जॉब्स / वूमेंस वेब
मुझे उम्मीद है कि लोगों को अब एहसास होगा कि ‘घर’ से भी काम किया जा सकता है क्यूंकि काम तो काम होता है और घर हो या ऑफिस, ये तो बस स्थान मात्र हैं। अनुव
हम महिलाएं, घर और बाहर की जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाती हैं, मगर तब भी अगर घर या ऑफिस में एक दिन का भी अवकाश मांग लें तो शंका का पात्र बन जाती हैं। पि
लम्बे अंतराल के बाद जॉब की शुरुआत करने के लिए इन स्ट्रैटेजीज़ को अपना कर आप बेहद जल्द अपने आप को एक बार फिर कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ती पाएंगी। जीवन में कभ
पर जिंदगी में राहें कभी खत्म नहीं हुआ करतीं, हर अंधेरे के बाद एक नई रोशनी अवश्य ही जन्म लेती है, मेरे सपने ने जीवन की प्रकाश रूपी राह चुन ली है। वो अन
मैं काॅरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के खिलाफ नहीं हूँ, लेकिन यदि आप अपनी सहकर्मी महिला के बच्चे की बेहतर देखभाल के बारे में अच्छा नहीं सोचते तो यह दिख
जॉब के हेक्टिक शेड्यूल के बाद घर की देख-रेख करना मुश्किल लगता है, लेकिन अगर सब सिस्टेमेटिक तरीके से किया जाए तो ये कुछ आसान हो सकता है। एक महिला होने
कर्तव्य कर्मा संस्था से जुड़ी हुई महिलाओं को सिर उठाकर समाज में जीने का हक हासिल हुआ है। वो स्वावलंबी हुई औरउनको अपनी पहचान बनाने का मौका भी मिला। दुन
‘मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट’ बेहद सराहनीय है, पर, इसकी ग्राउंड रियलिटी अभी थोड़ी अलग है। इसका कुछ व्यापक असर हो, यह बहुत ज़रूरी है | मातृत्व लाभ अधिनियम(मैटर