प्रयागराज में एक कोचिंग (सुपर क्लाइमेक्स एकेडेमी) संस्थान ने अपने यूट्यूब चैनल पर 5 लाख सब्सक्राइबर होने के उपलक्ष्य में छात्रों के लिए भव्य भंडारे का आयोजन कर दिया। 5 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी इस भंडारे में पूड़ी-सब्जी खाने के लिए पहुंच गए थे। छात्रों की इतनी ज्यादा संख्या एक साथ पहुंचने पर हेलिकॉप्टर चौराहे तक करीब डेढ़ किलोमीटर की लंबी लाइन दिखी। एक नहीं बल्कि चार कतार लगवाए गए। कोचिंग के बाउंसर व स्टाफ हाथों में डंडे लेकर इन छात्रों को नियंत्रित करने में जूझते रहे। कई बार खाना खत्म होने के बावजूद यह छात्र लाइन छोड़कर नहीं हटे। माइक से अनाउंस किया जा रहा था कि खाना खत्म हो चुका है अब सभी छात्र अपने अपने रूम पर जाएं और दाल-चावल बनाकर खाएं।…देखें पूरा वीडियो
चंडीगढ़ जिला न्यायालय ने बुधवार को शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की 2017 में दर्ज मानहानि मामले में जमानत रद्द कर दी। सुनवाई के दौरान पेश न होने पर अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया। यह आदेश अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राहुल गर्ग की अदालत ने दिया। अगली सुनवाई 9 जनवरी 2026 को तय की गई है, और अदालत ने अनुपस्थिति की स्थिति में सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। यह मामला मोहाली निवासी और अखंड कीर्तनी जत्था के प्रवक्ता राजिंदर पाल सिंह की शिकायत पर दर्ज किया गया था। शिकायत के अनुसार, सुखबीर बादल ने मीडिया को दिए बयानों में अखंड कीर्तनी जत्था को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल का राजनीतिक मोर्चा बताया था, जो समाचार पत्रों और टीवी चैनलों पर प्रसारित हुआ। आरोप है कि इन बयानों से संगठन की प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचा। विधायक पठानमाजरा ने कोर्ट में लगाई अग्रिम जमानत याचिका दुष्कर्म मामले में नामजद सनौर से AAP विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की है। फिलहाल इस याचिका पर सुनवाई के लिए बेंच का गठन नहीं हो सका है। उनके वकील एडवोकेट विक्रम भुल्लर और सरबजीत सग्गू के अनुसार, कोर्ट में हड़ताल के चलते बेंच तय नहीं हो पाई। इससे पहले पठानमाजरा ने पटियाला सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी, जिसे अक्टूबर में खारिज कर दिया गया था। इसके करीब दो महीने बाद अब हाई कोर्ट का रुख किया गया है। याचिका में दलील दी गई है कि शिकायतकर्ता महिला पहले खुद को विधायक की पत्नी बताती रही है और अब दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया है, जिसे राजनीतिक साजिश बताया गया है।
पिछले कुछ दिन से स्थिर चल रहे मेरठ के मौसम में बुधवार से अचानक बदलाव आ गया जिसका असर ये रहा कि दिन भर जहां ठंडी हवाओं से लोग ठिठुरे तो शाम को पूरा शहर कोहरे की मोटी चादर से ढका नजर आया। दिसंबर में पहली बार दिन का तापमान 20 डिग्री के आसपास पहुंच गया। पहली बार दिन में नहीं दिखी धूप इस साल दिसंबर में बंधवार पहला ऐसा दिन रहा जिसमें लोगों को धूप नहीं दिखी। जिस कारण लोगों को कड़ाके की ठंड का अहसास हुआ।दिन के तापमान में 3.7 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। शहर में बंदी और ठंड के कारण लोग सुबह से शाम तक घरों में ही कैद नजर आए। कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही ने बताया कि आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट संभव है और मौसम इसी तरह बने रहने की संभावना है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की मौसम वेधशाला के अनुसार बुधवार को अधिकतम तापमान 20.9 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हवा की रफ्तार आठ किलोमीटर प्रति घंटा रही। प्रदूषण ने बढ़ाई परेशानी सुबह के समय कोहरे के साथ स्मॉग की चादर भी शहर पर छाई रही। शहर का एक्यूआई 302 दर्ज किया गया, जो लाल श्रेणी में आता है। गंगानगर में 226, जयभीम नगर में 334, पल्लवपुरम में 347, बेगमपुल में 338 और दिल्ली रोड क्षेत्र में 341 एक्यूआई दर्ज किया गया। एनसीआर के अन्य जिलों में भी वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता नजर आया। एनजीटी के निर्देशों के तहत जिन क्षेत्रों में एक्यूआई लगातार बढ़ रहा है, वहां 24 घंटे छिड़काव के निर्देश हैं।
गोरखपुर के कैंट इलाके में सड़क पर मां के साथ सो रही 5 साल की बच्ची को एक युवक उठा ले गया था। धर्मशाला पुल के पास रेप की घटना को अंजाम दिया था। ऑपरेशन कनविक्शन के तहत पुलिस की तेज पैरवी से आरोपी को सजा दिलाई गई है। इस घटना के 18 महीने बाद सिविल कोर्ट ने बुधवार को महराजगंज के घुघली थाना क्षेत्र के बासपार ढेकही निवासी आरोपी शमशाद उर्फ राजा को 20 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 25 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है। फैसला सुनकर बच्ची की गूंगी मां के आंसू निकल आए। हाथ जोड़कर महिला ने सबकाे धन्यवाद कहा। इस घटना का पर्दाफाश करने में तत्कालिन कैंट थाना के इंस्पेक्टर क्राइम रविंद्र सिंह की अहम भूमिका थी। वर्तमान में वह प्रयागराज में डीवाईएसपी पद पर तैनात हैं। इंस्पेक्टर क्राइम ने इस घटना की विवेचना कर मजबूत साक्ष्य एकत्रित किए थे। जिससे कोर्ट में पीड़ित पक्ष को मजबूती से रखा गया। एडीजीसी राघवेंद्र राम त्रिपाठी और एडीजीसी अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने साक्ष्य के आधार पर पीड़ित का पक्ष कोर्ट के सामने रखा। जिसके आधार पर केवल 18 माह में कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई है। अब जानें पूरा मामला पुलिस के मुताबिक, 18 अप्रैल 2024 की देर रात करीब 2 से 4 के बीच की यह घटना है। धर्मशाला ओवरब्रिज के नीचे बिहार सिवान की महिला अपनी 5 साल की बेटी को पकड़ सोई थी। महिला दिन भर सड़कों पर घूमकर गुब्बार बेचती थी। देर रात साेते समय आरोपी शमशाद उर्फ राजा कहीं से आया। उसकी नजर मासूम बच्ची पर पड़ी। जिसे देखकर उसकी नीयत खराब हो गई। शमशाद ने महिला से लिपटकर सोई बच्ची को खींचकर उठा लिया। बच्ची को उठाकर ओवरब्रिज के दूसरे छोर पर लेकर गया। जहां पर सन्नाटा छाया रहता था। वहां पहुंचकर बच्ची के कपड़े उतारकर गलत हरकत करने लगा। जिसके बाद बच्ची चीखने चिल्लाने लगी। बच्ची का शोर सुनकर देर रात सड़क से गुजर रहे कुछ लोग ठहरकर इधर-उधर देखने लगे। तभी अंधेरे में बच्ची के साथ गलत हरकत करते हुए आरोपी पर राहगीरों की नजर गई। लोग आरोपी की तरफ बढ़े ही थे, वह बच्ची को उसी हाल में छोड़कर भाग गया। राहगीरों की सूचना पर पुलिस पहुंची। बच्ची को पुलिस जिला अस्पताल लेकर गई। जहां उसका मेडिकल कराया गया। गूंगी मां नहीं दे पा रही थी बयान बच्ची की मां के आने के बाद पुलिस की परेशानी और बढ़ गई। इस केस में जब पुलिस ने बच्ची की मां का बयान लेना चाहा, तब वह कुछ बोल नहीं पाई। बाद में पता चला कि बच्ची की मां गूंगी है। उसके पति की काफी पहले मौत हो चुकी है। इसके बाद बिहार से उसकी बहन को बुलाया गया। बहन ने तहरीर लिखवाकर कैंट पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से आरोपी की पहचान की। फिर महराजगंज से उसे गिरफ्तार कर जेल भेजवाया। जेल के अंदर जाने पर आरोपी छूटने के लिए काफी प्रयास किया। लेकिन पुलिस की पैरवी की वजह से उसे बेल नहीं मिली।
राजस्थान हाईकोर्ट ने 31 साल पुराने एक मामले में फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया है कि दो व्यक्तियों के बीच निजी या व्यावसायिक लेन-देन के विवाद को SC-ST एक्ट का रूप देना कानून का सरासर गलत प्रयोग है। जस्टिस फरजद अली की कोर्ट ने अपने रिपोर्टेबल जजमेंट में कहा कि अगर कोई घटना बंद दुकान या घर की चारदीवारी के भीतर होती है, तो उसे 'पब्लिक व्यू' में नहीं माना जा सकता, जो इस एक्ट के लिए अनिवार्य शर्त है। कोर्ट ने वर्ष 1994 में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा को रद्द करते हुए आरोपी शोरूम मालिक को बरी कर दिया है। निजी व्यावसायिक विवाद को दिया आपराधिक रंग कोर्ट ने अपने फैसले में सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि मामले के तथ्यों को देखने से साफ है कि यह विवाद पूरी तरह से 'व्यावसायिक और अनुबंधित' प्रकृति का था। यह विवाद एक विक्रेता और ग्राहक के बीच पैसे के लेन-देन का था, न कि जातिगत अपमान का। कोर्ट ने कहा कि आरोपी (दुकानदार) द्वारा बकाया राशि की मांग करना कानूनी रूप से जायज था। निचली अदालत ने एक निजी विवाद में SC/ST Act के कड़े प्रावधान लागू करके कानून का गलत प्रयोग किया है। 'चारदीवारी' के भीतर अपमान SC-ST एक्ट के दायरे में नहीं फैसले का सबसे अहम कानूनी पहलू 'पब्लिक व्यू' की व्याख्या है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एक्ट की धारा 3(1)(x) तभी लागू होती है, जब अपमानजनक घटना सार्वजनिक स्थान पर या जनता की नजरों के सामने हुई हो। कोर्ट ने नक्शा मौका का हवाला देते हुए कहा कि कथित घटना शोरूम के अंदर 'चारदीवारी के भीतर' हुई थी। यह एक बंद जगह थी जहां आम जनता की सीधी पहुंच या दृश्यता नहीं थी। कोर्ट ने निर्देश दिया कि चूंकि घटना सार्वजनिक दृष्टि में नहीं थी, इसलिए SC/ST एक्ट के तहत अपराध नहीं बनता। विवाद बाइक फाइनेंस, किश्त और रिपेयरिंग के रुपयों का दरअसल, जोधपुर निवासी शिकायतकर्ता राजन सोलंकी ने 22 अगस्त 1991 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि जोधपुर के ही पुंगलपाड़ा आरोपी बृजमोहन उर्फ राजा ने उन्हें जानबूझकर जाति का हवाला देते हुए अपमानित, धमकाया और शारीरिक रूप से हमला किया। शिकायत में आरोप लगाया गया कि यह आचरण SC/ST Act की धारा 3(1)(x) और IPC की धारा 323 के तहत अपराध है। विवाद की असली वजह व्यावसायिक थी। राजन सोलंकी ने अप्रैल 1990 में बृज मोहन के शोरूम से बजाज मोटरसाइकिल लोन पर खरीदी थी, जो बजाज ऑटो फाइनेंस कंपनी लिमिटेड से लोन पर ली थी। सोलंकी ने मासिक किस्तों का भुगतान नहीं किया और उनके कई चेक बाउंस हो गए, जो ट्रायल के दौरान स्वीकृत तथ्य है। इस दौरान मोटरसाइकिल का एक्सीडेंट हो गया और उसे बृज मोहन के शोरूम में मरम्मत के लिए लाया गया। मरम्मत का खर्च लगभग 10 हजार रुपए आया। अभियोजन पक्ष के अनुसार, जब सोलंकी वाहन लेने गए तो उन्होंने डिमांड ड्राफ्ट से भुगतान की पेशकश की, जिसे बृज मोहन ने मना कर दिया और नकद या चेक में भुगतान की मांग की। आरोप है कि इसी बातचीत के दौरान बृज मोहन ने सोलंकी को उनकी जाति का हवाला देकर अपमानित किया और शोरूम से बाहर धक्का दे दिया। ट्रायल कोर्ट का फैसला जांच के बाद IPC की धारा 323 और SC/ST Act की धारा 3(1)(x) के तहत चार्जशीट दायर की गई। ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष ने सात गवाह पेश किए और दस्तावेजी साक्ष्य दिए, जबकि बचाव पक्ष ने तीन गवाह और 12 दस्तावेज पेश किए। 19 सितंबर 1994 को स्पेशल जज ने बृज मोहन को दोनों धाराओं के तहत दोषी ठहराया और छह महीने की साधारण कैद और एक हजार पांच सौ रुपए जुर्माना की सजा सुनाई गई। इसी फैसले के खिलाफ बृज मोहान ने हाईकोर्ट में अपील दायर की। हाईकोर्ट ने कहा- विशेष कानून का गलत इस्तेमाल हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के रवैये पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि – कोर्ट ने माना कि यह मामला दीवानी (Civil) प्रकृति का था जिसे आपराधिक रंग दिया गया। परिणामस्वरूप, हाईकोर्ट ने 1994 के फैसले को रद्द करते हुए आरोपी बृज मोहन को सभी आरोपों से बरी कर दिया और उसकी जमानत मुचलके खारिज कर दिए।
मध्य प्रदेश की राजनीति, नौकरशाही और अन्य घटनाओं पर चुटीली और खरी बात का वीडियो (VIDEO) देखने के लिए ऊपर क्लिक करें। इन खबरों को आप पढ़ भी सकते हैं। 'बात खरी है' मंगलवार से रविवार तक हर सुबह 6 बजे दैनिक भास्कर ऐप पर मिलेगा। मजाक-मजाक में छलका मंत्री विजयवर्गीय का दर्दकभी सीएम पद की दौड़ में शामिल रहे मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का दर्द मजाक में ही सही, एक बार फिर छलक पड़ा। विधानसभा के एक दिन के विशेष सत्र में सदन में उन्होंने सीएम डॉ. मोहन यादव और खुद अपने लिए जो बोला, उस पर जमकर ठहाके गूंजे। हुआ यूं कि अक्सर कुर्ता-पजामा या फिर धोती कुर्ता में नजर आने वाले सीएम डॉ. मोहन यादव सूट पहनकर विधानसभा पहुंचे थे। ऐसे में मंत्री विजयवर्गीय जब सदन में बोल रहे थे तो उन्होंने कहा- हमारे सीएम तो सूट-बूट में आए हैं और हम मंत्री-विधायक गरीबों जैसी वेशभूषा में हैं। कांग्रेस ने मंत्री के इस बयान को अलग ही रंग दे दिया। कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा कि विजयवर्गीय की दिल की बात जुबां पर आ गई। सीएम, मंत्री और विधायकों का ध्यान नहीं रखते। ऐसे में ये उनकी पीड़ा है। खरी बात ये है कि जब 2023 के चुनावी नतीजे आए थे तो विजयवर्गीय समेत भाजपा के कई सीनियर नेता सीएम पद की दौड़ में शामिल थे। हो सकता है उन्होंने सूट भी सिलवा लिए होंगे, जो रखे रह गए। दर्द तो होगा ही न। भरी ठंड में पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को नहला दियाभोपाल में भाजपा दफ्तर घेरने जा रहे कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कड़ाके की ठंड के बीच ठंडे पानी से नहला दिया। पानी में भीगे कार्यकर्ता ठंड से कांपते नजर आए। दरअसल, नेशनल हेराल्ड केस को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के नेतृत्व में भाजपा दफ्तर घेरने के लिए निकले थे। लेकिन पहले से पूरी तैयारी के साथ खड़ी पुलिस ने उन्हें काफी दूर पहले ही रोक लिया। कार्यकर्ताओं ने आगे बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल कर उन्हें खदेड़ा। इस दौरान कई नेता और कार्यकर्ता वाटर कैनन का प्रेशर नहीं झेल पाए। सड़क पर गिर गए। पानी के प्रेशर से एक नेता जी का तो पजामा ही खिसक गया। मौके पर जीतू पटवारी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से बहस भी हुई। बाद में पुलिस जीतू पटवारी समेत प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को बस में बैठकर ले गई। अब लोग कह रहे हैं। कांग्रेस का प्रदर्शन तो ऐसा हो गया कि खाया पिया कुछ नहीं, गिलास तोड़ा बारह आना। नशे में धुत टीचर ने म्यूजिकल अंदाज में ली क्लासशराब जब हलक में जाती है तो अच्छे-अच्छे बहक जाते हैं। होश ही नहीं रहता। मंडला के एक स्कूल में एक टीचर का भी कुछ ऐसा ही हाल दिखा। वह नशे की हालत में ही बच्चों को पढ़ा रहा था। बच्चों को अ से अनार और ए से एप्पल नहीं, बल्कि 'तुम तो ठहरे परदेसी साथ क्या निभाओगे' गाना सिखा रहा था। बीच-बीच में अंग्रेजी भी बोली। कभी बच्चों को सीट डाउन कहा तो कभी स्टैंडअप। तो कभी रामधुन भी गाई। टीचर की इस हरकत का किसी ने वीडियो बना लिया। टीचर महेश कुमार से पूछा तो उसने बेधड़क कहा- हां मैंने शराब पी है। बीना पीए मेरा दिमाग गोल हो जाता है। खरी बात ये है कि आप इस वीडियो को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि हमारे दूरस्थ अंचलों में शिक्षा व्यवस्था का क्या हाल है। जो टीचर शराब के नशे में धुत है, वह बच्चों को क्या पढ़ाएगा। भई ये तो सरासर नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। गायक ने भजन के जरिए बयां किया किसानों का दर्दप्रदेश में किसानों को मक्का से सही दाम नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में बैतूल के रतनपुर में गुरू साहब बाबा मेले में एक भजन गायक ने किसानों का दर्द भजन के जरिए गाकर बयां किया। महावीर भजन मंडल सोयत जिला सीहोर के कलाकार शंभू चौबे ने गाया- दद्दा से कह रहे कक्का, कितनी सस्ती कर दी मक्का, लगा है सबको धक्का, कितनी सस्ती कर दी मक्का। किसानों के दर्द पर म्यूजिकल व्यंग्य सुनकर पूरा पंडाल ठहाकों और तालियों से गूंज उठा। भजन के बोल में किसानों की लाचारी झलक रही थी। बोल कुछ ऐसे थे- भैया मक्का पर भरोसा था पक्का, पर कितनी सस्ती कर दी मक्का... बच्ची की शादी टूट गई है, धोखा दे गई मक्का... खरी बता ये है कि मक्का का समर्थन मूल्य 2400 रुपए प्रति क्विंटल तय है, लेकिन बाजार में औसतन 1300 रुपए में ही मक्का बिक रही है। इनपुट सहयोग - बृजेंद्र मिश्रा (भोपाल), विजय सिंह बघेल (भोपाल), इरशाद हिंदुस्तानी (बैतूल), विवेक अग्निहोत्री (मंडला) ये भी पढ़ें -विधायक का बेटा.. तो क्या मंदिर के गर्भगृह में वरमाला: आगे टाइगर, पीछे टाइगर.. बीच में फंसे कलेक्टर टाइगर... नाम सुनते ही सिट्टी पिट्टी गुम हो जाए। सोचो, अगर सामने ही आ जाए तो...। पन्ना टाइगर रिजर्व में कलेक्टर उषा परमार और उनके मातहत अधिकारियों के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। जिप्सी के आगे टाइगर, जिप्सी के पीछे टाइगर और बीच में कलेक्टर समेत अन्य अधिकारी..। पूरी खबर पढ़ें..
भारतीय रेल की ओर से यात्रियों की सुविधा, पारदर्शिता एवं सुरक्षित टिकट बुकिंग सुनिश्चित करने के उद्देश्य से रेलवे के रिजर्वेशन काउंटर पर गुरुवार से चयनित ट्रेनों में ओटीपी आधारित तत्काल टिकट सेवा की व्यवस्था लागू की गई है। इसके साथ ही यह व्यवस्था समस्तीपुर रेलवे मंडल के सभी 48 रिजर्वेशनों केदो पर लागू कर दी गई है। जहां से लोग इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे। पूरे भारत में अभी 100 ट्रेनों में यह व्यवस्था लागू की गई है जिनमें से समस्तीपुर रेलवे मंडल की तीन ट्रेनें शामिल हैं। समस्तीपुर रेलवे मंडल की मीडिया प्रभारी आरके सिंह द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति में बताया गया है कि नई व्यवस्था के अंतर्गत, तत्काल टिकट बुकिंग के समय यात्री के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक वन टाइम पासवर्ड (OTP) भेजा जाएगा। OTP सत्यापन के पश्चात ही टिकट बुक किया जा सकेगा। इससे फर्जी बुकिंग और दलालों की गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगेगी। इससे वास्तविक यात्रियों को तत्काल टिकट प्राप्त करने में अधिक सुविधा मिलेगी। तत्काल टिकट का लाभ सही यात्री तक पहुंचाना उद्देश्य यह पहल डिजिटल सत्यापन को बढ़ावा देने के साथ-साथ टिकट बुकिंग प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और विश्वसनीय बनाएगी। OTP आधारित प्रणाली से यह सुनिश्चित होगा कि तत्काल टिकट का लाभ सही यात्री तक पहुंचे। इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक, समस्तीपुर श्री ज्योति प्रकाश मिश्र ने कहा कियात्रियों की सुविधा और हितों की सुरक्षा भारतीय रेल की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पीआरएस काउंटरों पर OTP आधारित तत्काल टिकट बुकिंग व्यवस्था लागू होने से पारदर्शिता बढ़ेगी और वास्तविक यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा। यात्रियों से अनुरोध है कि वे तत्काल टिकट बुकिंग के समय अपना सही एवं सक्रिय मोबाइल नंबर उपलब्ध कराएं, ताकि OTP सत्यापन में किसी प्रकार की असुविधा न हो। मंडल की इन ट्रेनों में दी गई सुविधा समस्तीपुर रेलवे मंडल से गुजरने वाली जयनगर लोकमान्य तिलक 11061 पवन एक्सप्रेस, 19038 बरौनी बांद्रा अवध एक्सप्रेस, 13164 सहरसा सियालदह हटे बाजार एक्सप्रेस में ओटीपी आधारित तत्काल टिकट रिजर्वेशन की व्यवस्था की गई है।
गोरखपुर के एक कार्यक्रम में पहुंचे गायक आलोक कुमार के साथ दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने की खास बातचीत। अलोक कुमार जो महाकुम्भ 2025 प्रयागराज का सबसे चर्चित गाना ( प्रथम यज्ञ भूखंड धरा पर, आर्य का आगाज है, है पावन संगम की घरती, ये प्रयागराज है.. ये प्रयागराज है... ) गाने के बाद फेमस हुए। अब पढ़िए भास्कर रिपोर्टर से बातचीत में क्या बोले आलोक कुमार... रिपोर्टर: नमस्ते , बहुत बहुत स्वागत है आपका गायक: धन्यवाद आपको, आपके माध्यम से यहां सुनने वालों देखने वालों को प्रणाम... रिपोर्टर: इतना फेमस गीत( ये प्रयागराज है) जो आप गाए थे वह बहुत हिट हुआ था।गायक: मुझे बिहारी और हिंदू होने पर बहुत गर्व है। ये गाना मुझे लगता है कि हर धर्म के लोगों ने सुन है, पसंद किया है। एकता क्या होती है खास करके कुंभ मेला ने दर्शा दिया ।यह गाना मैं जब भी गाता हूं तो मेरा रोंगटा खड़ा हो जाता है। रिपोर्टर: मैं खुद गाने को मंच से सुन रहा था, मुझे बहुत उत्सुकता हो रही थी सुनने की।एक बार वही गीत गुनगुना दीजिये... गायक: प्रथम यज्ञ भूखंड धरा पर आर्य का आगाज है, है पावन संगम की घरती, ये प्रयागराज है.. ये प्रयागराज है... रिपोर्टर: गोरखपुर से कोई किस्सा हो तो बताईए।गायक: देखिए गोरखपुर में बहुत बार आ चुका हूं। इस जगह से मेरा पुराना रिश्ता है। यहां मैने बहुत गीत गाए है। यूपी बिहार का तो रिश्ता वैसे भी बढ़िया है। मुझे तो हर जगह प्यार मिलता है। रिपोर्टर: एक बार फिर से माघ मेला में जमावड़ा शुरू होने लगा है। आप कौन से गीत लेकर आने वाले हैं ? गायक: जल्दी हम सभी माघ मेले को लेकर एक गीत लेकर आ रहे है ।मुझे लगता है न कि जो ये गाना है (प्रथम यज्ञ भूखंड धरा पर, आर्य का आगाज है, है पावन संगम की घरती, ये प्रयागराज है.. ये प्रयागराज है...) वहां माघ मेला में जो भी अधिकारी हो या जो काम करने वाले लोग हैं बस यही गाना गाते फिरते है। यह आप सबने इसको अमर कर दिया है। बहुत बहुत धन्यवाद! ऊपर फोटो पर क्लिक करके VIDEO देखें ...
संगमनगरी प्रयागराज में आज गुरुवार को लगातार दूसरे दिन गलन से लोग ठिठुरते दिख रहे हैं। कड़ाके की ठंड ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बीते कुछ दिनों से तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। सुबह और रात के समय सर्द हवाओं के चलते ठिठुरन बढ़ गई है। ठंड के असर से आम जनजीवन के साथ-साथ कारोबार और यातायात भी प्रभावित हो रहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के मौसम विज्ञानी प्रो. शैलेंद्र रॉय बताते हैं कि 18 से 22 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में घने कोहरे बने रहने की संभावना है। इसके साथ ही तापमान में और गिरावट भी बनी रहेगी। उन्होंने कहा, पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर पूरे प्रदेश में दिख रहा है। उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण बढ़ रही गलन उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण ठंड में इजाफा हुआ है। न्यूनतम तापमान 12 से 13 डिग्री सेल्सियस के आसपास पहुंच गया है। सुबह के समय हल्का कोहरा छाए रहने से दृश्यता कम हो रही है, जिससे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़कों पर गाडियों व रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की रफ्तार थम गई है। इससे ट्रेनें घंटों देरी से अपने गंतव्य स्टेशनों तक पहुंच रही हैं। गर्म कपड़ों की डिमांड, हीटर व ब्लोवर सहारा ठंड बढ़ने के साथ ही लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं। मॉल व दुकानों में लोग गर्म कपड़े खरीदते दिख रहे हैं। जबकि ठंड से बचने के लिए लोग हीटर व ब्लोवर भी ले रहे हैं। शहर के चौराहों, बस अड्डों और रेलवे स्टेशन पर लोग अलाव तापते नजर आ रहे हैं। ठंड का असर स्वास्थ्य पर भी दिखने लगा है। सर्दी, खांसी, बुखार और सांस संबंधी मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ने की उम्मीद है। डॉक्टरों ने बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। चिकित्सकों का कहना है कि ठंड में गर्म कपड़े पहनें, गर्म भोजन करें और ठंडी हवा से बचाव करें।
उत्तर प्रदेश में Special Intensive Revision यानी SIR अभियान तेजी से चल रहा है, लेकिन इसके नतीजों ने सियासी हलकों में बेचैनी बढ़ा दी है। SIR के दौरान प्रदेशभर में करीब 4 करोड़ वोटर अपात्र पाए जाने की बात सामने आई है। इसे लेकर बीजेपी के भीतर हड़कंप मचा हुआ है। माना जा रहा है कि शहरी इलाकों में बड़ी संख्या में वोटर कम होने से आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। बरेली की बात करें तो यहां करीब 7 लाख 30 हजार वोटर अपात्र मिले हैं। इस आंकड़े के सामने आने के बाद प्रशासन ने SIR के काम में एक बार फिर तेजी ला दी है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि 11 दिसंबर तक शत प्रतिशत काम पूरा हो चुका था, लेकिन जमीनी हालात कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। कटरा चांद खां से जमीनी तस्वीर, 24 BLO संभाल रहे SIR की जिम्मेदारीबरेली के कटरा चांद खां मोहल्ले में स्थित बलजाती प्राथमिक विद्यालय को SIR अभियान का केंद्र बनाया गया है। यहां 24 BLO लगातार वोटर वेरिफिकेशन के काम में जुटे हुए हैं। BLO का कहना है कि ज्यादातर वही वोट कटे हैं, जिनके नाम एक से ज्यादा जगहों पर दर्ज थे। BLO के मुताबिक कई लोगों के नाम दो-दो और कुछ मामलों में तीन-तीन जगह वोटर लिस्ट में पाए गए हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में ऐसे वोटर भी हैं जिनकी मौत हो चुकी है या जो शहर छोड़कर कहीं और शिफ्ट हो गए हैं। फोन तक नहीं उठा रही जनता, वेरिफिकेशन में सबसे बड़ी परेशानीBLO का कहना है कि अब वोटर लिस्ट देखकर लोगों को फोन किया जा रहा है और उनसे जरूरी डिटेल मांगी जा रही है, लेकिन जनता का सहयोग नहीं मिल रहा। कई लोग तो फोन तक नहीं उठा रहे हैं, जिससे वेरिफिकेशन का काम बेहद मुश्किल हो गया है। एक BLO ने बताया कि कई मामलों में एक ही व्यक्ति के नाम तीन अलग-अलग बूथों पर दर्ज मिले हैं। ऐसे में नियमों के तहत अतिरिक्त नाम हटाए जा रहे हैं, लेकिन लोगों को समझाना आसान नहीं है। पंचायत चुनाव का असरBLO मीना रानी ने बताया कि कुछ महीने बाद पंचायत चुनाव है। जिस वजह से गांव से शहर आकर बसे लोगों ने गांव और शहर दोनों जगहों पर वोट बनवा रखे थे। अब जब SIR का काम चल रहा है तो लोग शहर से अपना नाम कटवा ले रहे है। लोगो का कहना है कि उनके गांव में चुनाव होगा इसलिए वो अपने गांव में ही अपना वोट रखेंगे।उन्होंने बताया कि बूथ लेवल एजेंट यानी BLA का पूरा सपोर्ट मिल रहा है, लेकिन आम जनता सहयोग नहीं कर रही है। इससे न सिर्फ काम की रफ्तार प्रभावित हो रही है, बल्कि BLO पर अतिरिक्त दबाव भी बढ़ गया है। SIR में उलझी पढ़ाई, स्कूलों से हटे शिक्षक, बच्चे हो रहे प्रभावितSIR अभियान का असर स्कूलों की पढ़ाई पर भी साफ दिख रहा है। BLO मीना रानी ने बताया कि SIR की वजह से अधिकांश शिक्षकों की ड्यूटी इसी काम में लगी हुई है। इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। शिक्षकों का कहना है कि लगातार चुनावी और प्रशासनिक ड्यूटी के चलते स्कूलों में पढ़ाई का माहौल प्रभावित हो रहा है, लेकिन जिम्मेदारी निभाना मजबूरी है। बीजेपी के लिए क्यों अहम है ये आंकड़ा, शहरी वोट बैंक पर सीधा असरराजनीतिक जानकारों की मानें तो बरेली जैसे शहरी जिले में 7 लाख से ज्यादा वोटर कम होना बीजेपी के लिए चिंता की बड़ी वजह है। शहरी वोटर को बीजेपी का मजबूत आधार माना जाता रहा है। ऐसे में इतने बड़े पैमाने पर वोटर अपात्र मिलने से आगामी चुनावों में सियासी समीकरण बदल सकते हैं। फिलहाल SIR अभियान जारी है और प्रशासन का दावा है कि पारदर्शी तरीके से वोटर लिस्ट को दुरुस्त किया जा रहा है, लेकिन इसके राजनीतिक असर पर नजरें टिकी हुई हैं।
रेवाड़ी नगर परिषद के वार्ड 4 में शामिल गांव नया दौलतपुर के ग्रामीण प्रवेश द्वार की मांग पर दो फाड़ होते दिखाई दे रहे हैं। एक गुट ने प्रवेश द्वार का नाम पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह के पिता राव वीरेंद्र सिंह के नाम पर करने की मांग कर रहा है। वहीं दूसरा गुट प्रवेश द्वार का नाम संत कबीर दास के नाम पर रखने की मांग कर रहा है। मंगलवार को एक ही दिन एक गुट ने रेवाड़ी अपना मांगपत्र नगर परिषद की चेयरपर्सन पूनम यादव को सौंपा तो दूसरे गुट ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को अपना मांगपत्र दिया। रेवाड़ी से आवागम का है मुख्य रास्ताकेंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने 12 दिसंबर को नगर परिषद में आयोजित एक कार्यक्रम में बाइपास पर संत कबीर चौक का उद्घाटन किया था। बाइपास पर बने इस चौक से नया गांव दौलतपुर व रेवाड़ी आने जाने का मुख्य रास्ता है। इसी मार्ग पर गांव के लिए एक प्रवेश द्वार बनाने की मांग की जा रही है। निर्माण का खर्च खुद उठाएंगे ग्रामीणचेयरपर्सन पूनम यादव को सौंपे ज्ञापन में एक गुट ने कहा कि मुख्य मार्ग पर यदि पूर्व मुख्यमंत्री राव वीरेंद्र सिंह के नाम से प्रवेश द्वार बनाती है तो ग्रामीण निर्माण का पूरा खर्च खुद उठाएंगे। ज्ञापन में कहा कि राव वीरेंद्र सिंह न केवल दक्षिणी हरियाणा, बल्कि देश व प्रदेश की राजनीति का एक बड़ा चेहरा थे। गांव के प्रवेश द्वार का नाम उनके नाम पर होना क्षेत्र के लिए गर्व की बात होगी और आने वाली पीढ़ियों को उनसे प्रेरणा मिलेगी। ज्ञापन में नप की अगली मीटिंग में राव वीरेंद्र सिंह के नाम से प्रवेश द्वार बनाने का प्रस्ताव पास करने की मांग की गई। ज्ञापन सौंपने वाले में छत्रपाल, एडवोकेट पंकज, विशंभर दयाल, हरिराम,सुल्तान,लाला राम, हंसराज, ओंकार, सतबीर, सतीश, भूपेंद्र, होशियार, रामकिशन, राम अवतार, राजेश, सुमित, कपिल, दीपक , अमित, बलराम, ललित, अन्नी, रवि, प्रशांत और पंकज यादव शामिल रहे।सीएम के नाम सौपा ज्ञापनगांव के दूसरे गुट ने मंगलवार को ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने नाम एक ज्ञापन सौंपा। जिसमें रेवाड़ी में बने संत कबीर चौ से गांव में आवागमन के मुख्य मार्ग पर संत कबीर दास के नाम से प्रवेश द्वार बनाने की मांग की गई। ज्ञापन में बताया कि नगर परिषद द्वारा गांव में संत कबीर कम्यूनिटी सेंटर बनाना पहले से ही प्रस्तावित है और नया गांव दौलतपुर की मुख्य सड़क पर संत कबीर चौक का निर्माण किया जाए। सरकार का फैसला होगा मान्यवार्ड पार्षद सरिता सैनी ने कहा कि गांव में दो गुट बने हुए है। एक गुट संत कबीर तो दूसरा राव वीरेंद्र सिंह के नाम पर प्रवेश द्वार बनाने की मांग कर रहा है। मेरे पास दोनों गुट अपना-अपना प्रस्ताव लेकर आए थे। मैने एक राय बनाने की सलाह दी थी परतु सहमत नहीं हुए। मैने तो दोनों के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दी है। अब सरकार जो फैसला करेगी वह मुझे भी मान्य होगा। वार्ड पार्षद आगे आएं, हाऊस करेगा फैसलानगर परिषद की चेयरपर्सन पूनम यादव ने कहा कि गांव के प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें ज्ञापन सौंपा था। जिसमें राव वीरेंद्र सिंह के नाम पर प्रवेश द्वार बनाने की मांग की थी। संत कबीर के नाम पर स्वागत बनाने की मांग की उन्हें अभी कोई जानकारी नहीं है। हाउस जैसा चाहेगा, वैसा ही किया जाएगा। वार्ड पार्षद को चाहिए कि दोनों पक्षों से बातचीत कर प्रवेश द्वार की मांग का सर्वमान्य समाधान करें।
पंजाब के लुधियाना में देर शाम गोली चलने का मामला सामने आया है। यह घटना स्वतंत्र नगर की है। इससे पहले इन्हीं बदमाशों ने ग्रेवाल कालोनी में एक डॉक्टर की दुकान पर हमला किया है। इन बदमाशों ने डॉक्टर की दुकान पर जमकर तोड़फोड़ की है। दुकान के अंदर और बाहर ईंटों से हमला किया गया है। दुकान के शीशे पूरी तरह से बदमाशों ने तोड़ दिए है। जानकारी देते हुए कांग्रेसी नेता नरेश उप्पल ने कहा कि ग्रेवाल कालोनी में डॉक्टर पाल की क्लिनिक है। वहां 3 बाइकों में करीब 8 से 9 युवक पहुंचे। जिन्होंने इलाके में शोर-शराबा मचाया। घायल युवक का उपचार करवाने आए थे बदमाश डॉक्टर पाल मुताबिक इन युवकों में कुछ युवक घायल थे। कभी वह यहां उपचार करवाने की बात कह रहे थे तो कभी सिविल अस्पताल जाने की बात कर रहे थे। डॉक्टर पाल मुताबिक उन्होंने उसने कहा कि वह चाहे सिविल अस्पताल चले जाए या उनसे उपचार करवा ले। यह बात सुनकर गुस्से में आए बदमाशों ने उनकी क्लिनिक पर धावा बोल दिया। बदमाशों ने ईंटें मार कर दुकान तोड़ी और उनके होंठ पर पत्थर मारा। मारपीट करने के बाद ये बदमाश मौके से फरार हो गए। दो गलियां छोड़ बदमाशों ने की फायरिंग कुछ ही देर बाद पता चला कि दो गलियां छोड़ कर इन बदमाशों ने फायरिंग की है। फायरिंग की घटना में कोई मरा नहीं है। लोगों ने तुरंत थाना बस्ती जोधेवाल की पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर स्थिति को नियंत्रण में लिया। पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और जांच शुरू कर दी है। घटना स्थल पर पहुंचे ASI कश्मीर सिंह ने कहा कि आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है और आरोपियों की पहचान कर जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। अभी एक व्यक्ति को काबू किया है। हमले का कारण अभी पता नहीं चल सका है।
गोरखपुर में क्रिसमस की बढ़ी रौनक...VIDEO:सजने लगे शहर के चर्च, मेलों के लिए झूलों भी लगने शुरू
गोरखपुर में प्रभु यीशु के जन्मोत्सव यानी क्रिसमस को लेकर उत्साह चरम पर है। जैसे-जैसे 25 दिसंबर की तारीख नजदीक आ रही है, शहर के गिरजाघरों(चर्चों ) में रौनक बढ़ती जा रही है। शहर के लगभग सभी चर्चों पर तैयारियां अपने अंतिम चरण में हैं। झालर, लाइट और गुब्बारे से चर्चों को सजाना शुरू कर दिया गया है। साथ ही पारम्परिक मेले में उत्साह भरने के लिए झूले भी लगने शुरू हो गए हैं। क्रिसमस के रंग में रंगा सेंट एंड्रयूज कचहरी चौराहा स्थित सेंट एंड्रयूज कॉलेज इन दिनों क्रिसमस के रंग में पूरी तरह रंग गया है। गेट से ही झालर और लाइटे लग चुकी हैं। साथ ही अंदर भव्य झांकी सजाई गई है। सुंदरता देखते बन रही हैं। कॉलेज के स्टूडेंट्स से लेकर आम लोगों यह झांकी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। ऐसा लग रहा है, प्रभु यीशु उस झांकी में विराजमान हैं। लोग वहां रूककर सेल्फी और फोटो ले रहे हैं। साथ ही वीडियो के माध्यम से इस सुंदर नजारे को फोन में हमेशा के लिए कैद कर रहे हैं। रंग-बिरंगी रोशनी से नहाएंगे गिरजाघरइसी तरह शास्त्री चौक स्थित क्राइस्ट चर्च में सजावट के साथ-साथ पारंपरिक मेले की रूपरेखा भी तैयार होने लगी है। चर्च में बिजली की झालरें और आकर्षक लाइटें लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। कारीगरों का कहना है कि 20 दिसंबर तक सजावट का पूरा काम संपन्न कर लिया जाएगा, ताकि प्रार्थना सभाओं से पहले पूरा परिसर दूधिया रोशनी और रंगीन झालरों से जगमगा उठे। मेले का आकर्षण लगने लगे झूले क्रिसमस के अवसर पर लगने वाला मेला शहरवासियों के लिए मुख्य आकर्षण होता है। इस वर्ष भी शास्त्री चौक स्थित क्राइस्ट चर्च में मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं। बाहर से आए कारीगरों ने परिसर में झूले स्थापित करना शुरू कर दिया है। जिसमें ट्रेन और ब्रेक डांस जैसे कई झूले मौजूद रहेंगे। विभिन्न प्रकार के होंगे स्टॉल्सक्राइस्ट चर्च के सेक्रेटरी का कहना है कि हर साल की तरह इस बार भी क्रिसमस पर चर्च सजाने की तैयारी कर रहे हैं। प्रभु यीशु की झांकी के साथ मनोरंजन के लिए झूले, फूड और खिलौने के स्टॉल लगाए जाएंगे। बाजारों में भी बढ़ने लगी रौनक सिर्फ चर्च ही नहीं, बल्कि शहर के गोलघर, टाउनहॉल और असुरन जैसे प्रमुख बाजारों में भी क्रिसमस ट्री, सांता क्लॉज की ड्रेस और गिफ्ट आइटम्स की मांग बढ़ गई है। बेकरी शॉप्स पर भी केक और पेस्ट्री के ऑर्डर बुक होने शुरू हो गए हैं।
कॉलोनियों में प्लॉट्स की श्रेणी बदलने के खिलाफ मांगपत्र सौंपा
भास्कर न्यूज | जालंधर जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने अपनी कॉलोनियों के जन सुविधाओं के प्लॉट्स को अब नयी कैटेगरी में शामिल कर, इन्हें बेचने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसे लेकर बुधवार को कॉलोनी के निवासी जालंधर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के ऑफिस पहुंचे और कार्यकारी अधिकारी राजेश चौधरी को एतराज पत्र सौंपा। सूर्या एन्क्लेव वेलफेयर सोसायटी के डेलिगेशन प्रधान राजीव धमीजा ने कहा कि सूर्या एनक्लेव और महाराजा रंजीत सिंह एवेन्यू कॉलोनियों की योजना बनाते समय इनके अंदर नर्सिंग होम, वृद्धाश्रम, विद्यालय, कम्युनिटी सेंटर की सुविधा रखी गई थी। यही कारण था कि तमाम लोगों ने सरकारी कॉलोनी के अंदर प्लॉट खरीदे। अब इन प्लॉट की जगह अगर दूसरे निर्माण होंगे तो कॉलोनी निवासियों को सुविधा नहीं मिलेगी। कार्यकारी अधिकारी चौधरी को दिए गए आपत्ति पत्र में यह भी दर्शाया गया है कि लगभग दो दशक बीत गए, मगर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने मूलभूत सुविधाएं पूरी नहीं कीं। अब सार्वजनिक सुविधाओं वाले प्लॉट का दूसरा इस्तेमाल करना गलत है। इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने इन स्थलों को रेजिडेंशियल तथा कॉमर्शियल करने का प्रस्ताव बनाया है। यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद-14 के अंतर्गत समानता के सिद्धांत का उल्लंघन है। डेलीगेशन में सोसायटी के वरिष्ठ सदस्य मुरली मनोहर महाजन, डॉ. ओम दत्त शर्मा, मदन लाल, मनीष शर्मा समेत अन्य मौजूद रहे। 1. इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने जो पब्लिक नोटिस संख्या जारी कर प्लॉट की श्रेणी बदलने का प्रस्ताव दिया है, इसे रद्द करें। 2. सार्वजनिक उपयोग के लिए आरक्षित भूमि के किसी भी प्रकार के चेंज ऑफ लैंड यूज यानी भूमि उपयोग परिवर्तन को हमेशा के लिए प्रतिबंधित किया जाए। 3. नर्सिंग होम, वृद्धाश्रम, विद्यालय एवं अन्य सामुदायिक सुविधाओं का विकास मूल स्वीकृत लेआउट प्लान, मास्टर प्लान एवं लागू विधिक प्रावधानों के अनुरूप अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए।
एक्टिवा सवार पर जानलेवा हमला, छह युवकों ने छीनी गाड़ी
जालंधर| 40 क्वार्टर इलाके में छह अज्ञात हमलावरों ने व्यक्ति से एक्टिवा छीन ली और फरार हो गए। पीड़ित की पहचान सोमराज के रूप में हुई है। सोमराज ने बताया कि वह अपने निजी काम से 40 क्वार्टर की ओर जा रहा था। रास्ते में छह युवकों ने उसे घेर लिया और जबरन उसकी एक्टिवा रोकने की कोशिश की। जब सोमराज ने इसका कड़ा विरोध किया, तो युवकों ने उस पर हमला कर दिया। हमलावरों की संख्या अधिक होने के कारण खुद को बचा नहीं सके और आरोपी उसकी एक्टिवा लेकर फरार हो गए। घटना के तुरंत बाद पीड़ित ने बारादरी थाने पहुंचकर आपबीती सुनाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जांच अधिकारी सुखदीप सिंह ने बताया कि पुलिस इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है।
पासपोर्ट ऑफिस में लोक अदालत, 240 मामलों का मौके पर किया निपटारा
भास्कर न्यूज| जालंधर जालंधर के क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में बकाया मामलों के निपटारे के लिए लोक अदालत लगाई गई, जिसमें विभिन्न श्रेणियों से संबंधित 300 से अधिक आवेदकों ने भाग लिया। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी यशपाल ने बताया कि पासपोर्ट अदालत के दौरान 240 मामलों को मंजूरी देते हुए पासपोर्ट जारी करने की अनुमति दी गई। इन मामलों में विभिन्न कारणों जैसे मल्टीपल पासपोर्ट, कानूनी मामले, इमरजेंसी सर्टिफिकेट और व्यक्तिगत जानकारी बदलने संबंधी मामले शामिल थे। उन्होंने कहा कि शेष बचे मामलों के जल्द निपटारे के निर्देश दिए गए हैं। पासपोर्ट दफ्तर द्वारा की गई इस पहल पर प्रकाश डालते हुए क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि पासपोर्ट अदालत और विशेष कैंप लंबे समय से बकाया मामलों तथा प्रक्रिया आदि से आवेदकों को राहत देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय जालंधर लोगों को नागरिक सेवाएं, पारदर्शी तथा पासपोर्ट संबंधी निर्विघ्न सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए वचनबद्ध है। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी ने आगे बताया कि ऐसी पासपोर्ट अदालतें और विशेष कैंप लोगों की सुविधा के लिए भविष्य में भी लगाए जाते रहेंगे। उन्होंने आवेदकों से अपील की कि वे बकाया मामलों के निपटारे के लिए सुबह 9:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक किसी भी कार्य दिवस पर ऑनलाइन अपॉइंटमेंट या बिना इसके आवश्यक दस्तावेजों के साथ आ सकते हैं। वहीं एडवोकेट हरसंत डोगरा ने कहा कि पासपोर्ट विभाग को ऐसी लोक अदालतें समय-समय पर लगाते रहना चाहिए। क्योंकि इसमें उन लोगों की शिकायतें भी जल्द हल हो जाती है। जो इधर-उधर भटकते रहते हैं। पासपोर्ट विभाग की तरफ से यह तीसरी लोक अदालत थी जिसमें लोगों के पासपोर्ट जारी किए गए और उनकी समस्याओं का हल किया गया।
तार टूटने से लक्ष्मीपुरा के घरों में शॉर्ट सर्किट एक को लगी आग, जानी नुकसान से बचाव
भास्कर न्यूज | जालंधर श्री देवी तालाब रोड स्थित लक्ष्मीपुरा मोहल्ले में बुधवार शाम बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण पुराने बंद घर में भीषण आग लग गई। गनीमत रही कि फायर ब्रिगेड की टीम ने समय रहते आग पर काबू पा लिया, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया। जानकारी के अनुसार, श्री देवी तालाब मंदिर के पास किसी वाहन ने बिजली की तार को तोड़ दिया था, जिससे लक्ष्मीपुरा इलाके के कई घरों की सप्लाई बंद हो गई और शॉर्ट सर्किट हो गया। इसमें एक घर को आग लग गई। कई मोहल्लावासियों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और कीमती सामान जल गए। आग से किसी का जानी नुकसान नहीं हुआ है। इलाकावासी नीलम ने बताया कि जब घर के भीतर से धुआं बाहर निकलने लगा, तो गली की महिलाओं की नजर पड़ी। घर बंद होने के कारण अंदर क्या हो रहा है, यह देख पाना मुश्किल था। महिलाओं ने बिना देरी किए शोर मचाया और तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचित किया। स्थानीय निवासियों ने बताया कि यदि समय रहते धुआं न देखा जाता, तो आग साथ लगते अन्य मकानों को भी अपनी चपेट में ले सकती थी। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं। चूंकि घर काफी पुराना था और पूरी तरह बंद था, इसलिए दमकल कर्मियों को अंदर प्रवेश करने और आग बुझाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। काफी मेहनत के बाद आग पर काबू पाया गया। एहतियात के तौर पर बिजली विभाग के सहयोग से उस तार को भी काट दिया गया, जहां से शॉर्ट सर्किट शुरू हुआ था, ताकि दोबारा कोई अनहोनी न हो। घटना के बाद से लक्ष्मीपुरा के निवासियों में डर और रोष का माहौल है। लोगों का कहना है कि बिजली की ढीली तारों और तकनीकी खामियों के कारण उनकी जान-माल को खतरा बना रहता है।
एपीजे स्कूल मॉडल टाउन में ओरल हेल्थ केयर कैंप का आयोजन
भास्कर न्यूज | जालंधर एपीजे स्कूल मॉडल टाउन में कक्षा प्री-नर्सरी से कक्षा पांचवी तक के विद्यार्थियों के लिए ओरल हेल्थ केयर कैंप का आयोजन किया। चेकअप से पहले डॉ. शीनम उप्पल (एमडीएस) ने छात्रों के साथ दांतों की देखभाल के टिप्स दिए। दांतों की जांच कराने को लेकर बच्चों में खासा उत्साह देखा गया। एपीजे एजुकेशन सोसायटी की अध्यक्ष सुषमा पॉल बर्लिया जी हमेशा छात्रों की स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार के कैंपों के आयोजन को प्रेरित करते हैं ताकि विद्यार्थी अपनी पढ़ाई के साथ-साथ शारीरिक स्वच्छता के प्रति भी जागरूक हो। यहां स्कूल प्रधानाचार्य डॉ. राजेश चंदेल भी उपस्थित थे।
पंजाब की लुधियाना सेंट्रल जेल में कैदी दंगा भड़काकर भागने की फिराक में थे। इसके लिए कैदी लंबे समय से योजना बना रहे थे और उन्होंने जेल में अवैध तरीके से तेजधार हथियार भी एकत्रित कर लिए थे और अब वो दंगा भड़काना चाहते थे। मंगलवार रात को कैदियों ने जमकर हंगामा किया और जेल अधिकारियों पर तेजधार हथियारों से हमला किया। जेल के स्टाफ ने कमिश्नरेट पुलिस को समय रहते सूचना दे दी जिसकी वजह से कैदी भागने में कामयाब नहीं हो सके। जेल प्रशासन ने कैदियों के खिलाफ जो एफआईआर दर्ज करवाई है उसमें भी साफ लिखा है कि कैदी जेल से भागने की कोशिश कर रहे थे। कैदियों ने हंगामा करते करते जेल से भागना था केंद्रीय जेल में कैदियों ने दो बैरेकों में तो हंगामा करके दिया था और उन्होंने जेल की बैरेकों के सरिए भी तोड़ लिए थे। कैदी अन्य बैरेकों में भी कैदियों को भड़काकर बाहर निकालने की फिराक में थे ताकि ज्यादा से ज्यादा भीड़ हो और वो मौका देखकर वहां से खिसक सकें। जेल में कैसे पहुंचे तेजधार हथियार कैदियों के पास कुल्हाड़ी समेत अलग-अलग तरह के तेजधार हथियार थे। उन्हीं हथियारों से कैदियों ने जेल सुपरिंटेंडेंट समेत अन्य अधिकारियों पर हमला किया। जेल प्रशासन ने भी हमले के बाद माना है कि कैदियों ने पहले से हथियार एकत्रित करके छुपाए थे। अब सवाल यह उठता है कि कैदियों के पास ये अवैध हथियार कहां से पहुंचे? बिना चेकिंग के अंदर कोई चीज नहीं जाती लुधियाना केंद्रीय जेल में अवैध सामान को अंदर जाने से रोकने के लिए स्कैनर लगे हैं। इसके बावजूद अंदर तेजधार हथियार तक पहुंच गए। इससे जेल की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। जेल प्रशासन इस मामले में भी जांच करने में जुट गया। फेंकों के जरिए भी पहुंचता हैं अंदर सामान कैदी मुलाकात या पेशियों के दौरान अपने लोगों को मिलते हैं और उनसे अलग अलग तरह के सामान की डिमांड करते हैं। उनके रिश्तेदार उन्हें सामने से कुछ दे नहीं सकते तो कैदी उन्हें फेंकों के बारे में बताते हैं। फेंके फिर पैसे लेकर जेल के पिछले हिस्से से सामान अंदर फेंकते हैं। पुलिस को शक है कि ये हथियार भी फेंकों के जरिए ही अंदर पहुंचाए गए हैं। जेल से भागने का प्रयास, FIR में दर्ज: असिस्टेंट जेल सुपरिंटेंडेंट विजय कुमार ने एफआईआर दर्ज करवाने के लिए पुलिस को जो बयान दिया उसमें कहा है कि कैदियों ने जेल अधिकारियों और कर्मचारियों पर जान से मारने की मंशा से ईंटें, लकड़ी के डंडे, कुल्हाड़ी और अन्य धारदार हथियार पहले एक एकत्रित करके छुपाए थे। उन्होंने हथियारो का इस्तेमाल करके जेल से भागने का प्रयास किया। 2019 में भी जेल में हंगामा कर भागने की बनाई थी योजना साल 2019 में लुधियाना सेंट्रल जेल में कैदियों के बीच हुए हिंसक हंगामे ने गंभीर रूप ले लिया। इस घटना में एक कैदी की मौत, कई कैदियों और पुलिसकर्मियों के घायल होने के साथ-साथ जेल संपत्ति को भारी नुकसान हुआ था। हालात इतने बेकाबू हो गए कि पुलिस को हवा में फायरिंग तक करनी पड़ी। उस दौरान भी कैदियों ने जेल से भागने के लिए हंगामा किया था। कैदी की मौत पर हुआ था हंगामा 27 जून 2019 को जेल में बंद ड्रग केस के एक आरोपी सन्नी को तबीयत खराब होने पर पहले लुधियाना और फिर पटियाला के राजेंद्र अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई। जैसे ही यह खबर जेल के अंदर पहुंची तो कैदियों ने हंगामा शुरू कर दिया। कैदियों ने बैरेकों में जाने से किया था इनकार लुधियाना जेल में तब तीन हजार से अधिक कैदी थे और उन्होंने बैरकों में वापस जाने से इनकार कर दिया। देखते ही देखते कैदी दो गुटों में बंट गए और आपस में भिड़ंत शुरू हो गई। जेल परिसर में पड़े ईंट-पत्थर और लोहे की छड़ों से हमला किया गया। काबू पाने के लिए पुलिस को फायरिंग तक करनी पड़ी और एक कैदी को गोली लग गई थी। भागने की कोशिश और सोशल मीडिया लाइव हंगामे के दौरान कुछ कैदियों ने जेल से भागने की कोशिश भी की, हालांकि सभी को पकड़ लिया गया। हैरान करने वाली बात यह रही कि उस समय कुछ कैदियों ने मोबाइल फोन से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारित तक कर दी थी। पुलिस ने तब 22 से अधिक कैदियों के खिलाफ हत्या एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसी साल जेल की दीवार फांदकर भाग गया था कैदी इस साल अक्तूबर माह में राहुल कुमार नाम का एक कैदी जेल के अंदर से दीवार फांदकर भाग गया था। जेल अधिकारी उसे सीवरेज लाइन में ढूंढते रहे और वह 1200 किलोमीटर दूर बिहार के दरभंगा पहुंच गया था जिसे दस दिन बाद लुधियाना पुलिस ने गिरफ्तार किया।
बच्चों ने सीखे पानी बचाने, गीले कचरे से खाद बनाने के तरीके
भास्कर न्यूज | जालंधर इनरव्हील क्लब ऑफ जालंधर वेस्ट की ओर से क्लब अध्यक्ष डॉ. सारिका खन्ना की अगुवाई में 2 विभिन्न प्रोजेक्ट किए गए। पहला प्रोजेक्ट धरती बचाओ और पेड़ लगाओ के तहत एकलव्य स्कूल (प्राइमरी विंग) में किया। जहां विद्यार्थियों ने पेड़ लगाने और पर्यावरण को स्वच्छ रखने के महत्व पर आधारित सार्थक नाटक और स्किट प्रस्तुत किए। उन्होंने सूखे और गीले कचरे के लिए डस्टबिन का उपयोग करने के बारे में भी जागरुकता फैलाई। विद्यार्थियों ने सेव अर्थ अभियान को दर्शाते हुए सुंदर पोस्टर भी बनाए। क्लब सचिव रितु चोपड़ा ने धरती को बचाने के उपायों जैसे पेड़ लगाना, प्लास्टिक का कम उपयोग करना, पुराने कपड़ों से थैले बनाकर पुनर्चक्रण करना, गीले कचरे से खाद बनाना, पानी बचाने के तरीके आदि पर व्याख्यान दिया। दूसरे प्रोजेक्ट के तहत डॉ. रीमा ढींगरा ने विद्यार्थियों को व्यक्तिगत और दंत स्वच्छता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने दांत ब्रश करने का सही तरीका, जंक फूड और चॉकलेट से बचने, तथा दांतों में कीड़ा (कैरीज) की समय पर पहचान के लिए नियमित डेंटल चेकअप कराने पर जोर दिया। उन्होंने स्वस्थ भोजन करने के महत्व को भी समझाया। डॉ. सारिका खन्ना, क्लब अध्यक्ष ने विद्यार्थियों को पोषण के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने भोजन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, खनिज, फाइबर और विटामिन की भूमिका के बारे में जानकारी दी। उन्होंने हाथ धोने के चरण बताए और भोजन से पहले तथा बाद में हाथ धोने की आदत डालने पर जोर दिया। क्लब द्वारा सभी विद्यार्थियों को स्टेशनरी और जलपान वितरित किया गया।
राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एसोसिएशन, जोधपुर की ओर से वकीलों के मानसिक स्वास्थ्य और तनाव प्रबंधन पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया। राजस्थान उच्च न्यायालय के ऑडिटोरियम में A Rendezvous for Mindful Lawyering शीर्षक से आयोजित इस कार्यशाला में जस्टिस डॉ. नुपूर भाटी ने मुख्य वक्ता के रूप में वकीलों को मेडिटेशन और माइंडफुलनेस के महत्व पर मार्गदर्शन दिया। एसोसिएशन के महासचिव मनीष टाक ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जस्टिस भाटी का स्वागत एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष आनन्द पुरोहित व नवनिर्वाचित अध्यक्ष दिलीप सिंह उदावत ने किया। जस्टिस भाटी ने कहा कि अधिवक्ताओं में बढ़ते कार्यभार, मामलों की अधिकता और व्यस्त दिनचर्या के कारण उत्पन्न तनाव को दूर करने के लिए इस तरह की विशेष कार्यशाला का आयोजन अच्छी पहल है। उन्होंने कहा कि ध्यान (मेडिटेशन) न केवल तनाव को कम करता है, बल्कि वकीलों को सकारात्मक, संतुलित और आत्मनियंत्रित बनाए रखने में भी सहायक होता है। मानसिक शांति से बेहतर न्यायिक योगदान जस्टिस डॉ. भाटी ने जोर देकर कहा कि जब वकील मानसिक रूप से शांत और सकारात्मक होता है, तभी वह न्याय के हित में अधिक प्रभावी, निष्पक्ष और संवेदनशील योगदान दे सकता है। उन्होंने कहा कि मेडिटेशन व माइंडफुलनेस के अभ्यास से वकील अपने दायित्वों को शांति और स्पष्टता के साथ निभा सकते हैं तथा कार्यस्थल पर उत्पन्न तनाव को सफलतापूर्वक दूर कर सकते हैं। वकीलों के लिए महत्वपूर्ण पहल महासचिव मनीष टाक ने बताया कि यह कार्यशाला वकीलों के मानसिक स्वास्थ्य, सकारात्मक सोच और न्यायिक प्रक्रिया में संतुलित योगदान की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल सिद्ध हुआ। इस कार्यशाला में एसोसिएशन के समस्त वर्तमान एवं नवनिर्वाचित पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्यगण, राजकीय अधिवक्ता, बार कौंसिल सदस्य सहित भारी संख्या में अधिवक्तागण एवं विधि छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन कार्यकारिणी सदस्य गोपाल सान्दु ने किया।
एचएमवी कॉलेज में जलवायु परिवर्तन पर स्कूल टीचर्स के लिए करवाई वर्कशॉप
जालंधर | एचएमवी कॉलेज ने पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सहयोग से स्कूल अध्यापकों के लिए वर्कशॉप का आयोजन किया। इसमें शिक्षकों को पर्यावरण संरक्षण की महत्व बताई गई। प्रोग्राम में 50 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान जीएनडीयू अमृतसर के वनस्पति और पर्यावरण विज्ञान के प्रोफेसर डॉ. आदर्श पाल विग बतौर मुख्य वक्ता पहुंचे। उन्होंने वर्मीकल्चर की तकनीकों पर विस्तार पूर्वक विचार रखें। उन्होंने अर्थ-वार्म को इकोलॉजिकल इंजीनियर कहा। कॉलेज प्रिंसीपल एकता खोसला ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को शैक्षणिक निर्देशों से परे जाकर छात्रों में मजबूत पर्यावरण मूल्यों को स्थापित करना है। यहां डीन अकादमिक डॉ. सीमा मरवाहा भी मौजूद रही।
नमस्कार, कल की बड़ी खबर नीतीश कुमार को मिली पाकिस्तानी डॉन की धमकी को लेकर रही। वहीं, दूसरी बड़ी खबर यूपी में हत्यारे इंजीनियर बेटे से जुड़ी रही। जिसने पत्नी के लिए मां-बाप के टुकड़े कर दिए। ⏰ आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... कल की बड़ी खबरें... 1. पाकिस्तानी डॉन ने बिहार CM को धमकाया, मुस्लिम महिला का हिजाब उतारने पर भड़का, बोला- माफी मांगो बिहार CM नीतीश कुमार के मुस्लिम महिला के चेहरे से हिजाब हटाने पर पाकिस्तानी डॉन शहजाद भट्टी भड़क गया है। उसने चेतावनी देते हुए CM से माफी मांगने की बात कही है। भट्टी ने कहा कि अभी भी समय है कि नीतीश कुमार उस महिला से माफी मांगे। बाद में यह मत कहना कि चेतावनी नहीं दी गई थी। शहजाद भट्टी दुबई में रहता है: वह पाकिस्तान का कुख्यात अपराधी है। भट्टी पर हथियार और ड्रग्स तस्करी के आरोप हैं। भारतीय एजेंसियों के मुताबिक, उसका ISI और लॉरेंस बिश्नोई गैंग से भी कनेक्शन रहा है। नुसरत बोलीं- नौकरी जॉइन नहीं करूंगी: हिजाब हटाने की घटना के बाद महिला डॉक्टर नुसरत परवीन बिहार छोड़कर कोलकाता चली गईं। उन्होंने कहा कि घटना से उन्हें मानसिक पीड़ा हुई है, इसलिए फिलहाल बिहार सरकार की नौकरी जॉइन नहीं करेंगी। मंगलवार को एक इवेंट में नियुक्ति पत्र देते हुए CM नीतीश कुमार ने नुसरत परवीन का हिजाब खींच दिया था। पढ़ें पूरी खबर... 2. PM मोदी को इथियोपिया में सर्वोच्च सम्मान मिला, कहा- गुजरात की तरह इथियोपिया भी शेरों की धरती इथियोपिया ने PM मोदी को देश का सर्वोच्च सम्मान दिया, जिसे पाने वाले वे पहले ग्लोबल लीडर बने। इसके बाद संसद को संबोधित करते हुए PM मोदी ने इथियोपिया को शेरों की धरती बताया। उन्होंने कहा कि मुझे यहां आकर घर जैसा लगा। मेरे गृहराज्य गुजरात की तरह यह भी शेरों की धरती है। इथियोपिया के राष्ट्रगीत की भारत के राष्ट्रगान से तुलना: मोदी ने भारत के ‘वंदे मातरम’ और इथियोपिया के राष्ट्रगान की तुलना करते हुए कहा कि दोनों में मातृभूमि को मां माना गया है, जो विरासत, संस्कृति और देश रक्षा का भाव जगाते हैं। पढ़ें पूरी खबर... 3. एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियां अब 60 की स्पीड में चलेंगी, मथुरा हादसे के बाद सख्त हुए योगी मथुरा हादसे में 19 मौतों के बाद सीएम योगी एक्शन में हैं। सरकार ने आगरा और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियों की स्पीड लिमिट तय कर दी है। दोनों एक्सप्रेस-वे पर अभी तक छोटे वाहन (कार/जीप) ड्राइवरों की अधिकतम 120 किमी प्रति घंटे की स्पीड को घटाकर 80 कर दिया गया है। वहीं, बड़े वाहन (बस/ट्रक) की स्पीड लिमिट 100 से घटाकर 60 किमी प्रति घंटे की गई है। इससे अधिक स्पीड में चलने पर 2 से 4 हजार रुपए तक जुर्माना लग सकता है। वाहनों की स्पीड लिमिट अगले 2 महीने तक लागू रहेगी। विजिबिलिटी न होने पर रोकी जाएंगी गाड़ियां: यमुना विकास प्राधिकरण के जारी निर्देश के मुताबिक, विजिबिलिटी जीरो से 50 मीटर होने पर गाड़ियां आगे नहीं जाने दी जाएंगी। इन्हें एक्सप्रेस वे पर बने फैसिलिटी सेंटर पर ही रोक लिया जाएगा। विजिबिलिटी होने पर ही गाड़ियों को आगे रवाना किया जाएगा। पढ़ें पूरी खबर... 4. मुस्लिम पत्नी के लिए मां-बाप को 6 टुकड़ों में काटा, जौनपुर में इंजीनियर बेटे ने नदी में बहाया जौनपुर में मुस्लिम पत्नी के लिए इकलौते इंजीनियर बेटे ने मां-बाप की हत्या कर दी। माता-पिता का सिर खलबट्टे (इमाम दस्ता) से कूच दिया। आरी से काटकर दोनों शवों के 6 टुकड़े किए। इन्हें 7 बोरियों में भरकर कार से गोमती नदी के किनारे पहुंचा। फिर बारी-बारी से सभी बोरियां नदी में फेंक दीं। दरअसल, इंजीनियर बेटे ने एक मुस्लिम युवती से लव मैरिज की थी, जिससे माता-पिता नाखुश थे। पुलिस को आरोपी इंजीनियर ने बताया- माता-पिता मेरी शादी तुड़वाना चाहते थे। 3 दिन से शव तलाशने में लगे 15 गोताखोर: पुलिस के मुताबिक, 3 दिनों से 15 गोताखोर शवों को तलाश रहे हैं। पिता के शरीर का अभी तक आधा हिस्सा मिल पाया है। आरोपी इंजीनियर ने 8 दिसंबर को हत्या की थी। उसे 15 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी अम्बेश कुमार ने 6 साल पहले पश्चिम बंगाल की मुस्लिम युवती से लव मैरिज की थी। दंपती के दो बेटे हैं। पढ़ें पूरी खबर... 5. चांदी पहली बार ₹2 लाख प्रति किलो के पार पहुंची, एक दिन में ₹7,664 बढ़ी चांदी पहली बार 2 लाख रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गई। बुधवार की सुबह 8,773 रुपए बढ़कर 2,00,750 रुपए पर खुली। फिर हल्की गिरावट के साथ 1,99,641 रुपए पर बंद हुई। साल 2011 में चांदी की कीमत 50 हजार रुपए थी, जो 14 साल में बढ़कर 18 मार्च 2025 को 1 लाख रुपए पहुंची। लेकिन अगले सिर्फ 9 महीने में ही इसकी कीमत 1 लाख से 2 लाख रुपए प्रति किलो हो गई। चांदी में तेजी के 4 बड़े कारण सोना ₹1.32 लाख पहुंचा: सोना भी 540 रुपए बढ़कर 1,32,317 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है। इस साल अब तक सोने की कीमत 56,155 रुपए बढ़ी है। पढ़ें पूरी खबर... 6. राजस्थान-बंगाल में 1 करोड़ वोटर के नाम कटे, 5 राज्यों की SIR की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी चुनाव आयोग ने 5 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में हुए SIR की वोटर लिस्ट जारी कर दी है। पश्चिम बंगाल में 58 लाख और राजस्थान में 44 लाख मतदाताओं के नाम कटे। वहीं, गोवा-पुडुचेरी में 1-1 लाख और लक्षद्वीप में 1616 नाम हटे। 27 अक्टूबर को SIR घोषणा के समय 13.35 करोड़ मतदाता थे, जो ड्राफ्ट सूची में घटकर 12.33 करोड़ रह गए हैं। सेकंड फेज फरवरी तक चलेगा: चुनाव आयोग ने कहा कि जिन वोटर्स के नाम हटाए हैं, उन्हें अब कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा। अगर उन्हें आपत्ति है तो वे दस्तावेज देकर दावा पेश कर सकते हैं। SIR का दूसरा चरण फरवरी 2026 तक चलेगा और अंतिम वोटर लिस्ट 14 फरवरी 2026 को जारी होगी। पढ़ें पूरी खबर... 7. कलाम की जगह भाजपा वाजपेयी को राष्ट्रपति बनाना चाहती थी, दावा- आडवाणी को PM बनाना था 2002 में राष्ट्रपति चुनाव से पहले भाजपा ने अटल बिहारी वाजपेयी को राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव रखा था। वाजपेयी के करीबी अशोक टंडन की किताब ‘अटल संस्मरण’ में दावा है कि पार्टी चाहती थी वाजपेयी राष्ट्रपति बनें और आडवाणी प्रधानमंत्री। हालांकि, वाजपेयी ने साफ तौर पर प्रस्ताव ठुकरा दिया। बाद में NDA ने सर्वसम्मति से डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया। वाजपेयी ने सोनिया-मनमोहन के साथ बैठक की: टंडन की किताब के मुताबिक, वाजपेयी ने राष्ट्रपति पद के लिए सर्वसम्मति बनाने को सोनिया गांधी, प्रणब मुखर्जी और मनमोहन सिंह से बैठक की। इसमें उन्होंने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम की घोषणा की। सोनिया ने कहा कि नाम चौंकाने वाला है, लेकिन कांग्रेस इस पर विचार करेगी। किताब के 2 अहम पॉइंट्स... पढ़ें पूरी खबर... आज का कार्टून ⚡ कुछ अहम खबरें हेडलाइन में… ️ बयान जो चर्चा में है... खबर हटके... अमेरिका में रुपए बराबर सिक्का ₹150 करोड़ में बिका अमेरिका ने 1 सेंट का सिक्का बनाना बंद कर दिया। आखिरी 232 खास सेट नीलामी में रखे गए। 24 कैरेट सोने से बने ये सिक्के करीब 150 करोड़ रुपए में बिके। लोग इसे अब ऐतिहासिक याद के तौर पर खरीद रहे हैं। फोटो जो खुद में खबर है भास्कर की एक्सक्लूसिव स्टोरीज, जो सबसे ज्यादा पढ़ी गईं… करेंट अफेयर्स ⏳आज के दिन का इतिहास बाजार का हाल ️ मौसम का मिजाज वृष राशि के लोगों को उम्मीद से ज्यादा फायदा मिल सकता है। मिथुन राशि वालों के इनकम सोर्स बढ़ेंगे। जानिए आज का राशिफल... आपका दिन शुभ हो, पढ़ते रहिए दैनिक भास्कर ऐप… मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ को और बेहतर बनाने के लिए हमें आपका फीडबैक चाहिए। इसके लिए यहां क्लिक करें...
14 जनवरी को गर्म कुंडों पर बड़ी संख्या में पहुंचते हैं पर्यटक...इसलिए सरकार की पहलझारखंड के सभी गर्म कुंडों पर साबुन और डिटर्जेंट के इस्तेमाल पर रोक लगेगी। पर्यटन निदेशालय ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है। पर्यटन निदेशक ने सभी डीसी को पत्र भेजकर जरूरी कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि साबुन-शैंपू और अन्य डिटर्जेंट के इस्तेमाल से इन कुंडों के पानी की शुद्धता प्रभावित हो रही है। हर साल जनवरी में यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि ऐसा न हो। राज्य में लातेहार में तातापानी, धनबाद में तेतुलिया, दुमका में झरियापानी और हजारीबाग के बरकट्ठा में सूरजकुंड गर्म कुंड हैं। इसके अलावा कई अन्य जगहों पर भी छोटे-छोटे गर्म कुंड हैं। साबुन आदि के इस्तेमाल से पानी में ऑक्सीजन की स्थिति खराब हो रही है। क्योंकि साबुन में वॉशिंग सोडा और फॉस्फोरस आदि होता है, जो ऑक्सीजन की मात्रा कम कर उसे दूषित करता है। ऐसे में पर्यटन विकास के तहत वहां पर्यावरण और पानी की शुद्धता बनाए रखना जरूरी है। डीसी को कहा गया है कि वे अपने-अपने जिले के अनुमंडल पदाधिकारी, बीडीओ, मुखिया, पंचायत प्रमुख, जिला परिषद और जनप्रतिनिधियों से समन्वय कर पानी की शुद्धता कायम रखने का प्रयास करें। पर्यटन स्थलों पर प्लास्टिक के उपयोग पर भी रोकपर्यटन निदेशालय ने सभी पर्यटन स्थलों पर प्लास्टिक के उपयोग पर भी रोक लगाने को कहा है। डीसी से कहा गया है कि क्रिसमस और नववर्ष के उपलक्ष्य में राज्य के जलप्रपात, पार्क, डैम, तालाब और वनक्षेत्र में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। वहां पिकनिक मनाते हैं और पेपर प्लेट, थर्मोकोल प्लेट, प्लास्टिक के ग्लास के साथ पॉलीथिन आदि छोड़ जाते हैं। इससे पर्यटन स्थल पर गंदगी फैली रहती है। यहां साफ-सफाई और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन जरूरी है। ताकि पर्यटकों को यह स्थल आकर्षक दिखे और वे यहां आने के लिए आकर्षित हों। मांसपेशियों के दर्द, गठिया और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है गर्म कुंड का पानी गर्म कुंड भूमिगत स्रोतों से निकलने वाला गर्म पानी होता है। इसमें सल्फर और अन्य खनिज मौजूद होते हैं। इसका चिकित्सा के साथ-साथ धार्मिक महत्व भी है। माना जाता है कि इसमें मौजूद खनिज त्वचा संबंधी समस्याओं को ठीक करने में मदद करते हैं। मांसपेशियों के दर्द, गठिया और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाता है। रक्त संचार बढ़ाता है। तनाव कम करता है और मानसिक शांति मिलती है। मकर संक्रांति जैसे अवसरों पर इन कुंडों में स्नान करना विशेष फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि गर्म कुंड में स्नान करने से पाप नष्ट होते हैं और आत्मा शुद्ध होती है। चारों गर्म कुंड पर 14 जनवरी से पर्यटकों की भीड़ उमड़ेगी।
लाडोवाली रोड स्कूल की 150वीं वर्षगांठ 20 को मनाएगी एलुमनाई एसोसिएशन
भास्कर न्यूज | जालंधर लाडोवाली रोड स्थित सरकारी मॉडल सीनियर स्कूल के 150वें वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। ऐसे में स्कूल से जुड़ी जालंधर एलुमनाई एसोसिएशन इस मौके को खास बनाने जा रही है। एसोसिएशन प्रेसीडेंट डॉ. एसपीएस ग्रोवर ने बताया कि यह कार्यक्रम स्कूल ऑफ एमिनेंस के 150 वर्षों की यात्रा का प्रतीक है। यह संस्थान 1872 में स्थापित हुआ और तब से यह शिक्षा, अनुशासन और मूल्यों के माध्यम से पीढ़ियों को संवारते हुए समाज में लगातार महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। यह अवसर उन शिक्षकों, एलुमनाई और विद्यार्थियों के अमूल्य योगदान को सम्मानित करता है जिन्होंने दशकों से विद्यालय की मजबूत नींव रखी है। प्रोग्राम में मेयर वनीत धीर, जालंधर सेंट्रल के चुनाव प्रभारी नितिन कोहली बतौर मुख्यातिथि पहुंचेंगे। इसी के साथ सीटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन चरणजीत चन्नी जो यहां के पूर्व छात्र भी रह चुके हैं, भी शामिल होंगे। चन्नी ने कहा क इस संस्थान ने मेरे जीवन के मूल्यों और दृष्टिकोण की नींव रखी। प्रोग्राम से जुड़ना गर्व की बात होगी।
गोरखपुर के जिला अस्पताल में महिला ने 15 दिसंबर (सोमवार) को एक बच्चे को जन्म दिया। लेकिन, मां ने उसे अपनाने से इनकार कर दिया। वो जिद पर अड़ी रही कि मैं इस बच्चे को अपने साथ नहीं रखूंगी। मां ने बच्चे को अपना दूध तक नहीं पिलाया। मां का कहना था कि पति जब बच्चे की परवाह किए बिना दूसरी लड़की के साथ भाग गया, तो मैं उसकी अमानत क्यों संभालूं? क्यों उसकी वजह से अपनी जिंदगी कुर्बान करूं? मुझे मां बनाकर छोड़ गया। इस बच्चे को मुझे अपने पास नहीं रखना। जहां मन करे छोड़ दो, मन करे तो कूड़े में फेंक दो। मां की ये बातें सुनकर अस्पताल प्रशासन परेशान हो गया। हर तरफ इसकी चर्चा होने लगी। वहीं, यह खबर सुनते ही कई लोग बच्चे को गोद लेने हॉस्पिटल पहुंचने लगे। यह सब देखकर एसआईसी जय कुमार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन को पूरी बात बताई। दूसरी तरफ, हॉस्पिटल स्टाफ महिला को समझाने की कोशिश में जुटा रहा। करीब 48 घंटे की जिद के बाद जब मां ने देखा कि बच्चा उससे सच में दूर हो जाएगा, तब जाकर वह मानी। पढ़िए एक मां की कहानी, जिसने बच्चे को तो जन्म दिया लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा कि पालेगी कैसे? 5 महीने पहले छोड़ गया था पतिदैनिक भास्कर से बात करते हुए फरजाना कहती है- मेरी शादी एक साल पहले परिवारवालों की मर्जी से हुई थी। पति ड्राइवर था। हम लोग खुशी-खुशी दरभंगा (बिहार) में रहते थे। शादी के कुछ महीने बाद पति मुझे दिल्ली लेकर गया। शुरुआत में सब ठीक था। मुझे बहुत मानता था। कहता था कि रानी बनाकर रखूंगा। करीब 5 महीने पहले वो मुझे अचानक छोड़कर चला गया। मैंने उससे कॉन्टैक्ट करने की बहुत कोशिश की, लेकिन फोन ही नहीं उठाता था। फोन कर बोला- मैं नहीं आऊंगा, तुम अपना देख लोफिर एक दिन उसका फोन आया। उसने ऐसी बात बोली कि मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई। फोन उठाते ही वो बोला कि मैं वापस नहीं आऊंगा, तुम अपना देख लो। मुझे पता चला कि वह किसी लड़की के साथ भाग गया है। मैं उस समय 4 महीने की प्रेग्नेंट थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं? ऐसा लगा, मेरी दुनिया ही उजड़ गई। मैं बिल्कुल अकेली पड़ गई। मेरे मां-बाप भी इस दुनिया में नहीं हैं। मायके का सहारा भी नहीं ले सकती। पति ने हर जगह से ब्लॉक कर दिया। किसी नए नंबर से फोन करने पर भी नहीं उठाता है। ससुराल में केवल सास हैं। उनसे भी किसी तरह कोई संपर्क नहीं। मेड का काम करके करती है गुजाराफरजाना ने बताया- मैंने खुद जीने-खाने के लिए लोगों के घरों में खाना बनाने का काम शुरू किया। हम दिल्ली में छोटे से किराए के मकान में रहते थे। अब काम करके जो थोड़े-बहुत पैसे कमाती थी, उससे घर का किराया देती थी। जिनके घर में काम करती, वहीं खाना खाती थी। जब डिलीवरी का समय नजदीक आया, तो मैंने अपने गांव जाने का सोची। दिल्ली से दरभंगा के लिए निकली थी। लेकिन रास्ते में ही दर्द शुरू हो गया। गोरखपुर स्टेशन पर जीआरपी की मदद से मुझे जिला अस्पताल में ही भर्ती करा दिया गया। मेरे साथ कोई नहीं था। सोमवार की सुबह मेरी नॉर्मल डिलीवरी हुई, बेटा हुआ। इसके बाद फरजाना रोने लगी। डॉक्टर ने बताया डिलीवरी के बाद फरजाना का हाल… डिलीवरी करने वाले डॉक्टर ने बताया कि ताज्जुब की बात है, फरजाना ने अपने बेटे को जन्म देने के बाद से साथ रखने से मना कर दिया। वजह पूछने पर उसने बताया कि मेरा पति मुझे छोड़ कर चला गया है, अकेले कैसे बच्चे को पालूंगी? बच्चे को देखना नहीं चाहती थी मांडॉक्टर ने बताया- मां अपने बच्चे को दूध तक पिलाने को तैयार नहीं थी। अपने पति की करतूतों को याद करके खूब रोती थी। गुस्सा इतना था कि बच्चे को देखना भी नहीं चाहती थी। मजबूरी में बच्चे को दूसरी औरतों से फीडिंग करानी पड़ी। इलाज के लिए बच्चे को ऑब्जर्वेशन में रखा गया। ट्रीटमेंट के बाद वह थोड़ा नार्मल हुआ है। 16 दिसंबर की रात फिर उसे यही दिक्कत हुई थी, लेकिन अभी ठीक है। उसे देख-रेख की काफी जरूरत है। बच्चे की क्रिटिकल कंडीशन थीडॉक्टर बताते हैं- हमने बच्चे की हालत गंभीर होने की वजह से उसे स्पेशल न्यू बॉर्न यूनिट (SNU) में एडमिट किया। उसे सांस लेने में दिक्कत थी। बच्चा बहुत ज्यादा रो रहा था। तब भी फरजाना ने बच्चे को गले से नहीं लगाया, न ही दूध पिलाया। डॉक्टर ने बताया- दो दिन तक हॉस्पिटल स्टाफ ने फरजाना को बहुत समझाया, तब जाकर वह मानी। तब उसने बच्चे को दूध पिलाया। अब वो बच्चे को साथ लेकर दिल्ली जाएगी। अकेले पालने के डर से साथ नहीं रखना चाहती थीफरजाना ने कहा- जब मेरा बेटा पैदा हुआ तो मुझे बहुत डर लग गया कि मैं खुद दूसरों के घर खाती हूं। बेटे को कैसे पालूंगी? इसीलिए मैंने उसे अपने पास रखने से मना दिया। मुझे मेरे पति की करतूत याद आने लगी और गुस्से में मैंने बेटे को अपने पास नहीं आने दिया। मदद के लिए बढ़े कई हाथ, तब जागी ममताफरजाना ने बताया कि दिल्ली में मैं जिन घरों में काम करती थी, उन लोगों को जब पता चला तो उन्होंने मदद के लिए हाथ बढ़ाया। उन लोगों ने कहा कि तुम बच्चे को लेकर दिल्ली आओ। हम सब मिल कर उसे बड़ा करेंगे। उसकी हर जरूरत का ध्यान रखेंगे। तब मुझे एहसास हुआ कि मेरे बच्चे के साथ कितना गलत हो रहा? बाप नहीं है तो क्या हुआ, मां तो है। फिर मैंने यह तय किया है कि बच्चे को लेकर दिल्ली जाऊंगी। वहां काम करके उसकी परवरिश करूंगी। अस्पताल प्रशासन से मिल रही मददफिलहाल फरजाना जिला महिला अस्पताल में अपने बच्चे के साथ एडमिट है। अस्पताल प्रशासन और हॉस्पिटल के अन्य जो लोग एडमिट हैं, उनके परिजन उसकी हरसंभव मदद करते हैं। आशा वर्कर उसका खास ख्याल रखती हैं। मां और बच्चे की मदद के लिए तमाम लोग तैयार हैं। बच्चा अभी अंडर ऑब्जर्वेशन में है। स्थिति ठीक होने पर दोनों को डिस्चार्ज किया जाएगा। एसआईसी जय कुमार ने कहा- महिला को काफी मुश्किल से समझाया जा सका है। अब वह बच्चे को अपने साथ रखने को तैयार है। बच्चे की हालत अभी थोड़ी नाजुक है। जैसे ही ठीक हो जाएगा, डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। तब तक हॉस्पिटल का स्टाफ मां और बच्चे का पूरा ध्यान रख रहा है। हरसंभव मदद की जाएगी। --------------------------- यह खबर भी पढ़ें- घर बेचा, सरकारी नौकरी छोड़ी, अब बेटा धोनी संग खेलेगा, आगरा के कार्तिक 14.20 करोड़ में बिके तो रोने लगे IPL ऑक्शन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने आगरा के कार्तिक शर्मा को 14.20 करोड़ रुपए में खरीदा। कार्तिक का बेस प्राइस महज 30 लाख रुपए था। उम्मीद से ज्यादा बोली लगते ही कार्तिक भावुक हो गए और अपनी मां के गले लगकर रो पड़े। इस दौरान पूरे परिवार की आंखों में खुशी के आंसू थे। पढ़िए पूरी खबर...
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने पारा मेडिकल स्टाफ के 53 पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। इसमें महिला नर्स, पुरुष नर्स, फार्मासिस्ट, फीमेल व मेल हेल्थ वर्कर, कंपाउंडर और एक्स-रे टेक्नीशियन के पद शामिल हैं। आवेदन प्रक्रिया 8 जनवरी से शुरू होगी। अभ्यर्थी आयोग की वेबसाइट के माध्यम से 7 फरवरी तक आवेदन कर सकते हैं। शुल्क का भुगतान की अंतिम तिथि 9 फरवरी निर्धारित की गई है। वहीं, आवेदन में किसी तरह की त्रुटि सुधार के लिए करेक्शन विंडो 10 से 13 फरवरी तक खुली रहेगी। शैक्षणिक योग्यता और वेतनमानपद के अनुसार न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक या इंटर (साइंस) के साथ संबंधित डिप्लोमा अथवा प्रशिक्षण निर्धारित किया गया है। चयनित अभ्यर्थियों को लेवल-1 से लेवल-5 तक के वेतनमान में नियुक्ति दी जाएगी। इसके अलावा, नर्सिंग से जुड़े पदों के लिए झारखंड नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। जानिए किस पैटर्न पर होगी परीक्षापरीक्षा कंप्यूटर आधारित (सीबीटी) होगी {दो पेपर आयोजित किए जाएंगेपेपर-1: सामान्य ज्ञान एवं भाषापेपर-2: तकनीकी / ट्रेड आधारितजरूरी क्वालिफाइंग मार्क्स रिक्त रेगुलर पदों का ब्योरामहिला नर्स :2पुरुष नर्स : 26फार्मासिस्ट : 2मिश्रण कंपाउंडर : 10ड्रेसर : 8बैकलॉग रिक्त पदों का ब्योरापुरुष नर्स :2एक्स-रे टेक्नीशियन : 1
जालंधर ED शराब कंपनी मालब्रोज के खिलाफ प्रदूषण फैलाने की जांच करेगी। इस संबंधी में जालंधर के पीएमएलए स्पेशल कोर्ट में शिकायत दर्ज की गई है। ये शिकायत मेसर्ज मालब्रोस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड, गौतम मल्होत्रा और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई है।ED की तरफ से जारी लेटर में कहा गया है कि मालब्रोज के खिलाफ ये जांच पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के नियमों का उल्लंघन करने के खिलाफ की जा रही है। आरोप-रिवर्स बोरिंग से ग्राउंड वाटर को प्रदूषित कियाED की तरफ से जारी लेटर में कहा गया है कि अब तक की जांच में पता चला है कि कंपनी ने अपनी एक इकाई जिला फिरोजपुर के जीरा ब्लॉक के गांव मंसूरवाला में लगाई। यहां पर रिवर्स बोरिंग के जरिए गंदा पानी जमीन के अंदर छोड़ा गया। ये सारा काम बहुत ही गुपचुप तरीके से किया जा रहा था। न केवल जमीन के अंदर के पानी को प्रदूषित किया गया, इसके साथ ही किसानों की जमीन में प्रदूषित पानी छोड़ा गया। साथ में एक चीनी मिल के पास भी कंपनी से निकाल प्रदूषित पानी छोड़ा गया। अपनी इंडस्ट्री के जरिए कंपनी ने आस-पास के पानी के स्रोतों को भी प्रदूषित किया। इस दौरान कंपनी ने अपने आपरेशन से 80 करोड़ रुपए कमाए। पहले भी ED ने कंपनी के 6 ठिकानों पर रेड की थीइससे पहले भी 16 जुलाई 2024 को ED की तरफ से इस मामले में कंपनी के 6 ठिकानों पर रेड की गई थी। इस दौरान तलाशी में मालब्रोस इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और उसके निदेशकों के ठिकानों से 78.15 लाख रुपए नकद जब्त किए गए थे। यह कार्रवाई भी पीएमएलए की धारा 17 के तहत की गई थी। ED ने साफ किया है कि इस मामले में आगे की जांच जारी है। 1 महीना पहले पंजाब सरकार NGT में दे चुकी हलफनामापंजाब के फिरोजपुर जिले के जीरा शराब बनाने वाली मालब्रोस कंपनी के खिलाफ पंजाब सरकार NGT में हलफनामा पेश किया था। पंजाब सरकार ने पहली बार माना कि जीरा डिस्टलरी के कारण प्रदूषण हो रहा है और प्रदूषण को रोकने के लिए फैक्ट्री को स्थायी तौर पर बंद करना एक मात्र रास्ता है। PAC मेंबर ने बताया उनके संघर्ष की जीत हुईजीरा संझा मोर्चा और पब्लिक एक्शन कमेटी (PAC) के मेंबर ने NGT में दिए हलफनामे को संघर्ष की जीत बताया था। उन्होंने कहा कि 3 साल से इस सरकार के हलफनामे में कई अहम और तीखे बयान दर्ज हैं, जो अब तक स्थानीय संगठनों जैसे जीरा संझा मोर्चा और पब्लिक एक्शन कमेटी (PAC) द्वारा उठाए गए मुद्दों की पुष्टि करते हैं। इस यूनिट के खिलाफ काफी समय से आंदोलन चला रहे थे। सरकार अब तक अपना पक्ष स्पष्ट नहीं कर रही थी। सरकार का एफिडेविट दाखिल होने के बाद स्पष्ट हो गया कि अब फैक्ट्री को स्थायी तौर पर बंद कर दिया जाएगा। डॉ. अमनदीप बैंस, कपिल अरोड़ा व कुलदीप खैहरा कहा कि यह एक नैतिक जीत है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मान लिया है कि फैक्ट्री की वजह से लोगों की जान को खतरा था। इसलिए अब तक जो पर्यावरणीय नुकसान हुआ है उसके चार्जेस कंपनी से वसूले जाने चाहिए।2022 से कंपनी के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं ग्रामीणजीरा क्षेत्र में मालब्रोस डिस्टलरी के खिलाफ आंदोलन दिसंबर 2022 से चल रहा है। ग्रामीणों का आरोप था कि इस यूनिट से निकलने वाला पॉल्यूटेड पानी ग्राउंड वाटर को दूषित कर रहा है, जिससे बच्चों में बीमारियां हो रही हैं। यही नहीं फसलों का भी नुकसान हो रहा है। स्थानीय संगठनों और PAC ने कई बार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और सरकार के समक्ष शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। 2023 में यह मामला NGT में पहुंचा, जिसने जांच के लिए कई रिपोर्टें तलब कीं और राज्य सरकार को स्पष्ट रुख अपनाने के निर्देश दिए। सितंबर 2025 में NGT ने सरकार से कहा कि वह अपना अंतिम बयान शपथपत्र के रूप में पेश करे। NGT के आदेश पर ही सरकार को यह हलफनामा पेश करना पड़ा।
सकारात्मक बदलाव स्वयं से आता है
भास्कर न्यूज | जालंधर डीएवी कॉलेज के एनएसएस यूनिट में कैंप का उद्घाटन पंजाब युवा सेवा विभाग के निदेशक रवि दारा ने किया। प्रिंसिपल डॉ. राजेश कुमार, सीनियर वाइस प्रिंसीपल कुंवर राजीव और एनएसएस प्रभारी डॉ. साहिब सिंह ने मुख्यातिथि को सम्मान चिन्ह दिया। प्रिंसीपल डॉ. राजेश कुमार ने विद्यार्थियों के जीवन को संवारने में राष्ट्रीय सामाजिक सेवा की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यदि कोई समाज में सकारात्मक बदलाव लाना चाहता है, तो उसे दूसरों की प्रतीक्षा करने के बजाय स्वयं से शुरुआत करनी चाहिए। मुख्य अतिथि रवि दारा ने छात्रों को अपनी जड़ों से पुनः जुड़ने और पंजाब की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संजोने के लिए प्रेरित किया। एनएसएस प्रभारी डॉ. साहिब सिंह ने सात दिवसीय शिविर की उपलब्धियों के बारे में बताया। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर संस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वयंसेवकों की सराहना की। यहां डॉ. सीमा शर्मा, प्रो. पूजा शर्मा, प्रो. मोनिका, डॉ. रेणुका मल्होत्रा, डॉ. मीनाक्षी, प्रो. रितिका, डॉ. लवलीन, डॉ. सपना शर्मा, डॉ. कपिला, डॉ. वरुण देव वशिष्ठ, डॉ. शिवानी, श्वेता मौजूद रही।
झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) में बड़ी वित्तीय अनियमतितताएं सामने आई हैं। ऑडिट रिपोर्ट में पता चला है कि कंपनी के पास उपभोक्ताओं से ली गई सिक्याेरिटी राशि और उस पर ब्याज का स्पष्ट ब्योरा ही नहीं है। वित्त वर्ष 2024-25 की यह रिपोर्ट विद्युत नियामक आयोग को सौंपी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिक्योरिटी डिपॉजिट के रूप में जेबीवीएनएल को 36.23 करोड़ रुपए की राशि मिली थी। लेकिन इनमें सिर्फ 14.72 करोड़ रुपए का ही रिकॉर्ड है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 21.51 करोड़ रुपए का हिसाब न होना पारदर्शिता पर सवाल खड़ा कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक सिक्योरिटी डिपॉजिट पर ब्याज के भुगतान में भी विसंगति मिली है। कुल 15.25 करोड़ रुपए का ब्याज औसत आधार पर भुगतान किया गया। वास्तविक तिथि के आधार पर गणना नहीं की गई। ऐसे में पूर्ण विवरण के बिना वे इन मदों के वित्तीय विवरणों पर सटीक राय देने की स्थिति में नहीं हैं। रिपोर्ट में कंपनी की आंतरिक लेखा प्रणाली और नियंत्रण तंत्र को मजबूत करने की अनुशंसा की गई है। ऑडिट रिपोर्ट में बिजली खरीद से जुड़े खर्चों पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। कंपनी ने बिजली खरीद पर 9,189.28 करोड़ रुपए खर्च किए, लेकिन इसमें से 2,217.43 करोड़ रुपये के खर्च का कोई स्पष्ट दस्तावेजी प्रमाण उपलब्ध नहीं है। बिजली बिल में ब्याज समायोजन में भी गड़बड़ी की आशंका जताईरिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 में कंपनी ने उपभोक्ताओं के बिलों में ब्याज समायोजित किया, लेकिन यह सिर्फ 42.55 करोड़ तक सीमित रहा। शेष राशि का हिसाब नहीं है। डिस्कनेक्ट किए गए उपभोक्ताओं को उस दौरान दौरान 3.64 करोड़ की राशि रिफंड की गई। हालांकि, इन भुगतानों से जुड़े उपभोक्ता-वार विवरण और प्रामाणिक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए, जिससे इन लेन-देन की सत्यता की पुष्टि नहीं हो पाई।
जौनपुर में मुस्लिम पत्नी के लिए इकलौते इंजीनियर बेटे ने मां-बाप की हत्या कर दी। माता-पिता का सिर खलबट्टे (इमाम दस्ता) से कूच दिया। फिर आरी से काटकर दोनों शवों के 6 टुकड़े किए। शव के टुकड़ों और अवशेष 7 बोरियों में भरकर कार से गोमती नदी के किनारे पहुंचा। उसने बारी-बारी से सभी बोरियां नदी में फेंक दी। दरअसल, इंजीनियर बेटे ने एक मुस्लिम युवती से लव मैरिज की थी, जिससे माता-पिता नाखुश थे। पुलिस को आरोपी इंजीनियर ने बताया- मां और पिता मेरी शादी तुड़वाना चाहते थे। पुलिस 4 दिन से शवों को 15 गोताखोरों से तलाश करवा रही है। अभी तक सिर्फ पिता के शरीर का आधा हिस्सा मिला है। आरोपी इंजीनियर अम्बेश ने 8 दिसंबर को हत्या की थी। उसे 15 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। उसने करीब 6 साल पहले पश्चिम बंगाल की एक मुस्लिम युवती से लव मैरिज की थी। उसके दो बेटे हैं। गांव के लोगों के मुताबिक, इंजीनियर नमाज भी पढ़ने लगा था। अब पढ़िए हत्या की पूरी कहानी... रिटायरमेंट के बाद पत्नी के साथ गांव में रहते थे श्याम बहादुरजफराबाद क्षेत्र में अहमदपुर गांव के पुरानी गोदाम निवासी श्याम बहादुर मूल रूप से केराकत के खरगसेनपुर गांव के रहने वाले थे। उन्हें उनके ससुर रामनारायण ने अहमदपुर गांव में संपत्ति दी थी। श्याम बहादुर जमशेदपुर में रेलवे में लोको पायलट के पद पर तैनात थे। कुछ माह पूर्व ही वे रिटायर्ड हुए थे और अहमदपुर गांव में घर बनवाकर पत्नी बबीता के साथ रहने लगे थे। श्यामबहादुर के तीन बेटियां थीं। वंदना कुमारी, अर्चना और सपना। उनका एक बेटा अम्बेश कुमार है। अम्बेश दूसरे नंबर का था। तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है। बीटेक की डिग्री लेने के बाद वह कोलकाता की एक कंपनी में बतौर क्वालिटी इंजीनियर कार्यरत है। उसे 25 हजार रुपए सैलरी मिलती थी। आरोपी ने बताया, कोलकाता में जॉब के दौरान उसकी मुलाकात सहजिया से हुई। दोनों की नजदीकियां बढ़ी और 2019 में लव मैरिज कर ली। दंपत्ति के दो बेटे हैं। एक की उम्र 5 साल तो दूसरे की उम्र 11 महीने है। हालांकि, इस लव मैरिज से उसके परिजन खुश नहीं थे। आए दिन इसको लेकर पिता श्याम बहादुर और मां बबीता से अम्बेश की कहासुनी होती थी। अम्बेश भी अपने मां-बाप से नाराज रहता था। उसने बताया- 8 दिसंबर की रात इसी बात को लेकर घर में झगड़ा हुआ और उसने दोनों की हत्या कर दी थी। बहन ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराईडबल मर्डर के बाद अम्बेश ने अपनी बहनों और रिश्तेदारों को फोन किया। कहा- मां-पिता कहीं चले गए हैं। इसके बाद वह खोजबीन का नाटक करता रहा। फिर खुद अचानक 12 दिसंबर को लापता हो गया। बड़ी बहन वंदना ने उसे फोन मिलाया। जब उसका भी पता नहीं चला तो उसने गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई। उसने बताया, चार दिन से उसके माता-पिता लापता हैं। अब भाई भी हो गया है। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई। पुलिस की तीन टीमें तलाश करने के लिए बनाई गईं। 15 दिसंबर की शाम अम्बेश पुलिस को मिल गया। पुलिस ने उससे पूछताछ की। पूछताछ के दौरान पुलिस को शक हुआ। कड़ाई करने पर उसने सच बता दिया। अब पढ़िए पूरा कबूलनामा... ASP (सिटी) आयुष श्रीवास्तव के अनुसार, अम्बेश ने पूछताछ में घटना का सिलसिलेवार ब्योरा दिया है। उसने बताया कि माता-पिता हर हाल में मेरी शादी तुड़वाना चाहते थे। वे चाहते थे कि दूसरी शादी कर ले। वह पहले तैयार भी हो गया, लेकिन गुजारा भत्ता उसे देना होता। माता-पिता गुजारा भत्ता देने को तैयार नहीं थे। इस पर उसने तलाक देने से इनकार कर दिया था। इसी बात पर कहासुनी हुई। मां ने कहा, तुम घर से निकल जाओ। इस पर मैंने कहा, यह घर मेरी नानी ने मुझे नेवासा में दिया है। आप लोग ही घर छोड़कर चले जाइये। इस पर मेरी मम्मी ने मुझे धक्का देकर घर से बाहर करने लगी तो मुझे गुस्सा आ गया। पास में टेबल पर लोहे का खल बट्टा रखा थी। उसका मूसल उठाया और मम्मी के सिर में मार दिया। इससे वह फर्श पर गिर कर छटपटाने लगीं, तब तक मेरे पापा भी वहां आ गए। वे कहने लगे मैं पुलिस को फोन करके बुला रहा हूं और मोबाइल लेकर पुलिस को फोन करने लगे तो मैंने उसी लोहे के मूसल से पापा के सिर पर मार दिया। पापा चिल्लाए और फर्श पर गिर गए तो एक बार और उनके सिर में जोर से मार दिया। तब भी वह चिल्लाने का प्रयास कर रहे थे तो मैं रस्सी से उनके गले को कस दिया। उसके बाद मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूं। फिर इलेक्ट्रिक आरी से 6 टुकड़े किएमैंने देखा कि मेरे मम्मी-पापा के सांसें बंद हो चुकी थीं। शव को छिपाने के बारे में सोचने लगा, फिर मैंने घर के बेसमेंट से लोहे की सरिया काटने वाली इलेक्ट्रिक आरी लाकर अपने मम्मी-पापा के शव को तीन–तीन टुकड़ों में काट दिया। फिर छह प्लास्टिक के बोरों में भरा। शरीर काटते समय निकले अवशेष को अलग एक बोरी में भरा। फिर स्विफ्ट डिजायर कार (UP62BV6304) के डिग्गी में लाद लिया। घर में फर्श पर लगे खून को पानी से साफ करके शव को सुबह करीब 4 से 5 बजे के बीच बेलाव पुल से गोमती नदी मे फेंक दिया। उसके बाद मैं घर पर आकर घर के फर्श व गाड़ी के डिग्गी को अच्छी तरह से सर्फ से साफ कर दिया था। घर में देखा कि मेरी मम्मी का कटा एक पैर घर में छूट गया था तो मैं उसी दिन कटा हुआ पैर को एक झोले मे लेकर अपनी स्विफ्ट डिजायर कार से जलालपुर में पुल से सई नदी में फेंक दिया था। बहनों से कहा– दोनों कहीं चले गए हैंअम्बेश ने बताया, जब मेरी बहनों का फोन आया तो मैंने बता दिया कि मम्मी-पापा रात में कही चले गए हैं। मैं तलाश कर रहा हूं, जब मेरी बहनें मुझ पर दबाव बनाने लगीं कि तुम पुलिस में जाकर शिकायत करो तो डर गया। इधर-उधर टाल मटोल करने लगा। जब मेरी बहनों का दबाव ज्यादा बढ़ गया तो मैंने अपना मोबाइल बन्द करके पहले जौनपुर रेलवे स्टेशन, फिर वाराणसी में गंगा किनारे घाटों पर घूमने लगा। मेरा मन काफी घबरा रहा था। मुझे शान्ति नहीं मिल रही थी तो 15 दिसंबर को मैं वाराणसी से अपने घर अहमदपुर आया तो देखा कि मेरे घर में अलग से ताला लगा हुआ था, तो मैंने अपनी बहन को फोन करके घर की चाबी के बारे में पूछा। बहन, मम्मी-पापा के बारे मे पूछने लगी। मेरी बहनें आईं तो मैंने उन्हें सारी घटना बता दी। पिता का आधा हिस्सा मिला पुलिस गोताखोरों की मदद से गाेमती नदी में तीन दिन से सर्चिंग कर रही है। बुधवार को दो प्लास्टिक की बोरी मिली हैं, जिसमें पिता का सीने से लेकर जांघ तक का हिस्सा है। सिर अब भी नहीं मिला है। वहीं मां के शरीर का कोई हिस्सा नहीं मिल रहा है। पुलिस ने सीन रिक्रिएट भी करायापुलिस ने आरोपी अम्बेश कुमार को घर ले जाकर घटना का सीन रीक्रिएट भी कराया। परिवार के एक सदस्य के मुताबिक, अम्बेश की पत्नी पहले 10 लाख रुपए की मांग कर रही थी। बाद में उसने यह राशि कम कर दी और सिर्फ 5 लाख रुपए में तैयार हो गई। अम्बेश यह रकम अपने पिता से मांग रहा था, लेकिन पिता ने रुपए देने से इनकार कर दिया। यही विवाद दंपती की हत्या का कारण बन गया। अम्बेश के चाचा संदीप कुमार ने बताया कि वह हमेशा पैसों को लेकर विवाद करता था। जब-जब उसे पैसों की जरूरत पड़ती थी, वह कोलकाता से गांव आता और माता-पिता से रुपए लेकर चला जाता था। पिता के पैसों से खरीदी कार, उसी से शव नदी में फेंकेतीन साल पहले अम्बेश कुमार ने पिता के पैसों से एक स्विफ्ट डिजायर कार खरीदी थी। उसी कार में उसने माता-पिता के शव रखकर गोमती नदी में फेंक दिया। पुलिस 15 गोताखोरों की टीम बनाकर सोमवार रात से शव तलाश करा रही है। तीसरे दिन भी शव नहीं मिले। --------------------ये खबर भी पढ़ें... '1.14 करोड़ दो, वरना दिल्ली ब्लास्ट में फंसा देंगे':लखनऊ में डरी-सहमी महिला 12 FD तुड़वाने बैंक पहुंची, मैनेजर ने ऐसे बचाया लखनऊ में एक पूर्व अफसर की पत्नी डिजिटल अरेस्ट गिरोह का शिकार होने से बाल-बाल बच गईं। जालसाजों ने विकास नगर निवासी उषा शुक्ला (74) को फोन कर दिल्ली ब्लॉस्ट में फंसाने की धमकी दी। बचने के लिए 1.14 करोड़ रुपए मांगे। डरी-सहमी उषा डेढ़ करोड़ की 12 एफडी तोड़वाने के लिए पंजाब नेशनल बैंक की विकासनगर शाखा पहुंच गईं। पढ़ें पूरी खबर...
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को जांच के दौरान अहम जानकारी मिली है। निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे की पत्नी स्वप्ना संचिता ने वर्ष 2019 में रांची के मेन रोड में एक कॉमर्शियल प्रॉपर्टी महज 26 लाख रुपए में खरीदी थी, जबकि संपत्ति का अनुमानित बाजार मूल्य करीब 1 करोड़ रुपए है। यह संपत्ति जतिन सहाय नामक व्यक्ति से खरीदी गई थी। जांच में पता चला है कि रजिस्ट्री में संपत्ति का मूल्य सर्कल रेट से भी कम दर्शाया गया है। एसीबी अब यह पता लगा रहा है कि खरीद के समय संपत्ति का बाजार मूल्य क्या था और इसे इतनी कम कीमत पर क्यों बेचा गया। अशोक नगर जमीन मामले में साले से पूछताछ, कल भी होगीएसीबी ने बुधवार को विनय चौबे के साले शिपिज त्रिवेदी से पूछताछ की। उनसे अशोक नगर स्थित जमीन की खरीद और उससे जुड़े वित्तीय लेन-देन को लेकर सवाल किए गए। यह जमीन विनय चौबे के ससुर एस.एन. त्रिवेदी के नाम पर निबंधित है। जमीन की रजिस्ट्री के लिए करीब 3 करोड़ रुपए का भुगतान विनय चौबे की पत्नी स्वप्ना ने किया गया था। पूछताछ में शिपिज त्रिवेदी एसीबी के कई सवालों का जवाब नहीं दे सके। एसीबी ने उन्हें शुक्रवार को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया है।
श्री खाटू श्याम और सालासर बालाजी के दर्शन के लिए रवाना हुए भक्त, ध्वज के साथ किया बाबा का गुणगान
भास्कर न्यूज | जालंधर श्री श्याम परिवार द्वारा सूर्या एन्क्लेव से श्री खाटू श्याम जी और सालासर बालाजी की प्रभुप्रेमियों को बस द्वारा यात्रा करवाई गई। यात्रा श्री राम मंदिर छोटी अयोध्या सूर्य एनक्लेव से रवाना हुई। यात्रा में जाने से पूर्व सभी प्रभु भक्तों द्वारा श्याम बाबा की आरती उतारी गई। प्रभु को भोग लगाने के बाद सभी यात्रियों को प्रसाद दिया गया। सभी यात्री प्रभु का कीर्तन करते हुए खाटू धाम पहुंचे। भक्तों ने रिंगस से 17 किलोमीटर दूर खाटू धाम पैदल चलते हुए हाथों में ध्वज के साथ बाबा का गुणगान करते हुए बाबा के दर्शन किए। सालासर धाम प्रस्थान से पहले यात्रियों ने झूमते हुए बधाई गीत गए और सबके लिए मंगल कामना की अरदास की। यहां पवन कुमार, अभिषेक गुप्ता, गिरीश पठानिया, गुरचरण, अनिल सैनी, इंद्रप्रीत सिंह, सतपाल, प्रिया खन्ना, उर्मिल सिंघल, कंचन बंसल मौजूद रहे।
मौसम विभाग ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश में कोहरे और कोल्ड डे का रेड अलर्ट जारी किया है। राज्य में लगातार घना कोहरा छा रहा है। कई जिलों में विजिविलिटी 10 मीटर या 0 रह रही है। कल भी लखनऊ, अयोध्या, प्रयागराज समेत 50 जिले कोहरे की चपेट में रहे। राज्य में कोहरे के कारण हुए बीते 4 दिनों में हुए सड़क हादसों में 150 वाहनों की टक्कर हुई और अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवा र को लखनऊ एयरपोर्ट से 10 उड़ानें भी रद्द रहीं। ट्रेनें भी देरी से चल रही हैं। मध्य प्रदेश में भी कोहरे का असर बना हुआ है। दिल्ली से भोपाल, इंदौर आने वाली ट्रेनें 1 से 2 घंटा तक लेट रहीं। राज्य के मिनिमम टेम्परेचर में बीते 5 दिन में 14C की कमी रिकॉर्ड हुई है। उत्तराखंड के चमोली में 15 हजार फीट की ऊंचाई में स्थित हेमकुंड साहिब का सरोवर बुधवार को पूरी तरह से जम गया। तापमान -20C डिग्री दर्ज हुआ। हालांकि यहां नवंबर में बाद से बर्फबारी नहीं हुई है। राज्यों से मौमस की तस्वीरें...
13 अक्टूबर, 2024, बहराइच में रामनवमी के जुलूस को लेकर विवाद हुआ। उपद्रव भड़का और मामला हिंदू-मुस्लिम हो गया। रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या के अगले दिन पूरे इलाके में दंगा भड़क गया। जमकर हिंसा और आगजनी हुई। जैसे-तैसे स्थिति को कंट्रोल किया गया। घटना के 14 महीने बाद बहराइच सेशन कोर्ट का फैसला आया। कोर्ट ने गोली मारने वाले को फांसी और बाकी 9 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। इस फैसले पर रामगोपाल की पत्नी रोली मिश्रा ने संतुष्टि जताई। पूर्व सपा विधायक केके ओझा ने सवाल उठाए। कहा- जिन 9 लोगों को उम्रकैद हुई है, उनमें कई निर्दोष हैं। उन्होंने मौजूदा भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह को आरोपी बताया। वहीं, सुरेश्वर सिंह ने कहा- उनको जनता जवाब दे रही है। फैसला आने के बाद दैनिक भास्कर की टीम ने रामगोपाल की पत्नी से बात की। पति के नहीं रहने के बाद उनके जीवन में आए बदलाव और ससुराल के जीवन को जाना। नौकरी के वादों पर बात की। वह जो कुछ बताती हैं, हैरान करता है। फैसले से संतुष्ट, छूट मिली तो सुसाइड कर लूंगीरामगोपाल मिश्रा और रोली ने 20 जुलाई, 2024 को बहराइच में ही कोर्ट मैरिज की थी। दोनों एक दूसरे को पिछले 2 साल से जानते थे। उनके घरवाले पहले तो शादी को तैयार नहीं हुए, लेकिन बाद में दोनों की जिद के आगे झुक गए और शादी के लिए तैयार हो गए। रामगोपाल के पिता कैलाश नाथ ने बेटे को 10 हजार रुपए दिए। कहा कि जाओ शादी करके रोली को घर लाओ। शादी हो गई, रोली घर चली आई। 13 अक्टूबर को रामगोपाल की हत्या हुई। इस तरह से 85 दिन में ही रोली विधवा हो गईं। रोली कहती हैं- हमने न्याय के लिए संघर्ष किया। पुलिस ने भी हमारा साथ दिया। लेकिन, अब कुछ लोगों को यह फैसला हजम नहीं हो रहा। वो उन लोगों को निर्दोष बता रहे हैं, अगर वो निर्दोष हैं तो क्या मेरा पति ही दोषी था? अगर कभी इन लोगों को छूट मिली तो मैं जी नहीं पाऊंगी। सुसाइड कर लूंगी। पूर्व विधायक ने कहा था कि सभी दोषी नहींअसल में कोर्ट ने 11 दिसंबर को जब आरोपियों को सजा सुनाई, तब महसी के ही सपा के पूर्व विधायक कृष्ण कुमार ओझा ने उम्रकैद की सजा पाए लोगों को निर्दोष बता दिया। हमने केके ओझा से बात की। ओझा कहते हैं- इस मामले में तो मौजूदा भाजपा विधायक सुरेश्वर सिंह और उनके बेटे आरोपी हैं। रामगोपाल की लाश तो पोस्टमॉर्टम के बाद घर पहुंच गई थी। उसका तो वहीं अंतिम संस्कार करना चाहिए था। फिर कैसे वह अगली सुबह महाराजगंज कस्बे में लाई गई और दंगा हुआ। ये सब मौजूदा विधायक के चलते हुआ। उनके खिलाफ तो कोई केस ही नहीं लिखा गया। इन आरोपों को लेकर हमने मौजूदा विधायक सुरेश्वर सिंह से बात की। सुरेश्वर कहते हैं- जहां तक केके ओझा की बात है, तो उन्हें यहां की जनता सोशल मीडिया पर जवाब दे रही। आलोचना कर रही है। बाकी 3 बार जनता हरा चुकी है, चौथी बार भी स्थिति नहीं बदलेगी। फैसला ठीक, लेकिन जीवन दुखों से भर गयारामगोपाल की पत्नी रोली फैसले पर संतुष्ट हैं। लेकिन, जीवन में अकेलेपन को लेकर बेहद दुखी भी हैं। रोली जो कुछ बताती हैं, वो बहुत हैरान करता है। कहती हैं- रामगोपाल पहले तो शादी नहीं करना चाहते थे। लेकिन, जब मैं मिली तो उन्होंने साफ कह दिया कि शादी करूंगा तो सिर्फ रोली से ही। हमारी शादी जब हुई थी, तो सब खुश थे। हम रामगोपाल के घर पर ही रहते थे। उस वक्त हमारे जीवन में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं थी। लेकिन जैसे ही उनकी मौत हुई, सब बदल गया। रोली कहती हैं- पति की मौत के 1 महीने तक चारों तरफ उथल-पुथल ही चली, लेकिन इसके बाद चीजें बदलने लगी। लोग मुझसे बात करने से बचते। जिस कमरे में रामगोपाल की यादें थीं, हम उसी में सिमट गए। उसी में रहने लगे। मुझे यह सुनने को मिलने लगा कि आते ही रामगोपाल को खा गई। कई बार तो घर में ही यह बात सामने आई। मैं मानती हूं कि हो सकता है मेरी गलती हो, लेकिन आप ये भी तो देखिए, हमारी तो पूरी दुनिया ही समाप्त हो गई। हमारा तो सब कुछ रामगोपाल ही थे। गांव में घर बनवाया, नौकरी नानपारा में मिलीरामगोपाल की मौत के बाद परिवार की सीएम योगी से मुलाकात हुई थी। परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद मिली थी। 5 लाख माता-पिता को मिलना था और बाकी के 5 लाख रोली को। इसके अलावा रोली को एक पीएम आवास योजना के तहत मकान मिला। रोली कहती हैं- हमने तय किया था कि हम रामगोपाल के ही घर पर रहेंगे। इसीलिए हमने यहीं घर बनवाने का फैसला किया। सारा पैसा घर बनवाने में लगा दिया। रोली को पहले गड़वा के कस्तूरबा गांधी स्कूल में नौकरी मिलने की बात कही गई, लेकिन वहां नहीं हो सका। इसके बाद नानपारा की चीनी मील में संविदा पर नौकरी मिली। रोली को हर महीने साढ़े 8 हजार रुपए सैलरी मिलती है। रोली कहती हैं- हमारा मन गांव में घर बनवाने का नहीं था। लेकिन, मेरे मन में यह भी था कि अगर यहां नहीं बनेगा तो फिर लोग क्या कहेंगे? बन जाएगा तो लोग गर्व से कह पाएंगे कि ये रामगोपाल का घर है। हमारा सारा पैसा घर में खर्च हो गया, घर पूरा नहीं हो सकारोली कहती हैं- हमने अपने ससुर से कहा कि राम गोपाल का स्मारक जैसा कुछ बनवा लेते हैं। सरकार से भी हमने बात की थी। तब उन्होंने कहा था कि आप बनवा सकती हैं। हमने ससुर से पैसा मांगा था, लेकिन उन्होंने नहीं दिया। उनका भी बेटा है, लेकिन वह नहीं बनवाना चाहते। हो सकता है कि उन्हें कुछ लोग ऐसा न करने के लिए भड़का रहे हों। हिंदू संगठनों ने 1 करोड़ रुपए तक दिए, लेकिन मुझे नहीं मिलेजिस वक्त रामगोपाल की मौत हुई थी, उस वक्त यूपी की राजनीति में यह बड़ा मुद्दा बना था। हिंदूवादी दल बहराइच पहुंचे थे और परिवार को आर्थिक मदद की थी। रोली कहती हैं- उस वक्त परिवार को 90 लाख से 1 करोड़ रुपए मिला था, लेकिन हमें उसमें कुछ भी नहीं मिला। हमने पूछा कि यह कैसे पता चला? वह कहती हैं- कई नेता मेरा नंबर लेकर गए थे, बाद में उन्होंने फोन किया और मदद की बात बताई। हमने कभी कुछ नहीं कहा, क्योंकि हमें लगा कि यहां भी तो सब अपने ही लोग हैं। रोली परिवार को लेकर कहती हैं- पति की मौत के एक महीने बाद ही हमारे साथ भेदभाव शुरू हो गया। लेकिन, हमने कभी किसी से नहीं कहा। मेरे ससुर जी अपने बड़े बेटे और बहू के लिए ही सब कुछ कर रहे हैं, उन्हीं के साथ हैं। खेत वगैरह भी उन्हीं को दिया है। मैं अकेले हूं। इस वक्त नानपारा में ही रहती हूं। सच यही है कि रामगोपाल की मौत के बाद मेरी पूरी दुनिया उजड़ गई। रोली कहती हैं- जिन्होंने मेरे पति को मुझसे छीना है, उन्हें सजा मिली। मैं कोर्ट को धन्यवाद देती हूं। अगर वह आगे जाते हैं तो हम भी कोर्ट में जाएंगे। हमारी पूरी कोशिश रहेगी कि कोई भी दोषी बचने नहीं पाए। 14 महीने के अंदर आया फैसला13 अक्टूबर को बहराइच के महराजगंज इलाके में अब्दुल हमीद के घर की छत पर राम गोपाल की हत्या हुई थी। गोली अब्दुल हमीद के बेटे सरफराज ने मारी थी। कुल 13 आरोपी बनाए गए थे। बहराइच के अपर सत्र न्यायाधीश पवन कुमार शर्मा ने सरफराज को फांसी की सजा सुनाई। सरफराज के पिता अब्दुल हमीद, सरफराज के भाई तालिब और फहीम समेत 9 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई। अफजल, शकील और खुर्शीद को बरी कर दिया। यह पूरा फैसला 13 महीने 28 दिन में सुनाया गया है। दोषसिद्धि और सजा के फैसले के बाद दोषी को अपील दायर करने का अधिकार होता है। अपील 30-90 दिनों के भीतर की जा सकती है, जिसमें सजा को कम या रद्द करने की मांग की जा सकती है। अगर फांसी की सजा हो तो पुष्टि आवश्यक है। पीड़ित पक्ष फांसी की मांग कर सकता है, अगर आजीवन कारावास मिला हो। ---------------------- ये खबर भी पढ़े... मथुरा हादसा- अचानक बस में धमाके हुए, शीशा तोड़कर कूदे, युवती बोली- फायर ब्रिगेड टाइम पर आती तो जानें बच जातीं मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर कोहरे के चलते 8 बसें और 3 कारें भिड़ गईं। टक्कर होते ही गाड़ियों में आग लग गई। अब तक 13 की मौत हो चुकी है, 66 घायल हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर होते ही बम जैसा धमाका हुआ। बसों में लोग चीखते रहे। कई शीशा तोड़कर खिड़की से कूदे। पढ़िए पूरी खबर...
मेहंदीपुर बालाजी धाम से लाए पवित्र जल से की अमृतवर्षा
भास्कर न्यूज | जालंधर शेखां बाजार स्थित श्री कष्ट निवारण बालाजी मंदिर में भक्तों की ओर से श्री बालाजी महाराज की चौकी श्रद्धापूर्वक करवाई गई। कार्यक्रम में वि द्वानों ने विधिवत पूजन किया। पूजन के बाद भक्तों ने दरबार में माथा टेककर अपने परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। मंदिर परिसर में दीपक सरगम ने भजनों का गुणगान कर भक्तिमय माहौल बनाया। उन्होंने हनुमान चालीसा पाठ, सालासर के बालाजी किसे नूं न खाली मोड़ दे... व अन्य भजन सुनाकर भक्तों को झूमने पर विवश किया। कार्यक्रम के अंत में मेहंदीपुर बालाजी धाम से लाए गए पवित्र पावन जल से भक्तों पर अमृतवर्षा की गई। यहां राजीव ग्रोवर, अमित गुम्बर, गौरव ओबरॉय, समीर खन्ना, रमेश अरोड़ा, आंचल गुम्बर, राकेश चड्ढा, राजीव मुंजाल, वरुण अरोड़ा, ध्रुव कश्यप, हितेश चड्ढा व अन्य श्रद्धालु उपस्थित थे।
भाजपा ने यूपी में महराजगंज सांसद पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर कुर्मी कार्ड खेला है। ओबीसी में यादवों के बाद कुर्मी वोटबैंक सबसे बड़ा माना जाता है। पंकज चौधरी पर दांव लगाना भाजपा के लिए कितना फायदेमंद होगा? मौजूदा समय में किस पार्टी के कितने विधायक-सांसद कुर्मी हैं? कुर्मी/पटेल समाज की राजनीति के लिए बना अपना दल (एस) पर इसका क्या असर पड़ेगा? 2024 में कुर्मी वोटबैंक के बलबूते भाजपा को बहुमत से रोकने वाली सपा पर क्या प्रभाव पड़ेगा? पढ़िए पूरी स्टोरी… यूपी की कितनी सीटों पर कुर्मी जाति का असरदेश में 1931 के बाद जाति-आधारित जनगणना नहीं हुई है। इसलिए कुर्मी जाति की आबादी के आंकड़े अनुमानित हैं। 2001 में यूपी सरकार की बनाई हुकुम सिंह कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, कुर्मी (और पटेल) की आबादी राज्य की कुल जनसंख्या का करीब 7.4% है। यह रिपोर्ट ग्रामीण परिवार रजिस्टरों पर आधारित थी। इसमें ओबीसी की कुल आबादी 50% से अधिक बताई गई थी। 2011 की जनगणना में यूपी की कुल आबादी करीब 20 करोड़ थी। 2025 में अनुमानित आबादी करीब 25 करोड़ मानी जा रही है। इस हिसाब से प्रदेश में कुर्मी आबादी 1.75 से 2 करोड़ के बीच बैठती है। मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य की बात करें, तो प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में कुर्मी/पटेल समाज के 40 विधायक हैं। इनमें भाजपा से 27, सपा से 12 और कांग्रेस से 1 विधायक हैं। 100 एमएलसी में 5 कुर्मी समाज से हैं। यूपी की 80 लोकसभा सीटों में 11 सांसद कुर्मी समाज से आते हैं। इनमें सपा के 7, भाजपा के 3 और अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल शामिल हैं। विधायकों की संख्या के लिहाज से ब्राह्मण-ठाकुर के बाद कुर्मी तीसरे नंबर पर हैं, जबकि सांसदों में इनकी संख्या ब्राह्मणों के बराबर है। प्रदेश में पूर्वांचल, अवध, मध्य यूपी और बुंदेलखंड की 128 विधानसभा सीटों पर कुर्मी वोटर प्रभावी भूमिका निभाते हैं। इनमें 48 से 50 सीटों पर वे निर्णायक असर डालते हैं। इसी तरह लोकसभा की 27 सीटों पर उनका प्रभाव है, लेकिन 11 सीटों पर जीत-हार तय करने की स्थिति में रहते हैं। अपना दल (एस) की घटेगी बारगेनिंग पावर2014 से भाजपा का यूपी में अपना दल (एस) के साथ गठबंधन चल रहा। इस गठजोड़ से दोनों दलों को फायदा मिला। मौजूदा समय में अपना दल (एस) प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। बसपा और कांग्रेस भी इससे पीछे हैं। विधानसभा में इसके 12 विधायक, एक एमएलसी और एक लोकसभा सांसद हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 17 सीटों पर लड़ी थी और 12 पर जीत दर्ज की थी। इससे पहले 2017 में 11 सीटों पर लड़कर 9 सीटें जीती थीं। अपना दल की स्थापना बसपा के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे सोनेलाल पटेल ने की थी। उनकी बेटी अनुप्रिया पटेल पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। अपना दल (एस) की पूरी राजनीति कुर्मी/पटेल समाज के इर्द-गिर्द ही केंद्रित रही है। अब सवाल यह है कि भाजपा ने कुर्मी समाज से आने वाले पंकज चौधरी को प्रदेश संगठन की कमान सौंपकर अपना दल (एस) को क्या सियासी संदेश दिया है? राजनीतिक विश्लेषक अरविंद जय तिलक कहते हैं- यूपी में जातीय समीकरण हमेशा एक अहम फैक्टर रहा है। अपना दल (एस) के गठन का जातीय आधार ही कुर्मी वोटबैंक है। यूपी सरकार में अपना दल (एस) से मंत्री आशीष पटेल और राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल कई मुद्दों पर सरकार को घेरते हुए नजर आती रही हैं। ऐसे में पंकज चौधरी के बहाने भाजपा उन्हें कंट्रोल करने की स्थिति में रहेगी। दूसरा बड़ा असर यह होगा कि कुर्मी वोटबैंक में खुद भाजपा बड़ी सेंधमारी करेगी। भाजपा की रणनीति शुरू से रही है कि वह अलग-अलग जातियों के बड़े चेहरों को पार्टी के भीतर ही खड़ा करे। केशव प्रसाद मौर्य इसका उदाहरण हैं। कभी स्वामी प्रसाद मौर्य ही कुशवाहा/मौर्य समाज के सबसे बड़े नेता थे। लेकिन, भाजपा ने केशव प्रसाद मौर्य का कद बढ़ाकर उन्हें पीछे छोड़ दिया। इसी तरह सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर के मुकाबले भाजपा ने अनिल राजभर को आगे बढ़ाने की कोशिश की थी। हालांकि, वह प्रयोग सफल नहीं हुआ। अब भाजपा ने अपने वरिष्ठ कुर्मी नेता पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर उनका कद बढ़ाया है। भाजपा का यह प्रयोग कितना सफल होगा, इसका पता पंचायत चुनावों के नतीजों से मिलेगा। इसके बाद ही भाजपा यह तय करेगी कि वह अपना दल (एस) के साथ भविष्य में किस तरह का व्यवहार करती है। 2022 में अपना दल (एस) को 17 सीटें मिली थीं। उस समय सुभासपा और रालोद सपा गठबंधन में थे। मौजूदा समय में दोनों दल एनडीए के घटक हैं। ऐसे में साफ है कि इन दलों को मिलने वाली सीटों में भाजपा के साथ अपना दल (एस) और निषाद पार्टी को भी कुछ सीटों की कुर्बानी देनी पड़ सकती है। पंकज चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष रहते अपना दल (एस) शायद भाजपा पर ज्यादा दबाव न बना पाए। सपा का PDA फॉर्मूला बिगड़ेगा, कुछ कुर्मी नेता साथ भी छोड़ सकते हैंसपा को 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुकाबले अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी। लेकिन, 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी। कांग्रेस के साथ मिलकर सपा ने 43 सीटें जीतीं, जिनमें 37 सीटें सपा के खाते में गईं। इस दौरान सपा ने PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) का नारा दिया और रणनीतिक रूप से कुर्मी बहुल संसदीय सीटों पर इसी समाज के उम्मीदवार उतारे। संविधान पर खतरे का नरेटिव भी गढ़ा गया, जिसका उसे फायदा मिला। सपा संसद में भाजपा और कांग्रेस के बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। उसकी इस सफलता में ओबीसी मतदाताओं का सबसे बड़ा योगदान रहा। सपा के 37 सांसदों में 20 ओबीसी हैं, जिनमें 7 कुर्मी सांसद शामिल हैं। दरअसल, 2014 और 2019 में भाजपा की सफलता में कुर्मी जाति का बड़ा योगदान रहा था। 2024 में सपा ने भी इसी समीकरण पर दांव लगाया। खासतौर पर उन सीटों पर कुर्मी उम्मीदवार उतारे गए, जहां भाजपा ने गैर-ओबीसी प्रत्याशी खड़े किए थे। लखीमपुर खीरी में अजय कुमार मिश्र टेनी के मुकाबले उत्कर्ष वर्मा, बस्ती में हरीश द्विवेदी के सामने रामप्रसाद चौधरी को उतारा गया- दोनों जीतने में सफल रहे। बांदा से कृष्णा देवी पटेल, फतेहपुर से नरेश उत्तम पटेल, प्रतापगढ़ से एपी सिंह पटेल, अंबेडकर नगर से लालजी वर्मा और श्रावस्ती से राम शिरोमणि वर्मा भी जीत दर्ज करने में सफल रहे। उधर, भाजपा के कुर्मी प्रत्याशी महराजगंज से पंकज चौधरी, बरेली से छत्रपाल सिंह गंगवार और फूलपुर से प्रवीण पटेल जीते, जबकि मिर्जापुर से अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल संसद पहुंचीं। यही फैक्टर दोनों गठबंधनों के बीच सीटों के अंतर की बड़ी वजह बना। सपा के इसी पीडीए फॉर्मूले की काट के लिए भाजपा ने गैर-यादव ओबीसी समाज से आने वाले पंकज चौधरी पर दांव लगाया। उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने सपा की कुर्मी रणनीति को चुनौती दी है। मुलायम सिंह यादव ने कभी ओबीसी समाज के अलग-अलग नेताओं को साथ लेकर एक राजनीतिक ‘अंब्रेला’ तैयार किया था। अब भाजपा भी अलग-अलग ओबीसी जातियों के प्रभावशाली चेहरे खड़े करने में जुटी है। पंकज चौधरी के जरिए वह कुर्मी वोटबैंक में बड़ी सेंधमारी की रणनीति पर काम कर रही है। कुर्मी वोटबैंक में भाजपा की यह सेंधमारी सीधे तौर पर सपा को नुकसान पहुंचाएगी। हर जाति में 15-20% फ्लोटिंग वोटर होते हैं। पंकज चौधरी के नेतृत्व में यह फ्लोटिंग वोट भाजपा की ओर शिफ्ट हो सकता है। राजनीतिक विश्लेषक अरविंद जय तिलक के मुताबिक, अगर भाजपा पंकज चौधरी के जरिए कुर्मी वोटबैंक में 50% तक सेंध लगाने में सफल होती है, तो यह उसकी बड़ी रणनीतिक कामयाबी होगी। जातीय अस्मिता के सहारे कुर्मी समाज भाजपा के साथ जुड़ सकता है। पंचायत चुनावों के बाद सपा के कुछ बड़े कुर्मी चेहरे भी पाला बदल सकते हैं। यह सपा के लिए चिंता का विषय हो सकता है। ---------------------- ये खबर भी पढ़ें- खेती करने वाले कुर्मी समाज के किंगमेकर बनने की कहानी, यूपी की सियासत में क्यों जरूरी बना कुर्मी वोटबैंक उत्तर प्रदेश की सियासत में कुर्मी, यादवों के बाद OBC की दूसरी सबसे बड़ी जाति है। यही कुर्मी समाज अब भाजपा की नई रणनीति का केंद्र बनी है। केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी को यूपी भाजपा अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने कुर्मी कार्ड खेला, जो 2027 विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा संदेश है। पढ़िए सिलसिलेवार...
सही तकनीक से फाउंड्री उद्योगों में होगी 30% ऊर्जा की बचत
भास्कर न्यूज | जालंधर जालंधर कास्टिंग इंडस्ट्री का हब है। इस इंडस्ट्री में बिजली की भट्ठियों में लोहे को पिघलाकर अलग-अलग पुर्जे तैयार किए जाते हैं। बुधवार को स्थानीय होटल में ऊर्जा प्रबंधन पर इनकॉन 2025 नामक सेमिनार हुआ। इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन फाउंड्री मेन की तरफ से इसका आयोजन किया गया। एक्सपर्ट्स ने कहा कि हम ऊर्जा की जितनी बचत करेंगे, उससे वातावरण का संरक्षण होगा। इसके साथ ही कारखाने के संचालन के लागत मूल्य में भी कमी आएगी। सेमिनार में यूको बैंक के जोनल मैनेजर राहुल कुमार सिंह, ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी के निदेशक पीश्याम सुंदर और सिडबी बैंक से ऋषभ जैन बतौर एक्सपर्ट्स उपस्थित रहे। वक्ताओं ने इंडस्ट्रीज संचालकों को नई वित्तीय योजनाओं, सरकारी प्रोत्साहन और ऊर्जा बचाने वाली अत्याधुनिक तकनीकों पर अपने विचार साझा किए। इसके अलावा हिताची कंपनी से हिमांशु त्रिपाठी और इंडक्टोथर्म इंडिया से वरुण गुप्ता ने भी तकनीकी सत्रों में विचार रखने के लिए आमंत्रित किया गया। डीसी डॉ. हिमांशु अग्रवाल सेमिनार में मुख्य मेहमान के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने वातावरण संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों को महत्वपूर्ण बताया। इंस्टीट्यूट के रीजनल चेयरमैन बलराम कपूर ने कहा कि सही तकनीकों के इस्तेमाल से फाउंड्री उद्योगों में 30% तक ऊर्जा की बचत की जा सकती है। एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम को अपनाना वक्त की जरूरत है। इस दौरान संजीव जुनेजा ने कहा कि वैश्विक कारोबारी प्रतियोगिता के बीच उत्पादन में लागत मूल्य को कम करना जरूरी है। उद्योगों में जितनी ऊर्जा की बचत होगी उतना ही उत्पादों का लागत मूल्य भी घटेगा, इसके जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हम मार्केट में अपना हिस्सा बढ़ा सकते हैं। यहां इंस्टीट्यूट के उत्तरी क्षेत्र के उपाध्यक्ष लोकेश लोहिया, कोषाध्यक्ष अनुराग भदौरिया, मनीष क्वात्रा, फोकल पॉइंट संगठन के प्रधान नरिंदर सिंह सग्गू, तुषार जैन, गुरनाम सिंह भराज, रुपिंदर नंदा, धर्मेंद्र मेहता, जसजीत सिंह बेदी, विशाल गौतम, विनय लूथरा, अजय राय, बरिंदर कलसी, पलविंदर जुनेजा, गौरव चोपड़ा, अतिन चोपड़ा, अखिल कपूर मौजूद रहे।
निक्कियां जिंदा वड्डे साके’ पुस्तक से लोग जानेंगे छोटे साहिबजादों, माता गुजरी जी की शहादत की दास्तां
भास्कर न्यूज | जालंधर माता गुजरी कौर जी और चारों साहिबजादों की शहादत को समर्पित दातार नगर, रामा मंडी में कीर्तन दरबार करवाया गया। इस अवसर पर सिख मिशनरी कॉलेज सर्किल जालंधर की ओर से धर्म प्रचार के उद्देश्य से धार्मिक साहित्य का स्टॉल लगाया गया। वर्तमान पीढ़ी को सिख इतिहास और विरसे से जोड़ने के लिए साहिबजादों की शहादत को समर्पित ‘निक्कियां जिंदा वड्डे साके’ नि:शुल्क साहित्य वितरित किया गया। सिख इतिहास को दर्शाती हुई एक प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस मौके पर सुप्रीम काउंसिल सदस्य बलजीत सिंह ने परिवार सहित हाजिरी भरी। इसके अलावा प्रिंसिपल मनदीप सिंह, बीबी अमृत पाल कौर, इनायत कौर, मनजोत कौर, परविंदर कौर, अरमनजोत कौर, हरबीर कौर, बीबी परमजीत कौर, सिमरनजीत सिंह, हरमन सिंह, हरप्रीत सिंह, हरशरण सिंह, मनिंदर सिंह, इंदरपाल सिंह और डॉ. जसवंत सिंह ने इस सेवा कार्य में अपना सहयोग दिया। धार्मिक स्टॉल पर पंथ की कुछ नामवर शख्सियतों सफर-ए-शहादत के बानी और हेड ग्रंथी श्री फतेहगढ़ साहिब सिंह साहिब ज्ञानी हरपाल सिंह तथा सचखंड श्री दरबार साहिब श्री अमृतसर साहिब का हजूरी रागी जत्था भाई रविंदर सिंह ने सभी सर्किल सदस्यों की इस धर्म प्रचार के क्षेत्र में निस्वार्थ सेवा की सराहना की। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा बलजीत सिंह को सेवा करने के लिए सिरोपाओ देकर सम्मानित किया गया।
यूपी के जिला शामली में पत्नी और दो बेटियों की बेदर्दी से हत्या करने वाला फारुख साइको जैसा था। वो पत्नी और बच्चों को घर में कैद रखता था। बच्चे बाहर न जाएं, इसलिए उन्हें कभी स्कूल तक नहीं भेजा। परिवार के किसी भी सदस्य के आधार कार्ड भी नहीं बनवाए थे। 15 दिन पहले पति से लड़ाई करके पत्नी घर से निकल गई और वो भी बुर्का पहने बिना। इसी सनक में फारुख ने पत्नी को मार डाला। बेटियां चिल्लाई, तो उनका भी कत्ल कर दिया। तीनों की लाशें सेप्टिक टैंक में दफना दीं। फिलहाल फारुख गिरफ्तार है, लेकिन उसे अपने किए पर कोई पछतावा नहीं। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर फारुख के फैमिली मेंबर्स से अलग-अलग बात की। हमने चश्मदीद बच्ची से भी घटना के बारे में जाना। फारुख के व्यवहार को लेकर गांव के लोगों की राय एक जैसी थी। पूरी रिपोर्ट पढ़िए... पहले पूरा घटनाक्रम जानिए तीनों की लाश गड्ढे में डालकर ऊपर से बनाया फर्शकांधला थाना क्षेत्र के गांव गढ़ी दौलत में रहने वाला फारुख शादी कार्यक्रमों में खाना बनाने का काम करता है। 10 दिसंबर की रात करीब 12 बजे फारुख ने पत्नी ताहिरा (32) की गोली मारकर हत्या कर दी। ऐसा करते हुए उसकी दो बेटियों ने देख लिया। इस पर फारुख ने बड़ी बेटी आफरीन (14) की गोली मारकर और छोटी बेटी सहरीन (7) की गला दबाकर हत्या कर दी। फिर तीनों की लाश घर के अंदर 10 दिन पहले खुदवाए गए 9 फीट गहरे सेप्टिक टैंक में डाल दी। इसके बाद उसके ऊपर पक्का फर्श कर दिया। वारदात से 10 दिन पहले खुदवाया था सेप्टिक टैंककांधला कस्बे से करीब 5 किलोमीटर गढ़ी दौलत गांव है। ये गांव हरियाणा के पानीपत बॉर्डर के ठीक नजदीक है। एक तंग गली से होते हुए हम सीधे फारुख के घर पहुंचे। घर के बाहर भीड़ लगी हुई थी। कई पुलिसवाले कुर्सियों पर बैठकर पहरा दे रहे थे। 100 गज में बने मकान पर प्लास्टर भी नहीं था। गेट के अंदर घुसते ही वो 9 फीट का वो गड्ढा खुदा दिखा, जिसके अंदर तीनों लाशें दफनाई गई थीं। इस गड्ढे के ठीक बगल में दो नए बाथरूम बने थे, जिन पर सीमेंटेड प्लास्टर भी कुछ दिनों पहले हुआ है। आसपास के लोगों ने बताया कि ये गड्ढा करीब 10 दिन पहले खोदा गया था। तब फारुख ने बताया था कि वो घर में कुछ निर्माण कार्य करवा रहा था। लेकिन उसके शातिर दिमाग के पीछे क्या चल रहा, ये कोई नहीं भांप सका। घर के अंदर दो कमरे बने हैं। इनमें सामान अस्त-व्यस्त पड़ा है। रसोई में बर्तन बिखरे हुए हैं। पत्नी-बेटियों को दूसरे घर भेजा और कपड़े जलाए…इन दो बातों से फंसा फारुखहमने फारुख की बूढ़ी मां असगरी से बात की। उन्होंने बताया- इस मकान में फारुख अपनी पत्नी और 5 बच्चों के साथ रहता था। परिवार के बाकी लोग अलग-अलग घरों में रहते हैं। 6 दिन पहले फारुख पूरे परिवार के साथ एक ही कमरे में सोया था। सुबह जब सब उठे, तो बहू ताहिरा और उसकी दो बेटियां आफरीन व सहरीन कमरे में नहीं थीं। घर में जब तलाश शुरू हुई तो पिता दाउद ने बेटे फारुख से इस बारे में पूछा। इस पर फारुख ने कहा कि घर में काम चल रहा है। इसलिए उसने पत्नी और दोनों बेटियों को शामली में किराए के मकान में शिफ्ट कर दिया है। वो मकान कहां है, ये बात फारुख ने नहीं बताई। तीनों की तलाश जारी थी। इसी बीच फारुख की जिंदा बची दूसरी बेटी ने अपनी दादी असगरी को बताया कि अब्बू ने अम्मी के कपड़े जला दिए हैं। असगरी ने बताया- हमें इन्हीं दो बातों से बेटे फारुख पर शक गहराया। फिर हमने ये दोनों बातें पुलिस को बताईं। पुलिस ने फारुख को कस्टडी में लेकर पूछताछ शुरू की तो वो टूट गया और पूरा घटनाक्रम कबूल लिया। वो बुर्का पहने बिना मायके गई, इसी पर भड़का बेटाताहिरा की सास असगरी ने आगे बताया- करीब दो महीने पहले बेटे-बहू के बीच कुछ झगड़ा हुआ था। फारुख ने बहू को थप्पड़ मार दिया था। इसके बाद फारुख काम पर चला गया। उसके पीछे ताहिरा भी किसी को बताए बिना अपने मायके चली गई। वो बुर्का घर पर ही छोड़ गई। फारुख जब घर वापस आया तो उसने देखा कि बुर्का घर पर ही रखा है। ताहिरा के पास एक ही बुर्का था। जब हम उसे मायके से वापस लेकर आए, तब भी ताहिरा बिना बुर्के में थी। हमने पूछा- बुर्का न पहनने को लेकर गांव में क्या कुछ चर्चाएं हुई थीं? इस पर असगरी ने कहा- हमें नहीं पता। न ही मेरे सामने बुर्के को लेकर कोई झगड़ा हुआ था। बेटी बोली- अम्मी चाय बनाने रसोई में गई, अब्बा ने गोली मारीइस हत्याकांड के बाद अब फारुख के दो बेटे और एक बेटी जीवित बची है। ये भी इसलिए जीवित रह गए, क्योंकि वारदात के वक्त ये गहरी नींद में सो रहे थे। 7 साल की आसमीन बताती है- उस रात हम एक कमरे में सो गए थे। रात में मेरे अब्बा ने अम्मी से कहा कि एक कप चाय बना दो। अम्मी रसोई में चाय बना रही थी, तभी अब्बा ने उनकी कनपटी पर गोली मार दी। गोली की आवाज सुनकर मेरी दो बहनें जाग गईं। बड़ी बहन आफरीन की आवाज आई तो अब्बा ने उसको भी गोली मार दी। फिर छोटी बहन का गला घोंट दिया। मैं सोती रही, इसलिए मुझे नहीं मारा। अगली सुबह जब मैं उठी तो अम्मी और बहनें नहीं थीं। अब्बा ने कहा कि हमने शामली में प्लॉट लिया है, इसलिए वो वहां गए हैं। पुलिस ने जब गड्ढा खुदवाया, तब हमें पता चला कि अब्बा ने तीनों को मार दिया है। बच्चों के न एडमिशन, न आधार कार्ड…आखिर क्या सोचता था फारुखइस घर का माहौल कैसा था, ये समझने के लिए हमने यहां अक्सर आने वाली दाई कलसुम से बात की। उन्होंने बताया- मैं जब भी घर आई, तब एक ही बात महसूस हुई कि फारुख घर चलाने के लिए कोई खर्च नहीं देता था। खूब लड़ाई होती थी। ताहिरा जब गर्भवती होती थी, तब भी उसकी पिटाई करता था। हमने पूछा- बुर्का न पहनने का विवाद क्या था? इस पर उन्होंने बताया– ताहिरा अपने मायके गई थी। वो बुर्का ओढ़कर नहीं गई। जब इंसान तंग होता है तो वो इन सब चीजों को नहीं देखता। हो सकता है कि ताहिरा भी उसी मानसिक हालत में बुर्का पहने बिना ही अपने मायके चली गई हो। ताहिरा बहुत नेकदिल थी। घर पर मौजूद कुनबे की अन्य महिलाओं ने बताया- फारुख अपने बीवी-बच्चों को घर से बाहर तक नहीं निकलने देता था। उसने आज तक किसी के भी आधार कार्ड नहीं बनवाए। उसे लगता था कि अगर पत्नी का आधार कार्ड बनवाएगा तो फोटो खिंचवाने के लिए बुर्का चेहरे से हटाना पड़ेगा। फारुख के कुल 5 बच्चे हैं। बड़ी बेटी की उम्र 14 साल थी। इसके बावजूद उसने आज तक किसी का भी एडमिशन नहीं कराया था। घर के सदस्य आज तक ये नहीं समझ पाए कि इस तरह का व्यवहार करने के पीछे फारुख की मंशा आखिर क्या थी? क्या वो पत्नी पर शक करता था? अगर ऐसा था, तो बच्चों को पढ़ाई से क्यों रोका था? इसी तरह के कई और सवाल हैं, जिनका जवाब बाकी है। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... शामली में बुर्का न पहनने पर पत्नी-दो बेटियों की हत्या, आंगन में दफनाया, बोला- दो को गोली मारी, एक का गला घोंटा यूपी के शामली में सनसनीखेज वारदात हुई है। बुर्का न पहनने पर एक व्यक्ति ने पत्नी और दो नाबालिग बेटियों की हत्या कर दी। फिर तीनों शवों को घर के आंगन में सेप्टिक टैंक में दफना दिया। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल किया है। पढ़िए पूरी खबर...
कूल रोड पर हॉर्टिकल्चर वेस्ट से फैली गंदगी
जालंधर | कूल रोड पर ग्रीन बेल्ट में लगे पेड़ों की कटाई की गई लेकिन हॉर्टिकल्चर वेस्ट को वहां से उठाया नहीं गया। इस कारण सड़क के किनारे कचरे का ढेर लग गया है। लोगों ने निगम अधिकारियों तक अपनी बात भी पहुंचाई लेकिन अभी तक वेस्ट वहां से उठाई नहीं गई। फैली गंदगी कूल रोड की सुंदरता को भी बिगाड़ रही है। -विकास, कूल रोड
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धमकी देने के मामले में पाकिस्तानी डॉन शहजाद भट्टी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। शहजाद के खिलाफ पटना के साइबर थाना में केस दर्ज किया गया है। मामले में पटना पुलिस की ओर से कार्रवाई शुरू कर दी गई है। मुस्लिम महिला के चेहरे से हिजाब हटाने पर पाकिस्तानी डॉन शहजाद भट्टी ने CM नीतीश को धमकी दी थी। उसने वीडियो जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें, वरना बाद में ये मत कहना की चेतावनी नहीं दी गई थी। शहजाद भट्टी हाल ही में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को धमकी देकर सुर्खियों में आया था। भट्टी से जान का खतरा बताते हुए लॉरेंस के तिहाड़ जेल में बंद भाई अनमोल बिश्नोई ने भी दिल्ली कोर्ट से बुलेटप्रूफ जैकेट और गाड़ी की डिमांड की थी। बता दें कि 15 दिसंबर को बिहार में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नियुक्ति पत्र बांट रहे थे। इस दौरान एक महिला हिजाब पहनकर आई तो नीतीश कुमार ने पूछा कि यह क्या है और उसे अपने हाथ से हटा दिया। इधर, नुसरत परवीन ने नौकरी जॉइन करने का मन बना लिया है। परिवार के मनाने के बाद नुसरत ने ये फैसला लिया है। देर रात महिला कोलकाता से पटना लौटी हैं। उम्मीद है वो आज की नौकरी जॉइन कर सकती हैं। पहले जानिए पाकिस्तानी डॉन ने वीडियो में क्या कहा- सभी लोगों ने देखा होगा कि बिहार में क्या हुआ। एक बड़े पद पर बैठा व्यक्ति एक मुस्लिम महिला के साथ ऐसा व्यवहार करता है। फिर बाद में मुझ पर आरोप लगाए जाते हैं कि शहजाद भट्टी ने यह कर दिया, वह कर दिया। उस व्यक्ति के पास अभी भी समय है कि वह उस बच्ची और उस महिला से माफी मांगे। अगर आज माफी नहीं मांगी गई, तो जिम्मेदार संस्थानों को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए। बाद में यह मत कहना कि चेतावनी नहीं दी गई थी।” अब जानिए आखिर पूरा मामला क्या है... दरअसल, सोमवार को CM नीतीश कुमार आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने एक महिला डॉक्टर नुसरत को पहले तो नियुक्ति पत्र दे दिया। इसके बाद उसे देखने लगे। महिला भी मुख्यमंत्री को देखकर मुस्कुराई। CM ने हिजाब की ओर इशारा करते हुए पूछा कि ये क्या है जी। महिला ने जवाब दिया, हिजाब है सर। CM ने कहा कि हटाइए इसे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने खुद अपने हाथ से महिला का हिजाब हटा दिया। इस दौरान डिप्टी CM सम्राट चौधरी नीतीश कुमार को रोकने के प्रयास में उनकी आस्तीन खींचते हुए नजर आए। हिजाब हटाने से महिला थोड़ी देर के लिए असहज हो गई। आसपास मौजूद लोग हंसने लगे। कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों ने महिला को नियुक्ति पत्र फिर थमाया और जाने का इशारा किया। महिला फिर वहां से चली गई। 3 तस्वीरों में समझिए पूरा घटनाक्रम कौन है शहजाद भट्टी, जिसने बिहार CM को धमकाया शहजाद भट्टी हाल ही में कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को धमकी देकर सुर्खियों में आया था। भट्टी से जान का खतरा बताते हुए लॉरेंस के तिहाड़ जेल में बंद भाई अनमोल बिश्नोई ने भी दिल्ली कोर्ट से बुलेटप्रूफ जैकेट और गाड़ी की डिमांड की थी।
आज पीछे मुड़कर देखता हूं तो लगता है कि जिंदगी कब और कैसे करवट बदलती है, पता ही नहीं चलता। यूरोप, अमेरिका, साउथ-ईस्ट एशिया के बड़े-बड़े कॉर्पोरेट ऑफिसेज में काम करने वाला एक लड़का गाय चरा रहा है। नमस्कार, मैं असीम रावत, पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर था। अब मैं गाजियाबाद के सिकंदपुर में रहता हूं। मेरा बचपन और पढ़ाई-लिखाई लखनऊ में हुई। सेंट पॉल्स स्कूल और लॉ मार्टिनियर कॉलेज से 12वीं तक पढ़ा। फिर आगरा में आरबीएस कॉलेज से इंजीनियरिंग की और IIIT हैदराबाद से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। 2001 में मेरी पहली नौकरी कोलकाता में लगी। इसके बाद बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद जैसे शहरों में काम करता रहा। करीब 14 साल सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर अलग-अलग कंपनियों में काम किया। इस दौरान यूरोप, अमेरिका और साउथ ईस्ट एशिया के कई शहरों में रहा। नई टेक्नोलॉजी, नए लोग और ग्लोबल एक्सपोजर मिला। सब बढ़िया था। अच्छी जॉब, अच्छा पैकेज और मैं अपने काम से बहुत खुश था। ऐसा कुछ नहीं था, जिसकी शिकायत करूं। लेकिन, जिंदगी कभी-कभी एक छोटी-सी बात से करवट बदल लेती है। 2015 की बात है, अगस्त या सितंबर का महीना था। ऑफिस से लौटकर टीवी डिबेट देखना मेरा रूटीन था। उन दिनों OTT इतना पॉपुलर नहीं था। इसलिए यही मेरा टाइमपास भी था और दिमाग को एक्टिव रखने का तरीका भी। उस दिन देसी नस्ल की गाय और डेयरी बिजनेस पर डिबेट हो रही थी। बातों में कुछ नया नहीं लग रहा था, लेकिन तभी एक सवाल आया। “क्या देसी नस्ल की गायों से सक्सेसफुल डेयरी बिजनेस किया जा सकता है?” जवाब दे रहे एक एक्सपर्ट ने पहले तो हां कहा, फिर हल्की मुस्कान के साथ जोड़ दिया- “लेकिन आज के दौर में बहुत ज्यादा सक्सेसफुल नहीं होती।” फिर उन्होंने वो बात कही, जिसने मेरे अंदर एक टीस पैदा कर दी। वो बोले- “देसी गाय दूध कम देती हैं। वो पूजा-पाठ के लिए ही ठीक है, बिजनेस के लिए नहीं।” पता नहीं क्यों, वो हंसी मुझे चुभ गई। मुझे वो सिर्फ एक कमेंट नहीं लगा। मुझे लगा, ये एक सोच है- ऐसी सोच, जिसने देसी गाय को सिर्फ आस्था और भावना तक सीमित कर दिया है। पहली बार मुझे एहसास हुआ कि हमने देसी गाय की असली ताकत को जानने-समझने की कोशिश ही नहीं की। मेरे मन में एक सवाल साफतौर पर उठ चुका था। “अगर ये सोच गलत है, तो इसे गलत साबित कौन करेगा?” उस वक्त मैं पुणे जैसे महानगर में अच्छी जॉब कर रहा था। सब कुछ ठीक-ठाक था, सेटल था। लेकिन, मेरी जड़ें अब भी कहीं न कहीं गांव से जुड़ी थीं। गाय के लिए हमेशा से लगाव था। अखबारों में घायल पड़ी गायों की तस्वीरें, कटने की खबरें मुझे बहुत टीस पहुंचाती थीं। लेकिन, उस टीवी डिबेट ने जैसे भीतर कहीं बुझ चुकी आग को फिर से कुरेद दिया था। उसके बाद करीब एक हफ्ते तक मैं रोज ऑफिस जाता रहा। मीटिंग्स में बैठा, प्रेजेंटेशन दीं, लेकिन मन कहीं और अटका रहता था। जो काम कभी मुझे सुकून देता था, वही अब बोझ लगने लगा था। अंदर एक टीस थी, जो हर दिन और गहरी होती जा रही थी। मुझे समझ आ रहा था कि ये बेचैनी यूं ही खत्म होने वाली नहीं है। मैंने कुछ दिन की छुट्टी लेने का फैसला किया। कोई प्लान नहीं था। बस एक जिज्ञासा थी और एक बेचैनी, जो मुझे चैन से बैठने नहीं दे रही थी। मैं जानता था, मेरे सवालों के जवाब पुणे में बैठकर नहीं मिलेंगे। इसके लिए मुझे गांव जाना होगा। मैं यूपी, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, हरियाणा के कई अलग-अलग हिस्सों और गांवों में गया। किसानों के साथ घंटों बातें कीं, बुजुर्गों का अनुभव सुना। करीब 1 महीने देसी नस्ल की गायों को देखा। उनके रखरखाव को समझकर, उनके साथ जुड़ी पूरी लाइफस्टाइल को महसूस किया। जितना देखा, मेरी सोच उतनी ही खुलती गई। उन्हीं गांवों में मुझे पहली बार साफतौर पर समझ आया कि देसी गाय सिर्फ दूध देने वाला पशु नहीं। उसका पंचगव्य यानी गोमूत्र, गोबर, दूध, दही और घी अपने आप में एक पूरी अर्थव्यवस्था है। ये सिर्फ आस्था नहीं, बल्कि अनुभव, विज्ञान और सस्टेनेबल डेवलपमेंट का ऐसा मॉडल है, जिसे हम नजरअंदाज कर रहे हैं। इसी सफर में मैंने पक्का कर लिया कि मैं देसी गाय के पंचगव्य पर बेस्ड काम शुरू करूंगा। साथ ही ये साबित करूंगा कि देसी गाय सिर्फ से एक मुनाफे वाला बिजनेस खड़ा किया जा सकता है। लेकिन ये फैसला मेरे लिए जितना साफ था, उतना ही मुश्किल इसे जिंदगी में उतारना था। इसके लिए नौकरी छोड़ने का साहस चाहिए था। मुझे पता था कि बिना पूरी समझ और रिसर्च के इस रास्ते पर उतरना सही नहीं होगा। हालांकि, सबसे बड़ी चुनौती बिजनेस प्लान नहीं था, बल्कि घरवालों को मनाना था। ये समझाना था कि मैं कोई सनक में नहीं, बल्कि सोच-समझकर गोशाला और पंचगव्य का काम शुरू करना चाहता हूं। जब मैंने पहली बार ये बात अपने माता-पिता को बताई, तो वे एक पल के लिए सन्न रह गए। उन्हें लगा कि मैं क्या बोल रहा हूं। मेरे पापा हमेशा यही चाहते थे कि मैं बड़े शहर में रहूं। अच्छा करियर बनाऊं या फिर विदेश जाकर बस जाऊं। जब उन्होंने सुना कि मैं नौकरी छोड़कर गोशाला खोलना चाहता हूं, तो उन्हें ये बात बिल्कुल समझ नहीं आई। उनके सवाल वाजिब थे। मेरी शादी हो चुकी थी, दो बच्चे थे, वेल सेटेल्ड था। खर्च बढ़ने वाले थे, जिम्मेदारियां सामने थीं। मुझसे बार-बार कहा गया- “तुम ये सब सोच भी कैसे सकते हो, पागल तो नहीं हो गए?“ मैंने सबको शांति से समझाने की कोशिश की। कहा- गाजियाबाद में हमारी पुश्तैनी जमीन पड़ी है। मैं कोई बड़ा जोखिम नहीं लेना चाहता। बस वहीं, छोटी-सी जगह में कुछ देसी गाय बांधकर शुरुआत करना चाहता हूं। इसमें बहुत ज्यादा खर्च नहीं लगेगा। ये कोई छलांग नहीं, बल्कि सोच-समझकर उठाया गया कदम है। धीरे-धीरे घरवालों को समझ आने लगा कि मैं ये फैसला यूं ही नहीं ले रहा हूं। या शायद उन्हें दिखने लगा था कि मैं अब रुकने वाला नहीं। आखिरकार मैंने नौकरी से इस्तीफा दे दिया और अपना पूरा समय गायों और देसी नस्लों को समझने में लगाया। पढ़ना शुरू किया, उनके व्यवहार, रखरखाव और पंचगव्य से जुड़े हर पहलू पर रिसर्च करने लगा। धीरे-धीरे ये साफ होने लगा कि आइडिया को जमीन पर कैसे उतारा जा सकता है। कुछ समय बाद मैं पुणे से गाजियाबाद लौट आया। अपनी पुश्तैनी जमीन पर सबसे पहले दो देसी गायें बांधीं। कोई बड़ी गौशाला नहीं थी, कोई बोर्ड नहीं था। बस छोटा-सा भरोसा था कि यहीं से कुछ नया शुरू होगा। अगर आज कोई मुझे देखकर कहे कि ये सब बहुत सोच-समझकर, पूरी प्लानिंग के साथ हुआ होगा, तो मैं बस हल्की-सी मुस्कान के साथ सिर हिला देता हूं। क्योंकि सच ये है कि मेरी शुरुआत जितनी साधारण थी, उतने ही डर और अनसर्टिनिटी से भरी थी। पहले ही दिन जो हुआ, उससे ही हिम्मत टूट सकती थी। मैं दो गायें खरीदकर फॉर्म ले जा रहा था। रात हो गई थी, रास्ते में एक गाय लोडर के अंदर अचानक बेहोश होकर गिर पड़ी। मेरी सांस जैसे अटक गई। लगा क्या ये कोई इशारा है- “क्या इतनी जल्दी सब कुछ गलत होने वाला है? क्या मैंने कोई बहुत बड़ी गलती कर दी है?” गांव में चारों तरफ सन्नाटा, समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं। हम उसे जानवरों के डॉक्टर के पास ले गए। घड़ी देखी तो रात के करीब 2 बज चुके थे। हम क्लिनिक पहुंचे, तो डॉक्टर खुद चौंक गया। खैर इलाज शुरू हुआ। इंजेक्शन लगे, दवाइयां दी गईं। मैं पास खड़ा, सब देखता रहा। हर मिनट भारी लग रहा था। भगवान से बस यही मना रहा था कि गाय ठीक हो जाए। कुछ देर बाद गाय ने हल्की-सी हरकत हुई, वो ठीक हो रही थी। उस रात मुझे समझ आया कि ये रास्ता आसान नहीं होने वाला है। लेकिन ये भरोसा भी पैदा हुआ कि नीयत सही है, तो हर मुश्किल का रास्ता निकल ही आता है। गाय लाने के बाद अब असली चुनौती सामने आने वाली थी। गाय की देखभाल के लिए एक आदमी रखा। सुबह-शाम दूध निकालना, साफ-सफाई रखना धीरे-धीरे एक रूटीन में ढलने लगा। मैं खुद दूध लेकर आसपास के इलाकों में निकलता। घर-घर जाता, लोगों से बात करता, उन्हें देसी गाय के दूध के फायदे समझाता। बताता कि ये दूध कैसे अलग है, कैसे सेहत के लिए बेहतर है। लोग मेरी बात ध्यान से सुनते जरूर थे, पर खरीदने पर बात आकर अटक जाती थी। उनका सवाल सीधा होता था- “भाई साब, दूधिया 25-30 रुपए में घर तक दूध पहुंचा जाता है, आप 70 रुपए में क्यों बेच रहे हैं?” उनकी बात गलत नहीं थी। कई बार ऐसा हुआ कि पूरा का पूरा दूध लेकर वापस लौटना पड़ा। तब समझ आया कि सिर्फ प्रोडक्ट अच्छा होना काफी नहीं, भरोसा जीतना पड़ता है और यह एक दिन में नहीं जीता जा सकता। मैंने तय किया, कुछ समय तक मुनाफे के बारे में नहीं सोचूंगा। पहले लोगों का भरोसा जीतूंगा। हमने दूध से दही और घी बनाना शुरू किया। लोगों से कहा कि वे चखकर देखें, फर्क खुद महसूस करें। कहीं फ्री में दिया, कहीं लागत पर। धीरे-धीरे लोग लौटकर आए। लोगों को समझ में आया कि दही का स्वाद अलग है। किसी ने कहा- “घी की खुशबू बचपन की याद दिला रही है।” ये छोटी-छोटी बातें मेरे लिए बहुत बड़ी थीं। मुझे समझ आ गया था कि रास्ता सही है, बस रफ्तार धीमी है। धीरे-धीरे पंचगव्य से प्रोडक्ट्स बनाने शुरू किए। हमारा काम सिर्फ प्रोडक्शन नहीं, बल्कि रिसर्च से जुड़ा है। हम आयुर्वेदिक और पंचगव्य दवाएं बनाते हैं। हर दवा में देसी गाय से जुड़ा कोई न कोई तत्व जरूर होता है। चाहे गोमूत्र हो, गोबर हो, दूध या घी। गोमूत्र के नाम पर लोग हंसते हैं, लेकिन सच्चाई ये है कि गोमूत्र पर कई अमेरिकी पेटेंट मौजूद हैं। इसे बायो-एन्हांसर, एंटी-कैंसर, एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल एजेंट के तौर पर मान्यता मिली हुई है। समय बीतने के साथ-साथ जब पंचगव्य का काम धीरे-धीरे पटरी पर आने लगा, तो देसी गायों की संख्या भी बढ़ने लगी। दो गायों से शुरू हुआ ये सफर अब सिर्फ प्रयोग नहीं रहा था, बल्कि जिम्मेदारी बन चुका था। साथ ही ये एहसास और गहरा होता गया कि ये काम सिर्फ कारोबार नहीं, बल्कि परंपरा और विरासत को आगे बढ़ाने का जरिया है। इसी सोच के बीच एक सवाल मेरे मन में बार-बार आता था- इस पहल को नाम क्या दूं? मैं चाहता था कि इसका नाम ऐसा हो, जो आज ही नहीं अतीत और भविष्य दोनों को जोड़ दे। मुझे अपनी पांचवीं पीढ़ी के पूर्वज का नाम याद आया- ‘हेतराम’। उन्हीं के नाम पर डेयरी फॉर्म का नाम ‘हेता ऑर्गेनिक’ रखा। ‘हेता’ सिर्फ एक ब्रांड नहीं, बल्कि विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश है। आज हमारे पास साहीवाल, गिर, थारपारकर, हरियाणा, बद्री जैसी देसी नस्लों की 1 हजार से ज्यादा गाय और सांड हैं। मॉडर्न मिल्किंग फैसिलिटी है, ताकि गायों को किसी तरह की तकलीफ न हो। उम्रदराज और असहाय गाय, बैल, सांडों के लिए हॉस्पिटल है। ये सब देखकर कभी-कभी खुद यकीन नहीं होता कि दो गाय से शुरू हुआ सफर आज पूरा इकोसिस्टम बन चुका है। आज ‘हेता’ का टर्नओवर 10 करोड़ रुपए से ज्यादा है और 80 से ज्यादा लोग इस सफर का हिस्सा हैं। इनमें सिर्फ कर्मचारी नहीं, डॉक्टर, इंजीनियर और रिसर्च एक्सपर्ट भी शामिल हैं। ये लगातार देसी गाय और पंचगव्य से जुड़े इनोवेशन पर काम कर रहे हैं। जब हमने ये काम शुरू किया था, तब किसी पहचान की चाह नहीं थी। पूरा ध्यान बस इस पर था कि जो कर रहे, वो सही हो। लेकिन जब काम ईमानदारी से किया जाता है, तो पहचान खुद चलकर आती है। एक दिन तमिलनाडु से एक टीम हमारे फॉर्म आई। बिना किसी फोन या इन्फॉर्मेशन के, उन्होंने कहा कि वे हमारे काम को करीब से देखना चाहते हैं। कई दिन तक उन्होंने हर चीज को बहुत बारीकी से परखा। रिसर्च और हमारे काम का तरीका देखा। हम नहीं जानते थे कि ये इंस्पेक्शन किस दिशा में जाएगा? हमने वही दिखाया, जो हम रोज करते हैं। कुछ दिनों बाद खबर मिली, हमें राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2018 के लिए चुना गया है। ये डेयरी क्षेत्र का सबसे बड़ा अवॉर्ड माना जाता है। उस पल मुझे लगा कि हमारे काम को सिर्फ देखा ही नहीं, समझा भी गया है। इसके बाद 2019 में मथुरा में ऐसा सीन देखने को मिला, जिसे मैं कभी नहीं भूल सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘हेता’ की गाय का गौ-पूजन किया। उस पल मुझे लगा, शायद हमारी मेहनत सही दिशा में जा रही है। इसके बाद भी अवॉर्ड मिले। 2022 में स्टार्टअप ऑफ द ईयर से नवाजा गया। उत्तराखंड की बदरी नस्ल पर हमारे काम के लिए हमें ‘उत्तराखंड शक्ति अवॉर्ड’ मिला। देसी नस्लों की पहचान, टैगिंग और जेनेटिक रिकॉर्डिंग करने वाली संस्था नेशनल ब्यूरो ऑफ एनिमल जेनेटिक रिसोर्सेज (NBAGR) से एप्रिसिएशन लेटर मिला। ये पुरस्कार हमारी मंजिल नहीं हैं, बल्कि इस बात की गवाही हैं कि देसी गाय और पंचगव्य पर किया गया काम सिर्फ इमोशनल नहीं, साइंटिफिक और नेशनल इंट्रेस्ट का है। आज ज्यादातर डेयरी फॉर्म दूध और मांस के इर्द-गिर्द घूमते हैं। लेकिन हमने तय किया कि हमारी गौशाला में आई हर गाय और सांड, आखिरी सांस तक हमारी जिम्मेदारी रहेंगे। वे प्रोडक्शन का साधन नहीं, जीवित प्राणी हैं। इस विजन को जमीन पर टिकाए रखने के लिए सिर्फ भावना काफी नहीं थी। इसके लिए एक ऐसा सिस्टम चाहिए था, जो आर्थिक रूप से भी मजबूत हो। तभी हमने देसी गाय पर आधारित तीन वर्टिकल्स खड़े किए। पहला: डेयरी प्रोडक्ट देसी गाय के दूध के अलावा घी, खोया, मठा (छाछ), मक्खन ट्रेडिशनल मैथल से तैयार करते हैं। बिलौना विधि से बने घी की खुशबू और स्वाद लोगों को उनके बचपन की याद दिला देता है। दूसरा: आयुर्वेद और पंचगव्य मेडिसिन हमारे आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स और दवाओं में देसी गाय से जुड़ा कोई न कोई तत्व जरूर होता है। हेता च्यवनप्राश इसी सोच का उदाहरण है। ये 55 से ज्यादा जड़ी-बूटियों से तैयार किया जाता है। इसके लिए हिमालयन रीजन में मिलने वाली बद्री नस्ल की गाय का घी इस्तेमाल किया जाता है। तीसरा: ऑर्गेनिक फार्मिंग देसी गाय पूरी फॉर्मिंग सिस्टम की रीढ़ है। ये मिट्टी को भी जिंदा रखती है और इंसान को भी। हमारा तीसरा मजबूत स्तंभ है, ऑर्गेनिक खेती। हमारे सर्टिफाइड ऑर्गेनिक फॉर्म्स में गोबर और गोमूत्र की खाद इस्तेमाल होती है। कोई केमिकल या शॉर्टकट नहीं। आज पीछे मुड़कर देखता हूं, तो समझ आता है कि हेता तीन वर्टिकल्स वाला बिजनेस नहीं। ये ऐसा मॉडल है जहां एथिक्स, साइंस, परंपरा और मुनाफा चारों एक साथ चलते हैं। शायद यही वजह है कि हम कह पाते हैं, “हमारी सबसे बड़ी पूंजी हमारी गाय हैं और हमारी सबसे बड़ी पहचान, उनके प्रति हमारी जिम्मेदारी।” *** स्टोरी एडिट- कृष्ण गोपाल ग्राफिक्स- सौरभ कुमार *** कहानी को रोचक बनाने के लिए क्रिएटिव लिबर्टी ली गई है। ----------------------------------------------------------- सीरीज की ये स्टोरी भी पढ़ें... दिल्ली की लड़की पहुंची बिना टॉयलेट वाली ससुराल; लोग बोले- जहां खाते हो वहीं हगोगे, मॉडर्न बहू पूरे गांव को बिगाड़ देगी शादी के बाद लड़कियों कि जिंदगी बदल ही जाती है। यही वजह है, हम लड़कियों को बचपन से ही ‘एडजस्ट’ करने की ट्रेनिंग दी जाती है। नमस्ते… मैं कोमल, दिल्ली के मदनगीर में जन्मी, शहरी चमक-दमक में पली, लेकिन शादी ने जैसे पूरी दुनिया ही बदल दी। पूरी स्टोरी पढ़ें...
लतीफपुरा को जाने वाली सड़क टूटी, लोग परेशान
जालंधर | मॉडल टाउन से लतीफपुरा को जाने वाली सड़क टूटी होने से लोग परेशान हैं। सड़क पर दोपहर में स्कूल की छुट्टी होने के बाद वाहनों से जाम लगता है। ऐसे में बदहाल सड़क पर वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है। लोगों ने निगम में कई बार सड़क बनाने के लिए निवेदन किया लेकिन बावजूद इसके सड़क नहीं बनी। -अरविंद, मॉडल टाउन
जालंधर के भगवान वाल्मीकि चौक के पास स्थित प्रकाश ज्वैलर्स पर उस समय विवाद की स्थिति बन गई, जब सोने की चैन को लेकर एक महिला पुलिस कर्मी और दुकान के सोनार के बीच कहासुनी हो गई। फोन पर हुई बहस के बाद महिला पुलिस कर्मी थाना नंबर 4 की पुलिस टीम के साथ दुकान पर पहुंची, हालांकि मौके पर मामला शांत करवा दिया गया और दोनों पक्षों में समझौता हो गया। जानकारी के अनुसार महिला पुलिस कर्मी ने अपनी सोने की चैन साफ (धुलवाने) करवाने के लिए प्रकाश ज्वैलर्स पर दी थी। इसी दौरान किसी बात को लेकर सोनार और महिला पुलिस कर्मी के बीच फोन पर बहस हो गई। विवाद बढ़ने पर महिला पुलिस कर्मी आज थाना नंबर 4 की पुलिस के साथ दुकान पर पहुंची। मौके पर पहुंचे ASI हीरा लाल ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच कहासुनी जरूर हुई थी, लेकिन बातचीत के जरिए मामले को सुलझा लिया गया है। महिला पुलिस कर्मी ने बताया कि दुकानदार ने अपनी गलती स्वीकार करते हुए माफी मांग ली है और सोने की चैन पूरी कर के लौटा दी गई है। वहीं इस मामले में प्रकाश ज्वैलर्स के सोनार ने मीडिया से दूरी बनाए रखी।
धुंध के कारण ट्रेनें लेट, यात्री परेशान
जालंधर| ठंड शुरू हो चुकी है। इस कारण दिन और रात में कोहरे से विजिबिलिटी लगभग जीरो हो चुकी है। ट्रेनें भी इसी वजह से लेट चल रहीं हैं, जिससे यात्री लगातार परेशान हो रहे हैं। ठंड को देखते हुए रेलवे ने ट्रेनों के शेड्यूल में निम्न बदलाव किए हैं। 1. कटिहार से अमृतसर (15707) 4 जनवरी को 180 मिनट 2. छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल-अमृतसर (11057) 4 जनवरी को 30 मिनट 3. दिल्ली जंक्शन-पठानकोट (22429) 6 को 30 मिनट 4. अमृतसर-जयनगर (14674) 6 जनवरी को 30 मिनट देरी से चलेगी 5. अमृतसर-अजमेर जंक्शन (19612) 6 जनवरी को 30 मिनट 1. अमृतसर-न्यू दिल्ली (12498) 6 जनवरी को फगवाड़ा जंक्शन तक 2. छेहरटा-लुधियाना (64552) 6 जनवरी को करतारपुर तक 3. अमृतसर-कानपुर सेंट्रल (22446) 6 जनवरी को जालंधर सिटी तक 4. अमृतसर-न्यू दिल्ली (12030) 6 जनवरी को जालंधर सिटी तक। यह गाड़ी शॉर्ट अॅर्गेनेटेड रहेंगी।
एकता विहार में अवैध निर्माण को लेकर शिकायत
जालंधर | मिट्ठापुर चौक से सटे एकता विहार में वेलफेयर सोसायटी के सदस्यों ने एरिया में हो रहे अवैध निर्माण को लेकर निगम में लिखित शिकायत दी है। इसमें लिखा है कि प्रॉपटी डीलर एक प्लॉट में क्वार्टर बना रहा है जबकि इस प्लॉट के ऊपर से हाई टेंशन तारें गुजर रही है। सोसायटी सदस्यों ने कमिश्नर को शिकायत देकर उक्त अवैध निर्माण बंद करवाने की मांग की। पदाधिकारी एसएस जोसन ने कहा कि यह रिहायशी एरिया है, जबकि यहां नक्शे के विपरीत निर्माण चल रहा है।
जयपुर भूकंप के लिहाज से हाई रिस्क जोन में है। जयपुर के अलावा अलवर-भिवाड़ी भी हाई रिस्क जोन में हैं। हाई रिस्क जोन का मतलब 5 से 6 रिक्टर स्केल के झटके आ सकते हैं। जो पुरानी बिल्डिंगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। हाल ही में ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडड्र्स ने देश का नया भूकंप जोखिम नक्शा जारी किया है। इसमें जयपुर, भिवाड़ी और अलवर को ज्यादा खतरे वाले जोन 4 में डाला गया है। इससे पहले साल 2016 तक जयपुर माइल्ड डैमेज रिस्क जोन 2 में शामिल था। स्पेशल रिपोर्ट में पढ़िए क्या है हाई रिस्क जोन में आने के मायने… जयपुर, भिवाड़ी और अलवर को क्यों माना हाई रिस्क जोन नए मैप में इस बार कई शहरों के जोन को अपग्रेड किया गया है। इससे पहले कई ऐसे शहर जो कम जोखिम में समझे जाते थे, अब अधिक संवेदनशील क्षेत्रों की सूची में आ गए हैं। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडडर्स ने इस मैप को PSHA यानी प्रोबैबिलिस्टिक सीस्मिक हैज़र्ड असेसमेंट मॉडल के आधार पर तैयार किया है। साल 2016 तक बीकानेर जोन 3, अजमेर, जयपुर, जोधपुर और उदयपुर जोन 2 में थे। एक्सपर्ट व्यू : नई बिल्डिंगों की बसावटों में रखना होगा ख्याल स्ट्रक्चरल इंजिनियर सुनील गोयल ने बताया कि पुरानी बिल्डिंगों को भूकंप के झटकों को झेलने के लिए डिजाइन ही नहीं किया जाता था। अब नए सिरे से तैयारी करनी होगी। फिलहाल सिर्फ एक सर्टिफिकेट से बिल्डिंग को सेफ-अनसेफ बता दिया जाता है, जबकि जेडीए और अन्य एजेंसियों को सभी प्रोजेक्ट की ड्राइंग और डिजाइन फाइल की जांच करनी चाहिए। आर्किटेक्ट्स को भी अपनी प्लानिंग में स्ट्रक्चरल सिस्टम को फॉलो करना होगा। इसके अलावा फ्लैट खरीदने वालों को भी सतर्क रहने की जरूरत है। इसे ऐसे भी समझा जा सकता है कि कार खरीदते वक्त हम उसके लुक के बजाय सेफ्टी फीचर्स को ज्यादा महत्व दें। नए मैप का मतलब भूकंप आने की आशंका बढ़ना नहीं भू वैज्ञानिक प्रोफेसर मनोज पंडित का कहना है कि नए मैप का मतलब ये नहीं है कि अचानक खतरा बढ़ गया है या भूकंप आने की आशंका बढ़ गई है। इसका मतलब है कि किस क्षेत्र में कितना भूकंप आ सकता है। भूकंप आने पर त्रासदी या विनाश को कितना कम किया जा सकता है। पुराना मैप पूर्व में आए भूकंप के आधार पर बनाया गया था। अब वैज्ञानिक तरीके से नया मैप तैयार किया गया है। ऐसे में ये नया कोड भूकंप की तैयारी को लेकर है। प्रोफेसर एचएस शर्मा ने बताया कि जयपुर पहले जोन 2 में आता था। अब दिल्ली एनसीआर और जयपुर को एक ही जोन में शामिल कर लिया गया है। जोन 4 में भूकंप की इंटेसिटी बढ़ती है। ऐसे में आने वाले समय में बिल्डिंग के स्ट्रक्चर में ध्यान रखने की जरूरत है। ताकि तीव्र भूकंप आने पर जनधन की हानि कम से कम की जा सके। क्या है नया भूकंप नक्शा? BIS ने नया नक्शा IS 1893 (Part 1): 2025 कोड के तहत जारी किया है, जो जनवरी 2025 से लागू है। अब देश में बिल्डिंग्स, ब्रिज, हाईवे और बड़े प्रोजेक्ट इसी नए भूकंप नियमों के अनुसार बनाए जाएंगे। यह नक्शा पुराने 2002 के नक्शे की जगह ले रहा है। यह नक्शा कितना भरोसेमंद है? यह अब तक का सबसे वैज्ञानिक और सटीक नक्शा कहा जा रहा है। इसमें GPS डेटा, सैटेलाइट स्टडी, फॉल्ट लाइन, भूकंप इतिहास, लाखों सिमुलेशन शामिल हैं जापान और न्यूजीलैंड जैसे देशों की तकनीक अपनाई गई है। क्या इससे भूकंप में जान बच सकेगी? विशेषज्ञों का कहना है कि नए नियमों से भूकंप में 80-90% नुकसान कम किया जा सकता है। नई बिल्डिंग्स गिरेंगी नहीं, झटके सहने लायक होंगी। पुरानी बिल्डिंग्स को भी अपडेट करना जरूरी है।
टैक्स जमा नहीं करने पर 5 संपत्ति सील
जालंधर | नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं करने पर 5 संपत्ति सील की है। इसमें शराब के ठेके और अहाता भी शामिल है। इन संपत्ति मालिकों ने लंबे समय से टैक्स जमा नहीं करवाया था। इसलिए निगम टीम ने बुधवार को नागरा रोड, लेदर कॉम्प्लेक्स, आदर्श नगर में शराब के ठेके सील किए।
पूर्व विधायक के भतीजे की हत्या में प्रिंस गिरफ्तार
जालंधर| पूर्व विधायक व भाजपा नेता शीतल अंगुराल के 17 साल के भतीजे विकास अंगुराल की हत्या करने वाले मुख्यारोपी रवि कुमार कालू वासी धारीवाल कादियां के साथी प्रिंस को गिरफ्तार किया है। पहले से 3 दिन के रिमांड पर चल रहे कालू का रिमांड खत्म होने के बाद बुधवार को कालू के साथ-साथ प्रिंस को कोर्ट में पेश किया गया। दोनों आरोपी 2 दिन के रिमांड पर दिए है। एसएचओ यादविंदर सिंह ने कहा कि प्रिंस को 120 फुटी रोड से पकड़ा है। तीसरे आरोपी कर्ण की तलाशजारी है। बता दें कि शुक्रवार रात करीब 10:30 बजे बस्ती दानिशमंदां के लसूड़ी मोहल्ले से सटे दुर्गे का खूह (दुर्गा कॉलोनी) में विकास की हत्या कर दी थी। भारत कुमार की शिकायत पर कत्ल का केस दर्ज किया गया है। भारत कुमार ने कहा कि दुर्गे के खूह के पास जब उनकी एक्टिवा पहुंची तो देखा कि रवि और उसके दो साथियों ने भतीजे विकास पर अटैक कर दिया। कालू ने उनके सामने ही विकास पर हथियार से वार किए थे।
इस ठंड आप भी जरूरतमंदों को अपने पुराने कपड़े दीजिए, ताकि वे खुद को बचा पाएं
भास्कर न्यूज | जालंधर सर्दियों का मौसम शुरू हो चुका है। इस दौरान शहर की समाजसेवी संस्थाएं और संगठन आर्थिक पक्ष से कमजोर लोगों की चिंता कर रहीं हैं। कोई इन गरीबों को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े बांट रहा है तो कोई घर-घर से पुराने गर्म कपड़े और कंबल इकट्ठे कर इन्हें दे रहा है, ताकि कड़कड़ाती ठंड से यह लोग खुद को बचा सकें। वहीं, लोगों की सोच में भी बदलाव आया है। वे अब अपने पुराने कपड़े फेंकते नहीं, बल्कि उन्हें जरूरतमंदों को दे देते हैं। पिछले लंबे समय से यह संस्थाएं गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए मेडिकल सुविधा, राशन मुहैया करवाने से लेकर उनको कपड़े दे रहीं हैं और सड़कों पर रहने वाले कमजोर, गरीब वर्ग के लोगों को मदद पहुंचा रहीं हैं। आज ऐसी ही दो संस्थाओं की कहानी जानिए... पहली संस्था है- ‘दिव्य दृष्टि व युनाइटेड क्वीन क्लब’। संस्था का मुख्य उद्देश्य समाज में निस्वार्थ रूप से लोगों की मदद करना है। इसकी मुख्य सदस्य प्रवीण अबरोल बताती हैं कि हमारी संस्था आर्थिक पक्ष से कमजोर परिवारों का इलाज करवाने के साथ-साथ गरीब लड़कियों की शादी में भी पूरा सहयोग करती है। उन्होंने बताया कि संस्था द्वारा सड़कों पर रह रहे लगभग 100 जरूरतमंद लोगों को कंबल बांटे जा चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने बताया कि आने वाली 24 दिसंबर को शहीदी दिहाड़े को समर्पित जरूरतमंद बच्चों को स्वेटर, गर्म जुराबें व टोपियां बांटी जाएंगी। जरूरतमंद लोगों को ठंड में गरम कपड़े बांटतीं प्रवीण अबरोल। बच्चों को ठंड से बचाव के लिए सामान देते सदस्य। दूसरी संस्था है- ‘शहीद अजीत सिंह नौजवान सोसायटी’। इसके अध्यक्ष दीपक महेंद्रू कहते हैं कि संस्था द्वारा बच्चों और बुजुर्गों की सेहत को प्राथमिकता दी जा रही है। कई जगहों पर छोटे बच्चे बिना गर्म कपड़ों के बाहर घूमते हैं। उन्हें संस्था ने मोजे, दस्ताने और ऊनी टोपियां उपलब्ध कराईं। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों एनआरआई भाइयों के सहयोग से 300 जरूरतमंद बच्चों को स्वेटर और जूते वितरित किए गए। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि ठंड चल रही है। यदि आपके पास भी ऐसे अतिरिक्त गर्म कपड़े हैं जो आपके उपयोग में नहीं हैं, तो उन्हें किसी पास की संस्था या जरूरतमंद तक जरूर पहुंचाएं।
बाइक सवार को ट्रक ने मारी टक्कर, 1 की मौत, दो गंभीर
भास्कर संवाददाता | हरदा हरदा- नर्मदापुरम स्टेट हाईवे पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक को टक्कर मार दी। इससे एक की मौत हो गई। वहीं दो गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा उड़ा के पास हुआ। प्राथमिक उपचार के बाद घायलों को इंदौर रेफर किया है। तीनों कृषि उपज मंडी चना से भरी ट्रैक्टर- ट्रॉली खड़ी करने के बाद एक ही बाइक से घर लौट रहे थे, तभी हादसा हो गया। हादसे के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया। जानकारी के अनुसार ऊंद्राकच्छ निवासी राजेश सिंह मौर्य, अपने दो दोस्तों बसंत दोगने और सचिन राजपूत के साथ हरदा कृषि उपज मंडी में चना लेकर आया। शाम को चना ट्रॉली शेड में खड़ी करने के बाद तीनों बाइक से घर लौटने लगे। इसी दौरान रात 8.30 बजे हरदा- नर्मदापुरम स्टेट हाईवे उड़ा के पास तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी। टक्कर से तीनों गिर गए। हादसे में ऊंद्राकच्छ निवासी राजेश सिंह मौर्य (40) की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं धौलपुर के बसंत पिता सूरज दोगने और सचिन पिता रेवाराम राजपूत गंभीर हालत में जिला अस्पताल लेकर आए, जहां प्राथमिक उपचार के बाद इंदौर रेफर किया। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
'बच्ची के चेहरे पर खरोंच के निशान थे, लेकिन शरीर पर किसी तरह का कोई निशान नहीं था। जब प्राइवेट पार्ट का एग्जामिनेशन किया जा रहा था, तब हम लोगों ने देखा कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट का हाइमन फटा हुआ था। मतलब उसका प्राइवेट पार्ट बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। काफी ब्लीडिंग हो रही थी। संभवत इसी वजह से बच्ची की मौत हुई है। मैंने अपने करियर में ऐसी घटना नहीं देखी।' ये बातें आरा सदर अस्पताल के डॉक्टर सौरभ कुमार ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कही। दरअसल, मंगलवार की रात घर में सो रही 5 साल की बच्ची की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। वारदात की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने पहले बच्ची की लाश को बरामद किया और पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। साथ ही फरार आरोपी की तलाश में जुट गई। वारदात को आरोपी ने कैसे अंजाम दिया, घटना के दौरान बच्ची के परिजन कहां थे, वारदात की जानकारी कैसे मिली, आरोपी के बारे में पीड़ित परिवार ने क्या बताया और बच्ची की लाश का पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर ने क्या बताया? पढ़ें पूरी रिपोर्ट... 'पोस्टमॉर्टम के दौरान शर्मिंदगी महसूस हो रही थी' बच्ची की लाश का चार डॉक्टरों की टीम ने आरा सदर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम किया। इस दौरान एक महिला डॉक्टर और तीन पुरुष डॉक्टर शामिल थे। इनमें से एक डॉक्टर सौरभ ने बताया कि पोस्टमॉर्टम करने के दौरान शर्मिंदगी महसूस हो रही थी और गुस्सा भी आ रहा था। मन में सवाल चल रहा था कि आखिर हमारा समाज कहां जा रहा है? लेकिन हम लोगों का पेशा ही ऐसा है, पोस्टमॉर्टम तो करना ही था। हम लोगों ने बच्ची के प्राइवेट पार्ट से स्वाब लिया है। बच्ची के सिर का बाल, नाखून और कई क्लू को FSL को भेजा गया है। 5 साल की बच्ची के साथ दरिंदगी कतई किसी को मंजूर नहीं होगी। जब भी इस तरह का मामला हम लोगों के पास आता है, सिर शर्म से झुक जाता है। ऐसे केस में हम डॉक्टरों को काफी दिक्कतें होती हैं, हाइमन के फटने से साफ प्रतीत होता है कि बच्ची के साथ दरिंदगी की गई है। फिलहाल, जो नमूना हम लोगों को एफएसएल को भेजना था, वो भेज दिया है। बाकी रिपोर्ट तैयार किया जा रहा है। मृत बच्ची की चाची बोली- आरोपी को मैंने देखा था, ताक-झांक कर रहा था मृतक बच्ची की चाची सीमा देवी ने बताया कि, बच्ची के पिता बाहर में रहकर काम करते हैं। मंगलवार की रात मेरी जेठानी यानी बच्ची की मां बाहर गई थी। जेठानी ने बच्ची को घर में कंबल ओढ़ाकर सुला दिया था। मैं अपने घर में टीवी देख रही थी। किसी काम से थोड़ी देर के लिए बाहर आंगन में आई तो देखा कि आरोपी 35 साल का मुकेश घर में ताक-झांक कर रहा है। मैं आरोपी को टोकने ही वाली थी कि मेरी जेठानी आ गई। हम दोनों टीवी देखने लगे। इस दौरान मेरे जेठ का फोन आ गया। फिर वो घर के बाहर बात करने चली गई। बात खत्म हुई तो रात करीब 11 बजे उन्होंने देखा कि बेटी कंबल के अंदर नहीं है। सड़क किनारे पानी में मिली बॉडी मेरी जेठानी ने मुझसे बच्ची के बारे में पूछा, मैंने बताया कि अभी तो उसे देखा था, सो रही थी। फिर, हम दोनों को लगा कि बच्ची टॉयलेट करने गई होगी। हम दोनों टॉर्च लेकर निकले और बच्ची का नाम लेकर आवाज लगाने लगे, लेकिन जब रिस्पॉन्स नहीं मिला तो घर के आसपास खोजा। पड़ोसियों से भी पूछा। करीब एक से दो घंटे तक हम लोग बच्ची की तलाश करते रहे, लेकिन जब वो नहीं मिली तो देर रात हम लोगों ने डायल 112 को कॉल किया और घटना की जानकारी दी। मामले की गंभीरता को समझते हुए डायल 112 की टीम हम लोगों के घर पहुंची और बच्ची की तलाश में जुट गई। देर रात तक हम लोग जगे रहे, मन में तरह-तरह के ख्याल आ रहे थे। बच्ची की चाची ने बताया कि बुधवार की सुबह अचानक हल्ला हुआ कि अगिआंव नहर के पास सवान खंदा नहर के पास सड़क किनारे पानी में लाश पड़ी है। मेरा तो कलेजा फट गया। अचानक मुकेश का चेहरा याद आ गया। घर में जो भी थे, घटनास्थल की ओर रोते-बिलखते दौड़े। डायल 112 की पुलिस भी आई, फिर मैंने रात की पूरी बात पुलिस को बताई। आरोपी और मृतक बच्ची का गांव आसपास मृतक बच्ची की चाची ने बताया कि, आरोपी का गांव हमारे गांव से बस कुछ ही दूरी पर है। आरोपी नशेड़ी है, दिन रात गांव में घूमता रहता है। हालांकि, वो हमारे गांव का नहीं है, तो हम लोगों को उसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता है, लेकिन गांव में आने जाने के दौरान उसे देखा था, उसके बारे में लोग बातचीत करते थे, तो उसका नाम पता था। भगवान दरिंदे को काफी बुरी मौत दे। हमारे घर की खुशियां छीन ली है। परिजन ने सड़क पर लगाया जाम, आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की बच्ची की लाश मिलने के बाद लोगों ने उसकी लाश को सड़क पर रखकर करीब 2 घंटे तक जाम किया। आक्रोशित लोगों ने आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी और उचित मुआवजे की मांग की। मौके पर मौजूद गड़हनी थाने के SHO कमलजीत ने काफी मशक्कत के बाद आक्रोशितों को शांत किया। उन्होंने गांव के लोगों को आश्वासन दिया कि आरोपी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी, तब जाकर लोगों ने जाम हटाया।
अंडर-19 क्रिकेट मुकाबलों में रोमांच, जूनियर-171 फाइनल में
भास्कर संवाददाता | सागर नगर निगम स्टेडियम में आयोजित सांसद खेल महोत्सव के अंतर्गत चल रही क्रिकेट प्रतियोगिता के दूसरे दिन अंडर-19 वर्ग के मुकाबले बेहद रोमांचक रहे। विभिन्न स्कूलों की टीमों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की और दर्शकों को रोमांच से भर दिया। प्रतियोगिता में युवा खिलाड़ियों की प्रतिभा और प्रतिस्पर्धात्मक खेल देखने को मिला। अंडर-19 वर्ग के एक अहम मुकाबले में अंबेडकर वार्ड की टीम ने एसएसपीएस स्कूल को 62 रनों से पराजित कर प्रभावशाली जीत हासिल की। वहीं रॉयल किंग स्कूल के खिलाफ खेले गए मैच में जॉय कैंपियन स्कूल की टीम ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 3 ओवर शेष रहते लक्ष्य हासिल कर लिया। अन्य मुकाबले में गौर नगर मकरोनिया की टीम ने मोराजी किंग्स स्कूल को 7 विकेट से हराकर अपनी मजबूत दावेदारी पेश की। स्वामी विवेकानंद स्कूल और जूनियर-171 के बीच हुए मुकाबले में जूनियर-171 की टीम ने 19 रनों से जीत दर्ज कर सभी को प्रभावित किया। इसके बाद फर्स्ट सेमीफाइनल में भी जूनियर-171 का दबदबा देखने को मिला, जहां टीम ने जॉय कैंपियन स्कूल को 7 विकेट से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। दूसरे दिन प्रतियोगिता के शुभारंभ अवसर पर पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष हरिराम सिंह ठाकुर, उमेश सिंह केवलारी, मनीष नेमा, रवि ठाकुर एवं क्रिकेट प्रतियोगिता प्रभारी आदित्य पांडे स्टेडियम पहुंचे। अतिथियों ने खिलाड़ियों से परिचय लेकर उनका उत्साहवर्धन किया और खेल भावना से आगे बढ़ने का संदेश दिया।
जनवरी में मंदिर स्थापना दिवस व गहोई दिवस मनाएगा गहोई वैश्य समाज
सागर | श्री गहोई वैश्य समाज के संचालक मंडल की बैठक समाज अध्यक्ष सुरेंद्र सुहाने की अध्यक्षता में हुई। बैठक में समाज के आगामी कार्यक्रमों को लेकर चर्चा की गई तथा सर्वसम्मति से महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में समाज के संरक्षक ओमप्रकाश रूसिया, ट्रस्ट कमेटी अध्यक्ष मनोज डेंगरे, सचिव डॉ. संजीव कठल, कोषाध्यक्ष वीरेंद्र सुहाने, सहसचिव सचिन सिपोलिया सहित सदस्य उपस्थित थे। मीडिया प्रभारी शरद गुप्ता ने बताया कि बैठक में मंदिर स्थापना दिवस के अवसर पर 24 जनवरी को श्री जगमोहन सरकार का प्रातःकालीन अभिषेक कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इसके अगले दिन 25 जनवरी रविवार को गहोई दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस अवसर पर शोभायात्रा का आयोजन होगा, जो श्री गेंडाजी उत्सव भवन से प्रारंभ होकर गेंडाजी धर्मशाला गुजराती बाजार में संपन्न होगी। बैठक में तय किया गया कि आगामी माह मई में सामूहिक विवाह एवं परिचय सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। बैठक में आनंद ददरया, रमेश इटोरिया, मोहन रूसिया, सुधीर झुडेले, महेश इटोरिया, शरद गुप्ता (विश्ववारी), अतुल सरावगी एवं सृजन सुहाने उपस्थित थे।
ट्रक चढ़ने से वाल्व टूटा, आज शहर में नहीं होगी सप्लाई
सागर | राजघाट बांध से शहर में होने वाली जलापूर्ति की मुख्य पाइपलाइन की वाल्व पर ट्रक चढ़ जाने के कारण वाल्व क्षतिग्रस्त हो गई। यह घटना बुधवार को कालीचरण चौराहे पर वीसी बंगला के सामने हुई। इसके कारण इंदिरा नगर वार्ड की सप्लाई प्रभावित हो गई। हालांकि यहां से लगातार बहते पानी को रोकने राजघाट बांध से जलापूर्ति ही रोक दी गई। नगर निगम के जलप्रदाय विभाग के मुताबिक वाल्व का सुधार कार्य किए जाने के कारण गुरुवार को राजघाट बांध से टंकियों में जलापूर्ति पूरी से तरह से बंद रहेगी। इस कारण गुरुवार को तय शेड्यूल की सप्लाई पूरे शहर में ही नहीं हो सकेगी। 18 दिसंबर की पेयजल सप्लाई 19 दिसंबर को होगी। जबकि 19 दिसंबर के शेड्यूल की सप्लाई 20 दिसंबर को की जाएगी।
SIR : 33685 वोटर को फॉर्म जमा करने आज अंतिम मौका
भास्कर संवाददाता| सागर विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत मतदाता सूची के सत्यापन कार्य का गुरुवार को अंतिम दिन है। पूर्व में दो बार अंतिम तारीख बढ़ाई जा चुकी है, ऐसे में अब तारीख बढ़ना भी मुश्किल है। जिले में 18 लाख 14 हजार 792 मतदाताओं में से 16 लाख 53 हजार 160 मतदाताओं का मिलान पूरा कर लिया गया है। फिलहाल जिले में 1 लाख 61 हजार 460 मतदाताओं के फॉर्म अब तक वापस नहीं आए हैं। जिससे उनके नामों का मिलान नहीं हो सका है। 81158 मतदाता ऐसे हैं जो स्थाई रूप से अन्य जगह शिफ्ट हो चुके हैं। 36469 की मौत हो चुकी है। 10148 डुप्लीकेट मतदाता भी शामिल हैं। इस हिसाब से देखा जाए तो 1 लाख 27 हजार 775 मतदाताओं के नाम हटना तय है। ये मृतक, स्थायी शिफ्ट और डुप्लीकेट यानी दो जगह दर्ज मतदाताओं की श्रेणी मंे शामिल हैं। 33685 ने अब तक अपने फॉर्म वापस नहीं किए हैैं। ऐसे में इन्हें अपने फॉर्म जमा करने का अंतिम मौका गुरुवार को ही है। इनमें भी 27676 अब भी ऐसे हैं, जिनके माता-पिता या दादा-दादी का नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं मिला है। ऐसे में अंतिम दिन भी कम ही फॉर्म वापस लौटने की संभावना है। मतदाता सूची ड्राफ्ट का प्रकाशन 23 दिसंबर को होगा। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी मतदाता का नाम बिना पूर्व सूचना के सूची से नहीं हटाया जाएगा। नाम काटने से पहले संबंधित व्यक्ति को नोटिस भेजा जाएगा और जवाब देने पर्याप्त समय दिया जाएगा। नोटिस मिलने के 7 दिन के भीतर ही संबंधित को जवाब देने उपस्थित होना होगा। आयोग द्वारा निर्धारित किए गए दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज दिखाना होगा।
26 हजार करोड़ से हो रहे एनसीएल के मेगा विस्तार से एचईसी को 5000 करोड़ के वर्कऑर्डर मिलने का भरोसानॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल), सिंगरौली में 26 हजार करोड़ रुपए की मेगा विस्तार परियोजना का काम शुरू हो गया है। इस परियोजना को तीन चरणों में पूरा किया जाना है, जिसमें पहले चरण का कार्य प्रारंभ हो चुका है। इस विस्तार से हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) को आने वाले सात साल में करीब 5000 करोड़ रुपए के वर्कऑर्डर मिलने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। दरअसल, एनसीएल में अब तक इस्तेमाल हो रहीं 80 प्रतिशत से ज्यादा मशीनों की आपूर्ति एचईसी द्वारा की गई है। इसी भरोसे को आगे बढ़ाते हुए मंगलवार को एनसीएल के उच्चाधिकारियों की टीम और एचईसी के तीनों निदेशकों के बीच लंबी मैराथन बैठक हुई। इस बैठक में दोनों संस्थानों के बीच भविष्य के कार्यों और भुगतान को लेकर अहम सहमति बनी। प्रबंधन सूत्रों ने बताया- बैठक में तय हुआ कि एचईसी को पहले चरण में 60 करोड़ रुपए का वर्कऑर्डर दिया जाएगा। इसके अलावा एक साल के भीतर कुल 100 करोड़ रुपए तक के ऑर्डर जारी किए जाएंगे। परियोजना के आगे बढ़ने के साथ एचईसी को और भी बड़े वर्कऑर्डर मिलने का रास्ता साफ होता दिख रहा है। इस बैठक में एचईसी के डायरेक्टर्स बीएस. गर्ग, मुकेश कुमार और मनोज कुमार शामिल हुए। वहीं एनसीएल के डायरेक्टर फाइनेंस और डायरेक्टर टेक्नीशियन के साथ पूरी टीम शामिल रही। 10 करोड़ का भुगतान इसी माह करेगी एनसीएल प्रबंधन सूत्रों के मुताबिक, एनसीएल के साथ हुई बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि एचईसी द्वारा पिछले 15 दिनों में डिस्पैच किए गए उत्पादों के करीब 10 करोड़ रुपए का भुगतान इसी दिसंबर में जारी किया जाएगा। इससे कंपनी को तात्कालिक वित्तीय राहत मिलने की उम्मीद है। वहीं, एनसीएल की 26 हजार करोड़ रुपए की विस्तार परियोजना एचईसी के लिए दीर्घकालिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकती है। माना जा रहा है कि इस परियोजना से एचईसी को न केवल बड़े वर्कऑर्डर मिलेंगे, बल्कि उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी के साथ रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। एनसीएल से जुड़े 72 करोड़ के स्पेयर्स के वर्कऑर्डर पहले से हैं एचईसी के एक अधिकारी के अनुसार, फिलहाल कंपनी के पास एनसीएल से जुड़े 72 करोड़ रुपए के स्पेयर्स का पेंडिंग वर्कऑर्डर है, जिसे अगले छह महीनों में पूरा किया जाना है। इसके अलावा कोल हैंडलिंग प्लांट (सीएचपी) के लिए 198 करोड़ रुपए के वर्कऑर्डर भी एचईसी के पास हैं, जो वर्ष 2020-21 में मिला था। इस प्रोजेक्ट का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, शेष कार्य मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में एचईसी के पास कुल 550 करोड़ रुपए के वर्कऑर्डर हैं। वर्कऑर्डर आने पर एचईसी अपनी पूरी क्षमता से काम करेगा। वर्क ऑर्डर पूरा करने में कामगार कोई कसर नहीं छोड़ेंगे : यूनियनएचईसी श्रमिक संघ के अध्यक्ष सन्नी सिंह ने कहा कि एचईसी एशिया की सबसे बड़ी मशीन निर्माता कंपनी है और इसमें अपार उत्पादन क्षमता मौजूद है। कहा कि यदि पर्याप्त वर्क ऑर्डर मिलते हैं तो यहां के श्रमिक पूरी क्षमता के साथ काम करेंगे और एचईसी को आगे ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वर्क ऑर्डर के साथ-साथ नई भर्तियों की भी आवश्यकता होगी। वर्तमान में एचईसी में 911 स्थायी और लगभग 1300 अस्थायी कर्मी कार्यरत हैं। वहीं, एचईसी मजदूर संघ के महामंत्री रामाशंकर प्रसाद ने कहा कि एचईसी द्वारा निर्मित मशीनें उच्च गुणवत्ता की होती हैं। एचईसी ने चंद्रयान मिशन के लिए लॉन्चिंग पैड, रक्षा क्षेत्र तथा रेलवे के लिए कई महत्वपूर्ण मशीनें बनाई हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 दिसंबर को एक महिला डॉक्टर को नियुक्ति पत्र देते समय उसका हिजाब खींच दिया। इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि नीतीश को मीडिया से दूरी बनानी पड़ी। महिला के साथ अटपटी हरकत के आरोपों के बीच बुधवार को नीतीश बोधगया पहुंचे। भगवान बुद्ध के आगे हाथ जोड़े नजर आए। इससे पहले कैमरे को देखकर दूर से ही हाथ उठाकर इशारा कर दिया। हिजाब विवाद के बाद सीएम के कार्यक्रम का पैटर्न बदला गया है। अब सिर्फ तीन लोगों को सिंबोलिक लेटर दिया जाएगा, लाइव स्ट्रीमिंग नहीं होगी, सीएम के कार्यक्रम छोटा किया जाएगा। कार्यक्रम के बाद में वीडियो और फोटो जारी किए जाएंगे। भास्कर की खास रिपोर्ट में जानें नए विवाद से बचने के लिए नीतीश कुमार ने क्या रणनीति अपनाई है। उनके कार्यक्रम में क्या बदलाव किए गए हैं। सबसे पहले ये दो तस्वीरें देखिए 1- भगवान बुद्ध की शरण में नीतीश कुमार बुधवार को नीतीश कुमार बोधगया पहुंचे। उन्होंने महाबोधि मंदिर में भगवान बुद्ध का दर्शन किया। सीएम ने गया में बिहार लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) के 2 दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। इसने बाद संवाद वाटिका, नक्षत्र वन, ब्रह्म योनि सरोवर का पुनर्जीवन, मोटर ड्राइविंग स्कूल और स्पेस गैलरी का शिलान्यास किया। इस कार्यक्रम के वीडियो और फोटो जारी किए गए। मीडिया को इंट्री नहीं थी। 2- सीएम ने 3 अभ्यर्थी को दिए नियुक्ति पत्र सीएम नीतीश को ऊर्जा विभाग के अंतर्गत बिहार स्टेट पावर (होल्डिंग) कंपनी लिमिटेड और उससे जुड़ी कंपनियों में भर्ती के लिए चुने गए 2390 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देना था। कार्यक्रम में सीएम ने सिर्फ 3 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए। इसके बाद अधिकारियों ने यह काम किया। इस कार्यक्रम में भी मीडिया को एंट्री नहीं मिली। सीएम नीतीश कुमार के कार्यक्रम का नया पैटर्न क्या है? हिजाब मामले के तूल पकड़ने के बाद नीतीश कुमार के बैक-टू-बैक दो कार्यक्रम हुए। इनमें कई बदलाव दिखे। 3 पॉइंट में जानें नया पैटर्न… 1. चुनिंदा अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देना मुख्यमंत्री ने अपने कार्यक्रम को सीमित किया है। नियुक्ति पत्र वितरण जैसे कार्यक्रम में चुनिंदा अभ्यर्थियों को ही वह खुद नियुक्ति पत्र दे रहे हैं। इसकी झलक ऊर्जा विभाग के कार्यक्रम में दिखी। सीएम नीतीश कुमार ने 3 अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र दिए। शेष अन्य अभ्यर्थियों को ऊर्जा विभाग के अफसरों ने नियुक्ति पत्र दिए। अब आगे भी नियुक्ति पत्र बांटने के कार्यक्रम में इसी पैटर्न पर काम होगा। 2. मीडिया की नो इंट्री आने वाले 5 साल में बिहार सरकार 1 करोड़ नौकरी-रोजगार देने जा रही है। इसका काफी प्रचार किया जा रहा है, लेकिन 2390 नियुक्ति पत्र बांटे जाने वाले कार्यक्रम में मीडिया की नो एंट्री कर दी गई। किसी मीडिया कर्मी को जाने नहीं दिया गया। यहां तक कि इसे टेलीविजन पर लाइव टेलीकास्ट कराने में रुचि नहीं दिखाई गई। विभागीय सूत्रों के अनुसार आगे भी कार्यक्रम का पैटर्न इसी तरह रखा जाएगा ताकि कोई विवाद बाहर न आ सके। 3. सोशल प्लेटफार्म पर नो लाइव स्ट्रीमिंग सरकार के हर विभाग को सोशल प्लेटफार्म पर लाया जा रहा है, लेकिन सीएम नीतीश कुमार के कार्यक्रम का सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सीधा प्रसारण (लाइव स्ट्रीमिंग ) नहीं किया गया। आईपीआरडी से लेकर पार्टी के सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाइव स्ट्रीमिंग बंद कर दी गई। इसके बदले सरकार की ओर से सीएम नीतीश कुमार के वीडियो और फोटो शेयर किए गए हैं। आने वाले दिनों में इसी तरीके से सीएम के कार्यक्रम का कवरेज होगा। क्यों बदला नीतीश कुमार का पैटर्न?, जानें एक्सपर्ट की राय राजनीतिक विश्लेषक संतोष कुमार ने कहा, ‘सीएम नीतीश कुमार को उनके उनके नवरत्न (चहेते अधिकारी) मीडिया और लोगों से दूर कर रहे हैं। वे नहीं चाहते कि सीएम लोगों से मिले।’ पुराने दिनों के याद करते हुए संतोष ने कहा, ‘नीतीश कुमार को आलोचना पसंद थी। कहते थे कि आप लोग हमें हमारी खामियां बताएं। वह रोज बुद्धिजीवियों के साथ बैठते थे। गपबाजी करते, दरबार लगाते।’ उन्होंने कहा, 'आज नीतीश को पॉजिटिव चीजों से दूर किया जा रहा। मीडिया बैन किया जा रहा है। इन सबके पीछे उनकी सेहत है। उनकी कार्यशैली को छिपाने के लिए यह सब हो रहा है।' बिहार के पूर्व डीजीपी अभ्यानंद ने कहा, ‘सीएम नीतीश कुमार के कई कार्यक्रम में उठा-पटक हो जा रहा। हिजाब हटाए जाने जैसी हरकत पर सवाल नहीं उठे, यह संभव नहीं है। वीआईपी को इस तरह का काम नहीं करना चाहिए।' डॉ. सहजानंद नीतीश की सेहत के सवाल पर कहते हैं, ‘सेहत को छोड़िए। काम फेस पर होता है। नीतीश कुमार का मुख्यमंत्री बने रहना जरूरी है। इन्होंने राज्य का काफी विकास किया है। आप जब बिहार घूमते हैं तो पता चलता है कि कितना बदलाव हुआ है। उन्होंने कहा, ‘रात-दिन कहीं घूमिए। कोई फर्क नहीं पड़ता है। हर तबका खुश है। बिहार को 100 साल ऐसे सीएम की जरूरत है। उनके फेस की जरूरत है। काम फेस पर होता है।’ अब जानिए सीएम नीतीश कुमार ने कब-कब अजीब काम किए 13 दिसंबर 2025: बिहार पुलिस अकादमी राजगीर में 1218 ट्रेनी दारोगा के दीक्षांत समारोह के दौरान सीएम नीतीश कुमार को परेड की सलामी लेनी थी। खुली जीप में सवार होना था। परंपरा के अनुसार उनके साथ केवल पुलिस महानिदेशक (DGP) जीप में मौजूद थे। जैसे ही मुख्यमंत्री जीप की ओर बढ़े, उनकी नजर मंच पर बैठे मंत्रियों पर पड़ी। उन्होंने सम्राट चौधरी की ओर इशारा करते हुए कहा, अरे आप भी आओ भाई...चलो ना। इसके बाद सम्राट जीप पर सवार हो गए। फिर नीतीश ने एक-एक कर 2 अफसरों से कहा, अरे चलिए ना भाई...आइए ना। कुछ देर बाद वे लोग भी जीप पर सवार हो गए। इसके बाद नीतीश ने संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी और ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार की ओर इशारा करते हुए कहा, अरे आप भी आइए, चलिए ना भाई। 20 नवंबर 2025: नीतीश कुमार 10वीं बार सीएम बने। गांधी मैदान में उन्होंने पद की गोपनियता की शपथ ली। कार्यक्रम के खत्म होने के बाद CM नीतीश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छोड़ने पटना एयरपोर्ट पहुंचे। इस दौरान नीतीश PM मोदी के पैर छूने लगे। हालांकि, मोदी ने उन्हें रोक लिया था। 20 मार्च 2025: पटना के पाटलिपुत्र स्टेडियम में सेपक टकरा विश्व कप 2025 आयोजित किया गया था। उद्घाटन के दौरान राष्ट्रगान की घोषणा हुई। उसी समय नीतीश मंच से उतर गए। खिलाड़ियों से बात करने लगे। राष्ट्रगान बजा तो मुस्कुराते हुए अपने प्रधान सचिव से बात करते दिखे। मीडिया कर्मियों को नमस्ते किया। 18 जनवरी 2025: बेगूसराय में जीविका दीदियों से बात करते हुए कहा, 'पहले कोई लड़की कपड़ा पहनती थी ठीक। अब कितना बढ़िया हो गया। सब अच्छा कपड़ा पहन रहीं हैं। पहले नहीं बोल पाती थी। अब बहुत अच्छा है। जहां भी जाते हैं जीविका दीदी से बात करते हैं।' 30 जनवरी 2025: राष्ट्रपति महात्मा गांधी की याद में मौन रखने के बाद नीतीश कुमार अचानक ताली बजाने लगे थे। 8 मार्च 2025: नीतीश कुमार होली मिलन समारोह में भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद के पैर छूने लगे। 19 जून 2024: नालंदा में एक कार्यक्रम के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी का हाथ पकड़कर उनकी हथेली देखने लगे। 15 अक्टूबर 2024: गांधी मैदान में रावण वध समारोह के दौरान रावण पर चलाने के लिए तीर और धनुष लिया, लेकिन अचानक फेंक दिया। 29 नवंबर 2024: मंत्री अशोक चौधरी विधानसभा में बोल रहे थे तभी उनके ब्रेसलेट से खेलने लगे।
एलिवेटेड कॉरिडोर : पेचवर्क से हुई है यह दुर्दशा
सागर| शहर की लाखा बंजारा झील पर बने एलिवेटेड कॉरिडोर की क्षतिग्रस्त सड़क पर नगर निगम द्वारा हाल ही में कराया गया पेचवर्क अब खुद ही सवालों के घेरे में आ गया है। मरम्मत के नाम पर किए गए इस कार्य की दुर्दशा साफ दिख रही है। यह एलिवेटेड कॉरिडोर शहर का महत्वपूर्ण मार्ग है, जो बस स्टैंड से बड़ा बाजार सहित शहर के कई वार्डों को जोड़ता है। दिनभर इस मार्ग से हजारों वाहन गुजरते हैं। किनारे से निकल रहे दोपहिया वाहन : सुबह और शाम के समय बड़ी संख्या में लोग यहां टहलने आते हैं। हाल ही में किए गए पेचवर्क के बाद सड़क की स्थिति और भी बदतर हो गई है। जगह-जगह गड्ढे और उभरे हुए पेच साफ नजर आ रहे हैं। सड़क की सतह असमान हो गई है, जिससे वाहन चालकों को संभलकर चलना पड़ रहा है। दोपहिया चालक आजू-बाजू से गुजर रहे हैं।
पार्वती नगर में दंत चिकित्सा शिविर लगाया, 50 बच्चों का परीक्षण किया
उज्जैन | जीवनदीप महिला विंग एवं जीवनदीप परिवार के संयुक्त तत्वावधान में सेंट पॉल स्कूल के पास स्थित बस्ती पार्वती नगर में जरूरतमंद बच्चों के लिए नि:शुल्क दंत चिकित्सा शिविर लगाया गया। इसमें 50 बच्चों का दंत परीक्षण कर उन्हें दांतों की स्वच्छता और मौखिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। इस अवसर पर जीवनदीप संस्था की दंत चिकित्सक डॉ. श्रद्धा जैन ने बच्चों की जांच की तथा उन्हें सही तरीके से दांत साफ करने की जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए ब्रश, टूथपेस्ट, कॉपी, पेन फ्रूट्स एवं बिस्किट जैसी उपयोगी सामग्री भी वितरित की गई। इस अवसर पर जीवनदीप महिला विंग की सदस्य उपस्थित थीं।
श्रीमद भागवत कथा महोत्सव के शुभारंभ पर निकाली शोभायात्रा
उज्जैन | क्षीरसागर स्थित नीमा समाज धर्मशाला में सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा महोत्सव अंतरराष्ट्रीय पुष्टिमार्गीय वैष्णव परिषद और सीताबाई बापूलाल नीमा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार से प्रारंभ हुआ। कथा शुभारंभ से पूर्व गोस्वामी गोवर्धनेश महाराज के सान्निध्य में शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा मदनमोहनजी मंदिर से शुरू हुई जो कथा स्थल क्षीरसागर पहुंची। यात्रा से पहले मदनमोहनजी मंदिर में गिरिराज जी का 51 लीटर दूध से दुग्धाभिषेक किया गया। दोपहर 2 बजे से महाराजश्री ने श्रीमदभागवत कथा का संगीतमय रसपान कराया। आयोजन में वैष्णव परिषद के प्रमुख सदस्य और श्रद्धालु शामिल हुए।
27 विद्यार्थियों को साइकिल वितरित
उज्जैन | शासकीय हाईस्कूल नलवा में साइकिल वितरण और सम्मान समारोह हुआ। कक्षा नौंवी के 27 विद्यार्थियों को साइकिल वितरण किया गया। साथ ही कक्षा 10वीं की परीक्षा में उच्चांक प्राप्त विद्यार्थियों का सम्मान किया। इसके अलावा शत-प्रतिशत परीक्षा परिणाम देने वाले विषय शिक्षकों को भी पुरस्कृत किया गया। अतिथि निगम सभापति कलावती यादव, दीपक चौधरी, शैलेंद्र शर्मा, अनिल मालवीय थे।
कालिदास कॉलेज में छात्राओं की आंखें जांची, देखभाल के उपाय बताए
उज्जैन | शासकीय कालिदास कन्या महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने निःशुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया। इसका उद्देश्य छात्राओं और स्टाफ को नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और समय रहते आंखों की समस्याओं की पहचान करना था। मीडिया प्रभारी डॉ. रूपा भावसार के अनुसार मुख्य अतिथि नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्चिता सिंह बग्गा ने छात्राओं को आंखों की देखभाल के उपाय बताए। उन्होंने संतुलित आहार, नियमित जांच और डिजिटल उपकरणों के सीमित उपयोग पर जोर दिया। प्राचार्य डॉ. वंदना गुप्ता ने छात्राओं को दृष्टिहीनता की कल्पना कराते हुए नेत्र स्वास्थ्य का महत्व समझाया।
सीजन की सबसे सर्द रात, पारा 8 डिग्री
भास्कर संवाददाता | उज्जैन मंगलवार-बुधवार की रात इस सीजन की सबसे ठंडी रात रही, जब न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस पर आ गया। बर्फीली उत्तरी हवा और बादल छंटने के कारण ठंड का प्रभाव बढ़ गया। दिसंबर में 10 दिन तक न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे रहा। पिछले कुछ दिनों से बादल के कारण दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी हो रही थी, लेकिन बादल छंटते ही उत्तरी भारत से आ रही ठंडी हवाओं ने मैदानी इलाकों में ठिठुरन बढ़ा दी है। मंगलवार रात न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया, जबकि एक दिन पहले यह 10 डिग्री था, जो 2 डिग्री की गिरावट दर्शाता है। ठंड का असर लोगों की दिनचर्या पर भी दिखाई दे रहा है। सुबह घना कोहरा छाए रहने से दृश्यता कम हो गई, जिससे हाईवे पर वाहनों की रफ्तार धीमी रही। शाम ढलते ही बाजार में सन्नाटा पसर जाता है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर भारत में जारी शीतलहर का असर अगले कुछ दिनों तक बना रहेगा। 19 से नया पश्चिमी विक्षोभ होगा सक्रिय मौसम विभाग के अनुसार 19 दिसंबर से कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित करने की संभावना है। इससे रात के साथ दिन के तापमान में भी एक से दो डिग्री की गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है।
रांची हवाई अड्डे पर बुधवार को घने कोहरे के कारण यात्री काफी परेशान रहे। कोलकाता जाने वाली तीन उड़ानें रद्द कर दी गईं। इनमें से दो पहले ही 31 दिसंबर तक के लिए स्थगित की गई थीं। इसके अलावा, कई अन्य फ्लाइट भी देर से उड़ान भर सकीं। सुबह 8.55 बजे बेंगलुरू जाने वाला इंडिगो का विमान तीन घंटे की देरी के बाद 12.08 बजे रवाना हुआ। इसी तरह सुबह 9.05 बजे दिल्ली जाने वाला इंडिगो का विमान 11.42 बजे, सुबह 9.30 बजे हैदराबाद जाने वाला विमान 11.38 बजे और सुबह 10 बजे दिल्ली जाने वाला एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान 12 बजे रवाना हुआ। दिनभर में कई अन्य उड़ानें भी प्रभावित रहीं। सुबह 11.10 बजे मुंबई जाने वाला एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान 12.14 बजे, दोपहर 2.05 बजे दिल्ली जाने वाला विमान 4.13 बजे, शाम 4.10 बजे कोलकाता जाने वाला इंडिगो विमान 4.16 बजे और शाम 5.45 बजे दिल्ली जाने वाला विमान 7.11 बजे गया। शाम 6.20 बजे अहमदाबाद जाने वाला विमान 7.07 बजे, 6.50 बजे मुंबई जाने वाला विमान 7.45 बजे और 7.10 बजे दिल्ली जाने वाला एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान 7.57 बजे उड़ान भर पाया। कोहरे की स्थिति अगले कुछ दिनों तक बनी रह सकती है, जिससे उड़ानों में और देरी की संभावना है।
एक दिन में सोना 700 और चांदी 5200 रुपए तेज
उज्जैन | सराफा बाजार में इस बार दो माह में सामान्य खरीदी 30% से अधिक घट चुकी है। विवाह वालों ने भी काम चलाओ खरीदी की। इसका मुख्य कारण सोना-चांदी के भाव में भारी तेजी होना है। चांदी में बड़ी सट्टेबाजी होने से एक दिन में चांदी 5200 रुपए प्रतिकिलो और सोना 700 रुपए प्रति 10 ग्राम की भाव वृद्धि हो गई। सराफा बाजार में सोना 24 कैरेट 1,32,600 रुपए, सोना 22 कैरेट 121500 रुपए 10 ग्राम था। इधर, ऑनलाइन ट्रेडिंग में चांदी के 2,06,000 रुपए भाव हो गए।
इंदौर के बेतरतीब ट्रैफिक को सुधारने के लिए ट्रैफिक पुलिस एक नवाचार करने की तैयारी में है। इसे लेकर प्लान तैयार किया गया है, जिस पर बुधवार को फाइनल निर्णय लिया जा सकता है। इस नवाचार में ई-रिक्शा को सेक्टर में बांटने की तैयारी की जा रही है। कलर कोड के हिसाब से रिक्शा तय सेक्टर में ही चलेंगी। हालांकि, इस प्लान को लेकर बुधवार को भी चर्चा की गई है। इसके बाद संभवत: रविवार को रिक्शा संचालक अपनी बैठक करेंगे और इस प्लान को लेकर चर्चा करेंगे। इसके बाद एक फाइनल मीटिंग पुलिस अधिकारियों के साथ होगी, जिसमें प्लान फाइनल होगा। फाइनल प्लान तैयार होने के बाद ही इसे मूर्त रूप दिया जाएगा। अलग-अलग सेक्टर में बांट रहेडीसीपी आनंद कलादगी ने बताया कि ई-रिक्शाओं को लेकर दो मीटिंग हो चुकी है। बुधवार को हुई मीटिंग में सेक्टर को लेकर प्लानिंग की गई है। शहर बढ़ा है, और ई-रिक्शाओं की संख्या साढ़े 10 हजार के करीब हैं। ऐसे में सेक्टर की संख्या को 6 से बढ़ाकर 10 किया गया है। इसमें सेक्टर के नाम के साथ ही रोड भी तय की गई है। रविवार को फिर मीटिंग होगीट्रैफिक पुलिस द्वारा तैयार किए गए प्लान को रिक्शा संचालकों द्वारा रविवार को मीटिंग की जाएगी। जिसमें ये प्लान को बताया जाएगा। वे लोग भी इसे लेकर डिस्कशन करेंगे। इसके बाद आगामी बुधवार को एक मीटिंग की जाएगी, जिसमें सेक्टर सहित अन्य बातों को फाइनल किया जाएगा। प्लान फाइनल होने के बाद इसका प्रोसिजर शुरू किया जाएगा। हालांकि ये प्रोसेस काफी बड़ी है, धीरे-धीरे ये प्रोसेस आगे बढ़ेगी। सेक्टर में कलर कोडिंग के अनुसार चलेगी बताया जा रहा है कि ई-रिक्शाओं को कलर कोडिंग के आधार पर सेक्टर बांटे जाएंगे। अलग-अलग कलर की रिक्शाओं को अलग-अलग सेक्टर दिए जाएंगे। ये ई-रिक्शा उसे सेक्टर में चलेंगी। ई-रिक्शाओं पर सेक्टर क्रमांक, ई-रिक्शाओं की नंबरिंग सहित अन्य जानकारी रहेंगी। ये भी बताया जा रहा है कि सेक्टर तय होने के बाद अगर कोई ई-रिक्शा दूसरे सेक्टर में चलता मिलेगा तो उस पर ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई करेंगी। ट्रैफिक सुधार को लेकर ये नवाचार किया जा रहा है।
भोपाल की वोटर्स लिस्ट से 4 लाख 40 हजार से ज्यादा वोटर्स हटेंगे। बुधवार को ये तस्वीर साफ हो गई। स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) में ये वोटर्स या तो अपने पत्ते पर नहीं मिले, या फिर और कहीं शिफ्ट हो गए हैं। इनमें से 33 हजार से ज्यादा मतदाता मृत भी हो चुके हैं। दूसरी ओर, 'नो मैपिंग' वाले 1 लाख 21 हजार वोटर्स को नोटिस दिए जाएंगे। उन्हें 50 दिन के अंदर जरूरी सभी दस्तावेज पेश करने का मौका दिया जाएगा। बता दें कि भोपाल में एसआईआर के डिजिटलाइजेशन का काम पूरा हो चुका है। कुल 16 लाख 83 हजार 414 वोटर्स के फॉर्म डिजिटलाइज किए गए। दूसरी ओर, 1 लाख 21 हजार 21 वोटर्स ऐसे मिले हैं, जिनका 2003 की वोटर्स लिस्ट के अनुसार डेटा नहीं मिला। कुल 5.69 प्रतिशत वोटर्स को 'नो मेपिंग' के दायरे में रखा गया है। इनका रिकॉर्ड 50 दिन के अंदर जिला प्रशासन ढूंढेंगा। यदि रिकॉर्ड नहीं मिलता है तो नाम भी काटे जाएंगे। 3 स्लाइड के जरिए समझिए भोपाल में SIR का काम... दो दिन तक कलेक्टर से लेकर प्राचार्य तक ने क्रॉस चेक कियाASDR यानी, मृत, एबसेंट, शिफ्टेड, डबल और अन्य कैटेगरी के वोटर्स को कलेक्टर से लेकर प्राचार्य तक ने क्रॉस चेक किया। दो दिन तक यह काम चला। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने खुद 92 वोटर्स के वेरिफिकेशन का जिम्मा लिया था। जानकारी के अनुसार, अनकलेक्टेबल कैटेगिरी में शामिल मतदाताओं की जांच के लिए कुल 551 अधिकारी, बीएलओ और सुपरवाइजर की जिम्मेदारी तय की गई थी। हर अधिकारी और कर्मचारी को बूथ का जिम्मा सौंपा गया। वे 15-16 दिसंबर को वोटर्स के घरों में पहुंचे और जांच की। इसके बाद बुधवार को आंकड़े सामने आए। 7 विधानसभा- चारों कैटेगिरी में गोविंदपुरा आगे, बैरसिया में सबसे कम 1 लाख से ज्यादा वोटर्स मिले ही नहीं'नो मेपिंग' के साथ ASDR का डेटा भी सामने आया, जिसमें मृत, गायब, शिफ्ट हो चुके मतदाता शामिल हैं। इसमें 3020 ऐसे मतदाता भी मिले, जिनके नाम पहले से वोटर लिस्ट में दर्ज हैं। इन चारों कैटेगरी को मिलाकर कुल 4 लाख 42 हजार से अधिक मतदाता शामिल हैं। अब इन्हें हटाने की कार्रवाई की गई है। सबसे ज्यादा 98 हजार 390 वोटर गोविंदपुरा विधानसभा के हैं। दूसरे नंबर पर नरेला, तीसरे पर मध्य, चाथे पर हुजूर, पांचवें पर दक्षिण-पश्चिम, छठवें पर उत्तर और सातवें पर बैरसिया विधानसभा शामिल हैं।
रात में तापमान सामान्य से दो डिग्री कम, अब अलाव ही सहारा
रहली | दो दिन तक धुंध और कोहरा रहने के बाद बुधवार को मौसम पूरी तरह साफ रहा। दिन का अधिकतम तापमान 26 डिग्री रहा जो सामान्य है जिस कारण दिन में ठंड से राहत रही। वहीं न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 डिग्री कम 11 डिग्री रहा, जिससे रात में लोग ठंड से कांपते नजर आए। दोपहर की धूप चुभन भरी रही, जिस कारण दिन में लोग धूप से बचते नजर आए तो रात की ठंड के कारण कांपते नजर आए। हालांकि दिन की ठंड नदारद रहने को किसान फसलों के लिए अच्छा नहीं मान रहे हैं। किसानों का कहना है कि वर्तमान में फसलों को दिन व रात में कड़ाके की ठंड की जरूरत है। कड़ाके की ठंड से ही फसल संवरेगी, उत्पादन अच्छा होगा। किसान जगदीश सिंह ने बताया कि जितनी अधिक ठंड गेहूं की फसल पर रहेगी उतरा ही उत्पादन अच्छा होगा।
मेरठ का कोट पहनेंगे अखिलेश यादव:सपा नेता सम्राट मलिक ने दिया ऑर्डर बोले हमारे नेता की यही खूबी है
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव अब मेरठ का कोट पहनेंगे। मेरठ में सपा नेता और जिला पंचायत सदस्य सम्राट मलिक ने अखिलेश यादव के लिए कोट का ऑर्डर दिया है। सम्राट मलिक वही कार्यकर्ता हैं जिसके कोट की तारीफ खुद अखिलेश यादव ने संसद के बाहर की थी। उन्होंने कहा था कि मुझे भी ऐसा कोट मंगा दो। इस तारीफ के बाद अब सम्राट मलिक अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए वही कोट तैयार करा रहे हैं। सम्राट मलिक ने दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान इस कोट से जुड़े अपने अनुभव बताए..पढ़िए... सबसे पहले अखिलेश यादव ने जो तारीफ की वो पढ़िए.... अखिलेश यादव दिल्ली में लोकसभा के बाहर अपनी गाड़ी में बैठने जा रहे थे। तभी उनके पास जिला पंचायत सदस्य सम्राट मलिक आ गए। सम्राट- नमस्ते भैया... अखिलेश- नमस्ते, तुम्हारा कोट बहुत अच्छा है। सम्राट- जी भैया। अखिलेश- हमको भी सिलवा दो एक। सम्राट- जी भैया, जरूर। अखिलेश- कहां से सिलवाते हो ये। सम्राट- मेरठ के विद्यार्थी खादी भंडार से। इसके बाद अखिलेश मुस्कराते हुए अपनी गाड़ी में बैठकर चले गए। अब सम्राट मलिक का इंटरव्यू पढ़िए... सवाल- अखिलेश यादव ने आपकी तारीफ की इस पर क्या कहना चाहेंगे?जवाब- दरअसल हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष इतने सरल स्वभाव के हैं वो जब भी अपने कार्यकर्ताओं से मिलते हैं तो उनके मुंह से ऐसी बात निकलती है जो उनके कार्यकर्ताओं के दिल को छू लेती है। आज हर दल का कार्यकर्ता यही कहता है कि नेता हो तो अखिलेश यादव जैसा हो। मैं संसद गया था अचानक पता चला कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जी आ रहे हैं तो मैं उनसे मिलने की इच्छा से वहां खड़ा हो गया। उनकी मुझ पर नजर पड़ी तो उन्होंने मुझसे पूछा कि कहां से बनवाया मैंने बताया कि मेरठ के विद्यार्थी खादी भंडार से मैंने ये कोट बनवाया है। सवाल- क्या आप अखिलेश जी के लिए कोट ले जाएंगे?जवाब- उन्होंने कहा कि मेरे लिए भी लेकर आना। अब मैं उनके लिए ये कोट लेकर जाऊंगा। विद्यार्थी खादी की दुकान से ही उनके लिए ये कोट तैयार कराऊंगा। अखिलेश जी का आदेश मेरे लिए सर्वोपरि है। मैं उनके लिए एक लांट कोट तैयार करा रहा हूं, 7 दिनों के अंदर वो बन जाएगा फिर मैं उन्हें वो कोट दूंगा। सवाल- जिस तरह उन्होंने आपको रिकगनाइज किया उस पर क्या कहेंगे?जवाब- आप समझिए कि अखिलेश यादव जैसा व्यक्तित्व सिर्फ एक कोट के लिए मुझसे बात कर रहा है। वो हजारों कोट ले सकते हैं, लाखों कोट वो लोगों को बांट सकते हैं। लेकिन उनका अपने कार्यकर्ता के प्रति ये लगाव देखिए कि वो मुझसे इस कोट को मांग रहे हैं। सवाल- लेकिन अखिलेश यादव जैकेट पहनते हैं यहां कोट कैसे देंगे?जवाब- मैंने उनको एकाध बार कोट में देखा था। अब ठंड का सीजन भी है इस सीजन में अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष जी कोट पहनेंगे तो वो और स्मार्ट दिखेंगे। इसलिए मैं उनके लिए ये कोट जरुर लेकर जाऊंगा। 2014 में पहली बार मैं माननीय अखिलेश जी से मिला हूं। इसके बाद से अब तक लगभग 200 बार उनसे मिल चुका हूं। हम जब तक जिएंगे तब तक सपा के लिए काम करेंगे। सवाल- आपकी इस कोट के पीछे क्या कहानी है?जवाब- मैं जबसे छात्रसंघ का नेता बना हूं तभी से इस लांग कोट को पहन रहा हूं। मेरे पिताजी की यहीं कचहरी में ऑफिस है वो वकील हैं तो वो हमेशा विद्यार्थी खादी से ही अपने कपड़े लेते हैं।सबसे पहले मैंने वहां से नेहरु जैकेट लिया, अब तो अपने कुर्ते,जैकेट, कोट सब वहीं से लेता हूं। पिछले 2014 से यहीं से कपड़े ले रहा हूं। पिताजी वो वीडियो देखकर बहुत खुश भी हुए हैं। सवाल- कभी गुड़, गन्ना और अब कोट आप ये तोहफे क्यों देते हैं?जवाब- दीवाली पर जब मैं अध्यक्ष जी से मिला तो उनको मैंने गन्ने दिए है। तब उन्होंने मुझसे कहा कि किसानों से कहना कि सपा की सरकार बनी तो गन्ने का दोगुना रेट देंगे। इस वीडियो से मेरे सभी साथी भी खुश हैं। सपा किसानों की पार्टी है। ये समतामूलक समाज है सपा सबको समान समझती है। पीडीए में यहां सबको आगे बढ़ाने का काम किया जाता है। हम जमीन से जुड़कर रहना चाहते हैं इसलिए गुड़, गन्ना ये लेकर जाते हैं। अब पढ़िए कौन हैं सम्राट मलिक ? 2014 में छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव जीता था साल-2020 में सम्राट मलिक ने 25 साल की उम्र में सपा से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता था। वह वार्ड नंबर- 14 के जिला पंचायत सदस्य हैं। सम्राट 2014 में डीएन डिग्री कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे थे। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, सम्राट की जन्मतिथि 10 जुलाई, 1996 है। ऐसे में सम्राट जिले में सबसे कम उम्र में चुनाव जीतने वाले जिला पंचायत सदस्य बन गए थे। सम्राट पर 14 आपराधिक मामले दर्ज सम्राट मलिक की सपा के विरोधी पार्टी के कार्यक्रमों में कभी काले झंडे दिखाने, तो कभी बखेड़ा करने के मामले में पुलिस लगातार गिरफ्तारी करती रही है। कभी घर में नजरबंद किया, तो कभी मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से एक दिन पहले ही हिरासत में लेकर 24-24 घंटे थाने में रखा। उन पर 14 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। 15 से ज्यादा बार गिरफ्तारी हो चुकी है।
मनरेगा का नाम बदलना महात्मा गांधी का अपमान
भिंड| महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलकर केंद्र सरकार ने विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) कर दिया है। मनरेगा का नाम बदलकर भाजपा सरकार ने महात्मा गांधी का अपमान करने का काम किया है। यह बात बुधवार को कांग्रेस प्रवक्ता और पूर्व प्रदेश मीडिया पैनलिस्ट डॉ. अनिल भारद्वाज ने कही। उन्होंने कहा कि ग्राम स्वराज की अवधारणा और राम राज्य का आदर्श कभी एक-दूसरे के विरोधी नहीं थे, बल्कि वे गांधी जी की चेतना के दो जुड़वां स्तंभ थे, ग्रामीण गरीबों के लिए एक योजना में महात्मा का नाम बदलना इस गहन सहजीवन को नजरअंदाज करता है।
किसान फसलों का बीमा 31 दिसंबर तक कराएं
भिंड| प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत रबी 2025-26 की बीमा इकाईवार, तहसीलवार एवं जिलावार अधिसूचित की जाने वाली फसलों का राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर भारत सरकार द्वारा डिजिटाइज्ड किया जा चुका है। योजना अंतर्गत बैंकों द्वारा किसानों का प्रीमियम नामे कर बीमांकन करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। ऋणी किसानों का बीमा संबंधित बैंकों द्वारा स्वतः ही हो जाता है। अऋणी किसान सीएससी केंद्रों तथा पंचायत स्तर पर पदस्थ व्हीएलई के माध्यम से अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं। रबी मौसम की फसलों की प्रीमियम दर फसलवार बीमित राशि की 1.5 प्रतिशत निर्धारित है।
ई-केवाईसी नहीं कराने पर लोगों को राशन से रहना पड़ेगा वंचित
भिंड| भविष्य में राशन के लाभ से हो सकते हैं वंचित खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग भोपाल द्वारा वर्तमान में पात्रता पर्ची धारियों की ई-केवाईसी का कार्य कराया जा रहा है। भिंड जिले में माह दिसंबर में कुल 922454 हितग्राही पंजीकृत हैं। जिसमें से 844027 हितग्राहियों द्वारा ई-केवाईसी कराया जा चुका है, वर्तमान में 78427 हितग्राही ई-केवाईसी के लिए शेष हैं, जिनकी ई-केवाईसी का कार्य पीओएस मशीन के माध्यम से जिले में पंजीकृत 576 शासकीय उचित मूल्य दुकानों के विक्रेताओं के द्वारा पीओएस मशीन के माध्यम से प्रतिदिन किया जा रहा है। यह जानकारी जिला खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा दी गई। नवीन परिवार एवं नवीन सदस्य जिनके आवेदन पोर्टल पर फीड हैं, ई-केवाईसी कराए जाने के पश्चात नवीन पात्रता पर्ची जारी होगी। इसी प्रकार परिवार में जोड़े गए सदस्यों की ई-केवाईसी कराने के पश्चात ही परिवार में सदस्य वृद्धि होगी। इस के लिए प्रत्येक सदस्य को अपने आधार कार्ड के साथ शासकीय उचित मूल्य दुकान पर जाना है। जहां पर विक्रेता पीओएस मशीन के माध्यम से ई-केवाईसी करेगा। ई-केवाईसी नहीं कराने पर भविष्य में परिवार के सदस्य को राशन के लाभ से वंचित किया जा सकता है। ई-केवाईसी संबंधित दुकान के विक्रेता द्वारा नि:शुल्क की जा रही है।
ग्राम पंचायत अकलौनी में एक साल से सचिव पद खाली
सुनारपुरा| गोरमी क्षेत्र की ग्राम पंचायत अकलौनी में सचिव पद रिक्त होने को लेकर सरपंच सीमा भदौरिया के पति श्याम सिंह भदौरिया ने बुधवार को कलेक्टर किरोड़ी लाल मीना ज्ञापन सौंपा। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से कलेक्टर को अवगत कराते हुए बताया कि मेरी ग्राम पंचायत अकलौनी में बीते एक साल से पंचायत सचिव पद रिक्त है। ऐसे में सचिव पद की जिम्मेदारी सहायक सचिव द्वारा निभाई जा रही हैं। लेकिन सहायक सचिव के द्वारा काम ठीक से नहीं किया जा रहा है। जिसकी वजह से पंचायत के लोग परेशान हो रहे हैं। वहीं सचिव की नियुक्ति को लेकर मेरे और पंचायत के लोगों के द्वारा कई बार मांग की जा चुकी है। उसे बाद भी अभी तक पंचायत सचिव पद खाली पड़ा हुआ है। हमारी मांग को प्रशासन गंभीरता से नहीं ले रहा है। मेरी मांग है कि जल्द से जल्द ग्राम पंचायत अकलौनी में सचिव की नियुक्ति की जाए।जिससे पंचायत में विकास कार्यों को गति मिले और लोगों तक शासन की जनकल्याणकारी योजनाएं पहुंचे।
हाईस्कूल शिक्षक प्रिंसिपल बनने से प्रबंधन और परीक्षा की तैयारियों में होगा सुधाररांची जिले में दो दर्जन से अधिक मिडिल स्कूलों को हाईस्कूलों का दर्जा दे दिया गया था। ऐसे 27 मिडिल स्कूलों में लंबे समय से मिडिल स्कूल के शिक्षक ही प्रभारी बने हुए थे। इनको हटाते हुए इन स्कूलों का प्रभार अब हाईस्कूल के शिक्षकों को दे दिया गया है। इससे संबंधित नोटिफिकेशन भी जिला शिक्षा पदाधिकारी विनय कुमार ने जारी कर दिया है। झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष जसवंत विजय ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह शिक्षकों की वर्षों पुरानी मांग थी और इससे शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा। दो मामलों में समझिए स्थिति1. उत्क्रमित उच्च विद्यालय, अनगड़ासमस्या : बानपुर स्कूल में शैक्षणिक व प्रशासनिक कार्यों में असंतुलन था।फैसला: कुंदन कुमार (टीजीटी) को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया गया, पूर्व प्रभारी आनंद कुमार साहु मुक्त किए गए।प्रभाव : हाईस्कूल स्तर के शिक्षक को प्रभार मिलने से शिक्षण, परीक्षा प्रबंधन व बोर्ड स्तर की तैयारियों में सुधार होगा। 2. उत्क्रमित उच्च विद्यालय, नामकुमसमस्या: राजडेरा स्कूल में भी प्रभारी पद पर मिडिल स्कूल शिक्षक थे, जिससे व्यवस्था के नियमों पर सवाल उठ रहे थे।फैसला: यहां श्वेता नायक को प्रभारी प्रधानाध्यापक नियुक्त किया गया और रोशन सिंह मुंडा को प्रभार मुक्त किया गया।प्रभाव : प्रशासनिक निर्णयों में स्पष्टता आएगी, हाईस्कूल का वातावरण बनेगा। बदलाव करने का यह उद्देश्य: जिला प्रशासन की यह पहल हाईस्कूल स्तर की शिक्षा को नियम सम्मत और गुणवत्ता आधारित बनाने की दिशा में पहल है। इसलिए ऐसे स्कूलों को चिह्नित कर हाईस्कूल के योग्य शिक्षकों को प्रभार सौंपा गया है।
सामूहिक विवाह सम्मेलन 25 दिसंबर को
भिंड| निव्या बंधन सर्वजातीय शिक्षा एवं समाज कल्याण समिति द्वारा जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल दंदरौआ धाम में 25 दिसंबर को सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। यह जानकारी समिति द्वारा दी गई। जानकारी के अनुसार सामूहिक विवाह सम्मेलन में समाज के गरीब परिवारों के बेटे-बेटियों के विवाह संपन्न कराए जाएंगे। इसके लिए वर एवं वधु पक्ष की पंजीयन प्रक्रिया जारी है। इस मौके पर मुख्य रूप से दंदरौआ धाम महंत रामदास महाराज, समिति अध्यक्ष प्रदीप राणा मौजूद रहेंगे।
राजस्थान में कोहरे के साथ ही अब हल्की ठंडी हवाएं भी चलनी शुरू हो गई हैं। ठंडी हवाओं के प्रभाव से शेखावाटी के अलावा जयपुर, अजमेर, कोटा, उदयपुर संभाग के इलाकों में तापमान में गिरावट दर्ज हुई। फतेहपुर, डूंगरपुर, लूणकरणसर और नागौर में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, राज्य में अगले एक-दो दिन मौसम साफ रहेगा। 18-19 दिसंबर से उत्तर भारत में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा, जिसके असर से राजस्थान के उत्तर-पश्चिमी जिलों में 19 से 22 दिसंबर के बीच कहीं-कहीं हल्के बादल छा सकते हैं। बुधवार को सबसे कम न्यूनतम तापमान 3.7 डिग्री सेल्सियस नागौर में दर्ज किया गया। फतेहपुर में न्यूनतम तापमान 3.8, लूणकरणसर में 4.3, डूंगरपुर में 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। शेखावाटी के सीकर, फतेहपुर, चूरू, पिलानी क्षेत्र के अलावा नागौर और बीकानेर के आसपास हल्की ठंडी हवाओं का प्रभाव रहा। इन इलाकों में सुबह-शाम कड़ाके की सर्दी का दौर एक बार फिर शुरू हो गया। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर में बुधवार को भी कोहरा छाया रहा। धूप तेज होने से अधिकतम तापमान चढ़ा उत्तर भारत को छोड़कर शेष राजस्थान में बुधवार को आसमान बिल्कुल साफ रहा और सुबह से तेज धूप रही। इस कारण कुछ शहरों में अधिकतम तापमान में 1 से 3 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी दर्ज हुई। बाड़मेर में बुधवार को अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस, जोधपुर में 30.9 डिग्री सेल्सियस डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ।
झालसा के सुझाव पर हाईकोर्ट ने दिया निर्देश:महिलाओं के विरुद्ध अपराध रोकने के लिए कमेटी बनाएगी सरकार
झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार काे महिला और छात्राओं के खिलाफ बढ़ते अपराध पर राेक लगाने की मांग काे लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस तरलाेक सिंह चाैहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने सुनवाई के बाद राज्य सरकार काे झालसा के सुझाव पर कमेटी बनाने का निर्देश दिया। इस दाैरान सरकार की ओर से अदालत काे बताया गया कि झालसा के सुझाव पर बनाई जाने वाली कमेटी की निगरानी के लिए झालसा के सदस्य सचिव काे कमेटी में शामिल करना उचित नहीं हाेगा। क्याेंकि, इससे हिताें का टकराव हाे सकता है। अदालत ने भी इस पर सहमति जताई। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार कमेटी के सदस्याें का नाम तय करे। अदालत ने कमेटी के सदस्याें का नाम तय करके इसकी जानकारी काेर्ट काे देने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 19 दिसंबर काे निर्धारित की है।
उज्जैन में 20 दिसंबर को 1.51 लाख हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम सुबह 9 बजे से इंदौर रोड स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज मैदान में आयोजित होगा। जिसमें बागेश्वर धाम के पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, सांसद अनिल फिरोजिया, अभिनेत्री एवं सांसद हेमा मालिनी सहित अनेक संत, महंत, महामंडलेश्वर, शिक्षाविद, चिकित्सक और विभिन्न समाजों के पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। मंदिरों के ध्वजों की महाआरती होगीसोशल वेलफेयर सोसाइटी ट्रस्ट की कोषाध्यक्ष दुर्गेश नंदिनी शर्मा एवं आयोजन समिति अध्यक्ष देवेंद्र सिंह चावड़ा ने बताया कि इस अवसर पर 1008 हनुमान मंदिरों के ध्वजों की महाआरती भी की जाएगी। कार्यक्रम की शुरुआत श्रीराम धुन से होगी, जिसके बाद सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ संपन्न कराया जाएगा। आयोजन में प्रमुख मार्गदर्शन पूर्व राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के प्रदेश सचिव राजेश अग्रवाल, वरिष्ठ समाजसेवी भावना जोशी तथा पुणे (महाराष्ट्र) से श्रीराम धुन प्रस्तुति दल का रहेगा। कार्यक्रम स्थल पर विशाल डोम का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की जा रही है। आयोजकों के अनुसार, यह आयोजन धार्मिक आस्था के साथ-साथ सामाजिक एकता का भी संदेश देगा।
मेरठ में भारतीय किसान यूनियन टिकैत के जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में किसानों का अनिश्चितकालीन धरना लगभग 65 घंटों से जारी है अभी तक इसमें कोई वार्ता ऐसी नहीं हुई है जिस से यह धरना समाप्त हो सके। इसके बाद भी किसानों के मन में कोई निराशा नहीं है, वे अपने धरने के बीच लगातार अलग अलग तरीकों से मनोरंजन कर रहे हैं। 3 तस्वीरों में देखिए किसानों का मनोरंजन मनोरंजन से मिलती है हिम्मत किसानों ने बताया कि रागनी, बीन बजवाना , डांस जैसे आयोजनों से हमे हिम्मत मिलती है और हम अपनी इस लड़ाई को और मजबूती से लड़ते हैं। इतना ही नहीं यह हमारी पीडा को भी कम करने मे ंसहायक के रूप में काम करता है। धैर्य की परीक्षा ले रहे अधिकारी- अनुराग चौधरी संगठन के जिला अध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा कि जिस प्रकार अधिकारियों द्वारा किसानों को अनदेखा करा जा रहा है , वह साफ रूप से दिखाता है कि हमारे धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। इस प्रकरण में वह ये बात भूल रहे हैं कि हमारा इतिहास है कि हम अपने हक को लेकर रहते हैं और यहां भी ऐसा ही होगा। पैदल लखनऊ करेंगे कूच- मेजर चिंदोडी भाकियू के पुराने कार्यकर्ता मेजर चिंदोडी ने कहा कि अगर हमारी मांग पूरी नहीं होती तो हम पैदल लखनऊ कूच करेंगे। इस दौरान अगर हम या हमारा कोई साथी शहीद होता है तो हम उसकी समाधि भी वहीं बनवा देंगे लेकिन लड़ाई आखिरी दम तक लडे़ंगे।
ओपीडी पेशेंट्स को बड़ी राहत देने की तैयारी...रिम्स में इलाज के लिए आने वाले ओपीडी मरीजों को जल्द बड़ी राहत मिलने वाली है। अब तक जिस परेशानी से रोजाना हजारों मरीज जूझ रहे थे, उसे दूर करने की दिशा में रिम्स प्रबंधन ने ठोस पहल शुरू कर दी है। प्रबंधन ने तय किया है कि ओपीडी में डॉक्टर जो दवाएं लिखेंगे, वही दवाएं रिम्स की फार्मेसी में उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि मरीजों को बाहर से महंगी दवाएं खरीदने के लिए विवश न होना पड़े। वर्तमान में रिम्स में कैंसर विभाग के लिए 36 करोड़ से अधिक के अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद प्रक्रिया अंतिम चरण में है। प्रबंधन अब ओपीडी पेशेंट्स की मूलभूत जरूरतों पर भी फोकस कर रहा है। ओपीडी में दवाओं की अनुपलब्धता को लेकर लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं, जिसे देखते हुए अब व्यवस्था सुधारने की तैयारी है। दवाओं की सूची तैयार करने का निर्देशरिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिरेन बिरूआ ने बताया कि ओपीडी में आए मरीजों से लगातार यह फीडबैक मिल रहा था कि डॉक्टर जो दवाएं लिखते हैं, वे अस्पताल की फार्मेसी में उपलब्ध ही नहीं रहतीं। ऐसे में मरीजों को बाहर की दुकानों से दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। डॉ. बिरूआ के अनुसार, डॉक्टरों के साथ बैठक कर यह तय किया गया है कि ओपीडी में अधिकतर प्रेस्क्राइब की जाने वाली दवाओं की सूची तैयार की जाए। सभी चिकित्सकों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने विभाग से दवाओं की सूची बनाकर विभागाध्यक्ष के माध्यम से सौंपेंगे। इसके बाद उन दवाओं को फार्मेसी के स्टॉक में शामिल किया जाएगा, जिनकी जरूरत सबसे ज्यादा है। ओपीडी में रोज आते हैं 2000 मरीज, दवाएं नाम मात्र की रहती हैंफिलहाल रिम्स की ओपीडी फार्मेसी की स्थिति काफी चिंताजनक है। अस्पताल की ओपीडी में प्रतिदिन औसतन 2000 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं, लेकिन फार्मेसी में दवाओं की उपलब्धता बेहद सीमित है। ओपीडी डिस्पेंसरी में मरीजों के लिए 62 दवाओं की सूची बोर्ड पर लिखी गई है, लेकिन इनमें से 51 दवाएं स्टॉक में उपलब्ध ही नहीं हैं। मरीजों की मजबूरी...गैस, दर्द, उल्टी जैसी सामान्य दवाएं भी बाहर से ही खरीदनी पड़ रही हैदवाओं की अनुपलब्धता के कारण मरीजों और उनके परिजनों को रोजाना भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। ओपीडी में डॉक्टर द्वारा लिखी गई अधिकांश दवाएं मरीजों को बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं। स्थिति यह है कि गैस, दर्द, उल्टी जैसी सामान्य बीमारियों की सस्ती दवाएं भी मरीजों को बाहर से लानी पड़ रही हैं। यहां तक कि पैन-40, ट्रामाडोल, ओंडम जैसे इंजेक्शन भी मरीजों के परिजन बाहर से खरीद कर ला रहे हैं। इससे न सिर्फ इलाज में देरी हो रही है, बल्कि गरीब और मध्यम वर्ग के मरीजों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है।सूची में 36 टैबलेट, उपलब्ध सिर्फ 718 सिरप, सैशे और ड्रॉप्स में से केवल 3 सिरप उपलब्ध हैं।8 आइंटमेंट, आई व इयर ड्रॉप में से एक भी दवा उपलब्ध नहीं है।यानी वर्तमान में फार्मेसी में केवल 7 टैबलेट, 3 सिरप और एक माउथवॉश ही मरीजों को मिल पा रही है। आईपीडी मरीजों को मिल रहीं दवाएंरिम्स प्रबंधन का दावा है कि अस्पताल में 700 से अधिक प्रकार की दवाएं नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं, लेकिन हकीकत यह है कि यह सुविधा मुख्य रूप से आईपीडी मरीजों तक सीमित है। ओपीडी मरीज इस दायरे से लगभग बाहर हैं, जबकि सबसे ज्यादा मरीज रोजाना ओपीडी के जरिए ही इलाज के लिए पहुंचते हैं। ये होगा लाभ : ओपीडी में आते हैं सबसे अधिक मरीज, बढ़ेगा भरोसाअब प्रबंधन की नई पहल से उम्मीद जगी है कि आने वाले दिनों में ओपीडी मरीजों को भी राहत मिलेगी। यदि डॉक्टरों द्वारा लिखी जाने वाली जरूरी दवाएं फार्मेसी में उपलब्ध होने लगेंगी, तो इससे मरीजों का इलाज सस्ता होगा। बाहर की दवा दुकानों पर निर्भरता घटेगी, इलाज में देरी कम होगी और रिम्स की ओपीडी व्यवस्था पर लोगों का भरोसा बढ़ेगा। रिम्स प्रबंधन की यह पहल अगर जमीन पर पूरी तरह लागू होती है तो यह ओपीडी मरीजों के लिए एक बड़ा बदलाव साबित होगी।
कांके का न्यूनतम पारा 4 डिग्री पर पहुंचाझारखंड में ठंड का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। रांची जिले में कांके का न्यूनतम पारा 4 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है। वहीं मौसम विभाग के अनुसार रांची जिले में सबसे कम न्यूनतम तापमान 5.3 डिग्री रिकार्ड किया गया। 6 जिलों का न्यूनतम तापमान भी 10 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया। मौसम विभाग ने 18 दिसंबर को राज्य के पांच जिले गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग और लातेहार जिले में शीत लहर चलने की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार गढ़वा, पलामू, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह, देवघर, हजारीबाग और लातेहार में 20 दिसंबर तक शीत लहर चलने की संभावना है। राज्य के कई जिलों के न्यूनतम तापमान में गिरावट भी आ सकती है। चाईबासा में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 28 डिग्रीमौसम विभाग के अनुसार, चाईबासा जिले में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 28 डिग्री रिकार्ड किया गया। इसके अलावा रांची जिले के अधिकतम तापमान 24.2 डिग्री रिकार्ड किया गया। सुबह व शाम में कोहरा-धुंध छाया रहेगा। वहीं दिन में मौसम शुष्क रहेगा। रात में कनकनी रहेगी। उत्तरी-पश्चिमी हवाओं की वजह से ठंड में उतार चढ़ाव जारी है।
पटना के बांकीपुर से बीजेपी विधायक नितिन नबीन को भाजपा ने राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है। उन्होंने दिल्ली स्थित पार्टी हेडक्वार्टर में जिम्मेदारी भी संभाल ली है। नितिन नबीन स्वभाव से सौम्य-शालीन और विनम्रता के लिए जाने चाहते हैं। पढ़ाई-लिखाई में आगे रहा करते थे। पर एक समय नितिन नबीन ने अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा के फिल्म डायरेक्टर को नोटिस भेज दी थी। वे बांकीपुर की बदनामी से नाराज हुए थे। वहीं, करीबियों का कहना है कि नितिन पहले काफी पतले थे, मोटे होने के लिए उन्होंने ताड़ी पीना शुरू किया था। नितिन नबीन की ऐसी 5 कहानियां रिपोर्ट में पढ़िए... स्टोरी- 01: अपने क्षेत्र बांकीपुर को खराब दिखाने पर हुए थे नाराज 2016 में फिल्म डायरेक्टर प्रकाश झा की फिल्म 'जय गंगाजल' रिलीज हुई। इस फिल्म को लेकर नितिन नबीन काफी नाराज हुए थे। दरअसल, फिल्म में अभिनेता मानव कौल को बांकीपुर से विधायक बताया गया, जिसमें उनका किरदार बाहुबली विधायक के रूप में दिखाया गया। फिल्म में विधायक को एक दबंग-अपराधी के रूप में प्रेजेंट किया गया था। जिस समय ये फिल्म रिलीज हुई थी, उस समय बांकीपुर से नितिन नबीन विधायक थे। उनका कहना था कि फिल्म डायरेक्टर ने मूवी के जरिए न केवल हमारी व्यक्तिगत छवि को नुकसान पहुंचाया, बल्कि उनके निर्वाचन क्षेत्र की भी बदनामी हुई है। इसके लिए उन्होंने 2016 में प्रकाश झा को कानूनी नोटिस भेज दिया था। पटना हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की थी। जिसके बाद प्रकाश झा को माफी मांगनी पड़ी थी। हाईकोर्ट में याचिका दायर की याचिका में आरोप लगाया था कि एक निर्वाचित जनप्रतिनिधि और वास्तविक विधानसभा क्षेत्र का नाम इस्तेमाल कर गलत छवि पेश की गई, जिससे हमारी सामाजिक और राजनीतिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचा है। नितिन नबीन ने कहा था कि फिल्म से केवल एक विधायक की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। नितिन नबीन ने अपनी याचिका में लिखा, प्रकाश झा का जन्म बिहार में हुआ है और उन्होंने राज्य में जदयू की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था। इसलिए, यह मानना गलत होगा कि वह बांकीपुर और लखीसराय के अस्तित्व से अनजान हैं, जैसा कि फिल्म में दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रकाश झा माफी मांगे और निर्वाचन क्षेत्र के संदर्भ को हटाए, जिसे झा ने नहीं किया, जिसके कारण उन्हें पटना उच्च न्यायालय का रुख करना पड़ा था। स्टोरी- 02: नितिन नबीन ने कहा था... राजनीति में जब आऊंगा तो वो बुरा वक्त होगा नितिन नबीन के पिता नवीन प्रसाद सिन्हा पश्चिम पटना से बीजेपी के विधायक थे और कद्दावर नेता माने जाते थे। पिता ने नितिन नवीन को विरासत संभालने के लिए कई बार कहा था, लेकिन नितिन राजनीति में नहीं आना चाहते थे। नितिन नवीन कहते हैं कि, जब मैं बीटेक कर रहा था, तब एक बार दोस्तों के साथ बैठा था। स्लैम बुक में सभी को कुछ ना कुछ लिखने के लिए कहा गया था। उस समय मैंने लिखा था कि राजनीति में कभी नहीं आऊंगा। जिस दिन राजनीति में आना पड़ेगा वो जीवन का सबसे बुरा वक्त होगा।' हालांकि नितिन 26 साल की उम्र में राजनीति में आ गए थे। चुनाव जीतने के बाद उन्हें हार नहीं मिली। स्टोरी- 03: टिकट मिलने वाली है, राजनाथ सिंह ने फोन कर कहा था पिता के निधन के बाद राजनीतिक विरासत संभालने की जिम्मेदारी कंधे पर मिली। नितिन नबीन के दोस्त संजय बताते हैं कि उस समय डॉ. सीपी ठाकुर प्रदेश अध्यक्ष थे। नितिन कुछ कार्यकर्ताओं से बात की कि आगे क्या करना चाहिए ? नितिन के पिता जी के ब्रम्ह भोज में सीपी ठाकुर आए थे। हमलोगों ने उनको कहा था कि किसी भी कीमत पर चुनाव कोई लड़ेगा तो वो नितिन ही लड़ेंगे, जिसके बाद नितिन चुनावी मैदान में आए। नितिन नवीन बताते हैं, जब पिता के बरसी के मौके पर तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फोन कर सबसे पहले जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था पार्टी ने टिकट देने का फैसला किया है और चुनाव आपको लड़ना है। स्टोरी- 04: मोटे होने के लिए ताड़ी पीने की मिली थी सलाह नितिन नबीन काफी दुबले-पतले थे। उनके पिता नवीन सिन्हा काफी कोशिश किए, ताकि वे मोटे हो जाए। नितिन के दोस्त कहते हैं कि, मैंने नितिन को एक बार सलाह दी थी कि ताड़ी पिजीए। ताड़ी पीने से शरीर हेल्दी हो जाता है। मैं हर दिन सुबह ताड़ी लाकर नितिन को दिया करता था। हालांकि, नितिन नबीन एक घूंट लिया तो उन्हें ठीक नहीं लगा और कभी ताड़ी नहीं पिया। स्टोरी- 05: यूपीएससी की तैयारी करना चाहते थे नितिन के पिता के दोस्त बबलू गांधी बताते हैं कि, नितिन नवीन ने रांची से बीटेक किया है। अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहते थे। वे यूपीएससी की तैयारी करना चाहते थे, लेकिन पिता जी के निधन के बाद उन्हें अपना फैसला बदलना पड़ा। वहीं, नितिन नबीन के पिता के दोस्त संतोष बताते हैं कि 14 दिसंबर 2025 को कार्यकर्ता सम्मेलन चल रहा था। इसी दौरान उन्हें 3.45 बजे नितिन ने फोन पर कहीं बात की, फिर हमलोगों से कहा कि आपलोग यहीं रुकिए। कहीं जाइएगा नहीं, अगर गए तो फिर आना पड़ेगा। उस वक्त उनके चेहरे पर खुशी थी। बाद में पता चला कि उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। कभी किसी को ऊंची आवाज में जबाव नहीं दिया कार्यकर्ता ममता पांडे ने बताया कि, हमारा उनके साथ कार्यकर्ता की तरह नहीं, बल्कि पारिवारिक संबंध रहा है। नितिन मुझे हमेशा अपनी बड़ी बहन की तरह मानते हैं। उन्होंने पार्टी के लिए मेहनत की है। इसी कारण उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिली है। मैं बड़ी बहन की तरह कुछ बोल भी देती थी तो नितिन नबीन चुपचाप सुन लेते हैं। कभी भी ऊंची आवाज में जवाब नहीं दिया है। उनके स्वभाव की वजह से हम इतने सालों से उनसे जुड़े हैं। इनकी मां आज होती तो बहुत खुश होतीं।
वन मेले में चखें दाल-पानिये का टेस्ट:30 इलाकों में बिजली गुल रहेगी; जानिए भोपाल में आज कहां-क्या खास
आपको हम बता रहे हैं, भोपाल शहर में आज कहां-क्या हो रहा है। यहां हर वो जानकारी होगी, जो आपके काम आएगी। संगीत-संस्कृति, आर्ट, ड्रामा के इवेंट से लेकर मौसम, सिटी ट्रैफिक, बिजली-पानी की सप्लाई से जुड़ा हर अपडेट मिलेगा। काम की जरूरी लिंक्स
मुस्लिम महिला डॉक्टर नुसरत परवीन के हिजाब खींचने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक तरफ आलोचना हो रही है तो दूसरी तरफ उनके समर्थक एक्शन नहीं, उसके पीछे के भाव को पढ़ने की बातें कह रहे हैं। इन सबके बीच बेंगलुरु में एक वकील ने नीतीश कुमार के खिलाफ जीरो FIR दर्ज कराई है। जबकि, शायर मुनव्वर राना की बेटी और सपा प्रवक्ता सुमैया राना ने पुलिस थाने में शिकायत की है। नीतीश कुमार पर क्या FIR हो सकती है। अगर होगी तो किन धाराओं में और सजा कितनी होगी। हिजाब क्या है। जानेंगे, आज के एक्सप्लेनर बूझे की नाही में…। सवाल-1ः नीतीश कुमार के हिजाब खींचने का पूरा मामला क्या है? जवाबः 15 दिसंबर को पटना में मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित 'संवाद' सभागार में नियुक्ति पत्र बांटा गया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुस्लिम महिला डॉ. नुसरत परवीन का हिजाब खींचते दिखे। इसका एक वीडियो सामने आया है। जिसमें दिख रहा है कि नीतीश कुमार नियुक्ति पत्र देते हुए एक मुस्लिम महिला आयुष डॉक्टर के चेहरे से हिजाब खींच रहे हैं। नीतीश कुमार के पीछे डिप्टी CM सम्राट चौधरी खड़े हैं और वीडियो में वह मुख्यमंत्री को ऐसा करते वक्त रोकते और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के साथ मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार हंसते दिख रहे हैं। सवाल-2ः महिला डॉक्टर ने इस घटना के बाद क्या किया? जवाबः डॉ. नुसरत परवीन ने अब तक ना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और ना ही सार्वजनिक तौर पर कोई विरोध जताया है। सवाल-3ः नीतीश कुमार के खिलाफ कहां-कहां शिकायत की गई है? क्या CM पर FIR हो सकती है? जवाबः डॉ. नुसरत परवीन ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। लेकिन 2 अलग लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। हालांकि, अब तक FIR दर्ज नहीं की गई है। सिर्फ महिला या उसके घरवाले ही दर्ज करा सकते हैं FIR पटना हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट अभिषेक मिश्रा ने बताया, 'लड़की या उसके परिवार वाले चाहे तो नीतीश कुमार के खिलाफ छेड़खानी का मामला दर्ज हो सकता है। हालांकि, यह FIR सिर्फ महिला या उसके परिजन ही दर्ज करा सकते हैं।’ सवाल-4ः हिजाब हटाकर क्या नीतीश कुमार ने गलत किया? जवाबः बिल्कुल। पूर्व DGP अभयानंद कहते हैं, ‘नीतीश कुमार ने गलत किया है। इसको जस्टिफाई नहीं किया जा सकता। अगर सत्ता के शीर्ष पर बैठा व्यक्ति इस तरह का आचरण करेगा तो सवाल तो उठेगा ही।’ पॉलिटिकल एनालिस्ट और प्रो. प्रमोद रंजन कहते हैं, 'नीतीश कुमार पिछले कुछ सालों से लगातार अटपटी हरकत कर रहे हैं। महिला डॉक्टर का हिजाब खींचना हो या सदन के भीतर भद्दे और अश्लील इशारे करने हो। यह सब न केवल शर्मनाक है, बल्कि एक खतरनाक राजनीतिक प्रवृत्ति की ओर इशारा कर रहा है।' प्रो. प्रमोद रंजन कहते हैं, 'हिजाब खींचने की घटना IPC की धारा 354 के मुताबिक महिला की लज्जा भंग करने की है। इसमें 5 साल तक की सजा हो सकती है।' सवाल-5ः हिजाब क्या है, जिससे नीतीश कुमार की आलोचना हो रही है? जवाबः हिजाब एक तरह का हेडस्कार्फ होता है जिससे औरतें अपने बाल, गर्दन और कंधे ढंकती हैं। कुरान के हवाले से जानकार कहते हैं, 'इस्लाम में महिलाओं के लिए यह जरूरी है कि वे अपना चेहरा, हथेलियां और पैर खुले रखते हुए सिर ढकें। सूरा-ए-नूर के निर्देश को ध्यान में रखते हुए शरीर के बाकी हिस्सों को ढंकना चाहिए। मुस्लिम महिलाएं 3 तरह से चेहरे या शरीर को ढंकतीं हैं… बुर्का: काले लबादे जैसी पोशाक है। आंखों की जगह पर जाली या हल्का कपड़ा रहता है। हिजाब: सिर से पांव तक ढंकने वाला कपड़ा। नकाब: औरतों के गले और कंधों को ढकते हुए सीने तक आने वाला कपड़ा। सवाल-6ः क्या मुस्लिम महिलाओं के लिए हिजाब पहनना अनिवार्य है? संविधान क्या कहता है? जवाबः जानकार कहते हैं, 'इस्लाम में हिजाब या स्कार्फ पहनना एक जरूरी मजहबी रवायत है। लेकिन, अगर कोई स्कार्फ या हिजाब नहीं पहनता है तो यह हराम या गैरकानूनी नहीं है। अगर कोई इस्लाम के हिसाब से अपनी जिंदगी जीना चाहती है, तो उसे ड्रेस कोड पर अमल करना चाहिए। संविधान भी अपने धर्म के पालन का देता है हक… कोर्ट ने कॉलेज के सर्कुलर में पहनावे को लेकर 2 निर्देश दिए थे...
तंबाकू को अब तक आमतौर पर कैंसर, हृदय और फेफड़ों की बीमारियों का कारण माना जाता रहा है, लेकिन अब इसके दुष्परिणामों की सूची में एक गंभीर और अक्सर अनदेखा किया जाने वाला खतरा भी जुड़ गया है- पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर सीधा असर। यह कोई अनुमान या चेतावनी नहीं, बल्कि ठोस वैज्ञानिक प्रमाणों पर आधारित सच्चाई है। एम्स भोपाल में किए गए एक वैज्ञानिक अध्ययन ने स्पष्ट कर दिया है कि तंबाकू का सेवन पुरुषों के शुकाणुओं को सीधे तौर पर कमजोर करता है। अध्ययन के निष्कर्ष बताते हैं कि जितना अधिक तंबाकू का सेवन, उतनी ही अधिक क्षति और यह असर गहराता जाता है। इस शोध में 57 मृत पुरुषों पर पोस्टमॉर्टम आधारित अध्ययन किया गया, जिसमें तंबाकू सेवन करने वाले और न करने वाले पुरुषों के शुक्राणुओं की गुणवत्ता की वैज्ञानिक तुलना की गई। नतीजे बेहद चिंताजनक सामने आए। अध्ययन न केवल पुरुष बांझपन के बढ़ते मामलों पर रोशनी डालता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि समय रहते तंबाकू छोड़कर इस गंभीर खतरे को काफी हद तक टाला जा सकता है। शोध को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता भी मिली है, जिससे इसके निष्कर्षों की विश्वसनीयता और गंभीरता और बढ़ जाती है। पुरुष बांझपन: एक अनदेखी लेकिन बढ़ती समस्याआज विश्व स्तर पर लगभग 15 प्रतिशत दंपत्ति बांझपन की समस्या से जूझ रहे हैं। इनमें से करीब 50 प्रतिशत मामलों में समस्या का कारण पुरुष होते हैं। बावजूद इसके, समाज में अब भी बांझपन को अधिकतर महिला से जोड़कर देखा जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, जीवनशैली से जुड़े कारण- जैसे तंबाकू, शराब और तना- पुरुष प्रजनन स्वास्थ्य को तेजी से प्रभावित कर रहे हैं। तंबाकू सेवन एक ऐसा जोखिम कारक है, जिसे बदला जा सकता है और समय रहते छोड़ा जाए तो भविष्य में गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है। एम्स का अनोखा पोस्टमॉर्टम आधारित अध्ययनएम्स भोपाल में किया गया यह अध्ययन इसलिए खास है क्योंकि यह पोस्टमॉर्टम यानी शव-परीक्षा पर आधारित है। इसमें 18 से 55 वर्ष आयु वर्ग के 57 मृत पुरुषों को शामिल किया गया। इनमें 28 तंबाकू उपभोक्ता थे, जबकि 29 ऐसे पुरुष थे जिन्होंने कभी तंबाकू का सेवन नहीं किया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO, 2021) के दिशानिर्देशों के अनुसार शुक्राणुओं की जीवितता (वाइटैलिटी) और गतिशीलता (मोटिलिटी) का वैज्ञानिक मूल्यांकन किया गया। तंबाकू से शुक्राणुओं की जीवितता पर सीधा असरअध्ययन के सबसे अहम निष्कर्ष यह बताते हैं कि तंबाकू सेवन करने वाले पुरुषों में शुक्राणुओं की जीवितता गैर-उपभोक्ताओं की तुलना में काफी कम पाई गई। यह अंतर सांख्यिकीय रूप से भी महत्वपूर्ण था, यानी यह महज संयोग नहीं बल्कि तंबाकू का सीधा प्रभाव है। शुक्राणुओं की गतिशीलता भी तंबाकू उपभोक्ताओं में कम पाई गई। हालांकि यह अंतर सांख्यिकीय रूप से उतना मजबूत नहीं था, लेकिन जैसे-जैसे तंबाकू सेवन की अवधि और मात्रा बढ़ती गई, शुक्राणुओं की गुणवत्ता में गिरावट का रुझान साफ दिखाई दिया। यह डोज-डिपेंडेंट प्रभाव की ओर इशारा करता है-मतलब जितना ज्यादा तंबाकू, उतना ज्यादा नुकसान। पोस्टमॉर्टम अध्ययन क्यों है ज्यादा भरोसेमंदशोध की सबसे बड़ी ताकत इसका पोस्टमॉर्टम आधारित होना है। जीवनकाल में किए गए अध्ययनों में हाल की बीमारी, दवाइयों का असर या सैंपल देने में हुई गलतियों जैसे भ्रमकारी कारक परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। पोस्टमॉर्टम अध्ययन में ऐसे कारकों का प्रभाव काफी हद तक कम हो जाता है, जिससे तंबाकू के दीर्घकालिक प्रभावों का अधिक सटीक आकलन संभव हो पाता है। राष्ट्रीय स्तर पर रिसर्च को मिली पहचानशोध के लिए एम्स भोपाल के फॉरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. राघवेंद्र कुमार विदुआ को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ में आयोजित इंडियन सोसाइटी ऑफ टॉक्सिकोलॉजी के 21वें राष्ट्रीय सम्मेलन ‘टॉक्सोकॉन-21’ में उन्हें प्रतिष्ठित डॉ. आंद्रे बेस्ट फैकल्टी प्रेजेंटेशन अवॉर्ड से नवाजा गया। यह सम्मान इंडियन सोसाइटी ऑफ टॉक्सिकोलॉजी के संस्थापक अध्यक्ष और देश के जाने-माने फॉरेंसिक टॉक्सिकोलॉजिस्ट प्रो. वी. वी. पिल्लै द्वारा प्रदान किया गया। आईसीएमआर प्रोजेक्ट का हिस्सा रहा अध्ययनयह शोध इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा वित्तपोषित पोस्टमॉर्टम स्पर्म रिट्रीवल परियोजना का हिस्सा है। इसमें तंबाकू से होने वाले ऊतक-स्तरीय रोगात्मक परिवर्तनों का भी विश्लेषण किया गया है। इस अध्ययन में एम्स भोपाल की डॉ. संगीता मोइरंगथेम, सुश्री लीना लोखंडे और डॉ. अश्वनी टंडन का भी महत्वपूर्ण सहयोग रहा। सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए बड़ा संदेशअध्ययन का निष्कर्ष साफ है कि तंबाकू सेवन पुरुष प्रजनन क्षमता के लिए गंभीर खतरा है, खासकर शुक्राणुओं की जीवितता के लिए। भारत जैसे देश में, जहां धूम्रपान और चबाने वाला तंबाकू दोनों ही व्यापक हैं, यह रिसर्च एक मजबूत चेतावनी के रूप में सामने आया है। डॉक्टरों के अनुसार, आज तंबाकू छोड़ना, कल स्वस्थ संतान की संभावना बढ़ाना। यह फैसला न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को भी सुरक्षित कर सकता है। ये खबर भी पढ़ें... एम्स भोपाल में बढ़े प्रोस्टेट का इलाज अब बिना सर्जरी एम्स भोपाल ने मध्य प्रदेश के मरीजों के लिए नई चिकित्सा तकनीक की शुरुआत की है। डॉक्टरों ने प्रोस्टेट आर्टरी एम्बोलाइजेशन (PAE) तकनीक से बिना चीरा लगाए, बिना भर्ती किए और बिना यौन क्षमता पर असर डाले बढ़े हुए प्रोस्टेट (Benign Prostatic Hyperplasia - BPH) का इलाज करती है। पूरी खबर पढ़ें
गुरुवार सुबह पटना और समस्तीपुर में घना कोहरा छाया है। मौसम विभाग ने बिहार के 5 जिलों में आज यानी गुरुवार को घने कोहरे को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। इन शहरों में घने कोहरे के कारण विजिबिलिटी काफी कम हो सकती है। साथ ही पश्चिमी हवा के कारण ठंड बढ़ने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अगले 48 घंटे के दौरान प्रदेश में कोल्ड वेव का असर दिखने लगेगा। दिसंबर के अंत तक राज्य में शीतलहर चलने की संभावना है। पिछले 24 घंटे में 9.1 डिग्री टेंपरेचर के साथ भागलपुर सबसे ठंडा रहा। वहीं, पटना, बेतिया, गोपालगंज, सीतामढ़ी समेत 12 जिलों में सुबह-सुबह घना कोहरा छाया रहा। दरभंगा में विजिबिलिटी कम रही। पश्चिमी विक्षोभ से बदला मौसम का मिजाज पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो चुका है। इस सिस्टम का असर अब उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में दिखने लगा है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण ठंडी और शुष्क पछुआ हवा तेज हुई हैं, जो बिहार तक पहुंच रही हैं। इस हवा के कारण रात के तापमान में तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है, जबकि दिन में धूप निकलने के बावजूद ठंड महसूस की जा रही है। मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि, नमी और ठंडी हवा के मेल से ही सुबह के समय कोहरा और स्मॉग जैसी स्थिति बन रही है। यही कारण है कि सूरज निकलने के बाद भी ठिठुरन महसूस हो रही है। जानें आज कैसा रहेगा पटना का मौसम राजधानी में भी सुबह के वक्त हल्का से मध्यम कोहरा छाने की संभावना है। विजिबिलिटी कम रह सकती है। दिन में आंशिक धूप निकल सकती है, लेकिन पछुआ हवाओं के कारण ठंड से पूरी तरह राहत नहीं मिलेगी। पटना में न्यूनतम तापमान में अगले कुछ दिनों तक और गिरावट देखने को मिल सकती है। कोल्ड वेव का खतरा कब से मौसम विभाग के अनुसार, यदि पछुआ हवा की रफ्तार और तेज होती है और तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जाती है तो आने वाले दिनों में कोल्ड वेव (शीतलहर) की स्थिति बन सकती है। खासकर उत्तर-पश्चिम बिहार के जिलों में इसका खतरा ज्यादा रहेगा। 2 से 3 दिनों के भीतर कुछ इलाकों में शीतलहर जैसे हालात बनने की संभावना है।
डीएल टेस्ट पास, 24 घंटे में मिलेगा लाइसेंस:मंत्री ने दिया निर्देश- देरी होने पर एजेंसी पर कार्रवाई
बिहार में ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने की प्रक्रिया अब तेज होगी। डीएल टेस्ट पास करने वाले योग्य आवेदकों को 24 घंटे के भीतर लाइसेंस मिलेगा। परिवहन विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी किया है। लाइसेंस चिप-रहित लैमिनेटेड होगा। 24 घंटे में डीएल नहीं मिला तो कार्रवाई होगी। परिवहन एवं ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने यह निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि 24 घंटे में डीएल नहीं मिलने पर संबंधित एजेंसी पर कार्रवाई होगी। अभी एजेंसी एक सप्ताह से 10 दिन तक का समय ले रही थी। इससे आवेदकों को परेशानी हो रही थी। मंत्री ने कहा कि यह व्यवस्था जनता की सुविधा के लिए है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चयनित एजेंसी को सभी जिलों में डीएल और वाहन रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र (आरसी) की प्रिंटिंग तेज करने का निर्देश दिया। अभी क्या है स्थितिपटना डीटीओ कार्यालय में डीएल टेस्ट पास करने के बाद भी कार्ड मिलने में देरी हो रही है। कई मामलों में एक महीने तक का समय लग रहा है। डीएल कार्ड डाकघर के माध्यम से घर भेजा जाता है। डीटीओ कार्यालय से डिस्पैच में देरी के कारण 15 दिन से एक महीने तक लग रहा है। इसी वजह से आवेदकों को बार-बार डीटीओ कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा है।
हिजाब प्रकरण भड़का:खूब टकराईं नेताओं की जुबानें, नुसरत के नौैकरी ज्वाइन करने पर संदेह
डॉ.नुसरत परवीन हिजाब प्रकरण बुधवार को भड़क गया। पार्टी लाइन पर नेताओं की जुबानें खूब टकराईं। एनडीए व महा गठबंधन एक-दूसरे पर हमलावर रहा। एनडीए बोला-’’हताश विपक्ष बात का बतंगड़ बनाए हुए है’; तो महा गठबंधन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से माफी मांगने को कहा। मुख्यमंत्री ने 15 दिसंबर को डॉ.नुसरत को नियुक्ति पत्र देते हुए उनके हिजाब को हटाया। चर्चा है कि इसके बाद से डॉ.नुसरत मानसिक रूप से गहरे आघात में हैं। उन्होंने नौकरी ज्वाइन नहीं करने की बात तय की है। सीएम ने ‘फोटो नहीं आएगी’ कहते हुए हटाया था हिजाबमुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह कहते हुए डॉ.नुसरत के हिजाब को हटाया था कि ‘बेटा फोटो नहीं आपकी।’ मौका, आयुष चिकित्सकों के नियुक्ति पत्र वितरण का था। मुख्यमंत्री, नियुक्ति पत्र दे रहे थे। डॉ.नुसरत नियुक्ति पत्र लेने आईं। हिजाब लगाए थीं। मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र देने के क्रम में उनका हिजाब हटा दिया। इस दौरान उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री विजय चौधरी, मंगल पांडेय, सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार आदि मौजूद थे। पाक के कुख्यात ने सीएम को धमकाया, केस दर्जपाकिस्तान का कुख्यात अपराधी शहजाद भट्टी ने हिजाब मामले में वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धमकाया। कहा- अभी भी समय है। महिला से माफी मांग लें। बाद में ये मत कहना कि चेतावनी नहीं दी गई थी। बिहार पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया। डीजीपी विनय कुमार के आदेश पर इस वीडियो क्लिपिंग की जांच का जिम्मा साइबर एक्सपर्ट को दिया गया। साइबर थाना में मुकदमा दर्ज हुआ।

