लखनऊ एयरपोर्ट पर पकड़े गए बांग्लादेशी मो. नसीम के पास सारे दस्तावेज भारतीय थे। ये सब उसने फर्जी तरीके से हासिल किए थे। इमिग्रेशन और एजेंसियों की पूछताछ में उसने अपना पूरा चिट्ठा खोल दिया है। उसने बताया कि कब और कैसे भारत आया? यहां क्या काम करता था? ये दस्तावेज कैसे हासिल किए? आखिर मलेशिया क्यों जाना चाहता था? इसके अलावा उसके मोबाइल फोन में भी सारी चीजें बांग्लादेशी ही हैं। पहले घुसपैठिए मो. नसीम को जानिए नसीम ने पुलिस को खुद बताया कि वह घुसपैठिया है। वह बांग्लादेश के चिटगांव डिवीजन के बांदोरबन जिले के नैखॉन्गछड़ी गांव का रहने वाला है। 2015 में उसने भारत में घुसपैठ की। यहां स्लॉटर हाउस खोजकर उसमें काम किया। 2017 में जब यूपी में स्लॉटर हाउस बंद हो गए, तो मजदूरी करने लगा। इसके अलावा ड्राइवरी भी करता था। उन्नाव में रहता था। 2016-17 में उसने आधार कार्ड, पैन कार्ड और यहां तक कि भारतीय पासपोर्ट भी बनवा लिया। अब पढ़िए घुसपैठिए की भारत जर्नी उन्नाव में किराए पर रहता था, बनवा लिया था आधार कार्डनसीम ने पूछताछ में कबूल किया कि वह 2015 में त्रिपुरा बॉर्डर से भारत आया था। पहले उन्नाव के स्लॉटर हाउस में काम करने लगा। 2017 में स्लॉटर हाउस बंद हुए तो वह कभी मजदूरी करने लगा। कभी ड्राइवरी कर गुजारा करता था। वह उन्नाव की सफीपुर तहसील के गढ़ी इलाके में किराए के कमरे में रह रहा था। यहां रहकर उसने कुछ लोगों से संपर्क कर तहसील स्तर से निवास प्रमाणपत्र बनवा लिया। उसके बाद आधार कार्ड भी बन गया। इन्हीं के आधार पर पासपोर्ट भी बनवा लिया। पिछले महीने बांग्लादेश से लौटा थाकुछ दिन पहले वह अपने देश बांग्लादेश गया था। उसने भारत में फिर कैसे एंट्री ली, इसकी पूछताछ चल रही है। उसके फोन से अगस्त, 2025 में त्रिपुरा यात्रा और अगरतला से कोलकाता का रिटर्न टिकट मिला है। उसने मोहम्मद नसीम के नाम से भारतीय पासपोर्ट बनवाया। इसी पासपोर्ट पर मलेशिया भागने की योजना बनाई। जांच एजेंसियों से उसने बताया कि भारतीय पासपोर्ट की वहां बहुत वैल्यू है। इसलिए हम इसी पहचान के सहारे कारोबार करना चाहते थे। अपने देश के गाने और वीडियो देखता हैफॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिस (FRRO) की टीम ने जब उसका फोन और सोशल मीडिया खंगाला, तो दर्जनों संपर्क उसी गांव के निकले। फेसबुक पर भी वह नैखॉन्गछड़ी के ग्रुप से जुड़ा था। यूट्यूब हिस्ट्री में बांग्लादेशी गाने और वीडियो भरे पड़े थे। कैसे पकड़ा गया नसीमइमिग्रेशन जांच के दौरान उसके डॉक्यूमेंट में कई गड़बड़ियां मिलीं। FRRO की टीम ने जब उससे कड़ी पूछताछ की, तो जवाब उलझे हुए थे। शक गहराने पर जब मोबाइल खंगाला गया, तो पूरा नेटवर्क सामने आ गया। बांग्लादेशी कॉन्टैक्ट्स, फेसबुक ग्रुप और बंगाली चैट्स मिले। नेटवर्क की तलाश में जुटीं एजेंसियांपुलिस और खुफिया एजेंसियों को अब शक है कि नसीम अकेला नहीं आया था। उसके साथ कई और लोग भी त्रिपुरा बॉर्डर से भारत में दाखिल हो चुके हैं। नसीम 2015 से अब तक यूपी और देश के अलग-अलग हिस्सों में आता-जाता रहा। इससे यह साफ है कि उसका नेटवर्क बड़ा है। एजेंसियां अब इस पूरी चेन को ट्रैक कर रही हैं। यह पता लगाने में जुटी हैं कि देशभर में ऐसे और कितने लोग छिपकर रह रहे हैं। ----------------------- ये खबर भी पढ़िए... थाई महिला ने फर्जी पासपोर्ट से की भारत में एंट्री, लखनऊ एयरपोर्ट पर पकड़ी गई लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन टीम ने एक थाई महिला को फर्जी पासपोर्ट के साथ पकड़ा है। थोंगफुन चायफा उर्फ दरिन चोकथनपट नाम की यह महिला पहले से ब्लैकलिस्टेड थी। महिला को मार्च 2025 में एग्जिट परमिट पर भारत से भेजा गया था। इसके बाद वह 31 जुलाई 2025 को फर्जी पासपोर्ट से रक्सौल बॉर्डर से भारत में प्रवेश कर गई। लखनऊ निवासी जसविंदर सिंह ने अपने साथियों नवेंदु मित्तल और शुवेंदु निगम की मदद से महिला के लिए कई फर्जी पासपोर्ट बनवाए। (पूरी खबर पढ़िए)
यूपी में पंचायत चुनाव से पहले बसपा प्रमुख मायावती शक्ति प्रदर्शन करेंगी। यह शक्ति प्रदर्शन 9 अक्टूबर को लखनऊ में कांशीराम की पुण्यतिथि पर होगा। इस दिन कांशीराम स्मारक स्थल पर एक बड़ी रैली होगी। इसमें खुद मायावती शामिल होंगी। पार्टी ने इसमें 3 लाख की भीड़ जुटाने का लक्ष्य तय किया है। VIDEO में देखिए बसपा की नई सियासत और उसके मायने...
ऊपर Video पर क्लिक करें और देखें... आज यूपी की राजनीति और सरकारी विभागों की कौन सी बात खरी है....
'रात करीब 1 बजे तेज खटपट की आवाज हुई। मैं जाग गया। मैंने देखा कि मम्मी और फुफेरा भाई अमित पापा के हाथ-पैर पकड़ कर ले जा रहे थे। मैंने पूछा कि पापा को क्या हो गया? कहां लेकर जा रही हो? दोनों लोगों ने पापा को जमीन पर रख दिया। फिर मम्मी ने मुझे 2 थप्पड़ मारे। कहा- अगर किसी को बताया तो तुझे भी मारकर फेंक दूंगी। फिर मुझे कमरे में बंद कर दिया। मैं अंदर रोता रहा। मैंने भाई को जगाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं उठा। मम्मी मुझे रोज बेवजह मारती। गरम चिमटा लगाकर धमकी देती थी। इसलिए मैं डर गया था।' यह कहना है 12 साल के रोहित का, जिसने अपने पिता का मर्डर होने के बाद डेडबॉडी को ठिकाने लगाते हुए देखा था। यह काम उसकी मम्मी और बुआ के लड़के ने किया था। दरअसल 1 नवंबर, 2024 को कानपुर के सचेंडी के लालूपुरा गांव के रहने वाले शिवबीर सिंह (50) की उसकी पत्नी लक्ष्मी और भांजे ने हत्या कर दी थी। फिर घर के बगीचे में शिवबीर को दफना दिया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को वारदात के 10 महीने बाद 6 सितंबर को अरेस्ट कर लिया। दैनिक भास्कर ग्राउंड जीरो पर पहुंचा, शिवबीर के बेटे, मां और बहन से बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट... मम्मी, पापा के पैर पकड़े थी और अमित सिररोहित ने बताया- 1 नवंबर को दिवाली थी। हम लोग पटाखा जलाकर सोने जा रहे थे। तभी मम्मी चाय बनाकर ले आई। मैंने एक घूंट चाय पी, तो मुझे अजीब लगी। इस पर मैंने भाई आनंद और बहन अंकिता को अपनी चाय दे दी। दोनों ने आधी-आधी पी ली। चाय पीने के बाद सब सो गए, कोई उठा ही नहीं। मैंने चाय नहीं पी थी, इसलिए मेरी नींद खटपट की आवाज सुनकर खुल गई। मैंने देखा कि मम्मी ने पापा के पैर पकड़ रखे थे। अमित सिर पकड़े था। मैं पास पहुंचा, तो देखा पापा के सिर से खून बह रहा था। कपड़े भी खून से सन चुके थे। मैं चिल्लाया, तो मम्मी ने मेरा मुंह दबा दिया। मैंने पूछा कि पापा को क्या हो गया और कहां लेकर जा रहे हो? इस पर मम्मी ने मुझे मारा और कहा- किसी को बताया तो तुझे भी ऐसे ही मार देंगे। अगर कोई पूछे तो बताना कि पापा रात में ड्यूटी पर चले गए हैं। बेटा बोला- मम्मी ने मुझे पीटकर कमरे में बंद कर दियाइसके बाद मम्मी ने मुझे कमरे में बंद कर दिया। मैंने भाई और बहन को जगाने की कोशिश की, लेकिन कोई नहीं उठा। मैंने शोर मचाया, लेकिन किसी ने नहीं सुना। करीब 2 घंटे बाद मम्मी और अमित वापस आए। इन लोगों ने खून साफ किया। फिर मुझे बहुत मारा। कहने लगे कि अगर किसी से कुछ कहा, तो सबको मार देंगे। मैं इतना डर गया था कि कुछ नहीं बोला। अगले दिन जब सभी ने पापा के बारे में पूछा, तो मम्मी ने कह दिया कि रात में फोन आ गया था, इसलिए चले गए। मैंने एक दिन बुआ कांती देवी को बताने की कोशिश की, तो मम्मी आ गई। मुझे बुआ के सामने ही जमकर पीटा। फिर अंदर ले गई और किचन से चिमटा गरम कर ले आई। कहने लगी कि अगर किसी को कुछ बताया, तो इसी से दाग कर मार दूंगी। बहन बोली- मुझे शक हुआ तो पुलिस के पास गई इसे लेकर हमने शिवबीर की बहन कांती देवी से बात की। उन्होंने बताया- मेरा भाई दिवाली पर घर आया था। उसने फोन कर मुझसे कहा था कि इस बार 15 दिन यहीं रहूंगा। भैया दूज वाले दिन मैंने अपनी भाभी लक्ष्मी को फोन किया। मैंने उससे पूछा कि भइया से कह दो कहीं जाएं नहीं, मैं दूज रखने आ रही हूं। लेकिन, भाभी ने कहा कि वह तो सुबह 4 बजे ही सूरत चले गए थे। मैंने भाई को फोन किया, लेकिन उसका नंबर बंद था। मैंने फिर भाभी को फोन किया। इस पर उसने कहा कि सिम बदल दिया है, इसलिए फोन बंद आ रहा है। मेरी बात तो होती है। अभी डेढ़ महीने पहले मुझे कुछ शंका हुई। मैंने भाभी से कहा कि एक साल हो रहा है, भइया जब से गए हैं, आए ही नहीं। फोन भी नहीं करते। कुछ गड़बड़ लग रहा है। पुलिस में शिकायत करने चलते हैं, लेकिन वह नहीं गई। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने केस दर्ज किया उसे कोई फर्क ही नहीं पड़ा। फिर मैंने अपनी मां सावित्री से पूरी बात बताई। इसके बाद हम लोग सचेंडी थाने गए, लेकिन पुलिस ने सुनवाई नहीं की। फिर हम कोर्ट गए। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने 19 अगस्त, 2025 को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की। इसके बाद जांच शुरू की, तो मामला खुल गया। वहीं, शिवबीर के बड़े बेटे आनंद ने बताया- रात में ही हम लोगों को चाय में कुछ मिलाकर पिला दिया गया था। सुबह उठे तो पता चला कि पापा ड्यूटी पर चले गए। लेकिन, तीन महीने तक न तो फोन पर बात हुई और न ही कुछ पता चला। इसके बाद पुलिस से शिकायत की गई। पड़ोसी बोले- भांजा रात में रुकता था, रोज घर आता था पड़ोसियों ने बताया कि लक्ष्मी बहुत शांत रहती थी। उसका उसके भांजे से अफेयर था। किसी को इसकी भनक तक नहीं लगने दी। शिवबीर सूरत में रहकर प्राइवेट नौकरी करता था। इसके चलते घर का काम भांजा अमित करता था। वह बच्चों को स्कूल छोड़ने भी जाता था। रात में भी घर पर ही रुकता था। हम लोग सोचते थे कि मामी-भांजे हैं। लेकिन, दोनों के बीच अफेयर था। इस कारण वह अपने पति को मार डालेगी, यह कभी नहीं सोचा था। अब पूरा मामला पढ़िए... लव मैरिज के 20 साल बाद भांजे से हुआ प्यारसचेंडी के लालूपुरा गांव में रहने वाले शिवबीर सिंह (50) गुजरात में प्राइवेट नौकरी करते थे। नौकरी के दौरान उनकी मुलाकात वाराणसी के गाजीपुर की रहने वाली लक्ष्मी से हुई थी। इसके बाद शिवबीर और लक्ष्मी ने 2004 में लव मैरिज कर ली। दोनों के 3 बच्चे हैं- आनंद, रोहित और अंकिता। मां सावित्री ने बताया- 6 साल पहले शिवबीर, पत्नी लक्ष्मी और बच्चों के साथ गांव में रहने के लिए आया था। गांव में मकान नहीं होने की वजह से अमित ने अपने घर के सामने उन्हें जगह दे दी थी। शिवबीर उसी जगह पर झोपड़ी बनाकर मेरे और पत्नी-बच्चों के साथ रहने लगा। वहीं, गांववाले बताते हैं कि गांव में रहने के दौरान लक्ष्मी और अमित के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं। पिछले साल शिवबीर को पत्नी और भांजे के बीच अवैध संबंध के बारे में पता चला, तो वह आगबबूला हो गया। उसने लक्ष्मी की जमकर पिटाई की थी। अमित ने साबड़ से 3, तो लक्ष्मी ने 2 वार किए पुलिस पूछताछ में लक्ष्मी और अमित ने बताया- 1 नवंबर, 2024 को दिवाली मनाई जा रही थी। उसी दिन हम दोनों ने हत्या करना प्लान किया। लक्ष्मी ने बताया- इसके लिए पहले से ही तैयारी कर ली थी। शिवबीर को चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया। इसी बीच भांजा अमित घर पर आ चुका था। शिवबीर चारपाई पर बेहोश पड़ा था। उसी समय अमित ने उसके सिर पर साबड़ से 3 वार किए। उसकी सांस चलती दिखी, तो मैंने अमित से साबड़ छीनकर 2 और वार कर दिए। इसके बाद मेरी सास की शिकायत पर 19 अगस्त, 2025 को पति की गुमशुदगी का केस दर्ज हो गया। इससे हम लोग डर गए। इसके चलते 28 अगस्त को मैंने और अमित ने मिलकर गड्ढे से शिवबीर का कंकाल निकाला और उसे रामगंगा में बहा दिया। लेकिन पुलिस को गड्ढे से शिवबीर की कुछ हडि्डयां मिल गईं। गले के लॉकेट से हुई शव की पहचान आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस ने वारदात के 10 महीने बाद 6 सितंबर को बगीचे की खुदाई की। वहां से शिवबीर के कंकाल के कुछ अवशेष, बनियान और गले का लॉकेट मिला। घरवालों ने लॉकेट से पहचान कर शव की शिनाख्त की। सहायक पुलिस आयुक्त शिखर पनकी ने बताया- सावित्री देवी ने शिकायत में लिखा कि बहू और नाती ने मिलकर मेरे बेटे को गायब किया है। उनके बीच अवैध संबंध हैं। सीडीआर में दोनों के बीच बातचीत सामने आई है। दोनों को पकड़ा, तो मामला खुल गया। ----------------------- ये खबर भी पढ़िए- कानपुर में पति की हत्या कर शव बगीचे में दफनाया, भांजे के साथ मिलकर की वारदात कानपुर में भांजे के साथ अवैध संबंध में एक महिला ने अपने पति काे सिर कूचकर मार डाला। करीब 10 महीने बाद पुलिस ने घर के बगीचे में चारपाई सहित दफनायी गई डेडबॉडी के अवशेष बरामद किए हैं। पुलिस ने बताया कि मामी-भांजे के अवैध संबंध का पता लगने के बाद पति विरोध करने लगा। पिछले साल पहली नवम्बर को दिवाली के दिन जब घर पर उसकी सास नहीं थी तो दोनों ने मिलकर मर्डर प्लान किया। पढ़ें पूरी खबर
ट्रैफिक जाम:नो-एंट्री से पहले सड़क पर ट्रकों का कब्जा 5 किमी के सफर में 3 घंटे तक लग रहे हैं
विजय सिंह राठौर की रिपोर्ट बहोड़ापुर से पुरानी छावनी के मार्ग का भले ही चौड़ीकरण हुआ है, लेकिन इसका फायदा लोगों को नहीं मिल पा रहा है। स्थिति यह है कि रात 10 से लेकर रात 1 बजे के बीच शहरवासी यहां जाना नहीं चाहते हैं। इसका कारण यहां 5 किलोमीटर पार करने के लिए 3 घंटे से ज्यादा समय लगता है। क्योंकि इस समयावधि में इस रोड पर पूरी तरह से ट्रकों का कब्जा रहता है। नो एंट्री खुलने से करीब 3 घंटे पहले से, यानी 8 बजे से ही ट्रकों का जमावड़ा मोतीझील से लेकर ट्रांसपोर्ट नगर तक की मुख्य सड़क पर लगा रहता है। ट्रकों को लापरवाही भरे ढंग से सड़क पर खड़ा कर दिया जाता है। रात 10 बजे यहां ऐसी स्थिति होती है कि किसी भी कार, यहां तक कि बाइक सवार को गुजरने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ती है। वहीं 11 बजते ही नो एंट्री खुलते ही ट्रकों का शहर में प्रवेश शुरू हो जाता है। इसके बाद कार, बाइक व अन्य छोटे वाहन ट्रकों के झुंड के बीच बुरी तरह घंटों फंसा रहता है। यह वही मार्ग है जिससे आगरा और मुरैना की ओर से आने वाले वाहन भी शहर में एंट्री करते हैं। ऐसे में छोटे वाहनों को रोजाना इसी परेशानी से दो-चार होना पड़ता है। मजबूरी में शहरवासियों को लगाना पड़ता है 10 किमी का चक्कर अघोषित रूट डायवर्जन, पुलिस दिखती है बेबसबहोड़ापुर से पुरानी छावनी की ओर जाने वाला रूट रोजाना अघोषित रूप से पुलिस द्वारा ही बैरिकेडिंग कर डायवर्ट किया जाता है। बहोड़ापुर चौराहा स्थित रेलवे पटरी के पास पुलिस बैरिकेडिंग करती है। जो कार व बाइकों को ट्रांसपोर्ट नगर की तरफ घुसने से रोक देती है। पुलिस कभी हड़काकर, तो कभी समझाकर लोगों को सागरताल रोड की तरफ से जाने के लिए कह देती है। ऐसे में परिवार के साथ रात 1 बजे लोग आनंद नगर व अन्य गली-मोहल्लों की सकरी गलियों में गाड़ी को गुजरते हैं। या फिर करीब 10 किलोमीटर अतिरिक्त चक्कर लगाकर गोला का मंदिर-मुरैना रोड पकड़कर पुरानी छावनी जाने को मजबूर होते हैं। एक्सपर्ट - - दीपक भार्गव, रिटायर्ड डीएसपी ट्रैफिक पहले रोक सकते हैं ट्रक मोतीझील से बहोड़ापुर तक सड़क पर गड्ढे हैं, जिसके कारण ट्रैफिक रेंगता है। ट्रांसपोर्ट नगर के अंदर न जाकर ट्रक मुख्य सड़क पर खड़े होते हैं, जिन्हें पुलिस को सख्ती कर रोकना चाहिए। जब तक ट्रांसपोर्ट नगर की सड़कें नहीं बन जाती, तब तक अस्थाई रूप से ट्रकों को मोतीझील से पहले रोका जा सकता है। इससे जाम नहीं लगेगा। ट्रांसपोर्ट नगर की पार्किंग पर कब्जा, पुलिस इसमें कुछ नहीं कर सकती ^ट्रांसपोर्ट नगर की पार्किंगों में कब्जा है या उनमें पानी भरा है। ऐसे में पुलिस के पास कोई समाधान नहीं है। नो एंट्री समय पर खुलती है। जाम नहीं लगता है। - जीतेंद्र सिंह तोमर, थाना प्रभारी, बहोड़ापुर ^सड़क पर ट्रक इसलिए पार्क होते हैं, क्योंकि उन्हें ट्रांसपोर्ट नगर के अंदर नहीं ला सकते। आए दिन नो-एंट्री 1 घंटे के लिए खुलती है। इससे जाम लगता है। -राजीव मोदी, अध्यक्ष, लोकल ट्रांसपोर्ट यूनियन ^ट्रांसपोर्ट नगर के रास्ते पर ट्रक खड़े हैं। इससे जाम लगा रहता है। नो एंट्री खुलने पर वाहनों की संख्या 3 गुना हो जाती है, ऐसे में पुलिस बल बढ़ाना चाहिए। -सुनील महेश्वरी, अध्यक्ष, मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ग्वालियर
होमी जहांगीर भाभा बस स्टैंड... विक्रम साराभाई उद्यान... परमाणु ऊर्जा केंद्रीय विद्यालय... कॉलोनियों के नामों में अणु-परमाणु... राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के रावतभाटा कस्बे के ज्यादातर नाम ऐसे ही हैं। कुछ विज्ञान के शब्दों पर तो कुछ वैज्ञानिकों के नाम पर रखे गए हैं। पोस्ट ऑफिस का नाम परमाणु वैज्ञानिक डॉ. होमी जहांगीर भाभा के नाम पर है। रावतभाटा में 1973 से परमाणु बिजली घर है। यहां बिजली घर 1964 से बनना शुरू हुआ। तभी से वैज्ञानिक और उनके परिवार वाले यहां रहने लगे। कई कॉलोनियां वैज्ञानिकों के लिए बसाई जा रही थीं। लिहाजा उनका नाम भी विज्ञान आधारित या फिर वैज्ञानिकों के नाम पर ही रखा जाने लगा। बाद में बसी कॉलोनियों के नाम भी विज्ञान आधारित ही रखे गए। न्यूक्लियर ट्रेनिंग सेंटर (एनटीसी) के अधीक्षक नवनीत शर्मा बताते हैं कि यहां बनी पहली कॉलोनी विक्रम सराभाई नगर थी। बाद में भाभानगर भी बसा। इसकी अलग-अलग कॉलोनियों के नाम के साथ अणु जुड़ा हुआ है। अणु प्रताप, अणु तारा, अणु किरण, अणु आशा, अणु छाया, अणु भाग्य आदि यहां की कॉलोनियों के नाम हैं। हैवी वाटर परिसर में एक पार्क विक्रम साराभाई, अन्य पार्क डॉ. होमी जहांगीर भाभा के नाम पर है। यहां गलियां वैज्ञानिकों के नाम पर हैं। नजर भी आए कि यह परमाणु ग्राम है रावतभाटा में न्यूक्लियर फ्यूल कॉम्पलेक्स (एनएफसी) बन रहा है। यह देश का दूसरा और एशिया में सबसे बड़ा परमाणु ईंधन उत्पादक संयंत्र होगा। जनरल मैनेजर विश्वैश्वर राव ने बताया कि कार्मिकों के लिए आवासीय कॉम्पलेक्स बन रहा है, जिसे ‘परमाणु ग्राम’ नाम दिया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर स्टेशन के पुनर्विकास कार्य और उत्तर रेलवे क्षेत्र में भारी बारिश के कारण कुल तीन जोड़ी ट्रेनों का संचालन अक्टूबर तक प्रभावित रहेगा। जोधपुर मंडल के डीआरएम अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि इन तकनीकी कारणों से यात्रियों को वैकल्पिक व्यवस्था का सहारा लेना पड़ेगा। डीआरएम त्रिपाठी ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा से पहले ट्रेन की स्थिति की जांच कर लें, ताकि अनावश्यक परेशानी से बचा जा सके। जैसलमेर-जयपुर लीलण सुपरफास्ट जैसलमेर-जयपुर-जैसलमेर लीलण सुपरफास्ट ट्रेन (12467/12468) 16 सितंबर से 11 अक्टूबर के बीच कुल 19 फेरों में फुलेरा-जयपुर रेलवे स्टेशनों के बीच आंशिक रद्द रहेगी। इस अवधि में ट्रेन का संचालन केवल जैसलमेर-फुलेरा स्टेशनों के बीच ही होगा। डीआरएम त्रिपाठी के अनुसार, उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के क्रम में स्टेशन यार्ड में एयर कॉनकोर्स की स्थापना के फेज प्रथम व द्वितीय के तहत कॉलम, गर्डर और ब्रेसिंग की लांचिंग का कार्य चल रहा है। इस तकनीकी कार्य के कारण ट्रेन नंबर 12467/12468 का संचालन 16, 17, 19, 20, 21, 24, 25 व 30 सितंबर से 11 अक्टूबर तक प्रभावित रहेगा। जम्मूतवी की ओर जाने वाली ट्रेनें बारिश से प्रभावित उत्तर रेलवे के जम्मूतवी मंडल पर अधिक बरसात की वजह से दो जोड़ी ट्रेनों का संचालन 15 अक्टूबर तक फिरोजपुर कैंट से जम्मूतवी स्टेशनों के मध्य आंशिक रद्द किया गया है। इन ट्रेनों में ट्रेन 14803/14804 भगत की कोठी-जम्मूतवी-भगत की कोठी एक्सप्रेस और ट्रेन 19223/19224 साबरमती-जम्मूतवी-साबरमती एक्सप्रेस शामिल हैं। जम्मूतवी मार्ग पर बारिश के कारण ट्रैक की स्थिति खराब होने से सुरक्षा की दृष्टि से इन ट्रेनों को फिरोजपुर स्टेशन तक ही संचालित किया जा रहा है।
उपराष्ट्रपति के लिए कल मंगलवार को मतदान होगा। उसी दिन शाम तक नतीजे घोषित होंगे। इसके साथ ही देश को 50 दिन बाद जगदीप धनखड़ की जगह नया उपराष्ट्रपति मिलेगा। 21 जुलाई को धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने के चलते चुनाव हो रहा है। पिछले दो दशकों में उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत का मार्जिन लगातार बढ़ा है। 2002 में भैरों सिंह शेखावत ने 149 वोट से जीत दर्ज की थी। वहीं, 2022 में धनखड़ ने विपक्ष की मार्गरेट अल्वा को 346 वोट से हराया था। NDA ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन और विपक्षी गठबंधन इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाया है। आंकड़ों में NDA को स्पष्ट बढ़त है। हालांकि संसद में विपक्ष की मजबूती से पिछले दो दशक में पहली बार मुकाबला करीबी हो सकता है। दिल्ली में आज भाजपा सांसदों को उपराष्ट्रपति पद के लिए वोटिंग की जानकारी दी जाएगी। वहीं, इंडिया गठबंधन भी अपने सांसदों को मतदान प्रक्रिया समझाने के लिए मॉक पोल करेगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहयोगी दलों को डिनर भी देंगे। उपराष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों को जानिए... चुनाव का शेड्यूल: सुबह 10 बजे वोटिंग, 6 बजे नतीजेमतदान 9 सितंबर, सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक संसद भवन में होगा। वोटों की गिनती शाम 6 बजे से और तुरंत परिणाम घोषित होंगे।हर सांसद को विशेष पेन से बैलेट पर पहली वरीयता दर्ज करनी होगी। ऐसा न करने पर वोट अमान्य होगा। हर वोट का मूल्य एक समान होगा।2017 में 11 और 2022 में 15 वोट अमान्य हुए थे। नियम: लोकसभा व राज्यसभा के सदस्य देते हैं वोटउपराष्ट्रपति पद के लिए लोकसभा व राज्यसभा के सदस्य वोट देते हैं। हालांकि इसके लिए व्हिप नहीं जारी हो सकती। सभी सांसद पार्टी लाइन पर वोट करें तो एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन के 439 और विपक्ष के रेड्डी के 324 वोट माने जा रहे हैं। हालांकि गुप्त मतदान में क्रॉस वोटिंग दोनों तरफ से समीकरण बिगाड़ सकती है। इसलिए दोनों ओर से पूरी तैयारी की जा रही है। NDA के उम्मीदवार का जीतना तय लोकसभा में कुल सांसदों की संख्या 542 है। एक सीट खाली है। एनडीए के 293 सांसद हैं। वहीं, राज्यसभा में 245 सांसद हैं। 5 सीट खाली हैं। एनडीए के पास 129 सांसद हैं। यह मानते हुए कि उपराष्ट्रपति के लिए नामांकित सदस्य भी एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करेंगे। इस तरह, सत्तारूढ़ गठबंधन को कुल 422 सदस्यों का समर्थन प्राप्त है। बहुमत के लिए 391 सांसदों के समर्थन की जरूरत है। अगस्त 2022 में एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ को 528 वोट मिले थे। वहीं विपक्षी उम्मीदवार मार्गेट अल्वा को सिर्फ 182 वोट मिले थे। तब 56 सांसदों ने वोट नहीं डाला था। 2000 से लगातार बढ़ा जीत का अंतर2002: भैरों सिंह शेखावत (एनडीए) ने सुशील शिंदे (कांग्रेस) को 149 वोट से हराया।2007: हामिद अंसारी (यूपीए) ने नजमा हेपतुल्ला (एनडीए) को 233 वोट से हराया।2012: अंसारी दोबारा निर्वाचित हुए। एनडीए के जसवंत सिंह को 252 वोट से हराया।2017: एनडीए के वेंकैया नायडू ने विपक्ष के गोपालकृष्ण गांधी को 272 वोट से मात दी।2022: धनखड़ ने एनडीए प्रत्याशी के तौर पर मार्गरेट अल्वा को 346 वोट से हराया। सबसे बड़ी जीत डॉ. केआर नारायणन की रही ------------------------- ये खबर भी पढ़ें... भाजपा की वर्कशॉप के समापन सत्र में बोलेंगे मोदी:सभी NDA सांसद शामिल होंगे; उपराष्ट्रपति चुनाव में वोट डालने की ट्रेनिंग दी जाएगी भाजपा सांसदों की दो दिन की वर्कशॉप का आज सोमवार को आखिरी दिन है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि इस दौरान वर्कशॉप में एनडीए दलों के सांसद भी शामिल होंगे और समापन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधन देंगे। पूरी खबर पढ़ें...
ग्रहण ने छीनी चांदनी: साल के आखिरी ग्रहण पर लाल हुआ चंद्रमा
कुरुक्षेत्र | रविवार की रात करीब 10 बजे चंद्रग्रहण शुरू हुआ। कुरुक्षेत्र के आसमान में भी पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखा। रात 11:20 बजे पूरी तरह से लालिमा छा गई। पैनोरमा एवं साइंस केंद्र की तरफ से टेलीस्कोप के साथ यह अद्भुत खगोलीय घटना देखी। पैनोरमा के शिक्षा अधिकारी सुजीत कुमार के अनुसार रविवार को कुरुक्षेत्र के आसमान में बादल छाए हुए थे। बारिश भी हुई थी। इसके चलते यहीं ग्रहण के दौरान लालिमा पूरी चमक से नहीं दिखी। कुरुक्षेत्र में करीब साढ़े 3 घंटे चंद्रग्रहण दिखा। सुजीत के अनुसार जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आती है तो चंद्रग्रहण होता है। इसके 15 दिन बाद अमूमन सूर्यग्रहण भी होता है। इस साल 21 सितंबर को सूर्यग्रहण होगा, लेकिन यह यहां नहीं दिखेगा। फोटो - संजीव राणा।
संकट में मदद करना सिखाता है सनातन धर्म: स्वामी हरिओम दास परिव्राजक
भास्कर न्यूज | कुरुक्षेत्र ब्रह्मा कॉलोनी स्थित श्री शिव शक्ति आश्रम एवं वात्सल्य वाटिका में रविवार को मासिक यज्ञ हुआ। सुबह यज्ञशाला में पंडित प्रेम नारायण अवस्थी द्वारा मासिक यज्ञ अनुष्ठान सम्पन्न कराया गया, जिसमें आश्रम से जुड़े श्रद्धालुओं व लोगों ने आहुतियां दी। इसके बाद इन दिनों उत्तरी भारत विशेषकर पंजाब में आई प्राकृतिक आपदा बाढ़ से हताहत हुए लोगों के प्रति सहानुभूति एवं इस विभीषिका में अपने प्राण गंवा चुके लोगों की आत्मिक शांति के लिए प्रार्थना की गई। स्वामी हरिओम दास परिव्राजक ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की सेवा करने का जहां भी अवसर मिले अवश्य करें, क्योंकि हमारा सनातन धर्म सिखाता है कि संकट में हमेशा मदद करनी है। यज्ञ हमारी संस्कृति है। यज्ञ द्वारा वातावरण शुद्ध होता है। प्रत्येक घर में यज्ञ होना चाहिए। यज्ञ, भारतीय संस्कृति और परंपराओं को आगे बढ़ाना चाहिए। मौके पर सुरेश जोशी, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राजकुमार सैनी, कृष्ण पांचाल, ओमप्रकाश मित्तल, शिक्षाविद रमेश कुमार, स्नेहलता, सुनीता, ओमप्रकाश साम्बली, वरुण यादव, शालू यादव, सीमा जांगड़ा, कशिश अग्रवाल और रीना मौजूद रही।
चंद्रग्रहण में बंद रहे भगवान लक्ष्मी नारायण मंदिर के कपाट
कुरुक्षेत्र | सन्निहित सरोवर स्थित प्राचीन श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के कपाट चंद्रग्रहण पर बंद रहे। मंदिर व्यवस्थापक स्वामी हरिनारायण ने चंद्रग्रहण 12 बजकर 57 मिनट पर लगे सूतक के चलते मंदिर के कपाट विधिवत रूप से बंद किए। फिर चंद्रग्रहण सूतक लगने से पहले मंदिर में भगवान लक्ष्मी नारायण को भोग लगाया गया। मंत्रोच्चारण व शंखनाद के बीच आरती हुई। आरती के बाद कुश तुलसी भगवान के पास रखकर सेन कर दिया गया। चंद्रग्रहण रात्रि 9 बजकर 24 मिनट पर शुरू होकर और मोक्ष रात्रि 1 बजकर 23 मिनट होगा। सोमवार सुबह 4 बजे भगवान को स्नान कराने के साथ आरती व पूजा की जाएगी।
संतोष पासवान बने पूर्वांचल समाज के प्रदेश अध्यक्ष
भास्कर न्यूज | कुरुक्षेत्र पूर्वांचल समाज महासभा हरियाणा का कुरुक्षेत्र में प्रदेश स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ। प्रदेशाध्यक्ष संतोष पासवान की अध्यक्षता में हुए इस सम्मेलन में हरियाणा के विभिन्न जिलों से लगभग 500 कार्यकर्ता शामिल हुए। इस सम्मेलन में भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष साहिल सुधा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। इस दौरान पूर्वांचल समाज के गठन पर नव नियुक्त पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को बधाई दी। सर्वसम्मति से संतोष पासवान को प्रदेश प्रधान, अनिल शास्त्री को उप प्रधान, राजीव राय को महासचिव, श्याम भगत को सहसचिव, देवेंद्र यादव को कोषाध्यक्ष, लाल बहादुर महतो और सुनील शर्मा को सदस्य नियुक्त किया। मुख्यातिथि ने कहा कि पूर्वांचल समाज के लोगों ने अपनी मेहनत के बल पर एक अलग पहचान बनाई है। संतोष पासवान ने पूर्वांचल समाज को एकजुट होने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल समाज हरियाणा का एक प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिलेगा जिसमें इस समाज की कुरुक्षेत्र में धर्मशाला के लिए भूमि एवं आर्थिक सहयोग के अलावा समाज की अन्य मांगें रखी जाएंगी। सम्मेलन में 27 अक्टूबर को होने वाले छठ महोत्सव को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई जिसमें उप प्रधान अनिल शास्त्री और महासचिव राजीव राय ने संबोधित किया। पासवान ने बताया कि दिसंबर माह में लगभग 10 हजार लोगों का सामाजिक महासम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा जिसमें मुख्यमंत्री शिरकत करेंगे।
पिपली मंडी में गुरु मान्यो ग्रंथ चेतना समागम 11 से
कुरुक्षेत्र | परमेश्वर द्वार गुरमत प्रचार सेवा दल कुरुक्षेत्र की ओर से 3 दिवसीय गुरु मान्यो ग्रंथ चेतना समागम का आयोजन पिपली अनाजमंडी में किया जाएगा, जिसमें भाई रणजीत सिंह खालसा गुरु ग्रंथ साहिब का प्रचार करेंगे। निर्भय-निरवैर सेवा दल फाउंडेशन कुरुक्षेत्र के प्रमुख सेवादार सुखदीप सिंह ने बताया कि गुरु मान्यो ग्रंथ चेतना समागम 11 सितंबर से 13 सितंबर तक अनाज मंडी पिपली में रोजाना शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक होगा। समागम के अंतिम दिन 13 सितंबर को शाम 5 बजे बजे अमृत संचार गुरुद्वारा गुरु नानक दरबार रतगल, सेक्टर-7 कुरुक्षेत्र में होगा। फाउंडेशन के सेवादार डॉ. लवप्रीत सिंह ने बताया कि समागम के दौरान तीनों दिन बच्चों एवं युवाओं को दस्तार सजाने (पगड़ी बांधने) का निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही समागम के दौरान तीनों दिन निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर भी लगाया जाएगा। मौके पर गुरविंदर सिंह, दविंद्र सिंह चीमा, गुरमेल सिंह फरल, बलविंदर सिंह अमीन, तरलोचन सिंह, कुलदीप सिंह, प्रीतपाल सिंह खानपुर, मनप्रीत सिंह, गौरव व संदीप मौजूद रहे।
जिले का पहला राजकीय नर्सिंग कॉलेज तैयार
विकास बत्तान | कुरुक्षेत्र 2017 में कुरुक्षेत्र में राजकीय नर्सिंग कॉलेज के बनने की घोषणा ने आखिरकार 8 सालों के बाद गांव खेड़ी रामनगर में साकार रूप ले िलया है। करीब 43 करोड़ रुपए की लागत से जिले का पहला राजकीय नर्सिंग कॉलेज बनकर तैयार है। साढ़े 5 एकड़ के कॉलेज कैंपस में लड़के और लड़कियों के लिए अलग-अलग 52-52 कमरों के हॉस्टल की सुविधा भी मिलेगी। इसके साथ ही प्रिंसिपल और स्टाफ के लिए क्वार्टर भी बनाए गए हैं। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि नर्सिंग कॉलेज की फिनिशिंग का काम बाकी है। इसे करने में महज 15 दिन का समय लगेगा। इसके बाद कॉलेज की बिल्डिंग संबंधित विभाग को हैंड ओवर कर दी जाएगी। जिसके बाद नर्सिंग करने के लिए विद्यार्थियों को जिले से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। 2017 में जब राजकीय नर्सिंग कॉलेज बनाने का काम शुरू हुआ तो इसके लिए 25.58 करोड़ रुपए का बजट रखा गया था, लेकिन कोरोना काल के दौरान कॉलेज का काम रुक गया और बजट कम पड़ गया। ऐसे में एचएसवीपी की ओर से कॉलेज निर्माण के लिए सप्लीमेंट्री बजट की मांग की गई। इस बजट के आने के बाद कॉलेज निर्माण का काम पूरा हो गया है। 4 मंजिला प्रशासनिक लेक्चर ब्लॉक, 4 मंजिला 52 कमरों का लड़कों का हॉस्टल, 4 मंजिला 52 कमरों का लड़कियों का हॉस्टल, प्रिंसिपल स्टाफ क्वार्टर, 6 स्टाफ क्वार्टर और एक इलेक्ट्रिक रूम बनाया गया है। पहले फ्लोर पर न्यूट्रीशियन रूम, लेक्चर रूम, नर्सिंग फंक्शन लैब, एचओडी रूम, फैकल्टी रूम, मल्टी पर्पज हॉल प्रोजेक्ट रूम के साथ, दूसरे फ्लोर पर लेक्चर रूम, एचओडी रूम, स्टाफ रूम, लैब, कॉमन रूम, तीसरे फ्लोर पर लाइब्रेरी, पैनट्री, प्री क्लीनिकल लैब, लेक्चर हॉल बनाए गए हैं। नर्सिंग कॉलेज तैयार, फाइनल टच बाकी: एसडीई गांव खेड़ी रामनगर में बन रहे राजकीय नर्सिंग कॉलेज का निर्माण पूरा हो चुका है। केवल फाइनल टच दिया जाना बाकी है। इस काम को हैंडओवर के 15 दिन में पूरा कर लिया जाएगा। विभाग की ओर से अब कॉलेज उद्घाटन के लिए तैयार है। -सुखविंद्र सिंह, एसडीई, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण।
विदेशों से भ्ी परिजनों के नाम डोनर करवा रहे पौधे रोपित
भास्कर न्यूज | कुरुक्षेत्र कुरुक्षेत्र को हराभरा करने में जुटी हरियाणा एन्वायरमेंटल सोसाइटी (एचईसी) 10 साल में 3 हजार से अधिक पौधे धर्मनगरी को हरा-भरा करने को लगा चुकी है। इनमें से 50 फीसदी यानी करीब 1500 पौधे पेड़ बन चुके हैं। जबकि अन्य पेड़ बनने की राह पर हैं। परिवार में जन्मदिवस, विवाह, किरया आदि अवसरों पर परिजन संस्था को डोनर के तौर पर पौधे रोपित करने को आर्थिक मदद करते हैं, संस्था पौधे रोपित करने ट्री-गार्ड से लेकर डोनर की प्लेट तक पौधे पर दर्ज करती है और 5-6 साल तक पौधे की देखरेख संस्था की टीम करती है। संस्था ने अब देश के स्वतंत्रता सेनानियां, प्रसिद्ध हस्तियों के नाम से भी पौधे रोपित करने की मुहिम शुरू की है। एचईसी ने विगत दिनों पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहार वाजपेयी, पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम, देश के प्रसिद्ध उद्योगपति स्वर्गीय रतन टाटा के नाम से भी ब्रह्मसरोवर पुरुषोत्तमपुरा बाग में रुद्राक्ष के पौधे रोपित किए हैं। 2016 में कुरुक्षेत्र में काम शुरू किया था संस्था ने संस्था के संस्थापक व ग्रीन मैन के नाम से प्रसिद्ध 76 वर्षीय प्रो. एसएल सैनी बताते हैं कि यमुनानगर मुकंद लाल नेशनल कॉलेज में पढ़ाने के दौरान एजुकेशनल टूर पर इराक गए थे। वहां हरियाली देखी तो 1991 में हरियाणा एन्वायरमेंटल सोसाइटी की स्थापना की। शुरुआती तौर पर यमुनानगर को हराभरा करने का संकल्प लिया। 2016 में कुरुक्षेत्र में पौधे रोपित करने की सेवा शुरू की। पिपली पैराकीट से पिपली थर्ड गेट तक, ब्रह्मसरोवर, सन्निहित सरोवर, रेलवे रोड, केडीबी रोड, थर्ड गेट आदि जगहों पर करीब 3 हजार पौधे 10 सालों में लगाए जिसमें से 1500 पेड़ बन चुके हैं।
वैष्णो देवी की ट्रेन बहाल, फिर भी कटरा-जबलपुर एक्सप्रेस में वापसी के टिकट नहीं हो पा रहे बुक
परेशानी: पश्चिम मध्य रेल की इस सप्ताहिक ट्रेन को रेलवे ने कर रखा था निरस्त रेलवे ने निरस्त की गई जबलपुर-श्रीमाता वैष्णो देवी कटरा साप्ताहिक एक्सप्रेस (11449-50) को बहाल करने की घोषणा की है। यात्रियों को परेशानी तब हुई जब इस ट्रेन में वापसी की टिकट बुक नहीं हुआ। एक छोर से सीटों की बुकिंग होने और दूसरे छोर से रेल आरक्षण खिड़की पर ट्रेन निरस्त बताने से यात्री असमंजस में है। पश्चिम मध्य रेल की यह ट्रेन जबलपुर-कटरा के मध्य सीधी एकमात्र ट्रेन है। यह ट्रेन कटरा के साथ ही जम्मू, पंजाब एवं हरियाणा के कुछ प्रमुख शहरों को भी सीधा जोड़ती है। रेलवे के अचानक ट्रेन को दो सितंबर से एक अक्टूबर के बीच निरस्त किए जाने से कई यात्री संकट में फंस गए थे। जिन्होंने ट्रेन के 10 सितंबर से पुन: बहाल किए जाने पर राहत की सांस ली, लेकिन अब इस ट्रेन में कटरा से ग्वालियर व जबलपुर के लिए टिकट बुक नहीं होने से यात्री भ्रमित हैं। 5 फेरे किए थे निरस्त, एक फेरे के बाद ही बदला आदेश पंजाब में बाढ़ से जम्मू रेल मंडल के कठुआ-माधोपुर पंजाब रेलखंड की डाउन लाइन पर यातायात भी प्रभावित हुआ। इसके कारण जबलपुर-एसवीडीके एक्सप्रेस के पांच फेरे निरस्त कर दिए गए थे, लेकिन एक फेरा निरस्त करने के बाद ही अगले फेरे से ट्रेन को बहाल करने का निर्णय किया गया। इसके बाद गुरुवार को पश्चिम मध्य रेलवे ने जबलपुर-एसवीडीके ट्रेन को 9 सितंबर एवं एसवीडीके-जबलपुर ट्रेन को 10 सितंबर से पुन: नियमित संचालित करने का निर्देश जारी किए। इस ट्रेन के उत्तर रेलवे ने अपने रिजर्वेशन सिस्टम को अपडेट नहीं किया है, जिसके कारण कटरा-जबलपुर के बीच सीटों का आरक्षण शुरू नहीं हो सकता है।
एचएसईबी का त्रिवार्षिक चुनाव आज
कुरुक्षेत्र | हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड वर्कर यूनियन का त्रिवार्षिक चुनाव सोमवार को सुबह 11 बजे केडीबी रोड स्थित केआर पैलेस में होगा, जिसमें हरियाणा कमेटी से विजय पाल व वेदपाल चुनाव अधिकारी के रूप में मौजूद रहेंगे। यूनिट प्रधान कृष्ण चौहान ने बताया कि इस चुनाव में कुरुक्षेत्र जिले की तीनों यूनिट कुरुक्षेत्र, शाहाबाद व पिहोवा और सभी सब यूनिट के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे।
जेएएच कैंटीन से जो खाना 50 रुपए का वही सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल की कैंटीन से 176 रु. में बेच रहे
गजराराजा मेडिकल कॉलेज (जीआरएमसी) के जेएएच परिसर स्थित सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में कैंटीन के नाम पर ठगी की जा रही है। खुद जेएएच प्रबंधन से सूचना के अधिकार के तहत सामने आई जानकारी के मुताबिक सुपर स्पेशियलिटी कैंटीन को मरीजों को पौष्टिक भोजन देने के लिए खोला गया था। लेकिन होटल की तरह नियम तोड़कर चलाया जा रहा है। इसी कैंटीन के ठेके में मरीजों को 176 रुपए में प्रति मरीज खाना दिया जा रहा है, जबकि जेएएच की कैंटीन में 50 रुपए में प्रति मरीज भोजन मिलता है। खास बात यह कि यह सुपरस्पेशिलिटी अस्पताल के लिए कैंटीन है, जबकि इससे दूसरे विभागों में भी सप्लाई शुरू कर दी गई। यह जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदार टेंडर की शर्तों का पालन नहीं करा पा रहे हैं। सुपरस्पेशलिटी में संचालित कैंटीन का ठेका मोहित सिंह के पास है। इसके पूरे मॉड्यूल को बदलकर जेएएच प्रबंधन ने मरीजों के साथ ग्राहकों के लिए इसे कैंटीन बना दी है। पहले ऑफलाइन टेंडर किया फिर यह मनमानी की। कैंटीन संचालित करने के लिए फर्नीचर भी सरकारी उपलब्ध कराया गया है। इसकी जानकारी डीन डॉ.धाकड़ को भी है, लेकिन इसके बाद भी अब तक कुछ नहीं हुआ है। बड़ा सवाल: किसने तोड़े नियम, जेएएच प्रबंधन इस मामले में क्यों चुप कैंटीन के पूरे मामले में जीआरएमसी से लेकर सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के जिम्मेदार कटघरे में हैं। डीन ने खुद इस कैंटीन का शुभारंभ किया था, लेकिन नियमों को तोड़ा गया। इसके बाद भी किसी ने कार्रवाई नहीं की है। इसके पीछे सांठगांठ के भी संकेत मिल रहे हैं। पिछले साल दिसंबर में हुआ था टेंडर कैंटीन का टेंडर 1.60 करोड़ का निकाला गया था। मरीजों को पौष्टिक भोजन देने के लिए 9ौ दिसंबर 2024 को ऑफलाइन टेंडर हुए। इसमें 11 आवेदन आए, लेकिन टेंडर प्रक्रिया पूरी होने तक आवेदन करने वाले कई आवेदकों को बुलाया तक नहीं गया। कैंटीन को लेकर डीन से भी शिकायतें की, लेकिन इस मामले में कोई एक्शन अब तक नहीं लिया गया है। टेंडर सही, विज्ञप्ति भी निकाली गई ^सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल और जेएएच दोनों अलग हैं। इनका सर्विस कंडीशन और फंड भी अलग हैं। उसी को ध्यान में रखते हुए शासन को जेएएच की किचन के लिए बजट बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा है। सुपर स्पेशलिटी की किचन का ठेका विज्ञप्ति निकालकर किया। सभी कुछ वैधानिक हैं।-डॉ. आरकेएस धाकड़, डीन, जीआरएमसी
एलिवेटेड..:बिजली इंफ्रा के बाद अब गैस लाइन रोड़ा, हटाने को कंपनी 6.35 लाख देगी
दूसरा चरण: लक्ष्मीबाई समाधि स्थल से गिरवाई तक होना है काम दूसरे चरण में बनाए जा रहे एलिवेटेड रोड के काम में अब गैस पाइप लाइन का रोड़ा अटक गया है। अवंतिका कंपनी की ये लाइन मानस भवन से मस्जिद के नजदीक तक करीब 600 मीटर में काम रोके हुए है। इस लाइन के हटने पर यहां काम रफ्तार पकड़ सकेगा। इस लाइन की शिफ्टिंग में आने वाला खर्चा देने के लिए कंस्ट्रक्शन कंपनी पीएनसी इंफ्रा ने सहमति दे दी है। इस काम में 6.35 लाख का खर्च आएगा। अब अवंतिका गैस को लाइन दूसरी जगह शिफ्ट करनी है। इससे पहले यहां काम करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल को लेकर दिक्कत थी। जिसे हटाने व बाद में लगाने का खर्चा कंस्ट्रक्शन कंपनी ने देने की सहमति दे दी, तब इन्हें हटाने की सरकारी प्रक्रिया आगे बढ़ी है। अधिकारियों के अनुसार ये लाइनें शिफ्ट होने के बाद निर्माण कार्य की रफ्तार बढ़ सकेगी। बिजली इंफ्रा हटाने राशि जमा, काम शुरू नहींलक्ष्मीबाई समाधि से गिरवाई तक एलिवेटेड रोड रूट में अड़ंगा बनने वाले बिजली इंफ्रास्ट्रक्चर को भी हटाया जाना है। शिफ्ट में होने वाले खर्च की राशि भी बिजली कंपनी के पास जमा है, लेकिन शिफ्टिंग नहीं होने से काम रुका है। गैस कंपनी को दे दी राशि, अब काम तेजी से होगाफूलबाग पर गैस लाइन के कारण काम धीमा है। इस लाइन को हटाने की सहमति बन चुकी है। गैस कंपनी को राशि भी दी जा रही है। इसकी शिफ्टिंग के बाद काम रफ्तार पकड़ सकेगा। -जोगिंदर यादव, कार्यपालन यंत्री/ सेतु संभाग, पीडब्ल्यूडी
आगरा में यमुना का जलस्तर खतरे के स्तर को पार कर गया है। रविवार दोपहर तक यमुना का पानी गांवों में आया था, लेकिन शाम होते होते यमुना का पानी अब शहर के मुख्य मार्ग पर भी आ गया है। यमुना किनारा हाथी घाट रोड पर यमुना का पानी भर गया। इससे यमुना किनारे के ट्रांसपोर्ट कारोबारी परेशान है। वहीं कैलाश व आसपास के कई गांवों में प्रशासन ने रात तक लोगों को राहत शिविर में भेजा। 500 लोग अब तक पलायन कर चुके हैं। वहीं, कैलाश गांव में पानी भर गया। गांव की बिजली काट दी गई है। दिल्ली, नोएडा मथुरा में बाढ़ ने हालात खराब कर दिए हैं। आगरा में भी अब यमुना विकराल हो गई है। रविवार सुबह यमुना का जलस्तर 499.80 फीट तक पहुंच गया है। इसके चलते यमुना किनारा रोड पर भी यमुना का पानी आ गया। रविवार रात को पानी के बीच से वाहन गुजरते दिखे। लोगों ने बताया कि बेलनगंज में 1978 में बाढ़ में पानी आया था। उसके बाद अब यहां तक पानी आया है। अगर जलस्तर और बढ़ता है तो पानी शहर में घुस जाएगा। इससे परेशानी हो सकती है। मोतीगंज और ट्रांसपोर्ट व्यापारियों में खलबली यमुपा किनारा रोड पर पानी आने से मोतीगंज और ट्रांसपोर्ट व्यापारियों में खलबली है। स्ट्रेची ब्रिज के नीचे दो दिन पहले भी 4 फीट तक पानी भर गया था। यमुना किनारा रोड पर बड़ी संख्या में ट्रांसपोर्ट कारोबारियों के गोदाम हैं। ऐसे में यमुना किनारा रोड पर पानी आने से ट्रांसपोर्ट कारोबारी परेशान हैं। गोदाम में पानी भरने से उनका नुकसान हो सकता है। वहीं, मोतीगंज के व्यापारी भी बाढ़ को लेकर चिंतित हैं। ये है जलस्तर की स्थितिशनिवार सुबह यमुना का जलस्तर 498.91 फीट था, जबकि रविवार सुबह बढ़कर 499.11 फीट हो गया। दिल्ली के ओखला बैराज से दो लाख क्यूसेक व गोकुल बैराज से रविवार सुबह 1.5 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया। यह पानी आगरा की ओर बढ़ रहा था। अनुमान है कि रविवार शाम तक यमुना 500 फीट के स्तर को पार कर जाएगी। ऐसा होने पर तटवर्ती इलाकों में तबाही हो सकती है। बता दें कि यमुना का लो फ्लड लेवल 495 फीट, खतरे का निशान 499 फीट और हाई फ्लड लेवल 557 फीट है। 1978 में हाई फ्लड लेवल तक पहुंचने से आगरा में बाढ़ आ गई थी। कैलाश गांव में घुसा पानीयमुना किनारे के गांवों में पानी घुसने लगा है। कैलाश गांव में पानी भर चुका है। वहीं मनोहरपुर, यमुना से सटे दयालबाग के रिहायशी इलाके और गांव, बटेश्वर में मंदिर श्रंखला तक पानी घुस चुका है। ताजमहल के पीछे एडीए के प्वाइंट तक पानी भर गया है। ताज के पीछे मेहताब बाग में दो फुट तक पानी भर गया है। कैलाश गांव का हालगांव में पानी भरने के बाद अधिकांश लोग अपने घरो से पलायन कर गए हैं। घरों पर ताला लटका है। बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में जो रह गए हैं, वह भी अपना सामान पैक करके जा रहे हैं। कुछ लोगों ने छतों पर डेरा डाल दिया है। रसोई में पानी भर जाने के कारण घरों में खाना नहीं बन पा रहा। ऐसे में बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में जो लोग बचे हैं, उन्हें कुछ लोग खाना पहुंचा रहे हैं। प्रशासन की अपील बच्चों को नदी के पानी में नहाने से रोका जाए।भीड़-भाड़ में बच्चों का ध्यान रखें।बच्चे, महिला एवं बुजुर्ग पानी के किनारे न जाएं।जरूरी कागजात जैसे राशन कार्ड, पासबुक, आधार कार्ड को वॉटरप्रूफ बैग में रखें।सूखे अनाज और मवेशियों के चारे को ऊंचे स्थान पर सुरक्षित रखें।बाढ़ की चेतावनी मिलते ही गर्भवती महिलाओं, बच्चों, वृद्ध, दिव्यांगजन एवं बीमार व्यक्तियों को तुरन्त तहसीलों द्वारा स्थापित बाढ़ शरणालयों में पहुंचाएं।अपने घर पर बिजली का मुख्य स्विच और गैस के रेगुलेटर को बन्द रखें।कुछ लोगों ने छतों पर शरण ली है।कुछ लोगों ने छतों पर शरण ली है। मकानों तक पानी, झोंपड़ियां डूबींदयालबाग से लेकर एत्मादउद्दौला क्षेत्र तक करीब डेढ़ दर्जन कॉलोनियां इस समय बाढ़ के खतरे में हैं। मनोहरपुर में यमुना से 200 मीटर दूर स्थित मकानों तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। कैचमेंट एरिया की झोंपड़ियां बाढ़ के पानी में डूब गई हैं। इसके साथ ही नाले बैक मार रहे हैं।इससे यमुना किनारा रोड, कृष्णा कॉलोनी, मोती महल, घाट बजरिया समेत डेढ़ दर्जन कॉलोनियों तक में यमुना का पानी भर गया है। ताज तक पहुंचा बाढ़ का पानीयमुना में आई बाढ़ का पानी ताजमहल तक पहुंच गया। वहीं मंटोला नाले के बैक मारने से आगरा किला की खाई में चार फीट पानी भर गया है। एत्मादउद्दौला (बेबी ताज) स्मारक के पीछे बने 12 कमरे 5 फीट पानी में डूब गए हैं। ताज व्यू प्वाइंट और मेहताब बाग में पानी पहुंच चुका है।
हिज्ब-उत-तहरीर से जुड़े आरोपी की जमानत खारिज
देशविरोधी गतिविधियों के आरोपी मोहम्मद करीम का जमानत आवेदन कोर्ट ने खारिज कर दिया। विशेष न्यायाधीश (एनआईए) डॉ. मुकेश मलिक ने यह फैसला सुनाया। आरोपी ने तर्क दिया कि वह 838 दिनों से जेल में है। कोर्ट ने अपराध की गंभीरता और जांच पूरी होने का हवाला देते हुए जमानत खारिज कर दी। आरोपी हिज्ब-उत-तहरीर संगठन से जुड़ा था। मामले में 17 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। इनके खिलाफ चालान पेश करने के बाद आरोप तय हो चुके हैं। आरोपी हथियार, विस्फोटक सामग्री इकट्ठा कर रहे थे। उनका धार्मिक लोगों और नेताओं पर हमला करने का इरादा था।
मौसम विभाग:पहली बार 10 जिलों में 1 हजार मिलीमीटर से अधिक बारिश; आज पश्चिम में अलर्ट
प्रदेश में इस सीजन मानसून ने रिकॉर्डतोड़ पानी बरसाया है। मानसून सीजन के 3 महीने 7 दिन बीत चुके हैं और 22 दिन शेष हैं। एक जून से अब तक की अवधि में प्रदेश के 10 जिले ऐसे हैं, जहां एक हजार मिमी से अधिक बारिश हाे चुकी है, जबकि पिछले साल ऐसे 4 जिले ही थे। इस साल टोंक, धौलपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, बारां, बूंदी, झालावाड़, कोटा, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ में एक हजार मिमी से अधिक पानी बरसा है। पिछले साल टोंक, करौली, सवाई माधोपुर और दौसा में ऐसा हुआ था। दूसरी ओर, इस बार अब तक 26 जिलों में असामान्य बारिश, 16 जिलों में सामान्य से अधिक और 1 जिले में 1 सामान्य बारिश दर्ज की गई है। वहीं, सोमवार को पश्चिम राजस्थान में तेज बारिश के आसार हैं। पिछले 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश सांचौर में 210 मिमी दर्ज की गई। माउंट आबू में 32 घंटे में 8 इंच पानी बरसा है। आगे क्या... अब मानसून धीमा पड़ेगा। बाड़मेर, जालोर व जैसलमेर में आज तेज बारिश का अलर्ट है। इसके बाद प्रदेश में एक सप्ताह बारिश की गतिविधियों में गिरावट रहने की संभावना है। बांसवाड़ा में पहाड़ी पर सड़क धंसी, भीलवाड़ा में कार बही, एक की मौत राजस्थान में सामान्य से 69.98% अधिक बारिश प्रदेश में पिछले साल 615 मिमी बारिश हुई थी। इस बार 660 मिमी हो चुकी है। अब तक प्रदेश में सामान्य बारिश 388.51 मिमी रहती है। इससे 69.98% अधिक बारिश हो चुकी है। वहीं, राजधानी जयपुर में सामान्य से 90.16% पानी बरसा है।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ने पहली बार एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) 2025 में जगह बनाकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय श्रेणी में 151–200 बैंड और राज्य विश्वविद्यालय श्रेणी में 51–100 बैंड में स्थान मिला है। इस उपलब्धि पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कुलपति प्रो. पूनम टंडन को बधाई दी। राजभवन में आयोजित समारोह में राज्य के कुल 14 विश्वविद्यालयों को एनआईआरएफ रैंकिंग प्राप्त होने पर सम्मानित किया गया। कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आकर्षित करने, शोध प्रकाशन व पेटेंट को प्रोत्साहन देने, स्कोपस जर्नल में प्रकाशन पर पुरस्कार देने, एलुमनाई और समाज से जुड़ाव बढ़ाने जैसी पहलों ने विश्वविद्यालय को यह स्थान दिलाया है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में विश्वविद्यालय को और ऊँचाइयों पर ले जाने की रणनीति तैयार की जा रही है। इस मौके पर विश्वविद्यालय के प्रतिनिधिमंडल में प्रो. अजय सिंह, प्रो. दिनेश यादव, प्रो. मनीष कुमार श्रीवास्तव और डॉ. रामवंत गुप्ता भी मौजूद रहे।
ट्रैफिक में बाधा बने खंभे और ट्रांसफार्मर हटेंगे
राजधानी में ट्रैफिक सुधारने के लिए जल्द ही उन खंभों और ट्रांसफार्मरों को भी हटाया जाएगा, जो ट्रैफिक में बाधा बन रहे हैं। यह फैसला हाल ही में लिया गया है। ट्रांसफार्मरों को हटाने की जिम्मेदारी बिजली कंपनी को दी जाएगी। इसके अलावा शहर के 16 ब्लैक स्पॉट वाले चौराहा और अन्य स्थानों पर किए जाने वाले काम की डीपीआर पीडब्ल्यूडी और नगर निगम तैयार कर रहे हैं। जरूरी राशि अभी शासन स्तर पर मंजूर होनी बाकी है। इसके अलावा शहर में मुख्य मार्गों के लेफ्ट टर्न और ब्लैक स्पॉट पर भी संबंधित एजेंसी काम करेंगी। अल्पना तिराहे से भारत टॉकीज के बीच जलभराव संबंधी डीपीआर तैयार करवाई गई है। इसकी समीक्षा की जा चुकी है, लेकिन इस निर्माण को करवाने के लिए जरूरी राशि शासन से मंजूर होना बाकी है। भोपाल शहर में नए सिटी सर्विलांस कैमरे लगाने, नए स्मार्ट पार्किग स्पेस विकसित करने का भी निर्णय लिया गया है। इसके लिए भी शासन से राशि स्वीकृत होने का इंतजार है।
मंत्री से बोले संविदाकर्मी- 20 साल से काम कर रहे, अब तक नियमित नहीं हुए
प्रदेश में 2023 की संविदा नीति लागू करने को लेकर संविदा कर्मचारी सक्रिय हो गए हैं। रविवार को संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ का प्रतिनिधि मंडल स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह से मिला और राज्य शिक्षा केन्द्र के संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की मांग की। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि 22 जुलाई 2023 को सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों के लिए संविदा नीति जारी की थी। इसमें नियमितीकरण, ग्रेच्युटी, अनुकंपा नियुक्ति और नियमित कर्मचारियों की तरह अवकाश देने का प्रावधान था। राज्य शिक्षा केन्द्र में कई कर्मचारी 20-25 साल से काम कर रहे हैं। अधिकांश ओवरएज हो चुके हैं, कुछ रिटायर और दिवंगत भी हो गए, लेकिन आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली। डाटा एंट्री ऑपरेटर, एमआईएस कॉर्डिनेटर, अकाउंटेंट, जेंडर समन्वयक, सहायक वॉर्डन और प्रोग्रामर का ग्रेड पे कम कर दिया गया। इन सभी मांगों को लेकर मंत्री को पत्र दिया गया है।
आईटी रेड में हवाला कनेक्शन का इनपुट, एक करोड़ कैश और 900 ग्राम जेवर सील
पिछले हफ्ते कंपनी के 24 ठिकानों पर मारे थे छापे इनकम टैक्स ने साइंस हाउस और उनकी सहयोगी कंपनियों के ठिकानों पर मारे गए छापे के दौरान हवाला कनेक्शन के इनपुट भी मिले हैं। इस इनपुट के बाद इनकम टैक्स हवाला कनेक्शन खंगालने में जुटेगा, ताकि इस नेटवर्क का भी खुलासा हो सके। टीम ने चार दिन चली कार्रवाई के दौरान साइंस हाउस ग्रुप के डायरेक्टर शैलेंद्र तिवारी के यहां से करीब एक करोड़ रुपए नकद, और 900 ग्राम जेवरात जब्त किए हैं। छापे की कार्रवाई शनिवार को खत्म हो गई। बोगस बिलिंग के आरोप में इनकम टैक्स ने साइंस हाउस समेत भोपाल, इंदौर और मुंबई में करीब 24 ठिकानों पर मंगलवार तड़के छापे मारे थे। छापे के लिए भोपाल से बाहर के ठिकानों पर गए कई अफसर रविवार सुबह तक जांच खत्म कर मुख्यालय लौटे हैं। बोगस बिलों पर भुगतान लेने के लिए फर्जी कंपनियों को आधार बनाया गया है। दावा है कि जांच पूरी होने के बाद पूरे मामले की रिपोर्ट सीबीडीटी को सौंपी जाएगी। कंपाइल रिपोर्ट के आधार पर संबंधित व्यक्तियों को अलग से पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। सबसे अधिक गड़बड़ी बोगस बिलिंग के जरिए की गई। इसके लिए विदेश से भी कम कीमत के मेडिकल उपकरण मंगवाकर मप्र में उन्हें ज्यादा कीमत में देने की जानकारी सामने आई है। जल्द ही टीम बोगस बिलिंग के आधार पर नोटिस जारी कर संबंधितों से सवाल-जवाब भी करेगी।
जहां चाह-वहां राह। मालथौन विकासखंड में हड़ली गांव के 40 वर्षीय किसान रामराजा लोधी ने यही चाह दिखाई और दूसरे किसानों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए। ढाई किमी दूर नदी से न सिर्फ खुद के खेत तक पानी लाए बल्कि दूसरे किसानों को भी सिंचाई का पानी उपलब्ध करा रहे हैं। किसान रामराजा ने बताया, हमारे खेत गांव से ढाई किमी दूर हैं। वहां मेरी 20 और परिवार की 100 एकड़ जमीन है। पांच साल पहले तक हम फसल के लिए बारिश पर निर्भर थे। दो कुएं खुदवाए, पांच बोर भी कराए लेकिन पानी नहीं निकला। इंतजाम करने में लग गए 2 सालरामराजा बताते हैं, मेरे गांव से नदी निकल रही थी। बांध बना तो वहां से खेत तक पानी लाने के लिए मैंने 3.20 लाख रुपए में 20-20 फीट के 400 पाइप खरीदे। एक लाख रुपए में 2 मोटरें और बिजली केबल लाया। यह इंतजाम करने में 2 साल लग गए। बिजली के दो स्थाई कनेक्शन लिए। बिजली कंपनी से 2 ट्रांसफॉर्मर लगवाए। नियमानुसार अनुमति मिलने के बाद 2 जगह से पानी लिफ्ट करना शुरू किया। पाइपलाइन जिन 15 किसानों के खेतों से गुजर रही है, उन्हें भी सिंचाई के लिए पानी दे रहा हूं। इनके अलावा भी जिन्हें जरूरत होती है, उन्हें पानी देता हूं। मुझे देखकर इलाके के 20 किसानों ने भी यही तरीका अपनाया और पानी लिफ्ट कर सिंचाई कर रहे हैं। एक बार के खर्च में उपज 3 गुना बढ़ गईरामराजा ने बताया, 5 साल पहले एक एकड़ में 8 क्विंटल गेहूं हो रहा था, अब 22 से 25 क्विंटल हो रहा है। चना प्रति एकड़ 5-6 क्विंटल के बजाय 10-12 क्विंटल हो रहा है। यह सिंचाई से ही संभव हुआ है। खुद सिंचाई करते हैं तो अतिरिक्त खर्च भी नहीं आता। पहले एक एकड़ में बोवनी पर 40-50 किलो गेहूं के 1000 से 1250 रुपए, खाद के 1200 रुपए, जुताई के 500 रुपए, बुवाई के 600 रुपए, कटाई के 2500 रुपए सहित 5600 से 5850 रुपए खर्च होते थे। उपज 8 क्विंटल निकलती थी। अब केवल एक बार के उसी खर्च में उपज 3 गुना बढ़ गई है। इससे मुनाफा बढ़ गया है। पहले एक या दो फसल ही ले पाता था। आप भी भेज सकते हैं अपने नवाचारआप भी किसान हैं और खेती में ऐसे नवाचार किए हैं जो सभी किसान भाइयों के लिए उपयोगी हैं, तो डिटेल व फोटो-वीडियो हमें अपने नाम-पते के साथ 9685881032 पर सिर्फ वॉट्सऐप करें। ध्यान रखें, ये नवाचार किसी भी मीडिया में न आए हों।
उज्जैन में शनिवार को शिप्रा नदी में कार गिरने से लापता हुए 3 पुलिसकर्मियों में से 2 की तलाश अब भी जारी है। रविवार को 24 घंटे बीतने के बाद भी रेस्क्यू टीमें एसआई मदनलाल निमामा और कॉन्स्टेबल आरती पाल को तलाश नहीं सकी। इससे पहले रविवार सुबह करीब 8 बजे उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा की डेडबॉडी घटना स्थल से 4 KM दूर मिली थी। इसके बाद रेस्क्यू अभियान तेज किया गया। लेकिन, सुबह से शाम तक सर्चिंग के बावजूद न तो कार मिल पाई, नहीं दोनों पुलिसकर्मी का कोई पता चल सका। शाम के बाद अंधेरा होने के चलते रेस्क्यू बंद कर दिया गया। अब आज सोमवार को सुबह फिर एसआई और आरक्षक को खोजने के लिए अभियान शुरू होगा। जिसमें NDRF के 30 और होमगार्ड के 20 से अधिक और शिप्रा तैराक दल के करीब 22 लोग जुटेंगे। एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया- तीनों पुलिसकर्मी शनिवार को उज्जैन से चिंतामन के लिए निकले थे। वे एक लड़की के लापता होने के मामले की जांच करने जा रहे थे। इसी दौरान उनकी कार पुल से अनियंत्रित होकर शिप्रा में जा गिरी। मृतक थाना प्रभारी के परिवार को जल्द अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। पेंशन सहित अन्य सरकारी कार्य में मदद करने का पूरा प्रयास करेंगे। थाना प्रभारी का किया अंतिम संस्कारइधर, हादसे में मृत थाना प्रभारी अशोक शर्मा का रविवार को चक्र तीर्थ घाट पर अंतिम संस्कार किया गया। यहां एडीजी उमेश जोगा, एसपी प्रदीप शर्मा सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। बड़े बेटे दर्श शर्मा ने उन्हें मुखाग्नि दी। कॉन्स्टेबल आरती चला रही थी कार एसपी प्रदीप शर्मा के मुताबिक- उन्हेल थाना इलाके से दो दिन पहले 14 साल की लड़की गुमशुदा हो गई है। इसी मामले में तीनों पुलिसकर्मी चिंतामन की तरफ जा रहे थे। सफेद कलर की कार कॉन्स्टेबल आरती पाल चला रही थीं। यह कार आरती की ही थी। 41 साल की आरती की शादी नहीं हुई थी। 6 माह पहले ही उनके भाई की मौत हुई है। देखिए, रेस्क्यू अभियान की तस्वीरें... बहाव तेज होने से सर्चिंग में परेशानीजानकारी के मुताबिक, शनिवार रात ब्रिज के पास एएसआई लोकेश सिंह तोमर तैनात थे। इसी दौरान सफेद रंग की कार पुल पर पहुंचते ही असंतुलित हुई। रेलिंग नहीं होने से कार नीचे नदी में जा गिरी। पानी का बहाव इतना तेज था कि नदी में गिरते ही कार डूब गई। सूचना मिलते ही एसपी प्रदीप शर्मा, निगमायुक्त अभिलाष मिश्रा, अपर आयुक्त संतोष टैगोर, एसडीईआरएफ, होमगार्ड, नगर निगम की टीमें मौके पर पहुंचीं। रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि कार ब्रिज के लेफ्ट साइड से नीचे गिरी। नदी पुल से करीब 12 फीट नीचे है। यह खबर भी पढ़ें...उज्जैन में एसआई-कॉन्स्टेबल को तलाश रही टीम उज्जैन में शिप्रा नदी में कार गिरने से लापता हुए तीन पुलिसकर्मियों में से एक का शव मिल गया है। उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा की डेडबॉडी सुबह करीब 8 बजे स्पॉट से 4 किलोमीटर दूर मिली। पूरी खबर यहां पढ़ें...
इंदौर में गैंगस्टर सलमान लाला की सोशल मीडिया पर 70 से ज्यादा फेंक आईडी चल रही है। यह बात सलमान के चाचा जावेद ने उसकी मौत के बाद कही थी। जावेद ने यह भी कहा था कि लोगों ने उसे गैंगस्टर बना दिया। सलमान की फ्रेंड फाॅलोइंग सोशल मीडिया पर काफी थी। उसकी मौत के बाद भड़काऊ पोस्ट और वीडियो लोगों ने पोस्ट किए थे। अब क्राइम ब्रांच ने ऐसे 35 आईडी की जानकारी निकाली है। जिन पर अब कार्रवाई की जा रही है। वहीं साइबर की टीम ने सोशल मीडिया से इसे हटवाने का काम भी शुरू किया है। केस दर्ज करने की तैयारीएडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया के मुताबिक इस मामले में कुछ सोशल मीडिया अकाउंट चलाने वाले लोगो पर एफआईआर की तैयारी की जा रही है। जिसमें इंदौर बंद के साथ उसे धर्म संप्रदाय जैसा गलत माहौल बनाने की बात की गई। हालांकि, उनकी टीम ने कुछ सोशल मीडिया अकाउंट से इसे हटवाया है। लेकिन, इन अकाउंटों की पहचान होने में अभी काफी समय लगेगा। जिसमें कार्रवाई की जाएगी। जिसमें एक्टर और उसे लाला को हीरो बताने वाली युवतियों पर कार्रवाई होना निश्चित है। सलमान ने सिपाहियों को देखकर अंधेरे में छलांग लगा दी थीक्राइम ब्रांच के अफसरों के मुताबिक, सलमान लाला एमडी ड्रग मामले में फरार चल रहा था। उसके बारे में क्राइम ब्रांच को कई दिनों से सूचना मिल रही थी। जानकारी मिली कि वह जमानत के बाद अपने भाई को लेने स्कॉर्पियो से सागर पहुंचा है। क्राइम ब्रांच की टीम जेल से ही उसके पीछे थी। शुक्रवार रात करीब 2 बजे इंदौर-सीहोर हाईवे पर एक तालाब के पास सलमान ने पेशाब करने के लिए अपनी स्कॉर्पियो रुकवाई, तभी पुलिस के निजी वाहन से सिपाही उसे पकड़ने उतरे, तो सलमान ने सिपाहियों को देखकर अंधेरे में छलांग लगा दी। सलमान लाला को दो दिन तक स्थानीय पुलिस तालाब और उसके आसपास तलाशती रही। पुलिस को लगा कि वह अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया है, लेकिन रविवार 31 अगस्त को दोपहर उसका शव पानी के ऊपर आ गया। सलमान के लापता होने के बाद उसके परिचित मीडिया में उसकी जानकारी तलाश रहे थे, जबकि क्राइम ब्रांच के अफसर उसके फरार होने की आशंका जता रहे थे। दुर्लभ कश्यप जैसा नेटवर्क खड़ा कर रखा थालमान लाला ने उज्जैन के बदमाश दुर्लभ कश्यप की तरह नेटवर्क खड़ा कर रखा था। उसकी इंस्टाग्राम पर करीब 2 दर्जन फर्जी आईडी उसके परिचित युवक-युवती चला रहे थे। इनमें वह सलमान को गैंगस्टर बताने के साथ ही उसके कई वीडियो पुलिस कस्टडी के डालते थे। क्राइम ब्रांच ने इस मामले में दो साल पहले कार्रवाई की थी, जिसमें सलमान के साथियों को पकड़कर उसकी कई फर्जी आईडी डिलीट कराई गई थीं। यह खबर भी पढ़ें...इंदौर के गैंगस्टर को बताया किंग, पोस्टर को लेकर मारपीट इंदौर के गैंगस्टर सलमान लाला की मौत के बाद उसके फैन सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं। वे सलमान का भला आदमी बताते हुए डूबने से मौत पर सवाल उठा रहे हैं। इसी बीच गुना में नया मामला सामने आया। यहां एक शख्स ने गैंगस्टर सलमान लाला के पोस्टर लगाए दिए। पूरी खबर यहां पढ़ें...
पन्ना में चार टॉकीज कुमकुम, मैनका, टपरा और एक छोटी वीडियो टॉकीज थीं। हम अक्सर कुमकुम टॉकीज में फिल्म देखने जाया करते थे। वहां बड़े-बड़े पोस्टर लगते थे। साइकिल से निकलते समय लगता था कि काश एक दिन यहां मेरा पोस्टर लगे और लोग मेरी फिल्म देखने आएं। जब मैंने फिल्मों में काम करना शुरू किया, तब तक सभी टॉकीज बंद हो चुकी थीं। ये ख्वाब अधूरा रह गया। यह कहना है रंगमंच और बॉलीवुड के कलाकार इश्तियाक खान का, वह रविवार को बुंदेली समागम कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भोपाल पहुंचे। इस दौरान उन्होंने दैनिक भास्कर के साथ खास बातचीत भी की। जिसमें उन्होंने बॉलीवुड के अलावा अपने रंगमंच और बचपन से जुड़ी कई यादों के बारे में बताया। जिम्मेदारियों का बोझ और ऑमलेट का ठेलाइश्तियाक का सफर सिर्फ सपनों से नहीं बना, बल्कि उसमें संघर्ष और जिम्मेदारियों का बड़ा हिस्सा रहा। वे कहते हैं कि पिताजी जल्दी चले गए थे। मां और भाई-बहनों की जिम्मेदारी मेरे कंधों पर थी। परिवार को संभालने के लिए मैंने कई काम किए। ठंड के दिनों में ऑमलेट का ठेला लगाया, क्योंकि उस समय अंडे ज्यादा बिकते थे। कभी छोटे-मोटे काम करके घर चलाया। परिवार को संभालते हुए पढ़ाई और थिएटर करना मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती थी। लेकिन यही जिम्मेदारियां मुझे मजबूत भी बनाती चली गईं।' रंगमंच की ओर पहला कदमपन्ना जैसे जिले में थिएटर के लिए कोई संसाधन नहीं थे। न कोई बड़ा मंच, न हॉल और न ही ऐसी लाइब्रेरी, जहां से नाटक पढ़ सकें। ऐसे माहौल में थिएटर करना बहुत कठिन था। इश्तियाक कहते हैं कि हम सीखने के लिए सागर, भोपाल और अलकनंदन जी जैसे थिएटर गुरुओं के पास जाते थे। पैसे की भी समस्या थी, लेकिन सीखने की भूख उससे बड़ी थी। कभी पैदल, कभी साइकिल, तो कभी किसी से मदद लेकर हम पहुंचते थे। असली संघर्ष यही था नाटकों को पढ़ना और उन्हें मंच पर उतारना। एनएसडी में किरदार की आत्मा को जियानेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) ने इश्तियाक के करियर को दिशा दी। वहां उन्होंने न सिर्फ अभिनय सीखा, बल्कि रंगमंच और साहित्य की गहरी समझ भी हासिल की। वे बताते हैं कि एनएसडी में आपको पूरी दुनिया का साहित्य, अलग-अलग निर्देशक और नाटक देखने को मिलते हैं। इतनी बड़ी लाइब्रेरी, इतना बड़ा मंच और रोशनी का खेल मैंने पहली बार वहीं देखा। लगता था जैसे ये जगह कभी खत्म ही नहीं होगी। वहां रहकर सीखा कि अभिनय सिर्फ डायलॉग बोलना नहीं है, बल्कि किरदार की आत्मा को जीना है। वहीं से मेरी सोच और अभिनय की दिशा बदली। फिल्मों के पोस्टर से कहानियां गढ़नाबचपन के दिनों में फिल्में देखना आसान नहीं था। तब इश्तियाक और उनके दोस्त टॉकीज़ के बाहर लगे पोस्टरों से ही कहानी गढ़ लेते थे। हम पोस्टर देखकर ही अंदाजा लगाते कि फिल्म की कहानी क्या होगी। मोहल्ले के बच्चों को बताते कि ये हीरो है, ये विलेन है और कहानी ऐसी चलेगी। अखबार के संडे एडिशन से रंगीन पन्ने काटकर उनसे कार्टून फिल्म बनाते और बच्चों को दिखाते। कह सकते हैं कि वहीं से मेरी पहली ‘फिल्म मेकिंग’ शुरू हुई थी। मशहूर डायलॉग और दर्शकों की फरमाइशइश्तियाक खान को असली पहचान फिल्म फंस गए रे ओबामा से मिली। उनका मशहूर डायलॉग आज भी लोग उन्हें याद दिलाते हैं कि “Hello you long hair and lanky fellow… Stand up!” इश्तियाक मुस्कुराते हुए कहते हैं कि च्छा भी लगता है, लेकिन कभी-कभी बोर भी कर देता है। लोग बार-बार वही डायलॉग सुनवाते हैं। फिर भी मैं हंसते हुए कह देता हूं, क्योंकि दर्शकों का प्यार ही सबसे बड़ी उपलब्धि है। किरदार बड़ा या छोटा नहींइश्तियाक खान ने जॉली एलएलबी, तामाशा, भारत, लूडो, भूलचूक माफ जैसी फिल्मों में अभिनय किया। उनके छोटे-छोटे रोल भी दर्शकों के दिल में जगह बना जाते हैं। वे कहते हैं कि किरदार बड़ा या छोटा नहीं होता, बस उसे ईमानदारी से निभाना चाहिए। अगर कहानी में किरदार की अहमियत है, तो लोग जरूर उसे याद रखेंगे। मेरे लिए यह मायने नहीं रखता कि स्क्रीन टाइम कितना है, बल्कि यह जरूरी है कि मैं उस रोल को कितनी सच्चाई से निभा पा रहा हूं। कैरेक्टर में फिट बैठते हैं तो रोल मिल जाता हैइश्तियाक खान का मानना है कि फिल्म इंडस्ट्री में धर्म या बैकग्राउंड की जगह टैलेंट और फिटिंग ज्यादा मायने रखती है। यहां कोई नहीं देखता कि आप एनएसडी से आए हैं या कहीं और से। अगर कैरेक्टर में फिट बैठते हैं तो रोल मिल जाता है। जरूरी यह है कि आप किरदार को पूरी ईमानदारी से निभा सकें। जानिए, कौन हैं इश्तियाक खानइश्तियाक खान पन्ना (मध्य प्रदेश) के रहने वाले हैं। उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से प्रशिक्षण प्राप्त किया और रंगमंच तथा फिल्मों में अपनी प्रतिभा साबित की। वे ‘फंस गए रे ओबामा’, ‘जॉली एलएलबी’, ‘तामाशा’, ‘भारत’, ‘लूडो’ और हाल ही में आई ‘भूलचूक माफ’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय के लिए प्रसिद्ध हैं। इश्तियाक अपनी कॉमिक टाइमिंग, सहज अभिनय और किरदारों के प्रति निष्ठा के लिए जाने जाते हैं।
बहादुरगढ़ के भापड़ौदा गांव निवासी प्रमोद को एसटीएफ की यूनिट ने गिरफ्तार किया है। वह विदेश में बैठकर गैंग चला रहे नजफगढ़ के कुख्यात गैंगस्टर कपिल सांगवान उर्फ नंदू से लिंक रखने के आरोप में पकड़ा गया। गिरफ्तारी के दौरान 10 लाख 50 हजार रुपए बरामद किए गए, जिन्हें नंदू द्वारा गैंग मेंबर्स की मदद और प्रॉपर्टी निवेश के लिए भेजा गया था। अदालत में पेशी और जेलएसटीएफ प्रवक्ता ने बताया कि प्रमोद को शनिवार को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। आरोपी की पत्नी गांव की सरपंच है। नंदू गैंग से जुड़े अन्य आरोपीइसके पहले नंदू गैंग से जुड़े छह अन्य आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें दीपक, योगेंद्र, अंकित, मुकेश (जेल वार्डन), जयबीर और विकास शामिल हैं। मुकेश दिल्ली की मंडोली जेल में कर्मचारी है, जिस पर आरोप है कि उसने नंदू के साथियों को जेल में गैरकानूनी सुविधाएं उपलब्ध कराई। धमकी देकर शराब के ठेके कब्जाने का मामलाएसटीएफ प्रवक्ता ने बताया कि बादली थाना क्षेत्र में धमकी देकर शराब के ठेके कब्जाने के मामले में केस दर्ज किया गया था। इसी मामले में प्रमोद और अन्य आरोपितों की संलिप्तता सामने आई। पांच आरोपियों को पहले रिमांड पर लिया गया, जिनमें से चार को शनिवार को प्रमोद के साथ अदालत में पेश किया गया।
हिसार जिले के गांव बालसमंद में स्थित चौधरी भजनलाल राजकीय महाविद्यालय की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। कॉलेज शुरू हुए सात साल हो चुके हैं, लेकिन अभी तक इसकी अपनी बिल्डिंग का निर्माण नहीं हो सका है। सरकार ने कॉलेज के लिए 30 करोड़ रुपए की घोषणा की थी। पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वर्चुअल कार्यक्रम में बिल्डिंग की नींव भी रखी थी। बावजूद इसके निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका। वर्तमान में कॉलेज प्राइमरी स्कूल के कमरों में चल रहा है। छात्र संख्या में गिरावटसुविधाओं की कमी का असर छात्र संख्या पर भी पड़ा है। एक समय कॉलेज में 500 से अधिक विद्यार्थी थे, जो अब घटकर 192 रह गए हैं। कॉलेज के नामकरण को लेकर विवाद कॉलेज के नामकरण को लेकर भी विवाद रहा। कुछ संगठनों ने विरोध किया और डीआरओ को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कॉलेज का नाम किसी शहीद, सावित्रीबाई फुले या डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नाम पर रखने की मांग की। ग्रामीणों ने कई बार की गुहारपिछले सात साल से ग्रामीण बिल्डिंग बनवाने के लिए मंत्रियों और विधायकों सहित अन्य सत्ताधारियों के सामने गुहार लगा चुके हैं। इसमें पूर्व सीएम मनोहर लाल और वर्तमान सीएम नायब सैनी, शिक्षा मंत्री सहित अन्य नेताओं को भी लिखा गया। फीस देने के बावजूद सुविधाओं का अभावकॉलेज में दाखिले के समय पूरी फीस जमा करने के बाद भी विद्यार्थी सुविधाओं की कमी के कारण दाखिला लेने में हिचकिचाते हैं। वर्तमान में कॉलेज में कमरों की कमी, खेल मैदान और अन्य बुनियादी परेशानियां बनी हुई हैं। निर्माण प्रक्रिया में देरी का कारणकॉलेज के बीएंडआर के एक्सईन गौरव जैन ने बताया कि उच्चतर शिक्षा विभाग ने पहले नक्शा फाइनल किया था। उसके आधार पर रफ एस्टीमेट भी तैयार किया गया, लेकिन विभाग ने नक्शा खारिज कर दिया। अब नया नक्शा भेजा गया है। इसकी मंजूरी मिलने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्राइमरी स्कूल के बच्चे प्रभावितकॉलेज के लिए प्राइमरी स्कूल के भवन में कक्षाएं चल रही हैं। 106 बच्चे को पास के अन्य स्कूल में पढ़ने के लिए भेजा गया। मौजूदा पांच कमरे भी गिरने की हालात में हैं।
स्मार्ट मीटर का विवादबढ़ा:अब हर सर्कल में 10 चेक मीटर अनिवार्य
ऊर्जा विभाग ने स्मार्ट मीटर तेज चलने की बढ़ती शिकायतों और विरोध प्रदर्शनों के बीच नया आदेश जारी किया है। अब हर सर्कल में 10 चेक मीटर अनिवार्य होंगे। जिन उपभोक्ताओं को शिकायत है, उनके घर 24 घंटे के लिए चेक मीटर लगाया जाएगा और उपभोक्ता की मौजूदगी में पंचनामा बनाकर निपटारा किया जाएगा। पहले कुछ मामलों में 15 दिन तक चेक मीटर लगाए जाते थे। भोपाल सिटी सर्कल में अब तक 2.10 लाख स्मार्ट मीटर लग चुके हैं, जिनमें से 1.30 लाख पुराने शहर के संवेदनशील इलाकों में लगाए गए हैं।
सफाई का जज्बा:500 से ज्यादा कर्मचारी और 700 वालिंटियर्स ने मिलकर संभाली व्यवस्था
खटलापुरा समेत सभी 7 घाटों की सफाई भी इसी तरह हुई शहर में इस बार प्रेमपुरा समेत 7 स्थाई घाटों और वार्डों में बनाए 33 अस्थाई कुंडों में 76 हजार से ज्यादा छोटी-बड़ी गणपति प्रतिमाओं का विसर्जन हुआ। सोमवार तक विसर्जन चलता रहेगा। इस बार अधिकांश बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन सुबह 9 बजे तक पूरा हो गया। इसमें चल समारोह की 164 प्रतिमाएं भी शामिल थीं। निगम के 500 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी शनिवार से मुस्तैद रहे। नतीजा ये हुआ कि विसर्जन के आधे घंटे बाद 9:30 बजे तक ही पूरे घाट पहले की तरह चकाचक हो गए। इस दौरान करीब 40 टन फूल, कपड़े और पूजन सामग्री निकली। इसके अलावा घरों से भी 8 से 10 टन पूजन सामग्री निकली। इसे भी सुबह 10 बजे के पहले ही विसर्जन घाटों से अलग-अलग एकत्रित कर आरआरआर तक पहुंचा दिया। विभिन्न विसर्जन स्थलों पर नगर निगम के अमले के साथ लगभग 700 वालिंटियर्स लगाए गए थे। इन्होंने गणेश प्रतिमा के साथ फूल और अन्य सामग्री अलग-अलग करने में मदद की और विसर्जन के बाद घाटों की सफाई में जुट गए। झील संरक्षण प्रकोष्ठ के एएचओ एएचओ संदीप ठाकुर ने बताया कि हर घाट पर तीन शिफ्ट में कुल 110 कर्मचारी लगाए गए। इसके अलावा 182 गोताखोर भी तैनात थे। इन लोगों ने मिलकर प्रतिमा विसर्जन और उसके बाद घाट की सफाई और पूजन सामग्री व निर्माल्य का सेग्रीगेशन किया। अस्थाई कुंड बढ़ाए, इससे आसान हुआ विसर्जन अस्थाई कुंडों और घरों से भी इस बार करीब 10 टन पूजन सामग्री जमा हुई। इसे रात में ही आरआरआर (रिड्यूस, रियूज, सिराइकल) सेंटर तक पहुंचा दिया गया। इस सामग्री से अलग-अलग सामान बनाया जाएगा। महापौर मालती राय ने बताया कि इस बार अस्थाई घाटों की संख्या 25 से बढ़कर 33 की गई। लोगों को साफ और निर्मल जल कुंड बनाकर दिए। इससे कुंडों पर अधिक लोग पहुंचे। विसर्जन घाटों पर सोमवार तक पूरा अमला रहेगा। जो भक्त प्रतिमा लेकर आएंगे, उन्हें विसर्जित कराया जाएगा।
मप्र में ड्रग्स लेने वालों के खिलाफ कार्रवाई के संबंध में पुलिस को अपना रवैया बदलना चाहिए। अब तक हो रही प्रक्रिया के उलट, भविष्य में ड्रग का सेवन करने वालों, खरीदने वालों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज न किए जाएं। इसके बजाए तत्काल पुनर्वास केंद्रों में भेजकर उनका उपचार शुरू करवाया जाए। ताकि, उनका पुनर्वास सुनिश्चित हो सके। यहां भेजने से पहले ड्रग उपभोक्ताओं से विस्तृत पूछताछ करें और ड्रग्स की तस्करी करने वाले सप्लायर्स व उनके नेटवर्क की जानकारी जुटाएं। हाल ही में मप्र पुलिस की नारकोटिक्स शाखा के एडीजी केपी वेंकटेश्वर राव ने यह निर्देश सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों और एडिशनल पुलिस कमिश्नर भोपाल-इंदौर को दिए हैं। एक पत्र के जरिए दिए गए इन निर्देशों में एडीजी ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डिप्टी डायरेक्टर के पत्र का भी हवाला दिया है। इसमें ड्रग लेने वालों पर प्रकरण दर्ज न करने और उन्हें पुनर्वास केंद्र भेजने के निर्देश दिए गए हैं। एडीजी ने पत्र में लिखा है कि ड्रग उपभोक्ताओं से मिली जानकारी के आधार पर ड्रग माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करें और उनकी आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) को तोड़ें। इसलिए अब ड्रग्स का सेवन करने वालों को आपराधिक मानने के बजाए, उन्हें पीड़ित मानकर उनके पुनर्वास पर ध्यान दें। इन निर्देशों का कड़ाई से पालन करें, ताकि मप्र से ड्रग आपूर्ति नेटवर्क को ध्वस्त किया जा सके। 2 लेयर पर ही इन्वेस्टिगेशन खत्म, सरगना आजाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का कहना है कि एनडीपीएस के मामलों में 3 लेयर इन्वेस्टिगेशन जरूरी है, लेकिन अब तक हुई धरपकड़ के बीच ज्यादातर मामलों में पुलिस ड्रग यूजर्स या पैडलर्स तक ही पहुंच पाई हैं। यानी पुलिस का इन्वेस्टिगेशन 2 लेयर पर ही खत्म हो जाता है। भोपाल के दो केस से समझें, क्यों लिया फैसला
जयपुर की यातायात व्यवस्था को आधुनिक और स्मार्ट बनाने की दिशा में पुलिस प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। शहर के 28 प्रमुख मार्गों और चौराहों पर 233 पॉइंट चिन्हित कर 1665 हाइटेक कैमरे लगाने की तैयारी है। इसके लिए यातायात पुलिस ने सर्वे पूरा कर प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। इस प्रोजेक्ट को जयपुर के स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट और सुरक्षित शहर की दिशा में बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। नया सिस्टम 635 एआई-बेस्ड इनफोर्स कैमरे, 570 पीटी-जेड सर्विलांस कैमरे, 50 स्पीड कैमरे और 410 रेड लाइट कैमरे शामिल होंगे। इन सभी कैमरों की मॉनिटरिंग के लिए ट्रैफिक कंट्रोल रूम में एक अत्याधुनिक ट्रैफिक कमांड सेंटर भी स्थापित किया जाएगा। ITMS कैमरों की खासियत यहां लगेंगे कैमरेसीकर रोड -16एक्सप्रेस-वे -15झोटवाड़ा रोड -18अजमेर रोड -10टोंक रोड -17जेएलएन -9परकोटा -21न्यू सांगानेर रोड -16दिल्ली रोड -9आगरा रोड -10गोविंद मार्ग -9वैशाली नगर -10गोपालपुरा -9 एडिशनल कमिश्नर योगेश दाधीच के नेतृत्व में टीमों ने शहर का सर्वे कर कैमरे लगाने के लिए पॉइंट चिन्हित किए हैं। प्रस्ताव सरकार को भेजा जा चुका है।-बीजू जॉर्ज जोसफ, पुलिस कमिश्नर
समग्र आईडी:50% ने नहीं कराई ई-केवाइसी, 3.5 लाख की पेंशन होगी होल्ड!
राजधानी में समग्र आईडी की ई-केवायसी कराने की रफ्तार बेहद धीमी है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में पेंशनधारियों की पेंशन इस महीने से अटक सकती है। सरकार ने साफ किया है कि किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए समग्र आईडी की ई-केवायसी अनिवार्य है। सामाजिक न्याय विभाग ने पेंशनधारियों को 31 अगस्त तक की मोहलत दी थी, लेकिन तय समय तक 3.5 लाख से ज्यादा पेंशनधारियों ने ई-केवायसी नहीं कराई। अब नगर निगम ऐसे पेंशनधारियों की सूची तैयार कर रहा है और उनकी पेंशन होल्ड की जाएगी। ई-केवायसी पूरी कराने पर ही पेंशन फिर से शुरू हो पाएगी। भोपाल में करीब 34 लाख समग्र आईडी मौजूद हैं। इनमें से बड़ी संख्या फर्जी होने की आशंका है। 11 लाख आईडी हट चुकीं भोपाल में 45 लाख समग्र आईडी में से 11 लाख डुप्लीकेट हटाई जा चुकी हैं। अब 34 लाख आईडी बची हैं। इनमें से केवल 15 लाख की ही ई-केवायसी हो सकी है, जबकि 19 लाख आईडी अभी भी लंबित हैं। भोपाल ई-केवायसी की रफ्तार में प्रदेश के 55 जिलों में 40वें नंबर पर है। हर रोज सिर्फ 200 से 300 लोग ही ई-केवायसी करा रहे हैं, जबकि निगम ने अभियान तेज करने के निर्देश दिए थे।
कल चिकन-मटन की दुकानें खोलीं तो 10 हजार रुपए जुर्माना
शहर में मंगलवार को सभी चिकन और मीट शॉप बंद रहेंगी। नगर निगम ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं। निगम के अनुसार 9 सितंबर को पर्यूषण पर्व पर शहरभर की चिकन और मीट शॉप नहीं खुलेंगी। यदि कोई दुकान खोलता है तो उस पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही दुकान को सील भी कर दिया जाएगा। निगम अधिकारियों के मुताबिक आने वाले दिनों में भी कई मौकों पर मीट शॉप बंद रहेंगी। इनमें 2 अक्टूबर गांधी जयंती, 7 अक्टूबर महर्षि जयंती और भगवान महावीर के 2500वें निर्वाण दिवस का दिन शामिल है। इन तारीखों पर भी मीट और चिकन की बिक्री पर रोक रहेगी। एक दिन पहले भी चार इमली क्षेत्र में आदेश के बावजूद दुकान खोली गई थी। इसकी सूचना मिलने पर नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और कार्रवाई की। निगम ने कहा कि भविष्य में भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।
फिजियोथैरेपी... चिकित्सा की ये पद्धति आज लोगों के बीच लोकप्रिय हो रही है। बिना दवा, बिना ऑपरेशन और बिना किसी साइड इफेक्ट के ये ऐसे मरीजों को भी राहत देती है, जो चलने-फिरने से लाचार हो चुके हों।इलाज की यह पद्धति भले ही पिछले कुछ सालों में ज्यादा प्रचलन में आई है, लेकिन इसका इतिहास हजारों साल पुराना है। भागवत पुराण में कुब्जा दासी का जिक्र है, जिसको कूबड़ निकला था। श्रीकृष्ण ने उसके शरीर को सीधा कर उसे स्वस्थ किया। यह फिजियोथैरेपी का ही प्रारंभिक रूप माना जाता है। ग्रीक चिकित्सक हिप्पोक्रेट्स ने 460 बीसी में मसाज और मैनुअल थैरेपी की नींव रखी। 1813 में स्वीडन के पेर हेनरिक ने पहली बार फिजियोथैरेपी को संस्थागत रूप दिया। न कोई दवा, न ऑपरेशन और न साइड इफैक्ट... बीमारी ही नहीं, क्षमता बढ़ाने में भी उपयोगी परंपरागत अखाड़ों में होने वाला व्यायाम भी शामिल बढ़ता जा रहा फिजियोथैरेपी का दायरा भास्कर एक्सपर्ट... दिल्ली के फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. दीपक सूरी और रेलवे अस्पताल भोपाल के डॉ. समर्थ सूर्यवंशी ने अनुसार। 90 फीसदी बीमारियों में कारगर यह पद्धति^90% बीमारियों में फिजियोथैरेपी कारगर है। इसके दुष्प्रभाव नहीं हैं। आईसीयू से खेल मैदान तक इसका दायरा व्यापक है। आईसीयू में भर्ती मरीजों की सांस व मांसपेशियों की ताकत बनाए रखने में और ऑपरेशन के बाद मरीज को जल्दी खड़ा करने में ये मददगार है। लंबे समय तक फायदा होता है।डॉ. सुनील पांडेय, अध्यक्ष, भौतिक चिकित्सक कल्याण संघ
कैथल में घग्गर नदी के बढ़ते जलस्तर ने लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। खेतों में फसलें डूब चुकी है। सड़कों पर 3 से 4 फीट तक पानी जमा हो गया है। न पशुओं के लिए चारा है और न ही दूसरे गांवों में जाने के लिए रास्ता बचा है। गांव मैंगड़ा, मंझेड़ी, भागल, भूसला और रत्ता खेड़ा गांव के इस समय ये हालात हैं। ग्रामीण बोले- गांव भागल और भूसला के बीच घग्गर में 26 फीट से ज्यादा पानी हालांकि, टटियाना बॉर्डर के पास कैथल पटियाला रोड पर घग्गर नदी का जलस्तर 24 फुट से थोड़ा सा ऊपर है, लेकिन भागल और भूसला के बीच में घर पर जो पुल बना है, वहां पर ग्रामीण घग्गर का जलस्तर 26 फीट से भी ऊपर बता रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यहां करीब 25 फीट तक जलस्तर मापने के लिए निशान लगाए गए हैं, लेकिन वे निशान भी अब करीब एक से डेढ़ फुट तक पानी में डूब चुके हैं। हालात इस कदर खराब हैं कि गांव के खेतों में फसलें पूरी तरह डूब चुकी हैं, जो गांव से डेरे ढानियों को जोड़ने वाले रास्ते हैं, उनका गांवों से कनेक्शन कट गया है और रास्ते पानी में डूबे हुए हैं। अभी तक पानी का स्तर बढ़ रहा है। यह भी नहीं पता कि जलस्तर कब तक काम होगा। खाने का सामान व बर्तन लेकर छतों पर चढ़ जाएंगे ग्रामीणों ने यह तक कह दिया कि अगर स्थिति यही रही और घग्गर का जलस्तर बढ़ता रहा तो वे अपने बर्तन व खाने-पीने का सामान लेकर छतों पर चढ़ जाएंगे। वहीं रोष जताते हुए कुछ लोगों ने बताया कि जब खेतों में फसलें जलती हैं तो प्रशासन कभी ड्रोन से तो कभी दूसरे तरीकों से निगरानी करता है, लेकिन जब गांव की आबादी आम जनता और किसानों पर अब आपदा आई है तो प्रशासन के वो ड्रोन भी न जाने कहां गायब हो गए? अधिकारी दे रहे आश्वासन उन्होंने यहां तक कह दिया अधिकारी गांव में मौके का मुआयना करने के लिए आते तो हैं, लेकिन सिर्फ हर बार यही आश्वासन देकर चले जाते हैं कि जल्द ही जलस्तर घटेगा। वास्तव में न तो जलस्तर घट रहा है और न ही उनके गांव को डूबने से बचने के लिए कोई बड़ा कदम उठाए जा रहा है। अब इन गांवों के लोगों ने यह कहा है कि अगर कल तक जल का स्तर और बढ़ा तो वे अपने खाने-पीने का सामान और बर्तन मकान के ऊपर बने कमरों में शिफ्ट करने लग जाएंगे या फिर छतों पर रख लेंगे। गांव के लोग प्रशासन और सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। सड़क पर चार फीट तक पानी गांव मंझेड़ी और मैंगड़ा के बीच सड़क पर करीब चार-चार फीट तक पानी जमा हो गया है। दोनों गांवों का आपसी संपर्क टूट गया है। गांव के लोग अपने जरूरी कार्यों से भी एक से दूसरे गांव में पैदल ही जा रहे हैं। गांव में साइकिल, मोटरसाइकिल अथवा गाड़ी के जरिए जाना बंद हो गया है। नदी का जलस्तर बढ़ ही रहा है। हालात कब सुधरेंगे इसका कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता। फसलें हो चुकी खराब गांव भागल निवासी महावीर पूनिया ने बताया कि उनके गांव में फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी हैं। उनके गांव में घग्गर पर 25 फीट के करीब तक लेवल जांचने के लिए निशान लगाए गए हैं। अब पानी ऊपर जा चुका है। फसलें बचने का कोई रास्ता नहीं है। प्रशासन आता है और फोटो करवाकर चला जाता है, लेकिन काम नहीं हो रहा। रोजाना एक फुट पानी बढ़ रहा गांव मंझेड़ी के निवासी गुरबख्श सिंह ने बताया कि गांव में पानी लगातार बढ़ रहा है। पिछले तीन चार दिन से रोजाना करीब एक फुट पानी बढ़ रहा है। फसलें बिल्कुल खत्म हो चुकी हैं। सड़कों पर पानी जमा होने से गांवों की कनेक्टिविटी खत्म हो गई। एक से दूसरे गांव में साधन आ जा नहीं रहे हैं।
सहारनपुर में मेला गुघाल के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में आयोजित मैजिक शो में अंबाला के जादूगर एसके शर्मा का जादू लोगों के सर चढ़कर बोला। घंटों चले शो के दौरान दर्शक अंत तक जमे रहे। जनमंच प्रेक्षाग्रह में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व मंत्री डॉ.धर्म सिंह सैनी, बृजेश प्रजापति, गौरव चोपड़ा, अनुपम गुप्ता और विश्वनाथ गोयल ने संयुक्त रूप से फीता काटकर व दीप प्रज्जवलित कर किया। इसके बाद जादूगर एसके शर्मा ने मंच पर आकर जादू के ऐसे करतब दिखाए कि दर्शक दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर होकर रह गए। हैरतअंगेज कारनामों के दौरान जादूगर द्वारा जब बालिकाओं को गायब करके दिखाया तो दर्शक हैरान रह गए। यही नहीं उन्होंने संगीत की धुन पर जादू की बारिकियां भी लोगों को समझाई। इस दौरान भाजपा नगर अध्यक्ष शीतल विश्नोई, विधायक राजीव गुंबर, कार्यक्रम संयोजिका रुकमणी, विनोद सैनी आदि रहे। फोटो में देखिए मैजिक शो...
एक्सीलेंस कॉलेजों में जूनियर बने प्राचार्य, हाई कोर्ट ने अवैध बताया
हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस (पीएमसीओई) और शासकीय ऑटोनोमस कॉलेजों में प्राचार्य नियुक्ति की प्रक्रिया को अवैध व अतार्किक बताया है। जस्टिस विवेक जैन की पीठ ने कहा कि 72 कॉलेजों के लिए उम्मीदवारों से सिर्फ दो विकल्प लेना और आगे काउंसलिंग न कराना मेरिट के साथ मजाक है। कोर्ट ने निर्देश दिए कि या तो सभी कॉलेजों के विकल्प लिए जाएं या फिर ओपन काउंसलिंग कराई जाए। यह प्रक्रिया 30 दिन में पूरी करनी होगी। जुलाई-अगस्त 2024 में उच्च शिक्षा विभाग ने प्राचार्य नियुक्तियों के लिए आवेदन लिए थे। एसीआर, रिसर्च और इंटरव्यू के आधार पर मेरिट बनी, लेकिन केवल दो विकल्पों के कारण कई कॉलेजों में जूनियर प्राचार्य बन गए। शेष | पेज 10 पर
आई बैंक सोसायटी ऑफ राजस्थान ने 23 साल में 26 हजार कॉर्निया कलेक्ट कर 16,677 दृष्टिबाधितों को नई रोशनी दी है। 2002 में 76 कॉर्निया मिले थे, वहीं 2025 में 1690 हो चुके। 15 साल में 2020 (कोरोना) में मात्र 783 कॉर्निया कलेक्शन हुआ। 2023 अब तक का सर्वाधिक 3150 हुआ है। किरेटोप्लास्टी के लिए प्रशिक्षित डॉक्टर नहीं होने से 2022 से 2025 तक 3361 कॉर्निया अन्य राज्यों में भेजने पड़े, जो कुल के 33 फीसदी है।
उज्जैन में हादसा:टीआई का शव मिला, 24 घंटे बाद भी एसआई व महिला कांस्टेबल लापता
उज्जैन में शनिवार रात को शिप्रा के बड़े पुल से कार गिर गई। इसमें उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा, एसआई मदनलाल निनामा और महिला कांस्टेबल आरती पाल सवार थीं। रविवार सुबह हादसे से करीब ढाई किमी दूर विक्रांत भैरव के पास टीआई शर्मा का शव मिल गया। हालांकि, देर शाम तक एसआई और महिला कांस्टेबल का पता नहीं चल पाया। बताया जा रहा है कि टीआई शर्मा, कांस्टेबल आरती पाल की निजी कार से नाबालिग अपहरण की रिपोर्ट पर जांच के लिए निकले थे। साथ में एसआई निनामा भी थे। रात 8:53 बजे जूना सोमवारिया होते हुए बड़ा पुल क्रॉस कर रहे थे, तभी कार अनियंत्रित होकर नदी में गिर गई। जिस पुल पर हादसा हुआ, वहां पर कोई बैरिकेडिंग नहीं थी। कार पुल के पिलर से टकराकर नदी में समा गई। माना जा रहा है कि शर्मा कार से बाहर निकल आए थे, लेकिन तेज बहाव ने जान ले ली। एसआई निनामा रतलाम जिले के सैलाना के हैं। उनके दो बच्चे हैं। वहीं, कास्टेबल आरती पाल 2012 में भर्ती हुई। उज्जैन में मां शीला पाल के साथ रह रही थीं। अविवाहित हैं। टीआई 37 साल से सेवा में थेटीआई अशोक शर्मा (58) मूलत: बुलंदशहर, यूपी के निवासी थे। 27 मई 1988 को कांस्टेबल भर्ती हुए और एसआई रहते हुए उन्हेल थाने का प्रभार संभाल रहे थे। परिवार में पत्नी शशि व दो बेटे हैं। एक डॉक्टर है और दूसरा गुड़गांव में नौकरी करता है। एक मई को ही बड़े बेटे की शादी हुई थी, जिसमें कर्नाटक के राज्यपाल भी शामिल हुए थे। अपहरण की लोकेशन मिली, इसलिए जल्दी में थे, सरकारी गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई तो निजी से गए कमल चौहान की रिपोर्ट उन्हेल थाना प्रभारी अशोक शर्मा शनिवार शाम थाने पर थे। इसी दौरान नाबालिग के अपहरण में लोकेशन मिली कि वह उज्जैन चिंतामन क्षेत्र में है। इस पर शर्मा ने एएसआई अंतरसिंह मंडलोई को फोन कर कहा कि महिला कांस्टेबल के साथ चले जाओ। गणेश विसर्जन ड्यूटी में देर हो रही थी। तब शर्मा ने कहा- मैं खुद चलता हूं। थाने से एसआई मदनलाल निनामा को साथ लिया। सरकारी गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई तो महिला कांस्टेबल पाल की नई कार से निकल पड़े। शाम करीब 7:30 बजे थाने से रवाना हुए। टीआई रास्ते में 8:35 बजे घर भी पहुंचे। पत्नी शशि ने पानी पिलाया। बेटे से कहा- स्टाफ नीचे गाड़ी में बैठा है, मैं चिंतामन कार्रवाई के लिए जा रहा हूं, आते समय मिलकर जाऊंगा। सिर्फ पांच मिनट की मुलाकात हुई। मोबाइल भी घर पर छूट गया। रात 8:53 बजे शिप्रा के बड़े पुल से कार नदी में गिर गई। एएसपी गुरुप्रसाद पाराशर के मुताबिक, कार खुद की होने से अनुमान है कि महिला कांस्टेबल ही चला रही होंगी। हादसे की वजह : रेलिंग हटाकर पुल खुला छोड़ा, लाइट नहीं लगाईशिप्रा का 15 फीट चौड़ा पुराना पुल बाढ़ प्रोटोकाल में रेलिंग हटाकर खुला छोड़ दिया गया था। लेकिन वहां रेडियम या लाइट नहीं थी। अंधेरे में कार अनियंत्रित होकर नदी में गिर गई। हादसे के बाद तुरंत लाइट लगाई गई।
रिसॉर्ट मैनेजर बन पर्यटकों की मेजबानी करेंगी 14 आदिवासी महिलाएं
कल तक चूल्हा-चौका संभालने वाली महिलाएं आज रिसॉर्ट मैनेजर बनकर पर्यटकों की मेजबानी करने को तैयार हैं। जमशेदपुर कला मंदिर के प्रयास से घाटशिला प्रखंड की काशिदा पंचायत के चेंगजोरा गांव में 2.5 एकड़ में आदिवासी थीम पर आधारित हेरिटेज रिसॉर्ट तैयार किया गया है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां का पूरा संचालन अब आदिवासी महिलाएं करेंगी। यह केवल एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि महिलाओं की नई उड़ान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। इन महिलाओं को रांची में होटल मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी गई है ताकि वे पर्यटकों का स्वागत और प्रबंधन प्रोफेशनल अंदाज में कर सकें। अब तक गांव से बाहर न निकलने वाली ये महिलाएं अब रिसॉर्ट प्रबंधन, अतिथि स्वागत और स्थानीय उत्पादों की बिक्री तक सभी जिम्मेदारियां संभालेंगी। कुल 18 सदस्य इस प्रबंधन टीम में होंगे, जिनमें 14 महिलाएं और 4 पुरुष शामिल हैं। 17 सितंबर को इस हेरिटेज रिसोर्ट का उद्घाटन किया जाएगा। म्यूजियम में लोककला और आदिवासी जीवन से जुड़ी चीजें होंगी रिसॉर्ट परिसर में बने म्यूजियम में झारखंड की लोककला, पारंपरिक रहन-सहन, पुराने वाद्य यंत्र, शिकार और सुरक्षा में इस्तेमाल होने वाले हथियार और आदिवासी जीवन से जुड़ी वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी। यह म्यूजियम आने वाली पीढ़ियों और पर्यटकों को झारखंड की जड़ों से जोड़ने का काम करेगा। यहां एक लाइब्रेरी भी होगी, जिसमें आदिवासी समाज के इतिहास, लोककथाओं, परंपराओं और संस्कृति से जुड़ी किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। पर्यटक और शोधार्थी दोनों ही इस लाइब्रेरी का लाभ उठा सकेंगे। यह न सिर्फ पर्यटन, बल्कि शिक्षा और शोध का भी केंद्र बनेगा। किस कॉटेज में कैसा अनुभव... टुडू गीत-संगीत और सांस्कृतिक परंपरा सोरेन सुरक्षा और नेतृत्व हेंब्रम खेती-किसानी और जंगल की रक्षा हांसदा शांति और मेल-जोल किस्कू न्याय और पंचायत के फैसले बास्के औषधीय पौधों व खेती का ज्ञान माझी गांव का मुखिया व पंचायत संचालन मार्डी पूजा-पाठ और धार्मिक अनुष्ठान अलग-अलग थीम पर आधारित होगा कॉटेज रिसॉर्ट की थीम आदिवासी संस्कृति पर आधारित होगी। टुडू, माझी, हेंब्रम, किस्कू, हांसदा, बास्के, मार्डी व सोरेन के नाम से 9 कॉटेज हैं। हर कॉटेज में उस गोत्र की पहचान, रहन-सहन व जिम्मेदारियां दिखाई गई हैं। आदिवासी गांव की संस्कृति व परंपरा को नजदीक से देख पाएंगे पर्यटक रिसॉर्ट में केवल ठहरने की सुविधा ही नहीं, बल्कि पर्यटक गांव की असली संस्कृति और परंपरा को भी नजदीक से देख पाएंगे। परिसर में बाजार, जाहेरस्थान, पंचायत भवन, तालाब और कुआं, जंगल और जंगली जानवरों की झलक दिखाई देगी। जंगलों से घिरे शांत वातावरण में आधुनिक सुविधाओं के साथ पारंपरिक जीवन का अनुभव मिलेगा। यहां कॉन्फ्रेंस हॉल भी उपलब्ध होगा। जमशेदपुर कला मंदिर के प्रयास से चेंगजोरा गांव में है हेरिटेज रिसॉर्ट।
जयपुर के ज्ञान संस्कार का केंद्र बनेगा परशुराम ज्ञान पीठ : भजनलाल शर्मा
रांची| विप्र फाउंडेशन की ओर से जयपुर स्तिथ मानसरोवर शिप्रा पथ में नवनिर्मित श्री परशुराम ज्ञानपीठ का शनिवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने उद्घाटन किया। संचालन समिति के कार्यकारी अध्यक्ष हरि प्रसाद शर्मा ने बताया कि यहां 500 बच्चे पढ़ाई कर सकेंगे। कोचिंग संस्थान के साथ एमओयू हो गया है। 14 सितंबर से एडमिशन प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, जिन बच्चों की आर्थिक स्थिति खराब है। ऐसे 50 बच्चों का चयन कर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराकर विप्र फाउंडेशन मदद करेगा साथ ही ऐसे बच्चों को निशुल्क कोचिंग भी करवाई जाएगी। उद्घाटन सत्र में भजनलाल शर्मा ने कहा कि परशुराम भगवान सत्य व ज्ञान के प्रतीक है उनके आदर्शों को अपनाते हुए श्री परशुराम ज्ञानपीठ में अध्ययन करने वाले बच्चों को ज्ञान के साथ सनातन संस्कार की भी शिक्षा मिलेगी। समाज के हर वंचित को अच्छा ज्ञान मिले यही सामाजिक संरचना मानी जायेगी। इस अवसर पर भजनलाल शर्मा का भव्य स्वागत और अभिनंदन किया गया। इस उपलक्ष्य पर कई लोगों ने अपने अपने विचार रखे। विप्र फाउंडेशन झारखंड जोन 6 के उपाध्यक्ष प्रमोद सारस्वत ने बताया यह रिसर्च सेंटर युवाओं को शिक्षा, संस्कार, रोजगार की दिशा में अग्रसर करेगा।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में अब भी कई पाठ्यक्रमों की सीटें खाली हैं। इन्हें भरने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने 10 सितंबर से 14 सितंबर तक स्पॉट काउंसिलिंग का दूसरा चरण आयोजित करने का निर्णय लिया है। इस दौरान विभागवार तय तिथियों पर उपस्थित होने वाले अभ्यर्थियों को उनकी मेरिट के आधार पर प्रवेश मिलेगा। बीटेक की पहली स्पॉट काउंसिलिंग भी इसी सप्ताह बीटेक पाठ्यक्रम में भी प्रवेश के लिए इस सप्ताह पहली बार स्पॉट काउंसिलिंग आयोजित की जाएगी। इससे तकनीकी शिक्षा की ओर रुचि रखने वाले छात्रों को प्रवेश पाने का एक और अवसर मिलेगा। किन पाठ्यक्रमों में हैं रिक्त सीटें विश्वविद्यालय में इस वर्ष जिन पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षा हुई थी, उनमें से अधिकांश की सीटें भर चुकी हैं। 4 पाठ्यक्रम ऐसे हैं, जिनमें केवल 1-1 सीट खाली है। 14 पाठ्यक्रमों में अब भी लगभग 300 सीटें रिक्त हैं। इनमें अधिकतर सीटें आरक्षित वर्ग की हैं। बीए में करीब 550 सीटें अब भी खाली पड़ी हैं। खाली सीट वाले पाठ्यक्रमबीएजेएमसी, बीकॉम, बीकॉम (बैंकिंग एंड इंश्योरेंस), एमए (हिंदी, अंग्रेजी, समाजशास्त्र, इतिहास, भूगोल, मनोविज्ञान, गृहविज्ञान), एमबीए, एमसीए और एमएससी कृषि शामिल हैं। क्यों रह गई सीटें खाली विश्वविद्यालय ने बताया कि आरक्षित वर्ग के पर्याप्त अभ्यर्थी उपलब्ध न होने की वजह से ये सीटें भर नहीं पाईं। अब उत्तर प्रदेश शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश अधिनियम 2006 के प्रावधानों के अनुसार इन्हें अनारक्षित सीटों में बदला जाएगा। इसका अर्थ है कि अब सभी वर्गों के विद्यार्थी मेरिट के आधार पर इन पर प्रवेश ले सकेंगे। छात्रों के लिए सुनहरा अवसर इस स्पॉट काउंसिलिंग से उन छात्रों को बड़ा मौका मिलेगा, जो अब तक किसी वजह से प्रवेश नहीं ले पाए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि इससे न केवल रिक्त सीटें भरेंगी, बल्कि प्रतिभाशाली छात्रों को उच्च शिक्षा का अवसर भी मिलेगा।
लोगों को जाम से निजात दिलाने और सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए पुलिस ने विकास गोलचक्कर से बूटी मोड़ की ओर जाने वाली बसों को रोका, तो कुछ लोगों ने जुमार पुल के पास ही अवैध बस स्टैंड बना दिया। खादगढ़ा के अलावा धुर्वा और आईटीआई बस स्टैंड तक पहुंचने वाली बसें अब जुमार पुल के पास ही रुक रही हैं। नतीजा यह है कि धुर्वा और पंडरा के अलावा बिरसा चौक, हरमू, रातू रोड, कोकर और लालपुर के यात्रियों को स्टैंड पर गाड़ियां नहीं मिल रही हैं। कोडरमा, हजारीबाग, गोला, पेटरवार और बिहार के विभिन्न इलाकों में आने-जाने वाले यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अवैध स्टैंड का संचालन करने वाले ठेकेदारों ने ऑटो और ई-रिक्शा चालकों से भी गठजोड़ कर लिया है, जो बूटी मोड़ से सवारी उठाकर अवैध स्टैंड तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इसके एवज में यात्रियों से मनमाना किराया वसूला जा रहा है। अत्यधिक किराया देने का विरोध करने पर ऑटो और ई-रिक्शा चालक अभद्र व्यवहार कर रहे हैं। सड़क किनारे बनाए गए अवैध स्टैंड की वजह से अब वहां जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई है। बस चालक सड़क पर ही अपनी गाड़ी मोड़ते हैं, जिससे सामान्य कार और बाइक सवारों को काफी परेशानी होती है। बस मुड़ने के दौरान वहां दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। अवैध स्टैंड बनने के बाद अब तो सड़क किनारे दुकानें भी सजने लगी हैं। दिनभर गुमटी और ठेले पर यात्रियों की भीड़ लगी रहती है। विभिन्न स्थानों से आने-जाने वाली गाड़ियां वहां दिनभर खड़ी रहती हैं, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती। जुमार पुल के पास बसों में सवारियों को बैठाया जा रहा है। बीआईटी मेसरा ओपी की पुलिस अवैध स्टैंड से बसों को हटाने की जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस की मानती है। ऐसे में मेसरा पुलिस वहां सड़क किनारे खड़ी बसों को हटाना उचित नहीं समझती। वहीं खेलगांव चौक पर तैनात ट्रैफिक जवान वहां से आगे बढ़ना नहीं चाहते। बाइक दस्ते को भी लगाया गया है। ट्रैफिक एसपी हर्ष बिन जमा ने जाम से निजात दिलाने के लिए बसों का रूट प्लान तैयार किया था। कांटाटोली तक पहुंचने वाली बसों को विकास गोलचक्कर से रिंग रोड होते हुए टाटीसिलवे के रास्ते नामकुम से खादगढ़ा बस स्टैंड तक पहुंचने का निर्देश दिया गया था। कुछ दिनों तक इसका पालन हुआ, लेकिन बाद में जुमार पुल के पास अवैध स्टैंड बना दिया गया। सरकार को बस स्टैंड के लिए जगह चिह्नित करनी चाहिए।
छत्तीसगढ़ का स्टील दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेलवे ब्रिज, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, INS विक्रांत बनाने के बाद मिजोरम की राजधानी आइजोल में नया इतिहास रचा है। भिलाई के BSP से भेजा गया 30-35 हजार टन लोहे से पियर ब्रिज बना है, जो देश का दूसरा सबसे बड़ा ब्रिज है। ये कुतुबमीनार से भी ऊंचा है। बइरबी-सायरंग रेल प्रोजेक्ट के तहत ट्रैक, टनल और ब्रिज निर्माण के लिए बिलासपुर जोन के इंजीनियरिंग सपोर्ट, मशीनरी और विशेषज्ञ टीमें भेजी गई थी। इसके साथ ही रेलवे ट्रैक बिछाने में इस्तेमाल होने वाला रेलपांत, गर्डर, लोहा और स्टील मटेरियल भी भेजा गया था। आजादी के बाद पहली बार मिजोरम की राजधानी आइजोल रेल नेटवर्क से जुड़ी है। आने वाले समय में रेल लाइन म्यांमार बॉर्डर तक जाएगी। इस रेल नेटवर्क से मिजोरम की विकास को नई दिशा मिलेगी। इस पियर ब्रिज को बनाने में 10 साल से अधिक का समय लगा। इसके बनने से अब 7 घंटे का सफर 3 घंटे में पूरा होगा। रेलवे के मुताबिक बइरबी-सायरंग रेल प्रोजेक्ट की शुरुआत 2014 में की गई थी, तब इसकी लागत 5 हजार 20 करोड़ रुपए थी, लेकिन ब्रिज और 51.38 किलोमीटर लंबी बइरबी-सायरंग रेल लाइन बनाने में 8 हजार 71 करोड़ रुपए लगे। बताया जा रहा है कि PM नरेंद्र मोदी इसी महीने लोकार्पण कर सकते हैं। इस रिपोर्ट में विस्तार से पढ़िए छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट की क्या भूमिका रही, अब तक छत्तीसगढ़ ने किस-किस मेगा प्रोजेक्ट में क्या योगदान दिया ? सबसे पहले जानिए एशिया के सबसे बड़े स्टील प्लांट BSP के बारे में भिलाई स्टील प्लांट एरिया के हिसाब से एशिया का सबसे बड़ा स्टील प्लांट है। प्रोडक्शन के हिसाब से यह सेल का सबसे बड़ा प्लांट है। इसकी स्थापना सोवियत संघ के सहयोग से वर्ष 1955 में हुई थी। भिलाई को स्टील प्लांट के लिए चुनने का मुख्य कारण स्टील निर्माण के लिए आवश्यक कच्चा माल पास के क्षेत्रों में आसानी से उपलब्ध होना था। भिलाई स्टील प्लांट में आयरन ओर राजहरा माइंस से मंगाया जाता है। यहां से इन माइंस की दूरी लगभग 100 किलोमीटर है। लाइम स्टोन नंदिनी माइंस से लाया जाता है। यहां से इनकी दूरी करीब 25 किलोमीटर है। डोलोमाइट बिलासपुर के हिर्री से मंगाया जाता है। यहां से इसकी दूरी लगभग 140 किलोमीटर है। अब जानिए, बइरबी-सायरंग रेल प्रोजेक्ट में छत्तीसगढ़ का कनेक्शन भिलाई स्टील प्लांट का लोहा देश के दूसरे सबसे बड़े ब्रिज के निर्माण में इस्तेमाल हुआ है। ब्रिज के साथ-साथ टनल और रेलपांत सहित अन्य जरूरी संरचनाओं के लिए भी सेल की अलग-अलग इकाइयों से स्टील की आपूर्ति की गई। अकेले भिलाई प्लांट से 30 से 35 हजार टन लोहा भेजा गया था। रेलवे के इस पुल के निर्माण के लिए सेल ने कुल 17 हजार टन स्टील सप्लाई किया, जिसमें प्लेट्स, टीएमटी बार और स्ट्रक्चर शामिल थे। इसमें 7,590 टन टीएमटी उत्पाद, 1,878 टन स्ट्रक्चरल स्टील और 8,505 टन स्टील प्लेट्स के साथ हॉट स्ट्रिप मिल प्रोडक्ट और चेकर्ड प्लेट भी शामिल हैं। BSP से 60 टन स्ट्रक्चरल स्टील उपलब्ध कराया गया ब्रिज निर्माण के लिए भिलाई इस्पात संयंत्र से ही 6,522 टन टीएमटी स्टील, 7,450 टन प्लेट्स और 60 टन स्ट्रक्चरल स्टील उपलब्ध कराया गया। इसके अलावा सेल की अन्य इकाइयां बर्नपुर स्थित इस्को स्टील प्लांट, दुर्गापुर स्टील प्लांट, राउरकेला स्टील प्लांट और बोकारो स्टील लिमिटेड—से भी शेष स्टील की आपूर्ति की गई थी। दुनिया के सबसे ऊंचे ब्रिज पर भी लगा है BSP का लोहा जम्मू-कश्मीर के चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे पुल पर सेल की इकाई भिलाई स्टील प्लांट का लोहा इस्तेमाल किया गया है। इस ब्रिज के लिए सेल की अलग-अलग इकाइयों से लोहे की आपूर्ति की गई है। इसमें अकेले 12432 टन लोहा भिलाई के प्लांट से भेजा गया था। रेलवे के इस पुल के निर्माण के लिए सेल ने 16,000 टन लोहे की आपूर्ति की थी, जिसके तहत प्लेट्स, टीएमटी बार और स्ट्रक्चर शामिल हैं। इसमें 6690 टन टीएमटी उत्पाद, 1793 टन स्ट्रक्चरल स्टील और 7511 टन स्टील प्लेट्स सहित हॉट स्ट्रिप मिल प्रोडक्ट और चेकर्ड प्लेट शामिल हैं। भिलाई इस्पात संयंत्र से भेजा गया 5 हजार 922 टन टीएमटी स्टील पुल के निर्माण के लिए सेल ने भिलाई इस्पात संयंत्र से 5922 टन टीएमटी स्टील, 6454 टन प्लेट्स और 56 टन स्ट्रक्चरल स्टील सहित कुल 12,432 टन इस्पात की आपूर्ति की है। सेल के बर्नपुर स्थित इस्को स्टील प्लांट, दुर्गापुर स्टील प्लांट, राउरकेला स्टील प्लांट और बोकारो स्टील लिमिटेड से शेष लोहे की आपूर्ति की गई थी। रेलवे के ज्यादातर प्रोजेक्ट में छत्तीसगढ़ का लोहा बीएसपी के स्टील का इस्तेमाल बांद्रा-वर्ली सी-लिंक, मुंबई में अटल सेतु, अरुणाचल प्रदेश में सेला सुरंग, हिमाचल प्रदेश में अटल सुरंग और राष्ट्रीय महत्व की कई अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के निर्माण में किया गया है। CPRO बोले- भारतीय रेल के लिए बड़ी उपलब्धि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के CPRO डॉ. सुस्कर विपुल विलासराव ने बताया कि, ट्रैक-टनल और ब्रिज निर्माण के लिए बिलासपुर जोन के इंजीनियरिंग सपोर्ट, मशीनरी और विशेषज्ञ टीमें भेजी गई थी। रेलवे ट्रैक बिछाने में इस्तेमाल होने वाला रेलपांत, गर्डर, लोहा और स्टील मटेरियल भी छत्तीसगढ़ से ही मिज़ोरम पहुंचाया गया था। वहीं, असम, पश्चिम बंगाल और मेघालय से भी तकनीकी उपकरण और निर्माण सामग्री लगातार सप्लाई की गई। पहाड़ियों पर बना यह रेल नेटवर्क भारतीय रेल के लिए बड़ी उपलब्धि है। अब जानिए बइरबी-सायरंग रेल प्रोजेक्ट के बारे में ? दरअसल, इस बइरबी-सायरंग प्रोजेक्ट की शुरुआत 29 नवंबर 2014 को हुई थी। सिलचर (असम) से बइरबी तक रेल सेवा पहले से मौजूद थी, लेकिन मिजोरम की राजधानी आइजोल तक पहुंचाने के लिए बइरबी से सायरंग तक नई लाइन बिछाई गई। अंतिम सेक्शन हरतकी-सायरंग को 10 जून 2025 को पूरा किया गया। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि यह पूरी रेल लाइन दुर्गम पहाड़ियों और घने जंगलों से गुजरती है। निर्माण के लिए सामान पहुंचाने तक के लिए अलग से 200 किलोमीटर लंबा सड़क नेटवर्क तैयार करना पड़ा। रेलवे ने बनाई 200 KM सड़क पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के CPRO कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि, यह प्रोजेक्ट बेहद दुर्गम पहाड़ी इलाकों से गुजरता है। लिहाजा, यहां रेल लाइन का काम बहुत ही मुश्किलों भरा रहा है। यहां तक सामान पहुंचाने के लिए रेलवे को 200 किलोमीटर लंबा सड़क नेटवर्क अलग से बनाना पड़ा। लगातार 10 साल की मेहनत के बाद यह सपना साकार हुआ। जानिए इस रेल परियोजना की खासियत इस रेल लाइन में 45 टनल, 153 पुल और 114 मीटर ऊंचाई (देश का दूसरा सबसे ऊंचा पियर ब्रिज) तक के मेगा ब्रिज शामिल हैं। इसके लिए 12.8 किलोमीटर लंबा चट्टानों को काटकर सुरंग का निर्माण किया गया है। इसमें 1.8 किलोमीटर लंबी सबसे बड़ी सुरंग भी है। इस रेल लाइन पर 31% ट्रैक सुरंगों के भीतर और 23% हिस्सा पुलों में हैं। 7 घंटे का सफर अब 3 घंटे में पहले सड़क मार्ग से आइजोल से सिलचर जाने में 7 घंटे लगते थे। वहीं रेल नेटवर्क के जरिए यह दूरी सिर्फ 3 घंटे में तय होगी। गुवाहाटी 12 घंटे और दिल्ली करीब 48 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। बरसात के दिनों में भूस्खलन से बंद होने वाले रास्तों की तुलना में अब यात्रा कहीं ज्यादा सुरक्षित और आसान होगी। यह परियोजना न केवल मिजोरम के लिए ऐतिहासिक पल है। बल्कि पूरे पूर्वोत्तर को अंतरराष्ट्रीय व्यापार और कनेक्टिविटी से जोड़ने का मार्ग भी तैयार करेगा। इससे न केवल मिजोरम का देश से संपर्क मज़बूत होगा, बल्कि म्यांमार बॉर्डर तक रेल लाइन ले जाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। रेल लाइन म्यांमार बॉर्डर तक ले जाने की योजना CPRO कपिंजल किशोर शर्मा के अनुसार बइरबी-सायरंग लाइन सिर्फ मिजोरम तक सीमित नहीं रहेगी। रेलवे इस परियोजना को और आगे बढ़ाकर म्यांमार बॉर्डर तक ले जाने की योजना पर काम चल रहा है। बहुत जल्द सर्वे पूरा कर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) केंद्र को सौंप दी जाएगी। 2-3 ट्रेनें चलाने का है प्रस्ताव, राजधानी-वंदेभारत की भी उम्मीद रेलवे प्रशासन ने शुरुआत में यहां 2 से 3 ट्रेनें चलाने की योजना बनाई है। इसमें गुवाहाटी और दिल्ली तक की ट्रेनें प्राथमिकता पर हैं। मिजोरम सरकार ने उम्मीद जताई है कि आगे राजधानी एक्सप्रेस और वंदे भारत जैसी ट्रेनें भी यहां तक पहुंचेंगी, जिससे लोगों का यहां पहुंचना आसान होगा।
पृथ्वी की छाया से चांद की रोशनी छिपी
भारत समेत दुनिया के कई देशों ने रविवार रात खुली आंखों से पूर्ण चंद्रग्रहण देखा। यह रात 9:57 बजे पर शुरू हुआ और 3 घंटे 27 मिनट तक रहा। चंद्रग्रहण तब होता है, जब सूर्य और चांद के बीच पृथ्वी आ जाती है और पृथ्वी की छाया से चांद की रोशनी छिप जाती है। इस दौरान कुछ समय के लिए चांद नारंगी दिखाई देता है। इसे ही ब्लड मून कहते हैं।
वेतन वृद्धि रोके जाने का विरोध... आज 3000 शिक्षक काला बिल्ला लगा कर जाएंगे स्कूल
रांची जिले में 3000 प्राथमिक शिक्षकों का वेतन वृद्धि रोके जाने के विरोध में आंदोलन तेज हो गया है। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिला शिक्षा अधीक्षक रांची के कथित तानाशाही रवैये, वार्षिक वेतन वृद्धि रोके जाने के खिलाफ 8 सितंबर को आंदोलन के दूसरे चरण की घोषणा की है। इस चरण में सभी शिक्षक काला बिल्ला या रिबन लगाकर विरोध दर्ज करेंगे। संघ ने अपील की है कि प्रत्येक शिक्षक घर से ही काला रिबन लगाकर विद्यालय पहुंचें और इसे एकजुटता का प्रतीक बनाएं। विद्यालय में कक्षा लेने के बाद सामूहिक प्रदर्शन करने के लिए कहा गया है। मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ शिक्षकों के हक की लड़ाई नहीं, बल्कि समाज और शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का एक बड़ा कदम है। कहा कि टिप्पण परीक्षा पास नहीं करने को आधार बनाकर वार्षिक वेतन वृद्धि रोका गया है। जब कि परीक्षा से शिक्षक मुक्त हैं। अब जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा वेतन वृद्धि देने के लिए शपथ पत्र मांगा जा रहा है जिसे शिक्षकों ने इनकार कर दिया है।
राज्य में बन सकता है डिफेंस कॉरिडोर, रांची में ड्रोन फैक्ट्री व यूएवी प्लांट संभव
क्राइम रिपोर्टर|रांची झारखंड में कहां-कहां रक्षा विनिर्माण इकाई लगाई जा सकती है, इसे लेकर कर्नल जेके सिंह ने एक शोध किया है। अपने शोध पत्र को कर्नल ने रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ को सौंपा है। शोध पत्र के अनुसार रांची और धनबाद में रक्षा क्षेत्र में ड्रोन फैक्ट्री व यूएवी प्लांट लगाया जा सकता है। वहीं जमशेदपुर में स्टील फाउंड्री, आर्टिलरी और स्मॉल आर्म्स एम्युनिशन केसिंग का प्लांट लगाया जा सकता है। चाईबासा में प्री फैब शेल्टर, कोडरमा में ग्रीस हब, हजारीबाग में इलेक्ट्रॉनिक सर्किटरी, दुमका में कैमोफ्लाज पेंट का प्लांट लगाया जा सकता है। उनके शोध पत्र के अनुसार राज्य में डिफेंस कॉरिडोर बनने से लाखों नई नौकरियों का सृजन हो सकता है। कर्नल जेके सिंह सैनिक स्कूल तिलैया के पूर्व छात्र रहे हैं। उनका मानना है कि झारखंड में अगर रक्षा से संबंधित उद्योग लगते हैं तो ये राज्य के विकास के लिए एक अहम कड़ी होगी। रक्षा उद्योग राज्य के लिए बड़ा राजस्व ला सकते हैं, जिससे समाज के वंचित वर्गों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं आसानी से लागू की जा सकती हैं। यह व्यवसाय उच्चतम लाभ देने वाला है क्योंकि बने हुए हथियार वैश्विक बाजार में डॉलर में बिकते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुनिया भारत निर्मित डिफेंस प्रोडक्शन खरीदना चाहती है क्योंकि हमारा हथियार युद्ध परीक्षण के दौरान टेस्टेड है। कर्नल सिंह आर्मी डे, गणतंत्र दिवस परेड में हिंदी कमेंटेटर के रूप में दो दशकों के से अधिक समय तक अपना योगदान देते रहे है।
लालपुर में गर्ल्स हॉस्टल की आड़ में चल रहा था देह व्यापार, पश्चिम बंगाल से लाई जाती थीं लड़कियां
पुलिस को पूछताछ में जानकारी मिली है कि लड़कियों को एक-एक महीने के लिए लाया जाता था। उन्हें गर्ल्स हॉस्टल में रखा जाता था। पश्चिम बंगाल से लाने, उनके रांची में रहने व खाने का पूरा इंतजाम रैकेट चलाने वाला संचालक करता था। प्रत्येक लड़की को महीने का 20 हजार रुपए दिया जाता था। लड़कियों का काम था, उन्हें रैकेट चलाने वाला संचालक जहां भेजता था, वहां जाना होता था। ग्राहक से 5000 से 10000 रुपए तक वसूल किए जाते थे। क्राइम रिपोर्टर | रांची रांची के पॉश इलाका लालपुर में चल रहे एक गर्ल्स हॉस्टल में देह व्यापार का धंधा चलाने के रैकेट का खुलासा रांची पुलिस ने किया है। ओम गर्ल्स हॉस्टल में रांची पुलिस ने रविवार को छापा मारा। छापेमारी में पुलिस को हॉस्टल में आठ लड़कियां मिलीं। जब पुलिस ने उन सभी लड़कियों से उनका पहचान पत्र मांगा तो पुलिस भी भौंचक रह गई। लड़कियों ने अपना पहचान पत्र पश्चिम बंगाल का दिखाया। जब लड़कियों से पूछा गया कि वे लोग रांची के इस गर्ल्स हॉस्टल में क्या कर रही हैं? तब पुलिस को जानकारी मिली कि उन्हें देह व्यापार के लिए पश्चिम बंगाल से लाया गया है। पुलिस ने आठ लड़कियों को हिरासत में लिया है, जो पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं। वहीं एक युवक जो देह व्यापार का संचालन कर रहा था और उसकी एक महिला सहयोगी को भी पुलिस ने हिरासत में लिया है। सिटी एसपी कुमार वी. रमण ने बताया कि सभी लड़कियों से पूछताछ की जा रही है। उन्हें कब लाया गया था। किसने लाया था। यह जानकारी लेने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को झांसा देने के लिए उस घर में गर्ल्स हॉस्टल का बोर्ड लगा कर रखा गया था, जहां बाहर से लाई गई लड़कियों को रखा जा रहा था। ताकि पुलिस को भी इस बात की भनक न लगे कि उसमें रहने वाली लड़कियां देह व्यापार कर रही हैं। लड़कियों का आना-जाना देखकर लोग यह समझ रहे थे कि वे हॉस्टल में रहती हैं और कहीं पढ़ाई करती होंगी या फिर कहीं काम। यह पूरा प्रकरण विगत छह माह से चल रहा था। लेकिन लालपुर थाना को इसकी भनक तक नहीं थी। रांची एसएसपी को इस बात की सूचना किसी व्यक्ति ने दी थी कि उक्त हॉस्टल में गलत गतिविधियां चल रही हैं। जिसके बाद पुलिस की एक टीम ने इस मामले की सच्चाई की पड़ताल की। जब मामला सही पाया गया, तब पुलिस ने रेड किया और लड़कियों को हिरासत में लिया।
दुर्गा पूजा से पहले धनवर्षा, कोलकर्मियों को मिल सकता है 1 लाख रु. बोनस
झारखंड में कर्मचारियों के घर दुर्गा पूजा से पहले धनवर्षा होगी। टाटा स्टील ने अपने कर्मचारियों को बोनस का भुगतान कर दिया है। वहीं कोल इंडिया, सेल, डाक विभाग और रेलवे जल्दी ही बोनस की घोषणा करने वाला है। बोनस की राशि दुर्गा पूजा से पहले कर्मचारियों के खाते में आ जाएगा। इससे बाजार में भी तेजी आएगी। इन संस्थानों में बोनस को लेकर तैयारी चल रही है। कोयला कर्मियों के बोनस को लेकर दिल्ली में 22 सितंबर को बैठक हो सकती है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो 25 सितंबर तक कर्मचारियों के खाते में बोनस के पैसे आ जाएंगे। कोल इंडिया और उसकी अनुषंगी कंपनियों के कर्मचारियों को इस बार करीब एक लाख रुपए तक बोनस मिलने की उम्मीद है। हालांकि वे इससे अधिक की उम्मीद लगाए बैठे हैं। इसके लिए श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले चार प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियन (बीएमएस, एचएमएस, एटक आैर सीटू) के नेताओं को दिल्ली में होने वाली जेबीसीसीआई मानकीकरण समिति की बैठक में कड़ी मशक्कत करनी होगी। पिछले साल कोयला कर्मियों को 93,750 रुपए बोनस मिला था। आमतौर पर हर साल बोनस की राशि में औसतन पांच हजार रुपए की बढ़ोतरी होती है। कोल इंडिया में अभी 2.35 लाख कर्मचारी हैं। इसके अलावा सिंगरैनी कोलियरीज के कर्मियों को भी बोनस मिलना है। कोल इंडिया का वित्त वर्ष 2024-25 में 35,302.10 करोड़ रु. का शुद्ध लाभ हुआ था, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में 37,369 करोड़ रु था। ऐसे में पेंच फंस सकता है। रेल... कर्मचारियों को 20 सितंबर तक बोनस की राशि मिलने की है उम्मीद रेल कर्मचारियों को भी 20 सितंबर तक बोनस मिलने की उम्मीद है। उन्हें करीब 18 हजार रुपए तक बोनस मिल सकता है। रांची रेल मंडल में करीब 700 कर्मचारी कार्यरत हैं। हालांकि रेलवे ने अभी बोनस की घोषणा नहीं की है। लेकिन रेल कर्मचारियों का कहना है कि दुर्गा पूजा शुरू होने से एक-दो दिन पहले उनके खाते में बोनस की राशि आ जाएगी। गौरतलब है कि रेलवे के अधिकारियों को बोनस नहीं दिया जाता है। डाक विभाग... पूजा शुरू होने से चार दिन पहले खाते में आ जाएगी बोनस की राशि रांची के डाकघरों में करीब 500 कर्मचारी काम करते हैं। इन्हें दुर्गा पूजा के समय करीब 13 हजार रुपए बोनस मिल सकता है। डाक विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दुर्गा पूजा शुरू होने से चार दिन पूर्व बोनस की राशि उनके खाते में आने की पूरी उम्मीद है। हालांकि डाक विभाग में राजपत्रित अधिकारियों को बोनस नहीं मिलता है। सेल... बोनस पर 20 सितंबर को बैठक, 30 हजार रुपए तक मिल सकता है स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) में बोनस को लेकर 20 सितंबर को दिल्ली में एनजेसीएस की बैठक होने वाली है। इस बैठक में तय होगा कि सेल के कर्मचारियों को कितना बोनस मिलेगा। वैसे कर्मचारियों को उम्मीद है कि उन्हें पिछले साल से ज्यादा बोनस मिलेगा। पिछले साल इन्हें 28,500 रुपए बोनस मिला था। कर्मचारियों का कहना है कि इस बार उन्हें 30 हजार रुपए तक बोनस मिल सकता है। टाटा स्टील ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए कर्मचारियों को 303.13 करोड़ रुपए का बोनस देने की घोषणा की है जो 6 सितंबर को खातों में जमा होना शुरू हो गया है। बोनस की गणना कर्मचारी के वार्षिक वेतन और महंगाई भत्ते पर आधारित है। यह बोनस टाटा वर्कर्स यूनियन (टीडब्ल्यूयू) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद दिया जा रहा है। टाटा स्टील ने दिया 303.21 करोड़ रु. बोनस जानिए... किस क्षेत्र में कब हो सकती है बोनस देने की घोषणा
स्नातक भूगोल की ही नहीं, साइकोलॉजी की कॉपी भी गायब हुई थी, छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स
रांची यूनिवर्सिटी में लापरवाही थम नहीं रही है। पहले स्नातक फोर्थ सेमेस्टर (सत्र 2022-26) के भूगोल की कॉपियां गायब हो गईं। छात्रों का दबाव बढ़ा तो परीक्षा बोर्ड ने फैसला सुनाया कि जिनकी कॉपियां गायब हुईं, उन्हें औसत अंक दिए जाएंगे। चार अन्य विषय में मिले अंकों के आधार पर उन्हें नंबर मिलेंगे। इसी बीच एक नया खुलासा हुआ। पता चला कि भूगोल के साथ साइकोलॉजी की कॉपियां भी गायब हो गई थीं। इन्हें भी ग्रेस मार्क्स देने का फैसला लिया गया। रविवार को अवकाश रहने के बावजूद साइकोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. परवेज हसन और भूगोल के विभागाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र शुक्ला को यूनिवर्सिटी मुख्यालय बुलाया गया। दोनों ने ग्रेस मार्क्स का मॉडरेशन किया और हस्ताक्षर कर दिए। प्रक्रिया पूरी होते ही स्नातक फोर्थ सेमेस्टर का रिजल्ट घोषित कर दिया गया। लेकिन एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया। परीक्षा के बाद कॉपियां सुरक्षा घेरे में रखी जाती है तो यह गायब कैसे हो रही है। इसके लिए जिम्मेदार कौन है और जिम्मेदारों पर कब तक कार्रवाई होगी। एक माह में जारी होना था रिजल्ट, 4 माह में हुआ यूनिवर्सिटी की परीक्षा को लेकर राजभवन का स्पष्ट निर्देश है कि परीक्षा के एक महीने के भीतर हर हाल में रिजल्ट घोषित हो जाना चाहिए। लेकिन स्नातक फोर्थ सेमेस्टर की परीक्षा का रिजल्ट चार महीने बाद घोषित हुआ। यह परीक्षा अप्रैल में हुई थी। मॉनिटरिंग के लिए हाई लेवल कमेटी बनी : परीक्षा विभाग और उसके कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए हाई लेवल कमेटी गठित की गई है। इस कमेटी के अध्यक्ष विज्ञान संकाय की डॉ. वंदना कुमारी को बनाया गया है। कमेटी के अन्य सदस्यों में कॉमर्स के एचओडी डॉ. अमर कुमार चौधरी, डॉ. परवेज हसन समेत अन्य सदस्य हैं। रांची यूनिवर्सिटी के स्नातक फोर्थ सेमेस्टर (सत्र 2022-26) का रिजल्ट घोषित
रांची में दिखा अद्भुत नजारा : शहरवासियों ने वर्षों बाद किया ब्लड मून का दीदार
रांची | रविवार की रात राजधानी रांची के लोगों ने आसमान में एक अद्भुत खगोलीय नजारा देखा। शहर के अलग-अलग क्षेत्र के लोगों ने चांद के विभिन्न रूप का दीदार किया। रात करीब 9:59 बजे से चांद पर धीरे-धीरे पृथ्वी की छाया दिखनी शुरू हुई और 10.30 बजे के बाद इसका सबसे सुंदर दृश्य नजर आया। इस दौरान आसमान में चमकता हुआ गोल चांद धीरे-धीरे धुंधला होता गया। फिर वर्षों बाद रांची के लोगों ने ब्लड मून का दीदार किया। फोटो : माणिक बोस व संदीप नाग पूर्ण चंद्र ग्रहण... एक घंटे में पृथ्वी ने चांद को पूरी तरह अपने आगोश में ले लिया... सूतक लगने के साथ बंद हो गए थे मंदिरों के कपाट यह चंद्र ग्रहण साल का आखिरी चंद्र ग्रहण था। पंडितों और ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह चंद्र ग्रहण खास महत्व रखता है। परंपरा के मुताबिक ग्रहण के दौरान लोगों ने धार्मिक क्रियाकलापों को बंद कर दिया था। सूतक दोपहर में लगने की वजह से मंदिरों के पट दोपहर से ही बंद हो गए थे। रात्रि में चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद लोग स्नान कर पूजा की तैयारी में जुट गए। पूरे शहर में लोगों ने देर रात तक चंद्रग्रहण का नजारा लिया... शहर के धुर्वा, कांके, हरमू, अपर बाजार, मोरहाबादी, लालपुर सहित कई इलाकों में लोगों न अपने घरों की छत से परिवार के साथ यह नजारा देखा। कई लोग कैमरे और मोबाइल से तस्वीरें खींचते रहे। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले युवाओं ने टेलीस्कोप की मदद से ग्रहण को और करीब से देखा। रांची का मौसम साफ रहने की वजह से पूरा दृश्य आसानी से दिखाई दिया।
परकोटे में जर्जर भवन गिरने से पिता-पुत्री के जिंदा दफन होने के बाद हेरिटेज नगर निगम की नींद टूटी है। सुभाष चौक, पानों का दरीबा में शनिवार को जहां भवन गिरा था, उसके पास ही खड़े दूसरे जर्जर भवन को रविवार को गिरा दिया गया। इसके अलावा निगम अधिकारियों ने परकोटे के 23 जर्जर मकानों को खाली कराने के लिए मकान मालिकों को नोटिस दिए हैं। इन जर्जर भवन में करीब 245 से लोग रहते हैं। इनकी जान पर खतरा बना है। आदेश की पालना नहीं करने पर मकान मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। निगम का दावा है कि लगातार हो रही बारिश में ये इमारतें कभी भी गिर सकती हैं। निगम की सख्ती के बाद कई परिवार पहले ही अपने मकान खाली कर चुके हैं। वहीं जिनके पास ठहरने का स्थान नहीं है, उनके लिए निगम ने अस्थायी सुविधा उपलब्ध कराई है। इधर, निगम ने जर्जर भवनों का फिर से सर्वे कराने के लिए अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्रवण वर्मा के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। रिपोर्ट के आधार पर नए चिह्नित भवनों पर कार्रवाई की जाएगी। सोमवार को शुक्रवार रात गिरी बिल्डिंग को भी पूरी तरह से गिराया जाएगा। जिम्मेदारों पर कार्रवाई नहींभवन गिरने से दो की मौत के बावजूद निगम के जिम्मेदार अधिकारियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जानकारी के अनुसार, छैला का कुआं इलाके में गिरी बिल्डिंग को निगम पहले ही दो बार नोटिस दे चुका था, लेकिन उसे खाली नहीं कराया गया। जबकि मकान की छत से पानी लगातार टपक रहा था। कांस्टेबल हरेंद्र कसवा की बहादुरी: गिरते मलबे में दो मासूमों की जान बचाकर दिखाई हिम्मत सुभाष चौक इलाके में शुक्रवार रात जर्जर मकान गिरने से अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान हरेंद्र कसवा नाइट ड्यूटी पर सुभाष चौक नाकाबंदी पॉइंट पर ट्रैफिक व्यवस्था संभाल रहे थे, तभी अचानक तेज धमाका हुआ और लोगों की चीख-पुकार गूंजी। मौके पर मौजूद घायल महिला ने रोते हुए बताया कि उसके दो बच्चे मलबे में फंसे हैं। खतरे के बावजूद कांस्टेबल हरेंद्र तुरंत मलबे में उतरे और दोनों बच्चों को खोज निकाला। उन्हें अपनी गोद में उठाकर बाहर निकाला और एक निजी वाहन से अस्पताल पहुंचाया। समय पर इलाज मिलने से दोनों मासूमों की जान बच गई। मिलीभगत के निर्माण; पुराने भवनों पर चढ़ा रहे मंजिल; हादसा हुआ तो जिम्मेदार कौन? परकोटे में जर्जर मकानों पर नई बिल्डिंग चढ़ाने का खेल निगम अधिकारियों की मिलीभगत से जारी है। शुक्रवार रात गिरे जर्जर भवन के पास ही तीसरे मकान पर कमजोर नींव पर दो मंजिल का निर्माण कर दिया गया है। इसमें ईंटों का काम पूरा हो चुका है और अब प्लास्टर व सेनेटरी फिटिंग बाकी है। यह बिल्डिंग किराए पर दे रखी गई है, जिसमें 43 से अधिक लोग रहते हैं। किशनपोल, हवामहल-आमेर जोन में एक साल में 478 अवैध निर्माण हुए हैं। एसएमएस में भर्ती 5 में से 4 घायलों की आज हो सकती है छुट्टीएसएमएस अस्पताल के कार्यवाहक अधीक्षक डॉ.बी.एल. यादव ने बताया कि सुकन्या, सोनू, ऋषि, सुमित्रा और वासुदेव का इलाज जारी है। सुमित्रा के सिर में चोट लगी है। बाकी चारों को संभवतया सोमवार को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।
आज शहर में फैले कचरा, छात्र से रैगिंग सहित अन्य मामलों पर होगी सुनवाई
झारखंड हाईकोर्ट में आठ सितंबर को आम लोगों से जुड़े करीब आधा दर्जन से अधिक मामलों की सुनवाई होगी। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मीडिया रिपोर्ट को गंभीरता से लिया है। अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी मामलों को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया है। इनमें पांच मामले दैनिक भास्कर में प्रमुखता से प्रकाशित किए गए थे। सभी पर अदालत ने संबंधित विभागों से जवाब मांगा है। इनमें सबसे प्रमुख—शहर में फैला कचरा, रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्र से रैगिंग, एयरपोर्ट पर वेटिंग एरिया में आवारा कुत्ता प्रवेश करने, खुले में फेंकी गई पॉलिथीन को मवेशी द्वारा खाने और बिरसा मुंडा जेल में पैसा लेकर कैदी से मुलाकात कराने जैसे मामले शामिल हैं। अदालत ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सभी मामलों को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया है भास्कर की 5 खबरों पर कोर्ट ने मांगा जवाब हाईकोर्ट ने मीडिया रिपोर्ट में छपी खबर छह साल पुराने वाहनों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं लगाने के मामले को भी गंभीरता से लिया है। अदालत ने इस मामले में परिवहन विभाग को प्रतिवादी बनाते हुए जवाब मांगा है। अदालत ने पूछा है कि वाहन मालिकों को परेशानी हो रही है। दूसरे राज्यों में जाने पर जुर्माना भरना पड़ रहा है। इसके बावजूद संबंधित विभाग इस पर ध्यान क्यों नहीं दे रहा है। इस मामले पर भी सोमवार को सुनवाई होगी। एयरपोर्ट के वेटिंग एरिया में आवारा कुत्ते के पहुंचने पर भी हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। अदालत ने इस मामले में एयरपोर्ट अथॉरिटी और नगर निगम को प्रतिवादी बनाते हुए जवाब मांगा है। दरअसल, निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों को पकड़ने का काम होप फॉर एनिमल संस्था को दिया गया है, लेकिन निगम के अधिकारियों ने संस्था को न तो पर्याप्त मैन पावर दिया है और न ही पर्याप्त जगह। इसलिए संस्था द्वारा आवारा कुत्तों को पकड़कर रखा नहीं जा रहा है। हाल के दिनों में रांची सदर अस्पताल में कुत्ता काटने के रोजाना 250 से अधिक मामले आ रहे हैं। रामगढ़ इंजीनियरिंग कॉलेज में रैगिंग और मारपीट की घटना पर भी 8 सितंबर को सुनवाई होगी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने दैनिक भास्कर में छपी खबर पर स्वत: संज्ञान लिया है। अदालत ने उच्च शिक्षा विभाग के सचिव, रामगढ़ के डीसी और एसपी को प्रतिवादी बनाते हुए जवाब मांगा है। मालूम हो कि इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र ऋषु कुमार गुप्ता के साथ सीनियर छात्रों ने मारपीट की थी। रैगिंग पर रोक लगाने के लिए पहले भी अदालत ने राज्य के डीजीपी को एसओपी बनाने का निर्देश दिया है। झारखंड में पॉलिथीन की खरीद-बिक्री और इस्तेमाल प्रतिबंधित है। इसके बावजूद शहर के सभी क्षेत्रों में धड़ल्ले से पॉलिथीन का इस्तेमाल हो रहा है। अपर बाजार से लेकर पंडरा तक होलसेलर और खुदरा दुकानदार पॉलिथीन बैग का इस्तेमाल कर रहे हैं। फल, सब्जी विक्रेता और मांस-मछली बेचने वाले भी नुकसान पहुंचाने वाले पॉलिथीन बैग में सामान दे रहे हैं। आम लोग पॉलिथीन में बचा हुआ खाना या बेकार सामग्री बांधकर फेंक देते हैं। इसे आवारा मवेशी खा रहे हैं। इससे कई बार मवेशियों की मौत तक हो जाती है। इस मामले में अदालत ने निगम से जवाब मांगा है। राजधानी की सफाई व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। निगम ने स्वच्छता कॉर्पोरेशन कंपनी को घरों से कूड़ा उठाने का ठेका दिया है, लेकिन कंपनी के वाहन तीन से चार दिन के अंतराल पर ही मुहल्लों में पहुंच रहे हैं। केवल 60 प्रतिशत घरों से ही कूड़ा उठ रहा है। बाकी कचरा सड़क और नाली में फैला है। कांट्रेक्ट पर रखे गए 176 ट्रैक्टरों से कूड़े का उठाव होता था, लेकिन निगम ने उन्हें 14 माह से किराया नहीं दिया। ऐसे में सभी ट्रैक्टर चालक हड़ताल पर हैं। इस वजह से नालियों की सफाई भी नहीं हो रही है, क्योंकि नालियों का कचरा भी ट्रैक्टर से उठता था। स्थिति यह है कि मुहल्लों में नाक बंद कर लोगों को गुजरना पड़ रहा है। हाईकोर्ट में उठाए गए प्रमुख मुद्दे
कर्नल के खिलाफ केस:पत्नी का आरोप, सेना की संवेदनशील जानकारी प्रेमिका से कर रहे हैं साझा
रांची | सेना के एक कर्नल के खिलाफ उसकी पत्नी ने ही गंभीर आरोप लगाते हुए शनिवार को खेलगांव थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। आरोप में कहा गया है कि उसके कर्नल पति का एक महिला के साथ अवैध संबंध है। उसके साथ मिलकर कर्नल उसे लगातार परेशान कर रहे हैं। गाली-गलौज और मारपीट करते हैं तथा जान से मारने की धमकी देने के साथ नाबालिग बेटी को भी परेशान कर रहे हैं। पीड़िता ने पुलिस को बताया कि कर्नल अपनी प्रेमिका के प्रभाव में आकर सेना की संवेदनशील जानकारी साझा कर रहे हैं। पति के खिलाफ उसने सेना के अधिकारियों से भी शिकायत की है। महिला ने पुलिस को बताया कि उसके पति ने मारपीट कर पैसों के अलावा डेबिट कार्ड, कैंटीन कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस समेत अन्य सामान छीन लिए। उसने अपनी सास और देवर पर भी प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
एयर इंडिया की बड़ी चूक...:फ्लाइट इंदौर तो पहुंची, पर लगेज बेंगलुरू में भूल आई
रविवार दोपहर बेंगलुरु से इंदौर पहुंची एयर इंडिया की फ्लाइट 30 यात्रियों का लगेज भूल आई। यात्री बेल्ट नंबर दो पर पहुंचे तो सामान नहीं मिला। करीब 40 मिनट इंतजार के बाद हंगामा शुरू हुआ। जानकारी दी गई कि तकनीकी कारणों से लगेज बेंगलुरु में ही रह गया। इससे यात्री नाराज हो गए और एयर इंडिया अधिकारियों को बुलाने की मांग करने लगे। कुछ यात्रियों की अगली सुबह अन्य शहरों की फ्लाइट थी। दो यात्री इंटरव्यू के लिए इंदौर आए थे, जिनके जरूरी दस्तावेज वहीं छूट गए। उज्जैन और मोहनखेड़ा दर्शन के लिए आए यात्री भी परेशान होते रहे। स्थिति बिगड़ने पर सीआईएसएफ जवानों ने मोर्चा संभाला। एयर इंडिया एक्सप्रेस के जिम्मेदारों ने माफी मांगते हुए आश्वासन दिया कि सोमवार दोपहर तक सभी यात्रियों का सामान पहुंचा दिया जाएगा।
भिवानी में 30 से अधिक गांव जलभराव से ग्रस्त:खेतों व घरों में भरा पानी, लोगों के लिए बनी परेशानी
भिवानी जिले में पिछले कई दिनों से हो रही बरसात के कारण 30 से अधिक गांव जलभराव ग्रस्त है। जिसके कारण खेतों व घरों में पानी भरा हुआ है। ऐसे में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह तो लोगों को घर तक खाली करने पड़े हैं। वहीं खेतों में जलभराव से फसलें बर्बाद हो गई हैं। इधर, जलभराव के बाद जिला प्रशासन के अधिकारी भी फिल्ड में उतरे हुए हैं। जो गांवों में हुए जलभराव व पानी निकासी की व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। वहीं लोगों से भी संपर्क किया जा रहा है। लोगों से बातचीत करके समाधान का प्रयास किया जा रहा है। शहर में फॉगिंग शुरूभिवानी में भारी बरसात के चलते मच्छर जनित बीमारियों से बचाव को लेकर डीसी साहिल गुप्ता के निर्देशानुसार नगर परिषद ने शहर में फॉगिंग का अभियान शुरू किया है। सर्कुलर रोड पर नगर परिषद द्वारा फॉगिंग करवाई गई। बारिश होने से अनेक जगह पर जल भराव की स्थिति बनती है। जल भराव होने से मच्छर जनित बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है, वहीं दूसरी ओर डीसी ने बारिश के दौरान बीमारियों से बचाव को लेकर स्वास्थ्य विभाग को जरूरी निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं। इसके साथ ही नगर परिषद को फागिंग के निर्देश दिए गए थे। डीसी के आदेशों को गंभीरता से लेते हुए नगर परिषद प्रशासन ने शहर में फॉगिंग का अभियान शुरू कर दिया है। ताकि लोगों का मच्छर जनित बीमारियों से बचाव हो सके। फॉगिंग के लिए कर्मचारियों की ड्यूटी निर्धारित की गई है। डीएमसी गुलजार मलिक ने बताया कि पूरे शहर में फॉगिंग करवाई जाएगी। फॉगिंग के लिए कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।।
ठुकराए मानसिक रोगियों का सहारा बनेगा हाफ वे होम, 50 लोग रह सकेंगे
रांची में बनेगा हाफ वे होम, परिवार से ठुकराए मरीजों को मिलेगा सहारा रांची के कांके स्थित मानसिक रोग चिकित्सा संस्थान (रिनपास) में इलाजरत वैसे मरीज जो ठीक हो चुके हैं, लेकिन परिवार वालों ने उन्हें ठुकरा दिया है, वे अब निराश नहीं होंगे। क्योंकि ऐसे लोगों का सहारा बनेगा हाफ वे होम। यहां वे मरीज रह सकेंगे, जो इलाज से स्वस्थ हो चुके हैं लेकिन उनके परिवार वाले उन्हें अपने साथ ले जाने को तैयार नहीं हैं। रिम्स में बनेगा हाफ वे होम जिला प्रशासन ने रांची में हाफ वे होम बनाने की कवायद शुरू कर दी है। राज्य के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान रिम्स में हाफ वे होम का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए रिम्स प्रबंधन को पत्र लिखा गया है। दूसरी ओर, हाफ वे होम के संचालन के लिए एनजीओ के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इच्छुक एनजीओ से 9 सितंबर तक प्रस्ताव मांगे गए हैं। प्रस्ताव मिलने के बाद उसी दिन स्क्रूटनी की जाएगी। निर्धारित मापदंड पूरा करने वाले एनजीओ का चयन कर सरकार को भेजा जाएगा। सरकार की मंजूरी मिलते ही रिम्स में हाफ वे होम का संचालन शुरू कर दिया जाएगा। शुरुआती चरण में यहां करीब 50 लोगों के रहने की व्यवस्था होगी। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद केंद्र सरकार ने हाफ वे होम खोलने के लिए गाइडलाइन राज्य सरकार को भेजी है। इसके लिए केन्द्र से फंड भी मुहैया कराया गया है। रिनपास में पहले से है दबाव कांके स्थित रिनपास में भी हाफ वे होम की तर्ज पर एक होम संचालित है। यहां इलाज के बाद 50 से अधिक मरीज रहते हैं। रिनपास के डॉक्टरों का कहना है कि कई बार यह संख्या और बढ़ जाती है। क्योंकि या तो मरीज पूरी तरह सामान्य नहीं हो पाते या परिवार वाले उन्हें लेने नहीं आते। ऐसे में कई बार पुलिस सड़क से उठाकर किसी मानसिक रोगी को पहुंचा देती है, तो उनके लिए वहां जगह की कमी हो जाती है। क्यों जरूरी है हाफ वे होम? मानसिक रोग चिकित्सा संस्थान में सामान्यत: इलाज के बाद जो मरीज ठीक हो जाते हैं, उन्हें घर भेज दिया जाता है। लेकिन घर पहुंचने पर परिजन या आसपास के लोग उनसे इस तरह का व्यवहार करने लगते हैं जैसे वे अब भी बीमार हों। लंबे इलाज के कारण मरीज की मानसिक स्थिति पूरी तरह सामान्य नहीं रहती, जिससे वे आम लोगों से घुल-मिल नहीं पाते। कई बार ऐसे मरीज फिर से डिप्रेशन में चले जाते हैं और दोबारा बीमार हो जाते हैं। इसी समस्या को दूर करने के लिए हाफ वे होम का कांसेप्ट लाया गया है। यहां इलाज से ठीक हो चुके मरीजों को रखा जाएगा, उन्हें सामान्य दिनचर्या में शामिल किया जाएगा और आम लोगों से मेलजोल बढ़ाया जाएगा, ताकि वे धीरे-धीरे पूरी तरह सामान्य जीवन जी सकें।
अबतक 10 डेडलाइन फेल... हैंडओवर हुआ भवन तो इसी माह नेत्र संस्थान का उद््घाटन
रिम्स का क्षेत्रीय नेत्र संस्थान आखिरकार बनकर तैयार हो चुका है। 11 साल पहले शुरू हुए निर्माण कार्य पर अब अगले कुछ दिनों में विराम लगने वाला है। रिम्स प्रबंधन को निर्माण कर रही एजेंसी ने इस बार 10 सितंबर की फाइनल डेडलाइन दी है। अगर बिल्डिंग 10 को हैंडओवर होती है तो इसी महीने के अंत तक इसका विधिवत उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों कराया जाएगा। रिम्स प्रबंधन भी इसे लेकर अपने स्तर से तैयारी कर रहा है। मुख्यमंत्री ने की थी समीक्षा दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य व्यवस्था की समीक्षा की थी। इस दौरान रिम्स में 2014 से बन रहे क्षेत्रीय नेत्र संस्थान का भी रिव्यू कर उन्होंने कई दिशा-निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थेल्मोलॉजी का काम फरवरी 2025 के अंत तक हर हाल में पूरा कर भवन रिम्स प्रबंधन को सौंपा जाए। लेकिन अगस्त 2025 तक कई काम बाकी थे, जिस कारण हैंडओवर नहीं हो सका। एजेंसी की बार-बार फेल डेडलाइन हालांकि एजेंसी ने यह पहली डेडलाइन नहीं दी है। इससे पहले भी 10 से ज्यादा बार डेडलाइन फेल हो चुकी हैं। इधर, रिम्स के संपदा पदाधिकारी डॉ. शिव प्रिये ने पिछले सप्ताह संस्थान का निरीक्षण किया था। उन्होंने बताया कि एजेंसी को 10 सितंबर तक हर हाल में भवन सौंपने का निर्देश दिया गया है। डॉ. शिव प्रिये के अनुसार, भवन का काम पूरा हो चुका है। एजेंसी बाहर के कुछ काम पूरा करने में लगी है। भवन हैंडओवर होते ही इसे दो माह के भीतर पूरी तरह फंक्शनल बनाने का लक्ष्य है। पिछले 4 सालों में कब-कब डेडलाइन फेल हुई? विशेषज्ञों की होगी नियुक्ति नए भवन में रेटिना विशेषज्ञ, डायबिटिक रेटिनोपैथी और छोटे बच्चों के नेत्र रोग विशेषज्ञ सहित अन्य चिकित्सक अपनी सेवा देंगे। रिम्स प्रबंधन ने हाल ही में नेत्र संस्थान में रिक्त पदों के रोस्टर क्लियरेंस के लिए भी फाइल भेजी है। बिल्डिंग के पहले तल्ले पर रिसेप्शन और ओपीडी की सेवा रहेगी। दूसरे तल्ले पर निदेशक व एचओडी का कक्ष और माइनर ओटी, तीसरे तल्ले पर मेजर ओटी, चौथे और पांचवें तल्ले पर मरीज भर्ती रहेंगे। संस्थान शुरू होने के बाद ये सुविधाएं मिलेंगी भवन हैंडओवर होने से बढ़ेगा कॉर्निया ट्रांसप्लांट रिम्स आई बैंक के आंकड़े के अनुसार, संस्थान में अब तक 271 कॉर्निया रिट्रीवल और 171 सफल प्रत्यारोपण किए जा चुके हैं। वहीं, पिछले वित्तीय वर्ष में मार्च 2024 से दिसंबर 2024 तक रिम्स में 65 कॉर्निया सफलतापूर्वक निकाले गए। इधर, रिम्स की तुलना में निजी नेत्र अस्पतालों में तीन गुणा अधिक प्रत्यारोपण किया जा चुका है। रिम्स के चिकित्सकों का कहना है कि यदि नेत्र संस्थान शुरू हो जाए तो रिम्स में वर्तमान की तुलना में दोगुना ट्रांसप्लांट हो सकेंगे। क्षेत्रीय नेत्र संस्थान का भवन, रिम्स में बेहतर इलाज की उम्मीद संस्थान शुरू होने के बाद राज्य के रोगियों को आंखों की बीमारियों के बेहतर इलाज की सुविधा एक ही छत के नीचे मिलेगी।
दुर्गम रास्ते, जर्जर स्कूल…, पढ़ाई ‘पहाड़’ जैसी; इसलिए 64% आबादी निरक्षर आलीराजपुर से इमरोज खान की रिपोर्ट आलीराजपुर मप्र का सबसे निरक्षर जिला है। 64% आबादी पढ़-लिख नहीं सकती। 2011 की जनगणना में साक्षरता दर सिर्फ 36.10% दर्ज हुई। जानकार मानते हैं कि हर साल रोजी-रोटी के लिए होने वाला पलायन इसकी सबसे बड़ी वजह है। जिले के दुर्गम इलाकों में कई स्कूल ही नहीं हैं। 64 स्कूलों के पास भवन नहीं हैं, 136 जर्जर हैं। डीपीसी रिपोर्ट बताती है कि 2010-11 से सरकारी प्राइमरी-मिडिल स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या घट रही है। तब 1.41 लाख विद्यार्थी थे, जो 2025-26 में घटकर 1.28 लाख रह गए। जिला मुख्यालय के एक्सीलेंस स्कूल में जर्जर भवन के कारण पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं एक ही कमरे में लग रही हैं। यानी हर 10 में से 7 लोग पढ़-लिख नहीं सकते... 2011 के अनुसार आलीराजपुर की जनसंख्या 7,28,999 है। इसमें से 4,66,559 लोग निरक्षर हैं। 4 बड़ी वजहें... 1. पलायन... बड़ी संख्या में परिवार हर साल गुजरात और अन्य राज्यों में मजदूरी करने जाते हैं। बच्चों की पढ़ाई बीच में ही छूट जाती है। ड्रॉपआउट रेट बहुत अधिक है।2. दुर्गम बसाहट... पहाड़ी और वन क्षेत्र है। गांव दूर-दूर और दुर्गम इलाकों में। स्कूलों तक पहुंचना मुश्किल। कई गांवों में स्कूल ही नहीं।3. सामाजिक-आर्थिक स्थिति... आबादी अधिकाशं भील व अन्य आदिवासी समुदायों की है। परंपरागत खेती, मजदूरी, जंगल पर निर्भरता शिक्षा से दूर कर देती है।4. भाषा की बाधा... आदिवासी बोली (भीली, भिलाली) और स्कूलों में पढ़ाई वाली हिंदी में बड़ा अंतर।।कलेक्टर डॉ. अभयर अरविंद बेडेकर ने कहा कि साक्षरता सुधारने कई बिंदुओं पर काम चल रहा है। अंधेरे में उम्मीद की किरण... आलीराजपुर मुख्यालय से 13 किमी दूर उमराली गांव। वहां से 7 किमी आगे है पुजारा फलिया। रास्ता पूरा कच्चा, बीच में जंगल और झरना। पहाड़ी चढ़कर ऊपर पहुंचेंगे, तो एक झोपड़ी दिखाई देगी- यही स्कूल है। 20 किमी दूर से आए शिक्षक विजय चौहान खुद घंटी बजाते हैं। आसपास के 5 बच्चे पढ़ते हैं। शहरीकरण व विरासत में मिले पढ़ाई के संस्कार, इसलिए 81.1% आबादी साक्षर जबलपुर से मनीष कुशवाह की रिपोर्ट संस्कारधानी के रूप में पहचाना जाने वाला जबलपुर मप्र का सबसे साक्षर जिला है। जनगणना 2011 के अनुसार जबलपुर जिले की साक्षरता दर 81.1% है। शहरी क्षेत्र में यह 87% और ग्रामीण इलाके में 72.4% तक पहुंचती है।इतिहासकारों के मुताबिक गोंड, मराठा और बाद में ब्रिटिश शासनकाल में बतौर मुख्यालय स्थापित होने के दौरान शिक्षा पर खास जोर दिया गया। मराठों के समय अलग-अलग प्रदेशों से आए लोग अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपराएं साथ लाए, जिससे यहां शैक्षिक वातावरण विकसित हुआ। ब्रिटिश काल में सेना मुख्यालय और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की मौजूदगी ने रोजगार और शिक्षा, दोनों को बढ़ावा दिया। इसी दौरान शिक्षण संस्थानों की स्थापना हुई, जिसने स्थानीय आबादी को साक्षर बनाने में अहम भूमिका निभाई। यानी हर 10 में से 8 लोग पढ़े-लिखे... 2011 के अनुसार जबलपुर की जनसंख्या 24,63,289 है। इसमें से 19,97,727 लोग साक्षर हैं। 4 बड़ी वजहें... 1. ऐतिहासिक शैक्षिक परंपरा... जबलपुर लंबे समय से मध्यभारत का शैक्षणिक और सांस्कृतिक केंद्र रहा है। यहां 19वीं शताब्दी से ही कई शिक्षा संस्थान विकसित हुए।2. शहरीकरण...सड़क, रेल और संचार का अच्छा नेटवर्क है। शहर और कस्बों में स्कूल सुलभ हैं। गांवों तक भी शिक्षा की पहुंच है।3. रक्षा और प्रशासनिक केंद्र... आर्मी, ऑर्डिनेंस फैक्ट्री व प्रशासनिक संस्थान लंबे समय से मौजूद। शिक्षा पर परंपरागत जोर।4. जागरूकता और मिश्रित जनसंख्या...अलग-अलग समुदाय व संस्कृतियां रहते हैं। बच्चों की पढ़ाई को महत्व, खासकर बेटियों की।जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी के अनुसार, जबलपुर में ड्रॉप आउट बच्चों की सूची तैयार कर परिवारों से संपर्क करते हैं, ताकि उन्हें स्कूल ला सकें। कौन कहलाता है साक्षर... 7 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई व्यक्ति, जो किसी भाषा को समझते हुए पढ़ और लिख सके, उसे साक्षर माना जाएगा। केवल अपना नाम लिख पाना साक्षरता नहीं माना जाता। सबसे बड़ा सवाल... शिक्षा में पिछड़े और सबसे आगे वाले जिलों के लिए बजट और योजनाएं एक जैसी हैं। ऐसे में आलीराजपुर जैसे जिलों की स्थिति कैसे सुधरेगी?स्कूल शिक्षा के सचिव डॉ. संजय गोयल बोले- साक्षरता के लिए हर जिले का एक प्लान होता है। शिक्षा विभाग उसी के आधार पर काम करता है।
मध्यप्रदेश में रविवार से भले ही तेज बारिश का दौर थम गया, लेकिन नदी-नाले अभी उफान पर है। नर्मदापुरम, रतलाम, जबलपुर, टीकमगढ़, उमरिया और बालाघाट में हल्की बारिश हुई। सोमवार को भी ऐसा ही मौसम रहेगा। कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार, अभी प्रदेश में मानसून समेत दो टर्फ की एक्टिविटी जरूर है, पर वे स्ट्रॉन्ग नहीं है। इस वजह से भारी बारिश का दौर थम गया। भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत कई शहरों में रविवार को दिन में धूप निकल आई। सोमवार को भी कहीं-कहीं हल्की बारिश होने की संभावना है। इसके अगले दिन मंगलवार को पूर्वी हिस्से में फिर से भारी बारिश का दौर शुरू हो सकता है। अगले दो दिन में दिख सकता है असरमौसम विभाग के मुताबिक, अभी उत्तरी गुजरात और दक्षिण-पश्चिम राजस्थान के ऊपर से लो प्रेशर एरिया एक्टिव हो रहा है। अगले 2 दिन में यह आगे बढ़ेगा। जिसका असर एमपी में भी देखने को मिल सकता है। यानी, इस महीने एक ब्रेक के बाद फिर से तेज बारिश का दौर शुरू होगा। नदी में बही बच्ची नहीं मिला, आज फिर से तलाशसोमवार को भोपाल के बैरसिया में 12 साल की बच्ची की फिर से तलाश होगी। वह अपने दादा के साथ ब्रह्ना नदी में बह गई थी। दादा का शव कुछ घंटे बाद ही मिल गया था। खजुरिया रामदास गांव में करीब 9 बजे बाबूलाल साहू (70), अपनी पोती चिंको (12) और एक पोते के साथ नदी में तर्पण करने गए थे। इसी दौरान पोती बहने लगी तो बाबूलाल उसे बचाने पानी में कूदे, लेकिन तेज बहाव में फंसकर वे और पोती दोनों बह गए। करीब साढ़े 3 घंटे के बाद घटनास्थल से आधा किमी दूर बुजुर्ग का शव मिला। बच्ची को एसडीआरएफ और होमगार्ड की टीम तलाशती रही, लेकिन शाम तक उसका पता नहीं चला। इस वजह से रेस्क्यू बंद करना पड़ा। बैरसिया एसडीएम आशुतोष शर्मा ने बताया, सोमवार सुबह से बच्ची की फिर से तलाश की जाएगी। उधर, रविवार को छतरपुर में अंकित पिता तुलसीदास पटेल (15) की थरा बांध में डूबने से मौत हो गई। वह अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने गया था। इसी दौरान नहाते समय उसका पैर फिसला और वह गहरे पानी में चला गया। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने उसे बाहर निकाला और जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रायसेन में सम्राट अशोक सागर हलाली डैम के दो गेट रविवार को भी खुले रहे। इनको 0.75 मीटर तक खोलकर 112.97 क्यूमेक पानी छोड़ा जा रहा है। कहीं भी तेज बारिश का अलर्ट नहींसीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, प्रदेश में रविवार को कुछ ही जिलों में हल्की बारिश हुई। सोमवार को भी भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। नया सिस्टम एक्टिव होने के बाद बारिश शुरू होगी। एमपी में कोटे से ज्यादा पानी गिराबता दें, प्रदेश में 16 जून को मानसून ने आमद दी थी। तब से अब तक औसत 41.2 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 33.1 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 8.1 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। 4.2 इंच पानी ज्यादा गिर गया है। 30 जिले-भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया में बारिश का कोटा फुल हो चुका है। कई जिले ऐसे हैं, जहां आंकड़ा डेढ़ सौ प्रतिशत के पार है। श्योपुर में कुल 213 प्रतिशत पानी गिर चुका है। एमपी में अब तक इतनी बारिश... ग्वालियर, चंबल-सागर सबसे बेहतरएमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। यहां बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई। ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के सभी 8 जिलों में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर शामिल हैं। 30 में से भोपाल संभाग के चार, इंदौर संभाग के दो, जबलपुर के चार, ग्वालियर-चंबल के 8, सागर-उज्जैन संभाग के 4-4, रीवा संभाग के 3 और शहडोल संभाग का एक जिला शामिल हैं। नर्मदापुरम संभाग के किसी भी जिले में कोटा पूरा नहीं हुआ। गुना में 65 इंच बारिश, मंडला-श्योपुर दूसरे नंबर परसबसे ज्यादा बारिश वाले टॉप-5 जिलों की बात करें तो गुना नंबर-1 पर है। यहां 65 इंच, मंडला-श्योपुर में 56 इंच, अशोकनगर में 54 इंच और शिवपुरी में 54.2 इंच पानी गिर चुका है। अगले 2 दिन ऐसा रहेगा मौसम... अब जानिए, एमपी के 5 बड़े शहरों में बारिश का रिकॉर्ड... भोपाल में 4 साल से कोटे से ज्यादा बारिशभोपाल में सितंबर महीने की औसत बारिश 7 इंच है, लेकिन पिछले 4 साल से कोटे से ज्यादा पानी बरस रहा है। ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1961 में पूरे सितंबर माह में 30 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। वहीं, 24 घंटे में सर्वाधिक 9.2 इंच बारिश का रिकॉर्ड 2 सितंबर 1947 को बना था। इस महीने औसत 8 से 10 दिन बारिश होती है। वहीं, दिन में तापमान 31.3 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। इंदौर में सितंबर में रिकॉर्ड 30 इंच बारिशइंदौर में सितंबर महीने में रिकॉर्ड 30 इंच बारिश हो चुकी है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है, जो साल 1954 में बना था। वहीं, 20 सितंबर 1987 को 24 घंटे में पौने 7 इंच पानी गिर चुका है। इस महीने इंदौर में औसत 8 दिन बारिश होती है, लेकिन इस बार 15 या इससे अधिक दिनों तक बारिश हो सकती है। सितंबर के आखिरी सप्ताह में मानसून की वापसी होने लगेगी। ग्वालियर में वर्ष 1990 में गिरा था 25 इंच पानीग्वालियर में सितंबर 1990 में 647 मिमी यानी, साढ़े 25 इंच बारिश हुई थी। यह सितंबर में मासिक बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 24 घंटे में 7 सितंबर 1988 को साढ़े 12 इंच बारिश हुई थी। सितंबर में ग्वालियर की औसत बारिश करीब 6 इंच है, लेकिन पिछले तीन साल से इससे अधिक बारिश हो रही है। ग्वालियर में इस बार अगस्त में ही बारिश का कोटा पूरा हो गया। ऐसे में सितंबर में जितनी भी बारिश होगी, वह बोनस की तरह ही रहेगी। जबलपुर में 24 घंटे में साढ़े 8 इंच बारिश का रिकॉर्डसितंबर महीने में जबलपुर में भी मानसून जमकर बरसता है। 20 सितंबर 1926 को जबलपुर में 24 घंटे के अंदर साढ़े 8 इंच बारिश का रिकॉर्ड है। वहीं, पूरे महीने में 32 इंच बारिश साल 1926 को हो चुकी है। यहां महीने में औसत 10 दिन बारिश होती है। वहीं, सामान्य बारिश साढ़े 8 इंच है। पिछले 3 साल से सामान्य से ज्यादा पानी गिर रहा है। उज्जैन में 1981 में पूरे मानसून का कोटा हो गया था फुलउज्जैन की सामान्य बारिश 34.81 इंच है, लेकिन वर्ष 1961 में सितंबर की बारिश ने ही पूरे सीजन की बारिश का कोटा फुल कर दिया था। इस महीने 1089 मिमी यानी, करीब 43 इंच पानी गिरा था। वहीं, 24 घंटे में सर्वाधिक साढ़े 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड 27 सितंबर 1961 में ही बना था। सितंबर महीने में उज्जैन की सामान्य बारिश पौने 7 इंच है, लेकिन पिछले दो साल से 12 इंच से ज्यादा बारिश हो रही है। इस महीने औसत 7 दिन बारिश होती है।
अनदेखी:3 करोड़ स्वीकृत पर टेंडर अटका, नए हॉस्टलों की राह देख रहे स्टूडेंट
शहर के गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) में मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए बने हॉस्टल की हालत बदतर होती जा रही है। लगभग 30 साल से ज्यादा पुराने इन हॉस्टलों की दीवारें दरक रही हैं, छतों पर सीलन लग चुकी हैं, साफ-सफाई का अभाव है और सुरक्षा व्यवस्था न के बराबर है। हॉस्टल सुधारने के लिए करीब 3 करोड़ रुपए की राशि तो स्वीकृत हो चुकी है, लेकिन चीफ इंजीनियर के रिटायर होने और लंबे समय से टेंडर की प्रक्रिया अटकी हुई है। ऐसे में आने वाले नए बैच के छात्रों को रहने के लिए कोई हॉस्टल नहीं है। नतीजतन, नए छात्रों के लिए हॉस्टल सुविधा उपलब्ध नहीं के बोर्ड लगाए जा रहे हैं। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. कुलदीप गुप्ता ने बताया कि हॉस्टल की समस्याएं लंबे समय से बनी हुई हैं। इधर, जीएमसी प्रशासन का कहना है कि हॉस्टल्स में जल्द सुधार कार्य करवा लिया जाएगा। 1500 स्टूडेंट, पर पर्याप्त हॉस्टल नहीं जीएमसी में इस समय चार बैच के 1000 एमबीबीएस विद्यार्थी और तीन बैच के करीब 500 पीजी विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। यानी करीब डेढ़ हजार स्टूडेंट्स कॉलेज से जुड़े हुए हैं, लेकिन हॉस्टल की संख्या बेहद कम है। नतीजतन, हर छात्र को हॉस्टल की सुविधा नहीं मिल पाती और कई छात्रों को किराए के मकानों में बाहर रहना पड़ता है। इस बार जीएमसी में नए बैच के आने के बाद हॉस्टल संकट और गहरा सकता है। छात्र नेताओं का कहना है कि स्वीकृत राशि का उपयोग समय पर नहीं हुआ तो यह राशि लैप्स भी हो सकती है। वहीं, पुराने हॉस्टलों की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ रही है। इससे छात्रों में गुस्सा और निराशा दोनों है। नए हॉस्टल का काम धीमा छात्रों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने जीएमसी परिसर में दो नए हॉस्टल बनाने की घोषणा की है। इनमें से एक हॉस्टल का निर्माण कार्य परिसर में शुरुआती स्तर पर शुरू भी हो चुका है। दूसरा हॉस्टल ईदगाह हिल्स में बनाया जाएगा। हालांकि, मौजूदा हॉस्टलों की मरम्मत और सुधार का काम टेंडर प्रक्रिया अटकने के कारण शुरू ही नहीं हो सका है। छात्रों की प्रमुख समस्याएं
वॉलीबॉल एसोसिएशन की वार्षिक आम सभा, यूथ स्टेट वॉलीबॉल चैंपियनशिप की मेजबानी हजारीबाग करेगा
भास्कर न्यूज | हजारीबाग डिस्ट्रिक्ट वॉलीबॉल एसोसिएशन की वार्षिक आम सभा कैनरी इन होटल में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष भैया अभिमन्यु प्रसाद ने की, जबकि सचिव अनवर हुसैन ने वर्षभर की उपलब्धियों की जानकारी दी। सचिव ने बताया कि वर्ष 2024-25 में संघ द्वारा खिलाड़ियों के लिए समर कैंप व प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यूथ स्टेट चैंपियनशिप में खिलाड़ियों ने रजत पदक जीता, वहीं सीबीएसई क्लस्टर और नेशनल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त किया। इसके अलावा हजारीबाग के खिलाड़ियों ने बनारस में हुए स्कूल नेशनल गेम्स में झारखंड का प्रतिनिधित्व करते हुए टीम को पहली बार क्वार्टर फाइनल तक पहुंचाया।कोषाध्यक्ष रमेश सिंह ने सदस्यों के बीच 2022 से 2025 तक का आय-व्यय ब्यौरा प्रस्तुत किया। सभा में यह घोषणा भी की गई कि आगामी यूथ स्टेट वॉलीबॉल चैंपियनशिप की मेजबानी हजारीबाग को मिली है। अध्यक्ष अभिमन्यु प्रसाद ने कहा कि प्रतियोगिता में राज्यभर से करीब 450 खिलाड़ी भाग लेंगे, जिनमें पुरुष वर्ग की 18 और महिला वर्ग की 14 टीमें शामिल होंगी। वार्षिक बैठक में संरक्षक कल्पना बारा, सी.के. सिंह, रामाधीन सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष सत्यदेव सिंह, सह सचिव प्रियरंजन सिंह, सुनील यादव,डॉ पारसनाथ सिंह, सुकल्याण मोइत्रा,अमित स्नेही, अजहर हुसैन, राजकुमार गिरी शानू, विवेक सिंह सहित कई सदस्य मौजूद रहे।
संगठन को सशक्त व मजबूत बनाने का लिया गया निर्णय
भास्कर न्यूज | हजारीबाग भारतीय जीवन बीमा जीवन ज्योति कार्यालय के सभागार में रविवार को अभिकर्ताओं ने आमसभा का आयोजन किया। जिसकी अध्यक्षता अनिल कुमार सिन्हा (प्रकाश) ने किया।जिसमें संगठन को सशक्त एवं मजबूत बनाने का निर्णय लिया गया। जिसमें उपस्थित अभिकर्ताओं ने अपने-अपने विचारों को रखे। संगठन में पूर्व घटित घटनाओं के संदर्भ में लोगों का व्यापक आक्रोश व्यक्त किया गया। वहीं सदस्यों ने अपना सदस्यता शुल्क सहयोग के रूप में जमा किया। इस अवसर पर जीएसटी पर लोगों का भ्रम कैसे दूर हो, इस पर विचार विमर्श किया गया। साथ ही 22 तारीख तक प्रतीक्षा करने को कहा गया। सभी अभिकर्ताओं को अधिक से अधिक जुड़ने का आह्वान भी किया गया, ताकि आने वाले समय में शाखा में होने वाले समस्याओं का निराकरण किया जा सके। लियाफी के कोषाध्यक्ष कृष्ण कुमार पांडे ने आय-व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया। मंच संचालक दिलचंद महतो ने किया। वहीं इस बैठक में सचिव उमेश तिवारी, उपाध्यक्ष मनोज कुमार रंजन, सह कोषाध्यक्ष सचिन कुमार एवं विनोद प्रसाद साहू प्रमुख रूप से मौजूद रहे। इसके साथ ही अन्य कई अभिकर्ताओं ने इस बैठक में भाग लिया। हजारीबाग | उम्र बढ़ना जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा है। लेकिन जैसे उम्र बढ़ता है, इसका हमारे समग्र स्वास्थ्य, भौतिक स्वतंत्रता और जीवन की गुणवत्ता पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। कई लोगों के लिए, जीवन के अंतिम वर्ष न केवल चिकित्सीय स्थितियों से बल्कि स्वतंत्र रूप से घूमने-फिरने और सक्रिय रहने की क्षमता से भी प्रभावित होते हैं। जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, फिजियोथेरेपी उनके जीवन को पूर्ण आत्मनिर्भरता से जीने के लिए शक्ति, संतुलन और आत्मविश्वास प्रदान करने में मदद करती है। बता दें कि विश्व फिजियोथेरेपी दिवस हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है। सोमवार को फिजियोथेरेपी दिवस मनाने को लेकर तैयारी भी हो चुकी है।
चतरा के मोमिन कॉन्फ्रेंस के जिलाध्यक्ष की मौत पर शोक
भास्कर न्यूज|कटकमदाग मोमिन कॉन्फ्रेंस के चतरा जिला अध्यक्ष हाजी जैनुल आबेदीन अंसारी का इंतकाल को हजारीबाग के मोमिन कांफ्रेंस के नेताओं ने गहरा शोक संवेदना प्रकट की है। नेताओं ने बताया कि हाजी जैनुल आबेदीन वर्षों से चतरा जिला मोमिन कॉन्फ्रेंस के जिला अध्यक्ष के पद पर रहते हुए सामाजिक कार्यों का निर्वहन किया, गरीब गुरबाओं के बीच उनकी पहचान एक सच्चे समाजसेवक के रूप में थी। वे बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चतरा लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके थे। झारखंड प्रदेश मोमिन कॉन्फ्रेंस के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर भी वे कार्य करते हुए मोमिनों के सामाजिक शैक्षणिक व राजनीतिक उत्थान के लिए सदैव प्रयत्नशील रहे। हजारीबाग मोमिन कॉन्फ्रेंस से उनका गहरा लगाव था। अचानक उनके ब्रेन हेमरेज हो जाने के कारण रांची के निजी अस्पताल में उनका रविवार को देहांत हो गया। वे चतरा जिला के होलम गड़ा गांव के निवासी थे। उनके अचानक इंतकाल हो जाने पर झारखंड प्रदेश मोमिन कॉन्फ्रेंस ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। एवं उनके मगफिरत की दुआ की है। खराजे अकीदत पेश करने वालों में राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता फिरोज अहमद अंसारी, कार्यकारी अध्यक्ष हाजी मंजूर अंसारी, महासचिव सगीर अंसारी, राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर अनवर हुसैन अंसारी आदि मौजूद थे।
चौपारण में अवैध खनन पर बड़ी कार्रवाई गिट्टी लदा ट्रक और बालू भरा ट्रैक्टर जब्त
भास्कर न्यूज | चौपारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के कड़े निर्देशों के बावजूद चौपारण और इटखोरी प्रखंड के आसपास के इलाकों में अवैध खनन का सिलसिला थम नहीं रहा है। इटखोरी की भद्रकाली, मयूरहण्ड की पेटादरी और चौपारण की बराकर नदी, भगहर के ढाढ़र नदी समेत कई स्थानों से लगातार बालू की अवैध निकासी हो रही है। इसी क्रम में शनिवार देर रात चौपारण सीओ संजय कुमार यादव ने विशेष छापेमारी अभियान चलाकर गिट्टी लदा मिनी ट्रक जब्त किया। वहीं रविवार को बेढना के पास बालू भरा एक ट्रैक्टर पकड़े। सीओ ने बताया कि जांच के दौरान वाहन चालक कोई वैध कागजात प्रस्तुत नहीं कर सके। दोनों वाहनों को चौपारण थाना परिसर में रखा गया है और खनन विभाग को सूचना दी गई है। सीओ यादव ने कहा कि अवैध खनन से न सिर्फ सरकार को राजस्व की हानि होती है बल्कि नदियों का प्राकृतिक प्रवाह बाधित होता है, भूजल स्तर गिरता है और पर्यावरण पर गंभीर खतरा मंडराने लगता है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि एनजीटी के आदेशों का उल्लंघन किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आने वाले दिनों में और सघन गश्ती और छापेमारी अभियान चलाकर अवैध खनन पर पूरी तरह नकेल कसी जाएगी। स्थानीय लोगों ने भी बताया कि लंबे समय से खनन माफिया सक्रिय हैं और रात-दिन बालू-गिट्टी से भरे वाहन खुलेआम गुजरते रहते हैं। प्रशासन की हालिया कार्रवाई से खनन माफियाओं में हड़कंप मच गया है। भास्कर न्यूज | हजारीबाग हजारीबाग शहर के पैराडाइस रिसॉर्ट में तरुण और युवाओं ने 1990 के दशक के कर्णप्रिय हिंदी फिल्मी गानों की प्रस्तुति कर दर्शकों को तीन दशक पुरानी यादों को ताजा किया। 1990 के दशक के सदाबहार गीतों का गायन इन पर नृत्य को सबों ने पसंद किया। आयोजन था। स्वर भारती म्यूजिक एकेडमी के 18वें वार्षिकोत्सव का। आयोजन में छोटे बच्चों ने मैने प्यार किया फिल्म के गाने को गिटार और की बोर्ड के माध्यम मंच पर प्रस्तुति दी। एकेडमी के प्रशिक्षु गायकों ने अपनी मधुर आवाज में पेश कर दर्शकों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। गीतों की प्रस्तुति के बीच लोक नृत्य और शास्त्रीय नृत्यों की प्रस्तुति में सांस्कृतिक संध्या को सरस बना दिया। आयोजकों ने इस वर्ष का थीम द 90 ईरा रखा था। सांस्कृतिक संध्या की खास बात थी कि 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने लता मंगेशकर, आशा भोसले, जगजीत सिंह, कुमार सानू, उदित नारायण और अलका याग्निक जैसे दिग्गज गायकों के गीतों को प्रस्तुत किया। छोटे बच्चों की प्रस्तुति ये तो सच है कि भगवान है ने दर्शकों का दिल जीता। सामूहिक गीत अलबेला सजन...को दर्शकों ने पसंद किया। ऋषि की गजल कोई फरियाद, गणेश वंदना नृत्य की कसी हुई प्रस्तुति से दर्शक बंधे रहे। कलाकारों का साथ देने के लिए सूरज दयाल (ऑक्टोपैड), कुमार प्रिंस (कीबोर्ड), संजय सिंह (हैंड सोनिक), सीनियर गिटार सुभाष सेन और अंसू सेन (गिटार) पर संगत कर रहे थे। मुख्य अतिथि पंडित जय प्रकाश सिंह आचार्य प्रयाग संगीत समिति उत्तर प्रदेश, विशिष्ट अतिथि वेदवंती कुमारी उप निर्वाचन पदाधिकारी, चतरा और महेंद्र कुमार प्रखण्ड विकास पदाधिकारी गिरीडीह थी। आयोजन में अंजलि नीरज तथा रूचि नीरज, डॉ अल्पना सिंह सहायक प्राध्यापक केबी महिला महाविद्यालय ने भी कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई। निदेशक प्रतिभानंद सिंह ने बताया कि हर साल पितृपक्ष में अलग-अलग थीम पर सांस्कृतिक संध्या सजाई जाती है। आयोजन में नए और पुराने कलाकार प्रस्तुतियां देते हैं। संगीत की मचिया प्रस्तुति की समझ विद्यार्थियों में पैदा होती है। उन्हें भाग लेने का मौका मिलता है। कार्यक्रम का समापन कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियों के साथ हुआ। कार्यक्रम मे ललन कुमार, मंजू सिंह, सुनील सोनी, अमित गुप्ता, प्रहलाद सिंह, जितेंद्र सिन्हा उपस्थित रहे। मंच का संचालन डा.रोजी कांत, सुनील सोनी ने संयुक्त रूप से किया।
विद्यार्थियों ने वन महोत्सव पर जाना पर्यावरण संरक्षण का महत्व, लगाए पौधे
भास्कर न्यूज | विष्णुगढ़ विष्णुगढ़ प्रखंड के बनासो स्थित पिरिजिया टांड़ में रविवार को वन महोत्सव का आयोजन किया गया। इस महोत्सव में तीन शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी रही। जिसमें एमटीएस कोचिंग संस्थान, एंबीशन पब्लिक स्कूल व बाल विकास विद्यालय शामिल रहे। इस मौके पर शैक्षणिक संस्थानों के विद्यार्थी प्राकृतिक वातावरण से रूबरू हुए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों और बच्चियों के बीच पर्यावरण संरक्षण और हरियाली के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना था। सबों ने हरे-भरे वातावरण में पौधों और वृक्षों की महत्ता को करीब से समझा और जाना कि वृक्ष हमारे जीवन के आधार हैं। इस मौके पर तीनों संस्थानों से जुड़े शिक्षकों और निदेशकों ने पर्यावरण की सुरक्षा से अवगत कराया। इस मौके पर चंद्रनाथ भाई पटेल ने कहा कि पर्यावरण को संतुलन रखने के लिए हर व्यक्ति को हर वर्ष पांच पौधा लगाना चाहिए उन्होंने कहा कि वन रक्षा समिति द्वारा वन महोत्सव मनाया जाता है इससे लोग जागरुक होते हैं। एमटीएस कोचिंग संस्थान के निदेशक व संस्थापक अमन कुमार ने कहा कि वृक्ष केवल ऑक्सीजन देने वाले साधन ही नहीं, बल्कि जीवन के संतुलन का आधार भी हैं। यदि हर बच्चा प्रतिवर्ष एक पौधा लगाए और उसकी देखभाल करे, तो आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण मिल सकेगा। एंबिशन पब्लिक स्कूल के निदेशक विवेक कुमार ने कहा कि विकास तभी सार्थक है जब हम प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बगैर आगे बढ़ें। हर किसी को वृक्षारोपण करना चाहिए और पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए। बाल विकास विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक विजेंद्र कुमार ने कहा कि पेड़ हमें केवल छाया और फल-फूल ही नहीं देते, बल्कि वायु को शुद्ध करते हैं और हमें जलवायु परिवर्तन की समस्याओं से बचाते हैं। इस मौके पर संस्थान के विद्यार्थियों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम और नाटक की प्रस्तुति की। इन प्रस्तुतियों के माध्यम से पेड़ काटने के बजाय पेड़ लगाने का संदेश दिया गया। गीतों के जरिए पर्यावरण बचाने, प्रदूषण रोकने और हरियाली बनाए रखने की प्रेरणा दी गयी। इस मौके पर रक्षाबंधन कार्यक्रम को हेमलाल महतो, अमूल्य चंद पांडेय, अख्तर खान, रामजी मांझी, जगू दादा, मंजू देवी होरिल महतो, सहित कई लोग संबोधित किया।
लायंस क्लब कैबिनेट का किया गठन महेश खंडेलवाल बनाए गए अध्यक्ष
भास्कर न्यूज | बड़कागांव बड़कागांव प्रखंड के चोपदार बलिया पंचायत अंतर्गत ग्राम खरांटी में रविवार को तैलिक साहू समाज की बैठक की गई। बैठक की अध्यक्षता जगदीश साहू व संचालन विनय कुमार साव ने किया। बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। जिसमें अध्यक्ष पद के लिए सुरेंद्र साव, उपाध्यक्ष डलेश्वर कुमार उर्फ मेडिकल, सचिव शशि भूषण कुमार, कोषाध्यक्ष बाल्मीकि कुमार साव, संयोजक विनय कुमार साव, संरक्षक हरिदयाल साव, जगदीश साहू, धनेश्वर साहू व मीडिया प्रभारी बिरेंद्र कुमार बनाए गए। तैलिक साहू समाज के उपस्थित वक्ताओं ने समाज की एकजुटता पर विशेष जोर दिया। लोगों ने कहा हमारा तेली समाज बिखरा हुआ है हमलोग को एकजुट होकर रहना होगा तभी भविष्य में हमें लाभ मिलेगा। वक्ताओं ने यह भी कहा कि हमारा समाज शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ता जा रहा है बिना शिक्षा के कोई भी समाज आगे नहीं बढ़ पाया है। इसलिए सभी माता-पिता इस पर ध्यान देकर के अपने बाल बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित करे, अच्छे संस्कार दें। शराब से दूरी बनाएं तभी हमारा समाज आगे बढ़ सकता है। तथा उपस्थित समाज की सभी लोगों ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि समाज में किन्ही व्यक्ति का निधन हो जाता है तो अंतिम संस्कार में, या अंतिम यात्रा में अधिक से अधिक लोग भाग लेंगे। बैठक में मुख्य रूप से विनय कुमार साव, जगदीश साहू, हरदयाल साहू, धनेश्वर साहू, सुरेंद्र साव, शशि भूषण कुमार, मेडिकल कुमार, वाल्मीकि कुमार, पंसस प्रतिनिधि मिथलेश कुमार, बिरेंद्र कुमार, महादेव साव, दिनेश साव, बिगो कुमार साव, पन्नालाल साव, जानकी साव, लक्ष्मण साहू, सुनील कुमार एवं अन्य दर्जनों लोग उपस्थित थे। भास्कर न्यूज | हजारीबाग लायंस क्लब ऑफ हजारीबाग के क्लब कैबिनेट 2025-26 का 63वां इंस्टालेशन समारोह मटवारी स्थित रेस्टोरेंट में आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि लायन संजय कुमार डिस्ट्रिक्ट गवर्नर थे। नए पदाधिकारियों के कैबिनेट को लायन राहुल वर्मा स्टालिंग ऑफिसर पीएमसीएस पीडीजी ने कार्य और दायित्व की शपथ दिलाया। नए कैबिनेट में लायन महेश खंडेलवाल गप्पी को अध्यक्ष, लायन पूजा श्रीवास्तव को फर्स्ट वाइस प्रेसिडेंट, लायन अशोक ताम्बी को सेकंड वाइस प्रेसिडेंट, लायन अनु अग्रवाल को सेक्रेटरी, लायन रूपा खंडेलवाल को जॉइंट सेक्रेटरी और लायन विकास कुमार को ट्रेजरार पद की शपथ दिलाई गई। अन्य पदाधिकारियों में चेयरपर्सन फंड रेजिंग लायन एसबी प्रभाकर, मार्केटिंग एंड कम्युनिकेशन लायन मनोज श्रीवास्तव, क्लब एडमिनिस्ट्रेटर लायन सुधा वर्मा, चेयरपर्सन लीडरशिप लायन अरविंद अग्रवाल, चेयरपर्सन सर्विस डॉ. एके शर्मा और चेयरपर्सन मेंबरशिप लायन दीपक पसरिचा को बनाया गया है। बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स में लायन विकास कुमार, लायन मनजीत सिंह कालरा, लायन मनोरंजन सहाय, लायन एके शर्मा, लायन मनोज कुमार श्रीवास्तव, लायन दीपक पसरिचा, लायन सौरभ अग्रवाल, लायन रविकांत श्रीवास्तव, लायन अरुण प्रभात सिंह, लायन अरविंद अग्रवाल और लायन शैलेंद्र गुप्ता को शामिल किया गया है। आयोजन को पीडीजी लायन सिद्धार्थ मजूमदार, एमजेएफ लायन शुभ्रा मजूमदार, इंडक्शन ऑफिसर, एमजेएफ ओर लायन सुजीत कुमार जीएमटी कॉर्डिनेटर ने संबोधित किया। मास्टर ऑफ़ थे सेरिमनी मनोज श्रीवास्तव थे। नए कैबिनेट को लायन सुधा वर्मा ने बैटन सौंपा। नए अध्यक्ष को प्रभात सौतेली लायंस क्लब के पदाधिकारी।
एक दिवसीय भर्ती शिविर का आयोजन 10 को
हजारीबाग | अवर प्रादेशिक नियोजनालय, हजारीबाग के सह-मॉडल कैरियर केंद्र में 10.09.2025 को प्रातः 10:00 बजे से अपराह्न 4:00 बजे तक एक दिवसीय भर्ती शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस भर्ती शिविर में मंजुश्री टेक्नोपैक्ट लिमिटेड, बेंगलुरु तथा विनायक फाउंडेशन रिसर्च एवं एजुकेशन सोसाइटी, रांची कंपनियों के विभिन्न पदों पर भर्ती की जाएगी। मंजुश्री टेक्नोपैक्ट लिमिटेड, बेंगलुरु में पैकर तथा क्वालिटी के पद पर 10-10 रिक्तियां उपलब्ध हैं। इन पदों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता दसवीं कक्षा निर्धारित है। आयु सीमा 18 से 35 वर्ष तक निर्धारित की गई है। उम्मीदवार फ्रेशर हो सकते हैं। चयनित उम्मीदवार को प्रतिमाह 20,000 रूपये वेतन मिलेगा। यह नियुक्ति बेंगलुरु स्थान पर की जाएगी। शारीरिक रूप से स्वस्थ होना अनिवार्य है। वहीं विनायक फाउंडेशन रिसर्च एवं एजुकेशन सोसाइटी, रांची में ब्लॉक समन्वयक, पंचायत समन्वयक , मोबिलाइजर, प्रशिक्षणार्थी दर्जी, सहायक इलेक्ट्रिशियन प्रशिक्षु, मल्टी स्किल तकनीशियन प्रशिक्षु तथा नर्सिंग सहायक प्रशिक्षु के पद उपलब्ध हैं। इन पदों के लिए आवश्यक योग्यता पांचवीं कक्षा से स्नातक तक निर्धारित है। अधिकतर पदों पर फ्रेशर उम्मीदवारों को चयनित किया जाएगा। आयु सीमा 18 से 44 वर्ष निर्धारित की गई है। वेतन 12,000 रूपये से 20,000 रूपये प्रतिमाह तक होगा। नौकरी का स्थान हजारीबाग, रांची और बोकारो में होगा। विशेष रूप से ध्यान दें कि चयन प्रक्रिया में नियोजनालय द्वारा किसी भी प्रकार का मार्ग व्यय या हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा। उक्त आशय की जानकारी जिला नियोजन पदाधिकारी ने दी है। हजारीबाग | अटल चौक हजारीबाग के इनोवेटिव आईएएस में यूपीएससी और जेपीएससी की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि 11वीं से 13वीं जेपीएससी में वित्त सेवा के लिए चयनित अधिकारी रंजीत राणा शामिल हुए और विद्यार्थियों को सफलता का टिप्स दिया। पढ़ने के तरीकों पर सलाह दिया। विद्यार्थी भी ए अधिकारी से मिल कर बहुत खुश थे, अपने बहुत से डाउट्स को भी क्लियर किया। मौके पर इनोवेटिव आईएएस के संचालक शशि कुमार भी उपस्थित थे।
231 साड़ी-धोती और लूंगी का वितरण किया गया
बड़कागांव | बड़कागांव प्रखंड के पश्चिमी पंचायत अंतर्गत पीडीएस दुकान तेलियातरी में मुखिया संघ के अध्यक्ष सह सांसद प्रतिनिधि रंजीत कुमार के हाथों लंगातू, तेलीयतरी और चंदनपुर के लाभुकों के बीच साड़ी-धोती और लूंगी का वितरण किया गया। इस दौरान कुल 231 साड़ी- धोती और लूंगी का वितरण किया गया। रंजीत कुमार ने पंचायत में संचालित सभी पीडीएस संचालकों को समय पर राशन देने की बात कही और आगे कहा कि पंचायत में राशन वितरण से संबंधित किसी प्रकार की शिकायत की मौका नहीं दें। मौके पर मुखिया संघ के अध्यक्ष सह सांसद प्रतिनिधि रंजीत कुमार, उप मुखिया सत्यदेव कुमार, पीडीएस संचालक विनोद राणा, वीरेंद्र ओझा इत्यादि उपस्थित थे। हजारीबाग | हजारीबाग की समूह साध संगत सोमवार आठ सितम्बर को गुरुपर्व बड़े ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाएगा। यह भव्य आयोजन खालसा यूथ एसोसिएशन के दीवान हाल में संपन्न होगा। जिसमें शहर और आसपास से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति की संभावना जताई जा रही है। कार्यक्रम का शुभारंभ संध्या 6:30 बजे रेहरास साहिब के पाठ से होगा। इसके उपरांत आरती एवं शबद कीर्तन का दीवान सजेगा, जहां श्रद्धालु संगत आध्यात्मिक भक्ति रस में सरोबर होंगे।
इनामी मुकाबला सम्पन्न, राजी ग्रुप अव्वल और बेस्ट अवार्ड से अफरोज को नवाजा गया
भास्कर न्यूज |बड़कागांव बड़कागांव के सिरमा में संचालित मदरसा नजीरुल उलूम मुफ्ती जफर इमाम मंजरी के जेरे कदम पर इनामी मुकाबला हुआ। कार्यक्रम का निकाबत गुफरान रजा और तमन्ना परवीन ने किया। इनामी मुकाबला में सवालात ओर जवाबात के तीन ग्रुप थे। जिसमें अव्वल रजवी ग्रुप रहा। जजमेंट के तौर पर मौलाना मो. अजमल मौलाना व कारी मो. सफीक थे। अफसर रजा के द्वारा ट्राफी देकर सम्मानित किया गया। कहा आने वाले वक्त में हमारे बच्चे स्टेट लेवल में कंपटीशन करेंगे। और मुफ्ती साहब और कारी साहब का शुक्रिया किया गया। वहीं मुखिया प्रतिनिधि असीम अरशद के द्वारा बच्चों को इनाम देकर सम्मानित किया गया। मौके पर मुख्य रूप से कारी अब्दुल बासिद बाल्यावी, मौलवी आवेश, हाफिज साबिर हुसैन, मोहम्मद शकील, मोहम्मद राजू, जाहिद फजल, फैसल, मो. अरशद मो. अहरार, साजिद, मोहसिन, वसीम फिरोज, नवाजिश, जीशान, साकिब, नाजिम और कई लोग मौजूद थे। भास्कर न्यूज|कटकमदाग प्रखंड के कटकमदाग मैदान में आयोजित सांसद खेल महोत्सव के तहत नमो फुटबॉल टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला रविवार को पिंडराही बनाम सिरका टीम के बीच खेला गया। पिंडराही टीम 1-0 से विजेता बनी। वहीं बालिकाओं की टीम में जमुआरी टीम फतहा को 1-0 से विजेता बनी। मुख्य अतिथि समाजसेवी श्रद्धानंद सिंह सहित अन्य अतिथियों ने बालक वर्ग के विजेता टीम को 25 हजार का चेक, ट्रॉफी व उप विजेता को 15 हजार और ट्रॉफी प्रदान कर पुरस्कृत किया। इस दौरान विजेता टीम के खिलाड़ियों में काफी उत्साह देखा गया। खिलाड़ी व ग्रामीण पारंपरिक ढोल- नगाड़े बजाते हुए अपने गांव की ओर लौटे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि समिजसेवी श्रद्धानंद सिंह ने कहा कि खेल युवाओं को अनुशासन सिखाता है। साथ ही फुटबॉल खेल से शारीरिक व मानसिक विकास होता है। हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल के पहल से नमो फुटबॉल टूर्नामेंट अब पुरे हजारीबाग संसदीय क्षेत्र में पोपुलर हो चुका है। अब नमो फुटबॉल टूर्नामेंट ऐतिहासिक रूप ले चुका है। इसके पूर्व अतिथियों ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर व फुटबॉल पर किक मारकर मैच का शुभारंभ किया। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष टुन्नू गोप, हजारीबाग के सांसद प्रतिनिधि अजय कुमार साहू, सह सांसद प्रतिनिधि विनोद झुनझुनवाला किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष इंद्रनारायण कुशवाहा महिला मोर्चा के जिला अध्यक्ष रेणुका साहू सहित अन्य अतिथियों ने कार्यक्रम को संबोधित कर हजारीबाग सांसद के सौजन्य से आयोजित नमो फुटबॉल टूर्नामेंट का जमकर सराहना की। साथ ही खिलाड़ियों का हौसलाअफजाई की। टूर्नामेंट को सफल बनाने में आयोजन समिति के अध्यक्ष सुनील यादव, सचिव अरुण कुमार राणा, कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र गुप्ता, प्रबंधक कविन्द्र यादव, प्रखंड सांसद प्रतिनिधि मिथिलेश यादव, दीपक कुमार पंडित, बसंत यादव, विरेन्द्र कुमार सहित अन्य का सहयोग रहा। इस मौके पर मूलचंद साव, विनोद कुमार बिगन, जीवन मेहता, कृष्णा मेहता, दामोदर सिंह, तनवीर अहमद, महेश प्रसाद, तुलसी कुशवाहा, कमल साव, लखन गोप, धीरज राणा, मोहन गुप्ता सहित कई भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे।
एसबीएमसीएच में ढाई साल से खराब पड़ा ऑक्सीजन प्लांट शुरू
सुबोध मिश्रा| हजारीबाग हजारीबाग प्रमंडल के लिए सबसे खुशी की बात यह है कि प्रमंडलीय हॉस्पिटल शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल की तस्वीर अचानक बदल गई है। यह बदलाव 31 अगस्त की रात उपायुक्त शशि प्रकाश सिंह के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डाक्टर एसके सिंह की टीम के द्वारा अचानक छापेमारी किए जाने का परिणाम है। छापेमारी में मिली भारी खामियों के बाद उनके द्वारा अस्पताल प्रशासन को कई दिशा निर्देश दिए गए थे। जिस पर तेजी से अमल हुआ और अचानक हॉस्पिटल की तस्वीर बदल गई। अब इस अस्पताल का लाभ और बेहतर सेवा प्रमंडल के चतरा कोडरमा गिरिडीह रामगढ़ और हजारीबाग जिले के लोग उठा पाएंगे। अस्पताल में एक-एक हजार पीएसए पावर के दो ऑक्सीजन प्लांट लगे हैं। दोनों ऑक्सीजन प्लांट ढाई साल से खराब पड़े हुए थे। दैनिक भास्कर इस खबर को लगातार प्रकाशित करता रहा। परिणाम यह था कि ऑक्सीजन सिलेंडर के भरोसे इतना बड़ा अस्पताल संचालित था। ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोगों की सांसें थम गई। जबकि कई मरीज की स्थिति गंभीर हुई और उन्हें रेफर किया जाता रहा। लेकिन अब यह स्थिति नहीं है। क्योंकि दोनों ऑक्सीजन प्लांट ठीक हो गए हैं। प्लांट से सीधे बेड तक ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू हो गई है। अब ऑक्सीजन के अभाव में किसी कि सांस नहीं थमेगी।
कमजोर परिवारों को मदद व रक्त दान शिविर लगाकर करते हैं सेवा
सोसायटी के बारे में... युवा साथी झारखंड की स्थापना वर्ष 2020 में हुई थी, आज 5 साल हो गए। इस सप्ताह... युवा साथी झारखंड संस्था एनाम खान | गढ़वा युवा साथी झारखंड एक ऐसी संस्था है जो समाज के नैतिक, सामाजिक, शैक्षणिक, स्वरोजगार एवं सांस्कृतिक क्षेत्रों के विकास और उत्थान के लिए पिछले 6 वर्षों से समाज सेवा का कार्य कर रही है। युवा साथी झारखंड की स्थापना 15 अगस्त 2020 को बरही प्रखंड के युवा समाजसेवी विकास सिंह ने की। स्थापना काल से ही संस्था की तरफ से समाज के वंचित, असहाय एवं गरीब लोगों के बीच वस्त्र का वितरण, भोजन उपलब्ध करवाना एवं आर्थिक मदद जैसी सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही है। संस्था के अध्यक्ष विकास सिंह ने बताया कि समाज के युवाओं के साथ मिलकर इस संस्था की शुरुआत की गई है। सामाजिक कार्यों में निरन्तर सक्रिय रहने ओर अपने कार्यों एवं उद्देश्यों के प्रति सहज रहने के लिए वर्ष 2023 में संस्था को सरकार के द्वारा पंजीकृत भी किया गया है। संस्था की रूपरेखा एवं कार्यप्रणाली पांच महत्पपूर्ण सूत्रों पर तैयार की गई जिसमें, संपर्क, सहयोग, संस्कार, सेवा व समर्पण शामिल है। अध्यक्ष विकास सिंह मोबाइल नंबर: 9835535554 सोसायटी का फोकस ... समाज के युवाओं को आगे लाना, और आपसी सहयोग से लोगों का सेवा करना है। राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान युवा साथी झारखंड संस्था के अध्यक्ष विकास सिंह को सामाजिक सुधार, युवाओं को प्रेरित करने और पिछड़े वर्ग के उत्थान हेतु किए गए कार्यों के लिए वर्ष 2022 में जयपाल सिंह मुंडा प्रेरणा युवा प्रतिभा रत्न और 2023 में अरफाई ज्वाइंट ईस्ट नॉर्थ जोनल चैंपियनशिप सम्मान से सम्मानित किया गया है।
नावाडीह गांव में टमाटर कोड़ रही महिला की वज्रपात की चपेट में आने से मौत
इचाक | इचाक थाना क्षेत्र के नावाडीह गांव में रविवार को हुई वज्रपात की घटना में एक महिला की जान चली गई। मृतक महिला की पहचान देवंती देवी उम्र 48 वर्ष पति बालेश्वर यादव के रूप में हुई है। घटना रविवार को चार बजे उस वक्त हुई जब मृतक महिला देवंती गांव के बगल स्थित भोरड़वा टांड़ में लगा टमाटर कोड़ रही थी। उसने टमाटर कोड़ना शुरू ही किया था कि इसी बीच बूंदाबांदी के साथ वज्रपात हुई। जिसके चपेट में आने से महिला की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। अगल-बगल के खेत में टमाटर कोड रहे ग्रामीणों ने देखा कि पलक झपकते ही वज्रपात हुई जिसके चपेट में देवंती आ गई। घटना के तुरंत बाद लोग वहां पहुंचे और उसे तत्काल उठाकर घर ले आए। जहां देखते ही लोगों ने देवंती को मृत बता दिया। घटना की जानकारी इचाक पुलिस को दे दी गई है। हजारीबाग | हजारीबाग लहोसिऔघना थाना की पुलिस ने दुष्कर्म के आरोपी बड़कागांव के चोपदार बलिया निवासी मोहम्मद अब्दुल को गिरफ्तार कर रविवार को जेल भेज दिया। थाना प्रभारी निशांत केरकेट्टा ने बताया कि अब्दुल पगमिल में किराए के मकान में रहता था। उसके विरुद्ध 28 अगस्त को थाना क्षेत्र की एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराई थी। इस एफआईआर के बाद अब्दुल फरार चल रहा था। पुलिस ने उसे पैतृक घर चोपदार बलिया से गिरफ्तार किया।
विजयादशमी पर बगोदर में रावन दहन की तैयारी
बगोदर|यहां के स्टेडियम में विजया दशमी के मौके पर रावण दहन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम साहू समाज करेगा। तैयारी को लेकर बगोदर के स्थानीय विवाह हॉल में रविवार को बैठक की गई। बैठक में आगामी दो अक्टूबर को भव्य रावण दहन का निर्णय लिया गया। बैठक के दौरान कमेटी का गठन किया गया। कमेटी में अध्यक्ष दिलीप कुमार साहू, उपाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार, सचिव अशोक निराला, कोषाध्यक्ष अमित कुमार उर्फ बबल को बनाया गया।
शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता कुरीतियों के िखलाफ चला रहा अभियान
भास्कर न्यूज |गिरिडीह गिरिडीह जिला तैलिक साहू समाज वर्ष 1952 से जिले के सभी प्रखंडों में शिक्षा, स्वास्थ्य व सामाजिक कुरीतियों को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चला रहा है। पौधरोपण, प्रतिभा सम्मान समारोह, कंबल वितरण, छठ पूजा में लागत मूल्य पर फल उपलब्ध कराने, वृद्धाश्रम में भोजन, वस्त्र वितरण, ब्लड डोनेशनकैंप, बिरहोर बच्चों के बीच खाद्ध व पठन पाठन सामग्री वितरण कार्यक्रम भी कर रहा है। अभियान से जिले के सभी प्रखंडों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है । संगठन जिलाध्यक्ष बालगोविंद साहू ने कहा कि वर्ष 1952 में जब संगठन का गठन किया गया था, उन दिनों जिले के सभी प्रखंडों में हर तरफ कई तरह की परेशानियां नजर आती थी। सबसे लचर स्थिति शिक्षा और स्वास्थ्य की थी। इसे देखते हुए संगठन की ओर से लगातार 73 वर्षो से अभियान चलाते हुए लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा रहा है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के लिए निः शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन समय समय पर किया जा रहा है। साथ ही लोगों को सामाजिक कुरीतियों के िखलाफ भी जागरूक िकया जा रहा है।
माता भगवती देवी शर्मा का महाप्रयाण दिवस मना
भास्कर न्यूज | गिरिडीह अखिल विश्व गायत्री परिवार, गिरिडीह के तत्वावधान में रविवार को गायत्री शक्तिपीठ गिरिडीह सहित जिलेभर में माता भगवती देवी शर्मा का महाप्रयाण दिवस श्रद्धापूर्वक मनाया गया। गायत्री परिवार के प्रमुख कामेश्वर सिंह ने बताया कि माता भगवती देवी शर्मा का महाप्रयाण वर्ष 1994 में भाद्रपद पूर्णिमा को हुआ था। इस अवसर पर राजेश कुमार राम, भवानी प्रसाद वर्मा, किशोरी शर्मा, राम प्रसाद नायक, संजय चौरसिया, काशी प्रसाद, बुधन चंद यादव, किशुन महतो, शिवप्रसाद राम, विशेश्वर साव, मनोज शर्मा, अनिल कुमार साव, बलराम विश्वकर्मा, रेखा देवी, संगीता साव, सरिता साव, माधुरी गुप्ता, स्नेहलता देवी, पूनम आदि थे।
2023 की होमगार्ड वैकेंसी पर दो साल बाद शुरू हुई बहाली, गिरिडीह स्टेडियम में आज से दौड़
भास्कर न्यूज|गिरिडीह 2023 में होमगार्ड जवानों की नियुक्ति के लिए निकली वैकेंसी पर दो साल बाद 2025 में बहाली होगी। गिरिडीह जिले में खाली पड़े 708 होमगार्ड जवानों की नियुक्त के लिए निकली वैकेंसी के विरुद्ध 8500 अभ्यर्थियों ने आवेदन भरा था। इनमें 1300 अभ्यर्थियों का आवेदन स्क्रूटनी में छंट गया था। अब 7200 आवेदन शेष रह गए हैं, जिसमें 708 होमगार्ड जवानों का चयन किया जाएगा। 8 सितंबर से गिरिडीह स्टेडियम में बहाली की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। जिला प्रशासन की ओर से इसे लेकर सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है। इसमें जिले के 10 प्रखंडों के 7200 अभ्यर्थी शारीरिक जांच प्रक्रिया में भाग लेंगे। सुबह 7 बजे से होमगार्ड अभ्यर्थियों की दौड़ शुरू होगी। इसमें पुरुषों को 6 मिनट में 1600 मीटर दौड़ पूरी करनी होगी, जबकि महिलाओं को 1600 मीटर की दौड़ 8 मिनट में पूरी करनी होगी। इसमें एक साथ 100 अभ्यर्थी दौड़ में हिस्सा लेंगे। दौड़ में सफल अभ्यर्थियों की मौके पर ही मेडिकल जांच और लिखित परीक्षा होगी। तीनों में जो अभ्यर्थी सफल होंगे उन्हीं का चयन होगा और तत्काल उसे चयन पत्र दिया जाएगा। इसके लिए अभ्यर्थियांे की उम्र सीमा 19-40 वर्ष निर्धारित है। वहीं ग्रामीण अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता 8वीं पास और शहरी क्षेत्र अभ्यर्थियों कि शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक पास होना अनिवार्य किया गया है।
13 वर्षों से फरार वारंटी को भेजा गया जेल
गिरिडीह|नगर थाना कांड संख्या 180/08 के फरार वारंटी मुफ्फसिल थाना क्षेत्र सिहोडीह निवासी विजय सिंह को नगर थाना पुलिस ने शनिवार रात को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। यह जानकारी नगर थाना प्रभारी ज्ञान रंजन कुमार ने दी। कहा कि वर्ष 2008 में विजय सिंह पर थाना में प्राथमिकी हुई थी, प्राथमिकी दर्ज होने की सूचना पाकर अभियुक्त विजय सिंह फरार हो गया, कोर्ट में उपस्थित होने के लिए विजय सिंह को थाना और कोर्ट के द्वारा कई बार नोटिस तामिल करने के बावजूद कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। लिहाजा सूचना पर शुक्रवार की रात घर में छापेमारी कर गिरफ्तार कर लिया गया। मेडिकल जांच के बाद जेल भेज दिया गया।
4 िदनों से युवक गायब,ससुर ने लगाई गुहार
बड़की सरिया|सरिया थाना क्षेत्र के कसियाडीह गांव निवासी बैजनाथ पासी ने रविवार को सरिया थाना में आवेदन देकर अपने दामाद की बरामदगी की गुहार लगाई है। आवेदन में कहा है िक बीते 3 सितम्बर को उनका दामाद बिनोद चौधरी उम्र 25 वर्ष पिता बासुदेव चौधरी ससुराल आया था। इसके बाद दूसरे दिन अपना घर पोपलो थाना मरकच्चो जिला कोडरमा के लिए निकल गया। इसके बाद वह अपना घर नही पहुंचा। काफी खोजबीन की गई, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। उसके बेटी-दामाद को एक चार साल की बेटी भी है।
मशीनों के दौर में भी यहां कायम है पारंपरिक लोहार कला
प्रकाश मिश्रा | गिरिडीह गिरिडीह जिले के जमुआ प्रखंड स्थित जमखोखरो गांव अपने आप में एक मिसाल है। यहां करीब 65 लोहार परिवार आज भी पीढ़ियों से चली आ रही अपनी परंपरा को जिंदा रखे हुए हैं। दशकों से ये परिवार खेती-बाड़ी में काम आने वाले औजार जैसे कुदाल, खुरपी, हसुआ, गमला, कड़ाही और धान उबालने का कड़ाह (कड़ाही का बड़ा स्वरूप ) हाथ से बनाते आ रहे हैं। एक कड़ाह का वजन 15 -20 िकलो तक होता है। इन औजारों व सामानों की मांग सिर्फ गिरिडीह तक सीमित नहीं है, बल्कि हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, रामगढ़, धनबाद, बोकारो, देवघर सहित बिहार के जमुई, भागलपुर, बांका, बिहार शरीफ, नवादा और गया तक फैली हुई है। खासकर धान उबालने वाला बड़ा कड़ाह यहां का सबसे लोकप्रिय उत्पाद है, जिसकी मांग धान कटाई के मौसम में कई गुना बढ़ जाती है। गांव के लोहार धनेश्वर लोहार, कृष्ण कुमार, चंदन कुमार, काशी विश्वकर्मा, अजय विश्वकर्मा, ओमप्रकाश विश्वकर्मा और धर्मेंद्र विश्वकर्मा बताते हैं कि भले ही मशीनों से औजार बनने लगे हों, लेकिन हाथ से बने हमारे औजारों की मजबूती और टिकाऊपन किसानों की पहली पसंद है। यही वजह है कि आज भी लोग हमें खोजते हुए ऑर्डर देने आते हैं। िफलहाल त्योहारों के िलए चूल्हा बनाने में व्यस्त हैं परिवार वर्तमान में, गांव के सभी परिवार त्योहारों के अवसर पर इस्तेमाल होने वाले लोहे के चूल्हे बनाने में जुटे हैं। हर परिवार दिनभर में 50-60 चूल्हे तैयार करता है, जिन्हें आसपास के जिलों के दुकानदार खरीद कर ले जाते हैं। इसके बाद वे खेती-बाड़ी के औजारों के निर्माण की ओर लौटेंगे। चूल्हा - 300 रुपए हसुवा - 50 रुपए। खुरपी - 60 रुपए। कुल्हाड़ी - 150 रुपए फरसुल (बैठी)- 120 कड़ाह - 1200 से 1500 तावा - 150 रुपए हल - 350 रुपए छोटा कड़ाही - 150 रुपए
हरियाणा में इस बार यमुना, मारकंडा, घग्गर व टांगरी के अलावा कई बरसाती नदियां व ड्रेन आफत लेकर आईं। प्रदेश के करीब 3,060 गांवों में बाढ़-बारिश से जलभराव हुआ। ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर ही 1.84 लाख किसानों ने करीब 11 लाख एकड़ फसलों में नुकसान बता मुआवजा मांगा है। हालांकि, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी कह चुके हैं कि प्रदेश में आपदा जैसी स्थिति नहीं है। कुरुक्षेत्र व अंबाला जिलों में नदियां सबसे ज्यादा बार उफान पर आईं। कुरुक्षेत्र में तो मारकंडा, घग्गर के अलावा बरसाती नदी राक्षी भी उफनी। मारकंडा का बंध 3 बार टूट चुका है। कुरुक्षेत्र मुख्यमंत्री नायब सैनी का गृहक्षेत्र है। राक्षी नदी ने उनके हलके लाडवा में ही तटबंध तोड़े। दूसरे नंबर पर अंबाला है। जहां टांगरी दो बार उफान पर आई। मारकंडा, घग्गर, रूण व बेगना किनारों से बाहर आईं। टांगरी ने सबसे खराब हालात अंबाला कैंट में किए, जो नायब सरकार के नंबर-2 रैंक के मंत्री अनिल विज का गृह क्षेत्र है। सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी का अपना जिला भिवानी और गृह हलका तोशाम भी लगातार जलभराव का संकट झेल रहा है। जबकि यहां कोई नदी भी नहीं। इस मानसून सीजन में पूर्व सीएम बंसीलाल की कोठी तक भी बरसाती पानी पहुंच गया। यह कोठी भिवानी के विजयनगर में है। किरण चौधरी व श्रुति चौधरी जब भी भिवानी में आती हैं तो इसी कोठी में ठहरती हैं। कोठी तक पानी पहुंचने से रोकने के इंतजाम जरूर हुए हैं। कोठी के पास से मेन रोड की तरफ पानी की निकासी के लिए पाइप लाइन बिछा दी है। उसके बाद यहां ज्यादा जलभराव नहीं हुआ। किस VIP इलाके में क्या हालात और राहत-बचाव के क्या इंतजाम हुए कुरुक्षेत्रः 3 जगह से टूटी मारकंडा, 4 दिन बाद CM ने किया दौरा कुरुक्षेत्र में मारकंडा, सरस्वती, राक्षी और घग्गर नदी हैं। इनमें मारकंडा डेंजर लेवल 256 मीटर से ऊपर बही। नैसी गांव में मारकंडा नदी का तटबन्ध 2 दिन में तीन जगह टूटा। मारकंडा ने शाहाबाद, झांसा और इस्माइलाबाद में तबाही मचाई। घग्गर नदी उफान पर रही। इससे पिहोवा के पंजाब बॉर्डर से सटे गांवों के खेतों में पानी पहुंच गया। लाडवा में राक्षी नदी का तटबन्ध 3 सितंबर को 2 जगह से टूटा। कुल मिलाकर जिले में 30 से ज्यादा गांव बाढ़-जलभराव से प्रभावित हुए। करीब 17 हजार एकड़ फसलें प्रभावित हुईं।शाहाबाद से कांग्रेस विधायक रामकरण काला और पिहोवा से कांग्रेस विधायक मनदीप चट्ठा ने अपने इलाकों में जलभराव का जायजा लिया। CM नायब सैनी ने 6 सितंबर को बाढ़ प्रभावित तंगौर, कठवा, कलसाना, झांसा जाते हुए ठोल, नलवी, झरौली खुर्द और झांसा का जायजा लिया। शाहाबाद के रेस्ट हाउस में बाढ़ प्रभावित किसानों से बात की और मार्कण्डेश्वर मन्दिर में माथा टेका। इसी दौरान जलभराव वाले इलाकों से रेस्क्यू किए लोगों से बातचीत की। ताजा हालात क्या...मारकंडा का पानी घटा, टूटे बांध रिपेयर नहीं हुए अंबालाः 10 दिन में दो बार उफनी टांगरी, मारकंडा-बेगना सड़कों पर बहीं अंबाला में टांगरी, मारकंडा, बेगना, रूण, घग्गर, ओमला, अमरी समेत कई छोटी नदियां भी हैं। इस बार सभी में उफान आया। टांगरी नदी की वजह से 10 दिन में दो बार 12 से 15 कॉलोनियों के लोगों को पलायन करना पड़ा। पहली बार टांगरी में 42 हजार क्यूसेक तक पानी दर्ज हुआ जबकि डेंजर लेवल 15 हजार का है। शाहपुर में टांगरी का बंध टूटा। कई साल बाद टांगरी का पानी ओवरफ्लो होकर नेशनल हाईवे-344 तक पहुंचा। कई सड़कें अब नाम की ही बची हैं। अंबाला कैंट विधायक अनिल विज ने कई बार टांगरी नदी क्षेत्र का दौरा किया और लोगों का हालचाल जाना। SDRF की टीम भी रेस्क्यू में लगाई गई। अभी ताजा हालात क्या…इंडस्ट्रियल एरिया 4 दिन बाद भी डूबा, कई सड़कें खत्म भिवानीः कोई नदी भी नहीं, फिर भी 30 से अधिक गांवों में जलभराव भिवानी जिले में कोई भी नदी नहीं आती। इसके बावजूद जिले में 30 से अधिक गांवों में जलभराव की नौबत आई। यहां बरसात के पानी की ही निकासी नहीं हो सकी। इसके अलावा घग्गर ड्रेन ओवरफ्लो हुई है। प्रभावित इलाकों में सबसे ज्यादा बवानी खेड़ा, तोशाम व भिवानी ब्लॉक के गांव शामिल हैं। बवानीखेड़ा के विधायक कपूर सिंह वाल्मीकि ने जलभराव क्षेत्र का दौरा कर मुख्यमंत्री से मुआवजे की मांग की। तोशाम हलके से विधायक एवं सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी खुद गांवों का दौरा कर चुकी हैं। हालांकि जलभराव का कोई स्थाई-अस्थाई समाधान नहीं हुआ है। पंप सेट लगवाए, लेकिन वो कामयाब नहीं हुए। सबसे बड़ी समस्या ये कि पानी निकालकर छोड़े कहां? ताजा हालात…कई गांवों में एक महीने से भी पानी नहीं उतरा हिसारः 15 जगह टूटी ड्रेन, 276 गांवों में फसलें खराब, बड़े-बड़े नेता पहुंचे हिसार में कोई नदी नहीं है। बारिश का पानी ड्रेनेज के जरिए हिसार में तबाही मचा रहा है। यह ड्रेनेज बरसाती पानी निकालने को बनाई गई हैं जो सिंचाई में भी प्रयोग होती हैं। मगर बारिश के लगातार होने से ड्रेनेज ओवरफ्लो हो गई हैं। हिसार में अब तक 15 ड्रेनेज टूट गई हैं। हिसार में 307 गांव में से 276 गांवों में फसल ज्यादा खराब हुई हैं। आदमपुर तहसील के 30, बालसमंद के 19, बरवाला के 28, बांस के 19, हांसी के 43, हिसार के 87, खेड़ी जालब के 17, नारनौंद के 18 और उकलाना तहसील के अंतर्गत 15 गांव शामिल हैं। किसानों ने 1 लाख 45 हजार एकड़ क्षेत्र का खराबा दर्ज कर दिया है। उकलाना से विधायक नरेश सेलवाल, नलवा से रणधीर पनिहार, नारनौंद से जस्सी पेटवाड़, बरवाला से विधायक एवं मंत्री रणबीर गंगवा, हांसी से विनोद भ्याणा, आदमपुर से विधायक चंद्रप्रकाश अपने-अपने क्षेत्र में पहुंचे हैं। सांसद जयप्रकाश, राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला, सांसद कुमारी सैलजा, सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने भी इलाके का दौरा किया। 7 सितंबर रविवार को सीएम नायब सैनी बरवाला, नारनौंद व हांसी के जलभराव वाले इलाकों में दौरा किया। अभी ताजा हालात क्या….500 परिवारों का पलायन, सैकड़ों घर अभी डूबे बहादुरगढ़ः नफजगढ़ की विधायक खुद गंदे पानी में उतरीं तो सेना बुलाई बहादुरगढ़ में मुंगेशपुर ड्रेन के ओवरफ्लो होने और टूटने से 4 वार्ड और 1 गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए। झज्जर जिले की करीब 11 हजार एकड़ फसल प्रभावित हुई। छोटू राम नगर व विवेकानंद नगर में 8 दिन से 5 हजार से ज्यादा लोग गंदे पानी से गिरे हैं। ये इलाका दिल्ली के नफजगढ़ इलाके से सटा है। नफजगढ़ की विधायक नीलम पहलवान खुद कमर तक भरे गंदे पानी में उतरीं तब दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने हरियाणा के सीएम नायब सैनी से बात की। उसके बाद हिसार कैंट से सेना की कंपनी बचाव कार्यों के लिए बुलाई गई। फरीदाबादः 3 हजार घरों पर तालेफरीदाबाद में यमुना की सबसे ज्यादा मार गांव बसंतपुर में हुई है। जब भी यमुना में पानी आता है ये इलाका हर बार डूब जाता है। प्रशासन के सबसे कमजोर इंतजाम यहीं पर होते है। नजदीक कोई शेल्टर होम नही बनाया जाता। इस बार भी करीब 3 हजार घरों पर ताले लटके दिख रहे हैं। लोग अपने रिश्तेदारों या किराये के घरों में गए हैं। यमुना का ये इलाका तिगांव हलके में आता है। यहां से विधायक एवं नायब सरकार में खाद्य मंत्री राजेश नागर ने प्रभावित इलाकों का दौरा किया। हालांकि पानी की मार वाले इलाकों में बचाव के कोई स्थायी इंतजाम नजर नहीं आए हैं। पंचकूलाः कई गांव कटे, प्रशासन रास्ते नहीं खुलवा पायापंचकूला में नदी ओवरफ्लो होने या तटबंध टूटने जैसी हालत नहीं बने, लेकिन मोरनी इलाके में लैंड स्लाइड से कई गांवों के रास्ते बंद हुए। कोटी टापर पंचायत के 5 गांव उससे प्रभावित हैं। बिजली लाइन बह जाने से छामला व कोटि भोज के 6 गांव में बिजली समस्या आई है। कालका विधानसभा की विधायक शक्ति रानी शर्मा ने इलाके का दौरान तो किया लेकिन प्रशासन के स्तर पर रास्ते खोलने के कोई इंतजाम नहीं हुए हैं।
हरियाणा के रोहतक जिले के गांव डोभ के रहने वाले मगन सुहाग सुसाइड केस में पुलिस ने चार्जशीट पेश कर दी है। जिसमें कई अहम खुलासे हुए हैं। इसमें मगन की पत्नी दिव्या का जो कबूलनामा है, उसमें जिक्र है कि उसने जमीन के लालच में मगन से शादी की। दिव्या ने महाराष्ट्र पुलिस के कॉन्स्टेबल दीपक को दोस्त बताया। यह भी कबूला कि दीपक को पुलिस में प्रमोशन के लिए 5 लाख चाहिए थे। इतनी रकम के लिए मगन पर दबाव बनाया। दिव्या ने यह भी कबूला कि सुसाइड से पहले उसकी फोन पर पति से बहस हुई थी और उसने मरने की बात कही थी। दूसरी तरफ कॉन्स्टेबल दीपक ने पूछताछ में कहा कि उसका दिव्या से सिर्फ बार डांसर के तौर पर संपर्क था। दिव्या ने उसे पहले कभी नहीं बताया था कि वो शादीशुदा है। इस केस में कॉन्स्टेबल दीपक को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी है, जबकि मगन की पत्नी दिव्या की जमानत पर सोमवार (8 सितंबर) को रोहतक कोर्ट में सुनवाई होनी है। मगन सुहाग ने 18 जून को फंदा लगाकर जान दे दी थी। मरने से पहले वीडियो वायरल किया था, जिसमें दिव्या की बेवफाई से तंग होकर जान देनी का बात कही थी। मगन ने मरने से पहले दो वीडियो भी बनाई, जिसमें मगन ने अपनी मौत के लिए पत्नी दिव्या व उसके प्रेमी दीपक को दोषी ठहराया। साथ ही दिव्या व उसके प्रेमी दीपक पर धमकी देने व परिवार को मारकर जमीन बेचने और मुंबई में जमीन लेने की बात कही थी। मगन सुहाग ने वीडियो में पत्नी दिव्या व उसके प्रेमी दीपक पर 5 लाख रुपए देने का दबाव बनाने की बात कही। साथ ही साढ़े 3 लाख रुपए देने की बात भी वीडियो में बताई। मगन ने वीडियो में दिव्या व उसके प्रेमी दीपक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की थी। साथ ही सांसद दीपेंद्र हुड्डा व विधायक बलराम दांगी से भी परिवार का साथ देने की बात कही थी। अब जानिए…पुलिस पूछताछ में दिव्या ने क्या बातें कबूलीं अब पढ़िए…रोहतक पुलिस ने पूछताछ में दीपक से क्या 11 सवाल पूछे 1. आपका नाम, पता व मोबाइल नंबर क्या है?दीपकः मैं, दीपक उतम राव सोनावणे, ग्राम घटाम्बरी, तालुका सिल्लोड, जिला औरंगाबाद (सम्भाजी नगर), महाराष्ट्र का निवासी हूं। 2. आप क्या काम करते हो?दीपकः मैं महाराष्ट्र पुलिस में सिपाही के पद पर पिशोर थाना ताल्लुका कन्नड जुला औरंगाबाद ग्रामीण में तैनात हूं। 3. आप शादी शुदा है या नहीं, अगर शादीशुदा है तो आपकी पत्नी का नाम व पारिवारिक ब्योरा क्या है?दीपक: हां मैं शादीशुदा हूं। मेरी पत्नी का नाम आरती है। मेरे पास 2 बच्चे हैं, एक लड़का उम्र 10 साल, एक लड़की उम्र 4 साल है। मेरे माता-पिता जीवित हैं, वो गांव में रहते हैं और मैं अपने बच्चों सहित पिशोर कस्बे में ही रहता हूं। 4. आप दिव्या को कैसे जानते और आपकी कब जानकारी हुई थी?दीपक: मैं दिव्या से पहली बार 17 अप्रैल, 2025 को पनवेल के सप्तगिरी डांस बार में मिला था। हमारी मुलाकात डांस बार खत्म होने के बाद, उसी के एक प्राइवेट रूम में हुई। 18 अप्रैल को सुबह 3 बजे दिव्या से मिलने की बात हुई, और दिव्या ने एक मोबाइल नंबर दिया जिस पर मैंने गूगल पे के माध्यम से 4000 रुपए भेजे। दिव्या सुबह 5 बजे तक मेरे साथ रही। बाद में, मैंने दोपहर 3:58 बजे उसी नंबर के स्कैनर पर गूगल पे के माध्यम से 3000 रुपए भेजे। इसके बाद, रात 11:18 बजे उसी स्कैनर पर 7000 रुपए और भेजे। मैं दिव्या को एक बार डांसर के रूप में जानता था। इसके बाद, दिव्या और मेरे बीच फोन पर बातचीत होने लगी, और हम फोन पर चैटिंग और वीडियो कॉल भी करने लगे। 5. आप दिव्या के साथ पैसों का लेन-देन करते थे व दिव्या ने आपको 9-6-2025 व 10.6.2025 को आपके खाते में पैसे डलवाए थे। वो आपके प्रमोशन के लिए थे क्या?दीपक: मेरी दिव्या के साथ 17 अप्रैल 2025 को जानकारी होने के बाद पैसों का लेन-देन होता रहता था। जब भी दिव्या स्कैनर भेजती थी और मैं पैसे स्कैनर में डालता था। 20 अप्रैल को 1500 रुपए, 24 अप्रैल को 1500 रुपए, 28 अप्रैल को 3000 रुपए, 9 मई को 10,000 रुपए, 16 मई को 40,000 रुपए मेरे से लिए थे। हम होटल में भी मिलते रहते थे। जब मुझे पैसों की जरूरत हुई, तो दिव्या ने 9 जून को अपने खाते से मेरे खाते में 49-49 हजार रुपए के दो लेन-देन किए। 10 जून को भी उसने इतने ही लेन-देन किए। इस तरह दिव्या ने कुल 1.96 लाख रुपए दिए, लेकिन 18 जून को मगन की आत्महत्या के बाद डर के कारण, मैंने वो सारे पैसे दिव्या को नकद वापस कर दिए। बाद में दिव्या ने कहा कि उसे अब कोर्ट में पैसों की जरूरत है और उसके पास पैसे नहीं हैं। 6. आप दिव्या के परिवार में किसको जानते हैं। अगर जानते हैं तो किसी परिवार वालों से आपकी कोई बात होती थी या नहीं?दीपक: मैं दिव्या के किसी परिवारवाले को नहीं जानता। मेरी दिव्या के परिवार वालों से कोई बात नहीं हुई। 7. दिव्या ने अपनी शादी व परिवार के बारे में कुछ बताया था या नही?दीपक: हां, दिव्या ने अपने परिवार के बार में बताया था कि मैं अनाथ हूं। परिवार में कोई नहीं है। तभी मैं बार में डांसर बनी और उसी से अपना गुजारा चलाती हूं। अपनी शादी के बारे में नहीं बताया और मेरी उससे हमदर्दी होने लगी। उससे ज्यादा मैं नहीं जानता। 8. आपकी जहां पर पोस्टिंग है उससे पनवेल की कितनी दूरी है।दीपक: लगभग 300 किलोमीटर है। 9. आप ड्यूटी के लिए पनवेल जाते थे या अन्य किसी काम के लिए जाते थे?दीपक: मैं पनवेल में डांस बार में इंजॉय करने के लिए घूमने के लिए जाता था। मैं कोई सरकारी काम के लिए नहीं जाता था। 10. दिव्या ने आपको कब बताया कि मगन ने सुसाइड कर लिया है?दीपक: 19 जून को दिव्या ने बताया कि मेरे पति ने सुसाइड कर लिया है। मैंने कहा कि आपका तो कोई पति नहीं था। तब दिव्या ने बताया कि मैं सारी बात आपके पास आकर बताती हूं। तब वह 19 जून को मेरे पास संभाजीनगर आई और सारी बातें बताई। बाद में वीडियो वायरल होने के बाद मुझे पता चला कि दिव्या के पति ने मेरा नाम भी दे दिया है। तब मुझे डर लगा और मैंने छुट्टी ली। उसके बाद मैं ड्यूटी पर नहीं गया और ड्यूटी से गैर हाजिर होकर कोर्ट पहुंच गया। 11. आपने दिव्या के साथ जो कमरे में आपत्तिजनक वीडियो बनाया था, वह कौन से मोबाइल में बनाया था? किसने बनाया था? कब बनाया था? वह मोबाइल कहां पर है।दीपक: वह दिव्या ने अपने मोबाइल में बनाया था। 30 मई की रात को बनाया था। वह मोबाइल दिव्या के पास था। मैंने दिव्या के मोबाइल में ही देखा था। -------------------------- ये खबर भी पढ़ें :- रोहतक सुसाइड केस, कॉन्स्टेबल प्रेमी ने पहली बार तोड़ी चुप्पी:बोला- दिव्या से मुंबई डांस बार में मिला, उसी ने बनवाया VIDEO हरियाणा के रोहतक का मगन सुहाग सुसाइड केस लगातार सुर्खियों में है। पत्नी दिव्या के मोबाइल में जिस वीडियो को देखने के बाद मगन ने आत्महत्या का फैसला किया था, उस पर पहली बार बड़ा खुलासा हुआ है। यह खुलासा महाराष्ट्र पुलिस के उस कॉन्स्टेबल दीपक सोनवने ने ही किया है, जो वीडियो में दिव्या के साथ अंतरंग पलों में नजर आ रहा है। पढ़ें पूरी खबर...
सिरसा के रंगड़ी खेड़ा के प्रगतिशील किसान गुरशरण सिंह ने खेती के जुनून में सरकारी नौकरी को अलविदा कह दिया। उन्होंने पुश्तैनी 12 कनाल ज़मीन में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की और महज़ चार साल में बड़ा मुकाम हासिल किया। गुरशरण सिंह ने अपने खेत में सी, इज़रायली येलो, जंबो रेड और क्रॉसब्रीड सहित चार किस्मों के 762 पौधे लगाए हैं। पौधों को सहारा देने के लिए 8 फीट ऊंचे सीमेंट के खंभे और लोहे की तारों का जाल लगाया गया है। बेलनुमा इन पौधों से डेढ़ साल में फल आना शुरू हो गया था। अब वह हर साल क़रीब 7 लाख रुपए की आमदनी ले रहे हैं, जो पारंपरिक गेहूं और धान की फसल के मुकाबले क़रीब 8 एकड़ की आय के बराबर है। इसके साथ ही उन्होंने गांव के 10 लोगों को रोज़गार भी दिया है। गुरशरण सिंह की इस पहल से प्रेरित होकर आसपास के किसान भी पारंपरिक खेती छोड़कर विदेशी और व्यावसायिक फसलों की ओर रुख कर रहे हैं। यह बदलाव खेती में नई सोच, नवाचार और आत्मनिर्भरता की मिसाल बन गया है। खेत में ड्रैगन फ्रूट का पहला बागकिसान गुरशरण सिंह बताते हैं कि उन्हें खेती का जुनून है। नगर परिषद में सचिव पद से सितंबर 2020 में वीआरएस लेकर ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की। साउथ अफ्रीका से क्रॉसब्रीड किस्म के पौधे मंगवाए। ज़िले में उनका पहला बाग है, जिसमें अब 7 किस्म के ड्रैगन फ्रूट के पौधे हैं। इसे फ्रूट मार्केट में लेकर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। उनके खेत से डॉक्टर और अधिकारी ख़ुद ले जाते हैं। गुरशरण ने बताया कि डेंगू से राहत को विशेषज्ञ डॉक्टर पहले कीवी खाने की सलाह देते थे, लेकिन अब ड्रैगन फ्रूट की सलाह देते हैं। क्योंकि यह फल कीवी से 4 गुना अधिक फ़ायदेमंद होता है। इसमें फ़ाइबर ज़्यादा होता है, जिससे पाचन अच्छा रहता है और कब्ज़ की समस्या दूर होती है। यह शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। ब्लड शुगर लेवल सामान्य बनाए रखता है और कोलेस्ट्रॉल भी कम करता है। सिरसा कृषि विज्ञान केंद्र के मृदा विशेषज्ञ डॉ. देवेंद्र सिंह जाखड़ बताते हैं कि ज़िले में ड्रैगन फ्रूट की खेती उत्तम कार्य है। इसे कम पानी और किसी भी तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है। ड्रैगन फ्रूट की मुख्य विशेषताएं
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के चंडीगढ़ केंद्र ने आज यानि सोमवार को हरियाणा के 18 जिलों में बारिश का अनुमान जताया है। पंचकुला, अंबाला, यमुनानगर, पानीपत, सोनीपत, रोहतक में अधिकतर एरिया में मध्यम बारिश हो सकती है, जबकि कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, जींद, फतेहाबाद, हिसार, सिरसा, झज्जर, फरीदाबाद, पलवल, मेवात, गुरुग्राम में हल्की बूंदाबांदी हो सकती है। इसके अलावा चार जिलों भिवानी, चरखी दादरी, रेवाड़ी और महेंद्रगढ़ में मौसम सामान्य रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार पिछले 10 दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद आज यहां राहत मिल सकती है। हालांकि कल यानि 9 सितंबर को मौसम फिर से करवट लेगा। इससे पहले रविवार (7 सितंबर) को पानीपत, हिसार, फतेहाबाद और जींद में बारिश हुई। हरियाणा के कई जिलों में इस समय बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। सीएम नायब सैनी ने रविवार दोपहर बाद अंबाला, जींद, फतेहाबाद, हिसार जिलों में जलभराव वाले क्षेत्रों का दौरा किया और जल्द पानी निकासी करवाने के निर्देश दिए। अंबाला-पंचकूला में इस सीजन सबसे कम बारिशप्रदेश में इस बार सामान्य से 48 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 7 सितंबर तक हरियाणा में औसतन 377.9 एमएम बारिश होनी थी, लेकिन अब तक 559.9 एमएम बारिश हो चुकी है। सबसे ज्यादा बारिश यमुनानगर में 1069 एमएम दर्ज की गई, जबकि सबसे कम बारिश सिरसा जिले में 331.2 एमएम हुई है। प्रदेश में अंबाला और पंचकूला ही ऐसे जिले हैं, जहां सामान्य से कम बारिश हुई है। अंबाला में सात सितंबर तक 722 एमएम बारिश होनी चाहिए थी लेकिन 655.1 एमएम बारिश ही हुई है। वहीं पंचकुला में 767.9 एमएम बारिश होनी चाहिए थी लेकिन 734 एमएम बारिश हुई है। अगले 3 दिन मौसम के ये रहे हाल...
हरियाणा के फरीदाबाद में एक डॉग लवर दंपती और एक महिला सुरक्षा गार्ड के बीच विवाद हो गया। कुछ देर में मामला मारपीट में बदल गया। आरोप है कि महिला ने सुरक्षा गार्ड की जांघ में पेचकस से हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। महिला के पति पर भी सुरक्षा गार्ड के बाल पकड़कर खींचने का आरोप है। प्रिंसेस पार्क सोसाइटी में हुई इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें डॉग लवर दंपती एक महिला सुरक्षा गार्ड के साथ मारपीट करते और उसके बाल खींचते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में दंपती का एक साथी भी नजर आ रहा है। खेड़ीपुल थाना पुलिस ने सुरक्षा गार्ड की शिकायत पर दंपती और उनके दोस्त के खिलाफ मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस तीनों आरोपियों की तलाश कर रही है। यहां सिलसिलेवार ठग से पढ़िए पूरा मामला.... अब जानिए आरोपी पक्ष ने क्या कहा.... सिक्योरिटी गार्ड ने ही बाल पकड़, पिटाई कीआरोपी पक्ष की महिला दिव्या नायक ने कहा कि उन्होंने अपनी सहेली त्रिवेणी और उसके पति को किसी काम से सोसाइटी बुलाया था। गार्ड ने विपुल को अंदर नहीं जाने दिया। सुरक्षाकर्मी महिलाओं ने मिलकर त्रिवेणी को बाल पकड़कर गिरा दिया और पिटाई की। विपुल केवल पत्नी को बचाने के लिए बीच में आया था। त्रिवेणी बोलीं- 6 साल से स्ट्रीट डॉग को खाना खिला रहीआरोपी त्रिवेणी ने कहा कि वह डॉग लवर हैं और पिछले 6 साल से स्ट्रीट डॉग को रात में खाना खिला रही हैं। उनके पति विपुल चौहान गुरुग्राम में काम करते हैं और रोज घर से ऑफिस जाते हैं। सिक्योरिटी गार्ड ने ही विवाद शुरू किया था और उन पर लगे आरोप निराधार हैं।