राय और ब्लॉग्स / बूमलाइव
बूम ने जांच में पाया कि पीएम मोदी के समर्थन में लारा दत्ता के बयान वाले ग्राफिक में अलग से आपत्तिजनक लाइनें जोड़ी गई हैं.
बूम ने पाया कि न्यूज 18 की वीडियो क्लिप पिछले साल जुलाई 2023 की है जब केरल में मुस्लिम लीग की रैली में कथित रूप से हिंदू विरोधी नारे लगे थे.
बूम ने पाया कि असल में यह वीडियो गुजरात के भावनगर का है. 2022 में भावनगर के तत्कालीन डीएम डीके पारेख ने ट्वीट कर धोखाधड़ी के दावे का खंडन किया था.
बूम ने जांच में पाया कि वीडियो साल 2022 का है. उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान AAP ने सीएम धामी पर पैसे बांटने का आरोप लगाया था.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो को एडिट कर उसमें अलग से एक ऑडियो जोड़ा गया है.
'कर्ली टेल्स' के इंस्टाग्राम हैंडल पर तस्वीर से संबंधित एक वीडियो के कैप्शन में बताया गया कि राम नवमी के मौके पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने 'शा
बूम ने पाया कि मूल तस्वीर नवंबर 2014 की है, जब उन्होंने अपनी सुरक्षा के संबंध में जानकारी हासिल करने के लिए मेहसाणा में एक आरटीआई आवेदन दायर किया था.
बूम को रांची पुलिस ने बताया कि इस घटना में किसी भी तरह का कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है, हिंदू और मुसलमान दोनों समुदाय के जिन घरों की छत पर जो कुछ निर्
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो आंध्र प्रदेश के गोरंटला गांव में आयोजित एक वार्षिक ईसाई उत्सव का है.
बूम ने पाया कि वीडियो आमिर खान के एआई वॉयस क्लोन का इस्तेमाल करके बनाया गया है. मूल वीडियो 2014 का है, जिसमें वह अपने शो 'सत्यमेव जयते' के एक एपिसोड क
बूम ने पाया कि यह 2023 के मिलाद-उन-नबी के जुलुस का वीडियो है. हैदराबाद के टैंक बांध में निकाले गए इस जुलूस के हाथों दिख रहे हरे झंडे पाकिस्तानी झंडे न
बूम ने अपनी जांच में पाया कि मूल वीडियो में पीएम मोदी ने संविधान को बदलने की बात नहीं की है. अधूरे वीडियो कोे गलत दावे से शेयर किया जा रहा है.
बूम को पीलीभीत में बीजेपी जिला अध्यक्ष संजीव प्रताप सिंह ने बताया कि पीएम मोदी ने स्नेहपूर्वक योगी आदित्यनाथ का हाथ पकड़कर पीछे के बजाय आगे से जाने को
बूम ने पाया की मूल वीडियो में राहुल गांधी केरल के वायानड सीट से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन भर रहे हैं. उनके इस वीडियो में इस्तीफे की घोषणा वाली आवाज,
दैनिक भास्कर के राष्ट्रीय संपादक एलपी पंत ने ट्विट कर बताया कि दैनिक भास्कर ने ऐसा कोई सर्वे नहीं करवाया है. भास्कर मास्टहेड का इस्तेमाल कर फर्जी सर्व
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो पाकिस्तान में पीपुल्स पार्टी की एक रैली का है. यह भाजपा से संबंधित नहीं है.
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो हिमाचल प्रदेश के गवास में इसी साल जनवरी में आयोजित शांत महायज्ञ में जुटी भीड़ का वीडियो है.
बूम ने अपनी जांंच में पाया कि वायरल वीडियो 2017 का है, तब मांडविया केंद्र सरकार में परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री थे.
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर 2016 की है, जब केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ के दिलकुशा गार्डन स्थित दरगाह हजरत कासिम में 20 जून 2016 को आयोजित इफ्तार
बूम ने पाया कि चंद्रशेखर का वायरल बयान जनवरी 2022 का है. तब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले थे.
बूम ने पाया कि गृहमंत्री अमित शाह का यह भाषण अप्रैल 2019 का है, जब वह उत्तर प्रदेश के कासंगज में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे.
बूम ने कार्यक्रम के वीडियो में पाया कि लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न प्रदान करने के बाद द्रौपदी मुर्मू कुर्सी पर बैठ गई थीं.
सोशल मीडिया पर पीली जर्सी पहने सड़क पर भीड़ की एक तस्वीर वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि यह आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यम
बूम को सोसाइटी की प्रबंधन समिति ने बताया कि यह उसमें रहने वाले लोगों को सतर्क करने के लिए जारी किया गया एक नोटिस था.
बूम ने पाया कि प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे लोग एक अलग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) संगठन से हैं. बूम को इसके संस्थापक और अध्यक्ष जनार्दन मून ने बताया
बूम ने वायरल वीडियो में दिख रही महिलाओं में से एक से बात की, उन्होंने बूम को बताया कि यह वीडियो दिल्ली मेट्रो कार के अंदर शूट किया गया था.
कांग्रेस नेता अजय माकन का वीडियो अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की वजह बताने के दावे से वायरल है. बूम ने पाया कि वायरल वीडियो पुराना है.
सोशल मीडिया पर वायरल 'दि न्यूयॉर्क टाइम्स' के नाम वाली पेपर कटिंग एडिटेड है. 'दि न्यूयॉर्क टाइम्स' ने ऐसी कोई भी तस्वीर या रिपोर्ट पब्लिश नहीं की है.