Maargan movie OTT:टॉप रेटेड तमिल क्राइम थ्रिलर फिल्म 'मॉर्गन' OTT प्लेटफॉर्म पर आ गई है. निर्देशक लियो जॉन पॉल की यह फिल्म, एक सीरियल किलर की जांच के इर्द-गिर्द घूमती है. फिल्म में मुख्य भूमिका विजय एंटनी ने निभाई है. सिनेमाघरों में रिलीज के एक महीने बाद, IMDb से 7.8 की शानदार रेटिंग पाने वाली 2 घंटे 12 मिनट की यह सस्पेंस से भरी फिल्म अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध है.
सिर्फ दो जजों के लिए एक लिफ्ट... चीफ जस्टिस बोले- अब सामंती लॉर्ड नहीं रहे, CM फडणवीस बैठे सुनते रहे
बॉम्बे हाई कोर्ट की नई बिल्डिंग बननी है. नए परिसर के शिलान्यास समारोह में चीफ जस्टिस बीआर गवई पहुंचे. सीएम देवेंद्र फडणवीस सामने बैठे थे तभी सीजेआई ने कुछ ऐसा कहा जो काफी चर्चा में है. उन्होंने एक बड़ा संदेश देते हुए कहा कि फिजूलखर्ची से बचना चाहिए. जज अब सामंती लॉर्ड नहीं हैं.
जयपुर में 60 लाख की डकैती डालकर भागे बदमाश को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने पकड़ लिया। आरोपी बदमाश पिछले 6 महीने से छिपने के ठिकाने बदल-बदल कर फरारी काट रहा था। पूछताछ में आरोपी ने गुरुग्राम हरियाणा, एनसीआर दिल्ली, गौतम बुद्ध नगर उत्तर प्रदेश आदि स्थानों पर फरारी काटना कबूल किया है। नई दिल्ली की तिहाड़ जेल से मुरलीपुरा थाना पुलिस उसे प्रोडेक्शन वारंट पर अरेस्ट कर लाई है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से वारदात में उपयोग की पिस्तौल व कार को जब्त किया है। पुलिस मामले में पहले ही मास्टरमाइंड, उसकी गर्लफ्रेंड सहित पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर चुकी है। मई 2025 में की थी डकैतीडीसीपी (वेस्ट) हनुमान प्रसाद मीणा ने बताया- डकैती में वांटेड बदमाश सुमित चंदेला (30) निवासी छापरोली बादलपुर गौतमबुद्ध नगर उत्तर प्रदेश को अरेस्ट किया है। विकास नगर मुरलीपुरा निवासी चंद्रशेखर के घर 9 मई 2025 को डकैती डाली गई थी। चंद्रशेखर के घर से बदमाश 60 लाख रुपए से भरा बैग पिस्तौल के दम पर लूट ले गए थे। मास्टरमाइंड को 44 लाख रुपए के बैग के साथ पकड़ा थापुलिस ने तब कार्रवाई करते हुए जांच की तो पता चला कि पांच बदमाश वारदात में शामिल थे। पुलिस ने CCTV फुटेज के आधार पर डकैतों की तलाश शुरू की। पुलिस ने डकैती के मास्टरमाइंड तिलक लोहिया को दिल्ली में दबिश देकर पकड़ा। इसके कब्जे से डकैती के 44 लाख रुपए से भरा बैग बरामद किया गया। 10 हजार का इनाम घोषित था आरोपी परमामले में पुलिस ने अब तक तिलक लोहिया, उसकी गर्लफ्रेंड अर्चना सिंह, तिलक, अजयदान और सचिन मीणा को अरेस्ट किया था। बदमाशों के पकड़े जाने पर आरोपी सुमित चंदेला फरार हो गया। पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। काफी प्रयास के बाद पुलिस टीम ने दिल्ली क्राइम ब्रांच टीम की मदद से वहां दबिश दिलवाकर इनामी वांटेड डकैत सुमित चंदेला को पकड़ने में सफलता हासिल की। मुरलीपुरा थाना पुलिस ने तिहाड़ जेल से उसे प्रोडेक्शन वारंट पर अरेस्ट किया है। यह खबर भी पढ़ें... जयपुर में 60 लाख की डकैती का मास्टर माइंड गिरफ्तार:बदमाशों ने 10 प्रतिशत कमीशन देने का दिया था झांसा, फिर पिस्तौल तानकर लूट लिया जयपुर के 60 लाख रुपए की डकैती के मामले में तीन बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ 44 लाख रुपए रिकवर किए गए हैं। बदमाशों ने पीड़ित का विश्वास जीत कर पहले उससे फ्लैट किराए पर लिया, फिर नगद पैसा देने पर 10 प्रतिशत कमीशन देने का लालच देकर पैसा एकत्रित कराया था। (पूरी खबर पढ़ें)
'दिल्ली क्राइम 3' में बड़ी दीदी का रोल कर खुश हैं हुमा कुरैशी, बताया शूटिंग का अनुभव
धांसू सीरीज ‘दिल्ली क्राइम’ के तीसरे सीजन का धमाकेदार ट्रेलर रिलीज हो चुका है और नेटफ्लिक्स की सीरीज में हुमा कुरैशी ने निगेटिव रोल प्ले किया है। ट्रेलर में हुमा कुरैशी का रोल काफी प्रॉमिसिंग लग रहा है
जस्टिस रंगोन मुखोपाध्याय की मां का 90 वर्ष में निधन
झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस आर. मुखोपाध्याय की मां रीना मुखर्जी का निधन मंगलवार को हो गया। उनकी उम्र 90 साल की थी। वह कई महीनों से बीमार चल रही थी। रीना मुखर्जी अपने पीछे एक पुत्र-बहू, एक पौत्र और एक पौत्री से भरा पूरा परिवार छोड़ गई हैं। शाम को उनका अंतिम संस्कार हरमू स्थित मुक्तिधाम में किया गया। बेटे जस्टिस मुखोपाध्याय ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान जस्टिस आर मुखोपाध्याय के पुत्र मोहुल मुखोपाध्याय भी उपस्थित थे। इस दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान सहित सभी जज, पूर्व जस्टिस एके गुप्ता, पूर्व जस्टिस डा. एसएन पाठक, महा निबंधक सत्यप्रकाश सिन्हा, हाई कोर्ट के अधिवक्तागण, एडवोकेट एसोसिएशन के पदाधिकारी सहित अन्य लोग उपस्थित थे। इससे पहले दोपहर में जस्टिस मुखोपाध्याय की मां के निधन की सूचना के बाद चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान सहित हाईकोर्ट के सभी जज उनके डोरंडा स्थित आवास पर पहुंचे और उन्हें सांत्वना दी। इधर, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी जस्टिस के घर पहुंचे। उन्होंने स्व. रीना मुखर्जी के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित करके उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने शोक प्रकट करते हुए परिवार के लोगों से मुलाकात की और इस दु:खद घड़ी में उनका ढाढ़स बंधाया। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोक-संतप्त परिजनों को धैर्य एवं शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की।
सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट रूम में CJI (चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया) बीआर गवई पर जूता फेंकने की घटना को आज एक महीना हो रहा है। दिल्ली के आरोपी वकील राकेश किशोर कुमार दो दिन से मध्यप्रदेश के खजुराहो में हैं। वजह- वे उसी विष्णु भगवान के जवारी मंदिर में मेडिटेशन और प्रेयर के लिए आए हैं, जिसके बारे में CJI ने 16 सितंबर 2025 को टिप्पणी की थी। दैनिक भास्कर ने उनसे बात की। उन्होंने कहा कि वे जस्टिस गवई के कहने पर ही यहां आए हैं। खजुराहो में वकील राकेश किशोर कुमार का बुधवार सुबह 10 बजे मंदिर में मेडिटेशन और प्रार्थना करने का इरादा है। भास्कर: आप खजुराहो कब पहुंचे? आने का उद्देश्य क्या है?राकेश किशोर: कल ही खजुराहो आ गया था। यह पत्थर पर मेरी पहली चोट है। 5 और 6 नवंबर को खजुराहो के जवारी मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा के सामने प्रार्थना और मेडिटेशन करूंगा। मैंने सभी सनातनियों से आह्वान किया है कि वे बड़ी संख्या में आएं, लेकिन बिना शोर-शराबे, बैनर या लाठी-डंडों के। मेरा किसी तरह की रैली, आत्मदाह या अनशन करने का इरादा नहीं है। भास्कर: आपके साथ इस समय कौन-कौन आए हैं?राकेश किशोर: मेरे साथ मेरी पत्नी और गोरखपुर से एक मित्र आए हैं। छोटा भाई भी आ सकता है। मैं किसी संगठन से जुड़ा नहीं हूं, इसलिए मेरे साथ राजनीतिक या धार्मिक दल नहीं है। भास्कर: प्रशासन का कहना है कि मंदिर में योग या मेडिटेशन करना नियमों के खिलाफ है।राकेश किशोर: यह कहना गलत है। मेरे पास The Ancient Monuments and Archaeological Sites and Remains Act, 1958 की किताब है। इसमें कहीं नहीं लिखा कि प्रार्थना या ध्यान करना निषिद्ध है। देखिए, प्रतिमा खंडित है। हमारा धर्म भी खंडित मूर्ति की पूजा की अनुमति नहीं देता, इसलिए मैं पूजा नहीं करूंगा। सिर्फ प्रार्थना और ध्यान करूंगा। मैं कर्मकांड में विश्वास नहीं रखता. इसलिए न टीका लगाऊंगा, न जल चढ़ाऊंगा। भगवान से यही प्रार्थना करूंगा कि हमें शक्ति दें। जहां तक CJI के कथन की बात है, तो उन्होंने कहा था- भास्कर: वो पल जब आपने सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंका। विचार कैसे आया?राकेश किशोर: यह सब सितंबर में शुरू हुआ, जब राकेश दलाल नाम के व्यक्ति ने याचिका लगाई थी। न मेरी उनसे कोई बात हुई, न मुलाकात। जब मैंने भगवान विष्णु के बारे में अपशब्द सुने, तो मन में भाव उठा। शायद वह ईश्वरीय प्रेरणा थी। यह ख्याल मेरे अंदर कहां से आया, यह केवल परमात्मा जानते हैं। अगर, उन्होंने 100 करोड़ हिंदुओं में से मुझे चुना, तो शायद भगवान की यही इच्छा थी। भास्कर: क्या आपको सचमुच ईश्वरीय सपना आया था?राकेश किशोर: कुछ लोग, जैसे मेरी पत्नी या बच्चे, इसे मेरे दिमाग का वहम कहते हैं। यह भगवान का आदेश था, और मैं वही कर रहा हूं, जो उन्होंने कहा। भास्कर: घटनाक्रम के बाद क्या आपकी सीजेआई से मुलाकात हुई?राकेश किशोर: नहीं, मेरी उनसे कोई मुलाकात नहीं हुई। गवई साहब बड़े न्यायमूर्ति हैं। पहले भी कई सीजेआई आए हैं, लेकिन मेरा किसी से व्यक्तिगत संबंध नहीं है और न आगे किसी मुलाकात की आशा है। भास्कर: मंदिर में क्या करने वाले हैं। योग, अनशन या प्रार्थना?राकेश किशोर: सिर्फ प्रार्थना करूंगा। मंदिर में जाकर मूर्ति के सामने बैठूंगा। विपश्यना ध्यान करूंगा। बस, और कुछ नहीं। भास्कर: मंदिर और मूर्ति में क्या बदलाव चाहते हैं?राकेश किशोर: मैं चाहता हूं कि मंदिर में जिस मूर्ति का सिर टूटा है, उसकी पुनर्स्थापना हो। हजार साल पहले आक्रमणकारियों ने हमारी मूर्तियों को खंडित किया था। अगर मूर्ति का सिर फिर से जोड़ा जाए, तो गुलामी का प्रतीक समाप्त होगा। वहीं, बगल में एक छोटी गणेश प्रतिमा स्थापित हो जाए, ताकि नियमित पूजा शुरू हो सके। भास्कर: क्या आर्कियोलोजिकल लॉ में ऐसा सुधार संभव है?राकेश किशोर: जी हां, एक्ट में कहीं नहीं लिखा कि मूर्ति में सुधार नहीं किया जा सकता। इतना लिखा है कि संरचना 100 साल से पुरानी होनी चाहिए। गुलामी के समय और बाद की सरकारों ने कभी इस दिशा में सोचा नहीं। अब जब बीजेपी की सरकार है, तो हम मांग करेंगे कि देशभर में खंडित मूर्तियों की पुनर्स्थापना की जाए। भास्कर: बीजेपी के किसी नेता से आपकी बात या समर्थन मिला है?राकेश किशोर: नहीं, मेरी किसी भी बीजेपी नेता से मुलाकात नहीं हुई। जब मुझे अरेस्ट किया गया था। पुलिस ने मेरा मोबाइल चेक किया था। मेरे पास सिर्फ एक मोबाइल है। किसी भी राजनीतिक व्यक्ति से संपर्क नहीं है। भास्कर: क्या आपको किसी ने धमकी दी या विरोध किया?राकेश किशोर: नहीं, मुझे किसी ने धमकी नहीं दी। हां, NCP के एक विधायक दिल्ली में मुझसे मिले थे। उन्होंने अंबेडकर की प्रतिमा और संविधान की कॉपी दी। पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव रखा। मैंने मना कर दिया। 6 अक्टूबर 2025 जब ये न्यूज फ्लैश हुई CJI पर कोर्ट में जूता फेंकने की कोशिशसुप्रीम कोर्ट में 6 अक्टूबर को एक वकील ने CJI बीआर गवई पर हमला करने की कोशिश की। यह घटना उस समय हुई, जब सीजेआई की बेंच एक मामले की सुनवाई कर रही थी। हालांकि जूता उनकी बेंच तक नहीं पहुंच सका। सुरक्षाकर्मियों ने फौरन उसे पकड़ लिया। बाहर जाते वक्त वकील ने नारा लगाया- सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान। घटना के बाद CJI ने अदालत में मौजूद वकीलों से अपनी दलीलें जारी रखने को कहा। उन्होंने कहा कि इस सबसे परेशान न हों। मैं भी परेशान नहीं हूं, इन चीजों से मुझे फर्क नहीं पड़ता। पीएम नरेंद्र मोदी ने CJI गवई जी से बात कर उन पर हुए हमले की निंदा की। मोदी ने X पर लिखा- CJI पर हुए हमले से हर भारतीय गुस्से में है। हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए जगह नहीं है। यह अत्यंत निंदनीय है। ऐसी स्थिति में चीफ जस्टिस गवई ने जो धैर्य दिखाया, मैं सराहना करता हूं। इससे पता चलता है कि वे न्याय और संविधान के मूल सिद्धांतों को मजबूत करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। वकील का लाइसेंस रद्द, BCI ने निलंबित कियावहीं, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) ने आरोपी वकील राकेश किशोर कुमार का लाइसेंस रद्द कर दिया है। उसका रजिस्ट्रेशन 2011 का है। इसके साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने भी आरोपी को तुरंत निलंबित कर दिया। बीसीआई चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा ने ये आदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि यह वकीलों के आचरण नियमों का उल्लंघन है। निलंबन के दौरान किशोर कहीं भी प्रैक्टिस नहीं कर सकेंगे। 16 सितंबर को CJI ने कहा था- जाओ, भगवान से खुद करने को कहो माना जा रहा है कि वकील CJI गवई की मध्य प्रदेश के खजुराहो में भगवान विष्णु की 7 फुट ऊंची सिर कटी मूर्ति की पुनर्स्थापना पर की गई टिप्पणियों से नाराज था। CJI ने 16 सितंबर को खंडित मूर्ति की बहाली की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए कहा था- जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो। जानिए, क्या है भगवान विष्णु की मूर्ति से जुड़ा मामला 16 सितंबर को मध्य प्रदेश के खजुराहो के जवारी (वामन) मंदिर में भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची खंडित मूर्ति की बहाली की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी। याचिकाकर्ता ने इस फैसले पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा था कि ये हमारी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला फैसला है। कोर्ट ने कहा है कि प्रतिमा जिस स्थिति में है, उसी में रहेगी। भक्तों को पूजा करनी है तो वे दूसरे मंदिर जा सकते हैं। दरअसल, याचिकाकर्ता का दावा है कि यह मूर्ति मुगलों के आक्रमणों के दौरान खंडित हो गई थी, तब से यह इसी हालत में है। इसलिए श्रद्धालुओं के पूजा करने के अधिकार की रक्षा करने और मंदिर की पवित्रता को पुनर्जीवित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट हस्तक्षेप करे। 18 सितंबर: टिप्पणी का विरोध होने पर CJI ने सफाई दी भगवान विष्णु की मूर्ति बदलने को लेकर दी टिप्पणी पर चीफ जस्टिस बीआर गवई ने सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं। बेंच में शामिल जस्टिस के विनोद चंद्रन ने सोशल मीडिया को एंटी-सोशल मीडिया कहा था। उन्होंने बताया कि उन्हें भी ऑनलाइन गलत तरह से दिखाया गया है। वहीं, याचिकाकर्ता के वकील संजय नूली ने कहा कि CJI के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाए गए बयान झूठे हैं। सॉलिसिटर जनरल ने कहा था- सीजेआई सभी धर्मस्थलों पर जाते हैं18 सितंबर को ही सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि मैं CJI को 10 साल से जानता हूं। वे सभी धर्मस्थलों पर जाते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर बातें बढ़ा-चढ़ाकर दिखाई जाती हैं। मेहता ने कहा था कि न्यूटन का नियम है कि हर क्रिया की समान प्रतिक्रिया होती है, लेकिन अब सोशल मीडिया पर हर क्रिया की जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया हो जाती है। वहीं, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने भी सहमति जताई। कहा कि सोशल मीडिया की वजह से वकीलों को रोज दिक्कत उठानी पड़ती है। VHP नेता बोले- सबका कर्तव्य है वाणी पर संयम रखनाVHP के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने X पर लिखा- न्यायालय न्याय का मंदिर है। भारतीय समाज की न्यायालयों पर श्रद्धा और विश्वास है। हम सबका कर्तव्य है कि यह विश्वास न सिर्फ बना रहे वरन और मजबूत हो। हम सब का यह भी कर्तव्य है कि अपनी वाणी में संयम रखें। विशेष तौर पर न्यायालय के अंदर। यह जिम्मेदारी मुकदमा लड़ने वालों की है, वकीलों की है और उतनी ही न्यायाधीशों की भी है। देखिए जावरी मंदिर की 4 तस्वीरें...
इंदौर में फर्जी मेट्रिमोनियल कॉल सेंटर का पर्दाफाश, सायबर क्राइम की संयुक्त कार्रवाई में 4 अरेस्ट
भोपाल/इंदौर। इंदौर की एरोड्रम थाना पुलिस और हरियाणा के सायबर थाना जींद की संयुक्त टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए फर्जी मेट्रिमोनियल कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने मौके से 90 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप और 1 लाख 40 हजार 300 रुपये नगद बरामद किए हैं। टीम ने चार आरोपियों को गिरफ्तार […] The post इंदौर में फर्जी मेट्रिमोनियल कॉल सेंटर का पर्दाफाश, सायबर क्राइम की संयुक्त कार्रवाई में 4 अरेस्ट appeared first on Sabguru News .
देवघर जिले में बढ़ते साइबर अपराध पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने अब जागरूकता का रास्ता चुना है। पुलिस अधीक्षक सौरभ के निर्देश पर देवघर पुलिस ने विशेष साइबर जागरूकता अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान की शुरुआत मोहनपुर थाना क्षेत्र के मोरने गांव से की गई। जहां पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में साइबर अपराध के बढ़ते नेटवर्क को तोड़ना और लोगों को इस अपराध के प्रति सचेत करना है। पुलिस ने बताया कि उन गांवों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां से पहले सबसे ज्यादा साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी हुई थी। साझा प्रयास से साइबर अपराध पर अंकुश लगाने की पहल एसपी सौरभ ने कहा कि इस अभियान का मुख्य लक्ष्य जनता के सहयोग से सूचना एकत्र कर साइबर अपराधियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करना है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि साइबर अपराध में शामिल लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस अब ऐसे संगठित अपराधियों की संपत्तियां जब्त करने की भी तैयारी कर रही है। इसके साथ ही जो लोग साइबर अपराधियों को पनाह या सहयोग देते हैं, उन्हें भी चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभियान के दौरान पुलिस ने ग्रामीणों को बताया कि यदि किसी प्रकार की ऑनलाइन ठगी या संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत टोल-फ्री नंबर 1939 पर सूचना दें। ग्रामीणों ने जताया भरोसा, पुलिस को दिया सहयोग का आश्वासन अभियान के दौरान ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने देवघर पुलिस की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा कि पुलिस की सक्रियता से अब लोग ज्यादा सतर्क हो रहे हैं और साइबर अपराधियों की गतिविधियों की जानकारी देने के लिए आगे आ रहे हैं। ग्रामीणों ने भरोसा जताया कि यदि गांवों में लगातार ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएं, तो अपराधियों के हौसले पस्त होंगे। देवघर बना साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी में देश का नंबर वन जिला गौरतलब है कि इस वर्ष 1 जनवरी से 1 नवंबर तक देवघर पुलिस ने 659 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। वर्ष 2024 में पूरे देश में साइबर अपराधियों की सर्वाधिक गिरफ्तारी इसी जिले से हुई थी। यही कारण है कि अब पुलिस ने अपराधियों की जड़ों तक पहुंचने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए इस जनजागरूकता अभियान को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया है। पुलिस का मानना है कि जनता के सहयोग से साइबर अपराध पर प्रभावी तरीके से रोक लगाई जा सकती है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने रायपुर में ब्लैकमेलिंग और सूदखोरी के केस में हिस्ट्रीशीटर रोहित तोमर और वीरेंद्र तोमर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। वहीं, दोनों की पत्नियों और भतीजे की अग्रिम जमानत मंजूर की है। सरकारी वकील ने अदालत में तोमर बंधुओं की अग्रिम जमानत का विरोध किया। सरकारी वकील ने बताया कि दोनों भाइयों का आपराधिक रिकॉर्ड लंबा है और उन पर लगभग 16 मामले दर्ज हैं। पुलिस छापेमारी में उनके घर से कई ब्लैंक चेकबुक, हथियार और कारतूस बरामद हुए। इसके अलावा वे बिना लाइसेंस के अवैध सूदखोरी भी करते पाए गए। सरकारी वकील के तर्क सुनने के बाद हाईकोर्ट ने तोमर बंधुओं की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। याचिका खारिज होने के बाद तोमर बंधु के वकील ने कहा कि वे अन्य कानूनी विकल्पों का सहारा लेंगे, क्योंकि इसी मामले में अन्य आरोपियों को जमानत मिल चुकी है और इन्हें भी राहत मिलने की उम्मीद है। इधर, दोनों की पत्नियों और भतीजे को जमानत मिलने पर राहत मिली है। याचिका में आरोप लगाया गया कि साधारण मारपीट के केस में पुलिस आर्गेनाइज क्राइम में परिवार को फंसा रही है। दरअसल, रायपुर के तेलीबांधा और पुरानी बस्ती थाने में वीरेंद्र तोमर और उसके भाई रोहित तोमर पर एक्सटॉर्शन और सूदखोरी का केस दर्ज किया गया है। मामले में जब पुलिस ने उनके घर में दबिश दी थी, तब कैश, चेक और जमीनों के दस्तावेज मिले थे। पुलिस ने जांच के बाद दावा कि मामला आर्गेनाइज क्राइम से जुड़ा हुआ है। लिहाजा, पुलिस ने तोमर बंधुओं के खिलाफ अलग-अलग 7 FIR दर्ज कर सख्ती से कार्रवाई शुरू कर की। फरार तोमर ब्रदर्स पर इनाम घोषित इस कार्रवाई के दौरान वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर पुलिस की गिरफ्तारी के डर से फरार हो गए। पुलिस के अनुसार, रोहित ने अपनी पत्नी भावना के नाम से ऑफिस खोला था। जहां से सूदखोरी का धंधा ऑपरेट करता था। घटना के बाद से पुलिस दोनों भाइयों की तलाश कर रही है। साथ ही दोनों हिस्ट्रीशीटर भाइयों की जानकारी देने पर रायपुर पुलिस ने इनाम भी घोषित किया है। पत्नी और परिवार के सदस्यों को बनाया आरोपी फरार रोहित तोमर को जब पुलिस पकड़ नहीं पाई, तब उसकी पत्नी भावना तोमर को हिरासत में लिया गया। आरोप है कि पुलिस ने भावना के साथ ही वीरेंद्र की पत्नी शुभ्रा और परिवार के सदस्यों को आर्गेनाइज क्राइम जैसे गंभीर अपराधों में शामिल बताकर आरोपी बना दिया। पुलिस की गिरफ्तारी के बाद पत्नी और परिवार के सदस्यों को कोर्ट से जमानत मिल गई। आर्गेनाइज क्राइम में फंसाने का आरोप तोमर बंधु की पत्नी और परिवार के सदस्यों की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद वर्मा के माध्यम से दायर याचिका में बताया गया कि साधारण मारपीट के केस को पुलिस ने आर्गेनाइज क्राइम बना दिया है। इस मामले में रोहित के खिलाफ केस दर्ज किया गया। लेकिन, इसके बाद पुलिस ने परिवार के सदस्यों को टारगेट किया और जिन लोगों ने 8-10 साल पहले कर्ज लिया था। उन्हें बुला-बुलाकर परिवार के सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की गई। याचिका में याचिकाकर्ताओं पर फर्जी केस दर्ज करने का आरोप लगाते हुए अग्रिम जमानत देने का आग्रह किया गया। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की बेंच में हुई। कोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ताओं को अग्रिम जमानत दे दी है। तोमर बंधुओं को मिली बड़ी राहत पूर्व एडवोकेट जनरल सतीश चंद वर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बाद हिस्ट्रीशीटर रोहित तोमर और वीरेंद्र तोमर की पत्नियों को बड़ी राहत मिली है। इस फैसले के आधार पर रोहित तोमर और उसके भाई को भी अग्रिम जमानत मिल सकती है। या तो दोनों भाइयों को कोर्ट से जमानत ले सकते हैं या फिर सुप्रीम कोर्ट से बेल मिल सकती है। प्रॉपर्टी डीलर से की मारपीट के बाद हुआ फरार बता दें कि प्रॉपर्टी डीलर दशमीत चावला ने रोहित तोमर के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाते हुए तेलीबांधा थाने में FIR दर्ज कराई थी। मामले के बाद से पुलिस रोहित की तलाश में जुटी हुई है। रोहित के फरार होने के बाद उसका भाई वीरेंद्र तोमर भी गायब हो गया। पुलिस ने दोनों आरोपियों की तलाश में कई राज्यों में टीमें भेजी, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई देखकर पीड़ित पहुंच रहे थाना हिस्ट्रीशीटर तोमर भाइयों के कई लोग शिकार हैं। आरोपियों और उनके गुर्गों का खौफ पीड़ितों में इस कदर था कि उसी शहर में रहते हुए भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराने नहीं जा पा रहे थे। लेकिन जब से पुलिस ने वीरेंद्र और रोहित पर कार्रवाई शुरू की है, तब से पीड़ितों के मन में डर खत्म हो गया है। दोनों भाइयों के खिलाफ अब तक 6 से ज्यादा FIR दर्ज हैं, जिसमें पीड़ितों ने आरोपी रोहित तोमर और वीरेंद्र तोमर के खिलाफ अवैध वसूली, धमकी और छत्तीसगढ़ ऋणियों का संरक्षण अधिनियम के तहत FIR दर्ज की है। निगरानी गुंडा बदमाश की लिस्ट में रोहित तोमर सूदखोर रोहित तोमर निगरानी गुंडा बदमाश है। आरोपी के खिलाफ राजेंद्र नगर, तेलीबांधा, पुरानी बस्ती, कोतवाली और गुढ़ियारी में 9 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। आरोपी सूदखोरी, मारपीट, ब्लैकमेल के मामले में जेल भी जा चुका है। सूदखोर रोहित गोल्डन मैन के नाम से जिले में मशहूर है। रसूखदारी बनी रहे, इसलिए आरोपी अपने गिरोह के साथ समय-समय पर कार्यक्रमों में भी दिखता था। ................................. इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें तोमर-ब्रदर्स केस...मां बोली- खारुन आरती से दुश्मन बना लिए:छोटा बेटा संगत में बर्बाद हुआ; जानिए अंडे के ठेले से कैसे बनाई करोड़ों की संपत्ति रायपुर के सूदखोर तोमर ब्रदर्स के साथ अब पूरे परिवार पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। हालांकि वीरेंद्र और रोहित तोमर फरार हैं, दोनों की तलाश पुलिस कर रही है। इस बीच दैनिक भास्कर की टीम तोमर बंधुओं के आलीशान बंगले पहुंची। तोमर बंधुओं से अपनों ने भी किनारा कर लिया है। 5 हजार स्क्वायर फीट से ज्यादा एरिया में फैला यह बंगला वीरान था। पढ़ें पूरी खबर...
2015 की बात है। सीवान के सबसे बड़े बाहुबली और RJD नेता शहाबुद्दीन डबल मर्डर केस में तिहाड़ में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। बिहार में विधानसभा के चुनाव होने थे। सीवान की रघुनाथपुर सीट से कैंडिडेट तय करने की बात आई, तो शहाबुद्दीन ने अपने करीबी हरिशंकर यादव का नाम आगे बढ़ा दिया। RJD पहले कभी इस सीट पर नहीं जीत पाई थी। 27 साल कुशहरा पंचायत के मुखिया रहे हरिशंकर यादव ने RJD के लिए पहली बार ये सीट जीत ली। 2020 में दोबारा जीते, लेकिन जीत का अंतर 4,227 से बढ़कर 17,965 हो गया। रघुनाथपुर में 6 नवंबर को पहले फेज में वोटिंग होनी है। अब शहाबुद्दीन नहीं हैं। 2021 में उनकी मौत के बाद रघुनाथपुर में पहला विधानसभा चुनाव है। इस बार कैंडिडेट चुनने की बारी आई, तो हरिशंकर यादव ने अपनी सीट छोड़ दी और शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब का नाम आगे बढ़ाया। शहाबुद्दीन सीवान में RJD का चेहरा थे। अब उनके बेटे ओसामा चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने JDU ने विकास कुमार सिंह उर्फ जीशू सिंह को उतारा है। प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज से राहुल कीर्ति चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर मुस्लिम वोटर 23.2%, अनुसूचित जातियों के वोटर करीब 11.49% और यादव वोटर 9.6% है। जातीय समीकरण के लिहाज से RJD यहां मजबूत दिखती है। चुनाव में रघुनाथपुर के लोगों के क्या मुद्दे हैं, शहाबुद्दीन की मौत के बाद ओसामा के साथ सहानुभूति फैक्टर है या नहीं, इस बार किसका पलड़ा भारी है, ये जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम रघुनाथपुर पहुंची। यहां रोजगार और पलायन के साथ क्राइम सबसे बड़ा मुद्दा है। रघुनाथपुर सीट का गणितये सीट सीवान लोकसभा क्षेत्र की 6 सीटों में से एक है। RJD के हरिशंकर यादव 2015 और 2020 में यहां से जीते थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में JDU की विजयलक्ष्मी देवी ने सीवान सीट 92,857 वोट से जीती थी। हालांकि रघुनाथपुर विधानसभा सीट में वे निर्दलीय हिना शहाब से 3,891 वोटों से पीछे रही थीं। हिना शहाब शहाबुद्दीन की पत्नी हैं। ‘तेजस्वी की लहर, ओसामा को जीत दिलाएंगे’ रघुनाथपुर के रहने वाले सरफराज अहमद मानते हैं कि इस बार पूरे बिहार में तेजस्वी यादव की लहर है। वे कहते हैं, 'इस बार बिहार में तेजस्वी यादव की सरकार बनानी है। रघुनाथपुर में ओसामा साहब को लाना है।‘ वोटर बोले- क्राइम सबसे बड़ा मुद्दा, RJD ही कम कर सकती हैरघुनाथपुर के ही काशिफ क्राइम और रोजगार को बड़ा मुद्दा बताते हैं। वे कहते हैं कि सरकार रोजगार देने की बात कर रही है, तो सारे सिस्टम में सुधार की बात भी होनी चाहिए। हम इसी मुद्दे पर वोट देंगे। काशिफ RJD के सपोर्टर हैं। इसकी वजह बताते हैं, ‘रघुनाथपुर में RJD ने एजुकेशन पर अच्छा काम किया है। सदर हॉस्पिटल, इस्लामिया कॉलेज, डीवी कॉलेज बनाया। ये तमाम एजुकेशन और हेल्थ के काम पार्टी शुरू से कर रही है। उम्मीद है कि अब भी करेगी और इससे बेहतर करेगी। हम इसी पार्टी को चुनेंगे।’ ‘डिग्री कॉलेज नहीं, हॉस्पिटल दूर, रोज हत्याएं हो रहीं’रघुनाथपुर के ही रहने वाले सुधीर विकास को इकलौता मुद्दा बताते हैं। वे कहते हैं, ‘प्रखंड स्तर पर डिग्री कॉलेज नहीं है। इससे बच्चों को दिक्कत होती है। खासकर लड़कियों को दूर जाना पड़ता है। स्वास्थ्य का भी यही हाल है। बिल्डिंग तो बनी है, लेकिन पीएचसी और सीएचसी गांव से दूर हैं। यहां से जाने की सुविधा ही नहीं है।’ क्राइम की स्थिति पर सुधीर कहते हैं, ‘विकास के नाम पर जंगलराज की बातें चल रही हैं। अब भी तो जंगलराज ही है। दो-तीन दिन से लगातार हत्याएं हो रही हैं। मोकामा में ASI की हत्या हुई। आरा में दो कुशवाहा लोगों को मार दिया।’ किसे वोट देंगे? सुधीर इस सवाल का सीधा जवाब नहीं देते। वे मुद्दे गिनाते हुए कहते हैं, ‘10 साल से हमारा विधायक विपक्ष में है। उनके पास सिर्फ विधायक निधि है। इसके अलावा सरकार विपक्ष के विधायकों या नेताओं के लिए कुछ नहीं करती।’ ‘नीतीश कुमार ने गांव में शहरों जैसी सुविधा दीं’रघुनाथपुर में रहने वाले 60 साल के रामकेश सिंह नीतीश कुमार का समर्थन करते हैं। वे कहते हैं, ‘उनके CM बनने से समाज में बहुत बदलाव आया है। गांवों में शहर जैसी सुविधाएं मिली हैं। मुख्यमंत्री जी ने जमीन पर काम किया है। इस बार विकास के मुद्दे पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। मोदी और नीतीश जैसा काम किसी और सरकार ने नहीं किया।’ ‘सीवान अपराधियों का गढ़ था, अब डर खत्म हुआ’रघुनाथपुर के ही रहने वाले अरविंद पटेल भी नीतीश कुमार का समर्थन करते हैं। वे कहते हैं, ‘नीतीश 20 साल से सरकार चला रहे हैं। पिछले 5 साल में युवाओं के लिए सारी व्यवस्था खड़ी कर दी है। अब लग रहा है कि बाहरी पूंजीपतियों से बात हो चुकी, जमीन दे चुके हैं। उनकी सरकार आने पर बिहार पटरी पर चलेगा और यहां रोजगार की भरमार होगी।’ ‘पहले सीवान आतंक का गढ़ था। ये बात हर बच्चा जानता है। ओम प्रकाश यादव ने आतंक कम किया। उनसे पहले झंडा कौन उठाता। अब लोग कहते हैं कि बिना FIR वाला, पढ़ा-लिखा कैंडिडेट आया है। इसलिए इनका पलड़ा भारी है।’ ‘टिकट बंटवारे से नाराजगी, विरोध में नोटा दबाएंगे’ करीब 55 साल के गिरिजानंद शर्मा अपनी कम्युनिटी के लोगों को टिकट न मिलने से नाराज हैं। वे शिकायत करते हैं कि NDA और महागठबंधन दोनों ने हमारे समाज को हिस्सेदारी नहीं दी। इसलिए वोटिंग का कोई मतलब नहीं बचा। हम वोट न देकर विरोध जताएंगे। अब कैंडिडेट की बातओसामा बोले- करप्शन खत्म करेंगे, इससे गरीबों की कमाई बर्बाद हो रहीRJD प्रत्याशी और शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा क्षेत्र में निकल जरूर रहे हैं, लेकिन मीडिया से लेकर हर जगह उनकी सक्रियता काफी कम है। प्रचार का जिम्मा भी RJD कार्यकर्ताओं और सीवान सीट से RJD के कैंडिडेट अवध बिहारी ने संभाला हुआ है। ओसामा ने अपनी पहली जनसभा में कहा, ‘एक बार हमारे नेता की सरकार बनाओ। ब्लॉक से थाने तक आप लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं, भ्रष्टाचार है, सब खत्म होगा। गरीब आदमी एक बार थाने-ब्लॉक के चक्कर में पड़ जाए, इसमें पूरे महीने की कमाई चली जाती है।’ JDU कैंडिडेट बोले- शहाबुद्दीन गांधी या अंबेडकर नहीं, कोई सहानुभूति नहींओसामा के सामने चुनाव लड़ रहे JDU ने विकास कुमार सिंह आतंक की वापसी रोकने का दावा करते हैं। वे कहते हैं, ‘हम विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां अमन को चुनना जरूरी है। सीवान में पुराना आतंक का माहौल फिर से पनपने न पाए। फिर से लोग दहशत में न जिएं। इसके खिलाफ मेरी लड़ाई है।’ क्या ओसामा को शहाबुद्दीन की मौत के बाद सहानुभूति में वोट मिलेंगे? विकास सिंह जवाब देते हैं, ‘शहाबुद्दीन कोई गांधी या अंबेडकर थे क्या। सजायाफ्ता और 45-46 केस में नामजद थे। सहानुभूति किसकी होती है।’ एक्सपर्ट बोले- शहाबुद्दीन फैक्टर कमजोर25 साल से सीवान में पत्रकारिता कर रहे अभिषेक श्रीवास्तव मानते हैं कि रघुनाथपुर में RJD और BJP के बीच कांटे की टक्कर है। शहाबुद्दीन फैक्टर को कमजोर मान रहे अभिषेक बताते हैं, ‘इस बार RJD की लहर कमजोर लग रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में देखा कि शहाबुद्दीन के प्रति नाराजगी बढ़ी है। उनकी पत्नी चुनाव हार गईं। मौत के बाद भी परिवार चुनाव लड़ रहा है, लेकिन जीत नहीं मिली।’ अभिषेक मानते हैं कि दो बार सीट जीतने के बावजूद RJD को नुकसान हो सकता है। सीवान में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की वजह से शहाबुद्दीन परिवार शिकस्त खा रहा है। ओसामा के प्रचार की जिम्मेदारी अवध बिहारी ने संभाली है। वे RJD के पुराने नेता हैं। सीवान में स्टार प्रचारक हैं। महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए हर विधानसभा में कैंपेन करेंगे।’ ‘JDU कैंडिडेट जाना-माना चेहरा नहीं’अभिषेक मानते हैं कि JDU के उम्मीदवार सुलझे हुए और अच्छे कारोबारी हैं, लेकिन राजनीति में नए हैं। लोग उनका नाम तो जानते हैं, लेकिन चेहरा नहीं पहचानते। अगर पुराने चेहरे को टिकट मिला होता, तो ज्यादा असर होता। अभिषेक मानते हैं कि नया चेहरा होने के बाद भी विकास सिंह जीत सकते हैं। अभिषेक भी क्राइम को रघुनाथपुर के लिए बड़ा मुद्दा बताते हैं। वे कहते हैं कि हम रघुनाथपुर गए तो लोगों ने कहा कि यहां बहुत क्राइम है। कुछ दबंग अपराधी चुनाव लड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कुछ घटनाओं की वजह से बाहर हो गए। ये जनता के लिए राहत है। मुख्य समस्या अपराध और जातीय ध्रुवीकरण ही है। ये सीवान जिले की पुरानी बीमारी है।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने रायपुर में ब्लैकमेलिंग और सूदखोरी के केस में हिस्ट्रीशीटर रोहित तोमर और वीरेंद्र तोमर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। वहीं, दोनों की पत्नियों और भतीजे की अग्रिम जमानत मंजूर की है। सरकारी वकील ने अदालत में तोमर बंधुओं की अग्रिम जमानत का विरोध किया। सरकारी वकील ने बताया कि दोनों भाइयों का आपराधिक रिकॉर्ड लंबा है और उन पर लगभग 16 मामले दर्ज हैं। पुलिस छापेमारी में उनके घर से कई ब्लैंक चेकबुक, हथियार और कारतूस बरामद हुए। इसके अलावा वे बिना लाइसेंस के अवैध सूदखोरी भी करते पाए गए। सरकारी वकील के तर्क सुनने के बाद हाईकोर्ट ने तोमर बंधुओं की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। याचिका खारिज होने के बाद तोमर बंधु के वकील ने कहा कि वे अन्य कानूनी विकल्पों का सहारा लेंगे, क्योंकि इसी मामले में अन्य आरोपियों को जमानत मिल चुकी है और इन्हें भी राहत मिलने की उम्मीद है। इधर, दोनों की पत्नियों और भतीजे को जमानत मिलने पर राहत मिली है। याचिका में आरोप लगाया गया कि साधारण मारपीट के केस में पुलिस आर्गेनाइज क्राइम में परिवार को फंसा रही है। दरअसल, रायपुर के तेलीबांधा और पुरानी बस्ती थाने में वीरेंद्र तोमर और उसके भाई रोहित तोमर पर एक्सटॉर्शन और सूदखोरी का केस दर्ज किया गया है। मामले में जब पुलिस ने उनके घर में दबिश दी थी, तब कैश, चेक और जमीनों के दस्तावेज मिले थे। पुलिस ने जांच के बाद दावा कि मामला आर्गेनाइज क्राइम से जुड़ा हुआ है। लिहाजा, पुलिस ने तोमर बंधुओं के खिलाफ अलग-अलग 7 FIR दर्ज कर सख्ती से कार्रवाई शुरू कर की। फरार तोमर ब्रदर्स पर इनाम घोषित इस कार्रवाई के दौरान वीरेंद्र तोमर और रोहित तोमर पुलिस की गिरफ्तारी के डर से फरार हो गए। पुलिस के अनुसार, रोहित ने अपनी पत्नी भावना के नाम से ऑफिस खोला था। जहां से सूदखोरी का धंधा ऑपरेट करता था। घटना के बाद से पुलिस दोनों भाइयों की तलाश कर रही है। साथ ही दोनों हिस्ट्रीशीटर भाइयों की जानकारी देने पर रायपुर पुलिस ने इनाम भी घोषित किया है। पत्नी और परिवार के सदस्यों को बनाया आरोपी फरार रोहित तोमर को जब पुलिस पकड़ नहीं पाई, तब उसकी पत्नी भावना तोमर को हिरासत में लिया गया। आरोप है कि पुलिस ने भावना के साथ ही वीरेंद्र की पत्नी शुभ्रा और परिवार के सदस्यों को आर्गेनाइज क्राइम जैसे गंभीर अपराधों में शामिल बताकर आरोपी बना दिया। पुलिस की गिरफ्तारी के बाद पत्नी और परिवार के सदस्यों को कोर्ट से जमानत मिल गई। आर्गेनाइज क्राइम में फंसाने का आरोप तोमर बंधु की पत्नी और परिवार के सदस्यों की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। पूर्व महाधिवक्ता सतीश चंद वर्मा के माध्यम से दायर याचिका में बताया गया कि साधारण मारपीट के केस को पुलिस ने आर्गेनाइज क्राइम बना दिया है। इस मामले में रोहित के खिलाफ केस दर्ज किया गया। लेकिन, इसके बाद पुलिस ने परिवार के सदस्यों को टारगेट किया और जिन लोगों ने 8-10 साल पहले कर्ज लिया था। उन्हें बुला-बुलाकर परिवार के सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की गई। याचिका में याचिकाकर्ताओं पर फर्जी केस दर्ज करने का आरोप लगाते हुए अग्रिम जमानत देने का आग्रह किया गया। इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की बेंच में हुई। कोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिकाकर्ताओं को अग्रिम जमानत दे दी है। तोमर बंधुओं को मिली बड़ी राहत पूर्व एडवोकेट जनरल सतीश चंद वर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिलने के बाद हिस्ट्रीशीटर रोहित तोमर और वीरेंद्र तोमर की पत्नियों को बड़ी राहत मिली है। इस फैसले के आधार पर रोहित तोमर और उसके भाई को भी अग्रिम जमानत मिल सकती है। या तो दोनों भाइयों को कोर्ट से जमानत ले सकते हैं या फिर सुप्रीम कोर्ट से बेल मिल सकती है। प्रॉपर्टी डीलर से की मारपीट के बाद हुआ फरार बता दें कि प्रॉपर्टी डीलर दशमीत चावला ने रोहित तोमर के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाते हुए तेलीबांधा थाने में FIR दर्ज कराई थी। मामले के बाद से पुलिस रोहित की तलाश में जुटी हुई है। रोहित के फरार होने के बाद उसका भाई वीरेंद्र तोमर भी गायब हो गया। पुलिस ने दोनों आरोपियों की तलाश में कई राज्यों में टीमें भेजी, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई देखकर पीड़ित पहुंच रहे थाना हिस्ट्रीशीटर तोमर भाइयों के कई लोग शिकार हैं। आरोपियों और उनके गुर्गों का खौफ पीड़ितों में इस कदर था कि उसी शहर में रहते हुए भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराने नहीं जा पा रहे थे। लेकिन जब से पुलिस ने वीरेंद्र और रोहित पर कार्रवाई शुरू की है, तब से पीड़ितों के मन में डर खत्म हो गया है। दोनों भाइयों के खिलाफ अब तक 6 से ज्यादा FIR दर्ज हैं, जिसमें पीड़ितों ने आरोपी रोहित तोमर और वीरेंद्र तोमर के खिलाफ अवैध वसूली, धमकी और छत्तीसगढ़ ऋणियों का संरक्षण अधिनियम के तहत FIR दर्ज की है। निगरानी गुंडा बदमाश की लिस्ट में रोहित तोमर सूदखोर रोहित तोमर निगरानी गुंडा बदमाश है। आरोपी के खिलाफ राजेंद्र नगर, तेलीबांधा, पुरानी बस्ती, कोतवाली और गुढ़ियारी में 9 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। आरोपी सूदखोरी, मारपीट, ब्लैकमेल के मामले में जेल भी जा चुका है। सूदखोर रोहित गोल्डन मैन के नाम से जिले में मशहूर है। रसूखदारी बनी रहे, इसलिए आरोपी अपने गिरोह के साथ समय-समय पर कार्यक्रमों में भी दिखता था। ................................................ इससे जुड़ी ये खबर भी पढ़ें तोमर-ब्रदर्स केस...मां बोली- खारुन आरती से दुश्मन बना लिए:छोटा बेटा संगत में बर्बाद हुआ; जानिए अंडे के ठेले से कैसे बनाई करोड़ों की संपत्ति रायपुर के सूदखोर तोमर ब्रदर्स के साथ अब पूरे परिवार पर पुलिस का शिकंजा कसता जा रहा है। हालांकि वीरेंद्र और रोहित तोमर फरार हैं, दोनों की तलाश पुलिस कर रही है। इस बीच दैनिक भास्कर की टीम तोमर बंधुओं के आलीशान बंगले पहुंची। तोमर बंधुओं से अपनों ने भी किनारा कर लिया है। 5 हजार स्क्वायर फीट से ज्यादा एरिया में फैला यह बंगला वीरान था। पढ़ें पूरी खबर...
बिहारियों की जय हो! — जस्टिस काटजू ने बयां की सच्चाई
न्यायमूर्ति काटजू का एक निजी नोट: उनके मज़ाक को गलत क्यों समझा गया और बिहार हमारे सम्मान का हकदार क्यों है — तथ्यों और भावनाओं के साथ बताया गया।
अभी भी कई लोग साइबर क्राइम की शिकायत नहीं करते। कई लोग रेफरेंस से कॉल करके आते हैं। कहते हैं नाम उजागर हो जाएगा इससे अच्छा तो ये है कि हम रिपोर्ट नहीं करते है। अभी भी कई लोगों में झिझक है। इसलिए लोगों के बीच में जाकर ये बताना जरूरी है शेयरिंग इज केयरिंग । यह कहना है कि इंदौर क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया का। उन्होंने कहा कि हम शेयर करेंगे तभी केयर कर पाएंगे। दरअसल, अक्टूबर महीने को साइबर अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है। इसमें इंदौर पुलिस कमिश्नरेट के तहत शहर के 25 कॉलेजों के 125 स्टूडेंट्स के साथ प्रोग्राम किए गए और उन्हें साइबर फ्रॉड, साइबर क्राइम से बचाने के गुर बताए गए, ताकि वे अपने कॉलेज में दूसरे स्टूडेंट्स को भी साइबर क्राइम/फ्रॉड से बचाव के लिए अवेयर कर सके। कॉलेज लेवल पर कैंपेन चलाने के बाद अब नवंबर माह में स्कूल लेवल पर ये कैंपेन चलाया जाएगा और स्कूली स्टूडेंट्स को अवेयर किया जाएगा। बता दे कि कॉलेज लेवल पर जब स्टूडेंट्स जॉब के लिए प्रयास करते है कई बार उनके साथ फ्रॉड हो जाता है। कई बार सेक्सटॉर्शन का, डिजिटल अरेस्ट का भी शिकार हो जाते है। यूथ शेयर नहीं कर पाता है। ऐसी स्थिति में उन्हें अवेयर और जागरूक करने के लिए उन्हीं के माध्यम से उन्हीं के कॉलेज में अवेयरनेस क्रिएट करने के लिए साइबर यूथ कैंपेन चलाया गया था। 125 स्टूडेंट्स ने पूछे 1 हजार से ज्यादा सवाल इस साइबर यूथ कैंपेन में शहर के छोटे से लेकर बड़े 25 कॉलेजों के 125 स्टूडेंट्स को कैंपेन में शामिल किया गया। अलग-अलग समय पर स्टूडेंट्स को एडिशनल डीसीपी के ऑफिस बुलाया गया, जहां स्टूडेंट्स ने पॉडकास्ट के माध्यम से एडिशनल डीसीपी से सवाल किए। एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि इन स्टूडेंट्स ने 1 हजार से ज्यादा सवाल पूछे। खासतौर पर साइबर बदमाश का कॉल आने पर, ब्लैकमेल करने पर, गलत फोटो बनाकर परेशान करने को लेकर कई सवाल स्टूडेंट्स ने पूछे थे। इन सभी विषयों को इस कैंपेन में शामिल किया गया, ताकि स्टूडेंट्स को इन घटनाओं से बचाने के लिए अवेयर किया जा सके। इसका उद्देश्य यह था कि जब स्टूडेंट्स पॉडकास्ट को देखेंगे तो वे साइबर फ्रॉड और साइबर क्राइम को लेकर अवेयर होंगे। इसके साथ ही उन्हें जानकारी दी गई है कि किस तरह की प्लेटफॉर्म अवेलेबल है, कहां-कहां वे शिकायत कर सकते हैं इसकी पूरी जानकारी उन्हीं दी गई है। इसके साथ ही उन्हें ये भी बताया कि होक्स कॉल आते हैं उन्हें कैसे पहचाना जा सकता है। अननोन लिंक, अननोन APK फाइल को कैसे पहचानें। ऐसी कई टेक्निकल बातों की जानकारी दी गई है, ताकि इस कैंपेन के माध्यम से वे एक डिजिटल कॉप बनकर लोगों को भी जागरूक कर सकें। स्कूली स्टूडेंट्स के लिए भी चलाया जाएगा कैंपेन इस कड़ी में अब कॉलेज के बाद स्कूली स्टूडेंट्स के लिए ये कैंपेन चलाया जाएगा। दंडोतिया ने बताया कि कई बार स्कूल के पेरेंट्स हमारे पास शिकायतें लेकर आते है। 6th क्लास से लेकर 8th क्लास तक की बच्चियां साइबर बुलिंग का शिकार हो जाती है। इसलिए लोगों को जागरूक करना है ताकि वे उनके साथ हुई साइबर क्राइम की घटना को शेयर कर सके। इसलिए अब आगामी 15 नवंबर से स्कूली बच्चों के लिए ये कैंपेन शुरू किया जाएगा। इसे साइबर यूथ विथ स्कूल्स के नाम से शुरू किया जाएगा। इसमें भी 25 स्कूलों के बच्चों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध होने पर साइबर हेल्पलाइन-1930, पोर्टल cybercrime.gov.in, इंदौर पुलिस की साइबर हेल्पलाइन 7049124445 आदि पर किस प्रकार शिकायत करें। पुलिस कमिश्नरेट द्वारा Safe Clicks-AI Agentic solutions (Chatbot) भी बनाया गया है, जो साइबर फ्रॉड से बचने के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी देता है। देखने के लिए इसकी वेबसाइट https://safeclicks.in पर भी जा सकते हैं। नहीं करते हैं साइबर फ्रॉड की शिकायतें दंडोतिया ने बताया कि अभी भी कई लोग उनके साथ हुई साइबर फ्रॉड की शिकायतें नहीं करते हैं। उनमें झिझक रहती है। इसलिए लोगों के बीच जाकर ये बताना जरूरी है कि शेयरिंग इज केयरिंग। मन की बात में पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि अगर आपके साथ फ्रॉड होता है तो तुरंत उसकी रिपोर्ट करें। दूसरों को भी बताए ताकि वे अपना उस अपराध से बचाव कर पाए और जागरूक हो पाए।
फरीदाबाद: जननायक जनता पार्टी द्वारा आज फरीदाबाद तिगांव विधानसभा क्षेत्र के रिवाजपुर गांव में आयोजित युवा योद्धा कार्यक्रम में नेताओं ने सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में युवा बेरोजगार हैं और अपराध बेलगाम है। रोज दिन दहाड़े गोलियां चल रही हैं। हरियाणा इस समय क्राइम कैपिटल बन चुका है। कार्यक्रम में पहुंचे दिग्विजय चौटाला और अजय सिंह चौटाला ने मंच से युवाओं के साथ संवाद किया। इस दौरान दिग्विजय चौटाला ने राज्य की कानून व्यवस्था और बेरोजगारी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार केवल दावे कर रही है, लेकिन विकास के नाम पर प्रदेश को कुछ नहीं मिल रहा है। प्रदेश पूरी तरह बदमाशों के हवाले है दिग्विजय चौटाला ने हरियाणा में बढ़ते क्राइम को लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर सीधा निशाना साधा। कहा कि हरियाणा में हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि हर दिन गोलियां चल रही हैं, लूटपाट और हत्या की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिए और उन्हें अपनी कुर्सी छोड़ देनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने प्रदेश को पूरी तरह बदमाशों के हवाले कर दिया है। अब तो बदमाश अमेरिका से धमकी देकर रंगदारी मांग रहे उन्होंने कहा कि हरियाणा आज 'क्राइम कैपिटल' बन चुका है, कारोबारी वर्ग फिरौती की धमकियों से परेशान है, और आम नागरिकों को पुलिस सुरक्षा में रहना पड़ रहा है। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि यहां तक कि बदमाश विदेशों से कॉल कर फिरौती मांग रहे हैं - अमेरिका से धमकी आती है कि इतने पैसे वहां पहुंचा देना।
महानिदेशक पुलिस के द्वारा 180 DYSP रैंक के अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है। इस ट्रांसफर लिस्ट के अनुसार अब सीकर सीओ सिटी की जिम्मेदारी धर्मेंद्र कुमार संभालेंगे। जो भरतपुर के भुसावर से ट्रांसफर होकर सीकर आएंगे। APO चल रहे जीवनलाल खत्री को अब सीकर साइबर क्राइम में डीवाईएसपी के पद पर लगाया गया है। एक महीने पहले इस पद पर करण सिंह को लगाया था। लेकिन उन्होंने यहां पर ड्यूटी जॉइन ही नहीं की थी। सीकर में पदस्थापित डीवाईएसपी अनुज डाल का ट्रांसफर टोंक जिले में कर दिया गया है। बता दें कि सीकर को पिछले कई महीनों से परमानेंट सीओ सिटी का इंतजार था। महिला अनुसंधान सैल सीओ के पास ही इस दौरान सीकर सीओ का चार्ज रहा। करीब 1 महीने पहले जारी हुई सूची में डीवाईएसपी करण सिंह का तबादला सीकर साइबर क्राइम में कर दिया गया था। लेकिन उन्होंने यहां पर ज्वाइन ही नहीं किया। अब जीवनलाल खत्री उनका साइबर क्राइम सीओ का पद संभालेंगे। यह खबर भी पढ़ें : राजस्थान में 180 RPS अफसरों के ट्रांसफर:बीजेपी नेता से हिरासत में मारपीट मामले में विवादों में रहे डीएसपी को जोधपुर से बांसवाड़ा भेजा राजस्थान में 180 राजस्थान पुलिस सर्विस (RPS) के अफसरों के ट्रांसफर किए गए हैं। डीजीपी राजीव शर्मा की ओर से शनिवार देर रात ट्रांसफर लिस्ट जारी की गई। बीजेपी नेता से मारपीट मामले में विवादों में रहे डीएसपी भूराराम खिलेरी को बांसवाड़ा भेजा गया है। (पूरी खबर पढ़ें )
जोधपुर के झालामंड स्थित राजस्थान हाईकोर्ट परिसर में बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन आज रविवार, 2 नवंबर को दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा वर्चुअल करेंगे। हाईकोर्ट कैंपस में करीब 13.50 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित इस आधुनिक भवन में अधिवक्ताओं के लिए सभी सुविधाओं के साथ ऑनलाइन प्रोसेस की व्यवस्था की गई है। समारोह में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस विजय बिश्नोई सम्मानित अतिथि के रूप में शामिल होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे कार्यवाहक सीजे उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता राजस्थान हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा करेंगे। विशिष्ट अतिथियों में बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य मननकुमार मिश्रा, राजस्थान सरकार के कानून मंत्री जोगाराम पटेल, राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी, राजस्थान सरकार के महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल भरत व्यास शामिल होंगे। कार्यक्रम में अतिथियों का आगमन दोपहर 12 बजे होगा। बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के चेयरमैन भुवनेश शर्मा स्वागत भाषण देंगे, जबकि डिजिटलाइजेशन को-ऑर्डिनेटर डॉ. सचिन आचार्य संबोधन करेंगे। कार्यक्रम के दौरान बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के पूर्व सदस्यों का सम्मान भी किया जाएगा। को-कन्वीनर राजेश पंवार धन्यवाद ज्ञापन करेंगे। आधुनिक सुविधाओं से लैस भवन राजस्थान बार काउंसिल के इस नवनिर्मित भवन का निर्माण अधिवक्ताओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। भवन में आधुनिकता के साथ ही सेमिनार हॉल और प्रशासनिक कार्यालयों की व्यवस्था की गई है। सबसे खास बात यह है कि इस भवन में पूरा प्रोसेस ऑनलाइन हो जाएगा, जिससे अधिवक्ताओं को काफी सुविधा होगी। यह डिजिटलाइजेशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 12वीं बार काउंसिल के सदस्य 12वीं बार काउंसिल ऑफ राजस्थान में चेयरमैन भुवनेश शर्मा, वाइस चेयरमैन देवेंद्र सिंह राठौड़, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के को-चेयरमैन सुरेश चंद्र श्रीमाली समेत कई सदस्य हैं। महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद एक्स-ऑफिशियो सदस्य हैं। कन्वीनर जगमालसिंह चौधरी (सीनियर एडवोकेट), डिजिटलाइजेशन को-ऑर्डिनेटर डॉ. सचिन आचार्य (सीनियर एडवोकेट), को-कन्वीनर राजेश पंवार (सीनियर एडवोकेट) के अलावा सीनियर एडवोकेट सैयद शाहिद हसन, एडवोकेट नौरंग सिंह चौधरी, रणजीत जोशी, इंद्रराज चौधरी, कुलदीप कुमार शर्मा, रतनसिंह राव, घनश्याम सिंह राठौड़, सुशील कुमार शर्मा, चिरंजी लाल सैनी, डॉ. महेश शर्मा, राम प्रसाद सिंगारिया, हरेंद्र सिंह सिनसिनवार, योगेंद्र सिंह शक्तावत, जी.डी. बंसल और कपिल प्रकाश माथुर सदस्य हैं। विकास ढाका सहायक सचिव हैं। राज्यभर के अधिवक्ताओं की भागीदारी उद्घाटन समारोह में राज्यभर के वरिष्ठ अधिवक्ता, न्यायिक अधिकारी और बार एसोसिएशनों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में भाग लेंगे। कार्यक्रम के बाद भोजन की व्यवस्था भी की गई है। यह भवन राजस्थान की कानूनी बिरादरी के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जो अधिवक्ताओं को बेहतर कार्य वातावरण और आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगा।
मैराथन ट्रैक पर न्यायपालिका का जोश... ‘जस्टिस फॉर ऑल’ थीम संग हाईकोर्ट ने मनाया 25 साल का जश्न
झारखंड हाईकोर्ट की 25वीं रजत जयंती के अवसर पर शनिवार को ‘न्याय सभी के लिए’ (‘जस्टिस फॉर ऑल’) थीम पर एक हाफ मैराथन का आयोजन किया गया। इस दौड़ में न्यायाधीश (जस्टिस), वकील, अधिकारी और स्टाफ ने एक साथ हिस्सा लिया, जो न्यायपालिका की एकजुटता का प्रतीक बना। मैराथन की शुरुआत सुबह 7 बजे हाईकोर्ट के प्रवेश द्वार संख्या-दो से हुई। यह दौड़ सेक्टर-3 गोलचक्कर (धुर्वा) तक गई और वापस हाईकोर्ट परिसर में आकर समाप्त हुई। 5 किलोमीटर की दौड़ में करीब 500 प्रतिभागियों ने भाग लिया। गेस्ट ऑफ ऑनर पूर्व जज तपन सेन थे। इसके साथ जस्टिस आनंद सेन व जस्टिस संजय प्रसाद मौजूद थे। स्पोर्ट्स कमेटी में जज के रूप में जस्टिस अनुभा रावत चौधरी (चेयरपर्सन) व जस्टिस दीपक रोशन शामिल रहे। अतिथि के रूप में झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन के मधुकांत पाठक मौजूद थे। कुल 5 श्रेणियों में लोगों ने भाग लिया 5 श्रेणियों में दौड़ हुआ। इसमें पुरुष 50 वर्ष से कम, पुरुष 50 वर्ष से अधिक, महिला 50 वर्ष से अधिक, महिला 50 वर्ष से कम, सीनियर सिटीजंस शामिल थे। वकील, अफसर ने फिटनेस का फंडा बताया मैराथन में वकील जय प्रकाश, सीनियर एडवोकेट; राजेंद्र कृष्णा, चेयरमैन बार काउंसिल; प्रशांत पल्लव, एएसजीआई; सचिन कुमार, एडिशनल एजी; एके कश्यप, सीनियर एडवोकेट; ऋतु कुमार, अध्यक्ष, एडवोकेट एसोसिएशन; नवीन कुमार, महासचिव, एडवोकेट एसोसिएशन; अभय मिश्रा, एडवोकेट और रजिस्ट्री ऑफिस के ऑफिसर और स्टाफ फिटनेस के लिए दौड़े। मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान का पूरा परिवार दौड़ा इस कार्यक्रम में हाईकोर्ट के कई गणमान्य व्यक्तियों ने हिस्सा लिया, जिनमें उनके परिवार के सदस्य भी शामिल थे। मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान, अमनदीप चौहान (प|ी), तराना चौहान (पुत्री), अमानत चौहान (पुत्री) शामिल हुए। जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद, जस्टिस राजेश शंकर, जस्टिस अनिल कुमार चौधरी, जस्टिस राजेश कुमार, जस्टिस गौतम कुमार चौधरी, जस्टिस अंबुज नाथ, जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, अन्य पारिवारिक सदस्यों में सारिका भूषण (जस्टिस दीपक रोशन की प|ी), आदित्य नाथ (जस्टिस अंबुज नाथ के पुत्र), दीपान्विता सेन (जस्टिस आनंद सेन की पत्नी), आकांक्षा चौधरी (जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की पुत्री), अन्वेष चौधरी (जस्टिस अनिल कुमार चौधरी के पुत्र) शामिल थे।
मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला मुख्यालय मनेन्द्रगढ़ में सरगुजा रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) दीपक झा साइबर सुरक्षा संवाद एवं जन-जागरूकता अभियान कार्यक्रम में शामिल हुए। यह कार्यक्रम चौघड़ा में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर जिले की पुलिस अधीक्षक रत्ना सिंह भी मंच पर उपस्थित थीं। कार्यक्रम की शुरुआत में एसपी रत्ना सिंह ने पुष्पगुच्छ भेंट कर आईजी दीपक झा का स्वागत किया। इसके बाद सीएसपी दीपिका मिंज ने साइबर अपराध से जुड़ी घटनाओं को साझा किया। उन्होंने बताया कि कैसे छोटी-छोटी असावधानियां ऑनलाइन ठगी का शिकार बना सकती हैं और इनसे बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए। पुलिस ने लोगों को साइबर ठगों से अलर्ट रहने की दी सलाह मिंज ने उदाहरणों के माध्यम से साइबर अपराधियों के नए तरीकों की जानकारी दी और लोगों को 'क्लिक करने से पहले सोचें' का संदेश दिया। इसी क्रम में रमेश यादव ने अपने साथ हुई एक साइबर ठगी की घटना साझा करते हुए सभी को सावधान रहने की सलाह दी। आईजी बोले- बैंक डिटेल्स और पासवर्ड किसी से शेयर न करें इस अवसर पर आईजी दीपक झा ने युवाओं, विद्यार्थियों और आम नागरिकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में 'साइबर सुरक्षा, आत्म-सुरक्षा' के समान महत्वपूर्ण है। उन्होंने लोगों से अपनी निजी जानकारी, बैंक डिटेल्स और पासवर्ड किसी के साथ साझा न करने और संदिग्ध लिंक या कॉल से हमेशा सावधान रहने का आग्रह किया। साइबर अपराधों से बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी मंच संचालन शिव चौधरी द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित पुलिस अधिकारियों एवं विशेषज्ञों ने साइबर अपराध से बचाव और डिजिटल सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां साझा कीं। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों में साइबर जागरूकता बढ़ाना और सुरक्षित डिजिटल व्यवहार को प्रोत्साहित करना था। कार्यक्रम में एसडीओपी एलेक्स टोप्पो, कोतवाली प्रभारी सुनील तिवारी, चिरमिरी थाना प्रभारी विजय सिंह सहित जिले के कई पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। साथ ही डीईओ आर.पी. मिरे, पंकज जैन संचेती, संजीव ताम्रकार, आनंद अग्रवाल, जयचंद बोथरा, मनीष अग्रवाल, गणेश सोनी सहित नगर के कई गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।
आगरा के थाना सदर क्षेत्र की दो सगी बहनों के धर्मांतरण प्रकरण में जेल में बंद आरोपी ओसामा ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में प्रार्थनापत्र दायर किया है। जैसे ही इसकी भनक साइबर क्राइम थाना पुलिस को लगी, पुलिस ने जमानत अर्जी खारिज कराने की तैयारी शुरू कर दी है। करीब तीन महीने पहले इस बड़े धर्मांतरण मामले का खुलासा तब हुआ था जब शाहगंज क्षेत्र की दो बहनों के पिता ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दी। जांच में सामने आया कि फिरोजाबाद के गांव का रहने वाला महेंद्र सिंह धर्म बदलकर अब्दुल रहमान बन गया था और वह दिल्ली में धर्मांतरण गैंग चला रहा था। इसी गिरोह में कोलकाता निवासी ओसामा भी सक्रिय था। आरोप है कि उसने शाहगंज की दोनों सगी बहनों को अपने झांसे में लेकर धर्म परिवर्तन कराया था। पुलिस ने मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान समेत कुल 14 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। अब ओसामा की ओर से अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की है। साइबर क्राइम थाना पुलिस का कहना है कि यह गंभीर मामला है और वे जमानत का विरोध करेंगी। पुलिस पहले ही आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल कर चुकी है और मामले की सुनवाई जल्द शुरू होने वाली है।
प्रदेश में सावों के सीजन में वॉट्सऐप समेत कई सोशल मीडिया एप्स पर वेडिंग इनविटेशन भेजे जा रहे हैं। इन पर क्लिक करने के बाद लगातार लोगों के बैंक अकाउंट खाली होने के मामले दर्ज हो रहे हैं, जिसके बाद साइबर पुलिस ने भी मामलों को गंभीरता से लिया है। साइबर पुलिस ने ऐसे ठगी की वारदातों करने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। वहीं आमजनों को भी ऐसे खतरों के प्रति आगाह किया है। पुलिस बोली- APK फाइल्स से रहे सावधानउप महानिरीक्षक पुलिस साइबर क्राइम विकास शर्मा ने बताया- अपराधी एक फर्जी फाइल, जिसका नाम अक्सर आमंत्रण.apk होता है, सोशल मीडिया एप्स पर शेयर कर रहे हैं। यूजर्स जैसे ही शादी के आमंत्रण या लोकेशन लिंक समझकर इस पर क्लिक करते हैं, यह एप्लिकेशन उनके मोबाइल में इंस्टॉल हो जाता है। यह कोई साधारण ऐप नहीं, बल्कि एक बैकडोर मैल-वेयर है, जो डिवाइस को हैक कर लेता है। एक बार इंस्टॉल होने के बाद यह मैल-वेयर मोबाइल में एक्टिव रहता है। बैकग्राउंड में काम करते हुए एसएमएस, संपर्क सूची, कैमरा और फाइल एक्सेस जैसी संवेदनशील अनुमतियां प्राप्त कर लेता है। इसके बाद यह गुप्त रूप से उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी, बैंकिंग डिटेल्स, ओटीपी और पासवर्ड को कलेक्ट करना शुरू कर देता है। साइबर अपराधी ऐसे डेटा का उपयोग करके बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे हैं, जिससे आमजन की मेहनत कमाई खतरे में पड़ रही है। पुलिस ने 5 महत्वपूर्ण सुरक्षा सलाह दी विकास शर्मा ने बताया कि यदि कोई इस प्रकार की धोखाधड़ी का शिकार होता हैं, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। सहायता के लिए साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या https://cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं। किसी भी प्रकार की सहायता के लिए पुलिस मुख्यालय के हेल्पडेस्क नंबर 9256001930 या 9257510100 पर भी संपर्क किया जा सकता है।
फरीदाबाद क्राइम ब्रांच ने दो बदमाशों को पकड़ा:गाड़ी बुक करके की लूटने की कोशिश, कोर्ट ने भेजा जेल
फरीदाबाद क्राइम ब्रांच सेक्टर 85 की टीम ने कैब गाड़ी को बुक करके लूटने की कोशिश करने की वारदात को अंजाम देने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट मे पेश करके जेल भेज दिया है। दिल्ली के वशिष्ठ पार्क के रहने वाले गौरव ने सेक्टर -31 थाना पुलिस को दी शिकायत दी है। जिसमें उसने बताया कि 27 अक्टूबर को उसकी गाड़ी को रैपिडो ऐप से अक्षय नामक युवक ने बुक किया था। गाड़ी को सागरपुर दिल्ली से फरीदाबाद के सेक्टर 88 के लिए बुक किया था। अक्षय ने अपने दोस्त को भी गाड़ी में बैठा लिया। जिसके बाद वह दिल्ली से फरीदाबाद के लिए निकल पड़े। जब वह सेक्टर 29 फरीदाबाद पहुंचे तो अक्षय ने उसकी गर्दन पर चाकू लगा दिया और गाड़ी को साइड में खड़ा करने के लिए बोला। जिसके बाद दोनों ने उसके साथ लूट करने की कोशिश की। जब उसने शोर मचाया तो काफी लोग वहां पर एकत्रित हो गए। जिनको देखकर वह मौके से फरार हो गए। पीड़ित की शिकायत पर सेक्टर 31 थाना में मामला दर्ज कर लिया गया। दिल्ली से दो युवक गिरफ्तार पुलिस प्रवक्ता यशपाल सिंह ने जानकारी देते हुए अक्षय और उसके दोस्त बिमल को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। अक्षय और बिमल गांव पुटुंग जिला दार्जिलिंग वेस्ट-बंगाल का रहने वाले है । पूछताछ में सामने आया कि अक्षय व बिमल दोनों को किसी से मिलने फरीदाबाद आना था, जिसके लिए अक्षय ने रैपिडो से गाड़ी को बुक किया था। और जब वो सेक्टर-29 पुल के पास पहुंचे तो उन्होंने शिकायतकर्ता के गले पर चाकू लगा दिया और लूटने की कोशिश की। पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। जहां से उनको जेल भेज दिया गया।
पेंशनरों के जीवन प्रमाण पत्रों के लिए एक नवंबर से एक महीने का अभियान शुरू किया जाएगा। पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग की ओर से चौथा राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) अभियान 30 नवंबर तक चलाया जाएगा। इसके तहत सभी जिलों और उप-मंडल मुख्यालयों को कवर किया जाएगा। इसमें 19 पेंशन वितरण बैंक, इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक, पेंशनभोगी कल्याण संघ, सीजीडीए, दूरसंचार विभाग, रेलवे, यूआईडीएआई और इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का सहयोग रहेगा। इस वर्ष इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक अपने 1.8 लाख डाकियों और ग्रामीण डाक सेवकों के माध्यम से सभी जिलों में डीएलसी शिविर आयोजित करेगा। इसमें सभी श्रेणी के पेंशनभोगियों को, चाहे उनका बैंक कोई भी हो, उनके घर तक डीएलसी सुविधा पहुंचाई जाएगी। आईपीपीबी के कर्मचारी मोबाइल के जरिए फिंगरप्रिंट और चेहरे के आधार पर डीएलसी बनाएंगे। साथ ही 19 पेंशन वितरण बैंक शहरों में कई स्थानों पर शिविर लगाएंगे। इनमें वृद्ध, दिव्यांग या बीमार पेंशनभोगियों के लिए घर जाकर सुविधा दी जाएगी। यही नहीं, कर्मचारियों की टीम अस्पतालों का दौरा भी करेगी। ताकि कोई पेंशन भोगी वंचित न रहे। अभियान के दौरान पंजीकृत पेंशनभोगी कल्याण संघ, बैंकों और आईपीपीबी के तालमेल से पेंशनभोगियों को जागरूक भी किया जाएगा। इसके लिए कई जगह सहायता शिविर आयोजित करने में इन संगठनों व बैंकों का सहयोग लिया जाएगा। एसएमएस, व्हॉट्सएप व बैनर आदि के माध्यम से पेंशनभोगियों को डीएलसी जमा करने के लिए सूचित करेंगे। स्थानीय संस्थान जागरूकता अभियान चलाएगा। इसका उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों में प्रत्येक पेंशनभोगी तक यह जानकारी पहुंचाना है। विभागीय दिशा निर्देशों के अनुसार जिलों और उप-मंडलों को कवर करते हुए यह अब तक का सबसे बड़ा डीएलसी अभियान होगा। इसमें फेस ऑथेंटिकेशन तकनीक के जरिए डीएलसी बनाए जाएंगे। साथ ही बुजुर्ग पेंशनरों को साइबर क्राइम और डिजिटल अरेस्ट जैसे खतरों से बचाने के लिए साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूक किया जाएगा। साइबर ठगी से बचाने के लिए कोई भी अज्ञात कॉल, लिंक और ऐप से बचने की सलाह दी जाएगी। बैंक या डाकघर जाने की परेशानी से मिलेगी मुक्ति केंद्र सरकार ने पेंशनभोगियों के लिए जीवनयापन में सुगमता लाने के उद्देश्य से देशव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र अभियान शुरू किया है। इस अभियान का मुख्य फोकस फेस ऑथेंटिकेशन डिजिटल माध्यम से जीवन प्रमाण पत्र जमा करने पर है। ताकि बुजुर्गों को बैंक या डाकघर जाने की परेशानी से मुक्ति मिल सके। ग्रामीण डाक सेवक पेंशनर के घर जाकर बायोमेट्रिक प्रक्रिया से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र बनाने में मदद करेंगे। उन्हें इस प्रक्रिया को मोबाइल के माध्यम से भी समझाया जाएगा।
रजत जयंती पर ‘न्याय की दौड़’ में उतरेंगे जस्टिस, वकील व ऑफिसर
न्याय के मंदिर में आज एक नया इतिहास लिखा जाएगा। झारखंड हाईकोर्ट अपनी 25वीं रजत जयंती के अवसर को यादगार बनाने के लिए एक अनूठी पहल करने जा रहा है। हाईकोर्ट के इतिहास में पहली बार, जस्टिस (न्यायाधीश), वकील, ऑफिसर और स्टाफ एक साथ हाफ मैराथन में दौड़ेंगे। यह खास आयोजन आज शनिवार, 1 नवंबर को होगा, जिसकी थीम ‘जस्टिस फॉर ऑल’ (न्याय सभी के लिए) रखी गई है। कौन-कौन शामिल इस दौड़ में सिर्फ कर्मचारी ही नहीं, बल्कि माननीय जस्टिस, एडवोकेट और न्यायिक अधिकारी भी पसीना बहाते नजर आएंगे। ‘जस्टिस फॉर ऑल’ की भावना के साथ यह आयोजन एकता और स्वास्थ्य का संदेश देगा। फिटनेस के प्रति जागरूकता आएगी। मैराथन में महिलाओं की भागीदारी भी उत्साहवर्धक रहेगी, जो इस ऐतिहासिक अवसर को और भी सार्थक बनाएगी। महिलाओं की भागीदारी होगी खास आयोजकों ने बताया कि मैराथन में महिला स्टाफ और वकीलों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की गई है। उनकी उपस्थिति न्यायपालिका में महिलाओं के सशक्त और महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करेगी। 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, हाईकोर्ट द्वारा मैराथन के बाद प्राइज डिस्ट्रीब्यूशन होगा। गोलचक्कर तक दौड़ेगा न्याय का काफिला रजिस्ट्रार जनरल सत्यप्रकाश सिन्हा ने बताया कि मैराथन का मुख्य आकर्षण न्यायपालिका में स्वास्थ्य, एकता और टीम भावना को बढ़ावा देना है। मैराथन की शुरुआत सुबह 7 बजे हाईकोर्ट के प्रवेश द्वार संख्या-दो से होगी। यह दौड़ सेक्टर-3 गोलचक्कर (धुर्वा) तक जाएगी और वापस हाईकोर्ट में ही आकर समाप्त होगी। यह कुल 5 किलोमीटर की हाफ मैराथन होगी, जिसमें 500 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे। एकता और स्वास्थ्य का संदेश देगा। फिटनेस के प्रति जागरूकता आएगी। मैराथन में महिलाओं की भागीदारी भी उत्साहवर्धक रहेगी, जो इस ऐतिहासिक अवसर को और भी सार्थक बनाएगी।
बदायूं में 11 पुलिसकर्मियों का तबादला:दो इंस्पेक्टर क्राइम, तीन दरोगा और 6 सिपाही हटाए गए
बदायूं में कानून व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से एसएसपी डॉ. ब्रजेश सिंह ने पुलिस विभाग में लगातार दूसरे दिन फेरबदल किया है। शुक्रवार को दो इंस्पेक्टर क्राइम, तीन उपनिरीक्षक और छह सिपाहियों सहित कुल 11 पुलिसकर्मियों का तबादला किया गया। इन तबादलों के तहत, कादरचौक थाने के इंस्पेक्टर क्राइम उरेन्द्रपाल सिंह को मूसाझाग का इंस्पेक्टर क्राइम बनाया गया है। वहीं, नगर थाने के निरीक्षक बाबूराम गौतम को उसहैत का इंस्पेक्टर क्राइम नियुक्त किया गया है। इसके अतिरिक्त, उपनिरीक्षक रघुवीर सिंह को मुजरिया से पुलिस लाइन भेजा गया है। प्रमोद कुमार को वजीरगंज से फैजगंज बेहटा और रामेश्वर सिंह को कुंवरगांव से उघैती थाने में नई तैनाती मिली है। इसी क्रम में पांच पुरुष सिपाहियों और एक महिला सिपाही का भी तबादला किया गया है। एसएसपी डॉ. ब्रजेश सिंह ने बताया कि यह कदम पुलिसिंग को चुस्त-दुरुस्त, सक्रिय और संवेदनशील बनाने के लिए उठाया गया है, ताकि जिले में कानून व्यवस्था मजबूत बनी रहे।
सिवनी में 2 करोड़ 96 लाख 50 हजार रुपए के हवाला डकैती मामले में निलंबित एसडीओपी पूजा पांडे और 10 अन्य पुलिसकर्मियों को शुक्रवार को रीवा और नरसिंहपुर जेल ट्रांसफर कर दिया गया है। सत्र न्यायालय ने इन सभी की न्यायिक हिरासत 13 नवंबर तक बढ़ा दी है। एसडीओपी पूजा पांडे की जमानत याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है। एसडीओपी को रीवा और अन्य पुलिसकर्मियों को नरसिंगपुर भेजा आज निलंबित एसडीओपी पूजा पांडे को केंद्रीय जेल रीवा भेजा गया, जबकि एसआई अर्पित भैरम समेत अन्य 10 पुलिसकर्मियों को केंद्रीय जेल नरसिंगपुर स्थानांतरित किया गया। इससे पहले 17 अक्टूबर को जिला न्यायालय ने सभी 11 पुलिसकर्मियों को 14 दिनों की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा था। सिवनी जेल के जेलर अजय वर्मा ने बताया कि नरसिंगपुर जेल भेजे गए पुलिसकर्मियों में प्रधान आरक्षक माखन इनवाती, रविंद्र उइके, राजेश जंघेला, आरक्षक योगेंद्र चौरसिया, नीरज राजपूत, जगदीश यादव, रितेश वर्मा, गनमैन केदार बघेल और सुभाष सदाफल शामिल हैं। क्राइम ब्रांच कर रही जांच इस मामले की जांच कर रही जबलपुर क्राइम ब्रांच के एएसपी और एसआईटी प्रभारी जितेंद्र सिंह सिवनी पहुंचे हैं। जांच दल हवाला कारोबारियों के नेटवर्क की तहकीकात कर रहा है। क्राइम ब्रांच एसडीओपी पूजा पांडे के मोबाइल से हुई वॉट्सऐप कॉल के डेटा का इंतजार कर रही है। डेटा मिलने के बाद संदिग्धों से पूछताछ की कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी। बता दें कि, इन सभी 11 पुलिसकर्मियों पर 14 अक्टूबर को लखनवाड़ा पुलिस थाने में हवाला डकैती, अपहरण और आपराधिक षडयंत्र जैसी गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया था। इस मामले की जांच और आगे की कार्रवाई लगातार जारी है। इसलिए किया ट्रांसफर यह ट्रांसफर सिवनी जेल में अन्य अपराधियों और इन पुलिसकर्मियों के बीच संभावित विवाद को देखते हुए किया गया है। जानकारी के अनुसार, सिवनी में कुछ आपराधिक मामलों में आरोपी पहले जेल में हैं, जिन्हें जेल भेजने में ये 11 पुलिसकर्मी सहयोगी रहे थे।
मंदसौर जिले के पिपलिया मंडी में शुक्रवार को आयरन मैन सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती के मौके पर पुलिस प्रशासन ने 'रन फॉर यूनिटी' का आयोजन किया। कार्यक्रम शारदा पब्लिक स्कूल में बच्चों की जोश भरी मौजूदगी के बीच समाप्त हुआ। इस दौरान स्टूडेंट्स को राष्ट्रीय एकता और अखंडता की शपथ दिलाई गई। विद्यार्थियों ने 'एक भारत, श्रेष्ठ भारत' के नारों के बीच एकता दौड़ लगाई। आयोजन का फोकस राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा के प्रति जन जागरूकता बढ़ाना तथा युवाओं में देशभक्ति की भावना को बढ़ाना था। साइबर क्राइम से बचाव की दी जानकारी कार्यक्रम में चौकी प्रभारी धर्मेश यादव, सब इंस्पेक्टर मूलचंद धाकड़, आरक्षक वाजिद खान और रिटायर्ड फौजी सुनील चौधरी सहित पुलिस दल मौजूद दिखे। उन्होंने स्टूडेंट्स को साइबर क्राइम से बचाव संबंधी जरूरी जानकारी दी। उन्होंने स्टूडेंट्स को बताया कि सोशल मीडिया और इंटरनेट पर सतर्क रहें। किसी अजनबी लिंक या कॉल पर भरोसा न करें और अपने निजी डेटा की सुरक्षा खुद करें। स्कूल के हेडमास्टर ओमप्रकाश गेहलोत ने इस अवसर पर पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम छात्रों में देशभक्ति, अनुशासन और समाज के प्रति जागरूकता को और मजबूत करते हैं। कार्यक्रम में स्कूल का पुरा स्टाफ और शिक्षकगण उपस्थित रहे। देखे तस्वीरें...
एमेजन एमजीएम स्टूडियोज इंडिया ने अपनी आगामी थियेट्रिकल रिलीज फिल्म 'निशांची' का धमाकेदार फर्स्ट लुक पोस्टर रिलीज कर दिया है। अजय राय और रंजन सिंह द्वारा जार पिक्चर्स के बैनर तले, फ्लिप फिल्म्स के साथ मिलकर प्रोड्यूस की गई ये फिल्म एक रोमांचकारी ...
क्रिमिनल जस्टिस 4 में एक अलग अवतार में दिखीं बरखा सिंह, बोलीं- मैं खुद को साबित करना चाहती थी
बरखा सिंह भारतीय सिनेमा के सबसे होनहार चेहरों में से एक हैं। उन्होंने विभिन्न मंचों पर काम करते हुए, बाधाओं को पार किया है और अपने लिए एक रास्ता बनाया है। दर्शकों और आलोचकों को उनके किरदारों और अभिनय के तरीके से बेहद प्यार है। एक इंटरव्यू में बरखा ...
जस्टिस यशवंत वर्मा की बढ़ी मुश्किलें, 145 सांसदों ने महाभियोग के लिए लोकसभा स्पीकर को सौंपा लेटर
कैश कांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। संसद के मानसून सत्र का आगाज होते ही 145 लोकसभा सांसदों ने जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए लोकसभा अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा है। सांसदों ने संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 के तहत यह कदम उठाया है
जस्टिस वर्मा केस: वकील ने न्यायमूर्ति को केवल 'वर्मा' कहा, सीजेआई ने लगाई फटकार
सीजेआई गवई ने वकील मैथ्यूज जे. नेदुमपारा को लगाई कड़ी फटकार नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बी.आर. गवई ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान वकील मैथ्यूज जे. नेदुमपारा को कड़ी फटकार लगाई। नेदुमपारा ने दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा का जिक्र केवल वर्मा कहकर किया, जस्टिस वर्मा के आधिकारिक आवास के स्टोररूम में नकदी मिलने के आरोपों की चर्चा है। सीजेआई गवई ने नाराजगी जताते हुए कहा, क्या वह आपके दोस्त हैं? वे अभी भी जस्टिस वर्मा हैं। कुछ शिष्टाचार रखें। आप एक विद्वान जज का जिक्र कर रहे हैं। यह टिप्पणी तब आई जब नेदुमपारा ने जस्टिस वर्मा के बंगले से भारी मात्रा में नकदी मिलने के कथित मामले में दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने के लिए तीसरी बार याचिका दायर की थी। सीजेआई ने इस मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने से इनकार करते हुए पूछा, क्या आप चाहते हैं कि याचिका को अभी खारिज कर दिया जाए? जिसके जवाब में वकील ने कहा, याचिका खारिज नहीं हो सकती। एफआईआर दर्ज होनी ही चाहिए। अब तो वर्मा भी यही चाहते हैं। एफआईआर और जांच जरूरी है। इस पर सीजेआई ने फिर से नेदुमपारा को शिष्टाचार बनाए रखने की हिदायत दी और याद दिलाया कि जस्टिस वर्मा अभी भी जज हैं। वकील नेदुमपारा की याचिका में बड़ा दावा नेदुमपारा की याचिका में दावा किया गया है कि 14 मार्च को जस्टिस वर्मा के बंगले के स्टोररूम में आग लगने के बाद वहां से जली हुई नकदी बरामद हुई थी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार—जो दिल्ली पुलिस को नियंत्रित करती है—को तुरंत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देना चाहिए। मई में सुप्रीम कोर्ट ने नेदुमपारा की ऐसी ही एक याचिका को खारिज कर दिया था। तब जस्टिस अभय एस. ओका (अब सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा था कि इस मामले में इन-हाउस जांच चल रही है और उसकी रिपोर्ट राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भेजी गई है। बेंच ने नेदुमपारा को सलाह दी थी कि वे पहले इन अधिकारियों को अपनी मांग के लिए आवेदन दें। अगर कार्रवाई नहीं होती, तभी वे कोर्ट में वापस आ सकते हैं। मामला संसद को भेजा जा सकता है मार्च के अंत में भी सुप्रीम कोर्ट ने इसी तरह की एक याचिका खारिज करते हुए कहा था कि इन-हाउस जांच अभी चल रही है। अगर जांच में कुछ गलत पाया गया, तो एफआईआर दर्ज की जा सकती है या मामला संसद को भेजा जा सकता है। दूसरी ओर, जस्टिस वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर इन-हाउस समिति के फैसले को चुनौती दी है। उनकी याचिका में कहा गया है कि समिति ने पक्षपातपूर्ण तरीके से काम किया और उन्हें अपनी सफाई में बात रखने का उचित मौका नहीं दिया गया।
अनुराग कश्यप लेकर आए क्राइम ड्रामा फिल्म निशांची, इस दिन सिनेमाघरों में होगी रिलीज
अनुराग कश्यप एक नई गहन क्रामइ ड्रामा फिल्म 'निशांची' लेकर आ रहे हैं। अमेजन एमजीएम स्टूडियो ने इस फिल्म का टीजर शेयर करते हुए इसकी थिएट्रिकल रिलीज डेट का ऐलान कर दिया है। अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित ये फिल्म हालात को हूबहू पर्दे पर उतारने वाली और ...
प्राइम वीडियो ने अपनी आगामी रोमांचक इन्वेस्टीगेटिव क्राइम थ्रिलर 'स्टोलन' का दमदार ट्रेलर लॉन्च कर दिया है। अनुराग कश्यप, किरण राव, निखिल आडवाणी और विक्रमादित्य मोटवानी जैसे दिग्गज फिल्ममेकर्स की एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर टीम के साथ 'स्टोलन' करण ...
सोनू सूद की फतेह इस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हुई स्ट्रीम, साइबर क्राइम की काली दुनिया को दिखाती है फिल्म
बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद की फिल्म 'फतेह' को सिनेमाघरों में मिलाजुला रिस्पॉन्स मिला था। इस फिल्म से सोनू सूद ने निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रखा है। साइबर क्राइम पर आधारित इस फिल्म में सोनू सूद के साथ जैकलीन फर्नांडिस मुख्य भूमिका में नजर आईं। वहीं ...
क्राइम फ्री धड़कपुर से चोरी हुई बाइक, प्राइम वीडियो की सीरीज दुपहिया का मजेदार ट्रेलर हुआ रिलीज
web series dupahiya trailer: प्राइम वीडियो ने अपनी आगामी ओरिजिनल सीरीज 'दुपहिया' का दिलचस्प ट्रेलर जारी कर दिया है। सलोना बैंस जोशी और शुभ शिवदासानी द्वारा उनके बैनर बॉम्बे फिल्म कार्टेल के तहत रचित और कार्यकारी निर्मित है। यह सीरीज़ एक काल्पनिक ...
क्राइम पेट्रोल एक्टर नितिन चौहान का निधन, 35 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
मनोरंजन जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। टीवी के जाने-माने एक्टर नितिन चौहान का निधन हो गया है। वह महज 35 साल के थे। एक्टर की मौत की वजह की कोई आधिकारिक जानकरी सामने नहीं आई है। नितिन रियलिटी शो 'दादागिरी 3 के विनर रह चुके हैं।
Mirzapur 3 के बाद Prime Video ने किया एक और क्राइम-थ्रिलर सीरीज का एलान, 'मटका किंग' बनकर धूम मचाएगा ये एक्टर
गशमीर महाजनी और Surbhi Jyoti की नई क्राइम-थ्रिलरसीरीज Gunaah का टीजर हुआ लॉन्च, जाने कब और कहां होगी स्ट्रीम
डिज़्नी प्लस हॉटस्टार ने आखिरकार शुक्रवार को क्राइम ड्रामा सीरीज़ क्रिमिनल जस्टिस के बहुप्रतीक्षित चौथे अध्याय की घोषणा कर दी, जिसमें पंकज त्रिपाठी मुख्य भूमिका में हैं। नई किस्त में अभिनेता पंकज त्रिपाठी अलौकिक वकील माधव मिश्रा के रूप में वापसी करेंगे। एक बयान में, अभिनेता ने कहा कि नया अध्याय मिश्रा के जीवन और जटिल मामलों को इतनी आसानी और स्थायित्व के साथ सामने लाने की उनकी क्षमता के बारे में विस्तार से बताएगा। पंकज त्रिपाठी के हवाले से बताया गया कि ऑन-स्क्रीन वकीलों की प्रसिद्धि के हॉल में, मुझे लगता है कि माधव मिश्रा ने क्रिमिनल जस्टिस के साथ अपनी जगह बना ली है। मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि सीरीज़ में माधव का किरदार मुझसे कितना मिलता-जुलता है। हर जीत मुझे अपनी जैसी लगती है और हर हार ऐसी लगती है एक व्यक्तिगत क्षति। मैं डिज़्नी+हॉटस्टार पर नए सीज़न की घोषणा करने के लिए उत्साहित हूं और मुझे उम्मीद है कि दर्शक इस सीज़न को पहले की तरह ही प्यार देना जारी रखेंगे। डिज़्नी प्लस हॉटस्टार ने पोस्ट को कैप्शन दिया ''कोर्ट जारी है, और नए सीज़न की तैयारी भी। आ रहे हैं माधव मिश्रा, #HotstarSpecials #CriminalJustice के नए सीज़न के साथ!'' इसे भी पढ़ें: Rakhi Sawant Condition is Critical | क्रिटिकल है एक्ट्रेस राखी सावंत की हालत, पूर्व पति रितेश ने शेयर किया है हेल्थ अपडेट फ्रेंचाइजी के बारे में जानकारी क्रिमिनल जस्टिस की शुरुआत 2018 में अपने पहले सीज़न के साथ हुई थी जिसे 2008 में इसी नाम की ब्रिटिश टेलीविजन श्रृंखला से रूपांतरित किया गया था। क्रिमिनल जस्टिस: बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स नामक दूसरा सीज़न 2020 में आया, इसके बाद तीसरा अध्याय, क्रिमिनल जस्टिस: अधूरा सच, 2022 में आया। क्रिमिनल जस्टिस का निर्माण अप्लॉज़ एंटरटेनमेंट द्वारा किया गया है। इसे भी पढ़ें: Scam 2010 The Subrata Roy Saga: हंसल मेहता ने किया 'स्कैम' के तीसरे सीजन का ऐलान, सहारा की कहानी पर केंद्रित होगा नया शो बता दें कि पंकज त्रिपाठी आखिरी बार मर्डर मुबारक में नजर आए थे। फिल्म में सारा अली खान, विजय वर्मा, आदित्य रॉय कपूर और करिश्मा कपूर समेत कई स्टार कलाकार शामिल हैं। होमी अदजानिया द्वारा निर्देशित यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है। वह अगली बार मिर्ज़ापुर 3 में नज़र आएंगे। रिलीज़ डेट की अभी घोषणा नहीं की गई है। View this post on Instagram A post shared by Disney+ Hotstar (@disneyplushotstar)
सलमान खान के घर फायरिंग मामला: मुंबई क्राइम ब्रांच ने पांचवें आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार किया
सलमान खान के घर फायरिंग मामले में ताजा घटनाक्रम में मुंबई क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को पांचवें आरोपी मोहम्मद चौधरी को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। इंडिया टीवी के अतुल सिंह की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद चौधरी ने दो शूटरों, सागर पाल और विक्की गुप्ता को पैसे देकर और रेकी करके भी मदद की। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, चौधरी को आज मुंबई लाया जा रहा है जहां उसे किला कोर्ट में पेश किया जाएगा और पांच दिन की हिरासत की मांग की जाएगी। इसे भी पढ़ें: Kareena Kapoor Khan ने Saif Ali Khan के बड़े बेटे इब्राहिम की नवीनतम तस्वीरों पर सबसे मनमोहक टिप्पणी की इससे पहले, अनुज थापन नाम के एक आरोपी ने पुलिस हिरासत में चादर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। बता दें, अनुज पर शूटरों को हथियार मुहैया कराने का आरोप है। थापन को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले, बांद्रा में अभिनेता के आवास के बाहर गोलीबारी करने वाले दोनों शूटर विक्की गुप्ता और सागर पाल को गुजरात के भुज से हिरासत में लिया गया था। इसे भी पढ़ें: सलमान खान के घर के बाहर गोली चलाने के मामले में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सदस्य गिरफ्तार सलमान खान के घर फायरिंग मामले की जानकारी मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, कथित तौर पर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग करने वाले शूटरों के पास दो बंदूकें थीं और उन्हें 10 राउंड गोलियां चलाने का आदेश दिया गया था. 14 अप्रैल की सुबह, दो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर आए और अभिनेता के आवास गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर चार गोलियां चलाईं। घटना के बाद हमलावर तेजी से मौके से भाग गए। निगरानी फुटेज से पता चला कि दोनों संदिग्धों ने टोपी पहन रखी थी और बैकपैक ले रखा था। इस महीने की शुरुआत में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने का अनुरोध किया था. अनमोल बिश्नोई ने घटना के कुछ घंटों बाद अपने फेसबुक प्रोफाइल के जरिए सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग की जिम्मेदारी ली थी। सलमान खान की नवीनतम सार्वजनिक उपस्थिति सलमान खान हाल ही में लंदन में थे जहां उन्होंने ब्रिटेन के ब्रेंट नॉर्थ निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बैरी गार्डिनर से मुलाकात की। इंटरनेट पर कई तस्वीरें वायरल हुईं, जिनमें बैरी और सलमान दोनों वेम्बली स्टेडियम के अंदर नजर आ रहे हैं।
Nikkhil Advani BirthdaySpecial :रोमांस-क्राइम और थ्रिलर के बेताज बादशाह है निखिल अडवानी, पढ़िए उनका पूरा फिल्मी सफरनामा
Salman Khan फायरिंग मामले में पुलिस को मिली अबतक की सबसे बड़ी कामयाबी, क्राइम ब्रांच के हाथ लगे दो और अपराधी
सलमान खान के घर फायरिंग मामले में अहम घटनाक्रम में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है। अनमोल बिश्नोई ने घटना के कुछ घंटों बाद अपने फेसबुक प्रोफाइल के जरिए सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग की जिम्मेदारी ली थी. इस सप्ताह की शुरुआत में, मुंबई क्राइम ब्रांच ने गोलीबारी की घटना में इस्तेमाल की गई दूसरी बंदूक बरामद की। सूरत की तापी नदी से तीन मैगजीन के साथ बंदूक बरामद की गई। इसे भी पढ़ें: Tamannaah Bhatia Summoned by cyber cell | 'अवैध' IPL Streaming ऐप मामले में तमन्ना भाटिया को साइबर सेल ने तलब किया 16 अप्रैल को कच्छ पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंप दिया। बाद में, शहर की एक अदालत ने गोलीबारी की घटना के सिलसिले में दोनों आरोपियों को 25 अप्रैल तक मुंबई अपराध शाखा की हिरासत में भेज दिया। आरोपियों की पहचान बिहार के विक्की गुप्ता (24) और सागर पाल (21) के रूप में हुई, जिन्हें मेडिकल जांच के बाद अदालत में पेश किया गया। इसे भी पढ़ें: काला जादू- टोना-टोटका करने का Kangana Ranaut पर आरोप लगाने के बाद अब एक्ट्रेस के बारे Adhyayan Suman क्या सोचते है? मुंबई क्राइम ब्रांच की जांच अभी भी जारी है मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, कथित तौर पर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग करने वाले शूटरों के पास दो बंदूकें थीं और उन्हें 10 राउंड गोलियां चलाने का आदेश दिया गया था. 14 अप्रैल की सुबह, दो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर आए और अभिनेता के आवास गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर चार गोलियां चलाईं। घटना के बाद हमलावर तेजी से मौके से भाग गए। निगरानी फुटेज से पता चला कि दोनों संदिग्धों ने टोपी पहन रखी थी और बैकपैक ले रखा था। अनजान लोगों के लिए, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार की धमकियों के बाद 2022 में सलमान की सुरक्षा का स्तर वाई-प्लस तक बढ़ा दिया गया था। अभिनेता को व्यक्तिगत बन्दूक ले जाने के लिए भी अधिकृत किया गया था और अतिरिक्त सुरक्षा के लिए उन्होंने एक नया बख्तरबंद वाहन भी खरीदा है।
Salman Khan फायरिंग केस में आया बिलकुल तड़कता-भड़कता अपडेट,मुंबई क्राइम ब्रांच के हाथ लगा एक और पुख्तासबूत
Salman Khan फायरिंग केस मेंक्राइम ब्रांच को गुजरात से मिला बड़ा कनेक्शन, मामले में हुआ अबतक का सबसे सनसनीखेज खुलासा
रोंगटे खड़े कर देंगी सीरियल किलर्स पर बनी ये क्राइम-थ्रिलर, खून ख्राबार देखकर उड़ जाएगी रातों की नींद
रोंगटे खड़े कर देंगी सीरियल किलर्स पर बनी येक्राइम-थ्रिलर, खून ख्राबार देखकर उड़ जाएगी रातों की नींद
Salman Khan फायरिंग केस में आया नया मोड़! भाईजान कोमारना नहीं था शूटर्स का मकसद,क्राइम ब्रांच ने किया चौकाने वाला खुलासा
Salman Khan के घर हुईफायरिंग के केस में क्राइम ब्रांच को मिली बड़ी सफलता, इस राज्य में पकड़े गए दोनों आरोपी
धमाकेदार बीतने वाला है अप्रैल का ये हफ्ता, क्राइम-थ्रिलर के साथ देशभक्ति का तड़का लगाने आ रही है ये धांसूफिल्में और सीरीज
मुंबई क्राइम ब्रांच का एक्शन, सलमान के घर फायरिंग करने वाले दोनों शूटर दबोचे
Salman Khan House Firing: एक्टर सलमान खान के घर पर फायरिंग करने वाले दोनों आरोपियों को भुज से गिरफ्तार कर लिया गया. मुंबई क्राइम ब्रांच को ये कामयाबी मिली. आरोपी बिहार के पश्चिमी चंपारण के रहने वाले बताए जा रहे हैं. रविवार को गैलेक्सी अपार्टमेंट पर फायरिंग कर भुज फरार हो गए थे. देखें ये वीडियो.
Salman Khan के घर हुई फायरिंग मेंक्राइम ब्रांच के हाथ लगी बड़ी सफलता,नवी मुंबई में पकड़े गए 2 संदिग्ध
सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग की जांच करेगी मुंबई क्राइम ब्रांच, इन धाराओं में दर्ज किया केस
Salman Khan firing case: बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर रविवार तड़के दो अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी कर दी। इस हमले के बाद हर कोई सलमान खान की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर कर रहा है। बांद्रा पुलिस ने दो अज्ञात शख्स के ...
April में OTT पर तहलका मचाने आ रही है ये धमाकेदार फिल्में और सीरीज, मिलेगा एक्शन से लेकर क्राइम-थ्रिलर तक का मजा
क्राइम-थ्रिलर कंटेंट देखने के है शौकीन! तो फौरन देख डाले UP के माफियाओं पर बनी येवेब सीरीज,खौफनाक कहानियां खड़े कर देंगी रोंगटे

