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थोक महंगाई दर मई में 14 महीने के निचले स्तर 0.39 प्रतिशत पर रही

नई दिल्ली, 16 जून . भारत में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर मई में 14 महीनों के निचले स्तर 0.39 प्रतिशत पर पहुंच गई है. इससे पहले अप्रैल में यह 0.85 प्रतिशत थी. सरकार की ओर से सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों में यह जानकारी दी गई. यह लगातार तीसरा महीना है ... Read more

डेली किरण 16 Jun 2025 1:13 pm

राम मंदिर निर्माण पर अब तक का सबसे बड़ा खर्च:श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को वित्तीय वर्ष 2024-25 में 316.57 करोड़ की आय

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभिन्न स्रोतों से कुल 316.57 करोड़ रुपए की आय हुई है। ट्रस्ट द्वारा जारी आय-व्यय विवरण के अनुसार, इस वर्ष सबसे अधिक खर्च राम मंदिर निर्माण परियोजना पर 452.76 करोड़ रुपए किया गया है। यह अब तक का सबसे बड़ा व्यय है, जो अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की तेज़ रफ्तार को दर्शाता है। अयोध्या में हुई ट्रस्टीज की बैठक में यह बजट रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 तक चलेगा, जबकि वर्ष 2024-25 (1 अप्रैल 2024 से 31 मार्च 2025) के खाते बंद कर दिए गए हैं। इन खातों की ऑडिट रिपोर्ट तैयार कर सितंबर 2025 तक आयकर रिटर्न दाखिल की जाएगी। डोनेशन से हुई आय ट्रस्ट को आय के रूप में सबसे अधिक धनराशि दानपात्र और ऑनलाइन माध्यमों से प्राप्त हुई। डोनेशन एकाउंट में ₹35.01 करोड़, दानपात्रों से ₹94.30 करोड़, ऑनलाइन ट्रांसफर से ₹12.79 करोड़ तथा विदेशी मुद्रा के एफसीआरए खाते से ₹0.55 करोड़ की आय हुई। इन सभी माध्यमों से कुल 173.86 करोड़ रुपये की समर्पित राशि ट्रस्ट को प्राप्त हुई। कहां-कहां हुआ खर्च ट्रस्ट की ओर से बताया गया कि राम मंदिर निर्माण पर सर्वाधिक ₹452.76 करोड़ खर्च किए गए। इसके अतिरिक्त, भूमि खरीद पर ₹105.45 करोड़ की राशि खर्च हुई, जिसमें बाग बिजैसी व रामकोट क्षेत्र में जमीन की खरीद शामिल है। इंफ्रास्ट्रक्चर से संबंधित कार्यों पर ₹87.56 करोड़ तथा अन्य मदों में ₹1.70 करोड़ खर्च किए गए। इस प्रकार कुल मिलाकर ट्रस्ट ने 652.55 करोड़ रुपए व्यय किए हैं। पिछली दो वर्षों की तुलना बजट रिपोर्ट में पिछले दो वित्तीय वर्षों की तुलना भी की गई है। 2022-23 में ट्रस्ट की कुल आय ₹208.97 करोड़ रही थी, जो 2023-24 में बढ़कर ₹363.34 करोड़ हो गई। इसी प्रकार व्यय की बात करें तो 2022-23 में ₹386.91 करोड़ खर्च हुए थे, जबकि 2023-24 में यह आंकड़ा लगभग दोगुना होकर ₹922.62 करोड़ तक पहुंच गया। यह दर्शाता है कि राम मंदिर निर्माण कार्य में बीते वर्षों में तेज़ी आई है और भक्तों के सहयोग से ट्रस्ट को आर्थिक रूप से लगातार मजबूती मिल रही है।

दैनिक भास्कर 13 Jun 2025 7:15 am

वेतनवृद्धि:उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के हिसाब से बढ़ोतरी, 5 सालों में यह सबसे कम वृद्धि

सरकार के अलग-अलग विभागों, राजस्व मंडलों, मैदानी दफ्तरों, निकायों व बोर्ड में कांट्रेक्ट (संविदा) पर काम कर रहे लगभग डेढ लाख कर्मचारियों के पारिश्रमिक में 2.94% की सालाना वृद्धि कर दी गई है। इस वृद्धि का लाभ कांट्रैक्ट पर काम कर रहे लोगों को 1 अप्रैल 2025 से मिलेगा। इसी के हिसाब से उनके मासिक पारिश्रमिक का निर्धारण होगा। मप्र में सरकारी विभागों में इस समय 25 से 30 हजार लोग कांट्रेक्ट पर काम कर रहे हैं। वहीं सवा लाख लोग सरकार के उपक्रमों, निकायों और बोर्डों में कार्यरत हैं। वित्त विभाग ने इस पारिश्रमिक का निर्धारण उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर किया है। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यह पिछले पांच-छह सालों में सबसे कम है। वर्ष 2019-20 में सालाना बढ़ोतरी 7.69% हुई थी। इसके बाद के वित्तीय वर्षों में यह क्रमश: 5.16%, 4.88%, 5.94%, 3.77% और 3.78 (लगभग) रही। चालू वित्तीय वर्ष में यह और कम हो गई। गौरतलब है कि जुलाई 2023 में सामान्य प्रशासन विभाग ने दिशा-निर्देश जारी किए थे, जिसमें साफ था कि संविदा पर अलग-अलग विभागों में काम कर रहे लोगों के सालाना पारिश्रमिक में वृद्धि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के हिसाब से होगी। चालू वित्तीय वर्ष में यह 2.94 % आई है, इसलिए पारिश्रमिक का निर्धारण भी इसी आधार पर हुआ है। उदाहरण के लिए यदि किसी संविदा कर्मी का पारिश्रमिक सालाना 10 लाख रुपए है तो 2.94 फीसदी की वृद्धि के अनुसार पारिश्रमिक में लगभग 30 हजार रुपए की सालाना बढ़ोतरी होगी। महासंघ ने कहा-यह बढ़ोतरी ऊंट के मुंह में जीरा के समान मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा कि यह ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। महासंघ ने दो बार ज्ञापन भी वित्त विभाग को सौपा था तथा उनसे जल्दी वेतनवृद्धि के आदेश जारी करने की मांग की थी। राठौर ने सीएम से मांग की है कि संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह जैसे पहले मंहगाई भत्ता मिलता था, वही दिया जाए। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जो वित्त विभाग बढ़ाता है, वह बहुत कम होता है। महंगाई भत्ता भी बढ़ा राज्य सरकार के उपक्रमों, निगम और मंडलों के ऐसे कर्मचारी व अधिकारी जो प्रतिनियुक्ति पर राज्य शासन में काम कर रहे हैं। साथ ही उन्हें चौथा व पांचवां वेतनमान स्वीकृत है, उनका महंगाई भत्ता भी बढ़ा दिया गया है। यह भी लंबे समय से लंबित था। वित्त विभाग ने लगातार दो वर्षों का फायदा एक साथ दिया है।{ चौथे वेतनमान वाले - 1 जुलाई 2024 से लागू महंगाई भत्ता 302% से बढ़ाकर 310% कर दिया। इसी तरह एक जनवरी 2025 से लागू महंगाई भत्ता 310% से बढ़ाकर 315% कर दिया है।{ पांचवें वेतनमान वाले - एक जुलाई 2024 से 1385% से बढ़कर 1415% होगा, जबकि 1 जनवरी 2025 से यह 1415% से बढ़कर 1435% होगा।

दैनिक भास्कर 13 Jun 2025 5:09 am

भारतीय अर्थव्यवस्था में चौथी तिमाही में तेज़ रफ्तार, लेकिन सालाना वृद्धि में सुस्ती

वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था ने 6.5% की वृद्धि दर दर्ज की है, जो पिछले चार वर्षों में सबसे कम...

आउटलुक हिंदी 30 May 2025 12:00 am