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CM नायब सिंह सैनी आज यमुनानगर में:कलेसर में करेंगे जंगल सफारी, नए मुख्य द्वार व ट्री-हाउस का करेंगे उद्घाटन

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी आज को यमुनानगर पहुंच रहे हैं। सबसे पहले वें श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस पर आयोजित यात्रा में सुबह 11 बजे शामिल होंगे। इसके बाद दोपहर करीब 1 बजे वे यमुनानगर जिले के प्रसिद्ध कलेसर नेशनल पार्क पहुंचकर लगभग जंगल सफारी का लुत्फ उठाएंगे। इस दौरान वे प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री होंगे जो कलेसर में जंगल सफारी करेंगे। मुख्यमंत्री के दौरे को देखते हुए वन्य प्राणी विभाग ने पार्क में व्यापक इंतजाम किए हैं। जंगल सफारी ट्रैक को पूरी तरह समतल कर दिया गया है। सफारी के लिए 8 से 10 हाई-पावर दूरबीनें उपलब्ध कराई गई हैं, जिनसे मुख्यमंत्री हाथी, चीता, बाघ, सांभर, चीतल, हिरण, जंगली मोर, अजगर, कोबरा, लंगूर आदि वन्य प्राणियों को करीब से निहार सकेंगे। 18 फीट ऊंचा ट्री-हाउस बनाया जा रहा पार्क में पहली बार 18 फीट ऊंचाई पर ट्री-हाउस भी बनाया जा रहा है, जिसका निर्माण मुरादाबाद के कारीगर कर रहे हैं। यह ट्री-हाउस नए मुख्यद्वार के पास तैयार हो रहा है। इससे वनकर्मी ऊंचाई से पूरे जंगल पर नजर रख सकेंगे। इसके अलावा पार्क में अब दो मुख्यद्वार होंगे। नया मुख्यद्वार प्रवेश के लिए और पुराना मुख्यद्वार निकासी के लिए होगा। नए मुख्यद्वार के पास टिकट हाउस भी बनाया जा रहा है, जहां से सैलानी सीधे टिकट लेकर सफारी का आनंद ले सकेंगे। मुख्यमंत्री इस नए मुख्यद्वार का उद्घाटन करेंगे तथा वन्य प्राणी विभाग परिसर में आयोजित जनसभा को संबोधित भी करेंगे। 11, 570 एकड़ में फैला है नेशनल पार्क हिमाचल की शिवालिक पहाड़ियों से सटा 11 हजार 570 एकड़ में फैला कलेसर नेशनल पार्क जैव-विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहां चार लोहे के वॉच टावर पहले से मौजूद हैं, जिनसे वन्य प्राणियों पर निगरानी रखी जाती है।वन्य प्राणी निरीक्षक लीलू राम ने बताया कि मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। नया रास्ता, टिकट घर और ट्री-हाउस सहित सभी कार्य समय से पूरे कर लिए गए हैं।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:43 am

पारिवारिक रंजिश में की गई थी ट्रांसपोर्टर की हत्या:हिसार के सुंदर नगर में गोली मारकर कर दिया था मर्डर, यूपी कनेक्शन निकला

हिसार में ट्रांसपोर्टर की हत्या मामले में पुलिस ने चौथे आरोपी को पकड़ लिया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान राजापुर, उत्तर प्रदेश निवासी अभिषेक के रूप में हुई है। अभिषेक पर 6 अक्टूबर को सुंदर नगर निवासी राजेश की गोली मारकर हत्या करने में शामिल होने का आरोप है। उसने मुख्य आरोपी को वारदात में इस्तेमाल हथियार उपलब्ध कराया था। राजेश की गिरफ्तारी से खुलासा हुआ है कि मृतक ट्रांसपोर्टर राजेश की हत्या पारिवारिक रंजिश के चलते की गई थी। पुलिस प्रवक्ता के अनुसार, 6 अक्टूबर की शाम थाना शहर हिसार को सुंदर नगर में गोली चलने की सूचना मिली थी। मौके पर पहुंची पुलिस को गली में एक व्यक्ति मृत अवस्था में मिला, जिसकी पहचान राजेश के रूप में हुई। शव को कब्जे में लेकर सिविल अस्पताल भेजा गया और मृतक के भाई की शिकायत पर हत्या सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया था। हमलावरों ने सीने पर मारी थी गोली हिसार के सुंदर नगर इलाके में 6 अक्टूबर की रात 8 बजे बाइक पर सवार होकर आए दो लोगों ने ट्रांसपोर्टर राजेश (45) के सीने में गोली मारी थी। गोली लगने के बाद राजेश मौके पर ही नीचे गिर गया था। गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग इकट्ठा हो गए। इसके बाद उन्होंने पुलिस को घटना की सूचना दी और राजेश को अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने अजय को मृत घोषित कर दिया। पुलिस का कहना है कि राजेश मूल रूप से भिवानी के नकीपुरा गांव का रहने वाला था। पारिवारिक रंजिश का निकला मामला जांच में सामने आया कि मृतक राजेश और मुख्य आरोपी अमित उर्फ धोला के बीच दूर की रिश्तेदारी को लेकर विवाद चल रहा था। इसी रंजिश के चलते अमित ने अपने साथी सोनू उर्फ सरपंच के साथ मिलकर राजेश की रेकी की और योजनाबद्ध तरीके से हत्या को अंजाम दिया। पुलिस ने पहले ही मुख्य आरोपी अमित उर्फ धोला और सोनू उर्फ सरपंच को गिरफ्तार कर 10 दिन का रिमांड लिया हुआ है। एक नाबालिग आरोपी को भी अभिरक्षा में लेकर ऑब्जर्वेशन होम भेजा जा चुका है। पुलिस इस मामले में गहन जांच कर रही है और अन्य पहलुओं पर भी पड़ताल जारी है। शादी को हो गए थे 16 साल, पत्नी से अलग रहता था अजय ट्रांसपोर्ट के काम के साथ राजेश कनफेक्शनरी की दुकान भी चलाता था। उसकी शादी को करीब 16 साल हो गए थे। उसका 15 साल का एक बेटा और एक एक छोटी बेटी है। पड़ोसियों का कहना था कि राजेश करीब 5 साल से पत्नी से अलग रह रहा था। दुकान के पास ही कमरा लेकर अपनी गर्लफ्रेंड के साथ रहता था। आखिरी बार दशहरे पर अपने बच्चों से मिलने गया था। पत्नी मंजीत बच्चों के साथ हिसार के मिलगेट एरिया में रहती है। दोनों के बीच गर्लफ्रेंड को लेकर झगड़ा भी होता रहता था। कोरोना काल में मुंबई से हिसार आया था राजेश पहले मुंबई में रहकर ट्रांसपोर्ट का काम करता था। कोरोना काल में मुंबई छोड़कर हिसार आ गया था। अब हिसार से ही मुंबई के ट्रांसपोर्ट का काम देखता था। इसके बाद उसने कनफेक्शनरी की दुकान भी खोल ली। ट्रांसपोर्टर की हत्या की जानकारी देता भाई संतो।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:39 am

नियम तोड़ने वाले वाहनों पर चला पुलिस का डंडा:एक ही दिन में बनाए 2 हजार 367 वाहनों के चालान, पुलिस बोली फॉलो करें रूल्स

जोधपुर में ट्रैफिक पुलिस ने सोमवार को शहरभर में विशेष चेकिंग अभियान चलाकर ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की। अलग-अलग इलाकों में की गई जांच के दौरान एक ही दिन में कुल 2367 वाहन चालकों के चालान बनाए गए। एडीसीपी (ट्रैफिक) दुर्गाराम चौधरी ने बताया कि ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने और सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए यह अभियान चलाया गया। इसमें 185 एमवी एक्ट के तहत 19, तेज गति से वाहन चलाने के 494, खतरनाक तरीके से ड्राइव करने के 105, गलत दिशा से आने-जाने के 1434, बिना रिफ्लेक्टर के 220 और बिना नंबर की गाड़ियों के 95 चालान किए गए। एडीसीपी दुर्गाराम चौधरी ने कहा कि कई वाहन चालक लापरवाही से नियमों की अनदेखी कर खुद की और दूसरों की जान जोखिम में डालते हैं। ऐसे चालकों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे। ये अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा।ट्रैफिक पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे यातायात नियमों का पालन करें, वाहन चलाते समय सीट बेल्ट और हेलमेट का उपयोग अनिवार्य रूप से करें तथा सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दें।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:30 am

करनाल मंडी में धान घोटाले का मामला:​​​​​​​सस्पेंड सचिव अभी भी फरार, पूर्व विधायक की बेटी है आशा रानी, पहले भी हो चुकी है सस्पेंड

करनाल के मार्किट कमेटी कार्यालय की सस्पेंडेड सचिव आशा रानी कोई ओर नहीं बल्कि पूर्व विधायक मामूराम गोंदर की बेटी है। आशा रानी कोई पहली बार सस्पेंड नहीं हुई है, इससे पहले भी वर्ष 2016 में करनाल की इसी मंडी में आशा रानी सस्पेंड हुई थी और 2018 में इसको क्लीन चीट मिल गई थी। सस्पेंड होने के बाद से ही पुलिस आशा रानी को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दे रही है, लेकिन आशा रानी अभी कथित तौर पर फरार बताई जा रही है। हालांकि बात यह भी सामने आई है कि गिरफ्तारी से बचने के लिए मंडी सचिव आशा रानी ने अदालत में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी, लेकिन अदालत ने जमानत याचिका खारिज कर दी है। वही सूत्रों की माने तो अब आशा रानी हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाने की जुगत में है। आपको बता दे कि नई अनाज मंडी करनाल में हुए धान घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के 11 दिन बाद शनिवार को मंडी सचिव आशा रानी को विभाग ने सस्पेंड कर दिया है। इन पर चार नवंबर को केस दर्ज हुआ था। तब से सचिव अपने कार्यालय से नदारद हैं। मंडी सचिव की गिरफ्तारी के लिए पुलिस संदिग्ध ठिकानों पर भी दबिश दे रही है। डीएमईओ ईश्वर सिंह की शिकायत पर मंडी सचिव आशा रानी, मंडी कर्मचारी राजेंद्र कुमार, अजय कुमार व अमित कुमार के खिलाफ करनाल शहर थाने में केस दर्ज किया गया था। चारों आरोपियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। मामले में मंडी सुपरवाइजर पंकज तुली और दो कंप्यूटर ऑपरेटर पुलिस गिरफ्त में आ चुके हैं। इनसे हुई पूछताछ में फर्जी तरीके से गेट पास काटने और धान घोटाले संबंधित मामले का खुलासा हुआ। दो बड़े फर्जीवाड़ों के मामले से हिला शासन व प्रशासन करनाल में सरकारी अनाज की हेराफेरी और मंडियों में फर्जीवाड़े के दो बड़े मामलों ने प्रशासन और जांच एजेंसियों को गंभीर सवालों के घेरे में ला दिया है। जिले में धान घोटाले की जांच जितनी आगे बढ़ रही है, उतने ही नए खुलासे सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में इंद्री के यूनाइटेड फूड्स राइस मिल में रविवार को हुई भौतिक जांच में करीब 10 हजार क्विंटल धान कम पाया गया। दूसरी ओर करनाल अनाज मंडी में फर्जी गेटपास घोटाले में ऑक्शन रिकॉर्डर यशपाल को भी निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही करनाल मार्किट कमेटी की फरार सचिव आशा रानी को पकड़ने के लिए भी पुलिस दबिश दे रही है। इन मामलों में जांच तेज है और कई कर्मचारियों व मिल मालिकों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है। वहीं हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा का कहना है कि मामले में लिप्त किसी भी आरोपी को बक्शा नहीं जाएगा। इंद्री के राइस मिल में मिला 10 हजार क्विंटल धान कम, 2.61 करोड़ की अनियमितता का अंदेशा करनाल जिले में धान घोटाले के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रविवार को इंद्री के शेखपुरा बांगड स्थित यूनाइटेड फूड्स राइस मिल में विभागीय टीम ने फिजिकल वेरिफिकेशन करते हुए पाया कि सरकार द्वारा आवंटित स्टॉक की तुलना में 10 हजार क्विंटल धान कम है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, इस धान की कीमत करीब 2 करोड़ 61 लाख रुपए है। विभागीय टीम की जांच में सामने आया कि मिल को करीब 37 हजार 720 क्विंटल धान अलॉट हुआ था, जबकि परिसर में केवल 27 हजार 670 क्विंटल स्टॉक मिला। इस खुलासे के बाद बुटाना थाना पुलिस ने मिल मालिक नसीब सिंह और उनकी पत्नी संतोष रानी के खिलाफ धोखाधड़ी और सरकारी अनाज के दुरुपयोग का केस दर्ज कर लिया है। यह करनाल में धान घोटाले से संबंधित पांचवी एफआईआर है, जो यह संकेत देती है कि स्टॉक में अनियमितता की घटनाएं बड़े पैमाने पर हो रही हैं। प्रशासन की कड़ी निगरानी पर उठे सवाल, इंस्पेक्टर की भूमिका संदिग्ध इस मामले ने विभागीय निगरानी पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस विभागीय इंस्पेक्टर के जिम्मे धान के आगमन, भंडारण और निकासी की ट्रैकिंग थी, उसकी भूमिका अब संदेह के घेरे में है। सवाल यह है कि इतनी बड़ी मात्रा में धान बिना किसी विभागीय रिकॉर्ड में दर्ज हुए कैसे गायब हो सकता है। फिजिकल जांच के बाद विभागीय अधिकारी भी मान रहे हैं कि इस प्रकार की अनियमितता बिना मिलीभगत के संभव नहीं है। अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि मिल मालिकों के अलावा अन्य कौन-कौन इस हेराफेरी में शामिल था। असंध की मिलों में भी मिला था करोड़ों का कम स्टॉक यह पहला मामला नहीं है जब जिले में धान के स्टॉक में इतनी बड़ी गड़बड़ी सामने आई हो। इससे पहले असंध की दो मिलों में करीब 9.25 करोड़ रुपये का धान कम मिलने पर मामला दर्ज किया गया था। सग्गा और पखाना की मिलों में भी इसी तरह की अनियमितता सामने आ चुकी है। इन मामलों में पुलिस ने एक आरोपी सुनील गोयल को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। जांच अधिकारी मान रहे हैं कि यह कोई एक-दो मिलों तक सीमित घोटाला नहीं, बल्कि एक बड़ा नेटवर्क भी हो सकता है। फर्जी गेटपास घोटाले में भी बड़ा एक्शन, ऑक्शन रिकॉर्डर यशपाल निलंबित इसी बीच करनाल अनाज मंडी में हुए फर्जी गेटपास घोटाले में नई कार्रवाई की गई है। इस मामले में ऑक्शन रिकॉर्डर यशपाल को मुख्यालय ने निलंबित कर दिया है। भले ही उसका नाम प्रारंभिक एफआईआर में नहीं था, लेकिन पुलिस जांच में यह साफ हुआ कि निलंबित मंडी सुपरवाइजर पंकज तुली, सचिव आशा रानी और यशपाल ने मिलकर फर्जी गेटपास बनवाए थे। मामले में इससे पहले दो कंप्यूटर ऑपरेटर अंकुश और अंकित को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। निलंबन आदेश के बाद यशपाल को रोहतक में जेडएमईओ कार्यालय में हाजिरी लगाने के निर्देश दिए गए हैं। यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि बिना मुख्यालय की अनुमति के वह कार्यालय नहीं छोड़ सकता। पुलिस की दबिश जारी, कई कर्मचारी अभी भी फरार फर्जी गेटपास घोटाले की जांच सीआईए टू कर रही है। जांच अधिकारी मुकेश कुमार के अनुसार सचिव आशा रानी और यशपाल दोनों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। आशा रानी की अग्रिम जमानत याचिका अदालत ने पहले ही खारिज कर दी है। इसके अलावा एफआईआर में आरोपी मंडी कर्मचारी राजेंद्र, अजय कुमार और अमित कुमार भी अब तक पकड़ में नहीं आए हैं। पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है और उम्मीद है कि सभी आरोपी जल्द गिरफ्तार होंगे। दोनों घोटालों ने खड़े किए बड़े सवाल, जांच एजेंसियां अब कड़ाई से जोड़ रही कड़ियां धान घोटाले और गेटपास फर्जीवाड़े के दो बड़े मामलों ने करनाल के प्रशासनिक ढांचे पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक ओर मिलों में सरकारी धान का स्टॉक कम मिलना विभागीय निगरानी की खामियों को उजागर कर रहा है, तो दूसरी ओर गेटपास मामले ने मंडी सिस्टम में मौजूद कमियों को सामने ला दिया है। दोनों मामलों में कई कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका है, इसलिए जांच एजेंसियां अब दोनों नेटवर्क के बीच संभावित कनेक्शन भी तलाश रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी स्तर पर लापरवाही सामने आई तो कठोर कार्रवाई होगी। वहीं किसान संगठनों ने भी मांग उठाई है कि पूरे जिले में धान के आवंटन और निकासी की पारदर्शी जांच करवाई जाए, ताकि भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंचा जा सके। कृषि मंत्री बोले-होगी सख्त कार्रवाई वहीं हरियाणा के कृषि मंत्री ने धान घोटाले व फर्जीगेटपास के मामले पर कहा कि सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए कुछ नियम बनाए थे, लेकिन उनका दुरूपयोग किया गया। धान घोटाले या फिर फर्जी गेटपास मामले में किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जाएगा। सबके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:25 am

राजस्थान के 5 जिलों में आज शीतलहर का अलर्ट:फतेहपुर में सबसे ठंडी रात, कई शहरों में तापमान 10 डिग्री से नीचे रहा

उत्तर भारत से चल रही बफीर्ली हवा से तापमान में लगातार धीरे-धीरे गिरावट हो रही है। इससे रात के साथ-साथ दिन में भी सर्दी बढ़ रही है। सोमवार को राजस्थान में कोल्ड-वेव के असर से तापमान 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया। वहीं, दिन में भी सर्दी बढ़ने से सोमवार को राजस्थान के बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर, फलोदी को छोड़कर शेष सभी जिलों में अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा। मौसम विभाग ने 18 नवंबर को भी 5 जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया गया है। राज्य में अगले 5 दिन मौसम शुष्क रहने और सर्दी से राहत नहीं मिलने की संभावना जताई है। पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे कम न्यूनतम तापमान सीकर के पास फतेहपुर में 4.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सीकर, फतेहपुर, झुंझुनूं, नागौर, अजमेर, टोंक और कोटा में कोल्ड-वेव का असर सबसे ज्यादा रहा। कोटा में सोमवार को न्यूनतम तापमान 10.6, सीकर में 5.5, झुंझुनूं में 9.2, नागौर में 5.6, चूरू में 8, बारां में 7.7, जालोर में 7.4, करौली में 7.6, अजमेर में 9.8, भीलवाड़ा में 8.6, वनस्थली (टोंक) 7.9, अलवर में 8, चित्तौड़गढ़ में 8.2, उदयपुर में 8.5 और जयपुर में 11.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। 4 शहरों को छोड़कर सभी में अधिकतम तापमान 30 से नीचे शीतलहर से शहरों में दिन में भी तापमान कम रहने लगा। इससे दिन में भी हल्की सर्दी महसूस हो रही है। करौली, प्रतापगढ़ में अधिकतम तापमान 26.4, भीलवाड़ा में 27, अलवर में 26.6, बारां में 27.2, जैसलमेर में 28.4, डूंगरपुर में 28.3, उदयपुर में 27, चूरू में 29.7, कोटा में 27.3, सीकर में 27, जयपुर में 28.4 और झुंझुनूं में 28.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सबसे ज्यादा तापमान 32.2 डिग्री सेल्सियस बाड़मेर में दर्ज हुआ।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:24 am

पीहर से लौटी तो पति लापता, गड्‌ढे में मिली लाश:करीबी ही निकला हत्यारा, 21 साल पुरानी मर्डर मिस्ट्री, पार्ट-1

राजस्थान क्राइम फाइल्स में आज 21 साल पुराना केस। श्रीगंगानगर के जवाहरनगर थाना क्षेत्र में एक महिला पति, दो बेटियों और एक बेटे के साथ रहती थी। वह पति के साथ गुरु के घर जाया करती थी। कुछ समय बाद परिवार गुरु के साथ रहने लगा। एक दिन वह पीहर से लौटी तो पति घर पर नहीं मिला। काफी तलाश के बाद भी कोई सुराग नहीं मिला। हारकर उसने पुलिस को सूचना दी। पुलिस की जांच में जो सच सामने आया, उसने महिला के होश उड़ा दिए। एक गड्‌ढे से उसके पति की लाश निकली। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… 20 अप्रैल 2004 महिला अपने पति और दो बेटियों तथा बेटे के साथ सिरसा से श्रीगंगानगर आई। यहां वे अर्जुन कॉलोनी में किराए के मकान में रहने लगे। परिवार पहले एक गुरुजी के डेरे पर रहता था। इसके बाद अर्जुन कॉलोनी में आकर रहने लगा, क्योंकि यहां गुरुजी बड़ी जमीन पर डेरा बनाने वाले थे। महिला का पति गुरुजी की हर बात मानता था। महिला की भी गुरु के प्रति आस्था थी। गुरु के कहने पर ही परिवार अर्जुन नगर में आकर रहने लगा। महिला गुरुजी से जून 2001 में मिली थी। उसके पति ने ही गुरुजी से मिलवाया था। महिला का पति शराब का आदी था। साथ ही वह चर्म रोग से भी परेशान था। गुरुजी ने उसे कुछ देसी दवा और भभूति दी, जिससे उसे फायदा हुआ। इसके बाद परिवार की आस्था गुरुजी में बढ़ गई। 8 मई 2004 को गुरुजी ने महिला को बच्चों के साथ मायके जाने के लिए कहा। महिला हैरान हुई। वह गुरुजी की बात टालती नहीं थी। ऐसे में वह अपने बच्चों को लेकर किराए की कार से अपने माता–पिता के घर चली गई। 12 मई को महिला घर लौटी। उसे उसका पति वहां नहीं मिला। गुरुजी ने बताया कि वह चंतापूर्णी माता के दर्शन के लिए गया है। गुरुजी के साथ उसके 2 चेले भी रहते थे। तीनों से जब बार–बार उसने उसके पति के बारे में पूछा तब उन्होंने यही कहा कि वह चंतापूर्णी माता के मंदिर गया है। महिला ने दो दिन तक इंतजार किया। तीसरे दिन 14 मई को शाम सात बजे थाने पहुंची और पति की गुमशुदगी दर्ज करवाई। उसने पुलिस को बताया कि वह गुरुजी के यहां रह रही थी। गुरुजी ने उसे मायके भेजा। वापस लौटी तो उसका पति घर पर नहीं मिला। तीन दिन इंतजार करने के बाद भी जब कोई खबर नहीं मिली, तब गुमशुदगी दर्ज करवाई। पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। सबसे पहले गुरुजी और उनके दोनों चेलों से पूछताछ की। पूछताछ के बाद तीनों पर पुलिस का शक गहरा गया। तीनों को हिरासत में लेकर कड़ाई से पूछताछ की। घर की तलाशी भी ली। घर के पीछे ताजा मिट्‌टी खुदी हुई मिली। पुलिस ने वहां खुदाई कराई तो महिला के पति की लाश मिली। पति का शव देखकर महिला के होश उड़ गए। सवालों के जवाब जानने के लिए कल पढ़िए राजस्थान क्राइम फाइल्स, पार्ट-2

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:20 am

पंजाब में पारा 5 डिग्री के करीब पहुंचा:औसत तापमान में सामान्य उछाल आया, सामान्य हुआ; धूप खिलेगी, 72 घंटे बदलाव नहीं होगा

पंजाब में न्यूनतम तापमान 5 डिग्री तक पहुंच गया है। इस साल सर्दियों की शुरुआत के बाद ये अभी तक का सबसे न्यूनतम तापमान है, आने वाले दो सप्ताह में ये तापमान और गिरेगा। हालांकि बीते 24 घंटों में राज्य के औसत तापमान में हल्की बढ़ौतरी हुई है, ये सामान्य के करीब है। मौसम विज्ञान केंद्र का अनुसार, आने वाले 72 घंटों में अच्छी धूप खिलेगी व मौसम साफ रहेगा। जिसके चलते राज्य के तापमान में बढ़ा बदलाव नहीं होगा। बीते 24 घंटों की बात करें तो राज्य का औसत अधिकतम तापमान 0.1 डिग्री बढ़ा है। न्यूनतम तापमान फरीदकोट में 5 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, सबसे अधिक तापमान में फरीदकोट में दर्ज किया गया, जो 29.6 डिग्री रहा। बीते 24 घंटों में पंजाब के प्रमुख शहरों का तापमान- न्यूनतम तापमान 5 से 9 डिग्री के बीच रहने का अनुमान पंजाब में अगले 48 घंटे में मौसम शुष्क रहेगा, लेकिन कोहरा पड़ने की संभावना बनी रहेगी। कोहरा बाहरी इलाकों में रह सकता है, जो ठंड का संकेत है। न्यूनतम तापमान लगभग 5 से 9 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहेगा। दिन के समय अधिकतम तापमान लगभग 22 से 30 डिग्री के बीच रहेगा। हवा की गति धीमी रहेगी, जिससे ठंडक की अनुभूति अधिक होगी। वर्षा की कोई संभावना नहीं है। जिससे पंजाब में कोहरा भी देखने को मिल सकता है। पंजाब के प्रमुख शहरों का अनुमानित तापमान-

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:19 am

पुरानी विधानसभा का आज आखिरी दिन:इस सदन ने देखी 19 घंटे की रात, 9 अविश्वास प्रस्ताव और एक मंत्री का वॉकआउट

छत्तीसगढ़ की विधायी इतिहास का साक्षी रहा पुराना विधानसभा भवन आज आखिरी बार सत्र की मेजबानी कर रहा है। इसके बाद विधानसभा का शीतकालीन सत्र नवा रायपुर के नए विधानसभा भवन में होगा। करीब ढाई दशक से यह भवन सिर्फ बहस का मंच नहीं रहा, बल्कि सत्ता के उतार-चढ़ाव, विपक्ष की तल्खियां, राजनीतिक नाटकों, ऐतिहासिक फैसलों और लोकतंत्र के अनेक रंगों का जिंदा गवाह रहा है। यही वो सदन है जहां पहली बार नियम तय हुए, पहली बार टेबल थपी, पहला अविश्वास प्रस्ताव आया और पहली बार सत्ता-पक्ष के ही एक मंत्री ने वॉकआउट कर पूरे राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी थी। यहीं पर नई परंपराएं बनीं, यहीं अविश्वास प्रस्ताव पर रिकॉर्ड 19 घंटे लगातार चर्चा हुई थी, और यहीं सत्ता पक्ष के एक मंत्री ने खुद वॉकआउट कर राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी। ऐसी कई घटनाएं केवल रिकॉर्ड में ही नहीं बल्कि इस सदन की स्मृतियों में दर्ज हैं। नए परिसर में जाने से पहले आज का यह एकदिवसीय सत्र सिर्फ़ कार्यवाही नहीं… बल्कि उस पूरे दौर को याद करने का मौका है, जिसने छत्तीसगढ़ की लोकतांत्रिक यात्रा को आकार दिया। इस रिपोर्ट में पढ़िए कैसा रहा इन 25 सालों का सफर, कौन से फैसले बने मील का पत्थर, और नया भवन क्यों छत्तीसगढ़ की संसदीय संस्कृति को अगले दौर में ले जाने वाला है:- राज्य गठन और संसदीय यात्रा की शुरुआत: अस्थायी हॉल से पहला सत्र 1 नवंबर 2000…..इस दिन छत्तीसगढ़ देश के 26वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। लेकिन नए राज्य के सामने चुनौतियां भी कम नहीं थीं। न स्थायी राजधानी का ढांचा, न विधानसभा भवन, न प्रशासनिक इंतजाम। इसी बीच, लोकतंत्र का पहिया थमा नहीं। तत्कालीन सरकार ने अस्थायी व्यवस्था के तहत राजधानी रायपुर के ऐतिहासिक राजकुमार कॉलेज परिसर को विधानसभा के पहले सत्र की मेजबानी के लिए चुना। राजकुमार कॉलेज, जिसे अंग्रेज शासनकाल में 1882 में जबलपुर में स्थापित किया गया था और 1894 में रायपुर लाया गया।वहीं का जशपुर हॉल छत्तीसगढ़ की संसदीय परंपरा का पहला साक्षी बना।कुर्सियां, टेंट और फर्नीचर तक किराया भंडार से मंगाए गए। हॉल के बाहर पंडाल में कार्यमंत्रणा समिति की बैठकें होती थीं। लेकिन व्यवस्था कितनी भी अस्थायी रही हो, यही वह जगह थी जहां छत्तीसगढ़ की विधायी परंपरा की पहली लाइन लिखी गई। पहला विधानसभा सत्र: 14 से 19 दिसंबर 2000 पहला सत्र कुल छह दिन चला। यहां कई ऐतिहासिक घटनाएं घटीं, जो आगे चलकर राज्य की संसदीय परंपरा को दिशा देने वाली थीं। पहली विधानसभा की महत्वपूर्ण घटनाएं पहली संस्कृत शपथ इस सत्र की सबसे अनोखी और यादगार घटना रही भाजपा नेता नंदकुमार साय द्वारा संस्कृत में शपथ लेना। वे राज्य के पहले नेता प्रतिपक्ष बने। इसी सत्र में जोगी मंत्रिमंडल के रामचंद्र सिंह देव, डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम सहित कई मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की। जशपुर हॉल के बाहर आज भी पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप सिंह जूदेव की प्रतिमा उस ऐतिहासिक समय को याद कराती है। अस्थायी व्यवस्था से दूसरा पड़ाव: केन्द्रीय जल संसाधन भवन में विधानसभा पहले सत्र के लगभग दो महीने बाद 27 फरवरी 2001 को छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र एक नए भवन में आयोजित हुआ। यह भवन मूल रूप से विधानसभा के लिए नहीं बना था। यह दरअसल राजीव गांधी राष्ट्रीय भूजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान का परिसर था, जिसकी स्थापना 1997 में 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान की गई थी। जीरो प्वाइंट कहलाने वाला क्षेत्र बाद में विधानसभा चौक नाम से जाना जाने लगा। अस्थायी ढांचे, किराए की कुर्सियां और सीमित जगह इन सबके बीच छत्तीसगढ़ विधानसभा धीरे-धीरे अपने स्थायी रूप की ओर बढ़ती गई। छत्तीसगढ़ विधानसभा में वेल में जाने से खुद ही निलंबित हो जाते हैं विधायक’ छत्तीसगढ़ विधानसभा ने अपने शुरुआती वर्षों में ही एक ऐसा नियम बनाया, जिसने इसे देश की अन्य विधानसभाओं से अलग पहचान दिलाई।यह नियम था - गर्भगृह (वेल) में पहुंचते ही सदस्य स्वतः निलंबित माने जाएंगे। यह देश की किसी भी विधानसभा में लागू होने वाला पहला और अनोखा नियम था।यही कारण है कि जहां संसद और अन्य विधानसभाओं में वेल में उतरकर हंगामा आम बात है, वहीं छत्तीसगढ़ विधानसभा में ऐसा दृश्य लगभग नहीं के बराबर है। यह नियम न केवल देश में, बल्कि अन्य लोकतांत्रिक संस्थाओं में भी चर्चा का विषय बना। 25 साल में 9 बार अविश्वास प्रस्ताव दो दशकों से ज्यादा के इतिहास में विधानसभा में कुल 9 बार अविश्वास प्रस्ताव लाए गए: विस्तार- हर बार अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। अविश्वास प्रस्ताव की वो रात, जब सदन 19 घंटे बिना रुके चला छत्तीसगढ़ विधानसभा के इतिहास में अगर किसी एक रात को सबसे लंबी, सबसे तीखी और सबसे यादगार बहस के तौर पर याद किया जाता है, तो वह है 22 दिसंबर 2017 की अविश्वास प्रस्ताव वाली रात।उस दौरान विधानसभा अध्यक्ष रहे गौरीशंकर अग्रवाल आज भी उस दिन को “छत्तीसगढ़ की संसदीय परंपरा के लिए मील का पत्थर” मानते हैं। अग्रवाल बताते हैं- “उस दिन सच में इतिहास बना था। अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा लगातार 19 घंटे चली… बिना भोजन अवकाश के। यह प्रदेश की अब तक की सबसे लंबी विधायी बैठक है।” उन्होंने कहा कि 47 विधायकों ने प्रस्ताव पर बोलने के लिए नाम दिया था। सबसे लंबा भाषण तब के नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव का रहा, जिन्होंने करीब दो घंटे तक सरकार पर सवालों की झड़ी लगा दी। मंत्री, विपक्षी सदस्य और ट्रेजरी बेंच हर तरफ से बहस तेज होती चली गई और आधी रात कब बीत गई, किसी को पता ही नहीं चला। सत्ता पक्ष की तरफ से खासकर तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह भी धैर्य के साथ सदन में मौजूद रहे और सबकी बातें सुनते रहे। अग्रवाल का कहना है।“स्पीकर के रूप में मेरी कोशिश यही थी कि हर सदस्य को बराबर मौका मिले। कोई भी यह न कहे कि उसे बोलने नहीं दिया। इसलिए रात भर सदन की कार्यवाही जारी रही।” भोर करीब 5 बजे तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह खड़े हुए और सरकार की ओर से संक्षिप्त जवाब दिया।भले ही पूरी रात जागने की वजह से सभी थक गए थे लेकिन सदन में वही ऊर्जा बनी रही। हर सीट भरी हुई, सभी सदस्य जवाब सुनने के लिए वैसे ही तैनात। इसी दौरान एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया..ध्वनि मत के बजाय वोटिंग कराई जाए। इसलिए सदन खाली कराया गया और विधायकों को अंदर बुलाकर मतदान कराया गया। नतीजा आया और अविश्वास प्रस्ताव गिर गया।लेकिन उस रात संसद जैसी गंभीर बहस, लगातार 19 घंटे का मैराथन सत्र और सत्ता–विपक्ष के बीच तेज राजनीतिक टकराव सब कुछ इस भवन की स्मृतियों में दर्ज हो गया। गौरीशंकर अग्रवाल मानते हैं कि -“इस पुराने भवन में जो संसदीय संस्कृति बनी, जो मिसालें कायम हुईं, वैसा दौर दोबारा मिलना मुश्किल है। जब सत्ता पक्ष के मंत्री ने ही कर दिया था वॉकआउट… सदन में मचा था भारी हंगामा छत्तीसगढ़ विधानसभा के 25 साल के इतिहास में वह दिन भी दर्ज है, जब सत्ता पक्ष के ही एक वरिष्ठ मंत्री ने सदन से वॉकआउट कर दिया था।ऐसा कदम न पहले कभी देखा गया था और न उसके बाद दोबारा हुआ। यह घटना उस पुराने विधानसभा भवन की स्मृतियों में एक असाधारण संसदीय पल के तौर पर दर्ज है। यह मामला तब शुरू हुआ जब शून्यकाल में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू एक FIR का विवरण पढ़कर सुनाने के लिए खड़े हुए। FIR विधायक बृहस्पत सिंह की ओर से दर्ज कराई गई थी। जैसे ही साहू ने FIR की कॉपी पढ़नी शुरू की, विपक्ष भड़क उठा। भाजपा विधायकों का कहना था कि सरकार असल मुद्दे को भटका रही है और जिस विषय पर जवाब मांगा गया था, उस पर कोई स्पष्टता नहीं दी जा रही। इसी हंगामे के बीच अचानक स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव अपनी सीट से खड़े हुए। उनका चेहरा गंभीर था और आवाज पहले से कहीं ज्यादा दृढ़। सिंहदेव ने कहा-“अब बहुत हो गया। मेरे ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं, उन पर सरकार का स्पष्ट जवाब आए बिना मेरा सदन में रहना उचित नहीं है। मेरे माता-पिता के आचरण, चरित्र और सार्वजनिक जीवन से यह सदन अच्छी तरह परिचित है। इसके बावजूद मेरे खिलाफ ऐसी बातें कही जा रही हैं। मैं तब तक वापस नहीं आऊंगा, जब तक शासन अपनी स्थिति साफ नहीं करता।” ये कहते ही सिंहदेव सदन से बाहर निकल गए।सत्ता पक्ष का मंत्री अपने ही सरकार के खिलाफ इस तरह खड़ा हो जाए। ये वाक्या पूरे सदन को स्तब्ध कर देने वाला था। इसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। अगले दिन अध्यक्ष विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सरकार की ओर से गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू को बयान देने के लिए बुलाया। यह वही मुद्दा था जिसने घंटे से सदन की पूरी कार्यवाही रोक दी थी।गृहमंत्री साहू ने स्पष्ट शब्दों में कहा“विधायक बृहस्पत सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर जान से मारने की कोशिश के जो आरोप लगाए थे, वे पूरी तरह निराधार हैं।” गृह मंत्री के बयान और विधायक के खेद व्यक्त करने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खड़े हुए। उन्होंने विपक्ष का आभार जताते हुए कहा “इतने गंभीर मुद्दे पर सदन की संवेदनशीलता बनी रही, इसके लिए मैं विपक्ष का धन्यवाद करता हूं।” इसके कुछ देर बाद, दोपहर 1 बजकर 2 मिनट पर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव वापस सदन में पहुंच गए। सिंहदेव ने अपनी सीट संभाली और सदन की कार्यवाही सामान्य ढंग से आगे बढ़ी।इस तरह पिछले एक दिन से चल रहा विवाद समाप्त हो गया और सदन ने अपना एजेंडा आगे बढ़ाया। राष्ट्रपतियों का संबोधन: छत्तीसगढ़ को मिला विशेष गौरव 25 साल की संसदीय यात्रा में अब तक छत्तीसगढ़ विधानसभा को तीन राष्ट्रपति संबोधित कर चुके हैं। 25 साल- चेहरे और नेतृत्व विधानसभा अध्यक्ष विधानसभा सचिव / प्रमुख सचिव प्रोटेम स्पीकर महेन्द्र बहादुर सिंह, राजेंद्र प्रसाद शुक्ल, बोधराम कंवर, सत्यनारायण शर्मा, रामपुकार सिंह ठाकुर, राम विचार नेताम नेता प्रतिपक्ष नंदकुमार साय, महेंद्र कर्मा, रविंद्र चौबे, टीएस सिंहदेव, धरमलाल कौशिक, नारायण चंदेल, डॉ. चरणदास महंत समापन: लोकतंत्र का सफर अब नए भवन में नए अध्याय के साथ छत्तीसगढ़ विधानसभा की 25 साल की यात्रा अस्थायी जशपुर हॉल से शुरू होकर 52 एकड़ में बने अत्याधुनिक भवन तक पहुंची है। नया भवन आने वाले दशकों के लिए छत्तीसगढ़ की विधायी जरूरतों को पूरा करने वाला है। राज्य की संसदीय परंपरा अब एक नए, भव्य और आधुनिक अध्याय में प्रवेश कर रही है और लेकिन उससे पहले आज यानी 18 नवंबर का विशेष सत्र छत्तीसगढ़ के संसदीय इतिहास का गवाह रहे भवन का आखिरी पन्ना साबित होगा।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:17 am

एसआईआर वर्किंग में एमपी का 12 राज्यों में छठा स्थान:अब तक 9.72 प्रतिशत गणना पत्रक डिजिटाइज हुए, गोवा की परफार्मेंस सबसे अच्छी

मध्यप्रदेश में चुनाव आयोग की सख्ती के बाद अब तक कुल 9.72 प्रतिशत गणना पत्रकों का डिजिटाइजेशन किया जा चुका है। चुनाव आयोग द्वारा इसको लेकर रोज की जा रही समीक्षा के आधार पर एमपी का नम्बर देश के 12 राज्यों में कराई जा रही एसआईआर की कार्यवाही में छठे नम्बर पर है। गोवा में सबसे अच्छा परफार्मेंस सामने आया है। यहां 35 प्रतिशत से अधिक डिजिटाइजेशन हो चुका है। चुनाव आयोग द्वारा सोमवार को दोपहर बाद तीन बजे तक की स्थिति में जारी गणना पत्रक वितरण और डिजिटाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार देश के राज्य 12 राज्यों में कराई जा रही एसआईआर की कार्यवाही में मध्य प्रदेश का परफॉर्मेंस छठे स्थान पर है। चुनाव आयोग द्वारा एसआईआर गणना पत्र के वितरण और गणना पत्र के डिजिटाइजेशन को लेकर जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्य प्रदेश में गणना पत्रक वितरण 99.63% और डिजिटाइजेशन की कार्रवाई 9.72% हुई है। रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में 5 करोड़ 74 लाख 6 हजार 143 वोटर्स में से 5 करोड़ 71 लाख 94 हजार 700 वोटर्स को गणना पत्रक बांटे जा चुके हैं। इसके साथ ही 55 लाख 81 हजार 488 गणना पत्रकों का डिजिटाइजेशन किया जा चुका है। देश के 12 राज्यों में की जा रही एसआईआर की कार्रवाई की तुलनात्मक रिपोर्ट से पता चलता है कि मध्य प्रदेश की प्रोग्रेस छठे स्थान पर है और सबसे अच्छी स्थिति गोवा की है जहां 100% गणना पत्रक वितरण और 35.74% डिजिटाइजेशन का काम हो चुका है।इसके बाद राजस्थान में 98.85% गणना पत्रक बांटे जा चुके हैं और 27.84% डिजिटाइजेशन किया जा चुका है। तीसरे नंबर पर लक्षद्वीप है जहां 100% गणना पत्रक वितरण और 19.64% डिजिटाइजेशन किया जा चुका है। पुडुचेरी चौथे स्थान पर है जहां 94.35 प्रतिशत गणना पत्रक बांटे गए हैं और 18.79 प्रतिशत डिजिटाइजेशन किया जा चुका है। 50 करोड़ 97 लाख मतदाताओं की हो रही SIR चुनाव आयोग की रिपोर्ट के अनुसार 12 राज्यों के 50 करोड़ 97 लाख 84 हजार 423 वोटर्स में से 50 करोड़ 11 लाख 75 हजार 907 मतदाताओं को गणना पत्रक बांटे जा चुके हैं। इनमें से चार करोड़ 42 लाख 64 हजार 69 मतदाताओं की गणना पत्रकों का डिजिटाइजेशन किया जा चुका है जो कुल मतदाता संख्या का 8.68 प्रतिशत है। सभी 12 राज्यों में गणना पत्रक वितरण का प्रतिशत 98.32 है। क्या है गणना पत्रकचुनाव आयोग के आदेश पर प्रदेश के सभी जिलों में गणना पत्रक बांटे जाने का काम बीएलओ कर रहे हैं। बीएलओ जो गणना पत्रक बांट रहे हैं, उसमें तय फार्मेट में चुनाव आयोग मतदाताओं का वेरिफिकेशन करा रहा है। इसमें 2003 में हुई एसआईआर के आधार पर वर्तमान मतदाता के माता-पिता, परिजनों, रिश्तेदारों की मतदाता सूची संख्या के आधार पर वेरिफिकेशन किया जा रहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर शिफ्ट हुए, मृत हो चुके मतदाताओं की पहचान कर मतदाता सूची को फाइनल किया जाएगा। एसआईआर में टिमरनी के बीएलओ का काम 100 प्रतिशत पूर्णउधर संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी आरपीएस जादौन ने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण SIR–26 के अंतर्गत, विधानसभा क्षेत्र 134 टिमरनी के भाग संख्या 68, ग्राम खरतलाय में नियुक्त बूथ लेवल ऑफिसर हंस कुमार दिलारे द्वारा सारा कार्य शत-प्रतिशत पूर्ण किया गया है। यह भी उल्लेखनीय है कि जिला हरदा में सर्वप्रथम 100% कार्य पूर्ण करने का दायित्व ग्राम खरतलाय में रोजगार सहायक पद पर नियुक्त BLO द्वारा सफलतापूर्वक पूरा किया गया है, जो सराहनीय है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:15 am

एमपी में ‘तेलगी’ की तरह काम रहे वेंडर:यूज्ड स्टांप को केमिकल से धोकर दोबारा बेचते हैं, भास्कर के कैमरे में कैद हुई डील

यदि आप कोई प्रॉपर्टी या सामान खरीदने-बेचने का एग्रीमेंट करते हैं या किरायानामा बनवाते हैं तो उसे कानूनी रूप देने के लिए स्टांप ड्यूटी चुकाना पड़ती है। इसके लिए एडहेसिव( चिपकाने वाले ) स्टांप का इस्तेमाल होता है। ये डाक टिकट की तरह होते हैं। मगर, जो स्टांप खरीदे जाते हैं, क्या वह असली है? दरअसल, दैनिक भास्कर की पड़ताल में एक ऐसे घोटाले का पर्दाफाश हुआ है जो आपकी जेब के साथ-साथ सरकारी खजाने को हर दिन लाखों का चूना लगा रहा है। यह घोटाला अब्दुल करीम तेलगी के महाघोटाले की याद दिलाता है, लेकिन इसका तरीका कहीं ज्यादा शातिराना है। राजधानी भोपाल में एक ऐसा ही गिरोह सक्रिय है जो सरकारी दफ्तरों और बैंकों से चोरी किए गए पुराने दस्तावेजों से यूज्ड एडहेसिव स्टांप निकालकर उन्हें केमिकल से साफ करता है और फिर बिल्कुल नया बताकर बाजार में बेच देता है। इस खेल में शहर के कुछ नामी स्टांप वेंडर हैं, जो बैंककर्मियों और सरकारी बाबुओं की मिलीभगत से इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहे हैं। दैनिक भास्कर ने इस पूरे रैकेट का खुलासा करने के लिए स्टिंग ऑपरेशन किए, रि-फिनिश किए गए स्टांप खरीदे और एक्सपर्ट से उनकी जांच कराई। पढ़िए यह पूरी रिपोर्ट। जानिए स्टांप ड्यूटी और एडहेसिव स्टांप के बारे मेंस्टांप ड्यूटी एक प्रकार का टैक्स है जो विभिन्न दस्तावेजों पर लगाया जाता है ताकि उन्हें कानूनी मान्यता मिले। भारतीय स्टांप अधिनियम, 1899 इस टैक्स की वसूली और उपयोग को नियंत्रित करता है। स्टांप ड्यूटी से संबंधित धारा 10, 11 और 12 प्रमुख होती हैं। इनके तहत ही स्टांप ड्यूटी का भुगतान, एडहेसिव स्टांप का इस्तेमाल और उसे रद्द करने की प्रक्रिया होती है। तेलगी के अंदाज में, लेकिन नए तरीके से घोटाला90 के दशक में अब्दुल करीम तेलगी ने फर्जी स्टाम्प छापकर देश को 2000 करोड़ से ज्यादा का चूना लगाया था। तेलगी ने भी अपने घोटाले की शुरुआत पुराने दस्तावेजों से एडहेसिव स्टांप निकालकर ही की थी। तेलगी तो पकड़ा गया' लेकिन उसकी कार्यप्रणाली ने प्रदेश में कई 'छोटे तेलगी' पैदा कर दिए हैं। ये गिरोह जिम्मेदारों की नाक के नीचे सरकारी राजस्व को पलीता लगा रहे हैं' लेकिन किसी की नजर इन पर नहीं जा रही। यह घोटाला इसलिए भी खतरनाक है क्योंकि इसमें नकली स्टांप नहीं, बल्कि असली एडहेसिव स्टांप को ही अवैध रूप से रिसाइकिल किया जा रहा है, जिससे इन्हें पकड़ना लगभग नामुमकिन हो जाता है। हमारी टीम एक ऑफिस कर्मचारी बनकर मामा स्टांप वेंडर की दुकान पर पहुंची। दुकान पर एक अधेड़ व्यक्ति बीड़ी पी रहा था। रिपोर्टर: ऑफिस के लिए कुछ टिकट( एडहेसिव स्टांप) चाहिए। दुकानदार: (बीड़ी का कश लगाते हुए) कितने के? रिपोर्टर: 800 रुपए के। दुकानदार ने रिपोर्टर को ऊपर से नीचे तक घूरकर देखा और संदेह भरे लहजे में पूछा' ‘ले जाते रहते हो ना? आपके साहब का ऑफिस कहां है?’ रिपोर्टर: हां ले जाता हूं। एमपी नगर में है। इस जवाब से संतुष्ट होने के बाद दुकानदार ने कहा' ‘ठीक है' कागज में रखकर दे देता हूं।’ उसने दराज से एक 500 रुपए और 100-100 रुपए के तीन स्टांप निकालकर एक कागज में लपेटे और कहा, ‘संभालकर रख लो।’ रिपोर्टर ने स्टांप लिए और वहां से निकल आया। पहली नजर में ये नए लग रहे थे, लेकिन असल में ये सरकारी सप्लाई की नहीं, बल्कि पुराने दस्तावेजों से चुराए गए एडहेसिव स्टांप थे। जिन्हें बाजार के पूरे दाम पर बेचा जा रहा था। दुकानदार की पूछताछ का मकसद सिर्फ यह जानना था कि ग्राहक कोई अनजान व्यक्ति तो नहीं है। इस बार रिपोर्टर एक किराएदार बनकर दुकान पर पहुंचा और पुराना किरायानामा रिन्यू कराने की बात कही। रिपोर्टर: यह एग्रीमेंट रिन्यू कराना है। दुकानदार: कितने के स्टांप पर करना है? रिपोर्टर: 1000 रुपए के। दुकानदार: ई-स्टांप पर या टिकट पर? रिपोर्टर: किसी पर भी कर दीजिए' बस रिन्यू कराना है। दुकानदार: ठीक है' 1300 रुपए में हो जाएगा। ऑपरेटर ने मैटर टाइप कर एग्रीमेंट तैयार किया और 100 रुपए के स्टांप पेपर पर प्रिंट निकालकर हस्ताक्षर कराए। इसके बाद एक लड़का स्टांप पेपर लेकर दुकान के अंदर गया और कुछ देर बाद 900 रुपए के एडहेसिव स्टांप लगाकर वापस ले आया। रिपोर्टर ने पेमेंट किया और वहां से निकल गया। कुछ दूर जाकर जब रिपोर्टर ने एग्रीमेंट पर लगे एडहेसिव स्टांप को ध्यान से देखा तो धोखाधड़ी साफ नजर आ गई। 100-100 रुपए के चार स्टांप तो नए थे, लेकिन 500 रुपए के जिस स्टांप पर नोटरी ने अपनी सील जोर से लगाई थी, वह पुराना था। उसके पीछे 'कृते बैंक' की एक पुरानी सील लगी हुई थी, जिसे मिटाने की कोशिश में ये फट गया था। वेंडर ने फटे हुए हिस्से को बड़ी चालाकी से अपनी सील के नीचे छिपा दिया था। इस तरह, वेंडर ने रद्दी के भाव खरीदा गया 500 रुपए का यूज्ड स्टांप का इस्तेमाल कर सीधे-सीधे 500 रुपए बचा लिए। कैसे काम करता है यह पूरा नेटवर्क? 1. सरकारी दफ्तरों और बैंकों से चोरीभास्कर की पड़ताल में पता चला कि इस गिरोह के तार सरकारी कार्यालयों और बैंकों तक जुड़े हैं। इन संस्थानों में जमा होने वाले लाखों दस्तावेजों पर एडहेसिव स्टांप लगे होते हैं। कुछ सालों बाद ये दस्तावेज अनुपयोगी मानकर स्टोर रूम में डाल दिए जाते हैं। यहीं से घोटाले का खेल शुरू होता है। गिरोह के सदस्य बाबुओं, स्टोर कीपर और चपरासियों से सांठगांठ कर इन दस्तावेजों को कौड़ियों के भाव खरीद लेते हैं। इसके लिए स्टांप की कीमत का महज 10 से 15 प्रतिशत ही चुकाया जाता है। 2. केमिकल एक्सपर्ट करते हैं सफाईदस्तावेजों से टिकटें हासिल करने के बाद सबसे बड़ी चुनौती उन पर लगी सील और स्याही को हटाना होता है। गिरोह में शामिल केमिकल एक्सपर्ट इन स्टांप को पहले दस्तावेजों से बेहद सफाई से निकालते हैं। इसके बाद एक खास तरह के केमिकल का उपयोग कर इन पर लगी सील, हस्ताक्षर और स्याही को साफ कर दिया जाता है। यह काम इतनी बारीकी से होता है कि ये बिल्कुल नए जैसे दिखने लगते हैं। फिर इन्हें सुखाकर और प्रेस करके बाजार में बेचने के लिए तैयार कर लिया जाता है। 3. वेंडर की सील से छिप जाती है हर कमीजो एडहेसिव स्टांप सफाई के दौरान थोड़ी खराब हो जाते हैं या जिन पर पुरानी सील के हल्के निशान रह जाते हैं, उन्हें सीधे बेचने की बजाय दस्तावेजों पर इस्तेमाल किया जाता है। जब कोई ग्राहक एग्रीमेंट या किरायानामा बनवाने आता है, तो वेंडर इन्हीं पुराने एडहेसिव स्टांप को चिपकाकर उन पर तुरंत अपनी नोटरी की सील लगा देता है। दो-तीन सीलें लगने के बाद यह पहचानना नामुमकिन हो जाता है कि स्टांप पुराना था या नया। एक्सपर्ट जांच में हुआ असली और नकली का पर्दाफाशदैनिक भास्कर ने खरीदे गए स्टांप और किरायानामे की जांच हैंडराइटिंग और डॉक्यूमेंट एक्सपर्ट से कराई। जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए 1. खुरदरी सतह और पुरानी सील: मामा नोटरी से खरीदे गए एडहेसिव स्टांप की सतह असली स्टांप की तरह चिकनी और चमकदार नहीं, बल्कि खुरदरी थी। एक स्टांप के किनारे पर पुरानी नीली सील का हल्का निशान बाकी था। 2. यूवी लाइट में चमका पुराना गोंद: टिकटों को जब यूवी लाइट में जांचा गया, तो उन पर पहले इस्तेमाल हुआ गोंद चमकने लगा। यह इस बात का सबूत था कि इन्हें किसी पुराने दस्तावेज से उखाड़ा गया है। 3. इंफ्रारेड लाइट में दिखी छिपी हुई सील: एएम नोटरी से बनवाए गए किरायानामे पर लगी 500 रुपए की टिकट को जब इंफ्रारेड लाइट फिल्टर से जांचा गया, तो ऊपर लगी नोटरी की नई सील की स्याही हल्की हो गई और उसके नीचे छिपी बैंक की पुरानी सील 'कृते बैंक' साफ-साफ उभर आई। इससे यह साबित हो गया कि टिकट का पहले इस्तेमाल हो चुका है। 4. 10 साल पुराने प्रिंटिंग ईयर: स्पेशल फिल्टर से जांचने पर टिकटों का प्रिंटिंग ईयर भी सामने आ गया। कुछ टिकटें 2015 और कुछ 2017 में छपी थीं। इसका मतलब है कि ये टिकटें लगभग 10 साल पुरानी हैं, जिन्हें अब दोबारा बेचा जा रहा है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:14 am

हरियाणा में आज रात से बदलेगा मौसम:दिन का तापमान गिरेगा, राजस्थान से सटे इलाके सबसे ज्यादा ठंडे, हिसार में पारा 7.1 डिग्री

हरियाणा में आज रात से कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में बदलाव हो सकता है। आज रात से बादल छाने का अनुमान है इससे रात के तापमान में बढ़ोतरी किंतु दिन के तापमान में हल्की गिरावट देखने को मिल सकती है। हरियाणा में दिन का तापमान सामान्य के आसपास बना हुआ है मगर रात के तापमान में 4.7 डिग्री तक की गिरावट देखने को मिल रही है। खासकर राजस्थान से सटे हरियाणा के इलाकों में लगातार न्यूनतम तापमान घट रहा है। प्रदेश में हिसार का तापमान सबसे कम 7.1 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं महेंद्रगढ़ में पारा 7.5, नारनौल में 8.0 डिग्री, सिरसा में 8 डिग्री और भिवानी में 8.5 डिग्री तापमान दर्ज किया गया है। इसके अलावा करनाल और सोनीपत में तापमान 8 डिग्री के करीब पहुंच गया है। राज्य में अधिकतम तापमान 25 से 29 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 6 से 10 डिग्री सेल्सियस के मध्य रहने की संभावना है। एक्सपर्ट बोले- आज रात से बदलेगा मौसम मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, हरियाणा में आज रात तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि उत्तर और उत्तर पश्चिमी हवाएं हल्की से मध्यम गति से चल रही हैं इसके कारण तापमान विशेषकर रात का गिर रहा है। दिन में अब भी कड़ाके की धूप खिल रही है। आज रात से मौसम में बदलाव देखने को मिल सकता है। दिन में तेज धूप से ठंड से राहतIMD चंडीगढ़ के बुलेटिन के अनुसार, हरियाणा में औसत अधिकतम तापमान सामान्य के आसपास बना हुआ है। सिरसा में अधिकतम तापमान सबसे ज्यादा 29.4 दर्ज किया गया है। जो सामान्य से 2 डिग्री अधिक है। वहीं रोहतक में तापमान 24.8 डिग्री दर्ज किया गया है जो सामान्य से 3.4 डिग्री तक कम है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, राज्य में फिलहाल बारिश की कोई संभावना नहीं है और आसमान साफ रहेगा। हालांकि, आने वाले दिनों में सुबह और देर रात के समय हल्की धुंध जा सकती है और शीत लहर चल सकती है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:13 am

बिहार चुनाव परिणाम: राजद ने की समीक्षा बैठक, नेताओं ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया

बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक बुलाई

देशबन्धु 18 Nov 2025 6:10 am

किक बॉक्सर साहिल के साथ 7 फेरे लेंगी अन्नू रानी:मेरठ की इंटरनेशनल जैवलिन थ्रोअर की आज होगी शादी, बनेंगी हरियाणा की बहू

मेरठ की इंटरनेशनल जैवलीन थ्रोअर अन्नू रानी की आज शादी होगी। अन्नू रानी रोहतक, हरियाणा के रहने वाले नेशनल खिलाड़ी साहिल भारद्वाज के साथ 7 फेरे लेंगी। अन्नू के पैतृक गांव बहादुरपुर मेरठ में ही शादी समारोह संपन्न होगा। पिछले 5 दिनों से अन्नू के घर पर रिश्तेदारों का आना शुरू हो चुका है। शादी की सारी रस्में मेरठ से ही होंगी। 19 नवंबर की सुबह विदाई के बाद रोहतक में अन्नू-साहिल की शादी का ग्रैंड रिसेप्शन होगा। इसमें पॉलिटिक्स, स्पोर्ट्स और रेलवे के वीआईपी गेस्ट शामिल होंगे। अन्नू रानी अपने दोस्त साहिल के साथ शादी के बंधन में बंधने जा रही हैं। दैनिक भास्कर से बातचीत में अन्नू ने बताया कि ये शादी उनके माता, पिता की पसंद से हो रही है। ये कंप्लीट अरेंज मैरिज है। बता दें कि अन्नू रानी इंटरनेशनल भालाफेंक खिलाड़ी हैं। ओलंपियन हैं और नेशनल लेवल पर कई बार अपने ही रिकार्ड्स तोड़ चुकी हैं।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:08 am

मेयर-इन-कौंसिल की आज, हो सकते हैं कई निर्णय:BRTS सहित विभिन्न मुद्दों पर होगा मंथन, शामिल होंगे जनप्रतिनिधि

मंगलवार को मेयर-इन-कौंसिल की मीटिंग होना है। दोपहर 3 बजे निगम मुख्यालय स्थित महापौर सभागृह में ये मीटिंग होगी, जिसमें BRTS सहित अन्य मुद्दों पर मंथन किया जाएगा और जरूर निर्णय लिए जाएंगे। मीटिंग में कई जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। मीटिंग में ‌मुख्य रूप से इन विषयों पर होगा मंथन

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:05 am

बागी पार्षद ने कहा- दलितों, पिछड़ों से हो रहा दुर्व्यवहार:भाजपा महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी पर लगाए गंभीर आरोप, बोले- पार्टी छोड़कर जा रहे कार्यकर्ता

वार्ड 50 से पार्षद संजय सिंह सैनी ने भाजपा से निकाले जाने के बाद बगावत शुरु कर दी है। संजय सिंह सैनी ने बगावती तेवर दिखाते हुए सोशल मीडिया पर अपनी एक वीडियो जारी कर भाजपा महानगर अध्यक्ष के विरूद्ध मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तौगी को दलित व पिछड़े समाज का विरोधी बताते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके साथ हुए दुर्व्यवहार और हाथापाई से संजय सैनी आहत दिखे। आइए एक नजर डालते हैं पूरे घटनाक्रम पर सोमवार को शास्त्रीनगर बी ब्लॉक स्थित नगर निगम के कार्यालय में कार्यकारिणी सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया शुरु हुई। भाजपा से पार्षद अनुज वशिष्ठ और संजय सैनी ने भी नामांकन पत्र दाखिल किया। नाम वापसी का समय आया तो पार्टी के नेताओं ने संजय सैनी पर नामांकन पत्र वापस लेने का दबाव बनाया लेकिन संजय सैनी ने ऐसा करने से मना कर दिया। इसके बाद जबरदस्त हंगामा हुआ। चुनाव रद्द कर दिया गया। शाम को महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तौगी ने संजय सैनी पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए पार्टी से बाहर निकालने का फरमान सुना दिया। महानगर अध्यक्ष के विरूद्ध मोर्चा खोला पार्टी से निकाले जाने के बाद पार्षद संजय सैनी ने भी बगावती तेवर दिखाने शुरु कर दिए। उन्होंने सोशल मीडिया इंस्टाग्राम समेत कई प्लेटफार्म पर अपनी वीडियो बनाकर डाल दी। इस वीडियों में वह पार्टी नेताओं खासकर भाजपा महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तौगी पर गंभीर आरोप लगाते दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगा दिया कि भाजपा के लोकल नेता दलितों और पिछड़ों का शोषण कर रहे हैं। उन्होंने अपने दम पर जीत दर्ज कर ली। यह बात भाजपा नेताओं को रास नहीं आई और उन्होंने ना केवल चुनाव निरस्त कराया बल्कि उन्हें पार्टी से बाहर निकाल दिया। संजय सैनी ने किया बैठक का जिक्र इंस्टाग्राम पर वायरल वीडियो में संजय सैनी ने बताया कि 16 नवंबर को कार्यकारिणी चुनाव को लेकर महापौर कैंप कार्यालय पर महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में पार्टी के जनप्रतिनिधियों के अलावा सभी पार्षद व महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तौगी और महामंत्री महेश बाली भी मौजूद रहे। उन्होंने घोषणा की कि पार्टी अपने चार प्रत्याशी उतारेगी। पांचवां प्रत्याशी अपने लिए इधर-उधर से वोट जुटाए और चुनाव लड़े। पार्टी को कोई आपत्ति नहीं होगी। संजय सैनी का कहना है कि इसीलिए वह चुनाव लड़े और जीत भी गए लेकिन उनकी जीत को दलित व पिछड़ा समाज विरोधी पचा नहीं पाए। 18 साल से कर रहा पार्टी की सेवा संजय सैनी ने कहा कि वह पूर्व में तय हो चुकी रणनीति के तहत ही काम कर रहे थे। फिर इसमें उनकी गलती कहां रही जो उनसे हाथापाई की गई। वह बोले- 18 साल से वह भाजपा की सेवा करते आ रहे हैं और उन्हें यह सिला मिला। लोकल नेता दलित व पिछड़ो से इतना दुर्व्यवहार कर रहे हैं कि अब बर्दाश्त से बाहर हो रहा है और वह कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। यह लोग मेरठ की स्थिति खराब कर चुके हैं। इनको केवल उगाही से, ठेकेदारी से मतलब है। कहां से पैसा आना है। कहां से महीना बंधना है, केवल इन चीजों पर ध्यान है। अध्यक्ष बोले- पहले भी अनुशासनहीनता कर चुके संजय सैनी भाजपा महानगर अध्यक्ष विवेक रस्तोगी ने कहा- पूर्व अध्यक्ष सुरेश जैन ऋतुराज के समय में भी पार्षद संजय सैनी ने पार्टी संगठन से इतर जाकर काम करने का प्रयास किया था। इसके लिए उन्हें नोटिस भी दिया गया था। भाजपा के लिए चुनाव सबसे महत्वपूर्ण फेज होता है। भाजपा के कार्यकर्ता अपनी पार्टी के प्रति समर्पित रहते हैं। संजय सैनी ने बिना प्रत्याशियों के नामों की घोषणा हुए पहले आकर अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया बल्कि पार्टी के कहने पर वह वापस भी नहीं लिया। इसलिए उनको सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:05 am

एकलपीठ का बिना सुनवाई फैसला, डिवीजन बेंच ने किया रद्द:ग्राम पंचायत सरपंच को नहीं दिया मौका, वापस सिंगल जज को भेजा मामला

राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर की डिवीजन बेंच ने एक अहम फैसला सुनाते हुए एकलपीठ द्वारा 27 मई को पारित आदेश को रद्द कर दिया। जस्टिस विनीत कुमार माथुर और जस्टिस बिपिन गुप्ता की खंडपीठ ने कहा कि सिंगल जज ने बिना नोटिस जारी किए और बिना सुनवाई का मौका दिए ही फैसला सुना दिया, जो न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है।​ मामला बाड़मेर जिले की तहसील चौहटन के भोजारिया गांव से जुड़ा है। राज्य सरकार ने नया राजस्व गांव ‘आंबपुरा' मौजूदा राजस्व गांव ‘छोटा भोजारिया' से बनाया था। इसके खिलाफ भोजारिया निवासी जुगताराम ने पिटीशन दायर की थी।​ एकलपीठ ने गांव बनाना रद्द किया था एकलपीठ ने 27 मई को याचिकाकर्ता जुगताराम की पिटीशन स्वीकार करते हुए नए गांव ‘आंबपुरा' बनाने के फैसले को रद्द कर दिया था। लेकिन इस फैसले में रेस्पोंडेंट ग्राम पंचायत भोजारिया के सरपंच को कोई नोटिस नहीं दिया गया और न ही सुनवाई का मौका दिया गया।​ इस पर सरपंच ने डिवीजन बेंच में अपील दायर की। डिवीजन बेंच का निर्णय डिवीजन बेंच ने दोनों पक्षों के तर्क सुने और 27 मई 2025 के आदेश सहित मामले के प्रासंगिक रिकॉर्ड का अध्ययन किया। कोर्ट ने कहा कि रिट पिटीशन में पक्षकारों की सूची का सरसरी अवलोकन यह दर्शाता है कि वर्तमान अपीलकर्ता रिट कार्यवाही में रेस्पोंडेंट संख्या 5 है।​ अपील के साथ संलग्न अनुबंध-ए1 के अनुसार, ग्राम सभा भोजारिया का प्रस्ताव संकल्प संख्या 7 के अनुसार मौजूदा राजस्व गांव ‘छोटा भोजारिया' से नया गांव ‘आंबपुरा' बनाने के लिए भेजा गया था। अपीलकर्ता के वकील ने कहा कि संकल्प संख्या 7 राज्य सरकार को ‘छोटा भोजारिया' से नए राजस्व गांव ‘आंबपुरा' के निर्माण के लिए भेजे गए दस्तावेजों के साथ संलग्न था, और सही तरीके से नया राजस्व गांव ‘अंबापुरा' ‘छोटा भोजारिया' से बनाया गया था, लेकिन बिना नोटिस के सिंगल जज ने गांव बनाने के निर्णय को रद्द कर दिया।​ कोर्ट ने कहा सुनवाई जरूरी थी डिवीजन बेंच ने अपने विचारोपरांत फैसला सुनाते हुए कहा कि चूंकि रिट पिटीशन का निर्णय उत्तरदाता संख्या 5-अपीलकर्ता को सुनवाई का मौका दिए बिना किया गया है और उसमें पारित आदेश उत्तरदाता संख्या 5-अपीलकर्ता के अधिकारों को प्रतिकूल रूप से प्रभावित कर रहा है, इसलिए उत्तरदाता संख्या 5 को अपने मामले का बचाव करने के लिए सुनवाई का मौका दिया जाना आवश्यक है।​

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:03 am

18.57 लाख जमा करने पर मिलेगी मुकदमे से राहत:चेक बाउंस मामले में आगरा जिला कोर्ट ने सुनाया फैसला

आगरा में चेक बाउंस के एक गंभीर मामले में अदालत ने आरोपी को साफ चेतावनी देते हुए बताया है कि तय रकम जमा होने पर ही उसे कानूनी राहत मिल सकती है। कोर्ट के इस आदेश के बाद मामला फिर सुर्खियों में आ गया है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (8) कन्हैय्या जी की अदालत ने चेक डिसऑनर के आरोप में आरोपी अनूप सिंह चाहर को समन जारी किया है। अदालत ने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया कि अगर आरोपी फिलहाल 18,57,600 रुपये अदालत में जमा कर देता है। तो उसके खिलाफ चल रहा मुकदमा आगे नहीं बढ़ेगा और उसे विचारण से राहत मिल सकती है। मामले के अनुसार वादी थान सिंह, निवासी देवरी का नगला (थाना ताजगंज), ने अपने अधिवक्ता राजेश कुशवाह के माध्यम से अदालत में शिकायत दर्ज की थी। वादी का आरोप है कि आरोपी ने उससे खेत खरीदने का सौदा 1,02,28,700 रुपये में किया था। भुगतान के लिए आरोपी ने 18.57 लाख रुपये का चेक दिया, लेकिन चेक बैंक में प्रस्तुत होने पर डिसऑनर हो गया। वादी ने कानूनी नोटिस भेजा, पर आरोपी ने भुगतान नहीं किया। इसके बाद मामला अदालत पहुंचा। कोर्ट ने मुकदमे की सुनवाई के लिए आरोपी को पेश होने का आदेश देते हुए समन में यह भी अंकित किया कि राशि जमा करने पर उसे मुकदमे से राहत मिल सकती है, वरना केस नियमित रूप से चलेगा।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:01 am

मैट्रिक सेंटअप परीक्षा में शामिल होंगे 51 हजार स्टूडेंट्स:असफल छात्रों को नहीं मिलेगा वार्षिक परीक्षा में प्रवेश, 75 फीसदी अटेंडेंस भी जरूरी होगा

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से आयोजित होने वाली मैट्रिक की सेंटअप परीक्षा अब सिर पर है। 19 से 22 नवंबर के बीच होने वाली इस परीक्षा में जिले के करीब 51 हजार विद्यार्थी शामिल होंगे। यह परीक्षा उन नियमित और स्वतंत्र कोटि के छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित की जा रही है जो वार्षिक परीक्षा 2026 में शामिल होने के लिए पंजीकृत हैं। बिहार बोर्ड ने इस बार सेंटअप परीक्षा में शामिल होने के लिए कड़ी शर्त रखी है। विद्यार्थियों की विद्यालय में कम से कम 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य है। जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) आनंद विजय का मानना है कि इस नियम के चलते परीक्षा में शामिल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या घट भी सकती है। यह कदम छात्रों में नियमितता और अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है। दो पालियों में होगी परीक्षा परीक्षाओं का संचालन दो पालियों में किया जाएगा। प्रथम पाली की परीक्षा सुबह साढ़े नौ बजे से दोपहर पौने एक बजे तक चलेगी, जबकि द्वितीय पाली की परीक्षा दोपहर दो बजे से शाम सवा पांच बजे तक आयोजित होगी। बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर ही विद्यार्थियों को प्रश्न पत्र पढ़ने और समझने के लिए 15 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जाएगा। 19 नवंबर से शुरू होगी परीक्षा 19 नवंबर को पहली पाली में मातृभाषा और दूसरी पाली में द्वितीय भारतीय भाषा की परीक्षा होगी। 20 नवंबर को विज्ञान और सामाजिक विज्ञान, 21 नवंबर को गणित और अंग्रेजी, तथा 22 नवंबर को ऐच्छिक विषय और व्यावसायिक ट्रेड की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इसके बाद 24 नवंबर को प्रायोगिक परीक्षा ली जाएगी। पास होने के बाद ही एनुअल एग्जाम के लिए मिलेगा एडमिट कार्ड यह परीक्षा विद्यार्थियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे उत्तीर्ण करने पर ही उन्हें वार्षिक परीक्षा में शामिल होने के लिए ऑनलाइन प्रवेश पत्र जारी किया जाएगा। जो छात्र इस परीक्षा में शामिल नहीं होंगे या अनुत्तीर्ण होंगे, उन्हें वार्षिक माध्यमिक परीक्षा का प्रवेश पत्र नहीं मिल सकेगा। यह प्रावधान छात्रों को गंभीरता से तैयारी करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से लागू किया गया है। कड़ी निगरानी के निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी संबंधित विद्यालयों के प्राचार्यों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि परीक्षा स्वच्छ वातावरण और कड़ी निगरानी में संचालित की जाए। अधिकारियों द्वारा परीक्षा की गतिविधियों की बारीकी से जांच की जाएगी। डीईओ ने चेतावनी देते हुए कहा है कि विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ, चाहे वे कोई भी हों, कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बुनियादी ढांचे की चुनौती हालांकि, कदाचारमुक्त परीक्षा संचालन के रास्ते में बुनियादी ढांचे की समस्या बड़ी बाधा बनकर खड़ी है। रहुई हाईस्कूल समेत जिले के कई विद्यालयों में कक्ष कक्षों की गंभीर कमी है। विद्यार्थियों के नामांकन के अनुपात में पर्याप्त कमरे उपलब्ध नहीं हैं। कुछ विद्यालयों में तो महज दो से चार कमरों में किसी तरह प्लस टू स्कूल चलाए जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में उचित व्यवस्था के साथ परीक्षा संचालित करना स्कूल प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती साबित होगा। तैयारियों में जुटे स्कूल फिलहाल जिले के सभी स्कूल परीक्षा की तैयारियों में जुट गए हैं। छात्रों को भी सलाह दी जा रही है कि वे इस परीक्षा को गंभीरता से लें क्योंकि यह उनके वार्षिक परीक्षा में शामिल होने की पहली शर्त है। शिक्षा विभाग की ओर से पारदर्शी और निष्पक्ष परीक्षा संचालन सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:00 am

नालंदा की 6 विधानसभा सीटों पर जनसुराज का तीसरा स्थान:7वीं सीट पर चौथे नंबर पर रहे जन सुराज के कैंडिडेट, NOTA से भी पीछे रहीं आरसीपी की बेटी

राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पहली परीक्षा दी है। नालंदा जिले की सभी सात सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाली इस नवगठित पार्टी का प्रदर्शन हालांकि सत्ता तक पहुंचने के लिहाज से निराशाजनक रहा, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पहले ही चुनाव में दो बड़े गठबंधनों के बाद तीसरे स्थान पर आना कोई मामूली उपलब्धि नहीं है। चुनाव परिणामों के अनुसार, बिहारशरीफ सीट को छोड़कर जिले की शेष छह सीटों - अस्थावां, राजगीर, इस्लामपुर, हिलसा, नालंदा और हरनौत पर जन सुराज के प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे। बिहारशरीफ से नगर निगम के पहले मेयर दिनेश कुमार चौथे स्थान पर रहे, जिन्हें 6,044 मत मिले। सबसे अधिक वोट राजगीर सीट से सत्येंद्र कुमार को मिले, जिन्होंने 9,916 मत हासिल किए। वहीं, हरनौत से कमलेश पासवान को 7,927 वोट मिले। नोटा से भी पीछे रहीं लता सिंह दिलचस्प बात यह रही कि अस्थावां सीट से पूर्व आईएएस अधिकारी एवं पूर्व राज्यसभा सांसद रामचंद्र प्रसाद सिंह की पुत्री और अधिवक्ता लता सिंह को तीसरे स्थान पर आने के बावजूद नोटा से भी कम वोट मिले। उन्हें 5,962 मत मिले जबकि नोटा को 6,550 वोट पड़े। यह सीट त्रिकोणीय मुकाबले की गवाह बनी, जहां जदयू के डॉ. जीतेंद्र कुमार और राजद के रवि रंजन कुमार के बीच मुख्य लड़ाई थी। राजगीर में सबसे अधिक 6,870 लोगों ने नोटा का बटन दबाया, जो यह दर्शाता है कि मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा मौजूदा विकल्पों से संतुष्ट नहीं था। जिला परिषद अध्यक्ष भी मैदान में उतरीं थीं जिला परिषद की अध्यक्ष रहीं तनुजा देवी ने अधिकारियों के व्यवहार से नाराज होकर हाल ही में जदयू छोड़ दिया था और इस्लामपुर सीट से जन सुराज के टिकट पर चुनाव लड़ा। लेकिन वह भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी रहे राजीव रंजन के बेटे रुहेल रंजन को कड़ी टक्कर देने में सफल नहीं हो सकीं। उन्हें 4,779 वोट मिले। 'अर्श या फर्श' का दावा हुआ खोखला प्रशांत किशोर ने चुनाव से पहले कई बार कहा था कि उनकी पार्टी 'अर्श या फर्श' पर होगी - या तो सत्ता में होगी या फिर बिल्कुल बाहर। लेकिन परिणाम इस दावे को झुठलाते नजर आए। पार्टी न तो सत्ता के करीब पहुंच सकी और न ही पूरी तरह खारिज हुई, बल्कि तीसरे विकल्प के रूप में उभरी।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:00 am

बाइक पर ले जा रहा था डोडा पोस्त:पुलिस ने संदेह के आधार पर रुकवाया तो मिला मादक पदार्थ, आरोपी गिरफ्तार

जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट की विवेक विहार थाना पुलिस ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए 42 किलोग्राम डोडा पोस्त बरामद कर एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी मोटरसाइकिल पर अवैध रूप से मादक पदार्थ का परिवहन कर रहा था। पुलिस ने वाहन जब्त कर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस टीम ने सोमवार को विवेक विहार थाना टीम ने नन्दवान क्षेत्र में नाकाबंदी की। इसी दौरान बाइक लेकर आ रहा युवक संदिग्ध नजर आया। उसे रुकवाया गया तो उसके पास से कट्टे में भरा 42 किलोग्राम डोडा पोस्त बरामद हुआ। इस पर पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपी की पहचान राजु पावड़ पुत्र गोपाराम पावड़ (उम्र 23 वर्ष) निवासी सादो का बास, नन्दवान के रूप में हुई है। फिलहाल पुलिस आरोपी से डोडा पोस्त की खरीद-फरोख्त और सप्लाई नेटवर्क को लेकर पूछताछ जारी है। बता दें कि इस माह में विवेक विहार पुलिस की ओर से मादक पदार्थ तस्करी को लेकर तीसरी कार्रवाई की गई है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:00 am

कैथल में अब दो शिफ्टों में होंगे ऑपरेशन:पेंडिंग ऑपरेशनों को एक सप्ताह में पूरा करेंगे डॉक्टर, विभाग ने दिए आदेश

कैथल में स्वास्थ्य विभाग अब नागरिक अस्पताल में पेंडिंग विभिन्न बीमारियों से संबंधित ऑपरेशनों को एक सप्ताह में पूरा करेगा। इसके लिए विभाग की ओर से संबंधित डॉक्टरों को आदेश दिए गए हैं। ये डॉक्टर छह-छह घंटे की दो शिफ्टों में रोजाना काम करेंगे। केवल इमरजेंसी में ही डॉक्टरों को बाहर जाने की अनुमति होगी। विभाग ने 22 नवंबर तक सभी डॉक्टरों को इसके लिए 22 नवंबर तक समय दिया है। इसका बड़ा कारण कुछ निजी अस्पतालों में आयुष्मान के तहत होने वाले ऑपरेशनों का बंद होना है। वहीं विभिन्न बीमारियों के ऑपरेशन के लिए अलग-अलग दिनों का निर्धारण होना है। बता दें कि इस समय अस्पताल में विभिन्न बीमारियों के करीब 60 मरीजों के ऑपरेशन होने पेंडिंग हैं। अभी सप्ताह के सभी दिनों में डॉक्टर ऑपरेशन करेंगे, ताकि किसी मरीज का ऑपरेशन पेंडिंग न रहे और उन्हें जल्द से जल्द इलाज मिल सके। बता दें कि इस समय नागरिक अस्पताल में आंखों, हड्डियों, बच्चेदानी, अपेंडिक्स, कान व अन्य कई बीमारियों का ऑपरेशन करवाने के लिए मरीज पहुंच रहे हैं। इनमें से ज्यादातर आंखों और हडि्डयों से संबंधित मरीज होते हैं। हर सप्ताह करीब 20 मरीज इन दोनों तरह के ऑपरेशन करवाने के लिए पहुंचते हैं। उन सभी को ऑपरेशन के लिए एक निर्धारित दिन में आने की सलाह दी जाती है। स्वास्थ्य विभाग का निर्णय इसके अलावा अन्य बीमारियों के ऑपरेशनों को भी डॉक्टरों को समय देना होता है, जिसके चलते बाकी मरीजों को अगल सप्ताह बुलाया जाता है। वहीं कुछ मरीज ऐसे भी हैं, जो आयुष्मान से प्राइवेट इलाज लेना चाहते थे, लेकिन निजी अस्पतालों में नहीं मिल रहा। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि सभी पेंडिंग ऑपरेशनों को जल्द पूरा किया जाए। जिला नागरिक अस्पताल के प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर डाॅ. दिनेश कंसल ने बताया कि इस संबंध में अस्पताल के सभी ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों से बातचीत की गई है। स्पेशल मुहीम के तहत इस सप्ताह में सभी तरह के पेंडिंग ऑपरेशन निपटाए जाएंगे। विभाग के आदेशानुसार डॉक्टर एक सप्ताह तक दो शिफ्टों में काम करेंगे।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:00 am

लुधियाना में BJP नेता पर नशा तस्करी का आरोप:नगर काउंसिल ने मकान तोड़ा, घर पर थी भाजपा एससी मोर्चा प्रधान की नेम प्लेट

लुधियाना के जगराओं में शहर के चुंगी नंबर सात के पास पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के एससी विंग के प्रधान अजय गिल के मकान को युद्ध नशा के विरुद्ध के तहत तोड़ा। घर को नगर काउंसिल और पुलिस की संयुक्त टीम ने भारी विवाद के बीच ध्वस्त कर दिया। पुलिस ने जिस घर को ध्वस्त किया हे उसके बाहर अजय गिन भाजपा एससी मोर्चा देहाती प्रधान की प्लेट लगी है। नगर काउंसिल और भारी पुलिस बल काका डॉन और उनके बेटे अजय गिल का घर गिराने पहुंचे। अजय गिल पर नशा तस्करी के कई गंभीर मामले दर्ज हैं। परिवार की महिलाओं ने कार्रवाई का विरोध करते हुए अधिकारियों को अदालत के आदेशों की प्रति सौंपी। नगर काउंसिल के सुपरिंटेंडेंट विष्णु दत्त ने कार्रवाई अगली सुनवाई तक रोक दी और टीम को वापस बुला लिया। दोबारा डीएसपी और ईओ खुद पहुंचे, मकान गिरवाया टीम के वापस लौटने के लगभग एक घंटे बाद, नगर काउंसिल के कार्यकारी अधिकारी हरनरेंद्र सिंह शेरगिल और डीएसपी कुलवंत सिंह दोबारा भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत घर गिराने का आदेश दिया। रास्ता तंग होने के कारण जेसीबी मशीन अंदर नहीं जा सकी, जिसके बाद मकान को हथौड़ों से तोड़ा गया। अजय गिल भाजपा एससी विंग का उपप्रधान जिस अजय गिल का घर गिराया गया है, उसके घर के बाहर जगराओं बीजेपी (एससी विंग) प्रधान की नेम प्लेट लगी है। इलाके में उसके बड़े-बड़े होर्डिंग लगे हैं। होर्डिंग पर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ बीजेपी नेताओं की तस्वीरें हैं। पुलिस का दावा है कि अजय गिल पर नशा तस्करी सहित कुल सात गंभीर मामले दर्ज हैं। सत्तापक्ष के दबाव में की जा रही हे कार्रवाई अजय गिल की बहन सुमिता ने आरोप लगाया कि उसके भाई को सत्ता पक्ष के दबाव में झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है क्योंकि वह बीजेपी से जुड़ा हुआ है। उन्होंने यह भी दावा किया कि परिवार ने पुलिस के खिलाफ कई अदालती मामले दायर किए हैं, जिनमें पहले सिटी थाना के एसएचओ और एक एएसआई ने उन्हें कथित तौर पर केस वापस लेने के लिए धमकाया भी था। जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते दिखे दोनों विभाग कार्रवाई से पहले जब पत्रकारों ने पुलिस अधिकारियों से कारण पूछा, तो पुलिस का कहना था कि घर नगर काउंसिल की भूमि पर अवैध कब्जा कर बनाया गया है और तोड़फोड़ की कार्रवाई नगर काउंसिल कर रही है। वहीं नगर कौंसिल की बिल्डिंग शाखा की इंस्पेक्टर रमनदीप कौर ने उलटा दावा किया कि कार्रवाई पुलिस के आदेश पर हो रही है और यह डिप्टी कमिश्नर द्वारा भेजी गई लिस्ट के आधार पर की जा रही है। उनका कहना था कि घर अवैध निर्माण की श्रेणी में नहीं आता और यह कार्रवाई सरकार की तरफ से चल रही ‘युद्ध नशियां विरुद्ध’ मुहिम के तहत की जा रही है। दोनों विभाग इस दौरान एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते नज़र आए। इसके बावजूद शाम को पुलिस और नगर काउंसिल अधिकारियों ने अदालत के आदेशों की अगली तारीख 26 नवंबर बताकर मकान गिरा दिया। पुलिस ने सुमिता को मीडिया से बात करने से रोका जानकारी के मुताबिक जब परिवार की युवती सुमिता मीडिया के सामने अपनी बात रख रही थी, तो एसएचओ उसे बार-बार घर के अंदर बुलाते दिखे। जब पत्रकार कवरेज के लिए घर के भीतर गए, तो पुलिस ने उनसे कैमरे बंद करने को कहा। मौके पर मौजूद कई पत्रकारों ने आरोप लगाया कि कवरेज रोकने के दौरान उन्हें पुलिस की ओर से धक्के भी दिए गए। जिला देहाती के प्रधान डा. रजिंदर शर्मा ने बताया कि उन्होंने अभी तक एस सी मोर्चा की नई टीम का गठन नहीं किया। अगर उसके घर के बाहर इस तरह का बोर्ड लगा है तो वह इस की जांच करेंगे।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:00 am

'सर्वाइकल कैंसर को हराना है':DDU ने अन्य संस्थाओं के साथ शुरू की मुहीम, किया जागरूक

गोरखपुर में विश्व सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन दिवस के अवसर पर जागरूकता रैली और सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए वैक्सीनेशन कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम डीडीयू यूनिवर्सिटी के महिला अध्ययन केंद्र, हनुमान प्रसाद पोद्दार कैंसर हॉस्पिटल और इनर व्हील क्लब सेवा संस्थान के सहयोग से किया गया। जिसमें ज्यादा संख्या में लोगों ने शामिल होकर जागरूकता फैलाई। सोमवार को यूनिवर्सिटी के मेन गेट से सर्वाइकल कैंसर वैक्सीनेशन से संबंधित जागरूकता रैली कुलपति प्रोफेसर पूनम के आह्वान और महिला अध्ययन केंद्र की डायरेक्टर प्रो. दिव्या रानी सिंह के नेतृत्व में निकाली गई। जिसमें सीएमओ डॉ राजेश झा, वरिष्ठ स्त्री/ प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. मधु गुलाटी, आईएमए सचिव डॉक्टर वाई सिंह, डॉ शिव शंकर शाही, शाही ग्लोबल हॉस्पिटल की डायरेक्टर डॉ.सीमा शाही, इनर व्हील की प्रेसिडेंट कविता त्रिपाठी, संगीता मल्ल, डॉ प्रियंका श्रीवास्तव और यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर अनुभूति दुबे, डॉ. टीएन मिश्रा ,डॉ. वेद प्रकाश राय , डॉ. अनुपमा कौशिक, डॉ. नीता सिंह, डॉ. गार्गी पांडे ,डॉ. गरिमा यादव और छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए। कस्तूरबा गांधी विद्यालय का भी योगदान साथ ही कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्र-छात्राओं और शिक्षकों का प्रमुख योगदान रहा। इस रैली का उद्देश्य महिलाओं में होने वाले सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम, नियमित जांच और एचपीवी टीकाकरण के महत्व को जन-जन तक पहुंचाना थाl कार्यक्रम के दूसरे चरण में उपस्थित सभी सम्मानित जनों को पुष्पगुच्छ और अंग वस्त्र देकर उनका स्वागत और सम्मानित किया गया। उसके बाद सभी अतिथियों के मौजूदगी में डिवीजन हेड यूपी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया एपी सिंह और उनकी टीम ने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की छात्राओं के सातवें चरण के टीकाकरण को शुरू किया। बच्चियों का हुआ वैक्सीनेशन इस दौरान पचास छात्राओं को पहली डोज लगाई गई। वहीं पंद्रह छात्राओं को दूसरी डोज लगी। इस तरह उनका टीकाकरण शेड्यूल पूरा हुआ। इसी के साथ अब तक लगभग साढ़े तीन सौ से ज्यादा छात्राओं का टीकाकरण संपन्न सहयोग कर के किया जा चुका है। यह जागरूकता और वैक्सीनेशन अभियान समाज और प्रशासन के साथ महिला संस्थाओं के सहयोग से निरंतर चलाया जा रहा है। जांच और वैक्सीनेशन से हो सकता रोकथाम इस अवसर पर कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा- सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में सबसे अधिक होने वाले कैंसर में से एक है, लेकिन समय पर जांच और एचपीवी वैक्सीनेशन से इसे रोका जा सकता है। हमारे यूनिवर्सिटी की जिम्मेदारी है कि हम शिक्षा के साथ-साथ स्वास्थ्य सुरक्षा का संदेश भी समाज तक पहुंचाएं। वहीं डॉक्टर मधु गुलाटी ने बताया- गीडा क्षेत्र में स्थापित कंपनियों को भारतीय समुदाय कल्याण कोष (ICWF) में अपना योगदान देकर इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने में मदद करने की आवश्यकता है। लकड़ों का वैक्सीनेशन भी जरूरी सीएमओ डॉ राजेश झा ने बताया- सिर्फ महिलाओं या लड़कियों तक ना सीमित रहकर यह वैक्सीन लड़कों को भी अति आवश्यक रूप से लगवाया जाए। कार्यक्रम के दौरान अन्य महाविद्यालयों से आए शिक्षिकाए डॉक्टर कनक मिश्रा,डॉक्टर स्नेहा, डॉ सुषमा श्रीवास्तव, शोधार्थी कविता त्रिपाठी, अर्चिता चौरसिया, तरन्नुम खातून, कीर्ति, स्तुति जयसवाल, तान्या यादव, शालिनी त्रिपाठी और विभिन्न विभागों के सदस्यों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:00 am

पंडित राधेश्याम कथावाचक की प्रतिमा जीआईसी ऑडिटोरियम में लगेगी:बरेली के महान कथावाचक को मिलेगा नया सम्मान, CM योगी करेंगे लोकार्पण

बरेली शहर के गौरव और नव युग के तुलसीदास कहे जाने वाले पंडित राधेश्याम कथावाचक की प्रतिमा अब जीआईसी ऑडिटोरियम में स्थापित की जाएगी। इसी के साथ ऑडिटोरियम का नाम बदलकर स्व पंडित राधेश्याम कथावाचक स्मृति भवन रखा जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके लोकार्पण के लिए बरेली आएंगे। डीएम अविनाश सिंह ने लखनऊ में सीएम से मुलाकात कर प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया। सीएम का दौरा 25 नवंबर से 10 दिसंबर के बीच होने की संभावना है। इस दौरान वे 22 अरब रुपये से ज्यादा की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। प्रतिमा को मूर्तिकार संदीप पटेल ने तैयार किया हैप्रतिमा को कानपुर के मूर्तिकार संदीप पटेल ने बनाया है। प्रतिमा के स्थापित होते ही जीआईसी ऑडिटोरियम की पहचान बदल जाएगी। ऑडिटोरियम के ठीक सामने जिला पंचायत परिसर में पंडित राधेश्याम की पौत्री शारदा भार्गव रहती हैं। उन्होंने अपने आवास के एक कक्ष को पंडित जी की याद में समर्पित किया है। इसी कक्ष में पंडित राधेश्याम म्यूजियम बनाया जाएगा, जिसमें उनकी पांडुलिपियां, उपदेश, मंचन की स्क्रिप्ट और जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण वस्तुएं रखी जाएंगी। कौन थे पंडित राधेश्याम कथावाचकबरेली के बिहारीपुर में 1890 में जन्मे पंडित राधेश्याम कथावाचक सिर्फ कथावाचक नहीं, बल्कि अद्भुत साहित्यकार, नाटककार और लोकसंस्कृति के संरक्षक थे। 1913 में उन्होंने अपनी अनोखी शैली में रामायण की रचना की। इसमें हिंदी, उर्दू, ब्रज और अवधी की सहज बोली का मिश्रण उन्होंने इस तरह किया कि हर तबके का व्यक्ति इसे सुनते ही जुड़ जाता था।रामायण इतना लोकप्रिय हुआ कि उनके जीवनकाल में ही इसकी करीब पौने दो करोड़ प्रतियां बिक गईं। देश भर की रामलीलाओं में आज भी उनके संवाद, दोहे और गायन शैली का ही मंचन होता है। नेपाल नरेश ने भी पंडित जी को विशेष सम्मान से नवाजा था।रामायण के अलावा उन्होंने 18 नाटक भी लिखे, जिनमें भारतीय संस्कृति, त्याग, धर्म और सामाजिक मूल्यों का बेहतरीन चित्रण मिलता है। पंडित जी की रामायण अपनी गायन शैली और संवाद प्रधान प्रस्तुति के लिए प्रसिद्ध है। रामचरित मानस की तर्ज पर राधेश्याम रामायण में भी मर्यादा, युद्ध, भक्ति और नीति के भाव बेहद प्रभावी तरीके से सामने आते हैं। मंचों पर बोले जाने वाले उनके लोकप्रिय संवाद आज भी रामलीला की पहचान हैं। उनकी गायन शैली में छंद, चौपाई, दोहा और मंत्र इस तरह पिरोए गए थे कि पूरा मंच भक्ति रस से भर जाता था। बरेली को अपने इस गौरव का इंतजारजैसे ही प्रतिमा लगेगी और नया नामकरण होगा, बरेली को अपनी सांस्कृतिक धरोहर पर एक और गर्व का अवसर मिलेगा। सीएम योगी के दौरे से पहले तैयारियां तेज हैं और प्रशासन इसे बरेली की बड़ी सांस्कृतिक उपलब्धि मान रहा है। नेपाल नरेश ने दिया था ऊँचा सम्मान लोकनाट्य शैली और प्रभावशाली वाचन की वजह से नेपाल के तत्कालीन नरेश भी उनके कायल थे। कई ऐतिहासिक दस्तावेज बताते हैं कि नेपाल नरेश ने राधेश्याम को कथा वाचस्पति, कथाशिरोमणि और साहित्यवाचस्पति जैसी बड़ी उपाधियाँ देकर सम्मानित किया था। उन्हें सोने की मुद्राओं से भरी थैलियाँ और चांदी के सिक्कों की बाल्टियाँ भी भेंट में दी गई थीं। यह उस दौर में कथा कला को मिला सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय सम्मान माना जाता है। पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने भी दिया था सम्मान देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने राधेश्याम को राष्ट्रपति भवन बुलवाया था। उन्होंने करीब 15 दिन तक उनकी कथा सुनी थी। राष्ट्रपति द्वारा बुलाकर कथा सुनना उस समय का सर्वोच्च सम्मान माना जाता था। खड़ी बोली में रामायण लिखकर बदल दी कथा की दुनिया राधेश्याम कथावाचक की सबसे बड़ी पहचान उनकी राधेश्याम रामायण है। इसे उन्होंने खड़ी बोली में, लोकनाट्य मंचन शैली के हिसाब से लिखा था। उस दौर में अवधी और ब्रज की परंपराओं को तो लोग जानते थे, लेकिन खड़ी बोली में इतनी सशक्त रामकथा पहली बार सामने आई थी। देशभर में उनके मंचन होते थे और हर जगह भीड़ उमड़ आती थी। वही लोकप्रियता उन्हें नेपाल दरबार और राष्ट्रपति भवन तक ले गई। नाट्यकला के सुधि कलाकार और बड़े सामाजिक संदेश वे सिर्फ रामायणकार नहीं थे, बल्कि उनके कई नाटक, संवाद और मंचन आज भी उत्तर भारत के लोक नाट्य (रासलीला-रामलीला) में आधार स्तंभ माने जाते हैं।उनका लिखा साहित्य न सिर्फ धार्मिक आस्था का माध्यम है, बल्कि एक युग के सामाजिक और सांस्कृतिक चरित्र का दस्तावेज भी है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:00 am

अटल मैराथन को मिली मुख्यमंत्री की हरी झंडी:25 दिसंबर को दौड़ेगा पूरा शहर, डीएम के प्रस्ताव पर लगी मुहर

बरेली में इस बार 25 दिसंबर को भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई के सम्मान में अटल मैराथन का आयोजन होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीएम अविनाश सिंह के साथ भेंट वार्ता में इस मैराथन की स्वीकृति दे दी है। पहली बार होने जा रहा यह आयोजन शहर के प्रोफेशनल खिलाड़ियों के साथ आम नागरिकों को भी जोड़ेगा। प्रशासन की तैयारी है कि इसे बरेली का ऐतिहासिक कार्यक्रम बनाया जाए। रूट प्लान से लेकर मेडिकल और सिक्योरिटी कवरेज तक सभी व्यवस्थाओं को फाइनल किया जा रहा है। दामोदर स्वरूप पार्क के पास बनेगी आकर्षक रोटरीअटल सेतु की तरफ आने वाला तिराहा लंबे समय से दुर्घटना की दृष्टि से संवेदनशील बना हुआ है। यहां रोटरी न होने से वाहनों का दबाव हमेशा रहता है। अब इसी तिराहे पर आकर्षक रोटरी का निर्माण कराया जाएगा। लखनऊ की तर्ज पर तैयार इस मॉडल में बीच में अशोक स्तंभ होगा और चारों तरफ दौड़ते हुए घोड़े बनाए जाएंगे। डिज़ाइन तैयार है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होने वाला है। रोटरी बनते ही इस मार्ग पर आवागमन सुरक्षित और व्यवस्थित हो जाएगा। सरकारी जमीन से हटेंगे कब्जे, ईडब्ल्यूएस आवास बनेगासरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को हटाकर गरीबों के लिए ईडब्ल्यूएस आवास बनाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए हैं। बरेली प्रशासन ने इस पर तेजी से काम शुरू कर दिया है। शहर के विभिन्न इलाकों में चिन्हित जमीन की रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी, जिसके बाद योजना के अनुसार निर्माण कार्य शुरू होगा। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को किफायती घर मिल सकेंगे। बरेली को मिलेंगे 2200 करोड़ से ज्यादा की योजनाएंमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने बरेली दौरे पर 2200 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इन योजनाओं में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, शहरी विकास और धार्मिक पर्यटन से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट शामिल हैं। दौरे को लेकर प्रशासनिक तैयारियां तेज कर दी गई हैं।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:00 am

बरेली में पहली बार होगा नाथ नगरी महोत्सव:पांचाल नगरी की संस्कृति और इतिहास एक ही मंच पर

बरेली में इस साल पहली बार नाथ नगरी बरेली महोत्सव का आयोजन होने जा रहा है। डीएम अविनाश सिंह ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान इस प्रस्ताव को रखा था। मुख्यमंत्री ने इस महोत्सव को हरी झंडी दे दी है। बरेली के लिए यह सिर्फ एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पुनर्जागरण जैसा पल माना जा रहा है। पहली बार शहर अपनी प्राचीन पहचान, नाथ परंपरा और पांचाल संस्कृति को एक बड़े मंच पर दुनिया के सामने रखेगा। पांचाल की धरोहर को मिलेगा मंचअधिकारियों के अनुसार महोत्सव में सिर्फ बरेली ही नहीं, बल्कि पूरी पांचाल नगरी की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और साहित्यिक विरासत को प्रस्तुत किया जाएगा। पांचाल कभी महाभारत काल में शिक्षा, शस्त्र, कला और संस्कृति का प्रमुख केंद्र रहा है। द्रौपदी का मायका होने के कारण यह इलाका विशेष तौर पर ऐतिहासिक महत्व रखता है। बरेली महोत्सव में इन सभी पहलुओं को थीम आधारित प्रदर्शनी, नृत्य-नाटक, कथाओं, लोक संगीत और फूड फेस्ट के माध्यम से दिखाया जाएगा। नाथ नगरी कॉरिडोर की झलक भी दिखेगीयूपी सरकार बरेली में एक भव्य नाथ नगरी कॉरिडोर बनाने की दिशा में काम कर रही है। बाबा त्रिवटी नाथ, अलखनाथ, मढ़ीनाथ, बनखंडी नाथ, तपेश्वरनाथ, पशुपतिनाथ, धूपेश्वरनाथ को जोड़ने वाले इस कॉरिडोर से बरेली एक बड़े धार्मिक टूरिज्म हब के रूप में उभर रहा है। महोत्सव के दौरान कॉरिडोर की अवधारणा, प्रोजेक्ट की रूपरेखा, मॉडल और वर्चुअल प्रेजेंटेशन भी दिखाए जाएंगे। इससे लोगों को समझने में आसानी होगी कि भविष्य में नाथ नगरी कैसी दिखेगी और इसका धार्मिक पर्यटन पर कितना बड़ा प्रभाव पड़ेगा। शहर की पहचान को मिलेगा नया विस्तारबरेली की पहचान सिर्फ जरी-जरदोजी और सूफी-संस्कृति तक सीमित नहीं है। यहां नाथ परंपरा की हजारों साल पुरानी धारा बहती है, रामायणकालीन कथाएं मिलती हैं और पांचाल का गौरवशाली इतिहास भी जुड़ा है। महोत्सव का उद्देश्य इन्हीं धरोहरों को एक साथ जोड़कर शहर की समृद्ध विरासत को सामने लाना है।आयोजकों के अनुसार नाथ नगरी बरेली महोत्सव में लोक कलाकारों के कार्यक्रम, लोकगीत-लोकनृत्य, नाथ परंपरा पर विशेष सेशन, कथावाचन, साहित्य गोष्ठी और युवा प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होगा। धार्मिक पर्यटन को नई गतिनाथ नगरी कॉरिडोर, नाथ नगरी महोत्सव और विकास योजनाओं के साथ बरेली को धार्मिक टूरिज्म का केंद्र बनाने की तैयारी तेज हो गई है। डीएम अविनाश सिंह का मानना है कि यह महोत्सव न केवल स्थानीय कलाकारों और संस्कृति को मंच देगा, बल्कि शहर को एक अंतरराष्ट्रीय पहचान भी दिलाएगा। बरेली में पहली बार इतना भव्य आयोजनडीएम की रिपोर्ट के अनुसार यह महोत्सव नवंबर के आखिरी सप्ताह या दिसंबर के पहले सप्ताह में आयोजित किया जा सकता है। कार्यक्रम का पूरा शेड्यूल मुख्यमंत्री कार्यालय की मंजूरी के बाद जारी किया जाएगा। शहर में आयोजन को लेकर उत्साह है क्योंकि बरेली में पहली बार इतनी बड़ी सांस्कृतिक प्रस्तुति एक साथ देखने को मिलेगी। नाथ नगरी बरेली महोत्सव केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होगा, बल्कि बरेली की ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को दुनिया के सामने नए अंदाज में पेश करने का अवसर बनेगा। इसमें नाथ परंपरा से लेकर पांचाल की धरोहर और आधुनिक बरेली की संस्कृति तक सब कुछ एक मंच पर दिखेगा।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:00 am

बरेली में बनेगा 100 एकड़ का एम्प्लायमेंट जोन:सरदार पटेल के नाम पर रोजगार और स्किल डेवलपमेंट का बड़ा केंद्र

बरेली में युवाओं के लिए अब रोजगार और स्किल डेवलपमेंट के नए रास्ते खुलने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले में 100 एकड़ जमीन पर एक विशाल एम्प्लायमेंट जोन बनाने के निर्देश दिए हैं। यह जोन देश के लौह पुरुष सरदार बल्लभभाई पटेल के नाम पर बनाया जाएगा। जिला प्रशासन को जमीन चिन्हित करने और प्रोजेक्ट की रूपरेखा तैयार करने के आदेश पहले ही दे दिए गए हैं। युवाओं के लिए रोजगार और ट्रेनिंग का हबएम्प्लायमेंट जोन का उद्देश्य सिर्फ रोजगार उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि युवाओं को उद्योगों की जरूरत के हिसाब से प्रशिक्षित करना भी है। यहां स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, टेक्निकल ट्रेनिंग सेंटर, प्लेसमेंट सेल, इनोवेशन लैब, स्टार्टअप सपोर्ट हब और उद्योगों से जुड़े प्रशिक्षण केंद्र विकसित किए जाएंगे। प्रशासन का मानना है कि एक ही परिसर में प्रशिक्षण से लेकर रोजगार तक की सभी सुविधाएं मिलने से युवाओं के लिए अवसर कई गुना बढ़ जाएंगे। जमीन चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरूडीएम अविनाश सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद संबंधित विभागों को जमीन चिन्हित करने का काम सौंप दिया गया है। जल्द ही 100 एकड़ का लोकेशन फाइनल कर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। इसके बाद डीपीआर तैयार होगी और निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रशासन का लक्ष्य है कि इस प्रोजेक्ट को तेजी से धरातल पर उतारा जाए ताकि क्षेत्र के युवाओं को जल्द लाभ मिल सके। उद्योगों को एक ही जगह स्पेसएम्प्लायमेंट जोन में मध्यम और छोटे उद्योगों को भी स्पेस मिलेगा। इससे स्थानीय स्तर पर इंडस्ट्री कलस्टर विकसित होंगे, जहां कंपनियां ट्रेनिंग लेकर तैयार हुए युवाओं को तुरंत रोजगार दे सकेंगी। यह मॉडल रोजगार देने के साथ-साथ बरेली को एक नए औद्योगिक हब के रूप में भी पहचान दिलाएगा। सरकार की बड़ी योजना का हिस्सायूपी सरकार लगातार रोजगार और उद्योगों के विस्तार पर जोर दे रही है। सरदार पटेल एम्प्लायमेंट जोन इसी कड़ी का अहम हिस्सा है। यह प्रोजेक्ट सफल हुआ तो आने वाले वर्षों में बरेली न सिर्फ धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान के कारण, बल्कि रोजगार के लिए भी बड़ी पसंद बनकर उभरेगा। युवाओं का कहना है कि समय की जरूरतशहर के युवाओं का कहना है कि अब सबसे अधिक जरूरत स्किल आधारित रोजगार की है। अगर जिला स्तर पर इतना बड़ा केंद्र बनता है तो बरेली के हजारों युवाओं को अपने शहर में ही अवसर मिलेंगे और बड़े शहरों में पलायन कम होगा। सरदार पटेल के नाम पर बनने वाला यह एम्प्लायमेंट जोन बरेली के विकास में नया अध्याय जोड़ने जा रहा है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:00 am

नालंदा में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ​​​​​​​का आगमन:डीएम को देंगी 25 लाख का पुरस्कार; काम के कारण हजारों लोगों को रोजगार मिला

जल संरक्षण और जन-भागीदारी के क्षेत्र में नालंदा ने देशभर में एक मिसाल कायम किया है। प्रतिष्ठित राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2024 हासिल किया है। आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विज्ञान भवन के प्लेनरी हॉल में आयोजित समारोह में नालंदा को यह सम्मान देगी। जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण विभाग की ओर से छठे राष्ट्रीय जल पुरस्कार समारोह आयोजित हुई है। इसमें शामिल होने के लिए जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार राजधानी पहुंच चुके हैं। इस पुरस्कार के साथ जिले को 25 लाख रुपए की राशि और प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया जाएगा। जल संचय-जन भागीदारी (JSJB) 1.0 पहल के तहत नालंदा ने अपनी असाधारण प्रतिबद्धता का परिचय देते हुए 12,051 जल-संरक्षण और भू-जल पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण पूरा किया है। यह संख्या केंद्र सरकार की ओर से निर्धारित 10,000 के राष्ट्रीय लक्ष्य से भी अधिक है। यह उपलब्धि न केवल बिहार के लिए गौरव का विषय है, बल्कि देश के अन्य जिलों के लिए प्रेरणास्रोत भी बन गई है। काम बड़े पैमाने पर खत्म हुए इस सफलता की नींव में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मनरेगा के तहत चेक डैम, आहर-पइन प्रणाली, तालाबों का जीर्णोद्धार, रिचार्ज पिट, सोख्ता निर्माण और जल-निकासी सुधार जैसे काम बड़े पैमाने पर खत्म हुए। इन कामों से एक ओर जहां हजारों लोगों को रोजगार मिला, वहीं दूसरी ओर स्थायी प्राकृतिक संसाधन संरचनाओं का विकास भी हुआ। विशेष रूप से नालंदा की पारंपरिक आहर-पइन सिंचाई प्रणाली को पुनर्जीवित करने में मनरेगा की भूमिका उल्लेखनीय रही है। यह पुराना जल-प्रबंधन व्यवस्था अब एक बार फिर किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। ग्राम पंचायतों ने इस पूरे अभियान में नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है। पंचायत प्रतिनिधियों ने कार्यस्थल चयन, जन-जागरूकता और सामुदायिक निगरानी का जिम्मा संभाला। पुराने कुओं, आहर, पाइन और पोखरों के जीर्णोद्धार में ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने में पंचायती राज विभाग की भूमिका अहम रही। नगर विकास एवं आवास विभाग ने शहरी क्षेत्रों में वर्षा जल-संचयन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। नगर पंचायतों और परिषदों ने ड्रेनेज सुधार, शहरी तालाबों के पुनर्जीवन, जलभराव नियंत्रण, कुओं के जीर्णोद्धार और सोख्ता निर्माण जैसे काम किए। कैच द रेन अभियान को JSJB के साथ जोड़कर व्यापक शहरी जागरूकता अभियान चलाया गया। जन-आंदोलन का रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बिहार सरकार के महत्वाकांक्षी जल-जीवन हरियाली अभियान ने नालंदा की इस उपलब्धि को संरचनात्मक मजबूती प्रदान की है। इस अभियान ने वर्षा जल-संचयन को जन-आंदोलन का रूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वृक्षारोपण, जल-निकायों का संरक्षण और सिंचाई स्रोतों के पुनर्जीवन को JSJB के साथ प्रभावी ढंग से एकीकृत किया गया। जल-सम्मेलन, जल-जागरण रैलियों और हरित संदेश यात्राओं के माध्यम से जल-संरक्षण को जीवनशैली का हिस्सा बनाने का संदेश प्रभावी रूप से प्रसारित किया गया। इस अभियान ने विभिन्न विभागों—MGNREGA, पंचायती राज, कृषि, सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और नगर निकायों—को एक मंच पर लाकर समन्वित जल-प्रबंधन ढांचा तैयार किया। नालंदा की इस पहल के परिणाम अत्यंत उत्साहजनक रहे हैं। जिले में भू-जल स्तर में वृद्धि दर्ज की गई है और सिंचाई क्षमता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। स्वयं सहायता समूहों और किसान समूहों की सक्रिय भागीदारी ने इस पूरे कार्यक्रम को जन-आंदोलन का स्वरूप प्रदान किया। JSJB 1.0 के तहत नालंदा अब राष्ट्रीय स्तर का मॉडल जिला बन गया है। MGNREGA की मजबूत नींव, पंचायतों की सक्रियता, नगर निकायों की भागीदारी और जल-जीवन हरियाली अभियान की रणनीतिक दिशा—इन सभी तत्वों के समन्वय ने नालंदा को यह मुकाम दिलाया है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 6:00 am

भाजपा में होता है पिछड़ों का शोषण:मेरठ में अंदरुनी कलह का शिकार पार्षद संजय सैनी का दर्द, बोले यहां गरीबों की आवाज दबाई जाती है

मेरठ में नगर निगम की कार्यकारिणी का चुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं में खूब अंदरूनी कलह देखने को मिली। वार्ड 50 के भाजपा पार्षद को पार्टी के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ना इतना महंगा पड़ा कि उनकी जीत की घोषणा से थोड़ा पहले ही उनकी पार्टी के नेताओं द्वारा ही न सिर्फ चुनाव निरस्त कराया गया बल्कि उनको पार्टी से भी निकाल दिया गया। नामांकन वैरिफिकेशन से शुरू हुआ विवाद पार्षद संजय सैनी ने बताया कि जब वह अपने पर्चे में वैरिफिकेशन के लिए पहुंचे तब भी अनुज वशिष्ठ ने उनका पर्चा निरस्त करने की बात चुनाव अधिकारी अमित भार्गव से की। इसके बाद भी जब उनका पर्चा कैंसिल नहीं हुआ तो सभ्ज्ञी लोग पार्टी के उनके खिलाफ हो गए। जीतकर बोले भाजपा जिंदाबाद संजय सैनी को 12 वोट मिलने के बाद जब उनके कार्यकारिणी सदस्य बनने का रास्ता साफ हो गया और लोग उनको बधाई देने लगे तो उन्होंने वहां भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद बोलते हुए अपनी जीत पाटी को ही समर्पित कर दी। उन्होंने कहा कि यह सच और मेहनत की जीत है इसके बाद मतगणना केंद्र पर अन्य भाजपाइयों द्वारा चुनाव अधिकारी पर आरोप लगाते हुए चुनाव निरस्त करा दिया गया। भाजपा में होता है पिछड़ाें का शोषण अपनी पूरी पार्टी को अपने सामने खड़ा देख और उनकी सदस्यता खत्म होने की खबर सुनकर उन्होंने कहा कि मैं अभी तक भाजपा का सच्चा सिपाही था। इस पार्टी में पिछड़ों को दबाया जाता है औश्र उनका शोषण किया जाता है इसलिए आज मैं खुद यह पार्टी छोड़ रहा हूं। महानगर अध्यक्ष पर भी लगाए आरोप संजय सैनी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो डालते हुए कहा कि चुनाव से पहले दिन पार्टी की एक मीटिंग हुई थी। इसमे महानगर अध्यक्ष ने कहा था कि हमे अपने चार प्रत्याशी तो जिताने ही है अबर कोई चाहे तो दूसरे पार्षदों की वोट लेकर पांचवा सदस्य भी बन सकता है। उन्होंने कहा कि महानगर अध्यक्ष के साथ साथ अन्य भाजपा नेता भी उगाही में व्यस्त हैं।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:59 am

रमेश भाई ओझा सुनाएंगे श्रीमद् भागवत कथा:मथुरा के बरसाना में होगा आयोजन,आज से शुरू होगा नौ दिवसीय कथा और सीताराम विवाह महोत्सव

मथुरा के बरसाना में मंगलवार से सीताराम महोत्सव शुरू होने जा रहा है। इस महोत्सव में प्रसिद्ध कथा प्रवक्ता रमेश भाई ओझा श्री मद्भागवत कथा का भक्तों को श्रवण कराएंगे। दिन में यहां श्री मद्भागवत कथा का आयोजन होगा वहीं शाम को सीताराम विवाह लीला का मंचन किया जायेगा। महोत्सव की आयोजकों द्वारा सभी तैयारी पूरी कर ली है। पद्म श्री रमेश बाबा करेंगे शुभारंभ भारत की सबसे बड़ी माताजी गौशाला में 65000 गायों के मध्य विश्व विख्यात भागवत कथा प्रवक्ता रमेश भाई ओझा 9 दिन तक बृजवासियों और गौ माता को श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करेंगे। श्रीमद् भागवत कथा एवं सीताराम विवाह महोत्सव का शुभारंभ मंगलवार को पद्मश्री संत रमेश बाबा और गुरु शरणानंद महाराज द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन करके किया जाएगा। माताजी गौशाला में होगा आयोजन मान मंदिर के महंत संत रमेश बाबा महाराज के सानिध्य में माता जी गौशाला में वर्ष भर अनेक धार्मिक आयोजन होते रहते हैं इसी श्रृंखला में मंगलवार से प्रख्यात भागवत कथा प्रवक्ता रमेश भाई ओझा द्वारा व्यास पीठ से बृजवासियों और देश के कोने-कोने से आए हजारों भक्तों को श्रीमद् भागवत कथा श्रवण कराई जाएगी। माताजी गौशाला के व्यवस्थापक ब्रज शरण महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि 18 से 26 नवंबर तक नौ दिवसीय आयोजन किया जाएगा इस दौरान व्यास पीठ से विशाल मंच पर रमेश भाई ओझा श्रीमद् भागवत कथा श्रवण कराएंगे, वहीं संध्या के सत्र में 7:00 बजे से बक्सर वाले श्री नारायण भक्ति माली मामा जी की बेटी द्वारा सीताराम विवाह महोत्सव लीला का मंचन किया जाएगा। धार्मिक और राजनीतिक जगत की हस्तियां करेंगी शिरकत माताजी गौशाला और मान मंदिर के सचिव सुनील सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दिव्य आयोजन में देश के नामी गिरामी संत महात्मा पधारेंगे। वहीं 25 नवंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पहुंचेंगे और 9 दिवसीय आयोजन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आने का भी कार्यक्रम है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:59 am

आरएनटी मेडिकल कॉलेज:एमबी में रोबोटिक सर्जरी अगले साल से, प्रस्ताव भेजा, डॉक्टरों का प्रशिक्षण शुरू

आरएनटी मेडिकल कॉलेज से जुड़े संभाग के सबसे बड़े एमबी हॉस्पिटल में अगले साल से रोबोटिक सर्जरी शुरू हो जाएगी। इस अत्याधुनिक सुविधा के शुरू होने से जटिल ऑपरेशनों को अधिक सटीकता से किया जा सकेगा। इसमें समय भी कम लगेगा। कॉलेज प्रशासन ने रोबोटिक सर्जरी यूनिट की स्थापना के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। इसके साथ ही आरएनटी के डॉक्टरों का रोबोटिक सर्जरी के लिए प्रशिक्षण भी शुरू हो चुका है। इसके तहत विभागवार डॉक्टरों को देशभर के अस्पतालों में भेजा जा रहा है। एम्स जोधपुर में हुए चार दिवसीय प्रशिक्षण में असिस्टेंट प्रोफेसर सर्जरी, गेस्ट्रो सर्जरी विभाग में कार्यरत डॉ. राजवीर सिंह ने देसी रोबोट एसएसआई मंत्रा (लागत 5-8 करोड़) और विदेशी रोबोट दा विन्सी (लगभग 20 करोड़) पर सर्जरी की तकनीक का अभ्यास किया। यह प्रशिक्षण सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग की ओर से आयोजित हेपेटो पैंक्रियाटिको बिलिअरी सर्जरी पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन दिया गया। इसमें शीर्ष स्तर के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय वरिष्ठ गैस्ट्रो सर्जन ने अपने अनुभव और सर्जिकल स्किल साझा कीं। रोबोटिक मॉड्यूल (एसएसआई मंत्रा और दा विंची) और कडैवेरिक लीवर रिट्रीवल पर भी प्रशिक्षण दिया गया। खास बात यह है कि वर्ष 2024 में आरएनटी में साढ़े दस हजार से अधिक और 2025 में इस वर्ष अब तक 8,804 सर्जरी हो चुकी हैं। इतनी बड़ी संख्या में होने वाली सर्जरियों के बीच यदि रोबोटिक सर्जरी शुरू होगी तो वेटिंग में कमी आएगी। इसका सीधा फायदा मरीजों को मिलेगा। जटिल सर्जरी आसान होगी, 20 से 30 फीसदी बचेगा समय डॉ. राजवीर सिंह बताते हैं कि रोबोटिक तकनीक में होने वाली सर्जरी में आम सर्जरी के मुकाबले 20 से 30 प्रतिशत तक समय कम लगेगा। कठिन जगहों पर भी टांके लगाने सहित अत्यंत जटिल सर्जरी को भी आसानी से किया जा सकता है। वर्तमान में प्राइवेट अस्पतालों में रोबोटिक सर्जरी का खर्च 3 से 10 लाख रुपए तक आता है। यदि आरएनटी में यह सुविधा शुरू होती है तो मरीजों को न के बराबर खर्च करना पड़ेगा। इन ऑपरेशन में रोबोट सर्जरी है सटीक केडैवरिक लीवर रिट्रीवल, लीवर, पेन्क्रियाज, गॉल ब्लैडर से जुड़ी पेटिको-पेन्क्रियाटिको-बिलेयरी सर्जरी, इसोफेगस (भोजननली), रेक्टम (मलाशय), पेन्क्रियाज कैंसर, पेल्विक सर्जरी, प्रोस्टेट और स्त्री रोग संबंधी जटिल सर्जरी जैसी प्रक्रियाओं में रोबोट की कार्यप्रणाली बेहतर साबित होती है। थ्री-डी विजन इसे और भी बेहतर कर सकता है। प्रदेश में तीसरा अस्पताल होगा एमबीएम्स जयपुर में दो रोबोट स्थापित किए गए हैं। सर्जरी भी शुरू कर दी गई है। जोधपुर एम्स में भी हाल ही इसकी शुरुआत की जा चुकी है। जयपुर और जोधपुर के बाद रोबोटिक सर्जरी शुरू करने वाला उदयपुर का एमबी प्रदेश का तीसरा सरकारी हॉस्पिटल होगा। जनजाति बाहुल्य को देखते हुए इसकी यहां सबसे ज्यादा जरूरत भी है। प्रिंसिपल बोले-सरकार को भेजा प्रस्ताव आरएनटी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. विपिन माथुर ने बताया कि रोबोटिक सर्जरी यूनिट की स्थापना के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। सरकार की ओर से एसएमएस में दो रोबोट लगाए गए हैं। जोधपुर एम्स में भी नई शुरुआत हो चुकी है। उम्मीद है कि अगले वर्ष हमें रोबोट उपलब्ध हो जाएगा। इसके बाद यहां जटिल सर्जरी में नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर सकेंगे। काम की बात- दिल्ली-रायपुर-भोपाल एम्स समेत इन सरकारी अस्पतालों में रोबोटिक सुविधा

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:56 am

क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर 13 लाख ठगे:5 बार में ट्रांसफर कराई गई रकम, साइबर सेल कर रहा मामले की जांच

साइबर ठगों ने क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर ग्रेटर नोएडा के रहने वाले एक इंजीनियर से 13 लाख रुपए ठग लिए। ठगों ने टेलीग्राम मैसेज से संपर्क कर मुनाफा होने का झांसा दिया। मुनाफा समेत रकम नहीं निकलने पर पीड़ित को साइबर ठगी होने का एहसास हुआ। पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस मामले में जांच कर रही है। ग्रेटर नोएडा के रहने वाले रवि मलिक इंजीनियर हैं। वह शेयर बाजार में भी रुचि रखते हैं। 24 अगस्त को टेलीग्राम पर एक मैसेज आया था। ठग ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने की योजना बताई थी। बातचीत करने पर ठग ने के वाट्स अप ग्रुप से जोड़ दिया। फिर ठगों ने बिटकॉइन नाम की एक एप डाउनलोड कराई। रवि ने एक सितंबर को 10 हजार रुपए का निवेश कर दिया। कुछ समय में ही एप पर मुनाफा दिखने लगा। रवि ने रकम निकालकर बैंक खाते में डाली तो वह क्लिक करते ही आ गई। रकम निकालने का प्रयास ग्रुप से किया बाहररवि ने विश्वास कर रकम निवेश करने का मन बनाया। फिर क्या था। जैसे-जैसे ठग कहते जाते। वैसे-वैसे रवि करता जाता। रवि ने 24 सितंबर तक पांच बार में 13 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए। पीड़ित ने रकम निकालने का प्रयास किया तो ठग ने कर के रूप में और रकम जमा करने को बोला। यह सुनकर रवि चौक गए। उन्होंने और रकम नहीं होने से मना कर दिया। रवि के रकम नहीं देने पर ठगों ने संपर्क तोड़ लिया। रवि ने एनसीआरपी पोर्टल और साइबर क्राइम थाना पुलिस से शिकायत की।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:56 am

मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ:दिल्ली ब्लास्ट- आतंकी का साथी पकड़ाया, शेख हसीना को फांसी की सजा; 56 दिन बाद आजम को फिर जेल, बेटा भी साथ गया

नमस्कार, कल की बड़ी खबर दिल्ली ब्लास्ट की जांच से जुड़ी है। आतंकी का एक साथी पकड़ा गया है। दूसरी खबर रामपुर की है, जहां रिहाई के 56 दिन बाद आजम खान को फिर जेल भेज दिया गया। बेटा भी साथ जेल गया। हम आपको यह भी बताएंगे कि बांग्लादेश की पूर्व पीएम को फांसी की सजा क्यों सुनाई गई। ⏰ आज का प्रमुख इवेंट, जिस पर रहेगी नजर... कल की बड़ी खबरें... 1. दिल्ली ब्लास्ट-आतंकी उमर का श्रीनगर से एक और साथी गिरफ्तार: ड्रोन-रॉकेट बनाता दिल्ली ब्लास्ट मामले में NIA ने जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर से आतंकी उमर के एक और साथी जसीर बिलाल वानी उर्फ दानिश को गिरफ्तार किया। आरोप है कि जसीर आतंकी उमर को टेक्निकल सपोर्ट देता था। विस्फोट के लिए ड्रोन मॉडिफाई करता था और रॉकेट बनाने की भी कोशिश की थी। ब्लास्ट में शू बॉम्ब के इस्तेमाल का शक: इस ब्लास्ट में सुरक्षा एजेंसियों को शू बम के इस्तेमाल का शक है। सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसियों को विस्फोट वाली कार से एक जूता मिला है। इसकी जांच में अमोनियम नाइट्रेट और TATP के ट्रेस मिले, जिन्हें शुरुआती सुराग माना जा रहा है। TATP बेहद खतरनाक विस्फोटक: यह मामूली झटके, रगड़ या थोड़ी सी गर्मी से भी फट सकता है। इसी वजह से इसे आतंकी दुनिया में 'Mother of Satan' यानी 'शैतान की मां' कहा जाता है। पढ़ें पूरी खबर... 2. आजम और बेटे अब्दुल्ला को 7-7 साल की सजा, बिस्किट के 2 पैकेट लेकर जेल गए सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को फिर 7-7 साल की सजा हुई है। रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने फर्जी पैन कार्ड मामले में सोमवार को दोनों को दोषी करार दिया। फैसले के तुरंत बाद दोनों को जेल भेज दिया गया। आजम अपने साथ जेल में दो पैकेट बिस्किट लेकर गए। जेल में दाखिल होने से पहले आजम ने कहा- कोर्ट का फैसला है, कोर्ट ने गुनहगार समझा तो सजा सुनाई है। फर्जी पैन कार्ड बनवाया था: आजम खान 2017 में अखिलेश सरकार में नगर विकास मंत्री थे। उन्होंने अपने रसूख के दम पर लखनऊ नगर निगम से बेटे का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र (बर्थ सर्टिफिकेट) बनवाया। उसी के आधार पर फर्जी पैन कार्ड बनवाकर अब्दुल्ला को चुनाव लड़वाया था। अखिलेश का सरकार पर हमला: आजम के जेल जाने के बाद सपा प्रमुख ने कहा- सत्ता के गुरूर में जो नाइंसाफी और जुल्म की हदें पार कर देते हैं। वो खुद एक दिन कुदरत के फैसले की गिरफ्त में आकर एक बेहद बुरे अंत की ओर जाते हैं। सब, सब देख रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर... 3. बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को फांसी की सजा: कोर्ट ने छात्रों की हत्याओं का दोषी माना बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई गई है। उन्हें ढाका की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने हत्या के लिए उकसाने और हत्या का आदेश देने के लिए मौत की सजा दी। बाकी मामलों में उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई। ICT ने उन्हें 5 मामलों में आरोपी बनाया था। तख्तापलट के बाद भारत आ गईं थीं हसीना: 5 अगस्त 2024 को तख्तापलट के बाद शेख हसीना और पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमान ने देश छोड़ दिया था। दोनों नेता पिछले 15 महीने से भारत में रह रहे हैं। क्या भारत से वापस जाएंगी: बांग्लादेश के पीएम ऑफिस ने बयान जारी कर कहा कि भारत और बांग्लादेश के बीच जो प्रत्यर्पण संधि है, उसके मुताबिक यह भारत की जिम्मेदारी बनती है कि वह पूर्व बांग्लादेशी पीएम को सौंप दे। पढ़ें पूरी खबर... 4. योगी बोले- मर्सिडीज वाले लोग गमले चुरा ले गए, पकड़ते तो बेइज्जती होती, इसलिए बुलाकर CCTV फुटेज दिखाए सीएम योगी ने लखनऊ में कहा, 'G-20 समिट के बाद कार्यक्रम स्थल के आसपास लगाए गए गमलों को लोग मर्सिडीज से उठाकर ले गए। अब सोचिए, कहां मर्सिडीज कार की कीमत और कहां एक गमले की? अगर हम कार्रवाई करते तो शहर की गलत पहचान बनती। लोग कहते कि गमला चोर पकड़े जा रहे हैं, यह तो बहुत बड़ा एक्शन है। इसलिए हमने उन लोगों को बुलाकर गमले चोरी करने के CCTV फुटेज दिखाए।' AI आज की जरूरत: योगी BBD यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। योगी ने कहा- जब हम दुनिया से 10 कदम आगे की सोच लेकर चलेंगे, तब दुनिया खुद हम पर ध्यान देने को मजबूर होगी। AI आज की जरूरत है। लेकिन ध्यान रहे, उसे आप चलाएं, वह आपको न चलाने लगे। पढ़ें पूरी खबर... 5. बिहार में 20 नवंबर को नई सरकार का शपथ ग्रहण: 19 को भंग होगी विधानसभा बिहार विधानसभा चुनाव में NDA की ऐतिहासिक जीत के बाद नई सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है। नीतीश कुमार ने राज्यपाल से मुलाकात कर 19 नवंबर को विधानसभा भंग किए जाने की जानकारी दी। 20 नवंबर को गांधी मैदान में नीतीश कुमार 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। नई कैबिनेट में 36 मंत्री होंगे: केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने बताया कि नई कैबिनेट में 36 मंत्री होंगे, जिसमें 16 भाजपा से, 15 जदयू से, 3 लोजपा (आर) से, हम और रालोमो से 1-1 मंत्री होंगे। गांधी मैदान में इसकी तैयारी चल रही है। शपथ ग्रहण में PM नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। पढ़ें पूरी खबर... 6. सोना ₹1,870 गिरा, कीमत ₹1.23 लाख प्रति 10 ग्राम: इस साल दाम ₹46,762 बढ़े सोना-चांदी के दाम में गिरावट हुई है। 10 ग्राम सोना 1,870 रुपए गिरकर 1,22,924 रुपए पर आ गया है। इससे पहले सोने की कीमत 1,24,794 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। वहीं, चांदी 4,434 रुपए गिरकर 1,54,933 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई है। इससे पहले इसकी कीमत 1,59,367 प्रति किलोग्राम थी। फिर 1.25 लाख तक जा सकता है सोना: एक्सपर्ट्स के अनुसार आने वाले दिनों में सोने के दामों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। हालांकि शादियों का सीजन चालू हो चुका है इससे सोने को सपोर्ट मिलेगा। इससे आने वाले दिनों में इसकी कीमत फिर एक बार 1.25 लाख रुपए तक जा सकती है। पढ़ें पूरी खबर... 7. सऊदी अरब में मक्का से मदीना जा रहे 45 भारतीयों की मौत: 18 एक ही परिवार से सऊदी अरब में एक सड़क हादसे में 45 भारतीयों की मौत हो गई। मक्का से मदीना जाते समय इनकी बस डीजल टैंकर से टकरा गई और उसमें आग लग गई। मृतकों में 18 महिलाएं, 17 पुरुष और 10 बच्चे शामिल हैं। मारे गए लोगों में से 18 एक ही परिवार के थे। 54 लोग हैदराबाद से सऊदी गए थे: हैदराबाद पुलिस के मुताबिक 9 नवंबर को 54 लोग हैदराबाद से सऊदी गए थे। वे 23 नवंबर को वापस आने वाले थे। इनमें से 4 लोग रविवार को कार से अलग से मदीना गए थे। वहीं 4 लोग मक्का में रुक गए थे। दुर्घटना वाली बस में 46 लोग सवार थे। पढ़ें पूरी खबर... आज का कार्टून ⚡ कुछ अहम खबरें हेडलाइन में… 1. नेशनल: मोदी बोले- लालू यादव ने विकास की जगह जंगलराज चुना: बिहार के रिजल्ट सबक देते हैं, सरकारों की प्राथमिकता सिर्फ विकास होना चाहिए (पढ़ें पूरी खबर) 2. नेशनल: आर्मी चीफ बोले- एक साल से भारत-चीन संबंधों में सुधार: कोशिश रहे दोनों देशों के रिश्ते विवाद में न बदलें; LAC समझौता फायदेमंद (पढ़ें पूरी खबर) 3. नेशनल: आजम और बेटे अब्दुल्ला को 7-7 साल की सजा: बिस्किट के 2 पैकेट लेकर जेल गए, पढ़िए बेटे के चक्कर में कैसे फंसे (पढ़ें पूरी खबर) 4. नेशनल: सुप्रीम कोर्ट बोला-तेलंगाना स्पीकर तय करें नया साल कहां मनाएंगे: कहा- BRS विधायकों की अयोग्यता पर जल्द फैसला करें, नहीं तो कोर्ट आना होगा (पढ़ें पूरी खबर) 5. नेशनल: स्पीच देते आया 24 वर्षीय लड़की को आया हार्ट अटैक: अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत, गुजरात में सूरत के कॉलेज का मामला (पढ़ें पूरी खबर) 6. नेशनल: दिल्ली ब्लास्ट में डॉक्टर-इमाम-पेशेंट मॉड्यूल: मरीजों की मदद के बहाने फिदायीन हमलावर ढूंढते थे डॉ. मुजम्मिल-शाहीन; 3 केस सामने आए (पढ़ें पूरी खबर) 7. क्रिकेट: भारत घर में 6 में से 4 टेस्ट हारा: अपने ही स्पिन ट्रैक में फंस रही टीम? कोलकाता में 60% भारतीय विकेट स्पिनरों ने लिए (पढ़ें पूरी खबर) ️ बयान जो चर्चा में है... खबर हटके... 200 किलो वजनी रोटी बनाने की कोशिश, पलटने में टूटी केन्या में युगांडा के कंटेंट क्रिएटर रेमंड काहुमा ने 200 किलो वजन की दुनिया की सबसे बड़ी चपाती बनाने की कोशिश की। इसके लिए उन्होंने टीम के साथ मिलकर 2 मीटर का स्टील का विशाल तवा बनवाया, चार बोरी कोयला जलाया, और 8 लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर डाले लेकिन जब टीम ने तवे से रोटी पलटने की कोशिश की तो वह टूटने लगी और यह मिशन फेल हो गया। काहुमा इससे पहले भी दो गिनीज रिकॉर्ड बना चुके हैं, जिसमें सबसे बड़ा एग रोल और सबसे तेज चपाती बनाने का रिकॉर्ड शामिल है। फोटो जो खुद में खबर है भास्कर की एक्सक्लूसिव स्टोरीज, जो सबसे ज्यादा पढ़ी गईं… 1. राबड़ी आवास में लालू के सामने उस रात क्या हुआ: रोहिणी बोली- संजय हार का जिम्मेदार, उधर से आवाज आई- गंदी औरत, मुंह बंद रख 2. ग्राउंड रिपोर्ट- कहां गया बांके बिहारी मंदिर का 1000 करोड़ का खजाना: सेवादारों पर आरोप, पुरोहित बोले- हम जानते थे, तहखाने में कुछ नहीं मिलेगा 3. मंडे मेगा स्टोरी- 6 सीएम, 16 मंत्री, 200 सांसद हफ्तों बिहार में रहे: बीजेपी ज्यादातर चुनाव हारती क्यों नहीं; 8 फैक्टर्स ने इलेक्शन मशीन में बदला 4. आज का एक्सप्लेनर- बुढ़ापे वाला आंत-मलद्वार का कैंसर युवाओं में बढ़ने लगा; वजह- पैकेट वाला खाना और आलस्य; जानिए- लक्षण और बचाव 5. स्पॉटलाइट- यौन हिंसा, POCSO आरोपी यश को RCB ने क्यों रखा: विराट के साथ पोस्टर पर दिखे, UP-T20 लीग में क्यों हुए बैन,देखें वीडियो 6. जरूरत की खबर- सर्दियों में गुड़ खाने के 11 फायदे: अगर डायबिटिक या ओबीज हैं तो न खाएं, डॉक्टर से जानें कितनी मात्रा सुरक्षित 7. फिजिकल हेल्थ- सर्दियों में लोग कम पानी पीते हैं: डिहाइड्रेशन की रिस्क बढ़ती है, 13 संकेतों से पहचानें, प्यास न लगे तो भी पानी पिएं करेंट अफेयर्स ⏳आज के दिन का इतिहास बाजार का हाल ️ मौसम का मिजाज कर्क राशि वालों को रुका पैसा मिल सकता है। बिजनेस के लिहाज से भी अनुकूल दिन है। जानिए आज का राशिफल... आपका दिन शुभ हो, पढ़ते रहिए दैनिक भास्कर ऐप… मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ को और बेहतर बनाने के लिए हमें आपका फीडबैक चाहिए। इसके लिए यहां क्लिक करें...

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:55 am

मनोज पांडेय पांचवीं बार बने अध्यक्ष, अंशु केडिया बनीं महामंत्री:लुआक्टा शिक्षक संघ चुनाव में जमकर हुआ हंगामा, पुलिस पहुंची

लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) का चुनाव सोमवार को मुमताज पीजी कॉलेज में संपन्न हुआ। दिनभर शांतिपूर्ण हुए मतदान के बाद शाम को वोटों की गिनती शुरू हुई। रात करीब 11 बजे तक 50% मतगणना पूरी हो चुकी थी। इस बीच हंगामा शुरू हो गया और देर रात मतगणना रोककर हसनगंज थाने की पुलिस बुलानी पड़ी। इसके बाद ही मतगणना शुरू हो सकी। रात करीब 1 बजे अध्यक्ष पद पर डॉ.मनोज पांडेय की नाम की घोषणा हुई। डॉ. मनोज पांचवीं बार अध्यक्ष बने हैं। चौथी बार बनी महामंत्री डॉ. अंशु केडिया ने महामंत्री पद पर जीत हासिल की। डॉ. अंशु चौथी बार महामंत्री बनी हैं। चुनाव अधिकारी डॉ. एसपी त्रिपाठी ने बताया कि देर रात चली मतगणना में पांच पदों पर प्रत्याशियों के जीत की घोषणा हो सकी। इसमें कोषाध्यक्ष पद पर कीर्ति तिवारी और संयुक्त सचिव पद पर तीन प्रत्याशियों की जीत हुई। इसमें लखनऊ से डॉ. वाहिद अली, डॉ. पूजा दुबे और रायबरेली से शिवाकांत ने जीत दर्ज की। दिन में मतदान प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही लेकिन शाम करीब सात बजे के बाद वोटों की गिनती शुरू हुई। 10 बजे तक माहौल शांत रहा। इसके बाद जैसे ही अध्यक्ष पद पर डॉ.मनोज पांडेय और महामंत्री पद पर अंशु केडिया जीत की ओर बढ़ीं तो प्रत्याशियों के दूसरे गुट ने हंगामा शुरू कर दिया। उपाध्यक्ष पद पर भी चुनाव में धांधली का आरोप लगाया। रात करीब 11:30 बजे हंगामा इतना ज्यादा बढ़ गया कि वोटों की गिनती रोककर पुलिस बुलानी पड़ी। चुनाव में लखनऊ सहित मंडल के लखीमपुर, सीतापुर, रायबरेली और हरदोई के शिक्षकों ने मतदान किया। कुल 989 वोटर के सापेक्ष 888 वोट पड़े।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:54 am

बिहार से हरियाणा सीएम सैनी को न्योता:नई सरकार का शपथ ग्रहण; 20 को होंगे शामिल, 8 विस सीटों पर प्रचार किया, सभी जीतीं

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को बिहार से फिर बुलावा आया है। वहां बनने जा रही नई सरकार का 20 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह है, जिसमें सीएम सैनी शामिल होंगे। इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 8 विधानसभा सीटों पर प्रचार किया था, जिसमें से सभी सीटें गठबंधन के प्रत्याशियों ने जीतीं। सीएम नायब सैनी के नेतृत्व में करीब एक माह तक हरियाणा नेताओं की बड़ी टीम बिहार चुनाव प्रचार में डटी रही। प्रचार के दौरान कई अवसर ऐसे भी आए जब सीएम ने हरियाणा को भी पूरा समय दिया और बिहार में पार्टी द्वारा लगाई गई ड्यूटी को निभाया। 4 नवंबर को गया से प्रचार की शुरुआत की बिहार के गया के वजीरगंज से भाजपा के बीरेंद्र सिंह जीते, यहां नायब ने 4 नवंबर को जनसभा की थी। यहां भाजपा ने कांग्रेस के अवधेश कुमार सिंह को हराया। नायब ने 29 अक्टूबर को भोजपुर की तरारी विस सीट पर रैली की थी। यहां से भाजपा के विशाल प्रशांत जीते। पूर्वी चंपारण की रामनगर सीट पर भाजपा के नंदकिशोर राम ने राजद के सुबोध कुमार को हराया। यहां नायब ने 9 नवंबर को प्रचार किया था। औरंगाबाद की गोवा विस सीट पर भाजपा के डॉ. रणविजय कुमार ने राजद के अमरेंद्र कुमार को हरया। वोटिंग के लिए सवेतन छुट्टी दी गया की गुरुआ सीट पर भाजपा के उपेंद्र प्रसाद ने राजद के विनय कुमार को हराया। रोहतास की डेहरी सीट पर भाजपा गठबंधन के राजीव रंजन सिंह ने राजद के गुड्डू कुमार चंद्रवंशी को हराया। पश्चिमी चंपारण की बगहा सीट पर भाजपा के राम सिंह ने कांग्रेस के जयेश मंगलम सिंह को व भोजपुर की आरा सीट पर भाजपा के संजय सिंह टाइगर ने क्यामुद्दीन अंसारी को हराया। नायब के नेतृत्व में भाजपा ने हरियाणा में बिहार वोटरों को लुभाने को काफी काम किया था। छठ पूजा पर बड़े पैमाने पर कदम उठाए गए थे। सरकार ने बिहार वोटर्स को वोटिंग के लिए वेतन सहित अवकाश देने को उद्योगपतियों से आग्रह किया था। प्रवासियों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई हरियाणा भाजपा की एक टीम जहां बिहार में मोर्चा संभाले हुए थी, वहीं एक टीम ने हरियाणा में बिहारी मूल के मतदाताओं के साथ लगातार जनसंपर्क किया। हरियाणा से बिहार में वोट डालने के लिए मतदाताओं को प्रोत्साहित करके स्पेशल ट्रेनों से बिहार भेजा गया।पानीपत, सोनीपत, गुरुग्राम आदि शहरों में बिहारी मतदाताओं को उनके मूल क्षेत्रों में रवाना करने के बाद बाकायदा कार्यक्रमों का आयोजन करके इस बात का एहसास दिलाया गया कि वह भले ही अपने घर से दूर हैं, लेकिन लोकतंत्र के इस पर्व में उन्हें भागीदार बनाने के लिए भाजपा के प्रत्येक नेता व कार्यकर्ता एकजुट है। वीडियो में सीएम ने कहा था- मैं बिहारी हूं सीएम नायब सैनी ने बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान लोगों से सीधा संवाद करते हुए उन्हें बताया कि हरियाणा सरकार न केवल प्रवासियों की सुविधा के लिए काम कर रही है, बल्कि प्रवासी के पर्व भी अब सरकार द्वारा मनाए जा रहे हैं।छठ पूजा का उदाहरण देते हुए सीएम ने एक जनसभा में कहा कि अब तो उन्हें भी लगने लगा है कि वह भी बिहारी हैं। सीएम की इस बात को बिहार की जनता ने जहां सहर्ष स्वीकार किया वहीं हरियाणा में विपक्ष ने मुद्दा बनाने का प्रयास किया, लेकिन विफल हो गया।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:51 am

ममता कुलकर्णी का भगवा आतंक चलने नहीं दूंगी:प्रयागराज में ‘ताली’ मूवी की गौरी सावंत बोलीं-भगवा दुपट्‌टा ओढ़ने से कोई महामंडलेश्वर नहीं बनता

प्रयागराज में सनातनी किन्नर अखाड़ा बनने के साथ जो चेहरे चर्चा में आए, उनमें ट्रांसजेंडर गौरी सावंत उर्फ गौरी मां का नाम टॉप पर रहा। नया अखाड़ा क्यों बना लिया? इस पर वह कहती हैं– भगवा दुपट्‌टा ओढ़ने से कोई महामंडलेश्वर नहीं बन जाता है, अगर ऐसा होने लगा तो वर्षों से तप करने वाले साधु संतों का क्या होगा? ममता कुलकर्णी का भगवा आतंक मैं चलने नहीं दूंगी। वह गुस्से में आगे कहती हैं- जो देशद्रोह और आतंक से जुड़े लोगों का समर्थन करती हैं, उन्हें किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर किस आधार पर बनाया गया, इसकी जांच होनी चाहिए। दैनिक भास्कर ने गौरी मां से खास बातचीत की। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… मैं किन्नर अखाड़े की संस्थापक सदस्य रहींगौरी सावंत कहती हैं- जब 2014 में किन्नर अखाड़ा बन रहा था, तब मैं भी उसकी संस्थापक सदस्य रही। मैं उस अखाड़े में शुरूआती दिनों में जुड़ गई थी, मगर वह अखाड़ा अपने उद्देश्यों से भटक गया था, तब हमने अखाड़े से दूरी बना ली। हमने पूछा- वो उद्देश्य क्या थे, जिनसे अखाड़े के भटकने की बातें कही जा रही है? गौरी सावंत कहती हैं- 4 मुख्य उद्देश्य थे, मगर अब वो सब पीछे छूट गए। कमला होतीं महामंडेलश्वर, ऐन वक्त पर लक्ष्मीनारायण को बनाया गौरी मां ने आगे कहा- जब किन्नर अखाड़े की स्थापना हो रही थी, तब उज्जैन में ही कमला मौसी आचार्य महामंडलेश्वर बनने वाली थीं, लेकिन ऐन वक्त पर कुछ घटनाक्रम हुए। जो मैं आपको बता नहीं सकती हूं, फिर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी आचार्य महामंडलेश्वर बनीं। अब गौरी सावंत के जीवन से जुड़े सवाल… सवाल : आप अपने शुरुआती जीवन के बारे में कुछ बताइए?जवाब : (बचपन के दिनों को याद करते हुए) 2 जुलाई, 1979 को पुणे के एक मराठी परिवार में मेरा जन्म हुआ। पापा पुलिस में थे और मां हाउसवाइफ। मेरे जन्म के समय डॉक्टर ने कहा था- ‘सावंत सर बधाई हो, बेटा हुआ है।’ एक बेटी के बाद बेटा पैदा हुआ था, इसलिए मेरे मां-बाप बहुत खुश हुए थे। मेरे जन्म पर बाकी बच्चों की तरह ही मिठाइयां बांटी गईं, सोहर गाई गई। माता-पिता ने ही मेरा नाम बड़े प्यार से गणेश नंदन रखा था, लेकिन जैसे-जैसे मैं बड़ी होती गई, वैसे-वैसे मैं उनके लिए शर्मिंदगी का कारण बनती गई। सवाल : आपने घर किन हालात में छोड़ा था?जवाब : मां बहुत प्यार करती थीं, लेकिन 7 साल की उम्र में ही मुझे छोड़कर चली गईं। मां के बाद दादी ने पाला। मुझे दादी की साड़ियां पहनना, सजना-संवरना अच्छा लगता था। 7-8 साल तक की उम्र में मैं लड़कियों के साथ खेला करती थी। स्कूल में बच्चे मेरा मजाक बनाते। मुझ पर भद्दे ताने कसते। जैसे-जैसे बड़ी होने लगी, पिता मेरे प्रति सख्ती बरतने लगे। मैंने उन्हें अपनी बात समझाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने डांटा और बात करना छोड़ दिया। कॉलेज में पहुंची तो लड़कों के प्रति आकर्षित होने लगी। मैंने अपने परिवार को अपनी सेक्सुएलिटी के बारे में बताया, लेकिन उन लोगों ने कभी भी स्वीकार नहीं किया। मैं भी अपने परिवार और पिता के लिए शर्मिंदगी का कारण बनना नहीं चाहती थी, इसलिए 16 साल की उम्र में सिर्फ 60 रुपए लेकर घर से निकल गई। सवाल : फिर आप कहां गई?जवाब : मुंबई पहुंची, उस वक्त मेरे पास न खाने को खाना और न रहने को घर था। मैले से कपड़ों में एक सिग्नल के पास खड़े होकर भीख मांगने लगी, तभी किसी ने 5 रुपए का फटा नोट मेरी हथेली पर रख दिया। उस नोट को उलट-पुलट कर देखा। फिर फैसला किया कि हां, मुझे लड़कियों की तरह रहना है, साड़ी पहननी है, सजना-संवरना है, लेकिन भीख नहीं मांगनी है और न ही सेक्स वर्कर बनना है। मुझे मेहनत की कमाई खानी है और सम्मान की जिंदगी जीनी है। इसके बाद मुंबई के दादर में ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के साथ रहने लगी। सवाल : लाइफ में बदलाव कब हुआ?जवाब : मुंबई में आने के कुछ दिन बाद ही मेरी मुलाकात कंचन अम्मा से हुई। जिन्होंने मुझे अपना शिष्य बनाया और हमने उन्हें अपना गुरु मान लिया। इसके बाद हमने एनजीओ बनाया और सोशल वर्कर के रूप में काम करना शुरू किया। ट्रांसजेंडर के वेलफेयर के लिए काम करना शुरू कर दिया। ‘हमसफर’ ट्रस्ट के साथ जुड़कर किन्नरों के हित के लिए काम करने लगी। इसी ट्रस्ट की मदद से खुद की वेजिनोप्लास्टी करवा ली और गणेश नंदन से हमेशा के लिए गौरी सावंत बन गई। साल 2000 में 'सखी चार चौघी' नाम से एक संस्था बनाई और किन्नरों के हित के लिए काम करना शुरू कर दिया। सवाल : आपके ऊपर एक मूवी ताली बनाई गई है, क्या वो आपकी रियल लाइफ है?जवाब : ताली मूवी में जो दिखाया गया है, वह मेरी रियल लाइफ की कहानी है। बारिश में अस्पताल में धरने पर बैठने से लेकर मैंने जो कुछ किया, वो सब उस मूवी में दिखाया गया है। इसमें बालीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन ने किन्नर गौरी सावंत की भूमिका निभाई थी। ताली मूवी सिर्फ एक गौरी की कहानी नहीं है, बल्कि हर उस गौरी की कहानी है, जो चौराहों पर ताली बजाकर पैसे मांगती है। हम सभी अपनों से बिछड़े हुए हैं और समाज से दुत्कारे गए हैं। हर दिन हम किन्नरों को परीक्षा देनी होती है, क्योंकि हमारा जीवन ही संघर्षों से भरा होता है। हम भले किन्नर हैं, मगर सनातनी हैं...उन्होंने कहा, मैं अनाथ बच्चों के साथ काम करती हूं। किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं है। हमारे यहां हिंदू और मुस्लिम सभी के बच्चे आते हैं। लेकिन मेरा जन्म हिंदू परिवार में हुआ है, इसलिए ईश्वर पर विश्वास है। सनातन के लिए काम करते हैं। भगवान पर किसी का अधिकार तो नहीं है कि सिर्फ स्त्री या पुरुष ही पूजा कर सकते हैं। सनातन को जेंडर में नहीं बांधना चाहिए। हम भले ही किन्नर हैं लेकिन सनातनी हैं। जानिए कौन हैं गौरी सावंत उर्फ गौरी मां अब ये जानिए कि ममता कुलकर्णी ने क्या कहा था... उसने कोई बम ब्लास्ट नहीं किया, वो आतंकी नहींगोरखपुर के दौरे के दौरान अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर उन्होंने कहा था, “उसने कोई बम ब्लास्ट नहीं किया, वह आतंकी नहीं है।” उन्होंने यह भी साफ किया कि वह दाऊद से कभी नहीं मिलीं। ममता ने कहा था, “मैं आज पूरी तरह अध्यात्म के मार्ग पर हूं। राजनीति या फिल्म इंडस्ट्री से मेरा कोई संबंध नहीं है।” हालांकि, पूरे मामले पर बवाल होने के बाद ममता ने अपने बयान से किनारा कर लिया है और सफाई दी। बयान पर बवाल होने के बाद ममता का यू-टर्न 'दाऊद इस देश का टेररिस्ट है और रहेगा'अपने बयान को लेकर घिरने के बाद ममता कुलकर्णी ने गुरुवार को दैनिक भास्कर से बातचीत में सफाई दी। उन्होंने कहा- दाऊद से मेरा लेना-देना नहीं है। दाऊद इस देश का टेररिस्ट है और रहेगा। मैं विक्की गोस्वामी की बात कर रही थी। उसका विस्फोट से कोई लेना-देना नहीं था। आज मेरा उससे कोई लेना-देना नहीं है। मेरा बयान गलत ढंग से दिखाया गया। मैं महामंडलेश्वर हूं। उसी के अनुरूप कार्य कर रही हूं। नाराज टीना मां ने सनातनी किन्नर अखाड़ा बनायाममता कुलकर्णी को किन्नर अखाड़ा का महामंडलेश्वर बनाए जाने से नाराज टीना मां ने 5 नवंबर को 'सनातनी किन्नर अखाड़ा' बना लिया। वह आचार्य महामंडलेश्वर बन गईं हैं। चर्चा रही कि ममता कुलकर्णी के किन्नर अखाड़े में महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद से वह नाराज चल रही थीं। प्रयागराज में पट्‌टाभिषेक से पहले टीना मां संगम से जल लेकर पहुंचीं थी। बैरहना स्थित आश्रम में गुरु अंजलि ने उनका पट्टाभिषेक कराया था। इसके बाद टीना मां ने सनातनी किन्नर अखाड़े के नए ध्वज को फहराया। टीना मां के पट्टाभिषेक के बीच 51 ब्राह्मणों ने मंत्रोच्चार किया। इस दौरान काशी से 20 से अधिक डमरू वादक भी पहुंचे। बैंडबाजों की धुन पर किन्नरों ने जमकर डांस किया। टीना मां ने पट्टाभिषेक के बाद संजनानंद गिरी को महामंडलेश्वर और संध्यानंद गिरी को श्रीमहंत बनाने की घोषणा की। ................अब सनातनी किन्नर अखाड़ा बनने की कहानी भी जानिए... ममता कुलकर्णी से टीना मां इतनी नाराज क्यों?: सनातनी किन्नर अखाड़ा को बनाने वाले 3 चेहरे कौन, पढ़िए इनसाइड स्टोरी टाइम - 10.45 बजे (रात), 23 जनवरी, 2025, स्पॉट - महाकुंभ में किन्नर अखाड़े का टेंट। मुख्य आसन पर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी बैठी थीं। करीब ही बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी मौजूद थीं। दूसरी तरफ जो अखाड़े के कुछ अहम चेहरे बैठे थे, उनमें कौशल्या नंद गिरि उर्फ टीना मां भी शामिल थीं। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:50 am

980 करोड़ का पुल महाकुंभ से पहले बनना था:अब तक नहीं बना; कर्मचारी घटकर 25% हुए; अब जून में पूरा करने का वादा

26 नवंबर, 2020 को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और सीएम योगी ने प्रयागराज में गंगा नदी पर बहुप्रतिक्षित पुल का शिलान्यास किया। बजट 980 करोड़ रुपए था। लंबाई- करीब 10 किलोमीटर। देश का दूसरा सबसे लंबा सिक्स लेन एलिवेटेड पुल था। 16 फरवरी, 2021 से काम शुरू हुआ। ठीक 1095 दिन यानी फरवरी 2024 में बन जाना था, लेकिन नहीं बन पाया। डेट आगे बढ़ी, फिर बढ़ती चली गई। आज भी बढ़ती चली जा रही। अब तक पुल नहीं पूरा हो पाया। दैनिक भास्कर की टीम ने इस इस पुल को लेकर रिपोर्ट की। पुल की मौजूदा स्थिति को देखा। काम की प्रगति को देखा। काम कर रहे कर्मचारियों से बात की। कब तक शुरू होगा, इसे भी समझने की कोशिश की। सब कुछ एक तरफ से जानते हैं… फाफामऊ पुल पर हर समय लगता है जामप्रयागराज शहर एक तरह से टापू जैसा है। गंगा-यमुना नदी से घिरा है। शहर में दाखिल होने के लिए किसी न किसी पुल को पार करना होता है। चित्रकूट, मिर्जापुर, बांदा या फिर रीवा की तरफ से आने वाले नैनी ब्रिज से दाखिल होते हैं। वाराणसी-भदोही की तरफ से आने वाले झूंसी साइड से। ये दोनों ही रास्ते फोर लेन हैं। जो लोग लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़, अयोध्या या फिर पश्चिम यूपी से सड़क के रास्ते प्रयागराज पहुंचते हैं, वो आज भी फाफामऊ पुल से ही होकर शहर में दाखिल होते हैं। दो लेन का यह पुल करीब 40 साल पुराना है। अक्सर किसी गाड़ी के खराब होने से पूरा-पूरा दिन जाम की स्थिति रहती है। आप इस पुल की व्यस्तता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि हर दिन छोटे-बड़े करीब 40 हजार वाहन इस पुल से गुजरते हैं। प्रयागराज की जनता की मांग पर सरकार ने नए पुल की घोषणा की। शिलान्यास भी कर दिया। काम भी शुरू हो गया। लेकिन, यहां चुनौतियां बहुत थीं। क्योंकि जिस रास्ते से पुल जाना था, उस रास्ते में करीब 4 किलोमीटर का हिस्सा गंगा नदी का है। अब तक गंगा नदी पर इतना बड़ा पुल कहीं नहीं बना। 980 करोड़ 77 लाख में एसपी सिंगला कंपनी को टेंडर मिल गया। भदरी से शुरुआत, बेली पर खत्म9.9 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज ईपीसी मोड (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) के तहत बनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत भदरी गांव से होती है। निर्माणाधीन गंगा एक्सप्रेस-वे यहां से 4 किलोमीटर की दूरी पर खत्म होता है। भदरी से लेकर मलाका तक यह पुल पूरा हो गया है। गाड़ियां भी चल रही हैं। यहीं हमें पड़ोस के गांव सराय गोपाल के अशोक कुमार मिले। वह कहते हैं- अगर पुल बन जाता, तो बहुत अच्छा रहता। लोगों को जाम की समस्या से निजात मिल जाएगी। भदरी गांव से करीब 2 किलोमीटर आगे मलाका चौराहा पड़ता है। यह इस ब्रिज का मुख्य चौराहा है। प्रयागराज से आने वाली गाड़ियां यहीं से अलग-अलग रास्ता पकड़ती हैं। यहां का काम पूरा हो चुका है। यह पुल पूरी तरह से बन जाने के बाद लोगों के पास शहर के अंदर जाने का विकल्प होगा। अगर किसी को शांतिपुरम, फाफामऊ या फिर तेलियरगंज में काम नहीं होगा, तो वह इस पुल को पकड़ेगा और सीधे शहर में दाखिल होगा। पूरे ब्रिज पर सिर्फ एक टोल प्लाजा होगाइस ब्रिज पर चढ़ने या फिर उतरने पर टोल प्लाजा नहीं होगा, बल्कि बीच में ही एक टोल प्लाजा बनाया जा रहा। अभी वहां मिट्टी का काम आखिरी चरण में है। इसके बाद सीमेंटेड सड़क बनाई जाएगी। इस पर चलने पर टोल कितना देना होगा, यह बन जाने के बाद तय होगा। इसी टोल प्लाजा के पास रेस्टोरेंट भी बनाए जाने का प्रस्ताव है। अफसर कहते हैं- इस चीज का भी ध्यान रखा जाएगा कि उचित पार्किंग की व्यवस्था हो। प्रस्तावित टोल प्लाजा के ठीक आगे से गंगा नदी शुरू हो जाएगी। इस ब्रिज का 3,840 मीटर हिस्सा इसी गंगा नदी पर होगा। इसके लिए 67 पिलर तैयार किए गए हैं। गंगा नदी में बाढ़ आने पर इन जगहों पर करीब 4 महीने तक पानी भरा रहता है। जिस जगह पर गंगा नदी हमेशा मौजूद रहती है, वहां कंपनी पुल बनाने में जर्मन टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल कर रही है। यहां केबल और बॉक्स के जरिए ब्रिज बनाया जा रहा। 2 महीने पहले ट्रक पलटा, इसलिए शूट की मनाहीजिस जगह पर केबल ब्रिज बनाया जा रहा, वहां 25 अगस्त को एक ट्रक कंक्रीट स्ट्रक्चर लेकर जा रहा था। तभी संतुलन बिगड़ गया और भारी-भरकम कंक्रीट स्ट्रक्चर नदी में गिर गया। ट्रक भी पलट गया। वहां मौजूद कर्मचारी ने जैसे-तैसे भागकर खुद को बचाया। इस घटना का वीडियो भी सामने आया। इससे सिंगला कंपनी की काफी किरकिरी हुई। इसके बाद निर्माणाधीन स्थलों पर उन्होंने वीडियो शूट रोक लगा दी। जिस जगह पर जर्मन टेक्नोलॉजी के जरिए पुल बनाया जा रहा, उसी जगह हमारी मुलाकात कुछ स्थानीय लोगों से हुई। उन्होंने बताया कि इस पुल के बन जाने से आम आदमी को काफी राहत मिल जाएगी। स्थानीय किसान राजेंद्र कहते हैं- पहले जिसे शहर जाना होता था, वह भी जाम में फंसा रहता था। फाफामऊ के पुल पर अगर कोई गाड़ी खराब हो जाती थी, तो पूरा का पूरा दिन जाम लगा रहता था। अब उसी जाम से राहत के लिए ये पुल बना है। हम लोगों को भी अब आराम हो जाएगा। पूर्व डिप्टी मैनेजर बोले- कंपनी ने कर्मचारी कम कर दिएइस ब्रिज को 1095 दिन में पूरा हो जाना था, यानी फरवरी 2024 में। लेकिन नहीं हो पाया, फिर डेट बढ़ी। पहले जून 2024 हुई फिर अगस्त 2024, लेकिन पुल पूरा नहीं हो पाया। इसके बाद कंपनी और सरकार ने बीच का रास्ता निकाला। महाकुंभ के लिए एक अस्थायी ब्रिज बनाया। ये करीब 470 मीटर लंबा था। इसमें 4500 टन लोहा लगा था। लागत करीब 60 करोड़ आई। कुंभ खत्म होने के बाद इस पुल को फिर से खोल लिया गया। कंपनी के पूर्व डिप्टी मैनेजर शैलेंद्र सिंह से हमने बात की। वह काम को लेकर कहते हैं- कंपनी ने अब कर्मचारियों की संख्या 60% तक घटा दी है। इसके चलते भी काम धीमा हो गया। पहले एक साल लेट हुआ, अब कहा जा रहा कि 2026 के शुरुआत में दे देंगे। लेकिन अभी की स्थिति देखकर लगता है कि उस वक्त तक भी नहीं बन पाएगा। क्योंकि जहां केबल का काम होना है, वह जगह बेहद चुनौतीपूर्ण है। कंपनी इस पूरे प्रोजेक्ट में उलझ गई है। सितंबर 2026 में हम इसे शुरू कर देंगेहमने पुल निर्माण के पूरा होने को लेकर इसमें मैनेजर वरुण वार्ष्णेय से बात की। उनका कहना है कि निर्माण का काम लगातार चल रहा है। अब जो काम हो रहा हो रहा, उसमें बारीकी ज्यादा है। हम धीरे धीरे बढ़ रहे हैं। जहां गंगा नदी की धारा हमेशा रहती है, वहां केबल (एक्स्ट्रा डोज) के जरिए पुल बनाया जा रहा। इस वक्त डे और नाइट की शिफ्ट में 400 से 500 कर्मचारी काम कर रहे हैं। जहां तक बात इसके शुरू करने की है, हम जून 2026 में इसके निर्माण को पूरा कर लेंगे और सितंबर 2026 में इसे शुरू कर देंगे। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... मेरठ के बिगुल की कहानी, जिसे GI टैग मिला, 140 साल पहले बनना शुरू हुआ उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के बिगुल को GI (जीओ ग्राफिकल इंडिकेटर) टैग मिला है। बिगुल एक वाद्ययंत्र है, जो किसी भी आंदोलन/कार्यक्रम की शुरुआत के लिए बजाया (फूंका) जाता है। 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध का बिगुल फूंकना हो या RSS के पहले स्थापना दिवस पर बिगुल बजाना। मेरठ का बिगुल ही हर जगह इस्तेमाल हुआ। देश की ज्यादातर आर्म्ड फोर्सेज के बैंड में आज मेरठ का बिगुल शामिल है। GI टैग मिलने के बाद इसे बनाने वालों को अब क्या संभावनाएं नजर आती हैं? बिगुल का इतिहास क्या है? ये समझने के लिए दैनिक भास्कर मेरठ की जली कोठी में पहुंचा। यहां से दुनियाभर के लिए वाद्य यंत्र बनाए और सप्लाई किए जाते हैं। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:50 am

राममंदिर पर बटन दबते ही 10 सेकेंड में फहराएगी ध्वजा:3km दूर से दिखेगी, PM अयोध्या में 3 घंटे रहेंगे, मेहमानों के लिए टेंट सिटी बसाई गई

अयोध्या के राममंदिर के शिखर पर ध्वजा फहराने की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। 25 नवंबर को PM मोदी बटन दबाकर ध्वजा को फहराएंगे, उनके साथ मोहन भागवत भी मौजूद रहेंगे। इसके लिए 12 बजे से 12.30 बजे के बीच अभिजीत मुहूर्त तय किया गया है। बटन दबाने के बाद 10 सेकेंड में ही ध्वज हवा में फहराने लगेगा। केसरिया रंग की खास ध्वजा पर सूर्य, ॐ और कोविदार (अयोध्या का शाही वृक्ष, जो कचनार के नाम से जाना जाता है) के प्रतीक बने हुए हैं। ये सभी चिह्न सूर्यवंश के प्रतीक है। ध्वज को वैदिक मंत्रों के बीच सलामी दी जाएगी। ध्वज फहराते ही मंदिर परिसर में घंटे-घड़ियाल बजने लगेंगे। राम मंदिर के 161 फुट ऊंचे शिखर पर 42 फुट ऊंचा स्तंभ स्थापित किया गया है। इसी स्तंभ पर 22 फुट लंबी और 11 फुट चौड़ी पताका फहराएगी। जोकि 3Km दूर से दिखेगी। आयोजन में कब क्या होगा? PM मोदी का मूवमेंट कैसा रहेगा? पढ़िए पूरी रिपोर्ट... ऑटोमैटिक फ्लैग होस्टिंग से ध्वजा बदलेगीध्वजा फहराने के लिए ऑटोमैटिक फ्लैग होस्टिंग सिस्‍टम लगाया गया है। ध्वज बदलने के लिए भी इस सिस्टम की मदद ली जाएगी। हालांकि, ट्रस्ट ने अभी ये नहीं क्लियर किया है कि कितने-कितने अंतराल के बाद ये ध्वजा बदली जाएगी। हवा के बहाव के साथ ध्वजा 360 डिग्री पर घूम सकेगी। राम मंदिर में पहली बार राम-सीता विवाह उत्सव मनाया जा रहा है। इस दौरान 8 हजार लोगों के पहुंचने का अनुमान है। इनमें से ढाई हजार लोगों के रुकने के लिए तीर्थ पुरम में टेंट सिटी बसाई जा रही है। 25 नवंबर को VIP मूवमेंट की वजह से आम लोग दर्शन नहीं कर सकेंगे। ट्रस्ट के अनुसार, भक्त 26 नवंबर को ही दर्शन कर सकेंगे। PM का 3 घंटे का दौरा, हनुमानगढ़ी के बाद राम मंदिर जाएंगेअयोध्या में PM मोदी का दौरा 3 घंटे का होगा। वह 11 बजे अयोध्या पहुंच जाएंगे। पीएम मोदी राम मंदिर से पहले हनुमानगढ़ी पहुंचेंगे। वहां दर्शन-पूजन करेंगे। वह रामलला समेत राम दरबार के दर्शन कर आरती उतारेंगे। अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12 से 12.30 के बीच 191 फीट ऊंचे शिखर पर पीएम मोदी ध्वजारोहण करेंगे। PM सप्त मंदिर परकोटा, शेषावतार मंदिर और रामायण के श्री डी म्यूरल्स भी देख सकते हैं। फिर वो मंदिर में काम करने वाले इंजीनियर और श्रमिकों से मुलाकात कर सकते हैं। उनके लिए मां अन्न पूर्णा मंदिर के पीछे ग्रीन हाउस तैयार किया गया है। SPG ने यहां की सिक्योरिटी अपने कब्जे में रखी है। अहमदाबाद के कारीगरों ने पैराशूट फैब्रिक से बनाई ध्वजाअहमदाबाद के कारीगरों द्वारा तैयार राम मंदिर पर फहराने वाली ध्वजा कई मायनों में खास है। ध्‍वजा को विशेष नायलॉन पैराशूट फैब्रिक से तैयार किया गया है, जो धूप, बारिश और तेज हवा से सुरक्षित रहेगा। इसमें नमी और तापमान के प्रभाव को कम करने के लिए डबल कोटेड सिंथेटिक परत बनाई गई है। ध्वज पर सूर्य वंश, ॐ , कोविदार वृक्ष के चिह्न बनाए गए हैं। राम मंदिर पर फहराने वाली ध्वजा को लेकर चर्चा हो रही है कि क्या ये तिरुपति बालाजी की तर्ज पर हर रोज बदली जाएगी। ट्रस्ट के मुताबिक, ऑटोमैटिक सिस्टम की वजह से इस ध्वजा को बदलने के लिए पुजारियों को शिखर पर ऊपर नहीं जाना होगा। जिस तरह से बटन दबाकर ध्वजा फहराई जाएगी। उसी तरह से कंट्रोल रूम से ध्वजा को नीचे भी लाया जा सकेगा। पुजारी इस ध्वजा को आसानी से बदल लेंगे। हालांकि, अभी तक तय नहीं किया गया कि ध्वजा कितने अंतराल पर बदली जाएगी। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र कहते हैं- अभिजीत मुहूर्त में ही भगवान राम का जन्म हुआ था। इसी मुहूर्त में ही ध्वजारोहण भी किया जाएगा। भगवान से जुड़े सभी कार्यों में उनके जन्म नक्षत्र का बहुत महत्व है। यजमान 4 दिन पहले से ट्रस्ट के बताए भवनों में रहेंगे जन्मभूमि मंदिर परिसर के सभी मंदिरों में ध्वजारोहण का पूजन अर्चन 21 नवंबर से शुरू होगा। ट्रस्ट ने सभी मंदिरों के लिए पूजन-अर्चन के लिए अलग-अलग यजमान के नाम तय किए हैं। सभी यजमान गृहस्थ बनाए गए हैं। इनमें मुख्य यजमान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्य डॉ अनिल मिश्र और ट्रस्टी राधामोहन भी हैं। सभी यजमान 21 नवंबर से 25 नवंबर तक श्रीराम मंदिर परिसर या ट्रस्ट द्वारा तय भवन में ही रहेंगे। राम मंदिर में मोबाइल नहीं ले जा सकेंगे मेहमान पहले 25 नवंबर के आयोजन में मेहमानों को मोबाइल ले जाने की अनुमति दी गई थी। मगर दिल्ली में ब्लास्ट होने के बाद 1 बदलाव किया गया है। अब मेहमान अपने साथ मोबाइल अंदर नहीं ले जा सकेंगे। 8 हजार लोग पहुंच रहे, तीर्थ क्षेत्र पुरम में टेंट सिटी बसाई राम मंदिर बनने के बाद पहली बार राम-सीता विवाह का उत्सव मनाया जा रहा है। इसमें यूपी के अलावा जनकपुरी (नेपाल) से भी मेहमान बुलाए गए हैं। RSS प्रमुख मोहन भागवत और CM योगी आदित्यनाथ भी उत्सव में मौजूद रहेंगे। देश-दुनिया से जो मेहमान अयोध्या आ रहे हैं, उन्हें ठहराने के लिए 5000 से ज्यादा कमरों की व्यवस्था की गई है। इनमें से 1600 कमरे राम मंदिर ट्रस्ट ने विशेष रूप से बुक किए हैं। ताकि मेहमानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। तीर्थ क्षेत्र पुरम में एक भव्य टेंट सिटी बनाई जा रही है, जहां करीब 1600 लोगों के ठहरने की व्यवस्था होगी। मेहमानों को खाने-पीने की दिक्कत न हो, इसके लिए ट्रस्ट ने 7 जगह पर भोजन और प्रसाद की व्यवस्था की है। परिसर में बड़ी-बड़ी एलईडी स्क्रीन भी लगाई जाएंगी। 7 दिन पहले से उत्सव, 12 मंदिरों से निकलेगी राम बारातध्वजारोहण से 7 दिन पहले से अयोध्या में राम विवाह का उत्सव शुरू हो जाएगा। हर घर में सजावट दिखेगी। मंदिरों में हल्दी, तेल और बारात पूजन के अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। पूरे शहर की दीवारों को धर्म की ध्वजा से सजाया जाएगा। 25 नवंबर को अयोध्या के प्रमुख मंदिरों से भव्य राम बारात निकाली जाएगी। कनक भवन, मणिरामदास छावनी, रामवल्लभाकुंज, रंगमहल, जानकी महल, श्रीरामहर्षण कुंज, लक्ष्मण किला सहित 12 मंदिरों से प्रभु की बारात और झांकियां पूरी अयोध्या में निकाली जाएगी। जो बारात, जिस मंदिर से शुरू होगी, वहीं पर आकर खत्म होगी। भक्ति संगीत, शहनाइयों और मृदंग की ताल पर भक्त नाचते हुए चलेंगे। विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज कहते हैं- 5 जून, 2025 को राम दरबार की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पहली बार विवाह उत्सव होने जा रहा है। ट्रस्ट इस पर विचार कर रहा है कि ये उत्सव मंदिर परिसर या फिर अंगद टीला परिसर में किया जाए। मेहमानों को मिलेगा 500Kg लड्‌डुओं का प्रसादध्वजारोहण और राम विवाह के उत्सव में अयोध्या आने वाले मेहमान खाली हाथ वापस नहीं जाएंगे। इसके लिए ट्रस्ट 500 Kg लड्डू तैयार करवा रहा है। ये लड्डू पहले रामलला को अर्पित किए जाएंगे। इसके बाद प्रसाद रूप में इसे मेहमानों को दिया जाएगा। प्रसाद को तैयार करने के लिए देश के प्रसिद्ध मिष्ठान विशेषज्ञों से सलाह ली गई थी। शुद्ध घी, बेसन और मेवा से बने यह लड्डू रामलला की रसोई में तैयार होंगे। श्रीराम जन्मभूमि परिसर में काउंटर बनाए गए हैं। अयोध्या आने वाले मेहमानों के लिए 10 हजार से ज्यादा लॉकर बने हैं, जहां श्रद्धालु सामान जमा कर सकेंगे। एंट्री और एग्जिट रूट पर 2Km में कैनोपी लगाई गईं हैं, ताकि श्रद्धालु धूप और बारिश से बच सकें। परिसर में 30 से ज्यादा रामायण कालीन वृक्ष हैं। 10 एकड़ में पंचवटी का निर्माण हो रहा है। यहां बंदरों, पक्षियों, मोर का बसेरा होगा। साथ ही एक छोटा जलाशय भी बन रहा है। अयोध्या में 2 दिन रहेंगे भागवतRSS प्रमुख मोहन भागवत ध्वजारोहण आयोजन से 1 दिन पहले अयोध्या आ जाएंगे। उनका 2 दिन 24 और 25 नवंबर का अयोध्या स्टे रहेगा। वह इस दौरान किन लोगों से मुलाकात करेंगे, इसको लेकर RSS की तरफ से कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की गई है। QR कोड से सिक्योर कार्डआमंत्रण कार्ड पर क्‍यूआर कोड लगाए गए हैं। इनमें खास मेहमान की पूरी डिजिटल पहचान है। इसे स्‍कैन करते ही गेस्ट की पहचान, सीट नंबर और प्रवेश द्वार की डिटेल आ जाएगी। सिक्योरिटी को लेकर एडमिनिस्ट्रेशन इसलिए भी ज्यादा संजीदा है, क्योंकि PM रहते हुए नरेंद्र मोदी की ये 5वीं अयोध्या यात्रा होगी। इससे पहले वो 4 बार अयोध्या आ चुके हैं। अब अधिकारियों की बात पढ़िए CM योगी खुद तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। VIP मूवमेंट की वजह से आम लोगों को परेशानी नहीं होगी। VIP मूवमेंट के बावजूद सामान्य उड़ाने प्रभावित नहीं होंगी। - निखिल टीकाराम फुके, DM सभी कैमरों को एकीकृत कंट्रोल रूम से जोड़ा गया है, जहां से रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी। ड्रोन कैमरों से भी हर गतिविधि की निगरानी की जाएगी। - डॉ. गौरव ग्रोवर, SSP ============== ये भी पढ़ें -अयोध्या राम मंदिर का ध्वज आंधी-तूफान में भी फहराएगा, 360 डिग्री घूमेगा; PM मोदी 25 नवंबर को फहराएंगे, 10 हजार मेहमान बुलाए, 3000 रूम बुक अयोध्या में भगवान राम का मंदिर तय समय में बनकर तैयार हो चुका है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने के 1 साल 9 महीने के बाद अयोध्या में एक बार फिर बड़ा आयोजन होगा। PM नरेंद्र मोदी यहां 25 नवंबर को धर्मध्वजा फहराएंगे। केसरिया रंग की खास ध्वजा पर सूर्य, ॐ और कोविदार (अयोध्या का शाही वृक्ष, जो कचनार के नाम से जाना जाता है) के प्रतीक बने हुए हैं। राम मंदिर के 161 फुट ऊंचे शिखर पर 42 फुट ऊंचा स्तंभ स्थापित किया गया है। पढ़िए पूरी खबर..

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:50 am

किसान कर रहे रेशम की खेती, कई राज्यों में मांग:अरण्डी व शहतूत में बोया जा रहा कीट, एक साल में 389 कुंतल उत्पादन

जिले में रेशम का उत्पादन नित नए आयाम गढ़ रहा है। जिस जिले को कभी रेशम उत्पादन से नहीं जोड़ा जाता था, वहीं आज घाटमपुर, पतारा और भीतरगाँव के गांवों में ऐरी और मलबरी रेशम का काम तेजी से फैल रहा है। खेती के बीच शुरू हुआ यह प्रयोग अब सैकड़ों किसानों की अतिरिक्त आय का भरोसेमंद आधार बन गया है। जिले के करीब 600 प्रगतिशील किसान एरी और मलबरी रेशम उत्पादन से जुड़ चुके हैं। अरण्डी में पाल रहे कीट किसान खेतों में अरण्डी की बुआई करते हैं और उसकी पत्तियों पर कीट पालते हैं। साल में तीन से चार चक्र में कीटपालन हो जाता है। एक किसान 100 से 150 डीएफएल डालकर 50 से 60 किलो कोया तैयार कर लेता है। बीजू कोया 300 रुपये किलो और व्यावसायिक कोया 100–110 रुपये किलो में खरीदा जाता है। एक कोया में 800 से 1200 मीटर तक रेशमी धागा मिलता है। कई राज्यों से आ रहे व्यापारी गुजरात, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और बनारस के व्यापारी गांव पहुंचकर खरीद करते हैं, जिससे किसानों को दाम और बाजार की चिंता नहीं रहती। ग्राम सुजानपुर के किसान राजेश कुमार बताते हैं कि रेशम ने खेती की अनिश्चितता काफी हद तक खत्म कर दी है। हर चक्र में नकद आय हो जाती है। अब व्यापारी गांव में ही खरीद लेते हैं, इससे समय और खर्च दोनों बचते हैं। किसान जितेंद्र कुमार ने बताया कि अरण्डी के साथ रेशम जोड़ना आसान काम है। साल में कई बार आय मिल जाती है। अब गांव के अन्य किसान भी जुड़ने लगे हैं। वाइट गोल्ड बना शहतूती रेशम बिल्हौर के राजेपुर और हिलालपुर स्थित दो राजकीय रेशम फार्मों के माध्यम से 40 से 50 किसान शहतूती रेशम उत्पादन कर रहे हैं। मलबरी रेशम का दाम अधिक मिलता है और इसकी गुणवत्ता भी बेहतर मानी जाती है। मलबरी रेशम को उसकी चमक और ऊँची कीमत के कारण कई जगह ‘वाइट गोल्ड’ भी कहा जाता है। इसी वजह से किसान इसे स्थिर और मजबूत आय का विकल्प मानने लगे हैं। 389.6 कुंतल रेशम उत्पादन हुआ सहायक निदेशक (रेशम) एस.के. रावत ने बताया कि घाटमपुर, पतारा और भीतरगाँव में एरी रेशम कीटपालन एक मजबूत मॉडल बन चुका है। लगभग छह सौ किसान हर चक्र में औसतन 50–60 किलो कोया तैयार कर रहे हैं। बिल्हौर के दोनों फार्म मलबरी रेशम में भी किसानों को तकनीकी आधार दे रहे हैं। वर्ष 2024-25 में जनपद में 389.6 कुंतल रेशम का उत्पादन हुआ। प्रशिक्षण और मार्केटिंग की हो रही व्यवस्था डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि शासन की नीति है कि किसानों को स्थिर और सुरक्षित आय के नए अवसर मिलें। रेशम कीटपालन उसी दिशा में सफल मॉडल बनकर सामने आया है। प्रशिक्षण, तकनीक और विपणन की पूरी व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:48 am

यूपी में काम के घंटे से लेकर छुटि्टयां भी तय:प्राइवेट कर्मचारियों के लिए नया कानून; जानिए क्या होगा फायदा

यूपी में प्राइवेट कर्मचारी कहीं पिस तो नहीं रहा? उसके साथ कंपनी या मालिक अन्याय तो नहीं कर रहे? फिक्स घंटों से ज्यादा तो काम नहीं करना पड़ रहा? इस तरह के सवाल आम बात है। हर प्राइवेट कर्मचारी के अंदर इसको लेकर दर्द है। इसीलिए यूपी सरकार ने दुकान और वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम 1962 में 63 साल बाद बड़ा बदलाव किया है। अब यह कानून सिर्फ शहरों में ही नहीं, पूरे यूपी में लागू होगा। इस बदलाव का मुख्य मकसद बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों को कानूनी सुरक्षा और उनके अधिकार दिलाना है। दुकान एवं वाणिज्य अधिष्ठान अधिनियम क्या होता है? यह कहां-कहां लागू होगा? महिलाओं और युवाओं से जुड़े क्या प्रावधान हैं? आम आदमी को इसके लागू होने से क्या फायदा-नुकसान होगा? नियम न मानने पर क्या पेनल्टी है? पढ़िए सभी सवालों के जवाब भास्कर एक्सप्लेनर में… सवाल: दुकान एवं वाणिज्यिक अधिष्ठान अधिनियम का उद्देश्य क्या है?जवाब: किसी दुकान या बिजनेस, ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारियों को सुरक्षित माहौल देना इस कानून का उद्देश्य है। साथ ही कर्मचारियों को निश्चित समय और उचित सुविधाएं मिलें। बिजनेस मालिक भी तय नियम के तहत काम करें। सवाल: यह कब लागू हुआ था?जवाब: सहायक श्रम आयुक्त सुमित कुमार बताते हैं- यह 1962 का एक्ट है। यूपी विधानसभा ने इस कानून को 1 नवंबर, 1962 को पारित किया था। यह वह दिन था, जब इसे औपचारिक रूप से मंजूरी मिली। अधिनियम को 26 दिसंबर, 1962 को यूपी सरकार के आधिकारिक गजट में प्रकाशित किया गया। तब से यह अधिनियम मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में लागू था। लेकिन, इसमें समय-समय पर इसमें संशोधन किए गए। 2025 में संशोधन के बाद यह कानून अब पूरे यूपी में लागू होगा। सवाल: क्या सभी दुकानों पर लागू होगा?जवाब: नहीं। सरकार ने यह साफ कहा है कि यह कानून सिर्फ उन प्रतिष्ठानों पर लागू होगा, जहां कम से कम 20 कर्मचारी काम करते हैं। उससे कम वाले प्रतिष्ठानों पर यह ऐच्छिक रहेगा। सवाल: अधिनियम में संशोधन के बाद से क्या होगा?जवाब: श्रम मंत्री अनिल राजभर के मुताबिक, इस बदलाव से छोटे प्रतिष्ठानों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। वे पहले की तरह ही आसानी से अपना काम चला सकेंगे। वहीं, बड़े प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों को कानून के अनुसार सभी सुविधाएं और सुरक्षा मिलेंगी। सरकार ने इस अधिनियम का दायरा बढ़ाते हुए क्लिनिक, पॉलीक्लिनिक, डिलीवरी होम, आर्किटेक्ट, टैक्स सलाहकार, टेक्निकल सलाहकार, सेवा प्रदाता, सर्विस सेंटर और ऐसे कई अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को भी इसमें शामिल किया है। अब इन जगहों पर काम करने वाले कर्मचारियों को भी सुरक्षित माहौल मिलेगा। काम के घंटे तय होंगे, छुट्टियां भी तय होंगी। साथ ही और अन्य कानूनी फायदे मिल सकेंगे। सवाल: महिलाओं और युवाओं को क्या फायदा होगा?जवाब: सरकार ने महिला कर्मचारियों की रात की शिफ्ट के समय में बदलाव किया है। पहले महिलाओं के लिए रात की शिफ्ट रात 9 से सुबह 6 बजे तक मानी जाती थी। अब इसे बदलकर शाम 7 से सुबह 6 बजे तक कर दिया गया है। यानी महिलाएं शाम 7 बजे के बाद रात की शिफ्ट में मानी जाएंगी। जहां भी कर्मचारी दिनभर खड़े होकर काम करते हैं, वहां अब नियोक्ता के लिए बैठने की व्यवस्था करना जरूरी होगा। जिससे कर्मचारी आराम कर सकें। इसके अलावा अब हर नियोक्ता को हर कर्मचारी को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा, जिससे नौकरी का साफ रिकॉर्ड रहेगा। पहले किसी प्रतिष्ठान पर केस दर्ज करने से पहले सुधार नोटिस देने का नियम नहीं था। अब नया नियम यह है कि किसी भी कानूनी कार्रवाई से 15 दिन पहले नियोक्ता को सुधार का नोटिस देना जरूरी होगा। जिससे वह गलती ठीक कर सके। सवाल: ओवरटाइम के क्या नियम हैं?जवाब: संशोधन के बाद इसमें कर्मचारियों की डेली काम की टाइमिंग 8 घंटे से बढ़ाकर 9 घंटे कर दी गई है। हालांकि सप्ताह में कुल काम के घंटे अभी भी 48 घंटे ही रहेंगे। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। अब किसी भी कर्मचारी से एक दिन में अधिकतम 11 घंटे काम कराया जा सकता है। पहले यह सीमा 10 घंटे थी। ओवरटाइम में भी बदलाव किया गया है। पहले नियम के हिसाब से कोई भी कर्मचारी 3 महीने में कुल 125 घंटे से ज्यादा ओवरटाइम नहीं कर सकता था। अब यह सीमा 144 घंटे कर दी गई है। अगर कोई कर्मचारी ओवरटाइम करता है, तो हर घंटे के लिए उसकी सामान्य प्रति घंटे की सैलरी से 2 गुना पैसा दिया जाएगा। सवाल: जुर्माने से जुड़े नियमों में क्या बदलाव हुए?जवाब: यूपी सरकार ने दुकान एवं वाणिज्यिक अधिष्ठान अधिनियम 1962 में सजा के प्रावधानों को सख्त कर दिया है। नए संशोधनों के तहत नियमों का उल्लंघन करने पर अब पहले की तुलना में ज्यादा जुर्माना लगेगा। पुराने कानून में किसी भी नियम का उल्लंघन होने पर नियोक्ता पर सिर्फ 100 से 500 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाता था। यह राशि बहुत कम मानी जाती थी। इससे नियमों का पालन कराने में कठिनाई होती थी। अब सरकार ने जुर्माना राशि बढ़ा दी है। पहली गलती पर 2,000 रुपए तक का जुर्माना है। दूसरी बार गलती पर 10 हजार तक का जुर्माना है। इस संशोधन में बदलाव से सरकार का लक्ष्य बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों को मजबूत कानूनी संरक्षण देना है। जिससे उनके साथ होने वाले किसी भी शोषण या अनियमितता को रोका जा सके। सवाल: कैसे होती है जांच?जवाब: प्रमुख सचिव श्रम एवं सेवायोजन डॉ. एमके शन्मुगा सुंदरम ने बताया कि हमारे श्रम प्रवर्तन अधिकारी (LEO) जांच करने के लिए केंद्रीय निरीक्षण प्रणाली (CIS) के नियम के अनुसार जाते हैं। CIS खुद ही रैंडम तरीके से रजिस्टर्ड प्रतिष्ठानों की लिस्ट बनाता है कि किन-किन जगहों पर जांच होनी है। उसी सूची के आधार पर LEO मौके पर जांच करते हैं। अगर किसी प्रतिष्ठान की शिकायत मिलती है, तो LEO बिना CIS की लिस्ट के भी सीधी जांच कर सकते हैं। सवाल: शिकायत कैसे करें?जवाब: सहायक श्रम आयुक्त सुमित कुमार बताते है कि वर्कर अपनी शिकायत IGRS, स्थानीय श्रम कार्यालय या लेबर कोर्ट में कर सकता है। इसके अलावा श्रम विभाग की हेल्पलाइन (1800 1805160) पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है। ----------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी में केशव का कद बढ़ेगा, टूट सकती है अखिलेश-राहुल की जोड़ी, जानिए बिहार नतीजों का असर बिहार चुनाव में NDA ने रिकॉर्ड जीत हासिल की है। BJP सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। इसका असर अब यूपी में पंचायत चुनाव से लेकर 2027 के विधानसभा चुनाव पर पड़ना तय है। BJP पर सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल, अपना दल (S), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा), निषाद पार्टी का दबाव कम होगा। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:45 am

रिटायर्ड IAS की पत्नी ने अकेले गैंगरेप किया:केशव अखिलेश के लिए बनवाएंगे सतरंगी लड्‌डू; कुंवारे BJP विधायक ढूंढ रहे जोहरा जबीं

ऊपर Video पर क्लिक करें और देखें... आज यूपी की राजनीति और सरकारी विभागों की कौन सी बात खरी है....

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:44 am

आंखों पर चश्मा, हाथ में बिस्किट लेकर आजम जेल गए:अब्दुल्ला ने भाई को गले लगाया; VIDEO में देखिए बेटे का करियर बनाने में कैसे फंसे?

सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को फिर जेल भेज दिया गया। रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने फर्जी पैन कार्ड मामले में सोमवार को दोनों को 7-7 साल की सजा सुनाई। जेल जाते वक्त आजम ने काला चश्मा लगा रखा था। हाथ में दो पैकेट बिस्किट थे। अब्दुल्ला ने जेल के गेट पर भाई अदीब को गले लगाया। करीब दो महीने पहले आजम सीतापुर जेल से रिहा हुए थे। VIDEO में देखिए बेटे अब्दुल्ला का करियर बनाने के चक्कर में आजम कैसे मुश्किलों से घिरते गए और उनका राजनीतिक पतन हो गया?

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:44 am

गोपालन विभाग:असहाय-दिव्यांग गोवंश के लिए तीन महीने का अतिरिक्त दिया जाएगा अनुदान, 12 अंकों के टैग आईडी वाले पशुओं को फायदा

ग्रामीण क्षेत्र में निराश्रित व बेसहारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रदेशभर में स्थापित गोशालाओं व नंदीशालाओं को असहाय–दिव्यांग गोवंश के लिए तीन महीने का अतिरिक्त अनुदान दिया जाएगा। गोपालन विभाग ने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू कर दिए हैं। 24 नवंबर तक आवेदन किए जा सकेंगे। योजना का लाभ सिर्फ ऑनलाइन आवेदन से ही दिया जाएगा। विभाग ने स्प्ष्ट किया है कि ऑफलाइन आवेदनों पर विचार नहीं किया जाएगा। विभाग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार यह विशेष अनुदान सिर्फ लाचार, दृष्टिबाधित और दिव्यांग गोवंश के लिए ही है। इसके लिए राजस्थान गोशाला अधिनियम या सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम के तहत पंजीकृत गोशालाएं, जिला स्तरीय नंदीशाला, पंचायत समिति स्तरीय नंदीशाला व ग्राम पंचायत पशु आश्रय स्थल, स्थानीय निकायों व पंचायतीराज संस्थाओं की ओर से संचालित कांजी हाउस व विशेष परिस्थितियों में जिला स्तरीय गोपालन समिति से अनुमोदित संस्थाएं लाभ लेने की पात्र हैं। इसमें भी वे गोशाला व नंदीशाला जिन्होंने वित्तीय वर्ष 2025–26 के पहले चरण में सहायता व अनुदान हासिल किया है या नियमित रूप से अनुदान ले रही हैं। इन संस्थाओं को ही तीन महीने के विशेष अनुदान के लिए आवेदन करना होगा। संस्थाओं को आवेदन में इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि पशु के पास 12 अंकों का यूनिक नंबर है या नहीं। अनुदान सिर्फ उन्हीं पशुओं के लिए दिया जाएगा, जिनके 12 अंकों का टैग है और भारत सरकार के आईएनएएपीएच कार्यक्रम में कवर हैं। वह गोवंश, जो एक आंख या अथवा दोनों आंखों से आनुवांशिक विकृति के कारण जन्म से पूर्णतया दृष्टिहीन है। किसी रोग या दुर्घटना के कारण पशु की एक या दोनों आंखें खराब हैं। इसी तरह एक या अधिक पैरों से चलने में असमर्थ हों, गाड़ियों की टक्कर या अन्य दुर्घटनाओं में एक या अधिक पैरों से दिव्यांग हो गए हैं। चल फिर नहीं सकते या पैर टूट ही गए हैं। आवेदन करते वक्त संस्थाओं को यह बताना होगा कि उनके यहां टैग युक्त लाचार पशु कितने हैं। बड़े गोवंश को 50 रुपए, छोटे को 25 रु अनुदान यह विशेष अनुदान जुलाई, अगस्त व सितंबर माह 2025 के लिए दिया जाएगा। इसमें बड़े पशु के लिए 50 रुपए तथा छोटे गोवंश के लिए 25 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाएगा। संबंधित गौशाला, कांजी हाउस व नंदीशाला को इन तीन महीने की अवधि के चारा–पानी के बिल स्टॉक रजिस्टर में इंद्राज करने के बाद भी पांच वर्ष तक उनके रिकॉर्ड में रखने जाने जरूरी है। 17 से 27 नवंबर तक आवेदनों में संशोधन किए जा सकेंगे। भौतिक सत्यापन के बाद 28 नवंबर से 3 दिसंबर तक रिपोर्ट अपलोड की जानी है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:44 am

ललिता मूडिया का मामला:रात्रि को महिला ला सकती है तो बात कर भुगतान का आधा हिस्सा भी मुझे देना पड़ेगा

हलैना के गांव मूडिया ललिता के ग्राम विकास अधिकारी(वीडीओ) द्वारा सीएलएफ की महिला अध्यक्ष को सफाई कर्मियों का बिल पास करने से पहले रात्रि को महिला बुलाने और भुगतान होने पर कमीशन की डिमांड करने का मामला सामने आया है। वहीं वीडीओ ने भी सीएलएफ की महिला अध्यक्ष सहित 3 जनों के खिलाफ बिल पास कराने के लिए अनुचित दबाव डालने और मारपीट कर राजकार्य में बाधा डालने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। हलैना थाना पर तिरंगा राजीविका महिला सर्वांगीण विकास सहकारी समिति क्लस्टर हलैना की महिला अध्यक्ष ने रिपोर्ट में बताया कि ग्राम पंचायत मूडिया ललिता में सफाई कार्य के लिए ग्राम पंचायत व सीएलएफ के बीच 28 अप्रैल को एमओयू हुआ था। जिसके बाद ग्राम पंचायत में सफाईकर्मी लगाकर सफाई चालू करा दी। करीब 6 महीने बाद भी 5 लाख रुपए का भुगतान नहीं हुआ तो खण्ड विकास अधिकारी को अवगत कराया। फिर भी ग्राम विकास अधिकारी गुमराह करता रहा। भुगतान नहीं करने वी​डीओ को मिले चुके कई नोटिस सरकार द्वारा इन दिनों ग्राम पंचायतों में नियमित सफाई पर लाखों रुपए खर्च किया जा रहा है। लेकिन प्रशासन के द्वारा मॉनिटरिंग में घोर लापरवाही बरतने से सफाई का भुगतान लेने व देने वाले जिम्मेदारों की पौ बारह पच्चीस हो रही है। जबकि ग्राम पंचायतों में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। हालात यह है कि तमाम ग्राम पंचायतों में तो लोगों को गंदगी के चलते नाक मुंह पर कपड़ा लगाकर निकलना पड़ता है। सफाई कर्मियों को भुगतान नहीं करने पर ब्लॉक ​विकास अधिकारी ने भी कई बार वीडीओ को नोटिस दिए हैं, लेकिन उन्होंने आज त​क किसी भी नोटिस का जबाव नहीं दिया और न ही कर्मचारियों का भुगतान किया है। उन्होंने बताया कि वीडीओ के कहे अनुसार 14 नवंबर को अटल सेवा केंद्र पहुंची तो कार्यालय पर ताला लगा मिला। उसके बाद 15 नवंबर को अपने बेटे को साथ लेकर दोबारा पहुंची तो बेटा सफाईकर्मी के पास रुक गया और वह कार्यालय के अंदर गईं जहां वीडीओ अकेले बैठा मिला। महिला अध्यक्ष का आरोप है कि वीडीओ ने मेरा हाथ पकड़ अश्लील हरकत की। साथ ही कहा कि तुम्हारे अंडर में बहुत सारी महिलाएं है। किसी महिला को रात्रि में मेरे पास केंद्र पर लेकर आ सकती है तो ही बार कर। इसमें भी यह शर्त रहेगी कि 1.80 लाख या 1.50 लाख का भुगतान करूंगा तो आधा तेरी सफाई कर्मियों व गाड़ी का रहेगा और आधा मेरा व प्रशासक का रहेगा। दूसरी तरफ वीडीओ सुरेंद्र ने भी रिपोर्ट दर्ज कराई है कि वह 15 नवंबर को राजीव गांधी सेवा केंद्र कार्यालय पर राजकार्य कर रहा था तभी सीएलएफ़ की नामजद महिला व उसके बेटा सहित 3 जने आए और अनुचित तरीके से बिल बनवाने का दबाव देने लगी। मैंने नियम अनुसार कार्य करने को कहा। इसी बात पर मेरी गलेवान पकड़ ली और मारपीट कर बैठक व स्वच्छता रजिस्टर फाड़ दिए। कार्यालय में तोड़फोड़ की। साथ ही स्वच्छता रजिस्टर को छीन ले गए। एलडीसी व एक अन्य ने मुझे बचाया। सफाई का भुगतान किया न नोटिस दिया सूत्रों के अनुसार ग्राम पंचायत मुड़िया ललिता में सफाई का एमओयू होने के बाद सफाई कार्य चालू हो गया। तय था कि हर महीने 1 से 5 तारीख के बीच सफाई का भुगतान किया जाएगा। फिर भी 5 -6 महीने से भुगतान अटका रखा था। क्लस्टर अध्यक्ष ने बीडीओ से इसकी शिकायत भी की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। मैं कहीं बैठा हुआ हूं। इस मामले में कल बता पाऊंगा। - सुरेंद्र कुमार, वीडीओ, मूड़िया ललिता मैंने 15 दिन पहले ही चार्ज संभाला है। मूडिया ललिता के वीडीओ को सफाई का भुगतान नहीं करने पर नोटिस दे रखे हैं। लेकिन वीडीओ ने नोटिस पर कोई जवाब नहीं दिया है। ग्राम पंचायत सफाई का भुगतान करती हैं। -सुरेश सैनी, बीडीओ वैर

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:41 am

दिल्ली-ब्लास्ट में इस्तेमाल विस्फोटक राजस्थान में प्याऊ-दुकानों पर बिक रहा:गिरोह में महिलाएं भी, इसी अमोनियम नाइट्रेट से जयपुर ब्लास्ट में गई थीं 71 जानें

दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल हुआ अमोनियम नाइट्रेट राजस्थान में खुलेआम बिक रहा है। इसी विस्फोटक से साल 2008 में जयपुर में हुए सीरियल ब्लास्ट में 71 लोगों की जान गई थी। अमोनियम नाइट्रेट ही नहीं जुलाई 2025 में बैन किया जा चुका इलेक्ट्रिक डेटोनेटर (ED) भी खुलेआम बेचा जा रहा है। दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने 3 दिन तक जोधपुर और ब्यावर में ग्राहक बनकर इन्वेस्टिगेशन किया तो ये खुलासा हुआ। सार्वजनिक प्याऊ और दुकानों में अमोनियम नाइट्रेट और ED बिक रहा है। माइनिंग करने वाले बेरोकटोक ये विस्फोटक खरीद रहे हैं। इस काले कारोबार में महिलाएं भी शामिल हैं। बेचने वाले के पास न लाइसेंस है और न खरीदने वाले के पास। सबसे चौंकाने वाली बात यह कि तबाही का ये सामान आर्मी एरिया और पुलिस थाने के पास बिक रहा है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… जोधपुर का बड़ली और बालसमंद आर्मी एरिया से 1 ही किलोमीटर दूर है। इसके बावजूद बेखौफ विस्फोटक बेचा जा रहा है। अवैध माइनिंग के लिए ये विस्फोटक इस्तेमाल हो रहे हैं। भास्कर रिपोर्टर ने सबसे पहले बड़ली (जोधपुर) इलाके से इन्वेस्टिगेशन शुरू की। पहला दिन : प्लास्टिक शॉप की आड़ में बेच रहे बारूद रिपोर्टर फिदूसर चौराहे पर स्थित फिदूसर जनरल प्लास्टिक शॉप पर ग्राहक बनकर पहुंचा। दुकान पर एक आदमी बैठा था। बोर्ड पर प्लास्टिक शॉप लिखा था, लेकिन अंदर प्लास्टिक का काेई सामान नहीं था। दुकान पूरी तरह से खाली थी। रिपोर्टर ने ढाई फीट के 20 होल में ब्लास्ट करने के लिए सामान मांगा। दुकानदार ने रिपोर्टर से सिर्फ गांव का नाम पूछा और सामान की लिस्ट देखने लगा। पढ़िए पूरी बातचीत… (बारूद खरीदना नहीं था। ऐसे में रिपोर्टर अगली दुकान से एक साथ पूरा सामान लेने का बहाना कर निकल गया।) दुकानदार बोला- इन चीजों के लिए लाइसेंस चाहिए उसी दिन शाम को रिपोर्टर बड़ली और बालसमंद के बीच एक और दुकान पर गया। वहां भी विस्फोट और माइनिंग से जुड़े हुए सामान थे। दूसरा दिन : प्याऊ की आड़ में बेच रहे विस्फोटक अगले दिन रिपोर्टर बड़ली और बाल समंद के रास्ते पर एयरबेस से 1 किमी दूर एक सार्वजनिक प्याऊ पर पहुंचा। लोगों ने यहां अवैध विस्फोटक मिलने वाली दुकान बताई थी, लेकिन रिपोर्टर पहुंचा तो कोई दुकान नहीं मिली। प्याऊ के अंदर 2 आदमी बैठे थे। पढ़िए पूरी बातचीत… (इसके बाद दुकानदार के पास बैठे आदमी ने सामान की जानकारी लेनी शुरू कर दी। सामान निकालने के लिए अंदर कमरे में चला गया) (दुकानदार ने फोन की दूसरी तरफ मौजूद आदमी को बताया कि कजनाऊ गांव से कोई आए हैं। सामान लेने के लिए। इनके पास आदमी नहीं है शायद। इसके बाद उस आदमी से रिपोर्टर की बात करवाई। तसल्ली होने के बाद दुकानदार ने फोन काट दिया।) आर्मी एरिया के पास ED से ब्लास्ट जिस समय रिपोर्टर प्याऊ पर ग्राहक बनाकर विस्फोटक बेचने वाले से बात कर रहा था, उसी दौरान प्याऊ के सामने ही एक मजदूर ने ED (इलेक्ट्रिकल डेटोनेटर) से ब्लास्ट किया। यह नजारा रिपोर्टर के कैमरे में कैद भी हो गया। जुलाई 2025 से पूरे देश में ED बैन कर दिया गया है। हैरानी की बात ये है कि जहां विस्फोट किया, वहां पास में ही एयरबेस स्टेशन व अन्य आर्मी कैम्प भी हैं। तीसरा दिन : थाने से महज 500 मीटर दूर बिक रहा अमोनियम नाइट्रेटभास्कर टीम ब्यावर पहुंची। पड़ताल में ब्यावर से 20 किलोमीटर दूर जवाजा गांव में एक बिल्डिंग मैटेरियल की दुकान पर विस्फोट का सामान बिकने की बात सामने आई। रिपोर्ट ने जवाजा गांव पहुंचकर सोर्स से मिले 98751***** नंबर पर कॉल किया। सफेद बारूद (अमोनियम नाइट्रेट) की डिमांड की। उस आदमी ने जवाजा गांव की रोड पर ही एक बिल्डिंग मैटेरियल की दुकान के सामने कार में ही इंतजार करने के लिए कहा। कुछ देर बाद दुकान के अंदर से एक महिला आई और सामान ले जाने का इशारा किया। रिपोर्टर दुकान के अंदर गया तो दो महिलाओं ने अमोनियम नाइट्रेट और ब्लास्ट करने वाली ब्लास्टिंग कैप तैयार कर रखी थी। महिलाओं ने सामान तौलकर रखा और रिपोर्टर को गिनवाना शुरू कर दिया। (दुकान गांव की मुख्य सड़क पर है। यहां से महज 500 मीटर की दूरी पर जवाजा पुलिस थाना है। इसके बावजूद बेखौफ विस्फोटक बेचा जा रहा है।) 50 से 100 रुपए में मिल रहे डेटोनेटरटीम को इन्वेस्टिगेशन के दौरान जोधपुर-ब्यावर में 50 से 100 रुपए में डेटोनेटर भी मिल गए। जवाजा में डेटोनेटर की डिमांड की तो दुकानदार ने जरूरत के हिसाब से उपलब्ध करा दिया। डेटोनेटर विस्फोट करने में काम आता है। इसे ब्लास्टिंग कैप कहते हैं। साधारण भाषा में समझें तो पटाखे को सुलगाने के लिए आगे लगी हुई बत्ती जैसा। डेटोनेटर दो तरह के होते हैं। साधारण ब्लास्टिंग वाले और इलेक्ट्रिक डेटोनेटर। भारत में इलेक्ट्रिक डेटोनेटर जुलाई 2025 से बैन कर दिया गया है। पुलिस को पता ही नहीं, इलाके में बिक रहा विस्फोटकभास्कर ने जोधपुर के जिन इलाकों में इन्वेस्टिगेशन किया, वहां के थानाधिकारियों से बात कर उनका पक्ष भी जाना। मंडोर थानाधिकारी किशनलाल विश्नोई ने बताया कि उनके थाना क्षेत्र में किसी भी तरह की विस्फोटक बेचने वाली मैग्जीन (भंडार) नहीं है। किसी को अमोनियम नाइट्रेट बेचने की भी अनुमति नहीं है। सूरसागर थानाधिकारी हरीश सोलंकी ने बताया कि उनके थाना क्षेत्र में किसी ने भी अमोनियम नाइट्रेट बेचने की अनुमति नहीं ले रखी है। हालांकि क्षेत्र में कुछ मैग्जीन हैं। उसकी संख्या फाइल देखकर बतानी पड़ेगी।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:39 am

अय्यप्पा मंदिर में विधायक लारिया हुए शामिल, आशीर्वाद लिया

सागर | मकरोनिया नगर पालिका के शिवाजी वार्ड आनंद नगर स्थित अय्यप्पा मंदिर में मलयाली समाज का 58 दिवसीय मकर विलक्कू पर्व का शुभारंभ किया गया। पर्व के शुभारंभ पर नरयावली विधायक प्रदीप लारिया पूजा में शामिल हुए। श्री अय्यप्पा सेवा संघम के अध्यक्ष केजीसी नायर ने विधायक लारिया को बताया इस मंदिर में सबरीमाला मंदिर में होने वाले अनुष्ठानों की तर्ज पर 58 दिनों तक पर्व निरंतर चलेगा। विधायक लारिया ने मलयाली समाजजनों को मकर विलक्कू पर्व की शुभकामनाएं दीं और श्रद्धाभाव से भगवान अय्यप्पा के दर्शन किए। इस मौके पर पार्षद बलबंत ठाकुर सहित मलयाली समाज के धर्मावलंबी बड़ी संख्या में मौजूद थे।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:39 am

एसआईआर : संयुक्त कलेक्टर, 2 एसडीएम, 13 तहसीलदार को नोटिस, 3 बीएलओ निलंबित

भास्कर संवाददाता| सागर बगैर तैयारी के शुरू हुआ मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का काम अब अफसरों व बीएलओ के गले पड़ रहा है। पहले तो गणना पत्रक ही नहीं आए, बंटने में देरी हुई। अब बीएलओ एप पर भरने की गति भी कमजोर है। सोमवार को सीईओ कार्यालय भोपाल के साथ ही वीडियो कान्फ्रेसिंग में इसकी समीक्षा की गई। इसमें नाराजगी जताई और काम तेज करने की हिदायत दी गई। इसके बाद कलेक्टर ने बड़ी कार्रवाई करते हुए संयुक्त कलेक्टर के साथ 2 एसडीएम व 13 तहसीलदारों को कारण बताओ नोटिस दिए हैं। साथ ही 3 बीएलओ को निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई मतदाता सूची सर्वे में हो रही देरी के कारण की गई है। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी संदीप जीआर ने कहा कि निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित समयसीमा में सर्वे कार्य पूरा किया जाना अनिवार्य है। इन अफसरों को कारण बताओ नोटिस: संयुक्त कलेक्टर व निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी आरती यादव, एसडीएम खुरई मनोज चौरसिया, एसडीएम सुरखी रोहित वर्मा, अंबर पंथी तहसीलदार बीना, राकेश कुमार अहिरवार तहसीलदार खुरई, कमलेश कुमार सतनामी तहसीलदार मालथौन, निर्मल सिंह राठौर तहसीलदार राहतगढ़, हरीश लालवानी तहसीलदार जैसीनगर, प्रीति रानी चौरसिया तहसीलदार देवरी, प्रेम नारायण सिंह, राजेश कुमार पांडे तहसीलदार रहली, महेश दुबे तहसीलदार सुरखी, संदीप तिवारी तहसीलदार सागर, देवी प्रसाद चक्रबर्ती भू अभिलेख अधीक्षक, मोहित जैन तहसीलदार बंडा, ज्ञानचंद्र राय तहसीलदार शाहगढ़। बीएलओ निलंबित: सुरखी में मैपिंग एवं एसआईआर सर्वे कार्य के दौरान गंभीर लापरवाही पाए जाने पर बूथ लेवल अधिकारियों को निलंबित किया है। इनमें देवेन्द्र चौरसिया, प्राथमिक शिक्षक मतदान केंद्र क्रमांक 155, जैसीनगर, अरुण अहिरवार शिक्षक मतदान केंद्र क्रमांक 257 करैया व कामता प्रसाद पटेल सचिव ग्राम कटंगी मतदान केंद्र क्रमांक 193 हैं।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:38 am

जब CM रहते लालू यादव पर चले ईंट-पत्थर:जाति पूछ-पूछकर 35 भूमिहारों का गला काट दिया गया; 2 दिन तक बम फटते रहे

बिहार चुनाव में इस बार जंगलराज, कट्‌टा, रंगदारी जैसे बयान खूब सुनने को मिले। PM मोदी ने भी RJD के चुनाव प्रचार वाले गाने मंच से सुनाए। शाह, योगी समेत बीजेपी के दिग्गजों की जुबान पर प्रचार के दौरान सबसे ज्यादा जो बात रही वो थी जंगलराज। पढ़िए गया के बारा गांव में हुए नरसंहार की कहानी। जब लालू को कहना पड़ा था, अरे यहां तो मैं भी सेफ नहीं हूं... तारीख- 12 फरवरी 1992, जगह- गया जिले का बारा गांव... बिहार के इतिहास का वो काला अध्याय, जिनको याद करके आज भी यहां के लोग कांप जाते हैं। लालू यादव को पहली बार मुख्यमंत्री बने ठीक 1 साल 11 महीने 2 दिन हुए थे। 12 फरवरी को रात 9.30 बजे का वक्त था। ज्यादातर लोग खा-पीकर सो गए थे। अचानक जोरदार धमाका हुआ। लोग कुछ समझ पाते तब तक दूसरा, तीसरा, चौथा... लगातार दर्जनों धमाके होने लगे। कुछ लोगों ने दरवाजा खोलकर देखा- तकरीबन 500 लोगों की भीड़ 'MCC जिंदाबाद, लाल सलाम जिंदाबाद', नारा लगाते हुए गांव की तरफ आ रही थी। MCC यानी माओइस्ट कम्युनिस्ट सेंटर। ये माओवादियों का प्रतिबंधित संगठन है। भीड़ गांव को घेर चुकी थी। हमलावरों के हाथों में बंदूक, कुल्हाड़ी, गड़ासा और केरोसिन तेल के डिब्बे थे। कुछ हमलावर पुलिस की वर्दी में भी थे। 40-45 साल का एक हट्टा-कट्टा शख्स इस भीड़ का कमांडर था। नाम था- किरानी यादव। उसने 35 भूमिहारों को चुन-चुनकर गला काट दिया। किरानी बोला- जाति पूछो और चुन-चुनकर मारो सिर पर गमछा बांधते हुए किरानी बोला- ‘केवल मर्दों को मारना है। महिलाओं और बच्चों को नहीं। और हां अपनी जाति के लोगों को हाथ नहीं लगाना।’ भीड़ से आवाज आई- ‘पर अपने लोगों को पहचानेंगे कैसे?’ किरानी बोला- ‘सबको एक जगह ले जाकर मारना है, जाति पूछ-पूछकर। चलो अब शुरू हो जाओ।’ 'जो हमसे टकराएगा, चूर-चूर हो जाएगा'...नारा लगाते हुए भीड़ गांव वालों पर टूट पड़ी। दरवाजे तोड़ने लगीं। हमलावर चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे थे- ‘दरवाजे नहीं टूट रहे तो बम से उड़ा दो। डाइनामाइट लगाकर दीवारें तोड़ दो। सब कुछ धुआं-धुआं कर दो।’ हमलावरों ने वैसा ही किया। कुछ ही देर में गांव धमाके से गूंज उठा। इसी बीच एक हमलावर भागते हुए आया। कहने लगा- ‘किरानी काका… %$#@#$ सब पता नहीं कहां (ढूक) छिप गया है। कोई मिलिए नहीं रहा है। फायरिंग चालू कर दें क्या।’ किरानी बोला- ‘अरे नहीं, ऐसा नहीं करना। अपने लोग भी मारे जाएंगे। कितनी बार कहूं कि चुन-चुनकर मारना है।' फिर थोड़ा रुककर बोला- 'एक काम करो आग लगा दो, @#$%@ खुद ही भागने लगेंगे।’ हमलावरों ने केरोसिन तेल छिड़कर घरों में आग लगा दी। जो लोग अंदर छिपे थे, निकलकर भागने लगे। पुरुष, महिलाएं, बच्चे सब। एक हमलावर चिल्लाया- ‘अरे भागो मत, वर्ना गोली मार देंगे। हम तुम्हें मारने नहीं आए हैं। बस एक आदमी का पता बता दो।’ किरानी यादव ने घूम-घूमकर मेगा फोन में बोलना शुरू किया- ‘हमें सिर्फ रामाधार सिंह और हरिद्वार सिंह से मतलब है। सुन लो, गांव वालों… दोनों को हमारे हवाले कर दो। हम किसी को मारेंगे नहीं।’ रामाधार सिंह, भूमिहारों की निजी सेना ‘सवर्ण लिबरेशन फ्रंट’ यानी SLF का कमांडर था। इलाके में 'डायमंड' नाम से मशहूर था। हरिद्वार उसका सबसे करीबी साथी था। गांव वाले कहने लगे- ‘काका हमें नहीं पता रामाधार कहां है। वो तो बहुत दिन से गांव भी नहीं आया।’ हवा में फायरिंग करते हुए एक हमलावर बोला- ‘%$#@#$ सब झूठ बोल रहे हैं। तुम लोग रामाधार को छुपाकर रखे हो।’ पुलिस की वर्दी पहना एक नौजवान बोला- ‘अरे रस्सी लाओ, हाथ बांध दो हर@#$ के। ले चलो नहर के पास।’ हमलावरों ने करीब 100 लोगों के हाथ बांध दिए। फिर गांव के बाहर नहर के पास ले गए। पीछे-पीछे महिलाएं भी दौड़ पड़ीं। कहने लगीं- ‘हमारे बेटे को छोड़ दो, भइया को छोड़ दो, पति को छोड़ दो।’ गुस्से में हमलावर बोला- ‘हमें सिर्फ रामाधार और हरिद्वार से मतलब है। हम उनकी पहचान करके बाकी लोगों को छोड़ देंगे। तुम सब भागो यहां से।’ 20-25 हमलावरों ने धक्के मारते हुए महिलाओं को भगा दिया। कुछ ने महिलाओं की इज्जत लूटने की भी कोशिश की। कपड़े फाड़ डाले। अब हमलावरों ने सारे मर्दों को लाइन में खड़ा किया। सबके हाथ बंधे थे। किरानी यादव एक-एक करके सबके पास गया। टॉर्च जलाकर चेहरा देखा। फिर जोर से चिल्लाया- ‘सच, सच बता दो रामाधार कहां है, वर्ना सबको उड़ा दूंगा।’ गांव के लोगों ने एक सुर में बोला- ‘हम नहीं जानते काका।’ चीखते हुए किरानी बोला- ‘तुम लोगों में से कौन-कौन भूमिहार नहीं है?’ बुधन सिंह, सतीष सिंह और बुंदा सिंह नाम के तीन लोग बोले- ‘हम ब्राह्मण हैं।’ हमलावरों ने उन्हें छोड़ दिया। असल में ये तीनों भूमिहार थे। एक और आदमी ब्राह्मण था, उसे भी हमलावरों छोड़ दिया। दो दलित थे, वे भी बच गए। सुरेश सिंह नाम का एक शख्स बोला- ‘काका…मैं भूमिहार हूं, लेकिन MCC से जुड़ा हूं। कामरेड हूं। आप लोगों वाली ही विचारधारा मेरी भी है। मुझे तो जाने दो।’ ठहाके लगाते हुए हमलावर बोला- ‘भूमिहार और MCC… पागल समझे हो क्या हमें। इसे बांधकर रखो, छोड़ना नहीं।’ अब रात के 10.30 बज चुके थे। गहरी सांस लेते हुए किरानी बोला- ‘एक चिलम जलाकर ला तो। शरीर में गर्मी नहीं आ रही।’ एक लड़के ने उसे चिलम जलाकर दे दी। लंबा कश लेते हुए किरानी बोला- ‘सुनो…सब %$#@# का गला काट दो। कोई तो रामाधार होगा। और नहीं भी होगा तो कोई बात नहीं। भूमिहार बचने नहीं चाहिए।’ 30-40 हमलावरों ने कुल्हाडी़ और गड़ासा लेकर लाइन से लोगों का गला रेतना शुरू किया। एक की गर्दन कटी तो दूसरा कांप गया, दूसरे की कटी तो तीसरा चीख उठा। बेटे के सामने पिता और पिता के सामने बेटे का गला काट डाला। जिनका गला नहीं कटा, उन्हें गोली मार दी। पूरा गांव चीखों से दहल गया। महिलाएं-बच्चे बिलखने लगे। इसी बीच अंधेरे का फायदा उठाकर कुछ लोगों ने खेतों की तरफ भागने की कोशिश की। हमलावरों ने उन पर गोलियां चला दीं। 15-20 लोग तो जैसे-तैसे भाग निकले, लेकिन चार लोगों को गोली लग गई। किरानी उन चारों के नजदीक गया और छाती में बंदूक सटाकर गोली मार दी। फिर गड़ासा उठाकर उनका गला रेत दिया। इसी बीच लाइन में खड़ा एक आदमी चीख उठा- ‘काका मैं तो यादव हूं। आपके ही जाति का। मुझे तो जाने दो। दही लेकर आया था इनके घर।’ एक हमलावर ने बंदूक की बट से उसकी गर्दन पर जोर से वार किया। वह गिर पड़ा। उसका कुर्ता फाड़ा और देखा कि उसने जनेऊ पहना है या नहीं। जब जनेऊ नहीं दिखा, तो उसे उठाया और गाली देते हुए बोला- ‘जल्द भाग जा #@$%%$#। फिर कभी इन भूमिहारों यहां नहीं आना।’ वह उठा और सरपट गांव की तरफ भाग गया, लेकिन ये आदमी यादव नहीं था। वो इसी गांव का भूमिहार था। आधे घंटे के भीतर हमलावरों ने दर्जनों लोगों का गला रेत दिया। फिर हमलावरों ने एक-एक लाश को उलट पलटकर देखा। जिस लाश में जरा भी हरकत दिखी, उसे पहले गोली मारी और फिर कुल्हाड़ी से काट डाला। अब तक रात के 11.30 बज चुके थे। तीन-चार किलोमीटर की दूरी पर कुछ पुलिस वाले पेट्रोलिंग कर रहे थे। उन लोगों ने देखा कि पास के एक गांव में आग लगी है। ऊंची-ऊंची लपटें दिख रही। पुलिस फौरन उस तरफ चल पड़ी, लेकिन कुछ दूर बाद ही पता चला कि रास्ता ब्लॉक है। गड्ढे खोद दिए गए हैं। माओवादियों ने राह में पेड़ काटकर गिरा दिया था। रास्ते में कई जगह रुक रुक कर धमाके भी हो रहे थे। पुलिस आगे नहीं बढ़ पाई। इसी बीच गया के एसपी को वायरलेस पर मैसेज मिला- ‘साहब… टेकारी प्रखंड के बारा गांव में नक्सली हमला हो गया है। घरों आग लगा दी है। नक्सली फायरिंग कर रहे हैं। फौरन पुलिस भेजिए।’ एसपी सुनील कुमार फौरन 20-25 पुलिस वालों को लेकर बारा गांव के लिए निकल गए। थोड़ी देर बाद गांव के मुहाने पर ही उनकी नक्सलियों से झड़प हो गई। दोनों तरफ से कुछ देर तक लगातार फायरिंग होती रही। चार-पांच पुलिस वालों को गोली भी लग गई। अल सुबह 3 बजे पुलिस गांव में पहुंची। गांव में कोहराम मचा हुआ था। लोग बदहवास थे। घर के घर जल रहे थे। पुलिस थोड़ा आगे बढ़ी। टॉर्च जलाकर देखा तो नहर के पास कई अधकटी लाशें बिखरी पड़ी थीं। खेतों में हर जगह खून ही खून दिख रहा था। पुलिस को वहां लाल-पीले कई पर्चे मिले। जिस पर लिखा था- ‘MCC जिंदाबाद। अगर जमींदारों ने हमारे कैडर के लोगों के खिलाफ अत्याचार बंद नहीं किया, तो यही अंजाम होगा। और ज्यादा हमले होंगे। लाल सलाम जिंदाबाद।’ पुलिस ने एक-एक करके लाशों को हटाना शुरू किया। 10-12 लोग जिंदा मिले। गर्दन और शरीर के बाकी हिस्सों में जख्म के बाद भी उनकी सांसें चल रही थीं। एसपी सुनील कुमार ने पुलिस वालों से कहा- ‘फौरन थाने से गाड़ी बुलाओ। इन्हें अस्पताल ले जाओ।’ अब तक सुबह के 5 बज गए थे। अंधेरा छंट चुका था। गया के साथ-साथ औरंगाबाद और जहानाबाद से भी पुलिस की टीम गांव पहुंच चुकी थी। एसपी के साथ-साथ मगध रेंज के डीआईजी भी पहुंच गए थे। जब लाशें गिनी गईं, तो कुल 35 लोग मारे गए थे। जवान से लेकर बुजुर्ग तक सभी के सभी भूमिहार थे। भूमिहार यानी सवर्ण। आरोप लगा माओवादी संगठन MCC पर। ये 23 दिसंबर 1991 को गया जिले के बरसिम्हा गांव में हुई 11 दलितों की हत्या का बदला था। कहा जाता है कि दलितों की हत्या सवर्ण लिब्रेशन फ्रंट यानी SLF के लोगों ने की थी। बारा नरसंहार के वक्त केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री। बिहार में जनता दल की सरकार थी और मुख्यमंत्री लालू यादव। लालू को सत्ता संभाले अभी दो साल भी नहीं गुजरे थे। तब तक बिहार में जाति के नाम पर सेनाएं बन चुकी थीं। भूमिहारों की ब्रह्मर्षि सेना, राजपूतों की कुंवर सेना, कुर्मियों की भूमि सेना और यादवों की लोरी सेना। राज्य में जातीय नरसंहार का दौर शुरू हो चुका था। लालू को देखकर भीड़ पत्थर मारने लगी, सीएम बोले- मैं भी सेफ नहीं, चोट लगी है मुझे सुबह होते-होते बारा गांव पुलिस छावनी में बदल गया था। एयरलिफ्ट करके दिल्ली से पैरामिलिट्री के जवान बुलाए जा रहे थे। दोपहर में मुख्यमंत्री लालू यादव बारा पहुंचे। उनके साथ डीजीपी एके चौधरी भी थे। अब भी कई घरों में आग जल रही थी। सीएम ने फौरन फायर ब्रिगेड की गाड़ियां बुलाने को कहा। लालू आगे बढ़े, नरसंहार वाली जगह जाना चाहते थे कि भीड़ हिंसक हो गई। मुर्दाबाद, वापस जाओ के नारे लगाने लगी। महिलाओं ने तो लालू को मारने के लिए लाठी-डंडे उठा लिए। लोग पत्थर फेंकने लगे। बड़ी मुश्किल से उनके बॉडीगार्ड्स ने संभाला। काफी देर तक लालू और पुलिस अधिकारी गांव वालों को समझाते रहे, लेकिन भीड़ उन्हें सुनने को तैयार ही नहीं थी। गांव वालों को लगता था कि लालू अपनी जाति के लोगों को बचा रहे हैं। लालू ने गांव के बाहर जाकर एलान किया- ‘जो लोग मारे गए हैं, उनके परिवार को 1-1 लाख रुपए और एक शख्स को सरकारी नौकरी दी जाएगी।’ इसके बाद लालू पटना लौट गए। पटना पहुंचते ही लालू ने पत्रकारों से कहा- ‘मैं भी सेफ नहीं हूं। गांव के लोग मुझे पत्थर मार रहे थे। मुझे चोट भी लगी है।’ नरसंहार को लेकर BJP और कांग्रेस के कई नेता लालू का इस्तीफा मांग रहे थे। जगन्नाथ मिश्रा और पूर्व सीएम भागवत झा आजाद ने सरकार और प्रशासन पर आरोप लगाया- ‘नरसंहार से दो दिन पहले पुलिस गांव जाकर सभी लाइसेंसी और देसी हथियार जब्त कर ली थी। गांव के नजदीक ही पुलिस चौकी थी, उसे भी नरसंहार के पहले हटा दिया। यह सब कुछ साजिश के तहत किया गया।’ हालांकि, प्रशासन इन आरोपों को खारिज करते रहा। पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा ने तो अपनी ही पार्टी के नेता सीताराम केसरी को भी लपेट दिया। उन्होंने कहा कि केसरी ने बरसिम्हा में भाषण देकर लोगों को उकसाया था। विपक्ष तो मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांग ही रहा था। उसी दौरान पटना पहुंचे पूर्व पीएम चंद्रशेखर ने भी कह दिया- 'लालू को मुख्यमंत्री रहने का कोई अधिकार नहीं है। सरकार और पुलिस फेल है। बिहार में कानून व्यवस्था सबसे खराब है।' ये चंद्रशेखर का बड़ा बयान था, क्योंकि दो साल पहले चंद्रशेखर के समर्थन से ही लालू सीएम बने थे। नरसंहार के 8 दिन बाद यानी 20 फरवरी को केंद्रीय गृहमंत्री एसबी चह्वाण और कांग्रेस नेता सीताराम केसरी बारा गांव पहुंचे। गांव के बाहर ही भीड़ ने उन्हें घेर लिया। नारा लगाने लगे- ‘सीताराम केसरी लालू से मिला हुआ है। सीताराम केसरी वापस जाओ। लालू को बर्खास्त करो।’ गृहमंत्री ने समझाने की कोशिश की, पर गांव वाले कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे। आखिरकार दोनों को लौटना पड़ा। उसी दिन लालू ने पीएम पीवी नरसिम्हा राव से सीबीआई जांच की मांग कर दी, लेकिन केंद्र सरकार ने इजाजत नहीं दी। माओवादी संगठन ने भूमिहारों को ही चुन चुनकर क्यों मारा… इसकी बुनियाद में एक और नरसंहार की कहानी है… सीनियर जर्नलिस्ट कृष्णा चैतन्य इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली में लिखते हैं- ‘जमींदारों और मजदूरों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा था। 80 और 90 के दशक की शुरुआत में मंदिर आंदोलन और जातिगत आरक्षण का मुद्दा भी गरमाया हुआ था। बिहार में पिछड़े तबके के लालू यादव सीएम बने थे। सवर्णों को लगने लगा कि जल्द ही सत्ता से वे बेदखल कर दिए जाएंगे। तब महेंद्र प्रसाद सिंह राज्यसभा सांसद थे। भूमिहार जाति से थे। दबंग छवि थी। लोग उन्हें किंग महेंद्र कहते थे। उन्होंने भूमिहारों की निजी सेना सवर्ण लिब्रेशन फ्रंट यानी SLF को सपोर्ट करना शुरू कर दिया। बहुत जल्द SLF के पास अच्छी खासी रकम जमा हो गई। गया और जहानाबाद रीजन में उसका दबदबा हो गया। रामाधीर सिंह SLF का कमांडर था। वह खुले तौर पर कहता था कि उसने 100 नक्सलियों की हत्या की है। वह अपने समर्थकों से कहता था- ‘मेरा इतिहास मजदूरों की चिता पर लिखा जाएगा।’ सितंबर 1991 की बात है। जहानाबाद जिले के सावनबिगहा में 6 दलित मजदूरों की हत्या कर दी गई। आरोप रामाधार सिंह पर लगा। पुलिस की चार्जशीट में भी रामाधार सिंह का नाम था, लेकिन वह गिरफ्तार नहीं हुआ। इसको लेकर लेफ्ट संगठनों ने बवाल कर दिया। जहानाबाद में जगह-जगह प्रोटेस्ट हुए। इसके बाद SLF ने जहानाबाद के बजाय गया में फोकस करना शुरू कर दिया। अक्टूबर 1991 MCC के 9 लोग मारे गए। बदले में MCC ने भी रामाधार सिंह के 3 लोगों की हत्या कर दी। तब रामाधार सिंह ने नारा दिया- ‘एक के बदले 3 को मारेंगे।’ ठीक दो महीने बाद। बारा के पास ही बरसिम्हा में 11 दलितों की हत्या कर दी गई। आरोप भूमिहारों के संगठन SLF पर लगा। 8 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई, लेकिन पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया। 15 जनवरी 1992, MCC के लोग गया में प्रदर्शन कर रहे थे। इसी बीच रामाधार सिंह के एक आदमी हरिद्वार सिंह ने उन पर फायरिंग कर दी। इससे दोनों पक्षों में झड़प हो गई। MCC वालों की संख्या ज्यादा थी। उन्हें लगा कि वे SLF के लोगों को मार देंगे। पर अचानक हरिद्वार सिंह की तरफ से सैकड़ों लोग आग ए। MCC वालों को भागना पड़ा। MCC वालों ने इसके लिए बारा गांव के भूमिहारों को जिम्मेदार माना। सुरेंद्र यादव तब बेलागंज से जनता दल के विधायक थे। गया में उनका दबदबा था। लोग डरते थे। गया के डीएम, एसपी सुनील कुमार और मगध रेंज के डीआईजी बलबीर चंद लगातार सुरेंद्र यादव पर दबाव बना रहे थे। सुरेंद्र परेशान थे। वे कैसे भी करके इन अधिकारियों का तबादला करवाना चाहते थे। CM लालू यादव का फरमान था कि जिस एरिया में नरसंहार होगा, वहां के डीएम और एसपी हटा दिए जाएंगे। सुरेंद्र यादव ने इसका फायदा उठाने की कोशिश की। उसे लगा कि यहां नरसंहार हो गया, तो उसे इन अधिकारियों से छुटकारा मिल जाएगा। MCC में सुरेंद्र यादव की अच्छी खासी पैठ थी। उसने बारा गांव के पास के ही एक गांव में बैठक की। और बोला- ‘भूमिहारों ने हमारे गरीब मजदूरों की महिलाओं को अपने खेतों में काम पर लगा रखा है। जब तक हम अपने खेतों में उनके घरों की महिलाओं को काम पर नहीं लगाते, बदला पूरा नहीं होगा।’ इसकी रिकॉर्डिंग का ऑडियो टेप करके बरसिम्हा और आसपास के गांवों में सुनाया गया। सुरेंद्र, MCC के लोगों को समझा रहा था- ‘जब तक यहां के अधिकारी नहीं बदलेंगे, तब तक बरसिम्हा नरसंहार के दोषियों को सजा नहीं मिलेगी। इन अधिकारियों को हटाने के लिए कुछ तो करना ही पड़ेगा।’ 12 फरवरी 1992, MCC वालों को खबर मिली कि रामाधार सिंह और हरिद्वार सिंह बारा गांव में रुके हुए हैं। इसीलिए हमले के लिए उन लोगों ने 12 तारीख की रात चुनी। जबकि रामाधार 9 फरवरी से ही पटना में था। FIR में 136 से ज्यादा आरोपी, 4 दोषियों की फांसी को राष्ट्रपति ने उम्रकैद में बदला बारा नरसंहार मामले में टिकारी थाने में 36 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। बाद में इसमें 100 से ज्यादा लोगों के नाम जोड़े गए। हालांकि ट्रायल सिर्फ 13 लोगों का हुआ। इनमें 9 दलित थे। बाकी आरोपियों को पुलिस पकड़ नहीं पाई। 8 जून 2001, गया की स्पेशल TADA अदालत ने 9 लोगों को दोषी करार दिया। 4 को फांसी और 5 को उम्रकैद की सजा सुनाई। अगले साल यानी 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने भी चारों दोषियों की फांसी की सजा को बरकरार रखा। 2009 में कोर्ट ने 3 और दोषियों को फांसी की सजा सुनाई, लेकिन 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने तीन की फांसी को आजीवन कारावास में बदल दिया। अब कुल चार दोषियों को ही फांसी की सजा रह गई थी। 2017 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन चारों दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। 2015 में नरसंहार का मुख्य आरोपी रामचंद्र यादव यानी किरानी यादव पकड़ा गया, जो 1992 से ही फरार चल रहा था। 2023 में गया की विशेष अदालत ने उसे दोषी करार दिया और उम्रकैद की सजा सुनाई। साथ ही 3 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। कहा गया कि किरानी यादव ने अकेले 12 लोगों की हत्या की थी। बदले की आग में रणवीर सेना बनी, कांग्रेस के सवर्ण वोटर BJP में, दलित लालू की तरफ शिफ्ट हुए बारा नरसंहार के पहले 1987 में औरंगाबाद जिले में दलेलचक बघौरा नरसंहार हो चुका था। इसमें 54 राजपूतों की हत्या हुई थी। दोनों बड़े नरसंहारों को अंजाम MCC ने दिया था। MCC में ज्यादातर दलित और पिछड़ी जातियों के लोग थे। बदले की आग में जल रहे सवर्णों ने भी कई निजी सेनाएं बना लीं। बारा नरसंहार के बाद भूमिहारों और अगड़ी जाति के सवर्णों ने सितंबर 1994 में रणवीर सेना बनाई। भोजपुर के बेलाऊर गांव में इसकी नींव रखी गई। एक रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे शहरों से नौकरी छोड़-छोड़कर सवर्ण लड़कों ने रणवीर सेना जॉइन कर ली। उनकी जाति के रिटायर्ड फौजियों ने ट्रेनिंग दी। इसके बाद बिहार में दोनों तरफ से जातीय नरसंहार का सिलसिला शुरू हो गया। बैकवर्ड बनाम फॉरवर्ड की पॉलिटिक्स, कांग्रेस के वोटर्स कम होते गए इन नरसंहारों के बाद बिहार की राजनीति में फॉरवर्ड बनाम बैकवर्ड में बदल गई। राम मंदिर आंदोलन और बाद में लालू का साथ देने की वजह से दशकों तक कांग्रेस के सपोर्टर रहे सवर्णों का एक बड़ा तबका BJP की तरफ शिफ्ट हो गया। बेलछी के बाद कांग्रेस को जो दलितों का समर्थन मिला था, वो भी लेफ्ट और लालू में बंट गया। लालू, नीतीश और रामविलास पासवान अपनी-अपनी पिछड़ी जातियों के नेता बन गए। चूंकि लालू ने BJP नेता लालकृष्ण आडवाणी को रथयात्रा के दौरान गिरफ्तार कर लिया था। इस वजह से मुस्लिमों का झुकाव भी कांग्रेस से हटकर लालू की तरफ शिफ्ट हो गया। इसका असर चुनावों में भी दिखा। 1996 के लोकसभा में जनता दल को 22 सीटें मिलीं और BJP ने 18 सीटें जीत ली। जबकि 1991 में BJP के पास सिर्फ 5 सांसद थे। 1998 में BJP के 20 सांसद हो गए और 1999 के चुनाव में 23 सांसद। जबकि कांग्रेस 4 सीटें ही जीत पाई। इसके बाद बिहार में कांग्रेस लगातार कमजोर पड़ती गई। 1990 के बाद कांग्रेस बिहार में कभी मुख्य विपक्षी पार्टी भी नहीं बन पाई। नोट : (यह सच्ची कहानी पुलिस चार्जशीट, कोर्ट जजमेंट, गांव वालों के बयान, अलग-अलग किताबें, अखबार और इंटरनेशनल रिपोर्ट्स पर आधारित है। क्रिएटिव लिबर्टी का इस्तेमाल करते हुए इसे कहानी के रूप में लिखा गया है।) रेफरेंस : क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:38 am

हिंदू मोहल्ले में मुसलिम गुज्जर का डेरा खुलवाया विवाद हुआ:कांग्रेसी नेता को डेरा बंद करने को कह,आप-पार्टी के सरपंच पर हमला ,तीन घायल

फगवाड़ा के गांव भुल्लाराई में हिंदूओं के इलाके में कांग्रेसी नेता मुसलिम गुर्जरों का डेरा अपने प्लाट में बनवा रखा था। जिससे लेकर गांव के लोगों की ओर से सरपंच को शिकायत की तो सरपंच अपने पंच के पास कांग्रेसी नेता को सुनेहा भेजा की तुम रिहाइशी इलाके में गुर्जरों का डेरा बंद करवा दो । जिससे पशुओं के कारण पुरे मोहल्ले बदबू फैली हुई है। रिहाइशी इलाके में पशुओं का डेरा बनवाया बार बार इसको कहा जा रहा था इससे बिमारी फैल सकती है। दूसरी बात यह हिंदुओं का मोहल्ला है जहां पर मुसलिम को न रखा जाए। लेकिन कांग्रेसी नेता ने उनकी बात न मानी जबरन डेरा खुलवा रहा था। जब सरपंच रजत भनोट अपने पंचायत सदस्यों को साथ उससे बातचीत करने गया तो वहा पर सरपंच समेत कांग्रेसी नेता ने पंचायत के साथ गए लोगों पर हमला किया इस हमले में कांग्रेसी नेता और सरपंच के 2 साथी घायल हुए है। घायलों को सिविल अस्पताल भर्ती करवाया गया। घटना की सुचना पुलिस को दे दी गई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। हिंदू परिवारों के बीच जानबूझ कर मुसलिम गुजर को रखा जानकारी देते हुए गांव भुल्लाराई के सरपंच रजत भनोट ने बताया कि गांव के एक मोहल्ला ढक्की है जहां पर ज्यादा गिनती में हिंदू परिवार रहते है। हिंदू परिवार के घर के पास कांग्रेसी नेता गुरदियाल सिंह की ओर से अपने प्लाट में एक एक सोची समझी साजिश के तहत मुसलिम गुजर का डेरा बनवा रहा था। इसकी शिकायत ढक्की के लोगों ने उनको दी। जब मौके पर कांग्रेसी नेता से बात करने गए तो उन्होंने उनसे बहस शुरू कर दी बहस हाथा पाई में बदल गई। जिसमें कांग्रेसी नेता गुरदियाल सिंह और सरपंच पक्ष के 2 लोग घायल हो गए। कांग्रेसी नेता गुरदयाल सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सुबह 11:00 बजे के करीब गांव का सरपंच अपने साथियों सहित उनके घर आया तथा गुर्जरों के डेरे को वहां से हटाने के लिए बोलने लगा। मैंने कहा कि मैं गुर्जरों को अपने प्लॉट में रखा हुआ है, आपस में बहसबाजी के बाद झगड़ा शुरू हो गया। जिसमें वो घायल हो गया। दोनो पक्ष के लोगों को सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया। सिविल अस्पताल में दोनों पक्षों की हुई बहस सिविल अस्पताल में भी दोनों पक्ष आपस में बहसबाजी करने लगे। दोनों पक्षों के लोग सिविल अस्पताल में आपस फिर एक बार धक्का मुक्की हुए। वहा मौजूद लोगों ने उनको हटाया। सिविल चौकी में तैनात पुलिस वाले ने बहस बाजी होती देख थाना सिटी पुलिस की एसएचओ को फोन कर मौके पर बुलाया। मौके पर पहुंच उषा रानी दोनों साइड के लोगों को सिविल अस्पताल से बाहर जाने के लिए कहा। जिस कारण मौके पर थाना सिटी के एसएचओ उषा रानी पुलिस टीम सहित पहुंची तथा दोनों पक्ष के लोगों को झगड़ा करने से रोका। थाना सदर के एसएचओ करपाल सिंह भी अपनी टीम सहित मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:38 am

माता वैष्णोदेवी के लिए तीर्थयात्रा 31 जनवरी को जाएगी

सागर | वैष्णोदेवी तीर्थयात्रा पर जाने के इच्छुक लोग जनवरी में जा सकते हैं। मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन यात्रा के लिए 17 जनवरी तक आवेदन किए जा सकते हैं। यह यात्रा 31 जनवरी को जाएगी। इससे पहले अगस्त- सितंबर में वैष्णोदेवी तीर्थयात्रा के लिए आवेदन मंगाए थे, लेकिन उस समय वैष्णोदेवी क्षेत्र में भारी बारिश हुई थी। ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गए थे, इस कारण यात्रा में बदलाव कर द्वारिकाधीश यात्रा कर दिया था। अब फिर एकबार वैष्णोदेवी यात्रा का प्रस्ताव है। तीर्थदर्शन यात्रा पर जाने के लिए किए जा रहे आवेदन में आधार कार्ड नंबर अनिवार्य है। आवेदन साफ्ट कॉपी एवं हार्डकॉपी में कार्यालय में 17 जनवरी 2026 तक भेजना जरूरी है। यात्रियों द्वारा प्रस्तुत आवेदन पत्रों के साथ चिकित्सीय प्रमाण पत्र भी जमा किए जाएंगे।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:37 am

गेहूं फसल कहीं 15 तो कहीं 10 दिन की हो गई

भास्कर संवाददाता | उज्जैन गेहूं फसल के लिए मौसम अनुकूल हो गया। ठंड गिरने लगी है। कहीं 15 दिन तो कहीं 10 दिन का गेहूं होने से यह खेतों से बाहर झांकने लगी है। इस बार किसानों ने संपूर्ण खेत का रकबा गेहूं का ही रखा है और अधिक पैदावार वाली किस्म का गेहूं का बीज खेतों में डाला है। किसान कमल पटेल ने बताया कहीं पहले पानी दिया गया तो कहीं बाद में पहली सिंचाई कर दी गई है। अब तक के हालात गेहूं फसल के अच्छे बताए गए हैं। किसान हाकम सिंह आंजना ने बताया केंद्र सरकार के 2585 रुपए के भाव समर्थन दाम के घोषित होने से किसानों ने अन्य फसल की ओर ध्यान नहीं दिया है। देखा जाए तो गेहूं के लिए मालवा बेल्ट अनुकूल होने से पैदावार भी रिकॉर्ड मिलती है। इस समय मालवराज तेजस, लोकवन की अलग-अलग क्वालिटी वाला गेहूं खेतों में बोया गया है। गत वर्ष गेहूं की पैदावार बंपर होने से गेहूं के दाम किसानों को मनमाफिक मिले। बाजार में कीमत काबू में रहने से इस वर्ष महंगाई का सामना नहीं करना पड़ा, लेकिन यह जरूर की गेहूं सीजन में 200 रुपए महंगा बिका। उस दौरान सालभर की खरीदी करने वालों को 200 रुपए का महंगे भाव का फटका जरूर लग गया। इस समय गेहूं की उपलब्धता अधिक और कारोबार ठंडा होने से भाव में कोई तेजी मंदी भी नहीं हो रही है। इधर आटा वाले गज्जर क्वालिटी का गेहूं 15 से 20 रुपए महंगा खरीद कर सस्ता आटा बेच रहे हैं। शादी-विवाह का दौ‌र होने से आटे की मांग बढ़ने लगी है। उज्जैन लोकल में अनेक ब्रांड का आटा बिक रहा है। इधर मंडी में निर्मित तैयार आटा 890 का प्रति 30 किलो पैकिंग में बेचा जा रहा है। गेहंू की फसल जमीन से बाहर आ गई है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:36 am

बाहुबली आनंद मोहन- हत्या के लिए भीड़ को उकसाया:ब्राह्मण लड़की के रेपिस्‍ट का सिर काटकर घुमवाया; जेल मैनुअल में बदलाव के बाद रिहा हुए

बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार 20 बाहुबली या उनके परिवार के सदस्य खड़े हुए। इनमें से NDA के 10 और महागठबंधन से 3 बाहुबली जीते। बाहुबली आनंद मोहन के बेटे चेतन भी फिर से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। आनंद मोहन ने कभी ब्राह्मण लड़की के रेपिस्‍ट का सिर काटकर घुमवाया था। DM की हत्या के लिए भीड़ को उकसाया। जेल मैनुअल में बदलाव के बाद वे रिहा हुए थे। पढ़िए और देखिए आनंद मोहन की पूरी कहानी... 4 दिसंबर 1994, बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की सड़कों पर जनसैलाब उमड़ा हुआ था। हुजूम के बीचोंबीच था अगड़ी जाति के नेता छोटन शुक्‍ला का शव। लोग चीख रहे थे, 'बदला लेना होगा।' करीब 1 लाख लोग शवयात्रा में शामिल थे। इन्‍हें लीड कर रहा था मंच पर चढ़कर लाउडस्‍पीकर से बोल रहा एक शख्‍स। तभी वहां से लाल बत्ती लगी एंबेसडर गाड़ी गुजरी। इसमें गोपालगंज जिले के डीएम जी. कृष्णैय्या बैठे थे। वो पटना में एक मीटिंग से लौट रहे थे। गाड़ी में उनका एक ड्राइवर और एक बॉडीगार्ड भी था। आक्रोशित भीड़ ने गाड़ी रोक ली। माइक से आवाज आई, ‘चाहे डीएम हो या मुख्यमंत्री, हमारे सामने कोई अड़ेगा तो हम उसे नहीं छोड़ेंगे…।’ ये सुनकर लोगों ने गाड़ी पर पथराव शुरू कर दिया। गाड़ी में बैठे बॉडीगार्ड और ड्राइवर ने लोगों से कहा, ‘आप लोग ऐसा मत करिए। अंदर डीएम साहब बैठे हुए हैं…।’ भीड़ में से कुछ लोगों ने गाड़ी का दरवाजा खोला और डीएम कृष्णैय्या को नीचे उतार लिया। माइक से फिर आवाज आई, 'इन्‍हीं सरकारी लोगों की मिलीभगत से छोटन शुक्‍ला की हत्‍या हुई है।' भीड़ भड़क गई और डीएम कृष्‍णैय्या पर लात-घूंसे बरसाने शुरू कर दिए। जी.कृष्णैय्या ने लोगों से हाथ जोड़कर कहा, ‘मेरी कोई गलती नहीं है…। मैं तो इस जिले का डीएम भी नहीं हूं…। आप लोग ऐसा क्यूं कर रहे हैं? प्लीज मुझे छोड़ दीजिए…।’ मौके पर पुलिस मौजूद थी, लेकिन भीड़ बेकाबू हो चुकी थी। इस बार माइक से आवाज आई, 'बदला लेना है हमें….। रे भुटकन, मार दे गोली….।’ ये सुनते ही छोटन शुक्ला के दूसरे भाई भुटकन शुक्ला ने पिस्‍टल निकाली और बीच सड़क पर डीएम जी.कृष्णैय्या के सीने में 3 गोलियां उतार दीं। डीएम कृष्‍णैय्या ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। माइक से लोगों को भड़काने वाला शख्‍स थे इलाके का बाहुबली नेता आनंद मोहन सिंह। स्वतंत्रता सेनानी के घर जन्म हुआ, जेपी आंदोलन से मिली पहचान 26 जनवरी 1956, सहरसा के पनगछिया गांव में आनंद मोहन का जन्म एक राजपूत परिवार में हुआ। उनके दादा रामबहादुर सिंह स्वतंत्रता सेनानी रहे थे। इस कारण बचपन से ही घर में राजनीति, समाज शास्त्र और समाज सुधार के मुद्दों पर बात होती रहती थी। कम उम्र से ही वो सत्ता को चुनौती भी देने लगे थे। इसी दौरान सरकारें लगातार पिछड़ी जातियों को आगे बढ़ाने की बात कर रही थीं। आनंद मोहन इससे बहुत नाखुश थे। साल 1974, जेपी ने सरकार के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी थी। ‘सिंहासन खाली करो, जनता आती है…’ के नारे लगाते हुए जेपी के पीछे देशभर के युवा सड़कों पर उतर आए। इन्हीं युवाओं में शामिल थे 18 साल के आनंद मोहन सिंह। जेपी की ‘संपूर्ण क्रांति’ को उन्‍होंने अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया और कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। यही उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत थी। इमरजेंसी के दौरान वो 2 साल जेल में भी रहे और बाहर आकर समाजवादी नेता और फ्रीडम फाइटर परमेश्वर कुमार को अपना राजनीतिक गुरु बना लिया। आरक्षण के विरोध से बने अगड़ी जाति के हीरो 1978 में कर्पूरी ठाकुर ने पिछड़ी जातियों के लिए आरक्षण का भी ऐलान कर दिया था। इससे नाराज आनंद मोहन ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई को काले झंडे दिखाए। दूसरी ओर कई कम्युनिस्ट संगठन ऊंची जातियों के जमींदारों और किसानों को निशाना बना रहे थे। ऐसे में आनंद मोहन ने ऊंची जातियों की सुरक्षा का जिम्मा ले लिया। राजेश सिंह की किताब बाहुबलीज ऑफ इंडियन पॉलिटिक्‍स के अनुसार आनंद मोहन ने समाजवादी क्रांतिकारी सेना बनाई और अगड़ी जाति के युवाओं को उसमें शामिल होने के लिए बुलाने लगे। इस सेना को आनंद मोहन की प्राइवेट आर्मी भी कहा जाने लगा। आनंद मोहन युवाओं से कहते, ‘आरक्षण की वजह से हमारे समाज में वैसी ही फूट पड़ रही है जैसे ब्रिटिश सरकार ने हिंदू और मुसलमानों के बीच डाली और देश पर कब्जा किया, इसलिए हमें आरक्षण के खिलाफ लड़ाई करनी होगी।’ ये सेना ऊंची जाति के खिलाफ बोलने वालों के साथ मारपीट करती और अपने स्तर पर ही न्याय करने लगी। आरक्षण की मांग करने वाले लोगों के घरों में सेना के लोग घुस जाते और मारपीट करते। ब्राह्मण लड़की का रेप करने वाले का सिर काटकर पूरे गांव में घुमवाया वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया भैलारी बताते हैं, ‘उन दिनों मधेपुरा में एक सरकारी टीचर थे। उनकी बेटी के साथ कुछ गुंडों ने रेप किया और उसे चाकू मारकर फेंक दिया। लड़की ब्राह्मण परिवार से थी, इसलिए आनंद सिंह उसके फेवर में आ गए।’ आनंद मोहन ने अपनी सेना के लोगों से कहा, 'ये काम जिसका भी है, उसकी गर्दन कंधे से अलग करनी जरूरी है। हर हाल में इनका पता लगाओ।' समाजवादी क्रांतिकारी सेना ने पूरे गांव में पूछताछ शुरू कर दी। जैसे ही आरोपियों का पता चला, आनंद मोहन खुद करीब 50 लोगों के साथ वहां पहुंच गए। पहले तो आरोपियों को दबोचकर जमकर पीटा गया और आखिर में उनकी गर्दन धड़ से अलग कर दी गई। वो यहीं नहीं रुके। उनके कटे सिर तलवार की नोक पर पूरे गांव में घुमाए गए। स्‍थानीय लोगों के अनुसार, आनंद मोहन तलवार लहराते हुए चीख रहे थे- 'अगड़ी जाति को परेशान करने वालों का अंजाम सबको पता चलना चाहिए।' पहली बार आनंद मोहन का नाम आपराधिक मुकदमे में दर्ज हुआ। इसके बाद उनके खिलाफ कई और मुकदमे भी दर्ज हुए। अब पुलिस आनंद मोहन की तलाश में लग गई। ऐसे में, 1983 में वो आत्म-समर्पण के लिए सहरसा की अदालत में पहुंचे। वहां अगड़ी जाति के सैकड़ों लोग पहले से उनके समर्थन में इकट्ठा थे। वो समझ गए कि वो हीरो बन चुके हैं। 3 महीने बाद ही वो जेल से रिहा भी हो गए। पुलिस ने 25 हजार का इनाम रखा, सरेंडर कर जेल से विधायक बने आरक्षण का विरोध करने की वजह से आनंद मोहन सिंह राज्य सरकार के निशाने पर थे। उनके खिलाफ NSA यानी नेशनल सिक्योरिटी एक्ट, CCA यानी क्राइम कंट्रोल एक्ट और MISA यानी मेंटेनेंस ऑफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट में मामले दर्ज किए गए। लेकिन पुलिस के लिए उन तक पहुंचना मुश्किल था। उन्‍हें पकड़ने के लिए 1 हजार रुपए से लेकर 25 हजार रुपए तक के इनाम का भी ऐलान किया गया। 1990 में विधानसभा चुनाव होने थे। आनंद मोहन समझ गए थे कि आरक्षण के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए विधानसभा पहुंचना होगा। ऐसे में उन्‍होंने चुनाव से पहले सरेंडर कर दिया और जेल में रहकर जनता दल के टिकट पर महिषी से चुनाव लड़ा। अगड़ों का समर्थन तो था ही, बाहुबल के दम पर इलाके के पिछड़ों के वोट भी आनंद मोहन को मिले। इस चुनाव में आनंद मोहन ने कांग्रेस के कैंडिडेट को 62 हजार वोटों से हराया। लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री बने। BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विधायक बनने के बाद आनंद मोहन घोड़े की सवारी करते, तो कभी बंदूकों के साथ तस्‍वीरें अखबारों में छपने लगीं। उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का भी करीबी माना जाने लगा जो उनकी ही जाति के थे। मंडल कमीशन लागू हुआ तो जनता दल से नाता तोड़ा अगस्त 1990 में तत्कालीन प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू करने का आदेश दे दिया। इसके तहत केंद्र सरकार की नौकरियों और शिक्षण संस्‍थानों में OBC कैटेगरी के लिए 27% आरक्षण लागू हो गया। इस ऐलान के साथ ही देश में भारी बवाल शुरू हो गया। चारों ओर, ‘वीपी सिंह, हाय-हाय’ ‘मंडल कमीशन, हाय-हाय’, ‘मंडल कमीशन वापस लो’ के नारे सुनाई देने लगे। कई जगह हिंसक प्रदर्शन हुए। कहीं आगजनी हुई तो कहीं पुलिस ने लाठीचार्ज किया। सीधे तौर पर बिहार दो धड़ों में बंट गया। एक ओर लालू थे जो पिछड़ों के हक और उन्हें आगे बढ़ाने की बात करते थे और दूसरी ओर आनंद मोहन थे जो इसके विरोध में थे। आनंद मोहन ने खुद को जनता दल से अलग कर लिया। इसी के साथ ऊंची जाति के लोग आनंद मोहन को अपना मसीहा मानने लगे। पिछड़ों के नेता पप्पू यादव से दुश्‍मनी छिड़ी, जमकर मारकाट हुई रौबदार मूंछें, सफेद सफारी सूट और संसद के अंदर भी आंखों पर काला चश्मा। ये आनंद मोहन की पहचान थी। उनके समर्थक माथे पर पट्टी बांधकर घूमते, जिस पर लिखा होता, ‘मैं ही आनंद मोहन हूं।’ दूसरी ओर पिछड़ी जातियों के एक नेता पप्पू यादव उभर रहे थे। उनके समर्थक सड़कों पर नारा लगाते, ‘द्वापर में किशन-कन्हैया, कलियुग में पप्पू भईया।’ जहां आनंद मोहन मंडल कमीशन का विरोध कर रहे थे, पप्पू यादव मंडल कमीशन के समर्थन में खड़े हुए थे। दोनों के बीच दुश्मनी छिड़ गई। BBC की एक रिपोर्ट के अनुसार, आनंद मोहन और पप्‍पू यादव के समर्थकों के बीच आए दिन झड़प होने लगी। कई बार गोलीबारी भी हुई। जब भी ये दोनों नेता कहीं जाते, तो इस बात पर मुकाबला होता कि किसका काफिला ज्‍यादा लंबा होगा। 1991 में मधेपुरा के उपचुनाव में जनता दल के बड़े नेता शरद यादव मैदान में थे। पप्पू यादव ने उनका समर्थन किया और आनंद मोहन ने विरोध। 7 नवंबर 1991 को आनंद मोहन अपने हथियारबंद हुजूम के साथ मधेपुरा से गुजर रहे थे। जब काफिला जानकी नगर से गुजरा तो अचानक उन पर फायरिंग शुरू हो गई। आनंद मोहन की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गई। अंधाधुंध फायरिंग में आनंद मोहन के दो समर्थक मारे गए। आरोप पप्पू यादव पर लगा। आनंद मोहन के एक समर्थक के बयान पर पप्पू यादव और उनके 12 साथियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया। खुद की पार्टी बनाई, पत्‍नी लवली को सांसद बनाया साल 1993, राजेश सिंह की किताब ‘बाहुबलीज ऑफ इंडियन पॉलिटिक्‍स’ के अनुसार, आनंद मोहन अब ऊंची जाति के लोगों के भगवान थे। युवा उनके एक इशारे पर सड़कों पर उतर आते। जब उनका काफिला सड़क से गुजरता तो उनके आगे-पीछे बुलेट पर सवार सैकड़ों नौजवान साथ चलते। सभी के हाथों में हथियार होते। उस समय लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री थे। सवर्ण मानते थे कि वो बैकवर्ड समर्थक हैं, मुसलमान समर्थक हैं। ऐसे में वो सभी आनंद मोहन के सपोर्ट के लिए एक हो गए। इसका फायदा उठाकर आनंद मोहन जनता दल से अलग हो गए और अपनी बिहार पीपुल्स पार्टी यानी BPP बनाई। अगले ही साल 1994 में वैशाली लोकसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान हुआ। आनंद मोहन ने अपनी पत्नी लवली आनंद को इस सीट से BPP के टिकट पर मैदान में उतारा। धुआंधार प्रचार किया गया। लवली आनंद और आनंद मोहन की सभाओं में हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ने लगी। महज एक साल पुरानी पार्टी के चर्चे पूरे बिहार में थे। वैशाली की सीट से लवली आनंद ने जीत दर्ज की। अब तो BPP और आनंद मोहन का कद और बढ़ गया। एक न्‍यूज रिपोर्ट के अनुसार, उनका नाम अब लालू यादव के विकल्प के तौर पर लिया जाने लगा। इसके बाद आनंद मोहन साल 1996 में समता पार्टी के टिकट पर, फिर 1998 में राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर शिवहर से सांसद बने। अगड़ी जाति की भीड़ ने दलित IAS ऑफिसर की हत्‍या की बिहार पीपुल्स पार्टी ने 1995 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी। इस दौरान पार्टी से जुड़ा कौशलेंद्र शुक्ला उर्फ छोटन शुक्ला मुजफ्फरपुर का डॉन था। छोटन प्राइवेट आर्मी के भी सदस्य थे। वो सवर्णों के बीच काफी लोकप्रिय थे इसलिए आनंद मोहन के खास बन गए। कई मौकों पर आनंद मोहन ने उन्‍हें अपना भाई कहकर भी संबोधित किया। 3 दिसंबर 1994 को रात के लगभग साढ़े आठ बजे थे। छोटन शुक्ला केसरिया से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। वो चुनाव प्रचार करके अपनी एंबेसडर गाड़ी से घर लौट रहे थे। गाड़ी में शुक्ला के अलावा चार और लोग भी थे। जैसे ही गाड़ी मुजफ्फरपुर के संजय सिनेमा से गुजरी, पुलिस की वर्दी पहने कुछ लोगों ने उन्हें रोका। छोटन शुक्ला ने वजह पूछने के लिए गाड़ी का शीशा नीचे ही किया था कि उन पर AK-47 से फायरिंग शुरू हो गई। सफेद एम्‍बैसडर छोटन शुक्‍ला और उनके साथियों के खून से लाल हो गई। अफवाह उड़ी कि इस हत्या में राज्य सरकार से जुड़े लोगों का हाथ है और प्रशासन ने उनकी मदद की है। गुस्साए आनंद मोहन ने शहर के बीचोंबीच से छोटन शुक्‍ला की शवयात्रा निकाली। इस दौरान IAS जी.कृष्णैय्या वहां से गुजरे। गुस्‍साई भीड़ ने उनकी हत्‍या कर दी। इस मामले में आनंद मोहन ही मुख्‍य आरोपी बने क्‍योंकि वो ही मंच से भीड़ को उकसा रहे थे। ‘बाहुबलीज ऑफ इंडियन पॉलिटिक्‍स’ किताब के अनुसार, ‘आनंद मोहन की असली ताकत यही थी कि वो अगड़ी जाति के हक की बात उठाते थे और आरक्षण का विरोध करते थे। वहीं IAS जी. कृष्णैय्या SC कम्युनिटी से आते थे। छोटन शुक्ला की हत्या से उनका कोई लेना-देना नहीं था। भीड़ को उनके खिलाफ सिर्फ उनकी जाति के कारण भड़काया गया था। यही घटना आनंद मोहन के गले का फंदा बनी जिसके चलते उन्हें जेल जाना पड़ा।’ चुनाव में नीतीश की पार्टी को पीछे छोड़ा, फिर उन्‍हीं से हाथ मिलाया 1995 के विधानसभा चुनाव में आनंद मोहन तीन जगह से लड़ने के बावजूद हार गए, लेकिन उनकी पार्टी BPP का प्रदर्शन नीतीश कुमार की समता पार्टी से बहुत बेहतर था। ‘बाहुबलीज ऑफ इंडियन पॉलिटिक्‍स’ किताब के अनुसार बिहार की जनता आनंद मोहन को लालू प्रसाद यादव को टक्कर देने वाले नेता के तौर पर देखने लगी थी। इसके बाद नीतीश कुमार किसी भी तरह आनंद मोहन को अपनी ओर करना चाहते थे। ऐसा करके वो सवर्णों को साधने की फिराक में थे। इसी के चलते साल 1996 में BPP नीतीश कुमार की समता पार्टी में मिल गई। आनंद मोहन ने 1996 का लोकसभा चुनाव जेल से ही समता पार्टी के टिकट पर लड़ा और जीत दर्ज की। इस दौरान उनका नारा था, ‘संधि नहीं अब रण होगा, संघर्ष महा-भीषण होगा…।’ 1998 में वो एक बार फिर सांसद बने, लेकिन इस बार JDU के टिकट पर। अगले ही साल यानी 1999 में उन्‍होंने भारतीय जनता पार्टी जॉइन कर ली, लेकिन इस साल वो चुनाव नहीं जीत सके। इसके बाद वो कांग्रेस के साथ आ गए। पहली बार सांसद रहे नेता को फांसी की सजा सुनाई गई साल 2007, IAS जी.कृष्णैय्या की हत्या के मामले में निचली अदालत ने आनंद मोहन को भीड़ को उकसाने के आरोप में दोषी करार दिया और उन्‍हें फांसी की सजा सुनाई। ये पहला मामला था जब देश में किसी सांसद और विधायक रह चुके नेता को फांसी की सजा सुनाई गई हो। हालांकि 2008 में पटना हाईकोर्ट ने आनंद मोहन की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने भी पटना हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा। इस बार आनंद मोहन के पास जेल जाने के अलावा कोई चारा नहीं था। उन्‍होंने 2010 में अपनी पत्नी लवली आनंद को कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव और 2014 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़वाया, लेकिन दोनों ही बार लवली आनंद हार गईं। 2020 में लालू यादव की पार्टी ने आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद को शिवहर विधानसभा सीट से टिकट दिया। चेतन आनंद ये चुनाव जीत गए और MLA बने। इसके बाद आनंद मोहन आसानी से जेल से बाहर आते रहे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ऐसे भी कई मौके आए जब 6 महीने के अंदर उन्‍हें 3 बार पैरोल मिली। साल 2023 में वो अपने बेटे चेतन आनंद की सगाई में शामिल होने के लिए पैरोल पर बाहर आए। इस समारोह में बिहार की कई बड़ी हस्तियों ने हिस्सा लिया। नीतीश कुमार भी इस सगाई में पहुंचे थे। जेल मैनुअल में बदलाव किया गया, बाहर आया बाहुबली साल 2023, जनवरी का महीना। JDU के पार्टी इवेंट में नीतीश कुमार भाषण देने मंच पर पहुंचे, लेकिन वहां जुटी भीड़ आनंद मोहन की रिहाई की मांग करने लगी। इस पर नीतीश कुमार ने कहा, ‘आपको पता नहीं है, उनकी पत्नी से पूछ लीजिएगा कि हम क्या कोशिश कर रहे हैं। कुछ जानते ही नहीं हो, बिना बात के ही नारा लगा रहे हो। ये सबकी चिंता मत करो। हम लगे हुए है जी…। शांत रहो।’ इसके बाद से ही ये कयास शुरू हो गए कि आनंद मोहन रिहा हो सकते हैं, लेकिन इसमें एक कानून आड़े आ रहा था। दरअसल, बिहार प्रिजन मैनुअल 2012 नियम 481(i) के अनुसार समय से पहले रेपिस्ट, आतंकवादी और ऑन ड्यूटी सरकारी अफसर की हत्या करने वाले की रिहाई नहीं हो सकती थी। 10 अप्रैल 2023 को इस कानून में संशोधन किया गया। नीतीश सरकार ने मैनुअल में केवल ऑन ड्यूटी सरकारी अफसर की हत्या वाली लाइन को हटा दिया। इससे आनंद मोहन की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया। आखिरकार, 27 अप्रैल को आनंद मोहन जेल से बाहर आ गए। खुद को कलम का सिपाही मानते हैं आनंद मोहन एक इंटरव्यू में आनंद मोहन ने कहा, ‘लोग कहते हैं कि मैं हिंसा करता हूं, बाहुबल का इस्तेमाल करता हूं, लेकिन ऐसा नहीं है। मैंने हमेशा कलम को अपना हथियार बनाया है। 17 साल की उम्र में मैं ‘क्रांति दूत’ नाम के अखबार का संपादक था।’ जेल में रहते हुए ही आनंद मोहन ने ‘कैद में आजाद कदम’ नाम की किताब लिखी। इस किताब को संसद के ग्रंथालय में रखा गया है। इसके अलावा आनंद मोहन ने दशरथ मांझी के जीवन पर एक शॉर्ट स्टोरी भी लिखी है। एक रिपोर्ट के अनुसार, CBSE बोर्ड ने 8वीं क्लास के सिलेबस में इस शॉर्ट स्टोरी को शामिल किया है। आनंद मोहन चुनाव नहीं लड़ सकते हैं, लेकिन हाल ही में दिए एक बयान से वो चर्चा में आ गए। एक सामाजिक इवेंट के दौरान उन्‍होंने कहा, ‘बिहार के सत्ता के सिंहासन पर कौन बैठेगा, यह ‘भूरा बाल’ तय करेगा। अभी कोई चिराग पासवान से लड़ रहा है, कोई जीतन राम मांझी से। कोई नीतीश से तो कोई लालू से। पर अंत में ‘भूरा बाल’ वाले निर्णय करेंगे।’ **** स्‍टोरी संपादन - रविराज वर्मा (गैंगस्‍टर आनंद मोहन सिंह की कहानी अखबारों की रिपोर्ट्स, किताबों, वरिष्‍ठ पत्रकारों के संस्‍मरण और सरकारी अफसरों के इंटरव्यू के आधार पर लिखी गई है। इसे रोचक बनाने के लिए कहानी की तरह लिखा गया है।) रेफरेंस : ....................... क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। 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दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:36 am

महिला सांझी कार्यक्रम में नवरत्न महिला मंडल ने ​द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया

उज्जैन | नवरत्न महिला मंडल, उज्जैन ने इंदौर में आयोजित सांझी प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार प्राप्त किया। यह प्रतियोगिता उदयरत्न मसा की गणी पदवी निमित्त आयोजित की गई थी, जिसमें 15 महिला मंडलों ने भाग लिया था। नवरत्न महिला मंडल की अध्यक्ष पदमा जैन ने बताया प्रस्तुति में कविता जैन, पूनम, राजकुमारी, हेमा सालेचा, ममता बिजलीवाला, प्रीति सुराना, ईना, राखी, दिव्या और कोमल जैन ने भाग लिया था।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:36 am

ग्रामीण डाक सेवकों की सराहना, लक्ष्य प्राप्ति के लिए एकजुटता का अनुरोध

उज्जैन | भारतीय डाक विभाग की बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा और आगामी कार्ययोजना का निर्धारण किया गया। पोस्ट मास्टर जनरल प्रीति अग्रवाल ने ग्रामीण डाक सेवकों की भूमिका की सराहना की और लक्ष्य प्राप्ति के लिए एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया। डाक जीवन बीमा और पोस्ट ऑफिस खातों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले ग्रामीण डाक सेवकों और कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। उन्हें प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। बैठक में वित्तीय समावेशन, ग्राहक सेवा में सुधार और तकनीकी साधनों के प्रभावी उपयोग पर चर्चा की गई।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:36 am

विधिक​ सेवा सप्ताह : बाइक रैली निकाल कर आमजन को जागरूक किया

उज्जैन | विधिक सेवा दिवस के उपलक्ष्य में न्याय उत्सव विधिक सेवा सप्ताह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष पीसी गुप्ता की उपस्थिति में बाइक रैली का शुभारंभ एडीआर सेंटर जिला न्यायालय परिसर से किया गया। बाइक रैली में न्यायाधीशगण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, मंडल अभिभाषक संघ के अध्यक्ष और अन्य अधिवक्तागण उपस्थित थे। इस दौरान जन सामान्य को नालसा और सालसा द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी प्रदान की गई और नालसा निशुल्क हेल्पलाइन नंबर 15100 से अवगत कराया गया। विभिन्न कॉलेज और स्कूलों में निबंध, चित्रकला, क्विज और स्लोगन प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं। जिला न्यायाधीशों ने विद्यार्थियों को पोक्सो, साइबर सेफ्टी और गुड टच बेड टच विषयों पर जानकारी देते हुए जागरूक किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव मनोज कुमार भाटी ने श्रवण बाधित, दृष्टि बाधित और मानसिक रूप से विक्षिप्त विद्यालयों के विद्यार्थियों के मध्य शिविर आयोजित कर उन्हें बिस्किट के पैकेट वितरित किए।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:36 am

सिंहस्थ : हीट एक्शन प्लान बनने लगा

उज्जैन | सिंहस्थ 2028 का आयोजन गर्मी के मौसम में होना है। ऐसे में एचएपी (हीट एक्शन प्लान) भी बनाया जाने लगा है। सोमवार को जिला पंचायत सीईओ श्रेयांश कुमट की अध्यक्षता में बैठक की गई। हीट एक्शन प्लान में अत्यधिक गर्मी की घटनाओं के विरुद्ध तैयारी, शमन और अनुकूलन क्षमता को मजबूत करने को लेकर बातें हुई।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:35 am

सिंहस्थ से पहले तीन स्वास्थ्य केंद्रों का होगा पुनर्निर्माण

भास्कर संवाददाता | उज्जैन सिंहस्थ 2028 को देखते हुए शहर में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की दिशा में तीन प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र जीवाजीगंज, भेरूगढ़ और छत्री चौक स्थित इन केंद्रों के पुनर्निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। योजना है कि 2028 से पहले भवन तैयार हो जाएं, ताकि उपकरणों की स्थापना, फर्नीचर और स्टाफ की नियुक्तियां समय पर की जा सकें। इन इलाकों में बड़ी आबादी बसती है, जो फिलहाल प्राथमिक सेवाओं पर निर्भर है। नए भवन बनने के बाद क्षेत्रवासियों को बुनियादी इलाज के लिए जिला अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा। हालांकि निर्माण प्रक्रिया अभी टेंडर चरण में है, कुछ का होना बाकी भी है, जिसके चलते काम शुरू नहीं हो पाया। निर्माण कार्य अब अगले वर्ष से ही शुरू हो सकेगा। तीनों ही केंद्रों पर सीमित सुविधाएं हैं और बेड संख्या कम है। पुनर्निर्माण के बाद जहां-जहां जरूरत होगी, वहां बेड बढ़ाए जाएंगे और चरणबद्ध तरीके से डॉक्टर व स्टाफ की नियुक्तियां होंगी। योजना यह भी है कि नए भवन पूरी तरह संचालित होने से पहले मरीजों के लिए ओपीडी, आईपीडी और जांच का सेटअप तैयार कर दिया जाए। सीएमएचओ डॉ. अशोक पटेल के अनुसार जीवाजीगंज में चार मंजिला भवन का निर्माण होगा। भेरूगढ़ में 6 बेड वाले छोटे अस्पताल का निर्माण 1 करोड़ 75 लाख की लागत से किया जाएगा। छत्री चौक में 10 बेड का नया भवन प्रस्तावित है, जिसका बजट लगभग 24 करोड़ है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:35 am

बिहार के मुख्यमंत्री जो 108 बकरों के खून से नहाए:चारा घोटाले में जेल भी जाना पड़ा; आखिरी कांग्रेसी CM जगन्नाथ मिश्र की कहानी

बिहार में 20 नवंबर को नई सरकार बनने जा रही है। पटना के गांधी मैदान में नीतीश कुमार 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। बिहार के एक मुख्यमंत्री ऐसे भी हुए जिनके बारे में कहा गया कि उन्होंने तांत्रिकों की सलाह पर 108 बकरों की बलि दी और उनके खून से नहाए। पढ़िए और देखिए बिहार के आखिरी कांग्रेसी मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा की पूरी कहानी... किस्सा सितंबर 1982 का है। बिहार के अखबार इंडियन नेशन और आर्यावर्त में खबर छपी कि मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा ने यूपी-बिहार की सीमा पर एक अनुष्ठान कराया है। सीएम ने तांत्रिकों की सलाह पर 108 बकरों की बलि दी है। इन बकरों के खून से उन्होंने स्नान किया है, ताकि उनकी सत्ता बची रहे। इस खबर को लेकर पत्रकारों ने जगन्नाथ से सवाल किया, तो वे गुस्से से लाल हो गए। उन्होंने लगभग चिल्लाते हुए कहा- ‘फरेब है, ये सब बातें फरेब हैं।’ इसी दौरान कवि सर्वेश्वर दयाल ने अपनी मैगजीन दिनमान में एक तंज छापा। शीर्षक दिया- अखिल भारतीय बकरा यूनियन। इसमें उन्होंने लिखा- ‘जब से अखबार में यह खबर छपी है कि बिहार के मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा ने विपत्तियां टालने के लिए तांत्रिक की सलाह से 108 बकरों के खून से स्नान किया है। तब से इस देश के बकरों में काफी खलबली मच गई है। अखबार में छपी बात सच ही मानी जाती है। झूठ सच का पता लगाने के लिए कोई भागता नहीं फिरता। इस खबर से चिंतिंत होकर बकरों ने एक यूनियन बनाई है- ‘अखिल भारतीय बकरा यूनियन।’ उसके अध्यक्ष किसी जादूगर जैसी दाढ़ी फटकारते, गंधाते अभी दो दिन पहले ही सीढियों से उछलकर गिर पड़े हैं। दरअसल, जगन्नाथ मिश्र थे तो इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर, लेकिन नेता बनने के बाद ज्योतिष और कर्मकांड में रम गए थे। इतना रम गए थे कि दिनभर पूजा-पाठ करते रहते। घर में अनुष्ठान करवाते। दोनों हाथ की 10 उंगलियों में से 6 में वे अंगूठियां पहने थे। आस्था ऐसी कि दफ्तर और घर को गुलाबी रंग में रंगवा दिया था। जगन्नाथ का जन्म 24 जून 1937 को सुपौल के बलुआ बाजार गांव के एक मैथिल ब्राह्मण परिवार में हुआ था। पिता पं. रविनंदन मिश्र जमींदार थे। उनका ज्यादातर वक्त सामाजिक कामों और आजादी की लड़ाई में जाता। वहीं मां यमुना देवी घर-परिवार चलातीं। जगन्नाथ पांच भाइयों में सबसे छोटे थे। वे अपनी ऑटो-बायोग्राफी 'बिहार बढ़कर रहेगा' में लिखते हैं, 'मैंने शुरुआती पढ़ाई बलुआ बाजार में ही की। जब मैं 9वीं कक्षा में था, तो पिता का देहांत हो गया। उनके बाद बड़े भाई ललित नारायण ने मेरी जिम्मेदारी संभाली। मेरा ज्यादातर समय उन्हीं के साथ बीता।' 1953 में 10वीं करने के बाद जगन्नाथ, आचार्य विनोबा भावे के भूदान आंदोलन से जुड़ गए। जगन्नाथ लिखते हैं, 'मैं विनोबा भावे से इतना प्रभावित था कि छुट्टियों का ज्यादातर समय उन्हीं के साथ बिताता। भूदान आंदोलन में उनके साथ पैदल गांव-गांव घूमा। जब वे हमारे गांव आए तो मैंने अपने परिवार की एक हजार एकड़ जमीन दान में दिलवाई।' इकोनॉमिक्स में बीए और एमए करने के बाद जगन्नाथ मुजफ्फरपुर के एलएस कॉलेज में पढ़ाने लगे। इस बीच उनकी शादी पटना में रहने वाली वीणा से तय हो गई। 22 जून 1959 को उनकी शादी हुई। ललित बाबू से राजनीति सीखी; पहली बार चुनाव जीता, मंत्री भी बने 1964 में पीएचडी पूरी करने के बाद जगन्नाथ प्रोफेसर की नौकरी कर रहे थे। धीरे-धीरे वे राजनीति में भी सक्रिय हो गए। 1968 में उन्होंने बिहार विधान परिषद की मुजफ्फरपुर स्नातक सीट से निर्दलीय पर्चा भर दिया। वे अपनी ऑटो-बायोग्राफी में लिखते हैं, मैं ऐसा निर्दलीय उम्मीदवार था, जिसका परिवार कांग्रेस से जुड़ा था और वो नहीं चाहता था कि मैं ये चुनाव लड़ूं। ललित बाबू भी नहीं चाहते थे। फिर भी मैंने चुनाव लड़ा। बाद में ललित बाबू ने भी समर्थन दिया। तब ललित बाबू केंद्र सरकार में मंत्री थे। उनके प्रभाव से कांग्रेस के मंत्री, विधायकों और सांसदों ने जगन्नाथ के लिए लामबंदी की। चुनाव जीतकर जगन्नाथ बिहार विधान परिषद के सदस्य बने। जगन्नाथ लिखते हैं, 1969 के राष्ट्रपति चुनाव में ललित बाबू ने मुझे बिहार के विधायकों को एकजुट करने का आदेश दिया। यहीं से कांग्रेस में मेरी राजनीति की शुरुआत हुई। अगले ही साल मैं कांग्रेस का सदस्य बन गया। मार्च 1972 के विधानसभा चुनाव में ललित बाबू ने जगन्नाथ को टिकट दिलवा दिया। झंझारपुर सीट से चुनाव जीतकर वे विधायक चुने गए और पहली ही बार में मंत्री बन गए। तब उनकी उम्र महज 35 साल थी। बड़े भाई की बम धमाके में हत्या; 3 महीने बाद छोटे भाई जगन्नाथ बने मुख्यमंत्री साल 1975 और तारीख 2 जनवरी। जगह समस्तीपुर जंक्शन का प्लेटफॉर्म नंबर-तीन। समस्तीपुर से मुजफ्फरपुर के बीच बड़ी रेलवे लाइन का उद्घाटन कार्यक्रम। केंद्रीय रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र ने लाल फीता काटकर रेलवे लाइन शुरू की। फिर वे मंच पर चढ़े। वहां छोटे भाई जगन्नाथ और कुछ नेता पहले से मौजूद थे। ललित बाबू ने भाषण पूरा किया। उन्होंने कहा- 'मैं रहूं या न रहूं, बिहार बढ़कर रहेगा।' शाम करीब 6 बजे वे मंच से उतरने लगे। तभी भीड़ में से किसी ने मंच की ओर एक हैंड ग्रेनेड फेंका। जोरदार धमाका हुआ। 29 लोग घायल हुए। ललित बाबू और जगन्नाथ भी बुरी तरह जख्मी हुए। उन्हें दानापुर भेजने का फैसला किया गया। करीब 14 घंटे बाद वे दानापुर पहुंचे। रास्ते भर ललित बाबू कहते रहे कि ‘जगन्नाथ को देखो, उसकी हालत खराब है।’ दानापुर अस्पताल में डॉ. यू. एन. शाही ने उनका इलाज किया, लेकिन अगले दिन यानी 3 जनवरी 1975 को सुबह साढ़े 9 बजे ललित बाबू की मौत हो गई। हालांकि जगन्नाथ बच गए। आजादी के बाद पहली बार किसी केंद्रीय मंत्री की हत्या हुई थी। इस हादसे ने पूरे देश में सनसनी मचा दी। कहा जाने लगा कि ललित बाबू कुछ ऐसा जानते थे, जिससे कांग्रेस आलाकमान को दिक्कतें हो सकती थीं। इसे सियासी साजिश कहा जाने लगा। कांग्रेस के भीतर ही विरोध शुरू हो गया। 7 जनवरी 1975 को दिल्ली की एक रैली में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कहा, ‘कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता भी उनकी बातों में आ गए हैं, जो अफवाह फैलाकर राजनीतिक हित साध रहे हैं। कल को अगर मेरी हत्या हो जाती है, तो यही लोग कहेंगे कि मैंने ही अपनी हत्या की साजिश रची है।’ लेकिन बिहार में कांग्रेस नेतृत्व का संकट गहरा रहा था। जेपी आंदोलन के चलते कांग्रेस की साख पहले से दांव पर थी। ऐसे में इंदिरा को एक नए चेहरे की तलाश थी, जो डगमगाती कांग्रेस को बचा सके और सहानुभूति बटोर सके। इसके लिए इंदिरा ने एक सियासी दांव खेला। 5 अप्रैल 1975 को उन्होंने आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को पर्यवेक्षक बनाकर पटना भेजा। दोपहर 3 बजे पटना के सदाकत आश्रम में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई। राव ने ललित बाबू के छोटे भाई जगन्नाथ को सीएम बनाने का प्रस्ताव रखा। सभी ने हामी भर दी। ललित बाबू की हत्या के 3 महीने बाद 11 अप्रैल 1975 को जगन्नाथ मिश्र ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सीनियर जर्नलिस्ट संतोष सिंह अपनी किताब ‘रूल्ड ऑर मिसरूल्ड’ में लिखते हैं, ‘38 साल के नौजवान जगन्नाथ मिश्र तब तक मंत्री पद संभाल चुके थे, लेकिन वह सीएम के लिए कभी कतार में नहीं थे।’ गांधी परिवार के करीबी बने, लेकिन इमरजेंसी हटते ही सरकार बर्खास्त हो गई 25 जून 1975 को प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लगा दी। बिहार में जेपी आंदोलन को खत्म करने का जिम्मा सीएम जगन्नाथ के हाथों में था। उन्होंने आंदोलनकारियों की धर-पकड़ शुरू की। नीतीश कुमार, लालू यादव, रामविलास पासवान, सुशील कुमार मोदी, शिवानंद तिवारी जैसे छात्र नेताओं को जेल में डाला गया। इमरजेंसी के दौर में सत्ता का असली केंद्र संजय गांधी बन चुके थे। जल्द ही जगन्नाथ ने संजय को साध लिया। फिर वे इंदिरा के भी करीबी बन गए। बिहार में कांग्रेसी नेताओं की नाराजगी के बीच दिल्ली दरबार में जगन्नाथ की पकड़ मजबूत हो गई। 21 महीने बाद इमरजेंसी खत्म हुई और लोकसभा चुनाव हुए। कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई। जनता पार्टी की सरकार बनी और मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री। उन्होंने बिहार समेत 9 राज्यों की सरकारों को बर्खास्त कर दिया और तर्क दिया कि इन सरकारों ने जनता का समर्थन खो दिया है। इसके बाद राज्यों में चुनाव हुए। बिहार में जनता पार्टी की सरकार बनी और कर्पूरी ठाकुर मुख्यमंत्री बने। वहीं जगन्नाथ अपनी झंझारपुर सीट से जीते और नेता प्रतिपक्ष बने। भाभी के कारण पहला लोकसभा चुनाव हारे; बाद में दोबारा सीएम बने साल 1980, आम चुनाव हो रहे थे। जगन्नाथ झंझारपुर लोकसभा सीट से खड़े हुए। उनके सामने उनकी भाभी यानी ललित बाबू की पत्नी कामेश्वरी भी लड़ गईं। दरअसल, ललित बाबू की हत्या के बाद उनके परिवार ने जगन्नाथ से बातचीत बंद कर दी थी। भाभी कामेश्वरी ने तो ये आरोप तक लगाए कि बड़े भाई की मौत के बाद जगन्नाथ को इनाम में सीएम की कुर्सी मिली। चुनाव प्रचार में भी कामेश्वरी कहतीं, ‘जब से ललित बाबू गुजरे हैं, तब से जगन्नाथ ने हमारा ख्याल नहीं रखा।’ उन्होंने पोस्टर लगवाए, जिन पर लिखा गया- ‘बेटी और बहन अपने नैहर (मायके) से कभी खाली हाथ नहीं लौटती। यह हमारी परंपरा है। आप मुझे निराश नहीं करेंगे।’ भाभी के सामने चुनाव लड़ने से जगन्नाथ असहज थे। कई दिनों तक वे प्रचार के लिए भी नहीं गए। नतीजे आए तो कामेश्वरी देवी करीब 84 हजार वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रहीं। वहीं जगन्नाथ मिश्र 45 हजार के अंतर से हार गए। हालांकि केंद्र में कांग्रेस की सत्ता आई और इंदिरा गांधी फिर से प्रधानमंत्री बनीं। उन्होंने बिहार समेत 9 राज्यों की गैर-कांग्रेसी सरकारों को बर्खास्त कर दिया और मोरारजी वाला तर्क दिया कि ये सरकारें जनता का समर्थन खो चुकी हैं। मई 1980 में बिहार में नए सिरे से चुनाव हुए। 324 में से 169 सीटें जीतकर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी। अब बारी थी मुख्यमंत्री चुनने की। पूरा चुनाव बिहार कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व सीएम केदार पांडेय के चेहरे पर लड़ा गया था। सो सीएम के लिए उनका नाम सबसे आगे चल रहा था, लेकिन जगन्नाथ मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने एक दांव खेला। गांधी परिवार से अपनी नजदीकियों को भुनाया और संजय गांधी को अपने पक्ष में लामबंद किया। जून 1980 में एक दिन सदाकत आश्रम में कांग्रेस विधायक दलों की बैठक हुई। तयशुदा स्क्रिप्ट के तहत बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि विधायक दल का नेता चुनने का फैसला पार्टी आलाकमान करेगा। आलाकमान ने जगन्नाथ मिश्र के नाम का ऐलान कर दिया। इस तरह 8 जून 1980 को जगन्नाथ मिश्र ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। जगन्नाथ के सामने दावेदारी कर रहे केदार पांडेय को बाद में केंद्र सरकार में रेल मंत्री बना दिया गया। इंदिरा का विरोध किया, तो सीएम की कुर्सी खाली करनी पड़ी 10 जून 1980 को जगन्नाथ मिश्र ने दूसरे कार्यकाल की पहली कैबिनेट मीटिंग की। उन्होंने उर्दू को बिहार की दूसरी आधिकारिक भाषा बनाने का वादा किया। 19 सितंबर 1980 को इस पर मुहर भी लग गई। इस फैसले से बिहार में सैकड़ों उर्दू ट्रांसलेटरों की भर्ती हुई। जगन्नाथ मुस्लिमों के सबसे बड़े नेता बन गए। जब भी वे दौरे पर जाते तो किसी मुस्लिम के घर ही खाना खाते। लेकिन जगन्नाथ को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा। उनके अपने ही मिथिलांचल क्षेत्र में उनका विरोध होने लगा। सियासी गलियारे में उन्हें ‘मौलाना मिश्रा’ कहा जाने लगा। इस बीच बिहार कांग्रेस में मौजूद एंटी-जगन्नाथ खेमे ने राजीव गांधी से नजदीकियां बढ़ा लीं। इसमें सबसे बड़ा नाम सीताराम केसरी का था। सीताराम और जगन्नाथ के बीच लंबे वक्त से अदावत चल रही थी। इन सब के चलते दिल्ली दरबार में जगन्नाथ की कम सुनी जाने लगी। 31 जुलाई 1982 को जगन्नाथ ने विधानसभा में बिहार प्रेस बिल पेश किया। बिल के मुताबिक अगर राज्य सरकार के खिलाफ संवेदनशील लेख छापा तो पत्रकारों को 5 साल तक जेल होगी और जुर्माना देना पड़ेगा। इसके बाद पूरे देश में हंगामा मचा गया। ज्यादातर अखबारों ने बिहार में छपाई रोक दी। हंगामा बढ़ता देख जगन्नाथ ने बिल वापस ले लिया। बाद में जगन्नाथ मिश्र ने खुलासा किया कि आर्यावर्त और इंडियन नेशन दोनों अखबार ने ऐसी मनगढ़ंत कहानी लिखकर मेरा जीना दूभर कर दिया कि मैं खून से नहाता हूं। नकद देखे बिना दांत नहीं मांजता, लेकिन प्रेस बिल की असलियत कुछ और थी। मैं इंदिरा गांधी को खुश करने के लिए प्रेस बिल लाया था, जिसका मुझे अफसोस हुआ।’ फिर साल आया 1983 का। केंद्र की इंदिरा सरकार नई मिनरल पॉलिसी लाई। जगन्नाथ इससे काफी खफा थे। उन्होंने इस पॉलिसी के विरोध में बिहार विधानसभा में दो घंटे तक भाषण दिया। तर्क दिया कि एक खरीदार होने के नाते केंद्र सरकार को बिहार के खनिजों पर रॉयल्टी तय करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। इंदिरा को ये बात इतनी बुरी लगी कि उन्होंने जगन्नाथ को दिल्ली तलब कर लिया। 3 हफ्तों के भीतर ही जगन्नाथ को इस्तीफा देना पड़ा। स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पहले यानी 14 अगस्त 1984 को उन्हें सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी। भागलपुर दंगे के बाद मुस्लिमों को साधने के लिए तीसरी बार सीएम बने साल 1989 और तारीख 24 अक्टूबर। भागलपुर में हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़क गए। करीब दो महीनों तक ये दंगे हुए। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इसमें 1070 लोग मारे गए। हालांकि दावा किया जाता है कि 2000 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इनमें से से ज्यादातर मुस्लिम थे। करीब 12 हजार घर जला दिए गए। 50 हजार लोग पलायन कर गए। दंगों के बीच 22-26 नवंबर 1989 को लोकसभा चुनाव हुए। 1 दिसंबर को नतीजे आए तो कांग्रेस बहुमत से काफी पीछे रही। महज 197 सीटें जीत पाई और सत्ता से बाहर हो गई। राजीव गांधी को प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी। वहीं बिहार की 54 में से 4 सीटों पर कांग्रेस सिमट गई। हार का ठीकरा सीएम सत्येंद्र नारायण सिन्हा पर फूटा और 5 दिन बाद ही इस्तीफा ले लिया गया। राजीव ने बिहार में हालात सुधारने और मुस्लिमों को साधने के लिए फिर से जगन्नाथ मिश्र पर भरोसा जताया। दरअसल, जगन्नाथ की मुस्लिमों में अच्छी पकड़ थी। उन्हीं ने उर्दू को राजकीय भाषा का दर्जा दिया था। कांग्रेस को लगता था कि इससे नाराज मुस्लिमों पर कुछ मरहम लग जाएगा। 6 साल बाद 6 दिसंबर 1989 को जगन्नाथ तीसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने सत्ता संभालते ही ताबड़तोड़ फैसले लिए। सरकारी कॉलेज-यूनिवर्सिटी खोले, शिक्षकों की सैलरी और मदरसों का फंड बढ़ाया, तमाम योजनाएं शुरू कीं। पूरे बिहार का दौरा कर कांग्रेस का माहौल बनाने की कोशिश की, लेकिन कुछ काम नहीं आया। 3 महीने बाद हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह हारी और 71 सीटों पर सिमट गई। जनता दल ने 122 सीटों के साथ सरकार बनाई। लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री बने और जगन्नाथ नेता प्रतिपक्ष। तब से कांग्रेस बिहार में अपने बूते सरकार नहीं बना पाई। बाबरी ढही तो खूब रोए; बाद में कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बनाई 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में आंदोलनकारियों ने बाबरी मस्जिद ढहा दी। जगन्नाथ अपनी ऑटो-बायोग्राफी 'बिहार बढ़कर रहेगा' में लिखते हैं, जिस दिन बाबरी मस्जिद ध्वस्त हुई थी, उस दिन मैं काफी रोया था। प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव से मैंने निवेदन किया कि मस्जिद बनवा दीजिए। अभी तुरंत संभव न हो तो बाद में ही सही। मस्जिद बनवाने से हो सकता है कि हम चुनाव हार जाएं, लेकिन भविष्य में देश की एकता और अखंडता के लिए लोगों में एक अच्छा संदेश जाएगा। 1994 में राव ने जगन्नाथ को राज्यसभा के रास्ते दिल्ली बुला लिया। एक साल बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री बना दिया। ग्रामीण क्षेत्र और रोजगार मंत्रालय मिला। बाद में कृषि मंत्रालय भी मिला। सब कुछ ठीक चल ही रहा था कि नवंबर 1996 में सीताराम केसरी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। जगन्नाथ और केसरी के बीच बीते तीन दशकों से अदावत चल रही थी। ऐसे में जगन्नाथ ने कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया। दशकों तक खानदानी कांग्रेसी और गांधी-नेहरू परिवार के करीब होने के बावजूद जगन्नाथ ने 1997 में कांग्रेस छोड़ अपनी नई पार्टी बनाई। नाम रखा- बिहार जन कांग्रेस, लेकिन 2000 के विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद जगन्नाथ ने बिहार जन कांग्रेस का विलय शरद पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) में कर दिया। इसी बीच, जगन्नाथ चारा घोटाले में घिरने लगे। घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने मुख्यमंत्री लालू यादव, पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र समेत 55 लोगों को आरोपी बनाया। जगन्नाथ और लालू को जेल भी जाना पड़ा। बाद में जगन्नाथ ने कहा कि चारा घोटाले में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के कहने पर लालू यादव का और कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी के कहने पर मेरा नाम जोड़ा गया। जिंदगी भर खानदानी कांग्रेसी रहे, आखिर में बीजेपी में आ गए 2004 में आम चुनाव से पहले जगन्नाथ JDU में चले गए। झंझारपुर लोकसभा सीट से उन्होंने चौथी बार चुनाव लड़ा, लेकिन 13 हजार वोट से हार गए। फिर अक्टूबर 2005 में विधानसभा चुनाव हुए। JDU ने जगन्नाथ के बेटे नीतीश मिश्र को झंझारपुर से चुनाव लड़ाया और वे जीत गए। JDU की सरकार बनी और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। नीतीश मिश्र को गन्ना मंत्रालय का जिम्मा मिला। 2010 में फिर से वे बिहार सरकार में मंत्री बने। इसी दौरान चारा घोटाले की सुनवाई होती रही। 2013 में रांची की सीबीआई कोर्ट ने चारा घोटाले में जगन्नाथ मिश्र समेत 44 लोगों को सजा सुनाई। जगन्नाथ को 4 साल की जेल और 2 लाख रुपए का जुर्माना भरने को कहा गया। हालांकि कुछ समय बाद झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी, लेकिन उनके चुनाव लड़ने पर रोक लग गई। 2015 में बेटे नीतीश के साथ जगन्नाथ बीजेपी में शामिल हो गए। 19 अगस्त 2019 को दिल्ली में जगन्नाथ मिश्र का निधन हो गया। 82 साल के जगन्नाथ लंबे वक्त से कैंसर से जूझ रहे थे। मृत्यु से एक घंटे पहले उन्होंने अपने बड़े बेटे डॉ. संजीव कुमार मिश्र से कहा कि मेरा अंतिम संस्कार अपने गांव बलुआ बाजार में ही करना। जगन्नाथ की अंतिम इच्छा के मुताबिक 20 नवंबर को बलुआ बाजार में ही उनका अंतिम संस्कार हुआ। सीएम नीतीश कुमार से लेकर सरकार के तमाम मंत्री, विधायक वगैरह वहां पहुंचे। इस दौरान जगन्नाथ मिश्र को बंदूकों से सलामी देने की तैयारी भी हुई। बिहार पुलिस के जवानों ने 22 राइफलें तानीं, लेकिन एक भी गोली नहीं निकली। हालांकि ये बात आई-गई हो गई। कांग्रेस से राजनीति की शुरुआत करने वाले जगन्नाथ मिश्र आखिरी दिनों में बीजेपी और मोदी समर्थक हो गए। जाते-जाते वे अपनी राजनीतिक विरासत बेटे नीतीश को सौंप गए। आज नीतीश बिहार सरकार में उद्योग मंत्री हैं और बीजेपी के बड़े नेता हैं। ..................... क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:35 am

5 साल का हिसाब-किताब: कौन विधायक 'पास', कौन 'फेल'?:तेजप्रताप, अनंत सिंह पूछ न पाए एक भी सवाल, बिहार के 15 MLA रहे 'मौन', देखिए रिपोर्ट

लोकतंत्र के महापर्व के बीच 17वीं बिहार विधानसभा नवंबर 2020-25 का कार्यकाल अब पूरा हो चुका है। जनता ने मौजूदा बिहार विधानसभा चुनाव में भारी मतों से अपनी NDA को चुन लिया है। बहुमत मिलने के बाद अब NDA गठबंधन नई सरकार के गठन के लिए आगे की प्रक्रिया में जुट गई है। इससे पहले कि 18वीं विधानसभा अपना कार्यकाल शुरू करे, हम एक बार पिछली विधानसभा के 243 विधायकों के 'रिपोर्ट कार्ड' पर एक नजर डालते हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और बिहार इलेक्शन वॉच ने 17वीं विधानसभा के कामकाज का एक डिटेल्ड एनालिसिस जारी किया है। बिहार विधानसभा सचिवालय से मिले RTI और आधिकारिक डेटा के आधार पर तैयार किया है। यह रिपोर्ट बताता है कि पांच साल में आपके 243 में से कुछ विधायकों ने सवालों की झड़ी लगा दी तो दूसरी ओर 15 माननीय ऐसे भी रहे, जिनके खाते में एक भी सवाल दर्ज नहीं हुआ। 17वीं विधानसभा में कानून बनाने की 'रफ्तार' इतनी तेज थी कि 99 के 99 बिल एक ही दिन में पास कर दिए गए। अधिकतर विधायक तो 'मौन' रहकर सिर्फ कार्यवाही का हिस्सा बने रहे। इन एजेंसियों की एनालिसिस कई चौंकाने वाली आंकड़े भी पेश करती है। सबसे पहले जानते हैं 17वीं बिहार विधानसभा में आपके नेताओं का प्रदर्शन कैसा रहा... विधानसभा की 'हाजिरी': साल में औसतन सिर्फ 29 दिन बैठक किसी भी विधायक के प्रदर्शन को मापने से पहले यह जानना जरूरी है कि उन्हें काम करने का मौका कितना मिला। 17वीं बिहार विधानसभा ने नवंबर 2020 से जुलाई 2025 के बीच कुल 15 सत्र आयोजित किए। इन 15 सत्रों में सदन की कुल 146 बैठकें हुईं। इसका मतलब है कि इन पांच सालों में बिहार विधानसभा में प्रतिवर्ष औसतन सिर्फ 29 दिन की बैठक हुई। यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है। बिहार जैसे राज्य में, जहां मुद्दों की भरमार है, क्या साल में औसतन 29 दिन की बैठक जनसमस्याओं पर चर्चा और कानून बनाने के लिए काफी है? यह एक बड़ा सवाल है, जो हमारी व्यवस्था की गंभीरता को दिखाता है। इन पांच वर्षों में सबसे लंबा सत्र दूसरा और पांचवां सत्र था। इनमें 22-22 बैठकें हुईं, जबकि कई सत्र सिर्फ 5 बैठकों में सिमट गए। दल-बदल का खेल: 17 विधायकों ने बदली पार्टियां 17वीं विधानसभा का कार्यकाल राजनीतिक अस्थिरता का भी गवाह रहा। ADR की रिपोर्ट बताती है कि 2020 के चुनावों के बाद से 17 वर्तमान विधायकों ने अपनी पार्टियां बदलीं। इसमें RJD से BJP में जाना, JDU से RJD में आना, AIMIM के विधायकों का RJD में शामिल होना और INC विधायकों का BJP में जाना शामिल है। यह दलबदल दिखाता है कि विधायकों की राजनीतिक निष्ठा कितनी अस्थिर रही। इसका सीधा असर सदन की स्थिरता और सरकार के कामकाज पर पड़ता है। 'सवालों' के सिकंदर: कौन टॉप पर और कौन रहे 'खामोश' एक विधायक के पास सरकार को जवाबदेह ठहराने का सबसे बड़ा हथियार होता है 'सवाल पूछना'। विधानसभा सत्र के दौरान सदन में पूछे गए 'तारांकित प्रश्न', जिनका मंत्री मौखिक उत्तर देते हैं। दूसरा 'अतारांकित प्रश्न', जिनका लिखित उत्तर मिलता है। यही उनके काम का असली पैमाना है। 17वीं विधानसभा के आंकड़ों के मुताबिक, 251 विधायकों (उप-चुनावों सहित) ने मिलकर कुल 22,505 सवाल पूछे। सदन का औसत प्रति विधायक 179 प्रश्न रहा। लेकिन असली कहानी इस औसत में नहीं, बल्कि टॉपर्स और फेलियर्स की लिस्ट में है। A) टॉप 15 'सक्रिय' विधायक: जिन्होंने सबसे ज्यादा आवाज उठाई इस कार्यकाल में ऐसे 15 विधायक रहे, जिन्होंने सदन में सबसे ज्यादा सवाल पूछकर अपनी सक्रियता का परिचय दिया। इस सूची में BJP, RJD, INC और वामपंथी दलों के विधायक शामिल हैं। यह दिखाता है कि विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के भी कुछ विधायक अपने क्षेत्र के मुद्दों को लेकर सजग रहे। टॉपर्स का एनालिसिस: B) 15 'खामोश' माननीय: जिनके खाते में 'शून्य' सवाल हैं अब बात करते हैं रिपोर्ट कार्ड के दूसरे पहलू की। 17वीं विधानसभा में 15 विधायक ऐसे भी थे, जिन्होंने पांच साल के कार्यकाल में एक भी सवाल नहीं पूछा। 'शून्य' सवालों का सच: क्या यह 'फेल' हैं? पहली नजर में यह सूची चौंकाती है। एक भी प्रश्न नहीं पूछने वालों में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी, RJD सुप्रीमो के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव और BJP के कद्दावर नेता नितिन नवीन जैसे बड़े नाम शामिल हैं। वजह 1: मंत्री नहीं पूछते सवाल ऐसे विधायक, जो मंत्री पद पर होते हैं। वह सरकार का हिस्सा होते हैं। इसलिए उनका काम सदन में सवालों का 'जवाब' देना होता है, 'सवाल पूछना' नहीं। इस 'शून्य' सूची में शामिल ज्यादातर नाम (जैसे बिजेंद्र प्रसाद यादव, लेसी सिंह, मदन साहनी, मो. जमा खान, नितिन नवीन, शीला कुमारी, श्रवण कुमार, सुरेंद्र प्रसाद यादव, तेज प्रताप यादव, सुमित कुमार सिंह), इस 5 साल के कार्यकाल के दौरान कभी न कभी मंत्री रहे हैं। जो विधायक पांच साल मंत्री रहे, उनका सवाल न पूछना संवैधानिक प्रक्रिया के तहत लापरवाही नहीं है। लेकिन, विपक्ष में आने के बाद और मंत्री पद पर नहीं रहते हुए सदन में सरकार से प्रश्न न पूछना, उनकी सक्रियता पर सवाल खड़े करता है। वजह 2: अयोग्यता या मृत्यु बिहार में 5 साल में तीन बार सरकार बदली बिहार में 2020 से 2025 तक नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहे हैं, लेकिन इस दौरान उनकी सरकार के गठबंधन सहयोगी बदलते रहे। इस अवधि में बिहार में तीन अलग-अलग गठबंधन सरकारें बनीं, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही रहे। - 2020 का चुनाव जीतकर बनाई NDA सरकार सबसे पहले नवंबर 2020 से अगस्त 2022 तक बिहार में NDA सरकार थी। चुनावों के बाद, जनता दल (यूनाइटेड) यानी JDU और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने सरकार बनाई। नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। - अगस्त 2022 में महागठबंधन के साथ जदयू की नई पारी अगस्त 2022 में, नीतीश कुमार ने NDA से गठबंधन तोड़ दिया और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेतृत्व वाले 'महागठबंधन' के साथ मिलकर नई सरकार बनाई। इस सरकार में भी नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बने रहे, जबकि तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने। - जनवरी 2024 में फिर BJP के साथ वर्तमान सरकार बनाई जनवरी 2024 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पाला बदला। उन्होंने महागठबंधन सरकार से इस्तीफा दे दिया और वापस BJP के नेतृत्व वाले NDA के साथ आ गए। उन्होंने NDA के मुख्यमंत्री के रूप में फिर से शपथ ली और वर्तमान (अक्टूबर 2025) तक इसी पद पर हैं। किस पार्टी के MLA ने उठाए सबसे ज्यादा मुद्दे? विधायकों की व्यक्तिगत सक्रियता के अलावा, यह देखना भी जरूरी है कि एक पार्टी के तौर पर कौन सा दल कितना सक्रिय रहा। ADR की रिपोर्ट ने सभी दलों के विधायकों द्वारा पूछे गए सवालों का औसत निकाला है। यह सूची साफ दिखाती है कि वामपंथी दल CPI-ML(158), CPI-M(125) और कांग्रेस (136) के विधायक सवाल पूछने के औसत में सबसे आगे रहे। मुख्य विपक्षी दल RJD (94) और मुख्य सत्ताधारी दल BJP (86) का औसत लगभग बराबर रहा। JD(U) का औसत 60 और HAM का 59 सवालों के साथ काफी कम रहे। यह इस बात का संकेत है कि इन दलों के ज्यादातर विधायक या तो मंत्री पदों पर थे, जिससे वे सवाल नहीं पूछ सकते थे या फिर वे सदन में कम सक्रिय थे। इन मुद्दों पर सबसे ज्यादा सवाल पूछे गए पिछले पांच साले में कुल 22,505 सवाल पूछे गए। जिन मुद्दों पर प्रश्न पूछे गए थे, उससे पता चलता है कि बिहार के असली सरोकार क्या हैं। ये आंकड़े आईने की तरह साफ हैं। बिहार के विधायकों के लिए आज भी सबसे बड़े मुद्दे सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य ही हैं। ग्रामीण कार्य और सड़क निर्माण को मिला दें तो यह सबसे बड़ा मुद्दा बनता है। इसके बाद शिक्षा और स्वास्थ्य का नंबर आता है। यह दिखाता है कि बिहार की राजनीति अभी भी बुनियादी ढांचे और मूलभूत सुविधाओं के इर्द-गिर्द ही घूम रही है। 100% बिल पास, तो क्या 0% बहस हुई? विधायकों के काम का एक हिस्सा सवाल पूछना (निगरानी) और दूसरा हिस्सा 'कानून बनाना' (विधायी कार्य) है। 17वीं बिहार विधानसभा ने इस दूसरे काम में एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया है। ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी 99 बिलों को उनके प्रस्तुत होने के दिन ही पास कर दिया गया। लोकतंत्र में कानून बनाने की प्रक्रिया में लंबी बहस, संशोधन प्रस्ताव और गहन जांच (जैसे सेलेक्ट कमेटी को भेजना) शामिल होती है। लेकिन 17वीं बिहार विधानसभा के आंकड़े बताते हैं कि यहां 100 फीसदी बिल 'सेम डे' पास हो गए। यह 'रबर-स्टैंप' विधानसभा की तस्वीर पेश करता है। इसका मतलब है कि विपक्ष की आपत्तियों या संशोधनों को कोई खास तवज्जो नहीं मिली और सरकार ने अपने बहुमत का इस्तेमाल कर बिलों को तेजी से पास करा लिया। चाहे वह 'बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक, 2021' जैसा विवादास्पद बिल हो या 'बिहार आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023' जैसा महत्वपूर्ण बिल या विश्वविद्यालयों से जुड़े संशोधन बिल हों। आम जनता से जुड़े सभी बिलों को एक ही दिन में पेश और पास कर दिया गया। यह 'कुशलता' लोकतांत्रिक बहस और जांच-परख की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करती है। जनता का 'रिपोर्ट कार्ड' क्या कहता है? 17वीं बिहार विधानसभा (2020-2025) का कार्यकाल विरोधाभासों से भरा रहा। यह रिपोर्ट कार्ड अब जनता के हाथ में है। यह डेटा का एक आइना है जो दिखाता है कि आपका विधायक आपके लिए कितना लड़ा। अब जब ये नेता दोबारा आपके दरवाजे पर वोट मांगने आएं तो यह 'रिपोर्ट कार्ड' आपके हाथ में होना चाहिए। अंतिम फैसला आपको करना है कि इन माननीयों को 'प्रमोट' करना है या 'फेल'। ................................ क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:34 am

46 सूत्रीय मांगों को लेकर संघ ने सौंपा ज्ञापन

मुरैना । मध्य प्रदेश भारतीय मजदूर संघ के आव्हान पर जिला इकाई ने सोमवार को श्रमिक कर्मचारियों की 46 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में विभिन्न विभागों के श्रमिक, संविदा कर्मचारी, पेंशनर्स, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, अतिथि शिक्षक, ई-रिक्शा चालक सहित विभिन्न संवर्गों की समस्याओं के निराकरण की मांग की गई। लगभग 250 से अधिक श्रमिकों ने एकजुट होकर सरकार से शीघ्र मांगों के समाधान की अपील की है। जिनमें विभाग प्रमुख बृजराज डंडोतिया, संगठन मंत्री सुरेश शर्मा, प्रदेश मंत्री आशाराम पाठक, प्रदेश उपाध्यक्ष ललिता शर्मा, जिला मंत्री गबदालाल कर्ण, जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, आंगनवाड़ी संघ की जिला अध्यक्ष सुनीता गुर्जर, जिला सचिव यशोदा शर्मा सहित संगठनों के पदाधिकारी मौजूद रहे।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:33 am

ओल्ड पेंशन सिर्फ पेंशन नहीं, जीने का सहारा है

मुरैना | नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत सोमवार को जिला स्तरीय बैठक बीटीआई परिसर स्थित हनुमान मंदिर पर जिलाध्यक्ष संजय कुमार दीक्षित की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इस बैठक में 25 नवंबर को दिल्ली में होने वाले विशाल जन आंदोलन को सफल बनाने को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। जिलाध्यक्ष दीक्षित ने कहा कि ओल्ड पेंशन सिर्फ पेंशन नहीं, बल्कि वृद्धावस्था में जीने का सहारा है। यदि कर्मचारी एकजुट नहीं हुए तो भविष्य में पेंशन के अधिकार से वंचित होना पड़ेगा। दीक्षित ने सभी कर्मचारियों से अपील की कि वे अधिक से अधिक संख्या में दिल्ली पहुंचकर अपनी सहभागिता दर्ज कराएं, ताकि सरकार कर्मचारी एकता को देखकर अपने निर्णय में बदलाव पर विचार करे और ओल्ड पेंशन योजना को पुनः लागू करें। इस अवसर पर जिला सचिव थान सिंह सिकरवार, मप्र शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष पवन सिंह परिहार, ब्लॉक उपाध्यक्ष राजमोहन शर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष योगेंद्र यादव, जिला मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र भारद्वाज, हरीश राठौर, अवनीश राठौर, लज्जाराम कुशवाह, रामबरन सिंह सिकरवार आदि उपस्थित रहे।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:33 am

आनंद बने रोटरी 3053 के डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी

मुरैना । रोटेरियन आनंद गुप्ता को रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3053 के आगामी सत्र 2026-27 के लिए डिस्ट्रिक्ट सेक्रेटरी मेंबरशिप मप्र की जिम्मेदारी सौंपी है। यह मनोनयन प्रांतपाल रोटेरियन ब्रजमोहन अग्रवाल द्वारा किया। इस दायित्व के तहत आनंद गुप्ता मप्र जोन के करीब 25 क्लबों में मेंबरशिप ग्रोथ तथा वर्षभर होने वाले सभी मेंबरशिप सेमिनार और संबंधित कार्यक्रमों का संचालन करेंगे।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:33 am

एमजीएम ऑफ स्कूल्स में फन फिएस्टा कार्निवल' का आयोजन

मुरैना । एमजीएम ग्रुप ऑफ स्कूल्स में बाल दिवस के उपलक्ष्य में 14 नवंबर को “फन फिएस्टा कार्निवल” का आयोजन किया। इस अवसर पर विद्यालय प्रांगण में उत्सव का माहौल देखने योग्य था। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि आरज़ू भदौरिया (मैनेजिंग ट्रस्टी) द्वारा फीता काटकर किया गया। मुख्य अतिथि महोदया ने विद्यार्थियों द्वारा लगाए गए सभी स्टॉल्स का अवलोकन किया और बच्चों की रचनात्मकता, उत्साह तथा उद्यमशीलता की प्रशंसा की। विद्यालय के विद्यार्थियों ने स्वयं स्टॉल्स जैसे- डार्ट थ्रो, थ्रो बॉल, चाट स्टॉल, छोले कुलचे, बेकरी, चाय एवं कॉफी, चाइनीज़ फूड, पाव भाजी, बड़ा पाव एवं समोसा चाट आदि का संचालन किया। इस वर्ष कार्निवल की थीम “वाटर पार्क” रखी गई थी, जिसमें विद्यार्थियों ने जल से संबंधित जीव-जंतुओं, जल संरक्षण और पर्यावरण संतुलन पर सुंदर प्रदर्शनी प्रस्तुत की। प्रदर्शनी ने “जल है तो कल है” का सशक्त संदेश दिया। लगभग 700 से अधिक अभिभावकों ने भी इस कार्निवल में पहुंचकर विद्यार्थियों के आयोजन और उनके प्रयासों की सराहना की। कार्यक्रम में नन्हे-मुन्ने बच्चों से लेकर वरिष्ठ विद्यार्थियों तक ने मनमोहक नृत्य, गीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम के सफल आयोजन पर स्कूल के कार्यकारी निदेशक आयुष सिकरवार (मैनेजिंग डायरेक्टर) ने मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त किया तथा विद्यार्थियों की रचनात्मकता और आयोजन कौशल की सराहना की। “फन फिएस्टा कार्निवल” का समापन उल्लास, उमंग और विद्यार्थियों के उत्साहपूर्ण सहभाग के साथ हुआ, जिसने बाल दिवस को एक अविस्मरणीय उत्सव में परिवर्तित कर दिया।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:33 am

जय हत्याकांड: चार आरोपी गिरफ्तार, निकाला जुलूस

भास्कर संवाददाता | मुरैना जिले के बहुचर्चित जय हत्याकांड के चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। सिंहौनिया थाना पुलिस ने सोमवार को चार आरोपियों सौरभ तोमर पुत्र रामकरण तोमर, गणेश पुत्र पप्पू तोमर, आदित्य परमार और किशन परमार को गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने खड़िया हार क्षेत्र में आरोपियों का जुलूस निकालकर घटना के प्रति सख्ती का संदेश दिया। इस मामले में आरोपी पप्पू तोमर को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि मुख्य आरोपी पूर्व सरपंच रामकरण तोमर अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है। गौरतलब है कि जय की पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था, जिसमें सौरभ तोमर और गणेश तोमर युवक को बेरहमी से पीटते दिख रहे थे। वीडियो से पहचान की पुष्टि होने पर पुलिस ने दोनों को दबोच लिया। इन आरोपियों को विभिन्न ठिकानों से घेराबंदी कर हिरासत में लिया गया। मुख्य आरोपी रामकरण तोमर की लोकेशन यूपी के अयोध्या में ट्रेस हुई है। पुलिस की एक विशेष टीम वहां भेजी गई है, जो लगातार उसके संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। टीम अयोध्या भेजी है जय हत्या प्रकरण में अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इनमें से चार का सोमवार को जुलूस निकाला गया। एक आरोपी फरार है, जिसे पकड़ने के लिए टीम अयोध्या भेजी गई है। -विजय भदौरिया, एसडीओपी मुख्यालय मुरैना

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:32 am

मंडोर क्षेत्र में हुई चोरी का खुलासा:पुलिस ने फरार तीसरे आरोपी हिस्ट्रीशीटर को पकड़ा, कई मकानों में कर चुका नकबजनी की वारदात

जोधपुर के मंडोर थाना क्षेत्र के गोकुलजी प्याऊ चौराहा क्षेत्र में हुई नकबजनी की वारदात का मंडोर पुलिस ने खुलासा किया है। पुलिस ने मामले तीसरे और मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी ईमरान खान उर्फ भूरिया पुत्र असलम खान निवासी गुलजारपुरा, हाल कबीरनगर सुरसागर थाना क्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर है। जिसके खिलाफ नकबजनी, लूट और हत्या के प्रयास जैसे 12 मामले दर्ज हैं। बता दें कि परिवादी कमल सिंह राजपुरोहित की और से इसको लेकर मामला दर्ज करवाया गया था। जिसमें बताया कि 9 नवंबर के बीच उनके मकान में चोरों ने वारदात को अंजाम दिया। घटना के समय वो अपने परिवार सहित गांव गए हुए थे। लौटने पर घर में सामान बिखरा मिला और करीब 50 हजार रुपये नकद, चांदी के जेवर व सोने की अंगूठी गायब थी। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की। टीम ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगालने पर तीन संदिग्ध युवक बाइक से जाते हुए दिखे। पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया। थाना अधिकारी किशनलाल ने बताया टीम ने इस मामले में पहले गोपाल और मोहसीन उर्फ शाहरुख को गिरफ्तार कर उनसे चोरी का माल और मोटरसाइकिल बरामद की थी। दोनों को जेल भेज दिया गया था। इधर गिरफ्तारी की भनक लगते ही मुख्य आरोपी ईमरान खान फरार हो गया था, लेकिन मंडोर पुलिस ने सुरसागर क्षेत्र से पकड़ लिया। पूछताछ में उसने चोरी की घटना में शामिल होना कबूल कर लिया।आरोपी के खिलाफ अलग-अलग थानों में नकबजनी के 12 प्रकरण दर्ज हैं।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:32 am

बिहार में ठंड की शुरुआत, 3 डिग्री तक गिरेगा पारा:अगले 5 दिनों तक कोहरा छाए रहने की संभावना; गया का न्यूनतम तापमान पहुंचा 10

बिहार में ठंड की शुरुआत हो चुकी है। दिन और रात के तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है, जिसकी वजह से ठंड बढ़ रही है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 5 दिनों तक मौसम शुष्क रहने वाला है। हालांकि, सुबह और रात के समय में हल्का कुहासा छाएगा। ​​​​​​पिछले 24 घंटे में गया का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सबसे कम था। वहीं, पटना का न्यूनतम तापमान 16.5 डिग्री दर्ज किया गया। हालांकि, आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आएगी, जिससे ठंड बढ़ सकती है। न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की आएगी गिरावट मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, मंगलवार से न्यूनतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक और गिरावट दर्ज की जा सकती है। इससे सुबह और शाम में ठिठुरन बढ़ सकती है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता नहीं होने और आसमान साफ रहने की वजह से रात के तापमान में तेजी से गिरावट हो रही है। उत्तरी दिशा से चल रही हल्की ठंडी हवा की वजह से तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। फिलहाल, कड़ाके की ठंड पड़ने के हालात नहीं बने हैं। सीमांचल और मिथिलांचल में अधिक ठंड मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी दी है कि सीमांचल और मिथिलांचल के कई जिलों- कटिहार, पूर्णिया, अररिया, खगड़िया और किशनगंज में सुबह के समय ज्यादा ठंड महसूस की जाएगी। इन जिलों में सुबह ठंडी हवा तेज चलने की संभावना है, जिससे लोगों को ज्यादा सर्दी महसूस हो सकती है। इन क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान लगातार नीचे जा रहा है। पटना में 2 डिग्री गिर सकता है तापमान राजधानी में अभी मौसम पूरी तरह शुष्क बना हुआ है। न्यूनतम तापमान 16-17 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है, लेकिन अगले कुछ दिनों में इसमें 2 डिग्री तक गिरावट की संभावना है। फिलहाल पटना में भारी सर्दी की संभावना नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे ठंड की दस्तक दिख रही है। मौसम विभाग का अनुमान है कि नवंबर के अंतिम सप्ताह से राज्य में ठंड बढ़ेगा। ----------------------- क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:31 am

नोएडा के तीन गांवों में बनेंग कुश्ती अखाड़ा:​​​​​​​सर्फाबाद, सोरखा और पर्थला गांव चिह्नित, 2.56 करोड़ रुपए किए जाएंगे खर्च

खेलो इंडिया खेलों की तर्ज पर गांवों में रेस्लिंग प्रतिभा बढ़ाने के लिए नोएडा प्राधिकरण तीन गांवों में मार्डेन अखाड़े बनाने जा रहा है। यहां खिलाड़ियों के रुकने की पूरी व्यवस्था भी होगी। अखाड़ों में स्टेट और नेशनल लेवल के मुकाबले भी देखने को मिलेंगे। प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम अखाडों के निर्माण पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। अब इनकी डीपीआर तैयार करके निर्माण के लिए टेंडर जारी किया जाएगा। गांवों में स्थान किया चिह्नितडीजीएम विजय रावल ने बताया कि नोएडा के सोरखा, सर्फाबाद, और पर्थला गांव में अखाड़ा का निर्माण किया जाएगा। इसमें रुम भी बनाए जाएंगे। इसके लिए करीब 2.5 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सर्फाबाद में महादेव अपार्टमेंट सेक्टर-73 , पर्थला में खेल मैदान एफएनजी मार्ग के पास , गांव सोरखा में शिव गेट के पास बनाया जाएगा। इनका निर्माण टेंडर जारी होने के छह महीने में पूरा कर लिया जाएगा। अखाड़ों में पहलवानों को ट्रैंड करेंगे कोचउन्होंने बताया कि खेल परिसर के चारों ओर चार दिवारी , शेड और बैठने के बेंचें फाउंटेन भी लगाए जाएंगे। यहां नेशनल स्तर के कुश्ती प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होगा। साथ खिलाड़ियों को प्रोत्साहित और उनको हुनर सिखाने के लिए कोच भी होंगे। इसकी पूरी तैयारी की जा रही है। बता दे नोएडा के इन तीनों गांव से पहले भी कई पहलवान सामने आ चुके है जो राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:31 am

'पाकिस्तान को बढ़ावा दे रहे अमेरिकी राष्ट्रपति,' दिल्ली ब्लास्ट पर बोले पूर्व डीजीपी एसपी वैद

पूर्व डीजीपी शेष पॉल वैद (एसपी वैद) ने दिल्ली ब्लास्ट और आतंकवाद को लेकर कहा कि इसमें कोई नई बात नहीं है

देशबन्धु 18 Nov 2025 5:30 am

सड़क दुर्घटना के घायलों को निजी हॉस्पिटल में मिलेगा इलाज

खंडवा| भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए नगदी रहित उपचार योजना - 2025 लागू की गई है। सीएमएचओ डॉ.ओपी जुगतावत ने बताया कि इस योजना के तहत डेजिग्नेटेड एवं नॉन डेजिगनेटेड चिकित्सालयों द्वारा उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के निजी हॉस्पिटल को अधिकृत किया है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:30 am

मथुरा में निकाली रन फॉर यूनिटी:भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हुए शामिल,राष्ट्रीय एकता की दिलाई शपथ

पूर्व गृह मंत्री और लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वी जयंती के अवसर पर रन फॉर यूनिटी का आयोजन किया गया। मांट विधानसभा क्षेत्र में रन फॉर यूनिटी को पूर्व मंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, बृज क्षेत्र के अध्यक्ष दुर्ग विजय शाक्य, विधायक मांट राजेश चौधरी, विधायक बल्देव पूरन प्रकाश एवं जिलाध्यक्ष निर्भय पाण्डेय ने हरी झंडी दिखाकर शुरू किया। एक भारत श्रेष्ठ भारत का पहुंचा रहे विचार पूर्व मंत्री एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी के साथ बृज क्षेत्र के रीजनल अध्यक्ष दुर्ग विजय शाक्य, विधायक मांट राजेश चौधरी , विधायक बल्देव पूरन प्रकाश एवं जिला अध्यक्ष निर्भय पाण्डेय ने सरदार@150यूनिटी पदयात्रा एक भारत, आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। सभी अतिथियों ने पदयात्रा को गांव अयेरा खेड़ा के कॉलेज ग्राउंड से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष अमन ठाकुर, उप-जिलाधिकारी मांट रितु सिरोही, खंड शिक्षा अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, पुलिस अधिकारी, प्रभारी जिला युवा अधिकारी मेरा युवा भारत मथुरा के रामवीर शर्मा के साथ अन्य अधिकारियों, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट तथा स्कूल व कॉलेज के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। सैकडों रियासतों को जोड़कर बनाया अखंड भारत समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि भूपेन्द्र चौधरी ने कहा कि स्वतंत्र भारत के शिल्पकार, लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में पूरे भारत में मनाया जा रहा है। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भारत की सैकड़ों रियासतों को जोड़कर एक अखंड राष्ट्र का रूप दिया।राष्ट्रीय एकता दिवस हमें याद दिलाता है कि संविधान के आदर्शों को जीवंत रखने के लिए नागरिक चेतना आवश्यक है। क्षेत्रीय अध्यक्ष दुर्ग विजय शाक्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती उस विचार का उत्सव है, जो भारत की विविधता को उसकी शक्ति बनाता है। इस अवसर पर विधायक मांट राजेश चौधरी ने कहा कि एकता के संकल्प के साथ देश को सबसे सुंदर स्वरूप देने का श्रेय लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को जाता है। उन्होंने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि देश समाज के लिए आज रन फॉर यूनिटी के अवसर पर संकल्प ले और कोई ऐसा अच्छा कार्य करे, जिसके बल पर प्रदेश और देश का नाम रोशन हो। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्र निर्माण, सामाजिक समरसता और युवा चेतना के प्रतीक उत्सव के रूप में किया गया, जिससे एक भारत-श्रेष्ठ भारत का संदेश जन-जन तक पहुंचा। इस यात्रा में लोग हाथों में तिरंगा थामे चले और सामूहिक रूप से यह संदेश दिया कि राष्ट्र की एकता तभी सुदृढ़ होगी जब हम सभी नागरिक जागरूक, उत्तरदायी और सक्रिय होंगे। युवाओं का उत्साह देखने लायक था। छात्र-छात्राओं, स्वयं सेवकों और नागरिकों ने देश भक्ति के नारों के साथ पदयात्रा में भाग लिया। राष्ट्रीय एकता की दिलाई शपथ कार्यक्रम का आयोजन मेरा युवा भारत, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार मथुरा व जिला प्रशासन द्वारा किया गया। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को मुख्य अतिथि द्वारा राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर विशेष रूप से श्याम बाबू शुक्ला, पंकज शर्मा, पवन, रमन चतुर्वेदी, विष्णु चौधरी का सहयोग रहा है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:30 am

आज PK बताएंगे 238 सीटों पर क्यों हारी जनसुराज:98% कैंडिडेट्स की जमानत जब्त होने के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस; अपने जिले में भी सातों सीट हारी

विधानसभा चुनाव में हार के बाद पहली बार प्रशांत किशोर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। सुबह 11.30 बजे पटना के पाटलिपुत्र गोलंबर स्थित जनसुराज कैंप में ये प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। इसमें प्रशांत चुनाव में मिली हार और आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे। 6 साल में 6 CM बनवाने वाला ये शख्स जब खुद बिहार जीतने निकला तो एक भी सीट नहीं जीत पाया। 1 करोड़ से ज्यादा सदस्यों का दावा करने वाली जनसुराज पार्टी को महज 10 लाख वोट भी नहीं मिले। 238 सीटों पर कैंडिडेट उतारे, उसमें से 233 सीटों मतलब 98% सीटों पर जमानत जब्त हो गई। सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी के प्रदर्शन की बात करे तो 238 में से 233 कैंडिडेट मतलब 98% की जमानत जब्त हो गई है। पार्टी एक सीट मढ़ौरा पर दूसरे नंबर तक पहुंच पाई। वह भी तब जब NDA के प्रत्याशी का नामांकन खारिज हो गया था। जनसुराज को करीब 2% वोट मिलता दिख रहा है। इससे अच्छा प्रदर्शन तो असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM और मायावती की BSP की है। AIMIM 28 सीटों पर चुनाव लड़ी और उसे 1.9% वोट शेयर के साथ 5 सीटों पर जीत मिली है। जबकि, 181 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली BSP को 1.6% वोट शेयर के साथ एक सीट पर जीत मिली है। अपने घर में भी जमानत नहीं बचा पाए प्रशांत किशोर प्रशांत किशोर रोहतास जिले से आते हैं। इसमें विधानसभा की 7 सीटें हैं। उनके अपने जिलों की सभी सीटों पर भी पार्टी अपनी जमानत नहीं बचा पाई है। उनकी अपनी विधानसभा करगहर में पार्टी को सिर्फ 7.42% वोट मिला है। प्रशांत किशोर के दावे और हकीकत… चुनाव से पहले प्रशांत किशोर ने बड़े-बड़े दावे किए। जो चुनावी रिजल्ट में धराशाई हो गए। जैसे… 1. JDU 25 से कम सीटें जीतेगी, नीतीश CM नहीं बनेंगे; ऐसा नहीं हुआ तो राजनीति छोड़ दूंगा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रशांत किशोर ने दावा किया कि नीतीश कुमार अब मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। उनकी सरकार जा रही है। 9 नवंबर को एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा- नीतीश सरकार जा रही है। 14 नवंबर के बाद नई सरकार आएगी। 7 अक्टूबर को एक इंटरव्यू में उन्होंने ये तक कहा कि JDU की 25 से कम सीटें आएंगी। अगर ज्यादा सीट आई तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। हकीकत- आज NDA न सिर्फ सरकार में लौटी है, बल्कि पिछली बार से अच्छा प्रदर्शन करते हुए 202 सीटें जीत गई है। प्रशांत किशोर का खाता तक नहीं खुला है। वहीं JDU 85 सीटें जीती है। और वो विधानसभा में नंबर-3 से नंबर-2 की पोजिशन पर पहुंच गई है। अब देखना होगा कि क्या पीके राजनीति छोड़ देंगे। 2. जनसुराज को 130 सीटें मिली तो भी मैं अपनी हार मानूंगा सितंबर में प्रशांत किशोर ने कई मौकों पर कहा कि 2025 में बिहार इतिहास रचेगा। जनसुराज पार्टी की सरकार बनेगी। अगर 125-130 सीटें आई तो इसे भी मैं अपनी हार मानूंगा। हकीकत- जनसुराज को खाता भी नहीं खुला है। 98% प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई है। 3. महागठबंधन लड़ाई में नहीं है, NDA-जनसुराज मेन प्लेयर है चुनाव से 3 महीने पहले से प्रशांत किशोर यह दावा करते रहे कि इस बार लड़ाई NDA और जनसुराज के बीच है। महागठबंधन लड़ाई में नहीं है। हकीकत- चुनाव नतीजे देखें तो लड़ाई में जनसुराज रही ही नहीं। NDA और महागठबंधन के बीच ही लड़ाई हुई और जीत NDA की हुई। 4. बड़ी-बड़ी बातें की, लेकिन 45% से ज्यादा दागियों को दिया टिकट चुनाव से पहले प्रशांत किशोर दावा करते थे कि हम साफ-सुथरी राजनीति करने आए हैं। समाज के अच्छे लोगों को पार्टी टिकट देगी। हकीकत- ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, जनसुराज पार्टी के 231 प्रत्याशियों में से 108 पर क्रिमिनल केस है। इसमें से 100 पर गंभीर क्रिमिनल केस है। 25 प्रत्याशियों पर हत्या के प्रयास का केस, 12 प्रत्याशियों पर हत्या का आरोप, 14 प्रत्याशियों पर महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का केस है। 1280 दिन, 6,000KM पैदल चले, फिर भी नतीजा जीरो पार्टी को दिया 98 करोड़ रुपए का चंदा 29 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रशांत किशोर ने पार्टी और अपनी आय के फंडिंग के बारे में जानकारी दी। ................................... क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:29 am

फिर EVM हो गई बदनाम!:गालीबाज दरोगा का बन गया VLOG, लालू को मीटिंग से ज्यादा मरीन ड्राइव का शौक

बात खरी है... इसमें आप देखेंगे बिहार के नेताओं और अफसरों के बीच अंदरखाने क्या चल रहा है, और दिनभर की ऐसी बड़ी हलचल जो आपको हंसाएगी भी और जिम्मेदारों को आइना भी दिखाएंगी। ऊपर VIDEO पर क्लिक करें...

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:27 am

1,000 कॉलोनियों के लिए राहत की खबर:गोनेर से दांतली तक 300 फीट चौड़ी सड़क बनेगी, आगरा रोड तक सीधी कनेक्टिविटी

शहर के पूर्वी इलाके में सबसे चौड़ी सड़क बनाने के लिए जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने काम शुरू कर दिया है। मास्टर प्लान के तहत बनने वाली यह सड़क गोनेर से दांतली सिरोली तक सीधी कनेक्टिविटी देगी। इस सड़क के निर्माण से रोपाड़ा मोड़ से आगरा रोड तक भी 200 फीट चौड़ी कनेक्टिविटी उपलब्ध होगी। मास्टर प्लान में प्रस्तावित इस सड़क के लिए जेडीए ने गत वर्ष दिसंबर में गोनर से रोपाड़ा मोड़ तक सर्वे और डिमार्केशन की प्रक्रिया शुरू की थी। यह हिस्सा लगभग 7 किमी लंबाई में 300 फीट चौड़ा बनाया जाएगा। इसके बाद लूणियावास और आगरा रोड तक सड़क की चौड़ाई 200 फीट रहेगी। सड़क शहर के पूर्वी इलाके में आगरा रोड से गोनर तक कनेक्टिविटी देने के लिए प्रस्तावित की गई थी। हालांकि मौजूदा सड़क केवल 60 से 80 फीट चौड़ी है और आगरा रोड से लूणियावास तक जगह-जगह अतिक्रमण मौजूद है। इस सड़क का पूरा उपयोग तभी संभव होगा, जब आगरा रोड से दांतली आरओबी तक अतिक्रमण हटाकर प्रस्तावित चौड़ाई में सड़क बनाई जाए।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:26 am

BJP अपना CM बनाएगी या नहीं, 4 पॉइंट में:नंबर भाजपा के पक्ष में, फिर भी नीतीश पर ही दांव खेल क्यों खेल सकती है

चुनाव में प्रचंड जीत के बाद क्या भाजपा हिंदी हार्ट लैंड बिहार में अपना पहला मुख्यमंत्री बनाएगी? या नीतीश कुमार को ही फिर से मुख्यमंत्री बनाएगी? इस वक्त बिहार में सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सियासी सवाल है। चुनाव के नतीजे के बाद भाजपा का कोई नेता इस पर अब तक स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बोल रहा है। हालांकि, JDU सहित सहयोगी दलों के नेता नीतीश कुमार के ही मुख्यमंत्री बनने की बातें कह रहे हैं। पहली बार विधानसभा में नंबर-1 पार्टी बनी भाजपा क्यों अपना मुख्यमंत्री बना सकती है। या अगर नीतीश कुमार को ही फिर से मुख्यमंत्री बनाती है तो क्यों। जानेंगे आज के एक्सप्लेनर बूझे की नाहीं में…। 4 पॉइंट में भाजपा अपना CM क्यों बना सकती है पॉइंट-1ः पहली बार विधायकों का नंबर भाजपा के पक्ष में 18वीं विधानसभा में भाजपा 101 सीटों पर चुनाव लड़कर 89 सीटें जीती है। वह विधानसभा में नंबर-1 पार्टी बन गई है। भाजपा बिना नीतीश कुमार के भी जोड़-तोड़कर सरकार बना सकती है। पॉइंट-2ः नीतीश कुमार के टूटने के चॉंसेज कम 85 सीट जीतने के बाद भी नीतीश कुमार उतने मजबूत नहीं हैं, जितने 2005, 2010, 2015 और 2020 में थे। दरअसल, नीतीश कुमार की मजबूती RJD और कांग्रेस के प्रदर्शन से तय होता है। इसे ऐसे समझिए… पॉइंट-3ः नीतीश कुमार की बढ़ती उम्र नीतीश कुमार 74 साल के हैं। अगला विधानसभा चुनाव 2030 में होगा। उस वक्त उनकी उम्र 79-80 हो जाएगी। अभी ही नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर तरह-तरह के दावे किए जाते हैं। ऐसी स्थिति में अब भाजपा को अपना चेहरा तय करना होगा। पॉइंट-4ः बंगाल जीतने के लिए बिहार में मुख्यमंत्री जरूरी 14 नवंबर की शाम भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा, ‘गंगाजी बिहार से होकर ही बंगाल तक पहुंचती हैं। बिहार ने बंगाल में विजय का रास्ता भी बना दिया है। मैं बंगाल के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि अब भाजपा आपके साथ मिलकर जंगलराज को उखाड़ फेंकेगी।’ नीतीश कुमार पर ही भाजपा क्यों दांव खेल सकती है, 4 पॉइंट में पॉइंट-1ः नीतीश के नाम पर जीते भाजपा ने पूरे चुनावी कैंपेन के दौरान नीतीश कुमार के नेतृत्व की बातें कही है। PM मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक नीतीश का नाम लेने से नहीं चूके। सीधे तौर पर एक्सपर्ट का कहना है कि NDA की बड़ी जीत नीतीश कुमार के नाम पर ही हुई है। जब जीत नीतीश कुमार के नाम पर हुई तो मुख्यमंत्री भी नीतीश कुमार ही होंगे। हालांकि, मध्यप्रदेश भी एक उदाहरण हैं… पॉइंट-2ः भाजपा के पास नीतीश से बड़ा चेहरा नहीं भाजपा के पास एक भी ऐसा चेहरा नहीं है, जिसकी पहचान पूरे राज्य में हो। चेहरे की कमी से जूझ रही भाजपा के पास नीतीश कुमार ही ऑप्शन हैं। पॉइंट-3ः EBC वोटरों के खिसकने का खतरा बिहार में नीतीश कुमार के पास कम से कम 15% वोट शेयर है। उनके वोट शेयर पर उनके पाला बदलने से कोई असर नहीं होता है। वह बिहार में कुर्मी, EBC और महादलित समुदाय के सबसे बड़े नेता हैं। इस समुदाय के लोगों के लिए नीतीश कुमार प्राइड इश्यू हैं। यही वजह है कि नीतीश कुमार को साथ रखना BJP और RJD दोनों की मजबूरी है। पॉइंट-4ः केंद्र की सरकार में नीतीश फैक्टर ........................... क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:26 am

राबड़ी आवास के बाहर RJD समर्थकों का हंगामा:रोहिणी आचार्य के समर्थन में उतरे कार्यकर्ता, बोले- संजय यादव को हरियाणा भेजो

तेजस्वी यादव के करीबी संजय यादव को लेकर अब राजद कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी दिखने लगी है। सोमवार शाम राबड़ी आवास के गेट पर पार्टी कार्यकर्ता रोहिणी आचार्य के समर्थन में दिखे। वहीं संजय यादव के खिलाफ नारे लगाए। समर्थकों ने कहा- संजय यादव को हरियाणा भेजो। इससे पहले पटना के पोलो रोड स्थित तेजस्वी आवास पर RJD विधायक दल की बैठक हुई। बैठक तेजस्वी यादव को विधायक दल का नेता चुना गया। जानकारी के मुताबिक, तेजस्वी ने विधायक दल के नेता प्रस्ताव ठुकरा दिया था। हालांकि, लालू के कहने पर उन्होंने ये प्रस्ताव स्वीकार किया। बिहार चुनाव में हार के बाद 4 घंटे हुई समीक्षा विधायक दल की मीटिंग में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, मीसा भारती, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद, बाहुबली नेता सूरजभान सिंह समेत सभी सीनियर नेता मौजूद थे। करीब 4 घंटे तक चली बैठक में चुनाव में हार की समीक्षा भी की गई। RJD नेता रामानुज यादव ने बताया कि मीटिंग में मेन टू मेन टॉक हुआ। हार की समीक्षा की गई। इसके साथ ही चुनाव के रिजल्ट को लेकर कोर्ट जाने पर भी चर्चा हुई। इसे लेकर महागठबंधन के नेताओं की भी राय ली जाएगी। RJD विधायक बोले- चुनाव में गड़बड़ी हुई तेजस्वी आवास पहुंचे विधायक आलोक मेहता ने कहा, 'चुनाव में गड़बड़ी हुई है, इसलिए इस तरह का रिजल्ट आया है।' वहीं मटिहानी से जीतकर आए RJD के विधायक बोगो सिंह ने चुनाव के दौरान 10-10 हजार दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा, NDA की जमीन खिसक चुकी थी। उन्होंने जीविका दीदियों का वोट खरीदा है। पूर्व विधायक ने कहा, 'चुनाव आयोग को जिम्मेदारी लेनी चाहिए, जिस तरह से गड़बड़ी की गई, आयोग को जवाब देना चाहिए।' बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा पार्टी सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव ने चुनाव में हारने वाले सभी प्रत्याशियों को विशेष रूप से बुलाया है। वे प्रत्येक उम्मीदवार से फीडबैक लेंगे और यह समझने की कोशिश की कि जमीनी स्तर पर क्या गलत हुआ। बैठक में चुनावी हार के पीछे स्थानीय असंतोष, संगठनात्मक राजनीति, बूथ मैनेजमेंट की कमी और चुनावी मुद्दों को सही तरीके से जनता तक न पहुंचा पाने जैसी संभावित वजहों पर विस्तार से चर्चा हुई। तेजस्वी यादव ने टिकट वितरण पर भी मंथन किया। कैंडिडेट सिलेक्शन में चूक हुई या पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष को खत्म नहीं कर सके, इस पर भी बात हुई। ----------- क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb चुनाव में हार पर तेजस्वी की बैठक की पल-पल की अपडेट के लिए नीचे ब्लॉग से गुजर जाइए...

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:23 am

कानपुर में ATS चीफ बनकर 6.66 लाख की ठगी:ठग बोला…दिल्ली ब्लास्ट में आपका नाम, फिर दो दिन डिजिटल अरेस्ट करके खाते में ट्रांसफर कराई रकम

दिल्ली विस्फोट को लेकर अब साइबर ठग सक्रिय हो गए और आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता की धमकी देकर कानपुर में बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट करके 6.66 लाख ठग लिए। महिला ने सोमवार को साइबर थाने में मामले की शिकायत दर्ज कराई है। इस तरह के आधा दर्जन से ज्यादा ठगी के मामले कानपुर में सामने आने के बाद साइबर सेल और क्राइमब्रांच ने जांच शुरू कर दी है। अरेस्टिंग लेटर भेजकर डराया फिर ट्रांसफर कराई रकम बिरहाना रोड के पटकापुर में रहने वाली 62 साल की बुजुर्ग महिला ने बताया कि उनके पति का देहांत हो चुका है। बेटा बाहर नौकरी करता है और बेटी की शादी हो चुकी है। 10 नवंबर को हुए दिल्ली विस्फोट के कुछ घंटो बाद रात 8:22 बजे उन्हें एक कॉल आयी। कॉल करने वाले ने कहा कि वह एटीएस चीफ प्रेम कुमार गौतम बोल रहा है। इसके बाद उन्हें डरा धमकाकर वीडियो काल करने को मजबूर किया। फिर कहा, आपका आधार कार्ड मनी लाड्रिग व आतंकी गतिविधियों में उपयोग हुआ है। जांच के नाम पर डरा धमकाकर डिजिटल अरेस्ट कर लिया। इसी दौरान महिला का गिरफ्तारी लेटर भी भेजा। गिरफ्तारी लेटर देखकर वह डर गईं और रुपये देने को राजी हो गईं। 11 नवंबर की सुबह 6:46 बजे सदानन्द दादे नाम के व्यक्ति ने वीडियो कॉल की और खुद को एटीएस का अफसर बताकर खाते की पूरी डिटेल ले ली, कहा कि जल्दी रुपए ट्रांसफर करों नहीं तो फिर अरेस्टिंग करनी पड़ेगी। इससे दहशत में आई महिला ने अपने बैंक एकाउंट पीएनबी ब्रांच मालरोड से आईडीएफसी बैंक सहारानपुर अंबाला रोड महक फाउंडेशन के खाते में 6.66 लाख रुपये आरटीजीएस कर दिए। साइबर ठग यहीं नहीं रुके। और रुपयों की डिमांड शुरू कर दी। जिसके बाद महिला को साइबर फ्राड का अंदेशा हुआ तो उन्होंने साइबर सेल के टोलफ्री नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद साइबर सेल में प्रार्थना पत्र दिया है। महिला ने प्रार्थना पत्र के साथ बैंक खाते का डिटेल, वाट्सएप स्क्रीन शॉट, उन्हें भेजे गए गिरफ्तारी वारंट समेत अन्य दस्तावेज भी दिए हैं। साइबर सेल दस्तावेजों की जांच कर रही है। खबर लिखे जाने तक मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही थी। डीसीपी क्राइम अतुल श्रीवास्तव ने बताया कि दिल्ली ब्लास्ट में नाम आने की बात कहकर बुजुर्ग महिला से 6.66 लाख रुपये ठगी की गई है। जिन खातों में पैसा भेजा गया है, उनकी जांच चल रही है। इस तरह के करीब आधा दर्जन मामले अब तक सामने आ चुके हैं। सभी मामलों की जांच की जा रही है। जागरूकता ही साइबर ठगी का बचाव है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:21 am

जयपुर वैभवम्:दसों दिशाओं से देखता जयपुर; इतिहास, वास्तु, विज्ञान की बसावट

जयपुर आज 298 वर्ष का हो गया है। सवाई जयसिंह ने 18 नवंबर 1727 को नौ ग्रहों पर आधारित वास्तु के अनुसार इस शहर की नींव ईशान कोण में गंगापोल गेट पर रखी थी। जयपुर के हर कोने में स्थापित दस प्रमुख गेट- गंगापोल, जोरावरसिंह, सूरजपोल, घाटगेट, सांगानेरी, न्यूगेट, अजमेरी, चांदपोल, सम्राटगेट और गलतागेट दसों दिशाओं से निगरानी और सुरक्षा प्रदान करते हैं। वहीं शहर में मंत्र-तंत्र-यंत्र का भी संगम है। छोटीकाशी के नाम से जाने वाले जयपुर के परकोटे में सैकड़ों मंदिर हैं। जिनसे रोज सुबह पूरा परकोटा मंत्रोच्चार से गुंजायमान रहता है। परकोटे का तंत्र इतना मजबूत है वर्षों बाद बारिश के बाद कुछ ही मिनटों में पानी नहीं दिखता। वहीं आज भी अगर बाहरी वाहनों का प्रवेश नहीं हो तो जाम भी नहीं होगा। इसके अलावा चंद्रमहल के पास बने जंतर-मंतर में स्थापित सम्राट यंत्र न केवल समय बल्कि आज भी मौसम की सटीक जानकारी देता है। आज भी बारिश का आंकलन इसी से किया जाता है। स्थापना समारोह में 1084 रुपए खर्च हुए सवाई राजा जयसिंह ने 18 नवंबर 1727 (मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष षष्ठी, विक्रम संवत 1784) को शहर की स्थापना की थी। पंडित जगन्नाथ सम्राट के आचार्यत्व में शिलान्यास समारोह हुआ। आयोजन के लिए आमेर के राजकोष से 1084 रुपए व्यय किए गए। नगर स्थापना के उपलक्ष्य में राजा जयसिंह ने पंडित जगन्नाथ सम्राट के नाम पर ब्रह्मपुरी में सम्राट गेट बनवाया और उन्हें हवेली उपहार में दी। तीन देवियों की तीन चौपड़, सबका अपना-अपना यश 1946 में भट्ट मथुरानाथ शास्त्री ने संस्कृत में जयपुर की महिमा पर “जयपुरवैभवम्” काव्य लिखा। इस काव्य में शहर की संस्कृति, इतिहास और परंपरा के साथ ढूंढाड़ राज्य के रजवाड़ों का वर्णन किया गया। विद्वानों का योगदान और जंतर-मंतर की योजना

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:20 am

दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन सर्विस बहाल, सिग्नलिंग प्रॉब्लम के कारण हुई थी बाधित

दिल्ली मेट्रो की पिंक लाइन सर्विस को लेकर डीएमआरसी का बड़ा अपडेट सामने आया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) की तरफ से बताया गया कि पिंक लाइन सेवाएं फिर से सामान्य हो गई हैं

देशबन्धु 18 Nov 2025 5:20 am

JDU, RLM, HAM और चिराग के मंत्री तय:नीतीश का ओल्ड गार्ड पर भरोसा, BJP अपने आधे मंत्रियों को बदल सकती है; देखें पूरी लिस्ट

नीतीश कुमार 20 नवंबर को 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह को भव्य बनाने की अंतिम दौर में हैं। JDU, LJP(R), HAM और RLM ने अपने मंत्रियों के नामों को फाइनल कर लिया है। वहीं, भाजपा के मंत्रियों के नाम पर दिल्ली में मंथन चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा अपने आधे से ज्यादा मंत्रियों को ड्राप मतलब बदल सकती है। जबकि, नीतीश कुमार अपने पुराने (ओल्ड गार्ड) चेहरों पर ही भरोसा जता सकते हैं। भास्कर एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में जानिए, JDU, LJP(R), HAM और RLM के मंत्रियों के नाम…। मुख्यमंत्री-डिप्टी CM सहित 30 मंत्रियों का हो सकता है नया मंत्रिमंडल सूत्रों की मानें तो इस बार 30-32 मंत्रियों का मंत्रिमंडल हो सकता है। इसमें JDU और ‌BJP के बराबर-बराबर 14-15 मंत्री हो सकते हैं। इनके अलावा चिराग पासवान की पार्टी LJP(R) को 3 मंत्री पद, जीतन राम मांझी की (HAM) और उपेंद्र कुशवाहा की RLM पार्टी को एक-एक मंत्री पद मिल सकता है। विधानसभा के मौजूदा नंबर के हिसाब से बिहार में कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं। BJP में दिल्ली से पटना तक मीटिंग का दौर जारी सभी पार्टियां चुनावी जीत के बाद सरकार में अपनी हिस्सेदारी के लिए गुणा-गणित कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, JDU, LJP (R) और हम ने मंत्री के लिए अपने-अपने नाम तय कर लिए हैं, लेकिन BJP के भीतर पटना से दिल्ली तक मीटिंग का दौर जारी है। रविवार को BJP के टॉप लीडरशिप PM नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और जेपी नड्‌डा के बीच हाई लेवल की मीटिंग हुई। संभव है मंगलवार को BJP अपने विधायक दल का नेता चुनने के लिए पर्यवेक्षक की नियुक्ति कर दे। फिर बुधवार को BJP विधायक दल की बैठक होगी। NDA के नेता घोषित करने से पहले BJP विधायक दल के नेता और उपनेता का चयन किया जाएगा। डिप्टी CM के लिए 3 फॉर्मूले की चर्चा... डिप्टी CM के लिए अलग-अलग फॉर्मूले की चर्चा चल रही है। BJP सूत्रों की मानें तो इस बार पार्टी जाति के साथ-साथ नई लीडरशिप के लिहाज से भी अपना नेता चुनेगी। फॉर्मूला-1 OBC के साथ EBC डिप्टी CM हो सकते हैं मौजूदा डिप्टी CM विजय सिन्हा का नाम कटना तय माना जा रहा है, जबकि सम्राट चौधरी अभी भी इस पद के रेस में बने हुए हैं। इसके साथ ही इस बार सवर्ण के साथ-साथ OBC और EBC वर्ग से आने वाले नेता को डिप्टी CM बनाने की चर्चा है। फॉर्मूला-2 एक बार फिर से महिला डिप्टी सीएम हो 2020 का फॉर्मूला एक बार फिर लागू कर सकती है BJP। तारकिशोर प्रसाद के साथ रेणु देवी को डिप्टी CM बनाया गया था। इस बात की चर्चा एक बार फिर से तेज है कि BJP किसी महिला को डिप्टी CM बना सकती है। फॉर्मूला-3 चिराग पासवान को डिप्टी CM बनाने की चर्चा सूत्रों की मानें तो BJP की टॉप लीडरशिप डिप्टी CM के लिए चिराग पासवान के साथ भी चर्चा कर रही है। BJP चाहती है कि चिराग पासवान अब केंद्र की जगह राज्य की पॉलिटिक्स में एंट्री करें। चिराग पासवान पहले भी कह चुके हैं कि अब वे अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए केंद्र की जगह बिहार की राजनीति करना चाहते हैं। हालांकि, डिप्टी CM बनने के सवाल पर न तो चिराग और न ही उनकी पार्टी के नेता कुछ भी बोलने को राजी हो रहे हैं। JDU अपने कोटे के मंत्रियों में बड़ा बदलाव नहीं करेगी पिछली सरकार में JDU कोटे से 13 मंत्री थे। संभव है कि इसमें से 10 मंत्रियों को नई सरकार में फिर से मंत्री बनाया जा सकता है। पार्टी मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल करने के मूड में नहीं है। इनके साथ 4-5 नए नामों को जगह दी जा सकती है। भास्कर के पास JDU कोटे से बनने वाले संभावित मंत्रियों की लिस्ट है। JDU कोटे से इनका मंत्री बनना तय माना जा रहा है मांझी के बेटे और कुशवाहा की पत्नी बन सकतीं हैं मंत्री HAM पार्टी से संतोष मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता के साथ LJP(R) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी मंत्री बन सकते हैं। संभावित मंत्रियों की लिस्ट में संजय पासवान के नाम की भी चर्चा है। मंत्री के साथ स्पीकर की भी रेस में विजय सिन्हा पिछली बार की तरह इस बार भी BJP स्पीकर का पद अपने पास रख सकती है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा विजय सिन्हा को डिप्टी CM न बनाकर स्पीकर बना सकती है। हां, इतना जरूर तय है कि विजय सिन्हा को कोई न कोई बड़ा पद मिलेगा। शपथ के 5 दिन बाद विधानसभा का सत्र कल यानी बुधवार को ही JDU, ‌BJP और NDA के विधायक दल की अलग-अलग बैठक होने की संभावना है। इसी रोज CM नीतीश कुमार को एक बार फिर से NDA विधायक दल का नेता चुना जाएगा। ................... क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:18 am

ब्यूटी पार्लर में युवती के पैर में लगी गोली:दर्द होने पर पता चला, गोली कहां से आई नहीं पता, पुलिस जांच में जुटी

चंडीगढ़ के एक ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली युवती के पैर में गोली लगी है। गोली ब्यूटी पार्लर के अंदर ही लगी। लेकिन गोली किसने और कहां से चलाई, यह अभी तक यह चीज पहेली बनी हुई है। घायल युवती को सेक्टर-32 जीएमसीएच में भर्ती करवाया गया, जहां डॉक्टरों की उसके पैर से गोली निकाली गई है। पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची हैं। क्राइम सीन का जायजा लिया गया। साथ ही इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग देखी जा रही है। तेज दर्द होने पर चैक किया तो पता चला जानकारी के मुताबिक सेक्टर-46 में सैलून के अंदर ही युवती के पैर में गोली लगी। लेकिन उसे इस बारे में पता नहीं था। जब शाम को उसके पैर में तेज दर्द होने लगा तो उसने ब्यूटी पार्लर की ओनर पूजा को इस बारे में बताया। पूजा, जो कि मलोया की रहने वाली है, ने युवती का पैर देखा तो उसमें गोली जैसा खोल दिखाई दिया। इसके बाद वह तुरंत उसे सेक्टर-45 अस्पताल ले गई। लेकिन डॉक्टरों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उसे जीएमसीएच रेफर कर दिया, जहां युवती के पैर से गोली का खोल निकाल दिया गया है। अमृतसर में भी ऐसे ही चली थी गेाली इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया। पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गईं। साथ ही सारे इलाके में लगे कैमरे देखे जा रहे हैं। पुलिस को भी समझ नहीं आ रहा है कि आखिर गोली कैसे लगी। यह अपनी तरह का नया मामला है। इस तरह का एक केस अमृतसर में भी आया था। थाना गेट हकीमां के अधीन आते फतेह सिंह कॉलोनी गली नंबर 10 की साढ़े 3 साल की बच्ची को उस समय गोली लग गई, जब पिता आकाश उसे ट्यूशन छोड़ने के लिए जा रहे थे। बेटी जब जमीन पर गिरी तो पिता को लगा कि ऐसे ही गिरी है और चोट लग गई है। जब अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने एक्स-रे करवाया। एक्स-रे रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि बच्ची को गोली लगी है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:16 am

बिहार के 2 डिप्टी CM, 36 मंत्रियों पर लगेगी मुहर:दिल्ली में आज BJP-NDA विधायक दल की बैठक; 20 नवंबर को नई सरकार का शपथ ग्रहण

बिहार में 20 नवंबर को नई सरकार का शपथ ग्रहण होना है। पटना के गांधी मैदान में इसकी तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। आज दिल्ली में बीजेपी और NDA विधायक दल की बैठक होनी है। इसमें NDA के नेताओं के साथ बीजेपी की भी टॉप लीडरशिप शामिल होगी। इस बैठक में सरकार के प्रारुप पर मुहर लग सकती है। मतलब 2 डिप्टी CM कौन होंगे। 36 मंत्रियों का क्या फॉर्मूला होगा। इस पर भी विधायक दल की बैठक में चर्चा होगी। इसस पहले सोमवार को नीतीश कुमार ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से मुलाकात कर पत्र सौंपा है। जिसमें 19 नवंबर को विधानसभा भंग किए जाने की जानकारी दी गई। साथ ही NDA की प्रचंड जीत को लेकर नीतीश कुमार को बधाई दी गई है। इससे पहले आज आखिरी कैबिनेट मीटिंग हुई, जिसमें मौजूदा विधानसभा को 19 नवंबर को भंग भंग करने का प्रस्ताव पास हुआ। JDU-BJP में 15-16 का फॉर्मूला सोमवार को केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी का बयान सामने आया था उन्होंने कहा. नई कैबिनेट में 35-36 मंत्री होंगे, जिसमें 16 भाजपा से, 15 जदयू से, 3 लोजपा (आर) से, हम और रालोमो से 1-1 मंत्री होंगे। गांधी मैदान में इसकी तैयारी चल रही है। शपथ ग्रहण में PM नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। 2025 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन सरकार में एक बार फिर से नीतीश कुमार की पार्टी JDU का कद बढ़ना तय माना जा रहा है। जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार के साथ-साथ 18 मंत्री भी शपथ ले सकते हैं। वहीं, डिप्टी CM की रेस में बीजेपी से सम्राट चौधरी, रामकृपाल यादव, मंगल पांडे के नाम की चर्चा है। चिराग पासवान की पार्टी LJP(R) की भी बिहार सरकार में एंट्री होगी। ‌BJP के साथ LJP(R) कर सकती है डिप्टी CM पद की दावेदारी 2020 चुनाव परिणाम के बाद से BJP ने बिहार में दो डिप्टी CM पद की परंपरा शुरू की। एक बार फिर से दो डिप्टी CM बनाने की चर्चा है, लेकिन दोनों BJP की जगह एक डिप्टी CM पद पर LJP(R) भी दावेदारी कर रही है। फिलहाल कैमरे पर सीधे बोलने की बजाय वे दबी जुबान ये बातें कर रहे है। हालांकि नीतीश कुमार CM होंगे तो डिप्टी CM कौन होगा ये BJP ही तय करेगी। JDU अपने कोटे के मंत्रियों में बड़ा बदलाव नहीं करेगी पिछली सरकार में JDU कोटे से 13 मंत्री थे। संभव है कि इसमें से 10 मंत्रियों को नई सरकार में फिर से मंत्री बनाया जा सकता है। पार्टी मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल करने के मूड में नहीं है। भास्कर के पास JDU कोटे से बनने वाले मंत्रियों में से 10 लोगों के नामों की लिस्ट है। भाजपा अपने डिप्टी CM को बदल सकती है पिछली सरकार में भाजपा कोटे से 19 मंत्री हैं। इसमें बड़े पैमाने पर बदलाव की सूचना है। डिप्टी CM विजय सिन्हा को रिप्लेस किया जा सकता है। साथ ही सम्राट चौधरी को भी बदला जा सकता है, लेकिन वह अभी भी डिप्टी CM की रेस में हैं। इसके अलावा मंगल पांडेय और रजनीश कुमार में से किसी एक के डिप्टी CM बनने की चर्चा है। कुशवाहा की पत्नी बन सकती हैं मंत्री HAM से संतोष मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेहलता के साथ LJP(R) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी मंत्री बन सकते हैं। संभावित मंत्रियों की लिस्ट में संजय पासवान के नाम की भी चर्चा है। मंत्री के साथ स्पीकर की भी रेस में विजय सिन्हा पिछली बार की तरह इस बार भी BJP स्पीकर का पद अपने पास रख सकती है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा विजय सिन्हा को डिप्टी CM न बनाकर स्पीकर बना सकती है। हां, इतना जरूर तय है कि विजय सिन्हा को कोई न कोई बड़ा पद मिलेगा। मंत्रिमंडल में MP और राजस्थान का प्रयोग कर चौंका सकती है BJP MP और राजस्थान के मंत्रिमंडल की तर्ज पर बिहार के नए मंत्रिमंडल से भी पुराने और दिग्गज नेताओं की छुट्‌टी हो सकती है। इनकी जगह नए चेहरों की एंट्री हो सकती है। 2020 से सरकार में BJP का दबदबा रहा है ............................... क्या आप हैं बिहार के एक्सपर्ट? खेलिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम बिहार से जुड़े 3 आसान सवालों के जवाब दीजिए और जीतिए 3 करोड़ तक के इनाम। रोज 50 लोग जीत सकते हैं आकर्षक डेली प्राइज। लगातार खेलिए और पाएं लकी ड्रॉ में बंपर प्राइज सुजुकी ग्रैंड विटारा जीतने के मौके। क्विज अभी खेलने के लिए यहां क्लिक करें - https://dainik.bhaskar.com/GXiUvc8h3Wb

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:15 am

मौत की घटना:सवाई माधोपुर के युवक की बीकानेर में हादसे में गई जान, दो घरों में शादी की खुशी मातम में बदली

ग्राम पंचायत रवांजना चौड़ निवासी रेलकर्मी पॉइंटमैन अभिमन्यु सिंह (30) पुत्र नंद सिंह राजावत की बीकानेर में रेलवे शंटिंग के दौरान मौत हो गई। 6 दिन बाद 22 नवंबर को उसकी शादी थी। उसे दूल्हा बनकर बूंदी बारात ले जाने की तैयारी चल रही थी। सोमवार को टीका लग्न का कार्यक्रम था। मगर सोमवार को हादसे में उसकी जान चली गई। सोमवार जैसे ही गांव में शव पहुंचा तो पूरे गांव के लोग रो पड़ा। विलाप करते मां-बाप और भाई बेसुध हो गए। रोते-बिलखते परिजनों ने अपने लाड़ले का अंतिम संस्कार किया। अभिमन्यु सिंह तीन भाइयों में सबसे छोटा था। दो साल पहले ही रेलवे में नौकरी लगी थी। अभिमन्यु सिंह लालगढ़ (बीकानेर) रेलवे स्टेशन स्थित यार्ड में प्वाइंट मैन पर कार्यरत था। रविवार सुबह ड्यूटी समाप्त होने के बाद उसे गांव लौटना था। सुबह 8 बजे ड्यूटी खत्म होने के बाद वह 9 बजे की ट्रेन से घर आने की तैयारी में था। सुबह लगभग 6 बजे रेलवे यार्ड में शंटिंग कार्य के दौरान अचानक उसका पैर फंस गया। उसी समय एक धीमी गति से चल रही ट्रेन से वह हादसे की चपेट में आ गया। गंभीर चोट लगने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई। पिता के साथ बहन की शादी का कार्ड बांटने जा रहे किशोर की सड़क हादसे में मौत, पिता घायल नैनवां (बूंदी)| स्टेट हाइवे-34 पर नैनवां-बूंदी रोड पर स्थित पेट्रोल पंप के पास सोमवार शाम बड़ा हादसा हो गया। दो बाइकों की भिड़ंत में किशोर रोहित (15) की मौत हो गई जबकि हादसे में 3 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतक किशोर अपने पिता के साथ बहन की शादी के कार्ड बांटने जा रहा था। 30 नवंबर को उसकी बड़ी बहन किरण की शादी होनी है। हादसे से शादी की खुशियों में डूबे परिवार में अचानक मातम छा गया। जजावर निवासी शांतिलाल (40) अपने बेटे रोहित (15) के साथ बेटी की शादी के निमंत्रण बांटने देई जा रहा था। पेट्रोल पंप के पास देई की तरफ से आ रही दूसरी बाइक से पिता-पुत्र की बाइक की जोरदार भिड़ंत हो गई। हादसे में शांतिलाल गंभीर घायल हो गया और रोहित की मौके पर ही मौत हो गई। दूसरी बाइक पर सवार संडीला निवासी अंकित (18) और अजय (15) भी घायल हुए हैं। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और चारों घायलों को एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाया। डॉक्टरों ने रोहित को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि शव को मोर्चरी में रखवाया गया, जिसका पोस्टमार्टम मंगलवार सुबह होगा। रोहित 10वीं कक्षा में पढ़ता था और पढ़ने में होशियार था। शांतिलाल कारीगरी का काम करते हैं। दुर्घटना की खबर जैसे ही जजावर पहुंची, गांव के लोगों की आंखें नम हो गईं। भाई की मौत के बाद बहन किरण का भी रो-रोकर बुरा हाल है। बहन के साथ मां अपने कलेजे के टुकड़े की मौत की खबर के बाद सुधबुध खो बैठी।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:14 am

चोरी के पैसों से अय्याशी...6 से ज्यादा गर्लफ्रेंड बनाई:खुद को अमीर बताकर लड़कियों को फंसाया, महंगे कपड़ों का शौकीन; बाइक-चोर गिरोह का मास्टरमाइंड अरेस्ट

छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में एक युवक ने अय्याशी के लिए बाइक चोर गिरोह बनाया। चोरी की बाइक बेचकर महंगे कपड़े पहनता था, झोपड़ीनुमा घर में रहता था, लेकिन लड़कियों को खुद को अमीर बताता था। झूठ बोल-बोलकर 6 से ज्यादा गर्लफ्रेंड बनाई और अय्याशी की। जानकारी के मुताबिक बाइक चोरी गिरोह के मास्टरमाइंड का नाम जयसिंह पटेल (27) है, जो कोहड़िया का रहने वाला है। पुलिस ने आरोपी के पास से 14 बाइक जब्त की है। साथ ही गिरोह के 5 और साथियों को अरेस्ट किया है। मास्टरमाइंड के फोन से कई खुलासे हुए हैं। जानिए क्या है पूरा मामला ? दरअसल, दीपका पुलिस को कुछ दिनों पहले SECL दीपका खदान से रोलर चोरी होने की शिकायत मिली थी। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि खदान के पास जंगल में पेड़ों के बीच एक युवक झोपड़ी बनाकर रह रहा है। पुलिस ने शक के आधार पर युवक से पूछताछ की। इस दौरान पता चला कि उसका नाम जयसिंह है। उसका न तो आधार कार्ड है, न ही पैन कार्ड। पिछले 10 साल से खदान के आसपास घूमता रहता था। खाना खाकर कहीं भी सो जाता था। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो बाइक चोरी गिरोह का खुलासा हुआ। 2 साथियों के साथ मिलकर बनाया बाइक चोर गिरोह बाइक चोर गिरोह के मास्टरमाइंड जयसिंह ने बताया कि 2 साथियों के साथ मिलकर उसने बाइक चोर गैंग बनाया। इसके बाद अलग-अलग इलाकों में बाइक की चोरियों की। साथ ही उसने खदान में रोलर चोरी के अलावा कुसमुंडा थाना, दीपका और सर्वमंगला चौकी क्षेत्र में कई बाइक चोरी की थी। मास्टरमाइंड ने बताया कि पहले रेकी करते थे, इसके बाद वारदात को अंजाम देते थे। इन वारदात में 2 सहयोगी भी शामिल रहते थे। सभी साथ में मिलकर बाइक चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। चोरी के बाद बाइक को अलग-अलग खरीदारों को बेच देते थे। 10 साल से था गायब, परिवार सोच रहा था मर गया पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मास्टरमाइंड जयसिंह पिछले 10 साल से अपने घर से गायब था। परिवार के लोगों को लग रहा था कि जयसिंह की मौत हो चुकी है। अगर जिंदा होता तो वह अपने घर आता, लेकिन 10 साल में एक भी बार अपने घर नहीं गया। तीन बाइक खरीदारों को भी गिरफ्तार किया गया दीपका थाना प्रभारी प्रेमचंद साहू ने बताया कि जयसिंह के 2 सहयोगियों और तीन बाइक खरीदारों को भी गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में अनस खान, शिवचरण, रामप्रसाद, रोहिदास, लालजी यादव और इमरान अंसारी शामिल हैं। दीपका थाना प्रभारी प्रेमचंद साहू ने बताया कि चोरी की 14 चोरी बाइक जब्त की गई है। गिरफ्तारी के बाद सभी आरोपियों से चोरी को लेकर विस्तार से पूछताछ की गई, जिसमें कई खुलासे हुए हैं। सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से कोर्ट ने आरोपियों को जेल भेज दिया है। ...................................... क्राइम से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें रायपुर में महंगी बाइक का शौकीन चोर गिरफ्तार:डिलीवरी बॉय की स्पोर्ट्स बाइक और मेडिकल कॉम्प्लेक्स से बुलेट की थी पार, बाइक बरामद रायपुर में महंगी बाइक चलाने का शौकीन चोर गिरफ्तार हुआ है। आरोपी ने रायपुर के दो अलग-अलग थाना क्षेत्र में बाइक चोरी की वारदात की थी। एक स्पोर्ट्स डिलीवरी बाइक थी तो वहीं मेडिकल कॉम्प्लेक्स से बुलेट पार की थी। पुलिस ने चोर के पास से दोनों बाइक बरामद कर ली है। यह पूरा मामला राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र का है। पढ़ें पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:11 am

विधायक जयदीप बिहाणी का इंटरव्यू:मैं पद के लिए न झूठ बोलता, न नाटक ही करता, अब मामला सीएम व प्रदेशाध्यक्ष देखेंगे

हाल ही में 15 नवंबर को एक कार्यक्रम में श्रीगंगानगर कलेक्टर डॉ. मंजू और स्थानीय एडीएम सुभाषचंद्र के कार्यक्रम में समय पर नहीं पहुंचने को लेकर विधायक जयदीप बिहाणी के साथ कहा-सुनी का वीडियो वायरल होकर चर्चा में है। यह मामला सत्ता और संगठन के बीच पहुंच चुका है। भास्कर ने इसी प्रकरण पर विधायक जयदीप बिहाणी से गुस्सा होने के मामले में सवाल-जवाब किए तो उन्होंने अफसरों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वे अपना पक्ष आगे रख चुके हैं। उन्हें आश्वस्त किया गया है कि सत्ता और संगठन इस मामले को देखेगा। बहरहाल, यह विधायकों के प्रोटोकॉल और इज्जत से जुड़ा मुद्दा है। कलेक्टर ने कहा है कि वे कार्यक्रम में आपसे पहले पहुंची थीं, क्या कहेंगे? वे सही नहीं बोल रही हैं। अगर सरदार पटेल के सम्मान से जुड़े कार्यक्रम में कलेक्टर पहुंची थीं तो मंच पर होना चाहिए था। वे सड़क पर खड़े होने की बात कहकर गुमराह कर रही हैं। कलेक्टर लेट हो गईं तो क्या फर्क पड़ गया? कलेक्टर और एडीएम का व्यवहार ठीक नहीं है। यह चौथा मौका था जब इस तरह की हरकत हुई है। पिछले महीने की ही बात है, कलेक्टर ने मुझे 20 मिनट से अधिक समय तक अपने कमरे के बाहर इंतजार कराया था। विधायक का प्रोटोकॉल इन्हें याद नहीं रहता। हमें ही याद कराना पड़ता है। एडीएम समेत कई अफसरों की वर्किंग से गंगानगर परेशान है। हमारा बोलना तो बनता है। अपॉइंटमेंट लेकर मिलना चाहिए? मैं तो हमेशा पीए से अपॉइंटमेंट लेकर ही मिलने जाता हूं। फिर भी इनका आचरण और व्यवहार गलत हो तो क्या करें? आपने एडीएम सुभाषचंद्र से यह क्यों कहा — “घर जाओ, निकलो यहां से”? कलेक्टर की तरफ से अफसरों को प्रताड़ित किया जा रहा है और एडीएम ने इसका गुस्सा मुझ पर निकालने की कोशिश करते हुए कहा कि ट्रांसफर करा दीजिए। मैंने भी कह दिया कि यह मैं नहीं कराने वाला हूं, सरकार से आग्रह करें। यहां पर दिक्कत है तो निकल जाओ, घर जाओ। वैसे भी इन अफसरों के खिलाफ जनता की रोज शिकायतें पहुंच रही हैं कि ये लोग आमजन की समस्याएं ठीक तरह से नहीं सुन रहे हैं। अफसरों से 3-4 बार विवाद हुआ है तो सत्ता या संगठन तक बात पहुंचाई? यह मामला प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ से लेकर सीएम भजनलाल तक पहुंच गया है। संगठन ने आश्वस्त किया है कि अब यह मामला वे देखेंगे। इस वजह से अब मेरा ज्यादा बोलना ठीक नहीं है। संगठन हमारे काम से अच्छी तरह वाकिफ है। कलेक्टर को उंगली दिखाकर बात करना कितना ठीक है? जब हम बोलते हैं तो हाथ का मूवमेंट होता है। ऐसे में उंगली नीचे रखकर बात करने की कहकर विधायक की सरेआम बेइज्जती करने की कोशिश की। मैं तो उनका सम्मान करता हूं और एडीएम की शिकायत पर बात करने गया था, उल्टा वे भी भड़क गईं। मैं विधायक होकर कलेक्टर आवास पर दीवाली पर शिष्टाचार के नाते मिलने गया था। मेरी कोई पर्सनल दुश्मनी नहीं है, लेकिन ऐसा व्यवहार मुझे दिक्कत कर रहा है।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:07 am

हाउस में कांग्रेस सफाई-सीवरेज-स्ट्रीट लाइट समेत मुद्दे उठाएगी, भाजपा की रणनीति तैयार

भास्कर न्यूज | जालंधर विपक्ष ने नगर निगम हाउस की मीटिंग को लेकर रणनीति तैयार कर ली है। कांग्रेस के जिला प्रधान राजिंदर बेरी ने कहा कि जनता के पैसे की बर्बादी का मुद्दा कांग्रेस कौंसलर दल उठाएगा। शहर में सफाई-सीवरेज-स्ट्रीट लाइटों की हालत खराब है। जनता की शिकायतो‌ं पर कोई सुनवाई नहीं हो रही। विकास कार्यों के उद्घाटन समारोहों में कांग्रेस के कौंसलरों को शामिल नहीं किया जाता है। स्पोर्ट्स हब के दूसरी बार किए गए उद्घाटन समारोह में 1 करोड़ 75 लाख रुपए खर्च किए गए थे। स्पोर्ट्स हब समारोह के खर्चों की मंजूरी लेने का प्रस्ताव एजेंडे में शामिल किया गया है। इसी तरह 5 से 6 करोड़ रुपए के टेंडर अलॉटमेंट के प्रस्ताव हैं, ये सीधे तौर पर बड़ी कंपनियों के लिए लाभकारी फैसला है। सड़कों के सौंदर्यकरण के नाम पर करोड़ों बर्बाद करने की तैयारी है। कांग्रेस कौंसलर दल की बैठक 18 नवंबर को होगी। इस मीटिंग के बाद कौंसलर हाउस की मीटिंग में शामिल होंगे। नगर निगम हाउस की मीटिंग की तैयारियों के दौरान भाजपा लीडरशिप। भाजपा के जालंधर के प्रधान सुशील शर्मा ने कहा है कि भाजपाई कौंसलर नगर निगम में चल रही करप्शन, जनविरोधी नीतियों की पोल खोलेंगे। सोमवार को नगर निगम में भाजपा पार्षद दल के नेताओं की विपक्षी दल के नेता मनजीत सिंह टीटू की अध्यक्षता में बैठक हुई। जालंधर भाजपा प्रधान सुशील शर्मा,महामंत्री अशोक सरीन हिक्की विशेष रूप से उपस्थित हुए। बैठक में हाउस की होने वाली मीटिंग के एजेंडों पर चर्चा की गई। पार्षदों ने एकजुट होकर जनता से हो रहे भ्रष्टाचार,असुविधा,स रकारी फंडो के दुरुपयोग को लेकर हाउस मे जनता की आवाज अधिकारों को लेकर बुलंद करने को लेकर रणनीती बनाई गई।जिसके बाद सभी पार्षदों ने अपनी-अपनी जिम्मेवारी तय कर ली है।इस बैठक मे , चंद्रजीत कौर संधा, प्रो. कंवर सरताज सिंह, राजीव ढींगरा,

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:03 am

सिख इतिहास से संबंधित नायकों की नकल पर जताई आपत्ति

भास्कर न्यूज | जालंधर शिरोमणि कमेटी ने बीते दिनों गुरु गोबिंद सिंह स्टेडियम में लाइट एंड साउंड मल्टी मीडिया शो करवाया था। जिसमें सिख इतिहास से संबंधित नायकों की नकलें करने संबंधी ‘आवाज़-ए-कौम’ द्वारा श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज से शिकायत की गई है। संस्था की ओर से इस कार्यक्रम को करवाने के लिए जिम्मेदार प्रबंधकों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है। हरजिंदर सिंह जिंदा ने बताया कि ‘तिलक जंजू राखा प्रभ ताका’ शीर्षक के तहत यह शो करवाया गया था जिसमें एसजीपीसी प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी और मुख्य सचिव कुलवंत सिंह मन्नण पहुंचे थे। कार्यक्रम में नौवें पातशाह के इतिहास से संबंधित, गुरसिखों भाई मक्ख़न शाह लुबाना, भाई लक्खी शाह वणजारा और अन्य सिख नायकों के किरदार मंच पर नाटक के रूप में कुछ व्यक्तियों द्वारा फिल्माया गया जोकि गलत है। यहां ‘आवाज-ए-कौम’ के प्रधान मनजीत सिंह करतारपुर, बलदेव सिंह गतका मास्टर, जतिंदरपाल सिंह मझैल, जत्थेदार भूपिंदर सिंह, जत्थेदार अरविंदर सिंह, जत्थेदार लखविंदर सिंह बलौंगी, प्रताप सिंह आदि शामिल थे।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:03 am

हरियाणा-चंडीगढ़ की टीमों ने जीते मैच, दिव्यांगों ने लगाए चौके-छक्के तो दर्शकों के उड़े होश, जज्बे को सराहा

जालंधर| डिफरेंटली एबल्ड क्रिकेट काउंसिल ऑफ पंजाब की ओर से दो दिवसीय नॉर्थ जोन दिव्यांग टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारंभ पीएपी क्रिकेट स्टेडियम में किया गया। इसमें हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और चंडीगढ़ की टीमें हिस्सा ले रही हैं। सोमवार को डीसीसीआई से आए राष्ट्रीय महासचिव रवि चौहान ने खिलाड़ियों से मुलाकात की। उनके साथ धीरज हार्डे, संजय सिंह तोमर, विनोद कुमार मौजूद रहे। पहले दिन 4 मैच करवाए गए। पहला मैच दिल्ली एवं हरियाणा की टीम व दूसरा मैच चंडीगढ़ और हिमाचल की टीम के बीच खेला, जिसमें हरियाणा व चंडीगढ़ विजेता रहे और दोपहर बाद करवाए पहले मुकाबले में पंजाब एवं हरियाणा व दूसरे मुकाबले में चंडीगढ़ और जम्मू कश्मीर के खिलाड़ी आमने सामने हुए। जिसमें की हरियाणा ने अपना दूसरा मैच जीता और दूसरे मुकाबले में जम्मू और कश्मीर की टीम विजेता रही। एक हाथ से बैटिंग में चौके छक्के लगते देख खिलाड़ियों के जज्बे की सराहना की। इस मौके पर नितिन कोहली, सुशील रिंकू, अतुल भगत, फादर बीनू जोसफ और उनकी टीम (नवजीवन चैरिटेबल सोसाइटी) भारत विकास परिषद जालंधर समर्पण शाखा के सदस्यगण, दिनेश वर्मा (डीए लीगल), मनमीत दुग्गल (डीडीए लीगल) लक्की मल्होत्रा, दविंदर अरोड़ा, बीके मैनी (गौशाला कमेटी पंचवटी मंदिर), राजेश अरोड़ा, अमनजीत सिंह, गौरव नंदा, अतुल नागपाल भी मौजूद रहे। डीसीसीपी की तरफ से अध्यक्ष अरुण अरोड़ा और महासचिव आलोक के नागपाल ने आए हुए सभी गणमान्यों को समृति चिह्न दे कर सम्मानित किया और सभी गणमान्यों द्वारा संस्था द्वारा किए दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए किए जा रहे इस मंच की सराहना करते हुए हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया। खिलाड़ियों के साथ मौजूद सदस्य।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:03 am

बापू अमी चंद जी दरबार की गद्दीनशीन के घर लूट, चार युवकों पर पर्चा दर्ज

भास्कर न्यूज | जालंधर थाना भार्गव कैंप में मेजर कॉलोनी स्थित बापू अमी चंद जी दरबार की गद्दीनशीन बलजिंदर कौर उर्फ मंगलो माता की शिकायत पर लूट का केस दर्ज किया गया है। केस में लुधियाना के रहने वाले अजय, अभी तुली, सागर और हर्ष को आरोपी बनाया गया है। महिला ने शिकायत में कहा िक वारदात के बाद वह डर गईं थीं। इसलिए देरी से शिकायत दी। एसएचओ मोहन सिंह ने बताया िक महिला ने शिकायत में कहा है कि उक्त लुटेरे करीब ढाई लाख कैश, जेवर और एक जमीन की रजिस्ट्री ले गए। एसएचओ ने बताया कि पुलिस हर एंगल पर जांच कर रही है। इसमें पैसे का लेन-देन भी एक एंगल है। पुलिस को दिए बयान में 34 साल की बलजिंदर कौर ने कहा कि हर्ष, सागर, अभी और अजय करीब पांच साल से संगत के रूप में उनके दरबार में आ रहे हैं। शनिवार की रात करीब साढ़े नौ बजे दो कारों में उक्त लोग आए। सागर और हर्ष घर के बाहर खड़े रहे। वहीं अजय और तुली मेरे कमरे में आ गए। अलमारी के लॉकर की चाबी मांगी। लॉकर खोलकर जेवर, कैश और रजिस्ट्री निकाली। मैंने इस बारे पूछा तो तुली और अजय ने डब से पिस्टल निकाल कर धमकी दी कि शोर मचाया तो वह उसे गोली मार देंगे। इसके बाद वह घबरा गईं। उक्त लोग घर में लूट कर फरार हो गए।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:02 am

ट्रांसको में 270 पदों की भर्ती खुली, आखिरी तारीख 16 दिसंबर

जालंधर | पंजाब स्टेट ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन में 270 पदों पर सोमवार को भर्ती खोली गई है। आवेदन करने की अंतिम तारीख 16 दिसंबर है। भर्ती के तहत सहायक इंजीनियर (ओटी) के पद 21 हैं। इनमें से 40 पावरकॉम के लिए हैं। जेई इलेक्ट्रिकल के 110, आईटी के सहायक मैनेजर के 3, अकाउंट्स अफसर 2, डिविजनल अकाउंटेंट 11, जेई सिविल 15, जेई दूरसंचार 6, ला अफसर ग्रेड-2 के पद 2, टेलीफोन मैकेनिक 10, लोअर डिवीजन क्लर्क 35, लोअर डिवीजन अकाउंट्स के 15 पदों पर भर्ती होगी। भर्ती के लिए परीक्षा होगी। चयन मेरिट के आधार पर होगा।

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:02 am

राबर्ट वाड्रा पर बीजेपी के पूर्व सांसद का कमेंट:आलोक संजर ने लिखा;दोबारा शादी करो, तुमसे दोनों परिवार वाले नाखुश हैं

बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों को लेकर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा ने मांग की है कि बिहार में दोबारा चुनाव कराए जाएं बिहार के नतीजों से लोग खुश नहीं हैं। फेसबुक पर किए गए इस पोस्ट पर भोपाल से बीजेपी के पूर्व सांसद आलोक संजर के कमेंट से विवाद हो गया है। पूर्व सांसद आलोक संजर ने कमेंट में लिखा- तुम भी दोबारा विवाह करो, तुम्हारे से दोनों परिवार वाले नाखुश हैं। फिर दोबारा चुनाव करवा देंगे-दुखी लोगों... राबर्ट वाड्रा ने कहा: बिहार में लोगों को 10 हजार रुपए देकर खरीदा गया बिजनेसमैन राबर्ट वाड्रा ने सोमवार को ओंकारेश्वर में बिहार चुनाव और पीएम नरेंद्र मोदी की भविष्यवाणी पर कहा कि बिहार के चुनावी रिजल्ट से लोग खुश नहीं हैं। लोगों को 10 हजार रुपए देकर खरीदा गया है। ऐसी चीजें रोकी जानी चाहिए थी, उसको इसे बंद कराना चाहिए थी। देश और बिहार की जनता इस रिजल्ट से खुश नहीं है। वाड्रा ने कहा अगर कभी भी इलेक्शन दोबारा हों, बैलेट पेपर से चुनाव होंगे तो मुझे लगता है कि रिजल्ट बदलेगा। एकतरफा महागठबंधन की सरकार बनेगी। मेरा अनुभव है हम उनकी मांगें बुलंद करें। महागठबंधन एकजुट, कोई फूट नहीं होगीप्रधानमंत्री की भविष्यवाणी पर राबर्ट वाड्रा ने कहा कि, कोई फूट नहीं होगी। सब लोग एकजुट है, महागठबंधन भी पूरी तरह एकजुट हैं। ये लोग हार से भी सीख लेते हैं। जो गलत हो रहा है, उसके लिए लड़ रहे हैं। राहुल को देख ही रहे हैं कि, वे लोगों के बीच जा रहे हैं। अब जानिए आलोक संजर कौन हैंआलोक संजर भोपाल से 2014 में सांसद बने थे। वे एमपी बीजेपी के प्रदेश कार्यालय मंत्री भी रह चुके हैं। बीजेपी संगठन के पुराने नेता माने जाते हैं। फेसबुक पर उनके 43 हजार फॉलोअर हैं। ये खबर भी पढ़ें... रॉबर्ट वाड्रा बोले- बिहार में दोबारा चुनाव होना चाहिए बिहार की जनता चुनाव परिणाम से खुश नहीं है। जो हुआ वो चुनाव आयोग के कारण हुआ है। ये परिणाम चुनाव आयोग की मदद से आए और उससे कोई भी सहमत नहीं है। बिहार में दोबारा चुनाव होना चाहिए। ये बात रविवार को इंदौर पहुंचे कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने कही है। पूरी खबर पढ़ें

दैनिक भास्कर 18 Nov 2025 5:02 am