ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन ने बालाघाट को अंडर-16 जूनियर बॉयस बीसी रॉय ट्रॉफी नेशनल फुटबॉल चैम्पियनशिप की मेजबानी सौंपी है। इस संबंध में शनिवार को नगरपालिका सभागार में खेल संगठनों की बैठक हुई। बैठक में नगरपालिका अध्यक्ष भारती ठाकुर, आयोजन समिति अध्यक्ष रमेश रंगलानी समेत कई प्रतिनिधि मौजूद थे। टूर्नामेंट में 16 राज्यों की टीमें हिस्सा लेंगी। मैच 26 जुलाई से शुरू होंगे और फाइनल 5 अगस्त को खेला जाएगा। मैच मुलना स्टेडियम, रेंजर कॉलेज मैदान, पुलिस लाइन मैदान, उत्कृष्ट विद्यालय और सतपुड़ा वेली पब्लिक स्कूल के मैदान में होंगे। प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भारत की अंडर-16 टीम में चयन का मौका मिलेगा। हर ग्रुप में होंगी 4-4 टीम सभी टीमों को चार ग्रुप में बांटा गया है। ग्रुप ए में त्रिपुरा, उत्तरप्रदेश, अंडमान-निकोबार और हिमाचल प्रदेश हैं। ग्रुप बी में हरियाणा, जम्मू कश्मीर, आसाम और राजस्थान शामिल हैं। ग्रुप सी में आंध्रप्रदेश, पांडिचेरी, गुजरात और मध्यप्रदेश हैं। ग्रुप डी में बिहार, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड की टीमें हैं। सभी टीमें अपने-अपने ग्रुप में लीग मैच खेलेंगी। हर ग्रुप से शीर्ष टीम सेमीफाइनल में पहुंचेगी। सेमीफाइनल विजेता टीमें फाइनल में भिड़ेंगी।
राजधानी लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में शनिवार को 'भारत में पशु नस्लों का विकास' विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और गोरखपुर के कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण संस्थान के साथ-साथ अमेठी, बरेली और मथुरा में पशुपालन अवसंरचना विकास निधि के तहत तीन प्रोजेक्ट्स का बटन दबाकर शुभारंभ किया। इस दौरान एक पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में योगी सरकार के पशुधन, दुग्ध विकास व राजनैतिक पेंशन मंत्री धर्मपाल सिंह, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह और अरुणाचल प्रदेश के पशुपालन मंत्री गेब्रियल डी वांगसू मौजूद रहे। किसानों की समृद्धि का आधार पशुधन मुख्यमंत्री योगी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और किसानों की खुशहाली के बिना समृद्धि संभव नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा, कृषि और पशुधन एक-दूसरे के पूरक हैं। अन्नदाता किसान के घर में पशुधन और पशुपालक खेती से जुड़ा होता है। सीएम ने पीएम मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में किसानों और पशुपालकों के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि डबल इंजन सरकार की योजनाओं का लाभ उत्तर प्रदेश को मिला है, जिसके चलते यूपी आज दुग्ध उत्पादन में देश में नंबर एक है। लुप्त प्राय नस्लों पर ध्यान जरूरी सीएम योगी ने खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) जैसी बीमारियों की चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि टीकाकरण कार्यक्रमों में रुकावटों ने पशुधन को प्रभावित किया है। उन्होंने बताया कि यूपी के अलग-अलग क्षेत्रों में गोवंश की नस्लें अलग हैं, और जहां देसी पद्धतियों से नस्ल सुधार हुआ, वहां अच्छे परिणाम मिले। लेकिन कई स्थानीय नस्लें लुप्त प्राय हो रही हैं। सीएम ने कहा, इन नस्लों पर ध्यान देकर हम पशुपालकों को स्थायी समृद्धि दे सकते हैं। महिलाओं और किसानों को मिल रहा लाभ मुख्यमंत्री ने बताया कि झांसी, गोरखपुर, आगरा, काशी समेत यूपी में पांच मिल्क प्रोड्यूसर कार्यरत हैं, जिनसे लाखों महिलाएं जुड़ी हैं। ये महिलाएं दुग्ध कलेक्शन और नस्ल सुधार के जरिए आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। उन्होंने तीन प्रमुख योजनाओं का जिक्र किया: देसी नस्लों का संरक्षण जरूरी कार्यशाला में देशभर से आए वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने देसी नस्लों जैसे गिर, साहीवाल और थारपारकर के संरक्षण पर जोर दिया। विशेषज्ञों ने कहा कि आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी और जीनोमिक चयन से नस्लों की प्रजनन क्षमता बढ़ाई जा सकती है, जिससे भारत दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर होने के साथ वैश्विक बाजार में जैविक डेयरी उत्पादों के लिए अपनी जगह बना सकता है। पशुपालकों से सीएम का आह्वान सीएम योगी ने युवाओं और पश6946पालकों से अपील की कि वे पशुपालन को केवल परंपरा न मानें, बल्कि इसे वैज्ञानिक और उद्यमशील दृष्टिकोण से अपनाएं। उन्होंने कहा, सरकार आपके साथ हर कदम पर खड़ी है। हम पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संकल्पित हैं। कार्यशाला में पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि वे पशुपालकों को आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दें और योजनाओं का लाभ पारदर्शी तरीके से सुनिश्चित करें। यह आयोजन पशुधन क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की प्रगति और भविष्य की योजनाओं को रेखांकित करने वाला एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
अगला दलाई लामा किसी लोकतांत्रिक देश से, भारत ने चीन को चिढ़ाया
Selection of Dalai Lama successor: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने कहा है कि अगला दलाई लामा एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश से होगा, चीन से नहीं। खांडू ने कहा कि दलाई लामा के चयन की प्रक्रिया किसी वर्तमान दलाई लामा के निधन के बाद ही शुरू ...
हिन्दी विवाद के बीच क्या बोले अरुणाचल के सीएम पेमा खांडू
Hindi controversy: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू (Pema Khandu) ने कहा है कि उनके राज्य में प्रत्येक जनजाति अपनी अलग बोली और भाषा बोलती है तथा ऐसे में हिन्दी उनके राज्य को जोड़ने वाली भाषा है। खांडू ने 'पीटीआई वीडियोज' से एक साक्षात्कार ...
भारतीय महिला फुटबॉल टीम ने लंबे इंतजार के बाद बड़ी उपलब्धि हासिल की है। 22 साल बाद भारतीय टीम ने एएफसी महिला एशियन कप 2026 के लिए क्वालिफाई कर इतिहास रच दिया है। इस गौरवशाली उपलब्धि में छत्तीसगढ़ के बालोद की बेटी किरण पिस्दा का नाम विशेष रूप से शामिल है। किरण ने बतौर डिफेंडर निर्णायक मुकाबले में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। बता दें कि किरण यूरोपीय क्लब से खेलने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला फुटबॉलर भी हैं। थाईलैंड को 2-1 से हराया क्वालिफाइंग टूर्नामेंट थाईलैंड में खेला गया। जहां ग्रुप-बी के सभी मुकाबलों में भारतीय टीम विजयी रही। रविवार को खेले गए मुकाबले में भारत ने मेजबान थाईलैंड पर 2-1 से जीत दर्ज की। इस मैच में मिडफील्डर संगीता बसफोर ने 2 गोल कर टीम को बढ़त दिलाई। लेकिन आखिरी समय तक डिफेंस को मजबूत बनाए रखने में किरण पिस्दा की भूमिका बेहद सराहनीय रही। परिवार की खुशियों का ठिकाना नहीं किरण के पिता महेश राम पिस्दा जिला संयुक्त कार्यालय में सहायक अधीक्षक हैं। उनकी मां मिलापा पिस्दा गृहणी हैं। बेटी की इस उपलब्धि पर भावुक और गर्वित हैं। किरण के माता-पिता का कहना है कि यह पल न केवल परिवार के लिए, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ जिले के लिए गौरव की बात है। भारत से लेकर यूरोप तक दमदार सफर देशभर में खेल चुकी हैं राष्ट्रीय मुकाबले किरण 2014 से अब तक कटक, गोवा, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, अंडमान-निकोबार जैसे दर्जनों राज्यों में आयोजित जूनियर, स्कूल और सीनियर नेशनल फुटबॉल प्रतियोगिताओं का हिस्सा रही हैं। 2022 में नेपाल में आयोजित साउथ एशियन चैंपियनशिप में भी उन्होंने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया था। गोल्डन गर्ल बनीं बालोद की किरण फुटबॉल के प्रति समर्पण और कठिन मेहनत ने किरण को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंचाया है। आज वे न केवल बालोद, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ की पहचान बन चुकी हैं। आने वाले समय में उनसे भारतीय महिला फुटबॉल को और ऊंचाइयों पर पहुंचाने की उम्मीद है। बालोद लौटने पर रोजाना 6 घंटे अभ्यास किरण के पिता महेश पिस्दा जिला निर्वाचन कार्यालय में क्लर्क हैं। किरण ने खेल की शुरुआत बालोद के संस्कार शाला मैदान से की थी। जब भी वे बालोद आती हैं तो सुबह 5 से 8 और शाम 4 से 7 बजे तक नियमित अभ्यास करती हैं। उनके वार्ड में मैदान नहीं होने के कारण रोजाना 500 मीटर दूर अभ्यास करने जाती थीं। सरकारी मदद नहीं, खुद के दम पर हासिल की पहचान परिजनों और वार्डवासियों का कहना है कि किरण ने बिना किसी सरकारी सहायता के यह मुकाम हासिल किया है। शुरू से ही उबड़-खाबड़ मैदानों में मेहनत और लगन से अभ्यास करती रहीं। अब उनके कठिन परिश्रम का फल उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मिल रहा है। पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी अव्वल किरण ने कक्षा पहली से दसवीं तक पढ़ाई संस्कार शाला बालोद में की और 11वीं–12वीं की पढ़ाई महावीर इंग्लिश मीडियम स्कूल से पूरी की। इसके बाद वे आगे की पढ़ाई के लिए रायपुर चली गईं। जहां उन्होंने खेल को भी जारी रखा। नेशनल में भी शानदार प्रदर्शन, गोल्ड मेडल दिलाया जून 2023 में भुवनेश्वर में आयोजित जनजातीय नेशनल चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ की टीम ने गोल्ड मेडल जीता था। फाइनल मुकाबला झारखंड से हुआ था जिसमें बालोद की किरण और बस्तर की मुस्कान ने एक-एक गोल कर टीम को जीत दिलाई थी। यूरोपीय क्लब से खेलने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला फुटबॉलर
Bigg Boss 18 : चुम दरांग को मिला अरुणाचल प्रदेश के सीएम का सपोर्ट
सलमान खान का पॉपुलर रियलिटी शो 'बिग बॉस 18' अपने अंतिम दौर में पहुंच गया है। हर कोई इस सीजन का विनर बनने के लिए पूरा जोर लगा रहा है। इन दिनों शो में 'टिकट टू फिनाले' टास्क चल रहा है। इस टास्क में विवियन डीसेना और चुम दरंग आमने-सामने खड़े हैं। वहीं ...