शिक्षा मंत्री मदन दिलावर इन दिनों शहर के सरकारी स्कूलों की हकीकत जानने के लिए औचक निरीक्षण पर निकले हुए हैं। इसी क्रम में वे शुक्रवार को सूरजपोल इलाके के एक सरकारी विद्यालय पहुंचे। मंत्री दिलावर ने विद्यालय पहुंचते ही सीधे कक्षाओं और कार्यालयों का जायजा लिया। उन्होंने स्कूल का रिकॉर्ड खुद अपने हाथों से देखा और पढ़ाई की स्थिति को परखा। निरीक्षण के दौरान शिक्षा मंत्री ने विद्यालय की व्यवस्थाओं का बारीकी से अध्ययन किया। सूरजपोल इलाके का सरकारी विद्यालय में जिन शिक्षकों के पास ड्यूटी के समय मोबाइल मिले उनसे मंत्री मदन दिलावर ने खुद मोबाइल अपने हाथ में लिए हैं। स्कूल के पूरे रजिस्टर देखे और स्टूडेंट से बातचीत की, स्कूल के स्टूडेंट का डाटा देखा। वही शिक्षकों के अटेंडेंस रजिस्टर को चेक किए। स्कूल में जो भी कमियां सामने आईं, उन्हें जल्द से जल्द सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार की प्राथमिकता शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है और इसके लिए किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मंत्री दिलावर ने शिक्षकों और स्टाफ को यह भी हिदायत दी कि वे बच्चों की पढ़ाई को सर्वोच्च प्राथमिकता दें और समय पर स्कूल में उपस्थित रहें। उन्होंने अभिभावकों से भी संवाद कर उनकी राय जानी। इस दौरान छात्रों ने शिक्षा मंत्री से खुलकर बातचीत की। निरीक्षण के दौरान क्षेत्रीय प्रशासनिक अधिकारी भी साथ मौजूद रहे। शिक्षा मंत्री के इस औचक निरीक्षण से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज की 350वीं शहीदी शताब्दी के उपलक्ष्य में बुधवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने पटना साहिब स्थित गुरुद्वारा गुरु का बाग से पवित्र 'जागृति यात्रा' को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया
लखनऊ बीएसए ने बुधवार को एक सत्र में तीन से अधिक बार चाइल्ड केयर लीव (CCL) के लिये आवेदन करने वाली तीन शिक्षिकाओं को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। विभागीय नियमों के अनुसार, शैक्षिक कैलेंडर में एक जनवरी से 31 दिसम्बर के बीच सिर्फ तीन बार CCL लेने का प्रावधान है। मानव संपदा पोर्टल पर इन शिक्षिकाओं द्वारा चौथी बार आवेदन करने पर मामला पकड़ में आया है। शिक्षिकाओं से तीन दिन में जवाब मांगा है। इनको नोटिस हुई जारी मोहनलालगंज के खुजौली स्थित अपर प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका कंचन लता और जमालपुर दादुरी प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका अनीता यादव और सरोजनीनगर के खुर्रमपुर अपर प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका संगीता श्रीवास्तव मौजूदा कैलेण्डर वर्ष में तीन बार बाल्य देखभाल अवकाश ले चुकी हैं। अब चौथी बार तीनों शिक्षिकाओं ने मानव संपदा पोर्टल पर सीसीएल के लिये आवेदन किया है। 3 दिन में देना होगा जवाब लखनऊ बीएसए राम प्रवेश ने बताया कि कैलेंडर वर्ष में सिर्फ तीन बार बाल्य देखभाल अवकाश लेने का नियम है। तीनों शिक्षिकाओं ने चौथी बार मानव संपदा पोर्टल पर सीसीएल के लिये आवेदन किया है। मामला पकड़ में आने के बाद इन शिक्षिकाओं को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा है।
शिवपुरी के जिला पंचायत उपाध्यक्ष अमित पढेरया ने बुधवार को शिक्षा स्थायी समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने मुख्य कार्यपालन अधिकारी को एक पत्र लिखा, जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी विवेक श्रीवास्तव पर कई गंभीर आरोप लगाए। पढेरया ने कहा कि डीईओ शासन के आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं और जिला पंचायत के प्रतिनिधियों को नजरअंदाज किया जा रहा है। डीईओ पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप पढेरया ने बताया कि छात्र हित से जुड़ी योजनाओं जैसे साइकिल वितरण, पुस्तक वितरण और आईसीटी लैब शुरू करने की जानकारी जिला पंचायत के लोगों को नहीं दी जाती। साथ ही, कई सालों से अनुपस्थित शिक्षकों को नियम के खिलाफ स्कूलों में भेजा जा रहा है। तबादले और प्राचार्यों की तैनाती में भ्रष्टाचार हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्राचार्यों से पासवर्ड बदलने और आदेश दिलाने के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। पीएम श्री स्कूलों में भी फर्म से खरीदारी कर लाखों रुपए की गड़बड़ी की गई। स्कूलों में सामग्री की आपूर्ति में भी गड़बड़ी की बात कही। पढेरया ने आरोप लगाया कि डीईओ शिक्षकों और प्राचार्यों से रिश्वत लेकर काम करते हैं और जब भी शिक्षा विभाग की समस्याओं पर उनसे बात की जाती है, तो वे टालमटोल करते हैं। इन सब बातों से दुखी होकर उन्होंने अपना इस्तीफा दिया है।
वाराणसी के पिण्डरा ब्लॉक के थानेरामपुर गांव में मजदूर परिवारों के बच्चों को शिक्षा का उजाला मिल रहा है। गोरक्षक सुल्तान अहमद लंबे समय से इन बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। युवा समाजसेवी ऋषम चौबे ने इस शिक्षा अभियान में सहयोग करते हुए बच्चों को बालपोथी किताबें वितरित कीं। बच्चों को किताबों के साथ अल्पाहार भी दिया गया। किताबें पाकर बच्चों के चेहरे खिल उठे। सुल्तान अहमद के अनुसार, मजदूर परिवारों के बच्चे आमतौर पर पढ़ाई से दूर भागते हैं। लेकिन जब उन्हें किताबें, कॉपी और अल्पाहार मिलता है, तो वे पढ़ने के लिए उत्साहित होकर एकत्र होते हैं। उनका मानना है कि शिक्षा इन बच्चों के उज्जवल भविष्य की नींव है। ऋषम चौबे ने कहा कि मजदूर परिवारों के बच्चे भी समाज का भविष्य हैं। सही मार्गदर्शन और शिक्षा से ये बच्चे बड़ी सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने लोगों से इन बच्चों की शिक्षा में योगदान करने की अपील की। गांववासियों ने सुल्तान अहमद के इस प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि सुल्तान अहमद जैसे लोग समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो निस्वार्थ भाव से शिक्षा का प्रकाश फैला रहे हैं।
कॉलेज शिक्षा विकास की अभिनव पहल के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन
अजमेर। सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में मंगलवार को महाविद्यालय के प्रतिनिधि मण्डल ने राजस्थान उच्च शिक्षा विभाग के तत्वावधान में आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सहभागिता की। अतिरिक्त मुख्य सचिव कुलदीप रांका, आयुक्त कॉलेज शिक्षा ओपी बैरवा के साथ संयुक्त निदेशक एवं सहायक निदेशकों के साथ संवाद स्थापित किया। इस वीडियो […] The post कॉलेज शिक्षा विकास की अभिनव पहल के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन appeared first on Sabguru News .
भारतीय संस्कृति में शिक्षा, योग के बारे में जानकारी दी
खंडवा| अखिल विश्व गायत्री परिवार युग तीर्थ शांतिकुंज हरिद्वार के संरक्षण में मातृशक्ति अखंड दीप जन्म शताब्दी 2026 मनाया जाएगा। साथ ही प्रांतीय युवा चिंतन शिविर भोपाल में आयोजित होगा। इसे लेकर सोमवार को सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय आरुद परिसर में कक्षा 6वीं से कॉलेज स्तर तक के 500 बालक-बालिकाओं व गायत्री परिवार के समर्पित कार्यकर्ताओं का शिविर संपन्न हुआ। अजय लाड़ ने बताया शिविर में विशेष रूप से जिला विभाग प्रमुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खंडवा जीवनसिंह धाकड़ उपस्थित रहे। इसमें भारतीय संस्कृति में शिक्षा, विद्या, ध्यान, योग प्राणायाम, जीवन जीने की कला, व्यसन, फैशन, फिजूल खर्ची, जीवन की चुनौतियां, गायत्री मंत्र की शक्ति, साधना स्वाध्याय संयम सेवा आहार निद्रा आहार निद्रा आदि विषय में प्रशिक्षण दिया गया। गायत्री परिवार से जुड़े पन्नालाल बिरला ने मातृशक्ति अखंड दीप जन्म शताब्दी 2026 की तैयारी के संबंध में प्रशिक्षण दिया। सोहन गुर्जर ने स्वर्णिम जीवन के सूत्रों पर प्रकाश डाला। पूर्णिमा पवार ने कन्या कौशल विकास पर मार्गदर्शन दिया। सोहन नागदे, अमित राठौर, दिलीप कुमरावत, देवदास पटेल, सुनील डोंगरे, शिवचरण पटेल, दिलीप राठौड़, मानक गुर्जर, तुकाराम पटेल, सुखपाल पवार, डॉ.आरके सोनी, उमा सोलंकी, बृजेश पटेल आदि मौजूद थे।
अभिनंदन-25 कार्यक्रम, नेटवर्किंग व मैनेजमेंट शिक्षा की अहमियत बताई
जयपुर | एसएस जैन सुबोध प्रबंध संस्था में अभिनंदन-2025 कार्यक्रम आयोजित हुआ, जिसमें एमबीए व बीबीए छात्रों ने भाग लिया। मुख्य अतिथि डॉ. अलका गौर ने विद्यार्थियों को नौकरी चाहने की बजाय नौकरी देने की मानसिकता अपनाने, कड़ी मेहनत व आत्म-अनुशासन पर बल दिया। रानू नाथानी ने मैनेजमेंट के महत्व और समाजहितकारी उत्पाद विकसित करने की प्रेरणा दी। प्रो. विजय सिंह राठौड़ ने जुनून से सफलता पाने का संदेश दिया। पूर्व छात्र सचिन खंडेलवाल ने नेटवर्किंग व मैनेजमेंट शिक्षा की अहमियत बताई। विजेंद्र सोलंकी ने भगवान हनुमान के प्रबंध कौशल पर प्रकाश डाला।
यूपी : बॉर्डर जिलों के स्कूलों का कायाकल्प, स्मार्ट क्लास और टैबलेट से शिक्षा को मिल रही नई उड़ान
उत्तर प्रदेश सरकार ने सीमावर्ती सात जिलों में शिक्षा की तस्वीर बदलने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं
सिटी रिपोर्टर | उदयपुर राज्य और केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के साझे में आगामी 15 नवंबर को पूरे होने वाले जनजातीय गौरव वर्ष के तहत आदि कर्मयोगी अभियान जारी है। अभियान के साथ प्रदेश का शिक्षा विभाग भी जुड़ा है। इसे लेकर निदेशक सीताराम जाट ने 16 सितंबर को ही आदेश जारी कर सहभागिता निभाने के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में अलग से गाइड लाइन नहीं जारी की है, लेकिन माना जा रहा है कि अभियान की गतिविधियों को लेकर जनजाति विकास विभाग (टीएडी) जो भी दिशा निर्देश देगा, उसकी पालना की जाएगी। इसमें आदिवासी क्षेत्रों के स्कूलों की ओर से रैली, जागरूकता शिविर, प्रतियोगिताएं करवाकर जुड़ाव रखा जाएगा। इससे पहले शिक्षा विभाग के उप सचिव द्वारा जारी पत्र (11 सितंबर 2025) में स्पष्ट किया गया है कि यह अभियान जनजातीय समुदायों की समृद्ध विरासत और योगदान को सम्मान देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इसके अंतर्गत आदि सेवा केंद्र (एकल-खिड़की सेवा) की स्थापना की जाएगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिकों को सरकारी सेवाएं सरलता से उपलब्ध कराई जा सकेंगी। उदयपुर संभाग में उदयपुर सहित प्रतापगढ़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर आदिवासी बहुल हैं। बता दें, इस अभियान के तहत 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सेवा पर्व के रूप में एक विशेष कार्यक्रम होगा। उद्देश्य जनजातीय समुदायों के बीच सेवा, समर्पण और सुशासन की भावना को मजबूत करना है। यह अभियान भारत के 550 आदिवासी बहुल जिलों के 1 लाख गांवों में 20 लाख से अधिक आदिवासी परिवहनकर्ताओं (आदि कर्मयोगियों) को जोड़ने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। इसका उद्देश्य न केवल सरकारी सेवाओं की सुगमता से डिलीवरी सुनिश्चित करना है, बल्कि लोकतांत्रिक भागीदारी को भी जमीनी स्तर पर सशक्त बनाना है। उदयपुर में आदिवासी समाज की जनसंख्या सामान्य जातियों की तुलना मेंं अधिक है। साल 2025 अनुमानित जनसंख्या के अनुसार जिले की आबादी 36.92 लाख है। इसमें से जनजातीय समाज की जनसंख्या 15.25 लाख के आस-पास है। यानी 49.71 प्रतिशत। यहां मुख्य जनजातियों में भील, मीणा और गरासिया हैं। ये गोगुंदा, झाड़ोल, फलासिया, कोटड़ा, खेरवाड़ा, ऋषभदेव आदि ब्लॉक में हैं।
बिहार सरकार ने लोन चुकाने का समय भी बढ़ाया, सरकार 4 लाख रुपए तक का लोन देती है। अभी सामान्य आवेदक को 4 व महिला, दिव्यांग तथा ट्रांसजेंडर को 1 फीसदी सूद देना पड़ता है। बिहार सरकार ने अपने एजुकेशन लोन को सूद से मुक्त कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा-अब स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लोन पर सूद नहीं लगेगा। अभी सामान्य आवेदक को 4 व महिला, दिव्यांग तथा ट्रांसजेंडर को 1% सूद देना पड़ता है। सरकार ने लोन चुकाने का समय भी बढ़ाया। सरकार 4 लाख रुपए तक का लोन देती है। 2 लाख अब 7 साल में चुकाया जाएगा, इससे ज्यादा 10 साल में : मुख्यमंत्री के मुताबिक, 2 लाख रुपए तक के लोन को अब अधिकतम 84 मासिक किस्तों (7 वर्ष) में चुकाया जाएगा। पहले इसके लिए 60 मासिक किस्तें यानी 5 वर्ष का समय तय था। इसी तरह 2 लाख से ऊपर के लोन को 84 मासिक किस्तों (7 वर्ष) की बजाए अब अधिकतम 120 मासिक किस्तों (10 वर्ष) को वापस किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि बिहार के अधिक से अधिक छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। उच्च शिक्षा के लिए प्रदान की जाने वाले एजुकेशन लोन में दी जाने वाली इन सुविधाओं से छात्र-छात्राओं के मनोबल में वृद्धि होगी और वे अधिक उत्साह एवं लगन से अपना लक्ष्य हासिल करेंगे। अपने भविष्य के साथ राज्य एवं देश का भविष्य भी संवारेंगे। उनके अनुसार, 2 अक्टूबर 2016 से बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना लागू हुई। इसे 7 निश्चय योजना के अंतर्गत शुरू किया गया। 12वीं कक्षा उत्तीर्ण छात्र-छात्रा, जो उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, उनको अधिकतम 4 लाख रुपए का लोन दिया जाता है। हाल के दिनों की चुनावी घोषणाएं
सीवान के दरौदा विधानसभा क्षेत्र के दरौदा प्रखंड के खेल मैदान में मंगलवार को NDA का विशाल कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उनके साथ दरौंदा विधानसभा के BJP विधायक कर्ण जीत सिंह उर्फ ब्यास सिंह, जदयू नेता अजय सिंह सहित NDA के कई दिग्गज नेता और सैकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे। बिहार आज विकास की नई राह पर आगे बढ़ रहा सम्मेलन के दौरान मंच से स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने NDA की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि बिहार आज विकास की नई राह पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और रोजगार जैसे क्षेत्रों में लगातार काम कर रही है। पांडे ने कहा कि PM नरेंद्र मोदी और CM नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार को नई पहचान मिली है। गरीबों और पिछड़ों तक योजनाओं का लाभ पहुंचा विधायक कर्ण जीत सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि, दरौंदा विधानसभा में बीते वर्षों में सड़क और बिजली व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि गांव-गांव तक सड़क और हर घर बिजली पहुंचाने का काम NDA सरकार ने किया है। वहीं, जदयू नेता अजय सिंह ने कहा कि गरीबों और पिछड़ों को योजनाओं का लाभ पहुंचाना NDA की प्राथमिकता है। NDA एकजुट होकर मैदान में उतरेगा सम्मेलन में बड़ी संख्या में जुटे कार्यकर्ताओं ने 2025 फिर से नीतीश, NDA जिंदाबाद और मोदी-नीतीश जिंदाबाद के नारे लगाकर पूरे माहौल को उत्साह से भर दिया। सम्मेलन में यह संदेश साफ तौर पर दिया गया कि आगामी विधानसभा चुनाव में NDA एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरेगा और फिर से बिहार में सरकार बनाएगा। घर-घर जाकर योजनाओं की जानकारी दें नेताओं ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे घर-घर जाकर सरकार की योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाएं। साथ ही, विपक्ष द्वारा फैलाई जा रही भ्रामक सूचनाओं का मजबूती से जवाब दें। दरौदा प्रखंड का यह सम्मेलन कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करता नजर आया। मंच से नेताओं ने भरोसा जताया कि 2025 के चुनाव में जनता विकास और सुशासन के नाम पर एक बार फिर एनडीए को चुनकर सत्ता में लाएगी।
बिहार सरकार ने उच्च शिक्षा के लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड पर ब्याज को पूरी तरह माफ कर दिया है। इस निर्णय के तहत छात्र अब 7 से 10 वर्षों में आसान किस्तों में बिना ब्याज के ऋण चुका सकेंगे। CM नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। 2005 से पहले जहां बिहार की शिक्षा व्यवस्था चरवाहा स्कूल के नाम से जानी जाती थी, वहीं आज हर गांव में स्कूल भवन स्थापित हैं। छात्रों को अब पढ़ाई के लिए ब्याज की चिंता नहीं JDU जिला अध्यक्ष मिथिलेश कुमार यादव ने बताया कि, नीतीश कुमार ने सत्ता संभालते ही बिहार में शिक्षा क्रांति की नींव रखी। जदयू जिला प्रवक्ता चांद मलिक के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में शिक्षा को नई पहचान मिली है। यह निर्णय राज्य के लाखों युवाओं के लिए उच्च शिक्षा का द्वार खोलेगा। छात्रों को अब अपनी पढ़ाई के लिए ब्याज की चिंता नहीं करनी होगी। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत वे आसान किस्तों में अपना कर्ज चुका सकेंगे।
उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी में शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अनिवार्यता के विरोध में शिक्षकों ने प्रदर्शन किया। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अनिल सिंह के नेतृत्व में शिक्षकों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर 2025 को सभी सेवारत शिक्षकों के लिए टीईटी परीक्षा अनिवार्य कर दी है। यह फैसला नियुक्ति की तिथि से निरपेक्ष है। इस निर्णय से प्रदेश में 2.50 लाख शिक्षक और 1.40 लाख शिक्षामित्र व अनुदेशक प्रभावित होंगे। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 और एनसीटीई की 23 अगस्त 2010 की अधिसूचना में दो श्रेणियां थीं। 2010 से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से छूट थी। 2010 के बाद देश में और 2011 के बाद उत्तर प्रदेश में नियुक्त शिक्षकों को निश्चित अवधि में टीईटी पास करना अनिवार्य था। एनसीटीई ने 10 अगस्त 2017 को नियम में संशोधन कर सभी शिक्षकों को 4 वर्ष के भीतर टीईटी पास करने का प्रावधान किया। शिक्षक संघ का कहना है कि यह संशोधन जनहित में प्रचारित नहीं किया गया। संघ ने मांग की है कि 27 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त शिक्षकों को इस नियम से छूट दी जाए। इस ज्ञापन कार्यक्रम में रामबाबू दिवाकर ,ईश्वर शरण सिंह, भोलानाथ चौधरी, सुरेशचंद्र, डॉ विनय सिंह, डॉ आलोक सोनी, अफरोज आलम, अशोक द्विवेदी, विनोद सिंह, रमेश सिंह, अरुण गोविल सिंह, लालमणि, रवीन्द्र, प्रमोद, अतमम, अजय प्रकाश सहित हजारों शिक्षकों ने प्रतिभाग किया।
बूंदी में शिक्षा विभाग में नई नियुक्तियां:7 अध्यापकों को मिला नियुक्ति पत्र, 2 अध्यापक स्थाई किए गए
बूंदी जिला परिषद में मंगलवार को जिला प्रमुख चंद्रावती कंवर की अध्यक्षता में जिला स्थापना समिति की बैठक हुई। बैठक में प्राथमिक स्कूल शिक्षक सीधी भर्ती 2022 के तहत नई नियुक्तियों पर निर्णय लिया गया। मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि वर्मा ने बताया कि कक्षा 6 से 8 तक के लिए कुल 7 अध्यापकों की नियुक्ति की गई। इनमें हिंदी विषय के 5 शिक्षक, गणित-विज्ञान के एक और अंग्रेजी विषय के एक शिक्षक शामिल हैं। साथ ही, 2 अध्यापकों का परिवीक्षा काल पूर्ण होने पर स्थाई-करण भी किया गया। बैठक में कोषाधिकारी चित्रा सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी कुंज बिहारी भारद्वाज, प्रशासनिक अधिकारी ओम प्रकाश वर्मा और बृजमोहन शर्मा सहित वरिष्ठ सहायक नरेन्द्र सिंह आमेरा उपस्थित रहे।
समग्र शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में शिक्षा मंत्री के निर्देशों को लागू करने के लिए मंत्रालय ने आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक को भेजा गया है। बैठक में कई योजनाओं की समीक्षा की गई। इन्हें जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए कई अहम फैसले लिए गए। संकुल समन्वयकों से लेकर राज्य स्तर तक के अधिकारियों को नियमित रूप से स्कूलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। संकुल समन्वयक सप्ताह में चार दिन अपने स्कूल में पढ़ाएंगे और दो दिन संकुल क्षेत्र के अन्य स्कूलों की एकेडमिक मॉनिटरिंग करेंगे। निरीक्षण के दौरान शिक्षकों से शालीन व्यवहार करने की बात भी कही गई है। खरीद और गुणवत्ता पर सख्ती समग्र शिक्षा के तहत होने वाली किसी भी सामग्री की खरीद में गुणवत्ता और भंडारण नियमों का सख्ती से पालन करने का आदेश दिया गया है। अब समग्र शिक्षा से जुड़ी फाइलें डीएमसी द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) के माध्यम से पेश की जाएंगी। मॉडल स्कूलों का विकास पीएम श्री, सेजेस, इग्नाइट और 72 मुख्यमंत्री डीएवी स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। साथ ही हर साल 1000 से 1500 स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाने की विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर एक महीने के भीतर शिक्षा मंत्री के सामने प्रस्तुत करनी होगी। समग्र शिक्षा के तहत मिलने वाली राशि के खर्च की योजना 10 दिन में मंत्री को सौंपी जाएगी। आवासीय स्कूलों में सुरक्षा शिक्षा विभाग के तहत चल रहे आवासीय स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नए कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही राज्य, जिला और विकासखंड स्तर के शिक्षा कार्यालयों में सालों से एक ही शाखा में काम कर रहे अधिकारियों और कर्मचारियों का कार्य नए सिरे से आवंटित करने का आदेश जारी हुआ है। बेहतर होगी शिक्षा की गुणवत्ता मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि, तय समय-सीमा में इन सभी बिंदुओं पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। अधिकारियों का मानना है कि, इन निर्देशों को लागू करने से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि स्कूलों में बच्चों को बेहतर सुविधाएं भी मिलेंगी।
सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल पर तिलक लगाने और मूर्तिपूजा के विरोध का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों और हिंदू संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन किया। आक्रोश को देखते हुए प्रिंसिपल को स्कूल से हटा दिया गया। मामले की जांच पूरी होने तक सीबीईओ कार्यालय में उपस्थिति देने के आदेश जारी किए गए हैं। वहीं, प्रिंसिपल का कहना है कि बच्चों को कबीर का पाठ पढ़ाया गया था, जिसे विस्तार से समझाया गया था। मामला सिरोही जिले के रेवदर ब्लॉक स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पेरवा का है। घटना मंगलवार दोपहर की है। शिक्षा विभाग की कार्रवाई के बाद स्थिति शांत हुई। फिलहाल, आगे कार्रवाई की मांग करते हुए लोगों ने स्कूल पर ताला लगाकर विरोध करने की चेतावनी दी है। CDEO ने प्रिंसिपल को स्कूल से हटाया जानकारी के अनुसार, ग्रामीणों और हिंदू संगठनों के विरोध-प्रदर्शन की सूचना के बाद एसीबीईओ व कार्यवाहक CBEO घनश्याम सिंह आढा, गमनाराम कोली सहित शिक्षा विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। कक्षाओं में जाकर छात्रों से बातचीत की। वहीं ग्रामीणों और अभिभावकों की शिकायतें सुनीं। अधिकारियों ने लोगों को शांत करने की कोशिश की। इस दौरान मौके से ही फोन पर मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी मृदुला व्यास को अवगत कराया। CDEO के निर्देश पर प्रधानाचार्य पेपसिंह मीणा को तत्काल प्रभाव से विद्यालय से हटाकर सीबीईओ कार्यालय में उपस्थिति देने के आदेश जारी किए गए हैं। जांच पूरी होने और आगे के आदेश तक वे वहीं रिपोर्ट करेंगे। छात्राएं प्रतियोगिता में हारी तो अभद्र व्यवहार किया विहिप के रणछोड़ पुरोहित ने बताया- प्रधानाचार्य पेपसिंह मीणा ने छात्रों को तिलक लगाने और मूर्तिपूजा करने से मना किया। महादेव व माताजी की पूजा को व्यर्थ बताया। हाल ही में जिला स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में छात्रा टीम को बिना स्टाफ भेजा गया और हारने पर छात्रों का मनोबल बढ़ाने के बजाय अभद्र व्यवहार किया। स्टाफ के तालमेल नहीं होने से स्कूल पर प्रभाव पड़ रहा है। छात्र बोले-दो महीने से लगातार दबाव बना रहे छात्रों ने बताया- प्रिंसिपल अक्सर कहते हैं कि भगवान कुछ नहीं होते और रामायण-महाभारत का कोई अर्थ नहीं है। पत्थरों की पूजा से क्या होगा, भगवान होते तो खुद आ जाते। प्रार्थना सभा के दौरान भी छात्रों को तिलक लगाकर नहीं आने की हिदायत दी जाती है। पिछले दो महीने से लगातार परेशान किया जा रहा है। प्रधानाचार्य ने कहा - राजनीति से प्रेरित है विरोध प्रधानाचार्य पेपसिंह मीणा ने लगाए गए आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया। उन्होंने कहा कि न तो किसी बच्चे के साथ गलत व्यवहार किया गया और न ही तिलक लगाने से मना किया गया। धर्म से संबंधित कोई बात अब तक बच्चों से नहीं की है। मैं स्वयं हिन्दू हूं। राजनीति से प्रेरित कुछ लोग मुझे यहां से हटवाना चाहते हैं। इसमें कुछ स्टाफ भी मिला हुआ है, जिन्होंने बच्चों को इसके लिए प्रेरित किया है। बच्चों को कोई उकसाएगा तो वे ऐसी बातें कह सकते हैं। यह 11वीं-12वीं कक्षा के छात्र हैं, समझदार हैं। छात्राओं की टीम के साथ पुरुष स्टाफ भेजने से संबंधित मामले पर प्रधानाचार्य ने कहा कि उन्होंने इस पर आपत्ति जताई थी। इस संबंध में पीईईओ को भी अवगत कराया गया था और करोटी स्कूल से महिला शिक्षिका को साथ भेजने की व्यवस्था की गई थी। वह टीम के रवाना होने के समय पहुंची या बाद में, इसकी मुझे सटीक जानकारी नहीं है। कार्रवाई की मांग को लेकर दी चेतावनी मामले के संबंध में लोगों ने कार्रवाई की मांग को लेकर चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर प्रिंसिपल को स्कूल से नहीं हटाया गया तो गेट पर ताला जड़कर विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा। कार्रवाई को लेकर शिक्षा अधिकारी घनश्याम सिंह आढा को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान विहिप के रणछोड़ पुरोहित, नरेन्द्र बंजारा, सागरमल सोनी, छगनलाल माली, अशोक माली, बलवंत देवासी समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे। पहले भी लग चुके हैं आरोप आबूरोड नगरपालिका उपाध्यक्ष रवि शर्मा ने बताया-राउमावि सांतपुर (आबूरोड) में भी पेपसिंह पर ऐसे आरोप पहले भी लग चुके हैं। करीब दो साल पहले छात्रों को तिलक लगाने से रोकने और हाथ में धागा नहीं बांधने को लेकर हिंदू संगठनों व अभिभावकों ने स्कूल में पहुंचकर विरोध दर्ज कराया था। अब एक बार फिर छात्रों को तिलक लगाने से रोकने और मूर्तिपूजा न करने के लिए भड़काने के आरोप सामने आए हैं।
जालौन की माधौगढ़ विधानसभा के विधायक मूलचंद्र निरंजन ने लखनऊ स्थित कालिदास मार्ग पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान विधायक ने क्षेत्र से जुड़े विकास कार्यों, अधूरे प्रोजेक्ट्स और जनता की समस्याओं को विस्तार से मुख्यमंत्री के सामने रखा। विधायक ने विशेष रूप से जर्जर सड़कों की मरम्मत, स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार, स्कूलों में संसाधनों की उपलब्धता और सिंचाई व्यवस्था को बेहतर बनाने पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने जगम्मनपुर स्थित पचनद बैराज के विकास का मुद्दा भी उठाया, जिससे सिंचाई व्यवस्था के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधायक की बातों को गंभीरता से सुनते हुए भरोसा दिलाया कि माधौगढ़ क्षेत्र में विकास कार्यों की गति धीमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हर विधानसभा क्षेत्र तक विकास योजनाओं को पहुंचाना है और इस दिशा में तेजी से काम होगा। मुलाकात के बाद विधायक मूलचंद्र निरंजन ने कहा, “जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना ही मेरी प्राथमिकता है। मैं लगातार सरकार के सामने अपने क्षेत्र की समस्याएं रख रहा हूं ताकि हर वर्ग को लाभ मिल सके।” जानकारों का मानना है कि मुख्यमंत्री से मिले आश्वासन के बाद माधौगढ़ क्षेत्र में सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी परियोजनाओं को गति मिलने की संभावना बढ़ गई है। ग्रामीण जनता भी उम्मीद जता रही है कि इस मुलाकात के सकारात्मक नतीजे जल्द ही जमीनी स्तर पर दिखेंगे।
बड़वानी की शिक्षा व्यवस्था बदहाल हो चुकी है। यहां 24 प्राइमरी और मिडिल स्कूल बिना भवन के चल रहे हैं, जबकि 79 स्कूल भवन जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं। पाटी विकासखंड में तो 13 स्कूल झोपड़ियों में संचालित हो रहे हैं, जहां बच्चे बारिश और धूप में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। ग्राम पंचायत रोसमल के भोपलियामाल गांव की तस्वीर और भी खराब है। यहां प्राथमिक विद्यालय एक झोपड़ी में चलता है। इस स्कूल में पहली से पांचवीं तक के करीब 40 बच्चे पढ़ते हैं। गांव वालों ने अपनी जमीन पर ईंटों की कच्ची दीवार खड़ी करके एक झोपड़ा बनाया है। ऊपर कवेलू की छत डाली है, जिसे बारिश में प्लास्टिक से ढकना पड़ता है। ग्रामीणों का कहना है कि 2011 से कई बार आवेदन दिए गए, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जनपद सदस्य कमलेश सस्ते ने बताया कि पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रेमसिंह पटेल, राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी और लोकसभा सांसद गजेंद्र सिंह पटेल तक शिकायत पहुंची, मगर बच्चों को पक्की इमारत अब तक नहीं मिल पाई। भोपलियामाल ही नहीं, आदिवासी बहुल भानीजकुंड गांव का स्कूल भी झोपड़ी में चलता है। यहां बच्चे मिट्टी के टीले पर बनी झोपड़ी में पढ़ने जाते हैं। पाटी विकासखंड के 13 गांव- सगबारा, अंतरसंभा, भानीजकुंड, बोरखेड़ी, वनग्राम, आमली, अबोधगढ़, कालाखेत, लेखड़ा और बोरकुंड में यही स्थिति है। कहीं भवन जर्जर होकर खंडहर बन गए, तो कहीं स्कूल शुरू से ही झोपड़ी में चल रहे हैं। गांव वालों का कहना है कि बच्चों के पास आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र न होने की वजह से नामांकन में भी दिक्कत आती है। झोपड़ी से टपकते पानी और गंदगी के कारण बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित होती है। भोपलियामाल गांव में आंगनवाड़ी भवन भी नहीं है। करीब 700 की आबादी और 450 मतदाताओं वाले गांव की गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम और पोषण सामग्री के लिए 5 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है। इस मुद्दे पर बड़वानी विधायक राजन मंडलोई ने कहा कि सरकार शिक्षा को लेकर दावे तो करती है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। 40 से ज्यादा बच्चों का नाम झोपड़ी के स्कूल में दर्ज है, जबकि कई बच्चे नामांकन से भी वंचित हैं। राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेरसिंह सोलंकी का कहना है कि धरती आबा जनजाति उत्कृष्ट अभियान योजना के तहत 139 करोड़ रुपए बड़वानी की शिक्षा व्यवस्था सुधारने के लिए दिए गए हैं। इसी राशि से एकलव्य आवासीय विद्यालय और सांदीपनी स्कूल बनाए जा रहे हैं। मैंने सांसद निधि से एक स्कूल भवन बनवाया है और मुख्यमंत्री से बाकी भवन जल्द बनवाने का आग्रह किया है। दैनिक भास्कर से चर्चा में डीपीसी कार्यालय की निर्माण शाखा के प्रभारी रजनीश राव ने बताया कि बड़वानी जिले में कुल 79 स्कूल भवन जर्जर हैं और 24 पूरी तरह भवनविहीन हैं। इन सबके लिए शासन से नए भवनों की मांग की गई है।
10 रुपए वार्षिक शुल्क में तकनीकी शिक्षा
विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री सुमित कुमार सिंह ने कहा कि राज्य सरकार तकनीकी शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। सात निश्चय-2 के तहत हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलीटेक्निक संस्थान खोले गए हैं। केवल ₹10 रुपए वार्षिक शुल्क और स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना की सुविधा देकर सभी वर्गों के छात्रों को उच्च तकनीकी शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। वे भारतर| मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती पर सोमवार को तारामंडल पटना के सभागार में विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित मेधावी छात्र प्रोत्साहन पुरस्कार समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विभागीय सचिव डॉ. प्रतिमा, निदेशक अहमद महमुद, बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एसके वर्मा और परियोजना निदेशक बीसीएसटी डॉ. अनन्त कुमार मौजूद थे। मंत्री ने कहा कि बदलते उद्योगों की जरूरतों को देखते हुए कॉलेजों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसे आधुनिक विषय पढ़ाए जा रहे हैं। वहीं पॉलीटेक्निक संस्थानों में ड्रोन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रिक व्हीकल, 3डी प्रिंटिंग, रोबोटिक्स और इंडस्ट्रियल ऑटोमेशन पर विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके लिए आईआईटी पटना के सहयोग से सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए गए हैं। मंत्री ने यह भी बताया कि इस साल (2024-25) अब तक 11,178 छात्रों को रोजगार मिला है, जबकि 2020 से अब तक कुल 30,700 छात्रों का नियोजन हुआ है। इसके साथ ही विश्वविद्यालय और बोर्ड परीक्षा में प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पाने वाले छात्रों को क्रमशः ₹5000, ₹4000 और ₹3000 नकद पुरस्कार, मेडल, मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र दिए जा रहे हैं। विभागीय सचिव डॉ. प्रतिमा ने छात्रों से अपील की कि वे नई तकनीक जैसे सेमीकंडक्टर, दूरसंचार, मेडिकल और रक्षा उपकरण के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत बनाने में योगदान दें। उन्होंने कहा कि बीते दो वर्षों में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए 2200 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है और सभी संस्थानों को नई प्रयोगशालाओं, उपकरणों और आधुनिक पुस्तकों से सुसज्जित किया गया है। साथ ही छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए इंटर्नशिप योजना शुरू की गई है, जिसके तहत अंतिम वर्ष के हर छात्र को दो माह की इंटर्नशिप अवधि के लिए ₹10,000 मिलेंगे। खेलकूद, योग और भाषाई कौशल के लिए लैंग्वेज लैब भी बनाई गई है। सभी कॉलेजों को हाई स्पीड इंटरनेट और स्मार्ट क्लास से जोड़ा गया है। कार्यक्रम के अंत में बिहार अभियंत्रण विश्वविद्यालय के कुलपति और विभागीय निदेशक ने छात्रों को शुभकामनाएं दीं। समारोह का समापन राज्य प्रावैधिकी शिक्षा पर्षद के सचिव डॉ. चंद्रशेखर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
बच्चों की शिक्षा ही विकास की असली कुंजी है: दिनेश सहारे
भास्कर न्यूज | सरोना शासकीय कन्या आवासीय विद्यालय सरोना में सरस्वती साइकिल वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपसरपंच दिनेश सहारे थे। अध्यक्षता अधीक्षिका लक्ष्मी नेताम ने की। विशेष अतिथि जनपद सदस्य चिंतामणि रामटेके, वार्ड पंच तामेश्वर कोराम थे। विद्यालय की नवमी के छात्र-छात्राओं को शासन की ओर से सरस्वती साइकिल योजना के तहत साइकिल प्रदान की गई। उपसरपंच दिनेश सहारे ने कहा राज्य और केंद्र सरकार शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सकारात्मक कदम उठा रही है। ग्रामीण अंचलों में शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए सरस्वती साइकिल योजनाएं छात्र-छात्राओं के लिए वरदान साबित हो रही हैं। इससे शिक्षा के प्रति बच्चों की रुचि और अधिक बढ़ेगी। बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा शिक्षा ही विकास की असली कुंजी है।
शिक्षा मंदिरों में आर्थिक शुचिता एवं पारदर्शिता अनिवार्य : राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े
अजमेर। कुलाधिपति एवं राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने आज महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के प्रवास के दौरान शिक्षकों एवं अधिकारियों से संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने छात्रहित, अनुसंधान, रोजगारपरक शिक्षा तथा उच्च शिक्षा की गुणवत्ता से जुड़े विभिन्न महत्त्वपूर्ण विषयों पर मार्गदर्शन प्रदान किया। बागड़े ने कहा कि विश्वविद्यालयों को अनुसंधान के […] The post शिक्षा मंदिरों में आर्थिक शुचिता एवं पारदर्शिता अनिवार्य : राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े appeared first on Sabguru News .
UP : शिक्षा, कौशल विकास और AI पर जनता दे रही सुझाव, अब तक डेढ़ लाख फीडबैक दर्ज
Uttar Pradesh News : योगी सरकार द्वारा संचालित 'समर्थ उत्तर प्रदेश–विकसित उत्तर प्रदेश @2047' अभियान निरंतर जनभागीदारी और सुझावों के साथ आगे बढ़ रहा है। रविवार तक प्रदेश के सभी 75 जनपदों में नोडल अधिकारियों एवं प्रबुद्धजनों ने भ्रमण कर छात्रों, ...
रायबरेली में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के बैनर तले शिक्षकों ने नई शिक्षा नीति के विरोध में प्रदर्शन किया। विकास भवन में एकत्रित सैकड़ों शिक्षकों ने टीईटी की अनिवार्यता को लेकर अपनी नाराजगी व्यक्त की। शिक्षकों का कहना है कि सेवाकाल के दौरान न्यूनतम योग्यता में किए गए बदलाव का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने सरकार से शिक्षा नीति में संशोधन की मांग की है। प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने सरकार से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करने की भी मांग की। शिक्षकों का कहना है कि नई नीति से उनके हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। देखें 3 तस्वीरें... इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों के मुताबिक बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा लगातार इस मामले को लेकर सिर्फ और सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है अगर सरकार द्वारा कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जाता है शिक्षा नीति में तब्दीलियां नहीं की जाती है तो निश्चित तौर पर आने वाले समय में शिक्षक पूरी तरह से हड़ताल और कार्य को बहिष्कार करने के लिए मजबूर होगा।
कटिहार में एक दर्दनाक सड़क हादसे में सेवानिवृत्त प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी जयप्रकाश जयसवाल की मौत हो गई। शनिवार सुबह हृदयगंज चौक पर मॉर्निंग वॉक के दौरान कटिहार से भागलपुर जा रही सरस्वती बस ट्रेवल्स की बस ने उन्हें टक्कर मार दी। हादसे में जयसवाल के सिर में गंभीर चोट लगी और अत्यधिक रक्तस्राव हुआ। स्थानीय युवकों ने उन्हें तुरंत कटिहार मेडिकल कॉलेज पहुंचाया। हालत गंभीर होने के कारण चिकित्सकों ने उन्हें सिलीगुड़ी रेफर कर दिया, जहां इलाज के दौरान उनकी आज सुबह मौत हो गई। बस संचालक के खिलाफ शिकायत दर्ज घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने सहायक थाने में बस संचालक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने बस को जब्त कर लिया है, जबकि चालक मौके से फरार हो गया। पोस्टमार्टम के बाद आज सोमवार को मनिहारी में अंतिम संस्कार किया जाएगा। 3 साल पहले मां की मौत अब पिता की मृतक का बेटा ऋषभ आनंद ने बताया कि उनके पिता 4 साल पहले मुंगेर में पद स्थापित थे जहां से वह सेवानिवृत हुए। 3 साल पहले उनकी मां की मौत हो गई है अब सर से पिता का भी साया उठ गया है। घर में सिर्फ वह और उसकी छोटी बहन है इस दुर्घटना के बाद दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। किसी की आवाज सुनकर मुड़े और सड़क पार करने लगे जयसवाल अपने घर पंचवटी से चिल्ड्रन पार्क की ओर टहलने जा रहे थे। हृदयगंज चौक पर किसी की आवाज सुनकर वे मुड़े और सड़क पार करने लगे। इसी दौरान बस ने उन्हें टक्कर मार दी। घटना की पुष्टि कई प्रत्यक्षदर्शियों ने की है।
MP News शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल क्रांति: विमर्श पोर्टल से मजबूत हो रहे सरकारी स्कूल
भोपाल: मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग (MP School Education Department) ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विमर्श पोर्टल (Vimarsh Portal) की शुरुआत की है। यह डिजिटल प्लेटफार्म (Digital Platform) सरकारी स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता (Academic Quality in MP) बढ़ाने और शिक्षकों तथा विद्यार्थियों को अकादमिक रूप से सशक्त बनाने के ... Read more
अमेठी के शाहगढ़ स्थित बहोरखा गांव में शिक्षा के प्रति किसानों ने अनूठी पहल की है। गांव के सात किसानों ने परिषदीय स्कूल के निर्माण के लिए ढाई बिस्वा जमीन दान कर दी है। बहोरखा में पहले से प्राथमिक विद्यालय चल रहा था। भवन जर्जर होने के कारण दो साल पहले इसे नीलामी के बाद ध्वस्त कर दिया गया। शासन ने नए भवन के लिए 15.35 लाख रुपये का बजट आवंटित किया। लेकिन निर्माण के समय कुछ ग्रामीणों ने अपनी जमीन होने का दावा कर विरोध किया। इस वजह से विद्यालय में पंजीकृत 90 छात्रों को अतिरिक्त कक्षा में पढ़ाई करानी पड़ रही थी। प्रधानाध्यापक किरन राव ने ग्रामीणों से मिलकर सहयोग मांगा। इस पर भगौती प्रसाद, राम मिलन, रमेश कुमार, रामेश्वर प्रसाद, इंद्र प्रकाश, ओम प्रकाश और चंद्र प्रकाश ने स्कूल के लिए जमीन दान करने का फैसला किया। किसानों ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वे और जमीन भी दे सकते हैं, ताकि बच्चों को गांव में ही शिक्षा मिल सके। जिला समन्वयक निर्माण आकाश श्रीवास्तव के अनुसार, दान की गई जमीन पर विद्यालय निर्माण का ले-आउट तैयार कर लिया गया है।जल्द ही भवन का निर्माण शुरू होगा। उन्होंने कहा कि किसानों की यह पहल क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देगी और अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायी साबित होगी।बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय तिवारी ने कहा कि किसानो ने स्वयं आगे आकर विद्यालय निर्माण के लिए भूमि दान देने की बात कही है जो कि सराहनीय है। इससे क्षेत्र में शिक्षा को और बढ़ावा मिलेगा। भूमि दान करने वाले किसान अन्य लोगों के लिए प्रेरणादायी है।
छत्तीसगढ़ में जल्द उच्च शिक्षा विभाग में 700 पदों पर भर्ती की जाएगी। वित्त विभाग ने इसके लिए प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इन 700 में 625 पद सहायक प्राध्यापक के हैं। 25 क्रीड़ा अधिकारी और 50 भर्तियां ग्रंथपाल के पदों पर होगी। राज्य सरकार ने कहा है कि इन नियुक्तियों से महाविद्यालयों में पढ़ाई और शोध की गुणवत्ता बढ़ेगी। इसके साथ ही स्टूडेंट्स को बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा। बता दें कि मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप शिक्षकों के 5000 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया भी जारी है। मुख्यमंत्री बोले – यह ऐतिहासिक कदम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि यह निर्णय प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने और उच्च शिक्षा संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण वातावरण बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। महाविद्यालयों में रिक्त 700 पदों पर भर्ती से न केवल शैक्षणिक स्तर सुदृढ़ होगा, बल्कि विद्यार्थियों को बेहतर प्रशिक्षण और सीखने के अवसर मिलेंगे। वित्त मंत्री बोले - शिक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में शिक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। 700 पदों पर भर्ती की स्वीकृति युवाओं को रोजगार देने और भविष्य की पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा निर्णय है। सरकार का दावा - 4 से अधिक विभागों में बड़ी संख्या में हुई भर्तियां पिछले 21 महीने में प्रदेश सरकार ने अलग-अलग विभागों में बड़े पैमाने पर भर्तियां की हैं
शिक्षाविद् अंजनी कुमार सिंह को हिंदी रत्न सम्मान
सिमडेगा | हिंदी दिवस के अवसर पर सिमडेगा जिले के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद्, लेखक एवं साहित्यकार अंजनी कुमार सिंह को विश्व हिंदी रत्न की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें हिंदी भाषा और साहित्य के संरक्षण,संवर्द्धन एवं वैश्विक प्रचार-प्रसार में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए नेपाल में प्रदान किया गया। सम्मान समारोह नेपाल की प्रतिष्ठित संस्था बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिंदी कविता प्रतियोगिता के अवसर पर हुआ। इस प्रतियोगिता में भारत सहित कई देशों के रचनाकारों ने भाग लिया। निर्णायक मंडल द्वारा सिंह की कविता को श्रेष्ठ रचना के रूप में चयनित किया गया,जिसके आधार पर उन्हें यह अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गया। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य हिंदी साहित्य को विश्व स्तर पर नए आयाम देना, देवनागरी लिपि के संरक्षण को बढ़ावा देना तथा भारत और नेपाल के बीच सांस्कृतिक एवं शैक्षिक संबंधों को और भी सशक्त बनाना था।
कैडर यूनियन की मांगों के संबंध में उप-शिक्षा सचिव पंजाब से मुलाकात की
लुधियाना|मास्टर कैडर यूनियन पंजाब जिला इकाई लुधियाना ने उप-शिक्षा सचिव पंजाब हरप्रीत सिंह से मुलाकात की। इस अवसर पर मास्टर कैडर यूनियन पंजाब के प्रदेश उपाध्यक्ष जगजीत सिंह साहनेवाल, राज्य समिति सदस्य एवं जिला वित्त सचिव स्वर्ण सिंह, राज्य समिति सदस्य एवं जिला महासचिव गुरप्रीत सिंह दोराहा, जिला समिति सदस्य राकेश कुमार वेरका आदि उपस्थित रहे, जिन्होंने हरप्रीत सिंह का विशेष रूप से सम्मान किया। बैठक के दौरान मास्टर कैडर के विभागीय मुद्दों पर चर्चा की गई। उप-शिक्षा सचिव ने इन मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का आश्वासन दिया।
उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने हिन्दी दिवस के अवसर पर रविवार को एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया। यह कार्यक्रम हिन्दी भवन के निराला सभागार में आयोजित हुआ। दीप प्रज्वलन और माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद रत्ना शुक्ला ने वाणी वंदना प्रस्तुत कर माहौल को भक्ति और साहित्य की सुगंध से भर दिया। कार्यक्रम में बतौर सम्माननीय अतिथि डॉ. ऋचा मिश्रा, डॉ. हेमांशु सेन सिंह और डॉ. रामकृष्ण मौजूद रहे। तीनों का स्वागत डॉ. अमिता दुबे, प्रधान संपादक, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान ने स्मृति चिह्न भेंटकर किया। हिन्दी की वैश्विक पहचान अपने विचार रखते हुए डॉ. ऋचा मिश्रा ने कहा कि हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ में मान्यता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर सदैव विश्व के लिए मार्गदर्शक रही है। आज विदेशों में भी हिन्दी तेजी से लोकप्रिय हो रही है और इसमें संचार माध्यमों की भूमिका अहम है। हिन्दी हमारी पहचान और सम्मान की भाषा डॉ. हेमांशु सेन सिंह ने कहा कि हिन्दी हमारी पहचान और सम्मान की भाषा है। यह नायकत्व की भूमिका निभा रही है और निरंतर विश्व स्तर पर आगे बढ़ रही है। उन्होंने गांधीजी के शब्दों को याद दिलाते हुए कहा कि हिन्दी उनके लिए स्वराज का प्रश्न थी। हिन्दी की समावेशी प्रवृत्ति और व्यापक व्याकरण इसे सजीव और विराट भाषा बनाते हैं। डॉ. रामकृष्ण ने कहा कि भारत लोकतांत्रिक राष्ट्र है और यहां हिन्दी व्यापक रूप से बोली जाती है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र संघ में हिन्दी की मान्यता की पूरी संभावना है। उन्होंने बल दिया कि भारत को विश्व मंच पर हिन्दी को लेकर प्रभावशाली भूमिका निभानी होगी। हिन्दी का परचम लहराने का संकल्प विशेष सचिव (भाषा) ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि वेदों और पुराणों ने हिन्दी को सर्वोच्च स्थान दिलाने की नींव रखी है। उन्होंने विश्वास जताया कि एक दिन हिन्दी विश्व फलक पर अपना परचम लहराएगी।कार्यक्रम का संचालन डॉ. अमिता दुबे ने किया और अंत में साहित्यकारों, शिक्षाविद और सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
श्रावस्ती के बहोरवा में एजुकेट गर्ल्स संस्था ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए रात्रि चौपाल का आयोजन किया।दरअसल पिछले करीब 18 वर्षों से बालिका शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत यह संस्था समाज में शिक्षा की लगातार रोशनी फैला रही है। बताते चलें की जमुनहा विकासखंड के ग्राम बहोरवा में आयोजित कार्यक्रम में खंड शिक्षा अधिकारी राज किशोर और सतीश मुख्य अतिथि रहे। वहीं उन्होंने कहा कि शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। हर माता-पिता का दायित्व है कि वे अपने बच्चों, विशेषकर बेटियों को भी स्कूल जरूर भेजें। रात्रि चौपाल में अभिभावकों को सरकारी शैक्षिक योजनाओं और सामाजिक सुरक्षा की विस्तार से जानकारी दी गई।वहीं आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र की समस्याओं पर चर्चा हुई। ग्राम प्रधान ने इन समस्याओं के समाधान का आश्वासन भी दिया। कार्यक्रम में शिक्षा से जुड़ी एक प्रेरक फिल्म दिखाई गई। एजुकेट गर्ल्स के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्याम नाथ, जिला प्रशिक्षण अधिकारी सांवरा और अन्य पदाधिकारी मौके पर मौजूद रहे। मुख्य अतिथियों ने संस्था के प्रयासों की काफी सराहना भी की। उन्होंने कहा कि एजुकेट गर्ल्स बालिकाओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए काम कर रही है। यह कार्यक्रम क्षेत्र में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने में काफी सफल रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर BSP ने जागरुकता यात्रा शुरू की है। यह यात्रा जहानाबाद पहुंची, जहां राज्यसभा सांसद रामजी गौतम ने पार्टी की रणनीति साझा की। गौतम ने कहा कि, BSP बिहार में सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी किसी से गठबंधन नहीं करेगी और अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। उनका दावा है कि इस बार बिहार में BSP के बिना सरकार नहीं बनेगी। पिछली सरकारों ने बिहार का विकास नहीं किया सांसद ने बिहार की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने बिहार का विकास नहीं किया। शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति खराब है। बीएसपी की सरकार बनने पर गरीबों को मुफ्त शिक्षा दी जाएगी। उद्योग लगाने और रोजगार सृजन का किया वादा गौतम ने उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार के कार्यकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार में भी ऐसा ही विकास होगा। उन्होंने बड़े उद्योग लगाने और रोजगार सृजन का वादा किया। साथ ही बंद पड़े उद्योगों को फिर से चालू करने की बात कही। उन्होंने कहा कि BSP सरकार बनने पर राज्य में कानून का राज स्थापित किया जाएगा। गुंडागर्दी और भ्रष्टाचार समाप्त किया जाएगा। पार्टी सभी जिलों में जागरूकता यात्रा के माध्यम से लोगों से संवाद कर रही है। गौतम के अनुसार बड़ी संख्या में लोग पार्टी में शामिल हो रहे हैं।
बागपत के रोशनगढ़ गांव में महर्षि प्रजापति शिक्षा समिति शुकतीर्थ द्वारा 35वां वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राज्यमंत्री धर्मवीर सिंह प्रजापति ने आसपास के जनपदों से आए मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। राज्यमंत्री ने कहा कि प्रजापति समाज का युवा अब हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। उन्होंने युवाओं को शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी। कार्यक्रम पिलाना भट्टे के समीप हरिराम दूध डेयरी पर आयोजित किया गया। राष्ट्रीय प्रजापति महासभा के अध्यक्ष दारा सिंह प्रजापति ने समाज की हिस्सेदारी की मांग की। समाज के प्रतिनिधियों ने बताया कि एक ट्रस्ट का गठन किया गया है। जो छात्र फीस जमा करने में असमर्थ हैं, वे ट्रस्ट की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। कार्यक्रम में विनोद कुमार सुखरालिया, हरिराम प्रजापति, संजय प्रजापति, पंडित जयभगवान शर्मा, सोनपाल, पूजा साहनिया समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मध्यभारत प्रांत छात्रा सम्मेलन 15 और 16 सितंबर को विदिशा में आयोजित होगा। प्रांत के 18 जिलों से 1000 चयनित छात्रा प्रतिनिधि इस सम्मेलन में हिस्सा लेंगी। दो दिवसीय सम्मेलन में छात्राओं से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। इनमें शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन शामिल हैं। भारतीय चिंतन में महिला की भूमिका और संस्कारित भारत निर्माण पर विशेष सत्र होंगे। ABVP की राष्ट्रीय मंत्री शालिनी वर्मा ने बताया कि सम्मेलन में छात्राओं का एक मांग पत्र तैयार किया जाएगा। इसमें शैक्षणिक संस्थानों के पास पब और कैफे पर रोक लगाने की मांग होगी। लव जिहाद मामलों में काउंसलिंग सेल बनाने और छात्रावासों की संख्या बढ़ाने की मांग भी शामिल होगी। सम्मेलन का उद्घाटन 15 सितंबर को सुबह 11:30 बजे रविंद्र नाथ टैगोर सभागार में होगा। शाम 4 बजे शोभायात्रा निकलेगी। यह यात्रा टैगोर सभागार से नीमताल होते हुए माधव भेज तक जाएगी। छात्राएं विकसित भारत में महिलाओं की भूमिका जैसे विषयों पर भाषण देंगी। विदिशा की 200 छात्राओं को स्टूडेंट फॉर सेवा के तहत शक्ति इंटर्नशिप प्रोग्राम में शामिल किया गया है। इसमें फूड मैनेजमेंट, ट्रांसपोर्ट और फोटोग्राफी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय मंत्री शालिनी वर्मा, प्रांत सहमंत्री रश्मि राजपूत और विदिशा विभाग छात्रा प्रमुख बंदना यादव मौजूद थीं।
सरकारी स्कूलों और छात्रावासों में अब निजी कंपनियों के उत्पादों की जगह सरकारी एजेंसियों के निर्मित सामान ही उपयोग में लाए जाएंगे। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किए है। अधिकारियों के अनुसार- इस पहल से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और लाखों महिलाओं एवं किसानों की आजीविका को सहारा मिलेगा। इस सम्बन्ध में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर ने आदेश जारी कर सभी संयुक्त निदेश, CDEO और ADPC को अनुपालना के निर्देश दिए हैं। फैसले का मुख्य उद्देश्य और प्रभाव स्कूल और छात्रावास अब अपनी 80% तक जरूरतें इन एजेंसियों से पूरी करेंगे
अलवर में 2015 की भर्ती के लेक्चरर ने शनिवार को शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से मुलाकात कर वाइस प्रिंसिपल पदोन्नति प्रक्रिया पर आपत्ति जताई और ज्ञापन सौंपा। व्याख्याताओं का कहना है कि इस प्रक्रिया में गंभीर विसंगति पैदा हो रही है। लेक्चरर हरिराम ने बताया कि 2015 की भर्ती में सभी की काउंसलिंग एक साथ हुई थी, लेकिन जिनकी जॉइनिंग पहले हुई, उन्हीं को वाइस प्रिंसिपल बना दिया जा रहा है। इससे एक ही भर्ती के कुछ लेक्चरर को तो पदोन्नति का लाभ मिलेगा, जबकि दूसरे वंचित रह जाएंगे। उनका कहना है कि इस तरह का निर्णय एक ही भर्ती के उम्मीदवारों के साथ भेदभाव की स्थिति बनाएगा। मनोज सिंह ने कहा कि विसंगति का असर यह होगा कि राजनीति विज्ञान और अंग्रेज़ी जैसे विषयों के लगभग सभी व्याख्याता वाइस प्रिंसिपल बन जाएंगे, जबकि इतिहास और भूगोल जैसे विषयों में पद खाली ही नहीं बचेंगे। इससे न केवल भविष्य की भर्तियों में समस्या उत्पन्न होगी बल्कि अन्य विषयों के अभ्यर्थियों के लिए अवसर भी समाप्त हो जाएंगे। व्याख्याताओं ने शिक्षा मंत्री से मांग की है कि 4 अक्टूबर तक कोर्ट के फैसले आने तक वाइस प्रिंसिपल पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए।
हाइफा हीरो मेजर दलपत सिंह शेखावत के 107वें बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में 23 सितंबर को सीकर के प्रधानजी का जाव में रावणा राजपूत समाज की ओर से श्रद्धांजलि सभा, शहीद वीरांगना सम्मान और सामाजिक जन जागृति सम्मेलन का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम के पोस्टर का विमोचन रविवार को पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, सीकर विधायक राजेंद्र पारीक और पूर्व विधायक रतन जलधारी ने किया। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा- मेजर दलपत सिंह शेखावत ने इजराइल के हाइफा शहर को तुर्की और जर्मन सेनाओं के कब्जे से मुक्त कराया था। दलपत सिंह ने जोधपुर सेना की टुकड़ी के साथ साहस का परिचय दिया था। डोटासरा ने कहा- उन्होंने शिक्षा मंत्री रहते हुए मेजर साहब की जीवनी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करवाया, ताकि युवा और बच्चे उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें। डोटासरा ने सभी समाजों से इस कार्यक्रम में शामिल होने की अपील करते हुए कहा कि ऐसे वीर योद्धा किसी एक समाज के नहीं, बल्कि पूरे देश के गौरव हैं। 22 सितंबर को दी जाएगी शहीदों को श्रद्धांजलि आयोजन समिति के एडवोकेट हनुमान सिंह पालवास ने बताया कि 22 सितंबर को बलिदान दिवस की पूर्व संध्या पर जयपुर रोड स्थित शहीद स्मारक पर मोमबत्ती जलाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। अगले दिन 23 सितंबर को श्रद्धांजलि सभा, शहीद वीरांगना सम्मान और सामाजिक जन जागृति सम्मेलन का आयोजन होगा। कार्यक्रम को भव्य बनाने के लिए सीकर जिले की सभी विधानसभाओं, शहर के वार्डों और गांवों में जनसंपर्क किया जा रहा है।
बाराबंकी के श्रीराम स्वरूप यूनिवर्सिटी की घटना में स्टूडेंट्स के साथ अत्याचार हुआ है। दोषियों के खिलाफ बिना देर किए कार्रवाई की गई है। जांच के आधार पर आगे और कार्रवाई होगी। चाहे कोई कितना बड़ा आदमी हो, अगर जांच में गलत मिला तो एक्शन भी जरूर होगा। ये कहना है यूपी के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय का। दैनिक भास्कर से बातचीत में उन्होंने कहा- श्रीराम स्वरूप विश्वविद्यालय प्रशासन, स्थानीय गुंडों और पुलिस प्रशासन ने मिलकर छात्रों पर अत्याचार किया है। ABVP छात्रों को पहले गुंडों ने फिर पुलिस ने पीटा। छात्रों ने घटना के वीडियो भी दिखाए थे। पढ़िए पूरा इंटरव्यू... सवाल : आप मानते हैं कि छात्रों के साथ अत्याचार हुआ?जवाब : BCI की अनुमति के बगैर कोई भी विश्वविद्यालय लॉ कोर्स को नहीं चला सकता। विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि उनके पास अप्रूवल था, लेकिन 3 साल के बाद वह खत्म हो गया। खत्म होने से पहले ही इन्होंने रिन्युअल के लिए अप्लाई कर दिया था। फीस भी जमा कर दी थी, पर अभी तक रिन्युअल नहीं हुआ। इस बारे में जैसे ही मुझे जानकारी हुई। मैंने तत्काल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार से बात की। पूछा कि जब आपको रिन्युअल नहीं मिला, तब आपको एडमिशन नहीं लेना चाहिए था। मैंने उनसे कहा कि तत्काल प्रभाव से किसी एक अधिकारी से कहिए कि वह दिल्ली में डेरा डालकर बैठे और बिना देर किए BCI का लेटर लेकर आए। इस बीच ABVP के छात्र अपनी मांग रखने गए थे, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ स्थानीय लोगों को बुलाकर छात्रों की पिटाई करानी शुरू कर दी। जिसका जब छात्रों ने विरोध किया तब पुलिस से उनको पिटवाया गया। यह बेहद अफसोसजनक था। घटना के बाद तुरंत निर्णय लेते हुए सीएम योगी ने दोषी अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया। उन्हें निलंबित किया गया। मंडल आयुक्त के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच शुरू करने के निर्देश दिए। हमारे उच्च शिक्षा विभाग को निजी विश्वविद्यालय के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। तीनों ही एक्शन पर तत्काल कार्रवाई शुरू हो गई थी। जांच में जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। सवाल : क्या उच्च शिक्षा विभाग और पुलिस आमने-सामने है?जवाब : ऐसा नहीं है। पुलिस अपना काम कर रही है। उच्च शिक्षा विभाग अपना काम कर रहा है। दोनों ही मुख्यमंत्री के निर्देशों पर तत्काल एक्शन ले रहे हैं। गृह विभाग ने दोषी पुलिस अफसरों पर एक्शन लिया है। जांच भी शुरू कर दी है। जबकि उच्च शिक्षा विभाग ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। सवाल : क्या यूनिवर्सिटी ओनर के हाई प्रोफाइल लोगों से संबंध हैं?जवाब : मेरी जानकारी में ऐसा कोई मामला नहीं है। विश्वविद्यालय पुराना है, लेकिन जैसे ही मुझे इस प्रकरण की जानकारी मिली कि इसने बिना BCI के अप्रूवल के लॉ में एडमिशन लिया है। तुरंत मैंने रजिस्ट्रार से बात की थी। जांच निष्पक्ष होगी, यदि दोषी पाया गया तो बचेगा नहीं, चाहे कोई जितना बड़ा व्यक्ति हो। सवाल : ABVP के छात्रों का आक्रोश कम नहीं हो रहा, ऐसा क्यों?जवाब : ABVP एक इंडिपेंडेंट संगठन है। मुझे ये कहने में कोई हिचक नहीं कि ये विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। उसकी हर परिसर में, हर शहर में इकाई है। बाराबंकी की घटना का असर सुदूर क्षेत्रों में बैठे छात्रों के दिल पर हुआ है। वो लोग अनुशासित ढंग से अपनी बात रख रहे हैं। हम भी अनुशासित ढंग से उन्हें समझा रहे हैं। सरकार कार्रवाई कर रही है। सवाल : हाल ही में NIRF रैंकिंग जारी हुई है, क्या कहेंगे?जवाब : योगी जी की सरकार आने से पहले न केवल उच्च शिक्षा बल्कि प्रदेश की पूरी शिक्षा व्यवस्था का ही बंटाधार था। योगी सरकार आने के बाद इसमें जबरदस्त काम हुआ है। पहले NAAC, QAS वर्ल्ड रैंकिंग और QAS एशिया रैंकिंग में कोई विश्वविद्यालय नहीं थे। सवाल : LU के कुछ प्रोफेसर RSS-सरकार पर टिप्पणी करते हैं, क्या कार्रवाई होगी?जवाब : प्रोफेसर किसी भी राजनीतिक दल की सदस्यता ले सकते हैं, इसमें कोई वैधानिक रोक नहीं है। व्यक्ति स्वतंत्र है। आलोचना करने के लिए या समर्थन करने के लिए। अगर आलोचना सीमा से बाहर जाएगी और कानून के ऊपर जाएगी तो उनके खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी। --------------------------- ये भी पढ़ें: शिवपाल बोले- अखिलेश ने विधानसभा के कई टिकट फाइनल किए:इटावा में कहा- कई प्रत्याशी तय होंगे; प्रधानी-बीडीसी नहीं लड़ेंगे 'यूपी के विधानसभा चुनाव की तैयारी हमने शुरू कर दी है। अखिलेश यादव की तरफ से विधानसभा के कई टिकट फाइनल हो गए हैं। कुछ प्रत्याशियों के नाम तय किए जा चुके हैं, जल्द ही अन्य उम्मीदवारों की घोषणा हो जाएगी। इस बार सपा ग्राम सभा, प्रधानी और बीडीसी के चुनाव में भाग नहीं लेगी।' यह दावा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने इटावा में किया। (पढ़ें पूरी खबर)
बच्चों की शिक्षा को सार्थक बनाने के लिए शिक्षक और अभिभावक दोनों की भूमिका अहम : एचएम
भास्कर न्यूज | गढ़वा झारखंड शिक्षा परियोजना के निर्देश पर गढ़वा प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय कल्याणपुर में शनिवार को शिक्षक-अभिभावक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में विधायक प्रतिनिधि विवेकानंद तिवारी और विशिष्ट अतिथि के रूप में कल्याणपुर पंचायत के पूर्व मुखिया विनोद चंद्रवंशी उपस्थित थे। विद्यालय के प्रधानाध्यापक के द्वारा दोनों अतिथियों को बुके देकर सम्मानित किया गया। मौके पर उपस्थित शिक्षकों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि विवेकानंद तिवारी ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यालय में पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार लाना, बच्चों की उपस्थिति को नियमित करना तथा शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए अभिभावकों और शिक्षकों के बीच सीधा संवाद स्थापित करना है। विशिष्ट अतिथि विनोद चंद्रवंशी ने कहा कि शिक्षा एक अनमोल चीज है। इसलिए सभी अभिभावकों को प्रतिदिन अपने बच्चों को विद्यालय भेजना चाहिए। ताकि बच्चा शिक्षित होकर समाज और देश का नाम रोशन कर सके। इस अवसर पर विद्यालय की छात्राओं के द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत की गई। विद्यालय के प्रधानाध्यापक कृष्ण मुरारी पांडेय ने बैठक के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बच्चों की शिक्षा को सार्थक बनाने के लिए शिक्षक और अभिभावक दोनों की समान भूमिका होती है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को प्रतिदिन विद्यालय भेजें और घर पर पढ़ाई के लिए प्रेरित करें। बैठक का संचालन करते हुए शिक्षक शरफुल्लाह अंसारी ने अपने संबोधन में बताया कि कई बार देखा जाता है कि छात्र नियमित रूप से विद्यालय नहीं आते, जिसके कारण उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है। इसके लिए अभिभावकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। गोष्ठी में उपस्थित अभिभावकों ने भी अपनी बात रखी। बैठक के अंत में खेल के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले छात्रों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक नवीन कुमार द्विवेदी, अनुज कुमार पाठक, यशमुद्दीन अंसारी, नागेंद्र चौधरी, शरफुल्लाह अंसारी, सलीम अंसारी, अब्दुल मोतल्लिब अंसारी, जावेद खान, शादाब खान, मुरारी राम, मनोज कुमार, संजय राम, सुनील कुमार विश्वकर्मा, जफर हुसैन, विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मुस्तफा खान, शिक्षिका वीणा कुमारी, रोकैया तरन्नुम, अनिता कुमारी, गुलशन खातून, संयुक्ता कुमारी, मीना कुमारी सहित कई लोग उपस्थित थे।
जिला शिक्षा अधिकारी ने किया सेजेस दरभा हायर सेकंडरी स्कूल का निरीक्षण
भास्कर न्यूज | दरभा जिला शिक्षा अधिकारी बलीराम बघेल ने सेजेस हायर सेकंडरी स्कूल दरभा का औचक निरीक्षण शुक्रवार को किया। बघेल ने कक्षा 11वीं के बच्चों को जीवन जीने की कला और प्रतियोगी परीक्षा में कैसे चयन होना है विस्तार से बच्चों को बताकर उनके साथ चर्चा की। उन्होंने कक्षा शिक्षण, पुस्तकालय आदि को देखा। विद्यार्थियों के अधिगम स्तर की गुणवत्ता व कक्षा में बच्चों से प्रश्न पूछे। बच्चों द्वारा सही जवाब देने पर उन्होंने खुशी जताई। निरीक्षण के दौरान डीईओ के साथ दरभा बीईओ जगदीश पात्र, बीआरसी समलू राम कश्यप, सेजेस के प्राचार्य काछी सहित अन्य मौजूद रहे।
शिक्षा विभाग के पदोन्नत लेक्चररों को स्टेशन च्वाइस करवाने में हो रही देरी से रोष : खैहरा
भास्कर न्यूज | अमृतसर पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से पदोन्नत किए गए लेक्चररों को स्टेशन च्वाइस न करवाने के कारण पदोन्नत लैक्चरर कैडर में रोष है। जिला अमृतसर से पदोन्नत लेक्चररों के आगू गुरबिंदर सिंह खैहरा ने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से निर्धारित समय में बदली न करके और बदलियों को लंबा खींचने के कारण पदोन्नत लेक्चररों को स्टेशन च्वाइस करवाने में हो रही देरी के कारण समूह केडर में गुस्सा है। अमृतसर से पदोन्नत लेक्चरर कमल नैन सिंह, रमिंदर सिंह, सर्बजीत सिंह, मनजीत कौर, राकेश कुमार ने कहा कि विभाग की ओर से 19 जुलाई को बायोलॉजी, इकोनोमिक्स, मैथ, फिजिक्स और हिंदी की 164 प्रमोशन और 5 अगस्त को राजनीतिक शास्त्र, पंजाबी, अंग्रेजी, कॉमर्स, संस्कृत, फाइन आर्टस, होम साइंस और सोशोलॉजी की कुल 844 प्रमोशन और 14 अगस्त को हिस्ट्री, कैमिस्ट्री और ज्योग्राफी की कुल 222 प्रमोशन की गई। आज तकरीबन पौने दो महीने बीत जाने के बावजूद भी किसी भी एक पदोन्नत लेक्चरर को स्टेशन च्वाईस नहीं करवाई गई।
हिंदी दिवस आज:पहली बार हिंदी में मेडिकल शिक्षा देने वाले कॉलेज और पहले हिंदी विवि की सच्चाई उजागर
तीन साल पहले मप्र ने देश में पहली बार मेडिकल शिक्षा को हिंदी में शुरू करने का ऐलान किया था। वर्ष 2022 में सरकार ने इसकी शुरुआत करते हुए उम्मीद जताई थी कि “अब गांव का बेटा भी अपनी भाषा में डॉक्टर बन सकेगा।” इसके तहत 10 करोड़ रुपए की लागत से हिंदी में एमबीबीएस की किताबें छपवाई गईं और सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों की लाइब्रेरी में उपलब्ध कराई गईं। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि छात्र हिंदी में पढ़ाई तो कर रहे हैं, लेकिन तकनीकी शब्दों की जटिलता और अंक कटने के डर से अधिकतर अंग्रेजी में परीक्षा देते हैं। क्लास और प्रैक्टिकल में भी 50 प्रतिशत से ज्यादा काम अंग्रेजी या मिश्रित भाषा में हो रहा है। इस वजह से हिंदी में मेडिकल पढ़ाई की सरकारी पहल के बावजूद छात्रों में मातृभाषा के उपयोग को लेकर झिझक बरकरार है। पहला बैच 2027-28 में होगा पासआउटहिंदी में चिकित्सा शिक्षा की किताबों का विमोचन 2022 में हुआ था, जो सत्र 2023-24 से छात्रों के लिए उपलब्ध कराई गईं। यह नवाचार अभी प्रारंभिक चरण में है और पहला बैच वर्ष 2027-28 में पास आउट होगा। छात्र का अनुभव: हिंदी पढ़ाई, अंग्रेजी परीक्षाएमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर के प्रथम वर्ष के छात्र अंकित गुर्जर (बदला हुआ नाम) ने बताया, मैंने शुरुआत में हिंदी में पढ़ाई की थी, लेकिन परीक्षा इंग्लिश में दी। डर था कि अगर हिंदी में लिखूंगा तो नंबर कम न आ जाएं। अब इंग्लिश ठीक से आती है तो एग्जाम भी उसी में देता हूं क्योंकि एमबीबीएस से आगे की पूरी पढ़ाई और करियर में अंग्रेजी ही काम आएगी। इधर, पहल करने वाले खुद हो रहे परेशानमध्यप्रदेश में हिंदी में चिकित्सा शिक्षा शुरू करने की पहल के प्रमुख सूत्रधार डॉ. मनोहर भंडारी, जिनके प्रयासों से 2022 में हिंदी मेडिकल पाठ्यक्रम का लोकार्पण हुआ, वे खुद वर्षों से अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। एमडी शोध प्रबंध हिंदी में देने वाले देश के पहले डॉक्टर को न समय पर पदोन्नति मिली, न वेतनमान। 38 साल की सेवा में मात्र एक पदोन्नति मिली और पेंशन के लिए लंबा इंतजार करने के साथ 70 वर्ष की उम्र में न्याय के लिए अदालतों के चक्कर काट रहे हैं। तकनीकी शब्दों को बता रहे वजहफिजियोलॉजी, एनाटॉमी और बायोकेमिस्ट्री जैसी जटिल विषयों में हिंदी में तकनीकी शब्दों को समझना व लिखना छात्रों के लिए चुनौतीपूर्ण है। क्लास में पढ़ाई व प्रैक्टिकल में 50 प्रतिशत से ज्यादा कार्य अभी भी अंग्रेजी व मिश्रित भाषा में ही हो रहा है। इसी कारण छात्रों में यह डर है कि हिंदी में उत्तर लिखेंगे तो नंबर कट सकते हैं। विवि के प्रयास व प्रोत्साहन योजनाएंविवि प्रशासन परीक्षा सॉफ्टवेयर में बदलाव कर रहा है, जिससे यह पता चले कि छात्र किस भाषा में परीक्षा दे रहे हैं। मातृभाषा में परीक्षा देने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए परीक्षा शुल्क में 50 प्रतिशत छूट का प्रावधान है व उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार भी देंगे। थ्योरी में कितने छात्रों ने हिंदी में उत्तर लिखे, कोई स्पष्ट आंकड़ा नहीं है, लेकिन प्रैक्टिकल में 50 फीसदी छात्र मिश्रित भाषा, 25 फीसदी हिंदी व 25 प्रतिशत अंग्रेजी में परीक्षा दे रहे हैं। - डॉ. अशोक खंडेलवाल, कुलगुरु, मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विवि हिंदी विवि... 14 साल में सिर्फ 174 छात्रों ने लिया दाखिला भास्कर एक्सपर्ट - प्रो. मोहन लाल छीपा, हिंदी विवि के संस्थापक कुलपति एक्सपर्ट के साथ गिरीश उपाध्याय की रिपोर्ट भोपाल|अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विवि... संकल्प तो था हिंदी को दुनिया में शिक्षा और शोध की भाषा बनाने का, लेकिन हकीकत में यहां बेसिक पढ़ाई ही नहीं हो पा रही है। अधूरी इमारतें... जीरो रिसर्च व गिनती के शिक्षक व छात्र आज इस विवि की पहचान है। 2012-13 में 60 विद्यार्थियों के साथ मिंटो हाल से शुरुआत हुई। 2020-21 में सूखी सेवनिया में अपना कैंपस मिला, लेकिन 14 साल बाद भी ये विद्यार्थियों को नहीं जोड़ पाया। 18 संकाय व 231 से ज्यादा कोर्स बनाने का दावा है, लेकिन अब तक कुल 4973 छात्रों ने ही प्रवेश लिया है। यह संभवत: देश का इकलौता विवि होगा, जहां 68 कोर्स ऑफर होने के बावजूद सिर्फ 174 नए विद्यार्थियों ने ही दाखिला लिया। विवि को उम्मीद है कि प्रवेश की अंतिम तारीख तक संख्या बढ़ सकती है। अभी विवि में कुल करीब 500 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। दरअसल जिस संकल्प के साथ विवि की स्थापना हुई थी, वह पीछे छूट रहा है। शुरुआती पांच वर्षों में विवि परिवार टीम भावना से काम करता था। आज ऐसा नहीं दिखता। अधिकारियों की मंशा भी स्पष्ट नहीं है। विवि का मुख्य उद्देश्य प्रोफेशनल, तकनीकी व चिकित्सा पाठ्यक्रम हिंदी में शुरू करना था। समस्याओं की पहचान कर समाधान करेंगेमैंने हाल में जिम्मेदारी संभाली है। अभी जानने-समझने में लगा हूं। विवि तक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कनेक्टिविटी न होना कम छात्र संख्या का बड़ा कारण है। यह भी सही है निर्माण कार्य कम्पलीट नहीं है। इसके लिए राज्य शासन से 16 करोड़ रु. मांगे हैं। हम सभी समस्याएं पहचान कर समाधान के लिए जल्द प्रयास करेंगे। डॉ. डीए हिंडोलिया, कुलगुरु, हिंदी विवि न बजट, न शिक्षक, न इंफ्रास्ट्रक्चर पीएचडी भी शुरू नहीं हो पाई विवि का उद्देश्य था - हिंदी माध्यम से विज्ञान, साहित्य, वाणिज्य, कानून की पढ़ाई व शोध कराए जाएं। लेकिन 14 साल में पीएचडी भी शुरू नहीं हो पाई। न रोजगारपरक शिक्षा है न शोध। 3.50 करोड़ की सालाना ग्रांट विवि को दी जा रही है, जो स्टाफ के वेतन पर खर्च हो जाती है।
बीडी कॉलेज की ओर से शनिवार को पटना के अधिवेशन भवन सभागार में पहली भुवनेश्वरी दयाल व्याख्यानमाला का आयोजन किया। व्याख्यानमाला की शुरुआत भारत के संवैधानिक विकास विषय पर हुई, जिसमें पटना साहिब के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद मुख्य वक्ता के तौर पर रहे। जिस दौरान उन्होंने कहा कि संविधान देश का मौलिक कानून है। भारत ने 75 वर्षों की संवैधानिक यात्रा में कई पड़ावों को पार कर निरंतर परिपक्वता हासिल की है। संविधान सिर्फ कानूनी दस्तावेज ही नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक धरोहर का दर्पण भी है। उन्होंने आगे कहा कि जब भारत का संविधान तैयार हो रहा था, तब देश आजादी के बाद गहरे तनाव और चुनौतियों से गुजर रहा था। इसके बावजूद डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल जैसे महान नेताओं ने इसे दिशा दी। आज दुनिया के कुल लोकतांत्रिक हिस्से का लगभग 17 प्रतिशत भारत में है, जो हमारी लोकतांत्रिक परंपरा की ताकत को दर्शाता है। उच्च शिक्षा की गिरती स्थिति पर व्यक्त की गई चिंता इस दौरान प्रो. गिरीश चौधरी, अध्यक्ष, विश्वविद्यालय सेवा आयोग ने बिहार की उच्च शिक्षा की गिरती स्थिति पर चिंता व्यक्त की और कहा कि इसे सुधारने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर है। उन्होंने शिक्षकों से सकारात्मक प्रयास करने की सराहना की। वहीं प्रो. उपेंद्र प्रसाद सिंह, कुलपति, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय ने कहा कि हर नागरिक को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए राष्ट्र सेवा में योगदान देना चाहिए। प्रो. शशि प्रताप शाही, कुलपति, मगध विश्वविद्यालय ने बी.डी. कॉलेज की प्रधानाचार्या प्रो. रत्ना अमृत की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी मेहनत और कर्मठता से एएन कॉलेज को NAAC से ‘A+’ ग्रेड प्राप्त हुआ। उन्होंने सभी को मिलकर बी.डी. कॉलेज को पटना के अग्रणी संस्थानों में शामिल करने की अपील की।
उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक राष्ट्र एक चुनाव के समर्थन में आयोजित मैराथन में हिस्सा लिया। नाना राव पार्क से घंटाघर तक आयोजित इस मैराथन में भाजपा पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता शामिल हुए। मौर्य ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से देश की जीडीपी का 1.5 प्रतिशत यानी 4.5 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी। इस राशि का उपयोग स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि बार-बार चुनाव से सरकारी कामकाज बाधित होता है। एक राष्ट्र एक चुनाव से सरकार योजनाओं को समयबद्ध रूप से लागू कर सकेगी। भाजपा प्रदेश महामंत्री अनूप गुप्ता ने बताया कि 1952 से 1967 तक लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते थे। 1967 से 1980 के बीच राजनीतिक उथल-पुथल के कारण यह व्यवस्था समाप्त हो गई। मैराथन में हजारों की संख्या में युवा, शिक्षक और व्यापारी शामिल हुए। प्रतिभागियों ने एक राष्ट्र एक चुनाव के संदेश वाली टी-शर्ट पहनी और प्ले कार्ड लिए। डिप्टी सीएम ने फूलबाग चौराहा स्थित दीनदयाल उपाध्याय प्रतिमा से मैराथन को हरी झंडी दिखाई। पद्मश्री एथलीट भी हुई शामिलमैराथन में पद्मश्री एथलीट सुधा सिंह भी शामिल हुई। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव से युवा वर्ग को अधिक राजनीतिक भागीदारी का अवसर मिलेगा। अनूप गुप्ता ने कहा कि जो मैराथन में भाग लेने वालों को सर्टीफिकेट दिया जायेगा। आज मैराथन दौड़ में हजारों लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और एक राष्ट्र एक चुनाव के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया। सांसद के साथ ही अन्य बड़े नेता भी शामिल हुए ...मैराथन दौड़ में सांसद रमेश अवस्थी, एमएलसी सलिल विश्नोई, विधायक महेश त्रिवेदी, सुरेंद्र मैथानी, नीलिमा कटियार, राम किशोर साहू, अभिषेक कौशिक, प्रशांत द्विवेदी, अनीता गुप्ता, पूनम द्विवेदी, जिला अध्यक्ष अनिल दीक्षित, शिवराम सिंह, पूर्व मंत्री बालचंद्र मिश्रा, रघुनंदन भदौरिया, सुरेश अवस्थी, अनूप अवस्थी, अनुराग शर्मा, मनीष त्रिपाठी, संतोष शुक्ला, शिवांग मिश्रा, अंकित गुप्ता, बंटी पांडे, पार्षद नवीन पंडित, अमित गुप्ता, विकास जायसवाल, सरोज सिंह, अनीता त्रिपाठी आदि रहे। यहां हुआ स्वागत ...मैराथन दौड़ फूलबाग चौराहा से बिरहाना रोड नवाबगंज घंटाघर तक आयोजन किया गया। व्यापारियों, युवाओं, महिलाओं, शिक्षकों और सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने एक जुट होकर समर्थन किया। फूलबाग चौराहे में एनसीसी कैडेट छात्र, विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी बड़ी संख्या में भाग लिया, व्यापार प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय संयोजक विनोद गुप्ता के नेतृत्व में सैकड़ों व्यापारियों ने स्टॉल लगाकर जल प्रबंध किया जगह-जगह फूलों की वर्षा हुई ।
बालाघाट के खैरलांजी ब्लॉक के शिक्षकों ने बीआरसी कार्यालय के लेखापाल वरूण देव के खिलाफ शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने जनपद पंचायत उपाध्यक्ष और शिक्षा समिति के अध्यक्ष दुर्गाप्रसाद लिल्हारे, जिला पंचायत सदस्य सुनीता बहेटवार और विधायक प्रतिनिधि को अपनी शिकायत दी। दबाव बनाकर ओटीपी मांगने और पैसे निकालने का आरोप शिक्षकों का आरोप है कि लेखापाल उन पर दबाव बनाकर ओटीपी मांगता है और उसके जरिए राशि का आहरण करता है। फाइलें अटकाने और भुगतान रोकने के बाद शिक्षकों से ओटीपी लेकर उनके अकाउंट्स से पैसे निकाले जाते हैं। माध्यमिक और प्राथमिक प्रधानपाठकों को डिजीगो आईडी और पासवर्ड नहीं दिए गए हैं। लेखापाल स्वयं इसे ऑपरेट करता है। स्कूलों में विभिन्न कार्यों के लिए व्यय होने वाली राशि प्रधानपाठकों से ओटीपी पूछकर निकाल ली जाती है। यह अधिकार प्रधानपाठकों का है। इस स्थिति में अगर किसी प्रधानपाठक के खिलाफ आर्थिक गड़बड़ी की शिकायत होती है तो वह जिम्मेदार होंगे। जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर से की लिखित शिकायत मध्यप्रदेश शिक्षक संघ महासचिव यामिनी मर्सकोले ने कहा कि लेखापाल का व्यवहार शिक्षकों के प्रति अनुचित है। पीड़ित शिक्षकों ने जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर से लिखित शिकायत की है। उन्होंने कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। शिक्षा समिति अध्यक्ष दुर्गाप्रसाद लिल्हारे ने कहा कि लेखापाल के खिलाफ मिली शिकायतों की जल्द जांच की जाएगी।
झुंझुनूं जिले के 9 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में हिंदी माध्यम से पढ़ाई का विकल्प भी उपलब्ध होगा। पूरे प्रदेश के 98 विद्यालयों को इस योजना में शामिल किया गया है। जिले के जिन विद्यालयों को इस योजना में चयनित किया गया है, उनमें छावश्री, किठाना, बजावा रावतका, घरड़ाना खुर्द, इंडाली, कासनी, महपालवास, कलाखरी और बलौदा शामिल हैं।अब इन विद्यालयों में विद्यार्थी अपनी पसंद के अनुसार हिंदी या अंग्रेजी माध्यम चुनकर पढ़ाई कर सकेंगे। फिलहाल अंग्रेजी माध्यम शिक्षक ही लेंगे कक्षाएंशुरुआती चरण में हिंदी माध्यम की पढ़ाई के लिए अलग से शिक्षक नहीं लगाए जाएंगे। मौजूदा अंग्रेजी माध्यम शिक्षक ही हिंदी माध्यम की कक्षाओं का संचालन करेंगे।विभाग का कहना है कि विद्यार्थियों की संख्या और आवश्यकता के अनुसार आगे चलकर हिंदी माध्यम शिक्षकों की नियुक्ति पर विचार किया जाएगा। अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी उमेद सिंह महला ने बताया कि प्रदेशभर के 98 विद्यालयों में यह सुविधा शुरू की जा रही है। झुंझुनूं जिले के 9 स्कूलों को भी इसमें शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय विद्यार्थियों और अभिभावकों को विकल्प देगा, जिससे शिक्षा की पहुंच और गुणवत्ता में सुधार होगा। ग्रामीण विद्यार्थियों को बड़ी राहतझुंझुनूं जिले के कई ग्रामीण क्षेत्रों में अब तक हिंदी माध्यम के उच्च माध्यमिक विद्यालय उपलब्ध नहीं थे। अभिभावकों को मजबूरी में बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाना पड़ता था। कई विद्यार्थी भाषा की कठिनाई के कारण पढ़ाई छोड़ देते थे या कमजोर प्रदर्शन करते थे। अब हिंदी माध्यम उपलब्ध होने से वे आसानी से शिक्षा जारी रख सकेंगे। मातृभाषा में शिक्षा से मजबूत आत्मविश्वासविशेषज्ञों का मानना है कि मातृभाषा में पढ़ाई से बच्चों की समझ बढ़ती है और उनका आत्मविश्वास भी मजबूत होता है। हिंदी माध्यम उपलब्ध होने से ग्रामीण बच्चे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे।
बड़वानी जिले के अंजड नगर में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहल की जा रही है। राजपुर रोड स्थित बालक स्कूल मैदान में 22.09 करोड़ रुपए की लागत से सांदीपनी स्कूल का निर्माण कार्य चल रहा है। यह स्कूल पहले सीएम राइज स्कूल के नाम से जाना जाता था। इस स्कूल में केजी से लेकर 12वीं तक की शिक्षा दी जाएगी। चार मंजिला भवन में कुल 75 कमरे होंगे। इनमें से 45 कमरे छात्र-छात्राओं के अध्यापन के लिए समर्पित होंगे। एक साथ 1400 से 1500 विद्यार्थी यहां शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। चार मंजिला भवन में 75 कमरे, 12 प्रयोगशालाएं स्कूल में 12 प्रयोगशालाएं बनाई जा रही हैं। इसके अलावा लाइब्रेरी, नृत्य कक्ष, संगीत कक्ष, एक्टिविटी हॉल और आर्ट रूम की भी सुविधा होगी। मध्यम और गरीब वर्ग के बच्चों को कम शुल्क में उच्च स्तरीय शिक्षा मिल सकेगी। सूरत की कंपनी एम बावरिया द्वारा पिछले दो वर्षों से निर्माण कार्य किया जा रहा है। मध्य प्रदेश भवन विकास लिमिटेड, भोपाल की देखरेख में चल रहा यह निर्माण कार्य दिसंबर 2025 तक पूरा होने की संभावना है। स्कूल की नए भवन की 2 तस्वीरें....
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भाजपा सरकार की लाडली बहना योजना पर सवाल खड़े किए हैं। सिंह ने कहा कि 1250 रुपए की राशि से महिलाएं अपने परिजनों का प्राइवेट अस्पतालों में इलाज नहीं करवा सकतीं, न ही अच्छे सरकारी स्कूलों के अभाव में बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा सकती हैं और न ही बिजली के बिल का भुगतान कर सकती हैं। उन्होंने लिखा कि क्या ये पैसा इनके मामा के घर से आता है? दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा 1.26 करोड़ लाडली बहनों के खाते में 1250 रुपए भेजने के अगले दिन शनिवार सुबह एक्स (ट्विटर) पर यह प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा लाडली बहनों को 1250 रुपए देकर मचाया जाने वाला शोर कई प्रश्न खड़े करता है। पूर्व सीएम ने सवाल उठाया कि जब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की बात होती है तो सरकार क्यों उन्हें स्थायी रोजगार और अच्छा वेतनमान देने के बजाय सिर्फ सहायता राशि तक सीमित रख रही है। उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान का भी जिक्र किया जिसमें तीन संतानों को जन्म देने की बात कही गई थी और सवाल किया कि सरकार इसे क्यों अनदेखा कर रही है। अपने ट्वीट के अंत में दिग्विजय सिंह ने हैशटैग के पहले सुशील सिंह, अंजना सिंह जबलपुर भी लिखा है, जिससे राजनीतिक हलकों में अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। लाडली बहना योजना पर यह सवाल उठाए दिग्विजय ने
छात्र-छात्राओं को शिक्षा के महत्व की दी गई जानकारी
भास्कर न्यूज| चाईबासा जेईपीसी के निर्देश पर वित्तीय वर्ष 2005-26 के अंतर्गत मध्य विद्यालय मेरी टोला यूनिट में शुक्रवार को द्वितीय शिक्षक-अभिभावक बैठक का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि के तौर पर विद्यालय प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष डोमा मिंज को प्रभारी शिक्षिका के द्वारा पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया गया। स्कूली बच्चों ने ताली बजाकर अतिथि का सम्मान किया। विद्यालय में आयोजित इस बैठक में विद्यालय प्रबंधन समिति की क्षमता का विकास तथा माता-पिता को विद्यालय की गतिविधियों में शामिल करने एवं बच्चों के पठन-पाठन व सीखने में सहयोग के लिए आहूत बैठक में प्रभारी शिक्षिका पौलिना टोप्पो ने उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। बैठक में छात्र-छात्राओं को नियमित उपस्थिति शिक्षा के महत्व बतलाया गया। अनियमित उपस्थिति से बच्चों के नियमित पढ़ाई का क्रम टूट जाता है। अनिवार्य सुविधाओं की जानकारी बच्चों को सरकार द्वारा दी जाती है। जैसे यूनिफार्म, किट एवं छात्रवृत्ति के बारे में बताया गया।
छात्रों ने जानी राजसमंद जिले की शिक्षा व्यवस्था
राजसमंद | मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम गौड़ ने अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय भोपाल के शिक्षा में स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष के 6 छात्र-छात्राओं से संवाद कर उन्हें शिक्षा विभाग की योजनाओं, विभागीय संरचना एवं जिले की वर्तमान शिक्षा स्थिति के बारे में मागदर्शन प्रदान किया। विद्यार्थियों ने सीडीईओ से जिले की शिक्षा व्यवस्था के संचालन, उच्च अधिकारी की भूमिका एवं दायित्व, बच्चों के सीखने की चुनौतियां, समुदाय की सहभागिता और स्कूलों में उपलब्ध बुनियादी ढांचे को लेकर विस्तृत जानकारी प्राप्त की। सीडीईओ गौड़ ने विद्यार्थियों को उनके भावी जीवन में शिक्षा क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों के प्रति प्रेरित करते हुए मार्गदर्शन दिया। इस अवसर पर समग्र शिक्षा अभियान के कार्यक्रम अधिकारी प्रवीण कुमार भी मौजूद रहे, वहीं अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से विष्णु जोशी पर्यवेक्षक एवं सुगमकर्ता के रूप में साथ रहे। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के ये 6 विद्यार्थी देश के विभिन्न प्रांतों से 2 सप्ताह के फील्ड विजिट पर राजसमंद आए हैं। चर्चा के अंत में विद्यार्थियों ने सीडीईओ गौड़ का आभार जताया।
शिक्षा सचिव और जेईपीसी निदेशक ने अभिभावकों से विद्यालयों में किया संवाद
रांची| स्कूली शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह ने शुक्रवार को राजकीय मध्य विद्यालय, रातू में आयोजित अभिभावक-शिक्षक बैठक में शामिल हुए। उन्होंने कहा, सरकार द्वारा विद्यालयों में उपस्थिति बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास हो रहा है। सचिव ने नियमित रूप से स्कूल आने वाले, विभिन्न शैक्षणिक एवं पाठ्येत्तर गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने वाले बच्चों को सम्मानित भी किया। वहीं, झारखंड शिक्षा परियोजना (जेईपीसी) निदेशक शशि रंजन राजकीय मध्य विद्यालय लालगुटवा, नगड़ी गए थे। उन्होंने अभिभावकों से कहा कि अपने बच्चों की शिक्षा के लिए संवदेनशील बनें।
शिक्षा विभाग का राज्य स्तरीय सम्मान समारोह दिसंबर में, बीकानेर में आयोजन
शिक्षा विभाग अपने बेहतरीन कामों से विभाग की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाई दिलाने वाले अपने मंत्रालयिक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का सम्मान करेगा। इसके लिए राज्यस्तरीय समारोह 16 दिसंबर को बीकानेर स्थित विभाग मुख्यालय में होगा। उत्कृष्ट कार्य करने वाले 36 कर्मचारी सम्मानित होंगे। इनके चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विभाग के संस्थापन अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ एवं कनिष्ठ सहायक, वाहन चालक, जमादार, सहायक कर्मचारी, निजी सचिवालय संवर्ग के पदनाम, आशुलिपिक आदि सम्मिलित होंगे। हर मंडल से टॉप 4 कर्मचारियों को मेरिट के आधार पर चुना जाएगा। राज्य स्तरीय समिति की विशेष अनुशंसा पर प्रारम्भिक एवं माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से भी चार कर्मचारियों का चयन किया जाएगा। इस प्रक्रिया में यह स्पष्ट किया गया है कि संबंधित मंडल का कोटा निर्धारित होने के कारण अतिरिक्त वरीयता प्राप्त कर्मचारी चयन सूची में सम्मिलित नहीं होंगे। बता दें, उदयपुर में संयुक्त निदेशालय, प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग, बीईईओ कार्यालय और स्कूलों में तैनात मंत्रालयिक कर्मचारियों की संख्या करीब 300 है। संस्था प्रधान प्रस्ताव तैयार कर भेजेंगे, नहीं भरवाएंगे पत्रक: चयन प्रक्रिया के लिए जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी विद्यालयों, कार्यालयों एवं संस्थानों के प्रधान अपने-अपने स्तर पर उन कर्मचारियों के प्रस्ताव तैयार करें। जिन्होंने शिक्षा विभाग में न्यूनतम 15 वर्षों की सेवा पूरी की हो और कार्य में उत्कृष्टता दिखाई हो। ये प्रस्ताव गोपनीय रूप से तीन प्रतियों में 17 अक्तूबर 2025 तक जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारम्भिक/माध्यमिक) को भेजने होंगे। इसके बाद जिला स्तर पर गठित समिति इन प्रस्तावों की समीक्षा करेगी। समिति में जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक एवं प्रारम्भिक), प्रशासनिक अधिकारी, एक वरिष्ठ प्रधानाचार्य तथा अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति प्रस्तावों को अंक योजना के आधार पर मूल्यांकन कर न्यूनतम 10 कर्मचारियों की सूची तैयार करेगी और इन्हें गोपनीय रूप से 10 नवंबर 2025 तक संयुक्त निदेशक, स्कूल शिक्षा, संभागीय शिक्षा संकुल को भेजा जाएगा। कर्मचारियों से किसी प्रकार का प्रपत्र नहीं भरवाया जाएगा। अनुशंसा पूरी तरह निष्पक्ष, न्यायोचित और गोपनीय होनी चाहिए। चयनित कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका में पुरस्कार का उल्लेख अनिवार्य रूप से संस्था प्रधान या नियंत्रण अधिकारी द्वारा दर्ज किया जाएगा।
राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान साल में दो बार मार्च-अप्रैल और सितंबर-अक्टूबर में निर्धारित तिथियों पर प्रायोगिक परीक्षाएं करवाता है। कन्हैयालाल गुप्ता, क्षेत्रीय निदेशक, जयपुर ने बताया कि राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षण संस्थान द्वारा प्रायोगिक परीक्षाएं सितंबर-अक्टूबर-2025 के लिए सभी एनआईओएस मान्यता प्राप्त संस्थानों/स्कूलों के परीक्षा केन्द्रों पर 12 से 27 सितंबर तक आयोजित की जा रही है, जो की 4 खण्डों में आयोजित होगी, जिसकी तिथि आप के हॉल टिकट पर दर्शायी गई हैं। आईडी कार्ड, हॉल टिकट डाउनलोड करने के लिए तथा परीक्षा से संबंधित अन्य प्रकार की समस्त जानकारी एनआईओएस की बेवसाइट http://sdmis.nios.ac.in पर उपलब्ध है।
दुर्ग जिले में स्कूल शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दुर्ग संभाग के संयुक्त संचालक (जेडी) हेमंत उपाध्याय को निलंबित कर दिया है। उनके खिलाफ सरगुजा में पदस्थ रहने हुए गंभीर अनियमितताओं, स्वेच्छाचारिता और अनुशासनहीनता के आरोप लगे थे। विभाग ने इसको छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम 1965 का उल्लंघन माना है। निलंबन आदेश शुक्रवार (12 सितंबर) को जारी किया गया। इसमें स्पष्ट किया गया है कि हेमंत उपाध्याय को तत्काल प्रभाव से डीपीआई (निदेशक, लोक शिक्षण संचालनालय) में अटैच किया जा रहा है। नए शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव के कार्यभार संभालने के बाद यह उनकी पहली बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि उन्होंने 22 दिन पहले ही ज्वाइन किया था। हेमंत उपाध्याय पहले भी विवादों में रहे हैं। सहायक शिक्षकों के प्रमोशन और ट्रांसफर प्रकरण में भी उन पर मनमानी करने का आरोप लग चुका है, जिसकी वजह से उन्हें उस समय भी निलंबित किया गया था। फिलहाल, दुर्ग संभाग का अतिरिक्त प्रभार डिप्टी डायरेक्टर आरएल ठाकुर को सौंपा गया है। 22 दिन पहले ही किया था ज्वाइन दुर्ग संभाग में ज्वाइंट डॉयरेक्टर के रूप में हेमंत उपाध्याय ने 20 अगस्त 2025 को ही ज्वाइन किया था। अभी इनकी पदस्थापना के महज 22 दिन ही हुए थे और विभाग की ओर से इन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि ज्वाइन करने के बाद से ही जेडी हेमंत उपाध्याय लगातार संभाग के स्कूलों का निरीक्षण कर रहे थे। लेकिन इस बीच ही सरगुजा के मामले में स्कूल शिक्षा विभाग ने कार्रवाई करते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया।
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने केंद्र सरकार पर एनजीओ को फंडिंग करके उसके जरिए बच्चों का ब्रेनवॉश करके उन पर आरएसएस, बीजेपी की विचारधारा थोंपने का आरोप लगाया है। डोटासरा ने कहा- मेरे शिक्षा मंत्री रहते केंद्र से फंडेड एक एनजीओ वोटर बनने से पहले बच्चों का ब्रेनवॉश करने की नीयत से मेरे पास एमओयू करने आया था। लेकिन मैं उसे पहचान गया कि यह तो आरएसस की विचारधारा थोंपना चाहते हैं। डोटासरा जयपुर में जवाहर बाल मंच की तीन दिन के ट्रेनिंग कैंप के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। डोटासरा ने कहा- जब मैं शिक्षा मंत्री था तो मेरे पास एक एनजीओ के लोग आए। उन्होंने कहा- हमसे आप एमओयू कीजिए। हम 10वीं, 11वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स को माइंड वॉश प्रोग्राम की फ्री में एजुकेशन देंगे। उनके चैप्टर समझाएंगे, उनकी आइडियोलॉजी समझाएंगे। एक प्रमुख न्यूज चैनल पर लाइव प्रसारित करेंगे। चैनल पीएम के पक्ष में था। मैंने कहा ठीक बात है, लेकिन आप केवल 10वीं से 12 वीं के बच्चों का ही माइंड वॉश क्यों करना चाहते हैं? छोटी कक्षाओं में तीसरी से लेकर आठवीं के बच्चों का क्यों नहीं करना चाहते? तीन-चार साल बाद वोटर बनने वालों का ब्रेनवॉश करने की जिम्मेदारी एनजीओ को दी डोटासरा ने कहा- मैंने कहा आपका एजेंडा ठीक नहीं है। आप माइंड वॉश नहीं करना चाहते, आप आरएसएस की आइडियोलॉजी को हमारे बच्चों पर थोपना चाहते हो। हमारे राजस्थान का कोई भी व्यक्ति इसको स्वीकार नहीं करेगा। वो चले गए। इसके बाद उनके साथ एक बच्ची राजस्थान की थी। वो दो घंटे बाद में वापस आई और उसने कहा कि सर, आपने बहुत सही समझा है। केंद्र की सरकार से इस एनजीओ को फंडिंग दी गई है। यह कहा गया है, जो तीन-चार साल बाद में वोटर बनने हैं। उनका तुम्हें ब्रेनवॉश करना है। मैं अंग्रेजी के बिना ग्लोबलाइजेशन के दौर में मुकाबला मुश्किल डोटासरा ने कहा- देश के गृह मंत्री कह रहे हैं कि देश में अंग्रेजी बोलने वालों को शर्म आएगी। इससे शर्मनाक बात क्या हो सकती है। वो कह रहे हैं मातृभाषा में शिक्षा देंगे, मातृभाषा तो वो है जो घर में बोली जाती है। बच्चा मां से सीखता है। अंग्रेजी अंतरराष्ट्रीय भाषा है। ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में आगे बढ़ने के लिए अंग्रेजी सीखना अनिवार्य है। बच्चों को सही इतिहास और घटनाओं की जानकारी हो, थोथे भाषणों से हम संकुचित विचारधारा नहीं बनाएं डोटासरा ने कहा- कांग्रेस राज में हमने स्कूली पाठ्यक्रम को अपडेट किया। उसमें आजादी के पहले से लेकर आजादी के बाद की भारत की प्रमुख घटनाओं का विवरण और किसका क्या योगदान रहा। इसके बारे में ब्योरा दिया। बच्चों को देश का इतिहास पता होना चाहिए। केवल लाल किले से थोथा भाषण सुनकर हम हमारी विचारधारा बना लें और हमारे विचार संकुचित कर लें यह ठीक नहीं होगा। ये भी पढ़ें... गहलोत बोले- BJP-RSS सांप्रदायिकता से भरा इतिहास रचना चाहते हैं:देश में लोकतंत्र और संविधान खतरे में है, सत्ता में बैठे लोग भारी गलती कर रहे पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने केंद्र सरकार, बीजेपी और आरएसएस पर देश के इतिहास को बदलकर सांप्रदायिकता वाला इतिहास बनाने का आरोप लगाया है। गहलोत ने कहा ये लोग (बीजेपी,आरएसएस) नया सांप्रदायिकता से भरा इतिहास रचना चाहते हैं। ये इतिहास की बातें भुलाने के लिए देश लिए जवाहरलाल नेहरू तक को नहीं छोड़ रहे। नेहरू के बारे में ऐसी गंदी और घटिया बातें लिखते हैं। इनकी मंशा खतरनाक है। ये भारी गलती कर रहे हैं। देश के इतिहास को भुला रहे हैं। गहलोत जयपुर में जवाहर बाल मंच के कार्यक्रम में बोल रहे थे। (पूरी खबर पढ़ें)
डूंगरपुर के कई सरकारी स्कूल और कमरों की हालत खस्ता है। झालावाड़ में स्कूल हादसे ने बाद सरकार ओर प्रशासन की ओर से सर्वे करवाया। इसमें डूंगरपुर जिले में 209 स्कूलो के भवन पूर्ण रूप से जर्जर मिले है। इसके साथ 2 हजार 252 स्कूलों के 2 हजार से अधिक कक्षा-कक्ष पूर्ण जर्जर और 4 हजार से अधिक कक्षा-कक्ष मरम्मत योग्य मिले है। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी राणछोड़लाल डामोर ने बताया कि झालावाड़ स्कूल के हुए हादसे के बाद सरकार की ओर से डूंगरपुर जिले में जर्जर स्कूल भवनों के सर्वे करवाने के निर्देश मिले थे। सरकार की ओर से मिले निर्देश पर जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग ने सभी 2 हजार 252 स्कूलों का सर्वे करवाया। सर्वे में डूंगरपुर जिले में 209 स्कूल भवन पूर्ण रूप से जर्जर मिले है। जिसमें 183 पीएस, 16 यूपीएस व 10 स्कूल भवन सीनियर सेकेंड्री के है। इसमें सर्वाधिक जर्जर स्कूल भवन बिछीवाड़ा ब्लाक में 59 है। जबकि डूंगरपुर जिले के साबला ब्लाक में एक भी स्कूल का भवन पूर्ण जर्जर नहीं मिला है। 2 हजार 252 स्कूलों के 2687 कमरे जर्जर व 4455 कमरों को मरम्मत की जरूरतमुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रणछोड़ लाल डामोर ने बताया कि स्कूलों के करवाए गए सर्वे में 2 हजार 252 स्कूलों के 2 हजार 687 कमरे पूर्ण रूप से जर्जर मिले है। जबकि इन स्कूलों के 4 हजार 455 कमरे ऐसे मिले है जिनको मरम्मत की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि फिलहाल जो स्कूल भवन पूर्ण रूप से जर्जर मिले है। उन स्कूलों के संचालन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। वहीं, सभी जर्जर स्कूल भवनों के नए निर्माण, जर्जर कमरों के निर्माण व मरम्मत योग्य कमरों की मरम्मत के लिए प्रस्ताव स्थानीय स्तर से बनाकर राज्य सरकार को भेजे गए है। स्वीकृति आने के बाद इनका काम शुरू सकेगा। पहले प्रस्तावों में 46 स्कूल भवनों में मरम्मत कार्य के लिए मिली स्वीकृतिमुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रणछोड़ लाल डामोर ने बताया कि पूर्व झालावाड़ हादसे पहले डूंगरपुर शिक्षा विभाग की ओर से मरम्मत योग्य 46 स्कूलों के प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेजे गए थे। सरकार की ओर से इन प्रस्तावों की प्रशासनिक स्वीकृति मिल गई है। जिसमे रूफ रिप्लेसमेंट, प्लास्टर, फ्लोरिंग, स्लैब चेंज, चाइना मोजेक, रूफ ट्रीटमेंट सहित कई प्रकार के कार्यों पर 3 करोड़ 95 लाख की स्वीकृति मिली है। वित्तीय स्वीकृति आने के बाद टेंडर लगाकर काम शुरू किया जाएगा।
सतना के पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी और वर्तमान में रीवा डाइट के प्राचार्य टीपी सिंह पर शासन ने 11 लाख 44 हजार 477 रुपए की वसूली का आदेश जारी किया है। ये कार्रवाई वर्ष 2010-11 के एक विवादित मामले में की गई है। मामला 2010 का है, जब टीपी सिंह सतना में प्रभारी डीईओ थे। उस समय सहायक शिक्षक राकेश कुमार मिश्रा का प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन था। हाईकोर्ट के 4 जनवरी 2010 के निर्णय के बाद 1 मई को मिश्रा की सेवाएं समाप्त कर दी गईं। लेकिन टीपी सिंह ने 29 अगस्त 2010 को बिना विभागीय जांच और वरिष्ठ अधिकारियों की अनुमति के मिश्रा को बहाल कर दिया। 11 लाख 44 हजार 477 रुपए की वसूली का आदेश नियम विरुद्ध बहाली के कारण राकेश मिश्रा को 20 महीने का वेतन देना पड़ा। उस समय लगभग 4 लाख 19 हजार रुपए का भुगतान किया गया। ब्याज सहित ये राशि अब 11 लाख 44 रुपए हो चुकी है। शासन को हुआ आर्थिक नुकसानमामला 2018 में विधानसभा तक पहुंचा। संचालनालय ने टीपी सिंह से स्पष्टीकरण मांगा। जवाब संतोषजनक न होने पर लोक शिक्षण आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने वसूली का आदेश दिया। आयुक्त ने पाया कि सिंह ने हाईकोर्ट के आदेश का गलत अर्थ निकालकर नियमविरुद्ध बहाली की। इस कारण शासन को आर्थिक नुकसान हुआ।
भारतीय छात्रों के पसंदीदा बने ये देश, अमेरिका में क्यों घट रही है रुचि?
Indian students News : अमेरिकी विश्वविद्यालयों में आवेदनों में साल-दर-साल 13 प्रतिशत की गिरावट आई है, क्योंकि भारतीय छात्र जर्मनी जैसे गंतव्यों को पसंद कर रहे हैं, जहां 2024-25 में 32.6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। अमेरिका और कनाडा जैसे देशों की सख्त ...
स्कूलों में ट्रांसजेंडर-समावेशी यौन शिक्षा लागू करने की जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एनसीईआरटी और एससीईआरटी को देशभर के स्कूलों में ट्रांसजेंडर-समावेशी यौन शिक्षा लागू करने की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमति दे दी है
UKPSC ने जारी किया भर्ती परिणाम, 12 जनवरी को हुई थी परीक्षा
Public Service Commission released recruitment result : उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पुलिस सब इंस्पेक्टर, गुल्मनायक और फायर स्टेशन सेकंड अधिकारी भर्ती का परिणाम घोषित कर दिया है। अभ्यर्थी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट psc.uk.gov.in पर जाकर अपने नतीजे चेक ...
Petrol Diesel Prices: पेट्रोल और डीजल के ताजा भाव जारी, जानें कि आपने नगर में क्या हैं कीमतें
Petrol Diesel Prices: ग्लोबल मार्केट (global market) में भले ही कच्चे तेल (crude oil) की कीमतें पिछले महीनेभर से 67 डॉलर के आसपास घूम रही हैं, लेकिन घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल (petrol and diesel) की खुदरा कीमतों में बखूबी बदलाव दिख रहा है। ...
संघ का शिक्षा एजेंडा : न पढ़ेंगे न पढ़ने देंगे
विवादित पाठ्य पुस्तकों में, इन्हीं विषयों की पिछली पाठ्य पुस्तकों से जो भारी बदलाव किए गए हैं
देश के कई विद्यालयों में सुबह की प्रार्थना सभा में सुविचार प्रस्तुत करने की परंपरा है, विद्यालयों के श्यामपट (ब्लैकबोर्ड) पर भी सुविचार लिखे होते हैं
ललित सुरजन की कलम से- शिक्षा और परीक्षा
'एक बात समझ आती है कि देश में बहुत सी अन्य बातों के साथ शिक्षा जगत में भी जो परिवर्तन नज़र आते हैं उसका बहुत कुछ श्रेय नवपूंजीवादी विश्वव्यवस्था को है
4 साल की उम्र में श्रेया घोषाल ने ली संगीत की शिक्षा, अमेरिका में मनाया जाता है 'श्रेया घोषाल दिवस'
बॉलीवुड की फेमस सिंगर श्रेया घोषाल 12 मार्च को अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। अपनी सुरीली आवाज से लाखों लोगों को दिवाना बनाने वाली श्रेया का जन्म 1984 में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुआ था। उन्होंने बेहद कम समय में अपनी सुरीली आवाज से बड़ी ...
दिल्ली में झुग्गी में रहने वाले एक पिता ने, जो चाय बेचते हैं, उन्होंने अपनी बेटी को आखिरकार CA बना दिया। जहां एक ओर लोगों ने कहा, क्यों अपनी बेटी को जरूरत से ज्यादा पढ़ा रहे हो, इसकी शादी करवा देनी चा
NEET UG रिजल्ट को लेकर अभी भी जारी है गुस्सा, छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के पास किया विरोध प्रदर्शन
नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए छात्रों ने सोमवार को शिक्षा मंत्रालय के पास विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा परिणाम में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की। आइए जानते हैं, क्या है पूरा म
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का 10 फीसदी भी डाटा नहीं हुआ अपलोड
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का डाटा अपलोड करने में जिले के कई स्कूल ढील दे रहे हैं, वे 10 फीसदी छात्रों का भी डाटा अभी तक अपलोड नहीं कर पाए हैं। डाटा अपलोड करने में आधार कार्ड की अनिवार्यता के बाद से छ
बेसिक शिक्षा : दो महीने बाद भी 1.38 लाख छात्रों का डेटा नहीं हुआ अपडेट
बेसिक शिक्षा विभाग के यू डायस पोर्टल पर डेटा अपडेट करने का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है। हाल ये है कि दो महीने में महज 1.38 लाख छात्रों डेटा भी अपडेट नहीं हुआ। विभाग ने अब 5 जून तक इसे पूरा करने क
राष्ट्रीय शिक्षा नीति : यूपी बोर्ड ने दिए निर्देश, एनईपी लागू करने को स्कूल बनाएंगे प्लान
यूपी बोर्ड से जुड़े 27 हजार से अधिक स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने के लिए स्कूल स्तर पर योजना बनाई जाएगी। एनईपी 2020 के विषय में विद्यालयों में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
बॉलीवुड का ये सुपरस्टार युवाओं को IAS बनाने के लिए मुफ्त में देगा शिक्षा, योजना से अबतक जुड़ चुके है7000 युवा
राम बनने के लिएधनुष-बाण चलाने की शिक्षा ले रहे है Ranbir Kapoor, एक्टर केआर्चरी ट्रेनर ने शेयर की तस्वीरें