'अगर मैं मारा जाता हूं, तो...', उस्मान हादी की मौत पर जमात-ए-इस्लामी का घिनौना खेल उजागर! अमेरिका-फ्रांस और जापान ने बांग्लादेश में भड़काई हिंसा? बहुत बड़ा खुलासा

Bangladesh journalist slams On Jamaat-e-Islam:बांग्लादेशी पत्रकार मुक्तदिर राशिद ने छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत का राजनीतिकरण करने के लिए जमात-ए-इस्लामी और उसकी छात्र शाखा छात्र शिबिर की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि हादी केवल न्याय चाहते थे, लेकिन कुछ पार्टियां सहानुभूति का फायदा उठा रही हैं. राशिद ने बहुत बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि अमेरिका, फ्रांस और जापान ने बांग्लादेश में हिंसा में आग में घी का काम किया है.जानें पूरी बात.

ज़ी न्यूज़ 25 Dec 2025 10:13 am

एक दिन वो भी था, क्रिसमस के मौके पर जब थम गईं बंदूकें और ठहर गया विश्वयुद्ध

Christmas Famous Story: दुनियाभर में क्रिसमस की कई कहानियां फेमस हैं. ऐसे ही हम बात करने चल रहे हैं साल 1914 की उस कहानी के बारे में जब पहले वर्ल्ड वॉर के बीच अचानक सैनिकों ने अपनी बंदूकें रख दीं और फुटबॉल खेलने लगे, जानिए उस दिन ऐसा क्या हुआ था?

ज़ी न्यूज़ 25 Dec 2025 9:50 am

इजराइल-हमास जंग के बाद आया कतरगेट घोटाला, अपने ही घर में घिर गए PM नेतन्याहू

What is Qatargate: इजरायल के मंत्री अमिचाई चिकली ने कतरगेट मामले में बेंजामिन नेतन्याहू सरकार के सहयोगियों पर लगे आरोपों की पूरी जांच की मांग की. चिकली ने कहा कि यह मामला चौंकाने वाला है जिसमें कतर के लिए लाभ पहुंचाने और अमेरिकी लॉबिस्ट के माध्यम से धन लेने के आरोप हैं.

ज़ी न्यूज़ 25 Dec 2025 9:43 am

'किसी बुरे सांता को नहीं आने देंगे...',क्रिसमस पर ट्रंप का दिखा अलग अंदाज, बच्चों से की बातचीत

Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्रिसमस पर बच्चों से बात की और कहा कि वे देश में किसी बुरे सांता को नहीं आने देंगे. हम यह पक्का करना चाहते हैं कि सांता अच्छा रहे, सांता बहुत अच्छे इंसान हैं.

ज़ी न्यूज़ 25 Dec 2025 7:56 am

17 साल बाद खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान बांग्लादेश लौटते ही अगले 3 दिन क्या करेंगे? शेड्यूल‌ ऐसा, यूनुस सरकार का फरवरी तक जाना तय!

Tarique Rehman return to Bangladesh:आज 25 दिसंबर 2025 को बीएनपी के एक्टिंग चेयरमैन तारिक रहमान 17 साल के लंदन निर्वासन के बाद ढाका पहुंच रहे हैं. पत्नी और बेटी के साथ बिमान फ्लाइट से आ रहे तारिक का भव्यभव्य स्वागत की तैयारी पार्टी और समर्थक कर रहे हैं.खालिदा जिया के बेटे का 3 दिन का शेड्यूल कुछ ऐसा है किफरवरी चुनाव से पहले यह वापसी बीएनपी को सुपर बूस्ट देगी, जबकि यूनुस की अंतरिम सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो सकती है.

ज़ी न्यूज़ 25 Dec 2025 7:32 am

ढाका में ब्लास्ट: मोगाबाजार फ्लाई ओवर से फेंका गया बम, युवक की मौत

बांग्लादेश की राजधानी ढाका में बम विस्फोट की खबर है। इस ब्लास्ट में 21 साल के युवक की मौत हो गई है

देशबन्धु 25 Dec 2025 7:29 am

ब्लैकबोर्ड-’बच्चा ठीक नहीं हुआ तो जहर दे देंगे’:मानसिक विकलांग बच्चे की मां अपने ऊपर केरोसिन छिड़ककर आग लगाने लगी, पिता 'ऑटिस्टिक बेटा' स्वीकार नहीं रहे

‘डॉक्टर की बताई थेरेपी के तहत मैं बच्चे से रंगों से जुड़ी एक्टिविटी करवा रही थी, लेकिन वह कर नहीं रहा था। उसे अपने दोनों पैरों के बीच दबा लिया और एक्टिविटी कराने लगी। गुस्से में वह अपने नाखूनों से मुझे नोचने लगा। मेरे हाथों से खून बहने लगा, लेकिन मैं फिर भी नहीं मानी। दोबारा एक्टिविटी शुरू कराई। तभी उसने मेरे हाथ में दांत से काट लिया। मैं रो पड़ी, लेकिन उसे मारा नहीं। जानती थी कि वह सामान्य बच्चा नहीं है। देखा- दांत गड़ने से मेरा हाथ नीला पड़ गया है, फिर उसे छोड़ दिया।’ यह कहते हुए अमिता गौतम की आंखें भर आती हैं। लंबी सांस लेते हुए कहती हैं, ‘ऐसे बच्चों से जिद नहीं करनी चाहिए। जिद करने पर वे हमला कर देते हैं, उन्हें नुकसान का अंदाजा नहीं होता।’ इस दौरान मैं जब अमिता से बातचीत कर रहा था तो उनका बच्चा अविराज डाइनिंग हाल में इधर से उधर भाग रहा था- कभी मेरी मोबाइल छीन लेता, कभी आकर हमारे ऊपर आकर बैठ जाता, तो कभी कोई चीज गिरा देता। वह अभी 8 साल का है। वह ऑटिज्म से पीड़ित है, जिन्हें ऑटिस्टिक भी कहा जाता है। यह एक तरह की मानसिक विकलांगता है। ब्लैकबोर्ड में इस बार ऑटिज्म पीड़ित मां-बाप की स्याह कहानी, जिनकी निजी और सामाजिक जिंदगी अपने बच्चों को संभालने में खत्म हो गई है। अयोध्या नगर, भोपाल की रहने वाली अमिता गौतम बताती हैं, 'दो बेटियों के बाद जब बेटा अविराज पैदा हुआ, तो हमारी खुशी का ठिकाना नहीं था। जन्म के समय वह बिल्कुल सामान्य था। वजन भी ठीक था। जब वह लगभग एक साल का हुआ, तो रात-रातभर रोने लगा। मैं भी उसके साथ पूरी रात जागती। नींद न मिलने से धीरे-धीरे मेरी मानसिक हालत बिगड़ने लगी। ऐसा वक्त आया, जब सब कुछ सहन से बाहर लगने लगा।' वह रुककर कहती हैं- 'वह चुप नहीं होता था और मैं रोने लगती थी।' एक रात वह फिर नहीं सोया। पूरी रात मैं जागती रही। तड़के सुबह, जब आखिरकार उसकी आंख लगी तो मैं बिस्तर से उठकर कमरे में इधर-उधर टहलने लगी। मन में बस एक ही ख्याल था- अब जिंदगी खत्म हो गई है। उस रात मैंने कुछ खाया नहीं था। आंखों से आंसू लगातार बह रहे थे। अचानक गेट के अंदर हॉकर ने अखबार फेंका, तभी एहसास हुआ- रात कब सुबह में बदल गई। ऐसी ही न जाने कितनी रातें बिना सोए गुजर गईं।' इस तरह जब मेरा बच्चा दो साल का हुआ, तब भी न बोलता था, न चलता। आवाज देने पर पलटकर देखता भी नहीं। कोई प्रतिक्रिया नहीं देता। हमारी चिंता गहरी होती गई। एक रविवार मैंने मोबाइल पर खोजा- 'ढाई साल का बच्चा क्यों नहीं बोलता?' वहां डॉक्टर को दिखाने की सलाह मिली। अगले दिन बच्चे को एक डॉक्टर के पास ले गई। सबसे पहले उसके कान टेस्ट कराए। दोनों कान ठीक थे। उसके बाद पति के साथ दूसरे डॉक्टर के पास गई। उन्हें बताया कि बच्चा अंधेरे में अकेले खेलता रहता है, आवाज देने पर पलट कर नहीं देखता। डॉक्टर ने जांच की और बताया- 'बच्चे को ऑटिज्म है।' उस दिन घर आकर मोबाइल पर फिर खोजा- 'ऑटिज्म क्या होता है और इससे बच्चा कब ठीक होता है?' पता चला कि यह कोई बीमारी नहीं, जिंदगीभर रहने वाली अवस्था है। मैं घबरा गई। उसके बाद उस डॉक्टर की सलाह पर थेरेपी शुरू कराई। करीब एक साल तक बच्चे की बोलने की और दूसरी थेरेपी चलीं, लेकिन कोई सुधार नहीं दिखा। एक दिन डॉक्टर ने साफ कह दिया- 'यह बच्चा कभी बोल नहीं पाएगा।' उस दिन मैं पूरी तरह टूट गई। मन में सिर्फ एक सवाल था- अब मेरा बच्चा एक सामान्य जिंदगी कैसे जिएगा? उस समय मैं एक सामान्य स्कूल में शिक्षिका थी। उसके बाद मुझे दिग्दर्शिका रिहैबिलिटेशन सेंटर, भोपाल के बारे में पता चला। वहां से मैंने विशेष बच्चों को पढ़ाने का कोर्स किया। वहां समझ में आया कि इन बच्चों को संभालने के तरीके अलग होते हैं। इस तरह वहां से कोर्स कर मैं सामान्य बच्चों की शिक्षिका से विशेष बच्चों को शिक्षिका बन गई। मैंने भोपाल के ज्योति स्पेशल स्कूल में ऐसे बच्चों को पढ़ाना शुरू किया और वहां सीखे तरीकों को अपने बच्चे पर लागू किया। इसका असर अब दिख रहा है। यह सब करते हुए आप धैर्य कैसे बनाकर रखती हैं? 'हां, यह काम बिल्कुल भी आसान नहीं है। सिर्फ एक विशेष कोर्स कर लेने से ऐसे बच्चों को नहीं संभाला जा सकता। कई बार ये बच्चे दांत से काट लेते हैं। गुस्से में नोच लेते हैं या धक्का दे देते हैं। शिक्षक को उनका मां-बाप बनना पड़ता है। अमिता कुछ पल रुकती हैं। फिर गहरी सांस लेकर कहती हैं- आपको कुछ किस्से बताती हूं… इन्हीं से समझ आता है कि ऐसे बच्चों की दुनिया कितनी अलग होती है। 'पहला किस्सा रसोई से शुरू होता है। एक दिन मैं खाना बना रही थी। गैस पर तवा चढ़ा था। तभी मेरा बच्चा चुपचाप पीछे से आया। मैं कुछ समझ पाती, उससे पहले उसने गरम तवे पर हाथ रख दिया। मैं घबरा गई। लेकिन वह नहीं चौंका। न चीखा, न हाथ खींचा। कुछ पल बाद- उसके चेहरे पर हल्की-सी बेचैनी आई। तब उसे एहसास हुआ कि तवा गरम है। मैं सन्न रह गई।' वह पल भर चुप होती हैं। फिर कहती हैं, 'उसी दिन मैंने फिर उसका हाथ तवे पर रखा। जानना चाहती थी- उसे गर्मी कब और कितनी महसूस होती है। तभी समझ आया कि इन बच्चों को ठंडा-गरम जल्दी महसूस नहीं होता। अमिता की आंखें भर आती हैं। और जब दर्द का एहसास नहीं होता, तो खतरे का भी नहीं होता।' वह दूसरा किस्सा शुरू करती हैं। 'एक दिन मैंने घर में रखी फुटबॉल उठाई। बेटे को सामने खड़ा किया। गेंद सीधे उसके चेहरे की तरफ फेंकी। वह वहीं खड़ा रहा। न आंख झपकी। न सिर हिलाया। न खुद को बचाने की कोशिश की। मेरा कलेजा कांप गया। फिर मैंने दोबारा गेंद फेंकी। इस बार उसे बचना सिखाया। कहा- हटो। मैंने यह बार-बार किया। धीरे-धीरे वह पीछे हटने लगा। चेहरा घुमाने लगा। आज वह खुद को बचा लेता है।' वह कहती हैं, 'तीसरा किस्सा तो काफी खतरनाक घटा। एक दिन मैं घर की टैरेस साफ कर रही थी। पास ही हारपिक की बोतल रखी थी। पल भर के लिए पीठ घुमाई… और उसी पल उसने बोतल उठा ली। ढक्कन खोला। घूंट भर लिया। मेरे हाथ से झाड़ू छूट गई। मैं चिल्लाई। उसे गोद में उठाया और बिना कुछ सोचे सीधे अस्पताल भागी। उस दिन हमने उसे मौत के मुंह से खींचकर निकाला।' 'चौथा किस्सा… सबसे डरावना।' 'वह कई बार घर के सामने सड़क पर चुपचाप खड़ा हो जाता है। गाड़ियां गुजरती हैं, हॉर्न बजते हैं- लेकिन उसे कुछ महसूस ही नहीं होता। एक दिन वह अचानक सड़क पर दौड़ पड़ा। मैं चिल्लाई। उसी पल एक गाड़ी सामने आ गई। ड्राइवर ने पूरी ताकत से ब्रेक मारी। मेरी सांसें थम गईं।' 'पांचवां किस्सा हमारी सोशल लाइफ से टकराता है। एक दिन रिश्तेदार के यहां जन्मदिन की पार्टी थी। मेरा बच्चा केक देखकर रोने लगा। बार-बार केक की तरफ दौड़ता। रोकने पर हाइपर एक्टिव हो गया। आखिरकार मुझे पार्टी बीच में छोड़कर लौटना पड़ा। वह धीमे से कहती हैं- उस दिन रिश्तेदारों के चेहरे पर साफ दिख रहा था- उन्हें मेरे बच्चे की हरकतें पसंद नहीं आईं। मुझे बहुत ठेस लगी। अब मैंने रिश्तेदारों से दूरी बना ली है। ताकि मेरे बच्चे से उन्हें परेशानी न हो। फिर जोड़ती हैं- 'मैं उन्हें गलत भी नहीं मानती। दरअसल, उन्हें ऑटिज्म की गंभीरता का अंदाजा ही नहीं है।' 'आखिरी किस्सा तो लोगों के सामने घटा। एक दिन स्कूल से बच्चे को लाने गई। उसे लाने वाला ऑटो नहीं आया। मजबूरी में बाकी बच्चों के साथ शेयरिंग ऑटो में बैठी। मेरे बच्चे को भीड़ पसंद नहीं। इतना परेशान हुआ कि आधे रास्ते उतरना पड़ा। घर तक सात मिनट पैदल रास्ता था। लेकिन वह आगे नहीं बढ़ रहा था। वह सोच रहा था- ऑटो आएगा और वह अकेले घर जाएगा। मैंने उसे खींचना शुरू किया। उसने बैग फेंक दिया। जोर-जोर से रोने लगा। जमीन पर लेट गया। उठाने लगी तो उसने मेरे हाथ में दांत गड़ा दिए। बाल खींचने लगा।' वह कहती हैं- 'उस दिन लोग अपने घरों से निकल आए। डांटने लगे- कैसा बच्चा है, जो मां को मार रहा है। इसे संस्कार नहीं मिले क्या?' अमिता रुक जाती हैं। धीरे से कहती हैं- 'मुझे पता था- बच्चा अपनी परेशानी से मजबूर था।' अमिता कहती हैं, 'हालांकि अब मेरा बच्चा बेहतर हुआ है। थोड़ा बोलने लगा है। मेरे कुछ शब्दों दोहराता है। बस चाहती हूं कि इतना बोल सके कि अपने साथ होने वाला अच्छा-बुरा बता सके।' वह बोलते-बोलते अचानक रुक जाती हैं। जैसे शब्द गले में अटक गए हों। कुछ पल खामोशी। फिर बहुत धीरे कहती हैं- 'इस बच्चे की वजह से मेरे और पति के बीच दरार आ गई है। वे पैसे खर्च कर देते हैं, लेकिन समय नहीं देते।' इतना कहते ही उनकी आंखें भर आती हैं।' वह आगे कहती हैं- 'मेरे पति बच्चे को स्वीकार नहीं कर पा रहे। उन्हें लगता है वह बिल्कुल नॉर्मल होना चाहिए। इतना पैसा लगाया, फिर भी नॉर्मल क्यों नहीं हुआ? लेकिन मैं जानती हूं, यह बीमारी नहीं है। यह एक कंडीशन है। यह पूरी तरह ठीक नहीं होगी।' वह रुकती हैं। फिर जोड़ती हैं- 'मेरे पति ग्रेजुएट हैं। बीएचएल में मैकेनिकल इंजीनियर हैं। लेकिन बच्चे को लेकर उनकी फीलिंग मेरी जैसी नहीं है।' जब आप नहीं होंगी तब बच्चे के लेकर क्या सोचती हैं? वह एक पल चुप रहती हैं। फिर कहती हैं- 'मेरी बेटियां अच्छी हैं। वे अपने भाई का ध्यान रखती हैं। लेकिन मैं जानती हूं- एक दिन उनकी शादी होगी और वे अपने घर चली जाएंगी।' अमिता की आवाज थोड़ी भारी हो जाती है। फिर कहती हैं, 'इसलिए मैंने पहले से ऐसी संस्थाओं के बारे में पता कर रखा है, जहां इन बच्चों की पूरी देखभाल होती है। खाना, रहना, इलाज- सब कुछ। मैं ऐसी कई संस्थाओं के संपर्क में हूं, ताकि जरूरत पड़े तो अपने बच्चे को वहां सुरक्षित रख सकूं। वहां बड़े होने पर रोजगार की ट्रेनिंग भी मिलती है।' वह कहती हैं कि सरकार की निरामय योजना भी है, लेकिन वह कारगर नहीं है। उसमें थेरेपी के लिए 20 हजार रुपए मिलते हैं, लेकिन 20 हजार तो एक बार में खर्च हो जाते हैं। जबकि थेरेपी हमें सालों लेनी पड़ती है। जब पिता ने ऑटिस्टिक बच्चे को जहर देने की बात कही अमिता के बाद मेरी मुलाकात भोपाल की ही संगीता गिरि गोस्वामी से होती है। वह अपने बच्ची की हालत पर बात करने अमिता के घर ही आ गई थीं। संगीता ज्योति स्कूल में पढ़ाती हैं। उनका बेटा अथर्व ऑटिज्म से पीड़ित है, जो कि 13 साल का है। वह धीरे-धीरे यादों में उतरती हैं- 'अथर्व बिल्कुल सामान्य पैदा हुआ था। लेकिन न हंसा, न मुस्कुराया। एक जगह चुपचाप लेटा रहता। कोई प्रतिक्रिया नहीं। ढाई साल बाद वह सिर्फ बैठ पाया। डॉक्टरों ने कहा- 'कुछ बच्चों का विकास धीमा होता है।' हम उसके चलने का इंतजार करते रहे। तीन साल बीते। बेचैनी बढ़ने लगी। उसे हॉस्पिटल ले गई। कानों की जांच हुई- दोनों ठीक थे। फिर रीढ़ के डॉक्टर के पास गई। वहां एक नया शब्द मिला- 'जेनेटिक समस्या।' आखिरकार डॉक्टरों की सलाह पर उसे सीआरसी- कम्पोजिट रीजनल सेंटर भोपाल ले गई। वहीं पहली बार एक रिपोर्ट से हम हिल गए- 'ऑटिज्म।' कागज हाथ में था। और बच्चे को रोज थेरेपी के लिए बुला लिया गया। संगीता की आवाज हल्की पड़ जाती है। वह कहती हैं- 'शुरुआत में कोई खास सुधार नहीं दिखा। दिन बीतते गए और मेरे पति अंदर से टूटते चले गए। एक रात…बहुत देर तक वे कुछ नहीं बोले। कमरे में सिर्फ घड़ी की टिक-टिक आवाज सुनाई दे रही थी। फिर अचानक, बेहद थकी हुई आवाज में बोले- 'इलाज की पूरी कोशिश करेंगे…अगर ठीक हो गया तो ठीक....नहीं हुआ…तो जब हम बूढ़े हो जाएंगे… कोई देखने वाला नहीं होगा...तो इसे जहर देकर मार देंगे…और खुद भी जहर खा लेंगे।' मेरी सांसें अटक गईं। उस पल लगा जैसे पैरों तले जमीन खिसक गई हो। मैं उस वक्त पति को नहीं, एक टूटे हुए इंसान को देख रही थी, जो उम्मीद छोड़ चुका था। इसके बाद भी जिंदगी रुकी नहीं। सीआरसी में 2017 से 2019 तक थेरेपी चलती रही। दिन, महीने, साल बीतते गए। अथर्व पांच साल का हो चुका था। और फिर…एक दिन अचानक उसके मुंह से पहला शब्द निकला- 'मी।' संगीता की आंखें भर आती हैं। वह कहती हैं, 'उस दिन पहली बार लगा शायद मेरा बच्चा आगे बढ़ सकता है।' उसके बाद मैंने स्पेशल बच्चों को पढ़ाने के लिए स्पेशल डीएड किया। सीखा कि ऐसे बच्चों को कैसे समझा जाता है, कैसे सिखाया जाता है। संगीता कुछ पल चुप रहती हैं। फिर कहती हैं- 'लेकिन उस वक्त हम पूरी तरह आर्थिक तंगी में थे। मेरे पति बार-बार नौकरी छोड़ रहे थे। घर का खर्च…बच्चे की थेरेपी…सब कुछ सिर पर था, लेकिन हाथ खाली थे। पैसे की किल्लत से हमारे रिश्ते में तनाव पैदा हो गया। बच्चे की चिंता, इलाज का दबाव और भविष्य के डर से हर दिन तनाव बढ़ता गया। झगड़े रोज की बात हो गए थे। इतना डर, इतनी बेचैनी थी कि सांस लेना मुश्किल लगने लगा।' फिर वह रुकती हैं। आंखें झुक जाती हैं। 'एक दिन… मैं पूरी तरह टूट चुकी थी। घर में रखा केरोसिन का डिब्बा मैंने उठा लिया। ढक्कन खोला और अपने ऊपर उड़ेल लिया। उस वक्त दिमाग में कुछ नहीं था। न बच्चा, न पति, न दुनिया। बस यह लगा- अब और नहीं सहा जाएगा। माचिस हाथ में थी। मैं खुद को आग लगाने ही वाली थी… तभी अचानक शोर मच गया। आस-पास के लोग दौड़ पड़े। किसी ने मेरे हाथ से माचिस छीन ली। किसी ने मुझे पकड़ लिया और मैं बच गई।' यह कहते-कहते संगीता की आंखें भर आती हैं। आवाज टूट जाती है। कुछ पल तक वह कुछ बोल नहीं पातीं। वह कहती हैं, 'एक किस्सा है… जिसे मैं अक्सर भूलने की कोशिश करती हूं। आठ साल का था मेरा बच्चा। मैं मायके गई थी- दादाजी के समाधि कार्यक्रम में। उस वक्त भी उसे डायपर पहनाती थी। अचानक तेज बारिश शुरू हो गई। पंगत में लोग पत्तलें लगाए बैठे थे। चारों तरफ शोर, भीड़ और अफरा-तफरी थी। उसी बीच- मेरे बच्चे ने कपड़े गंदे कर दिए। मैं उसे चुपचाप उठाकर धुलाने ले जा रही थी कि पीछे से आवाज आई- 'ऐसे बच्चे को घर पर रखना चाहिए। इसे क्यों लेकर आई हो?' वह रुक जाती हैं। गला भर आता है। संगीता कहती हैं, 'उस पल गुस्सा बच्चे पर नहीं उन लोगों पर था…और खुद पर भी। हताशा में मैंने अपने ही बच्चे को पीट दिया। बच्चा रो रहा था और साथ-साथ खुद मैं भी। उस दिन के बाद मैंने फैसला कर लिया- अब मैं अपने बच्चे को लेकर किसी भी रिश्तेदार के घर नहीं जाती। आज मेरा बेटा 13 साल का हो गया है।' वह कहती हैं, 'अभी दो महीनों हुए हैं, जब उसने डायपर पहनाना बंद किया है, लेकिन अब भी तेज आवाज होने पर घबरा कर कपड़े खराब कर लेता है। हां, अब सही-गलत कुछ-कुछ समझने लगा है। नहाते समय गेट बंद कर लेता है। बाहर तौलिया पहनकर निकलता है, लेकिन दरवाजा बंद करके आज भी फ्रेश नहीं हो पाता। डरता है। सामाजिक रूप से अब भी किसी से घुलता-मिलता नहीं।' मेरी सरकार से गुजारिश है कि स्पेशल बच्चों के लिए अधिक शिक्षक उपलब्ध कराए। वर्तमान में जो शिक्षक इन बच्चों को पढ़ाते हैं, उन्हें ही सामान्य बच्चों के लिए भी लगा दिया जाता है, जिससे वे इन पर विशेष ध्यान नहीं दे पाते। ट्रेनिंग के दौरान इन्हें ज्यादा समय देना जरूरी है। सोचिए- मेरा बेटा 13 साल का है। 5वीं में पढ़ता है, लेकिन हिंदी और अंग्रेजी ठीक से न पढ़ पाता है, न लिख पाता है। इसके बाद मेरी बात भोपाल के अवधपुरी स्थित गैलेक्सी सिटी में रहने वाली सीमा से हुई। उनकी 9 साल की बेटी वेदांशी सीवियर कैटेगरी के ऑटिज्म से ग्रसित है। सीमा बताती हैं, ‘जब मेरी बच्ची तीन साल की उम्र तक चलना नहीं शुरू किया, तो डॉक्टर को दिखाया। वहां पता चला कि उसे ऑटिज्म है और यह स्थिति जीवनभर रहेगी। यह सुनते ही मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई।’ वह एक घटना याद करती हैं। कहती हैं, ‘ससुराल में थी। मेरी बेटी खेल रही थी। तभी ताई जी ने तंज कसते हुए कहा- यह पागल है, बाकी बच्चों के साथ खेलने के बजाय अकेले खेलती है।’ इस तरह की बातों से मैं अक्सर टूट जाती थी। बेटी के इलाज के लिए कई जगह भटकी, लेकिन कोई खास सुधार नहीं हुआ। वह रात 2 बजे से पहले सोती नहीं थी, लगातार इधर-उधर भागती है। सीमा कहती हैं, ‘एक दिन बेटी के भविष्य के बारे में सोचते-सोचते मैं बुरी तरह घबरा गई। मन में आया कि हम नहीं रहेंगे तो उसका क्या होगा? उसी बेचैनी में एक ख्याल आया- कहीं उसे किसी अनाथ आश्रम में छोड़ आएं।’ यह बात सीमा कह रही थीं ही उनके पति लक्ष्मण ने टोका। उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता तुम ऐसा क्यों सोच रही हो। हमने तो कभी ऐसा सोचा ही नहीं।’ वह कहते हैं, 'मेरी बेटी ऑटिस्टिक है। आमतौर पर लोग मानसिक रूप से कमजोर बच्चों को पागल कह देते हैं, लेकिन ऑटिस्टिक बच्चों की अपनी एक अलग दुनिया होती है। ये दिमाग से तेज होते हैं, लेकिन हाइपर एक्टिविटी के कारण दूसरे बच्चों के साथ तालमेल नहीं बिठा पाते। सामाजिक रूप से घुल नहीं पाते, इसलिए समाज उन्हें पागल समझ लेता है।' लक्ष्मण कहते हैं, 'दुख बस इतना है कि समाज ऐसे बच्चों को स्वीकार नहीं करता। अगर इन्हें सामान्य बच्चों के साथ सहज रूप से रहने दिया जाए, तो ये बच्चे बेहतर हो सकते हैं। लेकिन लोग अपने बच्चों को ऐसे बच्चों के साथ खेलने नहीं देते।' लक्ष्मण कहते हैं, 'हम दूसरा बच्चा चाहते थे, लेकिन आज भी मुझे अपनी बेटी को एक छोटे बच्चे की तरह ही संभालना पड़ता है। उसे नहलाना, खिलाना, बाथरूम ले जाना- हर काम खुद करना पड़ता है। ऐसे में अगर दूसरा बच्चा होता, तो हम उसे और अपनी बेटी- दोनों को ठीक से नहीं संभाल पाते।' ---------------------------------------- 1- ब्लैकबोर्ड-तलाक हुआ तो अनजान डोनर से स्पर्म लेकर मां बनी:विदेश ले जाकर पति ने घर से निकाला, बिना पति के महिलाओं की कहानियां मेरी चीख सुनकर पड़ोसी जमा हो गए। बिस्तर से उठी तो देखा- मेरी सास ही तौलिए से मेरा मुंह दबा रही थीं। वह जोर-जोर से कह रही थीं- तूने मेरे बेटे को खा लिया। तू मांगलिक है। कुलच्छन है। अब अपने बच्चे को लेकर यहां से भाग जा, नहीं तो तुझे जिंदा नहीं छोड़ूंगी। पूरी खबर यहां पढ़ें 2- ब्लैकबोर्ड- बेटी ने मारा तो घर छोड़ा:बस के नीचे मरने पहुंचे, भाई ने फर्जी साइन से पैसे हड़पे, वृद्धाश्रम में रोज सुबह सोचते हैं- कोई लेने आएगा मेरे बच्चे नहीं हैं। पत्नी की मौत के बाद अकेला हो गया था। मुझे आंख से दिखाई नहीं देता। एक रिश्तेदार के यहां रहने चला गया। वहां बहुत जलील हुआ तो एक दूसरे रिश्तेदार के यहां रहने पहुंचा, लेकिन उन्होंने अपने यहां रखने से साफ मना करा दिया। उस दिन मन में विचार आया कि सब खत्म कर दूं। सोचा कि यमुना में कूद जाऊं। फिर मरने के लिए एक बस डिपो पर गया। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें

दैनिक भास्कर 25 Dec 2025 5:00 am

'जबरन साइन, एक फोटो से पुलिस ने 20 केस बनाए':दिल्ली दंगे के 5 आरोपी बरी, कोर्ट ने कहा- गवाह भरोसेमंद नहीं

‘पुलिसवाले कहते थे गुनाह कबूल कर लो, वर्ना ऐसा केस लगाएंगे कि बरी नहीं हो पाओगे। थाने में बहुत पीटा। तीन महीने जेल में रहा। बाहर आया, तब भी पुलिस ने बहुत परेशान किया। मुझे कभी भी थाने बुला लेते थे, वहां पता चलता कि मेरे ऊपर एक नया केस है।’ यह कहते हुए मोहम्मद खालिद की आवाज भर आती है। खालिद दिल्ली के चांद बाग में रहते हैं। पुलिस ने उन्हें फरवरी 2020 में हुए दंगों के दौरान भजनपुरा में पेट्रोल पंप जलाने के मामले में आरोपी बनाया था। फिर एक के बाद एक 19 केस में उनका नाम शामिल हो गया। 11 दिसंबर को दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट ने खालिद समेत 5 आरोपियों को पेट्रोल पंप वाले केस में बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि पुलिस इनके खिलाफ कोई सबूत नहीं दे पाई। दैनिक भास्कर ने बरी होने के बाद मोहम्मद खालिद, अब्दुल सत्तार और हुनैन से बात की। एक आरोपी आरिफ मीडिया में नहीं आना चाहते और तनवीर अभी दूसरे केस में जेल में है। इन सभी को दिल्ली दंगों के करीब एक साल बाद गिरफ्तार किया गया था। इन पर भजनपुरा पेट्रोल पंप पर हिंसा, आगजनी, तोड़फोड़ और पत्थरबाजी करने के आरोप लगे थे। हमने उनके वकील से पुलिस की कार्रवाई और कोर्ट में चले केस के बारे में जाना। पहले किरदार: मोहम्मद खालिद मोहम्मद खालिद उत्तर-पूर्वी दिल्ली के चांद बाग में सिलाई का काम करते हैं। ये एरिया भी दंगे की चपेट में आया था। 24 फरवरी, 2020 का एक वीडियो है, जिसमें भीड़ पुलिसवालों को घेरकर पत्थर मार रही है। मोहम्मद खालिद को पुलिस ने दिल्ली दंगों के करीब एक साल बाद 11 जनवरी, 2021 को गिरफ्तार किया था। खालिद कहते हैं, ‘मुझे घर से गिरफ्तार किया था। पुलिसवाले पीटते हुए ले गए थे। थाने में भी पीटा। मुझसे बोलते रहे कि मैं आरोप कबूल कर लूं, तो मैं तीन महीने में बाहर निकल जाऊंगा। हिरासत से बाहर आया, तब कुछ दिन बाद फिर थाने बुलाया गया। पुलिस ने मुझसे 50 सादे कागज पर साइन करवाए थे। इसके बाद मेरे ऊपर 19 केस और दर्ज हो गए।’ खालिद अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हैं। वे कहते हैं कि केस की वजह से काम नहीं कर पा रहा हूं। महीने में 15-16 बार कोर्ट जाना पड़ता है। एक बार आने-जाने में 500 रुपए खर्च होते हैं।’ दूसरे किरदार: अब्दुल सत्तार अब्दुल सत्तार चांद बाग में समोसे-कचौरी की दुकान लगाते हैं। सत्तार की कहानी भी खालिद जैसी ही है। वे कहते हैं कि जमानत मिलने के बाद पुलिस ने मुझसे कोरे कागज पर साइन करवा लिए थे। इसके बाद एक-एक करके 20 केस का पता चला। सत्तार कहते हैं, ‘मैंने इससे पहले कभी थाना अंदर से नहीं देखा था। पुलिसवालों ने जैसा कहा, मैंने कर दिया। प्रदर्शन हो रहा था, इसलिए वहां बहुत लोग थे। उनमें मैं भी था। हां, पेट्रोल पंप पर हुई हिंसा के आरोप गलत हैं। मैं उधर गया भी नहीं था। पुलिस वाले जबरन कबूल करने का बोल रहे थे कि मैंने दंगा भड़काया है। हमारे खिलाफ कोई गवाह नहीं है।’ सत्तार आगे कहते हैं, ‘केस की वजह से बहुत परेशान होना पड़ा। महीने में हर केस की हाजिरी के लिए कोर्ट जाता हूं। अभी 19 और केस हैं। ये सभी भजनपुरा इलाके में हुई हिंसा के हैं।’ तीसरे किरदार: हुनैन बरी हुए एक और आरोपी हुनैन चांद बाग में कचौरी की दुकान चलाते हैं। उन्हें दुकान से ही गिरफ्तार किया गया था। वे कहते हैं, ‘जहां प्रदर्शन हो रहा था, मैं उसी जगह खड़ा था। उसकी फोटो के आधार पर मेरे खिलाफ चार्जशीट दायर की गई।’ ‘पुलिस ने बहुत पीटा। वे फोटो दिखाकर कहते थे कि ये तुम्हारी ही है। मैंने उन्हें बताया था कि मैं प्रदर्शन वाली जगह पर खड़ा था। शुरुआत में सिर्फ एक केस था। बाहर आने के बाद मुझसे बहुत सारे खाली पेज पर जबरन साइन करवा लिए। उन्होंने धमकी दी कि साइन करने ही पड़ेंगे।’ हुनैन करीब डेढ़ महीने तक पुलिस हिरासत में रहे। वे कहते हैं कि बाहर आने के बाद कोर्ट से समन आने शुरू हो गए। एक-एक करके हिंसा से जुड़े 20 केस का पता चला। एक ही फोटो के आधार पर पुलिस ने सारे केस बना दिए। हमारे खिलाफ जो गवाह थे, उन्हें खुद नहीं पता था कि वे गवाह हैं। कोर्ट में आने के बाद उन्हें पता चलता कि गवाही देनी है। पेट्रोल पंप पर हमले का पूरा मामला24 फरवरी, 2020 को दिल्ली में कई इलाकों पर नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे। उसी दिन भजनपुरा में हिंसा भड़क गई। लोगों ने एक पेट्रोल पंप पर हमला किया और गाड़ियों में आग लगा दी। 25 फरवरी, 2020 को एक पुलिसवाले की शिकायत पर भजनपुरा थाने में केस दर्ज किया गया। FIR में लिखा कि चांद बाग की तरफ से आए सैकड़ों लोगों ने पेट्रोल पंप में आग लगा दी। भीड़ ने आसपास बाइक, कार, दुकानों और मकानों में भी तोड़फोड़ और आगजनी की। FIR में किसी भी संदिग्ध या आरोपी का नाम नहीं लिखा गया। दंगों के एक साल बाद केस के सिलसिले में जनवरी-फरवरी 2021 में अलग-अलग तारीखों पर खालिद और बाकी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। ये केस 7 मार्च 2020 को भजनपुरा पुलिस स्टेशन में तरुण नाम के एक शख्स की शिकायत पर दर्ज हुआ था। तरुण की शिकायत पर दर्ज FIR में किसी आरोपी का नाम नहीं था। शिकायत में तरुण ने लिखवाया था कि 24 फरवरी, 2020 को दोपहर करीब 1.45 बजे मैं बाइक में पेट्रोल डलवाने भजनपुरा पेट्रोल पंप पर गया था। उसी वक्त चांद बाग की तरफ से पथराव होने लगा। कुछ लड़के लाठी-डंडे लेकर पंप की तरफ आए। वे CAA/NRC के विरोध में नारे लगा रहे थे। उन्होंने गाड़ियों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी। मेरी बाइक भी जला दी। मुझे लाठी-डंडों से पीटा। मेरे सिर, पैर और हाथ में चोट लगी। मैं वहीं बेहोश हो गया। होश आया तो पिताजी मुझे सेंट स्टीफन अस्पताल ले जा रहे थे। दंगों के डेढ़ साल से ज्यादा समय बाद, 2 दिसंबर 2021 को तरुण ने भजनपुरा थाने में आरोपियों की पहचान की। उसने पुलिस को बयान दिया, ‘मैं अपने केस में मुआवजा न मिलने की वजह पूछने थाने आया था। वहां पांच लोगों से पुलिस बात कर रही थी। ये पांचों लोग मेरे साथ मारपीट करने में शामिल थे।’ ट्रायल के दौरान तरुण ने कहा कि मैं किसी आरोपी को न तो पहचान सकता हूं और न इनकार कर सकता हूं क्योंकि मुझे उनके चेहरे याद नहीं हैं। दिल्ली पुलिस ने इस केस को साबित करने के लिए तरुण समेत कुल 16 गवाहों को शामिल किया था। हालांकि, ट्रायल के दौरान गवाहों के बयान विरोधाभासी पाए गए। कोर्ट ने कहा- केस सिर्फ तीन गवाहों पर टिका, दो भरोसेमंद नहीं11 दिसंबर को कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज प्रवीण सिंह ने फैसले के दौरान पुलिस की जांच पर कई सवाल उठाए। इस मामले में गवाह बनाए गए तीन पुलिसवालों ने शुरुआती जांच में आरोपियों को पहचानने की बात कही थी। क्रॉस एग्जामिनेशन में उन्होंने आरोपियों को पहचानने से इनकार कर दिया। जज ने कहा कि ये पूरा केस तीन गवाहों पर टिका हुआ है। इनमें से दो पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि दोनों घटना के वक्त पुलिस स्टेशन से दूसरी जगह (नूर-ए-इलाही) के लिए निकले थे। कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने मैकेनिकल तरीके से केस की जांच की है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि पहली गिरफ्तारी वाले केस को सॉल्व करने के लिए आरोपियों को इस मामले में झूठा फंसाया गया। जांच अधिकारी ने जली बाइक की पहचान करने की भी कोशिश नहीं की। इससे कम से कम ये साबित होता कि शिकायत करने वाले की बाइक जलाई गई है। हमने नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के DCP आशीष मिश्रा को ई-मेल के जरिए भजनपुरा केस से जुड़े सवाल भेजे हैं। उनकी तरफ से जवाब नहीं मिला है। जवाब आने पर रिपोर्ट में अपडेट करेंगे। वकील बोले- पुलिस की जांच हास्यास्पदआरोपियों की तरफ से केस लड़ रहे सीनियर वकील अब्दुल गफ्फार बताते हैं कि कोर्ट ने इस मामले में साफ कहा है कि गवाहों के बयान भरोसा करने लायक नहीं हैं। उनमें काफी विरोधाभास हैं। गफ्फार कहते हैं, ‘पुलिस की जांच हास्यास्पद है। जांच अधिकारी ने जनवरी 2021 में सबसे पहले इन पांचों आरोपियों को FIR नंबर-62 में गिरफ्तार किया था। उसी अधिकारी ने आरोपियों को जून और दिसंबर में गिरफ्तार किया। मजेदार है कि इस केस में गवाह भी वही हैं, जो पहले केस में हैं। घटना वाली जगह से पुलिस कोई सबूत तक नहीं जुटा पाई। ’ पेट्रोल पंप के कर्मचारी ने बयान दिया था कि हंगामे और हिंसा की आशंका की वजह से सुबह 11:30 बजे ही पंप पर पेट्रोल देना बंद कर दिया था। वहीं तरुण ने बताया था कि वे पेट्रोल लेने के लिए दोपहर 1.45 बजे लाइन में लगे थे। उसे किसी और जगह चोट लगी थी। 'पुलिस ने गलत तरीके से कहानी बनाई थी। इसके अलावा तरुण की मेडिकल रिपोर्ट कहती है कि पिता ने उसे एडमिट करवाया। वहीं, डिस्चार्ज समरी बताती है कि उसे पुलिसवाले अस्पताल लेकर आए। चोट किस तरह की है, इसे साबित करने के लिए पुलिस ने डॉक्टर से बात नहीं की।’ गफ्फार कहते हैं, ‘भजनपुरा में तब जितनी भी हिंसा या आगजनी की घटनाएं हुईं, पुलिस ने सारे केस में इन लोगों का नाम जोड़ दिया। 17 केस इन सभी आरोपियों के खिलाफ हैं। बाकी कुछ के खिलाफ एक या दो केस ज्यादा भी हैं।’ अब्दुल गफ्फार दिल्ली दंगों से जुड़े करीब 100 केस देख रहे हैं। वे कहते हैं कि ज्यादातर मामलों में दिल्ली पुलिस ने सही तरीके से जांच नहीं की है। जो सबूत जुटाए जा सकते थे, वे नहीं जुटाए गए। मैं 100 केस देख रहा हूं, इनमें लगभग 40 में फैसला आ चुका है।’ गफ्फार कहते हैं, ‘कुछ केस में पुलिस के सबूत भरोसेमंद नहीं थे, कुछ मामलों में पुलिस की चार्जशीट को कोर्ट ने इस लायक नहीं समझा कि उस पर ट्रायल किया जाए। ऐसे में लोगों को ट्रायल से पहले ही डिस्चार्ज कर दिया गया। मर्डर जैसे मामलों में कोर्ट ने आरोपियों को डिस्चार्ज किया है। ऐसे केस में भी पुलिस पूरी तरह फेल रही।’ दंगों के 6 साल, आरोपी लगातार बरी हो रहेये पहली बार नहीं है, जब दिल्ली दंगों से जुड़े केस में लोग बरी या डिस्चार्ज हुए हों। खजूरी इलाके में एक ऑटो ड्राइवर की मौत से जुड़े मामले में कोर्ट ने 18 मार्च, 2025 को 11 आरोपियों को डिस्चार्ज कर दिया था। पुलिस की चार्जशीट फाइल होने के बाद भी कोर्ट को इन लोगों के खिलाफ केस चलाने के लिए सबूत नहीं मिले। फैसला सुनाते हुए जज पुलस्त्य प्रमाचला ने कहा था कि ये लोग विक्टिम की मदद करने आए थे। इसी तरीके से सुदामापुरी इलाके में मौजूद अजीजिया मस्जिद के पास हुई हिंसा मामले में भी 6 लोगों को अगस्त में बरी कर दिया गया। फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ झूठा मामला गढ़ा। पुलिस की चार्जशीट में कई बयान विरोधाभासी थे।

दैनिक भास्कर 25 Dec 2025 4:59 am

DNA: बांग्लादेश में नफरत की नई नर्सरी, स्कूलों में पढ़ाया जा रहा भारत-विरोध? क्या मानव संतानों को भूल गए यूनुस

DNA on latest situation in Bangladesh: दुनिया के आगे कटोरा फैला-फैला कर भद्द पिटवा चुका पाकिस्तान अब कंगलू बांग्लादेश के साथ सीक्रेट डील की कोशिश में हैं. इसमें उसकी मदद वहां फैल रही नफरत की नई नर्सरी भी कर रही है.

ज़ी न्यूज़ 25 Dec 2025 12:06 am

DNA: क्या बांग्लादेश में शेख हसीना की वापसी होने वाली है? मोहम्मद यूनुस को अचानक क्यों आने लगे पसीने

DNA in Hindi on Sheikh Hasina: क्या शेख हसीना की बांग्लादेश में वापसी होने जा रही है. वहां पर अचानक ऐसा क्या हो गया है कि मोहम्मद यूनुस के चेहरे की हवाइयां उड़ने लगी हैं और उन्हें अपने सारे किए कराये पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

ज़ी न्यूज़ 25 Dec 2025 12:03 am

DNA: हादी की हत्या, हिंदुओं पर हमला अब बम धमाका... अगले 24 घंटे में फिर जलेगा बांग्लादेश? इन संभावनाओं पर अटकी सुई

Bangladesh Attack: बांग्लादेश इन दिनों राजनीतिक उथल-पुथल और हिंसा से जूझ रहा है. आज शाम क्रिसमस से एक दिन पहले वहां बड़ा बम धमाका हुआ. कयास लगाए जा रहे हैं कि अगले 24 घंटे में बांग्लादेश में कुछ बड़ा होने वाला है.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 11:52 pm

बांग्लादेश नेतृत्व भारत के साथ खराब रिश्ते रखने का रिस्क नहीं उठा सकता : केपी फेबियन

बांग्लादेश हिंसा और अराजकता के बीच सुरक्षा की दृष्टि से भारत ने बांग्लादेश के लिए वीजा सेवा सस्पेंड कर दी

देशबन्धु 24 Dec 2025 10:41 pm

बांग्लादेश में बड़ा बम धमाका, तेज विस्फोट से गूंजा ढाका, 1 गंभीर रूप से घायल

Bangladesh Blast:बांग्लादेश के ढाका स्थित मोघ बाजार में भीषण धमाका होने की खबर सामने आई है. इस बम धमाके में एक शख्स गंभीर रूप से घायल हो गया है. यह घटना बीते कुछ दिनों से वहां चल रही हिंसा के बाद देखने को मिली है.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 8:14 pm

'जिस देश में शर्म नहीं है, उसे शर्मिंदा नहीं किया जा सकता...,' ऑक्सफोर्ड में छाया भारतीय छात्र, भरी सभा में PAK को यूं किया बेनकाब

Viransh Bhanushali Oxford Union Debate: भारतीय छात्र वीरांश भानुशाली ब्रिटेन के प्रतिष्ठित ऑक्सफोर्ड यूनियन में भारत-पाकिस्तान से जुड़े डिबेट में अपने भाषण को लेकर इंटरनेट पर वायरल हो रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 7:28 pm

H-1B Visa: लॉटरी से एच-1बी वीजा खत्म करने जा रहे हैं ट्रंप! हजारों भारतीय प्रोफेशनल्स का टूटेगा सपना, जानें कैसे

H1B Visa Lottery System News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर भारत को झटका देने जा रहे हैं. वे लॉटरी के जरिए जारी होने वाले H-1B वीजा सिस्टम को खत्म करने जा रहे हैं. इस बदलाव से सीधे तौर पर भारतीयों को बड़ा झटका लगना तय माना जा रहा है.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 5:05 pm

चीन का 'प्लान 2049', भारत के अरुणाचल पर नजर, सैन्य ताकत से कब्जे की तैयारी? पेंटागन की रिपोर्ट में खुलासा

China claim on Arunachal Pradesh: धोखेबाज चीन एक बार फिर 1962 वाली साजिश रच रहा है. तब उसके निशाने पर अक्साई चिन था, अब उसके निशाने पर अरुणाचल प्रदेश है. इसके लिए उसने टाइमलाइन भी सेट कर ली है.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 4:14 pm

क्या है ऑपरेशन डेविल हंट-2? बांग्लादेश में फिर से शुरू, 24 घंटे में 663 लोग गिरफ्तार; चुनाव से पहले पूरे देश में मचा हाहाकार

Operation Devil Hunt Phase-2 In Bangladesh:बांग्लादेश में इन दिनों पुलिस का एक बड़ा ऑपरेशन चल रहा है, नाम है ऑपरेशन डेविल हंट फेज-2. ये कोई नया नहीं है, बल्कि पहले वाले ऑपरेशन का दूसरा दौर है. इसका मकसद है अवैध हथियारों पर रोक लगाना, अपराधियों को पकड़ना और देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखना. जानें इसकी पूरी कहानी.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 3:17 pm

दो देशों की लड़ाई भगवान पर आई! क्या थाई सेना ने विष्णु जी की मूर्ति बुलडोजर से गिराई? लोगों का फूटा गुस्सा

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद एक नए लेवल तक पहुंच गया है.आरोप है कि कंबोडिया बॉर्डर के करीब थाई सेना ने विष्णु भगवान की मूर्ति पर बुलडोजर चलवा दिया. मूर्ति गिराने का वीडियो वायरल है.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 3:16 pm

'चुनाव में देरी के लिए कराई हत्या', हादी के भाई उमर का यूनुस सरकार पर बड़ा आरोप, अब सरकार गिराने की तैयारी!

Yunus govt KilledOsman Hadi:बांग्लादेश में इस समय जो हालात हैं, वह दुनिया के लिए गहरी चिंता का विषय है. चुनाव शेड्यूल के ऐलान के बाद से राजनीतिक हिंसा में भी तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है. हाल ही में ढाका-8 से निर्दलीय उम्मीदवार और इकबाल मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी को दिनदहाड़े गोली मार दी गई. इस घटना में उनकी मौत हो गई.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 2:58 pm

बोंडी बीच हमले के 'फर्स्ट रिस्पोंडर्स' और नायकों के सम्मान में ऑस्ट्रेलिया शुरू करेगा नया पुरस्कार, बोले- प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने कहा है कि उन्होंने गवर्नर-जनरल से अनुरोध किया है कि बोंडी बीच में हुए आतंकी हमले के बाद लोगों की जान बचाने वाले पहले फर्स्ट रिस्पॉन्डर्स और अन्य नायकों के लिए एक विशेष सम्मान सूची बनाई जाए. ऑस्ट्रेलियाई प्रसारण निगम (एबीसी) के अनुसार, इन लोगों के नाम वर्ष 2026 में घोषित किए जाएंगे.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 2:50 pm

25 दिसंबर को बांग्लादेश में बहुत बड़ा होने वाला है? 20 लाख लोगों की भीड़, एयरपोर्ट से गलियों तक हाई अलर्ट क्यों; जानिए पूरी डिटेल

Tarique Rahman Return Bangladesh after 17 years in exile: बांग्लादेश में हंगामा मचा है. इसी बीच अमेरिकी एडवाइजरी जारी की गई है. जर्मनी ने अपना दूतावास 24 दिसंबर और 25 दिसंबर को बंद करने का आदेश दिया है. जानें आखिर 25 दिसंबर को बांग्लादेश में क्या बहुत बड़ा होने वाला है?

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 1:03 pm

कनाडा में भारतीय महिला का कत्ल, पार्टनर पर गई शक की सुई; इंडियन एंबेसी ने कही ये बात

Canada News: कनाडा में भारतीय महिला हिमांशी खुराना की हत्या कर दी. जिसकी वजह से दहशत का माहौल है, मामले को लेकर पुलिस ने संदिग्ध की गिरफ्तारी के लिए पूरे देश में वारंट जारी किया है.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 12:30 pm

H-1B वीजा के नियमों में बड़ा बदलाव, लॉटरी सिस्टम खत्म, अब ज्यादा स्किल-ज्यादा वेतन वालों को प्राथमिकता

अभी तक एच1-बी वीजा के लिए रैंडम लॉटरी सिस्टम लागू था, लेकिन अब इसे खत्म कर दिया गया है। इसकी जगह 'वेटेड सेलेक्शन प्रोसेस' लागू किया जाएगा।

देशबन्धु 24 Dec 2025 11:45 am

ट्रंप की दादागिरी फेल! सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को लगा दिया जोरदार 'थप्पड़'!, इलिनोइस में हुई लोकतंत्र की जीत?

US Supreme Court rejects Trump military deployment:अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने 6-3 फैसले से ट्रंप प्रशासन की इलिनोइस में नेशनल गार्ड तैनाती की कोशिश को रोक दिया है. इलिनोइस गवर्नर जेबी प्रित्जकर ने इसे अमेरिकी लोकतंत्र की बड़ी जीत बताया है. जानें पूरी बात.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 11:19 am

अमेरिकी सांसदों ने यूनुस सरकार को लिखा पत्र, निष्पक्ष चुनाव को लेकर चेतावनी दी

अमेरिका के कुछ प्रभावशाली सांसदों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को चेतावनी दी है कि अगर फरवरी में होने वाले चुनावों से पहले राजनीतिक दलों की भागीदारी पर रोक लगाई गई, तो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना संभव नहीं होगा

देशबन्धु 24 Dec 2025 11:15 am

'खाने के पड़े लाले तो सुधारने लगे रिश्ते...', भारत से 50,000 टन चावल खरीदेगा बांग्लादेश, क्यों लिया फैसला?

Bangladesh News: बांग्लादेश में हुई हिंदू युवक की हत्या के बाद हालात खराब हो गए हैं, इसी बीच अंतरिम सरकार के फाइनेंस एडवाइजर सालेहुद्दीन अहमद ने रिश्ते सुधारने की पहल की है.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 10:58 am

जुल्म खौफ और पलायन... बांग्लादेश में तेजी से घट रही हिंदू आबादी के क्या हैं कारण? 90 फीसद से ज्यादा हुए मुस्लिम

Bangladesh Population: बांग्लादेश में हिंदुओं पर जुल्म से सारी दुनिया वाकिफ है, इसी वजह से वहां लगातार हिंदुओं की तादाद कम होती जा रही है. इस खबर में हम आपको बांग्लादेश की आजादी से लेकर अब तक के आंकड़े बताने जा रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 10:55 am

अमेरिकी कोर्ट से ट्रंप प्रशासन को बड़ा झटका, इलिनोइस में नेशनल गार्ड की तैनाती पर लगाई रोक

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेशनल गार्ड को इलिनोइस राज्य में भेजने से रोक दिया है, जिससे प्रशासन को झटका लगा है

देशबन्धु 24 Dec 2025 10:45 am

बांग्लादेश में बवाल के बीच अमेरिकी सांसदों ने लिखा यूनुस को लेटर, चुनाव को लेकर दी बड़ी चेतावनी

Bangladesh News: बांग्लादेश के हालात इस समय खराब हो गए हैं, इसी बीच अमेरिका के कुछ प्रभावशाली सांसदों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चेतावनी दी है.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 10:00 am

दु‌निया में वह जगह जिसे कहा जाता है 'पैगंबरों का शहर', जहां 3 धर्म एक साथ मिलते हैं! 11,500 साल पुराने रहस्य से दुनिया भी हैरान!

The city of prophets Sanlıurfa:तुर्की के दक्षिण-पूर्व में स्थित सानलिउरफाशहर को “पैगंबरों का शहर” कहा जाता है. यहां इस्लाम, यहूदी और ईसाई धर्म के पैगंबरों की यादें जुड़ी हुई हैं. यह जगह सदियों पुरानी है और अलग-अलग सभ्यताओं का गवाह रही है. जानें क्या है इसकी कहानी.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 9:16 am

पेंसिल्वेनिया के सिल्वर लेक नर्सिंग होम में विस्फोट, आग और धुएं से मची अफरा-तफरी; मलबे में फंसे लोगों का रेस्क्यू जारी

Pennsylvania Nursing Home Explosion: अमेरिका के पेंसिल्वेनिया राज्य के ब्रिस्टल टाउनशिप में मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे एक नर्सिंग होम में बड़ा धमाका हो गया. यह हादसा सिल्वर लेक नर्सिंग होम में हुआ. यह फिलाडेल्फिया से करीब 30 मिनट की दूरी पर है. धमाके के बाद इमारत में आग लग गई और कई लोग अंदर फंस गए.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 7:03 am

नेपाल: जेन-जी विरोध प्रदर्शन मामले में पूर्व गृहमंत्री तलब, ओली से भी पूछताछ की तैयारी

नेपाल में जेन जी विरोध प्रदर्शनों की जांच कर रहे आयोग ने पूर्व गृहमंत्री को तलब किया है

देशबन्धु 24 Dec 2025 6:39 am

हादसा या साजिश! तुर्किये में बड़ा विमान हादसा, लीबिया के आर्मी चीफ समेत 5 लोगों की मौत

Turkiye News: तुर्किये की राजधानी अंकारा में एक बड़ा प्लेन हादसा हो गया, जिसकी वजह से लीबिया के आर्मी चीफ ऑफ स्टाफ, मोहम्मद अली अहमद अल-हद्दाद और चार अन्य लोगों की जान चली गई.

ज़ी न्यूज़ 24 Dec 2025 6:21 am

‘बेटे को मारकर जलाया, अब धमकी- घर छोड़ दो’:बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या, परिवार बोला- सरकार ने मरने के लिए छोड़ा

बांग्लादेश की राजधानी ढाका से करीब 80 किलोमीटर दूर, खेतों के बीच दो कच्चे घर बने हैं। इन्हीं में से एक 25 साल के दीपू चंद्र दास का है। 18 दिसंबर की रात दीपू को भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर मार डाला। इसके बाद उसकी डेडबॉडी जला दी गई। दीपू के परिवार को न सुरक्षा मिली, न गांव से कोई दिलासा। उल्टा, उसके एक रिश्तेदार को बाजार में भीड़ ने पीट दिया। अब परिवार को धमकी मिल रही है कि घर छोड़कर चले जाओ। डर की वजह से दीपू के परिवार ने घर की दीवार पर एक पोस्टर चिपका दिया है। उस पर लिखा है-‘ईशनिंदा के आरोप झूठे हैं।’ दैनिक भास्कर के सहयोगी अमानुर रहमान ने दीपू के माता-पिता से बात की। पहले पढ़िए मां शेफाली रानी की बात… सवाल: दीपू से आखिरी बार कब और क्या बात हुई थी, उनकी हत्या के बारे में कैसे पता चला?जवाब: दीपू कपड़े की फैक्ट्री में ढाई साल से काम कर रहा था। सुबह 5 बजे मैंने उससे बोला कि घर में खाने के लिए कुछ नहीं है। दीपू बोला कि शाम को लौटते हुए चावल लेकर आऊंगा। इसके बाद वो काम पर चला गया। शाम को हमने फेसबुक पर एक वीडियो देखा। लोग दीपू को पीट रहे थे। उसे पेड़ से लटका दिया। कुछ देर बाद दीपू के एक दोस्त को फोन आया। उसने बताया कि फैक्ट्री के अंदर क्या हुआ है। सवाल: दीपू की हत्या किसने की है, आपको क्या पता चला?जवाब: पहले उसकी फैक्ट्री के लोगों ने ही पीटा, फिर भीड़ के हवाले कर दिया। सोचिए कोई ऐसा कैसे कर सकता है। सवाल: दीपू को पहले कभी फैक्ट्री में किसी ने धमकी दी थी?जवाब: नहीं, दीपू बहुत ही सुलझा हुआ लड़का था। वो किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। इस तरह के लड़ाई-झगड़े से दूर रहता था। अगर ऐसी कोई बात होती तो मुझे, या अपने पापा को या पत्नी को तो बताता। उसने कभी कुछ नहीं कहा। सवाल: क्या आपको सरकार की तरफ से कोई मदद मिली है, कोई लीडर आपके घर आया?जवाब: कोई नहीं आया। मदद की बात छोड़़िए, लोग हमसे बात भी नहीं कर रहे। सवाल: क्या दीपू की हत्या के बाद परिवार को सुरक्षा मिली है?जवाब: नहीं। दीपू को जिस दिन मार दिया, उसी दिन मेरे भतीजे को भीड़ ने बाजार में पीटा। बेटा तो चला ही गया, अब हम खौफ में जी रहे हैं। सरकार ने हमें मरने के लिए छोड़ दिया है। रबी लाल चंद्र दास, दीपू के पिता सवाल: आपको दीपू की हत्या के बारे में कैसे पता चला?जवाब: मुझे दीपू के दोस्त से पता चला। उसने फेसबुक पर दीपू का वीडियो देखा था। उसने बताया कि दीपू की हालत ठीक नहीं है। पुलिस स्टेशन चले जाओ और साथ में किसी नेता को ले जाना। दीपू की फैक्ट्री भालुका में है। हम थाने पहुंचे, तो पुलिस अधिकारी ने कहा कि ये भालुका थाने का मामला नहीं है। वो दूसरी जगह है, जल्दी जाओ। हम दूसरे पुलिस स्टेशन पहुंचते, तब तक दीपू के दोस्त का फोन आ गया कि दीपू अब नहीं रहा। सवाल: क्या पुलिस ने सही कार्रवाई की?जवाब: हर किसी को पुलिस का काम से खुश ही रहना पड़ता है। वे जो भी कर रहे हैं, मैं उससे संतुष्ट हूं। सवाल: आपके बेटे पर लगा ईशनिंदा का आरोप सही है?जवाब: मैं नहीं जानता कि ये सही है या नहीं। मुझे भरोसा है कि मेरा बेटा ऐसा कुछ नहीं कर सकता। सवाल: क्या शेख हसीना की सरकार में ज्यादा सुरक्षित माहौल था?जवाब: मेरे बेटे को मार दिया है। अगर वो जिंदा होता, तो मैं कह सकता था कि ये शेख हसीना से बेहतर सरकार है, लेकिन मेरा बेटा जिंदा नहीं है। सवाल: बेटे की मौत के लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं?जवाब: मैं किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराना चाहता। सवाल: इस माहौल में परिवार को कितना सुरक्षित पाते हैं?जवाब: हमें धमकियां मिल रही हैं। कुछ लोग आए थे, बोले कि तुम्हें यहां नहीं रहने देंगे। सवाल: क्या किसी हिंदू संगठन ने आपकी मदद की है?जवाब: हां, मदद मिली है। मैं उनके नाम तो नहीं जानता, लेकिन कई लोगों ने मुझे फोन किया। सवाल: अगर भारत सरकार आपको शरण देती है, तो क्या जाएंगे?जवाब: अगर शरण मिलती है, तो जरूर जाएंगे। भाई बोले- यहां हर रोज हिंदुओं को मारा जा रहादीपू के भाई कार्तिक दास दैनिक भास्कर से कहते हैं कि अगर मेरे भाई ने कुछ गलत किया होता, तो उसका कोई वीडियो जरूर होता। कोई वीडियो नहीं है। आजकल तो हर जगह स्मार्टफोन हैं, बच्चों तक के पास मोबाइल होते हैं, ऐसे में किसी तरह का सबूत न होना शक पैदा करता है। मेरे भाई पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं। उसे जानबूझकर मारा गया। ऐसा बांग्लादेश के कई हिस्सों में लगातार हो रहा है। हर दिन हिंदुओं की हत्या हो रही है। सरकार बोली- देश में ऐसी हिंसा के लिए जगह नहींदीपू मेमनसिंह जिले के भालुका में टैक्सटाइल कंपनी पायनियर निटवेयर्स में काम करते थे। सोर्स बताते हैं कि फैक्ट्री में अफवाह फैली कि दीपू ने ईशनिंदा की है। फैक्ट्री के बाहर भी ये खबर पहुंच गई। रात करीब 9 बजे तक फैक्ट्री के बाहर भीड़ इकट्ठा हो गई। कुछ वीडियो सामने आए हैं, जिनमें दीपू पुलिस की कस्टडी में दिख रहा है। आरोप है कि पुलिसवालों ने ही उसे भीड़ को सौंप दिया। भीड़ उसे खींच कर ले गई। लात, घूंसों और डंडों से उसे पीटना शुरू कर दिया। उसके कपड़े फाड़ दिए। इसी दौरान दीपू की मौत हो गई, तो उसके गले में रस्सी का फंदा डालकर डेडबॉडी सड़क किनारे पेड़ से लटका दी। फिर उसमें आग लगा दी। हालांकि, भालुका पुलिस स्टेशन के ड्यूटी ऑफिसर रिपन मियां के मुताबिक, पुलिस मौके पर पहुंचती, तब तक दीपू की मौत हो गई थी। भीड़ भी जा चुकी थी। दीपू चंद्र दास की हत्या पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा है कि नए बांग्लादेश में ऐसी हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। रैपिड एक्शन बटालियन ने इस मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम मोहम्मद लिमन सरकार, मोहम्मद तारिक हुसैन, मोहम्मद माणिक मिया, इरशाद अली, निजुमउद्दीन, आलमगीर हुसैन और मोहम्मद मिराज हुसैन अकौन हैं। सरकार भले नए बांग्लादेश की बात कर रही है, लेकिन दीपू के छोटे से घर में सन्नाटा पसरा है। घर में दीपू की मां, पिता के अलावा दो भाई हैं। एक भाई वर्कशॉप में काम करता है और दूसरा 8वीं में पढ़ रहा है। पिता मजदूरी करते हैं। पड़ोसी अब दीपू के परिवार से बात नहीं करना चाहते। स्टूडेंट लीडर उस्मान हादी की हत्या के बाद हिंसा भड़कीदीपू चंद्र की हत्या जिस वक्त हुई, उसी दौरान बांग्लादेश में हिंसा भड़की हुई थी। इंकिलाब मंच के लीडर 32 साल के शरीफ उस्मान बिन हादी की मौत के बाद से राजधानी ढाका समेत 4 शहरों में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई हैं। उस्मान हादी अगस्त 2024 में शेख हसीना सरकार के विरोध में हुए छात्र आंदोलन के लीडर थे। वे शेख हसीना और भारत विरोधी माने जाते थे। 12 दिसंबर को उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान गोली मार दी गई थी। यूनुस सरकार ने उन्हें इलाज के लिए सिंगापुर भेजा था, लेकिन 18 दिसंबर को हादी की मौत हो गई। इससे भड़की भीड़ ने बांग्लादेश के दो बड़े अखबारों द डेली स्टार और प्रोथोम आलो के ऑफिस में आग लगा दी। आरोप है कि हादी के समर्थक इलियास हुसैन ने फेसबुक पोस्ट के जरिए लोगों से राजबाग एरिया में इकट्ठा होने के लिए कहा था। बांग्ला अखबार प्रथोमो आलो और अंग्रेजी अखबार द डेली स्टार के दफ्तर इसी जगह हैं। उस्मान हादी अपनी तकरीरों में प्रोथोम आलो और द डेली स्टार अखबार की आलोचना करते थे। उन्हें हिंदुओं का पक्षधर बताते थे और इन अखबारों के सेक्युलर होने पर आलोचना करते थे। मीडिया हाउस के ऑफिसों में आग लगाने के अलावा भीड़ ने ढाका के धनमंडी में पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान के पहले ही ढहाए जा चुके घर में भी तोड़फोड़ की। भीड़ घर के बचे हिस्से गिराने की कोशिश करती दिखी। प्रदर्शनकारियों ने चट्टोग्राम में सहायक भारतीय उच्चायुक्त के घर पर पत्थर फेंके। हालांकि कोई नुकसान नहीं हुआ। हिंदू नेता बोले- घर से निकलने में डर लग रहाबांग्लादेश की कुल आबादी 16.5 करोड़ में करीब 1.31 करोड़ यानी 8% हिंदू हैं। अगस्त, 2024 में प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं। सत्ता से हटने के बाद शेख हसीना बांग्लादेश से भारत आ गई थीं। अब हालत ऐसी है कि हिंदू समुदाय के लोग घरों के बाहर निकलने से डर रहे हैं। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल के महासचिव महिंद्र कुमार नाथ कहते हैं, ‘हिंदू युवक की हत्या बांग्लादेश में बन रहे माहौल को दिखाती है। यहां पहले भी ईशनिंदा का बहाना बनाकर हत्याएं की गईं हैं।’ ‘बांग्लादेश में कट्टरपंथी हावी हो रहे हैं। वे दूसरे समुदाय के लोगों को अपने आसपास नहीं देखना चाहते। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों को निशाना बनाना और उनकी हत्याएं आम बात हो गई है।’ महिंद्र कहते हैं, ‘बांग्लादेश का माहौल अब अल्पसंख्यकों के लिए मुश्किल हो गया है। आपके साथ, कब क्या बुरा हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता। हिंदू नेताओं के घरों पर हमले किए जा रहे हैं। उदारवादी मुस्लिमों पर भी हमले हो रहे हैं। मौजूदा वक्त हसीना सरकार के वक्त से भी ज्यादा खराब है।’

दैनिक भास्कर 24 Dec 2025 5:03 am

अतुल को सुसाइड के लिए उकसाने वालों को सजा कब:भाई बोले- एक साल से अस्थियां घर में रखीं, कहा था गटर में बहा देना

‘मेरा अस्थि विसर्जन तब तक नहीं होना चाहिए, जब तक कि दोषियों को सजा न मिल जाए। अगर इतने सबूत होने के बाद भी कोर्ट दोषियों को बरी कर देता है, तो मेरी अस्थियों को कोर्ट के बाहर किसी गटर में बहा देना चाहिए, ताकि मैं ये जान जाऊं कि इस देश में किसी जिंदगी की क्या कीमत है।’ ये बेंगलुरु के AI इंजीनियर अतुल सुभाष की आखिरी इच्छा थी। 34 साल के अतुल ने 9 दिसंबर, 2024 को 24 पेज का सुसाइड लेटर लिखा, 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो बनाया और घर में ही फांसी लगा ली। उन्होंने पत्नी निकिता सिंघानिया और उनकी फैमिली पर परेशान करने, पैसे वसूलने का आरोप लगाया था। एक साल हो गया, अतुल सुभाष की अस्थियां अब भी घर में रखी हैं। निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा और भाई अनुराग जमानत पर बाहर हैं। निकिता पहले दिल्ली में काम करती थीं, अब हरियाणा की टेक कंपनी में नौकरी कर रही हैं। अतुल ने जौनपुर फैमिली कोर्ट की एक महिला जज पर भी आरोप लगाया था। उनका ट्रांसफर और प्रमोशन हो चुका है। हालांकि, अतुल के केस की चार्जशीट दाखिल होने के बावजूद केस में पहली सुनवाई नहीं हुई है। एक साल बाद 4 सवाल बाकी…1. अतुल सुभाष केस में सबूत होने के बावजूद आरोपियों को जमानत कैसे मिली?2. जिस चार्जशीट को 90 दिन में पेश किया जाना था, उसे दाखिल होने में 11 महीने क्यों लगे?3. मामले की सुनवाई क्यों शुरू नहीं हो पा रही है?4. अतुल के बेटे की कस्टडी किसे मिलेगी? इन सवालों के जवाब जानने के लिए हमने अतुल-निकिता की फैमिली और उनके वकीलों से बात की। ‘सुसाइड, सबूत के बावजूद कोर्ट ने कहा- एक साल बाद सुनवाई करेंगे’अतुल के छोटे भाई विकास मोदी दिल्ली में नौकरी कर रहे हैं। माता-पिता बिहार में हैं। अतुल के सुसाइड केस पर विकास कहते हैं, ‘भैया की मौत 9 दिसंबर 2024 को हुई थी। पुलिस उसके आरोपियों को एक हफ्ते तक पकड़ नहीं पाई। 15 दिसंबर को निकिता और उसके घरवालों को गिरफ्तार किया गया। 4 जनवरी को उन्हें जमानत मिल गई। बेंगलुरु से लेकर यूपी तक इस केस की जांच चलती रही, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई।’ ‘नियम के मुताबिक, 90 दिन के अंदर चार्जशीट दाखिल हो जानी चाहिए थी, लेकिन इस केस में 11 महीने बाद 6 नवंबर, 2025 को दायर की गई। अगले दिन सबसे अजीब बात हुई। बेंगलुरु की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने केस की पहली सुनवाई की तारीख सीधे 20 नवंबर, 2026 रख दी। यानी अतुल के मौत के करीब दो साल बाद।’ ‘ये बहुत बड़ा गैप था। हमने विरोध किया। सोशल मीडिया पर लोगों ने इस फैसले पर हैरानी जताई। विवाद बढ़ा तो बेंगलुरु कोर्ट ने सुनवाई की नई तारीख मार्च, 2026 तय कर दी। ये भी काफी लंबा वक्त था। हमने सोशल मीडिया पर विरोध जारी रखा। इसके बाद कोर्ट ने 5 दिसंबर, 2025 को पहली सुनवाई की तारीख तय कर दी।’ विकास आगे कहते हैं, ‘अतुल के लिए मम्मी-पापा और मैंने बिहार से बेंगलुरु और फिर जौनपुर तक लड़ाई लड़ी। 5 दिसंबर को हम कोर्ट पहुंचे, तो पता चला कि निकिता और उसका परिवार पेशी पर नहीं आया है। इसलिए सुनवाई नहीं हो पाएगी।’ ‘अतुल ने अपने सुसाइड वीडियो में कहा था कि निकिता कोर्ट आती थी, तो उसे अपने बेटे को देखने तक नहीं देती थी। मेरे मरने के बाद निकिता बच्चे को मोहरा बनाकर ये केस लड़ेगी। आखिरकार, अतुल की बात सच साबित हुई। निकिता के वकील ने कोर्ट को बताया कि बच्चे का एग्जाम है, इसलिए वो सुनवाई में नहीं आ सकती। कोर्ट ने उसकी मांग मानते हुए सुनवाई टाल दी।’ विकास आगे कहते हैं, ‘मैंने सवाल उठाया कि अगर आरोपी नंबर 1 नहीं आ सकती, तो आरोपी नंबर दो (निशा सिंघानिया) और आरोपी नंबर तीन (अनुराग सिंघानिया) क्यों हाजिर नहीं हुए। आरोपी पक्ष के वकील के पास इसका जवाब नहीं था। बावजूद इसके केस की सुनवाई जनवरी 2026 तक टाल दी गई है।’ केस की तारीखें बढ़ने से परेशान विकास मोदी कहते हैं, ‘मेरा भाई सुसाइड नोट में एक-एक सबूत और वीडियो देकर गया है। उन चीजों की जांच क्यों नहीं हुई। अगर जांच हुई भी है, तो उसे क्यों गुपचुप तरीके से बंद कर दिया गया। सच लोगों के सामने क्यों नहीं लाया गया।’ विकास आगे कहते हैं, ‘लोग जानते हैं कि अतुल सुभाष ने सुसाइड कर ली, लेकिन वो अब भी हमारे साथ हैं। उनकी अस्थियां आज भी घर के मंदिर के पास एक कलश में बंद हैं। एक साल से इंसाफ का इंतजार कर रही हैं। मैं, पापा-मम्मी कोशिश कर रहे हैं कि अतुल को जल्द इंसाफ मिले। ऐसा नहीं होता है तो हम अतुल की अस्थियों के साथ खुद को खत्म कर लेंगे।’ अतुल के सुसाइड नोट की अहम बातें…अतुल ने सुसाइड नोट की शुरुआत 'जस्टिस इज ड्यू' यानी 'इंसाफ बाकी है' से की थी। अतुल अपने बारे में लिखते हैं कि मेरी पत्नी ने मेरे खिलाफ 9 केस दर्ज करवाए। 2022 में हत्या की कोशिश और अननेचुरल सेक्स का भी एक मामला है। हालांकि बाद में उसने ये केस वापस ले लिया था। बाकी केस में दहेज प्रताड़ना, तलाक और मेंटेनेंस के मामले हैं, जो जिला कोर्ट और हाईकोर्ट में चल रहे हैं। अतुल ने जौनपुर कोर्ट के प्रिंसिपल फैमिली जज, पत्नी निकिता सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया और पत्नी के चाचा सुशील सिंघानिया पर गंभीर आरोप लगाए थे। जौनपुर कोर्ट में काम करने वाले पेशकार माधव पर भी घूस लेने का आरोप लगाया। नोट में उन्होंने सुनवाई के दौरान बातचीत का ब्योरा भी लिखा है। अतुल बताते हैं कि कैसे कोर्ट में ही उनकी पत्नी ने उन्हें खुदकुशी के लिए उकसाया था। पत्नी ने 3 करोड़ मांगे, कहा- तुम आत्महत्या क्यों नहीं कर लेते अतुल के मुताबिक, मेरी पत्नी ने केस सेटल करने के लिए पहले 1 करोड़ रुपए मांगे थे। बाद में 3 करोड़ रुपए मांगने लगी। 3 करोड़ रुपए की डिमांड के बारे में उन्होंने जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज को बताया तो उन्होंने भी पत्नी का साथ दिया। अतुल ने कहा कि मैंने जज को बताया कि NCRB की रिपोर्ट बताती है कि देश में बहुत सारे पुरुष झूठे केस की वजह से आत्महत्या कर रहे हैं, तो पत्नी ने बीच में कहा कि तुम भी आत्महत्या क्यों नहीं कर लेते हो। इस बात पर जज हंस पड़ी और कहा कि ये केस झूठे ही होते हैं, तुम परिवार के बारे में सोचो और केस को सेटल करो। मैं केस सेटल करने के 5 लाख रुपए लूंगी। निकिता ने अतुल पर दहेज और घरेलू हिंसा जैसे 9 केस दर्ज करवाएअतुल की मौत के बाद बेंगलुरु की मराठाहल्ली पुलिस इस केस की जांच कर रही थी। पुलिस ने अतुल के घर से सुसाइड नोट, लैपटॉप, मोबाइल फोन और कुछ दस्तावेज जब्त किए। इन्हीं के आधार पर निकिता सहित उनकी मां और भाई से पूछताछ की गई। जांच के दौरान करीब 3 हफ्ते तक निकिता और उनका परिवार बेंगलुरु पुलिस की कस्टडी में रहा। 4 जनवरी 2025 को सभी आरोपियों को जमानत मिल गई। निकिता ने जौनपुर फैमिली कोर्ट में अतुल के खिलाफ 9 केस दर्ज करवाए थे। इनमें हत्या की कोशिश, दहेज प्रताड़ना, घरेलू हिंसा, मानसिक प्रताड़ना और अवैध संबंधों जैसे आरोप लगाए गए थे। इन मामलों की सुनवाई जौनपुर कोर्ट में चल रही थी। इसी दौरान अतुल ने बेंगलुरु में सुसाइड कर लिया। हमने केस पर बात करने के लिए निकिता को फोन किया। उनका फोन बंद आया। निकिता से बात होने पर खबर में अपडेट किया जाएगा। इसके बाद हमने निकिता के वकील रह चुके विवेक कुमार से बात की। विवेक बताते हैं, ‘अब अतुल और निकिता के पक्षों ने इस केस में अपने पुराने वकीलों को बदल दिया है। नए वकील दिल्ली के हैं।' अतुल ने जिस जज पर करप्शन का आरोप लगाया, उनका ट्रांसफर हुआ अतुल ने सुसाइड नोट में तब की जौनपुर फैमिली कोर्ट की प्रिंसिपल जज और उनके पेशकार माधव पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए थे। उन्होंने लिखा था कि कोर्ट में तारीख और फैसले के लिए रिश्वत देना आम है। माधव हर व्यक्ति से 50 रुपए वसूलता है। कई लोगों को 500 से 1000 रुपए तक देना पड़ता है। अतुल ने ये भी आरोप लगाया कि महिला जज ने 21 मार्च 2024 को उनसे 5 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी। माधव ने 2022 में उनसे 3 लाख रुपए की मांग की थी, ताकि आदेश उनके पक्ष में आए। अतुल ने रिश्वत देने से इनकार कर दिया। इसलिए फैमिली कोर्ट उनके खिलाफ हो गई। हमने महिला जज के बारे में पता किया। पता चला कि उनका अक्टूबर में प्रमोशन हो गया। जौनपुर के बाद उनकी पोस्टिंग बतौर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंबेडकर नगर हो गई। इस समय वह हरदोई की जिला जज हैं। अतुल के वकील बोले- बच्चे की कस्टडी के लिए केस फाइल कियाअतुल सुभाष का केस लड़ रहे सीनियर एडवोकेट रूपेश सिंह कहते हैं, ‘निकिता के खिलाफ अतुल की फैमिली ने बेंगलुरु कोर्ट में धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज करवाया है। उसमें अगली सुनवाई जनवरी 2026 में होनी है।’ रूपेश आगे कहते हैं, ‘इन बातों से ये साबित होता है कि एक साल बाद अब ये केस अब हमारे पक्ष में मुड़ गया है। सुप्रीम कोर्ट के डायरेक्शन पर हमने अतुल के बच्चे की कस्टडी के लिए नया केस फाइल किया है। हमें भरोसा है कि फैसला हमारे पक्ष में जाएगा।’ ........................................ये खबर भी पढ़िए क्या है तलाक-ए-हसन, जिसने बर्बाद की हिना-जरीना की जिंदगी झारखंड की रहने वाली हिना 2018 से एकतरफा तलाक के खिलाफ कोर्ट में केस लड़ रही हैं। उनका आरोप है कि तलाक शरिया कानून के मुताबिक नहीं हुआ। हिना के पति ने उन्हें तलाक-ए-हसन दिया था। इसकी 4 शर्तें होती हैं, जो उनके तलाक में पूरी नहीं की गईं। मुंबई की जरीना की भी ऐसी ही कहानी है। पढ़ें पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 24 Dec 2025 5:03 am

DNA: डोनेशन दो, वापस हो जाएंगे केस...अब क्या करने जा रहे US के 'बॉस', समझें 'ट्रंप वॉरशिप' का मतलब

US Warship:ट्रंप सरकार ने अमेरिकी नौसेना के लिए नए युद्धपोत बनाने का ऑर्डर दिया है. इन नए युद्धपोतों को ट्रंप क्लास वॉरशिप कहा जाएगा. इस प्रोजेक्ट के तहत कुल 25 ट्रंप क्लास वॉरशिप तैयार किए जाएंगे. पहले युद्धपोत का नाम भी तय कर दिया गया है.ट्रंप के नाम पर बनाए जाने वाले पहले युद्धपोत का नाम होगा USS DEFIANT.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 11:56 pm

एपस्टीन फाइल्स में आया ट्रंप का नाम, 8 बार प्राइवेट जेट में किया सफर, ई-मेल में और क्या मिला?

Epstein files: घिसलेन मैक्सवेल को 2022 में नाबालिगों को अवैध यौन कृत्यों के लिए यात्रा में शामिल होने के लिए उकसाने की साजिश रचने और एक नाबालिग की यौन तस्करी के अपराध में 20 साल की सजा सुनाई गई थी. जिसके बाद अब हाल ही में जारी की गई फाइलों पर न्याय विभाग ने जवाब दिया है.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 10:59 pm

इस देश में प्यार करने वालों की मौज, डेटिंग, शादी और बच्चे पैदा करने पर मिलेंगे लाखों रुपये, वजह हैरान कर देगी

South Korea demographic crisis: कैसा रहे अगर आपको डेटिंग, शादी और बच्चे पैदा करने पर सरकार की तरफ से लाखों रुपए की सहायता दी जाए. सुनने में अजीब लग रहा है, लेकिन दुनिया का एक ऐसा देश है, जहां पर जोड़ों को डेटिंग, शादी और बच्चे पैदा करने वालों को लाखों रुपए दिए जा रहे हैं. दक्षिण कोरिया वो देश है, जिसने यह कदम उठाया है, लेकिन आप इसके कारण को जानकर चौंक जाएंगे कि आखिरकार सरकार ऐसा क्यों कर रही है.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 8:43 pm

बांग्लादेश में अब मीडिया भी कट्टरपंथी ताकतों के निशाने पर

बांग्लादेश में आगामी फरवरी में होने वाले आम चुनावों से पहले कट्टरपंथी ताकतें अब मीडिया का गला घोंटने का प्रयास कर रही हैं. देश के दो प्रमुख मीडिया संस्थानों पर हमला और आगजनी के अलावा एक पत्रकार की हत्या इसका सबूत है

देशबन्धु 23 Dec 2025 7:09 pm

'हम भारत के सबसे बड़े भगोड़े हैं...,' विजय माल्या के बर्थडे पार्टी पर अपनी सच्चाई बताने लगे ललित मोदी, वायरल हुआ वीडियो

Lalit Modi Instagram Post: भारत से भागर लंदन में बैठे भगोड़े ललित मोदी ने अपने इंस्टाग्राम हैंडलल पर एक वीडियो शेयर किया जिसमें वह खुद को भारत के सबसे बड़े भगोड़े बताते हुए दिख रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 6:00 pm

बांग्लादेश में हिंदू युवक की लिंचिंग के खिलाफ राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन

पिछले हफ्ते बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास नाम के एक हिंदू युवक की भीड़ ने हत्या कर दी. इस घटना के विरोध में, 23 दिसंबर को नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर प्रदर्शन हुआ, जिसमें शामिल लोगों की संख्या सैकड़ों में बताई जा रही है

देशबन्धु 23 Dec 2025 4:43 pm

बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों पर प्रियंका गांधी का पुराना वीडियो भ्रामक दावे से वायरल

बूम ने पाया कि कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी का यह वीडियो 2024 का है. पिछले साल की शीतकालीन सत्र के दौरान वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा के मुद्दे पर सरकार को घेर रही थीं.

बूमलाइव 23 Dec 2025 3:45 pm

श्रीलंका के राष्ट्रपति से मिलकर जयशंकर करेंगे मदद का वादा! सड़कों और पुलों को बनाएंगे चक-चक

S. Jaishankar in Sri Lanka: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर तूफान दित्वाह के बाद श्रीलंका में हुई तबाही का जायजा लेने और ऑपरेशन सागर बंधु के तहत भारत की मदद की समीक्षा के लिए श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके से मुलाकात करेंगे.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 2:01 pm

2010 से 2023 तक चलता रहा जुल्म! ब्रिटेन में एक्स वाइफ को नशीला पदार्थ देकर रेप करता था ‘हैवान’, 5 लोगों पर लगे आरोप

British Man Rape Charges: ब्रिटेन में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक व्यक्ति पर अपनी पूर्व पत्नी को सालों तक नशीला पदार्थ देकर यौन शोषण करने का आरोप लगा है. पुलिस ने इस मामले में कुल छह लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 1:38 pm

बांग्लादेश में फिर दहशत! NCP के बड़े नेता को मारी गोली, महिला की गिरफ्तारी से हड़कंप

Bangladesh Political Shooting: बांग्लादेश के खुलना शहर से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के नेता Mohammad Motaleb Sikder को गोली मार दी गई. यह घटना सोमवार को सोनाडांगा इलाके में गाजी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पास एक घर में हुई.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 1:08 pm

ट्रंप की कैरिबियन में दबंगई पर रूस का करारा जवाब! वेनेजुएला का 'बड़ा भाई' बनकर खड़ा हुआ मॉस्को, अमेरिका की धज्जियां उड़ाने की तैयारी?

US-Venezuela Conflict In Caribbean:कैरिबियन सागर में इन दिनों तनाव सबसे चरम पर है. अमेरिका ड्रग तस्करी रोकने के नाम पर बड़ी सैन्य ताकत दिखा रहा है, तेल टैंकर जब्त कर रहा है. लेकिन इसी बीच रूस ने कुछ ऐसा ऐलान किया है, जिसके बाद समीकरण बदल सकते हैं. वेनेजुएला को एक बड़ा भाई मिल गया है. समझें पूरी बात.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 1:03 pm

स्टारलिंक पर मंडराया सबसे बड़ा खतरा! नाटो की खुफिया जानकारी से हड़कंप, रूस अंतरिक्ष में मचाएगा तबाही?

Russia Starlink Satellite Attack Plan: यूक्रेन युद्ध के बीच रूस को लेकर गंभीर आशंका सामने आई है. दो नाटो देशों की खुफिया एजेंसियों का दावा है कि रूस अंतरिक्ष में खतरनाक हथियार बनाने की योजना पर काम कर रहा है. इससे एक साथ कई स्टारलिंक सैटेलाइट्स को नुकसान पहुंचाया जा सके.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 12:31 pm

कुछ तो बड़ा होने... जापान ने फिर से शुरू किया दुनिया का सबसे बड़ा न्यूक्लियर प्लांट; जांच के बाद 33 रिएक्टर होंगे चालू

Japans largest nuclear power plant: जापान 2011 के फुकुशिमा हादसे के बाद एक बार फिर परमाणु ऊर्जा की ओर लौट रहा है और दुनिया के सबसे बड़े काशीवाजाकी-कारीवा न्यूक्लियर पावर प्लांट को दोबारा शुरू करने की तैयारी कर रहा है.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 11:23 am

'उस्मान हादी के कातिलों को जल्द ढूंढो, वरना सरकार गिरा देंगे', दबाव बढ़ा तो यूनुस सरकार ने खेला 90 दिनों का बड़ा दांव!

murder case of Sharif Osman Hadi:बांग्लादेश में जुलाई क्रांति के हीरो शरीफ उस्मान हादी की हत्या से उपजा संकट अब अंतरिम सरकार के लिए अस्तित्व का सवाल बन गया है. इंकलाब मोंचो ने खुली धमकी दी है कि कातिलों को पकड़ो और सजा दो, वरना मुहम्मद यूनुस की सरकार उखाड़ फेंकेंगे. इसी बीच दबाव में आकर सरकार ने हत्याकांड का ट्रायल अब स्पीडी ट्रायल ट्रिब्यूनल में चलाने की बात कही है.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 10:50 am

भारत पर कब्जा करने में क्यों नाकाम हो गया चंगेज खां? बड़ी मंगोल फौज के बावजूद कर लिया था वापसी

why Genghis Khan's return from India: 800 साल पहले मंगोलों के महान नेता तेमुजिन थें, जिन्हें चंगेज खां भी कहा जाता है. जिसने अपने जीवनकाल में कई बड़े युद्ध लड़े, लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि वह भारत से वापस क्यों लौट गया था.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 10:16 am

क्या है 'ट्रंप-क्लास' जंगी जहाज? अब 100 गुना अधिक ताकतवर हो जाएगा अमेरिका? 'गोल्डन फ्लीट' की घोषणा से दुनिया में हाहाकार

What Is Trump Class Battleships:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'गोल्डन फ्लीट' की घोषणा की, जिसमें नए 'ट्रंप-क्लास' बैटलशिप बनेंगे. ये जहाज हाइपरसोनिक हथियारों से लैस होंगे, अमेरिका की सैन्य शक्ति बढ़ाएंगे. हजारों नौकरियां आएंगी, दुश्मनों पर दबाव बनेगा. दुनिया में तनाव बढ़ सकता है, लेकिन ट्रंप कहते हैं- यह शांति का रास्ता है. जानें पूरी खबर.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 9:54 am

भारत-बांग्लादेश रिश्तों में तनाव, चीन और पाकिस्तान की भूमिका पर पूर्व राजनयिक का आरोप

बांग्लादेश में हालात दिन-प्रतिदिन भयावह होते जा रहे हैं। हाल ही में निर्दलीय उम्मीदवार की हत्या के मामले ने देश को हिंसा की आग में झोंक दिया

देशबन्धु 23 Dec 2025 9:40 am

‘न तो फ्री, ना ही फेयर डील...’ न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन ने भारत के साथ FTA पर जताया ऐतराज

India New Zealand Relations:न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री विंस्टन पीटर्स ने भारत-न्यूजीलैंड FTA का विरोध करते हुए इसे न तो फ्री और न ही फेयर बताया. उन्होंने कहा कि यह समझौता इमिग्रेशन और निवेश में ज्यादा रियायतें देता है लेकिन डेयरी सहित प्रमुख निर्यात क्षेत्रों को लाभ नहीं पहुंचाता.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 9:40 am

फिर बहके राष्ट्रपति ट्रंप, होनी थी महंगाई पर बात करने लगे पत्नी मेलानिया के अंडरगारमेंट्स का जिक्र; मचा बवाल

Melania Trump:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नॉर्थ कैरोलिना की एक चुनावी रैली में दिए गए अपने बयान को लेकर विवाद में घिर गए हैं. महंगाई पर केंद्रित रैली के दौरान उन्होंने 2022 की एफबीआई तलाशी का जिक्र करते हुए पत्नी मेलानिया ट्रंप के अंडरगारमेंट्स पर टिप्पणी की. उनकी इस बात ने रैली का माहौल बदल दिया और लोगों को हैरान कर दिया.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 9:01 am

अमेरिका फर्स्ट एजेंडे ने बदली US Foreign Policy की दिशा, ट्रंप ने 30 देशों में तैनात राजदूतों को बुलाया वापस; सीनेट में उठा सवाल

Donald Trump Foreign Policy: राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने विदेश नीति में बड़ा कदम उठाया है. ट्रंप प्रशासन ने दुनिया के अलग-अलग देशों में तैनात करीब 30 अमेरिकी राजदूतों को वापस बुलाने का फैसला किया है. सरकार का कहना है, यह कदम अमेरिका की विदेश नीति को अमेरिका फर्स्ट सोच के मुताबिक ढालने के लिए उठाया जा रहा है.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 8:13 am

टेक्सास में मेक्सिको नेवी का विमान क्रैश, कम से कम पांच की मौत; तलाश जारी...

Mexican Navy plane crash: गैलवेस्टन के पास मेक्सिकन नेवी का विमान क्रैश हो गया, जिसमें कम से कम पांच लोगों की मौत हुई और आठ लोग सवार थे. हादसे की वजह अभी तक पता नहीं चल पाई है, बचाव और खोज कार्य जारी है.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 8:06 am

डिफेंस डील और AI देंगे भारत-US संबंधों को नई दिशा, अमेरिकी विशेषज्ञ बोले- ट्रेड डील और टैरिफ पर जल्द बनेगी बात

India-US Bilateral Ties: भारत-अमेरिका नीति विशेषज्ञ ध्रुव जयशंकर के अनुसार रक्षा सहयोग, AI और उभरती तकनीकें द्विपक्षीय संबंधों के अगले चरण को आकार देंगी. उन्होंने कहा कि राजनीतिक रुकावटों के बावजूद रक्षा, तकनीक और ऊर्जा में सहयोग जारी है. मोदी-ट्रम्प की लगातार हो रही बात और बढ़ता सैन्य सहयोग भारत-अमेरिका रिश्तों की मजबूती का संकेत हैं.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 7:49 am

कौन हैं तारिक रहमान? 17 साल बाद लौट रहा 'क्राउन प्रिंस' तो सुलगते बांग्लादेश की सियासत में क्यों मचा भूचाल; यूनूस-जमात-ए-इस्लामी दोनों का अब सत्यनाश!

बांग्लादेश इन दिनों राजनीतिक उथल-पुथल के भंवर में फंसा हुआ है. हिंसा की घटनाएं, मीडिया पर हमले, कट्टर इस्लामी गुटों की बढ़ती दखलंदाजी और फरवरी 2026 के राष्ट्रीय चुनावों की तैयारियां. इन सबके बीच एक नाम जोरों से गूंज रहा है- तारिक रहमान.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 7:07 am

यूनुस सरकार पर खतरा! इंकलाब मंच ने दे दी ये बड़ी चेतावनी; सड़कों पर उतरेगा हादी का संगठन

protests against the Bangladesh government: उस्मान हादी की मौत के बाद कोई ठोस कार्यवाही ना होने के कारण इंकलाब मंच के नेता अब्दुल्ला अल जाबर ने कहा कि सरकार के खिलाफ संगठन सड़क पर उतरने का दोबारा मन बना रही है.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 7:05 am

'भारत का लोकतंत्र खतरे में, ED-CBI को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही BJP...' बर्लिन में बोले राहुल गांधी

Congress: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा पर देश की संस्थाओं पर कब्जा करने और लोकतंत्र पर हमला करने का आरोप लगाया है. बर्लिन में उन्होंने कहा कि ईडी-सीबीआई जैसी एजेंसियों का राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल हो रहा है. उन्होंने भाजपा पर संविधान और समानता के विचार को खत्म करने का आरोप लगाते हुए इसके खिलाफ संघर्ष जारी रखने की बात कही.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 6:47 am

अंतिम बार देख भी नहीं पाए बांग्लादेश में लिंचिंग के शिकार दीपू के भाई ने तोड़ी चुप्पी; कहा डर के साए में है परिवार

Bangladesh mob lynching case: बांग्लादेश के मयमनसिंह में अफवाह के चलते हिंदू मजदूर दीपू चंद्र दास की भीड़ ने बेरहमी से हत्या कर दी, जबकि जांच में आरोप झूठे पाए गए हैं. घटना के बाद परिवार सदमे और डर में है, दीपू के छोटे भाई अपू चंद्र दास ने बताया कि उनके बड़ें भाई का चेहरा भी आखिरी बार नहीं देखने दिया गया.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 6:14 am

SIR में फंसे साधु-संत, असम के वोटर 'घुसपैठिया':फॉर्म में मां सीता-कौशल्या, पिता की जगह गुरु; अयोध्या में BJP के सामने ‘संकट’

नाम: महंत सीताराम दासपिता/अभिभावक का नाम: महंत त्रिभुवन दास जी​​​​​​​मां का नाम: जानकी माता अयोध्या के निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत सीताराम दास ने SIR यानी स्पेशल इंटेसिव रिवीजन के फॉर्म में यही जानकारी दी है। महंत सीताराम दास की तरह अयोध्या के करीब 15 हजार साधु-संतों में ज्यादातर ने पिता वाले कॉलम में अपने गुरु या हिंदू देवताओं के नाम लिखे हैं। ऐसे ही माता के नाम के आगे कौशल्या, सीता, जानकी, दुर्गा और सरस्वती माता लिखा है। साधु-संत BJP के वोटर माने जाते हैं, इसलिए पार्टी को चिंता है कि उनके वोट कट न जाएं। 14 दिसंबर, 2025 को यूपी के CM योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि यूपी की वोटर लिस्ट से करीब चार करोड़ वोटर गायब हैं। उन्होंने BJP नेताओं से कहा कि ये लोग आपके विरोधी नहीं हैं, बल्कि 90% आपके वोटर हैं। CM योगी ने आगे कहा कि यूपी की आबादी लगभग 25 करोड़ है। इनमें 65% मतदाता होने चाहिए। इस हिसाब से लगभग 16 करोड़ वोटर होंगे, लेकिन SIR में ये संख्या करीब 12 करोड़ ही आई है। माना जा रहा है कि इस वजह से यूपी में SIR की तारीख बढ़ सकती है। चार करोड़ वोटर सच में गायब हो गए हैं या वे फॉर्म नहीं भर पाए हैं, क्या फॉर्म रिजेक्ट हो रहे हैं, इन सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ने चुनाव आयोग के अफसरों और एक्सपर्ट से बात की। SIR से जुड़ी दिक्कतें सिर्फ साधु-संतों तक नहीं हैं, प्रवासी कामगार भी इससे प्रभावित हैं। केस 1: SIR फॉर्म में मां के नाम की जगह सीता, जानकी और कौशल्या के नामअयोध्या के निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत सीताराम दास ने 10 दिसंबर को SIR का फॉर्म भरा था। संन्यासी धर्म के मुताबिक, उन्होंने फॉर्म में असली माता-पिता की पहचान न लिखकर गुरु और हिंदू देवी-देवताओं के नाम लिखे हैं। इसकी वजह पूछने पर महंत सीताराम दास कहते हैं, ‘मैं पारिवारिक जीवन से संन्यास ले चुका हूं और विरक्त परंपरा का निर्वाहन कर रहा हूं। विरक्त मतलब जिसने अपने रक्त संबंध से रिश्ता तोड़ दिया हो। अब न हमारी कोई माता हैं, न पिता हैं और न कोई गोत्र है। हमारे लिए तो ईश्वर ही सब कुछ है। मैंने अपने SIR फॉर्म में मां के नाम की जगह जानकी माता का नाम लिखा है क्योंकि वही पूरे जगत को पालती हैं, सबकी मां वही हैं।’ SIR फॉर्म में रामायण काल से जुड़े नाम लिखने की शुरुआत BJP के पूर्व सांसद और दिवंगत हिंदू धाम पीठाधीश्वर डॉ. राम विलास दास वेदांती ने की थी। उन्होंने फॉर्म में मां के कॉलम में जानकी माता का नाम लिखा था। इसके बाद अयोध्या के दिगंबर अखाड़े और हनुमान गढ़ी के बाकी संतों ने भी ऐसा ही किया। अयोध्या डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुताबिक शहर में 60 वार्ड हैं। यहां 24.7 लाख लोग रहते हैं। इनमें 12.6 लाख पुरुष और 12.1 लाख महिलाएं हैं। इनमें 15 हजार से ज्यादा साधु-संत हैं। ये निर्मोही, दिगंबर और निर्वाणी अनी अखाड़ों में रहते हैं। फॉर्म में भगवान का नाम लिखने से उनकी जानकारी अधूरी मानी जा रही है। BJP के अवध प्रांत से जुड़े एक सीनियर लीडर इसे पार्टी के लिए बड़ा संकट मानते हैं। नाम न जाहिर करने की गुजारिश पर वे कहते हैं, ‘साधु समझ नहीं पा रहे हैं कि इस फैसले से उनका फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है। ऐसा हुआ तो उनका नाम वोटर लिस्ट से हट जाएगा। मैंने खुद अयोध्या के संत समाज से अपील है कि वे फॉर्म में अपने वास्तविक माता-पिता का नाम भरें। कई लोगों ने मेरी बात मानकर सही फॉर्म भरा है, लेकिन ये संख्या बहुत कम है।’ वहीं, अयोध्या के मेयर गिरीश पति त्रिपाठी बताते हैं, ‘हमने इस मसले पर यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से बात की है। उन्होंने इस पॉइंट को गंभीरता से लेते हुए अयोध्या के लिए खास निर्देश दिए हैं। फिलहाल कोई दिक्कत नहीं आ रही है।’ एक्सपर्ट बोले- साधुओं के लिए SIR में अलग ऑप्शन होसीनियर जर्नलिस्ट वीएन दास कहते हैं, ‘SIR प्रक्रिया में सबसे ज्यादा उन वोटर्स के रजिस्ट्रेशन में दिक्कतें आ रही हैं, जो अपना मूल स्थान छोड़कर कहीं और बस गए। इसमें खासतौर पर असंगठित क्षेत्रों से जुड़े कामगार और मठों-मंदिरों में बचपन से रह रहे साधु-संत शामिल हैं।’ 'हाल में दिवंगत अयोध्या के वरिष्ठ संत राम विलास वेदांती जी 12 साल की उम्र में घर छोड़कर अयोध्या आ गए थे। उन्हीं की तरह अयोध्या में ऐसे कई संन्यासी हैं, जो बचपन में यहां आए और फिर बाबा बन गए। अपनी उम्र के इतने साल बिताने के बाद कई संत ऐसे भी हैं, जिन्हें असल माता-पिता का नाम भी नहीं पता है। यही वजह है कि उनके फॉर्म अब न चाहते हुए भी अधूरे रह जाएंगे।’ 'SIR फॉर्म में साधु-महात्माओं और घुमंतु समुदायों के लिए नए विकल्प जोड़े जाने चाहिए। अगर उनके 2003 के वोटर रिकॉर्ड नहीं मिल रहे हैं, तो उनके आधार-पैनकार्ड या अस्थायी पते को ही प्रूफ मानकर फॉर्म जमा किया जाना चाहिए।’ केस 2: आधार कार्ड-NRC है, लेकिन घुसपैठिया बोला जा रहाSIR प्रक्रिया के बीच 22 नवंबर को CM योगी ने सभी DM को आदेश दिया कि वे जिलों में घुसपैठियों की पहचान करें और उनके खिलाफ सख्त एक्शन लें। इस आदेश के बाद 4 दिसंबर को लखनऊ नगर निगम की टीम गुडंबा थाने की फूलबाग कॉलोनी पहुंची। अधिकारियों ने झुग्गी बस्ती में रहने वाले असम के लगभग 50 मजदूर परिवारों को जगह खाली करने का अल्टीमेटम दे दिया। ये लोग कचरा बीनने का काम करते हैं। 2 साल पहले असम के गोलपाड़ा जिले से लखनऊ आई कुलसुम निसा भी फूलबाग झुग्गी बस्ती में रहती हैं। उनका नाम गोलपाड़ा की वोटर लिस्ट में है। 17 नवंबर को चुनाव आयोग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, असम में वोटर लिस्ट में एसआर यानी स्पेशल रिवीजन का काम शुरू हो गया। कुलसुम को अब तक एसआर के बारे में कुछ नहीं पता। उन्हें अपने घर की फिक्र है। वे कहती हैं, ‘4 दिसंबर को मेयर मैडम (सुषमा खर्कवाल) बस्ती में आई थीं। उनके साथ 10-12 लोग और थे। वे बिना कुछ पूछे हमें बांग्लादेशी और रोहिंग्या बोलकर डांटने लगीं। कहने लगीं कि तुम लोग अवैध तरीके से यहां रह रहे हो। हमने उन्हें अपना आधार कार्ड और NRC का कागज दिखाया, लेकिन वे बात सुनने को तैयार नहीं थीं।’ इस पर लखनऊ की मेयर सुषमा खर्कवाल ने कहना है कि फूलबाग कॉलोनी में रहने वाले कई लोग वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाए। इसलिए उन्हें ये जगह खाली करनी होगी।’ कुलसुम के पड़ोसी इनताज अली को भी घर खाली करने के लिए कहा गया है। वे भी शहर में कचरा उठाने का काम करते हैं। 8 हजार रुपए महीना कमाते हैं। इनताज कहते हैं, ‘हम रोहिंग्या-बांग्लादेशी नहीं हैं, भारत के नागरिक हैं। हमने कभी गैरकानूनी काम नहीं किया। न ही हम सरकारी जमीन पर कब्जा करके रह रहे हैं। यहां रहने के लिए हम 1,000 रुपए महीने भाड़ा देते हैं। हम असम के रहने वाले हैं, हमें किसी से डर नहीं लगता।’ हमने इनताज से पूछा कि क्या आपका स्पेशल रिवीजन फॉर्म भरा गया है? इनताज जवाब देते हैं, हमारा वोटर आईडी गोलपाड़ा के बहाती गांव का है। हम वहीं वोट देते हैं। सालभर पहले हम बच्चों से मिलने गांव गए थे, तब से लखनऊ में हैं। अभी वहां फॉर्म भरवाए गए या नहीं, ये पता नहीं है। DEO बोले- फॉर्म में माता-पिता का नाम जरूरी, अधूरे फॉर्म पर नोटिस देंगेSIR फॉर्म में आ रही दिक्कतों पर हमने यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा और अयोध्या के डिप्टी डिस्ट्रिक्ट इलेक्शन ऑफिसर अनिरुद्ध प्रताप सिंह से बात की। मठों-मंदिरों में रहने वाले साधुओं के SIR वेरिफिकेशन पर डिप्टी DEO अनिरुद्ध कहते हैं, ‘SIR फॉर्म में अपने माता-पिता का नाम और बाकी डीटेल्स देना जरूरी है।' 'फॉर्म भरने वाले का सिग्नेचर भी प्रक्रिया के लिए पर्याप्त माना जा रहा है। इसलिए जो साधु-संत फॉर्म में अपनी मां का नाम नहीं दे पा रहे हैं, उनके लिए उनके साइन ही सबसे बड़ा प्रमाण माना जाएगा। उन्हें मां के कॉलम में दर्ज नाम से जुड़े सबूत देना जरूरी नहीं है।’ ‘वोटर के दिए फॉर्म SDM के पास स्क्रूटनी के लिए जाते हैं। वहां चेक किया जाता है कि 2003 की मतदाता सूची से वोटर और उसके माता-पिता की मैपिंग हो रही है या नहीं। अगर गलतियां सामने आती हैं, तो वोटर को नोटिस जारी किया जाता है।’ वहीं, यूपी के चीफ इलेक्शन ऑफिसर नवदीप रिणवा कहते हैं, ‘अगर आपको SIR फॉर्म भरने में दिक्कत आ रही है या फिर BLO को लेकर कोई शिकायत है, तो वोटर हेल्पलाइन नंबर 1950 पर फोन करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इसके अलावा वोटर खुद निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ERO) और DEO से मिलकर शिकायत कर सकते हैं।’ एक मामला ये भी…गलत फॉर्म भरा, 80 साल की नूरजहां पर केस दर्जयूपी के रामपुर की रहने वाली 80 साल की नूरजहां SIR फॉर्म भरकर मुसीबत में पड़ गईं। उनके दोनों बेटे आमिर और दानिश खान बीते 5 साल से कुवैत में रह रहे हैं। नूरजहां ने SIR फॉर्म में उनका नाम दर्ज करवा दिया, लेकिन उन्होंने दोनों के विदेश में होने की जानकारी नहीं दी। बूथ लेवल ऑफिसर ने उनका डेटा ऑनलाइन जमा किया, तो ये गड़बड़ी सामने आ गई। इसके बाद रामपुर DM अजय कुमार द्विवेदी की तरफ से नूरजहां पर गलत जानकारी देने का मुकदमा दर्ज करवा दिया गया। नूरजहां पर सिविल लाइन थाने में BLO सुपरवाइजर की शिकायत पर FIR लिखी गई। उनके विदेश में रह रहे दोनों बेटों के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है। अब नूरजहां ने इस मसले को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से गुहार लगाई है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस मुद्दे को संसद में भी उठाया। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग महिला को SIR की वजह से परेशान होना पड़ रहा है। SIR के नियमों के मुताबिक कोई भी व्यक्ति खुद या अपने परिवार के किसी सदस्य का फॉर्म भर सकता है, बशर्ते वह अपने रिश्ते का जिक्र करे। नूरजहां ने बेटों के लिए फॉर्म भरते समय मां के रूप में खुद की सही पहचान बताई। उन्होंने कोई गलत जानकारी नहीं दी, जालसाजी या कानून का उल्लंघन नहीं किया। दिक्कतों के साथ SIR की डेडलाइन भी बढ़ीराजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल समेत 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में 4 नवंबर से SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की शुरुआत हुई थी। 11 दिसंबर को चुनाव आयोग ने राज्यों में प्रक्रिया में हो रही देरी, BLO की मांग और काम के बोझ को कम करने के लिए UP सहित 6 राज्यों में SIR प्रक्रिया की डेडलाइन को आगे बढ़ा दिया। यूपी में 31 दिसंबर, अंडमान, छ्त्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में 23 दिसंबर तक प्रोसेस चलती रहेगी। गुजरात-तमिलनाडु में 19 दिसंबर को प्रोसेस पूरी हो चुकी है।

दैनिक भास्कर 23 Dec 2025 5:04 am

ट्रंप की ग्रीनलैंड पर हरी झंडी, जल्द कर सकते हैं कब्जा, नियुक्त किया विशेष दूत

Trump To Acquire Greenland: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीनलैंड पर अपना कब्जा स्थापित करने के लिए लुइसियाना के गवर्नर जेफ लैंड्री को ग्रीनलैंड को विशेष दूत नियुक्त किया है.

ज़ी न्यूज़ 23 Dec 2025 12:01 am

भारत बांग्लादेश संबंधों में तनाव, दिल्ली में वीजा सेवाएं निलंबित

एक नए राजनयिक घटनाक्रम के तहत नई दिल्ली में बंगलादेश उच्चायोग ने सोमवार को कांसुलर और वीजा सेवाओं को निलंबित कर दिया है

देशबन्धु 22 Dec 2025 11:43 pm

पाकिस्तान: बलूच महिलाओं को अगवा करने के खिलाफ मानवाधिकार संगठन ने शुरू किया ऑनलाइन अभियान

बलूच महिलाओं को अगवा करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है

देशबन्धु 22 Dec 2025 11:24 pm

बोंडी बीच मामले में पुलिस ने किया खुलासा, दोनों शूटरों ने गांव में जाकर ली थी ट्रेनिंग

ऑस्ट्रेलिया के बोंडी बीच पर हुए आतंकी हमले के मामले में नया खुलासा हुआ है। मामले की जांच कर रही ऑस्ट्रेलियाई पुलिस ने बताया कि फायरिंग करने वाले दोनों संदिग्धों ने गांव के इलाके में हमले के लिए ट्रेनिंग ली थी

देशबन्धु 22 Dec 2025 10:52 pm

बांग्लादेश : द डेली स्टार और प्रोथोम अलो के दफ्तर पर हमला मामले में 17 अरेस्ट, 31 की हुई पहचान

बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच कट्टरपंथी उपद्रवियों ने द डेली स्टार और प्रोथोम अलो के दफ्तर पर हमला किया

देशबन्धु 22 Dec 2025 10:50 pm

आस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज़ को हटाने की उठी मांग, 3 लाख से ज्यादा लोगों ने याचिका पर किए हस्ताक्षर

आस्ट्रेलिया में सिडनी के बॉन्डी बीच पर हुए जानलेवा आतंकवादी हमले के बाद तीन लाख से ज्यादा लोगों ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ के इस्तीफे और आप्रवासन नीति में बदलाव की मांग की है।

देशबन्धु 22 Dec 2025 5:58 pm

बांग्लादेश : यूनुस ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दिया आदेश, उस्मान हादी के हत्यारों को जल्द करें गिरफ्तार

बांग्लादेश में कट्टरपंथी नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद उनके समर्थक गुस्से से लाल हो रहे हैं। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए यूनुस की अंतरिम सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया था। इस बीच बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को उस्मान हादी की हत्या में शामिल लोगों और गैर-कानूनी कामों में शामिल दूसरे लोगों को जल्द गिरफ्तार करने का आदेश दिया है

देशबन्धु 22 Dec 2025 5:49 pm

सपने में जीभ पर देवी लिख जाती थी अजीब फॉर्मूले:पत्नी साथ रहती तो ज्यादा जीते महान गणितज्ञ रामानुजन; जन्मदिन पर रोचक किस्से

22 दिसंबर 1887 यानी आज से ठीक 138 साल पहले। मद्रास प्रेसीडेंसी के ईरोड तालुका में एक बच्चे का जन्म हुआ। कुछ ही साल बाद इस बच्चे ने कुछ ऐसा किया कि दिग्गज विदेशी गणितज्ञ तक कह उठे- ये सदियों में पैदा होने वाला जीनियस है। उस जीनियस के सपने में एक देवी आती थीं और जीभ पर गणित के इक्वेशन लिख कर जाती थीं। वो जीनियस ईश्वर, शून्य और अनंत से बातें करता था। ये कहानी है महान गणितज्ञ रामानुजन की... रामानुजन बचपन से ही जिद्दी और कम बोलते थे। जब तक मंदिर में दर्शन नहीं कर लेते, खाना नहीं खाते थे। उन्हें स्कूल जाना पसंद नहीं था। ऐसे में पड़ोसी पुलिस कॉन्स्टेबल को उन्हें धमकाने के लिए बुलाया जाता था। रामानुजन को खेलकूद नहीं, सवाल पसंद थे। जैसे दुनिया में जन्म लेने वाला पहला इंसान कौन था, बादल धरती से कितनी दूर होंगे। एक बार मैथ्स टीचर पढ़ा रहे थे कि किसी संख्या को उसी संख्या से भाग दिया जाए तो उत्तर हमेशा 1 ही होगा। छोटे से रामानुजन ने टीचर से पूछा कि अगर शून्य को शून्य से भाग दिया जाए तो भी क्या उत्तर एक ही होगा? 10 साल की उम्र में प्राइमरी परीक्षा में रामानुजन ने पूरे जिले में टॉप किया। 11 साल की उम्र में वो एस एल लोनी की ट्रिगनोमेट्री जैसी गणित की किताबें सॉल्व करने लगे। 13 की उम्र में कॉलेज स्टूडेंट्स को ट्यूशन देने लगे। देवी नामगिरी जीभ पर लिखती थीं मैथ्स के इक्वेशन रामानुजन एक बेहद सामान्य परिवार से थे। उनके पिता कुंभकोणम तालुका में कपड़े की दुकान में काम करते और मां गृहिणी थी। उनकी मां और नानी नामगिरी देवी की बहुत बड़ी भक्त थीं। दोनों मानती थीं कि देवी की कृपा से ही रामानुजन का जन्म हुआ था। नानी कहती कि देवी नामगिरी उनकी बेटी के बेटे के जरिए बोलेंगी। दरअसल, नामगिरी देवी को लक्ष्मी का रूप माना जाता है। उन्हें 'नामगिरी थयार' भी कहा जाता है। तमिलनाडु के नामगिरी क्षेत्र में उनका मंदिर है, जहां उन्हें भविष्यवाणी और समाधान देने वाली शक्ति मानकर पूजा जाता है। रामानुजन दोस्तों से कहते कि देवी उनके सपने में आती और उनके जीभ पर मैथ्स के इक्वेशन लिख जाती थीं। 1903 में ट्यूशन पढ़ने वाले बच्चों ने उन्हें एक किताब दी, जिसका नाम था 'ए सिनोप्सिस ऑफ एलीमेंट्री रिजल्ट्स इन प्योर एंड एप्लाइड मैथमेटिक्स’। इस किताब में गणित के करीब 5000 फॉर्मूला और थ्योरम थे। ये किताब रामानुजन के लिए देवी का सबसे बड़ा आशीर्वाद साबित हुई। गणित के चलते कॉलेज के पहले साल में 4 बार फेल हुए जब रामानुजन 15 साल के थे, तब उन्हें एक किताब मिली। ये किताब इंग्लैंड के मशहूर मैथ्स टीचर शूब्रिज कार की थी। रामानुजन को नहीं पता था कि ऑक्सफोर्ड और कैंब्रिज जैसी यूनिवर्सिटीज के एंट्रेंस एग्जाम पास करने के लिए इस किताब की जरूरत होती है। रामानुजन ने इस किताब को न सिर्फ पढ़ा, बल्कि इसमें दिए फॉर्मूलों से अपने नए फॉर्मूला बनाने लगे। धीरे-धीरे मैथ्स में उन्हें इतना मजा आने लगा कि बाकी सब्जेक्ट्स उन्होंने पढ़ने बंद कर दिए। कई बार फेल होने के बाद रामानुजन के पिता ने पैसे देने बंद कर दिए। उनके पास लिखने के लिए पन्ने खरीदने के भी पैसे नहीं होते। लिहाजा वे स्लेट पर चॉक से लिखते और कोहनी से मिटाते। जब एक दोस्त ने उन्हें जीनियस कहा तो उन्होंने कोहनी दिखाते हुए कहा कि जीनियस तो उनकी कोहनी है, जो सरपट स्लेट मिटा कर लिखने की जगह तैयार कर देती है। 1908 से 1912 तक रामानुजन का परिवार और उनके दोस्त मदद करते रहे। वो सपने में भी फॉर्मूले बड़बड़ाते। एक बार उनके दोस्त ने बड़बड़ाने पर रामानुजन के मुंह पर ठंडा पानी उड़ेल दिया। मजाक में रामानुजन ने कहा, 'ओहो! गंगा स्नानम? एक बार और मिलेगा क्या?' रामानुजन वेद, उपनिषद, गीता और पुराणों के ज्ञाता थे। उन्हें लगा कि गृहस्थ आश्रम के कर्तव्य निभाने के लिए उन्हें नौकरी करनी पड़ेगी। उन्होंने घर छोड़ दिया और दोस्तों के साथ रहने लगे। रामानुजन के दोस्त और उनके गणित के प्रोफेसरों ने उनके लिए अंग्रेज अफसरों से सिफारिश की। 1910 में तिरुकोईलूर के डिप्टी कलेक्टर वी रामास्वामी अय्यर ने 'इंडियन मैथमेटिकल सोसायटी' शुरू की। रामानुजन उनके पास अपने फार्मूले और थ्योरम दिखाने गए। अय्यर ने रामानुजन का नोटबुक नेल्लोर के कलेक्टर और मैथमेटिकल सोसायटी के सेक्रेटरी रामचंद्र राव को दिखाया। 1911 से कलेक्टर राव ने रामानुजन को इस शर्त पर 25 रुपए महीना देना शुरू किया, कि वे मद्रास यूनिवर्सिटी के पास रहेंगे और गणित पर ध्यान देंगे। सोसाइटी के जर्नल में अपना रिसर्च पब्लिश करने का मौका रामानुजन को इसी साल मिला। 4 बार बीए फर्स्ट ईयर में फेल होने के बाद भी जर्नल्स में पेपर छपने से रामानुजन मद्रास के आसपास मशहूर हो गए। रामचंद्र राव और उनके दोस्तों के कहने पर रामानुजन ने 1912 में पार्ट ट्रस्ट ऑफ इंडिया में क्लर्क की नौकरी करने लगे। इस बीच उन्होंने ट्रिनिटी कॉलेज के प्रोफेसर और महान मैथेमेटिशियन जी. एच. हार्डी को एक लेटर लिखा। इंग्लैंड में रह रहे हार्डी ने जब लेटर खोला, तो पहले पन्ने पर अजीब फॉर्मूले दिखे। उन्हें देखकर हार्डी को लगा कि किसी सनकी आदमी ने लेटर भेजा है। हालांकि जब उन्होंने लेटर को ध्यान से पढ़ा, तो उनकी राय पूरी तरह बदल गई। आखिरी पन्ने पर लिखे कंटिन्यू फ्रैक्शन के बारे में हार्डी बाद में लिखा- उन्होंने मुझे पूरी तरह हरा दिया। मैंने जीवन में ऐसी चीजें कभी नहीं देखीं। ये फॉर्मूले सच ही होंगे, क्योंकि अगर ये सच न होते, तो इन्हें कल्पना करके कोई बना ही नहीं सकता था। इसके बाद हार्डी ने रामानुजन को तुरंत इंग्लैंड बुलाया, लेकिन ब्राह्मण होने के कारण उनका समुद्र पार करना धार्मिक रूप से वर्जित था। इसलिए रामानुजन की मां ने उन्हें इंग्लैंड जाने से मना कर दिया। फिर एक रात रामानुजन के सपने में नामगिरी देवी ने उन्हें इंग्लैंड जाने का आशीर्वाद दिया। ऐसा ही सपना रामानुजन की मां को भी आया। इसके बाद मां ने उन्हें जाने की इजाजत दे दी। विदेश में शाकाहारी खाना बना सबसे बड़ी चुनौती 1914 में इंग्लैंड जाने के बाद रामानुजन के लिए सबसे बड़ी चुनौती थी रोज शाकाहारी खाना ना मिलना। पहला विश्व युद्ध चल रहा था, माहौल तनावपूर्ण था और हर चीज पर सख्ती थी। उनके लिए शुद्ध शाकाहारी भोजन लगभग असंभव हो गया था। जिसके कारण रामानुजन को कई बार अस्पताल में भर्ती तक होना पड़ा। इंग्लैंड में उनके पास चावल और केले के अलावा कुछ भी ठीक खाने का विकल्प नहीं था। रामानुजन कुछ दिन के लिए लंदन में भारतीयों के लिए बने एक लॉज में रह रहे थे। नाश्ते में उन्होंने ओवल्टीन नाम का एक ड्रिंक पी लिया, जिसे शाकाहारी बताया गया था। जब उन्होंने उसकी डिब्बा ध्यान से देखा तो उन्हें पता चला कि उसमें एनिमल प्रोडक्ट मिला हुआ था। यह जानकर वे बहुत परेशान और दुखी हो गए। उन्होंने तुरंत अपना सामान पैक किया और उसी वक्त वहां से निकल पड़े। जब रामानुजन ने सुसाइड की कोशिश की 1918 फरवरी में, लंदन के एक रेलवे स्टेशन पर रामानुजन ने ट्रेन के सामने कूद कर जान देने की कोशिश की। एक गार्ड ने उन्हें कूदते देख तुरंत ऊपर खींच लिया। रामानुजन बच तो गए, लेकिन बुरी तरह घायल हो गए। पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। जब हार्डी वहां पहुंचे, तो उन्होंने जोर देकर पुलिस से कहा कि उनके सामने खड़े व्यक्ति 'रॉयल सोसाइटी के फेलो श्रीनिवास रामानुजन​​​' हैं। उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। हालांकि उस वक्त रामानुजन रॉयल सोसाइटी के फेलो नहीं थे। लेकिन जांच में जब पुलिस को पता चला की वो एक मशहूर मैथमेटिशियन हैं तो पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। रामानुजन ने ऐसा कदम आखिर क्यों उठाया? इसका कारण किसी को ठीक-ठीक नहीं पता। लेकिन लोगों का मानना है कि रामानुजन की मां और पत्नी में झगड़े होने लगे थे और उनकी पत्नी घर छोड़ कर मायके जा चुकी थी। ट्रिनिटी कॉलेज में रामानुजन एक गणित की क्लास में थे और प्रोफेसर आर्थर बैरी बोर्ड पर एक थ्योरम समझा रहे थे। सब नोट्स बना रहे थे, लेकिन रामानुजन बिना नोट्स बनाए सिर्फ बोर्ड पर देख रहे थे। प्रोफेसर के पूछने पर रामानुजन ने कहा कि वो बोर्ड पर आगे का इक्वेशन लिख सकते हें। रामानुजन ने इक्वेशन पूरा कर दिया। प्रोफेसर हैरान थे, क्योंकि वे आगे का इक्वेशन खुद ही प्रूव नहीं कर पाए थे। उनके सामने सवाल था कि रामानुजन को कैसे पता चला? 1916 में ट्रिनिटी कॉलेज ने रामानुजन को बिना किसी एग्जाम के 'बीए इन रिसर्च' की डिग्री अवॉर्ड कर दी। तब तक वो 16 पेपर पब्लिश कर चुके थे। अगले साल मद्रास यूनिवर्सिटी ने उन्हें मैथ का प्रोफेसर बना दिया और 400 रुपए महीना सैलरी देने लगे। 1918 में रामानुजन को रॉयल सोसाइटी का फेलो बना दिया गया। वो सोसाइटी के सबसे कम उम्र के फेलो बने। इसी साल ट्रिनिटी कॉलेज ने भी उन्हें फेलो बना दिया। रामानुजन को ट्रिनिटी कॉलेज और मद्रास यूनिवर्सिटी से करीब 7000 रुपए सालाना स्कॉलरशिप मिलने लगी। उन्होंने मद्रास यूनिवर्सिटी को लेटर लिखा कि उन्हें इतने पैसों की जरूरत नहीं है। स्कॉलरशिप के पैसों में से कुछ गरीब स्टूडेंट्स को रिसर्च के लिए अवॉर्ड होने चाहिए। आखिर में जानिए 1729 नंबर की कहानी 1919 में हार्डी, टीबी की बीमारी से जूझ रहे रामानुजन से मिलने अस्पताल गए थे। हार्डी जिस टैक्सी से आए थे उसका नंबर था 1729, जिसे उन्होंने काफी बोरिंग नंबर बताया। तब रामानुजन ने कहा, 'नहीं, ये तो बेहद खूबसूरत नंबर है। ये सबसे छोटा नंबर है, जिसे दो तरीके से दो क्यूब को जोड़ कर बनाया जा सकता है।' उनकी आखिरी खोज मॉक थीटा फंक्शन है, जो आज मॉडर्न क्वांटम फिजिक्स का मूल आधार बन चुकी है। इसके अलावा रामानुजन के दो सबसे असरदार काम हैं, जिन्हें क्यू सीरीज और पार्टीशन कहा जाता है। उनके कुल 37 रिसर्च पेपर छपे हैं। आज कैंसर से लेकर एटॉमिक एनर्जी, स्पेस, क्रिप्टोलॉजी, ब्लैक होल थ्योरी और स्टैटिस्टिकल मैकेनिक्स की रिसर्च में रामानुजन के थ्योरम और फॉर्मूला इस्तेमाल किए जाते हैं। 1919 में रामानुजन भारत वापस आ गए। मायके में रह रहीं पत्नी जानकी को खत लिख कर रामानुजन ने वापस घर बुलवाया। वो तब 18 साल की थीं। उन्हें पता चला कि उनकी मां ने जानकी के लिखे लेटर को कभी पोस्ट ही नहीं होने दिया। रामानुजन ने कहा, 'अगर जानकी मेरे साथ इंग्लैंड में होती, तो मेरी तबीयत इतनी खराब नहीं होती।' 26 अप्रैल 1920 को रामानुजन का निधन हो गया। जानकी बताती हैं कि रामानुजन ने उनसे कुछ दिन पहले कहा था- 'कल रात नामगिरी आई थीं। उन्होंने कहा कि मेरे सूत्र अब दुनिया समझने लगी है। मैंने अपना काम पूरा कर लिया है।' रामानुजन सिर्फ 32 की उम्र के थे। उनके डॉक्टर चंद्रशेखर का कहना था कि अगर रामानुजन की मां और पत्नी ने आपस में लड़ने की बजाय डॉक्टर का कहा मान कर रामानुजन का ध्यान रखा होता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी। रामानुजन ने अपनी हाथ की लकीरें देख कर अपने एक दोस्त को बताया था कि उनका निधन 35 साल की उम्र से पहले हो जाएगा। देवदृष्टि या दिमाग की शक्ति? रामानुजन का विश्वास था कि देवी उनका 'अनंत' (Infinity) से संवाद करवाती हैं। उनका कहना था देवी नामगिरी सपने में आकर उनकी जीभ पर इक्वेशन लिख कर जाती है। जिसके बाद रामानुजन उसे पेपर पर उतार लेते थे। किताब में हार्डी लिखते हैं, 'उसकी गणित में कहीं–कहीं मुझे तर्क दिखता था और कहीं–कहीं मुझे ईश्वर दिखता था।' जबकि हार्डी खुद नास्तिक थे। रामानुजन जीनियस थे या उनपर दिव्य शक्ति का आशीर्वाद था, इस पर दो पक्ष हैं… आध्यात्मिक पक्ष यह है कि रामानुजन को गणित के हर इक्वेशन में रामानुजन को ईश्वर दिखते थे। 3900 में उनके करीब 90% सूत्र बाद में सही साबित हुए। इतनी सटीकता को वैज्ञानिक ‘दिव्य’ कहते हैं। वहीं कुछ वैज्ञानिक कहते हैं कि ये मैथमेटिकल इंट्यूशनल मिरेकल है, जिसमें दिमाग में हाइपर इंट्यूशन होते हैं और प्रश्न या उत्तर दिमाग में सीधे उभर आते हैं। सच क्या था? यह आज भी दुनिया की बड़ी पहेलियों में से एक है। -----------ये खबर भी पढ़िए... जब दो स्कूली लड़कियों ने अंग्रेज डीएम को गोली मारी:रिवॉल्वर में उंगली छोटी पड़ रही थी; कहा- ये भगत सिंह की फांसी का बदला बंगाल में इंटेलिजेंस ब्यूरो ऑफिस में एक कश्मकश भरी गहमागहमी थी। पुलिस के सामने 14 और 15 साल की दो लड़कियां थीं, जिन्होंने कुछ घंटे पहले ही एक अंग्रेज डीएम को घर में घुसकर गोली मारी थी। बेखौफ लड़कियों ने कबूल किया- हमने भगत सिंह की फांसी का बदला लेने के लिए डीएम का वध किया है। पूरी खबर पढ़िए...

दैनिक भास्कर 22 Dec 2025 3:24 pm

ढाका की सड़कों पर गोलियों की गूंज: एक और छात्र नेता के सिर में मारी गोली, हालात बेकाबू

Bangladesh Violence: छात्र नेता मोतालेब शिकदर को बांग्लादेश में मारी गई गोली.

ज़ी न्यूज़ 22 Dec 2025 1:21 pm

हिंसक भीड़ चिल्ला रही थी, फैक्ट्री बचाने के लिए दीपू दास को झोंक दिया...बांग्लादेश में हिंदू को मारकर कैसे जलाया गया?

एक हिंदू को पीट-पीटकर मारने, नंगा करने, पेड़ से लटकाने, खुलेआम आग लगा देने की घटना ने बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति को दुनिया के सामने खोलकर रख दिया है. पाकिस्तान की तरह बांग्लादेश में भी ईशनिंदा की अफवाह पर कट्टरपंथियों की भीड़ ने हिंदू दीपू चंद्र दास को मार डाला. अब पता चला है कि फैक्ट्री के अंदर से ही उसे जबरन बाहर कर दिया गया था.

ज़ी न्यूज़ 22 Dec 2025 12:20 pm

बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा के बीच छात्र-पत्रकार ने लगाई सुरक्षा की गुहार, बीएसएल ने कहा- देश में अब कानून का शासन नहीं

बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा के बीच छात्र और पत्रकार अपनी सुरक्षा की गुहार लगा रहे हैं। अवामी लीग पार्टी की स्टूडेंट विंग, बांग्लादेश स्टूडेंट्स लीग (बीएसएल) ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वे बांग्लादेश में 12 फरवरी, 2026 को होने वाले अगले आम चुनाव को आजाद, निष्पक्ष और सबको साथ लेकर चलना सुनिश्चित कराने में एक रचनात्मक भूमिका अदा करें। इसके साथ ही एडिटर्स और पत्रकारों ने प्रेस की स्वतंत्रता की गुहार लगाई है

देशबन्धु 22 Dec 2025 12:12 pm

Bondi Beach Shooting: 'साजिद अकरम से मेरा कोई लेना-देना नहीं...' आतंकी की पत्नी ने शव लेने से किया इनकार

Sajid Akram:सिडनी के बोंडी बीच पर हुए आतंकी हमले के आरोपी साजिद अकरम की विधवा ने उनका अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है. पत्नी ने कहा कि उसका उससे कोई संबंध नहीं है. इसके बाद साजिद का शव पुलिस के पास है और अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी अब ऑस्ट्रेलियाई सरकार पर है.

ज़ी न्यूज़ 22 Dec 2025 11:46 am

'हमने सारे इलाके छीन लिए...', थाई पीएम ने जैसे किया दावा अगले दिन बॉर्डर पर बमों की बारिश शुरू, आसियान मीटिंग से पहले होने लगी बंपर मार

Thai PM military controls all target areas Cambodia conflict:थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर सोमवार सुबह नई झड़पें शुरू हो गईं, आसियान विदेश मंत्रियों की मलेशिया वाली मीटिंग से पहले ये मार हुई है. इसके एक दिन पहले ही थाई पीएम अनुतिन ने दावा किया था कि हमने सभी इलाकों पर कब्जा कर लिया, कंबोडिया पीछे हट रहा है.

ज़ी न्यूज़ 22 Dec 2025 11:00 am

सऊदी अरब में भेड़-बकरियों की तरह किया जा रहा कत्ल... 2025 में अब तक 347 लोगों को दी गई सजा-ए-मौत

Saudi Arabia executions 2025: 2025 में सऊदी अरब में 347 से अधिक लोगों को फांसी दी गई, जिसमें ज्यादातर ड्रग अपराधी थे, मानवाधिकार समूहों ने इसे क्रूर और मनमानी बताते हुए आवाज उठाई है.

ज़ी न्यूज़ 22 Dec 2025 10:42 am

तेज रफ्तार बस उलटी, 16 की मौत और दर्जनों घायल! इंडोनेशिया में हुआ ये भयानक हादसा

Indonesia bus accident in Semarang: इंडोनेशिया के सेमारांग में तेज रफ्तार बस पलटने से 16 लोगों की मौत और 18 घायल हो गए हैं. घटना के बाद अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी.

ज़ी न्यूज़ 22 Dec 2025 9:49 am

शादी की खुशियों में खूनी कहर: दूल्हे के दोस्त ने मुंह से अलग कर दी मेहमान की उंगली, 5 साल की जेल

Cutting a finger at a wedding: यूके में डेनियल पेसनेल ने शादी में हिंसक व्यवहार करते हुए एक मेहमान की उंगली काट ली, जिसके लिए उन्हें पांच साल की जेल हुई है. पेसनेल ने शराब पीने और झगड़े को जिम्मेदार बताया है.

ज़ी न्यूज़ 22 Dec 2025 8:41 am

ट्रंप का बड़ा ‘डिप्लोमैटिक शेक-अप’: 30 राजदूतों की कर दी छुट्टी, क्यों बुलाया वापस?

Trump administration is recalling ambassadors: ट्रंप प्रशासन ने लगभग 30 राजदूतों को अमेरिका फर्स्ट एजेंडे के तहत वापस बुलाया है, जिससे विदेश नीति में बड़े बदलाव की तैयारी दिखाई दे रही है. हालांकि, प्रभावित राजदूत अपने विदेशी सेवा के पद नहीं खोएंगे और वॉशिंगटन लौटकर अन्य जिम्मेदारियां संभाल सकते हैं.

ज़ी न्यूज़ 22 Dec 2025 7:56 am

राष्ट्रपति का मैनेजर निकला चोर, उड़ा ले गया लाखों के बर्तन; ऑनलाइन नीलामी की थी योजना, पुलिस ने दबोचा

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के आधिकारिक निवास एलिसी पैलेस से लाखों यूरो के चांदी के बर्तन चोरी होने का मामला सामने आया है. चौंकाने वाली बात यह है कि इस चोरी को राष्ट्रपति हाउस के ही एक कर्मचारी ने अंजाम दिया था.

ज़ी न्यूज़ 22 Dec 2025 7:55 am

कब्रिस्तान हो चुका गाजा अब बनने जा रहा हाईटेक लग्जरी डेस्टिनेशन, रफा होगा 'जन्नतों' का शहर, पैसा इतना लगेगा कि गिनते हुए दिमाग चकरा जाए

US Will Pay 20 Percent of Gaza Reconstruction:गाजा के हालात देखकर किसी का भी दिल दहल जाए. घर-घर तबाही, सड़कें उखड़ी हुईं, जैसे कोई कब्रिस्तान हो. लेकिन अब अमेरिका ने एक ऐसा प्लान पेश किया है जो सुनकर आंखें फटी की फटी रह जाएंगी. अमेरिका ने गाजा के युद्ध के बाद पुनर्निर्माण के लिए 'प्रोजेक्ट सनराइज' नाम का प्लान पेश किया है.जानें कैसे बन जाएगा गाजा जन्नत. पूरी रिपोर्ट.

ज़ी न्यूज़ 22 Dec 2025 7:31 am

‘रूसी सेना ज्वॉइन करो नहीं तो ड्रग केस में फंसा देंगे...' गुजरात के छात्र ने यूक्रेन से किया SOS वीडियो शेयर; सुनाई आपबीती

Sahil Mohammad Hussain: गुजरात के मोरबी निवासी साहिल मोहम्मद हुसैन ने यूक्रेन से एक SOS वीडियो जारी कर आरोप लगाया है कि उन्हें झूठे ड्रग्स मामले में फंसाकर जबरन रूसी सेना में शामिल कराया गया. उन्होंने भारतीय नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी दबाव या लालच में आकर रूसी सेना में भर्ती न हों.

ज़ी न्यूज़ 22 Dec 2025 6:57 am

29 नाव तबाह, 104 लोगों की मौत... अमेरिका ने अब किस पर बोल दिया हमला, समुद्र में बिछा दीं लाशें

US military drug trafficking attack: अमेरिकी सेना द्वारा ड्रग तस्करी रोकने के नाम पर करीब 29 नावों को बर्बाद कर दिया गया, जिसमें लगभग 104 लोगों की मौत हो चुकी है. अमेरिकी कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने सवाल उठाया है कि क्या जो लोग मरे हैं वो सच में ड्रग कार्टेल से जुड़े हुए थे या नहीं?

ज़ी न्यूज़ 22 Dec 2025 6:46 am

न्याय विभाग का यू-टर्न! एपस्टीन दस्तावेजों में ट्रंप की हटाई गई तस्वीर फिर आई सामने

Donald Trump Epstein photo: न्याय विभाग ने जांच के बाद यह स्पष्ट होने पर कि तस्वीर में एपस्टीन के किसी भी पीड़ित की मौजूदगी नहीं है, डोनाल्ड ट्रंप की हटाई गई फोटो को फिर से सार्वजनिक कर दिया गया है. इस मामले को लेकर विपक्ष ने दस्तावेजों की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं.

ज़ी न्यूज़ 22 Dec 2025 6:06 am

जिस बांग्लादेश को भारत ने बनाया, वही सबसे बड़ी चुनौती:पाक-चीन के साथ मिलकर क्या साजिश कर रहा; सरकार को कैसे निपटना चाहिए

1971 में जो देश भारत की वजह से अस्तित्व में आया, वही अब सबसे बड़ा रणनीतिक संकट बन गया है। अगस्त 2024 से दोनों देशों के रिश्तों में जारी उथल-पुथल पिछले 4-5 दिनों से बदतर हो गई है। विदेश मामलों की संसदीय समिति ने भी आगाह किया है कि भारत को जल्द कुछ करना पड़ेगा, वरना चीजें हाथ से निकल जाएंगी। बांग्लादेश किन वजहों से भारत के लिए गंभीर खतरा बन सकता है और उससे निपटने के लिए सरकार को क्या करना चाहिए; मंडे मेगा स्टोरी में पूरी कहानी… **** ग्राफिक्स: द्रगचन्द्र भुर्जी, अजीत सिंह और अंकुर बंसल ------- ये खबर भी पढ़िए... ज्यादातर मुस्लिम देश गरीब क्यों होते जा रहे:दुनिया की GDP में सिर्फ 8% हिस्सेदारी; तबाही के पीछे इस्लाम, अंग्रेजों की लूट या छिपी वजहें दुनियाभर के 57 मुस्लिम देशों का एक संगठन है- ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन यानी OIC। यहां दुनिया की करीब 25% आबादी रहती है, लेकिन वर्ल्ड GDP में इनकी हिस्सेदारी 10% भी नहीं। 500 सालों तक समृद्धि का सुनहरा दौर देखने वाली इस्लामी सत्ता कैसे गरीबी और तबाही के कुचक्र में फंस गई। इसके पीछे धर्म, अंग्रेजों की लूट या अन्य वजहें... पूरी खबर पढ़िए...

दैनिक भास्कर 22 Dec 2025 5:01 am

‘भाई आतंकी, मैं नहीं, कनेक्शन निकले तो गोली मार दो’:हिजबुल कमांडर के रिश्तेदार पावर प्रोजेक्ट में, क्या पाकिस्तान की साजिश

‘मैं 4 साल से पावर प्रोजेक्ट में काम कर रहा हूं। ड्रिलिंग मशीन चलाता हूं। मैं कह रहा हूं कि अगर किसी आतंकी से मेरा लिंक निकले, मेरी कोई संदिग्ध एक्टिविटी मिले, तो मुझे बीच चौराहे पर खड़ा करके गोली मार दी जाए। मैं देश से गद्दारी नहीं कर सकता।’ ये बात कहते हुए शम्सुद्दीन दुख और गुस्से से भर जाते हैं। 50 साल के शम्सुद्दीन जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में चिनाब नदी पर बन रहे रतले हाइड्रो प्रोजेक्ट में काम करते हैं। पुलिस ने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें लिखा है कि प्रोजेक्ट में काम कर रहे 29 लोगों का बैकग्राउंड संदिग्ध है। इनमें 5 का कनेक्शन किसी न किसी तरह से आतंकियों से जुड़ता है। शम्सुद्दीन भी इन 5 लोगों में हैं। उनका चचेरा भाई मोहम्मद अमीन उर्फ जहांगीर सरूरी वॉन्टेड आतंकी है। दैनिक भास्कर ने इस लिस्ट में शामिल सभी संदिग्ध नामों और उनके लिंक की पड़ताल की। जिन 5 कर्मचारियों पर आतंकी और ओवरग्राउंड वर्कर यानी OGW से लिंक होने का दावा किया गया है वे मोहम्मद इकबाल, शम्सुद्दीन, तनवीर अहमद, चांद मोहम्मद और मोहम्मद नैर हैं। हमने शम्सुद्दीन और तनवीर अहमद से बात की। इन पांचों में मोहम्मद इकबाल वॉन्टेड आतंकी जहांगीर सरूरी का सगा भाई है। तनवीर अहमद के पिता अब्दुल करीम बट्ट पर आरोप था कि वे जहांगीर सरूरी के मददगार थे, जिन्हें ओवर ग्राउंड वर्कर कहते हैं। अब्दुल करीम पर पब्लिक सेफ्टी एक्ट के मामला दर्ज हुआ। वे कई बार जेल भी गए। हालांकि अब रिहा होकर घर पर हैं। पुलिस बीच-बीच में वेरिफिकेशन के लिए उनके घर आती है। चांद मोहम्मद का पिता भी ओवर ग्राउंड वर्कर थे। मोहम्मद नैर के पिता आतंकी थे, जिन्होंने बाद में सरेंडर कर दिया था। इनके अलावा 22 संदिग्धों पर चोरी और धमकी देने की धाराओं में केस दर्ज हैं। पहले संदिग्ध: शम्सुद्दीनशक की वजह: आतंकी जहांगीर सरूरी के चचेरे भाईशम्सुद्दीन कहते हैं, ‘हां, ये सच है कि मेरा चचेरा भाई जहांगीर आतंकी है। वो 1992 में पाकिस्तान चला गया था। मैं तब 17 साल का था। हम उस वक्त आजादी की बातें सुनते थे। बाद में समझ आया कि ये बर्बादी की बात होती थी। जहांगीर को मैंने पाकिस्तान से लौटने के बाद सिर्फ एक बार देखा था। अब इस बात को 32-33 साल हो गए हैं। उसके बारे में आज तक पता नहीं चला।’ ‘ये भी सच है कि मेरे साथ इसी प्रोजेक्ट में जहांगीर सरूरी का सगा भाई मोहम्मद इकबाल भी काम करता है। वो कारपेंटर है। उससे हर हफ्ते या 10 दिन में पूछताछ होती रहती है। उसकी और उसके घर की तलाशी ली जाती है। जांच अधिकारियों को उसे रिपोर्ट करना होता है। ऐसे में उस पर भी लगातार नजर रखी जाती है। हमारा नाम एक फरार आतंकी की वजह से जुड़ा है। हमारी कोई एक्टिविटी गलत नहीं है।’ दूसरे संदिग्ध: तनवीर अहमदशक की वजह: पिता पर आतंकियों के मदद करने का आरोपतनवीर अहमद बताते हैं, ‘मैं इस प्रोजेक्ट साइट पर प्लंबर का काम करता हूं। तीन साल हो गए, रोज 12-12 घंटे ड्यूटी करता हूं। 12वीं पास हूं। उम्र 30 साल से ज्यादा है। मेरे चाचा जहांगीर सरूरी आतंकी बने, तब मैं पैदा भी नहीं हुआ था।' हां, मेरे अब्बू अब्दुल करीम बट्ट को ओवर ग्राउंड वर्कर होने के आरेाप में अरेस्ट किया गया था। वे जेल भी गए। पुलिस वाले उनसे पूछताछ करने आते रहते थे। कोर्ट ने अब्बू को बाइज्जत बरी कर दिया है। फिर भी उन्हें ओवर ग्राउंड वर्कर कहकर मुझे भी टेरर लिंक से जोड़ा जा रहा है।’ ‘मैं कहना चाहता हूं कि अगर मेरी कोई एक्टिविटी संदिग्ध मिले, तो आप मुझे जो सजा देना चाहेंगे, मैं तैयार हूं। बस हमें बेवजह परेशान न किया जाए। हम लोग मजदूरी करके परिवार चला रहे हैं।’ कौन है फरार वॉन्टेड आतंकी जहांगीर सरूरीमोहम्मद अमीन उर्फ ​​जहांगीर सरूरी को हिजबुल मुजाहिदीन का कमांडर बताया गया है। वह 1992 से एक्टिव है। जहांगीर को जम्मू में सबसे लंबे वक्त तक जिंदा रहने वाले आतंकवादियों में से एक माना जाता है। उस पर डोडा-किश्तवाड़ में कई हत्याओं में शामिल होने का केस है। वह नवंबर 2018 में किश्तवाड़ में BJP नेता अनिल परिहार और उनके भाई अजीत परिहार की हत्या का मास्टरमाइंड था। NIA की चार्जशीट के मुताबिक, जहांगीर ने परिहार भाइयों की हत्या किश्तवाड़ का माहौल बिगाड़ने के इरादे से कराई थी। इसके अलावा, अप्रैल 2019 में RSS कार्यकर्ता चंद्रकांत शर्मा और उनके बॉडीगार्ड की हत्या की साजिश भी जहांगीर ने ही रची थी। जहांगीर ने डोडा–किश्तवाड़ बेल्ट में आतंकवाद को फिर से एक्टिव किया है। उसके नेटवर्क में कई स्थानीय युवक शामिल हैं। भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने जहांगीर को A++ कैटेगरी का आतंकवादी कमांडर घोषित किया है। उस पर पुलिस और NIA की ओर से 30 से 50 लाख रुपए का इनाम रखा है। BJP विधायक ने सबसे पहले जताया टेरर लिंक का शकरतले पावर प्रोजेक्ट में काम करने वाले लोगों के टेरर लिंक पर सबसे पहले किश्तवाड़ की विधायक शगुन परिहार ने शक जताया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि प्रोजेक्ट में काम करने वाले कुछ लोगों के आतंकवादियों से संबंध हैं। इसके बाद किश्तवाड़ के SSP नरेश सिंह ने प्रोजेक्ट के सभी कर्मचारियों का वेरिफिकेशन कराया। कुल 1434 कर्मचारी, सबसे ज्यादा किश्तवाड़ केपुलिस ने प्रोजेक्ट का काम देख रही कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के कर्मचारियों का वेरिफिकेशन और रिकॉर्ड की जांच की। सभी कर्मचारियों की उनके पुलिस थाने में जांच कराई गई। इसमें पता चला कि प्रोजेक्ट में कुल 1434 लोग काम कर रहे हैं। इन सभी के पुलिस वेरिफिकेशन के बाद इंटरनल रिपोर्ट में बताया गया कि 29 लोग संदिग्ध हैं। इनमें से 5 का आतंकवाद से संबंध होने की बात कही गई है। इनमें से एक पर वाटर बॉडी के स्रोत को दूषित करने और दस्तावेजों में हेराफेरी करने का भी मामला है। बाकी 23 लोगों पर क्रिमिनल केस हैं। इन पर कब्जा करने या किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने के इरादे से तोड़फोड़ करने के आरोप हैं। SSP नरेश सिंह ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ये प्रोजेक्ट पाकिस्तान के सबसे ज्यादा जोखिम वाले टारगेट में होने का खतरे में है। इसलिए ऐसे कर्मचारियों की नियुक्ति पर फिर से विचार करने की जरूरत है। वे कुछ भी कर सकते हैं, जिससे प्रोजेक्ट के लिए खतरा पैदा हो सकता है। SSP ने प्रोजेक्ट का काम देख रही एजेंसी से कहा है कि वे ऐसे कर्मचारियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखें। अगर इन सभी 29 लोगों को लेकर कुछ भी संदिग्ध बात सामने आती है, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें, ताकि समय पर कार्रवाई की जा सके। कंपनी के COO बोले- कुछ लोग ब्लैकमेल कर रहेपुलिस की इस जानकारी के बाद एजेंसी मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर हरपाल सिंह ने कहा है कि हमारी तरफ से उन पर नजर रखी जा रही है। अगर कोई संदिग्ध एक्टिविटी नजर आती है, तो हम तुरंत सूचना देंगे। हरपाल सिंह ने दैनिक भास्कर को वीडियो भेजकर पूरे मामले पर जानकारी दी। वे कहते हैं, ‘मैं रतले डैम का प्रभारी हूं। पिछले कुछ दिनों से कुछ पॉलिटिकल लीडर और उनके लोकल सपोर्टर कोशिश कर रहे हैं कि प्रोजेक्ट के अधिकारी-वर्कर्स को डराया धमकाया जाए। गलत काम पूरे कराए जाएं। उनका मोटिव कंपनी में ठेका लेने का है। वे चाहते हैं कि बिना वैकेंसी के भर्ती हो जाए।' 4 दिसंबर को हमारी एजेंसी के एचआर हेड पर घर लौटते समय अटैक हुआ। इस वजह से डर का माहौल बन गया। मेरे पास इस समय कोई भी वैकेंसी खाली नहीं है। कोई भी भर्ती नहीं हो सकती है। ‘यहां 133 मीटर का डैम बनाना है। कुछ लोग कंपनी को ब्लैकमेल कर रहे हैं। काम बंद कराना चाहते हैं। हमने देखा कि 300 लोग ज्यादा थे। सितंबर महीने में हमने लेबर कमिश्नर से परमिशन ली। हमने कहा कि इन्हें निकालने की परमिशन दी जाए। हमें परमिशन मिल गई है। हमने 200 लोगों को हटा दिया। साथ में ये भी कहा कि जब हमें जरूरत होगी, तो इन्हीं 200 लोगों में से भर्ती करेंगे।’ ‘कुछ लोग प्रेशर बना रहे हैं। हमारे कर्मचारी और अधिकारियों को डरा-धमका रहे हैं। ये गलत है। अगर हमें काम नहीं करने दिया जाएगा, तो ये प्रोजेक्ट हमें छोड़ना होगा। अगर ऐसा हुआ तो बहुत नुकसान होगा। हम लगातार पुलिस की जांच में सहयोग कर रहे हैं।‘ मुद्दा उठाने वालीं विधायक बोलीं– प्रोजेक्ट की सुरक्षा खतरे मेंपावर प्रोजेक्ट में टेरर लिंक का मुद्दा उठाने वाली किश्तवाड़ से BJP विधायक शगुन परिहार पॉलिटिकल फैमिली से आती हैं। शगुन परिहार के पिता अजीत परिहार और चाचा अनिल परिहार BJP से जुड़े थे। 1 नवंबर, 2018 को जम्मू-कश्मीर के पंचायत चुनावों से पहले किश्तवाड़ शहर में घर के पास आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी थी। इसका आरोप आतंकी जहांगीर सरूरी पर लगा था। शगुन कहती हैं, ‘वे लोग हिजबुल मुजाहिदीन से लिंक रखते हैं। पाकिस्तान में 10 साल रहकर आए हैं। ऐसे आतंकी नेटवर्क से जुड़े लोगों को प्रोजेक्ट में शामिल किया जाए, तो हमारे लोगों की सिक्योरिटी खतरे में होगी। कल को कोई हादसा हो गया तो कौन जिम्मेदार होगा। कौन कह सकता है कि प्रोजेक्ट का मैप पाकिस्तान में पहुंचा होगा। इसकी जिम्मेदारी CM उमर अब्दुल्ला लेते हैं या महबूबा मुफ्ती लेती हैं।’ उमर बोले- विपक्ष के दो विधायक प्रोजेक्ट में दखल दे रहेCM उमर अब्दुल्ला ने इस मसले पर कहा कि पावर कॉर्पोरेशन की जिम्मेदारी चुनी हुई सरकार के पास नहीं है। ये इल्जाम अगर मेरे किसी मंत्री पर होता, तो जांच शुरू हो जाती। ये प्रोजेक्ट सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लिए नहीं है, बल्कि पूरे हिंदुस्तान के लिए है। विपक्षी पार्टी के दो विधायक इसमें दखल दे रहे हैं।’ वहीं, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी पावर प्रोजेक्ट के कर्मचारियों की जांच पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार बिना सबूत और कथित आतंकवादी संबंधों के आधार पर गरीब कर्मचारियों को निशाना बना रही है। कथित आतंकी संबंधों के आधार पर कर्मचारियों को मनमाने ढंग से निकालना खतरनाक तरीके से सामान्य हो गया है। अब इसे रतले पावर प्रोजेक्ट तक बढ़ाया जा रहा है।

दैनिक भास्कर 22 Dec 2025 4:57 am

लड़कियां हिजाब पहनें-अखंड बंगाल बने, कैसी थी उस्मान की पॉलिटिक्स:बांग्लादेश की सरकार के लिए आंख का कांटा बन गए, मर्डर से किसे फायदा

‘बांग्लादेश में तख्तापलट से पहले लगातार 2-3 साल से खुलकर भारत के विरोध की राजनीति जोर पकड़ रही थी। इसी से उस्मान हादी मशहूर हुए। वे मुगल काल के अखंड बांग्ला की बात करते थे। कहते थे कि हम फिर से वैसा देश बनाएंगे, तो खुशहाली आएगी। हादी की परवरिश मदरसे में हुई थी। ऐसी ट्रेनिंग में भारत के बारे में अच्छे विचार रखने की वजह नहीं बचती।’ बांग्लादेश के पत्रकार अमानुर रहमान स्टूडेंट लीडर उस्मान हादी की पॉलिटिक्स समझाते हुए ये बात कहते हैं। इंकिलाब मंच के लीडर 32 साल के शरीफ उस्मान बिन हादी की हत्या के बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़क गई थी। हादी समर्थक हत्या के पीछे भारत का हाथ बता रहे हैं। इसकी वजह है कि वे भारत के खिलाफ बोलते थे। हालांकि, अमानुर इसका दूसरा पक्ष भी बताते हैं। वे कहते हैं, ‘हादी पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, स्टूडेंट्स की पार्टी NCP के अलावा हर नेता-मंत्री के बारे में बोलते थे। यही वजह है कि हादी की पॉलिटिक्स कभी उन्हें पसंद नहीं आई।’ दैनिक भास्कर ने बांग्लादेश के मौजूदा हालात, उस्मान हादी की पॉलिटिक्स पर उनके दोस्तों और जर्नलिस्ट से बात की। उनसे पूछा कि हादी बांग्लादेश की राजनीति के इतने बड़े चेहरे कैसे बने। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… मदरसे से पढ़ाई, यूनिवर्सिटी में दिखा कट्टरता की ओर झुकाव1994 में झालोकाठी जिले के मुस्लिम परिवार में जन्मे उस्मान हादी की शुरुआती पढ़ाई मदरसे से हुई। ढाका यूनिवर्सिटी से उन्होंने पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई की। आगे चलकर वे यूनिवर्सिटी में पढ़ाने लगे। कट्टर इस्लामिक राजनीति की वजह से वे छात्रों में मशहूर हो गए। उनके दोस्त बताते हैं कि यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही उस्मान हादी का कट्टर इस्लाम के प्रति झुकाव दिखने लगा था। यूनिवर्सिटी में लड़के पैंट-शर्ट पहनकर आते थे। लड़कियां साड़ियां और सलवार कमीज या ट्रेंडिंग फैशन वाले वेस्टर्न कपड़े पहनकर आती थीं। वहीं, हादी मदरसा के छात्र की तरह टोपी और पायजामा पहनकर आता था। मोहम्मद महीन सरकार उस्मान हादी के जूनियर थे और उन्हें बड़ा भाई मानते हैं। वे कहते हैं, ‘हादी भाई और मैं एक ही डिपार्टमेंट में थे। वे लड़कियों के हिजाब पहनने की रवायत की वकालत करते थे। बांग्लादेश की सेक्युलर पॉलिटिक्स के बीच खुद को इस्लामिक अधिकारों की लड़ाई करने वाले की तरह पेश करते थे।’ ‘पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के वक्त शुरू हुए छात्र आंदोलन में उस्मान हादी बड़ा चेहरा थे। यूनिवर्सिटी में जाना-पहचाना नाम, सेक्युलर पॉलिटिक्स और शेख हसीना के कट्टर विरोधी होने की वजह से उन्हें शोहरत दिला दी।’ ‘हादी की भाषा खराब थी, लेकिन इसी ने पहचान बनाई’ बांग्लादेश में फरवरी 2026 में चुनाव हैं। हादी ढाका-8 सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले थे। दिल्ली में जितनी अहम नई दिल्ली सीट है, उतनी ही बांग्लादेश में ढाका-8 सीट अहम है। इसी सीट में संसद भवन और ढाका यूनिवर्सिटी आती है। इसी ढाका यूनिवर्सिटी में हादी को इतनी पहचान मिली कि वे संसद तक जाने की तैयारी करने लगे। बांग्लादेशी पत्रकार अमानुर रहमान बताते हैं, हादी जो सोचते थे, वे खुलकर बोल पाते थे। हादी के आलोचक कहते थे कि उनकी भाषा खराब थी, लेकिन यही भाषा उन्हें मशहूर भी बनाती थी। बांग्लादेश की आजादी के बाद जमात-ए-इस्लामी के अलावा किसी पार्टी ने धार्मिक पहचान की राजनीति नहीं की। 2013 में शाहबाग आंदोलन के दौरान हादी इस्लामिक टोपी जरूर पहनते थे। यूनिवर्सिटी में टीचर और स्टूडेंट उन्हें ‘हिफाजत’ कहकर बुलाते थे। ये शब्द इस्लामिक कट्टरपंथी समूह हिफाजत-ए-इस्लाम के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अमानुर रहमान बताते हैं, ‘बांग्लादेश की आजादी के वक्त जमात-ए-इस्लामी और उस जैसे कट्टरपंथी संगठनों को वॉर क्रिमिनल की तरह देखा गया। ऐसा माना जाता था कि टोपी पहनने, दाढ़ी रखने वाले बांग्लादेश विरोधी हैं। उस्मान हादी दाढ़ी-टोपी के साथ ढाका यूनिवर्सिटी पहुंचा, तो उसका विरोध होता था। इसी आलोचना से उस्मान हादी ने अपनी जगह बनाई।’ ‘ढाका यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही भारत विरोध की राजनीति शुरू कर दी थी। वे अपने भाषणों में कहते थे कि भारत जुल्म कर रहा है और बांग्लादेश पर कब्जा करना चाहता है। शेख हसीना बांग्लादेश को बेच रही हैं। ये सब 2-3 साल से चल रहा था। भारत विरोध की राजनीति हादी को मजबूत बना रही थी, इसलिए उन्होंने इसे बढ़ावा देना शुरू कर दिया।’ कैसे सभी के खिलाफ होते गए उस्मान हादी 1. सेक्युलर पॉलिटिक्स उस्मान हादी के दोस्त मोहम्मद महीन सरकार कहते हैं, ‘हसीना सरकार के खिलाफ जून से ही ढाका यूनिवर्सिटी में छात्र एकजुट होने लगे थे। उस्मान हादी ने दूसरे छात्र नेताओं जैसे जिया उल-हसन, अफरोजा तूली के साथ मिलकर इंकलाब कल्चरल सेंटर और इंकिलाब मंच नाम से संगठन बनाया। इस संगठन के जरिए हादी ने एंटी सेक्युलर राजनीति शुरू की। 'वे शेख हसीना की 16 साल की सरकार को सांस्कृतिक फासीवाद बताते थे। कहते थे कि भारत हसीना सरकार के जरिए सांस्कृतिक फासीवाद ला रही है। हादी अपनी तकरीरों में कहते थे कि बांग्लादेश का असली नारा जय बांग्ला नहीं, ‘नारा-ए-तकबीर है। उनकी राजनीति राइट विंग की तरफ झुकी हुई थी।’ ‘बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद छात्रों के बीच अपनी राजनीति के लिए रस्साकशी शुरू हो गई। एक धड़ा जिसमें महफूज आलम, नाहिद इस्लाम, सजीब भूयान हैं, उसने डॉ. यूनुस के साथ सरकार में शामिल होना चुना। दूसरा धड़ा, जिसने छात्रों की बनाई पार्टी NCP के संगठन पर काम करना चाहा।’ ‘उस्मान हादी ने तीसरा रास्ता चुना। उन्हें ऐसे लोगों का साथ मिला भारत की दक्षिण एशिया में दखलंदाजी पर खुलकर बोलते थे। उस्मान हादी सभी पार्टियों बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी से लेकर छात्रों की नेशनल सिटिजन पार्टी की आलोचना करते थे। दूसरी तरफ कोई भी पार्टी उस्मान हादी की राजनीति का विरोध नहीं कर पाती थी।’ उस्मान हादी के एक दोस्त अब NCP में हैं। वे कहते हैं कि राजनीतिक पार्टी की अपनी सीमा होती है, लेकिन बतौर एक्टिविस्ट उस्मान कुछ भी कह सकता था। हादी भारतीय प्रभुत्व के बारे में खुलकर बात करता था। अपने भाषणों में बार-बार कहता था कि अवामी लीग के जरिए भारत बांग्लादेश में अपना राज चला रहा है। NCP भी अवामी लीग की तरह राजनीति कर रही है। इसलिए उसने NCP छोड़कर अपना रास्ता चुना। 2. अवामी लीग अवामी लीग के नेतृत्व में बांग्लादेश को आजादी मिली। पार्टी अगले 50 साल तक आजादी की विरासत की सबसे बड़ी दावेदार बनी रही। उस्मान हादी ने 1971 की आजादी की लड़ाई को छलावा बताना शुरू किया। वे जमात-ए-इस्लामी की सोच के तहत बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई और उसकी अहमियत को नकारते रहे। छात्रों के कोटा आंदोलन से लेकर शेख हसीना के खिलाफ विरोध में उस्मान हादी की सोच ने ही आंदोलन की दिशा तय की। हसीना सरकार के खिलाफ आम लोगों को एकजुट करने में हादी ने मेहनत की और आंदोलन को लीड किया। 3. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टीबांग्लादेश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी यानी BNP ने कभी आजादी की लड़ाई को नकारने पर उस्मान हादी या जमात का समर्थन नहीं किया। पार्टी इस इतिहास का सम्मान करती आई है। हादी ने ऐलान किया था कि वे 25 दिसंबर को बांग्लादेश लौट रहे BNP के एक्टिंग प्रेसिडेंट तारिक रहमान का विरोध करेंगे। तारिक रहमान 18 साल का निर्वासन काटकर बांग्लादेश लौट रहे हैं। BNP ने पूरी ताकत रहमान की वापसी की तैयारियों में लगा दी है। उधर, उस्मान हादी ने एयरपोर्ट पर रहमान का विरोध करने का ऐलान कर दिया था। अगर रहमान के देश लौटने पर इस तरह का विरोध होता, तो इससे BNP की नेगेटिव इमेज बनती। पत्रकार अमानुर रहमान बताते हैं कि हादी खुलकर कहते थे कि तारिक रहमान बांग्लादेश के लिए सही नहीं हैं। 4. डॉ. यूनुस की अंतरिम सरकार उस्मान हादी के साथ आंदोलन कर चुके एक स्टूडेंट लीडर दावा करते हैं कि उनका कद इतना बढ़ गया था कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार उनकी बातों को नजरअंदाज करके कोई फैसला नहीं ले सकती थी। चुनाव के ऐलान से पहले अवामी लीग को चुनाव लड़ने देने को लेकर चर्चा हुई, तो छात्रों की पार्टी NCP का एक धड़ा सभी पार्टियों को चुनाव लड़ने देने की वकालत कर रहा था। उस्मान हादी के विरोध के बाद अंतरिम सरकार को अवामी लीग को बैन करने का फैसला लेना पड़ा। सरकार में न रहते हुए हादी सरकार के फैसलों को प्रभावित करने लगे थे। सरकार में बैठे छात्र नेताओं को भी ये बात चुभने लगी थी। उस्मान हादी ने कई बार ये बात कही कि अंतरिम सरकार में बैठे लोग जनता के लिए जवाबदेह नहीं बचे हैं। उस्मान की राजनीति का ही असर था कि NCP अपना आधार खोने लगी। उस्मान हादी बांग्लादेश की सरकार में बैठे लोगों के लिए आंख का कांटा बन चुके थे, जो चुनाव करीब आने के साथ ज्यादा चुभने लगा था। वे बांग्लादेश के कट्टरपंथी इस्लामिक गुट हिफाजत-ए-इस्लाम के बारे में भी खुलकर बात करते थे। ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा जारी किया, जिसमें भारत के राज्य भी शामिलदक्षिण एशिया में भारत के दबदबे वाली बातों से आगे बढ़कर हादी ने ग्रेटर बांग्लादेश को बढ़ावा दिया। उस्मान हादी का मानना था कि बांग्लादेश का इतिहास 1971 से नहीं, इससे काफी पहले का है। उन्होंने ग्रेटर बांग्लादेश का एक नक्शा भी जारी किया था। इसमें पश्चिम बंगाल, असम और नॉर्थ ईस्ट राज्यों का भी कुछ हिस्सा शामिल किया था। एक्सपर्ट बोले- हादी ने पार्टियों का विरोध कर नया विजन रखाजिंदल यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर और साउथ एशिया मामलों की जानकार श्रीराधा दत्ता कहती हैं कि हादी की विचारधारा भारत की आलोचना से भरी थी, लेकिन उसने अपनी राजनीति लोकतांत्रिक तरीके से की। मुझे ऐसा लगता है कि बांग्लादेश में कुछ ऐसे तत्व थे, जो राजनीति को हिंसक बनाना चाहते थे। ये तत्व चुनाव समय पर नहीं होने देना चाहते। प्रशासन को ऐसे तत्वों के खिलाफ एक्टिव रहना चाहिए था। हादी की राजनीति पर प्रोफेसर दत्ता कहती हैं, ‘वे अपनी मदरसे वाली पहचान को खुलकर सामने रखते थे। नए बांग्लादेश को लेकर अपने विचार रखते थे। मैंने कभी नहीं सुना कि उन्होंने खुलकर बांग्लादेश को इस्लामिक मुल्क बनाने की बात कही हो।’

दैनिक भास्कर 22 Dec 2025 4:57 am

पाकिस्तान को तुर्की से मिला PNS खैबर, समुद्र सुरक्षा को मजबूत करने में जुटा दुश्मन देश

MILGEM class ship: चार जहाजों को बनाने के लिए पाकिस्तान और तुर्की के बीच में साल 2018 के दौरान समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत दो जहाज तुर्की में बनाने थे और दो पाकिस्तान में. अब, PNS खैबर के पाकिस्तान नौसेना में शामिल होने पर तुर्की निर्मित दोनों युद्धपोतों का काम पूरा हो गया है.

ज़ी न्यूज़ 22 Dec 2025 1:17 am

दुनिया का वो झरना, जो बन जाता है ज्वालामुखी का लावा! देखकर भी नहीं होगा आंखों पर यकीन

यह दुर्लभ दृश्य फरवरी के मध्य से अंत तक, यानी लगभग 10 से 27 फरवरी के बीच ही देखने को मिलता है. इस दौरान सूर्यास्त के समय डूबता हुआ सूरज एक विशेष कोण पर अपनी सुनहरी किरणें झरने पर डालता है.

ज़ी न्यूज़ 21 Dec 2025 11:57 pm

उड़ता हुआ 'सुपरकंप्यूटर' है F-35, खुद तय करता है कौन-सा दुश्मन पहले ढेर होगा; सेकंडों में चुनता है मिसाइल

Weapons of F-35 Fighter Plane: अमेरिकी एफ-35 फाइटर महज एक लड़ाकू विमान ही नहीं है. यह उड़ता हुआ 'सुपरकंप्यूटर' है. वह अपने आप तय करता है कि दुश्मन को किस हथियार से खत्म करना है.

ज़ी न्यूज़ 21 Dec 2025 10:32 pm