मुख्य समाचार / बूमलाइव
मनमोहन सिंह के भाषण और पूरे ड्राफ्ट पेपर को पढ़ने से यह साफ हो जाता है कि वह केवल मुस्लिम समुदाय का ही जिक्र नहीं, बल्कि एससी/एसटी, ओबीसी, महिलाओं और
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो दिसंबर 2012 का है. इसका वर्तमान में जारी लोकसभा चुनाव 2024 से कोई लेना देना नहीं है.
बूम ने पाया कि लद्दाख के बीजेपी सांसद जामयांग सेरिंग का यह बयान मनगढ़ंत है. उन्होंने अपने एक्स पर पोस्ट करते हुए इसका खंडन किया और कहा कि यह मेरे शब्द
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो क्रॉप करके एडिट किया गया है.
बूम ने इस बार चुनाव में अपने अनोखे प्रचार से चर्चा बटोर रहे कुछ उम्मीदवारों से बात की-
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो साल 2019 में बंगाल के किसी इलाके का है. इसका लोकसभा चुनाव 2024 से कोई संबंध नहीं है.