वित्त रहित शिक्षा...75% अनुदान वृद्धि का प्रस्ताव लंबित, वार्ता के बाद लागू
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव से गुरुवार को वित्त रहित संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधियों की लंबित मांगों को लेकर वार्ता हुई। इसमें 75% अनुदान राशि की वृद्धि, अनुदान भुगतान की प्रक्रिया, 21 स्कूलों को अब तक राशि नहीं मिलने तथा सावित्रीबाई फुले बालिका समृद्धि योजना सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। प्रतिनिधियों ने सचिव के समक्ष कहा कि 75% अनुदान वृद्धि के प्रस्ताव पर अब तक मंत्रिपरिषद की सहमति नहीं बन सकी है, जबकि सरकार ने विधानसभा में एक अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में यह आश्वासन दिया था कि अगला शैक्षणिक सत्र बाधित नहीं होगा और सरकार इस दिशा में प्रयासरत है। इस पर शिक्षा सचिव ने स्पष्ट किया कि सरकार के आदेश की प्रतीक्षा कर रहे हैं। संचिका विभाग के पास है। आप लोग थोड़ा धैर्य रखें। बातचीत में रघुनाथ सिंह, संजय कुमार, गणेश महतो, देवनाथ सिंह, फजलूल कादिर अहमद, हरिहर प्रसाद कुशवाहा एवं नरोत्तम सिंह शामिल थे। अनुदान की राशि सीधे विद्यालयों के खाते में भेजने के सवाल पर शिक्षा सचिव ने बताया कि वित्त विभाग सीधे भुगतान के पक्ष में नहीं है। इस विषय में वित्त विभाग से मार्गदर्शन मांगा गया था, लेकिन वित्त विभाग ने इस व्यवस्था पर आपत्ति जताई है। 21 विद्यालयों को अब तक अनुदान राशि नहीं मिलने का मुद्दा भी उठाया। इस पर शिक्षा सचिव ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में है। इसके बाद माध्यमिक निदेशक तक अनुदान राशि नहीं मिलने का मुद्दा भी उठाया। इस पर शिक्षा सचिव ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में है।
कॉलेज शिक्षा महंगी: अब विद्यार्थियों को प्रति सेमेस्टर देनी होगी 1900 रुपए अतिरिक्त फीस
जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू) ने परीक्षा शुल्क को डेढ़ गुना बढ़ा दिया है। इसके विरोध में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने राजकीय महाविद्यालय के मुख्य गेट पर प्रदर्शन किया और कुलगुरु के नाम प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा। छात्र नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय शिक्षा को सेवा के बजाय व्यापार बनाने पर तुला है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विद्यार्थियों ने विश्व विद्यालय द्वारा बढ़ाए गए परीक्षा शुल्क का विरोध किया तथा कॉलेज के गेट बंद किए। इस दौरान सभी विद्यार्थी कॉलेज परिसर के बाहर एकत्रित हुए। उन्होंने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने भी विद्यार्थियों का समर्थन करते हुए इस फैसले को अनैतिक बताया तथा परीक्षा शुल्क को कम करने की मांग की। छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया और लंबित स्कॉलरशिप खातों में नहीं डाली गई, तो आगामी दिनों में विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी कॉलेजों में तालाबंदी कर काम ठप कर दिया जाएगा। विद्यार्थियों ने बताया कि पहले प्रति सेमेस्टर परीक्षा शुल्क 1200 रुपए था, जिसे अब बढ़ाकर 3100 रुपए कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार और संस्थान का काम न्यूनतम शुल्क में शिक्षा देना है, लेकिन यहां फीस को सीधे डेढ़ गुना बढ़ा दिया गया है। कुलपति से आश्वासन के बाद थमा प्रदर्शन एबीवीपी कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों ने कॉलेज परिसर में नारेबाजी करते हुए कुलपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान छात्रों के विरोध को देख प्रशासन सक्रिय हुआ। साथ ही छात्र नेताओं की कुलपति से फोन पर वार्ता करवाई गई, जिसमें फीस वृद्धि पर पुनर्विचार करने का आश्वासन मिलने के बाद ही विद्यार्थी शांत हुए। एबीवीपी इकाई अध्यक्ष महिपालसिंह आगोर ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन शिक्षा का बाजारीकरण कर रहा है। यदि बढ़ी हुई फीस तुरंत वापस नहीं ली गई और पुरानी फीस बहाल नहीं हुई, तो एबीवीपी पूरे संभाग के महाविद्यालयों में उग्र प्रदर्शन करेगी। हम शिक्षा के अधिकार को व्यापार नहीं बनने देंगे। विश्व विद्यालय द्वारा प्रति सेमेस्टर परीक्षा शुल्क 1200 रुपए था, जिसे अब बढ़ाकर 3100 रुपए कर दिया गया है। जिसके कारण प्रत्येक विद्यार्थी पर प्रति सेमेस्टर परीक्षा शुल्क 1900 रुपए का अतिरिक्त भार बढ़ गया है। प्रत्येक छह माह के सेमेस्टर में होने वाली परीक्षा को लेकर प्रत्येक विद्यार्थी को इस अतिरिक्त 1900 रुपए का परीक्षा शुल्क जमा करवाना पड़ेगा। ऐसे में प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को यही 1900 रुपए परीक्षा शुल्क तृतीय वर्ष तक 6 बार चुकाना होगा। प्रथम वर्ष में पढ़ने वाले विद्यार्थी को अपनी स्नातक पूर्ण करने तक 11,400 रुपए अतिरिक्त शुल्क जमा करवाना होगा। पीजी कॉलेज में पढ़ने वाले 3500 विद्यार्थियों से प्रति सेमेस्टर परीक्षा शुल्क के नाम पर अतिरिक्त 66 लाख रुपए से अधिक की वसूली होगी।
नई शिक्षा नीति में भले ही प्री-प्राइमरी कक्षाओं का प्रावधान कर दिया गया हो, लेकिन राजस्थान में अब तक प्री-प्राइमरी स्कूलों को मान्यता देने के नियम कायदे ही तय नहीं हैं। प्रदेश में 15 हजार से अधिक प्री-प्राइमरी स्कूल प्ले स्कूलों के नाम से बिना मान्यता चल रहे हैं। गली मोहल्लों में छोटे-छोटे मकानों में संचालित यह प्ले स्कूल मर्जी के मालिक हैं। इनको न मान्यता लेनी पड़ती है और ना ही आरटीई सहित विभाग के कोई प्रावधान इन पर लागू होते हैं। नर्सरी से पढ़ाई शुरू करके आठवीं, 10वीं और 12वीं तक संचालित स्कूलों में तो कोई परेशानी नहीं है, लेकिन नई शिक्षा नीति में प्री-प्राइमरी का प्रावधान होने से शिक्षा विभाग को इन स्कूलों को भी मान्यता के दायरे में लाना होगा, इसलिए जरूरी है कि मान्यता के नियम भी तय हों। पिछले दिनों छत्तीसगढ़ ने भी प्ले स्कूलों की मान्यता के नियम तय किए हैं। राजस्थान में शिक्षा विभाग पता नहीं कब नियम बनाएगा? इससे पहले दैनिक भास्कर शिक्षा विभाग को बता रहा है कि इन प्ले स्कूलों की मान्यता के नियमों में क्या-क्या प्रावधान होने चाहिए? भास्कर ने शिक्षा विभाग के रिटायर और वर्तमान अधिकारी, निजी स्कूल संचालक, कानून के जानकार और अभिभावकों से बात करके नियमों का पूरा ड्राफ्ट तैयार किया है। अब विभाग को चाहिए कि वह इन नियमों के आधार पर प्ले स्कूलों को भी मान्यता के दायरे में ले, ताकि विभाग के पास इन स्कूलों का रिकॉर्ड रहे और बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि हो सके। सबसे पहले शिक्षा विभाग को पीएसपी पोर्टल के जरिए इन स्कूलों की मान्यता के लिए ऑनलाइन आवेदन का प्रावधान लागू करना चाहिए। भास्कर एक्सपर्ट पैनल स्कूल शिक्षा परिषद के पूर्व कमिश्नर और रिटायर आईएएस प्रदीप बोरड,पूर्व उपनिदेशक राधेश्याम जाट, सोसायटी फॉर अनएडेड प्राइवेट स्कूल के अध्यक्ष दामोदर गोयल, स्कूल क्रांति संघ की अध्यक्ष हेमलता शर्मा, एडवोकेट आनंद शर्मा, एडवोकेट यलप सिंह, राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा। कोई भी शिक्षण संस्था सोसायटी या ट्रस्ट एक्ट रजिस्टर्ड होना जरूरी है, लेकिन यह प्री-प्राइमरी स्कूलें कंपनी बनाकर व्यावसायिक तरीके से संचालित हो रहे हैं। यह व्यावसायिक तौर पर व्यक्तिगत लाभ के लिए संचालित नहीं हो सकती। इनको भी सोसायटी या ट्रस्ट एक्ट में संचालित करने का प्रावधान लागू किया जाए।प्ले स्कूल समेत 21 नियमों का ड्राफ्ट तैयार, पैरेंट्स की भी जिम्मेदारी तय भास्कर एक्सपर्ट सोसायटी व ट्रस्ट एक्ट में चले स्कूल स्कूल एक्ट में हो संशोधन; प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों के लिए राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम-1989 एवं राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था नियम 1993 लागू है। पहले सरकार को इस एक्ट में संशोधन करना होगा और प्री प्राइमरी को एक्ट में शामिल करना होगा। फीस कंट्रोल नियम बने; इन स्कूलों को आरटीई के दायरे में भी लाया जाए। ताकि 25 प्रतिशत गरीब-जरुरतमंद बच्चों को यहां निशुल्क प्रवेश मिल सके। अभी यह प्ले स्कूल आरटीई के दायरे में नहीं है। इसी तरह से इन स्कूलों की फीस पर कंट्रोल के लिए भी पारदर्शी प्रावधान लागू किया जाए। वर्तमान में इन स्कूलों की फीस 50 हजार रुपए से 1.50 लाख रुपए सालाना तक है।
ललितपुर में शिक्षा विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर 48 लाख रुपए से अधिक की ठगी का मामला सामने आया है। एक सरकारी विद्यालय के चपरासी ने अपने साथियों के साथ मिलकर कई लोगों को निशाना बनाया। इस मामले में एक महिला अभ्यर्थी को फर्जी नियुक्ति पत्र भी थमाया गया। जिस पर विशेष सचिव की मोहर लगी थी। पीड़ित की शिकायत पर जखौरा पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। थाना जखौरा के ग्राम चकनगवास निवासी देवेंद्र सिंह पुत्र लाखन सिंह ने पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी। उन्होंने बताया कि करीब दो साल पहले थाना जखौरा के मोहल्ला डूंगरा निवासी एक युवक, जो एक स्कूल में चपरासी के पद पर तैनात है। उनसे संपर्क किया था। 19 जनवरी 2024 को सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर उससे पैसे लिए गए। शिकायतकर्ता के अनुसार, उक्त युवक ने झांसी और लखनऊ के कुछ लोगों को मिलाकर एक गिरोह बनाया। इस गिरोह ने 40 से अधिक लोगों से नौकरी लगवाने के नाम पर 48 लाख रुपए से अधिक की ठगी की। जब देवेंद्र सिंह ने 22 दिसंबर को अपने पैसे वापस मांगे, तो आरोपी ने इकरारनामा लिखकर पैसे लौटाने का वादा किया। हालांकि, पैसे वापस नहीं किए गए। दोबारा मांगने पर आरोपी के परिजनों ने 19 मई 2025 तक पैसे वापस दिलाने की बात कही। ठगों ने कुछ अभ्यर्थियों को फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी दिए। एक महिला अभ्यर्थी को राजकीय बालिका इंटर कॉलेज में संविदा पर लिपिक के पद के लिए नियुक्ति पत्र थमाया गया। इस नियुक्ति पत्र पर उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग के विशेष सचिव की फर्जी मुहर भी लगाई गई थी। पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुश्ताक के निर्देश पर गुरुवार देर शाम ठगी करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि ठगी करने वालों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।
जमुई में शिक्षा विभाग ने सरकारी विद्यालयों में निर्धारित समय पर उपस्थिति दर्ज न करने वाले 153 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की है। विभाग ने ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर प्राप्त आंकड़ों के आधार पर इन शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है। यह कार्रवाई 17 दिसंबर को ई-शिक्षाकोष पोर्टल से प्राप्त ऑनलाइन उपस्थिति के आंकड़ों के विश्लेषण के बाद की गई है। विभाग ने पाया कि सख्त निर्देशों के बावजूद कई शिक्षक निर्धारित समय पर अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कर रहे थे। इन 153 शिक्षकों को नोटिस जारी किया जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा) नीतेश कुमार ने इन 153 शिक्षकों को नोटिस जारी किया है। उनसे 17 दिसंबर को विद्यालय पहुंचने में देरी और निर्धारित समय के बाद ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने के संबंध में दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। उपस्थिति दर्ज करने का निर्धारित समय सुबह 9:30 बजे डीपीओ द्वारा जारी निर्देशों में बताया गया है कि ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज करने का निर्धारित समय सुबह 9:30 बजे है। हालांकि, चिन्हित किए गए सभी 153 शिक्षकों ने सुबह 10 बजे से पहले उपस्थिति दर्ज नहीं की, बल्कि उन्होंने सुबह 11 बजे अपनी उपस्थिति दर्ज की। विभाग ने इस गंभीर उल्लंघन का संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। शिक्षकों से कहा गया है कि वे नियमों की अनदेखी न करें और निर्धारित समय सीमा का पालन करें।
मावली में राजस्थान आंबेडकर शिक्षक संघ का दो दिवसीय प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन शुरू हुआ। सम्मेलन में नई शिक्षा नीति, शिक्षा में गुणात्मक सुधार और शिक्षकों की समस्याओं पर गहन मंथन किया जा रहा है। राज्यभर से जुटे शिक्षक सुझाव और मांगें रखेंगे, जिन्हें सरकार को भेजा जाएगा।
चित्तौड़गढ़ में भजनलाल सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और स्टार्ट-अप क्षेत्रों में उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हुए विकास रथ कार्यक्रम आयोजित। विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने ग्राम पंचायतों में सरकार की योजनाओं की जानकारी आमजन तक पहुँचाई, किसानों को राहत पैकेज और नई सड़कों का लाभ भी दिया गया।
प्रदेश के सबसे बड़े शिक्षक संगठन राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) का दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन शुक्रवार 19 दिसंबर से डांगपाड़ा स्थित लियो संस्थान में शुरू होने जा रहा है। आयोजन की तैयारियों को लेकर गुरुवार को प्रेस वार्ता आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष रमेशचन्द्र पुष्करणा ने बताया कि इस महाकुंभ में प्रदेश भर से करीब 15 हजार शिक्षक शामिल होंगे। सम्मेलन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, जनजाति मंत्री बाबूलाल खराड़ी और बेणेश्वर धाम के महंत अच्युतानंद महाराज सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी शिक्षकों का मार्गदर्शन करेंगे। प्रेस वार्ता के दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने अपनी मांगों और कार्ययोजना को साझा किया। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि संगठन की मुख्य प्राथमिकता शिक्षकों के स्थानांतरण पर लगे प्रतिबंध को तत्काल हटाना है, ताकि सभी संवर्गों के तबादले सुचारू हो सकें। इसके साथ ही संगठन मांग करेगा कि अप्रैल 2026 तक सभी बकाया पदोन्नतियां पूरी की जाएं और शिक्षकों को ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु शहरी भत्ते की तर्ज पर 'ग्रामीण भत्ता' दिया जाए। वेतन विसंगति और प्रदेश के 35 हजार संविदा शिक्षकों के नियमितीकरण का मुद्दा भी प्रमुखता से सरकार के समक्ष रखा जाएगा। प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा और सम्मेलन संयोजक डॉ. ऋषिन चौबीसा ने बताया कि दो दिनों तक चलने वाले इस अधिवेशन में शिक्षा, शिक्षार्थी और शिक्षक के हितों पर गहन मंथन होगा। दूसरे दिन आयोजित होने वाले खुले सत्र में कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित कर राज्य सरकार को भेजे जाएंगे। बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ के कार्यकर्ताओं ने मिलकर आगंतुक शिक्षकों के लिए आवास और भोजन की विशेष व्यवस्था की है। इस दौरान प्रदेश मंत्री अमरजीत सिंह, सह संयोजक दिनेश मईडा और अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। संगठन का लक्ष्य है कि इन प्रस्तावों के माध्यम से राजस्थान को शिक्षा के क्षेत्र में राष्ट्र के शीर्ष स्तर पर पहुँचाया जा सके।
जानिए कैसे मिली गाडगे महाराज और आंबेडकर की विचारधारा ; शिक्षा और मानवता का अद्भुत मेल
संत गाडगे महाराज और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के बीच अनूठा समाज सुधार संबंध, जो शिक्षा और मानवता की सेवा में समान दृष्टिकोण को दर्शाता है। गाडगे महाराज के कीर्तन और आंबेडकर की राजनीति ने समाज में समानता और जागरूकता फैलाने में अहम योगदान दिया।
आमेट में राजस्थान राज्य भारत स्काउट गाइड द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रामेश्वर बालदी ने बच्चों को सेवा, परोपकार और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। कार्यक्रम में स्काउट गतिविधियों, भामाशाह सहयोग और स्थानीय संघ की पहल पर विशेष प्रकाश डाला गया।
भागलपुर में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की बैठक:17 जिलों के प्रधानाचार्य हुए शामिल
भागलपुर के गणपत राय सलारपुरिया सरस्वती विद्या मंदिर, सैनिक स्कूल में गुरुवार को विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान की तीन दिवसीय जिला केंद्र सशक्तिकरण बैठक शुरू हुई। बैठक की अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष रवीन्द्र कान्हरे ने की। इस दौरान छात्रों के सर्वांगीण विकास को शिक्षा का मूल उद्देश्य बताया गया। भोज विश्वविद्यालय, भोपाल के अवकाश प्राप्त कुलपति एवं विद्या भारती के अध्यक्ष रवीन्द्र कान्हरे, प्रदेश सचिव प्रदीप कुशवाहा और प्रधानाचार्य अमरेश कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। प्रथम सत्र में छात्रों को संबोधित करते हुए कान्हरे ने कहा कि आज के दौर में छात्रों को कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता विकसित करना भी आवश्यक है। रवीन्द्र कान्हरे ने बताया कि विद्या भारती के विद्यालयों का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के साथ संस्कार देना है। उन्होंने जोर दिया कि केवल विषय ज्ञान पर्याप्त नहीं है, बल्कि छात्रों में देशभक्ति, सामाजिक समरसता और अनुशासन जैसे सद्गुणों का विकास आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विद्या भारती द्वारा सामान्य शिक्षा के साथ योग, शारीरिक शिक्षा, संस्कृत, संगीत, नैतिक और आध्यात्मिक शिक्षा प्रदान की जाती है, जो आज की आवश्यकता है। 21वीं सदी के अनुरूप ए.आई. (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की शिक्षा, कोडिंग और स्किल डेवलपमेंट की भी शिक्षा दी जा रही है। संस्थान की योजना सभी जिला केंद्रों में मॉडल स्कूल खोलने की है। साथ ही, क्षेत्रीय एवं मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा देने की पहल की जा रही है। इस अवसर पर 17 जिलों के प्रधानाचार्य और समिति सदस्यों के साथ बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश सचिव प्रदीप कुमार कुशवाहा, लक्ष्मी नारायण डोकानियां, विभाग प्रमुख सतीश कुमार सिंह, बांका जिला के जिला निरीक्षक ब्रह्मदेव प्रसाद, प्रोफेसर मधुसूदन झा, समिति सचिव उपेंद्र रजक, सुजीत कुमार, शशि भूषण मिश्र, शांतनु आनंद और विद्यालय के सभी आचार्य बंधु-भगिनी उपस्थित थे।
23 दिसंबर को सरकारी स्कूलों में शिक्षा का महाआयोजन, मेगापीटीएम बैठक के साथ होगा कृष्ण भोग कार्यक्रम
मावली और खेमली ब्लॉक के सभी राजकीय विद्यालयों में 23 दिसंबर 2025 को मेगापीटीएम बैठक का आयोजन होगा। बैठक में दक्षता आंकलन व अर्द्धवार्षिक परीक्षा परिणामों की विषयवार समीक्षा की जाएगी तथा 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए शैक्षिक सत्र 2026–27 की तैयारियों पर चर्चा होगी।
जिला कलेक्टर उत्सव कौशल ने जालूकी उच्च माध्यमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण कर शिक्षा और मिड-डे मील की गुणवत्ता की स्वयं समीक्षा की। नवनिर्मित भवन में शिफ्टिंग और ग्रामीण समस्या समाधान शिविर का भी लिया जायजा, प्रशासनिक सुशासन और त्वरित कार्रवाई का संदेश दिया गया।
जामताड़ा जिले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय के एक दैनिक कर्मी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान सौरभ कुमार के रूप में हुई है, जो पिछले लगभग 17 वर्षों से इस कार्यालय में कार्यरत था। यह कार्रवाई सीआरपी (संकुल साधन सेवी) रासबिहारी झा की शिकायत के आधार पर की गई। शिकायत में बताया गया था कि सौरभ कुमार एक विपत्र (बिल) पारित कराने के एवज में अवैध रूप से रिश्वत की मांग कर रहा था। एसीबी ने शिकायत का सत्यापन किया, जिसमें आरोप सही पाए गए। सौरभ कुमार को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया सत्यापन के बाद एसीबी की टीम ने योजनाबद्ध तरीके से जाल बिछाया। शिकायतकर्ता रासबिहारी झा ने बताया कि आरोपी ने पहले 8 हजार रुपए की मांग की थी, जिसे बाद में 6 हजार रुपए में तय किया गया। तय रकम लेते ही एसीबी की टीम ने सौरभ कुमार को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम आरोपी को अपने साथ दुमका ले गई, जहां उससे पूछताछ की जा रही है और आगे की कानूनी प्रक्रिया जारी है। बताया जाता है कि आरोपी मूल रूप से बिहार के जमुई जिले का निवासी है। इस मामले को लेकर समग्र शिक्षा अभियान कार्यालय के पदाधिकारियों ने फिलहाल कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। एसीबी की इस कार्रवाई से जिले के सरकारी कार्यालयों में हड़कंप मच गया है और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश गया है।
बाड़मेर पीजी कॉलेज के स्टूडेंट फीस बढ़ोतरी और स्कॉलरशिप को लेकर कॉलेज गेट के आगे ताला लगाकर धरने पर बैठ गए। यूनिवर्सिटी और VC के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जानकारी लगने पर बाड़मेर एसडीएम और डीएसपी स्टूडेंट से बातचीत करने के लिए पहुंचे। बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा। करीब ढाई घंटे तक प्रदर्शन और प्रशासन के 2 दिन आश्वासन के बाद स्टूडेंट मानें और धरना समाप्त किया। स्टूडेंट का कहना है कि कॉलेज की फीस अचानक 3 गुना बढ़ा दी है। जो सरासर गलत है। दरअसल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बाड़मेर के बैनर तले गुरुवार को बाड़मेर पीजी कॉलेज परिसर के आगे गेट के ताले और बेल्ट लगाकर धरने पर बैठे गए। कॉलेज के अंदर न लेक्चरर और प्रिंसिपल को भी अंदर जाने नहीं दिया गया। वहीं कॉलेज के कुछ स्टाफ अंदर खड़े नजर आए। स्टूडेंट कहना है कि यूनिवर्सिटी पहले प्रति सेमेस्टर परीक्षा शुल्क 1200 से 1400 रुपए लेता था। अब उसको बढ़ाकर 3100 से 3300 रुपए कर दिया है। जो अनैतिक और अव्यावहारिक है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शिक्षा को अपना व्यापार बना दिया है। SDM और DSP पहुंचे, ढाई घंटे चली बातचीत प्रदर्शन की सूचना मिलने पर बाड़मेर SDM यशार्थ शेखर और DSP रमेश कुमार शर्मा धरना स्थल पर पहुंचे। दोनों अधिकारियों ने छात्रों के बीच बैठकर उनकी समस्याएं सुनीं। कॉलेज प्रिंसिपल मरनाली चौहान ने स्पष्ट किया कि फीस बढ़ाने का निर्णय यूनिवर्सिटी स्तर पर हुआ है और कॉलेज प्रशासन का इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है। उन्होंने छात्रों की मांग यूनिवर्सिटी तक पहुंचाने की बात कही, लेकिन छात्र तत्काल समाधान की मांग पर अड़े रहे। स्कॉलरशिप लंबित, शिक्षा को व्यापार नहीं बनने देंगे ABVP के महिपाल सिंह राठौड़ ने कहा कि जब दो सेमेस्टर का सिस्टम शुरू हुआ था, तब फीस बढ़ाई गई थी, लेकिन अब एक साथ तीन गुना फीस बढ़ाना गलत है। लंबे समय से छात्रों की स्कॉलरशिप भी लंबित है। उन्होंने चेतावनी दी कि शिक्षा को व्यापार नहीं बनने दिया जाएगा। प्रशासन ने यूनिवर्सिटी के कुलगुरु से बात करवाई, जहां से दो दिन में समाधान का आश्वासन मिला। दो दिन का आश्वासन, धरना स्थगित प्रशासन की ओर से दो दिन के भीतर फीस और स्कॉलरशिप से जुड़े मुद्दों पर जवाब दिलाने के आश्वासन के बाद छात्रों ने धरना समाप्त किया। छात्रों ने साफ किया कि यदि तय समय में फीस कम नहीं हुई तो वे दोबारा धरना-प्रदर्शन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। छात्रों की पीड़ा छात्रा सुमन सोलंकी ने कहा कि फीस एक गुना बढ़ती तो भी किसी तरह भरी जा सकती थी, लेकिन तीन गुना बढ़ोतरी हर छात्र के लिए संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इतनी फीस में तो प्राइवेट कॉलेज में दाखिला लिया जा सकता था।
झज्जर जिला स्थित नेहरू कॉलेज की जर्जर हालत को लेकर राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। कॉलेज की भवन और छात्रावास की स्थिति पर विधानसभा में सवाल उठाते हुए विपक्ष ने सरकार से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि कॉलेज और छात्रावास की स्थिति को लेकर रिपोर्ट मांगी गई है। शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि फिलहाल छात्रावास में कोई छात्र नहीं रह रहा है। भवन की रिपोर्ट मिलते ही एक सप्ताह के भीतर संबंधित विधायक से बातचीत की जाएगी। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने-अपने स्कूलों और कॉलेजों का निरीक्षण करने के लिए कहा है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके। नेहरू कॉलेज की बिल्डिंग जर्जर- MLA भुक्कल नेहरू कॉलेज को लेकर आवाज उठाते हुए झज्जर विधायक गीता भुक्कल ने कहा कि यह वही कॉलेज है जिसकी स्थापना देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के नाम पर हुई थी और उन्हीं ने उद्घाटन किया था। इसके निर्माण में कई लोगों का योगदान रहा है। इसके बावजूद आज हॉस्टल, लैब और रेजिडेंशियल प्रोफेसरों के आवास की हालत बेहद खराब है। इमारत पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। बताया गया कि भवन मरम्मत के लिए 35 लाख रुपए की राशि स्वीकृत हुई थी, लेकिन सरकार बदलते ही उसे रद्द कर दिया गया। मातनहेल कॉलेज की बिल्डिंग नहीं सेफ वहीं मातनहेल कॉलेज वर्ष 2014 में स्कूल की इमारत में शुरू हुआ और 2017 में उसकी अलग बिल्डिंग बनी। विधायक ने कॉलेज की विजिलेंस जांच की मांग करते हुए कहा कि उन्होंने स्वयं भवन का निरीक्षण किया है और यह सुरक्षित नहीं है। झज्जर भूकम्प का केंद्र रहा है और दो बार भूकम्प आ चुका है, ऐसे में किसी भी बड़े हादसे की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। विधायक ने कहा कि कॉलेज प्रिंसिपल द्वारा लिखित में यह कहना कि किसी हादसे की जिम्मेदारी कॉलेज प्रशासन की नहीं होगी। शिक्षा मंत्री बोले- दोषी पर कार्रवाई होगी शिक्षा मंत्री ने कहा कि वे स्वयं झज्जर और मातनहेल कॉलेज का निरीक्षण करेंगे। यदि निरीक्षण में किसी अधिकारी की लापरवाही सामने आती है, तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने भी स्पष्ट किया कि भवन की जांच कराई जाएगी और कमी पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। वहीं डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा कि वर्ष 2000 से कॉलेज की हालत ऐसी ही है, लेकिन अब मुद्दा उठाया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर स्थिति इतनी गंभीर है, तो अभी तत्काल जांच क्यों नहीं करवाई जाती।
कोटा में राउंड टेबल इंडिया द्वारा आयोजित विंटर वंडरलैंड 2025 का भव्य पोस्टर लॉन्च हुआ। 22–23 दिसंबर को सिटी पार्क में होने वाले इस आयोजन से प्राप्त पूरी राशि महावीर नगर गर्ल्स स्कूल में कक्षा-कक्ष और टॉयलेट निर्माण में उपयोग होगी। क्रिसमस उत्सव के साथ शिक्षा का सशक्त संदेश।
Guru Ghasidas Quotes: गुरु घासीदास की वो 5 प्रमुख शिक्षाएं, जिनका आज भी है महत्व
Guru Ghasidas Life and Teachings: महान संत और महापुरुष गुरु घासीदास जी का जन्म छत्तीसगढ़ के गिरौदपुरी गांव में 18 दिसंबर 1756 को हुआ था। वे ऐसे समय में पैदा हुए, जब समाज में जातिगत भेदभाव, छुआछूत और शोषण अपनी चरम सीमा पर था। उन्होंने बचपन से ही इन ...
यूरिया उपलब्धता, बालिका शिक्षा और अटल शताब्दी आयोजनों पर यूपी शासन के निर्देश
प्रदेश में उर्वरक आपूर्ति, शैक्षिक संस्थानों की स्थिति और अटल बिहारी वाजपेयी शताब्दी जयंती वर्ष के समापन कार्यक्रमों को लेकर मुख्य सचिव एसपी गोयल ने प्रशासनिक तंत्र को पूरी तरह सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं
हरियाणा के सभी सरकारी स्कूलों में शौचालयों की स्थिति सुधारने और उनके उचित रख-रखाव को सुनिश्चित करने के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। निदेशालय की ओर से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि छात्रों की स्वच्छता और स्वास्थ्य से किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। बता दें कि, दो दिन पहले ही राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष ने पंचकुला के राजकीय मॉडल संस्कृति प्राइमरी स्कूल हरिपुर सेक्टर-4 का निरीक्षण किया था। उस दौरान शौचालयों की बदहाल स्थिति उन्हें नजर आई थी। इसके बाद स्कूल शिक्षा निदेशालय की ओर से यह आदेश जारी किए गए हैं। छात्रों के लिए अलग-अलग हो व्यवस्था माध्यमिक शिक्षा निदेशक जितेंद्र कुमार द्वारा जारी इन आदेशों के अनुसार, सभी सरकारी स्कूलों में छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालयों की व्यवस्था अनिवार्य होगी, जो हर समय पूर्ण रूप से चालू अवस्था में होने चाहिए। इसके साथ ही प्रधानाचार्य/मुख्याध्यापक यह सुनिश्चित करेंगे कि शौचालयों में नियमित रूप से साफ-सफाई और पर्याप्त पानी की आपूर्ति बनी रहे। डीईओ 5 प्रतिशत-बीईओ 10 प्रतिशत करेंगे निरीक्षण निदेशालय ने जिला शिक्षा अधिकारियों (डीईओ) और जिला समन्वयक अधिकारियों को भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे प्रत्येक माह अपने अधिकार क्षेत्र के कम से कम 5 प्रतिशत स्कूलों में शौचालयों का निरीक्षण करें। वहीं, खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) को हर माह कम से कम 10 प्रतिशत स्कूलों के शौचालयों का अचानक निरीक्षण करना होगा। लापरवाही मिलने पर होगी कार्रवाई निरीक्षण के दौरान यदि किसी स्कूल में शौचालयों की सफाई में लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा, प्रधानाचार्य और मुख्याध्यापक को निर्देश दिए गए हैं कि वे शौचालयों का नियमित निरीक्षण कर उसका रिकॉर्ड निरीक्षण रजिस्टर में दर्ज करें, ताकि जवाबदेही तय की जा सके।
‘सनातन योद्धा तैयार करो’ अभियान; युवाओं को शास्त्रों के साथ शस्त्रों की शिक्षा-दीक्षा देंगे
जयपुर से शुरू होने जा रहा है, सनातन योद्धा तैयार करो अभियान, जिसमें युवाओं को शास्त्रों के साथ शस्त्रों की शिक्षा-दीक्षा भी दी जाएगी। यह अभियान राजधानी से शुरू होकर प्रदेश भर में चलाया जाएगा। पिछले एक महीने से चल रहे गीता महोत्सव के तहत 108 सनातन योद्धा तैयार किए गए हैं। उसी से प्रेरणा लेकर यह अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय ध्यान दिवस पर दुर्गापुरा गोशाला में गीता पारायण का कार्यक्रम रखा गया है। इसमें एक दिन एक साथ अखंड गीता पाठ किए जाएंगे। यह जानकारी योगी मनीष ने दी। अंतरराष्ट्रीय गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज की प्रेरणा जीओ गीता संस्थान एवं राजस्थान गीता महोत्सव आयोजन समिति द्वारा 1 दिसंबर गीता जयंती से प्रारंभ होगा। इस 21 दिवसीय राजस्थान गीता महोत्सव की पूर्णाहुति 19, 20 एवं 21 दिसंबर को की जाएगी। महोत्सव के तहत शुक्रवार को सुबह 8:15 बजे श्री गोविंददेवजी मंदिर में गीता गायत्री हवन होगा। साथ ही 108 कलश एवं गीता पोथी के विशेष पूजन के पश्चात गीता कलश पोथी यात्रा निकल जाएगी। यात्रा का उद्देश्य एवं संदेश यही है कि योगेश्वर श्री कृष्ण के गीत, गीता ज्ञान के आधार पर कर्म योग करते चलो। यात्रा के चांदनी चौक स्थित बृज निधि मंदिर पहुंचने पर मुख्य संयोजक योगाचार्य मनीष सूर्यवंशी द्वारा 18 श्लोकी गीता पाठ कराया जाएगा। 20 को संदीपनी गुरु शिष्य कॉनक्लेव एवं टॉक शो महोत्सव के तहत शनिवार को शाम 4 से 6 बजे तक होटल क्लार्क आमेर में वर्ल्ड हेल्थ एंड वैलनेस फेयर में संदीपनी गुरु शिक्षक कॉन्क्लेव एवं टॉक शो होगा। इसमें विद्यार्थी एवं युवाओं के समक्ष आने वाली समस्याओं एवं चुनौतियां का श्रीमद् भगवद् गीता के आधार पर समाधान अवधेशाचार्य महाराज, राघवेन्द्र महाराज, गोपाल शरण महाराज, आदि अनेक संत महात्मा देंगे।
ओम बिरला और धर्मेंद्र प्रधान की बैठक, कोटा में शिक्षा व्यवस्था सुधारने पर सहमति
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला एवं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बीच संसद भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई
गोपालगंज में शिक्षा के स्तर को सुदृढ़ करने और विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय की छात्राओं को बेहतर शैक्षिक सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ी पहल शुरू हुई है। मांझा प्रखंड में तीन एकड़ सरकारी जमीन पर स्कूल, गर्ल्स हॉस्टल और कॉलेज के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। चिन्हित जमीन की कराई गई पैमाइश प्रशासनिक स्तर पर इस परियोजना को गति देते हुए मांझा के अंचलाधिकारी और जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी की मौजूदगी में चिन्हित जमीन की पैमाइश कराई गई। तीन एकड़ के इस भूखंड का चयन सरकारी मानकों के अनुरूप किया गया है, ताकि एक ही परिसर में शैक्षणिक और आवासीय दोनों सुविधाओं का विकास किया जा सके। उच्च शिक्षा के लिए बनेगा महाविद्यालय परियोजना के तहत एक महाविद्यालय का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे स्थानीय छात्राओं और छात्रों को अपने ही क्षेत्र में उच्च शिक्षा की सुविधा मिल सके। इससे उन्हें पढ़ाई के लिए जिला मुख्यालय या अन्य शहरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा। छात्राओं के लिए बनेगा गर्ल्स हॉस्टल इस योजना का सबसे अहम हिस्सा गर्ल्स हॉस्टल है। प्रशासन का मानना है कि गांवों में छात्रावास की सुविधा नहीं होने के कारण कई छात्राएं उच्च शिक्षा बीच में ही छोड़ देती हैं। हॉस्टल के निर्माण से यह बड़ी बाधा दूर होगी और छात्राओं की शिक्षा दर में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है। पूरे जिले को होगा लाभ इस परियोजना के पूरा होने से न केवल मांझा प्रखंड बल्कि पूरे गोपालगंज जिले में शिक्षा व्यवस्था को मजबूती मिलेगी। खासकर अल्पसंख्यक समुदाय की छात्राओं को सुरक्षित और सुविधाजनक माहौल में पढ़ाई का अवसर मिलेगा। तकनीकी स्वीकृति और टेंडर की प्रक्रिया शुरू जिला प्रशासन द्वारा पैमाइश की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। अब फाइल को तकनीकी अनुमोदन और निर्माण कार्य के टेंडर के लिए भेजा जाएगा, ताकि जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू किया जा सके। हाईवे परियोजना से जुड़े अतिक्रमण पर भी योजना इस संबंध में मांझा अंचलाधिकारी ने बताया कि सदर प्रखंड के तूरका से मांझा प्रखंड के दानापुर तल तक बनने वाली हाईवे परियोजना के तहत सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर रह रहे लोगों को भी वहां से हटाया जाएगा। ऐसे लोगों को बसाने के लिए दो एकड़ जमीन की तलाश की जा रही है। फिलहाल प्रशासन द्वारा उपयुक्त जमीन की खोज जारी है।
योगी सरकार ने 300 से ज्यादा एनकाउंटर करने वाले पूर्व DGP प्रशांत कुमार को रिटायरमेंट के 6 महीने बाद बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। IPS प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष बनाया है। प्रशांत कुमार का कार्यकाल 3 साल का होगा। वे उच्च और माध्यमिक शिक्षा आयोग के अध्यक्ष होंगे। शिक्षा सेवा चयन आयोग के जरिए यूपी में माध्यमिक और उच्च शिक्षा के टीचरों की भर्ती होती है। प्रशांत कुमार यूपी के सबसे ताकतवर डीजीपी थे। मई में प्रशांत कुमार रिटायर हुए थे। उनकी गिनती मुख्यमंत्री योगी के खास लोगों में होती है। उन्होंने अप्लाइड जूलॉजी में MSc, डिजास्टर मैनेजमेंट में MBA और डिफेंस एंड स्ट्रैटेजिक स्टडीज में M.Phil की डिग्रियां हासिल की हैं। यूपी सरकार ने 2024 में उच्च और माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग का विलय कर दिया था। दोनों आयोग को मिलाकर यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग बनाया था। पहले अध्यक्ष प्रोफेसर कीर्ति पांडेय थे। उन्होंने हाल ही में इस्तीफा दे दिया था। अब प्रशांत कुमार आयोग के दूसरे अध्यक्ष होंगे। 10 दिसंबर को पूरी हुई भर्ती प्रक्रियायूपी शिक्षा चयन आयोग में नए अध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया 10 दिसंबर को पूरी हुई है। आवेदन 21 अक्टूबर तक मांगे गए थे, लेकिन बाद में विज्ञापन में संशोधन किया गया और दोबारा आवेदन मांगे गए। रिटायर्ड IPS प्रशांत कुमार ने भी आवेदन किया था। पूर्व अध्यक्ष कार्ति पांडेय के इस्तीफे के बाद आयोग के काम ठप पड़े थे। असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती का इंटरव्यू के साथ टीजीटी-पीजीटी भर्ती परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं। उम्मीद है कि नए अध्यक्ष की औपचारिक नियुक्ति के साथ नई भर्तियों की प्रक्रिया शुरू हो जाएंगी। बिहार के रहने वाले हैं प्रशांत कुमारप्रशांत कुमार का जन्म बिहार के सीवान में हुआ था। IPS अफसर बनने से पहले प्रशांत कुमार ने MSc, MPhil और MBA भी किया था। बतौर IPS प्रशांत कुमार का जब चयन हुआ था, तो उन्हें तमिलनाडु कैडर मिला था। हालांकि, 1994 में यूपी कैडर की IAS डिंपल वर्मा से उन्होंने शादी की। इसके बाद प्रशांत कुमार ने यूपी कैडर में ट्रांसफर ले लिया। 300 से ज्यादा किए एनकाउंटररिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रशांत कुमार अब तक 300 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं। यूपी में खूंखार संजीव जीवा, कग्गा, मुकीम काला, सुशील मूंछ, अनिल दुजाना, सुंदर भाटी, विक्की त्यागी, साबिर गैंग का आतंक था। IPS प्रशांत ने अपनी टीम के साथ मिलकर इन गैंग के कई अपराधियों का सफाया किया। इन वजहों से सुर्खियों में रहे प्रशांत कुमार कांवड़ यात्रा के दौरान पुष्प वर्षा कराई थीयूपी में कांवड़ यात्रा के दौरान प्रशांत कुमार ने हेलीकॉप्टर से कांवड़ियों पर फूल बरसवा दिया। इस मामले को लेकर उनकी खूब आलोचना हुई। उन्होंने कहा था- यह घटनाक्रम धार्मिक एंगल से न देखा जाए। स्वागत के लिए फूलों का इस्तेमाल होता है। प्रशासन हर धर्म का सम्मान करता है। फिर चाहे गुरुपर्व, ईद, बकरीद और जैन त्यौहार क्यों न हो। प्रशासन इन सब मौकों पर भी सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम करता है। हाथरस कांड पर कहा था- रेप नहीं हुआ2020 में हुए हाथरस कांड में प्रशांत कुमार ने दावा किया था कि इस घटना में 19 साल की दलित लड़की के साथ रेप नहीं हुआ था। लखनऊ में उन्होंने बताया कि दिल्ली के एक अस्पताल के मुताबिक युवती की मौत गले में चोट लगने और उससे हुए सदमे की वजह से हुई थी। फोरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट से भी यह साफ कि उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ। -------------------- यह भी पढ़िए:- एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियां अब 60 की स्पीड में चलेंगी:नियम तोड़ने पर लगेगा भारी जुर्माना; योगी मथुरा हादसे के बाद सख्त मथुरा हादसे में 19 मौतों के बाद सीएम योगी एक्शन में हैं। सरकार ने आगरा और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियों की स्पीड लिमिट तय कर दी है। दोनों एक्सप्रेस-वे पर अभी तक छोटे वाहन (कार/जीप) ड्राइवरों को अधिकतम 120 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलने की परमिशन थी। अब इसे घटाकर 80 किमी कर दिया गया है। पढ़ें पूरी खबर...
पंजाब के पूर्व शिक्षा मंत्री व शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने रूपनगर (रोपड़) में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाए। उन्होंने हालिया चुनाव प्रक्रिया को लेकर आयोग की निष्पक्षता पर संदेह व्यक्त किया। डॉ. चीमा ने पटियाला के एसएसपी से संबंधित एक मामले का उल्लेख किया। उन्होंने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के सख्त आदेशों के बावजूद उनका पालन नहीं हुआ। स्वतंत्र जांच के लिए क्यों नहीं भेजी ऑडियो उनके अनुसार, जिस ऑडियो की स्वतंत्र जांच के लिए चंडीगढ़ भेजी जानी थी, उसे भी चुनाव आयोग ने आगे नहीं बढ़ाया। उन्होंने दावा किया कि सरकार की बदनामी के डर से चुनाव आयोग ने इस पूरे मामले में निष्क्रियता बरती। डॉ. चीमा ने कहा कि राज्य मशीनरी का दुरुपयोग कर लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास किया गया, लेकिन पंजाब के लोगों ने साहस दिखाया। उन्होंने मतदान प्रतिशत पर भी सवाल उठाए। कई स्थानों पर सरपंचों को धमकाया उन्होंने बताया कि 1 करोड़ 38 लाख मतदाताओं में लगभग 80 लाख लोगों ने ही मतदान किया। यह आंकड़ा दर्शाता है कि जनता का सिस्टम पर भरोसा लगातार कम हो रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई स्थानों पर सरपंचों को धमकाया गया। उन्हें चेतावनी दी गई कि यदि उनके गांव में सरकार हारती है तो उनके खिलाफ जांच शुरू की जाएगी। डॉ. चीमा के अनुसार, भय और दबाव के ऐसे माहौल में निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं। अकाली दल के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं पार्टी में वापसी के संबंध में, डॉ. चीमा ने स्पष्ट किया कि शिरोमणि अकाली दल के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं। यदि कोई व्यक्ति सच्चे दिल से वापसी करना चाहता है, तो उसका स्वागत है, लेकिन पार्टी की अपनी एक मर्यादा भी है। अंत में, डॉ. चीमा ने सभी राजनीतिक दलों से पंजाब के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जिम्मेदारी से काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र तभी मजबूत होगा, जब सभी संस्थाएं निष्पक्षता और ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाएंगी।
मुरली बाबू की 131वीं जयंती मनाई गई:न्यायमूर्ति बोले- शिक्षा समाज निर्माण का सशक्त माध्यम बनाया
बलिया के शिक्षा जगत के पुरोधा और समाजसेवी मालवीय मुरली बाबू की 131वीं जयंती बुधवार को मनाई गई। यह जयंती श्री मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज परिसर में उनकी प्रतिमा स्थल पर गरिमामय वातावरण में आयोजित की गई। इस अवसर पर मुरली बाबू द्वारा स्थापित विभिन्न शिक्षण संस्थानों, जिनमें श्री मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज, श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गुलाब देवी बालिका इंटर कॉलेज, गुलाब देवी महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय और टाउन पॉलिटेक्निक शामिल हैं, के प्रबंध समिति पदाधिकारी, प्राचार्य, प्रधानाचार्य, शिक्षक, शिक्षणेत्तर कर्मचारी और छात्र-छात्राओं ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति शंभूनाथ श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि मालवीय मुरली बाबू ने शिक्षा को सेवा और समाज निर्माण का एक सशक्त माध्यम बनाया। उन्होंने जोर दिया कि उनके द्वारा स्थापित शिक्षण संस्थान आज भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और संस्कारों के केंद्र बने हुए हैं। न्यायमूर्ति श्रीवास्तव ने शिक्षकों से शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों के सर्वांगीण विकास पर विशेष ध्यान देने की अपील की। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ हुआ। टाउन एजुकेशनल सोसाइटी के सचिव राकेश कुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। इसके बाद मुरली बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया गया। समारोह में पांचों शिक्षण संस्थानों के प्राचार्य एवं प्रधानाचार्यों ने अपनी संस्थाओं की प्रगति आख्या प्रस्तुत की। इस अवसर पर मेधावी एवं स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के साथ-साथ उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। टाउन एजुकेशनल सोसाइटी द्वारा अवकाश प्राप्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों को भी अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। टाउन एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष दीपक वर्मा ने अध्यक्षीय संबोधन दिया, जबकि गुलाब देवी इंटर कॉलेज के प्रबंधक नलिनेश श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. डॉ. अशोक सिंह ने किया। सम्मानित मेधावी छात्र-छात्राओं में हाईस्कूल से बाबर खान (86%), इंटरमीडिएट विज्ञान से आदित्य कुमार (80%), इंटरमीडिएट कला से राजश्री रंजन (75%), वाणिज्य वर्ग से कु. सृष्टि पाण्डेय (72%) और कृषि वर्ग से उज्ज्वल वर्मा (83%) शामिल थे। स्नातक/स्नातकोत्तर स्वर्ण पदक विजेताओं में बी.एससी से सलोनी गुप्ता, बी.एससी (कृषि) से शाक्या चौबे, बी.कॉम से आँचल सिंह, एम.ए (संस्कृत) से आरती साहनी, एम.कॉम से दीपशिखा और एम.एससी से निकिता राय को सम्मानित किया गया। अवकाश प्राप्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों में प्रो. रविन्द्र नाथ मिश्र (प्राचार्य), प्रो. भागवत प्रसाद, लीलावती मिश्र, दशमी राम, डॉ. अखिलेश कुमार सिन्हा (प्रधानाचार्य), रवि प्रकाश, संजीव कुमार और दिग्विजय नारायण सिंह (प्रधानाचार्य) शामिल थे।
रामगढ़ में आजसू छात्र संघ का भिक्षा आंदोलन:शिक्षा समस्याओं और लंबित छात्रवृत्ति को लेकर प्रदर्शन
रामगढ़ जिले में आजसू छात्र संघ द्वारा 'शिक्षा के लिए भिक्षा आंदोलन' किया जा रहा है। इस आंदोलन में हजारों की संख्या में छात्र शामिल हुए हैं। यह भिक्षा आंदोलन रामगढ़ छत्तर जेल चौक से शुरू होकर उपायुक्त कार्यालय, रामगढ़ तक निकाला गया। आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में शिक्षा से जुड़ी समस्याओं को उजागर करना है। छात्रों को झारखंड सरकार द्वारा लंबित छात्रवृत्ति नहीं मिलने के कारण काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आजसू छात्र संघ ने सभी छात्र-छात्राओं, युवाओं और शिक्षा समर्थकों से इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लेने का आह्वान किया था। मौके पर बड़ी संख्या में छात्र हाथों में तख्तियां लिए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे।
लखनऊ में विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ने अवैध कोचिंग संस्थानों के विरोध में प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने पटेल प्रतिमा से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय तक मार्च निकाला। उनका कहना था कि अवैध रूप से चल रही कोचिंग बंद की जाएं और वहां बुर्का पहनना भी बंद होना चाहिए। शिक्षण संस्थानों में बढ़ती अनुशासनहीनता, शैक्षणिक ड्रेस के पालन में अनियमितता और सुरक्षा संबंधी इश्यू बढ़ते जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा कार्यालय का घेराव कर अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। बुर्के की आड़ में दूसरा व्यक्ति परीक्षा में बैठ सकता संगठनों का कहना है कि यह स्थिति परीक्षा और कक्षाओं की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है। कुछ छात्रों ने आशंका जताई है कि बुर्के की आड़ में कोई अन्य व्यक्ति परीक्षा या कक्षा में शामिल हो सकता है। संगठन ने मांग की कि कक्षाओं के भीतर इस प्रकार के वस्त्र पहनने पर प्रतिबंध लगाया जाए। इसके साथ ही ज्ञापन में विश्वविद्यालय परिसरों और छात्रावासों में बढ़ती लड़ाई-झगड़े की घटनाओं पर भी चिंता जताई गई। संगठन ने मांग की कि छात्रावासों में केवल अधिकृत छात्रों का ही प्रवेश सुनिश्चित किया जाए, ताकि आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों की घुसपैठ रोकी जा सके। विहिप और बजरंग दल ने बिना पंजीकरण के संचालित कोचिंग संस्थाओं को तत्काल बंद कराने, कोचिंग संस्थानों में मानकों की जांच कराने तथा बेसमेंट में चल रही कोचिंग और लाइब्रेरी पर कार्रवाई की मांग भी की। संगठन ने चेतावनी दी कि यदि ज्ञापन देने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इशारों ही इशारों में भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि जो लोग शस्त्र को शास्त्र से बड़ा मानते हैं, उन्हें शिक्षालयों, विश्वविद्यालयों और समाज से दूर रखा जाना चाहिए
अपेक्स यूनिवर्सिटी,जयपुर में अपेक्स इंटरनेशनल रिसर्च सेल के तत्वावधान में यूरोप से आए प्रतिष्ठित शिक्षाविदों के साथ मीट एंड ग्रीट एवं अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य वैश्विक शैक्षणिक सहयोग को मजबूत करना और विद्यार्थियों व शिक्षकों के लिए अंतरराष्ट्रीय अवसरों के नए द्वार खोलना रहा। स्टूडेंट्स को वैश्विक शिक्षा से जुड़ने के लिए किया प्रोत्साहित कार्यक्रम में जन विजीकोव्स्की यूनिवर्सिटी, पोलैंड से आए डॉ. इंजीनियर ज़दजिस्लाव पोलकोव्स्की ने यूरोपीय उच्च शिक्षा प्रणाली की संरचना, वहां उपलब्ध रोजगार अवसरों और भारतीय विद्यार्थियों के लिए मौजूद संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इरास्मस जैसे अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक कार्यक्रमों की जानकारी साझा करते हुए छात्रों को वैश्विक शिक्षा से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया। शैक्षणिक सहयोग के लिए एमओयू पर हस्ताक्षरइंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड बिजनेस, चेक गणराज्य के डॉ. रोमन डैनेल ने अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक सहयोग, संयुक्त शोध परियोजनाओं और अकादमिक साझेदारी के महत्व पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि ऐसे सहयोग से शोध की गुणवत्ता और वैश्विक दृष्टिकोण दोनों को मजबूती मिलती है। इस अवसर पर अपेक्स यूनिवर्सिटी ने पोलैंड और चेक गणराज्य के दोनों विश्वविद्यालयों के साथ शैक्षणिक सहयोग के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इन समझौतों के माध्यम से शोध, फैकल्टी एक्सचेंज और छात्र आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा, जिससे विश्वविद्यालय का अंतरराष्ट्रीय अकादमिक नेटवर्क और मजबूत होगा। कार्यक्रम अपेक्स यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. सोमदेव शतांशु और रजिस्ट्रार डॉ. पंकज कुमार शर्मा की उपस्थिति में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के अंत में डीन (इंटरनेशनल) डॉ. विजय सिंह राठौड़ ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के संवाद विश्वविद्यालय को वैश्विक शिक्षा से जोड़ने में अहम भूमिका निभाते हैं।
नमस्कार जो सत्ता में होता है उसे सवाल तो सुनने ही पड़ते हैं। चाहे मंत्रीजी जोधपुर में प्रेस ब्रीफिंग में हों या फिर कोटा में कचरा उठा रहे हों। जयपुर में मंत्रीजी का पूरा फोकस 'मॉडल' पर रहा। कैमरे से जूम करके शूट किया। वे भविष्य में नगरीय व्यवस्था का ऐसा ही मॉडल देखना चाहते हैं। सीमावर्ती जिले के विधायक ने नागरिकों के लिए लाइसेंसी बंदूकों की मांग कर दी तो दूसरे विधायकजी ने उन्हें बंदूक अनुपयोगिता समझा दी। राजस्थान की राजनीति और ब्यूरोक्रेसी की ऐसी ही खरी-खरी बातें पढ़िए, आज के इस एपिसोड में... 1. आप सोच के आए हो कि बोलने नहीं देना है? मंत्रीजी परेशान हैं। कुछ भी करते हैं तो जनता सवाल उठाने लगती है। मंत्रीजी का सरोकार कोटा से रहा है। उन्हें सरकार के 2 साल की उपलब्धियां गिनाने जोधपुर भेज दिया। एक दस्तावेज पकड़ा दिया गया, जिसमें सारे काम-काज का ब्योरा था। मंत्रीजी ने प्रेस ब्रीफिंग में जाने से पहले शायद इसे पढ़ा नहीं था। सूर्यनगरी के पत्रकार ठंड में भी जून-जुलाई के सूर्य की भांति चमक रहे थे। प्रेस ब्रीफिंग शुरू होते ही पत्रकारों ने गोले दागने शुरू कर दिए। एक बोला- आप तो एक काम बता दो जिसने जोधपुर की तकदीर और तस्वीर बदल दी हो। मंत्रीजी दस्तावेज के पन्ने पलटने लगे। उन्होंने छांट-छांटकर स्कीमें गिनाना शुरू किया। लेकिन पत्रकार जोधपुर की सड़क-पानी पर अटके रहे। झल्लाकर मंत्रीजी ने कह दिया- सोचकर आए हो क्या कि मुझे बोलने ही नहीं दोगे? किसी तरह वह कठिन समय बीता। मंत्रीजी कोटा लौट आए। तीखे सवालों का सामना करने से अच्छा है कि वे कहीं फावड़ा-गैंती चला देते। गरीब बच्चे को गोद में उठाकर दुलार देते या फिर कचरे का ढेर परात में भरकर कचरे की गाड़ी में डाल देते। तीसरा आइडिया उन्हें अच्छा लगा। उन्होंने एक गांव में जाकर पहले कचरा ढूंढा। फिर परात लेकर फावड़े से कचरा भरा और कंधे तक उठाकर कचरे की गाड़ी में डाल दिया। इसके बावजूद लोगों को चैन नहीं। सोशल मीडिया पर एक क्रिएटर ने उन्हें इसी पर लपेट लिया। बोला- मंत्रीजी से शिक्षा का भार नहीं उठ रहा, इसलिए कचरा उठा रहे हैं। 2. मंत्रीजी ने मॉडल पर किया 'फोकस' सरकार ने दो साल पूरे कर लिए हैं। सरकार के मंत्री दसों दिशाओं में घूमकर सरकार की उपलब्धियां गिना रहे हैं। मीटिंग पर मीटिंग हो रही हैं। ब्रीफिंग पर ब्रीफिंग हो रही हैं। एक बात हर मंत्री के दिमाग में बैठा दी गई है कि हमें राजस्थान को मॉडल स्टेट बनाना है। जब से यह बात सुनी है, नगरीय विकास मंत्रीजी के कानों में एक ही शब्द गूंज रहा है- मॉडल, मॉडल, मॉडल। रविवार का दिन था। मंत्रीजी अपने आवास पर दालान में मोढ़े पर बैठकर सुबह की धूप से विटामिन डी सोख रहे थे। तभी कोट-पैंट धारी चार लोग उनके पास आए। बोले- सर आज रात जंतर-मंतर पर प्रोग्राम है, आपको आना है। मंत्रीजी भौंहे भी जोर लगाकर उठाई और कहा- अभी किसी भी कार्यक्रम में जाने का वक्त नहीं है भाई। बहुत सारा काम पड़ा है। एक लाल टाई वाले ने कहा- सर, कार्यक्रम में देश-विदेश की मॉडल आ रही हैं। मॉडल का नाम सुनते ही मंत्रीजी मोढ़े पर सीधे बैठ गए। उन्होंने सहमति दे दी। शाम को वे जंतर-मंतर पहुंच गए। वहां मॉडलों की लाइन लगी थी। मॉडल स्टेट की कल्पना करते हुए मंत्रीजी ने एक-एक मॉडल पर फोकस किया। एक मॉडल उन्हें विशिष्ट पसंद आया। जिसे उन्होंने अपने मोबाइल के कैमरे में कैद किया। जूम करके देखा और सोचा- प्रदेश को ऐसा ही मॉडल बनाएंगे। 3. बंदूकें तो चूल्हे के काम की भी नहीं, गैस आ गई एक निर्दलीय युवा विधायक ने नई तान छेड़ दी। कहा कि सरहदी इलाकों में रहने वाले नागरिकों को लाइसेंसी बंदूकें दी जानी चाहिए। उन्होंने 'वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बंदूकों की आवश्यकता और महत्व' पर प्रकाश डालते हुए कहा- सीमावर्ती इलाके के लोगों ने हमेशा भारतीय सेना का साथ दिया है। जब जब मौका पड़ा है उन्होंने योद्धा की भूमिका निभाई है। इसलिए मैं मांग करता हूं कि सीमावर्ती जिले के लोगों को लाइसेंसी हथियार दिए जाएं। बूंदकें दी जाएं। ताकि वक्त आने पर वे किसी भी हालात का मुकाबला कर सकें। विधायकजी ने अपनी भावना व्यक्त कर दी। लेकिन बाद में इस पर वाद-संवाद प्रतियोगिता सी हो गई। हालांकि केंद्रीय मंत्रीजी ने तुरंत प्रतिक्रिया दी कि ऐसी कोई विशेष जरूरत नहीं है। लेकिन चौहटन विधायक आदू राम मेघवाल ने यही बात अपने ही अंदाज में कही। वे बोले- बंदूक की जरूरत तो आजकल चूल्हा जलाने तक में नहीं रही। अब तो चूल्हे भी गैस से जलते हैं। उन्होंने बात आगे बढ़ाई- हमारी सेना के पास ऐसी-ऐसी मिसाइल हैं कि यहां से बटन दबाओ, मिसाइल उड़ते हुए जाएगी, जहां आतंकवादी छुपे हैं उसी बिल्डिंग में उसी माले पर जाकर उन्हीं आतंकवादियों को उड़ा देगी। अब बताओ, बंदूक की जरूरत है? 4. चलते-चलते.. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल उदयपुर पहुंचीं। यहां पूर्व राजपरिवार के दो नन्हे बच्चों से मिलीं। इन बच्चों के पिता का नाम लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ है। वे महाराणा प्रताप के वंशज हैं और मेवाड़ राजपरिवार के 77वें संरक्षक भी। उदयपुर में उन्होंने चित्रकला प्रदर्शनी और म्यूजियम शुरू किया। इसी का फीता काटने राज्यपाल महोदया पधारीं। ये बच्चे भी महाराणा प्रताप के वंशज। बच्चों जैसे सामान्य बच्चे। जिनका सामान्य ज्ञान भी बिल्कुल सामान्य। राज्यपाल मैडम ने बच्चों से हाथ मिलाया। फिर पूछ लिया- बच्चों बताओ आपके दादाजी का नाम क्या है? बच्चों ने एक-दूसरे का चेहरा देखा। सकुचाए। फिर दादाजी अरविंद सिंह मेवाड़ का नाम लेने के बजाय कहा-दादाजी का नाम महाराणा प्रताप है। आनंदी बेन ने बच्चों के मासूम जवाब में आनंद पाया और मुस्कान से भरी मनुहार सी की- आपको भी महाराणा प्रताप जैसा बनना है न? वीडियो देखने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें। अब कल मुलाकात होगी...
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन गुरुवार को सदन में तीखी बहस के आसार हैं। आज मनरेगा, पंचायत, स्कूल शिक्षा, उद्योग और पर्यावरण से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। प्रश्नकाल और ध्यानाकर्षण के दौरान इन विभागों से संबंधित सवालों पर भाजपा-कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों के बीच टकराव देखने को मिल सकता है। जानकारी के अनुसार कांग्रेस विधायक मनरेगा भुगतान में देरी, जॉब कार्डधारियों को काम नहीं मिलने और पंचायत स्तर पर भ्रष्टाचार के मुद्दे को जोरशोर से उठाएंगे। वहीं भाजपा विधायक पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हुई अनियमितताओं का जिक्र करते हुए वर्तमान योजनाओं की स्थिति स्पष्ट करेंगे। पंचायतों में वित्तीय अधिकार, विकास कार्यों की रफ्तार और जनप्रतिनिधियों की भूमिका को लेकर भी सवाल पूछे जाने की संभावना है। वहीं तीसरे दिन यानी मंगलवार को वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सदन में 35,000 करोड़ का सप्लीमेंट्री बजट पेश किया। उद्योग और पर्यावरण से जुड़े विषयों होगी बहस उद्योग और पर्यावरण से जुड़े विषयों पर भी बहस तेज रहने की उम्मीद है। विपक्ष औद्योगिक निवेश, पर्यावरणीय मंजूरी और स्थानीय रोजगार को लेकर सवाल उठाएगा। वहीं सत्ता पक्ष राज्य में नए उद्योगों के आगमन, निवेश प्रस्तावों और पर्यावरण संतुलन के दावों के साथ जवाब देगा। सत्र के चौथे दिन शून्यकाल में भी कई स्थानीय और जनहित के मुद्दे उठने की संभावना है। सत्ता और विपक्ष दोनों के तेवर सख्त रहने के संकेत हैं। ऐसे में आज सदन में जोरदार बहस और तकरार देखने को मिल सकती है। तीसरे दिन 35,000 करोड़ का सप्लीमेंट्री बजट पेश शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने सदन में 35,000 करोड़ का सप्लीमेंट्री बजट पेश किया। वित्तीय वर्ष खत्म होने से ठीक तीन महीने पहले पेश किए गए इस बड़े सप्लीमेंट्री बजट पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। इस दौरान वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि इससे प्रदेश के विकास को गति मिलेगी। विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा अनुपूरक बजट है। राजस्व व्यय को बढ़ाने की शुरुआत पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार ने की थी। कांग्रेस सरकार ने धान खरीदी को राजनीतिक विषय बना दिया। वहीं कांग्रेस विधायक राघवेंद्र सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ लगातार कर्ज में डूबता जा रहा है। ऐसे में वित्तीय वर्ष के आखिरी तीन महीनों में 35 हजार करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट क्यों लाया गया, यह समझ से परे है। इस बजट में कोई ठोस विजन नजर नहीं आता। राघवेंद्र सिंह ने कहा कि महिलाओं को महतारी वंदन योजना के तहत एक हजार रुपए दिए जा रहे हैं, लेकिन बिजली बिल के नाम पर उससे ज्यादा राशि वसूली जा रही है। सरकार का फोकस काम से ज्यादा इवेंट मैनेजमेंट पर है। राघवेंद्र सिंह ने कहा कि नए पदों पर भर्ती, नियमितीकरण और किसानों को समय पर भुगतान जैसे वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं। सड़कों, धान, आदिवासी, किसान, युवा और महिलाओं के विकास के लिए स्पष्ट लक्ष्य तय कर काम करने की जरूरत बताई। सुशांत शुक्ला ने राशन कार्ड के मुद्दे पर खाद्य मंत्री को घेरा इससे पहले भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने APL से BPL राशन कार्ड परिवर्तन के मुद्दे पर खाद्य मंत्री को घेरा। सुशांत शुक्ला ने अपनी ही सरकार पर गलत जानकारी देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एपीएल कार्ड डिलीट कर बीपीएल कार्ड बनाए गए। इस संबंध में FIR भी दर्ज हुई है। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कोई परिवर्तन नहीं हुआ। जांच में सिर्फ 19 राशन कार्ड में गड़बड़ी मिली, जिनमें से 4 मामलों में जोन क्रमांक-4 के जोन कमिश्नर की अनुशंसा पर कार्रवाई की गई है और जांच जारी है। सुशांत शुक्ला ने फिर आपत्ति जताई, जबकि पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने आधे घंटे की चर्चा की मांग की। विधायक इंद्र कुमार साहू ने जैतूसाव मठ की जमीन बेचे जाने का मामला उठाया। पर्यटन मंत्री राजेश अग्रवाल ने माना कि रायपुर में भू-माफियाओं 10 जमीनें बेचीं। उनके मुताबिक दो मामले हाईकोर्ट से पेडिंग है, आठ मामलों में एफआईआर करवा रहे हैं। विधायक ने सचिव स्तर समिति द्वारा जांच कराने की मांग की। वहीं धरमलाल कौशिक ने जल जीवन मिशन के मुद्दे पर डिप्टी सीएम अरुण साव को घेरा। राजस्व मंत्री ने माना, बस्तर में बाढ़ से 12 लोगों की जान गई इस दौरान, सदन में बस्तर में आई बाढ़ से बर्बादी का मुद्दा भी उठा, कांग्रेस विधायक विक्रम मंडावी के सवाल का जवाब देते हुए राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने माना कि, बाढ़ में 12 लोगों की जान गई थी। सड़क मरम्मत के मुद्दे पर बहस इधर, प्रश्नकाल के दौरान ही सड़क मरम्मत को लेकर सदन में तीखी बहस हुई। कांग्रेस विधायक हर्षिता बघेल ने डोंगरगढ़ क्षेत्र सहित राजनांदगांव और खैरागढ़ जिलों की मरम्मत योग्य सड़कों पर कार्रवाई को लेकर लोक निर्माण मंत्री अरुण साव के जवाब पर सवाल उठाए। मंत्री ने बताया कि दोनों जिलों में 48 सड़कें चिह्नित हैं, जिनमें 39 के टेंडर हो चुके हैं, 4 का काम पूरा हो गया है और 5 पर कार्य शुरू होना बाकी है। इस पर हर्षिता बघेल ने आरोप लगाया कि जमीनी स्तर पर किसी भी सड़क पर काम शुरू नहीं हुआ और मंत्री ने सदन को गलत जानकारी दी है। विवाद बढ़ने पर आसंदी ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि मंत्री की ओर से दी गई जानकारी रिकॉर्ड में ली जाएगी और वही आधिकारिक मानी जाएगी, इसके बाद कार्यवाही आगे बढ़ी। सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल निर्माण का मुद्दा उठा जगदलपुर विधायक किरण सिंह देव ने महारानी अस्पताल में प्रस्तावित कैंसर क्लिनिक और सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल के निर्माण में हो रही देरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि 12 जून 2025 को स्वीकृति मिलने के बावजूद अब तक सिर्फ टेंडर प्रक्रिया ही चल रही है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि डीपीआर निजी एजेंसी से तैयार कराई जाती है और ईएनसी के माध्यम से स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। मंत्री ने यह भी बताया कि पूर्व प्रवास के दौरान माताओं के लिए एमआरडी भवन की मांग के बाद उसमें भी स्वीकृति जोड़ी गई। दोबारा सवाल पर मंत्री ने सदन में आश्वासन दिया कि कैंसर क्लिनिक और सुपर स्पेशियालिटी हॉस्पिटल दोनों का निर्माण कार्य जनवरी से शुरू कर दिया जाएगा। विधानसभा में दूसरे दिन क्या-क्या हुआ जानने के लिए ग्राफिक्स से गुजर जाइए... ............................ इससे जुड़ी ये खबर पढ़ें... मंत्री खुशवंत बोले-प्रदेश में 15 लाख बेरोजगार: कहा-14 हजार लोगों को जल्द देंगे रोजगार, भूपेश बोले-युवाओं को भत्ता न देना धोखा, धरमलाल ने भी घेरा छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बेरोजगारी भत्ता और रोजगार के मुद्दे पर सदन का माहौल गरमा गया। सदन में भूपेश बघेल ने बेरोजगारी और युवाओं को भत्ते के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा। मंत्री के स्पष्ट जवाब न देने पर नाराज विपक्ष ने हंगामा कर दिया। सदन में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। पढ़ें पूरी खबर
शिक्षा, रोजगार, छग की परंपरा और नशा मुक्ति पर होगी चर्चा
एजुकेशन रिपोर्टर| भिलाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की छत्तीसगढ़ प्रदेश इकाई का 58वां प्रदेश अधिवेशन 19, 20 व 21 दिसंबर को होगा। यह तीन दिवसीय अधिवेशन सिविक सेंटर स्थित कला मंदिर में होगा। इसमें प्रदेश के विभिन्न जिलों से 550 से अधिक विद्यार्थी प्रतिनिधि शामिल होंगे। इसमें छात्रहित, शिक्षा व्यवस्था, राष्ट्र निर्माण एवं संगठनात्मक विषयों पर मंथन किया जाएगा। सोमवार को प्रदर्शनी स्थल, भोजन स्थल और ध्वज मंडल समेत अन्य कार्यों का भूमिपूजन किया गया। अभाविप के प्रदेश मंत्री यज्ञदत्त वर्मा ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि अधिवेशन स्थल को एक व्यवस्थित नगर बनाकर उसका नाम धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा नगर रखा जाएगा। इसके भीतर कारगिल युद्ध में भिलाई के शहीद कौशल यादव की स्मृति में प्रदर्शनी लगाई जाएगी। एक ध्वज मंडल, प्रतिनिधियों के लिए भोजन पंडाल और विद्यार्थियों के फोटो खिंचवाने बैलगाड़ी और छत्तीसगढ़ पारंपरिक वेशभूषा के कट आउट युक्त सेल्फी प्वाइंट बनाया जाएगा। अधिवेशन का उद्घाटन उपमुख्यमंत्री अरुण साव करेंगे। कार्यक्रम में अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. आशुतोष मंडावी और क्षेत्रीय संगठन मंत्री चेतस सुखड़िया शामिल होंगे। प्रदर्शनी का उद्घाटन 18 दिसंबर की शाम 5 बजे किया जाएगा। इसका उद्घाटन पूर्व क्षेत्रीय कार्यवाह बिसरा राम यादव और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मानसी गुलाटी करेंगी। सभाभवन का नाम लोक कलाकार पद्मश्री पुनाराम निषाद के नाम पर रखा गया है। इस अवसर पर सामाजिक सद्भाव छग प्रांत प्रमुख कौशलेंद्र प्रताप सिंह, स्वागत समिति अध्यक्ष सजल जैन, सचिव सुरेंद्र कौशिक, नगर अध्यक्ष रितेश दुबे, मंत्री आकाश कुमार साहू आदि उपस्थित थे। अधिवेशन में तीन प्रस्ताव रखे जाएंगे, इन प्रस्ताव पर होगी चर्चा अधिवेशन में तीन प्रस्ताव रखे जाएंगे। इसमें शिक्षा बने रोजगार का साधन, शैक्षणिक गुणवत्ता हो छत्तीसगढ़ की प्राथमिकता, छत्तीसगढ़ की परंपराएं ही स्वच्छ वातावरण और स्वस्थ समाज का मूल तथा नशा मुक्त छत्तीसगढ़ शामिल है। 19 को नए पदाधिकारियों का शपथ ग्रहण समारोह होगा। इसमें नए प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विकास कुमार पांडेय और प्रदेश मंत्री अनंत सोनी पद का शपथ लेंगे। 20 को शोभायात्रा निकाली जाएगी। इसमें शामिल होने वाले छत्तीसगढ़ के पारंपरिक वेषभूषा में होंगे। यह शोभा यात्रा राजेंद्र पार्क दुर्ग से बस स्टैंड दुर्ग तक जाएगी। 21 को राष्ट्रीय युवा दिवस, छात्रावास सर्वेक्षण होगा।
आरयू... उच्च शिक्षा के निदेशक को लंबित समस्याओं से कराया अवगत
उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक सुधीर बाड़ा का मंगलवार को रांची विश्वविद्यालय में अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा स्वागत किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने निदेशक से मुलाकात कर कहा कि आपसे कर्मचारियों से जुड़ी दीर्घकालीन समस्याओं के समाधान की उम्मीद मजबूत हुई है। कर्मचारियों ने निदेशक के समक्ष वेतन निर्धारण से संबंधित लंबित मामलों की ओर ध्यान आकृष्ट करते हुए शीघ्र निराकरण की अपेक्षा जताई। इस मौके पर वीसी के पीएस सह कर्मचारी नेता नवीन चंचल, महामंत्री अर्जुन कुमार, वीरेंद्र वर्मा, एनके कुजूर, जे मिंज, कैफी, मुकेश वर्मा, लक्ष्मण गोप, सुमित मंडल, शंकर गोदर, मनोज महतो सहित कई कर्मचारी उपस्थित थे।
उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने मंगलवार को मीडिया से चर्चा में बताया कि मप्र मेडिकल एजुकेशन का हब बन रहा है। सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों की मिलाकर कुल 5550 सीटें एमबीबीएस की हो गई हैं। इनमें सरकारी कॉलेजों में 2275 से बढ़कर 2850 सीटें हो गई है। वहीं सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या 14 से बढ़कर 19 और निजी मेडिकल कॉलेज 12 से बढ़कर 14 संख्या हो गई है। शुक्ला ने बताया कि इसके अलावा पीपीपी मॉडल पर 9 जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जा रहे हैं, जिनमें कटनी, धार, पन्ना और बैतूल में काम शुरू हो चुका है। इसके साथ ही 93 सुपर स्पेशियलिटी सीटों की उपलब्धता से प्रदेश में उन्नत चिकित्सा शिक्षा और विशेषज्ञ सेवाओं को नया आयाम मिला है। आधुनिक चिकित्सा को लेकर बोले कि इंदौर, जबलपुर, रीवा और ग्वालियर में कैंसर उपचार के लिए अत्याधुनिक लिनियर एक्स-रेटर मशीनें लगाई। भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रीवा और सागर में सीटी स्कैन एवं एमआरआई मशीनों को मंजूरी दी। जबकि ग्वालियर, रतलाम और विदिशा में एमआरआई एवं सीटी सुविधाओं का विस्तार किया। मप्र में देहदान में बढ़ोतरी हुई और 38 नागरिकों को मरणोपरांत गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान कर सम्मानित किया गया है। एयर एम्बुलेंस की मदद से 109 गंभीर रोगियों को समय पर अस्पताल पहुंचाया।
आजमगढ़ जिला प्रशासन यूपी बोर्ड परीक्षा की तैयारी में जुट गया है। माध्यमिक शिक्षा परिषद की तरफ से 18 फरवरी से शुरू होने वाली यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद तैयारी में जुट गया है। जिले में यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए 273 केंद्रों का निर्धारण किया गया है। इसके तहत 216 परीक्षा केंद्र उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के माध्यम से ऑनलाइन निर्धारित किए गए हैं। इसके साथी जनपद यह परीक्षा समिति के माध्यम से 57 केंद्र निर्धारित किए गए हैं। परीक्षा केदो के निर्धारण को लेकर बोर्ड के अधिकारियों के साथ जूम मीटिंग भी की जा चुकी है। इसके साथ ही जिले में परीक्षा केदो के निर्धारण को लेकर 385 आपत्तियां जिला विद्यालय निरीक्षक और जिले के डीएम के पास पहुंची थी। इन आपत्तियों में शिफ्टिंग आवंटन आधारभूत सुविधाओं के साथ-साथ परीक्षा केंद्रों पर होने वाली मूलभूत सुविधाओं की कमी के कारण यह आपत्तियां आई थी। ऐसे में इन सभी पर विचार कर लिया गया है। इसकी पुष्टि जिले के जिला विद्यालय निरीक्षक वीरेंद्र प्रताप सिंह ने की है। SOP का नहीं रखा गया ध्यान दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक वीरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि 2026 यूपी बोर्ड परीक्षा की तैयारी में स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर का ध्यान नहीं रखा गया था। यही कारण है कि 385 से अधिक आपत्ति दर्ज कराई गई थी। हालांकि सभी आपत्तियों पर विचार कर लिया गया है। जिसके आधार पर तैयारी कर ली गई है। जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि 2026 की हाई स्कूल की परीक्षा में 83628 अभ्यर्थियों ने नामांकन किया है। जबकि इंटरमीडिएट की परीक्षा में 86258 अभ्यर्थियों ने नामांकन किया है। ऐसे में कुल मिलाकर हाई स्कूल और इंटर में 179886 अभ्यर्थियों का नामांकन किया गया है। जो पिछले वर्ष की अपेक्षा में 7223 अभ्यर्थियों से कम है। यूपी बोर्ड के परीक्षा केंद्रों के निर्धारण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। जिसे जल्दी से पूरा कर लिया जाएगा।
एमएलके पीजी कॉलेज बलरामपुर में शिक्षाशास्त्र विभाग द्वारा 'मूल्य शिक्षा एवं जीवन' विषय पर आयोजित 60 दिवसीय कौशल प्रमाण पत्र कोर्स का समापन हुआ। मंगलवार को एक समारोह में चयनित छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। समारोह का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. जे. पी. पाण्डेय ने मां सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया। उन्होंने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। प्राचार्य प्रो. पाण्डेय ने कहा कि मूल्य शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति में नैतिक, सामाजिक और भावनात्मक गुणों जैसे ईमानदारी, सहानुभूति और जिम्मेदारी का विकास करना है। इससे छात्र जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाकर संतुलित और जिम्मेदार नागरिक बन सकेंगे। शिक्षाशास्त्र विभागाध्यक्ष और सर्टिफिकेट कोर्स के संयोजक डॉ. दिनेश मौर्य ने सभी का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि ऐसे सर्टिफिकेट कोर्स छात्रों के भविष्य के लिए अत्यंत उपयोगी साबित होंगे। सर्टिफिकेट कोर्स के समन्वयक और विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर लेफ्टिनेंट डॉ. देवेन्द्र कुमार चौहान ने आभार व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि यह कोर्स छात्रों में नैतिक मूल्यों, आत्म-अनुशासन और जिम्मेदार व्यवहार को विकसित कर उनके समग्र व्यक्तित्व निर्माण में सहायक है। डॉ. चौहान ने आगे कहा कि यह कोर्स केवल अकादमिक ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन की चुनौतियों का सामना करने, सकारात्मक निर्णय लेने और एक बेहतर नागरिक बनने के लिए आवश्यक जीवन कौशल और नैतिक आधार प्रदान करता है। इससे व्यक्तिगत विकास, करियर में उन्नति और समाज में सकारात्मक योगदान की क्षमता बढ़ती है। इस अवसर पर विभागीय शिक्षक डॉ. विशाल गुप्त और प्रियंका गुप्ता सहित कई अन्य लोग उपस्थित रहे।
राजस्थान इतिहास कांग्रेस अधिवेशन में डॉ. हेमलता वैष्णव ने कोटा रियासत के पिपलोदा गांव में ईसाई मिशनरियों द्वारा शिक्षा और धर्मांतरण पर शोध पत्र प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में भारत के विभिन्न राज्यों के इतिहासकारों ने भाग लिया और हाड़ौती क्षेत्र के सामाजिक-सांस्कृतिक इतिहास पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई।
दौलत राम कॉलेज द्वारा भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) के सहयोग से 19 से 21 दिसंबर, 2025 तक “राष्ट्रीय शिक्षा नीति–2020 : कार्यान्वयन, चुनौतियां एवं संभावनाएं” विषय पर तीन-दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।
बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने बड़ी राहत दी है। अब मोबाइल ऐप के जरिए ऑनलाइन हाजिरी दर्ज न होने पर तकनीकी कारणों से शिक्षकों का वेतन नहीं कटेगा। विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसी स्थिति में शिक्षकों को उनकी भौतिक उपस्थिति के आधार पर वेतन का भुगतान किया जाएगा। इस निर्णय से राज्य भर के हजारों शिक्षकों को लाभ मिलेगा, जो नेटवर्क, सर्वर या ऐप की तकनीकी गड़बड़ियों के कारण वेतन कटौती का सामना कर रहे थे। शिक्षकों को वापस किया जाएगा पैसा शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, जिन शिक्षकों का वेतन तकनीकी कारणों से पहले ही काटा जा चुका है, उन्हें भी वापस किया जाएगा। प्राथमिक शिक्षा निदेशक साहिला ने इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में कहा गया है कि शिक्षकों से नियमानुसार स्पष्टीकरण और प्रमाण प्राप्त करने के बाद उनकी भौतिक उपस्थिति के आधार पर वेतन भुगतान सुनिश्चित किया जाए। इस कदम से ईमानदारी से विद्यालय आने वाले शिक्षकों को मानसिक और आर्थिक परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। विभाग को लगातार मिल रही शिकायतें बता दें है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की लेटलतीफी और बिना सूचना अनुपस्थिति पर रोक लगाने के उद्देश्य से ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली लागू की गई थी। हालांकि, कई बार तकनीकी खामियों के कारण शिक्षकों की हाजिरी दर्ज नहीं हो पाती थी, जबकि वे विद्यालय में मौजूद रहते थे। इस वजह से शिक्षकों में असंतोष बढ़ रहा था और विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं। नए निर्देश के बाद यह समस्या काफी हद तक सुलझने की उम्मीद है, जिससे शिक्षकों को बेवजह की परेशानी से निजात मिलेगी। शिक्षकों पर सख्ती रहेगी जारी विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह राहत केवल तकनीकी कारणों से प्रभावित शिक्षकों के लिए है। जानबूझकर देर से आने या बिना अनुमति अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर सख्ती जारी रहेगी। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर संबंधित शिक्षकों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग का यह कदम एक ओर ईमानदार शिक्षकों को राहत देगा, वहीं दूसरी ओर अनुशासनहीनता पर लगाम लगाने में भी मददगार साबित होगा।
सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ में मंगलवार को 55वां विजय दिवस पूरे गौरव और सम्मान के साथ मनाया गया। यह दिन भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता, शौर्य और अद्वितीय बलिदान को समर्पित रहा। समारोह में राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए, जबकि पूर्व सैनिक सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल देव आनंद विशिष्ट अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। गार्ड ऑफ ऑनर के साथ हुआ शिक्षा मंत्री का स्वागत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के सैनिक स्कूल पहुंचने पर स्कूल के प्राचार्य कर्नल अनिल देव सिंह जसरोटिया, उप प्राचार्य लेफ्टिनेंट कर्नल पारुल श्रीवास्तव और प्रशासनिक अधिकारी मेजर सी. श्रीकुमार ने उनका स्वागत किया। इसके बाद अनुशासित कैडेट्स ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया। कैडेट्स की सटीक परेड और सलामी ने पूरे समारोह को गरिमामय बना दिया। शिक्षा मंत्री ने कैडेट्स के अनुशासन, आत्मविश्वास और सैन्य प्रशिक्षण की सराहना की। शहीदों को दी श्रद्धांजलि गार्ड ऑफ ऑनर के बाद शिक्षा मंत्री ने स्कूल परिसर में स्थित स्मृतिका पर पहुंचकर देश के शहीद जवानों को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उपस्थित अधिकारियों, कैडेट्स और अतिथियों ने दो मिनट का मौन रखकर शहीदों के बलिदान को नमन किया। 1971 की ऐतिहासिक जीत को किया याद विजय दिवस 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारतीय सशस्त्र बलों की ऐतिहासिक जीत का प्रतीक है। इस युद्ध में भारतीय सेना के अदम्य साहस और रणनीतिक क्षमता के सामने पाकिस्तान की सेनाओं ने ढाका में आत्मसमर्पण किया था। यह विजय भारतीय सैन्य इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय मानी जाती है। समारोह के दौरान वक्ताओं ने कैडेट्स से देशसेवा, अनुशासन और राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना को जीवन में अपनाने का आह्वान किया।
छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन आज सदन का माहौल गर्म रहने के आसार हैं। प्रश्नकाल के दौरान शिक्षा, सड़कों की स्थिति, राशन कार्ड और जल जीवन मिशन से जुड़े मुद्दों पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के विधायक सरकार से सवाल पूछेंगे। इन विषयों को लेकर सदन में जोरदार बहस देखने को मिल सकती है। शिक्षा विभाग से जुड़े सवालों में स्कूलों में शिक्षकों की कमी, अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति, बंद स्कूलों और छात्रों के ड्रॉप-आउट से जुड़े मामले उठाए जाएंगे। कांग्रेस विधायक सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता और संसाधनों पर सवाल खड़े कर सकते हैं, जबकि भाजपा सरकार नई शिक्षा नीतियों, अधोसंरचना विकास और डिजिटल शिक्षा की उपलब्धियों को गिनाने की तैयारी में है। सड़कों की बदहाल स्थिति पर होगा विवाद सड़कों की बदहाल स्थिति भी आज सदन में प्रमुख मुद्दा रहेगी। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में जर्जर सड़क, अधूरे निर्माण कार्य और सड़क हादसों को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। वहीं, लोक निर्माण विभाग की ओर से चल रही योजनाओं और आगामी परियोजनाओं का ब्योरा पेश किया जाएगा। राशन कार्ड से जुड़े मामलों में नए कार्ड जारी न होने, पात्र परिवारों के नाम जुड़ने-कटने और वितरण व्यवस्था में गड़बड़ी को लेकर सवाल उठेंगे। खाद्य विभाग की कार्यप्रणाली और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की पारदर्शिता पर विपक्ष निशाना साध सकता है। जल जीवन मिशन पर होगी चर्चा जल जीवन मिशन भी आज चर्चा के केंद्र में रहेगा। नल-जल योजना के तहत गांवों तक पानी पहुंचने, अधूरी परियोजनाओं और गुणवत्ता संबंधी शिकायतों पर सवाल पूछे जाएंगे। सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में किए गए कार्यों और लक्ष्य हासिल करने का दावा पेश करेगी। नवा रायपुर स्थित नए विधानसभा भवन में चल रहे इस पेपरलेस सत्र के तीसरे दिन विपक्ष और सत्ता पक्ष के आमने-सामने आने से सदन में हंगामे और तीखी बहस के आसार बने हुए हैं। दूसरे दिन बेरोजगारी भत्ता का मुद्दा उठा छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बेरोजगारी भत्ता और रोजगार के मुद्दे पर सदन का माहौल गरमा गया। सदन में भूपेश बघेल ने बेरोजगारी और युवाओं को भत्ते के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा। मंत्री के स्पष्ट जवाब न देने पर नाराज विपक्ष ने हंगामा कर दिया। सदन में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। भूपेश बघेल ने भी सरकार को घेरा। भूपेश बघेल ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विधानसभा में मिले जवाब के अनुसार बेरोजगारी भत्ता योजना बंद नहीं हुई है, फिर लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि बजट में प्रावधान होने के बावजूद युवाओं को भत्ता नहीं देना उनके साथ धोखा है। वहीं प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या को लेकर सरकार से सवाल किया। इस पर जवाब में रोजगार मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने बताया कि 1 अप्रैल 2024 की स्थिति में राज्य में 11 लाख 39 हजार 656 बेरोजगार पंजीकृत हैं। मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने बताया कि वर्तमान में यह संख्या बढ़कर करीब 15 लाख के आसपास पहुंच गई है। जल्द ही एक साथ 14 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार बेरोजगारों को भत्ता देने के बजाय उन्हें रोजगार से जोड़ने पर फोकस कर रही है। सदन में नारेबाजी कर विपक्ष का वॉकआउट सदन में कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने बेरोजगारी भत्ता नहीं दिए जाने का मुद्दा उठाया। साथ ही पूछा कि युवाओं को योजना का लाभ कब मिलेगा। इस पर मंत्री खुशवंत ने कहा कि सरकार युवाओं को सक्षम और सामर्थ्य वान बनाने की दिशा में काम कर रही है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन में नारेबाजी की और वॉकआउट कर दिया। इसके अलावा स्कूल-कॉलेजों में लगे सैनेटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और इंसीनरेटर का मुद्दा उठा। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कई मशीनों के खराब/बंद होने और करोड़ों खर्च के बावजूद छात्राओं का इसका लाभ नहीं मिलने का आरोप लगाकर जांच की मांग की। जवाब में मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने बताया कि, लगभग 1600 मशीनें ठीक हैं और 1300 खराब है इसकी जांच कराई जाएगी। देखिए ये तस्वीरें... मोबाइल नेटवर्क समस्या पर हंगामा विधायक रेणुका सिंह ने सदन में टॉवरों को लेकर गलत और अधूरी जानकारी देने पर विभागीय अधिकारियों को घेरा। उन्होंने कहा कि कई इलाकों में अब भी नेटवर्क की गंभीर समस्या बनी हुई है, लेकिन कागजों में टॉवर चालू दिखाए जा रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इस विषय में भारत सरकार को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि जिन क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या है, वहां जल्द मोबाइल टॉवर लगाए जाएंगे। धान खरीदी में अव्यवस्था पर हंगामा, भूपेश ने सरकार को घेरा विधानसभा में धान खरीदी में अव्यवस्था को लेकर विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव लाया। भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार धान खरीदने के पक्ष में नहीं है और जानबूझकर व्यवस्था कमजोर कर निजी हाथों में सौंपने का षडयंत्र रच रही है। उन्होंने बताया कि समिति प्रबंधक, कर्मचारी और कंप्यूटर ऑपरेटर हड़ताल पर हैं, पंजीयन में गंभीर खामियां हैं, वन अधिकार पट्टाधारी किसानों का पंजीयन नहीं हुआ और ऑनलाइन टोकन व्यवस्था पूरी तरह फेल है, जिससे कई किसानों को चॉइस सेंटरों के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। ........................... इससे जुड़ी ये खबर पढ़ें... मंत्री खुशवंत बोले-प्रदेश में 15 लाख बेरोजगार: कहा-14 हजार लोगों को जल्द देंगे रोजगार, भूपेश बोले-युवाओं को भत्ता न देना धोखा, धरमलाल ने भी घेरा छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन बेरोजगारी भत्ता और रोजगार के मुद्दे पर सदन का माहौल गरमा गया। सदन में भूपेश बघेल ने बेरोजगारी और युवाओं को भत्ते के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा। मंत्री के स्पष्ट जवाब न देने पर नाराज विपक्ष ने हंगामा कर दिया। सदन में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। पढ़ें पूरी खबर
राज्य में भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने का जश्न केवल उपलब्धियों का नहीं, बल्कि प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी निभाने का भी होगा। आगामी 23 दिसंबर को हर जिले और हर विद्यालय में मिशन लाइफ की भावना के साथ पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित विशेष कार्यक्रम होंगे।स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देशों के तहत यह आयोजन राज्य से लेकर जिला स्तर तक एक साथ किया जाएगा, जिससे पर्यावरण के प्रति जन-जागरूकता को नई ऊर्जा मिलेगी। सात सूत्र, एक लक्ष्य स्वच्छ और सुरक्षित भविष्य के तहत मिशन लाइफ के अंतर्गत सात प्रमुख विषयों पर विशेष जोर दिया जाएगा। इसमें ऊर्जा बचाओ, पानी बचाओ, सिंगल यूज प्लास्टिक से दूरी, टिकाऊ भोजन व्यवस्था अपनाओ, कचरा कम करो, स्वस्थ जीवनशैली अपनाओ, इलेक्ट्रॉनिक कचरा घटाओ, जीवनशैली बदलेगी तो भविष्य संवर जाएगा जैसे विषय शामिल हैं। पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के पत्र और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुरूप इन कार्यक्रमों का मूल उद्देश्य आमजन को यह संदेश देना है कि प्रकृति की रक्षा केवल नियमों से नहीं, बल्कि रोजमर्रा की आदतों में बदलाव से संभव है। पोस्टर-स्लोगन स्पर्धा, नुक्कड़ नाटक समेत कई गतिविधियां कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के जरिए विद्यालयों में रचनात्मक, प्रेरणादायी और सहभागिता आधारित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। रचनात्मक प्रतियोगिताओं में पर्यावरण विषय पर पोस्टर, नारा और निबंध लेखन होगा, जबकि जन जागरूकता पहल के तहत धारणीय विकास पर रैली और नुक्कड़ नाटक किए जाएंगे। विद्यार्थियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाने के साथ हरियाली के लिए विद्यालय परिसरों में किचन गार्डन का विकास करेंगे। सिंगल यूज प्लास्टिक के पूर्ण बहिष्कार और पर्यावरण अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा दिया जाएगा।
शिक्षकों के लिए तीन दिवसीय समावेशी शिक्षा प्रशिक्षण शुरू
करपी| प्रखंड मुख्यालय स्थित प्रखंड संसाधन केंद्र में सोमवार से शिक्षकों के लिए तीन दिवसीय समावेशी शिक्षा प्रशिक्षण का शुभारंभ हुआ। इस प्रशिक्षण में प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों से चयनित 40 शिक्षक-शिक्षिकाएं भाग ले रहे हैं। प्रशिक्षण का उद्घाटन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शबाना हारून ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण शिक्षकों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान दिव्यांग बच्चों की पहचान, उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं को समझने तथा उन्हें सामान्य बच्चों के साथ समावेशी कक्षा में प्रभावी ढंग से पढ़ाने के लिए आवश्यक कौशलों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने कहा कि केवल प्रशिक्षण में भाग लेने वाले शिक्षकों ही नहीं, बल्कि अन्य सभी शिक्षकों का भी यह कर्तव्य है कि वे दिव्यांग छात्रों के प्रति संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाएं। दिव्यांग बच्चों की पहचान कर उनकी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शिक्षकों को विभिन्न बिंदुओं पर मार्गदर्शन दिया गया।
बच्चों को शिक्षा और सहयोग मिले तो वे बहुत आगे जा सकते हैं: शिवशंकर
भास्कर न्यूज | खरोरा मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान के अंतर्गत संकुल केंद्र अड़सेना के शास. हाईस्कूल अड़सेना एवं नवीन प्राथमिक शाला अड़सेना भूलनडबरी का निरीक्षण शिवशंकर वर्मा सदस्य जनपद पंचायत तिल्दा-नेवरा ने किया। नवीन प्राथमिक शाला अड़सेना डीहपारा व प्राथमिक शाला अड़सेना का निरीक्षण सरपंच ग्राम पंचायत अड़सेना डॉ तेजराम पाल द्वारा किया गया एवं पूर्व माध्यमिक शाला मोंहदी का निरीक्षण एसएडीओ कृषि विभाग रस्तोगी द्वारा किया गया। सहयोगी संकुल समन्वयक भोला प्रसाद वर्मा सहित सांसद प्रतिनिधि राजेंद्र कुमार खुंटे एसएमसी अध्यक्ष गौकरण देवांगन उपस्थित रहे। इस दौरान जनपद सदस्य शिवशंकर वर्मा ने कहा कि बच्चों को सही शिक्षा व सहयोग मिले तो बहुत आगे जा सकते हैं। बच्चे देश का भविष्य हैं। इसलिए उनकी शिक्षा में गुणवत्ता लाना आवश्यक है। प्रत्येक शिक्षक पूर्ण समर्पण भाव से बच्चों पर ध्यान दें। सरपंच तेजराम पाल ने कहा कि बच्चे हमारे है जिस प्रकार से हम अपने बच्चे की शिक्षा चाहते हैं। वैसे ही इन बच्चों को भी शिक्षा दें। किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो हमें अवगत कराएं हम उच्च स्तर पर बात को रखेंगे। संकुल प्रभारी प्राचार्य विद्या निगम ने आश्वासन दिया कि विद्यालय परिवार बच्चों के उज्जवल भविष्य हेतु पूर्ण मनोयोग से कार्य करेंगे और हम सब मिलकर संकुल को उत्कृष्ट बनाएंगे। संकुल समन्वयक भोला प्रसाद वर्मा ने शिक्षा गुणवत्ता, विद्यालय की मूलभूत सुविधाए, आवश्यक सुधारों पर जानकारी दी। शिक्षकों ने शिक्षा का स्तर सुधारने संकल्प लिया।
शिक्षा में लैंगिक संवेदनशीलता के महत्व पर प्रकाश डाला
बीसीएम स्कूल दुगरी ने समावेशी और समानता पूर्ण शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विद्यालयों में लैंगिक संवेदनशीलता विषय पर सीबीएसई क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस सत्र का मुख्य उद्देश्य कक्षा में होने वाले व्यवहार और विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को प्रभावित करने वाली लैंगिक भूमिकाओं, रूढ़ियों एवं पूर्वाग्रहों के प्रति जागरूकता पैदा करना था। शिक्षा में लैंगिक संवेदनशीलता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जेंडर-न्यूट्रल भाषा के प्रयोग, विद्यार्थियों की समान भागीदारी सुनिश्चित करने, सूक्ष्म पूर्वाग्रहों की पहचान तथा समावेशी कक्षा रणनीतियों को अपनाने पर विशेष बल दिया।
महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल में नवनिर्मित एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक और एआई-रोबोटिक लैब का उद्घाटन नोएडा के विधायक पंकज सिंह ने किया। यह कार्यक्रम विद्यालय परिसर में आयोजित किया गया। यह समारोह विद्यालय के अध्यक्ष आशीष अग्रवाल, सचिव राजीव अग्रवाल और उप-प्रधानाचार्या शालू श्रीवास्तव के कुशल नेतृत्व में संपन्न हुआ। सर्वप्रथम विधायक पंकज सिंह ने प्रशासनिक ब्लॉक और एआई लैब का उद्घाटन किया। आतंकवाद के विरुद्ध दृढ़ संकल्प का संदेश इसके बाद मुख्य अतिथि पंकज सिंह का गुलदस्ता और प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ परंपरागत दीप प्रज्वलन और ईश वंदना से हुआ। विद्यार्थियों ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के माध्यम से आतंकवाद के विरुद्ध दृढ़ संकल्प का संदेश दिया। वहीं, रामायण पर आधारित संगीतमय प्रस्तुति के माध्यम से सनातन संस्कृति और मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आदर्शों को प्रस्तुत किया गया। ये लोग शामिल हुए समारोह के अंत में विद्यालय के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल ने प्रबंधन समिति, प्रतिभागियों, शिक्षकों और उपस्थित अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।इस अवसर पर लोक राम अग्रवाल (अध्यक्ष, अग्रवाल शिक्षा संस्थान), राजेंद्र अग्रवाल, सुरेश बंसल, सुधीर हलवासिया, मनोज हवेलिया, उज्ज्वल कृष्ण, विशाल अग्रवाल और रीता मित्तल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
चित्तौड़गढ़ स्थित सैनिक स्कूल में पहली बार आधुनिक एयर राइफल शूटिंग रेंज और आर्चरी रेंज पूरी तरह बनकर तैयार हो चुकी है। यह दोनों ही सुविधाएं पहले सैनिक स्कूल में उपलब्ध नहीं थीं। अब इन नई रेंजों के शुरू होने से स्टूडेंट्स को खेलों के क्षेत्र में आगे बढ़ने के बेहतरीन मौके मिलेंगे। इन सुविधाओं का उद्घाटन मंगलवार को राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर द्वारा किया जाएगा, जिससे स्कूल प्रशासन, छात्र और पेरेंट्स सभी उत्साहित नजर आ रहे हैं। शूटिंग और आर्चरी की सुविधा सैनिक स्कूल का मुख्य उद्देश्य हमेशा से ही अनुशासन, नेतृत्व और देशसेवा की भावना विकसित करना रहा है। अब इसके साथ-साथ खेलों में भी स्टूडेंट्स को मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। आधुनिक एयर राइफल शूटिंग रेंज और आर्चरी रेंज बनने से छात्रों को अब बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। स्कूल परिसर में ही उन्हें उच्च स्तर की प्रैक्टिस का माहौल मिलेगा। यह सुविधा खासतौर पर उन बच्चों के लिए वरदान साबित होगी, जो शूटिंग और तीरंदाजी जैसे खेलों में रुचि रखते हैं। आगे बढ़ने का मिलेगा अवसर नई खेल सुविधाओं से उन छात्रों को विशेष लाभ मिलेगा, जो भविष्य में ओलिंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स, नेशनल गेम्स और अन्य राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने का सपना देखते हैं। अब शुरुआती प्रशिक्षण से लेकर नियमित अभ्यास तक सब कुछ स्कूल में ही संभव हो पाएगा। खेल विशेषज्ञों का मानना है कि यदि बच्चों को सही उम्र में सही संसाधन और मार्गदर्शन मिल जाए, तो वे बड़ी उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। सैनिक स्कूल की यह पहल छात्रों के सपनों को साकार करने में मददगार होगी। एयर राइफल रेंज की व्यवस्था स्कूल के जनसंपर्क अधिकारी बाबूलाल शिवरान ने जानकारी देते हुए बताया कि आधुनिक एयर राइफल शूटिंग रेंज 10 मीटर की दूरी पर तैयार की गई है। यह रेंज पूरी तरह से मानकों के अनुसार बनाई गई है, जहां बच्चों को एयर राइफल चलाने का सुरक्षित रूप से ट्रेनिंग दिया जाएगा। इस रेंज में एक समय पर 10 बच्चे अलग-अलग पोजिशन में खड़े होकर व्यक्तिगत रूप से प्रैक्टिस कर सकते हैं। इससे बच्चों को प्रतियोगिता जैसी स्थिति में ट्रेनिंग लेने का अनुभव मिलेगा। बढ़ेगा आत्मविश्वास एयर राइफल शूटिंग रेंज में एक साथ 10 स्टूडेंट्स के प्रैक्टिस की व्यवस्था होने से बच्चों में कॉन्फिडेंस और कंपटीशन की भावना विकसित होगी। वे एक-दूसरे से सीखेंगे और अपनी गलतियों में सुधार कर पाएंगे। नियमित अभ्यास से उनकी एकाग्रता, संतुलन और धैर्य में भी सुधार होगा। शूटिंग जैसे खेल में मानसिक मजबूती बहुत जरूरी होती है और यह सुविधा छात्रों को उसी दिशा में तैयार करेगी। चालीस छात्रों की एकसाथ प्रैक्टिस एयर राइफल के साथ-साथ स्कूल में आर्चरी रेंज भी तैयार की गई है, जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। इस आर्चरी रेंज में एक समय पर करीब 40 बच्चे एक साथ प्रैक्टिस कर सकते हैं। तीरंदाजी का खेल शारीरिक फिटनेस के साथ-साथ मानसिक एकाग्रता को भी बढ़ाता है। इस रेंज में छात्रों को सही तकनीक, सही मुद्रा और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना सिखाया जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां से सीखने के बाद सिर्फ गेम्स में ही नहीं बल्कि फौज में भी मदद मिलेगी।
जमीयत उलमा-ए-हिंद द्वारा शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए छात्रवृत्तियों की घोषणा के मंच से अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने ऐसे बयान दिए, जिन पर देशभर में नई बहस और विवाद खड़ा हो सकता है। शिक्षा को तरक़्क़ी की कुंजी बताते हुए उन्होंने जहां सरकार और समाज की नीतियों पर परोक्ष सवाल उठाए, वहीं धर्मांतरण, मिश्रित शिक्षा (मिक्स एजुकेशन) और मुसलमानों के ख़िलाफ़ कथित साज़िश जैसे मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी। जमीयत उलमा-ए-हिंद के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मौलाना मदनी ने कहा कि “दुनिया में वही क़ौम तरक़्क़ी करती है जिसकी नौजवान नस्ल सही तरबियत और उच्च शिक्षा से लैस हो।” उन्होंने मौजूदा हालात को “वैचारिक लड़ाई” करार देते हुए कहा कि इसका जवाब न हथियार है और न तकनीक, बल्कि उच्च शिक्षा ही एकमात्र हथियार है। 2012 से चल रही छात्रवृत्ति योजना, 915 छात्रों को मिला लाभ मौलाना मदनी ने बताया कि जमीयत उलमा-ए-हिंद और एमएचए मदनी चैरिटेबल ट्रस्ट, देवबंद वर्ष 2012 से मेरिट के आधार पर आर्थिक रूप से कमज़ोर छात्रों को छात्रवृत्ति दे रहा है। योजना के तहत इंजीनियरिंग, मेडिकल, एजुकेशन, जर्नलिज़्म, तकनीकी व प्रोफेशनल कोर्स में पढ़ने वाले ऐसे छात्र पात्र हैं, जिन्होंने पिछली परीक्षा में कम से कम 75% अंक हासिल किए हों। 2025-26 के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 15 जनवरी 2026 तय की गई है। पिछले सत्र में 915 छात्रों को छात्रवृत्ति दी गई थी, जिनमें 46 हिंदू छात्र भी शामिल थे। मदनी ने इसे उदाहरण बताते हुए कहा कि जमीयत धर्म के आधार पर काम नहीं करती। बढ़ती संख्या को देखते हुए छात्रवृत्ति की राशि को दो करोड़ रुपये तक बढ़ाया गया था। ‘धर्मांतरण का फ़ितना’ और मिक्स एजुकेशन पर सीधा हमला कार्यक्रम के दौरान सबसे ज़्यादा विवादास्पद टिप्पणी धर्मांतरण को लेकर सामने आई। मौलाना मदनी ने इसे “मुसलमानों के ख़िलाफ़ योजनाबद्ध फ़ितना” बताते हुए कहा कि इसमें लड़कियों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय रहते प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो हालात विस्फोटक हो सकते हैं। मिक्स एजुकेशन पर उन्होंने दो टूक कहा कि इसका विरोध इसी कारण किया गया था, लेकिन मीडिया ने इसे लड़कियों की शिक्षा के विरोध के रूप में पेश कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया— “हम लड़कियों की शिक्षा के नहीं, बल्कि मिश्रित शिक्षा के विरोधी हैं।” ‘रास्ते बंद किए जा रहे हैं, साज़िश को नाकाम करना होगा’ मौलाना मदनी ने देश की आज़ादी के बाद के हालात को “इतिहास का सबसे नाज़ुक मोड़” बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि एक ओर मुसलमानों को समस्याओं में उलझाया जा रहा है, दूसरी ओर आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षणिक तरक़्क़ी के रास्ते सीमित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर इस “ख़ामोश साज़िश” को नाकाम करना है तो अपने स्कूल-कॉलेज खुद खड़े करने होंगे। दीऩी माहौल में आधुनिक शिक्षा के संस्थान बनाएं मदनी ने क़ौम के संपन्न लोगों से अपील की कि वे लड़कों और लड़कियों के लिए अलग-अलग स्कूल व कॉलेज स्थापित करें, जहां दीऩी माहौल में आधुनिक शिक्षा दी जा सके। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को ऐसा आदर्श बनाया जाए कि ग़ैर-मुस्लिम अभिभावक भी अपने बच्चों को वहां पढ़ाने को प्राथमिकता दें। इससे भाईचारा बढ़ेगा और मुसलमानों के ख़िलाफ़ फैलाई जा रही गलतफ़हमियों का अंत होगा। ‘मुफ़्ती भी चाहिए, डॉक्टर-इंजीनियर भी’ उन्होंने कहा कि जिस तरह क़ौम को मुफ़्ती, उलेमा और हाफ़िज़ की ज़रूरत है, उसी तरह प्रोफ़ेसर, डॉक्टर और इंजीनियर भी चाहिए। उत्तर भारत के मुसलमानों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि खर्च तो दूसरी चीज़ों पर हो रहा है, लेकिन शिक्षा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। देवबंद में लॉ कॉलेज से लेकर ITI तक मौलाना मदनी ने बताया कि इन्हीं हालात को देखते हुए देवबंद में लॉ कॉलेज, बी.एड. कॉलेज, डिग्री कॉलेज, लड़कों-लड़कियों के स्कूल और विभिन्न प्रांतों में आईटीआई स्थापित किए गए हैं, जिनका शुरुआती लाभ दिखने लगा है। उन्होंने ज़ोर दिया कि जमीयत अब ऐसी शिक्षा को बढ़ावा दे रही है जो सीधे रोज़गार से जुड़ी हो यानी तकनीकी और प्रतियोगी शिक्षा। प्रतिभा की कमी नहीं, हौसला बढ़ाने की ज़रूरत अंत में मदनी ने कहा कि हालिया सर्वे रिपोर्टों से साफ है कि मुस्लिम बच्चों में शिक्षा का रुझान बढ़ा है। ज़रूरत केवल उन्हें सक्रिय करने और हीन भावना से बाहर निकालने की है। उन्होंने कहा–शिक्षा ही हर साज़िश का जवाब है।
छत्तीसगढ़ में स्कूल कैंपस के बाद अब कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भी आवारा कुत्तों की निगरानी को लेकर सख्ती शुरू कर दी गई है। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी शासकीय और अशासकीय महाविद्यालयों के साथ राजकीय और निजी विश्वविद्यालयों के लिए गाइडलाइन जारी किए हैं। जारी आदेश के अनुसार, अब कॉलेज और यूनिवर्सिटी कैंपस में आवारा कुत्तों के नियंत्रण, निगरानी और उनसे होने वाली संभावित घटनाओं की रोकथाम की जिम्मेदारी सीधे तौर पर संबंधित संस्थानों की होगी। इसके लिए प्रोफेसरों को नोडल अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। नोडल अधिकारी होंगे जिम्मेदार आदेश के अनुसार, हर कॉलेज और विश्वविद्यालय में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य होगी। नोडल अधिकारी प्राध्यापक या सहायक प्राध्यापक को बनाया जाएगा। यह नोडल अधिकारी स्थानीय प्रशासन, नगर निगम, नगर पालिका या परिषद से लगातार संपर्क और समन्वय बनाए रखेंगे। परिसर में अगर आवारा कुत्ते या अन्य पशु दिखाई देते हैं तो उन्हें हटाने के लिए तुरंत संबंधित विभाग से संपर्क करना होगा। उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश स्तर पर डॉ. टी जलजा नायर को नोडल नियुक्त किया है। प्रदेश के सभी कॉलेज और विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी इन्हें ही रिपोर्ट करेंगे। नोडल अफसर को भेजना होगा डिस्प्ले बोर्ड की फोटो नोडल अधिकारी का नाम, मोबाइल नंबर और हेल्पलाइन की जानकारी डिस्प्ले बोर्ड पर लगाना भी जरूरी किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने यह भी निर्देश दिए हैं कि संस्थान परिसर में लगाए गए डिस्प्ले बोर्ड की फोटो नोडल अधिकारी की ओर से उच्च शिक्षा संचालनालय को वॉट्सऐप के माध्यम से भेजी जाएगी। इसके लिए विभाग ने मोबाइल नंबर भी जारी किया है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी संस्थानों में आदेश का पालन वास्तव में किया जा रहा है या नहीं। परिसर में खाद्य सामग्री खुले में न रखने का निर्देश कॉलेज-विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर इस बात का भी ध्यान रखेंगे कि कहीं परिसर में ऐसी कोई खाद्य सामग्री तो खुले में नहीं पड़ी है, जिससे आवारा पशु आकर्षित होते हैं। परिसर में आवारा पशुओं के प्रवेश को प्रतिबंधित और नियंत्रित करने के लिए इसकी लगातार निगरानी की जाएगी। फर्स्ट एड बॉक्स और जागरूकता कार्यक्रम अनिवार्य हर संस्था में फर्स्ट एड बॉक्स की उपलब्धता भी अनिवार्य की गई है। इसके साथ ही छात्रों और कर्मचारियों के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने के निर्दश दिए गए हैं, ताकि वे आवारा कुत्तों से बचाव के उपाय और आपात स्थिति में सही कदम उठा सकें। पशु चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से कार्यशालाएं आयोजित करने को भी कहा गया है। कॉलेजों में बाउंड्रीवॉल बेहतर करने के भी निर्देश उच्च शिक्षा विभाग ने परिसरों की भौतिक सुरक्षा पर भी जोर दिया है। जहां संभव हो, वहां चारदीवारी को सुरक्षित और सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आवारा पशुओं का प्रवेश रोका जा सके। इसके अलावा किसी भी आपात स्थिति में सहायता के लिए राज्य की हेल्पलाइन नंबर 1100 का प्रचार-प्रसार अनिवार्य किया गया है। स्कूलों के बाद कॉलेजों पर सख्ती उच्च शिक्षा आयुक्त कार्यालय, नवा रायपुर की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि यह कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे Suo Moto Writ Petition (Civil) No. 05/2025 में दिए गए निर्देशों के पालन में की जा रही है। जिसके आधार पर अब उच्च शिक्षा संस्थानों को 13 बिंदुओं में स्पष्ट आदेश जारी कर दिए गए हैं। ............................. इससे जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... छत्तीसगढ़ में टीचर्स कुत्तों के बाद अब सांप-बिच्छू भगाएंगे: शिक्षकों ने कहा-हमारी जान कौन बचाएगा, गरिमा का ख्याल रखे सरकार, अफसर बोले- SC का आदेश छत्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) ने नया निर्देश जारी किया है। अब सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को आवारा कुत्तों की निगरानी करने के साथ ही सांप-बिच्छू पर भी ध्यान रखने को कहा गया है। टीचर्स को जहरीले जीव-जंतुओं को स्कूल परिसर में आने से रोकना होगा। पढ़ें पूरी खबर...
वनवासी कल्याण आश्रम के शिक्षा प्रमुख ने किया दौरा
बिलवारोड | वनवासी कल्याण आश्रम जसपुर छत्तीसगढ़, महाकौशल, मध्यप्रांत बिहार व उड़ीसा क्षेत्र के शिक्षा प्रमुख शिरीष कोराने व सह शिक्षा प्रमुख लक्ष्मीनारायण बनने का मध्यप्रांत के बड़वानी जिले का प्रवास हुआ। जिसमें जनजाति वर्ग के छात्रावास मे कोचिंग पायलट प्रोजेक्ट के तहत बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए जिले का चयन किया है। योजना बैठक में चयनित अनुभवी शिक्षक व युवा सेवाएं देंगे। कार्यकर्ताओं से कहा क्या प्रांत व क्षेत्र सबसे पहले देश।अभी अल्प प्रवास किया है। अलीराजपुर में होने वाली खेल प्रतियोगिता में वृहद योजना बनाई जाएगी। इस दौरान प्रांत सह संगठन मंत्री मिथुन मकवाने, आशीष मेहरा, जिला संगठन मंत्री जयपाल तंवर, दिनेश मेढ़ा, प्रांत शिक्षा टोली सदस्य पंचीलाल बड़ोले व अंजना शरद पटेल मौजूद थी।
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती... खिलता बचपन संवरता जीवन अभियान से जुड़े लोगों के लिए यह कहावत सटीक साबित होती है। छह साल पहले गोकुल नगर बावरिया बस्ती के बच्चों के लिए शिक्षा की पहल की गई, जो अब पटल पर आ गई है। इन छह सालों में 335 बच्चों को शिक्षा से जोड़ा गया। फलस्वरूप इनमें से 6 बालिकाएं राखी, प्रीति, खुशबू, बैजयंती, लक्ष्मी और नंदनी इस साल कक्षा 10वीं की परीक्षा देंगी। इसके अलावा एक बालक समीर भी 10 वीं में है। साथ ही 12 बालक/बालिकाएं 9 वीं में हैं। यह बदलाव इसलिए भी काबिले तारीफ है, क्योंकि जिस बावरिया बस्ती के यह बच्चे हैं, वहां पढ़ाई को कभी एक तरह से अपराध समझा जाता था। बचपन से ही बच्चों को कमाने खाने में जुटा दिया जाता था। इसलिए इनमें से अधिकांश बच्चे कभी कचरा बीनने और कबाड़े का काम करते थे। इसलिए 2019 में स्वास्थ्य मंदिर संस्था द्वारा किए गए सर्वे में 410 बच्चों में से केवल 45 बच्चे आंगनबाड़ी अथवा छोटी क्लासों में मिले। केवल दो बच्चे 8 वीं तक पहुंचे थे, लेकिन अब 27 बच्चे 8 वीं क्लास में हैं। अब बस्ती में भी उच्च प्राथमिक विद्यालय खुलने जा रहा है, जिसका भवन बन चुका है। इस प्रकल्प में संस्कार और शिक्षा पर जोर दिया जाता है, जिसमें बच्चों को सुबह-शाम पढ़ाना, संस्कार, म्यूजिक क्लास, योग, दोनों समय भोजन, वस्त्र एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। चार शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं, जिनमें दो वालंटियर हैं। कैसे संभव हुआ... 250 बार मां-बाप की काउंसिलिंग की, शिक्षा पर बल दिया स्वास्थ्य मंदिर के निदेशक डॉ. वीरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि हमें मालूम था कि जिस माहौल में बच्चे रहते हैं उन्हें शिक्षा से जोड़ना कठिन है। कठिन काम के लिए कड़ा परिश्रम करना ही होता है। इसलिए हमने उनकी ज़रूरतों को समझा और मां-बाप की काउंसिलिंग की, जिसमें सेवानिवृत प्राचार्य पुष्कर चतुर्वेदी, मधु व्यास आदि ने 250 से ज्यादा बार इन बच्चों के अभिभावकों की काउंसलिंग की। प्रत्येक शनिवार को काउंसलिंग की जाती है। परिणाम सुखद और प्रेरणादायी है। इन बच्चों के परिवारों की आर्थिक समस्याओं को देखते हुए भी संस्था द्वारा इन्हें कौशल प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि वह पार्ट टाइम अपनी ज़रूरतों के लिए कुछ पैसा कमा सकें। 85 बच्चों को स्कूलों में भर्ती कराया रणजीत नगर में संचालित खिलता बचपन संवरता जीवन अभियान में बच्चों को बेसिक शिक्षा मुहैया कराई जाती है। अभिभावकों की काउंसलिंग कर 85 बच्चों को आसपास के सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों में भर्ती कराया है। इनमें से अधिकांश की फीस और यूनिफार्म का इंतजाम संस्था के प्रयासों से भामाशाहों से कराया जाता है। इस प्रोजेक्ट में बाल कल्याण समिति भी मदद कर ही है। सहायक निदेशक बाल अधिकारी अमित अवस्थी ने बताया कि इस प्रकल्प के जुडे़ बच्चों सहित बस्ती के अन्य लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा और लाभांवित किया जा रहा है।
शिक्षा और जागरूकता से ही बाल विवाह रूकेगा: पाठक
भास्कर न्यूज | धमतरी जिले के विभिन्न स्कूलों, कॉलेज व गांव में बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत बीसीएस पीजी कॉलेज धमतरी में कार्यक्रम आयोजित किया गया। महिला एवं बाल विकास विभाग के संरक्षण अधिकारी यशवंत बैस ने बताया कि वर्ष 2029 तक देश को पूर्णता बाल विवाह मुक्त बनाने का लक्ष्य है। यदि लड़कों का विवाह 21 वर्ष से पहले और लड़कियों का विवाह 18 वर्ष से पहले किए जाने पर भारतीय न्याय संहिता के अनुसार गैर जमानती अपराध है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की जानकारी देते हुए बताया कि विवाह में शामिल सभी सहयोगी- बाराती, रिश्तेदार, टेंट हाउस, हलवाई, पंडित आदि सभी अपराधी की श्रेणी में आते हैं, जिनके लिए 2 वर्ष की सजा व 1 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है। बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी व पंचायत सचिव भी इस पर कार्रवाई करने के लिए अधिकृत है। किसी भी बाल विवाह की जानकारी मिलने पर तुरंत 1098 हेल्पलाइन नंबर पर सूचना देनी चाहिए। कार्यक्रम में उपस्थित सभी को शपथ भी दिलाई गई। परियोजना समन्वयक नीलम साहू ने कहा कि बाल विवाह की सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम पूरी तरह गोपनीय रखा जाता है। उन्होंने बताया कि रायपुर व स्थानीय टीम संयुक्त रूप से कार्रवाई करती है। माता-पिता और परिवार द्वारा रूढ़िवादी सोच व कम शिक्षित होने के कारण आज भी बाल विवाह के उदाहरण देखने को मिलते हैं, जिससे बच्चों का शारीरिक विकास प्रभावित होता है और कुपोषण की संभावना बढ़ जाती है। इस अवसर पर परियोजना समन्वयक नीलम साहू, निशा साहू, डॉ. हेमवती ठाकुर, डॉ. सपना ताम्रकार, जयश्री पंचांगम, आकांक्षा कश्यप, पल्लवी बरडिया, कुशल चोपड़ा, डॉ. मीनाक्षी तिवारी, डॉ. डिकेश्वरी ध्रुव, भीषम साहू, भूपेंद्र साहू, निशा तिवारी व अन्य रहे। प्राचार्य डॉ. वीके पाठक ने कहा कि शिक्षा और जागरूकता ही बाल विवाह रोकने का सशक्त साधन है। समाज और राष्ट्र के प्रति हमारे दायित्वों में बाल विवाह उन्मूलन महत्वपूर्ण कड़ी है और सभी को इसे रोकने में सक्रिय योगदान देना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन डॉ. तामेश्वरी साहू द्वारा तथा आभार प्रदर्शन डॉ. वेदवती देवांगन द्वारा किया गया।
आज शिक्षा परिवार की कार्यकारिणी का गठन
बालोतरा | शहर के एमटीएम स्कूल में सोमवार शाम 4 बजे जिलाध्यक्ष हनुमानराम चौधरी के आतिथ्य में निजी स्कूल संगठन स्कूल शिक्षा परिवार की ब्लॉक कार्यकारिणी का गठन होगा। संगठन के जिला संरक्षक पदमाराम बैरड़ ने बताया कि स्कूल शिक्षा परिवार के नवनिर्वाचित ब्लॉक अध्यक्ष भागीरथ पंवार की ओर से ब्लॉक कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। बैठक में जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं बालोतरा ब्लॉक के सभी स्कूल संचालक मौजूद रहेंगे।
कोंडागांव में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक काष्ठकला को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की गई है। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल ने कोंडागांव क्षेत्र के पांच प्रतिभाशाली बच्चों को 10-10 हजार रुपए की श्रेष्ठानुदान राशि स्वीकृत की है। यह स्वीकृति छत्तीसगढ़ शासन के मंत्री केदार कश्यप की अनुशंसा पर प्रशिक्षक शिवचरण साहू की ओर से चलाए जा रहे काष्ठकला प्रशिक्षण कार्य को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से दी गई है। मडानार स्कूल में पदस्थ शिक्षक शिवचरण साहू इन बच्चों को औपचारिक शिक्षा के साथ-साथ काष्ठकला (वुड क्राफ्ट) के पारंपरिक और आधुनिक हुनर में भी दक्ष बना रहे हैं। काष्ठकला से होने वाली आय से बच्चे अपनी पाठ्यपुस्तकें और अन्य शैक्षणिक सामग्री स्वयं खरीद रहे हैं। इससे उनमें आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान की भावना विकसित हो रही है। इन छात्रों द्वारा बनाई गई काष्ठ शिल्पकृतियाँ देश के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री तक भी पहुंच चुकी हैं, जहां से उन्हें सराहना मिली है। यह पहल न केवल इन बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बना रही है, बल्कि बस्तर अंचल की समृद्ध काष्ठकला परंपरा को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। शिक्षक शिवचरण साहू का यह प्रयास शिक्षा और रोजगार को जोड़ने का एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया है।
भजनलाल सरकार के दो साल पूरे होने पर रामगंज मंडी विधानसभा क्षेत्र में सरकार की ओर से चलाए जा रहे सुशासन पखवाड़ा के तहत रथ यात्रा का शुभारंभ किया गया। ग्राम पंचायत पीपल्दा के गांव कमलापुरा में शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ब्लॉक स्तरीय इस कार्यक्रम में मंत्री मदन दिलावर ने गांव की सड़कों पर झाड़ू लगाकर और कचरा एकत्र कर कचरा वाहन में डाला और लोगों को जागरूक भी किया। इस दौरान ग्राम पंचायत में स्वच्छ राजस्थान- प्लास्टिक मुक्त राजस्थान अभियान के तहत बर्तन बैंक का शुभारंभ किया गया। जिससे डिस्पोजल आइटम का उपयोग खत्म कर सामूहिक आयोजन के लिए स्टील के बर्तनों का उपयोग किया जा सके। साथ ही गंदगी और कचरे को फैलने से रोका जा सके। शिक्षा मंत्री दिलावर ने स्थानीय बुजुर्ग महिला डाली बाई से बर्तन बैंक का शुभारंभ कराया। उसके बाद महिला का साफा और माला पहनाकर अभिनंदन भी किया। 23 जनवरी से 26 जनवरी तक राम कथा का आयोजन मंत्री दिलावर ने संबोधित करते हुए कहा कि अगले महीने 23 जनवरी को बागेश्वर धाम के संत आचार्य धीरेंद्र शास्त्री रामगंज मंडी आ रहे हैं। वह यहां पर 23 जनवरी से 26 जनवरी तक राम कथा का आयोजन करेंगे। कथा से पूर्व 22 जनवरी को विशाल कलश यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें क्षेत्र की 21000 से अधिक महिलाएं कलश लेकर चलेंगे। ऊर्जा मंत्री ने किया करोड़ों के विकास कामों का शिलान्यासवहीं दूसरी तरफ रविवार को सांगोद विधानसभा क्षेत्र में ऊर्जा मंत्री और स्थानीय विधायक हीरालाल नागर ने विकास रथ यात्रा का शुभारंभ किया गया। ऊर्जा मंत्री नागर ने दरा, कनवास, दांता और धूलेट में 12.47 करोड रुपए से अधिक के विकास कामों का लोकापर्ण और शिलान्यास किया। 25- 25 लाख रुपए से निर्मित लक्ष्मी ग्राम सेवा सहकारी समिति कनवास और ग्राम सेवा सहकारी समिति भंडारण गोदाम, 2 करोड रुपए की लागत से बनाए जाने वाले आवां चौराहे से धुलेट रोड पर अटल प्रगति पथ, 1.10 करोड रुपए की लागत से कनवास बाईपास से सिमलिया सड़क का शिलान्यास किया गया। वहीं 2.76 करोड रुपए से अधिक की राशि से बनने वाले नयागांव धूलेट से दांता तक सड़क निर्माण कार्य और 2.87 करोड रुपए की लागत से बनने वाली धूलेट कुआं के माल से मंदारिया तक संपर्क सड़क के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया।
उमरिया जिले में एक शिक्षक की ओर से वन विभाग के कर्मचारियों को मवेशी की हड्डी से धमकाने का मामला सामने आया है। यह घटना बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कल्लवाह कोर परिक्षेत्र के मैनवाह गांव की है। वीडियो शुक्रवार को सामने आने के बाद टाइगर रिजर्व के कर्मचारियों ने पुलिस में मामला दर्ज कराया, जिसके बाद शिक्षा विभाग ने भी जांच शुरू कर दी है। शिक्षक की पहचान युवराज सिंह के रूप में हुई है, जो मानपुर विकासखंड क्षेत्र में पदस्थ हैं। उन्होंने कथित तौर पर गले में मवेशी की हड्डी लटकाकर वनकर्मियों को जादू-टोना करने की धमकी दी थी। इस मामले की जांच बीआरसीसी यज्ञसेन त्रिपाठी कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षक युवराज सिंह के कृत्य को 'शिक्षकीय मर्यादा के विरुद्ध' बताया है। बीआरसीसी ने जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) और जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी) को कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भेजने की बात कही है। जांच के दौरान यह भी सामने आया कि शिक्षक लंबे समय से स्कूल से गैरमौजूद थे। अपने स्पष्टीकरण में, शिक्षक ने बताया कि उनके बेटे की गिरफ्तारी के बाद उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। यह घटना 6 दिसंबर को हुई एक पूर्व घटना से जुड़ी है, जब टाइगर रिजर्व की टीम ने शिक्षक के नाबालिग बेटे को बाघ के दांत और नाखून के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद, युवराज सिंह वन विभाग के कर्मचारियों के कमरे में पहुंचे और उन्हें धमकाने, बदतमीजी करने और मारपीट करने की धमकी दी। कर्मचारियों ने इस दौरान उनका वीडियो बना लिया, जिसे देखकर शिक्षक मौके से भाग निकले थे।
‘मैं हूं पीले रंग का डिब्बा, मेरे अंदर बायोमेडिकल वेस्ट डाला जाता है…’ अलीगढ़ से करीब 20 किलोमीटर दूर गोकुलपुर गांव स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के बच्चों ने इसी कल्पना को नुक्कड़ नाटक का रूप देकर कचरा प्रबंधन जैसे गंभीर विषय को आम लोगों की भाषा में उतार दिया। बच्चों की यह अनोखी पहल गांव की गलियों से निकलकर देशभर के 1500 से अधिक स्कूलों तक पहुंची और आखिरकार उन्हें विप्रो अर्थियन अवार्ड–2025 तक ले गई। अब ये बच्चे अपनी शिक्षिका के साथ पहली बार हवाई जहाज से बंगलूरू जाएंगे और राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित होंगे। नुक्कड़ नाटक से दिया संदेश नुक्कड़ नाटक के दौरान बच्चे जब अलग-अलग रंगों के कूड़ेदानों की भूमिका में बोलते हैं तो संदेश खुद-ब-खुद लोगों तक पहुंच जाता है। जैसे– पीला डिब्बा बायोमेडिकल कचरे के लिए है। लाल डिब्बा प्लास्टिक बोतल और पाइप जैसी दोबारा उपयोग होने वाली चीजों के लिए। सफेद डिब्बा सिरिंज और ब्लेड जैसे तीव्र धातु वाले कचरे के लिए। नीला डिब्बा कांच और टूटे हुए सामान के लिए और काला डिब्बा सामान्य, गैर-संक्रामक कचरे के लिए। अलीगढ़ में पहली बार हुई प्रतियोगिता नोडल अधिकारी डॉ. अनिल राघव ने बताया कि विप्रो सेंट्रल फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन वर्ष 2013 से देशभर में इस तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित कर रहा है। इस बार विशेष प्रयासों के बाद अलीगढ़ को इसमें शामिल किया गया। 28 जुलाई को डायट में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें शिक्षकों को परियोजना तैयार करने का प्रशिक्षण दिया गया। 65 स्कूलों ने लिया हिस्सा अलीगढ़ के 12 ब्लॉक और एक नगर क्षेत्र से कुल 65 स्कूलों को इस कार्यक्रम में जोड़ा गया। प्रत्येक ब्लॉक से शिक्षकों को बुलाकर जल, कचरा और जैव विविधता में से किसी एक विषय पर प्रोजेक्ट तैयार करने को कहा गया। गोकुलपुर पूर्व माध्यमिक विद्यालय की सहायक अध्यापिका संध्या सिंह ने कचरा प्रबंधन विषय को चुना और बच्चों को इसके लिए तैयार किया। प्रतियोगिता के जरिए चुने गए बच्चे विद्यालय स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित कर कक्षा 8 के लकी, कक्षा 7 के सूरज, जितेंद्र और विवेक तथा कक्षा 6 के प्रशांत को चुना गया। बच्चों ने शिक्षिका के निर्देशन में नुक्कड़ नाटक, जागरूकता अभियान और प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर मेहनत की। कचरे से खाद, छोटी जगह में बड़ी सीख बच्चों ने स्कूल परिसर में सीमित जगह में सब्जियां और पौधे उगाए, जिनमें कचरे से बनी खाद का उपयोग किया गया। महज दो महीने में पूरी रिपोर्ट तैयार कर विप्रो की ऑनलाइन साइट पर जमा की गई। रविवार को आए परिणाम ने मेहनत को रंग दिया और टीम को विप्रो अर्थियन अवार्ड–2025 के लिए चुन लिया गया। 1500 से अधिक स्कूलों में 25 का चयन विप्रो अर्थियन कार्यक्रम देश की प्रमुख सस्टेनेबिलिटी शिक्षा पहल है। इस वर्ष देशभर के 1500 से अधिक स्कूलों ने प्रोजेक्ट सबमिट किए, जिनमें से केवल 25 टीमों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना गया। शनिवार को घोषित हुए परिणाम के अनुसार उत्तर प्रदेश से अलीगढ़ के अलावा लखनऊ औेर आगरा शामिल हैं। 50 हजार का पुरस्कार, बंगलूरू में सम्मान चयनित प्रत्येक स्कूल को 50 हजार रुपये का नकद पुरस्कार मिलेगा। 27 जनवरी को बच्चे और उनकी शिक्षिका हवाई जहाज से बंगलूरू जाएंगे, जहां वे फाइव स्टार होटल में ठहरेंगे और राष्ट्रीय स्तर पर अर्थियन अवार्ड–2025 से सम्मानित होंगे। यहां भी एक प्रतियोगिता होगी। इनमें एक टीम का चयन कर जापान भेजा जाएगा। इस उपलब्धि पर खंड शिक्षा अधिकारी धनीपुर वीरेश कुमार सिंह, नोडल प्रभारी डॉ. अनिल राघव सहित अन्य अधिकारियों ने बच्चों को मिठाई खिलाकर बधाई दी।
शिक्षा को मजबूत बनाने में मुखियाओं की भूमिका अहम : उप विकास आयुक्त
सिटी रिपोर्टर | रांची अमर शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव जिला मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय में शनिवार को जिला स्तरीय मुखिया सम्मेलन का आयोजन हुआ। उप विकास आयुक्त मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का उद्देश्य ग्राम स्तर पर शिक्षा को मजबूत बनाने में मुखियाओं की भूमिका को अहम है। उप विकास आयुक्त ने सभी प्रखंडों से शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले मुखियाओं को मोमेंटो व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। जिला परिषद के उपाध्यक्ष ने कहा कि विद्यालयों को संसाधन युक्त करने से ही समाज का विकास होगा। मौके पर जिला पंचायती राज पदाधिकारी, राजेश कुमार साहू, जिला शिक्षा अधीक्षक, रांची बादल राज, जिले के सभी पंचायत के मुखिया शामिल थे।
शिक्षा विभाग... तबादला नीति बनी नहीं, रोक भी हटा नहीं रहे, ग्रेड थर्ड शिक्षक डेपुटेशन पर आ रहे जयपुर
भास्कर खास शिक्षा विभाग ने तबादला नीति अब तक नहीं बनाई है। सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों से रोक भी नहीं हटाई है। इसके बावजूद डेपुटेशन धड़ल्ले से हो रहे हैं। इसी महीने कई शिक्षकों का एक से दूसरे जिले में डेपुटेशन कर दिया। इसके लिए बाकायदा शाला दर्पण पोर्टल से आदेश भी जारी हो रहे हैं। एक तरफ खास शिक्षकों को डेपुटेशन पर इच्छित स्थान मिल रहा है। वहीं, दूसरी तरफ आम शिक्षक तबादले को तरस रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग की यह दोहरी नीति गलत है। शिक्षा विभाग में 2018 से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों पर प्रतिबंध है। पिछली कांग्रेस सरकार में इनके तबादले खोलने के लिए आवेदन भी लिए थे। इस दौरान 85 हजार शिक्षकों ने आवेदन किया था, लेकिन बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद अब तक तबादलों से प्रतिबंध नहीं हटा है। शिक्षा विभाग बार बार तबादला नीति बनाने की घोषणा करता है, लेकिन अब तक न तो तबादला नीति बनी और ना ही कब तक बनेगी। इस बारे में कुछ कहा गया है। विभाग के अधिकारियों ने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए डेपुटेशन की गली निकाल रखी है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि इसी दिसंबर के महीने में करीब 50 शिक्षकों के डेपुटेशन के आदेश जारी हो चुके हैं। इससे पहले भी डेपुटेशन होते रहे हैं। उन्होंने डेपुटेशन की प्रक्रिया पर रोक लगाने और तबादले खोलने की मांग उठाई है। टोंक और भीलवाड़ा से शिक्षक जयपुर लग गए राजधानी में पहले से ही शिक्षकों की कमी नहीं है। इसके बावजूद यहां दूसरे जिलों से डेपुटेशन पर शिक्षक लगाए जा रहे हैं। इसी महीने एक शिक्षक को भीलवाड़ा से जयपुर और एक अन्य शिक्षिका को टोंक से जयपुर डेपुटेशन पर लगाया गया। इसी तरह से एक शिक्षिका को बालोतरा से सीकर डेपुटेशन पर लगाया गया।
महिला एवं बाल विकास विभाग तथा मंदसौर जिले की प्रभारी मंत्री निर्मला भूरिया की अध्यक्षता में शनिवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय स्थित सुशासन भवन सभागार में जिला विकास सलाहकार समिति की बैठक एवं प्रेस वार्ता आयोजित की गई। बैठक में मध्यप्रदेश सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर मंदसौर जिले में हुए विकास कार्यों, योजनाओं की प्रगति एवं उपलब्धियों की विस्तार से जानकारी दी गई। इस अवसर पर प्रभारी मंत्री द्वारा जिले की दो वर्षों की उपलब्धियों पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। बैठक एवं प्रेस वार्ता में राज्यसभा सांसद बंशीलाल गुर्जर, सुवासरा विधायक हरदीप सिंह डंग, जिला पंचायत अध्यक्ष दुर्गा विजय पाटीदार, नगर पालिका अध्यक्ष रमादेवी बंशीलाल गुर्जर, जिला योजना समिति सदस्य राजेश दीक्षित, जनपद पंचायत अध्यक्ष बसंत शर्मा, कलेक्टर अदिती गर्ग, एसपी विनोद कुमार मीना, अपर कलेक्टर एकता जायसवाल, एडिशनल एसपी तेर सिंह बघेल सहित तमाम जनप्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री ने गिनाईं उपलब्धियांप्रभारी मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया ने कहा कि विगत दो वर्षों में मंदसौर जिले ने धार्मिक, पर्यटन, औद्योगिक, कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, नगरीय एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। भगवान पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में लगभग 25 करोड़ रुपए की लागत से पशुपतिनाथ लोक का निर्माण कार्य लगभग पूर्णता की ओर है। सिंहस्थ 2028 की तैयारियों के तहत जिले में 61.62 करोड़ रुपए की लागत से पांच निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं। जल जीवन मिशन के अंतर्गत जिले के सभी 922 ग्रामों में 2 लाख 40 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल जल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए लगभग 1,332 करोड़ रुपए की लागत से कार्य प्रगतिरत हैं। वहीं गांधीसागर जल विद्युत गृह की 115 मेगावाट क्षमता की इकाइयों के नवीनीकरण एवं आधुनिकीकरण के लिए 418.91 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है।
विदिशा जिले के समग्र विकास को गति देने के उद्देश्य से गठित जिला विकास समिति की पहली बैठक आज (शनिवार) को हुई। इसकी अध्यक्षता जिले के प्रभारी मंत्री लखन पटेल ने की। समिति में जिले के सभी पांचों विधायक, अन्य जनप्रतिनिधि और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ सदस्य के रूप में शामिल हैं। पहली बैठक में सभी सदस्यों का परिचय हुआ और जिले के विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रारंभिक चर्चा की गई। बैठक के बाद प्रभारी मंत्री लखन पटेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह समिति स्थानीय आवश्यकताओं और जनप्रतिनिधियों के सुझावों के आधार पर विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का एक प्रभावी माध्यम बनेगी। उन्होंने बताया कि बैठक में सड़क निर्माण, भवन निर्माण, गोशालाओं के विकास और शिक्षा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त, जिला विकास समिति के नए सदस्यों की भूमिका और जिम्मेदारियों पर भी विचार-विमर्श किया गया। मंत्री ने आश्वासन दिया कि समिति के माध्यम से प्राप्त होने वाले सुझावों और समस्याओं पर प्राथमिकता के आधार पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव के कार्यकाल के 2 साल पूरे होने पर अलग-अलग जिलों में मंत्रियों ने कामों की खूबियां गिनाई। शनिवार को डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा जबलपुर पहुंचे, जहां उन्होंने दो साल के भीतर मोहन सरकार के किए गए कामों की जमकर तारीफ की। इस दौरान उनके साथ भाजपा विधायक भी मौजूद रहे। डिप्टी सीएम ने कहा कि जबलपुर जिले में इन दो वर्षों में सड़कों और अन्य इंस्ट्रक्टर डेवलपमेंट के कार्यों से लेकर स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्त्वपूर्ण कार्य हुए हैं। समाज के हर वर्ग खासतौर पर महिलाओं, किसानों, मजदूरी और युवाओं को केंद्र में रखकर शासन द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन में भी जबलपुर जिले ने नए आयाम स्थापित किए हैं। जिले के विकास को हमेशा प्राथमिकता दीडिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव की सरकार ने जबलपुर जिले के विकास को हमेशा प्राथमिकता दी है। प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद मंत्रिपरिषद की पहली बैठक जबलपुर में ही आयोजित की गई। गोंडवाना साम्राज्य की महारानी वीरांगना रानी दुर्गावती के शौर्य और सुशासन को समर्पित कैबिनेट की इस बैठक में लिए गए प्रमुख फैसलों में मदन महल की पहाड़ी पर वीरांगना रानी दुर्गावती का भव्य स्मारक बनाने का निर्णय भी शामिल था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य की सरकार विकास के साथ-साथ विरासत को संजोने का काम कर रही है। सरकार उन जनजातीय नायकों के गौरव को पुनर्स्थापित करने का कार्य कर रही है, आजाद की लड़ाई में जिनके योगदान को इतिहास की किताबों में उचित स्थान नहीं दिया गया। सन 1857 की क्रांति के नायक राजा शंकर शाह-कुंवर रघुनाथ शाह के शौर्य और पराक्रम से नई पीढ़ी को अवगत कराने जबलपुर में उनके बलिदान स्थल पर संग्रहालय का निर्माण किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर 2024 को जनजातीय गौरव दिवस पर इस संग्रहालय का वर्चुअली लोकार्पण किया था। सरयू की तर्ज पर गौरीघाट के सौंदर्यीकरण की योजनानर्मदा के तट पर बसे गौरीघाट में सरयू नदी के तट की तर्ज पर घाटों के विकास और सौदर्यीकरण की बड़ी कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। देश भर में नर्मदा तट पर घाटों के विकास और सौदर्यीकरण की यह पहली परियोजना होगी। इन्फ्रास्ट्रक्चर 2 साल में 450.45 KM सड़क निर्माणडिप्टी सीएम ने बताया कि पिछले दो वर्षों में लोक निर्माण विभाग द्वारा जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में 1 हजार 609 करोड़ रुपए की लागत से 450.45 किलोमीटर सड़क निर्माण के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 93.37 करोड़ रुपए से 44.41 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है। जबलपुर में बनाई जा रही देश का दूसरी सबसे बड़ी रिंग रोड को शहर से जोड़ने वाले चार मार्गों का 315 करोड़ 48 लाख रुपए से चौड़ीकरण कर फोरलेन सड़कें बनाई जा रही है। गौरीघाट मुक्तिधाम से तिलहरी में स्पोर्ट्स क्लब तक 80.32 करोड़ रुपए से 5.20 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क, महाराजपुर से पनागर तक 13.20 किलोमीटर लंबे पुराने एनएच-7 मार्ग का 80.32 करोड़ रुपए से चौड़ीकरण एवं फोरलेन सड़क, मेडिकल से तिलवारा तक 39.72 करोड़ रुपए से सिक्स लेन सड़क एवं 19.98 करोड़ रुपए से मीरगंज से भेड़ाघाट तक 3.35 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क भी बनाई जाएंगी। जबलपुर जिले में 15 सांदीपनि स्कूल खुलेंगेडिप्टी सीएम देवड़ा ने बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए जबलपुर जिले में 15 सांदीपनि स्कूल खोले जा रहे हैं। प्रथम चरण में 10 सांदीपनि विद्यालय प्रारंभ हो चुके हैं। जिले में शासन द्वारा 19 पीएमश्री विद्यालय भी खोले गये हैं। दो वर्षों में 2 हजार 880 विद्यार्थियों को लेपटॉप योजना के तहत 25-25 हजार रूपए की राशि वितरित की गई है। इसी प्रकार निःशुल्क साइकल योजना के अंतर्गत 2 लाख 25 हजार 943 बच्चों को साइकलों का वितरण किया गया है। ई-टोकन से उर्वरक वितरण का पायलट प्रोजेक्टकिसानों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप समय पर खाद उपलब्ध कराने ई-टोकन उर्वरक वितरण प्रणाली जबलपुर जिले का पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में चयन किया गया है। इसके तहत जिले के 33 हजार से अधिक किसानों को बिना लाइन में लगे सुविधाजनक तरीके से उर्वरक प्राप्त किया जा चुका है। विज्ञान महाविद्यालय में 8 करोड़ 66 लाख रुपए से नवीनीकरण, उन्नयन एवं भवन निर्माण के कार्य किये गये। रांझी में शिफ्ट होगी तीरंदाजी अकादमीजबलपुर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक और खेल मैदान उपलब्ध हुआ है। रांझी में 26.80 करोड़ रुपए से निर्मित इस खेल परिसर में मध्य प्रदेश तीरंदाजी अकादमी को भी शिफ्ट किया गया है। विधि और विधाई कार्यमध्यप्रदेश उच्च न्यायालय जबलपुर में विधि और विधाई कार्य विभाग द्वारा स्वीकृत 460 करोड़ रुपए से नवीन कोर्ट रूम भवन का निर्माण किया जा रहा है। याम मंगेली में 42 एकड़ भूमि पर 485 करोड़ 84 लाख रूपए से मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी परिसर का निर्माण किया जा रहा है। महिला सशक्तिकरण मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के अंतर्गत जिले की 3 लाख 89 हजार 757 महिलाओं को दो वर्षों में 973.31 करोड़ रूपए की राशि उनके खाते में अंतरित की गई है।
मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने अपने दो साल के कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। जिले की प्रभारी मंत्री संपत्तियां उइके ने शनिवार को कलेक्टर सभा कक्ष में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार की उपलब्धियां गिनाईं। इस दौरान क्षेत्रीय सांसद अनीता चौहान और भाजपा जिला अध्यक्ष मकू परवाल भी उपस्थित रहे। प्रभारी मंत्री ने बताया कि मोहन सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, जल सहित प्रदेश में कानून-व्यवस्था को बेहतर किया है। इसी क्रम में जिला विकास सलाहकार समिति की बैठक भी आयोजित की गई। कलेक्टर माथुर ने जिला विकास सलाहकार समिति की बैठक में जिले की पिछले दो वर्षों की उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने आगामी वर्ष की कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा की, जिसमें सभी विभाग अधिकारियों ने जिले में संचालित योजनाओं के बारे में विभागवार विवरण प्रस्तुत किया। बैठक के दौरान, प्रभारी मंत्री उइके ने प्रधानमंत्री सड़क योजना से संबंधित अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले की सभी ग्राम पंचायतों और अन्य सड़कों को चिह्नित किया जाए, जहां निर्माण की अधिक आवश्यकता है। इन सड़कों का निर्माण प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित कर ग्रामीणों के हित में 'फलिया-सड़क' के माध्यम से हर क्षेत्र के फलियों में सड़कों का निर्माण कर जिले के विकास को गति देने पर जोर दिया। प्रभारी मंत्री उइके ने जिला हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों को भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में सर्किट हाउस का नक्शा तैयार कर वरिष्ठ कार्यालय से स्वीकृति प्राप्त की जाए। निर्माण से संबंधित सभी आवश्यक कार्यवाही पूरी की जाए और यदि कोई बाधा आती है, तो मुख्यालय या उन्हें सूचित किया जाए। उन्होंने सभी कागजी कार्यवाही पूर्ण कर निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने को कहा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए मंत्री ने ब्लॉक स्तर के सभी चिकित्सालयों में चिकित्सा अधिकारियों की नियुक्ति सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही, आवश्यकतानुसार मशीनों की पूर्ति और उनके नियमित संचालन को भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए, ताकि ग्रामीणों को समय पर उपचार मिल सके और उन्हें कहीं और जाने की आवश्यकता न पड़े।
बिहार सरकार ने मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है। हाल ही में गठित तीन नए विभागों को भी मंत्रियों के बीच स्पष्ट रूप से आवंटित कर दिया गया है। अधिसूचना के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास पहले की तरह सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी और निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण विभाग रहेंगे। इसके साथ ही उन्हें नवगठित सिविल विमानन विभाग की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। इससे यह संकेत मिलता है कि राज्य सरकार हवाई संपर्क और नागरिक उड्डयन से जुड़ी योजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के मूड में है। मंत्री सुनील कुमार को शिक्षा क्षेत्र में बड़ा दायित्व मंत्री सुनील कुमार को शिक्षा विभाग के साथ-साथ विज्ञान, प्रावैद्यिकी एवं तकनीकी शिक्षा और नवगठित उच्च शिक्षा विभाग का प्रभार सौंपा गया है। इससे राज्य में स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय और तकनीकी शिक्षा तक एकीकृत नीति के तहत काम होने की संभावना बढ़ गई है। युवाओं और रोजगार पर सरकार का फोकस संजय सिंह टाइगर को श्रम संसाधन विभाग के साथ-साथ युवा, रोजगार एवं कौशल विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। यह विभाग हाल ही में गठित किया गया है और इसे राज्य के युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार और कौशल प्रशिक्षण से जोड़ने के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। पर्यटन और संस्कृति को मिलेगी नई दिशा अरुण शंकर प्रसाद को पर्यटन एवं कला-संस्कृति विभाग का प्रभार दिया गया है। वहीं सुरेन्द्र मेहता को डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों की आय बढ़ाने में यह विभाग अहम भूमिका निभाता है। 9 दिसंबर के फैसले पर अमल गौरतलब है कि 9 दिसंबर को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में युवा, रोजगार एवं कौशल विकास, सिविल विमानन और उच्च शिक्षा, इन तीन नए विभागों के गठन को स्वीकृति दी गई थी। इसके बाद सभी नए विभागों में सचिवों की पोस्टिंग भी कर दी गई थी। अब मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा होने से इन विभागों का कामकाज पूरी तरह गति पकड़ने की उम्मीद है।
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ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वॉयस ओवर (Voice Over) के काम की मांग तेज़ी से बढ़ रही है, खासकर डबिंग (Dubbing) और नरेशन (Narration) के लिए। ओटीटी प्लेटफॉर्म (जैसे Netflix, Amazon Prime Video, Disney+ Hotstar) पर काम करने के लिए आप सीधे प्लेटफॉर्म के बजाय, ...
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स्कूलों में कैसे पढ़ा रहे हैं शिक्षक, वीडियो में देखेगा शिक्षा विभाग, होगी रिकॉर्डिंग
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राष्ट्रीय शिक्षा नीति : यूपी बोर्ड ने दिए निर्देश, एनईपी लागू करने को स्कूल बनाएंगे प्लान
यूपी बोर्ड से जुड़े 27 हजार से अधिक स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने के लिए स्कूल स्तर पर योजना बनाई जाएगी। एनईपी 2020 के विषय में विद्यालयों में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
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