15-Year-Old Birth Control: रवांडा ने गर्भनिरोधक खरीद की न्यूनतम उम्र 18 से घटाकर 15 साल कर दी है. सरकार का लक्ष्य किशोर गर्भावस्था, स्कूल ड्रॉपआउट और अवैध गर्भपात कम करना है, लेकिन इस कदम ने पारंपरिक समाज में बहस और विरोध भी छेड़ दिया है.
अफ्रीकी देश रवांडा में टीनएज प्रेगनेंसी के बढ़ते मामलों ने सरकार को बड़ा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है. पिछले साल वहां 22,000 से ज्यादा टीनएज लड़कियां गर्भवती हो गईं, जिसके बाद हड़कंप मच गया है. जानें कंडोम खरीदने पर क्या बदला गया नियम.
उगाही के खिलाफ उठाई आवाज तो कर दी पत्रकार की हत्या, यूनुस के राज में जमकर बढ़ रही गुंडागर्दी
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में उगाही के लिए आवाज उठाने वाले एक पत्रकार की हत्या कर दी गई. पत्रकार तुहिन ने स्थानीय दुकानों और फुटपाथों से हो रही उगाही के खिलाफ आवाज उठाई थी.
अमेरिका को क्यों लगा किम यो जोंग का बयान 'दिलचस्प', क्या उत्तर कोरिया से फिर होगी बात?
Kim Yo Jong: अमेरिका ने किम यो-जोंग के बयान को दिलचस्प बताया, जिसमें प्योंगयांग ने बातचीत के संकेत दिए लेकिन परमाणु निरस्त्रीकरण से इनकार किया. साथ ही अमेरिकी अधिकारियों ने लापता सैनिकों के अवशेषों की वापसी को कूटनीतिक प्राथमिकता और नैतिक दायित्व बताया.
इजरायल गाजा पर शासन करना नहीं चाहता, बस हमास को खत्म करना उद्देश्य: पीएम नेतन्याहू
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि उनका देश गाजा पट्टी पर पूर्ण सैन्य नियंत्रण लेने की योजना तो बना रहा है, लेकिन वह इस पर शासन करने की मंशा नहीं रखता है
इजरायल लगातार हमास से अपने बंधकों को छोड़ने के लिए कह रहा था, जिसका कहना हमास नहीं मान रहा था. और आखिरकर इजरायल ने अब पूरे गाजा पर कब्जा करने का प्लान बना लिया है, जिसपर कैबिनेट की मुहर भी लग गई है. इससे बड़ी बात गाजा पर शासन अरब देशों में से कोई एक करेगा. जानें पूरी खबर.
US brokers deal between long-hostile ArmeniaAzerbaijan:आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच 40 साल से चल रही खूनी लड़ाई अब खत्म होने की कगार पर है.इसके लिए दोनों देश शांति के लिए राजी हो गए हैं. जानें ट्रंप की इसमें भूमिका और कैसे दोनों देशों से आपसी टकराव को कम करवाने के लिए अमेरिका ने इसकी कीमत ले ली.
ट्रंप-पुतिन की बैठक के लिए रूस और अमेरिका सहमत: यूरी उशाकोव
अगले कुछ दिनों में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक को लेकर सहमति बन गई है
Islamic Center: साउथ लेक्स इस्लामिक सेंटर (SLIC) की योजना साल 2021 में बारो के फर्नेस जनरल अस्पताल में कार्यरत 11 मुस्लिम डॉक्टरों ने बनाई थी. उनका कहना था कि इलाके में धार्मिक गतिविधियों के लिए कोई सुविधा नहीं है और नजदीकी मस्जिद 77 किलोमीटर दूर लैंकेस्टर में है.
पाक सेना प्रमुख आसिम मुनीर इस सप्ताह फिर कर सकते हैं अमेरिका का दौरा
पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर इस सप्ताह एक बार फिर अमेरिका का दौरा कर सकते हैं
चीन की खतरनाक साजिश! 16 कंपनियों ने चुपके से आकर खोल लिया ऑफिस, देश को पता हीं नहीं! अब मचा हड़कंप
चीन की फितरत कैसे है, यह हर कोई जानता है. इस बार चीन ने ताइवान में ऐसा काम किया है, जिसके बाद देश में हड़कंप मच गया है. चीन की इस खतरनाक साजिश को आइए जानते हैं.
भारत को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की अपने यहां ही ठन गई, इस विभाग ने कह दी एकदम उलट बात
Donald Trump: ट्रंप ने कहा कि जब तक यह मामला सुलझता नहीं तब तक बातचीत नहीं होगी. मगर दूसरी तरफ उनके ही विदेश विभाग ने कुछ और बात कही है.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को पकड़ने के लिए 50 मिलियन डॉलर यानी करीब4,37,44,68,500.00 रूपए का ईनाम रखा है. इसे एक मोटे तौर पर समझें तो लगभग 400करोड़ से अधिक की यह राशि है.
JD Vance Trip:अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को अपने जन्मदिन के मौके पर एक फैमिली ट्रिप को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. उनकी यात्रा के लिए मियामी नदी का जलस्तर बढ़ाया गया था.
Aviation news: बीते कुछ महीनों में हुए हवाई हादसों से हवाई सफर करने वालों का भरोसा हिला दिया है. सुरक्षा को लेकर सभी चिंतित हो रहे हैं. इस बीच चर्चा हो रही है उन हवाई रास्तों की जहां आसमान में सबसे ज्यादा टर्बुलेंस आते हैं.
परमाणु हमले से 2 बार बच निकला ये जापानी शख्स, बोला 'जब तक जिंदा हूं माफ नहीं करूंगा'
Nagasaki Nuclear Attack: 6 और 9 अगस्त, ये दोनों वो तारीखें हैं जिसे शायद ही जापान का कोई नागरिक भूल पाएगा. जापान के इतिहास की ये वो 2 तारीखें हैं जब अमेरिका में 2 परमाणु हमला किया जिसमें लगभग डेढ़ लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. आज हम आपको इससे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें बताने वाले हैं.
नवंबर 2024 से जनवरी 2025 के बीच खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 157.1 ओवर्स, फिर आईपीएल में 57 ओवर्स और अब एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में सबसे ज्यादा 185.3 ओवर्स फेंकने वाले भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज को लेकर चिंता बढ़ गई है.क्या लगातार तगड़े प्रेशर के बीच खेलते रहने से मोहम्मद सिराज को इंजरी हो सकती है? क्या भारतीय टीम सिराज पर ओवरडिपेंडेंट है, पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो
धराली के रहने वाले आकाश पंवार सिर्फ 32 साल के थे। 5 अगस्त को उन्होंने कुछ दोस्तों को घर बुला लिया। आकाश की मां कामेश्वरी देवी और घर के बाकी लोग पास में ही लगे हारदूधा मेले में गए थे। धरोली कस्बा पहाड़ की तलहटी पर बसा है। अचानक ऊपर से पानी के साथ मलबा बहकर आया। शोर सुनकर आकाश से स्कूटी स्टार्ट की। स्कूटी घुमा ही रहे थे कि मलबा उनके घर तक आ गया। आकाश के सिर पर पत्थर लगा और उनकी वहीं मौत हो गई। उत्तराखंड के धराली में लैंड स्लाइड की वजह से हुई तबाही के बाद लापता 50 से ज्यादा लोगों की तलाश चल रही है। हालांकि धराली के लोग कह रहे हैं कि कम से कम 150 लोग मलबे में दबे हो सकते हैं। कुल 5 मौतें हुई हैं, जिनमें से सिर्फ आकाश की डेडबॉडी मिली है। SDRF, ITBP, पुलिस और प्रशासन रेस्क्यू में जुटे हैं। धराली के लोगों को मातली के ITBP कैंप लाया रहा है। दैनिक भास्कर की टीम ITBP कैंप पहुंची। यहां बर्बादी की कई कहानियां हैं। इनमें एक कहानी कामेश्वरी देवी की है। बेटा खोया, घर-होटल, बगीचा सब बह गयाआकाश धराली में होटल चलाते थे। उनकी मां कामेश्वरी देवी और बाकी परिवार ITBP कैंप में है। उन्हें एयर लिफ्ट करके यहां लाया गया था। हम उनसे हैलीपैड के ही पास मिले। आकाश का नाम सुनते ही रोने लगती हैं। उनका ब्लड प्रेशर लगातार गिर रहा है। डॉक्टर उनकी देखभाल कर रहे हैं। कामेश्वरी देवी के पड़ोस में रहने वालीं रजनी कुकरेती उन्हें संभाल रही हैं। रजनी ने भी धराली को तबाह होते देखा हैं। इसके बाद से ही वे कामेश्वरी देवी के साथ हैं। रजनी बताती हैं, ‘आकाश के साथ कुछ दोस्त और गांव वाले भी थे। अब तक सिर्फ आकाश की डेडबॉडी मिल सकी है। कुछ सेकेंड की तबाही ने धराली में सब कुछ तबाह कर दिया।’ हैलीपैड पर मिले जयभगवान सिंह पंवार भी धराली के रहने वाले हैं। आकाश उनका भतीजा था। जयभगवान और उनके परिवार को हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट करके लाया गया है। कैंप से उन्हें उत्तरकाशी ले जाया जाएगा। जयभगवान कहते हैं, ‘मेरा 40 कमरे का होटल था। पूरी बिल्डिंग खत्म हो गई। दूसरी बार मलबा आया, तो मेरा बगीचा बह गया। कुछ नहीं बचा। कभी नहीं सोचा था कि ऐसी आपदा आएगी कि एक मिनट में हमारा इतना बड़ा गांव मलबे में दब जाएगा।’ हमने उनसे पूछा कि मलबे में कितने लोग दबे हो सकते हैं? जयभगवान कहते हैं- ‘कम से कम 150 लोग लापता हैं। आप ये मानकर चलो कि अब वे नहीं बचे होंगे। इतने मलबे में कौन ही जिंदा बचा होगा। गांव के लोग, व्यापारी, काम करने वाले मजदूर, किसी का कुछ पता नहीं चला। घर, दुकानें, बाजार, मंदिर, बगीचे, स्कूल सब मलबे में दब गया है। ‘गांव में पहाड़ी की थोड़ी ऊंचाई पर बने मंदिर में मेला लगा था। हम सब मेले में गए थे। ऊंचाई पर होने की वजह से मेले में आए लोग बच गए। धराली अब रहने लायक नहीं रह गया है। हमारी खेती, घर, दुकान, कारोबार सब वहीं है।’ वीडियो बनाने वाले बोले- सामने लोगों को दबकर मरते देखाधराली गांव के दूसरी तरफ सामने पहाड़ पर मुखवा गांव है। धराली में लैंडस्लाइड का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें पहाड़ से पानी बहकर आता दिख रहा है। फिर अचानक मिट्टी, पत्थर का मलबा आता है। इसी वीडियो से धराली में तबाही की भयावहता पता चली थी। ये वीडियो मुखवा गांव के लोगों ने ही बनाया था। इनमें शामिल संयोगिता नौटियाल ITBP के कैंप में मिलीं। मुखवा में संयोगिता का मायका है। वे मेले में शरीक होने के लिए मायके गई थीं। उन्हें भी एयरलिफ्ट करके लाया गया है। संयोगिता बताती हैं, ‘जो वीडियो पूरी दुनिया ने देखा, उसे मेरे भाई ने बनाया है। हम जोर-जोर से सीटी बजाकर लोगों को भागने के लिए कह रहे थे। सब कुछ बहुत खतरनाक था। मैंने लोगों को मलबे में दबकर मरते देखा। किसी को कुछ करने या भागने का मौका नहीं मिला।’ ‘धराली के मेरे जानने वाले 8 लोग थे। किसी से कॉन्टैक्ट नहीं हो पा रहा। पिछले 5 दिन से बिजली, मोबाइल नेटवर्क, इंटरनेट कुछ नहीं है। हर्षिल और धराली के बीच हैलीपेड में झील बन गई है। ये झील हमारे घर के पीछे ही बनी है।' आकाश को स्कूटी टर्न करते देखा, आवाज लगाई लेकिन बचा नहीं पाएगौतम सिंहवाल भी मुखवा के रहने वाले हैं। वे बताते हैं, ‘सामने से मलबा आता देखा, तो हमने जोर-जोर से आवाज लगाई। लोगों से भागने के लिए कहा। मैंने आकाश को भी देखा था। वो स्कूटी टर्न कर रहा था। ITBP कैंप में अब्बू और भाई को तलाश रहीं नगमाउत्तरकाशी डिस्ट्रिक्ट हेडक्वॉर्टर से करीब 8 किमी दूर मातली के ITBP कैंप को रेस्क्यू सेंटर बनाया गया है। धराली और हर्षिल से एयरलिफ्ट करके लोगों को यहीं लाया जा रहा है। राज्य और केंद्र की एजेंसियां यहां तैनात है। पुलिस ने अपना कैंप बनाया है। स्वास्थ्य विभाग ने भी रेस्क्यू करके लाए गए लोगों के चेक-अप और ट्रीटमेंट के लिए कैंप लगाया है। यहां से रेस्क्यू टीम को धराली के लिए छोटे-छोटे ग्रुप में रवाना किया जा रहा है। यहां ऐसे भी लोग पहुंच रहे हैं, जिनके परिवार वाले धराली में थे। उनकी अब कोई खोज-खबर नहीं मिल पा रही। 26 साल की नगमा भी इनमें शामिल हैं। वे उत्तरकाशी की रहने वाली हैं। नगमा के अब्बू इब्राहिम खान और भाई फिरोज खान पेंटिंग के काम के लिए धराली में थे। नगमा ने अब्बू से लैंडस्लाइड से एक घंटे पहले बात की थी। उसके बाद से उनका फोन नहीं लगा। नगमा ITBP कैंप में नगमा रेस्क्यू किए गए लोगों की अलग-अलग लिस्ट में अपने अब्बू का नाम तलाश रही हैं। हमने उनसे पूछा कि क्या प्रशासन से मदद मिली? नगमा जवाब देती हैं, ‘मुझसे कहा किया कि यहां आराम से बैठिए, जैसे ही कुछ पता चलेगा, हम आपको बताएंगे। सुबह से दोपहर हो गई, अब तक कुछ पता नहीं चला है।’ गंगोत्री धाम जा रहे लोग भीमताल में फंसे, पैदल हर्षित पहुंचेएयरलिफ्ट किए गए लोगों में वे भी हैं, जो गंगोत्री धाम की यात्रा पर थे और धराली के आगे फंसे हुए थे। धराली में आई आपदा के बाद इन सारे लोगों को धराली से पहले भीमताल में रोक दिया गया था। लैंडस्लाइड के बाद आगे गंगोत्री तक बिजली और मोबाइल नेटवर्क नहीं है। ये सभी यात्री कहीं बातचीत न होने से परेशान थे। महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजी नगर से 18 लोगों का एक ग्रुप चारधाम यात्रा पर निकला था। पहले यमुनोत्री और फिर 5 अगस्त को गंगोत्री के दर्शन करके सभी गंगोत्री से उत्तरकाशी के रास्ते लौट रहे थे। धराली में आपदा आई, तब ये ग्रुप वहां से कुछ किमी पहले था। ग्रुप में शामिल कृष्णा बताते हैं कि लैंडस्लाइड की वजह से टावर गिर गए और नेटवर्क चला गया। हमने मोबाइल नेटवर्क आने के बाद घर पर बताया कि हम सुरक्षित हैं।’ कृष्णा भैरों घाटी में फंसे हुए थे। हर्षिल तक पैदल चलकर आए। फिर धराली में मलबा पार करके हर्षिल तक पहुंचे। वे तबाह हो चुके धराली के ऊपर कई फीट जमे मलबे को पार कर रहे थे तो उन्होंने कुछ वीडियो रिकॉर्ड किए। फंसे हुए यात्रियों को हर्षिल से रेस्क्यू किया जा रहा है। उन्हें एयरलिफ्ट करके मातली और उत्तरकाशी लाया जा रहा है। 9 अगस्त को शाम 5 बजे तक धराली और हर्षिल से 308 लोगों को एयरलिफ्ट करके ITBP कैंप और जॉलीग्रांट हेलीबेस तक लाया गया है। लोगों को हेलीकॉप्टर के अलावा 2 चिनूक हेलीकॉप्टर्स के जरिए रेस्क्यू किया जा रहा है। वहीं रेस्क्यू टीम के 155 स्टाफ को धराली भेजा गया है। मौसम ठीक रहा तो 80% लोगों का रेस्क्यू जल्दगढ़वाल के कमिश्नर विनय शंकर पांडे बताते हैं, ‘हर्षिल घाटी से लगातार एयर रूट से रेस्क्यू चल रहा है। मौसम का साथ मिला तो हम 80% लोगों को रेस्क्यू कर लेंगे। हमारी सारी टीमें रेस्क्यू में लगी हैं। हमने फंसे लोगों को दो कैटेगरी में बांटा है- बुजुर्गों को निलोंग से एयरलिफ्ट करेंगे और जो 3 किमी ट्रैक कर सकते हैं, उन्हें हम हर्षिल से एयरलिफ्ट कर लेंगे।’ लैंडस्लाइड में घायल जवानों को उत्तरकाशी में एडमिट किया गया है। हम उत्तरकाशी के जिला अस्पताल में उनसे मिलने पहुंचे। आर्मी के पोर्टर गोपाल हॉस्पिटल बेड पर लेटे मिले। हर्षिल के आर्मी कैंप में तैनात गोपाल के पास 5 और जवाव लेटे हैं। वे भी बुरी तरह जख्मी हैं। गोपाल बताते हैं, ‘धराली में करीब डेढ़ बजे तेज आवाज हुई। हमें वीडियो मैसेज से पता लगा कि आपदा आई है। अफसरों ने आदेश दिया कि हमें धराली में रेस्क्यू के लिए जाना है। हमने अपनी गाड़ी तैयार की। बेलचा, गैंती, फावड़ा ले लिए। तभी पहाड़ से मलबा आता देखा। हमारा कैंप भी तबाह हो गया। बहाव इतना तेज था कि हम उसके साथ ही बह गए। आर्मी कैंप को भी बहुत नुकसान हुआ है।’ गंगवानी का ब्रिज टूटा, इसके बनने के बाद ही धराली का रास्ता खुलेगाउत्तरकाशी से धराली तक सड़के के रास्ते कनेक्टिविटी अब भी नहीं हो पाई है। उत्तरकाशी से भटवाड़ी और भटवाड़ी से गंगपानी तक रास्ता साफ है। आगे गंगवानी में पुल टूट गया है। हमने उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से धराली तक पहुंचने की कोशिश की। उत्तरकाशी से भटवाड़ी तक हम एक दिन पहले पहुंच पाए थे, लेकिन भटवाड़ी में करीब 150 मीटर की रोड बह गई थी। इसे अब ठीक कर दिया गया है। यहां से करीब 15 किमी और आगे तक का रास्ता साफ हो गया है। वहां सबसे बड़ी चुनौती गंगवानी का ब्रिज है। इसे नए सिरे से बनाया जा रहा है। ये काम बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन कर रहा है। BRO के अफसर केवीएन राजा कुमार ने बताया कि यहां बड़ा पुल था। हम जल्दी एक छोटा पुल बना रहे हैं। इसका शुरुआती काम किया है। अब ब्रिज बनाना शुरू करेंगे। इसे तैयार करने में कम से कम 48 घंटे लगेंगे। आगे भी रोड क्लियरेंस में चुनौती कम नहीं है। पुल क्लियर होने के बाद भी धराली के रास्ते में कम से कम 2-3 जगह सड़क टूट गई है। पुल बनाने के बाद उसकी भी मरम्मत करने में वक्त लग सकता है। राहत और बचाव में सबसे बड़ी चुनौती रोड कनेक्टिविटी बन रही है। धराली तक सड़क पूरी तरह से कब तैयार होगी? गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे बताते हैं, ‘रूट क्लियर करने के लिए हम युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। इसमें 48 से 72 घंटे का समय और लग सकता है। मुख्य चुनौती गंगनानी का पुल है। हमने बनाने का काम शुरू कर दिया है। उम्मीद हैं कि ये जल्दी हो जाएगा।’ ....................................... धराली हादसे पर ये ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़ेंलगा भूकंप आया और 40 सेकेंड में धराली तबाह, चश्मदीद बोले-लोग भाग भी नहीं पाए 5 अगस्त, मंगलवार की दोपहर पहाड़ों का मलबा बहकर आया और पूरा धराली उसमें दब गया। 5 लोग मारे गए, 100 से ज्यादा लापता हैं। सेना के 9 जवान भी बह गए। 50 से ज्यादा घर, 30 से ज्यादा होटल-रिजॉर्ट और 25 होम स्टे तबाह हो गए। धराली के लोग बताते हैं कि मलबा इतनी तेजी से बहकर आया कि किसी को बचने का मौका नहीं मिला। पढ़िए पूरी खबर...
‘SSC में हमारा 2022 और 2024 में फाइनल सिलेक्शन नहीं हो सका। 2025 के लिए तैयारी कर रहे थे, लेकिन सब बेकार हो गया। अब सिलेक्शन के लिए होने वाले एग्जाम में इंतजाम पहले से बदतर हो गए हैं। जब तक TCS एग्जाम कराता था, तब तक सब बढ़िया था। जब से एडुक्विटी एग्जाम करा रहा है तो आप हाल देख ही रहे हैं।‘ बिहार के गया जिले के रहने वाले मंटू कुमार 2020 से SSC की तैयारी कर रहे हैं। हर साल की तरह इस साल भी एग्जाम दिया, लेकिन माउस में दिक्कत और सर्वर डाउन होने जैसी बदइंतजामी के चलते पर्चा बिगड़ गया। मंटू अकेले नहीं हैं, जो SSC और एग्जाम कराने वाले एजेंसी एडुक्विटी पर सवाल उठा रहे हैं। बिहार से लेकर दिल्ली और कर्नाटक तक स्टूडेंट यही बात दोहरा रहे हैं। SSC की पोस्ट फेज-13 भर्ती एग्जाम 24 जुलाई से 1 अगस्त के बीच हुआ। शिकायतों के बाद टीचर और स्टूडेंट्स इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं। पहले SSC के एग्जाम टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) करवाती थी, लेकिन नए टेंडर एडुक्विटी को मिले हैं। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे कि एडुक्विटी जैसी कंपनी को टेंडर क्यों दिया गया, जो पहले भी एमपी पटवारी परीक्षा और कॉन्स्टेबल भर्ती समेत तमाम एग्जाम को लेकर विवादों में रही है। हालांकि इसे लेकर SSC की यही दलील है कि एडुक्विटी का टोटल स्कोर TCS से ज्यादा है इसलिए टेंडर मिला। अगर TCS कम बोली लगाती तो उसे टेंडर मिल जाता। ये सिर्फ SSC का नहीं, भारत सरकार का फॉर्मूला है। ऐसे में सवाल है कि क्या ये युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ नहीं है। विवादों में रही कंपनी को सिर्फ कम बोली लगाने पर कैसे इतनी बड़ी भर्ती परीक्षा की जिम्मेदारी सौंप दी जा रही है। दैनिक भास्कर की टीम ने एग्जाम में शामिल हुए स्टूडेंट्स, टीचर्स और डॉक्यूमेंट्स के जरिए इस विवाद और टेंडर की पूरी प्रक्रिया को समझने की कोशिश की। सबसे पहले जानिए…एडुक्विटी जब TCS से तकनीक में पीछे, फिर कैसे मिला टेंडरऑनलाइन एग्जाम कराने वाली एजेंसी को चुनने के लिए ओपन टेंडर निकाला जाता है। SSC ने 2 नवंबर 2023 को पहली बार टेंडर का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके लिए बोली लगाने की प्रक्रिया 18 दिसंबर 2023 को शुरू हुई। सबसे पहले कंपनियों को CBT (कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट) के लिए टेक्निकल प्रेजेंटेशन देना था। कुल चार कंपनियां इसके लिए आगे आईं। अहमदाबाद की एडुटेस्ट कंपनी को प्रेजेंटेशन से पहले डिस्क्वालिफाई कर दिया गया, क्योंकि कंपनी ने ब्लैकलिस्टिंग सर्टिफिकेट जमा नहीं किया था। इसके बाद तीन कंपनियों TCS, एडुक्विटी और एपटेक ने प्रेजेंटेशन दिया। अलग-अलग मापदंडों (प्रोजेक्ट को पूरा करने की क्षमता और तरीका, कंपनी की तकनीक, मैनपावर, टर्नओवर) पर मिलने वाले मार्क्स के आधार पर कंपनियों का तकनीकी मूल्यांकन होता है। इनके आधार पर एपटेक को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। तकनीकी मूल्यांकन में TCS सबसे ऊपर थी। कंपनी को 94.22 मार्क्स मिले थे। जबकि एडुक्विटी को 87.88 मार्क्स मिले थे। सरकारी डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, 2 मार्च 2024 को SSC की एक कमेटी ने लिखा कि तीनों कंपनियों में TCS की तकनीक सबसे बेहतर है क्योंकि इसका ऑपरेटिंग सिस्टम काफी मजबूत है। कमेटी ने आगे लिखा कि एडुक्विटी के पास एनक्रिप्टेड तकनीक है, जिससे कैंडिडेट के बारे में किसी को पता नहीं चलेगा। हालांकि वे विंडो पर काम करते हैं, जो बहुत ज्यादा सेफ नहीं है। इससे सभी कैंडिडेट के सिस्टम्स को सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है। हालांकि इससे बचने के लिए कंपनी फायरवॉल का इस्तेमाल कर रही है। एग्जाम के लिए एडुक्विटी ने लगाई सबसे कम बोलीइसके बाद फाइनेंशियल बिडिंग का प्रोसेस शुरू हुआ। इसमें एक और ऑनलाइन एग्जाम करवाने वाली कंपनी NSEiT लिमिटेड भी शामिल हुई। इस कंपनी ने तकनीकी मूल्यांकन कब पास किया, डॉक्यूमेंट्स में इसकी जानकारी नहीं है। 2 मार्च 2024 को SSC कमेटी ने तकनीकी मूल्यांकन पर जो समरी रिपोर्ट दी, उसमें NSEiT लिमिटेड का नाम शामिल नहीं था। 20 फरवरी 2025 को एग्जाम करवाने के लिए बोली लगाई गई। सरकारी डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, एडुक्विटी ने सबसे कम 171 रुपए प्रति अभ्यर्थी एग्जाम करवाने की बोली लगाई। जबकि TCS की प्रति अभ्यर्थी एग्जाम करवाने की कीमत 311 रुपए थी। इसके अलावा NSEiT लिमिटेड ने 289 रुपए की बोली लगाई थी। इसमें एग्जाम करवाने का ऑपरेशनल और सेंटर दोनों का खर्च शामिल है। आखिरकार, सबसे कम बोली लगाने वाली एडुक्विटी करियर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को चुना गया, जिसने SSC एग्जाम करवाने के लिए कुल 273 करोड़ रुपए की बोली लगाई। TCS ने 497 करोड़ और NSEiT लिमिटेड ने 462 करोड़ की बोली लगाई थी। हालांकि जब हमने SSC के चेयरपर्सन एस गोपालकृष्णन से ये सवाल किया तो उन्होंने बताया कि NSEiT लिमिटेड भी टेक्निकल बिड में थी। गोपालकृष्णन कहते हैं कि अगर उस बिड में एक भी गलती हुई है तो उन्हें जेल भेज देना चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरी प्रोसेस नियम के मुताबिक हुई है। अब स्टूडेंट्स की शिकायतें…माउस खराब-सर्वर डाउन, आखिर कैसे देते एग्जामबिहार के गया जिले में रहने वाले मंटू कुमार 5 साल से SSC की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने पोस्ट फेज-13 भर्ती परीक्षा गया के ही एक सेंटर 'मां सरस्वती आईटी सॉल्यूशन' पर दी, लेकिन इस बार उनका एग्जाम पहले की तरह सामान्य नहीं रहा। 24 जुलाई को तीसरी शिफ्ट में उन्हें परीक्षा देनी थी। मंटू बताते हैं, ‘जब पेपर देना शुरू किया, तभी से माउस में दिक्कतें आने लगीं। चार-पांच बार क्लिक करने पर एक बार सिलेक्ट हो रहा था। शिकायत करने पर कहा जा रहा था कि बिजली आने पर सब सही हो जाएगा, लेकिन बिजली आई ही नहीं। टाइम बीतता जा रहा था और पूरा एग्जाम बर्बाद हो गया।‘ मंटू कहते हैं कि उनके सेंटर पर करीब 400 स्टूडेंट थे और सबके सिस्टम में ऐसी गड़बड़ी हो रही थी। जिसका माउस सही चल रहा था, उसका सर्वर खराब था। तस्वीर वाले सवाल पूरी तरह लोड ही नहीं हो रहे थे। वे कहते हैं, ‘जब हमने इनविजिलेटर से शिकायत की तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए। कहने लगे मेरे पास कोई समाधान नहीं है। एग्जाम शुरू होने के 10 मिनट बाद हॉल में एंट्री मिलीमंटू अकेले नहीं हैं, जो SSC की इस व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। एग्जाम की तैयारी कराने वाले शिक्षकों के पास स्टूडेंट्स के मैसेज आने लगे। पश्चिम बंगाल के एक स्टूडेंट ने शिकायत की कि उसने तीनों सेंटर चॉइस राज्य में ही डाले थे, लेकिन उसका सेंटर बिहार के गया में पड़ गया। कई स्टूडेंट्स के एडमिट कार्ड में सेंटर का नाम और पता ही लिखा था। मैसेज में कई स्टूडेंट्स ने तकनीकी दिक्कतों की भी शिकायत की। जतिन कुमार भी उन छात्रों में हैं, जिन्होंने SSC की हालिया परीक्षा में दिक्कतों का सामना किया। वे दिल्ली में रहकर SSC (CGL) की तैयारी कर रहे हैं। सिलेक्शन पोस्ट फेज-13 एग्जाम के लिए उनका सेंटर मेरठ में था। जतिन बताते हैं, ‘24 जुलाई को पहली शिफ्ट में एग्जाम था। ‘मैं सुबह ही सेंटर पर पहुंच गया था। 9 बजे एंट्री होनी थी, लेकिन गार्ड ने ये कहते हुए रोक दिया कि सर्वर डाउन चल रहा है। सुबह 9:30 बजे एग्जाम शुरू होना था, लेकिन मैं 9:40 बजे अंदर जा सका।’ जतिन का कहना है कि टेस्ट में पूछे गए कुछ सवाल आधे-अधूरे लग रहे थे। तकनीकी दिक्कतों पर वे कहते हैं, ’सर्वर डाउन होने की वजह से हमारा पेपर सुबह 10:30 बजे शुरू हुआ था। माउस में भी दिक्कतें आ रही थीं। सिस्टम में कैंडिडेट की फोटो भी पुरानी दिख रही थी। सेंटर में तकरीबन सभी स्टूडेंट्स के साथ कुछ न कुछ दिक्कत हो रही थी।’ हरियाणा-झारखंड के स्टूडेंट बोले…आधा वक्त सिस्टम-माउस ने बर्बाद किया, बाकी गैरअनुभवी स्टाफ नेहरियाणा की रहने वाली एक स्टूडेंट ने पहचान छिपाने की शर्त पर बताया कि उनके सेंटर पर भी कई तकनीकी दिक्कतें हुईं। उन्होंने 30 जुलाई को रोहिणी ग्लोरियस पब्लिक स्कूल में फेज-13 का एग्जाम दिया। वे बताती हैं, ’सिस्टम हैंग कर रहा था। आप वहां के किसी भी स्टूडेंट्स से पूछिएगा तो सबके साथ यही समस्या सुनने को मिलेगी।’ सेंटर पर स्टाफ ज्यादा अनुभवी नहीं था, जिसकी वजह से बायोमेट्रिक से लेकर बाकी प्रोसेस में हमारा बहुत टाइम खराब हुआ। पंखे खराब पड़े थे, जिनसे आवाजें आ रही थीं। बंद करवाया तो गर्मी लगने लगी। पेन बहुत खराब क्वालिटी के दिए गए थे। बार-बार बदलने पर समय बर्बाद हुआ। झारखंड के रहने वाले विकास (बदला हुआ नाम) दिल्ली में रहकर SSC (CGL) की तैयारी कर रहे हैं। फेज-13 का एग्जाम दिल्ली में शक्ति नगर के आरके डिजिटल स्टूडियो में दिया था। विकास बताते हैं, ‘एग्जाम के दौरान जब भी SAVE और NEXT का ऑप्शन सिलेक्ट करता था, वो होता ही नहीं था।‘ ‘आप अगर कोई सवाल छोड़कर अगला सवाल देखना चाहते हैं, तो आप ये करते रह जाओगे। माउस बिल्कुल काम नहीं कर रहा था। 20-20 बार क्लिक करने पर एक बार सिलेक्ट होता था। इस वजह से मेरे आठ से 10 मिनट बर्बाद हो गए। इन दिक्कतों के बीच एग्जाम पर कैसे फोकस कर पाएंगे?‘ अब जानिए टीचर्स क्या कह रहे…मंत्री से मिलने पहुंचे टीचर्स-स्टूडेंट्स, तो पुलिस ने की FIR31 जुलाई को इन गड़बड़ियों के खिलाफ दिल्ली में स्टूडेंट्स के साथ टीचर्स भी सड़क पर उतरे। उन्होंने शिकायतों को लेकर कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्री (DoPT) जीतेंद्र सिंह से मिलने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने रोक लिया। प्रदर्शन कर रहे टीचर्स को हिरासत में भी लिया गया। बाद में कई टीचर्स के खिलाफ एक केस भी दर्ज किया गया। आरोप लगा कि पुलिस के बार-बार समझाने के बावजूद उन लोगों ने वहां प्रदर्शन किया, जहां इसकी मनाही थी। FIR में लिखा गया कि इलाके में भारतीय न्याय संहिता की धारा-163 (एक साथ लोगों के इकट्ठा होने पर रोक) लागू है। इस FIR में अंग्रेजी की टीचर नीतू सिंह का नाम भी शामिल है। डिजिटल इंडिया के दौर में माउस में दिक्कतें आना, मजाक से कम नहींनीतू ने हमें बताया, ‘हम प्रदर्शन नहीं कर रहे थे। हम तो सिर्फ मंत्री से मिलने की मांग कर रहे थे। पुलिस ने हमसे पहले बहस की। फिर भारी संख्या में पुलिस ने पहुंचकर टीचर्स को पीटना शुरू कर दिया। हम सबको बस में भरा और करीब चार घंटे तक घुमाते रहे। बाद में हमें नजफगढ़ थाने में छोड़ दिया गया।‘ SSC छात्रों की शिकायत और एडुक्विटी को मिले टेंडर पर नीतू कहती हैं, ‘हर साल साढ़े चार करोड़ स्टूडेंट् SSC के तहत परीक्षा देते हैं। इसके बावजूद आयोग कहता है कि हमारे पास इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं है। ये शर्म की बात है। आप दशकों से एग्जाम करवा रहे हैं। आपका अपना इन्फ्रा होना चाहिए था, अपने लैब्स होने चाहिए थे।‘ जबकि आप स्टाफ चुनने के कमीशन हैं। कम से कम आप ऐसे वेंडर्स चुनिए, जिनके पास इन्फ्रास्ट्रक्चर है। आप 100 की जगह 500 रुपए ले लीजिए, लेकिन बच्चों को हजार किलोमीटर मत भेजिए। नीतू कहती हैं कि अगर डिजिटल इंडिया के दौर में हम माउस की दिक्कतें बता रहे हैं तो ये मजाक उड़ाने जैसी बातें हैं।‘ प्राइवेट कंपनियों को स्टूडेंट के भविष्य नहीं, सिर्फ अपने फायदे से मतलबप्रोटेस्ट में शामिल हुए एक और टीचर राजेश शुक्ला कहते हैं कि किसी भी एजेंसी को अगर राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा करवाने की जिम्मेदारी दी जाती है, तो उनकी जवाबदेही भी तय होनी चाहिए। वे कहते हैं, ‘अगर कोई गड़बड़ी होती है तो आयोग उस पर कार्रवाई करे। परीक्षा अगर सही से नहीं हो तो रद्द होनी चाहिए। सवाल ये है कि जब पहले भी दिक्कतें और गलती सामने आ चुकी हैं फिर क्या मंशा है कि उसी वेंडर को चुना गया। देश के लिए दुर्भाग्य की बात है कि आजादी के 78 साल बाद भी हम एक एग्जाम प्रोसेस नहीं बना पा रहे हैं।‘ दिल्ली में SSC की तैयारी करवाने वाले टीचर जीत राणा कहते हैं कि एडुक्विटी को टेंडर मिलना चौंकाने वाला था, क्योंकि इसका इतिहास सही नहीं था। राणा कहते हैं, ‘पूरे एग्जाम मैनेजमेंट में बदलाव की जरूरत है। सबसे कम बिडिंग लगाने वाले को आप जिम्मेदारी दे रहे हैं। सिर्फ पैसों के लिए ऐसा नहीं होना चाहिए। सबकुछ देखना चाहिए। इससे बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है।‘ वे आगे कहते हैं, ‘सरकार को ग्राउंड स्तर पर देखने की जरूरत है, तब कमियां नजर आएंगी। सिर्फ वैकेंसी या बिड को मंजूरी देने से काम नहीं चलेगा। 15-20 सालों से ऑनलाइन एग्जाम हो रहे हैं। इसके बावजूद सही से एक एग्जाम नहीं हो पा रहा है। जब तक प्राइवेट कंपनियां बीच में आती रहेंगी, वो अपना निजी फायदा जरूर सोचेंगी। उन्हें अपने फायदे से मतलब है, स्टूडेंट्स से नहींं इसलिए इस प्रोसेस में सुधार करने के लिए सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।‘ SSC चेयरपर्सन ने बताया…एडुक्विटी का टोटल स्कोर TCS से ज्यादा, इसलिए मिला टेंडरइस पूरे विवाद पर हमने SSC के चेयरपर्सन एस गोपालकृष्णन से बात की। उन्होंने एडुक्विटी का बचाव करते हुए कहा, ‘ये नया वेंडर है, इसलिए दिक्कतें आ रही हैं। पहले एग्जाम में सेंटर्स की कमी थी, इसलिए स्टूडेंट्स को थोड़ी दूर जाना पड़ा। हालांकि ये अस्थायी समस्या है। आगे ये समस्या नहीं आएगी। बेवजह स्टूडेंट को परेशान करना हमारा काम नहीं है। एक हफ्ते जो परीक्षा हुई, उसमें आखिरी के तीन दिनों में कोई दिक्कत सामने नहीं आई।’ तकनीक में बेहतर पाए जाने के बावजूद TCS को क्यों नहीं रखा गया? उन्होंने जवाब में कहा, ‘हर सरकारी टेंडर QCBS (क्वालिटी एंड कॉस्ट बेस्ड सिलेक्शन) फॉर्मूले से ही पूरा होता है। सिर्फ तकनीकी आधार पर किसी को नहीं चुना जाता है। उन्होंने बताया, ‘टेक्निकल और फाइनेंस वेटेज अलग-अलग हैं। सिर्फ टेक्निकल स्कोर सही रहने से नहीं होता है। पूरा स्कोर देखा जाता है।‘ SSC के नोटिफिकेशन के मुताबिक, किसी भी एजेंसी को चुनने के लिए तकनीकी मूल्यांकन को 70% और खर्च की बिडिंग को 30% प्राथमिकता दी जाती है। कुछ सेंटर पर परीक्षा कैंसिल होने के सवाल पर गोपालकृष्णन ने बताया कि निष्पक्ष परीक्षा कराने के लिए ऐसा करना पड़ा, लेकिन तुरंत ही उसी शहर में दोबारा टेस्ट लिया गया। उन्होंने कहा कि आयोग पूरी कोशिश कर रहा है कि आगे ऐसी दिक्कत न हो। हमने एडुक्विटी से भी संपर्क करने की कोशिश की। संपर्क न होने पर हमने ईमेल के जरिए कंपनी को स्टूडेंट्स की समस्याओं पर कुछ सवाल भेजे हैं। जवाब आने पर रिपोर्ट में अपडेट करेंगे। ................................. ये खबर भी पढ़ें...'मजदूरी करें या बच्चे को 2 किमी दूर स्कूल छोड़ें' 'गांव का स्कूल बंद कर रहे हैं। अब बिटिया को पढ़ने के लिए दो किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा। वहां तक जाने के लिए रास्ता भी नहीं है, सिर्फ पगडंडी है। 5-6 साल के बच्चे वहां कैसे पढ़ने जा पाएंगे। हम अपने गांव का स्कूल बंद नहीं होने देंगे।' अलीगढ़ के दौलताबाद गांव में रहने वाले बृजमोहन भतीजी की पढ़ाई को लेकर परेशान हैं। गांव का अकेला प्राइमरी स्कूल बंद होने वाला है। पढ़िए पूरी खबर...
'तुगलकी' फैसले लेकर दुनियाभर में हंसी उड़वा रहे ट्रंप, अमेरिकी लोग ही ले रहे जमकर मौज!
Viral video:सोशल मीडिया पर एक ऐसे ही वीडियो में दिखाया गया है कि ट्रंप के सामने जो कुछ आ रहा है वो उस पर टैरिफ थोपने पर आमादा हैंबिना नतीजे की परवाह किए,बिना कुछ सोचे-विचारे. ट्रंप पर बने कई वीडियो और मीम वायरल हो रहे हैं
दुर्बल को न सताइये... डोनाल्ड ट्रंप किसका 'परिवार' तोड़ रहे? कलेजा चीर देने वाली खबर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्डट्रंप के बारे में नई जानकारी ये है कि वो आजकल अमेरिका में परिवारों को तोड़ने में लगे हैं. ट्रंप अब अमानवीय फैसले लेने में भी नहीं हिचक रहे. ट्रंप अमेरिका में मां से बच्चों को छीन रहे हैं.
DNA: टैरिफ से बिगड़ जाएगा अमेरिकी नागरिकों का स्वाद, 'कॉफी' पर पड़ेगा भारी असर, क्यों हो रही चर्चा?
DNA Analysis: ट्रंप के टैरिफ का भारत पर बहुत बड़ा असर नहीं होगा लेकिन ट्रंप के टैरिफ से अमेरिकी नागरिकों के मुंह का स्वाद जरूर खराब हो जाएगा. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं ये समझने के लिए आपको लोगों को तरोताजा करने वाली कॉफी से जुड़ी एक खबर भी देखनी चाहिए.
कूड़ेदान से उठाकर खाया Pizza... कंपनी के मालिक के दिल में कचोट गई ये घटना, कर दिया बड़ा एलान
Viral News: अमेरिका के क्रिस कोलस्टैड ने कूड़ेदान से खाना खाने वालों के लिए मुफ्त पिज्जा देने की पहल की, इसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और अब तक उन्होंने 50+ पिज्जा बांटे और हजारों डॉलर डोनेट किए.
Tuvalucountry: जलवायु संकट के चलते तुवालु देश डूबने की कगार पर है. ऑस्ट्रेलिया से हुए समझौते के तहत हर साल 280 लोग वहां बसेंगे. अगले 10 साल में 40% आबादी देश छोड़ सकती है. यह दुनिया की पहली प्लान्ड माइग्रेशन है.
Canada News: घर परिवार में अक्सर बड़े समझाते हैं कि कोई भी फैसला बहुत सोच-समझकर लेना चाहिए वरना पछतावा करना पड़ेगा. खुद से लिए फैसले कभी-कभी लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन जाते हैं, ऐसा ही कुछ हुआ भारत छोड़कर कनाडा बसे एक युवक के साथ जो इस समय काफी ज्यादा पछता रहा है.
फलीस्तीन क्षेत्र: किसी इलाके के देश बनने की क्या शर्तें हैं?
फलीस्तीन को एक स्वतंत्र देश का दर्जा देने के लिए समर्थन बढ़ता जा रहा है. हालांकि, किसी भी इलाके को देश का दर्जा मिलना आसान नहीं होता, क्योंकि इसके लिए बहुत सारे नियम-कानून और शर्तें पूरी करनी होती हैं
कंबोडिया और थाईलैंड ने संघर्षविराम समझौते पर किए हस्ताक्षर
कंबोडिया और थाईलैंड ने गुरुवार को संघर्षविराम की व्यवस्था को औपचारिक रूप देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह निर्णय मलेशिया की राजधानी में आयोजित एक विशेष जनरल बॉर्डर कमेटी (जीबीसी) बैठक के बाद लिया गया
हुस्न, फरेब और फसाना... जिसकी खूबसूरती पर थी दुनिया फिदा, ‘दिन की आंख’ माताहारी कैसे बन गई जासूस?
Mata Hari Real Story: दुनिया की मशहूर डांसर और कथित जासूस माताहारी को फ्रांस में 12 सैनिकों ने गोली मारकर मौत की सजा दी थी. यह डच महिला मार्गरेट ज़ेले कभी यूरोप की राजधानियों की खूबसूरती थीं. उन पर जर्मनी के लिए जासूसी और डबल एजेंट होने का आरोप था. हालांकि उके खिलाफ सबूत विवादित थे. इसी वजह से कई इतिहासकारों ने उन्हें बलि का बकरा बताया. चलिए माताहारी के बारे में तफसील से जानते हैं.
बस चार महीने में खत्म होने वाली है दुनिया? बाबा वेंगा की 2025 वाली भविष्यवाणी को लेकर मचा हड़कंप!
Baba Vanga Prediction: बुल्गारिया की भविष्यवक्ता वेंगा मैया ने भविष्यवाणी की थी कि साल 2025 में एलियंस पृथ्वी से संपर्क करेंगे. अब एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि सौरमंडल की ओर बढ़ रहा इंटरस्टेलर ऑबजेक्ट/पिंड 3I/ATLAS एक एलियन मदरशिप है जो पृथ्वी पर हमला कर सकता है. क्या बाबा वंगा की भविष्यवाणी सच हो सकती है?
इंसानों से भी ज्यादा वफादार निकला ये जानवर, 20 साल की स्टडी में सामने आई दोस्ती की अनोखी दास्तान!
Female Gorillas: रवांडा में 20 साल की रिसर्च में पाया गया कि मादा गोरिल्ला अपनी पुरानी दोस्तों को सालों बाद भी पहचानती हैं. वे नए समूह में भी उन्हीं से जुड़ती हैं, जिससे सामाजिक और भावनात्मक समर्थन मिलता है.
अमेरिका जाएंगे मुनीर, इधर भारत के दौरे पर आएंगे पुतिन, डोभाल ने कैसे रच दिया खेला?
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस महीने के आखिर में (अगस्त) भारत का दौरा करेंगे, इंटरफैक्स समाचार एजेंसी ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के हवाले से बताया. डोभाल अभी रूस में हैं.
गर्दन पर मुक्का मारा, बाल खींचे... डबलिन में 6 साल की भारतीय बेटी पर नस्लीय हमला, रो पड़ी मां
Racist Attack In Dublin: आयरलैंड के डबलिन में 6 साल की भारतीय बच्ची पर नस्लीय हमला हुआ. उसे मारा-पीटा गया और इंडिया वापस जाओ कहा गया. मां ने पुलिस में शिकायत की, लेकिन सजा नहीं, काउंसलिंग की मांग की है.
सालों से लापता था डॉक्टर का शव, खोज-खोजकर सब गए थे थक, AI और ड्रोन ने कुछ घंटे में खोजा तो सब हैरान
Hiker Missing Found After AI Spots His Helmet:इटली से ऐसी कहानी सामने आई, जिसने सबको हैरान कर दिया है. करीब एक साल पहले लापता हुए 64 साल के डॉक्टर का शव आखिरकार मिल गया है. कई महीनों तक खोजबीन के बाद जब हर आदमी थक गए थे. फिर एआई का उपयोग किया गया और यह चमत्कार हुआ. जानें पूरी खबर.
बांग्लादेश: अवामी लीग ने 'जुलाई घोषणापत्र' खारिज किया, राजनीति और दुर्भावना से प्रेरित बताया
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस द्वारा हाल ही में जारी 'जुलाई घोषणापत्र' की कड़ी निंदा करते हुए इसे खारिज कर दिया है
World News: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अल्बर्टो एस्चेरियो ने 20 सालों में लाखों अमेरिकी सैनिकों के सैंपल इकट्ठा किए थे जिससे मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी बीमारियों का इलाज खोजा जा सके. ये रिसर्च सरकार से मिले 70 लाख डॉलर से चल रही थी. लेकिन एक लड़ाई की वजह से फंडिंग को बंद कर दिया है.
आंग सान को सत्ता से किया बेदखल, तख्तापलट के 4 साल बाद म्यांमार के सबसे ताकतवर शख्स का निधन
Myanmar News: राष्ट्रपति बनने के बाद म्यिंट श्वे ने केवल औपचारिक जिम्मेदारियां निभाईं जबकि असली सत्ता सेना प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग के हाथों में रही. श्वे ने नेशनल डिफेंस एंड सिक्योरिटी काउंसिल की अध्यक्षता की.
मुस्लिम नेता बोले '30 साल में मुझे पहली बार डर लगा'...इस देश ने लगाया इस्लामिक त्यौहारों पर बैन
Spain Bans Muslim Festival: त्यौहार सभी को पसंद होते हैं. लेकिन स्पेन के एक शहर ने एक समुदाय के लोगों को उनके त्यौहारों को मनाने पर पाबंदी लगा दी है. हम बात कर रहे हैं स्पेन के मर्सिया क्षेत्र में स्थित जुमिला शहर की जहां एक धर्म के लोगों के त्यौहार पर बैन लगा दिया गया है.
अमेरिका में आधी रात, क्या अरबों डॉलर आने हुए शुरू? ट्रंप का टैरिफ बम 90 देशों में लागू
Trump tariffs hitting over 90 countries: जिस टैरिफ बम की धमकी से पूरी दुनिया में ट्रंप अपना खौफ बनाए हुए थे उसे लागू कर दिया है. टैरिफ के लागू होने से करीब90 से ज्यादा देशों पर असर पड़ेगा. जानें भारत को क्या होगा नुकसान? अमेरिका को आधी रात से आने शुरू हो गए अरबों रुपए. जानें पूरी खबर.
Ghana: हेलिकॉप्टर क्रैश...रक्षा मंत्री की हुई मौत, अचानक जंगल में गिरा; मलबे में 8 शव निकले
Helicopter Crash: चौंकाने वाली बात है कि फिलहाल दुर्घटना के कारणों का पता नहीं चल पाया है. सेना ने पहले ही पुष्टि कर दी थी कि हेलिकॉप्टर Z9 से रडार संपर्क टूट गया था. सरकार ने जांच के आदेश दे दिए हैं.
भारत से आयात पर ट्रंप ने लगाया 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क, रूसी तेल खरीद को बताया कारण
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से होने वाले आयात पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने का आदेश जारी किया है
भारत पर टैरिफ लगाकर दबाव बनाओ तो रुक जाएगी रूस-यूक्रेन की जंग? ट्रंप का मास्टर प्लान हुआ एक्सपोज
New Tariff On India Influence US-Russia Talks On Ukraine:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा ऐसा दावा किया है, जिसे जानकर कई लोग हैरान हो सकते हैं. अगर यह बात सच है तो ट्रंप का एक मास्टर प्लान का भंडाफोड़ हो गया है. जानें पूरी बात.
इंडिया-रूस से पंगा लेते-लेते डोनाल्ड ट्रंप की फिसली जबान, पुतिन से अगले वीक मिलने का बना रहे प्लान
Trump Putin Meeting: ट्रंप की तरफ से यह कूटनीतिक पहल ऐसे समय पर हो रही है जब अमेरिका रूस पर नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी में है. साथ ही जो देश रूस से तेल खरीदते हैं जैसे भारत और चीन उन्हें भी ट्रंप ने कड़े टैरिफ की धमकी दी है.
पहले पुतिन से नहीं झुका, अब भारत के समर्थन में 56 लाख की आबादी वाले देश ने US को धो डाला
India America Trade: इस रिपोर्ट के आने की टाइमिंग भी गजब है क्योंकि अमेरिका ने भारत पर रूसी तेल खरीदने के आरोप में टैरिफ दोगुना कर 50% कर दिया था. EU ने भारत की रिफाइनिंग कंपनी नायरा एनर्जी पर भी प्रतिबंध लगाया था.
'टैरिफ बम' का पहला साइड इफेक्ट? ट्रंप का आया बुलावा.. फिर से अमेरिका क्यों जा रहे मुनीर
Asim Munir in US: इससे पहले असीम मुनीर ने जून महीने में अमेरिका की यात्रा की थी जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से व्हाइट हाउस में दो घंटे की लंच मीटिंग की थी. यह मीटिंग ऐतिहासिक रही क्योंकि इसमें कोई भी वरिष्ठ पाकिस्तानी अधिकारी मौजूद नहीं था.
क्या करके मानेंगे ट्रंप? 50 प्रतिशत पर भी रुकने का नाम नहीं; अब भारत को दे दी नई चेतावनी
Donald Trump Secondary Sanctions: डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क लगाने के बाद अब नई चेतावनी दी है और संकेत दिया है कि भारत के खिलाफ अतिरिक्त 25 प्रतिशत की घोषणा के तुरंत बाद सेकेंडरी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं.
स्पॉटलाइट-जंगली जानवरों को खिला दिए जाएंगे पालतू घोड़े और खरगोश:क्यों उठाया गया ये कदम, देखें वीडियो
क्या आप अपने पेट को अपनी इच्छा से जंगली जानवर का खाना बनाना चाहेंगे? शायद नहीं, लेकिन एक ऐसा चिड़ियाघर है जो लोगों से उनके पेट्स डोनेट करने को कह रहा है, क्या है इसके पीछे की कहानी? इस अपील पर क्या है लोगों की राय,पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो
‘सिर्फ 40 सेकेंड लगे, पूरा धराली बर्बाद हो गया। 100 से ज्यादा लोग पहाड़ से बहकर आए मलबे में दब गए। इनमें लोकल भी हैं और बाहर से आए मजदूर भी। चारधाम यात्रा की वजह से लोगों ने घर यात्रियों के लिए खोल दिए थे। कई घरों में कंस्ट्रक्शन चल रहा था। मेरे घर के पास ही बिहार के 7 मजदूर काम कर रहे थे। उन्हें निकलने का मौका ही नहीं मिला।’ उत्तराखंड के धराली कस्बे में आई तबाही की कहानी सुना रहे उमेश पाल पंवार खुद इसके गवाह भी हैं। 5 अगस्त, मंगलवार की दोपहर पहाड़ों का मलबा बहकर आया और पूरा धराली उसमें दब गया। 5 लोग मारे गए, 100 से ज्यादा लापता हैं। सेना के 9 जवान भी बह गए। 50 से ज्यादा घर, 30 से ज्यादा होटल-रिजॉर्ट और 25 होम स्टे तबाह हो गए। अब रेस्क्यू टीमें मलबे में लोगों को तलाश रही हैं। पानी का बहाव भले कम हो गया, लेकिन धराली के लोगों की मुसीबतें खत्म नहीं हुईं। उमेश पाल बताते हैं कि धराली पहुंचने वाली सड़कें खत्म हो चुकी हैं। पानी-बिजली बंद हैं। मोबाइल इंटरनेट और नेटवर्क काम नहीं कर रहे। हम एक तरह से दुनिया से कट गए हैं। धराली की तबाही की कवरेज करने दैनिक भास्कर उत्तरकाशी पहुंचा। यहां से धराली करीब 90 किमी दूर है। देहरादून से उत्तरकाशी तक करीब 150 किमी तक जगह-जगह लैंडस्लाइड होती रही। रास्ता खुलने तक पूरा ट्रैफिक रुका रहा। रास्ते में कई जगह एंबुलेंस, JCB और ITBP के जवान मुस्तैद हैं। बाढ़ आई, तब धराली में मेला लगा था, दूसरे गांवों से भी लोग आए थेउमेश पाल पंवार आगे बताते हैं, ‘हादसे वाले दिन धराली में हारदूधा मेला लगा था। ये मेला सावन में लगता है। इस वजह से आस-पड़ोस के भी लोग भी धराली आए हुए थे।’ धराली के रास्ते पर पैदल चलना भी मुश्किल, सड़कें भागीरथी नदी में बहींउत्तरकाशी से धराली की ओर बढ़ते हुए हम भटवाड़ी पहुंचे। यहां से आगे रास्ता बंद है। सड़क के किनारे बह रही भागीरथी नदी का बहाव इतना तेज था कि सड़क के नीचे की चट्टानें और पत्थर बह गए। खोखली हो चुकी सड़कें नदी में समा गईं। इन रास्तों पर पैदल जाना भी मुश्किल है। भटवाड़ी में एंबुलेंस, मेडिकल स्टाफ, NDRF और SDRF की टीमें खड़ी हैं। वे भी यहां से आगे नहीं बढ़ पा रही हैं। इन्हें मदद के लिए धराली पहुंचना है, लेकिन सड़क बनने के बाद ही ऐसा हो पाएगा। सिर्फ हेलीकॉप्टर के जरिए रेस्क्यू चल रहा है। हालांकि, इससे भी बहुत मदद नहीं मिल रही। धराली में लैंडस्लाइड का 55 किमी दूर भटवाड़ी तक असरभटवाड़ी में हम संतोष से मिले। वे उत्तरांखड के टिहरी के रहने वाले हैं और भटवाड़ी में ढाबा चलाते हैं। संतोष के ढाबे से भटवाड़ी की ओर जाने वाली सड़क का एक हिस्सा भी नदी में समा गया। इससे पीछे की रोड भी धंस गई है। इससे संतोष और उनकी तरह गांव के दूसरे लोग फंस गए हैं। वे न धराली की तरफ जा सकते हैं, न पीछे उत्तरकाशी आ सकते हैं। भटवाड़ी तक पहुंचना भी आसान नहीं है। सड़कें टूट चुकी हैं, पहाड़ दरक कर सड़कों पर आ गए हैं। हमने संतोष से धराली में आई तबाही के बारे में पूछा। वे बताते हैं, ‘तीन दिन से बारिश हो रही थी। तेज तो नहीं थी, लेकिन बिना रुके हो रही थी। 5 अगस्त की दोपहर अचानक नदी का बहाव तेज हुआ। फिर धमाके की आवाज आई।' ढाबे से कुछ मीटर दूर पूरी सड़क 50 फीट नीचे नदी में जा समाई। लैंड स्लाइड की आवाज इतनी डरावनी थी कि मुझे पूरी रात नींद नहीं आई। यहीं मिले कन्हैया सिंह रावत दुकान चलाते हैं। वे रेस्क्यू टीमों के लिए खाना बना रहे हैं। कन्हैया बताते हैं, ‘पानी का बहाव अब भी कम नहीं हो रहा है। बारिश से खतरा बढ़ रहा है।’ रास्ते बंद होने से रेस्क्यू रुका, पहाड़ से पत्थर गिर रहेदेहरादून से धराली जाने के दो रास्ते हैं। एक देहरादून से मसूरी, सुआखोली, चिन्यालीसौट, धरासू बैंड होते हुए धराली और आखिर में गंगोत्री। दूसरा रास्ता है- देहरादून से ऋषिकेश, चंबा, चिन्यालीसौट, धरासू बैंड होते हुए धराली और गंगोत्री। धराली जाने के लिए हमने पहला रास्ता चुना क्योंकि ये थोड़ा छोटा है। यहां से धराली जल्दी पहुंचा जा सकता था। 6 अगस्त की सुबह हमें देहरादून से सफर शुरू करना था, लेकिन तेज बारिश हो रही थी। दोपहर में बारिश कम हुई, तब हम मसूरी के लिए निकले। ऊंचे पहाड़ शुरू होते ही लैंडस्लाइड होने लगी। करीब तीन जगह हमें रुकना पड़ा। यहां सड़क पर पहाड़ से पत्थर, मिट्टी और पेड़ गिरे हुए थे। एक बार तो पहाड़ से टूटकर पत्थर हमारी कार के आगे गिरा। रास्ता फिर बंद हो गया। कुछ देर में एक्सकेवेटर मशीन आई और मलबा हटा रास्ता साफ किया। भागीरथी नदी के किनारे-किनारे चारधाम वाले रास्ते पर हम आगे बढ़े। भागीरथी नदी देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलकर गंगा बन जाती है। धराली भागीरथी नदी के किनारे बसा है। धराली के बीच से एक पहाड़ी नाला बहता है। पहाड़ों से बहकर मलबा इसी नाले में आया और धराली में फैल गया। धराली से अब तक रोड कनेक्टिवटी नहीं, एयर रूट से हो रहा रेस्क्यूभागीरथी नदी के तेज बहाव ने नदी के बगल से निकली सड़कों को काट दिया है। भटवाड़ी में हमें कई हेलीकॉप्टर उड़ते दिखाई दिए। इनके जरिए ही रेस्क्यू किया जा रहा है। अब तक 400 से ज्यादा लोगों को बचाया जा चुका है। बहुत कोशिशों के बाद भी हम धराली नहीं पहुंच सके। सड़क ठीक होने तक हमें इंतजार करना होगा। हालांकि, हमने धराली और हर्षिल में मौजूद कुछ लोगों से बात की, जो लैंड स्लाइड के बाद से डरे हुए हैं। ‘लगा कि भूकंप आ गया, और हम धरती में समा जाएंगे’धराली से 5 से 7 किमी दूर हर्षिल है। यहां सेना का बेस भी है। हर्षिल में एक गेस्ट हाउस में काम करने वाले अनुज बताते हैं ‘५ अगस्त की दोपहर करीब डेढ़ बजे धमाका सुनाई दिया। किसी को कुछ समझ नहीं आया। हमें लगा भूकंप आ गया है और हम धरती में समा जाएंगे।’ हमने अनुज से फोन पर बात की। उन्होंने हमें बताया कि हर्षिल के आर्मी कैंप से 20 से ज्यादा जवान बह गए हैं। बाद में आर्मी ने बयान जारी कि १२ जवान लापता हुए थे, जिनमें से ३ मिल गए हैं। ९ जवान अब भी लापता हैं। आखिर में अनुज कहते हैं, -‘तीन दिन से लाइट नहीं है। हम फोन चार्ज नहीं कर पा रहे। इंटरनेट भी बंद है।’ एक्सपर्ट बोले-ये आपदा आना तय थी एक्सपर्ट: एसपी सती, जियोलॉजिस्ट सवाल: धराली में हादसे की क्या वजह है?जवाब: यह एक उच्च हिमालयी क्षेत्र है, जो खड़ी ढलान वाला है। ऊपरी हिस्सों में या तो ग्लेशियर हैं या उनके बचे हुए हिस्से यानी रेलिक्ट्स हैं। ग्लेशियर सिर्फ बर्फ नहीं होता, उसके साथ मिट्टी-पत्थर भी होते हैं। बर्फ पिघल जाती है, तो यह मलबा ढेर बनकर रह जाता है। लगातार बारिश की वजह से यह भीगता रहा और पूरी तरह से सैचुरेट होने की वजह से टूटकर नीचे खिसक गया। इस मलबे में 20% पानी और 80% मलबा था। यह नीचे की ओर बढ़ा, तो अपने साथ और मलबे को जोड़ता गया। इससे उसका आकार बढ़ता गया और इतनी तबाही हुई। सवाल: क्या पहले भी ऐसे हादसे हुए हैं?जवाब: ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। 1835 में, 2013 में और उसके बाद भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। यह शहर नाले के लाए मलबे पर ही बसा था। इसलिए ये घटना होनी तय थी। सवाल: भागीरथी नदी की घाटी में मलबा कहां से आया, क्या वहां कोई झील थी?जवाब: झील की बात सही नहीं है। हो सकता है कि वहां पहले से लैंडस्लाइड हो रही हो, जो एक साथ टूटकर नीचे आ गई। सवाल: क्या यह आपदा बादल फटने की वजह से आई?जवाब: नहीं, बादल नहीं फटा है। बहुत तेज बारिश नहीं हुई, बल्कि लंबे समय तक होती रही। लंबे समय तक होने वाली हल्की बारिश जमीन में गहराई तक जाती है, ये बाद में बड़ा नुकसान पहुंचाती है। सवाल: क्या ऐसी आपदाओं का पहले से पता लगाने के लिए कोई तकनीक है?जवाब: इस तरह की घटनाएं हिमालय की लगभग सभी घाटियों में आम हैं। इसके लिए किसी रॉकेट साइंस की जरूरत नहीं है। हम जानते हैं कि जिस दिन भी ज्यादा या लंबे समय तक बारिश होगी, इन नालों में मलबा आएगा ही। मुद्दा इसका अनुमान लगाना नहीं है। हमें पता है कि आज नहीं, तो 10 साल बाद इस नाले में मलबा आना तय है। वहां कंस्ट्रक्शन क्यों किया जा रहा है। सरकारें इसकी परमिशन क्यों दे रही हैं। वरुण अधिकारी, जियोलॉजिस्ट सवाल: इस इलाके की जियोलॉजिकल बनावट कैसी है, क्या ये इलाका सेंसेटिव है?जवाब: हां, यह संवेदनशील इलाका है। अब तक आपदा की एक वजह पर सहमति नहीं बनी है। शुरुआत में इसे बादल फटना कहा गया, लेकिन मौसम विभाग के डेटा से साफ है कि यह क्लाउडबर्स्ट नहीं था। हालांकि, किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में अभी समय लगेगा। सवाल: जियोलॉजी में ऐसी आपदाओं के कारणों का पता लगाने की क्या प्रक्रिया है?जवाब: इसके लिए कई कदम उठाए जाते हैं। सवाल: क्या ऐसी आपदाओं के लिए कोई अलर्ट सिस्टम है?जवाब: समस्या यह है कि इस तरह की घटनाओं का पैमाना बहुत बड़ा होता है। प्रतिक्रिया के लिए समय बहुत कम मिलता है। अगर कोई अलर्ट सिस्टम लगा भी दिया जाए, तो वह घटना से ज्यादा से ज्यादा 5-10 मिनट या आधा घंटा पहले ही एक्टिव हो पाएगा। इतने कम समय में पूरे इलाके को खाली कराना संभव नहीं है। 2021 में तपोवन के पास हुई घटना में भी यही हुआ था। सिर्फ एक अलार्म सिस्टम लगा देना, समाधान नहीं है। सवाल: फिर इसका समाधान क्या है?जवाब: इसके लिए कोई आसान या सीधा समाधान नहीं है। आउट ऑफ द बॉक्स सोच, गहरी रिसर्च और प्रभावी इंजीनियरिंग समाधानों की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं का बेहतर मैनेजमेंट किया जा सके। हिमाचल में भी भारी बारिश, किन्नर कैलाश यात्रा रुकीहिमाचल प्रदेश में मंगलवार रात से हो रही बारिश की वजह से किन्नौर जिले में निकलने वाली किन्नर कैलाश यात्रा रोक दी गई है। इस बीच दो श्रद्धालुओं की बाढ़ में बहने से मौत हो गई। अचानक आई बाढ़ से यात्रा के रूट पर बने दो पुल बह गए। रास्ते का नुकसान पहुंचा है, इससे यात्रा रोक दी गई है। अब भी कई श्रद्धालु फंसे हुए हैं। सड़कों पर बड़ी-बड़ी चट्टान गिरने से 500 से ज्यादा सड़कें बंद हैं। शिमला, मंडी, सोलन और कुल्लू जिले में स्कूलों की छुट्टी कर दी गई है। इसके अलावा उत्तराखंड में बुधवार को पौड़ी जिले में बादल फटा है। यहां के बुरांसी गांव में मलबा गिरने से दो महिलाएं दब गईं। एक महिला का शव मिल चुका है, जबकि दूसरी की तलाश जारी है। बाकुंडा गांव में भी बादल फटा, जहां 5 नेपाली मजदूरों के बहने की खबर है। ....................................उत्तरकाशी आपदा से जुड़ी ये रिपोर्ट भी पढ़ें एक्सपर्ट बोले-धराली में बादल फटने का डेटा नहीं, वहां महज 27mm बारिश दर्ज धराली गांव में आई आपदा के पीछे की वजह बादल फटना बताया जा रहा था, लेकिन मौसम विभाग के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने कहा कि बादल फटने का कोई डेटा नहीं है। बादल फटना तब कहा जाता, जब अचानक 20 से 30 वर्ग किलोमीटर के इलाके में एक घंटे या उससे कम समय में 100mm से ज्यादा बारिश हो जाए, लेकिन उत्तरकाशी में सिर्फ 27mm बारिश दर्ज की गई, जो बहुत कम है। पढ़ें पूरी खबर...
कनाडा में 'राम आए', इस शहर में लगी देश की सबसे ऊंची प्रतिमा तो बिफर गए पाकिस्तानी, बोले-तौबा तौबा
Ram Statue in Canada: कनाडा भी अब धीरे-धीरे सनातन धर्म के रंग में रंगता जा रहा है. वहां पर 51 फुट ऊंची भव्य श्रीराम प्रतिमा लगाई गई है. यह कनाडा की सबसे ऊंची प्रतिमा है. इस खबर के पता चलने पर पाकिस्तानी मुसलमान बिफरे हुए हैं.
India Bangladesh News in Hindi: उत्तर और पश्चिम से लगातार खतरे का सामना कर रहे भारत के लिए अब पूरब में बड़ा खतरा पैदा हो रहा है. शेख हसीना की सत्ता से विदाई के बाद बांग्लादेश में भारत विरोधी खूंखार संगठन की वापसी हो गई है. उसे पाकिस्तान की भी शह मिल रही है.
Putin Vs Trump: व्हाइट हाउस की छत पर खड़े होकर ट्रंप ने किया बड़ा इशारा, हाथ से ही उड़ा दी मिसाइल
रूस के INF Treaty से बाहर निकलने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने कुछ बड़े कदम उठाए हैं, क्योंकि रूस के एक फैसले ने ना सिर्फ अमेरिका बल्कि यूरोपीय देशों की टेंशन बढ़ा दी है.
DNA: BRICS में दरार डालने पर उतारू हैं ट्रंप? क्या दांव पर लगी है डॉलर की साख
Dollar Power:ब्राजील में हुई समिट में पहला फैसला ये लिया गया था कि आने वाले वक्त में ब्रिक्स के सदस्य अपनी करेंसी में ही व्यापार करेंगे, जिसका सीधा मतलब होगा कि दुनिया के एक बड़े हिस्से से डॉलर का प्रभाव हट जाएगा.
Georgia Military Base Attack News: अमेरिका में बुधवार सुबह जॉर्जिया मिलिट्री बेस पर हमला हो गया. हाथ में घातक राइफल लेकर पहुंचे हमलावरों ने सैनिकों पर गोलियां चला दी, जिससे 5 सैनिक घायल हो गए. उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.
US ने ये क्या किया...रूस के परमाणु ठिकानों पर भेजा 'महाकाल', कितना विध्वंसक है Nuke Sniffer?
What is Nuke Sniffer: अमेरिका ने बड़ा कदम उठाते हुए अपना न्यूक स्निफर विमान रूस के परमाणु ठिकानों की तरफ भेज दिया है. बताया जा रहा है कि 14 घंटों के बाद यह विमान वापस लौटा है.
DNA Analysis: वर्ष 2022 में यूक्रेन पर रूस ने हमला किया था. वर्ष 2023 और 2024 में अमेरिका ने रूस से 2400 करोड़ रुपए से ज्यादा का TITANIUM खरीदा था. अमेरिका में TITANIUM का इस्तेमाल मेडिकल उपकरण और मिसाइल बनाने के लिए किया जाता है. इसी तरह वर्ष 2023-24 में अमेरिका ने तकरीबन 928 करोड़ रुपए के विमान इंजन भी रूस से खरीदे हैं.
पाकिस्तान: इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर 14 अगस्त को विरोध-प्रदर्शन
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के वरिष्ठ नेता असद कैसर ने घोषणा की है कि पार्टी अपने संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर 14 अगस्त को पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आंदोलन के दूसरे चरण की शुरुआत करेगी
दुनिया का सबसे सुरक्षित शहर, लेकिन हर कोई रखता है बंदूक, वजह जानकर दंग रह जाएंगे
Safest City In The World: नॉर्वे के स्वालबार्ड में क्राइम बेहद कम है, फिर भी लोग घर से बाहर निकलते समय बंदूक रखते हैं. वजह अपराध नहीं, बल्कि ध्रुवीय भालुओं से सुरक्षा है. शहर में हथियार पर सख्त नियम हैं और यह दुनिया के सबसे सुरक्षित स्थानों में गिना जाता है.
Ghana Helicopter Crash: घाना में हेलीकॉप्टर क्रैश, रक्षा और पर्यावरण मंत्रियों समेत 8 की मौत
Ghana Helicopter Crash: घाना में हेलीकॉप्टर हादसे पेश आया है. इस हादसे में 2 मंत्रियों समेत 8 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों पूर्व मंत्री के अलावा नेशनल सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर भी शामिल हैं. हादसा कैसे हुआ अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है.
बुरी तरह बौखलाए डोनाल्ड ट्रंप, रूस से नहीं तोड़ी दोस्ती तो भारत पर लगाया 25% एक्स्ट्रा टैरिफ
Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति भारत और रूस की दोस्ती से इतना ज्यादा चिढ़े हुए हैं कि उन्होंने भारत पर अब 50 प्रतिशत टैरिफ दिखा दिया. इससे पहले ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया था.
बांग्लादेश में अगले साल रमजान से पहले हो सकते हैं आम चुनाव
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने घोषणा की है कि अगले आम चुनाव फरवरी 2026 में होंगे. इससे पहले सरकार ने अप्रैल 2026 में चुनाव करवाने की बात कही थी. राजनीतिक दबाव को चुनाव की तारीखों में बदलाव की वजह माना जा रहा है
Brazil President: डोनाल्ड ने पिछले दिनों दावा किया था कि ब्राजील के राष्ट्रपति कभी-भी उनसे बात कर सकते हैं लेकिन ब्राजील प्रेजिडेंटलुईज इनासियो लूला दा सिल्वा ने उन्हें अब ठेंगा दिखा दिया है.
कोरोना के बाद चीन में इस बीमारी का कहर, 7000 से ज्यादा मामले आए सामने सरकार कर रही बचाव के उपाय
चिकनगुनिया के खिलाफ चीनी अधिकारियों के चलाए गए अभियान ने एक बार फिर से कोविड महामारी की याद दिला दी. चीनी अधिकारियों ने अपने घरों में गमले रखने वालों, खाली बोतलें रखने वालों को सख्त हिदायत देते हुए उन्हें हटाने के निर्देश जारी किए हैं.
रुसी नेताओं के साथ बैठक के बाद ट्रंप करेंगे भारत पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ मास्को में रूसी नेताओं के साथ बैठक के लिए मौजूद हैं। इस बैठक का परिणाम यह निश्चित करेगा कि डोनाल्ड ट्रंप रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर कितना टैरिफ लगाएंगे। ट्रंप बैठक के नतीजे का इंतजार कर रहे हैं
चीन में अलर्ट! अगस्त में दो से तीन तूफानों के टकराने की आशंका
चीन में अगस्त महीने के दौरान दो से तीन तूफानों के टकराने या उसके प्रभाव में आने की आशंका है
दवाओं के आयात पर शुल्क 250 प्रतिशत तक पहुंच सकता है: ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में दवाओं का निर्माण बढ़ावा देने के लिए आयातित दवाओं पर लगने वाला शुल्क (टैरिफ) धीरे-धीरे बढ़ाकर 250 प्रतिशत तक किया जा सकता है
खुद छुपकर रूस से खरीद रहा यूरेनियम, भारत के सवाल पर ट्रंप का 'मासूम' जवाब- मुझे कुछ नहीं पता
Donald Trump Tariff News: मंगलवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि, उन्हें नहीं पता कि अमेरिका रूस से केमिकल और खाद खरीदता है या नहीं. ट्रंप का ये बयान उस दावे के बाद आया है जिसमें भारत ने कहा था कि अमेरिका अपने परमाणु उद्योग खाद और केमिकल के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड लगातार खरीद रहा है.
Hiroshima and Nagasaki Atomic Bombings: 6 अगस्त 1945 का दिन जापान के इतिहास के सबसे काले पन्नों में दर्ज है, जब अमेरिका ने उसके हिरोशिमा शहर पर परमाणु बम गिराया था.
DOGE कर्मचारी के साथ वॉशिंगटन में मारपीट, भड़के ट्रंप-मस्क आए साथ, अपराधियों को दे डाली चेतावनी
America News: अमेरिका में DOGE के एक कर्मचारी के साथ मारपीट का मामला सामने आया है, जिसको लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क ने चिंता जाहिर की है.
यूनुस ने 'जुलाई घोषणा पत्र' किया जारी, 2024 के छात्र जन आंदोलन को संवैधानिक दर्जा देने का ऐलान
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने मंगलवार को संसद परिसर के साउथ प्लाजा में आयोजित जनसभा में ‘जुलाई घोषणा पत्र’ को सार्वजनिक किया
NATO Russia Ukraine: यह सही है कि सीधे तौर पर NATO यूक्रेन को घातक हथियार नहीं देता है. मगर सदस्य देश अब मिलकर उसकी रक्षा को लेकर निर्णायक भूमिका निभा रहे हैं. इससे क्लियर है कि रूस के सामने NATO पीछे हटने को तैयार नहीं बल्कि अब रणनीतिक और सैन्य रूप से पहले से कहीं ज्यादा एकजुट दिखाई दे रहा है.
पूरी दुनिया में भूतिया गड़िया के तौर पर मशहूर और कई मौतों की जिम्मेदार मानी जाने वाली एनाबेल डॉल को लीगल गार्जियन यानी कानूनी तौर पर उसकी देख रेख करने वाला मिल गया है. इतना ही नहीं एनाबेल के घर और कई शापित चीजों से भरे ऑकल्ट म्यूजियम को भी 5 सालों के लिए खरीद लिया गया है.अब कौन करेगा एनाबेल की देख-रेख? म्यूजियम में रखे हॉंटेड पियानो, हॉंटेड शीशे जैसी भूतिया चीजों की क्या है कहानी?पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो
पाकिस्तान : तहरीक-ए-इंसाफ ने किया विरोध प्रदर्शन, इमरान खान को रिहा करने की मांग
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी को दो साल हो गए हैं।
‘मेरी बेटी दुपट्टे पर पीको कराने गई थी। उसी समय सुरेंद्र कोली ने उसे देखा और फूल देने के बहाने बुलाकर मार डाला। सुरेंद्र ने खुद मेरे सामने ये बात कबूली थी। माफी भी मांगी थी, लेकिन अब क्या कहें। कोर्ट ने ही कह दिया कि सुरेंद्र कोली ने कुछ नहीं किया। बेटी को इंसाफ दिलाने घर-जमीन सब बेच दी, लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ।‘ नोएडा के सेक्टर-30 में रहने वाले झब्बू ने 2006 में सामने आए निठारी कांड में बेटी को खो दिया था। उसे इंसाफ दिलाने के लिए 19 साल कानूनी लड़ाई लड़ी, लेकिन 30 जुलाई को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने उन्हें निराश कर दिया है। कोर्ट ने आरोपी रहे मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को बरी कर दिया। कोर्ट ने सुरेंद्र कोली के कबूलनामे और कंकालों की रिकवरी को खारिज कर दिया। 2006 में नोएडा के सेक्टर-31 की D-5 कोठी से सटे नाले में 19 कंकाल मिले थे। इनमें से 16 को लेकर निठारी केस चला। मर्डर का आरोप कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली पर लगा। अब 30 जुलाई को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मोनिंदर सिंह पंढेर दो केस में बरी हो चुके हैं। फैसले के बाद पंढेर ने रोते हुए कहा कि आखिरकार ये कलंक हट गया। कोर्ट ने निठारी कांड के आरोपी रहे मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को बरी करने के हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया। सुरेंद्र 12 केस में बरी हो चुका है, लेकिन अभी एक केस पेंडिंग है। कानून के जानकारों का कहना है कि कोली को इस पेंडिंग केस में भी जल्द राहत मिल सकती है। हमने निठारी कांड पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को समझने के लिए केस से जुड़े एडवोकेट से बात की। साथ ही विक्टिम के परिवार वालों और बरी हो चुके मोनिंदर सिंह पंढेर के परिवार से भी बात की। विक्टिम की फैमिली…जब पंढेर और कोली दोषी नहीं तो जेल में क्यों रखानोएडा के निठारी में कोठी D-5 के ठीक सामने सेक्टर-30 है। निठारी केस में जान गंवाने वाली रीता (बदला हुआ नाम) यहीं रहती थीं। उनके पिता झब्बू सेक्टर-30 की एक सोसाइटी में किराए की झुग्गी में रहते हैं और पत्नी के साथ वहीं प्रेस का काम करते हैं। झब्बू कोर्ट के फैसले से बहुत नाराज दिखे। वे कहते हैं, ‘अब सुरेंद्र कोली ने कुछ नहीं किया तो फिर क्या बताएं। अगर पंढेर दोषी नहीं था तो 18-20 साल उसे जेल में क्यों रखा। आखिर लोअर कोर्ट ने सजा कैसे सुनाई। पंढेर और कोली ने गलत किया, तभी तो जेल में रखा गया।‘ अगर वो बेगुनाह हैं तो फिर जुर्म किसने किया, उसे ढूंढा जाए। पहले तो मीडिया से लेकर पूरे देश दुनिया ने देखा कि वहां से कैसे कंकाल निकाले गए थे। हम लोगों ने खुद वहां से कंकाल निकाले थे, तब जाकर केस खुला। पुलिस भी वहां हमारे बाद पहुंची थी। ‘हमने 96 सिर की गिनती करके सेक्टर-49 थाने में दी थी। उस वक्त थाने में कई पुलिस अधिकारी मौजूद थे। उनमें सेक्टर-20 थाने के SO बीपी सिंह ने हमसे कहा कि कंकालों की संख्या जितनी कम होगी, उतनी जल्दी सजा होगी। इसलिए हमने भी संख्या पर गौर नहीं किया। घटाते-घटाते कंकालों की संख्या 19 पर आ गई।‘ ‘इसके बाद इनमें से 16 मामलों में कार्रवाई शुरू हुई। मुझे तो यही लगा था कि 2 केस हो चाहे 16, हमें फांसी की सजा दिलाने से मतलब है। हम ये नहीं जानते थे कि फांसी तो दूर आरोपी बरी हो जाएंगे। पुलिस ने हमें गुमराह किया।‘ इंसाफ पाने के लिए घर-जमीन बेची, जांच अधिकारियों को सजा होझब्बू आगे कहते हैं, ‘हमने इंसाफ पाने के लिए घर बेचा, जमीन बेच दी। फिर किसी तरह से 4 लाख रुपए इकट्ठा किए। इसके अलावा न जाने कितनी बार 50 हजार और 20-20 हजार रुपए खर्च किए। अब हमारे पास कुछ नहीं बचा है। सबकुछ खत्म हो गया और इंसाफ भी नहीं मिला। बस यही किराए की झुग्गी है, जिसमें कपड़े प्रेस करके गुजारा कर रहे हैं।‘ ‘अगर दोनों दोषी नहीं हैं, तो इन्हें जिसने गिरफ्तार किया और जेल में रखा, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। अगर गलत व्यक्ति को जेल भेजा तो अब जांच अधिकारियों को सजा होनी चाहिए।‘ ह्यूमन ट्रैफिकिंग का भी शकझब्बू आगे कहते हैं कि ये पूरा केस मानव अंगों की तस्करी का भी हो सकता है। वहां से एक भी पूरी बॉडी नहीं मिली थी। सभी मरने वालों के अंग निकाले गए थे। आंखें, दिल, गुर्दा सब निकाला गया था। आप कहीं भी जांच करा लीजिए। सीने की एक भी हड्डी नाले में नहीं मिली। सिर्फ हाथ और पैर की हड्डियां मिलीं। अब बस भगवान के भरोसे हैं और कुछ नहीं कह सकते हैं। हम तो केस लड़ते हुए बर्बाद हो गए। अब भिखारी बन चुके हैं। अब पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम योगी से ही उम्मीद है। अगर ये निठारी केस की फिर से जांच शुरू करा दें, तभी पूरा सच सामने आ सकेगा। पंढेर का बेटा बोला…पापा पहले देर तक रोए, फिर बोले- कलंक हट गयासुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हमने मोनिंदर सिंह पंढेर के बेटे करणदीप पंढेर से फोन पर बात की। वो बताते हैं कि जब ये फैसला आया, तब पाप काफी देर तक शांत रहे। फिर कुछ देर रोते रहे और बोले कि अब माथे का कलंक हट गया। करणदीप ने बताया, ‘1 अगस्त को पापा का जन्मदिन होता है। उसके एक दिन पहले ही मेरा जन्मदिन था। 19 साल बाद पहली बार हम सब अपने बर्थडे पर खुश हो सके। हमें उम्मीद थी कि एक न एक दिन इंसाफ मिलेगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पूरे परिवार को राहत मिली है।‘ निठारी कांड में 2 सबसे बड़े सबूत कोर्ट में कैसे फेल हुएअब समझिए कि आखिर सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर कैसे बरी हुए। हमने मोनिंदर सिंह पंढेर की वकील मनीषा भंडारी से बात की। वे बताती हैं, ‘इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जिन दो मामलों में मोनिंदर सिंह पंढेर को बरी किया और 12 मामलों में सुरेंद्र कोली को बरी किया था, उन्हीं कुल 14 मामलों में सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी।‘ ‘केस की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने CBI के अधिवक्ता से यही पूछा कि हाईकोर्ट के फैसले में क्या कमी है। उसमें क्या गैरकानूनी है। इस पर CBI की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट ने अभियुक्त सुरेंद्र कोली के मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए कबूलनामे को नहीं माना। न ही कोठी के आसपास हुई नर कंकालों की रिकवरी को माना।‘ मनीषा आगे कहती हैं, ‘कानून में एक बड़ी सामान्य और जरूरी बात है। जिसका रिकवरी मेमो नहीं है, वो रिकवरी ही मान्य नहीं होती है। जहां तक कबूलनामे की बात है, तो वो टॉर्चर करके लिया गया था। ऐसे में सुरेंद्र कोली का कबूलनामा और रिकवरी दोनों ही मान्य नहीं हुआ। फिर ये केस कहीं टिकता ही नहीं है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि हाईकोर्ट का फैसला बिल्कुल सही है।‘ रिकवरी मेमो में CBI जैसी जांच एजेंसी से क्या गलती हुई?इसके जवाब में मनीषा कहती हैं, ‘पूरा निठारी केस बरामद हुए नर कंकालों पर चला था। इसी रिकवरी के आधार पर अभियुक्तों को फांसी की सजा देने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने इस रिकवरी को ही नहीं माना। सुप्रीम कोर्ट ने CBI से सवाल पूछा कि क्या आपके पास उस रिकवरी का मेमो है। CBI ने नहीं में जवाब दिया। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बस यहीं से केस ही खत्म।‘ वे इसे समझाते हुए कहती हैं, ‘संदिग्ध के पकड़े जाने पर जांच एजेंसी आरोपी से पूछताछ कर उसका मेमो बनाती हैं। वे आरोपी की निशानदेही पर पता लगाती हैं कि लाश कहां छुपाई और घटना में इस्तेमाल हथियार कहां है। आरोपी को उस जगह ले जाकर रिकवरी कराई जाती है। इसी प्रोसेस को रिकवरी मेमो कहते हैं। यानी पहले आरोपी का बयान लिया जाएगा, उसके बाद उसी की निशानदेही से रिकवरी होगी।‘ ‘इस केस में जब जांच एजेंसी मौके पर पहुंची तो पब्लिक ही कंकाल और तमाम चीजें निकालकर पुलिस को सौंप रही थी। इस तरह केस में आरोपी के बताने पर रिकवरी नहीं हुई, बल्कि लोगों ने की। फिर कैसे माना जाए कि ये रिकवरी आरोपी के पास से हुई। जांच एजेंसी के पास यही रिकवरी मेमो नहीं था।‘ कोली का कबूलनामा इसलिए नहीं हुआ मान्यअब बात सुरेंद्र कोली के कबूलनामे की। वकीलों के मुताबिक, ‘हाईकोर्ट ने कहा कि सुरेंद्र कोली को लगातार 60 दिनों तक कस्टडी रिमांड में रखा गया। एक केस में रिमांड खत्म होने से पहले दूसरे केस में रिमांड मिल जाती थी। इस तरह 60 दिनों के बाद मजिस्ट्रेट के सामने कबूलनामा हुआ था। ये सब अपने आप में सवाल खड़ा करता है।‘ ‘इसके अलावा सुरेंद्र कोली ने 26 मार्च 2010 को लेटर लिखा था। उसमें कोली ने जिक्र किया था कि CBI ने उसे बहुत टॉर्चर किया और बयान देने के लिए दबाव डाला था। कोली ने ये भी लिखा था- 'CBI ने बताया था कि मेरा परिवार उनकी कस्टडी में है। अगर मैंने उनके बताए मुताबिक नहीं किया तो वो मेरे परिवार को गुस्साई भीड़ के सामने छोड़ देंगे।' अगर सीरियल किलिंग नहीं तो क्या ऑर्गन ट्रेड का है मामलानिठारी केस को अंजाम देने के पीछे अगर सीरियल किलिंग नहीं है, तो फिर क्या है। इस सवाल के जवाब को लेकर कोर्ट ने जांच में खामियों का हवाला दिया है। इस बारे में एडवोकेट मनीषा भंडारी बताती हैं, ‘हाईकोर्ट के फैसले से पहले भी महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की 2007 में सौंपी गई रिपोर्ट पर काफी बहस हुई थी।‘ ‘उस रिपोर्ट में CBI को ऑर्गन ट्रेड वाले एंगल और सीरियल किलिंग के दावे से अलग जांच करने के लिए कहा गया था। ये भी कहा गया था कि इसमें D-5 के अलावा आसपास के एरिया में भी जांच करने और गैंग का पता लगाने की जरूरत है। इसे लेकर कोर्ट ने भी CBI से कहा था कि किडनी कांड वाले डॉक्टर का घर D-5 के ठीक बाद वाला यानी D-6 है। CBI ने उस लाइन पर जांच ही नहीं की।‘ ‘कोर्ट ने ये भी कहा था कि जहां से कंकालों की रिकवरी हुई, वो D-5 कोठी के पीछे वाला खुला हिस्सा या फिर कोठी के बाहर नाला है। इन दोनों जगह पर कोई बाहरी भी आ सकता है। इसलिए ऑर्गन ट्रेड पर जांच करने की जरूरत थी। CBI ने उस एंगल पर भी जांच ही नहीं की।' सीरियल किलर अपने टारगेट एक खास पैटर्न पर चुनता है। इस केस में वैसा कोई पैटर्न नहीं दिखा, क्योंकि इसमें लड़के और लड़कियां दोनों विक्टिम हैं। इनमें 3 साल के बच्चे से लेकर ज्यादा उम्र की महिला तक हैं। इसलिए इस वारदात को अंजाम देने में किसी सीरियल किलर के होने का आधार अभी साफ नहीं है। फोरेंसिक एक्सपर्ट बोले- ऑर्गन ट्रेड का मामला नहीं लगता आर्गन ट्रेड की आशंकाओं को लेकर हमने फोरेंसिक एक्सपर्ट और एम्स में निठारी केस के कंकालों की जांच करने वाले डॉ. टीडी डोगरा से बात की। वे बताते हैं, ‘हमने 3 महीने तक जांच की थी। 21 अलग-अलग इंसानी कंकाल तैयार किए थे। जो सामानों की रिकवरी हुई, उसकी सुरेंद्र कोली से भी पहचान कराई थी। उसने लड़कियों से मिले सामानों को पहचाना था, जैसे- किसी बच्ची का हेयरबैंड पहचान लिया।‘ ‘फोरेंसिक साइंस के लिहाज से मेरा मानना है कि निठारी केस में ऑर्गन ट्रेड का मामला नहीं हो सकता है। किसी भी इंसान के ऑर्गन को निकालना और फिर उसे ट्रांसप्लांट करना इतना आसान नहीं है। पूरी टीम होती है। डोनर और रिसीवर भी होने चाहिए। इसलिए मैं इस थ्योरी पर आज भी भरोसा नहीं करता हूं।' ......................... ये खबर भी पढ़ें... मुंबई से गायब सृजना-मेनुका नेपाल में फंदे पर लटकी मिलीं नेपाल के भक्तपुर जिले के ठिमी इलाका। 24 जुलाई को यहां किराए के कमरे से सुबह दो सगी बहनों की लाश मिली। दोनों के गले में नाइलॉन की रस्सी का एक-एक सिरा बंधा था। जबकि रस्सी का बीच का हिस्सा कमरे की छत पर लगे हुक में बंधा मिला। सबसे पहले पड़ोसियों को घटना का पता चला और उन्होंने पुलिस को खबर दी। इसमें सृजना की उम्र 14 साल और मेनुका की उम्र 17 साल थी। ये मुंबई से नेपाल कैसे पहुंचीं, इनके साथ क्या हुआ। पढ़िए पूरी खबर...
Trump Tariff on India: रूस से तेल न खरीदने और कथित टैरिफ कम करवाने की ट्रंप की सनक अब भारत और अमेरिका दोनों देशों के रिश्तों को खतरे में डाल रही है. भारत से रिश्ते बिगड़ते देख खुद अमेरिका में भी बेचैनी फैल रही है और वहां पर इसका विरोध तेज हो गया है.
टैरिफ पर भारत का एक्शन, दुनिया का रिएक्शन; ट्रंप की धमकी का ग्लोबल मीडिया विश्लेषण
DNA:ट्रंप के टैरिफ को लेकर हर वो देश भारत की नीति का समर्थन कर रहा है. जिसको ट्रंप ने बिना वजह टैरिफ वॉर में घसीटने की कोशिश की है. रूस के बड़े अखबार मॉस्को टाइम्स की हेडलाइन में भारत, अमेरिका के संबंधों को लेकर कहा गया है. ट्रंप ने बार-बार रूस से तेल की सप्लाई रोकने के लिए भारत पर दबाव बनाया है.
भारत पर अगले 24 घंटे में टैरिफ में होगी भारी वृद्धि : डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह अगले 24 घंटों में भारत पर टैरिफ और बढ़ाएंगे
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पहाड़ से पानी का एक सैलाब और उसके साथ ढेर सारा मलबा आया और 34 सेकंड के अंदर एक पूरा का पूरा गांव बह गया। अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 50 से ज्यादा लोग लापता हैं। इस भयंकर तबाही की वजह है- बादल फटना। क्या वाकई बादल फटता है, इसके पीछे की साइंस क्या, बादल फटने से उत्तराखंड में सबसे ज्यादा तबाही क्यों मचती है, जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में… सवाल-1: उत्तराखंड में बादल फटने की घटना क्या है, जिसमें पूरा गांव बह गया? जवाब: उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में पिछले दो दिनों से लगातार तेज बारिश हो रही थी। इसके चलते एक नाला उफान पर आ गया। पहाड़ों से होते हुए नाले का पानी मंगलवार दोपहर 01.45 बजे अचानक धराली गांव में सैलाब की तरह आया। इस सैलाब से सिर्फ 34 सेकंड में पूरे गांव में पानी भर गया। उत्तरकाशी के डीएम प्रशांत आर्या के मुताबिक अबतक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। लोगों के घरों, दुकानों, होटल और रेस्टोरेंट में पानी भर गया है। कई घर पूरी तरह पानी में डूब चुके हैं। NDRF और SDRF की टीमें इलाकें में रेसक्यू ऑपरेशन चला रही है। देहरादून में सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव के मुताबिक अब तक 20 लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है। सवाल-2: ये बादल फटना होता क्या है? क्या वाकई बादल फट जाता है? जवाब: छोटे से इलाके में बहुत कम समय में बहुत ज्यादा बारिश होने को बादल फटना कहते हैं। इसमें बादल के फटने जैसा कुछ नहीं होता। हां, ऐसी बारिश इतनी तेज होती है जैसे बहुत सारे पानी से भरी एक बहुत बड़ी पॉलीथीन आसमान में फट गई हो। इसलिए इसे हिंदी में बादल फटना और अंग्रेजी में cloudburst के नाम से पुकारा जाता है। इस बादल फटने की गणित को समझते हैं- मौसम विभाग के मुताबिक, जब अचानक 20 से 30 वर्ग किलोमीटर के इलाके में एक घंटे या उससे कम समय में 100mm या उससे ज्यादा बारिश हो जाए तो इसे बादल फटना कहते हैं। कई बार चंद मिनटों में ये बारिश हो जाती है। यहां अचानक शब्द के भी मायने हैं। आमतौर पर बादल कब फटेगा, इसका पहले से अनुमान लगाना मुश्किल होता है। सवाल 3: बादल फटने पर किसी इलाके में कितना पानी बरस जाता है? जवाब: इसके लिए सबसे पहले 1mm बारिश का मतलब समझते हैं। 1mm बारिश होने का मतलब है कि 1 मीटर लंबे और 1 मीटर चौड़े यानी 1 वर्ग मीटर इलाके में 1 लीटर पानी बरसना। अब इस गणित को बादल फटने की परिभाषा पर फिट कर दें, तो जब भी 1 मीटर लंबे और 1 मीटर चौड़े इलाके में 100 लीटर या उससे ज्यादा पानी बरस जाए, वो भी एक घंटे या उससे भी कम समय में, तो समझिए कि इस इलाके पर बादल फट गया। बस 100 लीटर!! यूं तो आपको ये आंकड़ा बहुत छोटा लग रहा होगा, लेकिन अगर 1 वर्ग मीटर के बजाय 1 वर्ग किलोमीटर के इलाके की गणित समझें तो, जब भी 1 वर्ग किमी इलाके में एक घंटे से कम समय में 10 करोड़ लीटर पानी बरस जाए तो समझिए वहां बादल फट गया। यानी अगर उत्तरकाशी में बादल फटा है तो उसके 20 से 30 वर्ग किलोमीटर के इलाके में एक घंटे से भी कम समय में 200 से 300 करोड़ लीटर से ज्यादा पानी बरस गया होगा। ये कितना ज्यादा पानी है, इसको एक और उदाहरण से समझते हैं- भारत में हर शख्स औसतन 170 लीटर पानी रोज इस्तेमाल करता है। इस हिसाब से गुणा भाग करें तो बादल फटने पर जितना पानी 1 घंटे से भी कम समय में बरस जाता है उतना पानी करीब 20 लाख लोग 9 दिनों तक इस्तेमाल करते हैं। भारत के करीब 300 शहरों की आबादी 20 लाख के आस-पास है। सवाल-4: बादल फटने और और तेज बारिश में क्या अंतर है? जवाब: तेज बारिश और बादल फटने में पानी की मात्रा का अंतर है- जैसा हमने पहले बताया कि जब 20 से 30 वर्ग किलोमीटर के इलाके में एक घंटे से कम समय मे 100 mm या इससे ज्यादा बारिश हो जाए तो इसे बादल फटना कहते हैं। पानी की मात्रा के अलावा दोनों में सबसे बड़ा अंतर ये है कि बारिश या तेज बारिश का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है, लेकिन बादल फटने का नहीं। यानी बादल फटने पर अचानक और बहुत तेजी से बारिश होती है। सवाल-5: आखिर बादल फटता क्यों है? जवाब: दरअसल, बादल, सूरज की गर्मी के चलते समुद्र के ऊपर बने भाप के गुबार होते हैं, जो समुद्र की नम हवाओं के साथ बहकर धरती के ऊपर आते हैं। घने बादलों वाली ये नम हवा जब समुद्र से धरती पर पहुंचती हैं तो हम कहते हैं मानसून आ गया। फ्रिज का ठंडा पानी किसी गिलास या जग में भरने पर उसकी सतह पर पानी जमा हो जाता है। ठीक ऐसे ही जब ऊपरी वातावरण में बादल ठंडे होते हैं तो बूंदों में बदलने लगते हैं। जब ये बूंदें भारी होकर धरती पर गिरने लगती हैं, तो इसे ही बारिश कहा जाता है। मानसूनी हवाओं वाले बादल हिमालय से टकराकर धीरे-धीरे भारी मात्रा में जमा हो जाते हैं और एक ऐसा समय आता है कि किसी इलाके ऊपर मंढरा रहे ये बादल पानी से भरी एक थैली तरह फट जाते हैं। यानी बहुत तेजी से एक छोटे से इलाके में बरस पड़ते हैं। सवाल-6: बादल अक्सर उत्तराखंड के ऊंचे इलाकों के आस-पास क्यों फटते हैं? जवाब: बादल आमतौर पर पहाड़ी इलाकों में फटता है। जैसा हमने पहले बताया, हिमालय से टकराकर मानसूनी बादल धीरे-धीरे भारी मात्रा में जमा हो जाते हैं और बादल फटने का माहौल बन जाता है। यही वजह है कि अक्सर बादल उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों के हिमालयी पहाड़ों के इलाके में फटते हैं। हालांकि बादल मैदानी इलाकों में भी फट सकता है, लेकिन आम तौर पर पहाड़ी इलाकों में इसका खतरा ज्यादा होता है। सवाल-7: उत्तराखंड में बादल फटने पर ज्यादा तबाही क्यों होती है? जवाब: इसकी वजह है- पानी के साथ भारी मात्रा में पहाड़ों का मलबा ऊंचे इलाकों से नीचे की तरफ आना। दरअसल, बादल फटने पर भारी मात्रा में पानी पहाड़ों की चट्टानों से टकराता है। इससे पहाड़ों में लैंडस्लाइड यानी भूस्खलन होता है और पानी के साथ भारी मात्रा में पहाड़ों का मलबा भी नीचे आता है, जो रिहायशी इलाकों और मकानों पर ज्यादा असर करता है। पूरे के पूरे गांव इस मलबे में दब जाते हैं। उत्तराखंड के हिमालयी इलाकों में बादल फटने पर लैंडस्लाइड का खतरा सबसे ज्यादा है। सवाल-8: उत्तराखंड में बादल फटने पर लैंडस्लाइड क्यों होता है? जवाब: उत्तराखंड में बादल फटने या तेज बारिश होने पर लैंडस्लाइड की 2 बड़ी वजहें हैं… 1. हिमालय के पहाड़ नए और कमजोर हैं 2. जंगलों की कटाई के चलते पहाड़ों का कमजोर होना इसके अलावा उत्तराखंड के इलाकों में नदियों में पानी कम होने और बांध बनाने के चलते नदियों का रास्ता संकरा हो गया है। ऐसे में बादल फटने पर तेजी से पानी बढ़ता है और नदियों के किनारे छोड़कर बाकी इलाके की मिट्टी और मलबे को भी साथ बहा ले जाता है। सवाल-9: किन महीनों में बादल फटने का सबसे ज्यादा डर होता है? जवाब: भारत के सबसे दक्षिणी राज्य केरल में मानसून आमतौर पर एक जून को पहुंचता है। समुद्री नमी और बादलों वाली ये हवाएं जुलाई के पहले सप्ताह तक हिमालय तक पहुंचती हैं। मानसून भी जुलााई, अगस्त और सितंबर के दौरान सबसे ज्यादा सक्रिय होता है। यही वजह है कि हिमालय हो या मैदानी इलाके, बादल अक्सर जुलाई, सितंबर और अक्बूटर में फटते हैं। सवाल-10: इंसानों की वजह से मौसम में होने वाले बदलाव यानी क्लाइमेट चेंज का बादल फटने से कोई लेना-देना है? जवाब: कई स्टडीज बताती हैं कि क्लाइमेट चेंज की वजह से बादल फटने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं और उनकी तीव्रता भी। वर्ल्ड मिटियोरॉजिकल ऑर्गनाइजशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ‘बीते 4 सालों से दुनिया का औसत तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है। तापमान बढ़ने की दर के हिसाब से हिमालय के इलाके में बादल फटने की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। बादल फटने की बढ़ती घटनाओं के चलते अचानकर बाढ़ आना, पहाड़ दरकना, मिट्टी का कटान और जमीन धंसने के मामले भी बढ़ते जाएंगे। -------- ये खबर भी पढ़ें... उत्तराखंड में बादल फटने का अनकट VIDEO:पहाड़ से पानी के साथ मलबा आया, नदी किनारे बसा पूरा गांव दब गया उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार दोपहर 1.45 बजे बादल फटा। गंगोत्री के पहाड़ों से बहने वाली खीर गंगा नदी में बाढ़ आ गई। तेज रफ्तार पानी के साथ आए मलबे ने 34 सेकेंड में धराली गांव को जमींदोज कर दिया। पूरी खबर पढ़ें...
Russia Ukraine War: एक उच्च-स्तरीय यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल को लेकर जा रहा एक विमान रविवार को जयपुर इंटरनेशनल हवाई अड्डे पर फ्यूल भरने के लिए रुका. यह विमान टोक्यो जा रहा था. इसमें यूक्रेन की प्रथम महिला और राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की की पत्नी यूक्रेन के विदेश मंत्री समेत सरकार के अन्य सीनिर सदस्य सवार थे.
Baba Vanagas Predictions:मशहूर बल्गेरियाई रहस्यवादी बाबा वंगा की डरावनी भविष्यवाणियां सच साबित हुईं हैं. माना जा रहा है कि हाल ही में 600 बरसों में पहली बार क्रशेनिनिकोव ज्वालामुखी फटा था, जिसको लेकर बाबा वंगा ने पहले ही भविष्यवाणी कर दी थी. इसी तरह उन्होंने अगस्त 2025 को लेकर भी कई भयावहभविष्यवाणियां कीं हैं.
Russia Ukraine War: रूस में दो टिकटॉक इंफ्लुएंसर्स को हमले की जगह वीडियो बनाना भारी पड़ गया. पुलिस ने दोनों महिलाओं को एक अज्ञात पुरुष के साथ गिरफ्तार कर लिया है. रूस ने सोशल मीडिया सामग्री पर सख्त नियम लागू किए हैं.
बांग्लादेश : शेख हसीना ने देशवासियों के नाम खुले खत में लिखा- 'संघर्ष जारी है'
बांग्लादेश में मंगलवार को लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित अवामी लीग सरकार के पतन के एक वर्ष पूरे होने पर पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वर्तमान अंतरिम सरकार की आलोचना की। उन्होंने अन्याय और दमन के खिलाफ खड़े होने के देशवासियों की सराहना की
मचने वाली है तबाही! रूस ने तोड़ दी 38 साल पुरानी परमाणु संधि, अब तो पुतिन को छूट मिल गई
अमेरिका 2 अगस्त 2019 को ही रूस पर इसका उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए इस संधि से अलग हो गया था. अब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों के बीच रूस ने एक बड़ा फैसला लिया है और 38 साल पुरानी परमाणु संधि से खुद को बाहर रख लिया है.
रूस के सुदूर पूर्व में स्थित कामचटका प्रायद्वीप पर मंगलवार को क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी से राख का गुबार निकलने लगा. यह राख समुद्र तल से करीब 7 किलोमीटर ऊंचाई तक पहुंच गया और दक्षिण-पूर्व दिशा में प्रशांत महासागर की ओर बढ़ने लगा. यह जानकारी स्थानीय अधिकारियों ने दी.
अमेरिका के कैलिफोर्निया में तड़ातड़ चली गोलियां, 2 की मौत, 6 गंभीर रूप से घायल
America Mass Shooting: अमेरिका में बीते दिन ग्रिफिथ एवेन्यू के पास आयोजित एक प्राइवेट पार्टी में गोलीबारी की घटना हुई. इस घटना में 8 लोगों को गोली लगी, जिसमें से 2 की मौत हो गई.
Bangladesh Minority Violence: बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के प्रति बढ़ी हिंसा को लेकर अवामी लीग पार्टी ने चिंता जताई थी. पार्टी ने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर अल्पसंख्यकों के नरसंहार का अभियान चलाने का आरोप लगाया है.
भारत रूस से तेल का आयात जारी रखेगा
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल में रूसी ऊर्जा उत्पादों की खरीद के लिए भारत पर टैरिफ और पाबंदी लगाने की धमकी दी
चुनावी तैयारियों का जायजा लेने बांग्लादेश जाएगी यूरोपीय संघ की टीम
बांग्लादेश में अगले साल होने वाले 13वें संसदीय चुनाव से पहले यूरोपीय संघ (ईयू) की एक प्री-इलेक्शन ऑब्जर्वर टीम सितंबर में बांग्लादेश का दौरा करेगी ताकि चुनावी माहौल का मूल्यांकन किया जा सके
दो बिछड़े भाई क्या एक होंगे? किम को समझना मुश्किल नहीं नामुमकिन है
North Korea-South Korea Relation: नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया के बीच लंबे समय से तनाव जारी है, हालांकि अब साउथ कोरिया ने दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने के लिए कोशिश शुरू कर दी है.
बहुत होशियार बन रहे थे ट्रंप, पुतिन ने चली ऐसी चाल, यूक्रेन हो जाएगा गदगद, अमेरिका हाथ मलता रहेगा!
Putin says he open to meeting Zelensky: रूस और यूक्रेन के बीच पुतिन ने ऐसा बयान दिया है, जिसके बाद ट्रंप समझ ही नहीं पाएंगे कि यह मेरी खौफ का नतीजा है, या पुतिन की कोई चाल. ट्रंप आए दिन रूस पर दबाव बना रहे हैं कि यूक्रेन के साथ सीजफायर करो, जिसके बाद पूरी दुनिया को पता है कि सीजफायर की क्रेडिट ट्रंप खा जाएंगे. इसके पहले यह सब हो, पुतिन ने ट्रंप के सभी अरमानों पर पानी फेर दिया है. जानें कैसे.
रूस-यूक्रेन जंग में भारत की एंट्री? कीव का फूटा गुस्सा, 2 बार की शिकायत
Indian Parts On Russian Drones: यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच यूक्रेन की ओर से भारत पर आरोप लगाया गया है कि रूसी सेना की ओर से जंग में किए जा रहे ड्रोंस में भारतीय पुर्जों का इस्तेमाल हो रहा है.
US Russia News in Hindi: रूस ने अमेरिका की ओर भारत समेत विभिन्न देशों पर लगाए जा रहे टैरिफ की निंदा की है. उसने कहा कि अमेरिका नव-उपनिवेशवादी एजेंडा पर आगे चल रहा है लेकिन वह दुनिया को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता.