कोटा में जमीन विवाद में मदद करने के नाम पर NRI से लाखों रुपए की गई। कोर्ट के आदेश से कुन्हाड़ी थाने में आरोपी, उसकी पत्नी व बेटे के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। रिद्धि सिद्धि नगर कुन्हाड़ी निवासी 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला तनूजा खन्ना के परिवाद पर ACJM-1 दक्षिण कोर्ट ने आदेश जारी किए। महिला का आरोप है कि आरोपी ने ये रुपए पुलिस व अधिकारियों को देने के नाम पर मांगे थे। पैसा लेने के बाद भी आरोपी ने कोई काम नहीं करवाया। 34 बीघा जमीन के विवाद पर बनाया था विधिक सलाहकारफरियादी तनूजा खन्ना ने बताया- उनका बेटा वरुण खन्ना अमेरिका में व्यवसाय करता है। वो अपना कैंसर का इलाज करवाने बेटे के पास अमेरिका गई थीं। उनकी बूंदी जिले के बल्लोप में 34 बीघा जमीन है। जमीन पर कब्जे को लेकर कोर्ट में मामला चल रहा है। विवाद में मदद करने के लिए कोटा निवासी राधेश्याम शर्मा को विधिक सलाहकार बनाया था। उसे अपना व पति सुभाष खन्ना का मुख्तारेआम नियुक्त किया। ताकि राधेश्याम उनकी ओर से कोर्ट में पैरवी कर सके। पुलिस और अफसरों को देने के नाम पर मांगे रुपएफरियादी तनूजा खन्ना ने बताया- मैं इलाज के लिए अमेरिका चली गई। इसी बात का फायदा उठाते हुए राधेश्याम ने उनके साथ विश्वासघात किया। मामले में मदद के नाम पर वर्ष 2023 से 2025 के बीच लाखों रुपए खुद के, पत्नी व बेटे के अकाउंट में ट्रांसफर करवाए। बेटे वरुण ने अमेरिका से डॉलर में रुपए ट्रांसफर किए। आरोपी ने रुपए लेने के बाद भी काम नहीं करवाया। वहीं उल्टे विपक्षी पार्टी से मिलकर जमीन सौंप देने की धमकी दी। महिला का आरोप है कि इस संबंध में सिटी एसपी को परिवाद दिया था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद कोर्ट की शरण ली। परिवादिया के वकील बोले- धमकी देकर 50 लाख रुपए और मांगेपरिवादिया के वकील अमित खारोलीवाल ने बताया- तनूजा खन्ना के परिवार का जमीन विवाद अनूप सिंघल से चल रहा है। इस विवाद के चलते तनूजा खन्ना की मुलाकात राधेश्याम शर्मा से हुई। उसने अधिकारियों में अच्छी पकड़ होने का झांसा देकर करीब सवा करोड़ रुपए अपने व पत्नी बेटे के अकाउंट में ट्रांसफर करवा लिए।। लेकिन काम नहीं करवाया, वहीं धमकी देकर 50 लाख की ओर डिमांड की। इस संबंध में परिवादिया की ओर से कोर्ट में परिवाद दिया था। इस पर कोर्ट ने FiR दर्ज करने के आदेश दिए हैं। पुलिस बोली- धोखाधड़ी का मामले की कर रहे जांचकुन्हाड़ी थाना ASI अनिल कुमार ने बताया कि कोर्ट के आदेश से राधेश्याम, उसकी पत्नी व बेटे के खिलाफ 10 दिसंबर को धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है। इसकी जांच की जा रही है। FIR में रुपए के बारे में नहीं लिखा है। परिवादिया को बयान के लिए बुलाया है।
प्रवासी भारतीयों की यात्राओं पर लिखी किताब:जयपुर में 'राइज ऑफ द आइकन्स' पुस्तक का विमोचन हुआ
राजस्थान चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में आज 'राइज ऑफ द आइकन्स' पुस्तक का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर सीजी ग्रुप नेपाल के अध्यक्ष डॉ. बिनोद चौधरी मौजूद रहे। कार्यक्रम में डेटा एक्सजेन के संस्थापक डॉ. अजय डेटा, राजस्थान चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष के. एल. जैन, नेशनल यूएस-इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. पूर्णिमा वोरीया, प्रदेश कांग्रेस समिति के उपाध्यक्ष राजीव अरोड़ा भी राजस्थान ने भी पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में शामिल हुए।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल ने देश में वोट चोरी को लेकर चल रहे हंगामे के बीच लोकसभा में नॉन-रेजिडेंट इंडियन (NRI) के लिए ई-वोटिंग या ऑनलाइन वोटिंग के हक की मांग उठाई। जिंदल ने मांग रखी कि NRI को वोटिंग के दिन से एक सप्ताह पहले अपना वोट डालने का अधिकार मिले, ताकि विदेश में बैठे NRI अपनी पसंदीदा सरकार चुन सकें। जिंदल ने लोकसभा में कहा कि अब समय आ गया है कि भारत में मतदान को और ज्यादा सरल और सभी के लिए सुलभ बनाया जाए। हम अक्सर Ease of Living (सरल जीवन) और Ease of Doing Business (सरल व्यवसाय) की चर्चा करते हैं, लेकिन अब देश को Ease of Voting (सरल वोटिंग) को भी प्राथमिकता बनाना चाहिए। डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग NRI जिंदल ने कहा कि 1.5 करोड़ से ज्यादा भारतीय विदेशों में रहते हैं। इनमें लोग केवल इसलिए मतदान नहीं कर पाते, क्योंकि वे मतदान के दिन भारत नहीं आ सकते। यह स्थिति उन लोगों के लिए भी कठिन है जो देश के भीतर ही कामकाज के कारण अपने शहर से दूर रहते हैं। वोटिंग को बनाया जाए सरल सांसद जिंदल ने कहा कि भारत डिजिटल टेक्नोलॉजी में किसी देश से पीछे नहीं है। हम हर दिन UPI जैसी टेक्नोलॉजी से करोड़ों रुपए की ट्रांजैक्शंस करते हैं। मजबूत साइबर सुरक्षा प्रणालियों का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए हम वोटिंग जैसी महत्वपूर्ण काम को तकनीक के जरिए और ज्यादा सरल बना सकते हैं। कई देशों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की सुविधा उन्होंने कहा कि फ्रांस, स्विट्जरलैंड और मेक्सिको जैसे कई देश पहले ही अपने नागरिकों के लिए सुरक्षित रिमोट या इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की व्यवस्था लागू कर चुके हैं। हमें भी ऑनलाइन या इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग की व्यवस्था का लागू करना चाहिए। NRI के साथ कई ग्रुप को मिलेगी राहत जिंदल ने कहा कि सुरक्षित ऐब-सेंटी या ई-वोटिंग व्यवस्था वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगजनों, प्रवासी मजदूरों और उन सभी लोगों के लिए बड़ी राहत देगी जिन्हें मतदान केंद्र तक पहुंचने में कठिनाई होती है। देश में अक्सर 65 प्रतिशत के आसपास वोटिंग होती है। इस तकनीक से वोटिंग काफी बढ़ सकती है। पहले मिले वोटिंग का हक उन्होंने सरकार और चुनाव आयोग से दुनिया में ई-वोटिंग या ऑनलाइन वोटिंग तकनीक काे स्टडी करके सुरक्षित और भरोसेमंद व्यवस्था तैयार की जाए। जिससे प्रवासी भारतीय और अन्य पात्र वोटिंग के दिन से कम से कम एक सप्ताह पहले अपना वोट डाल सकें। भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश जिंदल ने कहा कि दुनिया में भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। लोकतंत्र का असली उत्सव तभी पूरा होगा, जब हर भारतीय चाहे वह देश में हो या विदेश में अपनी सरकार चुनने में भागीदारी कर सके। वोट केवल एक निशान नहीं बल्कि नागरिक की पहचान और शक्ति है। तकनीक के जरिए इसे और सक्षम बनाया जाना चाहिए।
पटवारी ने रिश्वत के बाद भी एनआरआई को नहीं दी फर्द, किसानों ने पटवारखाने पर लगाया ताला
नंगली सर्किल के पटवारी की ओर से एनआरआई से रिश्वत ले फर्द न निकालने के मामले ने तूल पकड़ लिया। मंगलवार को किसानों ने पटवारखाने पर ही ताला जड़ दिया। भारती किसान यूनियन एकता के बैनर तले किसानों ने पटवारखाने के बाहर धरना लगा दिया। इस दौरान जो भी लोग काम करवाने के लिए पहुंच रहे थे, उन्हें वापस भेज दिया गया। किसानों की मांग थी कि पटवारी के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उसकी जगह पर जिस भी पटवारी की बदली हुई है, उसे वहां तैनात किया जाए। सुबह 10 बजे किसान पटवारखाने के बाहर आकर बैठ गए थे और करीब दो बजे उन्हें शांत करवाने के लिए तहसीलदार-2 पुनीत बांसल और थाना सिविल लाईन के प्रभारी गुरप्रीत सिंह पहुंचे। उन्होंने किसानों को आश्वासन दिया कि जिस मामले संबंधी वह बात कर रहे हैं, वह सारा मामला अधिकारियों के ध्यान में है और वह लिखित में शिकायत कर दे, ताकि वह पटवारी के खिलाफ बनती कार्रवाई कर सके। किसानों को यह आश्वासन देने के बावजूद किसान धरने पर बैठे रहे और उनकी मांग थी कि जिस पटवारी का तबादला अमित बहल की जगह पर किया गया है, उसे वहां पर तैनात किया जाए। बता दें कि नंगली सर्किल के पटवारी अमित बहल का तबादला डिप्टी कमिश्नर दलविंदरजीत सिंह की ओर से हाल ही में लोपोके कर दिया गया था। इस तबादले के बाद पटवारी ने हाईकोर्ट में केस दायर कर दिया और तबादले को चैलेंज कर दिया। उनकी कई शिकायतों के आधार पर डिप्टी कमिश्नर की ओर से यह तबादला किया गया था। अभी यह मामला ठंडा भी नहीं हुआ कि उनके खिलाफ कई और अन्य शिकायतें आ पहुंची। भारती किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर के डॉ. गुरमेल सिंह का कहना था कि एनआरआई दिलबाग सिंह जोकि इस समय आस्ट्रेलिया में रह रहे है ने अपने दस साल की फर्द निकलवाने के लिए नंगली सर्किल के पटवारी अमित बहल को कहा था। उसने उससे 50 हजार मांगे, लेकिन बात 45 हजार में बनी। उसने 45 हजार भी दे दिए, लेकिन इसके बावजूद इसने फर्द नहीं दी। एनआरआई का तीन महीने के बाद भी काम नहीं हुआ है और अभी भी उससे पैसों की मांग की जा रही है। उन्होंने मांग की कि उन्हें तुरंत सस्पैंड करके बनती कार्रवाई की जाएं। इसके साथ ही उनकी जगह पर तैनात पटवारी को लगाया जाए।
ललित सुरजन की कलम से- तेल के दाम और प्रवासी भारतीय
'भारत सरकार को मजदूरी करने विदेश गए इन मजबूर नागरिकों के साथ कोई प्रेम नहीं है
ललित सुरजन की कलम से - तेल के दाम और प्रवासी भारतीय
'दो साल पहले तक विश्व बाजार में खनिज तेल की कीमत एक सौ पचास डालर प्रति बैरल के आसपास थी

