यह महंगाई नहीं, नग्न बाजारवाद का बेशर्म परीक्षण है!
जब आपूर्ति कम होती है तो बाजार में चीजें दिखाई नहीं पड़ती हैं और उनकी कालाबाजारी होती है
भाजपा के सर्वोच्च रणनीतिकार माने जाने वाले, अमित शाह ऐलान कर चुके थे कि उनका गठजोड़ बिहार का चुनाव और उससे अगले चरण में कम से कम असम तथा प. बंगाल का चुनाव भी, किस मुद्दे के आसरे लड़ने जा रहा है
ललित सुरजन की कलम से - नेहरू बनाम पटेल क्यों?
'एक अन्य आरोप बार-बार लगाया जाता है कि नेहरू-गांधी परिवार के शासनकाल में सरदार पटेल और नेताजी जैसे शीर्ष नेताओं की जानबूझ कर उपेक्षा की गई क्योंकि वे नेहरूजी के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी थे
1999 से अस्तित्व में आया जनता दल यूनाइटेड अब कब तक कायम रह पाएगा, उसका भविष्य क्या होगा
बुर्का पहनकर खेलने के दावे से बांग्लादेशी क्रिकेटरों की फर्जी तस्वीर वायरल
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से छेड़छाड़ की गई है.
ट्रैक्टर मालिकों के सामने नई चुनौतियां
भारत में ट्रैक्टर की वास्तविक उत्पादन लागत उसकी बिक्री कीमत के 40-७० प्रतिशत के बीच होती है
भारत के डिजिटल अतिक्रमण पर नीति आयोग की चेतावनी को गंभीरता से लेने की ज़रूरत
अधिकांश परिपक्व कर प्रणालियों में, डिजिटल ऑडिट में सहयोग न करने पर प्रशासनिक जुर्माना लगता है, जेल नहीं
युद्ध और शांति के खेल में नोबेल
वैश्विक राजनीति में किस तरह नोबेल पुरस्कार जैसे प्रतिष्ठित सम्मान की आड़ में नए खेल रचे जा रहे हैं
ललित सुरजन की कलम से—विकलांग चेतना का दौर
'सब जानते हैं शास्त्रीजी की मृत्यु ताशकंद में हुई थी। यह भी कोई छुपी बात नहीं है कि शास्त्रीजी को दिल की बीमारी थी।
इतिहास की पुनरावृत्ति, तालिबान से मित्रता विदेशमंत्री जसवंत सिंह
अमेरिकी साम्राज्यवाद ने पाकिस्तान के सहयोग से इस्लामिक कट्टरपंथियों को हथियारबंद करके और भलीभांति प्रशिक्षित कर तालिबान को तैयार किया, वामपंथी सरकार
नफरत ही खाना, नफरत ही पीना, नफरत रोज बढ़ाना: जय भाजपा!
अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री की दिल्ली में हुई प्रेस कान्फ्रेंस में केवल पुरुष पत्रकार जाएंगे इस पर मोदी सरकार को कोई आपत्ति नहीं हुई।
जातिवाद का जहर और दलित उत्पीड़न
आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की पत्नी ने उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया था।
छंटनी के साए में कैसे होगा व्यवसायों का विकास
भारत के आईटी सेवा क्षेत्र में एक स्टार परफॉर्मर रहा है। इसने अनुभवहीन इंजीनियरों को अनुभवी पेशेवरों में बदल दिया है
बिजली के लिए बेशर्मी : एक रुपये एकड़ में अडानी को जमीन
भागलपुर ज़िले के पीरपैंती क्षेत्र की 1,050 एकड़ भूमि को 'अडानी पावर' को 33 वर्षों के लिए मात्र एक रुपये प्रति एकड़ वार्षिक किराए पर देने का निर्णय बिहार में एक बड़ा राजनीतिक सवाल बन चुका है
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस : स्वस्थ तन में होता हैं स्वस्थ मन का निवास
भारत के संविधान का अनुच्छेद 21 किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं करता है
ललित सुरजन की कलम से - राजनीति में वंचित समाज के लिए जगह कहाँ?
'यदि तर्क के लिए मान लिया जाए कि आदिवासी अथवा वंचित समाज के नेताओं में काबिलियत का अभाव है तो सवाल उठता है कि इस स्थिति को सुधारने के लिए उनकी पार्टी ने क्या किया
बागराम एयरबेस पर नई कूटनीति: भारत-तालिबान की नज़दीकी से बदलेगा क्षेत्रीय समीकरण
तालिबान के विदेश मंत्री अमीर ख़ान मुत्ताक़ी का भारत आना अपने आप में बड़ी खबर है
उत्तरप्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा की मुखिया बहन मायावती ने गुरुवार को खुद अपनी साख पर बड़ा बट्टा लगा लिया। मायावती कांग्रेस और समाजवादी पार्टी पर तो लगातार निशाना लगाती ही हैं
मुंबई में सड़क धंसने की घटना के दावे से वायरल वीडियो थाइलैंड का है
बूम ने पाया कि यह वीडियो बैंकॉक की राजधानी थाईलैंड का एक है. इसका भारत से कोई संबंध नहीं है.
बिहार में बीजेपी के विरोध के दावे से इंडोनेशिया में हुए प्रदर्शन का वीडियो वायरल
बूम ने पाया कि यह वीडियो 25 अगस्त 2025 को इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में हुए एक विरोध प्रदर्शन का है, इसका भारत से कोई संबंध नहीं है.
एक करोड़ सब्सक्राइबर्स वाला डीबी लाइव और सार्थक पत्रकारिता
देशबन्धु समूह के सहयोगी उपक्रम डीबी लाइव के यूट्यूब पर सब्सक्राइबर्स की संख्या एक करोड़ के पार हो गई है
ललित सुरजन की कलम से - विपक्ष : आत्ममंथन का समय
'भारतीय जनता पार्टी की विजय के बाद कांग्रेस व कुछ अन्य दलों ने अपनी हार पर आत्ममंथन करना प्रारंभ कर दिया है
बिहार चुनाव: कुशवाहा समाज को धमकाने के दावे से प्रशांत किशोर का एडिटेड वीडियो वायरल
बूम ने जांच में पाया कि मूल वीडियो में प्रशांत किशोर कुशवाहा समाज के लिए नहीं बल्कि भ्रष्ट नेताओं और अफसरों को चेतावनी देते हुए कह रहे थे कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो ऐसे लोगों की खैर नहीं है.
फ्री मोबाइल रिचार्ज का ऑफर! जानिए त्योहारों में कैसे हो रहा है स्कैम
सोशल मीडिया पर अलग-अलग अवसरों पर फ्री मोबाइल रिचार्ज मिलने का वादा करके लोगों के साथ स्कैम किया जा रहा है.
आजादी के संघर्ष में संघ की भूमिका और मोदी का झूठ
स्वतंत्रता आंदोलन और संघ-1
बिहार चुनाव : भाजपा-राजद का कृष्णपक्ष, जदयू-कांग्रेस का शुक्लपक्ष
बीस साल से बिहार में राज्य कर रहे नीतीश कुमार जब हड़बड़ी में पटना मेट्रो का उद्घाटन कर रहे थे
ललित सुरजन की कलम से - संसद की सर्वोच्चता कायम रखने की जरूरत
'मेरा सदैव से मानना रहा है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था सिर्फ कानून से नहीं चलती, जबकि हमारी विडंबना यह है कि कुछ भी गड़बड़ होने पर हम तुरंत एक नया कानून बनाने की मांग करने लगते हैं
लोकतंत्र को कुचलने में गोडसे का रवैया
देश में दलितों को अधिकारसंपन्न होते देख सवर्णों का एक बड़ा तबका किस कदर आहत है
बरेली में पुलिस एक्शन के बाद मुस्लिमों के शहर छोड़कर जाने के दावे से पुराना वीडियो वायरल
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो बरेली में अगस्त 2025 में आयोजित उर्स-ए-रजवी के समापन के बाद बरेली जंक्शन पर जुटी भीड़ का है.
दो दिनों में फैले आरएसएस के शताब्दी वर्ष के केंद्रीय आयोजनों ने जितने बलपूर्वक उसके बुनियादी तौर पर एक राजनीतिक संगठन और वर्तमान सत्ता की राजनीति करने वाला संगठन होने की सचाई को उजागर किया है
ललित सुरजन की कलम से - राजनीति के नए रंग
'भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट बहुमत के साथ केन्द्र में तथा आम आदमी पार्टी को अभूतपूर्व बहुमत के साथ दिल्ली में मतदाताओं ने इस भावना के साथ विजय दिलवाई थी कि ये सरकारें लोकहित में बिना किसी अनुचित दबाव के काम कर सकेंगी
मुख्य न्यायाधीश पर हमला, संयोग या प्रयोग
सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय के भीतर एक ऐसी घटना हुई, जिसकी कल्पना भी कभी नहीं की गई होगी
अभिनेत्री रानी मुखर्जी के राजदीप सरदेसाई को डांटने का दावा गलत, वीडियो क्रॉप्ड है
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो इंडिया टुडे कॉन्क्लेव मुंबई में मर्दानी फिल्म के सीन को रीक्रिएट किए जाने का है.
फैक्ट चेक : ADC लेह ने गृह मंत्री के आदेश पर वांगचुक को हिरासत में लेने बात नहीं कही थी
बूम ने पाया कि एडीसी लेह का डीपफेक वीडियो बनाकर गलत दावा किया गया है.
2015 की तरह इस बार भी बिहार में आरक्षण सबसे बड़ा मुद्दा
बिहार चुनाव की घोषणा होने वाली है। वहां यह मुद्दा सबसे बड़ा बनने जा रहा है। सोशल मीडिया पर इसकी शुरुआत हो गई है
अयोध्या और काशी पर बवाल भारत के लिए अशुभ
न्यायिक निर्णय, खासकर उच्च न्यायपालिका के, सूक्ष्म बारीकियों के साथ गढ़े जाते हैं ताकि 'धुएं के परदे' की तरह काम करने वाले खुरदुरे पहलुओं को छिपाया जा सके
ललित सुरजन की कलम से - आप किसे वोट देंगे?
'जब राजनीति व्यक्ति केंद्रित हो जाए तो विचारों की बलि अपने आप चढ़ जाती है। हमें चारों दिशाओं में एक भी ऐसा नेता दिखाई नहीं देता जो मीडिया को अपने अंगूठे के नीचे न रखना चाहता हो
गांधी पाठकों से प्राप्त होने वाले पत्रों को न केवल समाचार पत्र में स्थान देते वरन पाठकों के पत्रों के आधार पर समाचार पत्र में अपना दृष्टिकोण स्पष्ट करने के लिए आलेख भी लिखते थे।
राजनीति से प्रेरित है गांधी से नफरत का अभियान
— डा. सुदर्शन अयंगर अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा गांधीजी ने जाति आधारित हिंसा के खिलाफ स्पष्ट और संरचनात्मक दोनों तरह से बिताया। दलितों को संवैधानिक अधिकार दिलाने के संघर्ष का नेतृत्व करने वाले डॉ. बीआर अंबेडकर के साथ अपने तीखे मतभेदों के बावजूद लोगों के दिलो-दिमाग से अस्पृश्यता को दूर करने के अपने अभियान को गांधीजी ने जारी रखा था। संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर 'अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस' के रूप में घोषित किया है। दुनिया ने गांधी को शांति के दूत के रूप में मान्यता दी है। अहिंसा और शांति के वैश्विक प्रतीक के रूप में गांधी के सम्मान में कुल 102 देशों ने उनकी प्रतिमाएं स्थापित की हैं। वे पिछली दो सहस्राब्दियों में जन्म लेने वाले 10 उत्कृष्ट व्यक्तित्वों में से एक हैं जिनके बारे में सबसे अधिक लिखा गया है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि, 'गांधीजी एक वैश्विक प्रतीक हैं और अहमदाबाद में उनके निवास साबरमती आश्रम को एक विश्व स्तरीय स्मारक में बदल दिया जाएगा।' 1200 करोड़ रुपये की इस महत्वाकांक्षी योजना पर काम चल रहा है। भारत का शीर्ष नेतृत्व गांधीजी को छोड़ने का जोखिम नहीं उठा सकता। यह स्पष्ट रूप से समझा जाता है कि गांधीजी भारत का वैश्विक चेहरा हैं। इसलिए उनका निरतंर उल्लेख किया जाना जारी है। प्रधानमंत्री ने नवंबर, 2014 से सितंबर, 2025 तक विदेशी संसदों में दिए 17 भाषणों में से 6 में महात्मा गांधी का सीधे उल्लेख किया है। उन्होंने कई अन्य अवसरों पर अप्रत्यक्ष रूप से गांधीजी का उल्लेख किया है। उन्होंने बापू को अंतरराष्ट्रीय ब्रांडिंग के लिए इस्तेमाल किया है। स्थिरता और समानता के बारे में बात करते हुए उन्होंने गांधी के मूलभूत सिद्धांतों का उल्लेख किया है। मोदी के अंतरराष्ट्रीय भाषणों में अक्सर गांधी के 'वसुधैव कुटुम्बकम' के संदेश का उल्लेख होता है। उनके राजनयिक उद्देश्यों में यह संदेश उनकी अच्छी मदद कर रहा है। उन्होंने देश में भी 2 अक्टूबर, 2014 को 'स्वच्छ भारत अभियान' की शुरुआत की। हाल ही में वे स्वदेशी पर मुखर रहे हैं। प्रतीकवाद अपने चरम पर है। दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल-3 में चेक-इन सेक्शन में प्रवेश करते हुए कोई भी व्यक्ति एक विशाल चरखा देख सकता है। यह हस्तचालित चरखा बर्मा सागौन से बना है और इसका वजन चार टन है। द्वार 4 और 5 के बीच चरखे के नीचे स्थापित पट्टिका में गांधीजी के योगदान का स्पष्ट रूप से उल्लेख है। स्थापना के अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा था-'चरखा आईजीआई हवाई अड्डे पर यात्रियों को भारत की कालातीत विरासत तथा स्थिरता और सद्भाव के मूल्यों की याद दिलाने का काम करेगा और इसी उद्देश्य से इसे बनाया गया है।' उन्होंने देश के नागरिकों से खादी को अपनाने की अपील की है। दुनिया के किसी भी कोने से आने वाला यात्री अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 'गांधीजी के पदचिह्न' नामक एक छोटी सी प्रदर्शनी को देखने का अवसर नहीं छोड़ता है। इसके बावजूद जिस देश में वे पैदा हुए, रहे और अपना बलिदान दिया, वहां उनके खिलाफ पिछले 25 वर्षों के दौरान एक घृणा अभियान तेज हो गया है। गांधी नफरत करने लायक व्यक्ति बन गए हैं। मुसलमानों के प्रति उनके कथित पक्षपात के लिए उनसे नफरत की जाती है। अस्पृश्यता को दूर करने के लिए उनके 15 साल के अथक प्रयत्नों का मजाक उड़ाया जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल और नेताजी सुभाषचंद्र बोस की अनदेखी करने के लिए उनकी निंदा की जाती है। भगत सिंह की फांसी के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया है। देश के स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान हाशिए पर है। बोस द्वारा उन्हें दी गई 'राष्ट्रपिता' की उपाधि का उपहास उड़ाया जाता है। सोशल मीडिया ने हम भारतीयों के मन में गांधी की छवि को नष्ट कर दिया है। 'गांधी का गुजरात' आज एक बुरा शब्द है। जहरीली नफ़रत के साथ प्रकट और छिपी हुई हिंसा ने लोगों के दिलो-दिमाग पर कब्जा कर लिया है। कट्टरपंथी हिंदू भीड़ बेहिचक आगे बढ़ रही है और कानून के रक्षक भी उन पर विशेष रोक-टोक नहीं करते। यह जानकर दुख होता है कि कट्टरपंथियों की भीड़ नवरात्रि गरबा महोत्सव के आयोजकों से कड़ी पूछताछ करती है कि मुसलमानों को कितने पास और टिकट जारी किए गए हैं। एक तरफ गरबा नृत्य चल रहा है तो उसी समय भीड़ मुस्लिम प्रतिभागियों की जांच करती है। इस साल की शुरुआत में राजनीतिक रैलियों, धार्मिक जुलूसों, विरोध मार्च और सांस्कृतिक समारोहों जैसे कार्यक्रमों में हुए भाषणों में अभद्र भाषा के उपयोग की संख्या बढ़ी है। 2024 में 1,165 मामले सामने आए जबकि एक साल पहले इनकी संख्या 668 थी । रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल चुनाव अभियान के दौरान नफ़रत फैलाने वाले भाषण चरम पर थे। अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा गांधीजी ने जाति आधारित हिंसा के खिलाफ स्पष्ट और संरचनात्मक दोनों तरह से बिताया। दलितों को संवैधानिक अधिकार दिलाने के संघर्ष का नेतृत्व करने वाले डॉ. बीआर अंबेडकर के साथ अपने तीखे मतभेदों के बावजूद लोगों के दिलो-दिमाग से अस्पृश्यता को दूर करने के अपने अभियान को गांधीजी ने जारी रखा था। क्या अंबेडकर और गांधी दोनों के प्रयासों को हम भारतीय विफल नहीं कर रहे हैं? 2025 में भी तथाकथित उच्च और श्रेष्ठ जाति के लोगों ने दलितों का अपमान करने, निंदा करने, शोषण, बलात्कार, घायल करने और मारने का कोई मौका नहीं छोड़ा। गांधी के प्रति नफ़रत का अभियान सुनियोजित और राजनीति से प्रेरित है। इस तरह के प्रायोजित हमले के पीछे का दिमाग धोखेबाज है। जातिगत मानसिकता पूरी तरह से खेल खेलती है। नफ़रत करने वाले लोग भारत में मुसलमानों को 'सबसे निचली जाति' बनाना चाहते हैं जिसे समाज में हलके दर्जे के काम करने के लिए मजबूर किया जाए। ये तत्व चाहते हैं कि उन्हें गरीबी और दरिद्रता में सड़ना और दबाव में आकर इस देश को छोड़ देना चाहिए। हम भारत के नागरिक क्या इस बात को समझते हैं कि हम नफ़रत, निंदा व भेदभाव कर, चोट पहुंचाकर और हत्या करके दुश्मनी का माहौल बना रहे हैं? कोई भी प्रत्यक्ष, छिपी हुई और संरचनात्मक हिंसा मजबूत भावनाओं और कड़वाहट को जन्म देती है जो हिंसा की जड़ है। हमें समझना चाहिए कि जब किसी वर्ग को निशाना बनाया जाता है और उसका बहिष्कार किया जाता है तथा जब लोग सीधे तौर पर व राज्य धोखे से यह खेल खेलते हैं, तो पीड़ित समूह नाराज होकर बदला लेने पर उतारू हो जाता है। ऐसे समुदायों में रोटी कमाने वालों को उचित अवसर नहीं दिए जाते। वे ऐसी मुश्किल या कठिन परिस्थितियों में डाल दिए जाते हैं जहां से उनके पास निकलने का कोई विकल्प नहीं रह जाता। यह परिस्थिति नफ़रत और हिंसा के एक नए चक्र को जन्म दे सकती है जो भारत को बर्बाद कर देगी। अहिंसा के वैश्विक प्रतीक महात्मा गांधी ने जाति आधारित हिंसा को समाप्त करने और हिंदू-मुस्लिम एकता को बढ़ावा देने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। फिर भी आधुनिक भारत में उनकी विरासत को षड्यंत्रपूर्वक रचे घृणा अभियानों के माध्यम से बदनामी का सामना करना पड़ता है। अस्पृश्यता को मिटाने और समानता को बढ़ावा देने के उनके प्रयासों के बावजूद 2025 में भी दलितों और मुसलमानों को भेदभाव, शोषण और हिंसा का सामना करना पड़ रहा है जो गांधी और डॉ. अंबेडकर दोनों के दृष्टिकोण को धोखा दे रहा है। सामाजिक और राजनीतिक ताकतें अल्पसंख्यकों को हाशिए पर डाल देती हैं, बहिष्कार एवं प्रतिरोध के माध्यम से उन्हें 'सबसे निचली जाति' के रूप में मानती हैं जिससे दुश्मनी और संभावित प्रतिशोध का माहौल पैदा होता है। सत्य, अहिंसा और वैश्विक एकता पर जोर देने वाले गांधी के सत्याग्रह के दर्शन ने दुनिया भर के आंदोलनों को प्रेरित किया लेकिन संकीर्ण लाभ के लिए इतिहास को तोड़-मरोड़कर पेश करने वालों से भारत को खतरा है। गांधी की 156वीं जयंती पर भारत को नफ़रत को अस्वीकार करना चाहिए, अंतरधार्मिक संवाद को अपनाना चाहिए और अलगाव को दूर करने तथा शांतिपूर्ण भविष्य को सुरक्षित करने के लिए न्याय को बनाए रखना चाहिए। (लेखक महात्मा गांधी द्वारा 1920 में स्थापित गुजरात विद्यापीठ के पूर्व कुलपति हैं। सिंडिकेट: द बिलियन प्रेस)
बाढ़ की समस्या का मुकाबला कैसे करें?
कई बांध व बड़े जलाशयों में नदियों को मोड़ दिया जाता है, उससे नदी ही मर जाती है। नदियां बांध दी जाती हैं।
गांधीजी के आलोचकों ने प्रगतिशीलता को लेकर उनके मूल्यांकन में कठोर शब्दों का प्रयोग किया है
पश्चिम एशिया में बदलते समीकरण: नई दोस्तियां और नयी चुनौतियां
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह से दुनिया भर में टैरिफ युद्ध छेड़ा, उसके बाद कोई देश भी ये दावा करने की स्थिति में नहीं है कि वह अमेरिका का स्थायी दोस्त है
ललित सुरजन की कलम से - विश्व राजनीति के दो संकेत
जिस यूरोप के अनेक देशों ने अतीत में उपनिवेश स्थापित किए थे, दूसरे देशों को गुलाम बनाया था
कांग्रेस की परीक्षा में फेल हुआ संघ
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने विजयादशमी पर नागपुर के रेशम बाग स्थित मुख्यालय में अपना शताब्दी समारोह मनाया
नहीं बदला साल में औसतन दो-तीन पत्रकारों की हत्या का तथ्य
पत्रकारिता को लेकर एक घुटन भरी स्थिति बनती जा रही है। एक तरफ सरकार की चाटुकारिता करने वाले पत्रकार हैं
ललित सुरजन की कलम से - माधवराव सप्रे
यह निबंध प्रथमत: 1907 में प्रकाशित हुआ था और मेरे लिए यह विस्मयजनक था कि सौ वर्ष पूर्व इस विषय पर कोई लेख लिखा जा सकता था
संघ के सौ साल पर प्रधानमंत्री की स्वीकारोक्ति
इस साल 15 अगस्त को लालकिले से भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की खुल कर सराहना की थी
'यूपी पुलिस लट्ठ बजाओ...' राजस्थान के जुलूस का एडिटेड वीडियो सांप्रदायिक दावे से वायरल
बूम ने पाया कि यह वीडियो 25 सितंबर 2025 की रात को राजस्थान के जयपुर में एक स्थानीय नेता नरेश मीणा के समर्थकों द्वारा निकाले गए मशाल जुलूस का है, जिसे एडिट भी किया गया है.
प्रचार वाहन से बीजेपी के फ्लेक्स फाड़ने का वीडियो लोकसभा चुनाव 2024 का है
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान हरियाणा के सोनीपत का है. इसका वोट चोर, गद्दी छोड़ नारे से कोई संबंध नहीं है.
ललित सुरजन की कलम से- रक्षा सौदों का सच
'राजनीतिक दलों से प्राथमिकता: उम्मीद की जाती है कि वे अपनी नीतियां और सिद्धांत लेकर जनता के बीच में जाएंगे
छठ ऐसा पर्व है जिसमें कुछ भी कृत्रिम नहीं होता और वह पुरोहित और पोथी के सहारे चलने वाला पर्व नहीं है
जब गांधी ने 125 वर्ष तक जीने की इच्छा त्याग दी थी!
पिछले एक-डेढ़ दशक से इस संगठन ने देश में सांप्रदायिक और जातीय विद्वेष का माहौल लगभग उसी तरह का बना दिया गया है
ट्रंप ने तय कर लिया फिलिस्तीन का भविष्य
बीते दो साल से फिलीस्तीन में चल रहे नरसंहार के खत्म होने के दिन करीब आते दिख रहे हैं
एशिया कप में मिली हार के बाद पाकिस्तानी फैंस के तोड़फोड़ के दावे से पुराना वीडियो वायरल
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो एशिया कप 2022 का है, जहां पाकिस्तान से मैच हारने के बाद अफगानी फैंस ने शारजाह क्रिकेट स्टेडियम में तोड़फोड़ की थी.
Fact check: क्या सोनम वांगचुक ने कहा कि लद्दाख में नेपाल की तरह बदलाव आएगा, जानें सच
बूम ने सोनम वांगचुक के 10 सितंबर 2025 को लेह में दिए 35 मिनट के इस पूरे भाषण को देखा और पाया कि उन्होंने लद्दाखी भाषा में कहीं भी हिंसा भड़काने वाला कोई उत्तेजकबयाननहींदिया.
अखंड भारत का नाम, खंडित करने का काम
लद्दाख के हाल के घटनाक्रम ने इस सच्चाई को आंखें खोलने वाले तरीके से सामने ला दिया है कि आरएसएस-भाजपा नाम भले अखंड भारत का लेते हों, वास्तव में काम भारत को खंडित करने का ही करते हैं
भारत विभाजन पर एनसीईआरटी के नए मॉड्यूल में सांप्रदायिकता समर्थक सामग्री और झूठ
कक्षा 6 से 8 तक के लिए मॉड्यूल या पठन सामग्री, जैसा कि उन्हें वर्गीकृत किया गया है, की विषय-वस्तु 'विभाजन' के लिए ज़िम्मेदार लोगों को 'विभाजन के अपराधी' के रूप में वर्णित करती है
ललित सुरजन की कलम से - मानसरोवर यात्रा पर राहुल
'पंडित नेहरू और उनके लगभग सभी साथी- सहयोगी भी स्वतंत्र भारत में इन जनतांत्रिक विश्वासों को पुष्ट करना चाहते थे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जिस कुर्सी पर वे बैठे हैं, जिस महान देश की सत्ता इस समय वो संभाल रहे हैं, उसकी जिम्मेदारी का रत्ती भर एहसास भी उन्हें नहीं हैं
बरेली प्रदर्शन में गिरफ्तारी के बाद तौकीर रजा ने नहीं की योगी की तारीफ
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो जून 2022 का है. इसका बरेली में हालिया विरोध प्रदर्शन और तौकीर रजा की गिरफ्तारी से कोई संबंध नहीं है.
ललित सुरजन की कलम से - आडंबर के विरुद्ध
'1994 के अंत या 1995 की शुरूआत में 'हम आपके हैं कौन' फिल्म आई थी।
कांग्रेस सवा सौ साल की बुढ़िया: सौ साल से संघ के पास यही नफरत की पुड़िया!
संघ को पहली बार बाहर आते हुए 1977 में देखा। लोकसभा चुनाव जीत जाने के बाद और फिर मध्य प्रदेश में विधानसभा भी जीत जाने पर।
देश में एक बार फिर भगदड़ की घटना ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है। शनिवार को तमिलनाडु के करूर में टीवीके की रैली थी,
चीन को भारत में घुसने का रास्ता दिखाने की बात सोनम वांगचुक ने नहीं कही
सोनम वांगचुक के 18 माह पुराने वीडियो को संदर्भ से काटकर शेयर किया जा रहा है, असल में वांगचुक एक स्थानीय कॉमेडियन के कथन को सामने रख रहे थे.
प्रकृति की इस विशालता पर इतना भरोसा और साथियों को हौसला बढ़ाते देखना, जुबीन की हर परफ़ॉर्मेंस में झलकता था
पत्रकारों पर सरकारी और कॉर्पोरेट दबाव का विरोध करना लोकतंत्र के लिए बड़ा काम
जिला न्यायालय ने अपने काम के लिए दंडित हुए पत्रकारों और वेबसाइटों की बात सुने बिना ही एकतरफा आदेश पारित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी
विकल्प खोजने वाले विचारक : किशन पटनायक
हाल के वर्षों में वैकल्पिक राजनीति का शब्द का इस्तेमाल काफी हो रहा है। इसके सूत्रधार किशन पटनायक ही थे
कितने कारगर हैं लोकतंत्र, मार्क्सवाद और धर्म?
नेपाल में हाल में जो घटनाक्रम हुआ उससे लगता है कि लोकतंत्र भी आम लोगों की समस्याओं को हल करने में सफल नहीं है
उच्च जीएसटी भारत के खनिज तेल अन्वेषण को नुकसान पहुंचाएगा
तेल एवं गैस अन्वेषण पर जीएसटी दर में अचानक भारी वृद्धि का निर्णय काफी आश्चर्यजनक है और गलत संकेत देता है
परीक्षा घोटाले में फिर फंसी भाजपा
भाजपा शासन में एक बार फिर परीक्षाओं में धांधली से परेशान छात्र सड़कों पर उतरे हैं
चुनाव जीतने में मोदी की मदद करता है हिंदुस्तान, राहुल गांधी का बयान एडिटेड है
बूम ने पाया कि मूल वीडियो में राहुल गांधी कह रहे हैं कि वोट चोरी में नरेंद्र मोदी और अमित शाह की मदद हिंदुस्तान का इलेक्शन कमिशन करता है.
'I Love Muhammad': कानपुर पुलिस की जिस FIR को लेकर हुआ विवाद, उसमें क्या है
बारावफात के मौके पर 'आई लव मोहम्मद' के बैनर को लेकर विवाद के पीछे की मुख्य वजह कानपुर पुलिस की एक एफआईआर है. जानिए इसमें क्या कहा गया है-
अमेरिका में सत्तारुढ़ रिपब्लिकन पार्टी के नेता अलेक्जेंडर डंकन ने टेक्सास में लगी भगवान हनुमान की प्रतिमा पर विवादित बयान दिया है
जाति आधारित राजनीतिक रैलियों पर प्रतिबंध से उ.प्र. में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी
उत्तर प्रदेश कांग्रेस नेता अनिल यादव ने कहा, 'बाबा साहेब अंबेडकर ने न्याय की अवधारणा पर आधारित एक समतावादी समाज का आह्वान किया था
ललित सुरजन की कलम से - मैगी बात सिर्फ इतनी नहीं है
अब यात्राएं करना पहिले की अपेक्षा अत्यन्त सुगम है तथा सूचनाओं व वस्तुओं के विनिमय में भी अभूतपूर्व तेजी आ गई है
लद्दाख की शांति भंग, कसूरवार कौन?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की नाकामी का एक और बड़ा उदाहरण बुधवार को लद्दाख से सामने आया
ललित सुरजन की कलम से- विश्व चेतना के कवि मुक्तिबोध
'बीसवीं सदी ने हमारे समूचे जीवन को प्रभावित ही नहीं किया, बल्कि कई तरह से बदल भी दिया। ये जो बदलाव आए इनके ब्यौरे इतिहास की पुस्तकों में उपलब्ध हैं।
जाति ही गिनोगे तो जातिवाद से मरोगे
असल में जाति का अपना गणित है जो काल और स्थितियों से निरपेक्ष नहीं है। कई सारी जातियों का धंधा आज है ही नहीं।
अपने देश की रक्षा करना एक बात है। लेकिन इसके लिए 60 हज़ार नागरिकों को मारना, अस्पताल पर बम गिराना और भूखे बच्चों को मौत के मुंह में झोंकना जायज नहीं है।
जीएसटी सुधार से स्वदेशी तक : सब पाखंड ही पाखंड
नरेंद्र मोदी और उनकी भाजपा तथा संघ परिवार ने एक बार फिर यह साबित किया है कि वे हिटलर के प्रचारमंत्री, गोयबल्स के इस सिद्घांत के पक्के अनुयाई हैं कि सौ बार झूठ बोलो और बड़ा झूठ बोलो, तो लोगों से कुछ भी सच मनवाया जा सकता है
विशेष गहन पुनरीक्षण: केरल चुनाव आयोग के एजंडे का विरोध करेगा
केरल ने राज्य में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के चुनाव आयोग के कदम का कड़ा विरोध करने का फैसला किया है
ललित सुरजन की कलम से - छोटे राज्य व अन्य इकाइयां
'देश में निर्वाचित सांसदों और विधायकों के ऊपर भी जनप्रतिनिधि का भार लगातार बढ़ रहा है
भाजपा की देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की सनक और उसी दिशा में काम करती मोदी सरकार की संकुचित सोच ने किस कदर देश और समाज को नुकसान पहुंचाया है
सिंगर जुबीन गर्ग के आखिरी वीडियो के दावे से असंबंधित वीडियो वायरल
बूम ने पाया कि वीडियो एक प्रोफेशनल फ्रीडाइवर का है, जो समुद्र में 78 मीटर गहराई तक डाइव करने के बाद ऊपर आते समय बेहोश हो गए थे. इसका जुबीन गर्ग के निधन से कोई संबंध नहीं है.
ट्रंप ने टैरिफ के बाद वीजा शुल्क बढ़ाया : मोदी कुछ भी नहीं रोक पा रहे!
जब नया नया सोशल मीडिया आया था तो लोग वहां हैप्पी बर्थ डे के मैसेज पाकर खुश हो जाते थे। केक फूल शैम्पेन की इमोजी देखकर खुद को मशहूर हस्ती समझने लगते थे
गांधीजी की लंगोटी : सादगी से स्वराज तक
भारतीय समाज में पगड़ी सम्मान का प्रतीक मानी जाती थी और नंगे सिर रहना शोक का चिह्न, किंतु गांधीजी ने यह दिखाया कि असली गरिमा वस्त्रों में नहीं, बल्कि सादगी और विनम्रता में है
ललित सुरजन की कलम से - यदि भ्रष्टाचार रावण तो राम कहाँ ?
'यह बात हम जानते हैं कि रावण का निवास सोने की लंका में था। यदि भ्रष्टाचार से लड़ना है तो सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि यह सोने की लंका कहां है
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री एक-दूसरे के गहरे मित्र होने का दावा करते हैं
दोहा पर किया हमला बढ़ायेगा इज़रायल की मुसीबतें
यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का भी व्यक्तिगत अपमान था क्योंकि उन्होंने इस साल मई में 1200 अरब डॉलर मूल्य के अमेरिका-कतर आर्थिक समझौते पर हस्ताक्षर करते समय इस समझौते को 'ऐतिहासिक' बताया था