मेरठ में लगातार बढ़ते प्रदूषण से सोमवार में शहरवासियों को थोड़ी राहत मिलती नजर आई। सुबह के समय जहां शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स लाल श्रेणी में दर्ज किया गया, वहीं शाम तक यह स्तर 300 से नीचे आ गया। हालांकि, यह स्थिति अभी भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानी जा रही है। पूरा दिन दिखा स्मॉग का असर प्रदूषण का स्तर शहर में भले ही कम रहा हो लेकिन आसमान में स्मॉग की चादर सुबह से शामतक बनी रही। दिन में भी कुछ स्थानों पर लोगों को वाहनों की लाइट जलानी पड़ी। इसके साथ- साथ आंखाें में जलन और सांस लेने में दिक्कत के मरीज भी अस्पताल में देखने को मिले। शहर में AQI का हाल पल्लवपुरम- 318 जयभीम नगर- 310 बेगमपुल - 302 दिल्ली रोड- 308 गंगानगर - 239 मेरठ का औसतन - 289 तेजी से आ रही तापमान में गिरावट मौसम में भी तेजी से बदलाव देखने को मिल रहा है। ठंडी हवाओं ने दस्तक दे दी है रात का तापमान लगातार नीचे जा रहा है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की मौसम वेधशाला के अनुसार, रविवार की रात सीजन की सबसे ठंडी रही। अधिकतम तापमान 28.4 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। कृषि विवि के वैज्ञानिक डॉ यूपी शाही ने कहा कि जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, हवा की गुणवत्ता और गिर सकती है, क्योंकि ठंडी हवा में प्रदूषक तत्व नीचे जमे रहते हैं। ऐसे में नागरिकों को सुबह के समय विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
झांसी के सराफा बाजार में सोमवार को GST टीम ने छापा मारा। जिसके बाद शोरूम पर हलचल मच गई। अधिकारियों ने सबसे पहले शोरूम का स्टॉक फ्रीज किया, इसके बाद दस्तावेज से उसका मिलान किया गया। इसमें 13 करोड़ रुपए का स्टॉक शार्ट पाया गया। जिसके बाद मौके पर कारोबारी लाखों रुपए टैक्स जमा कराया। दरअसल, राज्य वस्तु एवं सेवाकर विभाग यानी GST में शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के सराफा बाजार में खुले जेवर कोठी नाम से एक फर्म रजिस्टर है। 2022 में रजिस्टर ये फर्म करोड़ों रुपए के सोने चांदी का व्यापार कर चुकी है। लेकिन, सरकार को टैक्स देने की जगह फर्म ने अपने रजिस्ट्रेशन के साथ ही टैक्स में हेराफेरी शुरू कर दी। लेकिन, वित्तीय वर्ष 2024-25 में फर्म की हेरफेर का राज उसके टर्नओवर से ही खुल गया। जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर पुनीत अग्निहोत्री ने बताया कि फायनेंशियल ईयर में जेबर कोठी फर्म ने अपना टर्नओवर 335 करोड़ रुपए दर्शाया है। लेकिन, जब नगद टैक्स की स्थिति जांची गई तो पता चला कि फर्म ने सिर्फ 19,500 रुपए ही जमा किए हैं। इसके बाद से ही टीम छापेमारी की योजना बनाने में जुट गई और सोमवार को यहां छापा मार दिया। रात 11 बजे तक चली जांच टैक्स में गोलमाल करने वाली फर्म जेवर कोठी के कोतवाली इलाके के गन्दीगर का टपरा स्थिति शोरूम पर जीएसटी अधिकारी पहुंचे तो यहां हड़कंप मच गया। 15 अधिकारियों ने कारोबारी के दोनों शोरूम पर एकसाथ छापा मारा तो किसी को संभलने का मौका नहीं मिला। शाम को यहां पहुंची जीएसटी की टीम रात 11 बजे तक दस्तावेज खंगालती रही। 13 करोड़ का स्टॉक शार्ट मिला जीएसटी के डिप्टी कमिश्नर पुनीत अग्निहोत्री ने बताया कि रात 11 बजे तक चली जांच में हालिया तौर पर 13 करोड़ रुपए का स्टॉक शार्ट पाया गया है। इसके बाद ये निर्धारण हो गया कि कारोबारी ने टैक्स चोरी किया है। हालिया कार्रवाई के बाद कारोबारी ने मौके पर ही 40 लाख रुपए टैक्स जमा कराए हैं। डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि फर्म के शोरूम से कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिनकी विस्तृत जांच होगी। साथ ही कारोबारी को भी अपनी बात रखने के लिए दो दिन का समय दिया गया है।
दिल्ली में लाल किले के पास कार में जोरदार धमाके के बाद राजस्थान में भी हाई अलर्ट है। सभी भीड़भाड़ वाली जगहों पर चेकिंग की गई। अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के बाहर RAC के जवान तैनात किए गए हैं। एटीएस के आईजी विकास कुमार ने बताया- राजस्थान में भी हाई अलर्ट जारी किया गया। इसके बाद सभी एजेंसियां अपने-अपने टास्क को लेकर जुट गई l पर्यटन स्थलों, धार्मिक स्थलों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट पर चेकिंग के निर्देश दिए गए। पुलिस कंट्रोल रूम और अभय कमांड सेंटर पर तैनात पुलिसकर्मी निगरानी में जुट गए। उधर, डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों और जवानों की छुट्टियां निरस्त कर दी हैं। कोई भी संदिग्ध गतिविधि मिलने पर पुलिस कंट्रोल रूम और एटीएस को कॉन्टैक्ट कर सूचना दे सकते हैं। भीड़भाड़ वाली जगहों पर विशेष चौकसी रेलवे स्टेशन-बस स्टेंड व मॉल आदि स्थानों के साथ भीड़भाड़ वाली जगहों पर विशेष चौकसी के साथ पुलिस व सिक्योरिटी एजेंसियों को तैनात किया गया है। होटल-धर्मशाला पर लोकल पुलिस को ठहरने वालों की जानकारी जुटाने के आदेश जारी किए गए हैं। संदिग्ध व्यक्तियों से गहनता से पूछताछ करने को कहा गया है। अभय कमांड सेंटर से सभी सिक्योरिटी एजेंसियां निगरानी रखे हुए हैं।
राजस्थान के जयपुर स्टेशन पर पुनर्विकास कार्य के अंतर्गत स्टेशन यार्ड में एयर कोनकोर्स फेज-2 का कार्य शुरू होगया। फेज-2 के अन्तर्गत विभिन्न तकनीकी कार्यों के कारण 9 नवंबर से 12 दिसंबर 2025 तक ब्लॉक लिया जा रहा है। जिसके कारण रेल यातायात प्रभावित रहेगा। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी शशि किरण के अनुसार उपरोक्त कार्य हेतु उत्तर पश्चिम रेलवे पर संचालित बड़ी संख्या में ट्रेन के रूट में बदलाव हो रहा है। हरियाणा के रेवाड़ी से होकर लंबी दूरी की ट्रेनों को भेजा रहा है। रेवाड़ी से गुजरने वाली ट्रेन
उत्तरी हवाओं के चलने राजस्थान में सर्दी बरकरार है। सोमवार को राजस्थान के 9 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज हुआ। सबसे ठंडी रात सोमवार को सीकर के पास फतेहपुर कस्बे में रही। अलवर, अजमेर, पिलानी, चूरू में भी तेज सर्दी रही। मौसम विशेषज्ञों ने बताया- राज्य में अगले एक सप्ताह मौसम साफ रहेगा। तापमान में सामान्य 1 से 2 डिग्री तक का उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे कम तापमान 6.8 फतेहपुर में और 6.9 डिग्री सेल्सियस नागौर में दर्ज हुआ। दौसा में सोमवार को न्यूनतम तापमान 8.7, करौली में 9.7, चूरू में 9.6, अलवर में 9 और पिलानी, अजमेर में 9.8-9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। जयपुर में न्यूनतम तापमान 13.4, सीकर में 11.4, भीलवाड़ा में 11.6, चित्तौड़गढ़ में 11.8, उदयपुर में 11.9, गंगानगर में 11.6, जालौर में 11.3, जैसलमेर में 15.6, जोधपुर में 12.2, बीकानेर में 15 और बाड़मेर में 17.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सिरोही में सबसे ठंडा दिन सोमवार दिन में सिरोही में सबसे ठंडा दिन रहा। यहां दिन का तापमान 5 डिग्री तक गिर गया और 24.4 डिग्री सेल्सियस पर दर्ज हुआ। फतेहपुर में भी दिन के तापमान में गिरावट हुई और 28.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। कल दिन का सबसे अधिक तापमान 33 डिग्री सेल्सियस बाड़मेर में दर्ज हुआ। बीकानेर में 31, चित्तौड़गढ़ में 30.4, जैसलमेर में 31.5, नागौर में 30.9, जालौर में 30.8, जोधपुर में 30.9, वनस्थली (टोंक) 30.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
25 जनवरी 2017, शाम करीब 6 बजे। जयपुर के गुर्जर की थड़ी स्थित शांति नगर में एक मेडिकल स्टोर पर काम करने वाला कर्मचारी अशोक बैठा हुआ था। तभी एक लड़का हड़बड़ाते हुए आया। कर्मचारी को देखकर बोला- भैया! जल्दी चलो आंटी को कुछ हो गया है। ये सुनते ही अशोक दौड़ते हुए एक मकान तक पहुंचा। मकान के बाहर लोगों की भीड़ थी। मकान का मैन गेट खुला हुआ था। अशोक घर के अंदर गया। हॉल का सारा सामान अस्त-व्यस्त था। हिम्मत करके और आगे बढ़ा और रसोई तक पहुंचा। वहां चारों तरफ खून बिखरा हुआ था। खून देखकर अशोक बुरी तरह घबरा गया। उसने चारों तरफ नजरें दौड़ाई। रसोई के एक कोने में महिला पड़ी थी। अशोक ने महिला को देखा और घबराकर घर से बाहर निकल गया। बाहर आते ही उसने मेडिकल स्टोर के मालिक दिनेश को सूचना दी। वो घर दिनेश की सास नीलम कंवर का ही था। दिनेश का झोटवाड़ा में दूसरा मेडिकल स्टोर भी था। अशोक की सूचना पर अपने पिता और भाई को लेकर दिनेश गुर्जर की थड़ी स्थित शांति नगर के लिए रवाना हो गया। ससुराल पहुंचकर देखा तो उसकी साल नीलम का गला कटा हुआ था। घर का सारा सामान बिखरा पड़ा था। ताले टूटे हुए थे। सासु मां जो पायजेब पहनती थी उसका कुन्दा टूटा हुआ नजर आ रहा था। हड़बड़ाहट में दिनेश ने 100 नंबर पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। थोड़ी देर में पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। मृतका नीलम कंवर की गर्दन पर 13 सेंटीमीटर लम्बा घाव था। धारदार हथियार मृतका की सभी नसों को काटते हुए उनकी रीढ़ की हड्डी पहुंच गया था। मृतका के अंगुलियों पर भी चोट के निशान थे। शव को देखकर साफ हो गया था कि महिला ने बचने का प्रयास किया लेकिन धारदार हथियार से हमले के बाद वो संभल नहीं पाई और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। बुजुर्ग नीलम घर में अकेले रहती थीं। एक बेटी थी, वो भी अपने ससुराल में रहती थी। इस कारण से नीलम के साथ क्या हुआ,उसका कोई चश्मदीद गवाह नहीं था। आस पड़ोस के लोगों ने भी घर में किसी को आते जाते हुए नहीं देखा। इस कारण से इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा करना पुलिस के लिए चुनौती बन गया था। इधर, जैसे ही इस घटना की जानकारी मिली, पूरे इलाके में सनसनी फैल गई। वारदात वाले घर के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई। किसी को समझ नहीं आता है कि आखिरकार क्या हुआ है। लोग अपने-अपने कयास लगा रहे थे। मौका-ए-वारदात की जांच से ये साफ हो गया था कि हत्या लूट के इरादे से की गई है। बुजुर्ग महिला की हत्या की वारदात को देखते हुए पुलिस के बड़े अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। एफएसएल को भी मौके पर बुलाया गया। हत्या की असल वजह जानने के लिए पुलिस ने आस पड़ोस के लोगों से पूछताछ शुरू की। काफी कोशिशों के बाद भी पुलिस के हाथ कोई सुराग नहीं लग पा रहा था। कल पार्ट–2 में पढ़िए हत्यारे तक कैसे पहुंची पुलिस…
इंदौर की विजय नगर पुलिस ने ड्रग सप्लायर और रेप के आरोपी इरफान अली उर्फ हैप्पी पंजाबी को सोमवार को कोर्ट में पेश किया। यहां से उसे 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है। आरोपी ड्रग का बड़ा तस्कर है, जो पब और क्लब में ड्रग्स सप्लाई करता है। रेप का केस दर्ज कराने वाली युवती ने उस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। देवास में उस पर एक दर्जन से अधिक केस दर्ज हैं। वहीं, विजय नगर में भी इरफान पर 2024 में एक ऑटो ड्राइवर पर हमले के मामले में हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया था। विजय नगर टीआई चंद्रकांत पटेल के मुताबिक, इरफान अली उर्फ हैप्पी पंजाबी से अब एमडी ड्रग सप्लाई करने के मामले में भी पूछताछ की जा सकती है। इरफान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने वाली युवती ने उसके कई ड्रग पेडलरों से संपर्क होने की बात कही थी। इस पर युवती के दिए गए बयानों के आधार पर जांच आगे बढ़ाई जाएगी। इरफान अली आदतन अपराधी है। सोमवार को युवती का मेडिकल कराया गया, जबकि मंगलवार को कोर्ट में उसके 164 के बयान कराए जाएंगे। रविवार देर रात युवती करणी सेना कार्यकर्ताओं के साथ बायपास के नजदीक पहुंची और युवक को पकड़वाया। पकड़े जाने के दौरान आरोपी विवाद करने लगा। उसे विजयनगर थाने ले जाया गया। इरफान पर युवती से रेप, अपने दोस्त से रेप कराने, मवेशी का मीट खिलाने और धर्म परिवर्तन को मजबूर करने, ब्लैकमेल और क्लब और पार्टियों में ड्रग सप्लाई करने के आरोप हैं। गोवा में कराता था युवतियों की पार्टी हैप्पी को लेकर युवती ने आरोप लगाया है कि वह गोवा में लड़कियों की पार्टी आयोजित करता है। वह इंदौर में कुछ नामी लोगों के लिए भी पार्टी कर चुका है। हैप्पी ने पहले भी दो अन्य लड़कियों से इसी तरह हिंदू बनकर दोस्ती की और फिर उन्हें छोड़ दिया। देवास में उसके खिलाफ इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई थी। हालांकि पुलिस जांच में इन सभी बातों को शामिल करने की बात कर रही है। हैप्पी इंदौर के विजय नगर में शिकायत करने वाली युवती से कई बार मारपीट कर चुका है। इसके चलते उसके सिर में चोट आई थी। वहीं, हैप्पी ने उसके हाथों को ब्लेड से काटकर घायल किया था। युवती ने यह भी बताया कि हैप्पी ने उसे सेक्स स्कैंडल में धकेलने की कोशिश की थी।
बिहार में विधानसभा चुनाव की वजह से भोपाल में मेट्रो का कमर्शियल अक्टूबर में नहीं हो सका। ऐसे में अब नवंबर में मेट्रो दौड़ाने की डेटलाइन तय की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेट्रो को हरी झंडी दिखाने भोपाल आ सकते हैं। हालांकि, इस हफ्ते कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) की आखिरी टीम भोपाल पहुंचेगी। इस टीम में मेट्रो कमिश्नर जनक कुमार गर्ग भी मौजूद रहेंगे। बता दें कि सरकार ने अक्टूबर में भोपाल में मेट्रो दौड़ने का टारगेट रखा था। इसलिए सितंबर और अक्टूबर में सीएमआरएस के दो अहम दौरे भी हो चुके हैं। मेट्रो कमिश्नर गर्ग ने टीम के साथ सुभाषनगर स्थित मेट्रो डिपो और प्रायोरिटी कॉरिडोर के 6.22 किलोमीटर रूट को देखा था। वे ट्रेन में सवार हुए। सुभाषनगर और एम्स स्टेशन पर करीब दो घंटे तक निरीक्षण किया था। अब तीसरा और सबसे अहम दौरा इस सप्ताह होने की संभावना है। कमिश्नर मेट्रो स्टेशन, डिपो, ट्रैक आदि देखेंगे। दौरा करके रिपोर्ट सरकार को देंगे, फिर डेट फाइनल होगीजानकारी के अनुसार, सीएमआरएस का दौरा होने के बाद वह अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को देगी। यहां से ओके मिलने के बाद कमर्शियल रन की फाइनल डेट तय होगी। प्रधानमंत्री मोदी भोपाल मेट्रो के पहले यात्री भी बन सकते हैं। 31 मई को इंदौर मेट्रो को भोपाल से हरी झंडी दिखाई थी। इसके बाद से भोपाल मेट्रो को लेकर तेजी से काम शुरू हो गया। मेट्रो के जिन 3 स्टेशन के काम बचे हैं, उन पर फोकस किया जा रहा है। बिहार चुनाव में व्यस्त रहे पीएम-सीएमबता दें कि बिहार में दो चरण में चुनाव हो रहे हैं। दूसरे चरण के लिए मंगवार को वोटिंग होगी। वहीं, 14 नवंबर को काउंटिंग होगी। चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कई सभाएं हुईं। वहीं, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव समेत मंत्री भी चुनाव में व्यस्त रहे। इस वजह से भोपाल मेट्रो का कमर्शियल रन अक्टूबर में नहीं हो सका। आरडीएसओ से मिल चुकी ओके रिपोर्टभोपाल मेट्रो के लिए सबसे पहले रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) की टीम आ चुकी है। इस टीम की रिपोर्ट ओके आई। इसके निरीक्षण के बाद सीएमआरएस को डॉक्युमेंट्स सबमिट किए गए। फिर निरीक्षण की तारीख फाइनल हुई। साल 2018 से शुरू हुआ था मेट्रो का कामभोपाल में पहला मेट्रो रूट एम्स से करोंद तक 16.05 किलोमीटर लंबा है। इसमें से एम्स से सुभाष नगर के बीच 6.22 किलोमीटर पर प्राथमिकता कॉरिडोर के तौर पर 2018 में काम शुरू किया गया था। सुभाष नगर से आरकेएमपी स्टेशन तक काम पूरा हो चुका है। इसके आगे अलकापुरी, एम्स और डीआरएम मेट्रो स्टेशन के कुछ काम बाकी हैं, जो पूरे किए जा रहे हैं। रेल ट्रैक के ऊपर दो स्टील ब्रिज भी बनाए गए हैं। दो साल पहले हुआ था पहला ट्रायलराजधानी में पहली बार मेट्रो 3 अक्टूबर 2023 को पटरी पर दौड़ी थी। तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुभाष नगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो में सफर किया था।
आपको हम बता रहे हैं, भोपाल शहर में आज कहां-क्या हो रहा है। यहां हर वो जानकारी होगी, जो आपके काम आएगी। संगीत-संस्कृति, आर्ट, ड्रामा के इवेंट से लेकर मौसम, सिटी ट्रैफिक, बिजली-पानी की सप्लाई से जुड़ा हर अपडेट मिलेगा। काम की जरूरी लिंक्स
सेक्टर- 82 कट के पास बीते गुरुवार को महिला की सिर कटी लाश मिली थी। इसकी पहचान के लिए नोएडा पुलिस ने 50 महिलाओं की हिस्ट्री निकाली है। ये जनपद के साथ पड़ोसियों जिले की महिलाएं है। जिनकी उम्र 30 से 40 साल के अंदर है। वहीं घटना में पुलिस ने 45 टीम बनाकर सोमवार को गाजियाबाद, दिल्ली, बुलंदशहर, अलीगढ़ और आगरा के 100 पुलिस थानों में जाकर वेरिफिशन अभियान चलाया। जिसमें गुमशुदगी दर्ज महिलाओं की पहचान से मृतका का मिलान किया गया है लेकिन कोई सुराग नहीं मिला है। एडीसीपी सुमित कुमार शुक्ला ने बताया कि घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरे नहीं है। कुछ दूरी पर एक पेट्रोल पंप है। जिस पर पुलिस ने तीन दिन के अंदर करीब 600 वाहनों के बारे में जानकारी जुटाई। लेकिन उसमें कोई भी आरोपी नहीं निकला। इसी दौरान पुलिस को दो गाड़ियों पर शक गहराया है। जिसके बारे में पुलिस को अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई। उनको कब्जे में लेने के लिए एक स्पेशल टीम लगी हुई है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर थोड़ा कर्व है। इसलिए वहां से गुजरते हुए, पेट्रोल पंप के सीसीटीवी कैमरे में कम दिखाई दे रहे हैं। महिला के बिछुए के जरिए पहचान की कोशिश नोएडा पुलिस ने महिला के पैर में पहने बिछुए की फोटो का एक पोस्टर जारी कर दिया है। साथ ही लोगों से महिला के बारे में कोई पुलिस को खबर करने की अपील की गई है। पुलिस को महिला के पास से सबूत के तौर पर कुछ नहीं मिला है। उसकी लम्बाई करीब 5 फीट 1 इंच है। उसके पैरों में बिछुए पाए गए थे। शव पर कोई कपड़ा नहीं मिला था। गुमशुदा महिला के बारे में जुटा रही है जानकारीअधिकारी ने बताया कि इस घटना के बाद एक टीम बनाई गई है। जोकि जनपद में गुमशुदा महिलाएं के घर कॉल कर उनके बारे में जानकारी कर रही है। वहीं जितने लोगों ने पुराने मामलों में पुलिस के माध्यम से काउंसलिंग कराया है। उनसे भी बातचीत की जा रही है। इसके लिए एक महिला आईपीएस के मॉनिटरिंग में टीम काम कर रही है।
राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर ने कार्मिक की मृत्यु के समय गर्भावस्था में रहे शिशु के बालिग होने पर प्रस्तुत अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदन को राज्य सरकार द्वारा देरी के आधार पर अस्वीकार किए जाने के मामले में सुनवाई की। जस्टिस मुन्नुरी लक्ष्मण ने इस मामले में प्रारंभिक सुनवाई के बाद शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी। दरअसल, डीडवाना के बेरी गांव निवासी समीर खान की ओर से एडवोकेट रजाक खान हैदर ने याचिका दायर की। इसमें बताया कि समीर के पिता सुलेमान खान का वर्ष 2003 में निधन हो गया था। उस समय याचिकाकर्ता समीर खान अपनी मां के गर्भ में था। पिता की मृत्यु के बाद उसकी मां लंबे समय तक बीमार रहीं और बड़ा भाई नि:शक्त है, ऐसे में बालिग होने पर याचिकाकर्ता ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन किया। निदेशालय की दुविधा, देरी बता अर्जी अस्वीकार की आवेदन पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने कार्मिक की मृत्यु के समय याचिकाकर्ता के जन्म नहीं लेने के कारण उसे आश्रित की श्रेणी में मानने या नहीं मानने को लेकर शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन चाहा था। इस प्रश्न पर निदेशालय स्पष्टता नहीं ले पा रहा था कि क्या गर्भावस्था में रहे शिशु को मृतक कार्मिक का आश्रित माना जाए या नहीं। शिक्षा विभाग ने निदेशालय के प्रतिउत्तर में शीर्ष अदालत द्वारा पारित दो निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा कि कार्मिक की मृत्यु के कई वर्षों पश्चात अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस आधार पर याचिकाकर्ता के आवेदन को देरी के कारण अस्वीकार कर दिया गया। पीड़ित का तर्क: संदर्भ केस की गलत व्याख्या अधिवक्ता ने तर्क दिया कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के उमेश कुमार नागपाल बनाम हरियाणा राज्य मामले में दिए निर्णय की गलत व्याख्या कर रही है। वकील ने कहा कि उक्त मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि संकट समाप्त होने या लंबे समय बाद नियुक्ति का दावा नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता के मामले में संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है। सवाल गर्भस्थ शिशु को आश्रित मानने का
त्योहार खत्म होने के बाद काम पर लौट रहे यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गोरखपुर स्टेशन से चलने वाली गोरखधाम एक्सप्रेस में काफी भीड़ देखा गया। जो पहले आया उसको सीट मिली लेकिन लाइन में पीछे लगने वालों को गेट पर घुसना भी मुश्किल हो गया। इसके अलावा रेलवे प्रशासन पुलिस टीम यात्रियों को लाइन में खड़ा करके सीट तक भेजने का काम करती रही। और फिर गाड़ी खुलने के बाद प्लेटफार्म पर खड़े होकर सभी को गेट पर न लटकने की सलाह देती रही। ट्रेन के अंदर का हाल और भी खराब था। सभी बर्थ और सीटों पर यात्रियों की भीड़ थी। कई लोगों को नीचे फर्श पर बैठकर यात्रा करनी पड़ी। छोटे बच्चे और बुजुर्ग यात्री भी काफी परेशान नजर आए। एक यात्री ने बताया, “मैं दिल्ली से खड़े-खड़े आया था। आज जब गोरखपुर से वापस जा रहा हूं, तो ट्रेन में चढ़ने की भी जगह नहीं थी। मजबूर होकर गेट के पास ही बैठना पड़ा।” रेलवे ने भीड़ को संभालने के लिए कई फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें और गोरखधाम एक्सप्रेस की क्लोन ट्रेन भी चलाई हैं, लेकिन यात्रियों की संख्या इतनी अधिक है कि भीड़ पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका। रेलवे प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे अपनी यात्रा की पहले से योजना बनाएं और अनावश्यक भीड़ से बचने की कोशिश करें, ताकि सफर सुरक्षित और आरामदायक हो सके।
जोधपुर में नगर निगम को मर्ज करने के साथ ही शहर के लोगों की परेशानियां भी बढ़ गई है। सबसे ज्यादा परेशान वो लोग है जिन्होंने जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा में आवेदन कर रखा है। यहां पर आने वाले आवेदकों को तीन दिन बाद आने का बोलकर वापस लौटाया जा रहा है। इसके अलावा भी निगम में विभिन्न कार्यों से आने वाले लोगों को बिना काम हुए ही वापस जाना पड़ रहा है। बता दें कि प्रदेश में पूर्व की कांग्रेस सरकार की ओर से जोधपुर में दो नगर निगम बनाए गए थे। जिसमें जोधपुर उत्तर और जोधपुर दक्षिण शामिल है। इन दोनों के 80- 80 वार्ड थे। हाल ही में नगर निगम को मर्ज कर एक निगम कर दिया गया। जिसके बाद सोमवार को महापौर का कार्यकाल समाप्त होने के बाद संभागीय आयुक्त को प्रशासक का कार्य सौंपा गया, लेकिन उसके साथ ही यहां निगम में जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र का कार्य ठप हो गया। निगम के काउंटर पर इसको लेकर बोर्ड लगा दिए गए हैं। जिसमें लिखा है कि उत्तर और दक्षिण नगर निगम का पोर्टल एक होने के चलते सर्वर बंद है। इसकी वजह से यहां आने वाले आवेदकों को परेशान होना पड़ रहा है। इसी को लेकर दैनिक भास्कर ने निगम में आए लोगों से बात की। नगर निगम के चक्कर काट रहे कालूराम ने बताया कि वो करीब पंद्रह दिन से परेशान है। उनके दो जुड़वां बच्चे हुए जिनका उम्मेद हॉस्पिटल में जन्म हुआ था। इसके बाद हॉस्पिटल प्रशासन की ओर से बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए उन्हें एक कागज दिया गया था। जिसे करीब पंद्रह दिन पहले नगर निगम में जमा करवाया था। अब पंद्रह दिन बीतने के बाद भी चक्कर पर चक्कर कटवाए जा रहे हैं। सोमवार को भी वो शाम के समय जन्म प्रमाण पत्र के कामको लेकर गए तो बोल दिया कि नए सिरे से फॉर्म भरना पड़ेगा। जबकि यहां आम दिनों में रोजाना करीब 250 जन्म और मृत्य प्रमाण पत्र के आवेदन आते हैं। भगत की कोठी के रहने वाले नत्थूसिंह भी नगर निगम के चक्कर काट काटकर परेशान है। उन्होंने बताया कि उनके बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के लिए उन्होंने आवेदन किया था, लेकिन यहां आने पर कोर्ट से शपथ पत्र लेकर आने को कह दिया। जब शपथ पत्र लेकर आए उसके बावजूद चक्कर कटवाए जा रहे हैं। अब उन्हें कहा जा रहा है कि नगर निगम का एकीकरण हो गया है। तीन दिन तक जन्म प्रमाण पत्र नहीं मिलेगा। इस तरह से कई अन्य आवेदक भी है। जो नगर निगम के एक होने के चलते सर्वर ठप होने की वजह से परेशान है। हालांकि नवनियुक्त प्रशासक के तौर पर कार्य संभाल रही संभागीय आयुक्त प्रतिभा सिंह ने बताया कि निगम में सरकार की योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले इसके लिए उनका पूरा प्रयास रहेगा।
नोएडा से लापता हुआ बरेली का लकी मखानी:मां-बूढ़ी दादी का रो-रोकर बुरा हाल, नोएडा पुलिस तलाश में जुटी
बरेली की बदायूं रोड स्थित बीडीए कॉलोनी निवासी 25 वर्षीय लकी मखानी पिछले आठ दिन से लापता है। नोएडा में नौकरी करने वाला लकी 4 नवंबर से गायब है। परिजनों का कहना है कि वह सोमवार को साढ़े 11 बजे ऑफिस से लीव लेकर निकला था, लेकिन उसके बाद से घर नहीं लौटा। नोएडा की कंपनी में करता हैं नौकरीलकी नोएडा सेक्टर-62 की जुबली टेक्नोलॉजी इंडियन प्राइवेट लिमिटेड, ब्लॉक C-41 में जॉब करता है। परिवार ने बताया कि उसने अप्रैल में यह नौकरी जॉइन की थी और पिछले छह साल से बाहर रह रहा है। 7 नवंबर को दर्ज कराई गई गुमशुदगीलकी के लापता होने के बाद उसकी मां ज्योति देवी ने नोएडा के सेक्टर-58 थाने में 7 नवंबर को गुमशुदगी दर्ज कराई। उन्होंने पुलिस से अपने बेटे को जल्द खोजने की गुहार लगाई है। मां से आखिरी बार 11:35 बजे हुई थी बातमां ज्योति देवी ने बताया कि बेटे से आखिरी बार मंगलवार सुबह 11:35 बजे फोन पर बात हुई थी। उसी दिन से लकी का कोई सुराग नहीं लगा है। इसके पहले रात में वह अपने दोस्त के साथ ड्रिंक पर गया था और दोस्त ने बताया कि उसने लकी को हाइवे पर छोड़ दिया था। पिता की मौत के बाद लकी ही है सहारालकी के पिता निहाल चंद्र का निधन चार साल पहले हो चुका है। अब घर में उसकी मां ज्योति देवी और 90 साल की दादी गोदावरी देवी ही हैं। दोनों का रो-रोकर बुरा हाल है। दादी ने कहा-“लकी ही हमारा सहारा है, उसके बिना सब सूना लग रहा है।” पुलिस जांच में जुटी, परिवार कर रहा इंतजारनोएडा सेक्टर-58 की पुलिस लकी की लोकेशन और मोबाइल डिटेल खंगाल रही है, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला। परिवार ने पुलिस से उम्मीद जताई है कि जल्द ही लकी का पता लगाया जाएगा। मां की गुहार-बस मेरा बेटा मिल जाएलकी की मां ने कहा, चार साल पहले पति को खोया, अब बेटा भी चला गया। मैं बस भगवान से यही दुआ करती हूं कि मेरा बेटा सही-सलामत मिल जाए।
स्कूली बच्चों की फीस को लेकर आने वाले समय में शिक्षकों के साथ अभिभावकों को भी अपग्रेड होना होगा। केंद्र सरकार ने राज्यों को भेजे एक पत्र में कहा है कि डिजिटल परिवर्तन सुधारों के तहत फीस जमा करने के लिए स्कूलों में यूपीआई को शामिल किया जाए। ऐसे में भविष्य में स्कूलों में भी फोन-पे, पेटीएम जैसे यूपीआई सिस्टम से बच्चों की स्कूल फीस जमा हो सकेगी। इससे न केवल अभिभावकों को सहुलियत मिलेगी बल्कि संस्था प्रधान को भी रसीदें छपवाने व काटने के झंझट से मुक्ति मिल सकेगी। अभिभावकों को स्कूल आने की जरूरत नहीं रहेगी और उन्हें घर या कहीं से भी ऑनलाइन फीस जमा कराने की सुविधा का फायदा मिल जाएगा। यही नहीं, इसकी रसीद भी हाथों हाथ डिजिटली जनरेट होकर मिल जाएगी। केंद्र सरकार ने यह पहल विभिन्न क्षेत्रों में नीतिगत और संस्थागत सुधारों के माध्यम से स्कूली शिक्षा में आसानी को बढ़ावा देने के लिए की है। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने पहली बार राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में प्रशासनिक प्रक्रियाओं, विशेष रूप से स्कूलों में वित्तीय लेनदेन से संबंधित प्रक्रियाओं का आधुनिकीकरण करके स्कूली शिक्षा को आसान बनाने के लिए एकीकृत भुगतान इंटरफेस यानी यूपीआई को अपनाने पर जोर दिया है। यूपीआई मोबाइल वॉलेट और नेट बैंकिंग जैसे डिजिटल भुगतान प्लेटफार्मों की बढ़ती पहुंच का लाभ उठाने कहा आह्वान किया है। शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और स्वायत्त निकायों जैसे एनसीईआरटी, सीबीएसई, केवीएस, एनवीएस को इसे लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया है। इससे स्कूलों में सुरक्षित और पारदर्शी डिजिटल तरीकों से प्रवेश और परीक्षा शुल्क एकत्र करने का वातावरण बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही बताया है कि नकद भुगतान के बजाय डिजिटल भुगतान के कई फायदे हैं। अभिभावकों और छात्रों के लिए यह पारदर्शिता और स्कूल जाए बिना घर बैठे भुगतान करने की सुविधा है। यूपीआई लेनदेन की प्रक्रिया अपनाने से अभिभावक वित्तीय रूप से साक्षर बन सकेंगे। सुझावों के बाद जारी किए जाएंगे दिशा-निर्देश केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विकसित भारत 2047 के विजन को देखते हुए स्कूलों में डिजिटली लेनदेन को लेकर सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एनसीईआरटी, सीबीएसई, केवीएस, एनवीएस के साथ विचार विमर्श किया है। उनसे इस प्रक्रिया को अपनाने और आसान बनाने के लिए सुझाव भी आमंत्रित किए हैं। इसके बाद इस पहल को अमल में लाने के विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। साथ ही संस्थानों को प्रशिक्षित किए जाने की रूपरेखा तय की जाएगी।
कहीं आपके पैन और आधार कार्ड से देश के किसी कोने में कंपनी तो नहीं चलाई जा रही। नोएडा के जालसाजों ने ऐसा ही किया। शुरुआती दौर में 86 फर्जी फर्म बनाकर 51 करोड़ का घोटाला किया। जांच में आया कि यहां सिर्फ दो लोग नहीं बल्कि एक पूरा गिरोह इसमें लिप्त है। जिन्होंने फर्जी फर्म बनाकर 1000 करोड़ का घोटाला किया। बिना माल डिलीवरी किए, फर्जी बिलों की मदद से इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लेकर ये हेराफेरी की गई। इस मामले में बिसरख पुलिस ने दो लोगों प्रवीन कुमार और सतेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया। दरअसल बैंक ऑफ इंडिया नोएडा और गाजियाबाद में कुछ करंट अकाउंट खोले गए। जिनकी ट्रांजैक्शन गड़बड़ी मिली। शिकायत मिलते ही हमने पैन कार्ड का डेटा निकाला। एक मोबाइल नंबर पर रजिस्टर किया गया था। सामने आया कि इसी मोबाइल नंबर पर कई कंपनियां रजिस्टर्ड की गई हैं। इसमें छह खाते सामने आए। इन सभी फर्म के खाते प्रवीन और सतेंद्र की फोटो थी। जबकि केवाईसी अलग-अलग दस्तावेजों से थी। जिसमें पैन, आधार, रेंट एग्रीमेंट है। 18 मोबाइल पर 87 नंबर मिलेइसके बाद पुलिस कंपनी एड्रेस पर टीमें पहुंची। तो वहां कोई कंपनी चलती हुई नहीं मिली। छानबीन में पुलिस ने शुरुआत में छह फर्म मिली। 06 फर्मों को खुलवाने के लिए ओटीपी के लिए नौ अलग-अलग मोबाइल नंबरों का प्रयोग किया गया है। इन 09 मोबाइल नंबरों की सर्विलांस की मदद से विश्लेषण किया गया तो यह 09 मोबाइल नंबर 18 IMEI मोबाइल पर प्रयोग किए गए। इन IMEI नंबरों पर कुल 87 मोबाइल नंबर प्रयोग किए गये हैं। इन 87 मोबाइल नंबरों का प्रयोग कर 86 विभिन्न फर्मों का रजिस्ट्रेशन किया गया है। कुल 51 करोड के लगभग (ITC) दावा किया गया। अब समझिए कि 5 साल तक इतनी बड़ी हेराफेरी कैसे करते रहे जालसाज... फर्जी कंपनी बनाते फिर फर्जी रिटर्न अप्लाई करतेडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि ये लोग टीम बनाकर काम करते थे। पहली टीम फर्जी तरीके से कंपनी बनाती थी। फिर इस कंपनी के नाम पर फर्जी करंट अकाउंट खुलवाया जाता था। फर्जी बिल के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट के तहत रिटर्न के लिए अप्लाई करते थे। GST डिपार्टमेंट कंपनी और उसके टर्नओवर को असली मानते हुए रिफंड का पेमेंट करता रहा। इस तरह से 5 सालों में 51 करोड़ हेराफेरी कर डाली जबकि 350 करोड़ के बिल जनरेट किए गए । छानबीन में डीसीपी ने बताया कि ये मामला करीब 1000 करोड़ के आसपास हो सकता है। अब जानते हैं ये GST नंबर के लिए कैसे अप्लाई करते थे... फर्जी तरह से खोले गए ये छह खाते इन खातों से खोली गई छह फर्जी कंपनी और ट्रांजैक्शन डिटेल इनके द्वारा अपनी फ़ोटो लगाकर अलग-अलग नाम पते से कंपनियों में करीब (कुल 03 करोड़ 42 लाख 77 हजार 2 सौ 54 रुपए) का लेन-देन किया गया।
वह 4 फरवरी 2013 की एक सर्द दोपहर थी। भोपाल में सर्दियों की विदाई का समय था, लेकिन शामें अभी भी सिहरन पैदा कर रही थीं। सूरज ढलने के साथ ही ठंडी हवाएं जोर पकड़ने लगती थीं। ऐसी ही एक ढलती शाम को, शहर के सबसे पॉश और सुरक्षित माने जाने वाले इलाके टीटी नगर के पुलिस थाने की घंटी घनघनाई। फोन करने वाले की आवाज में घबराहट थी। ‘सर, मैं दशहरा मैदान के पास से बोल रहा हूं। मैं यहां से गुजर रहा था तो देखा कि सड़क के किनारे एक कुत्ता एक छोटे बच्चे का हाथ मुंह में दबाकर ले जा रहा है।” बंगले के पास झाड़ियों में मिली बच्ची की लाशयह पता सुनते ही कॉल अटेंड करने वाले पुलिसवाले के शरीर में जैसे 440 वॉट का करंट दौड़ गया। 45 बंगले...यह तो VVIP इलाका था। यहीं पर प्रदेश के गृहमंत्री का बंगला था। “गृहमंत्री के बंगले के पास लाश…।” यह विचार ही किसी भी पुलिसकर्मी के होश उड़ाने के लिए काफी था। फोन कटने के कुछ ही मिनटों के भीतर, पुलिस की गाड़ियों के सायरन उस शांत इलाके की खामोशी को चीरने लगे। एक के बाद एक गाड़ियां गृहमंत्री के बंगले के पास पहुंचने लगीं। सिपाहियों ने बताई गई जगह पर सर्चिंग शुरू की। जल्द ही उनकी सबसे बुरी आशंका सच साबित हुई। बंगले के पास की झाड़ियों में एक बच्ची की लाश पड़ी हुई थी। हाई प्रोफाइल मामला और पुलिस पर बढ़ता दबावयह मामला बेहद हाई प्रोफाइल था। उस समय उमाशंकर गुप्ता प्रदेश के गृहमंत्री थे। पूरे राज्य की सुरक्षा व्यवस्था और खाकी वर्दी के मुखिया, जिनके बंगले पर 24 घंटे सुरक्षा का कड़ा पहरा रहता हो, उनके बंगले के पास झाड़ियों में एक बच्ची का शव मिलना, हर किसी के लिए एक चौंकाने वाली और शर्मनाक बात थी। बच्ची का चेहरा किसी भारी चीज से बुरी तरह कुचला गया था, शायद पहचान मिटाने के इरादे से। खून से लथपथ लाश को कुत्तों ने कई जगहों से नोंच डाला था, जिससे वह और भी वीभत्स लग रही थी। थोड़ी ही देर में टीटी नगर थाने का पूरा स्टाफ मौके पर था। जल्द ही भोपाल पुलिस के दोनों एसपी, डीआईजी और आईजी भी अपने लाव-लश्कर के साथ पहुंच गए। एक्सपर्ट्स की टीम ने शुरू की जांचमौके पर मौजूद हर अफसर के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं। हर कोई सोच रहा था कि इस मामले की गाज किस-किस पर गिरेगी। कुछ ही देर में, मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन डीजीपी नंदन दुबे खुद मौके पर पहुंचे। तमाम एक्सपर्ट अपनी जांच में लगे थे, लेकिन अभी तक यह भी साफ नहीं हो पा रहा था कि बच्ची की हत्या यहीं की गई है या उसे कहीं और मारकर यहां फेंका गया है। लाश का पंचनामा बनाकर उसे पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया। डीजीपी ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए। कहा- 45 बंगले जैसे हाई सिक्योरिटी एरिया में हत्या हो जाना एक बहुत ही गंभीर मामला है। फोर्स के सबसे बेहतरीन अधिकारियों को इसकी जांच में लगाओ। सभी को अलर्ट कर दो, इस मामले से जुड़े हर पहलू की गहराई से जांच होनी चाहिए। लाश की शिनाख्त थी सबसे बड़ी चुनौतीपुलिस के सामने पहली और सबसे बड़ी चुनौती लाश की पहचान करना था। चेहरा इतना बुरी तरह कुचला हुआ था कि उसे पहचानना नामुमकिन था। शव को देखकर बस इतना अंदाजा लगाया जा सकता था कि यह किसी छोटी बच्ची का है, जिसकी उम्र करीब 7-8 साल रही होगी। कुत्तों ने हाथ-पैर भी नोंचे थे। शरीर पर एक फ्रॉक के अलावा ऐसा कोई निशान या गहना नहीं था, जिससे उसकी पहचान हो सके। इसी बीच कुछ पुलिसकर्मियों का ध्यान एक रात पहले थाने आए एक परेशान दंपती पर गया। नाइट शिफ्ट में तैनात स्टाफ ने डीआईजी श्रीनिवास वर्मा को बताया, 'सर, कल देर रात दशहरा मैदान के पास की झुग्गी में रहने वाला एक आदमी और उसकी पत्नी थाने आए थे। दोनों बहुत चिंता में थे।' दंपती ने बताया कि बेटी मेले में गई थीदंपती ने बताया था- हमारी झुग्गी मैदान के पास ही है। मैदान में मेला लगा हुआ है। हमारी दोनों बेटियां अक्सर वहां घूमने चली जाती हैं। आज शाम जब हम काम से लौटे, तो 8 साल की बड़ी बेटी घर पर नहीं थी। हमें लगा कि मेला घूमने गई होगी, आ जाएगी। लेकिन जब देर रात तक वह वापस नहीं आई, तो हमने उसे खोजना शुरू किया। पड़ोस में पूछताछ की, फिर पूरा मेला छान मारा। बाजार में भी पूछा, लेकिन हमारी बेटी कहीं नहीं मिली। अब तो सारा बाजार और मेला भी बंद हो गया है, और बेटी अब तक घर नहीं आई है। आप उसे ढूंढ दो साहब। पुलिस ने उस समय गुमशुदगी दर्ज कर वायरलेस पर मैसेज प्रसारित किया था और माता-पिता के साथ एक हवलदार को भेजकर आसपास पूछताछ भी कराई थी, लेकिन बच्ची का कुछ पता नहीं चला था। झाड़ियों में मिली लाश का हुलिया और उम्र उसी गुमशुदा बच्ची से मिल रहा था। पुलिस ने तुरंत उस दंपती को बुलवाया। कुछ ही देर में, एक अधेड़ उम्र का पुरुष और एक महिला कांपते हुए पुलिस के सामने खड़े थे। लाश की हालत इतनी खराब थी कि पुलिस उन्हें शव दिखाने की हिम्मत नहीं कर सकी। पुलिस ने बच्ची के शरीर पर मिली फ्रॉक उन्हें दिखाई। मां बोली- बड़ी बहन छोटी को संभालती थीदंपती ने बताया कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं है, न ही किसी से कोई पैसे का लेनदेन है। वे बस मेहनत-मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं। यह उनकी बड़ी बेटी थी। उसकी एक छोटी बहन भी है, जो छह साल की है। जब वे दोनों काम पर जाते थे, तो बड़ी बेटी ही छोटी बहन को संभालती थी। वह अपनी छोटी बहन के साथ साए की तरह रहती थी और उसे एक पल के लिए भी अकेला नहीं छोड़ती थी। जांच का जिम्मा और बढ़ता दबावमामले की जांच का जिम्मा तत्कालीन थाना प्रभारी और अब रिटायर्ड डीएसपी सुबोध तोमर को सौंपा गया। तोमर बताते हैं, “उस समय मैं पिपलानी थाने में पोस्टेड था, लेकिन मैं पहले टीटी नगर में टीआई रह चुका था। मुझे उस इलाके का चप्पा-चप्पा पता था। डीआईजी साहब ने कहा, ‘तोमर, तुम इस मामले की जांच करो। पुलिस को नहीं मिला हत्यारे का सुरागतोमर बताते हैं कि परिवार और पूरे इलाके में पूछताछ करने के बाद भी कोई सुराग हाथ नहीं लगा। दूसरी तरफ, एक छोटी बच्ची के साथ हुई इस हैवानियत को लेकर जनता में भारी गुस्सा था। लोग सड़कों पर उतरने लगे थे, कैंडल मार्च निकाले जा रहे थे। विपक्ष भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर था। एक तरफ जनता का गुस्सा था, तो दूसरी तरफ अधिकारियों का दबाव भी लगातार बढ़ता जा रहा था। डीआईजी और एसपी ने थाने के पास ही सीएसपी ऑफिस में कैंप लगा लिया था। वे हर आधे घंटे में तोमर को बुलाते और पूछते, 'क्या अपडेट है?' पुलिस टीम मोबाइल टावर लोकेशन से लेकर तकनीक से जुड़ी हर तरकीब आजमा चुकी थी, लेकिन कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था। अब पूरा दारोमदार उस पारंपरिक पुलिसिंग पर आ गया था, जो सालों पहले हुआ करती थी। अंधेरे में रोशनी की एक किरणतब तोमर ने एक नई रणनीति अपनाई। उन्होंने माता-पिता से बच्ची की एक तस्वीर ली और अपनी टीम के साथ दशहरा मैदान के मेले में पहुंच गए। उन्होंने एक-एक दुकानदार, हर झूले वाले और हर स्टॉल वाले के पास जाकर बच्ची की तस्वीर दिखाकर पूछना शुरू किया। मेले में घूम-घूमकर पड़ताल करने की यह तरकीब काम करती दिखी। घंटों की मशक्कत के बाद, एक झूले वाले ने तस्वीर को पहचान लिया। उसने बताया, “हां, यह बच्ची तो कल यहां आई थी…” इस एक सुराग ने पुलिस को अंधेरे में रोशनी की एक किरण दिखा दी थी। जांच अब एक नए मोड़ पर आ खड़ी हुई थी। मध्य प्रदेश क्राइम फाइल्स के पार्ट-2 में पढ़िए मध्य प्रदेश क्राइम फाइल्स सीरीज की ये खबरें भी पढ़ें... ताऊ की हैवानियत… 2 बच्चियों को मार डाला, नहर में फेंक दिए शव तारीख 3 अप्रैल 2022। बालाघाट जिले से लगभग 85 किलोमीटर दूर, तिरोड़ी के एक शांत गांव में उस दिन सुबह के 10 बजे थे। सभी लोग अपने कामकाज में जुटे थे। एक घर के आंगन में दो नन्हीं बच्चियां खेल रही थीं। बड़ी बहन की उम्र 6 साल और छोटी की उम्र 3 साल थी। दोनों अपनी ही दुनिया में मगन थीं। दोनों अचानक गायब हो गईं। पढ़ें पूरी खबर... लोअर कोर्ट से फांसी, हाईकोर्ट से बरी पुलिस ने आरोपी गिरधारी सोनवाने को गिरफ्तार कर लिया। 31 जनवरी 2024 को जज कविता इवनाती ने गिरधारी को फांसी की सजा सुनाई। गिरधारी ने इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की। हाईकोर्ट ने न केवल गिरधारी सोनवाने को सभी आरोपों से बरी कर दिया, बल्कि पुलिस की जांच प्रक्रिया पर भी टिप्पणी करते हुए सवाल खड़े किए। पढे़ं पूरी खबर...
नगर निगम भरतपुर:9500 भवनों पर लगाया क्यूआर, स्कैन से पता चलेगा यूडी टैक्स, ऑनलाइन जमा कर सकेंगे
शहर के लोगों को अब यूडी टैक्स जमा कराने के लिए नगर निगम के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नगर निगम ने टैक्स वसूली में पारदर्शिता और सुविधा बढ़ाने के लिए क्यूआर कोड सिस्टम लागू किया है। शहर की सभी टैक्स योग्य 9500 संपत्तियों पर क्यूआर कोड प्लेट लगाई जा रही हैं, जिनसे लोग अपने घर बैठे ही टैक्स डिटेल देख सकेंगे और ऑनलाइन पेमेंट भी कर सकेंगे। नगर निगम के आरओ तेज राम मीना का कहना है कि अब किसी व्यक्ति को न तो टैक्स ऑफिस जाने की जरूरत होगी और न ही लाइन में लगने की। क्यूआर कोड स्कैन करते ही मोबाइल पर टैक्स की पूरी जानकारी, बकाया राशि और भुगतान लिंक खुल जाएगा। इस व्यवस्था से न सिर्फ लोगों को सुविधा मिलेगी, बल्कि टैक्स चोरी पर भी रोक लगेगी। क्यूआर कोड स्कैन करते ही खुलेगी वेबसाइट, ऑनलाइन होगा पैमेंट निगम द्वारा लगाए जा रहे QR प्लेट स्कैन करते ही मोबाइल पर सीधे https://udtbharatpur mc.co.in/ खुल जाएगी। इस वेबसाइट पर संबंधित संपत्ति की पूरी जानकारी भरने के बाद आप कुल टैक्स, जुर्माना, छूट व अन्य विवरण तुरंत देख व भुगतान कर सकते हैं। प्लेट स्कैन करते ही खुलने वाली साइट पर आपको संपत्ति-विस्तार (Service Number / Property UIT), अकाउंट-होल्डर का नाम, मोबाइल नंबर, पता, वार्ड नंबर, कॉलोनी, संपत्ति की श्रेणी और लैंडमार्क जैसी डिटेल फिल करनी होंगी। डिटेल भरते ही सिस्टम आपकी संपत्ति के अनुरूप टैक्स-कंप्यूटेशन दिखा देगा, जिसमें वार्षिक UD टैक्स, किसी भी तरह का जुर्माना और मिलने वाली छूट भी शामिल होगी। सालाना टैक्स डीएलसी दर पर तय नगर निगम के 65 वार्डों में यूडी टैक्स साल में एक बार लिया जाता है। टैक्स की गणना डीएलसी रेट के आधार पर होती है। कुल एरिया (वर्गगज) X डीएलसी रेट 2000 = वार्षिक यूडी टैक्स। 300 से 325 वर्गगज के मकानों पर सालाना करीब 800 से 1000 रुपए टैक्स बनता है। निगम क्षेत्र में 300 वर्गगज से बड़े सभी मकान और 100 वर्गमीटर से बड़ी व्यावसायिक संपत्तियाँ टैक्स के दायरे में हैं। पिछले साल यूडी टैक्स के वसूले थे 10 से 12 करोड़ नगर निगम ने इस वित्तीय वर्ष में यूडी टैक्स से 10 से 12 करोड़ रुपए वसूलने का लक्ष्य रखा है। पिछले वित्तीय वर्ष में निगम ने 12 करोड़ रुपए की वसूली की थी, जबकि इस साल अब तक 4 करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। शहर की 60 बड़ी संपत्तियां है, जिनमें मैरिज होम, प्राइवेट स्कूल और व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स शामिल हैं, जिन पर 3-4 करोड़ रुपए का टैक्स बकाया है। जिन्हें निगम अगले सप्ताह सीज करने की कार्रवाई करेगा। आयुक्त ने कहा- टैक्स भुगतान में आएगी पारदर्शिता क्यूआर कोड सिस्टम से भरतपुर टैक्स भुगतान के क्षेत्र में एक मॉडल सिटी के रूप में उभरेगा। हमारा उद्देश्य जनता को सुविधा देना और टैक्स वसूली को पारदर्शी बनाना है। अब कोई भी व्यक्ति अपने मोबाइल से क्यूआर कोड स्कैन कर घर बैठे टैक्स जमा कर सकेगा। और अन्य जानकारी भी प्राप्त कर सकेगा। लोगों नगर निगम नहीं आना पड़ेगा। -श्रवण कुमार विश्नोई, आयुक्त, नगर निगम भरतपुर।
पंजाब की एक मात्र टाइगर सफारी पिछले दो साल से बिना टाइगर के ही है। लुधियाना चिड़ियाघर में टाइगर सफारी पर दो साल ताले टंगे हुए हैं जिसकी वजह से यहां पर्यटकों ने भी आना कम कर दिया है। लुधियाना चिड़ियाघर में जहां पहले वीकेंड पर 1000 से 1500 विजिटर आ जाते थे वहीं अब इनकी संख्या 100 से भी कम हो गई है। लुधियाना चिड़ियाघर का मुख्य आकर्षण टाइगर सफारी ही रही है। टाइगर सफारी में घूमने व टाइगर को देखने के लिए लोग दूर दूर से यहां आते थे लेकिन टाइगर की मौत के बाद लुधियाना चिड़ियाघर ही बीरान सा रहता है। टाइगर सफारी के इंचार्ज ने कंजर्वेशन ऑफ वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट को पत्र लिखकर दो टाइगर की डिमांड भेजी है ताकि टाइगर सफारी में फिर से विजिटर्स की संख्या को बढ़ा जा सके। लुधियाना में पंजाब की एक मात्र टाइगर सफारी लुधियाना चिड़ियाघर में पंजाब की एक मात्र टाइगर सफारी है। लेकिन पिछले करीब दो साल से इस टाइगर सफारी में भी टाइगर नहीं है। छतबीड़ चिड़ियाघर में टाइगर हैं लेकिन वहां पर टाइगर सफारी नहीं है। वहां टाइगर बाड़े के अंदर बंद रहते हैं ओर पब्लिक उन्हें बाहर से देखती है। जबकि टाइगर सफारी में टाइगर खुले में रहते हैं ओर पब्लिक एक बस के अंदर जाकर उन्हें देखती है। छतबीड़ में लॉयन सफारी है। 31 जनवरी 2024 को ही थी टाइगर नव की मौत लुधियाना टाइगर सफारी में पहले दो टाइगर होते थे। एक नर और एक मादा। टाइगर के इंफेक्टेड होने कारण मादा टाइगर को यहां से शिफ्ट कर दिया गया। उसके बाद करीब एक साल तक नर टाइगर ही रहा। 31 जनवरी 2024 को टाइगर नव की मौत हो गई। उसकी मौत के बाद टाइगर सफारी को बंद कर दिया गया। चार महीने पहले भेजा थी दो टाइगरों की डिमांड लुधियाना चिड़ियाघर के इंचार्ज नरिंदर सिंह का कहना है कि टाइगर की मौत के बाद लुधियाना टाइगर सफारी के लिए टाइगरों की डिमांड की जा रही है। उन्होंने बताया कि सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद करीब चार महीने पहले फाइल हेडक्वार्टर को भेजी है। उम्मीद है कि जल्दी ही टाइगर सफारी के लिए टाइगर मिल जाएंगे ओर टाइगर सफारी आबाद हो जाएगी। दो तेंदुए हैं लेकिन उन्हें बाड़े में रखा गया पिछले साल कंजर्वेशन ऑफ वाल्ड लाइफ डिपार्टमेंट ने लुधियाना जू में दो तेंदुए भेजे हैं। लुधियाना चिड़ियाघर में आने पर तेंदुओं को पहले अलग-अलग रखा गया और पब्लिक को उन्हें देखने की अनुमति नहीं थी। अब दोनों लुधियाना के इंवायरनमेंट को पूरी तरह से अडॉप्ट कर चुके हैं तो अब पब्लिक उन्हें बाड़े में देख सकती है। बिना टाइगर के जू में सन्नाटा पहले यहां रोजाना बड़ी गिनती में लोग टाइगर देखने पहुंचते थे।वीकेंड पर तो 1000 से ज्यादा विजिटर्स आते थे। लुधियाना समेत आसपास के जिलों से स्कूली बच्चे लुधियाना जू में आते थे लेकिन टाइगर की मौत के बाद स्कूलों ने भी अपने बच्चों को यहां लाना बंद कर दिया है। लुधियाना सफारी की शुरुआत बड़े विजन के साथ हुई थी लुधियाना टाइगर सफारी की स्थापना करीब तीन दशक पहले की गई थी। उस समय इसे उत्तर भारत की सबसे आधुनिक सफारियों में से एक माना जाता था। यहां खासतौर पर बच्चों के लिए वाइल्ड लाइफ एजुकेशन प्रोग्राम, सफारी राइड और ओपन जोन टूर शुरू किए गए थे। लक्ष्य था कि लोगों को टाइगर और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के बारे में जागरूक किया जाए। डिपार्टमेंट की वेबसाइट के मुताबिक अब भी दो टाइगर पंजाब वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट की वेबसाइट के मुताबिक लुधियाना जू में बनी टाइगर सफारी में अब भी दो टाइगर हैं। जिनमें से एक नर व एक मादा है। दरअसल डिपार्टमेंट ने 2022 से अभी तक वेबसाइट पर लुधियाना चिड़ियाघर के जानवरों की संख्या को अपडेट ही नहीं किया है। लुधियाना जू में एंट्री फीस 20 से 30 रुपए लुधियाना जू में एंट्री करने के लिए विजिटर को फीस अदा करनी पड़ती हे। 12 साल तक के बच्चों की फीस 20 रुपए और उससे ज्यादा उम्र वालों की फीस 30 रुपए रखी गई है। जबकि टाइगर सफारी की फीस 50 रुपए प्रति चक्कर अलग से होती थी। दो बसें भी दो साल से खड़ी-खड़ी हो रही बर्बाद टाइगर सफारी के अंदर जाने के लिए विभाग ने दो बसों का इंतजाम किया था। टाइगर सफारी बंद होने के कारण ये दोनों बसें भी लंबे समय से वहीं पर खड़ी ही खड़ी खराब होती जा रही हैं। लुधियाना जू / टाइगर सफारी में मौजूद जानवरों और पक्षियों की सूची
यूपी के मुजफ्फरनगर में DAV पीजी कॉलेज के BA थर्ड ईयर के छात्र उज्ज्वल राणा ने 8 नवंबर को आग लगाकर जान दे दी। वो 7 हजार रुपए फीस नहीं भर पाया, तो प्रिंसिपल ने सबके सामने बेइज्जत किया था। उज्ज्वल इस घटना से करीब 3 दिन पहले तक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छात्रों का दर्द बयां करता रहा, लेकिन किसी ने सीरियस नहीं लिया। थक-हारकर उसने आत्मदाह जैसा कदम उठाया। कॉलेज का प्रिंसिपल प्रदीप सिंह रसूखदार है। उसके BJP के पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान, पूर्व विधायक संगीत सोम, पूर्व राज्यसभा सांसद विजयपाल तोमर सहित कई नेताओं से अच्छे ताल्लुकात हैं। पॉलिटिकल अप्रोच की वजह से उसका छात्रों और स्टाफ के प्रति अच्छा व्यवहार नहीं रहता। आत्मदाह प्रकरण के बाद एक महिला प्रोफेसर का इस्तीफा देना, इस बात का ताजा उदाहरण है। दैनिक भास्कर ग्राउंड जीरो पर पहुंचा। हमने समझना चाहा कि उज्ज्वल ने इतना खौफनाक कदम क्यों उठाया? प्राचार्य के व्यवहार को लेकर बाकी स्टूडेंट्स क्या कहते हैं? पूरी रिपोर्ट पढ़िए... अब स्टूडेंट्स की बात... छात्राएं बोली– प्रिंसिपल बदतमीज हैंकॉलेज स्टाफ से लेकर छात्रों में प्राचार्य प्रदीप सिंह के व्यवहार को लेकर जबरदस्त नाराजगी है। हमने इस कॉलेज के कई छात्र-छात्राओं से बात की। प्राचार्य का व्यवहार कैसा है? इस सवाल पर बीए तृतीय वर्ष की छात्रा सानिया त्यागी कहती हैं- प्रिंसिपल का व्यवहार बिल्कुल खराब है। इस कॉलेज के ड्राइवर भी ऐसा व्यवहार करते हैं, जैसे वो खुद प्रिंसिपल हों। पॉलिटिकल साइंस की मैडम निलोफर ने भी इसी व्यवहार की वजह से रिजाइन दिया था। इसके बाद हम सभी स्टूडेंट्स इकट्ठा होकर प्रिंसिपल के पास गए। हमारी मांग थी कि नए टीचर की व्यवस्था की जाए। प्रिंसिपल ने कहा कि तुम क्लास तो आते नहीं, हम टीचर कहां से लाएं? प्रिंसिपल इतना बदतमीज हैं कि स्टाफ से लेकर छात्रों तक से गलत भाषा का इस्तेमाल करते हैं। यहां कोई भी ठीक नहीं है। ‘भाजपा नेताओं का नाम लेकर धमकाते हैं प्राचार्य’क्या प्राचार्य की कोई पॉलिटिकल अप्रोच है? इस सवाल के जवाब में छात्र अमृत कुमार कहते हैं- प्राचार्य बोलते हैं कि मेरा बैकग्राउंड देखिए। मुझ पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। जो मन में आएगा, वो करूंगा। कई भाजपा नेताओं का नाम लेकर वो छात्र-छात्राओं को धमकाते रहते हैं। बालियान और कई नेताओं का नाम लेते रहते हैं। प्राचार्य ये दिखाते हैं कि मुझे भाजपा नेताओं का सपोर्ट है। इसी वजह से प्राचार्य का छात्रों को लेकर व्यवहार अच्छा नहीं रहता। कोई छात्र अपनी समस्या लेकर प्राचार्य के रूम में नहीं जा सकता। वो छात्रों की नमस्ते तक नहीं लेता। चश्मदीद बोला- छात्र के आग लगाते ही भाग निकला कॉलेज स्टाफउज्जवल ने जब आग लगाई, तो उसे बुझाने में कई छात्र शामिल रहे। हमने ऐसे ही एक चश्मदीद छात्र शोभान से बात की। उन्होंने बताया- जब उज्ज्वल पेट्रोल छिड़ककर आ रहा था, तब प्राचार्य ऑफिस के सामने कई टीचर खड़े थे। उज्ज्वल सीधा उन्हीं के पास आया। किसी भी टीचर ने उज्ज्वल के हाथ से माचिस छीनने की हिम्मत तक नहीं की। उज्ज्वल ने जब आग लगाई, तो टीचर अपने ऑफिस के अंदर घुस गए। कॉलेज में आग बुझाने के कोई इंतजाम नहीं थे। हमने जैसे-तैसे आग बुझाई। इस प्रयास में मेरी यूनिफॉर्म और बैग भी जल गया। प्राचार्य और स्टाफ नजर बचते ही कॉलेज से फरार हो गए। ‘प्राचार्य झूठ बोल रहे, बाइक से नहीं आता था उज्ज्वल’इस प्रकरण के बाद प्राचार्य प्रदीप सिंह का एक बयान भी सामने आया था। इसमें वो कह रहे हैं कि जो छात्र एक लाख रुपए की बाइक से आता है, वो 7 हजार फीस क्यों नहीं भर सकता। इसकी सच्चाई जानने के लिए हमने कई छात्र-छात्राओं से बात की। बीए थर्ड सेमेस्टर की छात्रा पलक कहती हैं- उज्ज्वलसबके लिए आवाज उठाता था, इसलिए प्राचार्य से दुश्मनी थी। लाइब्रेरी में लड़कियों को पढ़ाई करने में दिक्कत आती थी। उज्ज्वलने आवाज उठाई, तब लाइब्रेरी की प्रॉब्लम सॉल्व हो गई। प्राचार्य अब झूठ बोल रहे हैं कि उसके पास बाइक थी। उज्ज्वलबाइक से कॉलेज आता ही नहीं था। हम मिडिल क्लास फैमिली से हैं, तो फीस दे देते हैं। लेकिन, सब छात्र एक जैसे नहीं होते। प्राचार्य को बाकी छात्रों की मजबूरी समझनी चाहिए। एम्बुलेंस में छात्र का आखिरी बयान ये था मेरा बहुत अपमान हुआ, मैं अंदर ही अंदर टूट गया…मेरठ मेडिकल कॉलेज से छात्र उज्ज्वलको जब दिल्ली के लिए रेफर किया गया, तब फैमिली ने एम्बुलेंस के अंदर ही उसका स्टेटमेंट मोबाइल से वीडियो बनाकर रिकॉर्ड किया। उज्ज्वल ने कहा- मैं डीएवी पीजी कॉलेज बुढ़ाना का छात्र हूं। फीस जमा न होने पर मुझे डराया धमकाया गया। मैंने आवाज उठाई तो प्रिंसिपल ने मेरे साथ मारपीट की। मेरे परिवार को गाली दी। उन्होंने पुलिस को बुलाया तो पुलिस ने भी मुझे गाली दी। मेरा अपमान किया, मुझे डराया। लेकिन मैं नहीं डरा, क्योंकि मैं गलत नहीं था। मुझे प्रिंसिपल ने धमकी दी कि अरविंद लाला का ये स्कूल है। यहां पर तुम्हारी नहीं चलेगी, तुम्हें जो उखाड़ना है, उखाड़कर दिखाओ हमारा। हम तो ऐसे ही करेंगे तुम्हारे साथ। मेरा बहुत अपमान हुआ। मैं अंदर ही अंदर टूट गया। क्योंकि इस पुलिस-प्रशासन से मुझे उम्मीद थी, उसी ने मेरा साथ नहीं दिया। आज मैंने कॉलेज में जाकर खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा ली, क्योंकि मैं बहुत आहत था। अरविंद लाला, प्रिंसिपल, पूरा स्टाफ, किसी ने मेरा साथ नहीं दिया। सबने मुझको डराया-धमकाया। इसमें पुलिस और पीटीआई भी शामिल हैं। हर किसी को सजा मिलनी चाहिए। मैंने आत्महत्या इसलिए की, क्योंकि मैं सबको अपनी आवाज सुनाना चाहता था, लेकिन किसी ने मेरी नहीं सुनी। इससे पहले मेरठ मेडिकल कॉलेज में इलाज के वक्त भी साथियों ने छात्र उज्ज्वल का वीडियो बयान रिकॉर्ड किया। इसमें उज्ज्वल ने प्रदीप सिंह प्रिंसिपल, नंदकिशोर सबइंस्पेक्टर, चार कॉन्स्टेबल, डीएवी कॉलेज के क्लर्क और मैनेजर लाला पर आरोप लगाए। प्राचार्य के BJP नेताओं से अच्छे संबंध, इसलिए FIR में 24 घंटे बाद नाम जोड़ेप्रदीप सिंह साल-2010 से डीएवी पीजी कॉलेज के प्राचार्य हैं। ये कॉलेज बुढ़ाना के अरविंद लाला का है। वो उद्योगपति हैं और उनके कई तरह के कारोबार हैं। अरविंद लाला का पहले डीएवी इंटर कॉलेज था, जो उनके ताऊ ने साल-1950 के आसपास एस्टेब्लिश किया था। फिर डिग्री कॉलेज बना लिया। प्रदीप सिंह के BJP नेताओं से अच्छे संबंध बताए जाते हैं। प्रदीप मूलरूप से मेरठ जिले में सरधना इलाके के रहने वाले हैं। BJP के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम भी इसी इलाके से हैं। दिसंबर-2023 में लैपटॉप वितरण कार्यक्रम में प्राचार्य प्रदीप सिंह ने भाजपा के तत्कालीन मुजफ्फरनगर सांसद संजीव बालियान को बुलाया था। इस कार्यक्रम में मौजूद रहे लोग बताते हैं कि संजीव बालियान ने भरे मंच से ये बात कही थी कि मेरी प्रदीप जी (प्राचार्य) से 25 साल पुरानी दोस्ती है। भाजपा में किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद रहे विजयपाल तोमर को प्रदीप सिंह मामा कहकर बुलाते हैं। कॉलेज स्टाफ से जुड़े लोग बताते हैं कि BJP नेताओं से नजदीकी की वजह से प्राचार्य ज्यादातर वक्त अपनी हनक में रहते हैं। प्राचार्य की पत्नी मेरठ के सिवाल खास इंटर कॉलेज में टीचर हैं। सूत्र बताते हैं कि BJP नेताओं की नजदीकियों के चलते वो अब पत्नी को भी इसी कॉलेज में प्रिंसिपल बनाने की जुगत में लगे हैं। भाजपा नेताओं से नजदीकियों की वजह से ही मुजफ्फरनगर पुलिस ने शुरुआत में FIR में हल्की धाराएं जोड़ीं। जब छात्र की मौत हो गई, तब प्रिंसिपल सहित 6 लोगों के नाम FIR में जोड़े गए और धाराएं भी बढ़ाई गईं। सूत्र बताते हैं कि प्राचार्य प्रदीप सिंह ने करीब 15 महीने पहले छात्र उज्ज्वल के खिलाफ स्थानीय पुलिस में लिखित शिकायत दी थी। कहा था कि छात्र मुझे आत्महत्या की धमकी देता रहता है। टीचर आकांक्षा ने जॉब छोड़ी, बोलीं- ये प्रिंसिपल इन-टॉलरेट हैछात्र की मौत के बाद डीएवी पीजी कॉलेज की फिजिक्स टीचर आकांक्षा चौधरी का एक बयान सामने आया। इसमें उन्होंने कहा- ये सिस्टम का फेल्योर है। सबसे बड़ा फेल्योर हम टीचर्स का है। हम अपने बच्चों को सही शिक्षा नहीं दे पा रहे। उन्हें समझा नहीं पा रहे। पूरा कॉलेज प्रशासन फेल साबित हुआ। मैं पूरी तरह बच्चों के साथ हूं। ये गलत है, ऐसा नहीं होना चाहिए था। हम बच्चों को सही मार्गदर्शन नहीं कर पा रहे, तो कोई फायदा नहीं। मैं आज अभी से ये जॉब छोड़ रही हूं। अब बहुत हो गया। ये प्रिंसिपल इन-टॉलरेट है। मैं पूरी तरह बच्चों के सपोर्ट में हूं। प्रिंसिपल के बयान से नाराजगी, धाराएं बढ़ाने की मांगइंटरनेशनल संस्था ग्लोबल ह्यूमन राइट्स एंड सोशल जस्टिस काउंसिल की तरफ से विशाखा चौधरी ने एक बयान जारी करके इस घटना पर गहरी चिंता जताई। कहा- इस घटना के बावजूद प्रिंसिपल ने असंवेदनशील रूप से कहा कि मैंने कोई धर्मशाला नहीं खोली, जिसे मरना है मर जाए, जो होगा देखा जाएगा। ऐसा कथन न केवल अनैतिकता और मानवीय संवेदना की कमी को दर्शाता है, बल्कि धारा 306 IPC (आत्महत्या के लिए उकसावा) के अंतर्गत गंभीर अपराध का संकेत देता है। इसके बावजूद स्थानीय पुलिस ने केवल IPC की धारा 351 और 352 लगाई, जो इस घटना की गंभीरता के अनुरूप नहीं। यूपी कांग्रेस का X पर पोस्ट‘यह सिर्फ एक छात्र नहीं, यह लाखों मजबूर परिवारों का चेहरा है। मुजफ्फरनगर के डिग्री कॉलेज में खुद को आग लगाने वाले छात्र उज्ज्वल राणा की दिल्ली के अस्पताल में मौत हुई। 7 हजार रुपए फीस न भरने पर प्रिंसिपल ने उसे बेइज्जत किया था। क्या शिक्षा अब सिर्फ अमीरों की जागीर बन गई है?’ ----------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी पुलिस का धंधा- लड़के उठाओ, पैसा लेकर छोड़ो, कैमरे पर 25000 की डिमांड, स्टिंग के बाद रिपोर्टर पर हमला 1 का 5 करा दीजिए। (एक युवक को छोड़ने के 5 हजार रुपए) 25 हजार रुपए कर दो… बरी कर देंगे। इसके बाद इन पर कोई आंच नहीं आएगी। गारंटी ले रहे। बाकी ये धारा (एससी-एसटी एक्ट) उनके लिए (दूसरा पक्ष) लग जाएगी। तुम्हारे नाते 25 बोले हैं, नहीं तो 50 से नीचे बात ना होती। पढ़ें पूरी खबर
बिहार के मोकामा क्षेत्र से बाहुबली नेता अनंत सिंह को छोटे सरकार भी कहा जाता है। उनका यूपी से गहरा रिश्ता रहा है। गोंडा के बाहुबली बृजभूषण शरण सिंह उनके खास दोस्तों में शुमार हैं। करीब 2 महीने पहले अनंत सिंह और बृजभूषण शरण सिंह की वीडियो कॉल पर लंबी बात हुई थी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी सामने आया था। हत्या के मामले में जेल जाने के बाद अनंत सिंह का प्रचार करने के लिए पूर्व सांसद और भाजपा नेता बृजभूषण शरण सिंह भी मोकामा पहुंचे। अनंत के पक्ष में प्रचार किया। वहीं, जदयू के नेता और पूर्वांचल के बाहुबली धनंजय सिंह भी जदयू प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगने बिहार पहुंचे। ऐसे में सवाल पैदा होता है कि बिहार के मोकामा में हुई हत्या के मामले में गिरफ्तारी के बाद चर्चा में आए बाहुबली अनंत सिंह का यूपी कनेक्शन क्या है? दोनों के बीच कितनी नजदीकी है? बिहार और यूपी के बाहुबलियों का गठजोड़ कब-कब रहा? क्या किसी घटना में दोनों राज्यों के अपराधियों का नाम साथ आया था? पढ़िए खास खबर… क्या है अनंत सिंह का यूपी कनेक्शन मोकामा के अनंत सिंह का जन्म 1967 में बाढ़ विधानसभा क्षेत्र में हुआ था। पड़ोसी राज्य होने के चलते दोनों राज्यों के नेता हों या बाहुबली… गठजोड़ होना भी यहां आम बात रही है। अनंत सिंह से अधिक उनके भाई दिलीप सिंह का दबदबा बिहार के साथ यूपी में भी था। दिलीप को बड़े सरकार के तौर पर जाना जाता था। दिलीप सिंह 1985, 1990 और 1995 के बिहार विधानसभा के सदस्य रहे। वह मोकामा सीट से विधायक चुने गए थे। रेलवे के ठेकों के लिए गोरखपुर में उनका नेटवर्क काम करता था। दिलीप के दुश्मनों में प्रमुख नाम था राजन तिवारी का, जो यूपी के कुख्यात डॉन श्रीप्रकाश शुक्ल का करीबी था। साल- 2000 के चुनाव में सूरजभान सिंह ने उन्हें हरा दिया था। 2006 में दिल का दौरा पड़ने से दिलीप सिंह का निधन हुआ। इसके बाद छोटे सरकार के नाम से जाने जाने वाले अनंत सिंह ने राजनीतिक कमान संभाल ली। उसी के बाद से सूरजभान अनंत सिंह के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हो गए। बृजभूषण और अनंत का है दोस्ताना भौकालसितंबर, 2025 में वायरल हुए 5 मिनट के वॉट्सऐप वीडियो कॉल ने अनंत और बृजभूषण शरण सिंह के बीच की नजदीकी सबके सामने ला दी। जिम में वर्कआउट करते बृजभूषण ने अनंत से बिहार चुनाव, राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' और PM मोदी की मां पर कथित अभद्र टिप्पणी पर चर्चा की। अनंत ने राहुल पर तंज कसा कि भौकाल बनाने आए थे, लेकिन असर शून्य रहा। यात्रा में पैसे से जुटाई गई भीड़ थी। दोनों ने काफी देर तक हंसी-मजाक किया। बृजभूषण ने ये भी बोला था कि अगर भाजपा भेजेगी, तो मोकामा आकर मिलेंगे। बृजभूषण ने अनंत को कहा- बड़ा भाईमोकामा चुनाव प्रचार करने पहुंचे बृजभूषण ने कहा कि आज हमारा बड़ा भाई जेल के अंदर है। आज वो बाहर होते तो शायद हम न आते। आज इसलिए हम अपील कर रहे हैं। वो जेल में बैठकर के एक-एक चेहरे को याद कर रहे होंगे। अपने एक-एक कार्यकर्ता को याद कर रहे होंगे। वहीं से पढ़ रहे होंगे कि कौन सा कार्यकर्ता क्या कर रहा? इसलिए मेरे भाइयों मैं आप सभी का धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होंने अनंत सिंह को जिताने की अपील करते हुए कहा था कि तट पर बैठकर लहर गिनने से नौका पार नहीं होती। बृजभूषण शरण सिंह से रिश्तेअनंत सिंह और बृजभूषण शरण सिंह के बीच व्यक्तिगत और राजनीतिक दोस्ती है। दोनों बाहुबली छवि वाले हैं। अनंत सिंह पर हत्या, हथियार और रंगदारी के केस, जबकि बृजभूषण पर भी हत्या और माफिया गतिविधियों में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं। पूर्वांचल के बाहुबली भी उतरे मैदान मेंपूर्वांचल के बाहुबली धनंजय सिंह भी बिहार चुनाव के दूसरे चरण के प्रचार के आखिरी दिन बिहार में उतरे। उन्होंने कैमूर के चैनपुर में जदयू प्रत्याशी और मंत्री जमा खां के पक्ष में प्रचार किया। यहां उन्होंने नीतीश कुमार की तारीफ की और एनडीए की जीत का दावा किया। धनंजय सिंह यूपी में 2019 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव में जौनपुर से जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन हार गए थे। वे यूपी में जेडीयू की राजनीति करते हैं। पुराना है यूपी और बिहार के बाहुबलियों का गठजोड़बिहार-यूपी सीमा पर अपराधी गठजोड़ करीब 40 साल पुराना है। 1990 के दशक में ये गैंगवार जमीन, ठेके और वोट के लिए रचे गए। यूपी के गोरखपुर डॉन श्रीप्रकाश शुक्ल गुट ने मोकामा टाल में अनंत सिंह के खिलाफ गैंगवार छेड़ा। रेलवे ठेकों के लिए गोलीबारी हुई। श्रीप्रकाश शुक्ल सूरजभान का करीबी माना जाता था। बिहार के पूर्व मंत्री की पटना के एक अस्पताल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सूरजभान सिंह पर साजिश का आरोप लगा, जिन्होंने यूपी डॉन श्रीप्रकाश शुक्ल को मुन्ना शुक्ला से मिलवाया। दोनों राज्यों के माफिया ने मिलकर यह कांड रचा। सीवान के शहाबुद्दीन जैसे बिहारी डॉन का यूपी माफिया से आपराधिक गठजोड़ जगजाहिर रहा है। अनंत के विरोधी की भी यूपी के माफियाओं से साठगांठअनंत सिंह के विरोधी सूरजभान सिंह की भी यूपी के माफियाओं से गहरी साठगांठ रही है। सूरजभान भी मोकामा के ही रहने वाले हैं और बिहार के मशहूर बाहुबली नेता हैं। वे विधायक और सांसद रह चुके हैं। उनके खिलाफ भी 24 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। 1990 के दशक में सूरजभान ने यूपी के कुख्यात डॉन श्रीप्रकाश शुक्ल के साथ हाथ मिलाया। शुक्ल, जो यूपी पुलिस के साथ एनकाउंटर में मारा गया, सूरजभान से मदद मांगता था। बिहार-यूपी में जमीन, रेलवे ठेके और रंगदारी के लिए हुई हत्याओं में इन दोनों का नाम आया था। पूर्व आईजी बोले- यूपी-बिहार के माफियाओं के बीच प्रोफेशनलिज्म का रिश्ताआईजी के पद से रिटायर हुए और पूर्वी यूपी के अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाने वाले आरके चतुर्वेदी बताते हैं कि यूपी और बिहार के माफियाओं के बीच का रिश्ता प्रोफेशनलिज्म का ही रहा है। दोनों ओर के माफिया बड़ी घटनाओं को अंजाम देने के लिए एक-दूसरे को शूटर उपलब्ध कराते रहे हैं। चतुर्वेदी बताते हैं कि यूपी और बिहार की सीमा जहां-जहां लगती है, वहां-वहां अपराध अधिक रहता था। 1990 के दशक में ये चरम पर था। इसकी वजह थी कोयले की तस्करी और रेलवे के ठेके। इन दोनों ही कामों में पूर्वी यूपी के माफिया पूरी तरह से लिप्त रहते थे। गोरखपुर के वीरेंद्र शाही और हरिशंकर तिवारी एक दूसरे के धुर विरोधी थे। दोनों के ही नेटवर्क बिहार में भी फैले हुए थे। वीरेंद्र शाही की हत्या हुई तो इसमें भी बिहार के सूरजभान का नाम आया। सूरजभान की पत्नी मोकामा में अनंत सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं। कोयले के काम और रेलवे के ठेके को लेकर दोनों ही राज्यों के माफियाओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई बरसों बरस तक चलती रही। चतुर्वेदी कहते हैं कि माफिया गिरी की शुरुआत ही कोयले और रेलवे के ठेकों से शुरू हुई। यूपी में मुख्तार अंसारी और ब्रजेश सिंह का उदय भी इन्हीं रेलवे के ठेकों और कोयले के कारोबार से हुआ। यूपी के इन बाहुबलियों के प्रोफाइल पर नजर डालिए... -------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी पुलिस का धंधा- लड़के उठाओ, पैसा लेकर छोड़ो, कैमरे पर 25000 की डिमांड, स्टिंग के बाद रिपोर्टर पर हमला 1 का 5 करा दीजिए। (एक युवक को छोड़ने के 5 हजार रुपए) 25 हजार रुपए कर दो… बरी कर देंगे। इसके बाद इन पर कोई आंच नहीं आएगी। गारंटी ले रहे। बाकी ये धारा (एससी-एसटी एक्ट) उनके लिए (दूसरा पक्ष) लग जाएगी। तुम्हारे नाते 25 बोले हैं, नहीं तो 50 से नीचे बात ना होती। CO को हम लोग बता दिए। उन्होंने कहा कि मैनेज कर लो, इससे कम न हो। ये सौदेबाजी कर रहे हैं सिद्धार्थनगर जिले के चिल्हिया थाने में तैनात हेड कॉन्स्टेबल पवन मौर्या और वासिद अली। पढ़ें पूरी खबर
झांसी बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के सामने बॉयफ्रेंड ने 7 साल पुरानी गर्लफ्रेंड को गोली मार दी। फिर खुद भी गोली मारकर सुसाइड कर लिया। रेस्टोरेंट हवाना के CCTV फुटेज में दोनों खुश दिख रहे थे। मर्डर से पहले मनीष ने हक्का नूडल, बर्गर और फ्रेंच फ्राई मंगवाई। उसने 604 रुपए का बिल भी पेमेंट किया। फिर करीब 1.45 घंटे तक दोनों रेस्टोरेंट की लॉबी में रील्स बनाते रहे। कभी गार्ड से फोटो खींचने को कहते, कभी मनीष कृतिका की तस्वीरें खींचता दिखा। इसके बाद दोनों बाइक पर बैठकर बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के सामने आ गए। भोपाल के प्राइवेट हॉस्पिटल में कृतिका की हालत नाजुक बनी हुई है। हॉस्पिटल ने मेडिकल बुलेटिन में बताया- गोली का एक टुकड़ा कृतिका की रीढ़ की हड्डी में फंसा हुआ है, डॉक्टर उसका ऑपरेशन करके टुकड़ा हटाएंगे। इसके बाद कृतिका की स्थिति क्लियर हो सकेगी। मनीष ने कृतिका को बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से 50 मीटर दूर गोली मारी थी। दैनिक भास्कर टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची। यहां दुकानदारों से बात करके सामने आया कि मर्डर से पहले यहीं फुटपाथ पर बैठकर दोनों करीब 1 घंटे तक हंस-हंसकर बातचीत करते रहे। उन्होंने स्ट्रीट फूड वाले से सैंडविच खरीदी और वहीं बैठकर खाते रहे। किसी को लगा ही नहीं कि मनीष ऐसा कुछ कर सकता है। यहां आने से पहले दोनों 3Km दूर हवाना रेस्टोरेंट में मिले थे। मनीष यहां पर कृतिका को शादी करने के लिए मनाता रहा, मगर कृतिका बीते कल को पीछे छोड़ चुकी थी। होटल मालिक और दुकानदार ने क्या बताया, रिपोर्ट में पढ़िए… चश्मदीद बोले- दोनों हंस रहे थे, लगा नहीं कि मार डालेगा बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के सामने रोड के दूसरी ओर मनीष साहू ने कृतिका चौबे (22) को गोली मारी थी। ये घटना 9 नवंबर की दोपहर 2.15 बजे हुई। वारदात के समय सामने की दुकान पर एक युवक रोहित मौजूद था। रोहित बताते हैं- यूनिवर्सिटी करीब है, इसलिए लड़के-लड़कियां यहां आते रहते हैं। हर किसी पर हम लोग ध्यान नहीं देते हैं। मगर वो दोनों 1 घंटे तक यहीं फुटपाथ पर टहल-टहलकर बात करते रहे। कभी फुटपाथ की पट्टी पर बैठकर झगड़ने लगते। फिर लड़का-लड़की को मना लेता। दोनों फिर हंसने लगते। वो दोनों यहां से निकलने की तैयारी में थे। लगा ही नहीं कि ऐसा कुछ होगा। लेकिन इसी बीच अचानक लड़के ने तमंचा निकालकर लड़की को गोली मार दी। धमाके की आवाज सुनकर हम लोग चौंक गए। देखा तो दोनों लहूलुहान जमीन पर गिरे थे। फिर भीड़ जुट गई। हम लोग डर चुके थे, दुकान बंद करके फिर यहां से चले गए। दुकान मालिक बोले- करीब के ढाबे से दोनों ने सैंडविच मंगवायाहम क्राइम स्पॉट के पास एक और दुकान पर पहुंचे। यहां दुकान मालिक राजेश बैठे मिले। हत्या और सुसाइड के इस मामले के वो भी चश्मदीद थे। राजेश कहते हैं- दोनों मेरी दुकान के सामने से निकले, तब वो आपस में किसी बात को लेकर बहस कर रहे थे। 20 कदम दूर जाकर फुटपाथ पर बनी पट्टी पर बैठ गए। फिर उन्होंने करीब के ढाबे से सैंडविच मंगवाकर खाया। थोड़ी देर बाद गोली चलने की आवाज आई। तब समझ में नहीं आया कि हुआ क्या है। पहले हमें लगा कि यूनिवर्सिटी के छात्रों के गुट भिड़ गए होंगे। मगर देखा कि लड़की जमीन पर गिर गई थी। लोग चिल्लाते हुए भाग रहे थे। मगर युवक ने समय नहीं दिया और खुद को गोली मार ली। भीड़ जमा होते ही पुलिस भी आ गई। पुलिस दोनों को उठाकर मेडिकल कॉलेज ले गई। अब हवाना रेस्टोरेंट के CCTV में क्या दिखा, वो पढ़िएपुलिस ने हवाना रेस्टोरेंट का CCTV जब्त किया है। इसमें दिख रहा है कि मनीष और कृतिका हाथ पकड़कर अंदर आते हैं। टेबल पर बैठने के बाद खाने का ऑर्डर देते हैं, मगर पूरा खाना नहीं खाते है। उसको पैक करवा लेते हैं। फिर दोनों बाहर आते हैं और फोटो शूट करने लगते हैं। अब 3 घटनाक्रम फुटेज में देखिए... 7 साल के लव अफेयर में जान ली, फिर किया सुसाइडकृतिका के मर्डर और मनीष साहू के सुसाइड के पीछे 7 साल पुराना लव अफेयर सामने आया। एक साल पहले मनीष ने परिवार के दबाव में शादी कर ली थी। इससे कृतिका खफा हो गई और मनीष से दूरी बना ली। इसके चलते मनीष ने शादी के दो महीने बाद ही पत्नी से नाता तोड़ लिया। पंचायत के बाद पिता ने भी मनीष को बेदखल कर दिया था। मगर वो कृतिका से शादी करने पर अड़ा हुआ था। दूसरी तरफ कृतिका अब इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं थी। उसने मनीष का नंबर भी ब्लॉक कर दिया था। इससे वह डिप्रेशन में चला गया और कृतिका के हॉस्टल के आसपास घूमने लगा था। पुलिस की जांच में सामने आया है कि मनीष पूरी तैयारी से आया था। उसके पास 2 ही रास्ते थे। पहला- कृतिका मान जाए, तो दोनों शादी कर लें। दूसरा- कृतिका नहीं माने, तो उसको मार डाले। 9 नवंबर को मनीष पूरी प्लानिंग के साथ झांसी पहुंचा। उसने आखिरी बार मिलने के बहाने कृतिका को बुलाया। दोनों हवाना रेस्टोरेंट गए, जहां मनीष ने उसे मनाने की कोशिश की। वहां से दोनों यूनिवर्सिटी गेट की ओर आए। मान-मनौव्वल के बीच जब मनीष ने खुद को नाकाम पाया तो उसने कृतिका के सीने पर गोली मार दी। जबकि ये पब्लिक प्लेस था, इसलिए उसने तुरंत तमंचे में दूसरी गोली भरी और खुद पर फायर झोंक दिया। पुलिस ने जब दोनों के परिवारों से बात की। तो सामने आया कि इससे पहले मनीष और कृतिका झांसी में मिलने के लिए दीपावली से पहले आए थे। तब कृतिका ने मनीष को बता दिया था- अब हमारी आगे से बात नहीं होगी। तुम भले ही अपनी पत्नी को छोड़ रहे हो, मगर मैं तुमसे शादी नहीं कर सकती। मगर मनीष उसे बार-बार फोन करके आखिरी बार मिलने के लिए बुला रहा था। पुलिस को कृतिका के मोबाइल में मनीष के नंबर से लगातार कॉलिंग मिली है। कृतिका के दोस्तों से एक बात और सामने आई है कि एक दिन क्लास में कृतिका फोन लगातार बज रहा था, वो फोन नहीं उठा रही थी। अचानक कृतिका झल्ला गई, उसने फोन उठाया और बुरी तरह से डांट दिया, यहां तक कहा कि अगर अब फोन किया तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा। बाद में पता चला कि ये कॉल मनीष ही कर रहा था। 7 नवंबर को मनीष ने फिर कृतिका को कॉल करके कहा- मैं अब दिल्ली जा रहा हूं। तुम्हें कभी परेशान नहीं करूंगा। अब हमारे रास्ते अलग-अलग होंगे। मगर उससे पहले एक बार मिल लेते हैं। इस वजह से कृतिका मिलने के लिए राजी हो गई। दोनों के बीच मुलाकात के लिए कॉलेज की छुट्टी वाला दिन 9 नवंबर रविवार को तय हुआ। आखिरी रील वायरल, पहले दिल, बाद में घर जल गया वारदात से दो घंटे पहले कृतिका चौबे नाम की फेसबुक आईडी से एक रील पोस्ट की गई। 44 सेकेंड की रील में कृतिका और मनीष नजर आ रहे हैं। यह रील तमाम वीडियो मिक्स करके बनाई गई। इसमें गाना लगाया गया, “मोड़ पे आखिरी मैं रह गया, मैंने कोशिश बहुत की बचा लूं मगर, पहले दिल बाद में घर जल गया…” रील के कैप्शन में लिखा गया, “आज ही के दिन इस रिश्ते को सात साल हुए।” इसके साथ ही लिखा था, “अगर सच्चा प्यार करो तो निभाओ, धोखा मत दो।” यह रील वायरल हो गई, जिसे 43 हजार लोग देख चुके हैं। रील अपलोड होते ही फेसबुक प्रोफाइल पर दोनों की एक साथ की तस्वीर भी लगा दी गई। पुलिस की छानबीन में यह साफ नहीं हुआ कि कृतिका चौबे की आईडी से यह रील अपलोड किसने की। कृतिका चौबे नाम की फेसबुक आईडी पर 9.7 हजार फॉलोअर थे। प्रेमी के पिता का एक हाथ नहीं, भाई की मौत हो चुकी मनीष के पिता बिहारी लाल ने बताया- 8 साल पहले सड़क हादसे में मेरा एक हाथ कट गया था। मैं पुताई का काम करता हूं, उसी से घर चलता है। मेरी एक बेटी और दो बेटे थे। बड़े बेटा महेंद्र की कोरोना काल में मौत हो गई थी। तब उसकी 8 महीने की बेटी थी, जो अब 5 साल की हो चुकी है। महेंद्र की पत्नी ने दूसरी शादी कर ली। पोती को हम लोग पाल रहे थे। अब छोटा बेटा मनीष ही सहारा था। मगर उसकी हरकतों से हम लोग परेशान हो चुके थे। जब उसने शादी तोड़ी तो उसने बात करना बंद कर दी थी। ....................ये भी पढ़ें - MBA छात्रा के प्यार में पत्नी को छोड़ा:शादी को राजी नहीं हुई तो मिलने बुलाया, झांसी में प्रेमिका को गोली मारकर जान दी झांसी में बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के सामने MBA की छात्रा कृतिका चौबे को गोली मारने के बाद सुसाइड करने वाला मनीष साहू प्यार में पागल था। दोनों के बीच 7 साल से अफेयर था। एक साल पहले मनीष ने परिवार के दबाव में शादी कर ली थी। इससे कृतिका खफा हो गई और उससे दूरी बना ली। इसके चलते मनीष ने शादी के दो महीने बाद ही पत्नी से नाता तोड़ लिया, लेकिन कृतिका उससे बात और शादी करने को तैयार नहीं हुई। उसने उसका नंबर भी ब्लॉक कर दिया था। इससे वह डिप्रेशन में चला गया और हॉस्टल के आसपास घूमने लगा। पढ़िए पूरी खबर...
आजकल शादियां रील और फीड प्रोजेक्ट बन चुकी है। हर जोड़ा चाहता है कि उसकी शादी न सिर्फ लोगों को याद रहे, बल्कि सोशल मीडिया पर ट्रेंड करे। नए दौर को ध्यान में रखते हुए दैनिक भास्कर ऐप ला रहा है एक खास सीरीज 'बैंड, बाजा, बजट'। इसमें हम बताएंगे कैसे आप 5 से 10 लाख रुपए के बजट में यादगार शादी कैसे हो सकती है। इसमें सब-कुछ होगा यानी डेस्टिनेशन वेडिंग के नए ठिकाने, फूड और कैटरिंग के देसी-फ्यूजन ट्रेंड, शॉपिंग और ज्वेलरी के नए लोकल ब्रांड, कपड़ों से मेहंदी तक की स्मार्ट प्लानिंग और डेकोरेशन के किफायती आइडियाज। असली जोड़े, लोकल एक्सपर्ट्स और काम के टिप्स। पढ़िए कल से बैंड, बाजा, बजट...
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स्कूल में स्टार्टअप पिच और पॉडकास्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया
भास्कर न्यूज | लुधियाना मॉडल टाउन एक्सटेंशन स्थित गुरु नानक पब्लिक स्कूल ने नौवीं और बारहवीं के स्टूडेंट्स के लिए दो कार्यक्रम आयोजित किए। एक पॉडकास्ट शो और एक स्टार्टअप पिच प्रतियोगिता। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों में रचनात्मकता, आलोचनात्मक सोच और उद्यमशीलता की क्षमता को बढ़ावा देना था। कुल 65 उद्यमी प्रतिभाओं ने जोश और दृढ़ संकल्प के साथ भाग लिया। स्टार्टअप पिच प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने नवोन्मेषी व्यावसायिक मॉडल प्रस्तुत करके सराहनीय उद्यमशीलता का प्रदर्शन किया, जबकि पॉडकास्ट प्रतियोगिता ने डिजिटल जिम्मेदारी और मानसिक स्वास्थ्य आदि के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दिया।
गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज में वार्षिक एलुमनी मीट 2025, अविस्मरणीय यादें पीछे छोड़ती हुई संपन्न
लुधियाना। गुरु नानक देव इंजीनियरिंग कॉलेज, गिल पार्क ने तकनीकी शिक्षा में उत्कृष्टता के 70 वर्षों के उपलक्ष्य में अपना वार्षिक एलुमनी मीट समारोह आयोजित किया। इस दौरान, लगभग 200 ग्रेजुएट छात्रों ने वार्षिक पूर्व छात्रों ने मिलन समारोह में भाग लिया और पुरानी यादें ताजा करते हुए कॉलेज के विकास में योगदान देने के लिए अपनी एकजुटता भी व्यक्त की। कार्यक्रम की शुरुआत रजिस्ट्रेशन और वेलकम टी के साथ हुई, जिसके बाद उद्योग 4.0 सुविधाओं से सुसज्जित एक्सपेरिएंशल लर्निंग सेंटर का उद्घाटन किया गया। यह अत्याधुनिक प्रयोगशाला, जेनको के 1974 के उत्तीर्ण बैच द्वारा उनके स्वर्ण जयंती वर्ष के अवसर पर और ननकाना साहिब एजुकेशन ट्रस्ट के सहयोग से कॉलेज को समर्पित की गई। यह प्रयोगशाला छात्रों को नवीन परियोजनाएं विकसित करने और व्यावहारिक कौशल हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सत्र की शुरुआत जीएनडीईसी के प्रिंसिपल डॉ. सहजपाल सिंह के स्वागती भाषण के साथ हुई। इस दौरान, उन्होंने संस्थान के साथ जेनको के पूर्व छात्रों के मधुर और अटूट संबंधों को याद किया और कॉलेज की प्रगति में उनके अमूल्य योगदान के लिए सभी का हार्दिक आभार व्यक्त किया। इसके बाद जेनको पूर्व छात्र संघ (जीएए) के अध्यक्ष इंजी. एस.एम.एस. संधू ने अध्यक्षीय भाषण दिया और संस्थागत विकास को बढ़ावा देने में पूर्व छात्रों की भागीदारी के महत्व पर बल दिया। उन्होंने पूर्व छात्रों से संस्थान को इसी प्रकार सहयोग देते रहने की अपील भी की। इसके बाद, जीएए के महासचिव इंजी. एच.एस. ढिल्लों ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें जेनको एलुमनी की कॉलेज के संधर्व में की गई पहलों और उपलब्धियों का उल्लेख किया गया। इस अवसर पर गोल्डन जुबली बैच (1975) और सिल्वर जुबली बैच (2000) जो लंबे समय से संस्थान से जुड़े रहे हैं और इसकी प्रगति में निरंतर योगदान दिया है को सम्मानित किया गया। इस दौरान, पूर्व छात्रों और वर्तमान छात्रों के बीच एक रोचक संवादात्मक सत्र का भी आयोजन किया गया। इस सत्र के दौरान, पूर्व छात्रों ने अपने कौशल और जीवन के अनुभवों से वर्तमान छात्रों को कई उपयोगी सुझाव भी दिए। इस दौरान, कॉलेज के छात्रों द्वारा गोल्डन और सिल्वर जुबली बैचों को समर्पित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। इसके बाद दोपहर के भोजन का आयोजन किया गया जहां पूर्व छात्रों और कॉलेज फैकल्टी सदस्यों ने अपने कॉलेज के दिनों को याद किया और भविष्य में सहयोग के संभावित अवसरों पर चर्चा भी की। इस वार्षिक पूर्व छात्र सम्मेलन ने न केवल एकता और एकजुटता की भावना का जश्न मनाया, बल्कि उत्कृष्टता, नवाचार और आजीवन सीखने के प्रति जीएनडीईसी की अटूट प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित किया।
1.34 करोड़ से कपूर अस्पताल से डिवीजन-4 थाने तक बनेगी नई सड़क
लुधियाना | शहर के सड़क बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने को मिशन के तहत लुधियाना सेंट्रल के विधायक अशोक पराशर पप्पी ने पुराने शहर के कई इलाकों में 1.34 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाले सड़क पुनर्निर्माण प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन किया। इस दौरान कपूर अस्पताल से लेकर डिवीजन नंबर-4 पुलिस स्टेशन तक सड़क के पुनर्निर्माण के लिए लगभग 80 लाख रुपये की परियोजना शुरू की गई। वहीं, न्यू माधोपुरी क्षेत्र (वार्ड नंबर 10) में सड़कों के पुनर्निर्माण के लिए करीब 54.55 लाख रुपए की लागत से काम शुरू हुआ। इस मौके पर पार्षद परदीप और क्षेत्र के निवासी भी मौजूद रहे। शहर के पुराने इलाकों की सड़कों को बेहतर बनाना उनकी प्राथमिकता है ताकि लोगों को आने-जाने में किसी तरह की दिक्कत न हो।
इमिग्रेशन कंपनी के मालिक ने एम्प्लॉयी के साथ की छेड़छाड़, मामला दर्ज किया
लुधियाना| मॉडल टाउन इलाके में कृष्णा मंदिर के पास स्थित अल्फा बैट इमिग्रेशन कंपनी के मालिक आयुष बत्तरा के खिलाफ युवती से शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालने का गंभीर आरोप लगा है। मामला तब सामने आया जब पीड़िता की मां ने थाना मॉडल टाउन पुलिस को अपनी बेटी के साथ हो रही लगातार यौन उत्पीड़न की शिकायत दी। शिकायत में युवती की मां ने आरोप लगाया कि आयुष बत्तरा पिछले दो साल से युवती को परेशान कर रहा था। आरोप है कि वह लगातार लड़की पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव डालता था। शुरुआत में युवती ने यह सोचकर बात को नज़रअंदाज़ किया कि शायद यह दबाव खत्म हो जाएगा, लेकिन आरोपी का रवैया और आक्रामक होता गया। स्थिति बर्दाश्त से बाहर होने पर युवती ने पूरी बात अपनी मां को बताई। मां ने तत्काल पुलिस के पास शिकायत दर्ज करवाई, जिसके बाद थाना मॉडल टाउन ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। पुलिस के अनुसार, मामला बेहद संवेदनशील है और कार्रवाई तेज़ी से की जा रही है। फिलहाल आयुष बत्तरा फरार है और उसकी तलाश के लिए पुलिस टीमों को लगाया गया है। पुलिस के मुताबिक आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।”
तेज रफ्तार बस की टक्कर से मरे युवक के परिजनों ने न्याय को लेकर दुगरी रोड दो घंटे किया जाम
भास्कर न्यूज | लुधियाना दुगरी रोड स्थित जैन मंदिर चौक के पास रविवार को जतिन पुत्र शत्रुघ्न वासी श्री हरकृष्ण नगर, शिमलापुरी की एक स्कूल बस के साथ टक्कर होने पर मौत हो गई थी। सोमवार को कार्रवाई न होने से गुस्साए परिजनों गिल नहर पुल पर धरना लगाकर रोष प्रदर्शन किया। उन्होंने सड़क के दोनों ओर जाम लगा दिया, जिससे ट्रैफिक करीब दो घंटे तक ठप रहा। सड़क पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को समझाने की कोशिश की। काफी देर बातचीत के बाद धरना समाप्त करवाया गया। परिजनों की मांग है कि हादसे के लिए जिम्मेदार बस चालक को जल्द गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई की जाए। परिवार का कहना है कि मृतक ही घर का इकलौता कमाने वाला सदस्य था। उसकी एक बहन और एक भाई शारीरिक रूप से विकलांग हैं। अब घर का सहारा छिन गया है। आरोपी पर गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज परिजनों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे। प्रदर्शन को शांत करवाने के लिए मौके पर थाना सदर और दुगरी की पुलिस पहुंची। जिन्होंने आरोपी ड्राइवर को जल्द पकड़ने का आश्वासन देकर लोगों को प्रदर्शन से हटवाया। वहीं मामले में जांच अधिकारी बलविंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने यूएसपीसी जैन पब्लिक स्कूल की बस (PB-10-GZ-2238) के ड्राइवर पर गैर-इरादन हत्या का केस दर्ज किया है। उसकी तलाश में पुलिस सीसीटीवी कैमरे चेक कर रही है। जल्द आरोपी को पकड़ लिया जाएगा। गुस्साए परिजनों ने गिल नहर पुल पर लगाया धरना, सड़क के दोनों ओर जाम।
रवि ने फिर संभाला बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन का कार्यभार
लुधियाना| बॉडी बिल्डिंग एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी रवि कुमार पराशर जो कि कुछ समय के लिए कनाडा गए हुए थे, उन्होंने वापिस आकर अपना कार्यभार संभाल लिया है और फिर से पंजाब के हर कोने में बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप करवाने में सक्रिय हो गए हैं। रवि ने बताया कि बॉडी बिल्डिंग के लगातार मुकाबले होने से पंजाब के यूथ को सेहत का शौक बढ़ाने में और नशों से दूर रखने में मदद मिलेगी। मीटिंग में इंडिया क्लासिक बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप मोरिंडा जिला में करवाने का फैसला लिया गया, जिसकी जिम्मेवारी मोरिंडा जिला बॉडी बिल्डिंग के जनरल सेक्रेट्री अक्षय जोशी ने ली।
आरोप : दुर्घटनाओं के दौरान कर्मचारियों को समय पर एंबुलेंस सुविधा नहीं मिलती
भास्कर न्यूज | लुधियाना वेरका लुधियाना डेयरी में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों और प्रबंधन के बीच विवाद अब खुलकर सामने आ गया है। वेरका आउटसोर्स मुलाज़िम यूनियन, लुधियाना ने आरोप लगाया है कि प्रबंधन उनकी बुनियादी मांगें और कामकाजी हालात से जुड़ी समस्याएं लंबे समय से नज़रअंदाज़ कर रहा है। यूनियन ने दावा किया कि इस बारे में पहले भी दो बार हवाला पत्र क्रमांक 14 और 15 के माध्यम से प्रबंधन को अवगत करवाया गया था, लेकिन आज तक किसी भी मसले पर कार्रवाई नहीं हुई। इसी कारण अब यूनियन ने सोमवार को डेयरी परिसर में जोरदार रोष प्रदर्शन किया है। यूनियन के प्रतिनिधियों का कहना है कि पिछले कई महीनों से कर्मचारियों को न केवल परेशान किया जा रहा है, बल्कि उनकी ड्यूटी, सुविधाओं और अधिकारों को भी लगातार अनदेखा किया जा रहा है। उनका आरोप है कि कर्मचारियों की ड्यूटियां बहाल नहीं की जा रहीं, छुट्टियां मंज़ूर नहीं की जातीं और फील्ड स्टाफ को विभागीय नियमों के तहत मिलने वाले पेट्रोल व किलोमीटर बिल का भुगतान भी रोक दिया गया है। इससे फील्ड में काम करने वाले कर्मचारियों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ रहा है। यूनियन ने ये भी कहा कि ड्राइवरों और अन्य ग्राउंड स्टाफ के लिए रेस्ट रूम की मांग कई बार रखी गई, लेकिन प्रबंधन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। कर्मचारियों का कहना है कि निरंतर फील्ड और रूट ड्यूटी करने वाले ड्राइवरों और स्टाफ के लिए उचित रेस्टिंग एरिया होना अनिवार्य है, लेकिन इस बुनियादी जरूरत को भी अनदेखा कर दिया गया। यूनियन का एक बड़ा आरोप यह भी है कि दुर्घटनाओं के दौरान कर्मचारियों को समय पर मेडिकल सुविधा देने के लिए आवश्यक एंबुलेंस का इंतज़ाम आज तक नहीं किया गया। कर्मचारियों का कहना है कि डेयरी जैसे बड़े औद्योगिक प्रतिष्ठान में यह सुुविधा अनिवार्य है, परंतु प्रबंधन इस ओर भी लापरवाह है। इसके अलावा कर्मचारियों के वार्षिक वेतन वृद्धि (इंक्रीमेंट) को भी रोका जा रहा है, जिसकी वजह से कर्मचारियों में भारी नाराज़गी है। यूनियन ने चेतावनी दी कि अगर अब भी कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा और ज़िम्मेदारी प्रबंधन की होगी। वहीं, प्लांट के जनरल मैनेजर दलजीत सिंह के अनुसार धरने का मुख्य कारण ये है कि प्रदर्शनकारियों ने पहले भी धरने दिए थे। उन्हीं दिनों की छुट्टी की मांग की गई थी। परन्तु पॉलिसी के अनुसार छुट्टी अप्रूव करना संभव नहीं, इसलिए धरना दिया जा रहा है। डेयरी परिसर में जोरदार रोष प्रदर्शन करते कर्मचारी।
5 दिसंबर को गंगनगर नहर के निर्माण के 100 साल पूर होंगे। केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर इसके 100 साल का जश्न मनाने जा रहे हैं मगर जिस सोच के साथ महाराजा गंगासिंह गंगनहर लाए थे उस सोच पर आधुनिक भारत के नेताओं ने पानी फेर दिया। गंगनहर लाने का मकसद रेतीले इलाकों में पीने और सिंचाई का पानी पहुंचाना था मगर अब यही नहर रेतीले धोरों को छोड़ समतल इलाकों तक पहुंच गई मगर सरकारों की भूख अभी भी नहीं मिटी। यही वजह है कि जिन लोगों के लिए महाराजा सुविधा देना चाहते थे वे आज भी वंचित हैं। महाराजा गंगासिंह की सोच बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, जैसलमेर, जोधपुर और बाड़मेर के लिए थी मगर सत्ताधारियों ने इसका धीरे धीरे दायरा बढ़ाकर 10 जिलों तक कर दिया। इतने में भी लोगों को तकलीफ नहीं थी मगर अब जिन जिलों के लिए नहर लाई गई वहीं पानी कम होने लगा और सीकर तक पानी पहुंचा दिया गया। नए जिले बनने के बाद आईजीएनपी का स्ट्रक्चर भी 15 जिलाें तक फैल गया। उनमें बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, सीकर, झुंझुनूं, नीम का थाना, डीडवाना-कुचामन, नागौर, जोधपुर, बालोतरा, फलौदी, जैसलमेर, बाड़मेर और अनूपगढ़ और पाली शामिल हैं। सिंचाई का पानी भी अब तक सिर्फ 4 जिलाें को दिया जाता था जाे अब बढ़कर 7 काे मिलेगा। इनमें श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, चूरू, फलौदी और अनूपगढ़ जिला शामिल है। सवाल ये है कि जब सरकार यमुना का पानी सीकर और चूरू तक ला रही है फिर इंदिरा गांधी नहर का पानी सीकर तक क्यों खींचकर ले जाया जा रहा वो भी तब जब बीकानेर समेत पश्चिमी राजस्थान के लोगों को ही पानी कम पड़ने लगा है। इधर पीने के पानी की मांग ही पूरी नहीं हो रही नोखा खाजूवाला में 3 साल से पीने का पानी मुहैया कराने का प्रोजेक्ट चल रहा है मगर अभी भी सिर्फ 60 प्रतिशत इलाके तक ही पानी पहुंचा है। हर घर नल कनेक्शन प्रोजेक्ट मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है। श्रीडूंगरगढ़ में प्रोजेक्ट के टेंडर ही नहीं हो पा रहे। यानी पूरा श्रीडूंगरगढ़ इलाका नहरी पानी से वंचित है और हम सीकर को पानी पिलाने की तैयारी कर रहे हैं। सीकर में यमुना-आईजीएनपी का पानी जाएगा सीकर राजनीतिक रूप से मजबूत है। गोविंद सिंह डोटासरा वहां की धुरी बने हैं। बीकानेर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जैसलमेर जोधपुर समेत तमाम जिलों की राजनीति उनके आगे इतनी छोटी हो गई कि वे आईजीएनपी के साथ यमुना नहर का प्रोजेक्ट भी सीकर तक लाने के लिए सरकार से चर्चा कर रहे हैं। सीकर को 263 क्यूसेक पानी की जरूरत है। इसलिए सूरतगढ़ के पास नहर विभाग करीब 6000 एमसीएफटी का एक रिजर्ववायर बनाएंगे। बीकानेर से सीकर को 150 क्यूसेक पानी दिया जाएगा। बाकी पानी यमुना प्रोजेक्ट से आएगा। सीकर पानी जाएगा तो बीकानेर समेत पुराने जिलों के हिस्से ही पानी की कटौती होगी क्योंकि पंजाब से पानी तो ज्यादा मिलना नहीं है। मुझे 3 महीने आए हुए हुआ। श्रीडूंगरगढ़ का मेरे आने से पहले ही टेंडर हो गया था। वर्कआर्डर होना बाकी है। ऐसा सुना है कि नाबार्ड से कोई लोन होना है। उसकी प्रक्रिया पूरी होने पर वर्कआर्डर हो जाएगा। नोखा-खाजूवाला के प्रोजेक्ट मार्च तक पूरे कर देंगे।-हरपाल सिंह एसई प्रोजेक्ट
15 को चंद्र नगर में होगा भगवती जागरण
लुधियाना| युवा एकता क्लब और इलाका निवासियों की ओर से 5वां विशाल भगवती जागरण 15 नवंबर, शनिवार को चंद्र नगर मेन रोड पर आयोजित किया जाएगा। जानकारी देते हुए योगेश गर्ग, गतिक्ष शर्मा, अजय शर्मा, पारस शर्मा और विशाल सहगल ने बताया कि महामाई का दरबार भव्य रूप से सजाया जाएगा तथा मां की पवित्र ज्योत ज्वाला जी से लाई जाएगी। भजनों की प्रस्तुति बरनाला से राकेश राधे एंड पार्टी और आशु लहोरियां एंड पार्टी देंगी। मंच संचालन एंकर सुरिंदर बावा करेंगे। मां का अटूट लंगर चलेगा। आयोजन के लिए विधायक मदन लाल बग्गा, पार्षद अमन बग्गा, एडवोकेट गौरव बग्गा, मेयर इंद्रजीत कौर, पार्षद बिट्टू भनोट समेत अन्य गणमान्यों को निमंत्रण दिया गया है।
भक्ति भाव में डूबा मन, जब बालाजी का नाम लिया...
लुधियाना| संकटमोचन दरबार श्री बालाजी मंदिर, विश्वकर्मा टाउन, आत्म पार्क में गुरु माता मां नरेश देवी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में श्री मेहंदीपुर बालाजी का भव्य जागरण और भंडारा बड़े श्रद्धा भाव से संपन्न हुआ। आयोजन का संचालन सुरिंदर भनला (रोमी) की देखरेख में हुआ। जागरण का शुभारंभ श्री बालाजी महाराज की आरती और जयकारों के साथ किया गया। मेरे बालाजी कर दो कृपा, दुखिया जन का पार करो..., जय जय श्री बालाजी, संकट हर लो सरकार...,भक्ति भाव में डूबा मन, जब बालाजी का नाम लिया...,मेहंदीपुर धाम पुकारे, आओ मेरे गिरधर लाल... जैसे भजनों पर श्रद्धालु जमकर झूमे। जागरण में मीरा, पूनम, नीलम, करन सग्गर, पुनीत और सौरभ कपूर ने सेवाएं निभाईं। आयोजन में वासु निज्हावन, युवराज महिंद्रु, सनी नंदा, गौरव छाबड़ा, रवि जैन, राजिंदर मल्होत्रा, संचित मल्होत्रा, यश टंडन व नवल खन्ना सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। श्री मेहंदीपुर बालाजी का भव्य जागरण में मौजूद श्रद्धालु।
राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत ने रिटायरमेंट से 14 महीने पहले मुख्य सचिव पद छोड़ दिया है। उन्हें दिल्ली में सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग में सचिव नियुक्त किया गया है। ब्यूरोक्रेसी के जानकारों का दावा है कि मुख्य सचिव का पद छोड़ने वाले वो पहले आईएएस हैं। पंत के अचानक पद छोड़ने और नए मुख्य सचिव को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। 2027 में रिटायरमेंट, अब दिल्ली में नियुक्ति सुधांश पंत को एक जनवरी, 2024 को मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। उनका रिटायरमेंट फरवरी 2027 में था, लेकिन उन्होंने रिटायरमेंट से करीब 14 महीने पहले ही पद छोड़ दिया है। पंत अब दिल्ली में सेवाएं देंगे। उन्हें सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में सचिव नियुक्त किया गया है। भारत सरकार ने आदेश जारी कर दिए हैं। मुख्य सचिव को केंद्र सरकार ने क्यों बुलाया? ब्यूरोक्रेसी के जानकार बताते हैं - सुधांश पंत राज्य और केंद्र सरकार के बीच एक कड़ी के रूप में काम करते हैं। अब वो केंद्र की योजनाओं को समय से पूरा करने की जिम्मेदारी निभाएंगे। इसलिए उनको मोदी सरकार ने दिल्ली बुला लिया है।उन्हें अचानक दिल्ली बुलाने को लेकर अलग-अलग दावे हैं? पहला - सुधांश पंत PM मोदी के करीबी अफसर में से एक हैं। पीएमओ में उनकी छवि अच्छी है। यही वजह है कि जब कोराना काल में मोदी सरकार ने उनकी सेवाएं ली थी। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में सचिव बनाया था। इसके साथ ही वो राज्य के शासन और प्रशासन को लेकर अच्छी समझ रखते हैं। दूसरा- सुधांश पंत राज्य और केंद्र सरकार के बीच लिए जा रहे फैसलों में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके साथ ही केंद्र की योजनाओं को राजस्थान में लागू करने में सफल हुए हैं। तीसरा- पंत के कार्यकाल में सभी समीक्षाएं बैठक समय से और उसका रिजल्ट भी समय से केंद्र सरकार को मिलता रहा। ऐसे में केंद्र सरकार ने उनकी कार्यप्रणाली को देखते हुए दिल्ली बुला लिया। पंत ने क्यों छोड़ा मुख्य सचिव का पद? ब्यूरोक्रेसी की जानकार बताते हैं कि राजस्थान में यह पहला मौका है जब किसी आईएएस ने मुख्य सचिव का पद छोड़ा है। किसी भी आईएएस के लिए मुख्य सचिव बनना बड़ी उपलब्धि माना जाता है। हर आईएएस चाहता है कि वह मु्ख्य सचिव बने। पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी आईएएस ने मुख्य सचिव का पद को त्याग कर दिल्ली में सेवाएं देना बेहतर समझा है। सूत्र पंत के मुख्य सचिव छोड़ने की तीन कारण बताते हैं... ट्रांसफर पोस्टिंग में अनदेखी- सचिवालय से जुड़े सूत्र बताते है कि सुधांश पंत अपने अनदेखी से नाराज चल रहे थे। ट्रांसफर और पोस्टिंग में उनके पसंद के अधिकारी नहीं लगाए जा रहे थे। जिन अफसरों की वे जहां लगाने की सिफारिश करते थे, उन्हें वहां नहीं लगाया जाता। जैसे- हाल ही में डेपुटेशन पर आए एक आईपीएस को उनकी पसंद के आधार पर नहीं लगाया गया। फाइल नहीं भेजने से नाराज- जानकार दूसरी वजह यह बताते हैं कि मुख्य सचिव सुधांश पंत को बायपास करके विभागों से जुड़ी अहम फाइलें सीधे मुख्यमंत्री में तैनात आईएएस के पास जाती थी। जानकार बताते हैं कि आमतौर पर विभागीय फाइलें मुख्य सचिव के जरिए ही मुख्यमंत्री कार्यालय पहुंचती रही हैं। पसंद के अधिकारियों की नियुक्ति नहीं - जून 2025 में मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी आलोक गुप्ता का तबादला कर दिया था। तब से ही पंत को साइडलाइन कर दिया गया था। अहम फैसले मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात आईएएस अफसर लेने लग गए। बीच-बीच में उनकी अनबन की खबरें भी आती रही थी। हालांकि, खुलकर कभी कोई बात सामने नहीं आई। कब और कहां रहे तैनात? राजस्थान कैडर के 1991 बैच के आईएएस सुधांश पंत की पहली पोस्टिंग बतौर एसडीओ जयपुर में 1993 में हुई थी। इसके बाद जैसलमेर और झुंझुनूं का कलेक्टर बनाया गया था। इसके बाद विभिन्न पदों पर रहे।पिछली गहलोत सरकार में उनका तीन महीने में ही तीन बार तबादला कर दिया गया था। पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड चेयरमैन। पहले भी दिल्ली में रहे हैं पंत सुधांश पंत हरीशचन्द्र माथुर राजस्थान स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन,जयपुर (HCM RIPA) का DG और ACS ट्रेनिंग,राजस्थान की पोस्ट पर भी रहे हैं। इससे पहले जलदाय विभाग के ACS पद से उनका ट्रांसफर पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड में किया गया था। इसके बाद पंत सेंट्रल डेपुटेशन पर दिल्ली चले गए थे। जब राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ तो उन्हें दिसंबर 2023 में दिल्ली से वापस बुला लिया गया था। भजनलाल सरकार ने उन्हें 1 जनवरी 2024 को मुख्य सचिव बना दिया था। प्रदेश का नया मुख्य सचिव कौन होगा? राजस्थान के मुख्य सचिवव सुधांश पंत के दिल्ली जाने के बाद शासन और सत्ता के गलियारों में जयपुर से दिल्ली तक यही सवाल है कि प्रदेश का अगला बॉस यानी मुख्य सचिव (CS) कौन होगा? वरिष्ठता के हिसाब से रेस में अखिल अरोरा, आनंद कुमार और अभय कुमार का नाम सबसे आगे है। अब जानते हैं इन तीनों के बारे में ... अखिल अरोड़ा- 1993 बैच के आईएएस हैं अखिल अरोड़ा। वर्तमान में जलदाय विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव है। भरोसेमंद अफसर की छवि है। गहलोत सरकार के जाने के बाद अखिल अरोड़ा और आनंद कुमार ही ऐसे अफसर थे, जिनका तबादला नहीं किया गया था। सरकार में करीब पौने दो साल तक वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रहे हैं। सीएम की पसंद के अफसर माने जाते हैं। हालांकि, अखिल अरोड़ा को मुख्य सचिव बनाने से रोकने के लिए एक लॉबी यह भी तर्क दे रही है कि अखिल पूर्व सीएम अशोक गहलोत के करीबी हैं। आनंद कुमार- 1994 बैच के आईएएस हैं। वन एवं पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद कुमार दलित चेहरा माने जाते हैं। बेदाग छवि है और सभी को साधकर चलते हैं। यही वजह है कि चाहें कांग्रेस की सरकार हो या फिर बीजेपी, अहम पदों पर तैनाती रही है। रिटायरमेंट के लिए अभी दो साल बचे है। ऐसे में एक चर्चा यह भी है कि आनंद कुमार को ब्यूरोक्रेसी की कमान सौंपी जा सकती है। उनके विरोधी तर्क देते हैं कि यस मैन बनना उनका पसंद नहीं है। ऐसे में मुख्य सचिव नहीं बनाया जाए। अभय कुमार- 1992 बैच के आईएएस हैं। वरिष्ठता के हिसाब से प्रबल दावेदार। जातीय समीकरण उनके पक्ष में है। राजपूतों को खुश करने के लिए सरकार उन पर दांव खेल सकती है। अभय कुमार वर्तमान में जल संसाधन विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव है। हालांकि, उनको भी मुख्य सचिव बनने से रोकने के लिए एक लॉबी सक्रिय हो गई है। तर्क दे रही है कि अभय कुमार का मिलनसार अफसर नहीं है। नपे-तुले शब्दों में ही बात करना पसंद करते हैं।
जोधपुर नगर निगम में होंगे अब 8 जोन:चार विधानसभा क्षेत्र के 100 वार्ड होंगे शामिल, अधिसूचना जारी
जोधपुर में दोनों निगम को एक बाद शहर के बाद नगर निगम जोधपुर का पुनर्गठन किया गया है। राज्य सरकार की विभागीय अधिसूचना के तहत जोधपुर नगर निगम क्षेत्र को आठ नए जोनों में बाँटा गया है। इस नए विभाजन में जोधपुर के चार विधानसभा क्षेत्रों —सूरसागर, लूणी, सरदारपुरा और जोधपुर शहर को आधार मानते हुए वार्डवार जोन निर्धारित किए गए हैं। पुनर्गठन के बाद निगम प्रशासन का संचालन और अधिक सुदृढ़ होने की संभावना है। नए जोनवार विभाजन इस प्रकार रहेगा क्रमांक विधानसभा क्षेत्र जोन का नाम वार्ड संख्या कुल वार्ड 1 सूरसागर जोन 1 1, 2, 3, 4, 5, 23–36 19 2 सूरसागर जोन 2 6–9, 11–22, 37–39 19 3 लूणी जोन 3 10, 46, 47, 48, 50 5 4 लूणी जोन 4 51, 78, 79 3 5 सरदारपुरा जोन 5 85–100। 14 6 सरदारपुरा जोन 6 66, 72–77, 80–84, 88, 89 14 7 जोधपुर शहर जोन 7 40–45, 49, 52–57 13 8 जोधपुर शहर जोन 8 58–65, 67–71 13 कुल 100 वार्ड होंगे 8 जोनों में शामिल इस नए पुनर्गठन के बाद नगर निगम जोधपुर के 100 वार्डों को 8 प्रशासनिक जोनों में विभाजित किया गया है। निगम अधिकारियों के अनुसार, इससे सफाई व्यवस्था, सीवरेज, सड़क मरम्मत, राजस्व और कर संग्रह जैसे कार्यों में तेजी और पारदर्शिता आएगी।
बद्दोवाल कब्रिस्तान में चारदीवारी और सौंदर्यीकरण कार्य का उद्घाटन किया
लुधियाना | बद्दोवाल गांव के ऐतिहासिक कब्रिस्तान में चारदीवारी और सौंदर्यीकरण कार्य का भव्य उद्घाटन एडवोकेट अब्दुल कादिर और केएनएस कंग ने किया। कार्यक्रम में अनीस खान, जावेद अली, अनवर अली, अफजल सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे। अतिथियों ने कहा कि कब्रिस्तान धार्मिक आस्था के साथ समाज की पहचान का प्रतीक है। एडवोकेट अब्दुल कादिर ने कहा कि चारदीवारी बनने से कब्रिस्तान की सुरक्षा और गरिमा दोनों में वृद्धि होगी। केएनएस कंग ने पौधरोपण, स्वच्छता और सौंदर्यीकरण कार्य को समाज के लिए प्रेरणादायी बताया। अनीस खान ने बताया कि आगे सोलर लाइट, बेंच और पेयजल सुविधा भी जोड़ी जाएगी। कार्यक्रम के अंत में मौलवी साहब ने दुआ की और सभी ने इस पहल को समाज की एकता और सहयोग की मिसाल बताया।
फतेहाबाद जिले के गांव बनगांव के मूल निवासी बलवंत ढाका ने इंटरनेशनल आयरनमैन का टाइटल जीता है। उनका दावा है कि यह टाइटल जीतने वाले वह जिले के पहले व्यक्ति हैं। इतना ही नहीं इस टाइटल को पाने वाले वह देश के मात्र 1500 लोगों में शामिल हो गए हैं। बलवंत भारतीय तटरक्षक बल में अधिकारी हैं। जिनकी ड्यूटी फिलहाल इंग्लैंड में हैं। दरअसल, गोवा में 9 नवंबर को इंटरनेशनल आयरनमैन 70.3 प्रतियोगिता हुई। इसमें करीब 70 देशों के 1500 प्रतिभागियों ने भागीदारी की। इस प्रतियोगिता में तीन चरण होते हैं, जिनमें तैराकी, साइकिलिंग और दौड़ शामिल हैं। 8 घंटे 18 मिनट में पूरे किए तीनों चरण बलवंत ढाका ने बताया कि प्रतियोगिता के दौरान तीनों चरणों को 8.30 घंटे के निर्धारित समय में पूरा करना होता है। इसमें रुकने या थककर ठहरने का ऑप्शन नहीं होता है। बलवंत ने बताया कि उन्होंने यह तीनों चरण 8 घंटे 18 मिनट में पूरे किए हैं। जिन्होंने 8.30 घंटे तक में यह चरण पूरे किए हैं, उन सभी को यह टाइटल दिया गया है। जानिए...टाइटल मिलने से क्या होगा बलवंत ढाका ने बताया कि आयरनमैन का टाइटल मिलना इस खेल का रोमांचक पड़ाव होता है। टाइटल पाने वालों को मेडिकल देकर सम्मानित किया जाता है। साथ ही आयरनमैन का प्रमाण पत्र दिया जाता है। इसके अतिरिक्त और कोई इसके लाभ नहीं है। जानिए.. कैसे की तैयारी, कैसे पाया लक्ष्य
आलमी इज्तिमा के लिए भोपाल रेलवे स्टेशन पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जायरिनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रेलवे प्रशासन और इज्तिमा कमेटी ने विशेष इंतजाम किए हैं। इस बार स्टेशन परिसर में करीब 50 हजार लोगों के लिए खाना तैयार किया गया है। इज्तिमा कमेटी के सदस्यों ने बताया कि बुधवार से देश के अलग-अलग हिस्सों से जमाअतें भोपाल पहुंचना शुरू करेंगी। सबसे ज्यादा भीड़ शुक्रवार से रविवार के बीच रहने की संभावना है, जिसके लिए रेलवे और प्रशासन ने संयुक्त रूप से व्यवस्था मजबूत की है। 120 एकड़ में विशाल पंडाल तैयारइज्तिमा स्थल पर इस समय 120 एकड़ में विशाल पंडाल आकार ले रहा है। हजारों वॉलंटियर्स पंडाल, खानपान, जलापूर्ति और प्रकाश व्यवस्था में जुटे हुए हैं। तैयारियों का 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। 17 नवंबर को सामूहिक दुआ के साथ इज्तिमा का समापन होगा। इस बार करीब 12 लाख से अधिक जायरीनों के आने की उम्मीद है। रेलवे ने बढ़ाएगा कोच और टिकट काउंटरश्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रेलवे ने दो ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाए जाएंगे, हालांकि रेलवे ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि किन ट्रेनों में स्पेशल कोच लगाए जाएंगे। मगर भोपाल रेल मंडल फिलहाल गाड़ी संख्या 11272 भोपाल–इटारसी एक्सप्रेस गाड़ी संख्या 14814 भोपाल–जोधपुर एक्सप्रेस में एक्ट्रा कोच लगाने का विचार कर रहा है। इसके अलावा, स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ को देखते हुए 2 दिसंबर से चार नए टिकट काउंटर शुरू किए जाएंगे। इनमें से दो काउंटर प्लेटफॉर्म नंबर 6 पर बने पंडाल में और दो स्टेशन परिसर में होंगे। वहीं, सुरक्षा के लिए जीआरपी, आरपीएफ और अन्य बलों की तैनाती की गई है। दोनों फुटओवर ब्रिज (एफओबी) पर भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए आवागमन के रास्ते अलग-अलग तय किए गए हैं। यह भी पढ़ें 20% बढ़े इंतजाम, 350 एकड़ में पार्किंगपिछले वर्ष की तुलना में इस बार तैयारियों में 20% की वृद्धि की गई है। पार्किंग एरिया को बढ़ाकर 350 एकड़ तक किया गया है। पिछले साल जहां 66 पार्किंग जोन थे, वहीं इस बार 71 पार्किंग जोन बनाए जा रहे हैं। पंडाल का क्षेत्रफल भी 100 एकड़ से बढ़ाकर 120 एकड़ कर दिया गया है। डॉ. हफीज ने बताया कि “सर्विस एरिया, वॉटर क्लोज, फूड जोन और एवोल्यूशन सेंटर मिलाकर लगभग 200 एकड़ में व्यवस्थाएं की गई हैं। वहीं भोपाल रेलवे स्टेशन के सभी प्लेटफॉर्म से लेकर नादरा बस स्टैंड परिसर तक 850 पुलिसकर्मी, जिनमें आरपीएफ, जीआरपी और थाना पुलिस के साथ डायल-112 के जवान लगातार तैनात रहेंगे। इनकी ड्यूटी भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण के लिए लगाई गई है। 30 हजार लोग संभालेंगे व्यवस्थाएंइज्तिमा स्थल की व्यवस्था 30 हजार प्रशिक्षित और अनुभवी लोगों के हाथों में होगी। इनमें 25 हजार वॉलंटियर्स इज्तिमा कमेटी के हैं, जबकि 5 हजार अमला नगर निगम, प्रशासन और पुलिस बल से जुड़ा है। ये टीमें सफाई, सुरक्षा, ट्रैफिक और पंडाल व्यवस्था को संभालेंगी। वहीं दमकल टीम चौबीसों घंटे इज्तिमा स्थल पर रहेगी। फायर फाइटर वाहनों को अलग-अलग बिंदुओं पर भी तैनात किया जा रहा है। रेलवे स्टेशन पर करीब 500 वॉलंटियर प्रति शिफ्ट तैनात रहेंगे।
सोसायटी ने 400 जरूरतमंदों को बांटा राशन
लुधियाना| ज्ञान स्थल मंदिर सेवा सोसायटी (रजि.) और लाला जगत नारायण निष्काम सेवा सोसायटी (रजि.) की ओर से 339वां मासिक राशन वितरण समारोह सेवा और अनुशासन के साथ सम्पन्न हुआ। प्रधान प्रवीण बजाज, महामंत्री रमेश गुम्बर, स्टेज सेक्रेटरी नरेश गोयल और चेयरपर्सन सरला चोपड़ा की देखरेख में आयोजित कार्यक्रम में करीब 400 जरूरतमंद परिवारों को राशन वितरित किया गया। समारोह की अध्यक्षता विपन जैन शरमण ने की। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों की सेवा ही सच्ची पूजा है। कार्यक्रम में समाजसेवा की मिसाल पेश करते हुए एक कन्या का विवाह भी सम्पन्न करवाया गया, जिसका कन्यादान गुलशन साहनी परिवार ने किया। फाउंडर स्वर्गीय जगदीश बजाज की 6वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। फगवाड़ा से एडवोकेट अनु शर्मा आज़ाद विशेष रूप से श्रद्धांजलि देने पहुंचीं। कार्यक्रम में पंडित राज नारायण शुक्ला ने पूजा-अर्चना कराई और सौरभ शर्मा ने हरिनाम संकीर्तन प्रस्तुत किया।
टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में नए साल 2026 में एक नया मेहमान जन्म ले सकता है। प्रदेश के लिए यह पहला मौका होगा जब मेलानिस्टिक टाइगर (ब्लैकधारी वाला बाघ) का जन्म होगा। दरअसल इसके लिए इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय में कुछ समय पहले मेलानिस्टिक टाइगर की व्हाइट फीमेल टाइगर से मेटिंग कराई है। इसके बाद एक्सपर्ट्स ने उम्मीद जताई है कि इंदौर जू में पूरी तरह काले रंग के टाइगर का जन्म हो सकता है। खास बात यह कि देश में संभवत: यह पशु मेटिंग में एक तरह अलग प्रयोग है। यह देश का एकमात्र ऐसा टाइगर हो सकता है जिसका रंग पूरी तरह से काला होगा। देश में उड़ीसा के नंदन कानन चिड़ियाघर के अलावा इंदौर जू में ऐसा दुर्लभ टाइगर मौजूद है, जिसकी धारियां काले रंग की है। जिसे मेलानिस्टिक टाइगर (काला बाघ) कहा जाता है। इंदौर ही नहीं पूरे मध्यप्रदेश में अलग मामलाजू प्रभारी डॉ.उत्तम यादव के मुताबिक यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले कुछ ही माह में इंदौर के चिड़ियाघर में देश का पहला काले रंग का बाघ जन्म ले। इन दोनों अलग-अलग प्रजातियों के टाइगर के बीच सितंबर में मेटिंग हुई थी। इसमें ब्लैक टाइगर का जीन डोमिनेटिंग जीन रहता है। इसमें गर्भकाल 300 से 310 दिनों के बीच का होता है। अभी मादा व्हाइट टाइगर की बदलती प्रकृति से पूरे संकेत हैं कि नया मेहमान कंसिव हो चुका है। अगर सबकुछ अच्छा रहा तो संभव है कि 2026 में मप्र में पहली बार मेलानिस्टिक टाइगर प्रजाति का नया मेहमान इंदौर में जन्म ले। यह सिर्फ इंदौर ही नहीं बल्कि मप्र में एक अलग मामला होगा। ऐसे होते हैं मेलानिस्टिक टाइगर मेलानिस्टिक टाइगर के शरीर पर चौड़ी और मोटी काली धारियां होती हैं। ये धारियां गहरी और फैली हुई होती हैं जिससे बाघ पूरी तरह ब्लैक नजर आता है। सामान्य रूप से टाइगर के शरीर पर येलो या चॉकलेटी रंग की धारियां नजर आती है। चिड़ियाघर प्रबंधन के मुताबिक मेलानिस्टिक टाइगर इंदौर जू में आकर्षण का केंद्र है जो अपनी खास कुदरती संरचना के चलते सभी का ध्यान आकर्षित करता है।
लेकसिटी का पर्यटन हर माह नए रिकॉर्ड बना रहा है। अब पहली बार अक्टूबर माह में ढाई लाख से ज्यादा पर्यटक घूमने पहुंचे। इनमें 2.33 लाख देसी और 17 हजार 145 विदेशी पर्यटक उदयपुर आए। सितंबर की तुलना में अक्टूबर में पर्यटकों की संख्या में 87,633 का इजाफा हुआ।सितंबर में 1 लाख 62 हजार 522 पर्यटक आए थे। इस साल 10 माह के आंकड़ों पर गौर करें तो अक्टूबर तक 16 लाख 59 हजार 603 पर्यटक लेकसिटी पहुंचे। यह आंकड़े गत वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ने की ओर हैं। वर्ष 2024 में कुल 20 लाख 10 हजार 650 पर्यटक उदयपुर पहुंचे थे। अभी गत वर्ष की तुलना में 3 लाख 51 हजार 47 पर्यटक कम हैं। टूरिस्ट सीजन में सबसे पीक रहने वाले नवंबर और दिसंबर माह अभी बाकी हैं। इन दो माह में चार लाख से ज्यादा पर्यटकों के आने की उम्मीद है। ऐसे में आंकड़ा आसानी से 20 लाख पार हो जाएगा। बता दें कि अक्टूबर में दीपावली के चलते देशभर से पर्यटक घूमने पहुंचे थे। दिसंबर में कई फेस्टिवल, दुनियाभर के टूरिस्ट आएंगे नवंबर में वेडिंग सीजन में काफी संख्या में शाही शादियों का आयोजन होगा। इस बीच 1 से 3 दिसंबर तक पर्यटन विभाग की ओर से कुंभलगढ़ फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद 21 से 30 दिसंबर शिल्पग्राम महोत्सव होगा। इस मेले को देखने के लिए हर साल डेढ़ लाख से ज्यादा पर्यटक आते हैं। इस दौरान वर्ल्ड म्यूजिक फेस्टिवल, फ्लावर शो जैसे अन्य कई आयोजन भी होंगे। इन्हें देखने और इनमें शामिल होने देश-दुनिया के पर्यटक उदयपुर आएंगे।
हार्टफुलनेस मेडिटेशन सेंटर में दो दिन का युवा सेमिनार आयोजित
भास्कर न्यूज | लुधियाना लुधियाना के हार्टफुलनेस मेडिटेशन सेंटर में दो दिन का युवा सेमिनार आयोजित किया गया। इसमें पंजाब और चंडीगढ़ से आए 60 से ज़्यादा युवाओं ने भाग लिया। सभी ने मिलकर ध्यान किया, योग सत्र में भाग लिया और कई मजेदार गतिविधियों का आनंद लिया। कार्यक्रम में इनकम टैक्स अधिकारी अजय सिंह और गुरप्रीत सिंह सेखों (पूर्व वैज्ञानिक, आईसीएआर, सीआईपीएचईटी) मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने युवाओं को बताया कि ध्यान और सकारात्मक सोच से जीवन में संतुलन और शांति कैसे लाई जा सकती है। अंत में सभी ने नशा मुक्ति की शपथ ली और नशा मुक्त, जागरूक जीवन जीने का वचन दिया। डॉ. सीपी शर्मा, सेंटर कोऑर्डिनेटर ने बताया कि हार्टफुलनेस सेंटर ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में निशुल्क आयोजित करता है।
छात्राओं ने साझा किए सुझाव और अनुभव
लुधियाना। एसडीपी कॉलेज फॉर वुमन में सभाध्यक्ष बलराज कुमार भसीन की प्रेरणा से ओपन दरबार का आयोजन किया गया। सत्र की कार्यवाही की अध्यक्षता एसडीपी सभा की प्रबंधक समिति के वरिष्ठ सदस्य तथा कॉलेज प्रिंसिपल मुकेश सिंघानिया ने की। इस ओपन दरबार ने छात्राओं को अपनी बात बेझिझक रखने का मंच प्रदान किया, जहां उन्होंने न केवल अपनी शैक्षणिक चिंताएं और सुझाव साझा किए, बल्कि कॉलेज द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे सहयोगपूर्ण और प्रोत्साहनकारी माहौल की भी सराहना की। छात्राओं ने कहा कि संस्थान द्वारा दिए जा रहे मार्गदर्शन ने उनके शैक्षणिक और व्यक्तिगत विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सत्र को संबोधित करते हुए कॉलेज प्रिंसिपल मुकेश सिंघानिया ने छात्राओं को जीवन के सभी क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया। ओपन दरबार का उद्देश्य छात्राओं और प्रबंधन के बीच संवाद को मजबूत करना और शिक्षण-शिक्षण प्रक्रिया के स्तर को और प्रभावी बनाना रहा।
छात्रों ने विज्ञान मॉडल और कोलाज प्रस्तुत किए
लुधियाना| बीवीएम किचलू नगर में विश्व शांति और विकास हेतु विश्व विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में एक एटीएल सेशन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विज्ञान के व्यावहारिक महत्त्व को उजागर करना था। वैज्ञानिक ज्ञान मानवता के कल्याण के लिए जीवन को बेहतर और सहज बना सकता है। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने विविध और रचनात्मक विज्ञान मॉडल, कोलाज और फ्लैशकार्ड प्रस्तुत किए। प्रत्येक प्रस्तुति के साथ विद्यार्थियों ने अपने मॉडल के उद्देश्य, संरचना और कार्यप्रणाली की व्याख्या की। इस आयोजन ने न केवल बच्चों में वैज्ञानिक जिज्ञासा को प्रोत्साहित किया, बल्कि उन्हें सार्वजनिक रूप से अभिव्यक्ति और प्रस्तुति कौशल विकसित करने का अवसर भी प्रदान किया। प्रधानाचार्या रंजू मंगल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि हर महान आविष्कार की शुरुआत जिज्ञासा और खोज की भावना से होती है।
विश्व विज्ञान दिवस उत्साह के साथ मनाया
लुधियाना| दुगरी स्थित बीसीएम स्कूल में प्राथमिक विंग के नन्हे वैज्ञानिकों ने विश्व विज्ञान दिवस को उत्साह और रचनात्मकता के साथ मनाया। इस अवसर पर नवीनतम आविष्कार और वैज्ञानिक विषय पर गतिविधि आयोजित की गई। कक्षाएं उत्साह से गूंज उठीं जब छात्र-छात्राओं ने छोटे-छोटे वैज्ञानिकों का रूप धारण कर अपने चुने हुए आविष्कारों को प्रस्तुत किया। प्रत्येक बच्चे ने आत्मविश्वास के साथ बताया कि यह आविष्कार क्या है, इसे किसने बनाया है और यह हमारी जिंदगी को कैसे बेहतर बनाता है। रंग-बिरंगे चार्ट्स, आकर्षक प्रॉप्स और कार्यशील मॉडलों ने सीखने को और अधिक रोचक और आनंददायक बना दिया। विद्यालय की प्राचार्या डॉ. वंदना शाही ने विद्यार्थियों की उत्साही भागीदारी की सराहना की और सभी को जिज्ञासु बने रहने तथा विज्ञान की बदलती दुनिया को निरंतर खोजते रहने के लिए प्रेरित किया।
वॉटर-सीवरेज का 50% काम पूरा, अफसरों ने उसी काम का 83 लाख का एस्टीमेट मंजूर कराया
भास्कर न्यूज | लुधियाना नगर निगम की ओएंडएम ब्रांच का एक नया कारनामा सामने आया है, जो एक बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहा है। जोन-डी के अधीन आती स्मार्ट सिटी कॉलोनी में पहले से ही वॉटर-सीवरेज का कार्य करवाया जा रहा है, जो मौके पर 50 फीसदी तक पूरा हो चुका है। लेकिन, निगम की ओएंडएम ब्रांच ने एक नया एस्टीमेट उसी कार्य का मेयर, निगम कमिश्नर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर की अगुवाई में एफएंडसीसी में पास करवा लिया है। इस संबंध में एक शिकायत वार्ड नंबर-93 की पार्षद भूपिंदर कौर ने मेयर इंदरजीत कौर और निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल को लिखित में करते हुए पूरे सबूत पेश किए हैं। उधर, मेयर इंद्रजीत कौर ने स्वीकार किया है कि उनके पास शिकायत पहुंची हैं। मेयर ने कहा कि जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। मेरे पास पार्षद ने लिखित में शिकायत भेजी है जो सोमवार को मुझे मिल चुकी है। मैंने इसे चेक किया है और संबंधित अधिकारियों से भी जवाब तलब करने के लिए निगम कमिश्नर आदित्य डेचलवाल को जांच के आदेश जारी किया है। निगम कमिश्नर से 3 दिन में इसकी रिपोर्ट मांगी गई है। इसके बाद जो भी लापरवाही सामने आएगी उसके अनुसार विभागीय कार्रवाई होगी। जनता के पैसों को ऐसे ही बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा इसकी पूरी जांच की जाएगी। -इंदरजीत कौर, मेयर वार्ड नंबर-93 की पार्षद भूपिंदर कौर ने मेयर और कमिश्नर को लिखा है कि एफएंडसीसी ने हाल ही एक प्रस्ताव पास किया है, जबकि वो कार्य तो पहले से ही इलाके में चल रहा है। उनके संज्ञान में आया है कि संबंधित अधिकारी ने मेयर, निगम कमिश्नर और इलाका विधायक को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने प्रस्ताव की कॉपी साथ में भेजते हुए बताया कि जिस कार्य का दोबारा से एस्टीमेट 83 लाख रुपए का पास किया है, वो कार्य तो मौजूदा समय में पहले से ही प्रगति पर है और लगभग 50% पूरा हो चुका है। इसके अलावा यह क्षेत्र वार्ड नं. 93 के अंतर्गत आता है न कि 91 के अंतर्गत आता है। इसलिए ये सीधे तौर पर एक घोटाले को इशारा है, क्योंकि जगह एक है, जबकि वार्ड संख्या बदलकर गुमराह करते हुए सीधे 83 लाख रुपए का चूना लगाने की तैयारियां हैं। इस तरह से प्रस्ताव पास होने के मामले में पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर प्रश्न उठते हैं, क्योंकि परियोजना को प्रगति पर होने के बावजूद पुनः एफएंडसीसी के समक्ष पेश कर मंजूरी ली गई है। पार्षद ने मांग की है कि तत्काल जांच शुरू की जानी चाहिए कि कौन सा ठेकेदार यह काम कर रहा है और संबंधित अधिकारियों ने कमेटी को इसकी सूचना क्यों नहीं दी। तथ्यों को छिपाने, सरकारी धन का दुरुपयोग करने और अपने कर्तव्यों की उपेक्षा करने वालों के विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक और प्रशासनिक कार्रवाई की जानी चाहिए।
खेलो झारखंड... राज्य अंडर-19 क्रिकेट ओपन का ट्रायल आज
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार व झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के तहत खेलो झारखंड कार्यक्रम अंतर्गत राज्य स्तरीय अंडर-19 बालक एवं बालिका स्कूली क्रिकेट की खुली चयन प्रक्रिया 12 नवंबर को आयोजित होगी। ट्रायल साउथ रेलवे कॉलोनी मैदान, चुटिया में सुबह 8 बजे से शुरू होगा। राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी धीरसेन ए. सोरेंग ने बताया कि चयनित खिलाड़ियों के लिए 21 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा। इसी कैंप के आधार पर अंतिम झारखंड अंडर-19 टीम का गठन किया जाएगा, जो एसजीएफआई की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेगी। अंडर-19 बालक वर्ग की प्रतियोगिता 5 से 9 दिसंबर रोहतक (हरियाणा) में तथा बालिका वर्ग की प्रतियोगिता 1 से 6 जनवरी मध्य प्रदेश में होगी। ट्रायल में भाग लेने वाले खिलाड़ी 1 जनवरी 2007 या उसके बाद जन्मे होने चाहिए। राज्य के सभी सरकारी एवं निजी विद्यालयों के छात्र-छात्राएं इसमें शामिल हो सकते हैं। एलिजिबिलिटी फॉर्म पर प्रधानाध्यापक/ प्रभारी का हस्ताक्षर अनिवार्य है। फॉर्म जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय या जिला क्रिकेट संघ से मिलेंगे। खिलाड़ियों को आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, पिछला अंकपत्र और बोनाफाइड प्रमाण पत्र साथ लाना होगा।
घाटशिला ऋत्विक घटक की दो फिल्मों की शूटिंग का गवाह, यहीं लिखी गई थी सत्यजीत रे की ‘पथेर पांचाली’
आज घाटशिला में चुनाव है। इसी 4 नवंबर को प्रख्यात फिल्मकार ऋत्विक घटक की 100वीं जयंती मनाई गई। ऋत्विक का झारखंड से गहरा लगाव रहा है, खासकर घाटशिला से। उन्होंने फिल्म ‘बेदेनी’ (जिसे ‘अरूप कथा’ नाम से भी जाना जाता है) की शूटिंग के लिए 1952 में अपनी यूनिट के साथ घाटशिला का दौरा किया था। स्वर्णरेखा नदी के किनारे लगभग 20 दिनों तक शूटिंग भी की थी। कैमरे में कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण यह फिल्म ठीक से एक्सपोज नहीं हो पाई। बहुत बाद में यह फिल्म रिलीज हुई। उन्होंने घाटशिला के अलावा रांची, नेतरहाट, रामगढ़ और रातू के रानीखटंगा गांव जैसे स्थानों पर भी अपनी फिल्मों और डॉक्यूमेंट्री की शूटिंग की। 1958 में ‘अजांत्रिक’ की शूटिंग रांची और रामगढ़ रोड़ के आसपास के क्षेत्रों में हुई थी। फिर 1962 में ‘सुवर्णरेखा’ की शूटिंग के लिए घाटशिला आए और लंबी शूटिंग की। इस फिल्म में स्वर्णरेखा नदी को विस्थापन के प्रतीक के रूप में दिखाया गया। घाटशिला में रची कई कालजयी रचनाएं -प्रख्यात कथाकार-उपन्यासकार विभूति भूषण बंदोपाध्याय ने घाटशिला के दाहीगोड़ा मोहल्ले में एक मकान बनवाया था, जिसका नाम उन्होंने अपनी स्वर्गीय प|ी के नाम पर गौरी कुंज रखा था। उन्हें घाटशिला बहुत पसंद था और वे प्रकृति के सान्निध्य में समय बिताने के लिए अक्सर कलकत्ते या अपने गांव बैरकपुर से यहां आ जाया करते थे। उन्होंने अपना प्रसिद्ध उपन्यास ‘पथेर पांचाली’ घाटशिला में रहते हुए ही लिखा और प्रकाशित किया था। उनका आकस्मिक निधन 1 नवंबर 1950 को हृदयाघात से घाटशिला में ही हुआ था। 1955 में सत्यजीत रे ने ‘आम आठीर भेपो’ कहानी पर ही पथेर पांचाली बनाई, जिसने विदेश में भारतीय फिल्मों को प्रतिष्ठित करने के साथ कई अवॉर्ड भी दिलाए। अमिताभ कहते हैं कि अगर घाटशिला में पर्यटन की सुविधाएं बढ़ाई जाए तो बड़ी संख्या में बंगाली पर्यटक यहां आ सकते हैं। फिल्मों से विभाजन की पीड़ा को दर्शाया‘उरांव’ (1955) और ‘आदिवासी जीवन के स्रोत’ उनकी प्रमुख डॉक्यूमेंट्री थीं जिनकी शूटिंग रांची और नेतरहाट के आसपास के आदिवासी क्षेत्रों में की गई थी, जिसमें उन्होंने आदिवासी समाज और संस्कृति को करीब से दिखाने की कोशिश की। ऋत्विक घटक ने अपनी फिल्मों के माध्यम से विभाजन की पीड़ा और विस्थापन के दर्द को प्रमुखता से दर्शाया है, और झारखंड के प्राकृतिक और सामाजिक परिवेश ने उनके इन विषयों को एक सशक्त पृष्ठभूमि प्रदान की। धालभूमगढ़ और चाकुलिया में भी की लंबी शूटिंग फिल्म क्रिटिक अमिताभ घोष कहते हैं कि ऋत्विक घटक ने घाटशिला, धालभूमगढ़, चाकुलिया में लंबी शूटिंग की थी। सेकेंड वर्ल्ड वॉर के समय बने एयरपोर्ट और टूटे जहाज भी सुवर्णरेखा फिल्म में दिखी थी। वहां के रूंगटा कारखाने में भी शूटिंग हुई थी। फिल्म में क्रेडिट में भी लिखा है कि महेंद्रनाथ रूंगटा ने फिल्म को फाइनेंस किया था। घटक को यहां की आबोहवा और स्वर्णरेखा नदी का विस्तार बहुत पसंद था। फ़िल्म सुवर्णरेखा में घाटशिला में शूटिंग के दौरान बंगाल की मशहूर नायिका माधवी।
नोमेड्स ऑन व्हील्स क्लब ने बच्चों की जिंदगी बचाने का संदेश दिया
लुधियाना। मोटरसाइक्लिंग क्लब नोमेड्स ऑन व्हील्स ने अपनी आठवीं सालगिरह का जश्न इस बार एक खास उद्देश्य के साथ मनाया। क्लब के सदस्यों ने बीड़-बिलिंग तक राइड निकालकर सीएमसी हॉस्पिटल के न्यूरो मस्कुलर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए जागरूकता फैलाई। राइड की शुरुआत सीएमसी. हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. विलियम भट्टी, डॉ. जयराज पांडियन और डॉ. विनीत जैसन ने हरी झंडी दिखाकर की। इस विशेष राइड में नोमेड्स ऑन व्हील्स के निर्देशक राजदीप सिंह और क्लब एडमिन समीर प्रकाश ने नेतृत्व किया। इनके साथ क्लब के सदस्य राम शर्मा, विनीत कुमार, अंकित, गुरसाहिब, सिमरनजीत सिंह, जोएल, नोएल, सोनिया, रोमी शर्मा, मनजिंदर आहूजा, प्रोमिला, पूजा, अंगद, विजय रंधावा, पुष्पिंदर सिंह, बलविंदर कौर, चेतन दुआ और अंकित भी शामिल हुए। राइडर्स ने लुधियाना से लेकर बीड़-बिलिंग तक मोटरसाइकिल चलाकर लोगों को संदेश दिया कि इस बीमारी का इलाज संभव है और समय पर इलाज से मासूम बच्चों की ज़िंदगी बचाई जा सकती है। इस तरह, क्लब ने अपनी एनिवर्सरी को एक सार्थक सामाजिक संदेश के साथ मनाते हुए यह उदाहरण पेश किया कि जश्न का सही अर्थ दूसरों के जीवन में रोशनी फैलाना है।
पर्यावरण प्रदूषण के आरोप में कटी थी बिजली, कुंडी कनेक्शन वाली 18 डेयरियों पर 14.10 लाख जुर्माना
भास्कर न्यूज | लुधियाना पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन की फोकल प्वाइंट डिवीजन की टीम ने सोमवार सुबह ताजपुर रोड स्थित डेयरियों में बिजली चोरी के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। एक्सईएन संजीव कुमार जौली की अगुवाई में सुबह करीब 6 बजे की गई इस कार्रवाई ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया। जानकारी के अनुसार, ताजपुर रोड के आसपास की 18 डेयरियों में लंबे समय से बिजली चोरी का धंधा चल रहा था। डेयरी मालिकों ने इलाके से गुजर रही मुख्य बिजली लाइनों और ट्रांसफार्मर पर सीधे कुंडी डालकर बिजली की सप्लाई ली हुई थी। जांच में सामने आया कि ये सभी डेयरियां पहले से ही पंजाब पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के निर्देशों पर एक वर्ष पूर्व पर्यावरण प्रदूषण के चलते डिस्कनेक्ट की जा चुकी थीं। इसके बावजूद डेयरी संचालक चोरी के माध्यम से अवैध रूप से अपनी इकाइयां चला रहे थे। एंटी पावर थेफ्ट विंग को कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी मामले की गुप्त सूचना मिलते ही चीफ इंजीनियर जगदेव सिंह हांस ने तत्काल छापेमारी के आदेश दिए। इसके बाद एक्सईएन संजीव कुमार जौली ने एसडीओ सुशील कुमार की निगरानी में अलग-अलग छापामार टीमें गठित कीं, जिन्होंने सुबह-सुबह अचानक डेयरियों पर धावा बोल दिया। टीम को मौके पर भारी मात्रा में गैर-कानूनी वायरिंग, सीधे ट्रांसफार्मर से जोड़ और अवैध कनेक्शन मिले। कार्रवाई के दौरान कई डेयरी मालिकों ने टीम को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन अधिकारियों ने मौके पर ही सारे कनेक्शन काटते हुए प्रमाण जुटाए। विभाग ने सभी 18 डेयरियों के मालिकों के खिलाफ बिजली चोरी एक्ट के तहत केस दर्ज करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। पावरकॉम अधिकारियों ने बताया कि बिजली चोरी के कारण विभाग को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा था। शुरुआती आंकलन के अनुसार इन डेयरियों पर कुल 14.10 लाख का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही एंटी पावर थेफ्ट विंग की पुलिस को कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेज दी गई है। एक्सईएन संजीव कुमार जौली ने बताया कि इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी और किसी को भी बिजली चोरी करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। चीफ इंजीनियर जगदेव सिंह हांस ने चेतावनी दी कि पावरकॉम किसी भी बिजली चोर को बख्शेगा नहीं और ऐसे लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। पावरकॉम की इस कार्रवाई से ताजपुर रोड क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। स्थानीय लोगों ने विभाग की टीम की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि लंबे समय से ये बिजली चोरी खुलेआम हो रही थी, जिससे इलाके की वोल्टेज सप्लाई और ट्रांसफार्मर बार-बार फेल हो रहे थे। फोकल पॉइंट डिवीजन की टीम के इस ऑपरेशन को पावरकॉम की अब तक की सबसे प्रभावशाली छापेमारी माना जा रहा है।
दिल्ली में लाल किले के पास कार में हुए धमाके से 8 लोगों की मौत हो गई है। ब्लास्ट के बाद छत्तीसगढ़ में भी हाई अलर्ट जारी किया गया है। बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, मॉल समेत भीड़ वाली जगहों पर जांच की जा रही है। वहीं रायपुर में भी पुलिस चेकिंग अभियान चला रही है। अधिकारी रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, हाईकोर्ट, बस स्टैंड, होटल-प्रतिष्ठानों सहित भीड़भाड़ वाले इलाकों में फुट पेट्रोलिंग करते हुए संवेदनशील स्थानों पर लगातार निगरानी रख रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश पर सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक मॉनिटरिंग की जा रही है। रायपुर एसएसपी लखन पटले ने बताया कि रायपुर में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है l सभी एजेंसी अपने-अपने टास्क को लेकर जुट गई है l पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल, एयरपोर्ट पर निगरानी करने और संदिग्धों पर एक्शन लेने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा- धमाके की घटना अत्यंत हृदय विदारक है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। केंद्र सरकार और हमारी केंद्रीय एजेंसियां स्थिति की सतत समीक्षा कर रही हैं और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि दिल्ली में बम धमाके की खबर दुखद और चिंताजनक है। इस कठिन समय में सरकार से सवाल पूछे जाएंगे और जवाब देना होगा। आखिर जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। पहले देखिए ये तस्वीरें- कंट्रोल रूम से नजर पुलिस अधिकारियों के अनुसार सभी डीसीपी/एसपी को निर्देश दिए हैं कि वे भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर अत्यधिक सतर्कता बनाए रखें। उन्होंने अधीनस्थ सभी पुलिस अधिकारियों को कहा है कि अधिकतम पुलिस बल को सड़कों पर तैनात करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि सभी एसपी/डीसीपी खुद निगरानी रखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी आवश्यक एहतियाती कदम उठाए जाएं। कमांड सेंटर के सीसीटीवी कैमरों की निगरानी पूरी तरह से की जाए ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि का तुरंत पता लगाया जा सके। सोशल मीडिया पर भी मॉनिटरिंग सोशल मीडिया मॉनिटरिंग टीमों को किसी भी तरह की गलत या भ्रामक खबरें तुरंत रोकने के लिए अलर्ट किया गया है। रेंज आईजीपी और पुलिस आयुक्तों को सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। संदिग्ध वस्तुएं और वाहनों पर निगरानी रखने और जरूरत पड़ने पर जांच करने के लिए कहा गया है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी निगरानी बढ़ा दी गई है। रायपुर रेलवे स्टेशन में चेकिंग- बिलासपुर में सुरक्षा बढ़ी, संदिग्धों की जांच तेज बिलासपुर में संदिग्धों की जांच और सतर्कता के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस अधिकारी रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, हाईकोर्ट, बस स्टैंड, होटल और भीड़भाड़ वाले इलाकों में पैदल गश्त कर रहे हैं। सभी संवेदनशील जगहों पर लगातार चेकिंग की जा रही है और संदिग्ध पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। दुर्ग भी हाई अलर्ट मोड पर दुर्ग में भी पुलिस ने देर रात जिलेभर में सघन चेकिंग शुरू किया है। दुर्ग और भिलाई के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों, बाजार, रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड में संदिग्ध व्यक्तियों और सामान की जांच की जा रही है। जिले की सीमाओं पर नाकेबंदी कर वाहनों की सतत चेकिंग जारी है। रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। सभी थाना और चौकी प्रभारी अपनी टीमों के साथ क्षेत्र में सक्रिय रहकर निगरानी बनाए हुए हैं। जगदलपुर में भी पुलिस जवान बस स्टैंड, टैक्सी स्टैंड समेत रेलवे स्टेशन में जांच कर रहे हैं। पुलिस का कहना है कि सुरक्षा व्यवस्था को लेकर यह कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
‘कहीं गुम न हो जाए’ सीजन-8 की झारखंड राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का समापन जेएससीए स्टेडियम में हुआ। कई राउंड के बाद प्रतियोगिता के फिनाले में कुल 24 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। डिंपल चौधरी को झारखंड राज्य का विजेता घोषित किया गया, जबकि रितिका सहाय ने प्रथम उपविजेता और राजा उरांव व रिमझिम तिवारी ने द्वितीय उपविजेता का स्थान प्राप्त किया। यह राष्ट्रीय पाक कला प्रतियोगिता लेट्स गिव बैक हर साल आयोजित करता है। इसका उद्देश्य भारत की पारंपरिक व्यंजनों को पुनर्जीवित करना और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को उजागर करना है। इसकी स्थापना स्व. बबीता सक्सेना ने 2016 में की थी। उनके निधन के बाद यह प्रयास को-फाउंडर रिटायर्ड कर्नल अतुल सक्सेना के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है। व्यंजनों को नए अंदाज में पेश कर जीता अवॉर्ड जेएससीए में आयोजित कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित हस्तियों और शेफ्स ने भाग लिया। मुख्य अतिथि अजयनाथ शाहदेव, सौरभ तिवारी थे। राज्य समन्वयक श्वेता नारायण तिवारी व को-फाउंडर रिटायर्ड कर्नल अतुल सक्सेना से सबका स्वागत किया। प्रतियोगियों ने झारखंड,बिहार और बंगाल की थाली बनाकर लाए थे। विजेता डिंपल ने झारखंड स्थापना के 25 वें वर्ष मे उलगुलान थाली में ऐसे 25 व्यंजन रखे, जो अब लुप्तप्राय हैं। इन्हें उन्होंने नए अंदाज में पेश किया, जिससे बच्चे और युवा पारंपरिक व्यंजनों को खाएं। मेरा राज्य, मेरी थाली थीम पर प्रतियोगिता इस वर्ष की थीम “मेरा राज्य, मेरी थाली” ने भारत के क्षेत्रीय खानपान और परंपराओं को संरक्षित करने के महत्व को उजागर किया। इस पहल को पद्मश्री से सम्मानित सेलेब्रिटी शेफ संजीव कपूर और प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेत्री सुचित्रा पिल्लै का समर्थन प्राप्त है। यह प्रतियोगिता देशभर के 15 राज्यों में आयोजित की जा रही है। हर राज्य के तीन विजेता जनवरी 2026 में एनसीआर में होने वाले ग्रैंड फिनाले में भाग लेंगे, जहां शीर्ष तीन राष्ट्रीय विजेताओं को कुल डेढ़ लाख की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी।
अशोक शरण द्वारा निर्मित एवं निर्देशित आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा के जीवन पर आधारित फीचर फिल्म “उलगुलान’ की स्पेशल स्क्रीनिंग बिरसा मुंडा के 150वीं जयंती के अवसर पर गोवा में किया जा रहा है। इंडियन पैनोरमा के तत्वावधान में 22 नवंबर को रात के 8 बजे आयोजित 56 इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल अॉफ इंडिया में फिल्म की स्क्रीनिंग होगी। जहां देश दुनिया से आए प्रसिद्ध फिल्म हस्तियां शामिल होंगी। इस बार के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया के इंडियन पैनोरमा में स्क्रीनिंग कमेटी के ज्यूरी सदस्य भी रहे अशोक शरण ने कहा कि यदि झारखंड सरकार मदद करें तो सिद्धो-कान्हु पर भी फिल्म बनाएंगे। बिरसा के गांव में पूरी शूटिंग हुई “उलगुलान’ फिल्म की पूरी शूटिंग बिरसा मुंडा के गांव खूंटी, झारखंड में की गई है। फिल्म का मुख्य अभिनय दीपराज राणा, टॉम आल्टर, रजा मुराद, वीरेंद्र सक्सेना, पेंटल, मुस्ताक खान, संगीता नाइक ने निभाया है। इस फिल्म में लगभग 200 बिरसाइत ने भी कार्य किया है। पूर्व लोकसभा उपाध्यक्ष पद्मभूषण कड़िया मुंडा ने फिल्म की कहानी लिखी है। अशोक शरण इन दिनों 6वीं शताब्दी के राजा ललितादित्य पर फिल्म बना रहे है। ललितादित्य अखंड भारत के अलावा, तुर्की, तिब्बत, चीन के बड़े भागों में राज्य किया।
पत्नी के जेवर बेच मौलाना आजाद ने 1917 में रांची में मदरसा इस्लामिया शुरू की
सिटी रिपोर्टर } मौलाना अबुल कलाम आजाद की 137वीं जयंती मंगलवार को शहर के कई प्रतिष्ठित संस्थानों में मनाई जाएगी। उन्हें आजाद हिंदुस्तान का पहला शिक्षा मंत्री केवल इस लिए नहीं बनाया गया था कि वह स्वतंत्रता संग्राम के एक निडर सिपाही, एक प्रगतिशील इतिहासकार व कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता थे, बल्कि उन्होंने लोगों को शिक्षित करने के लिए कई अहम कदम उठाएं। उन्होंने 1917 में रांची के अपर बाजार स्थित मदरसा इस्लामिया की स्थापना की। मदरसा इस्लामिया के सेवानिवृत शिक्षा मौलाना हम्माद कासमी ने बताया कि मौलाना अबुल कलाम आजाद का राजधानी रांची से गहरा नाता रहा है। रांची में मौलाना आजाद 1916 से 1919 तक नजरबंद रहें। नजरबंदी के दौरान मौलाना से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू भी मिलने पहुंचे थे। मौलाना ने रांची में मुसलमानों को शिक्षा में काफी पिछड़ा पाया। इससे वे काफी दुखी हुए और फिर उन्होंने शिक्षा की अहमियत को समझते हुए 1917 में रांची के अपर बाजार में मदरसा इस्लामिया की स्थापना की। इसकी स्थापना के लिए उन्होंने अपनी प|ी के जेवर बेचे और अन्य प्रतिष्ठित समुदाय के सहयोग से मदरसा इस्लामिया को स्थापना की। मौलाना ने यह सब नजरबंदी के दौर में ही किया। पीएम श्री आजाद उच्च विद्यालय रांची के प्रभारी प्रधानाध्यापक कुर्बान अली ने कहा कि वे एक प्रसिद्ध भारतीय मुसलमान विद्वान थे। आज के नेताओं को मौलाना आजाद की जीवन से सबक लेना चाहिए कि किस प्रकार से देश की आन बान के लिए वे सब कुछ लुटाने को तैयार थे। सामाजिक कार्यकर्ता तनवीर अहमद ने कहा कि उन्होंने हमें सिखाया कि देश की ताकत उसकी जनता में है, उसकी सोच में है, और उसकी विविधता में है। आज हमें फिर से मौलाना आजाद की राह पर लौटना होगा जहां शिक्षा हो, इंसाफ हो और हर नागरिक को बराबरी का हक मिले।
रेलवे स्टेशन के साउथ गेट की बदहाल सड़क और डाभ कचरा प्लांट बंद होने पर राज्य सरकार से मांगा जवाब
झारखंड हाई कोर्ट में राज्य के नर्सिंग होम और अस्पतालों से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट के सुरक्षित निष्पादन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान रिम्स की ओर से शपथपत्र दाखिल कर अदालत को बताया गया कि बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोजल मैनेजमेंट के लिए नया टेंडर जारी कर कंपनियों को आमंत्रित किया गया है। नए टेंडर में ठोस, सूखे और बायोमेडिकल तीनों तरह के कचरे के वैज्ञानिक निष्पादन की व्यवस्था शामिल है। इस पर खंडपीठ ने रिम्स से यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या अस्पताल परिसर में सामान्य कचरा और बायोमेडिकल वेस्ट को अलग-अलग करने की प्रणाली मौजूदा रूप में लागू है। अदालत ने कहा कि कचरा निष्पादन में सबसे महत्वपूर्ण चरण सेग्रीगेशन है, इसलिए इसकी वास्तविक स्थिति बताना आवश्यक है। अदालत ने रिम्स को निर्देश दिया कि नए टेंडर और वर्तमान व्यवस्थाओं पर 8 दिसंबर तक विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें। इससे पहले हाई कोर्ट ने परिसर में कचरा इधर-उधर फेंके जाने को लेकर रिम्स पर नाराजगी जताई थी और व्यवस्था सुधारने को कहा था। पिछली सुनवाई में झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अदालत को बताया था कि वर्तमान में राज्य में लोहरदगा, रामगढ़, पाकुड़, धनबाद और आदित्यपुर में बायोमेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट संचालित हैं, जबकि देवघर में एक प्लांट निर्माणाधीन है। याचिका में कहा गया है कि झारखंड में अस्पतालों, क्लीनिकों और नर्सिंग होम में एनवायरमेंटल प्रोटेक्शन एक्ट के तहत बने रूल्स को कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए। सिटी रिपोर्टर | रांची झारखंड हाई कोर्ट ने राजधानी रांची से जुड़ी दो गंभीर जनसमस्याओं पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से दो सप्ताह के भीतर विस्तृत जवाब मांगा है। दोनों ही खबरें दैनिक भास्कर में प्रमुखता से प्रकाशित की गई थी। पहला मामला रांची रेलवे स्टेशन के साउथ गेट साइड की बदहाल सड़क से जुड़ा है। यहां सड़क निर्माण कार्य पूरा होने से पहले ही यात्रियों का आवागमन शुरू हो गया है। निर्माण कार्य की धीमी रफ्तार और अधूरी स्थिति के कारण यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाई कोर्ट ने इसे गंभीर जनहित का मुद्दा मानते हुए अधिकारियों से स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। वहीं, दूसरा मामला नागा बाबा खटाल वेजिटेबल मार्केट के पीछे रांची नगर निगम द्वारा लगभग 30 लाख रुपए खर्च कर बनाए गए ‘डाभ के कचरे से नारियल की रस्सी बनाने वाले प्लांट’ के बंद होने से संबंधित है। यहां प्लांट के ठीक बगल में लगभग 25 लाख रुपए की लागत से सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। शौचालय के लिए खुदाई होने से प्लांट तक आने-जाने का रास्ता अवरुद्ध हो गया, जिसके कारण संचालन पूरी तरह ठप हो गया है। हाईकोर्ट ने दोनों ही मामलों को शहर की बुनियादी सुविधाओं और सार्वजनिक संसाधनों से जुड़ी महत्वपूर्ण चिंताएं बताते हुए राज्य सरकार को विस्तृत स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। 10 नवंबर 2025
मथुरा की सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी के पति और प्रख्यात अभिनेता धर्मेंद्र की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराए गए बॉलीवुड के ही मैन धर्मेंद्र की तबीयत स्थित है। सांसद हेमा मालिनी ने फेसबुक पर पोस्ट कर सभी शुभचिंतकों का धन्यवाद दिया साथ ही धर्मेंद्र के जल्द स्वस्थ होने के लिए भगवान से प्रार्थना करने का अनुरोध किया। डॉक्टर कर रहे निगरानी ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती धर्मेंद्र के बारे में बताया जा रहा है कि उनको सांस लेने में दिक्कत थी। जिसकी बजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर उनकी निगरानी कर रहे हैं। परिवार के सदस्य उनके साथ हैं। बताया जा रहा है उनकी वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। हालांकि पारिवारिक सूत्र सेहत में सुधार की बात भी कह रहे हैं। हेमा मालिनी ने की पोस्ट मथुरा की सांसद और अभिनेता धर्मेंद्र की पत्नी हेमा मालिनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट करते हुए लिखा कि धर्म जी अस्पताल में है और डॉक्टर उनकी निगरानी कर रहे हैं। अभिनेत्री हेमा मालिनी ने अपने फेसबुक अकाउंट से की गई पोस्ट में लिखा मैं धरम जी के बारे में चिंता करने के लिए सभी का धन्यवाद करती हूँ, जो अस्पताल में निगरानी में हैं। उनकी लगातार निगरानी की जा रही है और हम सब उनके साथ हैं। मैं आप सभी से उनके कल्याण और शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करने का अनुरोध करती हूँ। मथुरा में हेमा मालिनी के लिए धर्मेंद्र ने किया था प्रचार मथुरा से सांसद का चुनाव लड़ीं हेमा मालिनी के प्रचार के लिए अभिनेता धर्मेंद्र यहां आए थे। यहां उन्होंने जाट बहुल्य इलाके में जाकर अपनी पत्नी के लिए जनसभा की थी। इसके अलावा वह एक बार सांसद हेमा मालिनी द्वारा दी गई नाट्य प्रस्तुति को भी देखने मथुरा आए थे। 8 दिसम्बर को है जन्मदिन अभिनेता धर्मेंद्र अगले महीने 8 दिसम्बर को 90 वर्ष के हो जाएंगे। इस साल उनकी सबसे हिट फिल्म शोले को भी 50 साल हुए थे। वहीं साल के अंत में धर्मेंद्र की फिल्म इक्कीस रिलीज होगी। इस फिल्म में वह अगस्त नंदा और जयदीप अहलावत के साथ नजर आएंगे। प्रशंसकों ने लिखा गेट वेल सून धर्मेंद्र के बीमार होने पर उनके शुभचिंतक परेशान हो गए। सोशल मीडिया पर वह उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए गेट वेल सून धर्मेंद्र लिख रहे हैं। सोशल मीडिया पर प्रशंसक लिख रहे ही मैन कभी हारता नहीं। एक प्रशंसक ने लिखा धर्मेंद्र एक्टर नहीं इमोशन है। वहीं एक फैन ने लिखा धर्मेंद्र जैसे कलाकार दिलों पर राज करते हैं।
साइबर थाने में लगाया कंप्लेंट डिस्पोजल कैंप
भास्कर न्यूज | लुधियाना सराभा नगर स्थित साइबर पुलिस स्टेशन में बुधवार को कंप्लेंट डिस्पोज़ल कैंप आयोजित किया गया, जिसमें लोगों की साइबर संबंधी शिकायतों का तुरंत निपटारा किया गया। कैंप में आए पीड़ितों की समस्याएं मौके पर ही सुनी गईं और अधिकतर मामलों का समाधान वहीं पर कर दिया गया। कैंप में लोगों को डिजिटल अरेस्ट, इन्वेस्टमेंट फ्रॉड, व्हाट्सऐप हैकिंग, सोशल मीडिया अकाउंट सिक्योरिटी और ऑनलाइन फ्रॉड से बचाव के बारे में विस्तार से जागरूक किया गया। अधिकारियों ने बताया कि त्यौहारो के महीनों में साइबर अपराधों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, इसलिए लोगों को तकनीकी सतर्कता बेहद जरूरी है। साइबर थाना प्रभारी सतबीर सिंह ने कहा कि साइबर क्राइम से बचने का सबसे बड़ा तरीका जागरूकता है। इसी उद्देश्य से साइबर टीम लगातार इलाके में प्रोएक्टिव तरीके से जागरूकता अभियान चला रही है। उन्होंने बताया कि कमिश्नरेट के ऑनलाइन पोर्टल, साइबर थाना के सोशल मीडिया हैंडल्स और कैंपों के माध्यम से लोगों को शिक्षित किया जा रहा है ताकि अपराधी किसी भी व्यक्ति को आसानी से अपना शिकार न बना सकें। सतबीर सिंह का कहना है कि “हमारी कोशिश है कि साइबर ठगी के हर केस का तुरंत समाधान किया जाए। साथ ही हर नागरिक को इतनी जानकारी मिले कि वह किसी भी ऑनलाइन स्कैम का शिकार होने से पहले ही सतर्क हो जाए।”
बार काउंसिल ऑफ इंडिया को हाईकोर्ट ने भेजा नोटिस
रांची| झारखंड हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के चुनाव में कथित मतगणना गड़बड़ी से जुड़े मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में हुई। मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले में बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी करते हुए इसे प्रतिवादी बनाया है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जेपी झा ने कोर्ट को बताया कि झारखंड स्टेट बार काउंसिल के मॉडर्न रूल के सेक्शन 52 के अनुसार एडवोकेट एसोसिएशन के चुनाव में बार काउंसिल ऑफ इंडिया या झारखंड स्टेट बार काउंसिल हस्तक्षेप नहीं कर सकती। इसके बावजूद स्टेट बार काउंसिल ने नियमों का उल्लंघन करते हुए एडवोकेट एसोसिएशन, झारखंड हाई कोर्ट को पत्र जारी किया, जिसके आधार पर पुरानी कमेटी काम कर रही है। यह याचिका अधिवक्ता नवीन कुमार सिंह ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि 23 जनवरी को हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन का चुनाव हुआ था, जिसमें लगभग 100 वोट गलत तरीके से डाले गए। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अगली कार्रवाई के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया है।
रोक के बाद भी शिवपुरी पुल के पास बुड्ढा दरिया के किनारे शुरू हुआ कंक्रीटीकरण
भास्कर न्यूज | लुधियाना निगम हद में गुजर रहा बुड्ढा दरिया लगातार विवादों में चल रहा है। ये अभी तक प्रदूषण मुक्त नहीं हो पाया है। वहीं, इसकी चौड़ाई भी पहले के मुकाबले कम हो चुकी है। एनजीटी ने अपने पिछले आदेशों में यह स्पष्ट किया कि बुड्ढा दरिया में किसी भी अवैध निर्माण की अनुमति नहीं है और जिला मजिस्ट्रेट को इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। हालांकि, स्पष्ट निर्देशों के बावजूद नगर निगम ने शिवपुरी पुल के पास बुड्ढा दरिया के किनारों पर कंक्रीटीकरण का काम शुरू कर दिया है, जो कि एनजीटी के निर्देशों के भी विरुद्ध है। पर्यावरण प्रेमी कपिल अरोड़ा ने बताया कि बुड्ढा दरिया की कंक्रीट लाइनिंग शुरू करने के बारे में जानकारी मिलने के बाद जिला मजिस्ट्रेट को 05-11-2025 के साथ-साथ 08-11-2025 को वॉट्सएप संदेश के माध्यम से सूचित किया, फिर भी निर्माण आज तक नहीं रोका गया है। बरसाती सीजन में हालात ये देखने को मिले हैं कि निगम द्वारा बुड्ढा दरिया को छोटा करने के कारण यह ओवरफ्लो हो गया और बुड्ढा दरिया के किनारे स्थित इलाकों में सैकड़ों घरों में गंदा पानी प्रवेश कर गया। इसके परिणामस्वरूप निवासियों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा हो गईं। लेकिन, ऐसे तथ्यों को जानने के बावजूद निगम कमिश्नर ने बुड्ढा दरिया के किनारों पर कंक्रीटीकरण का अपना अवैध कार्य जारी रखा है, जो माननीय एनजीटी के आदेशों की अवमानना है। उपरोक्त तथ्यों को ध्यान में रखते हुए डीसी, पीपीसीबी, पर्यावरण विभाग और ड्रेनेज विभाग से अनुरोध किया है कि कृपया कार्रवाई करें और निर्माण को तुरंत रोकें। बुड्ढा दरिया में बन रही रिटेनिंग वॉल
12 से 28 नवंबर तक रक्तदान अभियान, मॉनिटरिंग का निर्देश
हेल्थ रिपोर्टर | रांची झारखंड में 12 से 28 नवंबर तक होने वाले राज्यव्यापी ब्लड डोनेशन कैंप को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने सोमवार को सभी जिलों के सिविल सर्जनों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विस्तृत समीक्षा बैठक की। बैठक में विभाग की विशेष सचिव डॉ. नेहा अरोड़ा, एनएचएम के प्रबंध निदेशक शशि प्रकाश झा, अपर सचिव विद्यानंद शर्मा पंकज और संयुक्त सचिव ललित मोहन शुक्ल मौजूद रहे। राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जन ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि रक्तदान शिविरों की तिथि, स्थान और समय की जानकारी का हर स्तर पर व्यापक प्रचार किया जाए।सभी जिलों में कैंप की प्रत्यक्ष मॉनिटरिंग सिविल सर्जन द्वारा की जाएगी। कॉलेज, अस्पताल, अंचल कार्यालय, पुलिस लाइन, कलेक्टरेट आदि में कैंप आयोजित करने के निर्देश दिए गए। एकत्र किए गए रक्त की ई-रक्तकोष पोर्टल पर अनिवार्य एंट्री सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया। साथ ही केवल मान्यता प्राप्त और कार्यरत ब्लड बैंकों में ही कलेक्शन की अनुमति दी गई है। इस अभियान में निजी ब्लड बैंक भी सक्रिय रूप से शामिल होंगे। सभी ब्लड बैंकों का लाइसेंस नवीनीकरण और फंक्शनल स्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
रांची राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे फील्ड विजिट कर मतदाता सूची की मैपिंग का निरीक्षण करें। सीईओ ने सभी जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारियों के साथ सोमवार को मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम की तैयारियों की ऑनलाइन समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि आगामी एसआईआर में सुविधा के लिए वर्तमान मतदाता सूची का 2003 के मतदाता सूची से अधिक से अधिक मैपिंग करना सुनिश्चित करें। जितने अधिक मतदाताओं की 2003 के मतदाता सूची से पैरेंटल मैपिंग हो जाती है, उन्हें इन्यूम्यूरेशन फॉर्म भरने में आसानी हो सकेगी। उन्होंने कहा कि निर्वाचन से जुड़े कार्यों में यदि कोई बीएलओ आनाकानी करते हैं, तो उनकी रिपोर्ट विभाग को भेजें। साथ ही साथ निलंबन करते हुए नए बीएलओ नियुक्त करें। रांची| मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने सोमवार को कहा कि घाटशिला विधानसभा उपचुनाव पर सीसीटीवी और वेबकास्टिंग से नजर रखी जाएगी। उन्होंने घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं से आग्रह किया कि वे मंगलवार सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक अपना मतदान अवश्य करें। सभी वोटर अपने मित्रों, परिवारजनों, पड़ोसियों को भी मतदान के लिए प्रेरित करें। के. रवि कुमार ने बताया कि उपचुनाव को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सभी मतदान केंद्रों पर पोलिंग पार्टी को भेजा जा चुका है। सुरक्षा की सारी व्यवस्था की गई है। वेबकास्टिंग सेंटर का किया निरीक्षण सीईओ ने मुख्यालय में घाटशिला विधानसभा उपचुनाव की मॉनिटरिंग के लिए बनाए गए वेबकास्टिंग सेंटर का सोमवार को निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि सभी मतदान केंद्रों के अंदर और बाहर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। भारत निर्वाचन आयोग, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय, जिला निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय निगरानी रख रहा है। इस अवसर पर संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी सुबोध कुमार, नोडल पदाधिकारी देवदास दत्ता आदि थे।
पहली शादी छुपा स्पेशल मैरिज एक्ट से दूसरी शादी वैध ठहराना चाह रहा था झारखंड हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण और मिसाल पेश करने वाले फैसले में स्पष्ट किया है कि स्पेशल मैरिज एक्ट (एसएमए) के तहत कोई व्यक्ति न तो धार्मिक कानूनों का सहारा ले सकता है और न ही निजी कानूनों की आड़ में दूसरी शादी कर सकता है। अदालत ने कहा कि एसएमए एक नॉन ऑब्स्टांटे क्लॉज के साथ लागू कानून है, जो किसी भी अन्य पर्सनल लॉ से ऊपर होता है। यह फैसला धनबाद के पैथॉलॉजिस्ट मोहम्मद अकील आलम की ओर से दायर याचिका पर सुनाया गया, जिसमें उन्होंने पहली प|ी के जीवित रहते दूसरी शादी को वैध ठहराने की मांग की थी। दरअसल, धनबाद निवासी अकील आलम ने 4 अगस्त 2015 को स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत विवाह पंजीकृत कराया था। कुछ समय बाद उनकी प|ी देवघर चली गईं। पति अकील ने दावा किया कि वे बिना कारण घर छोड़कर चली गईं और बार-बार बुलाने पर भी नहीं लौटीं। इसके बाद उन्होंने देवघर के फैमिली कोर्ट में वैवाहिक अधिकार बहाली की याचिका दायर की। सुनवाई के दौरान उनकी प|ी का बड़ा आरोप सामने आया। कहा कि अकील पहले से शादीशुदा थे। पहली प|ी से उनकी दो बेटियां हैं। अकील ने पिता की संपत्ति अपने नाम कराने का हमपर दबाव बनाया। विरोध करने पर मेरे साथ मारपीट भी की। सुनवाई के दौरान अकील ने अदालत में स्वीकार किया कि उनकी पहली प|ी जीवित हैं, लेकिन इसे उन्होंने एसएमए विवाह के पंजीयन के समय छिपा लिया था। हाईकोर्ट ने कहा- विवाह तभी वैध जब दोनों में से कोई भी पहले से जीवित जीवनसाथी न रखता हो सुनवाई के दौरान जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस राजेश कुमार की डिवीजन बेंच ने फैमिली कोर्ट के फैसले को सही ठहराते हुए स्पष्ट कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट की धारा 4(ए) के अनुसार विवाह तभी वैध है जब दोनों में से कोई भी पहले से जीवित जीवनसाथी न रखता हो। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि एसएमए एक नॉन ऑब्स्टांटे क्लॉज के तहत बना कानून है। यह किसी भी धार्मिक या निजी कानून से ऊपर है। अदालत ने कहा कि व्यक्ति चाहे किसी भी धर्म का हो, एसएमए के तहत विवाह करने के बाद उसके नियमों का पालन करना ही होगा। फैमिली कोर्ट ने भी दूसरी शादी को ठहराया था अवैध इधर, मामले में देवघर फैमिली कोर्ट ने पाया था कि अकील ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत विवाह करते समय महत्वपूर्ण तथ्य छिपाया। कोर्ट ने दूसरी शादी को अवैध घोषित कर दिया था। इसके बाद अकील ने फैमली कोर्ट के इस आदेश को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
रन फॉर झारखंड के साथ आज से शुरू होगा स्थापना दिवस समारोह
झारखंड स्थापना दिवस, रजत जयंती वर्ष के कार्यक्रम का शुभारंभ 11 नवंबर से शुरू हो जाएगा। इसकी शुरुआत ‘रन फॉर झारखंड’ से होगी। यह कार्यक्रम सुबह 6.30 बजे से मोरहाबादी मैदान में शुरू होगा, जो सैनिक मार्केट तक जाकर संपन्न होगा। इसमें बड़ी संख्या में लोगों के भाग लेने की संभावना है। इधर, रन फॉर झारखंड को लेकर देर शाम नगर निगम की टीम ने रूट का जायजा लिया। अपर प्रशासक संजय कुमार ने मेन रोड एवं संबंधित मार्गों का निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों एवं सुपरवाइजर को सर्वोच्च स्तर की स्वच्छता व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ-साथ पेयजल एवं चलंत शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश दिया। इस रूट से गुजरेगा रन फॉर झारखंड : रन फॉर झारखंड कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 6:30 बजे मोरहाबादी से होगी। इसमें शामिल लोग मोरहाबादी स्टेडियम से एसएसपी आवास होते हुए रेडियम चौक के रास्ते शहीद चौक, अलबर्ट एक्का चौक से सर्जना चौक व रतन पीपी होकर सैनिक मार्केट तक जाएंगे। यहां कार्यक्रम खत्म होगा। सुबह 4:30 बजे से इस रूट पर सभी वाहनों की नो इंट्री रहेगी।
अब रोड पर मॉडिफाई वाहन दिखे तो चालक-मैकेनिक दोनों पर पर्चा होगा
हाईकोर्ट की फटकार के बाद पंजाब डीजीपी ट्रैफिक सख्त हैं। उन्होंने अब राज्यभर में मॉडिफाई वाहनों के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है। सोमवार को ट्रैफिक पुलिस ने डीजीपी ट्रैफिक एएस राय की अगुवाई में लुधियाना में बैठक की, जिसमें पंजाब के सभी एसपी और डीएसपी ट्रैफिक शामिल रहे। बैठक का मकसद डीजीपी के निर्देश को राज्य में समान रूप से लागू करना और मॉडिफाई वाहनों के खिलाफ एकजुट कार्रवाई सुनिश्चित करना था। डीजीपी राय ने दो टूक कहा, कुछ जिलों में ट्रैफिक नियमों का पालन सही तरीके से हो रहा है, लेकिन कई जगह अब भी मॉडिफाई वाहनों पर कार्रवाई प्रभावी नहीं है। उन्होंने सभी अधिकारियों को जारी सर्कुलर का पालन करने के निर्देश दिए हैं। डीजीपी राय ने कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट की धारा-52 के तहत कोई भी वाहन मालिक अपनी गाड़ी में कोई बदलाव (एक्स्ट्रा लाइट, अलग साइलेंसर, हाई वोल्टेज लाइट, लो प्रोफाइल टायर या बॉडी में कोई बदलाव) नहीं कर सकता, जिससे आरसी के विवरण में अंतर दिखे। उन्होंने कहा कि वाहन में कोई मॉडिफिकेशन करना गैर कानूनी है। ये गाड़ियां न सिर्फ ट्रैफिक व्यवस्था में बाधा डालती हैं, बल्कि कई बार हादसों की वजह बनती हैं। ‘पीटर रेहड़ा’ या ‘घड़ूका’ पर भी एक्शन : ‘पीटर रेहड़ा’ और ‘घड़ूका’ चलने वाली मॉडिफाई गाड़ियों को भी इस श्रेणी में रखा है। इन पर भी अब सख्त कार्रवाई होगी। अब नियम तोड़ने वाले, वाहन मॉडिफाई कराने वाले चालक और मैकेनिक पर भी पर्चा दर्ज किया जाएगा।
मतदान आज: सुरक्षाबलों की 20 कंपनियां तैनात, बॉर्डर सील
घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान को लेकर सभी 300 बूथों के लिए 262 पोलिंग पार्टियां अपने-अपने केंद्रों पर पहुंच गई हैं। सुरक्षा बलों की 20 कंपनियां तैनात की गई हैं। बॉर्डर सील कर दिए गए हैं। मतदान 11 नवंबर को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक होगा, जिसमें 2.55 लाख मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। वैसे मतदान की शाम सात बजे बिहार विधानसभा के साथ ही घाटशिला उपचुनाव का भी एक्जिट पोल जारी हो जाएगा। यहां मुख्य मुकाबला झामुमो और भाजपा के बीच है। दिवंगत मंत्री रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश चंद्र सोरेन झामुमो के उम्मीदवार हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन भाजपा की ओर से मैदान में हैं। तीसरे प्रतिद्वंदी के रूप में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के रामदास मुर्मू हैं। वोटिंग में लगे वाहनों में जीपीएस की व्यवस्था की गई है। इससे मतदान कराने वाले दलों की रियल टाइम मॉनिटरिंग जिला नियंत्रण कक्ष से की जाएगी। बिहार में भी दूसरे चरण की 122 सीटों पर आज वोटिंग; 1,302 उम्मीदवार मैदान में बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण में मंगलवार को 3.7 करोड़ से ज्यादा मतदाता 1,302 उम्मीदवारों की सियासी किस्मत का फैसला करेंगे। इस चरण में 7 जिलों की 122 सीटों पर मतदान होगा। इनमें पश्चिम और पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज शामिल हैं। यहां मुस्लिम आबादी अधिक होने से मुकाबला खासा अहम माना जा रहा है। सत्तारूढ़ एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन दोनों के लिए यह चरण निर्णायक है। झामुमो आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहा चंपाई सोरेन ने सोशल मीडिया पर लिखा- घाटशिला उपचुनाव में हार के डर से बौखलाया झामुमो आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहा है। नियमत: 48 घंटे पहले बाहरी लोगों को यहां से चले जाना था, लेकिन कई बाहरी मंत्री- विधायक घाटशिला के गांवों में खुलेआम पैसे बांट रहे हैं। इस बारे में एसडीओ, उपायुक्त व चुनाव आयोग को सूचना दी गई है। भाजपा प्रत्याशी को बनाया बंधक घाटशिला विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले सोमवार की रात एक बड़ा राजनीतिक बवाल खड़ा हो गया। भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकर्ताओं ने मुसाबनी थाना क्षेत्र के सुरदा क्रॉसिंग के पास बंधक बना लिया। विवाद बढ़ते देख बाबूलाल को थाने ले जाया गया। मामला शांत होने के बाद बाबूलाल सोरेन अपने समर्थकों के साथ थाना से चले गए।
DIG भुल्लर की आज CBI कोर्ट में पेशी:5 दिन का रिमांड खत्म; ED के रडार पर पंजाब के IAS-IPS अफसर
पंजाब पुलिस के DIG हरचरण सिंह भुल्लर का 5 दिन का CBI रिमांड खत्म होने के बाद आज (11 नवंबर को) सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा। सीबीआई के हाथ केस से जुड़े कई अहम सबूत लगे हैं। जिसके चलते सीबीआई फिर से रिमांड की मांग कर सकती है। वहीं सोमवार को बिचौलिए कृष्नु शारदा का 4 दिन का पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद पेश किया गया। कोर्ट ने उसे ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया। केस की अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी। वहीं, कृष्नु चलते समय लंगड़ा रहा था, जिसे देखते हुए उसके वकील ने कोर्ट में उसकी मेडिकल करवाने की मांग की। वहीं CBI के बाद अब ED की एंट्री होने वाली है। ED मंगलवार को चंडीगढ़ में CBI ऑफिस पहुंच रही है। जहां वह DIG भुल्लर समेत उन IAS और IPS अफसरों का रिकॉर्ड लेगी, जिन्होंने बेनामी प्रॉपर्टी बना रखी है। 50 अफसरों के बारे में जानकारी मिली CBI की DIG भुल्लर और उनके साथ पकड़े गए बिचौलिया कृष्नु शारदा की जांच में अब तक पंजाब के 50 अफसरों के बारे में जानकारी मिल चुकी है। जिनके नाम की CBI ने लिस्ट भी तैयार कर रखी है। ED की एंट्री से अब पंजाब के अफसरों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, क्योंकि रिकॉर्ड लेते ही ED की टीम नोटिस भेजकर इन अफसरों को बेनामी प्रॉपर्टी के मामले में पूछताछ के लिए बुलाएगी। जानिए CBI को पंजाब के अफसरों के बारे में क्या जानकारी मिली... ED के रिकॉर्ड लेते ही बाहर आएंगे नाम CBI सोर्सेज के मुताबिक मंगलवार को ED को बेनामी प्रॉपर्टी को लेकर अब तक सामने आए तथ्यों से जुड़ा रिकॉर्ड सौंप दिया जाएगा। इसके बाद उन अफसरों के नाम सामने आ सकते हैं, जिनके लिंक स्क्रैप कारोबारी से 5 लाख रुपए रिश्वत केस में पकड़े गए DIG भुल्लर और बिचौलिया कृष्नु शारदा की जांच और पूछताछ में मिले हैं।
रजत जयंती मना रहा झारखंड 25 साल की यात्रा में वित्तीय मामले में कई उतार-चढ़ावों से गुजरा है। पहले तीन साल तो सरप्लस बजट की बात कही गई थी, लेकिन तब भी राज्य सरकार को ऋण भी लेना पड़ गया था। आर्थिक संरचना असंतुलन की स्थिति बनी थी। लेकिन धीरे-धीरे राज्य में खनिज राजस्व के साथ-साथ औद्योगिक निवेश, सेवा क्षेत्र और कृषि क्षेत्र में सुधार भी हुए हैं। राज्य के पहले वित्त वर्ष 2001-02 में 7174 करोड़ का बजट पेश हुआ था। अब बीत रहे 25वें वर्ष 2025-26 में बजट बढ़कर 1,45,400 करोड़ रुपए हो गया है। 25 साल में बजट 20 गुना से अधिक बढ़ गया है। राज्य की इकॉनोमी मजबूत हुई है, इसलिए बजट आकार इतना बढ़ा है। राज्य बनने से प्रति व्यक्ति आय में भी 11.24 गुना की बढ़ोतरी हुई है। प्रति व्यक्ति ऋण बोझ 521 रुपए से बढ़कर 31,000 हो गया है 25 वर्ष में प्रति व्यक्ति ऋण बोझ में भी बढ़ोतरी हुई है। 2001-02 में प्रति व्यक्ति ऋण 521 रु. था। 2023-24 में 31,000 हो गया है। आय के अनुपात में राज्य पर ऋण कम है। हालांकि, अभी भी झारखंड की अर्थव्यवस्था को बेरोजगारी, सीमित औद्योगिक आधार और सामाजिक असमानता जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। फिर भी, राजस्व प्रबंधन, निवेश और विकास योजनाओं के कार्यान्वयन में सतत प्रगति दिख रही है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 25 साल में 8% की वृद्धि हुई 2001-02 में प्रति व्यक्ति आय 11034 रुपए थी। 2025-26 में प्रति व्यक्ति आय का आकलन 1,24,079 रु. किया गया है। इस अवधि में प्रति व्यक्ति आय में 11.24 गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह बढ़ोतरी राज्य की समृद्धि को प्रदर्शित करता है। जीएसडीपी (राज्य सकल घरेलू उत्पाद) भी बेहतर हुआ है। 2001 में जीएसडीपी का 17 प्रतिशत राज्य बजट था। 2025 में बजट जीएसडीपी का 25 प्रतिशत हो गया है। पिछले कुछ वर्षों में झारखंड का सकल राज्य घरेलू उत्पाद लगातार बढ़ा है। जीएसडीपी के 8 प्रतिशत से बजट बढ़ना बेहतर वित्तीय प्रबंधन को दर्शाता है। 18 करोड़ के ओडी से राज्य के खजाने का शुभारंभ हुआ था आज से 25 साल पहले झारखंड राज्य के अस्तित्व में आने के समय यह माना गया था कि झारखंड बिहार की तुलना में बेहतर रहेगा। झारखंड अलग राज्य बनने पर शेष बिहार को जहां 4728 करोड़ की आमदनी होगी, वहीं झारखंड को 3707 करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व मिलेगा। जब बिहार बंटा तो झारखंड बनने के दिन राज्य का ओपनिंग बैलेंस (-) 18 करोड़ अर्थात 18 करोड़ के ओवर ड्राफ्ट से झारखंड के खजाने का शुभारंभ हुआ था। 31 मार्च, 2001 को साढ़े चार माह बाद खजाने में 123 करोड़ रुपए सरप्लस था।
राज्य में अब मेंटेनेंस के नाम पर नहीं काटी जाएगी बिजली
बिजली वितरण निगम लिमिटेड के निदेशक प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने मेंटेनेंस के नाम पर बिजली नहीं काटने का निर्देश दिया है। सोमवार को रांची, जमशेदपुर व हजारीबाग एरिया बोर्ड के जीएम तथा ईएसई को उन्होंने इस संबंध में सख्त हिदायत दी। निदेशक ने पदाधिकारियों को कहा कि कोई यह नहीं समझे कि उनके काम पर नजर नहीं है। हर गतिविधि की बारीकी से निगरानी हो रही है। अपने हिस्से का काम ईमानदारी से समय पर पूरा करें। उन्होंने राजस्व वसूली के लक्ष्यों की समीक्षा के अलावा राज्य और केंद्र प्रायोजित योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने अफसरों को निर्देश दिया कि बेवजह मेंटेनेंस के नाम पर बिजली कटौती न की जाए। बोर्ड द्वारा निर्धारित राजस्व लक्ष्य को हर हाल में हासिल करने के निर्देश दिए गए। निदेशक ने अधिकारियों से कहा कि यह भावना त्यागें कि अधीनस्थ उनकी बात नहीं सुनते। मुख्यमंत्री बिजली योजना के तहत ग्रामीण ऊर्जा साथी योजना की गति तेज करने पर बल दिया गया। बैठक में जीएम और ईएसई ने अपनी समस्याएं भी रखीं। कई क्षेत्रों में मैनपावर की कमी की शिकायत की गई। कहा गया कि इससे कामकाज प्रभावित हो रहा है। इस पर निदेशक प्रभात कुमार श्रीवास्तव ने आश्वासन दिया कि इन मुद्दों का समाधान शीघ्र निकाला जाएगा। राज्य स्थापना दिवस पर जिलों में हो रहे कार्यक्रमों के लिए बिजली आपूर्ति पर पूरा ध्यान देने को कहा गया।
आबादी एरिया में बढ़ते तेंदुओं की मूवमेंट और इंसानों से संघर्ष की घटनाओं को रोकने के लिए वन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए प्रदेशभर में मंगलवार से तेंदुओं की ट्रैप कैमरे से गणना की जाएगी। इस बार टाइगर के फेज फॉर मॉनिटरिंग पैटर्न पर गणना होगी। टाइगर की यूनिक स्ट्राइप लाइन के आधार पर पहचान की जाती है। उसी तरह तेंदुओं के रोजेट यानी धब्बों के आधार पर गणना होगी। यह तेंदुए की यूनिक आईडी होती हैं। ट्रैप कैमरे से फोटो लेने के बाद इनका मिलान होगा। इसके बाद इनकी संख्या निकाली जाएगी। यह गणना 3 से 4 माह तक चलेगी। उदयपुर जिले में फुलवारी की नाल, जयसमंद, सज्जनगढ़ सेंचुरी के साथ अमरखजी महादेव लेपर्ड कंजर्वेशन रिजर्व सहित वन मंडल उत्तर की गोगुंदा सहित अन्य रेंजों में गणना होगी। पहले फेज में मंगलवार को मांसाहारी जानवरों की गणना होगी। इसमें वनकर्मी जंगल में मांसाहारी जानवरों जैसे तेंदुए सहित अन्य के मल, पगमार्क, यूरिन को देखकर गणना करेंगे। यह गणना 15 नवंबर तक चलेगी। इसके बाद 18 से 22 नवंबर तक ट्रांजेक्ट लाइन गणना होगी। इसमें वनकर्मी को जंगल में शाकाहारी जीवों को सीधे देखकर गणना करनी होगी। काम की बात — जंगल में पर्याप्त शिकार मिलेंगे तो आबादी क्षेत्र में नहीं आएंगे तेंदुए तेंदुओं और शाकाहारी जीवों की गणना से वन विभाग को तेंदुओं के हमलों से बचाव के लिए योजना बनाने में मदद मिलेगी। विभाग तेंदुओं की संख्या के मुकाबले शाकाहारी जीवों की संख्या का संतुलन बनाए रखने के लिए कदम उठाएगा। इसी के तहत गोगुंदा में एक हेक्टेयर में एनक्लोजर तैयार किया जा रहा है। इसमें शाकाहारी जीवों को छोड़ा जाएगा, जिससे तेंदुए शिकार की तलाश में आबादी क्षेत्र में न आएं।
मध्यप्रदेश में छात्रवृत्ति, हॉस्टल भत्ता और शैक्षणिक योजनाओं की अव्यवस्थाओं को लेकर जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) छात्र संगठन मंगलवार को महाआंदोलन करेगा। बड़ी संख्या में छात्र सुबह टंट्या भील चौराहे पर जुटेंगे और वहां से पैदल मार्च निकालते हुए कलेक्टर ऑफिस तक जाएंगे। छात्र मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपेंगे। संगठन के नेताओं ने बताया कि ज्ञापन में कई अहम मुद्दे शामिल किए जाएंगे- जैसे कि पिछले तीन सालों से बंद पड़ी छात्रवृत्ति, हॉस्टल भत्ता, दिव्यांग छात्रों के लिए भत्ता और अन्य शैक्षणिक योजनाओं में चल रही अव्यवस्थाएं। उनका कहना है कि इन योजनाओं के बंद होने से लाखों छात्र आर्थिक तंगी और पढ़ाई में दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। जयस संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने जल्द छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा। इन मांगों को लेकर करेंगे आंदोलन सोशल मीडिया पर की अपील संगठन का कहना है कि इन समस्याओं के कारण आर्थिक रूप से कमजोर स्टूडेंट अपनी एजुकेशन जारी रखने में कठिनाई झेल रहे हैं। कई स्टूडेंट फीस न भर पाने की स्थिति में ड्रॉपआउट होने को मजबूर हैं। संगठन सभी मांगों को जल्द पूरा करने की मांग करेगा। बता दें कि सोशल मीडिया पर कई छात्र नेताओं द्वारा छात्रों से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील भी की है। सुबह 11 बजे छात्र टंट्या भील चौराहे पर एकत्रित होंगे और करीब 11.30 बजे यहां से कलेक्टर ऑफिस जाने के लिए पैदल निकलेंगे। विभिन्न रास्तों से होते हुए वे कलेक्टर ऑफिस पहुंचेंगे और सीएम के नाम ज्ञापन देंगे। छात्र नेताओं का कहना है कि आंदोलन में बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स शामिल होंगे।
झारखंड में हाई अलर्ट, रांची रेलवे स्टेशन बना छावनी, गहन चेकिंग
दिल्ली में हुए ब्लास्ट की घटना के बाद झारखंड में भी हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। झारखंड पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को सतर्क रहने, गश्त तेज करने, संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने, खुफिया तंत्र को सक्रिय रखने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही सभी भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर निगरानी रखने का भी निर्देश दिया गया है। खासकर रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बाजार, प्रमुख स्थलों, धार्मिक स्थलों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया है। झारखंड पुलिस ने इंटरनेट मीडिया की निगरानी भी बढ़ाई है, ताकि किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि का पता चलने पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। अफवाह फैलाने वालों पर सख्ती बरतने को कहा गया है। इधर, रांची रेलवे स्टेशन भी हाई अलर्ट पर है। पूरे स्टेशन को छावनी में तब्दील कर दिया गया हे। रांची रेलमंडल के मंडल सुरक्षा आयुक्त पवन कुमार व रांची आरपीएफ पोस्ट प्रभारी शिशुपाल के निर्देश पर कड़ी एहतियात बरती जा रही है। श्वान दस्ता की टीम तैनात की गई है। स्टेशन के बाहर खड़े वाहनों की सघन जांच की गई। सीसीटीवी की मॉनिटरिंग में तैनात स्टाफ को संदिग्धों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है।
रिम्स जीबी...3 माह में कल होगी तीसरी बैठक, पहली दो के एजेंडे लागू नहीं,
भास्कर एक्सक्लूसिव रिम्स में बुधवार (12 नवंबर) को शासी परिषद (जीबी) की 63वीं बैठक होनी है। बैठक में लगभग एक दर्जन से ज्यादा एजेंडों पर चर्चा होगी। इसके लिए प्रस्तावित सूची तैयार कर सभी सदस्यों को भेज दी गई है। सोमवार को निदेशक डॉ. राजकुमार की अध्यक्षता में बुधवार को होने वाली जीबी से पूर्व इसके एजेंडों पर गंभीर चर्चा की गई। बैठक में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिरेंद्र बिरुआ, अपर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शैलेश त्रिपाठी समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे। इसमें एक दर्जन से अधिक एजेंडे चर्चा के लिए प्रस्तावित हैं। 63वीं बैठक में चिकित्सकों की नियुक्ति, निजी अस्पातल से रिम्स भेजने वाले रेफरल सिस्टम पर एसओपी तैयार करने, ब्लड बैंक के लिए एडवांस नेट मशीन की खरीद को लेकर चर्चा होने की उम्मीद है। एक ओर जहां रिम्स जीबी की 63वीं बैठक की तैयारी की जा रही है, वहीं दूसरी ओर पिछले तीन माह में हो चुके दो जीबी की बैठकों के निर्णय पर कोई काम नहीं हुआ है। कई एजेंडों पर काम नहीं हुआ है। कई एजेंडे रिम्स में लागू नही हो सके हैं। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने रिम्स में मृतकों के खाते में 5 हजार भेजने की बात कही थी, इसे प्राथमिकता के साथ लागू करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन एक माह बाद भी यह लागू नही हो सका है। 63वीं बैठक में इन एजेंडों पर भी चर्चा... रिम्स के पूर्व निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद को रिम्स की व्यवस्था सुधारने के लिए बनने वाली एडवाइजरी बोर्ड में शामिल करने पर स्वीकृति ली जाएगी। रिम्स में एक्टेंशन पर चल रही किचन के टेंडर पर परिचर्चा होगी। संभावना है कि जल्द नई एजेंसी का चयन कर किचन संचालन का जिम्मा दिया जाएगा। निजी अस्पतालों द्वारा मरीजों को रिम्स में रेफर करने संबंधी एसओपी पर निर्णय लिया जाएगा। नामित अधिवक्ताओं के पैनल निर्धारण के लिए प्राप्त प्रतिवेदन पर विचार किया जाएगा। आई बैंक में वर्षों से कार्यरत तीन ईडीसी (आई डोनेशन काउंसलर) की सेवा बहाली पर निर्णय होगी। रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी रहें डॉ. राजीव रंजन से ली गई स्पष्टीकरण पर परिचर्चा होगी। रिम्स ब्लड बैंक के लिए पूर्णतया ऑटोमेटिक नेट मशीन खरीदने पर विचार एवं निर्णय लिया जाएगा। डॉक्टरों की नियुक्ति का रास्ता होगा साफ...63वीं जीबी में वर्ष 2025 से जुड़ी कई प्रशासनिक, तकनीकी और नीतिगत विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। बीते 13 सितंबर को हुई 61वीं बैठक की कार्यवाही की अनुमोदन ली जाएगी। इसके अलावा रिम्स में लंबित सह प्राध्यापक, अपर प्राध्यापक और प्राध्यापक के पदों में नियुक्ति की समीक्षा के गठित चार सदस्यीय समिति से मिले प्रतिवेदन पर चर्चा होगी। इसके बाद संभावना है कि डॉक्टरों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो पाएगा। रिम्स में कार्यरत जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति प्रोन्नति नियमावली पर चर्चा होगी। पिछले दो बैठक के इन एजेंडों पर अबतक नही हुई कोई पहल... रिम्स में मृत्यु पर 5000 की तत्काल सहायता और निःशुल्क एयर कंडीशंड ‘मोक्ष वाहन’ सेवा मिलनी थी। यह अबतक लागू नहीं हो सका है। हालांकि, प्रबंधन इसे लागू करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर रही है। झारखंड के गरीब छात्रों को रिम्स में मुफ्त नीट कोचिंग मिलनी थी। रिम्स के ही एमबीबीएस टॉपर डॉक्टरों को पढ़ाना था। यह भी अबतक शुरू नहीं हो सकी है। होमगार्ड जवानों के वेतन में वृद्धि एवं एरियर भुगतान की मंजूरी दी गई थी, पर अबतक बढ़ा वेतन या एरियर उन्हें नही मिला है। रिम्स में जरूरी व्यवस्था के तहत तत्काल 100 वेंटिलेटरों की खरीद होनी थी। लेकिन बैठक के एक माह बाद तक वेंटिलेटर रिम्स नही पहुंचे हैं।
शहर में इस सर्दी का पारा तेजी से गिर रहा है. लगातार पारा गिरने के बाद न्यूनतम तापमान 9.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि सामान्य से 4.6 डिग्री कम है। यह पिछले 12 सालों में नवंबर महीने के शुरुआती दिनों में पहला मौका है जब तापमान 10 डिग्री के नीचे गिरा है। इससे पहले साल 2013 में नवंबर में पारा 8.8 डिग्री गया था। सर्दी के दिन बढ़े सीएसए के मौसम विशेषज्ञ डॉ. नौशाद खान ने बताया इस बार सर्दी के दिन बढ़ेंगे। मौसम के पैटर्न में बदलाव देखने को मिल रहा है। तापमान में यह असामान्य गिरावट और इसके लगातार बने रहने की संभावना है। दिन में धूप निकलने से आराम रात में सर्दी होने के बाद भी दिन में धूप निकलने से अधिकतम पारा फिलहाल ज्यादा नीचे नहीं जा रहा है। सीएसए के मौसम वैधशाला से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार का अधिकतम तापमान 28.9 डिग्री रहा, जो सामान्य से 0.8 डिग्री कम था। उत्तर पश्चिमी हवा बढ़ा रही ठंड मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि इस समय चल रही हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी है, जो सर्द हवाओं का प्रमुख स्रोत है। आर्द्रता का स्तर सुबह 91% से गिरकर दोपहर में 32% रहा, जो शुष्क और ठंडे मौसम की विशेषता है। अगले पांच दिनों में साफ आसमान, ठंड जारी रहने का अनुमान है। पूर्वानुमान के अनुसार अगले पांच दिनों तक मौसम शुष्क और साफ रहेगा। आसमान साफ रहने के कारण रात के तापमान में और गिरावट दर्ज की जा सकती है। वर्षा की कोई संभावना नहीं है, जिससे ठंड की यह स्थिति लगातार बनी रहेगी। हवा की गति लगभग 2.3 किमी/घंटा के हल्के स्तर पर बनी रहने का अनुमान है। नागरिकों ने निकाली गर्म कपड़ों की पिटारी लगातार गिरते तापमान ने शहरवासियों को गर्म कपड़े निकालने पर मजबूर कर दिया है। सुबह-शाम के समय ठंड काफी महसूस की जा रही है। लोगों ने रजाइयों और स्वेटर का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। मौसम विशेषज्ञों की इस चेतावनी के बाद कि इस बार सर्दी लंबी खिंच सकती है, नागरिक खुद को सर्दी के लिए तैयार कर रहे हैं। किसानों के लिए यह मौसम रबी की फसलों के लिए अनुकूल माना जा रहा है, हालांकि अत्यधिक ठंड की स्थिति में सतर्कता बरतने की सलाह दी जा रही है।
उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) की सवीना खेड़ा स्थित 110 करोड़ की जमीन से ध्वस्त किए 102 अवैध कब्जों का मामला गरमाता जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि इस सरकारी जमीन की साल 2013 की गूगल सेटेलाइट इमेज में यह साफ दिखाई दे रहा है कि यहां 2013 में काेई कब्जा नहीं था। साल 2020 तक लगभग पूरी भूमि खाली थी, लेकिन साल 2023 से 2025 के बीच इस पूरी भूमि पर अवैध कब्जे हो गए। ऐसे में यूडीए पर भी सवाल उठता है कि पांच साल में पूरी कॉलोनी बस गई, लेकिन अफसरों को इसका पता क्यों नहीं चला। दस्तावेजों की पड़ताल में यह भी सामने आया है कि खरीदारों को भूमि के सरकारी होने की जानकारी थी, फिर भी उन्होंने सौदे किए। पंचायत द्वारा बिना वैध अधिकार के एनओसी जारी किए गए। कब्जेधारों ने इनके आधार पर बिजली और पानी के कनेक्शन ले लिए। यूडीए आयुक्त राहुल जैन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यूडीए सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से कब्जा करने वालों और कराने वालों सहित खरीद-फरोख्त करने वालों के खिलाफ भी मुकदमे दर्ज कराएगा। सरकारी भूमि को खुर्दबुर्द करने वालों की कड़ी-से-कड़ी जोड़ते हुए सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यूडीए की कार्रवाई के दिन 52 निर्माण हटाए गए। इनमें अधिकांश कोटड़ी और बाउंड्रीवाल थीं। 500 प्लॉट की बाउंड्रीवॉल ध्वस्त की थीं। न किसी भवन में कोई परिवार निवासरत था, न कोई इन प्लॉट्स में रह रहा था। शहर विधायक बोले- यूडीए की कार्रवाई सही, जनता-सरकार में अच्छा संदेश गया शहर विधायक ताराचंद जैन ने कहा कि अगर कोई आदिवासी वर्षों से रह रहा था तो उसे रहने का अधिकार सुनिश्चित कराया जाना चाहिए। लेकिन, बिहार के लोगों व गैर आदिवासियों द्वारा कब्जे करना गलत है। अवैध कब्जों के खिलाफ की गई कार्रवाई से जनता और सरकार में अच्छा संदेश गया है। ग्रामीण विधायक बोले- कार्रवाई उचित नहीं ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा लोगों के साथ खड़े नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि गरीब लोग वर्षों से कच्चे घरों में रह रहे थे। इनके घरों को ध्वस्त कर उन्हें बेघर करना न्याय उचित नहीं है। आदिवासियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए थी। अगर कोई गलत है ताे उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। कांग्रेस मुखर... भाजपा नेताओं पर कार्रवाई की मांग, यूडीए गेट के बाहर किया प्रदर्शन, पुलिस से भी भिड़ंत यूडीए की कार्रवाई के खिलाफ उदयपुर शहर-देहात जिला कांग्रेस कमेटी ने यूडीए के प्रवेश द्वार के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने कार्रवाई का विरोध किया और लोगों से षड्यंत्रपूर्वक धोखाधड़ी कर इस भूमि की खरीद-फरोख्त में शामिल तथाकथित भाजपा नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। शहर जिलाध्यक्ष फतहसिंह राठौड़ और देहात जिलाध्यक्ष कचरूलाल चौधरी आदि के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने गेट के भीतर जबरन घुसने का प्रयास किया तो पुलिस जवानों ने धकेल कर दूर कर दिया। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता-पुलिस जवान आमने-सामने हो गए।
इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी हत्याकांड मामले में मंगलवार को राजा के भाई विपिन रघुवंशी के बयान शिलॉन्ग की कोर्ट में दर्ज किए जाएंगे। वे सोमवार सुबह इंदौर से फ्लाइट द्वारा रवाना हुए थे और रात में शिलॉन्ग पहुंचे। मंगलवार को सुबह करीब 11 बजे वे कोर्ट में पेश होंगे। बताया जा रहा है कि कोर्ट जाने से पहले वे शिलॉन्ग पुलिस से भी मुलाकात करेंगे। इंदौर के बहुचर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी, प्रेमी राज कुशवाह सहित पांच आरोपी जेल में बंद हैं। राजा के भाई विपिन का कहना है कि राजा के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। सोमवार रात को शिलॉन्ग पहुंचे विपिन सोमवार रात विपिन रघुवंशी शिलॉन्ग पहुंचे। उन्होंने बताया कि सुबह वे इंदौर से फ्लाइट द्वारा शिलॉन्ग के लिए रवाना हुए थे, लेकिन बोर्डिंग में देर हो जाने के कारण उन्हें अपना लगेज छोड़ना पड़ा। इंदौर से वे पहले दिल्ली पहुंचे, फिर दोपहर में दिल्ली से गुवाहाटी के लिए रवाना हुए। गुवाहाटी से सड़क मार्ग से यात्रा कर वे रात करीब 9:30 बजे शिलॉन्ग पहुंचे। राजा मर्डर केस से जुड़ी ये बातें भी जानिए... यह खबर भी पढ़ें...राजा हत्याकांड- चार्जशीट में पत्नी सोनम मर्डर की आरोपी इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी मर्डर केस में शव मिलने के 97 दिन बाद 6 सितंबर को एसआईटी ने चार्जशीट पेश कर दी। मेघालय पुलिस की एसआईटी ने शिलॉन्ग कोर्ट में 790 पन्नों की चार्जशीट पेश की है। इसमें सोनम समेत 8 लोगों के नाम है। पूरी खबर यहां पढ़ें... पत्नी सोनम ने खुद साफ किया था खून से सना हथियार इंदौर के राजा रघुवंशी हत्याकांड में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। यह बात सामने आई है कि राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी ने खुद हत्या में इस्तेमाल किए हथियार पर लगे खून को साफ किया था। पूरी खबर यहां पढ़ें...
रावतपुर के गोपाला टॉवर के सामने बहन के प्रेमी की पीट पीट कर जान लेने वाले आरोपी रोहित चौहान को सोमवार शाम को पुलिस ने जेल भेज दिया, जबकि बाकी अन्य आरोपी अंकुर ,मोहित और अभय ठाकुर की तलाश में लगातार दबिश दे रही है। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनकी लोकेशन और सर्विलांस का सहारा लिया जा रहा है। लोहे की रॉड से पीटकर उतारा था मौत के घाट रावतपुर के चंदेल चौराहा के पास किराए पर रहने वाले राजबहादुर यादव के 22 वर्षीय बेटे लकी का जयप्रकाश नगर कच्ची बस्ती की रहने वाली एक युवती से प्रेम प्रसंग था। युवती का भाई इस प्रेम प्रसंग का विरोध करता था और कई बार उसने लकी और अपनी बहन को समझाया था। शनिवार को लकी अपने दोस्त रिशु के साथ शनिवार रात घर आ रहा था, तभी गोपाला टॉवर के सामने कच्ची बस्ती निवासी रोहित चौहान ने साथी अंकुर ,मोहित और अभय ठाकुर के साथ मिलकर उसकी लाठी डंडों और लोहे की रॉड से पिटाई कर दी। रिशु की सूचना पर पहुंचे परिजन उसे कार्डियोलॉजी ले गए, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।आरोपी रोहित चौहान बहन के साथ प्रेम प्रसंग की वजह से लकी से नाराज था और कई बार उसे समझा चुका था। वहीं मृतक की मां लक्ष्मी की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रावतपुर पुलिस ने आरोपी रोहित चौहान उर्फ नंदू को कानपुर पब्लिक स्कूल के पास से गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से घटना में प्रयोग की गई बाइक भी बरामद हुई। आरोपियों की तलाश में लगी 3 टीमें फिलहाल आरोपी को सोमवार शाम को जेल भेज दिया गया है। जबकि बाकी आरोपियों की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगाई गई है। एडीसीपी वेस्ट कपिल देव सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी रोहित को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है, अन्य की तलाश में पुलिस लगी हुई है। इसको लेकर पुलिस की 3 टीमों को लगाया गया है।
दिल्ली में हुए बम विस्फोट के बाद प्रदेश में घोषित हाई अलर्ट के तहत अजमेर एसपी वंदिता राणा के निर्देश पर रात करीब 11 बजे अजमेर दरगाह और पुष्कर के ब्रह्मा मंदिर व खबाद हाउस की सुरक्षा बढ़ा दी गई। अजमेर और पुष्कर में करीब 500 पुलिस जवानों को निगरानी व्यवस्था में तैनात किया गया है। इनमें आरएसी के जवान भी शामिल हैं। दरगाह में विशेष अतिरिक्त पुलिस बल पुलिस लाइन से तैनात किया गया है। ब्रह्मा मंदिर और खबाद हाउस की सुरक्षा के लिए भी पुलिस दल भेजा गया है। रेलवे स्टेशन पर भी जांच की गई। रावतभाटा में हाई अलर्ट, हर वाहन की हो रही जांच, नागरिकों से सतर्क रहने की अपील रावतभाटा (कोटा)| दिल्ली में सोमवार देर शाम कार में हुए बम ब्लास्ट के बाद प्रदेशभर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। रावतभाटा में भी राजस्थान परमाणु बिजलीघर, राणाप्रताप सागर बांध व संवेदनशील क्षेत्र में भी पुलिस और प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। गृह मंत्रालय के निर्देशन में शहर में आने-जाने वाले हर वाहनों की गहन जांच की जा रही है। संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान के लिए पुलिस ने जगह-जगह नाकाबंदी की है। बस स्टैंड, बाजार क्षेत्र, रेलवे स्टेशन और चंबल परियोजना क्षेत्र में पुलिस की विशेष टीमें गश्त कर रही हैं।प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे सर्तक रहे किसी भी संदिग्ध वस्तु, व्यक्ति या गतिविधि की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री बिरेंद्र सिंह के बेटे पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह सद्भाव यात्रा निकाल रहे हैं। पहले फेज की यात्रा समाप्त हो चुकी हैं। लेकिन उसमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शामिल नहीं हुए। जिसको लेकर बिरेंद्र सिंह ने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए जवाब दिया कि ये सब लोग अध्यक्ष जैसे। जनता जुड़ेगी तो सब जुड़ेंगे। अब सद्भाव यात्रा दूसरा का दूसरा फेज शुरू किया जाएगा। जिसकी तैयारियां चल रहे हैं। इसकी तैयारियों को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री बिरेंद्र सिंह कार्यकर्ताओं की बैठकें ले रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री बिरेंद्र सिंह से बातचीतपत्रकार : सद्भाव यात्रा में लोगों का कितना लोगों का समर्थन मिल रहा है?बिरेंद्र सिंह : आम जन साधारण का समर्थन मिल रहा है। मेरे राजनीतिक जीवन में पार्टी के साथ समर्थन मिलना अलग बात है। लेकिन वो लोग जो पार्टी से ऊपर उठकर सोचते हैं। कोई किसी पार्टी का भी है, लेकिन भाईचारे की जहां तक बात है, हमारे समाज में भाईचारे को कोई खराब करने की कोशिश करेगा तो हम उसका विरोध करेंगे। जिस अभियान में कांग्रेस निकली है, वह संस्कृति व सभ्यता हमारे भाईचारे की पहचान है।हम कांग्रेस की सद्भाव यात्रा को पूरा समर्थन देंगे। प्रोफेसर, वकील, डॉक्टर, इंजीनियर और कर्मचारी आदि भी इस बात को खुलकर कह रहे हैं कि भाजपा को इस हद तक नहीं जाना चाहिए कि वह हमारा रहना सहना ही खराब कर दे। उन्होंने कहा कि वे (भाजपा) वोट तो लेने में कुछ सफल हो गए हों, लेकिन हमारा भाईचारा आज भी मजबूत है। इसको हम और भी मजबूत करेंगे। पत्रकार : कांग्रेस का कितना समर्थन मिल रहा है। प्रदेशाध्यक्ष आज तक इस यात्रा में शामिल नहीं हुए, क्या नाराज हैं?बिरेंद्र सिंह : ये लोग अध्यक्ष जैसे नहीं लगते क्या। जब जनता जुड़ेगी तो कांग्रेस का कार्यकर्ता भी सोचेगा कि जनता तो जुड़ गई जुड़ो। जब कांग्रेस का कार्यकर्ता जुड़ेगा तो नेता भी जुड़ेंगे। पत्रकार : संपत सिंह ने पार्टी छोड़ी। संपत सिंह सहित अन्य नेता हुड्डा को लेकर नाराजगी जता चुके हैं?बिरेंद्र सिंह : क्या मैं भी लगाऊं। हर आदमी की अपनी-अपनी सोच है। सबसे बड़ी कांग्रेस की कमजोरी रही है तो 11 साल कांग्रेस का संगठन नहीं था। जब संगठन नहीं होगा तो बिरेंद्र सिंह भी चौधरी हो जाएगा और भूपेंद्र सिंह भी चौधरी हो जाएगा।इसलिए आज संगठन बना है। नए अध्यक्ष बनाए गए हैं। उनकी टीम बनेगी। जब संगठन होगा तो पार्टी को ऐसी परिस्थिति में नहीं रहना पड़ेगा कि जो पार्टी में है तो वह इसलिए है कि टिकट दे दें तो मैं कांग्रेसी अगर नहीं दें तो मैं कांग्रेसी नहीं। वह परिभाषा खत्म हो जाएगी। पत्रकार : सद्भाव यात्रा कब तक पूरी होगी और क्या बदलाव देखने को मिलेंगे?बिरेंद्र सिंह : सद्भाव यात्रा अप्रैल 2026 के मध्य तक पूरी हो जाएगी। इसमें करीब 7 महीने का समय लगेगा। जिस दिन पूरी होगी, उस दिन देखेंगे कि वह इकट्ठा होकर क्या रूप लेगा। जब वह इकट्ठा होकर रूप देगा तब जो लोग हमारे भाईचारे को तोड़ने की कोशिश करते हैं तो उनके मुंह में जुबान तो होती नहीं, पांव भी नहीं होंगे फिर।फिर ऐसा लगेगा कि हरियाणा के लोग कभी इस तरह के प्रयास को जिससे उन्हें दुख होता हो कि हमारे भाई से भाई को अलग करने की बात हो। उनको इतना बड़ा पाठ पढ़ा देगी हरियाणा की जनता कि दोबारा इस नीति को लेकर सोचेंगे भी नहीं। पत्रकार : सद्भाव यात्रा को लेकर दावा किया कि समापन पर बहुत बड़ी रैली करेंगे। उसको लेकर क्या कहेंगे?बिरेंद्र सिंह : उस दिन देखना कि जन समर्थन क्या होता है। यह नहीं कि अपनी गाड़ियों में बैठाकर अपने आदमियों को लेकर आए। कम से कम 20 हजार तो ऐसे तैयार करेंगे जो कांग्रेस के लिए नया खून युवा जिसमें महिला और परुष शामिल होंगे।वह फौज (टीम) जन भागीदारी को किस हद तक जोड़ सकते हैं, उसकी कल्पना हम आज नहीं कर सकते। जब वे जुड़ेंगे तो देखेंगे कि जन सैलाब किसको बोलते हैं। हम हरियाणा के लिए इकट्ठा रहने का एक हमारा वादा है। जो वादा खिलाफी करेगा, उसको लाइन में लगाना पड़ेगा।
दिल्ली के लाल किले के पास सोमवार शाम करीब 6.52 बजे फोर्ट मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास चलती कार में धमाका हुआ।यह इतना भयानक था कि कई लोगों के लोगों के शव के चीथड़े उड़ गए। सड़क पर किसी का सिर पड़ा था, तो किसी पैर। एक शख्स की लाश कार के ऊपर नजर आई। देखिए इस घटना की 30तस्वीरें... शाम 6.52 बजे हुए ब्लास्ट के तुरंत बाद 11 तस्वीरें... ब्लास्ट की चपेट में आए वाहनों की हालत की 5 तस्वीरें... गृह मंत्री शाह और दिल्ली CM घायलों से मुलाकात की 5 तस्वीरें जहां ब्लास्ट हुआ, वहां चल रही जांच की 8 तस्वीरें ........................................ यह खबर भी पढ़ें....चलती i20 कार के पिछले हिस्से में कैसे हुआ ब्लास्ट: मैप, वीडियो और 3D के जरिए देखिए मिनट-टू-मिनट पूरी कहानी शाम 6.50 बजे का वक्त। दिल्ली के लाल किले से करीब 300 मीटर दूर मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर वन की पार्किंग का इलाका। एक ह्यूंडई i20 कार धीमी गति से आगे बढ़ रही थी। इसमें 3 लोग सवार थे। रेड लाइट के पास कार के पिछले हिस्से में अचानक ब्लास्ट होता है और गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। पूरी खबर पढ़ें...
कुछ दिन पहले चूरू में 5 घंटे के नवजात का गला घोंटकर मां गुड्डी ने ही हत्या कर दी। पिछले साल नीमकाथाना की सुमन ने अपने 20 दिन के बच्चे को मार डाला था। सुमन की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. सरिता पूनिया ने बताया कि मां को पोस्टपार्टम साइकोसिस था। डिलीवरी के 8 दिन बाद उसमें साइकोसिस के लक्षण दिखने लगे थे। डॉक्टरों के अनुसार यह पोस्टपार्टम साइकोसिस का मामला है जो पोस्टपार्टम डिप्रेशन (पीपीडी) की आखिरी स्टेज है। यह गंभीर मेंटल डिसऑर्डर है, जिसमें मां बच्चे को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करती है। हालांकि, हर मामले में ऐसी चरम स्थिति नहीं होती। हर 10 में से 4 प्रसूताएं इसकी शिकार हैं। इसके लक्षणों में चिड़चिड़ापन, एंग्जायटी, बेवजह रोना, भूख नहीं लगना, बच्चे से लगाव न होना शामिल होते हैं। डॉक्टर्स की सलाह है अच्छे पारिवारिक माहौल से इस अनहोनी से बचा जा सकता है। पीड़ित के बच्चे कमजोर होते हैं...गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. वीना आचार्य ने बताया कि पहली बार मां बनने वाली महिलाओं में हॉर्मोनल बदलाव और अनुभव की कमी के कारण पीपीडी अधिक होता है। रिसर्च बताती है कि पीपीडी से गुजर चुकी महिलाओं के बच्चे अक्सर कमजोर और अंडरवेट होते हैं, क्योंकि मां उन्हें ठीक से फीड और देखभाल नहीं कर पाती। भास्कर एक्सपर्ट- डॉ. निशा, पीपीडी काउंसलर डिलीवरी के बाद हो काउंसलिंग, मदर बेबी यूनिट बने डिलीवरी के तुरंत बाद मां की काउंसलिंग होनी चाहिए। प्रसूता की मानसिक स्वास्थ्य के लिए उसी तरह की तात्कालिक कार्यवाही प्रणाली लागू होनी चाहिए, जिस तरह हार्ट अटैक के केस में होती है। सरकार को हर बड़े जिला अस्पताल में मदर–बेबी यूनिट (एमबीयू) स्थापित करना चाहिए। 247 मातृ मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन भी स्थापित की जानी चाहिए। केस 1: दूर फेंक देती थी शिशु को, आत्महत्या का भी प्रयास बाड़मेर की 23 वर्षीय लक्ष्मी पहली बार मां बनी, लेकिन डिलीवरी के तुरंत बाद ही उसमें पोस्टपार्टम साइकोसिस के लक्षण दिखने लगे। वह अक्सर अपने नवजात को दूर फेंक देती थी और कई बार गिरा भी देती थी। वह बेवजह बोलने लग जाती थी। कई बार उसने आत्महत्या का भी प्रयास किया। केस 2: दुलारना तो दूर, बच्चे को देखना तक पसंद नहीं था जयपुर की अनीता को पोस्टपार्टम डिप्रेशन था। वे बताती हैं कि पहला बच्चा होने के बाद भी मुझे अपने बच्चे पर प्यार नहीं आता था। बच्चे को देखना तक पसंद नहीं था, बच्चे को फेंकने की इच्छा होती थी। स्थिति बिगड़ने पर उन्होंने साइकोलॉजिस्ट से सलाह ली और इलाज शुरू किया। केस 3: ऐसा आभास होता था कि बच्चा कह रहा है, मुझे मार दो जयपुर की पिया पहली बार मां बनीं, लेकिन हर वक्त उदास रहती थी। उन्होंने अपने बच्चे को दूध पिलाना और देखभाल करना बंद कर दिया था। हालात इतने बिगड़े कि उन्होंने बच्चे को चोट पहुंचाने की भी कोशिश की। उन्हें भ्रम होता था कि बच्चा उनसे कहा रहा है- मुझे मार दो। यह पोस्टपार्टम साइकोसिस का केस था।
पंजाब में कोल्ड वेव को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। पंजाब के 6 जिलों फिरोजपुर, फरीदकोट, मुक्तसर, फाजिल्का, बठिंडा और मानसा में यलो अलर्ट है। ये अलर्ट अगले 48 घंटों तक जारी रहने वाला है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार अगले 48 घंटों तक राज्य में ठंड बढ़ने वाली है। वहीं, राज्य का न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.7 डिग्री तक कम बना हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार राज्य के अधिकतम तापमान 0.1 डिग्री गिरा है व सामान्य के करीब बना हुआ है। लेकिन सभी शहरों का तापमान जो तकरीबन 30 डिग्री के करीब चल रहे थे, अब वे 26 से 29 डिग्री के बीच दर्ज किए जा रहे हैं। इसके साथ ही राज्य का न्यूनतम तापमान 0.7 डिग्री गिरा है और सामान्य से 2.7 डिग्री तक कम बना हुआ है। फरीदकोट में सबसे कम तापमान 7.2 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, अमृतसर का न्यूनतम तापमान 9.6 डिग्री, लुधियाना का 9 डिग्री, पटियाला का 10.1 डिग्री, बठिंडा का 8 डिग्री, गुरदासपुर का 10 डिग्री और एसबीएस नगर का न्यूनतम तापमान 9.1 डिग्री दर्ज किया गया है। 48 घंटों तक 2 डिग्री तक गिरेगा तापमान पंजाब के तापमान में 48 घंटों तक कोल्ड वेव का असर देखने को मिलेगा। आने वाले इन घंटों में तापमान में 2 डिग्री तक गिरावट देखने को मिल सकती है। लेकिन उसके बाद तापमान में हल्का सुधार होगा और तापमान सामान्य होना शुरू होगा। वहीं, पठानकोट, गुरदासपुर और अमृतसर जिलों में न्यूनतम तापमान 6 से 8 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। जबकि राज्य के अन्य इलाकों में न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। इस स्थिति में उत्तरी और पश्चिमी जिलों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रह सकता है। जबकि अन्य हिस्सों में तापमान सामान्य के करीब रहने की उम्मीद है। पंजाब के प्रमुख शहरों का अनुमानित तापमान-
पीपल्स फॉर एनिमल की प्रेसिडेंट स्वाति गौरव ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों को स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बस स्टैंड से दूर रखने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला “न सिर्फ अनकॉनस्टिट्यूशनल है बल्कि इम्प्रैक्टिकल भी है। स्वाति ने कहा कि पहली बात तो यह है कि किसी भी राज्य सरकार के पास इतनी सुविधाएं या फंड्स नहीं हैं कि वो इतने बड़े स्तर पर आवारा कुत्तों को हटाने या उनके लिए शेल्टर बनाने जैसे फैसले को लागू कर सके। अगर कुत्तों को हटाना है तो पहले कानून में संशोधन लाना होगा और कानून संसद में बनता है, कोर्ट में नहीं। एमपी सरकार खुद 25 हजार करोड़ के कर्ज मेंएमपी सरकार खुद 25 हजार करोड़ के कर्ज में है। ऐसे में जब सरकार लाड़ली बहना जैसी योजनाओं के भुगतान के लिए भी आर्थिक चुनौती झेल रही है, तो क्या वह हजारों कुत्तों के लिए शेल्टर बनवाने का खर्च उठा पाएगी? यह फैसला धरातल से बिल्कुल कटा हुआ है। स्वाति ने सुझाव दिया कि सरकार को इस आदेश को लागू करने से पहले वास्तविकता का आकलन करना चाहिए। “सिर्फ भोपाल में ही करीब दो लाख आवारा कुत्ते हैं। अगर इनमें से एक लाख को भी हटाने की बात होती है, तो करीब पांच हजार शेल्टर की जरूरत पड़ेगी, जो किसी भी राज्य सरकार के लिए असंभव कार्य है।उन्होंने मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव से अपील की कि वे सुप्रीम कोर्ट में जवाब देते समय जमीनी हकीकत को सामने रखें, ताकि न्यायपालिका को भी समझ में आए कि यह आदेश कागज पर तो अच्छा लगता है, पर जमीन पर लागू करना लगभग नामुमकिन है। एमपी में 10 लाख से ज्यादा स्ट्रीट डॉग्सनेशनल हेल्थ मिशन (NHM) की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्यप्रदेश में स्ट्रीट डॉग्स की संख्या 10 लाख 9 हजार से ज्यादा है। इनमें से सबसे ज्यादा कुत्ते इंदौर, भोपाल, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर जैसे शहरी इलाकों में हैं, इन 5 शहरों में ही लगभग 6 लाख से ज्यादा डॉग्स मौजूद हैं। भोपाल में डेढ़ लाख से ज्यादा कुत्ते हैं। साल 2024 में भोपाल 19,285 लोगों को कुत्तों ने काटा, जबकि जनवरी से जून 2025 के बीच 10,795 लोग शिकार बने।इंदौर में 30,304, ग्वालियर में 11,902, जबलपुर में 13,619, उज्जैन में 10,296 और रीवा में 1,131 लोग डॉग बाइट के शिकार हुए। NHM की रिपोर्ट में कहा गया है कि मध्यप्रदेश के 6 शहरों को राष्ट्रीय रेबीज़ नियंत्रण कार्यक्रम में शामिल किया गया है। लक्ष्य है वर्ष 2030 तक राज्य को रैबीज फ्री बनाना। सुप्रीम कोर्ट का आदेश – आवारा कुत्तों और पशुओं पर सख्तीसुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन जैसे सार्वजनिक स्थानों से आवारा कुत्तों और पशुओं को हटाया जाए। कोर्ट ने कहा कि पकड़े गए कुत्तों को दोबारा उसी जगह नहीं छोड़ा जाएगा, बल्कि उन्हें शेल्टर होम में रखा जाएगा।सुप्रीम कोर्ट ने यह मामला 28 जुलाई को खुद संज्ञान में लिया था, जब एक मीडिया रिपोर्ट में दिल्ली में बच्चों को कुत्तों के काटने और रैबीज के मामलों का जिक्र था। अब कोर्ट ने इसका दायरा पूरे देश तक बढ़ा दिया है। अगली सुनवाई 13 जनवरी 2025 को होगी। कोर्ट के 8 अहम निर्देश ये खबर भी पढ़ें...100 मीटर के दायरे में 7 लोगों को काटा, नाबालिग घायलराजधानी में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। गुरुवार 21 अगस्त की शाम गिन्नौरी और उसके आसपास के वार्ड-23 क्षेत्र में लोगों ने ऐसा खौफनाक मंजर देखा कि हर कोई दहशत में है। महज 100 मीटर के दायरे में करीब आधे घंटे के भीतर अलग-अलग जगहों पर 7 लोगों को कुत्तों ने हमला कर घायल कर दिया।पढ़ें पूरी खबर
जमीनों पर कब्जा करने के आरोप में जेल में बंद दीपक जादौन पर किदवई नगर थाने में एक और रिपोर्ट दर्ज हुई है। आरोप है दीपक जादौन समेत 17 लोगों ने प्लॉट पर कब्जा कर 25 लाख रंगदारी मांगी। किदवई नगर पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर जांच में जुट गई है। दिसंबर 2021 में खरीदा था 200 गज का प्लॉट जूही बम्बुरहिया निवासी राजेंद्र बहादुर ने बताया कि 10 दिसंबर 2021 को उन्होंने के ब्लॉक किदवई नगर निवासी सचिन कुमार सिंह से एच टू ब्लॉक में 200 वर्ग गज प्लॉट खरीदा। प्लॉट में बाउंड्री, एक कमरे बनवाने के साथ सबमर्सिबल लगवाया। उधर 17 फरवरी 2024 की रात करीब 11 बजे एम ब्लॉक निवासी राकेश गुप्ता, पत्नी सारिका गुप्ता, दीपक जादौन, बाबूपुरवा निवासी अल्तमश व 10-12 अज्ञात लोग पहुंचे और प्लॉट की बाउंड्री में लगा गेट का ताला तोड़ कर सामान बाहर फेंक दिया। जबकि अंदर रखी निर्माण सामग्री गायब कर दी। मामले की शुरू हुई जांच जानकारी पर राजेंद्र मौके पर पहुंचे तो सभी ने मारपीट करते हुए कहा कि प्लॉट आरोपियों का हो गया है। आरोप है दूसरे दिन पुलिस से शिकायत कर लौटने के दौरान शशांक तिवारी, अल्तमश, सारिका, राकेश ने पिस्टल लगा कर 25 लाख रुपए रंगदारी मांगी। किदवई नगर इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार राम ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है।
आप चंडीगढ़ के दिल्ली की तरफ जाएं तो करनाल के मधुबन में यमुना नहर के किनारे सैकड़ों गाड़ियों खड़ी दिखेंगी। ये वो लोग हैं जो पक्का पुल धाम पर माथा टेकने के लिए रुकते हैं। इनमें हिंदू, मुसलमान समेत सभी मजहबों के लोग होते हैं। आज से नहीं बल्कि अंग्रेजों के जमाने से यह परंपरा है। अब इस धाम पर कब्जे की जंग शुरू हो गई है। वजह, यहां का करोड़ों रुपए का चढ़ावा है। पहले इस धाम की देखरेख ऊंचा समाना पंचायत करती थी। कोरोना काल के दौरान गुपचुप से एक निजी ट्रस्ट बना लिया गया। बिना प्रशासन की अनुमति के बने इस निजी ट्रस्ट को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। गांव ऊंचा समाना के ही रविंद्र कुमार बिट्टू ने जनहित याचिका में कहा कि ट्रस्ट गलत तरीके से बनाया। धाम के चढ़ावा हड़पने के लिए ऐसा किया गया। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस संजीव बेरी की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार की तरफ से जवाब के लिए समय दिए जाने की मांग पर 21 जनवरी 2026 के लिए मामले पर सुनवाई निर्धारित की है। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार से पक्का पूल धाम में चढ़ावे की कथित अनियमितताओं पर जवाब मांगा है। सबसे पहले जानिए, जब अंग्रेजों ने धाम बचाने को GT रोड ही मोड़ दियाआज भी यहां जीटी रोड में टर्नपक्का पुल धाम का लिखित इतिहास तो नहीं मिलता, लेकिन कई कहानियां प्रचलित हैं। लोग बताते हैं कि करीब 200 साल पहले अंग्रेज शेरशाह सूरी राजमार्ग (जीटी रोड) बनाने का काम कर रहे थे। इसी दौरान ऊंचा समाना के पास पुल बार-बार टूट रहा था। बाद में ठेकेदार को सपना आया कि यहां रास्ते में हजरत अली इलाही बख्श की मज़ार है और उसे रास्ता बदलना होगा। बाद में ठेकेदार ने यहां से मोड़ डाला और रास्ता बदला, जिसके बाद पुल का निर्माण सही से होने लगा। ठेकेदार ने ग्रामीणों को इस बात की जानकारी दी, और उन्होंने हजरत अली इलाही बख्श की मज़ार उसी स्थान पर स्थापित कर दी। अब यहां 5 मजारें और देवाओं की मूर्तियां भीबाद में, हजरत अली इलाही के साथ-साथ मोहम्मद अली, बहादुर खान दुर्रानी, सबर अली बोरी और कोसर मल सिंह बावरी की पांच मज़ारें स्थापित की गईं। कुछ साल से यहां हिंदू देवी-देवाओं की प्रतिमाएं व धूना है। इसलिए पक्का पुल धाम हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लिए आस्था का केंद्र है। खासकर हर गुरुवार को यहां भारी भीड़ होती है। ज्येष्ठ और आषाढ़ माह में मेले का आयोजन होता है, जिसमें हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से लोग आते हैं। अब जानिए कैसे एक RTI से हुआ खुलासा... ट्रस्ट को भंग करके प्रशासन नियुक्त करने की मांगजनहित याचिका में मौजूदा ट्रस्ट को भंग करने और धाम की निगरानी के लिए प्रशासक नियुक्त करने की मांग की है। साथ ही नियमों के अनुसार नया ट्रस्ट गठित करने की मांग है। यहां से हर साल साढ़े 3 से चार करोड़ रुपए का ठेका छोड़ा जाता है। यह न केवल लोगों की आस्था के साथ धोखा है बल्कि धार्मिक न्याय संबंधी कानूनों का भी उल्लंघन भी है। वक्फ बोर्ड का दावा-दो बार सुप्रीम कोर्ट से केस जीतेवक्फ बोर्ड करनाल के संपदा अधिकारी फारूख अहमद का कहना है कि वक्फ बोर्ड पक्का पूल को लेकर दो बार सुप्रीम कोर्ट से केस जीत चुका है। कोर्ट में यह साबित भी हो चुका है कि यह जगह वक्फ बोर्ड की है। वक्फ बोर्ड कब्जा लेने का प्रयास कर रहा है, लेकिन बार-बार कोई न कोई अड़चन आ जाती है। कभी लिटिगेशन और ऑब्जेक्शन, तो कभी पुलिस का उपलब्ध न हो पाना। एक्जीक्यूशन पिटिशन के लिए हाईकोर्ट में 7 नवंबर को सुनवाई हुई। फारूख अहमद का कहना है कि जब 2016 में केस जीता था तो उस टाइम तक पक्का पूल का प्रबंधन ग्राम पंचायत करती थी, लेकिन उस समय के सरपंच की टर्म में ही एक पक्का पूल धाम नाम से ट्रस्ट बन गई और प्राइवेट लोगों से बार-बार ऑब्जेक्शन डलवाए गए। इस धाम पर पहले पंचायत ही काबिज थी और उसी से बोर्ड केस जीता है। अब हाईकोर्ट के माध्यम से कब्जा लेंगे।
सिरसा के विवादित हांडी खेड़ा बाबा संजय भगत ने रातों-रात ठिकाना बदल लिया है। अब वह सिरसा की बजाय राजस्थान में दरबार लगाएगा। भगत संजय हांडी खेड़ा दरबार से सामान गाड़ी में लोड कर राजस्थान में ले गया। सामान ले जाने के बाद संजय भगत ने सोशल मीडिया पर वीडियो भी जारी किया। अब हांडी खेड़ा दरबार में एंट्री गेट के पास से छोटा टैंट उखाड़ लिया गया है। मेन शेड के अंदर गद्दी और अन्य सामान भी रात में उठा लिया गया। इस दौरान खुद भगत संजय गद्दी एवं सामान उठाते दिखा। साथ में उनके सेवादार भी थे, जो गाड़ी में सामान रखवा रहे थे। इसका ग्रामीणों ने वीडियो बना लिया और कुछ देर बाद वायरल हो गया। ग्रामीणों में महेंद्र सिंह, विक्रम और जय सिंह का आरोप है कि संजय भगत गांव में झाड़-फूंक के नाम पर पाखंड फैला रहा था। झाड़ा लगाने के नाम पर लोगों से सरसों का तेल और पैसे लिए जा रहे थे। इससे गांव की छवि खराब हो रही थी। जब झाड़े का असर नहीं होता था तो लोग यहां पैसे वापस लेने के लिए गांव में आते थे। बाबा उस वक्त विवादों में घिर गया था, जब इलाज के नाम पर एक महिला के स्तन दबाने की वीडियो वायरल हुई थी। हालांकि संजय भगत ने इस पर सफाई दी थी कि महिला को छाती में दर्द था और झाड़ा लगाने के बाद आराम मिल गया था अब डेरा शिफ्ट करने के बारे में पूछने के लिए दैनिक भास्कर एप टीम ने संजय भगत को लगातार मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई। वीडियो जारी कर बाबा बोला-दरबार का मंदिर बनने जा रहाहांडी खेड़ा दरबार के बाबा संजय भगत ने वीडियो जारी कर कहा है कि राजस्थान के बीकानेर जिले में अरजनसर शहर के पास असरारासर रोड है। असरारासर गांव में दो किलोमीटर पहले ही हांडी खेड़ा दरबार लगेगा। अब वहीं पर दरबार लगेगा। दरबार का स्थान और दरबार का मंदिर बनने जा रहा है। मंदिर का काम चल रहा है और सेवादार जुटे हुए हैं। जो भी माता-बहनें दरबार में आना चाहती है, वो यहां आ सकती हैं। सिरसा और आसपास में नहीं बनी बातग्रामीणों के अनुसार, भगत संजय पहले हांडी खेड़ा गांव से सिरसा में आसपास में ही दरबार बनाना चाहता था। मगर वो बात नहीं बन सकी। भगत संजय ने अपनी रिश्तेदारी में भी सपंर्क साधा था। यह भी चर्चा थी कि सिरसा सिविल अस्पताल के सामने लंगर लगने वाली जगह पर दरबार को शिफ्ट किया जाएगा। गांव में विरोध के बाद बाहरी ओर बनाया था दरबारहांडी खेड़ा गांव में ग्रामीणों के लगातार विरोध के चलते दरबार को बाहरी ओर बनाया गया था। शुरू में भगत संजय अपने घर पर ही मंदिर बनाकर झाड़-फूंक का काम करता था। बाहर से आने वाले लोगों के चलते गांव की गलियों में आवाजाही अधिक होने लगा और गली में जाम लगने लगा। इस पर गली-मोहल्ले के लोगों ने एतराज जताया। इसके बाद उसे गांव के बाहरी ओर दरबार को शिफ्ट कर दिया। गांव के ही एक व्यक्ति की तीन कनाल भूमि ठेके पर ली थी। बाद में गांव में झाड़ा लगवाने वालों की एक्टिविटी ज्यादा बढ़ गई। ग्रामीणों का विरोध बढ़ गया और गांव के एंट्री प्वाइंट पर झाड़े वाले दिन पहरा लगाना शुरू कर दिया। गांव में जितने लोग गाड़ी या बाइक से झाड़ा लगवाने आते, उनको गांव वाले बाबा के पाखंड बारे में जानकारी देकर उनको वापस भेज देते। झाड़ा लगाने के नाम पर पैसे देने वाले लोग आए थे सामनेइस बीच कुछ ऐसे लोग भी सामने आए, जिन्होंने भगत संजय को झाड़ा लगाने के नाम पर ठीक करने के लिए पैसे दिए हुए थे। किसी ने तेल, हवन के लिए घी और 15 से 20 हजार रुपए दिए हुए थे। जब झाड़ा का असर नहीं हुआ तो उनको ठगी होने का शक हुआ। इस मामले में ग्रामीणों ने सदर थाना पुलिस को शिकायत भी दी थी। जिस पर पुलिस बाबा को पूछताछ के लिए भी लेकर गई थी। अब जानिए, कौन है हांडी खेड़ा बाबा, क्यों विवादों में आया... तीन धंधे बदले, फिर गायब हुआ और बना बाबा गांव हांडीखेड़ा के महेंद्र व विक्की बताते हैं कि 30 साल का संजय तीन भाइयों में मंझला है। करीब 10 साल पहले खेतीबाड़ी करता था। खेती छोड़ हेयर ड्रेसर का काम सीखा। फिर कुछ दिन बाद कबाड़ी का भी काम करने लगा। उसके बाद किराना की दुकान शुरू की। फिर अचानक दुकान बंद करके कहीं बाहर चला गया। 9 साल पहले संजय की शादी हुई। उसकी खुद की कोई औलाद नहीं है। दो साल पहले झाड़-फूंक का काम शुरू कियाग्रामीण जय सिंह, भालाराम बताते हैं कि दो साल पहले संजय जब गांव लौटा तो कहा कि उसने अपने गुरु का नाम लिया है। उसके बाद अपने घर में ही बाबा बनकर झाड़ फूंक का काम शुरू किया। सोशल मीडिया से जुड़े लोगों को साथ लगाया। ये लोग बाबा के चमत्कार का गुणगान करने की वीडियो बनाकर वायरल करने लगे। यह वीडियो देख लोगों की भीड़ बढ़ती चली। कभी बर्फ के पानी की सिल्ली तो कभी धूनों के बीच बैठाग्रामीण बताते हैं-संजय ने साल भर पहले साधना के नाम पर नए-नए कारनामे करने शुरू कर दिए। कभी बर्फ की सिल्लियों या बर्फ के पानी के बीच बैठ जाता, तो कभी अपने चारों तरफ आगे के धूने लगाकर उसमें रमता। खुद को बर्फानी बाबा कहलाता। मोर पंख से झाड़ा शुरू किया, नशा छुड़ाने का दावासंजय दावा करने लगा कि उसके झाड़े से सब दोष दूर होंगे। पहले मोर पंख से झाड़ा लगाता था। बाद में उस मोर पंख पर लाल रंग का कपड़ा लपेटकर झाड़ा लगाने लगा। गांव में नशेड़ी लोग झाड़ा लगवाने आने लगे। संजय भगत पहले घर पर ही सप्ताह में दो दिन झाड़ फूंक का काम करता था। नशा छुड़ाने, बीमारी भगाने, शादी कराने के दावेग्रामीणों का आरोप है कि बाबा संजय लोगों से बीमारी ठीक करने, नशा छुड़वाने, शादी करवाने, घर-कामकाज में दोष दूर करने के नाम पर झाड़ फूंक करता है। ग्रामीणों की पुलिस को सौंपी शिकायत के मुताबिक कई लोगों से झाड़ा लगाकर सरसों का तेल और हजारों रुपए ठग चुका है। पहले सवा लीटर तेल का चढ़ावा लेता था। मगर अब लोगों के घरों में भी पूजा के लिए जाता है। उनसे 11-21 और 31 हजार रुपए तक भी वसूलता है।
पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) में सीनेट चुनाव की तारीख घोषित किए जाने की मांग को लेकर छात्र संगठनों की तरफ से अब पक्का मोर्चा लगा दिया गया है। इससे पहले सोमवार को पीयू में माहौल तनावपूर्ण हो गया। यूनिवर्सिटी के इतिहास में पहली बार सारे छात्र संगठनों के अलावा किसान यूनियन, मुलाजिम यूनियन व धार्मिक संस्थाओं के लोग शामिल हुए। स्टूडेंट्स और लोग PU के गेट तोड़कर धरना स्थल तक पहुंच गए। पुलिस ने बैरिकेडिंग तोड़ने वाले प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। प्रदर्शन में करीब 17 लोगों के आईफोन चोरी हुए। इस दौरान 70 के करीब लोगों को राउंडअप किया गया, जबकि डीएसपी व इंस्पेक्टर समेत पांच लोग घायल हुए हैं। प्रदर्शन की वजह से पीयू के आसपास के लोग ही नहीं, बल्कि चंडीगढ़, मोहाली और पंचकूला के लोग आफत में आ गए। पांच मिनट का सफर तय करने में लोगों को एक घंटे तक का समय लगा। जीरकपुर-अंबाला हाईवे पर जाम की स्थिति बनी रही। चंडीगढ़ पुलिस के 2 जवान तैनात, 12 जगह नाके चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में 10 नवंबर को बड़ा प्रदर्शन करने का ऐलान छात्रों की तरफ से किया गया था। चंडीगढ़ पुलिस 2 दिनों से इस प्रदर्शन में बाहरी लोगों की एंट्री रोकने की स्ट्रेटेजी बनाने में जुटी थी। रविवार शाम को ही 2 हजार मुलाजिम पूरे इलाके में तैनात कर दिए गए थे। 12 जगह स्पेशल नाके लगाए गए थे। इसके बाद भी प्रदर्शनकारी पीयू के गेट नंबर एक को दो बार तोड़कर यूनिवर्सिटी में दाखिल हुए। एक बार तो मौके पर खुद एसएसपी कंवरपाल कौर मौजूद थीं। उन्होंने स्टूडेंट्स को समझाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। स्ट्रेटजी से मिली कामयाबीछात्र संगठनों ने पूरी रणनीति के साथ यह प्रदर्शन शुरू किया। इसमें सारी यूनियन शामिल हो गईं। धार्मिक स्थानों से बाकायदा अनाउंसमेंट हुई। वहीं, मामला पंजाब यूनिवर्सिटी से जुड़ा होने के चलते हर वर्ग इसमें शामिल हो गया, जिससे परेशानी उठानी पड़ी। सुबह से ही स्टूडेंट्स और यूनियनों के नेता चंडीगढ़ पहुंचना शुरू हो गए थे। बसों और ऑटो से पहुंचे यूनिवर्सिटीचंडीगढ़ पुलिस की तरफ से सख्ती थी, ऐसे में लोगों ने चंडीगढ़ आने के लिए ऑटो व बसों को चुना। वे सीधे ही यूनिवर्सिटी गेट पर पहुंचे। दोपहर 11 बजे जैसे ही धरना स्थल पर अरदास हुई, उसके बाद लोगों ने पीयू में एंट्री की कोशिश की। इस दौरान उन्होंने पीयू के नंबर एक गेट के ताले पत्थरों से तोड़े। इसके बाद वे आगे दाखिल हुए। घंटों लोग हुए परेशानचंडीगढ़ के प्रदर्शन की वजह से मोहाली का ट्रैफिक सिस्टम पूरी तरह से फेल हो गया। बॉर्डर पर आवाजाही रोक दी गई। सड़कों पर ट्रैफिक रेंग गया। स्कूलों ने पेरेंट्स को मैसेज भेज दिए, लेकिन कई बच्चे शाम साढ़े छह बजे तक नहीं पहुंच पाए। इस प्रदर्शन में कई अन्य संगठन शामिल हुए --------------------- चंडीगढ़ PU में स्टूडेंट्स का प्रदर्शन:गेट तोड़ यूनिवर्सिटी में घुसे, पुलिस ने लाठीचार्ज किया; किसानों ने बैरिकेड तोड़ा, कैंपस में पक्का मोर्चा लगाया चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट इलेक्शन की तारीख अनाउंस करने की मांग को लेकर सोमवार को बवाल हुआ। किसानों ने स्टूडेंट्स के साथ मिलकर मोहाली-चंडीगढ़ बॉर्डर आने-जाने वाली सारी सड़कें जाम कर दीं। इस वजह से बच्चों को स्कूल से लाने वाले पेरेंट्स भी फंस गए। (पूरी खबर पढ़ें)
दिल्ली 14 साल बाद एक बार फिर धमाके से दहल गई। लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास चलती कार में सोमवार शाम 6.52 बजे जोरदार धमाका हुआ। इसमें 2 महिलाएं समेत 9 लोगों की मौत हो गई और 24 घायल हैं। मरने वालों की उम्र 21 से 58 साल के बीच है। इनमें से दो शवों की पहचान हो सकी है। धमाके में लोग बुरी तरह जल गए या कुछ के शरीर के टुकड़ों में दूर-दूर तक बिखर गए। ब्लास्ट कार के पिछले हिस्से में हुआ। इसकी आवाज एक किमी तक सुनाई दी। धमाके से आसपास खड़ी 6 कारें, 2 ई-रिक्शा और 1 ऑटो जल गए। पुलिस के मुताबिक जिस कार में धमाका हुआ उसमें तीन लोग थे। कार हरियाणा के गुरुग्राम में सलमान के नाम पर रजिस्टर्ड थी। पुलिस ने सलमान को हिरासत में ले लिया है। सलमान ने कार पुलवामा के तारिक को बेची थी। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। सुरक्षा एजेंसियां ने आत्मघाती हमले के एंगल से भी जांच शुरू कर दी है। मौके से आरडीएक्स के सबूत नहीं मिले हैं। दिल्ली, मुंबई समेत सभी बड़े शहरों और राज्यों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। राजधानी में आखिरी बार बड़ा धमाका 7 सितंबर 2011 को हुआ था। इसमें 11 लोगों की जान गई थी। मैप से समझिए धमाके की लोकेशन हादसे के बाद की 5 तस्वीरें... डॉक्टर बोले- शवों पर काले निशान नहीं एक अधिकारी ने बताया कि घायलों के शरीर पर छर्रे या स्प्लिंटर की चोटें नहीं हैं, जो आमतौर पर बम धमाके में मिलती हैं। वहीं, शवों की जांच करने वाले एलएनजेपी अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि आमतौर पर आईईडी विस्फोट में मृतकों के शरीर काले पड़ जाते हैं, लेकिन इस धमाके में ऐसा नहीं दिखा है। अब 2 ग्राफिक्स में देखें धमाके की टाइमलाइन और दिल्ली में 20 साल में कब-कब हुए धमाके... दिल्ली धमाके से जुड़े पल-पल के अपडेट जानने के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए...
हरियाणा के नारनौल में आज नेशनल हाईवे नंबर 148 बी के साथ-साथ आज देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय एकता और अखंडता का संदेश जन-जन तक पहुंचाने के लिए 'सरदार@150 एकता मार्च' के तहत एक विशाल पदयात्रा आयोजित की जाएगी। इस कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर वासुदेव यादव ने बताया कि इस कार्यक्रम में विधायक ओम प्रकाश यादव मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह पदयात्रा कादीपुर से शुरू होकर सेका होते हुए मंढाणा में समाप्त होगी। इस प्रकार महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल और नांगल चौधरी विधानसभा के गांव शामिल होंगे। साथ चलेगी एम्बुलेंस उन्होंने बताया कि इसमें जिले भर से बड़ी संख्या में नागरिक, युवा स्वयंसेवक और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि भागीदारी करेंगे। उन्होंने कहा कि यह मार्च महज एक कार्यक्रम नहीं बल्कि राष्ट्रीय भावना का प्रतीक है। स्वास्थ्य विभाग को यात्रा के दौरान पर्याप्त चिकित्सा दल, प्राथमिक उपचार किट और एम्बुलेंस की उपलब्धता रहेगी। सात किलोमीटर चलेगी यात्रा उन्होंने बताया कि यात्रा सुबह 8 बजे शुरू होगी और 7 किलोमीटर तक पैदल चलकर करीब 10 बजे यात्रा का समापन किया जाएगा। इस यात्रा के स्वागत के लिए जगह-जगह तोरण द्वार भी लगाए गए हैं। वहीं फूल मालाओं से भी यात्रा का स्वागत होगा।
दिल्ली से सटे फरीदाबाद के धौज व फतेहपुर तगा इलाके में दो घरों से 2900 किलो विस्फोटक मिलने के मामले की तहें खुलने लगी हैं। यह पूरी साजिश 'व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल' का हिस्सा है। जिसमें समाज के ऐसे चेहरों का इस्तेमाल होता है, जिन पर आमतौर पर शक नहीं किया जा सकता। जैसे इस मामले में डॉक्टर। केस में डॉ. आदिल अहमद राठर, डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई उर्फ मुजम्मिल शकील और लेडी डॉक्टर शाहीन शाहिद की गिरफ्तारी की पुलिस पुष्टि कर चुकी है। तीनों ही डॉक्टरों के तार फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। बताया जा रहा है कि यह यूनिवर्सिटी गल्फ फंडिंग से बनी है। घटना के बाद से यूनिवर्सिटी की ओर से कोई सार्वजनिक बयान नहीं आया है। यूनिवर्सिटी में मीडिया की एंट्री पर रोक लगा दी गई। प्रारंभिक जांच में पुलिस का कहना है कि राजधानी दिल्ली को दहलाने की साजिश रची जा रही थी। पाकिस्तान के आतंकी मॉड्यूल ने यहां के धौज और फतेहपुर तगा गांवों में दो अलग-अलग किराए के मकानों से करीब 2900 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, असॉल्ट राइफलें, पिस्टल, कारतूस, 20 टाइमर, रिमोट कंट्रोल, वॉकी-टॉकी सेट और आईईडी बनाने का अन्य सामान पहुंचाया। यह विस्फोटक इतनी खतरनाक थी कि इससे 400-450 शक्तिशाली IED बनाकर दिल्ली-NCR को दहलाया जा सकता था। तीन साल से अल-फलाह यूनिवर्सिटी जुड़ासहारनपुर से अरेस्ट डॉ. आदिल अहमद राठर ने फरीदाबाद के धौज में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के लेक्चरर डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई (उर्फ मुजम्मिल शकील) का नाम उगला, तो जम्मू कश्मीर पुलिस ने रेड की। मुजम्मिल पिछले तीन साल से फरीदाबाद में रह रहा था और धौज इलाके में अकेला कमरा किराए पर लिया था। इसी कमरे में उसने तबाही का सामान एकत्र कर रखा था। पहले RDX का शक थाशुरुआत में RDX की आशंका थी, लेकिन फोरेंसिक जांच में अमोनियम नाइट्रेट की पुष्टि हुई। बाद में मुजम्मिल की निशानदेही पर फतेहपुर तगा गांव में मस्जिद के मौलाना इस्तियाक के घर से अतिरिक्त 2563 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ, जिसे दिहाड़ी मजदूरों के घर में छिपाया गया था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक अमोनियम नाइट्रेट की खेप मुजम्मिल को गिरफ्तारी से करीब 15 दिन पहले भेजी गई थी, जिसका मकसद बड़े आतंकी षड्यंत्र के तहत आईईडी असेंबल करना था। लेडी डॉक्टर की एंट्री से नया ट्विस्टलखनऊ की लेडी डॉक्टर शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया गया है। वह अल-फलाह यूनिवर्सिटी की सहायक प्रोफेसर बताई जा रही है और मुख्य आरोपी डॉ. मुजम्मिल शकील की सहयोगी व कथित गर्लफ्रेंड है। शाहीन लखनऊ के लालबाग इलाके की निवासी है। उनकी हरियाणा रजिस्टर्ड स्विफ्ट डिजायर कार को डॉ. मुजम्मिल नियमित इस्तेमाल करता था। पुलिस के अनुसार, शाहीन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवत-उल-हिंद (AGuH) से जुड़े 'व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल' का हिस्सा थीं। वह लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान करती थीं, जैसे विस्फोटक ट्रांसपोर्ट और हथियार छिपाना। उनकी गिरफ्तारी डॉ. मुजम्मिल और डॉ. आदिल अहमद राथर की पूछताछ से मिले क्लू पर हुई। शाहीन को हवाई जहाज से श्रीनगर ले जाया गया, जहां कस्टोडियल इंटरॉगेशन जारी है। उनकी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शंस और मैसेजेस की जांच हो रही है। वह इस मॉड्यूल की आठवीं सदस्य है। मॉड्यूल दिल्ली-एनसीआर में बड़े हमलों की साजिश रच रहा था। पुलिस ने शाहीन को आतंकी नेटवर्क की अहम कड़ी बताया, जो प्रोफेशनल्स की आड़ में काम कर रही थीं। धौज के जिस घर में विस्फोटक मिला वो बिल्डिंग मैटेरियल विक्रेता काधौज गांव में रविवार से ही पुलिस हलचल शुरू हो गई थी। सोमवार सुबह घरों को फिर से खंगालना शुरू किया गया। इसके बाद तो पूरा इलाका ही छावनी में बदल गया। दैनिक भास्कर एप की टीम ने आसपास के लोगों से बात की। कुछ ने कैमरे पर न आने की शर्त पर बताया कि धौज में जिस घर से विस्फोटक मिला है, यहां कुछ दिन पहले ही नया किरायेदार आना बताया गया। यहां सामान के बैग आए थे। अकसर स्विफ्ट कार आती थी। धौज गांव में जहां से कल जो समान बरामद हुआ है वो घर इकबाल नाम के व्यक्ति का है, जो गांव में बिल्डिंग मटेरियल बजरी, सीमेंट, बालू बेचने का काम करता है। फतेहपुर तगा में 2500 रुपए किराए पर लिए थे पुराने कमरेफतेहपुर तगा के जिस घर से 2900 किलो विस्फोटक मिला वो मेवात के किसी इमाम का है। जो काफी समय पहले बना था। इमाम ने घर करीब चार साल पहले खरीदा था। जिसमे चार कमरे बने हुए हैं। एक कमरा जिसमे दो गेट हैं एक बाहर की तरह ओर एक अंदर की तरह बाहर का कमरा लिया हुआ था। उसी को अपना स्टोर बनाया हुआ था। उसमें एक चूल्हा व एक खाली सिलेंडर भी मिला है। जानकारी में पता चला है कि कमरे 2500 रुपए किराये में दिए थे। कमरे के किराया भी करीब 6-7 महीने से नहीं दिया था।जहां यह कमरा है, वहां आसपास मजदूर ही रहते हैं। ऐसे में सामान आने-जाने का किसी को शक नहीं रहता था। आसपास रहने वाले कुछ लोगों ने बताया कि यहां पुलिस की टीम पिकअप में काफी सामान लाद कर ले गई। पुलिस ने मौलाना को सुबह ही हिरासत में लिया। हालांकि शाम को उसे छोड़ दिया गया। 15 दिन से चल रहा था जॉइंट ऑपरेशनफरीदाबाद पुलिस कमिश्नर सतेंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि 15 दिनों से चल रहे संयुक्त ऑपरेशन में मुजम्मिल को गिरफ्तार किया गया। धौज में उसके किराए के मकान से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट (आठ बड़े और चार छोटे सूटकेस में छिपा), एक क्रिंकोव असॉल्ट राइफल, दो पिस्टल, 84 कारतूस, 20 टाइमर-बैटरी, रिमोट, वॉकी-टॉकी और वायरिंग बरामद हुई। अल-फलाह ट्रस्ट 28 साल से कॉलेज चला रहा थाअल-फलाह विश्वविद्यालय की स्थापना हरियाणा निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) अधिनियम, 2014 के तहत अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा की गई थी। यह ट्रस्ट 1997 से परिसर में कॉलेज चला रहा था और इसे 2014 में एक निजी विश्वविद्यालय का दर्जा मिला। अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट ने 1997 में अल फलाह स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना की थी। 2014 में, हरियाणा विधानसभा ने अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट की एक पहल के रूप में अल-फलाह विश्वविद्यालय को एक निजी विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करने के लिए अधिनियम पारित किया। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें :- आतंकी कनेक्शन में यूपी-हरियाणा से 3 डॉक्टर अरेस्ट:लखनऊ से महिला डॉक्टर गिरफ्तार, उसकी कार से AK–47 राइफल मिली जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हरियाणा के फरीदाबाद से लखनऊ तक अभियान चलाकर 2900kg विस्फोटक (संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट) जब्त किया है। इस कार्रवाई में फरीदाबाद से डॉक्टर मुजम्मिल शकील और लखनऊ से महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद को गिरफ्तार किया गया है। पढ़ें पूरी खबर...

