आसमान में उड़ते ही गायब हुआ जहाज, सदमे में आई विमान कंपनी, 20 दिनों से कोई खोज खबर नहीं

Plane Vanish In Australia: ऑस्ट्रेलिया में 2 अगस्त 2025 को एक छोटा विमान अचानक उड़ान भरने के बाद गायब हो गया. विमान का 20 दिनों से पता लगाया जा रहा है.

ज़ी न्यूज़ 22 Aug 2025 2:14 pm

विंडो सीट बताकर यात्रियों से वसूले ज्यादा रुपए, फ्लाइट में घुसे तो उड़ गए होश! एयरलाइंस कंपनियों पर लाखों डॉलर का मुकदमा

इन एयरलाइं कंपनियों ने यात्रियों से विंडो सीट के नाम पर अतिरिक्त भुगतान करवाया और जब यात्री विमान में पहुंचे तो उन्हें दीवारों से सटी सीटें मिली. मंगलवार (19 अगस्त) ये विमानन कंपनियां उस समय सुर्खियों में आ गईं जब इनके यात्रियों ने इनके खिलाफ सामूहिक मुकदमा दायर करदिया.

ज़ी न्यूज़ 22 Aug 2025 1:46 pm

बांग्लादेश में हिंदू-अल्पसंख्यकों की मां बहन-बेटियों की इज्जत सरेआम लूटी जा रही, यूनुस के राज में यौन हिंसा ने लिया महामारी का रूप, देखें रिपोर्ट

Sexual violence against minorities in Bangladesh:बांग्लादेश से ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जिसके बाद आप हैरान और परेशान हो जाएंगे. बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों, खासकर हिंदुओं, ईसाइयों और बौद्धों की महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा की घटनाएं इतनी बढ़ गई हैं कि इसे अब महामारी का रूप दे दिया गया है. जानें पूरी कहानी.

ज़ी न्यूज़ 22 Aug 2025 1:42 pm

100 वर्षों में जनसंख्या विस्फोट! भारत सबसे बड़ा उदाहरण, इतनी तेजी से क्यों बढ़ गई दुनिया की आबादी?

बीती एक सदी में दुनिया की आबादी में जो तेजी और उछाल देखने को मिला, वह मानव इतिहास में एक अभूतपूर्व घटना रही है. आंकड़े खुद बयां करते हैं कि हम किस तरह एक जनसांख्यिकीय विस्फोट के दौर से गुजर रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ 22 Aug 2025 1:11 pm

ट्रंप अब भारतीयों समेत दुनिया के ड्राइवरों को अमेरिका में नहीं चलाने देंगे ट्रक! वीजा पर भी लगाई रोक, वजह जान माथा ठनक जाएगा

US Pauses Visas For Foreign Truck Drivers: ट्रंप सरकार ने ऐसा फैसला किया है, जिसके बाद ट्रक ड्राइवरों पर इसका सीधा असर पड़ेगा. ऐसे ट्र्रक ड्राइवर जो अमेरिका में जाकर अपनी जिंदगी ट्रक चलाकर गुजारना चाहते थे उनके लिए यह बहुत बड़ा धक्का है. जानें पूरी बात.

ज़ी न्यूज़ 22 Aug 2025 1:03 pm

Drake Passage Earthquake: दुनिया के इस हिस्‍से में कांपी धरती, 7.5 रही रिक्‍टर स्‍केल पर तीव्रता; सुनामी का अलर्ट जारी

भूकंप के तुरंत बाद क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसियों ने तटीय इलाकों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी कर दी है.भूकंप के झटके दक्षिणी चिली और अर्जेंटीना के कुछ हिस्सों में भी हल्के रूप में महसूस किए गए.

ज़ी न्यूज़ 22 Aug 2025 12:33 pm

Lil Nas X Video: स्टार रैपर सुबह 4 बजे अंडरवियर और बूट्स में सड़कों पर नंगा दिखा, वीडियो में हरकतें देख आ जाएगी शर्म

Lil Nas X wandering in underwear Video: मशहूर अमेरिकी रैपर लिल नैस एक्स का एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वह सिर्फ सड़कों पर अंडरवियर और बूट्स में ‌दिख रहे हैं. आप भी देखें वीडियो.

ज़ी न्यूज़ 22 Aug 2025 8:47 am

ट्रंप को ठेंगा दिखा दमदारी के साथ मॉस्को में पुतिन से मिले एस जयशंकर, रूसी राष्ट्रपति ने किया स्वैग से स्वागत

व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात के बाद एस जयशंकर ने खुद को गर्वान्वित महसूस किया और अपने एक्स पोस्ट में लिखा, 'आज क्रेमलिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात कर सम्मानित महसूस किया. मैंने उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दीं.'

ज़ी न्यूज़ 22 Aug 2025 8:28 am

'बिना हमला किए युद्ध जीतना बेहद मुश्किल...', रूस-यूक्रेन शांति समझौते से पीछे हटे ट्रंप? यू-टर्न लेने की क्यों आ गई नौबत

Trump On Russia-Ukraine War: रूस-यूक्रेन के बीच शांति समझौते की बात करने वाले ट्रंप ने अब यू टर्न लिया है. उन्होंने यूक्रेन को रूस के खिलाफ जग लड़ने की अनुमति देने का संकेत दिया है.

ज़ी न्यूज़ 22 Aug 2025 8:24 am

Video: मुझे 'वो' पसंद है....जॉर्जिया मेलोनी-ट्रंप की सीक्रेट टॉक हुई लीक, बोलते समय भूल गईं माइक भी था ऑन

Zelenskyy-Trump meet:इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच एक सीक्रेट टॉक लीक हो गई है, जिनका वीडियो अब जमकर वायरल हो रहा है. आप भी देखें वीडियो जानें मेलोनी की पसंद और क्या है पूरा मामला.

ज़ी न्यूज़ 22 Aug 2025 7:59 am

Peter Navarro: ट्रंप के स्वर में सुर मिलाता नजर आया सलाहकार, भारत के खिलाफ उगला जहर

Peter Navarro News: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्रेड सलाहकार पीटर नवारो ने अमेरिकी राष्ट्रपति के स्वर में सुर मिला दिया है और भारत के रूस से तेल खरीदने को लेकर सख्त आपत्ति जताई है. भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए नवारो ने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष में शांति का मार्ग नई दिल्ली से होकर जाता है.

ज़ी न्यूज़ 22 Aug 2025 7:43 am

Russia Ukraine War: शांति की कोशिशों के बीच ताबड़तोड़ हमलों से दहला यूक्रेन, रूस ने 574 ड्रोन और 40 मिसाइलों से मचा दिया 'तांडव'

Russia Ukraine War News in Hindi: पिछले 3 साल से चल रहे यूक्रेन युद्ध को खत्म करवाने की वैश्विक कोशिशों के बीच रूस ने गुरुवार रात उस पर इस महीने का सबसे भीषण हमला बोला. अटैक की वजह से उसके कई इलाकों में आग लग गई.

ज़ी न्यूज़ 22 Aug 2025 5:51 am

स्पॉटलाइट- गोपाल पाठा ‘कसाई’ थे या ‘बहादुर’:विवेक अग्निहोत्री की द बंगाल फाइल्स पर मचे बवाल की असली कहानी, देखें वीडियो

पहले ताशकंद फाइल्स फिर कश्मीर फाइल्स और अब बंगाल फाइल्स की वजह से एक बार फिर मशहूर डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री पर इतिहास को तोड़ मरोड़कर गलत तरीके से फिल्म में दिखाने के आरोप लग रहे है. ये विवाद इतना बड़ा है कि पुलिस को आकर ट्रेलर लॉन्च रोकना पड़ा.लेकिन इस फिल्म में ऐसा क्या दिखाया जा रहा है.पूरा मामला के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...

दैनिक भास्कर 22 Aug 2025 4:50 am

मूर्तियां तोड़ी, मस्जिद पर हमला, पुणे हिंसा के पीछे कौन:हिंदू बोले- लव जिहाद, मस्जिदें बढ़ीं; मुस्लिमों ने कहा- बाहरी लोगों ने किया फसाद

पुणे से करीब 40 किमी दूर बसे यवत गांव में बीते करीब एक महीने से तनाव है। इसकी शुरुआत 26-27 जुलाई की रात हुई, जब गांव के एक लड़के ने छत्रपति शिवाजी की मूर्ति तोड़ दी। इसी दिन बगल के गांव में एक मंदिर में शिवलिंग खंडित किया गया। एक संत की मूर्ति तोड़ दी गई। इसके बाद भीड़ ने मस्जिद पर हमला किया और उस पर भगवा झंडा लहरा दिया। ये सब अचानक हुआ या इसके पीछे कोई साजिश है, दैनिक भास्कर इसकी पड़ताल के लिए यवत गांव पहुंचा। दोनों पक्षों और पुलिस से बात की। हम छत्रपति शिवाजी की मूर्ति तोड़ने वाले लड़के के परिवार से भी मिले। गांव के लोग बोले- बाहर से आने वाले फसाद कर रहेगांव में हम सबसे पहले उमेश दावेकर से मिले। विवाद के बारे में वे बताते हैं, 'हमारे गांव में नीलकंठेश्वर महादेव का मंदिर है। उसमें शिवाजी की मूर्ति भी थी। 26 जुलाई की रात एक मुस्लिम लड़के ने मूर्ति तोड़ दी। इसके 5 दिन बाद एक पोस्ट वायरल हुई, जिसमें हिंदू समुदाय के लिए बहुत गलत बातें लिखी गईं।’ उमेश आगे बताते हैं, 'विवाद बढ़ा तो पुलिस आई। ग्रामसभा बुलाई गई। इसमें प्रस्ताव पारित हुआ कि गांव में बाहर से आने वाले लोगों का डेटा तैयार किया जाएगा। इसमें मुसलमान और हिंदू दोनों शामिल हैं। इनकी जांच करने के बाद ही सरकारी सहूलियतें, जैसे राशन कार्ड दिए जाएंगे।' ऐसा इसलिए किया गया ताकि कोई गलत व्यक्ति न आ पाए। गांव में पहले से रह रहे मुस्लिम विवाद नहीं करते। बाहर से आने वाले झगड़ा-फसाद करते हैं। गांव में रहने वाले रोहित ताम्हाणे कहते हैं, 'विवाद के बाद पुलिस ने गांव के 21 लोगों को उठाया। इनमें 18-19 हिंदू हैं और मुस्लिम सिर्फ 2-3 लोग। बगल के गांव से भी लोग उठाए हैं। कुल 93 लोग हिरासत में लिए गए, इसमें मुस्लिम 5-6 ही हैं।' '1 अगस्त को मस्जिद में भगवा लहराया गया, ये सबने देखा। ऐसा क्यों हुआ, इसकी हिस्ट्री किसी को पता नहीं। 26-27 जुलाई की रात पहले एक मुस्लिम लड़के ने छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति तोड़ी। उसी दिन पास के गांव में शिवलिंग तोड़ा गया। एक संत की मूर्ति खंडित की गई। आपत्तिजनक पोस्ट वायरल हुईं। इतनी सारी घटनाओं के बाद मस्जिद पर अटैक हुआ।' ‘गांव में तीन साल में मस्जिदें 2 से बढ़कर 7 हुईं’उमेश देवेकर गांव में बढ़ती मस्जिदों पर भी सवाल उठाते हैं। वे कहते हैं, ‘हमारे गांव में करीब 15 हजार लोग रहते हैं। इनमें मुस्लिम आबादी करीब 3 हजार यानी 20% है। गांव में पहले दो ही मस्जिद थीं। एक सामने सड़क पर और दूसरी गांव के अंदर शायद दरगाह या मस्जिद थी।' गांव के ही नीलेश जैन कहते हैं, ' गांव में 7 मस्जिद हैं, जबकि मंदिर 4-5 हैं। यहां मुसलमान लड़के हिंदू लड़कियों से शादी कर रहे हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं। गांव में बाहर से लोग आते हैं। ज्यादा विवाद वही करते हैं। हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग आते हैं, लेकिन इनमें मुस्लिम ज्यादा हैं।' भरत महाजन भी मुस्लिम युवकों से हिंदू लड़कियों की शादी के बढ़ रहे चलन के बारे में बताते हैं। हालांकि वे ये भी कहते हैं कि मुस्लिम युवकों से शादी कर रही लड़कियां छोटी तो नहीं हैं। उनकी अच्छी खासी उम्र है। प्यार में ही शादी करती होंगी। उनसे जबरदस्ती तो कोई नहीं कर सकता।' मुस्लिम बोले- घटना वाले दिन हम गांव से बाहर थेगांव के मुस्लिम इस मामले में बात करने से बच रहे हैं। कुछ लोग राजी हुए, इनमें ज्यादातर कहते हैं कि मस्जिद पर हमले के वक्त हम गांव में नहीं थे। हमने छत्रपति शिवाजी की मूर्ति तोड़ने के आरोपी आमिर सैयद की चचेरी बहन के पति नसीब मुजावर से बात की। वे कहते हैं, 'मूर्ति तोड़ना गलत था। उसने शराब के नशे में ये सब किया। ये नहीं करना चाहिए। गांव में हिंदू-मुस्लिम मिल-जुलकर रहते हैं। मैं हर साल पत्नी को रक्षाबंधन में यहां लेकर आता हूं ताकि वो अपने भाइयों को राखी बांध सकें।' नसीब की पत्नी राखी दिखाते हुए कहती हैं, 'यहां मुस्लिम लड़कियां भी अपने भाइयों को राखी बांधती हैं।' गांव में फुटवियर की दुकान चलाने वाले नसीर कहते हैं, 'शिवाजी की मूर्ति जिसने तोड़ी, उसे पुलिस उठाकर ले गई। उसे सजा होनी चाहिए। छत्रपति शिवाजी महाराज महाराष्ट्र ही नहीं, देश की शान हैं। दूसरे मुस्लिमों को उसकी इस हरकत की सजा नहीं मिलनी चाहिए। हमें तो पता भी नहीं कि वो कौन है, कहां से आया है। वो इस गांव का नहीं है।' हमने नसीर से घटना के बारे में पूछा। उन्होंने जवाब दिया, ‘मेरी दुकान उस दिन बंद थी। मैंने टीवी पर ही देखा।’ यवत की बाजार में राखियां बेच रहे इकबाल मस्जिद पर अटैक के सवाल पर कहते हैं, 'मैं उस दिन दुकान बंद करके चला गया था। अपनी दुकान बचानी थी। मैंने तो टीवी पर देखा।’ गांव में रहने वाले बुजुर्ग अतर भी कहते हैं, 'हम उस दिन यहां थे ही नहीं, तो क्यों कुछ बोलें। हमें कुछ नहीं पता।' छत्रपति शिवाजी की मूर्ति टूटने और आपत्तिजनक पोस्ट वायरल होने के बाद आरोपी याकूब का घर भीड़ ने जला दिया था। उसके पड़ोस में रहने वाली बेगम सप्पू कहती हैं, 'हमने कुछ देखा नहीं, तो क्या बताएं। कुछ नहीं पता। पड़ोस की ही बेगम नूर भी कहती हैं, 'उस दिन हम यहां नहीं थे। दुकान का सामान लेने बाहर गए थे।' आरोप: मूर्ति तोड़ने वाला जमात के कार्यक्रम से आया थागांव में रहने वाले श्रीजय हमें उस मंदिर में ले गए, जहां शिवाजी की मूर्ति थी। वे कहते हैं, '26 तारीख की रात विवाद शुरू हुआ था। रात में आमिर नाम के लड़के ने गांव के नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर में छत्रपति शिवाजी की मूर्ति तोड़ दी।' 'पहले उनकी नाक तोड़ी, फिर हाथ और फिर पांव। जिस तरह उसने मूर्ति तोड़ी, उससे लगता कि वह नशे में नहीं था। उसने एक मकसद से मूर्ति तोड़ी। वो कहीं बाहर से नहीं आया है, यहीं का रहने वाला है।' क्या इसी के बाद मस्जिद पर हमला हुआ? श्रीजय कहते हैं, 'नहीं, लोगों में गुस्सा था, लेकिन उन्होंने शांति के साथ प्रदर्शन किया। इसमें मुस्लिम समुदाय के लोग भी थे। मस्जिद पर भगवा झंडा किसने लहराया, ये नहीं पता। कोई बाहर का होगा।' आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले युवक और उसके रिश्तेदार का घर जलायाबिगड़ते माहौल के बीच गांव के एक लड़के ने सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट की थी। हम उसके घर भी गए। घर में कोई नहीं मिला। टीन से बने घर में आगजनी के निशान थे। घर के बाहर पुलिसवाले तैनात थे। पोस्ट वायरल होने के बाद भीड़ ने आरोपी युवक और उसके मामा का घर भी जला दिया था। आसपास के लोग कैमरे पर आने के लिए तैयार नहीं हुए। उन्होंने बताया, 'भीड़ ने मस्जिद पर अटैक करने से पहले ही घर में आग लगा दी थी। आरोपी लड़का और उसका परिवार पहले ही घर छोड़कर भाग गए थे। इसलिए बच गए।' पुलिस का दावा- हिंसा अचानक हुई घटना, कोई साजिश नहींमूर्ति तोड़ने वाला आमिर और आपत्तिजनक पोस्ट करने वाला युवक पुलिस की गिरफ्त में हैं। एक हफ्ते बाद गांव से कर्फ्यू भी हटा लिया गया है। पुणे के ASP गणेश बिरादर बताते हैं, 'हमने 93 लोगों को गिरफ्तार किया है। मस्जिद में अटैक के बाद कोई घटना नहीं हुई है। फिलहाल यहां शांति है।’ हमने पूछा- लोगों का कहना है कि हिंसा के पीछे साजिश है? ASP जवाब देते हैं- अभी किसी साजिश का क्लू नहीं मिला है। अब तक मिले सबूतों से यही पता चला है कि ये अचानक हुई घटना थी। कोई संगठन या मास्टरमाइंड इसके पीछे नहीं है। हालांकि जांच चल रही है' शिवाजी का यवत से खास रिश्तायवत गांव के रोहित ताम्हणे बताते हैं, ‘शिवाजी को बचपन में 4 सूबे मिले थे। इसमें एक सूबे का नाम सूपा था। इस सूबे में ही आज की तहसील दौंड पड़ती थी। ये तहसील उस वक्त दौंड नाम से नहीं, बल्कि भीमथणी नाम से जानी जाती थी। भीमथणी घोड़ों के लिए मशहूर जगह थी। रोहित आगे बताते हैं, 'छत्रपति शिवाजी का घोड़ा भीमथणी प्रजाति का ही था। यहां दो प्रजातियों को मिलाकर भीमथणी प्रजाति के घोड़े तैयार किए गए थे। इनकी खासियत होती है कि ये बहुत कम खाकर और कम सोए लंबा रास्ता तय कर सकते हैं।’ डिप्टी सीएम अजित पवार यवत पहुंचेयवत में मूर्ति टूटने के बाद हालात खराब नहीं हुए, लेकिन लोगों में गुस्सा था। वे प्रदर्शन कर रहे थे। सोशल मीडिया पर इस बारे में आपत्तिजनक पोस्ट से गुस्सा भड़क गया। एक अगस्त को गाड़ियों में आगजनी के बाद हालात खराब हुए। गुस्साई भीड़ ने एक बाइक, दो कारें और एक बेकरी में आगजनी की। धार्मिक स्थल पर पथराव किया। तनाव को देखते हुए यवत का मार्केट बंद कर दिया गया। प्रदर्शनकारी यहां के सहकार नगर में रहने वाले आरोपी के घर पहुंचे और तोड़फोड़ की। इसके बाद डिप्टी सीएम अजित पवार भी यवत गए थे। उन्होंने बताया कि विवादित पोस्ट करने वाला युवक नांदेड़ का रहने वाला है और दिहाड़ी मजदूर है। मार्च में नागपुर में औरंगजेब कब्र विवाद को लेकर भड़की थी हिंसायवत में हुई हिंसा महाराष्ट्र में इस साल सांप्रदायिक हिंसा की दूसरी बड़ी घटना थी। इससे पहले मार्च में औरंगजेब कब्र विवाद को लेकर नागपुर के महल इलाके में दो पक्षों में हिंसा हुई थी। विश्व हिंदू परिषद ने औरंगजेब का पुतला फूंका था, इसके बाद हिंसा भड़की थी। अफवाह फैली कि प्रदर्शनकारियों ने पुतले के साथ एक धार्मिक पुस्तक जलाई। इससे दो पक्षों में पथराव हुआ। हिंसा में 3 DCP समेत 33 पुलिसवाले घायल हुए थे। दंगाइयों ने 12 बाइक, कई कारें, एक JCB जला दी। पुलिस ने दंगे के आरोप में 50 लोगों को अरेस्ट किया था। इसके बाद संभाजीनगर में औरंगजेब की कब्र की सुरक्षा बढ़ा दी गई।.....................................महाराष्ट्र से ये ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़िए... 1. मालेगांव ब्लास्ट के विक्टिम बोले- हमारे बच्चे मरे, बताओ मुजरिम कौन, इंसाफ कौन देगा 'मालेगांव ब्लास्ट के सभी 7 आरोपी बरी हो गए। ये सरासर गलत फैसला है। अगर सब छूट गए, तो फिर बताओ मुजरिम कौन है, हमें इंसाफ कौन देगा।' 80 साल के निसार अहमद का शरीर ये बात बोलते हुए गुस्से में कांपने लगता है। जिस अजहर को निसार अहमद इंसाफ दिलाना चाहते हैं, वो उनका बेटा था। इस ब्लास्ट में 6 लोग मारे गए थे। इनमें 10 साल की शगुफ्ता भी थी। पढ़िए पूरी खबर... 2. कर्नल पुरोहित की पत्नी का दावा- ISI-दाऊद की जांच का बदला लिया मालेगांव ब्लास्ट केस में सेना में कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित भी आरोपी थे। उनकी पत्नी अपर्णा दावा करती हैं कि ATS ने कर्नल पुरोहित को गैरकानूनी तरीके से उठाया था। कर्नल ने जाकिर नाईक, फेक करेंसी के रैकेट, दाऊद इब्राहिम और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI पर रिपोर्ट तैयार की थीं। ATS वाले इन रिपोर्ट्स के सोर्स के बारे में पूछते थे। पढ़िए पूरी खबर…

दैनिक भास्कर 22 Aug 2025 4:00 am

India Russia News: ट्रंप के टैरिफ से 'ना डरो', पुतिन बोले- 'मैं हूं ना'; भारत का कद बढ़ता देख PAK के लोग हैरान

India Russia News in Hindi: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को उम्मीद थी कि भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाकर वो अपनी मनमानी करने में कामयाब रहेंगे. लेकिन इसी बीच पुतिन सच्चे दोस्त की तरह सामने आए हैं. उन्होंने भारत से कहा है- 'मैं हूं ना'.

ज़ी न्यूज़ 22 Aug 2025 3:41 am

ऑरेंज स्किन, सफेद आंखें और...इस देश में मिली अजीब विशालकाय मछली, रिसर्चर्स ने भी पकड़ लिया माथा

Shark Fish: कोस्टा रिका के टोर्टुगुएरो नेशनल पार्क के पास समुद्र में एक दुर्लभ ऑरेंज स्किन और सफेद आंखों वाली शार्क मछली मिली है. इसे देखकर शोधकर्ता भी आश्चर्यकित हो गए हैं.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 6:50 pm

शेर हमेशा शेर रहता है... चुनावों से पहले 'विजय' का बड़ा फैसला, कहा- नहीं करेंगे DMK और BJP से गठबंधन

Tamil Nadu Elections :मदुरै में तमिलगा वेत्री कझगम के दूसरे राज्यस्तरीय सम्मेलन में बोलते हुए अभिनेता विजय ने कहा, अगले साल होने जा रहे तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी का बीजेपी (BJP) या डीएमके (DMK) के बीच कोई गठबंधन नहीं होगा.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 6:44 pm

पहले खुद कहा और अब टैरिफ लगा रहे हैं... रूस से तेल खरीदने पर जयशंकर का अमेरिका को कड़ा जवाब, मॉस्को से दिया संदेश

Russian oil Trade: भारत और रूस के बीच दोस्ती से अमेरिका काफी ज्यादा चिढ़ा है. रूस से तेल खरीदने पर कई बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आपत्ति जता चुके हैं. उन्होंने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाकर ये दिखा भी दिया. अब विदेश मंत्री ने मास्को में बोलते रूसी तेल को लेकर ये बात कही है.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 5:51 pm

गाजा सिटी पर इजरायल के कब्जे का पहला चरण शुरू

हमास ने टेलीग्राम पर एक बयान जारी कर आरोप लगाया है कि इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू संघर्षविराम समझौते में बाधा डाल रहे हैं और गाजा सिटी में “निर्दोष नागरिकों के खिलाफ क्रूर युद्ध” जारी रखना चाहते हैं

देशबन्धु 21 Aug 2025 5:24 pm

पुतिन-ट्रंप मीटिंग के बाद बुजुर्ग की चमकी किस्मत, रूसी राष्ट्रपति ने तोहफे में दी 19 लाख की सुपर बाइक

Ural Motorcycles: पिछले हफ्ते एक वायरल टीवी इंटरव्यू के बाद अलास्का के एक बुजुर्ग को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की टीम से 22,000 डॉलर (करीब 19 लाख रुपये) की एक खास सुपरबाइक गिफ्ट की. पुतिन ने जो बाइक गिफ्ट की है वो ऑलिव-ग्रीन रंग की Ural Gear Up बाइक है, जिसमें साइडकार भी लगा हुआ है. खास बात यह है कि यह बाइक 12 अगस्त को ही बनाई गई थी.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 5:16 pm

पाकिस्तान : इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, 8 मामलों में मिली जमानत

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की 9 मई, 2023 के दंगों से संबंधित 8 मामलों में दाखिल जमानत याचिका मंजूर कर ली है। इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई के नेताओं, समर्थकों और देश की राजनीति के लिए यह निर्णय बेहद अहम है

देशबन्धु 21 Aug 2025 4:25 pm

बाप ने बेचे फल, खुद जूता पॉलिश का किया काम... दुनिया का सबसे अच्छा जज बनकर कमाया नाम

Frank Caprio: दुनिया के सबसे अच्छे जज फ्रैंक कैप्रियो का निधन हो गया. उनके निधन से उनके प्रशंसकों को बड़ा आघात लगा है, फ्रैंक कैप्रियो ने अपने जीवन में तमाम उतार चढ़ाव देखे, वो इन कठिनाइयों से गुजर कर जज बने थे.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 3:45 pm

पाकिस्तान भयंकर आर्थिक संकट में, 44.7 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा से नीचे; पाक मीडिया का खुलासा

इस गिरावट के साथ-साथ समग्र अर्थव्यवस्था में भी तीव्र संकुचन हुआ, जो 375 बिलियन डॉलर से घटकर 341.6 बिलियन डॉलर हो गई. लेख में आगे कहा गया है कि इस ठहराव का मुख्य कारण लगातार संरचनात्मक समस्याएं हैं.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 3:17 pm

ट्रंप ने दिखाई आंख तो सीना चौड़ा करके जंग लड़ने को तैयार ये राष्ट्रपति, 3 US युद्धपोतों के सामने खड़ी की 45 लाख की फौज!

US sends three warships toward the coast of Venezuela:ट्रंप के तेवर के बारे में पूरी दुनिया को पता है. ट्रंप के आगे बहुत कम देश ही बोल पाते हैं, लेकिनवेनेजुएला के राष्ट्रपतिनिकोलस मादुरो ने जो अपने देश की सुरक्षा के लिए किया है, उसकी पूरी दुनिया में अब चर्चा हो र‌ही है. जानें पूरी बात.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 2:06 pm

थाइलैंड: पैतोंगटार्न शिनावात्रा कथित ऑडियो क्लिप मामले में पहुंची अदालत

थाइलैंड की निलंबित प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा कथित नैतिक उल्लंघनों की सुनवाई के लिए गुरुवार को न्यायालय पहुंची। सुनवाई की अनुमति बुधवार को दी गई थी

देशबन्धु 21 Aug 2025 12:51 pm

ट्रंप की अपनी ही पार्टी की नेता ने टैरिफ का किया विरोध, गिनाई खामियां

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए 50 प्रतिशत टैरिफ का उन्हीं की पार्टी की नेता और दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली ने विरोध किया है। हेली ने एक लेख के जरिए ट्रंप टैरिफ की खामियां गिनाई हैं

देशबन्धु 21 Aug 2025 12:01 pm

Demoso: म्‍यांमार में सेना ने देश के उस हिस्‍से पर फिर से किया कब्‍जा जो 2 साल पहले हुआ था 'बागी'

यह घटनाक्रम 28 दिसंबर को होने वाले आम चुनावों से ठीक पहले सामने आया है, जिससे देश में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ गई है. डेमोसो, जिसे करेनी के नाम से भी जाना जाता है, म्यांमार की राजधानी नेपीता से लगभग 110 किलोमीटर पूर्व में स्थित है.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 12:00 pm

ट्रंप, भारत से दोस्ती मत बर्बाद करो, सीधे PM मोदी से बातचीत कीजिए वरना... निक्की हेली ने अमेरिकी राष्ट्रपति को क्यों दी नसीहत?

Nikki Haley wants Trump to talk to PM Modi: ट्रंप ने 50 प्रतिशत टैरिफ लगाकर सोचा था कि भारत खौफ में आ जाएगा. लेकिन हुआ उल्टा.गभारत और अमेरिका के बीच संबंधों में आ रही खटास को लेकर अमेरिका में ही ट्रंप पर लोग निशाना साध रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अमेरिकी राजदूत निक्की हेली ने तो बकायदा ट्रंप को चेतावनी दी है. जानें पूरी बात.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 10:55 am

India-China Trade: भारत-चीन मीटिंग पर नेपाल को क्यों लगी मिर्ची? उस चीज पर कर दिया दावा जो कभी उसका था ही नहीं

Lipulekh Controversy: लिपुलेख पर नेपाल सरकार का रुख भारत और चीन के बीच हाल ही में हुए उस समझौते के बाद आया है, चीनी विदेश मंत्री वांग यी की भारत की आधिकारिक यात्रा के दौरान लिपुलेख के माध्यम से सीमा व्यापार को फिर से खोलने का निर्णय लिया गया.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 10:51 am

बांग्लादेश: एनसीपी में बढ़ता विवाद, नकला उपजिला समिति से 15 नेताओं ने दिया इस्तीफा

बांग्लादेश में नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के भीतर बढ़ते विवाद के बीच शेरपुर जिले के नकला उपजिला समन्वय समिति से 15 नेताओं ने इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने वालों में पांच संयुक्त समन्वयक और 10 अन्य सदस्य शामिल हैं

देशबन्धु 21 Aug 2025 10:34 am

शेख हसीना के खिलाफ गवाही के लिए पूर्व आईजीपी को जबरन बनाया गया गवाह, अवामी लीग ने किया विरोध

बांग्लादेश के पूर्व पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) चौधरी अब्दुल्ला अल मामून को बुधवार को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में पेश किया गया

देशबन्धु 21 Aug 2025 10:26 am

लंदन की काउंसिल ने जारी किया अजीबोगरीब फरमान, 'पति-पत्नी' शब्द पर लगाई रोक

World News: लंदन की एक काउंसिल अब अपने कर्मचारियों को बात करना सिखा रही हैं जिससे किसी को बुरा ना महसूस हो. उन्हें कुछ खास शब्दों का इस्तेमाल करने से रोका गया है.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 9:57 am

Cindy Rodriguez Singh: FBI की टॉप 10 मोस्ट वॉन्टेड, 6 साल के बेटे को उतारा मौत के घाट; हत्यारी मां की खौफनाक कहानी

Cindy Rodriguez Singh Arrested: अमेरिकी खुफिया एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन यानी एफबीआई ने सिंडी रोड्रिग्ज सिंह नाम की महिला को भारत से गिरफ्तार किया है, जिस पर अपने छह साल के बेटे नोएल रोड्रिग्ज अल्वारेज की हत्या का आरोप है.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 8:20 am

मैक्रों बिना दिमाग का गैलिक मुर्गा..., रूस ने फ्रांस के राष्ट्रपति की भरी सभा में की बेइज्जती, जानें क्यों खफा है पुतिन का देश?

पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव ने बुधवार (20 अगस्त) को यूरोप द्वारा यूक्रेन में सेना भेजने के लगातार दबाव को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों पर निशाना साधा है.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 8:10 am

Jaishankar-Lavrov Meeting: इधर टैरिफ को लेकर ट्रंप धमकाते रह गए, उधर बेफ्रिक जयशंकर ने रूस पहुंचकर अमेरिका को दिखाई 'आंखें'

India-Russia Relations:जयशंकर ने एक नया मंत्र देते हुए कहा, ‘और अधिक करना और अलग तरीके से करना’ हमारा मंत्र होना चाहिए. इस बीच वो आज अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात करेंगे.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 8:06 am

जिस नाहिद इस्लाम ने शेख हसीना की छीनी सत्ता, यूनुस को दी गद्दी, अब उसकी पार्टी का हो गया 'सत्यनाश'?

Who is Nahid Islam:बांग्लादेश में शेख हसीना की सत्ता पलटने में शामिल नाहिद इस्लाम की इन दिनों हालात खस्ता है. लगभग एक महीने तक चले आरक्षण विरोधी और सरकार विरोधी प्रदर्शनों के अगुवाकार नाहिद की खुद की बनाई हुई पार्टी अब टूट रही है. कई सारी साजिश करके शेख हसीना की सत्ता तो नाहिद ने ले ली, लेकिन उनका भविष्य अब अंधकार में ही नजर आ रहा है. जानें पूरी बात.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 7:18 am

क्या रूस बंद कर देगा भारत को सस्ता तेल देना? ट्रंप के प्रेशर के बीच रूसी अधिकारियों ने बता दी अंदर की बात

Russia Oil Trade: चीन के बाद भारत रूसी तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है और भारत की ऊर्जा आपूर्ति में मास्को का योगदान लगभग 40 प्रतिशत है. जबकि, डोनाल्ड ट्रंप लगातार रूसी तेल ना खरीदने को लेकर भारत पर दबाव बना रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 6:46 am

India US News: 'दुश्मन नहीं, दोस्त की तरह हो व्यवहार', भारत के साथ बेरुखी पर अमेरिकी राजनयिक ने ट्रंप को सुनाई खरी-खरी

India US News in Hindi: भारत के प्रति ट्रंप प्रशासन के कटु व्यवहार से अब यूएस में ही विरोध बढ़ता जा रहा है. यूएन में अमेरिका की पूर्व राजदूत रहीं निक्की हेली ने अब लेख लिखकर ट्रंप प्रशासन को जमकर सुनाया है.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 6:00 am

ब्लैकबोर्ड-बेटा मर गया, फिर भी वीडियो बना रही:लोग समझते नहीं कि सोशल मीडिया रोजी-रोटी है, रील्स बनाकर गम भुलाती हूं

‘सोशल मीडिया पर हमारे वीडियो पर कोई कमेंट करता है कि अरे इसका बच्चा चला गया और ये लाइव बैठकर गाने गा रही है। लोग ये क्यों नहीं समझते कि हर इंसान का दुख झेलने का तरीका अलग होता है। कोई रोता है, कोई चुप हो जाता है, कोई बहुत बोलने लगता है और कोई किसी और तरीके से अपना दर्द बयां करता है। लोग बच्चा अडॉप्ट करने की सलाह देते हैं। मेरे बच्चे को गुजरे अभी सिर्फ छह महीने हुए हैं। आखिर किसी दूसरे बच्चे को इतनी जल्दी लाकर कैसे रख लूं? लोग कहते हैं- मंदिर जाओ, मेडिटेशन करो... जिस मां का बच्चा चला गया हो, उसको आंख बंद करने पर भगवान कहां दिखते हैं? कुछ लोग कमेंट करते हैं- देखो, बेटे के जाने की खुशी मना रही है- क्या कोई मां अपने बच्चे की मौत पर सच में खुश हो सकती है? हद तो तब हो गई जब कुछ लोगों ने लिखा कि इसने अपने बेटे को खुद ही मार दिया लाइक्स और व्यूज के लिए।’ ब्लैकबोर्ड में इस बार कहानी ऐसी कंटेंट क्रिएटर महिलाओं की, जिन्हें अपनी इकलौती संतान की मौत के बाद सोशल मीडिया पर डांस, गाने या फनी वीडियो बनाने पर ट्रोलिंग का सामना करना पड़ रहा है। चटोरी रजनी नाम से सोशल मीडिया पर मशहूर 43 साल की रजनी जैन दिल्ली के द्वारका में रहती हैं। वह पिछले 5 साल से खाना, ट्रैवलिंग और लाइफस्टाइल से रिलेटेड वीडियो कंटेंट बना रही हैं। 6 महीने पहले ही उनके 16 साल के बेटे की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है। उनका आलीशान घर है, लेकिन कोई खुशी नजर नहीं आती। वो जिस कुर्सी पर बैठकर बातें कर रही थीं, उसके पीछे दीवार पर उनके बेटे की तस्वीर लगी थी। वो कहती हैं कि बेटे के जाने के बाद अब सोशल मीडिया पर बहुत कम लाइव आती हूं। दीवार पर लगी बेटे की फोटो देखते हुए कहती हैं कि अब मेरी जिंदगी में एक अजीब-सा खालीपन आ गया है। शाम होते ही यह और गहरा हो जाता है। जब तक मेरे पति घर नहीं आ जाते, ये खालीपन काटने को दौड़ता है। इधर-उधर नजरें घुमाते हुए वह कहती हैं जब भी ज्यादा खुश या दुखी होती हूं, तो सोशल मीडिया पर लाइव आती हूं और लोगों से बातें करके सुकून पाती हूं। यहां मैं अपने बेटे का दर्द भुलाने की कोशिश करती हूं। अब तो शाम को घर के बाहर भी नहीं जाती, क्योंकि वहां खेलते हुए दूसरे के बच्चों को देखना भी सहा नहीं जाता। वहां भी बस अपना ही बच्चा दिखाई देता है। अब जब मैं अपने बेटे के दोस्तों से मिलती हूं, तो उनमें कोई मेरे बेटे की तरह बोलता नजर आता है, तो कोई उसकी तरह हंसता और कुछ बच्चे तो लगते हैं जैसे वही है। जब कोई त्रासदी होती है, तो लोग धर्म-कर्म की सलाह देते हैं। मैंने तो हमेशा सेवा की है, भक्ति की है, लेकिन उसका क्या फल मिला? इस घटना के बाद सिर्फ दो वजहों से वीडियो बना रही हूं। पहली वजह है कि खुद को व्यस्त रख सकूं और दूसरी वजह है कि अपने जैसे मां-बाप को हिम्मत दे सकूं। मैं अपने वीडियोज में ऐसे लोगों को बताती हूं- आप अगर मेरे जैसे हालात से गुजर रहे हैं तो कभी सैलून जाएं, कोई मूवी देखने चले जाएं, किसी रेस्त्रां में खाना खाने का मन हो तो कोई बुराई नहीं है। आखिर जो चला गया, उसका दर्द तो दिल में हमेशा रहेगा, लेकिन जीना भी तो हमारी मजबूरी है। रजनी बताती हैं- हमारे इस तरह के वीडियोज पर दो तरीके से ट्रोलिंग होती है। कुछ लोग सीधे कहते हैं- कितनी बेशर्म है, बच्चे के गुजरने के बाद भी वीडियो बना रही है। उनके हिसाब से मुझे कमरे में बैठकर हर वक्त रोते रहना चाहिए। दूसरी तरह के ट्रोलर्स कहते हैं- ये सब वीडियो बनाने का क्या फायदा? क्यों अपने बेटे का रोना रोती रहती हो? वहीं, अगर वीडियो में हंस दूं, तो लोग कहते हैं कि हंस क्यों रही हो। सीरियस हो जाओ! एक महिला ने तो लिखा- मेरा कोई बच्चा नहीं है, लेकिन तुम्हें देखकर दुख होता है। अपने बेटे का इस्तेमाल मत करो। गुस्से में रजनी कहती हैं- ट्रोलर्स को कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस दौर से गुजर रहे हैं। वे आपकी जिंदगी बस अपने हिसाब से चलाना चाहते हैं। ट्रोलर्स कहते हैं कि आप हमारी वजह से कमा रही हैं, लेकिन सच यह है कि कोई किसी की वजह से नहीं कमाता। सोशल मीडिया पर दोनों की जरूरत होती है। व्यूअर्स को वहां टाइम पास करना होता और हमें अपने कंटेंट के जरिए बिजी रहना होता है। आखिर हम अपने कंटेंट से जो कमाते हैं, वह किसी की जेब से तो आता नहीं। जिन्हें नहीं पसंद, न देखें, लेकिन किसी को चोट पहुंचाने का हक उन्हें कहां से मिलता है? वह बताती हैं बेटे के गुजरने पर उन्होंने दो महीने तक कोई वीडियो शूट नहीं किया। कैमरा देखने पर अजीब महसूस होता था, बड़ी हिम्मत जुटाकर दोबारा वीडियोज बनाना शुरू किया है। बेटे के जाने के बाद यही मुझे संभाले हुए है। मेरे पति, संगीत सोहाब ने इस दौरान मेरा बहुत सपोर्ट किया। हम दोनों एक-दूसरे को हमेशा बिजी रखते हैं, ताकि खालीपन हमें तोड़ न पाए। पेशे से बैंकर उनके पति संगीत सोहाब अपने बेटे तरण का पसंदीदा खिलौना गोद में लिए हुए कहते हैं कि रजनी ने अपनी पहचान अपने काम से बनाई है। उन्हें हर कोई जानता है, पहचानता है। मुझे उन पर गर्व है। यह कहते हुए संगीत की आवाज भर्रा जाती है। थोड़ा रुककर वह कहते हैं कि ट्रोलिंग वही लोग करते हैं, जो अपनी जिंदगी में परेशान होते हैं। उन्हें नहीं पता कि उनके एक शब्द से, कोई इस कदर टूट सकता है कि गलत कदम उठा ले। इस पर रजनी कहती हैं कि हम केरल घूमने गए तो एक शख्स ने लिखा- हम इनकी सोसाइटी में गए थे। इनके साथ कुछ भी नहीं हुआ है। ये सोशल मीडिया पर लाइक और व्यूज पाने के लिए नाटक करते हैं। देखना छह महीने बाद इनका बेटा घर वापस आ जाएगा! संगीत इस बात पर रोने लगते हैं। आंसू पोंछते हुए कहते हैं- आखिर लोग इस तरह के कमेंट कैसे कर देते हैं। रजनी कहती हैं शुरू में हमें बहुत बुरा लगता था, लेकिन अब हमने समझ लिया है कि सोशल मीडिया पर हर बात का जवाब देना जरूरी नहीं। सबको समझाने बैठ गए, तो हम इस दुख से कभी नहीं निकल पाएंगे। वह कहती हैं कि मेरे वीडियो पर कुछ लोग कमेंट्स करते हैं कि ये सब करने से कुछ नहीं होगा, बच्चा अडॉप्ट कर लो, दूसरा बच्चा पैदा कर लो या फिर किसी एनजीओ से जुड़ जाओ। आखिर लोगों को बच्चा अडॉप्ट करना बहुत आसान लगता है, लेकिन हमारे देश में यह बेहद मुश्किल काम है। इसमें तीन-चार साल तक लग जाते हैं और कोई गारंटी नहीं कि तब भी बच्चा मिल पाएगा। ऐसे कई लोगों को जानती हूं, जिन्हें सालों इंतजार के बाद भी बच्चा नहीं मिला। ऊपर से जब आप किसी खास उम्र का बच्चा चाहते हों तो मुश्किल और भी बढ़ जाती है। फिर, मेरा तो अभी अपना ही ग्लास खाली है, दूसरे की ग्लास कैसे भरू? बच्चा अडॉप्ट करने के लिए मन से तैयार होना पड़ता है। मेरा अपना बच्चा, जो मेरा खून था आखिर वो चला गया। ऐसे में किसी और बच्चे को लाऊं और उसे प्यार न दे पाऊं, तो नाइंसाफी होगी। इतना कहते हुए रजनी भावुक हो जाती हैं और थोड़ी देर के लिए जैसे कमरे में सन्नाटा पसर जाता है। वह कहती हैं असल में, जिसका बच्चा इस तरह चला जाता है, वह दूसरों के बच्चे को देखकर और परेशान होता है। उन्हें नहीं पता कि इतना बड़ा दुख झेलने के बाद किसी नए फैसले पर पहुंचना कितना कठिन होता है। मेरा बेटा हमारी जिंदगी का 16 साल तक हिस्सा रहा। उसे भूलना आसान नहीं है। हमें वक्त चाहिए, बहुत वक्त। संगीत कहते हैं कि वह बैंकर हैं। बेटे के गुजरने के बाद उन्होंने दो महीने की छुट्टी ली थी। उसके बाद फिर से नौकरी शुरू कर दी। मुझे तो कोई नहीं कहता कि मैं इतना जल्दी काम पर वापस कैसे लौट आया? लेकिन रजनी ने जब अपना काम दोबारा शुरू किया है, तो लोग उससे सवाल करते हैं, ताने देते हैं। ये दिखाता है कि हमारा समाज आज भी महिलाओं को बराबर नहीं समझता। 'मैंने हमेशा रजनी का सपोर्ट किया है। मैं खुद उसे वीडियोज बनाने के लिए कहता हूं। आखिरकार जिंदगी जीने के लिए पैसे कमाने पड़ते हैं। अगर मैं नौकरी पर वापस लौट सकता हूं, तो रजनी क्यों नहीं?' हां, फिर भी पैसे से हम जिंदगी की तमाम जरूरतें पूरी कर सकते हैं, लेकिन अपने बेटे की हंसी, उसकी मासूमियत, उसका गले मिलना नहीं खरीद सकते। इसलिए लोगों से यही कहूंगा कि जियो और जीने दो। अगर किसी का दर्द सच में समझना है, तो पहले खुद को तकलीफ दो। दिल्ली में रजनी और उनके पति संगीत सोहाब से मुलाकात के बाद मैं फरीदाबाद पहुंची। वहां सोशल मीडिया पर ‘इंटरनेट की मम्मी’ नाम से मशहूर आरती मल्होत्रा से मुलाकात हुई। वह घर में अकेली रहती हैं। वह कहती हैं कि मेरे बेटे आरवी ने मुझे बहुत देर से बताया था- कुछ लोगों ने उसे ट्रोल करने के लिए इंस्टाग्राम पर एक ग्रुप बनाया था। उनका मकसद मेरे बेटे को नीचा दिखाना होता था। ग्रुप में वे उसके बारे में गालियां बकते थे, भद्दे शब्द कहते थे। उससे मेरे बेटे को पैनिक अटैक आने लगे। वो लगातार एंग्जाइटी से जूझने लगा। इलाज शुरू कराया, लेकिन जब असली वजह बताई, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आखिर में उसने परेशान होकर सुसाइड कर लिया। यह बताते हुए आरती रोने लगीं। थोड़ा रुककर उन्होंने कहा- उसके गुजरने के बाद जब मैंने उसका बर्थडे मनाया और फोटो सोशल मीडिया पर डालीं तो कुछ लोगों ने लिखा- देखो, बेटे के जाने की खुशी मना रही है, लेकिन सच यह था कि मैं उसकी आखिरी ख्वाहिश पूरी कर रही थी। वह अपने बर्थ डे पर स्कूल में बच्चों को चॉकलेट बांटना चाहता था, इसलिए मैंने उसका बर्थ-डे मनाया और उसके नाम पर बच्चों को चॉकलेट बांटे थे। इतना कहते हुए आरती फिर से रोने लगती हैं। कहती हैं- मुझे रोता देखकर उसे अच्छा नहीं लगेगा और फिर चुप हो जाती हैं। वह बताती हैं कि उसके बाद वो बहुत तनाव में रहने लगीं। इस दौरान अचानक ख्याल आया कि जिन बच्चों के मां-बाप नहीं हैं या जिनके मां-बाप उनके जेंडर एक्सप्रेशन को नहीं समझते, उनके लिए काम करूं। उसके बाद सोशल मीडिया पर एक पेज बनाने का ख्याल आया। वह बताती हैं कि शुरुआत में इंस्टाग्राम पर आरती मल्होत्रा नाम से पेज बनाया और लिखा- ‘ट्रिगर चेतावनी- आत्महत्या! मैंने अपना बेटा खो दिया है, मुझे न्याय चाहिए। मुझे इस बात को फैलाने में आप सबकी मदद चाहिए। स्कूलों में जेंडर एक्सप्रेशन के लिए कोई सेंसिटिव ट्रेनिंग नहीं दी जाती। मैंने अपने बेटे आरवी को कुछ लोगों की बुलिंग के कारण खो दिया है। मुझे उसके लिए न्याय चाहिए।’ वह बताती हैं कि उस पोस्ट पर ढेर सारे बच्चों के मैसेज आए। बच्चों ने लिखा- मैम, हमारे साथ भी बुलिंग होती है, हमें भी ट्रोल किया जाता है। फिर तो मैं अंदर तक हिल गई। उस दिन लगा कि यह लड़ाई सिर्फ मेरे बच्चे की नहीं, लाखों बच्चों की है। लाखों बच्चे अपनी चुप्पी में घुट रहे हैं। उसके बाद एक कंटेंट क्रिएटर अनीश भगत ने मुझे मोटिवेट किया और आरती मल्होत्रा पेज का नाम बदलकर ‘इंटरनेट की मम्मी’ रखने को कहा। मैंने वही किया। आज मुझे लाखों बच्चे फॉलो कर रहे हैं। अब मेरी जिंदगी का पहला मकसद इन बच्चों को सपोर्ट करना है, उन्हें मां जैसा प्यार देना हो गया है। हां, अगर इस पेज से कुछ कमाई हुई तो उसे अपने बेटे की लड़ाई लड़ने, वकील की फीस देने या अपनी मां को सपोर्ट करने में इस्तेमाल करूंगी। मैं वहां बच्चों को समझाती हूं कि इंसेंटिव लोगों के कारण खुद को नुकसान नहीं पहुंचाना है। उन्हें इग्नोर करके आगे बढ़ना होता है। अब लगता है कि सोशल मीडिया ने मुझे एक नया परिवार दिया है। वहां बच्चे जब मुझे मां कहते हैं, तो लगता है जैसे मेरा आरवी मेरे साथ है। उनका मुझे मां कहना किसी दौलत से कम नहीं लगता। इस तरह सोशल मीडिया पर होना किसी हीलिंग से कम नहीं। ------------------------------------------ 1- ब्लैकबोर्ड-‘गंजी हो रही हो’, यह बोलने पर फूट-फूटकर रोई थी:पति कहीं साथ लेकर नहीं जाते, विग पहनकर नकली रूप देखना अच्छा नहीं लगता ‘एक बार बेटी के स्कूल में पेरेंट्स मीटिंग थी। वहां उसकी एक दोस्त ने कह दिया कि आंटी आप तो गंजी हो। मेरी बेटी रोने लगी, उसे लगा कि मेरी मां अच्छी नहीं हैं। उस दिन घर लौटकर मैं भी खूब रोई थी। पति अब कहीं साथ लेकर नहीं जाते। बाल थे तो सिर खुला रखकर चलती थी, अब ढंककर चलना पड़ता है। घर से बाहर जाने में शर्मिंदगी महसूस होती है। मन में यही चलता रहता है कि क्या फिर से पहले जैसी दिख पाऊंगी।’ पूरी खबर यहां पढ़ें 2- ब्लैकबोर्ड-प्लस साइज पर शरीर को ज्यादा ढकने वाले कपड़े पहने:लोग कहते- देखो भैंस जा रही, हाथी का बच्चा, मोटी, पिग बोलते थे ‘मुझे गाहोरी कहा गया। मतलब, सूअर की तरह दिखने वाली। लोग कहते कि देखो भैंस जा रही है। हाथी का बच्चा, पिग बोलते थे। स्कूल में हेल्थ चेकअप के दौरान बच्चे मेरा वजन देखने के लिए इकट्ठा हो जाते थे, जैसे मेरा वजन कोई तमाशा हो। मार्केट में कपड़े खरीदने जाती हूं तो अक्सर मेरी साइज के नहीं मिलते,परेशान होकर घर लौट आती हूं। मेरा एक लड़के पर क्रश था, जब उससे पहली बार मिलने गई तो उसने मुझे मोटी देखकर रिजेक्ट कर दिया था, उस समय बहुत बुरा लगा था। रिश्तेदार मेरे पेरेंट्स से कहते कि एक कुत्ता खरीदो और उसके साथ इसे रोज बगीचे में दौड़ाया करो वर्ना इसकी शादी नहीं होगी। यह सब सुन कर बहुत परेशानी होती थी। एंग्जाइटी, डिप्रेशन झेला।' पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

दैनिक भास्कर 21 Aug 2025 5:09 am

‘ये बुक पर प्रतिबंध नहीं, दहशत फैलाने की साजिश‘:25 किताबें क्यों बैन, राइटर्स बोले- कश्मीर की हकीकत सामने आने से डर रही सरकार

'अंग्रेजों ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की किताब 'द इंडियन स्ट्रगल' भारत में बैन की थी। उसमें ब्रिटिश सरकार की आलोचना थी। आज 90 साल बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने मेरी किताब बैन की है। हमें लोकतांत्रिक देश में सरकार की नीतियों की आलोचना करने का हक है, लेकिन शायद सरकार में बैठे कुछ लोगों को मेरी ये बात अच्छी नहीं लगी।' जम्मू-कश्मीर सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते सुमंत्र बोस की दो किताबों पर बैन लगाया है। इनमें से एक किताब को पब्लिश हुए 18 साल बीत चुके हैं। सुमंत्र अकेले राइटर नहीं हैं। जम्मू-कश्मीर सरकार ने 5 अगस्त को 25 किताबों पर बैन लगाया है। इनमें बुकर पुरस्कार विजेता अरुंधति रॉय की 'आजादी' समेत कई मशहूर किताबें हैं। सरकार का तर्क है कि ये किताबें आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देती हैं। ये कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बन सकती हैं। अब इन किताबों का पब्लिकेशन, बिक्री और डिस्ट्रीब्यूशन जम्मू-कश्मीर में गैरकानूनी होगा। इस आदेश के बाद पुलिस ने यहां के बुक स्टोर्स में रेड डाली और बैन की गईं किताबें जब्त कर लीं। वहीं, राइटर्स का कहना है कि ये सिर्फ बुक पर प्रतिबंध नहीं है, इसके जरिए सरकार दहशत पैदा करना चाहती है। सरकार नहीं चाहती कि कश्मीर की हकीकत सामने आए इसलिए अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला कर रही है। दैनिक भास्कर ने बैन की गई किताबों में से कुछ के राइटर्स से बात कर समझने की कोशिश की कि किताबों में ऐसा क्या है, जो इन पर बैन लगाना पड़ा। साथ ही इस आदेश के बाद जम्मू-कश्मीर के बुक स्टोर्स का हाल भी जाना। पुलिस का खौफ, बैन लगी किताबों का स्टॉक हटाया इस बैन को लेकर सबसे पहले हम जम्मू-कश्मीर के बुक स्टोर्स का हाल जानने पहुंचे। श्रीनगर में हमने कुछ दुकानदारों से बात करने की कोशिश की, लेकिन डर के कारण वे कैमरे पर आने को राजी नहीं हुए। एक दुकानदार ने ऑफ द कैमरा हमें बताया, जिन किताबों पर प्रतिबंध लगाया गया है, वो सभी किताबें यहां काफी लोकप्रिय हैं। खासकर अरुंधति रॉय की किताब 'आजादी' बहुत बिकती थी। 'जैसे ही सरकार का आदेश आया, हमने अपनी दुकानों से इन सभी किताबों का बचा स्टॉक निकाल दिया। हमें डर है कि अगर पुलिस को एक भी किताब मिली तो हमें सजा हो सकती है। जो हुआ वो गलत है लेकिन हमें इस बारे में बात करने से भी मना किया गया है।' अब जानिए वो राइटर्स क्या कह रहे, जिनकी किताबें बैन कीं… बुक पर बैन पहली बार नहीं, ये कश्मीर की हकीकत छिपाने की साजिशसबसे पहले हमने राइटर अथर जिया से बात की। उनकी बुक 'रेजिस्टिंग डिसअपीयरेंस' बैन की गई 25 किताबों में शामिल हैं। इसमें उन्होंने कश्मीर में एसोसिएशन ऑफ द पेरेंट्स ऑफ डिसअपीयर्ड पर्सन (APDP) के साथ 10 साल की अपनी स्टडी लिखी है। ये ऐसी महिलाओं की जिंदगी और संघर्ष को दर्ज कराती है, जिनके पति-बेटे लापता हो गए या कर दिए गए। ये किताब जम्मू-कश्मीर में पुरुषों की संदिग्ध गुमशुदगी के मामलों को चुनौती देती है। किताब पर लगे बैन को लेकर अथर कहती हैं, 'साहित्य पर ये बैन कोई पहली बार नहीं लगा है। कश्मीर में कई सालों से बुक शॉप्स पर रेड पड़ती रही है। इस साल की शुरुआत में अघा शाहिद अली और बशरत पीर की किताबें कश्मीर यूनिवर्सिटी के सिलेबस से हटा दी गईं। इसके बाद जमात-ए-इस्लामी का लिटरेचर और उर्दू किताबों पर रेड पड़ी।' 'कश्मीर में बुक बैन को उन सभी चीजों के साथ जोड़कर देखना होगा, जो आज वहां घट रहा है। ये सिर्फ उसका एक हिस्सा हैं। मेरी किताब में कश्मीर की जमीनी हकीकत है। बल्कि सभी बैन की गई किताबों में कश्मीर का डिस्प्यूट, वहां के लोग क्या चाहते हैं, उनका जज्बा और कश्मीर के इतिहास पर बात हुई है।' 'मेरी किताब में APDP के साथ रही एक्टिविस्ट महिलाओं की कहानियां हैं। कश्मीरियों के साथ अन्याय की हकीकत पर बात हुई है। हर राइटर ने ऐसी ही बातें लिखी हैं। कश्मीर में सिर्फ किताबों पर बैन नहीं हुआ है। पत्रकारों पर बैन है। मीडिया कश्मीर में अपनी मर्जी से रिपोर्ट नहीं कर सकती। वहां लोग खुलकर बात नहीं कर सकते।' '2014 से पहले भी ऐसा ही होता आया है। उसके बाद से ये सब बढ़ गया है। कश्मीर में लोगों की आवाज को आजादी के वक्त से ही दबाया जा रहा है। सेंसरशिप, अभिव्यक्ति की आजादी नहीं होना और अब धार्मिक आजादी भी खत्म होती जा रही है।' बैन लगाने के पीछे मकसद दहशत फैलानाक्या आर्टिकल-370 के हटने के बाद से इस तरह के बैन ज्यादा हो गए हैं। इसके जवाब में अथर कहती हैं, 'अब जो भी फैसले हो रहे हैं, वो दिल्ली में लिए जाते हैं और कश्मीर में लागू कर दिए जाते हैं। आर्टिकल- 370 से पहले कश्मीर में पब्लिक सेफ्टी एक्ट और प्रशासनिक हिरासत का गलत इस्तेमाल हुआ।' अथर का मानना है कि किताबों पर बैन लगाने से इन्हें पढ़ने का क्रेज बढ़ेगा। वे कहती हैं, ‘आज के वक्त में किताबों पर बैन लगाना बड़ी बात नहीं है। वैसे भी अब सब ऑनलाइन मिल जाती हैं। इसलिए लोग वहां भी पढ़ सकते हैं।‘ वो कहती हैं, ‘किताबों पर बैन सिर्फ इसलिए लगाया जा रहा है, जिससे खौफ पैदा हो। मतलब कि अगर आपके पास मेरी किताब है तो आपके घर पुलिस जा सकती है। रेड डाल सकती है। ये सब खौफ और दहशत फैलाने के लिए किया गया है।' सरकार बताए मेरी किताब का आतंक से क्या लेना-देना अनुराधा भसीन की किताब 'ए डिस्मेंटल्ड स्टेट: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ कश्मीर आफ्टर आर्टिकल 370' को भी बैन किया गया है। इस बैन के मायने समझने के लिए हमने अनुराधा से भी बात की। वो कहती हैं, ‘जम्मू-कश्मीर में जितनी भी किताबों पर प्रतिबंध लगाया गया है। वो सभी नामी पब्लिशर्स की हैं। पब्लिशर भी किताब लिखे जाने के बाद कई बार उसे क्रॉसचेक करते हैं। कई लेवल पर किताब के कंटेट, फैक्ट्स और डेटा की जांच की जाती है। जब पब्लिशर और राइटर दोनों बुक के कंटेंट से संतुष्ट हो जाते हैं, तभी किताब छपती है।‘ अपनी किताब को लेकर वो बताती हैं, ‘2019 में जब आर्टिकल-370 हटाया गया। उसके बाद 2019 से 2021 तक मैं कश्मीर में ही रही। मैंने वहां फील्ड पर जो काम किया, पब्लिक डोमेन में जो बातें देखीं और सुनी, उन सबको एनालाइज करके किताब लिखी। ‘आर्टिकल-370 हटने के बाद सरकार के किए दावों में कितना सच है। ग्राउंड पर हकीकत क्या है। इसका यहां की जनता पर क्या असर हुआ है, किताब में इसी बारे में बताया गया। ये सब सरकार के प्रति आलोचनात्मक रहा है। शायद यही बात सरकार को पसंद नहीं आई। इसलिए बैन जैसा कदम उठाया गया।‘ वे आगे कहती हैं, ‘एक तरफ सरकार कहती है कि उसने 2019 के बाद कश्मीर से आतंकवाद खत्म कर दिया। दूसरी तरफ कह रही है कि किताबें आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा दे रही हैं। सरकार बताए कि मेरी किताब का आतंक से क्या लेना-देना है? ' सरकार अपनी आलोचना का हर सबूत मिटाना चाहती है अनुराधा आगे कहती हैं, 'कश्मीर में अस्थिरता से जुड़ा इतिहास 70 साल से भी ज्यादा पुराना है। अगर आप यहां की बारीकियां नहीं समझेंगे तो इसके बिना कोई हल नहीं निकल सकता। यहां ग्राउंड पर क्या हो रहा है, लोगों की क्या समस्याएं हैं, इसका पाकिस्तान से कैसे जुड़ाव है, इस मुद्दे की कई सामजिक और राजनीतिक परतें हैं। पहले इसे समझना जरूरी है। यहां जोर- जबरदस्ती, मिलिट्री और पाबंदियां लगाने से किसी का भला नहीं होगा।' 'पहलगाम में जो कुछ हुआ, वो एक वॉर्निंग सिग्नल है कि कश्मीर में कुछ गलत हो रहा है और सरकार उस पर ध्यान नहीं दे रही। पहले सरकार ने कश्मीर में मीडिया की आजादी खत्म कर दी, ताकि कश्मीर में जो कुछ रोजाना घट रहा है, उसकी खबर बाकी देश को न मिल सके। अब सरकार अपनी आलोचना के हर निशान मिटा देना चाहती है। जो सरकार की बात से सहमत नहीं, उसे ऐसे ही बेदखल किया जा रहा है।' 'मेरी किताब में क्या गलत लिखा है, सरकार को इसका जवाब देना चाहिए। मैं चाहती हूं प्रशासन के लोग मेरी किताब में एक भी शब्द ऐसा ढूंढकर बताएं, जो आतंकवाद और अलगाववाद का समर्थन करता हो क्योंकि मेरी किताब में ऐसा कुछ है ही नहीं।' अमन-चैन लाने 18 साल पहले लिखी थी किताब नेताजी सुभाषचंद्र बोस के पोते राइटर सुमंत्र बोस की भी दो किताबों पर बैन लगाया गया है। वो लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स (LSE) में प्रोफेसर हैं। वो पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशंस के एक्सपर्ट माने जाते हैं। उनकी पहली किताब 'कंटेस्टेड लैंड’ एक कम्पैरिजन स्टडी पर आधारित है। ये उन क्षेत्रों पर केंद्रित है, जहां जातीय-राष्ट्रीय संघर्ष काफी ज्यादा गहरा गए हैं, जैसे-कश्मीर, इजराइल-फिलिस्तीन, बोस्निया, साइप्रस और श्रीलंका। इस किताब का मुख्य मकसद ये समझना है कि इन विवादित इलाकों में स्थायी तौर पर शांति कैसे लाई जा सकती है। बैन को लेकर सुमंत्र बोस कहते हैं, 'मेरी दो किताबें बैन की गई हैं। पहली किताब 'द कंटेस्टेड लैंड' 2007 में पब्लिश हुई थी। उसे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने पब्लिश किया था। ये दुनिया का सबसे बड़ा पब्लिशिंग हाउस है। इस किताब को पब्लिश हुए 18 साल बीत चुके हैं।' 'इसमें कश्मीर के अलावा दुनियाभर के कॉन्फ्लिक्ट जोन के बारे में लिखा गया है। इसमें इजराइल-फिलिस्तीन, कश्मीर, श्रीलंका, साइप्रस और बोस्निया के बारे में लिखा है। किताब का मकसद था कि कैसे संघर्ष में जूझ रहे इन क्षेत्रों में शांति कायम की जा सकती है। इसमें कश्मीर तो सिर्फ एक हिस्सा है।' 'मैंने इसमें कश्मीर में लंबे समय से चल रहे संघर्ष का एसेसमेंट किया। मैं गांधीवादी नहीं हूं, लेकिन शांति चाहता हूं। लिहाजा अपनी किताब में मैंने शांति स्थापित करने और बनाए रखने की चुनौती के बारे में भी बात की है। मेरा मकसद ही यही है कि सिर्फ कश्मीर ही नहीं बल्कि इन सभी जगहों के लिए किस तरह शांतिपूर्ण समाधान खोजा जा सकता है।' आर्टिकल-370 को लेकर सरकार को आलोचना नहीं पसंद आईसुमंत्र बोस की दूसरी किताब 'कश्मीर एट द क्रॉसरोड्स' पर भी बैन लगाया गया है। किताब कश्मीर विवाद की गहराइयों में जाकर उसका ऐतिहासिक, पॉलिटिकल और सोशल एनालिसिस करती है। वे बताते हैं, ‘कश्मीर का संकट सिर्फ 1947 के बंटवारे के बाद का मुद्दा नहीं है, बल्कि इससे कहीं ज्यादा पुराना और जटिल है। किताब में कश्मीर की रियासत के भारत में विलय, 1947-48 की जंग, संयुक्त राष्ट्र की भूमिका और उसके बाद के दशकों की राजनीति को डिटेल में समझाया गया है।‘ ‘इस किताब में कश्मीर के आम लोगों की तकलीफ, नाराजगी और राजनीतिक आकांक्षाओं को जगह दी है। किताब में आजादी की मांग, पाकिस्तान के साथ रिश्ते और भारतीय लोकतंत्र से मोहभंग तक सबका जिक्र है। ये किताब 2021 में पब्लिश हुई थी। इसमें भी मैंने इसी बारे में लिखा है कि कैसे हिंसा, मिलिटेंसी और संघर्ष खत्म हो सकता है।' बैन की वजह पर बात करते हुए सुमंत्र कहते हैं, 'अगस्त 2019 में आर्टिकल-370 के बाद जम्मू कश्मीर में बहुत दिनों तक इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क बंद कर दिया गया। करीब सैकड़ों लोगों को उनके घर से उठाकर ले जाया गया। राजनीतिक आवाजें दबाई गईं। मीडिया को लिखने-बोलने की आजादी नहीं दी गई। इसके कारण डर पैदा हो गया, जो एक लोकतंत्र में नहीं होना चाहिए।' 'मेरी किताब कश्मीर एट द क्रॉसरोड्स में आर्टिकल- 370 के बाद कश्मीर की स्थिति को लेकर सरकार की आलोचना भी है। एक राइटर होने के नाते ये मेरा अधिकार है कि मैं जमीन पर जो देखता हूं, उसे लिखूं। चाहे वो सरकार की आलोचना ही क्यों न हो। शायद सरकार को यही पसंद नहीं आया।' अंग्रेजों ने नेताजी की किताब बैन की, जम्मू-कश्मीर सरकार ने मेरीसुमंत्र बैन को लेकर आगे कहते हैं, 'नेताजी सुभाष चंद्र बोस की किताब 'द इंडियन स्ट्रगल' को भारत में अंग्रेजों ने बैन किया था। उन्होंने किताब में ब्रिटिश सरकार की आलोचना की थी। आज 90 साल बाद मेरी किताब बैन की गई। हालांकि मैं इस प्रतिबंध को गौरव की तरह देखता हूं।' वे आगे कहते हैं, 'किताबों पर बैन लगाना सेंसरशिप का सबसे क्रूर रूप है। ऑटोक्रेसी में लोगों की आवाज दबाने का काम किया जाता है। भारत ऐसा राष्ट्र नहीं था और यहां ऐसा होना भी नहीं चाहिए। आज जम्मू-कश्मीर में किताबों पर बैन लगाया जा रहा है। कल पूरे देश में ऐसा होने लगेगा। लोगों को इसका विरोध करना चाहिए।’ ...................... ये खबर भी पढ़ें...‘कागज दिखाए, फिर भी पूछ रहे, बांग्लादेश से कब आए’ ‘हमारा परिवार बंगाल से दिल्ली काम करने के लिए आया, लेकिन यहां हमें परेशान किया जा रहा है। हम बंगाली बोलते हैं और मुस्लिम भी हैं। भाषा और धर्म के आधार पर हमें टारगेट किया जा रहा है। हमें बांग्लादेशी बताकर बेदखल क्यों किया जा रहा है। हम तो अपने देश में ही सुरक्षित नहीं हैं।‘ अमानुर शेख पश्चिम बंगाल के नदिया जिले से 20 साल पहले दिल्ली आ गए थे। अचानक बदले माहौल से परेशान हैं। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 21 Aug 2025 4:00 am

International Facts: दुनिया के वो देश, जहां आप मजे से टहलते हुए पार कर सकते हैं बॉर्डर; 'गार्डन-गार्डन' हो जाता है दिल

International Borders on Feet: एक दूसरे मुल्क में जाने के लिए प्लेन का इस्तेमाल करना सामान्य बात है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कई सारे देश ऐसे हैं, जहां पर आप मजे से टहलते हुए पैदल ही पार कर सकते हैं.

ज़ी न्यूज़ 21 Aug 2025 3:31 am

DNA: सीजफायर का सरपंच या युद्ध का सौदागर? ट्रंप का अगला टारगेट कौन, किस देश पर 'कब्जा' करने की योजना है?

DNA Analysis:आपको ट्रंप सरकार का लेटेस्ट ऑर्डर के बारे में जानना चाहिए. अमेरिकी नेवी ने अपने तीन युद्धपोतों को वेनेजुएला भेजने का फैसला किया है. इन युद्धपोतों के साथ ही साथ अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज के 4 हजार जवान भी तैनात किए जाएंगे.

ज़ी न्यूज़ 20 Aug 2025 11:42 pm

अवामी लीग का यूनुस सरकार पर हमला, 2004 ग्रेनेड हमले के दोषियों की रिहाई को लेकर लगाए आरोप

बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी ने मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर 2004 के भीषण ग्रेनेड हमले के दोषियों को बरी करने को लेकर निशाना साधा

देशबन्धु 20 Aug 2025 10:35 pm

भारतीय राजदूत की अमेरिकी सांसद से मुलाकात, व्यापार और ऊर्जा सुरक्षा पर हुई चर्चा

अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने अमेरिकी नेताओं के साथ अपनी सतत मुलाकातों को जारी रखते हुए सांसद पीट सेशंस के साथ बैठक की

देशबन्धु 20 Aug 2025 10:32 pm

पुतिन ने अमेरिका को क्यों दिए 2 करोड़ रुपये नकद? अलास्का मीटिंग को लेकर रुबियो का बड़ा खुलासा

Vladimir Putin: रूबियो ने कहा कि जब रूसी विमान अलास्का में उतरे तो उन्हें फ्यूल की जरूरत थी. लेकिन अमेरिकी पाबंदियों की वजह से रूस अमेरिकी बैंकिंग सिस्टम का इस्तेमाल नहीं कर सकता. ऐसे में पुतिन की टीम ने सीधे कैश पेमेंट करके अपने विमानों में फ्यूल भरवाया.

ज़ी न्यूज़ 20 Aug 2025 10:07 pm

कहीं डेथ पेनाल्टी, कहीं जेल... भारत में अब चला ऑनलाइन सट्टेबाजी पर 'चाबुक', मगर रूस-US-चीन में कितने सख्त हैं कानून

Online Gaming Bill 2025: ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के तहत मोदी सरकार ने ऑनलाइन सट्टेबाजों को पूरी तरह से बैन कर दिया है. ऑनलाइन गेमिंग को लेकर दुनिया के अलग-अलग देशों में अलग कानून हैं.

ज़ी न्यूज़ 20 Aug 2025 9:23 pm

क्या है डोनबास, जिसे पुतिन हर कीमत पर चाहते हैं

पुतिन और ट्रंप, यूक्रेन के डोनबास इलाके को लेकर एक समझौता कर चुके हैं. समीकरण बता रहे हैं कि यूक्रेन के पास अपने डोनबास इलाके को बचाने के लिए बहुत विकल्प नहीं बचे हैं

देशबन्धु 20 Aug 2025 6:12 pm

अमेरिका को पुतिन के देश ने दिखाया ठेंगा, सीना तानकर 'बेस्ट फ्रेंड' बोला- हमसे तेल लो 5% की छूट पाओ

Russia India: रूस ने अमेरिका को ठेंगा दिखाते हुए अपने गहरे मित्र 'भारत' को बड़ा ऑफर दिया है. अमेरिकी दबाव और पाबंदियों के बावजूद रूस ने भारत को तेल पर 5 फीसद छूट का ऑफर दिया है.

ज़ी न्यूज़ 20 Aug 2025 5:11 pm

चुनावों में देरी से बांग्लादेश गंभीर खतरे में पड़ सकता है : बीएनपी

बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने पिछले एक साल में भीड़ हिंसा, जबरन वसूली, भूमि अतिक्रमण और आतंकवाद में तेजी का हवाला देते हुए चेतावनी दी है कि राष्ट्रीय चुनाव कराने में किसी भी तरह की देरी से देश गंभीर खतरे में पड़ सकता है

देशबन्धु 20 Aug 2025 4:05 pm

अफगानिस्तान में भीषण सड़क हादसा, बस में लगी भयानक आग, 69 की मौत

Afghanistan Road Accident: अफगानिस्तान में एक भीषण सड़क हादसा हुआ है, जिसमें 69 लोगों की मौत हो गई है. हादसा एक बस में टक्कर लगने के बाद हुआ.

ज़ी न्यूज़ 20 Aug 2025 2:41 pm

दो हफ्ते में तीन लाख हेक्टेयर इलाका हो गया राख, इस देश में लगी ऐसी आग,आपातकाल लगाने की आ गई नौबत

Spain Wildfire: स्पेन में जंगल की आग ने हाहाकार मचा रखा है. हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज को नागरिक सुरक्षा आपातकाल की घोषणा करनी पड़ी. खबर अपडेट हो रही है

ज़ी न्यूज़ 20 Aug 2025 2:41 pm

17 साल की लड़की की कामुक फोटो देख दीवाने हो गए थे पुतिन, प्रोजेक्ट के बहाने हर बार बुलाते घर, नाजायज-घिनौने रिश्ते का हुआ खुलासा

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है. उन पर आरोप है कि उनका एक 17 साल की लड़की से नाजायज रिश्ता था, जो उनके लिए एक इरोटिक कैलेंडर में पोज दे चुकी थी. जानें कौन है वह लड़की और समझें पूरी कहानी.

ज़ी न्यूज़ 20 Aug 2025 1:51 pm

UN में फिर भारत ने खोला पाकिस्तान का काला-चिट्ठा, 1971 युद्ध में महिलाओं के साथ दुष्कर्म का बताया इतिहास

UNSC Meeting: भारत ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ( UNSC) में पाकिस्तान को बेनकाब करते हुए साल 1971 युद्ध के दौरान उसके जघन्य अपराधों का जिक्र किया.

ज़ी न्यूज़ 20 Aug 2025 1:21 pm

Sweden Church Move: चर्च सड़क पर धीरे-धीरे चल रही है और पूरा शहर देखने उमड़ा है, देखिए वीडियो

Sweden Church Video: उत्तरी यूरोप के खूबसूरत देश स्वीडन में इस समय एक अद्भुत दृश्य देखने को मिल रहा है. एक वुडेन चर्च सड़क पर चल पड़ी है. हां, धीरे-धीरे वह नए ठिकाने की तरफ निकल पड़ी है. पूरा शहर थमकर उसे देख रहा है.

ज़ी न्यूज़ 20 Aug 2025 1:20 pm

ताइवान के पास चीन की सैन्य गतिविधि, 10 विमान और 6 नौसैनिक जहाज देखे गए

ताइवान के रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने बताया कि उसने अपने क्षेत्र के पास चीन की सैन्य गतिविधि दर्ज की है

देशबन्धु 20 Aug 2025 9:27 am

रूस-यूक्रेन डील हो गई तो मैं स्वर्ग चला जाऊंगा...ट्रंप का प्लान जानकर आप यकीन नहीं करेंगे, पर यह सच है?

ट्रंप के स्वर्ग जाने का रास्ता है यूक्रेन-रूस जंग? आप यकीन नहीं करेंगे लेकिन खुद ही पूरी दुनिया को डोनाल्ड ने अपना प्लान बताया है. जिसके बाद सब इस बात से हैरान हैं. आखिर स्वर्ग जाने का क्या है मामला, जानें पूरी कहानी.

ज़ी न्यूज़ 20 Aug 2025 8:52 am

डोनाल्ड पहले अमेरिका तो संभाल लो! दुनिया की जंग रुकवाने का दावा करने वाले ट्रंप अपने देश का बवाल नहीं रुकवा पा रहे

National Guard troops In Washington:दुनिया में शायद ही कोई जंग का मामला हो जिसमें ट्रंप ने कोई बयान न दिया हो यानी सरल भाषा में कहे तो पूरी दुनिया के हर मामले में ट्रंप अपनी भूमिका ले ही आते हैं, लेकिन आश्चर्य की बात है, पूरी दुनिया की जंग रुकवाने की बात कहने वाले ट्रंप अपने अमेरिका में बवाल नहीं रुकवा पा रहे हैं. जानें पूरी बात.

ज़ी न्यूज़ 20 Aug 2025 8:17 am

Operation Sindoor: नोबेल के लिए कुछ भी..., अब ट्रंप के अधिकारी भी मैदान में उतरे, बोले- हमारे राष्ट्रपति ने रुकवाया भारत-PAK संघर्ष

Operation Sindoor Latest News: अपने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार दिलवाने के लिए अब अमेरिका के अधिकारी भी झूटे दावों पर उतर आए हैं. व्हाइट हाउस की प्रवक्ता का दावा किया कि ट्रेड को हथियार बनाकर ट्रंप ने इस संघर्ष को रुकवाया.

ज़ी न्यूज़ 20 Aug 2025 6:19 am

स्पॉटलाइट- रोबोट हो रहे प्रेग्नेंट, देंगे बच्चे को जन्म:9 महीने गर्भ में कैसे रख सकते हैं, एक बच्चे के लगेंगे 12 लाख; देखें वीडियो

चीन की रोबोट मैन्युफैक्चरिंग कंपनी काइवा टेक्नोलॉजी दुनिया का पहला प्रेग्नेंसी रोबोट बना रही है. इसे 12 लाख रुपए में 9 महीने के लिए किराए पर लिया जा सकेगा. लेकिन एक रोबोट कैसे बच्चे को जन्म दे सकता है. इसके पीछे की पूरी साइंस जानने के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...

दैनिक भास्कर 20 Aug 2025 5:23 am

धर्मस्थल मंदिर में 100 लाशें दफन, दावे में कितना दम:2 चश्मदीद सामने आए, बोले- लाशें दफनाते देखा; मंदिर ने साजिश बताया

‘धर्मस्थल में ही हमारा घर है। मैं यहां 13 साल की उम्र से काम कर रहा हूं। शुरू में मंदिर की रसोई में काम करता था। कभी-कभी खेतों में भी जाता था। 2009 की बात है, तब मैं 23-24 साल का ही था। उसी दौरान मैंने जंगल में 5-6 बार अपनी आंखों के सामने लाशें दफन करते देखा था। इनमें ज्यादातर महिलाओं की लाशें होती थीं। शवों की हालत देखकर लगता था कि उनके साथ रेप हुआ है। इन मौकों पर कई बार डॉक्टर भी बुलाए जाते थे, लेकिन कभी पुलिस को नहीं देखा।‘ कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ के धर्मस्थल में रहने वाले तुकाराम ये दावा करने वाले दूसरे शख्स हैं। इससे पहले 4 जुलाई को धर्मस्थल के ही पूर्व सफाईकर्मी ने यहां के जंगलों में सैकड़ों लाशें दफनाए जाने का दावा किया था। उसका ये भी दावा था कि दफनाई गई लड़कियों और महिलाओं का पहले रेप किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई। हालांकि मंदिर प्रशासन इसे बदनाम करने की साजिश बता रहा है। इस दावे के बाद 19 जुलाई को कर्नाटक सरकार ने मामले की जांच के लिए SIT बनाई। शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर टीम ने 13 जगहों पर खुदाई कराई। अब SIT जांच को एक महीने पूरे हो रहे हैं। पिछले एक हफ्ते कुछ नए गवाहों और पीड़ित परिवारों ने भी SIT से कॉन्टैक्ट किया है। राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने बताया है कि SIT को खुदाई के दौरान अब तक एक कंकाल और कुछ इंसानी हड्डियां मिली हैं। धर्मस्थल में दैनिक भास्कर टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची और खुदाई वाली साइटों का जायजा लिया। मामले को लेकर हमने धर्मस्थल के लोगों, मंदिर प्रशासन, दुकानदारों और एक्टिविस्ट से भी बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले जानिए तुकाराम का दावा… धर्मस्थल मंदिर कर्नाटक के मैंगलुरू से करीब 80 किमी दूर है। ये दक्षिण कन्नड़ जिले में ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल है। यहां स्वामी मंजूनाथ का ऐतिहासिक मंदिर है। जो भगवान शिव को समर्पित है। हेगड़े परिवार पिछले करीब 800 साल से इस मंदिर का जिम्मा संभाल रहा है। यहां हमारी मुलाकात तुकाराम में हुई। वो बचपन से धर्मस्थल में ही रह रहे हैं। तुकाराम एक महीने पहले किए पूर्व सफाईकर्मी के दावे का समर्थन करते हैं। वो कहते हैं, ‘यहां के जंगलों में दफनाई गई लाशों की संख्या 100 से भी कहीं ज्यादा हो सकती है। जो कुछ भी हमने देखा है, उसके मुताबिक धर्मस्थल के आसपास के जंगलों में ही लाशें दफनाई गईं हैं।‘ हमने तुकाराम से पूछा कि SIT ने आखिर उनसे क्या सवाल किए और इतने सालों तक उन्होंने कभी किसी को कुछ क्यों नहीं बताया। जवाब में तुकाराम कहते हैं, ‘SIT को हमने एक हफ्ते पहले ही लिखित में जानकारी दी थी। इसके बाद SIT ने हमसे कई सवाल भी पूछे।‘ ‘इस बारे में मैंने घर पर भी बताया था लेकिन मेरे पिता और परिवार के लोग कहते थे कि चुप रहना ही बेहतर है। अगर किसी से इस बारे में बात भी की तो पूरे परिवार को जान का खतरा हो सकता है। इसलिए हमने कभी कुछ नहीं बोला। अब जब SIT की जांच शुरू हुई, तब SIT को ये बात बताई है।‘ नेत्रावती नदी के पास सबसे ज्यादा लाशें दफनाने का दावाधर्मस्थल में एंट्री से पहले एक ब्रिज है। ये नेत्रावती नदी पर बना है। मुख्य धर्मस्थल मंदिर की तरफ जाने का एरिया यहीं से शुरू होता है। यहां से आगे जंगलों के बीच होते हुए हम धर्मस्थल के स्नानघाट पहुंचे। आस-पास बात करने पर पता चला कि ये साइट नंबर-13 है, जहां सबसे आखिरी खुदाई हुई थी। इस साइट को लेकर दावा है कि सबसे ज्यादा लाशें यहीं दफनाई गईं थीं। संख्या करीब 20 या इससे भी ज्यादा है। खुदाई के दौरान यहां बीच में बिजली के ट्रांसफॉर्मर और खंभे आ गए थे। इसलिए गहरी खुदाई नहीं हो सकी। इसके बाद SIT ने GPR यानी ग्राउंड पेनिट्रेशन रडार सिस्टम से जमीन में दबी इंसानी लाशों का पता लगाया। इस तकनीक के इस्तेमाल से क्या मिला, इसके बारे में जांच टीम ने कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है। हालांकि जिस तरह यहां खुदाई बंद कर दी गई। उस आधार पर जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यहां कोई इंसानी कंकाल या लाश होने की जानकारी नहीं मिली है। इसके बाद हम खुदाई वाली दूसरी साइटों पर भी गए। स्नानघाट से थोड़ी ही दूरी पर हमें पहले कुडुमा चौराहा मिला। 800 साल पहले धर्मस्थल का ही नाम कुडुमा हुआ करता था। इस चौक के ठीक सामने एक बड़ा सा गेट है, जिस पर गेटवे ऑफ धर्मस्थल लिखा है। इससे अंदर जाने के बाद दाईं तरफ जंगल है। यहां से ऊपर बढ़ने पर हमें भगवान बाहुबली का ऐतिहासिक स्टैच्यू मिला। इसी के पास हमें खुदाई वाली एक और साइट मिली। यहां भी दो जगह खुदाई की गई थी। दोनों जगहों पर खुदाई 8 से 10 दिन के अंदर हुई ही लग रही थी। एक जगह अब भी काफी गहरा गड्ढा था। जबकि दूसरी जगह खुदाई के बाद वापस मिट्टी डाल दी गई थी। हम इसे शूट कर रहे थे कि तभी हमारी नजर वहां पड़े कुछ लेडीज अंडर गारमेंट्स पर पड़ीं। यहां आसपास न बैठने की कोई जगह, ना कोई टूरिस्ट स्पॉट। दूर-दूर तक सिर्फ जंगल ही है। ऐसे में ये कहां से आए। दो साइटों से कंकाल मिलने का दावा, SIT ने नहीं किया कंफर्मधर्मस्थल में खुदाई के दौरान क्या-क्या मिला। जिन जगहों पर लाशें दफनाने का दावा किया गया था, वहां लाशें क्यों नहीं मिलीं। धर्मस्थल को लेकर किए जा रहे दावे कितने सही हैं। इसे समझने के लिए हमने पिछले दो साल से धर्मस्थल को कवर कर रहे यूट्यूबर जर्नलिस्ट संतोष कुमार से बात की। यहां सौजन्या केस समेत ऐसे मामलों के विरोध के दौरान जब कुछ यूट्यूबर्स पर हमला हुआ था। उसमें संतोष कुमार भी घायल हुए थे। धर्मस्थल में क्या हुआ है, आपको क्या लगता है? जवाब में संतोष कहते हैं, ‘मैं 6 साल से यूट्यूब चैनल चला रहा हूं। दो साल से धर्मस्थल कवर कर रहा हूं। खासकर सौजन्या केस के बाद से मेरी यहां खास नजर है। मुझे उसी दौरान पता चल गया था कि धर्मस्थल में क्या और कितनी गड़बड़ चल रही है।‘ पूर्व सफाईकर्मी के दावा करने से पहले से यहां के लोग शिकायतें करते रहे हैं कि धर्मस्थल आकर लोग गायब हो जाते हैं। ‘हालांकि पूर्व सफाईकर्मी के बयान के बाद SIT ने 13 जगहों की पहचान कर खुदाई की है। साइट नंबर-6 से एक बॉक्स में कुछ भरकर ले जाया गया है। उसे देखकर यही लगा कि उसमें इंसानी कंकाल हो सकते हैं। हालांकि हम खुद से अभी ये दावा नहीं कर सकते हैं। इसकी सही जानकारी SIT ही दे सकती है।‘ ‘इसके अलावा साइट-11 पर जंगल वाले हिस्से में भी खुदाई की गई थी। इसे आप साइट-11ए कह सकते हैं। वहां से 4 पैकेट और एक पाइप में कुछ सैंपल भरा गया था। हमें सोर्सेज ने बताया था कि कुछ लाश के टुकड़े मिले हैं, लेकिन ऑफिशियल तौर पर कुछ नहीं बताया गया। मौके से मिट्टी का भी सैंपल लिया गया है।‘ सौजन्या केस के बाद से क्यों नहीं मिल रहीं लाशेंहमने पूछा कि अगर यहां से लोग गायब होते रहे हैं, तो पुलिस में शिकायत क्यों नहीं की गई। इस पर संतोष बताते हैं, यहां 2012 में सौजन्या मर्डर केस की सबसे ज्यादा चर्चा हुई थी। उससे पहले वेदवल्ली, नारायणा-यमुना और पदमलता मर्डर केस में विरोध हुआ, लेकिन किसी ने शिकायत नहीं की। लोगों को यहीं रहना है इसलिए शिकायत करने से डरते हैं। धर्मस्थल को लेकर ये भी कहा जाता है कि यहां मरने से स्वर्ग मिलता है। इसलिए लाशें मिलने के पीछे ये तर्क भी दिया जाता था। 2012 में जब यहां सौजन्या केस हुआ, तब उसका काफी विरोध हुआ। जंगलों में कई जगह 5-6 फुट मिट्टी निकाल दी, कैसे मिलेंगे कंकालधर्मस्थल में सौजन्या मर्डर केस के बाद से महेश शेट्टी थिमारोडी लगातार इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं। ये राष्ट्रीय हिंदू जागरण मंच के संस्थापक भी हैं। धर्मस्थल से करीब 10 किमी दूर उजिरे में रहते हैं। हमने महेश से भी पूर्व सफाईकर्मी के दावों के बारे में पूछा? वो कहते हैं कि उसका दावा सही है। मैं कहता हूं कि वहां सौ से भी कहीं ज्यादा लाशें दफनाई गईं हैं। हमने पूछा कि सिर्फ दो साइट से कुछ इंसानी हड्डियां मिलीं, बाकी जगह से कुछ नहीं मिला। ऐसा क्यों? कहीं सफाईकर्मी गलत जानकारी तो नहीं दे रहा है। इस पर महेश कहते हैं, ‘मैं SIT से कहना चाहता हूं कि साइट नंबर-1 से साइट नंबर-5 तक के फॉरेस्ट एरिया में 5-6 फुट गहरी खुदाई करके वहां से पहले ही मिट्टी निकाल दी गई है। वहां बाहर से लाकर मिट्टी डाली गई है। इसलिए वहां कुछ नहीं मिल रहा है। इतनी गहरी खुदाई के बाद कंकाल तो पहले ही गायब हो गए होंगे।‘ ‘मेरा मानना है कि साइट-13 पर भी कई लाशें मिलनी चाहिए थीं। क्योंकि वहां के पूर्व सफाईकर्मी के अलावा और भी कई चश्मदीद हैं जो दावा कर रहे हैं कि लाशें दफनाई गईं। अब उस बात को 13 साल से ज्यादा हो चुके हैं। कई जगहें सड़कें बन चुकी हैं, इसलिए लाशें मिलना मुश्किल है।‘ ‘मेरा मानना है कि अगर लाश पूरी तरह खत्म भी हो गई होगी तो मिट्टी में मरने वाले इंसानों का DNA भी मिल सकता है। उसकी जांच रिपोर्ट से ही आगे की जानकारी मिल सकेगी। धर्मस्थल में कोई भी बाहरी जाकर सबूत नहीं मिटा सकता। ये सिर्फ और सिर्फ अंदर के लोगों का काम है। वहां सिर्फ रिपल्ब्लिक ऑफ धर्मस्थल का राज चलता है। पुलिस -प्रशासन को कोई पावर नहीं है।‘ अब बात धर्मस्थल प्रशासन और दुकानदारों की…ये सब धर्मस्थल के खिलाफ साजिश, सत्य की जीत होगी इस मामले पर हमने धर्मस्थल मंदिर प्रशासन का भी पक्ष जानने की कोशिश की। सबसे पहले हमारी बात श्रीक्षेत्र धर्मस्थल प्रशासन से जुड़े डॉ. हरीश कृष्ण स्वामी से हुई। वो कहते हैं कि धर्मस्थल एक पुण्य जगह है। यहां स्वामी मंजूनाथ मंदिर और बाहुबली स्वामी हैं। अब इस मास्क मैन (सफाईकर्मी) के दावे पर राज्य सरकार ने SIT बनाई है। मेरा मानना है कि SIT जल्द ही सच सामने लाएगा। आप देखिएगा सच की जीत होगी। वो आगे कहते हैं, ‘कोई बोलता है, शव इधर है उधर है। ये तो शिव का स्थान है। यहां शव हो सकता है। मैं आज हूं। कल मौत हो जाएगी तो मेरा भी शव हो जाएगा। ऐसी बात बोलने वाले गलत हैं। 2012 से एक ग्रुप है, जो इस तरह की बातें उठा रहा है। उस साल एक बच्ची की मौत हो गई। उसी बात को लेकर वो ग्रुप लगातार मुद्दा बना रहा है, लेकिन वो गलत हैं। साजिश कर रहे हैं इसलिए सत्यमेव जयते। पूरा सच सामने आएगा।‘ ‘उस बच्ची के मर्डर केस में कोर्ट से जजमेंट आया। उसमें कहीं भी धर्मस्थल क्षेत्र का नाम नहीं है। इसके बाद भी वो मुद्दे बना रहे हैं।‘ मास्क मैन की बताई जगह कुछ नहीं मिला, ये सब प्लांटेडधर्मस्थल के रुरल प्रोजेक्ट के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और स्पोक्सपर्सन अनिल कुमार सैकड़ों लाशें दफनाए जाने के दावे पर कहते हैं, ‘उसने अलग-अलग कई जगहें बताई हैं, लेकिन अब तक कुछ भी सामने नहीं आया है। उसने कई पॉइंट्स भी बताए हैं। 15 जगहों की पहचान कराई है। ये उसके आरोप हैं लेकिन सभी लोग समझ रहे हैं कि इसके पीछे साजिश है। कुछ लोगों के ग्रुप ने ये सब प्लांट किया है।‘ सफाईकर्मी को धर्मस्थल से निकाला था, इसलिए बदनाम कर रहाहमने धर्मस्थल मंदिर के आसपास के दुकानदारों और यहां के प्रशासन से जुड़े एक अधिकारी से भी बात की। कैमरे पर आए बिना मंदिर के पास एक महिला दुकानदार ने कहा कि वो अजनबी गलत बोल रहा है। धर्मस्थल को बदनाम कर रहा है, ताकि कम श्रद्धालु आएं लेकिन ऐसा नहीं होगा। वहीं, धर्मस्थल प्रशासन से जुड़े एक सीनियर अधिकारी बिना कैमरे पर आए कहते हैं, ‘यहां काफी संख्या में डिप्रेशन के शिकार और परेशान लोग आते हैं। यहां लोग मानते हैं कि धर्मस्थल में मरने से सीधे स्वर्ग और मोक्ष मिल जाता है। ऐसे में काफी लोग नेत्रावती नदी में आत्महत्या कर चुके हैं। मेरी जानकारी में ऐसी कुछ लावारिस लाशें उस सफाईकर्मी ने जरूर दफनाई हैं।‘ उस सफाईकर्मी को यहां से काम से निकाला गया था। अब वो 11 साल बाद उसी का बदला लेने आया है और धर्मस्थल को बदनाम कर रहा है। यहां कोई किसी को धमकाता-डराता नहीं है। आप खुद देख सकते हैं। कुछ लोग बस धर्मस्थल का नाम खराब कर रहे हैं। इससे ज्यादा कुछ नहीं है। गृहमंत्री बोले- धर्मस्थल से एक कंकाल और इंसानी हड्डियां मिलीं इस मामले को लेकर राज्य के गृह मंत्री जी. परमेश्वर ने कर्नाटक विधानसभा में जानकरी दी। उन्होंने बताया कि SIT को खुदाई के दौरान अब तक एक कंकाल और कुछ इंसानी हड्डियां मिली हैं। फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) की रिपोर्ट अब तक नहीं मिली है। रिपोर्ट आने तक आगे की खुदाई फिलहाल बंद रहेगी। उन्होंने आगे कहा, ’अभी खुदाई शुरुआती चरण में है। वास्तविक जांच अभी शुरू होनी है। शिकायतकर्ता ने जो पहले खोपड़ी जमा की थी, उसे लैब भेज दिया गया है। फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही जांच आगे बढ़ेगी। आगे DNA और मिट्टी का टेस्ट भी किया जाना है। जिन जगहों पर लाशों को दफनाया गया है वहां अम्लीय मिट्टी है।’ ’मिट्टी के अम्लीय होने की वजह से हड्डियां खराब हो सकती हैं। इसलिए मिट्टी के सैंपल लेकर उसे केमिकल जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा गया है। अब SIT को तय करना है कि आगे की खुदाई की जरूरत है या नहीं। हमने SIT को आगे जाने या न जाने की आजादी दी है।’ ....................ये खबर भी पढ़ें...निठारी कांड-क्या पंढेर के बाद कोली भी बरी होगा नोएडा के सेक्टर-30 में रहने वाले झब्बू ने 2006 में सामने आए निठारी कांड में बेटी को खो दिया था। उसे इंसाफ दिलाने के लिए 19 साल कानूनी लड़ाई लड़ी, लेकिन 30 जुलाई को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने उन्हें निराश कर दिया है। कोर्ट ने आरोपी रहे मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया। सुरेंद्र का सिर्फ एक केस पेंडिंग है। कानून के जानकारों का कहना है कि कोली को इस पेंडिंग केस में भी जल्द राहत मिल सकती है। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 20 Aug 2025 4:00 am

‘घर से उठा रही पुलिस’, दिल्ली-NCR छोड़ रहे बंगाली मजदूर:लोग बोले-25 साल से रह रहे, कागज हैं, फिर भी हमें बांग्लादेशी बता रहे

‘मैं रात 10:30 बजे ड्यूटी से लौटा था। खाना खा रहा था, तभी पुलिसवाले आए और मुझसे आईडी प्रूफ मांगा। मैंने आधार कार्ड दिखा दिया, इसके बावजूद मुझे गाड़ी में बैठाकर ले गए। पूरी रात थाने में रखा। फिर सेक्टर-10 के होल्डिंग सेंटर ले गए। वहां 150 से ज्यादा लोग पहले से थे।' 'मेरा घर पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में है। वहां के चांचल थाने की पुलिस ने मेरे गांव जाकर वेरिफाई किया। इसके बाद 23 जुलाई को मुझे छोड़ा गया। 6 दिन मैं सेंटर में ही रहा।’ नूर आलम कुछ दिन पहले तक गुरुग्राम के सेक्टर-37 में रहते थे। जिंदगी ठीक चल रही थी। एक कंपनी में डिलीवरी एजेंट का काम करते थे। अचानक सब बदला और नूर को गुरुग्राम छोड़ना पड़ा। वे अब मालदा लौट चुके हैं। इस साल 2 मई को गृह मंत्रालय के आदेश के बाद देशभर में अवैध बांग्लादेशियों और रोहिंग्या की पहचान के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत गुरुग्राम पुलिस ने बांग्ला बोलने वाले कई लोगों को शक के आधार पर हिरासत में ले लिया। इन लोगों को 'होल्डिंग सेंटर्स' में रखा गया। हालांकि वेरिफिकेशन के बाद कई लोगों को छोड़ भी दिया गया। इसके बाद प्रवासी मजदूरों ने पश्चिम बंगाल में अपने घर लौटना शुरू कर दिया है। इनमें कई तो 25 साल से गुरुग्राम में रह रहे हैं। और ये सिर्फ गुरुग्राम में नहीं, दिल्ली-NCR के अलग-अलग शहरों में हो रहा है। दैनिक भास्कर ने इस मसले पर गुरुग्राम और नोएडा में पश्चिम बंगाल से आए मजदूरों से बात की। 'पुलिस ने बांग्लादेशी कहा, गालियां दीं'नूर कहते हैं, ‘गुरुग्राम आए मुझे एक साल हुआ था। पुलिस लगातार आ रही थी। दिक्कत होने लगी, तो मैं वापस मालदा आ गया। गुरुग्राम में 15-20 हजार रुपए महीना कमा लेता था। अब ये मामला ठंडा नहीं होता, तब तक वापस नहीं जाऊंगा। यहीं खेती करूंगा।‘ अजहर 15 दिन पहले आए थे, अब वापस जा रहेपश्चिम बंगाल के नदिया जिले के रहने वाले अजहर काम की तलाश में 15 दिन पहले ही गुरुग्राम आए थे। यहां देखा कि पुलिस पश्चिम बंगाल से आए लोगों के डॉक्यूमेंट चेक कर रही है। इस वजह से उनकी तरह काम करने आए लोग घर लौट रहे हैं। यह देख अजहर ने भी वापस जाने का मन बना लिया। गुरुग्राम के सेक्टर-53 के सरस्वती कुंज इलाके में प्रवासी बंगाली मजदूरों की बस्तियां हैं। यहीं एक बस्ती में अजहर परिवार के साथ रह रहे थे। अब एक प्राइवेट बस से बाकी लोगों के साथ वापस जा रहे हैं। अजहर कहते हैं, ‘हमारे पास सारे डॉक्यूमेंट हैं। आधार कार्ड, वोटर कार्ड, राशन कार्ड सब है। फिर हमें क्यों पीट रहे हैं। डॉक्यूमेंट दिखाते हैं, तब भी पीटते हैं। हम बांग्लादेशी नहीं हैं। फिर भी जब उनका (पुलिस) मन करता है, झुग्गी में घुस आते हैं।’ लोकेशन: सरस्वती कुंज, गुरुग्रामट्रेन में टिकट नहीं, किराए की बस करके पश्चिम बंगाल जा रहे लोगहम सबसे पहले गुरुग्राम के सरस्वती कुंज पहुंचे। यहां लोग एक बस में सामान रख रहे थे। स्कूटी और बाइक तक बस पर चढ़ा रहे थे। पता चला कि ये बस कोलकाता जा रही है। इसमें ज्यादातर आसपास की बस्ती के लोग जाने वाले हैं। एक दुकानदार ने बताया कि कुछ दिन पहले तक तो रोज 2-2 बसें जा रही थीं। अजहर भी इसी बस से वापस पश्चिम बंगाल जाने की तैयारी कर रहे थे। वे कहते हैं, ‘क्या करूं, यहां रहूंगा तो बाहर निकलना पड़ेगा। फिर मुझे पकड़कर मारा जाएगा। इधर भूखा थोड़ी रहूंगा। पत्नी-बच्चा भी है, उन्हें कौन खिलाएगा। हमारे गांव के कई लोग चले गए हैं।’ अजहर कहते हैं, ‘मेरे पास सारे डॉक्यूमेंट हैं। अगर मैं बांग्लादेशी हूं, तो डॉक्यूमेंट कैसे हैं, मेरे पास जमीन के कागज कैसे हैं।’ 200 घरों की बस्ती खाली, सिर्फ 20 घरों में लोगअजहर से बात करके हम बस्ती में आगे बढ़े। यहां ज्यादातर घर खाली नजर आए। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां प्रवासी मजदूरों के करीब 200 घर हैं। इनमें से सिर्फ 20 घरों में लोग रह रहे हैं। बाकी बीते 15 दिन में पश्चिम बंगाल लौट चुके हैं। रीना बीबी सरस्वती कुंज की दूसरी बस्ती में 15 साल से रह रही हैं। वे आसपास की सोसाइटी में खाना बनाने का काम करती हैं। 20 दिन पहले उनकी मौसी के बेटे को पुलिस ने पकड़ लिया था। रीना बताती हैं, ‘पुलिस उसका फोन चेक कर रही थी। फिर मौसी ने थाने जाकर डॉक्यूमेंट दिखाए और उसे वापस लेकर आईं। पुलिस ने छोड़ते हुए कहा कि ये यहां दिखना नहीं चाहिए, इसे गांव भेज दो। पुलिस के डर से वो वापस चला गया। पुलिस ने मौसी से भी कहा कि तुम बांग्लादेशी दिखती हो।’ मुर्शिदाबाद की रहने वाली रीना आगे कहती हैं, ‘मेरे दोनों भाई परिवार लेकर वापस घर चले गए। यहां सब घर छोड़कर काम करने आए थे। सिर्फ बंगाली होने की वजह से ये दिक्कत हो रही है। हाल में मेरे पति सिकंदरपुर में नया ऑटो खरीदने गए थे। शोरूम पर बोला गया कि बंगाली लोगों को नहीं देंगे। उन्होंने आईडी प्रूफ दिखाया, इसके बावजूद ऐसा किया गया।’ लोकेशन: समसपुर गांव, गुरुग्राम25 साल से गुरुग्राम में रह रहे, अब पुलिस कभी भी उठा रहीगुरुग्राम के सेक्टर-51 के समसपुर गांव में बंगाली प्रवासियों की बस्ती है। यहां से भी बीते दिनों कई लोग बंगाल लौटे हैं। नदिया जिले के मुकुल हसन शेख 25 साल से गुरुग्राम में रह रहे हैं। कबाड़ का काम करते हैं। मुकुल बताते हैं, ‘पुलिस अचानक किसी को भी उठा रही है। उनके घर वाले परेशान होते रहते हैं। समसपुर के इस इलाके से 90% लोग बंगाल लौट चुके हैं। वही लोग बचे हैं, जिनके पैसे फंसे हैं या जिनका कोई काम या बिजनेस है।’ 'सारे डॉक्यूमेंट दिखाए, फिर भी पुलिस ले गई'गुरुग्राम के सेक्टर-37 में रह रहे मुकुल हुसैन परिवार के साथ मालदा लौटे हैं। 18 जुलाई को पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में लिया था। कार वॉशिंग का काम करने वाले मुकुल कहते हैं, ‘सारे डॉक्यूमेंट दिखाने के बाद भी मुझे घर से पकड़कर ले गए थे। चार दिन बाद पुलिस ने छोड़ा।' '29 जुलाई को मैं परिवार के साथ लौट आया। वहां ज्यादा पैसे कमाता था। यहां दूसरे के खेत में दिहाड़ी मजदूरी कर रहा हूं। अभी गुरुग्राम लौटने के बारे में नहीं सोचा है।’ लोकेशन: सर्फाबाद, नोएडागुरुग्राम के बाद हम नोएडा पहुंचे। यहां पुलिस ने अब तक किसी को हिरासत में नहीं लिया है। पश्चिम बंगाल के कुछ प्रवासी लोगों ने नाम न बताते हुए कहा कि पुलिस दो-तीन हफ्ते पहले आई थी और डॉक्यूमेंट्स मांगकर पूछताछ कर रही थी। नोएडा के सर्फाबाद गांव की बस्तियों में प्रवासी बंगाली रहते हैं। इनमें से एक बस्ती में कई घरों में ताले लगे मिले। पूछने पर यहां के लोगों ने बताया कि कुछ लोग काम करने गए हैं। कुछ पश्चिम बंगाल चले गए। कूचविहार के रहने वाले राशिद हक एक निजी कंपनी में काम करते हैं। वे नोएडा में 6 साल से रह रहे हैं। राशिद कहते हैं, ‘डर की वजह से बहुत लोग वापस जा रहे हैं। 15-20 दिन पहले पुलिस ने लोगों से पूछताछ की थी। मेरी बस्ती से 5-6 परिवार लौट गए हैं। गाड़ी से लोग सामान वापस भेज रहे हैं। मेरे भाई भी वापस जाने वाले हैं।’ सर्फाबाद में ही रह रहे राजा मियां कहते हैं, ‘उनके इलाके से करीब 10 परिवार बंगाल लौट गए हैं। ये सभी बीते एक हफ्ते में लौटे हैं।’ जलपाईगुड़ी के रहने वाले राजा बताते हैं, ‘यहां पुलिस नहीं आई थी, लेकिन गुरुग्राम में जो हुआ, उससे लोग डर रहे हैं। इसी वजह से वापस जा रहे हैं।’ TMC का दावा: 2 हजार से ज्यादा मजदूर लौटे7 अगस्त को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया था कि अलग-अलग राज्यों से 2 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर लौटे हैं। उन्होंने कहा, ‘पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों को राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा और दूसरे राज्यों में प्रताड़ित किया जा रहा है। असम और गुरुग्राम में कैद करके रखा गया। आज जो भी बांग्ला बोल रहा है, उसे रोहिंग्या और बांग्लादेशी कह दिया जाता है।’ तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता मोहम्मद तौसीफ रहमान दैनिक भास्कर से कहते हैं, ‘मान लेते हैं कि कोई अवैध प्रवासी यहां रह रहा है, तो सरकार बताए कि वे यहां कैसे आ गए। बॉर्डर किसकी सुरक्षा में है। BSF किसके तहत आता है। अमित शाह (गृह मंत्रालय) के अंदर आता है। उनसे पहले पूछना चाहिए कि अवैध प्रवासी कहां से आ रहे हैं।’ बंगाल लौटने वाले मजदूरों को हर महीने 5 हजार रुपए देगी ममता सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने श्रमश्री योजना शुरू की है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत दूसरे राज्यों से आने वाले मजदूरों को 12 महीने तक 5 हजार रुपए दिए जाएंगे, ताकि उन्हें फिर से बसने में मदद मिल सके और वे अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू कर सकें। कैबिनेट ने इस योजना को मंजूरी दे दी है। पुलिस बोली- सिर्फ अवैध बांग्लादेशियों पर कार्रवाईप्रवासी मजदूरों के वापस जाने के सवाल पर गुरुग्राम के पुलिस कमिश्नर विकास कुमार अरोड़ा कहते हैं, ‘सिर्फ अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ ही कार्रवाई हुई है। किसी को परेशान नहीं किया जा रहा है। अगर किसी पर शक हो, तभी उसके डॉक्यूमेंट वेरिफाई किए जा रहे हैं। जिनके पास डॉक्यूमेंट्स नहीं थे, उन लोगों को उनके राज्य की पुलिस से वेरिफाई करवाया गया।’ वहीं, गुरुग्राम पुलिस के PRO संदीप कुमार कहते हैं, अब कोई वापस बंगाल नहीं जा रहा है। अफवाहों को दूर करने के लिए हमने झुग्गियों और RWAs में प्रोग्राम करवाए हैं। वेरिफिकेशन ड्राइव अवैध बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए चलाई गई थी। 'ऐसे संदिग्ध, जिनके फोन में बांग्लादेश के नंबर थे या बांग्लादेश के कॉल ज्यादा थे या जिन्होंने रेड के दौरान वॉट्सएप डिलीट कर दिया, फोन रीसेट कर दिया, शक के आधार पर उन्हें पकड़ा गया था। संबंधित थाने से वेरिफिकेशन होते ही हमने उन्हें रिलीज कर दिया। कुछ लोगों की पहचान करके उन्हें डिपोर्ट किया जा चुका है।’ हालांकि संदीप ये नहीं बता पाए कि गुरुग्राम पुलिस ने अब तक कितने अवैध बांग्लादेशियों को पकड़ा है या डिपोर्ट किया है। नोएडा की स्थिति जानने के लिए हमने गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर को ईमेल पर सवाल भेजे हैं। जवाब मिलने पर स्टोरी में शामिल करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और 9 राज्यों से जवाब मांगा​​​​​​​प्रवासी बंगालियों को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ पश्चिम बंगाल प्रवासी मजदूर कल्याण बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी। इसमें कहा गया कि बांग्लादेशी होने का आरोप लगाकर राज्यों में बंगाली मुस्लिम प्रवासी मजदूरों को हिरासत में लिया जा रहा है। 14 अगस्त को इस पर सुनवाई हुई। बोर्ड की तरफ से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि किसी की नागरिकता पर महज शक होने के आधार पर सरकार उसे गिरफ्तार नहीं कर सकती है। इससे देशभर में डर का माहौल बन रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के आदेश पर फिलहाल किसी तरह की रोक नहीं लगाई है। हालांकि कोर्ट ने केंद्र के साथ दिल्ली, हरियाणा, यूपी समेत 9 राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

दैनिक भास्कर 20 Aug 2025 4:00 am

भारत-चीन संबंधों में नई गति: पीएम मोदी से मिले वांग यी, शी जिनपिंग से अगली मुलाकात की उम्मीद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर बल दिया

देशबन्धु 20 Aug 2025 3:19 am

Sharia Law: अब जुमे की नमाज छोड़ी तो जाना होगा जेल! इस राज्य में लागू हुआ 'बेरहम' शरिया कानून, जुर्माना भी लगेगा

Strict Islamic Law: मुसलमानों के लिए बुरी खबर है. अब वे आसानी से जुमे की नमाज को स्किप नहीं कर सकेंगे. ऐसा करने पर उन्हें 2 साल की जेल और भारी जुर्माना भुगतना पड़ सकता है.

ज़ी न्यूज़ 20 Aug 2025 2:40 am

मेरा भाई कब्र में है... 'जुलाई आंदोलन' के पीड़ितों का फूटा गुस्सा, बांग्लादेश सरकार के सीने पर चढ़कर कर रहे ये मांग

आंदोलन और अस्थिरता के इस दौर में बांग्लादेश की लोकतांत्रिक स्थिति एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है. अब देखना होगा कि यूनुस सरकार इस जनदबाव और पीड़ित परिवारों की मांगों पर क्या रुख अपनाती है.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 11:52 pm

यूरोप-एशिया में तनाव के बीच ये देश जमकर चाट रहा मलाई, दोनों हाथों में लड्डू; खजाने में आ रहे अरबों

South Korea Defense Companies:इस महीने की शुरुआत में दक्षिण कोरिया ने पोलैंड के साथ 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की डील की है, जिसमें हुंडई रोटेम कंपनी से के2 टैंकों का दूसरा बैच एक्सपोर्ट किया जाएगा, जो किसी दक्षिण कोरियाई रक्षा ठेकेदार की ओर से जीता गया अब तक का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट कॉन्ट्रैक्ट है.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 9:27 pm

ट्रंप को पहुंचा मास्को आने का न्योता, फौरन जेलेंस्की से मिलने को राजी हो गए पुतिन, जंग रोकने को लेकर फिर आई ये खबर

Russia-Ukraine Talks: रूस-यूक्रेन की जंग रुकवाने के लिए दिन-रात मीटिंग-मीटिंग चल रही हैं. सब कुछ सही हुआ तो शायद 31 अगस्त तक जंग खत्म होने की खुशखबरी आ सकती है.अमेरिकी मंत्री रूबियो ने कहा, 'पुतिन और जेलेंस्की के बीच मुलाकात के लिए काम हो रहा है, बात बनी तो ट्रंप के साथ भी एक त्रिपक्षीय बैठक होगी.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 8:44 pm

नहीं पड़ा ट्रंप से मीटिंग का असर, जापोरिज्जिया में यूक्रेन ने उड़ा दी रूसी ट्रेन, टुकड़े-टुकड़े हो गई रेलवे लाइन

Russia Ukraine war: रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को लेकर अलास्का और व्हाइट हाउस में ट्रंप ने पुतिन और जेलेंस्की के साथ मीटिंग की. इस मीटिंग में युद्ध रोकने की संभावनाओं को बल मिला, लेकिन यूक्रेन ने एक बार फिर रूस की ट्रेन को निशाना बनाया है.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 5:50 pm

वो भारत आने से डर रहा था? जिस ट्रक ड्राइवर ने US में ले ली तीन लोगों की जान, उसके दावे ने सबको चौंकाया

Who is Harjinder Singh: अमेरिका में एक भारतीय मूल के ट्रक ड्राइवर हरजिंदर सिंह को तीन लोगों की जान लेने के सिलसिले में अरेस्ट कर लिया गया है. आरोप है कि वो सितंबर 2018 में दक्षिणी सीमा पार करके कैलिफोर्निया में गैर-कानूनी तरीके से अमेरिका में घुस आए थे.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 4:33 pm

100 बिलियन डॉलर की डील, 50 अरब के ड्रोन... ट्रंप के साथ बैठक में ये बड़े ऑफर लेकर पहुंचे जेलेंस्की?

Russia-Ukraine war: सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपकि डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपकि वोलोडिमीर जेलेंस्की के बीच बैठक हुई. इस दौरान जेलेंस्की ने ट्रंप के सामने एक डील ऑफर की.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 2:32 pm

चीनी घुसपैठ को लेकर जापान फिक्रमंद, सेनकाकू द्वीप पर सी-गार्डियन ड्रोन को किया तैनात

सेनकाकू द्वीपों के प्रशासन का अधिकार जापान के पास है.लेकिन, चीनी तटरक्षक जहाज नियमित रूप से इन द्वीपों के पास से गुजरते हैं और इस पर अपना हक जताते हैं.चीन इस द्वीप को दियाओयू कहता है.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 1:41 pm

मेलानिया से गदगद हुए जेलेंस्की, इस बात पर जताया आभार, ट्रंप के हाथों भिजवाई चिट्ठी

Melania Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पत्नी और फर्स्ट लेडी मिलेनिया ट्रंप ने रूस को एक शांति पत्र भेजा था, जिसको लेकर यूक्रेनी राष्ट्रपति ने मिलेनिया को धन्यवाद किया है.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 12:05 pm

जेलेंस्‍की-ट्रंप ने की मीटिंग, पुतिन ने मोदी को लगाया था फोन; अगले ही दिन जयशंकर क्‍यों जा रहे रूस?

विदेश मंत्री एस. जयशंकर 20 अगस्त को भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (IRIGC-TEC) के 26वें सत्र की सह-अध्यक्षता करेंगे. यह सत्र व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक-तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित होगा.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 11:48 am

पुतिन के मल-मूत्र को विदेशों में क्यों नहीं छोड़ा जाता? बॉडीगार्ड सूटकेस में पैक करके ले आते हैं रूस, वजह जान दिमाग फट जाएगा

what is poop suitcase:रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ट्रंप की मुलाकात के बाद पुतिन की सुरक्षा को लेकर ऐसा राज सामने आया है, जो सुनकर आप दंग रह जाएंगे. जब भी पुतिन विदेश दौरे पर जाते हैं, उनके बॉडीगार्ड्स उनके मल और मूत्र को एक खास सूटकेस में पैक करके वापस रूस ले जाते हैं.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 11:46 am

हम आपको एक नक्शा दे देंगे... ट्रंप ने जंग की गंभीर मीटिंग में ऐसा क्यों कहा? हंसने लगे जेलेंस्की, पीछे की क‌हानी बहुत बड़ी है

Putin-Zelensky Summit Updates:यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात की खबरें अब सामने आ रही हैं. पूरी दुनिया का ध्यान इन दिनों यूक्रेन-रूस जंग पर है. इसी को लेकर ट्रंप ने जेलेंस्की से मुलाकात की है. इस मुलाकात ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 11:44 am

रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधान के लिए किए जा रहे प्रयासों में हस्तक्षेप न करे लंदन : रूसी विदेश मंत्रालय

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने ब्रिटेन से कहा है कि वो यूक्रेन संघर्ष को समाप्त करने के लिए रूस और अमेरिका के किए जा रहे प्रयासों को कमजोर करने की कोशिश न करे

देशबन्धु 19 Aug 2025 11:32 am

चीन के एआई पेटेंट की संख्या का विश्व में 60 प्रतिशत हिस्सा

चीन डेटा को उत्पादन के कारक के रूप में स्पष्ट रूप से सूचीबद्ध करने वाला पहला देश है

देशबन्धु 19 Aug 2025 10:27 am

चीनी एथलीटों ने विश्व खेलों के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ परिणाम हासिल किया

12वें विश्व खेल 17 अगस्त की शाम को दक्षिण पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत की राजधानी छंगतू में सफलतापूर्वक संपन्न हुए

देशबन्धु 19 Aug 2025 10:23 am

जेलेंस्‍की के कान में ट्रंप ने कुछ कहा, माइक रह गया ऑन...सोशल मीडिया पर 'भन्न' से हुआ वायरल

Putin Trump Alaska Meet: अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में यूरोप के नेताओं से भी बात की.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 10:22 am

पुतिन-जेलेंस्की बैठक की तैयारी, ट्रंप ने की त्रिपक्षीय वार्ता की घोषणा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बताया है कि उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की के बीच एक मीटिंग के लिए तैयारी शुरू कर दी है

देशबन्धु 19 Aug 2025 9:34 am

पुतिन की औकात नहीं...Putin-Zelensky को मनाने के लिए व्‍हाइट हाउस में जुटे थे सब, नन्‍हें से देश के नेता ने रूस को ललकारा

Putin-Zelensky Summit Updates:पूरी दुनिया की नजर इन दिनोंयूक्रेन और रूस के बीच जारी तनाव पर है. ट्रंप ने इसे कम करने के लिए अपनी सारी ताकत लगा दी है. पहले पुतिन से मुलाकात की और उसके बाद जेलेंस्की और यूरोपियन लीडर से बात की. इस मुलाकात के बाद एक छोटे से देश के नेता ने जो बयान दिया है, उससे पुतिन को आग लग सकती है. रूस इस बयान के बाद भड़क सकता है. जानें पूरी इस नेता और देश की कहानी जिसने पुतिन को ललकारा.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 9:21 am

रूस की जिद, यूक्रेन का जज्बा! ट्रंप-जेलेंस्की की मुलाकात का क्या रहा परिणाम? 10 प्वाइंट्स में जानें मीटिंग की एक-एक बात

Trump-Zelenskyy meeting in Washington:पूरी दुनिया की नजर इन दिनों यूक्रेन-रूस पर टिकी है. ट्रंप नेपु‌तिन से मुलाकात करने के बाद यह भरोसा दे दिया है कि शायद जंग रूक जाए. इसके लिए पुतिन ने अबयूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और कई यूरोपीय नेताओं से एक बंद मीटिंग की है. यूक्रेन-रूस जंग को लेकर क्या रहा इस मीटिंग का परिणाम जानें 10 बातों में.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 8:06 am

व्‍हाइट हाउस में ट्रंप की जेलेंस्‍की-यूरोप के नेताओं से बात चल रही थी, बीच में ही पुतिन को फोन लगाने से सब रह गए हैरान

Trump Zelensky Meeting updates: रूस-यूक्रेन में समझौता कराने के लिए ट्रंप की अगुवाई में इन दिनों मीटिंग पर मीटिंग हो रही है, ट्रंप पहले पुतिन से मिले फिर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की. मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कुछ ऐसा कर दिया, जिससे लोग हैरान रहे. जिससे लग रहा है ट्रंप रूस से टक्कर लेने के मूड में नहीं हैं. जानें पूरी खबर.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 7:06 am

Russian vs US Bombers: यूक्रेन से मीटिंग करने वाले थे ट्रंप, रूस ने 'महाबली' उड़ाकर दिखाई ताकत; लाइन पर आ गए जेलेंस्की

Russia Ukraine war latest news: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपनी हनक दिखाने से पीछे नहीं रहते. सोमवार रात जब वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति जेलेंस्की से मिलने वाले थे तो उससे पहले रूस ने महाबली उड़ाकर अपनी ताकत दिखा दी.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 6:22 am

Watch: जॉर्जिया मेलोनी ने की नमस्ते, NATO चीफ ने जोड़े हाथ; व्हाइट हाउस में कैसे छाया रहा भारत

Georgia Meloni greeted with namaste: वाशिंगटन में सोमवार देर रात यूक्रेन और यूरोपीय नेताओं के साथ हुई बैठक में भारत शामिल नहीं था. इसके बावजूद पूरी मीटिंग में 'भारत' ही छाया रहा.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 5:48 am

स्पॉटलाइट-अमीबा खा गया 9 साल की बच्ची का दिमाग:अब तक कैसे 3 लोगों का दिमाग खा चुका, क्या है अमीबा; देखें वीडियो

केरल में एक 9 साल की बच्ची का दिमाग अमीबा ने खा लिया, जिससे बच्ची की मौत हो गई। केरल में अबतक अमीबा से होने वाली बीमारी के तीन और मामले सामने आए है, जिसके बाद केरल का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। आखिर क्या होता है अमीबा, ये शरीर में कैसे चला जाता है और इससे कैसे बचा जा सकता है। पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...

दैनिक भास्कर 19 Aug 2025 5:23 am

चीन की सैन्य आक्रामकता से नाथु ला के रास्ते व्यापार बुरी तरह प्रभावित : रिपोर्ट

सिक्किम और तिब्बत के बीच व्यापार पर निर्भर करीब 400 परिवार लंबे समय से बॉर्डर बंद होने के कारण मुश्किल हालात का सामना कर रहे हैं

देशबन्धु 19 Aug 2025 4:10 am

किश्तवाड़ में 65 मौतें, 200 लापता; अपनों की तलाश जारी:4 मंदिर समेत पूरा गांव मलबे में दबा, चश्मदीद बोले- एक धमाका और सब खत्म

‘दोपहर का वक्त था। हम सब घर पर ही थे। तभी एक भयानक आवाज सुनाई दी। बेटी ने कहा- लगता है, कोई VIP हेलिकॉप्टर से मचैल माता की यात्रा में शामिल होने आया है। हम जैसे ही बाहर निकले, हमें पहाड़ी के ऊपर अजीब सी धुंध और धूल दिखाई दी। पल भर में बड़े-बड़े पत्थर और मलबा पानी के साथ हमारी ओर आने लगा। चंद सेकेंड में पूरा गांव इस मलबे के नीचे दफन हो गया।‘ किश्तवाड़ के चसोटी गांव में 14 अगस्त की दोपहर बादल फटने के बाद आए सैलाब को पूजा देवी ने बहुत करीब से देखा है। उनका मकान गांव के पास ही थोड़ी ऊंचाई पर है। लिहाजा घर तो सुरक्षित बच गया, लेकिन गांव के काली मंदिर में पूजा-पाठ करने गए अपने पिता को उन्होंने खो दिया। पूजा बताती हैं कि काली माता मंदिर के आस-पास ही गांव में 4 मंदिर थे, लेकिन किसी का नामोनिशान नहीं बचा। हादसा दोपहर करीब 12:30 बजे हुआ। हजारों श्रद्धालु मचैल माता यात्रा के लिए किश्तवाड़ के पड्डर सब-डिवीजन में चसोटी गांव पहुंचे थे। ये पैदल यात्रा का पहला पड़ाव है। 25 जुलाई को यात्रा शुरू होने के बाद से ही यहां लंगर चल रहा था। रोज 5000 लोगों के लिए खाना बन रहा था। घटना के दिन भी यहां काफी श्रद्धालु थे। सैलाब में उनकी बसें, टेंट, लंगर, दुकानें सब बह गईं। हादसे में अब तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है। 500 से ज्यादा लोग रेस्क्यू किए गए हैं, जबकि 200 लोग अब भी लापता हैं। 80 लापता लोगों की डिटेल उनके परिजन ने प्रशासन को दी है। NDRF की 3 टीमें, सेना के 300 से ज्यादा जवान, व्हाइट नाइट कोर मेडिकल टीम, पुलिस, SDRF और अन्य एजेंसियां रेस्क्यू में जुटी हैं। किश्तवाड़ के चसोटी गांव में दैनिक भास्कर की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची। हमने मौजूदा हालात और रेस्क्यू देखा। साथ ही घटना के चश्मदीदों और प्रभावितों से मिले। सब बाढ़-मलबे में दफन, गांव का नामोनिशान नहीं बचाजम्मू से करीब 210 किमी का सफर तय कर हम किश्तवाड़ पहुंचे। चसोटी गांव यहां से लगभग 90 किलोमीटर और मचैल माता मंदिर के रास्ते में पहला गांव है। ये जगह पड्डर घाटी में आती है, जो 14-15 किलोमीटर अंदर की ओर है। इस इलाके के पहाड़ 1,818 मीटर से लेकर 3,888 मीटर तक ऊंचे हैं। इतनी ऊंचाई पर ग्लेशियर और ढलानें हैं, जो पानी के बहाव को तेज करती हैं। यहां बाढ़ और मलबे ने गांव को ऐसा ढक लिया है, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि यहां कभी कुछ था ही नहीं। हादसे से पहले गांव में 300 लोग रहते थे, लेकिन अब ये वेस्टलैंड में तब्दील हो गया है। गांव वाले बताते हैं कि जब ये हादसा हुआ, तब मचैल माता तीर्थयात्रा चल रही थी। ये हर साल जुलाई से शुरू होकर 5 सितंबर तक चलती है। इसमें हजारों श्रद्धालु आते हैं। इसमें पड्डर से चसोटी तक 19.5 किमी तक सफर गाड़ियों से तय किया जा सकता है। इसके बाद 8.5 किमी की पैदल यात्रा होती है। जब हादसा हुआ, तब बड़ी संख्या में श्रद्धालु यात्रा के लिए चसोटी पहुंचे हुए थे। यहीं रहने वाली पूजा देवी बताती हैं, आपदा के वक्त मेरे पापा गांव के काली मंदिर पूजा करने गए थे। उसके बाद से उनकी कोई खबर नहीं मिली। बाढ़ के बाद से जब मंदिर का ही नामोनिशान नहीं बचा, तब मेरे पापा भला कैसे जिंदा हो सकते हैं। यहां हर तरफ इतना मलबा है कि अब तक उनकी डेडबॉडी भी नहीं मिल सकी है।‘ गांव में हुए नुकसान के बारे में पूछने पर पूजा कहती हैं, ‘अब यहां गांव बचा ही कहां है। यहां तो बस अब तबाही के निशान हैं।‘ गांव के काली माता मंदिर के मुख्य पुजारी भी मंदिर के साथ इस सैलाब में बह गए। आपदा को लेकर उनकी बेटी मीना देवी कहती हैं, 'हमारे गांव के लोगों से पाप हुआ है। मेरे पिता लगातार चेतावनी दे रहे थे कि ये मां चंडी का श्राप है। उन्होंने हमारे मंदिर और हमारे देवी-देवता हमसे छीन लिए। ये बहुत बड़ा अपशकुन हो गया है। अब हमें यहां नहीं रहना चाहिए।' चंद सेकेंड में हमारी पूरी दुनिया ही उजड़ गई, अब कहां जाएंचसोटी इलाके का आखिरी गांव है, जहां तक गाड़ियां पहुंच सकती हैं। बादल फटने और बाढ़ के चलते अब यहांं सब तबाह हो गया है। सैलाब अपने साथ CISF कैंप और करीब 16 मकान बहा ले गया। चसोटी में रहने वाली शांति चंद घटना को याद कर सिहर उठती हैं। वे कहती हैं, ‘इस हादसे ने तो हमारी दुनिया ही उजाड़ दी। बाढ़ में हमारे दोनों घर बह गए। मेरे ससुर ठाकुर चंद और जेठ समेत कई रिश्तेदार इस तबाही में मारे गए। हमारा सबकुछ छिन गया। आखिर अब हम कहां जाएं, क्या करें। हमारे पास तो अब सिर छिपाने तक के लिए जगह नहीं है।‘ घटना की चश्मदीद शांति चसोटी में होटल चलाती थीं। अब वो भी नहीं रहा। वो घटना के दिन का आंखों देखा हाल बताते हुए कहती हैं, जब बादल फटा और मलबा गांव की ओर बढ़ा तो सब भागने लगे। जो भागने में कामयाब हुआ वो बच गए। जो नहीं भाग सका, वो सैलाब के साथ बह गया। बस चंद सेकेंड में ये बाढ़ अपने साथ सबको समेट ले गई। चसोटी में छोटा सा होटल चलाने वाले रवि शर्मा भी जान बचाने में कामयाब रहे। वो घटना के दिन का जिक्र करते हुए कहते हैं, ‘पहले हमें अजीब सी आवाज सुनाई दी। अगले पल ही समझ आ गया कि ये बादल फटने की आवाज है। पहाड़ टूटकर गांव की तरफ गिरने लगा। हम सब जान बचाकर भागे।‘ ‘मैंने पापा और अपने स्टाफ के साथ आस-पास मौजूद लोगों को भागने के लिए आवाज लगाई। कुछ लोग भागने में कामयाब रहे, लेकिन कुछ सैलाब की चपेट में आकर जख्मी हो गए। अभी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।‘ हादसे के वक्त मंदिर में चल रहा था लंगरसरकारी डेटा के मुताबिक, 80 से ज्यादा लोगों के लापता होने की आधिकारिक जानकारी मिली है। हालांकि लोकल लोगों और चश्मदीदों की मानें तो इनकी संख्या 200 से ज्यादा हो सकती है। चश्मदीदों का कहना है कि काली माता मंदिर समेत चारों मंदिर और ब्रिज के पास लंगर चल रहा था, जिसमें हादसे के वक्त बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। रवि बताते हैं, ‘मैंने अब तक की जिंदगी में कभी ऐसी घटना नहीं देखी। गांव में 3-4 मंदिर आस-पास ही थे, जहां मचैल माता तीर्थयात्रा के चलते लंगर चल रहा था। वहां काफी संख्या में श्रद्धालु जुटे थे, वो सब सैलाब की चपेट में आ गए। हमें अब भी नहीं पता कि कितने लोग लापता हैं। सच कहें तो इसका अंदाजा भी लगा पाना नामुमकिन है।‘ वहीं गांव के ही रहने वाले निखिल बताते हैं, 'जब ये हादसा हुआ, तब लंगर में सबसे ज्यादा भीड़ थी। करीब 300 से 400 लोग खाना खाने जुटे थे। वो सब सैलाब के साथ बहते चले गए। जो तेज बहाव की वजह से पहाड़ी से नीचे गिरे, उनमें से कुछ जख्मी हुए, लेकिन बच गए। जो मलबे में दब गए, उनका अब तक पता नहीं चल सका है। खराब मौसम और बारिश रेस्क्यू में बन रही रोड़ासरकार चसोटी में राहत और बचाव कार्य को रफ्तार देने के लिए हेलिकॉप्टर तैनात करने की कोशिश में लगी है। हालांकि पिछले 3-4 दिनों से खराब मौसम और तेज बारिश के चलते हेलिकॉप्टर की लैंडिंग कराना मुश्किल हो रहा है। रेस्क्यू टीम को लैंडिंग के लिए जगह नहीं मिल रही। इसकी वजह से ऑपरेशन में देरी हो रही है। NDRF, SDRF, जम्मू-कश्मीर पुलिस और बाकी रेस्क्यू एजेंसी लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। रेस्क्यू टीम की पहली प्राथमिकता लापता लोगों की तलाश करना है। रेस्क्यू में जुटे अफसरों का कहना है कि तबाही बहुत बड़ी है। मलबा हटाने और रेस्क्यू ऑपरेशन में अभी कई दिन लग सकते हैं। टीमें मलबे और कीचड़ में लापता लोगों की तलाश कर रही हैं, ताकि अपने परिजन को तलाश रहे परिवारों को उनके शव सौंपे जा सकें। रेस्क्यू टीम का कहना है कि परिजन अपनों की तलाश में लगातार चसोटी गांव में रेस्क्यू साइट पर पहुंच रहे हैं। उनकी सरकार से अपील है कि कम से कम उन्हें अपने परिजन के शव सौंप दिए जाएं, ताकि वो विधिविधान से अंतिम संस्कार कर सकें। CM ने हर मुमकिन मदद का दिलाया भरोसाCM उमर अब्दुल्ला 15 अगस्त को किश्तवाड़ पहुंचे। उन्होंने लोकल लोगों से मुलाकात कर हालात का जायजा लिया। उमर किश्तवाड़ में ही रुके और अगले दिन सुबह चसोटी गांव पहुंचकर रेस्क्यू और रिलीफ ऑपरेशन देखा। इस दौरान परिजन को तलाश रहे कई परिवारों ने उन्हें घेर लिया और डेडबॉडी सौंपने की मांग करने लगे। कई परिवारों ने रेस्क्यू में लापरवाही को लेकर शिकायत भी की। एक युवक ने CM से चिल्लाते हुए कहा, ‘हमें और कुछ नहीं चाहिए। हमें सिर्फ इस तबाही की चपेट में आए अपने रिश्तेदारों की डेडबॉडी दे दीजिए। कम से कम हम रीति-रिवाज से उन्हें अंतिम विदाई तो दे सकें।‘ इस पर मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया है कि मलबे में दबे लोगों के शव जल्द से जल्द रिकवर करने की हर संभव कोशिश की जा रही है। रेस्क्यू टीमें बचाव में जुटी हैं। कठुआ में भी 3 जगह बादल फटाजम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में बॉर्डर से सटे इलाके में 3 जगह बादल फटा। जोद घाटी इलाके में 7 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हैं। जोद के अलावा मथरे चक, बगार्ड-चंगड़ा और दिलवान-हुटली में भी लैंडस्लाइड हुई। लैंडस्लाइड के बाद जोद गांव का शहर से संपर्क टूट गया था, काफी मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम गांव पहुंची। घरों में कई फीट तक पानी-मलबा भरा है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कठुआ डिप्टी एसपी राजेश शर्मा ने कहा- लैंडस्लाइड में 2 से 3 मकानों को नुकसान पहुंचा है। जांगलोट समेत नेशनल हाईवे पर कई जगहों पर सड़क को भी नुकसान पहुंचा है। रेलवे ट्रैक भी बाधित है। एक्सपर्ट बोले- ये ग्लोबल वॉर्मिंग का सीधा असरइस हादसे को लेकर हमने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी के जियोलॉजिस्ट रियाज अहमद मीर से बात की। वे बताते हैं, 'उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और जम्मू-कश्मीर वेस्टर्न हिमालय के रीजन में आता है। इन इलाकों में बदलते क्लाइमेट के कारण ज्यादा आपदाएं होती हैं।' 'क्लाइमेट में बदलाव के कारण हिमालयन रीजन की हवा में नमी तेजी से बढ़ी है। इसकी वजह से इन राज्यों में लगातार प्राकृतिक आपदाएं आती रहती हैं।' मीर अलर्ट करते हुए कहते हैं कि भविष्य इस तरह की घटनाएं और बढ़ सकती हैं। मीर धराली का उदाहरण देते हुए कहते हैं, 'कुछ दिनों पहले ही हमने उत्तराखंड में ऐसे ही त्रासदी देखी, जहां बादल फटने से पूरा गांव तबाह हो गया। ये ग्लोबल वार्मिंग का सीधा असर है और हमें इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है।' वे खतरनाक बदलावों की ओर इशारा करते हुए कहते हैं, 'सर्दी के महीने में झरने सूख गए, बर्फबारी पहले से काफी कम हो गई और तापमान बढ़ गया। ग्लेशियर खिसक रहे हैं और अब तो सर्दियों के दौरान पहाड़ों की ऊपरी सतह पिघल रही है। ये अच्छे संकेत नहीं हैं।' ........................... ये खबर भी पढ़ें...लगा भूकंप आया और 40 सेकेंड में धराली तबाह, चश्मदीद बोले-लोग भाग भी नहीं पाए 5 अगस्त, मंगलवार की दोपहर पहाड़ों का मलबा बहकर आया और पूरा धराली उसमें दब गया। 5 लोग मारे गए, 100 से ज्यादा लापता हैं। सेना के 9 जवान भी बह गए। 50 से ज्यादा घर, 30 से ज्यादा होटल-रिजॉर्ट और 25 होम स्टे तबाह हो गए। धराली के लोग बताते हैं कि मलबा इतनी तेजी से बहकर आया कि किसी को बचने का मौका नहीं मिला। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 19 Aug 2025 4:00 am

‘पुलिसवालों ने दांत तोड़े, कहते थे-तुम्हारी बेटी से रेप करेंगे’:मालेगांव ब्लास्ट से बरी रमेश और सुधीर बोले- कस्टडी में मांस खिलाया, जनेऊ कुचला

‘एक सुबह मैं पत्नी के साथ घर के बाहर टहल रहा था। तभी ATS वाले आए और मुझे उठा ले गए। आरोप लगाया कि मैंने मालेगांव ब्लास्ट की साजिश रची है। मुझे बुरी तरह पीटते थे। कहते थे कि पत्नी को यहां लाएंगे और तुम्हारे सामने नंगा करेंगे। बेटी से रेप करेंगे। वे लोग चाहते थे कि मैं योगी आदित्यनाथ, प्रवीण तोगड़िया, इंद्रेश, श्रीश्री रविशंकर का नाम ले दूं। उनके नाम लेकर कहूं कि इन्हीं लोगों ने मुझे ब्लास्ट करने के लिए कहा था।' ATS पर टॉर्चर करने का आरोप लगाने वाले रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय 8 सितंबर, 2008 को हुए मालेगांव बम ब्लास्ट में आरोपी थे। 31 जुलाई, 2025 को कोर्ट ने उन्हें और बाकी 6 आरोपियों को बरी कर दिया। रमेश उपाध्याय अब पुणे के हड़पसर एरिया में रह रहे हैं। दैनिक भास्कर ने उनसे बात की। रमेश उपाध्याय ने बीते 17 साल की पूरी कहानी सुनाई। हम इसी केस में आरोपी रहे समीर कुलकर्णी से भी मिले। दोनों ने दावा किया कि महाराष्ट्र ATS ने उन्हें कस्टडी में बुरी तरह पीटा और गलत गवाही देने का दबाव बनाया। पहले रिटायर्ड मेजर रमेश उपाध्याय की आपबीती ‘प्राइवेट पार्ट पर इलेक्ट्रिक शॉक दिए, जनेऊ पर पैर रखकर मसला’ रमेश उपाध्याय मालेगांव केस में 17 साल चले ट्रायल और 9 साल की सजा काटने के बाद बरी हुए हैं। इस केस की शुरुआत कैसे हुई? रमेश उपाध्याय बताते हैं, '24 अक्टूबर, 2008 की सुबह मैं पत्नी के साथ टहलने निकला था। तभी एक गाड़ी हमारे पास आकर रुकी। उसमें से 4-5 लोग उतरे। उन्होंने कहा कि हम ATS से हैं। आपको हमारे साथ चलना होगा। जिस तरह से वे लोग आए थे, लग रहा था कि हमला कर सकते हैं इसलिए मैं उनके साथ चल दिया।’ ‘ATS ने मेरे ऊपर मालेगांव ब्लास्ट की साजिश रचने का आरोप लगाया। मुझे जानबूझकर 24 अक्टूबर को उठाया गया। 25 और 26 अक्टूबर को शनिवार-रविवार था। 28 अक्टूबर को दिवाली थी। इस वजह से 5 दिन तक छुट्टियां थीं। मुझे और बाकी आरोपियों को गैरकानूनी हिरासत में रखा गया। ये 5 दिन यातनाओं से भरे थे। 29 अक्टूबर को मुझे और बाकी लोगों को नासिक कोर्ट में पेश किया गया।’ रमेश उपाध्याय आगे कहते हैं- हिरासत में हमें बेल्ट और घूंसों से पीटा गया। प्राइवेट पार्ट्स पर करंट लगाया। मेरे पैरों पर लकड़ी रखते थे, इसके बाद उस पर दो सिपाही खड़े होते थे। ये बहुत दर्दनाक था। ‘मैं जनेऊ पहनता हूं। जनेऊ पर पैर रखकर उसे मसला गया। जमीन पर लिटाकर पीटा। पूरा शरीर सूज जाता था। हालत ऐसी हो जाती थी कि उठकर खुद टॉयलेट नहीं जा पाते थे। वे लोग इतने पर भी नहीं रुकते थे। कमरे में पानी भर देते थे, हमें गीला करके एसी चला देते थे। ये मारपीट परमबीर सिंह (मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर) खुद तो कर ही रहे थे, उनके मातहत अधिकारी और सिपाही भी करते थे।' क्या पूछताछ करते थे? उपाध्याय जवाब देते हैं, ‘हमें कुछ नाम बताते थे। कहते थे कि इनके नाम ले लो। वे इन लोगों के नाम ब्लास्ट से जोड़ना चाहते थे। हम बार-बार कहते रहे कि हम कभी मालेगांव नहीं गए। हमने ब्लास्ट नहीं किया। आप जिनके नाम लेने के लिए कह रहे हैं, उनसे हमारी कभी बात नहीं हुई। 'उन्हें हमसे ये नहीं सुनना था। उन्हें बस इतना सुनना था कि हम मालेगांव ब्लास्ट की साजिश में शामिल हैं।’ ‘कहते थे तुम्हारे सामने पत्नी को नंगा करेंगे, बेटी से रेप करेंगे’ रमेश उपाध्याय एक पल के लिए चुप हो जाते हैं। फिर कहते हैं, 'हमसे नाम उगलवाने के लिए पुलिस अधिकारी कहते थे कि यहीं तुम्हारे सामने तुम्हारी पत्नी को नंगा करेंगे। बेटियों से रेप करेंगे। ये टॉर्चर सिर्फ हम तक सीमित नहीं था। उन्होंने हमारे मकान मालिक से कहा कि तुमने आतंकवादियों को शरण दी है। मकान मालिक ने हमारा सामान बाहर फेंक दिया। कोई हमें किराए पर घर नहीं देता था।’ ‘बच्चों के कॉलेज, बेटियों के ऑफिस जाकर पुलिस कहती थी कि ये टेररिस्ट के बच्चे हैं। बेटे का कॉलेज जाना छूट गया। वो उस वक्त कानून की पढ़ाई कर रहा था। बेटियों का नौकरी करना मुश्किल हो गया। पुलिसवाले बेटियों के ससुराल भी जाते थे। उनसे तरह-तरह के सवाल करते थे। ससुरालवालों को परेशान करते थे’ ‘हमारा नार्को टेस्ट हुआ, रिपोर्ट भी आई, पर दबा दी गई’उपाध्याय कहते हैं, 'हमें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, तो पहली ही लाइन हमने यही कही कि आप हमारा नार्को टेस्ट करा लें। सब क्लियर हो जाएगा। हमारे अलावा कर्नल पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपियों का तीन बार टेस्ट हुआ। उस रिपोर्ट को कोर्ट में जमा ही नहीं किया गया।' रिपोर्ट क्यों जमा नहीं हुई? उपाध्याय जवाब देते हैं, 'उन्हें नहीं करनी थी। हमने एप्लिकेशन लगाई कि रिपोर्ट जमा की जाए। हमने तर्क दिया कि 2006 के मालेगांव ब्लास्ट में 9 आरोपी इसलिए छूट गए थे क्योंकि उन्होंने दूसरी बार हुए नार्को टेस्ट में अपराध कबूल नहीं किया था। पहली बार में उन्होंने माना था कि ब्लास्ट उन्हीं ने किया है। लिहाजा हमारी भी रिपोर्ट जमा हो, ताकि सच सामने आए।' कोर्ट ने रिपोर्ट नहीं मांगी? उपाध्याय कहते हैं, 'प्रॉसिक्यूशन ने कोर्ट से कहा कि ये रिपोर्ट हमारी जांच को सपोर्ट नहीं करती है। हम इस पर भरोसा नहीं करते, इसलिए इसे कोर्ट में जमा नहीं कर सकते। कोर्ट ने भी प्रॉसिक्यूशन की बात मानी और हमारी एप्लिकेशन खारिज कर दी।' ‘मैंने RTI के जरिए नार्को टेस्ट रिपोर्ट निकाली और कोर्ट में जमा की। इस केस में कई जज बदले। सभी ने उस रिपोर्ट को देखा, पर उस पर बहस नहीं हुई। जजों को ये मालूम था कि हम बेगुनाह हैं। 31 जुलाई 2025 के फैसले में इस रिपोर्ट को भी सबूत माना गया।’ ‘BJP-RSS से कोई मदद नहीं मिली’रमेश उपाध्याय 1998 से 2003 तक BJP के पूर्व सैनिक मंच के अध्यक्ष रहे। RSS के धर्म जागरण विभाग से जुड़े रहे। हमने उनसे पूछा कि क्या पार्टी या संगठन से कोई मदद मिली? उपाध्याय बिना लाग-लपेट कहते हैं, 'मदद तो दूर, किसी ने बात तक नहीं की। जेल से छूटने के बाद भी किसी ने सुध नहीं ली। अब फैसला आ गया, तब भी कहीं से फोन नहीं आया।' 17 साल बाद बरी हुए, कानूनी आधार क्या बना? उपाध्याय कहते हैं, 'मैं और समीर कुलकर्णी दोनों ने चार्जशीट पढ़ी। इसका ज्यादातर हिस्सा मराठी में और कुछ अंग्रेजी में था। समीर की मराठी और मेरी अंग्रेजी अच्छी है। हमने इससे 4 पॉइंट निकाले। इन 4 पॉइंट पर पूरा केस खत्म हो गया। 1. बाइक में इस्तेमाल बाइक साध्वी प्रज्ञा की है, इसके सबूत नहीं हैंसाध्वी प्रज्ञा का नाम लेकर जो बाइक इस केस में सबसे बड़े सबूत की तरह पेश की गई। उसका चेसिस नंबर और इंजन नंबर नहीं था। और भी जो नंबर होते हैं, वे चार्जशीट में नहीं थे। मतलब यही सबूत नहीं मिला था कि ये किस बैच की बाइक है। इसके मालिक का पता लगाना तो दूर की बात है। 2. फरीदाबाद-भोपाल में मीटिंग का सबूत नहीं मिला उपाध्याय कहते हैं कि चार्जशीट में कहा गया था कि जनवरी 2008 में फरीदाबाद और अप्रैल 2008 में भोपाल में बैठक हुई थी। इन्हीं बैठकों में ब्लास्ट की साजिश रची गई। ये आरोप भी साबित नहीं हो पाया। चार्जशीट पढ़ते वक्त ये दूसरा पॉइंट भी हमने निकाला था। जिस गवाह ने इन बैठकों में साजिश रचने की गवाही दी थी, उसका हमसे कोई संबंध नहीं निकला। 3. एक आरोपी के लैपटॉप में मिले ऑडियो से आवाज मैच नहीं हुई उपाध्याय बताते हैं, ‘शंकराचार्य भी इस केस में आरोपी थे। उनके लैपटॉप से ऑडियो मिले। कहा गया कि हमारी आवाजें उससे मैच कर रही हैं। इसकी जिन पुलिसवालों ने गवाही दी थी, वे हमसे कभी नहीं मिले थे। न ही कभी हमारी फोन पर बात हुई थी। फिर वे हमारी आवाज कैसे पहचान सकते हैं।’ ‘FSL रिपोर्ट में ये साबित हो गया। प्रॉसिक्यूशन ने FSL रिपोर्ट भी कोर्ट में जमा नहीं की। मैंने इसे RTI से निकाला और कोर्ट में जमा किया। लैपटॉप किसका है, ये भी साबित नहीं हो पाया।’ 4. फोन पर की बात इंटरसेप्ट कर कोर्ट में पेश की, वह ब्लास्ट के बाद की थीउपाध्याय कहते हैं, 'हमारी फोन पर की गई बातों को इंटरसेप्ट कर कोर्ट में पेश किया गया। इसमें सबसे बड़ा पेंच ये था कि ये बातचीत ब्लास्ट के बाद की थी। इसे ब्लास्ट से पहले की बताकर कोर्ट में जमा किया गया। कहा गया कि ये लोग साजिश रच रहे थे। पहली बात कि धमाका होने के बाद तो साजिश की नहीं होगी। साजिश तो पहले होती है। दूसरी बात उसमें कोई कबूलनामा भी नहीं था।’ अब समीर कुलकर्णी की आपबीती समीर कुलकर्णी ने केस लड़ने के लिए वकील नहीं किया। उन्होंने खुद अपना केस लड़ा। 9 साल बाद जेल से छूटे, फिर ट्रायल की हर तारीख पर कोर्ट पहुंचे। कुलकर्णी RSS से जुड़े हैं। सिर्फ भगवा कपड़े ही पहनते हैं। उन्होंने शादी नहीं की है। परिवार में सिर्फ मां हैं। ‘15 मिनट पूछताछ का बोलकर प्लेन से मुंबई ले गए’कुलकर्णी कहते हैं, '25 अक्टूबर को मैं भोपाल से ग्वालियर जा रहा था। हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर कुछ पुलिसवालों ने चुपके से बताया कि आपकी जान को खतरा है। मैंने मजाक में टाल दिया। फिर कुछ पुलिसवाले आए और मुझसे 15 मिनट मांगे। मैं उनकी गाड़ी में बैठा, तो वे सीधे भोपाल के एयरपोर्ट पर ले गए। इसके बाद मुझे मुंबई ले गए।' वे आगे कहते हैं, ‘ये पूरी साजिश सरकार चला रही पार्टी की थी। हम लोग सरकार की देश विरोधी, धर्म विरोधी गतिविधियों का विरोध करते थे, इसलिए निशाना बने। उस वक्त की सरकार का शीर्ष नेतृत्व मुस्लिम समुदाय को खुश करने में लगा था।’ ‘मुझसे कहा-भागवत, योगी, तोगड़िया का नाम ले लो, चुनाव के बाद मुकर जाना’समीर कुलकर्णी भी रमेश उपाध्याय की बात पर मुहर लगाते हैं। वे कहते हैं- 'हमसे कहा गया कि योगी आदित्यनाथ, मोहन भागवत, इंद्रेश, प्रवीण तोगड़िया का नाम ले लो। हमें ऑफर दिया गया कि नाम ले लो और सरकारी गवाह बन जाओ। 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद बयान से मुकर जाना।' समीर कहते हैं, 'मैं जानता था कि मैं बेगुनाह हूं। इसलिए मैंने कोई वकील नहीं किया। मैं निर्दोष हूं, ये मुझे साबित नहीं करना था। अभियोजन पक्ष को साबित करना था कि हम दोषी हैं। मैं ये भी जानता था कि अगर हमने अपराध किया ही नहीं है, तो फिर ये लोग सबूत कहां से लाएंगे। मैंने कोर्ट की एक भी तारीख छोड़ी नहीं। यहां तक कि कभी देर से भी नहीं पहुंचा, ताकि कोई बहस न छूटे।' ‘गीता, हनुमान चालीसा को पैरों से कुचला, मुंह में मांस ठूंसा’ समीर कुलकर्णी आगे कहते हैं, 'पुलिसवाले हमें रोज 20-20 घंटे तक पीटते थे। तलवों पर डंडे मारे गए। बिजली के शॉक दिए। चेहरे पर 30-40 किक मारते थे। उसी वक्त मेरे तीन दांत टूट गए। उन्हें पता था कि मैं शाकाहारी हूं। उन्होंने मेरे मुंह में मांस के टुकड़े ठूंसे।' 'हमारे पास कुछ धर्म ग्रंथ थे, जैसे गीता, हनुमान चालीसा और राम रक्षास्त्रोत। ATS के अफसरों और सिपाहियों ने उन्हें हमसे छीनकर फाड़ दिया। हमारे सामने पैरों से कुचला।' इस दौरान आपकी मां कहां थीं? समीर कुलकर्णी जवाब देते हैं, 'मेरी बुजुर्ग मां ने भी बहुत कुछ सहा। ये लोग 9 साल तक उन्हें बार-बार पूछताछ के लिए बुलाते थे। उन्होंने रिश्तेदारों के यहां रहकर इतने साल काटे।' ‘मैंने जो पहले दिन कहा, 17 साल बाद वही कोर्ट ने दोहराया’समीर कुलकर्णी कहते हैं, ’हम पहले दिन से कह रहे थे कि हम निर्दोष हैं। अब कोर्ट ने वही फैसला सुनाया, जो हम कह रहे थे। इस पूरे मामले के दोषी महाराष्ट्र ATS के परमबीर सिंह, सुखविंदर सिंह, अनामी राय, सचिन कदम और अरुण खानविल्कर हैं। इन लोगों ने पूरी जांच की, लेकिन ये लोग कोर्ट में गवाही देने नहीं आए। इतना बड़ा आरोप लगाकर ये लोग गायब हो गए।’ ..................................... मालेगांव ब्लास्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए... 1. मालेगांव के विक्टिम बोले- हमारे बच्चे मरे, बताओ मुजरिम कौन, इंसाफ कौन देगा 'मालेगांव ब्लास्ट के सभी 7 आरोपी बरी हो गए। ये सरासर गलत फैसला है। अगर सब छूट गए, तो फिर बताओ मुजरिम कौन है, हमें इंसाफ कौन देगा।' 80 साल के निसार अहमद का शरीर ये बात बोलते हुए गुस्से में कांपने लगता है। जिस अजहर को निसार अहमद इंसाफ दिलाना चाहते हैं, वो उनका बेटा था। इस ब्लास्ट में 6 लोग मारे गए थे। इनमें 10 साल की शगुफ्ता भी थी। पढ़िए पूरी खबर... 2. कर्नल पुरोहित की पत्नी का दावा- ISI-दाऊद की जांच का बदला लिया मालेगांव ब्लास्ट केस में सेना में कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित भी आरोपी थे। उनकी पत्नी अपर्णा दावा करती हैं कि ATS ने कर्नल पुरोहित को गैरकानूनी तरीके से उठाया था। कर्नल ने जाकिर नाईक, फेक करेंसी के रैकेट, दाऊद इब्राहिम और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI पर रिपोर्ट तैयार की थीं। ATS वाले इन रिपोर्ट्स के सोर्स के बारे में पूछते थे। पढ़िए पूरी खबर… 3. ATS में रहे अफसर बोले- ACP कहते थे, मोहन भागवत को उठाकर लाओ मालेगांव ब्लास्ट में कोर्ट का फैसला आने के बाद ATS के पूर्व अधिकारी रहे महबूब मुजावर सामने आए। उन्होंने दावा किया कि ATS के अधिकारियों ने RSS चीफ मोहन भागवत को ब्लास्ट केस में फंसाने की साजिश रची थी। महबूब के मुताबिक, मुंबई के ACP रहे परमबीर सिंह ने उन्हें नागपुर से RSS चीफ मोहन भागवत को उठाकर लाने का आदेश दिया था। पढ़ें पूरी खबर…

दैनिक भास्कर 19 Aug 2025 4:00 am

DNA: एक लाख सैनिकों की मौत, तबाह अर्थव्यवस्था! रूस से 3 साल की जंग के बाद जेलेंस्की ने क्या पाया

Russia Ukraine War Updates: रूस के साथ पिछले 3 साल से चल रही जंग में यूक्रेन के एक लाख सैनिकों की मौत हो चुकी है और 12 हजार आम लोग जान गंवा चुके हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर जमीन गंवाने की शर्त पर यूक्रेन संघर्ष विराम मान लेता है तो जेलेंस्की ने क्या पाया.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 12:56 am

व्हाइट हाउस में हो रही थी ट्रंप-जेलेंस्की की 'महापंचायत', EU के नेता थे मौजूद; उनके मन में क्या चल रहा होगा?

ज़ेलेंस्की के साथ वार्ता करने व्हाइट हाउस आए ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और इटली के नेता यहां किस सोच के साथ आए, उनके बयानों से उनकी सोच को डिकोड करने की कोशिश करते हैं. सभी बयान अलास्का में ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति पुतिन की मीटिंग के बाद दिए गए और बयान देने वाले सभी देश अमेरिका के साथ विकसित देशों के समूह जी-7 का हिस्सा हैं.

ज़ी न्यूज़ 19 Aug 2025 12:24 am