BRICS Summit 2024: PM मोदी ने शेड्यूल से हटकर UAE के राष्ट्रपति से की मुलाकात, नाहयान को बताया 'भाई', जानें क्या हैं इसके मायने

PM Modi Nahayan Meet News: रूस में हुई ब्रिक्स समिट में शेड्यूल से अलग हटकर पीएम मोदी ने यूएई के राष्ट्रपति नाह्यान से मुलाकात हुई. बेहद आत्मीयता भरे माहौल में हुई इस बैठक में दोनों नेता खिलखिलाते हुए नजर आए.

ज़ी न्यूज़ 23 Oct 2024 11:12 pm

Turkish Terror Attack: तुर्किये की राजधानी अंकारा में आतंकी हमला, कई लोगों की मौत; सुरक्षाबलों ने ढेर किए 2 आतंकी

Ankara Terror Attack: तुर्किये के राष्ट्रपति एर्दोगन ब्रिक्स समिट में भाग लेने के लिए रूस गए हुए हैं. इसी बीच आज शाम आतंकियों ने राजधानी अंकारा के बाहरी हिस्से में बनी सरकारी रक्षा कंपनी पर हमला बोल दिया. इस अटैक में 10 लोग मारे गए हैं.

ज़ी न्यूज़ 23 Oct 2024 8:46 pm

PM Modi Xi Jinping News: सीमा पर शांति, एक-दूसरे का सम्मान... PM मोदी ने जिनपिंग से दो टूक कही ये 7 बड़ी बात

PM Modi Xi Jinping Meeting News: रूस के कजान शहर में हो रही ब्रिक्स समिट बुधवार को भारत- चीन के रिश्तों में एक नए मोड़ का गवाह बना. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ आमने- सामने हुई बैठक में पीएम मोदी ने उन्हें दोटूक तरीके से रिश्तों की अहमियत समझा दी.

ज़ी न्यूज़ 23 Oct 2024 7:01 pm

5 साल बाद पहली बार मिले मोदी-जिनपिंग, PM बोले- सीमा पर शांति हमारी प्राथमिकता हो

PM Modi Xi Jinping: गलवान घाटी संघर्ष के बाद दोनों देशों के संबंधों में गहरा मतभेद उत्पन्न हो गया था. फिलहाल दोनों पक्षों ने कई मुद्दों पर सहमति बना ली है. पीएम मोदी ने साफ कहा है कि सीमा पर शांति हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.

ज़ी न्यूज़ 23 Oct 2024 7:00 pm

चटोरों हो जाओ सावधान! McDonald का बर्गर खाने से 49 लोगों के पड़ गए जान के लाले, 1 की मौत

McDonald Burger:समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, अमेरिकी रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने मंगलवार को कहा कि अब तक 10 राज्यों में ई. कोली ओ157:एच7 प्रकोप से 49 लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से अधिकांश मरीज कोलोराडो और नेब्रास्का में हैं.

ज़ी न्यूज़ 23 Oct 2024 6:02 pm

उत्तर कोरिया ने रूस को भेजे 1500 सैनिक, दक्षिण कोरिया के दावे से क्यों मच गई खलबली?

North Korea and Russia: दक्षिण कोरिया की तरफ से किए गए एक दावे के बाद से अतंरराष्ट्रीय स्तर पर खलबली मच गई है. दक्षिण कोरिया के जासूसी प्रमुख ने दावा किया है कि उत्तर कोरिया ने रूस को 1500 सैनिक भेजे हैं. इसको लेकर यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की भी पहले ही बयान दे चुके हैं.

ज़ी न्यूज़ 23 Oct 2024 4:47 pm

गजब हो गया! इस देश में लोग मुस्कुराना ही भूल गए, 'स्माइल कोच' ले रहे तगड़े पैसे

How to Smile: अपनी खुद की मुस्कान भूलने का यह चौंकाने वाला घटनाक्रम है. यह वास्तव में महामारी के दौरान मास्क पहनने की आवश्यकता और इसके बाद लोगों की मुस्कान की आदत में लगातार गिरावट के परिणामस्वरूप हुआ है. अब लोग इस पर रिकवर कर रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ 23 Oct 2024 3:15 pm

Air Strike On Mosque: नमाम अदा करके ही..., मस्जिद पर सेना ने की एयरस्ट्राइक, 31 लोगों की चली गई जान

Sudan: सूडान में सेना ने एक मस्जिद पर एयरस्ट्राइक कर दी. सेना के इस हमले में 31 लोगों की मौत हो गई.सूडान में पिछले एक साल से संघर्ष जारी है. ऐसे में यहां एक मस्जिद पर हमला हो गया है.

ज़ी न्यूज़ 23 Oct 2024 3:01 pm

जिसने बनाया सिंगापुर, ‌उसका बेटा ही हुआ देश में 'बेघर', कहानी पढ़कर आप यकीन ही नहीं करेंगे

Lee Hsien Yang: आप सब इस खबर को पढ़कर हैरान हो जाएंगे, आपको कभी यकीन नहीं होगा कि दुनिया में कुछ ऐसा भी हो सकता है. लेकिन यह सच है. जिसके पिता ने पूरा देश बसाया हो, उसका बेटा अब बेघर हो गया है. जानें पूरा मामला.

ज़ी न्यूज़ 23 Oct 2024 2:33 pm

Brics Summit 2024: मुस्कुराते शी जिनपिंग, पीएम मोदी का थम्स अप... बातचीत से पहले कजान से आई दिलचस्प तस्वीर

Modi Jinping Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक आज होने वाली है. रूस के कजान शहर में हो रहे ब्रिक्स समिट से आई एक तस्वीर बड़ा मैसेज दे रही है. दो दिन पहले ही पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच गतिरोध सुलझने के संकेत मिले हैं.

ज़ी न्यूज़ 23 Oct 2024 10:08 am

सड़कों पर हजारों उपद्रवियों की भीड़, गोलियां से गूंजने लगा राष्ट्रपति भवन, बांग्लादेश में फिर से क्यों मचा बवाल?

Bangladesh Protesters To Banga Bhawan: बांग्लादेश में फिर एक बार फिर हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गया है. प्रदर्शनकारियों ने इस बार राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के आधिकारिक निवास बंगभवन के सामने जमकर हिंसा फैलाई है. हालात इतने खराब हुए कि प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों को गोली चलानी पड़ी. जानें अब बांग्लादेश में क्यों हो रही हिंसा.

ज़ी न्यूज़ 23 Oct 2024 9:30 am

PM मोदी ने ईरानी राष्ट्रपति को समझाया, बता दी इजरायल से टेंशन कम करने की तरकीब

Israel Iran War: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने मंगलवार को ब्रिक्स सम्मेलन से अलग ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन (Masoud Pezeshkian) से मुलाकात की. ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच पीएम मोदी और पेजेशकियन की मुलाकात काफी अहम है.

ज़ी न्यूज़ 23 Oct 2024 7:14 am

ड्रग्स, हथियार, फिरौती की कमाई से चल रहा लॉरेंस गैंग:थाईलैंड में कंट्रोल रूम, दिल्ली पुलिस के सामने लॉरेंस का कबूलनामा

‘गैंग का खर्च चलाने के लिए मुझे पैसों की जरूरत थी। मैंने जेल से ही रंगदारी मांगनी शुरू की। जो पैसे नहीं देता, उस पर गोलियां चलवा देता था। मैं चाहता था कि चंडीगढ़, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा में मेरी गैंग की दहशत हो।’ ये लॉरेंस बिश्नोई का कबूलनामा है, जो दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की 300 से ज्यादा पेज की रिपोर्ट में दर्ज है। ये रिपोर्ट 2021 में बनी थी। लॉरेंस अभी गुजरात की साबरमती जेल में है, लेकिन उसका सिंडिकेट लगातार बड़े क्राइम कर रहा है। सलमान खान के घर पर फायरिंग हो या फिर 12 अक्टूबर को मुंबई में NCP नेता बाबा सिद्दीकी का मर्डर, पुलिस को लॉरेंस गैंग पर ही शक है। सवाल है कि आखिर लॉरेंस का नेटवर्क कैसे ऑपरेट हो रहा है, गैंग चलाने के लिए उसके पास पैसा कहां से आता है। दैनिक भास्कर ने इसी की पड़ताल की। इसके लिए दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट पढ़ी। इसमें लॉरेंस बिश्नोई का पूरा कबूलनामा है। इसमें क्राइम की दुनिया में लॉरेंस की एंट्री, फिरौती-तस्करी से कमाई, जोधपुर कोर्ट में सलमान खान को धमकाने से लेकर थाईलैंड और कनाडा से गैंग ऑपरेट होने का जिक्र है। क्राइम की दुनिया में लॉरेंस की एंट्रीयूनिवर्सिटी इलेक्शन के झगड़े में पहली FIRकबूलनामे में लॉरेंस बिश्नोई ने खुद अपनी कहानी बताई है। इसके आखिर में उसके साइन भी हैं। ये बयान 2021 में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अधिकारियों ने लिया था। पढ़िए लॉरेंस का बयान‘2007 में मैंने लॉ की पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था। तब संपत नेहरा कॉलेज में प्रैक्टिस के लिए आता था। वो खालसा कॉलेज में पढ़ता था। यूनिवर्सिटी इलेक्शन के दौरान वीरेंद्र उर्फ काला राणा से दोस्ती हुई।‘ ‘2008 में रॉबिन बराड़ ने स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी ग्रुप से प्रेसिडेंट का चुनाव लड़ा था। मैं भी उसके लिए प्रचार करता था। उसी दौरान दूसरे ग्रुप से झगड़ा हो गया। मैंने अपने दोस्त की राइफल से विरोधी कैंडिडेट पर गोली चला दी। मुझ पर हत्या की कोशिश का मामला दर्ज हुआ।‘ ‘मैं 1-2 महीने तक बुड़ैल जेल में रहा। जमानत पर बाहर आया। कुछ दिनों बाद विरोधियों पर गोली चला दी। मैं फिर जेल चला गया। उस दौरान यूनिवर्सिटी कैंपस में कई बार मेरे ग्रुप के दूसरे ग्रुप से झगड़े हुए। मेरे ग्रुप के कई लोग जेल भी गए।‘ ‘2012 में मेरी पढ़ाई पूरी हो गई। इसके बाद भी हमारे ऑर्गनाइजेशन की कमान मेरे हाथ में ही रही। इसी दौरान मेरे दोस्त इंदरप्रीत ने मुझे रविंद्र उर्फ काली शूटर से मिलवाया। मैंने अपनी सेफ्टी और झगड़ों की वजह से काली शूटर को अपने साथ रख लिया।‘ 2013 में पहला मर्डर, गोल्डी बराड़ भी साथ था ‘2013 की बात है। मैंने पंजाब के मुक्तसर में गवर्नमेंट कॉलेज से अपनी पार्टी से प्रेसिडेंट पद का कैंडिडेट उतारा। चुनाव प्रचार में मेरे साथ गोल्डी बराड़ भी था। मैंने, गोल्डी और कुछ दोस्तों के साथ मिलकर विरोधी कैंडिडेट का मर्डर कर दिया।‘ ‘2014 की शुरुआत में मेरे दोस्त करमबीर का भाई काउंसलर का चुनाव लड़ रहा था। मैंने और गोल्डी बराड़ ने उसके खिलाफ खड़े कैंडिडेट को गोली मार दी। इसके बाद हम फरार हो गए। इस दौरान गैंग की ताकत बढ़ाने के लिए हमने कॉलेज के दोस्तों की मदद ली। तभी मेरी मुलाकात आनंदपाल से हुई। आनंदपाल राजस्थान का बड़ा गैंगस्टर था। 'कुछ दिन जयपुर में रहने के बाद मैं सिरसा आ गया। यहां मैंने शराब तस्करों पर गोलियां चलवाईं। इसके बाद शराब तस्करों से पैसा फिक्स किया और उनसे हिस्सा लेने लगा। कुछ तस्करों से दुश्मनी भी हुई। वे मुझे पैसा नहीं देते थे और मुझे मारने की फिराक में रहते।‘ ‘2014 के मई या जून की बात है। मैं दोस्तों के साथ सालासर बालाजी दर्शन करने जा रहा था। तभी एक बस ड्राइवर ने हमें ओवरटेक किया। हमने बस रुकवाकर उसे पीट दिया। पुलिस ने हमें पकड़ने के लिए नाकाबंदी कर दी। हम नाकाबंदी तोड़कर भागे, लेकिन सीकर में पकड़ लिए गए। हमारे ऊपर दो केस दर्ज हुए। मुझे जेल भेज दिया। बाद में मुझे रोपड़ जेल शिफ्ट कर दिया गया।‘ जेल में रहकर पहला क्राइम, कैदी को कोर्ट से भगाया‘2014 में रोपड़ जेल में रहते हुए मेरी दोस्ती राजू उर्फ पहलवान से हुई। मैंने पहलवान को भगाने का प्लान बनाया। इसके लिए जेल के बाहर मौजूद अपने साथी को 30 हजार रुपए भिजवाए। पहलवान कोर्ट में पेशी के लिए गया, तभी मेरे साथी ने उसे भागने में मदद की।’ ये पहली बार था जब मैंने जेल में रहते हुए क्राइम किया था। इसके बाद गवाहों को डराने के लिए उन पर हमले करवाए। कैदियों को जेल से भागने में मदद की। जेल से छूटे अपराधियों को अपनी गैंग में शामिल कर लिया। गैंग का खर्च चलाने के लिए शुरू की उगाही‘गैंग का खर्च चलाने के लिए मैंने जेल से ही रंगदारी मांगनी शुरू कर दी। उसी दौरान मेरी बुआ के बेटे का मर्डर कर दिया गया। मैंने बदला लेने के लिए जेल से भागने का प्लान बनाया। जनवरी, 2015 में कोर्ट में पेशी से लौटते वक्त मैं काली शूटर और गैंग के साथियों की मदद से भाग निकला। इसके बाद मैंने अपने भाई की मौत का बदला लिया और धंधे को फैलाना शुरू किया।‘ ‘हरियाणा, पंजाब, राजस्थान बॉर्डर और आसपास के इलाकों में शराब तस्करों को टारगेट किया। वे मुझे प्रोटेक्शन मनी देने लगे। गैंग के पास पैसा आने लगा। इन्हीं पैसों से हमने हथियार खरीदे। 2015 में गुड़गांव में रहने वाले रम्मी को मरवाने की तैयारी कर रहा था। तभी पंजाब पुलिस ने मुझे अरेस्ट कर लिया था। ‘मैं कपूरथला जेल में था। वहां सुक्खा और जग्गू भगवानपुरिया मिले। दोनों मेरी गैंग से जुड़ गए। यहीं राजा पहाड़ी से दोस्ती हुई। उसने ही दिल्ली और पंजाब में नेटवर्क बढ़ाने में मदद की।’ ‘2016 में मैंने वीरेंद्र उर्फ काला राणा को गैंग में शामिल किया। उसकी मदद से दीपक उर्फ टीनू का भोंडसी जेल में रहने का सही इंतजाम कराया। इसके बाद दीपक के जरिए भोंडसी जेल में बंद संदीप उर्फ काला जठेड़ी से दोस्ती की। फिर हम साथ मिलकर बड़े नेटवर्क के जरिए काम करने लगे।’ ‘मई, 2017 में मेरे कहने पर संपत नेहरा ने दीपक को भिवानी के पंचकूला सिविल हॉस्पिटल से पुलिस की हिरासत से छुड़वा लिया। संपत नेहरा और दीपक को कुछ दिन के लिए वीरेंद्र उर्फ काला राणा के ठिकानों पर रुकवाया।’ जोधपुर में हॉस्पिटल मालिक पर फायरिंग 17 मार्च, 2017 की सुबह करीब 6 बजे जोधपुर में श्रीराम हॉस्पिटल के मालिक डॉ. सुनील चांडक और ट्रैवल कंपनी मालिक मनीष जैन के घर फायरिंग की गई थी। लॉरेंस बिश्नोई ने कबूल किया कि ये भी उसी का काम था। उसने बताया… ‘2017 के आखिर में मैंने जोधपुर में गैंग मजबूत करने के लिए सुनील चांडक पर फायरिंग कराई थी। इसके अलावा एक ट्रैवल कंपनी के मालिक पर भी गोली चलवाई। इसके बाद दोनों से 50-50 लाख रुपए वसूले। इस केस में मुझे अरेस्ट कर रिमांड पर जोधपुर लाया गया था। जोधपुर के तीन हीरा कारोबारियों से मैं रंगदारी वसूल चुका था।’ ‘अजमेर जेल में ट्रांसफर होने के बाद मैं आनंद पाल गैंग के मेंबर्स से मिला। वहीं आनंदपाल के छोटे भाई विक्की पाल से मुलाकात हुई। विक्की के कहने पर मैंने सीकर में उसके दुश्मन सरदार राव को मरवा दिया। इससे हमारी दोस्ती और गहरी हो गई।’ फेसबुक के जरिए नए लड़कों को गैंग से जोड़ा‘मैं फेसबुक पर काफी एक्टिव रहता था। इसी वजह से नए-नए लड़के मुझसे जुड़ जाते थे। मैंने फिरौती के लिए जोधपुर के व्यापारी वासुदेव इसरानी को कॉल किया। उसने मुझे गालियां दीं। मैंने उसे मरवा दिया। इससे जोधपुर में मेरी गैंग का खौफ हो गया। इसके बाद मैंने कई कारोबारियों से फिरौती वसूली।‘ सलमान खान को पहली बार जोधपुर कोर्ट में दी धमकी‘वासुदेव इसरानी मर्डर केस में गिरफ्तार करके मुझे जोधपुर कोर्ट लाया गया था। उसी दिन सलमान खान भी वहीं कोर्ट में था। कोर्ट से बाहर निकलते वक्त मैंने सलमान को जान से मारने की धमकी दी। उसने काले हिरण का शिकार किया था। कोर्ट से उसे सजा नहीं मिल रही थी।' 'मैंने सिर्फ मीडिया में आने के लिए और मेरी कम्युनिटी में नाम के लिए ये सब किया था। सलमान खान को धमकी देने के केस में भी मेरी गिरफ्तारी हुई थी। मुझे जोधपुर जेल भेज दिया गया।‘ पुलिस एनकाउंटर करने लगी, तब साथियों को थाईलैंड भेजा‘मेरी गैंग में अंकित भादु नाम का लड़का था। पुलिस ने चंडीगढ़ में उसका एनकाउंटर कर दिया। इससे गैंग में दहशत फैल गई। मैं नहीं चाहता था कि कोई डरकर काम करे। इसलिए संदीप उर्फ काला जठेड़ी से बात की। हमने वीरेंद्र उर्फ काला राणा और राजकुमार को थाईलैंड भेजने का फैसला लिया। दोनों के लिए नकली पासपोर्ट तैयार कराए और थाईलैंड भेज दिया।‘ ‘राजकुमार थाईलैंड जाकर गैंग ऑपरेट करने लगा। गैंग के मेंबर इंटरनेट वॉयस कॉल से कॉन्टैक्ट करते थे। ये भी तय हुआ कि गैंग के मेन लीडर कुछ समय तक आपस में बात नहीं करेंगे। इंडिया में मौजूद सभी लोग एक-दूसरे से नहीं बल्कि थाईलैंड में राजकुमार से ही संपर्क करेंगे। इस तरह नेटवर्क फिर मजबूत बन गया। हम लोग थाईलैंड को कंट्रोल रूम की तरह इस्तेमाल करने लगे।‘ कनाडा-थाईलैंड में बैठे दोस्तों को सौंपी गैंग की जिम्मेदारी‘मेरी गैंग विदेश से चलती रहे, इसलिए मैंने अपने दोस्तों से बात की। राजकुमार और वीरेंद्र थाईलैंड में थे। कॉलेज में पढ़ने वाले दोस्त गोल्डी बराड़ और करण कनाडा में सेटल थे। सैम लंदन में था।‘ ‘इनसे कॉन्टैक्ट करके गैंग के लिए काम करने की बात की। गैंग ऑपरेट करने के लिए पैसे चाहिए थे। इसलिए हवाला के जरिए उन्हें पैसे भिजवाना शुरू किया। विदेश में बैठे दोस्तों के पास इंडिया में रहने वाले सभी गैंग और उनके मेंबर्स के नंबर नोट करा दिए। इस तरह पूरा नेटवर्क विदेश से ऑपरेट होने लगा।‘ ‘हमने अक्टूबर, 2020 में बीकानेर के रहने वाले जुगल राठी पर फायरिंग कराई थी। उससे 2 करोड़ रुपए फिरौती वसूली। नवंबर, 2020 में एलडी मित्तल पर फायरिंग करके 5 करोड़ रुपए की फिरौती ली। इस तरह बड़ी-बड़ी फिरौती की मदद से विदेश में हमारा नेटवर्क आसानी से चलता रहा।‘ NIA रिपोर्ट में खुलासा, हवाला के जरिए मनीष भंडारी करता है पैसे ट्रांसफर NIA की रिपोर्ट से लॉरेंस गैंग की फंडिंग की पड़ताल की, तो पता चला कि दिल्ली का मनीष भंडारी हवाला के जरिए पैसे ट्रांसफर करता है। अब वो थाईलैंड शिफ्ट हो गया है। लॉरेंस के इशारे पर गैंगस्टर वीरेंद्र उर्फ काला राणा थाईलैंड चला गया था। वीरेंद्र ने ही मनीष की पहचान लॉरेंस से कराई थी। इसके बाद मनीष भंडारी भारत में रंगदारी से वसूले पैसे विदेशों में पहुंचाने लगा। NIA का दावा है कि थाईलैंड में मनीष के कई नाइट क्लब हैं। कनाडा में गोल्डी बराड़ का साथी सतबीर सिंह उर्फ सैम हवाला के पैसों को इन्वेस्ट करता है। वो कनाडा में प्रीमियम लीग स्पोर्ट्स में भी पैसे लगाता था। इसके अलावा फिल्म प्रोडक्शन में भी पैसा लगाया। इससे होने वाली कमाई भारत में गैंग को भेजते हैं। जेल में लॉरेंस कैसे गैंग बनाता है, गैंगस्टर जगदीप ने बताई कहानीदिल्ली पुलिस ने 30 मार्च, 2021 को गैंगस्टर जगदीप उर्फ जग्गू से पूछताछ की थी। उसने बताया कि, ‘मैंने पारिवारिक विवाद में 3 मर्डर किए थे। 2012 में पुलिस ने मुझे पकड़ लिया। 2015 में पंजाब की कपूरथला जेल भेज दिया गया। यहां लॉरेंस से मुलाकात हुई। हम अच्छे दोस्त बन गए। फिर मैं लॉरेंस गैंग के साथ काम करने लगा।‘ ‘मैं ड्रग्स तस्करी और हथियारों की सप्लाई करने लगा। राजस्थान और पंजाब बॉर्डर पर तस्करी करवाता था। सीमा पार से हथियार मंगवाकर लॉरेंस गैंग को देता था। जेल से ही फोन पर बात करके पैसे-हथियार की व्यवस्था कर देता था। मैं थाईलैंड में रहने वाले लॉरेंस गैंग के मेंबर के संपर्क में हूं। उनके कहने पर आगे का काम करता हूं।‘ थाईलैंड से लॉरेंस गैंग का हिसाब-किताब देखता था राजकुमारलॉरेंस गैंग के मेंबर रहे राजकुमार उर्फ राजू बसौदी से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 18 मई, 2021 को पूछताछ की थी। राजकुमार ने बताया, ‘हरियाणा की भोंडसी जेल में रहते हुए गैंगस्टर दीपक के जरिए लॉरेंस से कॉन्टैक्ट हुआ। मैंने फरारी के वक्त लॉरेंस गैंग के लड़कों को रहने की जगह दी थी। 2018 में लॉरेंस के साथी वीरेंद्र के साथ फर्जी पासपोर्ट पर थाईलैंड चला गया। वहीं से हम लोग गैंग ऑपरेट करते थे।‘ ‘मैं गैंग के फाइनेंशियल सोर्स मैनेज करता था। 2019-20 में मैंने संपत नेहरा, संदीप उर्फ काला जठेड़ी के साथ मिलकर दिल्ली में क्राइम सिंडिकेट खड़ा किया। 2020 में थाईलैंड में पकड़ा गया। मुझे डिपोर्ट करके भारत लाया गया। दिल्ली और हरियाणा की जेल में रहा। जेल में रहते हुए भी मेरी नजर गैंग पर थी।‘ रिटायर्ड DCP बोले- दाऊद की राह पर चल रहा लॉरेंसदिल्ली की स्पेशल सेल में DCP रहे रिटायर्ड IPS अधिकारी एलएन राव बताते हैं, ‘लॉरेंस बिल्कुल दाऊद इब्राहिम की राह पर चल रहा है। उसका नेटवर्क इतना बड़ा हो चुका है कि लोगों के दिमाग में उसका खौफ है। लोग उसके बारे में जानते हैं। इसीलिए लॉरेंस के नाम पर धमकी मिलते ही लोग पैसे दे रहे हैं।‘ ‘आप जान लीजिए कि 100 लोगों को अगर धमकी मिलती है, तो सिर्फ 10 लोग ही शिकायत करते हैं। 90 लोग शिकायत नहीं करते। डरकर पैसे दे देते हैं, ताकि बदमाशों से पीछा छूट जाए। यही वजह है कि गैंग के हौसले बढ़ रहे हैं।‘ .....................................बाबा सिद्दीकी मर्डर केस से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए... 1. क्या मुंबई में दाऊद की जगह ले रहा लॉरेंस, बाबा सिद्दीकी के मर्डर से बॉलीवुड-बिल्डरों पर धाक जमाने की कोशिश एक्सपर्ट मानते हैं कि बाबा सिद्दीकी के मर्डर से लॉरेंस बॉलीवुड और बिल्डर लॉबी में धाक जमाने की कोशिश कर रहा है। सलमान खान और सलीम खान को धमकी देना, फिर सलमान के घर पर फायरिंग करवाना इसी कोशिश का हिस्सा है। उसके काम करने का तरीका दाऊद इब्राहिम की तरह है। पढ़िए पूरी खबर... 2. सलमान तक पहुंचना मुश्किल, इसलिए करीबी निशाने पर:बाबा सिद्दीकी को फेसबुक-ट्विटर से ट्रैक करते थे शूटर्स ​​​​​मुंबई पुलिस के एक इंस्पेक्टर ने भास्कर से बात करते हुए दावा किया है कि बाबा सिद्दीकी की डिजिटल रेकी की जा रही थी। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि उनके मर्डर के जरिए लॉरेंस गैंग सलमान खान को चोट पहुंचाना चाहता है। क्योंकि वे सीधे सलमान को टारगेट नहीं कर पा रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...

दैनिक भास्कर 23 Oct 2024 5:10 am

Brics Summit 2024: पीएम मोदी भी पुतिन की इस बात पर अपनी हंसी नहीं रोक पाए.. सबने लगाया जोर का ठहाका

Brics Summit 2024:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दोस्ती से पूरी दुनिया वाकिफ है. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने रूस पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जब पुतिन से मुलाकात हुई तो दोनों के मधुर संबंध की साक्षी पूरी दुनिया बनी.

ज़ी न्यूज़ 22 Oct 2024 11:25 pm

थाईलैंड एयरलाइन की फ्लाइट में मारपीट का पुराना वीडियो भ्रामक दावे से वायरल

बूम ने पाया कि वायरल वीडियो दिसंबर 2022 का है, जब फ्लाइट के टेक-ऑफ करने से पहले एक यात्री द्वारा सुरक्षा निर्देशों का पालन नहीं करने पर अन्य यात्रियों ने उसके साथ मारपीट कर दी थी.

बूमलाइव 22 Oct 2024 6:21 pm

चीन के रेलवे सुरंग का वीडियो उत्तराखंड के देवप्रयाग का बताकर वायरल

बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो मध्य चीन के हुनान प्रांत के सिली कंट्री का है. इसका उत्तराखंड से कोई संबंध नहीं है.

बूमलाइव 22 Oct 2024 6:19 pm

BRICS Summit: रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत अपने रुख पर अडिग, पुतिन को पीएम मोदी ने फिर सुझाया शांति का रास्ता

BRICS Summit PM Modi:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को रूस के कजान में आयोजित ब्रिक्स समिट में शामिल होने पहुंचे. ब्रिक्स समिट से इतर उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बातचीत की.

ज़ी न्यूज़ 22 Oct 2024 5:13 pm

Israel Iran Conflict: अपने ही नागरिकों से मिला इजरायल को धोखा! ईरान को भेज रहे थे खुफिया जानकारी

Israel Iran Conflict:इजरायल इस समय कई मोर्चों पर जंग लड़ रहा है लेकिन इस बीच उसके लिए एक हैरान कर देने वाली खबर आई है. उसके अपने ही नागरिक देश को अंदर से खोखला बनाने की कोशिश में लगे हुए थे. हाल ही में इजरायल ने ऐसे 7 नागरिकों को गिरफ्तार किया है.

ज़ी न्यूज़ 22 Oct 2024 2:52 pm

BRICS के बहाने ग्‍लोबल साउथ पर दांव क्‍यों लगाना चाहता है चीन? साझा मुद्रा का भी है सवाल

BRICS Summit: ब्राजील, रूस, भारत और चीन के नेताओं की सेंट पीटर्सबर्ग में 2006 में हुई बैठक के बाद एक औपचारिक समूह के रूप में ‘ब्रिक’ की शुरुआत हुई. ‘ब्रिक’ को 2010 में दक्षिण अफ्रीका को शामिल करते हुए ‘ब्रिक्स’ के रूप में विस्तारित करने पर सहमति बनी.

ज़ी न्यूज़ 22 Oct 2024 2:00 pm

इजरायल ने हम पर हमला किया तो जिम्मेदार अमेरिका होगा, ईरान ने अंकल सैम को दे डाली धमकी

Iran-Israel War:ईरान और इजरायल के बीच जारी संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है. दोनों के बीच जारी जंग में अमेरिका भी अहम किरदार अदा रहा है. हाल ही में ईरान ने इजरायली हमले को लेकर अमेरिका पर बड़ी टिप्पणी की है.

ज़ी न्यूज़ 22 Oct 2024 12:44 pm

करोड़ों डॉलर कैश, ढेर सारा सोना... इजरायल ने ढूंढ निकालाा हिजबुल्लाह के सीक्रेट बंकर में छिपा खजाना, देखें वीडियो

Israel Hezbollah War News: इजरायल की सेना ने बेरूत (लेबनान) मे हिजबुल्लाह के सीक्रेट बंकर को खोज निकाला है. यहां लाखों डॉलर कैश और भारी मात्रा में सोना छिपाकर रखा गया है.

ज़ी न्यूज़ 22 Oct 2024 11:12 am

जब खालिस्तानियों ने एअर इंडिया विमान उड़ा दिया:329 लोग सवार थे, कोई नहीं बचा; अब आतंकी पन्नू ने दी विस्फोट की धमकी

सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने एअर इंडिया प्लेन में बम विस्फोट की धमकी दी है। पन्नू ने कहा- नवंबर में 1984 में हुए सिख दंगे की 40वीं बरसी है। विदेशों में यात्रा करने वाले लोग 1 से लेकर 19 नवंबर तक एअर इंडिया से यात्रा न करें। पन्नू की धमकी ने 1985 के कनिष्क विमान हादसे की याद ताजा कर दी, जब खालिस्तानियों ने एअर इंडिया का विमान हवा में उड़ा दिया। जिससे उसमें सवार सभी 328 लोग मारे गए थे। भास्कर एक्सप्लेनर में जानेंगे 40 साल पहले कैसे रची गई इन धमाकों की साजिश और कनाडा पुलिस पर आज भी क्यों उठते हैं सवाल... *** 23 जून 1985 की सुबह। एअर इंडिया की फ्लाइट ‘182' कनाडा से लंदन होते हुए भारत आ रही थी। इसमें 307 पैंसेजर्स और 22 क्रू मेंबर सवार थे। यह बोइंग 747 विमान था, जिसे एअर इंडिया ने कनिष्क नाम दिया था। करीब 7 बजे कनिष्क विमान के पायलट कैप्टन नरेंद्र सिंह हंस ने आयरलैंड के हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए एअर ट्रैफिक कंट्रोलर से इजाजत मांगी। उस वक्त कॉकपिट में मौजूद को-पायलट सतविंदर सिंह भिंदर कह रहे थे कि जल्द ही मैं भी पायलट बन जाऊंगा। 7 बजकर 8 मिनट पर आयरिश ATC ने कहा कि लंदन के लिए रास्ता साफ है, आप आगे बढ़ सकते हैं। लंदन वहां से 45 मिनट की दूरी पर था। विमान जमीन से 31 हजार फीट ऊपर उड़ रहा था। इसी दौरान कनिष्क विमान के कार्गों होल्ड में एक जोरदार धमाका हुआ। विस्फोट से विमान के पिछले और अगले हिस्से में दरारें आ गईं और विमान के बीच में एक बड़ा गड्ढा हो गया। चंद सेकेंड में उस बड़े गड्‌ढे से सामान और लोग बाहर की ओर नीचे गिरने लगे। कुछ पलों में विमान भी समुद्र में जा गिरा। जब आयरलैंड का बचाव दल मौके पर पहुंचा तो समुद्र में चारों तरफ तेल, बिखरे हुए शव और सामान तैर रहे थे। विमान में 329 लोग सवार थे, लेकिन 141 शव ही मिल सके। इन धमाकों के पीछे कनाडा में रहने वाले खालिस्तानी थे। वेटिंग टिकट की मदद से बम वाला सूटकेस फ्लाइट में पहुंचा धमाके से एक दिन पहले यानी 22 जून 1985 को दोपहर डेढ़ बजे। खुद को ‘मंजीत सिंह’ कहने वाले एक शख्स ने एम सिंह नाम से एअर इंडिया की फ्लाइट 181/182 पर टिकट कन्फर्म करने के लिए फोन किया। उसे बताया गया कि टिकट वेटिंग है। मंजीत को पहले कनाडा के वैंकूवर से टोरंटो जाना था और उसके बाद टोरंटो से एअर इंडिया फ्लाइट 182 में सवार होकर भारत आना था। मंजीत चाहता था कि उसका बैग सीधे एअर इंडिया की फ्लाइट में चेक-इन कर दिया जाए, ताकि टोरंटो पहुंचने के बाद उसे फिर से सिक्योरिटी चेक में न उलझना पड़े। एम सिंह टोरंटो जाने वाली कनाडियन पैसिफिक एयरलाइंस की फ्लाइट के लिए वैंकूवर एयरपोर्ट पहुंचा। उसने एयरपोर्ट पर मौजूद जांच एजेंट जेनी एडम्स से बात की और अपना बैग एअर इंडिया की फ्लाइट 181 में रखवाने के लिए कहा। दरअसल, यही फ्लाइट मॉन्ट्रियल पहुंचने के बाद 181 से 182 हो गई थी, क्योंकि यहां से उसे मुंबई जाना था। एजेंट ने कहा कि सर आपकी टोरंटो से मॉन्ट्रियल और मॉन्ट्रियल से मुंबई तक की सीट कन्फर्म नहीं है। ऐसे में आपका लगेज इंटर-लाइन नहीं किया जा सकता। उस दौर में एयरपोर्ट पर जांच के लिए आज की तरह हाईटेक उपकरण नहीं थे। एम सिंह ने रौबदार आवाज में जेनी से कहा, ‘रुको मैं तुमसे बात करने के लिए अपने भाई को बुलाता हूं।’ जैसे ही वह जाने लगा। एजेंट ने नरमी दिखाई और उसका सूटकेस ले लिया। एजेंट ने कहा कि वो ये सूटकेस टोरंटो में रखवा देगा, लेकिन उसे टोरंटो में एअर इंडिया की फ्लाइट में फिर से चेक इन करना होगा तभी ये सूटकेस उसे मिल पाएगा। शाम 4 बजे प्लेन में बैठकर 30 लोग वैंकूवर से टोरंटो के लिए रवाना होते हैं, इन सभी को टोरंटो से फ्लाइट 182 में सवार होना था। रात 8 बजे कनाडियन पैसिफिक एअर लाइंस की फ्लाइट करीब चालीस मिनट की देरी से टोरंटो पहुंची। यहां से कुछ सामान एअर इंडिया की फ्लाइट 182 में ट्रांसफर किया गया। इसमें एम सिंह का वो सूटकेस भी था, जिसमें टाइम बम रखा था। एअर इंडिया ने आतंकी धमकियों के चलते एक्स्ट्रा सिक्योरिटी का अनुरोध किया था। कनाडा सरकार ने टोरंटो और मॉन्ट्रियल के टर्मिनलों में एक्स्ट्रा पुलिस फोर्स लगाई थी। यहां सारे सामान की जांच एक्स-रे या हाथ से की जानी थी। उस दिन टोरंटो एयरपोर्ट पर एक्स-रे मशीन के खराब हो जाने के बाद जांचकर्ताओं ने एक पोर्टेबल पीडीडी-4 नामक विस्फोटक सूंघने वाली मशीन से जांच की। ये मशीन विस्फोटक को तब पकड़ सकती थी जब विस्फोटक पदार्थ केवल उससे एक इंच दूर हो। इस दौरान मंजीत के बैग के पास हल्की सी बीप की आवाज भी आई, लेकिन कर्मचारियों ने उसे इग्नोर कर दिया। इस तरह टाइम बम से लैस वो सूटकेस एअर इंडिया की फ्लाइट में पहुंच गया। हालांकि हादसे के बाद जब जांच की गई तो पता चला कि कैनेडियन पैसिफिक एयरलाइंस में कोई एम सिंह सवार नहीं हुआ। उस व्यक्ति की पहचान भी नहीं हो पाई कि वो कौन था। कनिष्क विमान हादसे में कब-क्या हुआ टोक्यो एयरपोर्ट पर भी एअर इंडिया की फ्लाइट निशाने पर थी वैंकूवर में ठीक इसी तरह एक और साजिश हुई थी। 22 जून की दोपहर एल सिंह नाम का एक आदमी एयरपोर्ट आया और उसने कैनेडियन पैसिफिक एयरलाइंस में एक दूसरा सूटकेस चेक इन कराया। ये फ्लाइट टोक्यो जा रही थी, जहां से एल सिंह ने एअर इंडिया की फ्लाइट 301 का एक कनेक्टिंग टिकट बुक कराया था। एक बार फिर केनेडियन पैसिफिक एयरलाइंस की फ्लाइट में रखा एक सूटकेस टोक्यो पहुंच गया, लेकिन एल सिंह नहीं पहुंचा। ये सूटकेस भी एअर इंडिया की फ्लाइट में चढ़ जाता, लेकिन यहां एल सिंह से एक गलती हो गई। कनाडा और अमेरिका में ‘डे लाइट सेविंग’ चलती है। मतलब गर्मियों में घड़ियों को एक घंटा आगे बढ़ा दिया जाता है और जाड़ों में एक घंटा पीछे कर दिया जाता है। चूंकि टोक्यो में डे लाइट सेविंग का नियम नहीं है, इसलिए टाइम बम में टाइमर लगाते समय इस एक घंटे के फर्क का ध्यान नहीं रखा गया और बम में फीड किए गए समय के मुताबिक, फ्लाइट से एक घंटा पहले ही जब सूटकेस टोक्यो में बैगेज एरिया में था तभी उसमें विस्फोट हो गया। इस घटना में दो लोगों की जान चली गई, लेकिन किस्मत से एअर इंडिया फ्लाइट 301 के सभी यात्री बच गए। साजिश में शामिल बब्बर खालसा, ऑपरेशन ब्लू स्टार का बदला 1985 जून के शुरुआती हफ्ते में राजीव गांधी अमेरिका के दौरे पर जाने वाले ले थे। ऑपरेशन ब्लू स्टार की पहली बरसी भी आने को थी। इस लिहाज से अमेरिका और कनाडा में राजीव की सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त किया गया था। कनाडा में बब्बर खालसा नाम के सिख चरमपंथी संगठन पर खास नजर थी। इसका मुखिया तलविंदर सिंह परमार था। साल 1970 में तलविंदर ने कनाडा की स्थायी नागरिकता ले ली थी और 1978 में उसने बब्बर खालसा इंटरनेशनल की शुरुआत की थी, जिसकी मांग सिखों के लिए एक अलग देश, खालिस्तान की थी। 1983 में तलविंदर कुछ दिन जर्मनी में जेल में रहा और 1984 में रिहा होकर वापस कनाडा आ गया। भारत में उसने पंजाब पुलिस के दो ऑफिसर्स की हत्या की थी। इसलिए भारत सरकार ने उसके प्रत्यर्पण की कोशिश भी की, लेकिन कनाडा सरकार राजी न हुई। राजीव गांधी के दौरे के मद्देनजर कनाडा सीक्रेट पुलिस तलविंदर पर नजर रख रही थी। पता चला कि तलविंदर कुछ लोगों से मुलाकात कर रहा था। इनमें से एक शख्स था इंदरजीत सिंह रेयात। तलविंदर, एक स्कूल में काम करने वाले हरदीप सिंह जोहल और रिपुदमन सिंह मलिक से भी मिलता था। इनके अलावा एक और शख्स था- अजायब सिंह बागड़ी। 1984 के सिख दंगों के बाद बागड़ी ने एक भाषण में कहा था कि वो 50,000 हिंदुओं की हत्या कर बदला लेगा। ये सभी कनाडाई पुलिस के रडार पर थे, लेकिन राजीव गांधी का दौरा हो जाने के बाद पुलिस ने इन पर नजर रखनी बंद कर दी। यहीं कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों से भारी चूक हुई। ऑपरेशन ब्लू स्टार और दिल्ली में सिख नरसंहार के बाद कनाडा के सिख समुदाय में भारी गुस्सा था। उस साल हिंदू कनाडियन नागरिकों पर हमले की कुछ वारदातें भी हुईं। कनाडा के गुरुद्वारों में खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लग रहे थे। पन्नू की तरह बब्बर खालसा ने भी एअर इंडिया से यात्रा न करने की चेतावनी दी थी बब्बर खालसा एअर इंडिया में यात्रा न करने की चेतावनी जारी करने लगा था। कहा जा रहा था कि एअर इंडिया के प्लेन बीच आसमान से टपकेंगे, लेकिन कनाडा की अथॉरिटी इससे बेपरवाह थी। कनाडा के लोगों को खालिस्तान, हिंदू और सिख जैसे शब्दों से कोई लेना-देना नहीं था, न ही इसमें उनका कोई नुकसान था। 23 जून के बम हमले से 2 हफ्ते पहले भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ ने कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों को आगाह किया था। ये भी बताया था कि किसी प्लेन पर हमला हो सकता है, लेकिन फिर भी उन्होंने इस मामले में चूक की। 23 जून के कुछ दिन पहले तक कनाडा की पुलिस ने तलविंदर का फोन टेप किया हुआ था। हमले के 4 दिन पहले तलविंदर ने फोन पर हरदीप सिंह जोहल से पूछा, ‘कहानी लिख दी है?’ दूसरी तरफ से जवाब आया, नहीं। इस पर तलविंदर ने जवाब दिया, ‘लिख दो।’ 22 जून को तलविंदर के पास एक और कॉल आई। दूसरी तरफ से कहा गया, कहानी लिख दी है, देखना है तो आ जाओ। ‘कहानी लिख देने’ से यहां मतलब फ्लाइट में टिकट बुक कराने से था। बम तैयार करने की जिम्मेदारी इंदरजीत सिंह रेयात की थी। उसने लोकल स्टोर से बम बनाने का सामान भी खरीदा, लेकिन इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। वजह वही, भूरे लड़-मर रहे थे और गोरों को इससे कोई दिक्कत नहीं थी। इस प्लेन हादसे में भारतीय एक्टर इंदर ठाकुर भी अपने परिवार सहित चल बसे थे। ये वही इंदर ठाकुर हैं जो फिल्म ‘नदिया के पार’ में सचिन पिलगांवकर के बड़े भाई बने थे। कनाडा पुलिस की लापरवाही, 6 महीने से ब्लास्ट की प्लानिंग का पता चला दिसंबर 1984 में पुलिस के दो मुखबिरों ने उसे एअर इंडिया प्लेन में ब्लास्ट की साजिश की जानकारी दी थी, लेकिन पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया। अगस्त 1984 में कनाडा के एक कुख्यात अपराधी गेरी बौडरॉल्ट ने ये खुलासा किया था कि उसे तलविंदर परमार ने एक सूटकेस दिखाया था। परमार ने उसे ऑफर दिया था कि अगर तुम विमान में ये बम लगा दो तो तुम्हें 2 लाख डॉलर दिए जाएंगे। शुरुआत में गेरी को ये आइडिया अच्छा लगा। थोड़ी देर बाद उसे लगा कि एक साथ इतने लोगों को मारने का पाप करना ठीक नहीं है। उसने तलविंदर परमार से कहा कि भले ही मैंने जेल में टाइम बिताया हो। कई अपराध किए हों, लेकिन ये काम मैं नहीं करूंगा। वो कुछ दिन बाद सीधा पुलिस के पास गया। उसने एअर इंडिया बम ब्लास्ट की साजिश के बारे में बताया, लेकिन पुलिस ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। लोग एअर इंडिया छोड़ ब्रिटिश एयरवेज से सफर कर रहे थे। पुलिस और सरकार ने इस बात को तब भी गंभीरता से नहीं लिया जब कनाडा के ज्यादातर सिख लोगों ने एअर इंडिया का उपयोग करना ही बंद कर दिया। कनाडा की वरिष्ठ पत्रकार और इस हादसे पर 'लॉस ऑफ फेथ: हाऊ द एअर इंडिया बॉम्बर्स गॉट अवे विद मर्डर' किताब लिखने वाली किम बोलन ने एक शख्स प्रकाश बेदी के हवाले से लिखा है कि प्रकाश की पत्नी और बच्चे पहली बार अकेले सफर कर रहे थे। प्रकाश ने देखा कि एअर इंडिया की लाइन में सिख नहीं हैं जबकि ब्रिटिश एयरवेज की लाइन जल्द ही सिखों की भीड़ से भर गई। बेदी ने अपने साथ गए दोस्त से पूछा कि सभी सिख ब्रिटिश एयरवेज से सफर क्यों कर रहे हैं। उसने बताया कि उन्हें हिदायत दी गई है कि वे एअर इंडिया की फ्लाइट न लें। जब ये बात प्रकाश काे पता चली तो वे अपने बीवी-बच्चों को वापस लाने के लिए गार्ड से प्रार्थना करने लगे, लेकिन तब तक प्रकाश का परिवार बोर्डिंग पास लेकर एयरपोर्ट के उस इलाके में दाखिल हो चुका था जहां उनसे संपर्क नहीं हो सकता था। ज्यादातर स्थानीय लोगों को भी पता था कि उन्हें एअर इंडिया में सफर नहीं करना है। बस पुलिस और सरकार को ही नहीं पता था। 20 साल केस चला, सभी आरोपी रिहा हो गए ----------- ये खबर भी पढ़ें... आतंकी के लिए भारत से दुश्मनी मोल ले रहा कनाडा:ट्रूडो के पिता भी इंदिरा से भिड़े थे; 42 साल से विलेन कैसे बना खालिस्तान एक आतंकी की वजह से एक बार फिर भारत-कनाडा के रिश्ते सबसे बुरे दौर में पहुंच गए हैं। पिछले 42 सालों से खालिस्तानियों के साए में भारत और कनाडा के बनते-बिगड़ते रिश्तों की पूरी कहानी…

दैनिक भास्कर 22 Oct 2024 5:06 am

Elon Musk: 'कामयाबी के लिए 4 साल की डिग्री की जरूरत नहीं', मस्क ने फॉर्मल एजुकेशन पर फिर उठाए सवाल

Elon Musk on Formal Education: अरबपति कारोबारी एलन मस्क का कहना है कि कामयाबी के लिए 4 साल की डिग्री की कोई जरूरत नहीं है. कोई भी व्यक्ति अपने टैलंट से इसे हासिल कर सकता है. उन्होंने कामयाबी पाने के लिए टिप्स भी बताए हैं.

ज़ी न्यूज़ 21 Oct 2024 10:39 pm

India Bangladesh News: बांग्लादेश में शुरू हुआ 'अंडा संकट' तो भारत ने तुरंत भेज दी बड़ी मदद; क्या बदलेगा यूनुस का नजरिया

Bangladesh Egg Crisis News: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद सत्ता संभालने वाले मोहम्मद यूनुस भले ही भारत के खिलाफ आंखे तरेर रहे हों. लेकिन जैसे ही वहां पर 'अंडा संकट' शुरू हुआ तो भारत से बड़ा मददगार उन्हें कोई नहीं दिखाई दिया.

ज़ी न्यूज़ 21 Oct 2024 9:51 pm

डोनाल्ड ट्रम्प ने कमला हैरिस को पछाड़ा, जानें कहां मिली बढ़त?

US Election: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप का पलड़ा भारी नजर आ रहा है. हाल ही में आए चुनावी सर्वे में ट्रंप अपने निकटतम उम्मीदवार कमला हैरिस पर बढ़त बनाए हुए हैं.

ज़ी न्यूज़ 21 Oct 2024 5:39 pm

अपने ही देश में जस्टिन ट्रूडो की क्या हालत हो गई? भारत से रिश्ते बिगड़ते ही...

India-Canada Relation: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर लगाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) कंजर्वेटिव और लेबर दोनों पार्टियों के सांसदों के निशाने पर आ गए हैं.

ज़ी न्यूज़ 21 Oct 2024 12:52 pm

मुझे नौकरी की तलाश.. ऐसा बोल रेस्टोरेंट पहुंचे डोनाल्ड ट्रंप और फ्रेंच फ्राइज बनाने लगे

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पेन्सिलवेनिया में मैकडॉनल्ड्स (McDonald's) पहुंच गए और नौकरी मांगने लगे. इसके बाद उन्होंने वहां काम किया और फ्रेंच फ्राइज बनाकर लोगों को खिलाया.

ज़ी न्यूज़ 21 Oct 2024 8:43 am

कनाडा में उच्चायुक्त रहे संजय वर्मा ने जस्टिन ट्रूडो को दिखाया आईना, बताया निज्जर की हत्या का सच

India Canada Ties: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भारत के प्रति जारी 'शत्रुता' के बीच नई दिल्ली द्वारा कनाडा से वापस बुलाए जाने पर वरिष्ठ राजनयिक और उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने कनाडा को आईना दिखाया है और कहा है कि हम जानना चाहते हैं कि खालिस्तानी तत्व कनाडा में क्या कर रहे हैं.

ज़ी न्यूज़ 21 Oct 2024 7:24 am

पॉजिटिव स्टोरी-पराली, गेहूं, गन्ने के छिलके से फर्नीचर बोर्ड:लंदन से लौटकर गांव में लगाई फैक्ट्री; लोगों ने कहा- विदेश से आकर भूसा ढो रहा

यदि आपसे कहूं कि धान की पराली, भूसा, मक्के और गन्ने के छिलके, जिन्हें हम वेस्ट समझते हैं, फसल तैयार होने के बाद जला देते हैं, उनसे पेपर से लेकर प्लाईवुड की तरह फर्नीचर बोर्ड तैयार किए जाते हैं। ये बात जानकार आप थौड़ा चौंके जरूर होंगे? जब मेरे एक जानने वाले ने ये बात बताई, तो मैं भी चौंक गया था। पूरी कहानी जानने के लिए मध्यप्रदेश के ग्वालियर से तकरीबन 60 किलोमीटर दूर मुरैना शहर पहुंचा हूं। यह चंबल का इलाका है। दिल्ली-मुंबई हाईवे से सटे सड़क के दोनों तरफ धान की लहलहाती फसल और दूर-दूर तक चंबल के बीहड़ नजर आते हैं। खेतों में सरसों की बुआई की तैयारी चल रही है। मेरे साथ गन्ने के छिलके से लेकर गेहूं की भूसी से फर्नीचर बोर्ड और पेपर बनाने वाली कंपनी ‘क्रास्ट’ के फाउंडर शुभम सिंह हैं। शुभम हंसते हुए कहते हैं, ‘किसान हर साल लाखों टन पराली, भूसी, गन्ने की खोई वेस्ट समझकर जला देते हैं। यह उनके लिए कचरा है, लेकिन मेरे लिए तो सोना है, गोल्ड…।’ शुभम मुझे अपनी फैक्ट्री में लेकर आए हैं। यहां एक तरफ मशीन से पेपर शीट बनाई जा रही है, तो दूसरी तरफ भूसी में कई तरह के केमिकल मिलाकर फर्नीचर बोर्ड के लिए रखा जा रहा है। फैक्ट्री के पीछे का एरिया ऐसे लग रहा है जैसे, चारागाह हो। भूसी और गन्ने की खोई की टाल लगी हुई है। शुभम कहते हैं, ‘यह हमारा रॉ मटेरियल है। इसी से ये सब कुछ तैयार होता है। रिसर्च तो हमने 2018 के बाद ही शुरू कर दी थी, लेकिन प्रोडक्शन इसी साल अप्रैल में शुरू किया है। पिछले तीन महीने में ही हम तकरीबन 20 लाख का बिजनेस कर चुके हैं।’ बातचीत के बीच-बीच में बिजली चली जा रही है। शुभम का घर भी इसी फैक्ट्री से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है। वह कहते हैं, ‘मैं मुरैना का ही रहने वाला हूं। यहां बिजली की आज भी किल्लत है। इस वजह से हमारा प्रोडक्शन भी ठीक ढंग से नहीं हो पाता है। सोचा था कि लोग शहरों में जाकर फैक्ट्री लगाते हैं, लेकिन मैंने शुरुआत अपने गांव से की। मुझे बचपन से केमिस्ट्री से लगाव था। 12वीं के बाद बेंगलुरु केमिकल इंजीनियरिंग करने के लिए चला गया। मुझे याद है, जब मैंने इस सब्जेक्ट को चुना तो बहुत सारे लोगों का यही कहना था- हर स्टूडेंट कंप्यूटर, मैकेनिकल, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग करना चाहता है, और ये सब्जेक्ट भी चुन रहा है तो केमिकल का।’ शुभम कहते हैं, ‘2014 में बेंगलुरु से बीटेक कम्प्लीट करने के बाद मास्टर की पढ़ाई के लिए लंदन चला गया था। एक रोज अखबार में पढ़ा कि देश की राजधानी दिल्ली प्रदूषण में अव्वल है। केमिकल इंजीनियरिंग का स्टूडेंट होने के नाते मेरे मन में कई सवाल उठने लगे। 2016 में मास्टर कम्प्लीट करने के बाद मैं इंडिया आ गया। यहां देखा कि हर साल लाखों टन पराली ऐसे ही खेत में जला दी जाती है। इसी दौरान मेरा सिलेक्शन केंद्र के साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट में बतौर फेलो हो गया। यहीं पर मुझे पराली जैसे अलग-अलग वेस्टेज से प्रोडक्ट तैयार करने के बारे में सूझा। फेलोशिप की थीम थी- वेस्ट टू वैल्यू…। 4-5 साल की मेहनत के बाद हम आज यहां तक पहुंचे हैं। शुरू में कुछ लोगों ने ये भी कहा- लंदन से लौटकर भूसा ढो रहा है।‘ जहां शुभम की फैक्ट्री है, उससे कुछ दूरी पर किसानों के घर हैं। खाली जगह में सरसों की फली के छिलकों का ढेर लगा है। एक किसान छिलके दिखाते हुए कहता है, ‘पहले तो किसान पराली को जला देते थे, लेकिन अब इसी से अलग-अलग तरह के प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं।' मैं शुभम से पूछता हूं। लंदन से वापस इंडिया? ‘दरअसल, गांव में पला-बढ़ा हूं। हमेशा से कुछ करने का जज्बा था। इस इलाके में सरसों की सबसे ज्यादा खेती होती है। जब आप ठंड में आएंगे, तो पूरा इलाका ‘दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे’ फिल्म की तरह पीले-पीले सरसों के फूलों से पटा होता है। 2018 में पराली और इस तरह के वेस्टेज से पल्प तैयार करके पेपर शीट और फर्नीचर बोर्ड बनाने का काम शुरू किया।’ शुभम कहते हैं, ‘अब तक इसमें ढाई करोड़ के करीब इन्वेस्टमेंट हो चुका है। ये सारा पैसा हमें गवर्नमेंट की तरफ से ग्रांट और फंडिंग के तौर पर मिला है।’ शुभम मुझे कुछ फर्नीचर बोर्ड दिखा रहे हैं। यह एकदम प्लाई बोर्ड की तरह लग रहा है। इनके ऑफिस एरिया में बने सारे फर्नीचर आइटम्स इसी पराली और वेस्ट के बोर्ड से बने हुए हैं। शुभम एक फर्नीचर बोर्ड दिखाते हुए कहते हैं, ‘यह 300 किलोग्राम तक का वजन संभाल सकता है। जब मार्केट में टेस्टिंग के लिए जाता था और लोगों से कहता था कि यह पराली से या वेस्टेज से बना हुआ है, तो सभी चौंकते थे। कहते थे- इससे भी इस तरह का प्रोडक्ट बन सकता है! दरअसल, पराली का पल्प तैयार करके इसमें कुछ केमिकल मिलाया जाता है। गोंद भी रहता है। फिर इस रॉ मटेरियल को डाई में भरा जाता है। प्रेस करके फाइनल प्रोडक्ट तैयार किया जाता है।’ शुभम डिस्ट्रीब्यूटरशिप के जरिए अपने प्रोडक्ट को बेचते हैं। कहते हैं, ‘शुरुआत में तो कोई डिस्ट्रीब्यूटर हमारा प्रोडक्ट नहीं बेचना चाहता था, लेकिन अब धीरे-धीरे देशभर में 50 के करीब डिस्ट्रीब्यूटर हो चुके हैं। पहले हमारी कंपनी पुणे से काम करती थी, लेकिन बाद में हमने मुरैना में ही ऑफिस शिफ्ट कर लिया। दरअसल, यहां रॉ मटेरियल आसानी से मिल जाता है। अभी हमने 20 लाख का बिजनेस किया है। अगले दो-तीन साल में 100 करोड़ की कंपनी बनाने का टारगेट है।’

दैनिक भास्कर 21 Oct 2024 5:13 am

मंडे मेगा स्टोरी- कांग्रेस चुनाव कैसे हारती है:हरियाणा, एमपी और छत्तीसगढ़ की ये 8 गलतियां दोहराईं तो महाराष्ट्र में भी बिगड़ेगा खेल

जून 2023 में दीपक बाबरिया को कांग्रेस ने हरियाणा का प्रभारी बनाया। चुनाव में टिकट बंटवारे के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और वो इलाज कराने दिल्ली चले गए। पूरा चुनाव खत्म हो गया, लेकिन उनकी जगह किसी और की नियुक्ति नहीं हुई। हरियाणा के बड़े नेता कैप्टन अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव रेवाड़ी से चुनाव हार गए। हार के बाद अजय यादव ने कहा, 'चुनाव के दौरान प्रभारी (दीपक बावरिया) बीमार हो गए थे। प्रभारी अगर बीमार थे, तो उनको अपनी जगह किसी और को प्रभारी बनाना चाहिए था। हमारी बात सुनने के लिए कोई फ्रंट फुट पर उपलब्ध ही नहीं था।' इसी तरह असंध से चुनाव हारने वाले कांग्रेस के उम्मीदवार शमशेर गोगी ने कहा, असंध में रैली के लिए मैंने सारे इंतजाम किए थे, लेकिन हुड्डा ने अपने भाषण में मेरा नाम तक नहीं लिया। हरियाणा चुनाव के दौरान कांग्रेस में मिस-मैनेजमेंट, गुटबाजी और ओवरकॉन्फिडेंस की लंबी फेहरिस्त है। पॉलिटिकल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि कांग्रेस के पक्ष में माहौल था, फिर भी चुनाव हार गई। इससे पहले छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी ऐसा ही हुआ। मंडे मेगा स्टोरी में जानेंगे कांग्रेस चुनाव कैसे हारती है, अगर ये 8 ब्लंडर दोहराए तो महाराष्ट्र में भी खेल बिगड़ सकता है... 3 फैक्टर बताते हैं कि हरियाणा, एमपी और छत्तीसगढ़ में हवा का रुख कांग्रेस के खिलाफ नहीं था… इसके बावजूद जब हरियाणा, एमपी और छत्तीसगढ़ के नतीजे आए तो कांग्रेस हार गई… हरियाणा, एमपी और छत्तीसगढ़ तीनों राज्यों में हवा का रुख कांग्रेस की तरफ होते हुए भी वह चुनाव हार गई। तीनों चुनावों के इंसिडेंट, डेटा और एक्सपर्ट्स की मदद से वो 8 फैक्टर्स, जिनकी वजह से कांग्रेस चुनाव हारती है… हरियाणा चुनाव के आखिरी हफ्ते में राहुल-प्रियंका की रैली सितंबर के पहले हफ्ते में हरियाणा की करीब 66 सीटों पर कैंडिडेट्स फाइनल हुए। 8 सितंबर को राहुल गांधी अमेरिका चले गए और 16 सितंबर को भारत लौटे। चुनाव के आखिरी हफ्ते में राहुल गांधी ने हरियाणा में रैलियां की। उन्होंने पहली रैली 26 सितंबर को की। राहुल ने कुल 8 रैलियां और रोड शो कर करीब 33 सीटें कवर कीं। इनमें से 11 सीटें कांग्रेस जीतीं। वहीं प्रियंका गांधी ने केवल दो रैलियां की। शुरुआती दो हफ्ते कैम्पेन से दूर रहीं कुमारी शैलजा कुमारी शैलजा ने टिकट बंटवारे में समर्थकों को तरजीह न मिलने की नाराजगी पार्टी हाईकमान से खुले तौर पर जताई। चुनाव के शुरुआती दो हफ्तों तक उन्होंने कैम्पेन से दूरी बनाई। हालांकि उन्होंने खड़गे के साथ मुलाकात की। खड़गे से आश्वासन मिलने के बाद वो प्रचार में सक्रिय हुईं। उन्होंने सिर्फ 9 जगह प्रचार किया। ऐलनाबाद सीट से कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल हुड्डा गुट के माने जाते हैं। पत्रकार बताते हैं कि उन्होंने शैलजा को रैली के लिए बुलाया, लेकिन वो नहीं पहुंचीं। हालांकि बेनीवाल जीत गए। पॉलिटिकल एक्सपर्ट हेमंत अत्री कहते हैं, ये चुनाव मिस-मैनेजमेंट वर्सेज माइक्रो-मैनेजमेंट का उदाहरण है। किस तरह से कांग्रेस जीते हुए चुनाव को मिस-मैनेजमेंट से हार की तरफ लेकर आई। बीजेपी जो लड़ाई में भी नहीं थी, वो बढ़े हुए वोटों के साथ सत्ता में आई। कांग्रेस के वोट में 11% की बढ़ोतरी हुई, लेकिन सीट में नीचे रह गई। एमपी-छत्तीसगढ़ में मिसमैनेजमेंट के कुछ एग्जांपल्स बागियों को रोकने के बजाय उन्हें और हवा दी गई अंबाला कैंट से हारे परविंदर परी ने कहा, ‘B.D. गैंग यानी भूपेंद्र-दीपेंद्र हुड्‌डा गैंग ने कई सीटों पर बागी प्रत्याशियों को उतार कांग्रेस कैंडिडेट को हराने का काम किया। हमें लगता है कि कहीं न कहीं शैलजा जी सही टाइम पर आतीं तो आज चुनाव के नतीजे कुछ और होते।’ कांग्रेस की ओर से कराए गए इंटरनल सर्वे से पता चला कि हरियाणा में बागी उम्मीदवारों के कारण पार्टी को 16 सीटों का नुकसान हुआ। सर्वे के मुताबिक, कालका सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार लगभग 11 हजार वोटों के मार्जिन से हार गए, जबकि उसी सीट पर बागी उम्मीदवार को लगभग 32 हजार वोट मिले। ठीक ऐसे ही गोहाना की सीट पर बागी कैंडिडेट को करीब 15 हजार वोट मिले, जबकि बीजेपी ने कांग्रेस को लगभग 10 हजार वोटों से हराया। चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे और कांग्रेस नेता बृजेंद्र सिंह मानते हैं कि हार की वजह के जिम्मेदार बागियों को कंट्रोल न कर पाने वाले पार्टी के ही नेता हैं। सीनियर जर्नलिस्ट नीरजा चौधरी कहती हैं, ‘16 निर्दलीय उम्मीदवारों ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ा, जिनमें से 7 बागी थे। ऐसा संदेह जताया जाता है कि इन्हें भूपेंद्र हुड्डा का समर्थन मिला था।’ AAP से गठबंधन न करने से 5 सीटों पर असर हरियाणा में कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी अलायंस करना चाहती थी, लेकिन ये नहीं हो सका। दावा किया गया कि भूपेंद्र हुड्डा ने हाईकमान को ऐसा न करने के लिए मनाया। अगर कांग्रेस और AAP एक साथ चुनाव लड़तीं तो कम से कम 5 सीटों का फायदा हो सकता था। दरअसल, हरियाणा में 5 सीटें ऐसी हैं, जहां AAP के उम्मीदवारों को कांग्रेस की हार के मार्जिन से ज्यादा या बराबर वोट मिले। पॉलिटिकल एक्सपर्ट पवन बंसल कहते हैं, ‘AAP ने कांग्रेस से गठबंधन किया होता तो उनके कार्यकर्ताओं के मनोबल पर इसका असर पड़ता। परिणाम ये होता कि AAP एग्रेसिव चुनाव प्रचार करती और हरियाणा में 1.79% के बजाय केजरीवाल की पार्टी 2.50% तक वोट हासिल कर पाती। इसका मतलब ये होता कि इतना वोट एंटी कांग्रेस यानी BJP के घटते। दोनों दलों के गठबंधन को 40 से ज्यादा सीटें मिल सकती थीं।’ एमपी में लापरवाही का एग्जांपल 2023 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ समाजवादी पार्टी अलायंस करना चाहती थी। लेकिन कमलनाथ इसके लिए तैयार नहीं थे। हालांकि बाद में खजुराहो की एक सीट SP को दे दी गई, लेकिन SP कैंडिडेट का नॉमिनेशन रद्द हो गया था। चुनाव के दौरान कमलनाथ से अखिलेश यादव को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘छोड़िए अखिलेश-वखिलेश को।’ हरियाणा में हुड्डा और शैलजा गुट में खींचतान मची थी यहां कांग्रेस मोटे तौर पर 2 गुटों में बंटी थी- पहला गुट भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है दूसरा गुट SRK नाम से जाना जाता है, जिसमें रणदीप सुरजेवाला, कुमारी शैलजा और किरण चौधरी शामिल हैं। किरण चौधरी अब बीजेपी में शामिल हो गई हैं। किरण ने खड़गे को लेटर लिखकर हरियाणा की गुटबाजी के बारे में बताया। उन्होंने लिखा, ‘हरियाणा में कांग्रेस को निजी जागीर की तरह चलाया जा रहा है। मेरे लिए कोई जगह नहीं बची है। मुझे अपमानित किया गया।’ चुनाव की शुरुआत से ही प्रचार, पोस्टर और बयानों से दोनों खेमों के बीच की खींचतान साफ देखने को मिली। भूपेंद्र हुड्डा के गुट ने ‘हरियाणा मांगे हिसाब’ अभियान शुरू किया, तो कुमारी शैलजा ने ‘कांग्रेस संदेश यात्रा’ का ऐलान किया। छत्तीसगढ़ में बघेल और टीएस गुट में खींचतान छत्तीसगढ़ में 2018 में कांग्रेस की सरकार बन तो गई, लेकिन अंतर्कलह जारी रहा। तब के सीएम भूपेश बघेल और मंत्री टीएस सिंह देव के बीच टकराव की खबरें सामने आती रहीं। बघेल गुट के विधायक बृहस्पति सिंह ने तो विधानसभा में ही टीएस के खिलाफ बयानबाजी की। हालांकि बाद में माफी भी मांग ली। ये गुटबाजी 2023 के विधानसभा चुनाव में भी जारी रही। दावा किया जाता है कि टीएस के खिलाफ कई नेता लामबंद हुए और वो चुनाव हार गए। कांग्रेस यहां की 90 में से 35 सीटें ही जीत पाई। मध्यप्रदेश की गुटबाजी में ज्योतिरादित्य सिंधिया टूटे 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान यहां कांग्रेस में 3 गुट थे- कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह। 2020 में सिंधिया ने अपने गुट के 22 विधायकों के साथ बीजेपी जॉइन की और राज्य में कांग्रेस की सरकार गिर गई। इसके बाद एमपी कांग्रेस में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के ही गुट बचे। 2023 के चुनाव में भी इनके बीच की खींचतान दिखी। इस चुनाव में बीजेपी के खिलाफ एंटी-इनकम्बेंसी और लोगों में शिवराज को लेकर नाराजगी थी, लेकिन कांग्रेस की खेमेबंदी उसकी हार की एक वजह बनी और वह केवल 66 सीटें जीत सकी। हरियाणा में कांग्रेस ने भूपेंद्र हुड्डा पर ज्यादा भरोसा किया। 90 में से 72 सीटों पर हुड्डा की छाप रही। हुड्डा ने ही पूरे चुनाव को लीड किया और उसकी स्ट्रैटजी तैयार की। कुरुक्षेत्र शहरी से कांग्रेस जिला अध्यक्ष मधुसूदन बवेजा ने पूर्व सीएम हुड्‌डा का नाम लिए बगैर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘हाईकमान केवल एक नेता की बातों में आ गया। दूसरे किसी भी कुशल नेता की बात नहीं मानी।’ 2023 में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी ओल्ड गार्ड्स ने चुनाव लीड किया और पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। एमपी में कमलनाथ ने चुनाव की कमान संभाली। उनका गुट भी पूरे चुनाव में हावी रहा। हरियाणा में कांग्रेस नेता मंत्रालय बांटने लगे थे हरियाणा के सीनियर जर्नलिस्ट बताते हैं कि कांग्रेस जीत को लेकर ओवर-कॉन्फिडेंट थी। रिजल्ट से एक दिन पहले दीपेंद्र हुड्डा के घर पर मीटिंग हुई, जहां वो नेताओं को मंत्रालय बांट रहे थे। वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई लिखते हैं, ‘ओवर-कॉन्फिडेंस घातक होता है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को ‘अबकी बार 400 पार’ के नारे की कीमत चुकानी पड़ी। हरियाणा में कांग्रेस के नारे ‘भाजपा जा रही है, कांग्रेस आ रही है’ ने ऐसा माहौल बनाया, मानो चुनाव ‘समाप्त’ हो गया हो। टिकट-वितरण से बूथ-कनेक्टिविटी तक आत्मसंतुष्टि छा गई।’ पॉलिटिकल एक्सपर्ट हेमंत अत्री कहते हैं, कांग्रेस ने 0.85% के अंतर से 11 सीटें खो दीं। ये डेटा मैनेजमेंट और सीट-टू-सीट मैनेजमेंट का खेल था। कांग्रेस ओवर-कॉन्फिडेंट थी। मतलब आपके 17 बागी खड़े हुए, लेकिन आपने कितनों को बिठाने की कोशिश की? 12 साल से हरियाणा में कांग्रेस का संगठन नहीं करीब 12 साल से हरियाणा में कोई संगठनात्मक ढांचा नहीं है। गुटबाजी के चलते कोई भी प्रदेश अध्यक्ष जिले स्तर के संगठन की लिस्ट जारी नहीं कर पाता। इसके उलट बीजेपी की जिले से लेकर बूथ लेवल तक पर प्रभारी और संगठन मजबूत है। बीजेपी के पास वोटर लिस्ट के एक पन्ने यानी 30 वोटर्स तक के लिए 'पन्ना प्रभारी' है। संघ और उससे जुड़े संगठनों ने ग्राउंड पर उतर कर बीजेपी के लिए वोटर्स लामबंद किए। कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा, ‘चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी और उम्मीदवारों को संगठन की कमी खली है। संगठन से ही कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान मिलता है और संगठन होना चाहिए था।’ कांग्रेस नेता गीता भुक्कल ने कहा, ‘बीजेपी का मैनेजमेंट कांग्रेस से बहुत अच्छा है। कांग्रेस के पक्ष में लहर को देखकर हम लोग ओवर कॉन्फिडेंट हो गए थे। हमें लगा सरकार बन रही है। वहीं कांग्रेस संगठन का न होना भी एक बड़ा कारण रहा।’ हरियाणा कांग्रेस प्रभारी बाबरिया पूरे चुनाव राज्य में नहीं रहे जून 2023 में राहुल गांधी के करीबी सिपहसालार दीपक बाबरिया हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी बने, लेकिन बाबरिया न तो संगठन बना पाए और न ही गुटबाजी रोक पाए। चुनाव में टिकट वितरण के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और वो इलाज कराने दिल्ली चले गए। उनकी जगह किसी और को नियुक्त नहीं किया गया। दूसरी तरफ बीजेपी ने जुलाई 2024 में राजस्थान के बीजेपी नेता सतीश पूनिया को हरियाणा का प्रभारी बनाया। उन्होंने टिकट वितरण से लेकर चुनावी मैनेजमेंट तक में अहम भूमिका निभाई। करीब 90 दिनों तक पूनिया हरियाणा में ही रहे। उन्होंने रूठे और बागी नेताओं को भी मनाया। इसके अलावा बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और त्रिपुरा के पूर्व सीएम बिप्लब देब को भी हरियाणा चुनाव की जिम्मेदारी सौंपी। गृहमंत्री अमित शाह की निगरानी में धर्मेंद्र प्रधान ने हरियाणा में माइक्रो मैनेजमेंट किया। एमपी-छत्तीसगढ़ में कमजोर संगठन के कुछ एग्जांपल्स शैलजा पर कांग्रेसी कार्यकर्ता ने ही की जातिवादी टिप्पणी हरियाणा विधानसभा की नारनौंद सीट से हुड्डा गुट के जस्सी पेटवाड़ को टिकट मिला। नॉमिनेशन के दौरान एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने शैलजा पर जातिवादी टिप्पणी की, जिसका वीडियो काफी वायरल हुआ। इस घटना ने तूल पकड़ा और दलित समुदाय में विरोध हुआ। एक इंटरव्यू में कुमारी शैलजा ने कहा, ‘मेरी इच्छा थी कि मैं विधानसभा चुनाव लड़ूं। नारनौंद, उकलाना में मेरे समर्थकों को टिकट नहीं मिला, लेकिन अब जिन्हें मिला है उनकी प्रतिक्रिया भी देखने को मिल रही है।’ दलित वोटर कन्फ्यूज हो गए कि कांग्रेस को वोट देना चाहिए या नहीं। हरियाणा के सीएम नायब सैनी समेत बीजेपी के कई नेताओं ने कांग्रेस पर दलित विरोधी भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया। 20 सितंबर को घरौंदा की रैली में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा, ‘वहां (कांग्रेस में) बहुत ज्यादा अंदरूनी कलह है और उनके सीएम चेहरे के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। हमारी दलित बहन (शैलजा) घर पर बैठी हैं। आज लोगों का एक बड़ा वर्ग इस बारे में सोच रहा है कि उन्हें क्या करना चाहिए।’ एमपी-छत्तीसगढ़ में विचारधारा में घालमेल के एग्जांपल्स… ‘हुड्डा को डर था, दूसरे गुट के ज्यादा लोग न जीत जाएं’ हरियाणा में 90 में से करीब 72 सीटों पर हुड्डा परिवार ने अपने उम्मीदवार उतारे। वहीं कुमारी शैलजा के हिस्से में केवल 10 और रणदीप सुरजेवाला के हिस्से में 2 सीटें ही आईं। हुड्डा गुट के 42% कैंडिडेट ही जीते। वहीं शैलजा गुट के 10 में से 6 कैंडिडेट जीते। हुड्डा पर आरोप लगा कि वो नहीं चाहते थे कि दूसरे गुट के ज्यादा लोग जीतें। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि कैंडिडेट सिलेक्शन की बैठकों में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन अजय माकन और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा एक ही सर्वे रिपोर्ट के आधार पर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से बात करते थे। ये सर्वे रिपोर्ट कांग्रेस के इलेक्शन स्ट्रैटजिस्ट सुनील कानुगोलु ने तैयार की थी। एमपी-छत्तीसगढ़ में टिकट बंटवारे से जुड़े एग्जांपल्स… 2023 के विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के दौरान कमलनाथ और दिग्विजय के बीच टकराव की बातें सामने आईं। चुनाव के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पार्टी वर्कर्स से कहते दिखे कि ‘अगर वो (दिग्विजय सिंह) आपकी बात न सुनें तो दिग्विजय सिंह और उनके बेटे जयवर्धन सिंह के कपड़े फाड़ दो।’ 17 अक्टूबर 2023 को कांग्रेस का मैनिफेस्टो जारी करते वक्त दिग्विजय सिंह ने मजाकिया लहजे में कहा था, 'फॉर्म A और फॉर्म B पर दस्तखत किसके होते हैं? पीसीसी प्रेसिडेंट के...तो कपड़े किसके फटने चाहिए।' छत्तीसगढ़ प्रभारी कुमारी शैलजा पर स्थानीय नेताओं और पूर्व विधायकों ने टिकट के एवज में पैसे लेने का आरोप लगाया। पूर्व विधायक डॉक्टर विनय जायसवाल ने तो केंद्र से आए कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव चंदन यादव पर सात लाख रुपए लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'वो पैसा अगर पार्टी फंड में जमा किया गया हो तो उसकी जांच होनी चाहिए।’ महाराष्ट्र में भी हवा का रुख कांग्रेस के खिलाफ नहीं, लेकिन क्या फिर भी बिगड़ सकता है खेल? महाराष्ट्र में इस बार 6 बड़ी पार्टियां चुनाव लड़ रही हैं। इनमें से बीजेपी, शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित) ने अलायंस कर महायुति बनाई है, जिसकी अभी सरकार है। वहीं कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव) और एनसीपी (शरद) ने मिलकर महाविकास अघाड़ी बनाया है। 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने महाराष्ट्र की 17 सीटों पर चुनाव लड़ा। इनमें से 13 सीटों पर जीत हासिल की। यानी महाराष्ट्र में मोमेंटम कांग्रेस के साथ है। इसके बावजूद अगर हरियाणा, एमपी और छत्तीसगढ़ वाली गलतियां दोहराई गईं, तो चुनाव फिसल सकता है। शिवसेना (शिंदे) के सीनियर लीडर संजय राउत ने कहा, ‘कांग्रेस का ओवर-कॉन्फिडेंस हरियाणा में उसकी हार के लिए जिम्मेदार है। कांग्रेस केवल उन क्षेत्रों में सहयोगियों पर निर्भर रहती है जहां वह कमजोर है, लेकिन अपने मजबूत क्षेत्रों में उन्हें नजरअंदाज कर देती है।’ महायुति का सीट-शेयरिंग फॉर्मूला तय हो गया है। बीजेपी 155, शिवसेना (शिंदे) 78 और एनसीपी (अजित) 55 सीटों पर चुनाव लड़ेेंगी। 20 अक्टूबर को बीजेपी ने महाराष्ट्र में 99 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी कर दी। लेकिन महाविकास अघाड़ी में सीट-शेयरिंग का फॉर्मूला ही नहीं तय हो पाया है। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पार्टी यहां 110-115 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। 100 सीटों से कम पर कांग्रेस राजी नहीं होगी। उद्धव ठाकरे सीएम फेस बनना चाहते हैं, लेकिन शरद पावर इसके लिए तैयार नहीं। 14 अक्टूबर को महाराष्ट्र चुनाव को लेकर कांग्रेस की मीटिंग हुई। करीब 3 घंटे तक हुई इस बैठक में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने हरियाणा का नाम लिए बिना महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं को निर्देश दिए। राहुल और खड़गे ने कहा कि वे आत्ममुग्ध या ओवर-कॉन्फिडेंट न बनें। एकजुट रहें और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन को हराने के लिए कड़ी मेहनत करें। कांग्रेस ने महाराष्ट्र में कई पूर्व सीएम और डिप्टी सीएम उतारे पिछले चुनावों से सबक लेते हुए कांग्रेस ने महाराष्ट्र में सीनियर नेताओं की फौज उतार दी है। करीब 13 बड़े नेताओं की महाराष्ट्र में तैनाती की गई है। यूपी कांग्रेस के प्रभारी अविनाश पांडेय और कद्दावर महासचिव मुकुल वासनिक को महाराष्ट्र में इलेक्शन कोऑर्डिनेटर बनाया गया है। इनके अलावा अलग-अलग जोन के लिए अलग-अलग पर्यवेक्षक बनाए गए हैं, जो क्राइसिस मैनेजमेंट और इलेक्शन कोऑर्डिनेशन करेंगे। इनमें अशोक गहलोत, सचिन पायलट, भूपेश बघेल, चरणजीत सिंह चन्नी, उमंग सिंघार, जी परमेश्वर, उत्तम रेड्डी, टीएस सिंह देव, एमबी पाटिल, नासिर हुसैन और ए सितख्का शामिल हैं। पॉलिटिकल एनालिस्ट रशीद किदवई कहते हैं, 'जून में जब बीजेपी ने संसद में बहुमत खोया और सरकार बनाने के लिए NDA के साथियों का सहारा लेना पड़ा, तो कांग्रेस ने इसे खुद के रिवाइवल मोमेंटम के तौर पर देखा। लेकिन हरियाणा के नतीजे मोदी और बीजेपी के लिए बूस्टर साबित हुए। बीजेपी और मोदी अब ज्यादा कॉन्फिडेंस महसूस कर सकते हैं। ये जीत बीजेपी को अगले विधानसभा चुनावों में ज्यादा पावर देगी।’ *** ग्राफिक्सः अजीत सिंह *** इलेक्शन एनालिसिस से जुड़ी अन्य स्टोरीज भी पढ़िए… भास्कर एक्सप्लेनर- अजित पवार कमजोर कड़ी, कांग्रेस पर सबकुछ टिका: 2024 के लोकसभा नतीजों के आधार पर महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों का एनालिसिस महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में पहली बार 6 बड़ी पार्टियों के बीच मुकाबला हो रहा है। हवा का रुख समझने के लिए हमने 5 महीने पहले हुए 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजों को आधार बनाया। महाराष्ट्र की लोकसभा सीटों को 288 विधानसभा के हिसाब से एनालिसिस किया तो पता चला कि BJP को 23 सीटों का नुकसान हुआ था और अजित पवार की पार्टी केवल 6 सीटों पर आगे थी। महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 63 सीटें जीती थीं। कहां-किसने बाजी मारी, किसके सामने क्या चुनौतियां, भास्कर एक्सप्लेनर में पढ़िए... चंपाई के बीजेपी में जाने से 14 सीटों पर असर: झारखंड में 2019 से कितने अलग 2024 चुनाव; क्या सीट शेयरिंग में उलझेगा गठबंधन 2019 यानी झारखंड के पिछले विधानसभा चुनाव में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। 30 सीटों के साथ जेएमएम सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और गठबंधन के साथ सरकार बनाई। 4 साल सब कुछ ठीक रहा, लेकिन आखिरी साल काफी उठा-पटक मची। झारखंड में पिछले 5 साल के सियासी घटनाक्रम और 2024 चुनाव की कहानी, भास्कर एक्सप्लेनर में पढ़िए...

दैनिक भास्कर 21 Oct 2024 5:13 am

Gaza: 'बच्चों का मांस पकाकर खिलाया था', गाजा में यजीदी महिला की भयावह दास्तां, जानकर कांप जाएगा कलेजा

Gaza News:इजरायल-हमास युद्ध के कारण गाजा पूरी दुनिया में चर्चा का विषय रहा है. गाजा से दुख-दर्द-यातना की अनगिनत कहानियां सामने आ चुकी हैं. हाल ही में गाजा से छूटी एक यजीदी महिला ने आतंकियों के भयावह बर्ताव का खुलासा किया है.

ज़ी न्यूज़ 20 Oct 2024 5:01 pm

इजरायल ने ऐसा क्या किया? लेबनान में 2000 परिवार वालों को चुल्लू भर पानी भी नहीं होगा नसीब! मचा हाहाकार

Israeli airstrike destroys vital water project:23 सितंबर से इजरायली सेना लेबनान पर बड़े पैमाने पर हवाई हमला कर रही है. इजरायल ने जमीनी अभियान भी शुरू किया है. इन हमलों का मकसद कथित तौर पर हिजबुल्लाह की क्षमताओं को कम करना है. इसी मामले में इजरायल ने फिर हमला किया है.

ज़ी न्यूज़ 20 Oct 2024 3:18 pm

Iran Israel: ईरान में अब कभी भी तबाही मचा सकता है इजरायल, पेंटागन से खुफिया जानकारी लीक- अमेरिका समेत दुनियाभर में सनसनी

Israel Plans To Attack Iran: इजरायल सुरक्षा बल (IDF) गाजा और दक्षिणी लेबनान के बाद अब ईरान पर बड़ा हमला कर तबाही मचाने की तैयारी कर रहा है. पेंटागन से लीक हुए अमेरिकी खुफिया विभाग के दो दस्तावेजों से दुनियाभर में सनसनी फैलाने वाला खुलासा हुआ है.

ज़ी न्यूज़ 20 Oct 2024 1:56 pm

PM नेतन्याहू के घर पर हमले के बाद इजरायल ने मचाना शुरू किया कोहराम, एयर स्ट्राइक में 72 को मारा

73 killed in strike on Gaza town: पीएम नेतन्याहू के घर पह हमले के बादइजरायल ने गाजा में कोहरमा मचा दिया है.इजरायली प्रधानमंत्री ने खुले शब्‍दों में कह दिया है कि जो कोई भी इजरायल के नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा, उसे 'भारी कीमत' चुकानी पड़ेगी. अब इजरायल ने गाजा में जो कहर बरपाया है उसमें 73 लोगों की जान चली गई है.

ज़ी न्यूज़ 20 Oct 2024 1:05 pm

Yahya Sinwar Video : 2 बेटे, 1 बेटी, 1 बीवी... 7 अक्टूबर के हमले से कुछ घंटे पहले फैमिली के साथ क्या कर रहा था हमास चीफ याह्या सिनवार

Hamas Chief Yahya Sinwar Video:इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) के प्रवक्तारियर हगारी ने कहा कि सुरंग खान यूनिस में परिवार के घर के नीचे थी.ये फुटेज ऑपरेशन के दौरान गाजा से बरामद हुई थी.

ज़ी न्यूज़ 20 Oct 2024 11:13 am

कौन हैं प्रबोवो सुबियांतो? ‘कुरान’ पर हाथ रखकर राष्ट्रपति पद की ली शपथ, क्रूर सैन्य तानाशाह ने कैसे हथिया ली सत्ता

Who is Prabowo Subianto: जिसके नाम से पूरा देश कांपता था, अब वह राष्ट्रपति बन गया है. कुछ ऐसा ही हुआ हैइंडोनेशिया में. जहांक्रूरसैन्य तानाशाह ने राष्टपति की सत्ता हासिल कर ली है. जानें पूरी कुंडली.

ज़ी न्यूज़ 20 Oct 2024 11:11 am