आधुनिक शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा का समावेश होना जरूरी है। ऐसे में आधुनिक शिक्षा में भारतीय ज्ञान परंपरा के समावेश की दृष्टि से भारत सरकार द्वारा भारतीय शिक्षा बोर्ड एक नेशनल स्कूल एजुकेशन बोर्ड के रूप में गठित किया गया है। पतंजलि योगपीठ इसकी स्पॉन्सरशिप बॉडी है। इस उद्देश्य को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों में भारतीय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन आजमगढ़ के पूर्व डीएम रहे डॉक्टर एनपी सिंह ने आजमगढ़ मंडल के मऊ जिले में मंडल के बड़ी संख्या में शिक्षाविदों और प्रबंधकों के साथ बात संवाद विचार विमर्श किया। इस बारे में पूर्व IAS डॉक्टर एनपी सिंह का कहना है कि इस संवाद के माध्यम से भारतीय शिक्षा बोर्ड में दृष्टि दक्षता और उसका मूल स्वभाव बच्चे का कैसे होना चाहिए। इसके साथ ही 21वीं सदी के कौशल के अनुरूप सारी दक्षताओं से सामर्थ्यवान बनाते हुए एक वैश्विक नागरिक होने का सामर्थ्य विकसित करना जरूरी है। जिसमें भारत की संस्कृति की आत्मा से दृष्टि जुड़ी हुई हो इसको लेकर भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन सिलेबस एसेसमेंट के मॉडल पर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में स्कूल प्रबंधकों और शिक्षा भी दोनों ने सवाल भी पूछे जिनके जवाब दिए गए। प्रदेश के 22 और देश के 142 जिलों में किया गया है भ्रमण दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए पूरा आईएएस अधिकारी डॉक्टर एनपी सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में अभी तक दौरा किया जा चुका है। जहां बड़ी संख्या में शिक्षाविदों के साथ बैठक की जा चुकी है। इसके साथ ही देश के 142 जिलों में भ्रमण किया जा चुका है। आने वाले दो-तीन वर्षों में शिक्षाविदों के साथ नए वैचारिक आजादी शैक्षणिक क्रांति के स्वर को सशक्त करने की कोशिश की जा रही है। यह है उद्देश्य इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले के विभिन्न विद्यालयों को भारतीय शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली, शैक्षिक दृष्टिकोण, नीतियों एवं भविष्य की शैक्षिक दिशा से अवगत कराना था। कार्यक्रम में जनपद के अनेक प्रतिष्ठित विद्यालयों के प्रबंधक, शिक्षाविद, संचालक एवं शिक्षा क्षेत्र से जुड़े प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। भारतीय शिक्षा बोर्ड का उद्देश्य देशभर के विद्यालयों को एक समान, समृद्ध और मूल्य आधारित शिक्षा प्रणाली से जोड़ना है। जिससे भविष्य की पीढ़ी अधिक सक्षम और सशक्त बन सके। साथ ही यह भी बताया गया कि अब विद्यालयों को CBSE और UP Board की तरह भारतीय शिक्षा बोर्ड से भी मान्यता प्राप्त करने का अवसर उपलब्ध होगा। जिससे शैक्षणिक विकल्प और व्यापक रूप से बढ़ सकेंगे। इस अवसर में बृज मोहन, राजन विश्वकर्मा, साक्षी पाण्डेय, मनु, संगीता द्विवेदी सहित बड़ी संख्या में शिक्षाविद उपस्थित रहे।
कोली समाज में महिला शिक्षा के कार्य को गति देने का संकल्प
कोटा। अखिल भारतीय कोली समाज की महिला प्रदेश महामंत्री निर्मला दहिया, अखिल भारतीय कोली समाज की कोटा जिलाध्यक्ष निर्मला वर्मा व प्रदेश मंत्री प्रिया जगेनिया ने दीपावली स्नेह मिलन के तहत चाय पे चर्चा कर संगठन के विस्तार के संदर्भ में विचार विमर्श किया। इस दौरान महिला जागरूकता, महिला शिक्षा एवं महिला सशक्तीकरण आदि विषयों […] The post कोली समाज में महिला शिक्षा के कार्य को गति देने का संकल्प appeared first on Sabguru News .
मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार अपने उस बयान से पलट गए हैं, जिसमें उन्होंने देश के प्रसिद्ध समाज सुधारक राममोहन राय को अंग्रेजों का दलाल कहा था। परमार ने रविवार को एक वीडियो में कहा- कल आगर में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती कार्यक्रम में उनके जीवन पर बोलते समय संदर्भों के क्रम में मुझसे गलती से राजा राममोहन राय के बारे में गलत शब्द निकल गए। इसके लिए मुझे अत्यंत दुख है और मैं प्रायश्चित करता हूं। राजा राममोहन राय एक प्रसिद्ध समाज सुधारक थे और मैं व्यक्तिगत रूप से उनका सम्मान करता हूं। त्रुटिवश यह बयान मेरे मुंह से निकल गया, जिसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं।' दरअसल, परमार ने शनिवार को आगर मालवा में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में राजा राममोहन राय को अंग्रेजों का दलाल कह दिया था। इस बयान पर विवाद शुरू हो गया था। अब जानिए, मंत्री ने क्या कहा था मंत्री इंदर सिंह परमार ने आगर मालवा में कहा था- अंग्रेजी शासन मिशनरी स्कूलों के जरिए लोगों की आस्था बदलने का कुचक्र चला रहा था। इसी साजिश का हिस्सा राजा राममोहन राय भी थे। उस दौर में अंग्रेजों के संचालित मिशनरी स्कूल ही शिक्षा का साधन थे, जहां धर्मांतरण की कोशिशें होती थीं। कई लोगों को अंग्रेजों ने फर्जी समाज सुधारक बनाकर पेश किया। इसी क्रम में उन्होंने राजा राममोहन राय को अंग्रेजों का दलाल बताया। पूर्व सरकारों पर इतिहास दबाने का आरोपपरमार ने कहा था कि पूर्ववर्ती सरकारों ने असली आदिवासी नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को दबाया। उन्होंने कहा- जिन लोगों ने धर्मांतरण की राह आसान की, उन्हें महान बताया गया और असली वीरों को पीछे रखा गया। अंग्रेजों के समर्थन से चल रहे धर्मांतरण के चक्र को रोकने का साहस केवल बिरसा मुंडा ने किया। मंत्री ने यह भी कहा था- वर्ष 2025 विशेष रहेगा, क्योंकि बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, सरदार पटेल की 150वीं जयंती और वंदे मातरम् का विशेष स्मरण...तीनों घटनाएं एक साथ इतिहास में दर्ज होंगी। कांग्रेस ने बताया बौद्धिक दिवालियापनउच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के बयान देने और फिर माफी मांगने को कांग्रेस ने बौद्धिक दिवालियापन कहा है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने X पर लिखा- राजा राममोहन राय जैसे महान समाज सुधारक को “अंग्रेजों का दलाल” कहना सिर्फ अज्ञान नहीं, बल्कि देश के महान नायकों का घोर अपमान और बौद्धिक दिवालियापन है। जनता के आक्रोश के बाद मंत्रीजी ने भले ही माफी मांग ली हो, लेकिन सवाल यह है कि क्या सांप्रदायिक मानसिकता सिर्फ एक माफी से बदल जाती है? क्या इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने वाली सोच किसी मंत्री के पद पर रहते हुए स्वीकार्य है? कांग्रेस पार्टी ऐसे अपमान, ऐसी मानसिकता और इतिहास विद्वेष को किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करेगी। खबर पर आप अपनी राय यहां दे सकते हैं... ये खबर भी पढ़ें... अब मंत्री शाह बोले-विधायक मेरी बहन क्या मैं चुंबन लूंगा मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- हमारे प्रतिपक्ष के नेता ऐसे हैं कि अपनी जवान बहन को बीच चौराहे पर चुंबन करते हैं। ये संस्कार तो विदेशी संस्कृति के हैं। बयान पर बवाल मचा तो उन्होंने कहा- मैं रिश्ते की पवित्रता पर सवाल नहीं उठा रहा। मंत्री विजय शाह ने इस बयान का समर्थन किया। खंडवा में उन्होंने बगल में बैठी विधायक कंचन तनवे की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये मेरी सगी बहन भी हैं तो क्या मैं सार्वजनिक रूप से चुंबन लूंगा। पढ़ें पूरी खबर...
जयपुर में आर्ट ऑफ लिविंग संस्थापक श्रीश्री रविशंकर और मेहंदीपुर बालाजी धाम के महंत डॉ. नरेशपुरी महाराज के बीच आत्मीय आध्यात्मिक मुलाकात हुई, जिसमें राष्ट्र, समाज और शिक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन संवाद हुआ। संतों ने किया विस्तृत आध्यात्मिक संवाद श्रीश्री रविशंकर ने महंत डॉ. नरेशपुरी महाराज से मिलकर राष्ट्र उत्थान, सामाजिक समरसता, चरित्र निर्माण, युवा मार्गदर्शन और शिक्षा प्रणाली के सुदृढ़ीकरण पर चर्चा की।दोनों संतों ने माना कि आध्यात्मिक शक्ति, संस्कारित शिक्षा और समाज में सकारात्मक चेतना का विस्तार ही देश की उन्नति की नींव है। सनातन परंपरा और जनकल्याण का संदेश महंत और श्रीश्री का यह संवाद सनातन संस्कृति की उज्ज्वल परंपरा को और मजबूत करता है।इस मुलाकात ने आध्यात्मिक ऊर्जा, जनकल्याण और राष्ट्रनिर्माण की दिशा में प्रेरक संदेश दिया।महंत नरेशपुरी ने श्रीश्री का रामनामी दुपट्टा पहनाकर स्वागत किया और बालाजी महाराज की प्रसादी भेंट की। राष्ट्र शंखनाद महोत्सव का निमंत्रण सौंपा गया दिल्ली में होने वाले सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव का निमंत्रण संस्था की आध्यात्मिक उत्तराधिकारी श्रीचितशक्ति अंजली गाडगील ने सिद्धपीठाधीश्वर डॉ. नरेशपुरी महाराज को दिया।इस निमंत्रण के माध्यम से आने वाले आयोजन में आध्यात्मिक सहयोग और भागीदारी को और सुदृढ़ करने की अपेक्षा जताई गई।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पदयात्रा वृंदावन पहुंच चुकी है। 10 दिन में 170km की पदयात्रा में 3 बार धीरेंद्र शास्त्री की तबीयत बिगड़ी। वो कहते हैं- राम काज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम...। मुझ पर 20 घंटे काम करने का साइड इफेक्ट दिखता है। दिल्ली ब्लॉस्ट पर वो कहते हैं- इस्लामिक भाइयों से कहना चाहता हूं कि उन्हें शिक्षा नीति में बदलाव की जरूरत है, ताकि कोई डॉक्टर आतंकवादी न निकले। हमारी हिंदू संस्कृति के लिए महापुरुषों ने बलिदान दिया। अगर हमारा बलिदान होगा तो हम ना रुकेंगे, ना डरेंगे, ना पीछे हटेंगे। पदयात्रा के दौरान हिंदू एकता देखकर आतंकवादी बौखला गए हैं। पढ़िए पूरा इंटरव्यू... सवाल- पदयात्रा में कई बार आपकी तबीयत खराब हुई, लेकिन आप रुके नहीं?जवाब- मेरी तबीयत ठीक है। तन का अपना धर्म है, वो निभा रहा है। तन जरूर कमजोर है, मगर दिल मजबूत है। हमारी तबीयत से ज्यादा हिंदुओं की तबीयत खराब है। उनकी तबीयत ठीक करने के लिए अगर हमारी तबीयत खराब होती है, तो होती रहे...। हिंदुओं की तबीयत ठीक करेंगे। इस देश को एक करने के लिए जुटे रहेंगे। हटेंगे नहीं, डटे रहेंगे। जब तक प्राण न चले जाएं, मेरा तन-मन हिंदू, मेरा परिचय हिंदू, मेरी रग-रग हिंदू। सवाल- 170 किमी लंबी यात्रा से आप जो चाहते थे, वो नतीजे मिले?जवाब- लक्ष्य मिल रहा है या नहीं, ये समय बताएगा। देखिए, कोई भी आंदोलन या आंदोलित होने वाली क्रांति क्षण में प्रभावी नहीं होती। कुछ दिन बाद पता चलेगा कि कितना ठीक रहा था, क्योंकि अभी तो सब जगह शोर-शराबा है। अभी तो चर्चा होगी, फिर विमर्श होंगे। फिर विरोध भी होंगे, इसके बाद ही कुछ दिखेगा। सवाल- आपने कहा है कि दिल्ली जैसा धमाका हर गली-मोहल्ले में होगा? इसका क्या मतलब है?जवाब- मायने बहुत सीधे हैं। जिस देश में डॉक्टर जैसे गरिमा वाले पद पर रहने वाला व्यक्ति अगर आतंकी संगठन से जुड़ा हुआ है, तो निश्चित रूप से इस देश का भविष्य खतरे में हैं। मजहबी कट्टरपंथी भाइयों को ये बात समझने की जरूरत है। हम सभी इस्लामिक भाइयों से अपील करना चाहते हैं कि आपको अपनी शिक्षा नीति में सुधार करना चाहिए। जिससे कोई डॉक्टर आतंकवादी न निकले। सवाल- आपने ये भी कहा, कुछ लोग हमारी यात्रा पर गलत दृष्टि रखे हैं। ये लोग कौन हैं?जवाब- इसमें कोई संदेह नहीं कि हमारी संस्कृति के लिए महापुरुषों ने बलिदान दिया। अगर हमारा बलिदान होगा, तो हम ना रुकेंगे। ना डरेंगे, ना पीछे हटेंगे। सवाल- आपकी यात्रा के वक्त दिल्ली ब्लास्ट हुआ, कहीं ये आपको संदेश देने की कोशिश तो नहीं थी?जवाब- कहीं न कहीं बौखलाहट तो थी, जो नजर आया। बाकी सरकार और इंटेलिजेंस बेहतर बताएंगे। सुरक्षा बढ़ाई गई, गतिविधियां बढ़ाई गईं। इतना तो साफ है कि वो हिंदू एकता देखकर बौखला गए हैं। इससे हम रुकने वाले नहीं। वो बम फोड़ने पर भरोसा करते हैं, हम नारियल फोड़ने पर भरोसा करते हैं। सवाल- आप शुरू से हिंदुओं को एक करने पर जोर दे रहे। इसकी जरूरत क्यों पड़ रही?जवाब. ये जरूरत इसलिए भी पड़ी है, क्योंकि जब इस्लामिक कंट्री एक हो सकती हैं, तो हिंदू भी एक हो सकते हैं। हिंदू राज्य में हिंदू ही अल्पसंख्यक हो गए हैं, इसलिए भी इसकी जरूरत पड़ी है। आज हिंदू समाज जाति व्यवस्था और क्षेत्रवाद और भाषावाद में बंटा है। कहीं संस्कृति न नष्ट हो जाए, इसलिए भी जरूरत पड़ गई कि कहीं हिंदुओं की संस्तुति न खतरे में पड़ जाए, इसके लिए यही सही समय है। सवाल- आप हिंदू कट्टरवाद की बात करते हैं। इससे देश में क्या मुस्लिम कट्टरवाद नहीं बढ़ेगा?जवाब- हिंदू कट्टरवाद और मजहबी कट्टरवाद में जमीन आसमान का अंतर है। हमारी कट्टरता में अहिंसा परमो धर्म और वसुधैव कुटुंबकम् पर काम करते हैं। तलवारों की लड़ाई पर भरोसा नहीं करते, विचारों की लड़ाई पर भरोसा करते हैं। इसलिए हमारी कट्टरवाद और दूसरों के कट्टरवाद में बहुत अंतर है। सवाल- आपकी यात्रा से हिंदुओं का ध्रुवीकरण होता है। आरोप लगता है कि इसका फायदा BJP को होता है?जवाब- ये बेतुकी बात है, इस पदयात्रा से ही संविधान बचेगा। जब हिंदू एक होगा, तब ही देश बचेगा। इसके बाद ही संविधान बचेगा। जब देश ही नहीं बचेगा, तो संविधान कैसे बचेगा। जो इस्लामिक कंट्री हैं, वहां संविधान थोड़े माना जाता है। सवाल- आपने कथा में कहा था कि जब आपके दिन अच्छे नहीं थे, तब एक मुस्लिम दोस्त ने मदद की। अब आप हिंदू मुस्लिम की बात करते हैं?जवाब- हमारे कई अनुयायियों में मुस्लिम धर्म को मानने वाले भी हैं। हमारी पदयात्रा का मुस्लिमों से स्वागत किया। मुझे एक मूवी के बारे में बताया गया, वो थी अमर, अकबर, एंथोनी। इसमें दिखाते हैं कि अमर मंदिर में पूजा करने जाता है, अकबर मस्जिद में नमाज अदा करता है। एंथोनी चर्च में प्रेयर करता है। मगर मूवी का एंड बहुत जबरदस्त था। आखिर में सबका बाप कन्हैया निकलता है। देखिए, इस देश में कन्वर्टेड मुस्लिम हैं, उनके लिए बहुत अच्छा मौका है। सवाल- आपको अंदाजा था कि बिहार में BJP को इतनी बड़ी जीत मिलेगी?जवाब- हमने कभी राजनीतिक बयान नहीं दिए, न टिप्पणी की है। हम सिर्फ राष्ट्रवाद की बातें करते हैं। राष्ट्रवाद और सनातन के लिए काम करने वाली पार्टियां जीतती रहें, यही भगवान से प्रार्थना करते हैं। हमने सुना है कि वहां पर जाति के नाम पर बांटने का प्रयास किया गया। लेकिन, आखिर में बांटने की कोशिश नाकाम हुई। जातियों से ऊपर उठकर लोगों ने खुद ही वोट किया। सवाल- यमुना शुद्धिकरण को कितना बड़ा मुद्दा मानते हैं?जवाब- इसमें यमुना के किनारे रहने वाले लोगों को जागरूक रहना होगा। हमने सुना है कि सरकार भी नदी के शुद्धिकरण के लिए काम कर रही है। सवाल- BJP ने पहले कहा कि दिल्ली में हमारी सरकार नहीं, अब उनकी सरकार है। इस पर आपका क्या मत है?जवाब- मुझे भी लगता है कि इससे बेहतर समय नहीं हो सकता है। चारों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को एक टेबल पर बैठकर ऐसे निर्णय लेने चाहिए कि इतने साल, इतने महीने में हम अपने राज्य की शुद्ध कर लेंगे। आप अपने राज्य की करिए। 1 साल के अंदर पूरी नदी स्वच्छ हो जाएगी। सवाल- क्या हिंदू राष्ट्र की मांग करके आप संविधान में बदलाव चाहते हैं?जवाब- बिल्कुल भी नहीं, लोगों के दिलों में हिंदू राष्ट्र बन जाए, कागजों में तो अपने आप बन जाएगा। लोग जब सही पदों पर बैठेंगे, तो अपने आप परिवर्तन कर देंगे। सवाल- आपने तो हिंदू गांव भी बसाने के लिए कहा था, यह प्लान कहां तक पहुंचा?जवाब- हमने लोगों से कहा था कि जमीन हमारी है, आप आइए और बस जाइए। कोई धंधा नहीं करना है। सवाल- हिंदू राष्ट्र घोषित होने के बाद लोगों की जिंदगी क्या आसान हो जाएगी?जवाब- तो दुर्लभ भी नहीं होगी। सवाल- राम मंदिर की तरह आप श्रीकृष्ण जन्मभूमि के लिए संकल्प दिलवा रहे?जवाब- तीन मंदिर, हमारे अधिकार हैं- काशी, अयोध्या और मथुरा। 16 नवंबर को संत-साधुओं के साथ विचार करेंगे। अभी कोर्ट के लिए ठहरे हुए हैं। ये बात तो तय है कि मंदिर वहीं बनना है। सवाल- आपके अनुयायी जानना चाहते हैं कि आप शादी कब करेंगे?जवाब- बिल्कुल करेंगे। सवाल- आप जिससे शादी करेंगे, वो क्या वह घरेलू महिला होगी?जवाब- (मुस्कुराते हुए) जब हम शादी करेंगे, तो गृहस्थ ही होंगे। सवाल- 2024 में मध्यप्रदेश में पदयात्रा की, 2025 में दिल्ली, हरियाणा और यूपी में आए, आगे किन राज्यों में प्लान है?जवाब- पदयात्रा 3.0 होगी, बिल्कुल होगी, मगर कहां होगी, ये 16 नवंबर के बाद ही तय कर पाएंगे। हम भारत के नागरिक हैं, हमें कहीं भी जाने की स्वतंत्रता है। सवाल- हम 24 घंटे आपके साथ पदयात्रा में हैं। अब 20 घंटे सड़क पर चलते हैं, शरीर को आराम नहीं दे रहे?जवाब- रामायण में लिखा है- राम काज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम। आराम करते तो हैं, मगर उतना नहीं कर पाते, जितना शरीर को चाहिए। उसका साइड इफेक्ट भी दिखाई पड़ते हैं, आगे से थोड़ा सुधार करेंगे। ------------------------------- यह खबर भी पढ़ें - धीरेंद्र शास्त्री बोले- देश बाबर का नहीं, राम का, गद्दारी करने वाले सुन लें बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन एकता पदयात्रा का आज नौवां दिन है। जया किशोरी यात्रा में शामिल हुईं। यात्रा में वह धीरेंद्र शास्त्री के आगे चलती दिखाई दीं। पढ़िए पूरी खबर...
शिक्षा की असमानता को सच्चाई के साथ दिखाने की क्षमता बनी सफलता
भास्कर न्यूज| लुधियाना सिद्धार्थ सिंह ने दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित क्वीन’स कॉमनवेल्थ निबंध प्रतियोगिता 2025 में सिल्वर अवॉर्ड हासिल किया है। 1883 से आयोजित हो रही यह दुनिया की सबसे पुरानी अंतरराष्ट्रीय लेखन प्रतियोगिता में इस वर्ष इसे 50 से अधिक देशों से 53,434 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं। प्रतिस्पर्धा में सिल्वर अवॉर्ड मिलना सिद्धार्थ को कॉमनवेल्थ के बेहतरीन युवा विचारकों और लेखकों में शामिल करता है। उनके प्रमाणपत्र पर साहित्यिक दिग्गज बुकर्स प्राइज विजेता सर बेन ओक्री ओबीई, विश्वस्तरीय कवि इम्तियाज़ धारकर और रॉयल कॉमनवेल्थ सोसायटी की चेयर जेनेट कूपर ओबीई के हस्ताक्षर इस उपलब्धि को और खास बनाते हैं। इन हस्तियों की स्वीकृति सिद्धार्थ के लेखन में मौजूद परिपक्वता, संवेदनशीलता और गहरे विश्लेषण को दर्शाती है। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य युवाओं को सामुदायिक मूल्यों, समानता, नेतृत्व, समावेशन और भविष्य की चुनौतियों पर सोचने के लिए प्रेरित करना है। बकौल सिद्धार्थ, इस साल प्रतियोगिता का विषय कॉमनवेल्थ चार्टर के उस महत्वपूर्ण सिद्धांत पर आधारित था, जिसमें कहा गया है कि हर बच्चे को शिक्षा तक समान पहुंच मिलनी चाहिए। अपने निबंध में सिद्धार्थ ने यही अंतर दिखाया कैसे आदर्श बड़ी-बड़ी बातों में तो नजर आते हैं, लेकिन जमीन पर अब भी बच्चों के बीच भारी असमानताएं मौजूद हैं। लड़कियों के सीमित अवसरों और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा की कमी पर भी उसने गंभीर सवाल उठाए। सिद्धार्थ के अनुसार, समान अवसर सिर्फ एक वादा नहीं, बल्कि एक ऐसी वास्तविकता होनी चाहिए जो हर बच्चे के भविष्य की दिशा बदल सके। शिक्षा की असमानता को सच्चाई के साथ दिखाने की क्षमता ही सफलता बनी। सिद्धार्थ सेक्रेड हार्ट कॉन्वेंट इंटरनेशनल स्कूल का नौंवी क्लास का छात्र है। उसके पिता रिशिपाल सिंह, एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी में रजिस्ट्रार हैं और माता सुनिता, पीसीएस ऑफिसर हैं। वे दोनों बेटे की उपलब्धि से बेहद खुश और गौरवान्वित हैं। उन्होंने बताया कि सिद्धार्थ की जिज्ञासा, फोकस और स्वतंत्र सोच ने उसे इस प्रतियोगिता में सम्मान दिलाया। सिद्धार्थ की यही मौलिकता और दृढ़ता उसकी सफलता की सबसे बड़ी वजह बनी।
कोर्ट के आदेश की पालना नहीं:प्रमुख शिक्षा सचिव व मा. शिक्षा निदेशक को नोटिस
रिटायर लेक्चरर के मामले में अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर हाई कोर्ट ने प्रमुख शिक्षा सचिव व निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर सहित अन्य को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब देने के लिए कहा है। जस्टिस उमाशंकर व्यास ने यह निर्देश नमीचंद बलाई की अवमानना याचिका पर दिया। अधिवक्ता विजय पाठक ने बताया कि प्रार्थी जयपुर जिले में राजकीय सीनियर सेकंडरी स्कूल, बधाल में लेक्चरर पद पर था। वह जुलाई 2025 में रिटायर हुआ। सेवाकाल के दौरान शैक्षणिक सत्र 2018-19 में नागौर जिले के मिंडा स्कूल में पदस्थापित रहते समय वहां का परीक्षा परिणाम तय मापदंड से कम रहने पर प्रार्थी को 2021 में 17 सीसीए का नोटिस दिया, लेकिन उसके जवाब पर ध्यान दिए बिना ही शिक्षा निदेशक ने जुलाई 2021 में दो वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने का निर्देश देकर उसे दंडित किया। प्रार्थी ने इसकी अपील शिक्षा सचिव के यहां पर की। मार्च 2024 में शिक्षा सचिव ने उसकी अपील आंशिक तौर पर स्वीकार करते हुए एक वार्षिक वेतन वृद्धि रोकने का आदेश दिया। इसे हाईकोर्ट में चुनौती देने पर अदालत ने उसके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही रद्द कर दी। प्रार्थी ने हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी सहित विभाग से रोकी गई एक वार्षिक वेतन वृद्धि देने का आग्रह किया। विभाग ने पालना नहीं की।
कोटा में शिक्षा सहकारी सभा 696 द्वारा 'सहकार से समृद्धि' विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। मुख्य अतिथि गायत्री मीणा ने सहकारिता में समावेशी विकास और सामुदायिक सशक्तिकरण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। कार्यक्रम में शिक्षा अधिकारी, ब्लॉक प्रतिनिधि और सहकारी नेता उपस्थित रहे।
हरदा में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजातीय गौरव दिवस का जिला स्तरीय समारोह शासकीय एकलव्य आवासीय विद्यालय रहटगांव में आयोजित किया गया। अतिथियों ने भारत माता और बिरसा मुंडा के चित्रों पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्ज्वलित किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष गजेंद्र शाह मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश वर्मा, कलेक्टर सिद्धार्थ जैन, जिला पंचायत सीईओ अंजली जोसेफ, टिमरनी नगर पालिका उपाध्यक्ष राजा कौशल, एसडीएम टिमरनी संजीव कुमार नागू और जिला संयोजक रवि कनौजिया सहित कई अधिकारी, कर्मचारी, जनप्रतिनिधि व नागरिक उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि गजेंद्र शाह ने कहा कि शासन द्वारा हर वर्ग के कल्याण के लिए अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि आदिवासी बच्चों के लिए हॉस्टल चलाए जा रहे हैं, जहां वे शहरी क्षेत्रों में रहकर अपना भविष्य उज्ज्वल कर रहे हैं। शाह ने आदिवासी समुदाय से अपने बच्चों को शिक्षित करने और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की। शाह ने आगे बताया कि जनजातीय समुदाय के बच्चों के लिए शिक्षा की पूरी व्यवस्था की गई है। उन्हें निशुल्क किताबें, गणवेश और साइकिलें प्रदान की जा रही हैं। इसके अतिरिक्त, बच्चों को प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति भी दी जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि संघ लोक सेवा आयोग और मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षाओं में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को प्रोत्साहन राशि मिलती है। जनजातीय युवाओं के कौशल उन्नयन के लिए प्रशिक्षण उपलब्ध कराया गया है। भगवान बिरसा मुंडा स्वरोजगार योजना और टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना के तहत युवाओं को स्वरोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सहायता दी जा रही है। जयंती समारोह में एकलव्य आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। इस दौरान भगवान बिरसा मुंडा के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन किया गया, साथ ही लोक नृत्य और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां भी आयोजित की गईं। कार्यक्रम में जबलपुर में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह का सीधा प्रसारण भी दिखाया गया।
बारां में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाई गई। कार्यक्रम में आदिवासी समाज के शिक्षा और जागरूकता में उनके योगदान को याद किया गया। डॉ. हेमलता वैष्णव, डॉ. सुरेश मेघवाल और कई इतिहासकारों ने बिरसा मुंडा के समाज सुधार प्रयासों पर प्रकाश डाला।
फतेहपुर में राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शनिवार को चूरू रोड स्थित एसके देवड़ा स्कूल के नए भवन का शिलान्यास वर्चुअल माध्यम से किया। ट्रस्टी विनोद देवड़ा ने बताया कि इससे पहले शुक्रवार शाम को त्रिवेणी भवन में दिवंगत त्रिवेणी देवी, पत्नी दिवंगत शुभकरण देवड़ा का जन्म शताब्दी महोत्सव मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया। इस दौरान स्कूल के बच्चों ने गीत, नृत्य और कविता पाठ सहित विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। शनिवार सुबह 11 बजे शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने वर्चुअल माध्यम से एसके देवड़ा स्कूल के नए भवन का शिलान्यास किया। इस अवसर पर गोपेचार्य महाराज, विकास ब्रहमचारी महाराज, ट्रस्टी रामनरेश देवड़ा, विनोद देवड़ा, सुरेश देवड़ा, सुनील केशान, राजेश देवड़ा, रमेश देवड़ा, संजय देवड़ा, अशोक देवड़ा, संदीप देवड़ा, हर्ष देवड़ा, तरुण देवड़ा, राहुल देवड़ा और कमल सैनी सहित कई लोग उपस्थित रहे। इस दौरान सुनील केशान, स्कूल प्राचार्य मनोज राय, ओमप्रकाश जाखड़, दीपू धेहलिया, सीबी शर्मा, ताराचंद, नरेंद्र शर्मा, द्वारका प्रसाद शर्मा, अशोक बोचिवाल, अर्पित सैनी और पीयूष सैनी सहित अन्य कई लोग भी मौजूद रहे।
आगर मालवा में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री इंदर सिंह परमार ने राजा राम मोहन राय को अंग्रेजों का दलाल बताया। उन्होंने पूर्ववर्ती सरकारों पर आदिवासी नेताओं के इतिहास को दबाने का आरोप भी लगाया। मंत्री का पूरा बयान.... अंग्रेजी शिक्षा के माध्यम से इस देश के लोगों की आस्था को बदलने का कुचक्र चल रहा था, कई लोगों को फर्जी समाज सुधारक अंग्रेजों ने बना रखा था। उनमें से एक राजा राममोहन राय भी थे। वो अंग्रेजों के दलाल के रूप में इस देश में कार्य कर रहे थे। उन्होंने धर्मांतरण करने का जो चक्र चलाया था उसको रोकने का साहस किसी ने किया था तो बिरसा मुंडा ने किया था, संसार को बचाने का, आदिवासी समाज को बचाने का काम अगर किसी ने किया था तो वह बिरसा मुंडा ने किया था। गांधी उपवन स्थित कम्युनिटी हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में मंत्री परमार मुख्य अतिथि थे। उन्होंने बिरसा मुंडा के जीवन, संघर्ष और त्याग पर प्रकाश डाला। परमार ने बताया कि बिरसा मुंडा शिक्षा प्राप्त करना चाहते थे, लेकिन उस समय केवल अंग्रेजों द्वारा संचालित मिशनरी स्कूल ही उपलब्ध थे। मंत्री परमार के अनुसार, इन स्कूलों में शिक्षा के नाम पर धर्मांतरण का षड्यंत्र चलता था। बिरसा मुंडा ने मिशनरियों की इस चाल को समझा और स्कूल छोड़कर अंग्रेजी सत्ता के खिलाफ संघर्ष में उतर गए। उन्होंने आदिवासी समाज को धर्मांतरण से बचाने के लिए जीवनभर काम किया और अंग्रेज अफसरों का भी सामना किया। इसी क्रम में मंत्री परमार ने पूर्व सरकारों पर आदिवासी नेताओं और असली स्वतंत्रता सेनानियों के इतिहास को दबाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश में कई 'फर्जी समाज सुधारकों' को महान बताकर असली वीरों के योगदान को छिपाया गया। परमार ने राजा राम मोहन राय को 'अंग्रेजों का दलाल' बताते हुए कहा कि धर्मांतरण के खिलाफ सबसे बड़ा संघर्ष बिरसा मुंडा ने ही किया। परमार ने यह भी कहा कि वर्ष 2025 तीन कारणों से इतिहास में दर्ज रहेगा: बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती, सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती और वंदे मातरम् का गौरवपूर्ण स्मरण। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वन संरक्षण में आदिवासी समाज का योगदान सबसे बड़ा रहा है, जिसे देश को स्वीकारना चाहिए। ये नेता थे मौजूद कार्यक्रम में विधायक मधु गेहलोत और भाजपा जिलाध्यक्ष ओम मालवीय सहित अन्य वक्ताओं ने भी बिरसा मुंडा के योगदान पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर कलेक्टर प्रीति यादव, एसपी विनोद कुमार सिंह, पंचायत अध्यक्ष मुन्ना बाई, नगर मंडल अध्यक्ष भरत प्रजापति, मयंक राजपूत और अजय जैन सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
जींद जिले के जुलाना क्षेत्र के शामलो कलां गांव में बच्चों को जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) कोचिंग की सुविधा मिलने जा रही है। गांव की लाइब्रेरी में अत्याधुनिक कंप्यूटर लैब का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। यह पहल समाईरा पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा की जा रही है, जिसने गांव को गोद लेकर इसे आदर्श गांव बनाने का लक्ष्य रखा है। ग्रामीण छात्रों को मिलेगी डिजिटल स्किल्स की ट्रेनिंगसंस्था के डायरेक्टर मेजर मनदीप सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को उन्नत शिक्षा और डिजिटल स्किल्स सीखने का अवसर मिलेगा। कंप्यूटर लैब तैयार होने के बाद बच्चों को एआई, बेसिक कंप्यूटिंग, डिजिटल लर्निंग और आधुनिक शिक्षा पद्धति के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही, एसएसबी की ट्रेनिंग भी करवाई जाएगी। तकनीकी शिक्षा से ग्रामीण युवाओं को सशक्त बनाने का लक्ष्यमेजर मनदीप सिंह ने कहा कि ग्रामीण छात्रों को आगे बढ़ने के लिए तकनीकी कौशल बेहद जरूरी है। इस पहल से गांव के बच्चों को शहरों जैसी आधुनिक शिक्षा सुविधाएं मिलेंगी, जिससे वे भविष्य की जरूरतों के अनुसार खुद को तैयार कर सकेंगे। संस्था अध्यक्ष विशाल पॉल ने की युवाओं से अपीलसंस्था के अध्यक्ष विशाल पॉल के नेतृत्व में यह संस्था लगातार गांवों को आदर्श बनाने के लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि शामलो कलां के बच्चों को आधुनिक शिक्षा देकर आत्मनिर्भर बनाना संस्था का उद्देश्य है। विशाल पॉल ने युवाओं से शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अपने गांव और माता-पिता का नाम रोशन करने की अपील की। गांव के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में हुआ शुभारंभइस अवसर पर गांव के सरपंच विरेंद्र सिंह, पंच दीपक, पंच संदीप और पंच राजेश सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे। ग्रामीणों ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि इससे गांव के बच्चों को नई दिशा मिलेगी।
स्कूल शिक्षा विभाग एनओसी नहीं दे पा रहा:अनुकंपा नियुक्ति के 77 मामले दो साल से अटके
अनुकंपा नियुक्ति के 77 प्रकरण दो साल से विभागों के बीच अटके हुए हैं। सहायक ग्रेड-3 के पदों पर नियुक्ति होनी है, लेकिन लोक शिक्षण संचालनालय ने स्कूल शिक्षा विभाग को यह बताकर फाइल लौटा दी कि पद उपलब्ध नहीं हैं।नियमों के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति सात साल के भीतर दी जानी चाहिए, समय निकलते ही मामला स्वत: समाप्त हो जाता है। संचालनालय को इन 77 प्रकरणों में सहायक ग्रेड-3 पदों पर ही नियुक्ति करनी है, लेकिन जीएडी के नियमों के मुताबिक पद रिक्त न होने की सूचना विभाग को सरकार को देनी होती है। यही एनओसी स्कूल शिक्षा विभाग नहीं दे पा रहा है। ये प्रकरण दो साल से अटके
बचपन प्रेम, आनंद व शिक्षा से परिपूर्ण होना चाहिए : टिक्की
करही बाजार| शासकीय मिडिल स्कूल पाटन में शुक्रवार को बाल दिवस मनाया। कार्यक्रम की शुरुआत में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित कर की गई। तत्पश्चात बच्चों ने बाल दिवस समर्पित प्रेरणा दायक कविताएं प्रस्तुत की, जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को जागरूक करने का संदेश दिया गया। बच्चों ने नेहरू जी के जीवन और उनके बाल प्रेम के बारे में जानकारी प्राप्त की तथा उनके आदशों को अपनाने का संकल्य लिया। कार्यक्रम में बच्चों के लिए चॉकलेट की व्यवस्था की गई थी। सभी विद्यार्थियों के लिए विशेष जलपान का भी प्रबंध किया गया, जिसमें बच्चों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टिक्की वर्मा सरपंच प्रतिनिधि पाटन ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा उत्साहित किया।
बाल दिवस पर एकलव्य स्कूल में नई शिक्षा नीति के बारे में बताया
भास्कर न्यूज | छुरा एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय कोसमबुडा में बाल दिवस का आयोजन हर्षोल्लास और उत्साह के साथ किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विद्यालय की प्रभारी प्राचार्या श्वेता ने बाल दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू बच्चों को राष्ट्र का भविष्य मानते थे और विश्वास करते थे कि हर बच्चा असीम संभावनाओं से भरा होता है। उन्होंने अपने वक्तव्य में भारत सरकार की वर्तमान शिक्षा नीतियों विशेषकर नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए बताया कि यह नीति बच्चों में रचनात्मकता, कौशल विकास, बहुभाषीय शिक्षा, अनुभवात्मक अधिगम तथा स्थानीय संस्कृति के संरक्षण को बढ़ावा देती है।
जमींदारों-अंग्रेजों को खटकी आदिवासियों की शिक्षा, कालीबाई ने जान देकर बचा लिया शिक्षकों का जीवन
उदयपुर } जनजातीय गौरव वर्ष के तहत भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती शुक्रवार को मनाई गई। इस मौके पर भारतीय लोक कला मंडल के गोविंद कठपुतली प्रेक्षालय में कठपुतली नाटिका कालीबाई का मंचन हुआ। जिला प्रशासन, टीएडी और लोक कला मंडल के साझे में हुए इस कार्यक्रम में 250 स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। निदेशक डॉ. लईक हुसैन ने बताया कि कठपुतली नाटिका राजस्थान में शिक्षा की अलख जगाने वाली काली बाई के जीवन पर आधारित है। यह शिक्षा के महत्व और आदिवासी समाज की बलिदानी परंपरा को उजागर करती है। यह कहानी वर्ष 1947 में डूंगरपुर के रास्तापाल गांव से जुड़ी है। यहां 13 वर्षीय बालिका कालीबाई, जिसने शिक्षा की अलख जगाए रखने और अपने अध्यापक सेंगा भाई का जीवन बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। नाटिका में नाना भाई खांट, कालीबाई की माता को उन्हें स्कूल भेजने के लिए प्रेरित करते हैं। शुरुआत में तो कालीबाई की माता आना-कानी करती है, लेकिन नाना भाई शिक्षा का महत्व व आवश्यकता बताते हुए कालीबाई को विद्यालय भेजने पर राजी कर लेते हैं। नाना भाई और सेंगा भाई की यह पहल गांव के जमीदार को खटक जाती है। वह दोनों को स्कूल बंद करने की धमकी देता है। लेकिन, दोनों शिक्षक ऐसा करने से मना कर देते हैं। इसके बाद अंग्रेज पुलिस अधिकारी सेंगा भाई व नाना भाई धमकाते हैं। इसके बावजूद वे अपने लक्ष्य से नहीं डिगे। इस पर पुलिस क्रूरता पर उतर जाती है। दोनों शिक्षकों को मारा-पीटा जाता है। फिर सेंगा भाई को पुलिस की जीप से बांधकर घसीटने का प्रयास किया जाता है। तब कालीबाई इसका विरोध करती है और जीप से बंधी रस्सी को काट देती है। बौखलाकर पुलिस उसे गोली मार देती है। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीण ढोल बजाते हुए एकत्रित हो जाते हैं और पुलिस भाग खड़ी होती है। मंचन के दौरान छात्रों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया। कठपुतली नाटिका में कालीबाई की वीरता का मंचन
शिक्षा विभाग में आज होने वाली समीक्षा बैठक स्थगित
मुंगेर | बिहार के तीन प्रमुख विश्वविद्यालयों जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा, मगध विश्वविद्यालय बोधगया और मुंगेर विश्वविद्यालय के साथ शनिवार यानी 15 नवंबर को प्रस्तावित उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक अब नहीं होगी। शिक्षा विभाग ने इसे अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया है। इस संबंध में विभाग के निदेशक प्रो. एनके अग्रवाल ने संबंधित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को आधिकारिक पत्र भेजकर सूचना दी है। जिसमें बताया गया है शनिवार को महत्वपूर्ण बैठक निर्धारित की गई थी। जो अपरिहार्य कारणों से टालने का निर्णय लिया गया। विभाग ने स्पष्ट किया है कि बैठक की नई तिथि शीघ्र ही पत्र द्वारा सूचित कर दी जाएगी। मुंगेर विवि के कुलसचिव डॉ. घनश्याम राय ने बताया कि बैठक स्थगित हो गई है। जल्द नई तिथि जारी की जाएगी। हमलोग समीक्षा बैठक के लिए सभी बिंदुओं पर पूरी से तैयार थे। उन्होंने कहा कि फिलहाल विश्वविद्यालय प्रशासन नई तिथि का इंतजार कर रहा है। उम्मीद है कि उच्च शिक्षा से जुड़े लंबित मुद्दों पर जल्द ही विस्तृत चर्चा हो सकेगी। इधर शिक्षा विभाग ने यह सूचना राजभवन सहित संबंधित पदाधिकारियों को दे दी है। लेखन प्रतियोगिता में शिवानी कुमारी को पहला स्थान लखीसराय | नगर परिषद क्षेत्र के पचना रोड शिवपुरी मोहल्ला स्थित डैफोडिल्स पब्लिक स्कूल में शुक्रवार को बाल दिवस के अवसर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाई गई। कार्यक्रम के दौरान विद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। लेखन प्रतियोगिता में क्लास 4 की शिवानी कुमारी ने प्रथम स्थान हासिल किया, जबकि सुहाना द्वितीय और सोनाक्षी तृतीय स्थान पर रहीं। वहीं चित्रांकन प्रतियोगिता में रेहान राज प्रथम, राजवीर द्वितीय और देशराज तृतीय स्थान पर रहे। बच्चों के बीच आयोजित बिस्किट रेस और स्पून मार्बल रेस में सानवि कुमारी, सौभाग्य कुमारी और रिया कुमारी विजेता बने। वहीं मैथ रेस में सानवि प्रथम, अनुप्रिया द्वितीय और राबिया तृतीय रहीं।विद्यालय के निदेशक धर्मेंद्र कुमार आर्य समेत सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
अलीगढ़ में निर्वाचन आयोग की बीएलओ ड्यूटी में लापरवाही बरतने वाले बेसिक शिक्षा विभाग के 5 शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है। काम में लापरवाही बरतने और अनुशासन हीनता करने के मामले में बीएसए ने शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की है। इन सभी शिक्षकों को चुनाव आयोग के निर्देशानुसार बीएलओ ड्यूटी में लगाया गया था। जिससे कि जिले में एसआईआर तैयार करने का काम तेजी से हो सके। लेकिन शिक्षक लगातार लापरवाही कर रहे थे और बीएलओ ड्यूटी नहीं कर रहे थे। नोटिस देने के बाद भी शिक्षकों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद इनके खिलाफ एक्शन लिया गया है। शिक्षकों को विभाग को देना होगा जवाब बीएसए डॉ राकेश सिंह ने बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार जिले में लगातार एसआईआर का काम चल रहा है। इसमें विभाग के शिक्षकों को बीएलओ ड्यूटी मिली है। डीएम संजीव रंजन के सख्त निर्देश हैं कि इस काम में लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके बाद भी शिक्षक बीएलओ ड्यूटी नहीं कर रहे थे। यह चुनाव कार्य में बाधा डालने की श्रेणी में शामिल है। जिसके चलते कंपोजिट विद्यालय भवनखेड़ा की पुष्पा रानी, प्राथमिक विद्यालय असावर की कुसुम लता, प्राथमिक विद्यालय ईशनपुर की सुनीता शर्मा, कंपोजिट विद्यालय घासीपुर की प्रत्या कनौजिया और प्राथमिक विद्यालय खरई के हिमांशु चौधरी को सस्पेंड किया गया है। इन सभी को लिखित जवाब भी देना होगा। शिक्षामित्रों का रोका गया वेतन सहायक अध्यापकों को सस्पेंड करने के साथ ही बीएसए ने बीएलओ ड्यूटी न करने वाले शिक्षामित्रों पर भी एक्शन लिया है। शिक्षामित्रों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनका वेतन अग्रिम आदेशों तक रोकने के आदेश दिए गए हैं। इसमें लापरवाही करने वाली कंपोजिट विद्यालय हाजीपुर की शिक्षामित्र पूनम कुमारी, कंपोजिट विद्यालय इगलास की शिक्षामित्र आशा रानी और शिक्षमित्र सरिता रानी के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बीईओ की रिपोर्ट के आधार पर बीएसए ने तीनों शिक्षामित्र का वेतन रोक दिया है।
मुंगेली जिला शिक्षा अधिकारी एलपी डाहिरे ने शासकीय हाईस्कूल देवरी का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान चार लेक्चरर एब्सेंट पाए गए, जिसके बाद उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह कार्रवाई कलेक्टर कुंदन कुमार के निर्देश पर की गई है, जिसका उद्देश्य जिले के स्कूलों में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है। निरीक्षण में स्कूल की उपस्थिति, शिक्षण-अध्यापन व्यवस्था और अनुशासन की समीक्षा की गई। तीन दिनों में देना होगा नोटिस क जवाब एब्सेंट पाए गए लेक्चरर में नीलू जोगवंशी, आभूषणकांत पात्रे, कीर्ति नवरंग और रूपचंद पाटले शामिल हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने उनकी अनुपस्थिति पर नाराजगी व्यक्त की। इन सभी लेक्चरर को तीन दिनों के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
भारत की गोल्फ खिलाड़ी शिक्षा जैन ने पुणे में आयोजित आईजीयू महाराष्ट्र लेडीज एवं जूनियर गर्ल्स गोल्फ चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए ऑल एज वर्ल्ड एमेच्योर गोल्फ रैंकिंग (WAGR) में दूसरा स्थान हासिल किया है। यह चैंपियनशिप 11 से 14 नवंबर तक ऑक्सफोर्ड गोल्फ रिजॉर्ट में संपन्न हुई। चुनौतीपूर्ण हिल कोर्स पर कई खिलाड़ियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। शिक्षा ने कमर दर्द और कंधे की पुरानी चोट के बावजूद धैर्य और मानसिक दृढ़ता का प्रदर्शन किया। उन्होंने पहले दिन +2 ओवर पार, दूसरे दिन +4 ओवर पार और अंतिम दिन +2 ओवर पार का स्कोर किया। निर्णायक क्षणों में, शिक्षा ने 16वें होल पर ईगल और 17वें होल पर बर्डी लगाकर सभी को चौंका दिया। इस साहसी वापसी ने उन्हें रैंकिंग में शीर्ष स्थान के करीब पहुँचाया। इस प्रदर्शन के बाद, शिक्षा जैन ऑल एज वर्ल्ड एमेच्योर गोल्फ रैंकिंग (WAGR) में दूसरे स्थान पर पहुँच गईं। वह केवल गुंतास से पीछे रहीं और कई वरिष्ठ तथा अनुभवी खिलाड़ियों को पीछे छोड़ने में सफल रहीं। शिक्षा जैन वर्तमान में पद्मश्री और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच जेसी ग्रेवाल से प्रशिक्षण ले रही हैं। उनके प्रदर्शन ने उन्हें भारत की ओलंपिक उम्मीद के रूप में स्थापित किया है। टूर्नामेंट के एक अधिकारी ने शिक्षा के खेल की सराहना करते हुए कहा, “उसने सिर्फ गोल्फ नहीं खेला, बल्कि दिल और जज्बे से खेला।”
डीग में बाल दिवस पर शिक्षा और जागरूकता का अनोखा संगम देखने को मिला। किशन लाल जोशी विद्यालय में विद्यार्थियों ने ‘स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन’ की विशाल मानव श्रृंखला बनाई, जबकि शीशवाड़ा विद्यालय में शिक्षा एवं मतदाता जागरूकता रैली निकाली गई। दोनों आयोजनों ने बच्चों को पढ़ाई के साथ नागरिक जिम्मेदारी का संदेश दिया।
गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन (GSU) ने सोमवार को सिंगरौली जिले में छात्रों की शैक्षणिक समस्याओं और आवश्यक सुविधाओं को लेकर एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन मुख्यमंत्री, मंत्रीगण और जिला प्रशासन को संबोधित था, जिसमें शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त अव्यवस्थाओं, मूलभूत संसाधनों की कमी और छात्रावासों की बदहाल स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। संगठन के जिलाध्यक्ष आशीष कुमार पनिका ने बताया कि सिंगरौली जिले के शासकीय स्कूलों और महाविद्यालयों में छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सुरक्षित माहौल और आवश्यक संसाधन नहीं मिल पा रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से आदिवासी और कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों की बड़ी संख्या का उल्लेख किया, जिनकी समस्याओं पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। ज्ञापन में प्रमुख रूप से आदिवासी एवं जनजातीय छात्रों के लिए विशेष छात्रवृत्ति, कोचिंग सुविधा और आर्थिक सहायता की व्यवस्था की मांग की गई है। इसके अतिरिक्त, बीएड, डीएलएड, नर्सिंग और अन्य पेशेवर कोर्स करने वाले छात्रों के लिए प्रशिक्षण सामग्री और मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया गया। GSU ने सभी सरकारी कॉलेजों में स्थायी प्राध्यापकों की नियुक्ति और नियमित कक्षाओं की अनिवार्यता की मांग की। छात्रावासों में बेहतर भोजन, पानी, सुरक्षा और स्वच्छता की व्यवस्था के साथ-साथ जनजातीय छात्रावासों में सैनिटरी पैड व आवश्यक स्वास्थ्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने की भी मांग की गई। संगठन ने छात्रावासों में खराब भवन, टूटे फर्नीचर और पानी की कमी जैसी समस्याओं के त्वरित समाधान की मांग की। महाविद्यालयों में पुस्तकालय, लैब, परीक्षा तैयारी सामग्री और इंटरनेट सुविधा को दुरुस्त करने के साथ ही, जिले के ग्रामीण और अंचल क्षेत्रों में स्कूलों के लिए पर्याप्त शिक्षकों की नियुक्ति और मूलभूत संसाधनों की व्यवस्था करने की भी अपील की गई। गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर उचित कार्रवाई नहीं की गई तो संगठन व्यापक आंदोलन करेगा। इस ज्ञापन पर बड़ी संख्या में छात्र नेताओं ने हस्ताक्षर कर अपना समर्थन व्यक्त किया। संगठन ने उम्मीद जताई कि जिला प्रशासन और सरकार छात्रों की इन मूलभूत समस्याओं पर जल्द सकारात्मक निर्णय लेगी, जिससे जिले की शिक्षा व्यवस्था मजबूत हो सके।
हिसार के हांसी में बाल दिवस के अवसर पर से शुक्रवार को राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे विधायक विनोद भयाना ने 90 छात्राओं को साइकिल वितरित की। बेटियों को साइकिल मिलने पर उनके चेहरों पर खुशी झलक उठी। विधायक भयाना ने कहा कि सरकार की यह योजना गरीब व जरूरतमंद परिवारों की बेटियों को शिक्षा से जोड़ने में बड़ी भूमिका निभा रही है। साइकिल का वितरण केवल सुविधा नहीं, बल्कि बालिकाओं की शिक्षा को गति देने का माध्यम है। जगह की कमी बड़ी चुनौती विधायक विनोद भयाना ने बताया कि हांसी का राजकीय कन्या महाविद्यालय दो शिफ्टों मॉर्निंग और इवनिंग में संचालित होता है, जिसमें लगभग 1400 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। कॉलेज में करीब 50 शिक्षक दो शिफ्टों में बेटियों को पढ़ाते हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि कॉलेज में बिल्डिंग की कमी एक गंभीर समस्या है। उन्होंने कहा कि यहां जगह की कमी होने के कारण न नई बिल्डिंग बन सकती है और न ही वर्तमान बिल्डिंग को ऊंचा उठाया जा सकता। इस बारे में हम प्रयासरत हैं। विधानसभा में उठा चुके हैं मुद्दा विधायक भयाना ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे को हरियाणा विधानसभा में उठाया था, जिसके बाद सरकार ने नए भवन के निर्माण को सिद्धांत रूप में मंजूरी दे दी है। अब कॉलेज को किसी खुले व पर्याप्त स्थान पर शिफ्ट किया जाएगा ताकि एक ही शिफ्ट में सभी छात्राओं को सुचारू रूप से शिक्षा उपलब्ध करवाई जा सके। स्कूल में बाल दिवस उत्सव कार्यक्रम के दौरान छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं और बाल दिवस के महत्व पर भाषण भी प्रस्तुत किए। स्कूल प्रबंधन ने कहा कि साइकिल वितरण से बेटियों के लिए स्कूल आना और भी आसान हो जाएगा।
मऊगंज के हनुमना जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत पाती मिसरान में स्थित शासकीय प्राथमिक पाठशाला कोलही इन दिनों चर्चा में है। यह स्कूल किसी पक्के भवन में नहीं, बल्कि फूस और टाट से बनी एक झोपड़ी में चलाई जा रही है। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है। यह वीडियो गुरुवार शाम 4 बजे से वायरल हो रहा है। इसमें मासूम बच्चे उसी झोपड़ी में पढ़ते दिखाई दे रहे हैं, जहां रात के समय मवेशी बांधे जाते हैं। यह दृश्य शिक्षा व्यवस्था की जमीनी हकीकत को दर्शाता है। झोपड़ी के कारण स्टूडेंट की उपस्थिति आधी स्कूल के रिकॉर्ड के अनुसार, 60 से अधिक स्टूडेंट का नाम दर्ज हैं, लेकिन भवन की कमी के कारण बच्चों की उपस्थिति आधी रह गई है। रोजाना लगभग 30 बच्चे ही इस अस्थायी झोपड़ीनुमा कक्ष में पढ़ने आते हैं। इससे पहले, स्कूल एक पुराने जर्जर भवन में चलता था, जो बारिश और तेज हवाओं में गिरने की कगार पर था। मजबूरी में अब शिक्षा का कार्य इस झोपड़ी में जारी है, जहां बच्चों के बैठने की भी उचित व्यवस्था नहीं है। गांव के स्थानीय कलाकार राजेश द्विवेदी ने भी अपने गीतों के माध्यम से इस व्यवस्था को उठाया है। उनके गीत ग्रामीणों की आवाज बनकर शासन-प्रशासन तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। ग्रामीणों ने शासन से प्राथमिक पाठशाला कोलही के लिए जल्द से जल्द पक्का भवन स्वीकृत करने की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि शिक्षा केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके लिए सुरक्षित और सम्मानजनक वातावरण भी आवश्यक है। वे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की उम्मीद कर रहे हैं।
छात्रवृत्ति देने में विलंब, शिक्षा के लिए भिक्षा आंदोलन शुरू करेगी छात्र आजसू
अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) ने राज्य में लंबित 2024 की छात्रवृत्ति राशि के शीघ्र भुगतान की मांग को लेकर आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। हरमू स्थित केंद्रीय कार्यालय में गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। प्रदेश अध्यक्ष ओम वर्मा की अध्यक्षता में तय किया गया कि संगठन अब भिक्षा आंदोलन – शिक्षा के लिए भिक्षा नाम से राज्यव्यापी जनजागरण अभियान शुरू करेगा। इस अभियान के तहत छात्र कटोरा लेकर कॉलेजों और विश्वविद्यालय परिसरों से सड़कों तक उतरेंगे, ताकि सरकार को यह संदेश दिया जा सके कि जब छात्रों को छात्रवृत्ति के लिए भीख मांगनी पड़े, तो विकास के दावे बेइमानी हैं। कार्यकारी अध्यक्ष बबलू महतो ने चेतावनी दी कि छात्रवृत्ति भुगतान में और देरी हुई तो भिक्षा प्रदर्शन के रूप में किया जाएगा। मौके पर मुख्य रूप से ऋतुराज शाहदेव, जमाल गद्दी, प्रताप सिंह, रवि रोशन, प्रशांत महतो, शिवम सिंह, राज, योगेश, आरंभ गुप्ता समेत अन्य मौजूद थे।
आरटीसी कॉलेज में शिक्षा- संस्कृति पर कार्यशाला
आरटीसी कॉलेज दड़दाग के संस्कृत विभाग की ओर से गुरुवार को “शिक्षा और संस्कृति” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कॉलेज के निदेशक डॉ. पारसनाथ महतो ने कहा कि “शिक्षा हमें ज्ञान से परिपूर्ण करती है, जबकि संस्कृति जीवन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को मजबूती प्रदान करती है।
उदयपुर में बनेगा वैदिक शिक्षा और पर्यटन का नया केंद्र, आठ हेक्टेयर में तैयार होगा गुरुकुल
संस्कृत शिक्षा के प्रोत्साहन को लेकर राज्य सरकार की बजटीय घोषणा अब धरातल पर उतरने लगी है। प्रदेश में चार संभागों- जयपुर, जोधपुर, अजमेर और भरतपुर में आदर्श वेद विद्यालय शुरू हो चुके हैं, जबकि उदयपुर सहित शेष तीन संभागों में 1 अप्रैल से कक्षाएं प्रारंभ हो जाएंगी। प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि उदयपुर, जयपुर और जोधपुर में वैदिक गुरुकुल और वैदिक पर्यटन केंद्र भी विकसित किए जा रहे हैं, जो भविष्य में वैदिक शिक्षा और भारतीय संस्कृति के प्रमुख आकर्षण बनेंगे। इन केंद्रों का संचालन पूरी तरह वैदिक परंपरा के अनुरूप होगा और यहां वही प्रशिक्षित व्यक्ति नियुक्त होंगे, जिन्हें वेदों व संस्कृत परंपराओं का गहन ज्ञान हो। उन्होंने बताया कि जोधपुर के थबूकड़ा, उदयपुर के सायरा (तरपाल) में भूमि आवंटित की जा चुकी है, जबकि जयपुर के लिए प्रक्रिया अंतिम चरण में है। प्रदेश के वेद विद्यालयों में फिलहाल अध्ययन-अध्यापन शुरू हो गया है, जहां विद्यार्थियों को निशुल्क पुस्तकें और छात्रावास सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। वेद और संस्कृत शिक्षा भारत की आत्मा हैं, इन्हें संस्थागत रूप देकर नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा लक्ष्य है। -उदयपुर में वैदिक गुरुकुल के लिए 8.09 हैक्टेयर भूमि आवंटित : उदयपुर संभाग में वैदिक गुरुकुल और वैदिक पर्यटन केंद्र तहसील सायरा के ग्राम तरपाल में विकसित किया जाएगा। इसके लिए 8.0950 हैक्टेयर भूमि शिक्षा विभाग को निशुल्क आवंटित की जा चुकी है। यहां पारंपरिक वेद अध्ययन, यज्ञ, अनुष्ठान और वैदिक पर्यावरण केंद्र के रूप में इसे तैयार किया जाएगा। मंत्री मदन दिलावर ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि उदयपुर का केंद्र पूरी तरह वैदिक स्थापत्य, जीवनशैली और गुरुकुल पद्धति को प्रतिबिंबित करे। विभागीय टीम अगले सप्ताह पतंजलि वैदिक गुरुकुल हरिद्वार, मेरठ वैदिक गुरुकुल और पुणे वैदिक संस्थान का अध्ययन कर लौटेगी, ताकि उदयपुर मॉडल को उसी मानक पर विकसित किया जा सके। हर वेद विद्यालय को 16.97 लाख स्वीकृत राज्य के सभी सातों संभागों में वेद विद्यालयों के लिए भूमि आवंटन हो चुकी है। जयपुर में 2.00875 हैक्टेयर, अजमेर में 2.5 हैक्टेयर, भरतपुर में 1.5 हैक्टेयर, कोटा में 2.5 हैक्टेयर, जोधपुर में 4.569 हैक्टेयर, उदयपुर के भटेवर में 2.16 हैक्टेयर और बीकानेर में 2.5 हैक्टेयर भूमि आवंटित की गई है। हर विद्यालय के लिए 16.97 लाख रु. स्वीकृति फर्नीचर और छात्रावास मद में जारी की गई है। चार वेद विद्यालयों में अध्ययन शुरू, गूंजेंगे वैदिक मंत्र
सरकारी टीचर के खिलाफ स्कूल की बच्चियों ने चाइल्ड हेल्पलाइन पर शिकायत कर दी। इसके बाद बल कल्याण समिति ने मामले की जांच बैठा दी। आरोपी टीचर को जांच के बाद सस्पेंड कर दिया गया है। टीचर को मुख्यालय भीम दिया गया है। मामला राजसमंद के खमनोर थाना इलाके के एक सरकारी स्कूल का है। टीचर के खिलाफ पॉक्सो और SC ST एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है। सस्पेंड करने का लेटर आज सामने आया। जानकारी के अनुसार, 31 अक्टूबर को स्कूल की बालिकाओं ने चाइल्ड हेल्पलाइन टोल फ्री नम्बर 1098 पर शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें बताया स्कूल का एक टीचर हमें गलत ढंग से छूता (बैड टच) है। इसके बाद 10 नवंबर को टीचर को सस्पेंड कर दिया गया। शिकायत के बाद सस्पेंड किया जानकारी के अनुसार, इसके बाद ऑनलाइन शिकायत दर्ज होते ही मामले को बाल अधिकारिता विभाग व बाल कल्याण समिति को सौंपा गया। विभाग ने इसकी जानकारी शिक्षा विभाग को दी। इसके बाद शिक्षा विभाग की ओर से दो महिला प्रिंसिपल की कमेटी बनाई गई। स्कूल स्तर पर जांच के बाद कमेटी ने 6 नवंबर को जांच रिपोर्ट बाल अधिकारिता विभाग को दी। इसमें प्रथम दृष्टया टीचर के खिलाफ लगाए आरोप प्रमाणित पाए गए। इसके बाद जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने टीचर के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और SC ST एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज किया। इस मामले की जांच DSP शिप्रा राजावत कर रही है। जिला शिक्षा अधिकारी बिहारी लाल ने आदेश निकाल कर टीचर को सस्पेंड कर मुख्यालय भीम कर दिया गया।
देहरा-समेली में पंचायत स्तरीय संवाद कार्यक्रम:बाल विवाह रोकथाम और बालिकाओं की शिक्षा पर दिया जोर
राजगढ़ जिले के खिलचीपुर ब्लॉक के ग्राम देहरा और समेली में गुरुवार को पंचायत स्तरीय संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में बाल विवाह मुक्त राजगढ़ अभियान के तहत ग्रामीणों, अभिभावकों और किशोर-किशोरियों को बाल विवाह के दुष्प्रभाव और कानून की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में मोहनपुरा और कुण्डालिया डेम के प्रभारी कार्यपालन यंत्री अशोक दीक्षित ने बालिकाओं को शिक्षा का महत्व समझाया। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक जीवन का रास्ता है। दीक्षित ने कहा कि जिले की कई महिला अधिकारी आज मेहनत और लगन से ऊँचे पदों पर हैं, जो सबके लिए प्रेरणा हैं। वन स्टॉप सेंटर प्रशासक और नोडल अधिकारी रश्मि चौहान ने बताया कि कलेक्टर डॉ. गिरीश कुमार मिश्रा के निर्देश पर पूरे जिले में बाल विवाह रोकथाम के लिए जनजागरण अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत लड़कियों की न्यूनतम विवाह आयु 18 वर्ष और लड़कों की 21 वर्ष तय की गई है। इस कानून का उल्लंघन करने पर दो साल की कैद या एक लाख रुपये तक जुर्माना हो सकता है। यूनिसेफ प्रतिनिधि लखन मकवाना ने बाल विवाह की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और इसके सामाजिक प्रभावों पर चर्चा की। बाल संरक्षण अधिकारी रिंकी धाकड़ ने बताया कि बाल विवाह से बच्चों का बचपन, शिक्षा और स्वास्थ्य प्रभावित होते हैं। वहीं, अहिंसा वेलफेयर सोसायटी की निकिता मेवाड़े ने कहा कि कम उम्र में विवाह बालिकाओं के अधिकारों का हनन है और यह उनके शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास में बाधा डालता है। कार्यक्रम में वक्ताओं ने सभी से अपील की कि बाल विवाह रोकने के लिए समाज को मिलकर जिम्मेदारी निभानी होगी, तभी राजगढ़ जिला बाल विवाह मुक्त बन सकेगा।
बारां में राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, उदयपुर के तत्वावधान में डाइट बारां द्वारा समावेशी शिक्षा अंतर्गत 10 दिवसीय मल्टी कैटेगरी टीचर ट्रेनिंग का शुभारंभ हुआ। प्रशिक्षण में 60 शिक्षक भाग ले रहे हैं, जिन्हें विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के शिक्षण से जुड़ी विधियाँ सिखाई जा रही हैं।
झालावाड़ में दिव्यांग बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष शिक्षकों की भर्ती की मांग को लेकर विशेष शिक्षा अभ्यर्थियों ने गुरुवार को मिनी सचिवालय में प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि शाला दर्पण पोर्टल के अनुसार राज्य के सरकारी विद्यालयों में 75 हजार से अधिक दिव्यांग विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। हालांकि, इनके लिए पर्याप्त विशेष शिक्षकों की भारी कमी है। भारतीय पुनर्वास परिषद (RCI), नई दिल्ली के आदेशों के अनुसार दिव्यांग विद्यार्थियों को केवल विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों से ही शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए। अभ्यर्थियों ने जानकारी दी कि वर्तमान में राज्य के कई विद्यालयों में समावेशी शिक्षा का क्रियान्वयन विशेष शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण प्रभावित हो रहा है। इससे दिव्यांग विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। उन्होंने मांग की कि आगामी शिक्षक भर्ती 2025 में विशेष शिक्षकों की भर्ती को शामिल किया जाए। साथ ही, नई शिक्षा नीति 2020 के प्रावधानों के तहत प्रत्येक सरकारी और गैर-सरकारी स्कूल में कम से कम एक विशेष शिक्षक की नियुक्ति अनिवार्य की जाए। इसके अतिरिक्त अभ्यर्थियों ने आरटीई 2009 और राजस्थान आरटीई नियमावली 2011 के तहत समावेशी शिक्षा को सशक्त बनाने के लिए भी विशेष शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग रखी।
सवाई माधोपुर के डाइट संस्थान में “सामाजिक, भावनात्मक एवं नैतिक शिक्षण (सी लर्निंग)” पर तीन दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न हुई। 40 शिक्षकों की भागीदारी वाले इस प्रशिक्षण में करुणा, आत्म-जागरूकता और सहानुभूति पर केंद्रित गतिविधियों के माध्यम से शिक्षा में संवेदनशीलता और नैतिकता की नई दिशा प्रस्तुत की गई।
जिला परिषद में चंद्रज्योति अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में सरपंचों और ग्राम विकास अधिकारियों (VDO) ने भाग लिया। जिला परिषद के सीईओ एएन सोनाथ ने बताया कि यह अभियान ग्राम स्तर पर शिक्षा और नागरिक चेतना को सशक्त करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है। बैठक में मुख्य रूप से 'डिजिटल संविधान घर (DSG)' पहल पर विचार-विमर्श हुआ। यह एक पुस्तकालय परियोजना है जिसे एसबीआई कार्ड और अन्य गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के सहयोग से सह-वित्तपोषित किया गया है। इसका उद्देश्य स्कूली बच्चों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए शैक्षिक संसाधन उपलब्ध कराना और संवैधानिक साक्षरता को बढ़ावा देना है। बैठक की अध्यक्षता आईएएस निवृत्ति ने की। उन्होंने स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ चंद्रज्योति अभियान की उपलब्धियों और डिजिटल संविधान घर (DSG) पुस्तकालयों के क्रियान्वयन में आ रही चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। चर्चा के दौरान संसाधनों की उपलब्धता, छात्रों तक पहुंच और सामुदायिक भागीदारी को मजबूत करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार किया गया। साथ ही, इस पहल को अधिक प्रभावी, सतत और दीर्घकालिक रूप से सफल बनाने के लिए विभिन्न रणनीतियां भी सुझाई गईं। बैठक में हुई चर्चा के सभी बिंदुओं को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के छह शोधार्थियों ने दर्ज किया और उनका विश्लेषण किया। ये शोधार्थी स्थानीय शासन और सामुदायिक शिक्षा के मॉडल पर काम कर रहे हैं, और उनका विश्लेषण चंद्रज्योति अभियान के ढांचे को और अधिक सशक्त बनाने में सहायक होगा।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के वाड्रफनगर ब्लॉक में सर्विस बुक सत्यापन के नाम पर शिक्षकों से अवैध वसूली का मामला सामने आया है। शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल तुगवा और हरदीबहरा के शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर शिकायत दर्ज कराई है। ज्ञापन के अनुसार, 31 अक्टूबर को संकुल स्तर पर आयोजित एक बैठक में सीएसी (CAC) बालकुमार पाठक ने प्रत्येक शिक्षक से सर्विस बुक सत्यापन शुल्क के रूप में 3000 रुपए जमा करने का निर्देश दिया था। उन्होंने यह भी चेतावनी दी थी कि जो शिक्षक यह राशि जमा नहीं करेंगे, उनकी सर्विस बुक का सत्यापन विभाग की ओर से नहीं किया जाएगा और उन्हें नवंबर माह का वेतन भी रोक दिया जाएगा। शिक्षकों ने वसूली प्रक्रिया पर उठाए सवाल शिक्षकों ने अपने ज्ञापन में बताया है कि इस वसूली के संबंध में कोई विभागीय आदेश जारी नहीं किया गया है। उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या इस राशि की रसीद दी जाएगी और क्या यह प्रक्रिया विभागीय नियमों के अनुरूप है। शिक्षकों ने इस स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त करते हुए उचित प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग की है। कुछ शिक्षकों से राशि वसूली गई, बाद में वापस की गई ज्ञापन में यह भी बताया गया कि कुछ शिक्षकों से पहले ही राशि वसूल की जा चुकी थी। इनमें कमलेश पंडो से 4200 रुपए, एलिजाबेथ तिर्की से 3000 रुपए नकद, छोटेलाल पंडो से 3000 रुपए और अर्चना जायसवाल से 1000 रुपए (फोनपे और कैश) शामिल हैं। हालांकि, शिक्षकों की ओर से आवेदन तैयार करने की भनक लगने के बाद यह राशि पदाधिकारियों ने वापस कर दी। जिला शिक्षा अधिकारी से निष्पक्ष जांच की मांग की छत्तीसगढ़ टीचर एसोसिएशन वाड्रफनगर के ब्लॉक अध्यक्ष के माध्यम से जिला शिक्षा अधिकारी को एक पत्र भी भेजा गया है। इसमें मामले की निष्पक्ष जांच कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है, ताकि शिक्षकों पर अनावश्यक आर्थिक दबाव न पड़े।
बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन हिंदू एकता पदयात्रा के छठवें दिन बुधवार को ब्रज क्षेत्र में पहुंचे। इस दौरान सराय गांव में मुस्लिम समाज ने उनका स्वागत किया। सरपंच इरशाद खान और उनके साथियों ने भगवा शाल ओढ़ाकर पंडित शास्त्री का सम्मान किया। स्वागत के दौरान पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मुस्लिम समाज अपने बच्चों को राष्ट्रवादी शिक्षा दें। अगर देश में दंगा होगा तो आपके लिए और देश के लिए घातक होगा। आपकी पूरी कोम को गलत दृष्टि से देखा जाएगा। उन्होंने आग कहा- हम किसी समाज के विरोधी नहीं हैं। हम वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम को सैल्यूट करते हैं और रसखान के गीत गाते हैं। सरपंच इरशाद खान ने कहा कि वे इस संदेश को समाज तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे। पदयात्रा की शुरुआत ध्वजारोहण और हनुमान चालीसा पाठ से हुई। इस अवसर पर पं. शास्त्री ने 90 वर्षीय शांति देवी को सम्मानित किया। साध्वी प्रज्ञा बोलीं- विरोधी सनातन की लहर से जल रहे हैं पदयात्रा में भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि सनातन एकता की लहर से विरोधी जल रहे हैं, भगवान से प्रार्थना है कि वे पूर्ण रूप से जल जाएं। साध्वी ने आगे कहा कि जहां हिंदू हैं, वहीं संविधान है। समरसता का संदेश देकर किया भोजन पदयात्रा के दौरान पं. शास्त्री ने बाल्मिक समाज के साथ भोजन कर समरसता का संदेश दिया। यात्रा में छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, सांसद दर्शन सिंह, और पन्ना विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह सहित कई संत-महात्मा शामिल हुए। महाराज ने कहा कि पदयात्रा भले 10 दिन में समाप्त हो जाए, लेकिन विचारों में बदलाव की यात्रा अनवरत जारी रहेगी। बुखार के बावजूद जारी रखी यात्रा बागेश्वर महाराज को 104 डिग्री बुखार था। इसके बावजूद उन्होंने यात्रा जारी रखी। डॉक्टरों की सलाह के बावजूद वे नहीं रुके। उन्होंने कहा कि शरीर का हर कतरा सनातन के लिए है, हम रुकेंगे नहीं। डॉ. गजेंद्र सिंह ने बताया कि शास्त्री को वायरल बुखार है और फिलहाल उनका तापमान 100 डिग्री से अधिक है, लेकिन वे यात्रा जारी रखे हुए हैं।
फतेहाबाद जिले में अब कोई भी प्राइवेट स्कूल सरकारी छुट्टी के दिन नहीं खुल सकेगा। शिक्षा विभाग ने इस पर सख्त रुख अपनाया है। डीईओ संगीता बिश्नोई ने सभी बीईओ को लेटर जारी कर निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्थिति में छुट्टी के दिन स्कूल न खुले। दरअसल, विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कई प्राइवेट स्कूल प्रबंधन छुट्टी के दिन पेरेंट्स-टीचर मीटिंग (पीटीएम) के बहाने स्कूल खुला रखते हैं। खासकर दूसरे शनिवार की छुट्टी पर अधिकांश स्कूल पीटीएम का आयोजन कर लेते हैं। रतिया में हुआ था मामला, एसडीएम ने करवाई जांच कुछ दिन पहले हरियाणा दिवस पर रतिया की अकाल एकेडमी में सरकारी छुट्टी के दिन भी क्लासें चलती मिली थीं। प्रशासन को इसकी शिकायत मिली तो एसडीएम ने बीडीपीओ को मौके पर जांच के लिए भेजा। बीडीपीओ पहुंचे तो स्कूल में बच्चे मौजूद मिले और पढ़ाई चल रही थी। इसके बाद और सख्ती का फैसला लिया गया। जिले में 200 से ज्यादा प्राइवेट स्कूल जिले में 200 से ज्यादा प्राइवेट स्कूल हैं। इनमें प्राइमरी से लेकर सीनियर सेकेंडरी स्कूल तक शामिल हैं। पहले भी छुट्टी के दिन स्कूल खुले रखने के कई मामले सामने आ चुके हैं। पिछले दिनों महेंद्रगढ़ जिले में हुई हादसे के बाद शिक्षा विभाग और ज्यादा सख्त हुआ था। मगर कुछ दिनों बाद ही स्कूल प्रबंधन नियमों की अवहेलना फिर से शुरू कर देते हैं। डीईओ बोलीं – छुट्टी का मतलब स्कूल बंद डीईओ संगीता बिश्नोई ने कहा छुट्टी का दिन स्कूल बंद रखने के लिए होता है। किसी भी बहाने से स्कूल खोलना नियमों के खिलाफ है। सभी प्राइवेट स्कूल संचालकों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि वे छुट्टी के दिन स्कूल न खोलें, अन्यथा कार्रवाई की जाएगी।
भास्कर न्यूज | अमृतसर जीएनडीयू अमृतसर के दशमेश ऑडिटोरियम में पंजाब अंतर-पॉलिटेक्निक युवा मेले के दूसरे दिन का आयोजित किया गया। पीटीआईएस के अध्यक्ष परमबीर सिंह मतेवाल, प्रिंसिपल दविंदर सिंह भट्टी, राम सरूप और अमनप्रीत सिंह के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय, जालंधर के कुलपति डॉ. सुशील मित्तल ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की। समारोह में अमृतसर सुधार ट्रस्ट के अध्यक्ष करमजीत सिंह रिंटू और सीनियर डिप्टी मेयर प्रियंका शर्मा भी उपस्थित रहीं। डॉ. सुशील मित्तल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया और अपने संबोधन में कहा कि पंजाब के युवा बेहद प्रतिभाशाली हैं और पीटीआईएस जैसे युवा महोत्सव उन्हें सांस्कृतिक पहचान से जोड़ते हैं। उन्होंने जोर दिया कि शिक्षा केवल किताबों तक सीमित न होकर शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास का साधन होनी चाहिए। करमजीत सिंह रिंटू ने भी छात्रों के समग्र विकास के लिए सांस्कृतिक गतिविधियों की आवश्यकता पर बल दिया। युवा महोत्सव के इस संस्करण में विभिन्न पॉलिटेक्निक कॉलेजों के छात्रों ने पंजाबी लोक संस्कृति, कला और रचनात्मकता का शानदार प्रदर्शन किया। ऑडिटोरियम को फूलों और रोशनी से सजाया गया था। दिन की सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में लोकगीत और भांगड़ा शामिल थे। भांगड़ा ने पंजाबी धरती की जीवंत भावना को प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया।
शिक्षा से ही समाज और राष्ट्र उन्नति का मार्ग होगा प्रशस्त - प्रो. पंकज
उदयपुर| शिक्षा केवल ज्ञान का माध्यम नहीं, बल्कि समाज, संस्कृति और मूल्यपरक जीवन का आधार है। शिक्षा हमें न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाती है, बल्कि सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय विकास का पथ भी प्रशस्त करती है। उक्त विचार बुधवार को राजस्थान विद्यापीठ की ओर से आयोजित समारोह में एनसीटीई नई दिल्ली के अध्यक्ष प्रो. पंकज अरोड़ा ने बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किए। प्रो. अरोड़ा ने कहा कि शिक्षा के माध्यम से समाज से जुड़कर उसे समझना और उसी समझ के आधार पर शोध व व्यवसाय का चयन करना ही स्व-विकास के साथ राष्ट्र उन्नति का मार्ग है। समारोह से पूर्व प्रो. अरोड़ा ने एग्रीकल्चर महाविद्यालय का अवलोकन किया और संस्थान द्वारा वंचित वर्ग के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत करते हुए कुलपति प्रो. शिवसिंह सांरगदेवोत ने कहा कि संस्था समग्र विकास, समाज की उन्नति और राष्ट्र निर्माण के लिए निरंतर कार्यरत है। उन्होंने कहा कि सामुदायिक सेवा, कौशल विकास और समाज के प्रति सरोकार ही हमारे संस्थान का मूल मंत्र हैं। उन्होंने विद्यार्थियों व शिक्षकों के समर्पण, निष्ठा और नवाचार के माध्यम से सफलता के नए आयाम स्थापित करने का आह्वान किया। समारोह में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए प्रो. पंकज अरोड़ा का संस्थान की ओर से सम्मान किया गया। डॉं. युवराज सिंह राठौड़, डीन प्रो. सरोज गर्ग, डॉ. मुकुंद झा, निर्मल, डॉ. बलिदान, डॉ. रचना, डॉ. अमी , डॉ. भूरालाल, डॉ. सुनीता मुंडिया सहित अकादमिक एवं गैर अकादमिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
रटने नहीं, हर विषय को तर्क से समझने की राह तय करेगी नई शिक्षा नीति : केवलरमानी
एजुकेशन रिपोर्टर | उदयपुर राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (आरएससीईआरटी), उदयपुर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी नई शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में शिक्षा के रूपांतरण और श्रेष्ठ नवाचारों पर राष्ट्रीय विमर्श का बुधवार को सफल समापन हुआ। यह संगोष्ठी देशभर के एससीईआरटी, शिक्षाविदों, नीति-निर्माताओं और शिक्षा विशेषज्ञों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन पर गहन विचार-विमर्श का साझा मंच बनी। संगोष्ठी के विभिन्न सत्रों में खेल-खेल में शिक्षा, बहुभाषी अधिगम, समावेशी शिक्षा और भावनात्मक सशक्तिकरण जैसे विषयों पर विशेषज्ञों ने विस्तार से चर्चा की। प्रस्तुतियों ने यह संदेश दिया कि शिक्षण केवल तकनीक नहीं, बल्कि संवेदना और मूल्य आधारित संवाद का विज्ञान है। अंतिम दिन बुधवार को डिजिटल एवं व्यावसायिक शिक्षा विषय पर विभिन्न राज्यों ने अपने अनुभव साझा किए। एससीईआरटी उत्तर प्रदेश ने विद्यालयों में डिजिटल साक्षरता और कोडिंग शिक्षा की योजनाएं प्रस्तुत की, जबकि एससीईआरटी मेघालय ने सीमित संसाधनों में प्रौद्योगिकी के माध्यम से साक्षरता बढ़ाने के प्रयास बताए। एससीईआरटी हरियाणा ने प्रशिक्षक, ईसीओ और नींव जैसे प्लेटफॉर्म से शिक्षकों के व्यावसायिक विकास के नवाचार साझा किए। वहीं, परिषद उदयपुर ने बॉडी कॉन्फिडेंस प्रोजेक्ट के तहत किशोर छात्रों में डिजिटल कल्याण और आत्मविश्वास विकास के अपने प्रयास प्रस्तुत किए। मुख्य वक्ता भगवती प्रसाद कलाल (आरएससीईआरटी, राजस्थान) ने कहा कि डिजिटल साक्षरता और व्यावसायिक शिक्षा 21वीं सदी की मूल आवश्यकता है। तकनीक केवल उपकरण नहीं, बल्कि नवाचार और समावेशित का माध्यम है। संगोष्ठी की शुरुआत संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी के उद्बोधन से हुआ। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा को रटने से समझने की ओर ले जाने की प्रक्रिया है। उन्होंने उपनिषदों और हितोपदेश के उदाहरण देते हुए कहा- विद्या ऐसा धन है, जिसे कोई चुरा नहीं सकता। निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीताराम जाट ने राज्य सरकार की पहल, मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान, सीबीए, ओआरएफ, विद्या समीक्षा केंद्र और शिक्षक एप की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण और मूल्याधारित शिक्षा के लिए ठोस प्रयास जारी हैं। चार बुनियादी आधारों पर टिकेगी एनईपी-2020 की सफलता आर एससीईआरटी निदेशक श्वेता फगेड़िया ने संगोष्ठी का सार प्रस्तुत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन के लिए चार बुनियादी स्तंभ आवश्यक हैं। इसमें बहुभाषी और खेल-आधारित अधिगम, सशक्त एवं प्रशिक्षित शिक्षक, सामाजिक-भावनात्मक एवं जीवन कौशल विकास, डिजिटल और व्यावसायिक शिक्षा का एकीकरण। उदयपुर| भूपालपुरा थाना पुलिस ने ठगों को बैंक खाते बेचने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी फरार है। तीनों आरोपी जयपुर के ठगों को खाते बेच रहे थे और पहले भी बेच चुके है। थानाधिकारी आदर्श कुमार ने बताया कि सरदारपुरा के निकट चोरडिया इन्कलेव के फ्लेट नं 208 में दबिश दी। वहां सिरोही निवासी विश्वजीत सिंह देवड़ा, भीलवाड़ा निवासी शुभम जैन और राजसमंद निवासी लक्ष्यराज सिंह मोबाइल पर सक्रिय मिले। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया। इनसे तीन मोबाइल जब्त किए। मोबाइल के व्हाट्सएप चेटिंग में बेचे गए कई बैंक खातों की जानकारी मिली। इन पर विभिन्न राज्यों में 16 शिकायत दर्ज है। पूछताछ में विश्वजीत ने बताया कि वह जयपुर के दिग्विजय सिंह को, शुभम जयपुर के लक्की और लक्ष्यराज जयपुर के विश्वजीत सिंह को खाते बेचते है। इसके बदले कमीशन लेते हैं।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड; परीक्षा फीस बढ़ाई, 10वीं-12वीं के स्टूडेंट्स की 850 लगेगी
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा फीस बढ़ा दी गई है। अब 850 रुपए लगेंगे। बोर्ड ने रेगुलर और प्राइवेट दोनों ही स्टूडेंट्स की फीस को समान कर दिया है। प्रायोगिक परीक्षा शुल्क भी 100 रुपए बढ़ा कर 200 रुपए प्रति विषय कर दिया है। बोर्ड ने परीक्षा फीस बढ़ाने का यह प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा था, जिसे मंजूर कर लिया गया है। यह परीक्षा शुल्क 2017 के बाद बढ़ाया गया है। अब तक बोर्ड द्वारा रेगुलर स्टूडेंट्स से 600 और प्राइवेट से 650 रुपए परीक्षा फीस ली जा रही थी। अब प्राइवेट स्टूडेंट्स के शुल्क में 200 और रेगुलर स्टूडेंट्स के शुल्क में 250 रुपए बढ़ाए गए हैं। इस परीक्षा शुल्क की हर तीन वर्ष में शासन द्वारा समीक्षा की जाएगी। स्कूल शिक्षा ग्रुप 5 विभाग के शासन उप सचिव राजेश दत्त माथुर द्वारा फीस बढ़ोतरी के आदेश जारी कर दिए गए हैं। बोर्ड को अभी 150 करोड़ की आय हो रही थी, अब यह और बढ़ेगी बोर्ड को वर्तमान में परीक्षा शुल्क से करीब 130 करोड़ रुपए और अन्य मदों यानी संबद्धता, संशोधन, प्रतिलिपि प्रलेख से प्राप्त अनुमानित आय करीब 20 करोड़ रुपए यानी कुल 150 करोड़ रुपए के लगभग थी। अब यह आय बढ़ेगी।
दिल्ली में हुए बम धमाके को लेकर मुजफ्फरनगर में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान ने बड़ा बयान दिया है। बुधवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने इस घटना को 'महज एक दुर्घटना' बताया। बालियान ने कहा कि कई सालों बाद ऐसी घटना हुई है। उनके अनुसार, आतंकवादी शायद इस विस्फोटक को कहीं ले जा रहे थे। उन्होंने याद दिलाया कि पुलिस ने पहले भी कई लोगों को पकड़ा है और करीब 3000 किलो विस्फोटक सामग्री जब्त की थी। पूर्व मंत्री ने सरकारी एजेंसियों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने पहले ही इसका पता लगा लिया था। बालियान ने जोर देकर कहा कि यह शायद एक दुर्घटना थी, लेकिन पुलिस और अन्य संस्थाओं ने अच्छा काम किया है। मीडिया ने जब बालियान से मदरसों में दी जाने वाली शिक्षा के बारे में सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि पूरे देश में शिक्षा एक समान होनी चाहिए, जैसा कि उत्तराखंड में हुआ है। उन्होंने स्पष्ट किया कि धार्मिक शिक्षा का मामला अलग है, लेकिन सामान्य शिक्षा पूरे देश में एक ही तरह की होनी चाहिए। बालियान ने चिंता व्यक्त की कि इस घटना में शामिल ज्यादातर लोग पढ़े-लिखे और डॉक्टर हैं। उन्होंने इसे वाकई चिंता का विषय बताया कि ऐसे शिक्षित लोग आजकल आतंकवाद में लिप्त हैं।
पंजाब सरकार में नौकरी पाने के लिए संघर्ष कर रहे बेरोजगार ETT अध्यापकों ने पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां को मोहाली स्थित शिक्षा विभाग के कार्यालय के बाहर घेरा है। कैबिनेट खुड्डियां जैसे ही शिक्षा विभाग में पहुंचे तो वहां पर बैठे बेरोजगार अध्यापकों ने उन्हें रोककर तीखे सवाल पूछे। इस पर कैबिनेट मंत्री ने कहा है कि आपका विभाग मेरे अधीन नहीं आता है, इस लिए आप सीएम से मिलें। मगर शिक्षक उन्हें तुरंत मुख्यमंत्री को फोन लगाकर उनकी ज्वाइनिंग करवाने की मांग उठा रहे थे। बात उनके द्वारा बेरोजगार अध्यापकों की फाइल लेकर इसे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने पर जाकर समाप्त हुई और कैबिनेट मंत्री खुडि्डयां वहां से चले गए। बेरोजगार अध्यापकों ने उनसे बात करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार आते ही सबसे पहली भर्ती 5994 ETT अध्यापकों की निकाली गई थी। इनमें से 2500 को ही ज्वाइन करवाया गया है, जबकि 3500 के करीब अध्यापकों को ज्वाइन ही नहीं करवाया गया है। एक तरफ सरकार शिक्षा क्रांति की बात कर रही है, जबकि पंजाब के स्कूलों में बड़ी संख्या अध्यापकों की पोस्ट खाली पड़ी हैं। मगर उन्हें ज्वाइन नहीं करवाया जा रहा है। जबकि उनका मेडिकल होने के साथ साथ उनके सभी कागजात पूरे हो चुके हैं। फिर भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही। जबकि 2022 में सरकार बनाने में उनकी तरफ से सपोर्ट दी गई थी।मुख्यमंत्री के शहर में जेल में दिए जा रहे शिक्षक बेरोजगार अध्यापकों ने कैबिनेट मंत्री से कहा कि जब वह मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के गृह शहर संगरूर में नौकरी के लिए प्रदर्शन करने जाते हैं तो उन्हें पांच दिन छह रातों तक जेल में रखा जाता है। मगर सुनवाई नहीं की जाती है। अब वह पिछले 80 दिन से यहां शिक्षा विभाग कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं मगर उनकी सुनवाई ही नहीं हो रही है। हम सर्द रातों में महिलाओं को बच्चों के साथ सड़कों पर सोने को मजबूर हैं।कैबिनेट मंत्री द्वारा नहीं मिलने पर उलझे, मंत्री ने जताई नाराजगी इस दौरान शिक्षक नेताओं ने कहा कि वह बठिंडा जिले से संबंधित होने के कारण उन्हें सचिवालय में मिलने गए थे, मगर उन्हें यह कहकर वापिस लौटा दिया कि मंत्री जी नहीं मिलेंगे। इस पर कैबिनेट मंत्री खुडि्डयां ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ है कि कोई उन्हें मिलने आया हो और वह न मिले हों। भले वह कोई भी हो। आप मुझे अपनी फाइल दे दो मैं इसे मुख्यमंत्री कार्यालय में मार्क करके भेज दूंगा।
उदयपुर में चल रहे राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के इम्प्लीमेंटेशन और शिक्षा में नवाचार को लेकर चल रही तीन दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आज समापन हुआ। राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् (RSCERT), उदयपुर की ओर से आयोजित संगोष्ठी में देशभर के राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषदों के शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं और शिक्षा विशेषज्ञों के बीच राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रभावी क्रियान्वयन पर गहन विचार-विमर्श कर अपनी जानकारी साझा की गई। इसमें 10 राज्यों के एससीईआरटी के एक्सपर्ट शामिल हुए। आखिरी दिन आज ‘डिजिटल एवं व्यवसायिक शिक्षा’ पर विचार-विमर्श हुआ। एससीईआरटी उत्तरप्रदेश के एक्सपर्ट ने विद्यालयों में डिजिटल साक्षरता और कोडिंग शिक्षा को लागू करने की योजना साझा की। उन्होंने कहा कि जबकि एससीईआरटी मेघालय ने सीमित संसाधनों में प्रौद्योगिकी के माध्यम से साक्षरता को बढ़ाने के प्रयासों की जानकारी दी। एससीईआरटी हरियाणा के विशेषज्ञ ने प्रशिक्षक, ईसीओ और नीव जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स से शिक्षकों के व्यावसायिक विकास को मजबूत करने के अनुभव साझा किए। आरएससीईआरटी राजस्थान ने बॉडी कॉन्फिडेंस प्रोजेक्ट के अंतर्गत किशोर छात्रों में डिजिटल कल्याण और आत्मविश्वास विकास के प्रयासों को भी प्रस्तुत किया गया। समापन सत्र के मुख्य वक्ता स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निदेशक भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि डिजिटल साक्षरता और व्यावसायिक शिक्षा 21वीं सदी की मूल आवश्यकता हैं। तकनीक केवल उपकरण नहीं, बल्कि शिक्षा में नवाचार और समावेशिता का माध्यम है। डिजिटल उपकरणों का प्रयोग तभी सार्थक है जब वे शिक्षण को सहभागितापूर्ण, सजीव और मूल्यपरक बनाते हैं। आरएससीईआरटी उदयपुर की निदेशक श्वेता फगेड़िया ने तीन दिवसीय संगोष्ठी में आए सुझावों को समाहित करते हुए पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सफल क्रियान्वयन के लिए चार बुनियादी आधार आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि यह संगोष्ठी केवल विचारों का मंच नहीं, बल्कि भविष्य की कार्ययोजना का प्रारूप है, जिसने शिक्षा में सहयोग, नवाचार और गुणवत्तापूर्ण अधिगम की नई दिशा दी है। कार्यक्रम के समापन अवसर पर विभिन्न राज्यों से आए प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। प्रतिभागियों ने आरएससीईआरटी, उदयपुर की इस पहल को शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्रीय सहयोग और नवाचार की मिसाल बताया।
आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी ने वैश्विक शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका की प्रतिष्ठित ब्रायंट यूनिवर्सिटी के साथ तीन साल का समझौता ज्ञापन (MoU) किया है। इस समझौते से यूनिवर्सिटी के छात्रों और फैकल्टी के लिए अंतरराष्ट्रीय अवसरों के नए द्वार खुलेंगे। यह समझौता संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं, नवाचार कार्यों, संयुक्त प्रकाशनों, फैकल्टी और छात्र विनिमय कार्यक्रमों, प्रशिक्षण आयोजनों और आईआईएचएमआर के छात्रों के लिए अमेरिका में उच्च शिक्षा के अवसरों की तलाश जैसे कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को कवर करता है। आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी. आर. सोडानी ने इस अवसर पर कहा, 'आईआईएचएमआर अपनी वैश्विक पहचान को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के साथ सहयोग से छात्रों और शोधकर्ताओं को नई दृष्टि, उन्नत पद्धतियों तक पहुंच और बेहतर शैक्षणिक परिणाम प्राप्त होते हैं।' इस समझौता ज्ञापन पर आईआईएचएमआर यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पी. आर. सोडानी और ब्रायंट यूनिवर्सिटी के प्रोवोस्ट एवं चीफ एकेडमिक ऑफिसर डॉ. रुपेन्द्र पालीवाल ने हस्ताक्षर किए। इसे दोनों संस्थानों के बीच एक दीर्घकालिक अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक साझेदारी की शुरुआत माना जा रहा है।
आज राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित वेंक्टेश्वरा विश्वविद्यालय/संस्थान में स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री एवं महान स्वतंत्रता सेनानी स्व0 मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयन्ती (राष्ट्रीय शिक्षा दिवस) पर वेंक्टेश्वरा संस्थान में ’’शिक्षित भारत तभी विकसित भारत’’ विषय पर एकदिवसीय संगौष्ठी का शानदार आयोजन किया गया
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में पं. सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार डॉ. भुवन सिंह राज को उच्च शिक्षा विभाग ने सस्पेंड कर दिया है। यूनिवर्सिटी में 8 पदों पर भर्ती में गड़बड़ी को लेकर विधानसभा में पूछे गए सवाल पर उन्होंने भ्रामक जानकारी दी, जिसके चलते ये कार्रवाई की गई है। सस्पेंशन ऑर्डर जारी होने के साथ ही कुलपति प्रो. वीके सारस्वत ने रजिस्ट्रार को कार्यमुक्त कर दिया है। उनकी जगह परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनीष साव को प्रभारी रजिस्ट्रार बनाया गया है। दरअसल, ओपन यूनिवर्सिटी में तत्कालीन कुलपति डॉ. वंशगोपाल ने उच्च शिक्षा विभाग से 8 पदों स्वीकृत कराया था। जिसमें सहायक क्षेत्रीय निदेशक के 3 पद, सिस्टम एनालिस्ट के 1, प्रोग्रामर के 1, छात्र कल्याण अधिकारी के 1, सहायक छात्र कल्याण अधिकारी के 1 और जनसंपर्क अधिकारी के 1 पद शामिल हैं। इन पदों पर भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू हुई, तब अनियमितता के आरोप लगे। इसके बाद भी विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सभी उम्मीदवारों को नियुक्ति दे दी है। लोगों से मिली शिकायत के आधार पर अकलतरा विधायक डॉ. राघवेंद्र कुमार सिंह ने मार्च 2025 के विधानसभा सत्र में यूनिवर्सिटी में भर्ती की गड़बड़ी को लेकर सवाल उठाया था। इसमें उन्होंने भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी और अपात्र को नौकरी देने को लेकर जानकारी मांगी थी। रजिस्ट्रार ने विधानसभा को दी भ्रामक जानकारी इस मामले में उच्च शिक्षा विभाग ने ओपन यूनिवर्सिटी से जवाब मांगा था। इसका जवाब कुलसचिव डॉ. भुवन सिंह राज ने दिया। उस जानकारी को गलत और भ्रामक माना गया। इस मामले में उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। डॉ. राज ने जो जवाब दिया, उसे भी उच्च शिक्षा विभाग ने अमान्य कर दिया। विधानसभा में गलत जानकारी देने पर 10 नवंबर को उच्च शिक्षा विभाग ने डॉ. राज को निलंबित कर दिया है। जिस पर मंगलवार को कुलपति प्रो. सारस्वत ने डॉ. राज को कार्यमुक्त कर कुलसचिव का अतिरिक्त प्रभार परीक्षा नियंत्रक डॉ. साव को दे दिया है। बिना जांच के खोल दिया नियुक्ति का लिफाफा यूनिवर्सिटी में स्व वित्तीय योजना के तहत की जा रही भर्ती के लिए विश्वविद्यालय ने पहले जनवरी 2023 में विज्ञापन जारी किया था। लेकिन, एक अभ्यर्थी किरण दुबे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। जिसके कारण उसे निरस्त कर फरवरी 2023 में फिर से विज्ञापन जारी किया गया। इन पदों की लिखित परीक्षा और साक्षात्कार भी यूनिवर्सिटी ने लिया। इस बीच इन पदों के विज्ञापन, उम्र सीमा, लिखित परीक्षा, आरक्षण, साक्षात्कार की लिस्ट को लेकर लगातार शिकायतें हुई। जिसमें पीएमओ, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री तक शिकायत की गई। शिकायत के आधार पर राजभवन और राज्य शासन, उच्च शिक्षा विभाग ने जांच पूरी होने तक लिफाफा खोलने से रोक लगा दिया। अनियमितता की शिकायत 8 पदों पर हुई थी। जांच के लिए कमेटी भी बनी। कमेटी जांच कर रही थी कि तत्कालीन राज्यपाल ने लीगल एडवाइज लेकर लिफाफा खोलने की अनुमति दे दी। जिस दिन आचार संहिता लगा, उसी दिन सुबह तत्कालीन कुलपति प्रो. बंशगोपाल सिंह ने लिफाफा खोलकर सभी पदों पर ज्वाइनिंग दे दी। हालांकि, अभी भी उच्च शिक्षा विभाग की जांच इस मामले में जारी है। कुलपति बोले- शासन ने जारी किया है निलंबन आदेश ओपन यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. वीके सारस्वत ने बताया कि, विधानसभा में गलत जानकारी देने के कारण रजिस्ट्रार भुवन सिंह राज को राज्य शासन ने निलंबित कर दिया है। निलंबन आदेश जारी होने के बाद उन्हें कार्यमुक्त करते हुए परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनीष साव को रजिस्ट्रार का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
गरीबी खत्म करने, कोई व्यक्ति भूखा न रहे और अच्छी शिक्षा व स्वास्थ्य सुलभता को लेकर सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों को हासिल करने में राजस्थान 67 प्रतिशत उपलब्धि के साथ 20वें नंबर पर है। प्रदेश ने इसमें 7 प्रतिशत का सुधार किया है। वहीं, जिला स्तर पर ये लक्ष्य हासिल करने में झुंझुनूं, राजसमंद और चित्तौड़गढ़ सबसे आगे हैं। झुंझुनूं पहले स्थान पर है। जबकि चित्तौड़गढ़ दूसरे व राजसमंद तीसरे स्थान पर है। जबकि भरतपुर, जैसलमेर और सवाई माधोपुर आदि जिले सबसे नीचे की रैंक पर है। भारत में सतत विकास लक्ष्यों को वर्ष 2030 तक हासिल किया जाना है। 17 लक्ष्यों की सूची में गरीबी समाप्त करना, भुखमरी खत्म करना, अच्छा स्वास्थ्य और जीवन स्तर, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, लैंगिक समानता, स्वच्छ जल और स्वच्छता, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा, अच्छा काम और आर्थिक विकास, उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचा, असमानता में कमी, टिकाऊ शहरी और सामुदायिक विकास, जिम्मेदारी के साथ उपभोग और उत्पादन, जलवायु कार्रवाई, पानी के नीचे जीवन, भूमि पर जीवन, शांति और न्याय के लिए संस्थान और लक्ष्य प्राप्ति में सामूहिक साझेदारी शामिल है। इन लक्ष्यों को हासिल करने में अग्रणी दस जिलों में झुंझुनूं जिले ने अपनी रैंक सुधारी है। वह पहले स्थान पर है। दूसरे व तीसरे स्थान पर चित्तौड़गढ़ व राजसमंद हैं। इनके बाद चौथे स्थान पर नागौर, पांचवें पर अजमेर, छठे पर कोटा, सातवें पर पाली, आठवें पर बूंदी, नवें पर भीलवाड़ा व दसवें स्थान पर झालावाड़ है। 11वीं से बीसवीं रैंक वाले जिले राज्य के औसत प्रदर्शन से ऊपर हैं और शीर्ष 10 में प्रवेश करने की ओर हैं। इनमें अलवर 11वें, श्रीगंगानगर 12वें, चुरू 13वें, दौसा 14वें, सीकर 15वें, हनुमानगढ़ 16 वें, उदयपुर 17वें, सिरोही 18वें, टोंक 19वें व जोधपुर का बीसवें स्थान पर है। तीसरी श्रेणी परफॉर्मर में प्रतापगढ़ 21वीं रैंक पर है। जयपुर 22 वीं, डूंगरपुर 23 वीं, जालोर 24वीं, करौली 25वीं, बारां 26वीं, धौलपुर 27वीं, बांसवाड़ 28वीं, बाड़मेर 29 वीं व बूंदी की 30 वीं रैंक है। नए जिलों का आकलन शामिल नहीं किया गया है। ऊर्जा-टिकाऊ शहर में अलवर और अजमेर अव्वल गरीबी उन्मूलन से लेकर टिकाऊ शहरों के विभिन्न लक्ष्यों में प्रदर्शन करने वाले जिलों में अलवर व अजमेर सबसे आगे हैं । मजबूत और संतुलित प्रदर्शन किया है। यहां स्वच्छ ऊर्जा और टिकाऊ शहर में सबसे ज्यादा अंक हासिल किए हैं। कोटा ने असमानताओं में कमी लाने में अच्छा काम किया। वहीं, पाली जलवायु संरक्षण में सबसे ज्यादा स्कोर वाला जिला रहा। भीलवाड़ा लैंगिक समानता में सबसे आगे रहा। जबकि झालावाड़ में शांति और न्याय के लक्ष्य में प्रभावशाली प्रदर्शन दर्ज किया गया है।
रावस में हायर सेकंडरी स्कूल नहीं होने से छात्रों की उच्च शिक्षा हो रही प्रभावित
भास्कर न्यूज | सरोना जिले के अंतिम छोर पर बसे ग्राम पंचायत रावस के बच्चों का भविष्य आज भी अधर में लटका हुआ है। शिक्षा का अधिकार तो सबका है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में यहां के विद्यार्थी आज भी हायर सेकंडरी स्तर की पढ़ाई से वंचित हैं। रावस में हाईस्कूल तक की सुविधा तो है, लेकिन हायर सेकंडरी स्कूल न होने से दसवीं के बाद बच्चों को पढ़ाई छोड़नी पड़ रही है। ग्राम रावस के सरपंच शिवलाल मंडावी ने बताया शासन द्वारा यहां हाई स्कूल की स्थापना तो की गई है, लेकिन हायर सेकंडरी स्कूल अब तक नहीं खुल पाया है। दसवीं पास करने के बाद छात्रों को हायर सेकंडरी शिक्षा के लिए या तो ठेमा या सरोना जाना पड़ता है, जो क्रमश 12 और 25 किलोमीटर दूर हैं। वहां तक कोई नियमित यातायात सुविधा उपलब्ध नहीं है। ग्रामवासियों ने बताया कि उन्होंने कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों, शिक्षा विभाग और जिला अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया है। उन्होंने मांग की है कि शासन तत्काल प्रभाव से रावस या उसके आसपास के किसी उपयुक्त स्थान पर हायर सेकंडरी स्कूल की स्थापना करें। इससे न केवल रावस, बल्कि आसपास के ग्रामों के छात्र-छात्राओं को भी शिक्षा का अवसर मिलेगा। सरपंच मंडावी ने कहा यदि ऐसा नहीं किया गया, तो हम सभी ग्रामीण एकजुट होकर जिला प्रशासन के समक्ष ज्ञापन सौंपेंगे। बच्चों के भविष्य के जरूरत पड़ी को आंदोलन करने भी बाध्य होंगे।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से युवाओं को बनाया सशक्त
उदयपुर| हिन्दुस्तान जिंक ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से 10 लाख से अधिक युवाओं को सशक्त बनाया है। कंपनी के प्रमुख सामुदायिक कार्यक्रम - नंद घर, शिक्षा संबल, ऊंची उड़ान और जीवन तरंग - गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच में सुधार, शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और दिव्यांग बच्चों को सशक्त बना रहे हैं। शिक्षा संबल पहल के माध्यम से कंपनी 140 स्कूलों के 35,000 से अधिक छात्रों को विज्ञान, गणित और अंग्रेजी में आधारभूत शिक्षा को मजबूत करते हुए सहायता प्रदान करती है। 30,900 से अधिक कक्षाओं का संचालन किया गया है ताकि समझ और प्रदर्शन के स्तर को बेहतर बनाया जा सके।
पदोन्नति-स्थानांतरण की मांग, शिक्षक संघ ने शिक्षा निदेशक को पत्र सौंपा
उदयपुर | राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ ने शिक्षकों की लंबित समस्याओं के त्वरित निस्तारण की मांग को लेकर मंगलवार को प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट को ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने निदेशक से शिक्षक हितों से जुड़े मुद्दों पर शीघ्र कार्रवाई की अपील की। चौहान ने कहा कि शिक्षक वर्ग लंबे समय से अपनी मूलभूत मांगों के समाधान की प्रतीक्षा कर रहा है। लेकिन, निस्तारण में हो रही देरी से असंतोष बढ़ रहा है। निदेशक सीताराम जाट ने ज्ञापन पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए मांगों के निस्तारण का आश्वासन दिया। इस अवसर पर सतीश जैन, चंद्रशेखर परमार, भैरूलाल कलाल, कमलेश शर्मा, हितेन्द्र दवे और प्रकाश आमेटा भी उपस्थित रहे।
हिंद जिंक ने 5 वर्षों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के माध्यम से 10 लाख युवाओं को बनाया सशक्त
उदयपुर | हिन्दुस्तान जिंक ने समग्र शिक्षा, कौशल विकास और समावेशी शिक्षण के अवसरों के माध्यम से अगली पीढ़ी को पोषित करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। कंपनी के प्रमुख सामुदायिक कार्यक्रम नंद घर, शिक्षा संबल, ऊंची उड़ान और जीवन तरंग - गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच में सुधार, शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और दिव्यांग बच्चों को सशक्त बना रहे हैं। इन पहलों ने पिछले पांच वर्षों में कंपनी के परिचालन क्षेत्रों में 10 लाख से अधिक बच्चों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया है। शिक्षा संबल पहल के माध्यम से, कंपनी 140 स्कूलों के 35,000 से अधिक छात्रों को विज्ञान, गणित और अंग्रेजी में आधारभूत शिक्षा को मजबूत करते हुए सहायता प्रदान करती है। 30,900 से अधिक कक्षाओं का संचालन किया गया है। इससे कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं में कुल 95 प्रतिशत छात्र उत्तीर्ण हुए। कंपनी ने वैज्ञानिक जिज्ञासा को जगाने के लिए उदयपुर और पंतनगर में चार एसटीईएम प्रयोगशालाएं भी स्थापित की हैं। सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक अरुण मिश्रा ने कहा कि अब तक, 150 छात्रों ने आईआईटी सहित प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग और सरकारी कॉलेजों में प्रवेश प्राप्त किया है। जीवन तरंग कार्यक्रम के माध्यम से, 2,600 से अधिक दिव्यांग बच्चे लाभान्वित हुए हैं। हिंद जिंक के परिचालन क्षेत्रों में लगभग 2000 नंद घर प्रारंभिक बाल विकास, स्वस्थ माताओं और सशक्त ग्रामीण महिलाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। हिन्दुस्तान जिंक ने राजस्थान के जावर में जिंक फुटबॉल अकादमी की स्थापना की। अब तक अकादमी ने 3250 से अधिक युवा एथलीट को प्रशिक्षित किया है, जिनमें से कई अपने जिले, राज्य और देश का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
जागरूकता रैली से राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया
लुधियाना| दुगरी स्थित बीसीएम किंडरगार्टन ने भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया। इस दिन की शुरुआत एक जागरूकता रैली से हुई, जिसमें नन्हे-मुन्ने विद्यार्थी हाथों में बैनर लिए और शिक्षा के महत्व पर जोरदार नारे लगाते हुए उत्साहपूर्वक आगे बढ़े। उनकी ऊर्जावान आवाजों ने वातावरण में यह संदेश भर दिया कि शिक्षा ही उज्ज्वल भविष्य की कुंजी है। शिक्षकों ने भी इस अवसर पर जीवन को आकार देने में शिक्षा के महत्व और मूल्य को समझाया। कहानियों और संवादात्मक चर्चाओं के माध्यम से, उन्होंने बच्चों को सीखने के प्रति प्रेम और अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस समारोह ने खूबसूरती से यह संदेश दिया कि शिक्षा न केवल मन को प्रकाशित करती है, बल्कि बेहतर कल के लिए ज़िम्मेदार नागरिक भी बनाती है।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर कॉलेज में हुआ कार्यक्रम
डॉ. एस. राधाकृष्णन कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन, चिकसिया में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया। यह दिवस भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री एवं भारत रत्न से सम्मानित मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती के अवसर पर प्रत्येक वर्ष 11 नवम्बर को मनाया जाता है। कार्यक्रम में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें बीएड सत्र 2023–25, 2024–26 तथा डीएलएड सत्र 2024–26, 2025–27 के प्रशिक्षु उत्साहपूर्वक शामिल हुए। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शक्ति प्रकाश सिंह ने कहा कि जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए शिक्षित होना अत्यंत आवश्यक है। शिक्षा ही वह कुंजी है, जो समाज में फैले भेदभाव को समाप्त कर एकरूपता और समरसता को बढ़ावा देती है। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सभी शिक्षकगण एवं शिक्षकेतर कर्मचारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।
श्री आनंदपुर साहिब, जिसे 'गुरु नगरी' के नाम से जाना जाता है, अब 'व्हाइट सिटी' में तब्दील होने जा रहा है। पंजाब सरकार की इस पहल के तहत पूरे शहर को सफेद रंग से सजाया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत मंगलवार को बस अड्डे से गई। शिक्षा मंत्री और श्री आनंदपुर साहिब के विधायक हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि यह पहल नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी शताब्दी के उपलक्ष्य में की जा रही है। इस अवसर पर श्री आनंदपुर साहिब में विश्वस्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। एक करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना मंत्री बैंस के अनुसार, इन कार्यक्रमों में देश-विदेश से लगभग एक करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। राज्य सरकार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध तेजी से पूरे कर रही है। इसी श्रृंखला में, शहर के हर कोने को सफेद रंग में रंगने की सेवा शुरू की जा रही है। इस कार्य का शुभारंभ बाबा सतनाम सिंह जी (किला आनंदगढ़ साहिब) द्वारा अरदास के साथ होगा। मंत्री बैंस ने इस सेवा में शामिल होने के लिए क्षेत्र के युवा क्लबों, पंचायत प्रतिनिधियों, सरपंचों, आम आदमी पार्टी पदाधिकारियों, समाजसेवियों और पार्षदों से अपील की है। 20 हजार लीटर सफेद रंग मंगाया गया इस अभियान के दौरान जिले के डिप्टी कमिश्नर वर्जीत वालिया और एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना सहित जिले के वरिष्ठ अधिकारी विशेष रूप से मौजूद रहेंगे। मंत्री बैंस ने बताया कि दानदाताओं और पेंट कंपनियों के सहयोग से 20,000 लीटर से अधिक सफेद रंग एकत्र किया गया है, जिसका उपयोग शहर को सुंदर बनाने में किया जाएगा। मंत्री बैंस ने कहा कि गुरु साहिब की कृपा से आनंदपुर साहिब का स्वरूप बदल रहा है। सड़कों की मरम्मत, सफाई और सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से जारी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले पांच से सात दिनों में पूरा शहर चमकदार सफेद रंग में रंग जाएगा और सच्चे अर्थों में 'व्हाइट सिटी' के रूप में उभरेगा।
भिण्ड के कीरतपुरा स्थित सेंट माइकल स्कूल में मंगलवार को विश्व शिक्षा दिवस पर विधिक साक्षरता और जागरूकता कार्यक्रम हुआ। यह आयोजन न्यायोत्सव : विधिक सेवा सप्ताह (9 से 14 नवंबर) के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड द्वारा कराया गया। विद्यार्थियों को अधिकार–कर्तव्य की जानकारी दी कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश हिमांशु कौशल ने छात्रों को उनके अधिकार और कर्तव्य समझाए। उन्होंने कहा कि अधिकार सुरक्षित रखने के लिए हर व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का पालन जरूरी है। साथ ही बच्चों को पढ़ाई में आगे बढ़ने और अनुशासन बनाए रखने की सलाह भी दी। बच्चों को उनके कानूनी अधिकारों के बार में बतायान्यायाधीश/सचिव अनुभूति गुप्ता ने छात्रों को किशोर न्याय अधिनियम 2015 के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नाबालिगों के मामलों की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में होती है। साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पात्र व्यक्ति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से या टोल फ्री नंबर 15100 पर कॉल कर निःशुल्क कानूनी सहायता ले सकते हैं। स्कूल स्टाफ रहा उपस्थित कार्यक्रम में स्कूल की प्राचार्य सिस्टर शांति कजूर, शिक्षक मंजर अली, ब्रजेन्द्र कुमार, पीएलव्ही भिण्ड और स्कूल का पूरा स्टाफ मौजूद रहा।
लखीसराय जिले के बड़हिया प्रखंड स्थित उच्च विद्यालय में मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर एक समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लखीसराय के जिला पदाधिकारी (डीएम) मिथिलेश मिश्र ने विद्यालय के मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले 100वें बैच के छात्र-छात्राओं का स्वागत और सम्मान किया। यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 1927 में इस विद्यालय के छात्र पहली बार पटना विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित मैट्रिक परीक्षा में सम्मिलित हुए थे। कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम मिथिलेश मिश्र, जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) यदुवंश राम, प्रधानाध्यापक डॉ. रामप्रवेश सिंह, फिल्मकार रविराज पटेल और पूर्व प्राचार्य विपिन कुमार सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कार्यक्रम की शुरुआत देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। प्रभारी प्रधानाध्यापिका डॉ. किरण कुमारी के नेतृत्व में आयोजित इस समारोह में विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। छात्रों को संबोधित करते हुए डीएम मिश्र ने कहा कि 'छात्र देश के कर्णधार हैं, शिक्षक उनके निर्माता हैं और इन्हीं छात्रों के माध्यम से देश का भविष्य निर्मित होता है।' उन्होंने छात्रों को मन लगाकर पढ़ाई करने, अनुशासन का पालन करने तथा प्रतिदिन न्यूनतम आठ से दस घंटे अध्ययन करने की प्रेरणा दी। डीएम ने जोर दिया कि शिक्षा वह अचूक हथियार है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है और राष्ट्र की प्रगति में योगदान दे सकता है। जिला शिक्षा पदाधिकारी यदुवंश राम ने छात्रों को तनावमुक्त रहकर नियमित अध्ययन करने और अनुशासन बनाए रखने की सलाह दी। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने विद्यालय के 165 छात्र-छात्राओं को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया। सम्मान समारोह के बाद सभी विद्यार्थियों के साथ सामूहिक फोटोग्राफी भी की गई। कार्यक्रम में शिक्षक श्रवण कुमार, गोपाल कुमार, शशिकला कुमारी, प्रभाकर कुमार, प्रेम कुमार और सौरभ कुमार सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। समारोह का समापन राष्ट्रगान 'जन गण मन' के सामूहिक गायन से हुआ।
देश के दस राज्यों के शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के प्रमुख उदयपुर आए हुए है। यहां पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के क्रियान्वयन और शिक्षा में नवचार को लेकर मंथन हो रहा है। राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (आरएससीईआरटी) की ओर से उदयपुर में शुरू हुए शिक्षाविदों के तीन दिवसीय महाकुंभ के आज दूसरे दिन मंगलवार को भी कई राज्यों के वक्ताओं ने अपनी बात रखी। ‘शिक्षा में परिवर्तन: एनईपी 2020 और उसके बाद के संदर्भ में सर्वोत्तम प्रथाओं को आगे बढ़ाना’ विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में देशभर के शिक्षा विशेषज्ञ भाग ले रहे है। विभिन्न सत्रों में आयोजित चर्चाओं के दौरान विशेषज्ञों ने शिक्षण में प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रयोग, आकलन प्रणाली में सुधार, शिक्षक प्रशिक्षण की नई दिशा, प्रारंभिक कक्षाओं में भाषा आधारित अधिगम और सामुदायिक सहभागिता जैसे विषयों पर गहन मंथन किया जा रहा है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गोवा, मणिपुर, नागालैंड, झारखंड सहित 10 राज्यों की राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषदों से आए विशेषज्ञों ने अपने राज्यों में एनईपी के क्रियान्वयन के दौरान अपनाई जा रही सर्वोत्तम प्रथाओं, नवाचारों, तथा शिक्षा में गुणवत्ता सुधार से जुड़े अनुभव साझा किए। इसमें 'खेल-खेल में शिक्षा' पर आधारित शिक्षण पद्धति को मजबूत करने, बहुभाषी शिक्षा (MLE) को प्रोत्साहन देने तथा समावेशी शिक्षा के व्यापक क्रियान्वयन पर विशेष जोर दिया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि सीखने की प्रक्रिया को आनंददायक बनाना, बाल मनोविज्ञान के अनुरूप गतिविधि-आधारित शिक्षण को बढ़ावा देना और भाषा विविधता को सम्मान देना - शिक्षा की नई दिशा तय करने वाले प्रमुख तत्व हैं। प्रतिभागियों ने एकमत से यह सुझाव दिया कि राज्यों के बीच नवाचारों का आदान-प्रदान शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। परिषद निदेशक श्वेता फगेडिया ने कहा कि 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा जगत में परिवर्तन का आधार स्तंभ सिद्ध हो रही है। यह नीति न केवल शिक्षण के तरीकों को आधुनिक बना रही है बल्कि विद्यार्थियों में सृजनात्मकता और आत्मनिर्भरता का विकास भी कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री देना नहीं बल्कि जीवन जीने की कला सिखाना है। इससे पहले सोमवार को हुए उद्घाटन समारोह में संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने संबोधित किया था।
रायपुर में देर रात कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर अनुकंपा नियुक्ति संघ की महिलाएं धरने पर बैठ गईं। 10 नवंबर की रात करीब 11 बजे से शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन देर तक चलता रहा। धरने पर बैठीं महिलाएं दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजन हैं, जो लंबे समय से अनुकंपा नियुक्ति दिए जाने की मांग कर रही हैं। महिलाओं का कहना है कि चुनाव से पहले भाजपा ने सरकार बनने पर अनुकंपा नियुक्ति देने का वादा किया था, लेकिन सत्ता में आने के बाद महीनों बीत जाने के बावजूद प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। प्रदेशभर में करीब 1200 दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिवार इस नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दिया था आश्वासन अक्टूबर महीने में अनुकंपा नियुक्ति संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की थी। उस समय मुख्यमंत्री ने जल्द नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आश्वासन दिया था। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से परिजनों में नाराजगी है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, तो प्रदेशभर में आंदोलन तेज किया जाएगा।
राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर ने कार्मिक की मृत्यु के समय गर्भावस्था में रहे शिशु के बालिग होने पर प्रस्तुत अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदन को राज्य सरकार द्वारा देरी के आधार पर अस्वीकार किए जाने के मामले में सुनवाई की। जस्टिस मुन्नुरी लक्ष्मण ने इस मामले में प्रारंभिक सुनवाई के बाद शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी। दरअसल, डीडवाना के बेरी गांव निवासी समीर खान की ओर से एडवोकेट रजाक खान हैदर ने याचिका दायर की। इसमें बताया कि समीर के पिता सुलेमान खान का वर्ष 2003 में निधन हो गया था। उस समय याचिकाकर्ता समीर खान अपनी मां के गर्भ में था। पिता की मृत्यु के बाद उसकी मां लंबे समय तक बीमार रहीं और बड़ा भाई नि:शक्त है, ऐसे में बालिग होने पर याचिकाकर्ता ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन किया। निदेशालय की दुविधा, देरी बता अर्जी अस्वीकार की आवेदन पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने कार्मिक की मृत्यु के समय याचिकाकर्ता के जन्म नहीं लेने के कारण उसे आश्रित की श्रेणी में मानने या नहीं मानने को लेकर शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन चाहा था। इस प्रश्न पर निदेशालय स्पष्टता नहीं ले पा रहा था कि क्या गर्भावस्था में रहे शिशु को मृतक कार्मिक का आश्रित माना जाए या नहीं। शिक्षा विभाग ने निदेशालय के प्रतिउत्तर में शीर्ष अदालत द्वारा पारित दो निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा कि कार्मिक की मृत्यु के कई वर्षों पश्चात अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस आधार पर याचिकाकर्ता के आवेदन को देरी के कारण अस्वीकार कर दिया गया। पीड़ित का तर्क: संदर्भ केस की गलत व्याख्या अधिवक्ता ने तर्क दिया कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के उमेश कुमार नागपाल बनाम हरियाणा राज्य मामले में दिए निर्णय की गलत व्याख्या कर रही है। वकील ने कहा कि उक्त मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि संकट समाप्त होने या लंबे समय बाद नियुक्ति का दावा नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता के मामले में संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है। सवाल गर्भस्थ शिशु को आश्रित मानने का
स्कूली बच्चों की फीस को लेकर आने वाले समय में शिक्षकों के साथ अभिभावकों को भी अपग्रेड होना होगा। केंद्र सरकार ने राज्यों को भेजे एक पत्र में कहा है कि डिजिटल परिवर्तन सुधारों के तहत फीस जमा करने के लिए स्कूलों में यूपीआई को शामिल किया जाए। ऐसे में भविष्य में स्कूलों में भी फोन-पे, पेटीएम जैसे यूपीआई सिस्टम से बच्चों की स्कूल फीस जमा हो सकेगी। इससे न केवल अभिभावकों को सहुलियत मिलेगी बल्कि संस्था प्रधान को भी रसीदें छपवाने व काटने के झंझट से मुक्ति मिल सकेगी। अभिभावकों को स्कूल आने की जरूरत नहीं रहेगी और उन्हें घर या कहीं से भी ऑनलाइन फीस जमा कराने की सुविधा का फायदा मिल जाएगा। यही नहीं, इसकी रसीद भी हाथों हाथ डिजिटली जनरेट होकर मिल जाएगी। केंद्र सरकार ने यह पहल विभिन्न क्षेत्रों में नीतिगत और संस्थागत सुधारों के माध्यम से स्कूली शिक्षा में आसानी को बढ़ावा देने के लिए की है। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने पहली बार राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में प्रशासनिक प्रक्रियाओं, विशेष रूप से स्कूलों में वित्तीय लेनदेन से संबंधित प्रक्रियाओं का आधुनिकीकरण करके स्कूली शिक्षा को आसान बनाने के लिए एकीकृत भुगतान इंटरफेस यानी यूपीआई को अपनाने पर जोर दिया है। यूपीआई मोबाइल वॉलेट और नेट बैंकिंग जैसे डिजिटल भुगतान प्लेटफार्मों की बढ़ती पहुंच का लाभ उठाने कहा आह्वान किया है। शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और स्वायत्त निकायों जैसे एनसीईआरटी, सीबीएसई, केवीएस, एनवीएस को इसे लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया है। इससे स्कूलों में सुरक्षित और पारदर्शी डिजिटल तरीकों से प्रवेश और परीक्षा शुल्क एकत्र करने का वातावरण बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही बताया है कि नकद भुगतान के बजाय डिजिटल भुगतान के कई फायदे हैं। अभिभावकों और छात्रों के लिए यह पारदर्शिता और स्कूल जाए बिना घर बैठे भुगतान करने की सुविधा है। यूपीआई लेनदेन की प्रक्रिया अपनाने से अभिभावक वित्तीय रूप से साक्षर बन सकेंगे। सुझावों के बाद जारी किए जाएंगे दिशा-निर्देश केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विकसित भारत 2047 के विजन को देखते हुए स्कूलों में डिजिटली लेनदेन को लेकर सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एनसीईआरटी, सीबीएसई, केवीएस, एनवीएस के साथ विचार विमर्श किया है। उनसे इस प्रक्रिया को अपनाने और आसान बनाने के लिए सुझाव भी आमंत्रित किए हैं। इसके बाद इस पहल को अमल में लाने के विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। साथ ही संस्थानों को प्रशिक्षित किए जाने की रूपरेखा तय की जाएगी।
पंजाबी सिंगर काशीनाथ गोल्ड का 10 तोले सोने का कड़ा लौटाने से सुर्खियों में आ गए हैं। लुधियाना में हुए एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान उन्हें एक व्यक्ति ने यह सोने का कड़ा दिया। कड़े को हाथ में लेते ही सिंगर काशीनाथ ने कहा- ये तो सोने का कड़ा है। 10 तोले से कम का नहीं है। 10 लाख इसकी कीमत होगी। मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता। इसे लिया तो गुरुओं-पीरों से ली शिक्षा खत्म हो जाएगी। इससे प्यार हो गया तो मेरी इबादत ही खत्म हो जाएगी। सिंगर काशीनाथ हरियाणा के कैथल में जन्मे हैं लेकिन इस वक्त मोहाली में रहते हैं। सिंगर ने कड़ा हाथ में पकड़ कहीं अहम बातें लुधियाना में हुए जगराते में पहुंचे थे सिंगर10 तोले सोने का कड़ा लौटाने की ये घटना शनिवार रात लुधियाना में हुए जागरण की है। ये जागरण जय मां अंबे क्लब ने करवाया था। धार्मिक कार्यक्रम बाबा जीवन सिंह नगर की गली नंबर-1 में हुआ। सिंगर ने कड़ा लौटाने के अंत में कहा कि आपने मेरे सिर पर हाथ रख दिया, इतना ही बहुत है, जिंदा रहे तो बार-बार मिलेंगे, मर गए तो हरिद्वार मिलेंगे।
ओशो की शिक्षाओं से हुआ आत्मिक गहराई का अनुभव
भास्कर न्यूज | लुधियाना ओशो उत्सव लुधियाना की ओर से एक दिवसीय ओशो ध्यान शिविर का आयोजन महावीर स्थल, निकट दोराहा में किया गया। इस ध्यान शिविर में ओशो के परम शिष्य स्वामी ज्ञान नसीब ने विशेष रूप से संचालन किया। शिविर का उद्देश्य प्रतिभागियों को ओशो की ध्यान विधियों से परिचित कराना और ध्यान के माध्यम से आत्मिक शांति का अनुभव प्रदान करना था। स्वामी मनोज प्रीत ने बताया कि स्वामी ज्ञान नसीब ने ओशो द्वारा बताई गई विभिन्न ध्यान विधियों मन एकाग्रता, नृत्य, भजन-कीर्तन, डायनेमिक ध्यान और प्रवचनों का अभ्यास करवाया। इन अभ्यासों के दौरान उपस्थित लगभग 50 संन्यासियों ने ध्यान और संगीत के समन्वय से गहन शांति, आनंद और आत्मिक उन्मुक्ति का अनुभव किया। प्रकृति के सान्निध्य में हुए इस सत्र ने प्रतिभागियों को जीवन के प्रति नए दृष्टिकोण से जोड़ते हुए ‘अंतर आनंद’ की अनुभूति कराई। शिविर में यह संदेश दिया गया कि ध्यान केवल एक साधना नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक सृजनात्मक कला है, जो व्यक्ति को वर्तमान क्षण में जीना सिखाती है। ओशो उत्सव लुधियाना के सदस्यों ने बताया कि संस्था का उद्देश्य ओशो के ज्ञान, प्रेम और ध्यान के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है, ताकि आज के तनावपूर्ण जीवन में लोग शांति और संतुलन पा सकें।
शिक्षा को समझने की प्रक्रिया है एनईपी : आयुक्त
सिटी रिपोर्टर | उदयपुर राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (आरएससीईआरटी) की ओर से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ सोमवार को हुआ। विषय था कि शिक्षा में परिवर्तन: एनईपी 2020 और उसके बाद के संदर्भ में सर्वोत्तम प्रथाओं को आगे बढ़ाना। उद्घाटन सत्र में उदयपुर संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरामानी ने कहा कि एनईपी 2020 शिक्षा को रटने से समझने की ओर ले जाने की प्रक्रिया है। उन्होंने हितोपदेश का श्लोक उद्धृत करते हुए कहा कि विद्या ऐसा धन है, जिसे कोई चुरा नहीं सकता। सरदार पटेल की 150वीं जयंती का उल्लेख करते हुए उन्होंने शिक्षा को व्यक्तित्व निर्माण, राष्ट्रीय एकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का आधार बताया। निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीताराम जाट ने कहा कि नीति में मानवीय गुणों, रचनात्मकता, कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान, सीबीए, ओआरएफ, प्रखर राजस्थान, विद्या समीक्षा केंद्र और शिक्षक एप जैसी पहलों का उल्लेख किया। परिषद निदेशक श्वेता फगेडिया ने कहा कि एनईपी शिक्षा जगत में परिवर्तन का आधार स्तंभ है, जो विद्यार्थियों में सृजनात्मकता और आत्मनिर्भरता को बढ़ा रही है। संगोष्ठी में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गोवा, मणिपुर, नागालैंड और झारखंड सहित 10 राज्यों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। उन्होंने अपने-अपने राज्यों में एनईपी के क्रियान्वयन में अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं और नवाचारों को साझा किया।
कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े ने सोमवार को आयोजित समय-सीमा बैठक में सभी विभागों को निर्देश दिए कि लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि 300 दिन से अधिक समय से लंबित मामलों पर अब कड़ा रुख अपनाया जाएगा। बैठक में सीएम हेल्पलाइन, अनुकंपा नियुक्ति, पीएम किसान ई-केवाईसी, अवमानना प्रकरण सहित विभागवार लंबित पत्रकों की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने चेतावनी दी कि किसी भी विभाग की प्रगति असंतोषजनक मिलने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बैठक के दौरान कलेक्टर वानखड़े ने शिक्षा विभाग को विशेष रूप से फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि पेंशन प्रकरणों में लगातार हो रही देरी बिल्कुल अस्वीकार्य है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि किसी भी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के तीन माह पूर्व उसकी पूरी जानकारी कोषालय कार्यालय को भेजना अनिवार्य है, ताकि पेंशन प्रक्रिया समय-सीमा में पूरी हो सके। उन्होंने साफ कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। हाल ही में इंदरगढ़ क्षेत्र के स्कूल निरीक्षण के दौरान विद्यार्थियों की अनुपस्थिति पर जताई गई नाराजगी का जिक्र करते हुए कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि जो शिक्षक चुनाव कार्य में संलग्न नहीं हैं, उनकी अनिवार्य उपस्थिति विद्यालय में सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही कलेक्टर ने जनजातीय कार्य विभाग को निर्देश दिए कि छात्रावासों की मरम्मत के प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाएं। वहीं विद्यालय भवनों की मरम्मत प्रस्तावों में ढिलाई बरतने पर शिक्षा विभाग को पुनः फटकार लगाई गई। बैठक के अंत में कलेक्टर वानखड़े ने नरवाई जलाने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दोषियों पर जुर्माना लगाया जाएगा और एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि पर्यावरण और फसलों को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि शासन के निर्देशों के पालन में ढिलाई पाए जाने पर संबंधित अधिकारी की व्यक्तिगत जवाबदेही तय की जाएगी।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की पेंड्रा इकाई ने जिले के विभिन्न विद्यालयों में व्याप्त समस्याओं के समाधान के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। परिषद के कार्यकर्ताओं ने बताया कि जिले के कई विद्यालयों की स्थिति अत्यंत दयनीय है, जहां भवन जर्जर हो चुके हैं, फर्नीचर की कमी है और शिक्षकों के पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इस अवसर पर नगर मंत्री श्रेयांश पांडे ने सभी विद्यालयों के नियमित निरीक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने मांग की कि जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष समिति का गठन किया जाए। यह समिति प्रत्येक विद्यालय का दौरा कर वहाँ की मूलभूत आवश्यकताओं और कमियों की रिपोर्ट तैयार करे तथा उनके त्वरित समाधान सुनिश्चित करे। पांडे ने कहा कि शिक्षा बच्चों का मूल अधिकार है और इससे कोई समझौता स्वीकार्य नहीं होगा। स्कूलों में जर्जर भवन और शिक्षकों की कमी को लेकर कार्रवाई की मांग महंत बिसाहूदास उद्यानिकी महाविद्यालय के सह मंत्री हरीश बंजारे ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए प्रशासन को संवेदनशील होना चाहिए। ज्ञापन में शिक्षकों की नियुक्ति, विद्यालय भवनों की मरम्मत, स्वच्छ पेयजल, शौचालय व्यवस्था और खेल सामग्री की उपलब्धता जैसे प्रमुख बिंदुओं पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की गई है। मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन की चेतावनी दी एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समयावधि में प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो विद्यार्थी परिषद चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगी। परिषद ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य छात्रों के हितों की रक्षा और बेहतर शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना है, न कि टकराव पैदा करना। ज्ञापन सौंपने के दौरान नगर सह मंत्री आदित्य चतुर्वेदी, अमल साहू, हरिओम राठौर, योगेश साहू, तुषार सेन, श्रेयांश नामदेव, शौर्य जैसवाल, शौर्यम राठौर, आयुष साहू, रूपेश केसरी, रमाकांत वर्मा, श्रद्धा दुबे और आकांक्षा सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
सतना में पीएमश्री एक्सीलेंस डिग्री कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य सुरेशचंद्र राय पर लगे गंभीर आरोपों की जांच शुरू हो गई है। सोमवार शाम 3:30 बजे उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक आर.पी. सिंह कॉलेज पहुंचे। उन्होंने कॉलेज में मौजूद दस्तावेजों की जांच की और प्रबंधन से मामले पर बात की। जांच पूरी होने के बाद सिंह ने बताया कि उनकी रिपोर्ट तैयार कर तुरंत भोपाल मुख्यालय भेजी जाएगी। आरोप पहली बार कैसे सामने आए? यह मामला तब सामने आया था, जब पिछले महीने एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य के खिलाफ प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने एक संदिग्ध कमरे का ताला भी तोड़ दिया था। उस समय प्राचार्य ने कहा था कि कमरा नैक (NAAC) की गाइडलाइंस के कारण बंद रखा गया है। छात्राओं ने लगाए गंभीर आरोप इसी दौरान कुछ छात्राओं ने भी प्राचार्य पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि प्राचार्य उन्हें अपने कमरे में बुलाते हैं, उनके मोबाइल चेक करते हैं और निजी बातचीत पर गलत टिप्पणियाँ करते हैं। छात्राओं का आरोप है कि किसी अनजान नंबर से कॉल आने पर प्राचार्य इसे “बॉयफ्रेंड का फोन” कहकर तंज कसते हैं। वायरल ऑडियो से बढ़ा विवाद मामला और बिगड़ गया जब प्राचार्य का एक कथित ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें वे एक छात्रा को मिलने के लिए बुलाते हुए आर्थिक मदद और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की बात करते सुनाई दे रहे हैं। इसके बाद कॉलेज परिसर में तनाव बढ़ गया था। अब इस मामले में उच्च शिक्षा विभाग सभी आरोपों की जांच कर रहा है। जांच अधिकारी ने दस्तावेज देखे हैं और लोगों से बात की और अब वे इसकी रिपोर्ट भोपाल भेजेंगे। इसके बाद दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं कॉलेज प्रबंधन ने जांच पूरी होने तक पूरी तरह चुप्पी साध रखी थी।
संघ का शिक्षा एजेंडा : न पढ़ेंगे न पढ़ने देंगे
विवादित पाठ्य पुस्तकों में, इन्हीं विषयों की पिछली पाठ्य पुस्तकों से जो भारी बदलाव किए गए हैं
4 साल की उम्र में श्रेया घोषाल ने ली संगीत की शिक्षा, अमेरिका में मनाया जाता है 'श्रेया घोषाल दिवस'
बॉलीवुड की फेमस सिंगर श्रेया घोषाल 12 मार्च को अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। अपनी सुरीली आवाज से लाखों लोगों को दिवाना बनाने वाली श्रेया का जन्म 1984 में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुआ था। उन्होंने बेहद कम समय में अपनी सुरीली आवाज से बड़ी ...
दिल्ली में झुग्गी में रहने वाले एक पिता ने, जो चाय बेचते हैं, उन्होंने अपनी बेटी को आखिरकार CA बना दिया। जहां एक ओर लोगों ने कहा, क्यों अपनी बेटी को जरूरत से ज्यादा पढ़ा रहे हो, इसकी शादी करवा देनी चा
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का 10 फीसदी भी डाटा नहीं हुआ अपलोड
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का डाटा अपलोड करने में जिले के कई स्कूल ढील दे रहे हैं, वे 10 फीसदी छात्रों का भी डाटा अभी तक अपलोड नहीं कर पाए हैं। डाटा अपलोड करने में आधार कार्ड की अनिवार्यता के बाद से छ
बेसिक शिक्षा : दो महीने बाद भी 1.38 लाख छात्रों का डेटा नहीं हुआ अपडेट
बेसिक शिक्षा विभाग के यू डायस पोर्टल पर डेटा अपडेट करने का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है। हाल ये है कि दो महीने में महज 1.38 लाख छात्रों डेटा भी अपडेट नहीं हुआ। विभाग ने अब 5 जून तक इसे पूरा करने क
स्कूलों में कैसे पढ़ा रहे हैं शिक्षक, वीडियो में देखेगा शिक्षा विभाग, होगी रिकॉर्डिंग
शिक्षा विभाग वीडियो के जरिए देखेगा कि परिषदीय स्कूलों के शिक्षक छात्रों को कैसे पढ़ाते हैं। बता दें. छात्रों को पढ़ाते हुए शिक्षकों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। आइए जानते हैं विस्तार से।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति : यूपी बोर्ड ने दिए निर्देश, एनईपी लागू करने को स्कूल बनाएंगे प्लान
यूपी बोर्ड से जुड़े 27 हजार से अधिक स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने के लिए स्कूल स्तर पर योजना बनाई जाएगी। एनईपी 2020 के विषय में विद्यालयों में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
बॉलीवुड का ये सुपरस्टार युवाओं को IAS बनाने के लिए मुफ्त में देगा शिक्षा, योजना से अबतक जुड़ चुके है7000 युवा
राम बनने के लिएधनुष-बाण चलाने की शिक्षा ले रहे है Ranbir Kapoor, एक्टर केआर्चरी ट्रेनर ने शेयर की तस्वीरें

