Arunachal Pradesh में Chunav Yatra के दौरान मैंने जो देखा...वह बेहद चौंकाने वाला था

अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव साथ ही हो रहे हैं लेकिन यहां वैसा चुनावी माहौल देखने को नहीं मिल रहा जैसा कि अन्य प्रदेशों में मिलता है। यहां का मतदाता प्रतिक्रिया व्यक्त करने की बजाय खामोशी से अपना मतदान करता है। विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए विभिन्न दलों की ओर से अपने केंद्रीय आलाकमान की दो-तीन बड़ी रैलियां करा दी गयी हैं और अब घर-घर संपर्क पर जोर दिया जा रहा है। मतदान चूंकि 19 अप्रैल को होना है इसलिए अधिकांश मतदाता अपनी बस्तियों में वापस जा चुके हैं। दरअसल अरुणाचल प्रदेश का क्षेत्रफल बहुत बड़ा है, यहां पहले की सरकारों ने सड़क संपर्क बनाने पर उतना ध्यान नहीं दिया। हालात भाजपा सरकार बनने के बाद बदले और सड़कों का जाल बिछने लगा। लेकिन फिर भी अब भी अधिकांश इलाकों में पहुँचने में कई-कई घंटों का समय लग जाता है। यहां पर निजी टैक्सियों की संख्या बेहद कम है। बसों और निजी वाहनों से लोग अपने घरों के लिए निकल गये हैं। कुछ लोगों ने बताया कि 17 अप्रैल जब चुनाव प्रचार खत्म होगा उसके बाद तो वाहनों का मिलना बहुत मुश्किल हो जायेगा इसलिए लोग पहले ही निकल गये। एक क्षेत्र दूसरे क्षेत्र से कितना दूर है इसे इस बात से समझ सकते हैं कि यहां एक लोकसभा सीट के एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुँचने में आठ से दस घंटे का समय लग जाता है। यहां हमने जब लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद हमारे सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा की दृष्टि से जो विकास किया गया उससे हर अरुणाचल वासी गर्वित है। लोगों ने बताया कि पहले की सरकारों के समय सीमावर्ती इलाकों में हमारे सुरक्षा बलों के लिए भी कोई सुविधा नहीं थी इसलिए ऐसे में हमें लगता था कि चीनी हमला अगर हुआ तो हमारे जवानों तक रसद या रक्षा सामग्री कैसे पहुँच पायेगी लेकिन अब हमारा डर खत्म हो गया है। लोगों ने कहा कि चीन से सटी सीमा पर मोदी सरकार की ओर से एडवांस्ड लैंडिंग ग्रांउड बनाना मील का पत्थर था। लोगों ने कहा कि राजमार्गों के तेजी से विकास, नये एअरपोर्ट बनने और रेल संपर्क कायम होने से यह क्षेत्र समूचे देश से पूरी तरह जुड़ गया है और अब कहीं भी आना-जाना आसान हो गया है। एक व्यक्ति ने बताया कि पहले उन्हें अपने गांव से राजधानी ईटानगर आने में तीन दिन का समय लगता था। उन तीन में से एक दिन पूरा पैदल चलना पड़ता था उसके बाद वाहन की सुविधा मिल पाती थी। उन्होंने बताया कि सड़क संपर्क कायम होने से यह तीन दिन का सफर अब मात्र तीन घंटे में पूरा हो जाता है। इसे भी पढ़ें: Arunachal Pradesh में साथ हो रहे हैं विधानसभा और लोकसभा के चुनाव, जनता का मूड़ इस बार किसकी सरकार बनवाने का है? लोगों ने बताया कि पहले मोबाइल फोन या इंटरनेट की बहुत दिक्कत होती थी। यदि किसी गांव में वी-सैट के जरिये मोबाइल कनेक्टिविटी कायम करनी होती थी तो उसके लिए एनओसी लेनी पड़ती थी कि हम इस संचार सुविधा का दुरुपयोग नहीं करेंगे लेकिन आज मोदी सरकार के जमाने में फोन और इंटरनेट की सुविधा हर किसी के पास है और कोई एनओसी भी नहीं लेनी पड़ती। लोगों ने बताया कि सीमा से सटे गांवों के तेजी से हो रहे विकास और पर्यटन की दृष्टि से जीरो, तवांग और अन्य क्षेत्रों में बढ़ाई जा रही बुनियादी सुविधाओं के चलते राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिला है। लोगों ने कहा कि पहले हमारे लिए दिल्ली दूर थी बल्कि ऐसा लगता था कि वह किसी और देश में है लेकिन अब एअरपोर्ट बन जाने से कुछ ही घंटों में दिल्ली तक पहुँचा जा सकता है। अरुणाचल प्रदेश की राजधानी में खासतौर पर बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, असम और बंगाल के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं। इनमें से उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लोग हमें यहां दुकानें चलाते या कारोबार में लगे दिखे। असम के युवक वाहन चालक या होटलों में काम करते दिखे। बंगाल के लोग भी दुकानें चलाते या होटलों में काम करते दिखे। बिहार के अधिकतर लोग मजदूरी करते दिखे। जब हमने इन लोगों से बातचीत की तो वह सहमे से दिखे। जब हमने उनके मन की बात जाननी चाही तो पूरा विश्वास होने पर उन्होंने जो कुछ बताया वह आश्चर्यजनक था। अरुणाचल प्रदेश में वैसे तो हमें सब कुछ सकारात्मक दिखा लेकिन यह एक नकारात्मक चीज हमें नजर आई जिस पर राज्य और केंद्र सरकार को तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। यहां आकर रह रहे अन्य राज्यों के लोगों को नॉन ट्राइबल कहा जाता है। नॉन ट्राइबल्स का आरोप था कि स्थानीय ट्राइबल उनके साथ भेदभाव करते हैं और अक्सर उनके साथ मारपीट भी की जाती है। हालांकि किसी ने इस बात का कोई सबूत नहीं दिया और कैमरे पर यह बात नहीं कही। उनसे बात करके ऐसा महसूस हुआ कि वह बेहद डरे हुए रह रहे हैं और जुबान बंद करके पेट पालना उनकी मजबूरी बन चुकी है। बहरहाल, जहां तक अरुणाचल प्रदेश के हालात की बात है तो इसमें कोई दो राय नहीं कि यह प्रदेश विकास और खुशहाली की राह पर निरंतर आगे बढ़ रहा है। प्रकृति ने इस क्षेत्र पर अपना पूरा प्यार लुटाया है इसलिए इस जगह की खूबसूरती का नजारा लेने के लिए यहां सभी को आना चाहिए। अरुणाचल प्रदेश में हर तरह का खानपान उपलब्ध है। यहां किसी प्रकार की भागदौड़ नहीं है और लोग आराम से काम करते हैं। सूर्योदय चूंकि यहां सबसे पहले होता है इसलिए दिन यहां जल्दी शुरू हो जाता है। एक कमी जो हमें यहां महसूस हुई वह यह थी कि यहां टैक्सियों की संख्या कम है इसलिए वह आसानी से नहीं मिल पातीं। टैक्सियों की संख्या कम होने से उनका किराया बहुत-बहुत ज्यादा है। सरकार जब यहां पर्यटन को बढ़ाने पर ध्यान दे रही है तो उसे सबसे पहले इस कमी को दूर करना चाहिए।

प्रभासाक्षी 16 Apr 2024 11:16 am

Arunachal Pradesh Vidhansabha: अरुणाचल प्रदेश में 2 सीट पर निर्विरोध जीत पर क्या बोले BJP विधायक?

Arunachal Pradesh Vidhansabha: अरुणाचल प्रदेश में 2 सीट पर निर्विरोध जीत पर क्या बोले BJP विधायक?

अमर उजाला 16 Apr 2024 4:46 am

चीन के डर की वजह से अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा और राज्यसभा चुनाव नहीं लड़ रही है कांग्रेस? फर्जी है ये दावा

अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव दोनों होने हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर कांग्रेस को लेकर एक दावा वायरल है जिसमें कहा गया कि चीन के डर की वजह से कांग्रेस ने लोकसभा और विधानसभा में अपने एक भी उम्मीदवारों को नहीं उतारा है। हालांकि ये दावा पूरी तरह से फर्जी है।

नव भारत टाइम्स 15 Apr 2024 11:31 pm

अरुणाचल प्रदेश में विपक्ष की भूमिका निभाने में विफल रही कांग्रेस को क्या माफ किया जाना चाहिए?

कांग्रेस और विपक्ष के तमाम नेता दिल्ली में बैठ कर दावे करते हैं कि लोकतंत्र को कुचला जा रहा है, देश में तानाशाही का माहौल बनाया जा रहा है और विपक्ष को जांच एजेंसियों का डर दिखाया जा रहा है। लेकिन जब आप राज्यों में जाकर देखेंगे तो पाएंगे कि विपक्ष अपनी भूमिका सही ढंग से नहीं निभा रहा है। इस बात का सबसे सशक्त उदाहरण अरुणाचल प्रदेश है। अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा के चुनाव साथ ही हो रहे हैं। राज्य में लोकसभा की दो सीटें हैं जबकि विधानसभा की 60 सीटें हैं। इस चुनाव को लेकर विपक्ष कितना गंभीर है इसका अंदाजा आपको इस बात से ही लग जायेगा कि दस विधानसभा सीटें भाजपा चुनाव से पहले ही निर्विरोध जीत चुकी है क्योंकि इन दस सीटों पर विपक्ष का कोई भी दल अपना उम्मीदवार नहीं खड़ा कर सका। राज्य में दशकों तक शासन करने वाली कांग्रेस की इस समय क्या स्थिति है इसे इस बात से भी समझ सकते हैं कि 10 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन के बाद जिन 50 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव कराया जा रहा है उसमें भी कांग्रेस ने सिर्फ 19 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किये हैं। यानि कांग्रेस राज्य की 60 में से सिर्फ 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसका मतलब यह है कि वह यह चुनाव जीतने के लिए या सरकार बनाने के लिए लड़ ही नहीं रही है। सवाल उठता है कि क्या यही है लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका? सवाल उठता है कि जो दल विपक्ष की भूमिका के साथ न्याय नहीं कर पा रहा वह यदि सत्ता में आया तो क्या कर पायेगा? देखा जाये तो विपक्ष अपनी भूमिका सही ढंग से नहीं निभाये तो लोकतंत्र को खतरा हो सकता है। इसलिए मतदाताओं को चाहिए कि कांग्रेस को मुख्य विपक्ष की भूमिका से भी कुछ समय के लिए बाहर कर किसी और दल को यह अवसर दें। आप विडंबना देखिये कि अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस ने जिन 19 उम्मीदवारों को उतारा है उसमें से 17 नये चेहरे हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस का टिकट लेने के लिए कोई पुराना नेता राजी ही नहीं था इसलिए नये चेहरों को आगे बढ़ाया गया है। संभवतः यही कारण है कि राहुल गांधी ने अरुणाचल प्रदेश में अपनी पार्टी का चुनाव प्रचार नहीं किया जबकि वह अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर इस साल के शुरू में अरुणाचल पहुँचे थे। इसे भी पढ़ें: Arunachal Pradesh में साथ हो रहे हैं विधानसभा और लोकसभा के चुनाव, जनता का मूड़ इस बार किसकी सरकार बनवाने का है? चुनावों में जनता से किये जा रहे वादों की बात करें तो कांग्रेस एक ओर जहां तमाम तरह के न्यायों की गारंटी देने की बात कर रही है वहीं भाजपा ने 'विकसित भारत, विकसित अरुणाचल प्रदेश' नामक संकल्प पत्र में तमाम वादे जनता से किये हैं। महिला सशक्तिकरण, राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण, युवाओं के लिए तमाम सहूलियतें, सरकार की जवाबदेही, राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई और कदम उठाने, राज्य की संस्कृति और पर्यटन को बढ़ावा देने, सबका साथ सबका विकास के सिद्धांत पर आगे बढ़ते रहने, किसानों को आर्थिक दृष्टि से मजबूत बनाने और राज्य की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाने जैसे कई प्रमुख वादे किये गये हैं जोकि जनता को भा रहे हैं। आप पूरे अरुणाचल प्रदेश में पाएंगे कि कांग्रेस चुनाव प्रचार से पूरी तरह गायब है जबकि भाजपा के नेता और कार्यकर्ता गली-गली घूम रहे हैं। वैसे अरुणाचल प्रदेश की यह बात अच्छी लगी कि यहां राजनीतिक पार्टियां उत्तर भारत की तरह अनाप शनाप खर्चे नहीं करतीं। यहां लगातार बड़ी रैलियां आयोजित करने से बचा जाता है और लाउडस्पीकरों पर दिनभर अपने उम्मीदवार के लिए प्रचार करते चुनावी वाहनों से मचने वाले शोर भी नहीं सुनाई देते। यहां घर-घर संपर्क और सामाजिक रूप से होने वाले जन एकत्रिकरण के दौरान लोगों को अपने वादों और उपलब्धियों से अवगत कराया जाता है। अरुणाचल प्रदेश में उम्मीदवारों की बात करें तो 50 विधानसभा सीटों के लिए कुल 133 उम्मीदवार मैदान में हैं। सभी सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होगा। पहले विधानसभा चुनावों की मतगणना लोकसभा चुनावों की मतगणना वाले दिन ही कराने का ऐलान किया गया था लेकिन राज्य विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने के चलते अब दो जून को ही पता चल जायेगा कि राज्य में किस पार्टी की सरकार बनेगी। हम आपको बता दें कि भाजपा के जिन 10 उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत हासिल की है उनमें मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी शामिल हैं। भाजपा यहां सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है इसलिए सवाल उठता है कि क्या बहुमत मिलने पर पेमा खांडू ही फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे या राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की तरह भाजपा यहां भी किसी नये चेहरे को आगे करेगी? विधानसभा चुनावों में भाजपा ने सभी 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि विपक्षी कांग्रेस केवल 19 सीटों पर लड़ रही है। इसके अलावा, मेघालय स्थित एनपीपी ने 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं जबकि एनसीपी 14 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) 11 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसके अलावा, अरुणाचल डेमोक्रेटिक पार्टी ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) एक सीट से लड़ रही है। इसके अलावा 14 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं। आंकड़ों के मुताबिक कुल 80 उम्मीदवार पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। विधानसभा चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में आठ महिलाएं हैं- जो राज्य में अब तक के किसी भी विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक संख्या है। भाजपा ने चार महिलाओं को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने तीन महिलाओं को मैदान में उतारा है और एक महिला निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में भी चुनावी मैदान में है। दूसरी ओर, अरुणाचल प्रदेश की दो लोकसभा सीटों की बात करें तो यहां कुल 14 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। अरुणाचल पश्चिम सीट पर आठ उम्मीदवार और अरुणाचल पूर्व सीट पर छह उम्मीदवार मैदान में हैं। एक साथ होने वाले चुनावों में कुल 8,86,848 लोग मतदान करने के पात्र हैं। राज्य में कुल 2,226 मतदान केंद्र हैं और उनमें से 228 तक ही पैदल पहुंचा जा सकता है। लोंगडिंग विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 2-पुमाओ प्राइमरी स्कूल में मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक 1,462 है, जबकि ह्युलियांग निर्वाचन क्षेत्र के मालोगम गांव में केवल एक मतदाता है। इसके अलावा, तवांग जिले के मुक्तो निर्वाचन क्षेत्र में मतदान केंद्र संख्या 18-लुगुथांग राज्य का सबसे ऊंचा मतदान केंद्र है, जो 13,383 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। बहरहाल, कुल मिलाकर देखें तो ऐसा लगता है कि यह शांत प्रदेश इस बात को तय कर चुका है कि राज्य और देश के हित में किस पार्टी की सरकार बनानी है। -नीरज कुमार दुबे

प्रभासाक्षी 15 Apr 2024 4:15 pm

Arunachal Pradesh में साथ हो रहे हैं विधानसभा और लोकसभा के चुनाव, जनता का मूड़ इस बार किसकी सरकार बनवाने का है?

अरुणाचल प्रदेश उन कुछ राज्यों में शुमार है जहां विधानसभा और लोकसभा के चुनाव साथ हो रहे हैं। पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल में लोकसभा की दो सीटें हैं और विधानसभा की 60 सीटें हैं। विधानसभा की 10 सीटों पर एक ही उम्मीदवार होने की वजह से उन्हें निर्वाचित घोषित किया जा चुका है इसलिए चुनाव बाकी की 50 विधानसभा सीटों पर कराये जा रहे हैं। अरुणाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना 2 जून को कराई जायेगी जबकि लोकसभा चुनावों के लिए दोनों सीटों के मतों की गणना देश की सभी लोकसभा सीटों की मतणगना के साथ ही यानि 4 जून को होगी। जब प्रभासाक्षी की चुनाव यात्रा अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर पहुँची तो हमने कई लोगों से बातचीत की। लोगों ने कहा कि हमें केंद्र में मोदी और राज्य में पेमा खांडू की सरकार पर विश्वास है क्योंकि यह सरकारें गरीबों का पूरा ख्याल रख रही हैं और हर तरह की मदद सीधे उनके खाते में आती है। महिलाओं ने कहा कि पहले हमारे पास ना पहनने के लिए अच्छे कपड़े होते थे, ना राशन पूरा मिलता था ना ही मेडिकल सुविधाएं थीं और सड़कों की स्थिति अच्छी नहीं होने से आवाजाही में दिक्कत होती थी लेकिन केंद्र में जबसे मोदी जी की सरकार आई है तबसे इस राज्य का भाग्य ही बदल गया है। लोगों ने बताया कि पिछले साल जब जी20 समूह की बैठक अरुणाचल प्रदेश में आयोजित की गयी तो विदेशी मेहमानों ने यहां की आवभगत देखी, यहां का विकास देखा और यहां की संस्कृति से परिचित हुए। लोगों ने कहा कि पहले लोग अरुणाचल प्रदेश को सिर्फ मानचित्र में देखा करते थे लेकिन अब पूरी दुनिया अरुणाचल की संस्कृति से रूबरू हुई है तो इसका पूरा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है। इसे भी पढ़ें: Assam में बस यात्रा के दौरान हमने जानी लोगों की राय, चुनाव को लेकर जनता ने बताई चौंकाने वाली बात प्रभासाक्षी से बातचीत में लोगों ने कहा कि चीन चाहे जितनी आंखें दिखाता रहे लेकिन हर अरुणाचली भारतीय है और अपने देश के साथ चट्टान की तरह खड़ा है। लोगों ने बताया कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत जिस तरह सीमावर्ती गांवों का विकास हुआ है उससे सिर्फ वहां के निवासियों को ही लाभ नहीं हुआ है बल्कि इससे सुरक्षा के हालात भी बेहतर हुए हैं। लोगों ने बताया कि सुदूर क्षेत्रों में पुलों और सड़कों का जो जाल बिछाया गया है उससे हमारे सुरक्षा बलों के लिए कहीं भी कभी भी पहुँचना आसान हो गया है जिससे दुश्मन हैरत में है। लोगों ने बताया कि जिस तरह यहां डबल इंजन सरकार जल विद्युत परियोजना के क्षेत्र में काम कर रही है उससे आने वाले दिनों में अरुणाचल की किस्मत बदलने वाली है क्योंकि तब हम पूरे देश को बिजली दे रहे होंगे। हमने जब ईटानगर से सटे कुछ गांवों का दौरा किया तो पाया कि वहां पक्की सड़कें और बुनियादी ढांचागत परियोजनाएं पर्याप्त मात्रा में हैं। लोगों ने हमसे बातचीत में कहा कि कांग्रेस भले न्याय की गारंटी देने की बात कर रही हो लेकिन हमें मोदी की गारंटी पर विश्वास है। लोगों ने कहा कि भाजपा ने विकसित भारत, विकसित अरुणाचल प्रदेश के लिए जो संकल्प पत्र जारी किया है हम उससे संतुष्ट हैं और हमें विश्वास है कि उसमें किये गये वादे पूरे किये जायेंगे।

प्रभासाक्षी 15 Apr 2024 2:48 pm

Travel Tips: गर्मी के मौसम में घूमने के लिए बहुत ही शानदार हैं अरुणाचल प्रदेश के ये चार पर्यटक स्थल 

इंटरनेट डेस्क। अरुणाचल प्रदेश भी अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के कारण दुनिया में प्रसिद्ध है। अगर आपका इस गर्मी में कही पर घूमने का प्लान है तो यहां पर जा सकते हैं। यहां की सुंदरता और संस्कृति से पर्यटकों का बहुत ही प्राभावित करती है। इस राज्य में विदेशों से भी हर साल सैलानी घूमने के लिए आया करते हैं। आज हम आपको यहां की कुछ ऐसी जगहों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जहां पर गर्मी के इस मौसम में घूमने में बहुत ही मजा आ जाएगा। तवांग मठ यहां का तवांग मठ बहुत ही शानदार पर्यटक स्थल है। ये बौद्ध तीर्थयात्रियों के आलावा सभी वर्ग के लोगों को प्रसंद आता है। यहां पर आपको करीब से प्रकृति की खूबसूरती का दीदार करने का भी आपको मौका मिलेगा। नूरांग फॉल्स अरुणाचल प्रदेश का नूरांग वाटर फॉल और बोंग बोंग वाटर फॉल भी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। आपको आज ही यहां पर घूमने का प्लान बना लेना चाहिए। बम ला दर्रा यहां का बम ला दर्रा भी अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के कारण प्रसिद्ध है। ये अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत के लहोखा विभाग के बीच हिमालय पर्वत का एक पहाड़ी दर्रा है। यह तवांग शहर से 37 किलोमीटर दूर समुद्रतल से 15200 फिट की ऊंचाई पर बसे इस स्थान पर घूमने में भी आपको बहुत ही मजा आ जाएगा। सेला दर्रा अरुणाचल प्रदेश का सेला दर्रा भी पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है, जो पश्चिमी कामेंग जिले और तवांग को जोडऩे वाला एकमात्र मार्ग है। बताया जाता है कि यहा पर एक समय 101 पवित्र झीलें थी। PC:holidayrider,hi.wikipedia अपडेट खबरों के लिए हमारा वॉट्सएप चैनल फोलो करें

समाचार जगत 11 Apr 2024 1:08 pm

गर्मियों में बनाया है घूमने का प्लान,तो अरुणाचल प्रदेश किसी जन्नत से काम नहीं,जरूर करें एक्स्प्लोर

गर्मियों में बनाया है घूमने का प्लान,तो अरुणाचल प्रदेश किसी जन्नत से काम नहीं,जरूर करें एक्स्प्लोर

समाचार नामा 8 Apr 2024 6:30 am

India-China Relations: आपके घर का नाम बदल दूं तो वह मेरा हो जाएगा? अरुणाचल प्रदेश पर दावा ठोका - ABP न्यूज़

India-China Relations: आपके घर का नाम बदल दूं तो वह मेरा हो जाएगा? अरुणाचल प्रदेश पर दावा ठोका ABP न्यूज़ चीन ने अरुणाचल की 30 जगहों के नाम बदले: 7 साल में चौथी बार ऐसा किया; अरुणाचल को फिर अपना हिस्सा बताया Dainik Bhaskar पीएम मोदी के अरुणाचल दौरे के बाद से बौखलाया चीन, अब 30 जगहों के रखे चाइनीज नाम TV9 Bharatvarsh अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन, अरुणाचल प्रदेश पर फिर ठोका दावा; बदले 30 शहरों के नाम.. दैनिक जागरण (Dainik Jagran)

गूगल न्यूज़ 1 Apr 2024 5:37 pm

Arunachal Pradesh Statehood Day: घूमने के लिहाज से बेहद शानदार हैं अरुणाचल प्रदेश की ये जगहें, यादगार बन जाएगी ट्रिप

अरुणाचल प्रदेश भारत के सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है। इस राज्य में संस्कृति से लेकर खानपान और मौसम हर एक चीज में अलग है। अरुणाचल प्रदेश को पूरब का सूर्योदय भी कहा जाता है। गर्मियों में यहां पर घूमने का सबसे बेस्ट सीजन माना जाता है। घूमने-फिरने के लिहाज से यह काफी शानदार जगह है। ऐसे में अगर आप भी अरुणाचल प्रदेश घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको इन जगहों की सैर बिलकुल भी मिस नहीं करना चाहिए। रोइंग रोइंग को इस प्रदेश की जान कहा जाता है। बर्फ से ढके पहाड़, झील व झरने और साफ-सुथरी नदियां इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। फरवरी महीने में यहां एक फेस्टिवल का आयोजन भी होता है। जो काफी रोमांचक होता है। इस फेस्टिवल को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। अरुणाचल प्रदेश के दिबांग घाटी में रोइंग स्थित है। नेचर लवर्स से लेकर एडवेंचर तक के लिए रोइंग एक बेहतरीन जगह है। इसे भी पढ़ें: Rishikesh Tourism: पयर्टकों को आकर्षित करता है ऋषिकेश का शांत और सुरम्य वातावरण चांगलांग प्रदेश के चांगलांग को अपनी बेहद नायाब खूबसूरती के लिए जाना जाता है। अरुणाचल की यह जगह खास संस्कृति और परंपराओं को समेटे हुए है। राज्य की राजधानी ईंटानगर से चांगलांग की दूरी 307 किमी है। समुद्र तल से 200 मीटर से 4,500 मीटर की ऊंचाई तक चांगलांग स्थित है। यह जगह फोटोग्राफी के लिए भी काफी अच्छी है। मेचुका वैली अरुणाचल प्रदेश में मेचुका वैली बेहद शानदार हिल स्टेशन है। मेचुका वैली शि-योमी जिले में बसी है। यह समुद्रतल से लगभग 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। अगर आप नेचर लवर्स हैं, तो यह जगह आपको निराश नहीं करेगी। अरुणाचल की रंग-बिरंगी संस्कृति को करीब से देखने के लिए इस जगह को एक्सप्लोर करना चाहिए। इसको मिनी स्विटजरलैंड भी कहा जाता है। यहां पर आप गुरु नानक तपोस्थान और गुरुद्वारा, न्यू गोम्पा, दोर्जिलिंग गांव, हनुमान पॉइंट, मेचुका बस्ती, सैमटेन योंगचा मठ (पुराना गोम्पा) जरूर देखें। जीरो वैली अरुणाचल प्रदेश लोअर सुबानसिरी जिले में समुद्रतल से लगभग 5500 फुट की ऊंचाई पर स्थित जीरो वैली बेहद खूबसूरत स्थान है। यहां पर हरे-भरे बांस के जंगल, दूर-दूर तक फैले हरे घास के मैदान और ऊपर साफ-नीला आसमान आपकी ट्रिप को यादगार बना देगा। यह वैली खास तरह की खेती और समृद्ध वन्यजीव के लिए फेमस है। यहां आने के बाद आप टैली वैली वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी, कार्दो हिल्स और शिव लिंगम को जरूर देखना चाहिए।

प्रभासाक्षी 22 Mar 2024 10:29 am

Arunachal Pradesh और Sikkim में मतगणना की बदली तारीख, 2 जून को आएंगे नतीजे | Election Commission

चुनाव आयोग की तरफ से लोकसभा चुनाव की तारीखों के साथ ही चार राज्यों में विधानसभा चुनावों की भी घोषणा की गई है। आयोग ने ओडिशा अरुणाचल प्रदेश सिक्किम और आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव के नतीजे भी लोकसभा चुनाव के नतीजे के साथ ही घोषित करने की घोषणा की थी। लेकिन अब आयोग की ओर से सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में मतगणना की तारीख में बदलाव किया गया है।

लाइव हिन्दुस्तान 18 Mar 2024 1:36 am

Rahul Gandhi Bharat Jodo Nyay Yatra: Arunachal Pradesh में गुस्से में राहुल गांधी | Congress | INC

राहुल गांधी की यात्रा सातवें दिन अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश कर चुकी है. यहां दिन के आखिर में राहुल गांधी ने भाषण दिया. लोगों को संबोधित करते हुए राहुल ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा उन्होंने कहा कि बीजेपी ने इस देश में बस लोगों को एक दूसरे से लड़वाया है. बीजेपी इस देश का पैसा लूट कर अपने दोस्तों में बांटती है. वही राहुल गांधी लोगों से कहा मैं नफरत के बाजार में मोहब्ब्त की दुकान खोलने आया हूं. मैं आपका सिपाही आप जो चाहें मुझे कह सकते...

लाइव हिन्दुस्तान 21 Jan 2024 11:12 am

Arunachal Pradesh: भारत-चीन सीमा से 19 मजदूर लापता, एक का शव मिला- भाजपा सांसद तापिर गाओ बोले- सभी पहाड़ी क्षेत्रों में रहने के...

जिला डिप्टी कमीश्नर बेंगिया निघी ने कहा कि रोड बनाने के लिए ठेकेदार असम से 19 मजदूरों को लेकर आया था। हमें 13 जुलाई को सूचना मिली की सभी मजदूर वर्क साइट से लापता हैं।

हरि भूमि 19 Jul 2022 1:04 pm

Sanjay Dutt बने अरुणाचल प्रदेश के ब्रांड एम्बेस्डर

इस बात से नकारा नहीं जा सकता है कि जेल से छूटने के बाद संजय दत्त के अंदर हुए सकारात्मक बदलाव ने उनकी छवि में निखार ला दिया है और अब तो इसा फल भी उन्हें मिल गया है. संजय दत्त को अरुणाचल प्रदेश के नामकरण की 50वीं सालगिरह के अवसर पर राज्य का ब्रांड एम्बेस्डर नियुक्त कर दिया गया. एक्टर ने अरुणाचल प्रदेश सरकार का शुक्रिया भी अदा किया है.

आज तक 30 Nov 2021 8:05 pm

संजय दत्त बने अरुणाचल प्रदेश के ब्रांड एंबेसडर, सीएम पेमा खांडू के साथ आए नजर!

सुपरस्टार संजय दत्त अक्सर किसी ना किसी कारण खबरों में रहते हैँ। भले ही वो फिल्मों में जल्दी जल्दी ना नजर आएं लेकिन फैंस उनको प्यार करते हैं और उनकी फिल्म के लिए उत्सुक रहते हैँ। इस वक्त उनको लेकर एक

फिल्मी बीट 30 Nov 2021 12:35 pm

वरुण धवन ने अरुणाचल प्रदेश में शूटिंग के दौरान निर्देशक अमर कौशिक की प्रशंसा

वरुण धवन ने अरुणाचल प्रदेश में शूटिंग के दौरान निर्देशक अमर कौशिक की प्रशंसा

मनोरंजन नामा 23 Apr 2021 11:50 am