राय और ब्लॉग्स / देशबन्धु
पत्रकारिता को लेकर एक घुटन भरी स्थिति बनती जा रही है। एक तरफ सरकार की चाटुकारिता करने वाले पत्रकार हैं
भारत में उच्च विज्ञान संस्थानों की एक श्रृंखला मौजूद है। भारत के पास वर्तमान में उच्च विज्ञान और इंजीनियरिंग के लिए अनुसंधान परियोजनाओं को वित्तपोषित
यह निबंध प्रथमत: 1907 में प्रकाशित हुआ था और मेरे लिए यह विस्मयजनक था कि सौ वर्ष पूर्व इस विषय पर कोई लेख लिखा जा सकता था
इस साल 15 अगस्त को लालकिले से भाषण देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की खुल कर सराहना की थी
'राजनीतिक दलों से प्राथमिकता: उम्मीद की जाती है कि वे अपनी नीतियां और सिद्धांत लेकर जनता के बीच में जाएंगे
छठ ऐसा पर्व है जिसमें कुछ भी कृत्रिम नहीं होता और वह पुरोहित और पोथी के सहारे चलने वाला पर्व नहीं है
पिछले एक-डेढ़ दशक से इस संगठन ने देश में सांप्रदायिक और जातीय विद्वेष का माहौल लगभग उसी तरह का बना दिया गया है
बीते दो साल से फिलीस्तीन में चल रहे नरसंहार के खत्म होने के दिन करीब आते दिख रहे हैं
लद्दाख के हाल के घटनाक्रम ने इस सच्चाई को आंखें खोलने वाले तरीके से सामने ला दिया है कि आरएसएस-भाजपा नाम भले अखंड भारत का लेते हों, वास्तव में काम भार
कक्षा 6 से 8 तक के लिए मॉड्यूल या पठन सामग्री, जैसा कि उन्हें वर्गीकृत किया गया है, की विषय-वस्तु 'विभाजन' के लिए ज़िम्मेदार लोगों को 'विभाजन के अपराधी
'पंडित नेहरू और उनके लगभग सभी साथी- सहयोगी भी स्वतंत्र भारत में इन जनतांत्रिक विश्वासों को पुष्ट करना चाहते थे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जिस कुर्सी पर वे बैठे हैं, जिस महान देश की सत्ता इस समय वो संभाल रहे हैं, उसकी जिम्मेदारी का
'1994 के अंत या 1995 की शुरूआत में 'हम आपके हैं कौन' फिल्म आई थी।
यह दृष्टिकोण भारत के तात्कालिक हितों की पूर्ति कर सकता है, लेकिन यह देश की दीर्घकालिक वैश्विक नेतृत्व महत्वाकांक्षाओं पर प्रश्नचिह्न लगाता है।
संघ को पहली बार बाहर आते हुए 1977 में देखा। लोकसभा चुनाव जीत जाने के बाद और फिर मध्य प्रदेश में विधानसभा भी जीत जाने पर।
देश में एक बार फिर भगदड़ की घटना ने कई परिवारों को उजाड़ दिया है। शनिवार को तमिलनाडु के करूर में टीवीके की रैली थी,
प्रकृति की इस विशालता पर इतना भरोसा और साथियों को हौसला बढ़ाते देखना, जुबीन की हर परफ़ॉर्मेंस में झलकता था
जिला न्यायालय ने अपने काम के लिए दंडित हुए पत्रकारों और वेबसाइटों की बात सुने बिना ही एकतरफा आदेश पारित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी
हाल के वर्षों में वैकल्पिक राजनीति का शब्द का इस्तेमाल काफी हो रहा है। इसके सूत्रधार किशन पटनायक ही थे
नेपाल में हाल में जो घटनाक्रम हुआ उससे लगता है कि लोकतंत्र भी आम लोगों की समस्याओं को हल करने में सफल नहीं है
तेल एवं गैस अन्वेषण पर जीएसटी दर में अचानक भारी वृद्धि का निर्णय काफी आश्चर्यजनक है और गलत संकेत देता है
'मुस्लिम ब्रदरहुड मुर्सी की रिहाई और बहाली के लिए उग्र आंदोलन छेड़े हुए है तो सेना बंदूक की गोलियों से उसका मुकाबला करने में लगी है
भाजपा शासन में एक बार फिर परीक्षाओं में धांधली से परेशान छात्र सड़कों पर उतरे हैं
अमेरिका में सत्तारुढ़ रिपब्लिकन पार्टी के नेता अलेक्जेंडर डंकन ने टेक्सास में लगी भगवान हनुमान की प्रतिमा पर विवादित बयान दिया है
उत्तर प्रदेश कांग्रेस नेता अनिल यादव ने कहा, 'बाबा साहेब अंबेडकर ने न्याय की अवधारणा पर आधारित एक समतावादी समाज का आह्वान किया था
अब यात्राएं करना पहिले की अपेक्षा अत्यन्त सुगम है तथा सूचनाओं व वस्तुओं के विनिमय में भी अभूतपूर्व तेजी आ गई है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की नाकामी का एक और बड़ा उदाहरण बुधवार को लद्दाख से सामने आया
'बीसवीं सदी ने हमारे समूचे जीवन को प्रभावित ही नहीं किया, बल्कि कई तरह से बदल भी दिया। ये जो बदलाव आए इनके ब्यौरे इतिहास की पुस्तकों में उपलब्ध हैं।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती हसीना (शेख) वाजेद द्वारा अपने देशवासियों को दी गई गंभीर चेतावनी पर बहुत कम लोगों ने विश्वास किया।
असल में जाति का अपना गणित है जो काल और स्थितियों से निरपेक्ष नहीं है। कई सारी जातियों का धंधा आज है ही नहीं।
अपने देश की रक्षा करना एक बात है। लेकिन इसके लिए 60 हज़ार नागरिकों को मारना, अस्पताल पर बम गिराना और भूखे बच्चों को मौत के मुंह में झोंकना जायज नहीं है
नरेंद्र मोदी और उनकी भाजपा तथा संघ परिवार ने एक बार फिर यह साबित किया है कि वे हिटलर के प्रचारमंत्री, गोयबल्स के इस सिद्घांत के पक्के अनुयाई हैं कि सौ
केरल ने राज्य में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के चुनाव आयोग के कदम का कड़ा विरोध करने का फैसला किया है
'देश में निर्वाचित सांसदों और विधायकों के ऊपर भी जनप्रतिनिधि का भार लगातार बढ़ रहा है
भाजपा की देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की सनक और उसी दिशा में काम करती मोदी सरकार की संकुचित सोच ने किस कदर देश और समाज को नुकसान पहुंचाया है
जब नया नया सोशल मीडिया आया था तो लोग वहां हैप्पी बर्थ डे के मैसेज पाकर खुश हो जाते थे। केक फूल शैम्पेन की इमोजी देखकर खुद को मशहूर हस्ती समझने लगते थे
भारतीय समाज में पगड़ी सम्मान का प्रतीक मानी जाती थी और नंगे सिर रहना शोक का चिह्न, किंतु गांधीजी ने यह दिखाया कि असली गरिमा वस्त्रों में नहीं, बल्कि सा
'यह बात हम जानते हैं कि रावण का निवास सोने की लंका में था। यदि भ्रष्टाचार से लड़ना है तो सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि यह सोने की लंका कहां है
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री एक-दूसरे के गहरे मित्र होने का दावा करते हैं
यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का भी व्यक्तिगत अपमान था क्योंकि उन्होंने इस साल मई में 1200 अरब डॉलर मूल्य के अमेरिका-कतर आर्थिक समझौते पर हस्ताक्षर करत
केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर के विस्तार से पहले, भारत के चुनाव आयोग ने गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ विपक्ष के नेता राहुल ग
आज जब साफ तौर पर रासायनिक खेती के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं तो इसके मद्देनजर देश के कई कोनों में जैविक खेती की ओर किसानों का रूझान बढ़ा है
ब्रिटेन अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वागत और उन्हें लुभाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है
''राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे'' के लबादे में, वास्तव में चुनावी द्वंद्व की अपनी इस प्रस्तुति में, प्रधानमंत्री मोदी अति-नाटकीयता का छोंक लगाना
एक बड़ी मंचसिद्ध कलाकार महाभारत की पुनर्रचना कर रही है, लेकिन कवि धीरे से कहता है कि इसके बाद भी कुछ नहीं बदला और अदृश्य चौपड़ पर खेल अभी भी जारी है
कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने एक प्रेस कांफ्रेस में फिर से वोट चोरी और चुनावी धांधली के नए सबूत पेश किए हैं
गृहमंत्री होने के नाते श्री शाह की जिम्मेदारी है कि वे देश की आंतरिक सुरक्षा के हर पहलू पर बारीकी से काम करें और अपने अधीन आने वाली पुलिस को काम सौंपे
'संघ परिवार' की वैचारिक उलझनें यहीं खत्म नहीं होतीं। जब भाजपा बनी तो अटल बिहारी वाजपेयी ने 'गांधीवादी समाजवाद' को उसकी नीति बताया
सत्येंद्र गुमाश्ता महासमुंद के पास तालाब गहरीकरण स्थल पर गए थे। उन्होंने लौटकर जो रिपोर्ट बनाई वह 8 अप्रैल को छपी
नेपाल की नवीनतम क्रांति कथा सही लाइन पर आगे बढ़ती लग रही है। लेख मंगल को लिखा जा रहा है और पिछले मंगलवार को ही असली हंगामा था