Lok Sabha Chunav 2024 2nd Phase LIVE: राहुल गांधी, हेमा मालिनी समेत 1200 से ज्यादा उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज मनी कंट्रोल Lok Sabha Election 2024 Live Updates दूसरे चरण में 88 सीटों पर मतदान 1206 प्रत्याशी मैदान में इन दिग्गजों की किस्मत दांव पर - Lok Sabha Election 2024 Phase 2 Voting Live Updates For Uttar Pradesh Bihar Rajasthan Madhya P दैनिक जागरण (Dainik Jagran) दूसरे चरण में कुल 88 सीटों पर होगा मतदान, दिल्ली से सटे इलाकों के वोटर क्यों हैं नाराज?...देखें चुनाव दिनभर में बड़े पॉलिटिकल अपडेट्स Aaj Tak MP में दूसरे चरण में 6 लोकसभा सीटों पर वोटिंग: जिनके घर शादी, उन्हें पहले मत डालने का मौका; 51 हजार से ज्या... Dainik Bhaskar
IPL 2024 Points Table: आरसीबी को महीने बाद मिली जीत से भी नहीं हुआ फायदा, एसआरएच टॉप-4 में बरकरार
IPL 2024 Points Table After SRH vs RCB Match- रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने आईपीएल 2024 के 41वें मैच में सनराइजर्स हैदराबाद को 35 रनों से धूल चटाई। इस जीत के बावजूद टीम सबसे नीचे 10वें पायदान पर है।
‘शर्त तोड़ी तो वॉट्सऐप खत्म हो जाएगा’; मेटा ने दिल्ली हाईकोर्ट में क्यों कही यह बात
वॉट्सऐप (WhatsApp) ने सूचना प्रौद्योगिकी नियम 2021 को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। वॉट्सऐप की ओर से पेश वकील ने कहा कि दुनिया में कहीं और ऐसा कोई नियम नहीं है।
'सैफई परिवार ने यादवों की राजनीति को किया खत्म'
यादवों की राजनीति को सैफई परिवार ने खत्म कर दिया। पहले प्रदेश में 10 से 15 यादव सांसद होते थे
'LG ने जो कारण बताया है...'; दिल्ली में महापौर-उपमहापौर चुनाव टलने पर 'आप' और भाजपा में बढ़ा टकराव
दिल्ली में गुरुवार को महापौर और उपमहापौर चुनाव टलते ही सियासी टकराव बढ़ गया। आम आदमी पार्टी (आप) ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने हार के डर से चुनाव स्थगित कराया है।
वोटिंग के लिए जल्दी निकलें... दिल्ली-NCR में आज 40 डिग्री को छू सकता है तापमान
Delhi Weather Today: दिल्ली-एनसीआर में सुहाने मौसम का आनंद ले रहे लोगों को झटका लग सकता है। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में आज वोटिंग है। ऐसे में लोगों को सुबह जल्दी वोट डालने की सलाह है।
संयुक्त राष्ट्र में खाद्य-कृषि संगठन के मुख्य अर्थशास्त्री मैक्सिमो टोरेरो ने कहा, 2016 में वैश्विक रिपोर्ट जारी करने की शुरुआत के मुकाबले भूख से तड़पने वालों की यह संख्या अब तक सर्वाधिक है।
Delhi-NCR Weather : सावधान! दिल्ली-एनसीआर में आज फिर आंधी-बारिश के आसार, येलो अलर्ट जारी
दिल्ली- एनसीआर में आज एक बार फिर मौसम करवट ले सकता है। एनसीआर के कई इलाकों में शुक्रवारशाम तेज हवाओं के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने इसको लेकर येलो अलर्ट जारी किया है।
Aaj Ka Rashifal 26 April 2024: आज नए काम शुरू करने के लिए उत्तम दिन, लाभ ही लाभ होगा
Aaj Ka Rashifal 26 April 2024: परिवार में अपनों का सहयोग मिलेगा। मान सम्मान में बढ़ोतरी होगी।
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 राज्यों की 89 सीटों पर वोटिंग आज, 1202 उम्मीदवार मैदान में
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए आज 13 राज्यों की 89 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। चुनाव आयोग की तरफ से वोटिंग को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होगा। चुनाव आयोग ने गर्मी को देखते हुए मतदान के समय को बढ़ा दिया है।
पूर्व इंडियन हॉकी कैप्टन प्रबोध टिर्की ने कांग्रेस छोड़ने के कुछ दिनों बाद थामा BJP का दामन
प्रबोध टिर्की को कांग्रेस ने सुंदरगढ़ जिले की तलसारा विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था, लेकिन बाद में पार्टी ने उनका नामांकन वापस ले लिया और उनकी जगह देवेंद्र भिटारिया को उम्मीदवार बनाया है.
आज से नामांकन, मुंबई की 3 सीटों पर अब तक प्रत्याशी घोषित नहीं, महायुति में टेंशन!
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव का पहला चरण हो चुका है। दूसरा चरण अब शुक्रवार को है। शुक्रवार से ही मुंबई की सीटों पर नामांकन भी शुरू हो जाएगा। इधर महायुति में अब तक सीट बंटवारे का मामला फंसा हुआ है। बीजेपी और एकनाथ शिंदे की सेना के बीच यह विवाद निपट नहीं पाया है।
तारीख: 14 अप्रैल, दिन: रविवार, वक्त: दोपहर के 12:40 बजे, जगह: लाहौर का इस्लामपुरा इस्लामपुरा की एक गली में आमिर सरफराज का घर है। बाइक से आए दो लोग आमिर के घर के सामने रुक गए। एक ने हेलमेट पहना था और दूसरे ने नकाब। घर का गेट खुला था, इसलिए दोनों सीधे अंदर चले गए। आमिर घर की दूसरी मंजिल पर मौजूद था। बाइक से आए दोनों लोगों ने उसे तीन गोलियां मारीं और फरार हो गए। आमिर पाकिस्तान की जेल में बंद सरबजीत सिंह के मर्डर में आरोपी था। वही सरबजीत, जिस पर पाकिस्तान ने भारत का जासूस होने का आरोप लगाया था। इस घटना का एक सिरा लाहौर से करीब 120 किमी दूर भारत में जालंधर से जुड़ता है। यहां सरबजीत की बेटी स्वप्नदीप कौर रहती हैं। स्वप्नदीप को आमिर की मौत की खबर मीडिया से मिली। वे कहती हैं कि ये इंसाफ नहीं है। हो सकता है कि सबूत मिटाने के लिए ISI ने उसे मरवा दिया हो। बातचीत में स्वप्नदीप ये खुलासा भी करती हैं कि सरबजीत को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपए ब्लड मनी मांगी गई थी। इसमें पाकिस्तान के मंत्री अंसार बर्नी मीडिएटर थे। परिवार के पास इतनी बड़ी रकम नहीं थी, इसलिए सरबजीत जिंदा घर नहीं लौट पाए। स्वप्नदीप कपूरथला में तहसीलदार हैं। पति संजय और बेटे आरव के साथ रहती हैं। दैनिक भास्कर ने उनसे बात की। स्वप्नदीप की बहन पूनम चंडीगढ़ में टीचर हैं। स्वप्नदीप ने सरबजीत सिंह से पाकिस्तान में हुई 49 मिनट की मुलाकात के बारे में भी बताया। पढ़िए पूरी रिपोर्ट। पहले जान लीजिए सरबजीत का मामला क्या है बेटी बोलीं- आमिर की मौत इंसाफ नहीं, सबूत खत्म करने की साजिश हैहम स्वप्नदीप कौर से मिलने जालंधर की GTB कॉलोनी पहुंचे। स्वप्नदीप जनवरी में सीढ़ियों से गिर गई थीं। टेलबोन फ्रैक्चर हुआ है, इसलिए मेडिकल लीव पर हैं। हमने पूछा- क्या आमिर सरफराज की मौत से लगता है कि इंसाफ मिल गया। स्वप्नदीप कहतीं हैं, ‘इसे हम इंसाफ नहीं कह सकते। केस का इंटरनेशनल कोर्ट में ट्रायल होता, तब इंसाफ होता। सच दुनिया के सामने आता। पाकिस्तान तो ऐसी साजिशें रचता है। दूसरे देश के नागरिकों के कत्ल कराता है।’ ‘आमिर सरफराज को 2018 में कोर्ट ने बरी कर दिया था। लश्कर-ए-तैयबा के चीफ हाफिज सईद से उसके करीबी रिश्ते थे। मुझे तो यही लगता है कि ISI ने साजिश रचकर उस पर अटैक कराया है, ताकि कोई सबूत बचा हो, तो वो राज बाहर न आ सके।’ आमिर सरफराज की मौत की खबर कैसे मिली?स्वप्नदीप जवाब देती हैं, ‘मीडिया से पता चला। इसके बाद पापा पर फिल्म बनाने वाले एक्टर रणदीप हुड्डा ने भी कॉल किया। वे अक्सर हालचाल पूछते रहते हैं। दो साल पहले मां और बुआ की मौत के बाद से अक्सर बात करते हैं।’ ‘उन्होंने एक ट्वीट भी किया था। इसमें उन्होंने आमिर को गोली मारने वाले अनजान शख्स को शुक्रिया कहा था। उन्होंने लिखा कि आज सरबजीत सिंह को थोड़ा ही सही, इंसाफ मिल गया। ब्लास्ट में 14 लोगों की मौत हुई थी, मंत्री ने ब्लड मनी में 25 करोड़ रुपए मांगेशरिया कानून के मुताबिक, हत्या के मामले में पीड़ित परिवार को मुआवजे की रकम दी जाती है। इसे ब्लड मनी कहते हैं। ये तभी माना जाता है, जब पीड़ित परिवार तैयार हो। पाकिस्तान ने सरबजीत को भारत का जासूस मंजीत सिंह बताकर फांसी की सजा सुनाई थी। उन पर साल 1989 में लाहौर और मुल्तान में ब्लास्ट कराने का आरोप था। इनमें 14 लोगों की मौत हुई थी। मरने वाले लोगों के परिवारों को ब्लड मनी दिलाकर सरबजीत की रिहाई का वादा किया गया था। इसका खुलासा करते हुए स्वप्नदीप कौर बताती हैं, ‘पापा की रिहाई के लिए हम पाकिस्तान में मंत्री रहे अंसार बर्नी से मिले थे। पहली मुलाकात 2012 में मुंबई में हुई थी। हम लोग साथ में दिल्ली गए थे। एयरपोर्ट के पास एक होटल में बात हुई थी।’ ‘तब अंसार बर्नी ने रिहाई के बदले 25 करोड़ रुपए देने की बात कही थी। उस समय हमारे पास पैसे नहीं थे। फैमिली ने सोचा कि किसी से मदद ले लें। सलमान खान से बात हुई थी। वे तैयार थे, लेकिन हमें भरोसा नहीं हो रहा था कि पैसे लेकर भी पापा को छोड़ देंगे। तब अंसार बर्नी ने दोबारा हमसे बात शुरू की।’ अंसार बर्नी ने इशारों में धमकी दी, प्रेशर में सरबजीत छूटा भी, तो बॉर्डर कैसे पार करेगास्वप्नदीप कहती हैं, ‘मेरी बुआ दलबीर ने अंसार बर्नी से कहा था कि हम इतने पैसे कैसे दे पाएंगे। इससे बर्नी नाराज हो गए। धमकाने वाले अंदाज में बोले- दलबीर तुम अपने भाई को ले आओगी और रास्ते में किसी ने कुछ कर दिया, तब क्या करोगी।’ ‘अंसार बर्नी ने इशारों में बता दिया था कि इंटरनेशनल प्रेशर में पापा की रिहाई होती भी है, तो हिंदुस्तान बॉर्डर तक सरबजीत के सही सलामत पहुंचने की गारंटी नहीं है। इसी से समझ आ गया था कि पापा के साथ कुछ बड़ी घटना हो सकती है।’ ‘मामला सेंसिटिव था, इसलिए हमने ब्लड मनी वाली बात किसी को नहीं बताई। अगले साल अप्रैल 2013 में पापा पर जेल में हमला हो गया। 1 मई की देर रात उनकी मौत की खबर आई।’ स्वप्नदीप के आरोपों पर दैनिक भास्कर ने पाकिस्तान के ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट अंसार बर्नी से बात की। वे कहते हैं, ‘मैं सरबजीत का वकील नहीं था और न ही किसी सरकारी पद पर था। इसलिए मेरे लिए पैसे की मांग करने की कोई वजह नहीं थी। मैं सिर्फ मानवीय आधार पर उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदलने के लिए आवाज उठा रहा था। इसके अलावा जब भी दलबीर मुझसे मिलने आती थीं, तो मैंने हमेशा उनकी मदद की।’ सरबजीत सिंह पर जेल में हमला हुआ है, फैमिली को कैसे पता चला? स्वप्नदीप कौर बताती हैं, ‘उस दिन बुआ हमारे घर आई थीं। उनके पास पाकिस्तान से किसी का फोन आया। उसने बताया कि पापा पर अटैक हुआ है। 26 अप्रैल, 2013 को पापा पर अटैक हुआ था। हम लोग 28 अप्रैल को पाकिस्तान पहुंचे। हॉस्पिटल में पापा को दो बार देखा था। वे कोमा में थे। उन्हें तो पता ही नहीं चला कि हम आए हैं।’ ‘1 मई को हम भारत लौट आए। वाघा बॉर्डर से दिल्ली पहुंचे थे, तभी पापा की डेथ का पता चला। लगता है पापा की मौत पहले ही हो गई थी। हमें दिखाने के लिए उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। हम लोगों के इंडिया पहुंचते ही मौत अनाउंस कर दी। बताया कि पापा के ऑर्गन्स फेल हो गए थे। बॉडी भी ऑर्गन निकाल कर ही भेजी। इंडिया में हम लोगों ने दोबारा पोस्टमॉर्टम कराया, तो पता चला कि उनके कई ऑर्गन नहीं हैं। सरबजीत ने लेटर में लिखा था- मुझे स्लो पॉइजन दिया जा रहास्वप्नदीप कौर बताती हैं, ‘पापा ने 2012 में चिट्ठी भेजी थी। लिखा था कि मुझे स्लो पॉइजन दिया जा रहा है। अगर उनके सभी ऑर्गन्स होते, तो पता चल जाता कि पापा को क्या जहर दिया गया था। कुछ नशे वाली चीज दी होगी। मेरे पापा ऐसे नहीं थे कि एक-दो लोग अटैक कर दें और वो घायल हो जाएं। यहां पोस्टमॉर्टम हुआ तो ये पता चला कि दो से ज्यादा लोगों ने उन पर हमला किया होगा।’ 18 साल बाद 49 मिनट के लिए मिले, बोले- कितनी बड़ी हो गई हो स्वप्नदीप 2008 में परिवार के साथ पाकिस्तान गई थीं। सरबजीत से मुलाकात का जिक्र करते हुए रोने लगती हैं। बताती हैं, ‘पापा को 1 अप्रैल को फांसी होने वाली थी। पॉलिटिकल प्रेशर के बाद फांसी टल गई। इसके बाद हमें उनसे मिलने के लिए वीजा मिला था। 25-26 अप्रैल, 2008 में एक हफ्ते के लिए हम पाकिस्तान गए थे।’ ‘वहां पहुंचे तो अधिकारी बहाने बनाने लगे। कहते कि इस्लामाबाद से परमिशन नहीं मिली। हमने इस्लामाबाद बात की, तो पता चला कि वहां से परमिशन मिल गई है, लाहौर से क्लियर नहीं है। हम पापा की पसंद का खाना ले गए थे। दो दिन परमिशन क्लियर होने में ही निकल गए।’ ‘तीसरे दिन शाम को 5 बजे हम जेल पहुंच गए। पाकिस्तानी अफसरों ने कहा कि 5 बजे के बाद नहीं मिल सकते। अगले दिन आना। इस पर बुआ गुस्सा हो गईं। उन्होंने कहा कि हम घूमने या सैर सपाटे पर नहीं आए हैं। हमें वीजा ही सरबजीत से मिलने के लिए मिला है।’ ‘काफी बहस के बाद अफसर राजी हो गए। हमें उस कोठरी तक ले गए, जहां पापा बंद थे। पापा सलाखों के पीछे थे। हमारे साथ ISI के अफसर, पुलिस और जेल अधिकारी भी थे। हम 49 मिनट पापा के साथ रहे।’ ‘पापा गलती से सरहद पार करके पाकिस्तान चले गए थे, तब मैं ढाई साल की थी। मेरी छोटी बहन सिर्फ 23 दिन की थी। उसने तो पापा को पहली बार देखा था। उस जेल में और भी कैदी थे। वे कभी-कभार हमसे जुड़ी खबरें और फोटो की कटिंग पापा को देते थे। अखबारों में छपी फोटो में ही पापा ने हमें देखा था।’ ‘हमें देखते ही पापा रोने लगे। बस हमें देखते रहे। काफी देर बाद बोले- कितनी बड़ी हो गई हो तुम दोनों। तब उन्हें भी उम्मीद थी कि वे वापस आ जाएंगे। हमें भी यही लगता था। बदकिस्मती से वे आ नहीं पाए।’ स्वप्नदीप कौर आगे कहतीं हैं, ‘18 साल बाद हम पापा से मिले थे। आधा वक्त तो एक-दूसरे को देखते हुए ही निकल गया। पापा ने हमें बताया कि एक फाइल है, जिसके आधार पर वो बरी हो सकते थे, लेकिन फाइल गायब करवा दी गई। इसमें पापा का नाम मंजीत सिंह लिखा था।’ ‘इसके बाद नई फाइल बनी। इसमें भी मंजीत सिंह के नाम से ही केस चला। हमने इंडिया से सारे सबूत भेजे। वकील हमसे पैसे लेते रहे, लेकिन करते कुछ नहीं थे। पापा ने ये भी बताया कि उनके पास एक डायरी थी। इसमें वे सारी डिटेल लिखते थे। उन्हें एक्सपायरी डेट वाली दवाएं दी जाती थीं। कैसे टॉर्चर किया जाता है। पापा की मौत के बाद उनकी बॉडी इंडिया आई, तब वो डायरी नहीं थी।‘ गलती से सरहद पार गए, 9 महीने तक सोचते रहे खालिस्तानी ले गए स्वप्नदीप कौर बताती हैं, ‘28 अगस्त, 1990 की बात है। पापा खेती करते थे। गांव से 5 से 6 किमी दूर पाकिस्तान बॉर्डर है। उस दिन पापा दोस्त के साथ खेत पर गए थे। कई बार वे वहीं सो जाते थे। पापा और उनके दोस्त ने वहीं ड्रिंक की थी। देर रात पापा घर आने लगे। गलती से वे सरहद पार कर गए। तब सरहद पर फेंसिंग नहीं थी। पता नहीं चलता था कि कौन सा गांव हिंदुस्तान का है और कौन सा पाकिस्तान का।’ ‘हमें शुरुआत में पापा के बारे में पता नहीं चला। आसपास के लोगों से पूछा। उनके दोस्त से पूछा। तब पता चला कि वे रात में घर के लिए निकले थे, लेकिन घर पहुंचे नहीं। उस समय खालिस्तान आंदोलन चल रहा था। अच्छी कद-काठी वालों को खालिस्तान समर्थक ले जाते थे। परिवार को लगा कि पापा को वही ले गए हैं।’ ‘2005 में सेना के एक अफसर के इंटरव्यू से हमें पता चला कि उन्होंने पापा को देखा था। रात में दूर से देखकर आवाज भी लगाई थी, पर उन्होंने आवाज नहीं सुनी। कुछ देर बाद पाकिस्तानी सैनिकों ने उन्हें पकड़ लिया।’ ‘9 महीने के बाद पाकिस्तान से पापा की चिट्ठी आई। उस पर लिखा था कि मैं गलती से बॉर्डर क्रॉस कर गया था। यहां पकड़ा गया हूं। पाकिस्तान को कोई मंजीत सिंह नाम का आदमी चाहिए था। इन्होंने मुझे मंजीत सिंह समझ लिया है। मेरा कोर्ट में केस लगा है। आप लोग अरदास करना, मैं जल्दी बरी हो जाऊं।’ ‘1991 में पता चला कि पाकिस्तान में मंजीत सिंह नाम का आदमी पकड़ा गया है। उसने बहुत बम ब्लास्ट किए हैं। उसकी केस फाइल में मंजीत सिंह की जगह पापा की फोटो लगी थी। पापा जेल में थे। हमने उन्हें रेगुलर चिट्ठियां भेजनी शुरू कीं। वे पापा को मिलती नहीं थीं। हमने सबूत भी भेजे, लेकिन फायदा नहीं हुआ। कोई सुनने वाला नहीं था। बाद में मीडिया में खबरें आने लगीं।’ अब भी सैकड़ों सरबजीत पाकिस्तान की जेलों में बंद, उन्हें मदद चाहिएस्वप्नदीप बताती हैं कि पाकिस्तान की जेलों में पापा जैसे बहुत कैदी हैं। उन्हें मदद की जरूरत है। 2011 में बुआ दलबीर कौर पाकिस्तान गईं थीं, तो लाहौर हाईकोर्ट में ऑन रिकॉर्ड आंकड़े मांगे थे। उसमें पता चला था कि 200 से ज्यादा भारतीय कैदी पाकिस्तान जेल में हैं। इनमें ज्यादातर गलती से बॉर्डर पार करके गए थे। कोर्ट ने सरबजीत को फांसी की सजा दी, मुशर्रफ से माफी नहीं मिलीपाकिस्तान की जांच एजेंसियों का दावा था कि सरबजीत सिंह ने बम ब्लास्ट में शामिल होने की बात कबूल की थी। इसके बाद एंटी टेररिज्म कोर्ट ने 1991 में सरबजीत को मौत की सजा सुनाई थी। लाहौर हाईकोर्ट और पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने भी सजा बरकरार रखी। सरबजीत की फैमिली ने तब पाकिस्तान के राष्ट्रपति रहे परवेज मुशर्रफ के पास माफी की अपील की थी। उन्होंने अपील खारिज कर दी। हालांकि बाद में पाकिस्तान सरकार ने फांसी पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी थी। सरबजीत की हत्या पर जेल प्रशासन का दावा था कि जेल में बंद सरफराज और मुनीर ने खाना खाते वक्त सरबजीत पर ब्लेड और ईंट से हमला किया था। कोर्ट में वकील सरबजीत के मर्डर में इस्तेमाल चीजें पेश नहीं कर सके। इसलिए सबूतों के अभाव में सरफराज और मुनीर बरी हो गए। कौन था सरबजीत की हत्या का आरोपी आमिर सरफराज उर्फ तांबाआमिर सरफराज उर्फ तांबा का नाम सरबजीत सिंह की हत्या के बाद पहली बार चर्चा में आया था। आमिर और उसके साथी मुद्दस्सर मुनीर को लोकल कोर्ट ने मर्डर और डकैती के मामले में मौत की सजा सुनाई थी। केस हाईकोर्ट में था, इसलिए दोनों जेल में थे। हाईकोर्ट ने मौत की सजा के खिलाफ अपील पर सरफराज के पक्ष में फैसला सुनाया। कुछ समय बाद उसे जेल से रिहाई मिल गई। जेल से छूटने के बाद इस्लामपुरा में आमिर सरफराज का रुतबा बढ़ गया। वो भारत के मोस्टवांटेड आतंकी हाफिज सईद का करीबी हो गया। उसने अपना गिरोह भी बना लिया था। लाहौर पुलिस के मुताबिक, रिहाई के तुरंत बाद उस पर चार अलग-अलग थानों में चार नए केस रजिस्टर्ड किए गए। इसमें हत्या की कोशिश, पुलिस को धमकाना और हिंसा के आरोप थे। उसका रसूख इतना था कि उस पर जो केस दर्ज हुए, उनमें गिरफ्तारी से पहले ही उसे बेल मिल गई। लाहौर पुलिस की स्पेशल ब्रांच से जुड़े सूत्रों ने दैनिक भास्कर को बताया कि शुरुआत में पुलिस ने आमिर सरफराज की हत्या की FIR दर्ज की थी। सरफराज के छोटे भाई जुनैद ने इस्लामपुरा पुलिस स्टेशन में भाई पर हमले की FIR दर्ज कराई थी। इस्लामपुरा पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर सैयद सज्जाद हुसैन ने आमिर तांबा की मौत की पुष्टि की थी। उन्होंने मीडिया को बताया कि आमिर तांबा वही शख्स है, जिसने कोट लखपत जेल में सरबजीत सिंह पर हमला किया था। बाद में आमिर की हत्या की FIR कैंसिल करके हत्या की कोशिश की नई FIR दर्ज की गई। पुलिस अफसरों ने कहा कि आमिर सरफराज जिंदा है। हालांकि सूत्रों ने बताया कि सरफराज की मौत मौके पर ही हो गई थी। उसे लाहौर से 300 किमी दूर उसके गांव चकवाल में दफनाया गया है। फिलहाल आमिर सरफराज का परिवार लाहौर में नहीं है। उसके घर में ताला लगा है। लाहौर के काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट की यूनिट आमिर सरफराज को गोली मारने वाले बाइकसवारों की तलाश कर रही है।
बिल्डर्स को अब लिखित देनी होगी पार्किंग की जानकारी, महारेरा का आदेश
मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में बिल्डर्स फ्लैट और घर तो बेच देते हैं लेकिन पार्किंग को लेकर कोई दिशा निर्देश नहीं होने से फायदा उठाते हैं। वहीं नुकसान बायर्स को होता है। अब महारेरा ने इसकी गाइडलाइंस जारी कर दी हैं। अब बिल्डर्स को प्रॉपर्टी बेचते समय ही बायर्स को इसकी जानकारी देनी होगी।
सिर्फ खैरात बांटने से नहीं बन पाएगी बात, Wealth Redistribution का फायदा कैसे होगा समझ लीजिए
देश में संपत्ति के पुनर्वितरण को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। कई जानकार इसे अच्छी बात मान रहे हैं। हालांकि, भारत के संदर्भ में यह पहली बार नहीं है कि इस तरह की चर्चा शुरू हुई है। यह मुद्दा पहले भी उठता रहा है। हालांकि, इसे जानबूझ कर टाला जाता रहा है।
मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ: मोदी-राहुल के चुनावी भाषणों पर नोटिस; खड़गे ने फिर मोदी से समय मांगा; SC बोला- स्त्रीध... Dainik Bhaskar PM मोदी और राहुल गांधी के चुनावी भाषणों के मामले पर EC ने कांग्रेस-बीजेपी को भेजा नोटिस, मांगा जवाब Aaj Tak Lok Sabha Election 2024: PM मोदी और राहुल गांधी पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप, ECI ने लिया संज्ञान, ABP न्यूज़ ECI: पीएम मोदी-राहुल गांधी के भाषणों पर चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस, 29 अप्रैल तक मांगा जवाब अमर उजाला
तारीख 23 अप्रैल 2019, लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग का दिन। प्रेस कॉन्फ्रेंस में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- ‘आप क्रोनोलॉजी समझ लीजिए। पहले CAA (सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट) आने जा रहा है, फिर NRC आएगा। NRC सिर्फ बंगाल के लिए नहीं, पूरे देश के लिए आएगा।’ तारीख 22 दिसंबर 2019, जगह दिल्ली का रामलीला मैदान। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- ‘अर्बन नक्सल अफवाह फैला रहे हैं कि सारे मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर भेजा जाएगा। यह झूठ है, झूठ है, झूठ है… 2014 से मेरी सरकार आने के बाद NRC शब्द की कोई चर्चा नहीं हुई है। तारीख 11 मार्च 2024, लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पांच दिन पहले। शाम 5 बजे खबर फ्लैश हुई कि प्रधानमंत्री मोदी नेशनल टेलीविजन पर कुछ बड़ा ऐलान करने वाले हैं। करीब 6 बजे ब्रेकिंग खबर फ्लैश हुई- ‘केंद्र सरकार ने CAA की अधिसूचना जारी कर दी है।’ CAA लागू करके BJP ने अपना बड़ा वादा पूरा कर लिया। अब अगला वादा NRC का है, जिस पर फिलहाल BJP चुप है, लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि CAA और NRC एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। यहीं डर मुसलमानों को भी है। NRC लिस्ट में नाम नहीं होने के बाद भी हिंदू तो CAA के जरिए भारत के नागरिक बन जाएंगे, लेकिन मुस्लिमों की नागरिकता छिन जाएगी। वोट देने का अधिकार नहीं बचेगा। आज फैसला सीरीज के सातवें एपिसोड में पढ़िए प्रधानमंत्री मोदी के लोकसभा चुनाव से ऐन वक्त पहले CAA लागू करने की इनसाइड स्टोरी... 1970 के दशक की बात है। पूर्वी पाकिस्तान और बांग्लादेश से बड़ी संख्या में रिफ्यूजी भारत आए, खास करके असम और पश्चिम बंगाल में। इसी बीच 1978 में असम की मंगलदोई लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव हुए। इसमें देखा गया कि अचानक वोटर्स की संख्या बढ़ गई। The All-Assam Students Union यानी AASU ने कहा कि बांग्लादेश से भागकर आए अवैध प्रवासियों की वजह से ऐसा हुआ है। AASU ने इन लोगों को बांग्लादेश भेजने की मांग की, पर केंद्र सरकार तैयार नहीं हुई। चार साल बाद यानी 1983 में असम में विधानसभा चुनाव हुए। AASU ने जबरदस्त विरोध किया और यह चुनाव हिंसा की भेंट चढ़ गया। ORF वेबसाइट के मुताबिक तब 2 हजार से ज्यादा बांग्लादेशी प्रवासी मारे गए थे। इसके बाद केंद्र की राजीव गांधी सरकार AASU की मांग मानने पर मजबूर हो गई। 15 अगस्त 1985 की अलसुबह राजीव गांधी और आसू के बीच समझौता हुआ, जिसे असम अकॉर्ड कहा जाता है। इसके बाद नागरिकता कानून में बदलाव किया गया। असम अकॉर्ड के तहत 1966 से पहले असम आने वालों को नागरिकता देने की बात कही गई। जो लोग 1966 और मार्च 1971 के बीच आए थे, उन्हें 10 साल बाद वोटिंग लिस्ट में शामिल करने की बात कही गई। जो लोग मार्च 1971 के बाद असम आए, उन्हें अवैध प्रवासी माना गया। असम के बाद नॉर्थ ईस्ट के दूसरे राज्यों और पश्चिम बंगाल से भी ऐसी ही मांग उठने लगी। 2 लोकसभा सीटों वाली BJP ने इस मुद्दे को लपक लिया। 1989 के लोकसभा चुनाव में BJP ने देशभर में NRC लागू करने का वादा किया। NRC यानी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स, जिसमें भारत के नागरिकों के नाम दर्ज किए जाते हैं। NRC लागू होने के बाद हर व्यक्ति को डॉक्यूमेंट के आधार पर साबित करना पड़ेगा कि वह भारतीय है, जो साबित नहीं कर पाएगा, उसे अवैध प्रवासी माना जाएगा। अभी देश में सिर्फ असम में ही NRC लागू है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के मुताबिक करीब 19 लाख लोग NRC की लिस्ट से बाहर हैं। इनमें 7 लाख मुस्लिम हैं। बांग्लादेशी घुसपैठियों के मुद्दे पर चुनाव में उतरी BJP, पहली बार दिल्ली विधानसभा में बहुमत साल 1993, दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने थे। ये वो दौर था जब देश में हिंदुत्व का मुद्दा उफान पर था। शाहबानो केस के बाद राजीव गांधी की सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण के आरोपों से घिरी थी। बाबरी मस्जिद का ढांचा ढहाया जा चुका था। ऐसे में BJP ने वादा किया कि हमारी सरकार बनी तो ‘बांग्लादेशी घुसपैठियों’ को वापस भेजेंगे। यह पहली बार था जब BJP बांग्लादेशी प्रवासियों के मुद्दे पर चुनाव में उतरी। BJP ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 में से 49 सीटें जीत लीं। पहली बार दिल्ली में BJP की सरकार बनी। इसके बाद NRC, BJP के कोर एजेंडे में शामिल हो गया। वाजयेपी सरकार के CAA में अवैध प्रवासियों को नागरिकता नहीं साल 2003, अटल बिहारी वाजपेयी सरकार सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट 2003 लेकर आई। इसमें कहा गया कि अवैध प्रवासियों को नागरिकता नहीं मिलेगी। तब मनमोहन सिंह राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष थे। उन्होंने कहा- ‘पाकिस्तान और बांग्लादेश में प्रताड़ित हो रहे अल्पसंख्यकों को नागरिकता देनी चाहिए।’ तब गृहमंत्री रहे आडवाणी ने कहा- ‘हम किसी को जबरन वापस नहीं भेजेंगे। पड़ोसी देशों से मित्रतापूर्ण तरीके से बात करके हम उन्हें उनके देश भेजेंगे।’ कांग्रेस और लेफ्ट ने भी इस एक्ट का समर्थन किया। 2004 में CAA लागू हो गया, लेकिन उस साल हुए चुनाव में NDA की सत्ता छीन गई। उसके बाद 10 साल UPA की सरकार रही और मनमोहन सिंह PM रहे, लेकिन CAA 2003 के प्रावधानों को खास तवज्जो नहीं दी गई। PM बनने के 6 महीने बाद मोदी ने गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को लॉन्ग टर्म वीजा दिया साल 2014, BJP, नरेंद्र मोदी को PM फेस बनाकर लोकसभा चुनाव में उतरी। BJP ने घोषणापत्र में वादा किया कि हिंदू शरणार्थियों को उनके स्वाभाविक घर (भारत) में लाया जाएगा। 22 फरवरी को असम में एक रैली के दौरान मोदी ने कहा- 'दुनिया में कहीं भी हिंदुओं पर जुल्म होगा, तो भारत उन्हें आश्रय देगा, लेकिन जो लोग राजनीति के लिए घुसपैठिया बनकर यहां रह रहे हैं, उन्हें हम बाहर निकालेंगे। असम के लोग बेरोजगार हैं और बाहर के लोग यहां आकर रोजी-रोटी कमा रहे हैं। ये अन्याय है कि नहीं। दिल्ली में सरकार बना दीजिए, ये अन्याय मिट जाएगा।' 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने और 6 महीने बाद ही यानी दिसंबर 2014 में एक नोटिफिकेशन जारी किया। इसमें पाकिस्तान से आने वाले हिंदू, सिख, ईसाई और बौद्धों को लॉन्ग टर्म वीजा देने की बात कही गई। 2016 में असम विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान BJP अध्यक्ष रहे अमित शाह ने कहा कि वे असम को बांग्लादेशी घुसपैठियों से मुक्ति दिलाएंगे। साथ ही यह भी वादा किया कि उनकी सरकार आई तो प्रवासी हिंदुओं की रक्षा करेगी। असम में इसका विरोध भी हुआ, लेकिन नतीजे BJP के पक्ष में रहे और पहली बार उसने असम में सरकार बनाई। यहां से अघोषित रूप से साफ हो गया कि मुस्लिम प्रवासियों को छोड़कर बाकी पाकिस्तानी-बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों को सरकार नागरिकता देगी। नॉर्थ ईस्ट में जोरदार विरोध, लोकसभा से पास हुआ बिल, लेकिन राज्यसभा में पेश नहीं किया 19 जुलाई 2016, मोदी सरकार ने लोकसभा में CAA बिल पेश किया। इसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम यानी हिंदू, सिख, पारसी, जैन, बौद्ध और ईसाई प्रवासियों को नागरिकता देने की बात कही गई। इस बिल का विरोध हुआ। असम में BJP की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद ने भी इसका विरोध किया। पूरे नॉर्थ ईस्ट में प्रदर्शन शुरू हो गए। लिहाजा सरकार ने इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया और यह बिल लैप्स हो गया। यह पहली बार था जब BJP गैर मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता देने की बात कह रही थी, इससे पहले BJP का स्टैंड था कि सभी अवैध प्रवासियों को बाहर निकालेंगे। इसी बात को लेकर विपक्ष ने BJP पर आरोप लगाया कि वो पोलराइजेशन के लिए मुस्लिम प्रवासियों को CAA से बाहर कर रही है। CAA के विरोध में ओवैसी ने बिल की कॉपी फाड़ दी 2019 लोकसभा चुनाव में BJP ने CAA-NRC लागू करने का अपना वादा दोहराया। 12 अप्रैल 2019 को पश्चिम बंगाल के रायगंज में अमित शाह ने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिया दीमक हैं। हम दोबारा जीतकर आएंगे, तो इन्हें बाहर निकालेंगे। 30 मई को नरेंद्र मोदी रिकॉर्ड 303 सीटें जीतकर दोबारा प्रधानमंत्री बने। PM बनने के करीब 6 महीने बाद यानी 9 दिसंबर 2019 को CAA बिल फिर से लोकसभा में पेश किया गया। इसका जोरदार विरोध हुआ। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'अगर अमित शाह साहब का नाम NRC में नहीं आएगा तो CAA के तहत उनका नाम आ जाएगा, लेकिन उन्हीं के पार्टी के एक मुस्लिम नेता का नाम नहीं आया NRC में तो उसे बाहर जाना पड़ेगा। …बताइए गृह मंत्री जी ये भेदभाव नहीं है? हमारा गुनाह क्या है, हम मुसलमान हैं। ये एक और बंटवारा है।’ इसके बाद ओवैसी ने CAA बिल की प्रति फाड़ दी। इसके जवाब में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- 'जो लोग कहते हैं कि माइनॉरिटी को विशेष व्यवस्था मिलनी चाहिए, वे लोग ही CAA का विरोध कर रहे हैं। मैं पूछना चाहता हूं कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान की माइनॉरिटी को विशेष व्यवस्था मिलनी चाहिए या नहीं। कौन भेदभाव कर रहा है मान्यवर, मैं तो नहीं कर रहा।' अमित शाह ने आगे कहा- 'इस देश का बंटवारा धर्म के आधार पर किसने किया...कांग्रेस ने। अगर धर्म के आधार पर देश का बंटवारा नहीं होता, तो इस बिल को लाने की नौबत ही नहीं आती।' 10 दिसंबर की रात CAA बिल लोकसभा से पास हो गया। इसके पक्ष में 311 वोट पड़े और 80 वोट विपक्ष में। 11 दिसंबर को यह बिल राज्यसभा से भी पास हो गया। राज्यसभा में इसके पक्ष में 125 वोट पड़े और विपक्ष में 99 वोट। CAA के विरोध में दिल्ली में दंगे, अमेरिका-ब्रिटेन में प्रदर्शन CAA बिल जैसे ही दोनों सदनों से पास हुआ, देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। जेएनयू, जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र सड़कों पर उतर गए। शाहीन बाग में मुस्लिम महिलाओं ने डेरा जमा लिया। पुलिस और सरकार धरना-प्रदर्शन खत्म कराने की कोशिश करती रही, लेकिन बात नहीं बनी। सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग में धरना खत्म कराने के लिए ऑब्जर्वर भी भेजे, लेकिन महिलाएं शाहीन बाग से नहीं हटीं। जनवरी आते-आते यूपी, असम, कर्नाटक, मेघालय जैसे राज्य CAA विरोध की जद में आ गए। फरवरी-मार्च के बीच दिल्ली में दंगे हुए। करीब 83 लोगों की जान गई। दिल्ली, पश्चिम बंगाल, केरल सहित कई राज्यों ने CAA लागू करने से मना कर दिया। दूसरी तरफ विदेशों में भी इसके विरोध के स्वर उठने लगे। अमेरिका, इंग्लैंड, बर्लिन जैसे देशों में कुछ लोग CAA के विरोध में सड़कों पर उतर गए। यूएन सेक्रेटरी ने कहा कि इस कानून से मुस्लिम बिना देश के हो जाएंगे। विरोध बढ़ता देख सरकार ने CAA को होल्ड कर दिया। तब से हर 6 महीने पर सरकार CAA लागू करने के लिए एक्सटेंशन लेती रही। पिछले चार सालों में सरकार ने 8 एक्सटेंशन लिया और आखिरकार 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले CAA लागू कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी के CAA लागू करने के 5 मकसद 1. ये मैसेज देना कि भारत हिंदुओं का देश है 22 फरवरी, 2014, जगह असम का सिलचर। BJP के तब PM फेस रहे नरेंद्र मोदी ने कहा- 'हिंदू जाएगा तो कहां जाएगा। दुनिया के किसी भी देश में अगर हिंदुओं को खदेड़ा जाएगा, तो उसके लिए एक ही जगह बची है। वो वहीं चला आएगा। भाइयो-बहनो... क्या हमारी सरकार उन हिंदुओं के साथ वैसा ही जुल्म करेगी जैसा विदेशों में उनके साथ हो रहा। क्या हम उनके साथ वैसा ही जुल्म करेंगे जैसा बांग्लादेश में हो रहा है। हम ऐसा नहीं करेंगे।' 2 जनवरी 2020, CAA बिल को लेकर केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी ने कहा, 'अल्पसंख्यकों (तीन मुस्लिम देशों के) को नागरिकता देना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। अगर वे भारत नहीं आएंगे तो वे कहां जाएंगे? इटली?’ 2. पितृभूमि, मातृभूमि और पुण्यभूमि की विचारधारा को बढ़ावा देना हिंदू महासभा के नेता रहे और BJP-RSS के आइकॉन वीडी सावरकर ने अपनी किताब- 'हिंदुत्व : कौन है हिंदू' में लिखा है कि जिस भी व्यक्ति की पितृभूमि, मातृभूमि और पुण्यभूमि भारत है, वही इस देश का नागरिक है। यानी सावरकर के मुताबिक जो लोग मक्का और येरुशलम को अपनी पुण्यभूमि मानते हैं, वे भारत के नागरिक नहीं हो सकते। उनका इशारा मुसलमानों और ईसाइयों को लेकर था। मुस्लिम स्कॉलर जफरुल इस्लाम बताते हैं- 'सावरकर के जमाने से संघ का एजेंडा रहा है कि जो धर्म भारत में पैदा हुए हैं, वे तो हमारे हैं, लेकिन जो धर्म बाहर पैदा हुए, वे हमारे नहीं हैं।' 3. RSS के हिंदू राष्ट्र के एजेंडे को बढ़ाना चाहती है सरकार सीनियर जर्नलिस्ट और मुस्लिम स्कॉलर जफरुल इस्लाम बताते हैं- 'BJP जो काम भी करती है, उसके पीछे कहीं न कहीं हिंदुत्व की आइडियोलॉजी होती है। संघ की किताबों में लिखा है कि जो लोग बाहर के हैं, वो यहां गुजारा करें, लेकिन हक नहीं मांगे। श्रीलंका और भूटान में भी तो धर्म के नाम पर ज्यादती हो रही है, लेकिन इन्होंने उन्हीं तीन देशों को लिस्ट में रखा, जो मुस्लिम कंट्री हैं।' 4. पश्चिम बंगाल और असम में शरणार्थियों के वोट बैंक पर नजर सीनियर जर्नलिस्ट नीरजा चौधरी एक मीडिया इंटरव्यू में बताती हैं- 'पश्चिम बंगाल में हिन्दू बंगाली और हिन्दू बांग्लादेशी प्रवासियों के वोट पर BJP की नजर है। यहां BJP, 2019 से ज्यादा लोकसभा सीटें जीतना चाहती है। पिछली बार BJP को यहां 42 में से 18 सीटों पर जीत मिली थी। इस जीत में तीन से चार सीटों पर मतुआ कम्युनिटी की भूमिका रही।' दरअसल, पश्चिम बंगाल में करीब 2 करोड़ मतुआ कम्युनिटी के लोग रहते हैं। मतुआ कम्युनिटी, पश्चिम बंगाल की दूसरी सबसे बड़ी दलित कम्युनिटी है। यहां 42 में से 10 लोकसभा सीटें रिजर्व्ड हैं। इनमें से 4 सीटों पर अभी BJP का कब्जा है। पश्चिम बंगाल की तरह असम में भी बड़ी संख्या में हिंदू शरणार्थी हैं, जिन पर BJP की नजर है। 22 फरवरी 2014 को नरेंद्र मोदी ने असम में चुनाव प्रचार के दौरान भीड़ से पूछा- 'भाइयो-बहनो... बांग्लादेश से आए घुसपैठियों को बाहर भेजना चाहिए कि नहीं भेजना चाहिए। जरा पूरी ताकत से बोलो बाहर भेजना चाहिए कि नहीं भेजना चाहिए।' मोदी ने आगे कहा- 'बांग्लादेश से दो तरह के लोग आए हैं। एक राजनीतिक षड्यंत्र के तहत और दूसरे वो जिनका बांग्लादेश में जीना मुश्किल कर दिया गया है। उनकी बहन-बेटियों की इज्जत सलामत नहीं है। हिंदू जाएगा तो कहां जाएगा। हम नहीं चाहते कि बांग्लादेश से आए हिंदुओं का अकेला बोझ असम उठाए। पूरे हिंदुस्तान को उन्हें आश्रय देना चाहिए।' 5. चुनाव से पहले हिंदू बनाम मुसलमान कराना, ताकि ध्रुवीकरण हो यूपी कांग्रेस के माइनॉरिटी प्रभारी शाहनवाज हुसैन बताते हैं- 'सरकार किसी की नागरिकता नहीं छीन रही, लेकिन जिसे दे रही है, उसे तो धर्म के आधार पर नागरिकता दे रही है। यह तो संविधान के खिलाफ है। अभी CAA लाए हैं और आगे ये NRC भी लाएंगे। सरकार को लगता है कि इस बिल का माइनॉरिटी विरोध करती है, तो चुनाव में पोलराइजेशन का वो लाभ ले पाएंगे। इनका हर प्लान दो वर्गों को बांटने के लिए ही होता है। मुसलमान इस साजिश को समझ गया है, इसलिए इस बार वो प्रोटेस्ट नहीं कर रहा।’ आखिर CAA का विरोध क्यों हो रहा है… 3 बड़ी वजह 1. NRC आया तो मुस्लिमों की छिन सकती है नागरिकता सीनियर जर्नलिस्ट और मुस्लिम स्कॉलर जफरुल इस्लाम कहते हैं, 'सरकार कह रही है कि हम किसी की नागरिकता नहीं छीन रहे, लेकिन ये पहला स्टेज है। दूसरे स्टेज में आप NRC लाकर नागरिकता से एक वर्ग को वंचित रखेंगे। अमित शाह ने बार-बार कहा है। अगर ये जीत गए तो NRC भी लाएंगे। हम CAA और NRC को अलग करके नहीं देख सकते हैं।’ 2. जो CAA के जरिए नागरिक बनेंगे, उन्हें आरक्षण मिलेगा या नहीं CSDS के प्रोफेसर हिलाल अहमद बताते हैं- ‘हमने कानूनी तौर पर पहली बार तय किया है कि धर्म के अधार पर किसे नागरिकता देंगे और किसे नहीं। ऐसा करके भाजपा ने अपना वादा तो पूरा कर लिया, लेकिन सवाल यह है कि जो लोग इस कानून के तहत नागरिक बनेंगे, क्या वे SC-ST वर्ग में शामिल होंगे। उन्हें आरक्षण मिलेगा या नहीं। इसका जवाब अभी तक CAA में सरकार की तरफ से नहीं दिया गया है। 2. श्रीलंकाई तमिलों को भी प्रताड़ित किया जा रहा, उन्हें इस कानून से बाहर क्यों रखा गया CAA कानून में शामिल पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश तीनों ही मुस्लिम कंट्री है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने जानबूझकर ऐसा किया है ताकि मुस्लिम को नागरिकता से दूर रखा जा सके। विपक्ष ने सरकार से पूछा कि श्रीलंका में भी तो तमिलों के साथ धार्मिक उत्पीड़न हो रहा, फिर उन्हें नागरिकता क्यों नहीं मिल रही। BJP प्रवक्ता प्रेम शुक्ला जवाब देते हैं, ‘श्रीलंकाई तमिलों को भी पहले कानून बनाकर नागरिकता दी गई है। उस वक्त किसी ने नहीं पूछा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता क्यों नहीं दी जा रही। आज भी जिसे नागरिकता चाहिए, उसे मेरिट के आधार पर नागरिकता मिलती है। पाकिस्तानी सिंगर अदनाम सामी को सरकार ने नागरिकता दी है।’ अमेरिका और यूनाइटेड नेशंस ने उठाए CAA पर सवाल संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार हाई कमीशन के एक प्रवक्ता ने इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी रॉयटर्स से कहा, 'हमने 2019 में कहा था कि भारत का CAA भेदभाव करता है। यह भारत के अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दायित्वों का उल्लंघन है। अभी जो कानून लागू हुआ है, उसे हम परख रहे हैं कि ये अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार के नियमों के मुताबिक है या नहीं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, ‘हम नागरिकता संशोधन नियम की अधिसूचना को लेकर चिंतित हैं। हम बारीकी से देख रहे हैं कि यह अधिनियम कैसे लागू किया जाएगा। धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान और सभी समुदायों के लिए कानून के तहत समान व्यवहार मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत हैं।’ सुप्रीम कोर्ट में CAA को चुनौती देने वाली 200 याचिकाएं CAA को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 200 से ज्यादा याचिकाएं लगाई गई हैं। 19 दिसंबर 2019 को उस वक्त के चीफ जस्टिस यूयू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस पर सुनवाई करते हुए कहा था कि सरकार का पक्ष जाने बगैर कोर्ट इस पर कोई फैसला नहीं लेगा। इसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक एफिडेविट प्रस्तुत करते हुए CAA का बचाव किया था। फैसला सीरीज की ये स्टोरीज भी पढ़िए... 1. लोकसभा चुनाव की घोषणा से 12 दिन पहले बालाकोट स्ट्राइक:सर्वे में NDA को 245 सीटें मिल रही थीं, बालाकोट के बाद 108 बढ़ गईं 27 फरवरी 2019, शाम चार बजे का वक्त। पाकिस्तान के इस्लामाबाद में अमेरिकी ऐंबैसी में मीटिंग चल रही थी। शाम 5 बजकर 45 मिनट पर मीटिंग में एक नोट पहुंचा। नोट पढ़कर पाकिस्तान की विदेश सचिव ने कहा- हमारी आर्मी ने नोट भेजा है कि भारत ने पाकिस्तान की तरफ 9 मिसाइलें तान रखी हैं। अगर उनके एयरफोर्स के पायलट विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा नहीं किया, तो वह हमला कर देगा। पढ़िए पूरी खबर... 2. आना दिल्ली था, पहुंच गए लाहौर:पाकिस्तानी सेना के हेलिकॉप्टर में बैठे, 90 मिनट अफसरों की सांसें थमी रहीं 25 दिसंबर 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लाहौर पहुंच गए। एयरपोर्ट पर उतरते ही पाकिस्तानी PM नवाज शरीफ ने उन्हें गले लगाया। थोड़ी देर बाद मोदी पाकिस्तानी सेना के हेलिकॉप्टर में बैठ गए। इससे पहले भारत का कोई प्रधानमंत्री, पाकिस्तानी सेना के हेलिकॉप्टर में नहीं बैठा था। हेलिकॉप्टर ने जैसे ही उड़ान भरी, भारत की इंटेलिजेंस एजेंसियां सकते में आ गईं कि पाकिस्तान कोई साजिश तो नहीं करेगा। पढ़िए पूरी खबर...
सितंबर 1945 यानी आजादी से करीब 2 साल पहले। जिन्ना की अगुआई में मुस्लिम लीग ने अलग देश की मांग तेज कर दी थी। तब सरदार वल्लभभाई पटेल ने बयान दिया, ‘आज मुस्लिम लीग का कहना है कि कांग्रेस में हिंदुओं का प्रभुत्व है। मुस्लिम लीग पाकिस्तान के लिए चिल्ला रही है। वो चांद पाने का सपना देख रही है।’ जनवरी 1948 यानी आजादी से करीब 4 महीने बाद। कबायलियों की मदद से पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला कर दिया था। तब सरदार पटेल ने लखनऊ में बयान दिया, 'मुझे मुसलमानों का दुश्मन माना जाता है, लेकिन मैं सीधी बात में भरोसा रखता हूं। मुसलमानों ने पाकिस्तानी हमले की निंदा क्यों नहीं की? दो घोड़ों की सवारी मत कीजिए। एक चुन लीजिए। जो पाकिस्तान जाना चाहते हैं, वे जा सकते हैं।' दोनों बयानों से जाहिर है कि सरदार पटेल मुस्लिमों को लेकर कड़वा और स्पष्ट बोलते थे। उनकी छवि एंटी-मुस्लिम बनाई गई। इसका उन्हें खामियाजा भी भुगतना पड़ा। दिल्ली यूनिवर्सिटी के महाराजा अग्रसेन कॉलेज के प्रिंसिपल और सरदार पटेल पर रिसर्च करने वाले प्रोफेसर संजीव कुमार तिवारी कहते हैं कि सबसे बड़ा नुकसान तो उन्हें तब हुआ जब गांधी जी ने पीएम पद के लिए पटेल की जगह नेहरू का समर्थन किया। ‘पीएम इन वेटिंग’ सीरीज में आज सरदार वल्लभभाई पटेल के किस्से, जिनके पास कांग्रेस कमेटियों का बहुमत था, इसके बाद भी वे प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए… पाकिस्तान की मांग उठी, तो मौलाना कलाम को बनाया कांग्रेस अध्यक्ष 1939 तक देश में दो बड़ी पार्टियां थीं- कांग्रेस और मुस्लिम लीग। जिन्ना की मुस्लिम लीग धर्म के आधार पर अलग रास्ता चुन चुकी थी, जबकि कांग्रेस एक सेक्युलर देश की बात कर रही थी। मुस्लिमों का भरोसा जीतने के लिए 1939 में मौलाना अबुल कलाम आजाद को कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में चुना गया। इसी दौरान द्वितीय विश्व युद्ध छिड़ गया, भारत छोड़ो आंदोलन शुरू हुआ। जिनकी वजह से 1946 तक कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाया और मौलाना आजाद ही अध्यक्ष बने रहे, लेकिन आजादी की सुगबुगाहट मिलने के बाद नए अध्यक्ष का चुनाव कराने का फैसला किया गया। अबुल कलाम आजाद अपनी बायोग्राफी ‘इंडिया विन्स फ्रीडम’ में लिखते हैं, ‘प्रेस में मुझे दोबारा अध्यक्ष बनाने की बात को उठाया गया। हालांकि नए अध्यक्ष को लेकर कांग्रेस आलाकमान के आंतरिक धड़ों में मतभेद थे। सरदार वल्लभ भाई पटेल भी चाहते थे कि उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाए।’ गांधी बोले- अध्यक्ष पद से इस्तीफा दो, नेहरू अध्यक्ष बनेगा ‘द कलेक्टेड वर्क्स ऑफ महात्मा गांधी’ के 90वें खंड के अनुसार 20 अप्रैल 1946 को लिखी चिट्ठी में गांधी ने लिखा, ‘मौलाना साहब आपके बारे में जो कुछ (अखबारों में) लिखा है, उसका कोई आधार नहीं है। मैंने अपनी राय किसी के सामने जाहिर नहीं की है। कांग्रेस कमेटी के एक-दो मेंबर्स ने मुझसे कांग्रेस अध्यक्ष के बारे में पूछा तो मैंने बता दिया। वो भी कहते हैं कि एक ही अध्यक्ष को रिपीट करना ठीक नहीं होगा।’ गांधी लिखते हैं, ‘जिस तरह का माहौल है, मैं भी इस समय किसी मुसलमान के कांग्रेस अध्यक्ष बनने से खुश नहीं हूं। मैं चाहता हूं कि आपको ये घोषणा करनी चाहिए कि अब आप कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रहना चाहते हैं। बादशाह खान का नाम पहले से ही प्रस्तावित था। मैंने इस नाम का विरोध किया था। अगर मेरी राय पूछी जाए तो मैं जवाहर लाल को प्रिफरेंस दूंगा। इसके कई कारण हैं, लेकिन मैं उनमें नहीं जाना चाहता।’ गांधी जी ने अपनी चिट्ठी में साफ कर दिया था कि वो जवाहर लाल नेहरू को कांग्रेस अध्यक्ष बनाना चाहते थे। कांग्रेस अध्यक्ष को ही आजादी के बाद अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया जाना था। अबुल कलाम आजाद अपनी बायोग्राफी में लिखते हैं, ‘मुझे अपना उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार था। मैंने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जवाहर लाल नेहरू के नाम का ऐलान किया।’ आजाद ने ये घोषणा कांग्रेस कमेटी की बैठक से तीन दिन पहले की। हालांकि इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ा। उस वक्त सरदार पटेल की लोकप्रियता चरम पर थी। लोग उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष और पीएम देखना चाहते थे। मौलाना आजाद और जेबी कृपलानी दोनों जानते थे कि पटेल भी प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं। 15 में से 12 कांग्रेस कमेटियों ने पटेल को चुना, लेकिन नेहरू के साथ गांधी थे 29 अप्रैल 1946 को मुंबई में कांग्रेस कमेटी की बैठक आयोजित की गई। महात्मा गांधी के पौत्र राजमोहन गांधी अपनी किताब ‘पटेल अ लाइफ' में लिखते हैं, ‘तय परंपरा के अनुसार प्रांत की 15 कांग्रेस कमेटियां अध्यक्ष के नाम का प्रस्ताव रखती थीं। पार्टी ने पटेल को भारत छोड़ो अभियान में सक्रिय रूप से देखा था। मतदान की बारी आई तो 12 कमेटियों ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को अध्यक्ष के रूप में चुना। दो वोट जेबी कृपलानी और एक वोट पट्टाभि सीतारमैया को मिला। जवाहर लाल नेहरू का नाम दूर-दूर तक नहीं था।’ उस वक्त कांग्रेस महासचिव रहे आचार्य जेबी कृपलानी अपनी किताब ‘गांधी हिज लाइफ एंड थाटॅ्स' में लिखते हैं कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने जो नतीजा दिया, उसका एक पर्चा बनाकर मैंने गांधी जी के सामने पेश किया। गांधी जी ने इस पर नजर डाली। इसमें नेहरू का नाम नहीं था। उन्होंने कोई शब्द कहे बिना पर्ची लौटा दी। गांधी की चिट्ठी पहले ही जारी हो चुकी थी। सब जानते थे कि गांधी पर्ची में जवाहर का नाम देखना चाहते थे, लेकिन नॉमिनेशन की पर्ची में तीन नाम थे- पटेल, कृपलानी और सीतारमैया। कृपलानी ने वर्किंग कमेटी के सामने एक पेपर घुमाया। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के लोगाें ने नेहरू के नाम का प्रस्ताव रख दिया। जैसे ही नेहरू का नाम प्रस्तावित हुआ, कृपलानी और सीतारमैया ने नाम वापस ले लिया। अब मैदान में दो ही नाम रह गए थे- सरदार पटेल और नेहरू। गांधी ने पटेल से कहा- जवाहर दूसरा स्थान नहीं लेगा, नाम वापस लो कृपलानी लिखते हैं कि मैंने नेहरू और पटेल के नाम का प्रस्ताव बनाकर गांधी के सामने रखा। इसे देखकर गांधी ने कहा कि जवाहर वर्किंग कमेटी के अलावा किसी प्रांतीय कमेटी ने तुम्हारा नाम नहीं रखा है। तुम इस पर क्या कहते हो। नेहरू ने जवाब में चुप्पी साध ली। नेहरू की चुप्पी को गांधी ने समझ लिया। अब सारा खेल कृपलानी की समझ पर आकर टिक गया था। कृपलानी ने सरदार पटेल की सहमति लिए बगैर नाम वापसी का एक पत्र बनाया। उसे पटेल के सामने रखा। हालांकि पटेल भी पीएम बनना चाहते थे। पटेल जानते थे कि ये उनके लिए अंतिम मौका है। उनकी उम्र 71 वर्ष हो चुकी थी। पटेल समझ गए थे कि अगर इस बार चूके तो शायद ही दोबारा पीएम बन पाएंगे। राजमोहन गांधी लिखते हैं कि पटेल ने नाम वापसी के पत्र पर दस्तखत करने से मना कर दिया और उसे कृपलानी को लौटा दिया। कृपलानी ने वो पत्र गांधी को दे दिया, लेकिन इसमें सरदार पटेल के दस्तखत नहीं थे। इस बार गांधी ने नाम वापसी वाला वो पत्र फिर पटेल के आगे किया। गांधी ने पटेल से कहा कि ‘जवाहर दूसरा स्थान नहीं लेगा। कृपलानी ने जो स्टेटमेंट तैयार किया है उस पर साइन करो।' पटेल ने नाम वापसी पर दस्तखत कर दिए। अबुल कलाम आजाद अपनी बायोग्राफी ‘इंडिया विन्स फ्रीडम’ में लिखते हैं कि यह हिमालय से भी बड़ी गलती थी कि मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए खुद का नाम वापस लेकर पटेल का समर्थन नहीं किया। 15 अगस्त 1947 को सरदार पटेल भले ही प्रधानमंत्री नहीं बन सके, लेकिन उन्हें देश का पहला उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री बनाया गया। पटेल और नेहरू की जुबानी भिड़ंत, गांधी को दखल देना पड़ा पटेल की नेहरू से सीधी भिड़ंत का एक किस्सा है, जिसमें गांधी जी को दखल देना पड़ा था। बात नवंबर 1946 की है। मेरठ में कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन हुआ। इसमें पाकिस्तान की बात करने वालों से सरदार पटेल ने कहा- आप जो भी करें प्रेम और शांति के रास्ते पर चलकर करें। हो सकता है आप सफल भी हो जाओ, लेकिन तलवार का जवाब तलवार से ही दिया जाएगा। इस बयान के बाद जवाहर लाल नेहरू ने ऐलान किया कि अंतरिम सरकार से कांग्रेस के मंत्री इस्तीफा दे सकते हैं। मेरठ सम्मेलन के कुछ दिन बाद सरदार पटेल ने मुंबई में समुद्र के किनारे हजारों लोगों को संबोधित किया। नेहरू को जवाब देते हुए कहा कि मेरा इस्तीफा देने का कोई इरादा नहीं है। भले ही मेरे साथी (नेहरू) इस्तीफा दें। मैं पद पर बना रहूंगा। दोनों बातें गांधी जी तक शिकायत के रूप में पहुंचीं। गांधी को बताया गया कि सरदार पटेल हिंसा की बात कर रहे हैं। इसके बाद महात्मा गांधी ने 30 दिसंबर 1946 को सरदार पटेल को एक पत्र लिखा। गांधी ने सरदार को लिखा, 'आपके खिलाफ कई शिकायतें सुनी हैं। आपके भाषण भड़काऊ हैं। आप हिंसा और अहिंसा में कोई भेद नहीं करते। आप लोगों को तलवार का जवाब तलवार से देना सिखा रहे हैं। अगर ये सब सच है तो ये बहुत नुकसानदेह है।' पटेल ने गांधी को 7 जनवरी 1947 को लिखा, ‘मैं पद पर बने रहना चाहता हूं ये बातें मनगढ़ंत हैं। जवाहर लाल कभी-कभार इस्तीफे की बेकार धमकियां देते रहते हैं। मेरी आदत कड़वा सत्य बोलने की है। हिंसा का मुकाबला हिंसा से करने की टिप्पणी को लंबे समय से तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है और संदर्भ से परे प्रस्तुत किया गया है। आपसे ये शिकायतें मृदुला (साराभाई) ने की होंगी। मुझे नीचा दिखाना ही उसने अपना काम बना लिया है। मैं उसकी हरकतों से थक गया हूं। अगर काेई जवाहर लाल से सहमत नहीं है तो वो उसे बर्दाश्त नहीं कर सकती है।’ मृदुला साराभाई मशहूर वैज्ञानिक विक्रम साराभाई की बहन थीं और महात्मा गांधी के साथ आजादी के आंदोलन से जुड़ी हुई थीं। पटेल को प्रधानमंत्री बनाने से क्यों डरते थे महात्मा गांधी? तब के जाने-माने पत्रकार दुर्गादास ने अपनी किताब 'इंडिया फ्रॉम कर्जन टू नेहरू' में लिखा है, 'राजेन्द्र प्रसाद ने मुझसे कहा कि गांधी जी ने ग्लैमरस नेहरू के लिए अपने विश्वसनीय साथी का बलिदान कर दिया और मुझे डर है कि अब नेहरू अंग्रेजों के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे।' सब जानते थे कि जिन्ना जैसे लोगों से नेहरू के मुकाबले पटेल उन्हीं की जुबान में मोलभाव कर सकते हैं। गांधी भी इस बात को मानते थे। इसके बावजूद उन्होंने सरकार चलाने के लिए नेहरू को क्यों चुना? पत्रकार दुर्गादास को गांधी ने बताया था, 'जवाहर दूसरे नम्बर पर आने के लिए कभी तैयार नहीं होंगे। वो अंतरराष्ट्रीय विषयों को पटेल के मुकाबले अच्छे से समझते हैं। ये दोनों सरकारी बैलगाड़ी को खींचने के लिए दो बैल हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय कामों के लिए नेहरू और राष्ट्र के कामों के लिए पटेल होंगे। दोनों गाड़ी अच्छी खींचेंगे।' सरदार पटेल भले प्रधानमंत्री नहीं बन सके, लेकिन उन्हें देश का पहला उप-प्रधानमंत्री और गृह मंत्री बनाया गया। उनके कार्यकाल के कुछ रोचक किस्से… पाकिस्तान को छह में से एक भी प्रिंटिंग मशीन नहीं देना चाहते थे जब देश का बंटवारा हुआ तो कई चीजों का बंटवारा हो रहा था। ऐसी ही एक बंटवारे की बैठक में लॉर्ड माउंटबेटन, सरदार पटेल और मुस्लिम लीग के नेता लियाकत अली बैठे थे। आजादी के समय देश में सरकारी छपाई की छह प्रिंटिंग मशीनें थीं। लियाकत अली ने कहा- छह में से एक सरकारी प्रिंटिंग प्रेस को दिल्ली से कराची ले जाया जाए। ये सुनते ही पटेल का पारा चढ़ गया। राजमोहन गांधी लिखते हैं कि पटेल ने लियाकत अली को ऐसे देखा जैसे उन्हें भस्म कर देंगे। पटेल ने कहा- सभी छह प्रेस पूरी तरह से भारत सरकार के काम में लगी हुई हैं। उनमें से किसी को भी नहीं दिया जा सकता। फिर लॉर्ड माउंटबेटन ने सरदार से कहा कि प्लीज कम से कम एक मशीन तो देनी ही होगी, भले ही इससे सरकार को परेशानी हो। यह एक न्यायपूर्ण बंटवारा होगा। इसके बाद सरदार ने माउंटबेटन की तरफ देखा। भड़कते हुए सरदार बोले- किसी ने पाकिस्तान को अलग होने के लिए नहीं कहा था। हालांकि बाद में सरदार एक मशीन देने के लिए तैयार हुए। जब हैदराबाद के निजाम ने डेढ़ करोड़ हिंदुओं को मरवाने की धमकी दी राजमोहन गांधी लिखते हैं कि हैदराबाद का निजाम सबसे अमीर था, लेकिन बेहद कंजूस और मैले-कुचैले कपड़े पहने वाला व्यक्ति था। बंटवारे के बाद वो स्वतंत्र रहना चाहता था। उसने अंग्रेजों से कहा कि वो किसी के साथ नहीं रहना चाहता। जिन्ना ने हैदराबाद पर डोरे डाले और निजाम ने पाकिस्तान में शामिल होने का प्लान बनाया। सरदार पटेल हैदराबाद को किसी भी सूरत में पाकिस्तान में शामिल नहीं होने देना चाहते थे। इस बीच सैयद कासिम रिजवी ने एक सांप्रदायिक संगठन इत्तिहाद-ए-मुस्लिमीन' बनाया। उसने रजाकार नाम से एक स्वयंसेवी संगठन भी बनाया जो आगे चलकर हैदराबाद की सेना भी बनी। ये रजाकार ही हिंदू जनता पर अत्याचार कर रहे थे। इत्तिहाद-ए-मुस्लिमीन नाम का संगठन ही बाद में पॉलिटिकल पार्टी एआईएमआईएम बना, जिसके मुखिया फिलहाल असदुद्दीन ओवैसी हैं। आचार्य चंद्रशेखर शास्त्री अपनी किताब ‘राष्ट्र निर्माता सरदार पटेल' में लिखते है कि अंग्रेजों की ओर से सर वाल्टन मांटकन ने प्रस्ताव दिया कि निजाम के साथ हाेने वाले समझौते में कुछ बदलाव कर लेना चाहिए। इस पर सरदार पटेल ने कहा कि ये नहीं हो सकता है। निजाम को विशेष छूट देने का मतलब होगा, दूसरी रियासतों से धोखाधड़ी। हम ऐसा नहीं करेंगे। हैदराबाद को उसी शर्तों पर भारत का हिस्सा बनना होगा जिस पर दूसरी रियासतें बनी हैं। सरदार ने कहा कि हैदराबाद किसके साथ रहेगा। ये तय करने वाले निजाम कौन हाेते हैं। ये तो वहां की प्रजा तय करेगी। जो प्रजा का फैसला होगा, हमें स्वीकार होगा। हालांकि निजाम ने जनमत संग्रह का ऑफर ठुकरा दिया। निजाम के एक प्रतिनिधि नवाब अली यावर जंग ने लॉर्ड माउंटबेटन से मुलाकात की। उनसे कहा कि यदि हैदराबाद को भारत में मिला लिया गया तो वहां की मुस्लिम जनता पचास प्रतिशत हिंदू जनता को काट देगी। तब लॉर्ड माउंटबेटन ने कहा कि आपको क्या लगता है, क्या भारत सरकार शांति से ये सब होते देखती रहेगी। अप्रैल में एक बार फिर निजाम का प्रतिनिधि लईक अली दिल्ली पहुंचा और उसने पटेल से मिलने की इच्छा जताई। लाइक अली ने अपनी धमकी जारी रखी। इसे पटेल शांति से सुनते रहे। फिर पटेल ने कहा- आप भी जानते हैं और मैं भी जानता हूं कि हैदराबाद में सत्ता कहां है? हैदराबाद पर अभी पकड़ रखने वाले सज्जन (सैयद कासिम रिजवी) ने कहा है कि यदि भारतीय सेना हैदराबाद आई तो वे डेढ़ करोड़ हिंदुओं को मरवा डालेंगे। भारत सरकार को उनकी राख और हड्डियों के अलावा कुछ नहीं मिलेगा। सरदार ने कहा कि अगर ऐसी ही बात है तो निजाम और उनके पूरे परिवार को भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। उनका क्या होगा। मैं आपको अंतिम मौका दे रहा हूं कि आप निजाम से पूछिए वो क्या चाहते हैं। 13 मई को रक्षा समिति की बैठक हुई जिसमें तय किया गया कि हैदराबाद पर हमला बोल देना चाहिए, लेकिन पीएम जवाहर लाल नेहरू ने कहा कि जब तक कोई बड़े नरसंहार या अनहोनी की घटना की आशंका न हाे, हमें ये कदम नहीं उठाना चाहिए। 10 सितंबर को सरदार पटेल ने निजाम को फाइनली और अंतिम अल्टीमेटम दिया कि वो सारी नौटंकी छोड़कर जनता की इच्छा के अनुरूप भारत में शामिल हो जाए, लेकिन निजाम ने ये अंतिम ऑफर भी ठुकरा दिया। अगले दिन पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की मौत हो गई। डॉ. आरके सिंह अपनी किताब सरदार पटेल में लिखते हैं कि सैन्य ऑपरेशन की तैयारी शुरू की गई। नाम दिया गया ऑपरेशन पोलो। यह नाम इसलिए दिया गया था क्योंकि दुनिया में सबसे ज्यादा पोलो के 17 मैदान हैदराबाद में थे। अगले दिन भारतीय सेना ने हैदराबाद में प्रवेश किया। पांच दिन की कार्रवाई के बाद भारत ने हैदराबाद को अपना राज्य बना लिया। **** ‘पीएम इन वेटिंग’ सीरीज के अगले एपिसोड में एक ऐसे नेता की कहानी, जिनका पीएम बनना तय माना जा रहा था, लेकिन एक हादसे ने सब कुछ खत्म कर दिया… **** ‘पीएम इन वेटिंग’ सीरीज के अन्य एपिसोड यहां पढ़िए... 1. तो क्या नेहरू की जगह सुभाष चंद्र बोस होते पीएम:पौत्र बोले- वो जिन्ना को भी मंजूर थे; 1943 में ही बनाई थी सरकार
दिल्ली में कल नहीं होगा मेयर-डिप्टी मेयर का चुनाव, जानिए वजह
वहीं दिल्ली नगर निगम के सचिव द्वारा जारी नोटिस में लिखा गया है कि डीएमसी अधिनियम, 1957 (संशोधित 2022) की धारा 77 (ए) के अनुसार पीठासीन अधिकारी का नामांकन अनिवार्य है. ऐसे में फिलहाल मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव कराना संभव नहीं हो सकेगा.
नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव अब शुक्रवार को नहीं होगा।
पुणे स्थित गैर सरकारी संगठन 'एनिमल रेस्क्यू ट्रस्ट' द्वारा दायर एक जनहित याचिका में हाई कोर्ट से खतरनाक नस्ल वाले कुत्तों की बिक्री रोकने वाले सर्कुलर को रद्द करने और इसके इम्प्लीमेंटेशन पर रोक लगाने की मांग की गई थी. इसमें कहा गया था कि इस कदम से ऐसी नस्लों के खिलाफ क्रूरता बढ़ सकती है.
अनंतनाग-राजोरी संसदीय सीट का चुनाव टालने के लिए प्रत्यावेदन का चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है।
राजधानी में फिजा एक बार फिर बदलने वाली है। मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। साथ ही, आसमान में बादल छाए रहने की उम्मीद है।
लोकसभा चुनाव के दूसरे फेज की वोटिंग आज: केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान में I.N.D.I.A में शामिल पार्टियां एक-दूस... Dainik Bhaskar दूसरे चरण में कुल 88 सीटों पर होगा मतदान, दिल्ली से सटे इलाकों के वोटर क्यों हैं नाराज?...देखें चुनाव दिनभर में बड़े पॉलिटिकल अपडेट्स Aaj Tak LS Polls Phase 2 Key Candidates: टीवी के 'राम' अरुण गोविल, राहुल गांधी मैदान में, हेमा मालिनी, ओम बिड़ला को हैट्रिक की उम्मीद मनी कंट्रोल Election: आज ईवीएम में कैद होगी राहुल, थरूर, हेमा मालिनी समेत इन दिग्गजों की किस्मत, जानें हॉट सीटों का हाल अमर उजाला
Loksabha Elections से जोड़कर वायरल EVM से VVPAT बदलने का पुराना वीडियो
हमारी पड़ताल में हमने पाया कि न तो यह वीडियो हालिया है और न ही इसका 2024 के लोकसभा चुनाव से कोई संबंध है.
‘आईसीआईसीआई बैंक के 17,000 क्रेडिट कार्ड के नंबर गलत उपयोगकर्ता से जुड़े, दुरूपयोग की सूचना नहीं’
आईसीआईसीआई बैंक के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस समस्या की चपेट में आए क्रेडिट उसके कुल कार्ड पोर्टफोलियो का केवल 0.1 प्रतिशत हैं. प्रवक्ता ने कहा कि इन सभी कार्ड को ब्लॉक कर दिया गया है और ग्राहकों को नये कार्ड जारी किए जाएंगे.
परिवहन मुख्यालय ग्वालियर में संयुक्त आयुक्त प्रशासन के पास स्टेट ट्रांसपोर्ट अथारिटी के सचिव का चार्ज होता है, यह पद अभी खाली पड़ा है। स्टेट ट्रांसपोर्ट अथारिटी के चेयरमैन परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव या एसीएस होते हैं, वर्तमान में एसीएस चेयरमैन हैं, लेकिन सचिव के हस्ताक्षर से ही नवीनीकरण होता है, और स्थाई परमिट चेयरमैन जारी करते हैं। ऐसे में बस आपरेटर बिना वैध परमिट के बसों का संचालन
हर वार्ड में डोर टू डोर कैंपेन करेगी महानगर कांग्रेस
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में रांची महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉ कुमार राजा के नेतृत्व में रांची लोकसभा चुनाव में जनसंपर्क अभियान की...
सहायक आचार्य के लिए होगी सिर्फ हिन्दी की परीक्षा, बाकी स्थगित
झारखंड में सहायक आचार्य की होने वाली परीक्षा में पारा शिक्षकों को छूट दी है। 27 से 30 अप्रैल तक की परीक्षा में आवेदन करने वाले पारा शिक्षक हिन्दी की...
रांची बस स्टैंड में पार्किंग के नाम पर हो रही अवैध वसूली
राजधानी के खादगढ़ा बस स्टैंड में चल रही पार्किंग के नाम पर यहां जबरन वसूली हो रही है। यहां आनेवाले दोपहिए से लेकर चार पहिए वाहनों सभी से जबरन...
एचईसी श्रमिकों ने प्रदर्शन किया, आज मुख्यालय घेरेंगे
एचईसी के सप्लाई श्रमिकों ने गुरुवार को अपनी मांगों के समर्थन प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के बाद श्रमिकों की बैठक हुई। इसमें शुक्रवार को एचईसी मुख्यालय...
मान स्ट्रक्चरल मामले की क्यों नहीं सीबीआई जांच कराई जाए : हाईकोर्ट
झारखंड हाईकोर्ट ने मान स्ट्रक्चरल प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ पीड़क कार्रवाई करने पर रोक लगा दी है। जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने मौखिक कहा कि इस...
1500 किसानों को प्रशिक्षित कर सरसों फसल के क्षेत्रफल में वृद्धि की जाएगी : डॉ अंजनी
दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में सरसों अनुसंधान निदेशालय राजस्थान द्वारा झारखंड में सरसों फसल के क्षेत्रफल में वृद्धि परियोजना के संबंध...
टेंडर घोटाले के आरोप से एचईसी के पूर्व सीनियर डीजीएम 10 साल बाद बरी
एचईसी के पूर्व सीनियर डीजीएम (सिविल एवं स्ट्रक्चरल डिजाइन) अनिल कुमार सिंह को 10 साल पुराने टेंडर घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के एक मामले में सीबीआई...
खुले में मांस बिक्री पर जवाब को सरकार ने मांगा समय
खुले में मांस बेचने के मामले में सरकार की ओर से बताया गया है कि राज्य के 19 जिलों में कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए रोक लगा दी गयी है। शेष पांच...
हाईकोर्ट में चुनौती: आयोग की शर्त के खिलाफ 43 याचिकाओं पर हो रही सुनवाई, पूर्ण पीठ ने आम सूचना जारी
जेएसएससी और जेपीएससी परीक्षा में जाति प्रमाण पत्र से संबंधित शर्त और नियमों को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने गुरुवार को वैसे...
सात जिलों में अफीम तस्करों ने बनाया कॉरिडोर
राज्य में नशे के कारोबार पर लगाम कसने को लेकर बीते दिनों पुलिस मुख्यालय में समीक्षा हुई थी। इसमें अफीम की तस्करी से जुड़े सर्वाधिक मामले चतरा,...
बिहार ईओयू विंग ने शिक्षक बहाली पेपर लीक में हजारीबाग पुलिस की सराहना की
बिहार लोक सेवा आयोग की शिक्षक भर्ती परीक्षा से जुड़े मामले में कार्रवाई के लिए बिहार के इकोनॉमिक ऑफेंस विंग के एडीजी नैयर हसनैन खान ने हजारीबाग...
दो आईपीएस अधिकारियों की पोस्टिंग
भारत निर्वाचन आयोग से सहमति मिलने के बाद राज्य सरकार ने दो आईपीएस अधिकारियों की पोस्टिंग की है। हजारीबाग के जेएपीटीसी पदमा के एसपी चंदन कुमार झा को...
2024 है कई व्यक्तियों के बीच चुनने का चुनाव!
विदर्भ (दस सीटे) में बड़ी संख्या में सभी जातियों के लोग उद्धव ठाकरे और शरद पवार के प्रति सहानुभूति रखते है। The post 2024 है कई व्यक्तियों के बीच चुनने का चुनाव! appeared first on Naya India .
भारत चाहता है कि सीडीआरआई से अधिक से अधिक देश, अंतरराष्ट्रीय संगठन जुड़ें: विदेश मंत्रालय
सीडीआरआई की शुरुआत 2019 में की गई. वर्तमान में इस वैश्विक गठबंधन से 39 देश और सात संगठन जुड़े हैं. सीडीआरआई की वेबसाइट के अनुसार यह सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप टिकाऊ बुनियादी ढांचे के तेजी से विकास, बुनियादी सेवाओं तक सबकी पहुंच का विस्तार करने जैसी पहल को बढ़ावा देता है.
निर्दलीय प्रत्याशी ने कुंजला में खोला कार्यालय
झारखंड उलगुलान संघ के समर्थन पर गुरुवार को सुबोध पुर्ती ने खूंटी लोकसभा क्षेत्र के लिए पर्चा दाखिल किया। जिसके बाद उनके समर्थकों व संघ के...
जिले के अधिकांश आंगनबाड़ी केंद्रों में बिजली नहीं, गर्मी से परेशान हैं नौनिहाल
इस प्रचंड गर्मी का खामियाजा हमारे नौनिहालों को भी झेलना पड़ रहा है। आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले बच्चे गर्मी से परेशानी हो रहे हैं। अब तक जिले...
कोइरीबेड़ा गांव में दो साल से खराब पड़ी है जलमीनार
प्रखण्ड के हहाप पंचायत के सरवल कोइडीबेडा गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र के बच्चों को पिछले दो वर्षों से पानी नहीं मिल रहा है। आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे...
खूंटी लोकसभा क्षेत्र के लिए 16 अभ्यर्थियों ने किया पर्चा दाखिल
खूंटी लोकसभा क्षेत्र के लिए पर्चा दाखिल करने के अंतिम दिन कुल सात अभ्यथिर्यों ने पर्चा दाखिल किया और एक ने पर्चा खरीदी। लेकिन पर्चा खरीदने वाले...
दो गांव के लोगों की प्यास बुझा रहा है डाड़ीगुटू का कुकरूडाडी
जिले में भूगर्भीय जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है। हजार फीट बोरिंग करने के बाद भी पानी नहीं मिल रहा। वहीं खूंटी सदर प्रखंड के डाड़ीगुटू गांव में...
अवैध तरीके से बिजली कनेक्शन लेने की शिकायत
कोकर डिविजन अंतर्गत चुना भट्ठा में अवैध तरीके से बिजली कनेक्शन लेने की शिकायत सहायक विद्युत अभियंता के पास की गई...
जिन 88 सीटों पर मतदान होना है उनमें से पिछली बार सबसे ज्यादा 50 सीटें भाजपा को मिली थीं। The post दूसरे चरण का आज मतदान appeared first on Naya India .
बलंगा के ग्रामीण मतदान न करने के पक्ष में
जिला अंतर्गत मुरहू प्रखंड के कुद्दा पंचायत के बलंगा गांव में लोधरो मुंडा की अध्यक्षता में ग्राम सभा का आयोजन किया गया। इस दौरान विद्युतिकरण, नलजल...
कालामाटी कस्तूरबा के चार बच्चियों ने जेईई एडवांस में परचम लहराया
सदर प्रखंड अंतर्गत कस्तूरबा बालिका विद्यालय के चार बच्चियों ने जेईई एडवांस में सफलता प्राप्त की है। चार में से दो अनुसूचित जनजाति व दो ओबीसी की हैं।...
34 में 15 बच्चे ही आ रहे आंगनबाड़ी सेंटर
अड़की प्रखंड क्षेत्र के सिंदरी पंचायत अंतर्गत पिस्कटोली आंगनवाड़ी में 34 बच्चे का नामांकित है। लेकिन तेज धूप होने के कारण आंगनवाड़ी में फिलहाल15...
ढ़ोल-नगाड़े के साथ पर्चा दाखिल करने पहुंचे सामुएल पुर्ती
खूंटी लोकसभा क्षेत्र के आम्बेडकराइट पार्टी ऑफ इंडिया के उम्मीदवार सामुएल पुर्ती गुरूवार को नामांकन पत्र दाखिल किया। इससे पूर्व कार्यकर्ताओं के साथ...
कुएं में गिरने से युवती की मौत
कर्रा प्रखंड अंतर्गत जरियागढ थाना क्षेत्र के नगडा गांव में 14 वर्षीय युवती दीपिका कुमारी की मौत कुंआ मे गिरने से हो गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार...
छूटे हुए मतदान कर्मियों को निर्वाचन संबधी आयामों से कराया गया अवगत
लोक सभा चुनाव को लेकर प्रशिक्षण कोषांग द्वारा जिला के बिरसा काॅलेज परिसर में गुरुवार को छुटे हुए मतदान कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन...
संस्थानों में महिलाओं ने ग्रामीणों को किया जागरूक
मतदाता जागरूकता कार्यक्रम अब संस्थानों में भी किया जा रहा है। जिसके तहत मतदाताओं को मतदान करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी कड़ी में गुरुवार...
चोरी की स्कूटी के साथ एक आरोपी गिरफ्तार
विधानसभा थाने की पुलिस में चोरी की स्कूटी के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपी का नाम अशोक बड़ाइक ऊर्फ डेविड है। मूल रूप से बानो का रहने...
बर्ड फ्लू : केंद्रीय टीम ने प्रभावित क्षेत्रों का किया मुआयना
रांची में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद एवियन इंफ्लूएंजा आउटब्रेक की जांच को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से विशेषज्ञों के तीन...
अमेरिकी सरकार ने 80 पेज की रिपोर्ट में भारत में मानवाधिकारों की स्थिति बहुत खराब बताई। भारत ने रिपोर्ट खारिज की। The post भारत में मानवाधिकार खराब appeared first on Naya India .
भाजपा नेताओं ने कार्यकर्ताओं को किया रिचार्ज
गौरेला मंडल के शक्ति केन्द्रों में भाजपा नेताओं ने कार्यकर्ताओं को रिचार्ज किया। उन्होंने कहा उन्हें जो जिम्मेदारी गई है उसे कार्यकर्ताओं का सहयोग लेकर पूरी करें। उन्होंने शक्ति केन्द्र लालती, सधवानी, खोडरी, ठेंगाडांड, केंवची, तरईगांव,पकरिया, एवं जिला कार्यालय में युवा मोर्चा एवं महिला मोर्चा की बैठक ली और उन्हें रिचार्ज किया।
26 अप्रैल को मतदाताओं के लिए एनसीआरटीसी ने की नमो भारत ट्रेन में प्रीमियम कोच की पेशकश
बयान में कहा गया कि यह अभियान लोगों को अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है और यह केवल 26 अप्रैल के लिए ही है. इस छूट का लाभ उठाने के लिए आरआरटीएस कनेक्ट ऐप पर टिकट बुक करना अनिवार्य है.
बाल उद्यान बदहाली का दंश झेलने को विवश
नगर के बीच में बच्चों के लिए पूर्व सांसद स्व़ निरंजन प्रसाद केशरवानी के नाम पर नगर पालिका द्वारा उद्यान बनाया गया है। उद्यान में टूटे झूले एवं गार्डन में उग आए खरपतवार मुसीबत बन गई है। बदहाली की स्थिति के बाद अधिकारी उदासीनता बरत रहे हैं। देखरेख के अभाव में जीर्ण-शीर्ण उद्यान की मरम्मत एवं सुसज्जित किए जाने की मांग लोगों ने शासन-प्रशासन से की है।
मोदी, राहुल के भाषण पर नोटिस जारी
चुनाव आयोग ने राजस्थान के बांसवाड़ा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए भाषण पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को नोटिस जारी किया है The post मोदी, राहुल के भाषण पर नोटिस जारी appeared first on Naya India .
समानता का बोध कराता है मतदान का अधिकार
मतदाता जागरूकता कार्यक्रम स्वीप के विकास खंड स्तरीय मतदाता जागरूकता अभियान आयोजित किया गया। 40 शिक्षक-शिक्षिकाओं और अधिकारियों ने रक्तदान करके मतदाता जागरूकता का संदेश दिया।
समाज के युवा भारत की नींव बना रहे मजबूत : देवांगन
समाज के युवा भारत की नींव मजबूत बना रहे हैं। विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपदेयता सिद्ध कर रहे हैं। उक्त बातें प्रदेश देवांगन समाज के नवनिर्वाचित अध्यक्ष प्रदीप देवांगन ने कही।
इटली की प्रधानमंत्री ने PM मोदी को जून में होने वाले जी7 शिखर सम्मेलन के लिए दिया निमंत्रण
अधिकारियों ने बताया कि जून में इटली के पुगलिया में होने वाले जी7 सम्मेलन के वास्ते प्रधानमंत्री मोदी को मेलोनी का निमंत्रण इसी विश्वास को दोहराता है. बयान के अनुसार दोनों नेताओं ने आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रम पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.
Raigarh Crime News: लिफ्ट लेना युवक को पड़ा भारी, ट्रेलर के पलटने से मौत
दुर्घटना की सूचना पर पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। आवश्यक कार्रवाई करते हुए आगे की जांच में जुटी है।
Raigarh News: शार्ट सर्किट से ट्रांसफार्मर में लगी आग की चपेट में आए दो बाइक और मकान
गद्दी चौक में रोड किनारे मौजूद ट्रांसफार्मर में आग लगने से मची अफरा तफरी
महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित मालेगांव में 29 सितंबर, 2008 को एक मस्जिद के पास एक बाइक पर रखे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
Raigarh Crime News: पतरापाली में युवती की हत्या, पिता व बहन पर संदेह
घर परिवार के सदस्यों से अलग अलग पूछताछ कर बयान लिया गया। जिसमें कई आशंकाओं को जन्म दिया।
हरियाणा की आठ लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस प्रत्याशी घोषित, सिरसा से सैलजा, रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा
खड़गे ने फिर मांगा मोदी से मिलने का समय
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चार दिन में दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समया मांगा है। गुरुवार को उन्होंने समय मांगने के लिए प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी। The post खड़गे ने फिर मांगा मोदी से मिलने का समय appeared first on Naya India .
Ambikapur crime News : दोस्त के साथ लौट रही किशोरी के साथ वीरपुर जंगल में सामूहिक दुष्कर्म
Ambikapur crime News : शादी समारोह से अपने दोस्त के साथ मोटरसाइकिल से घर लौट रही 13 वर्षीय किशोरी के साथी को बंधक बनाते हुए छात्रा को जबरन उठाकर वीरपुर जंगल मे ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म करने वाले दो आरोपितों समेत उनके छह अन्य सहयोगी आरोपितों को त्वरित कार्रवाई करते हुए जयनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
13 राज्य, 88 सीटें; लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण की वोटिंग आज, राहुल सहित मैदान में कई दिग्गज
निर्वाचन आयोग ने कहा कि इस चरण में 1.67 लाख मतदान केंद्रों पर 16 लाख से अधिक मतदान अधिकारियों को तैनात किया गया है। उसने कहा कि इस चरण में 15.88 करोड़ से अधिक मतदाता हैं जिनमें 8.08 करोड़ पुरूष हैं।
Korba News: बिरहोर महिलाओं ने छेड़ा नशाबंदी का अभियान, भारी मात्रा में शराब जप्त
अवैध शराब समेत अन्य मादक पदार्थों के कारोबार पर रोक लगाने आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त सौरभ बख्शी की अगुवाई में वृत्त प्रभारी जुटे हुए हैं।
दिल्ली नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव पर एक बार फिर विवाद शुरू हो गया है। चुनाव की घोषणा होने और चुनाव आयोग से मंजूरी मिल जाने के बाद भी चुनाव टल गया है। The post दिल्ली के मेयर का चुनाव टला appeared first on Naya India .
मोदी के गांधी परिवार पर नए आरोप
कांग्रेस पर हमला करते हुए मोदी ने कहा- देश कह रहा है, कांग्रेस की लूट, जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी। The post मोदी के गांधी परिवार पर नए आरोप appeared first on Naya India .
भारत, जापान ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेलवे परियोजना की प्रगति की समीक्षा की
नई दिल्ली, 26 अप्रैल . भारत और जापान ने गुरुवार को ऑनलाइन प्रारूप में आयोजित 17वीं संयुक्त समिति की बैठक के दौरान मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेलवे (एमएएचएसआर) परियोजना की प्रगति की समीक्षा की. रेलवे और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जापानी प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार मासाफुमी मोरी के साथ बैठक की सह-अध्यक्षता की. भारत की ओर ... Read more
Ambikapur crime News : ग्रामीणों से भरे आटो को पिकप ने मारी टक्कर, छह घायल
Ambikapur crime News : बिश्रामपुर सूरजपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुरुवां केनापारा से विवाह समारोह में शामिल होने तेलईकछार जा रहे ग्रामीणों के आटो को तेज रफ्तार में जा रही पिकप वाहन के चालक टक्कर मार दी। दुर्घटना में आटो सवार आधा दर्जन से अधिक महिला पुरुष एवं बच्चे घायल हो गए। इ
Ambikapur crime News : महिला कर्मचारी का दैहिक शोषण करने वाला युवक गिरफ्तार
Ambikapur crime News : एसईसीएल की 24 वर्षीय महिला कर्मचारी को शादी का झांसा देकर चार साल तक उसका दैहिक शोषण करने एवं शादी से इनकार कर देने के मामले में पीड़ित महिला की रिपोर्ट पर दुष्कर्म का अपराध कर नगर पुलिस ने आरोपित युवक को गिरफ्तार कर लिया है।
Korba Wildlife News: हाथियों का दल पहुंचा सड़क पर, आधा घंटा बाधित रहा यातायात
कोरबा वनमंडल के कुदमुरा रेंज भी 39 हाथी सक्रिय हैं, जिसमें से 32 हाथी कल तक कुदमुरा क्षेत्र के जंगल के कक्ष क्रमांक पी-1140 में घूम रहे थे, जो बीती रात आगे बढकऱ चचिया परिसर पहुंच गए हैं।
मणिपुर में कद्दू में छिपाकर रखा गया 3.5 करोड़ रुपये का ड्रग्स जब्त
इम्फाल, 26 अप्रैल . असम राइफल्स और मणिपुर पुलिस ने गुरुवार को कद्दू के अंदर छिपाकर रखी गई 3.5 करोड़ रुपये मूल्य की हेरोइन जब्त की, जिसके पड़ोसी देश म्यांमार से तस्करी कर लाए जाने का संदेह है. पुलिस ने कहा कि एक गुप्त सूचना पर कार्रवाई करते हुए, सुरक्षा बलों ने जिरीबाम में फ़िरज़ावल ... Read more
Chhattisgarh Lok Sabha Election Voting LIVE: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत 26 अप्रैल को छत्तीसगढ़ की तीन हाईप्रोफाइल सीटों पर मतदान होना है। दूसरे चरण में छत्तीसगढ़ की जिन तीन लोकसभा सीटों पर वोटिंग होनी है, उनमें राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर लोकसभा सीट है। इन सीटों पर मतदान को लेकर पूरी तैयारी हो चुकी है। माना जा रहा है कि इन तीन सीटों पर मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है। दूसरे चरण के चुनाव में कुल 41 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें राजनांदगांव से कुल 15 प्रत्याशियों में से 13 पुरुष, दो महिला, महासमुंद से 17 प्रत्याशियों में से 16 पुरुष और एक महिला व कांकेर से नौ प्रत्याशियों में नौ पुरुष प्रत्याशी शामिल हैं।
सऊदी अरब को सोने की खान बेच रहा पाकिस्तान, जनता का फूटा गुस्सा, अपनी सरकार को बताया बेकार
सऊदी अरब पाकिस्तानी खदान में 1 अरब डॉलर का निवेश करने की योजना बना रहा है। इस मामले में प्रारंभिक समझौते हो गया है और अगले कुछ सप्ताह में इसकी घोषणा हो सकती है। सऊदी अरब को खदान बेचे जाने की खबर के बाद पाकिस्तान की जनता का गुस्सा फूट पड़ा है।
MP Lok Sabha Election 2024 Voting LIVE: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मध्य प्रदेश की छह लोकसभा सीटों पर शुक्रवार सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हो जाएगा। इस चरण में होशंगाबाद, रीवा, सतना, खजुराहो, दमोह और टीकमगढ़ लोकसभा सीट पर मतदान होगा। 6 सीटों पर 80 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। यहां एक करोड़ 11 लाख 62 हजार 460 मतदाता अपना सांसद चुनने के लिए वोट करेंगे। पहले चरण में हुए कम मतदान को देखते हुए चुनाव आयोग का फोकस दूसरे चरण में मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर है।
लेख: अमीरों से संपत्ति छीनना गरीबों के लिए फायदेमंद नहीं होगा
नई दिल्ली: पेरिस की सड़कों पर कैदियों को ले जाने वाली गाड़ियां गुजर रहीं थीं। उन गाड़ियों में जो कैदी थे वे कोई और नहीं बल्कि पहले के जमींदार और राजा-महाराजा थे। जब उन्हें लेकर पथरीली सड़कों से होकर गाड़ियां गुजर रही थीं तब आस-पास बैठी बुजुर्ग औरतें बुनाई करते …
कर्ण, कैमरून, स्वप्निल की शानदार गेंदबाजी, छह हार के बाद आरसीबी की जीत
हैदराबाद, 25 अप्रैल . कर्ण शर्मा, कैमरून ग्रीन और स्वप्निल सिंह की शानदार गेंदबाजी के दम पर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने गुरुवार को यहां राजीव गांधी स्टेडियम में सनराइजर्स हैदराबाद को 35 रन से हराकर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2024 में लगातार छह हार के बाद अपनी पहली जीत दर्ज की. तीनों ने दो-दो विकेट ... Read more
बीजिंग: चीन की सेना ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत-चीन सीमा पर ‘‘इस समय हालात सामान्य तौर पर स्थिर’’ हैं और दोनों पक्षों ने पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध को सुलझाने के लिए ‘‘प्रभावी’’ संचार कायम रखा है। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के …
States Profile: कांग्रेस दोहराएगी 2019 का प्रदर्शन या खिलेगा कमल? तटीय राज्य में त्रिकोणीय मुकाबला
बीजेपी ने राज्य में दूसरे दलों के बड़े चेहरों को अपने पाले में लाने के साथ ही बड़े चेहरों के खिलाफ बड़े नेताओं को मैदान में उतार दिया है. कांग्रेस और लेफ्ट के लिए उर्वरा रही केरल की सियासी जमीन पर इस बार कमल खिलेगा या चुनावी कहानी पुरानी ही रहेगी?
Ambikapur crime News : गढ़वा से नशीला इंजेक्शन ला रहे दो युवक गिरफ्तार
Ambikapur crime News : बलरामपुर जिले की पस्ता थाना की पुलिस ने झारखंड के गढ़वा से नशीला इंजेक्शन लेकर आ रहे दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपित अजय जयसवाल (29) राजपुर व सुदर्शन प्रसाद गुप्ता (20 ) घोरगाडी महादेवपारा राजपुर से 400 नग नशीला इंजेक्शन बरामद किया गया है।
एक क्लिक में पढ़ें 26 अप्रैल, शुक्रवार की अहम खबरें
देश, दुनिया, राज्य, महानगर, खेल, आर्थिक और बॉलीवुड में क्या कुछ हुआ. जानने के लिए यहां पढ़ें समय के साथ-साथ खबरों का लाइव अपडेशन...