'IAS अफसर के बच्चों की तुलना मजदूरों से नहीं कर सकते', आरक्षण पर फिर जस्टिस गवई का निशाना
CJI Gavai on SC Reservation: जस्टिस गवई ने इसके पहले साल 2024 में ये कहा था कि राज्यों को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के बीच भी आने वाली क्रीमी लेयर की पहचान करनी चाहिए और उन्हें आरक्षण का लाभ लेने से इनकार करने की एक नीति विकसित करनी चाहिए.
इंदौर में 65 वर्षीय बुजुर्ग के साथ की गई 20 लाख 10 हजार 840 रुपए की ऑनलाइन ठगी के मामले में क्राइम ब्रांच ने बैंक से खातों की डिटेल मांगी है। क्राइम ब्रांच को शंका है कि ये सभी खाते दूसरे राज्य के हो सकते है। बैंक से डिटेल मिलने के बाद टीम आगे की कार्रवाई करेगी। बता दे की बुजुर्ग को शेयर मार्केट में कई गुना मुनाफा देने के नाम पर 20 लाख 10 हजार 840 रुपए की ऑनलाइन ठगी की गई थी। बुजुर्ग को ठगी के बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने क्राइम ब्रांच में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। खातों के फ्रीज कराया, डिटेल निकाल रही क्राइम ब्रांच एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया ने बताया कि इंदौर में रहने वाले रिटायर्ड बुजुर्ग के साथ हुई 20 लाख से ज्यादा की ऑनलाइन ठगी के मामले में क्राइम ब्रांच ने बुजुर्ग की शिकायत पर कायमी कर सबसे पहले जिन खातों में बुजुर्ग का पैसा गया उन खातों को फ्रीज कराया है। बैंक से खातों की डिटेल मांगी गई है। संभवना है कि ये खाते दूसरे राज्य के हो सकते है। खातों की डिटेल मिलने के बाद खाता धारकों की जानकारी निकाली जाएगी। ये है पूरा मामला बुजुर्ग ने शिकायत की थी कि 28 अगस्त को अज्ञात नंबर से कॉल आए। कॉलर ने खुद के नाम अनामिका और नीतेश बताए। उन्होंने वॉट्सऐप पर DEX एप्लिकेशन की लिंक भेजी और रजिस्ट्रेशन करने और ट्रेडिंग में ज्यादा प्रॉफिट मिलने के बारे में बताया। लिंक के माध्यम से USDT का क्रेडिट दिखाकर ट्रेडिंग कराई जाती है। 11 सितंबर से 22 सितंबर तक बदमाशों ने उनके द्वारा भेजे बैंक खातों और UPI में कुल 20 लाख 10 हजार 840 रुपए ट्रेडिंग के नाम पर जमा करा लिए। जब बुजुर्ग ने मुनाफा मांगा तो बदमाशों ने कमिशन के नाम पर और पैसे मांगे। इसके बाद बुजुर्ग ने जानकारी निकाली तो उन्हें हकीकत पता चली और कायमी करवाई।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि भारत के संविधान ने न्याय प्रणाली को तीन स्तंभों पर बनाया है। इसका उद्देश्य अलग-अलग होते हुए भी एक-दूसरे के पूरक हैं। जिला अदालतें जमीनी स्तर पर आम शिकायतों को सुनती हैं और जनता के विश्वास को पोषित करती हैं। सुप्रीम कोर्ट संविधान की सीमाओं का अंतिम राष्ट्रीय अभिरक्षक है। इनके बीच हाईकोर्ट वह सेतु है, जो नागरिकों को संविधान से जोड़ते हैं। हाईकोर्ट को अपने संस्थागत विकास की कल्पना उसी तरह करनी चाहिए, जैसे आधुनिक अस्पताल इमरजेंसी वार्ड को तैयार करता है। जैसे एक अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड संकट आते ही तेजी से सटीक राहत देता है, उसी तत्परता और दक्षता से अदालतों को प्रतिक्रिया देने वाला बनना होगा। -शेष पेज 11 पर न्याय सिर्फ विवादों का समाधान नहीं, निर्दोषों को बचाने की जिम्मेदारी भी जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- मैं अपने न्यायिक जीवन के शुरुआती दिनों की एक घटना से शुरुआत करना चाहूंगा। मेरा पहला मामला दो छोटे बच्चों की अभिरक्षा से जुड़ा अंतरराष्ट्रीय विवाद था। बच्चों के माता-पिता अलग-अलग देशों में रहते थे। कानूनी जटिलताएं या पूर्व निर्णयों का भार मेरे ऊपर उतना नहीं था, जितना उन बच्चों की आंखों में दिख रही चिंता और व्यथा। उनकी पीड़ा ने मुझे यह एहसास कराया कि न्याय केवल विवादों का समाधान नहीं है, यह निर्दोषों को परिस्थितियों के तूफान में खोने से बचाने की जिम्मेदारी भी है। उसी क्षण मुझे यह समझ आया कि न्यायाधीश का काम केवल कानून की व्याख्या करना नहीं, बल्कि उसकी सुरक्षा उन तक पहुंचाना है, जिन्हें उसकी सबसे अधिक आवश्यकता है। -पेज 5 भी पढ़ें जस्टिस ने पहले केस की कहानी सुनाई हाईकोर्ट का नया लोगो व डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का एप लॉन्च झारखंड हाईकोर्ट का नया लोगो जारी करते केंद्रीय कानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान। {हाईकोर्ट का नया लोगो जारी किया गया। इसके चारों ओर पलाश के फूल और बीच में साल के पत्तों का इस्तेमाल किया गया है। यह हमारी संपन्नता को दर्शाता है। लोगो के केन्द्र में न्याय का तराजू है, जो सभी के लिए न्याय का प्रतीक है। {जिला न्यायपालिका का नया मोबाइल एप झारखंड डिस्ट्रिक्ट ज्युडिशरी भी लॉन्च किया गया।
नई सूची:गुंडा लिस्ट में 152 और जुड़े... इसमें 19 से 25 साल के युवा ज्यादा, 3 साल से कर रहे क्राइम
राजधानी की नई गुंडा लिस्ट बनाई गई है। इस साल यानी जनवरी से नवंबर तक 11 माह में चाकूबाजी, मारपीट, हत्या और चोरी करने वाले 152 आरोपियों को इस निगरानी सूची में शामिल किया गया है। इसमें सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह है कि इसमें लगभग सभी आरोपियों की उम्र 19 से 25 साल के बीच की है। लगातार कार्रवाई के बाद भी क्राइम करने वाले युवाओं की संख्या कम नहीं हो रही है। पिछले तीन साल से ये युवा हर तरह का क्राइम कर रहे हैं। यानी पुलिस की कार्रवाई का इन पर असर नहीं हो रहा है। इन आरोपियों में मारपीट, हत्या और चाकूबाजी करने वाले 126 और चोरी व लूट के 26 आरोपी शामिल हैं। इन्हें मिलाकर रायपुर में गुंडा-बदमाशों की संख्या बढ़कर 630 और 325 हिस्ट्रीशीटर हो गए हैं। पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि रायपुर में पिछले साल हत्या के मामले 7 फीसदी बढ़े हैं। चोरी की घटनाएं भी बढ़ी हैं। पुलिस ने अगस्त में 55 गुंडा-बदमाश और 6 निगरानी बदमाशों को सूची में शामिल किया। यानी केवल एक महीने में 61 अपराधियों को इस लिस्ट में जोड़ा गया है। इनके खिलाफ निगरानी और मॉनिटरिंग भी शुरू हो गई है। अक्टूबर में 20 और नवंबर में अब तक 18 लोगों को सूची में शामिल किया गया है। पुलिस का दावा- 16 बदमाश सुधरे, फाइल बंदपुलिस के मुताबिक शहर के 16 बदमाशों के नाम गुंडा-बदमाश और निगरानी सूची से हटाया गया है। इनमें 12 गुंडा-बदमाश और चार निगरानी श्रेणी के आरोपी शामिल हैं। ये पिछले तीन साल से किसी भी अपराध में शामिल नहीं पाए गए थे। कुछ शहर छोड़कर चले गए। कुछ उम्रदराज होने के कारण शांत हो गए हैं। इधर 126 नए गुंडा-बदमाशों को लिस्ट में शामिल किया गया है। इन पर मारपीट और चाकूबाजी के 3 से 4 मामले दर्ज हैं। वहीं चोरी और लूट के 26 आरोपियों को हिस्ट्रीशीटर सूची में जोड़ा गया है। जानिए क्या है गुंडा सूची रिटायर्ड स्पेशल डीजी अन्वेष मंगलम के अनुसार गुंडा-बदमाश और निगरानी सूची में नाम शामिल करना एक प्रक्रिया है। इसमें लगातार अपराध करने वाले या आदतन अपराधियों को जोड़ा जाता है। शारीरिक नुकसान पहुंचाने वाले मामलों के आरोपियों को गुंडा-बदमाश और आर्थिक नुकसान वाले मामलों के आरोपियों को निगरानी सूची में शामिल किया जाता है। बदमाशों की मॉनिटरिंग के लिए बनी नई सूचीपुलिस की कार्रवाई के बाद भी लगातार अपराध करने वाले बदमाशों की मॉनिटरिंग के लिए नई सूची बनाई है। इसमें ज्यादातर वही आरोपी शामिल हैं, जिनकी शिकायतें पिछले तीन साल में आई हैं। ऐसे बदमाशों की पहचान कर उन्हें सूची में जोड़ा गया है। जो अपराध छोड़ चुके या लंबे समय से शांत हैं उनकी समीक्षा के बाद उन्हें सूची से बाहर किया जा रहा है। -डॉ. लाल उमेद सिंह, एसएसपी, रायपुर
क्राइम ब्रांच आया एक्टर एजाज खान:सलमान लाला की मौत के बाद बनाया था वीडियो, मोबाइल जब्त किया
सलमान लाला की मौत के बाद भड़काऊ वीडियो बनाने वाले एक्टर एजाज खान शनिवार को इंदौर क्राइम ब्रांच पहुंचा। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने नोटिस जारी किया था, जिसके बाद वह अपने वकील के साथ इंदौर आया। इंदौर क्राइम ब्रांच में वह एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया से मिला था। एक्टर का मोबाइल क्राइम ब्रांच ने जब्त कर लिया है। नोटिस तलब करवाकर वैधानिक कार्रवाई कर छोड़ा गया। सलमान लाला के समर्थन में एक्टर एजाज खान ने कहा था मुझे ऐसा लगता है कि वह समंदर में तैरने वाला बहुत बड़ा तैराक था। समंदर में तैरने वाले तालाबों में डूबकर नहीं मरा करते। अगर वह गैंगस्टर था, तो उसका गुनाह यह नहीं था कि वह गैंगस्टर था, गुनाह यह था कि वह मुसलमान था- इसलिए उसे मार दिया गया। ये है पूरा मामला सलमान लाला की मौत के बाद उसे सांप्रदायिक रूप देने के मामले में एक्टर एजाज खान पर एफआईआर की गई थी। एजाज खान ने एक वीडियो में सलमान के लिए कहा था कि वह वर्ग विशेष का था, इसलिए पुलिस ने उसे मार दिया। जबकि इस मामले में सलमान के एनकाउंटर जैसे किसी भी तरह के साक्ष्य मौके पर नहीं मिले थे। सोशल मीडिया पर सलमान लाला को लेकर और भी कई वीडियो वायरल हुए थे, जिनमें भड़काऊ पोस्ट थीं। इसे लेकर क्राइम ब्रांच ने करीब 35 अकाउंट को लिस्टेड किया था। एडिशनल डीसीपी से मांगी माफी बताया जा रहा है कि शनिवार को एक्टर एजाज खान अपने वकील के साथ एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के ऑफिस पहुंचा। जहां पर उसने अपने कृत्य को लेकर माफी भी मांगी। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने एक्टर एजाज खान का मोबाइल जब्त कर लिया है। इसके साथ ही उसके बयान भी दर्ज किए गए हैं।
Jaya Bhattacharya on Delhi Crime Season 3:एक्ट्रेस जया भट्टाचार्या ने इंस्टाग्राम पर तस्वीर पोस्ट की, जिसके साथ उन्होंने लिखा 'दिल्ली क्राइम सीजन-3 का हिस्सा बनकर बेहद खुशी महसूस हो रही है. हर कलाकार को कभी-कभी थोड़ा रुकना, खुद को समझने का मौका देना और नए तरह से अभिनय करने की कोशिश करना बेहद जरूरी होता है.
क्या आपके घर में घी का पैकेट असली है ? क्राइम ब्रांच ने किया बड़े रैकेट का भंडाफोड़
Fake Nandini Ghee: सीसीबी की टीम ने छापेमारी के दौरान करीब 8136 लीटर घी जब्त किया है, जिसकी बाजार में कीमत लगभग 12695200 रुपए है. इतना ही नहीं पुलिस ने घी सप्लाई के लिए इस्तेमाल की जा रही चार गाड़ियां, नकली पैकिंग करने के लिए लाई गई मशीन बरामद की है.
हिसार जिले के नारनौंद थाना पुलिस ने क्षेत्र में सक्रिय एक अंतरजिला संगठित अपराधी गिरोह के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई पुलिस को मिली खुफिया जानकारी के आधार पर की गई। मामले की जांच अब अपराध शाखा नारनौंद को सौंप दी गई है। राजथल गांव के आठ आरोपी गिरोह में शामिलखुफिया इनपुट के अनुसार, गांव राजथल के जयसिंह, सुनील, राजेश, कृष्ण, आशीष उर्फ बाबा, अमरजीत, शमशेर और विकास नामक आरोपी एक संगठित गिरोह चला रहे हैं। यह गिरोह न केवल नारनौंद क्षेत्र में बल्कि आसपास के जिलों और राज्य के अन्य हिस्सों में भी सक्रिय है। स्नैचिंग, चोरी और एटीएम फ्रॉड में लिप्त गिरोहपुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह गिरोह स्नैचिंग, चोरी, घरों में सेंधमारी, ठगी और एटीएम फ्रॉड जैसी वारदातों को अंजाम देता रहा है। आरोपियों के खिलाफ पहले भी विभिन्न थाना क्षेत्रों में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, बावजूद इसके गिरोह लगातार सक्रिय था। पुलिस ने दर्ज किया केसबढ़ती आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए नारनौंद पुलिस ने इस गिरोह के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई शुरू की है। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 112 और 3(5) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि गिरोह लंबे समय से चोरी, ठगी और एटीएम फ्रॉड की घटनाओं में शामिल रहा है। अपराध शाखा करेगी नेटवर्क और सहयोगियों की जांचअपराध शाखा नारनौंद अब गिरोह के नेटवर्क, पुराने आपराधिक रिकॉर्ड, गतिविधियों और संभावित सहयोगियों की गहन जांच करेगी। पुलिस का कहना है कि ऐसे संगठित अपराधी गिरोहों पर नकेल कसने से क्षेत्र में बढ़ रही चोरी और ठगी की घटनाओं पर अंकुश लगेगा। जल्द हो सकती हैं गिरफ्तारियांथाना पुलिस को उम्मीद है कि जांच के दौरान गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान कर जल्द गिरफ्तारियां की जाएंगी। पुलिस ने कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी ताकि क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनी रहे।
राजस्थान सरकार ने पुलिस प्रशासन को मजबूती प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक बदलाव किया है। कानून व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए डायरेक्टर जनरल (डीजी) लॉ एंड ऑर्डर का एक नया पद बनाया गया है। राजस्थान पुलिस के मुखिया पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कुमार शर्मा ने शुक्रवार रात एक आदेश जारी किया। आदेशानुसार, इस नए पद की जिम्मेदारियां निर्धारित की हैं। डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) संजय अग्रवाल पुलिस महानिदेशक के पूरे नियंत्रण में काम करते हुए तीन प्रमुख शाखाओं के कार्यों का मार्गदर्शन और समन्वय करेंगे। जिनमें कानून एवं व्यवस्था के साथ सशस्त्र बटालियन और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल शामिल है। डीजीपी शर्मा ने इस नए पद के साथ डीजी संजय अग्रवाल को अतिरिक्त और महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी सौंपी है। डीजी संजय अग्रवाल अब साइबर क्राइम और तकनीकी सेवाओं के कार्यों का भी निरीक्षण करेंगे। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि डीजी अग्रवाल इन सभी शाखाओं के बीच समन्वय सुनिश्चित करेंगे। उपलब्ध जनशक्ति एवं संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच और एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) में तैनात 3 पुलिसकर्मियों का अचानक ट्रांसफर कर दिया गया। इस कार्रवाई में दो हेड कॉन्स्टेबल और एक कॉन्स्टेबल शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक यह कदम लंबे समय से चल रही संदिग्ध गतिविधियों और खुफिया इनपुट के आधार पर उठाया गया है। अनिल कुमार और मंगत को IRB भेजा गया, वहीं अजय कुमार को सेक्टर-26 लाइन भेजा गया। आदेश एसपी क्राइम के निर्देश पर रात करीब साढ़े 11 बजे डीएसपी क्राइम धीरज कुमार ने जारी किए। हेड कॉन्स्टेबल अनिल कुमार और मंगत जहां एएनटीएफ में तैनात थे, वहीं कॉन्स्टेबल अजय कुमार क्राइम ब्रांच में सेवाएं दे रहा था। कॉन्स्टेबल का विवादों से पुराना रिश्ता इनमें से एक कॉन्स्टेबल का विवादों से पुराना रिश्ता रहा है। उस पर पहले भी एक महिला ड्रग तस्कर के साथ मिले होने का आरोप लगा था। इसी वजह से उसे पहले लाइन हाजिर किया गया था।अब क्राइम ब्रांच ने उसी महिला के भाई को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद अजय की भूमिका फिर से संदेह के घेरे में आ गई थी। सूचना लीक पर कई बार रेड फेल सूत्रों के अनुसार इन पर आरोप है कि वे क्राइम ब्रांच की ड्रग तस्करों पर होने वाली कार्रवाई की जानकारी पहले ही बाहर लीक कर देते थे।कई बार रेड की सूचना तस्करों तक पहले पहुंच जाने से कार्रवाई प्रभावित हुई और तस्कर बच निकलते थे। अधिकारियों के अनुसार, तीनों पुलिसकर्मियों पर पिछले कुछ महीनों से कड़ी नजर रखी जा रही थी और जांच में इनके खिलाफ संदिग्ध गतिविधियों की पुष्टि हुई। आशंका थी कि भविष्य में ये कोई बड़ी गड़बड़ी कर सकते हैं, इसलिए तुरंत प्रभाव से इनका ट्रांसफर किया गया।
दिल्ली ब्लास्ट कनेक्शन में गिरफ्त में आई लखनऊ की डॉ. शाहीन के खिलाफ कार्रवाई के बाद गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कॉलेज (GSVM), कानपुर ने बड़ा कदम उठाया है। कॉलेज प्रशासन ने फार्माकोलॉजी विभाग के बोर्ड से उनका नाम हटा दिया है। पूर्व में विभागाध्यक्ष (HOD) रही डॉ. शाहीन का नाम कई वर्षों से विभागीय बोर्ड पर अंकित था, जिसे शुक्रवार को प्रशासन ने हटवा दिया। कॉलेज सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई दिल्ली पुलिस और एटीएस की जांच में सामने आए तथ्यों के बाद की गई है। कॉलेज प्रशासन किसी भी प्रकार की गलत पहचान या संदर्भ से कॉलेज की छवि पर असर न पड़े, इसलिए तत्काल प्रभाव से विभागीय बोर्ड में संशोधन किया गया। पूरे दिन कैंपस में जांच एजेंसियों की चहल-कदमी शुक्रवार को ATS और क्राइम ब्रांच की टीमें पूरे दिन कानपुर मेडिकल कॉलेज और कार्डियोलॉजी विभाग में मौजूद रहीं। टीमों ने विभागीय रिकॉर्ड, पुरानी फाइलें, छात्रों का डेटा और अन्य दस्तावेजों की जांच की। छात्रावास में भी जांच एजेंसियों ने कई घंटे तक तलाशी अभियान चलाया और कुछ पुराने छात्रों से जुड़े रिकॉर्ड व हिस्ट्री निकाली। कई बिंदुओं पर हो रही जांच सूत्रों के अनुसार, जांच टीमें यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि डॉ. शाहीन के कॉलेज अवधि में किसी संदिग्ध गतिविधि का संकेत मिला था या नहीं। उनके संपर्क में कौन-कौन लोग थे। वर्षों पुरानी विभागीय गतिविधियों से कोई महत्वपूर्ण लिंक निकलता है या नहीं। रिकॉर्ड खंगाले, कई दस्तावेज जब्त जांच एजेंसियों ने फार्माकोलॉजी विभाग के साथ-साथ संबंधित अन्य यूनिट्स से भी रिकॉर्ड खंगाले हैं। कई पुरानी एंट्री रजिस्टर, फैकल्टी रिकॉर्ड, स्टूडेंट डॉसियर और विभागीय फाइलों की कॉपियां ली गईं। टीमों ने हॉस्टल में रहने वाली कई बैचों की सूची तैयार की और सुरक्षा एंगल से पुराने रजिस्टर जब्त किए। कॉलेज प्रशासन जांच में सहयोग कर रहा है और सभी जरूरी दस्तावेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कॉलेज में चर्चा का माहौल, छात्र भी हैरान पूरा दिन कैंपस में छात्रों और फैकल्टी के बीच इस विषय को लेकर चर्चा बनी रही। कई छात्रों ने बढ़ी सुरक्षा व्यवस्था और जांच एजेंसियों की लगातार मौजूदगी को लेकर चिंता भी जताई, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह रूटीन जांच का हिस्सा है और कॉलेज पूर्ण सहयोग कर रहा है। जांच एजेंसियां अब प्राप्त दस्तावेजों का विश्लेषण कर रही हैं। आने वाले दिनों में टीम फिर से कैंपस पहुंच सकती है। डॉ. शाहीन का नाम बोर्ड से हटाया जाना इस बात का संकेत है कि कॉलेज अब हर संदिग्ध लिंक को गंभीरता से परखते हुए प्रशासनिक स्तर पर सावधानी बरत रहा है।
संजय अग्रवाल को साइबर क्राइम व तकनीकी सेवाओं का भी जिम्मा
जयपुर | पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी संभाल रहे डीजी संजय अग्रवाल का कार्यक्षेत्र बढ़ा दिया। डीजीपी राजीव शर्मा ने बताया कि डीजी अग्रवाल कानून-व्यवस्था, आरएसी व एसडीआरएफ के साथ अब साइबर क्राइम और तकनीकी सेवाओं की जिम्मेदारी संभालेंगे। गौरतलब है कि सरकार की तरफ से जारी आईपीएस की तबादला सूची में संजय अग्रवाल को डीजी कानून व्यवस्था के पद पर लगाया था। उस वक्त आरएसी और एसडीआर की भी जिम्मेदारी दी गई थी।
मध्यप्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में फर्जीवाड़े के खिलाफ लगातार कार्रवाई के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है। एक बार फिर फर्जी मान्यता और फर्जी फैकल्टी को लेकर गंभीर शिकायत सामने आई है। आरोप है कि स्टूडेंट्स और अस्पताल स्टाफ को फैकल्टी दिखाकर कॉलेज ने मान्यता प्राप्त की। शिकायतकर्ता रवि ने नर्मदा इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग साइंस, होशंगाबाद पर गंभीर आरोप लगाते हुए बीते माह राज्य साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर संज्ञान लेते हुए राज्य साइबर सेल ने मामले की जांच के लिए क्राइम ब्रांच के पुलिस उपायुक्त को पत्र भेजा है। पत्र में लिखा गया है कि नर्मदा इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग साइंस द्वारा फर्जी फैकल्टी और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मान्यता प्राप्त करने की शिकायत मिली है। साथ ही मान्यता तत्काल निरस्त कर संचालकों एवं संबंधित व्यक्तियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की गई है। इस मामले में जब कॉलेज की प्रिंसिपल से बात की गई तो उन्होंने कोई भी स्टेटमेंट देने से इनकार कर दिया गया। शिकायत में पूरी व्यवस्था पर गंभीर आरोपNSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने शिकायत में कई गंभीर आरोप लगाए हैं। परमार ने नर्सिंग काउंसिल के रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार और मान्यता शाखा के अधिकारियों पर भी मिलीभगत के आरोप लगाए हैं। इन फैकल्टी पर उठे सवालपरमार ने बताया कि कॉलेज ने मान्यता के लिए उप-प्राचार्य नीता सेन का फर्जी अनुभव प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया। वहीं विद्या यादव, गोविंद पटेरिया, सुनील कुमार सूर्यवंशी और संगीता कारपेंटर को भोपाल स्थित नर्मदा ट्रॉमा सेंटर अस्पताल तथा नर्मदा इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग साइंस, होशंगाबाद दोनों जगहों पर एक साथ रजिस्टर्ड दिखाया गया, जो नियम विरुद्ध है। इसी तरह कपिल कौरी को कॉलेज में फैकल्टी दिखाया गया, जबकि वास्तविकता में वे श्री साई इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग साइंस, सीहोर में सत्र 2024-25 के एमएससी नर्सिंग के छात्र हैं। इस मामले में कपिल से बात की गई तो उन्होंने रॉन्ग नंबर बोलते हुए फोन काट दिया। कमिश्नर कार्यालय का घेराव करेगी NSUIभोपाल जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसे फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देकर छात्र-छात्राओं का भविष्य बर्बाद किया जा रहा है। NSUI ने कॉलेज संचालकों, फर्जी फैकल्टी और संबंधित अफसरों पर तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज नहीं की गई, तो NSUI पुलिस कमिश्नर कार्यालय और पुलिस मुख्यालय का घेराव करेगी।
ग्वालियर में सोशल मीडिया पर अभद्र और भड़काऊ पोस्ट करने वाले एडवोकेट राय सिंह बौद्ध के खिलाफ क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया है। जबकि जिले में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पहले ही कलेक्टर द्वारा धरना, प्रदर्शन और भड़काऊ पोस्ट डालने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस संबंध में बुधवार को उच्च न्यायालय जबलपुर ने आदेश जारी किया है। इसके बाद भी सोशल मीडिया पर एडवोकेट राय सिंह बौद्ध ने एक समाज के लिए आपत्तिजनक और भड़काऊ पोस्ट की है। इतना ही नहीं, इसे ज्यादा से ज्यादा लाइक और शेयर करने की बात कही है। कलेक्ट्रेट से मिले पत्र के बाद क्राइम ब्रांच ने मामला संज्ञान में लेते हुए एडवोकेट बौद्ध पर मामला दर्ज किया है। हाईकोर्ट परिसर में अंबेडकर मूर्ति स्थापना को लेकर 9 महीने से तनाव ग्वालियर में पिछले 9 महीने से संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा हाईकोर्ट परिसर में स्थापित करने को लेकर जातिगत तनाव बना हुआ है। एक पक्ष मूर्ति स्थापना के पक्ष में आंदोलन कर रहा है, तो दूसरा पक्ष मूर्ति न लगाने के पक्ष में है। अभी कुछ दिन पहले अंबेडकर की मूर्ति के विरोधी पक्ष ने संविधान निर्माता के रूप में डॉ. बी.एन. राव का नाम आगे किया था, जिसके बाद से लगातार तनाव के हालात हैं। हाल ही में एक पक्ष ने 16 नवंबर, रविवार को कुछ प्रदर्शन का ऐलान किया था। इसकी प्रतिक्रिया स्वरूप अंबेडकर पक्ष की ओर से आजाद समाज पार्टी (क) के प्रदेश महासचिव और एडवोकेट राय सिंह बौद्ध, निवासी ग्वालियर ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक समाज के प्रति गलत और भड़काऊ पोस्ट डाली और इस पोस्ट को अधिक से अधिक शेयर और कमेंट करने की अपील भी की है। कलेक्टर के आदेश और हाईकोर्ट की रोक के बाद भी की गई इस तरह की पोस्ट को क्राइम ब्रांच ने समाज में वर्ग संघर्ष फैलाने और कानून-व्यवस्था को खराब करने वाली पोस्ट की श्रेणी में लिया और एडवोकेट राय सिंह बौद्ध के खिलाफ मामला कायम कर लिया। कमेंट और शेयर नहीं करने की अपील इस मामले में पुलिस ने सभी से इस तरह के पोस्ट अपलोड न करने की अपील की है। साथ ही कहा कि इस विवादित पोस्ट को न शेयर करें, न ही लाइक करें। यदि कोई ऐसे पोस्ट को आगे बढ़ाता है, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। क्राइम ब्रांच के डीएसपी नागेन्द्र सिंह सिकरवार ने बताया- प्रतिबंध के बावजूद सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट डालने के बाद मामला कायम किया है। पोस्ट डालने वाले के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पोस्ट अपलोड करने वाले को नोटिस भेजकर जवाब तलब किया गया है।
देर रात तक चली एंटी क्राइम चेकिंग, हर वाहन की पुलिस ने की जांच
राजधानी के विभिन्न चौक-चौराहों पर देर रात पुलिस ने एंटी क्राइम चेकिंग अभियान चलाया। मेन रोड के अलावा अरगोड़ा, चुटिया, डोरंडा, हिनू, कोकर, बरियातू, पिस्का मोड़, रातू रोड, लालपुर और कांके रोड समेत विभिन्न जगहों पर चलाए गए अभियान के दौरान एक-एक वाहन सवार की जांच हुई। बाइक व कार सवार की डिक्की व बैग तक खुलवा कर जांच की गई। वरीय पदाधिकारयों की मौजूदगी में चलाए गए इस अभियान के दौरान कहीं से कोई आपत्तिजनक सामान नहीं मिला। लेकिन ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वाले वाहन चालकों का चालान काटा गया। पुलिस की चेकिंग होते देख कई वाहन सवार अपनी-अपनी गाड़ियां मोड़कर वापस भागते भी नजर आए।
नशे के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत इंदौर क्राइम ब्रांच ने शहर में ड्रग सप्लाई करने वाले 9 बड़े आरोपियों की पहचान की है। ये आरोपी मंदसौर, राजस्थान के प्रतापगढ़ और महाराष्ट्र के रास्ते इंदौर में नशे की सप्लाई करते हैं। ये शहर के कई पेडलरों को ड्रग उपलब्ध कराते हैं। मोबाइल पर ऑर्डर लेकर तय स्थान पर डिलीवरी की जाती है। क्राइम ब्रांच ने इन आरोपियों को पकड़ने के लिए एसीपी के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई है। सभी आरोपियों पर 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया है। पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह के निर्देश पर चल रहे इस अभियान के तहत हाल ही में एसीपी की टीम ने 36 छोटे-बड़े पेडलर पकड़े थे। पूछताछ में उन्होंने महाराष्ट्र, मंदसौर और प्रतापगढ़ के कुछ बड़े ड्रग तस्करों के नाम उजागर किए, जिन पर अब कार्रवाई की जा रही है। ‘गांधी’ और ‘डॉक्टर’ हैं कोडवर्ड नाम क्राइम ब्रांच द्वारा चिन्हित 9 आरोपियों में कई को उनके कोडवर्ड नामों से जाना जाता है। शाहिद खान (निवासी मंदसौर) को ‘गांधी’ और महफूज खान (निवासी मंदसौर) को ‘डॉक्टर’ कहा जाता है। अन्य आरोपियों में मनय जैन (मंदसौर), शाहरुख खान (प्रतापगढ़), गुलनवाज पठान (प्रतापगढ़), सलमान उर्फ सलीम (मुंबई), अकरम पठान (नासिक), राजकुमार नारंग (ठाणे) और मगन अखाड़े (देवास) शामिल हैं। 70 करोड़ की एमडी ड्रग केस से जुड़ा नेटवर्क 2021 में क्राइम ब्रांच ने 70 किलो एमडी ड्रग जब्त किया था, जिसकी कीमत करीब 70 करोड़ रुपए थी। इस केस में गुलनवाज, अकरम, सलमान और राजकुमार के नाम सामने आए थे। पुलिस को लगातार इन आरोपियों के नेटवर्क की जानकारी मिलती रही, लेकिन अब तक यह गैंग गिरफ्त से बाहर था। एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया के अनुसार ड्रग सप्लाई चेन में शामिल सभी बड़े नामों को चिन्हित कर लिया गया है। जल्द ही गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी।
आईजी क्राइम परमज्योति कौर गुरुवार को दो दिवसीय निरीक्षण दौरे पर झुंझुनूं पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने जिले में अपराध नियंत्रण, कानून व्यवस्था की स्थिति और थानों की कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा की। अपने निरीक्षण के पहले दिन, आईजी कौर ने सदर थाना और सीओ ग्रामीण कार्यालय का दौरा किया, जहां उन्होंने रिकॉर्ड रखरखाव, साफ-सफाई और नए आपराधिक कानूनों के अनुपालन की विस्तृत समीक्षा की। आईजी कौर ने निरीक्षण के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पुलिस की तकनीकी मजबूती, पारदर्शिता और जनता से भरोसेमंद संबंध बनाने पर विशेष बल दिया। पुलिस बल का मनोबल: उन्होंने कहा कि निरीक्षण का एक बड़ा उद्देश्य जिले में कार्यरत पुलिस बल के मनोबल को समझना, उनकी आवश्यकताओं और चुनौतियों को जानना है। यदि कोई समस्या मुख्यालय स्तर पर हल की जा सकती है, तो उस पर तत्काल चर्चा की जाएगी। नए क्रिमिनल लॉज और डिजिटल प्लेटफॉर्म: आईजी ने जोर देकर कहा कि नए क्रिमिनल लॉज लागू हो चुके हैं और सीसीटीएनएस (CCTNS) पर हमारी प्रक्रियाएं अपडेट हो चुकी हैं। अब सभी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना है कि हर एफआईआर, चार्जशीट, केस डायरी और अन्य कार्रवाई उसी सिस्टम में दर्ज हो, ताकि डेटा पारदर्शी और सुगम हो सके। तकनीकी सशक्तिकरण: पुलिस बल को और अधिक मजबूत बनाने के प्रयासों पर बात करते हुए उन्होंने कहा, राज्य स्तर पर कई प्रयास चल रहे हैं। थानों में आधुनिक तकनीक, डिजिटल रिकॉर्डिंग सिस्टम और रियल टाइम रिपोर्टिंग को बढ़ावा दिया जा रहा है। जनता में विश्वास: उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर स्तर पर पारदर्शिता जरूरी है। पुलिस का चेहरा जनता के सामने सबसे निचले स्तर का कर्मचारी होता है, उन्होंने कहा, जब जनता को यह महसूस होगा कि पुलिस तत्परता और ईमानदारी से काम कर रही है, तभी हमारे प्रति विश्वास मजबूत होगा। सदर थाने का जायजा: सदर थाने के निरीक्षण के दौरान, आईजी ने थाने की साफ-सफाई, अभिलेख संधारण, मालखाना व्यवस्था और रिकॉर्ड रखरखाव की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने थाने में स्वच्छता और दस्तावेजों के संधारण को संतोषजनक बताया। सीसीटीएनएस पर फोकस: उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपडेट रखना आज की जरूरत है, और इसके लिए सीसीटीएनएस सिस्टम की सही कार्यप्रणाली बहुत जरूरी है। नए कानूनों की जानकारी: आईजी ने निर्देश दिया कि नए कानूनों की जानकारी प्रत्येक पुलिसकर्मी तक पहुंचे। हर पुलिसकर्मी को अपने कर्तव्यों और अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। भवन की स्थिति पर रिपोर्ट: जर्जर पुलिस भवनों की स्थिति पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि खतरनाक स्थिति वाले भवनों को पहले ही 'कडम' घोषित किया जा चुका है। उन्होंने आश्वस्त किया कि वर्तमान में कोई भी कर्मचारी खतरनाक भवन में नहीं रह रहा है, और भविष्य में ऐसी स्थिति आने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में 10 पुलिस निरीक्षकों का ट्रांसफर कर दिया गया है। पुलिस कमिश्नरेट ने बुधवार रात एक आदेश जारी कर इन पुलिस निरीक्षकों के तबादले किए है। तबादले आदेशों के अनुसार विशेष तौर पर साइबर क्राइम को लेकर फोक्स करना लग रहा है। पुलिस कमिश्नर सचिन मित्तल के आदेशानुसार- जारी लिस्ट में विशेष तौर पर 4 इंस्पेक्टरों को विशेष अपराध एवं साइबर क्राइम थाना जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में तैनात किया गया है। पुलिस निरीक्षक प्रेम कुमार शर्मा, रामधन मीणा, सुषमा कुमारी और जितेन्द्र कुमार को विशेष अपराध एवं साइबर थाने में लगाया गया है। वहीं, इंस्पेक्टर महेश चंद शर्मा, सुनील कुमार, सज्जन सिंह और रतन सिंह को पुलिस कमिश्नरेट की स्पेशल टीम (सीएसटी) में तैनात किया गया है। इसके अलावा इंस्पेक्टर हेमंत जनागल को स्टाफ ऑफिसर विशेष पुलिस आयुक्त (ऑपरेशन्स) और कविता को अपराध शाखा आयुक्तालय जयपुर में तैनात किया गया है।
सीबीआई ने साइबर क्राइम के लिए मानव तस्करी में शामिल दो एजेंटों को किया गिरफ्तार
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भारतीय नागरिकों की तस्करी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है
हाई कोर्ट ने कहा है कि साइबर अपराध में आने वाली सभी शिकायतों को दर्ज किया जाए और संबंधित साइबर थाना तुरंत इसकी जांच शुरू करे। हर 15 दिन की जांच रिपोर्ट एडीजी साइबर क्राइम को भेजी जाए। यह भी कहा कि हाई कोर्ट में साइबर केसों की जमानत याचिकाओं की संख्या बढ़ रही हैं, इसलिए सरकारी वकील और कोर्ट की मदद के लिए प्रशिक्षित पुलिस अधिकारी हर सुनवाई पर पेश हों। अदालत ने यह निर्देश साइबर अपराध मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे युवक मोहित को सशर्त जमानत देते हुए दिए। साइबर अपराधों की रोकथाम व जन जागरूकता के लिए हर माह में एक दिन साइबर जागरूकता दिवस के तौर पर मनाने के लिए भी कहा। आयकर विभाग, राजस्थान के निदेशक अनुसंधान को साइबर मामलों की जांच की प्रगति की निगरानी करने के लिए भी कहा है। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार इसके लिए एक एसओपी जारी करें, ताकि कोर्ट के निर्देशों की पालना सुनिश्चित की जा सके। यह एसओपी अगस्त, 2021 की मौजूदा एसओपी के साथ काम करेगी। अदालत ने आरोपी पर शर्त लगाई कि वह केवल एक नॉन स्मार्ट फोन और पोस्टपेड नंबर काम में लेगा और वीपीएन, प्रॉक्सी नेटवर्क, जीएसएस वाले लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर का उपयोग नहीं करेगा। आरोपी की ओर से अधिवक्ता एसबी गौतम ने बताया कि प्रार्थी 9 जुलाई से न्यायिक अभिरक्षा में है। मामले में कोई पीड़ित शिकायतकर्ता नहीं है और पुलिस ने खुद के स्तर पर ही रिपोर्ट दर्ज की है। मामले में चालान पेश हो चुका है, इसलिए प्रार्थी को जमानत दी जाए।
राजस्थान हाईकोर्ट ने साइबर क्राइम की रोकथाम, जांच और प्रभावी मॉनिटरिंग को लेकर राज्य सरकार को 6 सप्ताह में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) बनाने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा कि आकड़ों के अनुसार साल 2024 में साइबर अपराधों में 31.52 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई हैं। वहीं साइबर अपराध की सूचना देने के लिए जारी हैल्पलाइन नम्बर-1930 पर अगस्त 2025 तक लगभग 12,612 शिकायतें दर्ज की गई हैं। इसका मतलब है कि प्रतिदिन करीब 406 लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। अदालत ने कहा कि साइबर फ्रॉड से जुड़े मामलों में किंगपिन द्वारा मुख्य रूप से सिम कार्ड्स, मोबाइल फोन, म्यूल बैंक खातों व डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस पूरे तंत्र में युवाओं की भागीदारी,अपराधी तथा पीड़ित दोनों रूप में बढ़ती दिखाई दे रही है। स्मार्ट फोन इस्तेमाल नहीं करने की शर्त पर जमानतआरोपियों के अधिवक्ता गिरीश खंडेलवाल ने बताया कि हाईकोर्ट ने आरोपियों को जमानत देते हुए कड़ी शर्ते लगाई है। अदालत ने कहा है कि आरोपी केवल एक पोस्टपेड सिम कार्ड यूज करेगा। इसके अलावा वह स्मार्ट फोन का इस्तेमाल नहीं करेगा। आरोपी जमानत पर रिहा होने से पहले अपने बैंक अकाउंट की जानकारी संबंधित जांच अधिकारी और ट्रायल कोर्ट में देगा। वह एक ही बैंक अकाउंट का इस्तेमाल करेगा। आरोपी का दूसरा बैंक अकाउंट नहीं खुले, इसे लेकर आरबीआई को भी निर्देशित किया गया हैं। इसके साथ ही अदालत ने आरोपियों पर सोशल मीडिया इस्तेमाल नहीं करने की शर्त भी लगाई हैं। हर माह चलाए जागरूकता कार्यक्रमन्यायमित्र आदर्श सिंघल ने बताया कि अदालत ने सरकार और साइबर क्राइम की रोकथाम से जुड़ी एजेंसियों को निर्देश दिया कि वह साइबर अपराध-शिकायतों को एक निर्धारित प्रारूप में दर्ज करें, नियत समय में जांच की समीक्षा करें और पाक्षिक रिपोर्ट तैयार कर राज्य सरकार व साइबर अपराध समिति को प्रस्तुत करें। इसके साथ ही न्यायालय ने यह भी निर्देश दिए कि इस साइबर क्राइम के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सार्वजनिक जागरूकता कार्यक्रम मासिक रूप से चलाए जाए, स्कूल-कॉलेज में साइबर साक्षरता अभियान तथा इस-रूपी अभियानों के लिए 'साइबर जागरूकता दिवस' मनाने की व्यवस्था की जाए।
दुर्ग जिले के भिलाई में अमित जोस एनकाउंटर को 1 साल पूरे हो गए है। 8 नवंबर 2024 को दुर्ग पुलिस ने 16 राउंड फायरिंग कर कुख्यात बदमाश को मार गिराया था। आरोपी अमित पर 35 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज थे। उसने 21 साल की उम्र में एक मर्डर किया था। उसने अपने आखिरी अपराध में एक बेकसूर को गोली मारी थी। जिसके बाद से पुलिस उसे लगातार ढूंढ रही थी। जानकारी के मुताबिक, आरोपी सेक्टर-6 का रहने वाला था। अमित जोश के खिलाफ दुर्ग-भिलाई के अलग-अलग थानों में मारपीट और गंभीर अपराधों में करीब 35 केस दर्ज हैं। इसमें 25 भिलाई नगर थाने में FIR, 4 सुपेला, 1 दुर्ग कोतवाली, नेवई थाना, कुर्सीपार 1, पदमनाभपुर में 2 FIR हैं। क्या है गोलीकांड की पूरी कहानी ? 25 जून 2024 को आरोपी अमित जोश की एनिवर्सरी थी। देर रात 2 बजे पार्टी करने के बाद जोश और उसका एक साथी बाइक से घूमने निकले थे। जैसे ही ग्लोब चौक के आगे पहुंचे उन्हें बाइक पर तीन लड़के दिखे। सभी लोग शराब के नशे में थे। इसी दौरान गाली-गलौज करने को लेकर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि, अमित जोश ने तीनों लड़कों पर तीन राउंड फायरिंग कर दी। इस हमले में सुनील यादव और आदित्य सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए। यह अमित जोश का आखिरी अपराध था। इसके बाद वह मारा गया। कैसे हुई यह वारदात विश्रामपुर निवासी रमनदीप सिंह अपने दोस्त सुनील यादव और आदित्य सिंह से मिलने भिलाई आया था। सुनील यादव टेलीकॉम कंपनी का कर्मचारी है। आदित्य सिंह उड़ान अकादमी में पीएससी की तैयारी कर रहा है। रमनदीप के आने की खुशी में तीनों ने पार्टी की, फिर आधी रात को ग्लोब चौक से बाइक से घूमने निकले थे, इसी दौरान घटना हुई है। BSP क्वॉर्टर में कब्जा करने का धंधा था अमित जोश और स्टालिन ग्रुप दोनों भिलाई नगर एरिया में सक्रिय हैं। इनका मूल काम बीएसपी क्वॉर्टर्स पर कब्जा कर उन्हें किराए पर चढ़ाना है। इससे यह लोग काफी अच्छी कमाई कर लेते हैं। इनके डर से बीएसपी के अधिकारी भी कार्रवाई करने से डरते हैं। दुर्ग सेंट्रल जेल के असिस्टेंट जेलर के घर किया था हमला 3 साल पहले दुर्ग केंद्रीय जेल के असिस्टेंट जेलर अशोक साव के घर देर रात कुछ हथियारबंद नकाबपोशों ने हमला किया था। उन्होंने साव के घर का दरवाजा तोड़ने की कोशिश की थी। पुलिस ने इस मामले में कुख्यात बदमाश अमित जोश को गिरफ्तार किया था। अब जानिए पूरा मामला 8 नवंबर को भिलाई क्राइम ब्रांच की टीम ने निगरानी बदमाश अमित जोस को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। पुलिस अमित को पकड़ने गई थी, इस दौरान अमित ने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में 3 गोलियां लगने से अमित जोस मारा गया। भिलाई में एनकाउंटर हुए एक साल पूरे हो गए हैं। दुर्ग जिले में 2010 के बाद 2024 में यानी 14 साल बाद किसी अपराधी का एनकाउंटर हुआ था। ऐसा था एनकाउंटर का पूरा सीन पुलिस बदमाश अमित जोश पर पुलिस लगातार नजर बनाकर रखी थी। इसी बीच पता चला कि वह पिछले 3 दिनों से भिलाई में है। हाल ही जेल से छूटे अपने जीजा लकी जॉर्ज से मिलने भिलाई पहुंचा था। जैसे ही इसकी जानकारी क्राइम ब्रांच को हुई, ACCU की टीम मौके पर पहुंची। आरोपी को पकड़ने के लिए अलग-अलग टीम बनाई गई। 8 नवंबर को जोश के ठिकाने पर छापेमारी की गई। लॉज से लेकर हर जगहों पर तलाशी की गई। इस दौरान पुलिस और आरोपी की जयंती स्टेडियम के पास आमना-सामना हो गया। जोश ने पुलिस की एक टीम पर फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली आरोपी के पैर में लगी। इस दौरान आरोपी भागते हुए भी पुलिस पर 6-7 गोलियां चलाई। इसके बाद पुलिस ने जवाब में करीब 16 राउंड फायरिंग की। इसमें से आरोपी को 3 गोलियां लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। कौन था अमित जोस? अमित जोस को गुंडागर्दी विरासत में मिली थी। पुलिस रिकॉर्ड में मुताबिक अमित का पिता आरजी बोल्ड मोरिस भी थाने का लिस्टेड गुंडा-बदमाश रहा है। इसके अलावा उसकी मां के खिलाफ भी भिलाई नगर थाने में अपराध दर्ज है। इस तरह के माहौल में पलने की वजह से वह बचपन में ही अपराध की दुनिया में आ गया। लोगों के बीच अपनी दहशत कायम करने के लिए मार-पीट लड़ाई, झगड़े शुरू कर दिए। 2005 में महज 14 साल की उम्र में उसके खिलाफ भिलाई नगर थाने में अपराध दर्ज हुआ। यहीं से अपराध की शुरुआत हुई। 2013 में 21 साल की उम्र में अमित ने पहली हत्या की। इसके बाद एक के बाद एक 36 अपराध किए। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास, बलवा, अवैध वसूली, रंगदारी, आर्म्स एक्ट और जानलेवा हमला जैसे संगीन अपराध शामिल थे। जेलर को भी नहीं बख्शा 3 साल पहले दुर्ग केंद्रीय जेल के असिस्टेंट जेलर अशोक साव के घर देर रात अमित जोश और साथियों ने नकाब पहनकर हथियार लेकर हमला किया था। उन्होंने साव के घर का दरवाजा तोड़ने की कोशिश की थी। पुलिस ने इस मामले में कुख्यात बदमाश अमित जोश को गिरफ्तार किया था। अब चैप्टर क्लोज एनकाउंटर के बाद क्राइम सीन को सुरक्षित कर दिया गया था। घटना स्थल पर ब्लड के सैंपल, आरोपी के कपड़े और अन्य सामानों को जुटाया गया। सबूतों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा। तत्कालीन दुर्ग SP जितेंद्र शुक्ला ने क्राइम सीन इन्वेस्टिगेशन के लिए 3 सदस्यीय टीम गठित की थी। जिसकी मॉनिटरिंग सिटी ASP सुखनंदन राठौर कर रहे थे। भिलाई नगर की सीएसपी सत्य प्रकाश तिवारी ने बताया कि सारे तथ्यों और क्राइम सीन की सही तरीके से जांच हो गई थी। अब उसकी फाइल क्लोज हो चुकी है। .............................. इससे जुड़ी खबर भी पढ़ें... भिलाई में बदमाश अमित जोश का एनकाउंटर: SP बोले-भागते हुए पुलिस पर चलाई गोलियां, जवाब में लगी 3 बुलेट, 35 से ज्यादा केस थे दर्ज छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने भिलाई में पहला एनकाउंटर किया है। भिलाई क्राइम ब्रांच की टीम ने निगरानी बदमाश अमित जोश को एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। ACCU की टीम पकड़ने गई थी, तभी आरोपी ने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में 3 गोलियां लगने से अमित जोश मारा गया है। मामला भिलाई नगर थाना क्षेत्र का है। पढ़ें पूरी खबर...
प्रयागराज में साइबर अपराधियों ने पांच लोगों से 1.26 करोड़ रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है। इन घटनाओं में ठगों ने शेयर मार्केट में मुनाफा, विदेशी स्टॉक निवेश, फ्रैंचाइजी और यूपीआई हैक के जरिए शिकार बनाया। पीड़ितों की तहरीर पर साइबर क्राइम पुलिस एफआईआर दर्ज कर जांच में जुटी है। सोहबतियाबाग निवासी विवेक कुमार श्रीवास्तव से शेयर मार्केट में मुनाफा और नकली आईपीओ का झांसा देकर 50 लाख रुपए अलग-अलग किस्तों में निवेश कराए गए। जार्जटाउन के दरभंगा कॉलोनी के सचिन कुमार से यूएस स्टॉक में निवेश के नाम पर 36.99 लाख रुपए ले लिए गए। सचिन सहारानपुर के रहने वाले हैं। फिलहाल प्रयागराज में रहते हैं। मीरापुर के पवन कुमार को रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट इंडिपेंडेंस की फ्रेंचाइजी लेने के नाम पर 6.98 लाख रुपए गंवाने पड़े। फर्जी कंपनी प्रतिनिधि ने रुपए जमा कराए और फिर मोबाइल बंद कर दिया। करेली के गोविंद पाल का मोबाइल हैक करके साइबर अपराधियों ने 7.09 लाख रुपए यूपीआई के जरिए से उड़ा दिए। नवाबगंज के रामसुंदर पटेल से भी मोबाइल हैक कर 6.98 लाख रुपए धोखे से निकलवा लिए गए। साइबर क्राइम पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ठगों की लोकेशन ट्रेस कर रही है। पैसों की रिकवरी और आरोपियों की गिरफ्तारी में जुट गई है।
एमेजन एमजीएम स्टूडियोज इंडिया ने अपनी आगामी थियेट्रिकल रिलीज फिल्म 'निशांची' का धमाकेदार फर्स्ट लुक पोस्टर रिलीज कर दिया है। अजय राय और रंजन सिंह द्वारा जार पिक्चर्स के बैनर तले, फ्लिप फिल्म्स के साथ मिलकर प्रोड्यूस की गई ये फिल्म एक रोमांचकारी ...
क्रिमिनल जस्टिस 4 में एक अलग अवतार में दिखीं बरखा सिंह, बोलीं- मैं खुद को साबित करना चाहती थी
बरखा सिंह भारतीय सिनेमा के सबसे होनहार चेहरों में से एक हैं। उन्होंने विभिन्न मंचों पर काम करते हुए, बाधाओं को पार किया है और अपने लिए एक रास्ता बनाया है। दर्शकों और आलोचकों को उनके किरदारों और अभिनय के तरीके से बेहद प्यार है। एक इंटरव्यू में बरखा ...
जस्टिस यशवंत वर्मा की बढ़ी मुश्किलें, 145 सांसदों ने महाभियोग के लिए लोकसभा स्पीकर को सौंपा लेटर
कैश कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। संसद के मानसून सत्र का आगाज होते ही 145 लोकसभा सांसदों ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए लोकसभा अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा है। सांसदों ने संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 के तहत यह कदम उठाया है
जस्टिस वर्मा केस: वकील ने न्यायमूर्ति को केवल 'वर्मा' कहा, सीजेआई ने लगाई फटकार
सीजेआई गवई ने वकील मैथ्यूज जे. नेदुमपारा को लगाई कड़ी फटकार नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील मैथ्यूज जे. नेदुमपारा को कड़ी फटकार लगाई। नेदुमपारा ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा का जिक्र केवल वर्मा कहकर किया, जस्टिस वर्मा के आधिकारिक आवास के स्टोररूम में नकदी मिलने के आरोपों की चर्चा है। सीजेआई गवई ने नाराजगी जताते हुए कहा, क्या वह आपके दोस्त हैं? वे अभी भी जस्टिस वर्मा हैं। कुछ शिष्टाचार रखें। आप एक विद्वान जज का जिक्र कर रहे हैं। यह टिप्पणी तब आई जब नेदुमपारा ने जस्टिस वर्मा के बंगले से भारी मात्रा में नकदी मिलने के कथित मामले में दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने के लिए तीसरी बार याचिका दायर की थी। सीजेआई ने इस मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने से इनकार करते हुए पूछा, क्या आप चाहते हैं कि याचिका को अभी खारिज कर दिया जाए? जिसके जवाब में वकील ने कहा, याचिका खारिज नहीं हो सकती। एफआईआर दर्ज होनी ही चाहिए। अब तो वर्मा भी यही चाहते हैं। एफआईआर और जांच जरूरी है। इस पर सीजेआई ने फिर से नेदुमपारा को शिष्टाचार बनाए रखने की हिदायत दी और याद दिलाया कि जस्टिस वर्मा अभी भी जज हैं। वकील नेदुमपारा की याचिका में बड़ा दावा नेदुमपारा की याचिका में दावा किया गया है कि 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के बंगले के स्टोररूम में आग लगने के बाद वहां से जली हुई नकदी बरामद हुई थी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार—जो दिल्ली पुलिस को नियंत्रित करती है—को तुरंत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देना चाहिए। मई में सुप्रीम कोर्ट ने नेदुमपारा की ऐसी ही एक याचिका को खारिज कर दिया था। तब जस्टिस अभय एस. ओका (अब सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि इस मामले में इन-हाउस जांच चल रही है और उसकी रिपोर्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजी गई है। बेंच ने नेदुमपारा को सलाह दी थी कि वे पहले इन अधिकारियों को अपनी मांग के लिए आवेदन दें। अगर कार्रवाई नहीं होती, तभी वे कोर्ट में वापस आ सकते हैं। मामला संसद को भेजा जा सकता है मार्च के अंत में भी सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह की एक याचिका खारिज करते हुए कहा था कि इन-हाउस जांच अभी चल रही है। अगर जांच में कुछ गलत पाया गया, तो एफआईआर दर्ज की जा सकती है या मामला संसद को भेजा जा सकता है। दूसरी ओर, जस्टिस वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर इन-हाउस समिति के फैसले को चुनौती दी है। उनकी याचिका में कहा गया है कि समिति ने पक्षपातपूर्ण तरीके से काम किया और उन्हें अपनी सफाई में बात रखने का उचित मौका नहीं दिया गया।
राणा नायडू सीजन 2: नए किरदारों के साथ क्राइम, एक्शन और इमोशन का जबरदस्त तड़का
राणा नायडू सीजन 2' में गालियों में कमी और ड्रामा में बढ़ोतरी हुई है। अर्जुन रामपाल का 'रॉफ' और कृति खरबंदा जैसे नए किरदार कहानी को नया मोड़ देते हैं। राणा और नागा के किरदार पहले की तरह दमदार हैं, जो परिवार को मुश्किलों से निकालते हैं। सीरीज की ...
अनुराग कश्यप लेकर आए क्राइम ड्रामा फिल्म निशांची, इस दिन सिनेमाघरों में होगी रिलीज
अनुराग कश्यप एक नई गहन क्रामइ ड्रामा फिल्म 'निशांची' लेकर आ रहे हैं। अमेजन एमजीएम स्टूडियो ने इस फिल्म का टीजर शेयर करते हुए इसकी थिएट्रिकल रिलीज डेट का ऐलान कर दिया है। अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित ये फिल्म हालात को हूबहू पर्दे पर उतारने वाली और ...
प्राइम वीडियो ने अपनी आगामी रोमांचक इन्वेस्टीगेटिव क्राइम थ्रिलर 'स्टोलन' का दमदार ट्रेलर लॉन्च कर दिया है। अनुराग कश्यप, किरण राव, निखिल आडवाणी और विक्रमादित्य मोटवानी जैसे दिग्गज फिल्ममेकर्स की एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर टीम के साथ 'स्टोलन' करण ...
क्राइम फ्री धड़कपुर से चोरी हुई बाइक, प्राइम वीडियो की सीरीज दुपहिया का मजेदार ट्रेलर हुआ रिलीज
web series dupahiya trailer: प्राइम वीडियो ने अपनी आगामी ओरिजिनल सीरीज 'दुपहिया' का दिलचस्प ट्रेलर जारी कर दिया है। सलोना बैंस जोशी और शुभ शिवदासानी द्वारा उनके बैनर बॉम्बे फिल्म कार्टेल के तहत रचित और कार्यकारी निर्मित है। यह सीरीज़ एक काल्पनिक ...
क्राइम पेट्रोल एक्टर नितिन चौहान का निधन, 35 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
मनोरंजन जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। टीवी के जाने-माने एक्टर नितिन चौहान का निधन हो गया है। वह महज 35 साल के थे। एक्टर की मौत की वजह की कोई आधिकारिक जानकरी सामने नहीं आई है। नितिन रियलिटी शो 'दादागिरी 3 के विनर रह चुके हैं।
Mirzapur 3 के बाद Prime Video ने किया एक और क्राइम-थ्रिलर सीरीज का एलान, 'मटका किंग' बनकर धूम मचाएगा ये एक्टर
गशमीर महाजनी और Surbhi Jyoti की नई क्राइम-थ्रिलरसीरीज Gunaah का टीजर हुआ लॉन्च, जाने कब और कहां होगी स्ट्रीम
डिज़्नी प्लस हॉटस्टार ने आखिरकार शुक्रवार को क्राइम ड्रामा सीरीज़ क्रिमिनल जस्टिस के बहुप्रतीक्षित चौथे अध्याय की घोषणा कर दी, जिसमें पंकज त्रिपाठी मुख्य भूमिका में हैं। नई किस्त में अभिनेता पंकज त्रिपाठी अलौकिक वकील माधव मिश्रा के रूप में वापसी करेंगे। एक बयान में, अभिनेता ने कहा कि नया अध्याय मिश्रा के जीवन और जटिल मामलों को इतनी आसानी और स्थायित्व के साथ सामने लाने की उनकी क्षमता के बारे में विस्तार से बताएगा। पंकज त्रिपाठी के हवाले से बताया गया कि ऑन-स्क्रीन वकीलों की प्रसिद्धि के हॉल में, मुझे लगता है कि माधव मिश्रा ने क्रिमिनल जस्टिस के साथ अपनी जगह बना ली है। मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि सीरीज़ में माधव का किरदार मुझसे कितना मिलता-जुलता है। हर जीत मुझे अपनी जैसी लगती है और हर हार ऐसी लगती है एक व्यक्तिगत क्षति। मैं डिज़्नी+हॉटस्टार पर नए सीज़न की घोषणा करने के लिए उत्साहित हूं और मुझे उम्मीद है कि दर्शक इस सीज़न को पहले की तरह ही प्यार देना जारी रखेंगे। डिज़्नी प्लस हॉटस्टार ने पोस्ट को कैप्शन दिया ''कोर्ट जारी है, और नए सीज़न की तैयारी भी। आ रहे हैं माधव मिश्रा, #HotstarSpecials #CriminalJustice के नए सीज़न के साथ!'' इसे भी पढ़ें: Rakhi Sawant Condition is Critical | क्रिटिकल है एक्ट्रेस राखी सावंत की हालत, पूर्व पति रितेश ने शेयर किया है हेल्थ अपडेट फ्रेंचाइजी के बारे में जानकारी क्रिमिनल जस्टिस की शुरुआत 2018 में अपने पहले सीज़न के साथ हुई थी जिसे 2008 में इसी नाम की ब्रिटिश टेलीविजन श्रृंखला से रूपांतरित किया गया था। क्रिमिनल जस्टिस: बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स नामक दूसरा सीज़न 2020 में आया, इसके बाद तीसरा अध्याय, क्रिमिनल जस्टिस: अधूरा सच, 2022 में आया। क्रिमिनल जस्टिस का निर्माण अप्लॉज़ एंटरटेनमेंट द्वारा किया गया है। इसे भी पढ़ें: Scam 2010 The Subrata Roy Saga: हंसल मेहता ने किया 'स्कैम' के तीसरे सीजन का ऐलान, सहारा की कहानी पर केंद्रित होगा नया शो बता दें कि पंकज त्रिपाठी आखिरी बार मर्डर मुबारक में नजर आए थे। फिल्म में सारा अली खान, विजय वर्मा, आदित्य रॉय कपूर और करिश्मा कपूर समेत कई स्टार कलाकार शामिल हैं। होमी अदजानिया द्वारा निर्देशित यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है। वह अगली बार मिर्ज़ापुर 3 में नज़र आएंगे। रिलीज़ डेट की अभी घोषणा नहीं की गई है। View this post on Instagram A post shared by Disney+ Hotstar (@disneyplushotstar)
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सलमान खान के घर फायरिंग मामला: मुंबई क्राइम ब्रांच ने पांचवें आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार किया
सलमान खान के घर फायरिंग मामले में ताजा घटनाक्रम में मुंबई क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को पांचवें आरोपी मोहम्मद चौधरी को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। इंडिया टीवी के अतुल सिंह की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद चौधरी ने दो शूटरों, सागर पाल और विक्की गुप्ता को पैसे देकर और रेकी करके भी मदद की। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, चौधरी को आज मुंबई लाया जा रहा है जहां उसे किला कोर्ट में पेश किया जाएगा और पांच दिन की हिरासत की मांग की जाएगी। इसे भी पढ़ें: Kareena Kapoor Khan ने Saif Ali Khan के बड़े बेटे इब्राहिम की नवीनतम तस्वीरों पर सबसे मनमोहक टिप्पणी की इससे पहले, अनुज थापन नाम के एक आरोपी ने पुलिस हिरासत में चादर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। बता दें, अनुज पर शूटरों को हथियार मुहैया कराने का आरोप है। थापन को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले, बांद्रा में अभिनेता के आवास के बाहर गोलीबारी करने वाले दोनों शूटर विक्की गुप्ता और सागर पाल को गुजरात के भुज से हिरासत में लिया गया था। इसे भी पढ़ें: सलमान खान के घर के बाहर गोली चलाने के मामले में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सदस्य गिरफ्तार सलमान खान के घर फायरिंग मामले की जानकारी मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, कथित तौर पर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग करने वाले शूटरों के पास दो बंदूकें थीं और उन्हें 10 राउंड गोलियां चलाने का आदेश दिया गया था. 14 अप्रैल की सुबह, दो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर आए और अभिनेता के आवास गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर चार गोलियां चलाईं। घटना के बाद हमलावर तेजी से मौके से भाग गए। निगरानी फुटेज से पता चला कि दोनों संदिग्धों ने टोपी पहन रखी थी और बैकपैक ले रखा था। इस महीने की शुरुआत में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने का अनुरोध किया था. अनमोल बिश्नोई ने घटना के कुछ घंटों बाद अपने फेसबुक प्रोफाइल के जरिए सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग की जिम्मेदारी ली थी। सलमान खान की नवीनतम सार्वजनिक उपस्थिति सलमान खान हाल ही में लंदन में थे जहां उन्होंने ब्रिटेन के ब्रेंट नॉर्थ निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बैरी गार्डिनर से मुलाकात की। इंटरनेट पर कई तस्वीरें वायरल हुईं, जिनमें बैरी और सलमान दोनों वेम्बली स्टेडियम के अंदर नजर आ रहे हैं।
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सलमान खान के घर फायरिंग मामले में अहम घटनाक्रम में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है। अनमोल बिश्नोई ने घटना के कुछ घंटों बाद अपने फेसबुक प्रोफाइल के जरिए सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग की जिम्मेदारी ली थी. इस सप्ताह की शुरुआत में, मुंबई क्राइम ब्रांच ने गोलीबारी की घटना में इस्तेमाल की गई दूसरी बंदूक बरामद की। सूरत की तापी नदी से तीन मैगजीन के साथ बंदूक बरामद की गई। इसे भी पढ़ें: Tamannaah Bhatia Summoned by cyber cell | 'अवैध' IPL Streaming ऐप मामले में तमन्ना भाटिया को साइबर सेल ने तलब किया 16 अप्रैल को कच्छ पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंप दिया। बाद में, शहर की एक अदालत ने गोलीबारी की घटना के सिलसिले में दोनों आरोपियों को 25 अप्रैल तक मुंबई अपराध शाखा की हिरासत में भेज दिया। आरोपियों की पहचान बिहार के विक्की गुप्ता (24) और सागर पाल (21) के रूप में हुई, जिन्हें मेडिकल जांच के बाद अदालत में पेश किया गया। इसे भी पढ़ें: काला जादू- टोना-टोटका करने का Kangana Ranaut पर आरोप लगाने के बाद अब एक्ट्रेस के बारे Adhyayan Suman क्या सोचते है? मुंबई क्राइम ब्रांच की जांच अभी भी जारी है मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, कथित तौर पर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग करने वाले शूटरों के पास दो बंदूकें थीं और उन्हें 10 राउंड गोलियां चलाने का आदेश दिया गया था. 14 अप्रैल की सुबह, दो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर आए और अभिनेता के आवास गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर चार गोलियां चलाईं। घटना के बाद हमलावर तेजी से मौके से भाग गए। निगरानी फुटेज से पता चला कि दोनों संदिग्धों ने टोपी पहन रखी थी और बैकपैक ले रखा था। अनजान लोगों के लिए, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार की धमकियों के बाद 2022 में सलमान की सुरक्षा का स्तर वाई-प्लस तक बढ़ा दिया गया था। अभिनेता को व्यक्तिगत बन्दूक ले जाने के लिए भी अधिकृत किया गया था और अतिरिक्त सुरक्षा के लिए उन्होंने एक नया बख्तरबंद वाहन भी खरीदा है।
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