डिजिटल समाचार स्रोत

हिंद महासागर में चाल नहीं चल पाएगा चीन! इस धाकड़ IPS अफसर को भारत ने बनाया मॉरीशस का नया NSA

New NSA of Mauritius: हिंद महासागर में अपना फुटप्रिंट बढ़ाने की कोशिश कर रहे विस्तारवादी चीन को भारत ने मौन शब्दों में तीखा संदेश दिया है. भारत ने धाकड़ रहे अपने एक पूर्व IPS अफसर को मॉरीशस का नया NSA नियुक्ति किया है.

ज़ी न्यूज़ 13 Dec 2025 7:02 pm

ऑस्ट्रेलिया के बाद अब एक और देश बच्चों से दूर करेगा TikTok और Instagram! इस उम्र से कम के लोग नहीं चला पाएंगे सोशल मीडिया

Social Media Ban: ऑस्ट्रेलिया के बाद अब एक और देश से सोशल मीडिया बैन को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है! एक और देश कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया के नेगेटिव इम्पैक्ट से बचाने के लिए सख्त कदम उठाने की तैयारी में है. सरकार की योजना के तहत 15 साल से कम उम्र के बच्चों की सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की यूज करने की इजाजत नहीं होगी.

ज़ी न्यूज़ 13 Dec 2025 3:08 pm

राजनीति उथल-पुथल में गए जेल, साल 2008 में छोड़ा देश, अब चुनावी समर में बांग्लादेश लौटेगा ये नेता

Bangladesh News: बांग्लादेश में सियासी पारा काफी ज्यादा हाई हो गया है. सियासी तकरार के बीच अब बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया के बेटे वतन वापसी करने जा रहे हैं. साल 2008 में तारिक रहमान ब्रिटेन चले गए थे.

ज़ी न्यूज़ 13 Dec 2025 2:45 pm

पैसा हमारा तो शर्तें भी हामारी: अब कर्ज लेकर आतंक के सपोलों को दूध नहीं पिला पाएगा, IMF ने लोन के बदले लगाईं 64 पाबंदियां

IMF Loan Pakistan News: इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज के साथ 11 नई शर्तें रखी हैं. इसके साथ ही अगले 18 महीनों में लागू कुल शर्तों की संख्या 64 हो गई है.

ज़ी न्यूज़ 13 Dec 2025 10:58 am

'ये बेवजह और अवैध है...', 20 अमेरिकी राज्यों ने ट्रंप पर क्यों ठोका मुकदमा? क्या है एच-1बी वीजा से कनेक्शन?

Donald Trump: दुनियाभर में एच-1बी वीजा फीस को लेकर चर्चा छिड़ी है. अमेरिका के कई राज्यों में भी इस फीस को लेकर लोग परेशान हैं. ऐसे में कई राज्यों ने ट्रंप पर मुकदमा किया है.

ज़ी न्यूज़ 13 Dec 2025 10:49 am

ट्रंप टैरिफ का बड़ा असर: अमेरिका का व्यापार घाटा 5 साल के निचले स्तर पर

अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कई देशों पर लगाए टैरिफ के बाद वैश्विक बाजार में ये कयास लगाए जा रहे थे कि ट्रंप की इस नीति से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा

देशबन्धु 13 Dec 2025 10:42 am

शहबाज का वायरल वीडियो डिलीट! ट्रंप के बाद अब पाकिस्तान को पुतिन के करीब लाने वाला वो चौधरी कौन है?

एक समय पुतिन के सामने शहबाज शरीफ लड़खड़ा जाते थे, कान में ईयरफोन नहीं फंसता था लेकिन अब उन्होंने खंबे के बगल में पुतिन से हाथ मिलाकर जो गर्मजोशी दिखाई है पाकिस्तान में काफी चर्चा है. भारत भी उस तस्वीर को देख रहा है जिसमें पुतिन और शहबाज शरीफ बैठकर बात कर रहे हैं. पाकिस्तान और रूस को करीब लाने में तीसरे शख्स का बहुत बड़ा रोल है.

ज़ी न्यूज़ 13 Dec 2025 10:02 am

40 मिनट की बेइज्जती और...कैसे हुई पाक पीएम की किरकिरी? डिलीट हुआ वीडियो तो ये बोले यूजर्स

Vladimir Putin: तुर्कमेनिस्तान की राजधानी अश्गाबात में पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की घनघोर बेइज्जती हुई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. पाक पीएम ने करीब 40 मिनट तक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का इंतजार करते रहे. अब ये वीडियो RT के द्वारा डिलीट कर दिया गया है.

ज़ी न्यूज़ 13 Dec 2025 8:58 am

अमेरिका में भारत पर लगे 50% टैरिफ पर बवाल- ट्रंप के फैसले को हटाने की मांग तेज

अमेरिका की राजनीति में भारत से जुड़े ट्रेड फैसले को लेकर एक बार फिर हलचल बढ़ गई है। तीन अमेरिकी सांसदों ने मिलकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत से आयातित सामान पर लगाए गए 50% टैरिफ को समाप्त करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है

देशबन्धु 13 Dec 2025 8:30 am

53 साल उम्र, 36 बरस की कैद, 13 बार जेल और 154 कोड़े... नरगिस पर ईरान में क्यों हो रहा अत्याचार?

Narges Mohammadi: नोबेल शांति पुरस्कार विजेता नरगिस मोहम्मदी को फिर से गिरफ्तार किए जाने का दावा किया गया है. इस्लामिक रिपब्लिक में ह्यूमन राइट्स के लिए 2 दशक की लड़ाई लड़ने वालीं नरगिस को बार-बार क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है? ईरान उनसे क्यों चिढ़ा हुआ है? आइए जानते हैं.

ज़ी न्यूज़ 13 Dec 2025 8:03 am

टैरिफ की लड़ाई में बड़ा पलटवार: अमेरिकी 'सदन' ने ट्रंप के 50% भारत टैरिफ को ‘अवैध’ कह दिया!

Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. जिसके बाद से ही इस टैरिफ को लेकर लगातार चर्चा हो रही है. अब US हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स के तीन सदस्यों ने भारत पर ट्रंप के 50% टैरिफ खत्म करने के लिए प्रस्ताव पेश किया है.

ज़ी न्यूज़ 13 Dec 2025 6:45 am

मां-बाप अपने बेटे के लिए क्यों मांग रहे मौत:सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई; क्या है इज्जत से मरने का अधिकार

गाजियाबाद के रहने वाले अशोक राणा और निर्मला राणा बेटे हरीश के लिए सुप्रीम कोर्ट से इच्छामृत्यु मांग रहे हैं। 11 दिसंबर को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एम्स को रिपोर्ट बनाने को कहा। अब अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होनी है। इससे पहले भी हरीश के माता-पिता दिल्ली हाईकोर्ट और सु्प्रीम कोर्ट में ऐसी अर्जी लगा चुके हैं, लेकिन तब इसे खारिज कर दिया गया था। आखिर एक नौजवान के माता-पिता अपने ही बेटे की इच्छामृत्यु क्यों चाहते है, भारत में इसपर क्या कानून है और इससे पहले किन्हें इच्छामृत्यु मिल चुकी है; जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में…. सवाल-1: हरीश राणा केस क्या है, जिसपर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है? जवाबः दिल्ली में जन्मे हरीश राणा चंडीगढ़ की पंजाब यूर्निवर्सिटी से बीटेक की पढ़ाई कर रहे थे। 2013 में वह हॉस्टल की चौथी मंजिल से गिर गए। इसकी वजह से उनके पूरे शरीर में लकवा लग गया और वह कोमा में चले गए। हरीश अब ना कुछ बोल सकते हैं और ना ही कुछ महसूस कर सकते हैं। उनके 63 साल के पिता अशोक राणा और 60 साल की मां निर्मला राणा उनकी देखभाल करते हैं। बीबीसी से बात करते हुए अशोक राणा ने बताया था कि उन्हें उम्मीद थी कि एक दिन उनका बेटा ठीक हो जाएगा, लेकिन 12 साल बाद भी उनका बेटा बिस्तर पर हिल तक नहीं सकता। अब उन्होंने अपने बेटे के ठीक होने की उम्मीद खो दी है। अशोक राणा कहते हैं कि डॉक्टर ने उन्हें बताया है कि बेटे के दिमाग की नसें पूरी तरह सूख गई हैं। उसके इलाज के लिए उन्हें दिल्ली के द्वारका में अपना घर बेचना पड़ा। अब वो गाजियाबाद के दो कमरे के एक फ्लैट में रहते हैं। अशोक राणा ताज कैटरिंग में नौकरी करते थे। वहां से रिटायर होने के बाद अब उन्हें हर महीने 3600 रुपए पेंशन मिलती है। शनिवार और रविवार को गाजियाबाद के एक क्रिकेट ग्राउंड में सैंडविच और बर्गर बेचते हैं ताकि किसी तरह घर का खर्च और बेटे का इलाज हो सके। वह कहते हैं कि अब उनके पास बेटे के इलाज के लिए पैसे नहीं है इसलिए वे कोर्ट से इच्छामृत्यु मांग रहे हैं। हरीश की मां निर्मला राणा का भी यही कहना है कि वे उसके ठीक होने की उम्मीद खो चुकी हैं। उनके बाद बेटे को देखने वाला कोई नहीं है। हरीश के एक महीने का मेडिकल खर्च कम से कम 25-30 हजार रुपए है। निर्मला कहती हैं कि उनके बेटे के साथ जो हो रहा है भगवान न करें किसी और के साथ हो। डॉक्टर्स ने हरीश को क्वाड्रिप्लेजिया बीमारी से पीड़ित करार दिया। इसमें मरीज पूरी तरह से फीडिंग ट्यूब यानी खाने-पीने की नली और वेंटिलेटर सपोर्ट पर निर्भर रहता है। इसमें रिकवरी की कोई गुंजाइश नहीं होती। माता-पिता हरीश की इच्छामृत्यु चाहते है, क्योंकि सवाल-2: भारत के संविधान में इच्छामृत्यु का क्या कानून है? जवाब: हां, संविधान में इच्छामृत्यु को लेकर कानून है। दरअसल, 2005 में कॉमन कॉज नाम की एक NGO ने पैसिव यूथेनेशिया यानी निष्क्रिय इच्छामृत्यु के अधिकार की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर 9 मार्च 2018 को CJI दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली 5 जजों की बेंच ने इच्छामृत्यु को कानूनी मान्यता दी। तब सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, ‘अगर किसी मरीज को लाइलाज बीमारी हो या वेजिटेटिव स्टेट में यानी लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर ही जिंदा हो, तो प्राकृतिक तरीके से मृत्यु के लिए उसका इलाज बंद किया जा सकता है। इसे इच्छामृत्यु नहीं, बल्कि सम्मान के साथ मृत्यु का अधिकार माना जाएगा।’ यह अधिकार संविधान के आर्टिकल 21 का हिस्सा है, जिसमें सम्मान से जीने के साथ सम्मान से मरने का अधिकार है। सवाल-3: इच्छामृत्यु को लेकर क्या नियम है? जवाब: 2018 में पैसिव यूथनेशिया को वैधता देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए 2 तरह के नियम बनाए… 1. जब मरीज ने पहले ही ‘लिविंग विल’ लिख रखी हो ये कंडीशन तब लागू होती है, जब मरीज ने मेंटली फिट रहते हुए अपनी इच्छा से लिविंग विल लिखी हो। इस लिविंग विल में साफ तौर पर लिखा जाता है कि मरीज की बीमारी अगर लाइलाज हो जाए यानी अगर वह अब कभी ठीक होने लायक न बचे तो उसे लाइफ सपोर्ट सिस्टम से हटा दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए भी कुछ नियम बनाए हैं… इस पूरी प्रक्रिया के बारे में परिवार को जानकारी दी जाती है। किसी भी तरह के विवाद की स्थिति में हाईकोर्ट में अपील की जा सकती है। 2. जब कोई लिविंग विल न हो जब मरीज अपने होश में रहते हुए लिविंग विल नहीं बनाता तो उसका परिवार या करीबी ये फैसला ले सकते हैं। हालांकि, ये इतना आसान नहीं है। इसके लिए 2018 में सुप्रीम कोर्ट के बनाए गए इन नियमों का पालन करना होता है… अगर इसमें किसी तरह की विवाद की स्थिति होती है, तो हाइकोर्ट में अपील की जा सकती है। सवाल-4: पैसिव यूथेनेशिया क्या होती है और यह एक्टिव यूथेनेशिया से कैसे अलग है? जवाब: इच्छामृत्यु के 2 तरीके होते हैं… सवाल-5: कैसे तय होता है कि मरीज पैसिव यूथेनेशिया के लायक है? जवाब: भारत में किसी मरीज को पैसिव यूथेनेशिया देने का फैसला एक तय कानूनी और मेडिकल प्रक्रिया के तहत ही लिया जाता है। यह केवल उन मरीजों पर लागू होता है, जो सवाल-6: क्या इससे पहले ऐसा किसी मामले में हुआ है? जवाब: नहीं, हरीश राणा का मामला भारत में पैसिव यूथेनेशिया का ऐसा पहला मामला है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट के बनाए नियम फॉलो हो रहे हैं। दरअसल, 2018 के कॉमन कॉज फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने नियम बनाए थे, जो अब तक किसी मामले पर लागू नहीं हुए हैं। लेकिन हरीश का केस पहला मामला है, जिसमें इन्हें लागू किया जा रहा है। 11 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली AIIMS को आदेश दिया है कि वो एक दूसरी मेडिकल बोर्ड बनाए जो हरीश राणा की कंडीशन की चांज करे। इस केस में प्राइमरी और सेकेंडरी मेडिकल बोर्ड की प्रक्रिया कोर्ट की निगरानी में चल रही है। हालांकि, 2011 के अरुणा शानबाग केस ने पैसिव यूथेनेशिया को पहली बार लीगल बनाया, जो 2018 के कॉमन कॉज केस का आधार बना। अरुणा शानबाग केस: 1973 में मुंबई के KEM अस्पताल में 42 साल की नर्स अरुणा शानबाग पर एक वार्ड अटेंडेंट ने हमला किया और फिर रेप किया। हमले में लगी गंभीर दिमागी चोटों की वजह से अरूणा कोमा में चली गईं। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए साल 2009 में एक पत्रकार पिंकी विरानी ने अरुणा की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। याचिका में अरुणा की लाइफ सपोर्ट मशीनें हटाने की मांग की गई, ताकि उनकी प्राकृतिक रूप से मृत्यु हो सके। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने इच्छामृत्यु को कानूनी अधिकार बताया था, लेकिन अरुणा को इच्छामृत्यु की अनुमति नहीं दी। क्योंकि वह तब कुछ हद तक बिना मशीनों के सांस ले रही थीं। इसके बाद 2015 में अरुणा शानबाग की प्राकृतिक रूप से मृत्यु हो गई। सवाल-7: अन्य देशों में इसे लेकर क्या कानून है?जवाब: अलग-अलग देशों में इच्छामृत्यु को लेकर अलग-अलग कानून हैं… अमेरिका: सभी 50 राज्यों में एक्टिव यूथेनेशिया अवैध है। जबकि वाशिंगटन डीसी, कैलिफोर्निया, कोलोराडो जैसे 12 राज्यों में कोर्ट के फैसले के आधार पर ‘मेडिकल एड इन डाइंग’ यानी सहायता प्राप्त आत्महत्या वैध है। रूस: एक्टिव और पैसिव दोनों तरह के यूथेनेशिया अवैध हैं। फेडरल लॉ नंबर 323 के आर्टिकल 45 के तहत ये रोक है। अगर डॉक्टर यूथेनेशिया करते हैं तो उन्हें सजा भी हो सकती है। पाकिस्तान: यूथेनेशिया पूरी तरह से अवैध है। इसमें मदद करने या बढ़ावा देने पर 14 साल तक की सजा मिल सकती है। चीन: एक्टिव यूथेनेशिया को हत्या जैसा माना जाता है। 2022 में शेन्जेन शहर में एक केस में ये अधिकार मिला, जिसमें अगर कोई मरीज बहुत गंभीर बीमारी में है और डॉक्टर उसका जीवन बचाने के लिए बहुत ज्यादा दवाइयां या मशीनों का सहारा ले रहे हैं, लेकिन सिर्फ दर्द बढ़े तो मरीज या उसका परिवार ऐसा गैर-जरूरी रोक सकता है। इसे मौत देना नहीं बल्कि इलाज रोकना माना जाएगा। मिडिल ईस्ट: सऊदी अरब में एक्टिव यूथेनेशिया अवैध और पैसिव यूथेनेशिया कई शर्तों पर निर्भर करता है। इस्लामी कानून के तहत एक्टिव यूथेनेशिया हत्या माना जाता है। इसीलिए ईरान, तुर्की, जॉर्डन, मिस्त्र, लेबनान, ईराक जैसे मिडिल ईस्ट देशों में यूथेनेशिया पूरी तरह से अवैध है। वहीं इजराइल और यूएई में एक्टिव यूथेनेशिया अवैध तो पैसिव यूथेनेशिया अदालत के फैसलों पर निर्भर करता है। --------- ये खबर भी पढ़ें-आज का एक्सप्लेनर: मंदिर के पक्ष में फैसला देने वाले जज पर महाभियोग की तैयारी; 107 विपक्षी सांसदों ने दिया नोटिस; क्या है मंदिर-दरगाह विवाद तमिलनाडु में एक मंदिर और दरगाह के पुराने विवाद पर फैसला सुनाने वाले हाईकोर्ट के जज पद से हटाए जा सकते हैं। जस्टिस स्वामीनाथन ने तमिलनाडु की DMK सरकार को आदेश दिया कि हिंदुओं को मंदिर परिसर के पास एक खंभे पर दिया जलाने दिया जाए... पूरी खबर पढ़ें।

दैनिक भास्कर 13 Dec 2025 5:08 am

RSS का मैसेज-योगी पर सवाल उठाया तो बागी मानेंगे:हिंदुओं में एकता रखें, अनबन की खबरें कंट्रोल करें, RSS-BJP मीटिंग की इनसाइड स्टोरी

‘यूपी में 2027 में होने वाला विधानसभा चुनाव सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। उनके नेतृत्व पर जो सवाल उठाएगा, उसे बागी समझा जाएगा। ये मैसेज सिर्फ राज्य ही नहीं, राष्ट्रीय नेतृत्व के लिए भी है।’ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS का ये मैसेज BJP लीडरशिप के लिए है। 2 दिसंबर को लखनऊ में RSS और BJP की मीटिंग थी। सोर्स बताते हैं कि बैठक में उठे मुद्दे और मैसेज दोनों RSS ने तय किए। बैठक में मोहर लगा दी गई कि यूपी में योगी ही चेहरा हैं। RSS का टिकट बंटवारे से लेकर मुद्दे तय करने में भी दखल रहेगा। एक मैसेज ये भी दिया गया कि लोकसभा चुनाव की तरह BJP और RSS के बीच मतभेद नहीं हैं। इस मीटिंग से पहले 24 नवंबर 2025 को RSS चीफ मोहन भागवत और CM योगी आदित्यनाथ अयोध्या में मिले थे। क्या ये RSS के ‘मिशन यूपी’ की शुरुआत है? यह सवाल हमने दिल्ली और यूपी में RSS से जुड़े पदाधिकारियों, BJP नेताओं और एक्सपर्ट से पूछा। लखनऊ में करीब सवा 4 घंटे मीटिंगलखनऊ के RSS कार्यालय में पहले RSS की बैठक हुई। करीब 3 घंटे चली इस मीटिंग में संगठन मंत्री बीएल संतोष, सह सरकार्यवाह अरुण कुमार और BJP के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी मौजूद थे। इसके बाद एक बैठक BJP ऑफिस में हुई। इसमें CM योगी आदित्यनाथ और यूपी के दोनों डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक भी जुड़ गए। ये मीटिंग करीब सवा घंटे चली। मीटिंग में RSS के तीन बड़े मैसेज 1. तनातनी से विधानसभा-लोकसभा चुनाव में सीटें घटीं, ऐसा दोबारा न होRSS के सोर्स बताते हैं, 'लखनऊ में हुई बैठक की कमान RSS के हाथ में ही थी। मीटिंग में साफ कर दिया कि यूपी चुनाव की बागडोर पूरी तरह पार्टी के हाथों में नहीं दी जाएगी, यानी विधानसभा चुनाव में RSS की बड़ी भूमिका होगी। रणनीति से लेकर फैसलों तक में उसकी भूमिका रहेगी।' 'दरअसल 2022 का विधानसभा चुनाव पार्टी ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लड़ा था। इस पर पार्टी के अंदर सवाल उठे। उस वक्त कई नाम सीएम की रेस में आ गए थे। इसका असर ये हुआ कि 2017 के मुकाबले BJP की 57 सीटें घट गईं। पार्टी ने 2017 में 312 सीटें जीती थीं, जो 2022 में 255 रह गईं।’ ‘इस खींचतान का असर 2024 के चुनाव में भी दिखा। 2019 के लोकसभा चुनाव में BJP को यूपी से 62 सीटें मिलीं थीं। 2024 में ये घटकर 33 रह गईं। इसलिए RSS ने चुनाव से करीब डेढ़ साल पहले ही यूपी में नेतृत्व को लेकर किसी भी तरह का असमंजस पालने वालों को संदेश दे दिया है।' ‘RSS की तरफ सें मैसेज दिया गया है कि 2022 जैसी स्थिति दोबारा मंजूर नहीं है। योगी के नेतृत्व पर उंगली उठाने वाले को बागी समझा जाएगा। पार्टी में जल्द ही बड़े बदलाव किए जाएंगे।' 'मतलब साफ है कि योगी के खिलाफ लॉबिंग करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा और कुछ नए चेहरे शामिल होंगे। ये भी कहा गया कि ये मैसेज सिर्फ बैठक तक सीमित न रहे। इसे आम लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं तक पहुंचाना है।’ 2. योगी के खिलाफ न कोई बयान दे, न खबरें फैलाएदूसरा बड़ा मैसेज पार्टी हाईकमान के लिए था। RSS की तरफ से कहा गया कि BJP के राष्ट्रीय स्तर के नेता भी योगी पर कोई बयान न दें और न ही विवादित खबरों को हवा दें। लोगों और विपक्ष के बीच ये संदेश पूरी ताकत के साथ पहुंचाया जाए कि योगी और गृहमंत्री अमित शाह या PM मोदी में मनमुटाव की खबरों का कोई आधार नहीं है। RSS ने ये साफ कर दिया कि योगी ही उसकी पहली पसंद हैं। चाहे चुनावों में टिकटों का बंटवारा हो या नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव, योगी की राय लिए बिना कोई फैसला नहीं होगा। 3. यूपी में हिंदूवादी संगठनों और साधु-संतों का बड़ा सम्मेलनसोर्स बताते हैं कि तीसरा अहम मुद्दा सीधे चुनाव से जुड़ा है। बैठक में तय हुआ कि 2026 में यूपी में हिंदूवादी संगठनों और साधु-संतों का बड़ा सम्मेलन किया जाएगा। इसमें देशभर के साधु-संतों और हिंदूवादी संगठनों को बुलाया जाएगा। इसमें RSS के पदाधिकारी और BJP के राष्ट्रीय स्तर के नेता शामिल होंगे। इसका मकसद हिंदुओं को एकता का संदेश देना है। अयोध्या में 90 मिनट योगी-भागवत की सरप्राइज मीटिंग24 नवंबर, 2025 को RSS चीफ मोहन भागवत अयोध्या में थे। वे गुरु तेग बहादुर सिंह के 350वें शहादत दिवस समारोह में शामिल होने आए थे। अचानक दोपहर में दर्शन के लिए राममंदिर पहुंच गए। शाम को अयोध्या में RSS के कार्यालय 'साकेत निलयम' गए। इसी दिन CM योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या में थे। वे राम मंदिर में ध्वजारोहण समारोह की तैयारियां देखने गए थे। शाम करीब 7 बजे योगी सीधे RSS कार्यालय पहुंचे और मोहन भागवत से मिले। RSS के प्रांत प्रचारक स्तर के पदाधिकारियों और हमारे सोर्सेज के मुताबिक, योगी-भागवत ने पूरे टाइम अकेले में बात की। ये सरप्राइज मीटिंग करीब डेढ़ घंटे तक चली। ये मीटिंग उस वक्त हुई, जब BJP यूपी में नए अध्यक्ष और कैबिनेट में विस्तार की तैयारी कर रही थी। यूपी में काम कर रहे एक पदाधिकारी से हमने इस मीटिंग पर बात की। वे कहते हैं, 'बिहार चुनाव के नतीजे आने के हफ्ते भर बाद डॉ. भागवत दिव्य गीता प्रेरणा उत्सव में हिस्सा लेने लखनऊ पहुंचे थे। वहीं से वे अयोध्या चले गए। योगी दोनों मौकों पर संघ प्रमुख के साथ मौजूद रहे, लेकिन अयोध्या में संघ कार्यालय में वे उनके साथ 1 घंटे से ज्यादा बैठे।’ ‘इस मुलाकात पर CM योगी और डॉ. भागवत ने कुछ नहीं कहा। RSS में चल रही बातों के आधार पर मैं ये जरूर कह सकता हूं कि जातीय समीकरण, राम मंदिर आंदोलन के बाद हिंदुत्व की नई परिभाषा और यूपी में BJP-RSS के बीच रणनीति जैसे मुद्दों पर ये बैठक अहम मानी जा रही है।’ ‘बिहार चुनाव में RSS के करीब-करीब सारे प्रयोग सफल रहे हैं। इसका नतीजा भी सभी ने देखा। अब इसी तरह के प्रयोग बंगाल और उसके बाद यूपी में आजमाने की बारी है। इसे देखते हुए ये बैठक प्रदेश में संगठन और सरकार के बीच बेहतर समन्वय बनाने की शुरुआत के तौर पर देखी जा रही है।’ RSS से जुड़े संगठन विद्या भारती से जुड़े भास्कर दुबे कहते हैं, ‘RSS का मकसद सरकार के संचालन पर निगाह रखना और समाज के उन वर्गों को अपने साथ जोड़ना है, जिससे भविष्य में संघ को मजबूती मिल सके।' अयोध्या की मुलाकात का असर लखनऊ मेंयोगी-भागवत जब-जब मिले हैं, यूपी में सरकार के फैसलों पर इसका असर दिखा है। सोर्स के मुताबिक, योगी-भागवत की इस मुलाकात के बाद 26 नवंबर से 2 दिसंबर तक लखनऊ में RSS पदाधिकारियों और BJP नेताओं के बीच 6 बार मीटिंग हुई हैं। ये बैठकें डिप्टी CM बृजेश पाठक, श्रम एवं रोजगार मंत्री अनिल राजभर, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, पर्यावरण मंत्री अरुण सक्सेना, पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह के आवास पर हुईं। राज्यसभा सांसद अमरपाल मौर्य और BJP किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह मीटिंग के कोऑर्डिनेटर रहे। दोनों को RSS का करीबी माना जाता है। सोर्सेज के मुताबिक, इन बैठकों में RSS ने शासन से जुड़े मुद्दों पर फीडबैक लिया। साथ ही संगठन और सरकार के बीच प्लानिंग बेहतर करने के सुझाव दिए। RSS के क्षेत्र सह प्रचार प्रमुख (पूर्वी यूपी) मनोज कांत बताते हैं- संगठन और सरकार के बीच ऐसी बैठकें होती रहती हैं। इसमें संघ और सरकार से जुड़े नेता आपस में फीडबैक लेते रहते हैं। ये मीटिंग भी उसी का हिस्सा हैं। एक्सपर्ट बोले- यूपी में पैचवर्क कर रहा RSSयूपी में RSS और BJP की पॉलिटिक्स पर नजर रखने वाले प्रमोद गोस्वामी कहते हैं, ‘यूपी में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में सीटें कम ह BJP और RSS दोनों के लिए चिंता की बात है। लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद भी केशव प्रसाद मौर्य और योगी के बीच अनबन देखी गई। उसका पैचवर्क करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व को सामने आना पड़ा। हो सकता है कि योगी-भागवत के बीच अयोध्या में यही बातें हुई हों।’ योगी की हिंदू फायर ब्रांड इमेज RSS को पसंदसीनियर जर्नलिस्ट सुरेंद्र दुबे कहते हैं, ‘योगी कभी RSS से नहीं जुड़े, न ही वे BJP के टिकट पर चुनाव लड़ते थे। वे हिंदू महासभा की तरफ से चुनाव लड़ते थे। BJP हिंदूवादी चेहरे के तौर पर उन्हें सपोर्ट करती थी। 2017 में BJP हाईकमान ने योगी को यूपी की कमान सौंप दी। पार्टी का ये प्रयोग कामयाब रहा और योगी हिंदू फायर ब्रांड नेता के तौर पर उभरे।’ ‘धीरे-धीरे लोगों को योगी की बातचीत का स्टाइल, बुलडोजर और माफिया को मिट्टी में मिलाने वाले डायलॉग पसंद आने लगे। आज वो देश के हर चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार कर रहे हैं।’ वे मुद्दे, जिनकी वजह से RSS और BJP के बीच खाई हुई… 1. राममंदिर पर RSS की हर सलाह किनारे कीलोकसभा चुनाव से पहले RSS और BJP के बीच दूरियां बढ़ गई थीं। RSS के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक, 'राम मंदिर के मामले में BJP ने RSS की बात सुननी बंद कर दी थी। शुरुआत श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय पर वित्तीय गड़बड़ी के आरोप से हुई थी।' 'RSS ने चंपत राय को चित्रकूट की प्रतिनिधि सभा में बुलाया और सख्त चेतावनी भी दी। इसके बाद BJP ने राम मंदिर का मसला सीधा अपने हाथ में ले लिया। RSS की सलाह पर ध्यान देना भी जरूरी नहीं समझा।' 2. RSS की सलाह थी, प्राण प्रतिष्ठा लोकसभा चुनाव के बाद होRSS की तरफ से कहा गया था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा चुनाव के ठीक बाद हो। मशविरा दिया गया था कि अगर प्राण प्रतिष्ठा पहले हुई, तो लोग चुनाव आते-आते इस मुद्दे को भूल जाएंगे। प्राण प्रतिष्ठा बाद में हुई, तो लोग मंदिर का मुद्दा याद रखेंगे। चुनाव के दौरान उनके दिमाग में ये बना रहेगा। राम मंदिर बनने की आशा को बचाए रखना था, ये तभी होता जब प्राण प्रतिष्ठा चुनाव के बाद होती, लेकिन BJP को जल्दी थी। इसका नतीजा ये हुआ कि कई धर्मगुरु भी BJP के फैसले के विरोध में आ गए। 3. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शंकराचार्यों को तवज्जो नहीं राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के मामले में भी RSS, BJP से बहुत नाराज था। RSS चाहता था कि सभी शंकराचार्य और धर्मगुरु आयोजन में शामिल हों। उन्हें तवज्जो दी जाए। BJP ने हड़बड़ी में किसी को मनाने की जरूरत नहीं समझी, जो नाराज थे, उन्हें नाराज ही रहने दिया। BJP ने अपने गेस्ट बुलाए, जो ग्लैमर और बिजनेस की दुनिया से थे। 4. लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे पर सहमत नहीं था RSSलोकसभा चुनाव में यूपी ने BJP को बड़ा झटका दिया। इस झटके को RSS ने टिकट बंटवारे के वक्त ही भांप लिया था। RSS ने 10 से ज्यादा सीटों पर कैंडिडेट पर असहमति जताई थी। इनमें प्रतापगढ़, श्रावस्ती, कौशांबी, रायबरेली और कानपुर जैसी सीटें शामिल थीं। कानपुर के अलावा सभी सीटों पर BJP कैंडिडेट हार गए। RSS का कहना था कि कुछ सांसदों को छोड़कर, हमें नए लोगों को टिकट देना चाहिए, जैसा दिल्ली में किया है। हालांकि, टिकट बंटवारे के मामले में भी RSS बेबस ही दिखा। ......................................ये ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़िए 35 दिन, 12 राज्य; 30 BLO की मौत, मुआवजा जीरो, परिवार बोले- चुनाव आयोग डांस देख रहा यूपी, राजस्थान, मध्यप्रदेश समेत 9 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में 4 नवंबर से SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन चल रहा है। लगातार फील्ड वर्क, देर रात तक डेटा अपलोड करना और प्रेशर की वजह से देशभर में 8 दिसंबर तक 30 बीएलओ की मौत हो चुकी है। इनमें 10 सुसाइड हैं। इनमें से किसी को मुआवजा नहीं मिला। वहीं चुनाव आयोग ने बीएलओ के डांस करते वीडियो पोस्ट किया है। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 13 Dec 2025 5:08 am

पुतिन-एर्दोआन मीटिंग में अचानक पहुंच गए पाक पीएम, सोशल मीडिया पर मज़ाक उड़ना शुरू

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ तुर्कमेनिस्तान में इंटरनेशनल फोरम ऑन पीस एंड ट्रस्ट में शामिल होने पहुंचे। यहां रूसी राष्ट्रपति पुतिन भी पहुंचे हैं

देशबन्धु 12 Dec 2025 10:57 pm

40 मिनट इंतजार के बाद 10 मिनट की मुलाकात, पुतिन ने शहबाज को बता दी 'PAK' की असल औकात; वीडियो वायरल

Putin-Shehbaz Sharif Meeting News in Hindi: ऐसा लगता है कि पाकिस्तान के लिए इंटरनेशनल बेइज्जती अब न्यू नॉर्मल हो गया है. शहबाज शरीफ को एक बार फिर इस बेइज्जती का स्वाद चखना पड़ा है. पुतिन ने आज खुलकर शहबाज को पाकिस्तान की असली औकात बता दी.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 7:29 pm

ट्रंप के हाथों पर बैंडेड क्यों लगी है? मीडिया में चल ही अफवाहों के बाद व्हाइट हाउस ने चुप्पी तोड़ी

ट्रंप की मीडिया सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने जारी किए गए एक बयान में इसके पीछे की वजह बताईं. लेविट ने इसके पीछे वही वजहें दोहराईं जो उन्होंने कुछ महीने पहले बताई थीं. जब ट्रंप के दाहिने हाथ पर चोट का निशान देखा गया था जिसे मेकअप की मोटी परत से ढका गया था और उन्होंने सेहत की चिंताओं को नजरअंदाज कर दिया था.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 7:08 pm

इस इस्लामिक देश में अचानक उभर रहे 100 फुट चौड़े रहस्यमयी गड्ढे! किसानों में दहशत, आखिर कौन निगल रहा उनकी जमीन?

Sinkhole Farmers Panic News: दुनिया के एक बड़े इस्लामिक देश इन दिनों अजीब कहर से जूझ रहा है. वहां पर खेतों में अचानक 100-100 फुट चौड़े और सैकड़ों फीट गहरे गड्ढे बन रहे हैं. इससे किसानों और आम लोगों में दहशत बढ़ती जा रही है.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 6:15 pm

5 महाशक्तियों का नया क्लब बनाएंगे ट्रंप ? Core-5 में भारत-अमेरिका के बाद और कौन से देश होंगे शामिल

भारत और अमेरिका के अलावा वो कौन से तीन देश हैं जो इस मंच में शामिल होंगे ये हम आपको बताएंगे पहले आप जान लीजिए कि इस मंच का नाम क्या रखा गया है? सूत्रों की मानें तो इस मंच का नाम 'C5' या 'कोर फाइव' रखा जा सकता है.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 5:41 pm

बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया की किडनी फेल, नाजुक हालत के चलते वेंटिलेटर पर रखा

Khaleda Zia Health Update: खालिदा जिया के वाल्व में परेशानी आने के बाद उनका टीईई यानि की ट्रांस इसोफेगल इकोकार्डियोग्राम टेस्ट किया गया, जिसमें इंफेक्टिव एंडोकार्डिटिस के होने का पता चला था. जिसके बाद मेडिकल बोर्ड के डॉक्टरों ने जिया का इंटरनेशनल गाइडलाइन्स के हिसाब से इलाज शुरू कर दिया है.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 5:31 pm

7 मिनट तक थमी रही धड़कन, फिर अचानक लौट आई जान; 22 वर्षीय युवती ने सुनाई मौत से वापसी की कहानी

Life After Death: मरने के बाद का जीवन कैसा होता है, यह आज तक किसी ने नहीं देखा. लेकिन 22 साल की एक लड़की इस घटना को साक्षात महसूस करके आई है. उसकी कहानी इतनी डरावनी है कि दुनिया में वायरल हो रही है.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 5:07 pm

Video: ‘पिछले महीने 25 हजार लोग मारे गए', ट्रंप ने थर्ड वर्ल्ड वॉर का दे दिया इशारा! रूस-यूक्रेन को लेकर गुस्से में क्या कहा?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर सबसे गंभीर चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर जल्दी लड़ाई नहीं रुकी तो तीसरा विश्व युद्ध हो सकता है. पिछले एक महीने में ही 25,000 लोग मारे गए हैं. शांति वार्ता फेल हो रही है, यूरोप के नेता अब बीच में कूद पड़े हैं. जानें पूरी बात, देखें ट्रंप का वीडियो.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 2:18 pm

केवल 50 लाख की आबादी, 1971 की जंग में भारत का दिया था साथ, अब पीएम मोदी करेंगे इस इस्लामिक मुल्क की यात्रा

PM Modi Oman Visit: पीएम मोदी ओमान की यात्रा पर जाने वाले हैं. केवल 50 लाख की आबादी वाला यह अरब देश भारत का पुराना साझेदार है, जिसने पाकिस्तान के साथ जंग के दौरान भारत को खुला समर्थन दिया था.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 1:57 pm

जापान में फिर कांपी धरती! 4 दिन में दूसरा बड़ा झटका; 6.7 तीव्रता के जोरदार भूकंप ने मचाया हाहाकार

Japan tsunami warning: जापान के पूर्वोत्तर क्षेत्र आओमोरी प्रान्त के तट पर आज 6.7 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया, जिसके बाद जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने 1 मीटर तक की सुनामी लहरों की चेतावनी जारी की थी.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 1:04 pm

बांग्लादेश में चुनाव की डेट फिक्स: शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग बनी यूनुस सरकार की 'गले की फांस', पूरी दुनिया की नजरें टिकीं

Awami League rejectsBangladesh election schedule: बांग्लादेश चुनाव आयोग ने 12 फरवरी 2026 को संसदीय चुनाव और जुलाई चार्टर रेफरेंडम की घोषणा की, लेकिन शेख हसीना की अवामी लीग ने इसे खारिज कर दिया है. पार्टी ने यूनुस सरकार पक्षपात का आरोप लगाया है. पूरी दुनिया की अब बांग्लादेश में होने वाले चुनाव पर नजरें टिकी हैं.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 12:46 pm

H-1B वीजा पर फिर विवाद! अमेरिकी पोलस्टर का सनकी बयान, बोला- 'भारतीय लोगों को बाहर फेंको'

Illegal Aliens: अमेरिकी सर्वेक्षण एजेंसी ने दावा किया है कि 1 करोड़ 20 लाख अमेरिकी तकनीकी कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं. इसकी वजह बताई गई कि विदेशी मूल के काम करने वाले लोगों ने सिलिकॉन वैली को आजाद कर दिया है.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 12:40 pm

Reddit ने ऑस्ट्रेलिया के अंडर-16 सोशल मीडिया बैन को बताया असफल मॉडल, हाई कोर्ट में दी चुनौती

Australia 16 Age Restriction: ग्लोबल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म रेडिट ने ऑस्ट्रेलिया की उस नई कानूनी नीति के खिलाफ हाई कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर रोक लगाई गई है.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 12:24 pm

बांग्लादेश : अवामी लीग ने चुनाव कार्यक्रम को किया अस्वीकार, कहा-अंतरिम सरकार के चलते स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना संभव नहीं

बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी ने देश के चुनाव आयोग द्वारा घोषित चुनाव कार्यक्रम को अस्वीकार कर दिया है। पार्टी का कहना है कि मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार के दौरान स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना संभव नहीं है

देशबन्धु 12 Dec 2025 10:34 am

ट्रंप ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर किए हस्ताक्षर, एआई के नियमों को सेंट्रलाइज करने के लिए उठाया ये कदम

वाशिंगटन, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य पूरे देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई के नियमों को एक जगह से नियंत्रित यानी सेंट्रलाइज करना है। उनका कहना है कि अलग–अलग राज्यों के अपने नियम होने से तकनीकी विकास धीमा पड़ सकता है और चीन के मुकाबले अमेरिका की बढ़त को खतरा हो सकता है।

देशबन्धु 12 Dec 2025 10:28 am

Video: मेयर बनते ही जोहरान ममदानी ने अमेरिका में भड़का दी हिंसा! 1000% बढ़ा सरकारी अधिकारियों पर हमला, व्हाइट हाउस ने दी चेतावनी

1000% rise attacks on ICE agents after Mamdani video: न्यूयॉर्क के नए मेयर-इलेक्ट जोहरान ममदानी के ICE का विरोध करो वाले वीडियो के बाद अमेरिका में बवाल मच गया है. हालात इतने खराब हो गए हैं कि ICE एजेंट्स और उनके परिवारों पर 1000% तक हमले बढ़ गए हैं. ट्रंप प्रशासन ने इसे हिंसा भड़काने वाला बताया और कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. आप भी देखें जोहरान ममदानी का वीडियो समझें पूरी कहानी.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 10:25 am

मादुरो का भी होगा 'सद्दाम वाला अंजाम'? अमेरिका ने परिवार तक को घेरा, टैंकर जब्त… वेनेजुएला पर चढ़ाई की तैयारी!

US Venezuela tensions: अमेरिका ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो, उनके परिवार और तेल से जुड़ी कंपनियों पर नए प्रतिबंध लगाए, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव फिर बढ़ गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप प्रशासन वही कड़ा दबाव वाला तरीका अपना रहा है, जैसा कभी इराक में सद्दाम हुसैन के खिलाफ अपनाया गया था.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 9:25 am

1 लाख लोगों ने संसद घेर कर लगाए 'माफिया बाहर जाओ' के नारे, 5 साल में सात चुनावों के बाद भी गिरी सरकार

Bulgarian Govt. Resigns: बुल्गारिया की संसद भवन पर लोगों ने बड़ी संख्या में इस्तीफा दो और माफिया बाहर जाओ के नारे लगाए. पिछले हफ्ते ही इन प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति रूमेन रादेव का समर्थन भी मिला था. अभी हाल में ऐसे ही प्रदर्शनों के कारण नेपाल की सरकार ने भी इस्तीफा दिया था.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 7:44 am

8 साल पीछे ईसाई बहुल देश से PM मोदी को क्या काम? 16-17 दिसंबर के दौरे से घबरा गया है अमेरिका...ग्लोबल साउथ में बढ़ रहा है दबदबा

PM Modi visit to Ethiopia: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16-17 दिसंबर 2025 को तीन देशों की यात्रा के बीच इथियोपिया जाएंगे, जो इस साल उनका तीसरा अफ्रीकी दौरा होगा.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 7:12 am

बैंक-बीमा में आपके पैसे बिना दावे के तो नहीं पड़े:ऐसे 78 हजार करोड़ लौटाना चाहती है सरकार, कैसे मिलेंगे; 6 सवालों में सबकुछ

भारत के बैंकों और वित्तीय संस्थानों में 78 हजार करोड़ रुपए बिना दावे के पड़े हैं। मोदी सरकार ने इसे लौटाने के लिए 'आपका पैसा-आपका अधिकार' योजना शुरू की है। 10 दिसंबर को पीएम मोदी ने कहा कि भूली हुई संपत्ति को एक नए अवसर में बदलने का यह एक अच्छा मौका है। ‘योर मनी, योर राइट’ योजना क्या है, कैसे पता करें कि कहीं आपका पैसा भी तो बिना दावे के नहीं पड़ा और इसे कैसे हासिल कर सकते हैं; भास्कर एक्सप्लेनर में ऐसे 6 जरूरी सवालों के जवाब… सवाल-1: बिना दावे के 78 हजार करोड़ रुपए कहां-कहां पड़े हैं? जवाबः मुख्य रूप से 3 जगहों पर बिना दावे के पैसे पड़े हैं… 1. निष्क्रिय बैंक खातों में: ऐसे खाते जिनमें 10 साल से कोई लेन-देन नहीं हुआ, उन्हें निष्क्रिय माना जाता है। इसमें सेविंग, करंट और फिक्स्ड डिपॉजिट सभी तरह के बैंक अकाउंट शामिल हैं। RBI के नियमों के मुताबिक बैंक यह पैसा अपने पास ही रखता है, लेकिन हर साल इसकी जांच करता है। 2. इंश्योरेंस कंपनियों के पासः लगभग 14 हजार करोड़ रुपए इंश्योरेंस कंपनियों के पास हैं, जिन्हें लेने वाला कोई नहीं। ये वो पैसे हैं जो पॉलिसी पूरी होने पर मिलते हैं या पॉलिसीधारक की मृत्यु पर उसका परिवार क्लेम करता है। 3. म्यूचुअल फंड और शेयरों में फंसा पैसा: म्यूचुअल फंड और शेयर्स पर डिविडेंड मिलता है यानी ऐसा पैसा जो शेयरधारकों के पास शेयर के मुनाफे के बाद पहुंचता है। अगर शेयरधारक इसे क्लेम नहीं करता तो कंपनी 7 साल तक के लिए पैसा एक अलग सुरक्षित फंड में ट्रांसफर कर देती है। ऐसे करीब 3 हजार करोड़ रुपए म्यूचुअल फंड में और 9 हजार करोड़ रुपए शेयर्स के डिविडेंड में पड़े हैं। सवाल-2: सरकार की नई ‘योर मनी, योर राइट’ योजना क्या है? जवाबः ‘योर मनी, योर राइट’ यानी आपकी पूंजी, आपका अधिकार योजना को अक्टूबर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लॉन्च किया था। इसका मकसद लोगों का भूला-बिसरा या दावा न किया गया पैसा उनको वापस लौटाना है। यह काम भारत सरकार के वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी RBI और सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी SEBI जैसे कई विभाग मिलकर कर रहे हैं। वे ऐसे सभी पुराने बकाया पैसों को पहचान कर उनके हकदारों तक इसकी जानकारी पहुंचा रहे हैं। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना को प्रमोट करते हुए कहा था कि ऐसे पैसे कई परिवारों की मेहनत की कमाई है, जो बेकार पड़ी है। इसलिए सरकार का मकसद है कि हर नागरिक अपना हकदार पैसा वापस ले। मोदी ने लिंक्डइन पर पोस्ट करके लोगों से अपील की है कि वे भी इस योजना में शामिल हों। योजना के तहत कोई भी व्यक्ति पता कर सकता है कि उसके नाम पर कोई बिना क्लेम किया हुआ पैसा है या नहीं? सवाल-3: बैंक या स्कीम्स में ऐसे आपके पैसे भी तो नहीं, कैसे चेक करें? जवाबः बैंक या स्कीम्स में अगर आपके या आपके परिवार के किसी सदस्य के पैसे पड़े हुए हैं तो उन्हें चेक करने का तरीका बेहद आसान है। भारत सरकार ने इसके लिए चार तरह के पोर्टल लॉन्च किए हैं… 1. बैंक खातों में जमा राशि चेक करने का तरीका बैंकों में 10 साल से इनएक्टिव अकाउंट्स का पैसा RBI के पास ट्रांसफर हो जाता है। इसे चेक करने के लिए ये प्रोसेस फॉलो करें- 2. इंश्योरेंस में बिना दावे के पैसे चेक करने का तरीका लाइफ इंश्योरेंस, हेल्थ इंश्योरेंस और LIC जैसे किसी जनरल इंश्योरेंस में खोया या भूला हुआ पैसा चेक करने के लिए https://bimabharosa.irdai.gov.in पर रजिस्टर करें। आगे की प्रोसेस के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें- 3. म्यूचुअल फंड्स में बिना दावे के पैसे चेक करने का तरीका आपके परिवार में किसी का पैसा म्यूचुअल फंड्स में पड़ा हो सकता है जिसे अब तक न तो चेक किया गया और न ही निकाला गया है। कोई एक्टिविटी न होने के 10 साल बाद ये फंड्स इनएक्टिव हो जाते हैं। ऐसे फंड्स को चेक करने के लिए इन स्टेप्स को फॉलो करें- इसके अलावा SEBI MITRA की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर भी अनक्लेम्ड म्यूचुअल फंड्स को ट्रैक किया जा सकता है। 4. बिना दावे के शेयर/डिविडेंड्स चेक करने का तरीका अगर किसी कंपनी का डिविडेंड 7 साल तक आपके अकाउंट में क्रेडिट नहीं होता तो वो रकम और उससे जुड़े शेयर IEPF यानी इन्वेस्टर एजुकेशन एंड प्रोटेक्शन फंड में ट्रांसफर हो जाते हैं। इनका स्टेटस चेक करने लिए ये स्टेप्स फॉलो करें- सवाल-4: अगर आपका अनक्लेम्ड पैसा जमा है, तो इसे कैसे हासिल करें? जवाबः सरकार जिन पोर्टल्स के जरिए भूला-बिसरा पैसा चेक करने की सुविधा दे रही है वहीं से इसे क्लेम भी किया जा सकता है। इसके अलावा ‘योर मनी, योर राइट’ योजना के तहत देशभर के 477 जिलों में कैंप लगाए गए हैं। यहां पर जाकर भी अपने पैसे क्लेम करने में मदद ली जा सकती है। घर बैठे अपने अनक्लेम्ड पैसे को हासिल करने के लिए नीचे दी गई प्रक्रिया अपनानी होगी… 1. बैंक खातों में जमा राशि कैसे हासिल करें 2. इंश्योरेंस में बिना दावे की राशि कैसे पाएं 3. म्यूचुअल फंड्स में भूले पैसे कैसे पाएं 4. बिना दावे के शेयर/डिविडेंड्स कैसे क्लेम करें सवाल-5: अब तक कितने लोगों को इस योजना से फायदा हुआ? जवाबः वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 9 दिसंबर को राज्यसभा में लिखित जानकारी देते हुए बताया कि योजना के शुरुआती दो महीनों में लगभग अनक्लेम्ड 2 हजार करोड़ रुपए वापस किए जा चुके हैं। इसकी पुष्टि खुद प्रधानमंत्री मोदी ने भी लिंक्डइन पोस्ट में की है। हालांकि अभी तक लाभार्थियों की संख्या सामने नहीं आई है। यह राशि बैंक, इंश्योरेंस, म्यूचुअल फंड्स, डिविडेंड और अन्य जगहों से वापस हुई है। योजना शुरू होने से पहले पिछले 3 सालों में बैंकों ने कुल 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा अनक्लेम्ड डिपॉजिट वापस किए हैं। सवाल-6: जो पैसा कोई क्लेम नहीं करेगा, उसका क्या होगा? जवाब: अगर इस कैंपेन के बाद भी कुछ लोग अपना बकाया पैसा क्लेम नहीं करते हैं, तो वह पैसा सुरक्षा फंड में ट्रांसफर हो जाएगा… -------- ये खबर भी पढ़ें- आज का एक्सप्लेनर: रुपया 90 से भी नीचे धंसा, सरकार जानबूझकर गिरने दे रही या चीजें कंट्रोल से बाहर; किसका फायदा, किसे नुकसान एक अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 90 रुपए से भी ज्यादा नीचे चला गया। पिछले साल रुपए की गिरावट रोकने के लिए RBI ने अपने खजाने से डॉलर बेचने शुरू किए थे। पूरी खबर पढ़ें...

दैनिक भास्कर 12 Dec 2025 5:06 am

क्या नेपाल में फिर होने वाला है हिंसक आंदोलन:सरकार बदली, अफसर पुराने; GenZ लीडर्स बोले- 100 दिन में कुछ नहीं बदला, फिर लड़ेंगे

‘जब लोहा गर्म था, तब केपी शर्मा ओली को पकड़कर जेल के अंदर डालना था। सभी संवैधानिक बदलाव भी तभी करने थे। अब लोहा ठंडा पड़ गया, इसलिए अब ये सब करने का कोई रास्ता नहीं बचा। युवाओं को तो ये भी समझ नहीं है कि राजनीति कैसे करनी है और चुनाव कैसे लड़ना है।’ नेपाल के GenZ नेता टंका धामी को अफसोस है कि जो कुछ सोचा था वो नहीं हो सका। धामी कहते हैं कि नेपाल में सुशीला कार्की सरकार को 3 महीने पूरे हो गए हैं। उनकी सरकार में ऐसे बहुत से सलाहकार हैं, जो मनमानी कर रहे हैं। वे युवा GenZ लीडर्स की बात भी नहीं सुन रहे हैं। नेपाल में जिस राजनीतिक व्यवस्था के खिलाफ GenZ प्रोटेस्ट हुए और 8 सितंबर को तख्तापलट हुआ, अब वही राजनीतिक व्यवस्था फिर हावी हो रही है। अंतरिम सरकार को जिम्मेदारी संभालते हुए 3 महीने हो गए हैं, लेकिन नेपाल में आम लोगों की जिंदगी में कोई फर्क नहीं आया। आंदोलन में हुई हिंसा के बाद नुकसान तक की भरपाई नहीं हो सकी है। अंतरिम सरकार का आधा वक्त बीच चुका है। चुनाव के लिए 5 मार्च 2026 की तारीख तय हो गई है। हालांकि इन सबके बीच जेनजी फिर सड़कों पर हैं। बीच-बीच में हिंसा और प्रदर्शन की घटनाएं आम हो गई हैं। नेपाल में तख्तापलट के बाद 3 महीने में क्या बदला? दैनिक भास्कर की टीम ने जेनजी लीडर्स, पूर्व राजनयिक और पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स से बात कर समझा। नेपाल में फिर शुरू हुए जेनजी प्रोटेस्ट22 नवंबर को नेपाल के बारा जिले के अलग-अलग इलाकों में जेनजी प्रोटेस्ट शुरू हो गए। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (UML) के महासचिव शंकर पोखरेल और युवा नेता महेश बसनेत ने काठमांडू से सिमारा एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी। ये नेता नेपाल की मौजूदा सरकार के खिलाफ रैली करने वाले थे। हालांकि एयरपोर्ट से ये नेता शहर पहुंचते, उसके पहले ही बारा में लोकल जेनजी नेताओं और CPN (यूएमएल) के नेताओं के बीच रस्साकशी शुरू हो गई। हालात हिंसक होने लगे तो पहले पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने के लिए बल का इस्तेमाल किया। फिर कर्फ्यू लगाना पड़ा। ऐसे जेनजी प्रोटेस्ट अब भी नेपाल के अलग-अलग हिस्सों में देखने को मिल रहे हैं। सरकार बदली लेकिन ब्यूरोक्रेसी नहीं, इसलिए बदलाव मुश्किलनेपाल में अंतरिम सरकार बनाने के बाद क्या बदला और क्या अब भी बाकी है। ये समझने के लिए हमने जेनजी लीडर टंका धामी से बात की। नेपाल में जेनजी प्रोटेस्ट के बाद धामी को बड़े बदलाव की उम्मीद थी, लेकिन अब उन पर पानी फिर चुका है। धामी कहते हैं, ‘हम ये मानते हैं कि मौजूदा सरकार काम नहीं कर पा रही है क्योंकि ब्यूरोक्रेसी वही है, जो पहले थी। इसलिए इस सिस्टम में जल्दी कोई बदलाव करने में मुश्किल आ रही है। न्यायपालिका भी पुरानी है और वहां हुई नियुक्तियां भी पुरानी हैं। ऐसे में हमारे लिए सिस्टम में बदलाव करना आसान नहीं है। गलती ये हुई कि हमने बदलाव करने में देरी कर दी।’ ‘जेनजी युवाओं को राजनीतिक समझ नहीं है। जब ये समझ नहीं होगी तो वे चुनाव के लिए तैयार कैसे होंगे और पार्टी कैसे बनाएंगे। जब तक नेपाल में संस्थागत बदलाव नहीं होगा, तब तक कुछ नहीं बदलने वाला। कुछ लोग सरकार में ढंग से काम कर रहे हैं, लेकिन गृह मंत्री ओम प्रकाश आर्यल काम नहीं कर रहे। वो सिर्फ पद पर बैठने की मंशा रखते हैं।‘ वे आगे कहते हैं, ‘8 सितंबर को हुए जेनजी आंदोलन ने नेपाल को बदल दिया। सुशीला कार्की सरकार का मुख्य मकसद करप्शन खत्म करना था। सरकार उस पर काम भी कर रही है, लेकिन ये काम उतनी तेजी से नहीं हो रहा, जैसा हमने सोचा था। नेपाल की मीडिया प्रोपेगैंडा चला रही है। वो जेनजी सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।‘ नेपाल की अंतरिम सरकार के 3 महीने के कार्यकाल में अब तक सिर्फ एक करप्शन के केस में कार्रवाई हुई है। उसमें भी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ केस दर्ज हुआ है। सरकार ने दिसंबर 2025 में नेपाल के पूर्व मंत्रियों, अधिकारियों और चीनी कंपनी पर पोखरा एयरपोर्ट भ्रष्टाचार के मामले में केस दर्ज किया है, जिसमें 55 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। नेपाल में चुनाव करीब, जेनजी अब तक पार्टी नहीं बना सकेहमने नेपाल के मौजूदा हालात को लेकर राजनयिक रह चुके एसडी मुनी से भी बात की। वे साउथ एशिया मामलों को करीब से देखते आ रहे हैं। मुनी कहते हैं, ‘नेपाल राजनीतिक लिहाज से बिखरा नजर आ रहा है। एक तो सुशीला कार्की की सरकार बनते ही कुछ राजनीतिक तबके उनके विरोध में आ गए थे।‘ ‘पहले पूर्व PM केपी शर्मा ओली की पार्टी के लोग और राजशाही समर्थक ही सरकार के खिलाफ दबाव बना रहे हैं। संसद भंग होने के बाद से बाकी सियासी दल भी खिलाफ हो गए हैं।’ सरकार बनी तो ऐसा लगा था कि सारे जेनजी एकजुट हैं। बाद में असली जेनजी नेताओं को धकेल दिया गया और बालेन शाह, सुदान गुरुंग आगे आ गए। मुनी आगे कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि नेपाल में चुनाव करीब हैं, लेकिन जेनजी अपनी कोई पार्टी नहीं बना सके हैं। वो एक आंदोलन के जरिए जैसे उभरकर सामने आए थे, वैसे ही गायब हो गए। वहीं राजनीतिक पार्टियां भी खुद में बदलाव कर रही हैं। माओवादी पार्टी से लेकर कांग्रेस में नेतृत्व बदलने की बात हो रही है।‘ ‘सुशीला कार्की सरकार को बड़ा जनसमर्थन हासिल था। हालांकि जैसे उन्हें PM बनाया गया, उसे लेकर सवाल थे। कार्की के पास कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं है और न ही कोई बड़ा राजनीतिक जनाधार है। फिर भी कार्की ने ईमानदारी से जो काम करना चाहिए, वो किया है।‘ ओली से लेकर प्रचंड सब पब्लिक लाइफ में लौटेनेपाल के मधेस क्षेत्र के बीरगंज से आने वाले पॉलिटिकल एक्सपर्ट संजय तिवारी मानते हैं कि यहां हुए जेनजी प्रोटेस्ट के 3 महीने बाद सब कुछ वैसा ही हो गया है, जैसा पहले हुआ करता था। मतलब सरकार में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। चाहे पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली हों या फिर पुष्प कमल दहल प्रचंड। सभी नेता पब्लिक लाइफ में लौट चुके हैं।‘ ‘नेपाल की नई सरकार से जनता को कई बदलावों की उम्मीद थी, लेकिन कोई खास परिवर्तन नहीं दिख रहा। वहीं परंपरागत राजनीतिक पार्टियां फिर से चुनाव के लिए तैयारियां शुरू कर चुकी हैं।‘ जेनजी आंदोलन बिखरा, न कोई नेता न कोई पार्टीनेपाल के एक जेनजी लीडर नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं, ‘मैं इस आंदोलन से शुरू से जुड़ा था। सोशल मीडिया से लेकर सड़क तक इसे खड़ा करने में मैंने जी-जान एक कर दिया। पुलिस के लाठी-डंडे खाए और लोकल नेताओं से धमकियां भी मिलीं। अब बालेन शाह और सुदान गुरुंग जैसे नेताओं ने मुझे ही राजनीति करके अलग कर दिया। अगर अब मैं खुलकर बोला तो सरकार मेरे खिलाफ ही कार्रवाई कर देगी।’ जेनजी युवाओं को दरकिनार किए जाने पर जेनजी लीडर धामी कहते हैं, ‘मुझे लगता है कि युवाओं को पॉलिटिकल प्रोसेस में ज्यादा भागीदारी लेनी चाहिए, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है। मैं युवाओं से कहूंगा कि अगर वो खुद की राजनीतिक पार्टी नहीं खड़ी कर पा रहे हैं तो उन्हें ऐसी पार्टी का समर्थन करना चाहिए जो युवाओं का सपोर्ट करे। जो युवाओं को पार्टी में जगह दे।’ ‘जेनजी की असली मांग थी कि करप्शन खत्म हो, संस्थागत सुधार हो, संविधान में संशोधन हो। मैंने सरकार को इस तरह के सुझाव दिए थे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। ब्यूरोक्रेसी ठीक से काम नहीं कर रही। जब तक युवा खुद अपनी राजनीतिक पार्टी नहीं बनाते, कुछ नहीं होगा।’ टूरिज्म की कमर टूटी, आम लोगों की जिंदगी बेहालनेपाल में जेनजी आंदोलन के दौरान बेतहाशा नुकसान हुआ। नेपाल की संस्थाओं के सबसे अहम भवन प्रतीक सिंह दरबार, संसद भवन और सुप्रीम कोर्ट ही नहीं जलाए गए बल्कि छोटे-छोटे जिलों और कस्बों के भी सरकारी भवन फूंक दिए गए। नेपाल में सबसे ज्यादा कमाई टूरिज्म के जरिए होती है। प्रदर्शन के दौरान करीब 2 दर्जन डोमेस्टिक और इंटरनेशनल होटलों में आगजनी हुई थी। लिहाजा यहां पर्यटन पर भी बुरा असर पड़ा है। काठमांडू में टैक्सी चलाने वाले कृष्णा बताते हैं, पहले अच्छे-खासे टूरिस्ट आते थे। हमारा टैक्सी का बिजनेस गुलजार रहता था। अब भारत के अलावा फॉरेन से ज्यादा कोई टूरिस्ट नहीं आ रहा है। नेपाल और बांग्लादेश दोनों में एक ही हालातपूर्व राजनयिक एसडी मुनी कहते हैं, ‘कार्की सरकार ने जेनजी की एकतरफा बड़ी मांगों जैसे सीधे पीएम पद के लिए वोटिंग और विदेशों में बसे नेपालियों के लिए वोटिंग अधिकार को नहीं माना है क्योंकि ऐसी मांगें पूरी करना मुमकिन नहीं है। सुशीला कार्की पार्टी के सभी लोगों से मिली हैं और तालमेल बनाने की कोशिश कर रही हैं।‘ ‘मुझे लगता है कि अंतरिम सरकार का विरोध करने वाली पार्टियों और दूसरे धड़ों को ये समझ आएगा कि अगर देश को स्थिर रखना है तो मिलकर काम करना होगा। शांति से चुनाव कराने होंगे। बांग्लादेश और नेपाल दोनों ही देशों में कई समानता है। दोनों ही देशों में जो लोग नेतृत्व करते हुए आगे आए थे, वही बिखर गए हैं। नेपाल में जेनजी और बांग्लादेश में युवा एकजुट नहीं हैं।‘ ‘ढाका यूनिवर्सिटी के चुनाव में जमात-ए-इस्लामी जीती। युवाओं की पार्टी में अलग से अस्थिरता बनी हुई है। बांग्लादेश में जमात जैसे धड़ों और नेपाल में राजावादी लोगों के उभरने की गुंजाइश है। दोनों तरफ अस्थिरता है। सुशीला कार्की की तरह डॉ. यूनुस को न तो कोई प्रशासनिक अनुभव है, न ही उनका कोई समर्थक वर्ग है। जो भी उन पर दबाव डाल सकते हैं, वो अपने काम करवा रहे हैं।‘ भारत की कोशिश, नेपाल में चीन का प्रभाव न बढ़े‘नेपाल में तीन बड़ी शक्तियों का सबसे ज्यादा प्रभाव है- चीन, अमेरिका और भारत। मुझे लगता है कि भारत का प्रभाव सबसे ज्यादा होगा। नेपाल के इतिहास में कोई बड़ा बदलाव ऐसा नहीं हुआ है, जिसमें भारत का सक्रिय सहयोग न रहा हो। मुझे ऐसा लगता है कि शायद भारत के दखल की वजह से ही संविधान को रखा गया।‘ ‘भारत की यही कोशिश होगी कि नेपाल में चीन का प्रभाव न बढ़े। ओली सरकार के जाने से चीन को बड़ा धक्का लगा है। चीन ये चाहता है कि वहां कम्युनिस्ट पार्टी और लेफ्ट उभरकर आएं, लेकिन इसकी गुंजाइश बहुत कम है। चीन का प्रभाव कम हो गया है, लेकिन उसके एड प्रोजेक्ट अब भी चल रहे हैं।‘ ‘अमेरिका भी कभी नहीं चाहेगा कि नेपाल में चीन और कम्युनिस्ट पार्टी का प्रभाव बढ़े। जेनजी आंदोलन में अमेरिकी योगदान की बड़ी संभावना दिखती है। जेनजी का एक तबका ऐसा है जो अमेरिका की तरफ झुका हुआ है। नेपाल में चीन का प्रभाव घटा है, अमेरिका का प्रभाव बढ़ा है।‘ ‘भारत ने बहुत सावधानी से नेपालियों को ये दिखाने की कोशिश की है कि हम आपके आंतरिक मामलों में कोई दखल नहीं दे रहे हैं। भारत के नेपाल में बड़े हित हैं। नेपाल की शांति, स्थिरता, विकास और प्रगति में भारत अहम योगदान निभा सकता है। भारत इसके लिए काम भी कर रहा है।‘ ....................ये खबर भी पढ़ें... कैसे ढह गया इंडिगो का सिस्टम, क्राइसिस की इनसाइड स्टोरी ‘मैं करीब 10 साल से एयरलाइन इंडस्ट्री में काम कर रहा हूं। आज तक इतना बड़ा संकट नहीं देखा। मुझे लगता है कि इंडिगो की दिक्कत किसी दूसरे की नहीं, बल्कि कंपनी की खुद की बनाई हुई है। मैंने अपने कई साथी पायलट से भी बात की, तब इस नतीजे पर पहुंचा हूं।’ 34 साल के पायलट कैप्टन रोहित सक्सेना (बदला हुआ नाम) एयरलाइन कंपनी इंडिगो में 3 साल से काम कर रहे हैं। रोहित को 5 हजार फ्लाइंग आवर्स का अनुभव है। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 12 Dec 2025 5:03 am

‘सिर्फ मुसलमानों के घर तोड़े, अब हमें गोली मार दो‘:बंगाली मुस्लिमों पर बुलडोजर एक्शन सवालों में, हिंदुओं-ईसाइयों को क्यों छोड़ दिया

‘अगर हम ही बांग्लादेशी हैं तो पहले दिन ही क्यों नहीं उजाड़ दिया? हिंदुओं को टारगेट क्यों नहीं करते? बस हमें मुसलमान होने की वजह से निशाना बनाया जा रहा है। अगर इतनी ही नफरत है, तो एक गोली मारकर खत्म कर दो न। कम से कम ऐसी जिल्लत तो नहीं देखनी पड़ेगी। कम से कम बेघर होकर सड़क पर मरने-जीने की नौबत नहीं आएगी न।’ असम में नागांव जिले के लुटीमारी इलाके में रहने वाली रुबीना बेगम (बदला हुआ नाम) के घर 29 नवंबर को बुलडोजर चलाया गया। इस इलाके में करीब 1,700 परिवार रहते थे। रुबीना बेगम की तरह ही बाकी लोग भी प्रशासन की कार्रवाई से नाराज हैं। प्रशासन का कहना है कि बुलडोजर फॉरेस्ट के लिए रिजर्व 795 हेक्टेयर जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए चलाया गया है। जबकि लोग आरोप लगा रहे हैं कि सिर्फ बांग्ला भाषी मुसलमानों के घर गिराए गए। सरकारी जमीन पर बने हिंदुओं और ईसाई के घर को हाथ भी नहीं लगाया। अब प्रशासन ने बेघर हुए लोगों को कहीं बसाने का भी इंतजाम नहीं किया। असम में बुलडोजर कार्रवाई का ये पहला मामला नहीं है। 2016 में BJP के सत्ता में आने के बाद से सरकारी जमीन खाली कराने की कई कार्रवाइयों पर भेदभाव के आरोप लगते रहे हैं। असम राजस्व विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 9 साल में राज्य में करीब 17,600 परिवारों को सरकारी जमीन से हटाया गया। इनमें ज्यादातर मुस्लिम ही थे। असम में सरकारी जमीन खाली कराने को लेकर पिछली कई बुलडोजर कार्रवाई पर भेदभाव के आरोप क्यों लग रहे हैं? असम सरकार का इस मामले पर क्या कहना है? ये समझने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड पर पहुंची। सबसे पहले उस इलाके का हाल, जहां कार्रवाई हुई असम की राजधानी गुवाहाटी से 120 किलोमीटर दूर नागांव जिला है। लगभग 35 लाख आबादी वाला नागांव मुस्लिम बहुल जिला है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, यहां करीब 55% मुस्लिम आबादी है। 29 और 30 नवंबर को जिले के कामपुर उपखंड में आने वाले लुटीमारी इलाके में प्रशासन ने बुलडोजर चलाया। 3 दिसंबर को जब हमारी टीम इलाके में पहुंची, तब कई घरों का मलबा पड़ा मिला। जगह-जगह ईट पत्थरों का ढेर था, जहां टूटे पड़े चूल्हे और रोजमर्रा में इस्तेमाल का सामान बिखरा था। इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ था। नागांव प्रशासन ने तीन महीने पहले सितंबर में ही इन परिवारों को नोटिस देकर इलाका खाली करने के लिए कहा था। शुरुआत में दो महीने का समय दिया गया, लेकिन स्थानीय लोगों की अपील पर प्रशासन ने एक महीने का वक्त और बढ़ा दिया। 29 नवंबर को जब भारी पुलिस बल के साथ नागांव प्रशासन जमीन खाली कराने पहुंचा, तब तक लगभग 1100 से ज्यादा परिवार खुद ही घरों को तोड़कर वहां से जा चुके थे। वहीं बाकी के मकान 29 और 30 नवंबर को प्रशासन ने ढहा दिए। सीएम बोले- JCB सबका बदला लेगानागांव में हुई कार्रवाई के बाद 30 नवंबर को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया। कैप्शन में लिखा था- ‘बांस का, होलोंग का, सिमुल का, सबका बदला लेगा तेरा JCB! लुटीमारी रिजर्व फॉरेस्ट में JCB ऐसे घुसी जैसे कोई पर्सनल दुश्मनी हो और 1,441 गैर-कानूनी स्ट्रक्चर हटा दिए। कोई हंगामा नहीं। कल ये आखिरी 13 घरों और सुपारी के बागों के लिए वापस आएगा।‘ ‘हम बांग्लादेशी तो इतने साल रहने क्यों दिया’इस कार्रवाई को लेकर लोग नाराज हैं। रुबीना बेगम कहती हैं कि वे कई सालों से यहीं रह रही हैं। रुबीना का दावा है कि वे बंगाली मुस्लिम नहीं बल्कि असमिया मुसलमान ही हैं। वे कहती हैं, ‘उन्होंने हमें इतने सालों तक क्यों रहने दिया? क्यों बिजली-पानी की सुविधा दी? क्यों राशन कार्ड दिया? क्यों वोटर कार्ड बनवाया? आधार कार्ड क्यों दिया? बैंक अकाउंट क्यों खुलवाया?‘ ‘क्या मैं असम की नागरिक नहीं? हमें बांग्लादेशी कह देते हैं। अगर यहां कोई बांग्लादेशी है तो मैं खुद उन्हें पकड़वाने में मदद करूंगी।’ रुबीना की तरह कई और भी लोग हैं, जो दावा करते हैं कि वे इस जमीन पर बीते 50 से 60 सालों से रह रहे थे, लेकिन अब अचानक प्रशासन ने उन्हें हटा दिया। 40 साल के करीम (बदला हुआ नाम) दावा करते हैं, 'मेरा जन्म यहीं हुआ था। सिर्फ मुसलमान होने की वजह से हमारे साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है।' वे BJP और कांग्रेस दोनों पर राजनीति का आरोप लगाते हुए कहते हैं, ‘सिर्फ राजनीति के कारण दोनों सियासी दल हमें फुटबॉल की तरह इधर से उधर लात मार रहे हैं।‘ करीम आगे कहते हैं, ‘हमारा घर-बार बर्बाद हो चुका है। कुछ लोग खेतों में तो कुछ पेड़ों के नीचे रहने को मजबूर हैं। हम भी एक कैंप लगाकर रह रहे थे, लेकिन प्रशासन ने आकर उसे भी जला दिया। खाने-पीने तक का कोई जुगाड़ नहीं है। हम छोटे-छोटे बच्चों को गोद में लिए भटक रहे हैं।‘ वे सरकार से पुनर्स्थापना की मांग करते हुए कहते हैं, ‘हम यहीं पैदा हुए और जिंदगी भर यहीं रहे। सरकार से गुजारिश है कि वह जांच करे कि कहीं और हमारी जमीन है या हम भूमिहीन हैं। इसके साथ ही हमारी नागरिकता का फैसला भी कर दे।‘ सील-छाप मारकर बांग्लादेश भेज दो, छत तो मिल जाएगीआइशा (बदला हुआ नाम) भी कार्रवाई के बाद लोगों को कहीं और नहीं बसाए जाने से नाराज हैं। वे कहती हैं, ‘अगर हम बांग्लादेशी ही हैं तो थप्पड़ मारकर, गाली देकर, सील-छाप मारकर बांग्लादेश भेज दो। कम से कम वहां तो कोई छत मिल जाएगी। यहां तो इंसानियत भी नहीं बची है।‘ आइशा भी असम के CM हिमंत बिस्व सरमा से कहीं और बसाने की अपील करती हैं। वे कहती हैं, ‘अगर हमने गलती की, अवैध कब्जा किया तो हमें उजाड़ दो, लेकिन अब हमें बसाओ भी। आज यहां बेघर हुई प्रेग्नेंट महिलाएं हैं। छोटे-छोटे बच्चे और बूढ़े मां-बाप हैं। आखिर अब ये लोग कहां जाएंगे। हम सड़क पर आ गए हैं। पेड़ों के नीचे आसरा लिए हुए हैं। असम में क्या अब हम इंसान की तरह जी भी नहीं सकते।‘ NRC भी हुआ, लेकिन फिर भी घर तोड़ दियासाइबेआलम (बदला हुआ नाम) को बच्चों की पढ़ाई की चिंता है। वे कहते हैं कि उन्हें सभी सरकारी सुविधाएं मिल रही थीं। सरकार ने इंदिरा आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना जैसी हर सुविधा दी। स्कूल, पानी का कनेक्शन और बिजली का कनेक्शन भी दिया। अब अचानक बेघर होने के चलते बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है। वे कहते हैं, ‘अभी हम अपने बच्चों को लेकर जानवरों की तरह रह रहे हैं। न पीने के लिए पानी है और न खाने का कोई इंतजाम। हमारे बच्चे शिक्षा के अधिकार तक से भी वंचित हो रहे हैं। अगर हम भारतीय हैं, तो हमें फिर से क्यों नहीं बसाया जा रहा है?‘ साइबेआलम दावा करते हैं कि उनका NRC भी इसी जमीन का हुआ था, लेकिन फिर भी उनके साथ अन्याय हुआ है। AIUDF विधायक बोले- मदद भी नहीं करने दे रहा प्रशासन 3 दिसंबर को नागांव के धींग विधानसभा क्षेत्र से AIUDF विधायक अमीनुल इस्लाम भी लुटीमारी पहुंचे। वे पहलगाम हमले के बाद विवादित बयान को लेकर NSA की धाराओं में जेल जा चुके हैं। 28 नवंबर को ही उन्हें रिहाई मिली है। वे लुटीमारी में बेघर हुए लोगों से बात करने पहुंचे थे। अमीनुल कहते हैं कि ठंड में लोगों को कोई मदद नहीं मिल रही। कहीं शरण लें तो पुलिस पिटाई कर देती है। रात को तारपोलिन से आश्रय लेने पर आग लगा दी जाती है। सरकार ने इन्हें जिंदा मारने के इरादे से छोड़ दिया है। किसी ने इंसानियत के नाम पर चावल लाने की कोशिश की तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अमीनुल दावा करते हैं कि लुटीमारी का इलाका 1972 से डी-रिजर्व्ड फॉरेस्ट घोषित था। इसके बाद ही लोग यहां बस गए। पिछली सरकार ने इसे फिर से रिजर्व फॉरेस्ट घोषित कर दिया, जबकि लोग पहले से ही यहां रह रहे थे। वे आगे कहते हैं, ‘ये लोग भारतीय नागरिक हैं। आजादी से पहले से ही असम में रह रहे हैं। उनके पास दस्तावेज मौजूद हैं, यहां एक भी बांग्लादेशी नहीं है, लेकिन सरकार मुसलमानों को संदिग्ध बताकर अत्याचार कर रही है।’ अतिक्रमण के नाम पर बांग्ला भाषी मुसलमानों पर कार्रवाईनागांव के सोशल एक्टिविस्ट इस्लाम काजी भी कार्रवाई में भेदभाव होने की बात करते हैं। वे कहते हैं कि लुटीमारी के आस-पास कई गांव फॉरेस्ट रिजर्व में आते हैं। यहां ज्यादातर हिंदू और कुछ ईसाई परिवार रहते हैं। इसीलिए इन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। वे कहते हैं, ’असम में सरकारी जमीन खाली कराने के नाम पर सिर्फ बांग्ला भाषी मुसलमानों के घरों पर कार्रवाई हो रही है। नागांव, सोनापुर, गोलपारा, होजाई जैसी कितनी जगहों पर बीते कुछ सालों में कार्रवाई की गई। सभी जगह धर्म देखकर ही कार्रवाई हो रही है।’ असम के CM हिमंत पर आरोप लगाते हुए काजी कहते हैं, खुद मुख्यमंत्री बांग्ला भाषी मुसलमानों को मियां (स्लैंग) मुसलमान बोलते हैं। वे मंच से इन कार्रवाइयों को सही ठहराते हैं। असम में 38 से 40% मुस्लिम आबादी है, लेकिन हिमंत सरकार चाहती है कि ये आबादी डर के साए में रहे। काजी सरकार पर विरोध की आवाज दबाने का भी आरोप लगाते हैं। वे कहते हैं, ’इन बुलडोजर कार्रवाइयों में लगातार मानवाधिकारों का हनन हो रहा है। विरोध करने वालों पर सरकार झूठे केस लगाकर दबाने की कोशिश करती है। काजी गुवाहाटी हाईकोर्ट पर भी सवाल उठाते हैं। वे कहते हैं, ’अर्जी लगाने पर कोर्ट इन कार्रवाई को सही ठहरा देता है। हालांकि कोर्ट ने कहा है कि लोगों के लिए दूसरी जगह रहने का इंतजाम किया जाए, मगर असम सरकार ये नहीं कर रही। हमें सरकारी जमीन खाली कराने से दिक्कत नहीं है, लेकिन सिर्फ मुसलमानों को बेदखल किया जाना और दूसरी जगह न देना गलत है।’ प्रशासन बोला- फॉरेस्ट रिजर्व एरिया में कोई भी कब्जा अवैध लोगों के आरोपों को लेकर हमने लोकल प्रशासन से बात करने की कोशिश की। लुटीमारी कामपुर सर्किल ऑफिस में आता है। कामपुर सर्किल ऑफिसर अनन्या लाहकर से हमने बात करने की कोशिश की। उन्होंने हमारा कॉल नहीं उठाया और मैसेज का भी जवाब नहीं दिया। हालांकि सर्किल ऑफिस में एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बात की। उन्होंने बताया, ‘लगभग 1,700 परिवारों ने कई सालों से आरक्षित 5,962 बीघा वन भूमि पर कब्जा कर रखा था। इन परिवारों ने धीरे-धीरे इकोलॉजिकली सेंसिटिव जोन में बस्तियां बना लीं। फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के नोटिस के बाद भी लोग हटने को तैयार नहीं थे।’ कार्रवाई में धर्म के आधार पर भेदभाव के आरोपों को अधिकारी गलत बताते हैं। वे दावा करते हैं कि बिना किसी भेदभाव के कब्जा करने वालों पर कार्रवाई की गई। फॉरेस्ट रिजर्व एरिया के अंदर किसी भी तरह का कब्जा अवैध माना जाता है। BJP बोली- घुसपैठियों को कांग्रेस ने बसाया असम सरकार पर मुस्लिम विरोधी कार्रवाई के आरोपों को लेकर हमने डिप्टी स्पीकर नुमल मोमिन से बात की। वे जमीन खाली कराने की कार्रवाई को जायज ठहराते हैं। वे कहते हैं कि सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने वालों को हटाना पूरी तरह न्यायोचित है। सरकार के रुख को लेकर नुमल मोमिन कहते हैं, ‘संदिग्ध तत्वों और बाहरी घुसपैठियों को असम के किसी भी हिस्से में बसने की अनुमति नहीं दी जाएगी। CM हिमंत ने ये साहसी कदम उठाया है, जो चुनाव के बाद भी जारी रहना चाहिए। असम की जनता ने हमें वोट देकर सत्ता सौंपी है, ताकि हम जमीन की रक्षा करें और ये कदम जनता की अपेक्षाओं के अनुरूप ही है।‘ नुमल मोमिन मानते हैं कि ये कदम बहुत पहले उठाया जाना चाहिए था, लेकिन देर से आए दुरुस्त आए। दस्तावेजों और सरकारी सुविधाओं के सवाल पर नुमल मोमिन कहते हैं, ‘ये लोग सरकारी जमीन पर ही अतिक्रमण करके बैठे थे। जो सुविधाएं उन्हें मिलीं, वे कांग्रेस सरकार की नीतियों का नतीजा हैं। कांग्रेस का मकसद असम को इस्लामिक स्टेट में बदलना था, इसलिए बांग्लादेश से आए घुसपैठिए मुसलमानों को जमीन, दस्तावेज और सुविधाएं देकर बसाया गया।‘ नागांव में पहले भी बंगाली मुस्लिमों के घरों पर बुलडोजर चलानागांव में इससे पहले भी बड़ी बुलडोजर कार्रवाई हो चुकी हैं। फरवरी 2023 में नागांव जिले के बुरहा चापोरी वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी में दो दिनों तक कार्रवाई हुई। तब भी आरोप लगे थे कि सिर्फ 2,500 से ज्यादा बंगाली मुस्लिम परिवारों के घरों, आंगनवाड़ी केंद्रों और स्कूलों को ध्वस्त किया गया। 19 दिसंबर 2022 को बटद्रवा में करीब 500 परिवारों के घरों, स्कूलों और मस्जिदों पर बुलडोजर चला। यहां भी बंगाली मुस्लिम परिवारों पर कार्रवाई करने के आरोप लगे थे।..........................ये खबर भी पढ़ें... कैसे ढह गया इंडिगो का सिस्टम, क्राइसिस की इनसाइड स्टोरी ‘मैं करीब 10 साल से एयरलाइन इंडस्ट्री में काम कर रहा हूं। आज तक इतना बड़ा संकट नहीं देखा। मुझे लगता है कि इंडिगो की दिक्कत किसी दूसरे की नहीं, बल्कि कंपनी की खुद की बनाई हुई है। मैंने अपने कई साथी पायलट से भी बात की, तब इस नतीजे पर पहुंचा हूं।’ 34 साल के पायलट कैप्टन रोहित सक्सेना (बदला हुआ नाम) एयरलाइन कंपनी इंडिगो में 3 साल से काम कर रहे हैं। रोहित को 5 हजार फ्लाइंग अवर्स का अनुभव है। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 12 Dec 2025 5:02 am

अमेरिकी संसद में पहली बार लहराया गया ऐसा पोस्टर, ठनक गया ट्रंप का माथा; पीएम मोदी की पावर देख हुए हैरान

India US News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अंदाजा नहीं था कि पीएम मोदी को छेड़कर वे अपने मुल्क का कितना बड़ा नुकसान करवा रहे हैं. अब मोदी की पावर उन्हें अपने देश की संसद में ही देखनी पड़ गई है.

ज़ी न्यूज़ 12 Dec 2025 12:15 am

चीन-जापान में तनातनी तेज', वॉरशिप से लेकर फाइटर जेट्स तक की हो रही तैनाती; तीसरे 'वर्ल्ड वॉर' का बढ़ा डर!

China-Japan Military Tension: ताइवान को लेकर चीन-जापान के बीच सैन्य तनातनी अब बड़ी मोर्चाबंदी की ओर बढ़ती दिख रही है. चीन के साथ जहां रूस खुलकर आ गया है. वहीं जापान के साथ अमेरिका खड़ा हो गया है.

ज़ी न्यूज़ 11 Dec 2025 11:41 pm

DNA: दूसरों को जंग रोकने की नसीहत देने वाले ट्रंप खुद कर रहे अटैक की तैयारी, निशाने पर है ये देश, बस मौके का इंतजार

Thailand-Cambodia Military Conflict: दूसरे मुल्कों के झगड़े में कूदकर शांति-शांति चिल्लाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब खुद हमले की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने अटैक के लिए टारगेट भी चुन लिया है. बस अब सही मौके का इंतजार किया जा रहा है.

ज़ी न्यूज़ 11 Dec 2025 11:29 pm

इमरान खान की बहन अलीमा खान के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी, दो साल पुराने डी- चौक मामले में कोर्ट का एक्शन

पाकिस्तान के पूर्व पीएम और पीटीआई संस्थापक इमरान खान की बहन अलीमा खान को दो साल पुराने डी- चौक मामले में एंटी टेररिज्म कोर्ट ने अवमानना नोटिस के साथ जमानती अरेस्ट वारंट जारी किया है। स्थानीय मीडिया ने इसकी जानकारी दी है

देशबन्धु 11 Dec 2025 7:02 pm

मेलोनी ने ज़ेलेंस्की से की मुलाकात, यूक्रेन में जारी संघर्ष को सुलझाने का किया आग्रह

इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने यहां यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात के दौरान यूक्रेन में जारी संघर्ष को सुलझाने का आग्रह किया है

देशबन्धु 11 Dec 2025 2:29 pm

दुनिया भर में सबसे ज्यादा खजानों वाली 4 जगहें, कल्पना से भी ज्यादा छिपा है सोना-चांदी

Worlds Largest Treasures: खजानों के बारे में सुनना बड़ा रोमांचक लगता है. कहीं सदियों पुराने मंदियों में, तो कहीं डूबे जहाजों में. दुनिया भर में ऐसी कई जगहे हैं, जहां आपकी कल्पना से भी ज्यादा सोना-चांदी छिपा मिल जाएगा.

ज़ी न्यूज़ 11 Dec 2025 1:57 pm

बांग्लादेश में चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां शुरू, आज हो जाएगा तारीखों का ऐलान

बांग्लादेश में 13वें राष्ट्रीय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस बीच बांग्लादेशी मीडिया ने जानकारी दी है कि चुनाव और जुलाई नेशनल चार्टर (रिफॉर्म चार्टर) पर जनमत संग्रह का शेड्यूल गुरुवार शाम 6 बजे घोषित किया जाएगा

देशबन्धु 11 Dec 2025 1:34 pm

मोदी-पुतिन की सेल्फी पर अमेरिका में बवाल...फंस गए डोनाल्ड ट्रंप!...विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

Modi Putin Car Selfie: प्रधानमंत्री मोदी और रूस के राष्ट्रपति पुतिन की मशहूर कार सेल्फी अमेरिकी संसद में भी दिखाई गई. सांसद सिडनी कामलागर-डोव ने विदेश नीति पर एक सुनवाई के दौरान इस फोटो वाला पोस्टर उठाया और कहा कि अमेरिका की नीतियां भारत को रूस के और करीब धकेल रही हैं. उन्होंने टैरिफ से जुड़े फैसलों को लेकर ट्रंप सरकार को चेतााया है.

ज़ी न्यूज़ 11 Dec 2025 12:43 pm

Video: जेम्स बॉन्ड फेल!! अमेरिकी सैनिकों ने उड़ते हेलीकॉप्टर से कूदकर 45 सेकंड में वेनेजुएला का छीन लिया अरबों का तेल टैंकर, ट्रंप हुए गदगद

हॉलीवुड को पीछे छोड़ते हुए अमेरिकी कमांडो ने उड़ते हेलीकॉप्टर से रस्सी लटककर सिर्फ 45 सेकंड में वेनेजुएला के तट पर अरबों रुपए का तेल टैंकर हाईजैक कर लिया. जिसके बाद ट्रंप ने कहा, “अब तक का सबसे बड़ा टैंकर हमारा!” वेनेजुएला चिल्लाया, “ये खुली लूट है!” पूरा वीडियो देखकर दुनिया दंग है. आप भी देखें वीडियो.

ज़ी न्यूज़ 11 Dec 2025 12:05 pm

ट्रंप के टैरिफ से जुड़े फैसलों को लेकर डेमोक्रेट्स ने दी चेतावानी, कहा-इन नीतियों से भारत को खो देगा अमेरिका

अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से जुड़े फैसलों को लेकर डेमोक्रेट्स ने उन्हें चेताया है। उनका कहना है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का टैरिफ सिस्टम और नई दिल्ली के प्रति टकराव वाला रवैया सही नहीं है। यह अमेरिका के सबसे अहम साझेदारों में से एक को लंबे समय तक नुकसान पहुंचा सकता है

देशबन्धु 11 Dec 2025 10:54 am

हे भगवान! जंगल के सारे पेड़ 'लगड़े' क्यों हो गए?

ऐसा कैसे हो गया? यह तस्वीर आपको हैरान जरूर करेगी. वीडियो देखेंगे तो लगेगा कि यह शायद कोई डरावनी फिल्म का कोई सीन बनाया गया हो लेकिन सच्चाई यह है कि इस जंगल के सारे पेड़ ऐसे ही हैं. पर कैसे?

ज़ी न्यूज़ 11 Dec 2025 10:44 am

वो 5 ‘सुपर पावरफुल राजवंश’, जिन्होंने सदियों तक दुनिया पर किया राज; फिर कैसे हो गया अंत?

Worlds Most Powerful Dynasties: इतिहास में कई बार ऐसा दौर आया जब कुछ चुनिंदा परिवारों ने बड़े साम्राज्यों पर शासन किया. इन राजवंशों की शक्ति सीमाओं से परे जाकर पूरी सभ्यता को प्रभावित करती रही. इनके शासनकाल में युद्ध, प्रशासन, संस्कृति, व्यापार और कला के साथ कई चीजें बदल गई. आज हम आपको उन्हीं राजवंशों के बारे में बताने वाले हैं.

ज़ी न्यूज़ 11 Dec 2025 9:00 am

कौन हैं स्‍वीडन की शहजादी सोफिया जो नोबेल प्राइज समारोह में नहीं आ पाईं? एप्‍सटीन के Sex Scandal में आया नाम

Sweden Princess Sofia skips Nobel Prize Ceremony: 10 दिसंबर 2025 यानी बुधवार को आयोजित नोबेल पुरस्कार समारोह में स्वीडिश शाही परिवार ने अपनी चमक बिखेरी, लेकिन परिवार का एक अहम सदस्य समारोह में शामिल नहीं था. ये कोई और नहीं बल्कि प्रिंसेस सोफिया हैं, जो नोबेल प्राइज समारोह में नहीं पहुंचीं. इसके पीछे एक बड़ी वजह सामने आई है.

ज़ी न्यूज़ 11 Dec 2025 7:52 am

ट्रंप बोले- ‘यूक्रेन चुनाव कब’? मार्शल लॉ, युद्ध और राजनीतिक तनाव के बीच बढ़ी जेलेंस्की की मुश्किलें

Trump Zelenskyy Statement: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार यानी 10 दिसंबर को कीव की आलोचना की, साथ ही उन्होंने यूक्रेन के प्रेसिडेंट वोलोडिमिर जेलेंस्की को लेकर कहा कि उन्हें युद्ध के बारे में रियलिस्टिक रहना होगा और यह सवाल करना होगा कि यूक्रेन अपना अगला चुनाव कब कराने के बारे में इरादा रखता है.

ज़ी न्यूज़ 11 Dec 2025 7:17 am

अमेरिका: हादसे के बाद भारतीय लड़की कोमा में, पिता की मदद करने आगे आए कम्युनिटी ग्रुप

सैन जोस की एक युवा भारतीय लड़की इस महीने की शुरुआत में हुए एक भयानक हादसे के बाद कोमा में है, जिसके बाद कम्युनिटी ग्रुप्स से उसे काफी सपोर्ट मिल रहा है

देशबन्धु 11 Dec 2025 6:00 am

ब्लैकबोर्ड- रंग-रूप पर तंज से साइको किलर बनी महिला:पहले चार सुंदर बच्चों को मारा, फिर अपना बच्चा भी मार दिया

‘जिस टब में मेरी बेटी विधि की जान गई, वह टब आमतौर पर खाली रहता था। पूनम ने मेरी बच्ची को बहलाकर टब में पानी भरवाया, फिर टब खींचकर अंदर ले गई। जैसे ही मौका मिला, पूनम ने कसकर मेरी बेटी की गर्दन दबोची और पानी में डुबो दिया। छटपटाते हुए मेरी बच्ची की जान चली गई। टब के पानी में वो कुरकुरे तैर रहे थे,जो मेरी बच्ची खा रही थी।’, ये कहते हुए 6 साल की विधि के पापा संदीप रो पड़े। ब्लैकबोर्ड में इस बार उस महिला की स्याह कहानी, जिसके रंग-रूप पर तंज ने उसे भीतर से इतना तोड़ा कि वो साइको किलर बन गई और बच्चों को मारने लगी। सोनीपत में संदीप के घर के बाहर सन्नाटा फैला हुआ है। 1 दिसंबर को इस घर में 6 साल की बच्ची की मौत हुई है। घर के अंदर पहुंचने पर एक अजीब सी खामोशी महसूस हुई। यहां मेरी मुलाकात सबसे पहले संदीप से हुई। आंखों में आंसू लिए संदीप कहते हैं कि पूनम मेरी चचेरी बहन है, उसने मेरी बच्ची को मार दिया, वो साइको किलर है। 1 दिसंबर को संदीप बारात में जाने के लिए तैयार हो रहे थे। विधि उनके पास खेल रही थी। वह बताते हैं, ‘सोचा साथ ले जाऊं… फिर जाने क्यों कह दिया कि घर पर मम्मी के साथ खेलो। कुछ ही दूर पहुंचे थे कि फोन आया- विधि गायब है। 'मैं भागते हुए घर पहुंचा, एक-एक कमरा देखा, कहीं नहीं मिली। उसकी मां का दिल बैठ गया; आखिर में हम उस कमरे में गए जहां बच्चे कभी जाते ही नहीं थे। वहां पानी भरे टब में मेरी बेटी की लाश पड़ी थी।' संदीप बहुत धीमे, लेकिन साफ शब्दों में कहते हैं, ‘वह साइको नहीं… बहुत होशियार है। विधि को मारने से पहले चूड़ियां उतार दीं, ताकि फिंगरप्रिंट न आएं। गला दबाने के लिए उसकी जर्सी का इस्तेमाल किया। नीचे आई तो कपड़े गीले थे- यहीं गलती कर गई। किसी को बोली बच्चे ने उल्टी कर दी, किसी से कहा दूध गिर गया, किसी से कहा पीरियड्स… हर किसी के सामने अलग कहानी। यही बदलते बयान इसे ले डूबे।’ वह फुसफुसाते हैं, ‘इसे बर्दाश्त नहीं था कि कोई बच्ची बड़ी होकर उससे ज्यादा सुंदर बने… इसलिए एक-एक कर खत्म कर दिया। खुद को बचाने के लिए वह अजीब नाटक करती रही- कभी अलमारी में आग, कभी सूट फाड़ना, कभी पंखे से लटकने का ढोंग। घर में कैमरा लगते ही सब रुक गया, तब समझ आया कि साया नहीं, उसका छल था।' खुद को संभालते हुए संदीप बताते हैं, ‘ये पहली बार नहीं था… 2021 में पूनम ने मेरी बच्ची पर गर्म चाय उड़ेली थी। साफ दिख रहा था कि जान-बूझकर किया।’ ‘उसने अपने बेटे को भी मार दिया था, ताकि किसी को उस पर शक न हो। 2023 में मेरी भांजी की लाश भी उसी हौद में मिली थी, जिसमें पूनम का अपना बेटा भी डूब गया था। हमने सोचा बच्चे खेलते-खेलते गिर गए होंगे… उसका बेटा भी मरा था, इसलिए किसी को शक नहीं हुआ'। संदीप से मिलने के बाद मैं पूनम के मायके पानीपत पहुंची। उस घर के दरवाजे पर कदम रखते ही एक ऐसी खामोशी महसूस होती है, जैसे दीवारें भी किसी अनकहे डर से सिमट गई हों। भीतर उनके ताई के बेटे सुरेंद्र बैठे थे- चेहरे पर थकान, आंखों में गुस्सा और आवाज में दर्द। सुरेंद्र धीमी आवाज में कहते हैं, ‘पूनम… बचपन से सुनती आई थी कि वो अपने भाई-बहनों से कम सुंदर है। शादी के बाद लोग कहते- जेठानी उससे कई गुना सुंदर है। जब बच्चे हुए तो उनकी भी तुलना… कौन गोरा, कौन सांवला। वो कुछ नहीं बोलती थी, पर हर तंज उसकी रग-रग में उतर जाता था।'’ यह बातचीत चल ही रही थी कि उनकी पत्नी पारुल भी आकर बैठ गईं। उन्होंने गहरी सांस ली, जैसे किसी भारी सच को फिर से उठाने वाली हों। पारुल कहती हैं, ‘उसके मन में तो शुरू से ही सुंदरता का डर बैठा था- कौन अच्छा दिखता है, कौन नहीं। घर में लोग उसकी दूसरे से तुलना करते थे… गोरे, सांवले की बात उसके दिमाग में घर कर गई थी। शादी के बाद जेठानी की सुंदरता उसकी आंखों में जैसे कील बनकर ठोक दी गई थी।’ पारुल का गला भर आया- ‘वो दुबली थी… लोग कहते, इस पर कपड़ा नहीं जंचता। शरीर ठीक नहीं है। ऐसी बातें इंसान को बाहर से नहीं, भीतर से घुन की तरह खा जाती हैं। शायद उसके मन में डर था कि कहीं उसके बच्चे का भी वैसा ही न मजाक बने।’ सुरेंद्र ने थके हुए चेहरे पर हाथ फेरा, जैसे किसी ऐसे रिश्ते को याद कर रहे हों, जो अब सच के बोझ से टूट चुका है। वह कहते हैं, ‘पूनम… हमारे ही खून की थी,’ उन्होंने धीमे स्वर में कहा। ‘मेरे पिताजी और उसके पिताजी सगे भाई… हमारी मांएं सगी बहनें। दोहरी रिश्तेदारी- पूनम मेरी चाची की बेटी भी थी और मौसी की भी। घर की ही बच्ची।’ वो कुछ पल चुप रहे, फिर बोले- ‘पर बचपन से उसमें एक अजीब-सा गुस्सा था… ऐसा जो बोलता नहीं था, सिर्फ भीतर-भीतर घुटता रहता था। पढ़ी-लिखी थी- एमए, बीएड। दिखने में शांत, समझदार। समाज में उठती-बैठती थी, लेकिन अंदर एक खामोशी थी… ऐसी खामोशी जिसमें कुछ दबा रहता है।’ सुरेंद्र बताते हैं, 'पूनम ने कभी किसी से बदजबानी नहीं की, मगर अगर किसी से नाराजगी हो गई, तो उससे हमेशा के लिए बात करना बंद कर देती थी। उसकी यही आदत थी- 'जैसे लोगों को अपने मन से काट देना ही उसका सबसे बड़ा हथियार हो।’ सुरेंद्र उस मनहूस रात को याद करते हैं, जिस दिन पूनम ने उनके भाई दीपक की बेटी जिया को मारा। वह बताते हैं- रात करीब साढ़े 3 बजे उनकी पत्नी ने देखा था, पूनम पशुओं के बाड़े की तरफ गई और कुछ देर बाद वापस लौटी। पूनम उन दिनों मायके में ही थी; ससुराल में किसी बात को लेकर मामूली कलह हुई थी और वह पिछले चार-पांच महीनों से यहीं थी। उसने उस दिन कहा था- ‘जिया ने उसे अपने साथ सोने को बुलाया है।’ लेकिन घर में किसी को नहीं पता था कि जिया ने सच में बुलाया था या वह खुद चली गई। जिया, दीपक की नौ साल की बेटी- चंचल, गोरी-सुंदर लड़की घर की धड़कन थी। उसी शाम उसने अपने कमरे में नई अलमारी रखवाई थी और देर रात तक कपड़े जमाने में मग्न थी। सुबह जिया की मां उसे जगाने गई तो बिस्तर खाली मिला। कमरे में सिर्फ पूनम और उसका बेटा सो रहे थे। जिया न कमरे में थी, न घर में, जबकि दरवाजा अंदर से बंद था। सबने सोचा शायद वह छत पर होगी- पर वहां भी नहीं। तभी दीपक की नजर छत के नीचे बने पशु-हौद पर पड़ी- पानी की सतह पर जिया का कपड़ा तैर रहा था। पास जाकर देखा- हौद के अंदर जिया का शव पड़ा था। सुरेंद्र कहते हैं- वे उस रात नौकरी पर नाइट शिफ्ट में थे। खबर मिलते ही घर दौड़े। तभी उनकी पत्नी ने उन्हें अलग ले जाकर बताया- रात में उसने पूनम को उसी हौद की तरफ जाते देखा था। उसके हाथ में कुछ था, पर अंधेरा इतना घना था कि पहचान न सकी। सुरेंद्र बताते हैं कि जैसे ही उन्हें यह सब पता चला, उनका शक सीधे पूनम पर गया। उनके मन में 2023 की वह भयावह याद भी कौंधी, जब पूनम का बेटा और उसकी ननद की बेटी पानी की टंकी में गिरकर मारे गए थे। सुरेंद्र कहते हैं- उन्हें तब भी लगा था कि पूनम किसी तांत्रिक या अंधविश्वास के जाल में फंस गई है; ‘मुक्ति-कर्म-पाप’ जैसे शब्द बोलती थी। तीनों मौतें एकादशी के दिन हुईं, और हर बार बच्चे पानी में डुबोए गए- उन्हें यह कभी संयोग नहीं लगा। सुरेंद्र साफ कहते हैं- लोग पूनम को ‘साइको’ कह रहे हैं, लेकिन वह पागल नहीं थी। ‘जिस औरत ने शक हटाने के लिए अपने बेटे को पहले मारने का फैसला कर लिया हो, वह पागल नहीं- ठंडे दिमाग से चाल चलने वाली है।’ वे हौद के पास खड़े होकर बताते हैं- पत्नी की बात पर किसी ने यकीन नहीं किया। सबने कहा, ‘लड़की नींद में गिर गई होगी।’ सुरेंद्र यहीं रुकते हैं। आवाज भारी हो जाती है। फिर धीमे से कहते हैं- ‘जब उसने खुद कबूल किया कि जिया को उसी ने मारा है, तभी सबको यकीन हुआ कि हम झूठ नहीं बोल रहे थे। पुलिस जब उसे लेकर आई, उसके चेहरे पर न डर था, न पछतावा। वह ऐसे खड़ी थी- जैसे कुछ हुआ ही न हो।’ सुरेंद्र की पत्नी पारुल भी वही बात दोहराती हैं। वह हौद की तरफ उंगली उठाती हैं- ‘पूनम इसी रास्ते से गई थी… हमारी गुड़िया वहीं मिली थी।’ कहते-कहते उनकी आवाज कांपने लगती है। ‘मुझे उसी रात समझ आ गया था कि यह काम उसी ने किया है, पर मेरी बात मानने वाला कोई नहीं था। सबको लगा कि बच्ची नींद में गिर गई होगी। हम तो रात में कई बार पशुओं को देखने जाते हैं, इसलिए जब मैंने उसे जाते देखा, मैंने भी सोचा होगा किसी काम से गई है।’ पारुल गहरी सांस लेकर रुकती हैं, ‘अगर उस रात किसी ने मेरी बात सुन ली होती, तो शायद कहानी यहीं खत्म हो जाती, लेकिन नहीं- वो तो कई बच्चों की जिंदगी लेकर ही रुकी। और आज भी उसके चेहरे पर एक पल को भी पछतावा नहीं।’ वे कहती हैं कि पूरे परिवार को अब साफ दिखता है कि पूनम अपने दुख, जलन, तुलना और अंधविश्वास के बोझ में धीरे-धीरे इतनी डूबती चली गई कि एक दिन इंसानियत की आखिरी रेखा भी पार कर गई। वहीं, जिया की मां प्रिया उस अलमारी की तरफ इशारा करती हैं- वही, जिसकी शेल्फों में जिया ने उस रात बड़े चाव से अपने कपड़े सजाए थे। प्रिया की उंगलियां अलमारी के हैंडल पर रुक जाती हैं। ‘यही अलमारी वह खुद के लिए लेकर आई थी… कपड़े जमाते-जमाते ही पूनम के पास सोने चली गई थी,’ उनकी आवाज टूटती है। वह बताती हैं कि पूनम जिया की सुंदरता की शिकायत भी प्यार की तरह करती थी- कहती थी कि जैसे-जैसे बड़ी हो रही है और भी खूबसूरत होती जा रही है…’ प्रिया बातचीत करते हुए जिया के कमरे में ले जाती हैं। बिस्तर की तरफ उंगली उठाते हुए धीरे से कहती हैं- ‘यहीं वह पूनम के साथ सोई थी उस रात।’ यह कहते ही उनकी आंखें छलक आती हैं। वह आगे कहती हैं- ‘बेटी की मौत के बाद भी पूनम ऐसे आती-जाती रही जैसे कुछ हुआ ही न हो। हमसे हंसकर बात करती, हमारे बीच बैठती… हमें कभी नहीं लगा कि उसी ने हमारी बच्ची का सब कुछ छीन लिया है।’ वे खिड़की की तरफ देखती हैं, जैसे जिया की परछाईं वहीं कहीं हो। ‘मेरी बेटी तो शाम के बाद अंधेरे में बाहर कदम भी नहीं रखती थी। बाथरूम तक मुझे साथ ले जाती थी। मैं समझ नहीं पाई…पूनम के मन में यह भाव बचपन से बैठा था कि वह सुंदर नहीं है- और शायद वही हीनता धीरे-धीरे उसके भीतर सुंदर बच्चों के खिलाफ जहर बनकर जमती चली गई।’ पूनम की मां दरवाजे की चौखट पकड़कर खड़ी थीं। धीमे से बोलीं, ‘शादी से पहले मेरी बच्ची बिल्कुल ठीक थी… कभी किसी ने उसकी शिकायत नहीं की। हमारे घर में तो वह हंसती-बोलती, सबकी चहेती थी।’ उनकी आंखें फर्श पर टिक जाती हैं, आवाज और भारी हो जाती है- ‘जो कुछ भी हुआ… शादी के बाद हुआ। हमें तो अंदाजा भी नहीं था कि उसके मन में कौन-सा तूफान पल रहा है, कौन-सी आग उसे भीतर से खा रही है। वह कभी कुछ बोली ही नहीं… और हम समझते रहे कि सब ठीक है।’ मां के होंठ सख्त हो जाते हैं, जैसे दर्द गुस्से में बदल गया हो- ‘लेकिन उसने जैसा किया है… अब वैसा ही भोगेगी। हमने उसे जन्म दिया था, ये पाप नहीं… ये अंधेरा उसने खुद चुना। अब उसकी सजा भी उसे ही काटनी होगी।’ पुलिस के मुताबिक, पूनम की कहानी किसी साधारण अपराध की नहीं, बल्कि सुंदरता को लेकर जन्मी नफरत की दास्तान है। जांच में सामने आया कि उसे खूबसूरत बच्चों से चिढ़ होती थी- इतनी गहरी, इतनी खतरनाक कि उसने सबसे पहले निशाना अपने ही घर के मासूमों को बनाया। शक न उठे, इसलिए उसने अपने ही बेटे को पानी में डुबोकर मार दिया- ठंडे दिमाग से, बिल्कुल उसी तरीके से जैसे बाकी बच्चियों को। कुल चार बच्चे… चार मासूम जिनकी एक-एक सांस उसने अपनी जलन में घोंट दी। और हर बार उसने वही बच्चियां चुनीं जिन्हें वह अपने से ज्यादा सुंदर मानती थी। पुलिस वालों के मुताबिक, उसके भीतर एक डर सालों से सड़ता रहा- ‘ये बच्चियां बड़ी होकर मुझसे सुंदर न हो जाएं।’ (नोट- पुलिस ने पूनम के बयान दर्ज किए हैं, लेकिन अभी यह साबित नहीं हुआ है कि महिला साइको किलर ही है। जांच-पड़ताल जारी है) -------------------------------------------- 1- ब्लैकबोर्ड- बेटी ने मारा तो घर छोड़ा:बस के नीचे मरने पहुंचे, भाई ने फर्जी साइन से पैसे हड़पे, वृद्धाश्रम में रोज सुबह सोचते हैं- कोई लेने आएगा मेरे बच्चे नहीं हैं। पत्नी की मौत के बाद अकेला हो गया था। मुझे आंख से दिखाई नहीं देता। एक रिश्तेदार के यहां रहने चला गया। वहां बहुत जलील हुआ तो एक दूसरे रिश्तेदार के यहां रहने पहुंचा, लेकिन उन्होंने अपने यहां रखने से साफ मना करा दिया। उस दिन मन में विचार आया कि सब खत्म कर दूं। सोचा कि यमुना में कूद जाऊं। फिर मरने के लिए एक बस डिपो पर गया। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें 2- ब्लैकबोर्ड-पत्नी को लोग कोठेवाली समझते हैं:जीबी रोड का पता देख बच्चों को एडमिशन नहीं मिलता; दोस्त कहते हैं चलो तुम्हारे घर मौज करते हैं हलचल भरी दिल्ली में शाम ढलने लगी थी। मैं शहर के जीबी रोड पहुंची। इसे रेड लाइट एरिया भी कहा जाता है। यह इलाका सेक्स वर्क के लिए बदनाम है। दूर से ही सेक्स वर्कर्स के कोठे नजर आ रहे थे, जिनकी खिड़कियों से सजी-संवरी महिलाएं झांक रही थीं। एक-एक करके ग्राहक बाहर बनी सीढ़ियों से उन कोठों पर जा रहे थे। पूरी स्टोरी यहां पढ़ें

दैनिक भास्कर 11 Dec 2025 5:10 am

सेक्स वर्कर्स बोलीं- मम्मी-पापा के डॉक्यूमेंट कहां से लाएं:SIR के बाद हमें बांग्लादेशी कहकर भगा देंगे, चुनाव आयोग बताए हम क्या करें

‘मैं सेक्स वर्कर हूं। मां भी यही काम करती थीं। अब्बू बिहार में रहते थे। मैं छोटी थी, तभी उनका इंतकाल हो गया। मां की उम्र अब 85 साल है। वे 16-17 साल की थीं, जब पश्चिम बंगाल आ गई थीं। बीएलओ SIR के फॉर्म भरवाने घर आ रहे हैं। हमारे पास वोटर आईडी और आधार कार्ड है, लेकिन उन्हें 2002 के डॉक्युमेंट चाहिए। हमारे पास तो नहीं हैं। पता नहीं क्या होगा, शायद हमें बांग्लादेशी कहेंगे और भगा देंगे।’ पश्चिम बंगाल में आसनसोल के लच्छीपुर में रहने वालीं फातिमा आखिरी की दो लाइनें हंसते हुए कहती हैं। हालांकि उनकी हंसी अगले ही पल गायब हो जाती है। फातिमा का घर लच्छीपुर की एक तंग गली में है। परिवार में मां और दो बेटियां हैं। उनकी फिक्र वोटर लिस्ट से नाम कटने को लेकर है। डर है कि ऐसा हुआ तो सरकारी सुविधाएं मिलनी बंद हो जाएंगी और उन्हें घुसपैठिया बता दिया जाएगा। पश्चिम बंगाल में SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन की आज आखिरी तारीख है। सेक्स वर्कर्स का डर एक नियम की वजह से है। दरअसल, वोटर लिस्ट अपडेट करने की प्रक्रिया में 2002 की वोटर लिस्ट को आधार बनाया गया है। वोटर को साबित करना पड़ रहा है कि उसका, उसके माता-पिता या रिश्तेदार का नाम 2002 की लिस्ट में मौजूद था। लच्छीपुर रेड लाइट एरिया है। यहां की वोटर लिस्ट में दर्ज करीब 400 महिलाएं सेक्स वर्कर्स हैं। ये एक बार यहां आईं और फिर घर नहीं लौट पाईं। कई ऐसी हैं, जिन्हें बांग्लादेश से लाकर बेच दिया गया। उनके पास वोटर आईडी और आधार कार्ड तो हैं, लेकिन पुराने डॉक्यूमेंट नहीं हैं। इस परेशानी पर हमने सेक्स वर्कर्स सलमा, नूरी, फातिमा और सुमित्रा से बात की। हम सेक्स वर्कर्स की पहचान उजागर नहीं करना चाहते, इसलिए सभी नाम बदले गए हैं। लच्छीपुर की तंग गलियां 400 सेक्स वर्कर्स का घरपश्चिम बर्धवान जिले का आसनसोल कोल बेल्ट इलाका है। ओडिशा और झारखंड से सटा है, इसलिए यहां मजदूरों की आवाजाही ज्यादा है। यहीं जीटी रोड के किनारे लच्छीपुर बसा है। बीएलओ मोहम्मद एजाज अहमद करीब एक महीने से घर-घर जाकर SIR के फॉर्म भरवा रहे हैं। मोहम्मद एजाज अहमद बताते हैं कि लच्छीपुर में रहने वाली महिलाएं रातभर जागती हैं, इसलिए दिन में सोती हैं। दिन में उनसे मिलने और फॉर्म भरवाने में बहुत मुश्किल आई। तंग गलियों से होते हुए एजाज हमें कुछ सेक्स वर्कर्स के घर ले गए, ताकि उनकी परेशानी सामने आ सके। पहली कहानी सलमा की‘बांग्लादेश से हूं, SIR फॉर्म मिला, लेकिन जमा नहीं किया’ 35 साल की सलमा बीते 14 साल से लच्छीपुर में रह रही हैं। घर के नाम पर एक छोटा सा कमरा है। इसमें सिर्फ एक बेड और किचन का सामान रखा है। सलमा बताती हैं, ‘15 साल पहले भारत आई थी। तब उम्र सिर्फ 20 साल थी। मेरे गांव के एक शख्स ने कहा था कि भारत में काम दिला देगा।' 'मुझे लगा थोड़े पैसे कमाऊंगी। गांव का आदमी था, इसलिए भरोसा कर लिया। जरा भी अंदाजा नहीं था वह यहां लाकर बेच देगा। इसके बाद न कभी घर लौट पाई और न यहां शादी की।’ SIR की वजह से वापस बांग्लादेश भेजे जाने का डर नहीं लगता? सलमा जवाब देती हैं, ‘मुझे किसी बात का डर नहीं है। यहां इतने लंबे वक्त से रह रही हूं। दो बार वोट भी डाला है। मुझे तो यहां बेचा गया है। मैं क्या करूं।’ सलमा ने हमसे कहा कि उसने शादी नहीं की है, लेकिन बीएलओ एजाज बताते हैं कि सलमा ने बनारस के एक शख्स से शादी की है। उसके बच्चे भी हैं। पति के पास पासपोर्ट हैं। सलमा यह बात किसी को बताना नहीं चाहती। मैं यहां 20 साल से आ रहा हूं, इसलिए सभी के बारे में जानता हूं। सलमा बांग्लादेशी हैं तो उनका वोटर आईडी कैसे बन गया? इसका जवाब बीएलओ मोहित कुमार सिंह देते हैं। वे बताते हैं- आधार कार्ड बनाने के लिए पार्षद, विधायक या सांसद के लेटर पैड पर सिर्फ लिखकर देना होता है कि फलां आदमी फलां जगह से ताल्लुक रखता है। इससे आधार कार्ड बन जाता है और आधार कार्ड से वोटर आईडी कार्ड बनवा लेते हैं। दूसरी कहानी नूरी और फातिमा कीपुराने कागज नहीं, बेटियों के लिए डर लग रहा85 साल की नूरी अब चल नहीं पातीं। लच्छीपुर आई थीं तब करीब 16-17 साल की थीं। बेटी फातिमा का जन्म भी लच्छीपुर में ही हुआ। अब फातिमा की भी दो बेटियां हैं। नूरी कहती हैं, ‘लच्छीपुर आते ही ये काम (सेक्स वर्क) शुरू कर दिया था। पूरी जिंदगी यहीं निकल गई। मेरे पति बिहार में मेरे ही शहर से थे। उस वक्त वोटर आईडी की जरूरत नहीं होती थी। ऐसे ही कागज से वोट देते थे। यहां मेरा वोटर आईडी बना। पति की मौत के बाद नाम कट गया। मुझे समझ नहीं आया ऐसा क्यों हआ। अब मेरे पास 2002 का कोई कागज नहीं है।’ इतना कहकर नूरी चुप हो जाती हैं। उन्हें खामोश देख बगल में बैठीं नूरी की बेटी फातिमा बोलने लगती हैं। वे बताती हैं, ‘SIR की प्रोसेस शुरू होने के बाद मैं अब्बू के कागज लेने गांव गई थी। घर के कागज ले भी आई, लेकिन परेशानी नाम से हैं। अब्बू आसनसोल में किसी और नाम से रहते थे। यहां के सभी कागज उसी नाम से हैं। गांव का नाम अलग था। घर के दस्तावेज उसी नाम से हैं।’ ‘गांव में किसी को नहीं पता कि हम रेड लाइट एरिया में रहते हैं। मेरे वोटर आईडी में जिस शख्स का नाम है, उससे मेरी शादी नहीं हुई थी। बस बच्चे हैं। वो हमें छोड़कर चला गया। अब्बू का इंतकाल बचपन में ही हो गया था। उसके बाद कोई कागज नहीं बना। मैं कई बार अम्मी का वोटर आईडी बनवाने गई, लेकिन नहीं बना।’ SIR की प्रोसेस पर फातिमा कहती हैं, ‘मुझे बेटियों की फिक्र है। डर लग रहा है। हम शुरुआत से यहीं रह रहे हैं। अगर कोई गांव में जाकर देखना चाहे, तो देख सकता है।’ तीसरी कहानी सुमित्रा कीनाम कटने की फिक्र में बीमार पड़ींसुमित्रा इस बात से डरी हुई हैं कि उनका नाम वोटर लिस्ट से न कट जाए। उनके पास कागज नहीं हैं। इसी फिक्र में बीमार हो गईं। आसपास की महिलाओं ने समझाया कि नाम नहीं कटेगा। फिर भी सुमित्रा का डर खत्म नहीं हुआ। उनकी बहू भी सेक्स वर्कर है। दोनों ने कैमरे पर बात नहीं की। घर के बारे में पूछने पर सुमित्रा बस इतना बताती हैं कि सिलीगुड़ी से यहां आई थी। SIR का फॉर्म भरने के बारे में कुछ नहीं बताया। बीएलओ एजाज बताते हैं कि ये बहुत छोटी उम्र में बांग्लादेश से आई थीं। SIR की वजह से इन्हें डर है कि दोबारा बांग्लादेश न भेज दिया जाए। इसी वजह से परेशान हैं और बीमार पड़ गई हैं। बीएलओ बोले- सभी से फॉर्म भरवाएं हैं, 90% फॉर्म वापस आएहमने एजाज से पूछा कि सेक्स वर्कर्स का फॉर्म भरवाने में क्या दिक्कतें आ रही हैं? एजाज बताते हैं, ‘सबसे अहम काम फॉर्म बांटना और इकट्ठा करना है। यही से दिक्कत शुरू हो जाती है। यहां काम शाम से शुरू होता है।' 'सेक्स वर्कर्स दिन में या तो सो रही होती हैं या दूसरी किसी जगह होती हैं। सबको खोजकर फॉर्म देना पड़ा। इसमें काफी वक्त लगा। ये काम दो-चार दिन में हो जाता, लेकिन मुझे दस दिन लग गए। फॉर्म भरने में भी काफी गलतियां हो रही हैं। फिर भी 90% फॉर्म वापस आ गए हैं।’ मुख्य चुनाव अधिकारी बोले- घबराने की जरूरत नहींपश्चिम बंगाल में कोलकाता के सोनागाछी, बौ बाजार, कलिघाट के अलावा सिलीगुड़ी और आसनसोल बड़े रेड लाइट एरिया हैं। यहां SIR के लिए इलेक्शन कमीशन ने स्पेशल कैंप लगवाए हैं। एनजीओ भी इस काम में मदद कर रहे हैं। 8 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल कोलकाता के दुर्गा चरण मित्रा स्ट्रीट के पास लगे शिविर में पहुंचे थे। यहां के करीब 11 हजार वोटर्स के फॉर्म नहीं मिले हैं, इनमें 3500 सेक्स वर्कर हैं। मनोज अग्रवाल ने कहा कि हमने उन महिलाओं को शामिल करने के लिए विशेष अधिकार दिए हैं, जो 2002 की वोटर लिस्ट में नहीं थीं, लेकिन 2021 और 2024 में वोट डाल चुकी हैं। उनके नाम 11 दिसंबर की लिस्ट में सुरक्षित कर लिए जाएंगे। हालांकि एनजीओ भी वेरिफिकेशन में परेशानी महसूस कर रहे हैं। सोनागाछी रेड लाइट एरिया में महिलाओं के लिए काम करने वाले दरबार महिला समन्वय समिति की मेंटर भारती डे तीन बड़ी परेशानियां बताती हैं। 1. जिन लड़कियों के घर में पता चल गया वे सेक्स वर्कर्स हैं, उन्हें घर से निकाल दिया गया। वे माता-पिता के कागज कहां से लाएंगी। उन्हें यह भी नहीं पता है कि उनके माता-पिता ने 2002 में कहां वोट दिया है। 2. कई लड़कियां काम के लिए दूसरे राज्यों में जाती हैं, जैसे कोई लड़की मुंबई में है और वोटर लिस्ट में उसका नाम बंगाल में है। उसके लिए फिर यहां आना मुश्किल है। 3. बुजुर्ग हो चुकी महिलाओं ने पूरी जिंदगी यहीं निकाल दी। वे कहां से परिवार की लिस्ट लाकर देंगी। अगर कोई महिला बांग्लादेश की है। उसके बच्चे यहीं पले-बढ़े हैं। उसे कैसे कहें कि वह बांग्लादेश से कागज लाकर दे। भारती बताती हैं, ‘इन महिलाओं में SIR को लेकर काफी डर है। कई लड़कियां पूछती हैं कि हमारे पास माता-पिता का कोई प्रूफ नहीं है, क्या हमें यहां से भगा देंगे। हम लगातार महिलाओं से बात कर रहे हैं। कोलकाता के रेड लाइट एरिया में 5-6% महिलाओं के पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है।’ एनजीओ ने ये समस्याएं चुनाव आयोग को बताई थीं। इसके बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी सोनागाछी गए थे। उन्होंने सेक्स वर्कर्स से बात की और उन्हें नाम जुड़वाने के लिए फॉर्म-6 देकर 16 तारीख को लाने के लिए कहा है।

दैनिक भास्कर 11 Dec 2025 5:08 am

गाजा पीस प्लान के दूसरे चरण पर घोषणाएं ‘जल्द’: इजरायल में बोले अमेरिकी राजदूत

संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत माइक वाल्ट्ज ने कहा कि गाजा शांति योजना के दूसरे चरण पर महत्वपूर्ण घोषणाएं बहुत जल्द होने वाली हैं

देशबन्धु 11 Dec 2025 4:40 am

बांग्लादेश: भत्ते की मांग को लेकर वित्त सलाहकार को सचिवालय में बंधक बनाया गया

बांग्लादेश के वित्त सलाहकार डॉ. सालेहुद्दीन अहमद को बुधवार दोपहर उनके कार्यालय में ही बंधक बना लिया गया

देशबन्धु 10 Dec 2025 11:25 pm

इलाज कराने आई महिला मरीजों का बनाता था सीक्रेट वीडियो, US आर्मी का डॉक्टर अरेस्ट, फोन से हजारों फोटो बरामद

US News in Hindi: इलाज के लिए अमेरिकी सेना के पास जाने वाली सैकड़ों महिलाओं के सीक्रेट वीडियो और फोटो बना लिए गए. लेकिन एक दिन इलाज करने वाले सेना के डॉक्टर का राज खुल ही गया. उसके फोन से हजारों अश्लील फोटो और वीडियो मिले हैं.

ज़ी न्यूज़ 10 Dec 2025 9:20 pm

ट्रंप की नई अमेरिकी सुरक्षा रणनीति एशिया के लिए कितना मायने रखती है?

अमेरिका की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति में एशिया के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों पर जोर नहीं दिया गया है. ट्रंप प्रशासन समझौते करने, सैन्य ताकत बढ़ाने और सहयोगी देशों से ज्यादा खर्च करवाने पर जोर दे रहा है

देशबन्धु 10 Dec 2025 6:48 pm

दुनियां का इकलौता सांप जो रखता है हाथी को भी ढेर करने की ताकत, सिंगल बाइट में मौत की गारंटी!

Deadly Snake: यूं तो दुनिया में एक से एक खतरनाक और जहरीले जीव मौजूद हैं. इन्हीं जहरीले जीवों में से एक है सांप. जिसको देखकर ही लोगों की सांसें थम जाती हैं. इन्हीं सांपों की दुनिया का एक ऐसा सांप है जो एक ही बार में इतना जहर छोड़ता है कि इंसान तो छोड़ो पूरे हाथी तक को कुछ घंटों में मारने के लिए काफी है. चलिए जानते हैं ये कौन सा सांप है और एक बार में कितना जहर छोड़ता है.

ज़ी न्यूज़ 10 Dec 2025 5:36 pm

इस देश में नोट छापने तक के लिए कागज के लाले, अखबारों की छपाई हुई आधी; गुस्साए शासक ने दे दिया बड़ा फरमान

Paper Crisis in This Country: जरा सोचिए कि दुनिया के शक्तिशाली देशों में शुमार वो मुल्क, जो परमाणु हथियार से लैस है. उसके पास बैंक नोट छापने तक के लिए कागज नहीं है. वहां पर अखबारों का सर्कुलेशन आधा हो चुका है. हालात से परेशान देश के शासक ने बड़ा फरमान जारी कर दिया है.

ज़ी न्यूज़ 10 Dec 2025 5:20 pm

China-Japan Tension: सातवें आसमान पर चीन-जापान की टेंशन, 'ड्रैगन' की मदद के लिए आए रूसी बॉम्बर, क्या बोला US?

China-Japan Tension: जापानी रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार देर रात कहा कि जापान ने देश भर में जॉइंट पेट्रोलिंग कर रही रूसी और चीनी एयर फोर्स पर नजर रखने के लिए जेट भेजे हैं. दो रूसी टीयू-95 न्यूक्लियर-कैपेबल स्ट्रेटेजिक बॉम्बर्स ने जापान सागर से पूर्वी चीन सागर की ओर उड़ान भरी ताकि दो चीनी एच-6 बॉम्बर्स से मिल सकें और एक लंबी दूरी की जॉइंट फ्लाइट कर सकें.

ज़ी न्यूज़ 10 Dec 2025 4:59 pm

चीन की डरावनी परंपरा: कभी आग पर कूदना तो कभी मुर्गे का सिर काटना, हैरान कर देगी वजह

China Creepy Traditions: भूत प्रेत और बुरी शक्तियों से बचने के लिए दुनियाभर में लोग अनोखे उपाय करते हैं, लेकिन चीन के लोग ऐसे उपाय करते हैं जिन्हें जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. चीन के लोग मुर्गे का सिर काटना और आग में कूदने जैसे उपाय करते हैं. चलिए जानते हैं चीन के लोग और क्या क्या करते हैं.

ज़ी न्यूज़ 10 Dec 2025 2:31 pm

ट्रंप की 'इकोनॉमी मैजिक' फेल! महंगाई ने तोड़ा जनता का दिल, क्यों नाराज हुए लोग?

America News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दुनिया पर टैरिफ का दबाव बनाना चाहते हैं लेकिन उनके ही देश में बढ़ रही महंगाई से लोगों में नाराजगी है. ऐसे में उन्हें असंतोष का सामना करना पड़ रहा है.

ज़ी न्यूज़ 10 Dec 2025 1:50 pm

'मुझे किस करो, कसकर गले लगाओ', मरने से पहले इस दिग्गज स्टार के आखिरी पल क्या थे? पत्नी ने अब खोले राज, दुनिया हैरान!

Sharon Osbourne reveals husband Ozzy details:शैरन ऑस्बॉर्न ने अपने पति ओजी के आखिरी दिन की कहानी का अब खुलासा किया है. उन्होंने पहली बार पति की मौत के दिन की दिल दहला देने वाली बातें बताईं हैं. पियर्स मॉर्गन के साथ उनके अनसेंसर्ड शो में बात करते हुए उन्होंने जो कहा है, उसे सुनकर पूरी दुनिया हैरान है. आइए जानते हैं आखिर क्या है मामला. क्या है इन दोनों स्टार कपल की कहानी. कौन हैंशैरन ऑस्बॉर्न औरओज़ी ऑस्बॉर्न.

ज़ी न्यूज़ 10 Dec 2025 1:19 pm

'... तो होने वाला है बांग्लादेश का पतन', युनूस को अब किसने दे दी चेतावनी, क्या है शेख हसीना से कनेक्शन?

Bangladesh News: बांग्लादेश की स्थिति लगातार खराब हो रही है. बीते दिन बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना को फांसी की सजा दी गई थी. अब इस फैसले को लेकर इंटरनेशनल मानवाधिकार वकीलों ने ये बात कही है.

ज़ी न्यूज़ 10 Dec 2025 12:30 pm