सिंगर जुबीन गर्ग के आखिरी पलों में उनके साथ यॉट पर मौजूद आठ लोगों को सीआईडी ने समन भेजा था। सभी को 6 अक्टूबर तक एसआईटी के सामने पेश होना था लेकिन इनमें से एक को छोड़ किसी ने भी अब तक समन का जवाब नहीं दिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि 19 सितंबर को जुबीन की मौत के समय यॉट पर मौजूद रूपकमल कलिता ने जांच कर रही एसआईटी के समन का जवाब दिया है। कलिता मंगलवार को गुवाहाटी आएंगे। हालांकि,सात अन्य लोगों ने जांच में मदद के लिए असम आने के बारे में कुछ नहीं कहा है। सीएम ने कहा कि हम उन पर दबाव बनाए रखेंगे। वे जितनी जल्दी आएंगे, हम जांच पूरी कर पाएंगे। हम उन्हें हमारे साथ सहयोग करने के लिए प्रेरित करेंगे। सरमा ने कहा, हमारा मानना है कि अगर एक आता है तो बाकी भी आएंगे। उन्होंने मीडिया ब्रीफिंग में ये भी बताया कि कुछ परिवार के सदस्यों का दावा है कि वे नहीं आ सकते क्योंकि सिंगापुर पुलिस उन्हें अनुमति नहीं दे रही है, जबकि अन्य का कहना है कि अगर वे पूछताछ के लिए वापस लौटते हैं तो विदेश में उनकी नौकरियां खतरे में पड़ जाएंगी। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि असम पुलिस को जांच के लिए सिंगापुर जाने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (एमएलएटी) के तहत, सिंगापुर पुलिस जो भी सबूत एकत्र करेगी, उसे हमारे साथ साझा किया जाएगा। हमारा अनुरोध सिंगापुर को पहले ही भेजा जा चुका है, लेकिन कोई भी विदेशी देश किसी अन्य देश की पुलिस को अपनी धरती पर जांच करने की अनुमति नहीं देगा। नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल (NIIF) के लिए जारी फंड के बारे में पूछे जाने पर सरमा ने कहा कि राज्य सरकार ने इस साल बहुत कम राशि जारी की है और मैंने सभी फाइलों को खारिज कर दिया है। महंत ने फेस्टिवल के लिए फंड असम से नहीं, बल्कि पूर्वोत्तर के हमारे पड़ोसी राज्यों से जुटाया था। उन्होंने आगे कहा, ‘मैं आखिरी बार उनके समारोह में 2015 में गया था, उसके बाद नहीं।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर (आईटी) विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियां महंत के खातों की जांच करेंगी और हमने उनसे मदद करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा, हम किसी को भी नहीं छोड़ना चाहते और इसलिए हमें इस प्रक्रिया के दौरान केंद्रीय एजेंसियों की मदद की आवश्यकता होगी। बता दें कि सीआईडी ने असम एसोसिएशन ऑफ सिंगापुर के 11 सदस्यों में से आठ को 6 अक्टूबर तक पेश होने के लिए समन जारी किया गया था। इनमें तन्मय फुकन, अभिमन्यु तालुकदार, देबोज्योति हजारिका, रूपकमल कलिता, भास्कर दत्ता, सिद्धार्थ बोरा, परीक्षित शर्मा और वाजेद अहमद शामिल हैं। ये सभी घटना के समय गायक के साथ यॉट पर थे। वहीं, जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, म्यूजिशियन शेखर ज्योति गोस्वामी, सिंगर अमृतप्रभा महंत और नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंत सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और वे फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं। जुबीन गर्ग का निधन सिंगापुर में 19 सितंबर को हुआ था। सिंगर 20 सितंबर को होने वाले नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के लिए सिंगापुर गए हुए थे, जहां उन्होंने वाटर एडवेंचर एक्टिविटी में हिस्सा लिया था। दावा किया गया कि उनकी मौत स्कूबा डाइविंग के दौरान एक हादसे में हुई।
विकास की राह:सीएम मोहन यादव बोले- असम को देंगे घड़ियाल, मगरमच्छ, बदले में लेंगे गेंडा
मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को असम की राजधानी गुवाहाटी में पूर्वोत्तर राज्यों के उद्योग प्रतिनिधियों से व्यापारिक साझेदारी पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग, पेट्रो केमिकल और नवकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में साझेदारी की संभावनाएं बनी हैं। डॉ. यादव ने कहा कि दोनों राज्य युवाओं, विश्वविद्यालयों और कलाकारों के बीच भी आपसी संबंध मजबूत करेंगे। असम सहित पूर्वोत्तर राज्यों के साथ सीधी बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि मप्र और असम में काफी समानताएं हैं। दोनों मिलकर कई सेक्टर में साझेदारी कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मप्र बिजली उत्पादन में तेजी से आगे बढ़ा है। विंड एनर्जी के अलावा जमीन के साथ पानी में भी सोलर प्लांट लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भोपाल से असम के बीच सीधी फ्लाइट को लेकर भी कोशिश होगी। मुख्यमंत्री ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा से भी मुलाकात करके आपसी संबंधों पर चर्चा की। मप्र देश का दिल, असम इकॉनोमिक गेटवे उद्योग प्रतिनिधियों ने सीएम से चर्चा में मप्र को देश का दिल तो असम को भारत का इकॉनोमिक गेटवे बताया। चेयरमैन जीईआरडी फार्मास्युटिकल्स डॉ. घनश्याम धनुका ने मप्र में फार्मास्युटिकल एवं हाइजीन उत्पाद निर्माण की स्थापना, लोहिया समूह ने प्रदेश में प्लास्टिक्स और पैकेजिंग इकाइयों, असम बंगाल नेविगेशन ने मप्र में नर्मदा, चंबल आदि प्रमुख नदियों पर ईको लॉज तथा बुटीक रिवर क्रूज और टाइगर रिजर्व और संरक्षित क्षेत्रों में सस्टेनेबल हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज के पायलट प्रोजेक्ट्स के प्रस्ताव रखे। ईको-रिजॉर्ट और सस्टेनेबल हॉस्पिटैलिटी, वन्यजीव पर्यटन - जल पर्यटन, सीमेंट प्लांट, ग्राइंडिंग यूनिट और लॉजिस्टिक्स हब, खाद्य प्रसंस्करण आदि पर भी निवेश प्रस्ताव मिले। कोशिश... मप्र के जंगलों में बाघ-गेंडे दोनों हों मुख्यमंत्री ने काजीरंगा नेशनल पार्क का दौरा किया। उन्होंने कहा कि यहां हाथी प्रबंधन अच्छा है। हमारे यहां भी 100 के लगभग हाथी हैं। यहां से प्रबंधन सीखेंगे। सीएम ने कहा कि मप्र-असम मिलकर वन्यजीव पर्यटन में एक-दूसरे को समृद्ध करेंगे। कोशिश यह होगी कि मप्र के जंगलों में बाघ के साथ असम के गेंडे भी घूमें फिरें। दोनों राज्य मिलकर इन वन्य जीवों का आदान-प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम असम को गौर, घड़ियाल और मगरमच्छ दे सकते हैं। और असम हमें गेंडा देकर हमारे वनों को समृद्ध कर सकता है।
मध्यप्रदेश और असम के बीच वन्यजीवों की अदला-बदली की जाएगी। बांधवगढ़ नेशनल पार्क से गौर और चंबल सेंचुरी के घड़ियाल असम के काजीरंगा नेशनल पार्क से एक्सचेंज किए जाएंगे। ये बात सीएम डॉ. मोहन यादव ने असम के काजीरंगा नेशनल पार्क का भ्रमण करने के बाद कही। सीएम डॉ. मोहन यादव ने पत्नी और मप्र के अधिकारियों के साथ काजीरंगा नेशनल पार्क में हाथियों और राइनो के प्रबंधन को समझा। सीएम ने हाथियों को गन्ना भी खिलाया। सीएम बोले- मप्र में दो साल में 70 हाथियों ने घर बनायासीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि आज मैं असम के काजीरंगा उद्यान में हाथी और राइनो समेत तमाम प्रकार के वन्यजीवों के संबंध में जानने आया हूं। हमारे यहां भी अब हाथी आ गए हैं। पहले हमारे यहां हाथी नहीं थे। दो साल में 70 से ज्यादा हाथी हमारे यहां बांधवगढ़ और अन्य अभ्यारण्यों में हैं। ऐसे में जान माल की रक्षा के साथ ही हाथी के जीवन की रक्षा के लिए काजीरंगा बहुत आदर्श अभ्यारण्य है। मैं अपने अधिकारियों के साथ यहां आया हूं। मुझे देखकर अच्छा लगा। बहुत बढ़िया प्रबंधन है। यहां से काफी सारी चीजें सीखेंगे। असम के सीएम से बात कर वन्यजीव एक्सचेंज करेंगे सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारे यहां के वन्यजीवों को यहां एक्सचेंज करने के लिए मैं यहां के मुख्यमंत्री हिमंता विस्वा सरमा से बात करूंगा। हमारे वन्यजीवों की अच्छे से रक्षा हो और जिन्हें वन्यजीवों के विषय में जानने की जिज्ञासा है, उन्हें जानकारी मिले। पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा देते हुए हमारे वन्यजीवों के साथ सह-अस्तित्व की भावना को लोग देखें और समझें। वन्यजीवों की अदला-बदली करेंगे सीएम ने कहा कि काजीरंगा बहुत समृद्ध है, खासकर राइनो को लेकर। सिंगल सींग वाले 3 हजार से ज्यादा गेंडे हैं। जंगली भैंसे भी बहुत अच्छे हैं। हमारे यहां गौर, घड़ियाल हैं। तो हम कोशिश करेंगे कि आपस में वन्यजीवों की अदला-बदली करते हुए सभी प्रकार के जलजीव और वन्यजीव बने रहें।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को असम की राजधानी गुवाहाटी में पूर्वोत्तर राज्यों के उद्योग प्रतिनिधियों से निवेश पर सीधी चर्चा करेंगे। दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और कोयम्बटूर जैसे शहरों के बाद पहली बार मप्र सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र में पहुंची है। शनिवार को असम पहुंच चुके सीएम ने कहा कि इस निवेश कार्यक्रम से उनका प्रयास होगा कि किस तरह मप्र और असम के बीच व्यापारिक रिश्ते मजबूत किए जा सकते हैं। डॉ. यादव भूटान के प्रतिनिधियों से भी मिलेंगे। असम पहुंचने के बाद मीडिया से चर्चा में मुख्यमंत्री ने कहा कि असम की तरह मप्र में भी हाथियों की अच्छी तादाद है। इसलिए वो काजीरंगा नेशनल पार्क जाकर वहां हाथियों का प्रबंधन देखेंगे। डॉ. यादव ने ये भी कहा कि वे असम के मुख्यमंत्री और उद्योग प्रतिनिधियों से मिलकर इस बात पर चर्चा करेंगे कि मप्र और असम के बीच व्यापार-व्यवसाय के अलावा आपसी रिश्ते कैसे मजबूत हों। रविवार के आयोजन में असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के उद्योग प्रतिनिधियों के अलावा रॉयल भूटान कॉन्सुलेट के काउंसिल जनरल जिग्मे थिनायल नामग्याल भी मौजूद होंगे। टेक्सटाइल व फूड प्रोसेसिंग की ब्रांडिंग मप्र आयोजन में एग्रो और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर, टेक्सटाइल्स और अपैरल सेक्टर राज्य की परंपरागत और आधुनिक क्षमता के अलावा फार्मा और हेल्थकेयर सेक्टर में प्रदेश की ताकत -निवेशकों को कच्चे माल, अनुसंधान और विकास और उत्पादन की क्षमता को निवेशकों के सामने रखेगा।
शहीदी नगर कीर्तन असम से शुरू होकर कोल्हापुर से पुणे के लिए रवाना
भास्कर न्यूज | अमृतसर गुरु श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी की शहादत शताब्दी के उपलक्ष्य में एसजीपीसी द्वारा असम के गुरुद्वारा धोबारी साहिब से शुरू किया गया शहीदी नगर कीर्तन बुधवार को गुरुद्वारा गुरु दरबार बाबा नानक कोहलापुर से पुणे महाराष्ट्र के लिए रवाना हुआ। नगर कीर्तन के रवाना होने से पहले गुरुद्वारा साहिब में एक धार्मिक दीवान का आयोजन किया गया, जिसमें श्री दरबार साहिब के हजूरी रागी जत्थे ने गुरबाणी कीर्तन किया। इस दौरान सचखंड श्री हरमंदर साहिब के ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी सुल्तान सिंह ने संगत के साथ नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादर साहिब जी का जीवन परिचय साझा किया। इस दौरान मुख्य प्रचारक जगदेव सिंह और हरजीत सिंह ने भी संगत के साथ गुरु जी का इतिहास साझा किया। नगर कीर्तन के प्रस्थान के समय, गुरुद्वारा साहिब के प्रबंधकों ने पंज प्यारे साहिबानों और उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों को सिरोपा भेंट किया। नगर कीर्तन के प्रति संगत में भारी उत्साह था और रास्ते में विभिन्न धर्मों के लोगों ने श्रद्धापूर्वक उनका स्वागत किया। इस दौरान संगत ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की पालकी पर पुष्प वर्षा की। इस अवसर पर शिरोमणि कमेटी के जूनियर सदस्य बलदेव सिंह कल्याण, सदस्य जसमेर सिंह लाछरू, सदस्य सचिव स्टूडियो, गांधी नगर की पंचायत और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
पूर्णिया में दुर्गा पूजा की धूम दिख रही है। अष्टमी को होने वाली मां महागौरी की आराधना के साथ ही सभी पूजा पंडालों में आस्था का जन सैलाब उमड़ना शुरू हो गया है। ढाक और शंख के तेज स्वर ने शहर का माहौल भक्ति और आस्था से भर गया है। एक से बढ़कर एक थीम पर पूजा पंडालों को डेवलप किया गया है। शहर में कोलकाता, पटना और रांची वाली रौनक है। बंगाल, असम, उत्तराखंड और उड़ीसा की झलक पूजा पंडालों में दिखाई दे रही है। असम की चटाई और बंगाल के बांस से बने 40 लाख के भव्य पंडाल, उड़ीसा के जगन्नाथपुरी मंदिर, बंगाल के महामाया मंदिर, उत्तराखंड के केदारनाथ टेंपल और बांग्ला वर्ण लिपि पर बने पंडाल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। पूजा पंडालों का बजट 20 से 40 लाख के बीच है। जगमग करती मोहक लाइट से पूरा शहर दुल्हन की तरह सजा है। साल के सबसे बड़े त्योहार की खूबसूरती देखते ही बन रही है। शहर में तंग ट्रैफिक से दूर भास्कर के इस रिपोर्ट में कीजिए शहर के 12 प्रसिद्ध पूजा पंडालों और प्रतिमाओं के दर्शन। 1. कप्तान पुल स्थित ग्रीनवैली में फ्रेंडशिप क्लब दुर्गा पूजा समिति की ओर से असाम की चटाई और बंगाल से आए बांस से भव्य और अनूठा पंडाल बनाया गया है। मां की प्रतिमा भी बंगाली संस्कृति के अनुरूप बनाई गई है। ये सबसे हाई कॉस्ट वाला पंडाल है। यहां 55 फिट ऊंचा और 70 फीट चौड़ा पंडाल बनाया गया है। इसके ऊपर 40 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। पंडाल पर 25 लाख, लाइटिंग पर 7 लाख, प्रतिमा पर 3.50 लाख और अन्य खर्चों पर 4 लाख से अधिक रुपए खर्च किए गए हैं। बंगाल से 30 कारीगर पिछले महीने भर से दिन रात एक कर पंडाल निर्माण में लगे हैं। 2. शहर के प्रसिद्ध भट्टा दुर्गाबाड़ी में पिछले 110 साल से मां की प्रतिमा बैठाई जा रही है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी इस पूजा समिति के सदस्य थे। पूजा पंडाल बांग्ला वर्ण लिपि थीम पर बेस्ड है। ये अब तक का सबसे इनोवेटिव क्रिएशन है। ये शहर का दूसरा सबसे महंगा पूजा पंडाल है। जिसका बजट 35 लाख का है। बंगाल से आए 20 कारीगरों ने इसे पिछले एक महीने में डेवलप किया है। पंडाल को इस तरीके से सजाया जा रहा जो आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बांग्ला वर्ण लिपि थीम पर बेस्ड ये पंडाल लोगों को बंगाल में होने का एहसास करा रहा है। मां की प्रतिमा, पंडाल की थीम, बंगाली पूजा के अलावा लाइटिंग में भी बंगाल के दुर्गा पूजा पद्धति की छाप दिख रही है। 3. शहर के मोस्ट फेमस पूजा पंडालों में से एक गुलाबबाग पुराना सिनेमा रोड स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर में साल 1966 से ही मां की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। बंगाल से आए कारीगरों ने बेहद ही अलग कांसेप्ट पर इस पंडाल को विकसित किया है। पंडाल का कॉस्ट 25 लाख है। मूर्ति और लाइट पर 10 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। ये शहर का तीसरा सबसे हाई बजट पंडाल है। हर साल की तरह इस साल भी पंडाल को अलग लुक दिया है। इसकी खूबसूरती और भव्यता देखते ही बन रही है। 1000 हजार बंगाली साड़ी से 700 मीटर तक सजावट की गई है। यहां ऑपरेशन सिंदूर की झलक दिखाई गई है। पूजा पंडाल, साड़ियों और लाइटिंग की सजावट लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है। 4. रजनी चौक पूजा समिति शहर के प्रमुख पूजा पंडालों में गिना जाता है। बंगाल के मंदिर के तर्ज पर पंडाल को डेवलप किया गया है। 20 लाख रुपए पूजा पंडाल पर खर्च किए गए हैं। इसमें प्रतिमा और लाइटिंग और झांकियों का भी कॉस्ट शामिल है। पूजा पंडाल और मां की प्रतिमा की खूबसूरती देखते ही बन रही है। प्रतिमा को बेहद ही मोहक रूप दिया गया है। हर साल की तरह इस बार भी पूजा पंडाल और प्रतिमा का भव्य लुक लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र है। मार्केट एरिया में होने की वजह से पूरे इलाके को झालरों से जबरदस्त तरीके से सजाया गया है। 5. मधुबनी में 1917 से ही मां दुर्गा की प्रतिमा बैठाई जा रही है। यहां बंगाली विधि विधान से पूजा की परंपरा है। इस बार मधुबनी स्थित दुर्गा मंदिर पूजा समिति की ओर से पूजा पंडाल को उड़ीसा के जगन्नाथपुरी मंदिर की थीम पर डेवलप किया गया है। इस पर 18 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। मूर्ति और लाइटिंग का बजट भी इसी में शामिल है। अष्टमी को महाप्रसाद का वितरण किया जाएगा। बलि की प्रथा के लिए नवमी को लाखों लोग उमड़ेंगे। 6. खुश्कीबाग स्थित प्रभात पाठागार पूजा पंडाल शहर के प्रमुख पूजा पंडालों में शुमार है। इस बार उत्तराखंड के प्रसिद्ध केदारनाथ मंदिर की थीम पर पंडाल का लुक दिया गया है। पंडाल और मां दुर्गा की प्रतिमा बेहद आकर्षक है। पूजा पंडाल का बजट 15 लाख है। पंडाल, मां दुर्गा की प्रतिमा और मोहक लाइटिंग एक नजर में ही लोगों का दिल जीत चुका है। यहां बंगाली छाप देखी जा सकती है। पिछले 1 महीने से 12 कारीगर इसे बनाने में लगे थे। सप्तमी की देर शाम भक्तों के दर्शन के लिए मां का पट खोल दिया गया है। पट खुलते ही लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। 7. पंचमुखी हनुमान मंदिर रोड स्थित लाइंस क्लब की प्रतिमा हर साल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहती है। यहां साल 1978 से ही मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। स्टेशन क्लब नवरत्न दुर्गा पूजा समिति की ओर से 12 लाख खर्च किए गए हैं। पंडाल, प्रतिमा और लाइटिंग भव्य है। वहीं भव्य परिधान में सजी मां दुर्गा का भव्य रुप देखते ही बन रहा है। मां की एक झलक भर पाने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी रही। 8. बाड़ीहाट में 1966 से दुर्गा पूजा की परंपरा कायम है। इस बार बाड़ीहाट दुर्गा पूजा समिति की ओर से 10 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। पूजा पंडाल को केदारनाथ टेंपल का लुक देने की कोशिश की गई है। प्रतिमा को भव्य रूप देने बंगाल के कारीगर पिछले एक महीने से लगे थे। यहां की लाइटिंग लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है। मालदा से पंडित बंगाली पद्धति से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करा रहे हैं। 9. शक्तिरुपा मां दुर्गा की आराधना में केंद्रीय कारा पूर्णिया के बंदी भी पीछे नहीं हैं। कारा के 80 बंदियों ने नवरात्रा रखा है। सेंट्रल जेल स्थित मां दुर्गा के दर्शन यहां आने वाले श्रद्धालुओं को गजब का एहसास कराता है। यही वजह भी है कि लोग सेंट्रल जेल की मां भगवती के दर्शन करना नहीं भूलते। वहीं बंदियों में भी दुर्गा पूजा को लेकर गजब का उत्साह है। 10. रामबाग स्थित सत्य सारथी पूजा समिति की ओर से भी बेहद ही आकर्षक पंडाल बनाया गया है। पंडाल के निर्माण पर 10 लाख रुपए खर्च किए गए हैं। पंडाल से लेकर मां दुर्गा की प्रतिमा की खूबसूरती देखते ही बन रही है। अष्टमी पूजा को मां दुर्गा के दर्शन के लिए लोगों का तांता लगा है। 11. पूर्णिया सिटी स्थित श्रीधाम और सार्वजनिक दुर्गा मंदिर परिसर को भी भव्य पंडाल का लुक दिया गया है। पंडाल और मां दुर्गा की प्रतिमा बेहद आकर्षक है। देर शाम भक्तों के दर्शन के लिए मां का पट खोल दिया गया। यहां की आरती बेहद प्रसिद्ध है। पट खुलते ही पंडाल संग सेल्फी लेने वालों की होड़ लग गई। 12. नवरत्न जाता दुर्गा मंदिर में बड़ी दुर्गा के दर्शन के लिए मंदिर में लोगों के दर्शन के लिए भीड़ उमड़ी रही। यहां बंगाली विधानों से मां की पुजा अर्चना की परंपरा है। अष्टमी को दीप दिखाने महिला श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। वहीं कोर्ट स्टेशन मंदिर में 1970 से ही मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करने की प्रथा कायम है। मां दुर्गा के दर्शन के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है।
प. बंगाल और असम में अल्पसंख्यकों की स्थिति में विरोधाभास
असम में भारतीय जनता पार्टी और प. बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के शासन के बीच, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि अल्पसंख्यक समुदायों के संबंध में दोनों राज्य सरकारों द्वारा अपनाई गई आधिकारिक नीतियां बिल्कुल अलग हैं।
कौन हैं असम की अर्चिता फुकन? अमेरिकी एडल्ड स्टार संग तस्वीर शेयर करके मचाई सनसनी
असम की रहने वाली अर्चिता फुकन इन दिनों सुर्खियों में छाई हुई है। बीते दिनों अर्चिता ने एक अमेरिकी एडल्ड स्टार केंड्रा लस्ट के साथ तस्वीर शेयर की थी, जो देखते ही देखते वायरल हो गई। इसके बाद से हर कोई जानना चाहता है कि आखिर अर्चिका फुकन है कौन? ...
घर पर ताला लगाकर गायब हुए रणवीर अल्लाहबादिया, खाली हाथ लौटी मुंबई और असम पुलिस!
कॉमेडियन समय रैना के शो 'इंडियाज गॉट लेटेंट' में माता-पिता पर भद्दा कमेंट करके यूट्यूबर रणवीर अल्लाहबादिया मुश्किलों में घिर चुके हैं। देश के कई राज्यों में रणवीर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। वहीं यह मामला संसद तक उठ चुका है। अब खबर आ रही है कि ...
Ramen Baruah missing : मनोरंजन जगत से एक हैरान करने वाली खबर सामने आ रही है। असम के प्रख्यात गायक, संगीतकार और निर्देशक रमन बरुआ तीन दिन से लापता हैं। रमन बरुआ बीते सोमवार गुवाहाटी के लतासिल इलाके में अपने घर से पास के मंदिर में दर्शन करने के लिए ...