नाइजीरिया में क्यों फैली अशांति? ईसाइयों पर हो रही हिंसा के बाद ट्रंप ने दिए जांच का आदेश
अफ्रीका के सबसे अधिक आबादी वाले देश नाइजीरिया में इस समय अशांति फैली हुई है। हिंसा का आधार बढ़ती धार्मिक असहिष्णुता और कट्टरवाद है। देश में फैली अशांति और हिंसा पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चिंता जताई है
ये कौन सा नाम हुआ D66? सत्ता के करीब पहुंची, देश को मिल सकता है सबसे युवा प्रधानमंत्री
Dutch elections: नीदरलैंड, रॉब जेटनयूरोप के इस छोटे से खूबसूरत और तकनीकि रूप से समृद्ध इस देश के आम चुनाव में कांटे की टक्कर का दावा किया जा रहा था. D66 के रॉब जेटनने सियासी दिग्गजों को धोबी पछाड़ लगाते हुए PVV को चुनौती दी है.
India-Pakistan Kashmir Conflict: संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर भारत ने दुनिया के सामने पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश किया है. भारत के संयुक्त राष्ट्र मिशन में फर्स्ट सेक्रेटरी भाविका मंगलनंदन ने कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तानी सेना पर निशाना साधा है.
न्यूयॉर्क में मेयर बनने की ख्वाहिश, गुरुद्वारे में PM मोदी के खिलाफ ये क्या कह गए जोहरान ममदानी?
Zohran Mamdani NYC Mayoral Elections: जोहरान ममदानी अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में मेयर पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. वह इस चुनाव में इंडिपेंडेंट कैंडिडेट एंड्रयू कुओमो और रिपब्लिकन कर्टिस सिल्वा से आगे चल रहे हैं.
What is SNAP: इसेपहले फ़ूड स्टैम्प प्रोग्राम के नाम से जाना जाता था. इसके लाभार्थियों की संख्या 4.2 करोड़ है. इस तरह से SNAP स्कीम आज हर आठवें में से एक अमेरिकी की लाइफ लाइन है. ये कार्यक्रम 1960 के दशक से अमेरिकी सरकारों की पॉपुलर वेलफेयर स्कीम का अहम हिस्सा है.
Debbie Wingham Heels: ज्यादातर माडर्न गर्ल्स को हाई हील्स पहनने का शौक होता है, लेकिन दुनिया की सबसे महंगी हील्स को खरीद पानी कई अमीरों के बस की भी बात नहीं है.
क्रिकेट को भले ही जेंटलमैन गेम कहा जाता है, लेकिन अगर इसके इतिहास को ईमानदारी से लिखा जाए तो कई जगह पहले पन्ने पर पुरुष नहीं, बल्कि महिलाओं की तस्वीर होनी चाहिए। कैसे? वर्ल्ड कप शुरू करने से लेकर गेंदबाजी में आई क्रांति तक के पांच ऐतिहासिक मोमेंट्स जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक करें और देखें वीडियो।
‘मैं उज्बेकिस्तान की रहने वाली हूं। नौकरी की तलाश में थी। इंस्टाग्राम पर एक लड़की से दोस्ती हुई। उसने दुबई आने को कहा। बोली– एक गर्भवती महिला है, उसके बच्चे को संभालने का काम है।’ ‘मैं उस पर यकीन कर दुबई पहुंची। फिर कहा गया कि, आपको किसी दूसरे शहर में रहना होगा। यह बोलकर मुझे नेपाल ले गए। फिर एक आदमी नेपाल से भारत ले आया।’ ‘मुझे ये अंदाजा भी नहीं था कि, बिना किसी वैध दस्तावेज के मैं भारत आ चुकी हूं। फिर मुझे ‘बॉस’ से मिलवाया गया। उन्होंने कहा तुम्हे धंधा करना होगा’ ‘मेरे इंकार करने पर उस अधेड़ उम्र की महिला ने मारपीट की। मेरे हाथ काटे, प्रेस से मेरे शरीर को जलाया।' 'कहा बात नहीं मानी तो उज्बेकिस्तान में तुम्हारी मां को मरवा देंगे। मेरा पासपोर्ट भी छीन लिया था। इस तरह मैं प्रॉस्टिट्यूट बन गई।’ ये कहानी उज्बेकिस्तान की एक महिला ने हमारे साथ साझा की है। महिला बड़ी मुश्किल से सैक्स रैकेट के चंगुल से निकली है। कानूनी प्रक्रिया के चलते अभी दिल्ली में है। ये मामला सिर्फ एक उज्बेकी महिला का नहीं है, बल्कि बीते कुछ सालों की घटनाओं को खंगालने पर पता चलता है कि, देश में विदेशी महिलाओं के जरिए सेक्स इंडस्ट्री चलाने की पूरी इंडस्ट्री चल रही है। विदेशी एजेंट्स ही लड़कियों को भारत लाने का काम कर रहे हैं। बीते कुछ महीनों में थाइलैंड, रसिया, इंडोनेशिया, उज्बेकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, केन्या, युगांडा, तंजानिया, तुर्कमेनिस्तान की महिलाएं पुलिस के छापों में पकड़ी गईं। इन महिलाओं को दलाल फंसाते हैं, फिर सेक्स रैकेट चलाने वाले बॉस से मिलवाते हैं। पकड़े न जाएं इसलिए लगातार ठिकाने बदलते हैं। हमने देहरादून, पश्चिम बंगाल और नईदिल्ली में पड़ताल कर यह पता किया कि सेक्स रैकेट का नेक्सस काम कैसे करता है, कौन–कौन इसका हिस्सा है, दिल्ली पुलिस की उस चार्जशीट को भी खंगाला जिसमें विदेशी एजेंट्स के भारत में काम करने का जिक्र है। रैकेट चलाने वाले कौन विदेशी, लोकल दलाल : महिलाओं को क्लाइंट तक पहुंचाते हैं होटल, लॉज, स्पा मालिक : जगह प्रोवाइड करवाते हैं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म : ग्राहक जोड़ने और विज्ञापन में मदद लड़की को फंसाने से भारत लाने तक क्या होता है, 7 पॉइंट खबर में आगे बढ़ने से पहले उज्बेकी लड़की पूरी कहानी जान लीजिए… पीरियड्स में भी सर्विस देना पड़ता है, ड्रग्स की लत लग जाती है मैं खुशकिस्त हूं कि, किसी ने मुझे इस नर्क से बाहर निकालने में मदद की। कई मर्द हर रोज मेरा बलात्कार करते थे। मैं एक लड़की को जानती हूं जो तीन महीने के बच्चे को छोड़कर यहां नौकरी करने आई थी। उसे भी एक बॉस को बेच दिया गया था। वो नेपाल के रास्ते आई थी और वैध वीजा न होने के चलते भारत में जेल गई थी। उस पर मुकदमा चल रहा है। उसे हर महीने अदालत जाना पड़ता है और वकीलों को पैसे देने पड़ते हैं। जब तक वह इस केस से आजाद नहीं हो जाती जो कि नामुमकिन है, वह वापस नहीं जा सकती। वह अब अपने माता-पिता और नवजात बच्चे से नहीं मिल सकती क्योंकि वह अब अपने देश नहीं लौट सकती बहुत सी लड़कियां हैं। हमें यहां लाया जाता है और फिर हम अपने बॉस का झूठा कर्ज उतारते हैं, जो रोजाना हमारा शरीर बेचकर पैसा कमाते हैं। कई बार, हम प्रेग्नेंट भी हो जाती हैं। फिर अबॉर्सन करवा दिया जाता है। हमें ग्राहकों को संतुष्ट करने के लिए पीरियड्स के दौरान भी काम करना पड़ता है क्योंकि बॉस चाहता है कि हम काम करते रहें। हर दिन टारगेट पूरा करना होता है और बॉस को बताना होता है कि एक दिन में कितने ग्राहकों को एंटरटेन किया। कोकीन–MDMA जैसे ड्रग्स दिए जाते हैं जिनकी लत लग जाती है ताकि हम आसानी से भाग न सकें। बहुत सी उज्बेक लड़कियां ओवरडोज से मर चुकी हैं। कई शव परिवार तक वापस भी नहीं पहुंच पाते। भारत में कई बड़े बॉस हैं जो इस प्रॉस्टीट्यूशन और मानव तस्करी को चला रही हैं। जब मैं आई थी तब जुमायेवा अजीजा, अजीजा तुर्कमेन, शेरजोत अफगान, सबीना रेस्टोरेंट इस धंधे को चलाने वाली कुछ बड़ी बॉस थीं। ये सभी आपस में दोस्त हैं और एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करते हैं। होटल ऑनर बनकर एजेंट से मुलाकात उज्बेकी लड़की की कहानी जानने के बाद हमें ऐसे एजेंट्स की तलाश थी, जो विदेशी लड़कियों को भारत लाने का काम कर रहे हैं। सोर्स ने देहरादून के एक ऐसे ही एजेंट के बारे में बताया। हम सोर्स के ही जरिए होटल ऑनर बनकर देहरादून के ही एक मसाज पार्लर में एजेंट से मिले। रिपोर्टर और एजेंट के बीच हुई बातचीत रिपोर्टर : हम काम करना चाहते हैं, क्या सिस्टम है हर्ष : स्टाफ मैं अरेंज कर दूंगा रिपोर्टर : स्टाफ इंडिया की नहीं चाहिए हर्ष : नेपाल की रिपोर्टर : हां हर्ष : नेपाल का स्टाफ रखते हैं तो वर्क वीजा नहीं लगता लेकिन थाई, बांग्लादेशी या किसी दूसरी कंट्री का स्टाफ रखते हैं तो वर्क वीजा जरूरी हो जाता है। गुजरात में मेरे तीन स्पा थे, मैंने एजुकेशन वीजा पर थाई रखा था बाद में वर्क वीजा बनवाना पड़ा। रिपोर्टर : पैसे का क्या हिसाब किताब रहेगा हर्ष : सर से जो बात हुई है वही रिपोर्टर : सर ने मुझे कुछ खास नहीं बताया हर्ष : सर से मेरी बात हुई थी one thirty तक रिपोर्टर : मतलब कि एक लाख तीस हजार हर्ष : हां रिपोर्टर : एक स्टाफ का हर्ष : हां रिपोर्टर : तो एक लाख तीस हजार किस चीज का चार्ज है हर्ष : सब चीज मिला कर आप को बताया। मेन उन्हें लाने का है, भरोसे वाले के पास ही आती हैं रिपोर्टर : लड़कियों की उम्र क्या होगी हर्ष : 18–20 रिपोर्टर : लड़कियों को पैसे वहीं देना होगा या आपको देना होगा हर्ष : वो सारा मैं देख लूंगा दो सेठानी से मुलाकात, जो बांग्लादेशी लड़कियां लाती हैं एजेंट हर्ष से मिलने के बाद हमें किसी ऐसे एजेंट की तलाश थी, जो बांग्लादेश के रास्ते लड़कियों को भारत ला रहा है। हम पश्चिम बंगाल के हिजली पहुंचे, जहां दो एजेंट से बातचीत आगे बढ़ी… सोर्स ने दो सेठानी (सेक्स राकेट चलाने वाली महिला को सेठानी बोलते है) बुला रखा था… जिसे बताया गया था कि, हम गाजियाबाद में होटल ऑनर हैं, और बांग्लादेशी लड़कियों की तलाश में आए हैं। जिन दो महिलाओं से मुलाकात हुई, वे पश्चिम बंगाल और ओडिशा में लड़कियों की सप्लाई करती हैं। एक बांग्लादेश से है, दूसरी नेपाल से है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश की लड़की का 1 लाख 20 हजार रुपए प्रति महीना लगेगा। मतलब इतना पैसा देकर आप लड़की को महीनेभर के लिए खरीद सकते हैं। रिपोर्टर : हमें बांग्लादेश की लड़की चाहिए एजेंट : मिल जाएगी रिपोर्टर : क्या सिस्टम है एजेंट : सिस्टम क्या है। 1 लाख 20 हजार लगेंगे। हो सकता है दिन में चार–पांच बार काम आए या एक बार भी नहीं, लेकिन तुम्हें पैसा तो देना ही पड़ेगा महीने के हिसाब से रिपोर्टर : लड़की का यहां का आईडी कैसे बनेगा एजेंट : वो बन जाएगा, मेरे दोस्त हैं रिपोर्टर : कितना खर्चा आएगा एजेंट : गांव में ही बन जाएगा चार–पांच हजार में रिपोर्टर : कब तक दे दोगे, टाइम बताओ एजेंट : एक महीना लगेगा एजेंट्स के स्टिंग के बाद ये पता चला कि, किस तरह से विदेशी महिलाओं को भारत लाकर प्रॉस्टीट्यूट बनाया जा रहा है। इसके बाद हमने दिल्ली पुलिस की चार्जशीट खंगाली, जिसमें विदेशी एजेंट्स के भारत में काम करने का जिक्र है। भारत में एक्टिव बड़े तस्करों की कहानी पहले कॉल गर्ल थी, फिर बॉस बनी अख्मेदोवो गुलसुनोय : ये महिला 11 साल पहले उब्जेकिस्तान से भारत आई थी। ग्राहकों के सामने खुद को रसियन बताती थी। पहचान छुपाने के लिए सबीना नाम से आधार कार्ड बनवाया था। पहले खुद प्रॉस्टिट्यूशन करती थी, बाद में अपना रैकेट चलाने लगी। विदेशी लड़कियों की सप्लाई करने लगी और बॉस बन गई। दिल्ली पुलिस ने 2022 में 7 उज्बेकी लड़कियों को छुड़ाया था, ये कोर्ट में गवाही देने वाली थीं, तभी इनमें से 5 लड़कियों को अख्मेदोवो ने गायब करवा दिया था। ये अभी फरार है। द्वारका नॉर्थ दिल्ली में एफआईआर दर्ज है। अफगानी पति के साथ मिलकर चला रही रैकेट अजीज तनरीकुल्येवा : ये तुर्कमेनिस्तान की रहने वाली है। पति अफगानिस्तान का है, जो करीब 25 लड़कियों को भारत ला चुका है। इसके ऊपर दिल्ली में 5 एफआईआर दर्ज हैं। एक मामले में बंदूक की नोंक पर उज्बेकि लड़की का अपहरण किया था, क्योंकि लड़की दूतावास में इनकी शिकायत करने चली गई थी। ये भी बतौर सेक्स वर्कर भारत में आई थी और बाद में खुद रैकेट चलाने लगी। एजेंट्स का बड़ा नेटवर्क ऑपरेट करती है। अभी बेल पर बाहर चल रही है। उज्बेकिस्तान से गरीब परिवार की लड़कियों को भारत लाई जुमायेवा अजीजा : करीब 9 साल पहले तुर्कमेनिस्तान से मेडिकल वीजा पर भारत आई। कुछ लोकल एजेंट के संपर्क में आ कर वेश्यावृत्ति करने लगी। खुद को रसियन बताती थी। जब ग्राहक बढ़ गए तो दूसरी विदेशी लड़कियों को भी अपने साथ जोड़ा। गरीब परिवारों की उज्बेकिस्तानी लड़कियों को नौकरियों का लालच देकर भारत लाती थी। फिर उन्हें दो साथियों मोहम्मद अरुप और राजवीर के जरिए प्रॉस्टीट्यूशन में ढकेल देती थी। ये देश के तमाम राज्यों में लड़कियों की सप्लाई कर रही थी। काम बढ़ने पर पति मेरेदोव अहमद को भी गिरोह में शामिल किया। विदेशी महिला बाबायेवा गुंचा उर्फ गुंचा हैदर को मैनेजर बनाया। जब दिल्ली पुलिस ने इसके पति को दक्षिण दिल्ली के आश्रम स्थित सनलाइट कॉलोनी के घर से गिरफ्तार किया तो उनके पास से उज्बेकिस्तानी लड़कियों के 16 पासपोर्ट बरामद हुए। सभी 2022 से तिहाड़ जेल में बंद हैं। फर्जी आधार–पैन कार्ड बनवाकर भारत में एक्टिव कुजबायेवा मराल: कुजबायेवा मराल उर्फ मरियम भी तुर्कमेनिस्तान की नागरिक है। ये भी नेपाल के रास्ते उज्बेकिस्तान से महिलाओं की अवैध तस्करी करती थी। भारत में अभय कुमार उर्फ पिंटू नाम के दलाल के साथ काम कर रही थी। साकेत जिला अदालत ने इसे 2022 में वांछित अपराधी घोषित (po) कर दिया। दिल्ली पुलिस ने जून 2023 में गुड़गांव से गिरफ्तार किया। इसके पास से नेपाल से तस्करी करके लाई गई एक उज्बेकिस्तानी महिला का पासपोर्ट भी बरामद हुआ, साथ ही एक टॉप मॉडल हुंडई क्रेटा कार भी बरामद हुई, जो कथित तौर पर उसके साथी अभय कुमार यादव उर्फ पिंटू ने उसे गिफ्ट में दी थी। चार्जशीट में यह भी खुलासा हुआ कि इसका असली नाम कुजबायेवा मराल है। भारत में फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बनवाया था। फिलहाल तिहाड़ जेल मे बंद है। विदेशी लड़कियों के फर्जी डॉक्युमेंट्स बनाने का काम अनवर उमराव : ये उज्बेकिस्तानी नागरिक है। मानव तस्करी के अलावा विदेश से आने वाले लोगों का नकली भारतीय आइडी प्रूफ भी बनाने का भी काम करता है। नेपाल के रास्ते लड़कियों की घुसपैठ करवाता है। इसके साथ प्रदीप और राज नाम के एजेंट भी काम करते हैं। भारतीय एजेंसीज अनवर की तलाश में हैं। कोलकाता के पूर्णता NGO की सोनी थॉमस कहती हैं, ' लड़कियां नौकरी के लालच में भारत आती हैं। शुरुआत में बहुत कम लड़कियां इस काम के लिए राजी होती हैं, जब वे नहीं मानती तब उनका मनोबल तोड़ा जाता है। उन्हें छोटे कमरे में बंद कर दिया जाता है। खाना भी नहीं देते। रोज कई लोग उनका रेप करते हैं। कुछ दिन बाद लड़की इतना टूट जाती है कि, कुछ भी करने को राजी हो जाती है।' सीनियर एडवोकेट शैलेंद्र बब्बर के मुताबिक, ' मानव तस्करी एक गंभीर अपराध है अलग-अलग अपराधों के तहत दो साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। महिलाओं की ट्रैफिकिंग करना और उनसे जबर्दस्ती प्रॉस्टीट्यूशन करवाने के मामले में भी उम्रकैद संभव है।' ............................................... आप भास्कर की ये इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट भी पढ़ सकते हैं ‘2 घंटे में कैश कहीं भी पहुंचा देंगे’:कोडवर्ड जयश्री महाकाल; हवाला का अड्डा दिखाते हुए माफिया कैमरे में कैद टाइप 1 : फर्जी अकाउंट। डेली लिमिट 50 लाख से 2 करोड़ तक। कॉर्पोरेट अकाउंट होगा, 5 से 7 लाख खर्च करने पर हाथों–हाथ मिल जाएगा। फिर इनमें कितना भी हवाला का पैसा घुमा सकते हो। टाइप 2 : ऐसे अकाउंट होल्डर्स के अकाउंट मिल जाएंगे जिनकी डेली ट्रांजैक्शन लिमिट करोड़ों में होगी। लेकिन ये अकाउंट बेचे नहीं जाते, बल्कि हिस्सेदारी पर काम करते हैं। यानी आप अकाउंट किराये पर लेंगे। पूरी खबर पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें...।
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और पंजाब प्रांत को देश में पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक स्थान बताया गया है
क्या अमेरिका करेगा वेनेजुएला पर हमला? खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दिया जवाब
अमेरिका बार-बार दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला पर ड्रग ट्रैफिकिंग का आरोप लगाता रहा है. हाल ही में ऐसे कयास लगाए गए हैं कि यूएस इस मुल्क पर हमले की सोच रहा है.
‘जितेंद्र ने अपने दो साथी इशान और अरमान के साथ मिलकर मुझ पर एसिड फेंका। मैंने अपना चेहरा बचाने की कोशिश की लेकिन दोनों हाथ झुलस गए। हमले के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए। जितेंद्र काफी समय से मेरा पीछा कर रहा है। एक महीने पहले ही उससे बहस भी हुई थी। वो भी मुकुंदपुर का ही रहने वाला है।‘ दिल्ली के मुकुंदपुर की रहने वाली 20 साल की जेबा (बदला हुआ नाम) ने 26 अक्टूबर की सुबह अशोक विहार में खुद पर हुए एसिड अटैक की कहानी सुनाई। उसने बताया कि घटना को अंजाम देकर तीनों आरोपी फरार हो गए। जेबा दिल्ली यूनिवर्सिटी के लक्ष्मीबाई कॉलेज में सेकेंड ईयर की स्टूडेंट है। घटना के बाद उसे देशबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया और पुलिस ने मामला दर्ज किया। जांच आगे बढ़ी तो पुलिस को कई ऐसे तथ्य मिले हैं, जो विक्टिम के बयान से मेल नहीं खा रहे थे। फिर अगले दिन 27 अक्टूबर को हुई FIR ने केस ही पलट दिया। ये FIR एसिड अटैक के आरोपी जितेंद्र की पत्नी नीलम (बदला हुआ नाम) में लिखवाई। उसने जेबा और उसके पिता अकील खान पर झूठी साजिश रचने का आरोप लगाया। नीलम ने बताया कि वो अकील की कंपनी में काम करती थी। इस दौरान उसने डरा-धमकाकर कई बार उसका रेप किया। मना करने पर पति को जान से मारने और अश्लील तस्वीरें वायरल करने की धमकी देता। लिहाजा पुलिस ने एसिड अटैक की झूठी साजिश रचने के आरोप में FIR दर्ज कर अकील खान और उसके भाई वकील खान को गिरफ्तार कर लिया है। इससे दो दिन पहले अकील को भलस्वा डेयरी थाना पुलिस ने रेप के आरोप में भी गिरफ्तार किया था। पूरा मामला समझने के लिए दैनिक भास्कर की टीम दिल्ली में ग्राउंड पर पहुंची। सबसे पहले जानिए 27 अक्टूबर को दर्ज FIR में क्या…नीलम अपने पति के साथ दिल्ली के मुकुंदपुर में रहती हैं। 24 अक्टूबर को उसने अकील खान के खिलाफ रेप की शिकायत की और 27 अक्टूबर को भलस्वा डेयरी थाने में रेप का मामला दर्ज हुआ। नीलम ने FIR में लिखवाया, ‘फरवरी 2021 से मैंने अकील खान की कंपनी में काम करना शुरू किया। एक-दो महीने बाद से ही अकील मुझ पर गलत नजर रखने लगा। एक दिन उसने सैलरी देने के नाम पर छुट्टी के दिन मुझे फैक्ट्री में बुलाया और जबरदस्ती मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाए। उसने मेरे न्यूड वीडियो और फोटोज भी ले लीं। फिर उन्हें दिखाकर लगातार संबंध बनाने का दबाव डालने लगा।' 'अकील ने 2024 में उस पर अपने दोस्तों के साथ संबंध बनाने के लिए दबाव डाला। तब उसने परेशान होकर कंपनी छोड़ दी। हालांकि अकील ने तब भी उसका पीछा नहीं छोड़ा। वो लगातार न्यूड फोटोज वायरल करने की धमकी देता रहा। इतना ही नहीं वो ये भी धमकाता कि अगर उससे मिलने नहीं गई तो वो पति को जान से मार देगा। अब नीलम की आपबीती…अकील धमकाता- मेरे साथ तेरी गंदी तस्वीरें पति को दिखाऊंगाइसके बाद हम नीलम से मिले। वे बताती हैं, 'मैंने 2021 में अकील की फैक्ट्री जॉइन की। एक-दो महीने बाद से ही वो मुझ पर गंदी नजर रखने लगा। मुझे फोन करने लगा और गंदे मैसेज भेजने शुरू कर दिए। फिर फैक्ट्री में मेरे साथ जबरदस्ती करने लगा। मेरे मना करने पर मुझे डराया धमकाया।' कितने बार जोर-जबरदस्ती की गई? जवाब मिला- इसकी कोई गिनती नहीं है। रोज ही काम पर जाते थे तो अक्सर करता था। जोर-जबरदस्ती नहीं तो रोज कुछ न कुछ तो करता ही था। कभी टॉर्चर, कभी गंदी बातें तो कभी अश्लील मैसेज करता। 'मैं मना करती तो कहता था कि तुम्हारे पति को जान से मार दूंगा। तुम्हारी न्यूड तस्वीरें वायरल कर दूंगा। पति को तुम्हारी न्यूड तस्वीरें भेज दूंगा। यहां तक कि अकील खान ने अपने दोस्तों को भी मेरा नंबर दे दिया। वो भी मुझे फोन करने लगे। मुझ पर संबंध बनाने का दबाव डालने लगे। परेशान होकर मैंने सबके नंबर ब्लॉक कर दिए।' एसिड अटैक के 2 दिन पहले थाने में की थी रेप की शिकायतनीलम ने बताया, 'एसिड अटैक से 2 दिन पहले यानी 24 अक्टूबर को मैंने अकील खान के खिलाफ थाने में शिकायत की थी। मैंने लिखवाया था कि वो मुझे धमकाता है और मेरे साथ जबरदस्ती करता है। मेरे पति को मारने की धमकी भी देता है लेकिन पुलिस ने समझौता करवा दिया था। कहा था कि अब वो परेशान नहीं करेगा। मेरी इसी शिकायत से डरकर उसने एसिड अटैक की झूठी कहानी बनाई।' नीलम बताती हैं, 'पहली बार नहीं बल्कि इससे पहले 19 सितंबर को भी मैंने अकील के खिलाफ शिकायत की थी। तब भी पुलिस ने समझौता करवा दिया था। तब भी यही कहा गया कि अकील अब मुझे परेशान नहीं करेगा लेकिन वो नहीं माना। इसलिए 24 अक्टूबर को मुझे फिर शिकायत करनी पड़ी। यही केस खत्म कराने के लिए उसने अपनी बेटी और भाई वकील खान के साथ मिलकर पति पर एसिड अटैक का झूठा केस लगाया।' कॉल रिकॉर्ड, गंदे मैसेज और गंदी तस्वीरें सब पुलिस को सौंपानीलम आगे बताती हैं, 'मैंने पुलिस को सबूत के तौर पर सारी कॉल रिकॉर्डिंग, गंदी तस्वीरें और मैसेज दे दिए हैं। इसी के बाद अकील खान और उसका भाई वकील खान गिरफ्तार हुआ।' रेप विक्टिम का पति बोला- जब एसिड अटैक हुआ तो ड्यूटी पर थानीलम के पति जितेंद्र ने बताया, 'जब एसिड अटैक हुआ, तब मैं ड्यूटी पर था। मैंने उस लड़की से कभी बात तक नहीं की। बस उसका नाम भर जानता था, वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि अकील खान ने बेटी के नाम पर ही फैक्ट्री का नाम रखा था। अटैक सुबह 10 बजे हुआ। पत्नी ने शाम करीब 7 बजे बताया कि केस में मेरा नाम आ रहा है।' वे आगे कहते हैं, 'मेरे ऊपर झूठा केस करने के लिए इस बार अकील खान ने अपनी बेटी का इस्तेमाल किया। इससे पहले उसके भाई वकील खान ने भी मेरे खिलाफ झूठी शिकायत करने के लिए इसी का इस्तेमाल किया था।' पहले कैसे इस लड़की का इस्तेमाल किया था? जवाब मिला, '19 सितंबर, 2025 को अकील, उसकी पत्नी और बेटे में घर आकर पत्नी से झगड़ा किया था। तब मैं ड्यूटी पर था। जब मुझे पता चला तो मैं अकील के घर गया लेकिन वो मिला नहीं। वो भाई वकील के साथ रास्ते में टकराया और मुझसे झगड़ने लगा। हाथापाई हुई तो पुलिस आ गई। तब भी अकील ने मुझ पर बेटी से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।' तब क्या कोई FIR हुई थी? जवाब मिला- 'नहीं, तब सिर्फ शिकायत हुई थी। पुलिस ने समझौता करवा दिया था। हम भी लड़ना नहीं चाहते थे। अकील का परिवार आपकी पत्नी से लड़ने क्यों आया था? जवाब मिला- मुझे पूरी बात तो नहीं पता, वो बस हमें परेशान करता था।' रेप का आरोपी अकील भाई वकील के साथ गिरफ्तारअब रेप की FIR के बाद अकील खान और वकील खान को पुलिस ने 29 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने एसिड अटैक की झूठी कहानी रचने के आरोप में एक काउंटर FIR भी दर्ज की है। जितेंद्र और उनकी पत्नी नीलम की मांग है कि अकील की बेटी जेबा को भी गिरफ्तार किया जाए। वो साजिश की मुख्य आरोपी है। दिल्ली पुलिस में हमारे सोर्स की मानें तो पिता और चाचा की गिरफ्तारी के बाद से जेबा अस्पताल में भर्ती है, ताकि कार्रवाई से बची रहे। अभी जांच चल रही है। पुलिस अपनी क्लोजर रिपोर्ट एक-दो दिन में सौंप देगी। वहीं, इस केस में जितेंद्र को क्लीन चिट मिल चुकी है। उसके साथ ही ईशान और अरमान पर एसिड अटैक का झूठा आरोप लगाया गया था, वो भी अब तक की जांच में निर्दोष हैं। दरअसल ये दोनों लड़के भी साजिश का शिकार हुए। इन दोनों को फंसाने का आइडिया अकील के भाई वकील का बताया जा रहा है। एक साथ दो केस बंद करवाने के लिए एसिड अटैक की साजिश रचीअकील, ईशान और अरमान को क्यों फंसाना चाहता था? इस केस की जांच कर रहे IO राम किशोर ने बताया, '2018 में वकील ने प्रापर्टी विवाद की वजह से अपने साले शम्सुद्दीन से ईशान और अरमान की मां पर एसिड अटैक करवाया था। केस आज भी चल रहा है। अकील इस नई साजिश के जरिए महिला पर केस वापस लेने का दबाव बनाना चाहता था।' ‘इस केस में बेटी का इस्तेमाल करके अकील ने रेप विक्टिम के पति को निशाना बनाया। वहीं भतीजी का इस्तेमाल करके चाचा वकील ने अपने साले के पर दर्ज एसिड अटैक के मुकदमे को निपटाने की साजिश रची।‘ एसिड अटैक की साजिश में शामिल जेबा की गिरफ्तारी कब तक होगी? इस पर जांच कर रहे रामकिशोर ने बताया, 'अभी लड़की की इस साजिश में भूमिका को लेकर जांच चल रही है। उस पर क्या केस बनेगा ये जांच पूरी होने के बाद ही पता चलेगा। हां वो साजिश का हिस्सा है। ये अब तक की जांच में सामने आ गया है।' आखिर पुलिस को साजिश का क्लू कैसे मिला ?पुलिस सोर्स ने बताया, 'जिस लड़की पर कथित तौर पर एसिड अटैक हुआ, उसकी हालत देखकर अंदाजा हो गया था कि कुछ तो गड़बड़ है। क्योंकि एसिड अटैक होता है तो शरीर ज्यादा झुलसता। इस मामले में तीन लड़कों के अटैक के बाद भी लड़की को मामूली जख्म आए हैं।’ ’बस ये पहला क्लू था, जिसने पुलिस को इस केस की तह तक जाने में मदद की। फिर तो एसिड अटैक के पहले आरोपी जितेंद्र की पत्नी की शिकायत भी आ गई। ईशान और अरमान की मां पर हुए एसिड अटैक का केस भी सामने आ गया। फिर एक के बाद एक कड़ी जुड़ती चली गई।' अकील खान का घर बंद, बेटी अस्पताल में बाकी परिवार फराररेप विक्टिम के घर के बाद वाली गली में एसिड अटैक के साजिशकर्ता अकील का घर है। हम उनके घर भी पहुंचे। इनका तीन मंजिला मकान खाली पड़ा है। हमने गेट खटखटाया तो मोहल्ले वालों ने बताया घर पर कोई नहीं है। बेटी अस्पताल में है। पूरा परिवार घटना वाले दिन से ही फरार है। अब तक पुलिस की जांच कहां तक पहुंची?नार्थ वेस्ट दिल्ली के DCP भीष्म सिंह ने बताया, ‘इस मामले में अब तक की जांच में एसिड अटैक की कहानी झूठी निकली। इस साजिश को रचने में अकील, उसका भाई वकील और उनकी बेटी शामिल हैं। इसके अलावा परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल हैं।‘ अब तक की जांच में ये साफ हो गया है कि जितेंद्र ने एसिड अटैक नहीं किया। ये अटैक लड़की की फैमिली के लोगों में से ही किसी ने किया और जितेंद्र को फंसाने की झूठी साजिश रची गई। जिस दिन घटना हुई उस दिन जितेंद्र करोल बाग में अपनी कंपनी में था, जहां वो पेंटर का काम करता है। उसकी मोबाइल लोकेशन और सीसीटीवी फुटेज से ये साफ हो गया है। जितेंद्र के अलावा बाकी के दो माइनर आरोपियों से भी पूछताछ हो चुकी है। इन दोनों पर भी लड़की ने झूठा आरोप लगाया था। एक लड़का 14 और दूसरा 17 साल का है। जिस लड़की पर एसिड अटैक हुआ, वो भी साजिश का हिस्सा। हालांकि उसकी भूमिका सिर्फ खुद पर अटैक करवाने की थी या फिर प्लानिंग में भी थी, उसकी भूमिका को लेकर अभी जांच चल रही है।..................... ये खबर भी पढ़ें... आदिवासी लीडर की हत्या या एनकाउंटर, CM सोरेन पर सवाल ’एनकाउंटर की झूठी कहानी रची गई। उन्हें तो थाने में ही थर्ड डिग्री टॉर्चर देकर मार दिया गया था। पूरे शरीर पर जलने के निशान थे। उनकी डेडबॉडी की तस्वीर में वो निशान साफ दिखते हैं। कमलडोरी पहाड़ी पर तो बस उनकी लाश रखी गई थी।' झारखंड के गोड्डा जिले के आदिवासी नेता सूर्यनारायण हांसदा की मौत के लिए पत्नी सुशीला सीधे सरकार पर आरोप लगाती हैं। पढ़िए पूरी खबर...
तंजानिया में चुनावी नतीजों के बाद खूनी खेल, तीन दिन में 700 मौतें; सड़कों पर मौत का मौन मार्च
Tanzania News in Hindi: अफ्रीकी देश तंजानिया में चुनावी नतीजों के बाद खून का तांडव चल रहा है. चुनावी हिंसा में अब तक 700 लोगों की मौत हो चुकी है. नतीजों में धांधली का आरोप लगाने वाले लोगों पर सेना सख्ती से कार्रवाई कर रही है.
Crime News in Hindi: नेताओं को जनता का सेवक कहा जाता है. लेकिन जनता के चुने एक मंत्री ने ऐसा काम किया, जिसके बाद उस पर थू-थू हो रही है. आरोप है कि उसने अपने दफ्तर में बुलाकर 2 पुरुषों का यौन उत्पीड़न किया. अब 10 साल बाद उसकी करतूत उजागर हुई है.
जज और वकीलों को भी नहीं बख्श रही यूनुस सरकार, बांग्लादेशी सत्ता का हुआ पर्दाफाश
Muhammad Yunus: बांग्लादेश में वकीलों और जजों के खिलाफ सरकार द्वारा उत्पीड़न का सबसे बड़ा रिकॉर्ड जारी किया है. 849 वकीलों को प्रभावित करने वाली 268 सत्यापित घटनाओं के आधारित यह रिपोर्ट अगस्त 2024 और सितंबर 2025 के बीच पर तैयार की गई है.
तालिबान ने पकड़ा ISIS का आतंकी, बोला – PAK में ली थी ट्रेनिंग; क्या अब जिन्नालैंड पर टूटेगा कहर!
ISIS camps in Pakistan: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं. अफगानिस्तान ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान अपने यहां पर ISIS के ट्रेनिंग कैंप चला रहा है, जिसमें ट्रेंड आतंकी अफगानिस्तान में हमले कर रहे हैं.
भारत के पड़ोसी देश में जुल्म की इन्तेहा... त्राहिमाम कर रहे वकील और जज; आंकड़ों में खुली पोल
Bangladesh News:जस्टिस मेकर्स बांग्लादेश इन फ्रांस (जेएमबीएफ) नाम के इंटरनेशनल मानवाधिकार संगठन ने अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में वकीलों की स्वतंत्रता के खिलाफ कार्रवाई नाम के टाइटल के साथ रिपोर्ट जारी की है.
Jesus Christ Rapture: ना स्वर्ग मिला और ना घर-नौकरी बची, रैप्चर के चक्कर में सब कुछ गंवा बैठा कपल
Jesus Christ Rapture:रेडिट पर इस घटना के बारे में बेटी ने खुद बताया है. उसने कहा, उसके माता-पिता रैप्चर को लेकर पूरी तरह विश्वस्त थे. यह दुनिया खत्म होने का एक इवेंट है और कुछ ईसाइयों का मानना था कि यह 23 सितंबर को होगा. कई लोग जो इसके पूरी तरह से मानते थे, उन्होंने अपनी प्रॉपर्टीज और कार बेच दीं और नौकरियों से भी इस्तीफा दे दिया.
रूस-अमेरिका में बढ़ा दी दुश्मनी, टूट गई बरसों पुरानी संधि; आखिर क्या है ये '9M729 दैत्य'?
Russia Weapons:मिसाइल का नाम है 9M729. यह रूस का कोई नया हथियार नहीं है. बल्कि इसको बनाने का काम 2000 के दशक में शुरू हुआ था और इसकी टेस्टिंग 2008 में की गई. एक दशक बाद इसको रूसी सेना को इस्तेमाल के लिए सौंपा गया.
शी जिनपिंग ने अबतक नहीं दी जापानी पीएम ताकाइची को बधाई, दोनों आमने-सामने होंगे तो क्या होगा?
Japan China Tension: सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक इस मीटिंग में तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद जापान-चीन के रणनीतिक और पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता पर फोकस रहने की उम्मीद है. ये द्विपक्षीय बैठक ऐसे समय में हो रही है जब बीजिंग ताकाइची के प्रति एकदम सतर्क रवैया बनाए हुए है.
चीन की बढ़त रोकने के लिए भारत बढ़ाएगा आसियान संग जुगलबंदी, ड्रैगन को काउंटर करेगी नई 'संतुलन रणनीति'
India China News in Hindi: एशिया में चीन की बढ़त रोकने के लिए भारत अब आसियान संग अपनी जुगलबंदी को और मजबूत करेगा. इसके लिए उसने नई 'संतुलन रणनीति' तैयार की है, जिसे ड्रैगन के खिलाफ जोरदार पहल माना जा रहा है.
पाक-चीन की हर हरकत पर भारत की नजर, मालदीव में जहाज तो बांग्लादेश में पाकिस्तानी कमांडर भी रडार पर
Trishul exercise 2025: . त्रिशूल अभ्यास 13 नवंबर तक चलेगा इसमें नौसेना 20-25 युद्धपोतों और भारतीय वायुसेना 40 लड़ाकू विमानों के साथ भाग ले रही है. भारतीय थलसेना, नौसेना और वायुसेना की तरफ से यह बड़े स्तर पर किया जाने वाला युद्ध अभ्यास है.
कार हादसे के बाद कोमा में गया बॉयफ्रेंड, अचानक उठा और बोला- गर्लफ्रेंड ने किया एक्सीडेंट और फिर...
Boyfriend-Girlfriend ki Ladai: इस हादसे में मम्बी भी बुरी तरह घायल हो गई थी, लेकिन वह और उसका अजन्मा बच्चा दोनों बच गए. उसने जांचकर्ताओं को बताया कि उसे दुर्घटना का कारण नहीं पता था.
South Korea Vs North Korea: दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया की अदावत जगजाहिर है. दशकों की दुश्मनी में हुए भारी नुकसान और तानाशाह किम जोंग उन की अप्रत्याशित साजिशों का समय रहते पता लगाने के लिए साउथ कोरिया ने ये बड़ा फैसला किया है.
ट्रंप सरकार का शटडाउन बिगाड़ेगी अमेरिकी लोगों की सेहत? फौजियों की सैलरी के बाद 'राशन' के लाले!
US Shutdown: अमेरिका को फिर से महान बनाने का वादा करके सत्ता में आए डोनाल्ड ट्रंप अपने मिशन में फेल होते दिख रहे है. उनकी नाकामी का आलम ये है कि एक के बाद कई राज्यों में इमरजेंसी आदेश पर दस्तखत करके पैसे का इंतजाम हो रहा है.रिपब्लिकन सरकार के शटडाउन से अमेरिका को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.
दक्षिण कोरिया इस सप्ताह के अंत में अमेरिका के अंतरिक्ष केंद्र से अपना पांचवां स्वदेशी सैन्य जासूसी उपग्रह लॉन्च करेगा। रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। माना जा रहा है कि ऐसा करके वह उत्तर कोरिया पर अपनी निगरानी क्षमता को और मजबूत कर सकेगा
Prince Andrew and Jeffrey Epstein scandal:ब्रिटिश शाही परिवार की साख पर गहरा धब्बा लग गया है.किंग चार्ल्स ने भाई प्रिंस एंड्रयू को एप्स्टीन सेक्स कांड की वजह से रॉयल लॉज से बाहर निकाल दिया है और सारी शाही उपाधियां छीन लीं है.41 साल के ब्रिटिश राजकुमार पर 17 साल की लड़की वर्जीनिया गिफ्रे का सालों तक जिस्म नोंचने का आरोप लगा है. जानते हैं पूरी कहानी.
मेरी हिंदू वाइफ एक दिन जरूर ईसाई बनेंगी... अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वेंस ने ऐसा क्यों कहा?
Interfaith marriage: दावा किया जाता है कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस पहले नास्तिक थे. उनकी हिंदू पत्नी ऊषा ने उन्हें ईसाई धर्म के प्रति समर्पित होने के लिए प्रेरित किया. वही वेंस अब ये उम्मीद पाले बैठे हैं कि अक्सर संडे को उनके साथ चर्च जाने वाली पत्नी क्रिश्चियनिटी को सही से समझेंगी और हिंदू धर्म छोड़ ईसाई बन जाएंगी.
इंसाफ की बलि चढ़ी इंसानियत! मुर्दा पति का नहाया पानी पीने को क्यों मजबूर हुई विधवा?
Opinion: कोई सच बोल रहा है या नहीं? इस बात की पुष्टि एक गिलास पानी पीने हो सकते है क्या? आज जब हम 21वीं सदी में जी रहे हैं ऐसे में इस तरह बातों पर यकीन करना इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना है.
World's longest road:भारत की सबसे लंबी सड़क के बारे में बहुत से लोगों को अंदाजा होगा. इतना पढ़ते ही आपके दिमाग में तमाम हाईवे के नाम उमड़ने घुमड़ने लगे होंगे. लेकिन क्या आपको मालूम है कि कहां है दुनिया की सबसे लंबी सड़क जिस पर एक बार गाड़ी बढ़ाकर टॉप गेयर डाल दिया तो फिर अगला 'मोड़'/यू-टर्न 30 हजार किलोमीटर बाद आएगा.
हक्कानी ने पाकिस्तान को दी चेतावनी, बोले 'अफगानिस्तान के खिलाफ कोई भी हमला होगी बड़ी गलती'
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच रिश्ते लगातार खराब होते जा रहे हैं, ऐसे में अफगानिस्तान के कार्यवाहक गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने काबुल में एक जोशीला भाषण दिया
29 मई 1987 की रात। जगह- बिहार का औरंगाबाद जिला। वही औरंगाबाद जहां देश का इकलौता पश्चिम मुखी सूर्य मंदिर है। करीब 500 लोगों की भीड़ ‘एमसीसी जिंदाबाद’ नारा लगाते हुए बढ़ रही थी। हाथों में बंदूक, कुल्हाड़ी, गड़ासा और केरोसिन तेल के डिब्बे थे। थोड़ी देर बाद सभी एक जगह रुके। कुछ बात की। फिर आधे बघौरा गांव की तरफ चल पड़े और आधे दलेलचक की ओर। दोनों गांव एक किलोमीटर की दूरी पर हैं। यहां राजपूतों का दबदबा था। बघौरा के गया सिंह वन विभाग में हेड क्लर्क थे। गांव में इकलौता पक्का मकान उन्हीं का था। शौक से बनवाए थे। सिंहद्वार पर दूर से ही आंखें ठहर जाती थीं। रात करीब 8 बजे अचानक कुछ शोर सुनाई पड़ा। उन्होंने दरवाजा खोलकर देखा, तो सामने 200-300 लोगों की भीड़ खड़ी थी। गया सिंह ने हड़बड़ाकर दरवाजा बंद कर लिया। वे दो कदम भी नहीं बढ़े थे कि भीड़ ने धक्का देकर दरवाजा तोड़ दिया। सबसे पहले घर के मर्दों को घसीटकर बाहर निकाला और लाइन में खड़ा कर दिया। इस बीच दो लड़कों ने नजर बचाकर भागना चाहा, लेकिन हमलावरों ने गोली चला दी। दोनों वहीं गिर पड़े। हमलावर उनके नजदीक गया। सांसें अभी पूरी तरह टूटी नहीं थीं। उसने गड़ासा गर्दन पर दे मारी। फिर पसीना पोंछते हुए बोला- ‘अरे देख क्या रहे हो… जाओ इनकी औरतों को उठा लाओ।’ 20-25 हमलावर अंदर घुसे और महिलाओं-बच्चों को उठा-उठाकर बाहर पटकने लगे। सब चीख रहे थे- ‘हमें मत मारो। छोड़ दो। हम तुम्हारे पैर पड़ते हैं।’ एक हमलावर बोल पड़ा- ‘##$% बहुत गर्मी दिखाते हैं ये लोग। हमारी औरतों से मजदूरी कराते हैं। इनके सामने ही औरतों की इज्जत उतारो। तभी बदला पूरा होगा।’ हमलावर, महिलाओं और लड़कियों पर टूट पड़े। उनके कपड़े फाड़ दिए। बलात्कार करने लगे। कुछ देर बाद एक अधेड़ बोल पड़ा- ‘बहुत हो गया। अब सबको काट डालो।’ हमलावर, महिलाओं को घसीटते हुए बरामदे में ले गए। उनकी गर्दन तखत पर रखकर जोर से दबा दी। एक हमलावर ने कुल्हाड़ी उठाई और एक-एक करके पांच महिलाओं की गर्दन उतार दी। पूरे बरामदे में खून फैल गया। हमलावर बोला- ‘ठिकाने लगा दो सबको।’ 8-10 लोग फावड़ा लेकर घर के सामने ही गड्ढा खोदने लगे। कुछ ही देर में गड्ढा तैयार हो गया। हमलावरों ने महिलाओं की लाश गड्ढे में डालकर ऊपर से मिट्टी भर दिया। ‘अब इन #@$%* को बांधकर ले चलो बरगद के पास। गांव वाले भी तो देखें कि हमसे टकराने का अंजाम क्या होता है।’ ये सुनते ही हमलावरों ने गया सिंह और उनके परिवार के लोगों के हाथ-पैर बांध दिए। घसीटते हुए बरगद के पेड़ के पास ले गए। गांव की शुरुआत में ही बड़ा सा बरगद का पेड़ था। अब तक गांव में चीख-पुकार मच चुकी थी। हमलावर राजपूत परिवारों से चुन-चुनकर महिला, पुरुष और बच्चों को घसीटते हुए बरगद पेड़ के पास ला रहे थे। कई लोग छत से कूदकर खेतों की तरफ भाग रहे थे। हमलावर लगातार फायरिंग कर रहे थे। कुछ लोग तो मौके पर ही मारे गए। 40 साल का एक शख्स ट्रैक्टर लेकर घर लौट रहा था। हमलावरों को देखते ही चीख पड़ा- ‘अरे काका हम राजपूत नहीं हैं। हम तो इनके घर काम करते हैं। हम हरिजन हैं हरिजन।’ #$%@#$ झूठ बोल रहा… कहते हुए एक अधेड़ ने उसकी पीठ पर कुल्हाड़ी मार दी। दो हमलावरों ने उसे ट्रैक्टर की सीट से बांध दिया। फिर केरोसिन तेल का डिब्बा ट्रैक्टर पर उड़ेला और आग लगा दी। कुछ ही मिनटों में ड्राइवर तड़प-तड़प कर मर गया। इधर, बगल के गांव दलेलचक में कमला कुंवर कुछ घंटे पहले ही ससुराल से लौटी थीं। पिता भोज की तैयारी कर रहे थे। मेहमान आ चुके थे। अचानक कुत्ते भौंकने लगे। कमला अपनी बहन ललिता से बोली- ‘जाओ देखो तो बाहर कौन है?’ ललिता ने झांककर देखा सैकड़ों हथियारबंद गांव की तरफ बढ़ रहे थे। वो चीख उठी- ‘पापा, मम्मी सब भागो, नक्सली आ गए हैं।’ दोनों बहनें, उनके मम्मी-पापा और बाकी रिश्तेदार खेतों की तरफ भागने लगे। तभी बगल के लोगों ने रोक लिया। कहने लगे- ‘आप लोगों को कोई खतरा नहीं है। घर में ही छिप जाओ।’ कुछ ही मिनटों में भीड़ ने गांव में धावा बोल दिया। राजपूतों के घरों में घुस गए। मारकाट मचाने लगे। कमला और ललिता घर के पीछे भूसे के ढेर में छिप गईं। बाकी परिवार और रिश्तेदार पकड़े गए। दो साल का बच्चा पलंग पर सो रहा था। वो भीड़ देखकर रोने लगा। हमलावर ने चीखते हुए कहा- ‘इस कमीने को सबसे पहले मारो।’ इतना सुनते ही एक अधेड़ ने बच्चे को उठाकर चौखट पर पटक दिया। उसका सिर फट गया। हमलावर ने बाल पकड़कर बच्चे को उठा लिया। दूसरे ने बच्चे की गर्दन पर कुल्हाड़ी दे मारी। बच्चे का सिर हमलावर के हाथ में रह गया और बॉडी नीचे गिर गई। एक ने औरतों की तरफ इशारा करते हुए बोला- ‘इनकी इज्जत लूट लो और काम तमाम कर दो।’ हमलावरों ने वैसा ही किया। बलात्कार करके महिलाओं और लड़कियों की गर्दन उतार दी। कमला के पिता से यह देखा नहीं गया। वे गाली देते हुए हमलावरों पर झपटे, पर उन लोगों ने दबोच लिया। दो हमलावरों ने उनका पैर पकड़ा और दो ने हाथ। 20 साल के एक लड़के ने उनके पेट में कुल्हाड़ी मार दी। वो चीख उठे। तभी हमलावर ने उनके मुंह में बंदूक का बट ठूंस दिया। चंद मिनटों में वे तड़प-तड़पकर शांत हो गए। अब एक हमलावर बोला- ‘टाइम खराब मत करो। सारे मर्दों को बांध दो और ले चलो बरगद के पेड़ के पास।’ हमलावरों ने रस्सी से सभी मर्दों के हाथ पैर बांध दिए और घसीटते हुए उसी बरगद के पेड़ के पास ले जाने लगे। दलेलचक के बाकी घरों में भी ऐसे ही कोहराम मचा था। हमलावरों ने महिलाएं और लड़कियों को बलात्कार के बाद घर में ही मार दिया। जबकि मर्दों के हाथ-पैर बांधकर बरगद के पेड़ के पास बैठा दिया। दलेलचक और बघौरा दोनों गांव से करीब 40-50 लोगों को पकड़कर हमलावरों ने यहां रखा था। कुछ ही देर में हमलावरों ने सबको बरगद के पेड़ से बांध दिया। ये लोग जोर जोर से चीख रहे थे- बचाओ, बचाओ। पर कोई सुनने वाला नहीं था। गांव के गैर राजपूतों ने अपने-अपने दरवाजे बंद कर लिए थे। अब तक रात के 9 बज चुके थे। हमलावरों के मुखिया ने कहा- ‘इन @#$%$#@ के टुकड़े-टुकड़े कर दो।’ भीड़ कुल्हाड़ी और गड़ासा लेकर टूट पड़ी। कुछ ही मिनटों में बरगद के पेड़ से दर्जनों अधकटी लाशें लटक गईं। तभी हवा में फायरिंग करते हुए एक हमलावर बोला- ‘जाओ इनके घरों में आग लगा दो। जो छुपे होंगे वो भी जल मरेंगे।’ भीड़ ने चुन-चुनकर दोनों गांवों के राजपूतों के घरों में आग लगा दी। फिर ‘एमसीसी जिंदाबाद। छेछानी का बदला ले लिया। बदला पूरा हुआ।’ का नारा लगाते हुए हमलावर निकल गए। गांव से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर मदनपुर थाना है। भीड़ की धमक, लोगों की चीखें और गोलियों की गूंज थाने तक पहुंच चुकी थीं, पर पुलिस निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। करीब 2 घंटे बाद पांच पुलिस वाले गांव के लिए निकले। बगल के दूसरे थाने से पुलिस की एक और टीम दलेलचक पहुंची। कुछ ही देर में औरंगाबाद के एसपी सतीष झा भी पहुंच गए। दोनों गांवों में घरों से अब भी आग की ऊंची-ऊंची लपटें दिख रही थीं। एसपी सतीश झा और बाकी पुलिस वाले आग बुझाने में जुट गए। वे घर-घर जाकर पानी मांग रहे थे, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला। इसी बीच एसपी को कुछ लोगों के कराहने की आवाज सुनाई पड़ी। पुलिस वालों को लेकर वे उस तरफ दौड़े। टॉर्च जलाई। देखा 4 साल का एक बच्चा बिस्तर लपेटे एक कोने में सिसक रहा था। थोड़ी दूर पर 20-25 साल का एक लड़का भूसे के ढेर में छिपा हुआ था। उन्होंने दोनों को बाहर निकाला। इधर, पटना तक नरसंहार की खबर पहुंच गई थी। रात में ही डीजीपी शशिभूषण सहाय और आईजी ललित विजय सिंह, दलेचचक बघौरा के लिए निकल गए, पर गांव तक जाने के लिए पक्की सड़क नहीं थी। उन्हें पहुंचने में काफी देर हो गई। इधर, पूरी रात पुलिस आग बुझाने में जुटी रही, पर आग बुझने का नाम नहीं ले रही थी। अब सुबह के 5 बज गए थे। एक-एक करके लाशें गिनी जाने लगीं। बरगद के पेड़ के पास 29 कटी फटी लाशें मिलीं। सिर जमीन पर बिखरे पड़े थे और बाकी हिस्सा बरगद के पेड़ से बंधा हुआ था। पूरी जमीन खून से सन गई थी। ऐसा लग रहा था जैसे कोई बूचड़खाना हो। पुलिस ने दोनों गांवों में एक-एक घर की तलाशी ली। 26 लाशें मिलीं। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। कुल 55 लोग मारे गए थे। 54 राजपूत और एक हरिजन। 7 परिवार ऐसे थे, जिनके घरों में कोई जिंदा नहीं बचा था। आजादी के बाद ये बिहार का सबसे बड़ा जातीय नरसंहार था। आरोप माओवादी संगठन माओइस्ट कम्युनिस्ट सेंटर यानी एमसीसी पर लगा। तब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और राजीव गांधी प्रधानमंत्री। बिहार में भी सरकार कांग्रेस की थी और बिंदेश्वरी दुबे मुख्यमंत्री। एक ही चिता पर 80 साल के बुजुर्ग और 6 महीने के बच्चे का अंतिम संस्कार अगले दिन यानी 30 मई को सरकार ने नरसंहार में मारे गए लोगों का सामूहिक अंतिम संस्कार करवाया। कई लाशों की पहचान नहीं हो सकी थी। कई मृतकों के घर से कोई आया नहीं। शायद उनके परिवार में कोई बचा ही नहीं था। एक-एक चिता पर 5-7 लाशें रखी गई थीं। एक ही चिता पर 80 साल के बुजुर्ग और 6 महीने के बच्चे का अंतिम संस्कार किया गया। ये सीन देखकर वहां मौजूद लोग और पुलिस वालों की आंखें भर आई थीं। लोग जलती चिताओं से राख उठाकर तिलक लगा रहे थे। शायद ये तिलक बदले का संकेत था। पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को धक्का मारने लगी भीड़, पत्रकार ने बचाया 31 मई की सुबह पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर दिल्ली से सीधे दलेलचक बघौरा पहुंचे। किताब ‘द जननायक कर्पूरी ठाकुर’ में उपसभापति हरिवंश नारायण उस किस्से को याद करते हैं- ‘मैं एक मैगजीन रिपोर्टर था। गया से औरंगाबाद होते हुए सुबह 6 बजे नरसंहार वाली जगह पहुंचा। मैंने देखा कि एक कोने में कर्पूरी ठाकुर चुपचाप खड़े थे।’ उसी किताब में पटना के वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार कहते हैं- ‘जब भीड़ कर्पूरी को धकियाने लगी तो मुझे लगा कि उन्हें अपमानित किया जा सकता है। हमारी आंखें मिलीं और वे मेरी स्कूटर पर पीछे बैठ गए। मैं उन्हें औरंगाबाद मेन रोड तक ले गया। वहां से वे अपनी गाड़ी में बैठकर पटना चले गए।’ जलते घर, वीरान गांव, नरसंहार का मंजर देख रो पड़े मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दुबे 31 मई को ही मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दुबे भी दलेलचक बघौरा पहुंचे। अब भी कई घरों में आग बुझी नहीं थी। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मंगाई गईं। फिर आग बुझाई गई। मुख्यमंत्री घर-घर जाकर देख रहे थे, पर गांव के ज्यादातर लोग भाग चुके थे। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक एक बुजुर्ग, मुख्यमंत्री को देखकर बिलखने लगा। उसकी गोद में दो छोटे-छोटे बच्चे थे। कहने लगा- ‘साहब ये दोनों मेरे पोते-पोती हैं। इनके मां-बाप को मार डाला है। परिवार में बस ये ही बचे हैं। मैं अकेला इनकी देखभाल कैसे करूंगा।’ यह देखकर मुख्यमंत्री भी रोने लगे। कुछ देर बाद वे पटना लौटे और अगले दिन ऐलान किया कि एमसीसी पर बैन लगाया जाएगा। इस नरसंहार में विधायक रामलखन सिंह यादव पर भी आरोप लगा था। कहा गया कि 30 अप्रैल को वे औरंगाबाद के ही एक गांव छोटकी छेछानी में यादव महासभा के लिए गए थे। विपक्ष का दावा था कि मुख्यमंत्री भी यादव महासभा में शामिल हुए थे। एमसीसी ने इस नरसंहार को छोटकी छेछानी का ही बदला बताया था। इसलिए विपक्ष सरकार पर और ज्यादा हमलावर था। 5 जून को जनता पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर, राम विलास पासवान और लोकदल के अजित सिंह गांव पहुंच गए। इन सब घटनाओं से सीएम पर लगातार इस्तीफे का दबाव बढ़ रहा था। जनता पार्टी और बाकी विपक्षी दल सरकार बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे। आखिर छोटकी छेछानी में क्या हुआ था, जिसका बदला माओवादियों ने दलेलचक बघौरा में लिया… दरअसल, बघौरा गांव के बगल से कोयल नहर निकलने वाली थीं। इससे वहां की जमीनों की कीमतें अचानक बढ़ गई थीं। इन जमीनों पर राजपूतों का दावा था। जबकि यादव अपना कब्जा चाहते थे। नक्सली संगठन एमसीसी यादवों की मदद कर रहा था। दलेलचक गांव में बोध गया के महंत की सैकड़ों एकड़ जमीनें थीं। एमसीसी वालों ने उनकी कुछ जमीनों पर कब्जा कर लिया था और बटाईदारों के जरिए खेती करवा रहे थे। गांव के ही एक दबंग राजपूत रामनरेश सिंह ने महंत से 46 एकड़ जमीनें खरीद लीं और बटाईदारों को भगा दिया। कहा जाता है कि रामनरेश केंद्रीय मंत्री और बाद में पीएम बने चंद्रशेखर का करीबी था। कुछ ही दिनों बाद रामनरेश के सहयोगी कृष्णा कहार का मर्डर हो गया। सितंबर 1986 में राम नरेश के एक और सहयोगी की हत्या हो गई। आरोप एमसीसी पर लगा। 10 दिनों के भीतर ही जमींदारों ने 5-6 एमसीसी कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी। यहां से बदले की आग और धधकती गई। 20 दिन बाद पास के ही दरमिया गांव में 11 राजपूतों की हत्या हो गई। फिर से आरोप लगा एमसीसी पर। इसके बाद सरकार ने स्पेशल ऑपरेशन चलाया। पुलिस बढ़ा दी गई। सेंट्रल फोर्सेज की तैनाती की कर दी गई। कुछ महीने मामला काबू में रहा। फिर प्रशासन ने ढील दे दी। सेंट्रल फोर्सेज को पंजाब भेज दिया गया। एसपी और टास्क फोर्स वालों को भी पटना बुला लिया गया। दरअसल, उन दिनों पंजाब उग्रवाद के दौर से गुजर रहा था। ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद इंदिरा गांधी की हत्या हो चुकी थी। 19 अप्रैल 1987 को राजपूत जमींदार केदार सिंह की हत्या हो गई। इस हत्या के दो घंटे बाद ही मुसाफिर यादव और राधे यादव परिवार के सात लोगों का कत्ल हो गया। मुसाफिर और राधे यादव एमसीसी के सपोर्टर माने जाते थे। कुछ रोज बाद मदनपुर बाजार में नक्सलियों ने पर्चा बंटवाया। जिसमें लिखा था- ‘सात का बदला सत्तर से लेंगे।’ और अगले ही महीने दलेलचक बघौरा में नरसंहार हो गया। दो साल में 3 मुख्यमंत्रियों का इस्तीफा, फिर कभी कांग्रेस का सीएम नहीं बना इस नरसंहार को लेकर विपक्ष तो हमलावर था ही, सरकार के अंदर भी अलग-अलग खेमे बंट गए थे। पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा तो अपने ही सीएम पर लापरवाही का ठीकरा फोड़ रहे थे। आनन-फानन में सरकार ने डीजीपी एसबी सहाय को हटा दिया। आईजीपी लॉ एंड ऑर्डर का भी तबादला हो गया। औरंगाबाद के एसपी भी बदल गए। पर सरकार में सबकुछ ठीक नहीं रहा। इसके बाद सीएम को दिल्ली बुलाया गया। सियासी गलियारों में कयास लगने लगे कि मुख्यमंत्री बदले जाएंगे। आखिरकार 13 फरवरी 1988 को मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दुबे ने इस्तीफा दे दिया। भागवत झा आजाद मुख्यमंत्री बने, लेकिन एक साल बाद उन्हें भी हटा दिया गया। इसके बाद सत्येंद्र नारायण सिंह सीएम बने। पर 7 महीने बाद दिसंबर 1989 में उनका भी इस्तीफा हो गया। अगले चुनाव में दो-तीन महीने ही बचे थे। ऐसे में राज्य की कमान एक बार फिर से जगन्नाथ मिश्रा को मिली। 1990 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 324 सीटों में से महज 71 सीटें मिलीं। पिछले चुनाव से 125 कम। मगध संभाग, जहां ये नरसंहार हुआ था, वहां की 26 सीटों में से सिर्फ 10 सीटें ही कांग्रेस बचा सकी। जबकि पिछले चुनाव में उसे 19 सीटें मिली थीं। यानी आधी सीटें कांग्रेस ने गंवा दी। 122 सीटें जीतकर जनता दल ने लेफ्ट और निर्दलीयों की मदद से सरकार बनाई और लालू यादव मुख्यमंत्री बने। 1990 के अगस्त में मंडल कमिशन की सिफारिशें लागू करने का एलान हुआ और दो महीने बाद ही बीजेपी ने राम रथ यात्रा निकाल दी। इसी दौरान लालू ने बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी को बिहार में गिरफ्तार कर लिया। यहां से लालू को पिछड़ों के साथ ही मुस्लिमों का साथ भी मिलने लगा। दूसरी तरफ आरक्षण और सवर्णों के नरसंहारों की वजह कांग्रेस के कोर वोटर्स बीजेपी की तरफ शिफ्ट होते गए। 1995 के चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 29 सीटों ही जीत सकी। इसके बाद साल दर साल कांग्रेस कमजोर पड़ती गई। 40 साल तक बिहार में राज करने वाली कांग्रेस, राजद का छोटा भाई बनने पर मजबूर हो गई। तब से उसका सीएम तो नहीं ही बना, वह मुख्य विपक्षी पार्टी भी नहीं बन पाई। हमलावर 500, आरोपी 177, 8 उम्रकैद काटकर जेल से छूट गए दलेलचक बघौरा गांव में 500 लोगों की भीड़ ने हमला किया था। इनमें से कुल 177 आरोपी बनाए गए। इनमें ज्यादातर यादव थे। दिसंबर 1992 में औरंगाबाद सेशन कोर्ट ने 8 को फांसी की सजा सुनाई गई और बाकी सबूतों के अभाव में बरी हो गए। इस फैसले के बाद नक्सलियों ने गया के बारा गांव के पास एक थाने को घेरकर 5 पुलिस वालों की हत्या कर दी। 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। इसी साल आठों आरोपी अपनी-अपनी सजा काटकर जेल से छूट गए। नरसंहार के बाद ज्यादातर राजपूत गांव छोड़कर चले गए थे। दोनों गांवों को भूतहा गांव कहा जाने लगा था। आज भी इन गांवों में राजपूतों के गिने-चुने ही घर हैं। कई परिवार तो नरसंहार के बाद लौटे ही नहीं। नोट : (यह सच्ची कहानी पुलिस चार्जशीट, कोर्ट जजमेंट, गांव वालों के बयान, अलग-अलग किताबें, अखबार और इंटरनेशनल रिपोर्ट्स पर आधारित है। क्रिएटिव लिबर्टी का इस्तेमाल करते हुए इसे कहानी के रूप में लिखा गया है।) रेफरेंस :
‘ये जगह छठ पूजा के लिए घेरी गई थी और इसमें सप्लाई का पानी भरा गया। ये यमुना का पानी नहीं है। मैं तो 2-3 दिनों से देख रहा था कि यहां सप्लाई का पानी भरा जा रहा है। बस ये नहीं पता कि ये कब से भरा जा रहा था।‘ दिल्ली में यमुना किनारे वासुदेव घाट पर बटोही मंडल काम कर रहे हैं। वे छठ पर वायरल हुई घाट की तस्वीर की कहानी दो लाइन में समझा देते हैं। दिल्ली में इस बार यमुना किनारे 17 मेन पॉइंट पर छठ पूजा के लिए मॉडल घाट बनाए गए। इनमें से एक वासुदेव घाट की तस्वीर वायरल हुई, जिसके बाद लोग दिल्ली सरकार को घेरने लगे। दरअसल, यहां घाट के पास ही एक हिस्सा घेरकर छठ पूजा की अर्घ्य देने के लिए जगह बनाई गई। यहां का पानी यमुना नदी के पानी से बिल्कुल अलग नजर आ रहा था। दिल्ली की CM रेखा गुप्ता और BJP के बाकी नेता इसे यमुना का पानी बता रहे थे। 27 अक्टूबर को दिल्ली BJP ने सोशल मीडिया पर वासुदेव घाट का एक वीडियो शेयर कर लिखा, ‘सनातनी पर्व से जलने वालों आंखें खोल कर देख लो, असली यमुना पर भव्य छठ पूजा का दिव्य दृश्य।‘ दिल्ली की CM रेखा गुप्ता ने इस पानी को लेकर एक इंटरव्यू में जवाब दिया, ‘मैं ये नहीं कह सकती कि ये पीने लायक है या नहीं, लेकिन ये छठ व्रतियों की पूजा करने लायक जरूर है।‘ हालांकि आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि 'नकली यमुना' बनाकर BJP नदी को साफ करने का दावा कर रही है, इसमें गंगा जी का फिल्टर्ड पानी डाला गया। इन आरोपों की हकीकत जानने के लिए छठ पूजा के बाद दैनिक भास्कर की टीम उसी वासुदेव घाट पहुंची। हमने वहां काम कर रहे कुछ लोगों से बात की। साथ ही यमुना के पानी और छठ के लिए अलग से घेरी गई जगह का पानी भी देखा। यमुना के पानी की हालत जानने के लिए सरकारी आंकड़ा भी खंगाला। सबसे पहले वासुदेव घाट की बात…यमुना का पानी नाले की तरह काला, छठ घाट का साफ छठ पूजा के एक दिन बाद जब हम वासुदेव घाट पहुंचे, तब मेन गेट से हमें एंट्री नहीं मिली। सुरक्षा कारणों का हवाला देकर गेट पर ही रोका लिया गया। दिल्ली पुलिस के तैनात जवानों ने बताया कि यहां CM रेखा गुप्ता आने वाली हैं। छठ पूजा बीत जाने के बाद भी यहां सुरक्षा बलों की तैनाती थी। फिर थोड़ी देर बाद हम वासुदेव घाट पहुंचे। सबसे पहले हमने यहां यमुना नदी का पानी हाथ में लेकर देखा, जो बिल्कुल काला दिख रहा था। घाट से 100 मीटर दूर कश्मीरी गेट की तरफ से एक नाला यमुना में जाकर मिलता है। नाले का पानी बिल्कुल काला है, जिससे साफ है कि वो पानी बिना ट्रीटमेंट के नदी में बहाया जा रहा है। इसके बाद हम उस घाट पर पहुंचे, जहां छठ पूजा की गई। वहां का पानी यमुना के पानी के मुकाबले काफी साफ मिला। हमने वहां काम कर रहे कुछ मजदूरों से बात की। घाट पर टेंट के काम में लगे बटोही मंडल बताते हैं, ‘छठ पूजा के लिए घेरी गई इस जगह पर सप्लाई का पानी भरा गया। उसमें यमुना का पानी नहीं है। मैं तो 2-3 दिनों से देख रहा था कि यहां सप्लाई का पानी भरा जा रहा है। ये नहीं पता कि कब से भरा जा रहा था। यहां काफी साफ-सफाई करके ये जगह बनाई गई थी।‘ जेसीबी-क्रेन से सफाई, छठ घाट में टैंकर से भरा पानीमजदूरों के मुताबिक, जिस जगह पर पूजा हुई वहां बाढ़ के बाद मिट्टी जमा हो गई थी। पिछले 10-15 दिनों से वहां सफाई का काम चल रहा था। जेसीबी मशीनों से सफाई के बाद एक बाउंड्री बनाई गई। उसके बाद वहां पानी भरा गया। वहां सप्लाई से आने वाले पानी के पाइप से ही पानी जा रहा था। कुछ मजदूरों ने ये भी बताया कि टैंकरों से भी वहां पानी भरा गया है। जब हमने सप्लाई वाला पाइप देखने की कोशिश की तो पता चला कि उसे लकड़ी के तख्तों से पूरी तरह ढका गया था। उन तख्तों के ऊपर भी कई बोरियां लगाकर रखी हुई थीं। वासुदेव घाट पर एक हफ्ते से सफाई का काम कर रहे रमेश ने बताया, ‘उस जगह जेसीबी और क्रेन से लगातार सफाई हो रही थी। दिल्ली जल बोर्ड के काफी टैंकर आए थे। उससे भी पानी भरा जा रहा था। छठ पूजा के दो दिन पहले तक उसमें पानी भरा गया है।‘ दिल्ली में नाला समझो या यमुना एक ही बातयमुना के फ्लड प्लेन में पिछले सालों में कई तरह के कंस्ट्रक्शन किए गए हैं। वासुदेव घाट पर भी मूर्तियां और दूसरे तरह के कंस्ट्रक्शन हैं। पहले यहां फ्लड प्लेन में जो आबादी बसती थी, उन्हें दूसरी जगहों पर शिफ्ट कर दिया गया। इसलिए वासुदेव घाट पर बातचीत के लिए हमें कोई नहीं मिला। घाट पर जो मजदूर काम कर रहे थे, उनमें से ज्यादातर इस मुद्दे पर बात करने से बच रहे थे क्योंकि वहां दिल्ली पुलिस और दूसरे विभागों के अधिकारी भी मौजूद थे। इसलिए हमने घाट से बाहर निकलकर आसपास के कुछ लोगों से बात करने की कोशिश की। इसी घाट के पास 2008 से रह रहे श्याम कहते हैं, ‘जहां पूजा हुई वहां टैंकर से पानी डाला गया था। यहां यमुना नाम की रह गई हैं। ज्यादातर तो नाले का ही पानी है। यहां पर इस तरह छठ पूजा करीब 6-7 साल बाद हो रही है।‘ हमने श्याम से पूछा कि क्या पिछले 8 महीनों में यमुना के पानी में कुछ फर्क आया है। इस पर जवाब मिला, ‘कुछ साफ नहीं हुआ है। ऐसे ही नदी में नाले का पानी छोड़ा जाएगा तो यमुना कैसे साफ होंगी? आप मथुरा जाइए, वहां साफ पानी मिलेगा। मैंने आगरा में देखा कि पुल के ऊपर से मछली नजर आ रही थी। यहां दिल्ली सरकार नाले के पानी को फिल्टर नहीं कर रही है। ये करना ही नहीं चाहते हैं।‘ श्याम आरोप लगाते हैं कि यहां फुटपाथ पर रह रहे लोगों को हटाकर रोहिणी और गांधी नगर रैन बसेरे में रखवा दिया गया क्योंकि यहां प्रधानमंत्री आने वाले थे। यमुना में नाले गिरते रहेंगे तो कैसे साफ होगीइसी जगह विजय भी एक गोशाला में काम करते हैं। वे बताते हैं कि यहां लॉकडाउन के बाद पहली बार छठ पूजा हो रही है। छठ पर बने घाट को लेकर वे कहते हैं, ‘गड्ढे बनाकर इसमें टैंकरों से पानी भरा गया है। इसलिए पानी साफ है। बाकी उसके बाद का पानी देखिए, वो यमुना का ही पानी है। थोड़ा अभी साफ-सफाई हुई है, लेकिन नाले का पानी इसी में गिर रहा है। जब तक ये नाले गिरते रहेंगे, यमुना कैसे साफ होगी।‘ विजय कहते हैं कि जब आप वजीराबाद की तरफ जाएंगे तो वहां बिल्कुल साफ पानी नजर आता है क्योंकि उधर नाले नहीं गिरते हैं। उसके बाद से यमुना में नाले और गंदगी आनी शुरू हो जाती है। अब यमुना के पानी और नालों की हालत जानिए…यमुना में गिरने वाले नालों का BOD 100 के पारदिल्ली में यमुना का एंट्री पॉइंट वजीराबाद को ही माना जाता है। इसके बाद इसमें शहर के अंदर 27 बड़े नालों का पानी मिलता है। यमुना नदी में गिरने वाले उन 27 नालों की हालिया रिपोर्ट देखें तो स्थिति ठीक नजर नहीं आती है। 23 अक्टूबर को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने नालों की रिपोर्ट जारी की। इससे पता चलता है कि BOD (बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड) के तय मानक (30 मिलीग्राम प्रति लीटर) पर शास्त्री पार्क के अलावा एक भी नाला खरा नहीं उतरता है। BOD का मतलब है कि किसी पानी में जैविक प्रदूषक को गलाने के लिए सूक्ष्म जीवों को कितनी ऑक्सीजन चाहिए। इनमें से कुछ नाले जैसे साहिबाबाद ड्रेन, शाहदरा ड्रेन, महारानी बाग ड्रेन की हालत काफी खराब नजर आती है। इनका BOD 100 के पार है। इसी तरीके से DPCC ने 25 अक्टूबर को यमुना के पानी की क्वालिटी पर भी रिपोर्ट जारी की। इसके मुताबिक सिर्फ पल्ला और वजीराबाद में ही पानी की स्थिति थोड़ी ठीक है, बाकी जगहों पर हालात बेहद खराब हैं। नहाने के लिए BOD 3 मिलीग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए। रिपोर्ट कहती है कि पल्ला और वजीराबाद को छोड़कर हर जगह ये मात्रा 20 से ऊपर है। बवाना CETP को छोड़कर 12 प्लांट की हालत खराबBJP ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में सभी नालों के पानी को ट्रीट कर यमुना में डालने का वादा किया था। साथ ही किसी भी तरह के इंडस्ट्रियल इमिशन को रोकने और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता को बढ़ाने का वादा किया था। दिल्ली सरकार के मंत्री लगातार कह रहे हैं कि यमुना की सफाई का काम तेजी से हो रहा है लेकिन सरकारी आंकड़े ही बताते हैं कि नदी की हालत या गंदे पानी को साफ करने वाले ट्रीटमेंट प्लांट की हालत सही नहीं है। दिल्ली में इंडस्ट्रीज से निकलने वाले गंदे पानी को ट्रीट करने के लिए बने कॉमन इफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP) की हालत भी सही नहीं है। 3 अक्टूबर को DPCC ने CETP की सितंबर महीने की रिपोर्ट जारी की थी। इसमें एक प्लांट (बवाना) को छोड़कर 12 CETP क्षमता के हिसाब से काम नहीं कर रही थी। नदियों के पानी की क्वालिटी एक और पैमाने पर चेक की जाती है। फीकल कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का लेवल नदियों में 500 MPN (मोस्ट प्रोबेबल नंबर) प्रति 100 मिलीलीटर होना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा 2500 MPN तक। जबकि DPCC की हालिया रिपोर्ट बताती है कि ISBT ब्रिज के पास इसका लेवल 8000 MPN था। इसी जगह पर वासुदेव घाट भी है। ये बैक्टीरिया हम इंसानों या गर्म खून वाले जानवरों के मल में पाया जाता है। इसकी ज्यादा मात्रा होने से पानी प्रदूषित माना जाता है। एक्सपर्ट: ईमानदारी से कोशिश हो तो यमुना की सफाई में 6-7 साल लगेंगेयमुना सफाई के लिए काम करने वाले एक वॉलंटरी संगठन 'अर्थ वॉरियर' के पंकज कुमार कहते हैं, ‘दिल्ली सरकार की ही रिपोर्ट बताती है कि वजीराबाद बैराज के बाद यमुना का पानी कहीं भी नहाने लायक नहीं है। लेटेस्ट रिपोर्ट की मानें तो हर जगह BOD की मात्रा 20 मिलीग्राम प्रति लीटर से ऊपर है। यानी वो इंसानी संपर्क के लायक भी नहीं है।‘ ‘वासुदेव घाट हो, ITO घाट या कोई दूसरी जगह कहीं भी यमुना का पानी नहाने लायक नहीं है। दिल्ली के गंदे नाले साफ होंगे तभी यमुना साफ हो सकती है। नालों की रिपोर्ट भी देखिए तो सारे नाले बहुत ज्यादा प्रदूषित हैं। अगर नाले साफ नहीं हुए तो यमुना कैसे साफ हो जाएगी?‘ पंकज आगे कहते हैं कि अभी हथिनीकुंड बैराज (हरियाणा) से पानी का फ्लो बढ़ाया गया था, इसलिए स्थिति थोड़ी बेहतर लग रही थी। अब फिर फ्लो घटाया गया है। झाग हटाने के लिए केमिकल के इस्तेमाल पर पंकज कहते हैं, ‘ये सिलिकन बेस्ड डिफोमर है। इससे झाग को हटाया जा सकता है। इससे पानी की क्वालिटी पर कोई असर नहीं पड़ता है लेकिन ये भी एक निश्चित मात्रा में डाला जाना चाहिए। अगर सरकार ईमानदारी से कोशिश करे तो नदी को स्थायी तौर पर साफ होने में 6-7 साल लग सकते हैं।‘ सरकार के दावों पर वे कहते हैं, ‘अगर ये कहा जा रहा है कि यमुना का पानी पीने लायक या नहाने लायक है तो ये सही नहीं है। अगर कोई पी कर बता रहा है या लोगों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है तो वो क्राइम कर रहा है।‘ विपक्ष ने सरकार को घेरा…PM के लिए फिल्टर पानी वाली ‘नकली यमुना‘ बनाईछठ पूजा पूरी होने के बाद AAP के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने 28 अक्टूबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने आरोप लगाया कि BJP सरकार ने 'नकली यमुना' बनाकर लोगों से झूठ बोला कि यमुना साफ हो गई। उसका पानी ऐसा है जैसे फिल्टर का पानी हो। ये प्रधानमंत्री के फोटोशूट के लिए नकली यमुना बनाई गई थी। सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया, इस घाट पर गंगा का फिल्टर किया हुआ पानी पाइपलाइन के जरिए लाया गया। एक तरफ PM के लिए फिल्टर पानी वाली ‘नकली यमुना‘ बनाई गई है, लेकिन दिल्ली में गरीब पूर्वांचली लोगों के लिए प्रदूषित मल युक्त यमुना छोड़ दी गई है। दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव कहते हैं कि यमुना की हालत वहीं की वहीं है। वे कहते हैं, ‘आपने प्रधानमंत्री के लिए कारपेट बिछाने के लिए जो पीने योग्य पानी था, उससे अस्थायी घाट बना लिया गया। हालांकि सच्चाई तो यही है कि यमुना की हालत वैसी ही है। सरकार को इन सबसे ऊपर उठकर स्थायी समाधान पर फोकस करना चाहिए। मैं तो पूछना चाह रहा हूं कि अगर यमुना इतनी साफ हो गई तो वीरेंद्र सचदेवा और कपिल मिश्रा जी ने डुबकी क्यों नहीं लगाई।‘ हमने इस मुद्दे पर दिल्ली के जल मंत्री परवेश वर्मा से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। इसके बाद हमने वासुदेव घाट के विवाद और यमुना की सफाई को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और मंत्री परवेश वर्मा को कुछ सवाल ई-मेल के जरिए भेजे हैं। जवाब आने पर हम इस रिपोर्ट को अपडेट करेंगे। यमुना को लेकर वादे और योजनाएंदिल्ली में BJP सरकार बनने के बाद 16 अप्रैल को सरकार की एक्सपेंडिचर फाइनेंस कमेटी (EFC) की पहली बैठक हुई थी। CM रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 27 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण और यमुना को साफ करने की दिशा में सीवरलाइन बिछाने के लिए 3,140 करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई थी। 2025-26 के बजट में भी दिल्ली सरकार ने यमुना सफाई के लिए 500 करोड़ रुपए का बजट रखा है। इससे मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) को सही किया जाएगा। इसके अलावा यमुना को साफ करने के लिए 40 डिसेंट्रलाइज्ड एसटीपी बनाने की योजना भी है, जिससे सीवेज का पानी सोर्स पर ही ट्रीट किया जा सकेगा।................ ये खबर भी पढ़ें... लंबी लाइनें, भरी ट्रेनें, लोग बोले- वोट से जवाब देंगे ‘किसी ट्रेन में टिकट नहीं मिला। अब बिना रिजर्वेशन जाना पड़ रहा है। सरकार बहुत कुछ बोलती है। उसके चक्कर में पड़ेंगे, तो भूखे मर जाएंगे। सीट नहीं है तो कहां बैठें। मैं बिहार से हूं। छठ पर घर जा रहा हूं। वहीं वोट भी दूंगा। इस बार हम तेजस्वी यादव को जिताएंगे। उन्होंने कहा है कि हर परिवार में एक नौकरी देंगे।’ राजस्थान के नीमराना में काम करने वाले राकेश सोनी दिल्ली होते हुए पटना जा रहे थे। रेलवे की चलाई स्पेशल ट्रेन में बैठ गए। पढ़िए पूरी रिपोर्ट...
DNA: ट्रंप को ऐसा क्या महसूस हुआ कि दिया परमाणु परीक्षण शुरू करने का आदेश? 33 साल बाद US करेगा टेस्ट
Donald Trump latest news: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएस को 33 साल बाद फिर से परमाणु परीक्षण शुरू करने का आदेश दिया है. उन्हें ऐसा क्या महसूस हुआ है कि दुनिया का शक्तिशाली देश होने के बावजूद उन्हें फिर से न्यूक्लियर टेस्ट करने की जरूरत आ पड़ी है.
पाकिस्तान को इस आतंकी संगठन की चेतावनी, बोला- 'अफगानिस्तान के खिलाफ कोई भी हमला होगी बड़ी गलती'
हक्कानी ने इस हफ्ते की शुरुआत में इस्तांबुल में दोनों देशों के बीच बातचीत के लेटेस्ट राउंड के बेनतीजा रहने के कुछ दिनों बाद कहा, अफगानिस्तान के लोगों को अंदरूनी समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन वे किसी भी विदेशी हमलावर के खिलाफ एकजुट हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेंटगन को परमाणु हथियारों का परीक्षण तुरंत शुरू करने का आदेश दिया। ट्रंप के इस बयान ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हलचल बढ़ा दी
Pakistan Afghanistan Peace Talks News: तुर्की में हुई पाकिस्तान और तालिबान की शांति वार्ता क्यों पटरी से उतर गई, इसका राज अब सामने आ गया है. असल में पाकिस्तान ने पहली बार वो वजह तालिबान को बताई है, जिसके चलते वो अफगानिस्तान पर ड्रोन अटैक नहीं रोक सकता है.
हर देश की सीमाओं का सम्मान जरूरी... चीन की बढ़ती दखल पर बोले US और मलेशिया, संकेतों में साधा निशाना
US Malaysia on China: दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकत पर अमेरिका और मलेशिया ने चिंता जताई है. दोनों देशों ने कहा कि सभी मुल्कों को दूसरे देशों की सीमाओं का सम्मान करना चाहिए.
Subramanyam Vedam 43 years in US jail: जरा सोचिए किसी शख्स को बिना जुर्म के 43 साल जेल में रखा गया. जब वो निर्दोष साबित होकर बाहर आया तो उसे फिर हिरात में ले लिया गया. अब उसे अपनों से दूर एक ऐसी जगह भेजा जा रहा है, जहां उसका कोई नहीं. ना जान ना पहचान. ये कहानी दर्दनाक है. आइए आखिर किसके साथ ऐसा हुआ और क्यों?
Russia-Ukraine War: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बड़ा दावा करते हुए यह कह दिया कि उनकी सेना ने यूक्रेन के दो खास शहर पोकरोव्स्क (डोनेट्स्क) और कुपियांस्क (खार्किव) को चारों तरफ से घेर लिया है. शहरों पर रूस की घेराबंदी के दावे को यूक्रेनी सेना ने खारिज किया है.
Trump के खिलाफ बगावत! USA President से छीना गया कनाडा पर 10% टैरिफ लगाने का अधिकार
Trump Tariff on Canada: अमेरिकी सीनेटरों ने राष्ट्रपति ट्रंप को बहुत बड़ा झटका दिया है. उन्होंने Canada पर भारी टैरिफ लगाने के उनके अधिकार को रद्द कर दिया है. यह प्रस्ताव डेमोक्रेट और 4 रिपब्लिकन सांसदों से पास हो गया है.
Donald Trump meet xi jinping Meet:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को दक्षिण कोरिया के बुसान में मुलाकात की, जो कई वर्षों में उनकी पहली आमने-सामने की बातचीत थी. दोनों नेताओं ने दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संभावित व्यापार युद्ध विराम पर चर्चा के लिए दक्षिण कोरियाई वायु सेना अड्डे पर मुलाकात की है.
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक प्राचीन कोरियाई साम्राज्य के स्वर्ण मुकुट की प्रतिकृति भेंट की है। उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप को सर्वोच्च राज्य पदक से भी सम्मानित किया
‘मेरे पैर का ऑपरेशन हुआ था। पट्टियां हटने के बाद उसमें हल्का-हल्का दर्द हो रहा था। मैं डॉक्टर के पास गई थी। उस डॉक्टर ने मुझे कमरे में बुलाया और कहा, 'मैं आपकी मसाज थेरेपी करूंगा। उसने मुझे स्ट्रेचर पर लिटाया। कमरे की लाइट धुंधली कर दी और उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए। मुझे बहुत अजीब लगा। मैं घबराकर स्ट्रेचर से उठी और कपड़े पहनते हुए कमरे से बाहर निकल आई। घर पहुंचकर अपने कमरे में गई और बहुत रोई।’, राखी पांडे बताती हैं। ब्लैकबोर्ड में इस बार कहानी उन विकलांग लड़कियों की, जिनकी शारीरिक हालत का फायदा उठाने की कोशिश गई। आंख से न देख पाने वाली लड़कियों को मदद के बहाने गलत तरीके से छुआ गया। राखी पांडे पिछले 15 साल से दिल्ली में बुटीक चलाती हैं। वह सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं और व्हीलचेयर मॉडलिंग भी करती हैं और मैराथन में भी हिस्सा लेती हैं। शारीरिक चुनौती के कारण वह केवल 10वीं तक पढ़ पाईं। उन्हें लोकोमोटर डिसेबिलिटी है, यानी चलने-फिरने में दिक्कत होती है। वह जब छह महीने की थीं, तभी उन्हें पोलियो हो गया था। राखी बताती हैं कि जब मैं छोटी थी तो विकलांग होने के कारण मेरे एक रिश्तेदार ने मुझे अलग-थलग कर दिया। वो अपने बच्चों को मुझसे दूर रखते थे। उन्हें डर था कि पोलियो उनके बच्चों में भी न फैल जाए। वह बताती हैं कि जब 12 साल की हुई तो उनके पैर का दिल्ली के पीतमपुरा के एक अस्पताल में ऑपरेशन हुआ। उस वक्त गलत छूने की समझ ज्यादा नहीं थी। वह बताती हैं, 'इलाज के बहाने अस्पताल का एक नर्सिंग स्टाफ जानबूझकर मेरी जांघ पर हाथ रखता। बॉडी मसाज करते वक्त छाती पर हाथ लगा रहा था। मुझे बहुत बुरा लगा। मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और मम्मी-पापा को बुलाकर बताया। उसके बाद अस्पताल के मैनेजर से शिकायत की गई। बाद में अस्पताल की महिला डॉक्टर आईं और मेरी पट्टी बदली। स्कूल की पढ़ाई के बाद मैं घर पर रहने लगी थी। पापा को उस समय हाई शुगर का पता चला। वो कई साल तक बेड पर रहे। मेरी दो बहनों की शादी हो गई थी। मैं पापा के साथ घर पर अकेली रह गई थी। मुझे ऐसा लगने लगा था जैसे कि पापा के ऊपर बोझ हूं। बहुत तनाव होने लगा। मुझे मानसिक झटके आने लगे। डिप्रेशन में चली गई। दो साल तक तनाव से जूझती रही। मेरी बहनें डॉक्टर के पास ले गईं। डॉक्टर ने सलाह दी कि इनको किसी काम में लगाइए, ताकि ये व्यस्त रह सकें और कमाई कर सकें। इससे वह खुद अपने पैरों पर खड़ी हो पाएंगी और तनाव नहीं होगा। उसके बाद मेरी बहनों ने पैसे जुटाकर बुटीक खुलवाया। अब यह काफी अच्छी चल रही है। राखी बताती हैं कि इस दौरान एक लड़का मेरे पीछे पड़ गया। वो मुझे दिन में कई बार कॉल करता, गंदे मैसेज भेजने लगा। अश्लील वीडियो भेजता। उसने मुझे इतना परेशान कर दिया कि लगा कि आत्महत्या कर लूं। तंग आकर मैंने मम्मी और बहनों को बताया। उस लड़के के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई, तब जाकर उसने पीछा छोड़ा। उसकी नजर मेरे शरीर और पैसों पर थी। राखी एक शादी में जाने का किस्सा बताती हैं। वह कहती हैं कि मैं एक बार एक रिश्तेदार की शादी में गई। वहां मैं व्हीलचेयर से पहुंची तो लोग मुझे घूरने लगे। वहां मौजूद एक महिला इतनी नाराज हो गईं कि कहने लगीं- ‘इनका शादी में आना जरूरी था क्या? अगर वह नहीं आती तो क्या शादी नहीं होती? उस दिन मुझे इतना बुरा लगा कि फिर कभी किसी शादी में नहीं गई। वह एक बार सड़क पर हुई बदतमीजी का किस्सा बताते हुए कहती हैं- मैं घर से स्कूटी लेकर निकली। रास्ते में लंबा जाम लगा था। काफी देर वहां फंसी रही। पीछे खड़े एक आदमी ने गुस्से में कहा- ‘जब तुम चल नहीं सकती, तो घर पर क्यों नहीं रहती? बाहर निकलना जरूरी है क्या?' उसकी बात पर मुझे बहुत गुस्सा आया। मेरी उससे बहस हो गई। मैं सोचने लगी कि क्या हम जैसे विकलांग लोगों को सड़क पर चलने का अधिकार नहीं है? लोग बिना सोचे-समझे कुछ भी कह देते हैं। राखी हाल में अपने साथ घटी एक घटना के बारे में बताते हुए कहती हैं। बुटीक के दुकान से जुड़े एक काम के सिलसिले में व्हीलचेयर से जा रही थी। व्हीलचेयर का पिछला पहिया अचानक निकल गया। वहां मौजूद एक शख्स आए और उसे ठीक करने लगे। वह ठीक करते हुए मुझसे मेरा फोन नंबर और फेसबुक आईडी मांगने लगे। मैंने देने से मना कर दिया। फिर पूछने लगे कि शादी हुई है? जब मैंने कहा- नहीं, तो वह बोले- ‘मुझसे शादी करोगी?’ गुस्से में उनका सवाल टाल गई। फिर कहने लगे फेसबुक आईडी न हो तो इंस्टाग्राम की ही आईडी दे दो। मैंने कहा कि ऐसा कीजिए, आप रहने दीजिए, मैं अपनी व्हीलचेयर खुद ठीक कर लूंगी। जब वह जाने लगे तो बोले मेरा नंबर ले लो। कोई भी परेशानी हो, तो तुरंत फोन कर सकती हो, मैं तुरंत पहुंचूंगा। राखी कहती हैं आखिर मैंने उन्हें मदद के लिए नहीं बुलाया था। वे खुद आए थे और मुझसे पर्सनल होने लगे थे। उनकी बात से साफ लग रहा था कि वह मदद से ज्यादा मुझमें रुचि दिखा रहे थे। वह कहती हैं- इसी तरह सोशल मीडिया पर लोग तंग करते हैं। फेसबुक पर फोटो डालती हूं तो लिखते हैं- ‘आई लव यू’, ‘किस’ भेजते हैं। फोटो में अगर मेरा खराब पैर दिख जाए तो लिखते हैं- ‘अरे ये तो लंगड़ी है।’ कुछ कमेंट तो इतने गंदे होते हैं कि बता नहीं सकती। इंस्टाग्राम पर भी मेरा पेज है। वहां लोग मुझे पर्सनल मैसेज करते हैं। कहते हैं- ‘मुझसे शादी कर लो।’ उन्हें लगता है कि मैं व्हीलचेयर पर रहती हूं, तो मुझे शादी के लिए कोई मिल नहीं रहा। मैसेज करने वाले ज्यादातर वे लड़के होते हैं, जिन्हें पता है कि मैं बुटीक का बिजनेस करती हूं। अच्छी कमाई कर रही हूं। उन्हें बस मेरा पैसा चाहिए। अब तो मैंने सोशल मीडिया पर जाना ही बंद कर दिया है। कोरोना महामारी के वक्त मेरे साथ एक घटना घटी। मैं एक एनजीओ से जुड़ी थी। उस समय मैं एनजीओ के लिए मास्क बेचती थी। मेरे साथ एक लड़का काम करता था। उसने भरोसे में लेकर सारा पैसा अपने अकाउंट में जमा करवा लिया। जब मैंने उससे अपना पैसा मांगा तो उसने कहा कि मुझसे शादी करोगी, तभी पैसा दूंगा। मजबूरी में मैंने पैसा मांगना बंद कर दिया। उसी महामारी में पापा की मौत हो गई थी। उस समय एनजीओ से जुड़े कई लोग तेरहवीं में आए थे। मेरी दीदी ने उनसे थोड़ी मदद करने को कहा तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। दरअसल, ये एनजीओ के लोग विकलांग लोगों के नाम पर सरकार से बहुत फंड लेते हैं, लेकिन मदद के नाम पर बस दिखावा करते हैं। सारा फंड हड़प जाते हैं। ब्लाइंड साम्या मॉडलिंग में विजेता बनीं तो शख्स ने घसीटा इसी तरह साम्या खान ब्लाइंड यानी दृष्टिबाधित हैं। वो ब्लाइंड कैटेगरी में पिछले तीन साल से मॉडलिंग कर रही हैं। कहती हैं कि मेरा सपना मॉडल बनना और एक्टिंग करना है। वह बताती हैं कि 9वीं क्लास तक बिल्कुल ठीक थी। उसके बाद धीरे-धीरे मुझे दिखाई देना कम होने लगा। एक समय तो ऐसा आया कि दिखना एकदम से बंद हो गया। फिर पढ़ाई छूट गई और मैं घर पर रहने लगी। घर पर रहने के दौरान सरकार की तरफ से मुझे डिसेबिलिटी कार्ड (विकलांगता कार्ड) मिला। कार्ड दिखाते हुए साम्या कहती हैं कि इसका कोई फायदा नहीं मिलता। इसके जरिए कई जगह इलाज कराने गई, लेकिन कोई फायदा नहीं मिला। कई जगह मुफ्त इलाज तक नहीं हुआ। शुरुआत मैं अपनी आंखों से सामान्य तौर से देख पाती थी, लेकिन फिर पता नहीं क्या हुआ। इतना कहते ही साम्या फफककर रोने लगती हैं। आंसू पोछते हुए वो कहती हैं, ‘मैं चाहती हूं कि लोग मुझे आम लड़कियों की तरह समझें, न कि विकलांग।’ दरअसल, कहीं भी लाइन में खड़ी होती हूं तो लोग धक्का मार देते हैं। कई बार गिर पड़ती हूं। भले ही मुझे नहीं दिखता, लेकिन अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती हूं। मॉडलिंग में करियर बनाने की कोशिश कर रही हूं। अब तक मैंने कई शो किए हैं। मेरी बहन भी मॉडल है, वही मुझे इसमें करियर बनाने में मदद कर रही है। साम्या कहती हैं कि मेरी एक चाची मेरे घर आई थीं। वो मुझे देखकर कहने लगीं, ‘इसकी आंखें हिलती रहती हैं। इसकी शादी कैसे होगी भला? अगर शादी के लिए कोई लड़का मिला भी तो इन्हीं की तरह मिलेगा।’ मम्मी से कहने लगीं- इसे मॉडलिंग के लिए क्यों भेजती हो? घर बिठाओ। उनकी बातें इतनी खराब लगीं कि मैं उठकर अपने कमरे में चली गई और रोने लगी। हालांकि मेरे पेरेंट्स मेरा सपोर्ट करते हैं। वो कहते हैं कि मेरी बेटी जरूर कुछ अच्छा करेगी। हाल ही में एक फिल्म रिलीज हुई। मेरी मॉडलिंग करने वाली बहन को उसमें जाने का बुलावा आया। मैं भी उसके साथ जाना चाहती थी, लेकिन आयोजकों ने साफ मना कर दिया। कहा- उन्हें मत लाइए, हम संभाल नहीं पाएंगे। उस दिन बहुत अपसेट हो गई थी। साम्या बताती हैं कि उसके बाद एक मॉडलिंग शो का आयोजन हुआ। वहां मैं विजेता बनी थी। एक लड़का मेरे विजेता बनने से दुखी था। जब अवॉर्ड दिया जा रहा था तो वो मुझे मंच पर घसीटकर ले गया। मैंने गाउन पहन रखा था। गिरते-गिरते बची थी। उस दिन उसकी हरकत से बहुत दुख हुआ था। साम्या की मां शहजादी कहती हैं कि मेरी बच्ची को अचानक से दिखना बंद हो गया। उसके लिए यह सदमे जैसा था, उसकी सहेलियां छूट गईं, वो अकेली हो गई है। अब उसे घर में रहना पड़ता है। जब उसे कभी शादियों में लेकर जाती हूं तो लोग टोकते हैं। कहते हैं कि ‘इसे क्यों लेकर आ गई।’ इसी के जैसे किसी लड़के को ढूंढ़कर इसकी शादी कर दीजिए।’ वह कहती हैं कि बेशक, मेरी बच्ची पूरी तरह से ब्लाइंड है, उसे सपोर्ट चाहिए। दया नहीं, अवसर चाहिए। चाहती हूं कि मॉडलिंग से वह ऐसी बन जाए कि उसे किसी की मदद की जरूरत न पड़े। जब से यह मॉडलिंग के लिए जाने लगी है तब से मेरे कुछ रिश्तेदारों ने तो हमसे दूरी बना ली है। वे कहते हैं, ‘उसे मॉडलिंग के लिए क्यों भेजती हो। उसे घर पर ही रखा करो।’ एक बार साम्या को उल्टियां हो रही थीं। अस्पताल लेकर गई तो डॉक्टरों ने इलाज करने से इनकार कर दिया, कहा- हम ब्लाइंड लड़कियों का इलाज नहीं करते। केवल रेफर कर सकते हैं। पैर से विकलांग ललिता को टीचर ने गलत तरीके से छुआ 39 साल की ललिता दिल्ली में रहती हैं। वह डेढ़ साल की थीं, तभी उनके पैर में पोलियो हो गया। वो इस समय विकलांग बच्चों को पढ़ाती हैं। ललिता कहती हैं कि मेरे पैर काम नहीं करते थे। मां ने इलाज करवाया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। उसी समय मेरे पापा की मौत हो गई। सारी जिम्मेदारी मम्मी के कंधों पर आ गई। मेरी दो छोटी बहनें भी थीं। मैं सबसे बड़ी थी। नम आंखों से ललिता कहती हैं कि मम्मी बहुत परेशान थीं। मेरे मामा मुझे इलाज के लिए एक अस्पताल लेकर गए। वहां लगभग छह साल तक इलाज चला। सहारा लेकर खड़ी होने लगी। इस तरह कुछ ठीक होने पर मम्मी ने मेरा स्कूल में एडमिशन करवा दिया। स्कूल जाने लगी तो वहां बच्चे मेरा मजाक उड़ाते थे। वे मुझे ‘लंगड़ी’ कहते थे। ये कहते हुए ललिता की आंखें भर आती हैं। तब मम्मी से कहती कि मुझे स्कूल नहीं जाना, लेकिन वह नहीं मानीं, जिद करके मुझे पढ़ाया। मेरे टीचर्स भी मेरा हौसला बढ़ाते थे। जब मैं आठवीं क्लास में पहुंची तो मेरे दो छोटे ऑपरेशन हुए। उससे थोड़ा और सुधार हुआ, लेकिन तब भी पूरी तरह ठीक नहीं हुई। स्कूल में पढ़ाई के बाद मैंने आईटीआई में एडमिशन लिया। उस वक्त एक टीचर ने मुझे कॉपी चेक करने के दौरान गलत तरीके से छुआ। जब वो बात अपने साथ की लड़कियों को बताया तो उन्होंने भी कहा कि उन्हें भी वे गलत तरीके से छूते हैं। वे टीचर, जब हमारी कॉपियां चेक करते थे तो पास बुलाकर हमारे ब्रेस्ट को छूते थे। तंग आकर हमने मैनेजर से शिकायत की। उसके बाद उन्हें वहां से निकाल दिया गया था। आईटीआई के बाद मैंने एक कॉलेज में एडमिशन लिया। वहां भी लड़कों का नजरिया वैसा ही रहा। सोचिए बड़े लड़के भी राह चलते तंज कसते- 'लंगड़ी’ कहकर चिढ़ाते, ‘ढाई टांगों वाली’ जैसे तंज कसते। एक बार मेरी मौसी का बेटा मुझे एक जगह घुमाने ले गया। उसके साथ उसके दोस्त भी थे। मेरे साथ मेरी छोटी बहन भी जाना चाहती थी, लेकिन मम्मी ने उसे जाने से मना कर दिया। बाद में पता चला कि मम्मी ने उसे इसलिए मना किया क्योंकि लड़के उसके साथ कुछ गलत कर सकते थे क्योंकि मेरा पैर खराब था, तो मेरे साथ कुछ भी गलत न होता। उस दिन मम्मी की वह सोच बहुत चुभी थी। बड़ी हुई तो मेरी शादी की बात चली। मैं शादी नहीं करना चाहती थी, लेकिन मेरे जैसे विकलांग लड़के का रिश्ता आया तो मम्मी ने मेरी शादी कर दी। हालांकि मेरे पति बहुत अच्छे हैं। वह मेरा बहुत ख्याल रखते हैं। इस बीच, रिश्तेदारों के यहां आना-जाना बंद कर दिया है। दरअसल, मेरे एक बहुत करीबी रिश्तेदार के लड़के की शादी तय हुई। उन्होंने मुझे इंगेजमेंट में नहीं बुलाया क्योंकि कहीं उनके बेटे का रिश्ता न टूट जाए। वे मुझे अशुभ मान रहे थे। जब मुझे यह बात पता चली तो बहुत दुख हुआ। उनके व्यवहार से इतना परेशान हुई कि डिप्रेशन में चली गई। डिप्रेशन के दौरान लकवे का दौरा आया था। नौ महीने अस्पताल में रही थी। उस वक्त मेरे पति ने मेरी खूब देखभाल की और मैं ठीक हो गई। इतना कहते हुए ललिता फफककर रोने लगीं। ------------------------------------------------------ 1- ब्लैकबोर्ड-पत्नी को लोग कोठेवाली समझते हैं:जीबी रोड का पता देख बच्चों को एडमिशन नहीं मिलता; दोस्त कहते हैं चलो तुम्हारे घर मौज करते हैं हलचल भरी दिल्ली में शाम ढलने लगी थी। मैं शहर के जीबी रोड पहुंची। इसे रेड लाइट एरिया भी कहा जाता है। यह इलाका सेक्स वर्क के लिए बदनाम है। दूर से ही सेक्स वर्कर्स के कोठे नजर आ रहे थे, जिनकी खिड़कियों से सजी-संवरी महिलाएं झांक रही थीं। एक-एक करके ग्राहक बाहर बनी सीढ़ियों से उन कोठों पर जा रहे थे। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें 2- ब्लैकबोर्ड- तंग आकर घाघरा-चोली आग में फेंक दी:लोग लड़की समझकर पीछा करने लगते थे; तब बताना पड़ता कि 'भाई, मैं मर्द हूं' 'मेरे भीतर एक औरत थी। शुरुआत से ही। दुनिया क्या कहेगी, लोग क्या कहेंगे, यह सब सोचकर मैं चुप रह जाती थी। फिर एक दिन मैंने तय कर लिया कि अपने भीतर की औरत को सजाना है, संवारना है और दुनिया के सामने निखारना है। मैंने महिलाओं से घाघरा-चोली मांगे और फेयर एंड लवली लगाकर सज गई। मुझे बॉलीवुड की नूरजहां बहुत पसंद थीं, सो मैंने अपना नाम नूरजोरा रख लिया। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें
ओसामा बिन लादेन का समर्थक और अपने विवादित बयानों के लिए कुख्यात भारत के मोस्ट वांटेड जाकिर नाइक का अब बांग्लादेश में स्वागत किया जाएगा। लेकिन ये कौन है? और अब तक इसने कौन-कौन से विवादित बयान दिए हैं? जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक करें और देखें वीडियो...
5 अक्टूबर की बात है। दिल्ली के गांधी विहार के एक घर में देर रात तेज ब्लास्ट हुआ और आग लग गई। आस-पड़ोस के लोगों ने पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। तिमारपुर थाने की पुलिस और फायर ब्रिगेड टीम मौके पर पहुंची। आग पर काबू पा लिया गया। पुलिस को अंदर से बुरी तरह से झुलसी एक लाश मिली। लाश इतनी बुरी तरह जली थी कि हड्डियां तक पिघल गई थीं। पुलिस ने डेडबॉडी को हिंदू राव अस्पताल भेजा। उसकी पहचान राजस्थान के रहने वाले रामकेश मीणा के तौर पर हुई, जो दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी कर रहा था। शुरू में लगा कि एयरकंडीशन का कंप्रेशर फटने से ब्लास्ट हुआ और आग लगी। घटना के करीब 20 दिन बाद खुलासा हुआ है कि ये ब्लास्ट AC में नहीं हुआ था बल्कि कराया गया था। मर्डर की ये साजिश रामकेश मीणा की एक्स गर्लफ्रेंड अमृता चौहान ने रची थी। दरअसल रामकेश और अमृता कुछ महीने लिव-इन में रहे थे। इस दौरान रामकेश ने उसके कुछ अश्लील प्राइवेट फोटोज और वीडियोज बनाए थे। पुलिस के मुताबिक अमृता ने कई बार वो लौटाने या डिलीट करने के लिए कहा, लेकिन रामकेश नहीं माना और ब्लैकमेल करने लगा। लिहाजा अमृता ने अपने एक्स बॉयफ्रेंड सुमित कश्यप और उसके दोस्त संदीप कुमार के साथ मिलकर पहले रामकेश का गला घोंटकर हत्या की। फिर कमरे में सिलेंडर ब्लास्ट कर उसकी लाश जला दी। पुलिस ने तीनों को मुरादाबाद से अरेस्ट कर लिया है। वहीं जांच में ये भी पता चला है कि रामकेश ने अमृता ही नहीं, बल्कि 10 से ज्यादा लड़कियों के अश्लील वीडियो बनाकर रखे थे। अमृता ने पूरी साजिश को कैसे अंजाम दिया? फोरेंसिक साइंस की स्टूडेंट रही अमृता ने कैसे सबूत मिटाने की कोशिश की और कैसे वही पुलिस के लिए सबसे बड़े फोरेंसिक सबूत बन गए। ये समझने के लिए दैनिक भास्कर की टीम दिल्ली के गांधी विहार में ग्राउंड पर पहुंची। सबसे पहले जानिए 5 अक्टूबर की रात की कहानी…प्राइवेट फोटो-वीडियो न देने पर एक्स गर्लफ्रेंड ने रची मर्डर की साजिशपुलिस की जांच में पता चला है कि रामकेश और अमृता करीब एक साल से एक दूसरे को जानते थे। इसी साल मई में अमृता इसी फ्लैट में रामकेश के साथ लिव-इन में रहने लगी थी। कुछ महीने बाद ही दोनों में विवाद हुआ, जिसके बाद अमृता ने रूम छोड़ दिया। इसके बाद ही अमृता को पता चला कि रामकेश ने उसकी कुछ पर्सनल अश्लील फोटो और वीडियो रिकॉर्ड किए हैं। वो पिछले कई महीनों से उसे डिलीट करने के लिए कह रही थी, लेकिन डिलीट करने के बजाय रामकेश उसे बार-बार ब्लैकमेल कर रहा था। दिल्ली पुलिस में हमारे सोर्स के मुताबिक अमृता ने रामकेश से ये भी कहा था कि वो फोटो और वीडियो उसके पास हार्ड ड्राइव में सेव कर दे। वो उसे डिलीट नहीं करेगी, लेकिन वो राजी नहीं हुआ। तब अमृता ने ये बात अपने एक्स बॉयफ्रेंड सुमित को बताई। इसके बाद दोनों ने मिलकर रामकेश के मर्डर का प्लान बनाया। पिछले 2 महीने से दोनों ने रेकी की। वो रामकेश पर नजर भी रख रहे थे। ये बात आसपास के लोगों ने भी कन्फर्म की है। पहले गला घोंटकर मारा, फिर डेडबॉडी और सामान में आग लगाईपुलिस की जांच में ये भी पता चला है कि अमृता ने फोरेंसिक साइंस से बीएससी किया है। लिहाजा उसे ये जानकारी थी कि फोरेंसिक सबूत कैसे मिटाने हैं। उसने प्लान आगे बढ़ाने से पहले कई क्राइम सीरीज भी देखी थी। पुलिस के मुताबिक अमृता ने प्लान बनाया था कि वो पहले रामकेश से अपने प्राइवेट फोटो और वीडियो अपने कब्जे में लेगी और माफी मंगवाएगी। फिर गला घोंटकर उसकी हत्या करेगी और डेडबॉडी समेत सारे सबूत आग के हवाले कर देगी। 5-6 अक्टूबर की रात उसने यही किया भी। पहले अमृता और उसके साथियों ने रामकेश के हाथ-पैर बांधकर मोबाइल चार्जर के वायर से उसका गला दबाया और अश्लील वीडियो को लेकर पूछताछ की। फिर उसी वायर से गला घोंटकर उसे मार डाला। फिर उसकी लाश जलाने के लिए कमरे में रखा तेल, घी और शराब सब उस पर डाल दिया, लेकिन आग नहीं लग सकी। इसके बाद इन्होंने डेडबॉडी के आस-पास किताबें और अखबार लगाया। रूम से निकलने से पहले सुमित ने लाश के पास सिलेंडर ऑन करके रखा और आग लगा दी। इन्हें पता था कि 10-15 मिनट बाद ब्लास्ट होगा और तब तक ये निकल जाएंगे।‘ इतना ही नहीं, कमरे के मेन गेट की जाली तोड़कर अमृता ने बाहर से हाथ डालकर अंदर का लॉक भी लगा दिया, ताकि किसी के कमरे के अंदर जाने का शक न हो। ये लगे कि कमरे में एसी ब्लास्ट होने की वजह से आग लगी, जिसमें रामकेश की मौत हो गई। पहले हादसा लगा, क्राइम सीन की पड़ताल में मर्डर का शक हुआपुलिस की शुरुआती जांच में अमृता की साजिश सफल भी रही, लेकिन आगे की जांच में सबूत मिटाने के तरीके ही पुलिस के लिए अहम सुराग बन गए। रामकेश मीणा की मर्डर मिस्ट्री को लेकर हमने नॉर्थ दिल्ली पुलिस के DCP राजा बांठिया से बात की। वे बताते हैं, ‘6 अक्टूबर की सुबह कॉल आई। बताया गया कि गांधी विहार में एक घर में ब्लास्ट हुआ है, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई है। शुरुआत में लगा कि महज हादसा है। हमने क्राइम सीन की इन्वेस्टिगेशन शुरू की। मृतक रामकेश के परिवार वालों से भी बात हुई। उन्होंने हत्या का शक जताया।‘ क्राइम सीन की पड़ताल में शक और गहराया। इसलिए हमने सीसीटीवी फुटेज की जांच कराई। उसमें कुछ संदिग्ध लोग दिखे। संदिग्धों के फोन लोकेशन की जांच हुई, तो घटनास्थल की ही निकली। ‘इसके 4-5 दिन बाद हमें यूपी के मुरादाबाद से संदिग्धों के सुराग मिले। हमने 3 लोगों को अरेस्ट किया, जिसमें राकेश की एक्स गर्लफ्रेंड अमृता चौहान, उसका साथी सुमित कश्यप और संदीप कुमार शामिल हैं। अमृता के पास से हमें रामकेश की हार्ड ड्राइव, कपड़े और एक ट्रॉली बैग भी मिला। तीनों मुरादाबाद के रहने वाले हैं। अमृता पहले सुमित की गर्लफ्रेंड रह चुकी है। सुमित एलपीजी गैस सिलेंडर की डिलीवरी करता है। इसलिए उसे पता था कि गैस सिलेंडर में कैसे ब्लास्ट करना है।‘ ‘पूछताछ में अमृता ने कबूला भी है कि रामकेश के पास उसके कुछ अश्लील वीडियो थे, जिसे वो डिलीट नहीं कर रहा था न ही उसे दे रहा था। इसलिए तीनों ने मिलकर उसकी हत्या की। घटनास्थल से पुलिस को ये 5 अहम सबूत मिले…आरोपी अमृता ने अपने पूर्व प्रेमी सुमित के साथ मिलकर मर्डर के सबूत मिटाने की कोशिश की, लेकिन उसकी यही कोशिश पुलिस को 5 बड़े सबूत दे गई। सबूत नंबर- 1आग में रामकेश की हड्डियां तक जलकर पिघल गईंकमरे में ब्लास्ट और आग लगने के बाद पुलिस को रामकेश की लाश मिली थी। वो इतनी बुरी तरह झुलसी थी कि डॉक्टरों ने देखा तो बताया कि मरने वाले की कई हड्डियां तक गल चुकी हैं। ये तभी संभव है, जब मरने वाले के काफी करीब ब्लास्ट हुआ हो। साथ ही ब्लास्ट के समय वो बेहोशी की हालत में हो क्योंकि धमाके के बाद सोता हुआ इंसान भी खुद को बचाने की कोशिश करता है। भागदौड़ करता है, लेकिन यहां ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसलिए पुलिस को अंदेशा हुआ कि कहीं ब्लास्ट से पहले ही तो रामकेश की मौत नहीं हो गई थी। सबूत नंबर- 2किचन नहीं कमरे में सिलेंडर का मिलना ब्लास्ट किचन में नहीं बल्कि कमरे में हुआ। गांधी विहार के जिस फ्लैट में रामकेश मीणा रहता था, वो 25 गज में बना है। इसका डिजाइन ऐसा है कि कमरे में पहले एक तरफ वॉशरूम, फिर उसके बाद किचन और कमरा है। ऐसे में किचन में सिलेंडर होता तो उसमें ब्लास्ट होना चाहिए था। यहां ऐसा नहीं हुआ। ब्लास्ट कमरे में रामकेश के बेड के पास हुआ। ये भी बड़ा सबूत था कि आखिर किचन से गैस सिलेंडर कमरे तक कैसे पहुंचा। सबूत नंबर- 3रामकेश का फोन और लैपटॉप कैसे गायब हुआ6 अक्टूबर की सुबह पुलिस की जांच में मौके से मृतक रामकेश का न फोन मिला और न ही लैपटॉप। ये बात उसके घरवालों को भी समझ आ गई क्योंकि अगर हादसा होता तो ये रूम पर ही मिलता। परिवार वालों ने पुलिस को जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने हत्या के एंगल से जांच शुरू की। सबूत नंबर- 4लोहे के गेट की टूटी जाली अंदर की तरफ मुड़ी मिली जिस कमरे में ब्लास्ट हुआ था, उसमें लगे लोहे के मेन गेट की कुंडी अंदर से बंद थी। इसे देखकर ऐसा लगा कि सिर्फ रामकेश ही कमरे के अंदर था। उसी ने गेट अंदर से बंद किया होगा, लेकिन जब उसे गौर से देखा गया तो गेट की जाली टूटी मिली। जाली बाहर से अंदर की तरफ मुड़ी हुई थी। इससे पता चला कि गेट अंदर से नहीं बल्कि बाहर से हाथ डालकर लॉक किया गया था। ये किसी बाहरी के कमरे के अंदर जाने और हत्या करने का बड़ा सबूत बना। सबूत नंबर- 5हादसे से पहले मास्क पहने CCTV में अंदर जाती दिखी अमृता5 अक्टूबर की देर रात करीब 2 बजकर 18 मिनट पर दो लोग टॉप फ्लोर पर जाते दिखे। ये सीसीटीवी कैमरा E-60 मकान के पास वाले मकान में लगा था। जिसे देखने पर पता चला कि एक लड़की और लड़का मास्क लगाकर मकान में दाखिल हुए। करीब 39 मिनट बाद 2:57 बजे दोनों तेजी से बाहर निकले। उसके कुछ देर बाद ही चौथी मंजिल पर ब्लास्ट हुआ था। सीसीटीवी देखकर पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछा तो अमृता पर शक गया। उसके मोबाइल फोन की आखिरी लोकेशन भी घटनास्थल के पास की थी और घटना के बाद से उसका फोन बंद था। इसी वजह से अमृता पर शक और गहरा गया। करीबी बोले- जैसे को तैसा अंजाम, 10 से ज्यादा लड़कियों को ब्लैकमेल कर रहा थाइसके बाद हम दिल्ली के गांधी विहार पहुंचे। यहां ई-ब्लॉक के मकान नंबर E-60 में टॉप फ्लोर पर 32 साल का रामकेश मीणा रहता था। यहां हमें कुछ युवक मिले। इनमें एक ने कुछ साल पहले रामकेश को किराए पर कमरा दिलाने में मदद की थी। हालांकि वो कैमरे पर आने को राजी नहीं हुए। उन्होंने ऑफ कैमरा बात करते हुए बताया, ‘रामकेश पिछले 4-5 साल से ज्यादा समय से गांधी विहार में रह रहा था। पहले वो सी-ब्लॉक के कई कमरों में भी रह चुका है। वो यहीं मदर डेयरी बूथ के पास चाय की दुकान पर दोस्तों के साथ चाय-सिगरेट पीने आता था।‘ वे आगे बताते हैं, ‘जिस 5-6 अक्टूबर की रात ये घटना घटी, तब ई-ब्लॉक वाले हाथी पार्क के आसपास के कई घरों में धमाके की आवाज सुनी गई। उस वक्त पहले AC में ब्लास्ट होने की जानकारी मिली। बाद में पता चला कि सिलेंडर फटने से धमाका हुआ और रामकेश की मौत हो गई, लेकिन हत्या जैसी कोई बात सामने नहीं आई थी। अब अमृता चौहान का नाम आया, तब मामला समझ में आया।‘ क्या आप अमृता को जानते हैं? जवाब मिला, ‘हां, अमृता को भी जानते हैं। वो कई महीने तक लिव-इन में रामकेश के साथ रही थी। वो कोई पहली लड़की नहीं है, जिसे रामकेश अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर रहा था। वो इससे पहले 10 से 12 लड़कियों के साथ रिलेशनशिप में रह चुका है। उनके भी अश्लील फोटो और प्राइवेट वीडियो उसके पास थे।‘ ‘अमृता जब रामकेश से अलग हुई थी, हमने तब भी ब्लैकमेलिंग की चर्चा सुनी थी। हालांकि तब बहुत गंभीरता से नहीं लिया था। अब पुलिस ने खुलासा किया तो पूरी बात समझ आई।‘ इसके बाद हम उस चाय की दुकान पर पहुंचे, जहां रामकेश दोस्तों के साथ अक्सर चाय पीने जाता था। रामकेश के बारे में पूछते ही चाय वाले से जवाब मिला, ‘जैसे को तैसा तो मिलेगा ही। उसने कई गलतियां की थीं। उसका तो यही अंजाम होना था।‘ फोन गायब, लैपटॉप में 15 से ज्यादा लड़कियों की फोटोज-वीडियोजइन दावों को लेकर हमने दिल्ली पुलिस में लॉ एंड ऑर्डर के स्पेशल सीपी रविन्द्र यादव से बात की। उन्होंने ऑफ द रिकॉर्ड बताया, 'रामकेश के लैपटॉप की शुरुआती जांच में 15 से ज्यादा लड़कियों के फोटोज और वीडियोज मिले हैं। हालांकि इनका ब्लैकमेलिंग केस से क्या कनेक्शन है, इसकी रिपोर्ट अभी फोरेंसिक जांच के बाद मिलेगी। इनसे ये साफ है कि मृतक रामकेश कई लड़कियों के कॉन्टैक्ट में था। हालांकि अभी किसी लड़की ने इस बारे में शिकायत भी नहीं की है।' तीनों आरोपियों के पास से रामकेश का सिर्फ लैपटॉप और हार्ड डिस्क ही मिली है, उसका फोन नहीं मिला। ऐसे में पुलिस को इस बात की आशंका है कि आरोपियों ने उसके फोन को नष्ट न कर दिया हो। हालांकि पुलिस की जांच टीम फोन रिकवर करने की कोशिश में लगी हुई है। ................... ये खबर भी पढ़ें... 50 करोड़ का बीमा, 3 साल इंतजार, फिर तीन मर्डर मेरठ के गंगा नगर में मुकेश सिंघल का परिवार हंसी-खुशी रह रहा था। घर में पत्नी के अलावा बेटा विशाल और बहू एकता थी। मुकेश और उनकी पत्नी-बहू की 2017 से लेकर 2024 के बीच बारी-बारी से मौत हो गई। अब इन मौतों के इतने साल बाद खुलासा हुआ है कि ये हादसे नहीं, मर्डर थे। इन्हें अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि विशाल सिंघल ही है। उसने 50 करोड़ की बीमा की रकम पाने के लिए इन कोल्ड ब्लडेड मर्डर की साजिश रची। पढ़िए पूरी खबर...
दक्षिण कोरिया का ओपीसीओएन हस्तांतरण को लेकर प्रयास शानदार: अमेरिकी रक्षा मंत्री
अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने दक्षिण कोरिया द्वारा अमेरिका से ऑपरेशनल कंट्रोल (ओपीसीओएन) वापस लेने के प्रयास का सकारात्मक मूल्यांकन किया और इसे एक शानदार प्रयास बताया
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच चल रही जंग को रुकवाने में ईरान यूं नहीं मेहनत कर रहा है. उसे इस मेहनत का अच्छा-खासा मेहनताना मिलेगा. मुस्लिम मुल्कों के बीच अपनी गिरती साख को फिर से बचाने के लिए ईरान इस जंग को हर हार में रोकना चाह रहा.
चीन में वृद्धावस्था व्यवसाय के विकास में प्रगति
चीन के चंद्र कैलेंडर के नौवें महीने का नौवां दिन दोहरा नौवां त्योहार है, जो वैधानिक 'वरिष्ठ नागरिक दिवस' भी है
DNA: पुतिन और जिनपिंग की राह पर ट्रंप? क्या अमेरिका में भी संविधान संशोधन की तैयारी है?
DNA in Hindi on Donald Trump: अमेरिका के बड़बोले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब पुतिन और जिनपिंग से होड़ करने के मूड में है. इसके लिए वे अमेरिका में संविधान में संशोधन करना चाहते हैं लेकिन ऐसा् करने के पीछे उनका मकसद क्या है.
अफ्रीकी संघ ने कैमरून के राष्ट्रपति बिया को पुनः निर्वाचित होने पर दी बधाई
अफ्रीकी संघ (एयू) आयोग के अध्यक्ष महमूद अली यूसुफ ने पॉल बिया को फिर से कैमरून के राष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई दी है
अगर US पर परमाणु हमला हो जाए तो क्या होगा? अमेरिका का वो ‘पाताल लोक’, जहां से चलेगी दुनिया की कमान
US Nuclear Plan News: दुनिया में तेजी से सुरक्षा हालात बिगड़ रहे हैं. चीन अपने परमाणु हथियार बढ़ा रहा है. ऐसे में अगर अमेरिका पर कभी परमाणु हमला हो जाए तो क्या होगा. उसके राष्ट्रपति और दूसरे नेता इस हमले से कैसे बचेंगे.
शी चिनफिंग अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलेंगे
चीनी विदेश मंत्रालय ने बताया कि चीन और अमेरिका के बीच बनी सहमति के अनुसार, राष्ट्रपति शी चिनफिंग 30 अक्टूबर को, दक्षिण कोरिया के बुसान शहर में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मुलाकात करेंगे
वांग यी ने कजाकिस्तान के विदेश मंत्री के साथ वार्ता की
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पेइचिंग में कजाकिस्तान के विदेश मंत्री एर्मेक कोशेरबायेव के साथ वार्ता की
X 59 NASA: अमेरिका ने किया कमाल, बनाया 'गूंगा' विमान, उड़ते वक्त नहीं करेगा आवाज
Nasa X-59 Jet:टेस्ट फ्लाइट को करीब 200 कर्मचारियों और उनके परिवारों ने देखा. X-59 नाम के इस जेट ने लगभग 370 किमी प्रति घंटे की सबसॉनिक स्पीड से टेस्ट फ्लाइट पूरी की और लगभग 12,000 फीट की ऊंचाई तक पहुँचा.
न्यूक्लियर मिसाइल के बाद अब पुतिन का एक और धमाका, 'पोसाइडन' टॉरपीडो का टेस्ट कर दुनिया को दहलाया
Russia News in Hindi: न्यूक्लियर एनर्जी से चलने वाली खतरनाक मिसाइल के बाद अब पुतिन ने एक और बड़ा धमाका किया है. रूस ने मिसाइल के बाद अब गहरे पानी में 'पोसाइडन' टॉरपीडो का टेस्ट कर दुनिया को दहला दिया है.
शेख हसीना ने चेताया, उनकी पार्टी के बिना हुआ चुनाव दरार बढ़ाएगा
शेख हसीना ने चेतावनी दी है कि उनकी पार्टी के बिना चुनाव करवाने से बांग्लादेश में राजनीतिक बंटवारा और गहरा हो जाएगा
Jamaica News in Hindi: जमैका में आज सदी का सबसे भीषण तूफान आया, जिसने देश में काफी तबाही मचाई है. इसके बावजूद हनीमून मनाने जमैका पहुंचे एक कपल ने इसे मौजमस्ती का मौका समझ लिया, जिसके बाद वे दुनिया में नेटीजन के निशाने पर आ गए.
Myanmar Allegations On India: म्यांमार ने भारत पर रोहिंग्या प्रवासियों के साथ बुरा बर्ताव करने का आरोप लगाया है. इसको लेकर पहलगाम हमले को कारण बताया है.
Sikh Truck Driver Appears In US Court Without Turban: कैलिफोर्निया में तीन लोगों की जान लेने के आरोपी पंजाबी ट्रक ड्राइवर जशनप्रीत सिंह को बिना पगड़ी के अदालत में पेश किया गया. जिसके बाद लोगों में आक्रोश फैल गया और उनके धर्म का सम्मान करने की अपील की गई है.
पहले समझौता, अब सस्पेंस! ट्रंप-जिनपिंग मुलाकात से पहले जापान पेट में क्यों हो रहा दर्द?
जापान ने अमेरिका के साथ रेयर अर्थ को लेकर समझौता तो कर लिया है लेकिन उसे डर है कि कहीं ट्रंप चीन के प्रति नर्म ना पड़ जाएं. ऐसे में दोनों की मुलाकात से पहले जापान के सामने बड़ी दुविधा खड़ी हो गई है.
Former Russian sex spy Aliia Roza:सोचो, आप ऑफिस से थके लौट रहे हो, रास्ते में एक खूबसूरत लड़की दिख जाए. कुछ दिन बाद कॉफी शॉप में एक हसीना मुस्कुरा रही हो. अगले दिन जिम में फिर वही लड़की आपसे टकरा जाए. अचानक सोशल मीडिया परआपके पोस्ट पर अचानक मिलने वाली लड़की के लाइक आने लगे. इससे पहले आपके दिल में खुशी के मारे गुब्बारे फटे, दिल धड़कने लगे? रुक जाओ. ये लड़की आपको प्यार नहीं बर्बाद करने आई है. यही है हनी ट्रैप. जी हां, इसी को लेकर पूर्व रूसी सेक्स जासूस अलीया रोजा ने खुलासा किया है.
चिकन या मटन नहीं! सबसे ज्यादा खाया जाता है इस जानवर का मांस, नाम सुनकर चौंक जाएंगे
Meat Consumption: अगर कोई आपसे पूछे की सबसे ज्यादा किस जानवर का मांस खाया जाता है तो शायद आप भी चिकन या मटन का ही नाम लेंगे, लेकिन ऐसा नहीं है दुनिया में सबसे ज्यादा जिस जानवर का मांस खाया जाता है उसका नाम सुनकर आप चौंक जाएंगे.
अमेरिका में शटडाउन से बुरे हाल, वेतन को तरसे 13 लाख सैनिक, सरकारी कर्मचारियों का निकला रोना
US Shutdown: अमेरिका में शटडाउन के कारण लगातार मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. सेना बिना वेतन के काम पर जुटी है. वहीं कई लोगों पर भोजन-पानी की समस्या भी खड़ी हो गई है.
Messages in a bottle written by two Australian soldiers:ऑस्ट्रेलिया के व्हार्टन बीच पर ब्राउन परिवार को 100 साल पुरानी बोतल मिली है. जिसमें एक लेटर मिला है. रेत से निकली बोतल ने पूरी दुनिया में हल्ला मचा दिया है. जानें अंदर की कहानी.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुधवार को दक्षिण कोरिया पहुंचे। दक्षिण कोरिया के दक्षिण-पूर्वी शहर ग्योंगजू में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) सम्मेलन का आयोजन हो रहा है
गाजा समझौते का हुआ उल्लंघन, इज़रायली पीएम नेतन्याहू ने गाजा पट्टी पर हमले के दिए आदेश
इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इज़राइली रक्षा बल (आईडीएफ) को तत्काल और शक्तिशाली हमले करने के आदेश दिए हैं
अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी जारी की और भविष्य में किसी भी सैन्य हमले का कड़ा जवाब देने की कसम खाई। तुर्की में वार्ता इस्लामाबाद के पीछे हटने के बाद विफल हो गई
Lawrence Bishnoi Gang:कनाडा में मशहूर पंजाबी सिंगर चन्नी नट्टन के घर पर गोलीबारी हुई. लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने सोशल मीडिया पर हमले की जिम्मेदारी ली है. गैंग के गोल्डी ढिल्लों ने वीडियो जारी कर कहा- सरदार खेड़ा से दोस्ती के कारण हमला हुआ है. साथ ही कहा है कि चन्नी से कोई दुश्मनी नहीं, लेकिन खेड़ा से जुड़ने वालों को सबक जरूर है.
बांग्लादेश : जमात का तर्क- आगामी चुनाव कार्यवाहक सरकार के अधीन नहीं हो सकते
बांग्लादेश में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले राजनीतिक गतिरोध गहराता नजर आ रहा है
North Korea touts missile tests:उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि उन्हें किसी का डर नहीं है. तभी तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दक्षिण कोरिया की यात्रा से ठीक पहले उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन ने क्रूज मिसाइलों का परीक्षण करके अपने इरादे पूरी दुनिया को खासकर अमेरिका को बता दिया है कि वह किसी से नहीं डरते. अब जानें क्या है नया मामला.
ड्रग्स तस्करों के खिलाफ अमेरिकी सेना की कार्रवाई, मारे गए 14 लोग
युद्ध सचिव पीट हेगसेथ ने एक्स पर घोषणा की कि अमेरिकी सेना ने पूर्वी प्रशांत महासागर में कथित तौर पर नशीले पदार्थों की तस्करी करने वाले चार जहाजों पर तीन हमले किए, जिसमें 14 लोग मारे गए और एक व्यक्ति जिंदा बच गया
पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष खत्म कराने के लिए ईरान मध्यस्थता को तैयार : पेजेशकियन
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए मदद की पेशकश की है
7 नए-खूबसूरत विमान गिरा दिए... ट्रंप ने फिर उठाया भारत-पाक मुद्दा, अपनी तारीफ में पढ़े कसीदे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फिर भारत-पाकिस्तान का जिक्र किया और फिर से अपने तारीफ में कसीदे पढ़े. उन्होंने कहा कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष में 7 नए और खूबसूरत विमान गिरा दिए गए.
David Desclos: लूव्र म्यूजियम में डकैती हैरान करने वाली है, लेकिन एक पुराने चोर ने कई साल पहले ही संग्रहालय के अधिकारियों सिक्योरिटी में कमी को लेकर वॉर्न किया था.
इजरायल : रिपोर्ट में खुलासा, 2024 से अब तक 279 आईडीएफ सैनिकों ने की खुदकुशी की कोशिश
इजरायल के नेसेट रिसर्च एंड इंफॉर्मेशन सेंटर की एक नई रिपोर्ट सैनिकों के टूटते हौसलों की कहानी कहती है
हाल ही में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के आने वाले मिशनों का रोडमैप सुर्खियों में है। लेकिन ये मिशन कौन-कौन से हैं और इनके लिए कैसी तैयारियां चल रही हैं, यह जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर वीडियो देखें।
'सहदेव से मेरी शादी के लिए मां कभी राजी नहीं थीं। हमारा रिश्ता मजबूरी में हुआ। हमारी जमीन पर जमींदारों (मियांओं) का कब्जा था। नक्सलियों की टोली आई और पिता से कहा- जमीन छुड़वा देंगे, बदले में बेटी देनी पड़ेगी। हम बहुत गरीब हैं इसलिए पिता मान गए। 5-6 साल टोली के साथ एक गांव से दूसरे गांव घूमी। फिर मजबूरन शादी करनी पड़ी।' झारखंड के पूर्व CM बाबूलाल मरांडी के बेटे और भाई के हत्यारे नक्सली सहदेव की पत्नी का ये कबूलनामा अब सामने आया है। पार्वती कहती है कि सहदेव से उसका रिश्ता कई साल पहले ही टूट चुका था। वो खुद भी अपने काम से खुश नहीं था। सहदेव बच्चों से कहता था कि भूलकर नक्सली मत बनना। 15 सितंबर को कोबरा बटालियन और झारखंड पुलिस की टीम ने पाती पिरी के जंगलों में मुठभेड़ के दौरान नक्सली सहदेव सोरेन को मार गिराया था। उस पर 1 करोड़ का इनाम था। सहदेव के साथ ही 25 लाख का इनामी नक्सली रघुनाथ हेम्ब्रम और 10 लाख का इनामी बीरसेन भी मारा गया। झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन क्लीन के तहत ये बड़ी कामयाबी रही। सहदेव के एनकाउंटर पर अमित शाह ने भी ट्वीट किया था। इसके तहत सहदेव ही नहीं, इस साल जनवरी से सितंबर के बीच 32 नक्सली मारे गए जबकि 266 गिरफ्तार किए गए। दैनिक भास्कर की टीम हजारीबाग में नक्सली सहदेव के घर पहुंची और उसके परिवार से बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… नक्सलियों की टोली बोली- जमीन छुड़वा देंगे, बेटी दे दोसहदेव के परिवार से मिलने के लिए हम झारखंड के हजारीबाग पहुंचे। यहां विष्णुपुर थाना क्षेत्र के भंडेरी गांव में सहदेव का परिवार रहता है। यहां हमारी मुलाकात उसकी पत्नी पार्वती से हुई। वो बोकारो के इटुआ बड़ा गांव की रहने वाली है। पार्वती बताती हैं, ‘गांव में नक्सलियों की टोली आती थी। ये लोग गांव के लोगों से ही खाना बनवाकर खाते और गाना बजाना करते थे।‘ ‘ये टोली मेरे गांव भी आती थी। इसी में सहदेव भी शामिल था। हमारी जमीन वहां के जमींदारों ने हथिया ली थी। जंगल भी वहां के मियां लोग खत्म कर रहे थे। इतना ही नहीं गांव की औरतें घर से बाहर निकलतीं तो मुस्लिम लोग उनके साथ गलत काम करते।‘ ‘एक बार टोली के लोगों ने पिता से कहा- हम तुम्हारी जमीन छुड़वा देंगे लेकिन इसके बदले अपनी बेटी को हमारे साथ भेजना होगा। उन्होंने हमारी जमीन छुड़वा भी दी और फिर मुझे साथ ले जाने के लिए परिवार पर दबाव बनाने लगे।' मां टोली के साथ नहीं भेजना चाहती थीं, पिता ने सौंपापार्वती आगे कहती हैं, 'मेरी मां इसके लिए तैयार नहीं थी। वो नहीं चाहती थी कि मैं टोली के साथ जाऊं लेकिन पिता जी राजी हो गए। उन्होंने मुझसे कहा कि कुछ दिनों के लिए चली जाओ और टोली के साथ रह लो, फिर लौट आना। हम वहां 5-6 साल रहे और टोली के साथ गाने का काम किया। संगठन में बोलने (स्पीच) का काम बड़ी-बड़ी महिलाएं करती थीं।' 'बहुत बड़ी टोली थी। हम एक गांव से दूसरे गांव जाते और नाच-गाना करते। हमें पूरी-पूरी रात घूमना पड़ता था। मेरा काम नाच गाना करने का था। मुझे अच्छा लगता क्योंकि हमने बहुत गरीबी देखी थी। खाने तक के लिए मोहताज थे।' हालांकि फिर मैं अपने गांव लौट आई और 2-3 महीने घर पर ही रही। लेकिन टोली के लोगों ने पीछा नहीं छोड़ा। वो मम्मी-पापा पर मेरी शादी करने का दबाव बनाने लगे। 'कहते कि इतने दिन हमारे साथ रही, खाना-पीना कराया। अब इसे हमेशा के लिए हमें सौंप दो। वो मेरे मां-बाप से मुझे खिलाने और साथ रखने का हिसाब मांगने लगे।' 'टोली वाले कहते कि अब तुम्हें बेटी की शादी हमारी टोली के लड़के से करनी पड़ेगी। पापा ने मजबूरी में सहदेव से करा दी। मां इसके लिए राजी नहीं थी। वो आखिरी वक्त तक मना करती रहीं। उन्होंने तो मुझसे ये तक कहा था कि विदा होकर जब टोली से साथ जाना तो कुछ ऐसा कर देना ताकि मुझे भगा दिया जाए।' बच्चे के लिए टोली और संगठन छोड़ापार्वती शादी के बाद सहदेव के साथ टोली में एक गांव से दूसरे गांव घूमाने लगी। हालांकि बच्चा होने के बाद उसके लिए ये करना मुश्किल हो गया। वे बताती हैं, 'मां ने कहा कि अब एक जगह रहो। पहले कुछ दिनों तक मैं अपनी मां के साथ रही। फिर सहदेव के गांव भंडेरी रहने चली आई। जबकि सहदेव टोली के साथ ही रहता रहा।' 'हालांकि संगठन के लोग कहते थे कि टोली मत छोड़ो लेकिन इस बात पर मैंने उन्हें फटकार लगा देती थी। क्योंकि बच्चे से बढ़कर मेरे लिए कुछ नहीं था।' क्या कभी सहदेव ने नहीं कहा कि संगठन में ही रहो? जवाब में पार्वती कहती हैं, 'नहीं उसने कभी नहीं कहा। वो अपना आता-जाता रहा। उसके और मेरे रास्ते शुरू से अलग-अलग ही रहे।' शराब बेचकर बच्चे पाले, सहदेव ने कभी एक कौड़ी नहीं दीफिर क्या आपने बच्चों की परवरिश अकेले ही की। जवाब में पार्वती बताती हैं, 'सहदेव ने कभी पिता होने की जिम्मेदारी नहीं निभाई। बच्चे को पालने के लिए मेरे पास आमदनी का कोई जरिया नहीं था। समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं। फिर मैंने शराब बनाकर बेचनी शुरू की। ईंटा ढोने का भी काम किया। बच्चों के लिए सारे फैसले मैंने अकेले ही लिए। न सहदेव ने कभी रुपए-पैसे से मदद की और न ही कभी कोई जिम्मेदारी संभाली।' वे आगे कहती हैं, 'मेरे दो बच्चे हैं और दोनों को मैं अकेले ही पाल रही हूं। वो कभी-कभी इनसे मिलने के लिए ही आता था। हमें न उसके जिंदा रहते कुछ मिला और न ही उसके मरने के बाद। ऊपर से मौत के बाद उसका आखिरी क्रिया-कर्म भी हमें ही करना पड़ा।' 'पूरे गांव को खिलाना पड़ा। इसके लिए छगली (बकरी) और भात का इंतजाम भी किया। हालांकि गांव के लोगों में से कोई मुर्गा तो कोई भात लेकर आया। सभी लोगों ने मदद की।' सहदेव बच्चों से कहता- मैं गलत रास्ते पर गया, तुम पढ़ो-लिखोक्या सहदेव ने कभी बच्चों को संगठन में शामिल होने के लिए कहा था? पार्वती कहती हैं, 'नहीं, बिल्कुल नहीं। उलटा वो कहता था कि मैं गलत रास्ते पर चल पड़ा हूं और फंस गया हूं। तुम लोग पढ़ लिखकर कुछ बनो। अपना ध्यान रखो। ये रास्ता तुम्हारे लिए नहीं है।' 'वैसे भी उसका और मेरा रिश्ता बहुत पहले ही टूट चुका था। बच्चे होने के बाद तो मैंने उसे बच्चों से हमेशा दूर ही रखा। मैंने कह दिया था कि तुम्हारा और मेरा रास्ता अलग है।' क्या कभी आपने या बच्चों ने सहदेव को सरेंडर करने के लिए कहा? इसके जवाब में पार्वती कहती हैं, 'बच्चे और मैं हम सब उससे बहुत डरते थे।' 'एक बार बहुत हिम्मत करके उससे सरेंडर करने के लिए कहा था लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया। जो उसके मन में आता था, वो वही करता था। हम सब इसलिए भी डरते थे क्योंकि उन लोगों (नक्सलियों) का बहुत बड़ा संगठन है। हम उनसे किसी तरह की दुश्मनी मोल नहीं ले सकते। मुझे और बच्चों को जान का खतरा हो सकता था।' 15 की उम्र में नक्सली बना, चाचा बोले- गांव में टोली आई और साथ ले गईसहदेव के चाचा सीताराम सोरेन बताते हैं, 'हमारे गांव नक्सलियों की टोली आई थी। तब सहदेव महज 15-16 साल का ही रहा होगा। तभी टोली के लोग उसे अपने साथ लेकर चले गए। वो भी शौक से चला गया।' 'पुलिस कहती थी कि उससे सरेंडर करवा दो लेकिन अब वो बड़ा हो गया था कोई छोटा बच्चा थोड़ी था। उससे हम भला क्या कह सकते थे। हमें भी पता था कि वो गलत रास्ते पर चला गया है लेकिन वहां से वापस तो नहीं ला सकते थे। वो किसी की बात ही कहां सुनता था।' अब जान लीजिए नक्सली सहदेव की क्राइम फाइल…पूर्व CM बाबूलाल मरांडी के बेटे और भाई की सरेआम हत्या कीसहदेव नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। वो 25 से 30 लोगों की टोली साथ लेकर चलता था। एक करोड़ का इनामी था और 40 साल की उम्र मौत से पहले उस पर 30 मुकदमे दर्ज थे। 1990-91 में वो नक्सली संगठन से जुड़ा। उस पर झारखंड के पूर्व CM बाबूलाल मरांडी के बेटे हेमंत मरांडी और भाई मुनुलाल मरांडी की हत्या का आरोप था। 2007 में गिरिडीह जिले के चिलखारी गांव में दोनों एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। तभी इन पर नक्सलियों ने हमला कर दिया। इसमें कुल 20 लोगों की जान गई थी। हमले के पीछे मास्टरमाइंड के तौर पर सहदेव का नाम सामने आया था। इसके बाद 2004-05 में गिरिडीह के इंपख गांव के पास नक्सलियों ने एक होमगार्ड कैंप पर हमला किया था और 183 राइफलें लूट ली थीं। हमले का मास्टरमाइंड भी सहदेव था। इसके बाद 2011 में नक्सलियों ने लखीसराय में पुलिस टीम पर हमला किया था। इसमें 10 पुलिसकर्मी मारे गए थे और 35 हथियार लूट लिए गए थे। इस हमले का लीडर भी सहदेव ही था। नवंबर 2012 में गिरडीह जेल ब्रेक केस हुआ। 32 नक्सली कैदी वाहन से पुलिस की कस्टडी में जा रहे थे। सहदेव के इशारे पर नक्सलियों ने इन्हें छुड़ाने के लिए हमला किया, जिसमें 3 पुलिसकर्मी मारे गए। 29 नक्सली भागने में सफल हुए थे। हमले के बाद पुलिस ने स्पॉट से 1 बोरा बम बरामद किया था। नक्सलियों के खिलाफ 'ऑपरेशन क्लीन'झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों का 'ऑपरेशन क्लीन' जारी है। जनवरी से सितंबर 2025 के बीच 32 खूंखार नक्सली मारे गए हैं, जबकि 266 को गिरफ्तार किया गया। 30 नक्सलियों ने सरेंडर भी किया है। झारखंड पुलिस के आईजी (ऑपरेशन) माइकल राज एस के मुताबिक, बीते 9 महीनों में एनकाउंटर में मारे गए नक्सलियों में विवेक उर्फ प्रयाग मंजही और अनुज उर्फ सहदेव सोरेन जैसे दो कुख्यात नक्सलियों के नाम शामिल हैं। ये दोनों सीपीआई (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी के मेंबर थे। दोनों के सिर पर 1-1 करोड़ रुपए का इनाम था। इनकी मौत को पुलिस ने नक्सलवाद के लिए बड़ा झटका बताया। उन्होंने बताया कि 2 रीजनल कमेटी मेंबर, 1 जोनल कमांडर, 2 सब-जोनल कमांडर और 9 एरिया कमांडर भी गिरफ्तार किए गए हैं। वहीं सरेंडर करने वाले नक्सलियों में सीपीआई के जोनल कमांडर रविंद्र यादव, सब-जोनल कमांडर आनंद सिंह और झारखंड जन मुक्ति परिषद के सब-जोनल कमांडर लवलेश गंझू उर्फ लोकेश गंझू जैसे नाम शामिल हैं।...................... ये खबर भी पढ़ें... आदिवासी लीडर की हत्या या एनकाउंटर, CM सोरेन पर सवाल ’एनकाउंटर की झूठी कहानी रची गई। उन्हें तो थाने में ही थर्ड डिग्री टॉर्चर देकर मार दिया गया था। पूरे शरीर पर जलने के निशान थे। उनकी डेडबॉडी की तस्वीर में वो निशान साफ दिखते हैं। कमलडोरी पहाड़ी पर तो बस उनकी लाश रखी गई थी।' झारखंड के गोड्डा जिले के आदिवासी नेता सूर्यनारायण हांसदा की मौत के लिए पत्नी सुशीला सीधे सरकार पर आरोप लगाती हैं। पढ़िए पूरी खबर...
ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में जबरदस्त पुलिस ऑपरेशन, जानिए इस कार्रवाई में क्यों मारे गए 64 लोग?
Brazil News: ब्राजील से खबर आई है कि यहां के फेमस सिटी रियो डी जेनेरियो में पुलिस ने जबरदस्त ऑपरेशन चलाया, जिसमें 60 लोगों की मौत की खबर आ रही है.
इजराइल ने तोड़ा सीजफायर, गाजा में किया एयर स्ट्राइक, 9 लोगों की मौत
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डेंगू का डंक झेल रहा बांग्लादेश, नहीं थम रहा मौत का सिलसिला, 2025 में कितनी जानें गईं?
भारत का पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में वैसे ही राजनीतिक उलथ पुथल का सामना कर रहा है, साथ ही ये देश डेंगू के संकट को भी काफी ज्यादा झेल रहा है. ये बीमारी मौत का कारण बन रही है.
DNA: 'तेरी शर्त Vs मेरी शर्त', ट्रंप-जिनपिंग के बीच बात कहां अटकी है? ये है अंदर की कहानी
US-China Tension:NEWYORK TIMES का दावा है कि मुलाकात के दौरान ट्रंप के साथ जिनपिंग ताइवान पर बातचीत करना चाहते हैं. अखबार ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ताइवान को अमेरिकी समर्थन जिनपिंग को कबूल नहीं है. इसी वजह से चीन का पक्ष मुलाकात में ताइवान का मुद्दा शामिल करना चाहता है. चीन चाहता है कि ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका अपना रुख द्विपक्षीय मुलाकात में साफ करे.
DNA: ट्रंप ने पुतिन को दे दिया सबसे बड़ा झटका, इस डील से खींच लिए हाथ, दुनिया में मचा हड़कंप
Russia-US Relations:इस संधि के तहत दोनों ही देशों ने सैकड़ों एटमी हथियार निष्क्रिय किए थे. इन हथियारों में कुल मिलाकर 34 टन प्लूटोनियम का इस्तेमाल किया गया था. समझौते के तहत इस प्लूटोनियम का इस्तेमाल ऊर्जा बनाने वाले परमाणु संयंत्रों में किया जाना था.
जनरल मुनीर की पाकिस्तान से 'गद्दारी' का पर्दाफाश, हमास के खिलाफ इजराइल का देंगे साथ!
International peacekeeping forces: पाकिस्तान ने कभी इजराइल को मान्यता नहीं दी है, इतना ही नहीं पाकिस्तानी पासपोर्ट पर अब भी साफ लिखा है कि यह पासपोर्ट इजराइल के लिए मान्य नहीं है. अगर अब ऐसे माहौल में पाकिस्तानी सैनिक गाजा में इजराइल समर्थकों के साथ दिखे तो जनरल मुनीर की मुस्लिम योद्धा वाली छवि को गहरा झटका लग सकता है.
DNA on Bangladesh conspiracy against India: ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों बुरी तरह पिटा पाकिस्तान अब बांग्लादेश के साथ मिलकर बड़ी साजिश रचने में लगा है. उसकी नजर भारत के पूर्वोत्तर पर है, जिसके लिए आईएसआई ने प्रोजेक्ट ‘बांग्लादेश’ लॉन्च कर दिया है.
बांग्लादेश में डेंगू का कहर जारी, 2025 में मृतकों की संख्या 270 पार
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मंगलवार सुबह तक पिछले 24 घंटों में बांग्लादेश में डेंगू से चार और लोगों की मौत हो गई है
तुर्की और कतर ने मानी हार, पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच क्या ये मुस्लिम देश बंद कराएगा तकरार!
Iran President Masoud Pezeshkian: ईरानी राष्ट्रपति की तरफ से ये बयान उस समय आया है जब इस्तांबुल में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रतिनिधिमंडलों के बीच शांति वार्ता के नए दौर भी किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं.
दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्री ने दावा किया कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका ने इस हफ्ते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन के बीच होने वाली संभावित मुलाकात से जुड़े एजेंडे पर कोई बात नहीं की है
FIFA World Cup 2034 Saudi Arabia: वायरल तस्वीरों में ये स्टेडियम किसी साइंस आधारित फिल्म के सीन जैसा दिखता है. जो रेगिस्तान के बीच 1150 फीट यानी कि करीब 350 मीटर की ऊंचाई पर ये स्टेडियम हवा में टंगा हुआ दिख रहा है. इसके चलते ये यूजर्स को बिल्कुल अविश्वसनीय सा लग रहा है.
Israel Army Suicide News: फिलीस्तीन के आतंकी संगठन हमास के खिलाफ पिछले दो साल से जारी जंग में इजरायल ने काफी हद तक जीत तो हासिल कर ली है. लेकिन इसके लिए उसे काफी कुछ गंवाना भी पड़ा है. लगातार युद्ध से उसके सैनिकों में आत्महत्या की दर तेजी से बढ़ी है.
जर्मनी के लिए उड़ा जहाज, 'मुंह में पिस्तौल डालकर दबाया ट्रिगर'; अमेरिका में भारतीय छात्र गिरफ्तार
Indian student in America: एयरपोर्ट पर पुलिस ने उसिरिपल्ली को हिरासत में ले लिया. पूछताछ के बाद आरोपी युवक के पास कोई ठोस दस्तावेज नहीं थे, वो सिर्फ स्टूडेंट वीजा पर अमेरिका आया हुआ है.

