकेश : वहां बड़ी दिक्कत है रिपोर्टर : हां दिक्कत चल रही है राकेश : संदीप भाई आप से दो टूक बात करूंगा। इस टाइम 2000 रुपए है रिपोर्टर : ठीक है राकेश : आप कहोगे ना काम चालू करवा दूंगा रिपोर्टर : ठीक है राकेश : आप यहां छोड़ देना, शाम तक आपको रिसीव हो जाएगा रिपोर्टर : पेमेंट आपको इसी शॉप पर देनी है या जहां से पेमेंट जाएगी, वहां देना है राकेश : जहां से पेमेंट जाएगी, वहीं देना है, कूचा घासी राम रिपोर्टर : कूचा घासी राम से, मतलब आप जगह बता दोगे, वहां, पेमेंट बंदा लेकर आएगा यहां पर, आपके, कूचा घासी राम जो बता रहे हैं, जगह, वहां पे, लेकिन वो बैठा रहेगा, जब तक वहां पर पैसा रिसीव नहीं हो जाता, तब तक राकेश : बाकी पैसे देने पड़ेंगे पहले ही रिपोर्टर : पेमेंट लेकर बैठेगा राकेश : लेकर नहीं बैठेगा, तुम कहो बैठा है, वहां दे दो, वो होगा काम रिपोर्टर : आप समझे नहीं बात को, आपको हाथ में दे देंगे राकेश : पैसे चले जाएंगे, वहां से उठ के रिपोर्टर : अच्छा राकेश : पैसे दिन भर आते हैं और दिन भर जाते हैं रिपोर्टर : अब चार घंटे में तो कश्मीर पहुंचेगा नहीं पैसा, वहां पैसा ऑलरेडी होता ही है, रखा होगा न राकेश : पैसा एक जगह ट्रांजैक्शन होकर जाता है, मैंने लिया, वहां से एक जगह पहुंचता है, वहां से ओके हो जाता है, पैसे मिल जाएंगे आपको, लेकर कोई नहीं जा रहा रिपोर्टर : वो ही तो, कह रहा हूं राकेश : बाकी आप ये कहो कि मैं लेकर बैठा हूं, मैं कहूं कि मैं भी लेकर बैठा हूं, न तू देगा ना मैं दूंगा, बात समझो आप हवाले का काम कैसे होता है, भेजने के पैसे मिल रहे हैं, जैसा तुम चाह रहे हो, वो नहीं होगा पाएगा। न तुम दोगे ना मैं दूंगा रिपोर्टर : हवाला का काम होता कहां पर है राकेश : चलो एक बार घुमा लाऊंगा आपको, कल आप आ जाना 12:00 बजे के करीब रिपोर्टर : ठीक है राकेश : अपनी दुकान है यह, मेरा छोटा भाई है, मेरी चांदनी चौक पर खुद की दुकान है रिपोर्टर : कपड़ों की दुकान है न राकेश : मालीवाड़ा में रिपोर्टर : मालीवाड़ा में राकेश : ठीक है, मेरा अपना ऑफिस भी है प्रॉपर्टी का, ऐसी कोई बात नहीं है ... रिपोर्टर : सही कह रहे हो आप, होता है ना, पहली बार में थोड़ी सा एक आदमी को राकेश : पहली हो या आखरी हो जब पैसे देने जाओगे, छोड़कर ही जाना पड़ेगा पैसा, मैंने तुम्हें बैठने के लिए भी कह दिया, वह तो तुम्हें एक सेकंड भी नहीं बैठने देगा, पैसे दिए, जाओ चलो, यह तुम्हें भी पता है रिपोर्टर : वह तो हर जगह का अपना सिस्टम होता है, अब जैसे, जहां हमारी जानकारी वहां कोई दिक्कत नहीं है, इन सब बातों की, लेकिन जहां नहीं जानकारी है, वहां सब बातें हैं। रिपोर्टर : श्रीनगर देंगे या जगह जो हम बताएंगे, वहां देंगे राकेश : श्रीनगर ले लो, लाल चौक, जैसे चांदनी चौक है, वैसे लाल चौक, रिसीविंग देने तो कोई नहीं जाएगा आपको, आपको ही जाना पड़ेगा रिपोर्टर : हां हां, वो तो आदमी वहां का रहेगा राकेश : क्या है कि, बड़ी मुश्किल से एक से बात बनी है, नहीं तो एक महीने से काम ही नहीं हो रहा है रिपोर्टर : हो रहा है, सबका अपना-अपना रूट है राकेश : दूसरे रूट से हो रहा है, जो सबसे खास है उनका काम हो रहा है, नया काम कोई नहीं पकड़ रहा है, जैसे मैं तुम्हारा नया काम पकड़ रहा हूं न, वैसे कोई पकड़ेगा नहीं, वो मेरी बात पर पकड़ा जाएगा रिपोर्टर : सही कह रहे हैं आप राकेश : पहली बात, दूसरा मोमदन के नाम से बिदक जाएगा वो, आप इस बात को गलत तरीके से मत लेना, हर आदमी की अपनी सोच है रिपोर्टर : सही बात है राकेश : कोई नहीं आप कल आ जाना एक बार, देख कर चले जाना, मंडे से काम करो, कोई दिक्कत नहीं रिपोर्टर : संडे को, पार्टी है दुबई में अभी, संडे को ये आएगी, मंडे को मेरी मुलाकात होगी, मंगलवार, बुधवार से मान कर चलो काम शुरू हो जाएगा राकेश : ठीक है राकेश जैन का मलिवाडा में कपड़े व प्रॉपर्टी डीलिंग का ऑफिस है, और उसी की आड़ में वो हवाला रैकेट चलाता है। वो दावा करता है कि वो श्रीनगर के लाल चौक हो या दुबई का बुर्ज खलीफा हवाला के जरिए कहीं भी पैसा पहुंचा देगा। पटना से हवाला के जरिए पैसे लाने हैं या भेजने, यह काम दो घंटे में हो जाएगा। राकेश से दूसरी मीटिंग… बल्लीमारान, चांदनी चौक एरिया डील की जगह दिखाई, हवाला का अड्डा पुरानी इमारत में निकला एक तरफ राकेश को डर था कि कहीं हम उसका ठिकाना देखकर पुलिस को खबर न कर दें। दूसरी तरफ उसे तसल्ली भी थी, क्योंकि हमारी मुलाकात उस बिचौलिए के जरिए हुई थी जिसे वो पिछले 12 सालों से जानता है। उसे भरोसा था कि ये बिचौलिया उसे किसी गलत आदमी से नहीं मिलवाएगा। इसी भरोसे के चलते उसने हमें अगले दिन दोपहर 12 बजे चांदनी चौक बुलाया। जगह पूछने पर राकेश ने अदनान की तरफ इशारा किया — बोला, ये जगह जानता है। लेकिन अदनान को कुछ जरूरी काम आ गया, तो उसने हमें जामा मस्जिद मेट्रो स्टेशन पर दोपहर 3 बजे मिलने को कहा। हम तय वक्त पर पहुंच गए। स्टेशन के बाहर अदनान बाइक लिए हमारा इंतजार करता मिला। हम उसकी बाइक पर सवार हो गए। चांदनी चौक की संकरी गलियों से होकर वो हमे बल्लीमारान की तरफ ले गया। एक पुरानी मस्जिद के बाहर बाइक रोकी और फिर हम पैदल चल पड़े। थोड़ी ही दूर चले थे कि राकेश जैन रास्ते में मिल गया। उसने कहा, “चलिए, आपको जगह दिखाता हूं जहां पैसा पहुंचाना है।” वो हमें लेकर कूचा घासी राम इलाके की तरफ बढ़ा और बताने लगा कि यहीं से पैसा हवाला के जरिए श्रीनगर जाएगा। बात करते-करते राकेश अचानक एक पुरानी बहुमंजिला इमारत में घुस गया। अंदर काफी अंधेरा था। थोड़ी दूर चलने पर कुछ कमरे दिखे। एक कमरे की तरफ इशारा करते हुए राकेश ने बताया — यही वो कमरा है... जब काम चलता है तब खुलता है। अभी सब लोग चले गए हैं, इसलिए बंद है। दरवाजे पर ग्रिल थी और उस पर ताला लटका था। इतना कहकर राकेश हमें तेजी से बाहर लेकर आया। हम फिर मुख्य सड़क पर आ गए। वहीं खड़े-खड़े राकेश ने एक बार फिर पूरी डील दोहराई — पैसा कहां देना है, और कोडवर्ड से श्रीनगर में कैसे रिसीव होगा। रिपोर्टर : मैक्सिमम कितना अमाउंट यहां से जा सकता है राकेश : 50 लाख से ज्यादा लेंगे ही नहीं, 5 लाख, 2 लाख जो भी दोगे, तुम्हारी डील हो जाएगी, 50 से ऊपर तुम चाहे 10 रुपए ले आओ, तो भी हम तुमसे तीन बार में लेंगे, 50-50 करके, क्यों इससे ज्यादा काम नहीं करेंगे, आदमी भग जाएगा रिपोर्टर : मैंने शाम को 4 बजे 10 लाख रुपए दिए, तो रात 9 बजे श्रीनगर में रिसीव हो जाएंगे राकेश : वो पहले ही हो जाएंगे, 9 बजे हो जाएंगे, 2 घंटे अपनी तरफ से लेट बोल रहा था रिपोर्टर : दूसरी चीज, पैसा मुझे मुकेश श्रीवास्तव इन्हीं के आफिस में देना है राकेश : यही पर रखना, अंदर ऑफिस दिखाया था वहां पर रिपोर्टर : वहीं पर ना जो मुकेश श्रीवास्तव ऑफिस था, जहां बैठे हुए थे राकेश : कमरे कई होते हैं ये, इस कमरे में नहीं तो इस कमरे में, होना यहीं है सब रिपोर्टर : वहां कहां रिसीव होगा राकेश : लाल चौक रिपोर्टर : लाल चौक पर, लाल चौक का कोई एड्रेस दोगे राकेश : एड्रेस भी दूंगा, फोन नंबर भी दूंगा, फोन नंबर से पैसा रिसीव होगा, नोट नंबर दूंगा रिपोर्टर : नोट नंबर दोगे, कोड में नोट रहेगा, जूते का चलता था पहले राकेश : वो अपना अपना सिस्टम होता है रिपोर्टर : नोट का नंबर दोगे राकेश : हां रिपोर्टर : ठीक है , जैन साहब व्यक्तिगत लेनदेन में दस्तावेज नहीं होते, इसलिए पकड़ना मुश्किल हवाला रैकेट पर यूपी के एक्स डीजीपी रंजन द्विवेदी कहते हैं कि, 'जब कोई लेन–देन व्यक्तिगत आधार पर होता है तो उसके दस्तावेज नहीं होते। ऐसे मामलों में कार्रवाई कठिन हो जाती है।' 'जितने भी हवाला कारोबारी हैं, उनके फोन पर निगरानी रखने के लिए अनुमति चाहिए, तब उनको रिकॉर्ड किया जा सकता है, और पकड़ा जा सकता है, लेकिन यह एक जटिल प्रक्रिया है।' 'मुझे लगता है हमारे डेटाबेस में हवाला कारोबार से जुड़े डेटा का इंटीग्रेशन होना चाहिए। आयकर विभाग कुछ काम कर रहा है; जैसे TAN, AIS, आदि फॉर्मों में डेटा आता है। लेकिन सभी स्तरों पर डेटा अभी भी संगठित/एकीकृत नहीं है।' 'कई देशों में डेटा इतना इंटीग्रेटेड है कि किसी सरकारी देनदारी का रिकॉर्ड न चुकाने पर जब आप इमिग्रेशन या अन्य सेवाओं पर जाते हैं तो वहां पर अलर्ट आ जाता है।' 'जब डेटा एकीकृत होगा तब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए एल्गोरिद्म बनाए जा सकते हैं जो सिग्नेचर्स पहचानें कि कौन सी एक्टिविटी हवाला से जुड़ी लगती हैं। इससे हवाला कारोबारियों पर सख्ती बढ़ाने में बड़ी मदद मिलेगी।' भास्कर ने इस खुलासे से जुड़े सवाल भारत सरकार के गृह मंत्रालय को ईमेल किए हैं। जैसे ही जवाब आएगा, उसे खबर में अपडेट किया जाएगा। कल पढ़िए बैंकिंग चैनल के जरिए चलने वाले हवाला का खुलासा…. यह हवाला रैकेट का पहला हिस्सा था। कल पढ़िए बैंकिंग चैनल के जरिए चलने वाले हवाला रैकेट का खुलासा। कैसे फर्जीवाड़ा करके बैंक अकाउंट खोले जा रहे हैं, और करोड़ों इधर से उधर किए जा रहे हैं…। ...................................................... भास्कर की ये इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट भी पढ़ सकते हैं जिस निशान को देखकर मुस्लिम सामान खरीद रहे वो फर्जी:5 हजार में मिल रहा फर्जी हलाल सर्टिफिकेट, कैमरे पर पर्दाफाश बिना जांच और बिना किसी तय प्रक्रिया के 5 हजार से 15 हजार रुपए में हलाल सर्टिफिकेट बनाए जा रहे हैं। न कोई वैरिफिकेशन, न दस्तावेजी पड़ताल, सिर्फ पैसे देकर ‘हलाल’ का ठप्पा लगवाइए और बेफिक्र व्यापार करिए। हलाल सर्टिफिकेट देखकर मुस्लिम ग्राहक ये यकीन कर लेते हैं कि वो जो प्रोडक्ट खरीद रहे हैं, वो जायज है और उसे कुरआन या हदीस में जो नियम बताए गए हैं, उसके तहत ही तैयार किया गया है। पूरा खुलासा पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें...।
‘मैं सीढ़ी पर बैठी थी, तभी चारों मेरे पास आए और मुझे खींचकर कॉन्वोकेशन सेंटर के पास खाली रूम में ले जाने लगे। उनमें से एक मेरी टी-शर्ट ऊपर कर ब्रेस्ट पर मारने और दबाने लगा। उन्होंने मेरी जैकेट उतारी और पैंट पकड़ कर खींचा। इसी धक्का-मुक्की में मैं गिर गई। फिर वो मेरी जांघ पर चढ़कर मुझे किस करने लगे।‘ दिल्ली की साउथ एशियन यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली वैशाली (बदला हुआ नाम) ने कैंपस के अंदर ही यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। विक्टिम का आरोप है कि इस दौरान आरोपियों ने उससे मारपीट की और कपड़े भी फाड़ दिए। घटना 12 अक्टूबर की रात हुई लेकिन FIR 14 अक्टूबर को दर्ज हो सकी। वैशाली बिहार की रहने वाली हैं और बी.टेक फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट हैं। वो करीब एक महीने पहले ही कैंपस में आई हैं। उनका ये भी आरोप है कि घटना की शिकायत करने पर केयर टेकर ने एक्शन लेने के बजाय उन्हीं पर सवाल उठा दिए। केयरटेकर का एक ऑडियो भी वायरल हुआ है, जिसमें वो कह रही हैं कि कपड़े फटे नहीं हैं बल्कि ब्लेड से काटे गए हैं। इस घटना के बाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वे यूनिवर्सिटी पर मामले को दबाने का आरोप लगा रहे हैं। 14 अक्टूबर को स्टूडेंट्स ने यूनिवर्सिटी प्रशासन को चिट्ठी लिखकर मामले की निष्पक्ष जांच और स्टाफ को सस्पेंड करने की मांग रखी। स्टूडेंट्स का आरोप है कि ये कोई पहली घटना नहीं है। प्रशासन ने पहले भी ऐसे मामलों में लापरवाही बरती है। दैनिक भास्कर की टीम ने दिल्ली में ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर स्टूडेंट्स और यूनिवर्सिटी प्रबंधन से बात कर पूरा मामला समझा। सबसे पहले पूरा घटनाक्रम समझिए…पहले ई-मेल कर मिलने बुलाया, फिर न्यूड फोटो भेज धमकायाFIR में दर्ज वैशाली के बयान के मुताबिक, 'आर्यन यश' नाम की मेल आईडी से उसे 2-3 दिनों से ईमेल आ रहे थे। उसे रात में 11.27 बजे गेस्ट हाउस की तरफ मिलने को कहा जा रहा था। दूसरे दिन फिर ईमेल आया, उसमें लिखा था कि वो बात नहीं मान रही है। इस बार उसे गंदे मैसेज और इमोजी भी भेजी गई। वैशाली ने ईमेल के बारे में अपने दो दोस्तों को बताया। इसके बाद उसके दोस्त रात करीब 11:27 बजे उस जगह पर देखने गए, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। वैशाली ने बयान में आगे बताया, ‘अगले दिन फिर शाम 6 बजे के बाद मुझे वॉट्सएप और टेलीग्राम मैसेज आया। मेरी ई-मेल की प्रोफाइल पर लगी फोटो को मॉर्फ कर न्यूड करके मुझे भेजा गया। उसके साथ मैसेज किया कि एक घंटे के अंदर यूनिवर्सिटी के गेट नंबर-3 पर नहीं आई तो सारी फोटो यूनिवर्सिटी में सर्कुलेट हो जाएंगी।‘ ‘मैंने अपनी दोस्त को मैसेज करके सारी बात बताई। इसके बाद फिर एक मैसेज आया, जिसमें लिखा था- ‘तू बहुत टाइम ज्यादा लगा रही है, मैं तेरे गेट के बाहर खड़ा हूं।’ B-1 ब्लॉक कम्पाउंड में एक लड़की दिखेगी, उसके साथ यूनिवर्सिटी के गेट नंबर-3 पर आ जाना।‘ FIR के मुताबिक, उसी वक्त वैशाली की दोस्त कॉल कर रही थी, लेकिन घबराहट में वो फोन उठा नहीं सकी और हॉस्टल के पीछे वाले रास्ते से निकल गई। कैंपस की बिल्डिंग में कपड़े फाड़े, रेप की कोशिश कीवैशाली ने FIR में आगे बताया, ‘मैं पहले सी-ब्लॉक की तरफ गई, वहां काफी भीड़ थी। मुझे लगा कि शायद मैसेज भेजने वालों में से कोई यहीं मिल जाए। इसके बाद मैं एडमिन ब्लॉक की तरफ बढ़ी, लेकिन भीड़ की वजह से मैं वहां से कॉन्वोकेशन सेंटर की ओर चली गई। यहां बिल्डिंग का काम चल रहा है। रात में यहां कोई आता-जाता नहीं है।‘ ‘थोड़ी दूर चलने के बाद एक गार्ड मिला। उसने पूछा कि क्या हो गया। मैंने बताया कि मेस में खाना खाने जा रही और वहीं थोड़ी दूरी पर बैठ गई। तभी गार्ड ने किसी को फोन किया। थोड़ी देर बाद वहां एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति आया। वो लोग आपस में बात करने लगे और मेरे पास आकर खड़े हो गए। उन्होंने फिर पूछा कि क्या हुआ, यहां क्यों आई हो। तभी दो और लड़के आ गए।‘ मैं उन्हें देखकर वहां से जाने लगी तो उनमें से एक ने पहले जैकेट उतारने की कोशिश की, जबकि दूसरे ने मेरी दोनों आंखों में उंगली डाल दी। वो लोग मुझे खींचकर कॉन्वोकेशन सेंटर के पास खाली रूम में ले जाने लगे। ‘इसी बीच उनमें से एक मेरी टी-शर्ट ऊपर कर ब्रेस्ट पर मारने और दबाने लगा। वो मेरी पैंट पकड़कर खींच रहे थे। इसी धक्का-मुक्की में मैं गिर गई। वो मेरी जांघ पर चढ़ गए और मुझे कंट्रोल करने की कोशिश करने लगे। फिर जबरदस्ती मेरे मुंह में एक पिल डालने लगे और मुझे किस करने लगे। तभी मेस-1 की तरफ से खाने का कार्ट लेकर कोई बाहर आ गया और आवाज सुनकर चारों भाग गए।‘ वैशाली ने बयान में आगे बताया, ‘भागते वक्त भी उन चारों ने मेरे साथ मारपीट की। जब मैं उठी तो मेरा फोन ऑफ था। मैंने फोन ऑन किया और वहां से बाहर भागी। मैं इतनी घबरा गई थी कि मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं कहां जा रही हूं। मैं रास्ते में दो-तीन बार बैठी। फिर मेरी रूम मेट आई और वो मुझे वापस हॉस्टल लेकर गई।‘ दोस्त ने बताया…पूरी रात सदमे में थी वैशाली, बोलती- मेरे कपड़े मत फाड़ोवैशाली की दोस्त बताती हैं, ‘जिस नाम से उसे ई-मेल भेजे जा रहे थे, कैंपस में उस नाम का कोई स्टूडेंट ही नहीं है। हालांकि वैशाली ने हमें बताया कि ई-मेल भेजने वाले को हॉस्टल के रूम नंबर और बाकी कई सारी चीजों के बारे में पता था।‘ दोस्त के मुताबिक, वैशाली जब 12 अक्टूबर की रात उसे मिली तो सदमे में थी। उसके कपड़े फटे हुए थे। उसने पूछने के बाद भी पूरी रात हमें कुछ नहीं बताया।‘ रात को सोते हुए अचानक उठ जाती और बोलने लगती- मेरे कपड़े मत फाड़ो। सुबह उठने के बाद उसने धीरे-धीरे पूरी घटना बताई। ये सब उसके साथ रात 8 बजे से 10 बजे के बीच हुआ। ‘सुबह करीब 9:30 बजे हमने हॉस्टल की केयरटेकर अनुपमा अरोड़ा को पूरी बात बताई लेकिन वो वैशाली पर ही सवाल उठाने लगीं। जब हमने उसे हॉस्पिटल ले जाने और पुलिस में रिपोर्ट करने की बात कही तो बोलने लगीं कि उसके कपड़े बदलवाओ और नहाने के लिए बोलो, ठीक हो जाएगी।‘ विक्टिम की दोस्त बताती है, ‘सुबह से सबकुछ पता होने और वैशाली की हालत देखने के बावजूद उन्होंने न जल्दी एंबुलेंस बुलाई और न ही पुलिस को जानकारी दी। कैम्पस में हर जगह सीसीटीवी लगे हैं, यूनिवर्सिटी को सबकुछ सामने रखना चाहिए।‘ हॉस्टल केयरटेकर बोली- कपड़े फटे नहीं ब्लेड से काटे लग रहेइस घटना को लेकर दैनिक भास्कर को हॉस्टल केयरटेकर अनुपमा अरोड़ा की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मिली है। इसमें वो स्टूडेंट्स से कह रही हैं, ‘आप लोग ऐसा मत बोलो कि कुछ गलत हुआ है। क्योंकि बच्ची के साथ कुछ नहीं हुआ है, वो बस थोड़ी मानसिक रूप से परेशान है।‘ ‘उसके कपड़े कैसे फटे हैं, आपने देखा है? कपड़ा कोई खींचेगा तो अलग तरीके से फटेगा। वो ब्लेड से कटा हुआ लग रहा है। किसी पहचान वाले ने फोन किया होगा, तभी वहां गई होगी। कोई भी लड़की अकेले कैसे चली जाएगी? मुझे पूरा यकीन है कि वो किसी जानने वाले के पास ही गई थी। मैं यहां 15 साल से हूं। आज तक यहां ऐसा केस नहीं हुआ।‘ FIR में विक्टिम ने भी शिकायत की है, ‘हमने उन्हें रात में ही कॉल किया था लेकिन वो बोलीं- सुबह आती हूं। स्टूडेंट रात से ही कह रहे थे लेकिन किसी ने नहीं सुनी। यूनिवर्सिटी किसी भी बाहर के व्यक्ति को इसमें शामिल नहीं करना चाह रही थी। मैंने मम्मी को वीडियो कॉल पर सब बताना चाहा लेकिन अनुपमा मैम और गार्ड मुझे कवर कर रहे थे, बताने नहीं दे रहे थे। अनुपमा मैडम ने बोला कि तुम लोगों के बहुत सारे बॉयफ्रेंड होते हैं।’ यूनिवर्सिटी अफसरों को अगले दिन दोपहर मिली खबर13 अक्टूबर की दोपहर 1:45 बजे हॉस्टल वॉर्डन रिंकू गुप्ता ने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को ई-मेल भेजा कि बी.टेक फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट वैशाली को पैनिक अटैक आ रहे हैं। वो खुद को चोट पहुंचाने की कोशिश कर रही है। उसकी टी-शर्ट फटी हुई है। ई-मेल में आगे लिखा- ‘डॉ प्रियदर्शिनी (यूनिवर्सिटी की डॉक्टर) ने उसकी जांच की है और बताया कि ये उत्पीड़न का मामला हो सकता है। डॉ प्रियदर्शिनी ने FIR दर्ज कराने और उसे सफदरजंग हॉस्पिटल ले जाकर फुल चेक-अप कराने की सिफारिश की है।‘ इसके 19 मिनट बाद 2 बजकर 4 मिनट पर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने ई-मेल का जवाब दिया कि स्टूडेंट डीन डॉ नवनीत से इस बारे में चर्चा की गई और उन्होंने भी FIR दर्ज करवाने की सलाह दी है। ये जल्द से जल्द करवाना चाहिए जैसा कि कॉल पर भी बताया गया है। हालांकि स्टूडेंट्स का आरोप है कि सुबह से जानकारी होने के बावजूद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी। दोपहर करीब साढ़े 3 बजे एक स्टूडेंट ने कॉल करके पुलिस को जानकारी दी। तब पुलिस कॉलेज पहुंची और विक्टिम को एंबुलेंस से मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया। यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स बोले….केयरटेकर और हॉस्टल वॉर्डन को सस्पेंड करे यूनिवर्सिटीइंटरनेशनल रिलेशन के स्टूडेंट शिवराज सिंह राठौड़ उन छात्रों में से हैं, जो विक्टिम वैशाली के साथ हॉस्पिटल गए थे। वे बताते हैं कि 12 तारीख को जब उन्हें पता चला तो कई सारे स्टूडेंट शाम को बी-ब्लॉक के पास पहुंच गए। शिवराज कहते हैं, ‘यूनिवर्सिटी प्रशासन इस घटना को कवर करने की कोशिश कर रहा था। घटना के बारे में काफी पहले पता चल गया था, लेकिन उन्होंने पुलिस को खबर नहीं की। ई-मेल से एडिटेड फोटो भेजे जाने के कारण वैशाली काफी तनाव में थी। इसी के आधार पर यूनिवर्सिटी प्रशासन बोल रहा है कि वो पहले से तनाव में थी, वो मानसिक रूप से सही नहीं है। उसके लिए ऐसे शब्द इस्तेमाल किए जा रहे हैं।‘ शिवराज कहते हैं कि प्रशासन के अब तक के कदमों से साफ लग रहा है कि केस दबाए जाने की कोशिश की जा रही थी। हमारी मांग है कि केयरटेकर और हॉस्टल वॉर्डन को सस्पेंड किया जाए क्योंकि उन्होंने इस घटना को छिपाने की कोशिश की। शिवराज सवाल करते हुए कहते हैं कि विक्टिम ने जिस गार्ड के बारे में बयान दिया है, पुलिस और यूनिवर्सिटी उसकी पहचान क्यों नहीं कर रही है। यूनिवर्सिटी की एक और स्टूडेंट शुभांगी केसरवानी भी प्रशासन पर सवाल उठाती हैं। वे कहती हैं, ‘अगर वॉर्डन को रात में ही बता दिया गया है कि ऐसी घटना हुई है तो उनमें इतनी हिम्मत कैसे आई कि वो कहती हैं- सुबह आएंगी।‘ ‘अगर ऐसे ही चलता रहा तो ये चीजें बढ़ेंगी। यूनिवर्सिटी को पहले अपने स्टाफ को ही संवेदनशील बनाना पड़ेगा।‘ शुभांगी कैंपस की सुरक्षा पर भी सवाल उठाती हैं। वे कहती हैं, ‘यूनिवर्सिटी के बाहर जो सड़क मेन रोड को कनेक्ट करती है, वो अब पूरी तरह अंधेरे में डूबी है। मैं भी रात में इस कैंपस में घूमती हूं। अब ऐसी घटना होने के बाद हमें रात में बाहर निकलने में भी डर लगेगा। शिकायत होने के बाद भी अब तक यूनिवर्सिटी की इंटरनल कमेटी ने किसी को सजा नहीं दी।‘ यूनिवर्सिटी प्रशासन बोला- जांच के बाद तुरंत एक्शन लेंगेइस घटना के बाद साउथ एशियन यूनिवर्सिटी ने 13 अक्टूबर को 4 सदस्यों की एक जांच कमेटी बनाई है। ये कमेटी 10 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट जमा करेगी। हमने यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट केके अग्रवाल के OSD एसपी अग्रवाल से बात की। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है, इसलिए हम इस पर ज्यादा नहीं बता सकते। कार्रवाई में देरी के आरोपों पर एसपी अग्रवाल ने कहा, ‘जैसे ही प्रशासन को पता चला, घटना की रिपोर्ट तुरंत की गई। जांच पूरी होने के बाद ही तस्वीर साफ होगी। जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभी कोई फाइंडिंग्स सामने नहीं आई है। जैसे ही हमें कुछ मिलेगा, तुरंत एक्शन लेंगे। अग्रवाल दावा करते हैं कि यूनिवर्सिटी ने पुलिस से अनुरोध किया है कि इस घटना की जांच प्राथमिकता के आधार पर की जाए। पुलिस ने कहा- IP एड्रेस निकाल रहे, सीसीटीवी भी खंगाल रहेइस मामले पर दिल्ली पुलिस के सीनियर अधिकारी ने बताया कि पुलिस विक्टिम के सारे बयानों की जांच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रहे हैं। अभी तक फुटेज में कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं दिखी है। अधिकारी ने बताया, ‘लड़की ने कुछ ई-मेल आने की बात कही है, हम उसकी जांच कर रहे हैं। उसे ई-मेल भेजने वाले का IP एड्रेस निकालने की कोशिश कर रहे हैं।‘ ‘यूनिवर्सिटी के अंदर लगभग सभी जगहों पर कैमरे लगे हैं, हम उसकी छानबीन कर रहे हैं। विक्टिम को घटनास्थल पर भी लेकर जाएंगे और वहां भी जांच करेंगे। हम सीन रीक्रिएट भी करवा सकते हैं। वो घटनास्थल पर जो भी बताएंगी, उसके आधार पर जांच को आगे बढ़ाएंगे। इसके अलावा हम उनके दोस्तों से भी पूछताछ करेंगे।‘..........................ये खबर भी पढ़ें... ऑनलाइन गेमिंग तो बैन, हमारा करोड़ों का कर्ज कौन चुकाएगा महाराष्ट्र के संतोष गंगाशेट्टी कपड़ों का कारोबार करते थे। अच्छी कमाई थी। ऑनलाइन गेम्स के चक्कर में कर्जदार हो गए। मकान तक बेचना पड़ा। अब किराए के घर में रह रहे हैं। हमारा करोड़ों का कर्ज कौन चुकाएगा। ये कहानी सिर्फ संतोष की नहीं है। देश में लाखों लोग ऑनलाइन मनी गेमिंग की लत से जूझ रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...
बंधकों की रिहाई नहीं हुई तो हमास को भुगतना पड़ेगा : ट्रम्प
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हमास को चेतावनी दी है कि अगर उसने हथियार नहीं हटाए और गाजा पट्टी में रखे सभी 24 बंधकों के अवशेषों को नहीं सौंपा तो उसके खिलाफ जवाबी कार्रवाई की जाएगी
एक रात में छिन गई खुशियां, अचानक 'सिटी' छोड़कर भाग गए लोग, सालों से क्यों वीरान पड़ा है ये शहर?
Ghost Town: अपने भूत बंगले के बारे में बहुत सारी कहानियां सुनी होंगी, भूतों की हवेली के बारे में भी लोग बताते हैं. हालांकि दुनिया में एक ऐसा देश है जिसके एक पूरे शहर को भूतिया शहर के रूप में जानते हैं.
Unique River: आपने मौसम को रंग बदलते हुए देखा होगा, कभी बारिश होती है तो कभी गर्मी, क्या आपको पता है कि दुनिया की एक ऐसी नदी है जो बदलते हुए मौसम के साथ रंग बदलती है? शायद इसकी जानकारी आपको न हो लेकिन आइए हम बताते हैं.
गलत ऑर्डर पर 'छिड़ी जंग', जमकर चले लात-घूसे, वीडियो देख फटा लोगों को कलेजा
Texas Video: सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें कुछ लोग रेस्टोरेंट में लड़ते हुए नजर आ रहे हैं. मामले को लेकर पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है. जानें पूरा मामला.
'नाम बड़े पर दर्शन छोटे...', एशिया के इन देशों की सेना है सबसे कमजोर, लिस्ट में है भारत का पड़ोसी
Weakest Militaries in Asia: एशिया में कई अमीर देश हैं जबकि बहुत सारे गरीब देश भी हैं. किसी भी देश की पहचान उसके सैन्य शक्तियों से की जाती है. हालांकि हम आपको बताने जा रहे हैं एशिया के उन देशों के बारे में जिसकी सैन्य शक्ति काफी ज्यादा कमजोर है.
इस 1 डेड बॉडी पर फिर इजराइल-हमास में छिड़ सकती है जंग! क्या नेतन्याहू को मिला धोखा?
Israel-Hamas Peace Talks: इजराइल और हमास के बीच हुए शांति समझौते में एक नया मोड़ आ गया है. जहां इजराइल ने हमास द्वारा लौटाए गए बंधकों के शवों को बंधक मानने से इनकार कर दिया है. इजराइल के अनुसार, इन शवों को मानवीय आधार पर लौटाया गया है न कि किसी बंधक समझौते के तहत.
Gaza: गाजा में सोमवार शाम को हमास आतंकवादियों ने कई लोगों की हत्या कर दी. स्थानीय सुरक्षा बलों ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
US strikes another boat off coast of Venezuela:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सेना को ड्रग तस्करों पर बिना ट्रायल गोली चलाने की छूट दे दी है. वेनेजुएला तट पर एक जहाज पर हमले में 6 मौतें हुईं, कुल 27 लोग अब तक इस अभियान में मारे जा चुके हैं. ट्रंप का दावा है कि ये 'नार्को-टेररिस्ट' थे. मादुरो ने इसे सरकार गिराने की साजिश बताया है. जानें पूरी खबर.
गाजा में युद्धविराम के बाद राहत अभियान तेज, संयुक्त राष्ट्र ने संभाली कमान
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय मामलों के विशेषज्ञों ने कहा कि युद्धविराम के बाद से गाजा में राहत अभियान तेज हो रहे हैं
वेनेजुएला तट के पास अमेरिकी हमला, ट्रंप बोले- ड्रग तस्करों के खिलाफ कार्रवाई
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया कि अमेरिका की सेना ने वेनेजुएला के तट के पास अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी कर रहे एक जहाज पर हमला किया
Fuel shortage in Bolivia:बोलीविया में ईंधन की किल्लत ने देश में हाहाकार मचा दिया है. पेट्रोल पंपों पर घंटों लाइनें, लोग भूखे-प्यासे इंतजार कर रहे. डॉलर की कमी से आयात रुका हुआ है, किसान, ट्रक ड्राइवर परेशान हैं, सड़कें ब्लॉक हैं. सरकार पर गुस्सा भड़का हुआ है. चुनाव से पहले ये संकट अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचा रहा है.
Ashley Tellis:अमेरिका में भारतीय मूल के US एडवाइजर को गिरफ्तार किया गया है. उनपर जासूसी से जुड़े आरोप लगाए जा रहे हैं. दावा है कि उनके घर पर 1000 के करीब खुफिया दस्तावेज बरामद हुए हैं.
वो सफेद स्कार्फ वाली महिला कौन थी? ट्रंप ने जाते समय जो किया, सोशल मीडिया पर शेयर होने लगा वीडियो
Trump Gaza Summit Video: सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे एक वीडियो में डोनाल्ड ट्रंप सफेद स्कार्फ वाली महिला की पीठ की तरफ हाथ बढ़ाते दिखाई दे रहे हैं. क्या वह पीठ थपथपाना चाहते थे. कौन थी वह महिला?
Richest Man Of Afghanistan: युद्ध के कारण तितर-बितर पड़े अफगानिस्तान में मीरवाइज अजीजी ने अपने पैरों पर खड़े होकर आज अपना बड़ा साम्राज्य स्थापित किया है.
अब सोयाबीन बनेगा चीन-अमेरिका के ट्रेड वॉर का हथियार, जिनपिंग पर भड़के ट्रंप, बता दिया शत्रु
Trump Accuses China: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर बड़ा आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि चीन US और अर्जेंटिना के बीच दरार पैदा करने की कोशिश कर रहा है.
हमास के बंधकों में नेपाली छात्र की मौत पर इजरायल ने जताया दुख, शव को वतन भेजने की तैयारी
हमास की कैद में नेपाली छात्र बिपिन जोशी की मौत पर इजरायल सरकार ने दुख जताया है और उसके पार्थिव शरीर को नेपाल वापस भेजने की तैयारी कर रही है
Trump Vs Putin: ट्रंप ने पुतिन पर तंज कसते हुए ये भी कहा, 'यूक्रेन में पुतिन का चल रहा युद्ध उन्हें बहुत बुरा दिखा रहा है. उन्होंने डेढ़ लाख सैनिक खो दिए. ये एक भयानक युद्ध है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से मौतों के मामले में यह सबसे बड़ी घटना है. मौता का आंकड़ा ज्यादा है. मैंने 8 जंग का तो निपटारा कर दिया है. मौतों के मामले में सबसे बड़ी घटना यही है.
हाल ही में कौन बनेगा करोड़पति रिएलिटी शो में आए एक बच्चे और उसके माता-पिता को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है. लेकिन क्यों? क्या बच्चे के व्यवहार के लिए मां-बाप जिम्मेदार होते है. पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो.....
‘1 अक्टूबर की रात करीब एक बजे। हमारी नींद खुली तो हम किचन में पानी पीने चले गए। वहां देखा कि खिड़की के बाहर लाल-हरी रंग की लाइट बार-बार चमक रही है। बाहर झांककर देखा तो दो-तीन जगह वैसी ही और लाइटें दिखीं। पहले लगा कि हवाई जहाज है, लेकिन रोशनी नीचे आ गई थी।‘ ‘बच्चों को जगाया तो वो देखते ही जोर-जोर से चिल्लाने लगे 'ड्रोन चोर-ड्रोन चोर…पकड़ो-पकड़ो'। इतने में मोहल्ले के लोग भी बाहर आ गए। ड्रोन वहां से उड़ गए। हम लोगों ने तुरंत पुलिस को फोन किया। अगले दिन पास वाले गांव से 2 चोर भी पकड़े गए। उनके पास ड्रोन भी मिला, जिसकी मदद से वो चोरी करते थे।‘ रायबरेली की कांशीराम कॉलोनी में रहने वाली 62 साल की रुखसाना बेगम की इस घटना के बाद रातों की नींद उड़ी हुई है। वो पूरी रात उठ-उठकर खिड़की की तरफ देखती हैं कि कहीं ड्रोन तो नहीं उड़ रहा। ये घबराहट अकेले रुखसाना की नहीं है। इन दिनों पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वांचल तक ड्रोन-डकैती के डर में 100 से ज्यादा गांवों में लोग रात-रात भर जागकर पहरा दे रहे हैं। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, ऐसी घटनाओं के अब तक 341 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें 40 से ज्यादा गिरफ्तारी और लगभग 200 ड्रोन जब्त किए जा चुके हैं। रायबरेली के ऊंचाहार में तो 1 अक्टूबर की रात हरिओम नाम के व्यक्ति को 'ड्रोन-चोर' समझकर लोगों ने इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। पूरे UP में ऐसी मारपीट की 76 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हालांकि पुलिस अफसरों का कहना है कि अब तक ड्रोन उड़ने और चोरी की घटनाओं के बीच किसी तरह का सीधा संबंध साबित नहीं हो पाया है। लेकिन इन मामलों ने लोगों की सुरक्षा को लेकर सवाल जरूर खड़े कर दिए हैं। सवाल और भी हैं… सबसे पहले जानिए ‘ड्रोन-चोर’ का ट्रेंड शुरू कहां से हुआ…पश्चिमी यूपी में फैली एक अफवाह पूरे UP में दहशत की वजह बनी5 जून, 2025..अमरोहा के नौगावां गांव में डकैती पड़ी। इसमें 'कच्छा-बनियान गैंग' का नाम सामने आया। पुलिस की जांच और CCTV फुटेज से पता चला कि गैंग के लोग सिर्फ अंडरवियर पहनते हैं। उन्हें पकड़ा न जा सके इसलिए वो अपने पूरे बदन पर तेल लगाते हैं। ये गैंग 10 जून को फिर डकैती की वारदात को अंजाम देने जा रही थी, तभी अमरोहा पुलिस और सर्विलांस टीम ने इसके 3 सदस्यों (डॉलर, टाइगर और चच्चा) को पकड़ लिया। गिरोह के लोग पकड़े गए तो अफवाह फैली कि कच्छा-बनियान गैंग अपने साथ ड्रोन भी लेकर चलता है। वो घरों में चोरी करने से पहले बाकायदा ड्रोन उड़ाकर देखते हैं कि घर में कौन-कौन हैं, तब वारदात को अंजाम देते हैं। 'ऑपरेशन सिंदूर' के वक्त भी ड्रोन अटैक की खबरें आ रही थीं। ऐसे में लोगों के बीच इस अफवाह को लेकर दहशत फैलने लगी। सोशल मीडिया पर रात में ड्रोन उड़ने के वीडियो वायरल होने लगे। अमरोहा के बाद ऐसी ही अफवाह पश्चिमी यूपी के मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, बरेली, रामपुर और संभल तक पहुंच गईं। ड्रोन के खौफ में लोग रातभर पहरा देने लगे। अफवाह उड़ी कि चोर ड्रोन में बैठकर आते हैं और छत के रास्ते घरों में जाकर चोरियां करते हैं। इसके बाद आसमान में लाल-हरी लाइट दिखते ही लाठी-डंडे लेकर लोग उसके पीछे दौड़ पड़ते। जो भी संदिग्ध मिलता, उससे मारपीट की जाती। धीरे-धीरे ऐसी घटनाएं यूपी के अवध और फिर पूर्वांचल में भी फैल गईं। ड्रोन से चोरी के शक में अब तक मौत का एक मामला सामने आया है। रायबरेली के ऊंचाहार में अफवाह के चलते हरिओम की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। हम उनके परिवार से मिले, जो बेहद गरीब है। घर पर एक बेटी और पत्नी हैं। हरिओम की पत्नी कहती हैं, ‘मेरे पति की मानसिक हालत ठीक नहीं थी, इसलिए जब लोगों ने उन्हें चोर समझ कर पकड़ा तो वे बहुत घबरा गए थे। लोगों ने उन्हें बोलने तक का मौका नहीं दिया और चप्पलों, लाठी-डंडों से पीट-पीटकर मार डाला। उनके जाने के बाद ससुराल वालों ने मुझसे रिश्ता तोड़ लिया है। ड्रोन-चोर की अफवाह के चलते मेरा परिवार बर्बाद हो गया।‘ क्या ड्रोन से चोरी मुमकिन, इसे उड़ाने वाले घरों में क्या देखते हैं?ड्रोन से चोरी महज एक अफवाह है या कुछ और? ये लोगों की सुरक्षा के लिए कितना बड़ा खतरा है। इसकी हकीकत जानने के लिए हमने देश के अनुभवी ड्रोन पायलट और रोबोटिक्स एक्सपर्ट्स से बात की। यूपी की राजधानी लखनऊ में रहने वाले फैजान ड्रोन पायलट हैं। उनके पास ड्रोन फ्लाइंग में 5 साल का एक्सपीरियंस है। हमने उनसे ड्रोन से चोरी और इसकी तकनीक से जुड़े कुछ सवाल पूछे। सवाल: क्या ड्रोन उड़ाकर चोरी हो सकती है? फैजान कहते हैं, ‘ड्रोन उड़ाकर चोरी करना महज एक कोरी अफवाह है। इसे लेकर कहा जा रहा है कि चोर ड्रोन का इस्तेमाल कर घरों में जासूसी करते हैं। मुझे ड्रोन से रेकी करने तक तो बात समझ आती है लेकिन ये धारणा कि चोर ड्रोन पर सवार होकर चोरी करते हैं या फिर ड्रोन से घरों के सामान खींचकर ऊपर उड़ा ले जाते हैं, ये पूरी तरह काल्पनिक है।‘ फैजान ड्रोन से चोरी की बात सिरे से नकारते हुए इसे तकनीक के जरिए समझाते हैं। वे कहते हैं, ‘एक नॉर्मल ड्रोन से लेकर प्रोफेशनल ड्रोन तक की पे-लोड कैपेसिटी होती है। यानी कि उसके हवा में वजन उठाने की क्षमता। एक प्रोफेशनल ड्रोन 5 से 6 KG तक का वजन ही उठा सकते हैं। ऐसे में इस पर चोरी के सामान जैसे बक्सा, तिजोरी यहां तक कि लेदर बैग उठाना भी मुमकिन नहीं है। प्रोफेशनल ड्रोन की बैट्री लाइफ 30 से 40 मिनट तक होती है।‘ सवाल: आखिर आसमान में ड्रोन उड़ाकर चोर क्या देखते हैं?फैजान के मुताबिक, ड्रोन रेकी करने के लिए सबसे मुफीद जरिया है। चोर ये देखते हैं कि घर के किस दरवाजों पर सबसे कम सुरक्षा है। कहां ताले लगे हैं और कहां नहीं। गांवों में बड़े आंगन वाले खुले मकान होते हैं। यहां चोर अक्सर छतों के रास्ते घर में घुसते हैं। ऐसे में ड्रोन की मदद से ये आसानी से पता लगाया जा सकता है कि घर में कितने कमरे हैं। पड़ोसी की छत से कूदने की दूरी और घर के अंदर जाने वाली सीढ़ियों की रेकी हो सकती है। ‘कुछ केसेज में खिड़की के रास्ते कमरों में क्या रखा है? ये देखा जा सकता है। हालांकि इसके लिए बहुत प्रोफेशनल ड्रोन हैंडलिंग की जरूरत पड़ती है।‘ ये आम चोरों के बस की बात नहीं है। ड्रोन के जरिए कार कहां खड़ी है, CCTV कैमरे कहां-कहां लगे हैं और लोगों के डेली मूवमेंट पर नजर रखी जा सकती है। रात में ही क्यों दिख रहे? फैजान जवाब देते हैं, ‘विजिबिलिटी फैक्टर इसकी बड़ी वजह है। सस्ते से सस्ता और एक प्रोफेशनल ड्रोन 500 से 600 मीटर ही फ्लाई कर सकता है। दिन के उजाले में इसे आसानी से ट्रैक किया जा सकता है लेकिन रात में इसका मूवमेंट कम नजर आता है। अगर लाइट सेंसर न हों तो इसे आइडेंटिफाई करना बहुत मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में जासूसी के मकसद से रात में ही ड्रोन ज्यादा उड़ाए जाते हैं। एक्सपर्ट बोले- ड्रोन का मिसयूज नेशनल सिक्योरिटी के लिए बड़ा थ्रेटदेश के जाने माने AI और ड्रोन-रोबोटिक्स एक्सपर्ट मिलिंद राज कहते हैं, ‘जब आप ड्रोन को किसी टारगेटेड एरिया में उड़ाते हैं, तो आपको उस जगह का पूरा एक्सेस मिल जाता है। कौन क्या कर रहा है। कितने लोग हैं, उस जगह पर कितनी हलचल है। कितनी खाली जमीन है, कहां-कहां मकान या घनी बस्ती हैं। सब कुछ एक नक्शे के तौर पर इकट्ठा हो जाता है।‘ ‘ऐसे में अगर नेगेटिव माइंडसेट से ये जानकारी लीक की जाती है, तो ये न सिर्फ उस सोसाइटी के लिए बल्कि नेशनल सिक्योरिटी के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।‘ ‘चोरी जैसी घटनाओं के बाद पकड़े गए लोगों के पास ज्यादातर टॉय ड्रोन मिले हैं। कई प्रकार के टॉय ड्रोन्स अब मार्केट में आ चुके हैं, जो बड़ी आसानी से मिल जाते हैं। इनके लिए किसी तरह के लाइसेंस या ट्रेनिंग की जरूरत नहीं पड़ती। ये 250 ग्राम से भी कम वजन के होते हैं। इनमें आगे की तरफ छोटा मूविंग कैमरा लगा रहता है, जिसे आमतौर पर किसी जगह की रेकी के लिए इस्तेमाल किया जाता है।‘ मिलिंद आगे कहते हैं, ‘ड्रोन कैमरे के जरिए घरों में दरवाजे-खिड़कियों तक नजर रखी जा सकती है। छत पर रखे सामान और तार पर फैले कपड़ों से ये अंदाजा लगा सकते हैं कि घर में कितनी हलचल है। शरारती तत्व ज्यादातर इन चीजों को दिमाग में रखकर चोरी की घटनाएं प्लान करते हैं।‘ रिटायर्ड IPS बोले- अगस्त से दिसंबर के महीने अफवाहों का सीजन ड्रोन से चोरी के बढ़ते मामलों की सच्चाई जानने के लिए हम UP के पूर्व IPS अधिकारी राजेश कुमार पांडे से भी मिले। पांडे यूपी STF के फाउंडर मेंबर भी रहे हैं। वो कहते हैं, ‘ड्रोन से चोरी पूरी तरह अफवाह है। मुझे याद है कि 8 महीने पहले लखनऊ से सटे बंथरा इलाके में ड्रोन उड़ने के बाद दो घरों में चोरी हो गई। जब जांच हुई तो पता चला कि उस दिन गांव का ही कोई व्यक्ति ड्रोन उड़ा रहा था। चांस की बात थी कि उसी दिन गांव में दो घरों में चोरी हो गई। इसके बाद उस दो चोरियों को लोगों ने ड्रोन से जोड़ा और वहां इस तरह का डर पैदा करके और चोरियां की गईं।‘ ‘अमूमन बरसात के बाद अगस्त से दिसंबर का टाइम चोरियों का सीजन माना जाता है। पुलिस विभाग खुद इस समय गांवों में एडवाइजरी जारी करता है कि रात में लोग चोरों से सतर्क रहें। ड्रोन से चोरी की अफवाह कोई नई बात नहीं है।‘ ‘इसी साल ड्रोन की अफवाह के बीच जुलाई में पश्चिमी यूपी में 2 लड़कों ने कबूतरों के पैर में लाल-हरे रंग की LED बांधकर रात में उड़ा दी। कबूतर जहां-जहां उड़ते लोगों को लगता कि ड्रोन चोर आ गए हैं। बाद में पुलिस ने कबूतरों के साथ उन लड़कों को पकड़ा था।‘ IPS राजेश आगे कहते हैं, ‘2002 में इसी समय मुंहनोचवा की अफवाह फैली थी। किसी ने उसे देखा नहीं लेकिन डर ऐसा फैला कि जाने कितने लोगों को पीट-पीटकर मार डाला गया। गांव में जो भी बाहरी या विक्षिप्त व्यक्ति दिखता लोग उसे पकड़कर पीटने लगते थे। 2017 में जब मैं SSP अलीगढ़ था तो चोटीकटवा की अफवाह फैली। लोग कहते थे कि वो घरों में सोती महिलाओं की चोटी काट लेता है। महिलाएं उसके डर से घरों से बाहर नहीं निकलती थी।‘ इन तरह कानपुर में बच्चा चोर की अफवाह उड़ी, जिसके शक में 2 लोगों को जिंदा जला दिया गया था। इस सभी मामलों की जांच हुई तो पता लगा कि इसमें कोई बाहरी व्यक्ति शामिल नहीं था। गांव के ही लोग डर फैलाने के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे थे। ..................ये खबर भी पढ़ें... पिटवाया, घर तोड़ा, गोली चलवाई; अब आजम खान रिहा रामपुर के रहने वाले फैसल लाला का परिवार 19 साल से आजम खान के खिलाफ केस लड़ रहा है। वो दावा करते हैं कि आजम के खिलाफ आवाज उठाने पर उन्हें 3 बार झूठे मुकदमों में फंसाकर जेल भेजा गया। बरेली गेट पर उनकी 40 दुकानें तोड़ दी गईं। उनके करीबियों को डराया-धमकाया गया, यहां तक कि उनके घर की बिजली भी काट दी गई। 23 सितंबर को सीतापुर जेल से रिहा होकर सपा नेता आजम खान रामपुर पहुंचे। आजम की रिहाई के बाद एक तबका डरा-सहमा है। पढ़िए पूरी खबर...
सिस्टम फाड़ देंगे! हमास ने हथियार नहीं डाले तो हाथ उखाड़ देंगे? ट्रंप की खुली धमकी
US to Hamas: अमेरिका तक को दहला चुके आतंकवादियों को पालने वाले पाकिस्तान को कई-कई बार पुरानी मिसाल देकर समझाया गया है कि कायदे से रहोगे तो फायदे में रहोगे, लेकिन 'आतंकिस्तान' है कि मानता नहीं. ऐसा ही एक आतंकी संगठन हमास है जो अमेरिका द्वारा लाख समझाने के बावजूद बात न मानकर अपनी मौत को दावत दे रहा है.
Madagascar Coup: अफ्रीकी देश मेडागास्कर में मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर जेन जेडर्स की नाराजगी और सैनिक विद्रोह के बाद राष्ट्रपति देश छोड़कर भाग गए. सेना ने एक विज्ञप्ति में बताया कि देश की सत्ता फिलहाल सेना के हवाले है.
'उन्होंने मेरे बाल गायब कर दिए...' टाइम मैगजीन की कवर फोटो पर भड़के ट्रंप
Time Magazine Cover Photo: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टाइम पत्रिका के कवर पेज पर छपी अपनी तस्वीर को लेकर तीखी आलोचना की है. खबरों के मुताबिक, इस कवर फोटो में ट्रंप के बाल गायब नजर आ रहे हैं, जिससे वे खासे नाराज हैं.
इस देश में है सुंदरता का अलग पैमाना! होंठ पर महिलाएं पहनती हैं अजीबो-गरीब चीज, कैसे शुरू हुआ ये चलन?
Mursi Tribe: दुनिया में एक ऐसी जनजाति है जहां के लोग सुंदर दिखने के लिए अजीबो-गरीब परंपरा का पालन करते हैं. यहां की महिलाएं एक प्लेट पहनती हैं, इसकी शुरुआत कैसे हुई जानते हैं.
क्या फुसफुसा रहे थे ट्रंप? हॉट माइक में कैद हो गई सारी बात; Video हो रहा वायरल
Trump-Subianto Secret Talk: गाजा शांति शिखर सम्मेलन का एक वीडियो इस समय खूब वायरल हो रहा है. इस वीडियो में इंडोनेशियाई राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सीक्रेट बात करते नजर आ रहे हैं.
15 लाख किलोमीटर दूर से वैज्ञानिकों ने वेब टेलीस्कोप को ठीक कर खींची ऐतिहासिक फोटो
James Webb Telescope: ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने दुनिया के स्पेस दमदार टेलीस्कोप को लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर स्पेस में स्थापित को ठीक कर इतिहास रच दिया है.तकनीकी खराबी ठीक होने के बाद वेब ने HD 206893 तारे की इतनी साफ तस्वीरें लीं. जिसमें चमकीले तारे पास छिपा एक धुंधला ग्रह और एक लाल-भूरे रंग का छोटा सा तारा भी साफ दिखाई दिया.
बांग्लादेश के मासिक वेतन आदेश (एमपीओ) योजना के तहत सूचीबद्ध गैर-सरकारी संस्थानों के कई शिक्षकों ने धमकी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे सचिवालय की ओर मार्च करेंगे। ढाका में चल रहा धरना प्रदर्शन मंगलवार को लगातार तीसरे दिन भी जारी रहा
न जिम और न ही कोई वर्कआउट...यहां हुस्न नहीं 'तोंद' पर मरती हैं लड़कियां, भर-भर लुटाती हैं प्यार
South Ethopia News: दुनिया में एक ऐसा देश है जहां के लोग अपनी तोंद की वजह से जाने जाते हैं. यहां पर जिस शख्स की तोंद जितनी ज्यादा बड़ी होती है उसकी समाज में उतनी ज्यादा इज्जत मिलती है.
ट्रंप के कायल हुए जो बाइडेन, इजरायल-हमास युद्धविराम का दिया क्रेडिट, जमकर की तारीफ
Israel-Hamas Ceasefire: इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम को लेकर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मौजूदा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ की है.
Gen-Z protest in Madagascar:नेपाल और बांग्लादेश की तरह मेडागास्कर में Gen-Zने सरकार के खिलाफ बगावत कर दी. बिजली-पानी की कमी और भ्रष्टाचार से तंग आकर 25 सितंबर से शुरू हुए विरोध प्रदर्शन 13 अक्टूबर को उग्र हो गए. जिसके बाद राष्ट्रपति एंड्री राजोइलिनादेश छोड़कर भाग गए. जानें पूरी खबर.
गाजा पीस समिट के बीच फिसली ट्रंप की जुबान, कनाडा के PM ने मीटिंग के बीच टोका
Gaza Peace Summit 2025: युद्ध हालात में फंसे इजराइल हमास के बीच सीज फायर के बाद डोनाल्ड ट्रंप इन दिनों दोनों मिस्र में शांति समझौते के लिए पहुंचे हैं. जहां, एक मीटिंग के दौरान कनाडा प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के साथ उनकी मुलाकात काफी चर्चा में हैं. मीटिंग के दौरान ट्रंप की तरफ से दिए गए संबोधन में की गई गलती पर मार्क कार्नी ने उनका ध्यान दिलवाया. जिस पर ट्रंप चौंक गए.
हमास को शांति रास नहीं आई? सीजफायर के दिन अपनों पर ही बरसा दी गोलियां, 27 की मौत
Gaza Ceasefire: जिस समय इजरायल और हमास के बीच सीजफायर को लेकर औपचारिक समझौता हो रहा था तो दूसरी तरफ हमास गाजा के अंदर अपने ही लोगों पर गोलियां बरसा रहा था. जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 8 उसी के लड़ाके हैं.
890,000 people affected by floods in South Sudan:दक्षिण सूडान में इस साल बाढ़ ने ऐसा कहर बरपाया है कि देखकर दिल दहल जाए. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, करीब 8.9 लाख लोग इस बाढ़ की चपेट में हैं. ये संख्या तीन हफ्ते पहले के मुकाबले दोगुनी हो गई है.
Barbie waist Trend: दुनियाभर में इन दिनों बार्बी वेस्ट का ट्रेंड चल रहा है, जिसमें कमर की पसलियों को शेप देने के लिए हल्का सा फ्रैक्चर किया जाता है.
Andrei Sidorchik mocked Trump:रूसी टीवी शो 'वन'स ओन ट्रुथ' परआंद्रेई सिदोरचिकने डोनाल्ड ट्रंप का जमकर मजाक उड़ाया है. सिदोरचिक ने ट्रंप को को 'कमजोर बुद्धि' और 'काउबॉय बच्चा' कहा है. ट्रंप के यूक्रेन को टोमाहॉक मिसाइल देने के बयान पर बवाल मचा है. 50% रूसी नाटो पर हमला चाहते हैं. जानें पूरी खबर.
Gaza Peace Summit: इजरायल और हमास के बीच करीब दो साल से चल रही जंग के बाद आखिरकार सीजफायर लागू हो गाया है. इसके बाद इजिप्ट में गाजा शांति शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस सम्मेलन में शामिल हुए और अब्राहम समझौते का जिक्र किया.
ट्रंप का दावा, रूस-यूक्रेन जंग को खत्म कर सकते हैं इस मुस्लिम बहुल देश के राष्ट्रपति
Russia-Ukraine War: साल 2022 से रूस और यूक्रेन की जंग जारी है, जिसमें कई लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन दुनिया अभी भी इस वॉर को खत्म करने में नाकाम रही है.
जन्नत की चल रही थी बात, ट्रंप ने कहा कि हर हफ्ते बचाता हूं 7000 जानें; मेरा तो हक बनता है
Donald Trump News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अजीबोगरीब बयान देते हुए कहा कि मैं नहीं जानता कि मैं स्वर्ग जा पाऊंगा या नहीं, लेकिन मैंने बहुत से लोगों के जीवन को बेहतर बनाया है.
रेत में बसा कल, आज और कल... समय को थामे बैठे हैं ये 3 गांव, मजबूरी या कुछ और?
Sleep on sea sand: रेत को बिस्तर के तौर पर इस्तेमाल करना! एक पल के लिए आप चौंक सकते हैं लेकिन दुनिया में तीन गांव ऐसे हैं जहां, लोग आज भी आराम से समुद्र की रेत पर रात बिताते हैं. वहां, गांव के लोग इसको अपने लिए सेहतमंद और आरामदायक मानते हैं.
'सबसे बड़े लोकतंत्र पर उंगली उठा रहा PAK', फिर हुई आतंकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती
Pakistan: पाकिस्तान बार-बार अपनी हरकतों की वजह से इंटरनेशनल बेइज्जती का सामना करता रहता है. एक बार फिर उसे आतंकवाद और PoK में दमन को लेकर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ गया.
200,000 tonnes of explosives dropped on Gaza:हमास-इज़राइल युद्ध में इजराइल ने गाजा पर 200,000 टन विस्फोटक गिराए, जो 13 हिरोशिमा परमाणु बमों के बराबर है. जिसके बाद करीब 51 मिलियन टन मलबा साफ करने में UN के अनुसार 21 साल लग सकते हैं. जानें पूरी खबर.
चीन की जवाबी कार्रवाई करने वाली रिपोर्टें निराधार
हाल ही में मीडिया रिपोर्टों से पता चला है कि पाकिस्तान ने अमेरिका को दुर्लभ मृदा का निर्यात करने के लिए चीनी उपकरणों और प्रौद्योगिकी का उपयोग किया है
अफगानिस्तान से पंगा पड़ा भारी, पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में जबरदस्त गिरावट
अफगानिस्तान से पंगा पाकिस्तान को भारी पड़ा है। सैन्य कार्रवाई कर सीना चौड़ा कर रहे पड़ोसी मुल्क का स्टॉक एक्सचेंज जबरदस्त तरीके से क्रैश हुआ है
Sophie Gregoire: जस्टिन ट्रूडो की इन दिनों कैटी पेरी को डेट करने की खबरें आ रही हैं, इनकी किस करते हुए तस्वीरें वायरल हो रही हैं. लेकिन अब इसके बाद ट्रूडो की एक्स वाइफ का बयान आया है.
Yosef-Chaim Ohana Emotion Video: यूसुफ-चैम ओहाना, जो 738 दिनों तक हमास की कैद में रहे, जब वह अपने पिता से मिले तो जिस तरह भावुक होकर बाप-बेटा रो रहे हैं, वीडियो देखकर कलेजा फट जाएगा.
बच्चों की मौत पर सख्त हुआ WHO, कोल्डरिफ समेत 3 सिरप को लेकर दी वॉर्निंग, बताया मौत का खतरा
Cough Syrup: जहरीली कफ सिरप का मुद्दा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. अब WHO ने भारत समेत सभी देशों को अलर्ट कर दिया है और कहा है कि इन तीन सिरप का इस्तेमाल जानलेवा हो सकता है.
Donald Trump Speech: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजिप्ट में गाजा शिखर सम्मेलन के दौरान इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की तारीफ करते हुए उन्हें खूबसूरत बताया.
मियां शहबाज शरीफ ने ऐसा गुदगुदाया, मुस्कुराकर डोनाल्ड ट्रंप बोले- काम खत्म, चलो घर चलें
Shehbaz Sharif Donald Trump News: ट्रंप को इस बार नोबेल नहीं मिल पाया लेकिन शहबाज शरीफ अब भी उनके लिए बैटिंग कर रहे हैं. शर्म अल शेख में ट्रंप की तारीफ करते हुए उन्होंने फिर से नोबेल वाली बात दोहराई. ट्रंप उनकी तरफ देखते हुए खुश हुए जा रहे थे. जैसे मियां शरीफ चुप हुए, ट्रंप हंसते हुए बोले- चलो घर चलें.
संघर्ष, दर्द, सब्र और बलिदान... कौन हैं वो 20 बंधक जिन्हें हमास ने छोड़ा, कैसे बने थे बंदी?
Israel Hamas: इजरायल और हमास के बीच जंगबंदी हो चुकी है. सोमवार को दोनों देशों ने एक दूसरे के कैदियों/बंधकों को रिहा किया गया है. हालांकि इन सभी के पीछे एक कहानी छिपी हुई है. चलिए जानते हैं.
ट्रंप की बेटी ने बदला धर्म, ईसाई से बनीं यहूदी, कैसे किया अमेरिकी राष्ट्रपति ने रिएक्ट?
Donald Trump At Israeli Parliament: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायली संसद में अपनी बेटी इवांका ट्रंप के यहूदी धर्म को अपनाने की बात कही.
Donald Trump lauds friend PM Modi in Gaza peace summit:मिस्र के शर्म एल-शेख में गाजा शांति समिट में ट्रंप ने पीएम मोदी को 'अच्छा दोस्त' बताकर भारत की जमकर तारीफ की है. इस मौके पर पाक पीएम शहबाज शरीफ हाथ बांधे सुनते रहे. ट्रंप ने जिस अंदाज में अपनी बात कही है और शहबाज शरीफ का जो रिएक्शन रहा है, उसे देखकर आप हैरान हो जाएंगे. देखें वीडियो.
इस वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में चीन का माल व्यापार 336.1 खरब युआन पहुंचा
चीनी राज्य परिषद सूचना कार्यालय ने 2025 की पहली तीन तिमाहियों में आयात और निर्यात की स्थिति से परिचित कराने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की
Afghnaistan-Pakistan Conflict: तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने पाकिस्तान के साथ सीमा पर हुए संघर्ष को लेकर कहा कि अफगानिस्तान के 5 अन्य पड़ोसी भी हैं और सभी उनके साथ खुश हैं.
भारत के पड़ोसी देश ने किया एक साथ 3 बीमारियों पर 'ट्रिपल अटैक', दुनिया का पहला ऐसा मुल्क बना
मालदीव ने हेल्थ सेक्टर में एक अहम कामयाबी हासिल करते हुए मानव जीवन बचाने की दिशा में एक नया माइलस्टोन हासिल किया है.
737 दिन बाद इजराइल और हमास की जंग थमने की उम्मीद है। सोमवार यानी 13 अक्टूबर को हमास ने 20 बंधक इजराइल को सौंप दिए। बदले में इजराइल ने भी 250 फिलिस्तीनी कैदी छोड़े। गाजा सीजफायर प्लान पर खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मिस्र जाकर दस्तखत किए। लेकिन ये शांति कितनी तबाही के बाद आ रही है, जानिए इस विजुअल स्टोरी में… गाजा... 41 किमी लंबी और 10 किमी चौड़ी एक जमीनी पट्टी है। कुल क्षेत्रफल दिल्ली का एक चौथाई भी नहीं। यहां 20 लाख से ज्यादा आबादी रहती है। दो तरफ से इसकी जमीनी सीमाएं इजराइल और एक तरफ मिस्र से लगती हैं। एक तरफ भूमध्य सागर है। यहां 2007 से ही हमास का शासन था, जो इजराइल को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है। 7 अक्टूबर 2023: हमास का सरप्राइज अटैक 27 अक्टूबर 2023: इजराइली सेना गाजा में घुसी नवंबर-दिसंबर 2023: बंधकों की अदला-बदली 16 अक्टूबर 2024: हमास चीफ याह्या सिनवार की मौत हालांकि 21 जनवरी 2025 को ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली। जंग रुकने की बजाय दोनों तरफ से हमले बढ़ गए और बंधकों की रिहाई रुक गई। 29 सितंबर 2025: नेतन्याहू ने ट्रम्प का सीजफायर प्रस्ताव माना अब बात 2 साल चली जंग से मची तबाही की… अब आखिर में जानिए- इस जंग से सबसे ज्यादा फायदा किसे हुआ लॉकहीड मार्टिन: अमेरिकी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन यानी SEC की रिपोर्ट के मुताबिक, जंग शुरू होने के बाद से लॉकहीड मार्टिन मिडिल ईस्ट में $5.5 बिलियन यानी 48 हजार करोड़ रुपए के हथियार बेच चुकी है। 2024 में इसका रेवेन्यू 5% से ज्यादा बढ़कर $71 बिलियन यानी 6.29 लाख करोड़ रुपए हो गया था। दुनिया की सबसे बड़ी हथियार कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने इजराइल को F-16, F-35 जैसे फाइटर जेट और AGM-114 हेलफायर मिसाइल दी है। डेटा के मुताबिक इन्हीं हथियारों के क्षेत्र में कंपनी की कमाई बढ़ी है। बोइंग: बोइंग को 2024 में दुनिया भर से $64 बिलियन के हथियारों का ऑर्डर मिला था, जो 2023 की तुलना में $5 बिलियन ज्यादा है। इनमें से कई हथियार इजराइल और मिडिल ईस्ट की जंग के लिए दिए गए हैं। इजराइल रक्षा मंत्रालय के मुताबिक वो जल्द ही बोइंग से $500 मिलियन यानी 4.4 हजार करोड़ रुपए के रिफ्यूलिंग प्लेन खरीदने वाली है। बोइंग इजराइल को F-15 फाइटर जेट, खण-46 रिफ्यूलिंग प्लेन, AH-64 अपाचे हेलिकॉप्टर बेचता है। एयर स्ट्राइक में काम आने वाले GBU-39 बम भी बोइंग ही बनाता है। RTX कॉर्पोरेशन: इजराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद से RTX मिडिल ईस्ट और नॉर्थ अमेरिकी देशों में $6 बिलियन यानी 53 हजार करोड़ रुपए के हथियार बेच चुका है। SEC के मुताबिक 2024 में इसके बिक्री 17% बढ़ी है। यह कंपनी इजराइल को क्लस्टर बम और बंकर बस्टर बम जैसे घातक हथियार बेचती है। F-16 फाइटर जेट से चलाई जाने वाली एयर-टू-सरफेस मिसाइल भी RTX इजराइल को देती है। इसकी सहयोगी कंपनियों से इजराइल को आयरन डोम सिस्टम के लिए इंटरसेप्टर, F-15 और F-16 के इंजन मिलते हैं। जनरल डायनामिक्स: 2024 में जनरल डायनामिक्स मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में $1.68 बिलियन यानी 14.90 हजार करोड़ रुपए के हथियार बेच चुका है, जो 2023 से करीब 46% ज्यादा है। इसका रेवेन्यू भी 13% तक बढ़ा है। यह कंपनी इजराइल को कारतूस बेचती है, जो हमास पर बमबारी करने के काम आते हैं। घातक MK-80 बमों की मेटल बॉडी भी यही कंपनी तैयार करती है। -------- इजराइल-हमास से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए... आज का एक्सप्लेनर:क्या हमास की सबसे बड़ी गलती थी 7 अक्टूबर का अटैक; इजराइल ने सुरंगों से खोज-खोजकर मारे लीडर्स, 80% गाजा खंडहर 7 अक्टूबर 2023 की सुबह हमास के हजारों लड़ाके इजराइल में घुस गए। उन्होंने करीब 1200 लोगों का बेरहमी से कत्ल किया, महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया और 251 लोगों को पकड़कर गाजा ले गए। पूरी खबर पढ़िए...
भारतीय महिला क्रिकेटर स्मृति मंधाना ने 112 इनिंग्स में सबसे तेज 5 हजार रन बनाकर विराट कोहली का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. लेकिन ये राइट हैंडेड होने के बावजूद लेफ्ट हैंड से बैटिंग क्यों करती हैं. आखिर इनके कौन से 15 से ज्यादा रिकॉर्ड है. पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो..
‘जब ईरान, सीरिया, सऊदी अरब या देवबंद जैसे इस्लामी देश और विचारधाराएं अपनी लड़कियों को पढ़ा रहे हैं, तो अफगानिस्तान की लड़कियों और महिलाओं को स्कूल-कॉलेज जाने से क्यों रोका जा रहा है?’ ये सवाल स्मिता शर्मा का है। स्मिता फ्रीलांस जर्नलिस्ट हैं। इंटरनेशनल बीट कवर करती हैं। उनका सवाल अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी से था। अफगान मंत्री भारत दौरे पर हैं। 10 अक्टूबर को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें महिला पत्रकारों को नहीं बुलाया गया। विवाद हुआ तो दो दिन बाद फिर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई। इसमें महिला पत्रकार भी शामिल हुईं। दैनिक भास्कर ने महिला पत्रकार स्मिता शर्मा, सुहासिनी हैदर और कादंबिनी शर्मा से बात की। तीनों अमीर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थीं और उनसे तीखे सवाल पूछे। वे कहती हैं कि महिला होने की वजह से ऐसा भेदभाव हमारे साथ कभी नहीं हुआ। एक अफसोस इस बात का है कि तालिबान के मंत्री ने ऐसा किया, दूसरा अफसोस है कि भारत सरकार ने ऐसा होने दिया। सरकार ने अब तक आपत्ति तक दर्ज नहीं कराई है। तालिबान के मंत्री की दो दिन में दो प्रेस कॉन्फ्रेंससुहासिनी हैदर अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ में हैं। विदेश मंत्रालय और विदेशों से जुड़े मामले कवर करती हैं। विदेश से मंत्री या बड़े लीडर भारत आते हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं, तो सुहासिनी को अक्सर बुलाया जाता है। 10 अक्टूबर को ऐसा नहीं हुआ। सुहासिनी को पहले तो अजीब नहीं लगा, लेकिन फिर पता चला कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक भी महिला रिपोर्टर नहीं थीं। अफगानिस्तान के दूतावास ने 18 रिपोर्टर, 7 वीडियो जर्नलिस्ट बुलाए और सभी पुरुष थे। ये फोटो सामने आया तो आलोचना शुरू हो गई। कहा गया कि ये तालिबान की महिला विरोधी सोच है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वॉड्रा, राहुल गांधी और TMC लीडर महुआ मोइत्रा ने भी सवाल उठाए। बात बढ़ी तो एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और इंडियन वूमेन प्रेस कॉर्प्स ने इसे भेदभाव बताया और कहा कि इस तरह की घटना आगे न हो। इसके बाद अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को भी बुलाया गया। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस करीब एक घंटे चली। पुरुष पत्रकारों ने तय किया कि आगे की दो कतारों में नहीं बैठेंगे, ताकि महिला पत्रकार वहां बैठें और अफगान मंत्री से सवाल पूछें। हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में ही विदेश मंत्री मुत्तकी ने सफाई दी कि महिला पत्रकारों को जानबूझकर नजरअंदाज नहीं किया गया, प्रेस कॉन्फ्रेंस कम वक्त में बुलाई गई थी, इसलिए पत्रकारों की छोटी लिस्ट भेजी गई थी। अब प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल पत्रकारों की बात पढ़िए… सुहासिनी हैदर, द हिंदू‘पत्रकारों ने दिखाया- यहां तालिबानी सोच नहीं चलेगी’‘द हिंदू’ की डिप्लोमैटिक अफेयर्स एडिटर सुहासिनी हैदर बताती हैं, ‘मैं 30 साल से दिल्ली में पत्रकारिता कर रही हूं। विदेश मंत्रालय को करीब से कवर किया है। ईरान से लेकर सऊदी अरब तक के विदेश मंत्रियों के इंटरव्यू लिए हैं। आज तक मुझे एक बार भी महिला होने की वजह से नहीं रोका गया। कभी किसी ने नहीं कहा कि अपना सिर ढक लो या इस तरह के कपड़े पहन लो।’ ‘10 अक्टूबर की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में हमें कुछ पता नहीं चला। प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म हुई, तब पता चला कि इसमें किसी महिला रिपोर्टर को नहीं बुलाया गया। हमने भारतीय विदेश मंत्रालय के अफसरों से पूछा कि क्या आपको पता था कि तालिबान अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को नहीं बुलाएंगे और इस तरह के भेदभाव पर विदेश मंत्रालय का रुख क्या है?’ ‘जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में हमारी कोई भूमिका नहीं है। हमने जोर दिया कि भारत सरकार को इस पर कुछ तो कहना चाहिए। हम जिस सरकार को मान्यता देते हैं, तालिबान अभी उसका हिस्सा नहीं है।’ भारत सरकार ने अब तक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। अगर दूतावास के अंदर कुछ गैर-कानूनी या गलत हो रहा है तो आप किसी पर मुकदमा तो नहीं कर सकते, लेकिन विदेश मंत्रालय की तरफ से निंदा तो की जा सकती है। ‘10 अक्टूबर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में तालिबान को खराब कवरेज मिली, तो उसने रुख बदला और दो दिन बाद महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुलाया। सवाल भारत सरकार पर भी है कि उन्होंने तालिबान को भारत बुलाया और तालिबानी सोच को यहां जारी रखा गया।’ ‘12 अक्टूबर को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुरुष पत्रकारों ने आगे की दो लाइन महिला पत्रकारों के लिए छोड़ने का फैसला लिया। हमने कहा कि हमें एक साथ बैठना चाहिए, जैसे आम तौर पर बैठते हैं। वे चाहते थे कि अगर हम पहली लाइन में बैठेंगे, तो तालिबान के मंत्री को महिला पत्रकारों के सवालों का जवाब देना ही होगा।’ ‘हमारा यही कहना था कि किसी भी तरह का भेदभाव हमें मंजूर नहीं है। प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले का अधिकार है कि वो किसे बुलाता है। विदेश मंत्रालय कवर करने वाले 18 पत्रकार और 7 वीडियो जर्नलिस्ट बुलाए गए। इस बीट में कई महिला रिपोर्टर हैं, लेकिन तालिबान ने एक को भी नहीं बुलाया। ये तो भेदभाव है।’ 'उन्हें ऐसा लगा कि वे शायद इस सोच के साथ आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन पत्रकारों ने दिखाया कि यहां तालिबानी सोच नहीं चलेगी। यहां हमारे रिवाज, संस्कृति और सभ्यता से काम होता है। जो हुआ अच्छा हुआ। 10 अक्टूबर की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद तालिबान के नेता चले जाते और आगे कभी भारत दौरे पर आते तो सिर्फ पुरुष पत्रकारों को बुलाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते थे।’ स्मिता शर्माफ्रीलांस जर्नलिस्ट2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी हुई, तब से हमें ठीक से पता नहीं पता था कि अफगानिस्तान दूतावास में होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए कैसे अर्जी देनी है। 10 अक्टूबर की सुबह हमारे मेल कलीग्स ने बताया कि उन्हें अफगानिस्तान दूतावास की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए बुलाया गया है। प्रेस ब्रीफिंग के लिए किसी महिला रिपोर्टर को न्योता नहीं आया, तो ये चौंकाने वाली बात थी। प्रेस ब्रीफिंग दूतावास में अंदर चल रही थी और बाहर दिल्ली पुलिस तैनात थी। जिन्हें बुलाया गया था, सिर्फ उन्हें ही अंदर जाने दिया गया। महिला पत्रकारों को न्योता ही नहीं दिया गया इसलिए उन्हें अंदर जाने देने का सवाल ही नहीं उठता। तालिबान की सरकार बनने के बाद पहली बार है, जब सीधे पत्रकारों से बात की गई। इसमें महिला पत्रकार भी अच्छी खासी थीं। हमने 10 अक्टूबर वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं के न बुलाए जाने पर आपत्ति जताई। हमने कहा कि तालिबान काबुल में महिला पत्रकारों से बात करते हैं। तालिबान के मंत्री ने भारत आकर महिला पत्रकारों के साथ भेदभाव किया, उससे भी ज्यादा अफसोस की बात है कि भारत सरकार ने ऐसा होने दिया। भारत सरकार ऐसा होने से रोक सकती थी। ऐसा नहीं हो सकता कि प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही हो और सरकार को पता न हो। भारत सरकार की तरफ से आपत्ति दर्ज की जानी चाहिए थी, जो अब तक नहीं की गई है। तालिबान के विदेश मंत्री मुत्तकी ने एक घंटे तक सवालों के जवाब दिए, हालांकि उनके जवाब टालमटोल करने वाले थे। उन्होंने जवाब देते हुए हवा हवाई बातें कीं, लेकिन ये उनका अधिकार है कि वे क्या जवाब देना चाहते हैं। स्मिता शर्मा ने अफगानिस्तान में भारत के पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या पर भी सवाल पूछा। अफगान मंत्री ने जवाब दिया कि अफगानिस्तान ने 4 दशकों तक युद्ध झेला है। इसमें कई युवा पत्रकारों की मौत हुई है। ये हमारे इतिहास में एक काला अध्याय है। पिछले 4 साल के हमारे शासन में किसी भी पत्रकार को कोई नुकसान नहीं हुआ। कादंबिनी शर्माफ्रीलांस जर्नलिस्टपहले हम अफगानिस्तान के राजदूतों से मिलते थे। महिलाओं का डेलिगेशन जाता था और खुलकर मुलाकात होती थी। पिछली सरकार के दौरान आराम से बैठकर बातें होती थीं। पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को नहीं बुलाया गया, इस वजह से माहौल गर्म था। नाराजगी साफ दिख रही थी। किसी ने नहीं सोचा कि महिला पत्रकारों के साथ ऐसा बर्ताव होगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में 90% सवाल महिला पत्रकारों ने ही पूछे। पुरुष पत्रकारों ने भी हमें समय दिया, ताकि हम खुलकर सवाल पूछें। हमने अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति, पढ़ाई, हेल्थ पर सवाल किए, लेकिन अफगान मंत्री ने सीधा जवाब नहीं दिया। ये सवाल जितनी सख्ती से पूछे जाने चाहिए, हमने वैसे ही पूछे। मुत्तकी बार-बार कहते रहे कि हम अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर फैसले कर रहे हैं, लेकिन आधी आबादी अगर प्राथमिकता में नहीं होगी, तो कैसे चलेगा। दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को बुलाने के पीछे की क्या कहानी है, ये कहना मुश्किल है। ये साफ है कि सरकार की भी आलोचना हुई। अभिषेक झाफ्रीलांस जर्नलिस्टतालिबान के विदेश मंत्री भारत-अफगानिस्तान के रिश्तों को बेहतर करने के मकसद से आए थे। पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं को नहीं बुलाया गया, तो तालिबान की सरकार की किरकिरी हुई। ये धारणा बनी कि तालिबान में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अब भी वे महिला विरोध वाली सोच के साथ ही काम कर रहे हैं। पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अफगानिस्तान के दूतावास के बाहर सख्ती से चेकिंग की गई थी। दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दरवाजा खोल दिया गया, सभी को अंदर जाने दिया। उन्होंने पत्रकारों की पहचान तक नहीं पूछी। लग रहा था कि तालिबान सरकार को अपनी गलती का एहसास हुआ है। तालिबान की तरफ से तुरंत इस गलती को सुधारने के लिए दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई। ये कहना मुश्किल है कि ये सुधार करने के लिए भारत सरकार की तरफ से कहा गया या फिर तालिबान ने खुद सुधार किया।
तारीख: 10 अक्टूबरजगह: पश्चिम बंगाल का दुर्गापुर जिला शोभापुर इलाके में एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में MBBS स्टूडेंट सुधा (बदला हुआ नाम) रात करीब 9 बजे दोस्त के साथ डिनर के लिए निकली। कैंपस गेट के पास खड़े युवकों ने उनका पीछा किया। कुछ दूर आगे बढ़ने पर पहले युवकों ने सुधा का मोबाइल छीना और फिर पांच हजार रुपए की डिमांड करने लगे। जब उसने रुपए न होने की बात कही तो उसका मोबाइल छीना और बोले कल पैसे लेकर आना तब मोबाइल मिलेगा। वो इतने से ही नहीं माने। इसके बाद युवकों ने सुधा के बाल खींचे और उसे घसीटते हुए जंगल की ओर ले गए। फिर बारी-बारी से उसके साथ रेप किया। इन सबके बीच सुधा का दोस्त उसे छोड़कर भाग निकला। ये सब कॉलेज कैंपस से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर हुआ। 5 युवकों ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया। पुलिस ने बताया कि सुधा ओडिशा की रहने वाली है और MBBS सेकेंड ईयर की स्टूडेंट है। इस घटना के बाद पुलिस ने पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। सभी पास के प्राणगंज गांव के रहने वाले हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास विक्टिम का मोबाइल था। इसी पर कॉल करके टावर लोकेशन से आरोपियों की जानकारी मिली। पुलिस मामले में आगे की जांच कर रही है। हालांकि, अभी पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। सुधा के पिता को शक है कि उसका दोस्त आरोपियों से मिला हुआ है। वरना वो मौके से भागा क्यों। भागने के बाद भी उसने किसी को भी घटना के बारे में नहीं बताया। जबकि आरोपी के परिवार उनकी बेगुनाही का दावा कर रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर पूरा घटनाक्रम समझा। अंधेरे में डूबा रास्ता, जंगल में नशा करने आते हैं लड़केदुर्गापुर पश्चिम बंगाल का एजुकेशनल हब है। ये कोलकाता से 170 किलोमीटर पश्चिम में एक इंडस्ट्रियल एरिया है। यहां बीते दो दशकों में कई प्राइवेट और सरकारी स्कूल कॉलेज खुले हैं। इन्हीं में से एक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की स्टूडेंट सुधा हैं। कॉलेज दुर्गापुर शहर के अंतिम छोर पर शोभापुर में स्थित है। इसके आसपास जंगल और खेत हैं। कॉलेज के साउथ गेट से शहर की तरफ बढ़ने के दौरान सड़क की दोनों ओर स्ट्रीट लाइट तो लगी है, लेकिन जलती नहीं। हालांकि, गैंगरेप की घटना के बाद से इसे चालू कर दिया गया है। 10 अक्टूबर को सुधा और उसके दोस्त इसी रास्ते से पर निकले थे, जब उसके साथ ये घटना घटी। कॉलेज से करीब एक किलोमीटर आगे बढ़ने पर प्राणगंज गांव के लिए रास्ता है। इसी रास्ते पर सुधा के साथ गैंगरेप किया गया। हमने आते-जाते कुछ लोगों से बात करने की कोशिश की। कुछ ने मना कर दिया और कुछ ने ये कहकर टाल दिया कि हम इस रास्ते से ज्यादा आते-जाते नहीं हैं। एक विकास मंडल ही राजी हुए वो अपने मवेशियों को चराने के लिए निकले थे। सड़क पर आने-जाने में कोई खतरा है क्या? जवाब में विकास कहते हैं, ‘इस सड़क पर लाइट नहीं है। हमेशा अंधेरा रहता है लेकिन डर वाली भी कोई बात नहीं है। हां अभी जबसे एक लड़की के साथ रेप की घटना हुई है, तब से लोग इधर से गुजरने में डर रहे हैं। क्या यहां जंगल में लोग शराब पीने या नशा करने आते हैं? जवाब मिला- ‘हां, लड़के शराब पीने तो आते हैं लेकिन वो ज्यादातर बाहर के होते हैं। आसपास के लड़कों को तो नहीं देखा है।‘ पुलिस ने घटनास्थल को फिलहाल सील कर दिया है। घटना के 36 घंटे के बाद फोरेंसिक टीम ने जगह का मुआयना कर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कर सबूत जुटाए। पिता बोले- दोस्त पर साजिश का शक, वो भागा क्योंहमने घटना को लेकर विक्टिम सुधा के परिवार से भी बात की। पिता कहते हैं, ‘हमें घटना के दिन ही रात 10 बजे बेटी की एक दोस्त से इसकी जानकारी मिली। इसके तुरंत बाद रात को ही मैं और मेरी पत्नी कॉलेज के लिए निकल गए। तब तक मेरी बेटी को अस्पताल में एडमिट करा दिया गया है। हम लोग सुबह पांच बजे अस्पताल पहुंचे।‘ वे बताते हैं, ‘इतनी बड़ी घटना हुई थी लेकिन अस्पताल के रवैये से लग ही नहीं रहा था कि ऐसा कुछ हुआ है। मैं यहां अस्पताल में किसी को नहीं जानता था। इसलिए अपने जानने वाले एक लोकल व्यक्ति को साथ लेकर आया। अस्पताल मैनेजमेंट की तरफ से हमें जरा भी मदद नहीं मिली।‘ अस्पताल प्रबंधन ने तो पहले हमें अंदर तक नहीं जाने दिया। जब हमने विरोध किया, तब ICU में बेटी से मिलने दिया गया। ‘जिस वक्त हम बेटी से मिले, वो बहुत ही खराब स्थिति में थी। उसकी मां उसके साथ वहीं रुकी। शनिवार सुबह 10 बजे बेटी का ऑपरेशन हुआ। अभी फिलहाल वो स्टेबल है। पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए वे कहते हैं, ‘FIR के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं दी गई है। जब मैं पुलिस स्टेशन भी गया तो कोई मदद नहीं मिली। 11 अक्टूबर को पुलिस सिर्फ यही कहती रही कि एक्शन ले रहे लेकिन कुछ नहीं किया। ओडिशा पुलिस ने जब दबाव बनाया, तब पुलिस ने तेजी दिखाई। राजनीति दबाव बढ़ने के बाद अब पुलिस मदद कर रही है। आपकी घटना को लेकर सुधा से कोई बात हुई क्या। इस पर वे बताते हैं ‘उसने बताया कि उस दिन एक दोस्त के साथ बाहर गोलगप्पे खाने जाने की बात हुई थी। पहले उसने मना कर दिया था लेकिन बाद में चली गई। इसी दौरान ये सब हो गया।’ विक्टिम के पिता उसके दोस्त पर सवाल उठाते हुए कहते हैं, ‘मुझे उस लड़के पर भी शक है कि वो भी तो कहीं इस मामले में मिला न हो, क्योंकि जब उनके साथ छीना-झपटी हुई तो वो वहां से भाग क्यों गया। उसने किसी को फोन क्यों नहीं किया। किसी को खबर तो कर सकता था लेकिन वो भो नहीं किया।’ वे आगे कहते हैं, ’अब मैं सिर्फ न्याय चाहता हूं, ताकि किसी और की बेटी के साथ ऐसा न हो। इस घटना के बाद बेटी को भी इस कॉलेज में नहीं पढ़ाएंगे। भुवनेश्वर के ही किसी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराएंगे।’ मोबाइल लोकेशन से पकड़े गए आरोपीघटना के दूसरे दिन पुलिस ने ड्रोन की मदद से घटनास्थल का जायजा लिया। सोर्स के अनुसार, पुलिस विक्टिम के मोबाइल की मदद से आरोपियों तक पहुंच सकी। सभी पास के प्राणगंज गांव के रहने वाले हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास विक्टिम का मोबाइल था। इस पर कॉल करके टावर लोकेशन से आरोपियों की जानकारी मिली। पुलिस ने इस मामले में 12 अक्टूबर को 4 आरोपी अपू बाउरी, फिरदौस शेख, शेख रियाउजुद्दीन उर्फ मंटू और नसीरुद्दीन शेख के अरेस्ट कर लिया था। पांचवे आरोपी शेख सफीकुल की गिरफ्तारी 13 अक्टूबर को हुई है। पुलिस विक्टिम के दोस्त को भी हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। फिलहाल इस मामले में पीड़िता ने पुलिस को अपना बयान दे दिया। पुलिस की ओर से कोर्ट में पेश डॉक्युमेंट्स में गैंगरेप की धारा लगाई गई है लेकिन पुलिस ने अभी गैंगरेप की पुष्टि नहीं की गई है। कॉलेज से दो किलोमीटर दूर आरोपियों का गांवहमने घटना को लेकर आरोपियों के परिवार का पक्ष भी जानने की कोशिश की। हम आरोपियों के गांव प्राणगंज पहुंचे लेकिन कोई इस घटना पर बात करने को तैयार नहीं हुआ। गांव में दलित हिंदू और मुस्लिम कम्युनिटी के लोग रहते हैं। सबसे पहले हम अपू के घर पहुंचे, जहां हमें अपू की माता-पिता, पत्नी, दादी और अपू की बेटी मिली। घटना के समय घर पर था पति, फिर रेप कैसे कियापिता दिहाड़ी मजदूर हैं। अपू पलंबर का काम करता है। मां पास की सोसाइटी के घरों में झाड़ू पोछे का काम करती है। अपू की पत्नी मानुनी घटना के बारे में पूछा तो जवाब मिला, ‘हमें पुलिस ने कुछ नहीं बताया। सुबह 4 बजे आई और उसे साथ ले गई।‘ घटना के दिन अपू कहां था? पत्नी ने बताया, ‘वो शाम 5 बजे काम से आए थे और कुछ देर के लिए बाहर गए। उसके बाद रात करीब 8 बजे के बाद हमने भात (चावल) खाया और सो गए। अगले दिन वो मेरी बेटी का आधार लिंक करवाने के लिए गए थे। आधार कार्ड में कुछ दिक्कत आ रही थी इसलिए उसे स्कूल में मिड डे मील नहीं मिल पा रहा था।‘ ‘12 अक्टूबर को सुबह 4 बजे पुलिस अपू-अपू कहकर दरवाजा खटखटाई। जब खोले तब पुलिस ने अपू से कहा कि कपड़े पहनो और चलो। पुलिस ने उसकी एक फोटो भी ली। मैंने पूछा कि क्या हुआ तो बोले- कुछ नहीं हुआ, सुबह आधार कार्ड के साथ गर्जन को थाने भेज देना छोड़ देंगे।‘ ममुनी कहती हैं, ‘जब वो घटना के समय घर पर था तो रेप कैसे कर सकता है। मुझे एहसास ही नहीं हुआ कि पुलिस रेप केस में थाने ले जा रही है। हम पीछे-पीछे सड़क तक गए लेकिन तब तक पुलिस जा चुकी थी।‘ मेरा बेटा निर्दोष, अब उसे कैसे छुड़ाएंपास में बैठी अपू की मां पूर्णिमा रोते हुए कहती हैं, ‘हम लोग गरीब हैं, रोज कमाने खाने वाले हैं। मेरा बेटा ऐसा काम नहीं कर सकता है। घटना की रात तो वो 8 से 9 बजे के बीच में घर पर था। पुलिस ने हमें बताया ही नहीं है कि उसे रेप केस में लेकर जा रही है। जब उसके पिता थाना पहुंचे तो पुलिस ने उसे कोर्ट जाने को कहा और वहां से पता चला के रेप केस में बेटे को अंदर किया है।‘ पूर्णिमा कहती हैं, ‘मेरा बेटा अभी सिर्फ 21 साल का है। छोटी उम्र में ही अपनी पसंद से शादी कर ली। हम लोगों ने इसके लिए मना भी नहीं किया। अभी उसकी एक बेटी भी है। बेटा मेरी बहू को बहुत चाहता है। वो ऐसा काम कभी नहीं करेगा।‘ बाकी आरोपियों से दोस्ती के बारे में पूछने पर वे कहती हैं, ‘ऐसी कोई दोस्ती नहीं है। बस गांव के लोग हैं तो बातचीत होती थी। किसी के साथ ज्यादा उठना-बैठना भी नहीं था।‘ आस-पास खड़ी महिलाएं भी आपस में बातचीत करती मिलीं कि अपू ऐसा लड़का नहीं है। वो ऐसा नहीं कर सकता है। रिश्तेदार के घर शादी में गए थे, पुलिस तभी उठा ले गईइसके बाद हम फिरदौस शेख के घर गए। वो दुर्गापुर के ही मिशन अस्पताल (प्राइवेट) में हाउस कीपिंग का काम करता है। उसका घर अपू के घर से 300 कदम की दूरी पर है। घर पर हमे उसकी मां नुलुपा शेख मिलीं। वो घटना बारे में बताती हैं, ‘हमें 12 अक्टूबर की सुबह घटना का पता चला है। हम लोग पूरा परिवार बांकुड़ा में अपने रिश्तेदार के घर शादी में गए थे। वो घर पर अकेला था और उसकी मौसी उसे खाना देती थी।‘ नुलुपा बताती हैं, ‘आसपास के लोग भी इस घटना से हैरान है। हम सब शादी बीच में ही छोड़कर घर लौट आए। फिलहाल अब तक थाने कोई नहीं गया है।‘ बाकी आरोपियों से दोस्ती के बारे में पूछने पर वे कहती हैं, ‘वो तो अलग बिरादरी से हैं। उनसे मेरे बेटे की कोई दोस्ती नहीं है। हां मोहल्ले के लड़का हैं तो बातचीत होती है। उसे दोस्ती नहीं कह सकते हैं।‘ रियाउजुद्दीन के घर पर ताला लगा मिलाइसके बाद हम रियाउजुद्दीन उर्फ मंटू के घर पहुंचे। हालांकि उसके घर पर ताला लगा मिला और चूल्हे के पास बर्तन पड़े थे। घर पर हमें कोई नहीं मिला। इसके बाद हमने आरोपियों के बारे में गांव वालों से जानने की कोशिश की लेकिन कोई खुलकर कुछ कहने को राजी नहीं हुआ। एक महिला ने नाम न लिखने की शर्त पर हमसे बातचीत की। वे कहती हैं, ‘वैसे लड़के तो अच्छे हैं। गांव में कभी किसी के साथ कोई गलत व्यवहार नहीं किया है। शराब तो आजकल आम बात है। हालांकि इतनी बड़ी घटना को ऐसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। अगर पुलिस कह रही है कि इन लोगों ने रेप किया है तो कोई तो बात होगी। BJP ने पुलिस की कार्रवाई पर उठाए सवालपुलिस की कार्रवाई को लेकर BJP लगातार सवाल उठा रही है। पार्टी की स्टेट कमेटी के मेंबर परिजात गांगुली का कहना है कि पुलिस ने इस मामले में भी तक एक भी प्रेस कॉफ्रेंस कर कोई भी जानकारी नहीं दी है। पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया, क्या वो किसी सबूत के तहत किया है। ये भी शक के घेरे में है। हमें मीडिया से पता चला है कि पुलिस ने विक्टिम के फोन से लोकेशन ट्रेस कर लोगों को पकड़ा है। अगर विक्टिम का फोन मिल गया है तो पुलिस ने उसे इस बारे में जानकारी क्यों नहीं दी।...................ये खबर भी पढ़ें... आदिवासी लीडर की हत्या या एनकाउंटर, CM सोरेन पर सवाल ’एनकाउंटर की झूठी कहानी रची गई। उन्हें तो थाने में ही थर्ड डिग्री टॉर्चर देकर मार दिया गया था। पूरे शरीर पर जलने के निशान थे। उनकी डेडबॉडी की तस्वीर में वो निशान साफ दिखते हैं। कमलडोरी पहाड़ी पर तो बस उनकी लाश रखी गई थी।' झारखंड के गोड्डा जिले के आदिवासी नेता सूर्यनारायण हांसदा की मौत के लिए पत्नी सुशीला सीधे सरकार पर आरोप लगाती हैं। पढ़िए पूरी खबर...
असंभव को संभव कर दिखाया... शर्म अल शेख में गरजे ट्रंप ने यूरोप के साथियों का भी आभार जताया
ट्रंप ने गाजा युद्धविराम समझौते को एक महत्वपूर्ण मोड़ बताते हुए इसे मिडिल ईस्ट के लिए एक नई शुरुआत बताया है.
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DNA: आंखों में आंसू लिए परिजनों से लिपट पड़े ... 738 दिन बाद हमास की कैद से छूटे इजरायली बंधक
रिहाई के बाद इन बंधकों के आने की प्रतीक्षा में सुबह से ही उनके परिवार के लोग तेल अवीव में इकट्ठा हुए थे. तेल अवीव में उत्सव जैसा माहौल था. संघर्ष विराम समझौते के तहत हमास को उन सभी 48 इजराइली बंधकों को छोड़ना है. मगर अभी 20 जिंदा बंधकों की रिहाई हुई है.
Iran-Donald Trump Warning:गाजा शांति समझौते के पहले चरण में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इजरायल पहुंचे हुए हैं. उन्होंने इजरायली संसद को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका बी-2 बमवर्षकों का भंडार कर रहा है, जिनका इस्तेमाल अमेरिका ने जून 2025 में इजरायल-ईरान संघर्ष के दौरान ईरान पर हमला करने के लिए किया था.
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America Currency: अमेरिकी डॉलर की चर्चा पूरी दुनिया में होती है. अमेरिकी का डॉलर दुनिया भर की रिजर्व करेंसी है. लोग विदेशी मुद्रा भंडार का बड़ा हिस्सा डॉलर में रखते हैं. हालांकि इस देश की करेंसी अमेरिकी डॉलर से भी ज्यादा मजबूत है.
समंदर की वो खौफनाक घटना, जब चलते-चलते अचानक लापता हो गए जहाज, आज तक नहीं लग सका कोई सुराग
Sea News: समंदर में मालवाहक जहाजों को सामान ढोते हुए आपने देखा होगा. ये जहाज कई तरह के होते हैं जिनके जरिए आयात- निर्यात किया जाता है. कई जहाज तो ऐसे थे जो अचानक समंदर से गायब हो गए थे.
तेज रफ्तार ट्रेन ने मारी दूसरी एक्सप्रेस में टक्कर, हादसे में 100 लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
Train Accident:एक बड़ा रेल हादसा हुआ है जहां दो यात्री ट्रेनों के बीच टक्कर हो गई. इस घटना में कम से कम 100 लोग घायल हुए हैं जिनमें से 16 की हालत गंभीर है.
100 और 500 नहीं, बल्कि इन देशों में चलता है एक लाख का नोट, देखें पूरी लिस्ट
Biggest Currency Note In The World: इस समय भारत में 500 का नोट सबसे बड़ा नोट है जो चलन में है. इससे पहले 200 और उससे भी पहले 1000 का भी नोट चलन में था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कई ऐसे भी देश हैं जिनमें 1 लाख का नोट चलन में है.
पाकिस्तान का वो पहला हिन्दू मंत्री जो वापस आ गया था भारत, खोला था पाकिस्तान का कच्चा चिट्ठा
Pakistan Hindu Minister: जिन्ना ने 'जोगेंद्र नाथ मंडल' को पाकिस्तान का पहला कानून मंत्री बनाया था, लेकिन जब उन्होंने वहां हिंदुओं पर बढ़ता अत्याचार देखा तो सहा नहीं गया और त्यागपत्र देकर वापस भारत आ गए थे. जानें उन्होंने अपने त्यागपत्र में किन बातों का खुलासा किया था.
नेतन्याहू ने ट्रंप को बताया इजरायल का सबसे बड़ा मित्र' इन 5 फैसलों से हो गए गदगद
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