Yosef-Chaim Ohana Emotion Video: यूसुफ-चैम ओहाना, जो 738 दिनों तक हमास की कैद में रहे, जब वह अपने पिता से मिले तो जिस तरह भावुक होकर बाप-बेटा रो रहे हैं, वीडियो देखकर कलेजा फट जाएगा.
बच्चों की मौत पर सख्त हुआ WHO, कोल्डरिफ समेत 3 सिरप को लेकर दी वॉर्निंग, बताया मौत का खतरा
Cough Syrup: जहरीली कफ सिरप का मुद्दा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. अब WHO ने भारत समेत सभी देशों को अलर्ट कर दिया है और कहा है कि इन तीन सिरप का इस्तेमाल जानलेवा हो सकता है.
Donald Trump Speech: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजिप्ट में गाजा शिखर सम्मेलन के दौरान इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की तारीफ करते हुए उन्हें खूबसूरत बताया.
मियां शहबाज शरीफ ने ऐसा गुदगुदाया, मुस्कुराकर डोनाल्ड ट्रंप बोले- काम खत्म, चलो घर चलें
Shehbaz Sharif Donald Trump News: ट्रंप को इस बार नोबेल नहीं मिल पाया लेकिन शहबाज शरीफ अब भी उनके लिए बैटिंग कर रहे हैं. शर्म अल शेख में ट्रंप की तारीफ करते हुए उन्होंने फिर से नोबेल वाली बात दोहराई. ट्रंप उनकी तरफ देखते हुए खुश हुए जा रहे थे. जैसे मियां शरीफ चुप हुए, ट्रंप हंसते हुए बोले- चलो घर चलें.
संघर्ष, दर्द, सब्र और बलिदान... कौन हैं वो 20 बंधक जिन्हें हमास ने छोड़ा, कैसे बने थे बंदी?
Israel Hamas: इजरायल और हमास के बीच जंगबंदी हो चुकी है. सोमवार को दोनों देशों ने एक दूसरे के कैदियों/बंधकों को रिहा किया गया है. हालांकि इन सभी के पीछे एक कहानी छिपी हुई है. चलिए जानते हैं.
गाजा शांति समझौता तो हो गया, लेकिन अब आगे क्या है फिलिस्तीन का भविष्य?
Gaza Peace Deal: इजरायल और हमास के बीच भले ही मिस्र के शर्म अल-शेख में शांति समझौता हो गया हो, लेकिन फिलिस्तीन के भविष्य को लेकर अभी भी तस्वीरें साथ नहीं हैं.
Donald Trump lauds friend PM Modi in Gaza peace summit:मिस्र के शर्म एल-शेख में गाजा शांति समिट में ट्रंप ने पीएम मोदी को 'अच्छा दोस्त' बताकर भारत की जमकर तारीफ की है. इस मौके पर पाक पीएम शहबाज शरीफ हाथ बांधे सुनते रहे. ट्रंप ने जिस अंदाज में अपनी बात कही है और शहबाज शरीफ का जो रिएक्शन रहा है, उसे देखकर आप हैरान हो जाएंगे. देखें वीडियो.
इस वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में चीन का माल व्यापार 336.1 खरब युआन पहुंचा
चीनी राज्य परिषद सूचना कार्यालय ने 2025 की पहली तीन तिमाहियों में आयात और निर्यात की स्थिति से परिचित कराने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की
Afghnaistan-Pakistan Conflict: तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने पाकिस्तान के साथ सीमा पर हुए संघर्ष को लेकर कहा कि अफगानिस्तान के 5 अन्य पड़ोसी भी हैं और सभी उनके साथ खुश हैं.
भारत के पड़ोसी देश ने किया एक साथ 3 बीमारियों पर 'ट्रिपल अटैक', दुनिया का पहला ऐसा मुल्क बना
मालदीव ने हेल्थ सेक्टर में एक अहम कामयाबी हासिल करते हुए मानव जीवन बचाने की दिशा में एक नया माइलस्टोन हासिल किया है.
737 दिन बाद इजराइल और हमास की जंग थमने की उम्मीद है। सोमवार यानी 13 अक्टूबर को हमास ने 20 बंधक इजराइल को सौंप दिए। बदले में इजराइल ने भी 250 फिलिस्तीनी कैदी छोड़े। गाजा सीजफायर प्लान पर खुद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मिस्र जाकर दस्तखत किए। लेकिन ये शांति कितनी तबाही के बाद आ रही है, जानिए इस विजुअल स्टोरी में… गाजा... 41 किमी लंबी और 10 किमी चौड़ी एक जमीनी पट्टी है। कुल क्षेत्रफल दिल्ली का एक चौथाई भी नहीं। यहां 20 लाख से ज्यादा आबादी रहती है। दो तरफ से इसकी जमीनी सीमाएं इजराइल और एक तरफ मिस्र से लगती हैं। एक तरफ भूमध्य सागर है। यहां 2007 से ही हमास का शासन था, जो इजराइल को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है। 7 अक्टूबर 2023: हमास का सरप्राइज अटैक 27 अक्टूबर 2023: इजराइली सेना गाजा में घुसी नवंबर-दिसंबर 2023: बंधकों की अदला-बदली 16 अक्टूबर 2024: हमास चीफ याह्या सिनवार की मौत हालांकि 21 जनवरी 2025 को ट्रम्प ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली। जंग रुकने की बजाय दोनों तरफ से हमले बढ़ गए और बंधकों की रिहाई रुक गई। 29 सितंबर 2025: नेतन्याहू ने ट्रम्प का सीजफायर प्रस्ताव माना अब बात 2 साल चली जंग से मची तबाही की… अब आखिर में जानिए- इस जंग से सबसे ज्यादा फायदा किसे हुआ लॉकहीड मार्टिन: अमेरिकी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन यानी SEC की रिपोर्ट के मुताबिक, जंग शुरू होने के बाद से लॉकहीड मार्टिन मिडिल ईस्ट में $5.5 बिलियन यानी 48 हजार करोड़ रुपए के हथियार बेच चुकी है। 2024 में इसका रेवेन्यू 5% से ज्यादा बढ़कर $71 बिलियन यानी 6.29 लाख करोड़ रुपए हो गया था। दुनिया की सबसे बड़ी हथियार कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने इजराइल को F-16, F-35 जैसे फाइटर जेट और AGM-114 हेलफायर मिसाइल दी है। डेटा के मुताबिक इन्हीं हथियारों के क्षेत्र में कंपनी की कमाई बढ़ी है। बोइंग: बोइंग को 2024 में दुनिया भर से $64 बिलियन के हथियारों का ऑर्डर मिला था, जो 2023 की तुलना में $5 बिलियन ज्यादा है। इनमें से कई हथियार इजराइल और मिडिल ईस्ट की जंग के लिए दिए गए हैं। इजराइल रक्षा मंत्रालय के मुताबिक वो जल्द ही बोइंग से $500 मिलियन यानी 4.4 हजार करोड़ रुपए के रिफ्यूलिंग प्लेन खरीदने वाली है। बोइंग इजराइल को F-15 फाइटर जेट, खण-46 रिफ्यूलिंग प्लेन, AH-64 अपाचे हेलिकॉप्टर बेचता है। एयर स्ट्राइक में काम आने वाले GBU-39 बम भी बोइंग ही बनाता है। RTX कॉर्पोरेशन: इजराइल-हमास जंग शुरू होने के बाद से RTX मिडिल ईस्ट और नॉर्थ अमेरिकी देशों में $6 बिलियन यानी 53 हजार करोड़ रुपए के हथियार बेच चुका है। SEC के मुताबिक 2024 में इसके बिक्री 17% बढ़ी है। यह कंपनी इजराइल को क्लस्टर बम और बंकर बस्टर बम जैसे घातक हथियार बेचती है। F-16 फाइटर जेट से चलाई जाने वाली एयर-टू-सरफेस मिसाइल भी RTX इजराइल को देती है। इसकी सहयोगी कंपनियों से इजराइल को आयरन डोम सिस्टम के लिए इंटरसेप्टर, F-15 और F-16 के इंजन मिलते हैं। जनरल डायनामिक्स: 2024 में जनरल डायनामिक्स मिडिल ईस्ट और अफ्रीका में $1.68 बिलियन यानी 14.90 हजार करोड़ रुपए के हथियार बेच चुका है, जो 2023 से करीब 46% ज्यादा है। इसका रेवेन्यू भी 13% तक बढ़ा है। यह कंपनी इजराइल को कारतूस बेचती है, जो हमास पर बमबारी करने के काम आते हैं। घातक MK-80 बमों की मेटल बॉडी भी यही कंपनी तैयार करती है। -------- इजराइल-हमास से जुड़ी यह खबर भी पढ़िए... आज का एक्सप्लेनर:क्या हमास की सबसे बड़ी गलती थी 7 अक्टूबर का अटैक; इजराइल ने सुरंगों से खोज-खोजकर मारे लीडर्स, 80% गाजा खंडहर 7 अक्टूबर 2023 की सुबह हमास के हजारों लड़ाके इजराइल में घुस गए। उन्होंने करीब 1200 लोगों का बेरहमी से कत्ल किया, महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया और 251 लोगों को पकड़कर गाजा ले गए। पूरी खबर पढ़िए...
भारतीय महिला क्रिकेटर स्मृति मंधाना ने 112 इनिंग्स में सबसे तेज 5 हजार रन बनाकर विराट कोहली का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. लेकिन ये राइट हैंडेड होने के बावजूद लेफ्ट हैंड से बैटिंग क्यों करती हैं. आखिर इनके कौन से 15 से ज्यादा रिकॉर्ड है. पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो..
‘जब ईरान, सीरिया, सऊदी अरब या देवबंद जैसे इस्लामी देश और विचारधाराएं अपनी लड़कियों को पढ़ा रहे हैं, तो अफगानिस्तान की लड़कियों और महिलाओं को स्कूल-कॉलेज जाने से क्यों रोका जा रहा है?’ ये सवाल स्मिता शर्मा का है। स्मिता फ्रीलांस जर्नलिस्ट हैं। इंटरनेशनल बीट कवर करती हैं। उनका सवाल अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी से था। अफगान मंत्री भारत दौरे पर हैं। 10 अक्टूबर को उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें महिला पत्रकारों को नहीं बुलाया गया। विवाद हुआ तो दो दिन बाद फिर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई। इसमें महिला पत्रकार भी शामिल हुईं। दैनिक भास्कर ने महिला पत्रकार स्मिता शर्मा, सुहासिनी हैदर और कादंबिनी शर्मा से बात की। तीनों अमीर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद थीं और उनसे तीखे सवाल पूछे। वे कहती हैं कि महिला होने की वजह से ऐसा भेदभाव हमारे साथ कभी नहीं हुआ। एक अफसोस इस बात का है कि तालिबान के मंत्री ने ऐसा किया, दूसरा अफसोस है कि भारत सरकार ने ऐसा होने दिया। सरकार ने अब तक आपत्ति तक दर्ज नहीं कराई है। तालिबान के मंत्री की दो दिन में दो प्रेस कॉन्फ्रेंससुहासिनी हैदर अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ में हैं। विदेश मंत्रालय और विदेशों से जुड़े मामले कवर करती हैं। विदेश से मंत्री या बड़े लीडर भारत आते हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं, तो सुहासिनी को अक्सर बुलाया जाता है। 10 अक्टूबर को ऐसा नहीं हुआ। सुहासिनी को पहले तो अजीब नहीं लगा, लेकिन फिर पता चला कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक भी महिला रिपोर्टर नहीं थीं। अफगानिस्तान के दूतावास ने 18 रिपोर्टर, 7 वीडियो जर्नलिस्ट बुलाए और सभी पुरुष थे। ये फोटो सामने आया तो आलोचना शुरू हो गई। कहा गया कि ये तालिबान की महिला विरोधी सोच है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वॉड्रा, राहुल गांधी और TMC लीडर महुआ मोइत्रा ने भी सवाल उठाए। बात बढ़ी तो एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और इंडियन वूमेन प्रेस कॉर्प्स ने इसे भेदभाव बताया और कहा कि इस तरह की घटना आगे न हो। इसके बाद अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को भी बुलाया गया। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस करीब एक घंटे चली। पुरुष पत्रकारों ने तय किया कि आगे की दो कतारों में नहीं बैठेंगे, ताकि महिला पत्रकार वहां बैठें और अफगान मंत्री से सवाल पूछें। हालांकि, प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में ही विदेश मंत्री मुत्तकी ने सफाई दी कि महिला पत्रकारों को जानबूझकर नजरअंदाज नहीं किया गया, प्रेस कॉन्फ्रेंस कम वक्त में बुलाई गई थी, इसलिए पत्रकारों की छोटी लिस्ट भेजी गई थी। अब प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल पत्रकारों की बात पढ़िए… सुहासिनी हैदर, द हिंदू‘पत्रकारों ने दिखाया- यहां तालिबानी सोच नहीं चलेगी’‘द हिंदू’ की डिप्लोमैटिक अफेयर्स एडिटर सुहासिनी हैदर बताती हैं, ‘मैं 30 साल से दिल्ली में पत्रकारिता कर रही हूं। विदेश मंत्रालय को करीब से कवर किया है। ईरान से लेकर सऊदी अरब तक के विदेश मंत्रियों के इंटरव्यू लिए हैं। आज तक मुझे एक बार भी महिला होने की वजह से नहीं रोका गया। कभी किसी ने नहीं कहा कि अपना सिर ढक लो या इस तरह के कपड़े पहन लो।’ ‘10 अक्टूबर की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बारे में हमें कुछ पता नहीं चला। प्रेस कॉन्फ्रेंस खत्म हुई, तब पता चला कि इसमें किसी महिला रिपोर्टर को नहीं बुलाया गया। हमने भारतीय विदेश मंत्रालय के अफसरों से पूछा कि क्या आपको पता था कि तालिबान अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को नहीं बुलाएंगे और इस तरह के भेदभाव पर विदेश मंत्रालय का रुख क्या है?’ ‘जवाब में भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में हमारी कोई भूमिका नहीं है। हमने जोर दिया कि भारत सरकार को इस पर कुछ तो कहना चाहिए। हम जिस सरकार को मान्यता देते हैं, तालिबान अभी उसका हिस्सा नहीं है।’ भारत सरकार ने अब तक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। अगर दूतावास के अंदर कुछ गैर-कानूनी या गलत हो रहा है तो आप किसी पर मुकदमा तो नहीं कर सकते, लेकिन विदेश मंत्रालय की तरफ से निंदा तो की जा सकती है। ‘10 अक्टूबर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में तालिबान को खराब कवरेज मिली, तो उसने रुख बदला और दो दिन बाद महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुलाया। सवाल भारत सरकार पर भी है कि उन्होंने तालिबान को भारत बुलाया और तालिबानी सोच को यहां जारी रखा गया।’ ‘12 अक्टूबर को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुरुष पत्रकारों ने आगे की दो लाइन महिला पत्रकारों के लिए छोड़ने का फैसला लिया। हमने कहा कि हमें एक साथ बैठना चाहिए, जैसे आम तौर पर बैठते हैं। वे चाहते थे कि अगर हम पहली लाइन में बैठेंगे, तो तालिबान के मंत्री को महिला पत्रकारों के सवालों का जवाब देना ही होगा।’ ‘हमारा यही कहना था कि किसी भी तरह का भेदभाव हमें मंजूर नहीं है। प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले का अधिकार है कि वो किसे बुलाता है। विदेश मंत्रालय कवर करने वाले 18 पत्रकार और 7 वीडियो जर्नलिस्ट बुलाए गए। इस बीट में कई महिला रिपोर्टर हैं, लेकिन तालिबान ने एक को भी नहीं बुलाया। ये तो भेदभाव है।’ 'उन्हें ऐसा लगा कि वे शायद इस सोच के साथ आगे बढ़ सकते हैं, लेकिन पत्रकारों ने दिखाया कि यहां तालिबानी सोच नहीं चलेगी। यहां हमारे रिवाज, संस्कृति और सभ्यता से काम होता है। जो हुआ अच्छा हुआ। 10 अक्टूबर की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद तालिबान के नेता चले जाते और आगे कभी भारत दौरे पर आते तो सिर्फ पुरुष पत्रकारों को बुलाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते थे।’ स्मिता शर्माफ्रीलांस जर्नलिस्ट2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी हुई, तब से हमें ठीक से पता नहीं पता था कि अफगानिस्तान दूतावास में होने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए कैसे अर्जी देनी है। 10 अक्टूबर की सुबह हमारे मेल कलीग्स ने बताया कि उन्हें अफगानिस्तान दूतावास की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने के लिए बुलाया गया है। प्रेस ब्रीफिंग के लिए किसी महिला रिपोर्टर को न्योता नहीं आया, तो ये चौंकाने वाली बात थी। प्रेस ब्रीफिंग दूतावास में अंदर चल रही थी और बाहर दिल्ली पुलिस तैनात थी। जिन्हें बुलाया गया था, सिर्फ उन्हें ही अंदर जाने दिया गया। महिला पत्रकारों को न्योता ही नहीं दिया गया इसलिए उन्हें अंदर जाने देने का सवाल ही नहीं उठता। तालिबान की सरकार बनने के बाद पहली बार है, जब सीधे पत्रकारों से बात की गई। इसमें महिला पत्रकार भी अच्छी खासी थीं। हमने 10 अक्टूबर वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं के न बुलाए जाने पर आपत्ति जताई। हमने कहा कि तालिबान काबुल में महिला पत्रकारों से बात करते हैं। तालिबान के मंत्री ने भारत आकर महिला पत्रकारों के साथ भेदभाव किया, उससे भी ज्यादा अफसोस की बात है कि भारत सरकार ने ऐसा होने दिया। भारत सरकार ऐसा होने से रोक सकती थी। ऐसा नहीं हो सकता कि प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही हो और सरकार को पता न हो। भारत सरकार की तरफ से आपत्ति दर्ज की जानी चाहिए थी, जो अब तक नहीं की गई है। तालिबान के विदेश मंत्री मुत्तकी ने एक घंटे तक सवालों के जवाब दिए, हालांकि उनके जवाब टालमटोल करने वाले थे। उन्होंने जवाब देते हुए हवा हवाई बातें कीं, लेकिन ये उनका अधिकार है कि वे क्या जवाब देना चाहते हैं। स्मिता शर्मा ने अफगानिस्तान में भारत के पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या पर भी सवाल पूछा। अफगान मंत्री ने जवाब दिया कि अफगानिस्तान ने 4 दशकों तक युद्ध झेला है। इसमें कई युवा पत्रकारों की मौत हुई है। ये हमारे इतिहास में एक काला अध्याय है। पिछले 4 साल के हमारे शासन में किसी भी पत्रकार को कोई नुकसान नहीं हुआ। कादंबिनी शर्माफ्रीलांस जर्नलिस्टपहले हम अफगानिस्तान के राजदूतों से मिलते थे। महिलाओं का डेलिगेशन जाता था और खुलकर मुलाकात होती थी। पिछली सरकार के दौरान आराम से बैठकर बातें होती थीं। पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को नहीं बुलाया गया, इस वजह से माहौल गर्म था। नाराजगी साफ दिख रही थी। किसी ने नहीं सोचा कि महिला पत्रकारों के साथ ऐसा बर्ताव होगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस में 90% सवाल महिला पत्रकारों ने ही पूछे। पुरुष पत्रकारों ने भी हमें समय दिया, ताकि हम खुलकर सवाल पूछें। हमने अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति, पढ़ाई, हेल्थ पर सवाल किए, लेकिन अफगान मंत्री ने सीधा जवाब नहीं दिया। ये सवाल जितनी सख्ती से पूछे जाने चाहिए, हमने वैसे ही पूछे। मुत्तकी बार-बार कहते रहे कि हम अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर फैसले कर रहे हैं, लेकिन आधी आबादी अगर प्राथमिकता में नहीं होगी, तो कैसे चलेगा। दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को बुलाने के पीछे की क्या कहानी है, ये कहना मुश्किल है। ये साफ है कि सरकार की भी आलोचना हुई। अभिषेक झाफ्रीलांस जर्नलिस्टतालिबान के विदेश मंत्री भारत-अफगानिस्तान के रिश्तों को बेहतर करने के मकसद से आए थे। पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं को नहीं बुलाया गया, तो तालिबान की सरकार की किरकिरी हुई। ये धारणा बनी कि तालिबान में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अब भी वे महिला विरोध वाली सोच के साथ ही काम कर रहे हैं। पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अफगानिस्तान के दूतावास के बाहर सख्ती से चेकिंग की गई थी। दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दरवाजा खोल दिया गया, सभी को अंदर जाने दिया। उन्होंने पत्रकारों की पहचान तक नहीं पूछी। लग रहा था कि तालिबान सरकार को अपनी गलती का एहसास हुआ है। तालिबान की तरफ से तुरंत इस गलती को सुधारने के लिए दूसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई गई। ये कहना मुश्किल है कि ये सुधार करने के लिए भारत सरकार की तरफ से कहा गया या फिर तालिबान ने खुद सुधार किया।
ओसाका विश्व एक्सपो में चीन मंडप को बड़े स्व-निर्मित मंडप वर्ग में स्वर्ण पदक
ओसाका विश्व एक्सपो के तहत आयोजित विश्व एक्सपो पुरस्कार समारोह में चीन मंडप को अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी ब्यूरो द्वारा बड़े पैमाने के स्व-निर्मित मंडपों की प्रदर्शनी श्रेणी में स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया
असंभव को संभव कर दिखाया... शर्म अल शेख में गरजे ट्रंप ने यूरोप के साथियों का भी आभार जताया
ट्रंप ने गाजा युद्धविराम समझौते को एक महत्वपूर्ण मोड़ बताते हुए इसे मिडिल ईस्ट के लिए एक नई शुरुआत बताया है.
Gaza Peace dealSharm el-sheikh summit: मिडिल ईस्ट में ट्रंप की शान में पीस फेस्ट का आयोजन हुआ. इजरायल से लेकर इजिप्ट तक उनके सहयोगियों ने शांति के 'मसीहा' की जय-जयकार की. ट्रंप वहां पूरे लाव लश्कर के साथ ही नहीं बल्कि अपने पश्चिमी सहयोगियों की टीम लेकर पहुंचे थे. बंधको की रिहाई के बाद ट्रंप ने क्या कहा, आप भी जान लीजिए.
DNA: आंखों में आंसू लिए परिजनों से लिपट पड़े ... 738 दिन बाद हमास की कैद से छूटे इजरायली बंधक
रिहाई के बाद इन बंधकों के आने की प्रतीक्षा में सुबह से ही उनके परिवार के लोग तेल अवीव में इकट्ठा हुए थे. तेल अवीव में उत्सव जैसा माहौल था. संघर्ष विराम समझौते के तहत हमास को उन सभी 48 इजराइली बंधकों को छोड़ना है. मगर अभी 20 जिंदा बंधकों की रिहाई हुई है.
Iran-Donald Trump Warning:गाजा शांति समझौते के पहले चरण में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इजरायल पहुंचे हुए हैं. उन्होंने इजरायली संसद को संबोधित करते हुए कहा कि अमेरिका बी-2 बमवर्षकों का भंडार कर रहा है, जिनका इस्तेमाल अमेरिका ने जून 2025 में इजरायल-ईरान संघर्ष के दौरान ईरान पर हमला करने के लिए किया था.
अमेरिकी डॉलर से भी बहुत मजबूत है इस मुस्लिम देश की करेंसी, फिर भी नहीं होती कोई चर्चा, ये है वजह
America Currency: अमेरिकी डॉलर की चर्चा पूरी दुनिया में होती है. अमेरिकी का डॉलर दुनिया भर की रिजर्व करेंसी है. लोग विदेशी मुद्रा भंडार का बड़ा हिस्सा डॉलर में रखते हैं. हालांकि इस देश की करेंसी अमेरिकी डॉलर से भी ज्यादा मजबूत है.
समंदर की वो खौफनाक घटना, जब चलते-चलते अचानक लापता हो गए जहाज, आज तक नहीं लग सका कोई सुराग
Sea News: समंदर में मालवाहक जहाजों को सामान ढोते हुए आपने देखा होगा. ये जहाज कई तरह के होते हैं जिनके जरिए आयात- निर्यात किया जाता है. कई जहाज तो ऐसे थे जो अचानक समंदर से गायब हो गए थे.
तेज रफ्तार ट्रेन ने मारी दूसरी एक्सप्रेस में टक्कर, हादसे में 100 लोग घायल; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
Train Accident:एक बड़ा रेल हादसा हुआ है जहां दो यात्री ट्रेनों के बीच टक्कर हो गई. इस घटना में कम से कम 100 लोग घायल हुए हैं जिनमें से 16 की हालत गंभीर है.
100 और 500 नहीं, बल्कि इन देशों में चलता है एक लाख का नोट, देखें पूरी लिस्ट
Biggest Currency Note In The World: इस समय भारत में 500 का नोट सबसे बड़ा नोट है जो चलन में है. इससे पहले 200 और उससे भी पहले 1000 का भी नोट चलन में था, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कई ऐसे भी देश हैं जिनमें 1 लाख का नोट चलन में है.
नेतन्याहू ने ट्रंप को बताया इजरायल का सबसे बड़ा मित्र' इन 5 फैसलों से हो गए गदगद
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को केनसेट के सदस्यों से लंबे समय तक खड़े होकर तालियां मिलीं जब वे अपने भाषण देने के लिए सभा कक्ष में प्रवेश किए. सांसदों ने तालियां बजाईं और उत्साह व्यक्त किया जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी जगह ली और नेतन्याहू ने उन्हें यहूदी लोगों का प्रिय मित्र बताया.
Donald Trump: इजरायल की संसद में हंगामा, डोनाल्ड ट्रंप के भाषण के बीच प्रदर्शनकारियों का हल्ला बोल
Israel-Gaza War:अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सोमवार को इजरायल की संसद में भाषण दे रहे थे. लेकिन संबोधन के दौरान विरोध-प्रदर्शन होने लगे. इजरायल की संसद के लेफ्ट विंग के एक सदस्य अचानक चिल्लाने लगे.
मौलवी मुत्तकी से मिले अफगानी सिख और हिंदू, बोले- 50 साल से पाकिस्तान की वजह से परेशान
Afghanistan Foreign Minister: मुत्तकी से मिलने आए अफगान के व्यापारियों के समूह ने व्यापार के दौरान व्यवसायियों के सामने आने वाली दिक्कतों पर खुलकर चर्चा की है. मीडिया से बात करते हुए बताया कि वाघा बार्डर और अटारी बॉर्डर बंद होने की वजह से व्यापारियों को व्यापार के दौरान सड़क रास्तों और वीजा मिलने में आ रही दिक्कतें.
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुत्ताकी की कॉन्फ्रेंस से जोड़कर असंबंधित तस्वीर वायरल
बूम ने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम की है, जिसमें अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी शामिल हुए थे.
Nobel Prize 2025: अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार का ऐलान, इन 3 हस्तियों को मिलेगा ये सम्मान
फिलिप अघियन और पीटर हॉविट ने 1992 में एक महत्वपूर्ण लेख में 'रचनात्मक विनाश' नामक गणितीय मॉडल प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि जब कोई नया और बेहतर उत्पाद बाजार में आता है, तो पुराने उत्पाद बेचने वाली कंपनियां पीछे रह जाती हैं और बाजार से बाहर हो जाती हैं.
हमास ने जिन बंधकों को छोड़ा है, इजरायल में उनके साथ सबसे पहले क्या किया जाएगा?
13 Israeli hostages transferred to IDF:इजरायल ने दावा किया कि हमास के पास अब कोई जीवित बंधक नहीं बचा. सोमवार को 13 बंधकों को रिहा किया गया, जो दो साल से कैद में थे.अब सबके मन में यह सवाल जरूर उठ सकता है कि रिहा हुए इजरायल में इन बंधकों के साथ सबसे पहले क्या किया जाएगा. जानते हैं पूरी बात.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत 11 लोगों की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दरअसल, एंटी करप्शन कमीशन (एसीसी) ने हसीना समेत 17 लोगों के खिलाफ 300 करोड़ के मंघना-गोमती पुल घोटाला मामले में शिकायत दर्ज की है
हमास ने सभी जिंदा 20 बंधकों को छोड़ा, पर इकलौते हिंदू बिपिन जोशी के साथ क्या हुआ?
Hamas Hindu Hostage Bipin Joshi: हमास के हमले में बंधक बनाए गए इकलौते हिंदू बिपिन जोशी को लेकर संशय बना हुआ है. ट्रंप की मध्यस्थता पर हमास ने सभी जीवित बंधकों को छोड़ दिया लेकिन हिंदू बंधक का क्या हुआ, न मां को पता और न बहन को. दोनों पिछले दो साल से बिपिन की रिहाई के लिए संघर्ष कर रही हैं.
इजरायल ने ट्रंप को दिया सर्वोच्च सम्मान; एयरपोर्ट पर उतरते समय ड्रोन शॉट से कहा 'धन्यवाद'
Israel Hamas Ceasefire: इजरायल डोनाल्ड ट्रंप उनकी कोशिशें के लिए देश का सर्वोच्च सम्मान देने का फैसला लिया है. इजरायल ने कहा कि उन्होंने अपने अथक प्रयासों के माध्यम से राष्ट्रपति ट्रम्प ने न सिर्फ हमारे प्रियजनों को घर लाने में मदद की है.
जल्द रुक सकता है रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध !, डोनाल्ड ट्रंप के संपर्क में राष्ट्रपति जेलेंस्की
Donald Trump: यूक्रेन राष्ट्रपति जेलेंस्की पिछले कुछ दिनों से लगातार डोनाल्ड ट्रंप के संपर्क में हैं. दोनों देशों के राष्ट्रपति ने फॉन कॉल पर रूस के साथ चल रहे यू्क्रेन युद्ध पर विस्तृत चर्चा की है. वहीं हाल ही में 27 सितंबर को UNSC की बैठक में रूसी विदेशी मंत्री सर्गेई लावरोव ने युद्ध विराम की संभावना जताई थी.
Nobel Peace Prize Winner: नोबेल पीस प्राइज देने वाली संस्था ने विजेता का नाम लीक होने का संदेह जताया है. इसको लेकर सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म पर संशय जताया गया है.
Afghanistan Currency vs Indian Rupee: दुनिया में कई ऐसे देश हैं जो अपनी गरीबी के वजह से जाने जाते हैं. बहुत से ऐसे देश भी हैं जो गरीब और आतंक का अड्डा होने के बावजूद अपनी करेंसी के वजह से लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहे हैं. इस 'गरीब मुस्लिम' देश की करेंसी के आगे भारतीय रुपया भी फीका पड़ गया है.
Trump Claim I am Good At Solving Wars:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा पर छिड़ी जंग को रुकवाने का प्लान बनाया है.मिडिल ईस्ट ट्रिप के दौरान उन्होंने कहा कि गाजा युद्ध खत्म करने के बाद ये उनका आठवां 'सफल' सीजफायर होगा. उन्होंने बड़े गर्व से कहा कि31-32 साल पुरानी जंग को भी उन्होंने एक दिन में रोक दिया. ट्रंप ने बताया है जंगरुकवाने काकामनोबेल के लिए नहीं, जिंदगियां बचाने के लिए कर रहे हैं. जानें पूरी खबर.
पाकिस्तान- अफगानिस्तान के बीच युद्ध हालात में ईरान की एंट्री, विदेश मंत्रालय ने किया ऐलान
Pak Afghan War- पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच बिगड़ते हालात को देखते हुए ईरानी विदेश मंत्रालय की तरफ से बड़ा बयान सामने आया है. जहां ईरान ने दोनों देशों से शांति बहाल करने की अपील की है. ईरान की तरफ से पाक- अफगान बॉर्डर पर बढ़ रही टेंशन को खत्म करने के लिए मध्यस्थता की पेशकश की है.
'मैं युद्ध खत्म कराने में माहिर हूं' : डोनाल्ड ट्रंप
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संघर्ष जारी है। दोनों देशों की तरफ से सीमा पर भारी बमबारी की जा रही है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगान-पाक युद्ध को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह इस विवाद को खत्म कर सकते हैं
इजरायल और हमास के बीच बंधकों और कैदियों की अदला-बदली होगी। इजरायली समयानुसार बंधकों की रिहाई सुबह 8 बजे से शुरू होगी। इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि देश का सैन्य अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है
अपनी नाकामी की भरपाई के लिए हमारे ऊर्जा संयंत्रों को निशाना बना रहा रूस : जेलेंस्की
रूस के साथ जारी युद्ध के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि वैश्विक कूटनीति की नजर मध्य पूर्व पर है
मिडिल ईस्ट में शांति लाना अमेरिका के शटडाउन को खत्म करने से भी ज्यादा मुश्किल : ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मिस्र में आयोजित गाजा शांति शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए अमेरिका से रवाना हो चुके हैं। मिस्र के लिए रवाना होने से पहले उन्होंने कहा है कि मिडिल ईस्ट में शांति स्थापित करना अमेरिका के शटडाउन को खत्म करने से भी ज्यादा मुश्किल है
गाज़ा संघर्ष पर ट्रंप की बड़ी घोषणा : “अब युद्ध खत्म हो गया है”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि “अब युद्ध खत्म हो गया है।” इसके बाद वे मिस्र रवाना हुए, जहां सोमवार को गाज़ा में शांति प्रक्रिया पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होने जा रहा है
बांग्लादेश : डेंगू से पांच और मौत, 2025 में अब तक मरने वालों की संख्या 230
बांग्लादेश में पिछले 24 घंटों में डेंगू के कारण पांच और लोगों की मौत हो गई है, जिससे 2025 में मच्छर जनित बीमारी से मरने वालों की कुल संख्या बढ़कर 230 हो गई है
जंग खत्म कर दें नहीं तो यूक्रेन को थमा दूंगा मौत का सौदागर, ट्रंप ने दी पुतिन को इस मिसाइल की धमकी
Donald Trump: इजरायल-हमास युद्धबंदी के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूस को बड़ी चेतावनी दे दी है. उन्होंने कहा कि अगर रूस पीछे नहीं हटता है तो फिर हम यूक्रेन को टॉमहॉक मिजाइल दे देंगे. जो रूस के लिए बहुत बड़ा खतरा होगी.
हे भगवान: आसमान में प्लेन हुआ क्रैश, ट्रक पर गिरा, पल भर में सब जलकर हो गया राख, जानें कितने की मौत?
Plane crashes into trucks near Fort Worth:टेक्सास के फोर्ट वर्थ में एक विमान हादसे ने दिल झकझोर दिया. एक पल में सब कुछ जलकर स्वाहा हो गया. आसपास का इलाका काला धुआं से भर गया. देखें खौफनाक वीडियो और जानें पूरा मामला.
अफगानिस्तान ने ठोका तो सऊदी ने दिया 'धोखा'! क्या हुआ? 'NATO' जैसी डील का था वादा
Pakistan Saudi Deal: पाकिस्तान को 'भरोसा' शब्द सूट नहीं करता. पाकिस्तान पर भरोसा करने-कराने का मतलब अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारना. अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तान की साजिश के बीच सऊदी ने कुछ ऐसा ही किया. वहां के नेताओं ने शहबाज शरीफ और आसिम मुनीर के साथ उस डील को 24 दिन के अंदर ठेंगा दिखा दिया तो पाकिस्तान खुद को ठगा महसूस कर रहा है.
अमेरिका: साउथ कैरोलिना के रेस्टोरेंट में फायरिंग, 4 लोगों की मौत, 20 घायल
Shootings in South Carolina: अमेरिका के साउथ कैरोलिना स्टेट के एक रेस्टोरेंट में मास शूटिंग की वारदात सामने आई है, जिससे आसपास के इलाके के लोग डर के साये में आ गए.
12वीं करने के बाद 3 साल पढ़ाई छोड़ दी। नरेंद्र मोदी की कॉल पर यूनाइटेड नेशंस की नौकरी छोड़ दी। मोदी के पीएम बनने के बाद नीतीश के साथ गए। 2015 में नीतीश की वापसी कराई, फिर ममता, जगन, स्टालिन को जिताया। 6 साल में 6 सीएम बनवाने वाला ये शख्स अब खुद बिहार जीतने निकला है। कहता है- इस बार अर्श पर रहूंगा या फर्श पर। विरोधी कहते हैं वो बीजेपी की ‘B-टीम' हैं, इसलिए इतने पैसे खर्च करने के बावजूद उन पर छापे नहीं पड़ते। मंडे मेगा स्टोरी में प्रशांत किशोर उर्फ पीके की पूरी कहानी; वो किसी दूसरे के खेल का हिस्सा हैं या अब खुद अपनी बिसात बिछा चुके हैं... **** ग्राफिक्स: द्रगचन्द्र भुर्जी और अजीत सिंह ------ ये स्टोरी भी पढ़िए... 80 वर्षीय डोभाल पर इतना भरोसा क्यों करते हैं मोदी:कभी आडवाणी के फेवरेट, रिटायर होते ही मोदी ने गुजरात बुलाया; ‘भारतीय जेम्स बॉन्ड' के किस्से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत पर लगातार हमलावर थे। कभी सीजफायर के मुद्दे पर, तो कभी टैरिफ पर। अचानक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का रूसी राष्ट्रपति पुतिन के साथ मुलाकात का वीडियो सामने आता है और चीजें बदलने लगती हैं।आखिर 80 साल के डोभाल पर इतना भरोसा क्यों करते हैं PM मोदी, पूरी कहानी…
तारीख: 12 अक्टूबर, 2024वक्त: रात 9:30 बजेजगह: मुंबई में बांद्रा का खेर वाड़ी सिग्नल NCP (अजित पवार गुट) के नेता और महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी बेटे जीशान के ऑफिस से बाहर निकले। सलमान, शाहरुख खान जैसे बॉलीवुड स्टार्स से दोस्ती की वजह से बाबा सिद्दीकी सेलिब्रिटी लीडर बन गए थे। तीन पुलिसवाले हमेशा उनके साथ रहते थे। इससे बेपरवाह तीन लड़के बाबा सिद्दीकी के पास आए और उन्हें 6 गोलियां मारीं। 2 गोली पेट में और एक सीने पर लगी। बेटे जीशान बाबा सिद्दीकी को लीलावती हॉस्पिटल ले गए, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। मुंबई क्राइम ब्रांच ने खुलासा किया कि तीनों संदिग्ध शूटर ने मर्डर से पहले गैंगस्टर लॉरेंस के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई से बात की थी। अनमोल भी पुलिस की पकड़ से बाहर अमेरिका में है। उसे नवंबर 2024 में कैलिफोर्निया पुलिस ने पकड़ा भी था, लेकिन फिर छोड़ दिया। एक साल बीत गया, 27 लोग अरेस्ट किए गए, लेकिन मर्डर के मास्टरमाइंड माने गए शुभम लोनकर और यासीन अख्तर एक साल बाद भी नहीं पकड़े गए। शुभम लोनकर ने फेसबुक पर मर्डर की जिम्मेदारी ली थी। यासीन के अजरबैजान में होने की खबरें आई थीं। केस की जांच में अब तक क्या-क्या मिला और आरोपी अब कहां हैं, ये जानने के लिए हमने दोनों पक्षों से बात की। जीशान के वकील बोले- पुलिस सच्चाई छिपा रहीइस केस में जीशान सिद्दीकी की तरफ से वकील प्रदीप घरट पैरवी कर रहे हैं। वे बताते हैं, ‘बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी और बेटी आर्शिया ने मुख्य आरोपी अनमोल बिश्नोई पर कार्रवाई के बारे में जानने के लिए RTI डाली थी। मुंबई पुलिस ने जवाब दिया कि हम कुछ नहीं कर रहे हैं। इसके बाद हमने कोर्ट में अपील की, लेकिन उसे रिजेक्ट कर दिया गया। अब हम फिर से अपील करेंगे।’ ‘हमने कोर्ट में पूछा कि अनमोल बिश्नोई पर क्या कार्रवाई हो रही है। वो अगर अमेरिका में है, तो उसे भारत क्यों नहीं लाया जा रहा है।’ बाकी आरोपियों पर क्या कार्रवाई हुई? प्रदीप घरट बताते हैं, ‘चार्जशीट में दर्ज किए गए 26 अरेस्ट आरोपियों में शिव कुमार गौतम ही मेन शूटर था। उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब तक जितने भी आरोपी अरेस्ट हुए, वे सिर्फ घटना में शामिल थे। इस हत्याकांड का असली मकसद कैसे पता चलेगा।’ मर्डर में अब तक 27 आरोपी गिरफ्तार, किसी को जमानत नहींहमने बचाव पक्ष के वकील अंजिक्य मिरगल से बात की। वे बताते हैं, ‘मर्डर के 24 घंटे के अंदर तीन आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया था। ये आरोपी नंबर-1, 2 और 3 थे, यानी गुरमेल सिंह, धर्मराज कश्यप और प्रवीण लोनकर।’ ‘इसके अलावा 2024 में 26 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। 27वां आरोपी अनमोल गायकवाड़ पिछले महीने पकड़ा गया है। वो पुणे का रहने वाला है। हमने आरोपियों की जमानत के लिए अपील की है। अब तक किसी को जमानत नहीं मिली है। कोर्ट में सुनवाई चल रही है।’ सलमान खान पर फायरिंग और दाऊद कनेक्शन से सीधा लिंक नहींक्या बाबा सिद्दीकी मर्डर केस और सलमान खान के घर पर फायरिंग में कोई कनेक्शन है? एडवोकेट अंजिक्य मिरगल इस पर दावा करते हैं कि पुलिस हत्याकांड का कनेक्शन सलमान खान से जोड़ने की कोशिश कर रही है। इसका कोई सबूत नहीं मिला है। न ही चार्जशीट में कोई ठोस जानकारी है। फिर क्यों सलमान खान को इस केस से जोड़ा जा रहा है? अंजिक्य जवाब देते हैं, ‘मीडिया में इस एंगल को ज्यादा दिखाया गया। कहा गया कि बाबा सिद्दीकी सलमान खान के बेहद करीबी थे। उनके कनेक्शन दाऊद से भी रहे हैं। इसलिए शूटर्स का ब्रेनवॉश करके बाबा सिद्दीकी की हत्या कराई गई।’ 6 आरोपी बयान से पलटे, इनमें मेन शूटर भी शामिलअंजिक्य मिरगल बताते हैं, ‘अब तक 6 आरोपी बयान बदल चुके हैंं। इनमें मेन शूटर शिव कुमार गौतम और रेकी करने का आरोपी नितिन सप्रे भी शामिल हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने दबाव डालकर बयान लिए थे।’ ‘अभी कोर्ट में आरोपियों की जमानत पर सुनवाई चल रही है। किसी भी आरोपी को जमानत नहीं मिली, बल्कि याचिका खारिज हो गई। अब हम हायर कोर्ट में अपील करेंगे। हालांकि अभी शिव कुमार की जमानत के लिए अर्जी नहीं डाली है। जेल में लॉरेंस गैंग और दूसरे गैंग में मारपीटमुंबई पुलिस में हमारे सोर्स बताते हैं कि बाबा सिद्दीकी मर्डर केस के आरोपियों को जेल में दूसरे कैदी टारगेट कर रहे हैं। ठाणे जेल में पिछले महीने नवरात्रि से कुछ दिन पहले लॉरेंस गैंग के शूटर्स को दूसरे धर्म के बदमाशों ने निशाना बनाया। दोनों गैंग में काफी मारपीट हुई। इसकी शिकायत जेल प्रशासन ने निर्मल नगर थाने में दी है। हालांकि इस पूरी घटना को सीक्रेट रखा गया है। बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में गिरफ्तार 27 आरोपियों में से 8-9 ठाणे जेल में बंद हैं। शूटर शिव कुमार ऑर्थर रोड जेल में है। कई आरोपी कल्याण जेल में भी बंद हैं। 126 लोगों के बयान दर्ज, जीशान बोले- बिल्डर लॉबी की जांच होबाबा सिद्दीकी मर्डर केस में पुलिस की चार्जशीट में 126 लोगों के बयान दर्ज हैं। इनमें बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी भी शामिल हैं। जीशान ने अनमोल बिश्नोई गैंग पर हत्या का शक नहीं जताया। उन्होंने बिल्डर लॉबी पर आरोप लगाया और कुछ लोगों का नाम लेते हुए पिता को जान से मारने की धमकी मिलने की बात कही। जीशान ने कहा कि पुलिस को इस एंगल से जांच करनी चाहिए। अब आरोपियों की बात… संभाजी किशन की पत्नी बोलीं- दोस्त ने बदले के लिए फंसायाहमने एक आरोपी संभाजी किशन की पत्नी अक्षता से फोन पर बात की। अक्षता बताती हैं, ‘मेरे पति पहले क्रिमिनल थे। नितिन उनका दोस्त था। पति ने पिछले कई साल से क्राइम छोड़ दिया था। नितिन भी क्राइम छोड़ना चाहता था। उसने कहा कि मुझे एक लड़की से शादी करनी है। रहने के लिए कमरे दिलवा दे। पति ने कमरा तलाशने में उसकी मदद की थी।’ ‘हमारी तीन बेटियां हैं। एक बेटी की शादी हो गई है। दो अभी पढ़ रही हैं। बड़ी बेटी 12वीं और छोटी 9वीं में है। पति ने बेटियों की वजह से ही क्राइम छोड़ा था। उन्होंने एक बार नितिन को जेल से छुड़ाने में मदद नहीं की थी। मुझे लगता है कि उसी का बदला लेने के लिए संभाजी को फंसा दिया गया।’ हत्या के लिए 10 लाख मिले, अब केस लड़ने के पैसे नहींबाबा सिद्दीकी मर्डर केस में यूपी के बहराइच जिले के 3 लड़कों शिवकुमार, धर्मराज और हरीश का नाम सामने आया था। तीनों गंडारा गांव के रहने वाले है। पिछले साल 10 नवंबर को गिरफ्तारी के बाद सभी मुंबई पुलिस की कस्टडी में हैं। शिवकुमार, धर्मराज और हरीश के घर वाले पिछले एक साल से उनसे नहीं मिले हैं। परिवार को उनसे मिलने की इजाजत नहीं दी गई। हम सबसे पहले गंडारा गांव में शूटर शिवकुमार के घर पहुंचे। घर पर ताला लगा था। पड़ोसी रामू बताते हैं, ‘शिवकुमार के पिता बालकृष्ण की तबीयत ठीक नहीं है। वे घर बंद करके अस्पताल गए होंगे या मजदूरी पर निकले होंगे।’ शिवा यहां आया था? रामू जवाब देते हैं, ‘नहीं, वो मुंबई में बंद है। पिछले साल बाबा सिद्दीकी की हत्या का मामला उठा था, तो यहां रोज पुलिस और मीडिया वाले आते थे। शिवा, धर्मराज और हरीश पकड़ लिए गए, तब से कोई नहीं आता।’ आरोपी हरीश की बहनें मजदूरी कर रहीं, घर में खाने को नहींजांच में पता चला था कि बाबा सिद्दीकी की सुपारी देने के लिए लॉरेंस गैंग के गुर्गे शुभम लोनकर ने शूटर हरीश को 60 हजार रुपए ट्रांसफर किए थे। हरीश मुंबई से हर महीने अपने घरवालों को पैसा भेजता था। शिवा के घर से 5 मकान आगे हरीश का घर है। हम उसकी बहन गुड्डी से मिले। वे बताती हैं, ‘हम 11 भाई-बहन हैं। हरीश तीसरे नंबर का है। वो 6 साल पहले पुणे गया था। वहीं काम करता था। उसके बारे में हम ज्यादा नहीं जानते। इतना ही पता है कि वो अभी जेल में है। एक साल से हमसे बात भी नहीं हुई है।‘ ‘भैया पहले हर महीने 1500-2000 रुपए भेजते थे। उसी से काम चलता था। हमारे मां-बाप नहीं हैं। पेट पालने के लिए मैं और मेरी बड़ी बहन खेतों में मजदूरी करते हैं। दिनभर में जो कमाई होती है, उसी से घर चल रहा है।’ धर्मराज की मां बोलीं– मेरे बेटे ने कुछ नहीं किया, उसे फंसा दियाआखिर में हम आरोपी धर्मराज कश्यप के घर गए। घर में मां कुसुमा और पिता राधे मिले। बेटे के बारे में पूछने पर कुसुमा भावुक हो जाती हैं। कहती हैं, ‘पिछले साल दिवाली पर पुलिस हमारे लड़के को पकड़ कर ले गई थी। तब से उससे मिलने नहीं दिया गया।' घर में न खाने के लिए अनाज है न इलाज के लिए पैसा है। भीख मांगने की हालत हो गई है। हमारे बेटे को इस मामले में गलत फंसाया गया है। वो बेकसूर है, उसे छोड़ दिया जाए। कुसमा के बगल में बैठे राधे कहते हैं, ‘पहले कैसरगंज बाजार में हमारी कपड़े की दुकान थी। धर्मराज की गिरफ्तारी के बाद सब बर्बाद हो गया। दुकान पर छोटा बेटा अनुराग बैठता था। उसे भी इस केस में जबरदस्ती घसीट लिया गया। अब बुढ़ापे में हमारे दोनों बेटे जेल में बंद हैं। डर के मारे पुलिस से उनके बारे में पूछने तक नहीं जाते हैं। कहीं हमको भी न बंद कर दें।’ शूटर शिवा का कबूलनामाहत्याकांड की जांच के दौरान पुलिस पूछताछ में शूटर शिवकुमार ने कबूला था कि वो लॉरेंस गैंग के लिए काम करता था। पुलिस को दिए बयान में शिवकुमार ने बताया, ‘मैं और धर्मराज कश्यप एक ही गांव के रहने वाले हैं। मैं पुणे में स्क्रैप का काम करता था। मेरी और शुभम लोनकर की स्क्रैप की दुकान अगल-बगल थी। 'शुभम लारेंस बिश्नोई के लिए काम करता है। उसने स्नैप चैट के जरिए लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई से कई बार मेरी बात कराई थी।’ ‘बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए हमें 10 लाख रुपए दिए गए थे। ये भी वादा किया गया था कि मर्डर के बाद तुम्हें हर महीने कुछ न कुछ मिलता रहेगा। हत्या के लिए हथियार, कारतूस, सिम और मोबाइल फोन शुभम और यासीन अख्तर ने हम लोगों को लाकर दिए थे। हत्या के बाद आपस में बात करने के लिए हमें नए सिम और मोबाइल फोन भी दिए गए थे।’ ‘कई दिनों से हम लोग मुंबई में बाबा सिद्दीकी की रेकी कर रहे थे। 12 अक्टूबर की रात सही समय मिलने पर हमने उनकी हत्या कर दी। उस दिन त्योहार था। पुलिस और भीड़-भाड़ भी थी, जिसकी वजह से 2 लोग पकड़ लिए गए। मैं मौका पाकर फरार हो गया।' 'मैंने फोन रास्ते में फेंक दिया और मुंबई से पुणे चला गया। वहां से बहराइच पहुंचा। नेपाल भागने का प्लान बनाया, लेकिन 10 अक्टूबर को नानपारा में पुलिस ने मुझे पकड़ लिया।’
मुसलमान, यहूदी और... इजरायल पहुंचने से पहले ट्रंप का बयान, जानिए मिनट टू मिनट शेड्यूल
US President news:एयरफोर्स वन पर एक प्रेस वार्ता के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, 'हम सभी को खुश करेंगे. हर कोई खुश है, चाहे वह यहूदी हो या मुस्लिम या अरब देश. हम इजरायल के बाद मिस्र जा रहे हैं. हम बहुत शक्तिशाली और रईस नेताओं से मिलने जा रहे हैं और वे सभी इस डील का हिस्सा हैं.
मेरे प्यारे भाइयों-बहनों... हमास की कैद से इजरायली बंधकों की रिहाई से पहले इमोशनल हुए नेतन्याहू
Benjamin Netanyahu news:द टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक नेतन्याहू ने ये भी कहा, 'यह समझौता आसान नहीं है. इसमें कुछ बेहद दर्दनाक पहलू शामिल होंगे और वे पहले से ही दर्दनाक हैं.'
जिनपिंग ने धमकाया तो ट्रंप का दिमाग ठिकाने आया? बोले- 'अमेरिका चीन का नुकसान नहीं चाहता'
US China trade tariff:
Weired love story:ये कहानी है उस लेडी की जो शॉर्टकट में ढेर सारा पैसा और लक्जरी हासिल करने के लिए अपने हुस्न का सहारा लेकर पहले अपने ऑफिस के मालिक के पोते और फिर उनके बेटे को प्रेम जाल में फंसाती है. आगे क्या होता है ये जानकर आपके होश उड़ जाएंगे.
पहली बार दिखा इन मुसलमानों का दर्द, ब्रिटिश सांसदों ने पाक से की अपील; कहा- अहमदिया मुसलमानों की...
एप्सम और इवेल की लिबरल डेमोक्रेट सांसद हेलेन मैग्वायर ने इस हमले की निंदा की. उन्होंने इस हमले को अहमदिया मुस्लिमों के खिलाफ वर्षों से चली आ रही पाकिस्तान के प्रांत प्रायोजित नफरत की हिंसक वजह बताई.
जस्टिन ट्रूडो और कैटी पेरी की तस्वीरें वायरल, यॉट पर किस करते आए नजर; सोशल मीडिया पर ट्रोल
Justin Trudeau News: शनिवार को डेली मेल द्वारा साझा की गई कुछ तस्वीरों ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है. इन तस्वीरों में 40 वर्षीय हॉलीवुड सिंगर को एक काले रंग के वन-पीस स्विमसूट में कैरेबियन की एक कैरेवेल के डेक पर देखा गया, जहां वे कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री के साथ रोमांस करती हुईं दिखाई दे रही थीं.
यूनुस को सताया कुर्सी जाने का खतरा! बोले-'बाहरी ताकतें' शेख हसीना के साथ, PM मोदी से की ये मिन्नत
Sheikh Hasina: शेख हसीना के खिलाफ 2024 में छात्रों ने सड़कों पर उतरकर हिंसक प्रदर्शन किया था. मोहम्मद यूनिस की तरफ से शेख हसीना को दूसरे देश खासकर भारत से मिल रहे राजनीतिक संरक्षण पर चिंता जाहिर की है. यूनिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की शेख हसीना के पॉलिटिक्ल स्टेमेंट पर पाबंदी लगाने की मांग की थी.
Pakistan Taliban Border Clash News: अपने देश की राजधानी काबुल पर अटैक से भड़के तालिबान ने पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाना शुरू कर दिया है. एक रात के संघर्ष में ही पाकिस्तान घुटनों पर आकर घिघियाने लगा है.
बांग्लादेश के बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मुहम्मद यूनुस ने बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा को झूठा बताया। इसके साथ ही उन्होंने भारत पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने बांग्लादेशी हिंदुओं से कहा कि मत कहो कि मैं हिंदू हूं, मेरी रक्षा करो
अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच जारी हिंसक झड़प को लेकर ईरान, कतर और सऊदी अरब समेत मुस्लिम देशों ने चिंता जाहिर की है। काबुल में पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक के बाद अफगानिस्तान ने पलटवार किया, जिसके बाद सीमा पर दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई। सऊदी अरब और कतर ने बयान जारी कर दोनों पक्षों से आत्मसंयम बरतने और तनाव कम करने का आग्रह किया है
ट्रंप 13 अक्टूबर को इजरायली संसद में देंगे भाषण, गाजा से छोड़े गए बंधकों से करेंगे मुलाकात
गाजा में दो साल तक चले संघर्ष के बाद हमास और इजरायल ने शांति समझौते के लिए हामी भरी है। ट्रंप के पीस प्लान के अनुसार रविवार को दोनों पक्षों के बीच बंधकों और कैदियों की अदला-बदली होगी। वहीं मिस्र में गाजा शांति शिखर सम्मेलन का आयोजन होगा
मिस्र में गाजा पीस समिट: यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का शामिल होना क्यों है अहम?
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का मिस्र में गाजा पीस समिट में शामिल होना बेहद अहम माना जा रहा है. इससे मिडिल ईस्ट में शांति कायम होने की उम्मीद है.
ये दूसरा नकबा है!' UN एक्सपर्ट ने बताया- गाजा में जिंदगी पटरी पर लौटने में कितना वक्त लगेगा?
इजरायल-हमास जंग का सबसे बड़ा दर्द गाजा पट्टी के लोगों को झेलना पड़ा है. वहां के ज्यादातर निवासी को अपने घरों से विस्थापित होना पड़ा. ये घटना 1948 की नकबा की याद दिलाती है.
गाजा पीस समिट से एक दिन पहले मिस्र में कार हादसा, कतर के 3 राजनयिकों की मौत
मिस्र जहां गाजा शांति शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, वहीं शर्म अल-शेख में एक कार हादसे में कतर के 3 डिप्लोमैट्स की मौत हो गई है. बता दें की इजराइल-हमास के बीच समझौते कराने में कतर का अहम रोल रहा हैं.
मैं रिटायर्ड मेजर जनरल मुक्ति शर्मा हूं। अभी चंडीगढ़ में रहती हूं। सेना के वेस्टर्न कमांड अस्पताल को कमांड करने वाली भारत की पहली महिला सेना अधिकारी थी। एक दफा हम रात में डिनर कर रहे थे। मुझे कर्नल ब्रिगेडियर बनाया जाने वाला था। मेरे बेटे गौरव को जब ये बात पता चली, तो वो दुखी हो गया। उस समय वो 17 साल का था। उसने कहा- अब क्या होगा, घर में गोलियां चलेंगी और आपको तो मूछें आ जाएंगी! चारों तरफ हंटर चलेंगे। दरअसल, उसके दिमाग में फिल्मों वाला कर्नल ब्रिगेडियर था। फिल्मों में उसे वैसा ही दिखाया जाता है। उसके बाद वो बहुत डर गया। उसे लग रहा अब मैं मम्मी नहीं रह जाऊंगी। कहने लगा कि अब वो अपने दोस्तों को क्या बताएगा कि मेरी मम्मी ब्रिगेडियर हो गईं। आखिर सोचिए जरा, उस वक्त मैं ब्रिगेडियर बनने के लिए दुआ कर रही थी, लेकिन बेटा डरा बैठा था। बड़ी मुश्किल से उसे समझाया था। आज वो देश का जाना-माना रीढ़ की हड्डी का डॉक्टर है। इसी तरह जब कारगिल युद्ध हुआ तो बहुत सी दिक्कतें झेलीं, लेकिन उस वक्त ये भी समझ में आया कि जिंदगी बहुत खूबसूरत भी है। एक सेक्सुअल हैरासमेंट के केस में मेरे बॉस जनरल बिपिन रावत की ईमानदारी ने मेरा दिल जीत लिया था। दरअसल, जब 9 साल की थी तो पापा की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। उनकी मौत ने मेरे दिलो-दिमाग पर गहरा असर डाला था। आज भी उस घटना का सदमा महसूस करती हूं। दरअसल, पापा आईपीएस अधिकारी थे। एकदम स्वस्थ। वो उस समय मेरठ के एसएसपी थे। वो दफ्तर से घर आए, चाय पी। अचानक उनके सीने में दर्द शुरू हुआ। हम उन्हें लेकर हॉस्पिटल गए। वहां से दिखाकर घर लौटे तो कुछ देर में अचानक गिरे और उनकी मौत हो गई। उस वक्त यह सोच कर हैरान थी कि इस तरह कोई स्वस्थ आदमी भला दुनिया से कैसे जा सकता है। उसी एक बात ने मेरे अंदर डॉक्टर बनने की इच्छा पैदा की। सोचती थी कि डॉक्टर बनकर हार्ट अटैक पर रिसर्च करूंगी। उसके बाद जब स्कूल की पढ़ाई पूरी हुई तो मैंने आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल, पुणे में एडमिशन लिया। वहां पढ़ने के लिए शर्त होती है कि आगे चलकर आर्मी में सेवा देनी होगी। इस बात को लिखकर देना होता है। इस तरह सेना के अस्पताल में पढ़ाई किया और फिर सेना में ही डॉक्टर बनी। सेना में डॉक्टर बनकर न केवल बीमार, जख्मी जवानों का ख्याल रखना होता है, बल्कि उनके परिवारों को भी संभालना होता है। उनके परिवारों की काउंसलिंग करते रहना होता है। उनके साथ समय भी बिताना पड़ता है, ताकि उनका हौसला बना रहे। मेरी शादी हुई। मेरे पति भी सेना में डॉक्टर थे। मुझे जुड़वां बेटे पैदा हुए। जिनका नाम वरुण और गौरव रखा। बच्चे होने के बाद जब हमारी अलग-अलग जगहों पर पोस्टिंग हुई, तो घर बदलने में बहुत दिक्कतें झेलीं। कई बार दोनों बच्चों को डयूटी पर साथ लेकर जाती। हालांकि उस वक्त मेरे परिवार और ससुराल के लोगों ने बच्चों को पालने में बड़ी मदद की। उस जिंदगी की भागमभाग में कई बार बच्चों के स्कूल अपनी यूनिफॉर्म में ही चली जाती। उस पर मेरे बच्चे बोलते- मम्मी आप हमारे स्कूल में ये क्या पहनकर आ जाती हो। उनके साथी बच्चे भी उनका मजाक उड़ाते कि तुम्हारी मम्मी ये सब क्या पहनकर आ जाती हैं। एक दिन तो मेरे बेटे गौरव ने कहा- मम्मी आप टीचर क्यों नहीं बन जातीं? उस पर सोच रही थी कि आखिर क्या जवाब दूं। एक दिन रात को 8 बजे ऑफिस से घर जाने की तैयारी कर रही थी। उस दिन मुझे एक सीनियर ने बुलाया। उसने कहा कि हम सेना के अस्पतालों में जेनेटिक डिपार्टमेंट शुरू करने जा रहे हैं। आप अभी इसी वक्त सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली जाइए और उनके जेनेटिक डिपार्टमेंट का सिस्टम समझकर आइए। उसके बाद रिपोर्ट कल 11 बजे तक मेरे टेबल पर दीजिए। उसी वक्त रात में ही सर गंगाराम अस्पताल गई। वहां उनका जेनेटिक डिपार्टमेंट खुलवाया और सारा सिस्टम समझ कर आई। फिर आधी रात को वापस ऑफिस आकर, सुबह तक रिपोर्ट बनाती रही। सुबह 11 बजे से पहले सीनियर की टेबल पर वो रिपोर्ट रख दी। यानी महिला होने के नाते आप यह नहीं बोल सकतीं कि घर में मेरे बच्चे अकेले हैं। पेट में दर्द हो रहा है। आज घर का काम करने बाई नहीं आई। कुक नहीं आई। दरअसल, सेना में जेंडर के आधार पर कोई रियायत नहीं मिलती। वहां सिर्फ रैंक के आधार पर आपसे पेशेवर व्यवहार किया जाता है। मेरे करियर का सबसे खतरनाक दौर कारगिल युद्ध था। मुझे याद है कि उस वक्त आरआर आर्मी अस्पताल, दिल्ली में तैनात थी। वैसे तो हमारे पास पूरे देश से मामले आते थे, लेकिन उस वक्त नॉर्दर्न कमांड से आने वाले मामले बढ़ गए। अस्पताल में जख्मी जवानों की तादाद बढ़ गई। हमारी छुट्टियां रद्द कर दी गईं। उस वक्त तो हमारे कैजुअल्टी वॉर्ड भर गए, जिनमें बच्चे, औरतें और सेना के जवान सभी थे। किसी जवान की आंखें चली गई थीं, किसी की नाक। कई जवानों के चेहरे जल गए थे, जिनकी प्लास्टिक सर्जरी होनी थी। किसी के गन शॉट्स के केस थे। उस वक्त सबको संभालना बहुत मुश्किल हो रहा था। उस समय मेरा काम सीनियर डॉक्टर्स की मदद करना था। डॉक्यूमेंटेशन, हेल्प डेस्क संभालती थी। खासतौर से हर शाम जवानों के परिवारों के साथ बिता रही थी। उस वक्त उनके बूढ़े मां-बाप की काउंसलिंग करती थी, ताकि उनका डर कम हो और वे सहज महसूस कर सकें। दरअसल, उस वक्त सबसे ज्यादा दिक्कत किसी जवान के मरने पर होती थी। उस वक्त उनके बूढ़े मां-बाप आंसू नहीं बहाते, लेकिन काउंसलर होने के नाते जान जाती कि उन पर क्या गुजर रही है। जिस तरह वे अफसोस में पड़ते, उन्हें समझा पाना मुश्किल होता। कभी-कभी तो खुद को बहुत कमजोर पाती। उस समय परिवारों के सामने और जख्मी जवानों के सामने बहुत मजबूत बनकर रहना होता था, लेकिन जब रात होती और अस्पताल में किसी जवान सिपाही को मरते हुए देखती, तो दिल भारी हो जाता था। युवा सिपाही को मरते देखना सबसे खराब लगता था। लेकिन हां, यह भी कहूंगी कि उस वक्त सबसे खूबसूरत दुनिया भी देखी। मुझे याद है कि उन दिनों फिल्म एक्टर नाना पाटेकर की एक फिल्म आई थी, जो सेना पर ही थी। उस वक्त वो खुद सेना की वर्दी में हमारे अस्पताल आए थे। उन्होंने जवानों और उनके परिवारों को हौसला दिया था। हमारा भी हौसला बढ़ाकर गए थे। उसके बाद तो कई फिल्म एक्टर्स उस अस्पताल में आए। यही नहीं, उस वक्त हर धर्म के लोग हमारे लिए प्रार्थना कर रहे थे। बहुत सारे लोग पत्र भेजकर जवानों और उनके परिवारों का हौसला बढ़ा रहे थे। यानी कि हर कोई जवानों के लिए कुछ न कुछ कर रहा था। वो सब देखकर लग रहा था कि किस तरह पूरा देश एक माला में पिरो उठा है। आखिर हमारे बीच कितनी एकता है! अब वो घटना बताती हूं, जिसको लेकर आज भी मन में टीस है। दरअसल उसी अस्पताल में इलाज के दौरान एक युवा सिपाही की मौत हो गई। वह शादीशुदा था और उसकी विधवा पत्नी की उम्र लगभग 22 साल थी। सिपाही की मौत के बाद एक दिन उसकी पत्नी रोते हुए मेरे पास आई। कहने लगी कि मुझे बचा लीजिए। मेरे ससुराल वाले और मायके के लोग मेरी शादी देवर से कराने जा रहे हैं। उस पर मैंने कहा था ये तो अच्छी बात है। उसमें क्या दिक्कत है? भारत में तो ऐसी शादी का बहुत जगहों पर चलन है। विधवा भाभियों की शादी अक्सर देवर से की जाती है। उसके बाद उसने जो बताया, मैं हैरान रह गई। उसने कहा- दरअसल, मेरे देवर की उम्र 8 साल है। वो मेरे लिए बच्चा जैसा है। आखिर एक बच्चे से कैसे शादी कर लूं? यह कहते हुए वो रोने लगी। वह सुनकर तो मैं कांप गई, हैरान रह गई! सोचा कि ये तो बहुत गलत है। महिला के साथ भी गलत हो रहा है और उस बच्चे के साथ भी। उसके बाद लड़की के ससुराल वालों और उसके परिवार को बुलाया। उन्हें समझाया कि इस तरह से तो आप दोनों की जिंदगी खराब कर देंगे। भविष्य में बहुत नुकसान पहुंच सकता है। उस पर दोनों परिवारों ने कहा कि दरअसल हम चाहते हैं कि घर की इज्जत घर में ही रहे। बहुत समझाया, लेकिन वे नहीं माने। उसके बाद उन्हें आर्मी वाइफ्स वेलफेयर एसोसिएशन से मिलने के लिए भेजा। वहां भी वे कुछ तय नहीं कर पाए। बाद में पता चला कि गांव जाकर उन लोगों ने पंचायत बुलाई, लेकिन आखिरकार क्या हुआ, मालूम नहीं चला। इतने साल बाद आज भी जब उस घटना को याद करती हूं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं। अब रिटायर हो चुकी हूं, लेकिन मन करता है कि उस लड़की को ढूंढूं। पता करूं कि उसके साथ आखिर क्या हुआ? न्याय हुआ या नहीं। वह मेरे करियर की ऐसी घटना है, जो कभी नहीं भूलूंगी। आखिर में एक और दिलचस्प वाकया बताकर अपनी बात खत्म करूंगी। एक बार एक महिला ऑफिसर की सेक्शुअल हैरेसमेंट की शिकायत आई। उस वक्त हमारे बॉस जनरल बिपिन रावत थे। उन्होंने उस महिला की अंदरूनी जांच का जिम्मा मुझे दिया। उस दिन उन्होंने मुझे बुलाकर कहा था- आप उस ऑफिसर की जगह खुद को रखकर देखना, फिर मामले की जांच करना। मैंने उस केस की जांच की। जब उन्हें रिपोर्ट सौंपी तो उन्होंने उससे एक शब्द नहीं हटाया। उनकी ईमानदारी ने दिल जीत लिया। इस तरह के हौसलों से काम की थकान उतर जाती थी। दरअसल, अगर काम करते हुए आपको अच्छा बॉस मिल जाए तो नौकरी का मजा बढ़ जाता है। मुझे जनरल बिपिन रावत, ब्रिगेडियर पी सरकार, ब्रिगेडियर बाबरा घोष जैसे बॉस मिले, जिन्होंने मेरे करियर को शेप दिया। (भारतीय सेना की रिटायर्ड मेजर जनरल और डॉक्टर रहीं मुक्ति शर्मा ने अपने ये जज्बात भास्कर रिपोर्टर मनीषा भल्ला से साझा किए हैं।) ------------------------------------------ 1- संडे जज्बात-मुझे 5 गोलियां लगीं, 2 महीने कोमा में रहा:अस्पताल में पत्नी और पुलिस के ताने सुनता रहा; बोलना तो दूर हिल भी नहीं सका इस दौरान मुझे चार बोतल खून चढ़ाया गया। हालांकि, मेरी जान बच गई, लेकिन कोमा में चला गया। दो महीने कोमा मे बिस्तर पर पड़ा रहा। शरीर में जान नहीं थी, लेकिन दिमाग पूरी तरह जिंदा था। लोग आते, बातें करते और चले जाते। सब सुनता, लेकिन कुछ कर नहीं पाता। पूरी खबर यहां पढ़ें 2- संडे जज्बात-पति दूसरी लड़की संग भागा, प्रेमी प्रेग्नेंट करके मुकरा:कोर्ट में वकील के बेहूदे सवाल, ठाना- अकेले बच्चा पैदा करूंगी, वो तो मुझे अपना मानेगा मैं रागिनी, मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली हूं। अपने गांव की आशा वर्कर हूं। मेरा बचपन गरीबी में और जवानी जलालत में गुजरी। पांच साल की थी, तभी मेरे पिता की मौत हो गई। पांचवीं के बाद मेरी पढ़ाई छुड़वा दी गई और 15 साल की उम्र में मां ने मेरी शादी कर दी। पति मुझे एक ही साल में छोड़कर दूसरी लड़की के साथ भाग गया। उसके बाद एक लड़के से प्यार हुआ। प्रेग्नेंट हुई तो वो शादी से मुकर गया। पूरी खबर यहां पढ़ें
अवामी लीग ने बांग्लादेश में गहराते आर्थिक संकट पर जताई चिंता
बांग्लादेश की अवामी लीग ने शनिवार को देश के रेडीमेड परिधान उद्योग की बिगड़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि जिसे कभी राष्ट्र का गौरव माना जाता था
बलूचिस्तान में नागरिकों पर पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई जारी
प्रमुख मानवाधिकार संगठनों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना द्वारा कई बलूच नागरिकों को जबरन गायब कर दिया गया है, क्योंकि प्रांत भर में जबरन गायब किए जाने, हत्याओं और यातनाओं के बीच उत्पीड़न का चक्र जारी है
भारत-नेपाल के बॉर्डर पर बसा भिखनाठोरी गांव। आजादी से आज तक यहां बिजली नहीं पहुंच सकी। सड़क कटकर कच्ची हो गई और गांव की पहचान वोटर कार्ड से लेकर आधार कार्ड तक ही सीमित है। इसे लेकर वन विभाग कहता है कि पूरे गांव की जमीन हमारी है। रेलवे का भी यही दावा है। रामनगर का राज परिवार इसे अपनी जमीन बताता है। वहीं गांव के लोगों का कहना है कि ये उनकी जमीन है। पश्चिमी चंपारण जिले में 179 घरों वाले इस गांव का विकास चार दावेदारों के बीच अटका है। गांव भारत-नेपाल बॉर्डर पर बसा है। गांव की आबादी करीब 2 हजार है। ये फॉरेस्ट एरिया में है। लोगों का आरोप है कि इसी वजह से वन विभाग आए दिन जमीन खाली करने का नोटिस भेजता है और बुलडोजर चलाने की धमकी देता है। गांव वाले बताते हैं कि कागजों में ये भारत का हिस्सा है, लेकिन हकीकत में इसे अब भी पहचान की दरकार है। यहां न बिजली है, न सड़क और न लोगों के पास मकानों का मालिकाना हक। बिजली के लिए मकानों पर लगी सोलर प्लेट ही सहारा है। धूप निकले तभी घरों में बल्ब जलता है वरना रात अंधेरे में कटती है। गांव वालों का कहना है कि अगर हमें हक न मिला तो चुनाव का बहिष्कार करेंगे। गांव में किस तरह की परेशानियां हैं? गांव के जमीन पर अलग-अलग विभाग क्यों अपना दावा कर रहे हैं? गांव वालों को आज तक बिजली और सड़क क्यों नहीं मिल सका? ये जानने के लिए हम भिखनाठोरा गांव पहुंचे। गांव की हकीकत पढ़िए इस रिपोर्ट में… आजादी के पहले बसा गांव, जमीन का मालिकाना हक तक नहींहमें गांव तक पहुंचने के लिए करीब 7 किलोमीटर तक जंगल से होते हुए कच्ची सड़क से गुजरना पड़ा। PWD की पुरानी सड़क उखड़ी पड़ी थी। गांव में हमें नल-जल की पाइपलाइन दिखी लेकिन बिजली न होने से मोटर नहीं चलता। इसलिए पानी की सुविधा भी नहीं मिल रही है। गांव के लोग नदी से पानी से बर्तन धोते मिले। गांव में स्कूल की बिल्डिंग खड़ी है लेकिन छत नहीं डल सकी। थोड़ा आगे बढ़े तो कुछ गांव वाले मिले। ग्राम वनाधिकार समिति के अध्यक्ष पूर्णा प्रसाद बताते हैं, ‘गांव रामनगर के राजा ने बसाया था। नेपाल से आने वाले बौद्ध भिक्षु यहां ठहरते थे, क्योंकि आगे घना जंगल है। इसीलिए गांव का नाम भिखनाठोरी पड़ गया। 1865 में जॉर्ज पंचम भी गांव आए थे। उन्हीं के लिए रेल लाई गई।‘ वे कहते हैं, ‘हम आजादी के पहले से बसे हैं। 2013 में नीतीश कुमार आए और वनाधिकार समिति बनी। 2006 के वन अधिकार नियम के तहत तीन पीढ़ी से बसे लोगों को बसावट का पर्चा मिलना था। हमने 179 दावा पत्र अनुमंडल पदाधिकारी और बीडीओ को दिया। तत्कालीन DM श्रीधर सिंह राजी भी थे, लेकिन वन विभाग ने सब अटका दिया।‘ हमारे गांव का सर्वे छूटा, आज तक गुलाम जैसी जिंदगीगांव में रहने वाले सुनेश सहनी कहते हैं, ‘हम पर अवैध बसावट के आरोप लगे हैं, लेकिन ये जमीन हमारी है। पूर्वजों के समय से बसे हैं। सरकार का नियम है कि अगर 12 साल से अवैध या गैरमजरूआ जमीन पर बसे हैं तो बिना अनुमति सरकार दे दे लेकिन वन विभाग जबरदस्ती दावा ठोक रहा। कहता है कि जंगल में बसे हो, खाली करो वरना तोड़ देंगे लेकिन उनके पास हमें हटाने के कागज नहीं हैं। अगर विभाग गलत नीयत रखेगा तो हम अनशन और आंदोलन करेंगे।‘ ‘गांव के पास भारत सरकार की सारी सुविधाएं हैं। 2017 की बाढ़ में कटाव हुआ तो सरकार ने 40 करोड़ खर्च कर बांध बनवाया। अगर ये गांव न होता तो क्यों बनवाता?‘ नेता लिखित शिकायत पर आश्वासन देते हैं लेकिन कार्रवाई नहीं करते। 1947 में आजादी के सर्वे में गांव जंगल सर्वे से छूट गया। हम आज भी गुलाम जैसे जी रहे। सरकार से मांग है कि वन विभाग से निदान कराएं और हमें बसावट का पर्चा दें। ‘सरकार ने बिजली पास की लेकिन वन विभाग ने उसे पास के भतुजला गांव में डायवर्ट कर दिया। भतुजला को पर्चा मिला लेकिन हमें नहीं। PWD ने अंडरग्राउंड बिजली रोकी, विरोध किया गया तो 22 लोगों पर केस हो गया। सड़क न होने से अस्पताल जाना मुश्किल। नेपाल बॉर्डर दो कदम पर है, वहां विकास है लेकिन यहां नहीं।‘ नेता पहले बसावट का पर्चा दें, तभी वोट करेंगेमोतीलाल सरकार से मांग करते हुए कहते हैं, ’हमें बसावट का पर्चा मिले। 2006 में भारत सरकार ने कानून बनाया कि वनवासियों और परंपरागत लोगों को बसावट का पर्चा देंगे, वो चाहे भूमिहीन हो या गैर-भूमिहीन। अगर हटाना है तो विस्थापित करें और प्रति परिवार पैसा दें। हम उसी कानून की बात करते हैं।’ इस बार के चुनाव में इसे मुद्दा बताते हुए वे कहते हैं, ’नेता वोट मांगने आएंगे तो कहेंगे, बसावट का पर्चा दीजिए वरना वोट नहीं करेंगे। आप सालों से सत्ता में हैं, विधायक बने लेकिन कोई काम नहीं किया। यहां बाकी सरकारी सुविधाएं हैं- पोस्ट ऑफिस, स्कूल सब है लेकिन गांव की पहचान नहीं है।’ ’नेता सिर्फ वोट ले जाते हैं। सांसद-विधायक एक-दो बार आते हैं, वोट पड़ने के बाद फिर कोई नजर नहीं आता। हम गरीब, असहाय लोग उनके पीछे दौड़ते हैं। सड़क की दुर्दशा देखिए, पहले अच्छी थी। 2014-15 में टेंडर हुआ, डबल लाइन के लिए उखाड़ा लेकिन काम बंद कर दिया। अब सब अधर में है।’ जमीन के कागज, फिर भी वन विभाग परेशान कर रहा भिखनाठोरी गांव के पूर्व मुखिया दयानंद सहनी कागज दिखाते हुए कहते हैं, ’मेरे पास 1966 की आईडी है। हमारे पूर्वज 100 साल से पहले से यहां बसे थे। ये राजा रामनगर की जमीन थी। आजादी से पहले सारी जनता राजा की जमीन पर बसी थी। यहां पत्थर का व्यवसाय होता था। आजादी के बाद भी बसावट बनी रही।’ ’अंग्रेजों के समय रेल आई। रेल ने जमीन ली, वन विभाग ने भी अधिग्रहण किया। वन विभाग ही अन्याय कर रहा है, रोड नहीं बनने दे रहा, बिजली नहीं आने दे रहा। पानी के लिए हाल में बिहार सरकार ने तीन बोरिंग लगाईं। PHE ने पहले भी कोशिश की। हमारे पास सब कुछ है, आईडी, राशन कार्ड, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, टीकाकरण केंद्र और आशा कार्यकर्ता।’ ’राशन से लेकर सब सुविधाएं बिहार सरकार दे रही। जो काम रुका है, उसके पीछे वन विभाग की गलत नीयत है। स्कूल के छत की ढलाई को रोक दी गई। बच्चे कहां पढ़ने जाएंगे? क्या हमारे बच्चे पढ़ें लिखेंगे नहीं? विभाग झूठे मुकदमे करा रहा है। गोपनीय तरीके से आता है।’ ’एक बार रेंजर सुनील पाठक आए, बोले- सर्वे कराकर बसाएंगे लेकिन 20 से 50 लोगों को नोटिस जारी कर गए। नोटिस में कहा- हमारी जमीन पर बसे हो, जवाब दो। जब ग्रामीण जवाब देने गए तो धोखे में रखकर सहमति पत्र लिखवा लिया कि हम उनकी जमीन पर बसे हैं। वन एक्ट 1972 से पहले बसे गांव के पास 1966 का प्रूफ है क्योंकि तब कोई वन एक्ट नहीं था। विभाग फिर भी नहीं मान रहा।’ ’वन अधिकारी बुलडोजर चलाने की धमकी देते हैं। कहते है कि दो महीने में हट जाओ, वरना बुलडोजर चला देंगे। नोटिस पर मुकदमे दर्ज हो जाते हैं। वकील रखे बिना एकतरफा बयान लेते हैं। जब पता चला तो हम विभाग के लोगों से मिले लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। नोटिस में लिखा है कि वकील जवाब देंगे।’ सांसद-विधायक वोट मांगने आते, कोई हक नहीं दिलातादयानंद आगे कहते हैं, ’2011 में मैं मुखिया बना, तब विकास भवन में DM के समक्ष 50 पंचायतों की बैठक हुई। भिखनाठोरी को प्राथमिकता दी गई।’ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दावा पत्र का आदेश दिया। 2013 में नीतीश कुमार खुद भिखनाठोरी पहुंचे, 179 व्यक्तियों के दावा पत्र लिए। पेपर मेरे पास हैं। अंचल से नजरी नक्शा बनवाया। सब सबूत हैं, लेकिन वन विभाग जबरदस्ती परेशान करता है। ’सांसद, विधायक, मंत्री वोट मांगने आते हैं। सांत्वना देते हैं और गायब हो जाते हैं। इस बार हमारे अस्तित्व की लड़ाई ही हमारा मुद्दा है। इस बार वोट भी उसी को देंगे जो हमारी पहचान दिलाएगा। हमने जिला पदाधिकारी, अनुमंडल, प्रखंड हर जगह आवेदन दिया, कोई नहीं सुन रहा। हम जैसे वोट बहिष्कार की बात करते हैं तो CO-BDO सब पहुंच जाते हैं और भरोसा दिलाने लगते हैं। चुनाव के बाद अधिकारी भी काम नहीं आते हैं।’ ’अगर हमारी समस्या न सुलझी तो आंदोलन करेंगे। बच्चा-बच्चा बैठेगा, सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। हम आगामी विधानसभा में वोट बहिष्कार करेंगे। बिहार सरकार ने इतने दिनों से अंधेरा में रखा। हम JDU-BJP के समर्थक हैं, लेकिन अब विरोध करेंगे। हमें न्याय दो, वरना वोट लेने का अधिकार नहीं।’ सरकारी योजनाएं पहुंची लेकिन बिजली-सड़क नहीं गांव में रहने वाली पूनम देवी कहती हैं, ‘परेशानी ये है कि हमारे पूर्वज आजादी से पहले से यहां बसे हैं। उस समय वन विभाग का अस्तित्व नहीं था। आज जीविका समूह हैं, 17 ग्राम संगठन हैं। अंग्रेजों का गेस्ट हाउस है, पोस्ट ऑफिस है, स्कूल भी है लेकिन छत टूट गई है अब वन विभाग डालने नहीं दे रहा।‘ ‘स्वस्थ भारत अभियान चल रहा है। सारी सरकारी सुविधाएं हैं, लेकिन वन विभाग हमें उजाड़ना चाहता है। वृद्धावस्था पेंशन मिलती है, लेकिन बिजली और सड़क नहीं है। रेलवे लाइन बंद कर दी। पीएम आवास में किसी को घर नहीं मिला क्योंकि वन विभाग बनने नहीं देता है। ‘ ‘नल-जल योजना है, लेकिन बिजली न होने से ठप है। वन विभाग जबरदस्ती नोटिस दे रहा। 20 लोगों को खाली करने का नोटिस मिला, 10 सितंबर को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश मिली। रेलवे ने भी 2023 में अतिक्रमण हटाने का नोटिस दिया। 179 के करीब परिवार उजड़ने की कगार पर हैं। हमारे साथ अन्याय हो रहा है।‘ ये राजा या रेलवे की जमीन, वन विभाग नहीं मान रहागांव के बुजुर्ग मोतीलाल पासवान दस्तावेज दिखाते हुए कहते हैं, ‘मेरे पास 1865 का सबूत है। जब से यहां रेल चल रही है। 1800 में भारत-नेपाल समझौता हुआ, जिसमें हमारे नाले का पानी नेपाल को देने की बात तय हुई। सब कुछ होते हुए भी वन विभाग कहता है कि जमीन उसकी है। ये गांव कभी सोने की चिड़िया जैसा था लेकिन वन विभाग के कारण बर्बाद हो गया। चाहे युवा हो या बुजुर्ग यहां लगभग सभी पर केस चल रहा है।‘ वे DFO से हुई बात का जिक्र करते हुए कहते हैं, ‘मैं साहब के पास गया। कहा- सर 59 नंबर और 62 नंबर प्लॉट की भी मैपिंग कर लीजिए। अगर फॉरेस्ट में है तो उजाड़ दीजिए, अगर नहीं तो ये राजा या रेलवे की जमीन है। वे बोले- हम कैसे मान लें? बताइए भला जियो-मैपिंग और जियो-टैगिंग हो चुकी है। उन्हें सैटेलाइट इमेज भी दिखाई, लेकिन वो मानने को तैयार नहीं थे।’ वे आगे कहते हैं, ‘हमें जानबूझकर परेशान किया जा रहा है, ताकि लोग यहां से चले जाएं और वन विभाग मनमानी कर सके। गांव के लोग डरे-सहमे हैं। फॉरेस्ट सिपाही देखते ही भाग जाते हैं। सब डरकर नेपाल भाग जाते हैं कि कहीं पकड़ न लिए जाएं।’ विधायक बोलीं- वन विभाग के चलते जमीन से जुड़ी योजनाएं अटकींगांव वालों की परेशानियों को लेकर हमने क्षेत्र की विधायक भागीरथी देवी से बात की। वे कहती हैं, 'जो भी जमीन से जुड़ी योजनाएं है, जैसे- सड़क, मकान इन सभी का लाभ उन्हें नहीं मिल पाता है। क्योंकि गांव में वन विभाग अपनी जमीन होने का दावा करता है। बाकी सभी योजनाएं वहां पहुंच गई हैं।' वन विभाग बोला- पूरी बस्ती अवैध नहीं, कुछ जमीन विवादित हम बेतिया में वन विभाग के सह निदेशक नेसा मणि से मिले। उन्होंने बताया कि कुछ लोग बसे हुए हैं। दुकानें भी बनी हैं। संबंधित वन पदाधिकारी ने संगठन बनाकर अवैध बसावट पर नोटिस जारी किए, ताकि लोग अपना पक्ष रख सकें। नोटिस में कहा गया कि जमीन किसकी है, इसका जवाब दें। सुनवाई का मौका दिया गया। अगर जंगल में नया अतिक्रमण हो तो रोकते हैं, पुराने मामले में नोटिस देकर पक्ष सुनते हैं। यही मानक प्रक्रिया है। वे आगे कहते हैं, 'पूरी बस्ती अवैध नहीं, कुछ विवादित जमीन है। विभाग के अनुसार, जमीन पहले वन की थी। सरकारी सुविधाएं जैसे आधार, पैन, वोटर आईडी बना है। लोग वोट देते हैं लेकिन तत्काल खाली कराने की कोई कार्रवाई नहीं हुई। नोटिस पक्ष रखने के लिए है। अगर लीगल हैं तो पेपर लेकर DFO या न्यायालय जाएं। सुनवाई के बाद फैसला होगा। अवैध अतिक्रमण पर नोटिस का जवाब देना जरूरी है वरना कार्रवाई हो सकती है।'............... ये खबर भी पढ़ें...‘नेपाल न होता तो हम भूखे-प्यासे मर जाते’ रक्सौल का सीवान टोला गांव। नेपाल से इतना करीब कि लोग कमाने भी वहीं जाते हैं। यहां आपस में लोग इतने घुले-मिले हैं कि भारत के दीपनारायण पटेल और नेपाल के लाल बाबू पटेल एक दलान में बैठे मिल जाते हैं। ये सीवान टोला का एक पहलू है। दूसरा पहलू ये कि यहां के लोगों को सरकार से बहुत शिकायतें हैं। गांव की लीलावती कहती हैं, ‘यहां न नाली है, न रोड। हम लोग नेपाल से पानी लाकर पी रहे हैं। पढ़िए पूरी रिपोर्ट...
US सेना को कौन बंधक बना रहा? भड़के ट्रंप बोले- सैनिकों को टाइम पर मिले सैलरी वरना...
US News:ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, 'चक शूमर ने हाल ही में अपने 'कट्टरपंथी वामपंथी' बंद के दौरान कहा था हर दिन बेहतर होता जा रहा है. मैं इससे असहमत हूं! अगर कुछ नहीं किया गया, तो चक शूमर जैसे नेताओं और डेमोक्रेट्स की वजह से, हमारे जांबाज सैनिकों को 15 अक्टूबर को उनकी सैलरी नहीं मिलेगी.
‘हमारे लीडर नसरल्ला की शहादत को एक साल हो गया है, लेकिन पिछले एक साल में जो कुछ हुआ, उससे साफ है कि हम अभी जिंदा हैं, हमारा संघर्ष अभी जिंदा है और अल हमदुल्लिलाह ये जिंदा रहेगा। हमने संगठन में टेक्नोलॉजी से लेकर टैक्टिकल बदलाव किए हैं, जो हमें पहले से मजबूत बनाते हैं।’ लेबनानी संगठन हिजबुल्लाह की शूरा काउंसिल के मेंबर से जुड़े एक कमांडर ने सोर्स के जरिए दैनिक भास्कर से बातचीत की। इजराइल और लेबनान के बीच सीजफायर हुए करीब एक साल हो रहे हैं, लेकिन इजराइल ने अब भी हमले बंद नहीं किए हैं। वो लगातार लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों को तबाह कर रहा है। पिछले एक साल में हिजबुल्लाह को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। IDF ने 6 अक्टूबर को भी लेबनान में ड्रोन अटैक कर एक कार को निशाना बनाया। इसमें सवार हिजबुल्लाह लीडर हसन अली जमील और उसकी पत्नी मारे गए। घटना का वीडियो भी सामने आया। हसन अली हिजबुल्लाह संगठन के साउथ लेबनान यूनिट से जुड़ा था। वो इजराइल के खिलाफ हुए ताजा हमलों की स्ट्रैटजी में शामिल था। हिजबुल्लाह, लेबनान का शिया मिलिशिया संगठन है। इसे इजराइल, अमेरिका समेत पश्चिमी देशों ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। ये 1980 के दशक में लेबनानी सिविल वॉर के दौरान उभरा और तब से इजराइल के खिलाफ कई हिंसक संघर्षों में शामिल रहा है। ये शिया मुस्लिम पॉलिटिकल पार्टी भी है, लेबनानी संसद और सरकार दोनों में इसकी मौजूदगी है। नईम कासिम अभी हिजबुल्लाह का नया लीडर है। इजराइली हमलों में बीते एक साल में हुए नुकसान के बाद अब हिजबुल्लाह किस हाल में है। अब उसके पास कितनी ताकत बची है और उसकी आगे की स्ट्रैटजी क्या है। इन सवालों के जवाब जानने के लिए हमने अपने सोर्स के जरिए हिजबुल्लाह कमांडर से बात की। पढ़िए पूरी बातचीत… सवाल: पिछला एक साल हिजबुल्लाह और लड़ाकों के लिए कैसा रहा?जवाब: ये हमारे लिए इम्तिहान का साल रहा। हमारे कई लीडर शहीद हो गए, जिनमें हमारे अजीज जनरल सेक्रेटरी सैयद हसन नसरल्लाह भी शामिल हैं। हालांकि हिजबुल्लाह की परंपरा यही है। हर शहादत हमारी ताकत को कम नहीं करती बल्कि नए जोश के साथ हमें आगे बढ़ाती है। इजराइल अगर सोचता है कि हमारे लीडर्स को मारकर, हमारे ठिकाने तबाह कर हमें कमजोर कर देगा, तो वो गलत है। आज हकीकत ये है कि हमारी रॉकेट और ड्रोन कैपेसिटी पहले से ज्यादा मजबूत है। हमारे पास जनता का सपोर्ट भी पहले से ज्यादा है। सवाल: पिछले एक साल में संगठन के स्तर पर हिजबुल्लाह में क्या-क्या बदलाव हुए?जवाब: हमने अपने सैन्य ढांचे में अहम सुधार किए। हमारी यूनिट्स अब पहले से ज्यादा फ्लेक्सिबल हैं। सुरक्षा और तेज जवाबी कार्रवाई में हम पहले से मजबूत हुए हैं। जरूरी फैसले अपने स्तर पर ले सकते हैं। अब किसी भी तरह का दबाव हमें तोड़ नहीं सकता। सवाल: क्या अब भी लेबनान के आम लोग हिजबुल्लाह के साथ हैं, क्योंकि लोगों की नाराजगी की खबरें आई हैं?जवाब: लेबनान संकट के दौर से गुजर रहा है और हिजबुल्लाह हमेशा अपने लोगों के साथ खड़ा है। हमारी सोशल सर्विस, हमारी पॉलिटिकल ताकत और हमारी मौजूदगी लेबनान को स्टेबिलिटी देती है। हमारे दुश्मन चाहे जितनी भी कोशिश कर लें, हिजबुल्लाह लेबनानी जनता का हिस्सा है और रहेगा। सवाल: आपने पेजर अटैक और इंटेलिजेंस लीक के बाद किस तरह के तकनीकी बदलाव किए?जवाब: हमने जो सबसे बड़ा सबक सीखा, वो ये है कि पारंपरिक तरीके अब पहले की तरह असरदार नहीं रहे। इसलिए हमारे तौर-तरीके पहले से ज्यादा कॉन्फिडेंशियल हैं और सुरक्षा इंतजाम पहले से मजबूत हैं। हमने दुश्मन का इंटेलिजेंस ट्रैप करने के लिए नई व्यवस्था बनाई है, हालांकि उसके बारे में ज्यादा नहीं बता सकता। बस यही कहूंगा कि अब वो चूक नहीं होगी जो पहले हो गई। जो भी कमियां सामने दिखीं, उसमें हमने सुधार किया है। हम अब सतर्कता और स्ट्रैटजिक पेशेंस पर ज्यादा भरोसा करते हैं। लेबनानी जनता की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। सवाल: सीरिया में तख्तापलट के बाद आपका सप्लाई रूट बंद है, फिर हथियार कहां से आ रहे हैं?जवाब: हमारी ताकत सिर्फ बाहरी मदद पर निर्भर नहीं है। हमारी जड़ें यहां की जनता में हैं। हम लोकल सपोर्ट, रीजनल सपोर्ट और अपने नेटवर्क के सहारे खुद को मजबूत करते हैं। हमने वैकल्पिक तरीके तलाशे हैं और उस पर काम कर रहे हैं। सवाल: इजराइल के साथ अगर फिर युद्ध के हालात बनते हैं तो इस बार क्या अलग होगा?जवाब: हर संघर्ष का अनुभव हमें बदल देता है। इस बार हम पहले से ज्यादा तैयार हैं। हमने शहादतें देखी हैं, हमने उनकी कीमतें चुकाई हैं इसलिए हमारी प्राथमिकता यही होगी कि हम जनता के सामने मजबूती दिखाएं। साथ ही इलाके में अपने सहयोगियों के साथ तालमेल बैठाएं। अब दुश्मन को ये दिखाना होगा कि उन्हें ऐसे किसी भी हमले की भारी कीमत चुकानी होगी। सवाल: आपको सपोर्ट करने वाला ईरान अब पहले जितना मजबूत नहीं रहा, अब सपोर्ट सिस्टम क्या होगा?जवाब: ईरान के साथ हमारे रिश्ते बहुत पुराने हैं, लेकिन हमारा अस्तित्व किसी एक सपोर्ट पर निर्भर नहीं करता है। हमारी पहली जिम्मेदारी अपने लोगों की सुरक्षा है। हम मानते हैं कि हालात तेजी से बदल रहे हैं, लेकिन हमारे पास लेबनान के लोकल लोगों का सपोर्ट है और यही बात हमें मजबूती देती है। हमने हमेशा दुनिया और आस-पास के हालात को देखते हुए फैसले लिए हैं ताकि हमारा मिशन जारी रहे। हमें उम्मीद है कि इंशाअल्लाह एक दिन हमारा मिशन जरूर पूरा होगा। हिजबुल्लाह कमजोर ज़रूर पड़ा है, लेकिन खत्म नहीं हुआ हिजबुल्लाह कमांडर के दावे जानने के बाद हमने इसे लेकर एक्सपर्ट की भी राय ली। काउंटर टेरर एक्सपर्ट कबीर तनेजा ORF में डिप्टी डायरेक्टर हैं। उनकी मिडिल ईस्ट पर मजबूत पकड़ है। वे कहते हैं, ‘इजराइल और लेबनान के बीच मतभेद चलते रहते हैं। साउथ लेबनान में कोशिशें हो रही हैं कि हिजबुल्लाह को हटाया जाए और लेबनान की ऑफिशियल आर्मी तैनात की जाए।‘ ‘लेबनानी आर्मी काफी कमजोर है, लेकिन उसके पास अमेरिका और फ्रांस का सपोर्ट है। वो आर्मी को मजबूत करने की कोशिश में जुटे हैं, ताकि देश में आर्मी की पकड़ मजबूत हो और हिजबुल्लाह कमजोर पड़े।‘ इजराइल ने कहा है कि अगर लेबनानी आर्मी का ये अभियान सफल रहा तो वो लेबनान से अपनी फोर्सेज वापस बुलाना शुरू करेगा। कबीर बताते हैं, नसरल्लाह की मौत के बाद हिजबुल्लाह काफी कमजोर पड़ गया है, क्योंकि शुरू से उसी की लीडरशिप में संगठन आगे बढ़ा था।‘ ‘ईरान की लीडरशिप की 3-4 बार हिजबुल्लाह के नेताओं से मुलाकात हो चुकी है। जब नसरल्लाह की मौत हुई, तब भी उसके साथ ईरानी सेना की विंग IRGC (इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स) के लोग शामिल थे। ईरान और हिजबुल्लाह के रिश्ते बहुत मजबूत रहे हैं। ईरान कभी नहीं चाहेगा कि इसमें कोई कमी आए।‘ ‘ईरान हमेशा हिजबुल्लाह को राजनीतिक तौर पर मजबूत रखने की कोशिश करेगा ताकि वहां की सरकार में उसकी अच्छी पकड़ बनी रहे।‘ ‘दरअसल, लेबनान के प्रेसिडेंट जोसेफ औन को अमेरिका और सऊदी अरब का सपोर्ट हासिल है। जोसेफ का रुख हमेशा ईरान के खिलाफ रहा है। मुझे लगता है कि हिजबुल्लाह की मिलिट्री कैपेसिटी बढ़ने से ज्यादा नजर अभी राजनीतिक उठापटक पर रखनी चाहिए, क्योंकि अब हिजबुल्लाह को यहां की सियासत से उम्मीद है।‘ हिजबुल्लाह के पास अब भी मिलिट्री पावर, बस स्ट्रैटजी बदलीदैनिक भास्कर ने सीरिया में रहने वाले जर्नलिस्ट स्टीवन शाहीयओउने से भी बात की। स्टीवन ने मिडिल ईस्ट के देशों में लंबे समय तक रिपोर्टिंग की है: सवाल: क्या इजराइल और लेबनान के बीच संघर्ष फिर तेज हो रहा है, साउथ लेबनान से हमलों की खबरें आ रही हैं?जवाब: इजराइल पहले दिन से ही सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है। वो तकरीबन हर दिन लेबनान में बमबारी कर रहा है। दूसरी तरफ लेबनान में हिजबुल्लाह अब ऑपरेशन में फेल साबित हो रहा है। अमेरिका ने ये सीजफायर करवाया था, अब उसे ही इस मामले में मध्यस्थता करनी चाहिए, लेकिन अमेरिका चुप है। सवाल: नसरल्लाह की मौत के बाद हिजबुल्लाह के अंदर क्या बदलाव हुए हैं?जवाब: हिजबुल्लाह की लीडरशिप और राजनीति में बड़े पैमाने पर बदलाव आया है। कई नए लोगों को अहम पदों पर नियुक्त किया गया है। मुझे एक कमांडर ने बताया कि मिलिट्री के स्तर पर पूरा स्ट्रक्चर ही बदल दिया गया है। उन्होंने इजराइल के साथ युद्ध लड़ने की रणनीति में भी बदलाव कर लिया है। हिजबुल्लाह ने अपने कई नेता खोए हैं, इसलिए इस बार वो नई रणनीति पर काम कर रहा है, जिससे उसे कम नुकसान हो। सवाल: पेजर हमलों के बाद हिजबुल्लाह ने तकनीकी तौर पर खुद को कितना मजबूत किया है?जवाब: पेजर अटैक ने तकनीकी तौर पर हिजबुल्लाह को हिलाकर रख दिया था। संगठन टेक्नोलॉजी में कितना कमजोर है, ये सबके सामने आ गया था। अब उसने अपने कम्युनिकेशन सिस्टम पर तगड़ा काम किया है। हिजबुल्लाह ने पिछले युद्ध से सीख ली है और अब अपनी खामियों को ठीक कर रहा है। सवाल: ईरान की स्थिति कमजोर होने और सीरिया में तख्तापलट के बाद हिजबुल्लाह की कमांड में क्या फर्क आया है?जवाब: अमेरिका ने भी हिजबुल्लाह पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। ईरान पर भी इसी तरह के प्रतिबंध रहे हैं, लेकिन वो अब भी लड़ रहा है। हिजबुल्लाह एक लड़ाका संगठन है और उनकी लड़ाई का लक्ष्य साफ है कि उन्हें लेबनान की जमीन खाली करवानी है। उनकी मौजूदगी आधे से ज्यादा लेबनान के हिस्से पर है। हिजबुल्लाह के पास अब भी उतनी ही मिलिट्री पावर है जितनी पहले थी बस अब उसकी स्ट्रैटजी बदली है। हिजबुल्लाह लेबनान की जमीन इजराइली कब्जे से छुड़ाने के लिए लड़ रहा है। ये करके वो जनता का समर्थन हासिल करना चाहता है। आप हिजबुल्लाह को पूरी तरह खत्म नहीं कर सकते हैं, ये इजराइल भी जानता है। सवाल: नसरल्लाह की मौत के बाद हिजबुल्लाह में लीडरशिप को लेकर कैसी पाबंदियां हैं?जवाब: हिजबुल्लाह को नसरल्लाह के नेतृत्व में साउथ लेबनान को इजराइली कब्जे से आजाद कराने के लिए जाना जाता है। इसी वजह से हिजबुल्लाह लेबनान के अंदर मशहूर भी हुआ था। अब वो फिर से इसी लक्ष्य पर फोकस कर रहे हैं कि इजराइल को पीछे करके कैसे अपने लोगों का दिल जीता जाए। अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने हिजबुल्लाह पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। ये पाबंदियां 25 साल से हैं, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। मेरा ऐसा मानना है कि प्रतिबंध रफ्तार को रोक सकते हैं लेकिन बदलाव को नहीं रोक सकते। सवाल: लेबनान में हिजबुल्लाह ने अपनी पॉलिटिकल विंग और मिलिट्री ऑपरेशन के बीच कैसे बैलेंस बनाया है?जवाब: हिजबुल्लाह को मिलिट्री और पॉलिटिकल विंग में बांटा नहीं जा सकता, दोनों मिले हुए हैं। सीजफायर के बाद से हिजबुल्लाह ने कोई मिलिट्री ऑपरेशन अंजाम नहीं दिया है। नसरल्लाह की मौत के बाद हिजबुल्लाह को लेबनान में लोगों का समर्थन और ज्यादा हासिल हुआ है। ...........................ये खबर भी पढ़ें तालिबान और भारत साथ, पाकिस्तान क्यों घबराया 'ऑपरेशन सिंदूर के बाद से साउथ एशिया की राजनीति काफी बदल रही है। पिछले कुछ सालों में चीन की मदद से पाकिस्तान ने खुद को बेहतर किया है। लिहाजा भारत, पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति पर काम कर रहा है। अब अफगानिस्तान के करीब आने से साउथ एशिया में भारत की स्थिति मजबूत होगी।' अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी के भारत दौरे को तुर्किये की यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर ओमैर अनस काफी उम्मीदों भरा बता रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...
गाजा में हमारे सैनिकों की तैनाती नहीं होगी: शीर्ष अमेरिकी कमांडर एडमिरल कूपर
शीर्ष अमेरिकी सैन्य कमांडर ने इजरायली सेना के बेस का दौरा करने के बाद स्पष्ट किया है कि गाजा पट्टी पर अमेरिकी सैनिकों की तैनाती नहीं होगी
DNA: नोबेल का गुस्सा ट्रंप ने चीन पर उतारा! फोड़ डाला टैरिफ का सुपर बम, भारत को फायदा या नुकसान?
China-US Tarrif:ट्रंप को नोबेल नहीं मिलने का चीन पर टैरिफ लगाने से क्या संबंध हो सकता है. ये हम आपको बताएंगे लेकिन पहले जानिए ट्रंप ने चीन पर टैरिफ को लेकर कौन कौन से बड़े एलान किए.
बॉर्डर पर तालिबान और PAK सेना के बीच फिर छिड़ा संग्राम, भारी गोलाबारी के बीच भारी नुकसान की खबर
Afghanistan Pakistan fight: पाकिस्तान का बुरा हाल हो रखआ है, एक ओर बलूचिस्तान में उसकी फौज की पोस्टों पर भीषण हमले हो रहे हैं जिनमें पाकिस्तानी सेना को भारी तादाद में अपने सैन्य अफसरों को खोना पड़ा है, दूसरी ओर अफगानिस्तान पाकिस्तान बॉर्डर पर पाकिस्तानी सैनिक हलाक हो रहे हैं.
'यहां आतंकी बरपा सकते हैं कहर...', अमेरिका ने इस देश के लिए जारी कर दिया टेरर अलर्ट
US Alert for Terror Attack: आतंकवादी भीड़-भाड़ वाले पर्यटक स्थलों या फिर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स पर किसी भी समय हमला कर सकते हैं. सोशल मीडिया और छुट्टियों के शौकीनों के लिए यह खबर चिंता वाली है. अमेरिकी अधिकारियों ने विजिटर्स को सतर्क रहने और इस दौरान संभावित रिस्क समझने की सलाह दी है.
Best Dosa in Dubai News: मुस्लिम शहर दुबई में भी डोसा खूब पसंद किया जाता है. वहां पर डोसा बेचने वाले बहुत सारे कैफे खुले हुए हैं. लेकिन अगर आपसे पूछा जाए कि दुबई में सबसे बढ़िया डोसा कहां मिलता है तो आपका जवाब क्या होगा.
चीन ने अमेरिका से जुड़े जहाज़ों पर बंदरगाह सेवा शुल्क लगाने की घोषणा की, 14 अक्टूबर से होगा लागू
चीन ने शुक्रवार को अमेरिका से जुड़े जहाज़ों पर विशेष बंदरगाह सेवा शुल्क लगाने की घोषणा की है। यह कदम उस अमेरिकी निर्णय के जवाब में उठाया गया है, जिसके तहत अमेरिका ने चीनी उद्यमों के स्वामित्व या संचालन वाले जहाज़ों पर अतिरिक्त बंदरगाह सेवा शुल्क लगाने की घोषणा की थी। यह नया शुल्क 14 अक्टूबर से प्रभावी होगा
रूस-चीन के सामने किम ने निकाली सबसे घातक मिसाइल, अमेरिका भी नहीं बच पाएगा; टेंशन में US
किम जोंग-उन ने इस मिसाइल का उल्लेख पहली बार सितंबर में अपनी बीजिंग यात्रा से ठीक पहले किया था. जिससे यह संकेत मिला था कि उत्तर कोरिया अपने सामरिक शस्त्रागार को अपडेट करने में लगा है. परेड के दौरान यह मिसाइल कवर में रखी हुई दिखाई दी.
रूसी मिसाइलों और ड्रोनों में पश्चिम के पुर्जे
पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं, लेकिन इन सख्तियों बावजूद पश्चिमी कंपनियों के संवेदनशील कल पुर्जे रूस तक पहुंच ही जा रहे हैं
Donald Trump: वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को इस खिताब से नवाजा गया.अमेरिकी राष्ट्रपति शांति पुरस्कार न मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए हुए दावा किया कि उन्होंने मारिया कोरिना मचाडो की कई मौकों पर हेल्प की है.
'इससे बेहतर तो नर्क है...', दुनिया की वो खतरनाक जेलें, जहां कैदी भी मांगते थे मौत की भीख
Dangerous Prison: दुनिया भर में कई ऐसी जेलें हैं, जहां पर कैदी मौत की भीख मांगते थे. इन जेलों के कठोर नियम थे जो कैदियों के लिए नर्क के सामान थे. आइए जानते हैं इसके बारे में.
Afghanistan Foreign Minister India Visit: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की भारत में हुई प्रेस वार्ता में महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किया गया.
अमेरिका में कतर के लिए बनेगा मिलिट्री एयरबेस, तैनात रहेंगे F15 जेट, पायलटों को भी मिलेगी ट्रेनिंग
Qatar- US Joint Airbase: अमेरिका जल्द इडाहो में कतर एयरफोर्स के लिए संयुक्त एयरबेस स्थापित करने की योजना बना रहा है. इसकी जानकारी अमेरिकी डिफेंस सेक्रेटरी पीट हेगसेथ ने दी.
Marwan Barghouti: कौन है वो फिलिस्तीन का सबसे पॉपुलर लीडर जिसे इजरायल ने आजाद करने से किया इनकार?
इजराइल-हमाज के बीच सीजफायर डील हो चुकी है, लेकिन नेतन्याहू सरकार ने फिलिस्तीन के सबसे पॉपुलर लीडर मारवान बरगौती को जेल से रिहा करने से इनकार कर दिया है.
'भारत वापस जाओ...' विदेशी धरती पर भारतीय बेटी के साथ बदतमीजी, क्यों हो रहे बार-बार हमले?
Indian in Ireland: आयरलैंड में रह रही स्वाति वर्मा को उस समय नस्लीय हिंसा का सामना करना पड़ा जब वो जिम से घर जा रही थी. जिम कर वापस घर लौट रही स्वाति वर्मा को बीच सड़क एक अधेड़ महिला ने रोक लिया. महिला के बैज पर लिखा है 'डबलिन सिटी यूनिवर्सिटी' यानी की DCU.
VIDEO: लाइव न्यूज पढ़ते हुए एंकर के सामने आया चूहा, डर के मारे निकल गई चीख; कुर्सी से कूदकर भाग गईं
Viral Video: सोशल मीडिया पर कतरी न्यूज चैनल अल-जज़ीरा का एक छोटा सा वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एंकर खबरें पढ़ रही है लेकिन इसी बीच एक बिल बुलाया मेहमान आ जाता है.
अमेरिका-चीन में फिर छिड़ेगा ट्रेड वॉर ! ट्रंप ने 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की दी धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह अगले महीने से चीन से आयात पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाएंगे
पेरू : जोस जेरी ने राष्ट्रपति के रूप में ली शपथ
पेरू के कांग्रेस नेता जोस जेरी ने देश के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। यह शपथ ग्रहण समारोह तब हुआ, जब संसद ने पूर्व राष्ट्रपति दीना बोलुआर्टे को उनके पद से हटा दिया
'डोनाल्ड ट्रंप का दिल उनकी उम्र से 14 साल जवान है', मेडिकल चेकअप के बाद डॉक्टर ने और क्या कहा?
Donald Trump Exceptional Health: डोनाल्ड ट्रंप की सेहत को लेकर एक चेकअप हुआ जिसके बाद उनके डॉक्टर ने बताया कि अमेरिकी राष्ट्रपति की एक्सेप्शनल हेल्थ है. कुल मिलाकर उन्हें फिट डिक्लेयर किया गया.
अमेरिका के सैन्य विस्फोटक प्लांट में भीषण धमाका, कई लोगों की मौत की आशंका
अमेरिका के टेनेसी में एक सैन्य विस्फोटक संयंत्र में जोरदार धमाका हुआ
40 मील दूर सुनी गई धमाके की आवाज, जब अमेरिका की बम बनाने वाली फैक्ट्री में हुआ ब्लास्ट, कितने हताहत?
अमेरिका की एक विस्फोटक बनाने वाली फैक्ट्री में ब्लास्ट हो गया है, धमाका बेहद खतरनाक था, आसपास मौजूद लोगों को एक पल के लिए यकीन नहीं हो पाया कि असल में हुआ क्या था.
शटडाउन के 10वें दिन व्हाइट हाउस ने शुरू की फेडरल कर्मचारियों की फायरिंग, 4000 लोगों की नौकरी पर खतरा
व्हाइट हाउस के बजट कार्यालय ने अदालत में पहले ही कह चुका है कि वो शटडाउन के दौरान 4,000 से ज्यादा फेडरल कर्मचारियों को नौकरी से निकाल सकता है.
चीन पर फूटा ट्रंप का टैरिफ बम, लगाया 100% टैरिफ, बातचीत खत्म करने दी धमकी
US Tariff on China: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने अब चीन पर 100 फीसद टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया है. साथ ही शी जिनपिंग के साथ बातचीत भी खत्म करने का आरोप लगाया है.