जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर ने मानसिक रूप से बीमार बच्चों को दिलाया शिक्षा का नया अवसर
सवाई माधोपुर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने मानसिक रूप से असक्षम बालक गोलू मीणा और बालिका मनचेता मीणा को विशेष विद्यालय में प्रवेश दिलाकर शिक्षा का अवसर प्रदान किया। अधिकार मित्र सुनिता जोनवाल और डिप्टी लीगल एड डिफेंस काउंसिल वीरेंद्र कुमार वर्मा की पहल बच्चों के भविष्य के लिए मिसाल बनी।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय रामड़ी में सेवानिवृत्त व्याख्याता ऋद्धि चंद गुप्ता और पूर्व प्रधानाध्यापक सूरज मल शर्मा ने प्राथमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों को ऊनी जर्सियां वितरित की। शाला परिवार ने शिक्षाविदों का सम्मान किया और बच्चों ने खुशी के साथ देशभक्ति जयघोष किए।
जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए छात्रवृत्तियों की घोषणा के मंच से अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने ऐसे बयान दिए, जिन पर देशभर में नई बहस और विवाद खड़ा हो सकता है। शिक्षा को तरक़्क़ी की कुंजी बताते हुए उन्होंने जहां सरकार और समाज की नीतियों पर परोक्ष सवाल उठाए, वहीं धर्मांतरण, मिश्रित शिक्षा (मिक्स एजुकेशन) और मुसलमानों के ख़िलाफ़ कथित साज़िश जैसे मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। जमीयत उलमा-ए-हिंद के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मौलाना मदनी ने कहा कि “दुनिया में वही क़ौम तरक़्क़ी करती है जिसकी नौजवान नस्ल सही तरबियत और उच्च शिक्षा से लैस हो।” उन्होंने मौजूदा हालात को “वैचारिक लड़ाई” करार देते हुए कहा कि इसका जवाब न हथियार है और न तकनीक, बल्कि उच्च शिक्षा ही एकमात्र हथियार है। 2012 से चल रही छात्रवृत्ति योजना, 915 छात्रों को मिला लाभ मौलाना मदनी ने बताया कि जमीयत उलमा-ए-हिंद और एमएचए मदनी चैरिटेबल ट्रस्ट, देवबंद वर्ष 2012 से मेरिट के आधार पर आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को छात्रवृत्ति दे रहा है। योजना के तहत इंजीनियरिंग, मेडिकल, एजुकेशन, जर्नलिज़्म, तकनीकी व प्रोफेशनल कोर्स में पढ़ने वाले ऐसे छात्र पात्र हैं, जिन्होंने पिछली परीक्षा में कम से कम 75% अंक हासिल किए हों। 2025-26 के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 15 जनवरी 2026 तय की गई है। पिछले सत्र में 915 छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई थी, जिनमें 46 हिंदू छात्र भी शामिल थे। मदनी ने इसे उदाहरण बताते हुए कहा कि जमीयत धर्म के आधार पर काम नहीं करती। बढ़ती संख्या को देखते हुए छात्रवृत्ति की राशि को दो करोड़ रुपये तक बढ़ाया गया था। ‘धर्मांतरण का फ़ितना’ और मिक्स एजुकेशन पर सीधा हमला कार्यक्रम के दौरान सबसे ज़्यादा विवादास्पद टिप्पणी धर्मांतरण को लेकर सामने आई। मौलाना मदनी ने इसे “मुसलमानों के ख़िलाफ़ योजनाबद्ध फ़ितना” बताते हुए कहा कि इसमें लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो हालात विस्फोटक हो सकते हैं। मिक्स एजुकेशन पर उन्होंने दो टूक कहा कि इसका विरोध इसी कारण किया गया था, लेकिन मीडिया ने इसे लड़कियों की शिक्षा के विरोध के रूप में पेश कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया— “हम लड़कियों की शिक्षा के नहीं, बल्कि मिश्रित शिक्षा के विरोधी हैं।” ‘रास्ते बंद किए जा रहे हैं, साज़िश को नाकाम करना होगा’ मौलाना मदनी ने देश की आज़ादी के बाद के हालात को “इतिहास का सबसे नाज़ुक मोड़” बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि एक ओर मुसलमानों को समस्याओं में उलझाया जा रहा है, दूसरी ओर आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षणिक तरक़्क़ी के रास्ते सीमित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस “ख़ामोश साज़िश” को नाकाम करना है तो अपने स्कूल-कॉलेज खुद खड़े करने होंगे। दीऩी माहौल में आधुनिक शिक्षा के संस्थान बनाएं मदनी ने क़ौम के संपन्न लोगों से अपील की कि वे लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग स्कूल व कॉलेज स्थापित करें, जहां दीऩी माहौल में आधुनिक शिक्षा दी जा सके। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को ऐसा आदर्श बनाया जाए कि ग़ैर-मुस्लिम अभिभावक भी अपने बच्चों को वहां पढ़ाने को प्राथमिकता दें। इससे भाईचारा बढ़ेगा और मुसलमानों के ख़िलाफ़ फैलाई जा रही गलतफ़हमियों का अंत होगा। ‘मुफ़्ती भी चाहिए, डॉक्टर-इंजीनियर भी’ उन्होंने कहा कि जिस तरह क़ौम को मुफ़्ती, उलेमा और हाफ़िज़ की ज़रूरत है, उसी तरह प्रोफ़ेसर, डॉक्टर और इंजीनियर भी चाहिए। उत्तर भारत के मुसलमानों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि खर्च तो दूसरी चीज़ों पर हो रहा है, लेकिन शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। देवबंद में लॉ कॉलेज से लेकर ITI तक मौलाना मदनी ने बताया कि इन्हीं हालात को देखते हुए देवबंद में लॉ कॉलेज, बी.एड. कॉलेज, डिग्री कॉलेज, लड़कों-लड़कियों के स्कूल और विभिन्न प्रांतों में आईटीआई स्थापित किए गए हैं, जिनका शुरुआती लाभ दिखने लगा है। उन्होंने ज़ोर दिया कि जमीयत अब ऐसी शिक्षा को बढ़ावा दे रही है जो सीधे रोज़गार से जुड़ी हो यानी तकनीकी और प्रतियोगी शिक्षा। प्रतिभा की कमी नहीं, हौसला बढ़ाने की ज़रूरत अंत में मदनी ने कहा कि हालिया सर्वे रिपोर्टों से साफ है कि मुस्लिम बच्चों में शिक्षा का रुझान बढ़ा है। ज़रूरत केवल उन्हें सक्रिय करने और हीन भावना से बाहर निकालने की है। उन्होंने कहा–शिक्षा ही हर साज़िश का जवाब है।
उदयपुर स्थित अरिहंत सेवा संस्थान ने राजकीय प्राथमिक विद्यालय, महादेव जी का काड़ के 54 विद्यार्थियों को स्वेटर, कॉपी और जियोमेट्री बॉक्स सहित शैक्षणिक सामग्री वितरित की। कार्यक्रम में बच्चों को शिक्षा के महत्व के प्रति प्रेरित किया गया और सामाजिक शिक्षा के क्षेत्र में संस्था का योगदान उजागर हुआ।
छत्तीसगढ़ में स्कूल कैंपस के बाद अब कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भी आवारा कुत्तों की निगरानी को लेकर सख्ती शुरू कर दी गई है। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी शासकीय और अशासकीय महाविद्यालयों के साथ राजकीय और निजी विश्वविद्यालयों के लिए गाइडलाइन जारी किए हैं। जारी आदेश के अनुसार, अब कॉलेज और यूनिवर्सिटी कैंपस में आवारा कुत्तों के नियंत्रण, निगरानी और उनसे होने वाली संभावित घटनाओं की रोकथाम की जिम्मेदारी सीधे तौर पर संबंधित संस्थानों की होगी। इसके लिए प्रोफेसरों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। नोडल अधिकारी होंगे जिम्मेदार आदेश के अनुसार, हर कॉलेज और विश्वविद्यालय में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य होगी। नोडल अधिकारी प्राध्यापक या सहायक प्राध्यापक को बनाया जाएगा। यह नोडल अधिकारी स्थानीय प्रशासन, नगर निगम, नगर पालिका या परिषद से लगातार संपर्क और समन्वय बनाए रखेंगे। परिसर में अगर आवारा कुत्ते या अन्य पशु दिखाई देते हैं तो उन्हें हटाने के लिए तुरंत संबंधित विभाग से संपर्क करना होगा। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश स्तर पर डॉ. टी जलजा नायर को नोडल नियुक्त किया है। प्रदेश के सभी कॉलेज और विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी इन्हें ही रिपोर्ट करेंगे। नोडल अफसर को भेजना होगा डिस्प्ले बोर्ड की फोटो नोडल अधिकारी का नाम, मोबाइल नंबर और हेल्पलाइन की जानकारी डिस्प्ले बोर्ड पर लगाना भी जरूरी किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि संस्थान परिसर में लगाए गए डिस्प्ले बोर्ड की फोटो नोडल अधिकारी की ओर से उच्च शिक्षा संचालनालय को वॉट्सऐप के माध्यम से भेजी जाएगी। इसके लिए विभाग ने मोबाइल नंबर भी जारी किया है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी संस्थानों में आदेश का पालन वास्तव में किया जा रहा है या नहीं। परिसर में खाद्य सामग्री खुले में न रखने का निर्देश कॉलेज-विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर इस बात का भी ध्यान रखेंगे कि कहीं परिसर में ऐसी कोई खाद्य सामग्री तो खुले में नहीं पड़ी है, जिससे आवारा पशु आकर्षित होते हैं। परिसर में आवारा पशुओं के प्रवेश को प्रतिबंधित और नियंत्रित करने के लिए इसकी लगातार निगरानी की जाएगी। फर्स्ट एड बॉक्स और जागरूकता कार्यक्रम अनिवार्य हर संस्था में फर्स्ट एड बॉक्स की उपलब्धता भी अनिवार्य की गई है। इसके साथ ही छात्रों और कर्मचारियों के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्दश दिए गए हैं, ताकि वे आवारा कुत्तों से बचाव के उपाय और आपात स्थिति में सही कदम उठा सकें। पशु चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से कार्यशालाएं आयोजित करने को भी कहा गया है। कॉलेजों में बाउंड्रीवॉल बेहतर करने के भी निर्देश उच्च शिक्षा विभाग ने परिसरों की भौतिक सुरक्षा पर भी जोर दिया है। जहां संभव हो, वहां चारदीवारी को सुरक्षित और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आवारा पशुओं का प्रवेश रोका जा सके। इसके अलावा किसी भी आपात स्थिति में सहायता के लिए राज्य की हेल्पलाइन नंबर 1100 का प्रचार-प्रसार अनिवार्य किया गया है। स्कूलों के बाद कॉलेजों पर सख्ती उच्च शिक्षा आयुक्त कार्यालय, नवा रायपुर की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे Suo Moto Writ Petition (Civil) No. 05/2025 में दिए गए निर्देशों के पालन में की जा रही है। जिसके आधार पर अब उच्च शिक्षा संस्थानों को 13 बिंदुओं में स्पष्ट आदेश जारी कर दिए गए हैं। ............................. इससे जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ में टीचर्स कुत्तों के बाद अब सांप-बिच्छू भगाएंगे: शिक्षकों ने कहा-हमारी जान कौन बचाएगा, गरिमा का ख्याल रखे सरकार, अफसर बोले- SC का आदेश छत्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) ने नया निर्देश जारी किया है। अब सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को आवारा कुत्तों की निगरानी करने के साथ ही सांप-बिच्छू पर भी ध्यान रखने को कहा गया है। टीचर्स को जहरीले जीव-जंतुओं को स्कूल परिसर में आने से रोकना होगा। पढ़ें पूरी खबर...
वनवासी कल्याण आश्रम के शिक्षा प्रमुख ने किया दौरा
बिलवारोड | वनवासी कल्याण आश्रम जसपुर छत्तीसगढ़, महाकौशल, मध्यप्रांत बिहार व उड़ीसा क्षेत्र के शिक्षा प्रमुख शिरीष कोराने व सह शिक्षा प्रमुख लक्ष्मीनारायण बनने का मध्यप्रांत के बड़वानी जिले का प्रवास हुआ। जिसमें जनजाति वर्ग के छात्रावास मे कोचिंग पायलट प्रोजेक्ट के तहत बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए जिले का चयन किया है। योजना बैठक में चयनित अनुभवी शिक्षक व युवा सेवाएं देंगे। कार्यकर्ताओं से कहा क्या प्रांत व क्षेत्र सबसे पहले देश।अभी अल्प प्रवास किया है। अलीराजपुर में होने वाली खेल प्रतियोगिता में वृहद योजना बनाई जाएगी। इस दौरान प्रांत सह संगठन मंत्री मिथुन मकवाने, आशीष मेहरा, जिला संगठन मंत्री जयपाल तंवर, दिनेश मेढ़ा, प्रांत शिक्षा टोली सदस्य पंचीलाल बड़ोले व अंजना शरद पटेल मौजूद थी।
शिक्षा और जागरूकता से ही बाल विवाह रूकेगा: पाठक
भास्कर न्यूज | धमतरी जिले के विभिन्न स्कूलों, कॉलेज व गांव में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत बीसीएस पीजी कॉलेज धमतरी में कार्यक्रम आयोजित किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग के संरक्षण अधिकारी यशवंत बैस ने बताया कि वर्ष 2029 तक देश को पूर्णता बाल विवाह मुक्त बनाने का लक्ष्य है। यदि लड़कों का विवाह 21 वर्ष से पहले और लड़कियों का विवाह 18 वर्ष से पहले किए जाने पर भारतीय न्याय संहिता के अनुसार गैर जमानती अपराध है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की जानकारी देते हुए बताया कि विवाह में शामिल सभी सहयोगी- बाराती, रिश्तेदार, टेंट हाउस, हलवाई, पंडित आदि सभी अपराधी की श्रेणी में आते हैं, जिनके लिए 2 वर्ष की सजा व 1 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी व पंचायत सचिव भी इस पर कार्रवाई करने के लिए अधिकृत है। किसी भी बाल विवाह की जानकारी मिलने पर तुरंत 1098 हेल्पलाइन नंबर पर सूचना देनी चाहिए। कार्यक्रम में उपस्थित सभी को शपथ भी दिलाई गई। परियोजना समन्वयक नीलम साहू ने कहा कि बाल विवाह की सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जाता है। उन्होंने बताया कि रायपुर व स्थानीय टीम संयुक्त रूप से कार्रवाई करती है। माता-पिता और परिवार द्वारा रूढ़िवादी सोच व कम शिक्षित होने के कारण आज भी बाल विवाह के उदाहरण देखने को मिलते हैं, जिससे बच्चों का शारीरिक विकास प्रभावित होता है और कुपोषण की संभावना बढ़ जाती है। इस अवसर पर परियोजना समन्वयक नीलम साहू, निशा साहू, डॉ. हेमवती ठाकुर, डॉ. सपना ताम्रकार, जयश्री पंचांगम, आकांक्षा कश्यप, पल्लवी बरडिया, कुशल चोपड़ा, डॉ. मीनाक्षी तिवारी, डॉ. डिकेश्वरी ध्रुव, भीषम साहू, भूपेंद्र साहू, निशा तिवारी व अन्य रहे। प्राचार्य डॉ. वीके पाठक ने कहा कि शिक्षा और जागरूकता ही बाल विवाह रोकने का सशक्त साधन है। समाज और राष्ट्र के प्रति हमारे दायित्वों में बाल विवाह उन्मूलन महत्वपूर्ण कड़ी है और सभी को इसे रोकने में सक्रिय योगदान देना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. तामेश्वरी साहू द्वारा तथा आभार प्रदर्शन डॉ. वेदवती देवांगन द्वारा किया गया।
आज शिक्षा परिवार की कार्यकारिणी का गठन
बालोतरा | शहर के एमटीएम स्कूल में सोमवार शाम 4 बजे जिलाध्यक्ष हनुमानराम चौधरी के आतिथ्य में निजी स्कूल संगठन स्कूल शिक्षा परिवार की ब्लॉक कार्यकारिणी का गठन होगा। संगठन के जिला संरक्षक पदमाराम बैरड़ ने बताया कि स्कूल शिक्षा परिवार के नवनिर्वाचित ब्लॉक अध्यक्ष भागीरथ पंवार की ओर से ब्लॉक कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। बैठक में जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं बालोतरा ब्लॉक के सभी स्कूल संचालक मौजूद रहेंगे।
स्कूली बच्चों को स्वेटर बांटे, शिक्षा के प्रति किया जागरूक
उदयपुर | उत्तर भारतीय विकास संस्थान की ओर से राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, चापा की नाल (देवला, कोटड़ा) में निर्धन विद्यार्थियों को निशुल्क स्वेटर गत दिवस वितरित किए गए। यह सेवा कार्य सर्दी के चलते विद्यार्थियों की पढ़ाई और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए किया गया। संस्थान अध्यक्ष अजब सिंह यादव ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को सर्दी से बचाकर शिक्षा के प्रति प्रेरित करना ही इस पहल का उद्देश्य है। विद्यालय संस्था प्रधान सूरजमल मीणा ने संस्थान पदाधिकारियों का स्वागत किया। संचालन शिक्षक रमेश चंद्र कटारा ने किया। इस दौरान अध्यक्ष यादव, बीडी यादव, विजय बहादुर रायजादा एवं विद्यालय अध्यापक हीरालाल मीणा, हरी प्रकाश बलात, संतोष, विमल कुमार मेघवाल, कमलेश, भूत राम, लाला राम एवं ग्रामवासी आदि उपस्थित थे।
कोंडागांव में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक काष्ठकला को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ने कोंडागांव क्षेत्र के पांच प्रतिभाशाली बच्चों को 10-10 हजार रुपए की श्रेष्ठानुदान राशि स्वीकृत की है। यह स्वीकृति छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री केदार कश्यप की अनुशंसा पर प्रशिक्षक शिवचरण साहू की ओर से चलाए जा रहे काष्ठकला प्रशिक्षण कार्य को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से दी गई है। मडानार स्कूल में पदस्थ शिक्षक शिवचरण साहू इन बच्चों को औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ काष्ठकला (वुड क्राफ्ट) के पारंपरिक और आधुनिक हुनर में भी दक्ष बना रहे हैं। काष्ठकला से होने वाली आय से बच्चे अपनी पाठ्यपुस्तकें और अन्य शैक्षणिक सामग्री स्वयं खरीद रहे हैं। इससे उनमें आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान की भावना विकसित हो रही है। इन छात्रों द्वारा बनाई गई काष्ठ शिल्पकृतियाँ देश के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री तक भी पहुंच चुकी हैं, जहां से उन्हें सराहना मिली है। यह पहल न केवल इन बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बना रही है, बल्कि बस्तर अंचल की समृद्ध काष्ठकला परंपरा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। शिक्षक शिवचरण साहू का यह प्रयास शिक्षा और रोजगार को जोड़ने का एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया है।
भजनलाल सरकार के दो साल पूरे होने पर रामगंज मंडी विधानसभा क्षेत्र में सरकार की ओर से चलाए जा रहे सुशासन पखवाड़ा के तहत रथ यात्रा का शुभारंभ किया गया। ग्राम पंचायत पीपल्दा के गांव कमलापुरा में शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ब्लॉक स्तरीय इस कार्यक्रम में मंत्री मदन दिलावर ने गांव की सड़कों पर झाड़ू लगाकर और कचरा एकत्र कर कचरा वाहन में डाला और लोगों को जागरूक भी किया। इस दौरान ग्राम पंचायत में स्वच्छ राजस्थान- प्लास्टिक मुक्त राजस्थान अभियान के तहत बर्तन बैंक का शुभारंभ किया गया। जिससे डिस्पोजल आइटम का उपयोग खत्म कर सामूहिक आयोजन के लिए स्टील के बर्तनों का उपयोग किया जा सके। साथ ही गंदगी और कचरे को फैलने से रोका जा सके। शिक्षा मंत्री दिलावर ने स्थानीय बुजुर्ग महिला डाली बाई से बर्तन बैंक का शुभारंभ कराया। उसके बाद महिला का साफा और माला पहनाकर अभिनंदन भी किया। 23 जनवरी से 26 जनवरी तक राम कथा का आयोजन मंत्री दिलावर ने संबोधित करते हुए कहा कि अगले महीने 23 जनवरी को बागेश्वर धाम के संत आचार्य धीरेंद्र शास्त्री रामगंज मंडी आ रहे हैं। वह यहां पर 23 जनवरी से 26 जनवरी तक राम कथा का आयोजन करेंगे। कथा से पूर्व 22 जनवरी को विशाल कलश यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें क्षेत्र की 21000 से अधिक महिलाएं कलश लेकर चलेंगे। ऊर्जा मंत्री ने किया करोड़ों के विकास कामों का शिलान्यासवहीं दूसरी तरफ रविवार को सांगोद विधानसभा क्षेत्र में ऊर्जा मंत्री और स्थानीय विधायक हीरालाल नागर ने विकास रथ यात्रा का शुभारंभ किया गया। ऊर्जा मंत्री नागर ने दरा, कनवास, दांता और धूलेट में 12.47 करोड रुपए से अधिक के विकास कामों का लोकापर्ण और शिलान्यास किया। 25- 25 लाख रुपए से निर्मित लक्ष्मी ग्राम सेवा सहकारी समिति कनवास और ग्राम सेवा सहकारी समिति भंडारण गोदाम, 2 करोड रुपए की लागत से बनाए जाने वाले आवां चौराहे से धुलेट रोड पर अटल प्रगति पथ, 1.10 करोड रुपए की लागत से कनवास बाईपास से सिमलिया सड़क का शिलान्यास किया गया। वहीं 2.76 करोड रुपए से अधिक की राशि से बनने वाले नयागांव धूलेट से दांता तक सड़क निर्माण कार्य और 2.87 करोड रुपए की लागत से बनने वाली धूलेट कुआं के माल से मंदारिया तक संपर्क सड़क के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया।
उमरिया जिले में एक शिक्षक की ओर से वन विभाग के कर्मचारियों को मवेशी की हड्डी से धमकाने का मामला सामने आया है। यह घटना बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कल्लवाह कोर परिक्षेत्र के मैनवाह गांव की है। वीडियो शुक्रवार को सामने आने के बाद टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों ने पुलिस में मामला दर्ज कराया, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने भी जांच शुरू कर दी है। शिक्षक की पहचान युवराज सिंह के रूप में हुई है, जो मानपुर विकासखंड क्षेत्र में पदस्थ हैं। उन्होंने कथित तौर पर गले में मवेशी की हड्डी लटकाकर वनकर्मियों को जादू-टोना करने की धमकी दी थी। इस मामले की जांच बीआरसीसी यज्ञसेन त्रिपाठी कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षक युवराज सिंह के कृत्य को 'शिक्षकीय मर्यादा के विरुद्ध' बताया है। बीआरसीसी ने जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) और जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) को कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भेजने की बात कही है। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि शिक्षक लंबे समय से स्कूल से गैरमौजूद थे। अपने स्पष्टीकरण में, शिक्षक ने बताया कि उनके बेटे की गिरफ्तारी के बाद उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। यह घटना 6 दिसंबर को हुई एक पूर्व घटना से जुड़ी है, जब टाइगर रिजर्व की टीम ने शिक्षक के नाबालिग बेटे को बाघ के दांत और नाखून के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद, युवराज सिंह वन विभाग के कर्मचारियों के कमरे में पहुंचे और उन्हें धमकाने, बदतमीजी करने और मारपीट करने की धमकी दी। कर्मचारियों ने इस दौरान उनका वीडियो बना लिया, जिसे देखकर शिक्षक मौके से भाग निकले थे।
‘मैं हूं पीले रंग का डिब्बा, मेरे अंदर बायोमेडिकल वेस्ट डाला जाता है…’ अलीगढ़ से करीब 20 किलोमीटर दूर गोकुलपुर गांव स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के बच्चों ने इसी कल्पना को नुक्कड़ नाटक का रूप देकर कचरा प्रबंधन जैसे गंभीर विषय को आम लोगों की भाषा में उतार दिया। बच्चों की यह अनोखी पहल गांव की गलियों से निकलकर देशभर के 1500 से अधिक स्कूलों तक पहुंची और आखिरकार उन्हें विप्रो अर्थियन अवार्ड–2025 तक ले गई। अब ये बच्चे अपनी शिक्षिका के साथ पहली बार हवाई जहाज से बंगलूरू जाएंगे और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होंगे। नुक्कड़ नाटक से दिया संदेश नुक्कड़ नाटक के दौरान बच्चे जब अलग-अलग रंगों के कूड़ेदानों की भूमिका में बोलते हैं तो संदेश खुद-ब-खुद लोगों तक पहुंच जाता है। जैसे– पीला डिब्बा बायोमेडिकल कचरे के लिए है। लाल डिब्बा प्लास्टिक बोतल और पाइप जैसी दोबारा उपयोग होने वाली चीजों के लिए। सफेद डिब्बा सिरिंज और ब्लेड जैसे तीव्र धातु वाले कचरे के लिए। नीला डिब्बा कांच और टूटे हुए सामान के लिए और काला डिब्बा सामान्य, गैर-संक्रामक कचरे के लिए। अलीगढ़ में पहली बार हुई प्रतियोगिता नोडल अधिकारी डॉ. अनिल राघव ने बताया कि विप्रो सेंट्रल फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन वर्ष 2013 से देशभर में इस तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित कर रहा है। इस बार विशेष प्रयासों के बाद अलीगढ़ को इसमें शामिल किया गया। 28 जुलाई को डायट में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें शिक्षकों को परियोजना तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया। 65 स्कूलों ने लिया हिस्सा अलीगढ़ के 12 ब्लॉक और एक नगर क्षेत्र से कुल 65 स्कूलों को इस कार्यक्रम में जोड़ा गया। प्रत्येक ब्लॉक से शिक्षकों को बुलाकर जल, कचरा और जैव विविधता में से किसी एक विषय पर प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा गया। गोकुलपुर पूर्व माध्यमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका संध्या सिंह ने कचरा प्रबंधन विषय को चुना और बच्चों को इसके लिए तैयार किया। प्रतियोगिता के जरिए चुने गए बच्चे विद्यालय स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित कर कक्षा 8 के लकी, कक्षा 7 के सूरज, जितेंद्र और विवेक तथा कक्षा 6 के प्रशांत को चुना गया। बच्चों ने शिक्षिका के निर्देशन में नुक्कड़ नाटक, जागरूकता अभियान और प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर मेहनत की। कचरे से खाद, छोटी जगह में बड़ी सीख बच्चों ने स्कूल परिसर में सीमित जगह में सब्जियां और पौधे उगाए, जिनमें कचरे से बनी खाद का उपयोग किया गया। महज दो महीने में पूरी रिपोर्ट तैयार कर विप्रो की ऑनलाइन साइट पर जमा की गई। रविवार को आए परिणाम ने मेहनत को रंग दिया और टीम को विप्रो अर्थियन अवार्ड–2025 के लिए चुन लिया गया। 1500 से अधिक स्कूलों में 25 का चयन विप्रो अर्थियन कार्यक्रम देश की प्रमुख सस्टेनेबिलिटी शिक्षा पहल है। इस वर्ष देशभर के 1500 से अधिक स्कूलों ने प्रोजेक्ट सबमिट किए, जिनमें से केवल 25 टीमों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया। शनिवार को घोषित हुए परिणाम के अनुसार उत्तर प्रदेश से अलीगढ़ के अलावा लखनऊ औेर आगरा शामिल हैं। 50 हजार का पुरस्कार, बंगलूरू में सम्मान चयनित प्रत्येक स्कूल को 50 हजार रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा। 27 जनवरी को बच्चे और उनकी शिक्षिका हवाई जहाज से बंगलूरू जाएंगे, जहां वे फाइव स्टार होटल में ठहरेंगे और राष्ट्रीय स्तर पर अर्थियन अवार्ड–2025 से सम्मानित होंगे। यहां भी एक प्रतियोगिता होगी। इनमें एक टीम का चयन कर जापान भेजा जाएगा। इस उपलब्धि पर खंड शिक्षा अधिकारी धनीपुर वीरेश कुमार सिंह, नोडल प्रभारी डॉ. अनिल राघव सहित अन्य अधिकारियों ने बच्चों को मिठाई खिलाकर बधाई दी।
शिक्षा को मजबूत बनाने में मुखियाओं की भूमिका अहम : उप विकास आयुक्त
सिटी रिपोर्टर | रांची अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव जिला मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय में शनिवार को जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन का आयोजन हुआ। उप विकास आयुक्त मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य ग्राम स्तर पर शिक्षा को मजबूत बनाने में मुखियाओं की भूमिका को अहम है। उप विकास आयुक्त ने सभी प्रखंडों से शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मुखियाओं को मोमेंटो व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। जिला परिषद के उपाध्यक्ष ने कहा कि विद्यालयों को संसाधन युक्त करने से ही समाज का विकास होगा। मौके पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी, राजेश कुमार साहू, जिला शिक्षा अधीक्षक, रांची बादल राज, जिले के सभी पंचायत के मुखिया शामिल थे।
महिला एवं बाल विकास विभाग तथा मंदसौर जिले की प्रभारी मंत्री निर्मला भूरिया की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित सुशासन भवन सभागार में जिला विकास सलाहकार समिति की बैठक एवं प्रेस वार्ता आयोजित की गई। बैठक में मध्यप्रदेश सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर मंदसौर जिले में हुए विकास कार्यों, योजनाओं की प्रगति एवं उपलब्धियों की विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर प्रभारी मंत्री द्वारा जिले की दो वर्षों की उपलब्धियों पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। बैठक एवं प्रेस वार्ता में राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर, सुवासरा विधायक हरदीप सिंह डंग, जिला पंचायत अध्यक्ष दुर्गा विजय पाटीदार, नगर पालिका अध्यक्ष रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, जिला योजना समिति सदस्य राजेश दीक्षित, जनपद पंचायत अध्यक्ष बसंत शर्मा, कलेक्टर अदिती गर्ग, एसपी विनोद कुमार मीना, अपर कलेक्टर एकता जायसवाल, एडिशनल एसपी तेर सिंह बघेल सहित तमाम जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री ने गिनाईं उपलब्धियांप्रभारी मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहा कि विगत दो वर्षों में मंदसौर जिले ने धार्मिक, पर्यटन, औद्योगिक, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, नगरीय एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। भगवान पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में लगभग 25 करोड़ रुपए की लागत से पशुपतिनाथ लोक का निर्माण कार्य लगभग पूर्णता की ओर है। सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के तहत जिले में 61.62 करोड़ रुपए की लागत से पांच निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं। जल जीवन मिशन के अंतर्गत जिले के सभी 922 ग्रामों में 2 लाख 40 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए लगभग 1,332 करोड़ रुपए की लागत से कार्य प्रगतिरत हैं। वहीं गांधीसागर जल विद्युत गृह की 115 मेगावाट क्षमता की इकाइयों के नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण के लिए 418.91 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।
भुसावर में स्कूल शिक्षा परिवार की नई कार्यकारिणी गठित, कुंजबिहारी उर्फ संजीत जैमन बने ब्लॉक अध्यक्ष
भुसावर उपखंड में स्कूल शिक्षा परिवार की ब्लॉक स्तरीय कार्यकारिणी का गठन किया गया, जिसमें कुंजबिहारी उर्फ संजीत जैमन को ब्लॉक अध्यक्ष नियुक्त किया गया। नई टीम में प्रभारी, संयोजक, महामंत्री, कोषाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गईं, जिससे संगठन को मजबूती मिलने की उम्मीद है।
मिशन गर्माहट: ठंड में शिक्षा की लौ बनी रोशनी, जरूरतमंद विद्यार्थियों को मिला निःशुल्क स्वेटर का संबल
भरतपुर के भुसावर उपखंड में ‘मिशन गर्माहट’ के तहत राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय झारोटी में 140 जरूरतमंद छात्र-छात्राओं को निःशुल्क स्वेटर वितरित किए गए। जनसहभागिता, शिक्षा और सामाजिक सरोकारों की यह पहल ठंड में बच्चों की पढ़ाई को संबल देने का प्रेरक उदाहरण बनी।
विदिशा जिले के समग्र विकास को गति देने के उद्देश्य से गठित जिला विकास समिति की पहली बैठक आज (शनिवार) को हुई। इसकी अध्यक्षता जिले के प्रभारी मंत्री लखन पटेल ने की। समिति में जिले के सभी पांचों विधायक, अन्य जनप्रतिनिधि और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ सदस्य के रूप में शामिल हैं। पहली बैठक में सभी सदस्यों का परिचय हुआ और जिले के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रारंभिक चर्चा की गई। बैठक के बाद प्रभारी मंत्री लखन पटेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह समिति स्थानीय आवश्यकताओं और जनप्रतिनिधियों के सुझावों के आधार पर विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का एक प्रभावी माध्यम बनेगी। उन्होंने बताया कि बैठक में सड़क निर्माण, भवन निर्माण, गोशालाओं के विकास और शिक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त, जिला विकास समिति के नए सदस्यों की भूमिका और जिम्मेदारियों पर भी विचार-विमर्श किया गया। मंत्री ने आश्वासन दिया कि समिति के माध्यम से प्राप्त होने वाले सुझावों और समस्याओं पर प्राथमिकता के आधार पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित एक राष्ट्रीय शैक्षिक सम्मेलन में बिहार के बांका के तीन सरकारी विद्यालयों के छात्रों ने पीयर लर्निंग (सहपाठी आधारित सीख) का प्रभावी प्रयोग प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुति ने जिले और राज्य का नाम रोशन किया। यह सम्मेलन छात्र नेतृत्व और सहभागिता पर केंद्रित था,जिसका आयोजन इनवाल्व, प्रथम और मंत्रा नामक प्रमुख संगठनों के संयुक्त देखरेख में हुआ। इसमें देशभर से चयनित छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। स्पष्ट सोच से सभी को प्रभावित किया कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा, प्रथम की सीईओ, कई शिक्षाविद, नीति निर्माता और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस राष्ट्रीय मंच पर बांका के सरकारी विद्यालयों के तीन छात्रों ने अपने आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और स्पष्ट सोच से सभी को प्रभावित किया। नेतृत्व आधारित कार्यों का प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण किया छात्रों ने यह दर्शाया कि बिहार की नई पीढ़ी न केवल शिक्षा ग्रहण कर रही है, बल्कि अपने विचारों और नवाचारों के माध्यम से शैक्षिक संवाद का नेतृत्व भी कर रही है।सम्मेलन में प्रोन्नत मध्य विद्यालय कठौन, कटोरिया की छात्रा नीलम और साक्षी, तथा प्रोन्नत मध्य विद्यालय सैजपुर, बांका की छात्रा पल्लवी भारती ने अपने विद्यालयों में किए जा रहे नेतृत्व आधारित कार्यों का प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण किया। स्पष्टता, आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता की शिक्षाविदों ने खुले मंच से सराहना की इन छात्राओं ने बताया कि वे अपने स्कूलों में स्वच्छता, अनुशासन, सहपाठी आधारित सीख, एफएलएन (फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरसी) कौशल, गतिविधि आधारित शिक्षण, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और सामुदायिक सहभागिता को कैसे नई दिशा दे रही हैं। उनकी स्पष्टता, आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता की शिक्षाविदों ने खुले मंच से सराहना की। शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य जिम्मेदार और जागरूक नागरिक तैयार करना अपर मुख्य सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य ऐसे जिम्मेदार और जागरूक नागरिक तैयार करना है, जो अपने आसपास सकारात्मक परिवर्तन ला सकें। उनके इस प्रोत्साहन से बिहार के छात्रों का मनोबल बढ़ा। इस तीन सदस्यीय छात्र दल का नेतृत्व प्रोन्नत मध्य विद्यालय कठौन के प्रधानाध्यापक तुलसी दास कर रहे थे। यह आयोजन केवल एक प्रस्तुति मंच तक सीमित नहीं रहा, बल्कि विभिन्न राज्यों के छात्रों के बीच सांस्कृतिक, शैक्षिक और वैचारिक आदान-प्रदान का केंद्र भी बना। बिहार के छात्रों ने अन्य राज्यों के विद्यार्थियों के साथ नई शैक्षणिक तकनीकों, नेतृत्व अभ्यास, सीखने के वैज्ञानिक तरीकों और स्कूल स्तर के नवाचारों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव के कार्यकाल के 2 साल पूरे होने पर अलग-अलग जिलों में मंत्रियों ने कामों की खूबियां गिनाई। शनिवार को डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा जबलपुर पहुंचे, जहां उन्होंने दो साल के भीतर मोहन सरकार के किए गए कामों की जमकर तारीफ की। इस दौरान उनके साथ भाजपा विधायक भी मौजूद रहे। डिप्टी सीएम ने कहा कि जबलपुर जिले में इन दो वर्षों में सड़कों और अन्य इंस्ट्रक्टर डेवलपमेंट के कार्यों से लेकर स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्त्वपूर्ण कार्य हुए हैं। समाज के हर वर्ग खासतौर पर महिलाओं, किसानों, मजदूरी और युवाओं को केंद्र में रखकर शासन द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में भी जबलपुर जिले ने नए आयाम स्थापित किए हैं। जिले के विकास को हमेशा प्राथमिकता दीडिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव की सरकार ने जबलपुर जिले के विकास को हमेशा प्राथमिकता दी है। प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद मंत्रिपरिषद की पहली बैठक जबलपुर में ही आयोजित की गई। गोंडवाना साम्राज्य की महारानी वीरांगना रानी दुर्गावती के शौर्य और सुशासन को समर्पित कैबिनेट की इस बैठक में लिए गए प्रमुख फैसलों में मदन महल की पहाड़ी पर वीरांगना रानी दुर्गावती का भव्य स्मारक बनाने का निर्णय भी शामिल था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य की सरकार विकास के साथ-साथ विरासत को संजोने का काम कर रही है। सरकार उन जनजातीय नायकों के गौरव को पुनर्स्थापित करने का कार्य कर रही है, आजाद की लड़ाई में जिनके योगदान को इतिहास की किताबों में उचित स्थान नहीं दिया गया। सन 1857 की क्रांति के नायक राजा शंकर शाह-कुंवर रघुनाथ शाह के शौर्य और पराक्रम से नई पीढ़ी को अवगत कराने जबलपुर में उनके बलिदान स्थल पर संग्रहालय का निर्माण किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर 2024 को जनजातीय गौरव दिवस पर इस संग्रहालय का वर्चुअली लोकार्पण किया था। सरयू की तर्ज पर गौरीघाट के सौंदर्यीकरण की योजनानर्मदा के तट पर बसे गौरीघाट में सरयू नदी के तट की तर्ज पर घाटों के विकास और सौदर्यीकरण की बड़ी कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। देश भर में नर्मदा तट पर घाटों के विकास और सौदर्यीकरण की यह पहली परियोजना होगी। इन्फ्रास्ट्रक्चर 2 साल में 450.45 KM सड़क निर्माणडिप्टी सीएम ने बताया कि पिछले दो वर्षों में लोक निर्माण विभाग द्वारा जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में 1 हजार 609 करोड़ रुपए की लागत से 450.45 किलोमीटर सड़क निर्माण के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 93.37 करोड़ रुपए से 44.41 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। जबलपुर में बनाई जा रही देश का दूसरी सबसे बड़ी रिंग रोड को शहर से जोड़ने वाले चार मार्गों का 315 करोड़ 48 लाख रुपए से चौड़ीकरण कर फोरलेन सड़कें बनाई जा रही है। गौरीघाट मुक्तिधाम से तिलहरी में स्पोर्ट्स क्लब तक 80.32 करोड़ रुपए से 5.20 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क, महाराजपुर से पनागर तक 13.20 किलोमीटर लंबे पुराने एनएच-7 मार्ग का 80.32 करोड़ रुपए से चौड़ीकरण एवं फोरलेन सड़क, मेडिकल से तिलवारा तक 39.72 करोड़ रुपए से सिक्स लेन सड़क एवं 19.98 करोड़ रुपए से मीरगंज से भेड़ाघाट तक 3.35 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क भी बनाई जाएंगी। जबलपुर जिले में 15 सांदीपनि स्कूल खुलेंगेडिप्टी सीएम देवड़ा ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए जबलपुर जिले में 15 सांदीपनि स्कूल खोले जा रहे हैं। प्रथम चरण में 10 सांदीपनि विद्यालय प्रारंभ हो चुके हैं। जिले में शासन द्वारा 19 पीएमश्री विद्यालय भी खोले गये हैं। दो वर्षों में 2 हजार 880 विद्यार्थियों को लेपटॉप योजना के तहत 25-25 हजार रूपए की राशि वितरित की गई है। इसी प्रकार निःशुल्क साइकल योजना के अंतर्गत 2 लाख 25 हजार 943 बच्चों को साइकलों का वितरण किया गया है। ई-टोकन से उर्वरक वितरण का पायलट प्रोजेक्टकिसानों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप समय पर खाद उपलब्ध कराने ई-टोकन उर्वरक वितरण प्रणाली जबलपुर जिले का पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चयन किया गया है। इसके तहत जिले के 33 हजार से अधिक किसानों को बिना लाइन में लगे सुविधाजनक तरीके से उर्वरक प्राप्त किया जा चुका है। विज्ञान महाविद्यालय में 8 करोड़ 66 लाख रुपए से नवीनीकरण, उन्नयन एवं भवन निर्माण के कार्य किये गये। रांझी में शिफ्ट होगी तीरंदाजी अकादमीजबलपुर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक और खेल मैदान उपलब्ध हुआ है। रांझी में 26.80 करोड़ रुपए से निर्मित इस खेल परिसर में मध्य प्रदेश तीरंदाजी अकादमी को भी शिफ्ट किया गया है। विधि और विधाई कार्यमध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर में विधि और विधाई कार्य विभाग द्वारा स्वीकृत 460 करोड़ रुपए से नवीन कोर्ट रूम भवन का निर्माण किया जा रहा है। याम मंगेली में 42 एकड़ भूमि पर 485 करोड़ 84 लाख रूपए से मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी परिसर का निर्माण किया जा रहा है। महिला सशक्तिकरण मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के अंतर्गत जिले की 3 लाख 89 हजार 757 महिलाओं को दो वर्षों में 973.31 करोड़ रूपए की राशि उनके खाते में अंतरित की गई है।
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने अपने दो साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। जिले की प्रभारी मंत्री संपत्तियां उइके ने शनिवार को कलेक्टर सभा कक्ष में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। इस दौरान क्षेत्रीय सांसद अनीता चौहान और भाजपा जिला अध्यक्ष मकू परवाल भी उपस्थित रहे। प्रभारी मंत्री ने बताया कि मोहन सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, जल सहित प्रदेश में कानून-व्यवस्था को बेहतर किया है। इसी क्रम में जिला विकास सलाहकार समिति की बैठक भी आयोजित की गई। कलेक्टर माथुर ने जिला विकास सलाहकार समिति की बैठक में जिले की पिछले दो वर्षों की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने आगामी वर्ष की कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा की, जिसमें सभी विभाग अधिकारियों ने जिले में संचालित योजनाओं के बारे में विभागवार विवरण प्रस्तुत किया। बैठक के दौरान, प्रभारी मंत्री उइके ने प्रधानमंत्री सड़क योजना से संबंधित अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले की सभी ग्राम पंचायतों और अन्य सड़कों को चिह्नित किया जाए, जहां निर्माण की अधिक आवश्यकता है। इन सड़कों का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित कर ग्रामीणों के हित में 'फलिया-सड़क' के माध्यम से हर क्षेत्र के फलियों में सड़कों का निर्माण कर जिले के विकास को गति देने पर जोर दिया। प्रभारी मंत्री उइके ने जिला हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों को भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में सर्किट हाउस का नक्शा तैयार कर वरिष्ठ कार्यालय से स्वीकृति प्राप्त की जाए। निर्माण से संबंधित सभी आवश्यक कार्यवाही पूरी की जाए और यदि कोई बाधा आती है, तो मुख्यालय या उन्हें सूचित किया जाए। उन्होंने सभी कागजी कार्यवाही पूर्ण कर निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने को कहा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए मंत्री ने ब्लॉक स्तर के सभी चिकित्सालयों में चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही, आवश्यकतानुसार मशीनों की पूर्ति और उनके नियमित संचालन को भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए, ताकि ग्रामीणों को समय पर उपचार मिल सके और उन्हें कहीं और जाने की आवश्यकता न पड़े।
बिहार सरकार ने मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है। हाल ही में गठित तीन नए विभागों को भी मंत्रियों के बीच स्पष्ट रूप से आवंटित कर दिया गया है। अधिसूचना के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास पहले की तरह सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी और निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण विभाग रहेंगे। इसके साथ ही उन्हें नवगठित सिविल विमानन विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। इससे यह संकेत मिलता है कि राज्य सरकार हवाई संपर्क और नागरिक उड्डयन से जुड़ी योजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के मूड में है। मंत्री सुनील कुमार को शिक्षा क्षेत्र में बड़ा दायित्व मंत्री सुनील कुमार को शिक्षा विभाग के साथ-साथ विज्ञान, प्रावैद्यिकी एवं तकनीकी शिक्षा और नवगठित उच्च शिक्षा विभाग का प्रभार सौंपा गया है। इससे राज्य में स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय और तकनीकी शिक्षा तक एकीकृत नीति के तहत काम होने की संभावना बढ़ गई है। युवाओं और रोजगार पर सरकार का फोकस संजय सिंह टाइगर को श्रम संसाधन विभाग के साथ-साथ युवा, रोजगार एवं कौशल विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। यह विभाग हाल ही में गठित किया गया है और इसे राज्य के युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार और कौशल प्रशिक्षण से जोड़ने के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। पर्यटन और संस्कृति को मिलेगी नई दिशा अरुण शंकर प्रसाद को पर्यटन एवं कला-संस्कृति विभाग का प्रभार दिया गया है। वहीं सुरेन्द्र मेहता को डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों की आय बढ़ाने में यह विभाग अहम भूमिका निभाता है। 9 दिसंबर के फैसले पर अमल गौरतलब है कि 9 दिसंबर को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में युवा, रोजगार एवं कौशल विकास, सिविल विमानन और उच्च शिक्षा, इन तीन नए विभागों के गठन को स्वीकृति दी गई थी। इसके बाद सभी नए विभागों में सचिवों की पोस्टिंग भी कर दी गई थी। अब मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा होने से इन विभागों का कामकाज पूरी तरह गति पकड़ने की उम्मीद है।
मप्र भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 के तहत बनाए गए नए अध्यादेश 14(1) और 14(2) और नए सिलेबस को शैक्षणिक सत्र 2025-27 से लागू नहीं करेगा। विवि ने इसे वर्तमान सत्र से लागू करने से इनकार कर दिया है। इसके पीछे विवि प्रशासन का साफ कहना है कि इससे छात्रों को गंभीर परेशानी हो सकती है। विवि स्नातक और स्नातकोत्तर के नव प्रवेशित स्टूडेंट्स को इसके आधार पर सेल्फ लर्निंग मटेरियल (एसएलएम) उपलब्ध करा पाते। इससे छात्रों का पूरा शैक्षणिक वर्ष प्रभावित होने की आशंका थी, इसलिए एक वर्ष का समय लेकर पहले एसएलएम तैयार करने का निर्णय लिया है। विवि के रजिस्ट्रार डॉ. सुशील मंडेरिया ने बताया कि विवि में एनईपी लागू है, नए बदलाव 2026-27 से लागू किए जाएंगे। दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश में दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कोर्स चलाने वाला भोज विवि छात्रों की और अपनी समस्या को समझ गया लेकिन गई, लेकिन इसी बीच बरकतउल्ला विश्वविद्यालय सहित अन्य परंपरागत विश्वविद्यालयों ने बिना-सोचे समझे, शासन स्तर पर हुए निर्णय को तत्काल लागू कर दिया। उच्च शिक्षा विभाग भी छात्रों को होने वाली समस्या को नहीं जान सका। अब स्थिति यह है कि सत्र 2025-26 में प्रवेशित यूजी व पीजी के 4 लाख से अधिक स्टूडेंट्स के पास टैक्स्ट बुक नहीं है। जानकार कहते हैं कि जिस तरह भोज विवि ने व्यावहारिक स्थिति को समझते हुए निर्णय लिया, उसी तरह अन्य विवि निर्णय ले सकते थे। राज्य स्तर पर तैयार किया जाता है सिलेबस... आपको बता दें कि प्रदेश में राज्य स्तर पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ स्टडी के द्वारा सिलेबस तैयार होते हैं। इस सत्र के लिए विभाग ने समय पर सिलेबस जारी नहीं किए। हिंदी ग्रंथ अकादमी किताबें तैयार नहीं कर सका। निजी प्रकाशकों ने दूरी बना रखी है। परंपरागत विवि के अधिकारियों को अच्छी तरह पता थी फिर नई व्यवस्था और नया सिलेबस तत्काल लागू कर दिया। नतीजा यह है कि पांच महीने बीत जाने के बाद भी इनसे संबद्ध कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों के पास टेक्स्टबुक उपलब्ध नहीं हैं। सत्र 2026-27 से लागू किया जाएगा सिलेबस एनईपी के नए अध्यादेश 14(1) और 14(2) और नए सिलेबस को आगामी शैक्षणिक सत्र 2026-27 से लागू किया जाएगा। वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2025-26 में पिछला सिलेबस ही लागू रहेगा। नए सिलेबस के अनुसार लर्निंग मटेरियल तैयार होने में समय लगेगा। इसलिए यह निर्णय लिया गया। हालांकि यह निर्णय मेरे ज्वाइन करने से पहले ही लिया जा चुका था।प्रो. मिलिंद दांडेकर, कुलगुरु, भोज विवि भास्कर एक्सपर्ट - जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए ...^भोज विवि का निर्णय छात्रों के हित का है। अन्य विवि को भी इस मामले में समझदारी दिखाकर नए सिलेबस को लागू करने में जल्दबाजी नहीं करनी थी। इससे लाखों छात्रों की पढ़ाई और रिजल्ट प्रभावित हो सकता है। विशेषकर पीजी लेवल पर क्योंकि यहां सेमेस्टर सिस्टम लागू है। उच्च शिक्षा विभाग को भी इस विषय में गंभीरता से निर्णय लेने चाहिए। यह सिर्फ प्रशासनिक निर्णय नहीं है, लाखों छात्रों की शिक्षा से जुड़ा मामला है। जब सिलेबस ही समय पर नहीं आए तो किताबें भी समय पर नहीं मिल सकती।डॉ. एचएस त्रिपाठी, पूर्व कुलसचिव, बीयू
शोध की राह आसान: MP उच्च शिक्षा विभाग ने पीएचडी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए
मध्यप्रदेश में पीएचडी छात्रवृत्ति योजना 2025-26 के लिए आवेदन शुरू। SC/ST और दिव्यांग छात्रों को ₹16,000 प्रतिमाह। 5 जनवरी 2026 तक करें आवेदन। पात्रता और दस्तावेज की पूरी जानकारी।
जमुई में सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति को समयबद्ध और पारदर्शी बनाने के लिए शिक्षा विभाग लगातार प्रयासरत है, लेकिन इसके बावजूद कई शिक्षक निर्धारित समय पर उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे हैं। इसी क्रम में विभाग ने शुक्रवार को ई-शिक्षाकोष पोर्टल से प्राप्त उपस्थिति आंकड़ों के आधार पर जिले के विभिन्न प्रखंडों के 215 शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की है। विलंब से स्कूल पहुंचने पर कार्रवाई जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा) नीतेश कुमार ने बताया कि चिन्हित 215 शिक्षकों ने शुक्रवार को निर्धारित समय सुबह 9:30 बजे तक उपस्थिति दर्ज नहीं की थी। इन सभी शिक्षकों ने सुबह 10 बजे के बाद अपनी उपस्थिति दर्ज की। विभाग ने इसे गंभीरता से लेते हुए सभी शिक्षकों से दो दिनों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने कहा कि ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर समय सीमा तय होने के बावजूद कई शिक्षक नियमित रूप से देर से उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं, जो विभागीय नियमों का उल्लंघन है। इसी कारण यह कार्रवाई अनिवार्य हुई। प्रखंडवार आंकड़े जारी विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, देर से उपस्थिति दर्ज करने वाले शिक्षकों की संख्या इस प्रकार है- ये सभी शिक्षक विद्यालय देर से पहुंचे या पोर्टल पर निर्धारित समय सीमा के बाद उपस्थिति दर्ज कराई। स्पष्टीकरण के बाद होगी आगे की कार्रवाई डीपीओ नीतेश कुमार ने स्पष्ट किया कि ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करने का समय सुबह 9:30 बजे तक तय है। इसके बावजूद नियमों की अनदेखी करने वाले शिक्षकों पर सख्त नजर रखी जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं पाया गया, तो विभागात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सिरोही एडीजे कोर्ट के निर्णय में छिपा संदेश, आदर्श शिक्षा समितिकी लीज डीड भी साबित होगी शून्य!
को सबगुरु न्यूज-सिरोही। भाजपा की पत्रकार वार्ता के ठीक बाद सिरोही की ही एडीजे कोर्ट ने गुरुवार को उस विवाद पर विराम लगाकर पिछले पांच महीने से ये चर्चा सिरोही में अंदरखाने चल रही थी और दिसंबर में एकाएक राजनीतिक भूचाल रूप में सामने आई। वो ये कि रामझरोखा में चल रही आदर्श विद्या मंदिर […] The post सिरोही एडीजे कोर्ट के निर्णय में छिपा संदेश, आदर्श शिक्षा समितिकी लीज डीड भी साबित होगी शून्य! appeared first on Sabguru News .
मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग और लोक शिक्षण संचालनालय ने विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए तीन महत्वपूर्ण सूचनाएं जारी की हैं। इनमें शिक्षण सत्र 2025-26 के लिए पीएचडी रिसर्च स्कॉलरशिप योजना के आवेदन, प्राथमिक शिक्षक पात्र परीक्षा 2020 के आधार पर नियुक्त बीएड योग्यताधारी शिक्षकों के लिए अनिवार्य ब्रिज कोर्स और शिक्षक चयन परीक्षा-2024 में सफल अभ्यर्थियों के दस्तावेज अपलोड करने की अंतिम तिथि शामिल है। पीएचडी स्कॉलरशिप के लिए 5 जनवरी तक आवेदन अनिवार्य है। जबकि, ब्रिज कोर्स और दस्तावेज अपलोड से जुड़ी समय-सीमाएं न मानने पर नियुक्ति और चयन प्रभावित हो सकते हैं। पीएचडी रिसर्च स्कॉलरशिप आवेदन 5 जनवरी तक उच्च शिक्षा विभाग ने अनुसूचित जाति, जनजाति और सभी वर्गों के दिव्यांग शोधार्थियों से 2025-26 सत्र के लिए पीएचडी रिसर्च स्कॉलरशिप योजना के अंतर्गत आवेदन आमंत्रित किए हैं। नवीन आवेदन आयुक्त उच्च शिक्षा, सतपुड़ा भवन, और नवीनीकरण आवेदन क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक कार्यालय में जमा होंगे। अधिक जानकारी विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है। चयन प्रक्रिया मेरिट लिस्ट के आधार पर होगी। योजना के अंतर्गत SC/ST के लिए 156 सीटें और दिव्यांग वर्ग के लिए 10 सीटें निर्धारित हैं। चयन पूरी तरह मेरिट लिस्ट पर आधारित होगा। चयनित शोधार्थियों को 16,000 रुपए प्रतिमाह या शासन द्वारा निर्धारित दर के अनुसार छात्रवृत्ति मिलेगी। कौन कर सकता है आवेदन? आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज शिक्षकों को 25 दिसंबर तक ब्रिज कोर्स रजिस्ट्रेशन जरूरीलोक शिक्षण संचालनालय ने प्राथमिक शिक्षक पात्र परीक्षा–2020 के आधार पर नियुक्त बीएड योग्यताधारी प्राथमिक शिक्षकों को एनआईओएस द्वारा संचालित ब्रिज कोर्स की अनिवार्य प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। संचालनालय ने स्पष्ट किया है कि शिक्षक 25 दिसंबर 2025 तक एनआईओएस पोर्टल https://bridge.nios.ac.in पर रजिस्ट्रेशन अवश्य कर लें। निर्धारित समय में रजिस्ट्रेशन या ब्रिज कोर्स पूरा न करने पर नियुक्ति जारी नहीं रखी जा सकेगी, जैसा कि न्यायालय के आदेश में स्पष्ट है। यह निर्देश सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट जबलपुर के आदेशों के अनुपालन में जारी किए गए हैं। शिक्षक चयन परीक्षा का वैरिफिकेशन 18 को मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा–2024 से चयनित अभ्यर्थियों के लिए भी महत्वपूर्ण सूचना जारी की गई है। लोक शिक्षण संचालनालय के अनुसार जिन उम्मीदवारों ने अब तक दस्तावेज अपलोड नहीं किए हैं या जिनका नाम पोर्टल की सत्यापन सूची में नहीं है। वे 16 और 17 दिसंबर 2025 को trc.mponline.gov.in पर प्रोफाइल पंजीयन कर दस्तावेज अपलोड करें। इसके बाद 18 दिसंबर को उम्मीदवार अपने चुने हुए जिलों में पहुंचकर दस्तावेज सत्यापन कराएं।
आंचलिक विज्ञान नगरी, लखनऊ ने शुक्रवार को अपने अत्याधुनिक IMAX फुल-डोम डिजिटल स्पेस थिएटर का शुभारंभ किया। इसका उद्देश्य विज्ञान शिक्षा को नई उड़ान देना है। संस्कृति मंत्रालय के एनसीएसएम की इस इकाई में हुए उद्घाटन समारोह में 700 से अधिक छात्र और 500 से ज्यादा आम आगंतुक शामिल हुए। थिएटर का उद्घाटन पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लखनऊ के बच्चों को अब विश्व स्तरीय वैज्ञानिक अनुभव मिलेगा, जिससे उनकी जिज्ञासा और कल्पना को नई दिशा मिलेगी। मंत्री सिंह ने इस पहल को प्रदेश में विज्ञान संचार को मजबूत करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम बताया। फिल्म देखने के बाद छात्र काफी उत्साहित दिखे उद्घाटन समारोह का मुख्य आकर्षण फुल-डोम थिएटर में प्रदर्शित रोमांचक फिल्म 'निंगालू: ऑस्ट्रेलिया की अद्भुत रीफ' रही। 360-डिग्री प्रभाव वाली इस फिल्म ने दर्शकों को समुद्र की गहराइयों में तैरने जैसा अनुभव कराया। फिल्म देखने के बाद छात्र काफी उत्साहित दिखे।राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली के निदेशक विजय शंकर शर्मा ने फिल्म “निंगालू” को अनुभवात्मक शिक्षा का एक नया अध्याय बताया। उन्होंने कहा, “जब आप स्क्रीन पर यह फिल्म देखते हैं तो लगता है जैसे स्कूबा डाइविंग कर रहे हों।” शर्मा ने एनसीएसएम के मिशन पर जोर देते हुए कहा कि समाज में विज्ञान के प्रति घटती रुचि को बढ़ाना ही परिषद का प्रमुख लक्ष्य है। युवाओं को पर्यावरण-नवाचार के प्रति प्रेरित किया इसी कार्यक्रम के दौरान एनबीआरआई द्वारा विकसित वर्टिकल गार्डन का भी उद्घाटन किया गया। एनबीआरआई के निदेशक डॉ. अजीत कुमार शसानी ने इसे युवाओं को पर्यावरण-नवाचार के प्रति प्रेरित करने वाली पहल बताया। उन्होंने प्रागैतिहासिक पार्क में साइकस का पौधा लगाकर हरित संदेश भी दिया। शर्मा के अनुसार, यह वर्टिकल गार्डन छात्रों के लिए एक ऐसा मॉडल है जिसे वे अपने घर या विद्यालय में भी अपनाकर हरियाली बढ़ा सकते हैं।समारोह में स्वागत भाषण, विशिष्ट अतिथियों का संबोधन और 'निंगालू' शो का विशेष प्रदर्शन शामिल था,आगंतुकों ने बताया कि फुल-डोम का अनुभव उन्हें किसी दूसरी दुनिया में ले गया।
बागपत में डीएम की सख्ती:शिक्षा कार्यालय में स्टाफ उपस्थिति से लेकर रिकॉर्ड तक जांचे
बागपत की जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कार्यालय में उपस्थितियों की पंजिका, अभिलेखों के रखरखाव और सामग्री व्यवस्था का गहन अवलोकन किया।निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कार्यालय के सभी अभिलेखों और दस्तावेज़ों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अभिलेखों का उचित ढंग से रखरखाव सुनिश्चित किया जाए और समय-समय पर उनकी जांच की जाए। इससे प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी और कार्यालय की कार्यप्रणाली सुचारू बनेगी।जिलाधिकारी अस्मिता लाल ने उपस्थित कर्मचारियों और अधिकारियों को समय पर उपस्थिति दर्ज करने तथा कार्यालय प्रशासन में सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए। उन्होंने जोर दिया कि प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सजग रहे और कार्यालय में कार्यकुशलता एवं अनुशासन बनाए रखे।इसके अतिरिक्त, उन्होंने कार्यालय में शैक्षिक सामग्री और संसाधनों की उपलब्धता की भी समीक्षा की। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि आवश्यक दस्तावेज़, पुस्तकें और शैक्षिक सामग्री व्यवस्थित तरीके से रखी जाएँ, ताकि शिक्षा विभाग के कार्यों में गति और सटीकता बनी रहे। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्ता और अनुशासन बनाए रखना प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कार्यालय की कार्यप्रणाली में सुधार और शिक्षा विभाग के सभी कार्यों के सुचारू संचालन के लिए ऐसे औचक निरीक्षण समय-समय पर जारी रहेंगे।
23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ: इतिहास, जीवन और शिक्षाएँ
Lord Parshvanath: जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ भारतीय इतिहास और धर्म की एक अत्यंत महत्वपूर्ण कड़ी हैं। उन्हें एक ऐतिहासिक व्यक्ति माना जाता है, जिन्होंने भगवान महावीर से पहले ही श्रमण परंपरा को आम जनता तक पहुंचाया और उसे एक विशिष्ट पहचान दी। यहाँ उनके जीवन, कालक्रम और शिक्षाओं से जुड़ी 12 दिलचस्प और महत्वपूर्ण जानकारियां एक नए अंदाज़ में प्रस्तुत हैं। 1. जन्म और कालक्रम जन्म तिथि: भगवान पार्श्वनाथ की जयंती पौष कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि को मनाई जाती है, जो इस बार (अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार) 13 दिसंबर 2025 को पड़ रही है। जन्म स्थान: उनका जन्म वर्तमान वाराणसी (काशी) में हुआ था। जन्म समय: इतिहासकारों के अनुसार, उनका जन्म लगभग 872 ईसा पूर्व हुआ था। कल्पसूत्र के अनुसार, वे भगवान महावीर स्वामी से लगभग 250 वर्ष पूर्व, यानी 777 ई. पूर्व अवतरित हुए थे। 2. पारिवारिक पृष्ठभूमि: उनके पिता काशी के राजा अश्वसेन थे और माता का नाम वामा देवी था। इस शाही पृष्ठभूमि के कारण, उनका प्रारंभिक जीवन एक राजकुमार के रूप में बीता। विवाह: युवावस्था में उनका विवाह कुशस्थल देश की राजकुमारी प्रभावती से हुआ था। 3. दीक्षा और कैवल्य गृह त्याग और दीक्षा: तीस वर्ष की आयु में, पार्श्वनाथजी ने गृहस्थ जीवन त्याग कर संन्यास ले लिया। उन्होंने पौष माह की कृष्ण एकादशी को दीक्षा ग्रहण की। कैवल्य ज्ञान: 83 दिन की कठोर तपस्या के बाद, 84वें दिन, उन्हें चैत्र कृष्ण चतुर्थी को सम्मेद पर्वत पर 'घातकी वृक्ष' के नीचे कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई। 4. निर्वाण और शिक्षाएँ: निर्वाण स्थल: श्रावण शुक्ल की सप्तमी को, उन्हें पारसनाथ पहाड़ (सम्मेद शिखर) पर निर्वाण प्राप्त हुआ। यह तीर्थस्थल भारत के झारखंड प्रदेश के गिरिडीह जिले में स्थित है। चातुर्याम धर्म: कैवल्य ज्ञान के बाद, उन्होंने चातुर्याम धर्म की शिक्षा दी, जिसमें चार प्रमुख व्रत शामिल थे: सत्य, अहिंसा, अस्तेय (चोरी न करना), और अपरिग्रह (आवश्यकता से अधिक संग्रह न करना)। संघ और गणधर: ज्ञान प्राप्ति के बाद, उन्होंने सत्तर वर्षों तक अपने विचारों का प्रचार-प्रसार किया। उन्होंने चार गणों या संघों की स्थापना की। उनके गणधरों की संख्या 10 थी, जिनमें आर्यदत्त स्वामी उनके प्रथम गणधर थे। 5. पहचान और विरासत प्रतीक और यक्ष: जैन धर्मावलंबियों के अनुसार, उनका प्रतीक चिह्न सर्प है और उनके शरीर का वर्ण नीला है। उनके रक्षक देवता (यक्ष) का नाम मातंग और यक्षिणी का नाम पद्मावती देवी था। मूर्तियों में पहचान: पार्श्वनाथ भगवान की मूर्तियों की पहचान उनके सिर के ऊपर बने तीन, सात या ग्यारह सर्प-फणों के छत्रों के आधार पर होती है। उनकी जन्मभूमि वाराणसी के भेलूपुरा मोहल्ले में स्थित मंदिर इसका प्रमुख प्रमाण है। इस तरह, भगवान पार्श्वनाथ ने न केवल जैन धर्म की आधारशिला रखी, बल्कि अहिंसा और सदाचार पर आधारित श्रमण संस्कृति को सदियों तक जीवित रखने का मार्ग भी प्रशस्त किया।
फर्रुखाबाद में गुरुवार को इटावा बरेली हाईवे पर एक तेज रफ्तार डंपर ने स्कूटी सवार शिक्षामित्र को कुचल दिया। इस हादसे में महिला की मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना बघार के पास उस समय हुई जब शिक्षामित्र अपनी ड्यूटी पर जा रही थी। हाईवे पर मांस के लोथड़े फैल गए। मृतक की पहचान फर्रुखाबाद शहर के एसएआर कोल्ड के निकट निवासी 38 वर्षीय अर्चना के रूप में हुई है, जो संजीव चौहान की पत्नी थीं। अर्चना मोहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत थीं और स्कूटी से अपनी ड्यूटी पर जा रही थीं।हादसे के बाद 3 तस्वीरें देखिए... प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इटावा बरेली हाईवे पर बघार के पास पीछे से आ रहे एक तेज रफ्तार डंपर ने अर्चना की स्कूटी को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद अर्चना डंपर में फंसकर करीब 10 मीटर तक घसीटती चली गईं। डंपर का पिछला पहिया उनके सिर के ऊपर से गुजर गया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना मिलते ही अर्चना के परिजन और बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर पहुंच गए। सूचना पाकर सीओ सिटी सहित थाना पुलिस भी घटनास्थल पर पहुंची। भीड़ बढ़ने के कारण हाईवे पर जाम की स्थिति बन गई, जिसे बाद में धीरे-धीरे वाहनों को हटाकर सामान्य किया गया। सदर एसडीएम ने भी मौके पर पहुंचकर परिजनों से बात की।
मैनपुरी स्कूल में बच्चों से झाड़ू लगवाने का वीडियो:बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
मैनपुरी के एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय में बच्चों से झाड़ू लगवाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। यह मामला ब्लॉक बेवर के ग्राम भूड़पटिया स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय का है, जहां छात्र-छात्राएं स्कूल परिसर की सफाई करते दिख रहे हैं। इस घटना ने बेसिक शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कई बालक और बालिकाएं स्कूल के मैदान में झाड़ू लगा रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि इस दौरान विद्यालय का कोई भी शिक्षक मौके पर मौजूद नहीं दिख रहा है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, विद्यालय के शिक्षक अक्सर सुबह 9:20 बजे के बाद ही स्कूल पहुंचते हैं। इस कारण बच्चे समय से पहले आकर खुद ही विद्यालय का ताला खोलते हैं और साफ-सफाई का काम करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यह स्थिति काफी समय से बनी हुई है। यह घटना तब सामने आई है जब बच्चों की अर्धवार्षिक परीक्षाएं नजदीक हैं। बच्चों से इस तरह का श्रम कराना स्पष्ट रूप से नियमों का उल्लंघन है और इसे बाल श्रम की श्रेणी में भी देखा जा रहा है, जो स्कूलों में पूर्णतः प्रतिबंधित है। वीडियो होने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। माना जा रहा है कि संबंधित विद्यालय के शिक्षकों की कार्यशैली और बच्चों के साथ हो रहे इस व्यवहार की उच्च स्तर से जांच की जा सकती है। स्थानीय अभिभावकों ने इस प्रकरण पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की है और जिला प्रशासन तथा बेसिक शिक्षा विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। इस घटना ने एक बार फिर सरकारी स्कूलों की व्यवस्था और जिम्मेदार शिक्षकों की भूमिका पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव संभागीय बैठक में कोटा ब्लॉक के बीईओ नरेंद्र मिश्रा पर भड़क गए और उन्हें जमकर फटकार लगाई। इस दौरान विभाग के अधिकारियों ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई और निलंबन की सलाह दी। इतना सुनते ही बीईओ मिश्रा बेहोश होकर अपनी कुर्सी से गिर गए, जिससे वहां अफरातफरी का माहौल हो गया। आननफानन में एंबुलेंस बुलवाकर उन्हें अस्पताल भेजा गया। जिसके बाद दोबारा मीटिंग शुरू हुई। बैठक में मांगी सभी जानकारी दरअसल, शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव स्कूल शिक्षा विभाग की अव्यवस्था को पटरी पर लाने का दावा कर रहे हैं। इसके लिए वो लगातार स्कूलों का दौरा भी कर रहे हैं। साथ ही प्रदेश के शिक्षा अधिकारियों की लगातार बैठक ले रहे हैं। इसी कड़ी में वो शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए हर जिलों में जाकर अफसरों की समीक्षा बैठक लेकर दिशा निर्देश दे रहे हैं। बिलासपुर के कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में 11 दिसंबर को आयोजित बैठक में संभाग के सभी जिलों के डीईओ, डीएमसी स्त्रोत समन्वयक, बीईओ सहित अन्य अधिकारियों को तलब किया गया, जिसमें उन्हें विभाग की सभी जानकारी मंगाई गई। शिक्षकों के अटैचमेंट पर जताई नाराजगी, डीईओ ने बीईओ पर थोपी जिम्मेदारी बैठक के दौरान बिलासपुर में शिक्षकों के नियम के खिलाफ अटैचमेंट को लेकर सवाल किया गया, जिस पर डीईओ विजय टांडे ने सभी बीईओ को ब्लॉकवार जानकारी देने की बात कही। इस दौरान कोटा विकासखंड के बीईओ नरेंद्र मिश्रा ने पहले केवल एक टीचर के अटैचमेंट की जानकारी दी। फिर देखते ही देखते संख्या तीन और फिर छह तक पहुंच गई। शासन के निर्देश के बाद भी नियम विरुद्ध तरीके से शिक्षकों को अटैचमेंट करने पर शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव भड़क गए और जमकर नाराजगी जताने लगे। दरअसल, शिक्षकों का अटैचमेंट जिला स्तर पर किया गया है, जिसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी भी जिम्मेदार हैं। लेकिन, डीईओ ने अपनी खामियों को छिपाने के लिए बीईओ पर जिम्मेदारी थोप दी। निलंबन की बात सुनकर बेहोश हो गए बीईओ इस दौरान नियम विरुद्ध अटैचमेंट करने पर डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी ने शिक्षा मंत्री को सलाह दी कि कोटा बीईओ को निलंबित कर दिया जाए। मंत्री गजेंद्र यादव ने भी डीपीआई की बात पर हामी भरते हुए नियमानुसार कार्रवाई की बात कहते हुए विभागीय कार्रवाई करने की चेतावनी दी। मंत्री और अफसरों की बात सुनकर कोटा बीईओ नरेंद्र मिश्रा बैठक के दौरान गश खाकर अपनी कुर्सी से गिर पड़े। जिसके बाद वहां अफरातफरी मच गई। इस दौरान एंबुलेंस के साथ डॉक्टर को बुलाया गया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल भेजा गया। हालांकि, अस्पताल में उनकी स्थिति सामान्य बताई गई। बोर्ड एग्जाम से लेकर शिक्षा व्यवस्था सुधारने पर चर्चा समीक्षा बैठक में 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी से लेकर रिजल्ट में सुधारने को लेकर अभी से प्रयास शुरू करने, प्री-बोर्ड एग्जाम और स्टूडेंट्स के लिए प्रश्न पत्र तैयार करने सहित व्यवस्था में सुधार को लेकर चर्चा की गई। साथ ही अफसरों को आवश्यक दिशानिर्देश भी दिए गए। इसके साथ ही अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की तैयारी की भी समीक्षा की गई। कुछ जिलों के शैक्षणिक स्तर को लेकर मंत्री ने नाराजगी भी जाहिर की। बैठक में शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, समग्र शिक्षा की संचालक प्रियंका शुक्ला, डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी, उप संचालक आशुतोष चावरे, कलेक्टर संजय अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। .......................... इससे जुड़ी खबर भी पढ़ें... दुर्ग में शराबी ने पीट-पीटकर BLO का फोड़ा सिर: नशेड़ी बोला-मोहल्ले से चले जाओ वर्ना बुरा होगा, सरगुजा में फॉर्म नहीं बांटने पर कर्मचारी सस्पेंड छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) काम के दौरान शराब के नशे में धुत युवक ने BLO का सर फोड़ दिया। आरोपी जावेद हुसैन ने BLO से कहा कि मेरे मोहल्ले में ये सब काम मत करो। यहां से चले जाओ वर्ना बुरा होगा। मामला खुर्सीपार थाना क्षेत्र का है। पढ़ें पूरी खबर...
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड (PSEB) ने शैक्षणिक सत्र 2025-26 से ही बोर्ड परीक्षाओं का डिफिकल्टी लेवल बढ़ा दिया है। बोर्ड ने 8वीं, 10वीं और 12वीं क्लास की वार्षिक परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों का पैटर्न भी बदल दिया है। बोर्ड की तरफ जारी दिशा निर्देशों के अनुसार अब आसान प्रश्नों की संख्या में 10 फीसदी की कटौती कर दी और मुश्किल प्रश्नों की संख्या 10 फीसदी बढ़ा दी। बोर्ड अधिकारियों के मुताबिक अब प्रश्न पत्रों को अधिक व्यावहारिक, विचारशील और गुणात्मक बनाने की दिशा में कदम उठाये गए हैं। बोर्ड ने शिक्षा विभाग के डायरेक्टर व निजी स्कूलों के प्रिंसिपल्स को भी जानकारी दे दी है। इस शिक्षा सत्र से स्टूडेंट के लिए बोर्ड परीक्षाओं में स्कोर करना मुश्किल हो जाएगा। स्टूडेंट्स को पढ़ने होंगे पूरे चैप्टर परीक्षाओं की तैयारी के लिए अब सिर्फ टेक्स्ट बुक के एक्सरसाइज वाले प्रश्नों को याद करके स्टूडेंट्स का काम नहीं चलेगा। उन्हें अब पूरा चैप्टर पढ़ना पड़ेगा क्योंकि 25 प्रतिशत प्रश्न चैप्टर के बीच में से पूछे जाएंगे। ऐसे में अब उन्हें पूरा चैप्टर पढ़ना होगा। टीचर्स को निर्देश, बच्चों को नए पैटर्न के हिसाब से करवाएं तैयारी शिक्षा विभाग ने स्कूल टीचर्स को हिदायतें दी हैं कि स्टूडेंट्स को अब नए पैटर्न के हिसाब से तैयारी करवाएं। उन्हें अब सिर्फ रट्टा न मरवायें। टीचर्स को भी अब क्लासरूम में पूरा चैप्टर पढ़ाना होगा और उसमें से अपने स्तर भी कुछ प्रश्न तैयार करवाने होंगे। 100 प्रतिशत अंक आने पर हुए पैटर्न पर सवाल खड़े पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की बोर्ड परीक्षाओं में पिछले कुछ सालों से कई विद्यार्थियों के100 प्रतिशत अंक आ रहे थे जिसकी वजह से बोर्ड परीक्षाओं के पैटर्न पर सवाल खड़े हो रहे थे। बोर्ड अधिकारियों की मानें तो इसी वजह से परीक्षाओं का डिफिकल्टी लेवल बढ़ाया गया है। पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने क्या बदलाव, जानिए: Objective प्रश्नों में कटौती: अब तक परीक्षा में 40 प्रतिशत प्रश्न objective होते थे। लेकिन 2025-26 से ऑब्जेक्टिव प्रश्न 40 प्रतिशत के बजाय 25 प्रतिशत ही होंगे। एक्सरसाइज के प्रश्नों से आएंगे 75 प्रतिशत प्रश्न: बोर्ड परीक्षा में अब तक सभी प्रश्न टेक्स्ट बुक के एक्सरसाइज वाले प्रश्नों में से आते थे। अब 75 प्रतिशत प्रश्न टेक्स्ट बुक के एक्सरसाइज वाले प्रश्नों में से आएंगे और 25 प्रतिशत प्रश्न चैप्टर के बीच में से आएंगे। डिफिकल्टी लेवल में हुआ यह बदलाव: अब तक प्रश्न पत्रों का डिफिकल्टी लेवल इस तरह से सेट था। 40 प्रतिशत प्रश्न औसत से आसान, 40 प्रतिशत प्रश्न औसत और 20 प्रतिशत प्रश्न औसत से ज्यादा मुश्किल होते थे। अब औसत से आसान 30 प्रतिशत, औसत 40 प्रतिशत और औसत से मुश्किल 30 प्रतिशत प्रश्न होंगे।
छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा विभाग में नई नियुक्ति पाए 1098 सहायक प्राध्यापकों की फाइलें प्रशासनिक देरी के चक्कर में अटक गई है। उच्च शिक्षा संचालनालय इंद्रावती के अनुसार इन सभी का वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन (सीआर) इसी साल जुलाई में पूर्व आयुक्त जनक प्रसाद पाठक के पास भेजा गया। यह फाइलें उन्हें नवंबर में मिली है। रोचक तथ्य यह है कि महानदी भवन की दूरी इंद्रावती से एक किलोमीटर से भी कम है। सीआर पर निर्णय नहीं होने की वजह से जनवरी 2022 में नियुक्त हुए सहायक प्राध्यापकों की परिवीक्षा अवधि अब तक समाप्त नहीं हुई है। नतीजा इनकी खाली जगहों पर पोस्टिंग नहीं हो पा रही है। जानकारी के मुताबिक जनक प्रसाद पाठक 5 अगस्त 2004 से 21 अप्रैल 2025 तक उच्च शिक्षा के आयुक्त थे। वर्तमान में वे विशेष सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग हैं। चूंकि नए सहायक प्राध्यापकों की परिवीक्षा अवधि इनके कार्यकाल की है, इसलिए इनके वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन पर इनका हस्ताक्षर जरूरी है। इसे लेकर उच्च शिक्षा संचालनालय ने जुलाई में 1098 सहायक प्राध्यापकों के सीआर की फाइल इनके पास भेजी। वहां से यह वापस नहीं आया है। फाइल वापस आने के बाद उच्च शिक्षा संचालनालय से समिति की बैठक आयोजित की जाएगी। इसके आधार पर उनकी परिवीक्षा अवधि समाप्त होगी। सीधी बात - जनक प्रसाद पाठक, तत्कालीन आयुक्त, उच्च शिक्षा पावती चेक कर लीजिए, फाइल मुझे पिछले महीने मिली गोपनीय प्रतिवेदन पूर्व आयुक्त को जुलाई में भेजा गयानए सहायक प्राध्यापकों का गोपनीय प्रतिवेदन पूर्व आयुक्त को जुलाई में भेजा गया है। वहां से वापस आने के बाद इनकी परिवीक्षा अवधि समाप्ति के लिए आगे की कार्रवाई होगी। - संतोष देवांगन, आयुक्त, उच्च शिक्षा संचालनालय
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने आज इंदौर में एमरल्ड हाइट्स इंटरनेशनल स्कूल में स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्वावधान में आयोजित 69वें राष्ट्रीय स्कूल खेलकूद प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। प्रतियोगिता में चंडीगढ़, छत्तीसगढ, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश सहित कुल 13 राज्यों के 126 खिलाड़ी खेल प्रतियोगिताओं में शामिल हो रहे हैं। मंत्री सिलावट ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा कि समाज और राष्ट्र में परिवर्तन की बुनियाद शिक्षा और खेलकूद से होती है। देश के कोने-कोने से बालक-बालिकाएं खेलने आये हैं, जो एक जुनून और संकल्प लेकर आए हैं। सभी में जीत की भावना है, जो खेल के भाव से ही पूर्ण हो सकती है। पूरे राष्ट्र में किसी का स्तर ऊंचा है, तो वह खेल का है। आप सभी 13 राज्यों के प्रतिनिधि के तौर पर खेलकर एक राष्ट्र का निर्माण कर प्रदेश को गौरवान्वित करें यही मेरी इच्छा है। इस अवसर पर एमरल्ड हाइट्स इंटरनेशनल स्कूल के डायरेक्टर मुक्तेश सिंह, जनपद अध्यक्ष विश्वजीतसिंह सिसौदिया, सहित 13 राज्यों के कोच एवं पदाधिकारी उपस्थित थे। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में ली जानकारीरेसीडेंसी कोठी पर उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. माधव प्रसाद हासानी, स्कूल ऑफ एक्सीलेंस आई अस्पताल के अधीक्षक डॉ. डी.के. शर्मा, चाचा नेहरू चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. अरविंद शुक्ला, एमवाय के अधीक्षक डॉ. अशोक यादव से इंदौर के स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की।
फर्स्ट ग्रेड टीचर के लिए पदोन्नति की मांग:प्राथमिक अध्यापक संघ ने शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा
जैसलमेर के प्राथमिक अध्यापक संघ लेवल प्रथम के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज शाम फलोदी में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को ज्ञापन सौंपा। इसमें स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत लेवल प्रथम (एसटीसी/डीएलएड धारी) टीचर्स को पदोन्नति के अवसर प्रदान करने की मांग की गई। ज्ञापन में कहा गया है कि प्राथमिक अध्यापक विकसित देशों में एक सम्मानित पद है, लेकिन राजस्थान में फर्स्ट ग्रेड टीचर को पदोन्नति का मौका नहीं मिलते। उन्हें नियुक्ति के बाद पूरी सेवा इसी पद पर करनी पड़ती है और वे इसी पद से सेवानिवृत्त होते हैं। संघ ने तर्क दिया कि राज्य सरकार सीपीएड धारक पीटी टीचर्स को पदोन्नति के पर्याप्त मौका देती है। जबकि सीपीएड और एसटीसी/डीएलएड दोनों ही समकक्ष प्रशिक्षण योग्यताएं हैं, फिर भी एसटीसी/डीएलएड धारक फर्स्ट ग्रेड टीचर को पदोन्नति से वंचित रखा जा रहा है। संघ का आरोप है कि राज्य सरकार अन्य कर्मचारी संवर्गों में अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति देती है, लेकिन प्राथमिक टीचर्स को पदोन्नति न देकर उनके साथ अन्याय कर रही है। संघ का मानना है कि पदोन्नति मिलने से टीचर्स में उत्साह और संतोष की भावना बढ़ेगी, जिसका सीधा सकारात्मक प्रभाव शिक्षा की गुणवत्ता और स्कूलों के समग्र प्रदर्शन पर पड़ेगा। इस मौके पर प्रदेशाध्यक्ष विजय सुथार और सचिव श्याम जांगू सहित कई टीचर्स उपस्थित थे।
फलोदी जिला प्रभारी एवं मंत्री मदन दिलावर ने दावा किया है कि राजस्थान की भाजपा सरकार ने दो वर्षों में इतने विकास कार्य किए हैं, जितने कांग्रेस अपने पूरे पांच साल के कार्यकाल में भी नहीं कर सकी। वे गुरुवार शाम आईजीएनपी गेस्ट हाउस में राज्य सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। मंत्री ने कहा कि पूरे राजस्थान में सरकार के कामकाज को लेकर संतोष और सकारात्मक वातावरण है। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री दिलावर ने सरकार की विभिन्न योजनाओं का विस्तार से उल्लेख किया। उन्होंने मुख्यमंत्री किसान योजना, लाडो प्रोत्साहन योजना, बिजली उत्पादन में वृद्धि, बालिकाओं को साइकिल, लैपटॉप और स्कूटी वितरण जैसी योजनाओं को बड़ी उपलब्धियां बताया।इसके अलावा सड़क निर्माण में तेजी, उद्योगों को बढ़ावा देने वाली 'राइजिंग राजस्थान' की पहल, मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना और किसानों को डेढ़ लाख रुपये तक ब्याज मुक्त ऋण जैसी योजनाओं को भी महत्वपूर्ण बताया। 'फलोदी जिले में स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष फोकस' फलोदी जिले में किए गए कार्यों की जानकारी देते हुए मंत्री ने बताया कि लोहावट में जिला चिकित्सालय स्थापित किया गया है। देचू के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को उप जिला चिकित्सालय का दर्जा दिया गया है। बापिणी में कृषि उपज मंडी की स्थापना की गई है।इसके साथ ही बावड़ी खुर्द में होम्योपैथिक चिकित्सालय और पशु चिकित्सालय को प्रथम श्रेणी में क्रमोन्नत किया गया है। मंत्री ने बताया कि फलोदी में पॉलिटेक्निक कॉलेज और कन्या महाविद्यालय खोलने सहित कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी पूरी की गई हैं। 'गांवों में पहली बार साफ-सफाई का सिस्टम लागू' मदन दिलावर ने कहा कि राज्य में पहली बार गांवों में व्यवस्थित साफ-सफाई की व्यवस्था लागू की गई है। उन्होंने कहा कि पहले ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह झाड़ू लगाने और घर-घर से कचरा संग्रह करने की कोई व्यवस्था नहीं थी। अब सरकार ने इसे लागू कर गांवों की स्वच्छता व्यवस्था को मजबूत किया है।शहरों में सफाई की अव्यवस्था को लेकर भी मंत्री ने कमिश्नर को आवश्यक निर्देश देने की बात कही। 'शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान की रैंकिंग देश में 3 हुई' प्रभारी मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपने वादों पर खरा उतरती है। उन्होंने बताया कि तीन साल पहले शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान की रैंकिंग देश में 11वीं थी, जो अब बढ़कर तीसरी हो गई है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर निजी संस्थानों की तुलना में कहीं बेहतर हुआ है।उन्होंने दावा किया कि राज्य के 22 जिलों में किसानों को दिन में बिजली दी जा रही है और मार्च 2027 तक सभी जिलों में किसानों के लिए दिन के समय बिजली उपलब्ध करा दी जाएगी। पंचायत राज संस्थाओं के चुनाव जल्द करवाने की बात भी उन्होंने कही। प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रमुख रूप से भाजपा नेता डॉ. माधु सिंह देवड़ा, मेघराज कल्ला, पप्पूराम जाणी, सौरव बोहरा, रतन मेघवाल और जेपी बोहरा उपस्थित रहे।
महू रेलवे पुलिस ने यात्रियों की सुरक्षा और बच्चों की शिक्षा के लिए दो नई पहल 'हमारी सवारी भरोसे वाली' और 'पटरी की पाठशाला' का औपचारिक शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम गुरुवार को अंबेडकर नगर महू रेलवे स्टेशन पर आयोजित किया गया। 'हमारी सवारी भरोसे वाली' पहल के तहत, रेलवे पुलिस ने ऑटो रिक्शा पर क्यूआर कोड लगाने की व्यवस्था की है। इन क्यूआर कोड को स्कैन करके यात्री ऑटो और उसके चालक से संबंधित पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। रेलवे एसपी पद्म विलोचन शुक्ल ने बताया कि शहर के 50 से अधिक ऑटो चालकों की जानकारी क्यूआर कोड के माध्यम से ऑटो पर उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। 'पटरी की पाठशाला' का उद्देश्य रेलवे ट्रैक के पास रहने वाले बच्चों और युवाओं को शिक्षा से जोड़ना है। इस पहल के तहत उन्हें स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही, उन्हें 'गुड टच' और 'बैड टच' जैसे महत्वपूर्ण विषयों के बारे में जागरूक किया जाएगा और समाज में रहने के तौर-तरीकों से अवगत कराया जाएगा। गुरुवार दोपहर को अंबेडकर नगर रेलवे स्टेशन परिसर में हुए इस शुभारंभ समारोह में बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे भी उपस्थित थे। बच्चों ने इस अवसर पर देशभक्ति गीतों पर अपनी प्रस्तुतियां दीं, जिससे कार्यक्रम में उत्साह का माहौल रहा।
सुपौल के जिलाधिकारी सावन कुमार ने गुरुवार को नवनिर्मित शिक्षा भवन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने भवन परिसर में आवश्यक आधारभूत सुविधाओं को सुदृढ़ करने पर जोर दिया। डीएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी, सुपौल को निर्देश दिया कि शिक्षा भवन के चारों तरफ पेवर ब्लॉक बिछाने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि दाहिनी ओर चारदीवारी निर्माण तथा वर्षा जल निकासी के लिए उचित ड्रेनेज सिस्टम का विस्तृत प्राक्कलन तैयार कर विभाग को उपलब्ध कराया जाए, ताकि कार्य समय पर शुरू कराया जा सके। स्टील नेम प्लेट लगाने का निर्देश डीएम ने कहा कि नया शिक्षा भवन जिले की शिक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण केंद्र है, इसलिए इसकी संरचना और सुविधाएं बेहतर और उपयोगी होनी चाहिए। उन्होंने मुख्य द्वार पर शिक्षा भवन का स्टील नेम प्लेट लगाने का निर्देश दिया, जिससे भवन की पहचान सुगम हो सके। इसके साथ ही परिसर में आवश्यक प्रकाश व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए व्हेपर लाइट लगाने का भी आदेश दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि परिसर की साफ-सफाई, सुरक्षा और कार्यस्थल की गुणवत्ता में किसी प्रकार की कमी नहीं रहनी चाहिए। कार्यों की प्रगति पर नजर रखने को कहा निरीक्षण के क्रम में उपस्थित जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना), जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (लेखा एवं योजना), संवेदक सहित शिक्षा विभाग के अन्य पदाधिकारियों और कर्मियों को डीएम ने कार्यों की प्रगति पर सतत नजर रखने को कहा। उन्होंने कहा कि प्राक्कलन तैयार होने के बाद सभी कार्य गुणवत्ता के साथ समयबद्ध तरीके से पूरे किए जाएं। जिलाधिकारी ने निर्माण एजेंसी और विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि शिक्षा भवन का परिसर सुंदर, सुरक्षित और पूर्ण रूप से कार्यात्मक दिखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह भवन न केवल कार्यालय का केंद्र होगा, बल्कि जिले की शैक्षणिक गतिविधियों का प्रमुख आधार भी बनेगा। निरीक्षण के दौरान डीएम ने सुनिश्चित किया कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और योजनाओं के अनुरूप कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
एटा में छात्रों को नहीं मिले प्रश्न पत्र:बेसिक शिक्षा विभाग ने PDF भेजकर ब्लैकबोर्ड पर उतरवाए सवाल
एटा जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां परिषदीय विद्यालयों में छात्रों को अर्धवार्षिक परीक्षा के प्रश्न पत्र उपलब्ध नहीं कराए गए। इसके बजाय, परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्रों की पीडीएफ कॉपी भेजी जा रही है, जिसके सहारे ब्लैकबोर्ड पर सवाल उतारकर परीक्षाएं संपन्न कराई जा रही हैं। जिले के सभी परिषदीय विद्यालयों में यही स्थिति है। शिक्षकों को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रत्येक विषय के प्रश्न पत्र की केवल एक-एक पीडीएफ कॉपी भेजी गई है। इसी एक कॉपी के आधार पर ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न लिखे जा रहे हैं, और छात्र उन्हें देखकर अपनी उत्तर पुस्तिकाएं भर रहे हैं। ड्यूटी पर तैनात शिक्षकों और परीक्षकों ने बताया कि वे केवल उच्चाधिकारियों के निर्देशों का पालन कर रहे हैं। यह मामला उत्तर प्रदेश सरकार में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के गृह जिले एटा का है, जहां वे प्रभारी मंत्री भी हैं। प्रथम पाली में कक्षा 2 और 3 का गणित, कक्षा 4, 5 और 6 का हिंदी, तथा कक्षा 7 और 8 का विज्ञान विषय का पेपर इसी तरीके से संपन्न हुआ। द्वितीय पाली में संस्कृत विषय की अर्धवार्षिक परीक्षा भी इसी प्रक्रिया से करवाई जा रही है। इस मामले की पड़ताल कई विद्यालयों में की गई, जिसमें पुष्टि हुई कि स्कूलों को प्रश्न पत्र की हार्ड कॉपी मिली ही नहीं है। पटियाली गेट स्थित उर्दू माध्यम विद्यालय के शिक्षक कमलेश कुमार ने बताया कि उन्हें प्रत्येक विषय की केवल एक-एक पीडीएफ कॉपी कार्यालय से मिली है। उन्होंने कहा कि वे ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न उतारकर बच्चों से पेपर हल करवा रहे हैं और आगे की परीक्षाओं के लिए भी इसी तरह व्यवस्था करेंगे। एटा जिले के अलीगंज, जैथरा और एटा ब्लॉक में की गई पड़ताल में भी यही स्थिति सामने आई। विद्यालयों को प्रश्न पत्र की एक-एक पीडीएफ कॉपी व्हाट्सएप के माध्यम से उपलब्ध करवाई गई है। अलीगंज कस्बा स्थित प्राथमिक विद्यालय की एक छात्रा ने बताया कि उसका पेपर अच्छा हुआ है। उसने कहा कि मैडम ने ब्लैकबोर्ड पर प्रश्न उतारे थे, और उसने उन्हीं से देखकर पेपर हल किया।
सांभर के निकटवर्ती ग्राम पंचायत बरडोती स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल में पी.ई.ई.ओ. परिक्षेत्र के सभी विद्यालयों की स्कूल प्रबंधन समिति (SMC) और विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति (SDMC) के सदस्यों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसका उद्देश्य सदस्यों को स्कूल संचालन और विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में विस्तृत जानकारी देना था। प्रधानाचार्य गोपाल लाल सांखला ने प्रशिक्षण की शुरुआत की। उन्होंने इस अवसर पर समिति सदस्यों की भूमिका को स्कूल के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके। कार्यक्रम के पहले दिन दक्ष प्रशिक्षक प्रभात कुमार दुबे और विजय कुमार सैन ने विभिन्न सत्रों के माध्यम से सदस्यों को प्रशिक्षित किया। उन्होंने स्कूल संचालन की मूलभूत संरचना, शैक्षिक गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारियां, स्कूल में सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने के उपाय और विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षकों ने SMC व SDMC की शक्तियों, कर्तव्यों, वित्तीय प्रबंधन, विद्यार्थियों के हितों की सुरक्षा और स्कूल के वातावरण में सुधार जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया। सदस्यों ने विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने, नामांकन में वृद्धि, संसाधनों के समुचित उपयोग और स्कूल स्तर पर आने वाली विभिन्न चुनौतियों पर भी चर्चा की। प्रशिक्षकों ने सुझाव दिया कि समितियाँ विद्यालयों के नियमित निरीक्षण, शिक्षकों के सहयोग और अभिभावकों से संवाद बढ़ाने की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएँ। इस प्रशिक्षण में सीतारामजी कुमावत, पोखर मल यादव (PM), लक्ष्मा देवी, गीता देवी, हिरालाल कुमावत, मोहनलाल यादव, पूरणमल वर्मा सहित बड़ी संख्या में समिति सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन पर प्रिंसिपल सांखला ने सभी सदस्यगणों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का प्रशिक्षण स्कूल प्रबंधन को मजबूत बनाता है और शिक्षा व्यवस्था को अधिक पारदर्शी व प्रभावी बनाने में सहायक सिद्ध होता है।
शिक्षा सत्र 2026-27 में कक्षा चौथी और सातवीं के बच्चे योग, कला और व्यावसायिक पाठ्यक्रम पढ़ेंगे। नई शिक्षा नीति-2020 के तहत चौथी की 10 और सातवीं की 11 समेत कुल 21 किताबें बदली जाएंगी। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने इसे बनाया है। पहली से आठवीं तक की गणित और विज्ञान की किताबें नहीं बदलेंगी, लेकिन अन्य विषयों की किताबें बदलेंगी। शिक्षा सत्र 2025-26 में पहली से तीसरी और छठवीं की किताबें बदली गई हैं। अब कक्षा चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं की बारी है। इसकी जिम्मेदारी राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) को दी गई है। एनसीआरटी से प्रकाशित कक्षा चौथी और सातवीं (हिंदी और अंग्रेजी माध्यम) की हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, पर्यावरण, सामाजिक विज्ञान, व्यावसायिक, कला शिक्षा एवं योग शिक्षा की किताबों को एससीईआरटी ने राज्य के संदर्भ में तैयार कर लिया है। गणित और विज्ञान की किताबों को बिना किसी बदलाव के पूर्णत: स्वीकार किया जाएगा। हर सप्ताह सहायक वाचन: कक्षा 3 से 8 तक के विद्यार्थियों को नए शिक्षा सत्र 2026-27 से अतिरिक्त विषय के रूप में सहायक वाचन पढ़ाया जाएगा। इसे बैगलेस डे यानी शनिवार को पढ़ाएंगे। इसमें राज्य के स्थानीय ज्ञान-विज्ञान, कला, साहित्य, लोक साहित्य, भाषिक-संस्कृति, संस्कृति, लोक परंपरा, जीवन-पद्धति, इतिहास, पुरातत्व, धर्म-दर्शन, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, इतिहास-पुरुषों आदि की जीवनी होगी। इसे स्थानीय शिक्षक पढ़ाएंगे और मूल्यांकन करेंगे। वार्षिक परीक्षा में इससे सवाल नहीं पूछे जाएंगे। राज्य शिक्षा स्थायी समिति इनकी पांडुलिपियों का चयन करेगी। इसके अध्यक्ष के लिए केंद्रीय विवि के कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल को नामांकित किया गया है। अभ्यास प्रश्न हिंदी के साथ हल्बी या गोंडी में भी होंगे कक्षा पहली और दूसरी की हिंदी की किताब, जो पहले से चल रही है, उसके अभ्यास प्रश्न दो भाषाओं में होगें। हिंदी तो होगी ही, बस्तर, अंबिकापुर आदि क्षेत्रों के अनुसार हल्बी या गोंडी भाषी में भी होगी। छात्र-छात्राओं की सुविधा के लिए अभ्यास प्रश्नों को राज्य की 16 स्थानीय तथा 4 अंतर राज्यीय भाषाओं (मराठी, बंगला, तेलुगू और उड़िया) में तैयार किया जाएगा। यह व्यवस्था शिक्षा सत्र 16 जून 2026 से संबंधित जिलों के आवश्यक स्कूलों में लागू होगी।
सुनवाई:पार्टी दफ्तर में मंत्री उदयप्रताप के पास काम लेकर पहुंचे पूर्व शिक्षा मंत्री प्रभुराम
भाजपा ने कार्यकर्ताओं की सुनवाई के लिए रोस्टर के तहत पार्टी दफ्तर में मंत्रियों के बैठने की ड्यूटी लगाई है। इसी क्रम में बुधवार को स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदयप्रताप सिंह पहुंचे। थोड़ी देर बाद मंत्री लखन पटेल भी आ गए। उदयप्रताप के सामने करीब 20 से 25 कार्यकर्ताओं ने अपनी शिकायतें रखीं और काम बताए। इसी दौरान वहां पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री और विधायक प्रभुराम चौधरी आ गए। उन्होंने घुसते ही मंत्री उदयप्रताप से कहा कि तीन-चार साल हो गए हैं, लेकिन उनके क्षेत्र में स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर का काम अभी तक नहीं हो पाया। पहले भी इसके बारे में बताया है। इतना सुनते ही स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा, यह मामला मुख्यमंत्री तक जाएगा। अगली कैबिनेट की बैठक में आप वल्लभ भवन पहुंच जाइए। आप रहेंगे, मैं भी वहां रहूंगा। सीएम के साथ बात हो जाएगी। संभावना है कि वहीं हल भी निकल जाएगा। यह काम मुख्यमंत्री के स्तर से ही होना है। राव बोले - अगली कैबिनेट के दिन मंत्रालय आ जाइये पुराना है मामला : महिला शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान रायसेन में बनाने के प्रयास खुद प्रभुराम चौधरी ने स्कूल शिक्षा मंत्री रहते किए थे। तब कैबिनेट से मंजूरी कराई और बजट प्रावधान भी करा लिए, लेकिन बाद में उनके पास स्वास्थ्य विभाग आ गया। फंडिंग अटक गई। हालांकि 2022 में भादनेर में 12 हेक्टेयर भूमि आवंटित की जा चुकी है। डीपीआर भी बन गई, लेकिन स्वीकृति नहीं हुई। जिला शिक्षा अधिकारी डीडी रजक के अनुसार तीन साल में संस्थान के लिए 12.006 हेक्टेयर भूमि का हस्तांतरण हो चुका है। इसके बाद डीपीआई द्वारा वर्ष 2024 में परियोजना की डीपीआर भी तैयार कराई गई, लेकिन अब तक राशि की स्वीकृति नहीं मिल सकी है। बताया गया कि मामले को आगे बढ़ाने के लिए कमिश्नर द्वारा मुख्य अभियंता को भी पत्र भेजा गया है। खंडेलवाल ने कराई ये शुरुआत यहां बता दें कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने नई व्यवस्था बनाते हुए एक दिसंबर से मंत्रियों को पार्टी दफ्तर में कम से कम एक घंटे बैठने के लिए कहा है। इससे कार्यकर्ताओं की सुनवाई हो जाएगी। अभी तक डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ला, कैलाश विजयवर्गीय, विश्वास सारंग समेत कई मंत्री पार्टी दफ्तर में बैठ चुके हैं। बुधवार को पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री चौधरी वर्तमान स्कूल शिक्षा मंत्री से मिलने पहुंच गए। यदि यह काम हो जाए तो स्कूलों को शारीरिक शिक्षक भी मिलेंगे और एक बड़ा काम हो जाएगा। राजधानी से 50 किमी के भीतर यह संस्थान बनेगा। मप्र में जब छत्तीसगढ़ भी मिला हुआ था, तब यह संस्थान रायपुर में था। विभाजन के बाद वह छग में चला गया। मप्र में रायसेन में ट्रेनिंग सेंटर बनता है तो यह मप्र का पहला होगा। स्कूल शिक्षा विभाग को सैद्धांतिक सहमति देकर बजट उपलब्ध कराना है। - प्रभुराम चौधरी, पूर्व मंत्री और विधायक
बलौदाबाजार जिले के सबसे बड़े और प्रमुख महाविद्यालय डीके कॉलेज में आज उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मंत्री वर्मा ने परिसर में व्याप्त व्यापक अव्यवस्थाओं, गंदगी और व्यवस्थागत कमियों को गंभीरता से लेते हुए महाविद्यालय प्रशासन पर असंतोष व्यक्त किया। निरीक्षण के दौरान कॉलेज परिसर में वाशरूम की बदहाली, विज्ञान प्रयोगशाला में अव्यवस्था, टूटे हुए फर्नीचर और कैंपस में फैली गंदगी जैसे मुद्दे गंभीर रूप से सामने आए। मंत्री वर्मा ने इन सभी पर तत्काल सुधार करने के निर्देश दिए। मंत्री से की गई रजिस्ट्रार की शिकायत इसी दौरान महाविद्यालय के रजिस्ट्रार राजेश कोमलवार के व्यवहार, बदसलूकी और मनमानी की शिकायतें भी मंत्री के संज्ञान में लाई गई। NSUI छात्रों ने कॉलेज प्रशासन से सुधार की मांग की थी गौरतलब है कि महाविद्यालय की बदहाल व्यवस्था को लेकर हाल ही में एनएसयूआई (NSUI) के छात्रों द्वारा कॉलेज प्राचार्य को ज्ञापन भी सौंपा गया था। उस समय प्राचार्य ने फंड की कमी का हवाला देते हुए तत्काल व्यवस्था सुधारने में असमर्थता जताई थी।
सीईओ चौधरी ने शिक्षा योजनाओं की समीक्षा की:नए प्रवेश और ड्रॉपआउट बच्चों पर विशेष जोर देने को कहा
धार में जिला पंचायत सीईओ अभिषेक चौधरी ने बुधवार को शिक्षा से संबंधित विभागीय योजनाओं की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने नए बच्चों के प्रवेश और ड्रॉपआउट बच्चों को फिर से स्कूल में दाखिल कराने पर विशेष जोर देने के निर्देश दिए। बैठक में सीईओ चौधरी ने जिला अंतर्गत ड्रॉपआउट बच्चों के प्रवेश, ऑनलाइन स्पॉट प्रवेश और 3 से 6 वर्ष के बच्चों के आंगनवाड़ी में प्रवेश की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने शिक्षकों की 'हमारा शिक्षक ऐप' और ई.एच.आर.एम.एस. पोर्टल पर ई-अटेंडेंस तथा छात्रावासों में 'परख ऐप' के माध्यम से निरीक्षण की सतत निगरानी के निर्देश दिए। चौधरी ने समेकित छात्रवृत्ति योजना और एमपीटॉस पोर्टल पर दी जाने वाली छात्रवृत्ति की भी समीक्षा की। उन्होंने छात्र-छात्राओं का प्रोफाइल पंजीकरण शत-प्रतिशत पूरा करने के निर्देश दिए। बोर्ड परीक्षाओं को देखते हुए सीईओ चौधरी ने दिसंबर तक पाठ्यक्रम पूरा कराने और रेमेडियल क्लासेस अनिवार्य रूप से संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला परियोजना समन्वयक, जिला शिक्षा केंद्र को शाला त्यागी बालिकाओं को चिह्नित कर उनकी सूची महिला एवं बाल विकास विभाग को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया, ताकि उन्हें व्यवसायिक प्रशिक्षण से जोड़ा जा सके। बैठक में सीएम हेल्पलाइन के लंबित प्रकरणों को शत-प्रतिशत निराकृत करने के भी निर्देश दिए गए। इस दौरान सहायक आयुक्त, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक, प्राचार्य डाईट, समस्त विकासखंड शिक्षा अधिकारी, समस्त खंड स्त्रोत समन्वयक और विशिष्ट संस्थाओं के प्राचार्य उपस्थित रहे।
कैमूर में समग्र शिक्षा अभियान के तहत आयोजित शिक्षक प्रशिक्षण से गैरमौजूद रहने वाले 33 शिक्षकों का एक दिन का वेतन काट दिया गया है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा) विकास कुमार डीएन ने यह कार्रवाई की है। सभी गैरमौजूद शिक्षकों को तीन दिनों के भीतर कारण बताओ नोटिस का जवाब देने का निर्देश दिया गया है। डीपीओ ने बताया कि विभागीय वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से निर्देश मिले थे कि प्रशिक्षण में शामिल न होने वाले शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसी क्रम में गैरमौजूद शिक्षकों को नोटिस भेजकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि निर्धारित समय में संतोषजनक जवाब न मिलने या कमजोर स्पष्टीकरण देने पर संबंधित शिक्षकों को निलंबित किया जा सकता है। प्रशिक्षण और छात्रों की सीखने की प्रक्रिया दोनों होती हैं प्रभावित डीपीओ के अनुसार, शिक्षक प्रशिक्षण शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें लापरवाही स्वीकार्य नहीं है, क्योंकि लगातार अनुपस्थिति से प्रशिक्षण और छात्रों की सीखने की प्रक्रिया दोनों प्रभावित होती हैं। इस कार्रवाई का उद्देश्य शिक्षकों में अनुशासन और प्रशिक्षण के प्रति जागरूकता लाना है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि शिक्षा व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पताही प्रखंड के मध्य विद्यालय बालक में बुधवार को एक विशेष शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान कक्षा एक से लेकर आठ तक के सभी छात्र-छात्राओं को बैग और कॉपियों का वितरण किया गया। सुबह से ही विद्यालय परिसर में बच्चों की उपस्थिति देखी गई, जहां शिक्षक और विद्यालय प्रशासन कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय रहे। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) गुफरान आलम और प्रधानाध्यापक शीतल कुमार ने किया। दोनों अधिकारियों ने बच्चों को बैग और कॉपियां सौंपते हुए शिक्षा के महत्व तथा अच्छे संस्कारों की आवश्यकता पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया। बीईओ गुफरान आलम ने इस अवसर पर कहा कि विद्यालय बच्चों को केवल शिक्षा ही नहीं दे रहा है, बल्कि उन्हें जीवन निर्माण के लिए आवश्यक संस्कार भी सिखा रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे शैक्षणिक संसाधन बच्चों की पढ़ाई को आसान और सुगम बनाने के उद्देश्य से दिए जा रहे हैं। उन्होंने छात्रों को नियमित रूप से विद्यालय आने और कड़ी मेहनत से पढ़ाई करने की सलाह दी, ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके। प्रधानाध्यापक शीतल कुमार ने जानकारी दी कि विद्यालय में पढ़ रहे सभी छात्रों को बैग और कॉपियां उपलब्ध कराई गई हैं, ताकि किसी भी छात्र की पढ़ाई सामग्री के अभाव में बाधित न हो। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों में शिक्षा के प्रति उत्साह बढ़ रहा है और ऐसे कार्यक्रम उनकी प्रेरणा को और अधिक मजबूत करते हैं। इस वितरण कार्यक्रम के दौरान शिक्षक सचिन कुमार सहित विद्यालय के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। यह पूरा कार्यक्रम उत्साहपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ, जिसमें बच्चों ने नए बैग और कॉपियां पाकर प्रसन्नता व्यक्त की।
परबत्ता विधानसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक बाबूलाल सौर्य ने बुधवार को आभार सह जनसंपर्क यात्रा की शुरुआत की। यात्रा सुबह 9 बजे महेशखुंट से शुरू हुई, जहां बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं ने उनका उत्साहपूर्वक स्वागत किया। यात्रा आगे मदारपुर, कोआकोल, गोगरी बाज़ार, रजिस्ट्री मोड़, जमालपुर बाज़ार, मड़ैया, बलहा और कबेला होते हुए डुमरिया खुर्द पहुंची। हर जगह भीड़ ने फूल-माला पहनाकर विधायक का स्वागत किया। यात्रा में महिलाओं, युवाओं और किसानों की बड़ी भागीदारी रही। लोगों ने विधायक के सामने क्षेत्र की सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, सिंचाई और रोजगार से जुड़े मुद्दे रखे। बाबूलाल सौर्य ने जनता का अभिवादन करते हुए कहा कि यह जीत जनता की उम्मीदों और विकास की इच्छा की जीत है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जनता की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाएगा। दोपहर में यात्रा माधवपुर, विष्णुपुर, मुरादपुर, वीरपुर टोला, शिरोमनी टोला, गोरियासी, कन्हैयाचक और परबत्ता मुख्यालय से गुजरती हुई अंत में डुमरिया बुजुर्ग स्थित उनके आवास पर समाप्त हुई। यात्रा के दौरान लगातार मिले समर्थन पर विधायक ने कहा कि जनता का यह प्रेम उनके लिए बड़ी जिम्मेदारी है और वे परबत्ता के समग्र विकास के लिए पूरी ईमानदारी से काम करेंगे।
देश की पुरानी शिक्षा परंपरा को पुनर्जीवित करने के अपने मिशन को आगे बढ़ाते हुए राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। विश्वविद्यालय ने नई दिल्ली स्थित दत्तोपंत ठेंगड़ी फाउंडेशन के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य भारतीय ज्ञान परंपरा के विभिन्न आयामों पर गहन रिसर्च करना है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सचिन चतुर्वेदी और फाउंडेशन के महानिदेशक विरजेश उपाध्याय की उपस्थिति में यह समझौता संपन्न हुआ है। इस साझेदारी के तहत दोनों संस्थान भारत की प्राचीन सभ्यता गत ज्ञान-परंपराओं के सामाजिक, कानूनी और आर्थिक पहलुओं पर संयुक्त रूप से रिसर्च करेंगे। पुराना और आधुनिक का संगम इस समझौते की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह पुराना ज्ञान को केवल ग्रंथों और पुस्तकालयों तक सीमित रखने के बजाय उसे समकालीन शैक्षिक व्यवस्था और नीति-निर्माण में उपयोगी बनाने का प्रयास करेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि यह पहल भारत की बौद्धिक धरोहर को न केवल संरक्षित करेगी, बल्कि उसे नई पीढ़ी के लिए प्रासंगिक और उपयोगी भी बनाएगी। इस सहयोग का उद्देश्य सिर्फ अकादमिक रिसर्च तक सीमित नहीं है। दोनों संस्थान मिलकर ऐसे कार्यक्रम विकसित करेंगे, जो नवीन सोच को प्रोत्साहित करें और भारतीय ज्ञान परंपरा पर व्यापक बौद्धिक विमर्श को बढ़ावा दें। इसके माध्यम से विश्वविद्यालय अपने शैक्षणिक परिवेश को और समृद्ध बनाने की योजना बना रहा है। नालंदा की परंपरा को आगे बढ़ाना नालंदा विश्वविद्यालय, जो पुराना नालंदा महाविहार की गौरवशाली विरासत को पुर्नस्थापित करने के लिए स्थापित किया गया था, लगातार भारतीय ज्ञान और संस्कृति को वैश्विक मंच पर स्थापित करने के प्रयास में जुटा है। यह नया समझौता उस दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह साझेदारी भारत की ज्ञान-विरासत को संरक्षित करने, उसका प्रसार करने और उसे वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित करने की उनकी प्रतिबद्धता को और मजबूत करेगी।
बिहार में अब शिक्षक नियुक्ति परीक्षा (TRE-4) नए साल में जनवरी के बाद होगी। 25 हजार शिक्षकों की भर्ती होगी। अभी तक मात्र आधे जिले का रोस्टर क्लियरेंस हुआ है। आधे का बाकी है। दैनिक भास्कर से एक्सक्लूसिव बातचीत में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि STET का रिजल्ट आना बाकी है। ये दोनों प्रक्रिया पूरी होने के बाद TRE-4 के तहत भर्ती शुरू होगी। लाइब्रेरियन को नियुक्ति के लिए इंतजार करना होगा। हमने बच्चों की पढ़ाई और स्कूलों में शौचालय की कमी पर सवाल किए तो वह भड़क गए। पढ़िए और देखिए शिक्षा मंत्री सुनील कुमार का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू… क्यों भड़के शिक्षा मंत्री? बातचीत के दौरान हमने शिक्षा मंत्री से पूछा कि असर की एक रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी बिहार में कक्षा 5 के लगभग 55.2% छात्र दूसरी कक्षा के हिन्दी की किताबें नहीं पढ़ पाते हैं। तीसरी क्लास के 37.5% छात्र ही घटाव के प्रश्न हल कर सकते हैं। 7% स्कूलों में अभी तक रसोई सुविधा नहीं हो पाई है। 17% स्कूलों में अभी शौचालय नहीं है। इतना सुनते ही शिक्षा मंत्री भड़क गए। उन्होंने इसके आगे किसी सवाल का जवाब देने से साफ मना कर दिया। अब पढ़िए शिक्षा मंत्री से खास बातचीत… सवाल- TRE-4 कब तक शुरू होगा? इसमें कितने शिक्षकों की नियुक्ति होगी? जवाब- देश का ऐसा कोई राज्य नहीं है, जहां 2.70 लाख शिक्षकों की नियुक्ति 2 साल में हुई हो। आज तक शिक्षकों की नियुक्ति और तबादलों पर कोई सवाल नहीं उठा है। ये प्राइवेट स्कूल के टीचर की नियुक्ति नहीं है। इसमें रोस्टर क्लियर करना होता है। इलेक्शन के कारण इसमें देरी हुई है। रोस्टर क्लियरेंस आधे जिलों का आ चुका है। आधे का आना बाकी है। रोस्टर क्लियरेंस जिले से आने के बाद सामान्य प्रशासन विभाग भी इस पर काम करता है ताकि आरक्षण बरकरार रहे। इसके साथ ही बिहार बोर्ड की तरफ से STET की परीक्षा भी ली गई है, इसका रिजल्ट आना बाकी है। इस बार 25 हजार के आसपास रिक्ति आने की संभावना है। किस सब्जेक्ट में क्या जरूरत है। ये देखना पड़ेगा, सबकुछ व्यवस्थित किया जाएगा। हम अभ्यर्थियों को भरोसा दिलाते हैं कि जनवरी के बाद टीआरई की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सवाल- शिक्षक के साथ लाइब्रेरियन की नियुक्ति की भी मांग हो रही है, ये कब तक होने की संभावना है? जवाब- लाइब्रेरियन की नियुक्ति भी होगी। TRE की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिव्यांग बच्चों के लिए स्पेशल टीचर्स की नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए एक एलिजिब्लिटी टेस्ट लिया जाएगा। इसके बाद लाइब्रेरियन की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करेंगे। सवाल- स्कूल में बेहतर पढ़ाई के लिए क्या-क्या बदलाव कर रहे हैं? जवाब- आने वाले 5 सालों में शिक्षा में गुणात्मक विकास कैसे लाया जाए? छात्रों को नौकरी-रोजगार कैसे मिले? डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कैसे बढ़ाया जा सके? इसके लिए हम रोडमैप पर काम कर रहे हैं। हर पंचायत में एक मॉडल स्कूल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। क्वालिटी ऑफ एजुकेशन पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। कस्तूरबा गांधी स्कूल में पढ़ाने के लिए फिजिक्स वाला जैसी संस्थान के साथ करार किया गया है। साउथ की एक संस्था ने पटना की 30 बच्चियों की जिम्मेदारी ली है। बच्चियां सरकारी स्कूल में पढ़ेंगी, उनकी जिम्मेदारी यह संस्था लेंगे। CSR पर इसी दिशा में फोकस किया जा रहा है। सरकार के प्रयास में कोई कमी नहीं है। सवाल- यूपी का रोमियो स्क्वाड मॉडल बिहार के लिए कितना मुनासिब है? जवाब- हमलोगों ने कोई स्क्वाड का नाम नहीं दिया है, लेकिन जिला से लेकर राज्य स्तर तक मॉनिटरिंग की जा रही है। शिक्षक और छात्र समय पर आ रहे हैं या नहीं, यह जानने के लिए स्कूलों में 98% टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। जहां गलतियां मिलती हैं, कार्रवाई की जा रहा है। DEO, RDDE जैसे ऑफिसर गलत करते हैं तो विजिलेंस कार्रवाई कर रही है। जो गड़बड़ी करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। ई-शिक्षा पोर्टल पर बच्चों के माता-पिता शिकायत और सुझाव दे सकते हैं। इसकी रोज समीक्षा की जाती है। अभी कई स्कूलों में बाउंड्री वॉल तैयार नहीं किया गया है। उस पर भी नजर रखी जा रही है। सुधार कर रहे हैं, जरूरी होता है तो कड़ी कार्रवाई भी करते हैं। सवाल- ‘असर’ की रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी 20% बच्चे स्कूल से दूर हैं, इन्फ्रास्ट्रक्चर की भी किल्लत है? जवाब- असर को ये भी देखना चाहिए कि 2005 से पहले की स्थिति क्या थी। ड्रॉप आउट का आंकड़ा गलत है। शिक्षकों की नियुक्ति से फायदा हुआ है। बहुत सुधार हुआ है। मिड डे मील सभी जगह मिल रहा है। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर काम शुरू हो गया है। 90 MOU (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) अलग-अलग एनजीओ के साथ किए गए हैं। महिलाओं का साक्षरता दर बढ़कर 76% से ज्यादा हो गया है। शिक्षा के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है। हमारे पास बहुत सारी चुनौतियां हैं। 2005 से पहले जहां 1 लाख शिक्षक थे, आज 5.60 लाख से ज्यादा हैं। 78 हजार से ज्यादा स्कूल और 15 यूनिवर्सिटी हैं। हमलोग 1.9 करोड़ छात्र-छात्राओं को मिड डे मील देते हैं। ड्रॉप आउट कम कर एडमिशन बढ़ाया गया है। सवाल- क्या अलग हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट की जरूरत थी, इसकी घोषणा में देर हुई? जवाब- अभी कैबिनेट का फैसला हो जाने दीजिए, इसके बाद इस पर कुछ बोलना सही रहेगा। समय की मांग होती है। समय-समय पर इसमें बदलाव किया जा रहा है। वक्त की मांग है कि हायर एजुकेशन पर फोकस करना है। सवाल- सरकार का फोकस नौकरी और रोजगार पर है, इसमें आप अपनी क्या भूमिका देख रहे हैं? जवाब- हमने 2.70 लाख से ज्यादा टीचर, हेड टीचर की नियुक्ति की है। 2.5 लाख से ज्यादा शिक्षक पंचायती राज व्यवस्था से आए थे, उन्हें एक मामूली परीक्षा लेकर विशेष शिक्षक बनाए हैं। आने वाले दिनों में टीआरई-4 में नियुक्ति करेंगे। 25 हजार से ज्यादा शिक्षक की नियुक्ति होगी। यूनिवर्सिटी, पॉलिटेक्निक और आईटीआई स्किल बेस्ड शिक्षा को बढ़ा रहे हैं। ये भी रोजगार दे रहे हैं। स्वरोजगार और रोजगार दे सकें, इस पर काम कर रहे हैं। शिक्षकों को अच्छी ट्रेनिंग मिले, इसके लिए हर जिले में टीचर ट्रेनिंग कॉलेज खोले हैं। सवाल- क्या शिक्षा विभाग में भी AI की भूमिका बढ़ेगी? जवाब- AI से कोई भी सेक्टर अछूता नहीं रह सकता। इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते। भविष्य में इसे निचले स्तर तक लागू करना होगा। हर स्कूल में कैसे आईसीटी लैब हों, इस पर हमारा फोकस है। स्किल डेवलपमेंट पर हमारा फोकस है ताकि छात्रों को रोजगार के अच्छे मौके मिलें। सवाल- शिक्षकों को चुनाव में लगाने से पढ़ाई प्रभावित होती है, क्या इसका कोई विकल्प है? जवाब- चुनाव संवैधानिक व्यवस्था है। चुनाव आयोग के पास इतने लोग नहीं हैं कि सभी काम करा सके। इसलिए हर राज्य में शिक्षकों को सहयोग करना पड़ता है। अब शिक्षक लौट आए हैं। समय पर परीक्षा होगी और रिजल्ट आएगा। सवाल- स्कूलों में पुलिस कैंप बना दिया जाता है, पढ़ाई प्रभावित होती है? जवाब- स्कूल में कैंप अमूमन नहीं बनाए जाते। केवल चुनाव के दौरान बनाए जाते हैं। इसके अलावा बिहार में परमिशन नहीं है कि कोई कैंप बनाया जा सके। इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर चैलेंजेज हैं। 78 हजार स्कूल हैं। कुछ जगहों पर बिल्डिंग नहीं है। इनपर भी तेजी से काम हो रहा है। आने वाले समय में जो भी गैप होंगे उसे बेहतर किया जाएगा। 78 हजार स्कूलों में 1.76 करोड़ बच्चों को शिक्षा देते हैं। कई देशों की इतनी आबादी नहीं है। 1.9 करोड़ बच्चों को हम रोज मिड डे मील खिलाते हैं। यूरोप के कई देशों की इतनी आबादी भी नहीं है।
पहल : डीईओ विनय कुमार ने किया उद्घाटन, खगोल विज्ञान शिक्षा को नई ऊंचाई देने वाला महत्वपूर्ण कदम
एजुकेशन रिपोर्टर|रांची छोटानागपुर राज प्लस 2 उच्च विद्यालय रातू में मंगलवार को खगोल विज्ञान शिक्षा को नई ऊंचाई देने वाला महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) विनय कुमार ने विद्यालय में स्थापित हाई-पावर खगोलीय टेलीस्कोप का शुभारंभ किया। यह टेलिस्कोप भारती एयरटेल फाउंडेशन की ओर से छात्रों के लिए उपलब्ध कराया गया है, जो अब अंतरिक्ष की घटनाओं को समझने का व्यावहारिक माध्यम बनेगा। उद्घाटन के बाद स्कूल परिसर उत्साह से भर गया। बच्चे देर शाम तक मौजूद रहे और ग्रहों-नक्षत्रों को दूरबीन से निहारकर रोमांचित हो उठे। एस्ट्रोनॉमी क्लब के छात्र-छात्राओं और विज्ञान शिक्षकों ने स्वयं टेलीस्कोप को इंस्टॉल किया, जिससे कार्यक्रम और भी आत्मनिर्भर और शैक्षिक बना। डीईओ ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि विद्यालय का यह प्रयास छात्रों की वैज्ञानिक सोच को नई दिशा देगा। मौके पर विज्ञान शिक्षक मदन मोहन तिवारी, जितेंद्र कुमार, बुशरा परवीन, डॉ. बेला कुमारी, शिवाकांत ठाकुर, प्रशिक्षक नेहा तिर्की, स्नेहलता मल्होत्रा, रितिका कुमारी मौजूद थीं।
2010 में शुरू हुई शहीद अजीत सिंह नौजवान सोसायटी गरीब बच्चों की शिक्षा पर कर रही फोकस
भास्कर न्यूज | जालंधर शहीद अजीत सिंह नौजवान सोसायटी की ओर से सालाना स्वेटर और शूज वितरण समारोह मनाया गया। इसके तहत 300 जरूरतमंद बच्चों को स्वेटर और शूज वितरित किए गए। आयोजकों ने बताया कि डॉ. राज जगपाल, वरुण चड्ढा, सुप्रीत सिंह, एकपुकार सिंह, सुधांशु चड्ढा और सरबजीत सिंह ने अपना सहयोग दिया। संस्था के अध्यक्ष दीपक महेंद्रू ने बताया कि शहीद अजीत सिंह नौजवान सोसायटी की शुरुआत साल 2010 में हुई थी। शुरुआती दौर में सबसे पहले बच्चों की शिक्षा और जुलाई 2010 में पहला मेडिकल कैंप लगाया गया। फिर धीरे-धीरे संस्था द्वारा की जाने वाली गतिविधियों का दायरा बढ़ता गया। उन्होंने बताया कि हम मिलकर गरीब बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए काम कर रहे हैं। तमाम बच्चे गरीबी के चलते शिक्षा से वंचित रह जाते हैं, लेकिन हमारा प्रयास है कि शिक्षा की किरण समाज के अंतिम पायदान तक पहुंचे। कार्यक्रम में एडवोकेट सुशांत कुमार, डॉक्टर अरुण कुमार, डॉक्टर ऋषभ चड्ढा और ज्योति शर्मा पुलिस सांझ केंद्र सेंट्रल मौजूद रहे। अतिथि ने बच्चों को ज्यादा से ज्यादा विद्या हासिल कर देश समाज की तरक्की में योगदान देने की बातें कहीं। दीपक महेंद्रू ने कहा कि सोसायटी का यह प्रोग्राम श्री गुरु तेग बहादर जी की लासानी कुर्बानी को समर्पित किया गया है। यहां प्रिंसिपल राकेश शर्मा, नवनीत शारदा, जोगिंदर शर्मा व अन्य मौजूद रहे।
देवल में प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा पर एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया
डूंगरपुर| आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा पर एक दिवसीय प्रशिक्षण देवल ग्राम पंचायत में किया। इसमें प्रशिक्षण यूनिसेफ की सहयोगी संस्था प्रारम्भ फाउण्डेशन से दिया। इसमें रेखा दोराता ने प्रशिक्षण के उद्देश्यों से अवगत कराया। कार्यकर्ताओं को वर्कबुक पर कार्य करवाने के लिए निर्देश दिए। साथ ही साप्ताहिक कैलेंडर और इन्द्रधनुष से गतिविधियां करने की जानकारी दी। इस समय सभी केन्द्रों पर दोहराना सप्ताह का कार्य करवाया जा रहा है। केन्द्रों को व्यवस्थित कर के रखने के साथ थीम के अनुसार केन्द्रों की साज-सज्जा की जानकारी दी। कार्यकर्ताओं को शिक्षण सहायक सामग्री जादू की छड़ी व कैलेंडर बनवाया। महिला पर्यवेक्षक गीता भगोरा ने कार्यकर्ताओं को समग्र प्रमाण-पत्र भरने व नियमित रूप से आंगनबाड़ी केन्द्र को व्यवस्थित कर के रखने के निर्देश दिए। इस अवसर पर सेक्टर की कार्यकर्त्ता व प्रारम्भ फाउण्डेशन से भाग्यश्री व अनीता कोटेड उपस्थित रहे।
लखनऊ निवासी डॉ. राघवेन्द्र दुबे को 26 जनवरी 2026 को 'भारत सेवा रत्न अवार्ड-2026' से सम्मानित किया जाएगा। यह राष्ट्रीय समारोह जयपुर स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के ऑडिटोरियम में आयोजित होगा। उन्हें शिक्षा उत्थान, सामाजिक सेवा और जनकल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है। डॉ. राघवेन्द्र दुबे एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और समाजसेवी हैं। वह उत्तर प्रदेश पुलिस (112) में बहराइच में उप-निरीक्षक के पद पर तैनात सुरेन्द्र कुमार दुबे के पुत्र हैं। डॉ. दुबे वर्तमान में YSS INDIA के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत हैं। प्रमुख संस्थानों में एकेडमिक हेड और प्रख्यात अध्यापक के रूप में सेवाएं दी शिक्षा के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव है। उन्होंने दिल्ली के डॉ. मुखर्जी नगर में SD IAS, Shashi Karna Classes, Vedanta IAS और TET GYAN Coaching जैसे कई प्रमुख संस्थानों में एकेडमिक हेड और प्रख्यात अध्यापक के रूप में सेवाएं दी हैं। यूपीएससी शिक्षण में उनका व्यापक अनुभव रहा है और वे कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित संस्थाओं से जुड़े रहे हैं। डॉ. दुबे छात्र हित को सर्वोपरि मानते हुए गुणवत्तापूर्ण और परिणाम-केंद्रित मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। ग्रामीण और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए उन्होंने निःशुल्क कोचिंग, करियर काउंसलिंग और शिक्षण गुणवत्ता सुधार हेतु सराहनीय प्रयास किए हैं। उनके मार्गदर्शन में सैकड़ों विद्यार्थियों ने बेहतर शिक्षा प्राप्त कर अपना करियर बनाया है। 15 अगस्त 2025 को 'राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था इससे पहले, 15 अगस्त 2025 को उन्हें 'राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया जा चुका है। शिक्षा एवं भाषा सेवा के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें 'विश्व हिंदी सम्मान', 'हिंदी सेवा सम्मान' और 'राष्ट्रीय गौरव सम्मान' जैसे कई अन्य पुरस्कार भी मिले हैं। डॉ. राघवेन्द्र दुबे विश्व हिंदी परिषद के सदस्य भी हैं। राष्ट्रीय ज्युरी ने उनके सार्थक और निरंतर योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 2026 के 'भारत सेवा रत्न अवार्ड' के लिए चुना है। इस उपलब्धि पर उनके परिवार और शहर में खुशी का माहौल है।
देवास-शाजापुर लोकसभा सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी ने लोकसभा में शिक्षा व्यवस्था से जुड़े मुद्दे उठाए। उन्होंने विद्यार्थियों में परीक्षा के दौरान बढ़ते तनाव, शिक्षकों पर पड़ रहे मानसिक दबाव और नई शिक्षा नीति 2020 के तहत त्रिभाषा फार्मूले के क्रियान्वयन को लेकर सरकार से जवाब मांगा। सांसद सोलंकी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'परीक्षा पे चर्चा' जैसे कार्यक्रमों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से बच्चों के तनाव को कम करने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने विशेष रूप से पूछा कि क्या शिक्षा नीति 2020 के अनुसार त्रिभाषा फार्मूला सरकारी विद्यालयों में लागू किया जा चुका है, खासकर मध्यप्रदेश और उनके संसदीय क्षेत्र देवास-शाजापुर में। शिक्षा राज्य मंत्री सुकांता मजूमदार ने जवाब में बताया कि नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य बच्चों को एक या अधिक भाषाओं में मजबूत बनाना है। त्रिभाषा फार्मूले के तहत विद्यार्थी अपनी मातृभाषा में शिक्षा ग्रहण करेगा, साथ ही एक अन्य भारतीय भाषा और अंग्रेजी भी सीखेगा। एनसीईआरटी की 22 पुस्तकें भारतीय भाषाओं में छापी मंत्री ने जानकारी दी कि एनसीईआरटी की 22 पुस्तकें भारतीय भाषाओं में छापी गई हैं, जबकि प्राइमर पुस्तकें 121 भाषाओं में प्रकाशित की गई हैं। पीएम ई-विद्या और दीक्षा प्लेटफॉर्म पर भी मातृभाषा को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मध्यप्रदेश भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) का क्रियान्वयन कर रहा है।
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर मंगलवार को जिले के दौरे पर रहे। वे पंचायत समिति मारवाड़ जंक्शन के जाणुंदा गांव पहुंचे। जहां उन्होंने भामाशाह की और से निर्मित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण कर चामुंडा माता मंदिर में दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने देवली (आउवा ) में राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल देवली का अचानक निरीक्षण किया। शिक्षा मंत्री दिलावर ने जाणुंदा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण कर कर्मचारियों को मौसमी बीमारियों व दवाइयों की जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने स्कूल में विद्यार्थियों का शिक्षा स्तर जांचा व अध्यापकों को अध्यापन कार्य के बारे में निर्देश दिए। उन्होंने हमेशा सूर्य नमस्कार, वंदे मातरम गायन, राष्ट्रीय गीत को प्रतिदिन प्रार्थना सभा के समय करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने इस दौरान विद्यार्थियों द्वारा वंदे मातरम गायन किया गया। वहीं स्कूल के बीच से गुजर रही 33 केवी लाइन को अन्यत्र स्थापित करवाने का स्कूल परिवार द्वारा आग्रह किया। उन्होंने उपखंड अधिकारी को कार्रवाई के निर्देश दिए। देवली ग्राम में सफाई व्यवस्था की जांच स्वयं की। पूरे गांव में घूम कर की जांच कर साथी रहे पूर्व विधायक खंगार राम चौधरी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। साथ ही जाणुंदा स्कूल में आचार्य श्री तुलसी दीक्षा शताब्दी समारोह कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे। वहां उन्होंने युग प्रधान आचार्य महाश्रमण से भेंट कर मंगल वचन प्राप्त किए। कार्यक्रम में उपखंड अधिकारी महावीर सिंह जोधा, जिला शिक्षा अधिकारी राहुल राजपुरोहित सहित जैन समाज के लोग एवं ग्रामीण मौजूद रहे।
जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में चौथी क्लास की बच्ची अमायरा के सुसाइड केस मे 38 दिन बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इसी नाराजगी के चलते सोमवार को शहर में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के 'लापता' होने के पोस्टर लगाए गए। ये पोस्टर शहर के कई चौराहों, बस स्टॉप और मुख्य सड़कों पर लगाए गए हैं। पोस्टर में लिखा है कि राजस्थान के सभी माता-पिता मंत्री की तलाश कर रहे हैं। एक प्राइवेट स्कूल में छोटी सी बच्ची ने अपनी जान दे दी। और मदन दिलावर कुछ करने के बजाय भाग खड़े हुए। सुनने में आया है कि स्कूल ने इनके विभाग को अंदर ही नहीं घुसने दिया। पोस्टर लगाने वाली परिवर्तन संस्था की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने बताया- नीरजा मोदी स्कूल में अमायरा ने बुलिंग से परेशान होकर अपनी जान दे दी। सीबीएसई रिपोर्ट में भी स्कूल की लापरवाही स्पष्ट है, लेकिन शिक्षा मंत्री इस पूरे मामले में अनुपस्थित हैं। पोस्टर के साथ दिखे परिवर्तन संस्था के अध्यक्ष आशुतोष रांका ने कहा- राजस्थान के शिक्षा मंत्री पिछले दो साल से कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अनुपस्थित रहे हैं। उन्होंने झालावाड़ में स्कूल गिरने से बच्चों की मौत, दूध पाउडर घोटाला, किताबों की समय पर अनुपलब्धता और एसआईआर नियमों के कारण शिक्षकों की आत्महत्या जैसी घटनाएं हुईं। अमायरा मामले में भी यही स्थिति बनी हुई है। 72 घंटे में कठोर कार्रवाई करने के लिए कहा आशुतोष रांका ने चेतावनी दी है कि अगर अगले 72 घंटों में नीरजा मोदी स्कूल के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की गई, तो पूरे शहर में शिक्षा मंत्री मदन सिंह दिलावर का यह लापता वाला पोस्टर लगाए जाएंगे। दरअसल, जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में 1 नवंबर को चौथी कक्षा की 9 वर्षीय छात्रा अमायरा ने स्कूल बिल्डिंग की पांचवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। परिवार का आरोप है कि बच्ची को स्कूल में लगातार बुलिंग का सामना करना पड़ रहा था। ये भी पढ़ें... जयपुर में नीरजा मोदी स्कूल की बिल्डिंग से छात्रा कूदी,VIDEO:अभिभावक संघ ने कहा-स्कूल की मान्यता रद्द हो, शिक्षा मंत्री बोले-जांच बाधित करने वाले परिणाम भुगतेंगे जयपुर में नीरजा मोदी स्कूल में 4th फ्लोर से कूदकर छात्रा ने सुसाइड कर लिया। 1 नवंबर (शनिवार) को हुई इस घटना का VIDEO सामने आया है। करीब 10 सेकेंड के CCTV फुटेज में पहले बच्ची स्कूल की रेलिंग पर चढ़कर बैठती है। इसके बाद नीचे कूद जाती है। (पूरी खबर पढ़ें)
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वॉयस ओवर के लिए ऑनलाइन जॉब कैसे सर्च करें?
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वॉयस ओवर (Voice Over) के काम की मांग तेज़ी से बढ़ रही है, खासकर डबिंग (Dubbing) और नरेशन (Narration) के लिए। ओटीटी प्लेटफॉर्म (जैसे Netflix, Amazon Prime Video, Disney+ Hotstar) पर काम करने के लिए आप सीधे प्लेटफॉर्म के बजाय, ...
4 साल की उम्र में श्रेया घोषाल ने ली संगीत की शिक्षा, अमेरिका में मनाया जाता है 'श्रेया घोषाल दिवस'
बॉलीवुड की फेमस सिंगर श्रेया घोषाल 12 मार्च को अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। अपनी सुरीली आवाज से लाखों लोगों को दिवाना बनाने वाली श्रेया का जन्म 1984 में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुआ था। उन्होंने बेहद कम समय में अपनी सुरीली आवाज से बड़ी ...
दिल्ली में झुग्गी में रहने वाले एक पिता ने, जो चाय बेचते हैं, उन्होंने अपनी बेटी को आखिरकार CA बना दिया। जहां एक ओर लोगों ने कहा, क्यों अपनी बेटी को जरूरत से ज्यादा पढ़ा रहे हो, इसकी शादी करवा देनी चा
NEET UG रिजल्ट को लेकर अभी भी जारी है गुस्सा, छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के पास किया विरोध प्रदर्शन
नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए छात्रों ने सोमवार को शिक्षा मंत्रालय के पास विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा परिणाम में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की। आइए जानते हैं, क्या है पूरा म
बेसिक शिक्षा : दो महीने बाद भी 1.38 लाख छात्रों का डेटा नहीं हुआ अपडेट
बेसिक शिक्षा विभाग के यू डायस पोर्टल पर डेटा अपडेट करने का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है। हाल ये है कि दो महीने में महज 1.38 लाख छात्रों डेटा भी अपडेट नहीं हुआ। विभाग ने अब 5 जून तक इसे पूरा करने क
स्कूलों में कैसे पढ़ा रहे हैं शिक्षक, वीडियो में देखेगा शिक्षा विभाग, होगी रिकॉर्डिंग
शिक्षा विभाग वीडियो के जरिए देखेगा कि परिषदीय स्कूलों के शिक्षक छात्रों को कैसे पढ़ाते हैं। बता दें. छात्रों को पढ़ाते हुए शिक्षकों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। आइए जानते हैं विस्तार से।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति : यूपी बोर्ड ने दिए निर्देश, एनईपी लागू करने को स्कूल बनाएंगे प्लान
यूपी बोर्ड से जुड़े 27 हजार से अधिक स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने के लिए स्कूल स्तर पर योजना बनाई जाएगी। एनईपी 2020 के विषय में विद्यालयों में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
बॉलीवुड का ये सुपरस्टार युवाओं को IAS बनाने के लिए मुफ्त में देगा शिक्षा, योजना से अबतक जुड़ चुके है7000 युवा
राम बनने के लिएधनुष-बाण चलाने की शिक्षा ले रहे है Ranbir Kapoor, एक्टर केआर्चरी ट्रेनर ने शेयर की तस्वीरें

