देवास में पुलिस का न्यू ईयर गिफ्ट:40 लाख के 220 मोबाइल मालिकों को लौटाए; इस साल 655 फोन खोजे
देवास पुलिस ने नववर्ष पर 220 गुम हुए मोबाइल फोन उनके असली मालिकों को लौटाए। ये मोबाइल साइबर सेल द्वारा चलाए गए ‘ऑपरेशन साइबर’ के तहत खोजे गए थे। इनकी कुल कीमत करीब 40 लाख रुपए है। पुलिस कंट्रोल रूम देवास में आयोजित कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोत ने मोबाइल फोन आवेदकों को सौंपे। पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोत के निर्देश पर जिले में ऑपरेशन साइबर चलाया जा रहा है। इसका मकसद साइबर अपराधों पर रोक लगाना और पीड़ितों को जल्दी मदद देना है। इस अभियान के तहत हर थाने में प्रशिक्षित साइबर मित्र तैनात हैं, जो गुम मोबाइल और साइबर ठगी के मामलों में तुरंत कार्रवाई करते हैं। पुलिस ने 655 गुम हुए मोबाइल फोन की खोज की इसके अलावा पुलिस चौपाल, गांव-मोहल्लों और कस्बा-नाका स्तर पर लोगों को साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक कर रही है। साल 2025 में ऑपरेशन साइबर के तहत जिला साइबर सेल देवास ने 655 गुम मोबाइल फोन खोजकर उनके मालिकों को लौटाए हैं। इनकी कुल कीमत करीब 1 करोड़ रुपए है। इस काम में जिला साइबर सेल प्रभारी और पूरी टीम का अहम योगदान रहा है। देवास निवासी रेखा ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि तीन माह पहले भोपाल चौराहा के पास उनका 60 हजार रुपए का आईफोन गिर गया था। उन्होंने उसी दिन बीएनपी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई और साइबर सेल को सूचित किया। तीन महीने के भीतर उन्हें उनका फोन वापस मिल गया, जिसे महाराष्ट्र से बरामद किया गया था। रेखा ने एसपी और साइबर सेल टीम को धन्यवाद दिया।
जालंधर वेस्ट के बस्ती वावाखेल इलाके में नहर के पास मोबाइल स्नैचिंग की वारदात सामने आई है। जानकारी के अनुसार एक महिला अपने बच्चों के साथ नहर किनारे खड़ी थी, तभी तीन युवक एक्टिवा पर सवार होकर वहां पहुंचे और महिला का मोबाइल छीनकर फरार होने लगे। महिला ने विरोध किया तो एक युवक ने उसे झटका दिया मोबाइन छीन फरार हो गए। घटना के दौरान पास में खड़े एक ऑटो चालक निहंग सिंह ने बहादुरी दिखाते हुए स्नैचरों का पीछा किया और अपने ऑटो से एक्टिवा को टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही तीनों आरोपी गिर पड़े। इस दौरान भीड़ जमा हो गई, लेकिन मौके का फायदा उठाकर दो आरोपी मोबाइल लेकर फरार हो गए, जबकि एक आरोपी को निहंग सिंह और स्थानीय लोगों ने काबू कर लिया। सूचना मिलते ही बस्ती बावा खेल थाने के एसएचओ पुलिस टीम के साथ कुछ ही मिनटों में मौके पर पहुंच गए। पकड़े गए आरोपी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और वारदात में इस्तेमाल एक्टिवा भी जब्त कर ली गई है। फरार आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस द्वारा पकड़े गए चोर से पूछताश की जा रही है। स्थानीय लोगों ने निहंग सिंह और आम जनता की सतर्कता की सराहना करते हुए कहा कि अगर लोग पुलिस का साथ दें तो अपराधियों को मौके पर ही पकड़ा जा सकता है। वहीं, पुलिस अधिकारियों ने भी आम लोगों से अपील की है कि किसी भी वारदात की तुरंत सूचना पुलिस को दें और अपराध के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए अरोपी पर पहले भी अपराधिक मामले दर्ज है।
हर आधे घंटे की बिजली खपत की जानकारी मोबाइल पर
भास्कर न्यूज | कवर्धा कबीरधाम जिले में बिजली उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। बिजली कंपनी का दावा है कि लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर राहत और पारदर्शिता लेकर आए हैं। अब उपभोक्ताओं को हर 30 मिनट में बिजली खपत की जानकारी सीधे मोबाइल पर मिल रही है। जिले में अब तक 76 हजार 795 स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। यह कार्य भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के नियमों के तहत आरडीएसएस योजना के अंतर्गत किया जा रहा है। कृषि पंपों को छोड़कर सभी घरेलू, गैर-घरेलू और शासकीय कनेक्शनों में पुराने मीटर बदले जा रहे हैं। स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को मोर बिजली एप के जरिए बिजली खपत का पूरा रिकॉर्ड मिलने लगा है। बिजली कंपनी कवर्धा वृत्त के अधीक्षण अभियंता रंजीत घोष ने बताया कि स्मार्ट मीटर लगाने के लिए उपभोक्ताओं से कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। मीटर लगाने वाले कर्मचारी यूनिफॉर्म और अधिकृत आईडी कार्ड के साथ कार्यालयीन समय में कार्य कर रहे हैं। संबंधित जोन या वितरण केंद्र से संपर्क कर िशकायत कर सकते हैं। खपत की गणना पुराने व स्मार्ट मीटर में एक जैसे कंपनी के मुताबिक बिजली खपत की गणना के लिहाज से पुराने और स्मार्ट मीटर समान हैं। लेकिन स्मार्ट मीटर की खासियत डिजिटल सूचना प्रणाली है। इससे उपभोक्ता अपने बिल और खपत की पूरी जानकारी मोबाइल पर देख सकते हैं। इससे रियल टाइम डेटा, समय पर सही बिलिंग और रीडिंग संबंधी शिकायतों में कमी आई है। उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर लगाना अनिवार्य अधीक्षण अभियंता घोष ने स्पष्ट किया कि बिजली (उपभोक्ताओं के अधिकार) नियमन 2020 के तहत चरणबद्ध तरीके से पुराने मीटरों को स्मार्ट मीटर से बदलना अनिवार्य है। मीटर बदलने से अधिक बिल आने का कोई सवाल नहीं है। अब बिजली खपत और बिलिंग की सटीक जानकारी भी मोबाइल पर मिलेगी।
उज्जैन के एक इंजीनियर के साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मोबाइल चोरी के बाद बड़ी साइबर ठगी हो गई। बदमाश ने मोबाइल हाथ लगते ही 50 से ज्यादा ट्रांजैक्शन कर चार बैंक खातों से 2.90 लाख रुपए निकाल लिए। ठगी से मानसिक रूप से परेशान इंजीनियर की हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। उज्जैन निवासी इंजीनियर हितेंद्र सिंह गुर्जर नोएडा की एक निजी कंपनी में काम करते हैं। शनिवार को हितेंद्र सिंह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से उज्जैन के लिए इंटरसिटी ट्रेन संख्या 12416 में सवार हो रहे थे। इसी दौरान प्लेटफॉर्म पर मौजूद भारी भीड़ का फायदा उठाकर किसी अज्ञात व्यक्ति ने उनका मोबाइल फोन जेब से चोरी कर लिया। मोबाइल चोरी के बाद 2.90 लाख रुपए निकाले गए रविवार को उज्जैन पहुंचने पर हितेंद्र ने अपने मोबाइल की सिम ब्लॉक करवा दी। सोमवार को उन्होंने महाराष्ट्र, आईडीबीआई, यस और एक्सिस बैंक के खातों की जांच की तो पता चला कि बदमाश ने चोरी के कुछ ही समय बाद फोन में मौजूद बैंकिंग ऐप्स और डिजिटल सुविधाओं का दुरुपयोग कर लगभग 50 से अधिक ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करके सभी खातों से 2.90 लाख रुपए निकाल लिए। इसके बाद हितेंद्र ने तुरंत उज्जैन जीआरपी, स्थानीय पुलिस थाना और संबंधित बैंक शाखाओं को सूचना दी और पूरे घटनाक्रम की लिखित शिकायत दर्ज कराई। मानसिक तनाव और आर्थिक नुकसान से इंजीनियर की तबीयत बिगड़ी घटना के कारण मानसिक तनाव और भारी आर्थिक नुकसान से इंजीनियर हितेंद्र सिंह की तबीयत अचानक बिगड़ गई। परिजन ने उन्हें तुरंत माधव नगर अस्पताल, उज्जैन में भर्ती कराया। चिकित्सकों के अनुसार, उनकी हालत अब स्थिर है, लेकिन वे अभी चिकित्सकीय निगरानी में हैं। हितेंद्र सिंह ने बताया कि सिम ब्लॉक करने और कुछ बैंक खातों के यूपीआई नंबर न होने के बावजूद आरोपी ने उनके खातों से रुपए निकाल लिए, जो एक गंभीर मामला है। पीड़ित ने मांग की है कि इस गंभीर मामले में मोबाइल चोरी, बैंक खातों से अवैध डिजिटल लेन-देन और संगठित साइबर अपराध के तहत अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए।
भूपालसागर में खेत में युवती पर चाकू से हमला, सोने का मादलिया और मोबाइल लूटे गए
भूपालसागर के उसरोल गाडरियावास में 20 वर्षीय गुड्डी भील पर दो अज्ञात युवकों ने चाकू से हमला कर उसका सोने का मादलिया और मोबाइल लूट लिया। घटना के दौरान युवती के हाथों में गंभीर चोटें आईं। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है और मामले की जांच जारी है।
बेतिया पुलिस ने 52 गुम मोबाइल बरामद किए:ऑपरेशन मुस्कान के तहत मालिकों को सौंपे गए, कीमत 10 लाख रुपये
बेतिया पुलिस ने 'ऑपरेशन मुस्कान' के तहत विभिन्न थाना क्षेत्रों से गुम या चोरी हुए 52 मोबाइल फोन बरामद कर उनके मालिकों को सौंप दिए हैं। इन बरामद मोबाइलों की अनुमानित कीमत लगभग 10 लाख रुपये है। वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ. शौर्य सुमन ने मंगलवार को अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित एक कार्यक्रम में इन मोबाइलों को उनके वास्तविक मालिकों को सौंपा। इन मोबाइलों को बरामद करने में जिला आसूचना इकाई के प्रभारी इंस्पेक्टर अमर कुमार, दारोगा ओमप्रकाश, सिपाही विजय कुमार, राज कुमार, विपिन कुमार और ऋषभ कुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही। एसपी ने बताया कि बेतिया पुलिस की टीम गुम और चोरी हुए मोबाइलों को बरामद करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। 'ऑपरेशन मुस्कान' के तहत अब तक कुल 365 मोबाइल बरामद कर उनके मालिकों को सौंपे जा चुके हैं।
Phone calls और social media apps के लिए नए नियम, आखिर क्या है सचाई
केंद्र सरकार फोन कॉल और सोशल मीडिया ऐप्स के लिए नए संचार नियम लागू कर रही है। सोशल मीडिया में इस तरह की खबरें खूब शेयर की जा रही हैं। अब इसे लेकर सरकार का बड़ा खंडन सामने आया है। सरकार ने खबर का खंडन किया कि केंद्र सरकार फोन कॉल और सोशल मीडिया ऐप्स ...
बिलासपुर के अचानकमार टाइगर रिजर्व एरिया (ATR) में पर्यटकों को सोमवार बाघ नजर आया है। रायपुर के पर्यटक हरिशंकर समीर अपने परिवार के साथ ATR घूमने के लिए आए थे। उन्होंने दूसरी पाली में शिवतराई से जिप्सी बुकिंग कराई और कोर एरिया में भ्रमण पर निकल गए। इसी दौरान जंगल में उन्होंने बाघ को विचरण करते देखा। बाघ देखकर पर्यटक और परिवार के लोग पहले घबरा गए, जिसके बाद उन्होंने खुशी से झूमते हुए मोबाइल निकालकर बाघ का वीडियो बनाया। सामान्य तौर पर अचानकमार टाइगर रिजर्व में घूमने आए पर्यटकों को बाघ नजर नहीं आता। आए दन ATR की किरकिरी होती रही है। पर्यटकों को हमेशा यह शिकायत रहती है कि, ATR बाघ संरक्षित क्षेत्र है। इसके बाद भी, जब भी जाओ, बाघ दिखाई नहीं देता। बाघ देखकर रोमांच से भर गया परिवार अचानकमार टाइगर रिजर्व में सोमवार को बाघ देखकर पर्यटकों को रोमांच का अनुभव हुआ। पर्यटकों की नजर जैसे ही बाघ पर पड़ी पहले वो घबरा गए। उन्होंने वाहन चालक जीवन लाल को जिप्सी रोकने के लिए बोला। फिर खुशी से झूम उठे और बाघ का वीडियो बनाना शुरू कर दिया। इस दौरान गाइड ने उन्हें जिप्सी से उतरने के लिए मना किया। गाइड और ड्राइवर ने प्रबंधन को दी जानकारी पर्यटकों ने अचानकमार के किस हिस्से में बाघ देखा। प्रबंधन को इसकी जानकारी है। उन्हें यह मालूम है कि उस बाघ का नाम क्या है। लेकिन, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रबंधन ने लोकेशन की जानकारी गोपनीय रखा है। वहीं, पर्यटकों से भी अपील की है कि वह जगह का नाम सार्वजनिक न करें। जिस पर्यटकों को बाघ नजर आया, प्रबंधन ने उनका नाम और मोबाइल नंबर भी एंट्री किया है। वहीं, वाहन चालक जीवन लाल साकत और टूरिस्ट गाइड कुशाल टिलवानी ने इसकी जानकारी ATR प्रबंधन को दी है। प्रबंधन का दावा, ATR में है 10 से 11 बाघ ATR प्रबंधन के रिकार्ड में 10 से 11 बाघ हैं। फोर फेस मॉनिटरिंग के दौरान दल को इनके पद चिन्ह भी मिले हैं। साथ ही ट्रैप कैमरे भी उनकी तस्वीर कैद हुई है। कुछ शावक भी हैं, जिनकी संख्या प्रबंधन ने अब तक उजागर नहीं किया है। प्रबंधन का दावा है कि आने वाले दिनों में अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघ हर दिन पर्यटकों को नजर आएगा। प्रबंधन कुनबा बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसके लिए पेट्रोलिंग टीम भी बनाई गई है, जो केवल बाघों की मॉनिटरिंग करती है।
हरियाणा के नारनौल में बाइक चलाते समय जेब में रखा मोबाइल फोन फट गया। इस हादसे में एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को इलाज के लिए नारनौल के नागरिक अस्पताल में पहुंचाया गया। जहां पर उसका इलाज चल रहा था। महेंद्रगढ़ के गांव बलाना निवासी करीब 20 वर्षीय सचिन कुमार महेंद्रगढ़ से नारनौल की ओर आ रहा था। इस दौरान वह मोबाइल फोन पर कान में कोई डिवाइस लगाकर बात कर रहा था, जबकि मोबाइल उसकी पेंट की बांई जेब में रखा हुआ था। बात करते-करते उसका मोबाइल फोन फट गया। मोबाइल फटने की वजह से वह वह असंतुलित होकर बाइक समेत सड़क पर गिर गया। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। आसपास के लोगों ने उसको सड़क से उठाया तथा एम्बुलेंस को फोन किया। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची एम्बुलेंस ने घायल सचिन को उपचार के लिए नारनौल के नागरिक अस्पताल पहुंचाया। जहां पर उसको इलाज के लिए भर्ती कर लिया गया। मोबाइल फटने व हादसे के बाद उसको गंभीर चोट भी लगी है।
जहानाबाद के शकूराबाद थाना क्षेत्र के श्रीबिगहा गांव निवासी सीआरपीएफ जवान समरेश कुमार के बैंक खाते से 1 लाख 33 हजार 674 रुपए की अवैध निकासी का मामला सामने आया है। पीड़ित जवान ने इस संबंध में साइबर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। जानकारी के अनुसार, समरेश कुमार का मोबाइल फोन दिल्ली में खो गया था। कुछ दिनों बाद जब वह घर लौटे और अपने बैंक खाते की जांच की, तो उन्हें इतनी बड़ी रकम निकाले जाने की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पीड़ित जवान का कहना है कि उनके खोए हुए मोबाइल में बैंक से संबंधित गोपनीय जानकारी मौजूद थी। आशंका जताई जा रही है कि अज्ञात साइबर अपराधियों ने इसी का गलत इस्तेमाल कर अवैध तरीके से खाते से रुपए निकाल लिए। मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर डीएसपी गोपाल कृष्ण ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है और जल्द ही इस मामले का खुलासा किया जाएगा।
सोनीपत जिले के खरखौदा थाना क्षेत्र के गांव मण्डौरी में एक युवक पर हमला कर जान से मारने की धमकी देने और फायरिंग करने का मामला सामने आया है। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि गांव के ही कुछ युवकों ने उस पर डंडों से हमला किया, मोबाइल छीन लिया और बाद में देशी पिस्तौल से हवाई फायर कर दहशत फैलाने की कोशिश की। पुलिस ने मामले में कई धाराओं के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मण्डौरा अड्डे पर हमला, कान में लगी चोट शिकायतकर्ता प्रवेश, निवासी गांव मण्डौरी ने बताया कि 27 दिसंबर की शाम करीब साढ़े छह बजे वह अपने साथी तूमीष के साथ मण्डौरा अड्डे पर किसी काम से गया था। जब वह अपनी मोटरसाइकिल पर बैठा था, तभी गांव का ही सुनील अपने चार साथियों के साथ वहां पहुंचा और बिना किसी बात के मारपीट शुरू कर दी। सभी ने मिलकर लाठी-डंडों से हमला किया, जिससे उसके कान में चोट लग गई। मौके पर मौजूद दुकानदारों और ग्रामीणों ने बीच-बचाव कर उसे बचाया। मोबाइल छीनकर भागा, घर बुलाकर दी धमकी प्रवेश ने बताया कि झगड़े के दौरान सुनील उसका मोबाइल फोन भी उठा ले गया और कहा कि अगर मोबाइल चाहिए तो उसके घर आकर ले जाए। इसके बाद प्रवेश अपने चाचा, पूर्व सरपंच प्रवीन कुमार, पिता और साथी तूमीष के साथ सुनील के घर गया तो सुनील ने देसी पिस्तौल निकालकर हवाई फायर कर दिया। जब गांव के लोग इकट्ठे हुए तो उसने दहशत फैलाने की नीयत से दो और फायर किए और मौके से फरार हो गया। आरोपी पर गंभीर आरोप, जान से मारने की धमकी भी दी शिकायत में प्रवेश ने बताया कि फायरिंग से पहले सुनील ने उसे जान से मारने की धमकी दी। उसने कहा कि सुनील आपराधिक प्रवृत्ति का व्यक्ति है, जिस पर पहले भी चोरी और हत्या जैसे गंभीर आरोप लग चुके हैं। पीड़ित ने पुलिस से अनुरोध किया कि ऐसे अपराधी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में किसी की जान-माल को खतरा न हो। पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच शुरू पुलिस के अनुसार सूचना मिली थी कि गांव मण्डौरी में झगड़ा हुआ है। मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने जांच की, लेकिन उस समय शिकायतकर्ता ने लिखित शिकायत देने से इनकार कर दिया था। बाद में 29 दिसंबर को प्रवेश ने लिखित शिकायत दी। जांच के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया।
कैथल में ओटीपी पूछकर खाते से निकाले 50 हजार:कॉल कर खुद को बैंक अधिकारी बताया; मोबाइल पर भेजा मैसेज
कैथल जिले के गांव टयौंठा में अज्ञात आरोपी ने एक युवक से 50 हजार 721 रुपए ठग लिए। आरोपी ने स्वयं को बैंक का क्रेडिट कार्ड अधिकारी बताया था। उसने युवक के मोबाइल नंबर पर ओटीपी भेजा और बाद में उसे ओटीपी पूछकर उसके खाते से यह राशि निकाली। इस संबंध में युवक ने पुलिस को शिकायत दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। अज्ञात व्यक्ति ने किया फोन गांव टयौंठा के युवक सोनू ने साइबर थाना में दी शिकायत में बताया कि उसका कैथल के एक निजी बैंक में खाता है। 3 दिसंबर को उसके पास अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि वह बैंक से क्रेडिट कार्ड अधिकारी बोल रहा है। मोबाइल पर भेजा ओटीपी आरोपी ने कहा कि वह उसके क्रेडिट कार्ड के लिमिट बढ़ा देगा। इसके लिए आरोपी ने उसके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा। जैसे ही उसने ओटीपी बताया, तो उसके खाते से 50 हजार 721 कट गए। शिकायतकर्ता ने कहा कि ऐसा करके आरोपी ने उसके साथ धोखाधड़ी की है। केस दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस साइबर थाना एसएचओ शुभ्रांशु ने बताया कि इस संबंध में पुलिस के पास युवक की शिकायत आई है।पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
अजमेर की दरगाह थाना पुलिस ने उर्स मेले के दौरान जायरीन के मोबाइल चुराने वाली गैंग को पकड़ा है। महाराष्ट्र के मालेगांव की इस गैंग के 8 बदमाश गिरफ्तार किए गए हैं। गैंग से करीब 25 लाख रुपए कीमत के 54 मोबाइल बरामद किए गए हैं। पुलिस के मुताबिक उर्स में चोरी, जेबतराशी की वारदातों को रोकने और अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए एसपी वंदिता राणा ने टीम को निर्देश दिए थे। इसी क्रम में दरगाह थाना पुलिस ने सोमवार को मोबाइल चोरी के शातिर बदमाशों और जेबतराशों को पकड़ने के लिए चेकिंग अभियान चलाया। दरगाह थाना एसएचओ दिनेश जीवनानी के मुताबिक उर्स मेले में बाहर से आने वाली गैंग और बदमाशों पर नजर रखने के लिए विशेष टीम का गठन किया। मुखबिर और होटल संचालकों से संपर्क कर संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की। सूचना के आधार पर नासिक और मालेगांव महाराष्ट्र गैंग के पकड़े 8 आरोपियों से 54 कीमती मोबाइल बरामद किए। जिनकी कीमत करीब 25 लाख रुपए है। पुलिस ने इस मामले में शेख हुसैन निवासी गुलशेर नगर मालेगांव, नावेद अख्तर निवासी हीरापुरा मालेगांव, साहिल शाह निवासी तांबापुरा जलगांव, शेख फैसल निवासी मालेगांव, फैजान खान निवासी मालेगांव, शेख रफीक निवासी पवारवाड़ी मालेगांव, जावेद शाह निवासी मालेगांव और फैसल खान निवासी मनमाड़ जिला नासिक को गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों पर पहले भी संपत्ति संबंधित मामले दर्ज हैं।
कुशीनगर जिले के अहिरौली बाजार थाना क्षेत्र के ग्राम लखिमा में सोमवार दोपहर एक 19 वर्षीय युवती ने फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। मृतका की पहचान गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र के रछवापार निवासी खुशी सिंह (पुत्री शिवप्रताप सिंह) के रूप में हुई है। खुशी बचपन से ही लखिमा में अपने नाना बेगलाल सिंह के घर रहती थी। सोमवार दोपहर करीब दो बजे खुशी सिंह अपने नाना के अंदर वाले मकान में मोबाइल लेकर गई। उसने अंदर से शटर में ताला लगा दिया और पंखे से दुपट्टे का फंदा बनाकर उससे लटक गई। जब उसके नाना बेगलाल सिंह ने काफी देर तक शटर बंद देखा, तो उन्होंने ताला तोड़कर अंदर देखा। खुशी पंखे से लटकी हुई मिली। घटना की सूचना तत्काल स्थानीय पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष प्रविन्द राय, उपनिरीक्षक गिरजेश यादव, अविनाश, कॉन्स्टेबल अनिल यादव, मनोज कुमार, महिला कॉन्स्टेबल निरमा और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और आगे की आवश्यक कार्रवाई में जुट गई है। मृतका खुशी सिंह अपने दो बहनों और एक भाई में सबसे बड़ी थी। उसके पिता रोजगार के सिलसिले में विदेश में रहते हैं। खुशी बचपन से ही अपने नाना के घर पर रह रही थी।
बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और मुजफ्फरपुर जिला पुलिस की संयुक्त टीम ने कुख्यात अपराधी विक्की कुमार उर्फ विक्की मौर्या को गिरफ्तार किया है। आरोपी को जिले के बरुराज थाना क्षेत्र से पकड़ा गया। पुलिस को उसके गुप्त ठिकाने पर होने की सूचना मिली थी। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने मौर्या के पास से एक अवैध देशी कट्टा और एक जिंदा कारतूस बरामद किया। इसके अतिरिक्त, अपराध में इस्तेमाल की गई एक लक्जरी कार और दो मोबाइल फोन भी जब्त किए गए हैं। जानकारी के अनुसार, विक्की मौर्या हाल ही में बरुराज थाना क्षेत्र में हुई लूटपाट और गोलीबारी की घटना में शामिल था। 15 दिसंबर 2025 को बरुराज थाना क्षेत्र के कुंवारी टोला स्थित नहर के पास बृजेश कुमार नामक व्यक्ति से लूटपाट की गई थी। विक्की ने साथियों संग मिलकर बाइक और कैश की लूट की थी अपराधियों ने बृजेश की अपाचे मोटरसाइकिल और 5000 रुपए नकद लूट लिए थे, और विरोध करने पर उन्हें गोली मारकर घायल कर दिया था। इस संबंध में बरुराज थाने में कांड संख्या 315/25 और 316/25 के तहत हत्या के प्रयास और लूट की धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। पुलिस विक्की से गहन पूछताछ कर रही है। पुलिस का मानना है कि पूछताछ से इलाके में सक्रिय अन्य अपराधियों और हाल की अन्य लूट की घटनाओं के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं। मामले में गिरफ्तारी की पुष्टि डीएसपी सुचित्रा कुमारी ने की है। आरोपी का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी विक्की मौर्या का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है और वह लंबे समय से पुलिस की रडार पर था। पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
रतलाम के व्यापारियों से करीब 64 लाख रुपए लेकर परिवार समेत फरार हुए हुंडी व्यापारी विजय लोढ़ा की रिमांड अवधि सोमवार को खत्म हो गई। शाम को उसे जेल भेजा। पुलिस ने उसका लैपटॉप और मोबाइल फोन भी जब्त किया है। 16 दिसंबर को रतलाम के तेजानगर में रहने वाले रूपेश चरपोट (48) ने माणकचौक थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। रूपेश मकान ठेकेदारी का काम करते हैं। उनके साथ तीन से चार अन्य व्यापारियों ने भी हुंडी दलाल विजय लोढ़ा के खिलाफ 64 लाख रुपए लेकर फरार होने पर अमानत में खयानत का केस दर्ज कराया था। तब से पुलिस इसे तलाश कर रही थी। राजस्थान के उदयपुर से पकड़कर लाए थेहुंडी व्यापारी को माणकचौक थाना पुलिस शुक्रवार रात राजस्थान के उदयपुर के सिल्वर अपार्टमेंट गोमुंदा रोड से अरेस्ट किया था। यह यहां अपने परिवार के साथ था। शनिवार सुबह पुलिस इसे लेकर रतलाम पहुंची थी। इसे कोर्ट में पेश किया था। सोमवार तक का कोर्ट से रिमांड मिला। तीन दिन के रिमांड में पुलिस को हालांकि कुछ खास जानकारी तो सामने नहीं आई है। लेकिन रुपया लेनदेन में खर्च होने की बात कही है। साथ ही व्यापारियों को रुपया लौटाने को भी कहा है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है। बैंक ट्रांजैक्शन, हुंडी लेन-देन, कॉल डिटेल और अन्य डिजिटल सबूतों की जांच कर रही है, जिससे ठगी की वास्तविक राशि का पता चल सके। जो अन्य पीड़ित है वह भी सामने आ सके। 29 नवंबर को गायब हुआ थापुलिस के अनुसार लेनदेन ज्यादा होने के कारण यह परिवार समेत 29 नवंबर को घर पर ताला लगाकर गायब हो गया था। 3 दिसंबर को मोबाइल बंद कर लिया था। इसके बाद शहर के व्यापारियों को इसके बारे में पता चला। तब कुछ व्यापारियों जिन्होंने एक नंबर में रुपया दिया उन्होंने आगे आकर 16 दिसंबर को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। फर्जी चेक दिएआरोपी को गिरफ्तार करने के बाद एक अन्य शिकायतकर्ता मीना जैन ने भी इसके खिलाफ थाने में शिकायत की है। बताया कि हुंडी दलाल विजय लोढ़ा को 27 जनवरी 23 से लेकर 19 जून 2024 तक अलग-अलग टुकड़ों में 7 लाख रुपए दिए थे। इसके एवज में उसने तीन चेक दिए। हाल में पता चला कि उसने जो चेक दिए वह फर्जी निकले। इन व्यापारियों ने दिए रुपए ब्याज पर रुपए चलाने का झांसाफरियादी रूपेश चरपोट ने पुलिस को बताया कि वह विजय कुमार पिता मदनलाल लोढ़ा, निवासी शुभम रेसिडेंसी रतलाम को करीब 10 साल से जानते थे। विजय हुंडी की दलाली का काम करता था। पहचान के चलते उन्होंने ब्याज पर रुपए चलाने के लिए 3 मार्च 2025 को अपने एयू स्मॉल बैंक खाते से 8 लाख रुपए आरटीजीएस के माध्यम से विजय के एचडीएफसी बैंक खाते में ट्रांसफर किए। इसके बाद 30 जून 2025 को फरियादी की पत्नी मोनिका के बैंक खाते से चेक के जरिए साढ़े सात लाख रुपए दिए गए। यह राशि हुंडी की दलाली के नाम पर एक प्रतिशत साहूकारी ब्याज से बाजार में चलाने के लिए दी गई थी। इस तरह कुल 11 लाख रुपए विजय लोढ़ा को दिए गए। फरियादी रूपेश के साथ तीन व्यापारियों ने भी शिकायत दर्ज कराई थी। लौटाने का वादा, परिवार समेत फरारआरोपी हुंडी व्यापारी विजय लोढ़ा ने 1 दिसंबर 2025 को रुपए साहूकारी ब्याज से वापस देने की बात कही थी। लेकिन विजय घर से परिवार के साथ कहीं भाग गया था। लैपटॉप व मोबाइल की होगी जांचमाणकचौक थाना प्रभारी पातीराम डावरे ने बताया कि आरोपी का लैपटॉप व मोबाइल जब्त किया है। इसकी जांच की जाएगी। जो भी आवेदन आ रहे है उसे भी इस केस से जोड़ कर कार्रवाई की जाएगी।
भोजपुर जिले में एक बार फिर भोजपुर पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान अभियान के तहत बड़ी सफलता हासिल की है। जिले के विभिन्न थाना व ओपी क्षेत्रों से चोरी, छिनतई, लूट और गुम हुए कुल 106 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। पुलिस ने सभी मोबाइल उनके वास्तविक मालिकों को सौंप दिया, जिससे लोगों के चेहरों पर खुशी लौट आई। मोबाइल वापस मिलने पर कई लोगों ने भोजपुर पुलिस को धन्यवाद भी कहा। पुलिस अधीक्षक राज के निर्देश पर इस अभियान के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया था। टीम ने तकनीकी और वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर मोबाइल की ट्रैकिंग कर बरामदगी की। बरामद सभी मोबाइल की 21 लाख रुपए कीमत पुलिस के अनुसार, बरामद किए गए 106 मोबाइल की अनुमानित कीमत 21 लाख रुपए से अधिक है। नए साल से ठीक पहले पुलिस अधीक्षक राज ने अपने हाथों से मोबाइल धारकों को मोबाइल सौंपे और उनसे मुलाकात कर उनका हालचाल भी जाना। मोबाइल वितरण कार्यक्रम के दौरान कई भावुक क्षण भी देखने को मिले। कुछ लोग ऐसे थे, जिन्होंने मोबाइल मिलने की उम्मीद ही छोड़ दी थी। ऐसे में जब उन्हें उनका मोबाइल वापस मिला, तो उनकी खुशी देखते ही बन रही थी। लोगों ने पुलिस की इस पहल की जमकर सराहना की और कहा कि इस तरह के अभियान से आम जनता का पुलिस पर भरोसा और मजबूत होता है। महिला ने कहा- एक-एक रुपए जुटाकर मोबाइल खरीदा था संदेश थाना क्षेत्र के फुलाड़ी गांव की रहने वाली पुष्पा देवी ने बताया कि उनके पति मजदूरी करते है। एक एक रुपये बटोर के मोबाइल घर में खरीदा गया था। आठ माह पूर्व मुझे काम करने के दौरान सांप ने डंस लिया था। इसके बाद मुझे इलाज और झाड़–फूंक के लिए सती माई के पास ले जाया गया था। थकावट के कारण हम जमीन में बैठ गई थी। उसी दौरान चार–पांच लोग आए मेरे मोबाइल को चोरी करके लेकर चले गए। सती माई के पास मोबाइल चोरी हुई थी। मोबाइल गुम होने का मुझे काफी दुख था। लेकिन आज मेरा मोबाइल मुझे वापस मिल गया है। काफी खुश हूं,गरीब परिवार के घर में मोबाइल खरीदना काफी कठिन होता है। फर्स्ट डिवीजन आने के बाद बेटे के लिए खरीदा था मोबाइल खनगांव के रहनी वाली शशि कला तिवारी ने बताया कि उनके बेटा मैट्रिक में फर्स्ट डिवीजन से पास हुआ था। सरकार ने तौफे के तौर पर 10 हजार रुपए दिए गए थे। बेटे की आगे की पढ़ाई के लिए मोबाइल खरीदा था। लेकिन मोबाइल लेने अभी कुछ दिन ही थे, तभी घर से किसी ने चोरी कर लिया था। मोबाइल चोरी के बाद पूछताछ के दौरान कुछ लोगों से झगड़ा भी हुआ था। उसके बाद हमने थाना में आवेदन दिया था। जिस दिन मोबाइल चोरी हुआ था, उस दिन मैने खाना तक नहीं खाया था। काफी दुख भी हुआ था,आज मोबाइल मिला है एक नई उम्मीद जगी है। SP सर को बहुत बहुत दिल से धन्यवाद। इधर, मोबाइल मिलने के बाद अंजलि तिवारी ने बताया कि वो लाइब्रेरी से पढ़ाई करने के बाद घर जा रही थी। इसी दौरान बाइक सवार उचक्कों ने मेरे हाथ से मोबाइल छिनकर भाग गए थे। मेरे पापा प्राइवेट जॉब करते है। काफी मेहनत से पापा ने मोबाइल खरीदा था। छिनतई के बाद मैने काफी रोया था। मेरी पढ़ाई डिस्टर्ब हो रही थी। इसके बाद मैने स्थानीय थाना में कंपलेन दर्ज कराया था। मोबाइल में मैने सारा डॉक्यूमेंट भी रखा था। आज मोबाइल मिला है काफी खुश हूं। भोजपुर पुलिस अधीक्षक राज ने बताया कि वर्ष 2025 में अब तक ऑपरेशन मुस्कान अभियान के तहत कुल 441 मोबाइल बरामद किए जा चुके हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 92 लाख रुपए से अधिक है। सभी मोबाइल उनके वास्तविक धारकों को सौंप दिए गए हैं। जिला पुलिस की ओर से यह अभियान लगातार जारी है। पुलिस अधीक्षक राज ने कहा कि ऑपरेशन मुस्कान का उद्देश्य आम लोगों को राहत पहुंचाना और मोबाइल चोरी जैसी घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाना है। आगे भी इस अभियान को और तेज किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक लोगों को उनका खोया हुआ मोबाइल वापस दिलाया जा सके।
बारां में मोबाइल दुकान सहित कई स्थानों से चोरी का खुलासा, 2 आरोपी गिरफ्तार
बारां में मोबाइल दुकान सहित विभिन्न स्थानों पर चोरी की घटनाओं का पुलिस ने किया खुलासा। राकेश सज्जल और राकेश मण्डल को गिरफ्तार कर चोरी के नौ मोबाइल बरामद। पुलिस ने गहन अनुसंधान के तहत अन्य चोरी की घटनाओं की भी जांच शुरू की है, जिससे स्थानीय सुरक्षा पर विश्वास बढ़ा।
पंजाब के लुधियाना में जिला पुलिस ने लूटपाट करने वाले गैंग के 4 बदमाशों को काबू किया है। इन लुटेरों से पुलिस ने चोरी के 16 मोबाइल, 3 बाइक और खिलौना पिस्टल भी बरामद की है। ये लुटेरे सुनसान जगहों पर राहगीरों को घेर कर उन्हें खिलौना पिस्टल और धारदार हथियार दिखाकर लूटते थे। थाना सलेम टाबरी की पुलिस ने इस बदमाशों को ट्रेप लगाकर काबू किया है। लुटेरों की पहचान जसवीर, सोमनाथ,मनप्रीत और पृथ्वी राज के रूप में हुई है। पुलिस के सीनियर अधिकारी आज इस मामले में प्रेस कान्फ्रेंस भी करेंगे।
समस्तीपुर में रविवार देर रात एक छात्र से छिनतई हुई है। लाइब्रेरी से घर लौटते समय बदमाशों ने मारपीट कर मोबाइल छीन लिया। पीड़ित छात्र राजन कुमार आदर्श नगर मोहल्ले का रहने वाला है। घटना शहर के सोनबरसा चौक के पास की है। पीड़ित ने बताया कि लाइब्रेरी से पढ़ाई कर रात करीब 9:00 बजे घर लौट रहा था । मंदिर के पास कुछ लोग पहले से मौजूद थे। गांजा पी रहे हैं। चार-पांच युवकों ने घेर लिया। मेरा मोबाइल छीन लिया। विरोध करने पर मारपीट करने लगे। शोर मचाने पर सभी मौके से भाग गए। इसके बाद अपने घर में जानकारी दी। फिर पुलिस को बताया। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची। रात के समय वारदात को अंजाम हालांकि छिनतई करने वाला कौन था, इसके बारे में अब तक पता नहीं चल सका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अक्सर मंदिर के पास चार-पांच की संख्या में 20 से 25 साल के युवक जमा रहते हैं। नशा करते हैं। रात के समय में अकेला किसी को देखने पर उसके साथ छिनतई की घटना को अंजाम देते हैं। सीसीटीवी खंगाला जा रहा है इस संबंध में मुफस्सिल थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अजीत कुमार ने बताया कि जानकारी मिलने पर तत्काल पुलिस टीम को मौके पर भेजा गया है । सीसीटीवी खंगाला जा रहा है। सीसीटीवी में भाग रहे दो बदमाशों की तस्वीर कैद हुई है। जिसकी पहचान की जा रही है। जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
मानसी जीआरपी ने मोबाइल चोर को पकड़ा:वैशाली एक्सप्रेस से धराया, फोन और नगद जब्त
खगड़िया जिले की मानसी जीआरपी रेल पुलिस ने एक मोबाइल चोर को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी वैशाली एक्सप्रेस ट्रेन से की गई। जीआरपी थाना अध्यक्ष विकास कुमार ने बताया कि सहरसा मार्ग पर रक्षित दल द्वारा वैशाली एक्सप्रेस ट्रेन से चोर को पकड़ा गया। उसके पास से चोरी का एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है। गिरफ्तार चोर की पहचान बेगूसराय जिले के बिहटा बरौनी थाना क्षेत्र निवासी जितेंद्र पासवान के रूप में हुई है। वह उमेश पासवान का पुत्र है। थाना अध्यक्ष विकास कुमार ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। मानसी जीआरपी रेल पुलिस लगातार अपराधियों और शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।
ट्रेन में सवार एक महिला यात्री के साथ चोरी की वारदात होने की घटना को पुलिस ने ट्रेस कर लिया हैं। खंडवा जीआरपी पुलिस के समक्ष महिला यात्री ने पर्स चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। बताया था कि पर्स में आधा किलो से ज्यादा वजनी चांदी की एक सिल्ली और मोबाइल समेत अन्य सामान था। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे सर्च किए और 24 घंटे के भीतर ही मामले को ट्रेस कर लिया। जीआरपी टीआई प्रकाशचंद सेन के मुताबिक, घटना का 26 दिसंबर की हैं। महाराष्ट्र के ठाणे निवासी हर्षा मलतानी पंजाब मेल एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12137) के कोच बी 3 के बर्थ नंबर 66 पर सवार थी। जो कि मुंबई से भोपाल की यात्रा कर रही थी। इस दौरान खंडवा रेलवे स्टेशन के आने से 15 मिनट पर पहले उनकी नींद खुली और उन्होंने सिरहाने पर देखा कि पर्स गायब हैं। पर्स में 10 हजार नकदी, आधा किलों चांदी की सिल्ली, मोबाइल सहित दस्तावेज थे। फरियादिया ने इस घटना की सूचना थाना जीआरपी इटारसी को दी। घटनास्थल खंडवा के आसपास का होने की वजह से इटारसी जीआरपी ने जीरो पर एफआईआर कर खंडवा जीआरपी को फारवर्ड कर दी। खंडवा जीआरपी की टीम जांच में जुट गई। इस दौरान शनिवार को सूचना मिली कि एक युवक तीन पुलिया के पास खड़ा हैं। जिस पर ट्रेन में चोरी की वारदात किए जाने का संदेह हैं। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और पूछताछ कि युवक की पहचान आनंद पिता नारायण ठाकरे (32) निवासी जसवाड़ी रोड माता चौक के रूप में हुई। उसके पास एक बैग था, जिसकी तलाशी लेने पर बैग से विभिन्न कंपनी के 7 मोबाइल, एक चांदी की सिल्ली (578 ग्राम) व 5 हजार रूपए नकदी बरामद किए गए। जिनकी कीमत 3 लाख 6 हजार रूपए थी। आरोपी आनंद के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया। उसने 26 दिसंबर को हुई वारदात को भी स्वीकार किया। आरोपी के खिलाफ पूर्व में भी चोरी और मारपीट के केस दर्ज हैं।
करनाल जिले के घरौंडा क्षेत्र के एक गांव से नाबालिग किशोरी के लापता होने का मामला सामने आया है। किशोरी सुबह के समय बिना बताए घर से निकली थी, जिसके बाद वह वापस नहीं लौटी। परिजनों ने आसपास के इलाकों और रिश्तेदारियों में काफी तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। परिजनों को आशंका है कि किशोरी को एक युवक बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है। सूचना मिलने पर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर जांच और तलाश शुरू कर दी है। पीड़ित परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जिला शाहजहांपुर के एक गांव का रहने वाला है और वर्तमान में गांव बरसत में किराए पर रहता है। शिकायत के अनुसार, किशोरी की मां ने पुलिस को बताया कि उनकी 15 वर्षीय छोटी बेटी 26 दिसंबर की सुबह करीब 5 बजे घर से निकली थी। काफी समय बीतने के बाद भी जब वह वापस नहीं लौटी तो परिवार वालों ने खोजबीन शुरू की। परिजनों ने युवक पर जताया शक शिकायत में मां ने बताया कि उन्हें शक है कि उत्तर प्रदेश के गांव इशुरा का रहने वाला कमलेश उनकी बेटी को अपनी बातों में बहला-फुसलाकर कहीं ले गया है। मेरी बेटी अपने साथ मोबाइल फोन लेकर गई है। पुलिस ने दर्ज किया मामला, तलाश जारी थाना घरौंडा में तैनात पीएसआई रवि ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद गुमशुदगी दर्ज कर ली गई है और पुलिस टीमों को किशोरी की तलाश में लगाया गया है। पुलिस मोबाइल लोकेशन सहित अन्य पहलुओं पर भी जांच कर रही है। मामले से संबंधित सूचना उच्च अधिकारियों को भेज दी गई है। पुलिस ने लोगों से भी अपील की है कि यदि किसी को किशोरी के संबंध में कोई जानकारी मिले तो तुरंत थाना घरौंडा पर सूचना दें, ताकि किशोरी को सुरक्षित बरामद किया जा सके।
जामुल थाना क्षेत्र अंतर्गत हाउसिंग बोर्ड भिलाई में शनिवार दोपहर झपटमारी की घटना सामने आई है। गुरुद्वारा के पास दिनदहाड़े सड़क किनारे फोन से बात कर रहे व्यवक्ति का मोबाइल फोन छिन कर बाइक सवार भाग गए। बाइक पर दो युवक बैठे थे। पीछे बैठे युवक ने फोन से बात कर रहे व्यक्ति को मोबाइल छिना। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया है। पीड़ित लक्ष्मण सिंह (42 वर्ष) ने जामुल थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है वह हाउसिंग बोर्ड भिलाई, गुरुद्वारा के पास रहता है और ड्रायवरी का काम करता है। शुक्रवार 27 दिसंबर 2025 को दोपहर करीब 3 बजे वह गणेश मंच हाउसिंग बोर्ड से गुरुद्वारा की ओर पैदल जा रहा था। इस दौरान वह अपने मोबाइल फोन पर बातचीत कर रहा था और सड़क किनारे चल रहा था। मोबाइल झपटने के बाद तेजी से फरार हुए आरोपीअचानक पीछे की ओर से एक मोटर सायकल पर सवार दो युवक आए। पीड़ित के अनुसार मोटर सायकल पर पीछे बैठे युवक ने अचानक उसके हाथ से मोबाइल फोन झपट लिया और दोनों आरोपी तेज रफ्तार में मोटर सायकल से फरार हो गए। अचानक हुई इस घटना से लक्ष्मण सिंह घबरा गया और शोर मचाया, लेकिन तब तक आरोपी मौके से निकल चुके थे। पुलिस जुटी जांच में, खंगाल रही सीसीटीवीपुलिस ने प्रार्थी की शिकायत पर अपराध पंजीबद्ध कर जांच शुरू कर दिया है। सीसीवीट फूटेज खंगाले जा रहे हैं। पीड़ित ने पुलिस को मोबाइल का IMEI नंबर भी उपलब्ध कराया है। मोबाइल में दो सिम कार्ड लगे हुए थे। पुलिस का कहना है कि अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है, जल्द ही आरोपियों को पकड़ लिया जाएगा।
कुरुक्षेत्र के शाहाबाद में रविवार सुबह के समय सैर पर निकले व्यक्ति को अज्ञात गाड़ी ने अपनी चपेट में ले लिया। गाड़ी का पहिया उसके सिर के ऊपर से निकल गया। कुचले जाने से व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। एक्सीडेंट के वक्त काफी धुंध व कोहरा था। शुरुआती जांच में मृतक की पहचान सतपाल के रूप में हुई। सूचना पाकर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पुलिस को उसकी जेब से मोबाइल बरामद हुआ। पुलिस ने उसके मोबाइल पर कुछ देर पहले डायल हुए नंबर पर बातचीत की, जिससे उसके नाम का पता चल पाया। बराड़ा रोड पर हुआ एक्सीडेंट पुलिस के मुताबिक, सतपाल शाहाबाद-बराड़ा रोड पर सुबह सैर कर रहा था। इसी दौरान धुंध व कोहरे की वजह से किसी गाड़ी ने सतपाल को टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही जैसे सतपाल सड़क पर गिरा, गाड़ी का पहिया उसके सिर को कुचलते हुए निकल गया। टायर के निशान मिले पुलिस को घटनास्थल के पास गाड़ी के टायर के निशान मिले हैं। गाड़ी का पता लगाने के लिए पुलिस आसपास सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। पुलिस ने सतपाल के परिजनों को सूचना देकर बुलाया और शव को मॉर्च्युरी में रखवा दिया। परिजनों के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सीकर में शनिवार रात 2 घंटे के बीच पांच लोगों के मोबाइल और रुपए लूटने की वारदात सामने आई है। स्कूटी और बाइक सवार 5 बदमाशों ने इन वारदात को अंजाम दिया था। दो घंटे के भीतर ही वारदात करके आरोपी फरार हो गए। हालांकि पुलिस ने देर रात पीछा करके दो बदमाशों को पकड़ लिया। एक घटना से जुड़ा सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। अब पुलिस फरार लुटेरों की तलाश कर रही है। मोबाइल व कैश लूटा लुटेरों ने जयपुर रोड पर बालाजी धर्म कांटा के पीछे हॉस्टल में रहने वाले विकास का मोबाइल छीना। विकास खाना खाने के बाद हॉस्टल के बाहर सीढ़ियों में बैठा था। इसी दौरान स्कूटी पर तीन बदमाश आए। इन्होंने रास्ता पूछने के बहाने विकास को बुलाया। इसके बाद विकास का 40 हजार रुपए का मोबाइल छीनकर फरार हो गए। इसी तरह की वारदात सीकर में अनवर, विक्रम मीणा,अमित दुबे और रीको इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित संस्थान में काम करने वाले कर्मचारी के साथ हुई। इंडस्ट्रियल एरिया में हुई वारदात का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। वीडियो में दो बदमाश कर्मचारी का पीछा करते हुए पैदल-पैदल आते हैं। जबकि उनका एक साथी आगे स्कूटी लेकर खड़ा रहता है। कुछ दूर पैदल चलने के बाद पीछा कर रहे दोनों बदमाश युवक का गला दबाकर उसे साइड में लेकर जाते हैं और फिर उसका मोबाइल और नगद रुपए लेकर आगे भागते हैं और अपने साथी के साथ स्कूटी पर बैठकर फरार हो जाते हैं। सभी वारदात करने वाले पांचों आरोपी आपस में दोस्त हैं। यह सभी नशे के आदि है। इनमें तीन आरोपी जयपुर के रहने वाले हैं और दो आरोपी सीकर के। नशे के लिए पैसे जुटाने के लिए ही इन लुटेरों ने एक साथ लूट का प्लान बनाया। जब बीती रात उद्योग नगर थाना SHO राजेश बुडानिया को लूट की सूचना मिली तो वह खुद अपनी टीम के साथ बदमाशों का पीछा करने में लगे। जिन्होंने मंडा इलाके से दो बदमाशों को पकड़ लिया। हालांकि इनके तीन साथी मौका फरार हो गए। पुलिस का कहना है कि उन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
महिला से मोबाइल छीनने वाला काबू
अमृतसर| थाना सदर पुलिस ने महिला से मोबाइल छीनकर फरार होने वाले एक स्नैचर को काबू किया है। जबकि उसका साथी फरार चल रहा है। पकड़े गए आरोपी की पहचान अमरदीप सिंह निवासी फतेहगढ़ चूड़िया रोड के रूप में हुई है। पुलिस को दी शिकायत में मनीश मलहन निवासी नंगली भठ्ठा ने बताया कि 23 दिसंबर को उसकी पत्नी नया मोबाइल खरीद कर वापस घर की ओर जा रहा थी। रास्ते में आते एक स्कूल के पास बाइक सवार दो स्नैचिर उसके हाथ से मोबाइल छीनकर फरार हो गए।
चोर के पास से चोरी के मुकुट का सोना और घटना में प्रयुक्त मोबाइल हुआ बरामद
थावे भवानी के मंदिर में चोरी करने वाले आरोपी और पुलिस के बीच शनिवार को मुठभेड़ हो गया। जिसके बाद पुलिस ने उसे थावे के रिखई टोला गांव के समीप से गिरफ्तार कर लिया। गोली लगने के बाद खून से लथपथ अपराधी सड़क से भागते हुए खेत में छुपने को चाहा, लेकिन पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में यह दूसरी गिरफ्तारी है।इसके पहले पुलिस ने दीपक राय को गिरफ्तार किया था।अभी भी इस मामले में पांच अपराधी फरार चल रहे है। आरोपी की पहचान मोतिहारी जिले के राजेपुर थाना क्षेत्र के गोविंदगंज वार्ड नंबर 12 निवासी इजमामूल आलम (21) के रूप में हुई है। फिलहाल वो भोजपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के रानी सागर गांव में रहता था। थाने के रिखई टोला गांव के समीप शनिवार की अहले सुबह हुई पुलिस और अपराधी के बीच मुठभेड़ के बाद फॉरेंसिक टीम पहुंची।जहां घटना स्थल से खून के नमूना ,चप्पल तथा कई सामान को साक्ष्य के तौर पर इक्ट्ठा किया। थावे भवानी मंदिर से 17 दिसंबर को 1.08 करोड की चोरी की घटना को आरोपी ने अंजाम दिया था। इसने घटना में अपनी संलिप्तता भी स्वीकार कर ली है। पुलिस चोरी के मास्टरमाइंड को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
मानक नगर में देशी शराब दुकान में चोरी:पॉश मशीन, नकदी और मोबाइल फोन गायब
लखनऊ के मानक नगर थाना क्षेत्र में एक देसी शराब की दुकान में चोरी की बड़ी वारदात सामने आई है। 24 और 25 दिसंबर की दरमियानी रात अज्ञात चोरों ने दुकान का ताला तोड़कर पॉश मशीन, लगभग 25 हजार रुपए नकद, दो मोबाइल फोन और करीब दस पेटी देसी शराब चुरा ली। यह दुकान रीता मिश्रा के नाम से संचालित है। चोरी की घटना का पता सुबह चला, जब दुकान संचालक और उनके परिवार के सदस्य दुकान पर पहुंचे। घटना देखकर वे हैरान रह गए। पीड़ित मनोज मिश्र ने मानक नगर थाने में तहरीर देकर मामले में कार्रवाई की मांग की है। तहरीर में बताया गया है कि चोरी की यह घटना संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। चोरों ने दुकान में रखे अन्य सामानों को भी नुकसान पहुंचाया है। पीड़ित ने पुलिस से गहन जांच कर दोषियों की पहचान करने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। इस घटना से क्षेत्र के दुकानदारों में दहशत का माहौल है और स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
राजपुरोहित सेवा न्यास,जोधपुर की ओर से समाज की प्रतिभाओं को शिक्षा के साथ संस्कारों से जोड़ने के उद्देश्य के लेकर प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन शनिवार को मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर पॉलिटेक्निकल कॉलेज परिसर में किया गया। इस समारोह में देशभर की 600 से अधिक प्रतिभाओं का सम्मान किया गया। कार्यक्रम में प्रतिभाओं का मार्गदर्शन करने के लिए सरकारी सेवाओं में जुड़े हुए अधिकारियों ने मोटिवेशनल स्पीच दी। वहीं ब्रह्मधाम आसोतरा के वेदांताचार्य डॉ. ध्यानाराम महाराज का पावन सानिध्य रहा। कार्यक्रम में ACP बोरानाडा आनंद सिंह राजपुरोहित ने आज के समय में समाज के बच्चो में मोबाइल से होने वाले दुष्प्रभावों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आजकल पेरेंट्स भी समय की जरूरत के हिसाब से बच्चों को मोबाइल, गैजेट्स आदि देते हैं, लेकिन कई बार उन्हीं के दुरुपयोग के मामले सामने आते हैं। पेरेंट्स को बच्चों के मोबाइल को चेक करना चाहिए कि वो सोशल मीडिया पर किस तरह के कंटेंट देख रहा है। पढ़ाई के साथ मोबाइल और IT फ्रेंडली होना पड़ेगा उन्होंने कहा कि आज के विद्यार्थियों के चैलेंज के रूप में सबसे ज्यादा पढ़ाई के साथ ही उन्हें मोबाइल और IT फ्रेंडली होना पड़ेगा, लेकिन आजकल मोबाइल में 50 प्रतिशत अच्छी बातें हैं तो 50 प्रतिशत खराब बातें भी हैं। इसमें पेरेंट्स की भूमिका को लेकर उन्होंने कहा कि बच्चों को आजकल मेटेरियल उपलब्ध करवाने के लिए ऑनलाइन क्लासेज के लिए मोबाइल जरूरी है, लेकिन मोबाइल पर मिलने वाली चीजों के दुष्परिणाम भी साथ-साथ चलते हैं। स्टूडेंट के लिए जरूरी है कि किस रूप में मोबाइल का यूज हो राजपुरोहित ने कहा कि आजकल स्टूडेंट के लिए जरूरी हो गया कि किस रूप में इसका यूज हो। आजकल 14 से 15 साल के बच्चे घर में मोबाइल को लॉक करके रखते हैं, जबकि घर में मोबाइल को लॉक करने की जरूरत ही नहीं रहती। आप उनके सोशल मीडिया अकाउंट को चेक करिए, उनका कंटेंट देखिए। ये छोटी-छोटी चीजें बच्चों को भटकाव से रोकेगी। बच्चों के मोबाइल में क्या संगत चल रही है, ये भी आपको वॉच करना पड़ेगा। पढ़ने की उम्र में हाईकोर्ट से ला रहे प्रोटेक्शन उन्होंने कहा कि आजकल बच्चे पढ़ने की उम्र में 18 से 19 साल के बच्चे हाईकोर्ट से प्रोटेक्शन लेकर पुलिस के पास आ जाते हैं और कहते हैं कि हमने शादी कर दी, लिव इन में रह रहे हैं। लेकिन सबसे ज्यादा दुखद स्थिति तब आती है, जब बच्चे के माता-पिता कहते हैं कि हमें 2 घंटे उनसे मिलने दे दो। माता-पिता रो रहे हैं, बच्चे ये बोल रहे हैं कि माता-पिता मर गए। क्या वो आपके पाले हुए बच्चे नहीं हैं। बच्चे रिपोर्ट देते हैं कि हमें अपने माता-पिता से खतरा ACP राजपुरोहित ने कहा कि ऐसे बच्चे हमें रिपोर्ट देते हैं कि हमें अपने माता-पिता से खतरा है और वह लाचार माता-पिता बेचारे रो रहे हैं। क्या इसमें बच्चों की गलती है या माता-पिता की। इसमें कहीं न कहीं हमारी गलती है। हम कमाने में लगे हुए हैं। हम सोचते हैं कि हमने जो नहीं किया वह उन्हें करने दे, उन्हें स्वतंत्र छोड़ देते हैं। लेकिन उसके पीछे जो रिजल्ट्स आ रहे हैं उसको गहराई से देखें तो बहुत विकट स्थिति है। इसके साथ उन्होंने पेरेंट्स को भी सलाह दी कि वह बच्चों से इतनी अपेक्षा नहीं रखें कि वह डिप्रेशन में आ जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों को वॉच करें। जब भी बाहर जाओ तो बच्चों को बताए। शिक्षा के साथ संस्कार भी जरूरी कार्यक्रम में वेदांताचार्य डॉ.ध्यानाराम महाराज ने कहा कि शिक्षा बहुत जरूरी है, लेकिन शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी उतना ही जरूरी है। क्योंकि संस्कारों से ही हम दूसरे को दिशा दे सकते हैं। इस कलियुग में अभी हम शिक्षा के लिए बहुत प्रयास करते हैं। हम संस्कारों के लिए प्रयास तो कर रहे हैं, लेकिन दूसरों के लिए कर रहे हैं। खुद के लिए कम कर रहे हैं। आज हमें संस्कारित बेटी-बहू तो चाहिए, लेकिन हम अपने घर से इसकी शुरुआत करेंगे तो बदलाव होगा। कलियुग का प्रभाव हटाएगा 'राम' नाम वेदांताचार्य ने कहा कि परिवार में कलियुग का प्रभाव हटाने के लिए शस्त्र 'राम' नाम है। रोज आधे घंटे बैठकर परिवार के साथ कीर्तन शुरू हो जाए तो आपके घर में कभी कलियुग की छाया पड़ ही नहीं सकती। जो घरों में झगड़ा हो रहा है, भाई-भाई टूट रहे हैं, उसका प्रभाव तभी छूटेगा जब हमारे घरों में राम का कीर्तन, रामायण का गान होगा। जब तक ये नहीं होगा तब तक संसार का कोई भी व्यक्ति आपकों समस्याओं से बाहर नहीं निकाल सकता। धर्म और संस्कृति, संस्कारों से नहीं जुड़ेगा तो हमारी डिग्री, योग्यता जीवन के लिए शून्य उन्होंने प्रतिभाओं की सराहना करते हुए कहा कि उनकी दृष्टि एकदम विशुद्ध होगी, धर्म और संस्कृति, संस्कारों से नहीं जुड़ेगा तो हमारी डिग्री, योग्यता जीवन के लिए शून्य है। विद्वान तो रावण भी था, सभी वेदों का ज्ञान था वो विद्यावान था, लेकिन इतना होना काफी नहीं। जिसके साथ गुणी होना, चतुर होना वो भगवान और गुरु की कृपा के बगैर नहीं हो सकता। गुरु की बात का करें अनुसरण महाराज ने कहा कि आजकल गुरु तो हर कोई बनाता है। लेकिन यदि हम गुरु की बातों को अपने जीवन में नहीं उतारेंगे, प्रभु की वाणी को अपने चरित्र में नहीं उतारेंगे तो बदलाव नहीं आएगा। इसलिए सबसे बड़ा प्रतिभा का निर्माण कैसे हो, उस पर विचार-चिंतन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए गुरुकुलों की पुनर्स्थापना होनी चाहिए। आजकल बालिका शिक्षा बेहद जरूरी कार्यक्रम में महिला शक्ति के तौर पर विशिष्ट अतिथि RTS सुश्री डॉ. भावना पिलौवनी ने कहा कि आजकल बालिका शिक्षा बेहद जरूरी है, लेकिन सफलता तभी मिलेगी जब एक मजबूत लक्ष्य के साथ कदम आगे बढ़ाए जाए। इन्होंने भी किया संबोधित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ADM सुरेंद्र सिंह पुनायता, डॉ. सज्जन सिंह बासनी मनना ने भी संबोधित किया। न्यास अध्यक्ष महेंद्र सिंह तिंवरी ने बताया कि कार्यक्रम में राजपुरोहित समाज के भामाशाहों का भी सम्मान किया गया। जिसमें डूंगर सिंह राजपुरोहित चामुंडा, शेर सिंह बिकरलाई, पृथ्वी सिंह धांगड़वास, प्रेम सिंह नारवा, प्रेम सिंह बासनी राजगुरु, नाथु सिंह खाराबेरा आदि का सम्मान किया गया। ये रहे उपस्थित कार्यक्रम में न्यास के मार्गदर्शक और संरक्षक करन सिंह रास, गोपाल सिंह ढढोरा, महेंद्र सिंह खींचन, छैल सिंह बासनी मनना, रावल सिंह झाबरा, शैतान सिंह चाड़वास, गणपत सिंह कनोड़िया, डॉ.दिलीप सिंह धीरदेसर, दिनेश सिंह सीनिया, शेर सिंह कागनाडा, पदम सिंह ढाबर, सज्जन सिंह रुदिया, राजेंद्र सिंह पुनाड़िया सहित चैन सिंह भाटेलाई, हनुमान सिंह झाबरा, सुमेर सिंह बीस्सु, थान सिंह डोली, राजेंद्र सिंह लुणावास, अरविंद सिंह धुंधियाड़ी समेत कई गणमान्य मौजूद रहे। कार्यक्रम का मंच संचालन चंदन सिंह और महेंद्र सिंह खींचन ने किया।
अमेठी पुलिस ने 86 मोबाइल फोन बरामद किए:13 लाख का फोन, एसपी अपर्णा रजत कौशिक ने मालिकों को सौंपे
अमेठी पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। जिले की सर्विलांस सेल और एसओजी टीम ने लोगों के गुम हुए 86 कीमती मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 13 लाख रुपए है। पुलिस अधीक्षक (एसपी) अपर्णा रजत कौशिक ने आज एसपी कार्यालय सभागार में इन मोबाइलों को उनके मालिकों को सौंपा। कई कारणों से मोबाइल फोन गुम होने के बाद मालिक पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हैं। शिकायत मिलने पर संबंधित थाना मोबाइल के दस्तावेज सर्विलांस सेल को भेजता है। इसके बाद सर्विलांस सेल आईएमईआई नंबर की मदद से मोबाइल का पता लगाने में जुट जाती है। आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर पुलिस गुम हुए फोन तक पहुंचती है। बरामद किए गए ये 86 मोबाइल फोन देश के विभिन्न राज्यों से प्राप्त हुए हैं, जिनमें मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान शामिल हैं। पुलिस ने इन सभी फोनों को सफलतापूर्वक ट्रैक कर वापस लाया है। अपना गुम हुआ मोबाइल फोन वापस पाकर मालिकों ने अमेठी पुलिस को धन्यवाद दिया। एसपी अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि 86 गुम हुए मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं और आज सभी को उनके मोबाइल सौंप दिए गए। इन मोबाइलों की कुल कीमत 13 लाख रुपए से अधिक है।
नर्मदापुरम में लापता दो भाइयों के शव अलग-अलग दिन रेलवे ट्रैक पर मिले। एक के सिर को इतनी बेरहमी से कुचला गया था कि पहचानने में काफी मुश्किलें आईं। आरोपियों ने वारदात को आत्महत्या में बदलने के लिए दोनों की बॉडी, मोबाइल और स्कूटी अलग-अलग दिशाओं में फेंके थे। परिजन ने एक भाई की मौत का पता लगने पर स्टेट हाईवे जाम किया तो हत्या का मास्टरमाइंड इस पूरे घटनाक्रम को ऑटो में बैठकर देखता रहा। उसने झूठी कहानी रचकर पुलिस को भी गुमराह किया। लेकिन अपनी ही कहानी में उसने चार ऐसी बातें बोल दीं, जिससे वह और उसके चार साथी सलाखों के पीछे पहुंच गए। चौंकाने वाली बात यह है कि हत्या का मास्टरमाइंड अपने भाई-भाभी और भतीजी की हत्या कर चुका है। 20 साल की जेल काटकर बाहर आने पर दो लोगों की हत्या कर दी। उसके एक साथी ने भी अपनी ही चाची से प्रेम के चलते चाचा की हत्या कर दी थी। तब भी उसने हत्या को आत्महत्या में बदलने की काफी कोशिश की थी, हालांकि बच नहीं पाया। दैनिक भास्कर ने नर्मदापुरम एसपी साई कृष्णा थोटा से केस को सुलझाने की पूरी कहानी को समझा। पढ़िए, रिपोर्ट... 25 किलोमीटर की दूरी पर मिलीं दो भाइयों की लाशेंमनवाड़ा निवासी करण कीर (27) और शुभम कीर (22) चचेरे भाई थे। शुभम गोपाल बिल्डर्स की जेसीबी चलाता था, करण उसी जेसीबी पर हेल्पर का काम करता था। 17 दिसंबर की रात करीब 9:30 बजे दोनों स्कूटी से बैटरी डलवाने का कहकर घर से निकले थे, लेकिन अगले दिन सुबह 10 बजे तक वापस नहीं लौटे। उन दोनों के मोबाइल भी बंद आए। परिजन ने पुलिस को सूचना दी। 18 दिसंबर को करण कीर की लाश बांसखापा रेलवे फाटक के नजदीक ट्रैक पर मिली थी। सिर बुरी तरह कुचला हुआ था। हाथ पर लिखे नाम और फोटो को सोशल मीडिया पर शेयर करने से उसकी पहचान हो पाई। 19 दिसंबर को परिजन ने शव नर्मदापुरम-पिपरिया स्टेट हाईवे पर तवा पुल के पास रखकर चक्काजाम किया। 20 दिसंबर की शाम को शुभम कीर की लाश भी बागड़ा तवा के जंगल में रेलवे ट्रैक के पास मिली। शरीर पर चोटों के निशान थे। दोनों के शव जहां मिले, उन जगहों में 25 किमी का अंतर था। कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए आरोपियों तक पहुंची पुलिसमामले में पुलिस ने जांच शुरू की। 19 दिसंबर को पुलिस मनवाड़ा में ही मोहासा रोड पर स्थित ढाबा संचालक केवलराम कीर तक पहुंची। उसने बताया- मैं रात 12 बजे ढाबे पर था, तब 100 मीटर दूर चपालासर-मनवाड़ा तिराहे पर रेत कंपनी के कर्मचारी तीन गाड़ियों से आए थे। उन्होंने शुभम और करण से मारपीट की, फिर अपने साथ ले गए। इसकी सूचना मिलते ही परिजन ने चक्काजाम किया और आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की। आंदोलन खत्म हुआ तो पुलिस ने फिर से केवलराम से बात की। पुलिस को पहले और अब की बातों में विरोधाभास नजर आया। चक्काजाम करने वाले इन लोगों पर केस दर्ज हुआ थापुलिस ने चक्काजाम में शामिल इंदल पिता घूड़िया कीर, सोलू पिता रामविलास कीर, विनेश पिता तेजराम कीर, दीपक पिता कालूराम कीर, राजू पिता देवचंद कीर, अमरसिंह पिता धोलू धोबी (सभी मनवाड़ा), राजा कीर निमसाड़िया, जित्तू कीर निवासी रजोन, प्रमोद कीर निवासी गुराड़िया मोती और अन्य के विरुद्ध केस दर्ज किया था। पुलिस के मुताबिक, प्रदर्शन में रेत माफिया के लोग भी शामिल थे। ढाबा संचालक की बातों को पुख्ता करने टीम बनाई जांच के दौरान पुलिस को ढाबा संचालक केवलराम कीर पर शक हुआ। उसकी बातों को चेक करने एसडीओपी संजू चौहान के नेतृत्व में तीन अलग-अलग टीमें गठित की गईं। इनको माखननगर थाना प्रभारी अनूप उईके, सोहागपुर थाना प्रभारी ऊषा मरावी और सेमरी हरचंद चौकी प्रभारी आकाशदीप पचाया लीड कर रहे थे। मोबाइल की लोकेशन और सीडीआर से पकड़ा गया झूठपुलिस की टीमों ने तेजी से जांच शुरू की। करण और शुभम के मोबाइल की लोकेशन और सीडीआर निकलवाई गई। शुभम का मोबाइल रात 10 बजे स्विच ऑफ हुआ था, जबकि केवलराम कीर ने रात 12 बजे शुभम और करण का रेत कंपनी के कर्मचारियों से विवाद होने की बात कही थी। इस दौरान एक मोबाइल नंबर पहले मनवाड़ा में, कुछ देर बाद बागड़ा तवा और फिर बांसखापा में एक्टिव दिखा। यह नंबर सौरभ इवने का था। सिंगवाड़ा का रहने वाला सौरभ, केवलराम कीर के साले बंटीलाल का बेटा निकला। सौरभ के मोबाइल से ही रात 1 बजे सिंगवाड़ा के विजय को भी कॉल गया था। पुलिस ने विजय से संपर्क किया। 17-18 दिसंबर की रात सौरभ के कॉल आने का कारण पूछा। उसने बताया कि सौरभ के नंबर से दिनेश उर्फ दिन्नू ने बात की थी। बोला था कि बांसखापा रेलवे फाटक पर जाकर देखो। कोई पड़ा है क्या, लेकिन मैंने अनसुना कर दिया और सो गया। सख्ती से पूछताछ की तो सामने आ गया सचइस इनपुट पर केवलराम कीर से दोबारा पूछताछ की तो उसने बताया कि 17 दिसंबर को साला बंटीलाल, बंटी का लड़का सौरभ, भांजा नवल, सास बैजंती और दिनेश उर्फ दिन्नू, उसके घर मनवाड़ा आए थे। रात करीब 9 बजे पत्नी लक्ष्मीबाई का भांजे नवल कीर से विवाद हो गया था। इसके बाद ऩवल, दिनेश और सौरभ बाइक से धानाबाड गांव निकल गए। पीछे से पत्नी लक्ष्मीबाई, बेटी खुशी, नवल की पत्नी दिव्या, साला बंटी और सास बैजंती भी गांव के अमन कीर के ऑटो से धानाबाड के लिए निकले। रात करीब 10 बजे दोस्त अजय कीर उर्फ पोटा, केवलराम कीर के घर आया। कुछ देर बाद शुभम कीर अपने चचेरे भाई करण कीर को लेकर स्कूटी से केवलराम के घर पहुंचा। यहां पुरानी बातों को लेकर केवलराम का दोनों भाइयों से विवाद हो गया। डंडे से सिर पर मारा, बेरहमी से पिटाई कीअजय ने तत्काल नवल को कॉल कर बताया कि केवलराम का शुभम और करण से झगड़ा हो गया है। उधर, शुभम ने भी किसी को कॉल करने के लिए फोन निकाला। इसी दौरान केवलराम ने पीछे से शुभम के सिर पर डंडा मार दिया। शुभम जमीन पर गिर गया। ये देखकर करण वहां से भागा। इसी बीच नवल, दिनेश और सौरभ भी आ गए। सभी ने करण को पकड़ लिया। उसे मारा-पीटा। बेरहमी से मारपीट के चलते शुभम और करण बेहोश हो गए। शरीर में हलचल होने पर बका मारकर हत्या कीइसके बाद नवल, माखननगर पहुंचा और ऑटो लेकर आ गया। सबने मिलकर करण और शुभम को ऑटो में डाल दिया। शुभम के मोबाइल और स्कूटी को मोहासा औद्योगिक क्षेत्र में छोड़ दिया। इसके बाद बागड़ा तवा में रेलवे ट्रैक के पास पहुंचे। शुभम को रेलवे ट्रैक पर पटक दिया। उसके शरीर में हलचल हुई तो नवल और दिनेश ने बका मारकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद वे करण को ऑटो से उतारकर ट्रैक पर फेंकने ही वाले थे कि गश्त कर रहे रेलकर्मियों की टॉर्च चमचमाती दिखी। उन्होंने करण को वहां फेंकने का प्लान कैंसिल किया और जंगल के रास्ते से होते हुए 25 किमी दूर बांसखापा की तरफ ले गए। यहां करण को ट्रैक पर फेंक दिया, जिससे लगे कि उसने सुसाइड किया है। ऐसा कर वे दोनों भाइयों की हत्या की गुत्थी को उलझाना चाहते थे। शव फेंकने के बाद आरोपियों ने सोहागपुर के एक ढाबे पर तड़के 4-5 बजे मछली पार्टी की थी। हत्या कर सुसाइड बताने का अनुभवी है दिनेशदिनेश उर्फ दिन्नू इवने को हत्या की वारदात को आत्महत्या बताने का अनुभव है। उसने 10 साल पहले अपने चाचा देवी सिंह इवने की इसी प्रकार हत्या की थी। दिनेश उर्फ दिन्नू का अपनी चाची शकुनबाई से प्रेम संबंध था। देवी सिंह ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया था, तब दिनेश और शकुनबाई ने रस्सी से गला घोंटकर देवी सिंह की हत्या कर दी थी। उसके बाद देवी सिंह के शव को पेड़ से लटका दिया था। पुलिस को बताया कि देवी सिंह ने आत्महत्या की है। लेकिन पुलिस जांच में खुलासा हो गया था कि देवी सिंह ने आत्महत्या नहीं की बल्कि उसकी हत्या की गई है। मामले में शकुनबाई और दिनेश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। दिनेश जमानत पर बाहर आ गया था। भाई-भाभी और भतीजी का हत्यारा है केवलरामशुभम और करण की हत्या के मुख्य आरोपी केवलराम कीर (45) के खिलाफ 9 अपराध दर्ज हैं। इनमें हत्या और मारपीट के केस भी हैं। वह मूल रूप से रजौन गांव का रहने वाला है। उसके खिलाफ सबसे पहला केस 11 मई 2000 को हत्या, हत्या के प्रयास का दर्ज हुआ था। केवलराम ने अपने भाई, भाभी और भतीजी की हत्या की थी। केवलराम को 20 साल की सजा हुई थी। सजा पूरी कर वह जेल से बाहर आया था। इसके बाद उसने रजौन की जमीन बेचकर मोहासा मेन रोड पर मनवाड़ा में खेत खरीदा। इसमें मकान बनाया। लक्ष्मीबाई इवने से शादी के बाद वो मोहासा में ही रहने लगा। मकान के बाजू में ही उसने ढाबा खोल रखा था। केवलराम कीर अवैध शराब का कारोबार भी करता था। उसके खिलाफ आबकारी एक्ट के केस भी दर्ज हैं। परिजन बोले- हत्यारों को दर्दनाक मौत मिलेशुभम और करण के घर में मातम छाया है। परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। मां का कहना है कि जिस प्रकार से मेरे बेटे को मारा, उससे ज्यादा दर्दनाक मौत उन हत्यारों को मिले। वहीं, बहन ने कहा- हत्यारों को फांसी की सजा देना चाहिए ताकि शुभम और करण की आत्मा को शांति मिल सकें। ये खबर भी पढ़ें... दोस्त बना दुश्मन,1 घंटे पहले कहा था-गोली मारेंगे…और मार दी जबलपुर के सिहोरा में 11 दिसंबर को दोपहर 1 बजे बीच सड़क पर खुलेआम एक रेत ठेकेदार की गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई। इसका एक खौफनाक वीडियो भी सामने आया था। जिसमें हत्यारे चिंटू ठाकुर को पहले दौड़ते हैं। फिर सड़क पर पटक का गोली मारते हुए दिखे। पढे़ं पूरी खबर...
लुधियाना की सबसे भीड़-भाड़ वाली घुमार मंडी मार्केट में शुक्रवार दोपहर पर्स स्नैचिंग की घटना सामने आई इंद्रप्रस्थ नगर की रहने वाली गीता ढीगड़ा अपने परिवार के साथ लोहड़ी की खरीदारी करने मार्केट आई हुई थीं। दोपहर करीब 1 बजे वे शैली स्टोर से रूप स्क्वेयर की ओर पैदल जा रही थी। तभी पीछे से एक युवक स्प्लेंडर मोटरसाइकिल पर आया और उनका पर्स झपटकर फरार हो गया। पीड़िता के अनुसार पर्स में दो मोबाइल फोन आईफोन 15 और वीवो साथ ही करीब 10 हजार रुपए नकद थे। सीसीटीवी में पूरी वारदात रिकॉर्ड घटना पास लगे सीसीटीवी कैमरे में साफ कैद हो गई। फुटेज में दिख रहा है कि महिला अपने परिवार के साथ सड़क किनारे चल रही थीं तभी एक बाइक सवार युवक भीड़भाड़ वाले इलाके से आराम से गुजरते हुए महिला का पर्स झपटकर तेज रफ्तार में निकल जाता है।सीसीटीवी वीडियो सामने आते ही पुलिस ने पीड़िता के बयानों के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। इलाके में दिनदहाड़े हुई इस वारदात से स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। पुलिस एक्शन में आरोपी काबू सूचना मिलते ही थाना 8 की पुलिस हरकत में आई और तत्काल जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज में दिखे बाइक नंबर के आधार पर छानबीन करते हुए पुलिस ने आरोपी को मोटरसाइकिल समेत गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार आरोपी से पूछताछ जारी है और जल्द ही चोरी किया गया सामान बरामद कर लिया जाएगा।
सूरत पुलिस को झांसा:पुलिसकर्मी मोबाइल चलाते रह गए, टॉयलेट के रोशनदान से भागा आरोपी
पुलिस कस्टडी से दुष्कर्म का आरोपी अर्धनग्न हालत में फरार हो गया। घटना कोतवाली थाने के पीछे स्थित त्रिमूर्ति होटल की है। आरोपी सूरत की एक नाबालिग लड़की को भगाकर पंधाना क्षेत्र में ले आया था। सूरत पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। गिरफ्तारी के बाद जांच के लिए सूरत पुलिस उसे खंडवा लेकर आई थी। पुलिसकर्मी होटल की पहली मंजिल के कमरे में रुके थे। आरोपी शौच के बहाने टॉयलेट गया, नल चालू किया और चिटकनी लगा दी। इसी दौरान पुलिसकर्मी मोबाइल में व्यस्त थे। आरोपी टॉयलेट के पीछे बने 22 फीट के रोशनदान से निकलकर फरार हो गया। कोतवाली पुलिस ने सूरत पुलिसकर्मी दिलुभा बोराना की शिकायत पर आरोपी पुष्पेंद्र उर्फ सोनू उर्फ दीपू पिता शिवराम सिंह गुर्जर (25), निवासी बाड़ीगांव, धौलपुर (राजस्थान) के खिलाफ पुलिस अभिरक्षा से भागने का केस दर्ज किया है। आरोपी वर्ष 2024 में सूरत में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी था। वह लड़की को बमनगांव टिगरिया में डेढ़ साल तक साथ रखे रहा था। तीन दिन से सूरत पुलिस त्रिमूर्ति होटल के रूम नंबर 106 में ठहरी थी। रोशनदान का कांच निकालकर अर्धनग्न हालत में नीचे कूदा आरोपी के टॉयलेट में जाते ही पुलिसकर्मी मोबाइल में व्यस्त हो गए। इसका फायदा उठाकर गुर्जर ने नल चालू किया और अंदर से चिटकनी लगा ली। टॉयलेट की पिछली दीवार के 22 फीट के रोशनदान का कांच निकालकर वह साइड की छत पर पहुंचा। दुबला-पतला होने के कारण वह आसानी से निकल गया और नीचे कूदकर दौड़ लगा दी। भागते समय उसने सिर्फ अंडरवियर पहन रखा था। होटल कर्मचारियों ने शोर मचाया। पकड़ने की कोशिश में बोतल मारी, महिला को धक्का देकर भागा शोर सुनकर होटल गेट के पास मौजूद एक दुकानदार ने भाग रहे आरोपी के चेहरे पर पानी से भरी प्लास्टिक की बोतल मारी। आरोपी लड़खड़ाया लेकिन गिरा नहीं। उसने सामने खड़ी महिलाओं को धक्का दिया और बस स्टैंड होते हुए बड़ा कब्रिस्तान रोड की ओर भाग निकला। पुलिसकर्मियों ने पीछा किया, लेकिन आरोपी फरार हो गया।
धर्म कंडे के दफ्तर से नकदी व मोबाइल चोरी
लुधियाना| जसपाल बांगड़ इलाके में एक व्यक्ति को नहाने जाना भारी पड़ गया। शुक्रवार दोपहर करीब 12:26 बजे जसपाल बांगड़ स्थित एक धर्म कंडे पर चोरी की वारदात सामने आई। धर्म कंडे पर काम करने वाला हरदेश कुमार दफ्तर में बैठा था। इसी दौरान धूप निकलने पर वह नहाने के लिए चला गया। पीछे से मौके का फायदा उठाकर एक अज्ञात बाइक सवार युवक ने दफ्तर में घुसकर चोरी कर ली। जब हरदेश कुमार वापस लौटा और सीसीटीवी फुटेज चेक की, तो उसमें एक युवक सुनसान माहौल का फायदा उठाते हुए दफ्तर में दाखिल होता नजर आया। आरोपी वहां से 8,500 रुपए नकद और एक मोबाइल फोन चोरी कर फरार हो गया। पीड़ित ने मामले की शिकायत थाना साहनेवाल पुलिस को दे दी है। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी की पहचान की जा रही है और जल्द उसे काबू कर लिया जाएगा।
आगरा में बस स्टैंड से मोबाइल और पर्स चोरी:डेबिट कार्ड से निकले 1.48 लाख, FIR दर्ज
आगरा में अलमास खान दिल्ली जाने के लिए ISBT बस स्टैंड पर बस का इंतजार कर रहा था। इसी दौरान दो चोरों ने उसे बातों में लगाकर उसका मोबाइल और पर्स चोरी कर लिया। बाद में डेबिट कार्ड से 1.48 लाख और 15 हजार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कर लिए। शिकायत पर थाना हरीपर्वत पुलिस केस दर्ज कर जांच में लगी है। टेढ़ी बगिया निवासी अलमास ने पुलिस को बताया कि एक दिसंबर को शाम 4 बजे वह आईएसबीटी पर दिल्ली जाने के लिए बस का इंतजार कर रहे थे। दो अनजान युवकों ने उन्हें बातों में लगाया और मोबाइल और पर्स चोरी करके ले गए। पर्स के अंदर पंजाब नेशनल बैंक का डेबिट कार्ड व अन्य सामान रखा था। नेहरू नगर नगर स्थित एटीएम मशीन से 1.48 लाख रुपये निकाल लिए और 15 हजार ऑनलाइन ट्रांसफर कर लिए। दूसरे दिन उनका मोबाइल आगरा किले के पास हाथी घाट स्थित परचून की दुकान वाले को मिला। दुकानदार ने उनके एक परिचित के नंबर पर फोन करके जानकारी दी
फरीदाबाद एनआईटी-3 स्थित ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मरीज के परिजनों और अस्पताल के स्टाफ के बीच हुए विवाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो सामने आने के बाद अस्पताल की व्यवस्थाओं और मरीजों के साथ व्यवहार को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। यह वीडियो कई दिन पुराना बताया जा रहा है। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक व्यक्ति मरीज के साथ अस्पताल के काउंटर पर खड़ा होकर स्टाफ से शिकायत कर रहा है कि मरीज को लगातार ब्लड आ रहा है और उसे तुरंत डॉक्टर की आवश्यकता है। वीडियो के कुछ हिस्सों में आवाज स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसके बाद काउंटर पर मौजूद महिला डॉक्टर यह कहते हुए नजर आती हैं कि डॉक्टर(मरीज को देख रहे) को सूचना दे दी गई है और इस तरह ऊंची आवाज में बात करने की जरूरत नहीं है। परिजनों ने की डॉक्टर को बुलाने की मांग इस पर मरीज के परिजन सवाल उठाते हैं कि आखिर किस डॉक्टर को जानकारी दी गई है और उसे तुरंत मौके पर बुलाने की मांग करते हैं। परिजन यह भी कहते हैं कि वे खुद भी अस्पताल से जुड़े हुए हैं। इसी बात को लेकर महिला डॉक्टर नाराज हो जाती हैं और कहती हैं कि वे अपनी तरफ से जो कर सकती थीं, कर चुकी हैं। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच कहासुनी बढ़ जाती है। महिला डॉक्टर ने की मोबाइल छीनने की कोशिश वीडियो में यह भी दिखाई देता है कि वीडियो रिकॉर्ड कर रहे व्यक्ति का मोबाइल फोन छीनने की कोशिश की जाती है। इसी दौरान कई महिला कर्मचारी मौके पर पहुंच जाती हैं, जिससे माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो जाता है। कुछ स्टाफ सदस्यों द्वारा मरीज के परिजन का हाथ पकड़ने की कोशिश करते हुए भी वीडियो में देखा जा सकता है। मरीज की पहचान नहीं हो पाई जिस मरीज को लेकर यह विवाद हुआ, उसकी फिलहाल कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आ सकी है। यह मरीज कहां का रहने वाला है और किस बीमारी के इलाज के लिए अस्पताल आया था, इसका भी पता नहीं चल पाया है। वहीं, जिस महिला स्टाफ सदस्य के साथ परिजनों की बहस हुई, उसके बारे में भी अभी कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है। डीन बोले- जांच करेंगे मामले को लेकर ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डीन डॉ. चव्हाण कालिदास दत्तात्रेय ने बताया कि उन्हें इस घटना की जानकारी मिली है और पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि यदि जांच में किसी स्तर पर कोई कमी पाई जाती है तो संबंधित के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। डीन ने यह भी कहा कि अस्पताल में आने वाले सभी मरीजों के इलाज का पूरा प्रयास किया जाता है और जांच के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जालंधर के अलावलपुर क्षेत्र में चोरी की एक बड़ी वारदात सामने आई है। ब्यास गांव में देर रात हथियारबंद लुटेरों ने एक परिवार को बंधक बनाकर घर में डकैती को अंजाम दिया। लुटेरे करीब 45 मिनट तक घर में मौजूद रहे और नकदी, सोना व मोबाइल फोन लूटकर फरार हो गए। पीड़ित परिवार के अनुसार लुटेरे करीब एक लाख रुपए नकद, 10 तोला सोना और चार मोबाइल फोन अपने साथ ले गए। वारदात के बाद परिवार ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। रेलवे लाइनों के पास खेतों में बने घर में रहने वाले लखविंदर सिंह पुत्र शिव सिंह ने बताया कि उनके घर 5 से 7 अज्ञात लुटेरों ने डकैती की। परिवार के सदस्य मनप्रीत सिंह ने बताया कि बीती रात करीब 1:15 बजे घर के पिछले दरवाजे पर जोर-जोर से पीटने की आवाज आई। पहले उन्हें लगा कि कोई पशु दरवाजा तोड़ रहा है, लेकिन जब उन्होंने मेन ग्रिल का दरवाजा खोला तो बाहर खड़े लुटेरे जबरदस्ती घर में घुस आए। मनप्रीत ने बताया कि लुटेरों ने तेजधार हथियारों की नोक पर लखविंदर सिंह, उनकी पत्नी और बेटे को एक कमरे में बंधक बना लिया और बार-बार गोली मारने की धमकी देते रहे। इसके बाद सभी कमरों की तलाशी लेकर लुटेरे कीमती सामान समेटकर फरार हो गए। घटना की सूचना मिलने पर डीएसपी आदमपुर देहाती राजीव कुमार और थाना प्रभारी आदमपुर रविंदर पाल सिंह पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने पीड़ित परिवार के बयान दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं, घटना के कुछ समय बाद रेलवे विभाग की सूचना पर रेलवे लाइनों के पास से दो मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। पुलिस लुटेरों की तलाश में आसपास के इलाकों में छानबीन कर रही है।
बांका के सुईया थाना क्षेत्र में एक किसान का सिर कटा शव बरामद हुआ है। बैरधंधिया और छच्छीपुर गांव के बीच जंगल से गुरुवार रात को यह शव मिला। मृतक की पहचान बेलहर थाना क्षेत्र के झुकलिया गांव निवासी सुबोध कुमार सिंह (45) के रूप में हुई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है, हालांकि हत्या के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। शुक्रवार को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। जानकारी के अनुसार सुबोध कुमार सिंह 24 दिसंबर बुधवार की शाम घर से यह कहकर निकले थे कि वह एक पार्टी में जा रहे हैं। उन्होंने अपना मोबाइल भी घर पर ही छोड़ दिया था। इसके बाद वह घर वापस नहीं लौटे। परिजनों ने उनकी काफी खोजबीन की और आसपास के गांवों में भी पूछताछ की, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिल सका। उनके लापता होने के बाद परिजनों ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। घटना से जुड़ी 3 तस्वीरें देखिए.... स्थानीय लोगों ने सूचना पुलिस को दी 25 दिसंबर गुरुवार की रात को स्थानीय लोगों ने सुईया थाना क्षेत्र के जंगल में सिर कटा शव मिलने की सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही सुईया थाना की पुलिस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस के साथ फोरेंसिक टीम भी घटनास्थल पर पहुंची और जांच-पड़ताल करते हुए महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्र किए। पोस्टमॉर्टम के लिए बांका सदर अस्पताल भेजा प्राथमिक जांच में सामने आया है कि सुबोध कुमार सिंह की हत्या तेज धारदार हथियार से गला रेतकर की गई है। हत्या के बाद उनके शव को जंगल में फेंक दिया गया था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर शुक्रवार को पोस्टमॉर्टम के लिए बांका सदर अस्पताल भेज दिया। मोबाइल घर पर छोड़कर पार्टी में जाने की बात कहकर निकले मृतक की पत्नी अर्चना कुमारी ने बताया कि उनके पति 24 दिसंबर बुधवार की शाम मोबाइल घर पर छोड़कर पार्टी में जाने की बात कहकर निकले थे। जब वह देर रात तक घर नहीं लौटे तो परिवार वालों ने उनकी तलाश शुरू की। गुरुवार रात को उन्हें सुईया थाना क्षेत्र के जंगल से पति का सिर कटा शव बरामद होने की सूचना मिली। पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। पत्नी ने बताया कि उनके पति की किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। घटना के बाद पत्नी सहित पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है और गांव में मातम पसरा हुआ है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया इस संबंध में सुईया थाना अध्यक्ष कन्हैया झा ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है और मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। पुलिस हर पहलू से जांच कर आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है।
सोनीपत में बाइक सवारों ने मोबाइल छीना:बात करते हुए जा रहा था युवक; पीछे से आए झपटमार, नहीं लगा सुराग
सोनीपत के कुण्डली क्षेत्र में मोबाइल फोन छीनने की वारदात सामने आई है। युवक फोन पर बात करते हुए जा रहा था, तभी पीछे से आए बाइक सवार युवकों ने झपटा मारा और फोन छीन कर फरार हो गए। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। झपटमारों की पहचान के प्रयास हो रहे हैं। कुंडली निवासी प्रवीन कुमार ने बताया कि शाम करीब 7:30 बजे वह चोपड़ा पेट्रोल पंप से कुण्डली गांव की ओर जा रहा था। इसी दौरान अज्ञात बाइक सवार बदमाशों ने झपट्टा मारकर उसका मोबाइल फोन छीन लिया और फरार हो गए। फोन पर बात करते समय हुई वारदात प्रवीन कुमार ने बताया कि वह अपने दोस्त सुनील से फोन पर बात कर रहा था, तभी अचानक पीछे से आए दो बाइक सवारों ने उसका VIVO 51 5G (रंग रेनबो फैंटेसी) मोबाइल छीन लिया। उन्होंने बताया कि फोन छीनने के बाद उसने शोर मचाया, पीछा भी किया, लेकिन घटना के बाद बदमाशों का कोई सुराग नहीं मिला। पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा शिकायत के आधार पर थाना कुण्डली पुलिस ने मामला दर्ज किया है। जांच अधिकारी एसआई सतबीर ने बताया कि शिकायत प्राप्त होने के बाद वे मौके पर पहुंचे और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जांच में जुटी पुलिस पुलिस का कहना है कि बदमाशों की पहचान के लिए तकनीकी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। आसपास के इलाकों में लगे कैमरों की मदद से बाइक सवारों की गतिविधियों का पता लगाया जा रहा है। पुलिस ने जल्द ही आरोपियों को पकड़ने का भरोसा दिलाया है।
करनाल जिले के गांव घोघड़ीपुर में खेतों में शराब पार्टी के बाद दो युवकों के संदिग्ध परिस्थितियों में लापता होने का मामला सामने आया है। तीन दोस्त साथ निकले थे, लेकिन उनमें से केवल एक ही घर लौटा। हैरानी की बात यह रही कि घर लौटे युवक ने तीन दिन तक यह जानकारी परिजनों से छिपाए रखी कि दोनों लापता युवक उसी के साथ गए थे। परिवार वालों ने अपने स्तर पर तलाश की, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। इसके बाद मामले की शिकायत पुलिस को दी गई, जिस पर जांच शुरू कर दी गई है। घर से जाते समय नहीं बताया, कहां जा रहे गांव जुंडला के राहुल ने बताया कि उसका भाई दीपक रविवार को दिन में करीब 11 बजे घर से निकला था। उसके साथ उसके दोस्त गुरमीत और विश्वास भी थे। दीपक ने घर पर यह नहीं बताया कि वह कहां जा रहा है। तीनों दोस्त वहां से करनाल की ओर निकल गए। कुछ समय बाद गुरमीत तो वापस घर लौट आया, लेकिन दीपक और विश्वास घर नहीं पहुंचे। देर शाम तक दोनों के न लौटने पर परिजनों को चिंता होने लगी। तीन दिन बाद खुला साथ जाने का राज राहुल ने बताया कि गुरमीत ने तीन दिन तक परिवार को यह तक नहीं बताया कि दीपक और विश्वास उसी के साथ गए थे। परिवार ने जब गुरमीत से सख्ती से पूछताछ की, तो उसने पूरी बात बताई। पूछताछ में सामने आया कि गुरमीत, दीपक और विश्वास तीनों एक साथ ही करनाल गए थे और पूरे दिन साथ रहे। राशि ट्रांसफर कर खरीदी शराब और खाना जानकारी के अनुसार विश्वास ने अपने काम से गुरमीत के खाते में एक हजार रुपए ट्रांसफर करवाए थे। जहां-जहां गुरमीत ने कहा, वहां-वहां पैसे ट्रांसफर किए गए। इसके बाद करनाल में एक शराब की बोतल खरीदी गई। वहीं पर खाने-पीने का सामान लिया गया और भुगतान भी गुरमीत ने ही किया। शुरुआत में तीनों ने जुंडला में शराब पार्टी करने की योजना बनाई थी, लेकिन बाद में योजना बदल दी गई। घोघड़ीपुर नहर के पास खेतों में पार्टी तीनों दोस्त घोघड़ीपुर नहर के पास खेतों में एक ट्यूबवैल के कोठे के पास बैठकर शराब पार्टी करने लगे। इसी दौरान गुरमीत के पिता का फोन आया, जिस पर वह शाम के समय घर लौट गया। दीपक और विश्वास ने भी गुरमीत से कहा कि वह चला जाए, वे दोनों खुद ही बाद में घर आ जाएंगे। इसके बाद से ही दोनों का कोई पता नहीं चला। मोबाइल बंद होने से बढ़ा संदेह परिजनों ने दीपक और विश्वास के मोबाइल फोन पर कई बार कॉल की। शुरुआत में कॉल जाती रही, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। सोमवार सुबह करीब साढ़े 9 बजे दीपक का मोबाइल फोन बंद हो गया, जबकि विश्वास का फोन रविवार शाम को ही बंद हो चुका था। इसके बाद परिवार ने जुंडला चौकी पुलिस को शिकायत दी। पुलिस का कहना है कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर कार्रवाई की जा रही है।
नोएडा में मोबाइल चोरी का वांछित गिरफ्तार, बड़ी मात्रा में मोबाइल और पार्ट्स बरामद
नोएडा के थाना सेक्टर-142 पुलिस ने मोबाइल फोन चोरी और छिनैती के मामलों में वांछित चल रहे शातिर अपराधी को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है
देश जिस “विकसित भारत 2047” का सपना देख रहा है, उसकी बुनियाद आज गोद में पल रहे बच्चों पर टिकी है। लेकिन सवाल यह है कि क्या हम इस आने वाली जेनरेशन को सही दिशा दे पा रहे हैं। यह कहना है, भारत में बच्चों के लिवर ट्रांसप्लांट की शुरुआत करने वाली सीनियर पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंट्रोलॉजिस्ट और इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAOP) की प्रेसिडेंट डॉ. नीलम मोहन का। डॉ नीलम मोहन से दैनिक भास्कर से इस बातचीत की। डॉ नीलम ने साफ शब्दों में कहा कि गलत परवरिश, गलत खान-पान और जरूरत से ज्यादा मोबाइल स्क्रीन बच्चों के दिमागी कनेक्शन बिगाड़ रही है। इसका असर सिर्फ शरीर पर नहीं, बल्कि बच्चों की सोच, इमोशन और व्यवहार पर भी पड़ रहा है। डॉ. नीलम ने कहा कि आज माता-पिता बच्चों से तुतली जुबान या प्यार से बात करना कम कर रहे हैं। इसकी जगह बच्चों के रोने पर फोन थमा देते हैं। इससे बच्चों में ह्यूमन इमोशंस विकसित नहीं हो पाते। वे इंसानों की बजाय इंस्ट्रूमेंट्स से जुड़ने लगते हैं। यही आने वाली जेनरेशन की सबसे बड़ी समस्या बनने वाली है। जब वो बड़े होंगे तो उनके ही माता पिता उनसे प्यार की उम्मीद करेंगे लेकिन जब आप बच्चों को प्यार, रेस्पेक्ट सिखाएंगे नहीं तो उनसे कैसे उम्मीद कर सकते हैं। बच्चों के एक मेटिरियल स्टिक चीज से जुड़ने से उनकी डिसीजन टेकिंग एबिलिटी, प्रॉब्लम सॉल्विंग एबिलिटी, स्ट्रेस हैंडल करने की क्षमता, पेशेंस समेत जीन के लिए जरूरी अन्य स्किल से वो दूर होते जा रहे हैं। जन्म से लेकर दो साल तक बच्चे के दिमाग में तेजी से नए कनेक्शन बनते हैं। अगर इस समय मोबाइल दिया गया, तो ये कनेक्शन गलत दिशा में विकसित होते हैं। ऑटिज्म जैसी समस्याएं इसी वजह से बढ़ रही हैं। दो साल तक बच्चों को मोबाइल बिल्कुल नहीं देना चाहिए। सवाल: मोबाइल और स्क्रीन बच्चों के दिमाग पर कैसे असर डालते हैं? जवाब: डिजिटल स्क्रीन पर सब कुछ बहुत तेज होता है। बच्चा उसी स्पीड का आदी हो जाता है। उसे स्लो चीजें समझ ही नहीं आतीं। इससे व्यवहार में चिड़चिड़ापन आता है, ब्लड प्रेशर बढ़ता है और नींद प्रभावित होती है। बच्चे तुरंत रील, गेम, वीडियो से रिवॉर्ड के आदी हो जाते हैं। वे बोर होना ही नहीं सीखते, जबकि बोरियत से ही क्रिएटिविटी जन्म लेती है। इसलिए उनके अंदर की क्रिएटिविटी डेवलप ही नहीं हो पा रही हैं क्योंकि उन्हें सोचने का मौका ही नहीं मिल रहा है। उनका दिमाग हमेशा व्यस्त है। स्टडी से साबित हुआ है कि जो बच्चे एआई से होमवर्क करते हैं, उनकी क्रिएटिविटी कम हो जाती है। जबकि जो बच्चे खुद सोचकर काम करते हैं, उनमें ज्यादा विविधता और कल्पनाशीलता दिखती है। आज बच्चों को सब रेडीमेड मिल रहा है, इसलिए उनकी सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो रही है। छोटी सी समस्या में भी वे घबरा जाते हैं। सवाल: नई जेनरेशन को लेकर आपकी सबसे बड़ी चिंता क्या है? इससे उनकी सहनशीलता कम हो रही है, वे जल्दी गुस्सा करते हैं और छोटी समस्या में भी पैनिक करने लगते हैं। अगर यही हाल रहा, तो 2047 में देश को आगे बढ़ाने वाली पूरी पीढ़ी शारीरिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी कमजोर होगी। सवाल: मध्यप्रदेश में बच्चों की सेहत को लेकर स्थिति कितनी गंभीर है? जवाब: मध्यप्रदेश आज भी शिशु मृत्यु दर को लेकर चिंता का विषय है। देश में इंफेंट मॉर्टेलिटी रेट प्रति हजार 19 है, जबकि मध्यप्रदेश में यह करीब 60 प्रतिशत ज्यादा है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि हमारी किशोरियां एनेमिक हैं। जब मां के शरीर में खून की कमी होगी, तो बच्चा कैसे स्वस्थ पैदा होगा? प्रदेश की करीब 55 प्रतिशत किशोरियों में एनीमिया है। यही कमजोरी आगे चलकर बच्चों में शारीरिक और मानसिक समस्याओं की वजह बनती है। नींव कमजोर होगी तो ऊपर की इमारत मजबूत नहीं हो सकती। सवाल: क्या यह समस्या सिर्फ गरीबी की वजह से है? जवाब: बिल्कुल नहीं। यह सिर्फ गरीबी की समस्या नहीं है, बल्कि जानकारी की कमी है। हमें यह ही नहीं पता कि सही खाना क्या होता है। हम दाल-चावल-रोटी खाकर सोच लेते हैं कि पूरा भोजन हो गया। जबकि थाली में सलाद, दही, फल, हरी सब्जियां और सीड्स व नट भी होने चाहिए। रोटी की मात्रा कम कर फल और सब्जियों की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। यही गलती हम बच्चों के साथ भी कर रहे हैं। आंकड़े बताते हैं कि भारत में सिर्फ 11 प्रतिशत महिलाएं ही बच्चों को सही पोषण दे पा रही हैं। सवाल: एक तरफ कुपोषण और दूसरी तरफ मोटापा, यह विरोधाभास क्यों? जवाब: यह बहुत बड़ा विरोधाभास है। एक तरफ बच्चों को सही पोषण नहीं मिल रहा और दूसरी तरफ करीब 8 प्रतिशत बच्चे मोटापे का शिकार हैं। यानी करीब 4 करोड़ बच्चे ओबेसिटी से जूझ रहे हैं। इसका कारण है, चीनी, मैदा, पैकेट फूड और जंक फूड। मोटापा अपने साथ डायबिटीज, हाई बीपी, हार्ट डिजीज और हड्डियों की बीमारियां लेकर आता है। माता-पिता को समझना होगा कि चीनी बच्चों के लिए जहर की तरह है। सवाल: बच्चों के लिए कैसी डाइट होनी चाहिए? जवाब: बच्चों को हेल्दी फैट जैसे घी, सरसों का तेल और ऑलिव ऑयल सीमित मात्रा में देना चाहिए। बेकरी प्रोडक्ट्स, मैदा वाले नूडल्स और पैक्ड फूड से बचना चाहिए। इसकी जगह होलग्रेन से बने खाद्य पदार्थ दें। फ्राइड फूड कम से कम दें। सबसे जरूरी बात यह है कि माता-पिता खुद इन आदतों को अपनाएं, क्योंकि बच्चे वही सीखते हैं जो वे देखते हैं। सवाल: बच्चों में लिवर की बीमारियां क्यों बढ़ रही हैं? सवाल: IAP इस दिशा में क्या कर रही है? जवाब: इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स अब “पोषण प्लस प्रोग्राम” शुरू करने जा रही है। IAP की देशभर में 393 ब्रांच हैं। हम एक ऐसा मोबाइल ऐप तैयार कर रहे हैं, जिसे हर माता-पिता मुफ्त में इस्तेमाल कर सकेंगे। इसमें वे बच्चे की उम्र और जानकारी डालकर जान पाएंगे कि बच्चे को क्या खाना देना चाहिए। इसके अलावा स्कूलों में जाकर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे, ताकि पोषण की सही समझ बचपन से ही विकसित हो सके।
गुलाब देवी रोड पर मोबाइल स्नैचिंग, आठ लुटेरों ने युवक को बनाया निशाना
जालंधर| गुलाब देवी रोड पर बेखौफ लुटेरों ने एक युवक से मोबाइल छीन लिया। हरदेव नगर निवासी पीड़ित राकेश कुमार ने बताया कि वह पैदल किसी काम से जा रहे थे। इस दौरान चार मोटरसाइकिल सवार होकर आए आठ युवकों ने उन्हें घेर लिया। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाते, लुटेरों ने उससे मोबाइल फोन झपट लिया और मौके से फरार हो गए। हमलावरों की संख्या अधिक होने के कारण चाहकर भी उनका मुकाबला नहीं कर पाया। मामले की जानकारी देते हुए एएसआई गोपाल सिंह ने बताया कि पुलिस ने पीड़ित राकेश कुमार के बयानों के आधार पर एफआईआर दर्ज की है। एएसआई गोपाल सिंह ने कहा घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही हैं। आरोपियों की धरपकड़ के लिए टीमें गठित की गई हैं और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पूर्णिया पुलिस ने जुआ खेल रहे 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। मौके से पुलिस ने 1 लाख 90 हजार 900 रुपए कैश, ताश के पत्ते और 10 मोबाइल जब्त किए हैं। शहर के लाइन बाजार और गुलाबबाग इलाके में जुआ खेलने की सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई की है। पहला मामला शहर के सहायक खजांची थाना क्षेत्र इलाके से जुड़ा है। छापेमारी सहायक खजांची थाना क्षेत्र के आशियाना कॉलोनी स्थित एक घर में की गई। पुलिस को पहले से गुप्त सूचना मिली थी कि वहां जुए का खेल चल रहा है। मिली सूचना पर पुलिस टीम ने घर में दबिश दी, जहां सभी आरोपी जुआ खेलते मिले। गिरफ्तार किए गए 13 लोगों में ये शामिल गिरफ्तार किए गए लोगों में आशियाना कॉलोनी निवासी शकील अहमद, मिर्जापुर निवासी सूरज कुमार राम, बसंत विहार नेवालाल चौक निवासी मनोज कुमार सिंह, हरदा बाजार निवासी विष्णु देव पंडित, पूर्णिया सिटी निवासी शुभम कुमार भगत, चिमनी बाजार निवासी मो. खुशरुद्दीन, महबूब खान टोला निवासी मो. इमरान, माधोपाड़ा आजाद नगर निवासी मो. शाहबाज अंसारी, वजी अख्तर, बाड़ीहाट नया टोला निवासी चंदन मलिक और माधोपाड़ा दास टोला निवासी मनोज दास उर्फ शिवाकर दास शामिल हैं। सहायक खजांची थाना की पुलिस को मिली थी गुप्त सूचना जानकारी देते हुए एसपी स्वीटी सहरावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरी घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सहायक खजांची थाना पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि थाना क्षेत्र के आशियाना कॉलोनी स्थित एक घर में लंबे समय से जुए का अवैध धंधा चल रहा है। मिली सूचना पर थाना इंचार्ज के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित कर संबंधित स्थान पर छापेमारी की गई। छापेमारी के दौरान घर के अंदर 11 लोग ताश के पत्तों पर जुआ खेलते पाए गए। पुलिस ने मौके से 1 लाख 90 हजार 900 रुपए नकद, प्लेइंग कार्ड और 10 मोबाइल जब्त किए गए। सभी आरोपियों को मौके से हिरासत में लेकर थाना लाया गया, जहां पूछताछ के बाद सभी को जेल भेज दिया गया। एसपी बोलीं- अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा एसपी स्वीटी सहरावत ने कहा कि जिले में किसी भी तरह की अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जुआ, नशा और अपराध से जुड़े मामलों में पुलिस लगातार सख्त कार्रवाई कर रही है। उन्होंने आम नागरिकों से अपील की कि अगर उन्हें अपने आसपास किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधि की जानकारी मिले तो तुरंत पुलिस को सूचित करें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके। वहीं दूसरा मामला शहर के सदर थाना क्षेत्र के गुलाबबाग इलाके से जुड़ा है। जहां विशेष अभियान के तहत गुप्त सूचना के आधार पर सदर थाना की पुलिस ने छापामारी करते हुए विदेशी शराब, प्लेयिंग कार्ड के साथ दो लोगों को गिरफ्तार किया। पकड़े गए युवकों में शिवम कुमार और रितिक कुमार शामिल है।
भागलपुर| पूर्वी बिहार के सबसे बड़े अस्पताल जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में बुधवार की रात एक महिला मरीज के परिजन का मोबाइल चुरा लिया गया। घटना तब हुई जब परिजन अपना फोन चार्ज में लगाकर खाना खाने बैठे थे। तभी एक चोर आया और चार्ज से मोबाइल निकालकर भागने लगा। हालांकि, इसी दौरान पड़ोस के मरीज के परिजनों ने उसे देख लिया, तो चोर ने फिर मोबाइल चार्ज में लगा दिया और खाली हाथ निकलने की कोशिश की, लेकिन मोबाइल धारक ने उसे अस्पताल गार्ड के मदद से पकड़ लिया। और आरोपी युवक को बरारी पुलिस कैंप को सौंप दिया। रेकी करने के बाद मोबाइल चोरी करने आया था आरोपी मोबाइल धारक विक्रम ने बताया कि वह मोबाइल चार्ज में लगाकर खाना खा रहे थे, तभी एक युवक उनका फोन खोलकर ले जा रहा था। पड़ोस के ही मरीज के परिजनों ने उसे देख लिया, तो चोर ने फिर मोबाइल चार्ज में लगा दिया और भागने लगा। इसके बाद उसे पकड़ लिया गया। विक्रम के भाई सौरभ ने बताया कि पहले आरोपी युवक ने रेकी की, जिसके बाद उसने चोरी की वारदात को अंजाम दिया। इधर, मौके पर पहुंचे बरारी थानाध्यक्ष बिट्टू कमल ने आरोपी युवक को हिरासत में लेकर थाना ले गए और उससे पूछताछ की जा रही है। हमारे समाचार लिखे जाने तक पीड़ित घटना से संबंधित आवेदन लिख रहे थे। घटना के बाद से पुलिस मामले की जांच कर रही है। आरोपी युवक दो दिन पहले जेल से बाहर निकला था। इससे पहले भी कई घटना मायागंज अस्पताल में मोबाइल चोरी की घट चुकी है. जिससे मरीज के परिजन में डर का मोहल बना रहता है.
RGHS में गड़बड़ी रोकने की नई कवायद:अब लाभार्थी के रजिस्टर्ड मोबाइल पर मिलेगा हर माह का स्टेटमेंट
राजस्थान गर्वमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) योजना हो रही गड़बड़ी को दूर करने के लिए अब सरकार ने नई तकनीकी पहल शुरू की है। इसमें अब आरजीएचएस से जुड़े हर लाभार्थी को मोबाइल पर उसका मासिक स्टेटमेंट भेजा जाएगा, ताकि उसे पता रहे कि इस माह उसके आरजीएचएस कार्ड से क्या-क्या ट्रीटमेंट हुआ और क्या-क्या दवाईयां कितने रुपए में ली गई। इसका मुख्य उदेश्य उक्त लाभार्थी को ये ध्यान रहे कि उसके कार्ड का कहीं दूसरी जगह गलत उपयोग तो नहीं किया जा रहा। मेडिकल हेल्थ डिपार्टमेंट प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया- कई बार ऐसी शिकायतें सामने आती है कि किसी फार्मेसी, हॉस्पिटल या अन्य एजेंसी ने गलत बिल पेश करके योजना के तहत भुगतान उठा लिया। जबकि लाभार्थी ने ऐसा कोई उपचार या दवा ली ही नहीं होती है और ना ही उसे इसके बारे में कोई जानकारी है। इस अनियमितता पर अंकुश लगाने के लिए लाभार्थी को उसके द्वारा उपयोग की गई सेवाओं की पूरी जानकारी उसके मोबाइल पर उपलब्ध करवाने की पहल शुरू की है। ऐसे में कार्ड का दुरूपयोग होने पर लाभार्थी तत्काल हेल्पलाइन नंबर या आरजीएचएस ऑफिस में इसकी सूचना दे सकेगा और अनियमितता करने वाले हॉस्पिटल या फार्मेसी स्टोर के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी। हर महीने भेजा जाएगा स्टेट्स राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी के सीईओ हरजीलाल अटल ने बताया- आरजीएचएस कार्ड के उपयोग से संबंधित पारदर्शी एवं सटीक जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है। इस पहल के अंतर्गत अब सभी पंजीकृत लाभार्थियों को प्रत्येक माह उनके कार्ड पर किए गए कुल स्वास्थ्य व्यय की जानकारी एसएमएस के माध्यम से उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजी जाएगी। इस एसएमएस में लाभार्थी दवारा किए गए चिकित्सा व्यय का विवरण आईपीडी, डे केयर, ओपीडी, फार्मेसी एवं रिएम्बर्समेंट श्रेणियों के अनुसार स्पष्ट रूप से दर्शाया जाएगा।
जालोर में पंचों की ओर से महिलाओं के स्मार्ट फोन चलाने की पाबंदी को लिए फैसले को दोबारा ले लिया गया है। समाज के पंचों का कहना था कि ये फैसला बच्चों को ध्यान में रखते हुए लिया गया था। लेकिन, इसे उल्टा लिया गया और अब इसे कैंसिल कर दिया गया है। दरअसल, जिले के चौधरी समाज सुंधामाता पट्टी में 21 दिसंबर को गजीपुर गांव में बैठक हुई थी। इस बैठक में 15 गांव की बहू-बेटियों को 26 जनवरी से कैमरे वाला फोन यूज करने पर बैन लगा दिया था। इस फैसले के बाद इसका कई जगह विरोध भी हुआ। इधर, इस फैसले को लेकर बुधवार को दोबारा गजीपुर गांव में पंचों की बैठक बुलाई गई और इस फैसले को कैंसिल करने का आदेश जारी किया गया। कैमरा वाले फोन पर लगाई थी पाबंदी, बच्चियों को भी घर में मोबाइल चलाने की दी थी सलाह 21 दिसंबर की बैठक में पंच हिम्मताराम ने फैसला पढ़कर सुनाया था। हिम्मतराम ने बताया था- देवाराम कारनोल वालों ने ये प्रस्ताव रखा था। इसमें सभी पंचों और लोगों ने चर्चा करते हुए निर्णय लिया कि 15 गांवों की बहू-बेटियां फोन पर बात करने के लिए की-पैड वाला फोन रखेंगी। इसके साथ ही पढ़ाई करने वाली बच्चियों को मोबाइल रखना अगर जरूरी होगा तो वे अपने घर में ही मोबाइल से पढ़ाई करेंगी। यानि वे घर में ही मोबाइल का यूज कर सकेंगी। शादी समारोह, सामाजिक कार्यक्रम और पड़ोसी के घर पर भी मोबाइल नहीं ले जा सकती हैं। समाज के पंच बोले- महिलाओं की शिकायत पर प्रस्ताव लिया था इधर, इस फैसले को लेकर कई जगह विरोध होने लगा। हालांकि कुछ लोग इसके समर्थन में थी लेकिन अधिकांश ने इसे गलत भी बताया था। इसे लेकर दोबारा बैठक हुई। इसमें नथाराम चौधरी ने बताया कि 21 दिसंबर को चौधरी समाज सुंधामाता पट्टी का सुंधा माता में कार्यक्रम था। सुंधा माता मंदिर में समाज की रसोई संचालित होती है। इसके लिए हर साल हर घर से 100-100 रुपए शामिल किए जाते है। इसी को लेकर ये कार्यक्रम भी था। समाज की महिलाओं ने हमें बताया था कि बच्चे स्कूल से आने के बाद मोबाइल देखने लग जाते हैं। न तो वे खाना खाते हैं और न पढ़ाई करते है। बच्चे पूरा दिन मोबाइल देखते रहते है। मोबाइल में ऐसे-ऐसे ऐप आ गए है कि वे वीडियो देखते रहते है। इससे उनका दिमाग और आंखें दोनों खराब हो रही है। इस पर सुझाव लिया गया था कि महिलाओं के पास स्मार्ट फोन नहीं होना चाहिए। एक महीने में स्थिति सुधारने के लिए दिया था समय उन्होंने बताया कि इसलिए इस सुझाव पर ये प्रस्ताव लिया गया था। 1 महीने का समय भी इसलिए दिया गया था कि जो हालात बन रहे है, वह सुधर जाए। नथाराम चौधरी ने बताया कि इस फैसले के लिए किसी पर जबरदस्ती नहीं थी। क्योंकि महिलाएं घर पर रहती है और स्कूल से आने के बाद बच्चे उनका फोन यूज करते है। ये फैसला बच्चों के लिए था। ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी पर इसका असर न हो। रोजाना साइबर फ्रॉड के मामले आ रहे हैं। महिलाओं और बच्चियों के साथ शोषण हो रहा है। इसलिए एक महीने का समय दिया गया था कि एक महीने में हम इसे देख लेंगे। यदि सभी को अच्छा लगेगा तो 26 जनवरी से इसे लागू कर देंगे। लेकिन, लोगों ने इसे उल्टा ले लिया। किसी को अच्छा नहीं लगा इसलिए हम इस फैसले को कैंसिल कर रहे है। हमें ऐसा कोई काम करने की जरूरत नहीं है। ये फैसला सही था लेकिन लोगों ने इसे उल्टा ले लिया। वहीं इस मामले 14 पट्टी के समाज अध्यक्ष सुजनाराम चौधरी ने बताया कि समाज में यह फैसला अच्छा नहीं लगा। इसलिए बुधवार को हुई बैठक में इसे वापस लेकर कैंसिल कर दिया गया है। ये खबर भी पढ़ें.. राजस्थान में पंचों का मनमाना फैसला, महिलाएं स्मार्टफोन नहीं चलाएंगी:पढ़ने वाली बच्चियां भी समारोह और घर से बाहर मोबाइल नहीं ले जा सकेंगी राजस्थान के जालोर जिले में पंचायत ने मनमाना फैसला सुनाया है। 15 गांव की बहू-बेटियों को 26 जनवरी से कैमरे वाला फोन यूज करने पर बैन लगा दिया है। इतना ही नहीं सार्वजनिक समारोह से लेकर पड़ोसी के घर पर भी फोन ले जाने पर पाबंदी रहेगी। वह स्मार्ट फोन की जगह की-पैड फोन उपयोग में ले सकेंगी। (यहां पढ़ें पूरी खबर) ‘भाई दूसरे राज्य में, कैसे करूंगी वीडियो कॉल’:राजस्थान में पंचों का मनमाना फैसला, महिलाएं स्मार्टफोन नहीं चलाएंगी, सरपंच बोले- इस फैसले से महिलाएं पिछड़ेंगी पंचों को अधिकार नहीं कि मोबाइल यूज करने पर बैन लगाने का फरमान जारी करें। हमारे भाई व परिवार के कई लोग अन्य राज्यों में काम करते हैं। उनसे वीडियो कॉल पर बात कैसे करेंगे? मोबाइल पर रील और सीरियल देखती हूं। अब घर में ही जब निर्णय लिया गया है कि स्मार्टफोन का यूज नहीं होगा तो मैं भी नहीं करूंगी। (यहां पढ़ें पूरी खबर)
अमरोहा पुलिस ने नए साल से पहले 250 गुम हुए मोबाइल फोन उनके मालिकों को लौटा दिए हैं। इन मोबाइल फोन की कुल कीमत लगभग 52 लाख रुपए बताई गई है। पुलिस की इस कार्रवाई से मोबाइल मालिकों के चेहरों पर खुशी लौट आई है। गुरुवार को पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित कुमार आनंद ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें सभी मोबाइल स्वामियों को बुलाया गया और उन्हें एक-एक कर उनके गुम हुए फोन सौंपे गए। इस दौरान खोए हुए मोबाइल पाकर सभी मालिक काफी खुश नजर आए और उन्होंने पुलिस टीम का धन्यवाद किया। एसपी अमित कुमार आनंद ने प्रेस वार्ता में बताया कि जनपद की सर्विलांस और एसओजी की संयुक्त टीम ने पिछले एक वर्ष के दौरान इन 250 मोबाइल फोन को बरामद किया है। यह प्रयास नए साल से पहले लोगों के जीवन में खुशी लाने की एक पहल थी। सर्वाधिक मोबाइल फोन बरामद करने वाली टीम को पांच हजार रुपए का नकद इनाम भी दिया गया है। एसपी द्वारा नए साल से पहले किए गए इस कार्य की चारों ओर सराहना हो रही है। एसपी ने आम जनता से साइबर धोखाधड़ी के प्रति सतर्क रहने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें। साइबर ठगी होने की स्थिति में तुरंत नजदीकी थाने में साइबर पुलिस को सूचित करें या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें।
बेगूसराय में मोबाइल दुकानदार का अपहरण का मामला सामने आया है। मारपीट के बाद कार सवार बदमाशों ने किडनैप कर लिया। पीड़ित की पहचान लोहिया नगर थाना क्षेत्र के पन्हास निवासी मनोज कुमार सिंह के पुत्र सुमित कुमार (23) के तौर पर हुई है। घटना 23 दिसंबर(मंगलवार) की रात की है। सूचना मिलते ही पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। सुमित मुफस्सिल थाना चौक के पास जेएसआरयू इंटरप्राइजेज नाम से मोबाइल दुकान चलाता था। इस संबंध में परिजनों ने बुधवार को थाने में आवेदन देकर सकुशल बरामदगी की गुहार लगाई है। जबरन गाड़ी में डाल दिया परिजनों के मुताबिक रात करीब 10:40 बजे दुकान बंद करके घर जा रहा था। करीब 500 मीटर आगे बढ़ते ही फोर व्हीलर पर सवार बदमाशों में मारपीट करते हुए उसे गाड़ी पर बैठा लिया और फरार हो गए। काफी देर बाद जब वह घर नहीं पहुंचा तो खोजबीन शुरू की गई। उसका मोबाइल बंद था। अपने स्तर से पता लग रहे थे, लेकिन कुछ पता नहीं चला। इसके बाद लोहिया नगर थाने में आवेदन दिया गया। आवेदन मिलते ही पुलिस एक्टिव हो गई। सदर-वन डीएसपी आनंद कुमार पांडेय पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। सुमित के साथ पहले मारपीट की गई, उसके बाद उसे जबरन व्हाइट कलर की कार में डाल दिया। परिजन अनहोनी की आशंका से सहमे हुए हैं। पुलिस जांच कर रही है सदर-वन डीएसपी आनंद कुमार पांडेय ने बताया कि मंगलवार रात करीब 11 की घटना है। परिजनों ने आवेदन दिया है। जांच में सामने आया है कि मारपीट करते हुए सुमित कुमार को सफेद रंग की फोर व्हीलर गाड़ी से उठाकर ले जाया गया है। सभी पहलुओं पर अनुसंधान कर रहे हैं। जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट हो सकेगा।
अशोकनगर जिले के चंदेरी क्षेत्र के सिरसोद गांव में बुधवार रात मोबाइल चार्ज करते समय करंट लगने से एक किशोर और उसके चाचा झुलस गए। हादसे में 15 वर्षीय अशोक आदिवासी का हाथ झुलस गया, जबकि उसके 24 वर्षीय चाचा शीलचंद्र आदिवासी को करंट का झटका लगने से सिर में चोट आई। दोनों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां गुरुवार सुबह तक उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। अशोक जिस बोर्ड में मोबाइल लगा रहा था, उसी से उसे करंट लग गया और वह बोर्ड पर गिर गया। उसको गिरते देख उसके चाचा सीलचंद्र ने तुरंत उसे उठाने की कोशिश की। इस दौरान सीलचंद्र भी करंट की चपेट में आ गए। अन्य लोगों की नजर पड़ने पर उन्होंने तत्काल बिजली बंद कर दोनों को बचाया। करंट लगने से दोनों की हालत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें चंदेरी सिविल अस्पताल ले जाया गया।
महिलाओं के मोबाइल पर बैन : जब चौपाल संविधान से ऊपर बैठ जाए
राजस्थान के जालोर जिले के जसवंतपुरा क्षेत्र के गाजीपुरा गांव में आयोजित एक सामाजिक पंचायत के पंच-पटेलों ने महिलाओं और बेटियों के लिए कैमरा युक्त मोबाइल फोन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया। महिलाएं मोबाइल फोन को सार्वजनिक समारोहों के साथ-साथ पड़ोसियों के घर जाने के दौरान भी नहीं ले जा सकेंगी। यह पाबंदी किसी ... Read more
ट्रेन में सफर के लिए जनरल का प्रिंट रखना जरूरी नहीं है। भारतीय रेलवे ने जनरल यानी अनरिजर्व्ड टिकट को लेकर फैले एक कन्फ्यूजन को दूर कर दिया है। रेलवे ने कहा कि UTS (अनरिजर्वड टिकटिंग सिस्टम) मोबाइल एप से बुक किए गए टिकट का प्रिंटआउट लेना जरूरी नहीं है। यात्री सफर के दौरान अपने मोबाइल पर एप में 'शो टिकट' (Show Ticket) ऑप्शन का इस्तेमाल करके टिकट चेकिंग स्टाफ (TTE) को दिखा सकते हैं और यह पूरी तरह से वैलिड है। यह सफाई एक वायरल वीडियो के बाद आई है, जिसमें एक TTE एक यात्री से UTS एप से बुक किए गए टिकट का प्रिंटेड कॉपी मांगता दिख रहा था। इस वीडियो के कारण कई यात्रियों में यह भ्रम फैल गया था कि क्या अब उन्हें मोबाइल टिकट का भी प्रिंटआउट लेकर चलना होगा। रेलवे मंत्रालय ने कहा- एप में टिकट दिखाना ही काफी रेल मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर बयान जारी किया। मंत्रालय ने बताया कि UTS एप के 'शो टिकट' सेक्शन में दिखाया गया अनरिजर्वड टिकट यात्रा के लिए एक वैध प्रमाण (Valid Authority) है। यात्री उसी डिवाइस पर डिजिटल कॉपी दिखा सकते हैं, जिससे टिकट बुक किया गया है। हालांकि, अगर किसी यात्री ने खिड़की या ऑनलाइन बुकिंग के बाद उसका प्रिंट निकाल लिया है, तो उसे सफर के दौरान वह फिजिकल टिकट साथ रखना होगा। ऐसा कोई नियम नहीं है जो यात्री को इसका प्रिंटआउट लेने के लिए कहता हो। रेलवे ने यह भी कहा कि TTE द्वारा प्रिंटेड कॉपी की मांग करना गलत है। वंदे भारत में अब मिलेंगी रीजनल डिश वहीं, रेलवे यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए वंदे भारत ट्रेनों में 'रीजनल डिश' (क्षेत्रीय व्यंजन) की शुरुआत कर रहा है। रेल मंत्रालय के मुताबिक, इस पहल का मकसद यात्रियों को उनके रूट के हिसाब से स्थानीय और पारंपरिक स्वाद उपलब्ध कराना है। अब ट्रेन में सफर के दौरान आपको महाराष्ट्र का कांदा पोहा से लेकर बिहार का मशहूर चंपारण चिकन और पनीर तक सर्व किया जाएगा। मेन्यू में चंपारण चिकन और मेथी थेपला शामिल नई लिस्ट के मुताबिक, पटना-रांची वंदे भारत में 'चंपारण पनीर' और पटना-हावड़ा रूट पर 'चंपारण चिकन' मिलेगा। गुजरात के रूट पर चलने वाली ट्रेनों में यात्रियों को मेथी थेपला और मसाला लौकी परोसी जा रही है। वहीं, केरल की वंदे भारत ट्रेनों में अप्पम, केरल पराठा और पालाडा पायसम जैसे पारंपरिक व्यंजन मिलेंगे। पश्चिम बंगाल के रूट पर कोशा पनीर और आलू पोतोल भाजा का स्वाद लिया जा सकेगा। सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देने की कोशिश रेलवे का कहना है कि भारत की खान-पान की विविधता को दिखाने के लिए यह कदम उठाया गया है। दक्षिण भारत की ट्रेनों में दोंडाकाया करम पोडी फ्राई और आंध्र कोडी कूरा जैसे डिशेज शामिल किए गए हैं। ओडिशा जाने वाली ट्रेनों में आलू फूलकोपी उपलब्ध होगी। रेलवे का मानना है कि इससे न केवल यात्रियों को घर जैसा खाना मिलेगा, बल्कि स्थानीय संस्कृति को भी बढ़ावा मिलेगा।
फ्री मोबाइल रिचार्ज का ऑफर! जानिए त्योहारों में कैसे हो रहा है स्कैम
सोशल मीडिया पर अलग-अलग अवसरों पर फ्री मोबाइल रिचार्ज मिलने का वादा करके लोगों के साथ स्कैम किया जा रहा है.
तमन्ना भाटिया को महाराष्ट्र साइबर सेल द्वारा आईपीएल मैचों की अवैध स्ट्रीमिंग में उनकी कथित संलिप्तता के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उनसे 29 अप्रैल को पूछताछ के लिए पेश होने की उम्मीद है। संजय दत्त भी इस मामले से जुड़े थे, लेकिन अपनी पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण, वह 23 अप्रैल को पूछताछ सत्र में शामिल नहीं हो सके। इसके बजाय, उन्होंने अपना बयान दर्ज करने के लिए एक अलग तारीख की मांग की। फेयरप्ले, जो महादेव ऑनलाइन गेमिंग ऐप की सहायक कंपनी है, को क्रिकेट, पोकर, कार्ड गेम्स और टेनिस जैसी विभिन्न लाइव गेम्स पर अवैध सट्टेबाजी से जोड़ा गया है। पिछले साल यह ऐप सुर्खियों में आया जब रणबीर कपूर और श्रद्धा कपूर जैसे अभिनेताओं, जिन्होंने इस ऐप का प्रचार किया, को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया। महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप दुबई से संचालित होता है, जिसे भिलाई, छत्तीसगढ़ के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल चलाते हैं। उन्होंने नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए नई वेबसाइटें और चैट समूह बनाकर विभिन्न रणनीतियों का उपयोग किया और सामाजिक मीडिया प्लेटफॉर्म पर भुगतान किए गए विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को आकर्षित किया। ईडी एक साल से अधिक समय से महादेव ऐप से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रही है, जिसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न हाई प्रोफ़ाइल राजनेता और अधिकारियों के शामिल होने का आरोप लगाया गया है। भीड़ में पापा अमिताभ को सँभालते नजर आए अभिषेक बच्चन, फैंस कर रहे तारीफ इतनी छोटी स्कर्ट पहनकर इवेंट में पहुंच गई ऋतिक रोशन की Ex वाइफ, हुई Oops मोमेंट का शिकार ऐश्वर्या राय संग इंटीमेट सीन पर बोले रणबीर कपूर- 'हाथ कांप रहे थे फिर...'

