सोनभद्र के शिक्षा विभाग में कूटरचित शासनादेश के आधार पर फर्जी वेतन भुगतान का एक बड़ा मामला सामने आया है। वर्तमान जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) जयराम सिंह की तहरीर पर रॉबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस ने तत्कालीन डीआईओएस सहित नौ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस मामले की अग्रिम जांच में जुट गई है। वर्तमान डीआईओएस जयराम सिंह ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि जंग बहादुर सिंह इंटर कॉलेज, शाहगंज में तैनात तथाकथित सहायक अध्यापक गुलाब, ओम प्रकाश सिंह और राकेश श्रीवास्तव का वेतन कूटरचित एवं फर्जी शासनादेश के आधार पर जारी किया गया था। इन तथाकथित सहायक अध्यापकों को फर्जी शासनादेश का आधार बनाकर वेतन भुगतान और सेवा संबंधी अन्य लाभ प्रदान किए गए थे। हालांकि, यह मामला संज्ञान में आने के बाद तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक ने इन अध्यापकों के वेतन भुगतान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। वेतन भुगतान पर रोक लगाए जाने के बाद उच्च न्यायालय में याचिका/विशेष याचिका दायर की गई है, जो फिलहाल न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। शासन के निर्देशानुसार, 21 दिसंबर 2016 के कूटरचित और फर्जी पत्र में संलिप्तता के आरोप में तत्कालीन डीआईओएस प्रभुराम चौहान (सेवानिवृत्त, निवासी हेतिमपुर, लंगरपुर, महराजगंज, गाजीपुर), अतुल कुमार श्रीवास्तव (तत्कालीन आशुलिपिक, डीआईओएस कार्यालय सोनभद्र, वर्तमान में मिर्जापुर), अशोक कुमार (तत्कालीन वरिष्ठ सहायक/लेखाकार, डीआईओएस कार्यालय, सेवानिवृत्त, निवासी इग्लिशिया, बलिया), हिमांशु सिंह (तत्कालीन प्रबंधक, जंग बहादुर सिंह इंटर कॉलेज, शाहगंज, सेवानिवृत्त), अमरनाथ दुबे (तत्कालीन प्रधानाचार्य, जंग बहादुर सिंह इंटर कॉलेज, शाहगंज, सेवानिवृत्त), रामानुज शुक्ला (तत्कालीन लिपिक, जंग बहादुर सिंह इंटर कॉलेज, शाहगंज), तथा तथाकथित सहायक अध्यापक गुलाब, ओम प्रकाश सिंह और राकेश कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। रॉबर्ट्सगंज कोतवाली प्रभारी निरीक्षक माधव सिंह ने बताया कि इस मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली गई है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
फिरोजाबाद के थाना टूंडला क्षेत्र में शिक्षामित्र की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। शव शुक्रवार सुबह एफएच मेडिकल कॉलेज के पास मिला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा, जिसके बाद परिजनों ने उसकी शिनाख्त की। मृतक की पहचान 43 वर्षीय दीनदयाल पुत्र स्व. वीरपाल सिंह के रूप में हुई है। वह फिरोजाबाद के सत्य नगर, टापा कला, थाना उत्तर का निवासी था। दीनदयाल प्राथमिक विद्यालय पुरानी गढ़ी, बछगांव, थाना नारखी में शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत थे। पढ़िए पूरी खबर... प्रयागराज में पत्नी को तीन तलाक, ओमान से महिला के मोबाइल पर भेजा मैसेज; ससुराल वालों ने घर से निकाला प्रयागराज में ओमान से मैसेज भेजकर पति ने पत्नी को 3 तलाक दे दिया। तलाक के बाद महिला ने करेली थाने मुकदमा दर्ज करया है। पीड़ित महिला गौसिया ने कहा- मेरा निकाह 5 दिसंबर 2024 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के मोहम्मद मुस्लिम कुरैशी से मुस्लिम रीति-रिवाज से हुआ था। शादी के बाद से ही पति कम दहेज मिलने पर नाराज रहता था और छोटी-छोटी बातों पर गाली-गलौज व मारपीट करता था। 22 मार्च को ससुरालवालों ने उसे घर से निकाल दिया। वह पहले अपने रिश्तेदार के घर गई और फिर मई में प्रयागराज लौट आई। पढ़िए पूरी खबर... गाजियाबाद में ग्राम प्रधान के घर ताबड़तोड़ फायरिंग, रात में बाइक और गाड़ी से पहुंचे हमलावर; बेटे ने भागकर जान बचाई गाजियाबाद के थाना वेव सिटी क्षेत्र के ग्राम पूठी में गुरुवार रात डरावनी घटना सामने आई। ग्राम प्रधान वीरेंद्र यादव के घर पर कार सवार अज्ञात हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस दौरान ग्राम प्रधान के बेटे अनुज यादव ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। घटना के दौरान घर और कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों में पूरी वारदात कैद हो गई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है और हमलावरों की तलाश में जुट गई है। पढ़िए पूरी खबर... मेरठ में एक दिन में मिले डेंगू के 5 मरीज: लैप्टोस्पायरोसिस समेत अन्य संक्रमण वाली बीमारियों के मरीजों में भी बढ़ोतरी मेरठ में बदलते मौसम के साथ संक्रमण जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ने लगा है। सीएमओ ऑफिस से मिले आंकड़ों के अनुसार डेंगू के पांच और लैप्टोस्पायरोसिस के दो मरीज एक दिन में ही मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। पढ़िए पूरी खबर... इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर के अधिकारों में दिया बड़ा फैसला, शैक्षिक दस्तावेजों में नाम और जेंडर बदलने से इनकार का आदेश रद्द इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों को लेकर अहम फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने माध्यमिक शिक्षा परिषद, बरेली के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें याची शरद रोशन सिंह की शैक्षिक दस्तावेजों में नाम और जेंडर परिवर्तन की मांग को ठुकरा दिया गया था। हाईकोर्ट ने इस फैसले से ट्रांसजेंडर समुदाय के शैक्षिक और कानूनी अधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम की है। पढ़िए पूरी खबर... प्रयागराज में टीचर की फोटो भेजकर रिश्ता तुड़वाया: सुसाइड की धमकी देकर किया ब्लैकमेलिंग प्रयागराज में एक निजी कॉलेज की 28 वर्षीय महिला शिक्षिका ने आरोप लगाया है कि वॉट्सऐप पर फोटो भेजकर उसके रिश्ते को तोड़ा गया। आरोप है कि जान-पहचान वाला युवक पहले सुसाइड करने की धमकी देकर बातचीत शुरू करता रहा और शिक्षिका की बात न मानने पर उसे बदनाम करने लगा। शिक्षिका ने इस संबंध में लखनऊ के रहने वाले युवक के खिलाफ करेली थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
राजस्थान में सीमावर्ती जिलों में टीचरों की भारी कमी और असमान स्टाफिंग व्यवस्था को लेकर शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को चिट्ठी लिखी। भाटी ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में समान रूप से स्टाफिंग पैटर्न सिस्टम लागू करने की मांग की है, ताकि शिक्षा संसाधनों का संतुलित वितरण सुनिश्चित हो सके। भाटी ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि प्रदेश के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत टीचरों के पदों की स्थिति बेहद असमान है। इस असमानता का असर विशेष रूप से सीमावर्ती जिलों पर अधिक दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा विभाग में औसतन 13.76% पद रिक्त हैं, जबकि सीमावर्ती जिलों में यह आंकड़ा चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है- बाड़मेर में 20.01%, जैसलमेर में 21.13%, बीकानेर में 16.87% और सिरोही में 22.52% पद खाली हैं। इसी प्रकार माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी स्थिति गंभीर है। राज्य स्तर पर टीचरों के 26.93% पद रिक्त हैं, जबकि सीमावर्ती जिलों में ये प्रतिशत क्रमशः बाड़मेर में 40.32%, जैसलमेर में 40.56%, बीकानेर में 29.59% और सिरोही में 34.07% तक पहुंच गए हैं। सीमावर्ती जिलों में टीचरों की भारी कमीभाटी ने कहा कि यह स्थिति न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों की शिक्षा को रोक रही है। बल्कि यहां के स्टूडेंट्स के भविष्य पर भी विपरीत प्रभाव डाल रही है। सीमावर्ती इलाकों की भौगोलिक और जनसंख्या संबंधी चुनौतियों के कारण यहां टीचरों की भारी कमी बनी रहती है। उन्होंने मांग की है कि आगामी शैक्षणिक सत्र से राज्य में टीचरों की नियुक्ति के लिए समान स्टाफिंग पैटर्न सिस्टम लागू किया जाए। ताकि प्रत्येक जिले में शिक्षा संसाधनों का संतुलित वितरण हो सके और सीमावर्ती जिलों के स्टूडेंट्स को भी समान अवसर मिल सकें। टीचरों की नियुक्ति समान रूप से लगाने की मांगभाटी ने कहा कि “शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है - और इस अधिकार को समान रूप से लागू करने के लिए टीचरों का संतुलित लगाया जाना अनिवार्य है। राज्य को ऐसी नीति अपनानी चाहिए जिससे किसी भी क्षेत्र के स्टूडेंट को शिक्षा के अवसरों से वंचित न होना पड़े।”
‘विद्या ददाति विनयम्' ही सच्ची शिक्षा का आधार: महेन्द्रू
भास्कर न्यूज | अमृतसर भारतीय विद्या भवन केंद्र के तत्वावधान में ‘16वीं ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस फॉर प्रिंसिपल्स ऑफ भवन्ज सेकेंडरी एंड सीनियर सेकेंडरी स्कूल्स’ की शुरुआत हुई। भवन्ज एसएल पब्लिक स्कूल में 9 नवंबर तक चलने वाली इस कांफ्रेंस में भवंस के समूह प्रिंसीपल्स पहुंचे हैं। कांफ्रेंस की शुरुआत वीरवार को राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से की। यह राष्ट्रीय सम्मेलन देशभर के भवन्ज स्कूलों के प्राचार्यों के लिए एक सशक्त मंच है, जहां उन्होंने नवीन रुझानों, संस्थागत विकास और साझा मूल्यों पर विचार-विमर्श किया। इस वर्ष सम्मेलन का विषय है ‘अपनी जड़ों से जुड़े रहते हुए क्षितिज का विस्तार’। इस विषय पर आधारित विभिन्न सत्रों का संचालन देश के प्रख्यात शिक्षाविदों एवं विचारशील व्यक्तित्वों द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में भारतीय विद्या भवन मुंबई के महानिर्देशक एवं कार्यकारी सेक्रेटरी जगदीश लखानी, ट्रस्टी एवं सदस्य एसजी एने, ट्रस्टी डॉ. दिनेश के दफ्तरी, चिन्मय मिशन चेन्नई के हैड स्वामी मित्रानंद, भारतीय विद्या भवन शिक्षण भारती निर्देशक मधुका मल्होत्रा तथा पॉली मेनाचेरी मुख्यातिथि के तौर पर पहुंचे। भवन्ज प्रबंधन के सदस्यों ने मुख्यातिथियों का स्वागत किया। भवन्ज अध्यक्ष अविनाश महेन्द्रू ने पंजाब के गवर्नर का आभार जताया और कहा कि यदि हम वास्तव में ‘विद्या ददाति विनयम्’ (ज्ञान विनम्रता देता है) के ध्येय वाक्य को आत्मसात करें, तो हम भारतीय विद्या भवन द्वारा स्थापित आदर्शों और मूल्यों को अपने जीवन में सच्चे अर्थों में धारण कर सकते हैं। पॉली मेनाचेरी ने कहा कि भारतीय विद्या भवन सदैव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल-विकास के माध्यम से विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के योग्य बनाने के अपने मिशन पर अटल रहा है। उन्होंने कहा कि सच्ची शिक्षा वह है जो विद्यार्थियों को जीवन की कठिनाइयों का सामना शक्ति, विवेक और भारतीय संस्कारों के साथ करने में सक्षम बनाती है। इसके उपरांत विद्यालय की वार्षिक पत्रिका आभा तथा चिन्मय अमृत द्वारा ‘100 इंस्पिरेशनल थॉट्स’ पुस्तक का औपचारिक अनावरण किया गया। इस दौरान राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका विजय पुरी ने ‘लीडिंग बाय एग्ज़ाम्पल’ विषय पर सत्र दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य प्रत्येक विद्यार्थी की प्रतिभा को पहचानना और उसे विकसित करना है।
स्कूलों की संख्या दोगुनी बढ़ी, उच्च शिक्षा की भी बदल गई तस्वीर
साल 2000 में झारखंड का गठन हुआ था- एक ऐसे राज्य के रूप में, जहां खनिज संपदा तो थी, पर शिक्षा का बुनियादी ढांचा बेहद कमजोर। हर गांव में तब स्कूल नहीं थे। कॉलेजों में एडमिशन सीटें सीमित थी। विश्वविद्यालय सिर्फ तीन शहर में थे। आज 25 साल बाद, तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। अब झारखंड केवल खनिज संसाधनों के लिए नहीं, बल्कि शैक्षणिक विकास और संस्थागत विस्तार के लिए भी पहचान बना रहा है। राज्य में स्कूलों की संख्या लगभग दोगुनी हो चुकी है। विश्वविद्यालयों का नेटवर्क 10 गुना बढ़ा है। वहीं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र कई नए संस्थान स्थापित किए गए हैं। राज्य बनने के समय झारखंड में तीन सरकारी विश्वविद्यालय थे। उस दौर में न निजी विश्वविद्यालय था, केंद्रीय संस्थान के नाम पर धनबाद और सीआईपी, रिनपास थे । तकनीकी शिक्षा के नाम पर धनबाद का आईएसएम (अब आईआईटी) ही राज्य का प्रमुख संस्थान था। अधिकांश गांवों में शिक्षा का हाल और भी खराब था। प्राथमिक और उच्च विद्यालयों की संख्या आबादी के अनुसार नहीं थी। स्कूली शिक्षा सभी देना संभव नहीं था। इसलिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या भी कम थी। इसके बाद भी बड़ी संख्या में छात्र उच्च शिक्षा के लिए बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली या दक्षिण भारत का रुख करते थे। शिक्षा व रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम तकनीकी शिक्षा को सुलभ और समावेशी बनाने के लिए सरकार ने मांकी-मुंडा छात्रवृत्ति योजना, मुख्यमंत्री तकनीकी प्रोत्साहन योजना, डिजिटल स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम जैसी योजनाएं शुरू की हैं। इसके अलावा विदेशों में पढ़ाई के लिए 25 छात्रों का हर साल चयन किया जाता है। प्रत्येक छात्र की पढ़ाई पर एक-एक करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना संचालित की जा रही है। साक्षरता दर 22% बढ़ी राज्य गठन के समय झारखंड की साक्षरता दर में तेजी से सुधार हुआ है। 25 साल में 22 प्रतिशत साक्षरता दर बढ़ गए है। अभी लगभग 76.1 प्रतिशत साक्षरता दर है। जबकि राज्य के गठन के समय लगभग 54 प्रतिशत था। महिला साक्षरता में सबसे बड़ा सुधार हुआ है। बीएड और नर्सिंग कॉलेज तेजी से बढ़े राज्य गठन के बाद सरकारी बीएड और नर्सिंग कॉलेज स्थापित नहीं किए गए हैं। लेकिन निजी स्तर पर बीएड व नर्सिंग कॉलेज तेजी से स्थापित किए गए। बीएड कॉलेजों की संख्या 4 से बढ़कर 136 हो गई है। इसी प्रकार प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। सिर्फ रांची यूनिवर्सिटी के अंतर्गत 29 नर्सिंग कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं। 10 गुना बढ़ गई विवि की संख्या राज्य गठन के समय सिर्फ तीन सरकारी विश्वविद्यालय थे। राज्य में अब 12 सरकारी विश्वविद्यालय हैं। वहीं 18 निजी विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा 100 से अधिक डिप्लोमा के सरकारी और निजी संस्थान हैं। इसके अलावा राज्य में कई केंद्रीय संस्थान स्थापित किए गए हैं। चुनौतियां अब भी बरकरार... विवि में शिक्षकों के पद हैं रिक्त बेसिक शिक्षा को बढ़ावा दे रहे ये संस्थान गांव के स्कूलों में शहर जैसी सुविधा स्मार्ट क्लासरूम, टैबलेट आधारित शिक्षा और ऑनलाइन मॉड्यूल के जरिए अब गांवों के स्कूलों में भी शहर जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। राज्य में सीबीएसई रीजनल ऑफिस का खुलना भी ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, जिससे परीक्षा और मूल्यांकन प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है। एकेडमिक ऑटोनॉमी पर फोकस राज्य गठन के समय एक भी कॉलेज ऑटोनोमस नहीं थे। लेकिन वर्तमान समय में सामान्य कॉलेजों को ऑटोनॉमी तो मिला ही है, साथ ही छोटानागपुर लॉ कॉलेज भी ऑटोनॉमी लेने में सफल रहा है। लॉ कॉलेज राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाने में सफल रहा है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, मॉडल स्कूल, और नवोदय विद्यालय जैसी योजनाओं ने ग्रामीण इलाकों में शिक्षा को नई दिशा दी है। स्कूलों में शिक्षकों की 26 हजार वैकेंसी आई थी। लेकिन लगभग 15 हजार पद खाली रह गए। हालांकि झारखंड ने शिक्षा के हर स्तर पर उल्लेखनीय सुधार किए हैं, लेकिन चुनौतियां अब भी खत्म नहीं हुई हैं। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के अधिकांश पद रिक्त हैं। एक-दो कॉलेजों में ही स्थायी प्रिंसिपल हैं। ग्रामीण स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात अभी भी आदर्श नहीं है। उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात अभी भी राष्ट्रीय औसत से पीछे हैं। उद्योगों के साथ पाठ्यक्रमों का तालमेल बढ़ाने की जरूरत है। राज्य के किसी भी विवि रिसर्च की स्थिति अच्छी नहीं है।
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के लिए हुए चुनाव में लेफ्ट यूनिटी की कैंडिडेट अदिति मिश्रा ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल कर ली है। अदिति ने चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी एबीवीपी के कैंडिडेट विकास पटेल को मात दी है। अदिति के जीत के साथ वाराणसी में भी चर्चा बढ़ गई है क्योंकि वह बीएचयू की पूर्व छात्र और वाराणसी की ही रहने वाली है। पहले जानिए कौन हैं अदिति मिश्रा? अदिति मिश्रा उत्तर प्रदेश के बनारस की रहने वाली हैं यहां उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है। 2017 में जब अदिति बीएचयू में ग्रेजुएशन की छात्रा थीं, तब उन्होंने महिला हॉस्टल में कर्फ्यू को लेकर हुए आंदोलन में हिस्सा लिया था। इसके बाद 2018 में अदिति ने पांडिचेरी विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। अदिति नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ चले विरोध प्रदर्शनों में भी सक्रिय रूप से भाग ले चुकी हैं। 2017 में BHU के प्रोटेस्ट की हिस्सा रहीं 1 सितंबर 2017 की रात BHU की एक छात्रा ने आरोप लगाया कि मोटरसाइकिल सवार कुछ युवकों ने कैंपस के अंदर उसके साथ छेड़खानी की। छात्रा की शिकायत के बाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन और सिक्योरिटी गॉर्ड ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके उलट, पूछा कि वो इतनी रात को हॉस्टल से बाहर क्यों निकली थी। इस जवाब से छात्राओं में रोष पैदा हुआ। अगले दिन यानी 22 सितंबर की सुबह से छात्राओं ने यूनिवर्सिटी के मेन गेट (सिंहद्वार) पर प्रोटेस्ट और नारेबाजी शुरू कर दी। उनका नारा था - 'हमें सुरक्षा नहीं, समानता चाहिए।' छात्राओं का कहना था कि रात 8 बजे हॉस्टल में वापस लौटने की जबरन कर्फ्यू नीति और जेंडर बेस्ड डिस्क्रीमिनेशन यानी लिंग आधारित भेदभाव बंद किया जाए। साथ ही कैंपस में CCTV और गार्ड पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए। अब जानिए जीत के बाद अदिति मिश्रा ने क्या कहा JNU लेफ्ट पॉलिटिक्स की लेगसी है,जो एक स्ट्रांग यूनियन होता है जो गुंडागर्दी और जो सेंट्रल गवर्नमेंट यहां बैठकर हमारा फंड कट रही है उसके खिलाफ यह माइंडेड हमें मिला है। उन्होंने कहा कि झूठ और फारेब की राजनीति पार्लियामेंट से शुरू होती है। उन्होंने कहा मैं अपने राजनीति में स्टूडेंट्स के हक की बात करेंगे। उन्होंने कहा सरकार जेएनयू से नफरत करती है वह यहां की पढ़ाई महंगी करनी चाहती है हम उसके खिलाफ लगातार आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा कि परिवार में हमने बात की सभी खुश हैं। जल्द ही वाराणसी आयेंगे।
भिंड में एड्स जागरूकता वर्कशॉप में अध्यक्षता कर रहीं रेखा सुमन ने शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा युवाओं को एड्स जैसे वायरस से बचाव की दिशा दिखा सकती है। मुख्य अतिथि अनुग्रह दत्त शर्मा ने बताया एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ रहना या काम करना पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि एड्स वायरस छूने, साथ खाने या गले मिलने से नहीं फैलता, बल्कि यह केवल असुरक्षित संबंधों, संक्रमित सुई या रक्त के माध्यम से फैलता है। समाज में एड्स पीड़ितों के प्रति डर या भेदभाव की भावना नहीं, बल्कि सहयोग और सहानुभूति की जरूरत है। मेहगांव के स्थित शासकीय महाविद्यालय में 'लाल रिबन – आशा, समर्थन और जागरूकता का प्रतीक' विषय पर आयोजन हुआ। प्रो. शर्मा ने कहा कि लाल रिबन आशा, समर्थन और जागरूकता का प्रतीक है, जो हमें एड्स रोगियों के प्रति संवेदनशील रहने का संदेश देता है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे सुरक्षित जीवनशैली अपनाएं और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराते रहें। 'एड्स जागरूकता के लिए काम कर रही संस्थाओं की मदद करें'कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. रेखा सुमन ने कहा कि कई संस्थाएं एड्स जागरूकता के लिए काम कर रही हैं, इसलिए हमें उनका सहयोग करना चाहिए और समाज में सकारात्मक संदेश फैलाना चाहिए। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने एड्स से बचाव, सुरक्षित जीवनशैली और सहयोग की भावना को अपने पोस्टरों के माध्यम से प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया। निर्णायकों ने रचनात्मकता और संदेश की स्पष्टता के आधार पर विजेताओं का चयन किया। इसमें दीपांजलि भदौरिया ने प्रथम, काजल भदौरिया ने द्वितीय और तनु भदौरिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेताओं को मुख्य अतिथि प्रो. अनुग्रह दत्त शर्मा एवं आइक्यूएसी प्रभारी द्वारा प्रमाण पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रो. आलोक मिश्रा, प्रो. वंदना श्रीवास्तव, डॉ. दुर्गेश गुप्ता, प्रो. अंबुजा गुप्ता सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। कार्यक्रम के अंत में 60 से अधिक विद्यार्थियों ने समाज में एड्स से जुड़ी भ्रांतियों को दूर कर जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया।
आगरा में कोठी मीना बाजार के सामने अत्याधुनिक साइंस पार्क और नक्षत्रशाला की सौगात मिलने जा रही है। गुरुवार को साइंस पार्क और नक्षत्रशाला का शिलान्यास किया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने भूमि पूजन किया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार कहा- उत्तर प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के द्वारा साइंस पार्क और नक्षत्रशाला का निर्माण कराया जा रहा है। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय की ये विधानसभा है। जब विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री थे। तो इन्हीं का ये प्रयास था। जिसे हमने बस कार्रवाई कर आगे बढ़ाने का काम किया है। जो बच्चे साइंस में अच्छे है, उन्हें बढ़ावा मिलेगा। जो लोग आगरा में आएंगे वो ताज महल और लाल किले को देखेंगे। तो वो निश्चित रूप से साइंस पार्क को भी जरूर देखने आएगे। हम यहां पर पहले चरण में विज्ञान पार्क का निर्माण करा रहे है। और बहुत ही कम समय में इसे पूरा किया जाएगा। जिसके बाद विभाग एक नक्षत्रशाला देने का काम करेगा। जिससे बच्चों को पता चलेगा ब्रह्मांड में क्या गतिविधि होती है। इसी के चलते प्रदेश में साइंस को बढ़ावा मिलेगा। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय कहा- आगरा को साइंस पार्क और नक्षत्रशाला विज्ञान का पर्यटन का केंद्र भी बनाएगी। जिस दिन से बीजेपी की सरकार आई है। उसी दिन से प्रदेश और आगरा को कोई न कोई उपहार मिलता रहा है। आगरा की इस नक्षत्रशाला से न सिर्फ शिक्षा बल्कि खगोल शास्त्र के साथ शैक्षिक पर्यटन बढ़ेगा और आगरा में समृद्धि आएगी। विस्तार से पढ़े आगरा को अत्याधुनिक साइंस पार्क और नक्षत्रशाला की सौगात मिलने जा रही है। यूपी के तीसरे साइंस पार्क व नक्षत्रशाला का शिलान्यास यूपी सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार के साथ उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय 6 नवंबर को करेंगे। इस पर लगभग 39.42 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 18 महीने में साइंस पार्क व नक्षत्रशाला बनकर तैयार होगी। शाहगंज स्थित कोठी मीना बाजार मैदान के सामने स्थित ACP लोहामंडी कार्यालय के पीछे यह योजना मूर्त रूप लेगी। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग की जमीन को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को ट्रांसफर किया गया है। इतने क्षेत्रफल में मूर्त रूप लेगी योजना 11,149 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में विकसित होने वाले साइंस पार्क में ग्राउंड फ्लोर पर अत्यधिक नक्षत्रशाला बनेगी। वहीं, लगभग 4,943 वर्ग मीटर क्षेत्र में आकर्षक साइंस पार्क विकसित किया जाएगा। साइंस पार्क परिसर में एग्जिबिशन हॉल, साइंस वर्कशॉप, पैंट्री, कार्यशाला कक्ष के साथ पर्याप्त अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। कैबिनेट मंत्री ने किए प्रयास इस योजना के लिए उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने प्रयास किए थे। उन्होंने बताया-जब उनके पास विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी थी उस समय इस योजना की कार्य योजना तैयार कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। कैबिनेट में प्रस्ताव पारित होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ से अनुरोध कर बेसिक शिक्षा विभाग की भूमि को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में स्थानांतरित कराया गया था। उन्होंने बताया-39.62 लाख रुपए की लागत से बनने वाली नक्षत्रशाला एवं साइंस पार्क उत्तर प्रदेश की तीसरी विकसित नक्षत्रशाला होगी। नक्षत्रशाला के निर्माण से छात्रों को खगोलशास्त्र के रहस्यों को समझने का अवसर मिलेगा। इससे शैक्षिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा व स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। ऊर्जा संरक्षण एवं पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए पूरा परिसर सौर ऊर्जा द्वारा संचालित किया जाएगा। साइंस पार्क में आने वाले विद्यार्थी प्रकृति के जटिल व्यवहार भी खेल-खेल में सीख सकेंगे। पार्क में सामान्य वैज्ञानिक सिद्धांतों को समझने वाले कई मॉडल होंगे, जो बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र होने के साथ ही शिक्षा भी देंगे। इसके साथ ही साइंस पार्क में झूलों के जरिए उनकी विशेषता बताई जाएगी। झूलों का आधार हमेशा केंद्र में नहीं होगा। ताकि, बच्चे समझ सकें कि एक पतला सा बच्चा भी बिना किसी विशेष प्रयास के मोटे बच्चे को भी आसानी से उठा सके। झूलों की लंबाई भी अलग-अलग होगी, ताकि झूलते हुए बच्चे की लंबाई व समय के बीच संबंध को समझ सकें।
भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव ने एक बार फिर राम मंदिर को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा- राम मंदिर में पढ़कर मैं मास्टर, प्रोफेसर या अफसर बन जाऊंगा क्या? नहीं। राम मंदिर आस्था का विषय है, वह अलग है। लेकिन शिक्षा के लिए काम होना चाहिए। शिक्षा से देश चलाया जा सकता है। खेसारी ने कहा- राम मंदिर बनाइए, मस्जिद बनाइए, उसके लिए जो करना है कीजिए, लेकिन शिक्षा के लिए भी काम कीजिए। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए यूनिवर्सिटी खोलिए, रोजगार दीजिए। क्या उसके लिए हम डोनाल्ड ट्रम्प को वोट करेंगे?” खेसारी लाल यादव बिहार की छपरा सीट से राजद प्रत्याशी हैं। गुरुवार को उन्होंने छपरा में वोट डाला। इस दौरान मीडिया से उन्होंने बात की। खेसारी ने कहा, 'भगवान हमारे दिल और भक्ति में बसते हैं, मंदिरों में तो बस एक मूर्ति होती हैं। इसलिए, सब कुछ बनाइए। सिर्फ मंदिर क्यों? ये लोग बदलते रहते हैं। अगर आप इनसे विकास के बारे में सवाल करेंगे, तो ये आपको 'मंदिर-मस्जिद' या 'सनातन' ले जाएंगे, बकवास करेंगे और आपको वहीं व्यस्त रखेंगे। मैं किसी से नहीं डरता। मैं जो हूं, वो जनता ने ही मुझे बनाया है।' आगे बढ़ने से पहले पोल में हिस्सा लें- 10 दिन पहले कहा था- राम मंदिर से जरूरी स्कूल और हॉस्पिटलदरअसल, 27 अक्टूबर को खेसारी ने एक इंटरव्यू में कहा था- राम मंदिर तो जरूरी है, लेकिन उससे जरूरी है देश में स्कूल, हॉस्पिटल और बाकी जरूरी व्यवस्थाएं हैं। किसी भगवान के लिए श्रद्धा दिल में होती है। मंदिर में भगवान नहीं होते हैं। हमारे दिल में होते हैं, उत्पन्न होते हैं, तभी हम मंदिर जाते हैं। मेरा विषय है कि मंदिर बनना चाहिए, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मंदिर नहीं बनना चाहिए। मंदिर बनना चाहिए, लेकिन लोगों का ख्याल भी रखिए। आप यह बताइए कि आप मंदिर ही बना दो और लोगों के पेट में अन्न ही न दें तो भूखे पेट भजन होता है क्या? और रवि भैया की बात के लिए आप बिल्कुल कुछ मत कहिए वह तो जीने के लिए कुछ बनाते नहीं है वह तो मरने के लिए बनाते हैं। रविकिशन ने खेसारी को दिया था जवाब, कहा था- मेरे शब्दबाण से नहीं बचेंगे 29 अक्टूबर को गोरखपुर सांसद और एक्टर रवि किशन ने खेसारी लाल यादव के बयान पर पलटवार किया। कहा था- जहां सनातन विरोध की बात आएगी, प्रभु श्रीराम का मंदिर क्यों बना ये सवाल उठेगा, तो मेरा सगा भाई ही क्यों न हो। मेरे शब्द बाण से बच नहीं पाएगा। आप चुनाव जीतिए, आसमान में जाकर चफना जाइए। लेकिन भगवान राम, सनातन का अपमान...भइया हो, माई हो, मत करा। बहुत चोट लगेला। 4 दिन पहले अखिलेश ने खेसारी के समर्थन में रैली की थी 2 नवंबर को अखिलेश यादव ने खेसारी लाल के समर्थन में छपरा में रैली की थी। उन्होंने कहा था- इस बार का बिहार चुनाव पूरे देश के लिए खास है। पूरा देश बिहार की ओर देख रहा है। लेकिन जिस तरह से छपरा में चुनाव हो रहा है, वैसा पूरे बिहार में नहीं। छपरा और यहां के प्रत्याशी की चर्चा पूरे भारत में है। आप लोगों का जोश और यह भीड़ साफ बता रही है कि इस बार छपरा से खेसारी लाल यादव जीतकर पटना जाएंगे। जब बिहार के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बनेंगे, तब पलायन नौजवानों का नहीं, बल्कि भाजपा का होगा। बिहार ने हमेशा संकट की घड़ी में राजनीति को नई दिशा देने का काम किया। इस बार भी इतिहास दोहराया जाएगा। भाजपा में कई ऐसे लोग हैं, जो पहले सपा के साथ रह चुके हैं। आज वे ऊपर से भले भाजपा में हों, लेकिन भीतर से खेसारी के समर्थक हैं। वे इस बार भाजपा की राजनीति नहीं, बल्कि बिहार के बेटों की आवाज को चुनेंगे। खेसारी के बारे में जानिए --------- ये खबर भी पढ़ें... चुनाव से पहले खेसारी को मुंबई में नोटिस:भोजपुरी एक्टर पर बंगले पर अवैध निर्माण का दावा, नगर निगम बोला -खुद अतिक्रमण हटाएंगे, या हम हटाएं भोजपुरी फिल्म के सुपरस्टार और राजद उम्मीदवार खेसारी लाल यादव को महाराष्ट्र की महापालिका ने नोटिस भेजा है। नोटिस में खेसारी लाल यादव के मीरा रोड में स्थित बंगले में अवैध काम करने का दावा किया गया है। महाराष्ट्र के मीरा भायंदर नगर निगम का कहना है, 'बंगले के अवैध कंस्ट्रक्शन लोहे के एंगल और शेड को तुरंत हटाया जाए, अन्यथा अतिक्रमण विभाग की ओर से बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी। पूरी खबर पढ़ें...
भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव ने एक बार फिर राम मंदिर को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा- राम मंदिर में पढ़कर मैं मास्टर, प्रोफेसर या अफसर बन जाऊंगा क्या? नहीं। राम मंदिर आस्था का विषय है, वह अलग है। लेकिन शिक्षा के लिए काम होना चाहिए। शिक्षा से देश चलाया जा सकता है। खेसारी ने कहा- राम मंदिर बनाइए, मस्जिद बनाइए, उसके लिए जो करना है कीजिए, लेकिन शिक्षा के लिए भी काम कीजिए। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए यूनिवर्सिटी खोलिए, रोजगार दीजिए। क्या उसके लिए हम डोनाल्ड ट्रम्प को वोट करेंगे?” खेसारी लाल यादव बिहार की छपरा सीट से राजद प्रत्याशी हैं। गुरुवार को उन्होंने छपरा में वोट डाला। इस दौरान मीडिया से बातचीत में ये बातें कहीं। आगे बढ़ने से पहले पोल में हिस्सा लें- 10 दिन पहले कहा था- राम मंदिर से जरूरी स्कूल और हॉस्पिटलदरअसल, 27 अक्टूबर को खेसारी ने एक इंटरव्यू में कहा था- राम मंदिर तो जरूरी है, लेकिन उससे जरूरी है देश में स्कूल, हॉस्पिटल और बाकी जरूरी व्यवस्थाएं हैं। किसी भगवान के लिए श्रद्धा दिल में होती है। मंदिर में भगवान नहीं होते हैं। हमारे दिल में होते हैं, उत्पन्न होते हैं, तभी हम मंदिर जाते हैं। मेरा विषय है कि मंदिर बनना चाहिए, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मंदिर नहीं बनना चाहिए। मंदिर बनना चाहिए, लेकिन लोगों का ख्याल भी रखिए। आप यह बताइए कि आप मंदिर ही बना दो और लोगों के पेट में अन्न ही न दें तो भूखे पेट भजन होता है क्या? और रवि भैया की बात के लिए आप बिल्कुल कुछ मत कहिए वह तो जीने के लिए कुछ बनाते नहीं है वह तो मरने के लिए बनाते हैं। रविकिशन ने खेसारी को दिया था जवाब, कहा था- मेरे शब्दबाण से नहीं बचेंगे 29 अक्टूबर को गोरखपुर सांसद और एक्टर रवि किशन ने खेसारी लाल यादव के बयान पर पलटवार किया। कहा था- जहां सनातन विरोध की बात आएगी, प्रभु श्रीराम का मंदिर क्यों बना ये सवाल उठेगा, तो मेरा सगा भाई ही क्यों न हो। मेरे शब्द बाण से बच नहीं पाएगा। आप चुनाव जीतिए, आसमान में जाकर चफना जाइए। लेकिन भगवान राम, सनातन का अपमान...भइया हो, माई हो, मत करा। बहुत चोट लगेला। 4 दिन पहले अखिलेश ने खेसारी के समर्थन में रैली की थी 2 नवंबर को अखिलेश यादव ने खेसारी लाल के समर्थन में छपरा में रैली की थी। उन्होंने कहा था- इस बार का बिहार चुनाव पूरे देश के लिए खास है। पूरा देश बिहार की ओर देख रहा है। लेकिन जिस तरह से छपरा में चुनाव हो रहा है, वैसा पूरे बिहार में नहीं। छपरा और यहां के प्रत्याशी की चर्चा पूरे भारत में है। आप लोगों का जोश और यह भीड़ साफ बता रही है कि इस बार छपरा से खेसारी लाल यादव जीतकर पटना जाएंगे। जब बिहार के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बनेंगे, तब पलायन नौजवानों का नहीं, बल्कि भाजपा का होगा। बिहार ने हमेशा संकट की घड़ी में राजनीति को नई दिशा देने का काम किया। इस बार भी इतिहास दोहराया जाएगा। भाजपा में कई ऐसे लोग हैं, जो पहले सपा के साथ रह चुके हैं। आज वे ऊपर से भले भाजपा में हों, लेकिन भीतर से खेसारी के समर्थक हैं। वे इस बार भाजपा की राजनीति नहीं, बल्कि बिहार के बेटों की आवाज को चुनेंगे। खेसारी के बारे में जानिए --------- ये खबर भी पढ़ें- सांसद रवि किशन को धमकी देने वाला गिरफ्तार:गोरखपुर पुलिस ने पंजाब से किया अरेस्ट, फोन पर कहा था- गोली मार दूंगा सांसद रवि किशन को फोन पर जान से मारने की धमकी देने वाला आरोपी गिरफ्तार हो गया है। गोरखपुर पुलिस ने रविवार को उसे पंजाब के लुधियाना से गिरफ्तार किया। सोमवार को उसे गोरखपुर कोर्ट में पेश करके जेल भेजा गया। आरोपी की पहचान लुधियाना निवासी अजय कुमार यादव पुत्र रामफेर यादव के रूप में हुई है। पढ़ें पूरी खबर
पानीपत में जनता की समस्याओं के समाधान के लिए भाजपा सरकार के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने गुरुवार को पानीपत स्थित भाजपा कार्यालय में जनता दरबार लगाया। इस दौरान जिले के आला अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। मंत्री ढांडा ने लोगों की शिकायतें, सुझाव और मांगें ध्यानपूर्वक सुनीं और संबंधित विभागों को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। जनता दरबार में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों से आए 30 से अधिक लोगों ने बिजली, पानी, सड़कों, राशन, पेंशन और पुलिस से जुड़ी शिकायतें मंत्री के सामने रखीं। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनता के हितों से जुड़ी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने कहा कि हर विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या लेकर बार-बार दफ्तरों के चक्कर न लगाए। जनता दरबार से शासन प्रशासन के बीच की दूरी कम करना ढांडा ने कहा कि जनता दरबार का उद्देश्य लोगों को राहत देना और शासन-प्रशासन के बीच की दूरी कम करना है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही सरकार की प्राथमिकता है। इसलिए अधिकारियों को समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनता दरबार उसी दिशा में एक मजबूत कदम है, जहां जनता की आवाज सीधे सरकार तक पहुंचती है।
समग्र शिक्षा अभियान के तहत विद्यार्थियों के लिए आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा शुरू
भास्कर न्यूज | कोडरमा झारखंड के हजारों छात्र लगातार तीसरे साल ई-कल्याण पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए संघर्षरत हैं। यह छात्रवृत्ति दसवीं के बाद आगे की पढ़ाई कर रहे आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को दी जाती है, परंतु शैक्षणिक सत्र 2022-23 से अब तक केंद्र सरकार ने अपना 60% फंड जारी नहीं किया, जिससे पूरे राज्य में छात्रवृत्ति वितरण ठप पड़ा हुआ है। 2 वर्षों तक राज्य खंड से दी गई थी छात्रवृत्ति राज्य सरकार ने पहले दो वर्षों तक तत्कालीन आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा के प्रयास से राज्य फंड से राशि दी थी, लेकिन उनके प्रमोशन के बाद विभाग की सक्रियता कम हो गई है। वर्तमान में कल्याण मंत्री चमरा लिंडा और आयुक्त कुलदीप चौधरी दोनों ने स्पष्ट किया है कि केंद्र से फंड आने के बाद ही भुगतान संभव है। 12,000 से अधिक आवेदन पड़े हैं लंबित कोडरमा जिले में सत्र 2024-25 के लिए कुल 23,946 आवेदन आए, जिनमें से 23,153 को संस्थान के नोडल अधिकार द्वारा स्वीकृति मिली। जिला स्तरीय समिति 15,137 आवेदनों को अंतिम स्वीकृति दी है। अब तक सिर्फ 2,442 छात्रों को भुगतान हुआ है। जिले में कुल 15.25 करोड़ रुपये फंड प्राप्त हुए, लेकिन केवल 3.048 करोड़ रुपये ही वितरित किए जा सके हैं। कोडरमा| जिले में समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित विद्यालयों के मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए एक विशेष आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण उन विद्यार्थियों के लिए है जो 10वीं और 12वीं कक्षा में विज्ञान संकाय से अध्ययनरत हैं और आगे आईआईटी, आईटीआई, मेडिकल नर्सिंग, क्लैट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं। जिला शिक्षा परियोजना पदाधिकारी-सह-जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अविनाश राम की ओर से जारी निर्देश में बताया गया है कि यह प्रशिक्षण निःशुल्क होगा और इसका आयोजन दिसंबर 2025 से जिला प्रशासन द्वारा किया जाएगा। इसके लिए छात्रों का चयन ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से किया जाएगा। इच्छुक छात्र-छात्राएं 4 नवंबर 2025 तक गूगल फॉर्म ऑन लाईन के जरिए आवेदन कर सकते हैं। इस दौरान छात्रों को अपने स्कूल, कक्षा, पिता का नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर और पैन नंबर जैसी आवश्यक जानकारी देनी होगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी प्रधानाध्यापकों से कहा है कि वे अपने विद्यालय के पात्र विद्यार्थियों को इस योजना की जानकारी दें। जिससे कि अधिक से अधिक छात्र इसका लाभ उठा सकें। कार्यक्रम का उद्देश्य जिले के प्रतिभावान विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सशक्त बनाना है।इस पहल से सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन और आवासीय प्रशिक्षण का अवसर प्राप्त होगा।
साइकिल वितरण समारोह में छात्राओं को शिक्षा के प्रति जागरूक करने दी साइकिल
भास्कर न्यूज | सरोना बालिकाओं को आत्मनिर्भर और सतत विकास की दिशा में प्रेरित करने के उद्देश्य से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और मेसर्स दिलीप बिल्डकान लिमिटेड द्वारा 4 नवंबर को ग्राम डब्बीपानी में सरगी, बासनवाही रायपुर–विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर, भारतमाला परियोजना के अंतर्गत साइकिल वितरण समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र की छात्राओं को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करना और उन्हें आवागमन में सुविधा प्रदान करना था, ताकि वे निर्भीक होकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें। इस पहल के अंतर्गत 70 छात्राओं को साइकिलें वितरित की गईं। बालिकाओं के चेहरों पर साइकिल पाकर झलकती मुस्कान ने आयोजन की सार्थकता को और बढ़ा दिया। कार्यक्रम के दौरान सड़क सुरक्षा एवं स्वच्छता पर जनजागरूकता फैलाने के लिए नुक्कड़ नाटक का भी आयोजन किया गया। जिसमें कलाकारों ने सड़क पर सावधानी बरतने, ट्रैफिक नियमों का पालन करने और दुर्घटनाओं से बचाव के महत्व को प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया। इसके अलावा, नन्हे-मुन्ने विद्यालय के छात्रों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। इस अवसर पर परियोजना निदेशक रामेश्वर सिंह, प्रबंधक तकनीकी प्रखर अग्रवाल, परियोजना प्रबंधन से मनीष तिवारी, वरिष्ठ प्रबंधक समन्वय संजीव कुमार सिंह, पर्यावरण एवं सुरक्षा प्रबंधक उमेश कुमार, आरयू विश्वकर्मा, राजेंद्र सिंह धाड़क, अरुण सिंह सोलभी, दुधावा चौकी से अमृत नाग, एस मानिकपुरी, कृष्ण सक्सेना, शैलेंद्र सिंह सहित आदि उपस्थित थे।
शिक्षा-कृषि दोनों को मिला सहारा
लुधियाना|पीएयू के 1964 बैच के एलुमनाई और अमेरिका के कृषि विभाग में संयुक्त कृषि निदेशक रहे डॉ. गुरचरण सिंह ढिल्लों ने पत्नी डॉ. नैन्सी ढिल्लों के साथ स्कॉलरशिप फंड को 37.5 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपए कर दिया। इसके लिए उन्होंने 12.5 लाख रुपए अतिरिक्त दान दिए। इस फंड से बीएससी (ऑनर्स) कृषि के ग्रामीण छात्रों को 4 हजार रुपए मासिक की 6 छात्रवृत्तियां मिलेंगी। उन्होंने 2023 में अपने माता-पिता की स्मृति में ‘सरदार गज्जन सिंह और माता संत कौर ढिल्लों मेमोरियल स्कॉलरशिप’ स्थापित की थी। साथ ही, उन्होंने और एलुमनाई ऑस्ट्रेलिया एसोसिएशन ने 25 लाख रुपए बाढ़ प्रभावित किसानों की सहायता के लिए दिए। पीएयू वाइस चांसलर और डीन ने उनके योगदान के लिए धन्यवाद किया।
राजस्थान के सरकारी दफ्तरों, स्कूलों, कॉलेजों सहित मदरसों में रोजाना वंदे मातरम गाया जाएगा। वहीं अगले साल 312 स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। इनमें 25 से कम विद्यार्थियों वाले 155 उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं और 5 या उससे कम नामांकन वाले 157 प्राथमिक विद्यालय शामिल हैं। राजस्थान सरकार यह कवायद ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने के मौके पर कर रही है। अब प्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों, स्कूलों, कॉलेजों और मदरसों में रोजाना ‘वंदे मातरम’ गाया जाएगा। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने घोषणा करते हुए कहा कि वंदे मातरम केवल गीत नहीं, यह भारत की आत्मा है। यह हर नागरिक के हृदय में देशप्रेम की भावना जगाता है। 7 नवंबर को वंदे मातरम गीत के 150 साल होंगे पूरे, देशभक्ति वर्ष के रूप में मनाएंगे7 नवंबर को वंदे मातरम गीत के 150 साल पूरे होंगे। इस मौके पर राजस्थान सरकार ने पूरे साल देशभक्ति वर्ष के रूप में मनाने की तैयारी की है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- यह नियम उन सभी संस्थानों में लागू होगा। जो राज्य सरकार के अधीन हैं, चाहे वे स्कूल हों, कॉलेज हों या मदरसे। नीरजा मोदी स्कूल में छात्रा की आत्महत्या पर बोले- रिपोर्ट के लिए राज्य टीम को दिए दो दिन जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में छात्रा की आत्महत्या मामले पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- यह घटना बेहद दुखद है। केंद्र की सीबीएसई टीम और राज्य सरकार की टीम मामले में जांच कर रही हैं। राज्य टीम को रिपोर्ट तैयार करने के लिए दो दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है। दिलावर ने कहा कि उन्हें इस बात की लिखित जानकारी नहीं है कि स्कूल प्रबंधन ने जांच टीम को अंदर जाने से रोका था। लेकिन अगर स्कूल ने किसी भी शिक्षा विभाग के अधिकारी के साथ ऐसा किया है। इसकी शिकायत विभाग के कर्मचारियों ने दी तो स्कूल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस साल 449 स्कूलों काे किया मर्जराजस्थान में शिक्षा विभाग अब कम विद्यार्थियों वाले स्कूलों के विलय की प्रक्रिया तेज करने जा रहा है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया- इस साल 449 स्कूलों का विलय किया जा चुका है। वहीं अगले साल 312 और स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। इनमें 25 से कम विद्यार्थियों वाले 155 उच्च माध्यमिक विद्यालय और 5 या उससे कम नामांकन वाले 157 प्राथमिक विद्यालय शामिल हैं। दिलावर ने कहा- दो सालों के प्रयासों के बावजूद जिन स्कूलों में नामांकन नहीं बढ़ा है। उन्हें नजदीकी स्कूलों में मिलाया जाएगा। ताकि विद्यार्थियों को ज्यादा दूरी तय न करनी पड़े। सर्वे जारी है और प्रक्रिया अगले वर्ष की शुरुआत तक पूरी कर ली जाएगी।
राजनांदगांव के शिक्षाविद् और नीरन ग्रुप ऑफ स्कूल्स के संचालक इंजीनियर नीरज बाजपेयी को बुधवार को रायपुर में दानवीर भामाशाह सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें राज्योत्सव के अवसर पर उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन प्रदान करेंगे। नीरज बाजपेयी को यह सम्मान उनके उल्लेखनीय सामाजिक योगदान के लिए दिया जा रहा है। राजनांदगांव में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के समय, एप्रोच रोड न होने के कारण परियोजना में बाधा आ रही थी। तब नीरज बाजपेयी ने अपने पिता द्वारिका नाथ बाजपेयी और परिवार के अन्य सदस्यों (पुष्पा बाजपेयी, प्रीतक बाजपेयी, नवनीत बाजपेयी, वीरक बाजपेयी) के साथ मिलकर राष्ट्रीय राजमार्ग से प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज गेट तक 60 फीट चौड़ी और 1600 फीट लंबी 2.15 एकड़ बेशकीमती जमीन शासन को दान कर दी। महामारी में स्कूल बना कोविड अस्पताल इस दान से मेडिकल कॉलेज का मार्ग प्रशस्त हुआ, जिससे कई जिंदगियां बचाने में मदद मिली। कोविड-19 महामारी के दौरान, नीरज बाजपेयी इंटरनेशनल स्कूल (बोरी) को 74 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल में परिवर्तित किया गया था। उन्होंने उन बच्चों की 50% फीस माफ करने का निर्णय लिया, जिनके माता-पिता दोनों या उनमें से कोई एक महामारी के कारण नहीं रहे। यह पहल शासकीय निर्णय से पहले ही शुरू कर दी गई थी। समाजसेवा और शिक्षा में सतत योगदान इसके अलावा सेना और पुलिस परिवार के शहीदों के बच्चों को कई वर्षों से 50% से 100% तक फीस में छूट देकर शिक्षा प्रदान की जा रही है। नीरज बाजपेयी गरीब, दिव्यांग और अक्षम लोगों को भी नियमित रूप से सहायता प्रदान करते रहे हैं। उनके संस्थान में आर्थिक रूप से कमजोर लगभग 250 बच्चों को स्कूल फीस में छूट दी जा रही है, जिसकी कुल राशि लगभग 10 लाख रुपए है। शिक्षा के अधिकार (RTE) अधिनियम के तहत 850 बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है।
मुंबई के चेंबूर स्थित सेंट एंथनी गर्ल्स हाई स्कूल में मेहंदी लगाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। छात्राओं को कक्षा में बैठने से रोकने पर अभिभावकों ने शिक्षा विभाग में शिकायत दर्ज कराई। विभाग ने स्कूल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
शिक्षा, संस्कृति के संरक्षण का काम कर रहे
भास्कर न्यूज | कवर्धा लायंस क्लब द्वारा मंगलवार को सामाजिक सेवा की पहल के तहत वनवासी विकास समिति संचालित शहीद वीर नारायण सिंह बालक छात्रावास में रह रहे 25 आदिवासी छात्रों को कंबल और फल वितरित किए गए। ठंड के मौसम में जरूरतमंद बच्चों के बीच यह सेवा कार्य कर क्लब ने सामाजिक दायित्व का उदाहरण पेश किया। कार्यक्रम में आरएसएस के वरिष्ठ कार्यकर्ता हरीश लूनिया मुख्य अतिथि रहे। वनवासी कल्याण आश्रम के जिलाध्यक्ष रामाधार सिंह मेरावी ने छात्रावास की स्थापना और उद्देश्य की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देवारपारा स्थित यह भवन पहले भारतमाता अस्पताल के रूप में कार्यरत था, जहां कई डॉक्टर नियमित रूप से निशुल्क सेवाएं देते थे। विधायक चुने जाने से पहले राज्य के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह भी हर शनिवार यहां अपनी सेवाएं देते रहे हैं। कोरोना काल के बाद इस भवन को आदिवासी छात्रावास के रूप में परिवर्तित किया गया। हरीश लूनिया ने कहा कि वनवासी कल्याण आश्रम देश के आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा, सेवा और संस्कृति के संरक्षण के लिए कार्य कर रहा है। संगठन नागालैंड समेत पूर्वोत्तर राज्यों में आदिवासियों की मूल पहचान बचाने और धर्मांतरण के विरुद्ध जागरूकता अभियान चला रहा है। कार्यक्रम में जिला संगठन मंत्री भगवान सिंह, छात्रावास अधीक्षक उरेन्द्र सिंह, आनंद दानी, डॉ एनके यदु, अजय गुप्ता, रामेश्वर गुप्ता, धनसुख पटेल, रेखराज मूंदड़ा, बीपी शर्मा, मनीष अग्रवाल और शेरसिंह पाली सहित अनेक सदस्य उपस्थित रहे। क्लब की गतिविधियों की जानकारी दी: लायंस क्लब अध्यक्ष प्रेमचंद श्रीश्रीमाल ने कहा कि क्लब वर्षों से आदिवासी अंचलों में सेवा कार्यों के माध्यम से अपनी पहचान बना चुका है। उन्होंने छात्रावास को 3,000 रुपए की दानराशि भी भेंट की। डिस्ट्रिक्ट चेयरपर्सन नीरज मनजीत ने बताया कि क्लब पिछले एक दशक से हर शीत ऋतु में जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण करता आ रहा है।
गुरु की शिक्षाओं को अपनाने को प्रेरित किया
लुधियाना। आर्य कॉलेज गर्ल्स सेक्शन के पंजाबी विभाग ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस पर मनाए जाने वाले गुरुपर्व को भव्य ढंग से मनाया। इस अवसर पर छात्राओं ने अपने भाषणों के माध्यम से गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला और शबद भी गाए। समारोह का समापन अरदास और प्रसाद वितरण के साथ हुआ। एसीएमसी के सचिव डॉ. एसएम शर्मा ने गुरुपर्व के अवसर पर सभी को बधाई दी और विभाग के प्रयासों की सराहना की। प्रिंसिपल डॉ. सूक्ष्म आहलूवालिया ने सिख धर्म की प्रमुख अवधारणाओं से सीख लेते हुए गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को अपनाने को प्रेरित किया। इंचार्ज डॉ. ममता कोहली ने सभी को गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण करने के लिए प्रेरित किया।
मुजफ्फरपुर: कांग्रेस ओबीसी विभाग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय सिंह यादव ने एनडीए सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने जिला कांग्रेस कार्यालय तिलक मैदान में एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि बिहार की जनता इस बार संविधान बदलने वालों को खदेड़ देगी। यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में जनगणना हुई, लेकिन सरकार की मंशा गलत थी। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने पर जनगणना कराकर 'जिसकी जितनी संख्या, उतनी भागीदारी' के आधार पर आरक्षण दिया जाएगा और इसकी सीमा बढ़ाई जाएगी। उनके अनुसार, आरक्षण की दीवार टूटने से सभी को फायदा होगा। बोले- कहीं बिल्डिंग हैं, तो कहीं टीचर नहीं कैप्टन अजय सिंह यादव ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बिहार कभी शिक्षा का केंद्र था, लेकिन वर्तमान एनडीए सरकार के बीस साल में कहीं बिल्डिंग है तो शिक्षक नहीं और कहीं शिक्षक हैं तो बिल्डिंग नहीं। उन्होंने राज्य में 'गुंडाराज' का आरोप लगाते हुए मुजफ्फरपुर में कुढ़नी की दलित बच्ची के बलात्कार और इलाज के अभाव में मौत, नवरूणा कांड, बालिकागृह कांड, मेयर समीर कुमार और आशुतोष शाही की हत्या जैसी घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने यह भी बताया कि हाल के हफ्तों में मोकामा सहित सात जिलों में हत्याएं हुई हैं, जिससे अपराधी बेखौफ हैं। उन्होंने दावा किया कि बिहार से लगभग 3 करोड़ 18 लाख लोग पलायन कर चुके हैं। यादव ने कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि वर्तमान सरकार में 70 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है, जबकि राज्य की बड़ी आबादी की औसत दैनिक आय मात्र 66 रुपए है। यादव ने जदयू नेता ललन सिंह के बयान पर भी आपत्ति जताई यादव ने जदयू नेता ललन सिंह के उस बयान पर भी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर भाजपा-जदयू के वोटर छोड़कर किसी को वोट न गिराने देने की बात कही थी, इसे भारत के प्रजातंत्र पर हमला बताया। उन्होंने मुजफ्फरपुर के लोगों के लिए 'स्मार्ट सिटी' के नाम पर गड्ढों वाली सड़कें देने को 'भद्दा मजाक' करार दिया। मुजफ्फरपुर मे लीची की प्रोसेसिंग न होने से लीची किसान के लिये यह घाटे की खेती बन गयी। हमारी सरकार बनी तो पलायन पर पहला वार होगा। 20 महीने के अंदर हर घर सरकारी नौकरी, बंद परी चीनी मिले खुलेगी, जीविका दीदी को 30 हजार मासिक वेतन, जरूरतमंद महिलाओं को माई बहिन मान योजना के तहत 2500 रूपए प्रतिमाह मिलेगी , शिक्षा की गौरवशाली परम्परा शुरू होगी , जॉब कैलेंडर जारी होंगे। यह राहुल गांधी और तेजस्वी का प्रण है।
देवनारायण राजकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बयाना में महिला सुरक्षा, बिरसा मुंडा पखवाड़े और विकसित भारत 2047 विषयों पर विविध कार्यक्रम आयोजित हुए। व्याख्यान, निबंध प्रतियोगिता और कानूनी जागरूकता सत्रों के माध्यम से छात्राओं में आत्मनिर्भरता, स्वदेशी भावना और राष्ट्र निर्माण की चेतना को प्रोत्साहित किया गया।
अनूपपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को भारत ज्योति स्कूल का घेराव किया। उन्होंने स्कूल में व्याप्त विभिन्न समस्याओं को लेकर प्राचार्य को एक ज्ञापन सौंपा। शिक्षा के व्यवसायीकरण का लगाया आरोप एबीवीपी के नगर मंत्री अभिषेक तिवारी ने बताया कि स्कूल में कई गंभीर समस्याएं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आरटीई के तहत एक खास धर्म समुदाय के छात्रों को आरक्षण दिया जाता है और शिक्षा का व्यवसायीकरण किया जा रहा है। तिवारी के अनुसार, स्कूल द्वारा पुस्तकों और यूनिफॉर्म के लिए दुकानें निर्धारित की गई हैं, जहां से कमीशन लिया जाता है। स्कूल में ईसाई धर्म को बढ़ावा देने का आरोप नगर मंत्री अभिषेक तिवारी ने मांग की कि स्कूल परिसर में मां सरस्वती और भारत माता की प्रतिमा स्थापित की जाए। एबीवीपी का कहना है कि संविधान के अनुसार स्कूल धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि शिक्षा के आधार पर चलना चाहिए, लेकिन भारत ज्योति स्कूल में ईसाई धर्म को बढ़ावा दिया जाता है। स्कूल वाहनों में क्षमता से अधिक छात्र बिठाने का आरोप नगर मंत्री ने निजी स्कूल वाहनों में नियमों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। एबीवीपी ने कहा कि वाहनों में क्षमता से अधिक छात्र बिठाए जाते हैं, जिससे किसी भी दुर्घटना की स्थिति में जिम्मेदारी तय करना मुश्किल होगा। शासन के दिशानिर्देशों के अनुसार, स्कूल वाहनों में सीसीटीवी कैमरा, अग्निशामक यंत्र और पीला रंग होना अनिवार्य है, जिनका पालन नहीं हो रहा है। इसके अलावा, छात्रों को तिलक और रक्षासूत्र लगाकर आने पर प्रतिबंध लगाया जाता है, जबकि ईसाई धर्म से जुड़े सभी त्योहार मनाए जाते हैं और हिंदू धर्म के त्योहारों, जैसे बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का आयोजन नहीं किया जाता। स्कूल में हर साल फीस में अतिरिक्त बढ़ोतरी का आरोप एबीवीपी ने यह भी बताया कि स्कूल में प्रति वर्ष फीस में अतिरिक्त वृद्धि की जाती है। कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य को सौंपे ज्ञापन में चेतावनी दी कि यदि इन समस्याओं का शीघ्र निराकरण नहीं किया गया, तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होगी।
डीडवाना जिला मुख्यालय से सटे पावटा स्थित समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित डॉ. भीमराव अंबेडकर आवासीय बालिका विद्यालय एक बड़े विवाद के केंद्र में आ गया है। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) की परीक्षाओं के दौरान इस सरकारी विद्यालय में खुलेआम नकल कराए जाने का एक सनसनीखेज वीडियो सामने आया है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि परीक्षा हॉल के बोर्ड पर उत्तर लिखकर विद्यार्थियों को चीटिंग कराई जा रही है। एक सरकारी शिक्षण संस्थान में धड़ल्ले से नकल करवाने का यह दृश्य सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। सरकारी शिक्षकों की भूमिका पर उठे गंभीर सवाल सबसे बड़ा और चिंताजनक पहलू यह है कि नकल करवाने के इस कृत्य में कथित तौर पर संस्था में कार्यरत सरकारी अध्यापकों की संलिप्तता सामने आ रही है। यह घटना न केवल NIOS की परीक्षाओं की विश्वसनीयता पर एक गहरा सवालिया निशान लगाती है, बल्कि उन सरकारी शिक्षकों की साख को भी धूमिल करती है, जिन पर शिक्षा के पवित्र कार्य की जिम्मेदारी है। आनंन-फानन में जांच टीम गठित वीडियो वायरल होते ही पूरे शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए, आला अधिकारी तुरंत एक्शन मोड में आ गए। जिला शिक्षा अधिकारी ने इस पूरे मामले की गहनता से जांच करवाने के लिए आनन-फानन में एक जांच टीम का गठन कर दिया है। यह टीम जल्द ही विद्यालय का दौरा कर वायरल वीडियो और नकल की घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करेगी। आवासीय विद्यालय पहले भी रहा विवादों में पावटा का भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय पहले भी विवादों में रहा है इसमें सबसे बड़ा विवादित मामला यहां की एक नाबालिग छात्रा के प्रसव का रहा था जो पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना था अब आज यह वीडियो सामने आने के बाद विद्यालय फिर से विवादों में आ गया है।
पाली जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल, चवाड़िया (मारवाड़ जंक्शन) में कमजोर शिक्षा व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों और अभिभावकों ने इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक और केंद्र सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग को अलग-अलग पत्र लिखकर शिकायत की है। उनका कहना है कि कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को हिंदी और अंग्रेजी पढ़ना-लिखना तक नहीं आता, जिससे बोर्ड परीक्षाओं में लगातार कम परिणाम आ रहे हैं। कुछ टीचर्स स्कूल में गुटखा और तंबाकू खाते है, जिससे बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। प्रिंसिपल को जारी हुआ था कारण बताओ नोटिस शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया है कि स्कूल का 2024–25 सत्र का रिजल्ट बेहद खराब रहा, जिसके चलते प्रधानाचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल में शैक्षणिक माहौल पूरी तरह कमजोर है और बच्चों की बुनियादी शिक्षा पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। लेक्चरर पर गुटखा खाने और फर्जी अटेंडेंस के आरोप ग्रामीणों ने पत्र में कुछ लेक्चरर पर अनुशासनहीनता के आरोप भी लगाए हैं। कहा गया है कि कुछ शिक्षक स्कूल में गुटखा और तंबाकू खाते हैं, जिससे बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है।इसके अलावा, फर्जी उपस्थिति दर्ज करने और यूथ व इको क्लब की राशि के दुरुपयोग के आरोप भी लगाए गए हैं। बाहरी लोगों की एंट्री पर भी सवाल शिकायत में यह भी कहा गया है कि स्कूल में बाहरी लोगों का प्रवेश आम बात बन गया है।कई बार बाहरी लोग नियम विरुद्ध कक्षाओं में बैठते हैं, जिससे अनुशासन और शिक्षण दोनों पर असर पड़ रहा है। निदेशालय ने शुरू की जांच माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के विजिलेंस अनुभाग ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।विभागीय सूत्रों के अनुसार, जांच टीम को स्कूल से संबंधित सभी दस्तावेज और उपस्थिति रजिस्टर मंगवाए गए हैं।आवश्यक हुआ तो टीम जल्द ही स्थल निरीक्षण भी कर सकती है।
‘25 साल का था, जब बिहार छोड़कर सूरत चला गया। 9वीं तक पढ़ा हूं। महीने के सिर्फ 20 हजार रुपए कमाता हूं, लेकिन एसी में बैठकर नौकरी करता हूं। क्या ऐसा काम बिहार में मिल सकता है। यहां तो हम सोच भी नहीं सकते।' 'मंत्री जी आए थे, भाषण देकर चले गए। बता नहीं पाए कि रोजगार कैसे मिलेगा। शिक्षा मंत्री हैं, तो स्कूल खुलवा दें। 5 साल में क्या किए हैं, ये बता दें। पीछे देखिए बिल्डिंग 10 साल से बंद पड़ी है। चुनाव आया है, तो लोग घूमने आए हैं।’ 40 साल के संतोष कुमार तंतवा गोपालगंज जिले के कुशहां गांव में रहते हैं। ये गांव भोरे विधानसभा सीट में हैं। भोरे में पहले फेज में 6 नवंबर को वोटिंग होनी है। बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार यहां से विधायक हैं और इस बार भी चुनाव लड़ रहे हैं। कुशहां गांव में प्रचार करने आए थे। संतोष कुमार भी उनके लिए जुटी भीड़ में शामिल हो गए। हालांकि, वे सुनील कुमार से नाराज हैं। हाथ में सुनील कुमार का पैम्फलेट लेकर खड़े संतोष पलायन और पढ़ाई दोनों की परेशानी गिना देते हैं। सुनील कुमार के सामने CPI (ML) के धनंजय कुमार हैं। जन सुराज ने प्रीति किन्नर को टिकट दिया है। अब भोरे विधानसभा सीट को जान लीजिए दो सगे भाई अलग पार्टियों से बारी-बारी विधायक बनेभोरे सीट 2008 में अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व कर दी गई थी। 2010 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए। इसमें BJP के डॉ. इंद्रदेव मांझी ने RJD के बच्चन दास को 43,570 वोट से हरा दिया। इससे पहले RJD के अनिल कुमार लगातार दो बार से ये सीट जीत रहे थे। 2015 में समीकरण बदल गए। कांग्रेस, RJD और JDU ने मिलकर महागठबंधन बनाया। इस बार अनिल कुमार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और इंद्रदेव मांझी को 14,871 वोट से हरा दिया। 2020 में JDU और BJP फिर साथ आ गए। JDU की तरफ से उतरे सुनील कुमार का मुकाबला CPI (ML) के जितेंद्र पासवान से हुआ। सुनील कुमार सिर्फ 462 वोटों से जीत पाए। सुनील कुमार 2015 में विधायक बने अनिल कुमार के सगे भाई हैं। उनके पिता चंद्रिका राम भोरे के पहले विधायक थे। संविधान सभा के सदस्य थे और बिहार सरकार में कृषि मंत्री भी रहे। अनिल कुमार ने 1985 में कांग्रेस, 2005 में RJD और 2015 में कांग्रेस में रहते हुए चुनाव जीता। उनके बाद IPS अधिकारी रह चुके सुनील कुमार 2020 में राजनीति में आए। भाई सुनील की वजह से अनिल कुमार ने चुनाव नहीं लड़ा। नीतीश पसंद, लेकिन विधायक से नाराजगीतिवारी टोला में राहुल पांडेय चार देशों में काम कर चुके हैं। अब गांव आकर दूध बेचते हैं। नीतीश कुमार की तारीफ करते हैं, लेकिन विधायक से नाराज हैं। राहुल बताते हैं, ‘दूध का कारोबार करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उसमें भी फायदा नहीं है। पटना चले भी जाएं तो 10-20 हजार की ही नौकरी मिलेगी।’ ‘हमारे विधायक शिक्षा मंत्री बने, तब से जमीन पर पैर नहीं रख रहे थे। मैंने चार देशों में नौकरी की, दिल्ली में रहा, लेकिन अब गाय चराता हूं।’ CPI (ML) के कैंडिडेट अरेस्ट, पार्टी ने JNU अध्यक्ष रहे धनंजय को उताराइस बार जितेंद्र पासवान दोबारा महागठबंधन के उम्मीदवार थे। नामांकन करने गए थे, तभी 2017 के एक केस में पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। पुलिस के मुताबिक, पासवान इस मामले में वांटेड थे और अदालत के समन की अवहेलना कर रहे थे। जितेंद्र पासवान की गिरफ्तारी के बाद माले ने उनकी जगह JNU के छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके धनंजय कुमार को टिकट दे दिया। धनंजय जितेंद्र पासवान की बूढ़ी मां और पत्नी को साथ लेकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। वे कहते हैं, ‘साफ समझ आ रहा है कि जितेंद्र जी को राजनीति से प्रेरित होकर पुराने केस में गिरफ्तार किया गया है।’ आप तो भोरे के लोगों के लिए बहुत जाना- पहचाना चेहरा नहीं हैं? जवाब में धनंजय कहते हैं, ‘जितेंद्र पासवान पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर बीते 5 साल में घर-घर गए थे। लोगों को मालूम है भाकपा माले विचारधारा की पार्टी है, लाल झंडा और चुनाव निशान सबको पता है। इस बात का खास असर मालूम नहीं होता कि जितेंद्र पासवान जेल में है।’ कुशहां के रहने वाले सुरेश राय जर्नलिस्ट हैं। हमने उनसे सियासी समीकरणों के बारे में पूछा। वे कहते हैं, ‘धनंजय कुमार को अगर स्थानीय पहचान जाएं तो सुनील कुमार के लिए मुश्किल हो सकती है। जितेंद्र जेल नहीं गए होते, तो हालात कुछ और होते। महागठबंधन की जीत तय थी। अब लड़ाई कांटे की है। चुनाव रोज बदल रहा है, लेकिन धनंजय का पलड़ा भारी रह सकता है।’ इस मसले पर हमने वोटर अमन सिंह से बात की। वे कहते हैं, ‘धनंजय को पार्टी के बल पर लोग भले वोट दे दें, उनका चेहरा कोई नहीं पहचान रहा है। इसका असर तो पड़ेगा ही। उन्हें बहुत घूमना होगा, अपना चेहरा पहचान कराना होगा।’ सुनील सिंह बोले- मैंने कोई वादा नहीं किया था, लेकिन काम कियाहमने JDU कैंडिडेट सुनील सिंह से अपनी सीट पर कम एक्टिव रहने पर बात की। वे कहते हैं, ‘जितना समय मैंने यहां गुजारा है और जितना विकास किया है, उतना किसी ने नहीं किया। मैंने 2020 में कोई वादा नहीं किया था और कई काम किए। यहां सुधा डेयरी लाने वाले हैं।’ बतौर शिक्षा मंत्री आपने भोरे के लिए क्या किया? सुनील कुमार जवाब देते हैं, ‘हमने न सिर्फ भोरे बल्कि पूरे प्रदेश में वक्त पर किताबें उपलब्ध कराईं। ऐसी व्यवस्था कराई कि टीचर समय पर पहुंचें।' 'भोरे में BPS कॉलेज है, वहां साइंस की पढ़ाई नहीं होती थी। अब वहां 600 से ज्यादा बच्चों ने एडमिशन लिया है और फिजिक्स, बायोलॉजी और साइकॉलोजी की पढ़ाई होने लगी है। उस कॉलेज के लिए अलग से 30 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।’ जन सुराज से प्रीति किन्नर कैंडिडेटभोरे से प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने प्रीति किन्नर को टिकट दिया है। मूलरूप से सीतामढ़ी की रहने वाली प्रीति पिछले करीब 20 साल से भोरे में रहकर सोशल वर्क कर रही हैं। कल्याणपुर की रहने वाली प्रीति पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। महिलाओं के लिए काम करती हैं, लेकिन उनकी पहचान गरीब लड़कियों की शादी कराने की वजह से है। हमने प्रीति पर वोटर्स की राय भी जानी। भोरे के रहने वाले सनी कहते हैं, ‘प्रीति कह रही हैं कि मेरी न मां है, न बाप है। इसलिए मेरी जनता ही मालिक है। इस बात का थोड़ा असर तो पड़ेगा। हालांकि, वे चुनाव निकाल ले जाएं, ये नहीं कह सकते।’ भोरे में 11% मुस्लिम, 14% SC वोटर, जीत-हार में ब्राह्मण निर्णायकभोरे में करीब अनुसूचित जातियों की आबादी करीब 14.27% है। रविदास और उनसे जुड़ी उप-जातियां बड़ा और निर्णायक वोट बैंक माने जाते हैं। हालांकि, सबसे बड़ी चुनावी ताकत ब्राह्मण और अति पिछड़ा वर्ग के हाथ में रहती है। यहां करीब 4-5% ब्राह्मण, राजपूत और बाकी सवर्ण वोट हैं। कुशवाहा वोटर की संख्या भी अच्छी-खासी बताई जाती है, जो JDU के वोटर माने जाते हैं। जाति के समीकरण पर जर्नलिस्ट सुरेश राय कहते हैं, ‘यहां अनुसूचित जाति और ब्राह्मणों के 25% से ज्यादा वोट बैंक हार-जीत तय करते हैं। रविदास समुदाय का एकमुश्त वोट जीत की गारंटी है। हालांकि, महागठबंधन के उम्मीदवार को यादव और सवर्णों में वोटों का संतुलन बनाना होगा। SC-EBC-मुस्लिम गठजोड़ हो गया, तो महागठबंधन की जीत पक्की है।’ ‘इसके अलावा, मुस्लिम आबादी लगभग 11% है। 2020 के चुनाव में भाकपा माले के उम्मीदवार को मिले समर्थन के पीछे मुस्लिम और दलित वोटों को कारण माना गया था। हालांकि इस बार BSP ने सुरेंद्र राम को प्रत्याशी बनाया है। वे महागठबंधन को नुकसान पहुंचा सकते हैं।’
शिक्षक जब ज्ञान का दीप जलाते हैं, तब ही होती है समाज में शिक्षा की रोशनी: श्रीवास्तव
शिक्षक संघ द्वारा जिला स्तरीय बैठक और दीपावली मिलन समारोह का आयोजन शासकीय बुनियादी विद्यालय परिसर में किया गया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष अरविंद श्रीवास्तव मौजूद रहे। बैठक में संगठन के पदाधिकारियों और सदस्यों के बीच अहम मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। उसके बाद दीपावली मिलन समारोह में संगठन के सदस्यों ने एक-दूसरे को पर्व की शुभकामनाएं दी। इस मौके पर जिलाध्यक्ष अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षक समाज का मार्गदर्शक होता है, इसलिए इस प्रकार के आयोजन पारस्परिक संवाद और सहयोग को बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक जब ज्ञान का दीप जलाते हैं, तब समाज में सच्चे अर्थों में रोशनी फैलती है। ऐसे आयोजन शिक्षकों के बीच एकजुटता और आत्मीयता को मजबूत करते हैं। इससे संगठनात्मक क्षमता में वृद्धि होती है और शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए नए विचार सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा यह संगठन अब वटवृक्ष बन चुका है। हम लोगों को इसे और अधिक मजबूत बनाना है। इस मौके पर संतोष सिंह, राजीव शर्मा , सत्यवान सिंह भदौरिया, दिनेश भदौरिया, धीरज शुक्ला, डॉ. राजनारायण दोहरे, परमाल सिंह, राम संजीवन भारद्वाज, उमा स्वरूप शर्मा, अरविंद कौरव आदि मौजूद रहे।
शिक्षा के लिए 10 और विवाह के लिए पांच बार कर्मचारी निकाल सकेंगे फंड
जालंधर| कर्मचारी भविष्य निधि संगठन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय में मीटिंग हुई। इसमें क्षेत्रीय आयुक्त पंकज कुमार ने संगठन द्वारा पीएफ से आंशिक निकासी के पुराने 13 जटिल प्रावधानों को सरल बनाते हुए अब उन्हें तीन मुख्य श्रेणियों में एकीकृत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जरूरी आवश्यकताएं- बीमारी, शिक्षा, विवाह आदि, आवास संबंधी आवश्यकताएं जिसमें मकान क्रय, निर्माण या मरम्मत हेतु और विशेष परिस्थितियां जिसमें जैसे प्राकृतिक आपदा, बेरोजगारी इत्यादि को शामिल किया गया है। इन संशोधनों का उद्देश्य सदस्य खाताधारकों को अधिक सुविधा और वित्तीय लचीलापन प्रदान करना है। उदाहरण के रुप में सदस्य बीमारी, शिक्षा या विवाह जैसी आवश्यकताओं के लिए पहली श्रेणी के अंतर्गत निकासी कर सकेंगे, जबकि मकान संबंधी खर्चों के लिए अलग श्रेणी उपलब्ध रहेगी। अब किसी भी आंशिक निकासी के लिए सदस्य की न्यूनतम सेवा अवधि केवल 12 महीने निर्धारित की गई है। पहले यह अवधि इससे अधिक थी, लेकिन नए नियमों के तहत केवल एक वर्ष की सेवा के बाद निकासी संभव हो सकेगी। शिक्षा के लिए अब सदस्य 10 बार तक निकासी कर सकते हैं। विवाह के लिए 5 बार तक निकासी की अनुमति है। पहले इन दोनों उद्देश्यों के लिए संयुक्त रूप से केवल तीन बार तक निकासी की अनुमति थी। सदस्य अब अपने खाते से कर्मचारी तथा नियोक्ता दोनों के योगदान सहित पात्र राशि 100 फीसदी तक निकासी कर सकते हैं। खाते में न्यूनतम 25 फीसदी राशि बनी रहनी चाहिए।
आने वाले समय में पंचायतीराज के अनपढ़ तथा भ्रष्टाचार में लिप्त रहने वाले जनप्रतिनिधियों से छुटकारा मिलने की उम्मीद जगी है। इसके लिए केंद्र सरकार स्कूली छात्रों में लीडरशिप विकसित करने गांवों की स्कूलों में मॉडल ग्राम सभा की पहल शुरू करेगी। पहले चरण में नवोदय स्कूल, एकलव्य स्कूल और पीएमश्री जैसे स्कूलों में मॉडल ग्राम सभाएं बनेंगी। इसमें छात्रों को ग्राम सभा का काम सीखाकर मॉडल के रूप में संचालन करवाया जाएगा। इससे बच्चों को ग्राम सभा की जानकारी मिलेगी। उनमें लीडरशिप भी विकसित होगी। साथ ही उन्हें आसपास की ग्राम पंचायतों की आयोजित होने वाली ग्राम सभाओं में भी शामिल कराया जाएगा। ताकि वे जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली व संचालन सीख सकें। वहां उन्हें ग्राम पंचायत की विकास योजनाएं बनाने, कार्यों में गुणवत्ता व पारदर्शी सिस्टम और एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि की भूमिका से रूबरू कराया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने के लिए ऐसे युवा नेतृत्व के लिए तैयार हों। वे भारत के लोकतंत्र को समझे ं और इसे सशक्त बनाएं। मॉडल यूथ ग्राम सभा को छात्रों में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और नागरिक उत्तरदायित्व की भावना विकसित करने का एक प्रभावी मंच बनाया जाएगा। पंचायतों की ग्राम सभाओं के साथ स्कूलों में भी ग्राम सभाएं होंगी। जिसमें विद्यार्थी निर्णय लेंगे और जिम्मेदारी पूर्वक कार्य करने के विजन को भी रखेंगे। इससे उनमें भविष्य में स्थानीय प्रशासन का हिस्सा बनने की न केवल भावना जागृत होगी, बल्कि समस्याओं के निस्तारण का कौशल भी विकसित होगा। अब तक सरपंच आदि जनप्रतिनिधियों को कर्मचारियों पर निर्भर रहना पड़ता है। गत चुनाव में शिक्षा का मापदंड रखा गया लेकिन फर्जी दस्तावेज लगाकर चुनाव जीतने के कई मामले सामने आए। ऐसे में जनप्रतिनिधि जागरूक, शिक्षित और जिम्मेदार होंगे तो गांव के विकास के प्लान बनाने से लेकर अन्य निर्णय लेने में सक्षम होंगे। गांवों की समस्याएं पंचायत स्तर पर ही निपटाने की दिशा में भी काम संभव हो पाएगा। कई चरणों में स्कूल कवर होंगी, पुरस्कार भी देंगे पंचायती राज, शिक्षा व जनजाति मंत्रालय मिलकर इस मिशन को पूरा करेंगे। नवोदय, एकलव्य स्कूलों के बाद राज्यों की स्कूलों को शामिल किया जाएगा। फिर अलग–अलग चरणों में व्यापक स्तर पर स्कूलों को कवर किया जाएगा। फिलहाल केंद्र सरकार राजस्थान के स्कूली शिक्षा विभाग के साथ पहले चरण में काम करेगी। राजस्थान और महाराष्ट्र के शिक्षा विभाग की स्कूलों का चयन भी किया गया है। बच्चों में लीडरशिप विकसित करने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई गई है। बेहतर प्रदर्शन करने वाली स्कूलों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
नया शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद राज्य सरकार ने ट्रांसफर से 5 हजार से अधिक प्रिंसिपल के स्कूल बदल दिए। लेकिन 6 माह पहले पदोन्नत हुए प्रिंसिपल को आज तक पोस्टिंग नहीं मिली है। पदोन्नत होने के बाद भी वे पुराने स्कूल में ही वाइस प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं। हालांकि कागजों में इनको यथास्थान कार्यग्रहण कराकर पदोन्नत तो कर दिया है। लेकिन पोस्टिंग नहीं मिलने से प्रिंसिपल पद का काम यह नहीं कर पा रहे हैं। पदोन्नत प्रिंसिपल पिछले 6 माह से जॉइनिंग का इंतजार कर रहे हैं। प्रिंसिपल के रिक्त पदों को भरने के लिए शिक्षा विभाग ने 26 मई को प्रिंसिपल पदों पर दो वर्ष की बकाया डीपीसी की थी। जिसमें करीब 4224 वाइस प्रिंसिपल पदोन्नत होकर प्रिंसिपल चयनित हुए। लेकिन पोस्टिंग मिलने से पहले ही 300 से अधिक प्रिंसिपल सेवानिवृत हो चुके हैं। अनेक स्कूलों में 4 से 5 वाइस प्रिंसिपल प्रिंसिपल पदों पर पदोन्नत हुए हैं लेकिन इन्हें पोस्टिंग देने के बजाय राज्य सरकार ने नया शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद अगस्त और सितंबर में दो बार तबादलों से करीब 5 हजार से अधिक प्रिंसिपलों के पदस्थापन स्थान बदल दिए। उधर, 5 हजार प्रिंसिपलों के ट्रांसफर के बाद इनकी एक संशोधित ट्रांसफर सूची भी प्रक्रियाधीन है। बताया जा रहा है कि संशोधित सूची जारी नहीं होने के कारण पदोन्नत प्रिंसिपल की पोस्टिंग में विलंब हो रहा है। नया सत्र शुरू होने के बाद 3 अगस्त और 26 सितंबर को हुए ट्रांसफर नया शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद दो बार प्रिंसिपलों के ट्रांसफर किए गए हैं। 3 अगस्त को जारी हुई पहली सूची में 509 प्रिंसिपलों के स्थानांतरण किए गए तथा 22 सितंबर को दूसरी ट्रांसफर लिस्ट में 4527 प्रिंसिपलों के स्कूलों में बदलाव हुआ। अब लगभग 700 प्रिंसिपलों की संशोधित तबादला सूची जारी होने का इंतजार है। इधर, 26 सितंबर की डीपीसी में व्याख्याता से वाइस प्रिंसिपल पदों पर चयनित 11 हजार से अधिक पदोन्नत वाइस प्रिंसिपल को भी नई जगह पोस्टिंग नहीं दी जा सकी है। सभी पदोन्नत वाइस प्रिंसिपल को यथास्थान कार्यग्रहण करवाया गया है। नियम तथा व्यवस्था स्पष्ट बता रही है कि जब तक प्रमोटी प्रिंसिपलों को पोस्टिंग नहीं मिलेगी तब तक वाइस प्रिंसिपल के पद स्पष्ट रिक्त नहीं होंगे। यही कारण है कि पदोन्नत प्रिंसिपलों की पोस्टिंग नहीं होने से 11 हजार वाइस प्रिंसिपल की भी पोस्टिंग अटक गई है।
हनोई सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के शिक्षाविद, वैज्ञानिक और शोधकर्ता जुटे
जयपुर | अपेक्स यूनिवर्सिटी, जयपुर के शिक्षकों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने बैंकिंग एकेडमी ऑफ वियतनाम (बीएवी), हनोई में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लिया। उन्होंनें नेटवर्किंग इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन इमर्जिंग ट्रेंड्स इन एक्सपर्ट सिस्टम्स, एप्लिकेशंस एंड सिक्योरिटी (नाइस-टीज एशिया 2025) में प्रमुख भूमिका निभाई। यह सम्मेलन अपेक्स यूनिवर्सिटी, जयपुर और बैंकिंग एकेडमी ऑफ वियतनाम ने संयुक्त रूप से आयोजित किया। प्रबंधन के.के. कंसल्टेंसी सर्विसेज इंडिया ने संभाला। सम्मेलन में भारत, वियतनाम, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, कोरिया, चीन, ताइवान, सर्बिया, इटली, अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम सहित 30 से अधिक देशों के शिक्षाविद, वैज्ञानिक और शोधकर्ता शामिल हुए। भारत से लगभग 35 प्रतिनिधि, मुख्य रूप से अपेक्स यूनिवर्सिटी और उससे सम्बद्ध संस्थानों से हनोई पहुंचे। सम्मेलन में 450 से अधिक शोध पत्र प्राप्त हुए। इनमें से 82 उत्कृष्ट शोध पत्रों का चयन प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया।
पानीपत के आर्य पीजी कॉलेज में सोमवार से 69वीं राष्ट्रीय अंडर-19 कुश्ती प्रतियोगिता हुई। जिसमें विभिन्न राज्यों से आए पहलवानों ने दमखम दिखाते हुए शानदार प्रदर्शन किया। उद्घाटन समारोह में खिलाड़ियों ने शपथ लेकर खेल भावना और निष्पक्ष मुकाबले का संकल्प लिया। प्रतियोगिता में दोपहर शिक्षा मंत्री के भाई हरपाल ढांडा मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी राकेश बूरा, खंड शिक्षा अधिकारी विक्रम सहरावत समेत सभी खंड शिक्षा अधिकारी तथा अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि इस बार प्रतियोगिता में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों से टीमें हिस्सा ले रही हैं। प्रतियोगिता में बालक और बालिका दोनों वर्गों में अलग-अलग भार वर्गों के मुकाबले आयोजित किए जा रहे हैं। बालक वर्ग में यह रहे विजेता सोमवार को 70 किलोग्राम भार बालक वर्ग में महाराष्ट्र के प्रनेश ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। हरियाणा के दक्ष ने दूसरा स्थान, राजस्थान के अखिल ने तीसरा स्थान और उत्तर प्रदेश के रोहित यादव ने चतुर्थ स्थान प्राप्त किया। 86 किलोग्राम में चंडीगढ़ के साकेत ने प्रथम स्थान, हरियाणा के सुमित ने दूसरा स्थान, उत्तराखंड के उज्जवल राठी ने तीसरा स्थान और दिल्ली के सचित ने चतुर्थ स्थान प्राप्त किया। बालिका वर्ग में यह रहे विजेता कुश्ती प्रतियोगिता बालिका वर्ग में 62 किलोग्राम भार में हरियाणा की खुशबू ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। इसके साथ ही पंजाब की अश्प्रीत ने दूसरा स्थान, कर्नाटक की भुवनेश्वरी ने तीसरा स्थान और राजस्थान की चंचल ने चतुर्थ स्थान प्राप्त किया। 65 किलोग्राम भार में हरियाणा की सोनल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। दिल्ली की यशिता ने दूसरा स्थान, कर्नाटक की प्रतिक्षा ने तीसरा स्थान और राजस्थान की दीक्षा ने चतुर्थ स्थान प्राप्त किया। खिलाड़ियों ने दिखाया दमखम सोमवार को हुए मुकाबलों में खिलाड़ियों ने अपने दांव-पेंच से दर्शकों का दिल जीत लिया। खेल प्रेमियों और विद्यार्थियों की अच्छी-खासी भीड़ रही, जिन्होंने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि विजेता खिलाड़ियों का चयन राष्ट्रीय स्तर की आगे की प्रतियोगिताओं के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएं युवाओं में अनुशासन, आत्मविश्वास और देशभक्ति की भावना को मजबूत करती हैं। इस आयोजन का उद्देश्य युवा प्रतिभाओं को एक मंच देना है ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकें।
बारां में आंगनबाड़ी प्रशिक्षण:1600 से अधिक कार्यकर्ताओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की ट्रेनिंग दी जाएगी
बारां जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसका आयोजन जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से संस्था रॉकेट लर्निंग द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ शाहाबाद परियोजना के केलवाड़ा प्रथम सेक्टर से हुआ। पहले चरण में, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 150 मिनट के सत्र में आधारशिला पाठ्यक्रम, ईसीसीई कैलेंडर और सतत मूल्यांकन कार्ड (CCE) से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य बच्चों के समग्र विकास में परिवार और समुदाय की भागीदारी के महत्व को समझाना है। इसमें बच्चों की शैक्षणिक, सामाजिक, भावनात्मक और मानसिक प्रगति पर जोर दिया गया। रॉकेट लर्निंग संस्था के अनुसार, इस कार्यक्रम के तहत जिले की 1600 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसका लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण पूर्व प्राथमिक शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाना है। कार्यक्रम के संचालन में उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास दुर्गाशंकर मीना, बाल विकास परियोजना अधिकारी प्रदीप कुमार घिलोटिया, महिला सुपरवाइजर ज्योति प्रजापति और देवेंद्र सिंह यदुवंशी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रॉकेट लर्निंग के जिला कोऑर्डिनेटर भुवनेश पंकज ने सुगमकर्ता के रूप में प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण सत्र के समापन पर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सहभागिता प्रमाण पत्र वितरित किए गए और उनके कार्य तथा समर्पण की सराहना की गई।
उदयपुर जिले के कानोड़ तहसील क्षेत्र के राजस्व ग्राम खेताखेड़ा में राजकीय महाविद्यालय कानोड़ के भवन निर्माण को लेकर वल्लभनगर विधायक उदय लाल डांगी का ग्रामीणों ने स्वागत किया। इस दौरान विधायक डांगी ने घोषणा की कि इसी माह में महाविद्यालय भवन का शिलान्यास होगा और निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। सोमवार को विधायक डांगी खेताखेड़ा बस स्टैंड पहुंचे, जहां ग्रामीण चरनोट जमीन से अतिक्रमण हटाने और महाविद्यालय निर्माण के बाद बची जमीन को पुनः चरनोट घोषित करने की मांग को लेकर धरना दे रहे थे। ग्रामीणों ने विधायक का स्वागत कर अपनी मांगें रखीं। विधायक डांगी ने ग्रामीणों की बात सुनकर कहा कि राजकीय महाविद्यालय बनने से कानोड़ तहसील क्षेत्र की प्रतिभाओं को उच्च शिक्षा आसानी से मिल सकेगी। उन्होंने इसे क्षेत्र के लिए शिक्षा के क्षेत्र में वरदान बताया, जो ग्रामीणों की मांग पर खोला गया है। ग्रामीणों ने विधायक को चरनोट जमीन पर अवैध अतिक्रमण की जानकारी दी। इस पर विधायक ने तुरंत उपखंड अधिकारी और तहसीलदार को निर्देश दिए कि चरनोट जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण न हो। इन निर्देशों के बाद ग्रामीणों ने अपना धरना समाप्त कर दिया। ग्रामीणों ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खेताखेड़ा में कमरों की कमी को लेकर भी ज्ञापन सौंपा, जिस पर विधायक डांगी ने जल्द ही इस कमी को पूरा करने का आश्वासन दिया। विधायक ने ग्रामीणों की सहमति पर राजकीय महाविद्यालय भवन का नक्शा देखा और उनकी इच्छानुसार ही भवन निर्माण की बात कही। इस दौरान भींडर उपखंड अधिकारी रमेश चंद्र बहेडिया, कानोड़ तहसीलदार वगताराम पुरोहित सहित अन्य अधिकारी और ग्रामीण मौजूद रहे।
दुर्ग में राज्योत्सव-2025 के पहले दिन स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने शिक्षक भर्ती और हाईटेक शिक्षा को लेकर जरूरी घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि 5000 शिक्षकों की भर्ती में से 4700 पदों पर प्रक्रिया वित्त विभाग से शुरू हो चुकी है। शेष 300 पदों पर कंप्यूटर, पीटी और योग जैसे विषयों के शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य हाईटेक शिक्षा की ओर बढ़ रहा है, जिसके लिए तकनीकी समझ वाले शिक्षकों की आवश्यकता है। भर्ती नोटिफिकेशन में देरी पर उन्होंने स्पष्ट किया कि कुछ लोग बिना जानकारी के आंदोलन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री से चर्चा कर शिक्षक भर्ती को अन्य विभागों से पहले पूरा करने का आग्रह किया गया है। 12वीं बोर्ड परीक्षा के टॉपर को 1 लाख देने की घोषणा इस दौरान शिक्षा मंत्री ने दुर्ग जिले के 12वीं बोर्ड परीक्षा के टॉपर को 1 लाख रुपए पुरस्कार देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रतिभाशाली छात्रों को प्रोत्साहित करना सरकार की प्राथमिकता है। गजेंद्र यादव ने भिलाई पावर हाउस स्थित बंद पड़े सी-मार्ट को छत्तीसगढ़ी साज-सज्जा और श्रृंगार सामग्री के शोरूम के रूप में विकसित करने की भी घोषणा की। राज्योत्सव में दिखी छत्तीसगढ़ी संस्कृति की छटा गंज मंडी परिसर में आयोजित इस भव्य कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने छत्तीसगढ़ के गौरवशाली इतिहास और उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ आज वित्तीय व्यवस्था, महिला सशक्तिकरण, कृषि विकास, युवाओं को रोजगार और सांस्कृतिक संरक्षण के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बन चुका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सुशासन और पारदर्शिता की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। राज्य निर्माण के 25 साल पूरे होने पर कहा कि यह सब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदृष्टि और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की नीतियों का परिणाम है, जिन्होंने खाद्यान्न सुरक्षा और ग्रामीण विकास को नई दिशा दी। विभागीय स्टॉल में लगी भीड़ जिला प्रशासन की ओर से लगाए गए विभिन्न विभागों के स्टॉल में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई। स्वास्थ्य विभाग ने टीबी, सिकलिंग, शुगर, बीपी जांच और आयुष्मान कार्ड जैसी सेवाएं दीं। उद्यानिकी विभाग ने ग्रीन हाउस, ऑयल पाम खेती और फल-सब्जी उत्पादन पर जानकारी दी। शिक्षा विभाग ने टीएलएम (Teaching Learning Material) की प्रदर्शनी लगाई, वहीं महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्रों में सीखने की नई पद्धतियों को दिखाया।
सुल्तानपुर में एक घर के बरामदे में बहुत सारे बच्चे बैठे हैं। इनमें कुछ बच्चे एक टेस्ट पेपर लेकर ओएमआर शीट भर रहे हैं। सामने एक टीचर बच्चों को लगातार गाइड कर रहे हैं। आने वाले कुछ दिनों में बच्चे सरकार की अलग-अलग स्कॉलरशिप वाली परीक्षा में बैठेंगे। अगर वहां पास होते हैं, तो इन्हें आगे की पढ़ाई के लिए सलाना 12-12 हजार रुपए की स्कॉलरशिप मिलेगी। इस स्कॉलरशिप से कमजोर आर्थिक स्थिति वाले इन बच्चों की आगे की पढ़ाई आसान हो जाएगी। जो टीचर इन बच्चों को गाइड कर रहे हैं, उनका नाम अरुण कुमार प्रजापति है। उनके पास ये बच्चे इसलिए आते हैं, क्योंकि उनके पढ़ाने से सैकड़ों बच्चे स्कॉलरशिप प्रोग्राम में सिलेक्ट हुए। नवोदय और एकीकृत परीक्षा में पास हुए। यही वजह है कि अब 8-8 किलोमीटर दूर से बच्चे साइकिल के जरिए अरुण प्रजापति से पढ़ने आ रहे हैं। दैनिक भास्कर की टीम उनकी इस कोचिंग पहुंची। वहां की व्यवस्था को देखा। अरुण प्रजापति और उनके इन बच्चों से बात की। बच्चों की सफलताओं के बारे में जाना। पढ़िए सब कुछ... स्कॉलरशिप के लिए पढ़ाई कर रहे गरीब छात्रसुल्तानपुर जिला मुख्यालय से करीब 25 किलोमीटर दूर पांडे बाबा स्थान है। यहीं एक घर में बहुत सारे बच्चे जमीन पर चटाई बिछाकर बैठे पढ़ाई कर रहे थे। ज्यादातर बच्चे 6वीं से लेकर 8वीं क्लास के बीच के हैं। 9 नवंबर को राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा है। इसलिए 8वीं के सभी बच्चे इसकी तैयारियों में जुटे नजर आए। परीक्षा के बारे में 8वीं क्लास के शुभम कहते हैं- जो बच्चा इसमें पास हो जाएगा, उसे 9वीं से 12वीं क्लास तक हर साल 12-12 हजार रुपए की छात्रवृत्ति मिलेगी। हम इसी की तैयारी में जुटे हैं। अगर मैं परीक्षा पास कर लूंगा, तो आगे की पढ़ाई आसान हो जाएगी। हमने शुभम से कहा कि प्राइवेट स्कूल में क्यों नहीं गए? वह कहते हैं- घर में गरीबी है, पापा दिल्ली में बैग सिलते हैं। साल में एक-दो बार आ जाते हैं। पैसा ज्यादा है नहीं, इसलिए हम सरकारी स्कूल में पढ़ रहे। यहां फ्री में कोचिंग हो जाती है। हमारे लिए बहुत राहत की बात है। शुभम के बगल बैठे आयुष गुप्ता की कहानी भी शुभम की तरह ही है। आयुष 4 किलोमीटर दूर से अरुण प्रजापति से पढ़ने के लिए आते हैं। वह कहते हैं- घर में पैसा नहीं है। मम्मी-पापा ने कहा कि सरकारी स्कूल में पढ़ लो। हमने कहा कि ठीक है। अपने दोस्तों के जरिए अरुण सर के बारे में पता चला। इसके बाद हम यहां आ गए। 9 नवंबर को राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित परीक्षा है। अगर उसमें सिलेक्शन हो जाता है, तो अच्छा रहेगा। 2022 में ज्यादा सिलेक्शन हुए, तब आइडिया आयाअरुण सर से हमने पूछा कि बच्चों को फ्री में पढ़ाने का यह आइडिया कहां से आया? वह कहते हैं- 2022 में सुल्तानपुर जिले से राष्ट्रीय आय एवं योग्यता आधारित छात्रवृत्ति परीक्षा में 29 बच्चों का सिलेक्शन हुआ। इसमें 8 बच्चे हमारे उच्च प्राथमिक विद्यालय कैथाना से पास हुए थे। पास होने के बाद वो बच्चे बहुत खुश थे। उनकी इसी खुशी ने मुझे प्रभावित किया। मन में आया कि क्यों न और बच्चों को इस तरह से खुशी दी जाए। अरुण सर कहते हैं- पहले तो हमने मुदिगरपुर प्राथमिक विद्यालय में पढ़ाना शुरू किया। वहां 4-5 स्कूलों के बच्चे आते थे। इसके बाद हमारी मुलाकात अरविंद जी से हुई। उन्होंने पढ़ाई के लिए अपना यह घर दे दिया। कहा कि आप यहीं शुरू कर दीजिए। हमने यहां शुरू किया, यहां बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी, करीब 15 स्कूलों के बच्चे आने लगे। इनकी संख्या 150 के पास पहुंच गई। आप समझिए पिछले 3 साल में करीब 150 बच्चे अलग-अलग परीक्षाओं में सफल हुए। एनटीए जो परीक्षा करवाती है, उसमें 25-30 बच्चे सफल हुए। पिछले दिनों एक बच्चा नवोदय में सिलेक्ट हुआ, एकीकृत परीक्षा में 2 बच्चे सफल हुए। इसी तरह से कुछ और परीक्षाओं में भी बच्चे सफल हुए हैं। लड़कियां 8-8 किलोमीटर दूर से आ रहींइस कोचिंग की खास बात यह है कि यहां लड़कों के मुकाबले लड़कियों की संख्या ज्यादा है। ये सभी सरकारी स्कूल में पढ़ती हैं। पहले कभी कहीं कोचिंग नहीं की, क्योंकि आर्थिक रूप से सभी का परिवार कमजोर है। उन्हें अरुण सर के पास एक उम्मीद दिखी। ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन (ओएमआर) भर रही शेजल बताती हैं- 6-7 किलोमीटर दूर से आती हूं। पापा सब्जी बेचते हैं, भइया भी उनके साथ दिल्ली में ही रहता है। अभी टेस्ट में 150 सवाल सही हो जा रहे। ऐसा ही रहा, तो सिलेक्शन हो जाएगा। आगे चलकर मुझे पुलिस अफसर बनना है। 8वीं में पढ़ने वाली रेशमा निषाद 8 किलोमीटर दूर से आती हैं। सुबह स्कूल में पढ़ाई करती हैं और 2 बजे कोचिंग आती हैं। रेशमा कहती हैं- साथ में पढ़ने वाली सहेलियों ने यहां के बारे में बताया। हमने अपने पापा से कहा तो उन्होंने आने की इजाजत दे दी। अब पूरा फोकस है कि स्कॉलरशिप परीक्षा पास कर लूं, जिससे सहायता मिल जाए। आगे चलकर डॉक्टर बनना है, जिससे जनता की सेवा कर सकूं। साथ बैठी रिया वर्मा, साक्षी विश्वकर्मा भी रेशमा की ही तरह दूर से आती हैं। उन्हें यह कोचिंग संस्थान एक उम्मीद लगती है। अदिति यादव 5वीं क्लास में पढ़ती हैं। पिता की मौत हो चुकी है। पहले कहीं कोचिंग नहीं करती थीं। कहती हैं- यहां पैसा नहीं लगता, इसलिए आती हूं। वह पिता की मौत के बारे में बताते हुए थोड़ा भावुक हो जाती हैं। इसी तरह से 6वीं क्लास में पढ़ने वाली महक कनौजिया कहती हैं- नवोदय का फॉर्म डाला था, लेकिन नहीं निकल पाया। अब आगे की तैयारी कर रही हूं। सर सब कुछ अच्छा पढ़ाते हैं। मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। अपने पैसे से किताब-कापियां खरीदकर देते हैं अरुणजिस जगह अरुण कोचिंग पढ़ाते हैं, वहीं एक कमरे में उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी तमाम किताबें रखी हैं। वह ये किताबें बीच-बीच में बच्चों को देते हैं। इसके अलावा ओएमआर शीट, कॉपी जैसी चीजें वह खुद ही मार्केट से खरीदते हैं और बच्चों को देते हैं। इसके लिए वह बच्चों से कोई पैसा नहीं लेते। जो टेस्ट कॉपी होती है, उसे जांचने के लिए वह अपने घर ले जाते हैं। कई बार बच्चे वॉट्सऐप पर सवाल पूछ लेते हैं, वह उसे भी हल करके भेज देते हैं। हमने अरुण से उनके बारे में पूछा। पूछा कि आखिर कैसे यह सब मैनेज कर रहे? अरुण अपने बारे में बताते हैं- मेरा घर इसी सुल्तानपुर के पाकरपुर गांव में है। शुरुआत में प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई की। फिर प्रयागराज में पढ़ाई की। नौकरी नहीं मिली। प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना शुरू किया। 2004 में विशिष्ट बीटीसी के जरिए नौकरी लग गई। पहले अमेठी में नौकरी की। वहीं प्रमोशन हुआ और जूनियर हाईस्कूल में टीचर हो गया। 2015 से कैथाना के उच्च प्राथमिक विद्यालय में बच्चों को पढ़ा रहा हूं। 1 लाख से ज्यादा सैलरी, खर्च उतना है नहींअरुण कहते हैं- मेरे परिवार में पत्नी, 2 बेटे और 1 बेटी है। बड़ा बेटा ताइवान में पढ़ रहा, छोटा लखनऊ में यूपीएससी की तैयारी कर रहा है। बेटी 12वीं कर चुकी है। वह भी सेमी कंडक्टर में इंजीनियरिंग करने के लिए भाई के पास ताइवान जाना चाहती है। मेरी सैलरी इस वक्त 1 लाख रुपए के ऊपर है। खर्च के रूप में दोनों बेटों को पैसा भेज दिया, कुछ पैसा घर के खर्च में लगता है। बाकी इन्हीं बच्चों के लिए खर्च करता हूं। अरुण कहते हैं- मैंने बच्चों की समस्याओं को बहुत करीब से देखा है। स्कूल में किसी बच्चे का चप्पल टूट जाता है, तो वह रोने लगता है। उसे डर होता है कि पापा मारेंगे। सरकार ने इन लोगों के लिए बहुत चीजें की हैं, लेकिन अभी भी बहुत सारी चीजें करने की जरूरत है। फिलहाल इस वक्त अरुण प्रजापति की यह कोचिंग आसपास के इलाकों में किसी वरदान से कम नहीं। प्राइमरी में पढ़ने वाले इन बच्चों के लिए एक अवसर तैयार किया है। न सिर्फ पढ़ाई के लिए, बल्कि कॉन्फिडेंस बढ़ाने का भी काम किया जा रहा है। इसमें जितने भी बच्चे पढ़ने आते हैं, वो सभी आर्थिक रूप से कमजोर हैं। कई तो ऐसे हैं जिनके पिता नहीं हैं। ------------------------ ये खबर भी पढ़ें... बहराइच में डूबे 8 लोग नहीं मिले, मगरमच्छ खा गए?, गांव जाने के लिए कोई सड़क नहीं 29 अक्टूबर को बहराइच के भरथापुर में 22 लोग नाव पर सवार हुए। गांव पहुंचने से पहले नाव डगमगाई और डूब गई। 13 लोग जैसे-तैसे बच गए। 9 लापता हो गए। 3 घंटे बाद एक महिला की लाश मिल गई। बाकी के 8 लोग जिसमें 5 बच्चे थे, नहीं मिल रहे। NDRF, SDRF, PAC सर्च अभियान में जुड़े। 5 किलोमीटर तक के एरिया में खोजा गया। 48 घंटे बीत गए लेकिन कोई नहीं मिला। आशंका है कि इस नदी में मगरमच्छ और घड़ियाल की भरमार है, वह सबको खा गए। पढ़ें पूरी खबर
लालू सरकार ने चरवाहा स्कूल खोला, हमने शिक्षा व्यवस्था सुधारी: नीतीश
तेजस्वी मुख्यमंत्री बनने को पूरी तरह आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा कि 14 नवंबर को चुनाव का रिजल्ट आएगा। 18 नवंबर को शपथ लूंगा। 26 नवंबर से 26 जनवरी के बीच बिहार के सारे अपराधी व असामाजिक तत्व, चाहे वे जिस जाति-बिरादरी के हों, जेल में होंगे। यानी खरमास बाद बिहार से अपराधी खत्म। बिहार अपराध मुक्त। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। एनडीए अपराधियों को संरक्षण देता है। हम ऐसा नहीं करेंगे। तेजस्वी ने कहा कि राज्य में लगातार जंगलराज की स्थिति बनी हुई है। कोई दिन ऐसा नहीं गुजरता है, जब अपराध की बड़ी घटनाएं नहीं होती हो। तेजस्वी ने कहा-बाहरी लोग बिहार को हथियाना चाहते हैं। नीतीश चाचा को तो नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने हाईजैक कर लिया है। चाचा से बिहार चल नहीं रहा है। बिहार को मोदी और शाह चला रहे हैं। शाह ने हमको धमकी देते हुए कहा है कि तेजस्वी को ऐसा सबक सिखाएंगे कि चुनाव लड़ेगा कि नहीं, वो सोचना पड़ेगा। नीतीश चाचा से बिहार चल नहीं रहा है... नीतीश ने कहा कि अब बिहार में कानून का राज है। हमने 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार देने का वादा किया था। 10 लाख लोगों को नौकरी दी और 40 लाख लोगों को रोजगार दिया। अब अगले 5 साल में राज्य के एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देंगे। पंचायती राज में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। अगले पांच साल में एक करोड़ नौकरी व रोजगार वार-पलटवार : मुख्यमंत्री ने लालू-राबड़ी सरकार की याद दिलाई तो नेता प्रतिपक्ष ने एनडीए को घेरा... मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि लालू-राबड़ी सरकार ने सिर्फ चरवाहा स्कूल खोला। हमारी सरकार ने चौपट शिक्षा व्यवस्था सुधारी। 6 लाख शिक्षक नियुक्त कराए। 2005 के पहले शिक्षा का बजट मात्र 4366 करोड़ था। अब 60,964.87 करोड़ है। लालू-राबड़ी राज में 12.5% बच्चे स्कूलों से बाहर थे। इनमें सबसे ज्यादा महादलित व अल्पसंख्यक समुदाय के थे। पांचवीं कक्षा के बाद सर्वाधिक बच्चियां पढ़ाई छोड़ देती थीं। 10 वीं के बाद पढ़ाई के लिए अच्छे कॉलेज व संस्थान नहीं के बराबर थे। 2005 में 53 हजार 993 स्कूल थे। अब 75 हजार 812 हैं। अधिकांश स्कूलों में कंप्यूटर लैब, ई-लाइब्रेरी और प्रयोगशाला हैं। 18 नवंबर को सीएम बनूंगा, 26 जनवरी तक सभी अपराधी जेल में होंगे: तेजस्वी
कर्मभूमि सेवा संस्थान पिछले तीन साल से घुमंतू और वंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा से जोड़ने का कार्य कर रही है। संस्थापक बाबूलाल चौधरी ने तीन साल पहले केवल सात बच्चों के साथ आसमान तले यह मुहिम शुरू की थी, जो अब 40 से अधिक बच्चों का भविष्य संवार रही है। 14 जुलाई 2022 को पंजीकृत संस्था ने एक झोपड़ी से घुमंतू बच्चों काे शिक्षा देने की शुरूआत की। अब तक 250 से अधिक बच्चे शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं। संस्था में 40 से अधिक सदस्य जुड़कर सहयोग राशि जुटाने का कार्य कर रहे है। संस्थान के संस्थापक बाबूलाल चौधरी एक निजी विद्यालय में शिक्षक हैं। चौधरी ने तीन साल पहले झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले बच्चों को देखा। ये बच्चे या तो भीख मांग रहे थे या कचरा बीन रहे थे। उनके मन में एक विचार आया कि क्यों न इन बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ा जाए। इसके बाद बच्चों काे शिक्षा से जोड़ने के प्रयास शुरू किए। इस छोटी सी शुरूआत ने आज बड़ा रूप लिया है। संस्था से 500 से अधिक भामाशाह व 40 से अधिक सदस्य नेक कार्य से जुड़े हुए हैं। स्कूल में कक्षा एक से आठ तक के 250 बच्चे पढ़ चुके हैं और 40 से अधिक बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। जन सहयोग से इन बच्चों को निशुल्क किताबें, यूनिफॉर्म और बैग उपलब्ध कराया जाता है। शिक्षक के साथ अन्य सुविधाएं भी निशुल्क प्रदान की जा रही हैं। भवन निर्माण कर स्कूल व हॉस्टल के संचालन के प्रयास जारी संस्थान के संस्थापक ने बताया कि घुमंतू परिवारों के बच्चे अपने माता-पिता के साथ महीनों तक आजीविका की तलाश में भटकते हैं। ये शिक्षा से वंचित हाे जाते हैं। हमारा लक्ष्य एक भवन निर्माण कर स्कूल और हॉस्टल बनाना है, ताकि इन बच्चों को स्थाई शिक्षा और बेहतर माहौल मिल सके। संस्था शीघ्र जमीन खरीदकर इन बच्चों को लगातार शिक्षा से जोड़े रखना चाहती है, ताकि वे देश के मजबूत नागरिक बन सके। इस अनूठी पहल से में भी जुड़ी हूं। सभी सदस्यों ने मिलकर मुझे अध्यक्ष का दायित्व दिया। हमने 2022 में कर्मभूमि सेवा संस्थान का पंजीकरण करवाया। वर्तमान में संस्था बच्चों के जीवन को बदलते हुए समाज में जागरूकता लाने के कार्य कर रही है। भामाशाहों के सहयोग से बच्चों का खर्च चल रहा है। -सीता चौधरी, अध्यक्ष कर्मभूमि सेवा संस्थान, गुड़ामालानी।
माता-पिता को बच्चों की शिक्षा के लिए जागरूक किया
जांजगीर| शहरी आंगनवाड़ी क्रमांक 1, वार्ड क्रमांक 20 में प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा के महत्व को रेखांकित करने और बच्चों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से प्रेरक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कविता गढ़वाल ने बच्चों के साथ विविध रचनात्मक और शिक्षात्मक गतिविधियां करवाईं, जिससे बच्चों में सीखने के प्रति उत्साह और आत्मविश्वास का विकास हुआ। अभिभावकों ने बच्चों की गतिविधियां देखीं और उन्हें नियमित रूप से आंगनवाड़ी भेजने के लिए प्रेरित किया गया। सुपरवाइजर नवधा राठिया और सीडीपीओ अनिमा मिश्रा के मार्गदर्शन में यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका ने माता-पिता को बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक किया।
उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय, प्रयागराज का आज रविवार को 27वां स्थापना दिवस समारोह मनाया गया। वर्चुअल मोड से जुड़ी उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल भी शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि हमें पर्यावरण और स्वास्थ्य के प्रति समाज को जागरूक बनाना है। हमें स्वदेशी अपनाकर आत्मनिर्भर बनना है। गौरवशाली भारतीय ज्ञान परंपरा को उजागर कर पुनर्स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि अपने विकास क्रम में उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय प्रसार कार्यों के निर्वहन, सामाजिक सरोकारों एवं जन जागरूकता के प्रति निरंतर सजग एवं संवेदनशील है। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में ग्रामीण जनता विशेषकर ग्रामीण महिलाओं, आंगनबाड़ी आदि तक उच्च शिक्षा की पहुंच को व्यापक बनाने की आवश्यकता है, जिसके लिए राजभवन से लगातार प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय एवं सांस्कृतिक महत्व के दिवसों पर रचनात्मक कार्यक्रमों के आयोजन के द्वारा शिक्षार्थियों में उत्कृष्ट संस्कार निर्मित करने का विश्वविद्यालय निरंतर प्रयास कर रहा है। परंपरागत शिक्षा के साथ-साथ यहां के व्यावसायिक एवं रोजगार परक पाठ्यक्रमों द्वारा शिक्षार्थी निरंतर लाभान्वित हो रहे हैं तथा उनमें नवीन कौशल का विकास हो रहा है। शिक्षा की गुणवत्ता पर न हो समझौता समारोह के मुख्य अतिथि पूर्व आचार्य, लोक प्रशासन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय नई दिल्ली प्रो. प्रदीप साहनी रहे। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि वेद, धर्म को शासन की नींव के रूप में महत्व देते हैं। ब्रह्मांडीय व्यवस्था सत्य और नैतिक कर्तव्य को बढ़ावा देती हैं। रामायण राम को एक न्यायप्रिय शासक के रूप में धर्म के पालन को दर्शाती है। जबकि भागवत गीता नि:स्वार्थ कर्म और विशिष्ट अतिथि डॉ. नरेंद्र कुमार सिंह गौर, पूर्व कैबिनेट मंत्री उच्च शिक्षा, उत्तर प्रदेश सरकार ने विश्वविद्यालय की स्थापना के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा पर गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए। परीक्षा में शुचिता बनाए रखी जानी चाहिए। उन्होंने स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय की गरिमा को आगे बढ़ाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। सारस्वत अतिथि निदेशक, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र सुदेश शर्मा ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा के क्षेत्र में यह मुक्त विश्वविद्यालय एक सशक्त विकल्प बन कर उभरा है। यह आत्मनिर्भर भारत एवं सशक्त भारत में शिक्षा के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान देने वाला विश्वविद्यालय है। इसी क्रम में इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक राजेश प्रसाद ने कहा कि विश्वविद्यालय के साथ मिलकर संग्रहालय विज्ञान में डिप्लोमा कार्यक्रम प्रारंभ किया है, जो काफी लोकप्रिय होगा। कुलपति ने कहा- दूरस्थ शिक्षा में नवाचार का प्रयोग आवश्यक समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य सत्यकाम ने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय को मुख्य धारा में लाने में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमारे शिक्षक निष्ठा एवं कर्तव्य परायणता से कार्य करते हैं जिससे विश्वविद्यालय को एनआईआरएफ रैंकिंग में तीसरा स्थान प्राप्त हुआ हैं। कुलपति ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा प्रणाली में नवाचार का प्रयोग अत्यंत आवश्यक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हम वोकेशनल कोर्सेज को अपने विश्वविद्यालय में शुरू कर रहे हैं। भारतीय ज्ञान परंपरा को उपलब्ध पाठ्यक्रमों के साथ जोड़ने का आह्वान किया। डॉ. सुनील व डॉ. शफीना सम्मानित विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ सुनील कुमार एवं डॉ सफ़ीना समावी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश यादव के निर्देशन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में सुप्रिया सिंह रावत की टीम द्वारा ढेड़िया नृत्य एवं सपना द्विवेदी की टीम द्वारा जिजिया नृत्य प्रस्तुत किया गया। कृष्णराज सिंह द्वारा कबीर वाणी प्रस्तुत की गई। सौरभ ने भजन एवं उन्नति ने छठ गीत प्रस्तुत किया । कार्यक्रम समन्वयक प्रो.पी.के. पांडेय द्वारा किया गया। संचालन डॉ.त्रिविक्रम तिवारी एवं आभार ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया। इस अवसर पर फाफामऊ क्षेत्र के विधायक गुरु प्रसाद मौर्य, किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी टीना मां, कल्पना सहाय, विनय खरे, डॉ एसएस बनर्जी, डॉ एसपी सिंह, प्रोफेसर पंकज खरे, संजय पुरुषार्थी, पूनम मिश्रा, प्रभात चंद मिश्र आदि रहे।
अयोध्या में ‘आत्म भारत’ के अंतर्गत आयोजित महिला सम्मेलन में शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश की उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी आज अयोध्या पहुंचीं। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि वहाँ एनडीए की सरकार बन रही है, क्योंकि लोगों ने विकास और स्थिरता को चुना है। वहीं विपक्ष के आरोपों पर उन्होंने कहा कि अयोध्या, मथुरा और वाराणसी जैसे धार्मिक स्थलों का सरकार ने भव्य और दिव्य रूप से विकास किया है, और यही हमारी प्रतिबद्धता है। अब महिलाएं केवल चूल्हा-चौका तक सीमित नहीं सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि केंद्र में नरेंद्र मोदी और प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़ी है। अब महिलाएं केवल चूल्हा-चौका तक सीमित नहीं, बल्कि देश की दिशा और दशा तय करने में अहम भूमिका निभा रही हैं। अब उत्तर प्रदेश शिक्षा का हब बन रहा है रजनी तिवारी ने कहा कि योगी सरकार बनने से पहले प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त थी। उस समय सरकारें नकल को बढ़ावा दे रही थीं, जिससे युवाओं का भविष्य अंधकार में जा रहा था। लेकिन योगी सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा और मजबूती दी है। अब उत्तर प्रदेश शिक्षा का हब बन रहा है। स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की संख्या बढ़ाने के साथ-साथ गुणवत्ता पर भी जोर दिया गया है।
पश्चिम चंपारण के चनपटिया में रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री कमलेश पासवान ने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए के नेतृत्व में नीतीश कुमार ही बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने उल्लेखनीय प्रगति की है, जो पूरे देश के लिए एक मिसाल है। महिला सशक्तिकरण को महत्वपूर्ण सुधार हुए पासवान के अनुसार, नीतीश कुमार ने बिहार को अपराध और भय से मुक्त कर विकास और विश्वास की राह पर लाने का काम किया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आज बिहार में सड़कों से लेकर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और महिला सशक्तिकरण तक हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं। 'पिछड़ेपन की छवि' से निकालकर 'उत्तम प्रदेश' बनाने की दिशा में अग्रसर उन्होंने 'डबल इंजन' की सरकार को श्रेय देते हुए कहा कि इसने बिहार को 'पिछड़ेपन की छवि' से निकालकर 'उत्तम प्रदेश' बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जोड़ी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने राज्य में ऐसा विकास मॉडल दिया है जिसमें गांव, गरीब, किसान और नौजवान सभी शामिल हैं। अपराधमुक्त और विकासोन्मुखी राज्य बनाने की ओर बिहार महागठबंधन पर निशाना साधते हुए पासवान ने कहा कि विपक्ष के पास न तो कोई स्पष्ट दृष्टिकोण है और न ही विकास की ठोस योजना। उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता यह जानती है कि बिहार को आगे ले जाने वाला नेतृत्व केवल नीतीश कुमार का है। केंद्रीय मंत्री ने अंत में कहा कि एनडीए सरकार ने बिहार को अपराधमुक्त और विकासोन्मुखी राज्य बनाने का जो सपना देखा है, उसे साकार करने के लिए जनता का पूरा समर्थन मिल रहा है। उनके अनुसार, नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार अब एक नए युग की ओर बढ़ रहा है।
पंजाब के हेडमास्टर अब भारतीय प्रबंध संस्थान (IIM) से मैनेजमेंट व लीडरशिप की ट्रेनिंग ले रहे हैं। इसी कड़ी में 50 हेडमास्टर का चौथा बैच आज (2 नवंबर) रवाना हुआ है। इनकी ट्रेनिंग 3 से 7 नवंबर के बीच में होगी। इस ट्रेनिंग में “लीडरशिप और मेंटरशिप स्किल्स” पर फोकस रहेगा। पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि यह कार्यक्रम स्कूलों में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए किया जा रहा है। पांचवां दल 15 से 19 दिसंबर 2025 तक IIM अहमदाबाद में प्रशिक्षण लेगा। प्रिंसिपल्स की फिनलैंड में हुई ट्रेनिंग शिक्षामंत्री ने बताया कि अब तक पंजाब शिक्षा विभाग 234 प्रिंसिपल और शिक्षा अधिकारियों को सिंगापुर, 152 हेडमास्टर को IIM अहमदाबाद और 144 प्राथमिक शिक्षकों को फिनलैंड के विश्वविद्यालय भेज चुके हैं, ताकि विश्वस्तरीय शिक्षा अनुभव पंजाब तक पहुंच सके। उन्होंने कहा कि हम शिक्षकों को सिर्फ प्रबंधन नहीं बल्कि प्रेरणा देने और नवाचार लाने की क्षमता से लैस कर रहे हैं। यही ज्ञान-आधारित नए पंजाब की नींव है। चुनौतियों से लड़ने के काबिल बनाएंगे विभाग की सचिव अनिंदिता मित्रा ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम भविष्यदर्शी शिक्षा नेताओं की नई पीढ़ी तैयार कर रहा है, जो 21वीं सदी की शिक्षा चुनौतियों का सामना कर छात्रों के बेहतर भविष्य की राह बनाएंगे।
जयपुर में नीरजा मोदी स्कूल की छात्रा के चौथी मंजिल से कूदने मामले में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- स्कूल प्रशासन ने शिक्षा अधिकारियों को जांच से रोकने की कोशिश की है तो स्कूल को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। अगर किसी ने जांच में सहयोग नहीं किया तो भविष्य में स्कूल के खिलाफ होने वाली कार्रवाई देखने लायक होगी। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- सरकार जांच कर रही है कि स्कूल को किस नियम के तहत एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) दी गई। वहीं सीबीएसई ने उसे मान्यता किस आधार पर दी। दैनिक भास्कर से बातचीत में शिक्षामंत्री मंत्री दिलावर ने यह कहा। दिलावर ने कहा- प्रतिष्ठित निजी स्कूल में ऐसा हादसा होना आश्चर्यजनक है। सरकार मामले के हर पहलू की गहराई से जांच करवा रही है। ताकि हकीकत का पता चल सके। शिक्षा विभाग-सीबीएसई स्तर पर जांच जारी, जल्द ही तथ्य आएंगे: दिलावर जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में 4th फ्लोर से कूदकर छात्रा ने सुसाइड कर लिया था। 1 नवंबर (शनिवार) को हुई इस घटना का VIDEO भी सामने आया है। इस दर्दनाक घटना को लेकर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि यह घटना बेहद चिंता का विषय है। उन्होंने कहा- राज्य सरकार सख्त रुख में नजर आ रही है। दिलावर ने कहा- सभी बिंदुओं पर शिक्षा विभाग और सीबीएसई दोनों स्तर पर जांच जारी है। जल्द ही जांच के तथ्य हमारे सामने आएंगे। अगर स्कूल प्रशासन किसी भी स्तर पर गलत साबित होता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जांच में बाधा डालने पर भुगतने होंगे परिणामशिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा- अगर यह बात सही पाई गई कि स्कूल प्रशासन ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जांच से रोकने की कोशिश की है तो स्कूल को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। अगर किसी ने जांच में सहयोग नहीं किया तो भविष्य में स्कूल के खिलाफ होने वाली कार्रवाई देखने लायक होगी। सरकार किसी भी दबाव में नहीं आएगी। पीड़ित बच्ची के परिजनों से मिले शिक्षामंत्री शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने बताया- रविवार को मैंने पीड़ित बच्ची के घर पहुंच परिजनों से मुलाकात की। परिजनों से बातचीत में जो बातें सामने आई हैं, उन्हें भी जांच का हिस्सा बनाया जाएगा। दिलावर ने कहा कि जांच के निष्कर्षों के बाद ही सरकार स्कूल प्रशासन के खिलाफ अगला कदम तय करेगी। शिक्षामंत्री ने प्राइवेट स्कूलों को दी चेतावनी मदन दिलावर ने स्पष्ट कहा कि यह मामला सिर्फ नीरजा मोदी स्कूल तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा कि राजस्थान के सभी निजी स्कूलों को शिक्षा विभाग की गाइडलाइन के अनुरूप ही संचालन करना होगा। अगर किसी भी स्कूल ने नियमों की अनदेखी की या विभागीय दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया तो उसके खिलाफ नियमों के तहत सख्त कार्रवाई होगी। सरकार किसी भी स्तर पर अनियमितताओं या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगी। शिक्षा विभाग और सीबीएसई की टीम संयुक्त जांच कर जल्द ही शिक्षा मंत्री को रिपोर्ट सौंपेंगे। रिपोर्ट के आधार पर स्कूल प्रबंधन, प्राचार्य और अन्य जिम्मेदारों पर कार्रवाई तय की जाएगी। सरकार का कहना है कि मामले को नजीर के रूप में लिया जाएगा, ताकि भविष्य में कोई भी संस्थान लापरवाही या नियम उल्लंघन करने से पहले सौ बार सोचे। स्कूल बिल्डिंग से छात्रा के कूदने की यह खबरें भी पढ़िए... जयपुर में नीरजा मोदी स्कूल की बिल्डिंग से छात्रा कूदी,VIDEO:रेलिंग पर चढ़कर छलांग लगा दी; वॉशरूम जाने की परमिशन लेकर क्लास से निकली थी जयपुर में नीरजा मोदी स्कूल में 4th फ्लोर से कूदकर छात्रा ने सुसाइड कर लिया। 1 नवंबर (शनिवार) को हुई इस घटना का VIDEO सामने आया है। करीब 10 सेकेंड के CCTV फुटेज में पहले बच्ची स्कूल की रेलिंग पर चढ़कर बैठती है। इसके बाद नीचे कूद जाती है। (पूरी खबर पढ़ें) जयपुर के DEO बोले-नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता रद्द होगी:बच्ची की मौत; शिक्षामंत्री की टीम दरवाजा पीटती रही, न प्रिंसिपल मिली, न कोई अधिकारी मानसरोवर के शिप्रापथ रोड स्थित नीरजा मोदी स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा अमायरा की मौत के बाद स्कूल का लापरवाह रवैया सामने आया। छात्रा की मौत का मामला सामने आने के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जांच के लिए शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों को मौके पर भेजा। डेढ़ घंटे तक न प्रिंसिपल और न ही स्कूल प्रबंधन ने शिक्षा विभाग की टीम से मुलाकात की। टीम के सामने दरवाजे के ताला लगा दिया। (पूरी खबर पढ़ें)
दुर्ग जिले में रविवार को छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव राज्योत्सव मनाया जा रहा है। कार्यक्रम पुराना गंज मंडी, गंजपारा दुर्ग में शाम को 5.30 बजे से शुरू होगी। राज्योत्सव कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम की शुरुआत विकास कार्यों के प्रदर्शनी का अवलोकन से शुरू होगी। इसके बाद स्थानीय लोक कलाकारों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति होगी। इस कार्यक्रम में जिले के तमाम जनप्रतिनिधि शामिल होंगे। छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में विशिष्ट अतिथि के रूप में सांसद विजय बघेल शामिल होंगे। कार्यक्रम में भाग लेने के लिए जिला प्रशासन ने दुर्ग, बेमेतरा और भिलाई क्षेत्र के विधायकों, महापौरों और जनप्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया है, जिनमें भूपेश बघेल, ललित चन्द्राकर, देवेन्द्र यादव, दीपेश साहू, जितेन्द्र साहू, अलका बाघमार, शशि सिन्हा, डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, रिकेश सेन, राकेश पाण्डेय, सरस्वती बंजारे, नीरज पाल और निर्मल कोसरे शामिल हैं। 2 से 4 नवंबर तक होंगे आयोजन राज्योत्सव के अवसर पर दुर्ग में 2 से 4 नवंबर तक अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मुख्य आयोजन स्थल पुराना गंज मंडी गंजपारा निर्धारित किया है। रविवार सुबह 8 बजे से ही कार्यक्रम समाप्ति तक दुर्ग शहर में भारी वाहनों का प्रवेश पूर्णत: प्रतिबंधित कर दिया गया है। कार्यक्रम स्थल के मुख्य द्वार के सामने दो प्रवेश द्वार बनाए गए हैं, जिनसे आमंत्रित अतिथि और दर्शक अंदर प्रवेश करेंगे। पीछे के दरवाजे से आएंगे वीवीआईपी वीवीआईपी के लिए अलग प्रवेश द्वार स्थल के पिछले हिस्से में बनाया गया है, ताकि विशिष्ट अतिथियों के आगमन और प्रस्थान में कोई व्यवधान न हो। वीवीआईपी और वीआईपी वाहनों की पार्किंग भी स्थल के पीछे ही निर्धारित की गई है। आम नागरिकों के लिए पार्किंग की व्यवस्था पुलिस लाइन, दुर्ग और जेआरडी स्कूल, दुर्ग में की गई है। जहां पर्याप्त स्थान के साथ पुलिस बल भी तैनात रहेगा। प्रत्येक पार्किंग स्थल से कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने के लिए दिशा-सूचक बोर्ड और मार्ग संकेतक लगाए गए हैं। शहर में आने वाले भारी वाहनों की डायवर्जन व्यवस्था पुलगांव चौक से आने वाले भारी वाहनों को बाइपास मार्ग की ओर मोड़ा जाएगा। धमधा नाका की दिशा से आने वाले वाहनों को नेहरू नगर मार्ग पर भेजा जाएगा। इसी प्रकार गुरुद्वारा तिराहा और नेहरू नगर क्षेत्र से आने वाले वाहनों को वैकल्पिक मार्गों पर डायवर्ट किया जाएगा। कार्यक्रम स्थल के आसपास के मार्गों को ‘नो व्हीकल जोन’ घोषित किया गया है, जहां केवल अधिकृत वाहन और आपातकालीन सेवाओं को ही प्रवेश की अनुमति होगी। जगह-जगह पुलिस बल तैनात कार्यक्रम स्थल और उसके आसपास के प्रमुख मार्गों पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात है। हर सेक्टर में एक-एक ड्यूटी प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। महिला अधिकारी, यातायात आरक्षक भीड़ नियंत्रण, पार्किंग संचालन और पैदल यात्री मार्ग व्यवस्था की जिम्मेदारी संभालेंगे। कार्यक्रम स्थल के पास एक पुलिस सहायता केंद्र स्थापित किया गया है, जहां नागरिकों को त्वरित सहायता और दिशा-निर्देश मिलेंगे। संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और फील्ड पेट्रोलिंग टीमें लगातार सक्रिय रहेंगी।
स्कूल शिक्षा विभाग:खुदखुशी रोकने शिक्षण संस्थानों में अब तैनात होंगे मनोरोग विशेषज्ञ
शैक्षणिक संस्थानों में बढ़ती छात्र आत्महत्याओं को रोकने सुप्रीम कोर्ट के सुझावों के आधार पर स्कूल शिक्षा विभाग ने नई गाइडलाइन तैयार की है। इसे सभी जिलों के कलेक्टरों को भेजते हुए निर्देश दिया गया है कि प्रदेशभर के सरकारी व निजी स्कूल, प्रशिक्षण केंद्र, कोचिंग संस्थान, आवासीय अकादमी और छात्रावासों में इनका पालन सुनिश्चित किया जाए। समग्र शिक्षा राज्य परियोजना ने 14 बिंदुओं में गाइडलाइन जारी की है। प्रदेश सरकार ने स्वीकार किया है कि कोविड-19 के दौरान छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ा है, जिससे आत्महत्या के मामलों में वृद्धि हुई है। इस पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग ने संस्थानों में मनोवैज्ञानिक सहायता और सुरक्षा उपाय लागू करने के निर्देश दिए हैं। गाइडलाइन के अनुसार, 100 या उससे अधिक छात्रों वाले सभी संस्थानों को प्रमाणित परामर्शदाता, मनोवैज्ञानिक या सामाजिक कार्यकर्ता की नियुक्ति करनी होगी। वहीं, छोटे संस्थान बाहरी परामर्शदाताओं से रेफरल व्यवस्था बनाएंगे। हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्तर पर इग्नू से गाइडेंस एंड काउंसलिंग डिप्लोमा प्राप्त शिक्षकों की सेवाएं भी ली जा सकेंगी। निजी स्कूलों को भी जरूरत पड़ने पर काउंसलरों की सेवाएं लेना अनिवार्य होगा। संस्थानों में लगे पंखों में सुरक्षा उपकरण लगाना, छत और बालकनी तक छात्रों की पहुंच सीमित करना और छात्रावासों को उत्पीड़न से मुक्त रखना आवश्यक किया गया है। अब मेधावी छात्रों का अलग बैच नहीं बनेगाशिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान में छात्रों की क्षमता या प्रदर्शन के आधार पर अलग बैच नहीं बनाए जाएंगे। शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने इस संबंध में सभी जिलों के कलेक्टरों को पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। छात्रावासों, कक्षाओं, सार्वजनिक स्थलों और अपनी वेबसाइट पर हेल्पलाइन नंबर 8448440632 स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना जरूरी होगा। माता-पिता और अभिभावकों के लिए नियमित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना होगा। जिला स्तरीय निगरानी समिति का गठन भी होगाआत्महत्या रोकथाम उपायों के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय निगरानी समिति गठित की जाएगी। इसमें शिक्षा, महिला एवं बाल विकास, आदिवासी विकास, समाज कल्याण, पुलिस, स्वास्थ्य, बाल संरक्षण विभागों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ कलेक्टर द्वारा नामित दो सिविल सोसायटी सदस्य और दो शिक्षाविद शामिल होंगे। छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित गतिविधियों, रेफरल, प्रशिक्षण और हस्तक्षेपों का गोपनीय रिकॉर्ड रखकर वार्षिक रिपोर्ट तैयार करनी होगी। भास्कर एक्सपर्ट - प्रो. संदीप शुक्ला, मनोवैज्ञानिक गलत कदम न उठाएं, मां-पिता को आपसे काफी उम्मीदें बहुत से माता-पिता हैं, जिन्हें अपने समय में अवसर और सुख-सुविधाएं नहीं मिल पाईं। उनके अधूरे सपनों के कारण वे अपने बच्चों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश करते हैं ताकि बच्चे समाज में सम्मान पा सकें। उन्हें अपने बच्चों से काफी उम्मीदें रहती हैं। इसलिए, बच्चों को चाहिए कि लगन और मेहनत के साथ अपने कॅरियर पर ध्यान दें और कभी गलत कदम न उठाएं।
उच्च शिक्षा विभाग ने दी सफाई, कहा- 3 माह पहले काम करने से रोकने का कोई आदेश नहीं
भास्कर एक्सक्लूसिव प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों के अधिकारों और विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता पर उठ रहे सवालों के बीच उच्च शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि सरकार की ओर से कुलपतियों को उनके कार्यकाल के अंतिम तीन महीनों में निर्णय लेने या बैठकों का संचालन करने से रोकने का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। यह जवाब विभाग ने वरिष्ठ भाजपा विधायक प्रताप सिंह सिंघवी द्वारा विधानसभा में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में दिया है। विभाग ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा इस प्रकार का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। शिक्षाविदों का कहना है कि विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता संविधान और विश्वविद्यालय अधिनियमों द्वारा संरक्षित है। वो सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं 2. विधायक सिंघवी के पांच प्रश्नों में से चार का जवाब ही नहीं मिला विधायक प्रताप सिंह सिंघवी ने कुलपतियों के अधिकारों से जुड़े पांच प्रश्न उठाए। इनमें से चार प्रश्नों का सरकार ने कोई जवाब ही नहीं दिया। {एक प्रश्न यह भी था कि राजभवन का ऐसा आदेश किस विधिक प्रावधान अथवा विश्वविद्यालय अधिनियम की किस धारा के अंतर्गत जारी किया गया? जब कुलपतियों की नियुक्ति तीन वर्षों के लिए होती है, तब उनके अंतिम महीनों में अधिकार सीमित करना क्या विधि के अनुकूल है? 1. राजभवन सचिवालय के 2022 का एक परिपत्र विवाद का कारण फरवरी 2022 को राज्यपाल सचिवालय की ओर से जारी एक सर्कुलर के अनुसार, कुलपति अपने कार्यकाल के अंतिम तीन महीनों में किसी भी प्रकार के नीतिगत या प्रशासनिक निर्णय नहीं लेंगे। इसके बाद यह परंपरा बन गई कि कुलपति कार्यकाल के अंतिम चरण में मीटिंग, चयन प्रक्रिया या नियुक्तियां नहीं करते। हालांकि विधानसभा में प्रस्तुत जवाब में सरकार ने इस परिपत्र को राजभवन का निर्देश बताते हुए स्पष्ट किया है कि विभाग की ओर से कोई बाध्यता नहीं लगाई गई है। फरवरी 2022 में तत्कालीन राज्यपाल कलराज मिश्र के निर्देश पर राजभवन ने हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में चल रही शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को रोकने के लिए एक सर्कुलर जारी किया था। उस समय कुलपति ओम थानवी शिक्षकों की चयन प्रक्रिया संचालित कर रहे थे, जिसे रोकने के लिए राजभवन के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार ने यह आदेश जारी किया था। यही आदेश आगे चलकर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में लागू कर दिया गया, जो अब तक विवाद का कारण बना हुआ है। क्या है मामला कुलपतियों को तीन माह पहले किसी तरह के निर्णय से रोकना कानून का उल्लंघन है। राजभवन द्वारा जारी कोई परिपत्र इस अधिकार में हस्तक्षेप करता है, तो यह स्वायत्तता पर प्रश्नचिह्न है। कुलपतियों को कार्यकाल के अंत तक पूर्ण अधिकार प्राप्त होते हैं। नीतिगत सतर्कता अलग बात है, पर काम पर रोक लगाना विपरीत है। -तनवीर अहमद, एडवोकेट, राजस्थान उच्च न्यायालय कुलपतियों के कार्यकाल के अंतिम तीन माह को लेकर विधानसभा में सवाल लगाया था। काम करने से रोकना विधि द्वारा स्थापित अधिनियमों के अनुकूल नहीं है। राजभवन को इस आदेश पर पुनर्विचार करना चाहिए।-प्रतापसिंह सिंघवी, विधायक, छबड़ा भास्कर EXPLAINER
भाजपा विधायक राजेश सिंह ने मोहिउद्दीन नगर विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में और अधिक काम करने की आवश्यकता है। विधायक राजेश सिंह ने दर्जनों पंचायतों का दौरा किया और मतदाताओं को अपने पक्ष में करने का प्रयास किया। उन्होंने बताया कि एनडीए गठबंधन सरकार द्वारा क्षेत्र में विकास कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने पिछले पांच वर्षों में हुए विकास कार्यों का उल्लेख किया और जनता से अगले पांच वर्षों के लिए समर्थन मांगा। विधायक ने वादा किया कि यदि उन्हें दोबारा मौका मिलता है तो वे शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष रूप से कार्य करेंगे।। मोहिउद्दीन नगर विधानसभा सीट सामान्य श्रेणी की है और यह उजियारपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है। यह सीट बिहार के राजनीतिक बदलावों का प्रतीक रही है और हर चुनाव में कड़े मुकाबले देखने को मिलते हैं। इस सीट का राजनीतिक सफर 1952 में शुरू हुआ था। आजादी के बाद से 1990 तक यह कांग्रेस पार्टी का गढ़ मानी जाती थी, जिस पर कांग्रेस का बड़ा प्रभाव रहा। इस सीट पर किसी भी उम्मीदवार के लिए दोबारा जीत हासिल करना एक बड़ी चुनौती रही है। यहां भाजपा, जदयू, लोजपा और राजद-कांग्रेस गठबंधन के बीच हमेशा कड़ा मुकाबला देखने को मिला है। 1990 के बाद से, स्वर्गीय रामचंद्र राय को छोड़कर, कोई भी नेता लंबे समय तक इस सीट पर काबिज नहीं रह पाया है। यह दर्शाता है कि यहां की जनता अक्सर नए नेतृत्व को अवसर देती है। वर्तमान में, भाजपा विधायक राजेश कुमार के लिए अपनी सीट बचाना एक चुनौती है। वहीं, राजद की पिछली विधायक एज्या यादव या किसी अन्य उम्मीदवार के लिए भी इस सीट पर जीत हासिल करना आसान नहीं होगा। 1990 तक इस सीट पर रहा कांग्रेस का कब्जा 1952 में कांग्रेस के रामरूप प्रसाद राय यहां से पहले विधायक बने। वैसे इस सीट के इतिहास में बिहार विभूति के नाम से विख्यात डॉ. अनुग्रह नारायण सिंह, शांति देवी, प्रेमलता राय, कपिलदेव सिंह, राणा गंगेश्वर प्रसाद सिंह, अजय कुमार बुल्गानिन सरीखे लोगों का भी नाम दर्ज है। जिन्होंने इस विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया है। 2020 में बीजेपी ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाया था। इस सीट पर व्यक्तिगत कद और जातीय समीकरणों का बड़ा प्रभाव रहा है। 2020 का विधानसभा चुनाव बेहद रोमांचक था। जहां बीजेपी के राजेश कुमार सिंह ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने आरजेडी के एज्या यादव को हराया था। इससे पहले इस सीट के समीकरण बिल्कुल अलग थे। तब एज्या यादव ने राजेश सिंह को हरा दिया था। उस समय वह निर्दलीय के रूप में लड़े थे। इस सीट पर मतदाताओं का गणित भी समझ लें इस सीट पर जातीय प्रभाव हमेशा से रहा है। यह एक सामान्य सीट है, लेकिन यादव वोटर बाहुल्य है। यहां यादव वोटर 30 फीसदी से अधिक है। जो किसी भी चुनाव का रुख पलटने की क्षमता रखता है। यही कारण है कि आरजेडी को इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ का लाभ हमेशा मिला। करीब 15 फीसदी के आसपास मुस्लिम वोटर हैं। ये मुस्लिम और यादव मिलकर आरजेडी के लिए बड़ा वोट बैंक तो खड़ा कर ही देते हैं। 2011 की जनगणना और 2020 की मतदाता सूची के विश्लेषण के आधार पर मोहिउद्दीननगर विधानसभा में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 45,464 है, जो कुल मतदाताओं का लगभग 17.19 फीसदी है। अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं की संख्या बेहद कम है जो कुल मतदाताओं का सिर्फ 0.01 फीसदी है। आधिकारिक मतदाता सूची विश्लेषण के अनुसार, मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 14,546 है जो कुल मतदाताओं का लगभग 5.5 फीसदी है। 2011 की जनगणना के अनुसार, मोहिउद्दीननगर में ग्रामीण मतदाताओं की संख्या 264,479 है जो कुल मतदाताओं का 100 फीसदी है। गौरतलब है कि बिहार में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसमें पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को होना है। वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी। वर्तमान में उक्त विधानसभा क्षेत्र से एनडीए समर्थित भाजपा से जहां एक बार फिर राजेश कुमार सिंह चुनावी मैदान में हैं तो महागठबंधन ने एक बार फिर पूर्व विधायक एज्या यादव है। हालांकि दोनों गठबंधन अलावे भी कई उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। जिनमें लालू के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल के टिकट पर पूर्व विधायक अजय कुमार बुल्गानिन एवं जनसुराज से राजकपूर सिंह, तो बहुजन समाजवादी पार्टी से प्रो. अमरेन्द्र कुमार यादव सरीखे उम्मीदवार भी उक्त दोनों महागठबंधन का खेल बिगाड़ने में पुरजोर प्रयास करते दिख रहे हैं। मोहिउद्दीननगर विधानसभा से 12 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं।
देवास में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट के मुख्य आतिथ्य में मध्यप्रदेश स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यह कार्यक्रम जिला स्तर पर मल्हार स्मृति मंदिर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मध्यप्रदेश गान से हुआ। इसके बाद लोक गायक शंकरलाल धौलपुरिया और उनकी टीम ने सांस्कृतिक व देशभक्ति गीतों की प्रस्तुतियां दीं। घुंघरू नृत्य संस्थान की बालिकाओं ने भी नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों का मन मोह लिया। इस अवसर पर देवास विधायक गायत्री राजे पवार, हाटपीपल्या विधायक मनोज चौधरी, बागली विधायक मुरली भंवरा और महापौर गीता अग्रवाल सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। अपने संबोधन में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मध्यप्रदेश को देश का हृदय स्थल बताया और सभी को स्थापना दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार प्रदेश में लगातार विकास कार्य कर रही है, जिससे प्रगति और उन्नति हो रही है। सरकार आत्मनिर्भर और विकसित भारत के लिए कार्य कर रही है, जिसमें विकसित मध्यप्रदेश का योगदान महत्वपूर्ण है। मंत्री सिलावट ने जोर दिया कि देश की आत्मा गांवों में बसती है और गांवों के विकास से ही देश का विकास संभव है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के हर गांव में सड़क, बिजली और घर-घर पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि मध्यप्रदेश के किसानों ने गेहूं उत्पादन में पंजाब को पीछे छोड़ दिया है। शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि समाज की दशा और दिशा शिक्षा के माध्यम से बदली जा सकती है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में विश्वविद्यालय और विद्यालय बनाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति को मध्यप्रदेश सरकार ने सबसे पहले लागू किया। प्रदेश में वर्तमान में 17 मेडिकल कॉलेज हैं और पीपीपी मोड पर और मेडिकल कॉलेज बनाए जाएंगे। इस दौरान अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी सभा को संबोधित किया।
मानसरोवर के शिप्रापथ रोड स्थित नीरजा मोदी स्कूल में चौथी कक्षा की छात्रा अमायरा की मौत के बाद स्कूल का लापरवाह रवैया सामने आया। छात्रा की मौत का मामला सामने आने के बाद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जांच के लिए शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों को मौके पर भेजा। डेढ़ घंटे तक न प्रिंसिपल और न ही स्कूल प्रबंधन ने शिक्षा विभाग की टीम से मुलाकात की। टीम के सामने दरवाजे के ताला लगा दिया। टीम डेढ़ घंटे तक दरवाजा पीटती रही और आखिर में थक कर बिना प्रिंसिपल या स्कूल प्रबंधन से मिले लौट गई। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… नीरजा मोदी स्कूल की प्रिंसिपल पूनम दवे घटना के बाद से ही स्कूल में थीं, लेकिन उन्होंने किसी से मुलाकात नहीं की। पूरा दिन बीत जाने के बाद भी अपना पक्ष रखने के लिए सामने नहीं आईं। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के आदेश पर 6 अधिकारियों का दल दोपहर करीब 3 बजे स्कूल पहुंचा था। स्कूल प्रबंधन से कोई उनसे मिलने नहीं आया। डेढ़ घंटे तक स्कूल के अलग-अलग परिसर में भटकने के बाद विभाग के अधिकारी गेट पर आकर खड़े हो गए। जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) राम निवास शर्मा ने चपरासी कल्पेश से प्रिंसिपल तक विभाग की टीम के आने की सूचना देने को कहा। इस पर कल्पेश बिना कुछ कहे चला गया। थोड़ी देर बाद लौटा और गेट के मुख्य द्वार पर ताला जड़कर अंदर चला गया। अधिकारियों के दरवाजा पीटने पर भी चपरासी ने पलटकर नहीं देखा। अधिकारी बोले- कार्रवाई करेंगेभास्कर ने मामले में जिला शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक) राम निवास शर्मा से सवाल किया कि- स्कूल प्रबंधन और प्रिंसिपल पूनम दवे ने जिस तरह का गैर जिम्मेदार रवैया दिखाया है, ऐसे में वे मामले की जांच में कितना सहयोग करेंगी? इस पर रामनिवास शर्मा ने कहा- स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई करेंगे। मान्यता रद्द की जाएगी। शर्मा ने बताया कि वो काफी देर से प्रिंसिपल से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वो मिल नहीं रही। जब भास्कर ने उनसे प्रिंसिपल का नाम पूछा तो उन्हें सरनेम दवे के अलावा पूरा नाम तक नहीं मालूम था। न ही उनके पास प्रिंसिपल का नंबर था। ये सब जब हो रहा था, तब मानसरोवर थानाधिकारी लखन खटाना पुलिस टीम के साथ वहीं मौजूद थे। जांच में सहयोग न करने पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना था कि अभी तक स्कूल प्रबंधन या स्टाफ से कोई व्यक्ति सामने नहीं आया है। न ही कोई उनसे इस पूरे मामले में बात करने के लिए तैयार है। पूरे मामले में स्कूल की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान सामने आया है। काफी देर तक जब स्कूल प्रबंधन से कोई बात करने नहीं आया तो शिक्षा विभाग की टीम लौट गई। मां शिवानी सदमे में, बोलीं- 'मैंने अपनी बच्ची को मार दिया' बच्ची की मां शिवानी देव बैंक ऑफ ऑफ बड़ौदा, मालवीय नगर में बैंक मैनेजर की पोस्ट पर हैं। मेट्रो मास हॉस्पिटल की इमरजेंसी में वो कभी अपने पति विजय मीणा तो कभी अपनी सास से बच्ची से उसे मिलाने और उन दोनों को घर ले चलने को कहती नजर आई। बोलीं- 'अब तो मैंने ब्लड भी दे दिया है। मेरी बच्ची अब ठीक हो जाएगी। तुम लोग उसे मेरे पास लाते क्यूं नहीं? फिर कभी पति विजय तो कभी सास कमली को रोने से रोक देती। कहती- क्यों रो रहे हो सब? उसे कुछ हुआ थोड़ी न है, तुम सब रोना बंद करो। कोई नहीं रोएगा।' घरवाले और रिश्तेदार उन्हें संभालने की कोशिश कर रहे थे। शिवानी बार-बार एक ही बात दोहरा रही थी- 'आज मैंने मेरी बच्ची को मारा। एक छोटी सी बात पर मैंने उसे मारा, इसलिए मेरी बच्ची मुझसे रूठ गई। मैंने उसे मार दिया। मैंने अपनी बच्ची को मार दिया। आई हैव किल्ड हर। मैं बहुत गंदी मम्मा हूं।' पूरा इमरजेंसी वार्ड शिवानी की चीखों से गूंज रहा था। वहीं अमायरा के पिता विजय चुपचाप बैठे थे। शिवानी उन्हें भी बार-बार झकझोर रही थीं- तुम कुछ कहते क्यों नहीं? कुछ भी करके मेरी बच्ची को वापस ले आओ। विजय हादसे के बाद से ही खामोश थे। उन्हें दोपहर करीब 1 बजे बेटी के गिरने की सूचना मिली थी। पिता ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ लिखित एफआईआर में बताया कि- न तो उन्हें घटनास्थल दिखाया गया न ही इतनी बड़ी घटना की वास्तविक भयावहता बताई गई। बाद में भी स्कूल प्रबंधन ने समुचित जानकारी नहीं दी। उन्होंने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। ..................... ये खबर भी पढ़ें... नीरजा मोदी स्कूल में 4th फ्लोर से कूदी छात्रा, मौत:पसलियां टूटी; स्कूल प्रबंधन ने सबूत मिटाए, पिता ने FIR दर्ज कराई जयपुर में नीरजा मोदी स्कूल में 4th फ्लोर से कूदी छात्रा की मौत हो गई। वह 4th क्लास में पढ़ती थी। घटना शनिवार दोपहर 1:30 बजे की है। झाड़ियों में गिरने पर छात्रा का सिर दीवार से टकराया। चीख सुनकर स्टाफ पहुंचा। (यहां पढ़ें पूरी खबर)
संघ का शिक्षा एजेंडा : न पढ़ेंगे न पढ़ने देंगे
विवादित पाठ्य पुस्तकों में, इन्हीं विषयों की पिछली पाठ्य पुस्तकों से जो भारी बदलाव किए गए हैं
देश के कई विद्यालयों में सुबह की प्रार्थना सभा में सुविचार प्रस्तुत करने की परंपरा है, विद्यालयों के श्यामपट (ब्लैकबोर्ड) पर भी सुविचार लिखे होते हैं
4 साल की उम्र में श्रेया घोषाल ने ली संगीत की शिक्षा, अमेरिका में मनाया जाता है 'श्रेया घोषाल दिवस'
बॉलीवुड की फेमस सिंगर श्रेया घोषाल 12 मार्च को अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। अपनी सुरीली आवाज से लाखों लोगों को दिवाना बनाने वाली श्रेया का जन्म 1984 में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुआ था। उन्होंने बेहद कम समय में अपनी सुरीली आवाज से बड़ी ...
दिल्ली में झुग्गी में रहने वाले एक पिता ने, जो चाय बेचते हैं, उन्होंने अपनी बेटी को आखिरकार CA बना दिया। जहां एक ओर लोगों ने कहा, क्यों अपनी बेटी को जरूरत से ज्यादा पढ़ा रहे हो, इसकी शादी करवा देनी चा
NEET UG रिजल्ट को लेकर अभी भी जारी है गुस्सा, छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के पास किया विरोध प्रदर्शन
नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए छात्रों ने सोमवार को शिक्षा मंत्रालय के पास विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा परिणाम में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की। आइए जानते हैं, क्या है पूरा म
बेसिक शिक्षा : दो महीने बाद भी 1.38 लाख छात्रों का डेटा नहीं हुआ अपडेट
बेसिक शिक्षा विभाग के यू डायस पोर्टल पर डेटा अपडेट करने का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है। हाल ये है कि दो महीने में महज 1.38 लाख छात्रों डेटा भी अपडेट नहीं हुआ। विभाग ने अब 5 जून तक इसे पूरा करने क
स्कूलों में कैसे पढ़ा रहे हैं शिक्षक, वीडियो में देखेगा शिक्षा विभाग, होगी रिकॉर्डिंग
शिक्षा विभाग वीडियो के जरिए देखेगा कि परिषदीय स्कूलों के शिक्षक छात्रों को कैसे पढ़ाते हैं। बता दें. छात्रों को पढ़ाते हुए शिक्षकों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। आइए जानते हैं विस्तार से।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति : यूपी बोर्ड ने दिए निर्देश, एनईपी लागू करने को स्कूल बनाएंगे प्लान
यूपी बोर्ड से जुड़े 27 हजार से अधिक स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने के लिए स्कूल स्तर पर योजना बनाई जाएगी। एनईपी 2020 के विषय में विद्यालयों में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
बॉलीवुड का ये सुपरस्टार युवाओं को IAS बनाने के लिए मुफ्त में देगा शिक्षा, योजना से अबतक जुड़ चुके है7000 युवा
राम बनने के लिएधनुष-बाण चलाने की शिक्षा ले रहे है Ranbir Kapoor, एक्टर केआर्चरी ट्रेनर ने शेयर की तस्वीरें

