बाल गीत : चलो धूप में बैठें हम
रविवार को छुट्टी सबकी, मम्मी पापा फुर्सत हैं। दादा-दादी तो पहले से,धूप तापने में रत हैं। बाई बनाती चाय नाश्ता, किसी बात का फिर क्या गम। मम्मी जी लग गईं बनाने, कटहल का स्वादिष्ट अचार। पापाजी को काम नहीं कुछ, वह तो बस पढ़ते अखबार। ले आई है बाई ...
मजेदार कविता : लेकिन गुस्सा भी आता है
खड़ी हुई दर्पण के सम्मुख, लगी बहुत मैं सीधी सादी। पता नहीं क्यों अम्मा मुझको, कहती शैतानों की दादी। मैं तो बिलकुल भोली भाली, सबकी बात मानती हूं मैं। पर झूठे आरोप लगें तो, घूंसा तभी तानती हूं मैं। फिर गुस्सा भी आ जाता है,
Constitution Day 2024: 26 नवंबर, राष्ट्रीय संविधान दिवस से जुड़े 10 रोचक तथ्य
Samvidhan Divas 2024: हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है संविधान दिवस मनाया जाता है। यह भारत के लोकतंत्र का सबसे बड़ा धर्मग्रंथ कहा जा सकता है, जिसके द्वारा संपूर्ण भारतीय लोकतंत्र संचालित होता है। यहां जानिए भारतीय संविधान दिवस के बारे में विशेष ...