बलरामपुर-रामानुजगंज जिला शिक्षा अधिकारी ने सहायक शिक्षक एलबी अशोक कुमार यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन पर विशेष गणन पुनरीक्षण (SIR) कार्य में लापरवाही बरतने, कार्य में रुचि न लेने और सक्षम अधिकारी से अवकाश स्वीकृत कराए बिना अनुपस्थित रहने का आरोप है। जानकारी के अनुसार, कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बलरामपुर के प्रस्ताव और निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी रामानुजगंज के आदेश पर अशोक यादव को मतदान केंद्र क्रमांक-237 फतेहपुर में अविहित अधिकारी (Distributing/Collecting Officer) के रूप में SIR कार्य सौंपा गया था। निर्वाचन कार्य में लापरवाही हालांकि, उन्होंने इस कार्य में रुचि नहीं ली। लापरवाही बरती और निर्वाचन कार्य में सहयोग नहीं किया, जिसकी रिपोर्ट की गई थी। अभिलेखों के अवलोकन के बाद, जिला शिक्षा अधिकारी ने पाया कि अशोक कुमार यादव का यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-03 का उल्लंघन है। नियम उल्लंघन के चलते कर्मचारी निलंबित परिणामस्वरूप उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण-अपील) नियम 1966 के नियम-9(1)(क) के तहत निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी बलरामपुर निर्धारित किया गया है। उन्हें नियमों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता भी देय होगा।
रायसेन शहर के सरकारी कन्या महाविद्यालय और पीएम श्री एक्सीलेंस कॉलेज परिसर में स्थापित ओपन जिम की मशीनें तीन साल से अनुपयोगी पड़ी हैं। इन मशीनों के आसपास घास और पौधे उग आए हैं, जिनकी सफाई भी नहीं की जा रही है। और मशीनें धूल खा रही है। ये ओपन जिम 3 दिसंबर 2022 को स्थापित किए गए थे। इनका लोकार्पण मध्य प्रदेश सरकार के तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने किया था। पीएम श्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में स्थापित ओपन जिम तो क्षतिग्रस्त होने भी लगा है। वहां उपयोग न होने के कारण जंगल जैसी स्थिति बन गई है। इन ओपन जिम को वर्ल्ड बैंक द्वारा स्थापित कराया गया था। उस समय बताया गया था कि ये जिम महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे, लेकिन यह उद्देश्य पूरा नहीं हो सका है।
बड़वानी में अब स्कूली बच्चे सर्दी से बचाव के लिए किसी भी रंग या डिजाइन की स्वेटर, जैकेट या गर्म कपड़े पहनकर स्कूल जा सकेंगे। स्कूल प्रबंधन उन्हें ऐसा करने से नहीं रोक पाएगा। मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। अभिभावकों की शिकायत पर हुई कार्रवाई यह आदेश उन शिकायतों के बाद जारी किया गया है, जिनमें स्कूलों द्वारा बच्चों को यूनिफॉर्म के अनुसार निर्धारित रंग की स्वेटर पहनने का दबाव बनाया जाता था। इससे अभिभावकों पर नई स्वेटर खरीदने का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता था। संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी कार्रवाई संचालनालय ने स्पष्ट किया है कि अगर विद्यार्थी निर्धारित गणवेश के अतिरिक्त कोई भी गर्म कपड़ा पहनते हैं, तो उन्हें कक्षा में आने से नहीं रोका जाएगा। इसके अलावा, किसी भी छात्र को कक्षा के बाहर स्वेटर, जैकेट, कैप या मोजे उतारने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा। ऐसा करने पर संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसी भी रंग के स्वेटर पहनकर जा सकेंगे बच्चे आदेश में यह भी उल्लेख है कि यूनिफॉर्म से अलग रंग की स्वेटर पहनने पर बच्चों को कक्षा से बाहर करने से उनकी पढ़ाई प्रभावित होती थी और स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ता था। नई व्यवस्था से विद्यार्थी बिना किसी डर या दबाव के गर्म कपड़े पहनकर स्कूल जा सकेंगे। इन आदेशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। बड़वानी की जिला शिक्षा अधिकारी शीला चौहान ने बताया कि आदेश मिलने के बाद इसे सभी निजी एवं शासकीय स्कूलों में भेज दिया गया है और पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
हाथरस में इगलास रोड पर एक सड़क हादसे में एक महिला शिक्षामित्र और उसके 14 वर्षीय बेटे की मौत हो गई। यह घटना आज रविवार को दोपहर करीब 11 बजे हुई। दोनों को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक महिला की पहचान हाथरस गेट कोतवाली क्षेत्र के गांव प्रताप निवासी 40 वर्षीय लता पत्नी त्रिभुवन के रूप में हुई है। वह एक शिक्षामित्र थीं। उनके बेटे का नाम उदय था। जानकारी के अनुसार, लता अपने बेटे उदय के साथ नगला हेमा स्थित एक मंदिर में पैदल गई थीं। मंदिर से वापस लौटते समय इगलास की ओर से आ रहे एक डंपर ने उन्हें सड़क पर कुचल दिया। इस हादसे में मां-बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। घटनास्थल पर तत्काल भीड़ जमा हो गई। स्थानीय लोग दोनों को जिला अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस ने डंपर को अपने कब्जे में ले लिया है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
जबलपुर में तीसरी से आठवीं तक की अर्धवार्षिक स्कूल परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। राज्य शिक्षा केंद्र के आदेशानुसार, जो परीक्षाएं 24 नवंबर से शुरू होनी थीं, वे अब 8 दिसंबर से प्रारंभ होंगी। यह निर्णय शिक्षकों की एसआईआर (SIR) और बीएलओ (BLO) संबंधी कार्यों में व्यस्तता के कारण लिया गया है। कई शिक्षकों को पहले बीएलओ के कार्यों में लगाया गया था, जिसके बाद शेष शिक्षकों की भी प्रतिदिन दो घंटे की ड्यूटी निर्धारित की गई। इसके अतिरिक्त, अतिथि शिक्षकों को भी एसआईआर के सहयोग के लिए तैनात किया गया था। इन परिस्थितियों को देखते हुए, जबलपुर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने राज्य शिक्षा केंद्र को परीक्षा तिथियां आगे बढ़ाने के लिए पत्र लिखा था। उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए, भोपाल से संशोधित परीक्षा कार्यक्रम जारी किया गया है। संशोधित कार्यक्रम के अनुसार, कक्षा 3 से 5 तक की परीक्षाएं 8 दिसंबर से 12 दिसंबर तक आयोजित की जाएंगी। इन कक्षाओं के लिए परीक्षा का समय सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक निर्धारित किया गया है। वहीं, कक्षा 6 से 8 तक की परीक्षाएं 8 दिसंबर से 13 दिसंबर तक चलेंगी।
सागर में डॉ. सर हरीसिंह गौर की 156वीं जयंती के मौके पर आयोजित गौर उत्सव क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला रविवार को खेला जाएगा। यह खिताबी भिड़ंत एडवोकेट एकादश और स्कूल शिक्षा विभाग एकादश के बीच सुबह 10 बजे से होगी। शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल मुकाबले शनिवार को अब्दुल गनी खान स्टेडियम में खेले गए, जिसमें दोनों फाइनलिस्ट टीमों ने एकतरफा जीत दर्ज की। पहला सेमीफाइनल मैच एडवोकेट एकादश और पत्रकार एकादश के बीच खेला गया। टॉस जीतकर एडवोकेट एकादश ने पहले गेंदबाजी चुनी। बल्लेबाजी करने उतरी पत्रकार एकादश 20 ओवर में 115 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। टीम के लिए सुदीप कोरी ने 37 रन और दीपक ने 14 रनों की पारी खेली। देवांशु के नाबाद 61 रन, एडवोकेट इलेवन 7 विकेट से जीतीएडवोकेट एकादश की ओर से गेंदबाजी करते हुए सिद्धार्थ ने 3 विकेट, जबकि देवांशु और सूर्यांश ने 2-2 विकेट चटकाए। जवाब में एडवोकेट एकादश ने धमाकेदार बल्लेबाजी करते हुए 14 ओवर में ही 3 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। देवांशु ने नाबाद 61 रन और यज्ञेश्वर ने 31 रन बनाए। टीम ने 7 विकेट से जीत दर्ज कर फाइनल में जगह बनाई। दूसरा सेमीफाइनल: शिक्षा विभाग ने बनाए 155 रनदूसरा सेमीफाइनल स्कूल शिक्षा विभाग और संबद्ध महाविद्यालय के बीच खेला गया। स्कूल शिक्षा विभाग ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित ओवरों में 9 विकेट खोकर 155 रन बनाए। 59 रन पर ढेर हुई कॉलेज टीम, 95 रन से हारीजवाब में उतरी संबद्ध महाविद्यालय की टीम, शिक्षा विभाग की धारदार गेंदबाजी के सामने टिक नहीं सकी। पूरी टीम 11 ओवर में महज 59 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। स्कूल शिक्षा विभाग ने यह मैच 95 रनों के बड़े अंतर से जीता। शिक्षा विभाग की ओर से विक्रम ने 3 विकेट, जबकि अभिषेक, विनीत और विपिन ने 2-2 विकेट लिए। मैच में निर्णायक की भूमिका अमन दुबे, आदित्य बेन और अयान खान ने निभाई। वहीं, स्कोरर नैन्सी और हीरालाल अहिरवार रहे।
65 शिक्षकों की टीम लाइव क्लास से दे रहे शिक्षा
मैट्रिक के 43423 व इंटर का एग्जाम देने वाले 35068 छात्रों को मिलेगा फायदा भास्कर न्यूज|पूर्णिया पूर्णिया लाइव क्लास के माध्यम से मैट्रिक व इंटर की परीक्षा देने वाले छात्र- छात्राओं के लिए क्रैश कोर्स का आयोजन किया जा रहा है। 24 नवंबर से 24 दिसंबर तक एक माह चलने वाले क्रैश कोर्स के माध्यम से साल 2026 में मैट्रिक की परीक्षा देने वाले 43423 व इंटर की परीक्षा में शामिल होने वाले 35068 छात्र-छात्राओं को बोर्ड की तर्ज पर तैयारी करवाई जाएगी। एक माह के क्रैश कोर्स के बाद 5 से 9 जनवरी तक 10 वीं के बच्चों के लिए बोर्ड के तर्ज पर टेस्ट लिया जाएगा । वहीं इंटर के लिए 12 से 15 जनवरी तक टेस्ट आयोजित किए जाएंगे। टेस्ट रिजल्ट के आधार पर सुपर हंड्रेड बच्चों का चयन कर उनके लिए 10 दिनों का रिफ्रेशर क्लास की व्यवस्था की जाएगी। ताकि बोर्ड परीक्षा में जिले के छात्र-छात्राओं का बेहतर प्रदर्शन हो सके। जानकारी डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान कौशल कुमार ने दी। उन्होंने बताया लाइव क्लास के माध्यम से छात्र-छात्राओं को नीट व आईआईटी की भी तैयारी करवाई जा रही है। लाइव क्लास का मुख्य मकसद सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। नवंबर 2023 में शुरू हुआ था पूर्णिया लाइव क्लास जिला स्कूल से संचालित पूर्णिया लाइव क्लास के माध्यम से जिले के 265 सरकारी स्कूलों के कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को पढ़ाई करवाई जा रही है। साथ ही साथ मैट्रिक व इंटर की परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए क्रैश कोर्स भी करवाया जाता है। पूर्णिया लाइव क्लास के फेसबुक व यू ट्यूब चैनल के माध्यम से बच्चे ऑफ लाइन व ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीना ने भी पूर्णिया लाइव क्लास की तारीफ करते हुए इसको अन्य जिलों के अपनाने की भी सलाह दी थी। इस साल पूर्णिया लाइव क्लास के माध्यम से सरकारी स्कूल के पढ़ने वाले बच्चों के लिए आईआईटी, जेईई व नीट की तैयारी भी शुरू की गई है। साल 2024 में इंटर व मैट्रिक की परीक्षा से पहले क्रैश कोर्स का संचालन करवाया गया था।इस साल भी क्रैश कोर्स का संचालन किया गया है।
भविष्य में विकसित भारत के निर्माण में शिक्षा और उद्योग जगत की संयुक्त भूमिका को सशक्त बनाने की दिशा में बीएचयू और भारतीय उद्योग परिसंघ ने एक महत्वपूर्ण साझेदारी की शुरुआत की है। काशी संवाद 2025 में विश्वविद्यालय के मालवीय मूल्य अनुसंधान केंद्र में दोनों संस्थानों के बीच सहयोग एवं सहभागिता को मजबूत करने हेतु एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह MoU विकसित भारत 2047 के विज़न को साकार करने के उद्देश्य से नीति-निर्माताओं, शिक्षाविदों, उद्योग नेताओं तथा विशेषज्ञों को एक साझा मंच पर लाने की इस महत्त्वपूर्ण पहल को और मजबूती प्रदान करेगा। कुलपति प्रो. अजित कुमार चतुर्वेदी और CII के प्रधान सलाहकार एवं CII फाउंडेशन के CEO सुनील मिश्रा ने औपचारिक रूप से दस्तावेज़ों का आदान-प्रदान किया। उद्योग–शिक्षा साझेदारी को नई दिशा समझौते के माध्यम से बीएचयू और CII शिक्षा एवं उद्योग के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए नियमित संवाद, संयुक्त कार्यशालाएँ, संगोष्ठियाँ तथा परियोजनाएँ आयोजित करेंगे। इससे विद्यार्थियों को इंटर्नशिप, मेंटॉरशिप तथा पेशेवर प्रशिक्षण जैसे महत्वपूर्ण अवसर प्राप्त होंगे। MoU से अकादमिक अनुसंधान को उद्योग की वास्तविक आवश्यकताओं और अनुभवों से जोड़कर सामाजिक-आर्थिक और औद्योगिक चुनौतियों के समाधान विकसित करने में सहायता मिलेगी। काशी घोषणा पत्र का पहला संस्करण जारी ज्ञान साझेदार डेलॉएट की प्रतिनिधि स्वाती अग्रवाल ने विभिन्न सत्रों में हुई चर्चाओं के आधार पर काशी घोषणा पत्र 2025 का प्रथम संस्करण प्रस्तुत किया। घोषणा पत्र में स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, सतत विकास, अपशिष्ट प्रबंधन, तकनीक, ग्रामीण नवाचार और सामाजिक परिवर्तन जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भविष्य की दिशा को चिह्नित किया गया है।
पुलिस कमिश्नर से अग्रवाल शिक्षा समिति के सदस्य मिले
जयपुर| शहर में कानून व्यवस्था को लेकर श्री अग्रवाल शिक्षा समिति के सदस्यों ने शनिवार को जयपुर पुलिस कमिश्नर सचिन मित्तल से मुलाकात की। इस दौरान शिक्षा समिति के महासचिव नरेश सिंघल ने कमिश्नर को समिति द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं की जानकारी दी। वहीं, पुलिस कमिश्नर ने सदस्यों को बढ़ते साइबर अपराधों को लेकर छात्रों को जागरूक करने की सलाह दी। समिति के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कमिश्नर को प्राचीनतम परिसर श्री अग्रसेन कटला के अवलोकन के लिए आमंत्रित और पदाधिकारियों स्मृति चिह्न भेंट किया।
शिक्षा के साथ मानवीय मूल्यों का समावेश आवश्यक : मदन दिलावर
सतगुरु इंटरनेशनल स्कूल का वार्षिकोत्सव अजमेर। पंचशील नगर स्थित सतगुरु इंटरनेशनल स्कूल में शनिवार को वार्षिक दिवस समारोह अत्यंत उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। समारोह के मुख्य अतिथि शिक्षा मंत्री मदन दिलावर रहे। इस साल समारोह की थीम बुक्स कम अलाइव रही। इसके जरिए विद्यार्थियों ने पुस्तकों की दुनिया, ज्ञान की शक्ति और […] The post शिक्षा के साथ मानवीय मूल्यों का समावेश आवश्यक : मदन दिलावर appeared first on Sabguru News .
मावली में शिक्षा विभागीय कर्मचारी महासंघ ने ACBEO श्री सुख लाल गुर्जर का भव्य स्वागत किया
मावली में शिक्षा विभागीय कर्मचारी महासंघ ने ACBEO श्री सुख लाल जी गुर्जर का भव्य स्वागत आम्रपाली होटल में किया। ब्लॉक अध्यक्ष परमवीर सिंह उज्जवल और अन्य पदाधिकारियों की उपस्थिति में आयोजित कार्यक्रम ने कर्मचारियों की एकजुटता और शिक्षा क्षेत्र में उनके योगदान को उजागर किया।
लसाडिया में कार्यवाहक ब्लॉक शिक्षा अधिकारी आर.पी. सुरेंद्र सिंह बिना सूचना अवकाश पर चले जाने से विवाद गहरा गया है। अर्धवार्षिक परीक्षाओं के बीच उनकी अनुपस्थिति ने एसडीएम और कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना के आरोपों को जन्म दिया है। विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिनों में जवाब तलब किया है, जबकि स्थानीय स्तर पर नाराजगी बढ़ रही है।
सिरोही के पोसितरा गांव में मेघवाल समाज की परिवर्तन युवा संघर्ष समिति द्वारा रविवार को तृतीय बालिका शिक्षा प्रोत्साहन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित होगा। इसमें 551 बालिकाओं को प्रोत्साहन सामग्री और 75 मेधावी छात्राओं को विशेष सम्मान प्रदान किया जाएगा। प्रमुख संतों, जनप्रतिनिधियों और शिक्षाविदों की मौजूदगी कार्यक्रम को विशेष बनाएगी।
झालावाड़ के पिपलोदी निवासी मोर सिंह को जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड़ ने नवीन भवन निर्माण हेतु 1 लाख रूपए का चैक सौंपा। स्कूल संचालन के लिए अपने घर का समर्पण करने वाले मोर सिंह की शिक्षा के प्रति निस्वार्थ प्रतिबद्धता और समाज सेवा ने ग्रामीण शिक्षा में मिसाल कायम की है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वॉयस ओवर के लिए ऑनलाइन जॉब कैसे सर्च करें?
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वॉयस ओवर (Voice Over) के काम की मांग तेज़ी से बढ़ रही है, खासकर डबिंग (Dubbing) और नरेशन (Narration) के लिए। ओटीटी प्लेटफॉर्म (जैसे Netflix, Amazon Prime Video, Disney+ Hotstar) पर काम करने के लिए आप सीधे प्लेटफॉर्म के बजाय, ...
डीडवाना-कुचामन में शिक्षा और खेल को नई ताकत: डीडवाना-कुचामन जिले में शिक्षा और खेल सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिला कलेक्टर डॉ. महेंद्र खड़गावत के निर्देश पर 21 राजकीय स्कूलों और खेल मैदानों के लिए भूमि आवंटन के आदेश जारी किए गए हैं। यह पहल जिले में जनसुविधाओं और आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अतिरिक्त जिला कलेक्टर मोहन लाल खटनावलिया ने बताया कि जिला कलेक्टर ने सभी विभागों को शिक्षा और खेल से जुड़ी आधारभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्राथमिकता से भूमि आवंटन पूरा करने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में विभिन्न राजकीय स्कूलों और खेल मैदानों के लिए भूमि उपलब्ध कराई गई है। इन स्कूलों को मिली भूमि कुल 21 स्थानों पर भूमि आवंटन जिला प्रशासन द्वारा किए गए इस भूमि आवंटन से जिले में स्कूल शिक्षा, खेल सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को नई दिशा मिलेगी। इससे न केवल छात्रों को बेहतर शैक्षिक वातावरण मिलेगा, बल्कि खेल प्रतिभाओं को भी प्रोत्साहन प्राप्त होगा।
मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने आखिरकार अपनी गड़बड़ी मानते हुए निवाड़ी के प्राइवेट स्कूल के 56 टीचरों से 15 करोड़ रुपए की रिकवरी के लिए पत्र जारी कर दिया है। साथ ही अब लोकायुक्त इस घोटाले की प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी में है। दरअसल, भास्कर ने नौ महीने पहले बताया था कि निवाड़ी में नेगुवां स्थित शास्त्री हायर सेकेंडरी स्कूल प्राइवेट है, लेकिन यहां पढ़ाने वाले टीचरों को पिछले 23 साल से स्कूल शिक्षा विभाग सैलरी दे रहा है। इन्हें सरकारी टीचरों की तरह ही एरियर और वेतनमान का फायदा मिल रहा है। ये गड़बड़ी केवल इसी स्कूल में नहीं है बल्कि प्रदेश के 54 स्कूलों में है। हालांकि, विभाग ने केवल इसी स्कूल से रिकवरी के आदेश दिए हैं। इस मामले की जांच करने वाले संयुक्त संचालक मृत्युंजय कुमार ने भास्कर से बातचीत में कहा कि उन्होंने केवल इसी स्कूल की जांच की है और रिपोर्ट लोकायुक्त को सौंप दी है। आगे की कार्रवाई विभाग और लोकायुक्त को करना है। आखिर क्या है ये मामला? पढ़िए, रिपोर्ट... 2 पॉइंट्स में जानिए, कैसे हुई गड़बड़ी 1. निवाड़ी जिले में प्राइवेट स्कूल को निकाय अधीन कियाइस गड़बड़ी की शुरुआत सरकार के ही एक आदेश से हुई थी। सरकार ने साल 2002 में 54 साल पुराने प्राइवेट स्कूलों को संबंधित जिला पंचायत और नगरीय निकायों के अधीन करने का आदेश जारी किया था। निवाड़ी जिले (तब टीकमगढ़ जिला) के नैगुवां स्थित शास्त्री हायर सेकेंडरी स्कूल सरकारी जमीन पर संचालित हो रहा था। इस आधार पर इसे 2002 में किसी निकाय के अधीन नहीं किया गया। इसके खिलाफ स्कूल संचालक राजेंद्र पाठक ने 2005 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की। साल 2012 में हाईकोर्ट ने स्क्रीनिंग कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए। इसके बाद भी जब कमेटी का गठन नहीं हुआ, तो अवमानना याचिका दायर की गई। कोर्ट ने साल 2014 में आदेश देते हुए तत्कालीन कलेक्टर को कमेटी बनाकर जांच के लिए कहा। 2. साल 2017 में कमेटी ने निकाय के अधीन करने की अनुशंसा कीसाल 2015 में कमेटी ने फैसला दिया कि स्कूल सरकारी जमीन पर चल रहा है, स्कूल स्टाफ की एजुकेशनल क्वालिफिकेशन भी संदेह के दायरे में है। इसे निकाय के अधीन नहीं किया जा सकता। मगर, स्कूल किसी भी तरह से निकाय के अधीन आ जाए, इसकी कोशिश जारी रही। साल 2017 में एक बार फिर स्क्रीनिंग कमेटी बनी। इस कमेटी ने स्कूल के सारे दस्तावेज सही मानते हुए इसे निकाय के अधीन करने की अनुशंसा कर दी। इस रिपोर्ट के आधार पर स्कूल के सभी टीचर्स की संविदा नियुक्ति के आदेश जारी हो गए। इसके बाद स्कूल ने खुद को सरकारी बताना शुरू कर दिया। दस्तावेजों में भी स्कूल सरकारी लिखने लगा। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से एक आदेश निकला। इसमें स्कूल को सरकारी बताते हुए इसके टीचर्स की सैलरी सरकारी कोषालय से देने के आदेश हो गए। सरकार जब स्कूल के टीचर्स को सैलरी देने लगी तो स्कूल के संचालक ने 2002 से उन्हें एरियर भी दिलवा दिया। कई टीचरों को 10 से 15 लाख रुपए तक का एरियर मिला है। ऐसे हुआ गड़बड़ी का खुलासाइसका खुलासा तब हुआ, जब नैगुवां के हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल राजेंद्र पाठक को 31 मार्च 2023 को निवाड़ी जिले का डीईओ बनाने के आदेश जारी हुए। इस आदेश के बाद एक गोपनीय शिकायत हुई। जिसमें लिखा था कि पाठक तो जिला पंचायत के अधीन आने वाले स्कूल के प्रिसिंपल हैं। वे स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारी भी नहीं हैं। विभाग ने जांच की तो शिकायत को सही पाया। 3 अप्रैल 2023 को स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव ओएल मंडलोई ने आदेश जारी किया कि पाठक जिला पंचायत के कर्मचारी हैं, न कि स्कूल शिक्षा विभाग के। इन्हें डीईओ का प्रभार नहीं दिया जा सकता। इसके बाद पाठक को डीईओ पद से हटाकर शासकीय मॉडल स्कूल, पृथ्वीपुर के प्राचार्य काे डीईओ का प्रभार दिया गया। इस आदेश के सामने आने के बाद पाठक सहित उनके स्कूल के 56 शिक्षकों के सरकारी सैलरी, एरियर और प्रमोशन समेत 7वां वेतनमान लेने की पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठे। स्कूल शिक्षा विभाग ने कोई एक्शन नहीं लियाये गड़बड़ी पहले भी सामने आ सकती थी। निवाड़ी के जिला शिक्षा अधिकारी ने पिछले साल ही इन तथाकथित सरकारी शिक्षकों से रिकवरी की सिफारिश करते हुए एक जांच रिपोर्ट भोपाल स्थित लोक शिक्षण संचालनालय को भेजी थी। विभाग ने दिखावे के लिए टीचर्स का वेतन रोक दिया, लेकिन किसी भी दोषी पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं कराया और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब 15 करोड़ की रिकवरी का आदेशदैनिक भास्कर ने इस मामले को उठाया। लगातार फॉलोअप के बाद विभाग पर दबाव बना और एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया गया। सागर के संयुक्त संचालक (शिक्षा) मृत्युंजय कुमार ने अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा कि अधिकारियों की मिलीभगत से ये घोटाला हुआ है। जांच में पाया गया कि कुल 15 करोड़ 88 लाख 88 हजार 995 रुपए का अनियमित भुगतान हुआ। इसके लिए उन अधिकारियों को दोषी ठहराया गया है, जिनकी निगरानी में यह घोटाला फलता-फूलता रहा। मामले में नेगुवां स्कूल के अस्थायी प्राचार्य राजेंद्र पाठक, तत्कालीन विकासखंड अधिकारी आरडी वर्मा और एनसी तिवारी, एसपी पांडेय, तत्कालीन सीईओ जिला पंचायत, डीईओ एसएन नीखरा और तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी बीएल लुहारिया को दोषी माना है। इन सभी से 15 करोड़ रुपए रिकवर करने की सिफारिश की गई है। 54 स्कूलों की जांच के लिए नहीं उठाया कदमइस मामले को सामने लाने वाले एक्टिविस्ट तिलकराज का कहना है कि ये घोटाला केवल एक स्कूल में नहीं हुआ है। साल 2002 में प्रदेश के 54 स्कूलों को निकायों के अधीन किया गया था, जहां यह घोटाला हुआ। निवाड़ी के एक स्कूल में 15 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली के आदेश के बाद भी, विभाग ने अब तक इन सभी स्कूलों की जांच के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जो अपने आप में एक बड़ा सवाल है।
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य, विजय हुए सम्मानित
कवर्धा | अंबिकापुर में आयोजित समारोह में शासकीय प्राथमिक शाला मजगांव के प्रधान पाठक विजय कुमार लंझियाना को शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारपूर्ण एवं उत्कृष्ट कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ रत्न सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सांस्कृतिक, पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री राजेश अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि महिला एवं बाल विकास विभाग लक्ष्मी राजवाड़े उपस्थित थीं। साथ ही पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, गायक एवं कला जगत की कई प्रतिष्ठित हस्तियां भी मौजूद रहीं। उन्होंने बताया कि लंझियाना लंबे समय से शैक्षणिक नवाचार, कबाड़ से जुगाड़, शून्य निवेश मॉडल, टीएलएम निर्माण, कक्षा शिक्षण की दक्षता वृद्धि, बच्चों के शैक्षिक स्तर में सुधार, पौधरोपण एवं किचन गार्डन जैसी अनेक पहलें करते आ रहे हैं। विख शिक्षा अधिकारी देवेन्द्र साहू, संकुल प्रभारी रामनारायण दुबे ने इस उपलब्धि की सराहना की है।
भास्कर न्यूज| महासमुंद महासमुंद ब्लाक में दिव्यांग बच्चों, उनके साथियों, पालकों और विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) के सदस्यों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिपालन में समग्र शिक्षा के अंतर्गत प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। मुख्य उद्देश्य 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग के विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए बाधारहित व अनुकूल वातावरण तैयार कर उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना है। डीएमसी रेखराज शर्मा ने प्रशिक्षण में कहा कि समावेशी शिक्षा का उद्देश्य विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को विद्यालय परिवेश में बिना किसी भेदभाव के शिक्षा उपलब्ध कराना है। शिक्षा हर बच्चे का मूल अधिकार है, इसलिए दिव्यांग बच्चों को संवैधानिक प्रतिबद्धता के तहत समान अवसर मिलना अनिवार्य है। समावेशी शिक्षा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने दिव्यांग बच्चों से व्यवहार के तरीके, चिह्नांकन चेकलिस्ट, दिव्यांगता के प्रकार, नई शिक्षा नीति, निशक्तजन अधिकार अधिनियम 2016, तथा शैक्षिक प्रशासक एवं पालकों की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। सीईओ बीएस मण्डावी ने कहा कि पालकों और समाज को दिव्यांगजनों के प्रति सकारात्मक भाव विकसित करना चाहिए। दिव्यांगता विकास में बाधा नहीं है, बल्कि ऐसे बच्चों में विशेष प्रतिभा होती है और आज दुनिया में कई दिव्यांग व्यक्ति विशिष्ट पदों पर आसीन हैं। इस मौके पर बीआरसीसी जागेश्वर सिन्हा, सीएसी पवन साहू, गणेश टंडन, ललित किशोर बया, टाकेश्वर साहू, आशीष साहू, सुरेंद्र चन्द्राकर, ए चंद्रशेखर डोरा, लेखापाल रेणु चन्द्राकर सहित अन्य मौजूद थे। मास्टर ट्रेनर बीआरपी अनीता निर्मलकर, स्पेशल एजुकेटर तुलसी साहू, केआर सोनवानी और लव कुमार निर्मलकर ने शासन के मान्यता प्राप्त 21 प्रकार की दिव्यांगता जैसे पूर्ण दृष्टिहीनता, अल्प दृष्टिबाधित, श्रवण व मूक बाधित, प्रमस्तिष्कीय पक्षाघात, स्वलीनता, थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, अस्थिबाधित, सिकल सेल, मानसिक बीमारी, बहु विकलांगता और अन्य श्रेणियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। आवश्यकता आधारित सुविधाओं पर चर्चा की गई।
आज बच्चों को सही शिक्षा देना सबसे बड़ी जरूरत : पुष्करदास
बड़गांव के होली चौक स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में चल रही प्रतिमा पुनर्स्थापना समारोह के तहत सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन पुष्कर दास महाराज ने सत्संग की महिमा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऋषि-मुनियों ने सदियों पहले समझ लिया था कि सत्संग ही जीवन को सही दिशा देता है। महापुरुषों ने ग्रंथ जगत के कल्याण के लिए लिखे, ताकि मनुष्य कठिन समय में सही राह पहचान सके। महाराज ने आत्मदेव, उनकी पत्नी धुंधुली, गोकर्ण और धुंधूकारी की कथा उदाहरण देकर सुनाई। उन्होंने बताया कि मां का स्वभाव बच्चों पर गहरा प्रभाव छोड़ता है। गोकर्ण संत की प्रसादी था, इसलिए संयमी और शांत स्वभाव का बना। वहीं धुंधूकारी गलत संगत में पड़ा और विपरीत दिशा में चला गया। महाराज ने कहा कि आज बच्चे नशे और गलत आदतों की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में माता-पिता को बच्चों पर नियंत्रण और मार्गदर्शन दोनों देने की जरूरत है। खासकर बेटियों को सही शिक्षा और संस्कार देना समय की मांग है। उन्होंने बताया कि भागवत में कलयुग के चार स्थान-सोना, जुआ, शराब और बाजारू स्त्री बताए गए हैं। कथा स्थल पर गौरी शंकर कालिका, अतुल शर्मा, परमवीर सिंह राव, संजय अग्रवाल सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे। भागवत कथा : सत्संग से मिलती जीवन दिशा
आज बच्चों को सही शिक्षा देना सबसे बड़ी जरूरत
उदयपुर | बड़गांव स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर, होली चौक में चल रही प्रतिमा पुनर्स्थापना समारोह के तहत सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन पुष्कर दास महाराज ने सत्संग की महिमा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऋषि-मुनियों ने सदियों पहले समझ लिया था कि सत्संग ही जीवन को सही दिशा देता है। महापुरुषों ने ग्रंथ जगत के कल्याण के लिए लिखे, ताकि मनुष्य कठिन समय में सही राह पहचान सके। महाराज ने आत्मदेव, उनकी पत्नी धुंधुली, गोकर्ण और धुंधूकारी की कथा उदाहरण देकर सुनाई। उन्होंने बताया कि मां का स्वभाव बच्चों पर गहरा प्रभाव छोड़ता है। गोकर्ण संत की प्रसादी था, इसलिए संयमी और शांत स्वभाव का बना। वहीं धुंधूकारी गलत संगत में पड़ा और विपरीत दिशा में चला गया। महाराज ने कहा कि आज बच्चे नशे और गलत आदतों की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में माता-पिता को बच्चों पर नियंत्रण और मार्गदर्शन दोनों देने की जरूरत है। खासकर बेटियों को सही शिक्षा और संस्कार देना समय की मांग है। उन्होंने बताया कि भागवत में कलयुग के चार स्थान-सोना, जुआ, शराब और बाजारू स्त्री बताए गए हैं। कथा स्थल पर गौरी शंकर कालिका, अतुल शर्मा, परमवीर सिंह राव, संजय अग्रवाल सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में विशाल रक्तदान शिविर, 82 यूनिट रक्त संग्रहित
अजमेर। वन्देमातरम@150 कार्यक्रम की श्रृंखला में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के प्रांगण में शुक्रवार को विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मुख्य अतिथि बोर्ड प्रशासक एवं संभागीय आयुक्त शक्ति सिंह राठौड़ रहे। बोर्ड प्रशासक राठौड़ ने कहा कि रक्तदान महादान एक पुनीत कार्य है। यह जीवनरक्षक कार्य है। इससे आवश्यकतानुसार रक्त की निरन्तर […] The post माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में विशाल रक्तदान शिविर, 82 यूनिट रक्त संग्रहित appeared first on Sabguru News .
प्रयागराज के पीपलगांव स्थित सविलियन विद्यालय में गुरुवार को शिक्षण सत्र 2025-26 की तीसरी पेरेंट्स काउंसलिंग का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना और अभिभावकों में जागरूकता बढ़ाना था। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला एम.डी.एम. प्रभारी राजीव त्रिपाठी ने सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन करके किया। राजीव त्रिपाठी ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा दिव्यांग बच्चों के हित में चलाए जा रहे कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे दिव्यांग बच्चों को सामान्य बच्चों की तरह ही शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ें और उन्हें किसी भिन्नता या कमजोरी के आधार पर अलग न समझें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यदि आसपास कोई दिव्यांग बच्चा हो, तो उसके अभिभावकों को बेसिक शिक्षा विभाग की योजनाओं की जानकारी अवश्य दें, ताकि अधिक बच्चों को लाभ मिल सके। ब्लॉक अध्यक्ष मसूद अहमद ने दिव्यांग बच्चों को प्रतिवर्ष दिए जाने वाले स्टाइपेंड और एस्कॉर्ट अलाउंस के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इन बच्चों को नियमित शिक्षण में सहायता के लिए हर साल विभिन्न प्रकार की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। स्पेशल एजुकेटर आशुतोष सिंह ने होम बेस्ड एजुकेशन प्रोग्राम पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत जिन बच्चों का विद्यालय आना संभव नहीं होता, उन्हें घर पर जाकर नियमित शिक्षण प्रदान किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी दिव्यांग बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। विद्यालय की प्रधानाध्यापक हरित जेदली, मनोरमा सोनकर और रेखा मिश्रा ने अपने विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों को मिली सुविधाओं और लाभों की जानकारी साझा की। उन्होंने जोर दिया कि नियमित उपस्थिति से बच्चों में सीखने की क्षमता और आत्मविश्वास बढ़ता है। अभिभावकों को प्रतिदिन बच्चों को विद्यालय भेजने और शिक्षकों के साथ निरंतर संवाद बनाए रखने के लिए प्रेरित किया गया। कार्यक्रम के अंत में राजीव त्रिपाठी ने सभी अभिभावकों का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपनी जागरूकता का परिचय दिया। समापन पर विद्यालय के प्रधानाध्यापकों द्वारा दिव्यांग बच्चों को उपहार वितरित किए गए, जिससे बच्चों में खुशी का माहौल दिखाई दिया।
अमृतसर से आज श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित नगर कीर्तन तरनतारन की तरफ रवाना हुआ। नगर कीर्तन कल गुरदासपुर से शुरू हुआ था और देर रात अमृतसर पहुंचा। आज सुबह यह अमृतसर के तरनतारन रोड पर स्थित डेरा संत बाबा भूरी वालों के बाहर से आगे बढ़ा। सुबह से ही भारी संख्या में संगत इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनने पहुंची। वाहेगुरु-नाम का जाप और कीर्तन की धुन से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। संगत के चेहरों पर उत्साह और आस्था साफ दिखाई दे रही थी। यह नगर कीर्तन सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उन शहीदियों की याद है जिन्होंने धर्म, मानवता और न्याय की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर किए थे। शांति और मानवता की राह नगर कीर्तन में आम आदमी पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता भी पहुंचे। नेताओं ने रवाना होने से पहले माथा टेक कर पंजाब में शांति, भाईचारे और सद्भाव के लिए अरदास की। इस मौके पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा- गुरु साहिब की शिक्षा हमेशा समाज को शांति और मानवता की राह दिखाती है। गुरु साहिब की शहादत पर संगत में भावनात्मक जुड़ाव नगर कीर्तन अमृतसर से तरनतारन की ओर बढ़ते हुए विभिन्न गांवों से होकर गुजरेगा। रास्ते में संगत की ओर से जगह-जगह लंगर और सेवा के प्रबंध किए गए हैं। लोग पानी, फल, चाय और प्रसाद बांटकर सेवा निभा रहे हैं। गुरु साहिब की शहादत से जुड़े 350 साल पुराने इतिहास को देखकर लोगों में खास भावनात्मक जुड़ाव देखने को मिल रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में संगत का इकट्ठा होना अपने आप में दुर्लभ दृश्य है। हर उम्र के लोग, बुजुर्ग, महिलाएं, नौजवान और बच्चे इस नगर कीर्तन को देखने और इसमें शामिल होने के लिए उत्साहित दिखे।
पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के रजिस्ट्रार और वाइस चांसलर के सचिव दिल्ली रवाना हुए हैं। वह वहां पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान उनकी तरफ से पंजाब यूनिवर्सिटी के मौजूदा हालात और सीनेट चुनाव संंबंधी रह रही कार्रवाई संबंधी बातचीत की जाएगी। यह जानकारी पंजाब यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार YP Singh की तरफ से वीडियो बयान जारी कर दी गई है। रजिस्ट्रार YP Singh द्वारा दी जानकारी के अनुसार उनकी यह मीटिंग पहले से ही शेड्यूल थी। उन्होंने बताया कि हमने इस संबंधी प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स को इस संबंधी अवगत करवा दिया गया है। रजिस्ट्रार ने प्रदर्शनकारियों से यूनिवर्सिटी का सुखद माहौल और धैर्य बनाए रखने की अपील की है। यूनिवर्सिटी ने मांगा था 25 तक का समय, 26 को यूनिवर्सिटी बंद की दी गई है काल पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ बचाओ मोर्चा की तरफ से अब 26 नवंबर 2025 को फिर पंजाब यूनिवर्सिटी को बंद कर यहां प्रदर्शन का ऐलान किया है। मोर्चा के सदस्यों का कहना है कि यूनिवर्सिटी प्रबंधन की तरफ से सीनेट के चुनाव की तारीख का ऐलान करने के लिए 25 नवंबर तक का समय मांगा था। अगर इस समय तक चुनाव का ऐलान नहीं होता है तो 26 नवंबर 2025 को पंजाब यूनिवर्सिटी की सभी कक्षाएं बंद करने के साथ साथ एकेडमिक बलाक में भी काम बंद किया जाएगा। इसके अलावा भारतीय जनता पार्टी BJP के प्रदेश कार्यालय समेत जिला कार्यालयों का भी घेराव किया जाएगा। जिसकी तारीख की घोषणा भी जल्द हाेगी। पंजाब के 50 संगठनों के साथ स्टूडेंट ने की थी बैठक, उसमें लिए निर्णय.... सीनेट चुनाव का शेड्यूल उपराष्ट्रपति के पास भेज चुके वीसी सीनेट चुनाव का शेड्यूल यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर रेनू विज राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेज चुके हैं। मोर्चा और यूनिवर्सिटी के बीच में बातचीत के लिए एक कमेटी बनी हुई है, जिसकी लगातार बैठकें हो रही हैं। इसी कमेटी की तरफ से ही मोर्चा से 25 नवंबर तक का समय मांगा गया है और लिखित में सीनेट चुनाव की तारीख के ऐलान की मांग कर रहे हैं।
इछावर में शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर:लाखों की खेल सामग्री दो साल से धूल खा रही
सीहोर जिले के इछावर में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। साल 2022 में सरकारी स्कूलों के लिए लाखों रुपए की खेल सामग्री खरीदी गई थी, लेकिन दो साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी यह सामग्री अभी तक विद्यार्थियों तक नहीं पहुंच पाई है। यह सारी सामग्री इछावर के शासकीय मॉडल स्कूल में रखी हुई है और लंबे समय से धूल खा रही है। इसे तहसील के बाकी सरकारी स्कूलों में बांटा जाना था, लेकिन विभाग की अनदेखी के कारण वितरण नहीं हो सका। बच्चों को नहीं मिल पा रहा सामानइस लापरवाही से सरकार के पैसे का नुकसान हुआ है और बच्चों को खेल सामग्री से मिलने वाला लाभ भी नहीं मिल पाया। अब सवाल उठ रहे हैं कि दो साल तक सामग्री को क्यों रोककर रखा गया और इसके लिए जिम्मेदार कौन है। मॉडल स्कूल के प्रिंसिपल लखनलाल दुगारे का कहना है कि यह सामग्री इछावर क्षेत्र के सभी स्कूलों में बांटने के लिए आई थी, इसलिए इसे मॉडल स्कूल में रखा गया था। अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है।
PCS की अगली भर्ती में BSA के 40 पद तय:बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से भेजा गया है शासनको पत्र
शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर पद रिक्त होने से शिक्षा व्यवस्था पर असर पड़ रहा है। इसे देखते हुए उप्र लोक सेवा आयोग की ओर से 2026 में होने वाली PCS भर्ती में BSA यानी बेसिक शिक्षा अधिकारी के 40 पद होंगे। बेसिक शिक्षा निदेशालय की ओर से शासन को मांग पत्र भेज दिया गया है। दरअसल, BSA, ADIOS और समकक्ष पदों पर सीर्धी भर्ती से 84 रिक्ति का प्रावधान है। अभी इसमें 44 पद भरे हुए हैं जबकि 40 रिक्त पद अगले विज्ञापन में भेजे जाएंगे। इसी तरह से राजकीय इंटर कॉलेज में सीधी भर्ती के 468 पदों में से 294 भरे हैं और 174 अगली भर्ती में शामिल किया जाएगा। इसी तरह से शिक्षा निदेशक के चार में से तीन पद खाली हैं। इन पदों को अपर शिक्षा निदेशक की पदोन्नति से भरा जाता है। अपर शिक्षा निदेशक के 12 में से तीन पद और संयुक्त शिक्षा निदेशक के 22 में से 2 पद ही रिक्त हैं।
शिक्षा विभाग में 1174 पद खाली:बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग में रिक्त पदों पर भर्ती की कवायद शुरू
बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर पद रिक्त होने से शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ा है। विभाग में उच्च अधिकारियों से लेकर प्रवक्ता तथा अन्य महत्वपूर्ण पदों पर भारी संख्या में खालीपन है। जिससे पढ़ाई लिखाई, निरीक्षण, विद्यालय प्रबंधन और प्रशिक्षण गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। शैक्षिक सेवा समूह क में 344 स्वीकृत पदों में 139 पद खाली हैं, जबकि समूह ख में 1524 पदों में 1035 रिक्त हैं। कुल 1174 पद खाली पड़े हैं। वहीं राजकीय इंटर कॉलेजों के प्रधानाचार्यों और बीएसए के पदों पर भी बड़ी संख्या में रिक्तता है। विभाग ने इन रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिए शासन को अधियाचन भेजा है। इसका असर यह होगा कि अगले पीसीएस भर्ती विज्ञापन में बीएसए के 40 पद शामिल होंगे। वरिष्ठ प्रवक्ता डायट के 210 पदों में से 123 रिक्त हैं। जिनमें से सभी पदों को सीधी भर्ती व पदोन्नति के माध्यम से भरा जाना है। खंड शिक्षा अधिकारियों के भी कई पद खाली हैं। जिनके लिए अधियाचन भेजा जा चुका है। बेसिक शिक्षा मंत्री तथा विभागीय अधिकारी नियुक्ति प्रक्रिया को तेज करने की उम्मीद जता रहे हैं।
बुरहानपुर में जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) संतोष सोलंकी को संभागायुक्त ने निलंबित कर दिया है। इसके बाद शिक्षक संवर्ग में नाराजगी बढ़ गई है। उनकी जगह रविंद्र महाजन को जिला शिक्षा अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। जानकारी के अनुसार, संतोष सोलंकी कुछ ही महीनों में रिटायर होने वाले थे और चाहते थे कि वे DEO पद से ही सेवानिवृत्त हों। शिक्षकों के संघ का कहना है कि उन्हें बहुत छोटे-छोटे कारणों पर निलंबित किया गया है। निलंबन के तीन मुख्य कारण बहाल करने की मांग कीअजाक्स प्रदेश संयुक्त सचिव और राज्य अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शालिकराम चौधरी ने कहा कि सरकार के निर्देश हैं कि अगर कोई आदिवासी अधिकारी काम में कमजोर साबित हो रहा है तो उसका सहयोग किया जाए, लेकिन स्थानीय अधिकारी और नेता इन निर्देशों का पालन नहीं कर रहे। संघ ने मांग की है कि रविंद्र महाजन से DEO का प्रभार वापस लेकर किसी वरिष्ठ प्राचार्य को दिया जाए और संतोष सोलंकी को तुरंत बहाल किया जाए। इसको लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर से मुलाकात कर अपना विरोध दर्ज कराया। प्रतिनिधिमंडल में राजकुमार भलावेकर, जवान सिंह कन्नौजे, पवन बर्डे, शालिकराम चौधरी, भारत वस्कल्ले और अन्य सदस्य शामिल थे।
57वें अधिवेशन में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और परिदृश्य को लेकर प्रस्ताव पारित किए
भास्कर न्यूज | जालंधर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पंजाब का 57वां प्रदेश अधिवेशन विद्याधाम में संपन्न हुआ। अधिवेशन में प्रदेशभर से करीब 300 से अधिक विद्यार्थी प्रतिनिधि के तौर पर शामिल रहे। इस मौके पर प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें संगठन द्वारा वर्ष भर किए गए विविध शैक्षणिक, सामाजिक, संगठनात्मक और राष्ट्रहित से जुड़े के कार्यक्रमों और आंदोलनों को प्रदर्शित किया गया है। अधिवेशन में प्रदेश की वर्तमान शिक्षा स्थिति और प्रदेश का वर्तमान परिदृश्य को लेकर दो प्रस्ताव भी पारित किए गए। उत्तर क्षेत्रीय संगठन के मंत्री गौरव अत्री ने कार्यकर्ताओं को ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ता निर्माण’ विषय पर मार्गदर्शन दिया। उन्होंने संगठनात्मक मूल्यों, कार्यपद्धति, विद्यार्थी नेतृत्व और राष्ट्र भावना पर आधारित कार्यकर्ता निर्माण की प्रक्रिया पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस मौके पर प्रो. यशवंत राव केलकर, स्वामी सज्जनानंद (दिव्य ज्योति जागृति संस्थान) और डॉ. सतीश कुमार (प्रांत सह कार्यवाह, आरएसएस, पंजाब) द्वारा किया गया।
विशेष शिक्षा सत्र: 45 बच्चों को इंग्लिश ग्रामर शब्दों का चयन और वाक्य बनाना सिखाया गया
सुहेला| गृहणी संस्था के माध्यम से कक्षा चौथी से लेकर कक्षा आठवीं तक के लगभग 45 ग्रामीण बच्चों को विशेष शिक्षा सत्र चलकर अंग्रेजी विषय का ज्ञान सिखाया गया। कोचिंग क्लास में हिरमी माध्यमिक स्कूल, ज्ञानोदय स्कूल तथा आसपास के गांव के बच्चे शामिल हुए। संस्था की अध्यक्षा रूपा श्रीवास्तव ने बताया कि द्वारा ऐसे बच्चे जिनके मन में अंग्रेजी विषय को लेकर डर तो था लेकिन सीखने की ललक भी थी, उनके लिए दो माह का विशेष शिक्षा कार्यक्रम चलाया गया। इस दौरान बच्चों को अंग्रेजी ग्रामर, शब्दों का चयन, वाक्य बनाना, शुद्ध और अशुद्ध शब्दों को पहचाना, डिक्शनरी का उपयोग, स्वयं एवं परिवार का परिचय, आसपास परिवेश से जुड़े वस्तु को अंग्रेजी में बोलना इत्यादि सीखने का भरपूर प्रयास किया गया। इसके अलावा उनकी पर्सनैलिटी डेवलपमेंट के लिए बीच-बीच में इन्हें खेलकूद, लोक कलाकृति, पेंटिंग इत्यादि से भी जोड़कर इनको शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ाने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षिका मानिता डहरिय और तोमेश कुमार वर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम की सफलता एवं बच्चों की अभिरुचि को ध्यान में रखकर 2026 के ग्रीष्मकालीन अवकाश में अंग्रेजी, गणित एवं विज्ञान विषय के लिए स्पेशल क्लास लगाने की योजना बनाई गई है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कैंसर पीड़ित शिक्षिका के स्थानांतरण के संदर्भ में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव के जवाब पर असंतोष व्यक्त करते हुए उन्हें अगली सुनवाई 25 नवंबर को उपस्थित होने को कहा है। हाईकोर्ट के आदेश पर सचिव ने हलफनामा दाखिल किया था जिस पर कोर्ट संतुष्ट नहीं थी। यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने शाहजहांपुर की कल्पना शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। पिछली सुनवाई पर कोर्ट ने कैंसर से पीड़ित याची सहायक अध्यापिका के स्थानांतरण अभ्यावेदन को अस्वीकार करने के बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव के आचरण पर नाराजगी व्यक्त की थी। क्योंकि न्यायालय ने इस मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा कि यह बहुत ही आश्चर्य और हैरानी की बात है कि प्राधिकारियों ने याची के मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की बजाय तकनीकी आधार पर उसके अनुरोध को खारिज कर दिया। कोर्ट का प्रथमदृष्टया मत है कि यह अधिक दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तथ्य के बावजूद कि याची के मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के लिए विशिष्ट निर्देश दिए गए थे, लेकिन मामले के पहलू पर विचार किए बिना याची के दावे को गुण-दोष के आधार पर खारिज कर दिया गया। याची की मांग खारिज करने का आधार यह लिया गया कि जिस स्कूल में याची कार्यरत है, वहां केवल दो शिक्षक हैं और राज्य सरकार की नीति के अनुसार किसी स्कूल में न्यूनतम 36 छात्र हैं तो तीन शिक्षकों की आवश्यकता होती है। कोर्ट ने इस आधार पर आश्चर्य व्यक्त करते कहा कि रोजाना उन्हें ऐसे मामलों से निपटना पड़ रहा है, जहां बड़ी संख्या में संस्थानों में 36 से अधिक छात्र हैं और केवल एक शिक्षक कार्यरत है। कल्पना शर्मा अगस्त 2015 में प्रारंभिक नियुक्ति के बाद से शाहजहांपुर के एक जूनियर हाईस्कूल में सहायक अध्यापिका (विज्ञान) के रूप में नियुक्त हैं। वह कैंसर से पीड़ित हैं। उनकी सर्जरी हुई है और वर्तमान में उनकी गाजियाबाद के मैक्स कैंसर सेंटर में कीमोथेरेपी हो रही हैं। उन्होंने पूर्व में याचिका दाखिल कर शाहजहांपुर में काम करने में आ रही कठिनाइयों का हवाला दिया था। साथ ही कहा था कि उनका इलाज गाजियाबाद में हो रहा है और उनका परिवार व पति वहीं हैं, जो उनके कार्यस्थल से लगभग 320 किमी दूर है। कोर्ट ने पिछले वर्ष सितम्बर माह में उनकी याचिका निस्तारित करते हुए प्राधिकारियों को याची के अभ्यावेदन पर सहानुभूतिपूर्वक निर्णय लेने का निर्देश दिया था क्योंकि उनका गाजियाबाद स्थित मैक्स कैंसर सेंटर में इलाज चल रहा है। इस आदेश के बावजूद सचिव ने याची का आग्रह खारिज कर दिया इसलिए उसने फिर हाईकोर्ट का रुख किया। अधिकारियों ने सुझाव दिया कि याची पारस्परिक स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकती है। इस अस्वीकृति को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कोर्ट ने सचिव से व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा था। मामले की अगली सुनवाई अब 25 नवंबर को होगी।
बैतूल के कन्या शिक्षा परिसर में छात्राओं की गंभीर शिकायतों के बाद जिला प्रशासन ने गुरुवार को सख्त कार्रवाई की है। परिसर की अधीक्षिका ज्योति विजयकर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई भोजन की खराब गुणवत्ता और परिसर में गंदगी को लेकर की गई है। लगभग 100 छात्राओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर भोजन की खराब गुणवत्ता, खाद्यान्न में इल्लियां मिलने, शौचालय-स्नानागार की गंदगी, शुद्ध पेयजल की कमी और अधीक्षिका व कर्मचारियों के अनुचित व्यवहार संबंधी शिकायतें दर्ज कराई थीं। कलेक्टर के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बैतूल द्वारा की गई जांच में छात्राओं की सभी प्रमुख शिकायतें सही पाई गईं। जांच दल ने भोजन के लिए उपयोग हो रहे चावल में इल्लियां एवं घुन मिलने, स्टोर रूम में चूहे की गंदगी और छात्रावास परिसर तथा शौचालय-बाथरूम में भारी गंदगी जैसी गंभीर अनियमितताएं पाईं। इस गंभीर मामले को देखते हुए अधीक्षिका ज्योति विजयकर को कारण-बताओ नोटिस जारी किया गया था। उनका उत्तर असंतोषजनक पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई, क्योंकि छात्रावास में साफ-सफाई और भोजन की गुणवत्ता में अव्यवस्थाएं लंबे समय से बनी हुई थीं। छात्राओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़े इस मामले में उन्हें गंभीर लापरवाही का दोषी पाया गया। प्रभारी कलेक्टर अक्षत जैन ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के तहत ज्योति विजयकर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय जनपद पंचायत बैतूल निर्धारित किया गया है और उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा। छात्रावास की व्यवस्था सुचारु रखने के लिए ललिता रावसे, प्राथमिक शिक्षक, प्राथमिक शाला चिखलीआमढाना को कन्या शिक्षा परिसर, बैतूल की अधीक्षिका का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
बक्सर में गुरुवार को जिला पदाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह की अध्यक्षता में जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र (DRCC) की समीक्षा बैठक हुई। इसमें बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना और कुशल युवा कार्यक्रम जैसी तीन प्रमुख योजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई। समीक्षा में बक्सर जिले का प्रदर्शन उल्लेखनीय पाया गया। समीक्षा के दौरान बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना में जिले ने 115 प्रतिशत की उपलब्धि दर्ज की। इस योजना के तहत बड़ी संख्या में छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए ऋण स्वीकृत किए गए हैं। जिला पदाधिकारी ने इस प्रदर्शन पर संतोष व्यक्त करते हुए अधिकारियों को सक्रियता बनाए रखने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना में जिले का प्रदर्शन 94 प्रतिशत रहा। यह योजना बेरोजगार युवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करती है। प्रशासन ने इस योजना से लाभान्वित युवाओं की बढ़ती संख्या को सकारात्मक बताया। कुशल युवा कार्यक्रम में 101 प्रतिशत उपलब्धि की हासिल कुशल युवा कार्यक्रम में बक्सर ने 101 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की। यह योजना कंप्यूटर, भाषा और संचार कौशल का प्रशिक्षण प्रदान करती है। जिला पदाधिकारी ने लाभार्थियों को अधिक संख्या में प्रशिक्षण दिलाने और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। उन्होंने केवाईपी केंद्रों के नियमित निरीक्षण के भी निर्देश दिए। बैठक में जिला योजना पदाधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रबंधक, सहायक प्रबंधक और डीसीएम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
चित्तौड़गढ़ में महावीर इंटरनेशनल ने राउप्रावि भेरड़ा के विद्यार्थियों को स्वेटर और फुटवियर वितरित किए। टीम ने बच्चों की आंखों की मुफ्त जांच और भविष्य में सहयोग का आश्वासन भी दिया। यह पहल शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में समुदाय के लिए प्रेरणादायक साबित हुई।
शेखपुरा में 14 से 20 नवंबर तक मनाए गए बाल अधिकार सप्ताह का समापन राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में एक जागरूकता कार्यक्रम के साथ हुआ। इस कार्यक्रम में कॉलेज के निकटवर्ती विद्यालयों के विद्यार्थियों को बाल अधिकारों और कानूनों के बारे में जानकारी दी गई। शिक्षा का अधिकार के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसके अनुसार 6 से 14 वर्ष की आयु के हर बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का मौलिक अधिकार प्राप्त है। बच्चों को शोषण से बचाने और शिक्षा का अधिकार देना हमारा कर्तव्य बाल मजदूरी निषेध कानून के बारे में बताया कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह के काम या खतरनाक रोजगार में लगाना गैरकानूनी है। यह कानून बच्चों को शोषण से बचाने और उन्हें शिक्षा का अधिकार देने के लिए बनाया गया है। इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जयशंकर प्रसाद केसरी, शिक्षक-शिक्षिकाओं और छात्र-छात्राओं ने बाल अधिकार एवं उनके कल्याण पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें प्राचार्य डॉ. जयशंकर प्रसाद केसरी, नीरज कुमार, डॉ. सुनीता सिंह, बबली कुमारी और सोनी कुमारी सहित निकटवर्ती विद्यालयों के छात्र-छात्राएं, शिक्षक और प्रधानाध्यापक उपस्थित रहे। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी प्रियंका कुमारी ने बच्चों को बाल अधिकारों और उनके कल्याण के विषय में जागरूक किया। उन्होंने सरकार की ओर से चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी। शिक्षा के अधिकार और बाल मजदूरी निषेध जैसे कानूनी अधिकारों की विस्तृत जानकारी दी। कुमारी ने बच्चों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने और अभिभावकों को इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। प्राचार्य डॉ. जयशंकर प्रसाद केसरी ने ऐसे आयोजनों की सराहना करते हुए समाज में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद जताई।
जबलपुर में लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग के एक कर्मचारी को 1500 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) कार्यालय में सहायक ग्रेड-2 के पद पर पदस्थ शशिकांत मिश्रा के रूप में हुई है। यह कार्रवाई बालाघाट से जबलपुर स्थानांतरित होकर आए शिक्षक नन्हे सिंह धुर्वे की शिकायत पर की गई। शिक्षक नन्हे सिंह धुर्वे प्राथमिक शिक्षा पिपरिया में पदस्थ हैं और उन्होंने जून 2025 में कार्यभार ग्रहण किया था। स्थानांतरण के बाद उन्हें जुलाई में मिलने वाली वेतन वृद्धि और रुका हुआ वेतन जारी नहीं किया जा रहा था। शिक्षक ने BEO कार्यालय के बाबू शशिकांत मिश्रा से संपर्क किया। मिश्रा ने काम करने में टालमटोल की और बाद में 2 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। बातचीत के बाद रिश्वत की राशि 1500 रुपए तय हुई। शिक्षक नन्हे सिंह धुर्वे ने बुधवार को जबलपुर लोकायुक्त एसपी से शिकायत की। शिकायत के सत्यापन के बाद गुरुवार दोपहर लोकायुक्त टीम ने BEO कार्यालय के बाहर शशिकांत मिश्रा को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। लोकायुक्त निरीक्षक बृजमोहन के अनुसार, आरोपी शशिकांत मिश्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) की धारा 7, 13(1)(B) और 13(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस कार्रवाई में निरीक्षक राहुल गजभिए, बृजमोहन सिंह नरवरिया, निरीक्षक जितेंद्र यादव सहित लोकायुक्त की पूरी टीम शामिल थी।
Uttar Pradesh Education Service Selection Commission News : उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष की जल्द ही नियुक्ति होगी। इस प्रक्रिया के तहत बायोडाटा समेत आवेदन पत्र मांगे गए हैं। आवेदन पत्र प्राप्त होने की अंतिम तिथि 10 दिसंबर शाम 6 बजे तक होगी।इच्छुक आवेदकों को निर्धारित प्रारूप में बायोडाटा समेत प्रार्थना पत्र विशेष सचिव, उच्च शिक्षा अनुभाग-5, नवीन भवन, कक्ष संख्या-40, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ के नाम से पंजीकृत डाक द्वारा प्रेषित करना होगा। यह जानकारी उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी ने दी। अध्यक्ष पद के लिए नियुक्ति की तिथि से तीन वर्ष की अवधि अथवा 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, पद धारण करेगा। इच्छुक आवेदकों को निर्धारित प्रारूप में बायोडाटा समेत प्रार्थना पत्र विशेष सचिव, उच्च शिक्षा अनुभाग-5, नवीन भवन, कक्ष संख्या-40, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ के नाम से पंजीकृत डाक द्वारा प्रेषित करना होगा। ALSO READ: UP में स्मार्ट मीटर बने उपभोक्ताओं की सुविधा का नया आधार, मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में मिल रही विश्वस्तरीय सेवा आवेदन पत्र के साथ समस्त शैक्षणिक व अन्य अभिलेख की स्वप्रमाणित प्रति भी संलग्न रहेगी। अध्यक्ष पद की कार्यावधि, आयु, अहर्ता, आवेदन पत्र के प्रारूप आदि जानकारी उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट www. uphed. gov. in पर प्राप्त की जा सकती है। इसमें पद के लिए न्यूनतम अहर्ता की भी जानकारी दी गई है। ALSO READ: CM योगी ने नहर व्यवस्था सुधार के लिए 39453 लाख की नई परियोजनाओं को दी मंजूरी अध्यक्ष पद के लिए राज्य सरकार के प्रमुख सचिव के पद या उनके समकक्ष पद पर रहे, विश्वविद्यालय के कुलपति हों या रहे हों तथा किसी विश्वविद्यालय के न्यूनतम 10 वर्ष तक आचार्य हों या रहे हों और उनके पास कम से कम तीन वर्ष का प्रशासनिक अनुभव हो, ऐसे लोग आवेदन कर सकते हैं। Edited By : Chetan Gour
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कीकावास में गुरुवार को विद्यार्थियों के लिए 35 सेट फर्नीचर भेंट किए गए। यह सहयोग भामाशाहों द्वारा शिक्षा के बेहतर वातावरण और छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए किया गया। विद्यालय परिवार ने इस पुनीत कार्य के लिए भामाशाह मंजू जैन, ग्राम पंचायत के कनिष्ठ लिपिक प्रवीण सिंह चौहान और शाशि प्यारचंद जाट का आभार व्यक्त किया। पीईईओ भीमलाल मेघवाल और उपप्राचार्य मीनाक्षी चावला सहित विद्यालय परिवार ने इस सराहनीय कार्य के प्रेरक रहे प्रधानाचार्य कैलाश मेघवाल को भी विशेष रूप से धन्यवाद दिया। इस अवसर पर पीईईओ भीमलाल मेघवाल, प्राचार्य कैलाश मेघवाल, उपप्राचार्य मीनाक्षी चावला, व्याख्याता पूनम चोपड़ा, गुलाम शब्बीर, रजत गौतम, हरिओम मीणा, राहुल सिंह, बलवान सिंह, मंजू जैन और कनिष्ठ लिपिक प्रवीण सिंह चौहान उपस्थित रहे।
पंजाब के 72 शिक्षकों का फिनलैंड में प्रशिक्षण, राज्य सरकार का विश्व प्रसिद्ध शिक्षा प्रणाली पर जोर
पंजाब सरकार ने 72 प्राथमिक शिक्षकों को 15-दिन के लिए फिनलैंड भेजा, जहां वे विश्व प्रसिद्ध शिक्षण पद्धतियों में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। राज्य के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने तीसरे बैच को विदाई दी और बताया कि यह कदम शिक्षा में सुधार और नेतृत्व क्षमता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
जनसंख्या शिक्षा पर आधारित प्रतियोगिता में पीएम श्री सेजेस कन्या शाला सरकंडा प्रथम
बिलासपुर| जनसंख्या शिक्षा पर आधारित रायपुर में हुए राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पीएम श्री सेजेस शहीद अविनाश शर्मा शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला सरकंडा ने रोल प्ले में प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसका आयोजन एनसीईआरटी नई दिल्ली से किया गया था। छात्राएं गीतिका तिवारी, मुस्कान मानिकपुरी, साक्षी साहू, सानिया मुसर्रत व कविता यादव ने इंटरनेट मीडिया गैजेट्स का सदुपयोग एवं संवर्धन पर रोल प्ले किया। इसमें उनके शिक्षक डॉ. प्रवीण मिश्रा एवं वंदना तांबे ने मार्गदर्शन किया था। इन छात्राओं का चयन राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए एनसीईआरटी नई दिल्ली के लिए हुआ है। आने वाले दिनों में छात्राएं वहां जाकर अपना हुनर दिखाएंगे। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में पर चयन होने पर प्राचार्य डॉ. गायत्री तिवारी ने सभी छात्राओं और मार्गदर्शक शिक्षक को शुभकामनाएं दी हैं।
लुधियाना। गुरु नानक खालसा कॉलेज फॉर वुमेन के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तत्वावधान में कॉलेज परिसर में शोध पद्धति पर एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस सत्र की संसाधन व्यक्ति डॉ. सुमेधा गुप्ता थीं। डॉ. गुप्ता ने शोध की मूलभूत अवधारणाओं पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की और बताया कि इन अवधारणाओं को विभिन्न शैक्षणिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में कैसे लागू किया जाता है। उन्होंने शैक्षणिक कार्य में सटीकता और प्रासंगिकता सुनिश्चित करने के लिए शोध के लिए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण, आलोचनात्मक सोच और विश्लेषणात्मक कौशल के महत्व पर प्रकाश डाला। यह सत्र छात्रों के लिए अत्यधिक जानकारीपूर्ण और समृद्ध साबित हुआ, जिससे उन्हें शोध पद्धति के व्यावहारिक अनुप्रयोगों को समझने में मदद मिली। प्रिंसिपल डॉ. मनीता काहलों ने विभाग के प्रयासों की सराहना की और शोध-उन्मुख शिक्षा के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शोध में एक मजबूत आधार विकसित करने से न केवल शैक्षणिक समझ का विस्तार होता है, बल्कि छात्रों को समाज में सार्थक योगदान देने के लिए भी तैयार किया जाता है। कॉलेज ने डॉ. सुमेधा गुप्ता के ज्ञानवर्धक संबोधन के लिए उनका आभार व्यक्त किया तथा भविष्य में इस प्रकार की और अधिक शैक्षणिक पहल आयोजित करने की आशा व्यक्त की।
शिक्षा गुणवत्ता सुधार को लेकर प्राचार्यों की बैठक
भास्कर न्यूज | दुर्गूकोंदल हमर लक्ष्य अभियान के तहत शैक्षणिक गुणवत्ता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से ब्लॉक के सभी हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूलों के प्राचार्यों की बैठक आयोजित की गई। बैठक बीआरसी कार्यालय के सभागृह में हुई। बैठक में बीईओ विप्लव डे, एबीईओ अंजनी मंडावी व बीआरसी लतीफ सोम उपस्थित थे। बैठक में शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए कई आवश्यक विषयों पर चर्चा की गई। बैठक में अपार आईडी, यू-डाइस कोड का अद्यतन, बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी, केंद्रीकृत कक्षा पांचवीं एवं आठवीं की परीक्षा, बालवाड़ी संचालन, छात्र-छात्राओं के जाति प्रमाण पत्र की प्रक्रिया, 7 दिसंबर 2025 को आयोजित होने वाली उल्लास साक्षरता महापरीक्षा की तैयारी पर जोर दिया। नवोदय प्रवेश परीक्षा के लिए छात्रों को तैयार करने, पिछले वर्ष के बोर्ड परिणाम की समीक्षा करते हुए इस सत्र में परिणाम सुधार के ठोस उपायों पर भी चर्चा की गई। अधिकारियों ने शैक्षणिक गुणवत्ता, मध्यान्ह भोजन संचालन, शाला त्यागी बच्चों की पहचान, अनुरोध कार्यक्रम, उपस्थित पंजी, निरीक्षण रिपोर्ट तथा स्कूल प्रबंधन से जुड़े कई बिंदुओं पर दिशा-निर्देश प्रदान किया। बैठक के दौरान प्राचार्य राहुल द्वारा अध्यापन कार्य में आ रही व्यवहारिक और तकनीकी समस्याओं पर चर्चा की गई। सभी प्राचार्यों से कहा विद्यालयों में शिक्षण गतिविधियों को प्रभावी ढंग से संचालित किए जाने और छात्रों को नियमित रूप से मार्गदर्शन एवं परामर्श प्रदान किया जाए, ताकि आगामी परीक्षाओं में बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकें। बैठक में सेजेस प्राचार्य अजय नेताम, हायर सेकेंडरी कोंडे प्राचार्य बाबूलाल कोमरे, हाई स्कूल कलंकपुरी प्राचार्य सत्येंद्र साहू, राजेंद्र अवाड़े, हेमलता वाडिवा, राजबती पोटाई सहित क्षेत्र के सभी प्राचार्य उपस्थित थे। दुर्गूकोंदल। बैठक में उपस्थित स्कूलों के प्राचार्य।
स्कूल शिक्षा विभाग ने प्ले स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश में पहली बार प्ले स्कूलों के संचालन के लिए नियम(एसओपी) जारी किए हैं। इसके अनुसार अब 3 साल से कम उम्र के बच्चों को प्ले स्कूल में दाखिला नहीं मिलेगा। ऐसे स्कूलों के लिए 3 महीने के भीतर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। प्री-प्राइमरी स्कूल जहां कक्षा-1 से ऊपर की कक्षाएं नहीं है, उन स्कूलों को अपने नाम में अनिवार्य रूप से ‘प्ले स्कूल’ लिखना होगा। इस तरह से ये स्कूल भी शिक्षा विभाग के दायरे में आ गए हैं। शायद छत्तीसगढ़ अकेला ऐसा प्रदेश है जिसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग से दिशा-निर्देश जारी हुए हैं। बता दें कि इससे पहले, तक राज्य में प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी तक के निजी स्कूलों को संचालन के लिए शिक्षा विभाग से मान्यता लेनी पड़ती है।, लेकिन प्ले स्कूलों के लिए कोई नियम नहीं है। प्ले स्कूलों के लिए यह दिशा-निर्देश हर क्लास रूम हवादार होना चाहिएप्ले स्कूल के भवन को लेकर जो निर्देश जारी किए गए हैं, हर क्लास रूप हवादार होना चाहिए। बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय, बच्चों के लिए रेस्ट रूम, साफ पीने का पानी, सीसीटीवी कैमरे होने चाहिए। खेल क्षेत्र, अग्निशमन यंत्र, बाउंड्रीवाल, मेडिकल सुविधा, स्वच्छता की सुविधा जैसे साबुन, डस्टबीन, वाशबेसिन होना चाहिए। स्कूल का समय 3 से 4 घंटे का होगा। राजीव गुप्ता, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन बच्चों और पालकों के हित में नियम बनना जरूरी थाप्री-प्राइमरी स्कूल (प्ले स्कूल) को संचालित करने का नियम राज्य में कई वर्षों से लंबित था। पढ़ने वाले बच्चे और पालकों के लिए नियम बनाना आवश्यक था। स्कूल शिक्षा विभाग से जारी दिशा-निर्देश सरल हैं। कड़े दिशा-निर्देश बनाने में सबसे बड़ी बाधा शिक्षा का अधिकार कानून 2009 है, क्योंकि अनिवार्य शिक्षा इस कानून के अंतर्गत 6 वर्ष से ऊपर के ही विद्यार्थियों के लिए है। अच्छी बात यह है कि दिशा निर्देश पहली सीढ़ी है। यह बच्चों के लिए फायदेमंद रहेगा। प्री-प्राइमरी पालक शिक्षक समिति बनेगी: प्री-प्राइमरी निजी स्कूल पालक शिक्षक समिति का गठन करेंगे। इस समिति का गठन स्कूल शुरू होने के एक महीने के भीतर करना होगा। इसका कार्यकाल एक साल का होगा। इस समिति में 75% पालक और 25% शिक्षक रहेंगे। अध्यक्ष का मनोनयन पालकों के बीच से किया जाएगा। समिति की त्रैमासिक मीटिंग होगी।
इस साल से छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षा में दोनों कक्षाओं में गणित में भी प्रायोगिक और प्रोजेक्ट वर्क की परीक्षा होगी। इसके लिए नया ब्लूप्रिंट बनाया गया है। अब तक गणित में सैद्धांतिक के पूरे 100 अंक थे, लेकिन अब 12वीं के गणित में 20 अंकों की और 10वीं के गणित में 25 अंकों की प्रायोगिक परीक्षा और प्रोजेक्ट वर्ग भी होगा। 12वीं की सैद्धांतिक परीक्षा 80 की और 10वीं की 75 अंकों की होगी। माशिमं ने इसका प्रस्ताव बनाया है। इसमें पूछे जाने वाले सवाल, मूल्यांकन पद्धति के साथ अंकों का आवंटन भी किया गया है। इस पर अंतिम मुहर आने वाले दिनों में परीक्षा और परीक्षा फल समिति की होने वाली बैठक में लग सकती है। फिर इसका क्रियान्वयन होगा। माशिमं की परीक्षा समिति के सदस्य ओंकार सिंह ठाकुर ने बताया कि गणित बोझिल लगता है। इसे सरल और नई शिक्षा नीति के अनुरूप बनाने के लिए अन्य विषयों की तरह प्रोजेक्ट और प्रायोगिक कार्य शामिल किया गया है। अभिभावकों ने इसकी मांग भी की थी। इस संबंध में स्कूलों के प्राचार्यों को दिशा-निर्देश दिया गया है। एक मार्च से बोर्ड परीक्षाएं होंगी। इससे पहले एक से 20 जनवरी 2026 के बीच स्कूलों में प्रायोगिक और प्रोजेक्ट की परीक्षाएं होंगी। चार भागों में बांटा गया है 10वीं और 12वीं में प्रोजेक्ट वर्क 12वीं और 12वीं दोनों कक्षा के प्रोजेक्ट वर्क या प्रायोगिक परीक्षा को चार भागों में बांटा गया है। इसमें क्रियाकलाप, प्रोजेक्ट, अभिलेख और सेशनल एक्टिविटी तथा मौखिकी यानी वायवा शामिल हैं। इसमें से प्रत्येक के लिए अंकों का भी निर्धारण किया गया है। मूल्यांकन के लिए प्रत्येक चरण में अंक रखे गए हैं। 12वीं में प्रत्येक भाग के लिए 5-5 अंक तय किए 10वीं के प्रोजेक्ट में 10 और अन्य भाग के लिए 5-5 अंक तय 10वीं कक्षा में गणित के प्रायोगिक या प्रोजेक्ट वर्क को भी चार भागों में बांटा है। इसमें 25 अंक रखे गए हैं। प्रोजेक्ट में 10 अंक हैं। क्रियाकलाप, अभिलेख और वायवा में 5-5 अंक रखे गए हैं। 10वीं के प्रोजेक्ट की कार्य सूची में से प्रत्येक खंड से दो-दो प्रोजेक्ट का रिकार्ड बनाना अनिवार्य होगा। इसमें बीज गणित, रेखा गणित और त्रिकोणमिति के प्रोजेक्ट होंगे। अन्य विषयों के लिए पहले से प्रोजेक्ट और प्रायोगिक के अंक तय: हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, इतिहास, राजनीति, समाज शास्त्र, गणित, लेखा, व्यवसाय अध्ययन, अर्थशास्त्र में 20 अंक के प्रायोगिक और प्रोजेक्ट तथा भूगोल, मनोविज्ञान, भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र, जीव विज्ञान में 30 अंक प्रायोगिक और प्रोजेक्ट होंगे। कक्षा 10वीं के अन्य विषयों में प्रायोगिक परीक्षा एवं प्रोजेक्ट वर्क के 25 अंक होंगे।
16वां वित्त आयोग:मप्र को उद्योग, कृषि, शिक्षा क्षेत्र में केंद्र से चाहिए ज्यादा मदद
सोलहवें वित्त आयोग की अवधि 1 अप्रैल 2026 से 31 मार्च 2031 है। इस दौरान प्रदेश में उद्योग, कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य से संबंधित चल रहे कार्यक्रमों की निरंतरता के लिए वित्त विभाग से प्रस्ताव की वित्तीय स्वीकृति कराए जाने के लिए वित्त विभाग ने 10 दिसंबर तक जानकारी मांगी है, ताकि वित्तीय अभिमत के साथ कैबिनेट की स्वीकृति ली जा सके। इससे कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, वन और पर्यटन और उद्योग जैसे क्षेत्रों में प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। इन क्षेत्रों में और विकास के लिए केंद्र से ज्यादा राशि की जरूरत है। 16 वें वित्त आयोग ने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी है जिसमें केंद्र और राज्यों के बीच करों के वितरण, अनुदान सहायता के निर्धारण और राज्यों के बीच संसाधनों के आवंटन की जानकारी है। इसी अनुशंसा को सरकार आगामी पांच सालों के लिए लागू करेगी। आयोग से मप्र सरकार ने केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 41 प्रतिशत से बढ़ाकर 48 प्रतिशत करने का आग्रह किया था। राज्य का बजट अभी 4.25 लाख करोड़ रुपए का है, इसे आगामी पांच सालों में दोगुना किए जाने का लक्ष्य है। आगामी वित्तीय वर्ष में केंद्र से ज्यादा राशि मिलने पर पार्वती-कालीसिंध-चंब ल नदी जोड़ो परियोजना, केन-बेतवा लिंग परियोजना और ताप्ती नदी परियोजना के काम में तेजी आएगी। मप्र में अभी 48 लाख हेक्टेयर में सिंचाई हो रही है, जिसे बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर किया जाना है। अगले तीन सालों में 30 लाख किसानों को सोलर पंप देने की योजना इन विभागों के कार्यक्रमों में ज्यादा हिस्सेदारी: केंद्र से पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के तहत मनरेगा, वाटरशेड मिशन और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के लिए 60 :40 के अनुपात में राशि मिलती है। इसमें स्वीकृत परियोजना में केंद्र का अंश 60 प्रतिशत और राज्य की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। इसमें नई व्यवस्था के हिसाब से जिस मद में खर्च किया जाना है, उसी हैड में राशि डाली जाती है। समग्र फंड के रूप में केंद्र से राशि राज्यो को नहीं मिलती है। पूर्ववत व्यवस्था के हिसाब से एक मुश्त राशि राज्य को मिल जाती थी।
हरियाणा के हिसार में जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) कार्यालय ने स्कूलों में शिक्षकों द्वारा मोबाइल फोन के उपयोग पर एक बार फिर सख्ती दिखाई है। बुधवार को सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों (BEO) को इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं। जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि स्कूल समय के दौरान शिक्षकों द्वारा मोबाइल फोन का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है और इसका कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए। नोटिस में यह भी बताया गया है कि निदेशक माध्यमिक शिक्षा द्वारा वर्ष 2017 और 2018 में भी मोबाइल उपयोग पर रोक संबंधी आदेश जारी किए जा चुके हैं। इसके बावजूद, निरीक्षणों के दौरान यह पाया गया कि कई स्कूलों में शिक्षक कक्षाओं और स्कूल परिसर में मोबाइल फोन का प्रयोग कर रहे थे। इसे शिक्षण कार्य के प्रति लापरवाही का संकेत माना गया है। डीईओ की तरफ से जारी आदेश की कॉपी... लेटर में बीईओ को यह दिए गए हैं आदेश जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने ब्लॉकों के स्कूल प्रमुखों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित करें कि स्कूल समय में कोई भी शिक्षक मोबाइल फोन का उपयोग न करे। इसका उद्देश्य शिक्षकों को शिक्षण कार्य पर पूर्ण रूप से केंद्रित रखना है। पत्र में जोर देकर कहा गया है कि इन आदेशों का आवश्यक रूप से पालन किया जाए। किसी भी स्कूल में मोबाइल के इस्तेमाल की शिकायत मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग का लक्ष्य शिक्षकों को कक्षा में अधिक जिम्मेदार और शिक्षण कार्य में पूरी तरह संलग्न रखना है, ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
चिकित्सा शिक्षा विभाग में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए राज्य सरकार ने नेफ्रोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. पुनीत गुप्ता को अतिरिक्त संचालक, चिकित्सा शिक्षा के प्रभार से हटा दिया है। अवर सचिव की ओर से बुधवार देर शाम आदेश जारी कर दिया गया है। अप्रैल 2025 में डॉ. पुनीत गुप्ता को पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में अपने मूल दायित्व विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी और प्राध्यापक, नेफ्रोलॉजी के साथ-साथ संचालनालय, चिकित्सा शिक्षा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। सात महीने बाद विभाग ने यह जिम्मेदारी वापस ले ली है। नहीं बताया गया है प्रभार छीने का कारण जारी आदेश में कहा गया है कि डॉ. गुप्ता को अतिरिक्त संचालक, चिकित्सा शिक्षा के प्रभार से मुक्त किया जाता है। वे अब अपने मूल पद पर ही कार्य करेंगे। हालांकि, आदेश में प्रभार छीने जाने का कारण नहीं बताया गया है। लेकिन विभागीय अधिकारियों के अनुसार, चिकित्सा शिक्षा में हालिया पुनर्गठन और कार्यों के पुनर्वितरण के चलते यह निर्णय लिया गया है। पहले भी संभाल चुके हैं महत्वपूर्ण प्रशासनिक जिम्मेदारियां डॉ. पुनीत गुप्ता मेडिकल कॉलेज में नेफ्रोलॉजी विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक हैं और पहले भी कई महत्वपूर्ण प्रशासनिक जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि उनके मूल पद पर वापस लौटने से महाविद्यालय में अध्यापन और चिकित्सा सेवाओं को और मजबूती मिलेगी।
औरंगाबाद समाहरणालय परिसर स्थित सभागार में डीएम श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में बुधवार को शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में विद्यालय निरीक्षण, छात्र-छात्राओं की उपस्थिति, आधारभूत सुविधाओं, आवासीय विद्यालयों की स्थिति एवं मॉडल विद्यालय निर्माण से जुड़े मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। डीएम ने बैठक की शुरुआत जिलेभर में विद्यालय निरीक्षण की अद्यतन स्थिति की समीक्षा से की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि प्रत्येक प्रखंड के बीईओ हर माह 100 विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे। वहीं जबकि संभाग प्रभारी कम से कम 50 विद्यालयों का निरीक्षण सुनिश्चित करें। डीईओ व डीपीओ को भी अधिक से अधिक विद्यालयों का भौतिक सत्यापन करके शत-प्रतिशत निगरानी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया। कक्षा 11 और 12 में विद्यार्थियों की उपस्थिति अत्यंत कम निरीक्षण रिपोर्टों की समीक्षा में यह बात सामने आई कि कक्षा 11 और 12 में विद्यार्थियों की उपस्थिति अत्यंत कम है। जिला पदाधिकारी ने इसे गंभीर चिंता का विषय बताया तथा उच्च विद्यालयों में विशेषकर इंटर कक्षाओं में उपस्थिति बढ़ाने के लिए प्रभावी रणनीति बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किशोर-किशोरियों की कम उपस्थिति भविष्य की शैक्षणिक प्रगति पर प्रतिकूल असर डालती है, इसलिए विद्यालय के प्रधानाध्यापक, शिक्षक और प्रखंड स्तरीय अधिकारी सामूहिक रूप से सुधारात्मक प्रयास करें। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों की समीक्षा के दौरान मदनपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में उपस्थिति वृद्धि पर बल दिया गया। समीक्षा बैठक के दौरान मदनपुर बीईओ को निर्देश दिया गया कि वे प्रत्येक सप्ताह विद्यालय का निरीक्षण करें और आवश्यक सुधार सुनिश्चित करें। इसके अलावा मदनपुर एवं रफीगंज टाइप-IV के शौचालयों की मरम्मत की आवश्यकता पर डीएम ने प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया। बैठक में सभी प्रखंडों के सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों की सूची भी पेश की नबीनगर प्रखंड के मध्य विद्यालय बेला स्थित नवनिर्मित नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय भवन में वर्तमान में पुलिस बल के आवासन की जानकारी पर डीएम ने छात्रावास को वहां शिफ्ट कराने का निर्देश दिया। जिला शिक्षा पदाधिकारी को पुलिस अधीक्षक से समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्रवाई शीघ्र सुनिश्चित करने को कहा गया। बैठक में सभी प्रखंडों के सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों की सूची भी प्रस्तुत की गई। इन विद्यालयों में से प्रत्येक प्रखंड के दो श्रेष्ठ उच्च विद्यालयों को मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया। डीएम ने इन विद्यालयों की संचिका बढ़ाने तथा प्रारंभिक चरण में कंप्यूटर लैब उपलब्ध कराने हेतु सूची तैयार करने का निर्देश दिया। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि जिले के नौ उच्च विद्यालयों में जिला योजना कार्यालय द्वारा पुस्तकालय निर्माण का कार्य प्रगति पर है और शीघ्र ही फर्नीचर एवं पुस्तकें उपलब्ध करा दी जाएंगी। रफीगंज,बारुण और सदर प्रखंड के बीईओ से स्पष्टीकरण समीक्षा में यह भी पाया गया कि रफीगंज, बारूण और औरंगाबाद प्रखंड के बीईओ का कार्य निष्पादन संतोषजनक नहीं है। डीईओ ने बताया कि ये अधिकारी न तो जिला स्तरीय बैठकों में भाग लेते हैं और न ही विभागीय कार्यों में रुचि दर्शा रहे हैं। इस पर जिला पदाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने का निर्देश दिया।बैठक में शिक्षा विभाग अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं की भी समीक्षा की गई और प्राथमिकता वाले मुद्दों पर विशेष दिशा-निर्देश दिए गए। बैठक में उप विकास आयुक्त अनन्या सिंह, डीईओ सुरेंद्र प्रसाद,डीपीओ, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं सभी संभाग प्रभारी उपस्थित रहे।
डीडवाना में भट्टी/भाट मुस्लिम समाज शिक्षण संस्थान का बुधवार को विधिवत शिलान्यास किया गया। सुपका रोड स्थित सरप्रताप नगर के आगे इस शिक्षण संस्थान की नींव रखी गई। अतिथियों ने शिक्षा को समाज की उन्नति का आधार बताते हुए इसे उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। कार्यक्रम के मुख्य मेहमान पूर्व विधायक चेतन डूडी थे। शिलान्यास की बुनियाद सय्यद हाफिज और नायब शहर काजी ने पवित्र कुरान की आयतों के पाठ के साथ रखी। इस अवसर पर भामाशाह सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया, जिसमें समाज के दानदाताओं, जनप्रतिनिधियों और विशिष्टजनों को सम्मानित किया गया। शिक्षण संस्थान की स्थापना के लिए कई जनप्रतिनिधियों ने आर्थिक सहयोग की घोषणाएं कीं। लाडनूं विधायक मुकेश भाकर ने संस्थान के लिए 11 लाख रुपए देने की घोषणा की। पूर्व विधायक चेतन डूडी ने 51 हजार रुपए की सहायता का ऐलान किया। इसके अतिरिक्त, कई अन्य समाजसेवियों और जनप्रतिनिधियों ने भी आर्थिक योगदान देने की बात कही। राजस्थान प्रदेश भट्टी मुस्लिम समाज सुधार महासभा के अध्यक्ष अब्दुल रहमान ने बताया कि समाज के उत्थान और भविष्य निर्माण को ध्यान में रखते हुए यह शिक्षण संस्थान शुरुआत में सीनियर सेकेंडरी स्तर तक संचालित किया जाएगा। इसमें आधुनिक शिक्षा के साथ-साथ धार्मिक शिक्षा (दीनी तालीम) भी प्रदान की जाएगी, जिससे बच्चों को दोनों क्षेत्रों में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह संस्थान समाज के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर उन्हें सफलता के नए मार्गों पर अग्रसर करेगा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में समाज के लोग, भामाशाह, जनप्रतिनिधि और स्थानीय नागरिक मौजूद थे।
रीवा में शिक्षा विभाग ने ई-अटेंडेंस सिस्टम के तहत कार्रवाई करते हुए 1500 से ज्यादा शिक्षकों को नोटिस भेजे, लेकिन लिस्ट में तीन ऐसे शिक्षक भी शामिल हो गए जिनकी मौत कई महीने या साल पहले हो चुकी है। नोटिस में उनसे पूछा गया कि वे ऐप पर हाजिरी क्यों नहीं लगा रहे और तीन दिन में जवाब नहीं देने पर वेतन काटने की चेतावनी भी दी गई। गलती सामने आते ही विभाग ने इसे डाटा अपडेट की त्रुटि बताया है और सुधार का आश्वासन दिया है। मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में कुछ समय पहले ई-अटेंडेंस सिस्टम लागू किया गया। शुरुआत में विरोध हुआ, लेकिन अब विभाग इसे लेकर सख्ती बरत रहा है। इसी सख्ती के तहत रीवा में 1500 से ज्यादा शिक्षकों को नोटिस भेजे गए कि वे रोजाना ऐप पर हाजिरी क्यों नहीं लगा रहे। नोटिस लिस्ट में मृत शिक्षकों के नाम भी शामिलनोटिस की जांच में बड़ी लापरवाही सामने आई। जिला शिक्षा अधिकारी की लिस्ट में तीन ऐसे शिक्षक मिले जिनकी मौत पहले ही हो चुकी है। इनमें 2023 में दुनिया छोड़ चुके देवतादीन कोल और 2025 में मृत हो चुके छोटेलाल साकेत और रामगरीब दीपांकर का भी नाम शामिल हैं। इसके बावजूद विभाग ने उन्हें नोटिस भेज दिया और लिखा कि तीन दिन में जवाब नहीं दिया तो वेतन काट लिया जाएगा। अधिकारी बोले- डेटा अपडेट करने में गलतीमामला सामने आने के बाद अधिकारी इसे तकनीकी गलती बता रहे हैं। उनका कहना है कि डाटा अपडेट में चूक हुई है और इसे जल्द ठीक किया जाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी राम राज मिश्रा ने कहा कि यह भूलवश हो गया है। पोर्टल पर अभी जानकारी अपडेट नहीं की गई है। इसे जल्द सुधारा जाएगा। ताकि आगे इस तरह की स्थिति न निर्मित हो।
शिक्षा विभाग ने जयपुर में 1269 शिक्षकों का किया स्थायीकरण
शिक्षा विभाग ने जयपुर जिले में 1269 तृतीय श्रेणी शिक्षकों का स्थायीकरण और नियमितिकरण किया है। इनमें अध्यापक भर्ती-2022 के 1259 शिक्षक, अध्यापक भर्ती 2021-22 के 9 शिक्षक और अध्यापक भर्ती-2018 का 1 शिक्षक शामिल हैं। इन शिक्षकों के स्थायीकरण के प्रकरण को जिला परिषद की जिला स्थापना समिति ने भी अनुमोदित कर दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक रामनिवास शर्मा ने इन शिक्षकों के वेतन स्थायीकरण व नियमितिकरण के आदेश जारी कर दिए। अब उन्हें नियमित वेतन मिल सकेगा। अब तक उनको प्रोबेशन-काल के कारण फिक्स वेतन मिल रहा था। स्थायीकरण होने के बाद शिक्षकों ने इस पर खुशी जताई है। विभाग ने शर्मा का तबादला भी कर दिया था, लेकिन यहां से रिलीव होने से पहले उन्होंने स्थायीकरण व नियमितिकरण का आदेश जारी कर 1269 परिवारों को खुशी प्रदान की।
जयपुर के ज्ञान विहार स्कूल में K-12 कंप्यूटर साइंस शिक्षा में कंप्यूटेशनल थिंकिंग और एथिकल एआई प्रैक्टिसेज़ को एकीकृत करने विषय पर मंगलवार को एक दिवसीय शिक्षकों की कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण तकनीकों और व्यावहारिक रणनीतियों से सशक्त बनाना था, ताकि वे इन सिद्धांतों को स्कूल के पाठ्यक्रम में प्रभावी ढंग से शामिल कर सकें। शहर के विभिन्न विद्यालयों से 50 से अधिक शिक्षकों ने इस कार्यशाला में भाग लिया। प्रतिभागियों ने इसे अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक बताया। कार्यशाला का नेतृत्व डॉ. भावना छिब्बर ने किया, जो एक अनुभवी शिक्षिका, लेखिका, मास्टर ट्रेनर (साइबर सुरक्षा), सीबीएसई रिसोर्स पर्सन, एनसीईआरटी की ट्रेनर पाठ्यक्रम डेवलपर और आईआईएम कलकत्ता की भूतपूर्व छात्रा हैं। वह कंप्यूटेशनल थिंकिंग और एआई शिक्षा की विशेषज्ञ हैं। डॉ. छिब्बर ने संवादात्मक सत्रों, जीवंत प्रदर्शनों और समूह चर्चाओं के माध्यम से शिक्षकों को समस्या समाधान, एल्गोरिदमिक सोच और नैतिक जागरूकता को शिक्षण प्रक्रिया में सम्मिलित करने के व्यावहारिक तरीके बताए। सर्कल हेड प्रियंका दीक्षित ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और विद्यार्थियों को एआई-संचालित भविष्य के लिए तैयार करने के महत्व पर प्रकाश डाला। समापन सत्र में उन्होंने शिक्षकों की उत्साहपूर्ण सहभागिता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।कार्यशाला का समापन धन्यवाद ज्ञापन और प्रमाणपत्र वितरण के साथ हुआ। प्रतिभागी शिक्षकों ने इस कार्यशाला को ज्ञानवर्धक, व्यावहारिक और प्रेरक बताया और अपने विद्यालयों में सीखी गई नई रणनीतियों को लागू करने की उत्सुकता व्यक्त की। यह पहल K-12 शिक्षकों में उत्तरदायी और नवाचारी डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है।
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन की बैठक में आज मंगलवार को अहम निर्णय लिया गया है। TGT (प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक) भर्ती परीक्षा-2022 स्थगित कर दी गई है। अभी यह परीक्षा आगे कब कराई जाएगी यह नहीं घोषित की गई है। इसके पहले पीजीटी की परीक्षा भी स्थगित कर दी गई थी। दरअसल, आयोग की अध्यक्ष रहीं प्रो. कीर्ति पांडेय के इस्तीफे के बाद से ही यह कयास लगाए जाने लगे थे कि यह परीक्षा नहीं हो पाएगी। असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती का साक्षात्कार एवं पोस्ट ग्रेजुएट टीचर यानी पीजीटी की परीक्षा पहले ही स्थगित कर दी गई थी। खबर अपडेट हो रही है।
एमबीए और एमसीए कोर्स शुरू कराने को लेकर उच्च शिक्षा विभाग की पूरी रिपोर्ट झूठी निकली। विभाग ने वार्षिक रिपोर्ट में दावा किया था कि जयपुर-जोधपुर में संभाग स्तर पर 9 कॉलेज शुरू कर दिए गए हैं। जबकि हकीकत यह है कि एक भी कॉलेज में कोर्स शुरू नहीं किए जा सके हैं। एमबीए-एमसीए जैसे कोर्स शुरू करने के लिए एआईसीटीई मुताबिक, अलग बिल्डिंग, रेगुलर टीचर, स्मार्ट क्लास रूम और हाईटेक लैब जैसी सुविधाएं चाहिए। लेकिन उच्च शिक्षा विभाग ने इनके बिना ही ‘कागजों’ में इसे शुरू होना दिखा दिया। गौरतलब है कि विधायकों की मांग पर ये कोर्स शुरू करने के लिए राज्य सरकार ने 2024 में बजट घोषणा की थी। घोषणा के साथ ही विभाग-अफसरों को काम शुरू करना था। सबसे पहले ‘ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन’ (एआईसीटीई) की शर्तों को पूरा कराना था। लेकिन इसके लिए कोई प्रयास करने के बजाए प्रशासनिक स्वीकृतियां जारी करके गलत वार्षिक रिपोर्ट ही तैयार कर दी गई। भास्कर ने जमीनी सच्चाई खंगाली तो सामने आया कि एक ओर विभाग जिन कोर्सेज को शुरू कराने की बात कह रहा है, कॉलेज प्रशासन उनके लिए असमर्थता जता रहे हैं। यह स्थिति तब है जबकि यही विभाग प्रदेश के छात्रों को विदेश में कोर्स कराने के लिए अब तक 400 करोड़ से ज्यादा राशि स्कॉलरशिप के रूप में दे चुका है। शेष | पेज 4 जिन कॉलेजों में कोर्स शुरू करना बताया, उन प्रिंसिपल की जुबानीसरकारी कॉलेजों में मैनेजमेंट और कम्प्यूटर पढ़ाने के लिए रेगूलर शिक्षक ही नहीं हैं। ऐसे में जहां बीबीए, बीसीए कोर्स शुरू किये गए थे, वहां भी परेशानी खडी हो रही है। अफसरों का नंबर गेम बीजेपी सरकार ने इन कोर्सेज को संभाग स्तर पर शुरू करने की बजट-2024 में घोषणा की थी, लेकिन ‘ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन’ के मानदंड ही पूरे नहीं कर पाए, इनके बिना कोर्स शुरू नहीं हो सकते। विभाग ने जिन कॉलेजों में कोर्स शुरू करने की रिपोर्ट बनाई, जब भास्कर ने उनसे छात्रों की जानकारी मांगी तो चौंककर बोले- बिना मानदंड कैसे शुरू कर सकते हैं? मानदंड अधूरे, एआईसीटीई ने मंजूरी नहीं दी एमबीए, एमसीए कोर्स के लिए अनुभवी शिक्षक, भवन, स्मार्ट क्लासरूम, टेक्निकली इक्विप्ड लेक्चर हॉल, हॉस्टल, कैंटीन, हाईटेक लाइब्रेरी, कम्प्यूटर लैब्स, इंटरनेट चाहिए। कॉलेजों ने आयुक्तालय को पत्र भजा है कि लैब में बैठने की व्यवस्था ही नहीं है। शैक्षणिक, प्रशासनिक, वित्तीय कार्यों के लिए ईआरपी (एंटरप्राइज रिसॉर्स प्लानिंग) प्रणाली नहीं है। शिक्षक नहीं हैं। ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म। असाइनमेंट ट्रैकिंग व ग्रेडिंग सिस्टम नहीं है। कॉलेजों ने कहा-हम मानक पूरा नहीं कर सकते हैंसम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय कॉलेज अजमेर, श्री जया राजकीय पीजी कॉलेज भरतपुर, राजकीय डूंगर कॉलेज बीकानेर, राजकीय कॉलेज जयपुर, राजकीय कॉलेज सांगानेर, राजकीय कॉलेज जोधपुर, राजकीय वाणिज्य कॉलेज कोटा, राजकीय कॉलेज कोटा, राजकीय मीरा गर्ल्स कॉलेज उदयपुर में ये कोर्स शुरू होने थे। कॉलेज प्रशासन ने विभाग को लिखा है कि हम मानक पूरा नहीं कर पाएंगे। छात्रों का दर्द-प्राइवेट पीजी करने को पैसा कहां से लाएं सरकार ने जो बजट घोषणा की थी, उसका सार ये था कि बीबीए और बीसीए सहित अन्य यूजी कोर्स करने वाले छात्रों को सरकारी स्तर पर एमबीए-एमसीए करने की सुविधा मिल सके। ये नहीं होने से छात्रों को भारी परेशानी और निजी कॉलेजों में पलायन करना पड़ रहा था। कई सामान्य लोग इसके लिए आर्थिक रूप से तैयार नहीं थे। ऐसे में यहां सुविधाएं दुरुस्त की जाएं। इधर, अफसरों को अगले साल पोर्टल खुलने का इंतजारघोषणा के बाद प्रक्रिया में समय लगता है। प्रोफेशनल कोर्स शुरू करने के लिए एआईसीटीई से मान्यता चाहिए, जिसके लिए प्रयास कर रहे हैं, जनवरी में इनका पोर्टल खुलता है।-डॉ. ओमप्रकाश बैरवा, कमिश्नर, कॉलेज एजुकेशन
जीवाजी विश्वविद्यालय (जेयू) द्वारा जारी नई प्राविधिक सीनियारिटी लिस्ट ने निजी कॉलेजों में शिक्षा व्यवस्था की हकीकत सामने ला दी है। अंचल के 349 निजी कॉलेजों में से सिर्फ 22 में ही प्राचार्य पदस्थ हैं, जबकि इन कॉलेजों में अध्ययनरत 1.50 लाख छात्रों को पढ़ाने के लिए केवल 39 शिक्षक हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अंचल के इन कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा कैसे मिल रही होगी। यानी इस अंधेरगर्दी का असर सीधा उनके भविष्य पर पड़ रहा है। जानकारी के अनुसार जेयू प्रशासन ने निजी कॉलेजों से शिक्षकों और प्राचार्यों की सैलरी का बैंक स्टेटमेंट मांगा था, लेकिन 349 में से केवल 22 कॉलेज ही यह दस्तावेज दे सके। वहीं सिर्फ 8 कॉलेज ऐसे हैं जिन्होंने 39 शिक्षकों की सैलरी बैंक के माध्यम से दी होने का प्रमाण दिया। यह साफ संकेत है कि अधिकांश संस्थान सिर्फ कागजों पर शैक्षणिक स्टाफ दिखा कर संबद्धता हासिल कर रहे हैं। हर स्तर पर भारी अनियमितता... नियुक्ति से लेकर संबद्धता तक फर्जीवाड़ा… निजी कॉलेजों की सिस्टम से मिलीभगत?जांच में यह भी सामने आया कि निजी कॉलेजों में नियुक्ति दिखाने के लिए इंटरव्यू तो होते हैं, लेकिन अधिकांश कॉलेज कार्यपरिषद से अनुमोदन नहीं करवाते, जिससे नियुक्तियां कानूनी रूप से वैध ही नहीं हो पातीं। कॉलेज ऐसे फर्जी प्रमाण दिखाकर संबद्धता हासिल कर लेते हैं और वेतन भुगतान बैंक के बजाय नकद या कागजों पर ही दिखाते हैं। सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि कुल 349 में से 56 कॉलेज ही नियुक्तियों का अनुमोदन करा सके हैं। वहीं, जेयू प्रशासन बार-बार बैंक स्टेटमेंट की मांग करते हुए भी सबूत नहीं जुटा पा रहा। जेयू अफसरों पर भी सवाल उठे हैं, क्योंकि बरकतुल्लाह विवि, भोपाल परिनियम 28/17 के नियुक्त शिक्षकों की सूची पोर्टल पर अपलोड कर चुका है, लेकिन जेयू ने अब तक ऐसा नहीं किया। यह हैं जिम्मेदार... नगद वेतन जैसी गंभीर अनियमितताओं कार्रवाई करनी थी लेकिन इन्होंने ध्यान ही नहीं दिया क्या करना था? निजी कॉलेजों की निरीक्षण रिपोर्ट में मिली अनियमितताओं के आधार पर कुलगुरु को कार्रवाई का प्रस्ताव भेजना था।संबद्धता प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करना था, ताकि सभी कॉलेज नियमों के दायरे में रहें। क्या किया क्या कियाइनका पक्ष जानने के लिए फोन किया। वे ऑनलाइन थे इसलिए मैसेज किया पर इन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। समझें... कैसे पनपता है निजी कॉलेजों में नियुक्ति घोटाला?
श्री गुरु तेग बहादुर जी के जीवन, पवित्र गुरबाणी और शिक्षाओं पर प्रेरक चर्चा की
लुधियाना। मालवा सेंट्रल कॉलेज ऑफ एजुकेशन फॉर वुमन, सिविल लाइंस में सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस के उपलक्ष्य में एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत शबद वाचन से हुई, जिसके बाद ऑफिशिएटिंग प्रिंसिपल डॉ. तृप्ता ने मुख्य अतिथि का औपचारिक स्वागत किया। व्याख्यान का संचालन डॉ. सरबजोत कौर, पूर्व प्रमुख, पंजाबी विभाग, गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स ने किया। उन्होंने श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन, पवित्र गुरबाणी और शिक्षाएं विषय पर विस्तृत व प्रेरक चर्चा प्रस्तुत की। डॉ. कौर ने गुरु जी के आध्यात्मिक दृष्टिकोण, मानवता के प्रति उनके अमूल्य योगदान, शांति और सहिष्णुता के संदेश और गुरबाणी की गहरी आध्यात्मिकता को विशेष रूप से रेखांकित किया। कार्यक्रम में छात्राओं और संकाय सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
दुर्ग के दो प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सा शिक्षा कमिश्नर (सीएमई) की टीमों ने दबिश देकर जाँच शुरू कर दी है। दोनों कॉलेजों में मान्यता के लिए डॉक्टरों की योग्यता के संबंध में नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) को गलत जानकारी दिए जाने का इनपुट है। एनएमसी को दिखाने के लिए फर्जी मरीजों को भर्ती किया गया। गाँव वालों को बीमारी न होने के बावजूद पैसे देकर भर्ती किया गया। इस बारे में भी सीबीआई से इनपुट के बाद एनएमसी ने सीएमई कार्यालय को जाँच के बिंदु भेजे। उसके बाद डीन स्तर के अफसर के नेतृत्व में दो टीमें एक साथ अचानक पहुँचीं। बता दें कि पिछले दो दिनों से कॉलेजों में छानबीन चल रही है। कॉलेजों की ओर से मान्यता के लिए एनएमसी को पेश किए गए दस्तावेजों की जाँच की जा रही है। कुछ डॉक्टरों की योग्यता के संबंध में दस्तावेजों को जब्त किया गया है। कॉलेजों से कुछ स्टाफ गायब है, यानी जिन्हें एनएमसी के सामने स्टाफ के तौर पर पेश किया गया था, वे सभी अभी जाँच टीम के सामने नहीं आए हैं। एनएमसी के निर्देश के अनुसार जाँच के दौरान डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम ने सावधानी बरती। जाँच प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग कराई जा रही है। कॉलेजों से दस्तावेजों की जब्ती भी ऑन कैमरा ही की जा रही है, यानी एक-एक एक्टिविटी की वीडियोग्राफी की जा रही है। एनएमसी से इन दोनों कॉलेजों को इस साल प्रवेश के लिए मान्यता मिल चुकी है। एनएमसी ने निरीक्षण के बाद ही मान्यता दी है। कॉलेजों को मान्यता मिलने के बाद ही सीबीआई से फर्जीवाड़े से संबंधित इनपुट दिया गया। कॉलेज के कुछ स्टाफ और डॉक्टरों के नाम के साथ बताया गया है कि उनकी डिग्री फर्जी है या उनका अनुभव सर्टिफिकेट गलत है। छापा बेहद गोपनीय तरीके से मारा गया। जाँच टीम में शामिल सदस्यों को भी सूचना नहीं थी कि उन्हें जाँच करने कहाँ जाना है। ऐन मौके पर उन्हें इस बारे में बताया गया। जाँच टीम ने स्टाफ के साथ-साथ मरीजों के रिकॉर्ड के संबंध में दस्तावेज जब्त किए हैं। एनएमसी का ऐसा इनपुट है कि इन कॉलेजों में एमबीबीएस डॉक्टरों की योग्यता बढ़ाकर दिखाई गई है। एमबीबीएस डॉक्टर को स्पेशलिस्ट बताकर उसी हिसाब से रैंक तय की गई है। इस तरह की गलत जानकारी और अनुभव प्रमाणपत्र दिखाकर एनएमसी से मान्यता ली गई है। एनएमसी के नियमानुसार ऐसा करना गलत है। इन प्रमुख बिंदुओं पर की जा रही जांच रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट होगीइनपुट के आधार पर अभी जांच चल रही है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस बारे में स्थिति स्पष्ट होगी। उसके आधार पर कार्रवाई की सिफारिश की जाएगी। -शिखा राजपूत तिवारी, चिकित्सा शिक्षा कमिश्नर
लखनऊ के भारतीय शिक्षा बोर्ड हरिद्वार की ओर से चारबाग स्थित एनआर स्टेडियम पर सोमवार को ईसाबेला थार्न स्कूल की देखरेख में राष्ट्रीय खेलकूद प्रतियोगिताओं का आगाज हुआ। प्रतियोगिता में जीएसएस आगरा की भावना ने 100 मीटर दौड़ में सभी को पीछे छोड़ पहला स्थान हासिल किया। पीजी हरिद्वार की एन. अपूर्वा रनर अप रही। पीजीडी टिहरी की प्रज्ञा शंकर और पीजी हरिद्वार की अनुष्का को तीसरा और चौथा स्थान हासिल किया। प्रतियोगिता का उद्घाटन खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव ने ध्वजरोहण और दीप प्रज्जवलित कर किया। इस अवसर भारतीय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ.एनपी सिंह ने खेल मंत्री को प्रति आभार व्यक्त किया। प्रतियोगिता में विंग कमांडर भारतीय वायुसेना पुष्कल द्विवेदी मौजूद रहे। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ एकजुट के प्रदेश अध्यक्ष सोहन लाल वर्मा ने खिलाड़ियों को दमदार प्रदर्शन को प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में गोपीनाथ कॉलेज के आलोक मिश्र और अग्रसेन इंटर कॉलेज के डॉ. लाल प्रताप सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
यमुनानगर के जगाधरी स्थित जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आज सोमवार को अंबाला से सीएम फ्लाइंग टीम द्वारा रेड की गई। टीम के पहुंचते ही कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई। निरीक्षण के दौरान चार कर्मचारी गैरहाजिर मिले, जबकि उनके उपस्थिति रजिस्टर में कोई स्पष्ट टिप्पणी दर्ज नहीं थी। टीम ने निरीक्षण के दौरान यह भी पाया कि कार्यालय में कई महत्वपूर्ण शिकायतें और अभ्यर्थन पत्र महीनों से लंबित पड़े हुए हैं। इनमें वे मामले भी शामिल हैं, जिन पर तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए थी, लेकिन लापरवाही के कारण वे फाइलों में ही दबे रह गए। उड़न दस्ता टीम ने इन लंबित शिकायतों पर कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित कर्मचारियों से जवाब-तलब किया है। मेडिकल बिल मिले अधूरे सीएम फ्लाइंग अधिकारी परमिंदर सिंह ने बताया कि निरीक्षण के दौरान सबसे गंभीर मामला मेडिकल बिलों की जांच से सामने आया। रिपोर्ट के अनुसार, कुल 35 मेडिकल बिलों में से 21 बिल अधूरे पाए गए। कई बिलों में जरुरी दस्तावेज़ संलग्न नहीं थे, वहीं कुछ बिल ऐसे अस्पतालों के थे जो सरकार के अधिकृत पैनल में शामिल ही नहीं हैं, फिर भी उन्हें पास कराने के लिए कार्यालय में प्रस्तुत किया गया था। यह विभाग में संभावित अनियमितता, लापरवाही और गड़बड़ी का संकेत है। उड़न दस्ता टीम ने इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सभी अधूरे और संदिग्ध बिलों की जांच के आदेश दिए हैं। संबंधित कर्मचारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। रिकॉर्ड लेकर गए साथ जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलता ने बताया कि निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री उड़न दस्ता टीम ने निर्देश दिए कि कार्यालय में उपस्थिति प्रणाली को सख्ती से लागू किया जाए, लंबित मामलों का निस्तारण शीघ्र किया जाए, और सभी बिल केवल नियमों के अनुसार ही पास किए जाएं। विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना आगामी दिनों में सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। सीएम फ्लाइंग अपने साथ कुछ रिकॉर्ड लेकर गए हैं जो अभी जांच में सामने आएगा उसको लेकर कार्रवाई की जाएगी।
बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में कड़ाके की ठंड को देखते हुए स्कूलों के समय में बदलाव की मांग उठी है। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन की जिला इकाई ने इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा है। एसोसिएशन ने अपने ज्ञापन में बताया है कि जिले में लगातार गिरते तापमान के कारण बच्चों को सुबह स्कूल जाने में काफी कठिनाई हो रही है। सुबह की ठंडी हवाएं और कम तापमान बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं, इसलिए छात्रों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए स्कूल समय में परिवर्तन आवश्यक है। एक पाली वाले स्कूलों के लिए शीतकालीन समय प्रस्ताव एसोसिएशन ने शीत ऋतु के लिए नए स्कूल समय का प्रस्ताव दिया है। एक पाली में संचालित होने वाले विद्यालयों के लिए सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 10:30 बजे से दोपहर 03:30 बजे तक का समय सुझाया गया है। शनिवार को इन स्कूलों का समय सुबह 09:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक रखने का प्रस्ताव है। दो पाली वाले स्कूलों के लिए शीतकालीन समय प्रस्ताव दो पाली में संचालित होने वाले विद्यालयों के लिए प्रथम पाली का समय सोमवार से शनिवार तक सुबह 09:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक प्रस्तावित है। वहीं, द्वितीय पाली के लिए सोमवार से शनिवार तक दोपहर 12:45 बजे से शाम 04:15 बजे तक का समय सुझाया गया है। शिक्षकों और जिला प्रशासन की प्रतिक्रिया टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि ठंडी हवाओं और सुबह के तापमान में आई गिरावट को देखते हुए यह बदलाव अत्यंत आवश्यक है, ताकि बच्चे स्वस्थ वातावरण में अपनी पढ़ाई जारी रख सकें। जिलाध्यक्ष पवन सिंह ने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि विद्यार्थियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रस्तावित विद्यालय समय में तत्काल प्रभाव से परिवर्तन किया जाए।
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एक बार फिर सुर्खियों में है। शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के निरीक्षण के एक महीने बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी व्यवस्था सुधारने में नाकाम साबित हुआ है। हालात यह हैं कि जिस जिम के टूटे और खराब उपकरणों पर शिक्षा मंत्री ने कड़ी आपत्ति जताई थी, वह आज भी उसी स्थिति में पड़ा हुआ है। इससे नाराज़ छात्रों ने सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन कर अपनी आवाज़ बुलंद की।न फिटनेस कीट से चोट लगने का डर प्रदर्शन कर रहे छात्र नेता शिवम यादव ने कहा- विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही अब छात्रों की सहनशक्ति से बाहर हो चुकी है। सरकार पैसा भेज रही है, लेकिन यहां पर भ्रष्टाचार चरम पर है। जिम में लगाए जा रहे उपकरण इतने घटिया हैं कि उनसे छात्रों को फायदा होने के बजाय चोट लगने का डर ज्यादा रहता है,उन्होंने कहा शिवम यादव का यह भी आरोप है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी विश्वविद्यालय के जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे छात्रों में गहरा आक्रोश है। विश्वविद्यालय में सुधार की उठाई मांग छात्रों का कहना है कि जिम के अलावा भी कई विभागों में संसाधनों की भारी कमी है। खेल सुविधाओं से लेकर प्रयोगशालाओं तक, कई जगह उपकरणों की स्थिति बेहद खराब है। छात्र–छात्राओं को रोजमर्रा की पढ़ाई और अभ्यास में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। छात्रों का कहना है कि महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ जैसे ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित संस्थान में ऐसी लचर व्यवस्था किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं है। छात्रों ने दी चेतावनी प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और मांग की कि जिम उपकरणों को तुरंत बदलकर उच्च गुणवत्ता वाले संसाधन उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई की भी मांग की। छात्रों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द सुधार नहीं हुआ, तो आंदोलन को और तीव्र किया जाएगा।
दिल्ली में झुग्गी में रहने वाले एक पिता ने, जो चाय बेचते हैं, उन्होंने अपनी बेटी को आखिरकार CA बना दिया। जहां एक ओर लोगों ने कहा, क्यों अपनी बेटी को जरूरत से ज्यादा पढ़ा रहे हो, इसकी शादी करवा देनी चा
NEET UG रिजल्ट को लेकर अभी भी जारी है गुस्सा, छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के पास किया विरोध प्रदर्शन
नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए छात्रों ने सोमवार को शिक्षा मंत्रालय के पास विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा परिणाम में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की। आइए जानते हैं, क्या है पूरा म
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का 10 फीसदी भी डाटा नहीं हुआ अपलोड
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का डाटा अपलोड करने में जिले के कई स्कूल ढील दे रहे हैं, वे 10 फीसदी छात्रों का भी डाटा अभी तक अपलोड नहीं कर पाए हैं। डाटा अपलोड करने में आधार कार्ड की अनिवार्यता के बाद से छ
बेसिक शिक्षा : दो महीने बाद भी 1.38 लाख छात्रों का डेटा नहीं हुआ अपडेट
बेसिक शिक्षा विभाग के यू डायस पोर्टल पर डेटा अपडेट करने का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है। हाल ये है कि दो महीने में महज 1.38 लाख छात्रों डेटा भी अपडेट नहीं हुआ। विभाग ने अब 5 जून तक इसे पूरा करने क
स्कूलों में कैसे पढ़ा रहे हैं शिक्षक, वीडियो में देखेगा शिक्षा विभाग, होगी रिकॉर्डिंग
शिक्षा विभाग वीडियो के जरिए देखेगा कि परिषदीय स्कूलों के शिक्षक छात्रों को कैसे पढ़ाते हैं। बता दें. छात्रों को पढ़ाते हुए शिक्षकों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। आइए जानते हैं विस्तार से।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति : यूपी बोर्ड ने दिए निर्देश, एनईपी लागू करने को स्कूल बनाएंगे प्लान
यूपी बोर्ड से जुड़े 27 हजार से अधिक स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने के लिए स्कूल स्तर पर योजना बनाई जाएगी। एनईपी 2020 के विषय में विद्यालयों में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
बॉलीवुड का ये सुपरस्टार युवाओं को IAS बनाने के लिए मुफ्त में देगा शिक्षा, योजना से अबतक जुड़ चुके है7000 युवा
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