मूक-बधिर 'खुशी' के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बने सहारा, शिक्षा और आवास की उठाई जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हुई मुलाकात ने कानपुर की 20 वर्षीय मूक-बधिर लड़की खुशी गुप्ता और उसके परिवार के जीवन में ऐसा अविस्मरणीय अध्याय जोड़ा जिसे वे कभी भूल नहीं पाएंगे। यह मुलाकात सिर्फ एक औपचारिकता भर नहीं है, बल्कि मानवीय संवेदना और करुणा ...
नि:शक्तता दिवस पर समावेशी शिक्षा को बढ़ावा
सिटी रिपोर्टर|बैकुंठपुर प्रखंड संसाधन केंद्र में मंगलवार को समावेशी शिक्षा के तहत निशक्तता दिवस मनाया गया। प्रखंड स्तरीय इस कार्यक्रम का शुभारंभ प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी आशा कुमारी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम में शिक्षा परियोजना द्वारा सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत निशक्त छात्र-छात्राओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी विस्तार से दी गई। कार्यक्रम के दौरान समन्वयक रविंद्र कुमार पाठक ने बताया कि नवसृजित प्राथमिक विद्यालयों से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में नामांकित दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित हैं, जिनका लाभ बिहार शिक्षा परियोजना के माध्यम से दिया जा रहा है। इसमें छात्रवृत्ति, सहायक उपकरण, विशेष शिक्षण सुविधा सहित कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी आशा कुमारी ने कहा कि समावेशी शिक्षा का मुख्य उद्देश्य सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करना है। लेकिन निशक्त बच्चों के लिए विशेष सुविधा और सहयोग की व्यवस्था की गई है, ताकि वे भी मुख्यधारा से जुड़कर शिक्षा के माध्यम से अपना भविष्य सुरक्षित कर सकें। उन्होंने शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिया कि दिव्यांग छात्रों के प्रति सहानुभूति रखते हुए उन्हें पढ़ाई में हर संभव सहयोग दिया जाए। कार्यक्रम में वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए समाज में दिव्यांगजनों के सम्मान और अधिकारों को सुनिश्चित करने की अपील की। कार्यक्रम में लेखपाल चंद्रभूषण प्रसाद, प्रभुनाथ गुप्ता, सचिन कुमार, शाहबाज आलम, प्रिंस कुमार सहित कई शिक्षकों और कर्मियों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
सरस्वती योजना शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का संकल्प है : अमर
भास्कर न्यूज | जांजगीर नवागढ़ विकासखंड के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सरखों तथा शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सिवनी नैला में गत दिवस सरस्वती साइकिल योजना के तहत साइकिल वितरण कार्यक्रम उत्साहपूर्वक संपन्न हुआ। दोनों विद्यालयों में छात्राओं को साइकिल प्रदान की गई, जिससे उनकी शिक्षा यात्रा को नई गति व सुगमता मिली। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों एवं शिक्षकों ने छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाओं के साथ साइकिल वितरित की। दोनों ही आयोजनों के मुख्य अतिथि जनसेवक एवं भाजपा नेता अमर सुल्तानिया रहे। अपने प्रेरक उद्बोधन में उन्होंने कहा कि सरस्वती साइकिल योजना केवल साइकिल प्रदान करने की औपचारिकता नहीं, बल्कि बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का सशक्त संकल्प है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं को साइकिल मिलने से उनकी पढ़ाई बाधित नहीं होगी और आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
बाल विकास पर संभाग स्तरीय संवाद कार्यक्रम, प्रारंभिक देखभाल-शिक्षा पर साझा किए अनुभव
उदयपुर| जतन संस्थान ने बाल विकास पर संभाग स्तरीय संवाद कनेर बाग में आयोजित किया। इसका उद्देश्य प्रारंभिक देखभाल और शिक्षा से जुड़े फील्ड अनुभव साझा करना, चुनौतियों पर चर्चा करना और शिक्षकों के बीच तालमेल मजबूत करना रहा। संस्थान ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कंगारू मदर केयर, सकारात्मक परवरिश और बाल संरक्षण पर प्रगति और आगामी योजनाएं प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम में शिक्षा, ईसीसीई, बाल संरक्षण, पोषण और परवरिश पर विषयगत सत्र हुए। इन सत्रों की अध्यक्षता एडीपीसी समग्र शिक्षा विभाग घनश्याम गौड़, उप निदेशक बाल अधिकारिता विभाग के.के. चंद्रवंशी, सीडीपीओ बड़गांव गरिमा उपाध्याय, तथा प्रोफेसर गायत्री तिवारी ने की। साथ ही शिक्षा विभाग, बाल अधिकारिता विभाग और बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। निदेशक कैलाश बृजवासी ने कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिए सरकारी तंत्र, विशेषज्ञों और समुदाय की संयुक्त पहल आवश्यक है। अंत में रणवीर सिंह शक्तावत ने प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया।
आगरा में बुधवार को आगरा पुलिस कमिश्नरेट का 26 नवंबर को तीसरा स्थापना दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पुलिस की ओर से एक एग्जीबिशन लगाई गई, जिसमें पुलिस विभाग के उपयोग में आने वाले उपकरण और पुलिस कर्मियों की हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई। एग्जीबिशन में ट्रैफिक उपकरण से लेकर डॉग रिकॉर्ड के बारे में जानकारी दी गई। इस अवसर पर शासन प्रशासन के अधिकारी और शहर के सभी जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने कहा कि पुलिस कमिश्नरेट की स्थापना दिवस पर एग्जीबिशन का आयोजन किया गया है, जिसमें कॉलेज स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया। इस अवसर पर रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया और तीन सालों में जिन्होंने अच्छे कार्य किए हैं उन्हें सम्मानित किया गया। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि जब से आगरा कमिश्नरेट हुआ है, पुलिस की व्यवस्थाएं चाक चौबंद हुई हैं और पुलिस की कार्यशैली में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने काफी अच्छे काम किए हैं और आगे भी करते रहेंगे। इस अवसर पर पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने कहा कि पुलिस कमिश्नरेट का उद्देश्य है कि आगरा को अपराध मुक्त और सुरक्षित बनाना है। उन्होंने कहा कि पुलिस की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और आगे भी किए जाएंगे।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में श्रमदान, कार्यालयों की सफाई
अजमेर। वन्दे मातरम् के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में कार्यालय में स्वच्छता अभियान के तहत साफ-सफाई कार्य सम्पन्न हुआ। बोर्ड सचिव गजेन्द्र सिंह राठौड़ ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड कार्यालय में बुधवार को लंच पूर्व समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों ने अपनी शाखाओं में आंतरिक सफाई, फाईले, रिकॉर्ड सुव्यवस्थित की तथा लंच पश्चात […] The post राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में श्रमदान, कार्यालयों की सफाई appeared first on Sabguru News .
स्कूल शिक्षा विभाग ने उज्जैन के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) आनंद शर्मा को राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल में पदस्थ किया है। यह आदेश बुधवार को जारी किया गया, जिसमें उन्हें तत्काल प्रभाव से उज्जैन से हटाकर नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव कमल सोलंकी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा को समान सामर्थ्य एवं वेतनमान में आगामी आदेश तक राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल में पदस्थ किया है। हालांकि, उज्जैन जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर फिलहाल किसी नए अधिकारी की नियुक्ति के आदेश जारी नहीं हुए हैं। आनंद शर्मा वर्ष 2021 में उज्जैन जिला शिक्षा अधिकारी के रूप में पदस्थ हुए थे। उनके स्थानांतरण के बाद, संभावना जताई जा रही है कि शिक्षा विभाग के सहायक संचालक महेंद्र खत्री को उज्जैन डीईओ का प्रभार मिल सकता है।
सवाई माधोपुर में पोषण और शिक्षा सुधार पर जिला स्तरीय बैठक, आंगनबाड़ी निरीक्षण व विद्यालय विकास पर जोर
सवाई माधोपुर में जिला प्रशासन ने आंगनबाड़ी केंद्रों और राजकीय विद्यालयों में स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के लिए व्यापक निरीक्षण और सुधारात्मक कार्रवाई की योजना बनाई। जिला कलक्टर काना राम ने जर्जर भवनों की मरम्मत, शौचालय सुविधा और जनसहभागिता के माध्यम से वित्तीय सहयोग सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
13th pre-budget meeting : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13वीं प्री-बजट बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, मानव विकास और महिला सशक्तिकरण सेक्टर के विशेषज्ञों के साथ आगामी बजट 2026-27 की तैयारियों पर चर्चा की, जिससे नीति निर्माण और सामाजिक निवेश में मजबूती आएगी।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने डीएलएड (Diploma in Elementary Education) परीक्षा के नतीजे जारी कर दिए हैं। बोर्ड के अध्यक्ष प्रो. पवन कुमार और उपाध्यक्ष सतीश शाहपुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह जानकारी दी। यह परीक्षा सितंबर-अक्टूबर 2025 में हुई थी, जिसमें अलग-अलग बैच के छात्र शामिल हुए थे। नतीजे बोर्ड की वेबसाइट www.bseh.org.in पर उपलब्ध हैं। छात्र वेबसाइट पर जाकर अपना रिजल्ट देख सकते हैं। इस परीक्षा में 2022 से 2026 बैच तक के छात्र शामिल थे, जिनमें फ्रेश और री-अपीयर दोनों ही छात्र शामिल थे। इसके साथ ही, 2020-2022 और 2021-2023 बैच के छात्रों को भी मर्सी चांस दिया गया था। उन्होंने बताया कि डीएलएड परीक्षा में प्रदेशभर में कुल 23 हजार 628 छात्र-अध्यापक शामिल हुए। उन्होंने बताया कि डीएलएड प्रवेश वर्ष 2022-24 प्रथम वर्ष (रि-अपीयर) में 457 छात्र-अध्यापक प्रविष्ट हुए, जिनमें से 296 उत्तीर्ण रहे। जिनकी पास प्रतिशतता 64.77 रही है। डीएलएड प्रवेश वर्ष 2022-24 द्वितीय वर्ष (रि-अपीयर) में 1102 छात्र-अध्यापक शामिल हुए। जिनमें से 879 उत्तीर्ण रहे, जिनकी पास प्रतिशतता 79.76 रही है। डीएलएड 2023-25 में 65.45 पास प्रतिशतउन्होंने बताया कि डीएलएड प्रवेश वर्ष 2023-25 प्रथम वर्ष (रि-अपीयर) में 385 छात्र-अध्यापक शामिल हुए। जिनमें से 252 उत्तीर्ण रहे, जिनकी पास प्रतिशतता 65.45 रही है। डीएलएड प्रवेश वर्ष 2023-25 द्वितीय वर्ष (नियमित) में 1594 छात्र-अध्यापक प्रविष्ट हुए, जिनमें से 985 उत्तीर्ण रहे, जिनकी पास प्रतिशतता 61.79 रही है। डीएलएड प्रवेश वर्ष 2024-26 प्रथम वर्ष (नियमित) में 19,993 छात्र-अध्यापक शामिल हुए, जिनमें से 13,214 उत्तीर्ण रहे, जिनकी पास प्रतिशतता 66.09 रही है। उन्होंने बताया कि डीएलएड प्रवेश वर्ष 2020-22 प्रथम वर्ष (मर्सी चांस) की पास प्रतिशतता 80 तथा द्वितीय वर्ष (मर्सी चांस) की पास प्रतिशतता 100 प्रतिशत रही है। इसके अतिरिक्त डीएलएड प्रवेश वर्ष 2021-23 प्रथम वर्ष (मर्सी चांस) की पास प्रतिशतता 71.43 तथा द्वितीय वर्ष (मर्सी चांस) की पास प्रतिशतता 88.89 प्रतिशत रही है। रि-अपीयर छात्र-अध्यापकों की फरवरी-मार्च में होगी परीक्षाउन्होंने बताया कि छात्र-अध्यापकों की परफॉर्मेंस शीट शिक्षण संस्थाओं की लॉगिन आईडी पर भेजी जाएगी। इस परीक्षा में रि-अपीयर रहें छात्र-अध्यापक आगामी परीक्षा के लिए 5 दिसंबर से संबंधित संस्था की लॉगिन आईडी के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा परिणाम में रि-अपीयर रहें छात्र-अध्यापकों की परीक्षा फरवरी-मार्च-2026 में कराई जाएगी। इस परीक्षा के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के लिए तिथियां निर्धारित कर दी गई है। रि-अपीयर परीक्षा के लिए शुल्क 800 रुपए प्रति विषय है, एक से अधिक विषयों में रि-अपीयर है तो परीक्षा शुल्क प्रति विषय 200 रुपए अतिरिक्त देय होगा और अधिकतम परीक्षा शुल्क 2000 रुपए प्रति छात्र-अध्यापक होगा। संबंधित शिक्षण संस्थान बिना विलम्ब शुल्क 5 दिसम्बर से 19 दिसम्बर तक ऑनलाइन आवेदन करना सुनिश्चित करें। 20 दिन तक कर सकते है ऑनलाइन आवेदनइसके पश्चात 100 रुपए विलम्ब शुल्क सहित 20 दिसम्बर से 26 दिसम्बर, 300 रुपए विलम्ब शुल्क सहित 27 दिसम्बर से 2 जनवरी तथा 1000 रुपए विलम्ब शुल्क सहित 3 जनवरी से 9 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सभी सम्बन्धित संस्थाएं निर्धारित तिथियों में ही ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करना सुनिश्चित करें, इसके उपरान्त आवेदन का अवसर नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस परीक्षा परिणाम के आधार पर जो छात्र-अध्यापक अपनी उत्तरपुस्तिकाओं की पुन: जांच अथवा पुनर्मूल्यांकन करवाना चाहते हैं तो वे निर्धारित शुल्क सहित परिणाम घोषित होने की तिथि से 20 दिन तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, माउंट आबू से आए राजयोगी ब्रह्माकुमार भगवान भाई ने कोरबा के डीएवी पब्लिक स्कूल और इंडस पब्लिक स्कूल में “अपराधमुक्त समाज के लिए नैतिक शिक्षा” पर अपने विचार साझा किए। भगवान भाई ने बताया कि आज के समय में युवा मोबाइल, फैशन, सिनेमा और गलत संगति की वजह से भटक रहे हैं। इन्हीं कारणों से समाज में अपराध बढ़ रहे हैं। उन्होंने क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, ईर्ष्या और नफरत जैसे मनोविकारों को अपराध का मुख्य कारण बताया। नैतिक शिक्षा और अच्छे गुणों का महत्व बताया उन्होंने कहा कि नैतिक शिक्षा से इन बुराइयों पर नियंत्रण पाया जा सकता है और समाज को अपराधमुक्त बनाया जा सकता है। शिक्षा का मकसद चरित्रवान बनाना और बुराइयों से मुक्त करना होना चाहिए। जब तक हम अपने जीवन में परोपकार, त्याग, उदारता, नम्रता और सहनशीलता जैसे अच्छे गुण नहीं अपनाते, शिक्षा अधूरी है। स्कूल प्रशासन और ब्रह्माकुमारी का योगदान उन्होंने कहा कि सच्चा ज्ञान वही है जो अज्ञान से सच की ओर ले जाए। इंडस पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. संजय गुप्ता और डीएवी की सहायक प्रिंसिपल सविता शर्मा ने कार्यक्रम की सराहना की। स्थानीय ब्रह्माकुमारी प्रभारी बीके ज्योति बहन ने सभी को नैतिक शिक्षा सीखने और राजयोग करने का निमंत्रण दिया।
एकल श्री हरि कथा प्रसार योजना संभाग मध्यभारत की एक दिवसीय समिति प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन गुना के सिंगवासा स्थित एक निजी गार्डन में किया गया। इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने गांवों में सत्संग के माध्यम से धर्म की रक्षा और धर्मांतरण रोकने पर जोर दिया। उद्घाटन सत्र में एकल श्रीहरि कथा केंद्रीय समिति प्रशिक्षण प्रमुख संजय साहू और एकल अभियान पी 7 के जागरण शिक्षा प्रभारी विकास जैन नखराली सहित कई पदाधिकारी मंचासीन रहे। प्रशिक्षण वर्ग का विधिवत उद्घाटन मां सरस्वती एवं भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर किया गया। इसके बाद गुना अंचल अध्यक्ष मनीष भार्गव ने उपस्थित मंचासीन अतिथियों का अंग वस्त्र पहनाकर स्वागत किया। 'सत्संग के द्वारा धर्म की रक्षा करना उद्देश्य'उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय प्रशिक्षण प्रमुख संजय साहू ने कहा, एकल श्री हरि प्रशिक्षण का उद्देश्य समितियों को मजबूत कर गांव गांव में सत्संग के द्वारा धर्म की रक्षा करना और ग्रामीणों को सशक्त बनाकर उन्हें राष्ट्रपयोगी बनाना है। उन्होंने कहा कि आज भी धर्मांतरण हो रहा है और एकल कार्यकर्ता अपनी महती भूमिका निभाते हुए धर्म परिवर्तन रोकने में सहायक बन रहे हैं। 'आजादी के बाद जहां स्कूल नहीं, वहां एकल सक्रिय'संजय साहू ने कहा कि धर्म की रक्षा करना प्रत्येक हिन्दू का धर्म है। एकल उन गांवों में शिक्षा का प्रचार प्रसार कर रहा है जहां आज भी आजादी के बाद शासकीय विद्यालय नहीं हैं। उन्होंने कहा कि एकल विद्यालय योजना समयबद्ध परिणामकारी योजना है, जो सतत 37 वर्षों से आज भी जारी है। 'पंचमुखी शिक्षा से कर रहे चहुंमुखी विकास'जागरण शिक्षा प्रभारी विकास जैन ने उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि एकल का उद्देश्य पंचमुखी शिक्षा के माध्यम से गांव-गांव पहुंच लोगों को जागरूक करना और उन्हें संस्कार शिक्षा देकर ग्रामीणों का चहुंमुखी विकास करना है। उन्होंने कहा, एकल का कार्य ईश्वरी कार्य है और हम सभी यही भाव से सेवा कार्य करते रहे। जनजाति समाज को बना रहे आत्मनिर्भरविकास जैन ने कहा कि एकल कार्यकर्ता जनजाति समाज के बीच पहुंच पंचमुखी शिक्षा के द्वारा शिक्षित, स्वस्थ और स्वावलंबी राष्ट्र निर्माण में एकल अभियान के कार्यों को बढ़ावा देकर उन्हें आत्मनिर्भर कर रहे हैं। संस्कार शिक्षा के माध्यम से सुदूर और जनजातीय क्षेत्रों में हिंदू धर्म का प्रचार कर सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक उत्थान को बढ़ावा देना है। ये अतिथि और कार्यकर्ता रहे मौजूदइस अवसर पर पी 7 और 8 के नगर संगठन प्रमुख रामेश्वर दयाल, एकल श्री हरि कथा प्रभाग व्यास अजय शरण, संभाग सचिव महेश सिंघल, संभाग व्यास संजय शरण, भाग महिला समिति अध्यक्ष आशा रघुवंशी, संभाग कार्यालय प्रमुख पप्पू सिंह नायक मंचासीन रहे। साथ ही मालवा भाग अभियान प्रमुख संतोष राठौर, चंबल भाग अभियान प्रमुख धर्मवीर गुर्जर सहित 7 अंचलों से सेवा व्रती कार्यकर्ता मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
यूपी में SIR ड्यूटी में लगे अब तक 4 कर्मचारियों की मौत हो चुकी है। इनमें लेखपाल और टीचर ने सुसाइड किया, जबकि एक शिक्षामित्र की ब्रेन हैमरेज से मौत हुई। आज बरेली में BLO सर्वेश कुमार गंगवार को ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक आ गया। उनकी मौत हो गई है। इस्तीफे में लिखा- 20 सालों से मैं पढ़ा रही हूं, लेकिन पिछले कुछ समय से परिस्थितियां बेहद कठिन हो गई हैं। मुझे चुनाव अभियान के SIR कार्य में बीएलओ बनाया गया है, जिससे मैं मानसिक रूप से परेशान हूं। अधिकारी शिक्षकों पर दबाव बनाकर जबरन काम करवाने को मजबूर कर रहे हैं। फतेहपुर में लेखपाल का शव घरवालों ने 30 घंटे बाद घर से उठने दिया। दरअसल, बहन अमृता सिंह की मांग थी कि कानूनगो शिवराम पर मुकदमा दर्ज किया जाए। इसके बाद आज सुबह बिंदकी थाने में पुलिस ने बहन की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया। लेखपाल SIR ड्यूटी में लगे थे। उन्होंने शादी से एक दिन पहले सुसाइड किया था। बहन ने कानूनगो पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। इधर, प्रयागराज DM मनीष वर्मा ने SIR में लापरवाही बरतने पर 40 BLO का वेतन रोक दिया है। वहीं, गोंडा में ज़हर खाकर जान देने वाले विपिन का शव घर पहुँच चुका है। सपा जिलाध्यक्ष ने टीचर की शव यात्रा में कंधा दिया। थोड़ी देर में अंतिम संस्कार किया जाएगा। 2 तस्वीरें देखिए- SIR से जुड़े अपडेट्स के लिए ब्लॉग से गुजर जाइए...
दिल्ली में वर्ल्ड कल्चरल एंड एजुकेशनल ऑर्गेनाइजेशन की ओर से आयोजित भव्य कार्यक्रम में आरा शहर का नाम एक बार फिर गौरवान्वित हुआ। शहर के प्रतिष्ठित संगीत शिक्षक डॉ. वेद प्रकाश सागर को संगीत और शिक्षा के क्षेत्र में उनके लंबे, समर्पित और अतुलनीय योगदान के लिए 'भारतीय पद्म भूषण सम्मान' से सम्मानित किया गया। दिल्ली के प्रसिद्ध होटल द मैप्पल गोल्ड में आयोजित यह समारोह देशभर के कलाकारों, शिक्षकों, समाजसेवियों और सांस्कृतिक जगत से जुड़े दिग्गजों की मौजूदगी में संपन्न हुआ। कार्यक्रम में सांस्कृतिक रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया। बिहार के संगीत जगत में विशिष्ट पहचान समारोह की सबसे खास बात यह रही कि चर्चित टीवी सीरियल महाभारत में दुर्योधन का किरदार निभाकर देशभर में लोकप्रिय हुए पुनीत इस्सर और सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध जूनियर पुष्पा राज ने संयुक्त रूप से डॉ. सागर को सम्मान पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया। सम्मान ग्रहण करते समय सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। डॉ. वेद प्रकाश सागर पिछले कई दशकों से संगीत शिक्षा के क्षेत्र में सक्रिय हैं और आरा शहर में शास्त्रीय संगीत के संरक्षण एवं प्रसार के लिए लगातार प्रयासरत हैं। कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के विजेता विद्यार्थी उनके निर्देशन में निकले हैं। संगीत के विभिन्न रूपों पर उनकी पकड़ और विद्यार्थियों के प्रति स्नेहपूर्ण व्यवहार ने उन्हें भोजपुर जिला ही नहीं बल्कि बिहार के संगीत जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है। शहरवासियों ने दी बधाई सम्मानित किए जाने की खबर जैसे ही आरा पहुंची, शहर के संगीत प्रेमियों, कलाकारों और गणमान्य लोगों में हर्ष की लहर दौड़ गई। लोगों ने सोशल मीडिया से लेकर निजी मुलाकातों के माध्यम से उन्हें बधाई दी और इसे आरा के लिए गर्व का क्षण बताया। आरा के संगीत से जुड़े लोगों ने कहा कि यह सम्मान केवल एक शिक्षक का नहीं, बल्कि पूरे शहर की सांस्कृतिक विरासत का सम्मान है। कई लोग उनका सम्मान समारोह का वीडियो देखकर भावुक भी हुए। नगर के वरिष्ठ कलाकारों ने कहा कि डॉ. सागर हमेशा से युवा प्रतिभाओं को आगे लाने में जुटे रहे हैं। यह सम्मान उनके अथक परिश्रम की पहचान है। राष्ट्रीय मंच पर पहचान मिली सम्मान प्राप्त करने के बाद डॉ. वेद प्रकाश सागर ने कहा कि यह सम्मान मेरे लिए प्रेरणा है। मैं अपनी अंतिम सांस तक संगीत की साधना और युवाओं को वास्तविक संगीत सीखाने के लिए काम करता रहूंगा। यह आरा की मिट्टी का आशीर्वाद है कि मुझे राष्ट्रीय मंच पर यह पहचान मिली है। वर्ल्ड कल्चरल एंड एजुकेशनल ऑर्गेनाइजेशन की ओर दिया गया 'भारतीय पद्म भूषण सम्मान' आरा के लिए गर्व का नया अध्याय जोड़ता है। इससे न केवल स्थानीय प्रतिभाओं को प्रेरणा मिली है, बल्कि यह संदेश भी गया है कि छोटे शहरों की महान प्रतिभाएं भी राष्ट्रीय मंच पर दमदार पहचान बना सकती हैं।
नालंदा जिले में प्राथमिक शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और विद्यालयों के समग्र विकास को गति देने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की गई है। जिले के 2165 प्रारंभिक विद्यालयों में गठित शिक्षा समितियों को अब व्यापक प्रशिक्षण के माध्यम से और अधिक सशक्त बनाया जाएगा। इस पहल के तहत प्रत्येक समिति के छह प्रमुख सदस्यों को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि विद्यालय शिक्षा समिति किसी भी स्कूल की रीढ़ होती है। विद्यालय के सर्वांगीण विकास में इन समितियों की भूमिका निर्णायक होती है। मध्याह्न भोजन के संचालन से लेकर बुनियादी ढांचे के विकास तक, इन समितियों का योगदान अपरिहार्य है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने इन्हें और प्रभावी बनाने का फैसला किया है। कौन-कौन होंगे प्रशिक्षित प्रशिक्षण कार्यक्रम में विशेष रूप से छह श्रेणियों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा। इनमें शिक्षा समिति के अध्यक्ष, सचिव और विद्यालय के प्राचार्य के साथ-साथ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग से एक-एक प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस तरह सामाजिक समावेशिता को भी सुनिश्चित किया जा रहा है। कैसे होगा प्रशिक्षण राज्य परियोजना निदेशक मयंक वरवड़े ने जिला शिक्षा अधिकारी आनंद विजय और समग्र शिक्षा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मो. शाहनवाज को निर्देश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि यह प्रशिक्षण किसी भी हालत में 5 मार्च तक पूरा किया जाना अनिवार्य है। प्रत्येक बैच में सात विद्यालयों की समितियों के 42 सदस्यों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण का दायित्व पूर्व प्रशिक्षित उत्प्रेरकों, आपदा प्रबंधन में प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनरों और अनुभवी सरकारी शिक्षकों को सौंपा गया है। प्रत्येक बैच में कम से कम एक सरकारी शिक्षक का प्रशिक्षक के रूप में शामिल होना अनिवार्य किया गया है। कॉम्प्लेक्स केंद्र होंगे प्रशिक्षण स्थल प्रशिक्षण केंद्रों के चयन में कॉम्प्लेक्स सेंटर के आधार को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे विद्यालयों का चयन किया जाएगा जहां प्रशिक्षणार्थी आसानी से पहुंच सकें। चयनित सदस्यों को विद्यालय और पोषक क्षेत्र का व्यापक भ्रमण भी कराया जाएगा, ताकि वे विद्यालय की वास्तविक स्थिति से परिचित हो सकें। सख्त निगरानी की व्यवस्था प्रशिक्षण कार्यक्रम की गंभीरता को देखते हुए समग्र शिक्षा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष अनुश्रवण दल का गठन किया जाएगा। यह दल जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण की गुणवत्ता और प्रभावशीलता की निगरानी करेगा। प्रशिक्षण से संबंधित प्रमाणपत्रों की प्रविष्टि प्रबंध पोर्टल पर की जाएगी और राज्य स्तरीय कार्यालय को नियमित जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। अधिकारी ने जताया विश्वास समग्र शिक्षा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मो. शाहनवाज ने बताया कि विभागीय दिशा-निर्देशों के अनुसार तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि निर्धारित समय सीमा में सभी प्रारंभिक विद्यालयों की शिक्षा समितियों को प्रशिक्षित कर लिया जाएगा।
झीलों के शहर में मंगलवार को मंगल ही मंगल बरसा। धवल सेना के साथ निकले जैन श्वेतांबर तेरापंथ संप्रदाय के ग्यारहवें आचार्य महाश्रमण करीब 6 किलोमीटर तक सबको आशीष देते रहे। वे सेक्टर-4 से शोभागपुरा स्थित महाप्रज्ञ विहार पहुंचे। महाप्रज्ञ विहार में समाज और शहर को संयम की सबसे बड़ी सीख दी। बोले- विरोध को विनोद समझकर स्वीकारें। आत्मबल न छोड़ें। कुछ पाना है तो तुरंत आरंभ करें। विघ्न और दुख आएंगे। उनका भी स्वागत करें, क्योंकि यही परीक्षा मजबूत बनाती है। डर गए या आशंकित भी हुए तो कुछ नहीं कर पाएंगे। स्वागत में जुटा सर्व समाज... शीश नवाकर लिया आशीर्वाद इससे पहले आचार्य का विहार सेक्टर-4 स्थित तुलसी निकेतन स्कूल से शुरू हुआ और शोभागपुरा स्थित महाप्रज्ञ विहार पर जाकर थमा। श्रावक-श्राविकाओं के अलावा सर्व समाज के श्रद्धालुओं में आचार्य के दर्शन की जबर्दस्त उत्सुकता दिखली। ये लोग पूरे रास्ते दोनों तरफ हाथ जोड़े खड़े रहे। जैसे ही आचार्य दिखते, सभी नमोस्तु आचार्य भगवंत कहकर शीश नवाते रहे। महाप्रज्ञ विहार में भी लगभग सभी समाजों के प्रतिनिधि, संगठनों और राजनीतिक दलों के पदाधिकारी आचार्य का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे।
एमडीयू में शिक्षा नीति पर कराया ओरिएंटेशन प्रोग्राम
रोहतक | महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के यूजीसी-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) द्वारा पंडित नेकी राम शर्मा राजकीय महाविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी-2020) पर जारी ओरिएंटेशन प्रोग्राम में मंगलवार को दूसरे दिन विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण जानकारी दी। आंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली के संकाय सदस्य प्रो. दीपक बिसला ने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी विषय पर व्याख्यान दिए। प्रो. बिसला ने शिक्षा में आईसीटी के बढ़ते महत्व, मूकस के विकास और शिक्षण-अधिगम प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने में डिजिटल प्लेटफॉर्म की बढ़ती भूमिका पर चर्चा की। उन्होंने प्रकाश डाला कि आईसीटी किस प्रकार एनईपी-2020 के ढांचे के साथ संरेखित है।
शिक्षा निदेशालय:नामांकन शून्य होने के कारण अगले सत्र से बंद होंगे प्रदेश के 230 स्कूल
राज्य के शून्य नामांकन वाले लगभग 230 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों पर बंद होने का खतरा मंडराने लगा है। अगले सत्र से ये स्कूल बंद होंगे। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में तैयारी शुरू कर दी है। प्रदेश के 34 जिलों में संचालित लगभग 230 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों का नामांकन शून्य है। इसमें बीकानेर जिले के करीब पांच स्कूल शामिल है। वहीं औसत हर जिले में ऐसे पांच से छह स्कूल है। इन स्कूलों को नजदीक के ही सरकारी स्कूलों में मर्ज किए जाने की संभावना है। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने संबंधित जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों से शून्य नामांकन वाले स्कूलों के पास में स्थित सरकारी स्कूल की जानकारी मांगी है। संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों को 26 नवंबर को इस संबंध में प्रस्ताव बनाकर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में भिजवाने होंगे। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि शून्य नामांकन वाले विद्यालयों के पास में स्थित केवल एक ही सरकारी स्कूल का नाम अंकित किया जाए। यदि एक से अधिक विद्यालयों की दूरी समान है तो उच्चतम स्तर के विद्यालय का चयन किया जाएगा। यदि उच्चतम स्तर के भी दो विद्यालय एक समान है तो सह शिक्षा वाले विद्यालय का चयन होगा। समीक्षा के बाद शून्य नामांकन वाले स्कूलों को मर्ज करने की तैयारी की जाएगी। पास के स्कूलों में संस्कृत शिक्षा, महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल, आवासीय स्कूल और निजी स्कूलों के प्रस्ताव नहीं भेजने है। 10 माह पहले 169 स्कूल बंद 10 माह पहले साल के इस साल जनवरी में प्रदेश के 169 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों को शून्य नामांकन और एक ही बिल्डिंग में संचालित होने के कारण बंद किया गया था। प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने शून्य नामांकन वाले सामान्य शिक्षा के सरकारी स्कूलों को पास के स्कूलों में मर्ज कर बंद करने की तैयारी शुरू कर दी है। निदेशालय की ओर 34 जिला शिक्षा अधिकारियों से मांगे गए प्रस्ताव में कहीं भी स्कूल बंद का जिक्र नहीं है। आदेश में शून्य नामांकन वाले सामान्य शिक्षा के सरकारी स्कूलों को सुव्यवस्थित किए जाने का उल्लेख किया गया है। लेकिन वास्तविक स्थिति यह है कि इन स्कूलों में पिछले डेढ़-दो साल से नए दाखिले नहीं हुए हैं।
बाल शिक्षा अधिकार के तहत 5-14 वर्ष के बच्चों को स्कूली शिक्षा देना अनिवार्य : डीसी
भास्कर न्यूज| चाईबासा झारखंड शिक्षा परियोजना, पश्चिमी सिंहभूम के तत्वावधान में जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन का आयोजन मंगलवार को मांगीलाल रूंगटा प्लस टू उच्च विद्यालय में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपायुक्त, पश्चिमी सिंहभूम एवं विशिष्ट अतिथि जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष हरिन तामसोय, वरीय उपाध्यक्ष डॉ. दिनेश बोयपाई, राजेश पासवान व क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। उपायुक्त ने उपस्थित मुखिया एवं शिक्षा विभाग के पदाधिकारी को बताया कि निःशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार-2009 के अंतर्गत 5 से 14 वर्ष के सभी बच्चों को विद्यालयी शिक्षा अनिवार्य रूप से पूर्ण कराना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत भारत सरकार द्वारा शिक्षा व्यवस्था में सुदृढ़ीकरण करने हेतु आंगनबाड़ी से लेकर माध्यमिक शिक्षा के लिए विद्यालयों में विभाग द्वारा सभी आवश्यक सुविधाओं की व्यवस्था के लिए सरकार कटिबद्ध है। स्थानीय स्तर पर ग्राम पंचायत, पंचायत समिति एवं जिला परिषद को शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण जिम्मेवारी दी गई है। विद्यालय विकास योजना का निर्माण विद्यालय से बाहर रह गए बच्चों का नामांकन, प्रयास कार्यक्रम, जीरो ड्रॉप आउट पंचायत इत्यादि कार्य सुनिश्चित किया जाय। ताकि शिक्षा का स्तर बढ़ सके। शिक्षक व विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य विद्यालय के प्रति अपनत्व की भावना के साथ कार्य करें, ताकि बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को अहम दायित्व दिया गया है। जिसे नियमित रूप से कार्य करने की आवश्यकता है।
नीरजा मोदी स्कूल को शिक्षा विभाग भी दे सकता है नोटिस
अमायरा सुसाइड मामला जयपुर | शिक्षा संकुल में मंगलवार को अमायरा मामले में शिक्षा विभाग की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल ने की। इस दौरान अमायरा के पिता ने पूरा घटनाक्रम बताया और स्कूल प्रशासन पर आरोप लगाए। बैठक में सीबीएसई की जांच टीम के सदस्य और पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक में शिक्षा विभाग की जांच रिपोर्ट पर भी चर्चा की गई। अब शिक्षा विभाग भी स्कूल को नोटिस जारी कर सकता है। इस मामले पर सीबीएसई पहले ही नीरजा मोदी स्कूल को नोटिस दे चुका है। जिसमें स्कूल प्रशासन से 30 दिन में जवाब मांगा गया है। बैठक के दौरान निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन बनाने पर भी मंथन हुआ। साथ ही ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम चलाने पर भी चर्चा की ताकि बच्चों को अगर कोई समस्या है तो वे खुलकर बात कर सके। शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि बैठक में शिक्षा अधिकारी, पुलिस व अमायरा के पेरेंट्स से चर्चा की थी। बैठक में सभी ने अपनी अपनी बात रखी।
जैन दर्शन पाठशाला {संस्थान की ओर से कोर्स का सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया जाता है। {द्वादश वर्षीय कोर्स पूर्ण करने के बाद ये बच्चे धार्मिक क्रियाएं संपन्न करवा सकते हैं। {पाठशाला के शिखर चंद जैन ने समाज में पाठशाला की उपयोगिता व महत्व को समझाते हुए स्वाध्याय की सीख दी। इस दौरान लाड देवी, रमेश राज चौधरी, किरण, सोभाग पाटनी सहित अन्य लोग मौजूद रहे। {संयम भवन में तृतीय वार्षिक उत्सव मनाया गया। इसमें 91 विद्यार्थियों को पुरस्कृत िकया। 30 बच्चे बाल संस्कार और सिद्धांत प्रवेशिका कोर्स, 61 बच्चे सिद्धांत प्रभाकर पाठ्यक्रम के थे। जयपुर | जैन दर्शन के विदुषी-विद्वान तैयार करने के लिए टोंक रोड स्थित संयम भवन जनकपुरी जैन मंदिर में जैन पाठशाला चल रही है। छोटे बच्चों को पहले बाल संस्कार दिए जाते हैं। निपूर्ण होने के बाद जैन दर्शन का द्वादश वर्षीय पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता है। इसमें सिद्धांत प्रभाकर, तीन साल सिद्धांत विशारद व आचार्य की शिक्षा दी जाती हैं, ताकि वे विदुषी और विद्वान बन सकें। मुख्य संयोजक पदम जैन बिलाला ने बताया कि वर्तमान में 156 बच्चे अध्ययनरत हैं। बच्चों की रेगुलर पढ़ाई बाधित नहीं हो, इसलिए सप्ताह में दो दिन ही जैन दर्शन की निशुल्क कक्षाएं लगाते हैं। जैन दर्शन शिक्षण का कार्य पूर्व विद्यार्थी ही कर रहे हैं। पाठशाला श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर से जुड़ी है।
शिक्षा विभाग की ओर से हुए शिविरा पंचांग में बदलाव के बाद बच्चों की पढ़ाई के दिन घट गए हैं। पहले स्कूलों में जो पढ़ाई अप्रैल तक होती थी, अब फरवरी मध्य तक ही हो पाएगी। शैक्षिक सत्र में बचे हुए 4 महीनों में बच्चों को पढ़ाई के लिए महज 48 दिन मिल रहे हैं। इसमें दिसंबर में 17 दिन, जनवरी में 22 और फरवरी में 9 दिन ही बच्चों की पढ़ाई हो सकेगी। 12 फरवरी से बोर्ड परीक्षा प्रारंभ होगी, जो मार्च तक चलेगी। मार्च में वार्षिक परीक्षा और परिणाम जारी होगा। ऐसे में इस महीने पढ़ाई के कोई आसार नहीं है। अगर कड़ाके की सर्दी के चलते जिला प्रशासन ने अगर अवकाश घोषित कर दिया तो पढ़ाई के दिन और घट जाएंगे। अभी अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं चल रहीं, 48 दिन में कोर्स पूरा कराना भी चुनौती वर्तमान में स्कूलों में अर्द्धवार्षिक परीक्षा चल रही है, जो 2 दिसंबर तक है। इसके बाद 3 दिसंबर से पढ़ाई प्रारंभ होगी, जो 11 फरवरी तक चलेगी। क्योंकि 12 फरवरी से बोर्ड परीक्षा है। बोर्ड परीक्षा के दौरान बोर्ड परीक्षा के केंद्र वाले स्कूलों में पढ़ाई ना के बराबर होती है, जहां बोर्ड परीक्षा नहीं होती, वहां के अधिकांश शिक्षक भी बोर्ड परीक्षा में वीक्षक के रूप में लग जाते हैं। ऐसे में वहां भी पढ़ाई ठप हो जाती है। स्कूलों में पहले से ही कोर्स अधूरा है। ऐसे में अब पढ़ाई के लिए बचे हुए महज 48 दिन में कोर्स पूरा कराना शिक्षकों के लिए चुनौती साबित होगा। प्रतियोगी परीक्षाओं के कारण स्कूलों में केंद्र से पढ़ाई ठप अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाएं जयपुर में होती है। अगले माह 7 से 20 दिसंबर तक सहायक आचार्य भर्ती परीक्षा होगी। 12 जनवरी को आयुष व्याख्याता, 17 से 21 जनवरी तक अध्यापक भर्ती सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाएं होगी। स्कूलों में ऐसे गड़बड़ाया पढ़ाई का गणित
हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2021 में एकवर्षीय डिप्लोमा वालों के चयन पर रोक लगा दी है। यह आदेश जस्टिस अशोक कुमार जैन की अदालत ने मोहन सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। इसके साथ ही अदालत ने मामले में राज्य सरकार व प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक से जवाब मांगा है। अदालत ने दो वर्षीय बीएसटीसी वालों को ही तृतीय श्रेणी शिक्षक नियुक्ति के लिए पात्र माना है। अब इस मामले पर दो दिसंबर को सुनवाई होगी। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2021 के विज्ञापन में दो साल का प्रारम्भिक शिक्षा का डिप्लोमा वालों को ही नियुक्ति का पात्र माना। इसके बावजूद 14 नवम्बर को एकवर्षीय डिप्लोमा वाले 158 अभ्यर्थियों को पात्र मानते हुए नियुक्ति के लिए जिला आवंटित कर दिया। इसे रद्द किया जाना चाहिए। इससे पहले भी हाईकोर्ट ने एक मामले में आर्मी एज्युकेशन कार्पोरेशन ट्रेनिंग कॉलेज एवं सेंटर पंचमढ़ी, मध्यप्रदेश के एकवर्षीय डिप्लोमा को बीएसटीसी के समान नहीं माना, ऐसे में अपात्र को नियुक्ति नहीं दी जाए।
हरदोई के सेंट जेम्स स्कूल में 25 नवंबर को वार्षिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी अनुनय झा और पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और स्वागत समारोह के साथ हुआ। जिलाधिकारी अनुनय झा ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विद्यार्थियों के समग्र विकास का माध्यम है। उन्होंने बच्चों को सीखने, निखारने और उत्कृष्टता की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया। पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने भी अनुशासन, सामाजिक जिम्मेदारी और नैतिक मूल्यों के पालन पर जोर दिया। कार्यक्रम के दौरान बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक और शैक्षणिक प्रस्तुतियाँ दीं। इनमें नृत्य, गायन, नाटक, चित्रकला और विज्ञान मॉडल प्रदर्शनी शामिल थे। प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों को जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। स्कूल के प्रधानाचार्य ने इस अवसर पर कहा कि वार्षिक कार्यक्रम विद्यार्थियों की प्रतिभा, रचनात्मकता और आत्मविश्वास को निखारने का एक महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने अभिभावकों और अन्य अतिथियों का धन्यवाद किया, जिनकी उपस्थिति ने कार्यक्रम को सफल बनाया। बच्चों की प्रतिभा देखने के लिए अभिभावक और स्थानीय गणमान्य व्यक्ति बड़ी संख्या में मौजूद थे। कार्यक्रम का समापन सभी अतिथियों के सम्मान और धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस वार्षिक कार्यक्रम ने शिक्षा और संस्कृति के माध्यम से विद्यार्थियों की प्रतिभा को प्रदर्शित करने और उन्हें प्रोत्साहित करने का अवसर प्रदान किया।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए केरल की स्कूल शिक्षा पर चिंता जताई। सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि शत प्रतिशत साक्षरता का दावा करने वाला राज्य अगर इस स्थिति में है
चित्तौड़गढ़ में सर्दी अभियान 5.0: 1001 बच्चों को निःशुल्क स्वेटर बांटे, शिक्षा और समाज की मिसाल
चित्तौड़गढ़ में सर्दी की वर्दी अभियान 5.0 के तहत 1001 बच्चों को निःशुल्क स्वेटर वितरित किए गए। भारत विकास परिषद और उनियारा फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से आयोजित इस कार्यक्रम में शिक्षा और सामाजिक संवेदनशीलता की मिसाल पेश की गई। अभियान का लक्ष्य 10,000 बच्चों तक स्वेटर पहुँचाना है।
देवास में नर्सिंग ऑफिसर्स की उच्च शिक्षा अटकी, शिकायत की:सिविल सर्जन पर जानकारी रोकने का आरोप
देवास जिला चिकित्सालय की नर्सिंग ऑफिसर्स ने मंगलवार को कलेक्टर को शिकायत सौंपी है। उनका आरोप है कि पोस्ट बेसिक और एमएससी नर्सिंग पाठ्यक्रमों में चयन होने के बावजूद उनकी जानकारी संचालनालय को नहीं भेजी जा रही है। नर्सिंग अधिकारियों ने बताया कि वे देवास जिला अस्पताल में कार्यरत हैं। उन्होंने हाल ही में पीबी बीएससी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश परीक्षाएं उत्तीर्ण की हैं। सफल होने के बाद महाविद्यालयों ने उनसे आवश्यक जानकारी भेजने के निर्देश दिए थे। अधिकारियों के अनुसार, संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा, भोपाल ने जिला अस्पताल को उनकी जानकारी भेजने का आदेश दिया था। हालांकि, जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने अब तक यह जानकारी अग्रेषित नहीं की। शिकायत में उल्लेख किया गया है कि जानकारी भेजने की अंतिम तिथि 27 नवंबर 2025 है। इस देरी के कारण उनके प्रवेश पर संकट खड़ा हो गया है। नर्सिंग अधिकारियों ने कलेक्टर से अनुरोध किया है कि वे इस मामले पर ध्यान दें और आवश्यक निर्देश जारी करें, ताकि उनके उच्च शिक्षा के अवसर प्रभावित न हों।
शिवहर जिले के पुरनहिया के उच्च माध्यमिक विद्यालय दोस्तियां कटैया में छात्रों के बीच कॉपी, बैग और अन्य शिक्षण सामग्री का किट वितरण किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे। स्टूडेंट किट में आमतौर पर स्कूल बैग, नोटबुक, पेन, पेंसिल, ज्योमेट्री बॉक्स, यूनिफॉर्म और टिफिन बॉक्स जैसे आवश्यक शिक्षण उपकरण शामिल होते हैं। इसका उद्देश्य छात्रों को बेहतर शिक्षा प्राप्त करने और अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करना है। शिवहर जिले में इन किटों में से केवल 2-4 वस्तुएं ही वितरित की जाती हैं। इस अवसर पर शिक्षक अजीत, रोहित, केशव, जयनन्द, प्रभात और नुसरत परवीन उपस्थित थे।
महात्मा फुले पुण्यतिथि: शिक्षा, समानता और न्याय की विरासत, जानिए भारत के इतिहास में फुले का योगदान
महात्मा ज्योतिराव फुले की पुण्यतिथि 28 नवंबर 2025 को विभिन्न समारोहों और कार्यशालाओं के माध्यम से मनाई गई। समाज सुधारक और शिक्षा प्रचारक फुले की शिक्षाओं, समानता और न्याय की विरासत को याद करते हुए युवा और सामाजिक संगठनों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
अमृतसर स्थित श्री दरबार साहिब में 350 साला शहीदी शताब्दी के उपलक्ष्य पर मुख्य ग्रंथी और पूर्व श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह दिवस श्री गुरु तेग बहादुर जी की महान शहादत को स्मरण करने और उनकी मानवता, त्याग और धार्मिक स्वतंत्रता की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने का दिन है। उन्होंने संगत को गुरु साहिब की शहादत के महत्व और उनके सार्वभौमिक संदेश के बारे में प्रेरणादायक विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि आज का दिन पूरी मानवता के लिए अत्यंत पवित्र है, क्योंकि लगभग 350 वर्ष पहले इसी दिन श्री गुरु तेग बहादुर साहिब जी ने धार्मिक स्वतंत्रता, मानव अधिकार और सत्य की रक्षा के लिए अपनी शहादत दी थी। 12 बजे सारी संगत एक बार जपुजी साहिब का पाठ जरूर करें उन्होंने बताया कि गुरु साहिब ने न केवल हिंदू धर्म की रक्षा की, बल्कि अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध एक अडिग खड़े होकर संसार को अद्वितीय साहस का संदेश दिया। ज्ञानी रघबीर सिंह ने संगत को प्रेरित किया कि दोपहर लगभग 12 बजे सारी संगत एक बार जपुजी साहिब का पाठ जरूर करें। यह पाठ गुरु तेग बहादुर साहिब जी के चरणों में हमारी प्रणाम भेंट है। पवित्र शहर घोषित करने का प्रस्ताव पेश अपने संदेश में उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब सरकार द्वारा श्री अमृतसर, श्री आनंदपुर साहिब और तख्त श्री दमदमा साहिब वाले शहरों को पवित्र शहर घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि यह दर्जा दिया जाता है तो इन पवित्र स्थलों के आसपास अनुचित दुकानों और नशे से संबंधित गतिविधियों पर रोक लगेगी और इन शहरों की गरिमा तथा पवित्रता बनी रहेगी। इस कदम के लिए उन्होंने पंजाब सरकार की खुले तौर पर सराहना करते हुए कहा कि यह निर्णय सिख पंथ की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करने वाला और अत्यंत स्वागतयोग्य पहल है। उन्होंने संगत से अपील की कि हम सभी गुरु साहिब की शिक्षाओं साहस, त्याग और मानवता को अपने जीवन में अपनाए और इन पवित्र स्थानों की मर्यादा बनाए रखने में अपना योगदान दें।
प्रदेश के 639 पीएमश्री स्कूलों में बच्चों को संगीत शिक्षा को लेकर सरकार साढ़े चार महीने बाद जागी है। बजट मंजूर होने पर वाद्य यंत्र खरीदे जा रहे हैं। संगीत शिक्षकों की नियुक्ति भी की गई है। वाद्य यंत्र खरीदने के लिए स्कूलों में 50-50 हजार रुपए का बजट स्वीकृत किया गया, जबकि स्कूलों में पढ़ाई शुरू हुए करीब साढ़े चार महीने बीत गए हैं। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने जून 2025 में पीएमश्री स्कूलों में संगीत शिक्षा के लिए आदेश जारी किए थे, लेकिन बजट नहीं मिलने से संगीत शिक्षा शुरू नहीं हो पाई। अब सरकार ने बजट जारी किया है। हर स्कूल में 45 हजार के 7 वाद्य यंत्र खरीदे जा रहे हैं, जबकि 5 हजार रुपए उनके रखरखाव पर खर्च किए जाएंगे। लोक कला को बढ़ावा देने के लिए लोक वाद्य यंत्र खरीदना भी जरूरी है। रखरखाव की जिम्मेदारी संस्था प्रधान को सौंपी गई है। ये स्कूल ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ के रूप में स्थापित किए जाएंगे। इनमें कक्षा 6 से 12वीं तक के वही विद्यार्थी शामिल होंगे, जो संगीत में रुचि रखते हैं। स्कूल स्तर पर अनुबंध वाले संगीत शिक्षक लगाए गए हैं। वे भारतीय और पश्चिमी वाद्य यंत्र बजाना सिखाएंगे। संगीत शिक्षा के लिए प्रदेश के जिलों में पीएमश्री स्कूल अजमेर में 19, बालोतरा में 11, बांसवाड़ा में 18, बारां में 16, बाड़मेर में 18, ब्यावर में 12, भरतपुर में 15, भीलवाड़ा में 23, बीकानेर में 17, बूंदी में 12, चित्तौड़गढ़ में 17, चूरू में 16, दौसा में 17, डीग में 7, धौलपुर में 17, डीडवाना-कुचामन में 15, डूंगरपुर में 14, गंगानगर में 20, हनुमानगढ़ में 16, जयपुर में 30, जैसलमेर में 9, जालोर में 18, झुंझुनूं में 21, जोधपुर में 20, करौली में 14, खैरथल-तिजारा में 10, कोटा में 14, कोटपूतली-बहरोड़ में 9, नागौर में 15, पाली में 18, फलोदी में 10, प्रतापगढ़ में 14, राजसमंद में 16, सलूंबर में 8, सवाईमाधोपुर में 10, सीकर में 28, सिरोही में 10, टोंक में 16 और उदयपुर में 22 पीएमश्री स्कूल शामिल हैं। संगीत शिक्षा के 6 उद्देश्य तय किए गए हैं। हर स्कूल में तीन वाद्य यंत्र अनिवार्य रहेंगे पीएमश्री स्कूलों में ये वाद्य यंत्र खरीदे जाएंगे - हारमोनियम/सिंथेसाइज़र, तबला, गिटार/वायलिन में से तीन अनिवार्य रहेंगे। जबकि ढोलक, सितार, वीणा, बांसुरी, ढपली, पियानो, की-बोर्ड, ड्रम्स आदि में से 3 ऐच्छिक रहेंगे। अलगोजा, खड़ताल, रावणहत्था, भपंग, सारंगी, नगाड़ा, चंग, डफ, ढोल, मंजीरा जैसे लोक वाद्य यंत्रों में से एक शामिल किया जाएगा। इनमें से कोई फंक्शनल वाद्य यंत्र स्कूल में पहले से उपलब्ध है, तो उसके अलावा दूसरे खरीदे जाएंगे।
एचएम के खिलाफ विद्यार्थियों की शिकायत पर जांच के लिए पहुंचे जिला शिक्षा पदाधिकारी
भास्कर न्यूज | तुपकाडीह पेटरवार प्रखंड अंगवाली पंचायत के उच्च विद्यालय अंगवाली की प्रभारी प्रधानाध्यापिका निभा आईंद के खिलाफ विद्यालय के छात्र-छात्राओं व ग्रामीणों की शिकायत पर जिला शिक्षा पदाधिकारी जगरनाथ लोहरा सोमवार को जांच के लिए विद्यालय पहुंच कर बैठक किए। बैठक में शिक्षाविद पंचायत के मुखिया, शिक्षक व ग्रामीण शामिल थे। जिला शिक्षा पदाधिकारी के समक्ष छात्र-छात्राएं व ग्रामीणों की उपस्थिति में सर्वसम्मति से चार मांगों पर चर्चा हुई। जिसमें प्रभारी एचएम निभा आईंद को हटा कर विद्यालय के शिक्षक अशोक कुमार को प्रभारी बनाया जाए। विद्यालय के शिक्षिका संगीता कुमारी को हटाया जाए। बैठक में सभी मांगों पर चर्चा कर प्रभारी एचएम व शिक्षिका को हटाने का निर्णय लिया गया। वहीं बैठक में एचएम प्रभारी निभा आईंद व शिक्षिका संगीता कुमारी ने अपना इस्तीफा जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्रभार प्रभारी को निर्देश दिए कि बैठक करने के लिए बेरमो विधायक को पत्र देकर समय निर्धारित कर बैठक कर कमेटी का गठन करें। विदित हो की प्रभारी प्रधानाध्यापिका की शिकायत मुख्यमंत्री से की गई है। यहां के मुखिया सहित करीब 92 ग्रामीणों की संयुक्त हस्ताक्षरित शिकायत पत्र मुख्यमंत्री के नाम रांची में सौंपा गया है। वहीं इस शिकायत पत्र के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी जगरनाथ लोहरा ने 20 नवंबर को अपने पत्रांक संख्या 1758 के हवाले से प्रभारी प्रधानाध्यापिका को पत्र प्राप्ति के तीन दिन के भीतर अपना पक्ष कार्यालय में रखने को कहा था। बताया गया कि ग्रामीणों के आवेदन में प्रभारी प्रधानाध्यापिका पर शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के साथ मानसिक उत्पीड़न, धमकी, भ्रष्टाचार व विद्यालय की व्यवस्था को ध्वस्त करने संबंधी अनेक् गंभीर आरोप लगाते हुए अनुशासनिक कार्रवाई की मांग की गई है।
छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से स्कूलों में कुत्तों की निगरानी से जुड़े आदेश पर पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री को पत्र लिखा है। अपने पत्र में उन्होंने तंज करते हुए कहा कि अगर सरकार को शिक्षकों से इतनी जानकारी चाहिए, तो पहले उनके लिए डॉग ट्रेनिंग की कार्यशाला करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक्सपर्ट ट्रेनर टीचरों को कुत्तों की पहचान, उनके व्यवहार और खतरे की स्थिति में खुद को कैसे सुरक्षित रखें यह सब सिखाएं। उपाध्याय ने आगे कहा कि अगर सरकार यह जिम्मेदारी नहीं निभाती, तो कांग्रेस खुद प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर शिक्षकों को इसके लिए तैयार करेगी। क्या है कुत्तों की निगरानी का आदेश प्रदेश में अब शिक्षक न सिर्फ बच्चों को पढ़ाएंगे, बल्कि उन्हें स्कूलों के आसपास घूमने वाले आवारा कुत्तों की निगरानी भी करनी होगी। लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी जिलों के जेडी और डीईओ को निर्देश देते हुए प्रत्येक स्कूल में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने का आदेश जारी किया है। इसके तहत शिक्षकों को स्कूल परिसर या उसके आसपास घूम रहे आवारा कुत्तों की सूचना ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत या नगर निगम के डॉग कैचर को देनी होगी। इसके बाद, स्थानीय प्रशासन के सहयोग से स्कूल में कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
स्वास्थ्य विभाग और राजमेस की टीम सोमवार को डूंगरपुर पहुंची। मेडिकल कॉलेज के हरिदेव जोशी जिला अस्पताल का विजिट किया। अस्पताल में लिफ्ट बंद मिली। एक वार्ड को छोड़कर पूरे अस्पताल में फायर फाइटिंग सिस्टम भी खराब था। गंदगी समेत 19 तरह की कमियां सामने आई। टीम ने इस पर नाराजगी जताते हुए कमियों को समय पर दूर करने के निर्देश दिए। चिकित्सा शिक्षा विभाग के सहायक लेखाधिकारी प्रथम जयराम मीना, राजमेस के सहायक अभियंता रवि प्रकाश की टीम सोमवार को डूंगरपुर पहुंची। टीम ने हरिदेव जोशी जिला अस्पताल डूंगरपुर का विजिट किया। अस्पताल के कई वार्डों और सुविधाओं को देखा। वार्डों के टॉयलेट से आ रही बदबू निरीक्षण के दौरान टीम को अस्पताल के कई वार्डों में गंदगी के हालत मिले। सफाई न होने की वजह से वार्डों के टॉयलेट से बदबू आ रही थी। मरीजों के बेड पर लगी बेडशीट भी रोजाना नहीं बदली जा रही थी। कई जगहों पर बेड शीट गंदी हालत में मिली। अस्पताल की लिफ्ट सही तरह से नहीं चल रही थी। लिफ्ट का एलइडी सिस्टम भी काम नहीं कर रहा था। फायर फाइटिंग सिस्टम मिले बंद हॉस्पिटल में छत पर लगी पानी की टंकियों की लंबे समय से सफाई तक नहीं की गई थी। वहीं, कई टंकियों के ढक्कन तक नहीं मिले। सुरक्षा में सिर्फ 4 गार्ड लगे हुए थे। अस्पताल में फायर फाइटिंग सिस्टम केवल एक वार्ड में चालू मिला। बाकी सभी वार्डों में फायर फाइटिंग सिस्टम लगा हुआ था, लेकिन बंद हालत मिला। आग लगने जैसी घटना पर कोई भी बड़ी जनहानि होने की संभावना है। खिड़की, दरवाजे, टॉयलेट के दरवाजे टूटे कई जगहों पर बिजली के तार खुले मिले। पंखे और लाइटें भी कई जगह खराब थी। खिड़की, दरवाजे, टॉयलेट के दरवाजे टूटे और क्षतिग्रस्त हालत में थे। मेडिकल कॉलेज में बाउंड्री वाल भी कई जगह टूटी हुई मिली। लेक्चर हॉल में सिटिंग व्यवस्था सही नहीं थी। बायोकेमेस्ट्री और एनोटॉमी विभाग ने 150 सीट्स में विस्तार के काम की गति भी धीमी थी। टीम ने कुल 19 कमियां गिनाते हुए इन कमियां को जल्द दूर करने के निर्देश दिए।
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह मथुरा में:अधिकारियों संग की शिक्षा विभाग के कार्यों की समीक्षा
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री संदीप सिंह एक दिवसीय दौरे पर मथुरा पहुंचे। अपने प्रवास के दौरान, उन्होंने पहले भाजपा कार्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और संगठनात्मक गतिविधियों तथा क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। इसके बाद, मंत्री पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस गए, जहाँ उन्होंने विभागीय एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक समन्वय बैठक की। बैठक में मंत्री ने जिले में चल रही विकास योजनाओं, शिक्षा विभाग से संबंधित कार्यों और विद्यालयों की वर्तमान स्थिति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी योजनाओं को समय पर, पारदर्शी तरीके से और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए। मंत्री ने स्पष्ट किया कि शिक्षा से जुड़े किसी भी कार्य में लापरवाही या ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संदीप सिंह ने विद्यालयों की आधारभूत संरचना को मजबूत करने, शिक्षक प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुधारने, छात्र सुविधाओं को बढ़ाने और विभिन्न सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य प्रदेश के हर बच्चे को बेहतर शिक्षा और आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना है, जिसके लिए विभागों के बीच समन्वय और जवाबदेही अत्यंत महत्वपूर्ण है। बैठक के दौरान जिले में चल रहे निर्माण कार्यों, स्मार्ट क्लास की स्थापना, पुस्तक वितरण, मध्याह्न भोजन योजना और विभागीय निरीक्षणों की स्थिति पर भी गहन चर्चा हुई। मंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि विद्यालयों में उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाए और किसी भी समस्या का तत्काल समाधान किया जाए। मंत्री का यह दौरा जिले में शिक्षा संबंधी विकास कार्यों के निरीक्षण और समीक्षा के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। उम्मीद है कि इस दौरे से जनपद में शिक्षा व्यवस्था को आगामी दिनों में और अधिक सुदृढ़ बनाने में मदद मिलेगी।
खगड़िया में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कामों के लिए जिले के अलौली प्रखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय तिलकनगर के समर्पित शिक्षक संजय कुमार को निपुण शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें पटना में आयोजित एक दिवसीय निपुण शिक्षक क्षमता संवर्धन कार्यक्रम के दौरान प्रदान किया गया। मिशन निपुण बिहार के तहत शिक्षा सुधार में योगदान मिशन निपुण बिहार के अंतर्गत राज्यभर में बुनियादी साक्षरता और संख्याज्ञान को सुदृढ़ करने की दिशा में उल्लेखनीय योगदान देने वाले शिक्षकों को इस कार्यक्रम में सम्मानित किया गया। संजय कुमार के विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, छात्रों में भाषा और गणना कौशल को विकसित करने, गतिविधि आधारित शिक्षण पद्धतियों के प्रभावी उपयोग तथा सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण निर्माण जैसे नवाचारी प्रयासों को विशेष रूप से सराहा गया। अधिकारियों ने की प्रशंसा कार्यक्रम में निदेशक प्राथमिक शिक्षा, सह-निदेशक राज्य FLN साहिला (भा.प्र.से.) एवं अपर मुख्य सचिव, शिक्षा विभाग बिहार डॉ. बी. राजेन्द्र (भा.प्र.से.) ने संयुक्त रूप से संजय कुमार को सम्मान पत्र प्रदान किया। अधिकारियों ने उनकी प्रतिबद्धता और नवाचार की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे शिक्षक ही राज्य में शिक्षा सुधार के वास्तविक परिवर्तनकारी वाहक हैं। जिम्मेदारियाँ और अपेक्षाएं संजय कुमार को मिशन निपुण बिहार के लक्ष्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने, विद्यालय स्तर पर बच्चों की सीखने की प्रगति को और सुदृढ़ करने तथा खगड़िया जिले को राज्य में अग्रणी बनाए रखने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। उम्मीद जताई गई है कि वे अपने नेतृत्व और नवाचारी कार्यशैली के दम पर जिले को निपुणता लक्ष्य प्राप्ति में नई ऊँचाई तक पहुँचाएँगे। प्रेरणा स्रोत बनेंगे शिक्षक कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के विभिन्न पदाधिकारी भी उपस्थित थे। संजय कुमार को मिला यह सम्मान जिले के अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणा का नया मानक बन गया है। इससे न केवल शिक्षक समुदाय में नवाचार और समर्पण की भावना को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि बच्चों की सीखने की गुणवत्ता में भी सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
महिलाओं-बच्चों को शिक्षा देने के नाम पर 87 लाख की ठगी का आरोप, केस
जरूरतमंद महिलाओं और बच्चों को शिक्षा दिलाने के अलावा कम कीमत पर आवास, गाड़ी और लैपटॉप के अलावा अन्य सामान दिलाने के नाम पर 87 लाख रुपए की ठगी के आरोप में एक शिक्षिका ने रविवार को चुटिया थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। रामगढ़ के मांडू स्थित मारसाल मंदिर विद्यालय की शिक्षिका सिस्टर निशा तिर्की ने दर्ज कराई गई प्राथमिकी में एक निजी कंपनी के निदेशक सैनविल श्रीवास्तव के अलावा मैनविल श्रीवास्तव, अभिजीत कुमार कर्ण और प्रीति सक्सेना पर ठगी का आरोप लगाया है। शिक्षिका ने कहा है कि डिप्टी पाड़ा स्थित अनिरुद्ध कांप्लेक्स में चौथे तल्ले पर एक निजी कंपनी चलाने की बात कह कर इन लोगों ने फर्जी कागज दिखाकर कुल 87 लाख रुपए की ठगी की है। इन लोगों ने विश्वास दिलाया था कि कंपनी चलाते हैं और चैरिटी प्राप्त कर गरीब महिलाओं-बच्चों को अच्छी शिक्षा देते हैं। उन्हें आवास और गाड़ी मुहैया कराते हैं। इसी झांसे में आकर हमारी संस्था द्वारा 11.65 लाख रुपए इनके अकाउंट में ट्रांसफर किए गए। इसके अलावा अन्य लोगों से भी पैसे की ठगी की गई है। इस तरह लगभग 87 लाख रुपए की ठगी की है। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
शिक्षा विभाग में उलटफेर; 620 प्रिंसिपलके तबादले, कई की 3 माह पहले सीट बुक
शिक्षा विभाग में रविवार को बड़ा उलटफेर किया गया। इस दौरान 620 प्रिंसिपलों की संशोधित तबादला सूची जारी हुई। इसमें अंडर ट्रांसफर चल रहे 281 प्रिंसिपल को भी पोस्टिंग मिली। इस सूची का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। सूची में 5 प्रिंसिपल पर शिक्षा विभाग ने खूब मेहरबानी दिखाई हैं। इनकी 1 से 3 महीने पहले ही सीट बुक कर दी। साथ ही अपने संशोधन का इंतजार कर रहे 700 में से 281 प्रिंसिपल के तबादले में ही संशोधन किया गया। शिक्षा विभाग ने सितंबर में 4527 प्रिंसिपल की जंबो तबादला सूची जारी की थी। इनमें से 700 ने संशोधन मांग उठाते हुए अब तक जॉइन नहीं किया था। इनमें से अधिकांश को निराशा हाथ लगी। पिछली बार जिन दिव्यांग और हार्ट पेशेंट का तबादला कर दिया गया था। उनको भी इस सूची में कोई राहत नहीं दी गई। 281 अंडर ट्रांसफर को मिली पोस्टिंग: पिछली सूची में शामिल महज 281 प्रिंसिपल को ही नई जगह पोस्टिंग मिली है। यह अंडर ट्रांसफर चल रहे थे। ऐसे करीब 700 प्रिंसिपल इंतजार कर रहे थे, लेकिन सभी को राहत नहीं मिली। अब शेष प्रिंसिपल को जॉइन करना होगा। 2 के आदेश 1 मार्च से होंगे प्रभावी: सूची में 5 प्रिंसिपल ऐसे हैं, जिन्होंने पहले ही जगह बुक करवा ली। दो प्रिंसिपल के आदेश 1 दिसंबर से, 1 का 1 जनवरी से और 2 प्रिंसिपल के आदेश 1 मार्च से प्रभावी होंगे। कार्यरत प्रिंसिपल के रिटायर होने पर उनके स्थान पर जॉइन करेंगे। {माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर में कार्यरत 4 और प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में कार्यरत 4 प्रिंसिपल को यहां से बाहर भेजा गया है। इनमें से कई प्रिंसिपल तो कई सालों से यहां जमें थे। दिव्यांग और हार्ट पेशेंट को भी तबादले से राहत नहीं पिछली सूची में दिव्यांग, हार्ट पेशेंट और रिटायरमेंट में 2 साल से कम रहा है, उनका भी तबादला किया था। इन्होंने राहत की मांग की थी। अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ के प्रवक्ता देव करण गुर्जर का कहना है विधवा व एकल महिला प्रिंसिपल के दूर-दराज तबादला किया गया। सूची में 90 प्रिंसिपल ऐसे हैं, जिनके नाम के आगे टीए-डीए लिखा है। इसका मतलब यह है कि इनको हटाकर इनके स्थान पर दूसरे को पोस्टिंग दी गई है। इसलिए विभाग को इनको टीए-डीए का भुगतान करना पड़ेगा। 90 प्रिंसिपल को हटाकर दी नए को पोस्टिंग
बलरामपुर-रामानुजगंज जिला शिक्षा अधिकारी ने सहायक शिक्षक एलबी अशोक कुमार यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। उन पर विशेष गणन पुनरीक्षण (SIR) कार्य में लापरवाही बरतने, कार्य में रुचि न लेने और सक्षम अधिकारी से अवकाश स्वीकृत कराए बिना अनुपस्थित रहने का आरोप है। जानकारी के अनुसार, कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) बलरामपुर के प्रस्ताव और निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी रामानुजगंज के आदेश पर अशोक यादव को मतदान केंद्र क्रमांक-237 फतेहपुर में अविहित अधिकारी (Distributing/Collecting Officer) के रूप में SIR कार्य सौंपा गया था। निर्वाचन कार्य में लापरवाही हालांकि, उन्होंने इस कार्य में रुचि नहीं ली। लापरवाही बरती और निर्वाचन कार्य में सहयोग नहीं किया, जिसकी रिपोर्ट की गई थी। अभिलेखों के अवलोकन के बाद, जिला शिक्षा अधिकारी ने पाया कि अशोक कुमार यादव का यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-03 का उल्लंघन है। नियम उल्लंघन के चलते कर्मचारी निलंबित परिणामस्वरूप उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण-अपील) नियम 1966 के नियम-9(1)(क) के तहत निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी बलरामपुर निर्धारित किया गया है। उन्हें नियमों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता भी देय होगा।
रायसेन शहर के सरकारी कन्या महाविद्यालय और पीएम श्री एक्सीलेंस कॉलेज परिसर में स्थापित ओपन जिम की मशीनें तीन साल से अनुपयोगी पड़ी हैं। इन मशीनों के आसपास घास और पौधे उग आए हैं, जिनकी सफाई भी नहीं की जा रही है। और मशीनें धूल खा रही है। ये ओपन जिम 3 दिसंबर 2022 को स्थापित किए गए थे। इनका लोकार्पण मध्य प्रदेश सरकार के तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने किया था। पीएम श्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में स्थापित ओपन जिम तो क्षतिग्रस्त होने भी लगा है। वहां उपयोग न होने के कारण जंगल जैसी स्थिति बन गई है। इन ओपन जिम को वर्ल्ड बैंक द्वारा स्थापित कराया गया था। उस समय बताया गया था कि ये जिम महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए बहुत उपयोगी साबित होंगे, लेकिन यह उद्देश्य पूरा नहीं हो सका है।
बड़वानी में अब स्कूली बच्चे सर्दी से बचाव के लिए किसी भी रंग या डिजाइन की स्वेटर, जैकेट या गर्म कपड़े पहनकर स्कूल जा सकेंगे। स्कूल प्रबंधन उन्हें ऐसा करने से नहीं रोक पाएगा। मध्य प्रदेश लोक शिक्षण संचालनालय ने इस संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। अभिभावकों की शिकायत पर हुई कार्रवाई यह आदेश उन शिकायतों के बाद जारी किया गया है, जिनमें स्कूलों द्वारा बच्चों को यूनिफॉर्म के अनुसार निर्धारित रंग की स्वेटर पहनने का दबाव बनाया जाता था। इससे अभिभावकों पर नई स्वेटर खरीदने का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता था। संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी कार्रवाई संचालनालय ने स्पष्ट किया है कि अगर विद्यार्थी निर्धारित गणवेश के अतिरिक्त कोई भी गर्म कपड़ा पहनते हैं, तो उन्हें कक्षा में आने से नहीं रोका जाएगा। इसके अलावा, किसी भी छात्र को कक्षा के बाहर स्वेटर, जैकेट, कैप या मोजे उतारने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा। ऐसा करने पर संबंधित स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसी भी रंग के स्वेटर पहनकर जा सकेंगे बच्चे आदेश में यह भी उल्लेख है कि यूनिफॉर्म से अलग रंग की स्वेटर पहनने पर बच्चों को कक्षा से बाहर करने से उनकी पढ़ाई प्रभावित होती थी और स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ता था। नई व्यवस्था से विद्यार्थी बिना किसी डर या दबाव के गर्म कपड़े पहनकर स्कूल जा सकेंगे। इन आदेशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। बड़वानी की जिला शिक्षा अधिकारी शीला चौहान ने बताया कि आदेश मिलने के बाद इसे सभी निजी एवं शासकीय स्कूलों में भेज दिया गया है और पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
हाथरस में इगलास रोड पर एक सड़क हादसे में एक महिला शिक्षामित्र और उसके 14 वर्षीय बेटे की मौत हो गई। यह घटना आज रविवार को दोपहर करीब 11 बजे हुई। दोनों को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक महिला की पहचान हाथरस गेट कोतवाली क्षेत्र के गांव प्रताप निवासी 40 वर्षीय लता पत्नी त्रिभुवन के रूप में हुई है। वह एक शिक्षामित्र थीं। उनके बेटे का नाम उदय था। जानकारी के अनुसार, लता अपने बेटे उदय के साथ नगला हेमा स्थित एक मंदिर में पैदल गई थीं। मंदिर से वापस लौटते समय इगलास की ओर से आ रहे एक डंपर ने उन्हें सड़क पर कुचल दिया। इस हादसे में मां-बेटे की मौके पर ही मौत हो गई। घटनास्थल पर तत्काल भीड़ जमा हो गई। स्थानीय लोग दोनों को जिला अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस ने डंपर को अपने कब्जे में ले लिया है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
जबलपुर में तीसरी से आठवीं तक की अर्धवार्षिक स्कूल परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। राज्य शिक्षा केंद्र के आदेशानुसार, जो परीक्षाएं 24 नवंबर से शुरू होनी थीं, वे अब 8 दिसंबर से प्रारंभ होंगी। यह निर्णय शिक्षकों की एसआईआर (SIR) और बीएलओ (BLO) संबंधी कार्यों में व्यस्तता के कारण लिया गया है। कई शिक्षकों को पहले बीएलओ के कार्यों में लगाया गया था, जिसके बाद शेष शिक्षकों की भी प्रतिदिन दो घंटे की ड्यूटी निर्धारित की गई। इसके अतिरिक्त, अतिथि शिक्षकों को भी एसआईआर के सहयोग के लिए तैनात किया गया था। इन परिस्थितियों को देखते हुए, जबलपुर कलेक्टर राघवेंद्र सिंह ने राज्य शिक्षा केंद्र को परीक्षा तिथियां आगे बढ़ाने के लिए पत्र लिखा था। उनके अनुरोध को स्वीकार करते हुए, भोपाल से संशोधित परीक्षा कार्यक्रम जारी किया गया है। संशोधित कार्यक्रम के अनुसार, कक्षा 3 से 5 तक की परीक्षाएं 8 दिसंबर से 12 दिसंबर तक आयोजित की जाएंगी। इन कक्षाओं के लिए परीक्षा का समय सुबह 10:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक निर्धारित किया गया है। वहीं, कक्षा 6 से 8 तक की परीक्षाएं 8 दिसंबर से 13 दिसंबर तक चलेंगी।
सागर में डॉ. सर हरीसिंह गौर की 156वीं जयंती के मौके पर आयोजित गौर उत्सव क्रिकेट टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला रविवार को खेला जाएगा। यह खिताबी भिड़ंत एडवोकेट एकादश और स्कूल शिक्षा विभाग एकादश के बीच सुबह 10 बजे से होगी। शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल मुकाबले शनिवार को अब्दुल गनी खान स्टेडियम में खेले गए, जिसमें दोनों फाइनलिस्ट टीमों ने एकतरफा जीत दर्ज की। पहला सेमीफाइनल मैच एडवोकेट एकादश और पत्रकार एकादश के बीच खेला गया। टॉस जीतकर एडवोकेट एकादश ने पहले गेंदबाजी चुनी। बल्लेबाजी करने उतरी पत्रकार एकादश 20 ओवर में 115 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। टीम के लिए सुदीप कोरी ने 37 रन और दीपक ने 14 रनों की पारी खेली। देवांशु के नाबाद 61 रन, एडवोकेट इलेवन 7 विकेट से जीतीएडवोकेट एकादश की ओर से गेंदबाजी करते हुए सिद्धार्थ ने 3 विकेट, जबकि देवांशु और सूर्यांश ने 2-2 विकेट चटकाए। जवाब में एडवोकेट एकादश ने धमाकेदार बल्लेबाजी करते हुए 14 ओवर में ही 3 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। देवांशु ने नाबाद 61 रन और यज्ञेश्वर ने 31 रन बनाए। टीम ने 7 विकेट से जीत दर्ज कर फाइनल में जगह बनाई। दूसरा सेमीफाइनल: शिक्षा विभाग ने बनाए 155 रनदूसरा सेमीफाइनल स्कूल शिक्षा विभाग और संबद्ध महाविद्यालय के बीच खेला गया। स्कूल शिक्षा विभाग ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित ओवरों में 9 विकेट खोकर 155 रन बनाए। 59 रन पर ढेर हुई कॉलेज टीम, 95 रन से हारीजवाब में उतरी संबद्ध महाविद्यालय की टीम, शिक्षा विभाग की धारदार गेंदबाजी के सामने टिक नहीं सकी। पूरी टीम 11 ओवर में महज 59 रन बनाकर ऑल आउट हो गई। स्कूल शिक्षा विभाग ने यह मैच 95 रनों के बड़े अंतर से जीता। शिक्षा विभाग की ओर से विक्रम ने 3 विकेट, जबकि अभिषेक, विनीत और विपिन ने 2-2 विकेट लिए। मैच में निर्णायक की भूमिका अमन दुबे, आदित्य बेन और अयान खान ने निभाई। वहीं, स्कोरर नैन्सी और हीरालाल अहिरवार रहे।
विद्यालय और समुदाय की संयुक्त भागीदारी से शिक्षा के गुणवत्ता में सुधार संभव है : प्राचार्य
भास्कर न्यूज|सेन्हा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत स्थित पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय जोगना में शनिवार को ग्राम सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्राचार्य अवनीश चंद्र झा और अरु पंचायत मुखिया राजश्री उरांव द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। ग्राम सभा में शिक्षा, सामुदायिक विकास, स्वच्छता, छात्र कल्याण व विद्यालय समुदाय सहयोग से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। वहीं विद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि विद्यालय और समुदाय की संयुक्त भागीदारी से शिक्षा की गुणवत्ता में निरंतर सुधार संभव है। मुखिया ने ग्राम सभा को ग्रामीण विकास का महत्वपूर्ण माध्यम बताते हुए सभी से बच्चे बच्चियों की शिक्षा में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की। वहीं कार्यक्रम के सफल आयोजन में विद्यालय के शिक्षक अलीसा एसरन करकेट्टा व रबींद्र कुमार का महती भूमिका रही। मौके पर जेएनवी के शिक्षक, शिक्षिकाएं, अभिभावक और ग्रामीण उपस्थित थे।
65 शिक्षकों की टीम लाइव क्लास से दे रहे शिक्षा
मैट्रिक के 43423 व इंटर का एग्जाम देने वाले 35068 छात्रों को मिलेगा फायदा भास्कर न्यूज|पूर्णिया पूर्णिया लाइव क्लास के माध्यम से मैट्रिक व इंटर की परीक्षा देने वाले छात्र- छात्राओं के लिए क्रैश कोर्स का आयोजन किया जा रहा है। 24 नवंबर से 24 दिसंबर तक एक माह चलने वाले क्रैश कोर्स के माध्यम से साल 2026 में मैट्रिक की परीक्षा देने वाले 43423 व इंटर की परीक्षा में शामिल होने वाले 35068 छात्र-छात्राओं को बोर्ड की तर्ज पर तैयारी करवाई जाएगी। एक माह के क्रैश कोर्स के बाद 5 से 9 जनवरी तक 10 वीं के बच्चों के लिए बोर्ड के तर्ज पर टेस्ट लिया जाएगा । वहीं इंटर के लिए 12 से 15 जनवरी तक टेस्ट आयोजित किए जाएंगे। टेस्ट रिजल्ट के आधार पर सुपर हंड्रेड बच्चों का चयन कर उनके लिए 10 दिनों का रिफ्रेशर क्लास की व्यवस्था की जाएगी। ताकि बोर्ड परीक्षा में जिले के छात्र-छात्राओं का बेहतर प्रदर्शन हो सके। जानकारी डीपीओ सर्व शिक्षा अभियान कौशल कुमार ने दी। उन्होंने बताया लाइव क्लास के माध्यम से छात्र-छात्राओं को नीट व आईआईटी की भी तैयारी करवाई जा रही है। लाइव क्लास का मुख्य मकसद सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। नवंबर 2023 में शुरू हुआ था पूर्णिया लाइव क्लास जिला स्कूल से संचालित पूर्णिया लाइव क्लास के माध्यम से जिले के 265 सरकारी स्कूलों के कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को पढ़ाई करवाई जा रही है। साथ ही साथ मैट्रिक व इंटर की परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए क्रैश कोर्स भी करवाया जाता है। पूर्णिया लाइव क्लास के फेसबुक व यू ट्यूब चैनल के माध्यम से बच्चे ऑफ लाइन व ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीना ने भी पूर्णिया लाइव क्लास की तारीफ करते हुए इसको अन्य जिलों के अपनाने की भी सलाह दी थी। इस साल पूर्णिया लाइव क्लास के माध्यम से सरकारी स्कूल के पढ़ने वाले बच्चों के लिए आईआईटी, जेईई व नीट की तैयारी भी शुरू की गई है। साल 2024 में इंटर व मैट्रिक की परीक्षा से पहले क्रैश कोर्स का संचालन करवाया गया था।इस साल भी क्रैश कोर्स का संचालन किया गया है।
पुलिस कमिश्नर से अग्रवाल शिक्षा समिति के सदस्य मिले
जयपुर| शहर में कानून व्यवस्था को लेकर श्री अग्रवाल शिक्षा समिति के सदस्यों ने शनिवार को जयपुर पुलिस कमिश्नर सचिन मित्तल से मुलाकात की। इस दौरान शिक्षा समिति के महासचिव नरेश सिंघल ने कमिश्नर को समिति द्वारा संचालित शिक्षण संस्थाओं की जानकारी दी। वहीं, पुलिस कमिश्नर ने सदस्यों को बढ़ते साइबर अपराधों को लेकर छात्रों को जागरूक करने की सलाह दी। समिति के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने कमिश्नर को प्राचीनतम परिसर श्री अग्रसेन कटला के अवलोकन के लिए आमंत्रित और पदाधिकारियों स्मृति चिह्न भेंट किया।
ग्वालियर हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए आदेश में स्पष्ट किया है कि किसी भी छात्र को बीमारी या दिव्यांगता के आधार पर शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए टाइप-1 डायबिटीज के कारण बीपीएड (बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन) में प्रवेश से रोके गए छात्र प्रज्ञांश टाक पिता महेंद्र टाक, निवासी नागौर, राजस्थान को राहत देते हुए एलएनआईपीई को प्रवेश देने के निर्देश दिए। सभी टेस्ट पास करने के बाद प्रवेश रोका मामला लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन (एलएनआईपीई) का है, जिसने बीपीएड कोर्स में प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षण और स्किल टेस्ट आयोजित किए थे। प्रज्ञांश ने सभी चरण सफलतापूर्वक उत्तीर्ण कर 8 अगस्त 2025 को आवंटन पत्र प्राप्त किया था। इसके बावजूद मेडिकल टेस्ट में टाइप-1 डायबिटीज का हवाला देते हुए उसे प्रवेश से वंचित कर दिया गया। छात्र ने हाईकोर्ट में दलील दी कि वह जिला और राज्य स्तर की बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुका है और कोर्स की सभी शारीरिक आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम है। कोर्ट ने उसकी दलील स्वीकार करते हुए कहा कि केवल डायबिटीज के आधार पर उसे अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता। कोर्ट ने कहा- छात्रों को सुविधाएं देना जिम्मेदारी अदालत ने अपने फैसले में कहा कि साधारण भारतीय भोजन जैसे दाल, चावल, रोटी, सब्जी और दही डायबिटिक मरीजों के लिए पर्याप्त और उपयुक्त हैं। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि छात्र अपने मिनी-फ्रिज में इंसुलिन रख सकता है, जिससे संस्थान पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। हाईकोर्ट ने जोर दिया कि यह मामला नौकरी का नहीं, बल्कि शिक्षा तक पहुंच के अधिकार का है। संस्थान को उचित सुविधाएं (रीजनेबल एकमोडेशन) प्रदान करनी होंगी, ताकि कोई भी छात्र बीमारी या विकलांगता के कारण शिक्षा से वंचित न हो। क्या है टाइप-1 डायबिटीज? टाइप-1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से अपने ही पैंक्रियास की इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। यह बीमारी आमतौर पर बचपन या किशोरावस्था में सामने आती है और मरीज को जीवनभर इंसुलिन पर निर्भर रहना पड़ता है। डायबिटीज मरीजों की प्यास बढ़ जाती है डायबिटीज में मरीजों का ब्लड शुगर लेवल जब ज्यादा हो जाता है। इसके मरीज जल्दी थक जाते हैं। इसका कारण उनके शरीर में एनर्जी की कमी होना है। डायबिटीज के मरीजों को बार-बार पेशाब आती है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब आपका ब्लड शुगर लेवल ज्यादा होता है, तब किडनी ब्लड से ज्यादा शुगर फिल्टर करने की कोशिश करती है। ज्यादा पेशाब के कारण शरीर को ज्यादा पानी की जरूरत पड़ती है। इसलिए मरीजों की प्यास बढ़ जाती है। कई मामलों में इससे लोगों में पानी की कमी होने लगती है। भारत में 11 फीसदी आबादी चपेट में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के एक शोध में सामने आया कि भारत में 11% आबादी यानी 7.7 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। इससे कहीं ज्यादा चिंताजनक ये है कि 15% से ज्यादा प्री-डायबिटीक है। यानी इन लोगों को भविष्य में डायबिटीज हो सकता है। अगर लोग जागरूक नहीं हुए तो भारत की करीब एक चौथाई से ज्यादा आबादी डायबिटिक हो सकती है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वॉयस ओवर के लिए ऑनलाइन जॉब कैसे सर्च करें?
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वॉयस ओवर (Voice Over) के काम की मांग तेज़ी से बढ़ रही है, खासकर डबिंग (Dubbing) और नरेशन (Narration) के लिए। ओटीटी प्लेटफॉर्म (जैसे Netflix, Amazon Prime Video, Disney+ Hotstar) पर काम करने के लिए आप सीधे प्लेटफॉर्म के बजाय, ...
डीडवाना-कुचामन में शिक्षा और खेल को नई ताकत: डीडवाना-कुचामन जिले में शिक्षा और खेल सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिला कलेक्टर डॉ. महेंद्र खड़गावत के निर्देश पर 21 राजकीय स्कूलों और खेल मैदानों के लिए भूमि आवंटन के आदेश जारी किए गए हैं। यह पहल जिले में जनसुविधाओं और आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अतिरिक्त जिला कलेक्टर मोहन लाल खटनावलिया ने बताया कि जिला कलेक्टर ने सभी विभागों को शिक्षा और खेल से जुड़ी आधारभूत सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए प्राथमिकता से भूमि आवंटन पूरा करने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में विभिन्न राजकीय स्कूलों और खेल मैदानों के लिए भूमि उपलब्ध कराई गई है। इन स्कूलों को मिली भूमि कुल 21 स्थानों पर भूमि आवंटन जिला प्रशासन द्वारा किए गए इस भूमि आवंटन से जिले में स्कूल शिक्षा, खेल सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को नई दिशा मिलेगी। इससे न केवल छात्रों को बेहतर शैक्षिक वातावरण मिलेगा, बल्कि खेल प्रतिभाओं को भी प्रोत्साहन प्राप्त होगा।
मध्य प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग ने आखिरकार अपनी गड़बड़ी मानते हुए निवाड़ी के प्राइवेट स्कूल के 56 टीचरों से 15 करोड़ रुपए की रिकवरी के लिए पत्र जारी कर दिया है। साथ ही अब लोकायुक्त इस घोटाले की प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी में है। दरअसल, भास्कर ने नौ महीने पहले बताया था कि निवाड़ी में नेगुवां स्थित शास्त्री हायर सेकेंडरी स्कूल प्राइवेट है, लेकिन यहां पढ़ाने वाले टीचरों को पिछले 23 साल से स्कूल शिक्षा विभाग सैलरी दे रहा है। इन्हें सरकारी टीचरों की तरह ही एरियर और वेतनमान का फायदा मिल रहा है। ये गड़बड़ी केवल इसी स्कूल में नहीं है बल्कि प्रदेश के 54 स्कूलों में है। हालांकि, विभाग ने केवल इसी स्कूल से रिकवरी के आदेश दिए हैं। इस मामले की जांच करने वाले संयुक्त संचालक मृत्युंजय कुमार ने भास्कर से बातचीत में कहा कि उन्होंने केवल इसी स्कूल की जांच की है और रिपोर्ट लोकायुक्त को सौंप दी है। आगे की कार्रवाई विभाग और लोकायुक्त को करना है। आखिर क्या है ये मामला? पढ़िए, रिपोर्ट... 2 पॉइंट्स में जानिए, कैसे हुई गड़बड़ी 1. निवाड़ी जिले में प्राइवेट स्कूल को निकाय अधीन कियाइस गड़बड़ी की शुरुआत सरकार के ही एक आदेश से हुई थी। सरकार ने साल 2002 में 54 साल पुराने प्राइवेट स्कूलों को संबंधित जिला पंचायत और नगरीय निकायों के अधीन करने का आदेश जारी किया था। निवाड़ी जिले (तब टीकमगढ़ जिला) के नैगुवां स्थित शास्त्री हायर सेकेंडरी स्कूल सरकारी जमीन पर संचालित हो रहा था। इस आधार पर इसे 2002 में किसी निकाय के अधीन नहीं किया गया। इसके खिलाफ स्कूल संचालक राजेंद्र पाठक ने 2005 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की। साल 2012 में हाईकोर्ट ने स्क्रीनिंग कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए। इसके बाद भी जब कमेटी का गठन नहीं हुआ, तो अवमानना याचिका दायर की गई। कोर्ट ने साल 2014 में आदेश देते हुए तत्कालीन कलेक्टर को कमेटी बनाकर जांच के लिए कहा। 2. साल 2017 में कमेटी ने निकाय के अधीन करने की अनुशंसा कीसाल 2015 में कमेटी ने फैसला दिया कि स्कूल सरकारी जमीन पर चल रहा है, स्कूल स्टाफ की एजुकेशनल क्वालिफिकेशन भी संदेह के दायरे में है। इसे निकाय के अधीन नहीं किया जा सकता। मगर, स्कूल किसी भी तरह से निकाय के अधीन आ जाए, इसकी कोशिश जारी रही। साल 2017 में एक बार फिर स्क्रीनिंग कमेटी बनी। इस कमेटी ने स्कूल के सारे दस्तावेज सही मानते हुए इसे निकाय के अधीन करने की अनुशंसा कर दी। इस रिपोर्ट के आधार पर स्कूल के सभी टीचर्स की संविदा नियुक्ति के आदेश जारी हो गए। इसके बाद स्कूल ने खुद को सरकारी बताना शुरू कर दिया। दस्तावेजों में भी स्कूल सरकारी लिखने लगा। इसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से एक आदेश निकला। इसमें स्कूल को सरकारी बताते हुए इसके टीचर्स की सैलरी सरकारी कोषालय से देने के आदेश हो गए। सरकार जब स्कूल के टीचर्स को सैलरी देने लगी तो स्कूल के संचालक ने 2002 से उन्हें एरियर भी दिलवा दिया। कई टीचरों को 10 से 15 लाख रुपए तक का एरियर मिला है। ऐसे हुआ गड़बड़ी का खुलासाइसका खुलासा तब हुआ, जब नैगुवां के हायर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल राजेंद्र पाठक को 31 मार्च 2023 को निवाड़ी जिले का डीईओ बनाने के आदेश जारी हुए। इस आदेश के बाद एक गोपनीय शिकायत हुई। जिसमें लिखा था कि पाठक तो जिला पंचायत के अधीन आने वाले स्कूल के प्रिसिंपल हैं। वे स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारी भी नहीं हैं। विभाग ने जांच की तो शिकायत को सही पाया। 3 अप्रैल 2023 को स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव ओएल मंडलोई ने आदेश जारी किया कि पाठक जिला पंचायत के कर्मचारी हैं, न कि स्कूल शिक्षा विभाग के। इन्हें डीईओ का प्रभार नहीं दिया जा सकता। इसके बाद पाठक को डीईओ पद से हटाकर शासकीय मॉडल स्कूल, पृथ्वीपुर के प्राचार्य काे डीईओ का प्रभार दिया गया। इस आदेश के सामने आने के बाद पाठक सहित उनके स्कूल के 56 शिक्षकों के सरकारी सैलरी, एरियर और प्रमोशन समेत 7वां वेतनमान लेने की पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठे। स्कूल शिक्षा विभाग ने कोई एक्शन नहीं लियाये गड़बड़ी पहले भी सामने आ सकती थी। निवाड़ी के जिला शिक्षा अधिकारी ने पिछले साल ही इन तथाकथित सरकारी शिक्षकों से रिकवरी की सिफारिश करते हुए एक जांच रिपोर्ट भोपाल स्थित लोक शिक्षण संचालनालय को भेजी थी। विभाग ने दिखावे के लिए टीचर्स का वेतन रोक दिया, लेकिन किसी भी दोषी पर कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं कराया और मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब 15 करोड़ की रिकवरी का आदेशदैनिक भास्कर ने इस मामले को उठाया। लगातार फॉलोअप के बाद विभाग पर दबाव बना और एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया गया। सागर के संयुक्त संचालक (शिक्षा) मृत्युंजय कुमार ने अपनी जांच रिपोर्ट में लिखा कि अधिकारियों की मिलीभगत से ये घोटाला हुआ है। जांच में पाया गया कि कुल 15 करोड़ 88 लाख 88 हजार 995 रुपए का अनियमित भुगतान हुआ। इसके लिए उन अधिकारियों को दोषी ठहराया गया है, जिनकी निगरानी में यह घोटाला फलता-फूलता रहा। मामले में नेगुवां स्कूल के अस्थायी प्राचार्य राजेंद्र पाठक, तत्कालीन विकासखंड अधिकारी आरडी वर्मा और एनसी तिवारी, एसपी पांडेय, तत्कालीन सीईओ जिला पंचायत, डीईओ एसएन नीखरा और तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी बीएल लुहारिया को दोषी माना है। इन सभी से 15 करोड़ रुपए रिकवर करने की सिफारिश की गई है। 54 स्कूलों की जांच के लिए नहीं उठाया कदमइस मामले को सामने लाने वाले एक्टिविस्ट तिलकराज का कहना है कि ये घोटाला केवल एक स्कूल में नहीं हुआ है। साल 2002 में प्रदेश के 54 स्कूलों को निकायों के अधीन किया गया था, जहां यह घोटाला हुआ। निवाड़ी के एक स्कूल में 15 करोड़ रुपए से अधिक की वसूली के आदेश के बाद भी, विभाग ने अब तक इन सभी स्कूलों की जांच के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है, जो अपने आप में एक बड़ा सवाल है।
शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य, विजय हुए सम्मानित
कवर्धा | अंबिकापुर में आयोजित समारोह में शासकीय प्राथमिक शाला मजगांव के प्रधान पाठक विजय कुमार लंझियाना को शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारपूर्ण एवं उत्कृष्ट कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ रत्न सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सांस्कृतिक, पर्यटन एवं धर्मस्व मंत्री राजेश अग्रवाल, विशिष्ट अतिथि महिला एवं बाल विकास विभाग लक्ष्मी राजवाड़े उपस्थित थीं। साथ ही पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, सामाजिक कार्यकर्ता, लेखक, गायक एवं कला जगत की कई प्रतिष्ठित हस्तियां भी मौजूद रहीं। उन्होंने बताया कि लंझियाना लंबे समय से शैक्षणिक नवाचार, कबाड़ से जुगाड़, शून्य निवेश मॉडल, टीएलएम निर्माण, कक्षा शिक्षण की दक्षता वृद्धि, बच्चों के शैक्षिक स्तर में सुधार, पौधरोपण एवं किचन गार्डन जैसी अनेक पहलें करते आ रहे हैं। विख शिक्षा अधिकारी देवेन्द्र साहू, संकुल प्रभारी रामनारायण दुबे ने इस उपलब्धि की सराहना की है।
भास्कर न्यूज| महासमुंद महासमुंद ब्लाक में दिव्यांग बच्चों, उनके साथियों, पालकों और विद्यालय प्रबंधन समिति (एसएमसी) के सदस्यों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिपालन में समग्र शिक्षा के अंतर्गत प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। मुख्य उद्देश्य 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग के विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए बाधारहित व अनुकूल वातावरण तैयार कर उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना है। डीएमसी रेखराज शर्मा ने प्रशिक्षण में कहा कि समावेशी शिक्षा का उद्देश्य विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को विद्यालय परिवेश में बिना किसी भेदभाव के शिक्षा उपलब्ध कराना है। शिक्षा हर बच्चे का मूल अधिकार है, इसलिए दिव्यांग बच्चों को संवैधानिक प्रतिबद्धता के तहत समान अवसर मिलना अनिवार्य है। समावेशी शिक्षा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने दिव्यांग बच्चों से व्यवहार के तरीके, चिह्नांकन चेकलिस्ट, दिव्यांगता के प्रकार, नई शिक्षा नीति, निशक्तजन अधिकार अधिनियम 2016, तथा शैक्षिक प्रशासक एवं पालकों की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। सीईओ बीएस मण्डावी ने कहा कि पालकों और समाज को दिव्यांगजनों के प्रति सकारात्मक भाव विकसित करना चाहिए। दिव्यांगता विकास में बाधा नहीं है, बल्कि ऐसे बच्चों में विशेष प्रतिभा होती है और आज दुनिया में कई दिव्यांग व्यक्ति विशिष्ट पदों पर आसीन हैं। इस मौके पर बीआरसीसी जागेश्वर सिन्हा, सीएसी पवन साहू, गणेश टंडन, ललित किशोर बया, टाकेश्वर साहू, आशीष साहू, सुरेंद्र चन्द्राकर, ए चंद्रशेखर डोरा, लेखापाल रेणु चन्द्राकर सहित अन्य मौजूद थे। मास्टर ट्रेनर बीआरपी अनीता निर्मलकर, स्पेशल एजुकेटर तुलसी साहू, केआर सोनवानी और लव कुमार निर्मलकर ने शासन के मान्यता प्राप्त 21 प्रकार की दिव्यांगता जैसे पूर्ण दृष्टिहीनता, अल्प दृष्टिबाधित, श्रवण व मूक बाधित, प्रमस्तिष्कीय पक्षाघात, स्वलीनता, थैलेसीमिया, हीमोफीलिया, अस्थिबाधित, सिकल सेल, मानसिक बीमारी, बहु विकलांगता और अन्य श्रेणियों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। आवश्यकता आधारित सुविधाओं पर चर्चा की गई।
आज बच्चों को सही शिक्षा देना सबसे बड़ी जरूरत : पुष्करदास
बड़गांव के होली चौक स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में चल रही प्रतिमा पुनर्स्थापना समारोह के तहत सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन पुष्कर दास महाराज ने सत्संग की महिमा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ऋषि-मुनियों ने सदियों पहले समझ लिया था कि सत्संग ही जीवन को सही दिशा देता है। महापुरुषों ने ग्रंथ जगत के कल्याण के लिए लिखे, ताकि मनुष्य कठिन समय में सही राह पहचान सके। महाराज ने आत्मदेव, उनकी पत्नी धुंधुली, गोकर्ण और धुंधूकारी की कथा उदाहरण देकर सुनाई। उन्होंने बताया कि मां का स्वभाव बच्चों पर गहरा प्रभाव छोड़ता है। गोकर्ण संत की प्रसादी था, इसलिए संयमी और शांत स्वभाव का बना। वहीं धुंधूकारी गलत संगत में पड़ा और विपरीत दिशा में चला गया। महाराज ने कहा कि आज बच्चे नशे और गलत आदतों की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे समय में माता-पिता को बच्चों पर नियंत्रण और मार्गदर्शन दोनों देने की जरूरत है। खासकर बेटियों को सही शिक्षा और संस्कार देना समय की मांग है। उन्होंने बताया कि भागवत में कलयुग के चार स्थान-सोना, जुआ, शराब और बाजारू स्त्री बताए गए हैं। कथा स्थल पर गौरी शंकर कालिका, अतुल शर्मा, परमवीर सिंह राव, संजय अग्रवाल सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे। भागवत कथा : सत्संग से मिलती जीवन दिशा
प्रयागराज के पीपलगांव स्थित सविलियन विद्यालय में गुरुवार को शिक्षण सत्र 2025-26 की तीसरी पेरेंट्स काउंसलिंग का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य दिव्यांग बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना और अभिभावकों में जागरूकता बढ़ाना था। कार्यक्रम का शुभारंभ जिला एम.डी.एम. प्रभारी राजीव त्रिपाठी ने सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन करके किया। राजीव त्रिपाठी ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा दिव्यांग बच्चों के हित में चलाए जा रहे कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे दिव्यांग बच्चों को सामान्य बच्चों की तरह ही शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ें और उन्हें किसी भिन्नता या कमजोरी के आधार पर अलग न समझें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि यदि आसपास कोई दिव्यांग बच्चा हो, तो उसके अभिभावकों को बेसिक शिक्षा विभाग की योजनाओं की जानकारी अवश्य दें, ताकि अधिक बच्चों को लाभ मिल सके। ब्लॉक अध्यक्ष मसूद अहमद ने दिव्यांग बच्चों को प्रतिवर्ष दिए जाने वाले स्टाइपेंड और एस्कॉर्ट अलाउंस के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इन बच्चों को नियमित शिक्षण में सहायता के लिए हर साल विभिन्न प्रकार की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। स्पेशल एजुकेटर आशुतोष सिंह ने होम बेस्ड एजुकेशन प्रोग्राम पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत जिन बच्चों का विद्यालय आना संभव नहीं होता, उन्हें घर पर जाकर नियमित शिक्षण प्रदान किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी दिव्यांग बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। विद्यालय की प्रधानाध्यापक हरित जेदली, मनोरमा सोनकर और रेखा मिश्रा ने अपने विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों को मिली सुविधाओं और लाभों की जानकारी साझा की। उन्होंने जोर दिया कि नियमित उपस्थिति से बच्चों में सीखने की क्षमता और आत्मविश्वास बढ़ता है। अभिभावकों को प्रतिदिन बच्चों को विद्यालय भेजने और शिक्षकों के साथ निरंतर संवाद बनाए रखने के लिए प्रेरित किया गया। कार्यक्रम के अंत में राजीव त्रिपाठी ने सभी अभिभावकों का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लेकर अपनी जागरूकता का परिचय दिया। समापन पर विद्यालय के प्रधानाध्यापकों द्वारा दिव्यांग बच्चों को उपहार वितरित किए गए, जिससे बच्चों में खुशी का माहौल दिखाई दिया।
अमृतसर से आज श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित नगर कीर्तन तरनतारन की तरफ रवाना हुआ। नगर कीर्तन कल गुरदासपुर से शुरू हुआ था और देर रात अमृतसर पहुंचा। आज सुबह यह अमृतसर के तरनतारन रोड पर स्थित डेरा संत बाबा भूरी वालों के बाहर से आगे बढ़ा। सुबह से ही भारी संख्या में संगत इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनने पहुंची। वाहेगुरु-नाम का जाप और कीर्तन की धुन से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। संगत के चेहरों पर उत्साह और आस्था साफ दिखाई दे रही थी। यह नगर कीर्तन सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उन शहीदियों की याद है जिन्होंने धर्म, मानवता और न्याय की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर किए थे। शांति और मानवता की राह नगर कीर्तन में आम आदमी पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता भी पहुंचे। नेताओं ने रवाना होने से पहले माथा टेक कर पंजाब में शांति, भाईचारे और सद्भाव के लिए अरदास की। इस मौके पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा- गुरु साहिब की शिक्षा हमेशा समाज को शांति और मानवता की राह दिखाती है। गुरु साहिब की शहादत पर संगत में भावनात्मक जुड़ाव नगर कीर्तन अमृतसर से तरनतारन की ओर बढ़ते हुए विभिन्न गांवों से होकर गुजरेगा। रास्ते में संगत की ओर से जगह-जगह लंगर और सेवा के प्रबंध किए गए हैं। लोग पानी, फल, चाय और प्रसाद बांटकर सेवा निभा रहे हैं। गुरु साहिब की शहादत से जुड़े 350 साल पुराने इतिहास को देखकर लोगों में खास भावनात्मक जुड़ाव देखने को मिल रहा है। स्थानीय लोगों ने बताया कि इतनी बड़ी संख्या में संगत का इकट्ठा होना अपने आप में दुर्लभ दृश्य है। हर उम्र के लोग, बुजुर्ग, महिलाएं, नौजवान और बच्चे इस नगर कीर्तन को देखने और इसमें शामिल होने के लिए उत्साहित दिखे।
4 साल की उम्र में श्रेया घोषाल ने ली संगीत की शिक्षा, अमेरिका में मनाया जाता है 'श्रेया घोषाल दिवस'
बॉलीवुड की फेमस सिंगर श्रेया घोषाल 12 मार्च को अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। अपनी सुरीली आवाज से लाखों लोगों को दिवाना बनाने वाली श्रेया का जन्म 1984 में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुआ था। उन्होंने बेहद कम समय में अपनी सुरीली आवाज से बड़ी ...
दिल्ली में झुग्गी में रहने वाले एक पिता ने, जो चाय बेचते हैं, उन्होंने अपनी बेटी को आखिरकार CA बना दिया। जहां एक ओर लोगों ने कहा, क्यों अपनी बेटी को जरूरत से ज्यादा पढ़ा रहे हो, इसकी शादी करवा देनी चा
NEET UG रिजल्ट को लेकर अभी भी जारी है गुस्सा, छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के पास किया विरोध प्रदर्शन
नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए छात्रों ने सोमवार को शिक्षा मंत्रालय के पास विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा परिणाम में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की। आइए जानते हैं, क्या है पूरा म
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का 10 फीसदी भी डाटा नहीं हुआ अपलोड
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का डाटा अपलोड करने में जिले के कई स्कूल ढील दे रहे हैं, वे 10 फीसदी छात्रों का भी डाटा अभी तक अपलोड नहीं कर पाए हैं। डाटा अपलोड करने में आधार कार्ड की अनिवार्यता के बाद से छ
बेसिक शिक्षा : दो महीने बाद भी 1.38 लाख छात्रों का डेटा नहीं हुआ अपडेट
बेसिक शिक्षा विभाग के यू डायस पोर्टल पर डेटा अपडेट करने का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है। हाल ये है कि दो महीने में महज 1.38 लाख छात्रों डेटा भी अपडेट नहीं हुआ। विभाग ने अब 5 जून तक इसे पूरा करने क
स्कूलों में कैसे पढ़ा रहे हैं शिक्षक, वीडियो में देखेगा शिक्षा विभाग, होगी रिकॉर्डिंग
शिक्षा विभाग वीडियो के जरिए देखेगा कि परिषदीय स्कूलों के शिक्षक छात्रों को कैसे पढ़ाते हैं। बता दें. छात्रों को पढ़ाते हुए शिक्षकों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। आइए जानते हैं विस्तार से।
बॉलीवुड का ये सुपरस्टार युवाओं को IAS बनाने के लिए मुफ्त में देगा शिक्षा, योजना से अबतक जुड़ चुके है7000 युवा
राम बनने के लिएधनुष-बाण चलाने की शिक्षा ले रहे है Ranbir Kapoor, एक्टर केआर्चरी ट्रेनर ने शेयर की तस्वीरें

