उत्तर प्रदेश को मिले 45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव, 7 लाख युवाओं को रोजगार
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में अनुपूरक बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में सरकारी नौकरियों के साथ-साथ परंपरागत उद्यमों को सशक्त कर एमएसएमई सेक्टर को नई मजबूती दी गई है
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ग्वालियर में होने वाली अभ्युदय एमपी ग्रोथ समिट 2025 की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट और प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने मेला मैदान स्थित कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण किया। मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार का निवेश से रोजगार का संकल्प साकार होने जा रहा है। उन्होंने बताया कि यह समिट औद्योगिक क्षेत्र और निवेश के मामले में एक नया इतिहास रचेगी। यह समिट भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 101वीं जयंती और प्रदेश सरकार के दो साल के कार्यकाल पूरे होने के अवसर पर आयोजित की जा रही है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रहे हैं। अमित शाह बुधवार रात ग्वालियर पहुंच गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम स्थल पर तैयारियों का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने अटल जी की जीवन यात्रा पर तैयार की गई प्रदर्शनी के साथ ही मध्य प्रदेश के औद्योगिक विकास और महत्वपूर्ण औद्योगिक मॉडल के डिस्प्ले को भी देखा। मुख्यमंत्री ने मुख्य सभा मंच की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया। हजारों लोग बनेंगे ऐतिहासिक आयोजन के साक्षी, अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलिमुख्यमंत्री ने कहा कि ग्वालियर-चंबल अंचल महाराजा सिंधिया के जमाने से ही औद्योगिक क्षेत्र के लिए एक आदर्श स्थान रहा है। उन्होंने बताया कि अटल जी की जन्म शताब्दी के अवसर पर यह पूरा वर्ष उद्योग और रोजगार का वर्ष मनाया गया है, जिसके तहत इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और रोड शो आयोजित किए गए। डॉ. यादव ने आगे कहा कि निवेशकों ने मध्य प्रदेश के प्रति अपना विश्वास मजबूती से व्यक्त किया है, जो अब साकार हो रहा है। उन्होंने घोषणा की कि देश में पहली बार 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेशों का भूमि पूजन और शिलान्यास इस आयोजन में होने जा रहा है। हजारों की संख्या में लाभार्थी और अन्य लोग इस ऐतिहासिक कार्यक्रम के साक्षी बनेंगे, जो अटल जी को एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी। टेलीकॉम सहित कई सेक्टरों में विकास को मिलेगी रफ्तार ग्वालियर–चंबल को टेलीकॉम सहित अन्य क्षेत्रों में भी बड़ी सौगात मिलने जा रही है। हमारा मंत्रिमंडल मिलकर युवा, महिला, गरीब सहित सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्य कर रहा है। गृहमंत्री जी को हमने आमंत्रित इसलिए किया है, क्योंकि पिछले वर्ष उन्होंने जीआईएस के समापन अवसर पर हमें आशीर्वाद दिया था। हमने भी उम्मीद जताई थी कि उनकी भावना के अनुरूप भव्य कार्यक्रम का आयोजन करेंगे, और वह हम करने जा रहे हैं। देश-दुनिया के सामने भारत, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में, विश्व की एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। मध्य प्रदेश भी उनके इन प्रयासों में मजबूती से योगदान देने जा रहा है।
Stock Market Holiday: क्या 25 दिसंबर को क्रिसमस के मौके पर NSE और BSE बंद रहेंगे?
NSE और BSE पर इक्विटी, इक्विटी डेरिवेटिव्स और सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बोर्रोइंग (SLB) सेगमेंट में कोई ट्रेडिंग या सेटलमेंट एक्टिविटी नहीं होगी. इसके अलावा, करेंसी और कमोडिटी बाजार भी गुरुवार को बंद रहेंगे.
'निवेश-रोजगार बढ़ाना प्राथमिकता'- DM:मधुबनी में औद्योगिक विकास पर समीक्षा बैठक, कहा- होगा समाधान
मधुबनी के औद्योगिक क्षेत्र पंडौल में बुधवार को दिन के दो बजे औद्योगिक इकाइयों के उद्यमियों के साथ एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। जिलाधिकारी आनंद शर्मा (भा.प्र.से.) की अध्यक्षता में हुई इस बैठक का उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2024-25 से संबंधित औद्योगिक योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और उद्यमियों की समस्याओं को जानना था। कच्चे माल की उपलब्धता व विद्युत आपूर्ति पर चर्चा बैठक में उद्यमियों ने कच्चे माल की उपलब्धता, विद्युत आपूर्ति, भूमि संबंधी मुद्दे, बैंकिंग सहायता, अनुदान, लाइसेंसिंग और अन्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं से जुड़ी अपनी समस्याओं को जिलाधिकारी के समक्ष विस्तार से रखा। जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने उद्यमियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और संबंधित विभागीय अधिकारियों को त्वरित एवं व्यावहारिक समाधान सुनिश्चित करने के स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने दोहराया कि जिला प्रशासन उद्योगों के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और निवेश तथा रोजगार सृजन को बढ़ावा देना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने उद्यमियों से अपनी इकाइयों का विस्तार करने, नई तकनीक अपनाने और स्थानीय स्तर पर अधिक से अधिक रोजगार सृजित करने का आह्वान किया। बैठक में अपर समाहर्ता, मधुबनी, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र, मधुबनी, अग्रणी जिला प्रबंधक, जिला उद्योग संघ के पदाधिकारी और औद्योगिक इकाइयों के संचालक सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। सभी अधिकारियों ने अपने-अपने विभाग से संबंधित विषयों पर जानकारी दी और उद्यमियों के सुझावों को अमल में लाने का आश्वासन दिया। यह बैठक जिले में औद्योगिक वातावरण को मजबूत करने, प्रशासन और उद्यमियों के बीच समन्वय बढ़ाने तथा मधुबनी को औद्योगिक दृष्टि से अग्रणी जिला बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
मात्र एक बार निवेश... और हर महीने पाएं 12000 रुपये; इस धांसू पेंशन स्कीम के बारे में आपको पता है?
Pension Plan: रिटायरमेंट के बाद कई लोगों को पेंशन प्लान की भी फिक्र होती है. कई ऐसे लोग होते हैं जो नौकरी के समय ही कुछ ऐसी योजनाओं में निवेश कर लेते हैं जिससे उन्हें रिटायरमेंट के बाद कुछ पैसे मिल जाते हैं जो उनके बुढ़ापे में काफी मदद करते हैं. हम यहां एक खास पेंशन प्लान की बात कर रहे हैं जिसमें एक बार निवेश कर रिटायरमेंट के बाद जीवनभर पेंशन पा सकते हैं.
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अभ्युदय समिट में शामिल होने ग्वालियर पहुंचे। एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी को नमन किया। सिंधिया ने वाजपेयी को एक कुशल राजनीतिज्ञ और राष्ट्रव्यापी विचारधारा का प्रतीक बताया, जिनके कण-कण में देश के प्रति समर्पित भाव था। उन्होंने कहा कि वाजपेयी एक सच्चे दिल के इंसान थे और उन्होंने उनके और अपनी दादी अम्मा के दिखाए पथ पर चलने का संकल्प लिया है। सिंधिया ने ग्वालियर की खराब सड़कों को लेकर कांग्रेस के प्रदर्शन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इतने सालों तक मध्य प्रदेश को गड्ढे में डाल दिया, जिसकी भरपाई वह जीवनभर भी नहीं कर पाएगी। उन्होंने मध्य प्रदेश की वर्तमान स्थिति की तुलना 20-25 साल पहले की स्थिति से करते हुए कहा कि अब जमीन-आसमान का फर्क आ चुका है। सिंधिया ने मुख्यमंत्री मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश में आए विशाल और क्रांतिकारी परिवर्तन की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन देश की विकास और प्रगति में अपना संपूर्ण योगदान दे रहा है। सिंधिया बोले- बड़े निवेश की संभावना सिंधिया ने एमपी अभ्युदय समिट को लेकर कहा- कल का दिन देख लीजिए। 2000 करोड़ से ज्यादा के निवेश की घोषणाएं सिर्फ कागजों तक नहीं रहेंगी, बल्कि साकार रूप में पूरे प्रदेश के लिए होंगी। यह एक नया मध्य प्रदेश है। ऐसा मध्य प्रदेश, जो किसानों, नौजवानों और हर एक व्यक्ति के लिए विकास और प्रगति लाने वाला है। मैं ग्वालियर की बात करूं, जहां आप खड़े हैं, अगर प्रधानमंत्री जी का आशीर्वाद नहीं होता तो एयरपोर्ट संभव नहीं हो पाता। सड़कों का भी इंतजाम हो रहा है। आपने देख लिया है कि पहली बार किसी जनसेवक ने पारदर्शिता के साथ काम किया है। लाल, पीला और हरा सारे आंकड़े आपके सामने रखे गए हैं। उसमें वृद्धि भी हुई है, जिसकी जानकारी मैंने पिछली समीक्षा बैठक में आपके समक्ष रखी थी। यह समीक्षा बैठक लगातार चलती रहेगी। ग्वालियर को नया रूप देने के लिए संकल्पित हैं मैं और मोहन यादव जी मिलकर ग्वालियर को नया रूप देने के लिए संकल्पित हैं। ग्वालियर के विकास के लिए हम पीछे नहीं हटेंगे। ग्वालियर आईएसबीटी से बसों का संचालन न होने पर सिंधिया ने कहा कि वहां जनता को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अभी वहां तक जाने के लिए लोगों को दिक्कतें होती हैं, लेकिन जल्द ही इस समस्या का भी समाधान होगा। ग्वालियर को पीएम ई-बसों की अप्रैल में सौगात मिलेगी। आईएसबीटी अगले 25–30 वर्षों के विकास को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। शहर से आईएसबीटी तक पहुंचाने के लिए लोगों को किराया देना होता है, इसलिए वहां तक पहुंचाने के लिए आवागमन की बेहतर व्यवस्था की जा रही है। व्यापार मेल का केंद्रीय गृह मंत्री करेंगे उद्घाटनकेंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में व्यापार मेल को लेकर कहा कि कल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के द्वारा मेले का उद्घाटन होगा। उन्होंने घर के बाहर बैठकर धूप सेक रहे 90 साल की बुजुर्ग की मौत के मामले में कहा- मेरे संज्ञान में मामला आया है और मैं इस पर कार्रवाई करूंगा।
क्रिसमस से पहले Share Bazaar में आई गिरावट, Sensex 116 अंक टूटा, Nifty भी हुआ कमजोर
Share Market Update News : भारतीय शेयर बाजार बुधवार 24 दिसंबर को मामूली गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए। क्रिसमस की छुट्टी से पहले बाजार में पूरे दिन एक सीमित दायरे में उतार-चढ़ाव भरा कारोबार देखने को मिला। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 116.14 अंक ...
नई दिल्ली में Entrepreneurs Forum of India के मंच पर सुमंगलम ग्रुप के चेतन सैनी ने अपनी नई पुस्तक “Keys to Your Perfect Home” का भव्य विमोचन किया। पुस्तक घर खरीदने और रियल एस्टेट निवेश के जटिल निर्णयों को सरल और व्यावहारिक मार्गदर्शन प्रदान करती है।
उज्जैन के विक्रम उद्योगपुरी में 17 हजार करोड़ रुपए की नई इंडस्ट्री लगने के बाद जल्द ही फार्मा की नई इंडस्ट्री और अडानी ग्रुप भी 1500 करोड़ रुपए के नए इंवेस्टमेंट कर उज्जैन में नई इंड्रस्ट्री लगाएंगे। इतनी बड़ी इंडस्ट्री लगने के बाद एमपीआईडीसी एक पोर्टल बनाकर लाॅन्च करेगी जिसमे किस इंडस्ट्री में रोजगार है किसे वेंडर की जरूरत है उन सभी की डिटेल उस पोर्टल में मौजूद रहेगी। बुधवार को MPIDC ने बीते 2 वर्षो में संभाग में लगी नई इंडस्ट्री के बारे में जानकारी देने के लिए विक्रम उद्योगपुरी में एमपीआईडीसी के निदेशक राजेश राठौर ने प्रेस काॅन्फ्रेंस में जानकारी देते हुए प्रजेंटेशन में बताया कि सीएम डॉ. मोहन यादव प्रयासों दो वर्ष में उज्जैन संभाग में 38 हजार करोड़ और उज्जैन में जिले में 17 हजार करोड़ का इंवेस्टमेंट आया है, जिसमें कई बड़ी नामी कंपनी भी शामिल हैं। जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला है। अभी 25 हजार करोड़ के नए प्रस्ताव मिले हैं। उज्जैन में जल्द ही नई फार्मा इंडस्ट्री आएगी। लोकल वेंडर और यहां के युवा के लिए जो रोजगार की सूचना मिलती रहे इसके लिए जल्द ही एक पोर्टल लाॅन्च करेंगे। साथ ही दो उद्योग यहां बच्चों को ट्रेनिंग भी देंगे।
क्रिसमस के पहले सोने-चांदी के भाव में इजाफा ; निवेशकों के लिए पूर्ण जानकारी
मुंबई में आज सोने-चांदी की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 24 कैरेट सोना ₹13,893 प्रति ग्राम और चांदी ₹233 प्रति ग्राम रही। क्रिसमस और नए साल के अवसर पर यह हल्की तेजी आभूषण बाजार और निवेशकों के लिए उत्साह और अवसर पैदा कर सकती है।
नए साल में वापसी करेंगे 'विदेशी मेहमान', इन सेक्टर पर होंगे मेहरबान, जानिए क्यों जरूरी है FII
साल 2025 में विदेशी निवेशकों ने बाजार से भारी बिकवाली की. साल 2025 में इन्होंने शेयर बाजार से 1.6 लाख करोड़ रुपये निकाल लिए. हाई रिटर्न देने वाला भारतीय बाजार में इनकी वापसी हो सकती है.
यूपी के बरेली में कैनविज ग्रुप ऑफ कंपनीज के CMD कन्हैया लाल गुलाटी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। निवेशकों से ठगी के मामलों में अब तक दर्ज मुकदमों की कड़ी में बारादरी थाना पुलिस ने सबसे बड़ा केस दर्ज किया है। शाहजहांपुर के एक निवेशक की शिकायत पर दर्ज इस मुकदमे में 800 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाया गया है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक यह कन्हैया गुलाटी के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा धोखाधड़ी का मामला है। एसएसपी अनुराग आर्य से की गई शिकायत के बाद बारादरी थाने में दर्ज FIR में कन्हैया गुलाटी के साथ उसकी पत्नी राधिका गुलाटी, मां मधु गुलाटी, बेटा गोपाल गुलाटी और साले आशीष महाजन को भी आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि पूरा परिवार संगठित गिरोह की तरह काम कर रहा था और अब सभी बरेली छोड़कर फरार हैं। देशभर में 37 मुकदमे, बरेली में ही 30 केसएसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि कन्हैया गुलाटी के खिलाफ बरेली के अलग-अलग थानों में अब तक करीब 30 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसके अलावा झारखंड, बिहार और यूपी के अयोध्या समेत अन्य जिलों में भी केस दर्ज हैं। कुल मिलाकर देशभर में कन्हैया गुलाटी पर 37 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। शाहजहांपुर के निवेशक वीरेंद्र प्रताप वर्मा निवासी मोहल्ला पटेल नगर, कस्बा बंडा ने एसएसपी को दिए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया कि कन्हैया गुलाटी ने अपने परिवार और साले के साथ मिलकर कैनविज ग्रुप के नाम पर कई फर्जी कंपनियां खड़ी की और योजनाबद्ध तरीके से जनता को ठगा। लुभावनी स्कीमों से फंसाया, शेयर और फॉरेक्स ट्रेडिंग का दिया झांसाशिकायत में कहा गया है कि कैनविज ग्रुप ने शेयर ट्रेडिंग, फॉरेक्स ट्रेडिंग और डेली यूज प्रोडक्ट्स के नाम पर निवेश का झांसा दिया। निवेशकों को हर महीने गारंटीड मुनाफा देने का वादा किया गया। योजना के तहत 5 प्रतिशत टीडीएस काटकर 20 महीने तक तय रकम देने और 22 महीने बाद मूलधन लौटाने का दावा किया गया। प्रचार किया गया कि यदि कोई निवेशक एक लाख रुपये लगाएगा तो उसे हर महीने करीब 4,750 रुपये मिलेंगे और 22 महीने बाद पूरा पैसा वापस कर दिया जाएगा। पांच लाख रुपये या उससे अधिक निवेश करने वालों को गारंटी के तौर पर लैंड एग्रीमेंट तक दिए गए। घर-घर जाकर मीटिंग, सेमिनार और प्रचारआरोप है कि कन्हैया गुलाटी और उसके परिवार ने एजेंटों की टीम बनाकर बरेली और आसपास के इलाकों में घर-घर जाकर प्रचार किया। बड़े सेमिनार, मीटिंग और प्रेजेंटेशन के जरिए लोगों को भरोसे में लिया गया। इसी झांसे में आकर हजारों लोगों ने 25 हजार से लेकर 25 लाख रुपये तक निवेश कर दिया। शिकायतकर्ता के मुताबिक इस स्कीम के जरिए कंपनी ने करीब 800 करोड़ रुपये इकट्ठा कर लिए। अकेले नगर पंचायत बंडा, शाहजहांपुर से ही करीब 5 करोड़ रुपये निवेश कराए गए। मई 2025 से बंद भुगतान, चेक बाउंसनिवेशकों का आरोप है कि कंपनी ने कुछ लोगों को 5 से 15 महीने तक भुगतान किया, जबकि कई निवेशकों को एक रुपया भी नहीं मिला। मई 2025 के बाद से कंपनी ने किसी को भी पैसा देना बंद कर दिया। निवेशकों को दिए गए पोस्ट डेटेड चेक बाउंस हो रहे हैं क्योंकि संबंधित बैंक खाते बंद बताए जा रहे हैं। आरोप यह भी है कि कंपनी ने टीडीएस की रकम सरकार के खाते में जमा नहीं की और बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की गई। निवेशकों का पैसा विदेश में शिफ्ट करने और विदेश भागने की तैयारी की बात भी शिकायत में कही गई है। कर्ज लेकर लगाया पैसा, हजारों परिवार संकट मेंप्रार्थना पत्र में कहा गया है कि कई निवेशकों ने बैंक लोन, मकान गिरवी रखकर और फसल ऋण लेकर पैसा लगाया था। अब किस्तें नहीं भर पाने के कारण बैंक नोटिस भेज रहे हैं। हजारों परिवार आर्थिक और मानसिक संकट में हैं। शिकायतकर्ता ने लिखा है कि कई लोग आत्महत्या तक के विचार कर रहे हैं और किसी भी अनहोनी की जिम्मेदारी आरोपियों की होगी। 18 साल में खड़ा किया कंपनियों का जालशिकायत में कैनविज ग्रुप से जुड़ी 10 से ज्यादा कंपनियों का जिक्र किया गया है, जिनकी स्थापना वर्ष 2007 से 2015 के बीच की गई। इनमें सेल्स मार्केटिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर, कम्युनिकेशन, रियल एस्टेट, रिजॉर्ट्स, बेवरेज और फाउंडेशन जैसी कंपनियां शामिल हैं। आरोप है कि इन्हीं कंपनियों के जरिए पिरामिड स्कीम चलाई गई और जनता का पैसा इकट्ठा किया गया। पुलिस कार्रवाई तेज, तलाश जारीबारादरी थाना पुलिस का कहना है कि दर्ज मुकदमे के आधार पर जांच शुरू कर दी गई है। आरोपियों की तलाश की जा रही है और निवेशकों से जुड़े दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। पुलिस का दावा है कि जल्द ही इस बड़े निवेश घोटाले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसएसपी बोले कन्हैया गुलाटी की गिरफ्तारी के SIT गठितइस पूरे मामले पर एसएसपी अनुराग आर्य का कहना है कि कैनविज ग्रुप और उसके CMD कन्हैया गुलाटी के खिलाफ निवेशकों की शिकायत पर थाना बारादरी में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। शुरुआती जांच में सामने आया है कि निवेशकों को लुभावनी स्कीमों के जरिए भारी मुनाफे का लालच देकर बड़ी रकम इकट्ठा की गई। एसएसपी ने बताया कि मामले में कन्हैया गुलाटी, उसकी पत्नी, बेटे और साले समेत अन्य सहयोगियों की भूमिका की जांच की जा रही है। सभी आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस टीमें गठित कर दी गई हैं। निवेश से जुड़े दस्तावेज, बैंक खातों और लेन-देन की गहन जांच की जा रही है। एसएसपी अनुराग आर्य के मुताबिक, यह मामला केवल बरेली तक सीमित नहीं है, बल्कि अन्य जिलों और राज्यों से भी निवेशकों के सामने आने की संभावना है। ऐसे में आर्थिक अपराध से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। जरूरत पड़ने पर अन्य जिलों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों से भी समन्वय किया जाएगा। एसएसपी ने यह भी कहा कि जिन निवेशकों के साथ धोखाधड़ी हुई है, उनके बयान दर्ज किए जा रहे हैं और उनके पैसे की रिकवरी के लिए वैधानिक प्रक्रिया अपनाई जाएगी। आरोपियों की संपत्तियों की पहचान कर उन्हें कुर्क करने की कार्रवाई भी नियमानुसार की जाएगी। एसएसपी ने निवेशकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की अफवाहों में न आएं और जिन लोगों के साथ ठगी हुई है, वे संबंधित थाने या वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर अपने दस्तावेज उपलब्ध कराएं। पुलिस इस पूरे प्रकरण में कड़ी और निष्पक्ष कार्रवाई करेगी। अब जाने कौन है महाठग कन्हैया गुलाटी कैनविज ग्रुप के नाम से पहचानी जाने वाली कंपनी के पीछे जिस व्यक्ति का नाम सबसे आगे रहा, वह है कन्हैया लाल गुलाटी। कभी मंच से सपने बेचने वाला यही चेहरा आज लाखों निवेशकों के लिए दर्द, धोखे और तबाही का प्रतीक बन चुका है। छोटे से किराए के दफ्तर से शुरू हुआ नेटवर्क, मंच से करोड़पति बनने के सपने और फिर लाखो परिवारों की तबाही। कैनविज नाम की जिस कंपनी को कभी आर्थिक आजादी का रास्ता बताया गया, वही आज देश के सबसे बड़े मल्टी लेवल मार्केटिंग घोटालों में गिनी जा रही है। गुलाटी पर अब तक 37 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं और जांच एजेंसियों का आकलन है कि करीब 20 लाख लोगों से लगभग 3 हजार करोड़ रुपये की ठगी की गई है। ग्राउंड पर हालात ऐसे हैं कि जिन लोगों ने जीवन भर की जमा पूंजी, उधार का पैसा या जमीन बेचकर कैनविज में निवेश किया, वे आज थानों, एसपी ऑफिस और कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं। दूसरी ओर कंपनी के दफ्तर बंद हैं, फोन स्विच ऑफ हैं और जिस चेहरे पर भरोसा किया गया, वह नजरों से ओझल हो चुका है। छोटे ऑफिस से शुरू हुआ बड़ा जाल, छह लोगों की टीम और नेटवर्क मार्केटिंग का मॉडल कैनविज की शुरुआत एक छोटे से किराए के ऑफिस से हुई थी। साल 2007 में कैनविज सेल्स एंड मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी रजिस्टर की गई। शुरुआती दिनों में छह लोगों की एक टीम ने नेटवर्क मार्केटिंग के जरिए लोगों को जोड़ना शुरू किया। मॉडल सीधा था। कम निवेश, ज्यादा रिटर्न और हर नए सदस्य पर कमीशन। 2007 से 2014 के बीच कंपनी ने दावा किया कि उसने चार लाख से ज्यादा लोगों को अपने नेटवर्क से जोड़ लिया है। धीरे-धीरे यह आंकड़ा बढ़ता गया और 2024 तक यह संख्या करीब 20 लाख तक पहुंच गई। यही वह दौर था जब कैनविज उत्तर प्रदेश से निकलकर बिहार और झारखंड में तेजी से फैली। भव्य सेमिनार, बड़ी बातें और भरोसे का खेल, तालकटोरा स्टेडियम से फाइव स्टार होटलों तक कैनविज की पहचान उसके भव्य सेमिनार बने। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम से लेकर बड़े शहरों के फाइव स्टार होटलों तक ऐसे आयोजन हुए, जिनमें हजारों नहीं, लाखों लोग जुटते थे। मंच पर कन्हैया गुलाटी और उसकी टीम होती थी और सामने भीड़, जो करोड़पति बनने के सपने देख रही होती थी। सेमिनारों का माहौल किसी रैली से कम नहीं होता था। चमकदार लाइटें, बड़े स्क्रीन, विदेशी मेहमान और ऊंचे दावे। लोगों को बताया जाता था कि यह सिर्फ बिजनेस नहीं, बल्कि एक मूवमेंट है। जो जितना जल्दी जुड़ेगा, उतना ज्यादा कमाएगा। यही भरोसा लोगों को कैनविज की ओर खींचता चला गया। एमएलएम के साथ एलआईसी और जमीन का खेल पुलिस और एसआईटी की जांच में सामने आया कि कैनविज ने लोगों का भरोसा जीतने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम जैसे बड़े और भरोसेमंद ब्रांड का नाम और लोगो भी इस्तेमाल किया। सेमिनार, वेबसाइट और प्रचार सामग्री में एलआईसी का जिक्र किया गया, जिससे लोगों को लगा कि कंपनी किसी न किसी रूप में सरकारी संस्था से जुड़ी है। बाद में एलआईसी की ओर से स्पष्ट किया गया कि कैनविज को न तो बीमा बेचने की अनुमति थी और न ही उनके लोगो के इस्तेमाल की। इसके बावजूद लंबे समय तक यह खेल चलता रहा। एमएलएम के जरिए बीमा उत्पाद बेचना कानूनन गलत है, लेकिन कैनविज ने इसी रास्ते से हजारों लोगों को जोड़ा। जमीन, प्लॉट और कॉलोनियों का लालच सिर्फ नेटवर्क मार्केटिंग ही नहीं, कैनविज ने रियल एस्टेट को भी ठगी का जरिया बनाया। बरेली, शाहजहांपुर, बदायूं समेत कई जिलों में प्लॉट और कॉलोनियों का सपना दिखाया गया। लोगों से कहा गया कि बीडीए से अप्रूव्ड कॉलोनियों में प्लॉट दिए जाएंगे। पीड़ितों का आरोप है कि लाखों और करोड़ों रुपये लेने के बाद न तो रजिस्ट्री हुई और न ही कॉलोनियों में कोई काम शुरू हुआ। कई मामलों में दस साल बीतने के बाद भी जमीन पर सिर्फ झाड़ियां उगी हुई हैं। डाउनफॉल की शुरुआत: 2021 के बाद भुगतान रुका, लोग सवाल पूछने लगे साल 2021 के बाद कैनविज का डाउनफॉल शुरू हुआ। निवेशकों को मिलने वाले भुगतान में देरी होने लगी। जिन फाउंडर मेंबर्स के नाम कंपनी के साथ जुड़े थे, उनमें से कई लोग अलग हो गए। ऑफिस बंद होने लगे और फोन उठने बंद हो गए। यहीं से लोगों को शक हुआ कि कुछ गड़बड़ है। पहले शिकायतें कंपनी के दफ्तर तक पहुंचीं, फिर थानों तक। क्रिप्टो करेंसी ड्रिबल और नया झांसा, दिल्ली के होटल में लॉन्च, करोड़ों के सपने जांच में यह भी सामने आया कि कैनविज ने क्रिप्टो करेंसी को भी ठगी का हथियार बनाया। फरवरी 2018 में दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित अशोका होटल में ड्रिबल नाम की क्रिप्टो करेंसी लॉन्च की गई। इस कार्यक्रम में विदेशी मेहमानों को भी बुलाया गया। निवेशकों से कहा गया कि एक हॉलीडे पैकेज के साथ उन्हें 24 हजार रुपये की क्रिप्टो करेंसी मुफ्त दी जाएगी, जो भविष्य में 24 करोड़ तक पहुंच सकती है। मंच से यह भी कहा गया कि कंपनी कभी भागेगी नहीं। हकीकत यह है कि भारत में क्रिप्टो करेंसी को कानूनी मुद्रा की मान्यता नहीं है। इसके बावजूद इस नाम पर लोगों से पैसा लिया गया। बिहार और झारखंड में सबसे ज्यादा असर एसआईटी की रिपोर्ट के मुताबिक कैनविज ने बिहार और झारखंड में सबसे ज्यादा लोगों को शिकार बनाया। छोटे कस्बों और गांवों में बेरोजगार युवाओं, किसानों और दुकानदारों को यह कहकर जोड़ा गया कि यही आर्थिक उन्नति का रास्ता है। लोगों ने कर्ज लेकर, जमीन बेचकर और रिश्तेदारों से पैसा उधार लेकर निवेश किया। आज वही लोग सबसे ज्यादा परेशान हैं। मुकदमों की बाढ़: अब तक 37 एफआईआर, जांच तेज कन्हैया गुलाटी और उसकी टीम के खिलाफ अब तक 37 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। ये मुकदमे बरेली, शाहजहांपुर, सीतापुर, बदायूं, बिहार और झारखंड में दर्ज हैं। अलग-अलग मामलों में ठगी, धोखाधड़ी, धमकी और जालसाजी के आरोप हैं। बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने पूरे मामले की जांच के लिए दो एसआईटी गठित की हैं। एसएसपी का कहना है कि यह सिर्फ आर्थिक अपराध नहीं, बल्कि संगठित ठगी का मामला है। घर बेचकर भूमिगत हुआ कन्हैया गुलाटी जांच के दौरान सामने आया कि कन्हैया गुलाटी ने बरेली के स्टेडियम रोड स्थित अपना मकान भी बेच दिया है। यह सौदा एक महीने पहले हुआ और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। इसके बाद वह पत्नी, बेटे और मां के साथ भूमिगत हो गया। पुलिस को आशंका है कि वह देश छोड़कर भाग सकता है, इसी वजह से उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। कन्हैया गुलाटी का पारिवारिक बैकग्राउंड कन्हैया गुलाटी का पारिवारिक बैकग्राउंड देश के बंटवारे से जुड़ा बताया जाता है। गुलाटी परिवार की जड़ें पाकिस्तान के बन्नू जिले से जुड़ी रही हैं, जो दक्षिण पेशावर से करीब 190 किलोमीटर दूर स्थित है। वर्ष 1947 में देश के विभाजन के दौरान गुलाटी परिवार भारत आ गया। पहले अंबाला और फिर दिसंबर 1948 में परिवार उत्तर प्रदेश के बरेली में आकर बस गया। जांच एजेंसियों के मुताबिक, बाद के वर्षों में इसी पारिवारिक संघर्ष और विस्थापन की कहानी का जिक्र कर कन्हैया गुलाटी ने लोगों के बीच सहानुभूति और भरोसा बनाने की कोशिश की। सेमिनारों और बैठकों में वह खुद को जमीन से जुड़ा और संघर्ष से निकला व्यक्ति बताता रहा। 1949 से शुरू हुआ पारिवारिक व्यापार मार्च 1949 में कन्हैया गुलाटी के दादा ने बरेली में छोटे स्तर पर व्यापार शुरू किया था। यही व्यापार परिवार की आजीविका का साधन बना। बाद में इस कारोबार को कन्हैया गुलाटी के पिता चंद्रशेखर गुलाटी ने संभाला। पुलिस जांच में सामने आया है कि पारिवारिक व्यापार और पुराने स्थानीय संपर्कों का इस्तेमाल कन्हैया गुलाटी ने आगे चलकर अपने नेटवर्क को मजबूत करने में किया। लोगों के बीच यह भरोसा बनाया गया कि परिवार लंबे समय से व्यापार में है, इसलिए उस पर आंख बंद कर भरोसा किया जा सकता है। बरेली में जन्म और पढ़ाई: स्थानीय पहचान को हथियार बनाया कन्हैया गुलाटी का जन्म बरेली में हुआ और शुरुआती पढ़ाई भी यहीं हुई। पांचवीं कक्षा तक की शिक्षा के दौरान वह परिवार के साथ रहा। बाद के वर्षों में वह खुद यह दावा करता रहा कि उसे घर से नैतिक शिक्षा मिली है। हालांकि, जांच एजेंसियों का कहना है कि इसी स्थानीय पहचान और पारिवारिक छवि का इस्तेमाल कर उसने लोगों को अपने करीब लाने और निवेश के लिए तैयार करने का काम किया। नैनीताल में पढ़ाई: मंचों पर खुद को अनुशासित दिखाने की कोशिश उच्च शिक्षा के लिए कन्हैया गुलाटी नैनीताल गया। बाद के वर्षों में वह मंचों से यह कहता रहा कि वहां के माहौल ने उसे अनुशासन और समय प्रबंधन सिखाया। लेकिन पुलिस के अनुसार, इन दावों का इस्तेमाल सिर्फ अपनी छवि गढ़ने और लोगों को प्रभावित करने के लिए किया गया। सेमिनारों में वह खुद को ऐसा व्यक्ति बताता था, जिसने पढ़ाई और संघर्ष के दम पर यह मुकाम हासिल किया। संघर्ष की कहानी को ब्रांड बनाया अप्रैल 1998 में एक सड़क दुर्घटना में कन्हैया गुलाटी के पिता की मौत हो गई। इसके बाद पारिवारिक कारोबार की जिम्मेदारी कन्हैया गुलाटी पर आ गई। बाद के वर्षों में उसने इसी घटना को अपनी संघर्ष गाथा के रूप में पेश किया। जांच में सामने आया है कि इस व्यक्तिगत घटना को बार-बार मंचों से दोहराकर उसने लोगों की भावनाओं को छुआ और भरोसा हासिल किया। मां के नाम पर भावनात्मक अपीलकन्हैया गुलाटी यह दावा करता रहा कि उसकी मां उसके लिए प्रेरणा स्रोत रहीं और उन्हीं के मार्गदर्शन में उसने फैसले लिए। लेकिन जांच एजेंसियों का कहना है कि इन पारिवारिक संदर्भों का इस्तेमाल केवल भावनात्मक अपील के तौर पर किया गया। हकीकत यह है कि इसी दौर में उसने ऐसे कारोबारी मॉडल तैयार किए, जिन पर अब हजारों करोड़ की ठगी के आरोप हैं। शादी और परिवार: नेटवर्क का दायरा बढ़ाने में भूमिका जनवरी 2000 में कन्हैया गुलाटी का विवाह राधिका महाजन से हुआ। बाद के वर्षों में पत्नी, बेटा और अन्य रिश्तेदार भी किसी न किसी रूप में उसके कारोबारी नेटवर्क से जुड़े रहे। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, परिवार के नाम और रिश्तों का इस्तेमाल निवेशकों के बीच भरोसा कायम करने के लिए किया गया। कई मामलों में पीड़ितों का आरोप है कि उन्हें परिवार का हवाला देकर निवेश के लिए मनाया गया। कैनविज की शुरुआत: जहां से ठगी का नेटवर्क फैला 19 मार्च 2007 को कन्हैया गुलाटी ने कैनविज सेल्स एंड मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की। शुरुआत में इसे एक साधारण डायरेक्ट सेलिंग कंपनी के तौर पर पेश किया गया। मल्टी लेवल मार्केटिंग मॉडल अपनाकर लोगों को कम निवेश में बड़े रिटर्न का सपना दिखाया गया। यही मॉडल आगे चलकर ठगी का सबसे बड़ा जरिया बना। बेरोजगार युवाओं, छोटे दुकानदारों और नौकरीपेशा लोगों को यह कहकर जोड़ा गया कि यही आर्थिक उन्नति का रास्ता है। आज वही कैनविज मॉडल 20 लाख लोगों से 3 हजार करोड़ की ठगी के आरोपों के घेरे में है और इसका संस्थापक कन्हैया गुलाटी परिवार सहित भूमिगत बताया जा रहा है। 20 लाख लोगों से 3 हजार करोड़ की ठगी, सब कुछ प्लानिंग के तहत किया गया सोशल एक्टिविस्ट अमित मिश्रा ने कहा कि कैनविज घोटाला किसी एक राज्य या एक योजना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश के सबसे बड़े संगठित एमएलएम फ्रॉड में से एक है। उनके मुताबिक अब तक के दस्तावेजों और पीड़ितों की शिकायतों से साफ है कि करीब 20 लाख लोगों से लगभग 3 हजार करोड़ रुपये की ठगी की गई है। अमित मिश्रा ने बताया कि कैनविज कंपनी के नाम पर जो भी ऑफिस दिखाए जाते थे, वे सभी किराए के थे। जैसे ही ठगी का मामला सामने आया, एक के बाद एक सभी ऑफिस बंद कर दिए गए। आज स्थिति यह है कि कंपनी का कोई भी स्थायी दफ्तर जमीन पर मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि यह भी जांच का विषय है कि कन्हैया गुलाटी और उसका पूरा परिवार पहले से ही फरारी की तैयारी कर चुका था। उनके अनुसार इस बात की आशंका है कि परिवार के कुछ सदस्य पहले ही विदेश निकल चुके हों। जिस तरह से घर बेचकर, दफ्तर खाली कर और बैंक खातों से लेनदेन किया गया, उससे यह पूरा मामला पूर्व नियोजित साजिश जैसा प्रतीत होता है। अमित मिश्रा ने यह भी कहा कि कैनविज के नाम पर लोगों से जो पैसा लिया गया, उसे अलग-अलग माध्यमों और खातों के जरिए इधर-उधर किया गया। अब जरूरत इस बात की है कि जांच एजेंसियां सिर्फ कन्हैया गुलाटी ही नहीं, बल्कि उसके पूरे नेटवर्क और आर्थिक लेनदेन की गहराई से जांच करें, ताकि पीड़ितों को न्याय मिल सके।
फर्जी फेसबुक पेज से शेयर में निवेश का झांसा देकर पीएनबी के पूर्व डीजीएम से 7 लाख ठगे
शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर साइबर ठगी का एक और मामला सामने आया है। इस बार ठगों ने फर्जी फेसबुक पेज, व्हाट्सऐप ग्रुप, नकली ट्रेडिंग एप और जाली सेबी सर्टिफिकेट के जरिए एक रिटायर्ड अधिकारी को जाल में फंसाया। पीड़ित की पहचान एस. बंसल, रिटायर्ड डिप्टी जनरल मैनेजर (पंजाब) के रूप में हुई है। पीड़ित ने 7 लाख रुपए ठगी होने के मामले की शिकायत साइबर क्राइम से की है। पुलिस अनुसार मामला फर्जी निवेश प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया से चल रहे संगठित साइबर फ्रॉड से जुड़ा है। अकाउंट्स, एप्लीकेशन और डिजिटल ट्रेल की जांच की जा रही है। पीड़ित एस. बंसल ने पुलिस को बताया, उनके एक पूर्व बॉस के नाम से फेसबुक पर एक फर्जी पेज बनाया गया था। उन्होंने उसे असली समझकर लाइक और कमेंट कर दिया। बाद में पता चला कि यह पेज येस सिक्युरिटीज के फर्जी नाम से चलाया जा रहा था। इसके बाद ठगों ने फेसबुक मैसेंजर से संपर्क कर बंसल को अपने वॉट्सऐप ग्रुप में जोड़ा। प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम पर आईपीओ में निवेश का धोखा ठगों ने ओकला कंपनी के आईपीओ में 308 रुपए प्रति शेयर के निवेश का प्रस्ताव दिया। न्यूनतम 5 लाख रुपए निवेश शर्त होने पर पीड़ित-उनके भाई ने 5 लाख रुपए बताए अकाउंट में जमा किए। इस राशि पर 1935 शेयर अलॉट करने की बात कहकर करीब 4 हजार शेयर दिखाए भी गए। रेफरल से जुड़े अन्य अकाउंट्स में भी 1-1 हजार शेयर दर्शाए गए। ठगी का शक होने पर जब पीड़ितों ने पैसे देने से इंकार किया, तो ठगों ने 50 हजार “सिक्योरिटी अमाउंट” मांगी। फीस अकाउंट से काटने व रकम लौटाने का कहने पर ठगों ने उनसे 10 लाख और मांगे। फ्रॉड में वह 7 लाख रु. गंवा चुके हैं। ठगों ने उनका लॉग-इन ब्लॉक कर दिया। बाद में सामने आया, जिस बैंक अकाउंट में पैसा जमा हुआ, वह म्यूल अकाउंट था। ठगों ने फर्जी सेबी सर्टिफिकेट भी भेजा। ओकला-येस सिक्युरिटीज जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के नाम का दुरुपयोग किया गया। ठगों ने ब्लॉक ट्रेडिंग के नाम पर करवाया 7 बार निवेश ठगों ने पीड़ित को Omni Q.I.P नाम की एप्लीकेशन डाउनलोड करवाई और उस पर “ब्लॉक ट्रेडिंग” के नाम पर 7 अलग-अलग निवेश करवाया। शुरुआती मुनाफा दिखा कर भरोसा बनाया। रेफरल स्कीम का लालच दिया गया कि जो भी व्यक्ति उनके जरिए निवेश करेगा, उसे भी 2% अतिरिक्त लाभ मिलेगा। इसी लालच में बंसल ने अपने परिवार के तीन सदस्यों और एक साथी को भी साथ जोड़ा। मुकेश चौधरी, साइबर एक्सपर्ट भास्कर एक्सक्लूसिव {कोई वैध निवेश कंपनी या ब्रोकरेज हाउस अलग पैसे नहीं मांगता। {सोशल मीडिया, फेसबुक पेज या व्हाट्सऐप ग्रुप के निवेश ऑफर पर भरोसा न करें, चाहे किसी कंपनी का क्यों न हो। {निवेश से पहले संबंधित कंपनी, प्लेटफॉर्म को SEBI की आधिकारिक वेबसाइट से वेरिफाई करें। {अनजान ऐप-लिंक डाउनलोड करने से पहले उसके डेवलपर, रिव्यू और रजिस्ट्रेशन जांचें। {ज्यादा मुनाफे, गारंटेड रिटर्न या रेफरल बोनस का लालच साइबर ठग देते हैं।
एमओयू साइन:13 हजार करोड़ का होगा निवेश, 12 हजार नई नौकरियों की उम्मीद
गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) राजनांदगांव में गैस पाइप लाइन पर आधारित खाद फैक्ट्री लगाएगा। इसकी लागत 10500 करोड़ रुपए हैं। इस परियोजना में राज्य के 3500 लोगों को प्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा। मंगलवार को कौशल विकास विभाग और वाणिज्य व उद्योग विभाग द्वारा आयोजित छत्तीसगढ़ स्किल टेक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मौजूदगी में एमओयू हुआ। कार्यक्रम में उर्वरक, टेक्सटाइल, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर क्षेत्र की कंपनियों ने प्रदेश में 13690 करोड़ के निवेश प्रस्ताव दिए। इससे 12 हजार से अधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। कार्यक्रम में औद्योगिक समूहों के साथ ऑन द स्पॉट एमओयू कर निवेश आमंत्रण पत्र जारी किए गए। यह निवेश न केवल औद्योगिक विकास को गति देंगे, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए कौशल-आधारित आजीविका के नए द्वार भी खोलेंगे। सालाना 1.27 मिलियन टन यूरिया उत्पादनगेल के प्रस्तावित गैस आधारित उर्वरक संयंत्र के पहले चरण में 10500 करोड़ रुपये का निवेश होगा। यहां सालाना 1.27 मिलियन टन यूरिया का उत्पादन होगा। यह परियोजना छत्तीसगढ़ को देश के डाउनस्ट्रीम पेट्रोकेमिकल और उर्वरक मानचित्र पर सशक्त रूप से स्थापित करेगी। इसे गेल की मुंबई-नागपुर-झारसुगुड़ा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन के साथ जोड़ा गया है। राजनांदगांव के बिजेतला क्षेत्र में परियोजना के लिए 400 एकड़ से अधिक जमीन प्रस्तावित है। वहीं 100 एकड़ अतिरिक्त जमीन टाउनशिप के लिए आरक्षित की गई है। परियोजना के संचालन से रोजगार के प्रत्यक्ष अवसर सृजित होंगे। इसके साथ ही संचालन, तकनीकी सेवाओं, लॉजिस्टिक्स, मेंटेनेंस और संबद्ध क्षेत्रों में कुशल मानव संसाधन की मांग बढ़ेगी। क्यों खास है यह निवेश मॉडल स्किल टेक 2025: मुख्य उपलब्धियां गेल उर्वरक परियोजना: एक नजर 26 जिलों में आए 7.83 लाख करोड़ के निवेशस्किल टेक में परिधान, वस्त्र, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, सोलर पैनल निर्माण तथा अन्य उभरते (सनराइज) क्षेत्रों में भी निवेशकों की दिलचस्पी दिखी। पिछले एक वर्ष में 26 जिलों में 200 से अधिक परियोजनाओं के माध्यम से 7.83 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिलेहैं। इनमें लगभग 50 प्रतिशत परियोजनाएं कार्यान्वयन के स्तर पर हैं। इनमें से भी 58 प्रतिशत राज्य द्वारा चिन्हित प्राथमिक क्षेत्रों से संबंधित हैं। निवेशकों के विश्वास को परिणाम में बदल रहे : सायछत्तीसगढ़ का विकास मॉडल निवेश, रोजगार और कौशल को आपस में जोड़ने पर आधारित है। छत्तीसगढ़ स्किल टेक जैसे मंचों के माध्यम से हम निवेशकों के विश्वास को जमीनी स्तर पर परिणामों में बदल रहे हैं, ताकि राज्य में कुशल रोजगार के अवसर सृजित हों। इसके पीछे स्पष्ट नीतियां और प्रभावी क्रियान्वयन क्षमता हमारी ताकत है।- विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री
विश्व की अनिश्चितताओं के बीच निवेश के सुरक्षित विकल्प और चुनिंदा उद्योगों में मांग बढ़ने से इस साल चांदी ने रिटर्न के मामले में परंपरागत निवेश विकल्प सोने और शेयर बाजार को भी पीछे छोड़ दिया है। सोना और चांदी के भाव रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। ...
Stock Market Holidays 2026: नए साल में कब-कब बंद रहेगा शेयर बाजार? ये रहा पूरा हॉलिडे कैलेंडर
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के आधिकारिक हॉलिडे कैलेंडर के मुताबिक, वर्ष 2026 में राष्ट्रीय और त्योहारों की छुट्टियों के चलते भारतीय शेयर बाजार कई दिनों तक बंद रहेगा.
एचपीसीएल मित्तल एनर्जी लिमिटेड (HMEL) द्वारा संचालित गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी, बठिंडा में 2600 करोड़ रुपए का नया निवेश किया जाएगा। इस निवेश के तहत पॉलीप्रोपाइलीन की डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्री और फाइन केमिकल से जुड़े नए प्रोजेक्ट्स स्थापित किए जाएंगे। इसकी घोषणा HMEL के एमडी एवं सीईओ प्रभ दास और पंजाब सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री संजीव अरोड़ा ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में की। HMEL के सीईओ प्रभ दास ने बताया कि गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी के चलते पंजाब देश में पॉलीप्रोपाइलीन मैन्युफैक्चरिंग का एक बड़ा हब बन चुका है। उन्होंने कहा कि देश की कुल पॉलीप्रोपाइलीन मांग का करीब 14 प्रतिशत हिस्सा इसी रिफाइनरी से पूरा किया जाता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि रिफाइनरी का संचालन पिछले कई वर्षों से बिना किसी रुकावट के लगातार जारी है। फ्यूल के साथ अब फाइन केमिकल्स पर फोकस प्रभ दास ने कहा कि बठिंडा रिफाइनरी में पेट्रोल, डीजल और गैस जैसे ईधन के साथ-साथ अब फाइन केमिकल प्रोजेक्ट्स के जरिए औद्योगिक गतिविधियों को और विस्तार दिया जाएगा। इससे वैल्यू-एडेड इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा। कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा ने बताया कि वर्ष 2011 में स्थापित यह रिफाइनरी करीब 2000 एकड़ में फैली हुई है और इसका सालाना कारोबार लगभग 90 हजार करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि रिफाइनरी से पंजाब सरकार को हर साल करीब 2100 करोड़ रुपए का टैक्स प्राप्त होता है। नए निवेश से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर संजीव अरोड़ा ने कहा कि 2600 करोड़ रुपए के नए निवेश से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। फिलहाल रिफाइनरी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से करीब 10 हजार लोगों को रोजगार दे रही है। उन्होंने बताया कि देश के कुल पेट्रोल-डीजल उत्पादन में बठिंडा रिफाइनरी का योगदान 5 से 6 प्रतिशत है। लुधियाना के पास प्लास्टिक इंडस्ट्रियल पार्क की योजना प्लास्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए पंजाब सरकार लुधियाना के पास एक विशेष प्लास्टिक इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने पर विचार कर रही है। इससे राज्य के मौजूदा प्लास्टिक उद्योग को मजबूती मिलेगी। दो दिन में मिलेंगे पेट्रोल पंप लाइसेंस कैबिनेट मंत्री संजीव ने बताया कि HMEL राज्य में पेट्रोल पंप भी स्थापित करेगी। इसके लिए लाइसेंस प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और अब दो दिनों के भीतर लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं। भविष्य में ऐसे मल्टी-फ्यूल पेट्रोल पंप लगाए जाएंगे, जहां पेट्रोल-डीजल, सीएनजी के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी होंगे। इसके लिए 0.5 से 2 एकड़ भूमि की आवश्यकता होगी। पूरे पंजाब को मिलेगा निवेश का लाभ संजीव अरोड़ा ने कहा कि यह निवेश सिर्फ बठिंडा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे पंजाब में रिफाइनरी और उससे जुड़ी इंडस्ट्री को गति देगा। साथ ही राज्य सरकार रिन्युएबल एनर्जी के क्षेत्र में भी तेजी से काम कर रही है, जिससे औद्योगिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।
बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड), बोधगया में आयोजित दो दिवसीय मंथन-2025 प्रशासनिक कार्यशाला के क्रम में बांका में एक दिवसीय मंथन-2025 कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला पदाधिकारी नवदीप शुक्ला की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में हुई इस कार्यशाला में जिले के सभी जिला स्तरीय, अनुमंडल स्तरीय और प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे। कार्यशाला के दौरान, जिला पदाधिकारी ने 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' विषय पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि जिले में निवेश के अनुकूल वातावरण तैयार करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इस दौरान उन्होंने बांका जिले में उद्योग स्थापना की संभावनाओं पर सभी पदाधिकारियों से फीडबैक लिया। आपसी समन्वय के साथ करें कार्य डीएम ने स्थानीय संसाधनों के बेहतर उपयोग के माध्यम से निवेश को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी पदाधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करें, ताकि उद्योगों को बढ़ावा देने में आने वाली प्रशासनिक बाधाओं को समय रहते दूर किया जा सके। जिला पदाधिकारी ने यह भी कहा कि उद्यमियों को सरल, पारदर्शी और त्वरित सेवाएं उपलब्ध कराना प्रशासन का दायित्व है। इसका उद्देश्य जिले में रोजगार के अवसर सृजित करना है। जमीनी स्तर पर सक्रियता से कार्य करने का निर्देश इसके अतिरिक्त, उन्होंने सभी पदाधिकारियों को जमीनी स्तर पर सक्रियता से कार्य करने का निर्देश दिया। डीएम ने जोर दिया कि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना चाहिए और आम जनता की समस्याओं का समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित किया जाना चाहिए। कार्यशाला में बेहतर कार्यसंस्कृति विकसित करने, प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और आम जनता को सभी सरकारी सुविधाएं बिना किसी व्यवधान के उपलब्ध कराने पर भी चर्चा हुई। जिला पदाधिकारी ने अंत में कहा कि सकारात्मक सोच और टीम वर्क के माध्यम से ही जिले का समग्र विकास संभव है।
Share Market: गिरते बाजार में भी लगातार छलांग लगा रहा अनिल अंबानी के ये शेयर, कौन दे रहा ताकत ?
Share Market Update: शेयर बाजार गिर रहे हैं, लेकिन गिरते बाजार में भी अनिल अंबानी की कंपनी के शेयर छलांग रहे हैं. अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर के शेयर में लगातार तेजी का दौर जारी है. मंगलवार को जहां बाजार दवाब में रहा.
फतेहाबाद की महिला से 64 लाख हड़पे:व्यापार में निवेश का दिया झांसा; पंजाब के दंपती ने की वारदात
फतेहाबाद जिले में एक महिला से कबाड़ के व्यापार के नाम पर 64 लाख रुपए से ज्यादा की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। महिला की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने इकोनॉमिक सेल से जांच करवाई। इसके बाद अब साइबर क्राइम थाने में एक महिला समेत 6 लोगों पर केस दर्ज किया गया है। महिला का आरोप है कि पहले आरोपी पंजाब के जालंधर में रहते थे, लेकिन अब गुजरात के अहमदाबाद शिफ्ट हो गए हैं। आरोपियों में शामिल महिला ने शिकायतकर्ता से दोस्ती करके उसे झांसे में लिया। पहले इकोनॉमिक सेल ने की जांच महिला की 20 नवंबर को शिकायत मिलने के बाद पुलिस की इकोनॉमिक सेल ने पहले जांच की। इसके बाद अब साइबर थाना में मूलरूप से पंजाब के जालंधर निवासी निर्मल उर्फ मन्नत, उसके पति पवन शर्मा, निर्मल के ससुर कमलेश, उनके रिश्तेदार साहिल, सोनी और मेहुल चौधरी के खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 420, 120बी के तहत केस दर्ज हुआ है। जानिए...महिला के आरोप जीएसटी विभाग के छापे की रची कहानी मीता गुप्ता ने आरोप लगाया कि पिछले कुछ महीने से आरोपी पैसे लौटाने से कतराते रहे। हर बार किसी न किसी बहाने से भुगतान टालते रहे। मई महीने में आरोपियों ने कहा कि उनकी कंपनी पर जीएसटी विभाग द्वारा छापा पड़ा है, इस कारण बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है और भुगतान अटका हुआ है। उन्होंने झूठा बहाना बनाया कि बैंक मैनेजर तीन लाख रिश्वत मांग रहा है, ताकि खातों से पैसे ट्रांसफर हो सकें। इस बहाने से पवन शर्मा के खाते में 1 लाख 20 हजार रुपए और ट्रांसफर करवा लिए। कुछ समय पहले उन्हें पता चला कि आरोपी और उसके पारिवारिक सदस्य जालंधर से मकान खाली करके अहमदाबाद के किसी नए किराए के मकान में रहने लगे हैं। बोली-जालंधर छोड़कर अहमदाबाद भागे आरोपी शिकायतकर्ता ने बताया है कि उन्हें पता चला है कि निर्मल और उसके पति पवन ने मिलकर अन्य कई व्यक्तियों को भी इसी प्रकार से ठगा है और वे जान बूझकर अहमदाबाद भाग गए है। आरोप है कि इन लोगों ने बहला-फुसलाकर उसकी जीवनभर की जमा-पूंजी और उधार ली गई धनराशि हड़पने का षडयंत्र रचा।
Stock Market : शेयर बाजार में जोरदार उछाल, सेंसेक्स 638 और निफ्टी 206 अंकों की तेजी के साथ बंद
स्थानीय शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला सोमवार को दूसरे कारोबारी सत्र में जारी रहा और बीएसई सेंसेक्स 638 अंक चढ़ा जबकि एनएसई निफ्टी 26,000 अंक के ऊपर बंद हुआ। विदेशी संस्थागत निवेशकों के पूंजी निवेश तथा अमेरिकी फेडरल रिजर्व के नीतिगत दर में और कटौती ...
देवास में साइबर ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने क्रिप्टो निवेश के नाम पर लोगों से ठगी करने वाले गिरोह के पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। औद्योगिक क्षेत्र थाना पुलिस ने महज 13 दिनों में इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश कर ठगी गई 100 प्रतिशत राशि बरामद कर ली है। यह कार्रवाई देवास पुलिस की सतर्कता और तेज जांच का परिणाम मानी जा रही है। पुलिस के अनुसार, आनंद विहार कॉलोनी निवासी चेतनसिंह सोलंकी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ लोगों ने व्हाट्सएप के जरिए क्रिप्टो निवेश में भारी मुनाफे का लालच देकर उनसे किश्तों में 1 लाख 4 हजार 100 रुपये ठग लिए। शिकायत मिलते ही औद्योगिक क्षेत्र थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद के निर्देशन और थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने तकनीकी साक्ष्य, डिजिटल ट्रांजैक्शन और बैंक खातों की जांच के आधार पर आरोपियों की पहचान की। पुलिस ने उज्जैन निवासी बबलू मकवाना उर्फ अजय, लखन पंवार, राहुल तोमर, अरीब अली खान उर्फ अली और अलवहीद खान उर्फ रूमी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने ठगी की वारदात स्वीकार कर ली। पुलिस ने उनके कब्जे से ठगी की गई पूरी रकम 1,04,100 रुपये के साथ 6 एंड्रॉइड मोबाइल फोन जब्त किए हैं, जिनकी कीमत करीब 1,29,000 रुपये बताई गई है। इस तरह कुल 2,33,100 रुपये का मश्रूका जब्त किया गया है। पुलिस का कहना है कि साइबर ठगी के मामलों में आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
सोने और चांदी के दामों में उछाल ; निवेशकों के लिए ताजा संकेत
आज भारतीय बाजार में सोने और चांदी की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 24 कैरेट सोना ₹13,528 प्रति ग्राम, 22 कैरेट ₹12,400 और 18 कैरेट ₹10,146 पर पहुंचा। चांदी का भाव ₹219 प्रति ग्राम और ₹2,19,000 प्रति किलो। निवेशकों के लिए यह बदलाव महत्वपूर्ण संकेत दे रहा है।
भारत का रियल एस्टेट में बना हॉट स्पॉट, साल 2025 में संस्थागत निवेश 10 अरब डॉलर के पार
भारत का रियल एस्टेट हॉट स्पॉट बना हुआ है. भारत के रियल एस्टटे में निवेश बढ़ रहा है. भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेश 2025 में 10 अरब डॉलर से अधिक हो गया है। यह जानकारी सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई. जेएलएल की रिपोर्ट में बताया गया कि 2025 में रियल एस्
शेयर बाजार खुलते ही निफ्टी-सेंसेक्स में तेजी ; विदेशी निवेश से बाजार में बढ़ी भरोसे की लहर
22 दिसंबर 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने निफ्टी 50 को 26,100 से ऊपर और सेंसेक्स को 85,400 से अधिक के स्तर पर मजबूती से खोला। विदेशी निवेश, प्रमुख सेक्टर्स में खरीदारी और वैश्विक संकेतों से बाजार में तेजी देखने को मिली, जो निवेशकों के उत्साह को बढ़ा रही है।
Best Post Office Schemes: पोस्ट ऑफिस की कई सारी स्कीम हैं. इनमें लोग अपना-अपना निवेश करके एक निर्धारित समय पर ब्याज के साथ अच्छा रिटर्न पाते हैं. इन्हीं योजनाओं में से एक खास योजना के बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं, जिसमें हर महीने 12500 रुपये का निवेश कर आप एक तय समय पर 40 लाख रुपये से अधिक पैसा बना सकते हैं.
Share Market: सोमवार को शेयर बाजार में मंगल ही मंगल, लगातार गिरने के बाद सेंसेक्स की ऊंची छलांग
लगातार गिरने के बाद शेयर बाजार में तेजी लौट रही है. सोमवार को शेयर बाजार ने वापसी की. सेंसेक्स और निफ्टी 50 दोनों ही खुलने के साथ चढ़ गए. सेंसेक्स में 556 अंकों का उछाल आया.
भारत और न्यूजीलैंड में FTA, 15 वर्षों में 20 मिलियन डॉलर का निवेश
India NewZealand FTA : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से फोनन पर बात की। दोनों नेताओं ने मिलकर ऐतिहासिक, महत्वाकांक्षी और आपसी फायदे वाले भारत-न्यूजीलैंड फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) के सफल समापन की घोषणा ...
ग्वालियर में पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस (25 दिसंबर) को ग्वालियर में मध्य प्रदेश सरकार ऐतिहासिक 'अभ्युदय एमपी ग्रोथ समिट 2025' का आयोजन करने जा रही है। कार्यक्रम में मेला मैदान में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मुख्य आतिथ्य एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की विशेष मौजूदगी में होने जा रही इस समिट में ग्वालियर–चंबल संभाग के विभिन्न योजनाओं के हितग्राही भी सहभागिता करेंगे। समिट में उद्यमी, निवेशक, हितग्राही एवं नागरिक होंगे शामिल। साथ ही हर शहर व जिले से आने वाले लोगों की बस पर अलग-अलग कलर कोडिंग रहेगी। संभागीय आयुक्त मनोज खत्री ने इस कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों की बैठक ली। साथ ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, मुरैना व भिण्ड के कलेक्टर एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों से चर्चा की। एमपी की औद्योगिक, आर्थिक व निवेशीय प्रगति के होंगे दर्शनमध्यप्रदेश की औद्योगिक, आर्थिक एवं निवेशीय प्रगति का व्यापक प्रदर्शन करने के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी के विकासवादी विचारों, दूरदर्शी नेतृत्व और राष्ट्र निर्माण के संकल्प को भी सादर श्रद्धांजलि अर्पित करेगा। अटलजी के “विकास, सुशासन और समावेशी प्रगति” के दूरदर्शी विकास दृष्टि से प्रेरित यह समिट 'निवेश से रोजगार–अटल संकल्प, उज्ज्वल मध्यप्रदेश' विषय पर आधारित है।कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बीते दो वर्षों में सीएम डॉ. मोहन यादव के कार्यकाल में प्रदेश में हुए औद्योगिक विस्तार, निवेश उपलब्धियों और रोजगार सृजन के ठोस एवं धरातलीय परिणामों को जनमानस के समक्ष प्रस्तुत करना और भविष्य की औद्योगिक प्राथमिकताओं एवं विकास के स्पष्ट रोडमैप को साझा करना है। यह मंच मध्यप्रदेश की औद्योगिक क्षमता, निवेशकों के बढ़ते विश्वास तथा रोजगार-केंद्रित विकास मॉडल को राष्ट्रीय स्तर पर सशक्त रूप से प्रस्तुत करेगा। हर शहर की बसों व पार्किंग की होगी कलर कोडिंगसंभागीय आयुक्त मनोज खत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा कि इस आयोजन में उद्यमी, निवेशक, हितग्राही एवं नागरिक शामिल होंगे। इसलिये पार्किंग सहित सभी व्यवस्थाएं बेहतर से बेहतर हों। उन्होंने कहा कि सभी जिलों से आने वाले हितग्राहियों के वाहनों व पार्किंग की जिलेवार अलग-अलग कलर कोडिंग करें, जिससे वाहन निर्धारित पार्किंग में पहुंच सकें।कार्यक्रम में भाग लेने आ रहे सभी प्रतिभागी सुविधाजनक तरीके से अपने सेक्टर में पहुंच जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि हर जिले से आ रहे विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों के सहयोग के लिये जनपद पंचायत के सीईओ सहित अन्य अधिकारियों को नोडल अधिकारी का दायित्व सौंपे। नोडल अधिकारी आवेदन से एक दिन पहले आकर पार्किंग व्यवस्था, रूट व आयोजन स्थल पर अपने सेक्टर देख लें, जिससे आयोजन दिवस को निर्धारित सेक्टर तक हितग्राहियों को पहुंचाने में कोई दिक्कत न हो।कार्यक्रम स्थल, पार्किंग व बसों में हो मेडिकल किटसंभागीय आयुक्त ने बैठक में यह भी निर्देश दिए कि हितग्राहियों को लेकर आ रहे हर वाहन में प्राथमिक चिकित्सा के लिये मेडिकल किट अवश्य रहे। साथ ही वाहनों की फिटनेस सही हो और सभी वाहनों का इंश्योरेंस भी होना चाहिए। उन्होंने हर जिले में हितग्राहियों की मदद के लिये कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश भी दिए। ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने कहा कि सभी जिलों से हितग्राही के वाहन समय से पहुंच जाएं, जिससे हितग्राही सुविधाजनक तरीके और समय से निर्धारित स्थल तक पहुंच सकें और कार्यक्रम का सुव्यवस्थित ढंग से आयोजन हो सके।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अब तक का पूरा लेखा-जोखा पेश किया है। 13 दिसंबर को हुई कार्यकारिणी बैठक में यह जानकारी सामने आई कि अब तक ट्रस्ट को कुल 4575 करोड़ रुपए मिले हैं। पिछले 5 साल 9 महीने में मंदिर निर्माण, श्रीराम जन्मभूमि परिसर के विस्तार, जमीन और भवन की खरीद सहित अन्य कई कामों पर खर्च किए गए हैं। अब ट्रस्ट के पास लगभग 2100 करोड़ रुपए बचे हैं। बताया गया कि बची हुई राशि का बड़ा हिस्सा सुरक्षित निवेश के रूप में रखा गया है। इसमें भारतीय स्टेट बैंक, अयोध्या शाखा में 889.52 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा में 313.87 करोड़ रुपए और पंजाब नेशनल बैंक में 694.49 करोड़ रुपए सावधि जमा (एफडीआर) के रूप में हैं। इसके अलावा ट्रस्ट ने 87 करोड़ रुपए म्यूचुअल फंड में और 40 करोड़ रुपए ऑटो स्वीप खाते में निवेश किए हैं। यह लेखा-जोखा 5 फरवरी 2020 से 30 नवंबर 2025 तक की कुल आय पेश किया गया है। राम मंदिर को बैंक से मिला 2 करोड़ रुपए का ब्याजट्रस्ट के सेविंग अकाउंट में फिलहाल लगभग 89 लाख रुपए मौजूद हैं, जबकि बैंक से ब्याज के रूप में करीब 2 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। इस तरह, विभिन्न बैंकों में जमा एफडीआर, कैपिटल इन्वेस्टमेंट और अन्य सुरक्षित निवेशों को मिलाकर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पास कुल लगभग 2100 करोड़ रुपए की राशि है। इस राशि का इस्तेमाल भविष्य में मंदिर परिसर के विकास और अन्य योजनाओं में किया जाएगा। 1 अप्रैल से 31 अगस्त 2025 तक राम मंदिर की आय 104.96 करोड़ नए वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल से 31 अगस्त 2025) में राम मंदिर को अब तक 104.96 करोड़ रुपए की आय हुई। इसमें 31.22 करोड़ रुपए दान से और 73.74 करोड़ रुपए बैंक ब्याज से मिले। दान का विवरण काउंटर- 6.20 करोड़ दान पात्र (हुंडी)- 20.86 करोड़ ऑनलाइन माध्यम- 3.79 करोड़ विदेशी दान (एफसीआरए)- 10 लाख वित्तीय साल 2024-25 का दान ब्योरा दान काउंटर- 34.99 करोड़ दान पात्र- 105.38 करोड़ ऑनलाइन-12.80 करोड़ एफसीआरए- 0.54 लाख कुल दान- 153.71 करोड़ रुपए रामलला का रोजाना 80 हजार श्रद्धालु करते हैं दर्शनराम मंदिर में रोजाना औसतन 70 से 80 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। पर्व, त्योहार और वीकेंड पर यह संख्या दो से तीन गुना तक बढ़ जाती है। बढ़ती श्रद्धालु संख्या के साथ ही दान की रफ्तार भी तेज बनी हुई है। 5 फरवरी 2020 को बना था श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्टसुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने 5 फरवरी 2020 को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी। केंद्र सरकार ने ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष के रूप में केशव पारासरन सहित कुल नौ सदस्यों की नियुक्ति की थी। इसी दिन शाम को श्रीराम जन्मभूमि के अधिग्रहीत क्षेत्र के तत्कालीन रिसीवर और मंडलायुक्त मनोज कुमार मिश्र ने बैंक खातों सहित समस्त प्रभार ट्रस्ट के प्रमुख सदस्य और अयोध्या नरेश विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र को सौंप दिया था। हालांकि, ट्रस्ट की पहली औपचारिक बैठक 20 फरवरी 2020 को हुई थी, जिसमें मणिराम छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास को ट्रस्ट का अध्यक्ष और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय उपाध्यक्ष चंपत राय को महासचिव चुना गया। ---------------------- ये भी पढ़ें- योगी के कार से उतरते ही गाय पहुंची, सुपरवाइजर सस्पेंड:CM की ओर दौड़ी तो जवानों ने रोका, 17 दिन में तीसरी बार सुरक्षा में लापरवाही गोरखपुर में सीएम योगी की सुरक्षा में लापरवाही का मामला सामने आया है। सीएम शुक्रवार शाम गोरखनाथ ओवरब्रिज का उद्घाटन करने पहुंचे थे। उनकी कार रुकी तो पहले सांसद रवि किशन उतरे, फिर सीएम योगी। इसी दौरान एक गाय दौड़ती हुई कार के पास पहुंच गई। वह सीएम की तरफ बढ़ रही थी। यह देखकर सुरक्षा में तैनात 15 जवान अलर्ट हो गए। उन्होंने गाय को घेरकर रोका और दूसरी तरफ भगा दिया। पढ़िए पूरी खबर...
सोनभद्र 2 लाख करोड़ का निवेश:85 एमओयू से औद्योगिक विकास को मिली रफ्तार, हजारों रोजगार सृजित
सोनभद्र में औद्योगिक विकास ने नई गति पकड़ी है। जिले में अब तक 85 निवेशकों द्वारा 206008 करोड़ रुपए के निवेश के लिए समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जा चुके हैं। यह निवेश प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश की 1 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इन निवेशकों में गुजरात,महाराष्ट्र और तेलंगाना जैसे प्रमुख औद्योगिक राज्यों के उद्यमी भी शामिल हैं।सोनभद्र की बढ़ती औद्योगिक साख और बेहतर प्रशासनिक व्यवस्था इसका स्पष्ट संकेत है। इन निवेश प्रस्तावों का असर अब धरातल पर भी दिखने लगा है। कुल 54 औद्योगिक इकाइयों ने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में भाग लिया है,जिनमें से 38 इकाइयों ने अपना वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर दिया है। इन चालू इकाइयों में कुल 5285 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है,जिससे जिले में हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। जिलाधिकारी बी.एन.सिंह ने बताया कि निवेशकों को सुविधाजनक माहौल प्रदान करने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है।यह प्रणाली अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी),अनुमतियों और प्रोत्साहनों की प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और समयबद्ध बनाती है,जिससे निवेश को बढ़ावा मिल रहा है। निवेश मित्र पोर्टल पर भी सोनभद्र का प्रदर्शन बेहतर रहा है।जिलाधिकारी के निर्देशन में निवेशकों को निर्धारित समय सीमा के भीतर एनओसी सुविधा प्रदान करने में जनपद सोनभद्र को प्रदेश में 12वां स्थान प्राप्त हुआ है। जिले में औद्योगिक आधारभूत ढांचे का तेजी से विकास किया जा रहा है।प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इन निरंतर प्रयासों से बड़े और दीर्घकालिक निवेश आकर्षित होने की संभावनाएं और मजबूत हुई हैं,जिससे जिले में निवेश की अपार संभावनाएं सामने आई हैं। सोनभद्र में ऊर्जा और भंडारण क्षेत्र में बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं,जिसमें ग्रीनको ग्रुप, टोरेन्ट पावर,जे0एस0डब्ल्यू0,अदानी ग्रुप और एन0टी0पी0सी0 जैसी कंपनियां निवेश कर रही हैं।इन प्रोजेक्ट्स में कुल 1लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश प्रस्तावित है। इन प्रोजेक्ट्स से 3563लोगों को रोजगार मिला है और आगे भी रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।जिला प्रशासन का मानना है कि इन्वेस्ट यूपी की सुदृढ़ और पारदर्शी प्रणाली के कारण सोनभद्र निवेशकों की पहली पसंद बनता जा रहा है। सोनभद्र को जीबीसी-5 के माध्यम से 20 हजार करोड़ का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसे प्राप्त करने के लिए जिला प्रशासन काम कर रहा है।
राजस्थान पर लगातार कर्ज बढ़ रहा है। सरकार पर सितंबर 2025 तक 6 लाख 76 हजार 513.55 करोड़ रुपए का कर्ज हो चुका था। पिछले साल सितंबर तक सरकार पर 6 लाख 8 हजार 813.2 करोड़ रुपए का कर्ज था। बजट अनुमानों में मार्च 2026 तक कर्ज का आंकड़ा 7 लाख 26 हजार 384.84 करोड़ रुपए तक पहुंचने का अनुमान है। वित्त विभाग के अप्रैल से सितंबर तक की सरकार के बजट और आर्थिक हालात पर जारी राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) रिपोर्ट में इसका ब्योरा दिया गया है। एफआरबीएम रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल से सितंबर के बीच राज्य सरकार को मिलने वाली केंद्रीय सहायता (यूनियन ग्रांट्स) में पिछले साल की तुलना में 36.70% कमी दर्ज की गई है। अप्रैल से सितंबर के बीच राज्य सरकार को 5883.86 करोड़ रुपए की यूनियन ग्रांट मिली। पिछले साल अप्रैल से सितंबर के बीच 9295. 64 करोड़ रुपए की केंद्रीय सहायता मिली थी, इस तरह इस बार 3411.78 करोड़ रुपए कम मिले हैं। राज्य सरकार ने इस साल बजट में केंद्रीय सहायता के रूप में 39193.30 करोड़ रुपए मिलने का अनुमान जताया था। एमएसएमई में निवेश 32.44% बढ़ा एफआरबीएम रिव्यू के मुताबिक राजस्थान में अप्रैल से सितंबर के बीच एमएसएमई में निवेश 32.44% बढ़ा है, लेकिन इस सैक्टर में रोजगार बढ़ने की जगह घट गए हैं। एमएसएमई में रोजगार 14.48 लाख से घटकर 14.40 पर आ गए, रोजगार में आठ हजार की कमी हुई है। अप्रैल से दिसंबर तक राजस्थान में 2 लाख 70 हजार 251 माइक्रो, स्मॉल और मीडियम स्टेट इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) रजिस्टर्ड थे, जिनमें 7220.15 करोड़ रुपए का निवेश हुआ और इसे 14 लाख 40 हजार 449 लोगों को रोजगार मिला हुआ है। एमएसएमई यूनिट के रजिस्ट्रेशन में 2.51% का इजाफा हुआ है, 32.44% निवेश बढ़ा है। साल 2024-25 में 2 लाख 63 हजार 891 एमएसएमई यूनिट रजिस्टर्ड थीं और उनमें 5451.61 करोड़ का निवेश था। 14 लाख 48 हजार 571 लोगों को रोजगार मिला हुआ था। पेट्रोलियम से मिलने वाले रेवेन्यू में 28.79% की कमी सरकार को पेट्रोलियम से मिलने वाले रेवेन्यू में पिछले साल की तुलना में 28.79% की कमी दर्ज की गई है। सरकार को अप्रैल से सितंबर तक 1056.53 करोड़ रुपए का पेट्रोलियम से राजस्व मिला था, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 1483.71 करोड़ रुपए मिले थे। सरकार का टैक्स रेवेन्यू 10.68% बढ़ा सरकार के टैक्स रेवेन्यू में 10.68% का इजाफा हुआ है, जबकि नोन टैक्स रेवेन्यू में 16.56% की कमी हुई है। सरकार को अप्रैल से सितंबर के 1 लाख 04 हजार 571.46 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला, पिछले साल 2024-25 में इस अवधि तक 98 हजार 787.86 करोड़ रुपए का रेवेन्यू मिला था।सरकार ने बजट में 2025-26 में 2 लाख 94 हजार 536 करोड़ रुपए का कुल रेवेन्यू मिलने का अनुमान जताया है, जिसमें से सितंबर तक 1 लाख 04 हजार 571.46 करोड़ रुपए मिल चुके थे। छह महीने में खर्च किए 1.40 लाख करोड़ इस साल सरकार ने 3 लाख 79 हजार 616.50 करोड रुपए बजट खर्च करने का अनुमान जताया था, जिसमें से सितंबर तक 1 लाख 40 हजार 821.72 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। यह बजट अनुमानों का 37.10% है। राजस्व घाटे में 4000 करोड़ की बढ़ोतरी सरकार का राजस्व घाटा बढ़ा है लेकिन राजकोषीय घाटा कम हुआ है। 6 महीने में 24,110 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा हुआ है, जो 2024-25 में 20 हजार 408 करोड रुपए था। इस तरह पिछले साल की तुलना में इस बार राजस्व घाटे में 4000 करोड़ से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है।सितंबर तक 35837.48 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा हुआ है, हालांकि पिछले साल से यह आंकड़ा कम है। पिछले साल 36354.98 करोड़ रुपए का राजकोषीय घाटा हुआ था। शराब से छह महीने में 7587 करोड़ मिले सरकार को मिलने वाले टैक्स रेवेन्यू में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी लैंड रेवेन्यू से मिलने वाले टैक्स में हुई है। 6 महीने के दौरान सरकार को 552.39 करोड़ रुपए का टैक्स लैंड रेवेन्यू से मिला है। 2024-25 में अप्रैल से सितंबर के बीच 198 करोड़ रुपए का टैक्स लैंड रेवेन्यू से मिला थाा। इस तरह से 178.67 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सरकार ने इस बार 881.11 करोड़ रुपए लैंड रेवेन्यू से आने का अनुमान जताया है। एंट्री टैक्स और बिजली से मिलने वाली आय घटी एंट्री टैक्स से मिलने वाले रेवेन्यू में 52.57% की कमी दर्ज की है। इलेक्ट्रिसिटी पर टैक्स और ड्यूटी से मिलने वाला रेवेन्यू भी कम हुआ है, इसमें 6.79% की कमी आई है। इलेक्ट्रिसिटी से 1371.54 करोड़ रुपए मिले हैं, जबकि पिछले साल 1471.43 करोड़ रुपए मिले थे। छह महीने में 51,901 करोड़ का टैक्स वसूला टैक्स रेवेन्यू में 7.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सरकार को 6 महीने में टैक्स रेवेन्यू के तौर पर 51901.38 करोड रुपए मिले हैं, जो कि पिछले साल की तुलना में 7.10% ज्यादा है। पिछले साल 48,459.30 करोड़ रुपए मिले थे। सरकार ने इस साल 1,42,743.39 करोड रुपए टैक्स रेवेन्यू से मिलने का अनुमान जताया है।
अंबेडकरनगर जिले में औद्योगिक विकास ने नई गति पकड़ी है। जिले में अब तक 362 निवेशकों ने 2436 करोड़ रुपये के निवेश के लिए समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं। इन निवेशकों में गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली और केरल जैसे प्रमुख औद्योगिक राज्यों के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल के निवेशक भी शामिल हैं। इन निवेश प्रस्तावों का असर अब धरातल पर भी दिखने लगा है। कुल 244 औद्योगिक इकाइयों ने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (जीबीसी) में भाग लिया है। इनमें से 224 इकाइयों ने अपना वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर दिया है। इन इकाइयों में कुल 1774 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला ने बताया कि निवेशकों को सुविधाजनक माहौल उपलब्ध कराने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को प्रभावी ढंग से लागू किया गया है। यह प्रणाली निवेश को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।इस व्यवस्था से एनओसी, अनुमतियों और प्रोत्साहनों की प्रक्रिया सरल, पारदर्शी और समयबद्ध हुई है। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, औद्योगिक आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के निरंतर प्रयासों से जिले में निवेश की अपार संभावनाएं सामने आई हैं।
उन्नाव के चर्चित यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर अनुराग द्विवेदी पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने लखनऊ, उन्नाव और दिल्ली में एक साथ 10 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान विभिन्न खातों में करीब 3 करोड़ रुपए की कैश फ्रीज किया। 20 लाख रुपए नकद बरामद किए। 4 करोड़ 18 लाख कीमत की लैंबॉर्गिनी उरुस और मर्सिडीज, ऑडी जैसी 4 लग्जरी कारें जब्त की गई हैं। कई दस्तावेज भी जब्त किए हैं। दस्तावेजों की जांच के दौरान ईडी को पता चला है कि अवैध सट्टेबाजी से अर्जित रकम को हवाला चैनलों के जरिए विदेश भेजा गया और उससे दुबई में रियल एस्टेट में निवेश किया गया। जांच में इससे जुड़े पुख्ता सबूत मिलने की बात कही जा रही है, जो अंतरराष्ट्रीय मनी लॉन्ड्रिंग की ओर इशारा करते हैं। अब ईडी यूट्यूबर अनुराग को दुबई से भारत लाने की तैयारी कर रही है। यहां लाने के बाद अनुराग से उसके नेटवर्क और संपत्ति के ब्यौरे के बारे में विस्तृत रूप से पूछताछ की जाएगी। इससे पहले ईडी के कोलकाता जोनल ऑफिस की टीम ने उन्नाव के नवाबगंज कस्बे से तीन किलोमीटर दूर खजूर गांव निवासी अनुराग द्विवेदी से जुड़े कुल 10 ठिकानों पर तलाशी ली। छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज, मोबाइल, लैपटॉप और हार्ड डिस्क बरामद हुईं, जिनकी जांच की जा रही है। पहले पढ़िए कैसे सामने आया नेटवर्क....इस केस की शुरुआत पश्चिम बंगाल पुलिस की एफआईआर से हुई थी। जांच में सामने आया कि सोनू कुमार ठाकुर और विशाल भारद्वाज सिलीगुड़ी से संगठित ऑनलाइन सट्टेबाजी पैनल चला रहे थे। यह गिरोह फर्जी बैंक खातों, टेलीग्राम चैनलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के जरिए जुआ-सट्टा चला रहा था। प्रमोशन कर नेटवर्क बढ़ाने का आरोपईडी के अनुसार अनुराग द्विवेदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए अवैध सट्टेबाजी ऐप्स और वेबसाइट्स का प्रचार किया। वह प्रमोशनल वीडियो बनाकर लोगों को इन ऐप्स से जोड़ता था। इसके बदले उसे बड़ी रकम मिली, जिसे उसने अपने और परिजनों के खातों में ट्रांसफर कराया। समन के बावजूद पेश नहीं हुआईडी ने बताया कि अनुराग द्विवेदी को जांच में शामिल होने के लिए कई बार समन भेजे गए, लेकिन वह एक बार भी पेश नहीं हुआ। एजेंसी अब उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर और प्रत्यर्पण प्रक्रिया पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि वह फिलहाल दुबई में रहकर नेटवर्क चला रहा था। पहले भी 23.7 करोड़ की संपत्ति अटैचईडी इस मामले में पहले ही 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इससे पहले एजेंसी ने करीब 23.7 करोड़ रुपए की संपत्ति फ्रीज/अटैच की थी। 1 अगस्त 2025 को विशेष PMLA कोर्ट, कोलकाता में अभियोजन शिकायत भी दाखिल की जा चुकी है। ईडी का कहना है कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं। अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। अनुराग का तंज- जिन्हें टैक्स दिया, आज वही तलवार लेकर खड़े अनुराग द्विवेदी ने एजेंसी का नाम लिए बिना कार्रवाई पर तंज कसा है। उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा- सफर यहां तक आसान नहीं था। एक नहीं, दो नहीं, करोड़ों ने हाथ खींचे। किसी ने पैर, किसी ने दिल, दिमाग, शरीर, आत्मा… सब पर जोर लगाया। संघर्षों के रास्ते चुने। खुद के लिए कभी जिया ही नहीं, मेरे साथी पास थे। जबकि बड़े-बड़े टेबल पर ऑफर पड़े थे। 2025 में विभाग को मुझसे न जाने क्या समस्या हुई, जिन्हें इतना टैक्स दिया। आज देखो, हर तरफ वही तलवार और भाला लेकर खड़े हैं। उन्हें अपनी मजबूरी कैसे बताऊं, अपनी जरूरतें कैसे जताऊं… जब सही चीज़ को गलत साबित करने पर वो अड़े हों। कैसे ED के रडार पर आया, कहां से की अकूत कमाई 4 पॉइंट में जानिए ED की छापेमारी अनुराग के करीबी भी रडार पर, 3 एंगल पर ED की जांच अब जानिए यूट्यूबर अनुराग के बारे में... अनुराग के पिता लक्ष्मीनाथ द्विवेदी ग्राम प्रधान रह चुके हैं। घर में मां मंजू देवी और बहन कोमल हैं। कोमल की शादी करीब तीन साल पहले हो चुकी है। अनुराग ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है। साल 2017-18 के दौरान अनुराग द्विवेदी गांव में ही रहता था। इसी बीच वह क्रिकेट मैचों के सट्टेबाजों के संपर्क में आ गया। इसमें उसने लाखों रुपए गंवा दिए। जब यह बात उसके परिवार वालों को पता चली, तो पिता ने उसे कड़ी फटकार लगाई। इसके बाद अनुराग नवाबगंज में रहने वाले अपने दोस्त संजीत कुमार के साथ दिल्ली चला गया। यहीं से उसका जीवन बदला और वहां से दुबई चला गया। लखनऊ में प्रोग्राम कर बढ़ाई फैन फॉलोइंगअनुराग द्विवेदी के यूट्यूब चैनल पर 7 मिलियन सब्सक्राइबर और इंस्टाग्राम पर 2.4 मिलियन फॉलोअर हैं। इन्हीं फॉलोअर्स के दम पर अनुराग ने 7 जनवरी, 2024 को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में “तू कर लेगा” नाम से अपना पहला ग्रैंड मीट-अप किया। इस कार्यक्रम में 500 से ज्यादा फैंटेसी क्रिकेटप्रेमियों के शामिल होने का दावा किया गया। इस कार्यक्रम ने अनुराग की ब्रांड वैल्यू और फैन फॉलोइंग बढ़ा दी। एक साल पहले लॉरेंस गैंग ने दी जान से मारने की धमकी ------------------------ ये खबर भी पढ़िए बेटी को छुआ तो मां ने प्रेमी को मार डाला:कानपुर में बोली- मेरा खून खौल उठा था; 49 दिन बाद युवक का कंकाल मिला 'गोरेलाल के साथ मेरे अवैध संबंध थे। लेकिन वह मेरी 13 साल की बेटी पर बुरी नजर रखता था। कहता था कि मुझे तुम्हारी बेटी के साथ शारीरिक संबंध बनाने हैं। मैंने जब मना किया तो उसने धमकी दी। कहने लगा- तेरे इकलौते बेटे को मारकर फेंक दूंगा। एक दिन उसने मेरी बेटी को बैड टच किया। यह देखकर मेरा खून खौल उठा। मैंने उसी पल गोरेलाल को खत्म करने का मन बना लिया। मैंने अपने भतीजे ईशू को बुलाया। गोरेलाल को शराब पिलाई। फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। शव को जंगल में फेंक दिया।' यह कबूलनामा है कि चौबेपुर की रहने वाली लक्ष्मीदेवी गौतम का। पुलिस ने उसे और उसके भतीजे को अरेस्ट किया है। दोनों ने मिलकर 49 दिन पहले गोरेलाल का मर्डर किया था। पुलिस ने दोनों की निशानदेही से चौबेपुर के जंगल से गोरे लाल का कंकाल बरामद किया है। पढ़िए पूरी खबर...
कांग्रेस शहर अध्यक्ष पवन गुप्ता ने मेडिकल स्टोर संचालक पर व्यापार में निवेश के नाम पर 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया। उन्होंने मामले की शिकायत पुलिस उपायुक्त कानून एवं व्यवस्था आशुतोष कुमार से की। जिनके आदेश पर फीलखाना पुलिस ने मेडिकल स्टोर संचालक समेत तीन पर मुकदमा दर्ज है। अब जानिए पूरा मामला पवन गुप्ता ने बताया कि फूलबाग स्थित राहत मेडिकल स्टोर संचालक हिमांशु पेशवानी और उनके पिता महेश पेशवानी से उनकी पुरानी जान पहचान है। हिमांशु ने अपने पिता और पत्नी निकिता पेशवानी के साथ मिलकर दवा कंपनी में निवेश करने का प्रस्ताव दिया। साथ ही रकम सुरक्षित होने और 25 हजार रुपये प्रतिमाह मुनाफा होने का भरोसा दिया। जिस पर उन्होंने 15 फरवरी 2025 को चेक के माध्यम से 10 लाख रुपये उन्हें दिया। आरोप है कि रकम मिलने के बाद उन लोगों के स्वभाव में बदलाव आ गया। जिसके बाद से वह लोग रुपये देने के बजाय उन्हें टहलाने लगे। बीती 10 अक्टूबर 2025 को वह अपनी रकम मांगने मेडिकल स्टोर पहुंचे तो हिमांशु ने विवाद किया और जान से मारने की धमकी दी। विदेश भागने की फिराक में आरोपी नवंबर 2025 में वह अपना मोबाइल बंदकर फरार हो गया। दिसंबर में वह आरोपी को पिता महेश पेशवानी और पत्नी निकिता से दुकान पर मिले। उन्होंने अपनी रकम वापसी के लिए बोला तो वह लोग गाली-गलौज करते हुए धमकाने लगे। जिसके बाद उन्होंने परिवार के बारे में पता किया तो जानकारी हुई कि वह कई लोगों से धोखाधड़ी कर चुके है। आरोपी शहर छोड़कर विदेश भागने की फिराक में है। फीलखाना थाना प्रभारी ने बताया कि रिपोर्ट दर्जकर कार्रवाई की जा रही है।
हर दिन लग रहे तीन नए उद्योग, इस साल 7.83 लाख करोड़ के 219 निवेश प्रस्ताव मिले: लखन
छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास की गति लगातार तेज होती जा रही है। दो वर्षों में प्रदेश में 2505 नए उद्योग स्थापित हुए हैं। यानी हर दिन औसतन तीन नए उद्योग लगे हैं। वहीं इस साल 18 क्षेत्रों में 7.83 लाख करोड़ के 219 निवेश प्रस्ताव भी मिले हैं। शुक्रवार को उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने पिछले दो साल में विभाग की उपलब्धियों का लेखा-जोखा पेश किया। उन्होंने कहा कि संरचनात्मक सुधारों और पारदर्शी नीतियों से प्रदेश में निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है। इसका सीधा असर निवेश और रोजगार पर दिख रहा है। सेमीकंडक्टर और एआई से लेकर सीमेंट, बिजली और मैन्युफैक्चरिंग तक में निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। इन परियोजनाओं से 1.5 लाख रोजगार सृजित होंगे। पांचों संभागों पर निवेशकों की नजर अलग-अलग सेक्टरों के लिए जो निवेश मिले हैं, वह सिर्फ रायपुर तक सीमित नहीं है। यह पांचांे संभागों के लिए है। उद्योग मंत्री ने बताया कि निवेश प्रस्तावों में 21 प्रतिशत आदिवासी बहुत बस्तर संभाग में है। रायपुर संभाग में 33 प्रतिशत और बिलासपुर, दुर्ग और सरगुजा संभागों में 46 प्रतिशत है। इनमें 57 परियोजनाएं 1000 करोड़ रुपए से अधिक की है। वहीं एक हजार अधिक रोजगार देने वाली परियोजनाओं की संख्या 34 है। वहीं बस्तर में रापपुर स्टोन क्लिनिक का 350 बेड का अस्पताल लगभग तैयार है। इससे आदिवासी परिवारों को उन्नत स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। 9 परियोजनाएं शुरू, 5500 से अधिक को मिला रोजगार मंत्री ने बताया कि 9 बड़ी परियोजनाओं में उत्पादन शुरू हो गया है। यहां 5500 से अधिक लोगों को रोजगार मिला है। इसके अलावा 109 परियोजनाएं जल्द शुरू होंगे। यह 24 जिलों और 16 क्षेत्रों में फैली हैं। इसमें 87132 रोजगार सृजित होंगे। खास बात यह है कि इनमें से 58 प्रतिशत परियोजनाएं आतिथ्य व स्वास्थ्य, फूड प्रोसेसिंग, आईटी, इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल और फार्मा क्षेत्र से जुड़ी हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया है कि मजबूत अर्थ नीति केवल आंकड़ों की बात नहीं होती, बल्कि आम आदमी की नौकरी, आय और जीवन स्तर से सीधा जुड़ाव रखती है। निवेश बढ़ेगा तो उद्योग लगेंगे, उद्योग लगेंगे तो युवाओं को रोजगार मिलेगा और यही विकास का असली चक्र है। मुख्यमंत्री यह बात मुंबई में आयोजित वर्ल्ड हिंदू इकोनॉमिक फोरम कॉन्फ्रेंस–2025 में कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की प्राथमिकता है कि निवेश का लाभ सीधे जनता तक पहुंचे। उद्योगों के साथ रोजगार, स्वरोजगार और छोटे व्यापारियों के अवसर बढ़ें। सरकार निवेशकों की जरूरत के अनुसार सहयोग कर रही है, ताकि प्रदेश के युवाओं को बाहर न जाना पड़े और उन्हें अपने ही राज्य में बेहतर भविष्य मिले। रोजगार, व्यापार और शहरों की बदलेगी तस्वीरमुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि प्रदेश में लागू की गई 18 नई औद्योगिक नीतियां केवल उद्योगपतियों के लिए नहीं, बल्कि हर परिवार के जीवन से जुड़ी हैं। नए कारखाने लगेंगे तो स्थानीय युवाओं को नौकरी मिलेगी, छोटे दुकानदारों और सेवा क्षेत्र को काम मिलेगा और शहरों की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। टेक्सटाइल पार्क, आईटी हब और एमएसएमई इकाइयों से गांव से शहर तक रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। ‘मेक इन इंडिया’ से आम आदमी को फायदामुख्यमंत्री ने कहा कि भारत अब ‘मेक इन इंडिया’ से आगे बढ़कर ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ की ओर जा रहा है। इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा। प्रदेश में बने उत्पाद जब देश और दुनिया में जाएंगे तो किसानों, मजदूरों, कारीगरों और युवाओं की आमदनी बढ़ेगी। मध्यप्रदेश के कपड़ा उद्योग, कृषि उत्पाद, ऑटोमोबाइल और फार्मा सेक्टर से लाखों परिवारों की आजीविका जुड़ी है। पर्यटन, मेट्रो और कनेक्टिविटी से रोजमर्रा की जिंदगी आसानमुख्यमंत्री ने बताया कि रिकॉर्ड संख्या में पर्यटक आने से होटल, टैक्सी, गाइड, छोटे व्यवसाय और स्थानीय कलाकारों को फायदा हो रहा है। भोपाल और इंदौर में मेट्रो सेवा से आम लोगों का सफर आसान होगा। बेहतर सड़क, हवाई सेवा और लॉजिस्टिक व्यवस्था से व्यापार भी तेज होगा और समय की बचत होगी। किसान से लेकर युवा तक विकास की कड़ीमुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश कृषि के साथ उद्योग को जोड़कर आगे बढ़ रहा है। किसान की उपज को बाजार और उद्योग से जोड़ने से उसकी आय बढ़ेगी। ऊर्जा, टेक्सटाइल, ऑटो और आईटी सेक्टर में हो रहा निवेश प्रदेश को आत्मनिर्भर बना रहा है। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि सरकार की नीतियों का मकसद सिर्फ निवेश आकर्षित करना नहीं, बल्कि हर नागरिक के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है। यही वजह है कि मध्यप्रदेश आज रोजगार, विकास और भरोसे का नया केंद्र बनकर उभर रहा है।
माइक्रोसॉफ्ट के बाद अब अमेजन ने भी भारत में बड़ा निवेश करने का ऐलान किया है। अमेजन ने घोषणा की है कि 2030 तक कंपनी भारत में 35 बिलियन डॉलर यानी 3.14 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश करेगी। यह निवेश AI ड्रिवन डिजिटाइजेशन, एक्सपोर्ट ग्रोथ और जॉब क्रिएशन पर फोकस्ड होगा। यह ऐलान अमेजन की सालाना SMBhav समिट में हुआ। जहां कंपनी ने छोटे बिजनेस और MSMEs को AI टूल्स देने का प्लान बताया। 2013 से अब तक अमेजन ने भारत में कुल 40 बिलियन डॉलर यानी 3.59 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है, जिसमें कर्मचारियों की सैलरी और इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल है। अमेजन तीन सेक्टरों पर फोकस करेगी अमेजन का यह नया निवेश तीन मुख्य सेक्टरों में बंटा है। पहला- AI से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को तेज करना। दूसरा- एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना ताकि मेड-इन-इंडिया प्रोडक्ट्स ग्लोबल मार्केट में पहुंचें। तीसरा- जॉब क्रिएशन के जरिए इकोनॉमी को बूस्ट करना। इस महीने ही अमेजन ने 12.7 बिलियन डॉलर (1.14 लाख करोड़ रुपए) के निवेश का ऐलान किया था, जो AI और AWS (अमेजन वेब सर्विसेज) पर था। इसमें तेलंगाना और महाराष्ट्र में डेटा सेंटर्स का एक्सपेंशन शामिल है। कुल मिलाकर 2030 तक यह निवेश लॉजिस्टिक्स, स्टोरेज और छोटे बिजनेस को सपोर्ट करने में लगेगा। की-स्टोन स्ट्रेटेजी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेजन ने अब तक 12 मिलियन यानी 1.2 करोड़ से ज्यादा छोटे बिजनेस को डिजिटाइज किया है और 20 बिलियन डॉलर यानी 1.79 लाख करोड़ रुपए के ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट एनेबल किए हैं। AI पर जोर, लाखों लोगों को फायदा अमेजन AI को भारत के लिए गेम चेंजर मान रही है। कंपनी का प्लान है कि 14 मिलियन यानी 1.4 करोड़ छोटे बिजनेस और सैकड़ों मिलियन शॉपर्स को AI के फायदे मिलें। इसमें LLM (लार्ज लैंग्वेज मॉडल) ट्रेनिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट शामिल है। साथ ही 4 मिलियन यानी 40 लाख गवर्नमेंट स्कूल स्टूडेंट्स को AI एजुकेशन और करियर एक्सप्लोरेशन दिया जाएगा। यह कदम भारत की नेशनल प्रायोरिटी से मैच करता है, जहां डिजिटल इनोवेशन को पुश दिया जा रहा है। अमेजन का कहना है कि AI से छोटे बिजनेस अपनी सेल्स, कस्टमर सर्विस और इन्वेंटरी मैनेजमेंट को बेहतर कर सकेंगे। एक्सपोर्ट को बूस्ट करने में नया कदम SMBhav समिट में अमेजन ने अपेरल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के साथ पार्टनरशिप का ऐलान किया। यह पार्टनरशिप एक्सपोर्ट्स को बढ़ावा देने के इनिशिएटिव के तहत की गई है, जो डिजिटल एंटरप्रेन्योर्स को मैन्युफैक्चरर्स से जोड़ेगी। ताकि वे ग्लोबल सेलिंग कर सकें। इसके लिए 10 से ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स में ऑन-ग्राउंड ऑनबोर्डिंग होगी, जैसे तिरुपुर, कानपुर और सूरत। यह पार्टनरशिप मैन्युफैक्चरिंग फोकस्ड है और छोटे बिजनेस को एक्सपोर्ट में मदद करेगी। माइक्रोसॉफ्ट के 17.5 बिलियन डॉलर (1.57 लाख करोड़ रुपए) के AI-क्लाउड निवेश के बाद अमेजन का यह ऐलान टेक जायंट्स की रेस को दिखाता है। 2030 तक 10 लाख जॉब्स क्रिएट करेंगे अमेजन के इमर्जिंग मार्केट्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अमित अग्रवाल ने समिट में कहा, 'हम पिछले 15 सालों से भारत के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन का हिस्सा बने हैं। अमेजन की ग्रोथ यहां आत्मनिर्भर और विकसित भारत की विजन से मैच करती है।' उन्होंने आगे बताया, 'हमने फिजिकल और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में स्केल पर निवेश किया है। जिससे लाखों जॉब्स क्रिएट हुए और मेड-इन-इंडिया प्रोडक्ट्स ग्लोबल हुए। आगे हम AI को लाखों भारतीयों के लिए डेमोक्रेटाइज करेंगे, 1 मिलियन यानी 10 लाख जॉब्स क्रिएट करेंगे और 2030 तक ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट को 80 बिलियन डॉलर यानी 7.18 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचाएंगे।' 2013 से भारत में अमेजन का सफर अमेजन ने 2013 में भारत में अपना मार्केटप्लेस लॉन्च किया था। तब से कंपनी ने तेजी से ग्रोथ की है। 2024 की की-स्टोन स्ट्रेटेजी रिपोर्ट कहती है कि अमेजन ने 2.8 मिलियन यानी 28 लाख से ज्यादा डायरेक्ट, इंडायरेक्ट, इंड्यूस्ड और सीजनल जॉब्स सपोर्ट किए हैं। ई-कॉमर्स से 20 बिलियन डॉलर यानी 1.79 लाख करोड़ रुपए के एक्सपोर्ट एनेबल हुए हैं। यह निवेश अमेजन के ग्लोबल स्ट्रैटेजी का हिस्सा है, जहां भारत को सबसे बड़ा मार्केट माना जा रहा है। पहले भी अमेजन ने लॉजिस्टिक्स और क्लाउड सर्विसेज में भारी निवेश किया, जो अब AI के साथ और मजबूत होगा। 2030 तक अमेजन का टारगेट क्या है? 2030 तक अमेजन का टारगेट है कि ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट 80 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएं, जो मौजूदा का चार गुना है। 1 मिलियन नई जॉब ऑपर्च्युनिटीज क्रिएट होंगी। AI से छोटे बिजनेस और स्टूडेंट्स को स्किल्स मिलेंगी, जो इकोनॉमी को बूस्ट करेगी। रिपोर्ट के मुताबिक, यह निवेश एक्सपोर्ट और जॉब्स से GDP में योगदान देगा। अमेजन का फोकस आत्मनिर्भर भारत पर है, जहां टेक से ग्रामीण इलाकों तक कनेक्टिविटी पहुंचेगी। ये खबर भी पढ़ें... माइक्रोसॉफ्ट भारत में ₹1.6 लाख करोड़ निवेश करेगी: AI और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च होगा; CEO सत्य नडेला ने PM मोदी से मुलाकात के बाद ऐलान किया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दबाव के बावजूद माइक्रोसॉफ्ट भारत में 17.5 अरब डॉलर (करीब ₹1.57 लाख करोड़) निवेश करने जा रही है। अमेरिकी टेक कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा। फंड का इस्तेमाल AI, क्लाउड और डेटा सेंटर जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए किया जाएगा। पूरी खबर पढ़ें...
काजोल ने किया रियल एस्टेट में निवेश, खरीदी इतने करोड़ की कमर्शियल प्रॉपर्टी
बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल ने इंडस्ट्री में एक अलग मुकाम हासिल किया है। काजोल भले ही फिल्मों में कम नजर आती हो, लेकिन वह सुर्खियों में बनी रहती हैं। काजोल ने अब एक्टिंग के साथ-साथ रियल एस्टेट में भी कदम रख दिया है। काजोल ने मुंबई के गोरेगांव वेस्ट ...
जानिए क्यों पैन इंडिया सुपरस्टार प्रभास पर है 2100 करोड़ रुपए निवेश
पैन इंडिया सुपरस्टार प्रभास अपने करियर के शानदार दौर से गुजर रहे हैं, और निर्विवाद रूप से अखिल भारतीय सुपरस्टार के रूप में अपनी जगह पक्की कर रहे हैं। बाहुबली, सलार, कल्कि 2898 एडी जैसी बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचाने वाली फिल्मों के साथ, उन्होंने भारतीय ...
खतरों के खिलाड़ी सीजन 14 के कंटेस्टेंट अभिषेक कुमार जिन्होंने बिग बॉस 17 में अपने कार्यकाल से काफी लोकप्रियता हासिल की, अपने आकर्षक व्यक्तित्व से लोगों के दिलों पर राज कर रहे हैं। विवादित रियलिटी शो में उनकी भागीदारी ने उन्हें स्टार बना दिया और उन्हें रातोंरात सफलता दिलाई। अभिषेक जो वर्तमान में रोहित शेट्टी के शो खतरों के खिलाड़ी 14 में हैं, ने साझा किया कि वह एक प्रोडक्शन हाउस खोलना चाहते हैं। इसे भी पढ़ें: Kartik Aaryan का खुलासा, Pyaar Ka Punchnama की सफलता के बावजूद उनके पास ‘कोई ऑफर नहीं था, कोई पैसा नहीं था ईटाइम्स टीवी के साथ एक इंटरव्यू में, अभिषेक ने खुलासा किया कि वह भविष्य के लिए पैसे बचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता चाहते हैं कि वह मुंबई में एक घर खरीदें, लेकिन वह एक व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। अभिषेक ने कहा कि वह एक उद्यमी बनना चाहते हैं और उनके बड़े सपने हैं जिन्हें वह हासिल करना चाहते हैं। अभिषेक कुमार मुंबई में घर नहीं खरीदना चाहते इंटरव्यू में, अभिषेक ने कहा कि उन्होंने पैसे बर्बाद करना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि वह मुंबई में घर नहीं खरीदना चाहते क्योंकि शहर काफी महंगा है और कहा कि किराए पर रहना एक समझदारी भरा फैसला है। उन्होंने यहां तक कहा कि घर खरीदने में बड़ी रकम लगाने और फिर हर महीने लोन के रूप में बैंक को बड़ी EMI चुकाने का कोई मतलब नहीं है। इसे भी पढ़ें: Karan Johar को कोर्ट से मिली राहत, फिल्म Shaadi Ke Director Karan Aur Johar की रिलीज परह लगी रोक अभिषेक ने कहा कि वह अपना पैसा निवेश करना चाहते हैं और उस पर ब्याज पाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह रवि दुबे और सरगुन मेहता की तरह एक प्रोडक्शन हाउस स्थापित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि उनका परिवार चंडीगढ़ में घर खरीदे, लेकिन मुंबई में नहीं क्योंकि वे वहीं रह सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह पैसे बचाना चाहते हैं और कोई दूसरा व्यवसाय शुरू करने में निवेश कर सकते हैं। KKK 14 की बात करें तो शिल्पा शिंदे शो से बाहर हो गईं। एक यूट्यूब चैनल के अनुसार, सनी वरुण ने बात की, गश्मीर, करणवीर, अदिति और अभिषेक ने निष्कासन स्टंट किया।
कंगना रनौत के किस बयान पर भड़की CISF की महिला जो सरेआम एक्ट्रेस को जड़ दिया थप्पड़, जानिए पूरा मामला
चंडीगढ़: हिमाचल की मंडी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी सांसद एवं एक्ट्रेस कंगना रनौत से चंडीगढ़ हवाईअड्डे पर बदसलूकी के पश्चात् हंगामा मचा हुआ है. दरअसल, 6 जून को कंगना दिल्ली जाने के लिए चंडीगढ़ हवाईअड्डे पर पहुंची थीं. तभी सिक्योरिटी चेक के पश्चात् CISF की एक महिला जवान कुलविंदर कौर ने उनको थप्पड़ मार दिया. हालांकि CISF की अपराधी महिला कर्मी को निलंबित कर दिया गया है तथा उनके खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि CISF की जवान ने थप्पड़ क्यों मारा, तो इसका जवाब है कंगना का 4 वर्ष पुराना एक ट्वीट. कंगना रनौत ने इस ट्वीट में 3 कृषि कानूनों के खिलाफ हुए किसान आंदोलन के चलते पंजाब की 80 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला किसान की गलत पहचान करते तथा उन्हें बिलकिस बानो कहा था. कंगना ने जो ट्वीट किया था उसमें एक वृद्ध महिला नजर आ रही थीं, जो भले ही झुककर चल रही थीं, लेकिन उन्होंने किसान आंदोलन का झंडा बुलंद किए हुए था. उनका नाम मोहिंदर कौर था. कंगना ने मोहिंदर कौर की फोटो को ट्वीट करते हुए लिखा था कि ''हा हा. ये वही दादी हैं जिन्हें टाइम मैगज़ीन की 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की लिस्ट में सम्मिलित किया गया था.... और ये 100 रुपये में उपलब्ध हैं. हालांकि कंगना रनौत ने बाद में ये ट्वीट डिलीट कर दिया था. बता दें कि कंगना ने जिस बिलकिस बानो का जिक्र किया था, वह 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला हैं तथा उन्होंने दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में CAA प्रोटेस्ट के चलते अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी थीं. कंगना के इस बयान को लेकर CISF की महिला जवान भड़की हुई थी. चंडीगढ़ हवाईअड्डे पर कंगना से बदसलूकी का वीडियो सामने आया था, इसमें CISF की यह जवान कहती नजर आ रही है कि 'इसने बोला था किसान आंदोलन में 100-100 रुपये में महिलाएं बैठती थीं. वहां मेरी मां भी थी'. राहुल गांधी ने भाजपा पर लगाया शेयर बाजार में हेराफेरी का आरोप, बताया देश का सबसे बड़ा घोटाला उत्तर भारत में भीषण गर्मी का कहर जारी, यूपी के कुछ क्षेत्रों में राहत की उम्मीद बिहार के गया जिले में भीषण सड़क हादसा, तीन लोगों की मौत

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