बिहार में करीब 20 सालों बाद सीएम नीतीश कुमार ने गृह विभाग छोड़ दिया। यह जिम्मेदारी भाजपा ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को सौंपी। इनके कार्यभार संभालने के 24 घंटे में ताबड़तोड़ 2 एनकाउंटर हुए। इस पर चर्चा चल रही कि बिहार में भी अब योगी का यूपी पैटर्न लागू होगा। ऐसे में सवाल है कि अपराधियों पर भाजपा (योगी) का ‘यूपी पैटर्न’ क्या है? यूपी मॉडल की क्या खूबियां मानी जाती हैं? क्या छोटे-मोटे अपराध भी कम हुए? क्या इस मॉडल से लॉ एंड ऑर्डर लंबे समय तक सुधर सकता है? पढ़िए सारे सवालों के जवाब भास्कर एक्सप्लेनर में… पहले पढ़िए यूपी के दो बड़े एनकाउंटर केस 1- कानपुर के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को उज्जैन से कानपुर लाते समय 10 जुलाई, 2020 को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस के मुताबिक, ट्रांजिट के दौरान गाड़ी पलटने के बाद दुबे ने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में ढेर हो गया। घटना से एक हफ्ते पहले विकास दुबे और उसके गैंग ने कानपुर के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। यह एनकाउंटर देशभर में सबसे चर्चित रहा। पुलिस कार्रवाई पर कई राजनीतिक और कानूनी सवाल उठे। मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT ने की थी। केस 2- उमेश पाल हत्याकांड का मुख्य आरोपी और अतीक अहमद का बेटा असद अहमद 13 अप्रैल, 2023 को झांसी में यूपी एसटीएफ के एनकाउंटर में मार दिया गया। सीसीटीवी फुटेज में हथियार लेकर वारदात में शामिल दिखने के बाद वह लगभग 50 दिन तक फरार रहा। झांसी में एसटीएफ को उसकी लोकेशन की पुख्ता जानकारी मिली। इस एनकाउंटर को अतीक अहमद गैंग पर सबसे बड़ा झटका माना गया। 2 दिन बाद ही अतीक और अशरफ की भी हत्या हो गई। इससे मामला और हाई-प्रोफाइल बन गया। अपराधियों पर भाजपा का ‘यूपी पैटर्न’ क्या है?यूपी में 2017 के बाद अपराध नियंत्रण को लेकर जिस मॉडल को भाजपा अपनी बड़ी उपलब्धि बताती है, उसे आमतौर पर ‘यूपी पैटर्न’ कहा जाता है। यह मॉडल तेज कार्रवाई, कठोर कानून और अपराधियों के नेटवर्क पर सीधी चोट जैसी रणनीतियों पर आधारित है। हालांकि, यूपी के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह बताते हैं- भाजपा माफिया और उनके विरोधियों पर की गई कार्रवाई को अपना ‘यूपी पैटर्न’ बताती है। पुलिस अपराधियों का इतिहास खंगाल कर कार्रवाई करती है। लेकिन जब भाजपा से जुड़े लोग पुलिस अधिकारियों या एसडीएम तक से मारपीट करते हैं, तो उन पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं होती। वहीं, रिटायर्ड IPS राजेश पांडेय का कहना है कि इसे भाजपा पैटर्न नहीं, ‘योगी मॉडल’ कहना अधिक उचित होगा। इस मॉडल की सबसे खास बात है- जीरो टॉलरेंस की नीति। राज्य सरकार की साफ चेतावनी है कि यूपी में किसी भी अपराधी को ढिलाई नहीं मिलेगी। इसके लिए कुख्यात अपराधियों की एक लिस्ट तैयार की गई है। गैंगस्टर एक्ट और एनएसए जैसे सख्त कानूनों का इस्तेमाल बढ़ा है। 1- महिलाओं से जुड़े अपराधों में प्राथमिकतायोगी सरकार अपने लॉ एंड ऑर्डर मॉडल में महिलाओं से जुड़े अपराधों को 'टॉप प्रायोरिटी' मानती है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर यूपी में पिछले सालों में कई अहम कदम उठाए गए। 2- एनकाउंटर-आधारित पुलिसिंगयूपी मॉडल की सबसे पहचान वाली छवि मुठभेड़ों की संख्या में बढ़ोतरी रही। हाई-प्रोफाइल मामलों में पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की। कई कुख्यात अपराधी एनकाउंटर में मारे गए। 3- माफिया की संपत्ति पर सीधा हमलाराज्य ने अपराधियों की अवैध संपत्तियों पर बड़ी कार्रवाई की। अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी जैसे माफिया नेटवर्क पर अवैध निर्माण गिराने और संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई को सरकार मॉडल की सबसे बड़ी सफलता मानती है। 4- तेज पुलिस और प्रशासनिक एक्शनहर जिले में स्पेशल टीमों की तैनाती, फरार अपराधियों की सार्वजनिक सूची और बड़े मामलों में त्वरित गिरफ्तारी, इस मॉडल की मुख्य विशेषताएं हैं। मुख्यमंत्री स्तर पर केसों की नियमित मॉनिटरिंग भी इसका हिस्सा है। यूपी पैटर्न का क्या असर हुआ? संगठित अपराध पर कड़ा हमला: माफिया गैंग, बाहुबली नेताओं और बड़े अपराधियों पर दर्जनों कार्रवाई, एनकाउंटर और संपत्ति जब्त की। तेज पुलिस रिस्पॉन्स: गंभीर अपराधों में पुलिस की प्रतिक्रिया समय पहले से तेज हुआ। महिलाओं संबंधी अपराधों में सख्ती: एंटी-रोमियो स्क्वॉड, फास्ट-ट्रैक जांच और त्वरित गिरफ्तारी। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, माफिया नेटवर्क कमजोर हुए और कई बड़े गिरोह टूटे। पुलिसिंग में फियर ऑफ लॉ बढ़ा। हालांकि छोटे अपराधों- चोरी, महिला अपराध और साइबर फ्रॉड में गिरावट उतनी तेज नहीं दिखी। मॉडल पर मानवाधिकार और एनकाउंटर की वैधता को लेकर लगातार सवाल भी उठते रहे। क्या इससे छोटे अपराध कम हुए?रिटायर्ड IPS राजेश कुमार पांडेय बताते हैं- योगी मॉडल ने बड़े अपराधों (गैंगस्टर, माफिया, संगठित अपराध) पर बहुत तेज असर डाला। लेकिन, छोटे अपराधों में गिरावट सीमित और आंशिक रही है। हाउस ब्रेकिंग, मोबाइल स्नैचिंग, छेड़छाड़, चोरी जैसे अपराध पूरी तरह कम नहीं हुए। इन अपराधों में स्थानीय पुलिस की एक्टिव पेट्रोलिंग, बीट सिस्टम और त्वरित FIR की भूमिका ज्यादा होती है, जो हर जिले में एक जैसा मजबूत नहीं। वहीं, यूपी के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का कहना है कि अपराध कम नहीं हुए, बल्कि थानों में अपराध दर्ज नहीं हो रहे। इसलिए कुछ आकलन भी नहीं हो सकता है। क्या इस मॉडल से लॉ एंड ऑर्डर लंबे समय तक सुधर सकता है?पूर्व DGP एके जैन के अनुसार, यूपी में लॉ एंड ऑर्डर में लगातार सुधार देखा जा रहा। योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल में भी अपराध के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई हो रही। इस मॉडल को नकारा नहीं जा सकता। क्योंकि यह दिखाता है कि लगातार, संस्थागत और टारगेटेड एक्शन से लंबे समय तक कानून-व्यवस्था में सुधार संभव है। उनका दावा है कि योगी मॉडल की वजह से पुलिस को फ्री-हैंड, अपराधियों पर स्ट्रॉन्ग पॉलिसी, और संगठित अपराध पर सिस्टमेटिक क्रैक-डाउन मिला है। यह लंबे समय तक असर दिखा सकता है। पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह के अनुसार, योगी सरकार का कानून-व्यवस्था मॉडल अधिकारियों के मुताबिक बेहद प्रभावी साबित हुआ है। इसकी सबसे बड़ी ताकत यह बताई जाती है कि कार्रवाई सिर्फ दिखावे तक सीमित नहीं, बल्कि कानूनी और आर्थिक दोनों स्तरों पर दबाव बनाया गया। योगी सरकार के कानून-व्यवस्था मॉडल में यूपी गैंगस्टर एक्ट की धारा 14 को सबसे प्रभावी हथियार माना जा रहा। इस धारा के तहत अपराधियों की चल-अचल संपत्तियां कुर्क की गईं। माफिया का 'अंत' सिर्फ गिरफ्तारी से नहीं, बल्कि उनके आर्थिक साम्राज्य को तोड़कर किया गया। एटीएस और एसटीएफ को उच्च गुणवत्ता के हथियार, आधुनिक तकनीक और स्पेशल ट्रेनिंग दी गई। पुलिस बल में बड़ी संख्या में भर्तियां कर फोर्स की क्षमता बढ़ाई गई। तेज और प्रो-एक्टिव पुलिसिंगमजबूत केस तैयार कर अदालत से अपराधियों को सजा दिलाना मॉडल की बड़ी उपलब्धि माना जाता है। इसी प्रो-एक्टिव पुलिसिंग से कई गैंगस्टरों की पकड़ कमजोर हुई। हालांकि पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का कहना है कि इस मॉडल का दूरगामी असर पॉजिटिव नहीं दिखता है। बल्कि इसका खराब प्रभाव पड़ सकता है। कहा जा रहा है कि पुलिस व्यवस्था के भीतर जिस तरह की आपराधिक मानसिकता और अनियमितताएं बढ़ी हैं, उन्हें ठीक करने में लंबा समय लगेगा। लॉ एंड ऑर्डर केवल एनकाउंटर या कड़े एक्शन से नहीं सुधरता। इसके लिए पुलिस सुधार, पारदर्शिता और जवाबदेही की जरूरत होती है। यह अभी कमजोर दिखाई देती है। यूपी मॉडल या योगी मॉडल की खूबियां क्या मानी जाती हैं?रिटायर्ड आईपीएस राजेश कुमार पांडेय बताते हैं- योगी मॉडल से ही राज्य में माफिया के आतंक पर रोक लगी है। अपराध कम हुए हैं। इसकी कई सारी खूबी हैं। इसके वजह से ही अपराधियों और माफिया के खिलाफ कार्रवाई में देरी नहीं होती है। तुरंत गिरफ्तारी, चार्जशीट और कोर्ट में तेजी से पेशी को इसकी बड़ी ताकत माना जाता है। हालांकि, पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह इस मॉडल में किसी खूबी को नहीं देखते। उनके अनुसार, जिसे यूपी मॉडल कहा जा रहा है, वह मूलरूप से दिखावटी एक्शन पर आधारित है, न कि वास्तविक सुधारों पर। सुलखान सिंह का कहना है कि इस मॉडल में कानून व्यवस्था सुधारने की ठोस रणनीति नहीं है। एनकाउंटर या सख्त कार्रवाई की छवि तो बनती है, लेकिन सिस्टम के अंदरूनी सुधार नहीं किए जाते। पुलिस की जवाबदेही, प्रशिक्षण, पारदर्शिता और संवेदनशीलता जैसे असली मुद्दे पीछे छूट जाते हैं। यह मॉडल लंबी अवधि के परिणाम नहीं देता, क्योंकि इसमें संस्थागत सुधारों की कमी है। पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह का कहना है कि किसी भी प्रदेश का लॉ एंड ऑर्डर तभी बेहतर होता है, जब पुलिस व्यवस्था पेशेवर, निष्पक्ष और पारदर्शी हो। यूपी मॉडल इन मूलभूत सिद्धांतों को मजबूत करने में नाकाम रहा है। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी में BLO रोती रही, बेटा चुप कराता रहा, बोलीं- SIR के लिए रात 3 बजे लोग फोन करते हैं 'रात में 3 बजे लोगों की कॉल आती है। विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) फॉर्म को लेकर सवाल पूछा जाता है। रोज 200-300 फॉर्म करवाओ, फील्ड में जाओ। कई बार घर जाओ, तो लोग दरवाजा नहीं खोलते। जो खोलते हैं, वो कहते हैं तुम ही भरो, ये तुम्हारा काम है।' यह दर्द शिक्षामित्र शिप्रा मौर्या का है। उन्हें बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) बनाया गया है। पढ़िए पूरी खबर...
महिला हेल्प डेस्क ने दिए पॉस्को एक्ट और साइबर क्राइम से बचाव के टिप्स
भास्कर न्यूज |सीतामढ़ी जिले के बाजपट्टी थाना क्षेत्र स्थित नेपानी उच्च विद्यालय प्लस टू में सोमवार को महिला हेल्प डेस्क प्रभारी के द्वारा पॉस्को एक्ट, घरेलू हिंसा तथा साइबर क्राइम के विषय पर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विद्यालय के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। विद्यार्थियों को संवेदनशील मुद्दों एवं सुरक्षा संबंधी कानूनी प्रावधानों की जानकारी सरल भाषा में दी गई। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में अधिकारियों ने पॉस्को एक्ट के बारे में विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने कहा कि यह कानून बच्चों को यौन अपराधों से संरक्षण प्रदान करता है और किसी भी प्रकार के शारीरिक, मानसिक या यौन उत्पीड़न पर कठोर दंड का प्रावधान करता है। विद्यार्थियों को बताया गया कि किसी भी असामान्य स्पर्श, धमकी, ब्लैकमेल या अवांछित व्यवहार की तुरंत सूचना अभिभावक, शिक्षक या पुलिस को देनी चाहिए। शिकायत के लिए चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 व अन्य माध्यम भी छात्रों को बताए गए। दूसरे सत्र में घरेलू हिंसा पर चर्चा हुई। टीम ने समझाया कि घरेलू हिंसा केवल मारपीट तक सीमित नहीं, बल्कि मानसिक उत्पीड़न, आर्थिक शोषण, दहेज दबाव और भावनात्मक प्रताड़ना भी इसके दायरे में आते हैं। छात्रों को बताया गया कि ऐसे मामलों में पीड़ित व्यक्ति किस प्रकार महिला हेल्प डेस्क, महिला थाना, हेल्पलाइन नंबर 181 या न्यायालय के माध्यम से सहायता एवं सुरक्षा प्राप्त कर सकता है। तीसरे सत्र में बढ़ते साइबर अपराध पर विशेष फोकस किया गया।
साइबर खतरों से निपटने के लिए भारत सरकार ने नया आदेश जारी किया है। स्मार्टफोन कंपनियों को ये निर्देश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि कंपनियां नए स्मार्टफोन में साइबर सिक्योरिटी एप 'संचार साथी' (Sanchar Saathi) प्री-इंस्टॉल (पहले से डाउनलोड) ...
अजमेर की सिविल लाइन थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े बुजुर्ग महिला से ठगी का मामला सामने आया है। दो बदमाशों ने घर के बाहर खड़ी बुजुर्ग महिला को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बातकर झांसे में लिया। चार डायमंड, एक सिल्वर की चूड़ी लेकर भाग गए। बदमाशों ने महिला को हाथ में नकली चूड़ियां धमाकर चले गए थे। मामले में महिला के बहू ने सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। सिविल लाइन थाना पुलिस जांच में जुटी है। सब इंस्पेक्टर भर्ती गिरिराज ने बताया कि सिविल लाइंस क्षेत्र में रहने वाली महिला राज राठी(60) मंदिर से आकर अपने घर पहुंची थी। तभी घर के बाहर बाइक पर दो बदमाश पहुंचे और दोनों ने महिला को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया था। सब इंस्पेक्टर ने बताया- दोनों बदमाशों ने महिला से कहा कि उन्होंने जो चूड़ियां पहन रखी, वह नकली चूड़ियां हैं। इसके साथ ही महिला को पूरी तरीके से झांसे में लिया। चार डायमंड और एक सिल्वर की चूड़ी उतरवा ली। इसी दौरान बातों में उलझा कर महिला को हाथों में नकली चूड़ियां पकड़ कर फरार हो गए। कुछ देर बाद महिला को एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया। मामले में महिला की बहू नेहा राठी की ओर से सिविल लाइन थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
बिहार में लगातार हो रही बुलडोजर कार्रवाई को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। इसी कड़ी में जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि राज्य सरकार ‘क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म’ यानी तीन ‘C’ के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। “तीन C वाला कोई भी व्यक्ति होगा जमींदोज” अभिषेक झा ने साफ कहा कि जो भी व्यक्ति अपराध, भ्रष्टाचार या सांप्रदायिकता फैलाएगा, उसे जमींदोज कर दिया जाएगा। उन्होंने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार की हर कार्रवाई प्रशासनिक प्रोटोकॉल और कानूनी प्रक्रिया के तहत ही की जा रही है। नीतीश के प्रशासनिक मॉडल की तारीफ झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रशासनिक मॉडल की सराहना की। उन्होंने कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था पर किसी कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता। उन्होंने यह भी कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्ती लगातार जारी रहेगी, भले ही कार्रवाई का तरीका कुछ भी हो। तेजस्वी यादव पर निशाना- नीतीश ने ही दिया था अवसर जदयू प्रवक्ता ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने ही तेजस्वी को राजनीति में बड़ा अवसर दिया था और उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाकर लंबे समय तक काम करने का मौका दिया गया। उन्होंने जोड़ा कि मुख्यमंत्री आज भी सहयोगियों की योग्यता के आधार पर ही विभाग और जिम्मेदारी का बंटवारा करते हैं। एनडीए की मजबूती पर दावा, मजबूत स्तंभ हैं चिराग और कुशवाहा अभिषेक झा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को एकजुट और मजबूत बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की सरकार स्थिर और प्रभावी तरीके से काम कर रही है। उन्होंने चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा को एनडीए का मजबूत स्तंभ बताया।
सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिेगेशन (CBI) को देशभर से सामने आए डिजिटल अरेस्ट के मामलों की पैन इंडिया जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। सोमवार को सुनवाई के दौरान SC ने सभी राज्यों को डिजिटल अरेस्ट मामलों की जांच में CBI की मदद करने के भी निर्देश दिए। CJI सूर्यकांत की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा- डिजिटल अरेस्ट तेजी से बढ़ता साइबर क्राइम है। इसमें ठग खुद को पुलिस, कोर्ट या सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर वीडियो/ऑडियो कॉल के जरिए पीड़ितों, खासकर सीनियर सिटिजन को धमकाते हैं और उनसे पैसे वसूलते हैं। CJI सूर्यकांत की बेंच ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को नोटिस जारी कर पूछा कि साइबर ठगी में उपयोग हो रहे बैंक खातों को तुरंत ट्रैक और फ्रीज करने के लिए AI और मशीन लर्निंग तकनीक का उपयोग क्यों नहीं किया जा रहा। इससे पहले 3 नवंबर की सुनवाई में SC ने कहा था कि डिजिटल अरेस्ट मामलों में लगभग ₹3 हजार करोड़ की ठगी का पता चला है। अदालत ने इसे 'आयरन हैंड' से निपटने लायक गंभीर 'राष्ट्रीय समस्या' बताया था। दरअसल, हरियाणा के अंबाला जिले में बुजुर्ग दंपति से 3 से 16 सितंबर के बीच 1.05 करोड़ रुपए की ठगी हुई थी। दंपती को सुप्रीम कोर्ट के जजों के फर्जी साइन और जांच एजेंसियों के नकली आदेश दिखाकर डिजिटल अरेस्ट किया गया था। पीड़ित ने 21 सितंबर को CJI बीआर गवई (पूर्व सीजेआई) को चिट्ठी लिखकर पूरी बात बताई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में खुद से एक्शन लिया था। SC के CBI को दिए निर्देश टेलिकॉम डिपार्टमेंट और राज्यों को SC के निर्देश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश मामले में SC की पहले की सुनवाई पढ़ें.... 3 नवंबर: सुप्रीम कोर्ट बोला- 3 हजार करोड़ की साइबर ठगी चौंकाने वाली सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में डिजिटल अरेस्ट और साइबर ठगी के बढ़ते मामलों पर नाराजगी जताई थी। सरकार ने कोर्ट में साइबर फ्रॉड से जुड़े आंकड़े पेश कर बताया था कि देशभर में पीड़ितों से करीब तीन हजार करोड़ रुपए की ठगी हुई है। जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा था- इस मामले में सख्ती से निपटाना होगा। यह बेहद चौंकाने वाला है कि देशभर में लोगों से 3 हजार करोड़ रुपए का साइबर फ्रॉड हुआ है। बेंच ने कहा कि मामले में जल्द दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। पूरी खबर पढ़ें... 27 अक्टूबर: डिजिटल अरेस्ट मामले में CBI जांच पर विचार सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्टूबर को हुई सुनवाई में सभी राज्यों से डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी एफआईआर की जानकारी मांगी थी। साथ ही कोर्ट ने पूछा था कि क्या सीबीआई के पास इन मामलों की जांच के लिए पर्याप्त संसाधन हैं। वहीं गृह मंत्रालय और सीबीआई ने इस पर सीलबंद रिपोर्ट पेश की थी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया था कि मंत्रालय में एक अलग यूनिट इस मुद्दे पर काम कर रही है। पूरी खबर पढ़ें... 17 अक्टूबर: SC ने केंद्र सरकार और CBI से जवाब मांगा सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार और CBI से जवाब मांगा था। कोर्ट ने कहा था कि यह कोई आम अपराध नहीं है। कोर्ट के नाम, मुहर और आदेशों की नकली कॉपी बनाना पूरी न्याय व्यवस्था पर सीधा हमला है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार व अंबाला साइबर क्राइम यूनिट को निर्देश दिया था कि अब तक की जांच की पूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। कोर्ट ने कहा था कि ऐसे अपराधों का देशभर में फैलता नेटवर्क सामने आ रहा है। इसलिए सिर्फ एक मामले की जांच नहीं, बल्कि केंद्र और राज्य पुलिस को मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई करनी होगी। पूरी खबर पढ़ें... 2024 में 1100 करोड़ की साइबर ठगी हुई दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में 2025 में साइबर अपराधियों ने लोगों से करीब 1,000 करोड़ रुपए ठगे। इस साल इन्वेस्टमेंट स्कैम, डिजिटल अरेस्ट और बॉस स्कैम ठगी के सबसे ज्यादा आम तरीके बने। साल 2024 में दिल्ली के लोगों से करीब 1,100 करोड़ रुपए की साइबर ठगी हुई थी। उस समय पुलिस और बैंक ठगे गए पैसों में से करीब 10% रकम को ही फ्रीज कर पाए थे, लेकिन 2025 में दिल्ली पुलिस ने बैंकों के साथ मिलकर लगभग 20% ठगे गए पैसे को रोकने में सफलता पाई है। यानी, पिछले साल की तुलना में यह उपलब्धि दोगुनी है। धाराप्रवाह अंग्रेजी में बात, आईकार्ड-बैकग्राउंड लोगो भी दिखाते हैं ठग धाराप्रवाह अंग्रेजी में बात करते हैं। वीडियो कॉलिंग के दौरान आईडी कार्ड दिखाते हैं। जिस भी एजेंसी के अफसर को कॉल ट्रांसफर करते हैं, उसके बैकड्रॉप पर एजेंसी का लोगो दिखता है। कथित सुनवाई में प्रदर्शित सेटअप भी कोर्ट रूम का होता है, इसलिए लोग विश्वास कर लेते हैं। साइबर जांच से जुड़े एक अफसर बताते हैं कि बहुत पढ़े-लिखे, उच्च पदस्थ व रिटायर्ड लोग कानून का सम्मान ज्यादा करते हैं। वे इन साइबर अपराधियों को असली अफसर मान लेते हैं, जबकि देश में फोन पर ऐसी जांच और पैसे ट्रांसफर का कोई प्रावधान नहीं है। पुलिस की अपील- फौरन शिकायत करें, पैसा बच सकता है दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट के डीसीपी विनीत कुमार ने कहा- जैसे ही किसी को साइबर फ्रॉड का पता चले, तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें। अगर आप जल्दी रिपोर्ट करते हैं, तो हम बैंक खातों में पैसा फ्रीज करवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस ने 24 घंटे चालू रहने वाली 24 हेल्पलाइन लाइनों की व्यवस्था की है, ताकि लोग तुरंत अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। ये मैसेज असली लगते हैं क्योंकि ये आधिकारिक आईडी या कंपनी नंबर जैसे दिखते हैं। इसलिए लोग धोखा खा जाते हैं। ---------------------------------- डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... 4 महीने में 400 करोड़ की ठगी, डॉक्टर-इंजीनियर, IIT प्रोफेसर को शिकार बना रहे, मास्टरमाइंड दुबई में बैठे देश में पिछले 4 माह में करीब 400 करोड़ रुपए ठगे जा चुके हैं। ताज्जुब ये है कि इसमें जो शिकार बने हैं, उनमें डॉक्टर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सैन्य अफसर और आईआईटी प्रोफेसर जैसे उच्च शिक्षित लोग शामिल हैं। इसके पीछे दुबई में बैठे मास्टरमाइंड हैं। भास्कर की पड़ताल में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पूरी खबर पढ़ें... गांधीनगर में देश का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट, डॉक्टर को 3 महीने अरेस्ट कर 19.24 करोड़ रुपए वसूले साइबर फ्रॉड : बताओ... अभी तुम कहां हो? महिला डॉक्टर: मैं दवा की दुकान पर हूं। वह मेरे घर के पास ही है। साइबर फ्रॉड :चलो... अभी घर जाओ और तुम्हें जो बैंक अकाउंट दिया है, उसमें दो करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दो। महिला डॉक्टर: लेकिन मैं तुम्हें पहले ही 6 करोड़ दे चुकी हूं और कितने पैसे दूं? पूरी खबर पढ़ें...
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सचिन सिंह राजपूत ने 30 नवंबर को बस्तर दौरे के दौरान केशकाल के प्रसिद्ध भंगाराम में देवी-देवताओं की पारंपरिक अदालत का अवलोकन किया। इसके बाद वे केशकाल के टाटामारी में ही रात रुके। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें सलामी भी दी। जानकारी मिलने पर कि टाटामारी के नैनाराज में देवी-देवताओं की परंपरागत अदालत लगती है, जस्टिस राजपूत वहां पहुंचे। उन्होंने भंगाराम माई के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। ग्रामीणों के अनुसार, इस अदालत में लोगों के बीच के विवादों और अपराधों का निपटारा पारंपरिक रीति से किया जाता है, जिसे न्यायाधीशों द्वारा सजा सुनाने जैसी पद्धति माना गया है। देव-परंपराओं से जुड़ी धार्मिक आस्थाओं की दी जानकारी जस्टिस राजपूत ने अदालत की व्यवस्था को करीब से समझते हुए इसके इतिहास और परंपरा की विस्तृत जानकारी ली। भंगाराम माई की अदालत और उससे जुड़ी मान्यताओं ने उन्हें विशेष रूप से आकर्षित किया। स्थानीय जानकारों ने उन्हें जुलूस नाच, प्रतिवर्ती भादो माई की जाजरा परंपरा और देव-परंपराओं से जुड़ी धार्मिक आस्थाओं की जानकारी भी दी। जस्टिस राजपूत ने अपने इस अनुभव को “अद्वितीय और आनंददायी” बताया। दर्शन के बाद जस्टिस राजपूत ने केशकाल व्यवहार न्यायालय का निरीक्षण किया और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए। इसके बाद वे नारायणपुर एवं कोंडागांव के लिए रवाना हो गए। इस दौरान हाईकोर्ट रजिस्ट्रार मंज़ूर अहमद, जिला एवं सत्र न्यायाधीश किरण चतुर्वेदी, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी सौम्या राय, एसपी पंकज चंद्रा, एएसपी अरुण नेताम, फॉरेस्ट एसडीओ सुभाष नेताम और टीआई जोगेंद्र सिंह चौहान सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
जस्टिस काटजू ने ऐसा क्या कह दिया कि नाराज़ हो गईं नेहा सिंह राठौड़
जस्टिस मार्कंडेय काटजू की व्यंग्यात्मक टिप्पणी से नेहा सिंह राठौड़ क्यों नाराज़ हुईं? कॉल बातचीत, कविता विवाद और ट्रोलिंग पर पूरा विवरण।
Who is Shahzad Bhatti: कभी अंडरवर्ल्ड की दुनिया में शहजाद भट्टी और लॉरेंस बिश्नोई की दोस्ती मिसाल मानी जाती थी. 2024 की ईद पर दोनों की वीडियो कॉल वायरल हुई थी, जिसमें भट्टी ने यह तक कह दिया था कि वह लॉरेंस के लिए अपनी गर्दन कटवाने तक को तैयार है. लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद परिस्थितियां बदल गईं.
रोहतक के ब्लॉक लाखनमाजरा में अंधेरा होते ही युवाओं ने बॉस्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक राठी को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर कैंडल मार्च निकाला और स्टेडियम पहुंचकर श्रद्धांजलि दी। कोच व खिलाड़ियों ने सरकार से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। बॉस्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक राठी की 25 नवंबर को स्टेडियम में बॉस्केटबॉल की प्रैक्टिस करने के दौरान छाती पर पोल गिरने के कारण मौत हो गई थी। ऐसा ही एक हादसा 23 नवंबर को बहादुरगढ़ में हुआ, जिसमें अमन को अपनी जान गंवानी पड़ी। हार्दिक की आत्मा की शांति व दोषियों पर कार्रवाई की मांग ग्रामीणों, खिलाड़ी व कोच ने कैंडल मार्च निकालते हुए गांव में जस्टिस फॉर हार्दिक राठी के नारे लगाए और बदलाव अवस्था में पहुंच चुके स्टेडियम में जाकर कैंडल से दिल बनाते हुए हार्दिक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। साथ ही सरकार ने हार्दिक के साथ न्याय करने की मांग की। प्रदेश के स्टेडियमों का हो सुधार मृतक हार्दिक राठी के पिता संदीप राठी ने कहा कि पूरे हरियाणा में जितने भी स्टेडियम हैं, उनकी सरकार द्वारा मरम्मत करवानी चाहिए, ताकि कोई हार्दिक राठी फिर से हादसे का शिकार ना हो। गांव का कोई भी बच्चा जब मेडल लेकर आएगा तो वह समझेंगे कि उनका बेटा मेडल लेकर आया है। ग्रामीणों में सरकार के प्रति दिखा रोष हार्दिक की मौत के बाद गांव में शोक की लहर है। वहीं, ग्रामीणों में सरकार के प्रति गुस्सा भी देखने को मिल रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि अगर सरकार समय रहते स्टेडियम को ठीक करवा देती, पोल को बदलवा देती तो आज हार्दिक उनके साथ होता। यह हादसा प्रशासन की लापरवाही के कारण हुआ है।
गुरुग्राम के रास्ते हरियाणा के युवाओं को ह्यूमन ट्रैफिकिंग के जरिए हरियाणा के बेरोजगार युवाओं को विदेश भेजा जा रहा है। मोटी कमाई का लालच देकर इनसे जबरन साइबर फ्रॉड कराया जा रहा है। साइबर पुलिस द्वारा शनिवार को पकड़े गए जींद निवासी प्रवीण ने पूछताछ में खुलासा किया है कि हरियाणा के युवाओं की मानव तस्करी में एक बड़ा अंतरराष्ट्रीय रैकेट काम कर रहा है। इस रैकेट में चीनी मूल के सरगना शामिल हैं, जो थाईलैंड को ट्रांजिट पॉइंट बनाकर हरियाणा सहित उत्तर भारत के युवाओं को पहले थाईलैंड और फिर डंकी रूट से म्यांमार ले जाते हैं। वहां उन्हें बंदूक की नोंक पर साइबर ठगी का काम कराया जाता है। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी जाती थी और भारत वापसी के नाम पर लाखों रुपए वसूले जाते हैं। 50 हजार रुपए का कमीशन मिलता है जींद की दया बस्ती के रहने वाले प्रवीण ने बताया कि वह दसवीं पास है और पिछले साल खुद थाईलैंड गया था। जहां उसकी मुलाकात चीनी, पाकिस्तानी और भारतीय साइबर अपराधियों से हुई। इन्होंने प्रति युवक 50 हजार रुपए का कमीशन देने का लालच दिया। दिसंबर 2025 में भारत लौटने के बाद उसने कमीशन के लालच में अपने ही प्रदेश के युवाओं को फंसाना शुरू कर दिया। टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर विज्ञापन पुलिस पूछताछ में प्रवीन ने कबूल किया कि वह टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर आकर्षक नौकरी के विज्ञापन डालता था। युवकों को थाईलैंड में डेटा एंट्री या कस्टमर केयर की हाई सैलरी वाली नौकरी का लालच देता था। विश्वास जीतने के बाद टूरिस्ट वीजा पर थाईलैंड भेजता और वहां उसके साथी उन्हें अवैध रूप से म्यांमार की सीमा पार करा देते थे। पासपोर्ट छीन लेते हैं म्यांमार पहुंचते ही पासपोर्ट छीन लिए जाते हैं और चीनी सरगनाओं के कंपाउंड में कैद कर साइबर फ्रॉड कराया जाता है। एक शिकायतकर्ता को भारत वापस भेजने के नाम पर 4700 अमेरिकी डॉलर (लगभग 4 लाख रुपए) की मांग की गई थी। अक्टूबर 2025 में म्यांमार सेना ने छापेमारी कर कई भारतीयों को मुक्त कराया था, जिनमें यह पीड़ित भी शामिल था। इसके बाद थाईलैंड ने उसे डिपोर्ट कर भारत भेज दिया। प्रवीन ने अब तक जींद जिले से ही कम से कम दो युवकों को इसी तरीके से विदेश भिजवाने की बात कबूल की है। एसीपी साइबर क्राइम (पश्चिम) प्रियांशु दिवान के मुताबिक प्रवीन पर पहले भी जींद में फर्जी वीजा बनवाने के नाम पर ठगी का मुकदमा दर्ज है। 28 नवंबर को उसे कोर्ट में पेश कर दो दिन का पुलिस रिमांड लिया गया था। मानव तस्करी के मामले में पिछले एक महीने के अंदर 5 आरोपी अरेस्ट किए जा चुके हैं। रिमांड के दौरान उसके मोबाइल, बैंक खातों और सोशल मीडिया चैट्स की गहन जांच की गई। अभी भी काफी युवक म्यांमार के कखारेत और म्यावडी इलाकों में चीनी गिरोहों के कंपाउंड में कैद हैं।
पुलिस मुख्यालय ने शनिवार शाम को आदेश जारी कर 64 आरपीएस के तबादले किए हैं। आदेश के अनुसार सभी अधिकारियों को नए पदस्थापन पर तुरंत प्रभाव से कार्यभार संभालने के निर्देश दिए गए हैं। 1 दिन पहले 26 एएसपी के तबादले हुए थे। विष्णु खत्री को ट्रैफिक प्रभारी लगाया श्रीगंगानगर ग्रामीण सीईओ आयुष वशिष्ठ को किशनगढ़ ग्रामीण (अजमेर) सीओ लगाया गया है। वहीं, डीवाईएसपी ट्रैफिक रणवीर सिंह को ग्रामीण सीओ बीकानेर उत्तर (लूणकरणसर) लगाया गया है। साइबर क्राइम में डीवाईएसपी पुष्पेंद्र सिंह ज्वाला को करणपुर सीईओ लगाया गया है। भूपेंद्र सोनी को जिले में पोस्टिंग मिल गई है। सोनी का झालावाड़ से ट्रांसफर कर ग्रामीण सीईओ, श्रीगंगानगर के पद पर लगाया गया है। सोनी काफी लंबे समय से इसके लिए प्रयास कर रहे थे। वहीं, करणपुर सीओ विष्णु खत्री को श्रीगंगानगर ट्रैफिक जिला प्रभारी नियुक्त किया गया है। 22 दिन में दूसरी बार श्रीकरणपुर सीओ को बदला इससे पहले, 8 नवंबर को विष्णु खत्री ने सर्कल डीएसपी के रूप में कार्यभार संभाला था। आज जारी हुई पुलिस उपाधीक्षक सूची के अनुसार, विष्णु खत्री को श्रीगंगानगर यातायात प्रभारी नियुक्त किया गया है। वहीं, श्रीगंगानगर में तैनात साइबर डीएसपी पुष्पेंद्र सिंह ज्वाला को श्रीकरणपुर सर्कल डीएसपी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पुलिस महकमा एक तरफ तो साइबर क्राइम पर रोक लगाने के लिए आए दिन सेमिनार और जागरूकता कार्यक्रम कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ जिले में साइबर क्राइम डीएसपी का पद खाली है। महिला सुरक्षा का दावा करने वाले पुलिस महकमे में महिला अनुसंधान अधिकारी का पद भी खाली है।
बिलासपुर हाईकोर्ट के जस्टिस सचिन सिंह राजपूत ने कोंडागांव में नवीन न्यायालय भवन के निर्माण स्थल को बदलने का निर्देश दिया है। 29 नवंबर को न्यायालय निरीक्षण के दौरान उन्होंने यह फैसला सुनाया। यह निर्णय कलेक्ट्रेट परिसर में प्रस्तावित भवन स्थल को लेकर चल रहे विवाद और छात्रों के प्रदर्शनों के बाद आया है। जस्टिस राजपूत ने जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों से विस्तृत चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में बनाए जा रहे नवीन न्यायालय भवन के विवादित मामले पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने स्कूल ग्राउंड को बचाने की मांग को लेकर छात्रों की ओर से किए जा रहे लगातार प्रदर्शनों का संज्ञान लिया और अधिवक्ता संघ से इस संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी। जस्टिस राजपूत ने मंडी प्रांगण की भूमि का निरीक्षण किया बार एसोसिएशन के आग्रह पर जस्टिस राजपूत ने मंडी प्रांगण पहुंचकर वहां स्थित खाली सरकारी भूमि का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने स्पष्ट किया कि कलेक्ट्रेट परिसर में न्यायालय भवन के लिए आवंटित भूमि 5 एकड़ से भी कम है। वर्तमान आवंटित भूमि न्यायालय भवन के लिए अपर्याप्त इस स्थान पर पार्किंग, रिकॉर्ड रूम, विधिक सेवा केंद्र, बार रूम, प्रतीक्षा कक्ष और अन्य न्यायिक व्यवस्थाओं जैसी भविष्य की सभी सुविधाओं का सुचारु निर्माण संभव नहीं है। इसलिए, यह स्थल न्यायालय भवन के लिए उपयुक्त नहीं है। नई भूमि आवंटन प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश निरीक्षण के बाद जस्टिस राजपूत ने प्रधान जिला-सत्र न्यायाधीश किरण चतुर्वेदी को निर्देश दिया कि मंडी प्रांगण के पीछे स्थित खाली सरकारी भूमि को नवीन न्यायालय भवन के लिए आवंटित कराने की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ की जाए। अधिवक्ता संघ ने निर्णय को बताया सही और हितकारी जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दीपक ठाकुर ने बताया कि पीएम श्री महात्मा गांधी वार्ड स्कूल के प्रांगण में प्रस्तावित न्यायालय भवन सर्व-सुविधायुक्त परिसर बनाने के लिए पर्याप्त नहीं था। उन्होंने कहा कि बच्चों के हित, स्थानीय जनभावनाओं और भविष्य की न्यायिक सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट जस्टिस ने मंडी प्रांगण की भूमि को अधिक उपयुक्त माना है। अधिवक्ता संघ ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे न केवल स्कूल के बच्चों का खेल मैदान सुरक्षित रहेगा, बल्कि कोंडागांव को एक सुव्यवस्थित और पूर्ण सुविधाओं वाला न्यायालय परिसर भी मिलेगा।
सोनीपत में पुलिस आयुक्त ममता सिंह (IPS, ADGP) के मार्गदर्शन और पुलिस उपायुक्त पश्चिम एवं साइबर सोनीपत कुशल पाल सिंह के दिशा-निर्देशानुसार, सोनीपत पुलिस ने ‘साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान’ के तहत आम जनता को डिजिटल खतरों से बचाने के लिए साइबर एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में साइबर अपराधों की रोकथाम और बचाव के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं। मजबूत पासवर्ड और MFA का प्रयोग करेंपुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने सभी ऑनलाइन खातों के लिए मजबूत पासवर्ड बनाएं, जिनमें अक्षर, संख्या और प्रतीक शामिल हों। एक ही पासवर्ड का बार-बार उपयोग न करें और जहां संभव हो, मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (MFA) सक्षम करें। सॉफ्टवेयर अपडेट और संदिग्ध लिंक से सावधानीमोबाइल और कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट करने की सलाह दी गई है। साथ ही, अनजान स्रोतों से ऐप डाउनलोड न करने और संदिग्ध ईमेल, संदेश या सोशल मीडिया लिंक पर क्लिक करने से बचने की चेतावनी दी गई है। व्यक्तिगत जानकारी साझा न करेंपुलिस ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति कॉल, टेक्स्ट या ईमेल पर अपना ओटीपी या पासवर्ड साझा न करे। सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत जानकारी जैसे पालतू जानवरों के नाम, स्कूल या परिवार के सदस्यों की जानकारी साझा करने में भी सावधानी बरतें, क्योंकि इनका उपयोग पासवर्ड अनुमान लगाने में किया जा सकता है। फर्जी निवेश और नौकरी रैकेट से सतर्क रहेंव्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर ऊँचे रिटर्न का वादा करने वाले फर्जी निवेश समूहों से सावधान रहने की सलाह दी गई है। साथ ही, युवाओं को फर्जी नौकरी प्रस्तावों से सतर्क रहने को कहा गया है, जिनमें पंजीकरण शुल्क या प्रशिक्षण के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं। ‘डिजिटल अरेस्ट’ धोखाधड़ी से बचेंएडवाइजरी में बताया गया है कि कुछ अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर कॉल करते हैं और कहते हैं कि आपके खिलाफ वारंट है या आपको डिजिटल रूप से गिरफ्तार किया गया है। ऐसे कॉल पूरी तरह फर्जी होते हैं और इनसे पैसे ऐंठे जाते हैं। बैंकों के साथ समन्वय और त्वरित रिपोर्टिंगनागरिकों से अपील की गई है कि किसी भी संदिग्ध लेनदेन की तुरंत रिपोर्ट करें ताकि धोखाधड़ी वाले खातों को फ्रीज किया जा सके और वित्तीय नुकसान से बचा जा सके। साइबर हमले के बाद उठाएं ये कदमयदि कोई साइबर अपराध का शिकार होता है, तो तुरंत अपने बैंक, क्रेडिट कार्ड कंपनी और अन्य वित्तीय संस्थानों को सूचित करें। पहचान चोरी होने पर संबंधित कार्यालय में रिपोर्ट दर्ज कराएं। साथ ही, राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज करें।
हरियाणा पुलिस के ऑपरेशन ट्रैकडाउन के 23 दिन पूरे हो चुके हैं। पुलिस की ओर से ये दावा किया जा रहा है कि अभियान के तहत 92 मर्डर प्लान को फेल किया गया है। यह भी दावा किया गया है कि मर्डर के प्लान में दो प्लान के जरिए पूरे परिवार को क्रिमिनल उड़ाने की योजना बना रहे थे। इन मर्डर प्लान को पूरा करने के लिए पूरे प्रदेश में 141 हार्ड कोर क्रिमिनल योजना बना रहे थे। इनसे पास से 97 नाजायज असलहे और 237 कारतूस बरामद किए गए हैं। ऑपरेशन के तहत कुल 7,587 अपराधी पकड़े गए हैं इनमें 3066 अन्य हथियारबंद/गिरोहबंद और 4,521 अन्य अपराधी शामिल हैं। इनमें से 235 के खिलाफ ऑर्गेनाइज्ड क्राइम वाली सख़्त धाराएं लगाई गई है। 322 नाजायज हथियार बरामद हुए पुलिस की ओर से ये भी दावा किया गया है कि अपने को हाई-प्रोफाइल समझने वाले 3066 हथियारबंद एवं गिरोहबंद अपराधी ऑपरेशन ट्रैकडाउन के तहत गिरफ्तार किए गए हैं। इनसे 322 नाजायज असलाह (161 देसी कट्टा/देशी पिस्टल, 146 पिस्टल, 6 रिवॉल्वर, 9 बंदूक) और 537 गोलियां एवं 17 मैगजीन बरामद हुई हैं।गुरुग्राम जिले में ऐसे अपराधियों की संख्या सबसे ज्यादा रही। यहां की पुलिस ने 304 अपराधी पकड़े हैं। वहीं, फरीदाबाद 138, सोनीपत ने 106 और झज्जर ने 90, यमुनानगर ने 86 हथियारबंद एवं गिरोहबंद अपराधी पुलिस ने काबू किए हैं। 124 क्रिमिनल्स की बेल कैंसिल हुई हरियाणा पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों में बताया गया है कि अन्य अपराधों में 4521 क्रिमिनल्स को भी अरेस्ट किया गया है। इसके अलावा 124 बाहर चल रहे अपराधियों की बेल भी कैंसिल कराई गई है, इन अपराधियों को दोबारा जेल भेजा गया है। 946 को नेक-चलनी के लिए बाउंड डाउन किया गया। 901 अपराधियों की नई हिस्ट्री शीट बनाई गई, 1436 की हिस्ट्रीशीट को अपग्रेड किया गया। 201 अपराधियों की 169 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त होगी ऑपरेशन ट्रैकडाउन के तहत गिरफ्तार हुए अपराधियों की प्रॉपर्टी जब्त की भी तैयारी की जा रही है। पुलिस की ओर से कहा गया है कि ऑपरेशन के तहत 201 अपराधियों की लगभग 169 करोड़ की अवैध संपत्ति चिह्नित की गई है, जो जब्त की जाएगी या ध्वस्त की जाएगी। पुलिस अधिकारियों ने बताया है कि नियमानुसार ये कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा हर आपराधिक गतिविधि की जानकारी केंद्रीय एजेंसियों के साथ भी साझा की जा रही है।
छत्तीसगढ़ में वन्यजीव के अपराधियों या वन तस्करों को पकड़ने के लिए पहली बार छह स्निफर डॉग तैनात किए गए हैं। ये प्रदेश के छह टाइगर रिजर्व में रखे गए हैं। इसके अलावा अपराधियों पर नकेल कसने के लिए एसटीएफ बनाने की तैयारी भी की जा रही है। ताकि वन्यजीव तस्करी और अवैध व्यापार पर और अधिक कड़ी कार्रवाई की जा सके। बताया गया है कि राज्य वन विभाग और वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो ने बस्तर, दंतेवाड़ा और जगदलपुर जैसे क्षेत्र में डिटेक्शन डॉग यूनिट स्थापित कर रही है। वहीं राज्य में अपराधियों पर नकेल कसने के लिए केंद्रीय वन्यजीव अपराध नियंत्रण बोर्ड द्वारा वन विभाग के कर्मचारियों को वन्यजीव अपराध नियंत्रण और क्राइम सीन डिटेक्शन की ट्रेनिंग भी दी जाएगी। दरअसल, पिछले तीन साल में वन्यजीव अपराध से संबंधित 100 से अधिक केस दर्ज किए गए हैं और 150 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी भी की गई है पर 90 फीसदी मामलों में आरोपी सबूत के अभाव में छूट जाते हैं। इसलिए वन विभाग ने पुलिस की तरह पावर देने की मांग भी की है। अफसरों के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में प्रदेशभर से तेंदुआ, पैंगोलिन, कछुआ और हाथी से जुड़े 35 से ज्यादा मामलों दर्ज किए गए हैं। इसमें 40 से ज्यादा आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है। स्निफर डॉग्स सबूत जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे तेंदुए की खाल, हाथी की दांत, पैंगोलिन के स्केल, कछुए, सरीसृप, और अन्य संरक्षित प्रजातियों के अवयव सूंघ सकते हैं। {जंगलों में छापेमारी के दौरान, डॉग्स ट्रेलिंग करके छिपे हुए सामान और शव ढूंढते हैं। {इनका इस्तेमाल जगदलपुर, बस्तर, सुकमा और अन्य संवेदनशील इलाकों में किया जाएगा। वन्य जीवों के शिकार को रोकना मुख्य उद्देश्य है एसटीएफ का गठन वन्यजीव अपराध और अवैध वन संसाधन तस्करी को रोकने के लिए किया जाएगा। इससे शिकार और अवैध व्यापार को रोका जा सकेगा। इसका मुख्य उद्देश्य हाथी, बाघ, तेंदुआ, पैंगोलिन जैसी संरक्षित प्रजातियों के शिकार को रोकना है। साथ ही लकड़ी, तेंदू पत्ता, लवंग, जड़ी-बूटी आदि का अवैध परिवहन पकड़ने में मदद मिलेगी। वन्य जीव के अपराधियों को सजा दिलाना प्राथमिकता : अपराधियों को सजा दिलाने के लिए स्निफर डॉग तैनात किए गए हैं साथ ही पुलिस की तरह पॉवर देने की मांग की गई है। इसके तहत कॉल रिकार्ड आैर टावर रिकार्ड िनकलवाने के साथ ही सूचना तंत्र को मजबूत करने पर फोकस किया जा रहा है।अरुण कुमार पांडे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी
पंजाब के DGP गौरव यादव ने पंजाब में कई पुलिस अफसरों का ट्रांसफर किया है। कई को प्रोमोट किया गया है तो कुछ को उसी पद पर एक एरिया से दूसरी जगह में भेजा गया है।जालंधर कमिश्नरेट और रूरल में 5 अफसरों को इधर-उधर किया गया है। एक को प्रोमोट कर जालंधर भेजा गया है, जबकि 2 अधिकारियों की होशियारपुर और SAS नगर में बदली की गई है। DGP गौरव यादव की तरफ से पत्र जारी कर कहा गया है कि सभी अधिकारी तुरंत अपने स्टेशन पर रिपोर्ट करेंगे। जालंधर के इन अफसरों को बदला गयाACP होमिसाइड एंड फोरेंसिक भरत मसीह को DSP सदर फिल्लौर लगाया गया है। फिल्लौर के DSP सदर सरवण सिंह को ACP PBI इकनॉमिक आफेंस, होमिसाइड, फोरेंसिक और साइबर क्राइम जालंधर में तैनात किया है। वेस्ट के एसीपी सरवनजीत सिंह को एसीपी कैंट लगाया गया है। एसीपी बबनदीप सिंह को जालंधर कैंट से बदलकर डीएसपी हेडक्वार्टर होशियारपुर लगाया गया है। एसीपी स्पेशल क्राइम सेंट्रल अमनदीप सिंह को एसएएस नगर में डीएसपी नारकोटिक्स लगाया गया है। शाहकोट के डीएसपी सुखपाल सिंह को नकोदर का डीएसपी लगाया गया है। इसी तरह नकोदर के डीएसपी सुखपाल सिंह को डीएसपी शाहकोट नियुक्त किया गया है। इसके अलावा कमलेश कौर को प्रोमोट कर एसीपी PBI होमिसाइड एंड फोरेंसिक जालंधर बनाया गया है। जालंधर में RTA का भी ट्रांसफर, कई IPS, PPS, IAS-PCS बदले जालंधर में पुलिस के साथ-साथ कई प्रशासनिक फेरबदल भी किए गए हैं। सरकार ने जालंधर RTA (रीजनल ट्रांसपोर्ट अथारिटी) बलवीर राज की बदली कर दी है। इसके साथ ही कई IPS, PPS, IAS-PCS अधिकारियों के भी तबादले किए गए हैं।
जोधपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट ने साइबर फ्रॉड और ‘डिजिटल अरेस्ट’ के बढ़ते मामलों पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने राज्य सरकार, पुलिस और बैंकों के लिए व्यापक निर्देश जारी किए हैं। जस्टिस रवि चिरानिया की एकलपीठ ने जोधपुर के बुजुर्ग दंपती से 2 करोड़ 2 लाख रुपए की ठगी मामले में दो आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज करते हुए यह रिपोर्टेबल जजमेंट सुनाया। कोर्ट ने कहा- इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग से होने वाले साइबर क्राइम ने समाज, अर्थव्यवस्था और कानून-व्यवस्था के सामने गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है। हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को निर्देश दिए कि वे भारतीय साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की तर्ज पर राजस्थान साइबर क्राइम कंट्रोल सेंटर (R4C) की स्थापना के लिए अधिसूचना जारी करें। कोर्ट के आदेश के मुताबिक किसी भी व्यक्ति के नाम पर 3 से अधिक SIM कार्ड जारी करने पर नियंत्रण के लिए विस्तृत SOP (स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) बनेगी। इसके अलावा 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए स्कूल में मोबाइल फोन, ऑनलाइन गेम्स और सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर गृह विभाग को शिक्षा विभाग व अभिभावक संगठनों के साथ मिलकर विस्तृत SOP बनाने को कहा है। 9 खातों में ट्रांसफर कराए 2.02 करोड़ रुपएमामला साइबर पुलिस थाना जोधपुर की एक FIR से जुड़ा है। इसमें गुजरात निवासी आरोपियों अदनान हैदर और राहुल जगदीश जाधव पर जोधपुर के 84 वर्षीय दंपती से 2 करोड़ रुपए की ठगी का आरोप है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार आरोपियों ने खुद को मुंबई साइबर पुलिस, ईडी और सीबीआई अधिकारी बताकर 29 अप्रैल से 8 मई 2025 के बीच वृद्ध दंपती को ‘डिजिटल अरेस्ट’ में रखने जैसी स्थिति बना दी और 9 बैंक खातों में कुल 2 करोड़ 2 लाख रुपए ट्रांसफर करवा लिए। कोर्ट ने रिकॉर्ड से यह तथ्य नोट किया कि इनमें से 45 लाख रुपए सीधे इन दोनों याचिकाकर्ताओं के खातों में गए, जिसे इन दोनों के वकील भी नकार नहीं सके। कोर्ट जमानत देने के पक्ष में नहींयाचिकाकर्ताओं के वकील ने दलील दी कि वे निर्दोष हैं। FIR में बताई गई राशि उन्होंने नहीं ली और दर्ज केस मजिस्ट्रेट ट्रायबल हैं, इसलिए उन्हें जमानत दी जाए। सरकारी वकील ने विरोध करते हुए कहा कि यह अधिक उम्र के दंपती पर गंभीर आर्थिक हमला है। जांच शुरुआती चरण में है और गिरोह के अन्य बदमाश अभी पकड़े जाने बाकी हैं। कोर्ट ने माना कि BNS की जिन धाराओं के तहत मामला दर्ज है। उनमें से कुछ में 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। साइबर टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग से होने वाली ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी ठगी के केस तेजी से बढ़ रहे हैं। इन परिस्थितियों में कोर्ट ने कहा- वह बिना मेरिट पर अंतिम राय दिए, वर्तमान में जमानत देने के पक्ष में नहीं है। कोर्ट ने दोनों जमानत आवेदनों को खारिज कर दिया। साइबर क्राइम पर कोर्ट ने जताई बड़ी चिंताकोर्ट ने आदेश में विस्तार से लिखा कि आम पुलिस फोर्स पारंपरिक अपराधों की तरह साइबर अपराधों की जांच करने में तकनीकी ज्ञान के अभाव के कारण पिछड़ रही है। कोर्ट के सामने प्रस्तुत संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट और केंद्र की एजेंसियों के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2019 से 2024 के बीच साइबर वित्तीय शिकायतों में कई गुना बढ़ोतरी हुई, लेकिन FIR में कन्वर्जन और फ्रॉड मनी को फ्रीज करने का प्रतिशत अभी भी बहुत कम है। कोर्ट ने यह भी रेखांकित किया कि डिजिटल फ्रॉड की रकम कुछ ही मिनटों में कई खातों के जरिए क्रिप्टो में बदलकर विदेश भेज दी जाती है। इसे सामान्य पुलिस अधिकारी ट्रांजैक्शन ट्रेस नहीं कर पाते। निर्देश: राजस्थान में R4C और IT इंस्पेक्टर की व्यवस्थाहाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) को निर्देश दिए कि वे भारतीय साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की तर्ज पर राजस्थान साइबर क्राइम कंट्रोल सेंटर (R4C) की स्थापना के लिए अधिसूचना जारी करें। यह केंद्र-राज्य में साइबर अपराधों की रोकथाम, जांच और कोआर्डिनेशन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगा और I4C के साथ तालमेल में कार्य करेगा। कोर्ट ने गृह विभाग और कार्मिक विभाग को मिलकर DG साइबर के अधीन विशेष IT इंस्पेक्टर की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिए, जो केवल साइबर मामलों की जांच करेंगे और उन्हें अन्य शाखाओं में सामान्य रूप से ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। बैंकों, फिनटेक कंपनियों और ATM पर सख्त गाइडलाइनकोर्ट ने कहा कि साइबर ठगी के ज्यादातर मामले बैंकिंग सिस्टम के दुरुपयोग से जुड़े हैं, इसलिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर कड़ी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। आदेश के अनुसार, सभी बैंक और फिनटेक कंपनियां ‘म्यूल अकाउंट’ और संदिग्ध ट्रांजैक्शंस पकड़ने के लिए RBI की ओर से डवलप किए गए ‘Mule Hunter’ जैसे AI टूल्स का अनिवार्य रूप से उपयोग करें। साथ ही संदिग्ध या कम लेनदेन वाले खातों की KYC दोबारा कराएं। अदालत ने यह भी कहा कि जिन खाताधारकों की वार्षिक ट्रांजैक्शन 50 हजार रुपए से कम है। डिजिटल साक्षरता कम है या गतिविधि संदिग्ध लगती है। उनके लिए इंटरनेट बैंकिंग व UPI लिमिट्स पर सख्त कंट्रोल किया जा सकता है। बशर्ते यह काम कानून के अनुरूप किया जाए। ‘डिजिटल अरेस्ट’ से बचाव के लिए खास SOP: ‘बैंक अफसर घर जाकर करें वेरिफाई’हाईकोर्ट ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के मामलों को रोकने के लिए अलग से मानक कार्यप्रणाली (SOP) बनाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा- सभी बैंक, वित्तीय संस्थान और फिनटेक कंपनियां ऐसे मामलों के लिए संयुक्त SOP जारी करें और बुजुर्गों या संवेदनशील ग्राहकों के अकाउंट से अचानक बड़े लेनदेन होने पर 48 घंटे के भीतर उनके घर जाकर भौतिक सत्यापन अनिवार्य रूप से करें। साथ ही बैंकों को ऐसे ग्राहकों की पहचान कर उनकी निगरानी, काउंसलिंग और साइबर जागरूकता कार्यक्रम चलाने को कहा गया है, खासकर जब उनकी फिक्स डिपॉजिट अचानक तोड़ी जा रही हों। गिग वर्कर्स, SIM कार्ड, डिजिटल डिवाइस और सोशल मीडिया पर नियंत्रणकोर्ट ने राज्य में बिकने वाले सभी डिजिटल डिवाइसेज (नए और सेकेंड हैंड दोनों) की बेचने-रजिस्ट्रेशन को DG साइबर की निगरानी में लाने के निर्देश दिए। इसके लिए एक ऑनलाइन सिस्टम विकसित किया जाएगा। आदेश के मुताबिक किसी भी व्यक्ति के नाम पर 3 से अधिक SIM कार्ड जारी करने पर नियंत्रण के लिए विस्तृत SOP बनेगी। कॉल सेंटर/बीपीओ को DG साइबर के साथ रजिस्ट्रेशन व आचरण संहिता का पालन करना होगा। कोर्ट ने प्लेटफॉर्म आधारित गिग वर्कर्स (जैसे ओला, उबर, स्विगी, जोमैटो डिलीवरी पार्टनर) के लिए अनिवार्य पुलिस वेरिफिकेशन, कॉमन यूनिफॉर्म व QR कोड सहित ID कार्ड और राज्य परिवहन विभाग व DG साइबर के साथ डबल रजिस्ट्रेशन को भी जरूरी किया है। स्कूलों, बच्चों और डेटा प्रोटेक्शन पर निर्देशहाईकोर्ट ने गृह विभाग को शिक्षा विभाग व अभिभावक संगठनों के साथ मिलकर 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए स्कूल में मोबाइल फोन, ऑनलाइन गेम्स और सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर विस्तृत SOP बनाने को कहा है। कोर्ट ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट-2023 और उसके नियमों-2025 का राज्य स्तर पर सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा। साथ ही सभी सरकारी विभागों में डिजिटल ट्रांजैक्शंस का मासिक ऑडिट कराने के भी निर्देश दिए। वहीं राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को ‘साइबर सिक्योरिटी अवेयरनेस सेल’ बनाने और जिला व तालुका स्तर तक IT विशेषज्ञों व साइबर कानून जानकार वकीलों के जरिए जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी गई।
छत्तीसगढ़ में डीजी कांफ्रेंस की शुरुआत आज दोपहर ढाई बजे से होगी। इसमें शामिल होने के लिए पूरे देश से पुलिस और एजेंसियों के अफसर रायपुर पहुंचने लगे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को ही रात में 11 बजे रायपुर पहुंच गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार की शाम को 8 बजे रायपुर पहुंचेंगे। अगले दिन वे सुबह आठ बजे से लेकर रात में 10 बजे तक मीटिंग लेंगे। इस मीटिंग के लिए विशेष तौर पर एक अस्थाई हॉल आईआईएम के खेल मैदान में तैयार किया गया है। इसे ऐसा बनाया गया है कि अंदर की आवाज बाहर न आ पाए। साउंड प्रूफ इस हॉल में सिर्फ एनएसजी के द्वारा तैयार की गई सूची के लोग ही शामिल हो पाएंगे। सबसे खास बात ये है कि हर अफसर को सुबह 6 बजे योगा करना है और 8 बजे आईआईएम पहुंच जाना है। 30 नवंबर को पीएम मोदी राज्य के कुछ बच्चों से मिलेंगे। ये 9 से 12वीं कक्षा के छात्र होंगे। इसी दिन शाम 5 बजे पीएम मोदी रायपुर से रवाना हो जाएंगे। विदेशी मेहमान भी आएंगे...कुछ विदेशी अफसरों को भी ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया है। वे अपने देश की पुलिसिंग के बारे में बताएंगे। ऐसे कुछ प्रेजेंटेशन भी रखे गए हैं। शुक्रवार को कार्यक्रम की शुरुआत आईबी के चुनिंदा अफसरों के सम्मान से होगी। इन अफसरों ने देश को बचाने के लिए ऐसे इनपुट दिए कि बड़ी घटनाओं को रोका जा सका। 30 को पीएम मोदी जांबाज पुलिस अफसरों को सम्मानित करेंगे। बच्चों से मिलेंगे मोदी, नहीं होगा रोड शो अचानक से पीएमओ से संदेश आया है कि मोदी 25-30 बच्चों से मिलेंगे। ये बच्चे 9वीं से 12वीं कक्षा के छात्र होंगे। इन बच्चों को पूरे राज्य से एकत्रित किया जा रहा है। इसके अलावा मोदी का रोड शो कैंसिल कर दिया गया है। वे भाजपा कार्यालय भी नहीं जाएंगे। राज्यपाल, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष को ही मिलने का समय मिला है।
शहडोल जिला और सत्र न्यायालय परिसर में संविधान दिवस के अवसर पर एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का थीम संविधान: एक जीवंत दस्तावेज था। प्रभारी प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश दीपाली शर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। मंच पर उनके साथ विशेष न्यायाधीश शिवभूषण शर्मा, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कमलेश कोल, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय केपी सिंह और सीजेएम राजेंद्र सिंह सिंगार सहित कई न्यायिक अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम की शुरुआत सभी न्यायाधीशों के स्वागत और संविधान की उद्देशिका के सामूहिक वाचन से हुई। न्याय का अधिकार संविधान से ही संभव हुआ अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए न्यायाधीश दीपाली शर्मा ने कहा कि संविधान दिवस केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह न्याय व्यवस्था को प्रभावी बनाने में अधिवक्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है। उन्होंने जोर देकर कहा, न्याय का अधिकार और नैसर्गिक न्याय का सिद्धांत संविधान से ही संभव है। अंतिम पंक्ति में खड़े पक्षकार तक मौलिक अधिकार पहुंचें, यही हमारी जिम्मेदारी है। जिला वकील संघ के अध्यक्ष राकेश सिंह बघेल ने अपने संबोधन में कहा कि यदि हम समता, समानता, न्याय और बंधुत्व को अपने जीवन में अपना लें, तो वास्तविक न्याय स्थापित हो सकता है। उन्होंने अधिवक्ताओं से संवैधानिक मूल्यों को व्यवहार में लाने का आह्वान किया। संविधान दिवस को राष्ट्रीय पर्व की तरह मनाने की आवश्यकता बताई कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भी संविधान की महत्ता पर अपने विचार व्यक्त किए। प्रवीण सराफ ने संविधान दिवस को राष्ट्रीय पर्व की तरह मनाने की आवश्यकता बताई, जबकि महेंद्र सराफ ने इसे केवल कानूनों का संग्रह नहीं, बल्कि देश की आत्मा की आवाज बताया। वरिष्ठ वकील अजय नामदेव ने कहा कि भारत का संविधान विश्व के श्रेष्ठ संविधानों की अच्छी बातों को समाहित कर बनाया गया है। कार्यक्रम के दौरान न्याय के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिवक्ताओं को सम्मानित किया गया। प्रभारी प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश दीपाली शर्मा ने सभी चयनित अधिवक्ताओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए। सम्मानित होने वालों में रमेश त्रिपाठी, अमरेश श्रीवास्तव, शरद उदानिया, मनोज सोनी, नीरज अग्रवाल, अजय मिश्रा और संतोष जाटव सहित बड़ी संख्या में वकील शामिल थे। कार्यक्रम का संचालन वकील सुमित शर्मा ने किया, जबकि वरिष्ठ वकील सतीश पाठक ने आभार व्यक्त किया।
गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (GSVM), कानपुर में तैनात फिजियोथैरेपी विभाग की डॉ. शाहीन सईद पर कार्रवाई का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। बुधवार शाम को क्राइम ब्रांच की दो सदस्यीय टीम मेडिकल कॉलेज पहुंची और विभाग में जमा अभिलेखों की लंबी जांच-पड़ताल की।टीम ने विभागाध्यक्ष और शिक्षकों के साथ भी विस्तृत वार्ता की। दस्तावेज मौके पर जब्त करने की बजाएं, उनसे जुड़े बिंदुओं को नोट कर वापस लौट गई। एनजीओ से संबंधों पर भी सख्त निगरानी जांच एजेंसियों के निशाने पर अब डॉ. शाहीन के एनजीओ से जुड़े संपर्क भी हैं।सूत्रों के अनुसार, उनकी संस्था के जरिए कई पदाधिकारियों का मेडिकल कॉलेज के साथ संपर्क रहा है, जिनके विषय में अब विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है।क्राइम ब्रांच जानना चाहती है कि इन एनजीओ के साथ कॉलेज का क्या व्यवहार रहा और क्या किसी प्रकार के आर्थिक या पेशेवर लाभ जुड़े थे। नौकरी की प्रक्रिया खंगाल रही पुलिस डॉ. शाहीन कब और किन परिस्थितियों में मेडिकल कॉलेज से जुड़ीं, उनका चयन किस पद के लिए हुआ और समय के साथ जिम्मेदारियों में कैसे बदलाव आया—इन सभी पहलुओं की विस्तृत फाइलें जांच टीम ने देखीं। यह भी पता लगाया जा रहा है कि उनकी नियुक्ति के समय किसने सिफारिश की और प्रशासन ने किन कागजात के आधार पर अनुमति दी। 2006 से अब तक के रिकॉर्ड की छानबीन जारी है। पुराने मामलों पर भी एजेंसियों की नजर डॉ. शाहीन पहले भी कई नियुक्तियों व गतिविधियों को लेकर विवादों में रही हैं।टीम इस बात की जांच कर रही है कि जो आरोप पूर्व में लगे, वे कितने सही थे और कौन उनसे लाभान्वित हुआ। जांच एजेंसियों ने डॉ. शाहीन से पूछताछ के लिए सवालों का एक विस्तृत सेट तैयार कर लिया है। संभावना है कि उन्हें जल्द ही कानपुर या लखनऊ में बुलाया जा सकता है।डॉ. शाहीन से ये सवाल हो सकते हैंजांच एजेंसियों ये पूछ सकती हैं कि उन्होंने किन व्यक्तियों को अपने साथ जोड़ा?, एनजीओ के माध्यम से क्या-क्या गतिविधियां संचालित कीं?, क्या किसी बाहरी ?व्यक्ति को मेडिकल कॉलेज तक पहुंचा कर कोई लाभ दिलाया गया? जांच टीमें इस बात की भी पड़ताल कर रही हैं कि शाहीन के संपर्क से किस-किस ने फायदा उठाया और क्या बदले में उन्हें कोई सहयोग मिला। पुराने सहयोगियों पर भी सवाल उठ रहे सोशल नेटवर्किंग और फोन संपर्कों की गहन निगरानी शुरू हो चुकी है। कई पुराने साथी जांच के दायरे में आ चुके हैं। दिल्ली व अन्य शहरों में भी पुलिस टीमें सक्रिय हैं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने भी अपने स्तर से जांच सेल को सक्रिय कर दिया है।कई शिक्षकों और कर्मचारियों से तथ्य जुटाए जा रहे हैं। सभी विभागाध्यक्षों को भी सतर्क किया गया है कि यदि किसी प्रकार की संदिग्ध जानकारी हो तो तत्काल रिपोर्ट करें।
छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में एक प्राइवेट स्कूल के 5 साल के छात्र को क्रूरतापूर्वक पेड़ पर लटकाने को लेकर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने कहा कि यह बहुत गलत है, मजाक बनाकर रखा है। चीफ जस्टिस ने कहा कि एक मासूम बच्चे के साथ इस तरह की ज्यादती कैसे की जा सकती है। मामले में स्कूल शिक्षा सचिव से शपथपत्र के साथ जवाब मांगा है। बता दें कि होम वर्क नहीं करने पर टीचर ने बच्चे को घंटों पेड़ पर लटकाए रखा था, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। होमवर्क नहीं करने पर टीचर ने दी सजा दरअसल, यह मामला नारायणपुर के हंसवानी विद्या मंदिर का है। इस स्कूल में नर्सरी से आठवीं तक के छात्र पढ़ते हैं। 24 नवंबर को यहां नर्सरी क्लास की टीचर काजल साहू ने बच्चों का होमवर्क चेक किया। इस दौरान एक छात्र अपना होमवर्क नहीं किया था, जिस पर टीचर काजल साहू भड़क गई। उन्होंने सजा के तौर पर बच्चे को क्लास से बाहर निकाल दिया। जिसके बाद स्कूल परिसर में एक पेड़ पर रस्सी के सहारे बच्चे को लटका दिया। रस्सी के सहारे बच्चा घंटों लटकता रहा। मीडिया रिपोर्ट्स पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान बच्चे के साथ की गई क्रूरता का वीडियो भी सामने आया है, जो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। वहीं, इस संबंध में मीडिया रिपोर्ट भी आई है, जिसे संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट ने जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है। स्कूल को नोटिस, टीचर को स्कूल से हटाया इस मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल यशवंत ठाकुर ने कोर्ट को बताया कि मामले को जिला प्रशासन और शासन ने संज्ञान में लिया है। स्कूल पहुंचकर अधिकारियों ने जांच की, जिसके बाद टीचर को तुरंत स्कूल से हटा दिया गया है। वहीं, इस मामले में प्राइवेट स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है। चीफ जस्टिस बोले-मजाक बनाकर रखा है चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने मामले को गंभीर बताया। उन्होंने कहा कि ऐसा कहीं नहीं होता। ये बहुत गलत हुआ है, मजाक बनाकर रखा है। शासन की तरफ से पक्ष रखने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि एक मासूम बच्चे के साथ इस तरह की ज्यादती कैसे की जा सकती है। इतने बड़े स्कूल में किसी का ध्यान कैसे नहीं गया। डिवीजन बेंच ने मामले में स्कूल शिक्षा सचिव को व्यक्तिगत शपथपत्र के साथ जवाब देने का निर्देश दिया है। जिसमें 9 दिसंबर तक यह बताना होगा कि, निजी स्कूल के दोषी शिक्षकों पर क्या कार्रवाई की गई और भविष्य में कहीं और ऐसी घटना न हो इसके लिए क्या कदम उठाए जाएंगे। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा जिस समय बच्चे को पेड़ से लटकाया गया था, उसी दौरान किसी ग्रामीण ने घटना का वीडियो बना लिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद अभिभावकों का गुस्सा फूट पड़ा। बड़ी संख्या में पेरेंट्स स्कूल के बाहर इकट्ठा हो गए और विरोध प्रदर्शन भी किया। ........................ इससे जुड़ी खबर भी पढ़ें... होमवर्क नहीं करने पर स्टूडेंट को पेड़ से लटकाया...VIDEO: परिजनों का हंगामा, संचालक बोला-सिर्फ डराने के लिए सजा दी, टीचर रोते हुए बोली-गलती हो गई छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में एक प्राइवेट स्कूल में केजी-टू के छात्र (5 वर्ष) को होमवर्क न करने पर टीचर ने घंटों पेड़ से लटकाए रखा। घटना का वीडियो सामने आने के बाद पेरेंट्स का गुस्सा फूट पड़ा। बड़ी संख्या में परिजनों ने स्कूल के बाहर हंगामा कर दिया। पढ़ें पूरी खबर...
राजधानी भोपाल के बहुचर्चित ड्रग्स केस से घिरे जिम संचालक मोनिस खान बुधवार को वकीलों के साथ क्राइम ब्रांच पहुंचा। उसे सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है। वह कागजी खानापूर्ती के लिए क्राइम पहुंचा था। इस दौरान उसने ड्रग्स केस की बात नकार दी। उसने तस्करी के धंधे से किसी तरह का लेनादेना नहीं होने की बात कही। जबकि उसका नाम कुख्यात ड्रग तस्कर आशु हसन ने पूछताछ में लिया था। आशु ने इस बात का खुलासा किया था कि एमडी ड्रग्स मोनिस से ही खरीदता था। पुलिस उसे लंबे समय से तलाश रही थी। हालांकि मोनिस ने बताया कि वे काम के सिलसिले में विदेश गया था। वहां से लौटने के बाद सुप्रीमकोर्ट से जमानत ली और कागजी कार्रवाई के लिए क्राइम ब्रांच आया है। मोनिस खान ने कहा, ‘मेरा ड्रग्स मामले में कोई संबंध नहीं है। मैं बिजनेसमैन हूं। मेरे द्वारा इस प्रकार का कोई काम नहीं किया गया है। मुझे न्याय पालिका पर पूरा भरोसा है। आरोपी सैफ उद्दीन ने क्या किया था खुलासा ड्रग को जिम आने वाले युवक-युवतियों को वेट लॉस की दवा बताकर खपाता था। मोनिस के जिम की भोपाल में तीन ब्रांच हैं, जहां हाई प्रोफाइल लोग भी जाते हैं। इसका खुलासा 18 जुलाई 2025 को सबसे पहले गिरफ्तार किए गए सैफउद्दीन ने पूछताछ में किया था। मोनिस जिम संचालन करने से पहले फिटनेस ट्रेनर भी रह चुका है। क्राइम ब्रांच ने मेमोरेंडम के आधार पर मोनिस को आरोपी बनाया। लेकिन केस में नाम आने के बाद वह मलेशिया चला गया।
फरीदाबाद में 25.33 लाख की लूट का खुलासा:क्राइम ब्रांच ने तीन आरोपी दबोचे, 21 लाख कैश और बाइक बरामद
फरीदाबाद जिले के बल्लभगढ़ सिटी थाना क्षेत्र में सोमवार शाम करीब 7 बजे हुए 25 लाख 33 हजार रुपए की लूट की वारदात का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। क्राइम ब्रांच की टीम ने कार्रवाई करते हुए नारियल गांव के रहने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इनके कब्जे से लुटे हुए 21 लाख रुपए कैश और वारदात में इस्तेमाल मोटरसाइकिल बरामद कर ली है। बाइक सवार युवकों ने लूटा था कैश से भरा बैग एसीपी क्राइम वरुण दहिया ने बताया कि 23 नवंबर की शाम रोहित कंसल नाम के युवक से सीही रोड गेट, सिंगला धर्मशाला के पास बाइक सवार तीन से पांच युवकों ने 25.33 लाख रुपए से भरा बैग लूट लिया था। आरोपियों ने रोहित की स्कूटी को बाइक से टक्कर मारकर गिराया और किसी नुकीले हथियार से उसके सिर पर हमला कर बैग छीनकर फरार हो गए। पहले से घात लगाए बैठे थे आरोपी जांच में सामने आया कि यह रकम लोहा व्यापारी जय भगवान की थी। व्यापारी ने पैसे अपने CA नितिन को घर भेजने के लिए दिए थे, जिसके बाद नितिन ने अपने ऑफिस के असिस्टेंट रोहित कंसल को बैग देकर घर भेजा। इसी दौरान पहले से घात लगाए बैठे आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया। पूरे मामले में खुलासा हुआ कि लूट की साजिश व्यापारी के पहचान के ही नवीन भारद्वाज ने रची थी, क्योंकि नवीन भारद्वाज जय भगवान को पहले से ही जानता था उसकी कंपनी से इसका कुछ काम को लेकर के बातचीत भी हुआ करती थी और उसके साथ उठना बैठना भी था। दो युवक अभी भी फरार जय भगवान के घर आता-जाता रहता था। जिससे पैसों की आवाजाही के बारे में अच्छी तरह जानता था। नवीन ने अपने दो दोस्त अभिषेक उर्फ अभि और दूसरे अभिषेक और एक अन्य साथी के साथ मिलकर योजना बनाई। इनके साथ दो और युवक, कपिल और संजीव भी शामिल थे, जो फिलहाल फरार हैं। लूट के बाद नवीन ने 20 लाख रुपए अपने पास रख लिए और 50-50 हजार रुपए दोनों अभिषेक को दे दिए। शेष रकम कपिल और संजीव को दी गई। आरोपियों से 21 लाख रुपए की रिकवरी पुलिस ने तीनों गिरफ्तार आरोपियों से 21 लाख रुपए की रिकवरी कर ली है और आरोपियों से पूछताछ में कई अहम जानकारी सामने आई है। एसीपी क्राइम ने बताया कि फरार आरोपी कपिल और संजीव के खिलाफ पहले से लड़ाई-झगड़े के मामले दर्ज हैं, जबकि गिरफ्तार तीन आरोपियों का यह पहला बड़ा अपराध है। पुलिस आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड लेकर बाकी फरार आरोपियों की गिरफ्तारी करेगी
एमेजन एमजीएम स्टूडियोज इंडिया ने अपनी आगामी थियेट्रिकल रिलीज फिल्म 'निशांची' का धमाकेदार फर्स्ट लुक पोस्टर रिलीज कर दिया है। अजय राय और रंजन सिंह द्वारा जार पिक्चर्स के बैनर तले, फ्लिप फिल्म्स के साथ मिलकर प्रोड्यूस की गई ये फिल्म एक रोमांचकारी ...
क्रिमिनल जस्टिस 4 में एक अलग अवतार में दिखीं बरखा सिंह, बोलीं- मैं खुद को साबित करना चाहती थी
बरखा सिंह भारतीय सिनेमा के सबसे होनहार चेहरों में से एक हैं। उन्होंने विभिन्न मंचों पर काम करते हुए, बाधाओं को पार किया है और अपने लिए एक रास्ता बनाया है। दर्शकों और आलोचकों को उनके किरदारों और अभिनय के तरीके से बेहद प्यार है। एक इंटरव्यू में बरखा ...
राणा नायडू सीजन 2: नए किरदारों के साथ क्राइम, एक्शन और इमोशन का जबरदस्त तड़का
राणा नायडू सीजन 2' में गालियों में कमी और ड्रामा में बढ़ोतरी हुई है। अर्जुन रामपाल का 'रॉफ' और कृति खरबंदा जैसे नए किरदार कहानी को नया मोड़ देते हैं। राणा और नागा के किरदार पहले की तरह दमदार हैं, जो परिवार को मुश्किलों से निकालते हैं। सीरीज की ...
अनुराग कश्यप लेकर आए क्राइम ड्रामा फिल्म निशांची, इस दिन सिनेमाघरों में होगी रिलीज
अनुराग कश्यप एक नई गहन क्रामइ ड्रामा फिल्म 'निशांची' लेकर आ रहे हैं। अमेजन एमजीएम स्टूडियो ने इस फिल्म का टीजर शेयर करते हुए इसकी थिएट्रिकल रिलीज डेट का ऐलान कर दिया है। अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित ये फिल्म हालात को हूबहू पर्दे पर उतारने वाली और ...
प्राइम वीडियो ने अपनी आगामी रोमांचक इन्वेस्टीगेटिव क्राइम थ्रिलर 'स्टोलन' का दमदार ट्रेलर लॉन्च कर दिया है। अनुराग कश्यप, किरण राव, निखिल आडवाणी और विक्रमादित्य मोटवानी जैसे दिग्गज फिल्ममेकर्स की एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर टीम के साथ 'स्टोलन' करण ...
सोनू सूद की फतेह इस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हुई स्ट्रीम, साइबर क्राइम की काली दुनिया को दिखाती है फिल्म
बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद की फिल्म 'फतेह' को सिनेमाघरों में मिलाजुला रिस्पॉन्स मिला था। इस फिल्म से सोनू सूद ने निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रखा है। साइबर क्राइम पर आधारित इस फिल्म में सोनू सूद के साथ जैकलीन फर्नांडिस मुख्य भूमिका में नजर आईं। वहीं ...
क्राइम पेट्रोल एक्टर नितिन चौहान का निधन, 35 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
मनोरंजन जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। टीवी के जाने-माने एक्टर नितिन चौहान का निधन हो गया है। वह महज 35 साल के थे। एक्टर की मौत की वजह की कोई आधिकारिक जानकरी सामने नहीं आई है। नितिन रियलिटी शो 'दादागिरी 3 के विनर रह चुके हैं।
Mirzapur 3 के बाद Prime Video ने किया एक और क्राइम-थ्रिलर सीरीज का एलान, 'मटका किंग' बनकर धूम मचाएगा ये एक्टर
गशमीर महाजनी और Surbhi Jyoti की नई क्राइम-थ्रिलरसीरीज Gunaah का टीजर हुआ लॉन्च, जाने कब और कहां होगी स्ट्रीम
डिज़्नी प्लस हॉटस्टार ने आखिरकार शुक्रवार को क्राइम ड्रामा सीरीज़ क्रिमिनल जस्टिस के बहुप्रतीक्षित चौथे अध्याय की घोषणा कर दी, जिसमें पंकज त्रिपाठी मुख्य भूमिका में हैं। नई किस्त में अभिनेता पंकज त्रिपाठी अलौकिक वकील माधव मिश्रा के रूप में वापसी करेंगे। एक बयान में, अभिनेता ने कहा कि नया अध्याय मिश्रा के जीवन और जटिल मामलों को इतनी आसानी और स्थायित्व के साथ सामने लाने की उनकी क्षमता के बारे में विस्तार से बताएगा। पंकज त्रिपाठी के हवाले से बताया गया कि ऑन-स्क्रीन वकीलों की प्रसिद्धि के हॉल में, मुझे लगता है कि माधव मिश्रा ने क्रिमिनल जस्टिस के साथ अपनी जगह बना ली है। मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि सीरीज़ में माधव का किरदार मुझसे कितना मिलता-जुलता है। हर जीत मुझे अपनी जैसी लगती है और हर हार ऐसी लगती है एक व्यक्तिगत क्षति। मैं डिज़्नी+हॉटस्टार पर नए सीज़न की घोषणा करने के लिए उत्साहित हूं और मुझे उम्मीद है कि दर्शक इस सीज़न को पहले की तरह ही प्यार देना जारी रखेंगे। डिज़्नी प्लस हॉटस्टार ने पोस्ट को कैप्शन दिया ''कोर्ट जारी है, और नए सीज़न की तैयारी भी। आ रहे हैं माधव मिश्रा, #HotstarSpecials #CriminalJustice के नए सीज़न के साथ!'' इसे भी पढ़ें: Rakhi Sawant Condition is Critical | क्रिटिकल है एक्ट्रेस राखी सावंत की हालत, पूर्व पति रितेश ने शेयर किया है हेल्थ अपडेट फ्रेंचाइजी के बारे में जानकारी क्रिमिनल जस्टिस की शुरुआत 2018 में अपने पहले सीज़न के साथ हुई थी जिसे 2008 में इसी नाम की ब्रिटिश टेलीविजन श्रृंखला से रूपांतरित किया गया था। क्रिमिनल जस्टिस: बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स नामक दूसरा सीज़न 2020 में आया, इसके बाद तीसरा अध्याय, क्रिमिनल जस्टिस: अधूरा सच, 2022 में आया। क्रिमिनल जस्टिस का निर्माण अप्लॉज़ एंटरटेनमेंट द्वारा किया गया है। इसे भी पढ़ें: Scam 2010 The Subrata Roy Saga: हंसल मेहता ने किया 'स्कैम' के तीसरे सीजन का ऐलान, सहारा की कहानी पर केंद्रित होगा नया शो बता दें कि पंकज त्रिपाठी आखिरी बार मर्डर मुबारक में नजर आए थे। फिल्म में सारा अली खान, विजय वर्मा, आदित्य रॉय कपूर और करिश्मा कपूर समेत कई स्टार कलाकार शामिल हैं। होमी अदजानिया द्वारा निर्देशित यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है। वह अगली बार मिर्ज़ापुर 3 में नज़र आएंगे। रिलीज़ डेट की अभी घोषणा नहीं की गई है। View this post on Instagram A post shared by Disney+ Hotstar (@disneyplushotstar)
सस्पेंस, क्राइम और थ्रिलर का रखते है शौक तो OTT पर फौरन निपटा डाले ये जबरदस्तसाउथ फिल्में,हॉलीवुड भी लगने लगेगा फीका
सलमान खान के घर फायरिंग मामला: मुंबई क्राइम ब्रांच ने पांचवें आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार किया
सलमान खान के घर फायरिंग मामले में ताजा घटनाक्रम में मुंबई क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को पांचवें आरोपी मोहम्मद चौधरी को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। इंडिया टीवी के अतुल सिंह की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद चौधरी ने दो शूटरों, सागर पाल और विक्की गुप्ता को पैसे देकर और रेकी करके भी मदद की। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, चौधरी को आज मुंबई लाया जा रहा है जहां उसे किला कोर्ट में पेश किया जाएगा और पांच दिन की हिरासत की मांग की जाएगी। इसे भी पढ़ें: Kareena Kapoor Khan ने Saif Ali Khan के बड़े बेटे इब्राहिम की नवीनतम तस्वीरों पर सबसे मनमोहक टिप्पणी की इससे पहले, अनुज थापन नाम के एक आरोपी ने पुलिस हिरासत में चादर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। बता दें, अनुज पर शूटरों को हथियार मुहैया कराने का आरोप है। थापन को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले, बांद्रा में अभिनेता के आवास के बाहर गोलीबारी करने वाले दोनों शूटर विक्की गुप्ता और सागर पाल को गुजरात के भुज से हिरासत में लिया गया था। इसे भी पढ़ें: सलमान खान के घर के बाहर गोली चलाने के मामले में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सदस्य गिरफ्तार सलमान खान के घर फायरिंग मामले की जानकारी मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, कथित तौर पर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग करने वाले शूटरों के पास दो बंदूकें थीं और उन्हें 10 राउंड गोलियां चलाने का आदेश दिया गया था. 14 अप्रैल की सुबह, दो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर आए और अभिनेता के आवास गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर चार गोलियां चलाईं। घटना के बाद हमलावर तेजी से मौके से भाग गए। निगरानी फुटेज से पता चला कि दोनों संदिग्धों ने टोपी पहन रखी थी और बैकपैक ले रखा था। इस महीने की शुरुआत में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने का अनुरोध किया था. अनमोल बिश्नोई ने घटना के कुछ घंटों बाद अपने फेसबुक प्रोफाइल के जरिए सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग की जिम्मेदारी ली थी। सलमान खान की नवीनतम सार्वजनिक उपस्थिति सलमान खान हाल ही में लंदन में थे जहां उन्होंने ब्रिटेन के ब्रेंट नॉर्थ निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बैरी गार्डिनर से मुलाकात की। इंटरनेट पर कई तस्वीरें वायरल हुईं, जिनमें बैरी और सलमान दोनों वेम्बली स्टेडियम के अंदर नजर आ रहे हैं।
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Salman Khan House Firing: एक्टर सलमान खान के घर पर फायरिंग करने वाले दोनों आरोपियों को भुज से गिरफ्तार कर लिया गया. मुंबई क्राइम ब्रांच को ये कामयाबी मिली. आरोपी बिहार के पश्चिमी चंपारण के रहने वाले बताए जा रहे हैं. रविवार को गैलेक्सी अपार्टमेंट पर फायरिंग कर भुज फरार हो गए थे. देखें ये वीडियो.
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