बांग्लादेश चुनाव सिर्फ एक बनावटी रस्म है, नतीजा असल में पहले से तय: अवामी लीग
बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। दावा किया है कि अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर पाबंदी लगाकर देश के 40 फीसदी मतदाताओं को फरवरी 2026 में चुनाव में हिस्सा लेने से रोका जा रहा है
बीच रेत में अचानक प्रकट हुआ चमचमाता जहाज, सोने-चांदी की होने लगी बारिश; खोला 500 साल पुराना राज
500 Year Old Treasure Ship Found: नामीबिया की रेत में एक 500 साल पुराना जहाज मिला है. यह जहाज 7 मार्च साल 1533 को पुर्तागल के लिस्बन से भारत के लिए निकला था.
पुतिन नई दिल्ली पहुंचने के लिए मॉस्को से हुए रवाना, आज शाम 6 बजे तक पर पहुंचेंगे भारत
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत दौरे पर राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली पहुंचने के लिए मॉस्को से रवाना हो चुके हैं। पुतिन आज शाम करीब 6 बजकर 35 मिनट पर भारत पहुंचेंगे। स्थानीय मीडिया की ओर से यह जानकारी साझा की गई है
42 अमेरिकी सांसदों ने मार्को रुबियो को लिखा पत्र, पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का किया आग्रह
पाकिस्तान में हो रहे दमनकारी अभियानों का शोर अमेरिका तक पहुंच रहा है। इस सिलसिले में भारतीय मूल की अमेरिकी कांग्रेस सदस्य महिला प्रमिला जयपाल और कांग्रेस सदस्य ग्रेग कैसर के नेतृत्व में करीब 42 टॉप अमेरिकन सांसदों ने अमेरिकी मंत्री मार्को रुबियो से पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का आग्रह किया है
दिल, दोस्ती, डिप्लोमेसी! मॉस्को से आया भारत का दोस्त, पुतिन की यात्रा से होने वाले 10 बड़े फायदे
Vladimir Putin India Visit: बतौर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दसवीं बार भारत दौरे पर आ रहे हैं. वो 4-5 दिसंबर तक यहां रहेंगे. पुतिन का यह दौरा बेहद अहम है. इस दौरान व्यापार विस्तार, रक्षा तकनीक हस्तांतरण और ऊर्जा सहयोग मुख्य एजेंडों पर दोनों देशों के बीच बात हो सकती है. आइए जानते हैं भारत को कौन से बड़े फायदे होने की उम्मीद है.
हद से ज्यादा काम करते हैं इन देशों के लोग, डिमांड या कल्चर का हिस्सा? जानें
Workaholic Countries Name: भारत में ज्यादातर कंपनियों में एक दिन में 8 से 9 घंटे काम किया जाता है. इस तरह भारतीय लोग हफ्ते में 45 से 48 घंटे काम करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि सबसे ज्यादा काम किस देश के लोग करते हैं और कितने घंटे काम करते हैं. चलिए जानते हैं.
धरती से 1.8 KM ऊपर बना फुटबॉल ग्राउंड, खिलाड़ियों ने मारा गोल और लगा दी नीचे छलांग! देखें Video
Hot Air Balloon Football Match: रूसी एक्सट्रीम स्पोर्ट्स एथलीट्स ने 5,900 फीट की ऊंचाई पर गर्म हवा के गुब्बारों के सहारे लटका मैदान बनाकर फुटबॉल मैच खेला. यह रोमांचक स्टंट अब वर्ल्ड रिकॉर्ड बन चुका है और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
ऑस्ट्रेलिया ने यूक्रेन के लिए बढ़ाया मदद का हाथ, 6.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर की सैन्य सहायता का किया ऐलान
ऑस्ट्रेलिया ने गुरुवार को यूक्रेन के लिए 9.5 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (6.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर) के नए सैन्य सहायता पैकेज की घोषणा की, जिसमें रक्षा बल सामग्री एवं उपकरण शामिल हैं
Pakistan PIA Sale: पाकिस्तान ने अपनी कर्ज में डूबी राष्ट्रीय एयरलाइन PIA को IMF की शर्तों के तहत बेचने का फैसला कर लिया है, जिसकी बोली 23 दिसंबर 2025 को होने वाली है. नकली लाइसेंस वाले पायलट, लगातार नुकसान और खराब प्रबंधन ने एयरलाइन को 200 अरब रुपये से अधिक कर्ज में धकेल देने का काम किया है.
‘6 दिसंबर (2025) को 12 बजे ही बाबरी मस्जिद का शिलान्यास होगा। मुसलमानों का सेंटिमेंट टूटा है, कुछ तो करना पड़ेगा। 1992 में जिन्होंने बाबरी मस्जिद तोड़ी, उनमें हिम्मत है तो मुर्शिदाबाद में आकर गिरा दें।‘ मुर्शिदाबाद के भरतपुर से TMC विधायक हुमायूं कबीर पश्चिम बंगाल में बाबरी नाम से मस्जिद बनाने का दावा कर रहे हैं। हुमायूं कहते हैं कि जिस दिन अयोध्या में बाबरी मस्जिद गिराई गई थी, उसी तारीख पर यानी 6 दिसंबर 2025 को मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में वे बाबरी मस्जिद का शिलान्यास करेंगे। उनके समर्थकों ने मुर्शिदाबाद में कई जगहों पर शिलान्यास के पोस्टर भी लगाए हैं। इसके जवाब में BJP और एक हिंदूवादी संगठन ने मुर्शिदाबाद में ही अयोध्या की तर्ज पर दो अलग-अलग राम मंदिर बनाने का दावा किया है। BJP का ये भी कहना है कि कोई भी अपनी जमीन पर मस्जिद बना सकता है, लेकिन बाबर के नाम पर इस देश में मस्जिद नहीं बनेगी। जिस मुर्शिदाबाद में मस्जिद और मंदिर बनाने के दावे किए जा रहे हैं, वो बांग्लादेश के बॉर्डर वाला संवेदनशील इलाका है। इसी साल अप्रैल में वक्फ कानून के खिलाफ हुए प्रोटेस्ट के दौरान यहां हिंसा भड़की थी, जिसमें 3 लोगों की जान चली गई थी। बंगाल में अप्रैल 2026 में चुनाव भी होने हैं। ऐसे में मुर्शिदाबाद में मंदिर-मस्जिद पर बयानबाजी क्या चुनावी रणनीति का हिस्सा है? हुमायूं कबीर इस ऐलान के जरिए क्या साधने की कोशिश कर रहे? TMC और BJP इसे लेकर क्या सोचती हैं? दैनिक भास्कर ने विधायक हुमायूं कबीर, पॉलिटिकल पार्टियों और सीनियर जर्नलिस्ट से बात कर ये समझने की कोशिश की। सबसे पहले हुमायूं कबीर और उनके दावों की बात…बाबरी मस्जिद बनना तय, किसी को नाम पर एतराज क्यों पूरे विवाद के केंद्र में भरतपुर से TMC विधायक हुमायूं कबीर हैं। वे इससे पहले कांग्रेस और BJP में भी रह चुके हैं। बाबरी मस्जिद बनाने के दावों को लेकर हमने हुमायूं से बात की। वे दावा करते हैं कि जगह पहले से तय है और निर्माण निश्चित रूप से होगा। हुमायूं ने पहले बेलडांगा में मस्जिद के लिए जो जगह देखी थी, उसे जमीन मालिक ने देने से मना कर दिया। अब वे नई जगह तलाश रहे हैं। हुमायूं कहते हैं, ‘सभी जगह देख ली है। जमीन के छह हिस्सेदार हैं। उनमें से चार देने को तैयार हैं, लेकिन दो नहीं। इनमें लोकल TMC विधायक हसनुज्जमां शेख, रबीउल आलम चौधरी और उनके बेटे पुलिस की मदद से जमीन देने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं। पहले एक जगह विरोध हुआ तो मैंने वहां मना कर दिया।‘ बाबरी नाम को लेकर विवाद के सवाल पर हुमायूं कहते हैं, ‘नाम पर आपत्ति कैसे है? अगर मेरा बेटा पैदा हो तो मैं उसका क्या नाम रखूं, ये बताने वाली BJP कौन होती है।‘ अपनी ही पार्टी के साथ न देने पर हुमायूं कहते हैं, 'पार्टी का इससे कोई लेना-देना नहीं है। पार्टी का सिद्धांत मानूंगा, लेकिन ये मेरे कौम का मामला है। कौम के लोग मदद कर रहे हैं, पार्टी का बोलना मेरे लिए अहमियत नहीं रखता।' ‘100 मुसलमान शहीद होंगे तो 500 को ले जाएंगे‘मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद बनाने को लेकर मीडिया से बात करते हुए 28 नवंबर 2025 को हुमायूं कबीर ने एक और विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा, ‘जो कोई उन्हें रोकने की कोशिश करेगा, उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। अगर 100 मुसलमान शहीद होंगे तो वे अपने साथ 500 लोगों को ले जाएंगे।‘ हुमायूं कबीर पहले भी विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। 2024 में लोकसभा चुनाव प्रचार अभियान के समय मुर्शिदाबाद के शक्तिपुर में हुमायूं कबीर ने एक जनसभा में कहा, ‘मैं राजनीति छोड़ दूंगा अगर दो घंटे में तुम्हें (हिंदुओं को) भागीरथी नदी में डुबो न दिया। तुम 30% हो, हम 70% (मुस्लिम) हैं। मैं तुम्हें शक्तिपुर में रहने नहीं दूंगा।‘ इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया था। वहीं TMC ने इस बयान से दूरी बना ली थी, लेकिन कोई औपचारिक कार्रवाई नहीं की गई। TMC बोली- उस विधायक का कोई मोल नहीं, SIR पर फोकसTMC पहले ही हुमायूं कबीर के बयान से किनारा कर चुकी है। TMC सांसद कल्याण बनर्जी कहते हैं, ‘हम हुमायूं कबीर के बयानों को तवज्जो नहीं देते। उस विधायक का कोई मोल नहीं है। पश्चिम बंगाल में लोग सिर्फ एक ही व्यक्ति से प्यार करते हैं और उसी पर भरोसा करते हैं। वो ममता बनर्जी हैं। पार्टी उन्हीं के नाम पर चलती है।‘ पार्टी में ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी के करीबी सोर्स ने बताया कि अभी हुमायूं कबीर के मुद्दे को पार्टी तूल नहीं देना चाहती। SIR अभी बड़ा मुद्दा है। इसलिए हुमायूं कबीर पर कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा। सोर्स के मुताबिक, ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के संज्ञान में मामला लाया गया है, लेकिन एक्शन नहीं होगा। हुमायूं कबीर पर कार्रवाई करने पर BJP इस मुद्दे को तूल देगी। इसीलिए फिलहाल कोई नोटिस भी जारी नहीं किया जाएगा। पार्टी ने अपने सभी ऑफिशियल प्रवक्ताओं को इस पर बोलने से बचने की हिदायत दी है। 26 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में राम मंदिर का शिलान्यास TMC भले ही इस मामले को तवज्जो न दे रही हो, लेकिन BJP इसे लेकर TMC को लगातार घेर रही है। मुर्शिदाबाद में BJP के पूर्व जिलाध्यक्ष शाखारव सरकार ने जिले में ही राम मंदिर बनाने की बात कही है। हमने शाखारव सरकार से बात की। वे कहते हैं कि बाबरी नाम की मस्जिद मंजूर नहीं है। हुमायूं कबीर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए शाखारव कहते हैं, ‘भारत में कोई बाबरी मस्जिद नहीं बनाना चाहता है। आप सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं। बाबर की मस्जिद मुर्शिदाबाद में नहीं बनेगी। इब्राहिम लोधी भारतीय मुस्लिम थे, उनका कत्ल कर दिया गया। मस्जिद बनानी है, तो अबुल कलाम, नजुल इस्लाम, रिजवान करीम या जामा मस्जिद के नाम पर बने।’ शाखारव ने 26 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में राम मंदिर का शिलान्यास करने का दावा किया है। आक्रमणकारी के नाम पर मस्जिद बनी तो विरोध होगा पश्चिम बंगाल में BJP के लीडर दिलीप घोष कहते हैं कि कोई भी अपनी जमीन पर मस्जिद बना सकता है, लेकिन बाबर के नाम पर इस देश में मस्जिद नहीं बनेगी। वो आक्रांता था। उसके नाम पर किसी ने भी मस्जिद बनाने की कोशिश की तो देशभर में विरोध होगा। हुमायूं कबीर के बयानों को दिलीप घोष TMC की बैकग्राउंड पॉलिटिक्स बताते हैं। वे कहते हैं, ‘हुमायूं को मिनिस्ट्री चाहिए इसलिए वे इस तरह की बात कर रहे हैं। मुर्शिदाबाद में मुस्लिम आबादी ज्यादा है और कम्युनल चीजें होती रहती हैं। आप उनके पिछले स्टेटमेंट देखिए। वे कहते थे कि हिंदुओं को काटकर गंगा में बहा देंगे। ऐसा बोलकर वो अटेंशन क्रिएट करते हैं। उन्हें पार्टी से बार्गेनिंग करनी है क्योंकि उन्हें मिनिस्ट्री चाहिए।‘ बाबर के नाम वाली मस्जिद का अयोध्या जैसा हाल होगाBJP की हिंदूवादी छवि वाली नेता उमा भारती ने चेतावनी दी कि बाबर के नाम पर बनी इमारत का वही हाल होगा जो अयोध्या में हुआ था। उन्होंने X पर लिखा, ‘खुदा, इबादत, इस्लाम के नाम पर मस्जिद बने हम सम्मान करेंगे। अगर बाबर के नाम से इमारत बनी तो उसका वही हाल होगा, जो 6 दिसंबर को अयोध्या में हुआ था। ईंटें तक नहीं बची थीं।‘ ‘मेरी मित्र ममता बनर्जी जी को सलाह है कि बाबर के नाम पर मस्जिद बनाने की बात कहने वालों पर कार्रवाई करें। पश्चिम बंगाल और देश में अस्मिता और सद्भाव के लिए आपकी भी जिम्मेवारी है।‘ उमा भारती के एक-एक ईंट गायब वाले बयान पर विधायक हुमायूं उन्हें मुर्शिदाबाद आने की चुनौती देते हैं। वे कहते हैं कि उमा भारती को ईंट खोलने के लिए मुर्शिदाबाद आना पड़ेगा। हिम्मत है तो आकर गिरा दें। अगर तोड़ दिया तो दोबारा बनाएंगे, तीसरी बार भी बनाएंगे। हालांकि उमा भारती ने इस बयान पर कोई जवाब नहीं दिया है। मस्जिद को लेकर विवाद साल भर पुराना पूरा विवाद नवंबर 2024 में शुरू हुआ। तब TMC विधायक हुमायूं कबीर ने अयोध्या वाली बाबरी मस्जिद की छोटी प्रतिकृति बनाने की बात कही थी। जब बाबरी नाम के इस्तेमाल को लेकर विवाद खड़ा हो गया, तब उन्होंने कहा था कि बाबरी मस्जिद मुसलमानों के लिए भावनात्मक मुद्दा है। इसके बाद दिसंबर 2024 में ही BJP ने मुर्शिदाबाद में राम मंदिर बनाने की बात कही। हालांकि तब भी BJP नेता शंकर घोष का कहना था कि राम मंदिर को मस्जिद के जवाब के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। मंदिर संस्कृति का हिस्सा है, जबकि बाबरी मस्जिद का एक खराब इतिहास है, ये बंगाल में कैसे बन सकती है। राम मंदिर बनाने का ऐलान करने वाला ट्रस्ट बोला- हालात बिगाड़ने की कोशिश एक हिंदूवादी संगठन बोंगियो राम सेवक परिषद ट्रस्ट ने भी दिसंबर 2024 में राम मंदिर बनाने की बात कही थी। 22 जनवरी 2025 को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को साल भर पूरा होने पर सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र के अलंकार गांव में मंदिर का शिलान्यास भी हुआ। ट्रस्ट के प्रेसिडेंट अंबिकानंद महाराज दोबारा मस्जिद का मुद्दा उठाने को राजनीति से प्रेरित मानते हैं। वे कहते हैं, ‘ये बयानबाजी हालात बिगाड़ने के लिए हो रही है। सुप्रीम कोर्ट का राम मंदिर पर दिया आदेश सर्वोच्च है। बाबर की दलाली एंटी-नेशनल है। हुमायूं कबीर को एंटी-सोशल घोषित करके लॉकअप में डाल देना चाहिए। मुर्शिदाबाद सेंसिटिव इलाका है, यहां दंगे हो चुके, लेकिन मुस्लिम समुदाय अब कोई टेंशन नहीं चाहता।‘ अंबिकानंद महाराज कहते हैं कि ये फ्लिपल माइंडेड पॉलिटिशियन TMC में खराब स्थिति में है, वो अपनी नई पार्टी शुरू करने की सोच रहा है। इसके बयानों का कोई मूल्य नहीं। बाबरी मस्जिद के साथ भारतीय मुस्लिमों का कोई लेना-देना नहीं है। अब जान लीजिए एक्सपर्ट क्या कह रहे...SIR के मुद्दे पर पिछड़ रही BJP हुमायूं को मुद्दा बनाना चाह रही इस मामले को लेकर हमने सीनियर जर्नलिस्ट प्रभाकर मणि तिवारी से भी बात की। वे मंदिर-मस्जिद के मामले को इलेक्शन से पहले सांप्रदायिक राजनीति की कोशिश मानते हैं। वे कहते हैं कि TMC ने SIR का मुद्दा पकड़ा है, ये BJP पर भारी पड़ रहा है। इसीलिए BJP हुमायूं कबीर के मुद्दे को भुनाना चाहती है। हालांकि प्रभाकर कहते हैं, ‘बंगाल में सांप्रदायिक राजनीति का फायदा नहीं होता। 2021 के विधानसभा और फिर 2024 के लोकसभा चुनावों में कोशिश हुई, लेकिन वोटरों ने ठुकरा दिया।‘ TMC का रुख: कोई इत्तफाक नहीं, वोट बैंक को नुकसानहुमायूं कबीर के बयानों पर TMC की प्रतिक्रिया को लेकर प्रभाकर मानते हैं, ‘पार्टी जानबूझकर इससे दूरी बना रही है। TMC के सीनियर लीडर ये समझ गए हैं कि अंदर-खाने पार्टी इससे इत्तफाक नहीं रखती। इसीलिए इसे अपने हाल पर छोड़ दिया गया है। बंगाल में SIR बड़ा मुद्दा है, ममता सरकार का फोकस उसी पर है।‘ प्रभाकर 6 दिसंबर को मुर्शिदाबाद में माहौल बिगड़ने की आशंका जताते हैं। वे कहते हैं, ‘मुर्शिदाबाद में अप्रैल में CAA संशोधन पर दंगे, हिंसा और पलायन हुआ। BJP ने मुद्दा बनाया, लेकिन हफ्ते भर में शांत हो गया। अब BJP मस्जिद को चुनावी मुद्दा बना सकती है।‘ ‘हालांकि ममता BJP की रणनीति जानती हैं, इसलिए पार्टी-सरकार स्तर पर ही इस मसले को रोकने की कोशिश करेंगी। वे हुमायूं कबीर को आखिरी मौके पर रोक सकती हैं। पहले भी हुमायूं कबीर अपनी पार्टी बनाना चाहते थे, लेकिन तब अभिषेक बनर्जी के साथ बैठक के बाद पीछे हट गए।‘....................... ये खबर भी पढ़ें....11 बार विधायक-सांसद रहे आजम खान अब कैदी नंबर 425 17 नवंबर 2025, दोपहर का वक्त, पुलिसवाले यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को रामपुर के MP-MLA कोर्ट से जिला जेल ले जा रहे थे। पुलिस की गाड़ी से उतरकर आजम जेल के मेन गेट पर उतरे, तो मीडिया ने घेर लिया। हाथ में चश्मे का केस और बिस्किट के 2 पैकेट थे। पीछे बेटे अब्दुल्ला भी गाड़ी से उतरे। आजम से पूछा गया- फर्जी पैन कार्ड मामले में आपको 7 साल की सजा हुई है, क्या कहना चाहते हैं? जवाब में आजम ने क्या कहा? पढ़िए पूरी खबर...
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 2 दिन के दौरे पर भारत आ रहे हैं। उनके साथ करीब 100 लोगों की टीम है, लेकिन इसमें परिवार का एक भी सदस्य नहीं है। 2012 में आखिरी बार पुतिन अपनी पत्नी के साथ दिखे थे। इसके बाद विदेश दौरे तो क्या रूस में भी पुतिन का परिवार कहीं नहीं दिखा। भास्कर एक्सप्लेनर में जानेंगे पुतिन की बीवी, गर्लफ्रेंड, बच्चों समेत सीक्रेट फैमिली की पूरी कहानी... वर्ल्ड वॉर-2 के दौरान सोवियत यूनियन के लेनिनग्राद (अब सेंट पीटर्सबर्ग) शहर को जर्मन सेना ने 872 दिनों तक सीज कर रखा था। यहां इतनी ताबड़तोड़ बमबारी हुई कि शहर पूरी तरह से तबाह हो गया। इसी शहर में 7 अक्टूबर 1952 को व्लादिमीर पुतिन का जन्म हुआ। उनके पिता व्लादिमीर स्पिरिडोनोविच, सोवियत नेवी में थे और मां मारिया इवानोव्ना पुतिन एक फैक्ट्री में काम किया करती थीं। पुतिन के दादा सोवियत नेता व्लादिमीर लेनिन और जोसेफ स्टालिन के चीफ शेफ रह चुके थे। पुतिन अपने माता-पिता की इकलौती जिंदा संतान हैं। वर्ल्ड वॉर शुरू होने से पहले उनके सबसे बड़े भाई अल्बर्ट की मौत हो गई थी। युद्ध के बाद जब शहर तबाह हो गया तो छोटे बच्चों को भुखमरी से बचाने अनाथालय भेजा जा रहा था। पुतिन के दूसरे भाई विक्टर को भी ले जाया गया, लेकिन यहां उसकी मौत हो गई। परिवार को यह भी नहीं पता चल पाया कि उसे कहां दफनाया गया है। जंग में जब शहर तबाह हुआ तो पुतिन का परिवार बहुत गरीब हो गया। वे लोग लेनिनग्राद के कम्युनल अपार्टमेंट में रहने लगे। बिल्डिंग के पांचवे फ्लोर पर उनका एक कमरे का घर था। यहां कई परिवारों के साथ किचन और बाथरूम शेयर करना पड़ता। जब पुतिन 12 साल के हुए तो उन्होंने सोवियत रेड आर्मी ने मार्शल आर्ट्स सैम्बो और जूडो की क्लास जॉइन कर ली। पुतिन की मां को ये फैसला पसंद नहीं आया। पुतिन की ऑफिशियल बायोग्राफी के मुताबिक, ‘जब भी पुतिन जूडो क्लास के लिए घर से निकलते तो उनकी मां बड़बड़ाते हुए कहतीं कि फिर से अपनी फाइट के लिए जा रहा है।’ पुतिन बचपन से ही सीक्रेट एजेंट बनना चाहते थे। 23 साल की उम्र में उन्होंने रूस की खुफिया एजेंसी KGB ज्वाइन भी कर ली। इसी बीच एक मूवी शो के दौरान पुतिन के दोस्त ने उन्हें एयरहोस्टेस ल्यूडमिला ओचेरत्नाया से मिलवाया। पुतिन को ल्यूडमिला बहुत अच्छी लगीं और वो दोनों अक्सर मिलने लगे। 1983 में दोनों ने शादी कर ली। ल्यूडमिला कहती हैं, व्लादिमीर में कुछ ऐसा था, जिसने मुझे आकर्षित किया। 3-4 महीने बाद मुझे एहसास हो गया कि ऐसे ही इंसान की मुझे जरूरत थी। KGB के काम से पुतिन को जर्मनी शिफ्ट होना पड़ा तो ल्यूडमिला भी उनके साथ चली गईं। 1990 में पुतिन वापस रूस आ गए और 1996 में उनका राजनीतिक करियर शुरू हो गया। 1999 में वो रूस के प्रधानमंत्री और 2000 में राष्ट्रपति बने। पुतिन की बायोग्राफी लिखने वालीं नताल्या गेवोरक्यान 1999 में ल्यूडमिला से मिली थीं। इस मुलाकात के बारे में वो बताती हैं, पुतिन की शादी में प्यार खत्म हो चुका था। उनकी पत्नी को लगता था कि पुतिन उनसे प्यार नहीं करते। ल्यूडमिला ने उस समय कहा था, 'कुछ औरतें ऐसी होती हैं जिनकी मर्द तारीफ करते हैं। मुझे लगता है मैं उस तरह की औरत नहीं हूं। वो मुझे अपनी बाहों में नहीं लेंगे।' पुतिन के पहले कार्यकाल के दौरान ल्यूडमिला लगभग सभी विदेश यात्राओं में उनके साथ गईं, लेकिन दूसरे कार्यकाल में पुतिन हमेशा अकेले ही दिखे। इस दौरान उनके दूसरी लड़कियों से अफेयर की अफवाह उड़ी, लेकिन पुतिन इन्हें खारिज करते रहे। 2013 में आखिरकार दोनों की दूरियां पब्लिक के सामने आ गई। तब 60 साल के पुतिन ने बताया कि वो और ल्यूडमिला अलग हो गए हैं। उनकी पत्नी ने कहा, 'हम दोनों मुश्किल से मिल पाते हैं, इसलिए हम अलग हो रहे हैं। ये हम दोनों का साझा फैसला है।' शादी के दो साल बाद पुतिन की बड़ी बेटी मारिया वोरोत्सोवा का जन्म हुआ और जर्मनी जाकर 1986 में छोटी बेटी कैटरीना तिखोनोवा पैदा हुई। पुतिन ने अपनी दोनों बेटियों के नाम अपनी मां के नाम पर रखे हैं। जब पुतिन प्रधानमंत्री बने तो उनका परिवार आइसोलेशन में चला गया। सुरक्षा के चलते उनकी बेटियों की पढ़ाई भी घर में कराई जाने लगी। हर समय उनके चारों और बॉडीगार्ड्स रहते। दोनों का यूनिवर्सिटी में एडमिशन भी नकली नामों से हुआ। पुतिन ने अपनी बेटियों के बारे में पब्लिकली बस इतना बताया, मेरी दोनों बेटियों की पढ़ाई रूस में ही हुई है। वो मॉस्को में ही रहती हैं। नताल्या गेवोरक्यान के मुताबिक पुतिन की बेटियां उनका बहुत सम्मान करती थीं लेकिन उन्हें अपने पिता के साथ कभी ज्यादा वक्त नहीं मिल पाता। कैटरीना एक रॉक-एन-रोल डांसर रही हैं और इंटरनेशनल लेवल पर कई डांस पर्फोमेंस कर चुकी हैं। वहीं मारिया ने मेडिसिन की पढ़ाई की है और अब एक मेडिकल रिसर्चर और बिजनेस वुमन हैं। रॉयटर्स के मुताबिक, वो एक अरबपति हैं। रूस से युद्ध शुरू होने के बाद वहां के टेलिग्राम चैनलों पर यह खबर भी चली की मारिया बॉर्डर के पास जवानों के लिए फील्ड हॉस्पिटल बनाने पहुंची हैं। उन्होंने वहां कई घायल सिपाहियों का इलाज भी किया। दोनों ही बेटियां अपने पति और बच्चों के साथ रहती हैं। 2017 में एक इंटरव्यू में पुतिन में बताया था कि उनके नाती-नातिन भी हैं, लेकिन वो चाहते है कि बच्चे आम जिंदगी जिएं। कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुतिन कि एक 22 साल की नाजायज बेटी एलिजावेटा ओलेगोवना भी है। यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से वो पेरिस में रह रही है। उसने अपना सोशल मीडिया अकाउंट भी डिएक्टिवेट कर दिया है। 2000 के दशक में एक तरफ पुतिन की उनकी पत्नी से अलग होने की खबरें आने लगी थी। वहीं दूसरी तरफ उनके रूस की जिमनास्टिक में ओलिंपिक गोल्ड मेडलिस्ट एलिना काबेवा से अफेयर के भी चर्चे थे। काबेवा जिस साल पैदा हुई थीं, उसी साल पुतिन ने शादी की थी। 42 साल की काबेवा, पुतिन से 31 साल छोटी है। 2008 में एक शो में काबेवा ने बताया था कि उन्हें अपना 'मिस्टर परफेक्ट' मिल चुका है, लेकिन वो उसका नाम नहीं बता सकतीं। इसी इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि क्या वो अपने प्यार के लिए किसी पत्नी से उसका पति छीन सकती हैं? इस पर काबेवा ने जवाब दिया कि अगर किसी शादी में पहले से ही समस्या है और पुरुष दूसरी स्त्री को तवज्जो दे रहा है तो ऐसा करने में कोई बुराई नहीं है। 2011 के बाद से काबेवा के हाथ में हमेशा एक एंगेजमेंट रिंग दिखी है। द डोजियर सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद से पुतिन के दोस्तों की तरफ से काबेवा और उनके परिवार को कई प्रॉपर्टी गिफ्ट में मिलने लगी। हालांकि दोनों ने शादी की है या नहीं, इसकी जानकारी नहीं मिल पाई। काबेवा रूस की संसद की सदस्य रह चुकी हैं। 2014 में उन्हें रूस के नेशनल मीडिया ग्रुप का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बना दिया गया। बिना अनुभव इस पद पर चुना जाना काफी विवादित रहा। डोजियर की रिपोर्ट की मुताबिक, 2014 में काबेवा स्विट्जरलैंड गई। यहीं 2015 में रूसी मूल की डॉक्टर ने उनकी डिलीवरी कराई। इसी डॉक्टर ने स्विट्जरलैंड में ही 2019 में उनके दूसरे बेटे की डिलीवरी कराई थी। डोजियर के सूत्रों के मुताबिक ये दोनों बेटे व्लादिमीर पुतिन के हैं। बड़े बेटे का नाम इवान पुतिन और छोटे का व्लादिमीर पुतिन जूनियर है। अब काबेवा बच्चों और युवाओं को जिमनास्टिक सिखाती हैं। डोजियर सेंटर की रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन ने अपने दोनों बेटों को पूरी तरह से छिपा कर रखा है। स्टेट डेटाबेस में उनके नाम नहीं है। इनके नकली दस्तावेज बनाए गए हैं, जोकि आमतौर पर जासूसों के लिए बनाए जाते हैं। बच्चों की सुरक्षा के लिए उनके आस-पास हर समय पुतिन के ही बॉडीगार्ड तैनात रहते हैं। उनकी पढ़ाई भी घर पर ही होती है। बच्चों की देखरेख और पढ़ाई के लिए स्टाफ भी पुतिन के दोस्तों की कंपनियों के जरिए हायर किए जाते हैं। 2024 में एक इंग्लिश नैनी एजेंसी ने विज्ञापन छापा था- सेंट पीटर्सबर्ग में 4 और 8 साल के दो लड़कों के लिए इंग्लिश टीचर की जरूरत है। परिवार आइसोलेशन में रहता है। साउथ अफ्रीकी पासपोर्ट धारक को तवज्जो दी जाएगी। टीचर को भी आइसोलेशन में रहकर ही पढ़ाना होगा। नौकरी शुरू करने से पहले दो हफ्ते तक मेडिकल जांच होगी। समय-समय पर नैनी एजेंसी इस तरह के विज्ञापन छापती रहती है। डोजियर सेंटर के मुताबिक ये विज्ञापन पुतिन के बेटों के लिए ही टीचर हायर करने के हैं। रूस के साउथ अफ्रीका से अच्छे राजनीतिक संबंध होने के कारण पुतिन अपने बच्चों को किसी साउथ अफ्रीकी से अंग्रेजी सिखाना सुरक्षित समझते हैं। ब्रिटेन और न्यूजीलैंड के टीचर भी इन्हें पढ़ा चुके हैं। पुतिन के बेटे अपने घर से बाहर भी नहीं निकल सकते। पुतिन के आधिकारिक आवास के पास ही एक इमारत में उनके बच्चे और स्टाफ रहता है। यहां वे सुबह 8-9 बजे आते हैं। दिन भर पढ़ाई, खेल-कूद और बाकी एक्टिविटी होती है। रात में दोनों अपने माता-पिता के पास आ जाते हैं। यह दोनों इमारतों के बीच कुछ मीटर का अंतर होने के बावजूद दोनों बेटों को हमेशा गाड़ी में ही ट्रैवल करना होता है। कभी-कभी बच्चों से मिलने काबेवा के दोस्तों के बच्चे आ जाते हैं। हालांकि इन्हें भी इवान और व्लादिमीर जूनियर से मिलने से पहले दो हफ्ते क्वारैंटाइन में रहना पड़ता है। डोजियर की रिपोर्ट के मुताबिक कई बार पुतिन अपने बच्चों के साथ शाम को खेलते भी हैं। पुतिन और उनके बेटे इवान के हॉकी खेलने के लिए पुतिन के आवास के पास ही एक हॉकी फील्ड भी तैयार की गई है। इस गेम में पिता-पुत्र के अलावा सिर्फ पुतिन के बॉडीगार्ड हिस्सा लेते हैं। इवान को हॉकी सिखाने कोच भी आते हैं। अपनी फेक आईडी के जरिए वो कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा भी लेते हैं। पुतिन अपने बच्चों के साथ कई मौकों पर सीक्रेट ट्रिप पर भी जाते हैं। इसके लिए वो अपने पर्सनल एयरक्राफ्ट, ट्रेन या फिर यैच का इस्तेमाल करते हैं। कई बार इन ट्रिप्स पर बच्चों के टीचर भी साथ होते हैं। पुतिन अपने बच्चों के टीचर्स के लिए अलग से भी ट्रिप प्लान करते हैं। **** References and further reading... Dossier Center Report: https://dossier.center/succession-en/ Putin Official Biography: https://www.reuters.com/investigates/special-report/russia-capitalism-daughters/ Reuters Report: https://www.reuters.com/investigates/special-report/russia-capitalism-daughters/ ------- पुतिन के भारत दौरे से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... पुतिन का मल-मूत्र भी उठा ले जाते हैं बॉडीगार्ड:किले जैसी सुरक्षित कार, खाने की जांच के लिए लैब; पुतिन का पूरा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को भारत आ रहे हैं। दो दिन के इस दौरे का सिक्योरिटी इंतजाम हफ्तों से चल रहा है। पुतिन भारत में जो भी खाएंगे, उसकी जांच रूस से लाई गई लैब में होगी। उनकी खास ऑरस सीनेट कार पहले ही एयरलिफ्ट होकर भारत पहुंच जाएगी। पूरी खबर पढ़िए...
कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर पीएम नरेंद्र मोदी का एक AI-जनरेटेड वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्हें चायवाला दिखाया गया है। यह पहली बार नहीं है जब कांग्रेस ने पीएम पर व्यक्तिगत हमला किया हो। लेकिन अक्सर कांग्रेस के हमले उसी पर भारी पड़ जाते हैं, जिसका भाजपा चुनावी फायदा उठा लेती है। लेकिन कैसे ? ये जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर वीडियो देखें।
'उस दिन मेरे बेटे हार्दिक को तेज बुखार था। शरीर टूट रहा था, लेकिन फिर भी उसने कहा- पापा, प्रैक्टिस मिस नहीं कर सकता। वो बिना कुछ खाए घर से निकल गया। जाते-जाते अपनी मां से मुस्कुराकर बोला था-'मां, मेरी पसंद का खाना बना लेना… लौटकर खाऊंगा।' मैदान में खेलते-खेलते अचानक वो बड़ा-सा पोल उसके ऊपर आ गिरा। उसका लीवर फट गया था, अंदर ही अंदर काफी खून बह गया था। जब हॉस्पिटल पहुंचा तो चेहरा पीला पड़ चुका था, होठ सूखकर सफेद पड़ गए थे। मैं उसका हाथ पकड़े बैठा हुआ था, दिल को तो उम्मीद थी कि मेरा बेटा मुझे छोड़कर नहीं जा सकता, लेकिन दिमाग सब समझ चुका था। मैं डॉक्टर से बार-बार कह रहा था इंजेक्शन लगाओ, मेरे बेटे को बचा लो। उसकी एक आंख बिल्कुल स्थिर थी, दूसरी धीरे-धीरे घूम रही थी, सांसें टूट रही थीं। मैं समझ गया था कि मेरा बच्चा.... मेरी जान… मेरे हाथों से फिसल रहा है और मैं कुछ भी नहीं कर पा रहा था।' ब्लैकबोर्ड में इस बार हरियाणा के उन परिवारों की स्याह कहानी, जिनके बच्चे नेशनल लेवल के खिलाड़ी थे, लेकिन प्रशासन की लापरवाही से अपनी जान गंवा बैठे। हरियाणा के रोहतक जिले का लाखन माजरा गांव में एक अजीब सा सन्नाटा पसरा था। बास्केटबॉल का पोल गिरने से मारे गए हार्दिक के घर गांव के लोग इकट्ठा हुए थे। निर्मला अपने बेटे हार्दिक का नाम ले-लेकर बेहोश हो जा रही थीं। पिता संदीप राठी गुमसुम दरवाजे पर बैठे बाहर की ओर देख रहे थे जैसे किसी के आने का इंतजार हो। जिस आंगन में कभी हार्दिक की बास्केटबॉल प्रैक्टिस की आवाज गूंजती थी, आज वही आंगन मातम में डूबा था। दीवार पर बास्केटबॉल नेट अब खाली था जिसमें बॉल डालने वाला हार्दिक अब इस दुनिया में नहीं था। घर का माहौल भारी, मां का हाल बेहाल, और पिता संदीप लंबी सांस लेकर बोलते हैं, ‘हार्दिक 6 बार नेशनल लेवल पर खेल चुका था। तीन बार सब-जूनियर लेवल की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। उसका रूटीन किसी प्रोफेशनल एथलीट की तरह था। सुबह 4 बजे स्टेडियम जाता, फिर घर आकर नाश्ता करता और 9 बजे दोबारा प्रैक्टिस पर लौट जाता। शाम को 4 बजे फिर ग्राउंड में होता और रात 8 बजे घर आता। बस एक ही सपना था- देश के लिए गोल्ड मेडल लाना।’ संदीप ये कहते हुए फफक कर रो पड़ते हैं। अपनी हथेलियों की रेखाएं देखते हुए कहते हैं- ‘ मेरा बेटा हमेशा कहता था कि एक दिन दुनिया आपको हार्दिक के पापा के नाम से पहचानेगी। लोग कहेंगे कि देखो, हार्दिक के पापा जा रहे हैं। अब लोग सच में मुझे हार्दिक के पापा कहकर बुलाते हैं, लेकिन ये सब सुनने के लिए वो नहीं है। हमारा घर सूना हो गया है।’ संदीप अपने छोटे बेटे प्रतीक को पास बैठाकर धीमी आवाज में कहते हैं, ‘उस हादसे ने इसे अंदर से तोड़ दिया है। दोनों भाई हर शाम साथ-साथ बास्केटबॉल खेलते थे। खेलते हुए हार्दिक उसकी गलतियां सुधारता, कंधे पर हाथ रखकर हिम्मत बढ़ाता। अब प्रतीक जब स्टेडियम में कदम रखता है, तो हर कोना हार्दिक की याद दिलाता है। हार्दिक की मां खुद को संभाल नहीं पा रहीं। बेटे की तस्वीर देखते-देखते बेहोश हो जाती हैं। होश आता है, तो पहला सवाल यही पूछती है कि हार्दिक कहां है? जैसे उनका मन अभी भी उस एक पल पर अटका हुआ हो, जहां से जिंदगी आगे बढ़ने को तैयार ही नहीं।' हादसे वाले दिन को याद करते हुए संदीप की आंखें फिर भर आती हैं। वो कहते हैं कि 'जिस दिन हादसा हुआ वो स्टेडियम में डंकी प्रैक्टिस कर रहा था। वो कहते हैं उसी दौरान हादसा हो गया पोल उसके सीने पर गिर गया और उसने वहीं दम तोड़ दिया। उसका लीवर फट गया था। 20 मिनट में वो अस्पताल पहुंच गया लेकिन डॉक्टर ने कहा कि ये तो स्पॉट पर ही चला गया था।' संदीप बताते हैं कि स्टेडियम ठीक कराने के लिए हम मंत्री से मिले, मुख्यमंत्री को पत्र भेजा। कहा गया कि एमपी कोटे से 18 लाख रुपए आएंगे। फिर बताया कि 2023 में 12 लाख और भेजे गए हैं, लेकिन सबकुछ अब तक केवल कागजों में हैं। अगर वक्त रहते उस पोल की मरम्मत हो जाती, तो आज हार्दिक हमारे साथ होता। देश ने एक अच्छा खिलाड़ी खो दिया… हमने अपना बेटा।’ संदीप की आवाज थोड़ी तेज होती है, जैसे भीतर जमा हुआ गुस्सा बाहर आ रहा हो। वह कहते हैं, ‘हरियाणा से इतने खिलाड़ी निकलते हैं, इतने मेडल आते हैं… लेकिन कोई नहीं देखता कि उसके पीछे हमारे बच्चों और पूरे परिवारों की कितनी मेहनत होती है। मेडल जीतकर खिलाड़ी लौटते हैं तो सरकार आगे आ जाती है- माला पहनाती है, फोटो खिंचवाती है, लेकिन जब वही खिलाड़ी किसी मुश्किल में फंस जाता है, या उसकी जान चली जाती है… तब उसका परिवार बिल्कुल अकेला रह जाता है।’ हार्दिक के छोटे भाई, प्रतीक राठी कहते हैं- ‘उस दिन हम दोनों भाई मैदान में प्रैक्टिस कर रहे थे। मैं हार्दिक को बॉल पास कर रहा था, उसने कहा तू रहने दे, मैं अकेले प्रैक्टिस कर लूंगा। मैं वहीं आराम करने बैठ गया। तभी अचानक, झटका लगते ही बास्केटबॉल का पोल उसके ऊपर गिर गया।’ प्रतीक की आंखें भर आती हैं और उनकी आवाज टूट जाती है। ‘मेरा भाई मेरे और हमारी टीम के लिए कोच जैसा था। खेलते समय वह मेरी हर गलती पकड़ता और सुधारता था। आज जब वह इस दुनिया में नहीं है, तो मैंने ठान लिया है- अब से बास्केटबॉल उसी के नाम खेलूंगा। उसके सपने पूरे करूंगा। अगले महीने मुझे अपनी पहली राष्ट्रीय प्रतियोगिता खेलनी है, लेकिन उसके बिना मैदान पर प्रैक्टिस करना बेहद मुश्किल हो रहा है।’ हार्दिक के दोस्त रोहित बताते हैं, ‘उस दिन हार्दिक मैदान पर ड्रिब्लिंग प्रैक्टिस कर रहा था। मैं बिल्कुल उसके पास खड़ा था। जैसे ही उसने रिंग पकड़ी, पोल अचानक टूटकर सीधा उसकी छाती पर गिर गया। तुरंत सभी ने पोल हटाया और उसे अस्पताल के लिए ले गए। रास्ते भर वह बस यही कह रहा था छाती में बहुत दर्द हो रहा है। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई।’ रोहित की आवाज में टूटन है, लेकिन वे आगे बताते हैं, ‘हम पांच साल से साथ प्रैक्टिस कर रहे थे। वह हमेशा कहता था कि हम दोनों एक साथ भारत के लिए खेलेंगे और देश के लिए मेडल लाएंगे। हमारा मुख्य ठिकाना अब स्टेडियम बन गया था, लेकिन अब वही जगह डर की वजह बन गई है। जब तक स्टेडियम की व्यवस्थाएं पूरी तरह सुरक्षित नहीं होंगी, ऐसे हादसे होते रहेंगे। बास्केटबॉल का दूसरा पोल भी खराब स्थिति में है- वह भी कभी गिर सकता है। इस हादसे के बाद हम अभी तक प्रैक्टिस के लिए मैदान पर नहीं गए हैं।’ रोहित आगे कहते हैं, ‘हार्दिक हमारी टीम का सबसे उम्दा खिलाड़ी था। उसकी ऊंचाई 6 फुट 2 इंच थी। वह टीम का सबसे लंबा, सबसे मजबूत और सबसे समर्पित खिलाड़ी था। टीम को हमेशा साथ लेकर चलता था। उसके बिना हम अपनी टीम की कल्पना भी नहीं कर सकते।’ हार्दिक के कोच मोहित, आंखों में उदासी लिए, याद करते हुए कहते हैं, ‘वह एक अलग ही तरह का खिलाड़ी था। समय का बिल्कुल पाबंद, एक मिनट भी लेट नहीं होता था। बड़े खिलाड़ियों की इज्जत करता और छोटे खिलाड़ियों का हाथ पकड़कर उनके खेल सुधारता। मुझे पूरा भरोसा था कि वह एक दिन देश, अपने गांव और परिवार का नाम रोशन करेगा।’ कोच की आवाज कड़वी हो जाती है और वे कहते हैं, ‘यह हार्दिक की मौत नहीं है; सरकार की लापरवाही के कारण हुआ मर्डर है। अगर सरकार एक इंडोर स्टेडियम तक नहीं बना सकती, तो और क्या कर सकती है? वह बस पांच लाख का मुआवजा देकर अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही है। उसका जमीर खत्म हो चुका है, लेकिन हम नहीं झुकेंगे। हम चंदा इकट्ठा करके हार्दिक के नाम पर इंडोर स्टेडियम बनवाएंगे।’ मोहित एक और याद साझा करते हुए कहते हैं, ‘अप्रैल का महीना था। राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले में हमारा मैच दिल्ली की टीम से था। यह तीसरे स्थान के लिए मुकाबला था। उस दिन हार्दिक के पैर में सूजन थी, लेकिन उसने कहा- ‘हमें यह मैच जीतना है।' 'वह मैदान पर बिल्कुल अलग लेवल पर खेल रहा था। अंत में हमने एकतरफा जीत दर्ज की और यह पूरी तरह हार्दिक की बदौलत था। सच कहूं तो ऐसे खिलाड़ी रोज पैदा नहीं होते, लेकिन हम उन्हें इतनी आसानी से खो देते हैं, सिर्फ इसलिए कि स्टेडियम का पोल टूटा हुआ है और सरकारें आंखें मूंदे सो रही हैं।’ पांच अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैच खेल चुके हार्दिक के गांव के वरिष्ठ खिलाड़ी नरेंद्र याद करते हैं, ‘हार्दिक एक अनुशासित खिलाड़ी था। उसकी बॉडी, चाल, हर पहलू इस खेल के लिए पूरी तरह फिट था। मैं खुद पांच अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुका हूं, लेकिन कह सकता हूं कि हार्दिक मुझसे भी आगे जाने वाला खिलाड़ी था। वह कभी प्रैक्टिस से नहीं भागता था, बीमार होने पर भी। उसके समर्पण और मेहनत ने हम सभी को प्रेरित किया।’ नरेंद्र आगे बताते हैं, ‘हमारे लाखन माजरा स्टेडियम से अब तक 10-12 अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकले हैं और 30-40 खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर खेला है। इसे ‘खेल गांव’ कहा जाता है। कुछ खिलाड़ी आर्मी या नेवी में हैं, लेकिन इस मैदान की अनदेखी सरकार ने की है। अगर स्टेडियम का रखरखाव समय पर किया गया होता, तो आज हार्दिक हमारे बीच होता।’ उन्होंने पूरे देश की तस्वीर भी उजागर करते हुए कहा, ‘अगर आज पूरे देश में 100 बास्केटबॉल कोर्ट हैं, तो करीब 80 असुरक्षित स्थिति में हैं। हमारी सरकार से गुजारिश है कि इस हादसे से सबक ले और इस मैदान की मरम्मत कराई जाए। यहां बास्केटबॉल, कबड्डी और हॉकी के कई खिलाड़ी देश का नाम रोशन कर चुके हैं, लेकिन बास्केटबॉल के लिए कभी सरकारी कोच नहीं आया। हम सीनियर खिलाड़ी ही जूनियर्स को ट्रेनिंग देते हैं और स्टेडियम का रखरखाव भी खुद करते हैं। अगर यहां सरकारी कोच हो, तो खिलाड़ी और ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।’ हार्दिक को याद करते हुए उनकी दादी संतोष भावुक हो उठती हैं। आंखों में आंसू भरे हुए वे कहती हैं, ‘जब भी हार्दिक खेलकर आता, सबसे पहले मुझे ही अपनी जीत और मेहनत के बारे में बताता। मेरे हाथ से दी गई हर चीज वह बड़े प्यार से खाता था। वह बचपन से ही खेल के पीछे पागल था। तीन साल का था तभी से अपने पिता को साथ लेकर बॉल खेलता था। हमने सोचा था कि एक दिन वह खेल के जरिए बड़ा अफसर बनेगा और गांव का नाम रोशन करेगा… लेकिन ऐसा नहीं हुआ।’ हार्दिक के घर पर मौजूद गांव के बाकी लोग भी उसकी अच्छाइयों को याद करते हैं। वे बताते हैं, ‘वह सिर्फ एक खिलाड़ी ही नहीं, बल्कि एक नेक इंसान था। रास्ते में यदि कोई बुजुर्ग मिलता, तो वह उन्हें अपनी स्कूटी से घर तक पहुंचा देता था।’ बहादुरगढ़ में अमन के घर का माहौल भी गम से भारी था। हार्दिक की मौत से ठीक एक दिन पहले अमन पर भी बास्केटबॉल कोर्ट का पोल गिर गया था। उनके पिता सुरेश आंखों में दर्द और भावुकता लिए हमें घटना सुनाते हैं। ‘उस दिन घर में मेहमान आए हुए थे, खुशी का माहौल था। अमन स्कूल से आया था और ट्रेनिंग के लिए स्टेडियम जाना चाहता था, लेकिन मैं और उसके बड़े भाई ने उसे रोक दिया। मां ने भी कहा, ‘आज मत जाओ,’ लेकिन वह नहीं माना,’ सुरेश की आवाज कांपती है। वे आगे बताते हैं, ‘अमन रोज शहीद ब्रिगेडियर होशियार सिंह स्टेडियम में प्रैक्टिस करता था। उसका एक ही सपना था- ओलिंपिक में भारत का नाम रोशन करना।’ सुरेश याद करते हैं कि उस दिन उन्हें अस्पताल से फोन आया, ‘आपके लड़के के साथ दुर्घटना हो गई है। स्टेडियम से उसे सिविल अस्पताल ले जाया गया है। आप लोग जल्दी आ जाइए।’ 'अस्पताल पहुंचे ही थे कि डॉक्टरों ने उसे तुरंत रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया। वहां हमें अल्ट्रासाउंड कराने को कहा। हम एक घंटे तक उसी में उलझे रहे। जब तक अल्ट्रासाउंड हुआ, उसके पेट में काफी ब्लीडिंग हो चुकी थी। रिपोर्ट आई, लेकिन तब तक उसकी जान चली गई। अगर समय पर इलाज मिलता, तो मेरा बच्चा आज जीवित होता,’ सुरेश का गला भर आता है। वे आगे अफसोस जताते हैं, ‘उस दिन मेरा बेटा मुझसे पानी मांग रहा था, लेकिन डॉक्टर की अनुमति के बिना उसे नहीं दे सकता था। जब डॉक्टर से बात करके पानी देने गया, तब तक उसकी जान चली गई थी। आखिरी बार उसे पानी भी नहीं पिला सका।’ सुरेश का गुस्सा डॉक्टरों और प्रशासन पर है। ‘जब उसकी मौत हो गई, डॉक्टर अपनी गलती छिपाने में लगे रहे। उसे आईसीयू में भर्ती कर दिया और 24 घंटे केवल कागजी कार्रवाई में उलझे रहे। यहां तक कि उसकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसका जेंडर बदल दिया गया। उम्र को 15 साल की जगह 25 साल लिखा गया और हादसे का समय भी बदल दिया गया। अधिकारी अपनी गलती छिपाने के लिए उसे क्रिकेट खिलाड़ी दिखा रहे थे, जबकि वह हर वक्त बास्केटबॉल लेकर घूमता था।’ सुरेश अपनी आवाज में दर्द के साथ कहते हैं, ‘सच यही है कि मेरे बेटे की मौत पीजीआई में डॉक्टरों की लापरवाही और खेल प्रशासन की बदइंतजामी से हुई। मैं राजनीति नहीं चाहता। बस उसे न्याय मिले। निष्पक्ष जांच हो, सीसीटीवी फुटेज को जांचा जाए और जिम्मेदारों को सजा मिले।’ अमन की बड़ी बहन मानसी हाथ में बास्केटबॉल लिए बैठी हैं। उनकी आंखों में दर्द और यादें दोनों झलक रही हैं। मानसी कहती हैं, ‘अमन दिन-रात इसी बॉल के साथ रहता था। जिस दिन उसने पहला मेडल जीता, वह सबसे पहले मुझे ही दिखाने आया। उसकी आंखों में खुशी ऐसी चमक रही थी, जो कभी भूल नहीं सकती।’ ‘वह स्कूल में हमेशा अच्छे नंबर लाता और खाने-पीने में हर चीज पसंद करता था। उस दिन उसे देखकर मैं बहुत घबरा गई थी। मैंने अपने मोजे उतारकर उसके पैर में पहनाए थे।’ कहते-कहते मानसी फफककर रो पड़ती हैं। अमन के चचेरे भाई रोहित की आवाज में गुस्सा और दर्द दोनों झलकते हैं। वह कहते हैं, ‘अमन के इलाज में लापरवाही हुई। हमें अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के लिए एक घंटे तक इंतजार करना पड़ा। वहां मौजूद डॉक्टर की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया। अंत में जब रिपोर्ट आई, उसी डॉक्टर ने कहा कि यह गंभीर मामला था,’ रोहित की आंखें भर आती हैं। ‘मैं मेडिकल लाइन से जुड़ा हूं, मुझे समझ में आ गया था कि अमन की मौत हो चुकी है। डॉक्टरों ने अपनी गलती छिपाने के लिए उसे सीपीआर दिया और वेंटिलेटर पर रखा। हाथ में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट दिखाते हुए रोहित कहते हैं, ‘इसमें अस्पताल ले जाने का समय, उम्र और जेंडर सब गलत लिखा गया है। आखिर इतना सब कैसे गलत हो सकता है?’ अमन की दादी कहती हैं कि जिस दिन यह हादसा हुआ, उसी दिन घर में खुशी का माहौल था। उस दिन सब उसे स्टेडियम जाने से रोक रहे थे, लेकिन नहीं माना। किसे पता था उसका आखिरी दिन होगा। हाथ में उसकी तस्वीर लेकर रोते हुए दादी कहती हैं कि वो मुझे ‘मम्मा’ कहकर बुलाता था। उसकी आवाज, उसकी हंसी, उसकी शरारतें सब अब यादें बन गए। हमारा सहारा, हमारा चिराग, हमारा अमन हमें छोड़कर चला गया। ------------------------------------------ 1- ब्लैकबोर्ड- बेटी ने मारा तो घर छोड़ा:बस के नीचे मरने पहुंचे, भाई ने फर्जी साइन से पैसे हड़पे, वृद्धाश्रम में रोज सुबह सोचते हैं- कोई लेने आएगा मेरे बच्चे नहीं हैं। पत्नी की मौत के बाद अकेला हो गया था। मुझे आंख से दिखाई नहीं देता। एक रिश्तेदार के यहां रहने चला गया। वहां बहुत जलील हुआ तो एक दूसरे रिश्तेदार के यहां रहने पहुंचा, लेकिन उन्होंने अपने यहां रखने से साफ मना करा दिया। उस दिन मन में विचार आया कि सब खत्म कर दूं। सोचा कि यमुना में कूद जाऊं। फिर मरने के लिए एक बस डिपो पर गया। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें 2- ब्लैकबोर्ड-पत्नी को लोग कोठेवाली समझते हैं:जीबी रोड का पता देख बच्चों को एडमिशन नहीं मिलता; दोस्त कहते हैं चलो तुम्हारे घर मौज करते हैं हलचल भरी दिल्ली में शाम ढलने लगी थी। मैं शहर के जीबी रोड पहुंची। इसे रेड लाइट एरिया भी कहा जाता है। यह इलाका सेक्स वर्क के लिए बदनाम है। दूर से ही सेक्स वर्कर्स के कोठे नजर आ रहे थे, जिनकी खिड़कियों से सजी-संवरी महिलाएं झांक रही थीं। एक-एक करके ग्राहक बाहर बनी सीढ़ियों से उन कोठों पर जा रहे थे। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें
‘मेरे पति नौकरी के लिए रूस गए थे। वहां उन्हें धोखे से जंग में भेज दिया। 15 अक्टूबर को उनसे आखिरी बार बात हुई थी। उन्होंने कहा था कि अगर तीन दिन तक कॉल न आए, तो समझ लेना कि मैं नहीं हूं। अब उनसे कोई कॉन्टैक्ट नहीं है। रूस के राष्ट्रपति भारत आ रहे हैं। सरकार उनसे कहे कि भारत के जो लोग रूस में फंसे हैं, उन्हें वापस भेज दें।’ जयपुर की रहने वाली दिव्या अपने पति को बचाने के लिए ये गुहार लगा रही हैं। उनके पति मनोज सिंह शेखावत जून, 2025 में रूस गए थे। वहां उन्हें जबरन रूसी सेना के साथ यूक्रेन के बॉर्डर पर भेज दिया गया। रूस-यूक्रेन के बीच करीब 4 साल से जंग चल रही है। रूसी सेना में कितने भारतीय हैं, इसके अलग-अलग नंबर हैं। विदेश मंत्रालय ने 7 नवंबर को बताया था कि 44 भारतीय रूसी सेना में हैं। वहीं, सांसद हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में ये संख्या 61 बताई है। 4 दिसंबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिन के लिए भारत आ रहे हैं। इसकी खबर लगते ही रूस में फंसे लोगों के परिवार दिल्ली आ गए। एक और तीन दिसंबर को प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय को लेटर भी लिखा है, ताकि पुतिन की यात्रा के दौरान इस मुद्दे को उठाया जा सके। दैनिक भास्कर ने 3 पीड़ित परिवारों से बात की और समझा कि किस तरह उनके रिश्तेदार रूस पहुंचे और वहां जंग में धकेल दिए गए। पहली कहानी: मनोज सिंह शेखावत मनोज सिंह शेखावत रूस जाने से पहले दिल्ली में टूर एंड ट्रैवल्स के काम से जुड़े थे। जयपुर के एक एजेंट शंकर सिंह ने उन्हें रूस में काम दिलवाने का वादा किया था। उसने मनोज से 4 लाख रुपए लिए थे। 1 दिसंबर को मनोज की पत्नी दिव्या भी दिल्ली में प्रदर्शन के लिए आई थीं। वे बताती हैं कि एजेंट ने मनोज को 80-90 हजार रुपए महीने सैलरी दिलाने का वादा किया था। इसके बाद वे ई-वीजा के जरिए रूस चले गए। पहले 15 दिन एक फैक्ट्री में काम किया। बदले में उन्हें पैसे नहीं दिए गए। अगले 15 दिन दूसरी फैक्ट्री में लगाया गया। वहां भी सैलरी नहीं मिली। दिव्या कहती हैं, ‘मनोज तीन महीने तक अलग-अलग जगह पर काम करते रहे। उन्हें कहीं पैसे नहीं मिले। ई-वीजा भी सिर्फ 20 दिन के लिए था। इसलिए मनोज वहीं फंस गए।' 'सितंबर में एजेंट के एक साथी जीतू बोचालिया ने मनोज से रूसी सेना का एग्रीमेंट साइन करवा लिया। ये एग्रीमेंट रूसी भाषा में था। उन्हें पता नहीं चला कि उसमें क्या लिखा है। उन्हें बोला गया कि हेल्पर या बंकर खुदवाने का काम दिया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं था।’ दिव्या आगे बताती हैं, ‘जिस दिन से उन्होंने एग्रीमेंट साइन किया, बातचीत बंद हो गई। 15-20 दिन बाद बात हुई, तो पता चला कि उन्हें मॉस्को से 1600 किमी दूर कहीं भेज दिया गया था। 15 दिन बाद फिर बात हुई तो मनोज ने बताया कि बहुत बड़ा धोखा हो गया है।’ दिव्या कहती हैं, ‘मैंने उनसे कहा कि वहां से भाग जाओ। मनोज ने बताया कि रूस के सैनिक सिर पर राइफल तानकर रखते हैं। कहते हैं कि यहीं मारकर दफना देंगे। रूसी सेना किसी को निकलने नहीं देती है। आगे नहीं जाने की बात करने पर मारपीट करते हैं। उनके एक साथी ने आगे जाने के डर से खुद के पैर पर गोली मार ली थी। वो अभी वहीं हॉस्पिटल में है। मनोज के बारे में कुछ पता नहीं है।’ ‘15 अक्टूबर को मेरी उनसे आखिरी बार बात हुई थी। हमने भारतीय दूतावास से संपर्क किया। दो बार प्रदर्शन किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मनोज को अंदाजा नहीं था कि सिर्फ 15 दिन की ट्रेनिंग देकर उन्हें सीधे वॉर जोन में भेज दिया जाएगा।' 'मैंने उनसे लोकेशन मंगवाई थी। वे यूक्रेन बॉर्डर पर थे। उन्हें 20 किलोमीटर और दूर जाना था। वहां से रूस यूक्रेन पर अटैक करता है। उन्होंने एक ऑडियो मैसेज भेजा था, उसमें गोलियों की आवाज आ रही थी।’ मनोज के परिवार ने 18 नवंबर को जयपुर के करधनी थाने में एजेंट्स के खिलाफ केस दर्ज करवाया है। शिकायत में कहा गया है कि एजेंटों ने गिरोह बना रखा है, जो पैसे लेकर राजस्थान और दूसरे राज्यों के लोगों को विदेश भेजते हैं। परिवार का आरोप है कि शिकायत करने पर एक एजेंट की तरफ से कॉल करके जान से मारने की धमकी दी गई। दूसरी कहानी: सुरेंद्र दहिया मनोज की तरह ही कहानी सुरेंद्र दहिया की भी है। उनके साथ पत्नी के भाई महावीर प्रसाद भी रूस गए थे। दोनों से तीन महीने से बात नहीं हो पाई है। सुरेंद्र खेती करते थे। परिवार के मुताबिक, एक अप्रैल को एजेंट को 3.5 लाख रुपए देकर रूस गए थे। उनसे कहा गया था कि कंस्ट्रक्शन का काम मिलेगा। उन्होंने वहां तीन-चार महीने काम किया। फिर प्रदीप नाम के एक एजेंट ने सुरेंद्र को सेना में भर्ती करा दिया। बताया कि उसे गड्ढे खोदने और बंकर बनाने जैसे छोटे-मोटे काम मिल जाएंगे। सुरेंद्र के ममेरे भाई सुनील दिल्ली में प्रदर्शन करने पहुंचे थे। वे बताते हैं, ‘सुरेंद्र से रूसी भाषा में कॉन्ट्रैक्ट साइन करवाया गया था। वे उसे पढ़ नहीं पाए। वहां सारे भारतीय एजेंट ही फंसा रहे हैं। अगस्त में सुरेंद्र और महावीर को सेना में भर्ती कराया गया था। शुरुआत में उन्हें सेंट्रल रूस के इवानोवो शहर ले गए। बाद में दक्षिण की तरफ यूक्रेन बॉर्डर के करीब रोस्तोव भेजा गया। आखिरी बार उनसे 7 सितंबर को बात हुई थी। उन्होंने बताया था कि हमें फ्रंटलाइन पर भेज रहे हैं। अगर 2-3 दिन तक कॉन्टैक्ट न हो, तो हमें वापस लाने की कोशिश करना।’ सुनील कहते हैं कि पिछले तीन महीने से हम लगातार रूस में भारतीय दूतावास से संपर्क कर रहे हैं। एक ही तरह का जवाब आता है कि हम रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं, जल्द अपडेट देंगे। सारे लोगों को ऐसे ही मैसेज आ रहे हैं। अब तक कोई जानकारी नहीं दी गई है।’ सुनील बताते हैं, ‘हम लोग ईमेल कर-करके थक गए हैं। अभी संसद का सत्र शुरू हुआ है। 4 तारीख को रूस के राष्ट्रपति भारत आ रहे हैं। हमने यही सोचा था कि अगर हम प्रदर्शन करेंगे तो हमारी बात मीडिया में जाएगी। धरने के बाद हम पीएमओ, विदेश मंत्रालय, राष्ट्रपति कार्यालय और गृह मंत्रालय में ज्ञापन देकर आए हैं। हमारे बच्चे वापस आ जाएं, इससे ज्यादा हमारी कोई मांग नहीं है।’ तीसरी कहानी: संदीप कुमार संदीप कुमार सितंबर, 2024 में स्टडी वीजा पर रूस गए थे। एक एजेंट ने 6 लाख रुपए लेकर उन्हें मॉस्को के एक रेस्टोरेंट में काम करने भेजा था। कुछ महीने काम करने के बाद बीमार हो गए और भारत आ गए। तीन महीने यहां रहे, फिर जुलाई में वापस रूस चले गए। एक महीने बाद संदीप को रूस में अंबाला का एक एजेंट मिला। उसी ने संदीप को आर्मी में भर्ती करवा दिया। उन्हें बताया गया कि कुक का काम करना है और अच्छी सैलरी मिलेगी। संदीप के मामा श्री भगवान बताते हैं, ‘संदीप की मां ने उसे रूस भेजने के लिए गहने तक बेच दिए थे। कुछ पैसे कर्ज भी लिए। एग्रीमेंट साइन करवाने के बाद एजेंट ने संदीप के अकाउंट में 10 लाख रुपए भेज दिए, लेकिन ये पैसे वो कभी घर नहीं भेज पाया।’ ‘उसे बताया गया था कि तीन महीने की ट्रेनिंग दी जाएगी, लेकिन सिर्फ 10-12 दिन की ट्रेनिंग के बाद उसे रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के इलाकों में भेज दिया गया।' 25 सितंबर को किसी रूसी कमांडर ने उसे फोन दिया था। तब संदीप ने बात की थी। 5 दिन लगातार बात होती रही। वो बता रहा था कि यहां जान का खतरा है। गश्त और वॉर फ्रंट पर सामान पहुंचाने जैसे काम दिए जा रहे हैं। संदीप ने एक अक्टूबर को रूस से एक वीडियो भेजा था। इसमें वो कह रहे हैं, ‘प्लीज मुझे यहां से निकलवाओ। मुझे फंसाया गया है। हमें आगे भेजने के लिए बोल रहे हैं। ढाई किलोमीटर दूर रूसी सेना ने यूक्रेन के एक शहर पर कब्जा किया हुआ है, उधर ही मुझे भेजेंगे। वहां बहुत ज्यादा खतरा है। यहां अभी एक बंकर में रखा हुआ है। मेरी मदद करें।’ भगवान कहते हैं कि 1 अक्टूबर को संदीप की परिवार के साथ आखिरी बार बात हुई थी। दो महीने से कोई संपर्क नहीं है। क्या पता वो जिंदा भी है या नहीं। संदीप ने अपने भाई को बताया था कि घरवालों को संभाल लेना। मेरा पता नहीं, वापस आऊंगा या नहीं। मेरा वॉट्सएप ब्लॉक कर दिया जाएगा। मोबाइल लेकर फ्रंटलाइन पर भेजा जाएगा।’ भगवान कहते हैं कि सोशल मीडिया के जरिए पता चला कि संदीप फंस गया है। उसके बाद से परिवार ने लगातार अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन रिस्पॉन्स नहीं मिला है। सरकार डेड बॉडी वहां से ला सकती है, तो जिंदा लोगों को क्यों नहीं ला सकती है। सांसद ने लोकसभा में बताया- 61 भारतीय फंसे हैं1 दिसंबर को पीड़ित परिवारों ने राजस्थान के नागौर से लोकसभा सांसद हनुमान बेनीवाल से मदद मांगी थी। 3 दिसंबर को बेनीवाल ने लोकसभा में रूस में फंसे भारतीयों का मुद्दा उठाया था। उन्होंने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध में फ्रंटलाइन पर 61 भारतीय फंसे हैं। काम का झांसा देकर इस तरीके से युद्ध में भेजा जाना गंभीर चिंता का विषय है। रूसी सरकार से बात करके उनकी वापसी सुनिश्चित कराई जाए। इससे पहले 24 जुलाई को विदेश मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया था कि रूसी सेना में 127 भारतीय नागरिक थे। भारत और रूस सरकार से बातचीत के बाद इनमें से 98 लोगों को निकाला गया। रूसी सेना में गए 12 लोग लापता हैं। 7 नवंबर को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि रूसी सेना में शामिल 44 भारतीयों की पहचान की गई है। उसी दौरान मंत्रालय ने बताया कि भारत सरकार रूसी अधिकारियों और पीड़ित परिवारों के संपर्क में है। जायसवाल ने कहा था, ‘हमें जानकारी मिली है कि कई भारतीय नागरिकों को रूसी सेना में भर्ती किया गया है। हमने रूसी अधिकारियों के सामने ये मुद्दा उठाया है। हमने जल्द इन भारतीयों को छोड़ने और इस प्रैक्टिस को खत्म करने की मांग की है। भारत सरकार पीड़ित परिवारों को लगातार अपडेट दे रही है। उनकी सुरक्षित वापसी के लिए मॉस्को से लगातार बातचीत कर रही है।’ हमने पीड़ित परिवारों के मुद्दों पर विदेश मंत्रालय और मॉस्को में भारतीय दूतावास को ई-मेल किया है। जवाब मिलने पर हम रिपोर्ट अपडेट करेंगे। रूस-यूक्रेन जंग में अभी क्या चल रहाआने वाली फरवरी में रूस-यूक्रेन जंग को 4 साल पूरे हो जाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने जंग रोकने के लिए 28 पॉइंट का प्लान तैयार किया है। इसके मुताबिक यूक्रेन को अपना लगभग 20% हिस्सा रूस को देना होगा। इसमें पूर्वी यूक्रेन का डोनबास का इलाका शामिल है। इसके अलावा यूक्रेन सिर्फ 6 लाख जवानों वाली सेना रख सकेगा। NATO में यूक्रेन की एंट्री नहीं होगी। नाटो सेनाएं यूक्रेन में नहीं रहेंगी। रूस के शांति प्रस्ताव मानते ही उस पर लगे सभी प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे। साथ ही यूरोप में जब्त की गई लगभग 2000 करोड़ रुपए की संपत्ति डीफ्रीज होगी। इस जंग में यूरोपीय देश यूक्रेन के साथ हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2 दिसंबर को यूरोपीय देशों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि रूस यूरोप से युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर यूरोप युद्ध शुरू करता है तो मामला इतना जल्दी खत्म नहीं होगा। बातचीत करने वाला कोई नहीं बचेगा।
Trending Video:विजया नायर, जिनको इंटरनेट पर @poland_mallu_girl के नाम से जाना जाता है, ने वीडियो को बहुत ज्यादा शेयर किए जाने के बाद डिलीट कर दिया. वायरल रीपोस्ट में से एक, जिसका कैप्शन था 'क्या यह हैरेसमेंट नहीं है?' में उसे बच्चे को किस करने के लिए झुकते हुए दिखाया गया, जो अनकम्फर्टेबल लग रहा था.
राष्ट्रपति पुतिन ने यूक्रेन पीस प्लान को सिरे से खारिज नहीं किया, दावे गलत : रूस
क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने स्पष्ट किया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के सुझाए यूक्रेन पीस प्लान को सिरे से खारिज नहीं किया है
DNA: पुतिन ने चेताया, जर्मनी ने 'हमला' कर दिया! रूस पर यूरोप के पहले 'अटैक' का DNA टेस्ट
Russia-Europe: पुतिन ने कहा कि हम यूरोप से जंग नहीं चाहते लेकिन अगर वह ऐसा चाहते हैं तो हम तैयार हैं. यह बयान जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे यूरोप के बड़े देशों को पुतिन की बड़ी धमकी है.
बांग्लादेश में अराजकता की स्थिति बनी हुई है। राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ-साथ छात्र और शिक्षक तक, सभी अपनी मांग को लेकर सड़कों पर उतर रहे हैं। वहीं, आए दिन हिंसा की तस्वीरें भी सामने आ रही हैं। बांग्लादेश के शिक्षकों ने बुधवार को अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर देश भर के सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों को पूरी तरह बंद कर दिया
भारत ने पाकिस्तान से इमरान खान को सौंपने का अनुरोध नहीं किया, वायरल दस्तावेज फर्जी है
बूम को विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ऐसे किसी लेटर का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला. पीआईबी ने भी इसका खंडन करते हुए दस्तावेज को फर्जी बताया है.
सिपरी: यूक्रेन युद्ध ने करवाई जर्मन हथियारों की रिकॉर्ड बिक्री
सिपरी की नई रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन और गाजा युद्ध समेत वैश्विक तनावों के कारण 2024 में दुनिया की सबसे बड़ी हथियार कंपनियों ने रिकॉर्ड कमाई की है
Putin-Ukraine War:पुतिन का बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब मॉस्को में अमेरिकी राजदूत स्टीव विटकॉफ और जारेद कुशनर के साथ बैठक होनी है, जो करीब चार साल से चल रहे युद्ध को खत्म करने के लिए हाई लेवल बैठक करेंगे.
Peace Bull Story: दो देशों के बीच विवाद, बंटवारे और उम्मीद से जुड़ी यह कहानी आपको हैरान कर देगी. साल 1996 में उत्तर कोरिया में आई बाढ़ से बहकर दक्षिण कोरिया पहुंचा एक बैल अब फिर चर्चा में है. शांति का प्रतीक माना जाने वाले इस बैल को करीब दो दशक बाद आधिकारिक रूप से अमर कर दिया गया है. इसके अवशेषों को दक्षिण कोरिया ने अपनी सीमा के पास एक विशेष प्रदर्शनी में रखा है, जहां से उत्तर कोरिया का इलाका साफ दिखाई देता है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप काफी समय से दावा करते आ रहे हैं कि उन्होंने कई युद्धों को रुकवाया है। आलम ये है कि उन्होंने खुद के लिए शांति का नोबल पुरस्कार की मांग भी कर दी थी। ट्रंप इस बात का भी लगातार दावा कर रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच उन्होंने ही सीजफायर करवाया। एक बार फिर से उन्होंने युद्ध रुकवाने के शानदार रिकॉर्ड पर जोर देते हुए भारत और पाकिस्तान का जिक्र किया।
S400 के बाद अब खलबली मचाने आया S500, जंग की तस्वीर बदल देगा ये रूसी कवच; भारत करेगा डील?
Russia S500: ऑपरेशन सिंदूर में S400 के दमखम दिखाने के बाद अब रूस S500 लेकर आया है. दोनों एयर डिफेंस सिस्टम में कई बड़े अंतर हैं. क्या भारत इसे भी खरीदने वाला है?
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान की सेहत स्थिर है। इमरान की बहन उज़मा खान ने मंगलवार को अदियाला जेल में उनसे मिलने के बाद यह बात कही
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उनके कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था में अब तक का सबसे बड़ा सुधार हुआ है। उनके अनुसार, अमेरिका में अभी तक लगभग 18 ट्रिलियन डॉलर से अधिक के निवेश की नई घोषणाएं हुई हैं। उन्होंने दावा किया कि महंगाई में कमी आ रही है और टैक्स को लेकर बड़े बदलाव किए गए हैं। यह सब अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के पेशेवरों, कारोबारियों और टेक्नॉलॉजी क्षेत्र के लोगों के लिये खास महत्व रखता है।
Trump Says Ilhan Omar Garbage:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमाली प्रवासियों को अमेरिका में न आने देने की बात कही है उन्हें 'कचरा' बताया है. इसके साथ ही ट्रंप ने डेमोक्रेट मुस्लिम सांसदइल्हान उमर को भी कचरा कह दिया है. यही नहीं ट्रंपउन्हें अपने देश सोमालिया वापस जानें की भी सलाह दी है. आइए जानते हैं कौन हैंइल्हान उमर. जिससे ट्रंप ने बताया कचरा. भारत के खिलाफ जहर उगलने से क्या है रिश्ता. हिजाब, भाई से निकाह का क्या है मामला.
Afghanistan Public Execution: अफगानिस्तान के पूर्वी खोस्त प्रांत में एक 13 साल के लड़के ने एक आम आदमी को फांसी दी. यह फांसी अफगान सुप्रीम कोर्ट के आदेश और तालिबान के सबसे बड़े नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा की मंजूरी के बाद हुई. इसे देखने के लिए 80,000 लोगों की भीड़ जमा हुई थी.
Putin warns Europe: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूरोप को सख्त चेतावनी दी है कि अगर वे रूस से जंग शुरू करेंगे, तो यूरोप का ऐसा हाल होगा कि बातचीत करने वाला कोई नहीं बचेगा. यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन ने कहा कि रूस शांति चाहता है, लेकिन यूरोपीय देश ट्रंप की शांति कोशिशों में बाधा डाल रहे हैं. जानें पूरी बात.
पाकिस्तान में रहने वाले तीन भाइयों को एक ऐसी दुर्लभ बीमारी है, जिसमें सूरज डूबते ही उनका शरीर लकवाग्रस्त होने लगता है। लेकिन उन्हें ये बीमारी कैसे हुई? और कैसे सिर्फ एक गोली पर उनकी पूरी जिंदगी टिकी हुई है? जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक पर देखें वीडियो..........
DNA: कौन हैं पुतिन के 'सिलोविकी'? मर्जी के बिना कोई आसपास फटक नहीं सकता; क्या है काम
Putin Security: पुतिन के बारे में कहा जाता है कि वो कुछ गिने-चुने लोगों से ही घिरे रहते हैं. कुछ खास लोगों के अलावा और कोई उनके करीब फटक भी नहीं सकता है. इन चुनिंदा लोगों के घेरे को सिलोविकी कहा जाता है.
रूस ने ये भी साफ कर दिया है कि भारत के साथ व्यापार में वो बाहरी दखल की इजाजत नहीं देगा. ये संकेत विशेषकर अमेरिका के लिए है, जो पिछले कुछ महीनों से भारत-रूस के बीच व्यापार में बाधा बनने की कोशिश कर रहा है.
US 'Doomsday Plane':बोइंग E-6B मर्करी, जिसे 'डूम्सडे प्लेन' भी कहा जाता है, हाल ही में ये अटलांटिक महासागर के ऊपर उड़ान भरते समय रडार की रेंज से लापता हो गया. संपर्क टूटने के बाद इस विमान का क्या हुआ कोई नहीं जानता है.
Putin Love Story: जंग भी जीती और दिल भी...पुतिन की सीक्रेट लव लाइफ का आखिर क्या सच है?
Putin Girlfriends:प्रेसिडेंट पुतिन, जिनके आक्रामक तेवर किसी के भी होश फाख्ता कर सकते हैं. पुतिन की मौजूदगी भर से ही दुश्मन का कलेजा दहला सकता है. मगर हम आपको पुतिन का एंग्री अवतार नहीं बल्कि वो रोमांटिक अंदाज दिखाएंगे, जो आजतक दुनिया की नजरों से छिपा हुआ था, अनदेखा और अनसुना था.
Gen-Z violence: जब नेपाल में जेन-जी हिंसा की घटना हुई थी तब सिर्फ कैदी ही नहीं भागे थे. बल्कि नेपाल की जेलों से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी लूट लिया गया था. नेपाल पुलिस की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार 1200 से अधिक राइफल और पिस्टल के अलावा लगभग 1 लाख राउंड गोलियां भी चोरी हुई थी.
नेपाल: जेन-जी हिंसा में भागे 4,552 कैदी अब भी फरार, सरकार के लिए बड़ी चुनौती
नेपाल में सितंबर में हुई जेन-जी हिंसा के दौरान सरकारी प्रतिष्ठानों, इमारतों और जेलों को काफी नुकसान पहुंचा था
दक्षिण कोरिया में पूर्व राष्ट्रपति यून सुक-येओल के एक साल पहले असफल मार्शल लॉ (आपातकाल) प्रयास में सेना की भूमिका को लेकर रक्षा मंत्री अह्न ग्यु-बैक ने मंगलवार (2 दिसंबर 2025) को सार्वजनिक रूप से माफी मांगी
ट्रंप ने 'बीबी' को क्यों दिखाई आंख? पश्चिम एशिया में रूस और ईरान के विस्तार से अमेरिका परेशान
Trump warns Israel: पश्चिम एशिया के नक्शे में सीरिया को चौराहा कहा जाता है. क्योंकि, सीरिया का भूगोल युद्ध और गठबंधन से कहीं ज्यादा ताकतवर माना जाता है, जिसकी वजह से इसे राजनीतिक भाषा में की स्टोन भी कहा जाता है. इसी के चलते अब सीरिया को लेकर ट्रंप का बयान सुर्खियों में आ गया है.
NCP warnspolitical confusion ahead of 2026 Bangladesh elections: बांग्लादेश अगले साल चुनाव से पहले बढ़ती अनिश्चितता और राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है. ऐसे समय में राजनीतिक दलों के बीच सुधारों को लेकर मतभेद और सत्ता की दौड़ ने देश की राजनीतिक स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
What is siloviki:भारत में पुतिन आने वाले हैं. पुतिन दौरे के साथ उनके'सिलोविकी' की चर्चा भी होने लगी है. इससे पहले आप लोग दिमाग पर जोर दे, हम आपको बता दें किपुतिन जब भी कहीं जाते हैं, उनके साथ एक बहुत छोटा और भरोसेमंद ग्रुप होता है. इन्हें आम भाषा में 'सिलोविकी' कहते हैं. यानी वो लोग जो कभी KGB या खुफिया एजेंसी में थे और आज भी पुतिन के सबसे करीब हैं. इनके बिना पुतिन कहीं नहीं जाते. आइए जानते हैं 'सिलोविकी' की कहानी?
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कामकाज को अधिक कुशल और कम खर्चीला बनाने के लिए एक बड़े प्रशासनिक सुधार की घोषणा की है। उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि संयुक्त राष्ट्र सचिवालय की विभिन्न इकाइयों को अलग-अलग तरीके से मिलने वाली प्रशासनिक सेवाओं को अब एक कॉमन एडमिनिस्ट्रेटिव प्लेटफॉर्म के तहत जोड़ा जाए। इससे काम की गति बढ़ेगी और खर्चों में भारी कटौती होगी
'कुछ ऐसा हुआ जिसे छिपाने की कोशिश हो रही,' इमरान के बेटे कासिम ने पिता की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर उनके परिवार का संदेह गहराता नजर आ रहा है। अफगानिस्तान के दावे के बाद से इमरान खान की कथित हत्या का मामला तूल पकड़ रहा है
US-Venezuela:अमेरिकी नौसेना कमांडर ने वेनेजुएला की कथित ड्रग बोट पर दूसरी मिलिट्री स्ट्राइक का आदेश दिया था. जिसके बारे में अब व्हाइट हाउस ने पुष्टिकी है. पहले हमले में दो लोग बच गए थे, जिन पर दूसरी स्ट्राइक की गई. अब इस मामले में अमेरिका में बवाल मचा है. ट्रंप प्रशासन इसे नारको-टेररिस्ट के खिलाफ कार्रवाई बता रहा है, लेकिन अमेरिकी सांसद इसको लेकर कानूनी सवाल उठ रहे हैं. जानें पूरा मामला.
Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन जंग के बीच जंग खत्म होने के नाम नहीं ले रही है, दोनों पक्ष अपनी-अपनी बातों पर अड़े हुए हैं. एक तरफ रूस लगातार कब्जे कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ यूक्रेन भी झुकने को तैयार नहीं है.
Honduras Presidential Election 2025: होंडुरास के राष्ट्रपति चुनाव में दो मुख्य उम्मीदवार केवल 515 वोटों से आगे-पीछे हैं और मतगणना अभी जारी है. चुनाव में देरी और तनाव के बीच लोग शांतिपूर्ण परिणाम की उम्मीद कर रहे हैं.
एक महिला ने एयरलाइन को फ़ोन किया. महिला को क्रोएशिया जाना था और उसने एक के बजाय तीन सीट मांगी. इसमें कुछ भी अजीब नहीं था. हालांकि, जब उसने दो सीटें फ्री में देने की कही तो मामला उलझ गया. सबसे बड़ी बात महिला ने जो तर्क दिए हैं फ्री में सीट लेने के लिए वह सुनकर आप हैरान हो जाएंगे. देखें वीडियो समझें पूरा मामला.
जहां युद्ध ने नोटों तक को बना दिया अपंग... एक नौजवान जो फटे नोटों से जोड़ रहा भविष्य
Gaza Crisis: यूं तो गाजा में हर मोड़पर एक नई कहानी ऐसी मिल जाएगी जो अपने-आपमें बेहद अलग होगी. इन्हीं हालात में गाजा की एक सड़क के किनारे नौजवान अनोखा काम करके खुद भविष्य का ताना-बाना बुन रहा है.
पुतिन की सिक्योरिटी पर नई बात क्या है? जानिए उनकी ट्रेन क्यों है इतनी स्पेशल
दुनिया में कई अहम लोगों पर हमला उनके मोबाइल की वजह से हुआ है, क्योंकि मोबाइल फोन किसी भी शख्स की लोकेशन पता करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है. इसलिए पुतिन के जीवन में मोबाइल फोन का अस्तित्व ही नहीं है.
पुतिन के दिल्ली आने से पहले मॉस्को में ब्लास्ट, रूसी वैज्ञानिक की कार में धमाका किसने किया?
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले हैं, लेकिन इससे पहले मॉस्को में ब्लास्ट हर किसी को हैरान कर रहा है. आज हम इसी के बारे में बात करेंगे.
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर से 60 किलोमीटर की दूरी पर है NSW स्पोर्ट्स एयरक्राफ्ट क्लब। यहां हर वीकेंड पर पाइलट्स हवा में कलाबाजियां करने की प्रैक्टिस करने जाते हैं। 30 नवंबर की दोपहर 4 प्लेन हवा में उड़ान भरते हैं। कलाबाजियां करने के बाद सभी प्लेन जैसे ही रनवे पर लौटने के लिए अलग होते हैं, तभी एक प्लेन दूसरे प्लेन के फ्यूलसेज से टकराता है और क्रैश कर जाता है। 3D मैप, वीडियो और AI के जरिए देखिए सिडनी प्लेन क्रैश की पूरी कहानी; वीडियो देखने के लिए ऊपर तस्वीर पर क्लिक कीजिए…
भारत-साउथ अफ्रीका वनडे सीरीज के पहले मैच में विराट कोहली ने 120 गेंदों पर 135 रन की शानदार सेंचुरी लगाकर सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ दिया। सिर्फ एक फॉर्मैट खेलने के बावजूद उनकी फिटनेस, ट्रेनिंग, अध्यात्म और डाइट उन्हें लगातार टॉप फॉर्म में रखती है। लंदन में पिछले दो साल से उनकी कड़ी ट्रेनिंग और रूटीन क्या है, ये जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर वीडियो देखें।
‘मैं और सक्षम 3 साल से रिश्ते में थे। सक्षम दूसरी जाति का था, इसलिए मेरे पापा को हमारा रिश्ता पसंद नहीं था। वे मुझसे कहते थे, कोई भी दूसरा लड़का बताओ, उससे तुम्हारी शादी करवा दूंगा, लेकिन इससे नहीं होने दूंगा। पापा और मेरे भाइयों ने सक्षम को कई बार धमकी दी थी। आखिरकार उसे मार डाला।’ 19 साल की आंचल मामीडकर ये बात बताते हुए रोने लगती हैं। महाराष्ट्र के नांदेड़ में रहने वाली आंचल अनुसूचित जाति से आने वाले सक्षम से प्यार करती थी। आरोप है कि 27 नवंबर को आंचल के पिता और भाइयों ने सक्षम की गोली मारी और फिर पत्थर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद आंचल ने सक्षम की डेडबॉडी से शादी की और अभी उसी के घर रह रही है। शादी का एक वीडियो भी वायरल हुआ है। दैनिक भास्कर ने आंचल से बात की। आंचल पद्मशाली (बुनकर) कम्युनिटी से आती हैं। ये कम्युनिटी स्पेशल बैकवर्ड क्लास में आती है। सक्षम का परिवार बौद्ध धर्म को मानता है। आंचल जिस कमरे में मिलीं, वहां दीवार पर डॉ. अंबेडकर की फोटो लगी है। आंचल ने दावा किया कि सक्षम धर्म बदलने के लिए तैयार था, ताकि दोनों की शादी हो सके। ‘परिवार ने बताया- सक्षम से झगड़ा हुआ है, फिर दूसरी जगह ले गए’आंचल बताती हैं, ’27 नवंबर की शाम मैं घर पर थी। फैमिली ने मुझे बताया कि मेरे भाइयों का सक्षम से झगड़ा हो गया है। सक्षम को टांके आए हैं। इसके बाद मुझे घर से दूर ले गए। रात में पुलिस आई और पापा को पकड़ लिया।’ ‘मुझे शाम से ही लग रहा था कि कुछ गलत हुआ है। मैंने देखा कि पुलिस ने पापा को हथकड़ी लगा दी है। तब मुझे यकीन हो गया कि सक्षम के साथ कुछ गलत हुआ है। मैंने सुबह अखबार पढ़ा तो पता चला कि सक्षम अब नहीं रहा।’ आंचल ने अपना घर छोड़ा, अब सक्षम का घर ठिकानाआंचल के पिता गजानन ने लव मैरिज की थी। उसकी वाइफ जयश्री राजपूत हैं। वह पहले से शादीशुदा थी। साहिल उसके पहले पति का बेटा है। आंचल और नाबालिग बेटा गजानन के हैं। पिता की गिरफ्तारी के बाद आंचल ने अपना घर छोड़ दिया। वो सीधे सक्षम के घर पहुंची। तब सक्षम के अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। आंचल ने सक्षम के परिवार से कहा कि मैं अब अपने घर पर नहीं रहूंगी। मैंने सक्षम से प्यार किया है और अब उसकी लाश से शादी करूंगी। आंचल बताती हैं, ‘पापा और मेरे दोनों भाई धमकी दे रहे थे कि हम सक्षम को मार देंगे। सक्षम पापा की बहुत रिस्पेक्ट करता था। भाई उसके अच्छे दोस्त थे। सभी ने मिलकर उसे फुसलाया, फिर नशा करवाकर मार दिया। उसे तीन गोलियां मारीं। फिर सिर कुचल दिया।’ सक्षम की मां बोलीं- एक महीने पहले भी बेटे को धमकाया थासक्षम और आंचल के परिवार एक-दूसरे को जानते थे। एक पुराना वीडियो भी है जिसमें सक्षम आंचल के पिता गजानन के साथ डांस करता दिख रहा है। सक्षम आंचल के घर आता-जाता था, वहीं आंचल सक्षम के घर जाती थी। इसी दौरान दोनों में प्यार हुआ। आंचल के पिता गजानन को इसकी खबर लगी तो वो भड़क गया। आंचल के मुताबिक, उन्होंने कई बार धमकी भी दी थी। पुलिस के मुताबिक, सक्षम 27 नवंबर की शाम पुरानी गंजी इलाके में दोस्तों के साथ खड़ा था। तभी उसका आंचल के नाबालिग भाई से झगड़ा हो गया। भाई ने सक्षम पर गोली चलाई, जो उसकी पसलियों में लगी। इसके बाद उसने एक टाइल सक्षम के सिर पर दे मारी। इससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। सक्षम की मां संगीता गौतम बताती हैं, ‘सक्षम और आंचल एक दूसरे को कई साल से जानते थे। वो कभी-कभी हमारे घर आया करती थी। आंचल और सक्षम फोन पर बातें करते थे। हमारी जाति अलग-अलग हैं। इस वजह से आंचल के घरवालों को बच्चों की दोस्ती पर एतराज था।' 'आंचल के पापा और भाइयों ने कई बार उसे जान से मारने की धमकी दी थी। पुलिस केस भी किया। एक महीने पहले भी उन्होंने जान से मारने की धमकी दी थी।’ ‘27 नवंबर को शाम हमारे एक रिश्तेदार का फोन आया। उसने बताया कि आंचल के पिता और भाइयों ने सक्षम को गोली मार दी है। मैं करीब 6 बजे उस जगह पहुंची। सक्षम सड़क पर पड़ा था। उसका सिर फटा हुआ था। भेजा बाहर आ गया था। बगल में एक पत्थर पड़ा था, जिस पर खून लगा था। सक्षम के चेहरे पर गोली लगने के निशान थे। वहां बुलेट के खोखे भी पड़े थे।' ‘मेरे घरवाले जीतकर भी हार गए, सक्षम हारकर भी जीत गया’आंचल कहती हैं, ‘भले ही सक्षम दुनिया में नहीं है, लेकिन हमारा प्यार जिंदा है। मेरे घरवाले जीतकर भी हार गए। सक्षम हारकर भी जीत गया। अब मैं उसी की होकर रहूंगी। मेरे परिवार ने कहा था कि वो जय भीम (बौद्ध) वाला है। हम हिंदू हैं, इसलिए ये शादी नहीं हो सकती। उन्होंने सक्षम से कहा था कि अगर धर्म बदल लो तो शादी करा देंगे। सक्षम इसके लिए तैयार भी था।’ सक्षम के घर रहने की बात पर आंचल बार-बार दोहराती हैैं कि मैंने कुछ भी दबाव में नहीं किया, बल्कि अपनी मर्जी से कर रही हूं। मैं बालिग हूं, इसलिए मैं अपने मन से फैसला ले सकती हूं। मैं सक्षम के घर में ही रहूंगी और सक्षम की बनकर रहूंगी। सक्षम के घरवालों ने फैसला मुझ पर छोड़ा था और मेरा फैसला है कि मैं यहीं रहूंगी।’ ‘भाई ने थाने में कहा- सक्षम पर झूठा केस करा दो’आंचल आगे बताती हैं कि 27 नवंबर की सुबह मेरा छोटा भाई मुझे लेकर इतवारा पुलिस स्टेशन गया था। उसने मुझसे कहा कि मैं सक्षम पर झूठा केस करवा दूं। आंचल आरोप लगाती हैं कि पुलिसवालों ने भाई को भड़काया कि तेरी बहन से जो प्यार करता है, उसे मारकर यहां आना। तब से उसने ठान लिया कि वो सक्षम को मारेगा। भाई ने कहा- ठीक है, आज रात तक मैं उसे मारकर यहां आऊंगा। आंचल गुस्से में कहती हैं, मेरा सक्षम जिस तरह तड़पकर मरा है, इन्हें भी ऐसी ही मौत आनी चाहिए। आंचल कहती हैं, ‘मेरे परिवार ने मुझसे और सक्षम को भरोसा दिलाया था कि हमारी शादी करवा देंगे। हम तीन साल तक साथ रहे। मेरे भाइयों ने कहा था कि हमारी शादी करवा देंगे, उन्होंने हमें धोखा दिया। मैं सक्षम से भाइयों के जरिए नहीं मिली थी। मैं उससे इंस्टाग्राम पर जुड़ी थी।' मेरे भाई सक्षम के साथ घूमते-फिरते थे। अच्छे से बात करते थे। साथ में खाना खाते थे। उन्होंने सक्षम को यकीन दिलाया कि सब ठीक है। हमें बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि ऐसा होगा। आंचल के पिता अपराधी, 10 केस दर्ज, भाइयों पर 6 केसआंचल के पिता गजानन पर इतवारा पुलिस स्टेशन में 10 केस दर्ज हैं। भाई साहिल पर ४ और नाबालिग भाई पर भी २ केस दर्ज हैं। पिता पर मारपीट, हत्या की कोशिश, दंगा-फसाद, धमकी, की धाराओं में केस दर्ज है। पुलिस के मुताबिक, सक्षम पर भी मारपीट जैसे केस चल रहे थे। एक केस पॉक्सो का भी था। वो कुछ दिन पहले जेल से बाहर आया था। पुलिस सोर्स के मुताबिक, पॉक्सो का केस आंचल के परिवारवालों ने ही दर्ज करवाया था। उन्होंने एक साल पहले सक्षम पर आंचल से छेड़खानी का आरोप लगाया था। एक वीडियो में आंचल ये कहती नजर आ रही है कि परिवार ने उससे झूठा केस दर्ज करवाया था। बालिग होने के बाद उसने ये केस खत्म करवा दिया। DSP बोले- आरोपी अरेस्ट, हर पहलू से जांच कर रहेFIR के के मुताबिक, सक्षम के मर्डर के बाद आरोपी रिश्तेदारों के पास परभणी के मानवत चले गए थे। गजानन और साहिल ने मर्डर की बात कबूल कर ली है। पुलिस ने इस मामले में 6 लोगों को आरोपी बनाया है। दो आरोपी अभी फरार हैं। इनमें आंचल की मां जयश्री ठाकुर, पिता गजानन, भाई साहिल, नाबालिग भाई के अलावा रिश्तेदार सोमेश और वेदांत शामिल हैं। सभी को अरेस्ट कर लिया गया है। नांदेड़ के डिप्टी SP प्रशांत शिंदे बताते हैं, ‘मर्डर केस की जांच तमाम पहलुओं से की जा रही है। हमने 6 आरोपियों को पकड़ लिया है।
'हिड़मा एग्जीक्यूटर था, डिसीजन मेकर नहीं। वो नक्सलियों का एक बेहतरीन लड़ाका था। उसका एनकाउंटर एंटी-नक्सल ऑपरेशन की बड़ी कामयाबी है, लेकिन हम इस मूवमेंट के पीछे लग रहे दिमाग को खत्म करना चाहते हैं। अभी ऐसे 3 नाम हैं, जिनके सरेंडर या एनकाउंटर के बाद हम कह सकते हैं कि अब आंदोलन खत्म हुआ।' नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन खत्म होने के सवाल पर एंटी नक्सल ऑपरेशन की कोर टीम के एक अधिकारी ने ये जवाब दिया। दरअसल 18 नवंबर को 1 करोड़ के इनामी नक्सली लीडर माड़वी हिड़मा के एनकाउंटर को अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का ऑपरेशन पूरा हो गया। इस पर बस्तर के IG पी सुंदरराज का कहना है कि अभी टारगेट और भी हैं। वे बताते हैं कि हिड़मा के बाद ऐसे ही 11-12 नाम और हैं। इनमें 3 बड़े नक्सली हैं। जिनके सरेंडर या एनकाउंटर के बाद ही नक्सलियों के मुख्य रणनीतिकार और डिसीजन मेकिंग बॉडी खत्म होगी। इनमें थिप्परी तिरुपति उर्फ देवजी, मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति और मिशिर बेसरा उर्फ भास्कर शामिल हैं। CM पर हमला, सांसद की हत्या और सैकड़ों जवानों की हत्या समेत ये कई बड़े हमलों के मास्टरमाइंड हैं। इन पर मिलाकर 7 करोड़ का इनाम है। दैनिक भास्कर ने एंटी नक्सल ऑपरेशन की टीम में शामिल अफसर और बस्तर IG से बात करके समझने की कोशिश की कि आखिर अब सुरक्षाबलों का ऑपरेशन टारगेट से कितनी दूर है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले उन 3 नक्सलियों के बारे में जानिए…जिनके सरेंडर या एनकाउंटर के बाद खत्म होगा एंटी नक्सल ऑपरेशनक्या 1 करोड़ के इनामी हिड़मा के एनकाउंटर के बाद नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन खत्म हो गया? इस पर ऑपरेशन की कोर टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया, ‘आंदोलन की रीढ़ तो टूट ही चुकी है। ये भी सच है कि हिड़मा इस रीढ़ का मजबूत हिस्सा था।‘ ‘सैकड़ों की संख्या में नक्सलियों ने सरेंडर भी किया। इनमें कई ऐसे लड़ाके थे, जो राष्ट्रीय स्तर पर भले इतना बड़ा नाम न रहे हों, लेकिन अपने-अपने इलाके के बेहद खतरनाक नक्सली थे। इन सबका सरेंडर और हिड़मा, बसवाराजू जैसे लीडर्स के एनकाउंटर को मिलाकर ये बड़ी उपलब्धि हो जाती है।' हिड़मा के बाद नक्सलियों में अब कौन से ऐसे चेहरे बचे हैं, जो बड़ा खतरा हों? इस पर जवाब मिला, 'इंटेलिजेंस से मिली जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों की टॉप ऑर्गनाइजेशन यानी पोलित ब्यूरो के 3 बड़े नाम अभी बाकी हैं।' 1. थिप्परी तिरुपति उर्फ देवजी उर्फ संजीव उर्फ देवन्ना, 2 करोड़ का इनाम 2. मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति उर्फ रमन्ना उर्फ राजन्ना, 3.5 करोड़ का इनाम 3. मिशिर बेसरा उर्फ भास्कर उर्फ सर्निमल उर्फ सुनील, 1.30 करोड़ का इनाम इन तीनों ने कौन से बड़े हमले करवाए हैं। इस पर अधिकारी बताते हैं, ‘ये पोलित ब्यूरो के अधिकारी हैं। इनकी मंजूरी के बिना कोई हमला हो ही नहीं सकता। हमला कब और कहां होगा, रणनीति क्या होगी, हर स्तर पर इनकी मंजूरी ली जाती है। ये अलग-अलग हमलों में टारगेट तय करने से लेकर प्लानिंग तक मास्टरमाइंड रहे हैं।‘ अब तीनों इनामी नक्सली लीडर्स के काम के बारे में बात... 1. थिप्परी तिरुपति उर्फ देवजी, 2 करोड़ का इनामदेवजी, तेलंगाना के करीमनगर जिले में अंबेडकर नगर के दलित परिवार से है। आंध्र प्रदेश के नक्सली लीडर बसवाराजू के मई 2025 में हुए एनकाउंटर के बाद ये पोलित ब्यूरो का महासचिव बना। देवजी संगठन में लंबे समय तक पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी का मेंबर रहा। इसलिए अब तक हुए हर बड़े नक्सली हमले की स्ट्रैटजी में संगठन के जो 5 से 6 अधिकारी शामिल होते थे, उसमें देव जी का भी नाम शामिल है। दंतेवाड़ा के ताड़मेटला और बीजापुर के रानीबोदली में हुए नक्सली हमलों की सलाह देने से लेकर रणनीति बनाने तक मास्टरमाइंड देवजी ही था। उस पर छत्तीसगढ़ सरकार और NIA ने 1-1 करोड़ का इनाम रखा है। नींद में सो रहे जवानों को घेरकर मारा, देवजी ने बनाई स्ट्रैटजीघटना 15 मार्च 2007 की है। बीजापुर के रानीबोदली गांव में होली के तीन दिन बाद नक्सलियों ने CRPF कैंप पर हमला किया। रात करीब 12 से 12.30 बजे के बीच की बात है। कैंप में 55 जवान गहरी नींद में सोए हुए थे। तभी नक्सलियों की 3 टोलियों ने कैंप को घेर लिया। करीब 4 घंटे तक ताबड़तोड़ गोलियां और बम चलाए। सुबह 4 बजे के करीब जब गांव के लोग कैंप पहुंचे तो सभी 55 जवानों के शव जले हुए मिले। इससे पहले कभी इतना बड़ा नक्सली हमला नहीं हुआ था। इसे एग्जीक्यूट एक महिला कमांडर ने किया था, लेकिन इसका मास्टरमाइंड तिरुपति उर्फ देवजी था। ऑफिशियल सोर्स के मुताबिक, सरकार और प्रशासन को दहलाने के लिए इस हमले के आइडिया से लेकर स्ट्रैटजी तक सबके पीछे देवजी का दिमाग था। ये घटना सलवा जुडूम का भी जवाब थी। वही सलवा जुडूम, जिसमें प्रशासन ने आदिवासियों को नक्सलियों के खिलाफ खड़ा कर दिया था। स्पेशल पुलिस अफसर (SPO) के रूप में आदिवासी नियुक्त किए गए थे, ताकि वो फोर्स के लिए खबरी भी बनें और नक्सलियों को जवाब भी दें। ताड़मेटला में गश्त से लौट रहे जवानों पर हमले की प्लानिंग की6 अप्रैल 2010 की घटना है। दंतेवाड़ा के ताड़मेटला में 150 जवान रूटीन गश्त से लौट रहे थे। वहीं जंगलों में घात लगाए एक हजार नक्सली हमले के लिए तैयार थे। नक्सलियों ने घातक एंबुश लगाए थे। जवानों के वहां पहुंचते ही जोरदार धमाका हुआ। कई जवान तो एंबुश में फंसकर शहीद हो गए। जवानों और नक्सलियों के बीच कई घंटे मुठभेड़ चली। जब बैकअप टीम घटनास्थल पहुंची, तब पता चला कि 76 जवान हमले में शहीद हो चुके हैं। इस हमले की सलाह से लेकर रणनीति बनाने तक का काम देवजी ने ही किया था। इस प्लान को एग्जीक्यूट हिड़मा ने किया था। 2. मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति, 3.6 करोड़ का इनामगणपति भाकपा (माओवादी) का पूर्व महासचिव था। 1992 में वो पीपुल्स वॉर ग्रुप (PWG) का महासचिव बना और 2004 में CPI (माओवादी) बनने के बाद 2018 तक इसकी कमान संभाली। पोलित ब्यूरो मेंबर और सेंट्रल कमेटी में एडवाइजर है। 1992 से लेकर 2018 तक जितने नक्सली हमले हुए, सब इसी के नेतृत्व में हुए। गणपति पर छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र सरकार ने 1-1 करोड़ का इनाम रखा है। जबकि आंध्र ने 25 लाख, झारखंड ने 12 लाख और NIA ने 15 लाख का इनाम रखा है। ओडिशा, प. बंगाल और तेलंगाना ने भी गणपति पर इनाम की घोषणा कर रखी है। 2003 में आंध्र प्रदेश के CM रहे चंद्रबाबू नायडू पर हमले का आइडिया और स्ट्रैटजी दोनों गणपति की थी। नक्सलियों के संगठन में मौजूद हमारे सोर्स के मुताबिक, नायडू पर हमले का आइडिया पोलित ब्यूरो के कई मेंबर्स को जोखिम भरा लगा था। कई लोग इसके सपोर्ट में भी नहीं थे। हालांकि गणपति इससे पीछे हटने को राजी नहीं हुआ। नायडू पर हमले ने केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक को बड़ा झटका दिया था। ये सिर्फ अकेली घटना नहीं है, जो गणपति के नेतृत्व में अंजाम दी गई हो। ऐसी 10 बड़ी घटनाएं हैं, गणपति जिनका मास्टरमाइंड रहा। 3. मिशिर बेसरा उर्फ भास्कर, 1.30 करोड़ का इनामबेसरा झारखंड के गिरिडीह जिले के मदनडीह गांव का रहने वाला है। वो पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी का मेंबर है। इसके अलावा ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो मिलिट्री का इंचार्ज और प्रवक्ता है। मिशिर बेसरा ने कई बड़े हमलों के आइडिया से लेकर प्लानिंग और एग्जीक्यूशन में मुख्य भूमिका निभाई। एंबुश लगाने में माहिर: पहले एंटी नक्सल टीम का हिस्सा रहे एक अधिकारी ने बताया, 'बेसरा का सबसे बड़ा काम लेवी वसूलना है। इसके पकड़े गए साथियों ने बताया कि संगठन के लिए बेसरा सबसे ज्यादा पैसा इकट्ठा करता है। टीम को बढ़ाने के लिए वो अपने इलाके के सबसे अच्छे लड़ाकों को रिक्रूट करता है। एक लीडर की तरह हमले की रणनीति बनाता है और खुद भी लड़ता है। अधिकारी आगे बताते हैं, 'वो लड़ाकों को ट्रेंड करने के लिए पूरे देश में जाता है। बेसरा के जैसा एंबुश संगठन में कुछ ही लोग लगा पाते हैं। यही वजह है कि उसे पकड़ने के लिए मेरे वक्त तक (2023 तक) करीब 8 टीमें तैनात की गई थीं। अब तो और भी टीमें बन गई हैं।' 'बेसरा लड़ाकों का घेरा बनाने, एंबुश लगाने और बंकर बनाने में माहिर है। उसका काम हमले की रणनीति बनाना और एग्जीक्यूट होने तक उसकी निगरानी करना है। वो अपने इलाके में नई भर्तियां भी करता है। 1990 से नक्सली गतिविधियों में एक्टिव है। उसे कोल्हान-सारंडा जंगलों में किए गए कई हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है।' बेसरा की टीम में 1 करोड़ के इनामी: अधिकारी के मुताबिक, उसकी टीम में अनिल दा (पतिराम मांझी), असीम मंडल और अजय महतो जैसे 1-1 करोड़ के इनामी नक्सली हैं। बेसरा पर NIA और केंद्र ने 50 लाख का इनाम रखा है। वहीं झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल ने 20-20 लाख का इनाम रखा है। कुल मिलाकर अभी उस पर 1.30 करोड़ का इनाम है। बेसरा पर कई हमले करने और कराने के आरोप हैं। ये हमले झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में किए गए। बेसरा की गतिविधियां इन राज्यों में ही थीं। वह अपने इलाके के सभी हमलों में रणनीतिकार के तौर पर शामिल रहता है। अक्टूबर 2002 में चाईबासा के बिटिकल सोय गांव में बेसरा ने एंबुश लगाकर पुलिस टीम पर हमला किया था, जिसमें 55 पुलिसकर्मी मारे गए थे। नक्सलियों ने इन सबके हथियार लूट लिए थे। इसके बाद मार्च 2004 में झारखंड के बालिबा में एंबुश लगाकर फिर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया था। इसमें 25 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे। बेसरा को पकड़ने के लिए ऑपरेशन प्रहारबेसरा को पकड़ने के लिए सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन प्रहार चला रखा है। इसी के तहत एक साल में अब तक उसकी टीम के 12 लोगों का सरेंडर कराया गया है। अब जानिए...थ्री-लेयर सिक्योरिटी में रहने वाले नक्सली हिड़मा के एनकाउंटर के बारे में हिड़मा पिछले 2 दशक में हुए 26 से ज्यादा बड़े नक्सली हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। इनमें 2010 का दंतेवाड़ा हमला भी शामिल है, जिसमें 76 CRPF जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा 2013 में झीरम घाटी हमला और 2021 सुकमा-बीजापुर हमले में भी हिड़मा की भूमिका रही है। नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में शामिल एक सोर्स ने उसके एनकाउंटर के पीछे की कहानी बताई थी। सोर्स ने बताया, 'नक्सली माड़वी हिड़मा और उसके बॉडीगार्ड बारसे देवा के आत्मसमर्पण के लिए 10 नवंबर को छत्तीसगढ़ के डिप्टी CM और गृह मंत्री विजय शर्मा ने आखिरी कोशिश की थी। डिप्टी CM रायपुर से करीब 550 किलोमीटर का सफर तय कर सुकमा जिले के उस गांव पहुंचे थे, जहां हिड़मा और देवा की मां रहती हैं।' 'विजय शर्मा की सलाह पर दोनों की मांओं ने एक वीडियो के जरिए आत्मसमर्पण की अपील भी की, लेकिन 3-4 दिन बाद छत्तीसगढ़ नक्सल ऑपरेशन की टीम को मुखबिरों से पता चला कि हिड़मा ने मां की गुहार नकार दी है। जाहिर था अगर हिड़मा सरेंडर नहीं करेगा तो उसका सबसे करीबी और बॉडीगार्ड देवा भी नहीं करेगा।' इन सबके बाद ये तय हो गया कि हिड़मा के आतंक को खत्म करने का एनकाउंटर ही एक रास्ता है। इन सबके 8 दिन बाद 18 नवंबर की सुबह माड़वी हिड़मा को छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर मारेडुमिल्ली जंगल में एनकाउंटर के दौरान मार गिराया गया। उसकी पत्नी मडकम राजे उर्फ रजक्का और 4 अन्य नक्सलियों को भी ढेर कर दिया गया।....................... ये खबर भी पढ़ें... थ्री-लेयर सिक्योरिटी में रहने वाला नक्सली हिड़मा कैसे फंसा नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन में शामिल एक सोर्स ने बताया- उसके बाद ये तय हो गया कि हिड़मा के आतंक को खत्म करने का एनकाउंटर ही एक रास्ता है। इन सबके 8 दिन बाद 18 नवंबर की सुबह माड़वी हिड़मा को छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश बॉर्डर पर मारेडुमिल्ली जंगल में एनकाउंटर के दौरान मार गिराया गया। उसकी पत्नी मडकम राजे उर्फ रजक्का और 4 अन्य नक्सलियों को भी ढेर कर दिया गया। पढ़िए पूरी खबर,,,
Israeli PM: इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू मुश्किलों में फंसे नजर आ रहे हैं. जिसके चलते नेतन्याहू ने कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग से माफी मांगी है. इजरायली कानून के तहत इसे प्रेसिडेंशियल माफी कहा जाता है. ऐसा तब होता है जब किसी आरोपी पर दोष सिद्ध हो जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इससे पहले ही प्रेसिडेंशियल माफी की औपचारिक अपील की है. जिसके बाद उनके प्रधानमंत्री कुर्सी से हटने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं.
'तख्तापलट' की साजिश के आरोपी दिग्गज नेता को भेजा जेल, 20 साल से सरकार के पीछे पड़े थे
Azerbaijan President: उनके वकीलों ने रॉयटर्स से बात करते हुए इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया है. हालांकि, कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत को जांच सुनिश्चित करने के लिए जरूरी बताया है. लेकिन अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने इसे विपक्ष पर हमला बताते हुए आलोचना की है.
भूख बर्दाश्त थी मां के आंसू नहीं देख सकता था... वो डॉन जिसे तलाश रही थी 190 देशों की पुलिस
World Crime News: इसडॉन का असली नाम था जोआक्विन आर्चीवाल्डो गुज़्मान लोएरा. 5 फुट 6 ईंच कद के हट्टेकट्टे शख्स को दुनिया एल चापो के नाम से जानती है. जिससे बड़ा ड्रग माफिया और गैंगस्टर अबतक पूरी दुनिया में पैदा नहीं हुआ होगा.
Begum Khaleda Zia Health Update in Hindi: बांग्लादेश की पूर्व पीएम बेगम खालिदा जिया की हालत लगातार गंभीर बनी हुई है. उनके इलाज के लिए चीनी, अमेरिकी और ब्रिटिश डॉक्टरों की टीम बांग्लादेश पहुंची है.
श्रीलंका में प्रकृति के प्रकोप के बीच मंडरा रहा नया संकट, संक्रामक बीमारियों के फैलने का अलर्ट जारी
श्रीलंका में प्रकृति के प्रकोप के बीच अब नया संकट मंडरा रहा है। दितवाह तूफान के चपेट में आने से अब तक 334 लोगों की मौत हो चुकी है
Disadvantages of Vaping: दुनिया में बहुत सारे युवा अपनी अमूल्य जिंदगी को धुएं के कश में उड़ा रहे हैं. लेकिन 17 साल के एक युवक को यह कश बहुत भारी पड़ गया. उसके फेफड़े की हड्डियां काली पड़कर चटखने लगीं.
नेतन्याहू को राष्ट्रपति हर्जोग से क्यों मांगनी पड़ी माफी? क्या जाने वाली है पीएम की कुर्सी?
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग से प्रेसिडेंशियल माफी के लिए औपचारिक अपील की है
Wang Fuk massive fire: पुलिस ने अगले तीन हफ्तों में ऑपरेशन पूरा कर लेने की उम्मीद जताई है. अधिकारियों के अनुसार भीषण आग की वजह फायर सेफ्टी नियमों को अनदेखा करना रहा है. हांगकांग के अधिकारियों ने सोमवार को दिए बयान में अभी तक इस हादसे में 151 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है.
'सिर्फ देश की भलाई' ध्यान में रख पीएम नेतन्याहू की अर्जी पर लिया जाएगा फैसला : राष्ट्रपति हर्जोग
इजरायल के राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की भ्रष्टाचार मामलों में माफी (पार्डन) की औपचारिक अर्जी पर अपनी पहली विस्तृत प्रतिक्रिया दी
Biological Weapons Convention 50: कोरोना काल का जिक्र करते हुए एस जयशंकर ने वैक्सीन फ्रेंडशिप का जिक्र किया और इसे वसुधैव कुटुम्बकम की भावना से शुरू करना बताया. इसके चलते भारत ने 100 से ज्यादा कम विकसित और कमजोर देशों को लगभग 300 मिलियन वैक्सीन डोज और मेडिकल की मदद की थी.
US Enron Scandal: एनरॉन का मॉडल ऊर्जा व्यापार के नए दौर का प्रतीक माना गया था, लेकिन बाद में खुलासा हुआ कि कंपनी ने अपने घाटे और बढ़ते कर्ज को छुपाने के लिए जटिल अकाउंटिंग तकनीकों और संदिग्ध पार्टनरशिप कंपनियों का जाल बिछाया था.
Weird news: नौकरी पहली हो, दूसरी, तीसरी या फिर चौथी, ज्वाइनिंग की यादें हमेशा साथ रहती हैं. नई नौकरी का पहला दिन फुल एक्साइटमेंट से भरा होता है. लेकिन जिस रिकी की कहानी आपको बता रहे हैं, उसे पढ़कर आप रहस्य और रोमांच की एक नई दुनिया में पहुंच जाएंगे. जहां सर्वाइव करना किसी के लिए भी नामुमकिन होगा.
टॉप रूसी मिलिट्री साइंटिस्ट के मर्डर की कोशिश! घर के पास धमाका 'आग के गोले' में बदली कार
Moscow Car Blast: मॉस्को के एक सबअर्ब में लैंड क्रूज़र प्राडो में धमाका हुआ जहां कार में आग लगने के बाद दूसरा धमाका सुना गया. यह गाड़ी रूस के एक टॉप साइंटिस्ट की थी जो मॉस्को में मिलिट्री से जुड़ा एक बड़ा लेज़र और क्वांटम-इलेक्ट्रॉनिक्स सेंटर स्टेलमाख पॉलीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के लिए काम करते थे.
Crime News in Hindi: एक खूबसूरत मॉडल अपना काम निपटाने के बाद रात में टैक्सी से घर पहुंची. अगले दिन सुबह वह रहस्यमय तरीके से लापता हो गई. जब पुलिस ने छानबीन की तो उसका फोन पास की झाड़ियों से बरामद हो गया.
नीच हरकत पर उतरा पाकिस्तान, 4000 से ज्यादा अफगानी बच्चों और महिला को घसीटकर देश से निकाला
Afghan refugees: पुलिस ने रात को बिना किसी सूचना के पार्क को घेर लिया और लगभग 200 अफगान परिवारों और एक्टिविस्ट्स को तंबू से बाहर निकालकर जबरदस्ती हटा दिया. वो लोग वहां लगभग चार महीने से रह रहे थे. इसके बारे में एक शरणार्थी ने वीडियो के जरिए बताया कि पुलिस आई और सबको इकट्ठा किया, जिसके बाद उन्होंने वहां से सारे टेंट हटा दिए.
हिजाब नहीं पहना तो नाराज पिता ने बेटों के साथ मिलकर कर दी बेटी की हत्या, पड़ोसियों ने खोला था राज
Honour Killing: पुलिस को ऑनर किलिंग पर शक तब हुआ जब रयान के पड़ोसियों ने बताया कि साल 2023 में एक बार रयान मदद के लिए अपने घर से नंगे पांव भाग रही थी और भागते हुए वो चिल्ला रही थी कि 'मेरे पिता मेरी हत्या करना चाहते हैं' पड़ोसियों के इस बयान के बाद पुलिस ने इस मामले की ऑनर किलिंग के नजरिए से जांच शुरू की.
बांग्लादेश की कोर्ट ने शेख हसीना को कथित गैर-कानूनी आवंटन से जुड़े भ्रष्टाचार मामले में 5 साल कैद की सजा सुनाई है। शेख हसीना के साथ सह आरोपी बहन शेख रेहाना को 7 और रेहाना की बेटी ट्यूलिप सिद्दीक को 2 साल कैद का फरमान सुनाया है। स्थानीय मीडिया ने ये जानकारी दी।
ISS 2030 में रिटायर! अंतरिक्ष का युग बदलने वाले ये हैं नए स्पेस स्टेशन; चाइना-इंडिया भी रेस में...
ISS retirement 2030: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) 2030 तक रिटायर होगा, लेकिन प्राइवेट कंपनियों जैसे Axiom Space और Blue Origin नए स्पेस स्टेशन लॉन्च कर अंतरिक्ष में शोध और खोज जारी रखेंगी.
इस देश में बैन है सेनेटरी पैड! पीरियड्स में महिलाओं की हालत जानकर कांप उठेगी रूह
Sanitary Pad Ban:दुनिया में कई देश ऐसे हैं जो अपने अजीब कानूनों की वजह से चर्चा में रहते हैं. कई लोग इन कानूनों को देख कर हंसते हैं या हैरान होते हैं. पर नॉर्थ कोरिया का एक नियम ऐसा भी है जिसे जानकर लोग खामोश हो जाते हैं और दंग रह जाते हैं. इस देश में महिलाओं के पीरियड्स जैसी सामान्य जरूरत को भी कानूनों की जंजीरों में बांध दिया गया है.
यूक्रेन के ड्रोन हमलों में रूस में दो लोगों की मौत, अगले हफ्ते मॉस्को में होगी बातचीत
रूस के बॉर्डर इलाके बेलगोरोड में यूक्रेन के ड्रोन हमलों में दो लोगों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए
नेपाल : पिछले 15 साल में एचआईवी संक्रमितों की संख्या तेजी से गिरी
वर्ल्ड एड्स डे से पहले नेपाल के स्वास्थ्य और जनसंख्या मंत्रालय ने एक आंकड़ा जारी किया, जो काफी हद तक सकारात्मक तस्वीर पेश करता है
Who is Subrahmanyan Chandrasekhar: एलन मस्क ने अपने एक बेटे का का मिडिल नाम भारतीय-अमेरिकी वैज्ञानिक और नोबेल पुरस्कार विजेता सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर के सम्मान में रखा है. इसके पीछे की सोच क्या है, ये भी उन्होंने बताई. अब आपको ये जान लेना चाहिए कि आखिर सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर कौन थे? इस आर्टिकल में उनकी पूरी डिटेल दी गई है.
Governor's Rule in Khyber Pakhtunkhwa: KP में CM सोहैल अफरीदी के विरोध प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान सरकार गवर्नर रूल लगाने पर विचार कर रही है. साथ ही KP के मुख्यमंत्री अफरीदी अब इस मामले को हाईकोर्ट ले जाने की बात कर रहे हैं.
Benjamin Netanyahu:इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खुद लगे गंभीर भ्रष्टाचार आरोपों के बीच राष्ट्रपति आइजैक हर्ज़ोग को 111 पन्नों का क्षमादान अनुरोध भेजा है, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ चल रहे मुकदमे में माफी की अपील की है. बता दें, यह पहली बार है जब किसी मौजूदा इजराइली प्रधानमंत्री ने दोषसिद्धि से पहले माफी की मांग की है.
ट्रंप को क्या हुआ? बोले- मेरा MRI हो गया लेकिन क्या स्कैन किया पता नहीं... शेयर करूंगा रिपोर्ट
Donald Trump on MRI Scan: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी अपनी एमआरआई स्कैन रिपोर्ट पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने दावा किया है कि नतीजे सही हैं. एक सवाल पर वो ये भी कह गए कि अगर आप चाहते हैं तो मैं रिपोर्ट को जारी भी कर दूंगा..
बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रपति से की 'क्षमादान अपील', कहा 'ये देश हित में'
बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायली राष्ट्रपति से अपने खिलाफ चल रहे मामले को खत्म कराने और बेगुनाह करार दिए जाने को लेकर क्षमादान अपील की है
'मैं बीएस येदियुरप्पा को अच्छा इंसान मानती थी, लेकिन उन्होंने मेरी बच्ची के साथ गलत किया। मैं अपनी 17 साल की रेप विक्टिम बेटी को न्याय दिलाने के लिए उनके घर गई थी। हमारी बातें सुनने के बाद वो बेटी को कमरे में ले गए और उसके साथ छेड़छाड़ की। बेटी किसी तरह उनसे पीछा छुड़ाकर मेरे पास आई। वो डर से कांप रही थी। मैं चाहती हूं कि येदियुरप्पा और इस हरकत में उनका साथ देने वाले लोगों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।' कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और BJP के सीनियर लीडर बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ यौन शोषण की ये शिकायत दर्ज करवाने वाली महिला अब इस दुनिया में नहीं है। उसका बेटा ये केस लड़ रहा है। 14 मार्च 2024 को विक्टिम की मां के आरोप के बाद येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो का केस दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, लेकिन इसी बीच 26 मई 2024 को विक्टिम की मां की लंग कैंसर के ट्रीटमेंट के दौरान मौत हो गई। केस हाईप्रोफाइल था। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने जांच CID को सौंप दी। जांच एजेंसी येदियुरप्पा समेत 4 आरोपियों के खिलाफ 750 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इसमें यौन उत्पीड़न, सबूत नष्ट करने और मामला दबाने के आरोप शामिल हैं। जांच एजेंसी सबूत में मिले सीक्रेट वीडियो, CCTV फुटेज और बयानों के आधार पर सच जानने की कोशिश कर रही है। बीते 13 नवंबर को कर्नाटक हाईकोर्ट ने येदियुरप्पा की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उनके खिलाफ चल रहा पॉक्सो का मामला रद्द करने की मांग की गई थी। अब 2 दिसंबर को बेंगलुरु कोर्ट ने येदियुरप्पा समेत चारों आरोपियों को अदालत में पेश होने के आदेश दिए हैं। ऐसे में ये बड़ा सवाल है कि क्या 82 साल के येदियुरप्पा अब जेल जाएंगे? सबसे पहले जानिए2 फरवरी 2024 को हुआ क्या था…CID की ओर से दाखिल चार्जशीट के मुताबिक, सुबह के 11:25 बजे, 17 साल की विक्टिम लड़की की अपनी मां के साथ रेप के मामले में इंसाफ की आस लिए BJP नेता और कर्नाटक के पूर्व CM बीएस येदियुरप्पा के बेंगलुरु में डॉलर कॉलोनी स्थित घर पहुंची। येदियुरप्पा ने सिक्योरिटी गार्ड से दोनों को अंदर भेजने को कहा। विक्टिम की मां ने पहले बच्ची के साथ हुई घटना के बारे में बताया। इसके बाद पूर्व सीएम बच्ची को एक अलग कमरे में ले गए और दरवाजा अंदर से बंद कर दिया। कमरे में येदियुरप्पा ने बच्ची से पूछा कि क्या तुम्हें यौन शोषण करने वालों के चेहरे याद हैं? विक्टिम ने दो बार येदियुरप्पा के सवाल का जवाब दिया। जांच एजेंसी का आरोप है कि इस दौरान येदियुरप्पा ने विक्टिम से छेड़छाड़ करने की कोशिश की। डरी हुई बच्ची ने अपना हाथ छुड़ाया और दरवाजा खोलने को कहा। बच्ची की बात सुनकर येदियुरप्पा ने दरवाजा खोला और जेब से कुछ रुपए निकालकर उसके हाथ में रख दिए। उन्होंने कहा कि वे इस मामले में कोई मदद नहीं कर सकते। बाहर आकर येदियुरप्पा ने कुछ पैसे विक्टिम की मां को भी दिए। इन सबके बाद मां-बेटी बुरी तरह से टूट गई थीं। 20 फरवरी को महिला ने इस घटना से जुड़ा एक वीडियो फेसबुक पेज पर अपलोड कर दिया। CID को दिए बयान में विक्टिम की मां ने बताया कि वीडियो वायरल होने के बाद येदियुरप्पा के सहयोगी अरुण वाइएम, रुद्रेश और मरीस्वामी उसके घर आए थे। तीनों ने उस पर वीडियो डिलीट करने के लिए दबाव डाला। अरुण ने मुझसे घटना वाले दिन के वीडियो फेसबुक और फोन से हटाने को कहा। उसके साथ रुद्रेश भी आया था, उसने येदियुरप्पा के कहने पर हमें बड़ी रकम दी और वो लोग चाहते थे कि मैं किसी न किसी तरीके से वो वीडियो डिलीट कर दूं। 750 पेज की चार्जशीट में ये साफतौर पर लिखा गया है कि तीनों आरोपी महिला और उसकी बच्ची को फिर से येदियुरप्पा के पास ले जाना चाहते थे, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। 22 दिन बाद तंग आकर महिला ने सदाशिवनगर पुलिस के सामने BJP नेता और उनके तीनों सहयोगियों के खिलाफ FIR दर्ज करवाई। सीक्रेट वीडियो, CCTV फुटेज, बयानों के आधार पर सच जानने की कोशिशयेदियुरप्पा से जुड़े POCSO मामले की जांच में शामिल CID के सीनियर अफसर कहते हैं, 'मामले में कड़ी से कड़ी जोड़ने के लिए हमने और बेंगलुरु पुलिस ने विक्टिम के रिकॉर्डेड सीक्रेट वीडियो, येदियुरप्पा के घर के पास के CCTV फुटेज, सभी डिजिटल-फोरेंसिक रिकॉर्ड और पीड़ित परिवार के बयानों का सहारा लिया। जांच में विक्टिम और उसकी मां को आरोपियों की तरफ से दिए गए 35,000 रुपए नकद, एक कैश बैग और दो मोबाइल फोन बरामद किए गए।' 'मामले में हमें 2 और वीडियो भी मिले हैं, जिसे विक्टिम ने खुद बनाया था। पहले वीडियो में दिख रहा है कि वो अपनी मां के साथ येदियुरप्पा के घर गई है। फुटेज में महिला येदियुरप्पा को 'अप्पा जी' कह रही है। महिला बोल रही है कि वो शिमोगा से आई है। उसके पास जितनी भी संपत्ति है, वो बेटी से जुड़े मुकदमे में फंसी हुई है। केस में वो BJP नेता से मदद चाहती है।' 'दूसरे वीडियो में महिला घर में घुसती दिख रही है। वो येदियुरप्पा के बगल में बैठकर उनका हाथ पकड़े हुए नजर आ रही है। इन वीडियोज को CID ने सबूत के तौर पर चार्जशीट में शामिल किया है।' CID ने येदियुरप्पा समेत चारों आरोपियों के खिलाफ IPC की धाराओं 204 (सबूतों को नष्ट करवाना), 214 (अपराध की जांच के लिए उपहार या संपत्ति की पेशकश) और POCSO की धारा में केस दर्ज किया है। येदि के वकील बोले- महिला के बयानों में सच्चाई नहींयेदियुरप्पा का केस लड़ रहे सीनियर एडवोकेट सीवी नागेश का मानना है कि ये केस राजनीति से प्रेरित है और दूसरे पक्ष की शिकायतों में सच्चाई नहीं है। नागेश कहते हैं, विक्टिम और उसकी मां फरवरी में कई बार पुलिस कमिश्नर से मिलीं, लेकिन तब उन्होंने येदियुरप्पा और उनके सहयोगियों पर किसी तरह का आरोप नहीं लगाया। महिला के जारी किए गए वीडियोज पर येदियुरप्पा ने कोर्ट में सफाई दी कि महिला उनसे मिलना चाहती थी, लेकिन उसे परमिशन नहीं दी गई। इस पर वो दुखी होकर जोर-जोर से रोने लगी तो उन्होंने महिला को घर में आने दिया। यही नहीं, उन्होंने गंभीरता से उसकी सारी बातें सुनीं। विक्टिम फैमिली क्या कह रही…POCSO मामले में मुख्य शिकायतकर्ता महिला की FIR दर्ज कराने के एक महीने बाद मौत हो गई थी। अब उनका 26 साल का बेटा यानी विक्टिम का भाई ये केस लड़ रहा है। अब उसने हाईकोर्ट का रुख किया है। वो येदियुरप्पा के खिलाफ सबूत जुटाने में CID को पूरा सहयोग दे रहा है। उसने जांच एजेंसी को मामले से जुड़े CCTV फुटेज, फोन का मेमोरी कार्ड, हार्ड डिस्क जैसी सभी डिजिटल सामग्री इकट्ठा करके सौंपी है। विक्टिम के भाई ने सोशल मीडिया पर need4justice नाम का एक पेज बनाया है। इस पर उसने केस से जुड़े दो वीडियो अपलोड कर बहन के लिए इंसाफ की मांग की है। उसने वीडियो में कहा, 'मैं CM सिद्धारमैया और डिप्टी CM डीके शिवकुमार से अपनी बहन को न्याय दिलाने की गुजारिश करता हूं। आपसे अनुरोध है कि हमारे केस की पैरवी के लिए अच्छे सीनियर एडवोकेट हायर करें।' येदियुरप्पा के वकील सीवी नागेश की दलीलों के जवाब में पीड़ित पक्ष का केस लड़ रहे सरकारी वकील प्रोफेसर रविवर्मा कुमार ने कहा कि CID की जांच और विक्टिम की बातों को गंभीरता से सुना गया। अदालत का आदेश तर्कसंगत और न्यायिक लिहाज से सही था, इसलिए इसे रद्द करने की कोई गुंजाइश नहीं है। POCSO के बावजूद येदि का गिरफ्तार न होना, उनका मजबूत पक्षइस केस को शुरू से कवर कर रहे कर्नाटक के सीनियर जर्नलिस्ट डॉ. बसवराज इटनाल का मानना है कि इस मामले में शुरुआत से ही बहुत सारी खामियां रही हैं। इसमें सबसे बड़ी बात ये थी कि जिस महिला ने येदियुरप्पा के खिलाफ FIR दर्ज करवाई, वो पहले भी कई लोगों पर ऐसे क्रिमिनल केस करवा चुकी है। ऐसे में बड़ा सवाल उठता है कि क्या जांच निष्पक्षता से हुई। डॉ. बसवराज दो पॉइंट्स में अपनी बात रखते हैं...1. पॉक्सो एक गैर जमानती अपराध है। इससे जुड़े मामलों में अपराधी को गिरफ्तार कर सीधे न्यायिक हिरासत में भेजा जाता है। इस मामले में कोर्ट ने येदियुरप्पा की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। हाईकोर्ट ने ये साफतौर पर कहा एक 80 साल का बुजुर्ग, जो राज्य का बड़ा सामाजिक चेहरा है, उन पर जल्दबाजी में किसी भी तरह सख्त कार्रवाई करना ठीक नहीं है। इससे ये साबित होता है कि अभी तक पुलिस को वो ठोस सबूत नहीं मिले हैं, जिससे BJP नेता का अपराध साबित हो सके। 2. जिस महिला ने येदियुरप्पा के खिलाफ केस दर्ज करवाया, वो एक हैबिचुअल कंप्लेनर थी। पुलिस भी इसका खुलासा कर चुकी है कि पीड़िता की मां ने पहले भी बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर रहे आलोक कुमार समेत 50 लोगों के खिलाफ ऐसी ही शिकायतें दर्ज करवाई थीं। महिला ने 18 जनवरी, 2022 को BJP नेता भास्कर राव पर उसकी जिंदगी बर्बाद करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। ऐसे में उसके बयानों और सबूतों की सख्त जांच होनी चाहिए थी। येदियुरप्पा कर्नाटक के लिंगायत समुदाय से आते हैं, जो उनके साथ खड़ा हुआ है। इस केस को लेकर अब तक कांग्रेस के भी किसी बड़े लीडर ने प्रतिक्रिया नहीं दी है। अब जान लीजिए पॉलिटिकल पार्टियां क्या कह रहीं…कांग्रेस: पीड़ित बच्ची के लिए सड़क से संसद तक आवाज उठाएंगेकांग्रेस पार्टी के नेशनल स्पोक्सपर्सन वैभव शुक्ला कहते हैं, ‘किसी मुख्यमंत्री के खिलाफ POCSO का मामला सामने आना कोई मामूली बात नहीं है। ये ऐसा पहला मामला नहीं है, जब गंभीर अपराधों में शामिल अपने नेताओं को बचाने के लिए BJP ने मौन व्रत धारण किया हो। चाहे ब्रजभूषण शरण सिंह हों या कुलदीप सिंह सेंगर, BJP ने उन्हें बचाने के लिए जी-जान लगा दी। यही बात अब येदियुरप्पा के केस में भी हो रही है।‘ ‘कर्नाटक BJP की चुप्पी ये बताती है कि वो अपनी 'बेटी-बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की नीति पर खुद यकीन नहीं रखती। हमें देश की न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है कि वो पीड़ित परिवार के हक में फैसला सुनाएगी।‘ BJP: येदियुरप्पा के खिलाफ सभी आरोप झूठे, सच सामने आएगाइस मामले पर कर्नाटक BJP के अध्यक्ष और येदियुरप्पा के बेटे बीवाई विजयेंद्र कहते हैं, ‘ये सब राजनीतिक षड्यंत्र है। वे बिना दिल छोटा किए न्याय के रास्ते पर चलते रहेंगे और इन षड्यंत्रों पर जीत हासिल करेंगे। येदियुरप्पा जांच से मुंह फेरने वालों में से नहीं हैं।‘ वहीं, कर्नाटक BJP के स्टेट वाइस प्रेसिडेंट बसवराज केलागर कहते हैं, ’बीएस येदियुरप्पा ने कर्नाटक में BJP को स्थापित करने में बड़ी भूमिका निभाई है। वो हमारी पार्टी का दिग्गज चेहरा रहे हैं। सबको पता है कि इस केस में उनके खिलाफ जो भी आरोप लगाए गए हैं, उनका कोई आधार नहीं है।‘ ......................... ये खबर भी पढ़ें... तिरुपति लड्डू- जानवर की चर्बी, मिलावटी घी से हवाला तक आंध्र प्रदेश के तिरुमला तिरुपति देवस्थानम यानी TTD में चढ़ाए जाने वाले लड्डू प्रसाद पर विवाद बढ़ता जा रहा है। अब SIT जांच में ये खुलासा हुआ है कि मंदिर के प्रसाद में बीते 5 साल के अंदर लगभग 68 लाख किलो मिलावटी घी का इस्तेमाल हुआ। इसे सप्लाई करने वाली उत्तराखंड की भोलेबाबा डेयरी ने 2019 से 2024 तक 250 करोड़ रुपए का नकली घी मंदिर को भेजा। अब सवालों के घेरे में वो अधिकारी हैं, जिनकी निगरानी में ये पूरी गड़बड़ी पता चली। पूरी खबर पढ़िए...
आनंद के लिए एक आश्चर्यजनक खिलौना है वाइफ, और भारतीय संस्कृति की पत्नी वो है जो यज्ञ में अपने पति का साथ देती है. इस बयान के बाद जगद्गुरु रामभद्राचार्य एक बार फिर कंट्रोवर्सी में आगए हैं. उनके गिरिधर से रामभद्राचार्य बनने के सफर और बड़े बयानों के बारे में जानकारी पाने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो
रूसी ऑयल को लेकर CREA का चौंकाने वाला दावा, हैरान कर रहा है इंपोर्ट का मैथमैटिक
Russian oil ban: रूस से तेल आयात पर बैन के बावजूद भारत, मास्को से कच्चा तेल मंगा रहा है. ये आरोप है CREA का जिसकी रिपोर्ट में एक बेहद चौंकाने वाला दावा किया गया है, हालांकि कोई अन्य अधिकृत सोर्स ने इस कथित दावे की पुष्टि नहीं की है.
आर्कटिक में चौंकाने वाली खोज, वैज्ञानिकों ने खोजा वालरसों का गुप्त ठिकाना; पहली बार दिखा हॉल-आउट
Walrus haul out: जलवायु में लगातार हो रहे परिवर्तन के कारण वालरस दबाव में हैं. दो टन वजनी ये विशालकाय जीव आराम करने करने के लिए समुद्री बर्फ पर निर्भर रहते हैं, लेकिन अब हर साल बर्फ जल्दी पिघलती है और देरी से वापस आती है यानि की बदलते मौसम का असर दिख रहा है.
हॉस्टल जाकर पत्नी को दरांती से रेत डाला, डेडबॉडी के साथ पोस्ट की सेल्फी; सोच थी घिनौनी
Wife murder: आज के जमाने में रिश्तों की डोर इतनी कमजोर हो गई है कि सात जन्मों के रिश्ते सात महीने तक नहीं टिक पा रहे. ऐसे ही एक मामले में हैवान बने पति ने पत्नी को मारकर मानो 'विवाह संस्कार' की नींव को हिला दिया है.
तुर्की का 'छोटा शिकारी' तो बड़ा योद्धा निकला, हवा में मार गिराया दुश्मन का जेट
Turkiye Kizilelma: तुर्की के इस मानवरहित लड़ाकू विमान ने घरेलू स्तर पर बनाए गए रडार और मिसाइल तकनीक का इस्तेमाल करके विमान को हवा में मार गिराया है. यह पहली बार है जब किसी मानव रहित विमान ने ऐसा कारनामा किया है.
भारतीय एंटरप्रेन्योर्स को 'भौकाली' बनने की सलाह क्यों, एलन मस्क ने पॉडकास्ट में खोला राज
Elon Musk: भारतीय कारोबारियों को टेक टाइकून एलन मस्क ने अजीबोगरीब सलाह दी है. स्पेस और टेकअरबपति ने भारतीय उद्यमियों को 'दादागिरी' करने की सलाह देते हुए कहा है कि जो शख्स अपनी क्षमता से अधिक कमाने का लक्ष्य रखता है, उसे सम्मान मिलता है.
इमरान खान की बहनों को शर्म से मर जाना चाहिए?: पाकिस्तानी मंत्री अत्ताउल्लाह तरार
पाकिस्तान के सूचना मंत्री हैं अत्ताउल्लाह तरार। पूर्व वजीर-ए-आजम और पीटीआई संस्थापक इमरान खान को लेकर उठ रहे सवाल बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं, और ऐसे में ही उन्होंने रविवार को कुछ ऐसा कह दिया है जो एक मंत्री पद पर बैठे शख्स को शोभा नहीं देता। उन्होंने इमरान खान की बहनों को शर्म से मर जाने की नसीहत दी है।
अमेरिका की वेनेजुएला में सैन्य कार्रवाई की आशंकाएं तेज
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि वेनेजुएला के ऊपर का हवाई क्षेत्र “पूरी तरह बंद” माना जाए. इस चेतावनी ने वेनेजुएला पर हमले की आशंकाओं को बढ़ा दिया है
Opinion: खिलाफत की विरासत पर खड़े होकर, पोप लियो ने कैसे नफरती किलों की दीवार हिला दी?
Pope Leo: पोप फ्रांसिस शनिवार को तुर्की की मशहूर ब्लू मस्जिद गए थे. कहा जा रहा है कि उनके शेड्यूल में यहां पर पीस प्रेयर करना भी शामिल था लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
Cyclone Ditwah: श्रीलंका में तूफान दितवाह के बीच भारतीय हेलीकॉप्टरों ने अदम्य साहस का परिचय दिया है. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान जवानों ने कई लोगों की जान बचाई है.

