जमुई के सिकंदरा थाना क्षेत्र के महादेव सिमरिया बाजार में स्वर्ण दुकान और घर में हुई बड़ी डकैती की घटना को 11 दिन बीत चुके हैं, लेकिन पुलिस अब तक अपराधियों तक नहीं पहुंच सकी है। लगभग 65 लाख रुपए की इस वारदात के बाद पीड़ित परिवार न केवल न्याय की प्रतीक्षा कर रहा है, बल्कि लगातार मिल रही धमकियों के कारण दहशत में भी जी रहा है। पुलिस की निष्क्रियता को लेकर अब राजनीतिक और सामाजिक दबाव भी बढ़ने लगा है। एसपी कार्यालय पहुंचे पीड़ित और जनप्रतिनिधि शुक्रवार को पीड़ित स्वर्ण दुकानदार मुकेश कुमार साव, जदयू व्यापारी प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव महेंद्र बरनवाल, भाजपा व्यापार मंडल के संयोजक ऋषि भारत समेत आधा दर्जन ग्रामीण समाहरणालय स्थित एसपी कार्यालय पहुंचे। सभी ने एसपी विश्वजीत दयाल को आवेदन सौंपते हुए अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी और पीड़ित परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। 65 लाख की डकैती, लेकिन गिरफ्तारी शून्य पीड़ित मनोज कुमार साव ने बताया कि 14 दिसंबर की रात उनके घर और सोने की दुकान में सशस्त्र बदमाशों ने धावा बोला था। इस दौरान नकदी और आभूषण समेत करीब 65 लाख रुपये की संपत्ति लूट ली गई। घटना के बाद सिकंदरा थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस और एफएसएल टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच भी की, लेकिन 11 दिन बीत जाने के बावजूद कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया। परिवार पर बढ़ता खतरा, बच्चों तक को नहीं छोड़ा मनोज कुमार साव ने बताया कि अपराधियों की दुस्साहसिक हरकतें घटना के बाद भी जारी हैं। 25 दिसंबर को उनके भाई के 10 वर्षीय पुत्र को बदमाशों ने कथित तौर पर किडनैप करने की कोशिश की। हालांकि बच्चे ने साहस दिखाया और किसी तरह खुद को बचाकर घर पहुंचा। इसके अलावा, डकैती के दो दिन बाद दुकान के शटर पर धक्का देने की घटना भी सामने आई। इन सभी घटनाओं की सूचना पुलिस को दी गई, लेकिन किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस की पूछताछ पर सवाल पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस की पूछताछ का दायरा अपराधियों तक पहुंचने के बजाय केवल परिवार तक सीमित है। बार-बार एक ही तरह के सवाल पूछे जा रहे हैं, जिससे परिवार मानसिक रूप से परेशान है। अपराधियों की पहचान और गिरफ्तारी को लेकर कोई स्पष्ट प्रगति न होने से परिवार का भरोसा डगमगाने लगा है। जदयू नेता ने पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप जदयू व्यापारी प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव महेंद्र बरनवाल ने कहा कि लाखों रुपये की डकैती के बाद भी 11 दिनों तक किसी की गिरफ्तारी नहीं होना पुलिस की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन से इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि जल्द परिणाम नहीं आए, तो जनआंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा। भाजपा नेता ने जताई पीड़ितों की चिंता भाजपा व्यापार मंडल के संयोजक ऋषि भारत ने भी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अपराधियों के बजाय पीड़ित परिवार को ही परेशान किया जा रहा है। बदमाश खुलेआम डराने-धमकाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि परिवार भय और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर है। उन्होंने एसपी से अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की। पुलिस पर बढ़ता दबाव महादेव सिमरिया डकैती कांड अब केवल एक आपराधिक मामला नहीं रह गया है, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करने वाला मुद्दा बन गया है। जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों के दबाव के बीच अब देखना यह होगा कि पुलिस कब तक अपराधियों को पकड़ने में सफल होती है और पीड़ित परिवार को न्याय व सुरक्षा का भरोसा दिला पाती है।
नोएडा प्राधिकरण की ओर से सभी 116 ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं पर 30 नवंबर तक 34 हजार 283 करोड़ रुपए का बकाया है। जिनमें से करीब 25 हजार करोड़ रुपए ऐसे मामलों से जुड़े हैं जो कोर्ट, एनसीएलटी और सालों से ठप पड़ी परियोजनाओं में फंसे हुए हैं। इसका असर अब शहर में यूटिलिटी सेवाओं पर दिख सकता है। एक अधिकारी ने बताया कि प्राधिकरण के पास लैंड बैंक नहीं है। जिससे राजस्व के आकड़ों में गिरावट आ रही है। प्राधिकरण एक ऑटोनॉमस बाडी है। इसलिए जमीन, टीएम और अन्य माध्यमों से जो भी पैसा आता है उसे शहर में बुनियादी सुविधा में लगाया जाता है। आय के सोर्स कम हो चुके है। बकाया वापस भी नहीं आ रहा। जबकि प्राधिकरण ने बिल्डरों को कई बार नोटिस जारी किए ,EOW से वित्तीय जांच कराने का आग्रह किया। कोर्ट में पैरवी की। लेकिन अब तक बकाया वापस नहीं आया। अमिताभ कांत की सिफारिश के तहत 57 बिल्डर परियोजनाओं में करीब 800 करोड़ रुपए ही वापस मिल सका है। सुप्रीम कोर्ट मॉनिटरिंग में अटके बड़े बकायेसर्वाधिक बकाया उन परियोजनाओं का है जो सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही हैं और जिन पर प्राधिकरण किसी भी तरह की रिकवरी कार्रवाई नहीं कर सकता। आम्रपाली और यूनिटेक समूह इसमें सबसे बड़े डिफॉल्टर हैं। NCLT में फंसे 16 डेवलपर, 7,300 करोड़ का बकाया सुप्रीम कोर्ट के मामलों के बाहर 16 डेवलपर दिवालियापन प्रक्रिया में हैं, जिन पर कुल लगभग 7,300 करोड़ रुपए बकाया हैं। इसमें बड़े देनदार है। अधूरे और पूर्ण लेकिन बकाया प्रोजेक्ट प्राधिकरण ने 30 अधूरी परियोजनाओं की पहचान की है जिन पर 6,761 करोड़ रुपए के बकाये हैं। वहीं, 13 पूरी हो चुकी परियोजनाओं ने 703 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया है, जबकि वे कब्जा दे चुके हैं।
मधेपुरा में बुडको (बिहार अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) की ओर से करीब 73 करोड़ रुपए की लागत से निर्माण कराए जा रहे वाटर ड्रेनेज सिस्टम को लेकर उठ रहे गुणवत्ता संबंधी सवालों के बीच अब जांच की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है। शुक्रवार को पटना से आई उड़नदस्ता जांच टीम ने निर्माणाधीन नाले का स्थलीय निरीक्षण किया और तकनीकी मानकों की बारीकी से जांच की। यह कार्रवाई मधेपुरा सदर विधायक प्रो. चंद्रशेखर द्वारा लगातार निर्माण कार्य में अनियमितता के आरोप लगाए जाने और थर्ड पार्टी जांच की मांग किए जाने के बाद की गई है। पश्चिमी बायपास से शुरू हुआ निरीक्षण जांच टीम का नेतृत्व पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता अक्षय कुमार कर रहे हैं। टीम ने निरीक्षण की शुरुआत पश्चिमी बायपास क्षेत्र से की, जहां निर्माणाधीन नाले की मोटाई, कंक्रीट की गुणवत्ता और संरचनात्मक मजबूती का जायजा लिया गया। इस दौरान टीम ने अलग-अलग स्थानों से सैंपल एकत्र किए, ताकि प्रयोगशाला में उनका परीक्षण कराया जा सके। टीम के सदस्यों ने नाले की डिजाइन, ढलान, जोड़ और इस्तेमाल की जा रही निर्माण सामग्री पर भी विशेष ध्यान दिया। सबहेड:सैंपल जांच के लिए पटना भेजे जाएंगे कार्यपालक अभियंता अक्षय कुमार ने बताया कि वाटर ड्रेनेज सिस्टम से जुड़े सभी तकनीकी पहलुओं की गहन जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि केवल एक-दो स्थानों तक जांच सीमित नहीं रहेगी, बल्कि पूरी लंबाई में विभिन्न बिंदुओं से सैंपल लिए जाएंगे। इन सैंपलों को परीक्षण के लिए पटना भेजा जाएगा, जहां लैब रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाएगा कि निर्माण निर्धारित मानकों के अनुरूप है या नहीं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि निर्माण कार्य को लेकर प्राप्त सभी शिकायतों की बिंदुवार जांच की जाएगी। सबहेड:स्थानीय लोगों ने निष्पक्ष जांच की उठाई मांग निरीक्षण के दौरान मौजूद स्थानीय समाजसेवी विनीता भारती ने जांच प्रक्रिया को लेकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उड़नदस्ता टीम का आना एक सकारात्मक पहल है, लेकिन जांच पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए। उनका कहना था कि सैंपलिंग प्रक्रिया केवल चुनिंदा स्थानों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि पूरे नाले के हर हिस्से की जांच आवश्यक है, ताकि किसी भी प्रकार की खामी छिप न सके। उन्होंने यह भी मांग की कि जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए, जिससे आम जनता को भी निर्माण की गुणवत्ता की सही जानकारी मिल सके। सबहेड:विधायक के विरोध और पूर्व विवादों से जुड़ा मामला गौरतलब है कि इस वाटर ड्रेनेज सिस्टम को लेकर मधेपुरा सदर विधायक प्रो. चंद्रशेखर लगातार सवाल उठाते रहे हैं। उनका आरोप रहा है कि नाले के निर्माण में मानकों की अनदेखी की जा रही है और घटिया सामग्री का इस्तेमाल हो रहा है। इससे पहले निर्माण स्थल पर एक मजदूर के साथ कथित मारपीट का मामला भी सामने आ चुका है। इस मामले को लेकर विधायक के खिलाफ अब तक दो प्राथमिकी दर्ज होने की जानकारी सामने आई है, जिससे यह परियोजना लगातार विवादों में बनी हुई है। सबहेड:रिपोर्ट के बाद तय होगी आगे की कार्रवाई फिलहाल उड़नदस्ता टीम की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। रिपोर्ट आने के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि बुडको द्वारा कराया जा रहा वाटर ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण तय तकनीकी मानकों और गुणवत्ता के अनुरूप है या नहीं। रिपोर्ट के आधार पर आगे की प्रशासनिक और तकनीकी कार्रवाई तय की जाएगी। यदि जांच में गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित एजेंसी और अधिकारियों पर कार्रवाई की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता। इस परियोजना को लेकर अब पूरे जिले की नजरें जांच रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं।
सुपौल जिले के निर्मली प्रखंड अंतर्गत महुआ-मझारी स्थित प्राचीन कोशिकीनाथ मंदिर प्रांगण में पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर शुक्रवार को कोसी कल्प महायज्ञ का भव्य शुभारंभ हुआ। इस मौके पर आस्था, परंपरा और श्रद्धा का अनूठा संगम देखने को मिला। सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। पूरे क्षेत्र में धार्मिक उल्लास का माहौल रहा और जयघोष से वातावरण भक्तिमय हो गया। 251 कन्याओं की कलश शोभायात्रा बनी आकर्षण का केंद्र महायज्ञ की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार और विधिवत पूजा-अर्चना के साथ की गई। इसके बाद 251 कन्याओं द्वारा भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई, जो आयोजन का मुख्य आकर्षण रही। पारंपरिक वेशभूषा में सजी कन्याएं सिर पर कलश, माथे पर टीका और हाथों में ध्वज लिए जब मंदिर प्रांगण से निकलीं, तो दृश्य अत्यंत मनोहारी हो गया। श्रद्धालु इस पावन क्षण को अपने मोबाइल कैमरों में कैद करते नजर आए। कोसी नदी तट पर विधिवत कलश भराव कलश शोभायात्रा मंदिर प्रांगण से निकलकर महुआ-मझारी गांव होते हुए करीब चार किलोमीटर की दूरी तय कर कोसी नदी तट तक पहुंची। यहां विद्वान आचार्यों और पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रों के साथ विधिवत कलश भराव किया गया। कलश भराव के दौरान कोसी माता के जयकारों से नदी तट गूंज उठा। श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर कन्याओं का स्वागत किया और पूरे मार्ग में भक्ति का वातावरण बना रहा। यज्ञ मंडप में हवन और प्रवचन का शुभारंभ कलश यात्रा के लौटने के बाद मंदिर परिसर में निर्मित यज्ञ मंडप के समक्ष हवन कार्यक्रम शुरू किया गया। आचार्यों द्वारा वैदिक विधि से अग्नि प्रज्वलन कर आहुतियां दी गईं। इसके साथ ही धार्मिक प्रवचनों का सिलसिला भी प्रारंभ हुआ, जिसमें संत-महात्माओं ने धर्म, संस्कृति और मानव जीवन में यज्ञ की महत्ता पर प्रकाश डाला। बड़ी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालु प्रवचन सुनने पहुंचे। सुरक्षा और यातायात व्यवस्था रही चाक-चौबंद कलश शोभायात्रा और मेले को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क नजर आया। यात्रा के दौरान एनएच-27 पर यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए एक लेन से नियंत्रित गति में वाहनों का परिचालन कराया गया। सुरक्षा व्यवस्था की कमान निर्मली एसडीपीओ राजू रंजन कुमार के हाथों में रही। उनके साथ सर्किल इंस्पेक्टर राणा रणविजय सिंह, थानाध्यक्ष सियावर मंडल समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। पुलिसकर्मी पूरे मार्ग पर पैदल गश्त करते नजर आए, जिससे किसी भी प्रकार की अव्यवस्था नहीं हुई। आस्था और परंपरा से जुड़ा है कोसी कल्प महायज्ञ आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि कोसी कल्प महायज्ञ इस क्षेत्र की आस्था और परंपरा से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह महायज्ञ पिछले कई वर्षों से लगातार आयोजित किया जा रहा है और इसमें दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंचते हैं। समिति के अनुसार, महायज्ञ के दौरान श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद वितरण, भंडारा और ठहरने की समुचित व्यवस्था की गई है। मेले और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे आकर्षण महायज्ञ के साथ-साथ आयोजित मेले में धार्मिक कार्यक्रमों के अलावा सांस्कृतिक और मनोरंजन कार्यक्रम भी लोगों के आकर्षण का केंद्र रहेंगे। समिति ने बताया कि दंगल प्रतियोगिता के साथ-साथ कलाकार माही मनीषा, गोलू कुमार सहित अन्य कलाकारों के स्टेज शो आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों को देखने के लिए आसपास के जिलों से भी लोगों के आने की संभावना है। कई दिनों तक चलेगा महायज्ञ आयोजन समिति के अनुसार कोसी कल्प महायज्ञ कई दिनों तक चलेगा। प्रतिदिन धार्मिक अनुष्ठान, प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को लेकर प्रशासन और आयोजन समिति पूरी तरह मुस्तैद है। पौष पूर्णिमा पर शुरू हुआ यह महायज्ञ पूरे क्षेत्र में धार्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक चेतना का संचार कर रहा है।
बांका में युवक की संदिग्ध मौत:पत्नी और प्रेमी पर लगा हत्या का आरोप, फोरेंसिक जांच जारी
बांका के शंभूगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत कैथा गांव में शुक्रवार की देर शाम उस समय सनसनी फैल गई, जब एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की पहचान कैथा गांव निवासी गोपाल पंजिकार के 30 साल के बेटे अनुज कुमार उर्फ सेठो पंजिकार के रूप में हुई है। घटना के बाद मृतक के परिजनों ने इसे सामान्य मौत मानने से इनकार करते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतक की मां मंजू देवी ने अनुज की पत्नी नेहा पंजिकार और उसके कथित प्रेमी करसोप निवासी कैलाश साह के बेटे आदर्श प्रताप उर्फ कुमार पर हत्या का आरोप लगाते हुए शंभूगंज थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस सक्रिय घटना की जानकारी मिलते ही बांका एसडीपीओ अमर विश्वास के नेतृत्व में शंभूगंज थाना पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस टीम में दारोगा आदर्श कुंदन, मु. शहजाद, सौरभ कुमार सहित अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे। पुलिस ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया और ग्रामीणों से पूछताछ कर घटना से जुड़ी जानकारी जुटाई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने वैज्ञानिक जांच के लिए भागलपुर से फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की टीम को बुलाया। एफएसएल जांच से खुलेगा मौत का राज एफएसएल टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर मृतक के घर और आसपास के इलाके से कई महत्वपूर्ण नमूने एकत्र किए। साथ ही मृतक के शरीर से भी साक्ष्य जुटाए गए हैं। एफएसएल अधिकारियों के अनुसार, सभी नमूनों की लैब जांच के बाद ही यह स्पष्ट हो सकेगा कि अनुज की मौत किन कारणों से हुई। पुलिस ने घटनास्थल से एक एंटीबायोटिक दवा भी बरामद की है, जिसे जांच के दायरे में रखा गया है। एसडीपीओ अमर विश्वास ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस हर पहलू से मामले की जांच कर रही है। परिजनों का आरोप: प्रेम-प्रसंग बना मौत की वजह मृतक के परिजनों और ग्रामीणों के अनुसार, अनुज पिछले कई दिनों से मानसिक तनाव में था। बताया गया कि उसकी पत्नी नेहा पंजिकार और उसके कथित प्रेमी आदर्श प्रताप के बीच संबंधों को लेकर वह काफी परेशान रहता था। परिजनों का कहना है कि इन्हीं परिस्थितियों के चलते उसकी संदिग्ध हालात में मौत हुई है। ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि अनुज पिछले करीब पांच दिनों से रोज सुबह नाश्ता कर घर से शंभूगंज चला जाता था और शाम को लौटता था। घटना के दिन भी वह सुबह घर से निकला था और शाम को लौटने पर सीने में तेज दर्द की शिकायत करने लगा। परिजन और ग्रामीण उसे तुरंत एक स्थानीय चिकित्सक के पास ले गए, जहां उसे दवा दी गई। हालांकि कुछ ही देर बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। पत्नी और प्रेमी फरार, तलाश में छापेमारी घटना के बाद से मृतक की पत्नी नेहा पंजिकार और उसका कथित प्रेमी आदर्श प्रताप फरार बताए जा रहे हैं। पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी शुरू कर दी है। दारोगा सौरभ कुमार ने बताया कि नामजद आरोपियों की तलाश के लिए संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बीते घटनाक्रम से जुड़ता है मामला परिजनों के अनुसार, नेहा पंजिकार पिछले करीब 25 दिनों से अपने पति को छोड़कर प्रेमी के घर रह रही थी। अनुज रोजी-रोजगार के सिलसिले में गुजरात में रहता था और पत्नी व दो पुत्रियों को भी वहीं साथ रखता था। करीब एक माह पहले नेहा की घर जाने की जिद पर अनुज दोनों बच्चियों को लेकर उसे गांव छोड़ने आया था। भागलपुर जंक्शन तक पति-पत्नी के बीच बातचीत होती रही, लेकिन इसके बाद नेहा अपने प्रेमी आदर्श प्रताप के साथ शंभूगंज बाजार स्थित उसके घर चली गई। बताया जाता है कि नेहा और आदर्श प्रताप के बीच पिछले तीन वर्षों से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। इसकी जानकारी होने पर अनुज ने कई बार विरोध किया, लेकिन हर बार दोस्ती का हवाला देकर मामला टाल दिया जाता था। एक सप्ताह पूर्व अनुज गुजरात से लौटकर पत्नी को बंधक बनाए जाने की शिकायत लेकर थाने भी पहुंचा था। उस समय पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाकर पूछताछ की थी, जिसमें नेहा ने प्रेमी के साथ रहने की बात स्वीकार की थी। परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़ अनुज दो भाइयों में सबसे छोटा था। उसका बड़ा भाई नीरज पंजिकार दिल्ली में रहता है, जबकि मां मंजू देवी गांव में अकेली रहती थीं। अनुज की शादी वर्ष 2013 में धरमपुर निवासी दिलीप मिश्रा की पुत्री नेहा से हुई थी, जिससे उसे दो पुत्रियां हैं। बेटे की मौत के बाद मां का रो-रोकर बुरा हाल है। फिलहाल पुलिस पोस्टमॉर्टम और एफएसएल रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। रिपोर्ट आने के बाद ही यह साफ हो पाएगा कि यह मामला हत्या का है या किसी अन्य कारण से हुई मौत का। गांव में तनाव का माहौल है और लोग जल्द से जल्द सच्चाई सामने आने की मांग कर रहे हैं।
वाराणसी में 4 जनवरी से 72वीं नेशनल वालीबाल सीनियर प्रतियोगिता का आगाज होने जा रहा है। सिगरा स्टेडियम में खेली जाने वाली इस प्रतियोगिता को लेकर नित्य महापौर अशोक तिवारी और नगर आयुक्त हिमांशु नागपाल लगातार जिम्मेदारों के साथ बैठक कर रहे हैं। इसी क्रम में इस प्रतियोगिता के उद्घाटन के तिवारी ने दिल्ली स्थित प्रधानमंत्री आवास पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात किया और उन्हें इस प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह में आने का निमंत्रण दिया। इस प्रतियोगिता में देशभर से कुल 73 टीमें (पुरुष व महिला) हिस्सा लेंगी। जिसमें 1000 से अधिक धाकड़ खिलाड़ी काशी की धरती पर अपना दमखम दिखाएंगे। प्रधानमंत्री ने दिया संदेश महापौर व डिप्टी सीएम ने प्रधानमंत्री को इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप का औपचारिक आमंत्रण पत्र सौंपा। मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने इस भव्य आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं और इसे युवाओं के लिए बेहद प्रेरणादायक बताया। यह पहला अवसर है जब पूर्वांचल में इस स्तर की राष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित हो रही है। जो काशी की खेल अधोसंरचना को नई पहचान देगी। गौरवशाली अध्याय की साक्षी बनेगी काशी महापौर ने प्रधानमंत्री को निमंत्रण देने के बाद कहा - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'खेलो इंडिया' विजन के तहत उनकी अपनी कर्मभूमि काशी अब खेल जगत के एक बड़े गौरवशाली अध्याय की साक्षी बनने जा रही है। आने वाली 4 जनवरी 2026 से सिगरा स्थित डॉ संपूर्णानंद स्पोर्ट्स स्टेडियम में आयोजित होने वाली 72वीं सीनियर राष्ट्रीय वॉलीबॉल चैंपियनशिप (पुरुष एवं महिला) की तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं। इस खेल महाकुंभ को ऐतिहासिक बनाने के क्रम में आयोजन समिति के अध्यक्ष व महापौर अशोक कुमार तिवारी एवं उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री व यूपी वॉलीबॉल संघ के अध्यक्ष बृजेश पाठक ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। नंदू और नीरा बढ़ाएंगे उत्साहइस चैंपियनशिप को खास बनाने के लिए स्थानीय संस्कृति से जुड़े शुभंकरों का चयन किया गया है। नंदी से प्रेरित 'नंदू' और गंगा डॉल्फिन 'नीरा' इस राष्ट्रीय प्रतियोगिता के आधिकारिक शुभंकर होंगे। आयोजन को पारदर्शी बनाने के लिए खिलाड़ियों का औचक एंटी-डोपिंग टेस्ट भी किया जाएगा और मैचों का लाइव प्रसारण यूट्यूब चैनल पर होगा।
किशनगंज में PhonePe साइबर फ्रॉड, एक आरोपी पर केस:पीड़ित के 10 हजार रुपए फ्रीज, आरोपी की तलाश जारी
किशनगंज में साइबर अपराधियों के खिलाफ पुलिस की सतर्कता एक बार फिर सामने आई है। PhonePe ऐप के माध्यम से निवेश का झांसा देकर 10 हजार रुपए की ठगी करने के मामले में किशनगंज साइबर थाना पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि साइबर अपराध में समय पर की गई शिकायत और पुलिस की सक्रियता से नुकसान को कम किया जा सकता है। फोन कॉल से शुरू हुआ साइबर फ्रॉड प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित के मोबाइल फोन पर किसी अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को निवेश से जुड़ा व्यक्ति बताते हुए कम समय में ज्यादा मुनाफा दिलाने का लालच दिया। आरोपी ने बातों में उलझाकर पीड़ित को PhonePe ऐप के जरिए 10 हजार रुपए ट्रांसफर करने के लिए राजी कर लिया। भरोसा कर पीड़ित ने जैसे ही रकम भेजी, आरोपी ने तुरंत पैसे अपने खाते में ले लिए और संपर्क तोड़ दिया। ठगी का एहसास होते ही पुलिस को दी सूचना रकम ट्रांसफर होने के बाद जब पीड़ित को ठगी का एहसास हुआ, तो उसने बिना देर किए किशनगंज साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलते ही साइबर थाना की टीम हरकत में आ गई और मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर रिसीवर खाते की पहचान की और आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की। रिसीवर अकाउंट फ्रीज कराने की प्रक्रिया शुरू इस मामले में साइबर डीएसपी रवि शंकर ने बताया कि पीड़ित से ठगे गए 10 हजार रुपये जिस खाते में ट्रांसफर हुए हैं, उसे फ्रीज कराने की प्रक्रिया तुरंत शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराध के मामलों में सबसे अहम समय होता है। जितनी जल्दी सूचना मिलती है, उतनी ही संभावना होती है कि ठगी की रकम को सुरक्षित किया जा सके। फिलहाल आरोपी की पहचान और लोकेशन का पता लगाने के लिए तकनीकी टीम जुटी हुई है। साइबर अपराधियों की बदलती रणनीति पुलिस अधिकारियों के अनुसार, साइबर अपराधी अब नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठग रहे हैं। निवेश, लोन, केवाईसी अपडेट, कैशबैक और इनाम के नाम पर लोगों को झांसे में लिया जा रहा है। डिजिटल पेमेंट ऐप्स के बढ़ते उपयोग के साथ-साथ साइबर फ्रॉड की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं। ऐसे में आम नागरिकों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। पुलिस की आम जनता से अपील किशनगंज साइबर थाना पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल, मैसेज या लिंक पर भरोसा न करें। अगर कोई व्यक्ति निवेश या किसी अन्य बहाने से पैसे ट्रांसफर करने को कहे, तो पहले उसकी पूरी जानकारी जांच लें। पुलिस ने स्पष्ट किया कि कोई भी सरकारी या बैंक अधिकारी फोन पर पैसे ट्रांसफर करने के लिए नहीं कहता। ठगी की आशंका हो तो तुरंत करें शिकायत पुलिस ने यह भी बताया कि साइबर फ्रॉड की स्थिति में हर सेकंड कीमती होता है। जैसे ही धोखाधड़ी का संदेह हो, तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें। समय पर की गई शिकायत से न सिर्फ पैसे बचने की संभावना रहती है, बल्कि अपराधियों तक पहुंचने में भी मदद मिलती है। सतर्कता ही बचाव का सबसे बड़ा उपाय यह मामला जहां किशनगंज साइबर पुलिस की सक्रियता को दर्शाता है, वहीं आम लोगों के लिए एक चेतावनी भी है। डिजिटल लेनदेन के इस दौर में थोड़ी सी लापरवाही बड़ी आर्थिक क्षति का कारण बन सकती है। सतर्कता, जागरूकता और समय पर शिकायत ही साइबर अपराध से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी नए साल पर अपने गृह क्षेत्र के लोगों को बड़ी सौगात देने जा रहे हैं। सीएम सैनी अंबाला लोकसभा अंतर्गत आने वाले शहजादपुर को नगर पालिका बनाने का ऐलान करेंगे। शहरी स्थानीय निकाय विभाग (ULB) ने सीएम के इस ऐलान को लेकर प्रक्रिया तेज कर दी है। यूएलबी मिनिस्टर विपुल गोयल CM घोषणा को देखते हुए खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इस प्रक्रिया में जो भी दिक्कतें आ रही हैं उन्हें प्रियारटी पर दूर किया जा रहा है। हाल ही में सीएम सैनी ने हांसी को 23वां जिला घोषित किया है। इसको लेकर नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है। हरियाणा के अंबाला जिले का एक कस्बा है। यह अंबाला मंडल के अंतर्गत आता है। यह जिला मुख्यालय अंबाला से 30 किमी दूर है। 6 गांवों से यूएलबी ने मांगा प्रस्ताव शहजादपुर को नगर पालिका बनाने के लिए शहरी स्थानीय निकाय विभाग की ओर से यहां के छह गांवों से प्रस्ताव मांगा गया है। इसकी वजह और कुछ नहीं है, यहां की नगर पालिका बनाने के लिए आबादी को पूरा करना है। हालांकि अब इन गांवों में पंचायतों को खत्म वार्ड घोषित किए जाएंगे। 2011 की जनगणना के अनुसार, अभी यहां कुल 1356 परिवार रहते हैं। शाहजादपुर की जनसंख्या 7,278 है, जिसमें 3,888 पुरुष और 3,390 महिलाएं हैं। 20 हजार से 50 हजार जनसंख्या जरूरी हरियाणा में नगर पालिका बनाने के लिए सामान्यतः 20,000 से 50,000 तक की जनसंख्या की आवश्यकता होती है, जहां 20,000 से अधिक आबादी वाली ग्राम पंचायतों को नगर पालिका बनाने पर विचार किया जाता है, लेकिन यह जनसंख्या घनत्व और राजस्व स्रोतों जैसे अन्य मानदंडों पर भी निर्भर करता है, और बड़े शहरी क्षेत्रों के लिए नगर परिषद या नगर निगम बनते हैं। TCP के अंतर्गत आता है शहजादपुर शहजादपुर का टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (TCP) नियंत्रित क्षेत्र है, जो एक शहरी इकाई के रूप में इसके विकास का संकेत देता है। किसी कस्बे को नगर पालिका बनाने के लिए सरकारी अधिसूचना जारी होती है, जिसमें सीमाएं और अन्य विवरण होते हैं। जैसा कि TCP विभाग ने 2022 में एक अधिसूचना में किया था। अभी शहजादपुर ब्लॉक है, जो नारायणगढ़ सब डिवीजन अंतर्गत आता है। यहां पढ़ते हैं शहजादपुर को पालिका बनने के क्या कारण... जनता की मांग और विकास: शहजादपुर के लोग आबादी बढ़ने पर नागरिक बेहतर बुनियादी ढांचा (स्ट्रीट लाइट, पानी, सफाई) कई सालों से मांग कर रहे हैं। जिसकी पूर्ति नगर पालिका बोर्ड ही बेहतर तरीके से कर सकता है। हर चुनाव में यहां के स्थानीय नेता, चुनाव के दौरान इस मुद्दे को उठाते हैं और विकास का वादा करते हैं, जिससे उन्हें वोट मिलते हैं। प्रशासनिक सुगमता और फंड: नगर पालिका बनने के बाद शहरी स्थानीय निकाय (ULB) को केंद्र और राज्य सरकारों से विकास कार्यों के लिए अधिक फंड (जैसे अमृत, स्मार्ट सिटी मिशन) मिलते हैं, जो पहले नहीं मिलते थे। प्रशासनिक व्यवस्था अधिक व्यवस्थित होती है, और निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी आती है। राजनीतिक लाभ: नगर पालिका बनने से क्षेत्र में एक नया राजनीतिक पद (अध्यक्ष, पार्षद) बनता है, जिससे स्थानीय नेताओं को जनता के बीच अपनी पैठ बनाने और प्रभाव जमाने का मौका मिलता है। यह एक तरह से स्थानीय राजनीतिक समीकरणों को बदलने और नए नेतृत्व को उभरने का अवसर मिलेगा। शहरीकरण का बढ़ता दबाव: अंबाला जिले का हिस्सा होने के कारण, अंबाला शहर के आसपास के क्षेत्रों शहजादपुर पर शहरीकरण का दबाव बढ़ता है, और इन्हें नगर पालिका का दर्जा देकर शहरी व्यवस्था में लाया जाता है। क्या बोले अधिकारी इसके लिए प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही इस मामले में लेटर जारी किया जाएगा। हालांकि उससे पहले लोगों से आपत्तियां मांगी जाएंगी, जिसको दूर करने के लिए सीएम ऐलान करेंगे और नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। अशोक मीणा, महानिदेशक, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, हरियाणा
सड़क हादसों में घायलों को पैसों के अभाव में इलाज से वंचित नहीं रहना पड़ेगा। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने आदेश करते हुए कहा कि जिले भर के नर्सिंग होम व अस्पतालों को सड़क दुर्घटना में घायलों को कैशलेस इलाज देना होगा। इलाज के दौरान उनसे किसी तरह के पैसे की मांग नहीं की जाएगी। देर शाम उन्होंने जिले भर के अफसरों के साथ बैठक करके 15 जनवरी तक जिले भर के सभी ब्लैक स्पाट्स में सुधार के निर्देश दिए। कैशलेस उपचार योजना से होगा अस्पतालों को भुगतान डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने जिले के सभी नर्सिंग होम और निजी चिकित्सालयों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि सड़क दुर्घटना में लाए गए किसी भी घायल को इलाज से मना नहीं किया जाएगा और न ही उसे अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति से एक रुपये की मांग की जा सकेगी। कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में अक्सर यह देखा जाता है कि घायल को अस्पताल लाने के बाद इलाज शुरू करने से पहले धनराशि, पहचान या औपचारिकताओं की बात की जाती है, जिससे कीमती समय नष्ट होता है और कई बार जान तक चली जाती है। इसी प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए भारत सरकार ने कैशलेस उपचार योजना–2025 को अधिसूचित किया है, जिसे अब जिले में सख्ती से लागू किया जाएगा। एक लाख 50 हजार का मिलेगा कैशलेस इलाज आदेश के अनुसार मोटर वाहन से हुई सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को दुर्घटना की तारीख से सात दिनों तक अधिकतम एक लाख पचास हजार रुपये तक का इलाज पूरी तरह कैशलेस दिया जाएगा। इस इलाज का खर्च अस्पताल को मोटर वाहन दुर्घटना निधि से मिलेगा, जिसका भुगतान केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा। यदि कोई अस्पताल इस आदेश का उल्लंघन करता है तो इसकी शिकायत सीएमओ या डीएम से सीधे की जा सकती है। 264 क्रैश प्वाइंट चिंहित डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में सरसैया घाट स्थित नवीन सभागार में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक का आयोजन किया गया। बताया गया कि जनपद में वर्तमान में 264 क्रैश प्वाइंट चिन्हित किए गए हैं, जबकि पूर्व में 17 ब्लैक स्पॉट चिन्हित थे। इसके अतिरिक्त डीसीपी ट्रैफिक द्वारा 12 नए ब्लैक स्पॉट प्रस्तावित किए गए हैं, जिन पर आवश्यक तकनीकी परीक्षण और औपचारिक प्रक्रिया के बाद सुधार कार्य कराए जाएंगे।डीएम ने निर्देश दिए कि एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी, परिवहन विभाग, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग सभी स्थलों पर सड़क इंजीनियरिंग सुधार, साइनेज, स्पीड कंट्रोल उपाय, प्रकाश व्यवस्था, ट्रैफिक मैनेजमेंट और आपात चिकित्सा व्यवस्था को प्राथमिकता पर सुनिश्चित करें। सभी विभागों को 15 जनवरी से पहले निर्धारित कार्य हर हाल में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए।
भोपाल में 1Kg चांदी 2.32 लाख रुपए की:25 इलाकों में बिजली गुल रहेगी; जानिए शहर में आज कहां-क्या खास
आपको हम बता रहे हैं, भोपाल शहर में आज कहां-क्या हो रहा है। यहां हर वो जानकारी होगी, जो आपके काम आएगी। संगीत-संस्कृति, आर्ट, ड्रामा के इवेंट से लेकर मौसम, सिटी ट्रैफिक, बिजली-पानी की सप्लाई से जुड़ा हर अपडेट मिलेगा। काम की जरूरी लिंक्स
मॉडर्न युग में पुरानी धरोहरों से जितनी तेजी से दूर होते जा रहे हैं, उतनी ही तेजी से कई शारीरिक और मानसिक समस्याएं सामने आ रही हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इन बीमारियों का समाधान रागों (ट्रेडिशनल म्यूजिक) में छिपा है। एम्स भोपाल के फिजियोलॉजी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. वरुण मल्होत्रा की समीक्षा आधारित स्टडी ने यह साबित किया है कि भारतीय क्लासिकल राग न सिर्फ मस्तिष्क को शांत और सक्रिय रखते हैं, बल्कि दिल को स्वस्थ, सांसों को संतुलित और तनाव को नियंत्रित करने की क्षमता भी रखते हैं। अध्ययन में शामिल 28 शोधपत्रों और 6 विशेषज्ञों के सहयोग ने यह बताया कि संगीत, विशेष रूप से राग, हमारे शरीर में ऐसे हार्मोन सक्रिय करते हैं जो दर्द घटाते और मन को संतुलित रखते हैं। यह शोध रागों को केवल कला नहीं, बल्कि विज्ञान आधारित थेरेपी के रूप में सामने रखने का काम करता है। दिल पर भी दिखते हैं बेहतर रिजल्ट डॉ. मल्होत्रा बताते हैं कि संगीत सुनते समय दिल की धड़कन (हार्ट रेट) स्वाभाविक रूप से ऊपर–नीचे होती है। यह बदलाव दिल की “एक्सरसाइज” की तरह काम करता है। यदि पल्स लगातार एक समान रहे तो सडन कार्डियक अरेस्ट का खतरा बढ़ता है, लेकिन संगीत सुनने पर रिदमिक बदलाव दिल को मजबूत बनाते हैं। राग से होने वाले असर राग सिर्फ संगीत नहीं एक विज्ञान है डॉ. वरुण मल्होत्रा बताते हैं कि राग की मूल परिभाषा ही यह है कि जो मन को आनंद के रंग से भर दे, वही राग है। हर राग का एक व्यक्तित्व होता है, एक प्रभाव होता है। कुछ राग मन को शांत करते हैं, कुछ ऊर्जा बढ़ाते हैं, जबकि कुछ दिमाग के गहरे हिस्सों को सक्रिय कर हीलिंग की प्रक्रिया तेज करते हैं। राग के स्वर दिमाग के उन हिस्सों को सक्रिय करते हैं जो मूड, हॉर्मोन, याददाश्त, फोकस और दर्द नियंत्रण को संभालते हैं। स्वर कंपन (vibrations) ब्रेन सेल्स में माइक्रो-एक्टिवेशन करते हैं। राग सुनने से एंडॉर्फिन और एनकेफेलिन जैसे प्राकृतिक दर्द-निवारक हार्मोन एक्टिव होते हैं, जो शरीर में हीलिंग की गति तेज कर देते हैं। एंडॉर्फिन है नैचुरल मूड-लिफ्टर एंडॉर्फिन हमारे शरीर में बनने वाले प्राकृतिक हॉर्मोन हैं, जो दर्द, तनाव या टेंशन होने पर दिमाग से रिलीज होते हैं। इन्हें शरीर का “फील-गुड केमिकल” भी कहा जाता है, क्योंकि ये दर्द कम करते हैं, स्ट्रेस घटाते हैं और मूड को खुश रखते हैं। जब आप एक्सरसाइज करते हैं, हंसते हैं, पसंदीदा खाना खाते हैं, सेक्स करते हैं या मसाज लेते हैं, तब एंडॉर्फ़िन बढ़ते हैं। यही वजह है कि ऐसी गतिविधियों के बाद मन हल्का और अच्छा महसूस होता है। शरीर को हेल्दी और मानसिक रूप से स्ट्रॉन्ग रखने में एंडॉर्फ़िन की बड़ी भूमिका होती है। एनकेफेलिन दर्द भगाने वाला केमिकल एनकेफेलिन एक प्राकृतिक न्यूरोपेप्टाइड है, जो हमारे दिमाग और नर्वस सिस्टम में बनता है। यह शरीर के अंदर ओपिओइड रिसेप्टर्स से जुड़कर दर्द कम करने में मदद करता है, इसलिए इसे नेचुरल एनाल्जेसिक यानी प्राकृतिक पेनकिलर कहा जाता है। यह तनाव और भावनाओं को नियंत्रित रखने में भी मदद करता है, जिससे मन शांत रहता है। एनकेफेलिन पांच अमीनो एसिड से बना होता है और मुख्य रूप से ब्रेन में पाया जाता है। जब शरीर दर्द, चोट या तनाव महसूस करता है, तब एनकेफेलिन तुरंत सक्रिय होकर राहत देता है। न्यूरो सर्जरी में भी बेहतर रिजल्टन्यूरोसर्जरी विभाग के डॉ. अमित अग्रवाल की स्टडी में यह पाया गया कि सर्जरी के दौरान और बाद में म्यूजिक सुनने से मरीजों की रिकवरी बेहतर होती है। उनका फोकस, सहयोग और मानसिक स्थिरता बढ़ती है, जिससे उपचार तेज होता है। मशीन बताती है दिमागी कितना सक्रिय?एम्स में एक विशेष रूसी तकनीक आधारित न्यूरो–चेक मशीन है, जिसकी कीमत लगभग ढाई लाख रुपए है। यह मशीन सिर्फ 5 मिनट में यह बता देती है कि व्यक्ति के दिमाग का कौन सा हिस्सा ज्यादा सक्रिय है, दैनिक ऊर्जा स्तर कब हाई या लो होता है और उसकी सांसों का पैटर्न कैसा है। निजी अस्पतालों में यही टेस्ट 25,000 रुपए तक में होता है, जबकि एम्स में यह मुफ्त है। संगीत सुनने से इस टेस्ट में दिल और दिमाग दोनों में सुधार दर्ज हुआ। 40 से 45 मिनट सुनना चाहिए डॉ. मल्होत्रा कहते हैं कि राग बच्चों में ध्यान, भावनात्मक संतुलन और मानसिक विकास को तेज करते हैं। यह कला ही नहीं, एक वैज्ञानिक तरीका है, जो बच्चों को बेहतर जीवन, बेहतर करियर और बेहतर मानसिक स्वास्थ्य देता है। 40–45 मिनट सुनने पर नींद, बीपी और फोकस में सुधार आता है।
गोरखपुर के गीता वाटिका में राधाबाबा की 114वें जन्म महोत्सव के अवसर पर आयोजित भक्तमाल कथा के दौरान चौथे दिन कथाव्यास ने नाभादास के गुरु के प्रति समर्पण का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि किस तरह जब नाभादास के गुरु साधना में लीन थे और उनके भक्त ने मदद के लिए उन्हें पुकारा, उस समय उनका ध्यान बस टूटने ही वाला था। लेकिन नाभादास ने खुद अपने गुरु के भक्त की मदद की और उनका ध्यान भंग नहीं होने दिया। कथा को सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। वहीं रासलीला के समय हर तरफ भक्तिमय माहौल नजर आया। श्रद्धालु बड़े ही लगन कथा का आनंद लिया और भक्ति में लीन नजर आएं। भक्तमाल भक्ति साहित्य भगवान को परम प्रिय कथा के माध्यम से उन्होंने श्रद्धालुओं को समझाया कि भक्तमाल भक्ति साहित्य का अनूठा अनमोल रत्न है। यह ग्रन्थ भक्तों के साथ ही भगवान को भी परम प्रिय है। भक्तमाल कथा के सुनने वाले खुद भगवान ही हैैं। जैसे भक्तों को भगवान का चरित्र अति प्रिय है, वैसे ही भगवान को भी भक्तों का चरित्र अति प्रिय है। सत्य तो यह है कि भगवान अपने से अधिक भक्तों को आदर देते है। वे उनकी भक्ति से इतने भावविभोर हो जाते है कि उनके चरण रज को माथे से लगाने के लिए भक्त के पीछे-पीछे चल पड़ते हैं। साधना में लीन गुरु की नहीं टूटने दिया ध्यान प्रिया दास महाराज बताते है कि ‘‘एक बार की बात है नाभा दास के पूज्य गुरुवर अग्र दास महाराज भगवान सीता राम की मानसी उपासना में लीन थे और उनके शिष्य नाभा दास धीरे-धीरे उनको पंखा झल रहे थे। उसी समय अग्र दास का एक शिष्य जहाज से समुद्र की यात्रा कर रहा था। उसका जहाज एकाएक समुद्री तूफान में फंस गया। संकट से मुक्ति पाने के लिए शिष्य ने पूज्य गुरुदेव को याद किया। परिणाम यह हुआ कि गुरुजी का ध्यान शिष्य की ओर चला गया। उनकी मानसी अराधना का ध्यान भंग हो गया। ध्यान भंग होने की बात नाभा दास समझ गए। तब उन्होंने अपने पंखें की वायु से रूके हुए जहाज को भंवर के संकट से पार कर दिया। तब नाभा दास पूज्य गुरुदेव से बोले-प्रभु वह जहाज फिर चल पड़ा है। अब पहले के समान ही भगवान के ध्यान में लग जाइए। यह सुनकर अग्र देव ने आंखें खोली और कहा-कौन बोला? नाभा दास हाथ जोड़कर बोले-वहीं आपका दास जिसे आपने अपना चरणामृत और शीत प्रसाद देकर पाला है। नाभा दास की इस बात को सुनकर अग्र देवा के आश्चर्य का ठीकाना नहीं रहा। गुरु ने दिया संतों के गुणगान का आदेश वे मन-ही-मन सोचने लगे कि आज मेरे शिष्य की ऐसी ऊंची स्थिति हो गयी है कि यह मेरी मानसी सेवा तक पहुंच गया। फिर विचार करते ही उनके मन में बड़ी प्रसन्नता हुई। वे जान गए कि संतों की सेवा और उनसे मिला प्रसाद ग्रहण करने की ही यह महिमा है। उसी समय अग्रदेवाचार्य ने नाभा दास को आज्ञा देते हुए कहा-‘‘यह भई तोपै साधु कृपा उनहीं को रूप गुन कहो हिये भाव को’’ मतलब वत्स, तुम्हारें ऊपर यह साधु-संतों की कृपा हुई है। अब तुम उन्हीं साधु-संतों के गुण स्वरूप और उनके हृदय के भावों का गान करों। इस प्रकार नाभा दास ने गुरुदेव अग्रदेवाचार्य की कृपा से ‘‘भक्तमाल’’ ग्रन्थ की रचना की। चरणामृत लेना भी एक प्रकार की भक्तिकथा में पूज्य महाराज जी ने बताया कि चरणामृत लेना भी एक प्रकार की भक्ति है। चौंसठ प्रकार की भक्तियों में चरणामृत ग्रहण करने की बड़ी भारी महिमा है। भगवत चरणामृत से बढ़कर संत चरणामृत का महत्व है। भगवान ने भक्त के घर पधार कर दी दर्शन अनेक उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने शीत प्रसाद और चरणामृत की महिमा का बखान किया। इसके साथ ही भक्त हरपाल की भी कथा बड़े ही भावपूर्ण ढंग से सुनायी। कथा में भक्तों को बताया कि भक्त हरपाल की भक्ति से भगवान इतने प्रसन्न हुए कि वे स्वयं रूक्मणी के साथ उनके घर पधारकर उनको साक्षात दर्शन दिया। राधामाधव की मनमोहक झांकी ने किया आकर्षित वहीं रासलीला राधामाधव की आरती से प्रारम्भ हुई। उसके बाद यमुना के तट पर भगवान श्रीकृष्ण ने राधा और गोपियों के साथ रास रचाई। इस पावन बेला में राधामाधव की मनमोहक झांकी की भी प्रस्तुत की गयी। जब राधा रानी ने किया मोर भगवान का दर्शन एक दृश्य में दिखाया गया कि राधा, गोपियों के साथ मोर भगवान का दर्शन करने के लिए वन में पहुंचती हैं, जहां उन्हें गोपियों के साथ मोर भगवान के दर्शन होते हैं। रासलीला में सुप्रसिद्ध कृष्ण काव्य परंपरा के महान भक्त नन्ददास के पावन चरित का प्रस्तुतिकरण किया गया। महान भक्त नन्ददास को भी किया चरितार्थ नन्ददास अष्टछाप के प्रमुख कवियों में से एक थे। उन्होंने भंवरगीत, रासपंचाध्यायी, नन्ददास पदावली, नाम चिंतामणी और योग लीला संबंधी अनेक ग्रन्थों की रचना की। ये विट्ठलदास के शिष्य थे। इनकी भक्ति से प्रभावित होकर भगवान ने स्वयं इनको दर्शन दिया था। नन्ददास के विषय में कहा गया है कि-‘‘और कवि गढ़िया नन्ददास जड़िया’’।
रेलवे ने जोधपुर और जयपुर स्टेशनों पर निरंतर बढ़ रहे यात्रियों के दबाव को देखते हुए अगले पांच वर्षों में ट्रेनों की संचालन क्षमता दोगुनी करने का महत्वाकांक्षी प्रपोजल तैयार किया है। उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा इस उद्देश्य से देश के चुनिंदा 48 प्रमुख रेलवे स्टेशनों की आधारभूत संरचना के विकास हेतु एक मेगा प्लान तैयार किया जाएगा, जिसमें जोधपुर और जयपुर दोनों स्टेशनों को शामिल किया गया है। वर्ष 2030 तक संचालन क्षमता को दोगुना करने के इस लक्ष्य के तहत स्टेशनों के ढांचागत बदलाव के साथ-साथ नई ट्रेनों के संचालन की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि की जाएगी। चरणबद्ध तरीके से बढ़ेगी क्षमता उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकिरण ने बताया कि व्यस्त स्टेशनों पर यातायात को सुव्यवस्थित करने एवं क्षमता वृद्धि के लाभ शीघ्र प्राप्त करने के लिए अल्पकालिक एवं मध्यम अवधि के उपायों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। यह प्रक्रिया उपनगरीय एवं गैर-उपनगरीय दोनों प्रकार के यातायात के लिए अपनाई जाएगी, जिसमें दोनों श्रेणियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि सूचीबद्ध 48 प्रमुख शहरों के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार कर योजना निदेशालय को प्रस्तुत की जाएगी। इस योजना में निर्धारित समयसीमा के भीतर ट्रेनों की संचालन क्षमता को दोगुना करने के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु नियोजित, प्रस्तावित अथवा पहले से स्वीकृत कार्यों का विस्तृत विवरण शामिल होगा। हालांकि, अगले पांच वर्षों में चरणबद्ध रूप से क्षमता में वृद्धि की जाएगी ताकि इसके लाभ तत्काल मिल सकें और बढ़ती यात्री मांग को प्रभावी ढंग से पूरा किया जा सके। कार्यों को तीन श्रेणियों-तत्काल, अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक में वर्गीकृत किया जाएगा। यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करना लक्ष्य मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि यात्रा की मांग में हो रही तीव्र वृद्धि को देखते हुए आगामी पांच वर्षों में प्रमुख शहरों से नई ट्रेनों के संचालन की क्षमता को वर्तमान स्तर से दोगुना करना आवश्यक है। इसके लिए मौजूदा बुनियादी ढांचे का विस्तार एवं उन्नयन किया जाएगा, ताकि भविष्य की आवश्यकताओं को समय रहते पूरा किया जा सके। प्रस्तावित योजना स्पष्ट समयसीमा एवं परिभाषित परिणामों के साथ विशिष्ट होगी। यद्यपि यह अभ्यास चयनित स्टेशनों के लिए किया जा रहा है, तथापि प्रत्येक जोनल रेलवे को अपने-अपने मंडलों में चलने वाली ट्रेनों की क्षमता बढ़ाने हेतु कार्ययोजना तैयार करने का सुझाव दिया गया है। इससे न केवल टर्मिनल क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि स्टेशनों एवं यार्डों पर अनुभागीय क्षमता और परिचालन संबंधी बाधाओं का समाधान भी संभव हो सकेगा। ये होंगे प्रमुख बदलाव वर्ष 2030 तक संचालन क्षमता दोगुनी करने के लिए रेलवे द्वारा कई महत्वपूर्ण कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। मौजूदा टर्मिनलों को अतिरिक्त प्लेटफॉर्म, स्टेबलिंग लाइनों, पिट लाइनों एवं पर्याप्त शंटिंग सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों एवं उनके आसपास नए टर्मिनलों की पहचान एवं निर्माण किया जाएगा। रखरखाव सुविधाओं का विकास किया जाएगा, जिनमें मेगा कोचिंग कॉम्प्लेक्स शामिल हैं। विभिन्न बिंदुओं पर ट्रेनों की बढ़ती संख्या को संभालने हेतु यातायात सुविधा कार्यों, सिग्नलिंग उन्नयन तथा मल्टीट्रैकिंग के माध्यम से अनुभागीय क्षमता में वृद्धि की जाएगी। टर्मिनलों की क्षमता बढ़ाते समय आसपास के स्टेशनों की क्षमता को भी ध्यान में रखा जाएगा, ताकि समग्र रूप से संतुलित क्षमता विकास सुनिश्चित किया जा सके। देश के ये 48 स्टेशन होंगे शामिल रेलवे द्वारा संचालन क्षमता दोगुनी करने के लिए चयनित 48 प्रमुख शहरों में देश के सभी महत्वपूर्ण रेलवे केंद्र शामिल हैं।
यूपी की बड़ी खबरें:हाथरस में पुलिस टीम पर हमला; महिलाओं ने गाड़ी से खींचकर पीटा, गालियां दीं
हाथरस में एक झगड़े की सूचना पर पहुंची पुलिस टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। महिलाओं समेत ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियों को घेर लिया। गाड़ी से खींचकर पीटा और पथराव भी किया। जिससे पुलिस वाहन के शीशे टूट गए। इस दौरान पुलिसकर्मी बेबस नजर आए। वह हाथ जोड़कर छोड़ने की गुहार लगाते रहे। बचकर भागने की कोशिश करते रहे। महिलाओं का आरोप है पुलिसकर्मी नशे में थे। उन्होंने महिलाओं से अभद्रता की। पुलिस पर हमले वीडियो भी सामने आया है। मामला जंक्शन कोतवाली क्षेत्र का है। पढ़ें पूरी खबर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार पर ₹20 लाख का हर्जाना लगाया, बिना सुनवाई का मौका दिए ध्वस्तीकरण किया था इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने बिना सुनवाई का मौका दिए खातेदार का नाम हटाने और भूमि पर बने निर्माण को ध्वस्त करने के मामले में कड़ा रुख अपनाया है। न्यायालय ने न केवल उप जिलाधिकारी (एसडीएम) द्वारा पारित आदेश को रद्द कर दिया है, बल्कि सरकार पर 20 लाख रुपए का हर्जाना भी लगाया है। न्यायालय ने यह रकम याची को दो माह के भीतर भुगतान करने का आदेश दिया है। (पूरी खबर पढ़िए) ब्राह्मण विधायकों की बैठक के बीच डिप्टी CM ब्रजेश पाठक पहुंचे दिल्ली, PM मोदी को दिया निमंत्रण यूपी में भाजपा के ब्राह्मण विधायकों की बैठक को लेकर सियासत तेज है। इसी बीच प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक दिल्ली पहुंचे। उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात की है। हालांकि उनकी यह मुलाकात वाराणसी के नेशनल बॉलीबॉल चैंपियनशिप के निमंत्रण को लेकर है। ब्रजेश पाठक के साथ वाराणसी के मेयर अशोक तिवारी ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है और उन्हें 4-11 जनवरी के बीच वाराणसी में होने वाले नेशनल बॉलीबॉल चैंपियनशिप के आयोजन का निमंत्रण दिया। ब्रजेश पाठक ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी है। लिखा- आज दिल्ली में विश्व के लोकप्रिय नेता, हमारे पथ प्रदर्शक, प्रेरणास्रोत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आत्मीय भेंटकर स्नेहिल सानिध्य व कुशल मार्गदर्शन प्राप्त किया। अपना बहुमूल्य समय व मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री आपका हृदय से आभार एवं धन्यवाद व्यक्त करता हूं। इस अवसर पर महापौर वाराणसी अशोक तिवारी उपस्थित रहे। फिलहाल, इस मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। कुछ लोग इसे उप मुख्यमंत्री के बढ़ते कद से जोड़कर देख रहे हैं तो कुछ लोग इसे भाजपा की रणनीति बता रहे हैं। सत्ता पक्ष में ब्राह्मण समाज के सशक्त चेहरे के रूप में भी ब्रजेश पाठक हैं। वह ब्राह्मण समाज के विधायकों की बैठक में खुद मौजूद नहीं थे, लेकिन प्रधानमंत्री से मुलाकात को उस नजरिए से भी जोड़ा जा रहा है। लखनऊ में सैनिकों को फ्लैट पर 20% डिस्काउंट मिलेगा, पांच जिलों में आवास विकास परिषद की नई योजनाएं आएंगी आवास विकास परिषद अब सैनिकों को सस्ते रेट पर फ्लैट देगा। उन्हें आम जनता से हटकर 5% ज्यादा की छूट दी जाएगी। यानी अब उन्हें फ्लैट पर कुल 20% का डिस्काउंट दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें भुगतान करने की समय सीमा भी ज्यादा दोनों की दी जाएगी। यह प्रस्ताव बोर्ड में सैनिकों के सुझाव के बाद रखा गया था जो कि शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में पास हो गया है। लखनऊ के विकासनगर मिनी स्टेडियम को 10 साल की लीज पर निजी हाथों में दिया जाएगा। वहीं, यूपी के 5 जिलों में परिषद की नई योजनाएं आएंगी। इनमें प्रतापगढ़ में छह महीने में नई योजना, मऊ और गाजीपुर में अगले साल आने वाली नई योजना शामिल है। गाजियाबाद की वसुंधरा योजना संख्या-3 के विस्थापित किसानों को अब परिषद की ओर से 35 वर्गमीटर का प्लॉट दिया जाएगा। (पूरी खबर पढ़िए) पीलीभीत में सगे भाई की हत्या कर शव घर में दफनाया, 7 बीघा जमीन को लेकर चल रहा था विवाद, आरोपी हिरासत में पीलीभीत में रविवार को 7 बीघा जमीन के विवाद में भाई ने छोटे भाई की हत्या कर दी। इसके बाद साक्ष्य मिटाने के इरादे से शव को घर में करीब आठ फुट गहरा गड्ढा खोदकर शव दफना दिया। बड़े भाई ने शुक्रवार को पुलिस को भाई हंसराज के कई दिनों से लापता होने की सूचना दी। साथ ही उसने हत्या की आशंका जताई। पुलिस की पूछताछ में मामला सामने आने के बाद शव बरामद कर मुख्य आरोपी को हिरासत में ले लिया है। घटना बिलसंडा थाना क्षेत्र के लिलहर गांव की है। हंसराज (35) बीसलपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव भौरूआ में बड़े भाई पृथ्वीराज के साथ रहता था। वहीं मझला भाई नक्षत्रपाल सिंह अपनी ननिहाल लिलहर गांव में रहता था। जिसकी मां को मायके से 7 बीघा कृषि जमीन मिली थी। मां की मौत के बाद नक्षत्र पाल ने पूरी जमीन अपने नाम करा लिया। इसी को लेकर अक्सर मारपीट और विवाद होता था। पढ़ें पूरी खबर...
क्रिसमस सेलिब्रेशन में आए बेदू को मिली मौत:मेरठ में बहन, भाइयों ने एक साथ खोए तीन बेटे, हर आंख गमगीन
मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में क्रिसमस सेलिब्रेशन के लिए आए युवक की सड़क दुघर्टना में मौत हो गई। हापुड़ का बेदू पुत्र भारत सरधना चर्च में मेला देखने आया था। बेदू को नहीं पता था कि ये उसकी जिंदगी की आखिरी खुशी होगी। गुरुवार रात बेदू सहित उसके मामा के 2 बेटों की एक्सीडेंट में मौत हो गई। एक परिवार के तीन लड़कों ने दम तोड़ दिया। इतनी बड़ी दुघर्टना से पूरे गांव में गमगीन माहौल है। दैनिक भास्कर की टीम ने मौके पर जाकर पीड़ित परिवारों से बात कर इस दर्द को समझा.. सबसे पहले जो एक्सीडेंट हुआ वो पढ़िए...हापुड़ निवासी बेदू अपनी मम्मी और बहन के साथ क्रिसमस के दिन मेरठ आया था। बेदू परिवार संग सरधना के ऐतिहासिक बेगम समरु चर्च में क्रिसमस का मेला देखने आया था। सरधना के पास ही पोहल्ली गांव में बेदू के मामा का घर है। तीनों लोग चर्च के बाद मामा के घर पवई चले गए। मामा का बेटा आशू अपने चचेरे भाई आदी के साथ गांव के ही लड़के शिवा पुत्र नीरज की बारात में जाने की तैयारी में था। दोनों ने बेदू से कहा कि वो भी शादी में कंकरखेड़ा चले। तीनों कजिन भाई एक बाइक से शादी में कंकरखेड़ा चले गए। तीनों युवक रात को शादी से लौट रहे थे तभी घर से लगभग 10 किमी दूर हाईवे पर अचानक टक्कर हुई। बाइक में ट्रक की साइड लगने के कारण एक्सीडेंट हो गया। एक्सीडेंट में आदी और बेदू की मौके पर मौत हो गई। जबकि तीसरे भाई आशू को घायल हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां शुक्रवार सुबह उसने भी दम तोड़ दिया। एक घर के तीनों बेटों की मौत हो गई। मूकबधिर आशू भी नहीं बचाजो तीनों युवकों की मौत हुई है उसमें मरने वाला एक युवक आशू मूकबधिर था।मृतक आशू पुत्र सुखबीर कुल 18 साल का था। आशू मूकबधिर था। उसके पिता मजदूरी करते हैं। आशू के परिवार में पांच भाईबहन हैं। आशू भाई बहनों में चौथे नंबर का था। आशू की मां पूनम, बड़ी बहन कोमल, करिश्मा, निशा और छोटा भाई बंटी है। मृतक आदी एसडी इंटर कॉलेज कंकरखेड़ा में 11वीं कक्षा में पढ़ता था। पिता संजय काम करते हैं। आदी का बड़ा भाई दीशू है। ये हादसा ग्रीनसिटी कालोनी के पास यानि पोहल्ली गांव से लगभग नौ किमी दूरी पर हुआ। वहीं ट्रक चालक ट्रक लेकर मौके से फरार हो गया। परिजन बोले हमारा तो सहारा छिन गयाआशू, बेदू और आदी तीनों ही अपने परिवार के लाड़ले बेटे थे। एक साथ बहन और 2 भाइयों ने अपने बेटे खो दिए। इतने बड़े हादसे से पूरे गांव में दुख का माहौल है। हर आंख गमगीन है। शुक्रवार को तीनों की चिताएं एक साथ जलीं तो पूरा गांव रो पड़ा। गांव में चूल्हे नहीं जले। लोगों ने कहा कि हंसते, खेलते परिवार उजड़ गए। अब पढ़िए गांव के लोगों का क्या कहना है गांव के रहने वाले मेहताब सैफी ने बताया कि तीनों बच्चे एक शादी समारोह में शामिल होने गए थे जो शादी हमारे मोहल्ले के ही एक व्यक्ति थी। जब यह वहां से खाना खाकर वापस घर लौट रहे थे तो पीछे से एक ट्रक ने टक्कर मार दी। इन तीनों मृतकों में एक बच्चा मुकबाघिर भी है। उस परिवार में तीन बच्चे हैं और तीनों मुखबाघिर थे, उनमें से एक की मौत हो गई है। हालांकि ट्रक चालक का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है और गमगीन माहौल है पूरे गांव में शोक की लहर है। जन प्रतिनिधि भी पहुंचेआसपा के जिंप प्रत्याशी रविंद्र गुर्जर ने बताया कि गांव के ही एक युवक कपिल ने सूचना दी थी कि गांव में इस प्रकार से हादसा हो गया है क्योंकि मैं वार्ड नंबर 7 से जिला पंचायत की तैयारी कर रहा हूं और यह गांव मेरे वार्ड में आता है इसलिए मैं यहां पहुंचा हूं यह घटना होना इस गांव के लिए बेहद दुखद है युवकों की मौत के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। मुझे पता चला है कि रात में यह किसी शादी समारोह में गए थे उसे दौरान दो की मौके पर मौत हो गई थी और एक की मौत अस्पताल में सबसे ज्यादा दुख का विषय है कि इन मृतकों में एक मुकबाघिर भी है। गांव के रहने वाले विनोद कुमार ने बताया कि जिन लड़कों की मौत हुई है उनमें दो हमारे गांव के हैं और एक हमारे गांव का भांजा है। हालांकि तीनों युवक हसमुख स्वभाव और मिलनसार प्रवृत्ति के थे इस प्रकार से यह हादसा होना बहुत दुखद है। जिस वक्त हादसा वह सुरक्षित तीनों युवक एक शादी समारोह से लौट रहे थे इन युवकों में जिसकी मौत हुई है उनमें से एक वक्त मुकबाघिर भी है
चांपी दोहरे हत्याकांड में 24 घंटे बाद भी FIR नहीं, पोस्टमॉर्टम और अंतिम संस्कार हो चुका, जमीन विवाद की आशंका पर पुलिस की नजर गयाजी के चांपी गांव में डबल मर्डर में 24 घंटे बाद भी FIR नहीं हुई है। गुरुवार सुबह दंपती की लाश मिलने के बाद पोस्टमॉर्टम कराया गया। पुलिस ने शव को परिजन को सौंप दिया, जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। खबर लिखे जाने तक वारदात के बाद 24 घंटे बाद भी पीड़ित परिवार की ओर से शेरघाटी थाना में लिखित तहरीर नहीं दी गई है। हालांकि, पुलिस की एक टीम शुक्रवार देर शाम मृतक के परिजनों से तहरीर लेने के लिए गांव पहुंची, लेकिन वहां भी कोई ठोस बयान सामने नहीं आया। मामले में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि पीड़ित परिवार ही नहीं, बल्कि गांव के लोग भी पूरी तरह खामोश हैं। कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है। गांव में सन्नाटा है। हर कोई सवालों से बचता नजर आ रहा है। मृत दंपती के इकलौते बेटे रवि कुमार का साफ कहना है कि अभी हम कुछ नहीं बोलेंगे। दाह-संस्कार हो गया है। जो भी कहना होगा। थाने में लिखित रूप से ही कहेंगे। हत्या के पीछे वजह क्या हो सकती है, इस सवाल पर भी वह चुप्पी साधे हुए हैं। सबसे पहले वारदात से जुड़ी 2 तस्वीर देखिए दोहरे हत्याकांड के पीछे जमीन विवाद की आशंका सूत्रों की मानें तो इस दोहरे हत्याकांड की जड़ जमीन विवाद हो सकता है। हालांकि ये विवाद फिलहाल चांपी गांव से जुड़ा नहीं बताया जा रहा है। चांपी में अब तक मृतक परिवार का किसी से कोई खुला विवाद सामने नहीं आया है। मृतका लंबे समय तक वार्ड सदस्य रह चुकी थी। वर्तमान में भी वह वार्ड सदस्य थी। न वार्ड पार्षदी को लेकर कोई विवाद, न गांव में किसी से अदावत। न ही सगे भाइयों से कोई झगड़ा। गांव के रिकॉर्ड में सब कुछ सामान्य रहा है। मृत दंपती अपने काम से मतलब रखता था। मृतक प्रदीप के पैतृक गांव से वारदात के जुड़ने की आशंका सूत्र बताते हैं कि हत्या की कड़ी मृतक प्रदीप यादव के पैतृक गांव गौसपुर से जुड़ सकती है। गौसपुर झारखंड के चतरा जिले में आता है। गौसपुर से चांपी की दूरी महज 6 किलोमीटर है। बताया जाता है कि प्रदीप यादव के पिता वर्षों पहले चांपी में बस गए थे। चांपी उनकी ससुराल थी। यहीं उन्होंने स्थायी ठिकाना बना लिया। लेकिन गौसपुर से उनका नाता कभी टूटा नहीं। वहां उनके हिस्से की जमीन थी। हर साल प्रदीप यादव वहां से कुछ अनाज भी लाया करता था। गौसपुर में गोतिया भाइयों से जमीन को लेकर विवाद भी चल रहा था सूत्रों का कहना है कि गौसपुर में गोतिया भाइयों से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। इसी विवाद को लेकर कुछ दिन पहले प्रदीप यादव का पीछा किए जाने की भी चर्चा है। करीब एक सप्ताह पहले कुछ लोगों के पीछे लगने की बात सामने आई थी। हालांकि तब मामला टल गया था और इसे सामान्य मान लिया गया व आई गई बात हो गई। अब दोहरे हत्याकांड के बाद वही कड़ी फिर से चर्चा में है। दंपती के बेटे ने कहा- जब किसी को देखा ही नहीं, कैसे किसी का नाम लें हालांकि मृतक का बेटा रवि कुमार इन तमाम आशंकाओं पर कुछ भी कहने से इनकार कर रहा है। उसका कहना है कि जब हमने देखा ही नहीं, तो किसी का नाम कैसे ले लें। बिना आधार के कैसे किसी को फंसा दें। उसने साफ कहा कि न गांव में और न ही चाचा-पट्टी से किसी तरह की दुश्मनी थी। इसके बावजूद हत्या क्यों हुई, यह उसकी समझ से बाहर है। काफी पूछताछ के बाद भी वह किसी निष्कर्ष पर जाने को तैयार नहीं हुआ। बार-बार यही कहा कि जो भी बात होगी, पुलिस को लिखित में दी जाएगी। गौरतलब है कि प्रदीप यादव चार भाइयों में सबसे छोटा था। चार में से दो भाइयों की मौत पहले ही हो चुकी है। परिवार पहले से ही सीमित था। अब पति-पत्नी की एक साथ हत्या ने पूरे मामले को और रहस्यमय बना दिया है। इधर, एएसपी शैलेन्द्र सिंह ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए कई टीमों को लगाया गया है। हर एंगल से जांच चल रही है। फिलहाल किसी एक दिशा में जांच केंद्रित नहीं की गई है। जमीन विवाद, आपसी रंजिश, पारिवारिक कारण समेत सभी बिंदुओं पर जांच हो रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही पूरे मामले का खुलासा किया जाएगा और वारदात को अंजाम देने वाले अपराधियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
बिहार सरकार की ओर से दिव्यांगों के जीवन को सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विभिन्न प्रकार के आधुनिक सहायक उपकरणों के वितरण की घोषणा की गई है। इस पहल के तहत शारीरिक एवं मानसिक रूप से विशेष आवश्यकता वाले व्यक्तियों को उनकी दैनिक गतिविधियों में सहायता प्रदान करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकी उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। नालन्दा के सभी प्रखंडों एवं नगर निगम क्षेत्र में 5 जनवरी से 8 जनवरी तक विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा। नालंदा जिला दिव्यांजन सशक्तिकरण कोषांग के सहायक निदेशक ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत दृष्टिबाधित व्यक्तियों के लिए ब्रेल स्लेट (टाइप-ए), बच्चों और वयस्कों के लिए अलग-अलग ब्रेल किट, स्मार्ट केन, स्क्रीन रीडर युक्त स्मार्टफोन, डेज़ी प्लेयर, रीडिंग मैग्निफायर, डिजिटल ब्रेल बुक रीडर तथा स्कैनिंग एंड रीडिंग डिवाइस जैसे उपकरण शामिल हैं। इन उपकरणों से दृष्टिबाधितों को शिक्षा और सूचना तक पहुंच में काफी सुविधा होगी। श्रवणबाधित व्यक्तियों के लिए डिजिटल हियरिंग एड की व्यवस्था की गई है, जो उन्हें बेहतर श्रवण अनुभव प्रदान करेगा। वहीं, गतिशीलता में कठिनाई का सामना कर रहे दिव्यांगजनों के लिए इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर, रोलेटर वॉकर विद ब्रेक, एडजस्टेबल वॉकिंग स्टिक और फोल्डेबल एल्युमिनियम वॉकर जैसे उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। अलग-अलग तरह के ऑर्थोसिस और प्रोस्थेसिस की भी व्यवस्था स्पेशल कैंप में विभिन्न प्रकार के ऑर्थोसिस और प्रोस्थेसिस की भी व्यवस्था की गई है। इनमें हिप-नी-एंकल-फुट ऑर्थोसिस (छोटा, मध्यम और बड़ा साइज़), बिलो नी प्रोस्थेसिस, अबव नी प्रोस्थेसिस, हिप डिसआर्टिकुलेशन एंड हेमीपेल्वेक्टमी प्रोस्थेसिस, बिलो एल्बो प्रोस्थेसिस और अबव एल्बो प्रोस्थेसिस शामिल हैं। ये उपकरण शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों को गतिशीलता और स्वतंत्रता प्रदान करने में सहायक होंगे। सेरेब्रल पाल्सी से प्रभावित बच्चों के लिए विशेष सीपी चेयर की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, दैनिक जीवन की गतिविधियों में सहायता के लिए एडीएल (असिस्टिव डेली लिविंग) किट भी प्रदान की जाएगी। शिक्षा के क्षेत्र में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के समावेशी विकास के लिए एमएसआईईडी (मल्टी सेंसरी इंक्लूसिव एजुकेशन डेवलपमेंट) किट और टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मैटेरियल) किट का भी प्रावधान किया गया है, जो समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
13 साल से फरार चल रहे 25 हजार रुपए के इनामी अपराधी राजीव कुमार उर्फ राजीव महतो को आखिरकार एसटीएफ और नालंदा पुलिस की संयुक्त टीम ने बुधवार की रात गिरफ्तार कर लिया। राजीव साल 2012 में मुखिया दंपती की हत्या के बाद से फरार चल रहा था। गुप्त सूचना के आधार पर एसटीएफ और रहुई थाना की पुलिस ने पितौंजिया गांव के समीप स्थित सिमरन भट्ठा पर संयुक्त छापेमारी की। पुलिस को जानकारी मिली थी कि राजीव अपने साथियों के साथ किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहा है। छापेमारी के दौरान पुलिस ने 5 बदमाशों को हथियारों के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अपराधियों में अस्थावां थाना क्षेत्र के नोआवां गांव के रहने वाले राजीव कुमार उर्फ राजीव महतो, नीतीश कुमार उर्फ कारू उर्फ सिरा, रहुई थाना क्षेत्र के पुनहा गांव निवासी राजेश कुमार उर्फ कारू, पितौंजिया गांव के सोनू कुमार एवं बिंद थाना क्षेत्र के बकरा गांव निवासी पंकज कुमार उर्फ मंगल शामिल है। हथियारों का जखीरा बरामद पुलिस ने अपराधियों के कब्जे से एक देसी पिस्तौल, एक कट्टा, चार कारतूस, एक मैगजीन और चार मोबाइल बरामद किए हैं। ये सभी किसी बड़ी वारदात की तैयारी में जुटे थे। 2002 से चला आ रहा है आपराधिक इतिहास मुख्य आरोपी राजीव कुमार महतो का आपराधिक रिकॉर्ड अत्यंत गंभीर है। उसके खिलाफ अस्थावां थाना में वर्ष 2002 से लेकर 2012 तक कुल 9 गंभीर मामले दर्ज हैं, जिनमें डकैती, हत्या, लूट, धमकी और आर्म्स एक्ट के तहत मामले शामिल हैं। इनमें धारा 302 (हत्या) और आर्म्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत संगीन अपराध दर्ज हैं। 2012 में राजीव कुमार महतो और उसके एक सहयोगी ने अस्थावां प्रखंड के नोआवां पंचायत की मुखिया नीतू देवी एवं उनके पति मूनर महतो की बाजार से घर लौटते समय कोइरी बीघा के पास गोली मारकर हत्या कर दी थी। आपसी वर्चस्व की लड़ाई में इस दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। इस घटना के बाद से राजीव और उसके सहयोगी फरार चल रहे थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, राजीव अपने परिवार के संपर्क में था और कभी-कभार रात के अंधेरे में गांव जाया करता था। अधिकांश समय वह अपने परिवार के यहां ही शरण में रहता था। एसटीएफ की मुस्तैदी से मिली सफलता एसटीएफ को खुफिया सूचना मिली कि राजीव अपने कुछ सहयोगियों के साथ ईंट भट्ठा पर किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहा है। इसके बाद एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस के सहयोग से तत्काल कार्रवाई की और फरार चल रहे हत्या के आरोपी समेत पांचों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। रहुई थाना अध्यक्ष ललित विजय ने बताया कि अन्य गिरफ्तार आरोपियों का भी आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि ये लोग किस बड़ी वारदात को अंजाम देने की योजना बना रहे थे।
DDU में इनोवेशन को मिलेगा सम्मान:‘हरिहर प्रसाद दुबे ट्रस्ट इनोवेशन अवॉर्ड 2025–26’ के लिए आवेदन शुरू
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स में इनोवेशन, रिसर्च और वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘हरिहर प्रसाद दुबे ट्रस्ट इनोवेशन अवार्ड 2025–26’ की घोषणा की है। यह अवॉर्ड हर साल नेशनल साइंस डे पर दिया जाएगा। इस अवॉर्ड में युनिवर्सिटी के स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) लेवल के सभी स्टूडेंट हिस्सा ले सकते हैं। प्रतिभागिता व्यक्तिगत या 3 से 4 विद्यार्थियों की टीम के रूप में की जा सकेगी। हर प्रतिभागी या टीम केवल एक ही प्रविष्टि प्रस्तुत कर सकेगी। तीन चरणों में पूरी होगी आवेदन और चयन प्रक्रियाइसमें आवेदन और चयन प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी होगी। पहले चरण में 500–700 शब्दों का लिखित प्रस्ताव/सार प्रस्तुत करना होगा, जिसमें समस्या विवरण, उद्देश्य, कार्यप्रणाली, नवाचार और अपेक्षित सामाजिक व औद्योगिक प्रभाव का उल्लेख अनिवार्य होगा। दूसरे चरण में शॉर्टलिस्ट प्रतिभागियों से विस्तृत रिपोर्ट या मॉडल तैयार कराया जाएगा। अंतिम चरण में चयनित प्रतिभागी निर्णायक मंडल के सामने अपने प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण और प्रदर्शन करेंगे। अंतिम तिथि 30 जनवरी 2026 प्रस्ताव जमा करने की अंतिम तिथि 30 जनवरी 2026 है। विश्वविद्यालय के विद्यार्थी डीन, विज्ञान संकाय कार्यालय में विभागाध्यक्ष के माध्यम से और संबद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थी अपने प्राचार्य के माध्यम से प्रविष्टियां जमा करेंगे। कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि इस पुरस्कार का उद्देश्य बेहतरीन नवाचारी विचारों की पहचान करना, विद्यार्थियों को शोध के लिए प्रेरित करना और संभावनाशील नवाचारों को इन्क्यूबेशन, मेंटरशिप और उद्योग सहयोग के माध्यम से आगे बढ़ाना है। वहीं डीएसडब्ल्यू प्रो. अनुभूति दुबे ने बताया कि यह अवार्ड पंडित हरिहर प्रसाद दुबे ट्रस्ट की ओर से प्रस्तावित किया गया है। विश्वविद्यालय में मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पं. हरिहर प्रसाद दुबे फाउंडेशन ट्रस्ट, बेंगलुरु की ओर से विभिन्न प्रकार की छात्रवृत्तियों से संबंधित कार्यक्रम संचालित किए जाते हैं। गोरखपुर के प्रतिष्ठित अधिवक्ता और शिक्षाविद् थे पं. हरिहर प्रसाद दुबे प्रो. अनुभूति दुबे ने बताया कि पं. हरिहर प्रसाद दुबे (1900–1963) गोरखपुर के प्रतिष्ठित अधिवक्ता और शिक्षाविद् थे। वे 1952 में गोरखपुर सिविल कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए। शिक्षा के क्षेत्र में उनकी गहरी रुचि रही और उन्होंने गोरखपुर में शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना में योगदान दिया। स्वतंत्रता के बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना की प्रक्रिया में वे सक्रिय रहे, स्थापना समिति के सचिव बने और 1963 तक विश्वविद्यालय से जुड़े रहे। उन्हीं की स्मृति में स्थापित फाउंडेशन ट्रस्ट आज विश्वविद्यालय के मेधावी विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां प्रदान करता है।
अयोध्या जोन में बिजली बिल राहत योजना के उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। इस योजना के तहत मंडल के पांचों जिलों में कुल 106 करोड़ 40 लाख रुपये से अधिक की बकाया धनराशि जमा हुई है।सुल्तानपुर जनपद ने सर्वाधिक 27 करोड़ 46 लाख रुपये जमा कराकर मंडल में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। मंडल के अन्य जिलों में भी योजना के तहत महत्वपूर्ण राशि जमा हुई है। अमेठी में 20 करोड़ 69 लाख रुपये, बाराबंकी में 19 करोड़ 22 लाख रुपये, अंबेडकर नगर में 23 करोड़ 43 लाख रुपये और अयोध्या जिले में 15 करोड़ 60 लाख रुपये जमा कराए गए हैं। सुल्तानपुर जिले में योजना के पहले चरण के 22 दिनों में लगाए गए शिविरों में 26,143 उपभोक्ताओं ने इस छूट का लाभ उठाया। 2 किलोवाट घरेलू और 1 किलोवाट वाणिज्यिक उपभोक्ताओं से कुल 27 करोड़ 46 लाख रुपये जमा कराए गए, जिससे उपभोक्ताओं को 21 करोड़ रुपये का लाभ मिला। सुल्तानपुर के अधीक्षण अभियंता विपुल कुमार जैन ने बताया कि जिले में चार लाख उपभोक्ताओं पर कुल 1490 करोड़ रुपये का बकाया है। उन्होंने जानकारी दी कि जिले के 44 बिजली उपकेंद्रों के साथ-साथ बाजारों में भी योजना के तहत शिविर लगाए जा रहे हैं। योजना के तहत, पंजीकरण के बाद एकमुश्त बकाया जमा करने पर सरचार्ज में शत-प्रतिशत और मूल बिल में 25 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। मासिक किस्तों पर बकाया जमा करने के लिए छूट की अलग-अलग दरें निर्धारित की गई हैं। अधीक्षण अभियंता जैन ने बकायेदारों से इस योजना का लाभ उठाने की अपील की है। योजना के एक लाभार्थी मोहम्मद रिजवान ने बताया कि उनका दो वर्षों का 2 लाख 28 हजार रुपये का बकाया बिल था। छूट के बाद उन्हें केवल 65 हजार 312 रुपये जमा करने पड़े। वहीं, एक अन्य लाभार्थी सोनू ने जानकारी दी कि उनका 2 वर्षों का बकाया बिल 49 हजार रुपये था, जिसमें छूट के बाद उन्हें मात्र 29 हजार रुपये जमा करने पड़े।
हाथरस में सोती बच्ची पर बैठा बच्चा, मौत:खेल- खेल में हादसा, मां ने चारपाई पर लिटाया था
हाथरस के कस्बा मुरसान में एक बच्ची की मौत का मामला सामने आया है। शुक्रवार शाम ढाई महीने की एक बच्ची सो रही थी, तभी परिवार का एक बच्चा उसके ऊपर बैठ गया। परिजन बच्ची को अचेत अवस्था में जिला अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मुरसान के एक मोहल्ला निवासी आजाद खान के घर में ढाई महीने पहले अल्फिया नाम की बेटी का जन्म हुआ था। शुक्रवार को दूध पिलाने के बाद बच्ची को चारपाई पर कपड़ों में लपेट कर सुला दिया गया था। उस समय बच्ची के पास परिवार के अन्य बच्चे खेल रहे थे। खेलते हुए बच्चों में से एक बच्चा अचानक सोई हुई अल्फिया के ऊपर बैठ गया। यह देख परिवार के सदस्यों ने तुरंत बच्चे को बच्ची के ऊपर से हटाया और अल्फिया को हिलाकर देखा, लेकिन उसने कोई हरकत नहीं की। बच्ची की हालत बिगड़ती देख परिजन उसे तुरंत जिला अस्पताल ले गए। वहां डॉक्टरों ने जांच के बाद अल्फिया को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिवार के लोग शव लेकर घर लौट गए।
भारतीय रेलवे ने वर्ष 2025 में विभिन्न त्योहारों व व्यस्त यात्रा अवधियों के दौरान 43 हजार से अधिक विशेष रेलगाड़ियों का संचालन कर लाखों यात्रियों की यात्रा को सुगम बनाया। इसी के साथ उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर रेल मंडल ने चालू वित्तीय वर्ष में आरक्षित एवं अनारक्षित रेल टिकट बिक्री से उल्लेखनीय राजस्व वृद्धि दर्ज की है। अप्रैल 2025 से नवंबर 2025 तक मंडल द्वारा कुल 611.75 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 59.07 करोड़ रुपये अधिक है। यह ग्राेथ लगभग 10.68 प्रतिशत है। महाकुंभ से लेकर छठ पूजा तक 43 हजार स्पेशल ट्रेनें रेलवे की यह पहल यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करने, कुशल भीड़ प्रबंधन तथा निर्बाध संपर्क सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। रेलवे द्वारा 13 जनवरी से 28 फरवरी 2025 के बीच महाकुंभ के लिए 17,340 विशेष ट्रेनें चलाई गईं। होली 2025 के दौरान 1 मार्च से 22 मार्च तक 1,144 विशेष रेलगाड़ियों का संचालन किया गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग दोगुना रहा। ग्रीष्मकालीन यात्रा सत्र (1 अप्रैल से 30 जून 2025) में 12,417 समर स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। वहीं छठ पूजा 2025 के लिए 1 अक्टूबर से 30 नवंबर के बीच 12,383 विशेष रेल यात्राएं संचालित की गईं। जोधपुर मंडल का शानदार प्रदर्शन मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में अप्रैल 2025 से नवंबर माह तक मंडल द्वारा कुल 611.75 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक हितेश यादव ने बताया कि इसके मुकाबले पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में अप्रैल 2024 से मार्च 2025 की अवधि में जोधपुर रेल मंडल द्वारा 552.68 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया था। इस प्रकार चालू वित्तीय वर्ष में नवंबर माह तक टिकट बिक्री से 59.07 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गई है। डीआरएम ने इस राजस्व वृद्धि का श्रेय यात्रियों की संख्या में वृद्धि, बेहतर यात्री सुविधाओं, टिकट सेवा केंद्रों के विस्तार तथा डिजिटल एवं काउंटर टिकटिंग व्यवस्था के प्रभावी संचालन को दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में भी जोधपुर रेल मंडल इसी प्रकार बेहतर प्रदर्शन करता रहेगा।
नगर निगम हेरिटेज की निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर मात्र 3 साल में लखपति से करोड़पति बन गईं। एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की जांच में इस तरह के कई खुलासे हुए हैं। मेयर बनने से पहले मुनेश और उनके पति सुशील गुर्जर की संपत्ति केवल 23 लाख रुपए थी। महज 3 साल के कार्यकाल में ही दोनों 2 करोड़ रुपए से भी अधिक संपत्ति के मालिक बन गए। 4 अगस्त 2023 को मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर के खिलाफ रिश्वत मामले में ACB ट्रैप की कार्रवाई हुई थी। एक माह पूर्व ही मुनेश गुर्जर व उनके पति के खिलाफ आय से अधिक प्रॉपर्टी का केस दर्ज किया गया था। इधर, एसीबी ने जांच में पाया मेयर बनने के बाद दंपती ने प्लॉट खरीदे, पुराने खरीदे प्लॉटों पर निर्माण करवाए और लाखों के जेवर भी खरीदे। बैंक में भी पति ने लाखों की एफडी करवाई। इस रिपोर्ट में पढ़िए किस तरह मेयर और उनके पति ने संपत्ति खड़ी की... छापे में मिले थे 41.55 लाख कैशएसीबी ने अगस्त, 2023 में रिश्वत की शिकायत के आधार पर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर के खिलाफ ट्रैप की कार्रवाई की थी। इस दौरान आदर्श कॉलोनी, हटवाड़ा (जयपुर) स्थित मकान की तलाशी भी ली गई। घर से संपत्ति के दस्तावेज (बैंक, प्लॉट आदि से संबंधित) जब्त किए गए थे। 41.55 लाख रुपए नकद भी बरामद हुए थे। इसके बाद एसीबी ने मेयर मुनेश और पति सुशील की संपत्ति के दस्तावेज के आधार पर जेडीए से कागजात लिए। संबंधित बैंकों से भी जानकारी ली। पार्षद के लिए चुनाव लड़ने के दौरान निर्वाचन विभाग को दिए हलफनामे और दस्तावेजों की जांच की गई। मेयर बनने के बाद नगर निगम से वेतन भत्तों की जानकारी ली गई। इस जांच में पता चला कि केवल 3 साल के अंतराल में आय से 300 गुना से भी अधिक की संपत्ति जुटाई गई है। ऐसे में एक दूसरी एफआईआर पिछले महीने और दर्ज की गई, जो आय से अधिक संपत्ति की थी। मेयर बनने के बाद तीन साल में 2 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति बनाईएसीबी ने जब पूरे रिकॉर्ड की जांच की तो पाया कि नवंबर, 2020 से पहले दंपती की कुल संपत्ति करीब 23.84 लाख रुपए की थी। इसमें बैंक में जमा, जेवर और मकान आदि की कीमत भी शामिल है। इसके बाद मुनेश गुर्जर के मेयर बनने के बाद उनके कार्यकाल नवंबर, 2020 से अगस्त, 2023 तक के बीच जुटाई संपत्ति का ब्योरा लिया गया। पता चला कि इस बीच मुनेश और सुशील की संपत्ति कई गुना बढ़ कर 2 करोड़ रुपए से भी ऊपर पहुंच गई। नोटिस पर नोटिस, लेकिन जवाब अब तक नहींACB की टीम ने 4 अगस्त 2023 में मुनेश गुर्जर के घर छापा मारा था। एसीबी ने मेयर के पति सुशील के खिलाफ ट्रैप की कार्रवाई के बाद मिले कैश और तलाशी में मिले संपत्ति के दस्तावेज को लेकर जवाब-तलब किया। अब तक दोनों की ओर से कोई जवाब एसीबी को नहीं भेजा गया है। नोटिस पर नोटिस, पर जवाब नहीं मिलाएसीबी ने पहला नोटिस 19 अक्टूबर 2023 को भेजा और कहा कि नकद और अन्य संपत्ति से जुड़े दस्तावेज पर सफाई 15 दिन में दें। मेयर के पति सुशील ने 7 नवंबर 2023 को समय मांगने के लिए एसीबी को लिखा कि दीपावली और पारिवारिक कार्यों के कारण दस्तावेज इकट्ठे नहीं हो पा रहे हैं, इसलिए 15 दिन का समय दिया जाए। इसके बाद 11 जनवरी 2024, 15 फरवरी 2024, 23 फरवरी 2024 को फिर नोटिस के जरिए पाबंद किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। मुनेश गुर्जर को 18 अगस्त 2025 को नोटिस जारी किया, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। जवाब नहीं मिलने पर एसीबी ने सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) से निवास और अन्य संबंधित संपत्तियों की का वैल्यूएशन करवाया। एसीबी सूत्रों के अनुसार अब तक नकद और तलाशी में मिले संपत्ति के दस्तावेज को लेकर दोनों की ओर से कोई सफाई नहीं मिली है। --- मुनेश गुर्जर से जुड़ीं ये खबरें भी पढ़िए... जयपुर हेरिटेज मेयर मुनेश के पति को ACB ने पकड़ा, घर पर सर्च में 40 लाख कैश मिले एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने जयपुर हेरिटेज नगर निगम मेयर मुनेश गुर्जर के घर 4 अगस्त 2023 छापा मारा था। टीम ने मेयर के पति सुशील गुर्जर और दो दलालों को गिरफ्तार किया था। पढ़ें पूरी खबर... निलंबित मेयर के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों को सही माना, आरोप न्यायिक जांच में हुए प्रमाणित नगर निगम हेरिटेज की निलंबित मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ न्यायिक जांच में भ्रष्टाचार के आरोपों को सही माना गया था। विधि विभाग में कार्यरत जिला न्यायाधीश कैडर के अधिकारी सुरेन्द्र पुरोहित ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुनेश पर लगाए गए आरोपों को प्रमाणित माना। पढ़ें पूरी खबर...
मध्य प्रदेश की राजनीति, नौकरशाही और अन्य घटनाओं पर चुटीली और खरी बात का वीडियो (VIDEO) देखने के लिए ऊपर क्लिक करें। इन खबरों को आप पढ़ भी सकते हैं। 'बात खरी है' मंगलवार से रविवार तक हर सुबह 6 बजे दैनिक भास्कर ऐप पर मिलेगा। पहले महामूर्तियों कहा, फिर बोले- जानवरगीरी मत करोग्वालियर में शो करने आए सुप्रसिद्ध गायक कैलाश खेर ने यहां की ऑडियंस की जमकर तारीफ की। मंच से कहा- ऐ ग्वालियर के पावन महामूर्तियों, मैं आपको प्रणाम करता हूं। ऑडियंस तो बहुत देखी, पर आपसे प्यारी.. ओ.. हो.. हो..। कैलाश खेर के सुर थोड़ी ही देर में बदल गए। अब वे इसी ऑडियंस के लिए जानवर जैसा शब्द इस्तेमाल करने लगे। हुआ यूं कि शो में आगे आने के लिए लोगों में होड़ मच गई। हंगामा होने लगा। इस पर कैलाश खेर ने कहा- हमने आपकी प्रशंसा की और आप इतना जानवरगीरी कर रहे हैं। जानवरगीरी मत करिए.. प्लीज खरी बात ये है कि कार्यक्रम के दौरान कैलाश को बैरिकेडिंग की वजह से ऑडियंस और खुद के बीच काफी दूरी महसूस हुई। उन्होंने इस दूरी को खत्म करने की बात कही। हालांकि, इस फासले को हलका सा कम किया गया। फिर भी वे अंत तक इस दूरी को मिटाने की बात कहते रहे। इसी वजह से ये स्थिति बनी। पूर्व मंत्री दीपक जोशी की कथित शादी पर कांग्रेस का दर्दपूर्व मंत्री दीपक जोशी की शादी को लेकर आई खबरों पर कांग्रेस का दर्द सामने आया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी मुकेश नायक ने दीपक जोशी को लेकर कहा कि हमारी पार्टी में वैसे ही कार्यकर्ताओं की कमी थी। एक लुगाई और ले गया इधर से। दरअसल, पल्लवी राज सक्सेना नाम की महिला ने दीपक जोशी के साथ शादी होने का दावा किया है। उसने सोशल मीडिया पर दीपक जोशी के साथ अपनी कई तस्वीरें साझा की है। एक तस्वीर में तो दीपक जोशी को हल्दी और मेंहदी लगी नजर आ रही है। पल्लवी राज सक्सेना महिला कांग्रेस की प्रदेश सचिव रही हैं। वहीं दीपक जोशी 2023 के चुनाव के दौरान कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हालांकि बाद में कांग्रेस छोड़ दी थी और फिर से भाजपा में शामिल होने का दावा किया था। अब भाजपा ने उनसे पल्ला झाड़ लिया है। अब पल्लवी से उनकी शादी के दावे पर कांग्रेस ने बातों ही बातों में बयां कर दिया है कि पार्टी में कार्यकर्ताओं की कमी बनी हुई है। ऐसे में इस मामले में उन्हें नुकसान ही हुआ है। दिग्विजय चर्च गए, लेकिन राम मंदिर के नाम पर झाड़ा ज्ञानमध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा दिया था। जब उनसे पूछा गया कि आप अयोध्या में भगवान राम के दर्शन करने कब जा रहे हैं। तो उन्होंने अद्वैत वेदांत का ज्ञान बता दिया। दिग्विजय सिंह ने कहा- अद्वैत वेदांत क्या है। अहं ब्रह्मास्मि.. मेरे में ही ब्रह्म है। मुझे कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है। मेरे हृदय में ही नारायण विराजमान है। इधर, क्रिसमस पर दिग्विजय सिंह के चर्च जाने की तस्वीर सामने आई। इस पर भाजपा ने कहा कि दिग्विजय सिंह चर्च तो चले गए। लेकिन राम मंदिर जाने की बात पर उन्होंने अद्वैत वेदांत का ज्ञान दे दिया। वे चर्च जाते हैं, मजार पर चादर चढ़ाते हैं तब उन्हें अद्वैत वेदांत का ज्ञान समझ नहीं आता। खरी बात ये है कि दिग्विजय सिंह खुद को पक्का हिंदू और सनातनी कहते हैं। लेकिन कुछ इस तरह के मामलों में विरोधियों के निशाने पर भी आ जाते हैं। लोग कह रहे हैं कि आखिर ये दोहरा रवैया क्यों? नरोत्तम मिश्रा का फिर शायराना वार, अब निशाने पर कौन? मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा फिर शायराना अंदाज में नजर आए। अपने समर्थकों के सामने ट्रेन के दरवाजे पर खड़े होकर उन्हें कहा- वो समंदर खंगालने में लगे हुए हैं.. हमारी कमियां निकालने में लगे हुए हैं.. जिनकी अपनी चड्डियां तक फटी हुई हैं.. वह हमारी टोपियां उछालने में लगे हुए हैं..। अब लोग इसके मायने निकाल रहे है कि आखिर नरोत्तम मिश्रा के निशाने पर कौन हैं। क्या उनके अपने दल के लोग हैं या फिर विरोधी दल के लोग। नरोत्तम की शायरी का ये वीडियो बुधवार शाम का बताया जा रहा है, उस समय नरोत्तम मिश्रा ग्वालियर रेलवे स्टेशन से ट्रेन से भोपाल के लिए रवाना हो रहे थे। नरोत्तम मिश्रा के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के कई फोटो भी सामने आए हैं। एक वीडियो में तो वे अमित शाह के कान में कुछ खुसुर-फुसुर भी करते दिख रहे हैं। शाह से मिलने के बाद नरोत्तम थोड़ा जोश में भी नजर आए। खरी बात ये कि चुनाव हारने के बाद नरोत्तम मिश्रा एक तरह से अलग-थलग नजर आ रहे हैं। संगठन में भी अभी उन्हें खास जिम्मेदारी नहीं है। ऐसे में अक्सर अपने बयानों और शायराना अंदाज से नरोत्तम सुर्खियां बटोर ही लेते हैं। उन्हें पार्टी में अहम रोल की जो तलाश है। इनपुट सहयोग - रामेंद्र परिहार, अरुण मोरे (ग्वालियर), विजय सिंह बघेल (भोपाल) ये भी पढ़ें - भाजपा में 'भाई साहब' से 'राजा साहब' बने सिंधिया: मोहन को शिवराज से ज्यादा ऊर्जावान बता गए शाह ग्वालियर आए अमित शाह ने मंच से ज्योतिरादित्य सिंधिया को राजा साहब कहकर पुकारा। कांग्रेस नेता अकसर कहते हैं कि महाराज सिंधिया भाजपा में जाकर भाई साहब हो गए हैं। अब सिंधिया बता सकेंगे कि वे भाजपा में भी महाराज ही हैं। शाह ने सीएम मोहन यादव को भी शाबाशी दी, लेकिन मामा जी से तुलना करके। पूरी खबर पढ़ें
पंजाब अपडेट्स:SAD-BJP गठजोड़ पर सर्वे का वीडियो वायरल, नेताओं ने किया इनकार
पंजाब में आने वाले विधान सभा चुनाव को लेकर शिरोमणि अकाली दल (SAD) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच में गठजोड़ की एक वीडियो क्लिप वायरल हो रही है। इसमें दोनों पार्टियों के गठजोड़ के संबंध में और वोटिंग के बारे में भी पूछा जा रहा है। यह एक तरह से सर्वे की वीडियो बताई जा रही है। SAD और BJP के नेताओं ने इस तरह के सर्वे से पूरी तरह से इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि इस तरह से सर्वे उनकी पार्टियों की तरफ से नहीं करवाया जा रहा है। अब सवाल यह उठ रहा है कि फिर यह सर्वे करवा कौन रहा है। (पूरी खबर पढ़ें)
गोरखपुर के बॉडी बिल्डर विशाल (26) की हत्या उसकी गर्लफ्रेंड ने नहीं करवाई थी। 24 दिसंबर की रात ये मर्डर दारू पार्टी के दौरान सिर्फ 50 रुपए के झगड़े में किया गया। विशाल के 4 दोस्तों ने उसका सिर मिट्टी में धंसा दिया। वह दम घुटने से तड़पता रहा, मगर दोस्तों ने तरस नहीं खाया। 2 मिनट के बाद उसकी सांस टूट गई। इसके बाद हत्यारे करीब 35 मिनट तक क्राइम स्पॉट पर ही रहे। नशे में होने की वजह से उन्हें समझ नहीं आ रहा था, फिर 2 दोस्त सहजनवां रेलवे स्टेशन पर पहुंचे और ट्रेन पकड़कर गोरखपुर से भाग निकले। जबकि, बाकी 2 आरोपियों की लोकेशन तलाशने के लिए पुलिस आसपास के CCTV खंगाल रही है। विशाल की मां शकुंतला देवी ने गांव में ही रहने वाली बेटे की गर्लफ्रेंड और उसके परिवार के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। पुलिस ने भी उन्हें हिरासत में लिया था, अब उन्हें छोड़ने की तैयारी है। पढ़िए रिपोर्ट... मर्डर की रात क्या हुआ, अब ये पढ़िए गर्लफ्रेंड को फोन किया, मिलने का मन है, भट्ठे पर आओ विशाल ने 24 दिसंबर की रात करीब 11 बजे अपनी गर्लफ्रेंड को कॉल की थी। उससे कहा था- मेरा मिलने का मन कर रहा, तुम घर से निकलकर आ जाओ। हम लोग ईंट भट्ठे पर मिलते हैं, सुबह वापस चली जाना। इस पर गर्लफ्रेंड ने यह कहकर मना कर दिया कि घर में लोग जाग रहे हैं, मैं मिलने नहीं आ पाऊंगी। इसके बाद भी विशाल लगातार कॉल करता रहा। दोनों के बीच चैटिंग भी चल रही थी। परेशान होकर गर्लफ्रेंड ने अपना मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया। पुलिस को विशाल के नंबर पर 20 मिस्ड कॉल भी मिली हैं। विशाल घर वापस जाने को तैयार नहीं था। वो टहलते हुए ईंट भट्ठे (कुआवल कला) पर पहुंच गया, जोकि उसके घर से सिर्फ 500 मीटर दूर है। वहीं उसके और गर्लफ्रेंड के घर के बीच 200 मीटर की दूरी है। यहीं पर उसके परिचित और दोस्त मिल गए। विशाल के अलावा 4 और लोग इकट्ठा हो गए। 45 मिनट में शराब खत्म, पैसे मिलाने को लेकर हुआ झगड़ा दोस्तों के साथ तय हुआ कि सर्द मौसम है, चलो दारू पार्टी करते हैं। विशाल के दोस्तों के पास पहले से शराब थी, उन्होंने करीब 45 मिनट वहीं पर बैठकर शराब पी। फिर तय हुआ कि और शराब मंगवानी चाहिए। इसके लिए सबने रुपए मिलाए। गांव के एक युवक ने 50 रुपए और देने में आनाकानी की। विशाल को इस पर गुस्सा आ गया। उसने कहा- जब इतनी गरीबी है, तो घर जाओ, यहां क्यों दारु पीते हो…। इस पर गांव के युवक ने गाली दी। विशाल को गुस्सा आ गया, तो उसने थप्पड़ मार दिया। यहां विशाल के विरोध में बाकी सारे लोग आ गए। मामला बढ़ गया, सभी नशे में थे, मारपीट करते हुए वह लोग भट्ठे में वहां पहुंच गए, जहां पर गीली मिट्टी रहती थी, सबने विशाल को दबोच रखा था, उन्होंने गर्दन से पकड़कर विशाल के सिर को मिट्टी में धंसा दिया। विशाल रेगुलर जिम करता था, मगर वह 4 लोगों के सामने बेबस हो गया। पुलिस पूछताछ में ये भी सामने आया कि विशाल ईंट भट्ठे पर अक्सर शराब पीने आ जाता था। यहीं पर घंटों बैठकर अपनी गर्लफ्रेंड से बातें करता था। CCTV में 1 मददगार, 2 आरोपियों को रेलवे स्टेशन छोड़ते दिखा विशाल के मर्डर केस की कड़ियों को जोड़ते हुए पुलिस के हाथ 1 CCTV फुटज लगी। इसमें 2 आरोपियों को एक बाइक सवार सहजनवां रेलवे स्टेशन पर छोड़ने के लिए जाते हुए दिखा। पुलिस प्रयास कर रही है कि CCTV में दिखने वाले शख्स की पहचान हो सके। ईंट भट्ठे और आसपास रहने वालों से भी पूछताछ की जा रही है। इस शख्स को लेकर पुलिस की इन्वेस्टिगेशन 2 लाइन पर चल रही है। पहली- जिसने आरोपियों को रेलवे स्टेशन छोड़ा, क्या वो भी मर्डर में शामिल था। दूसरी- वो गांव का रहने वाला है। सिर्फ मदद के लिए ही दोनों आरोपियों को रेलवे स्टेशन छोड़ने गया था। उसे मर्डर के बारे में कुछ भी नहीं पता था। लाश के पास 35 मिनट बैठे रहे, फिर अलग-अलग डायरेक्शन में भागे ये भी सामने आया कि विशाल की हत्या करने के बाद चारों आरोपी क्राइम स्पॉट पर करीब 35 मिनट बैठे रहे। वो नशे में थे, शायद हत्या करना नहीं चाहते थे, मगर विशाल की मौत के बाद उन्हें डर सताने लगा कि अब पुलिस अरेस्ट कर लेगी। इसलिए क्राइम स्पॉट से अलग-अलग होकर सभी भाग निकले। अब विशाल के बारे में जानिए मुंबई में कार पेटिंग करता था, पिता की मौत पर गोरखपुर आया विशाल मुंबई में रहकर कार पेटिंग का काम करता था। 19 सितंबर को उसके पिता की मौत हो गई थी। तभी वह गोरखपुर में अपने घर आया था। पिता के अंतिम संस्कार के बाद विशाल मुंबई वापस लौटना चाहता था। लेकिन, कुछ पारिवारिक वजहों से नहीं जा सका। विशाल की अभी शादी नहीं हुई थी। उसकी मां शकुंतला के पैर में बीमारी है। उनके मुताबिक, मंगलवार रात बेटे के नंबर पर कॉल आई थी। इसके बाद वह घर से कुछ दूरी पर खेतों की ओर निकला था। बुधवार सुबह घर से 500 मीटर दूर जोगियाखोर सिवान के गेहूं के खेत में उसकी लाश मिली। अब जरा क्राइम स्पॉट का सीन समझिए लाल गमछा, चप्पल खेत में पड़ी मिलीं ईंट भट्ठे पास जहां विशाल का शव मिला, पुलिस को वहां झगड़े और संघर्ष के निशान भी मिले। मिट्टी के कीचड़ में सने कपड़ों से साफ पता चल रहा था कि विशाल ने जान बचाने के लिए काफी कोशिश की। खेत में पड़ा लाल रंग का गमछा और एक हवाई चप्पल उनकी अंतिम लड़ाई के गवाह थे। शव कीचड़ में सने होने के चलते मुंह धुलने पर उसकी पहचान हुई थी। इस स्पॉट पर जो फुट प्रिंट मिले, वो 4-5 लोगों की मौजूदगी का इशारा दे रहे थे। विशाल के कपड़ों की जेब से एक मोबाइल और बाइक की चाबी मिली थी। इससे ये साफ हो गया था कि हत्या करने वाले लूट नहीं करना चाहते थे। पुलिस को खुलासे का पहला क्लू ईंट भट्ठे पर काम करने वालों से ही मिला। उन्होंने बता दिया था कि भट्ठे पर विशाल अक्सर शराब पीने आता रहता था। पुलिस को विशाल के मोबाइल फोन में एक युवती से 10 बजे तक बातचीत और चैटिंग के साक्ष्य भी मिले हैं। इसके अलावा विशाल के मोबाइल फोन पर 20 मिस्ड कॉल भी मिले हैं। यह नंबर विशाल के पड़ोसी का था। विशाल का गांव की युवती से डेढ़ साल से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। पिता की मौत पर घर आने के बाद दोनों एक दूसरे से मिल रहे थे। एम्बुलेंस को रोक कर हंगामा करने लगे परिवार वाले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में बुधवार दोपहर 3 बजे विशाल के शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया। इसके बाद परिजनों संग ग्रामीण एम्बुलेंस से शव लेकर सहजनवां थाना चौराहे पर शाम 6:15 बजे पहुंचे। ग्रामीण एम्बुलेंस को फोरलेन पर रोक कर प्रदर्शन करने लगे। हाईवे पर लगा लंबा जाम 25 मिनट तक फोरलेन पर लंबा जाम लग गया। सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने परिवार को समझाया। 20 मिनट तक बातचीत के बाद सड़क से भीड़ को हटाया। इस दौरान परिजनों ने 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद और हत्यारों की 24 घंटे के अंदर गिरफ्तारी की मांग की। शाम करीब 7.10 बजे एम्बुलेंस से शव लेकर गांव पहुंचे। जहां से थोड़ी ही देर बाद कालेसर घाट निकल गए। रात 8 बजे विशाल का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान SP नॉर्थ के साथ ही पुलिस टीम सुरक्षा के लिए मौजूद रही। SP नॉर्थ ज्ञानेंद्र नाथ प्रसाद कहते हैं- विशाल मर्डर केस में कई फैक्ट सामने आ चुके हैं। हमें CCTV भी मिला है, जिसे अभी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा। लेकिन उसमें दिखने वाले लोगों को अरेस्ट कर लिया जाएगा। ................ ये खबर भी पढ़ें...गोरखपुर में प्रेमी की हत्या, गर्लफ्रेंड को पुलिस ने उठाया, खाना छोड़कर बात करने निकला था, खेत में खून से लथपथ लाश मिली गोरखपुर में 26 साल के युवक की हत्या कर दी गई। मां के मुताबिक, बुधवार रात खाना खाते वक्त उसकी गर्लफ्रेंड ने फोन कर उसे बुलाया। उसने खाना छोड़ दिया और मां से थोड़ी देर में लौटने की बात कहकर घर से निकल गया। युवक रातभर लौटा नहीं। सुबह राहगीरों ने उसका शव गेहूं के खेत में देखा। लाश मिट्टी से सनी हुई थी। पढ़िए पूरी खबर...
मध्य प्रदेश: सीबीआई ने केंद्रीय विद्यालय के क्लर्क को रिश्वत लेते हुए किया गिरफ्तार
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मध्य प्रदेश के देवास स्थित केंद्रीय विद्यालय बैंक नोट प्रेस में कार्यरत एक वरिष्ठ सचिवालय सहायक को रिश्वत लेते रंगेहाथों पकड़ा और गिरफ्तार कर लिया
झारखंड में आने वाले दिनों में मौसम का मिजाज ठंडा बना रहेगा। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 1 जनवरी तक राज्य के अधिकांश हिस्सों में सुबह के समय हल्के से मध्यम दर्जे का कोहरा या धुंध छाए रहने की संभावना है। इसके बाद दिन में आसमान मुख्यतः साफ रहेगा। यह स्थिति मध्य झारखंड, दक्षिणी झारखंड, उत्तर-पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी झारखंड के जिलों में समान रूप से देखने को मिलेगी। रांची, बोकारो, गुमला, हजारीबाग, चतरा, रामगढ़, लोहरदगा, कोडरमा और धनबाद में सुबह के समय दृश्यता कम रह सकती है। वहीं पलामू, गढ़वा, लातेहार, सिंहभूम क्षेत्र और संथाल परगना के जिलों में भी हल्का कोहरा छाने के संकेत हैं। मौसम विभाग ने कोहरे के कारण सुबह वाहन चालकों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है। रात और सुबह ठंड, दिन में राहत राज्य में अगले दो दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में करीब 2 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट दर्ज की जा सकती है। इसके बाद अगले तीन दिनों में तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। रांची और आसपास के क्षेत्रों में 27 दिसंबर को अधिकतम 21 और न्यूनतम 7, 28 दिसंबर को 22 और 8, 29 दिसंबर को 23 और 9 तथा 30 दिसंबर को अधिकतम 24 और न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। इससे साफ है कि सुबह और रात की ठंड बनी रहेगी, जबकि दिन के तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी होगी। पश्चिमी झारखंड के कुछ इलाकों में शीतलहर मौसम विभाग ने 27 दिसंबर को पश्चिमी झारखंड के कुछ इलाकों में शीतलहर का असर देखा जा सकता है। 28 दिसंबर से 1 जनवरी तक किसी तरह की मौसम चेतावनी जारी नहीं की गई है। राज्य में फिलहाल कोई महत्वपूर्ण मौसमी सिस्टम सक्रिय नहीं है। उत्तर-पश्चिमी से पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। पिछले 24 घंटे में कई इलाकों में हल्का से मध्यम कोहरा देखा गया। अधिकतम तापमान में अधिकांश स्थानों पर 2 डिग्री तक का ही उतार-चढ़ाव रहा। राज्य में सबसे अधिक अधिकतम तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस चाईबासा में दर्ज किया गया, जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 2.8 डिग्री सेल्सियस गुमला में रहा। रांची में अधिकतम 21.4 और न्यूनतम 7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। पांच दिवसीय पूर्वानुमान के अनुसार 26 से 30 दिसंबर के बीच अधिकांश जिलों में दिन के तापमान में 2 से 4 और रात के तापमान में 1 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है। संथाल के जिलों में चढ़ेगा पारा मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक देवघर, दुमका, पाकुड़, साहिबगंज और गोड्डा में अधिकतम तापमान 24 से 25 डिग्री तक पहुंच सकता है। वहीं पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला और सिमडेगा में दिन का तापमान 26 से 28 डिग्री तक जाने का अनुमान है। पलामू, लातेहार, गढ़वा और चतरा में न्यूनतम तापमान 5 से 6 डिग्री के आसपास रहेगा, जबकि रांची, हजारीबाग और कोडरमा में यह 7 से 10 डिग्री के बीच बना रह सकता है।
नमस्कार, कल की बड़ी खबर UP में करीब 3 करोड़ वोटर्स के नाम कटने की रही। दूसरी बड़ी खबर सोना-चांदी के लगातार चौथे दिन रिकॉर्ड तोड़ने को लेकर रही। चांदी एक दिन में 13 हजार रुपए बढ़ी। ⏰ आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... कल की बड़ी खबरें... 1. यूपी में SIR से 2.89 करोड़ वोटर्स के नाम कटे, 31 दिसंबर को फाइनल ड्राफ्ट आएगा यूपी में SIR फर्स्ट फेज की ड्राफ्ट लिस्ट जारी हो गई है। इसमें 2.89 करोड़ मतदाताओं के नाम कटे हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक, 1.26 करोड़ वोटर्स ऐसे हैं, जो यूपी से बाहर परमानेंट शिफ्ट हो चुके हैं। 45.95 लाख वोटर्स की मौत हो चुकी है। 23.32 लाख डुप्लीकेट हैं। 84.20 लाख लापता हैं और 9.37 लाख ने फॉर्म जमा नहीं किया है। UP में SIR से पहले 15.44 करोड़ वोटर्स थे। अब 31 दिसंबर को फाइनल ड्राफ्ट आएगा। इससे पहले चुनाव आयोग ने राजस्थान, पश्चिम बंगाल समेत 7 राज्यों-केंद्र शासित प्रदेशों की ड्राफ्ट लिस्ट जारी की थी, जिसमें 2 करोड़ 70 लाख से ज्यादा नाम काटे गए थे। सेकंड फेज फरवरी तक चलेगा: चुनाव आयोग ने कहा कि जिन वोटर्स के नाम हटाए हैं, उन्हें अब कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा। अगर उन्हें आपत्ति है तो वे दस्तावेज देकर दावा पेश कर सकते हैं। SIR का दूसरा चरण फरवरी 2026 तक चलेगा और अंतिम वोटर लिस्ट 14 फरवरी 2026 को जारी होगी। पढ़ें पूरी खबर... 2. पाकिस्तान के एटमी हथियार दुनिया के लिए खतरा, अमेरिका के सीक्रेट डॉक्युमेंट्स से खुलासा अमेरिका के सीक्रेट डाक्यूमेंट्स से खुलासा हुआ है कि 2001 में पुतिन ने US के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश को पाकिस्तान को लेकर आगाह किया था। पुतिन ने कहा था कि पाकिस्तान की परमाणु शक्ति दुनिया के लिए खतरा बन सकती है और तकनीक गलत हाथों में जाने का डर है। पुतिन ने कहा था- पश्चिम देशों की चुप्पी चिंताजनक: पुतिन ने कहा था कि पश्चिमी देश पाकिस्तान की आलोचना नहीं करते, जो चिंता की बात है। इस मुद्दे पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए। हालांकि, भारत लंबे समय से पाकिस्तान के परमाणु प्रसार रिकॉर्ड पर सवाल उठाता रहा है। नवंबर 2025 में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान का इतिहास तस्करी, अवैध परमाणु गतिविधियों और एक्यू खान नेटवर्क से जुड़ा रहा है। पढ़ें पूरी खबर... 3. सेंगर की जमानत के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर प्रदर्शन, उन्नाव रेप केस की पीड़ित बोली- डरने वाली नहीं हूं उन्नाव रेप केस में पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा सस्पेंड होने के फैसले के खिलाफ विरोध जारी है। पीड़ित परिवार और महिला एक्टिविस्टों ने दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर प्रदर्शन किया। पीड़ित की मां ने कहा कि हमारा दिल्ली हाईकोर्ट से भरोसा उठ गया है। हम सुप्रीम जाएंगे और हमें वहां न्याय जरूर मिलेगा। प्रदर्शन कर रही महिला ने कहा;- हमारी मांग है कि रेपिस्ट को जेल में रखिए और कुत्तों को बाहर रखिए, क्योंकि हमें कुत्तों से नहीं रेपिस्ट से खतरा है। पूरा मामला पढ़िए: यूपी के उन्नाव में 2017 में नाबालिग का अपहरण कर कुलदीप सिंह सेंगर ने बलात्कार किया और उसे 60,000 रुपए में बेच दिया गया। पुलिस ने दबाव डालकर चुप रहने को कहा। मामला हाई कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल दिल्ली भेजकर 45 दिन में निपटाने को कहा। ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद और 25 लाख रुपए जुर्माना लगाया। पीड़िता की सुरक्षा का भी आदेश दिया गया। हालांकि, 23 दिसंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई तक सेंगर की सजा को निलंबित कर दिया और बेल दे दी। पढ़ें पूरी खबर... 4. चांदी ₹9,124 बढ़कर ₹2.28 लाख के ऑल टाइम हाई पर, इस साल कीमत 150% बढ़ी सोने-चांदी के दाम लगातार चौथे दिन ऑलटाइम हाई पर रहे। शुक्रवार की सुबह 13,117 रुपए बढ़कर 2,32,100 रुपए पर खुली। फिर हल्की गिरावट के साथ 2,28,107 रुपए पर बंद हुई। दस दिन में चांदी 32,927 रुपए महंगी हुई है। इस साल चांदी 1,42,090 रुपए महंगी हुई है और 150% से ज्यादा का रिटर्न दे चुकी है। सोना ₹1.38 लाख पहुंचा: 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 1,329 रुपए बढ़कर 1,37,956 रुपए हो गई है। इस साल सोने के दाम 61,794 रुपए बढ़े हैं। गोल्ड में तेजी की 3 बड़ी वजह चांदी में तेजी की 3 बड़ी वजह पढ़ें पूरी खबर... 5. पाकिस्तान ने LoC पर एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किए, तीन सेक्टरों में डिप्लॉयमेंट की पाकिस्तान ने LoC के पास PoK के रावलकोट, कोटली और भिंबर सेक्टर में एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 30 से ज्यादा खास यूनिट्स लगाई गई हैं। इसमें स्पाइडर काउंटर-UAS और सुफ्रा जैमिंग गन शामिल हैं। पाकिस्तान को भारत की ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाई का डर है, इसलिए निगरानी और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्षमता बढ़ाई गई है। भारत ने पाकिस्तानी ड्रोन तबाह किए थे: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान के कई ड्रोन्स और फाइटर जेट्स को हवा में ही निशाना बनाया। सुदर्शन मिसाइल सिस्टम के जरिए लगभग 300 किलोमीटर दूर उड़ रहे एक हाई-वैल्यू एयरक्राफ्ट को भी मार गिराया था। पढ़ें पूरी खबर... 6. बांग्लादेश के ढाका यूनिवर्सिटी में भारत विरोधी नारे, हिंदू युवक की हत्या मामले में 6 और गिरफ्तार इंकिलाब मंच ने नेता उस्मान हादी की हत्या के खिलाफ न्याय की मांग करते हुए ढाका के शाहबाग इलाके में प्रदर्शन किया। बांग्लादेश में एक बार फिर भारत विरोधी प्रदर्शन हुए। ढाका यूनिवर्सिटी में उस्मान हादी की हत्या के विरोध में प्रदर्शन हुआ, जिसमें भारत विरोधी नारे लगे। वहीं, बांग्लादेशी हिंदू दीपू चंद्र दास की हत्या मामले में पुलिस ने छह और आरोपियों को गिरफ्तार किया। अब तक कुल 18 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। ढाका में हिंदुओं ने प्रोटेस्ट किया: ढाका में दीपू दास की हत्या के विरोध में नेशनल हिंदू महाजोत ने प्रदर्शन किया। संगठन ने दोषियों को कड़ी सजा और हिंदुओं की सुरक्षा की मांग की। हिंसा पर चिंता जताते हुए विश्व हिंदू परिषद के नेता विनोद बंसल ने कहा कि चुनाव से पहले हो रही हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र (UN) को दखल देना चाहिए। पढ़ें पूरी खबर... आज का कार्टून ⚡ कुछ अहम खबरें हेडलाइन में… ️ बयान जो चर्चा में है... खबर हटके... कबूतर को दाना डालने पर पहली बार सजा देश में पहली बार कबूतरों को दाना डालने पर सजा हुई है। मुंबई की अदालत ने 52 साल के नितिन शेट को दोषी मानते हुए कहा कि इससे बीमारियां फैल सकती हैं और आदेशों का उल्लंघन हुआ। कोर्ट ने 5,000 रुपए का जुर्माना लगाया। फोटो जो खुद में खबर है भास्कर की एक्सक्लूसिव स्टोरीज, जो सबसे ज्यादा पढ़ी गईं… करेंट अफेयर्स ⏳आज के दिन का इतिहास बाजार का हाल ️ मौसम का मिजाज मिथुन राशि वालों को बड़ा फायदा होने की संभावना है। कुंभ राशि वालों की इनकम के नए सोर्स बनेंगे। जानिए आज का राशिफल... आपका दिन शुभ हो, पढ़ते रहिए दैनिक भास्कर ऐप… मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ को और बेहतर बनाने के लिए हमें आपका फीडबैक चाहिए। इसके लिए यहां क्लिक करें...
भोपाल के टिंबर मार्केट में आग:बुझाने के दौरान आरा मशीन की दीवार गिरी; नगर निगम कर्मचारी समेत 4 लोग
भोपाल के पुल पातरा स्थित टिंबर मार्केट में शनिवार तड़के पौने 3 बजे आग लग गई। आग सबसे पहले एक फर्नीचर दुकान में लगी, जो बढ़कर आरा मशीन तक पहुंच गई। देखते ही देखते आग ने फर्नीचर-आरा मशीन समेत तीन जगहों अपनी चपेट में ले लिया। आग बुझाने के दौरान आरा मशीन की दीवार गिर गई। जिससे नगर निगम के 2 कर्मचारियों समेत समेत 4 लोग घायल हो गए। चारों को फौरन अस्पताल ले जाया गया। देखिए दो तस्वीरें... प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, तड़के 2.45 बजे सबसे पहले फर्नीचर मार्केट स्थित भोपाल डेकोरेटर शोरूम में आग लगी, जिसने पास की आरा मशीन को भी चपेट में ले लिया। अब तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। इस दौरान दो बार आरा मशीन का शेड भी गिर गया। इसी में लगी आग को लोग बुझा रहे थे। इससे बाग उमराव दूल्हा के जुनैद और जावेद घायल हो गए। दो महीने पहले भी लगी थी आगइस आरा मशीन के पास ही एक अन्य आरा मशीन में दो महीने पहले ही आग लगी थी। एक घंटे तक आग लगी रही, लेकिन पुलिस के पांच छोटे दमकल वाहन ही मौके पर पहुंचे। भेल प्रशासन को भी सूचना दी गई, लेकिन दो में से एक दमकल खराब थी। इस वजह से एक इमरजेंसी में रखी गई थी। काफी देर बाद फतेहगढ़ फायर स्टेशन से दमकलें पहुंची और आग पर काबू पाया गया था। खबर अपडेट की जा रही है...
गोरखपुर में 11वीं के स्टूडेंट सुधीर भारती का मर्डर इंस्टाग्राम स्टेट्स के झगड़े में हुआ। सुधीर ने 26 दिसंबर को इंस्टाग्राम पर लिखा- अपने जीजा के दम पर कूदते हो। घर में घुसकर मारेंगे। दम है तो मुकाबला करो। इसके बाद 4 लड़कों ने कोआपरेटिव इंटर कॉलेज के कैंपस में घुसकर सुधीर पर गोली चला दी। पहला निशाना चूकने के बाद 2 आरोपियों ने सुधीर का हाथ पकड़ लिए, इसके बाद उसके सीने पर 1 गोली मारी गई। लहूलुहान होकर सुधीर वहीं पर गिर पड़ा, फिर तमंचे लहराते हुए लड़के भाग निकले। इसके बाद परिवार और गुस्साए गांव के लोगों ने 2.30 घंटे हंगामा किया। सुधीर के घर से महज 100 मीटर दूर 17 वर्षीय आरोपी का घर है, परिजन उसके घर के गेट पर लाश रखकर रोने बिलखने लगे। मां का कहना था- जान का बदला जान होना चाहिए। आधी रात तक लाश का पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका। परिवार के लोग थाने में डटे रहे। FIR में 17 वर्षीय मुख्य आरोपी के अतिरिक्त, विनय, रोशन और ऋषभ को नामजद किया गया है। इनके परिवारों से पुलिस ने थाने में पूछताछ की। पढ़िए रिपोर्ट... गांव में लड़कों के गुट, हावी होने के लिए होते थे झगड़ेपुलिस जांच में सामने आया कि 3 दिन पहले सुधीर का गांव के इन नाबालिग लड़कों के साथ विवाद हुआ था। दरअसल, गांव में लड़कों के कई गुट हैं, एक दूसरे पर हावी होने के लिए उनके बीच झगड़े भी होते हैं। गांव के ही बड़े-बुजुर्ग इन लड़कों के बीच समझौता करवाते थे। मगर इस बार इन लड़कों के बीच इंस्टाग्राम पर सोशल वार भी चल रही थी। दोनों पक्ष न सिर्फ एक-दूसरे से झगड़ रहे थे, बल्कि एक दूसरे के लिए सोशल मीडिया पर स्टेट्स और पोस्ट भी कर रहे थे। नतीजा ये हुआ कि 26 दिसंबर की सुबह भी सुधीर ने एक स्टेट्स लगाया था। इसमें गालियां लिखी गई, लिखा कि हिम्मत है तो आकर मुकाबला करो। पुलिस अभी तक हत्यारोपियों तक पहुंची नहीं है, लेकिन यही माना जा रहा है कि इस स्टेट्स के बाद ही आरोपियों ने मर्डर का प्लान कर लिया। शुक्रवार रात को पुलिस ने 17 वर्षीय मुख्य आरोपी, विनय, रोशन और ऋषभ के परिवारों को बुलाकर पूछताछ की। अब इन परिवारों की सुरक्षा भी पुलिस कर रही है, क्योंकि अंदेशा जताया जा रहा है कि सुधीर के परिवार और गुस्साए गांव के लोग आरोपियों के परिवारों पर हमला कर सकते हैं। इस घटना के बाद पुलिस ने 17 साल के आरोपी और विनय के घरों पर अपनी मौजूदगी में ताले लगवा दिए हैं। उन्हें थाने में रखा गया है। गढ़वा वार्ड में भी पुलिस लगाई गई है, ताकि आरोपियों के घर पर तोड़फोड़ न हो जाए। भोला नाम से ID, हर दिन 4-5 रील करता था अपलोडसुधीर को उसके दोस्त भोला कहकर बुलाते थे। भोला नाम से ही सुधीर ने इंस्टाग्राम पर ID बनाई थी। 1 दिन में वो 4-5 रील अपलोड करता था। मगर यही रील उसकी मौत का कारण बन गई। पहले परिवार को हमले की बात मजाक लगीसुधीर की बुआ श्यामा देवी ने आरोप लगाए- मेरा भतीजा आज सुबह गांव के लड़के को बाइक चलाना सिखाने गया था। इसी दौरान सामने से एक युवक आया और उस पर गोली चला दी, लेकिन पहली गोली चूक गई। इसके बाद दो अन्य युवक मौके पर पहुंचे और सुधीर का हाथ पकड़ लिया, तभी एक और युवक ने उसके सीने पर गोली मार दी, जिससे सुधीर वहीं गिर पड़ा। जिस युवक को सुधीर गाड़ी चलाना सिखा रहा था, वह डर के मारे मौके से भागकर मोहल्ले में पहुंचा और हम लोगों को घटना की जानकारी दी। पहले हमें लगा कि वह मजाक कर रहा है, लेकिन जब सभी लोग खेत की ओर दौड़े तब पता चला कि सच में गोली मार दी थी। परिजन बोले- 3 दिन पहले झगड़े के बाद डांटकर शांत करायापिपराइच के वार्ड नंबर एक गढ़वा में सुधीर भारती अपने पिता राजेश कुमार और मां राजकुमारी के साथ रहता था। बड़ा भाई अजीत बाहर रहकर कार पेंटर का काम करता है। पिता राजेश लोहे बेचने का काम करते हैं। राजकुमारी ने बताया कि घर से 100 मीटर दूरी पर नाबालिग आरोपी का घर है। 3 दिन पहले मेरे बेटे सुधीर का आरोपी से घर के पास ही विवाद हो गया था। तब मैंने बेटे को डांटकर घर के अंदर भेजा था। बोला कि गंदे लोगों के मुंह नहीं लगा जाता है। सुबह अपने एक परिचित को लेकर सुधीर कॉलेज ग्राउंड में बाइक सिखाने गया था। कॉलेज 200 मीटर दूरी पर है। कॉलेज के लंच में हुआ गोलीकांड कॉलेज में पढ़ने वाले प्रत्यक्षदर्शी राज ने बताया कि लंच हुआ था, मैं छत पर था। ग्राउंड में सुधीर बाइक सीखा रहा था। तभी एक बाइक से चार लड़के आए। जिनको मैं पहचानता हूं। उनमें से दो लड़के गोली चलाने लगे। सुधीर के सीने के पास गोली लगी। मैं देख रहा था। तभी आरोपी ने मेरे ऊपर भी गोली चला दिए। इसके बाद असलहा लहराते हुए भाग गए। सुधीर की मौके पर ही मौत हाे गई। घटना के बाद कॉलेज के 50 से अधिक छात्र एकत्रित हो गए। सभी छात्र सुधीर को कंधे पर लादकर कुछ दूर ले गए। इसके बाद बाइक से उसे गढ़वा वार्ड उसके घर ले जाया गया। जहां से सुधीर की मां को सूचना दी गई। सुधीर की मां राजकुमारी ने बताया कि शाहपुर इलाके के बिछिया स्थित बाल शिशु गृह में काम करती हूं। ठंड की वजह से दोपहर में गोरखपुर काम पर जा रही थी। करीब 1.40 बजे कॉल आई कि जल्दी से घर आ जाओ। मैंने पूछा क्या हो गया, तब किसी ने कुछ नहीं कहा। मैं दूसरा ऑटो पकड़कर घर आई। यहां मेरे बेटे की लाश दिखाई गई। वह खून से लथपथ था। आरोपी के घर नाराज लोगों ने किया हमलाघटना के बाद नाराज परिजन और ग्रामीण बगल में रहने वाले नाबालिग आरोपी के घर लाश लेकर पहुंच गए। इसके बाद घर में घुसकर तोड़फोड़ शुरू कर दिया गया। इसी बीच आरोपी की मां घर पर मिल गई। भीड़ ने उसे भी पीटना शुरू कर दिया। तभी पिपराइच पुलिस भी वहां पहुंच गई। इसके बाद काफी मशक्कत के बाद आरोपी की मां को छुड़ाकर पुलिस ने अपनी गाड़ी में बैठाया। इसके बाद नाराज लोग गाड़ी घेर लिए। एक युवक पुलिस की गाड़ी के नीचे लेट गया। करीब आधे घंटे तक हंगामा चलता रहा। तभी एसएसपी राज करन नय्यर घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने परिवार को समझाना शुरू किया। लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं था। मामला बढ़ता देखकर पांच थाने की पुलिस टीम बुलाई गई। इसके अलावा पुलिस लाइन से भी फोर्स बुलाई गई। ढाई घंटे हंगामा के बाद पुलिस ने लाश को कब्जे में ले लिया। इसके बाद एक ऑटो में लाश रखवाई। जिसमे परिवार के सदस्य भी बैठ गए। ऑटो घर से कुछ ही दूर निकली थी, तभी रामलीला मैदान के पास भारी भीड़ ने रास्ता रोक लिया। ग्रामीणों ने गाड़ी रोकने के लिए सड़क पर ईंट पत्थर बिछा दिया था। यहां भी करीब 20 मिनट तक पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी, तब जाकर गाड़ी आगे बढ़ी। इसके बाद लाश पिपराइच थाने लाई गई। यहां पर सुधीर के पिता राजेश कुमार की शिकायत पर हत्या का मुकदमा चार लोगों के खिलाफ लिखा गया है- ---------------------------ये पढ़ें - गोरखपुर के कॉलेज में घुसकर 11वीं के छात्र की हत्या, SSP के पैरों में गिरी मां, रोते हुए बोली- जान के बदले जान चाहिए गोरखपुर के कोऑपरेटिव इंटर कॉलेज में घुसकर 11वीं के छात्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई। छात्र सुधीर दोपहर 1:30 बजे कॉलेज के मैदान में दोस्तों के साथ खड़ा था। इसी दौरान चार बदमाश पहुंचे। सुधीर को देखते ही उन्होंने फायरिंग कर दी। एक गोली सुधीर के गले को चीरती हुई निकल गई। वह मौके पर ही गिर पड़ा। गोलियों की आवाज सुनकर कॉलेज के छात्र दौड़ पड़े। पढ़िए पूरी खबर...
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यूपी के बाहुबली नेता और भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने एक बार फिर योग गुरु बाबा रामदेव का मजाक उड़ाया है। उन्होंने एक छात्र के चेहरे पर मुंहासे देख अवधी में कहा- इ रामदेव का घी निकलत हय...। इससे पहले बृजभूषण ने बाबा रामदेव को काना कह तक डाला था। बाबा रामदेव के उत्तराधिकारी आचार्य बालकृष्ण ने नोटिस देने की धमकी दी थी। बाद में बृजभूषण सिंह ने माफी मांगी थी। VIDEO देखिए...
आज कहानी यूपी के झांसी से… 12वीं के बाद शिवानी बुंदेला ने फूड टेक्नोलॉजी में बीटेक किया। आगे बढ़ती इससे पहले ही लॉकडाउन लग गया। नई-नई नौकरी भी छूट गई। पिता को कोरोना हो गया। डॉक्टर ने कहा- “इम्यूनिटी के लिए बेर खिलाओ।” सड़क किनारे उगने वाले जंगली बेर से निकला एक जुगाड़ और शिवानी ने बेर से चॉकलेट बना डाली। आज बड़ी-बड़ी कंपनियां शिवानी की चॉकलेट खरीद रही हैं। सालाना कमाई 45 लाख रुपए से ऊपर है… साल 2019 का आखिर। शिवानी नोएडा की एमिटी यूनिवर्सिटी से फूड टेक्नोलॉजी में बीटेक कर रही थी। पढ़ाई पूरी होने वाली थी। इंटर्नशिप के लिए वो कई जगह अप्लाई कर चुकी थी। एक दिन उसने अपने घर झांसी में मां को कॉल किया। हालचाल के बाद शिवानी बोली- मुझे लगता था अब सब सेट हो गया है। मां ने कहा- आज तो बहुत खुश लग रही है। क्या बात है…? शिवानी- खुश होने की ही बात है मम्मी, मुझे मुंबई में ब्यूरो वेरिटास के साथ इंटर्नशिप करने का मौका मिल रहा है। बहुत बड़ी कंपनी है।” शिवानी लगातार बोले जा रही थी। उधर मां मुंबई जाने की बात सुनकर थोड़ी घबरा गईं। बात बीच में काटती हुए बोलीं- मुंबई, अकेले इतनी दूर… कैसे होगा। फिर शहर भी तो बहुत महंगा होगा शिवानी बेफिक्री से बोली- “अरे मम्मी, मैं बड़ी हो चुकी हूं। सब संभाल लूंगी और फिर तीन महीने की तो बात है। उसके बाद देखेंगे…।” तीन महीने की बात सुनकर मां को थोड़ी राहत हुई। शिवानी मुंबई जाने के लिए काफी उत्साहित थी। उसके सपनों को नए पंख जो लगने वाले थे। मुंबई में तीन महीने की इंटर्नशिप कब पूरी हो गई, पता ही नहीं चला। एक दिन मां ने शिवानी को फोन किया- “इंटर्नशिप तो पूरी होने वाली है तुम्हारी, अब आगे?” शिवानी बोली- “हरियाणा की एक कंपनी में अप्लाई किया है, वीटी फाइन फूड्स। मुरथल में ऑफिस है, फाइनल ही समझिए।” कुछ ही दिन बाद शिवानी मुंबई से मुरथल आ गई। सब अच्छा चल रहा था। शिवानी के काम से उसके बॉस काफी खुश थे। इंटर्नशिप के बाद जॉब की बात चल रही थी। फिर अचानक एक झटके से सब बदल गया। कोराना पीरियड में सैकड़ों लोगों की नौकरी जा रही थी। एक दिन शिवानी मोबाइल देख रही थी। अचानक स्क्रीन पर एक मैसेज चमका। शिवानी बुदबुदाई- ये क्या है? वो जोर से पढ़ने लगी- कोरोना की स्थिति को देखते हुए ट्रेनिंग तुरंत रोकी जा रही है। उसने मां को फोन किया। शिवानी की आवाज कांप रही थी, बोली- मम्मी, सब रुक गया। मां समझ गईं। शिवानी को ढांढ़स देते हुए बोली- कोई बात नहीं बेटा, लॉकडाउन हमेशा थोड़े ही रहेगा। शिवानी बोली- हां मम्मी, लेकिन इतनी मेहनत से यहां तक पहुंची थी। अब लग रहा है जैसे किसी ने बीच रास्ते में छोड़ दिया हो। मां ने पूछा- कंपनी ने आगे का कुछ बताया? शिवानी- नहीं मम्मी, सिर्फ इतना लिखा है कि आगे का अपडेट बाद में मिलेगा। शिवानी टूट चुकी थी। वो रोते हुए बोली- समझ नहीं आ रहा आगे क्या होगा। इतना कुछ प्लान किया था। लग रहा था सब सेट हो गया है। मां ने समझाया- घबराने से कुछ नहीं होगा। कभी-कभी जिंदगी खुद प्लान बदल देती है। कुछ देर बाद शिवानी बोली- मैं वापस झांसी आ रही हूं। यहां रहकर रोज डर लगेगा। मां बोलीं- आ जाओ, वैसे भी 6 महीने हो रहे हैं तुम्हें देखे हुए। अगले दिन शिवानी ने सामान पैक किया लेकिन लॉकडाउन की वजह से निकलना मुश्किल था। किसी तरह वो अपने घर झांसी पहुंची। मां को देखते ही लिपटकर रोने लगी। उसके पापा भी पास ही खड़े थे। बेटी के सिर पर हाथ फेरते हुए बोले- हर वापसी हार नहीं होती बेटी। जो हुआ, सो हुआ और आगे भी जो होगा, देखा जाएगा। शिवानी ये सोचकर लौटी थी कि घर में सुकून मिलेगा लेकिन यहां भी उसका दिमाग हमेशा उलझा रहता। मम्मी-पापा हमेशा उसका मन बदलने की कोशिश में लगे रहते, खास तौर पर पापा। शिवानी के साथ लूडो खेलते, सिर में चंपी करते, उसकी फेवरेट खीर खुद बनाकर खिलाते। शिवानी का मन भी धीरे-धीरे संभल ही रहा था कि एक सुबह पापा की रिपोर्ट हाथ में आ गई। मां की आवाज कांप रही थी- शिवानी, तेरे पापा को कोरोना हो गया है। शिवानी एक पल को सन्न रह गई- क्या… टेस्ट कब कराया था? पापा ने धीमी आवाज में कहा- दो-तीन दिन से सर्दी-जुकाम था तो कल डॉक्टर ने टेस्ट लिख दिया। मां बोलीं- अस्पताल ले चलें क्या? पापा ने कहा- अभी नहीं, वहां और डर लगता है। शिवानी ने तुरंत डॉक्टर को फोन किया और पूरी बात बताई। रिपोर्ट भी वाट्सएप पर भेज दी। डॉक्टर ने रिपोर्ट देखकर कहा- घबराने की जरूरत नहीं है। कोरोना के हल्के लक्षण हैं। उन्हें घर पर ही क्वारंटाइन में रखिए। इम्यूनिटी मजबूत रखनी होगी। फोन स्पीकर पर था। मां ने पूछ लिया- क्या खिलाएं डॉक्टर साब? डॉक्टर बोले- महंगे सप्लीमेंट की जरूरत नहीं है। घर की चीजें दीजिए। खासकर बेर खिलाइए। मां चौंक गईं- बेर…? डॉक्टर- हां, बेर में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स काफी होते हैं। ये इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है। फोन कट गया। पापा को ऊपर के कमरे में शिफ्ट कर दिया गया। कोरोना का इतना खौफ था कि मोहल्ले वाले घर के आसपास भी नहीं फटकते थे। शिवानी ने शाम को अपने एक दोस्त से बेर मंगवा लिये। शिवानी जब बेर लेकर पापा के पास गई तो वे बोले- कौन जानता था, ये जंगली फल ऐसे काम आएगा। शिवानी चुपचाप उन्हें देखती रही। उसके मन में ये बात जैसे घर कर गई। धीरे-धीरे फर्क दिखने लगा। पापा की हालत सुधरने लगी। उनकी इम्यूनिटी बेहतर होने लगी। उसी डर भरे माहौल में शिवानी के दिमाग में एक नई सोच जन्म ले चुकी थी। बुंदेलखंड की धरती पर बेर ढूंढ़ना मुश्किल नहीं है। घर के आसपास आसानी से मिल जाता है। शायद इसी वजह से लोग उसकी असली कीमत भूल गए थे। शिवानी के पापा तो ठीक हो गए लेकिन उसके दिमाग में एक सवाल अटक गया। “क्या ये फल सिर्फ बीमारी में काम आता है या इससे कुछ और भी किया जा सकता है?” “क्या लोग इसे रोज खा पाएंगे?” “अगर बेर को सीधे खाने की बजाय उससे कोई नई चीज बनाई जाए?” शिवानी ने बेर पर गंभीरता से रिसर्च शुरू कर दी। उसकी न्यूट्रिशन वैल्यू, प्रोसेसिंग सब कुछ नए सिरे से समझा। पुराने रिसर्च पेपर पढ़े। अपने प्रोफेसर्स से बात की। हर जगह यही समझ आया कि बेर में दम है, बस उसे सही रूप देने की जरूरत है। अब शिवानी ने घर में ही प्रयोग शुरू किए। पके हुए बेर को उबाला, बीज निकाले और पल्प तैयार किया। पल्प को धीमी आंच पर पकाया। उसमें कोको पाउडर और गुड़ मिलाया। जब मिक्सचर कुछ गाढ़ा हो गया तो थोड़ा घी मिलाया। फिर उसे ट्रे में फैलाकर ठंडा होने रख दिया। जब वो जम गया और उसे काटा तो सामने थी बेर से बनी देसी चॉकलेट। शिवानी काफी एक्साइटेड थी। उसने चॉकलेट की ट्रे मम्मी-पापा के सामने रखी। सब लोग चखिए और ईमानदारी से बताइएगा कि कैसी लगी। पापा ने एक टुकड़ा उठाया- बेर की चॉकलेट है न?शिवानी- हां पापा, बिना किसी केमिकल के।पापा ने चॉकलेट मुंह में रखी, बोले- काफी टेस्टी है…। पड़ोस की आंटी भी घर आई थीं। उन्होंने चबाते हुए कहा- टेस्ट तो बढ़िया है। आंटी ने तारीफ की तो शिवानी की आंखें चमक गईं क्योंकि पापा तो हर चीज की तारीफ कर देते हैं। आंटी थोड़ा रुककर बोलीं- बस एक बात है। चबाने में थोड़ा अटक रहा है। बेर का छिलका सा लग रहा है। शिवानी का चेहरा एक पल को उतर गया। आंटी बोलीं- बुरा मत मानना बेटा। तुमने ही कहा था कि सच-सच बताना। शिवानी बोली- नहीं आंटी, यही तो जानना था। ये पहली सीख थी। शिवानी मायूस नहीं हुई। उसे समझ में आया कि अगर लोग कमी बता रहे हैं तो मतलब उन्हें आइडिया पसंद आया है। यहीं से शिवानी का कॉन्फिडेंस बढ़ा। शाम को शिवानी ने फिर से एक्सपेरिमेंट शुरू किया। इस बार बेर का छिलका अलग कर दिया। पल्प को और स्मूद बनाया। रेसिपी में छोटे-छोटे बदलाव किए। अगले दिन शिवानी ने दोबारा सबको बुलाया। पड़ोस वाली आंटी भी आईं। वो हंसते हुए बोलीं- “सारे प्रयोग हम पर ही करोगी शिवानी?” शिवानी भी मुस्कुरा दी। आंटी ने एक टुकड़ा उठाकर मुंह में रखा। उन्हें तो जैसे विश्वास ही नहीं हुआ, बोलीं- ये तो मार्केट वाली से भी अच्छी है। आज क्या बदला है? शिवानी हंसते हुए बोली- सब कुछ।पापा ने खाते ही कहा- वाह… मजा आ गया। अब रास्ता सामने खुल चुका था। इसके बाद शिवानी ने बेर से खाने-पीने की चीजें बनानी शुरू कर दीं। जब बेर से जुड़े काम को आगे बढ़ाने का फैसला किया, तो सबसे बड़ा सवाल था इसका नाम क्या हो? शिवानी ऐसा नाम चाहती थी जो सिर्फ बिजनेस न लगे, बल्कि बेर की कद्र और उसकी ताकत भी दिखाए। एक दिन शिवानी डायरी हाथ में लिए बैठी थी। पापा ने पूछा- इतनी देर से क्या सोच रही हो? शिवानी बोली- काम तो शुरू कर दिया, लेकिन नाम समझ नहीं आ रहा। पापा मुस्कुराए- नाम में सोच भी झलकनी चाहिए। शिवानी लैपटॉप खोलकर कुछ सर्च करने लगी। फिर अचानक रुक गई- पापा, ये देखिए… एक लैटिन शब्द है, अब्रोसा। मम्मी भी पास ही बैठी थीं। वो चौंक कर बोलीं- अबरोसा… ये क्या है? शिवानी बोली- इसका मतलब होता है, भगवान का खाना। शिवानी की आंखें चमकने लगीं- मम्मी, बेर सुनते ही आपको क्या याद आता है? पापा बोले- शबरी के बेर। शिवानी झट से बोली- हां… वही तो। जंगल में उगा साधारण फल लेकिन भावना इतनी पवित्र थी कि भगवान को भी पसंद आया। पापा बोले- लोग बेर की कद्र नहीं करते। शिवानी बोली- यही तो बदलना है। लोगों को याद दिलाना है कि देसी फल, सुपरफूड होते हैं। नाम मिल चुका था। अब बारी थी प्रोडक्ट को लोगों तक पहुंचाने की। शिवानी को जल्दी ही ये मौका भी मिल गया। झांसी में बुंदेलखंड एग्री समिट होने वाली थी। शिवानी ने भी वहां एक स्टॉल बुक करवा लिया। समिट में जाने से एक रात पहले। मां ने आवाज दी- शिवानी, दो बज गए हैं। अभी तक जाग रही हो? शिवानी बोली- मां, कल बहुत बड़ा दिन है। पहली बार अपना प्रोडक्ट बाहर ले जा रही हूं। मां बोली- थक जाओगी, आराम भी जरूरी है। शिवानी बेर का जैम की पैकिंग कर रही थी, बोली- बस मां हो गया। एक घंटे में सब समेटकर सोने जाती हूं। अगली सुबह 9 बजे शिवानी अपने स्टॉल पर पहुंच गई। पड़ोसी स्टॉल वाला बोला- पहली बार बेच रही हो? शिवानी ने सिर हिलाया- हां, घर पर ही बनाया है। कुछ देर बाद एक-दो लोग आए। उनमें से एक बोला- ये किस चीज का है?शिवानी- बेर का जैम और चॉकलेट है।जैम चखकर बोला- अरे, ये तो बहुत अच्छा है। एक महिला ने कहा- बेर से भी ऐसा बन सकता है? शिवानी बस मुस्कुरा दी। लोगों को बेर से बनी चॉकलेट और जैम इतना पसंद आया कि पहले ही दिन पूरा स्टॉक बिक गया। शाम करीब 7.30 बजे शिवानी घर लौटी। थकान थी लेकिन उससे भी ज्यादा खुशी थी। पहले ही दिन पांच हजार रुपए की बिक्री हुई थी। ये शिवानी की पहली कमाई थी। थोड़ी देर आराम करने के बाद शिवानी अगले दिन की तैयारी में जुट गई। फिर से रातभर प्रोडक्ट बनाए। एग्रो समिट पूरे तीन दिन चला और तीनों दिन शिवानी के प्रोडक्ट खूब बिके। प्रोडक्ट बनाना जितना मुश्किल था, उसे बेचना उससे भी बड़ा चैलेंज निकला। शिवानी को अपनी कंपनी ‘अब्रोसा’ की पहचान बनानी थी। इसमें शिवानी का साथ दिया अभिषेक सिंह ने। अभिषेक को आइडिया पसंद आया तो वो भी शिवानी की कंपनी ‘अब्रोसा’ में पार्टनर बन गया। दोनों ने ब्रांड की पहचान बनाने के लिए फ्री मार्केटिंग का रास्ता चुना। जहां भी मुफ्त स्टॉल लगाने का मौका मिलता, शिवानी और अभिषेक पहुंच जाते। रेलवे स्टेशन, फिर कॉर्पोरेट ऑफिस, टेक पार्क, को-वर्किंग स्पेस हर जगह स्टॉल लगाए। दोनों स्टॉल लगाते थे। जो थोड़ा-बहुत पैसा आता, उससे अगले स्टॉल की तैयारी होती। धीरे-धीरे पहचान बननी शुरू हुई। शिवानी और अभिषेक को उनका पहला ऑर्डर मिला। नाबार्ड और वराडा मैनपॉवर नाम की कंपनियां उनकी पहली क्लाइंट थीं। उन्होंने दिवाली गिफ्ट हैम्पर के लिए जैम और चॉकलेट की डिमांड की। शिवानी बहुत नर्वस थी लेकिन उसके देसी प्रोडक्ट खूब पसंद किए गए। धीरे-धीरे और ऑर्डर्स भी आने लगे। बेर की चॉकलेट, जैम और जूस तीनों को अच्छा रिस्पॉन्स मिलने लगा। लोग हैरान होते कि बेर से भी ऐसी चीजें बन सकती हैं। इसके बाद शिवानी के प्रोडक्ट हॉस्पिटल सर्विसेज कंसल्टेंसी कॉर्पोरेशन (HSCC), अल्ट्राटेक और हुंडई जैसे बड़ी कंपनियों तक पहुंचे। इन कंपनियों ने अपने फंक्शन्स और गिफ्टिंग के लिए उन प्रोडक्ट को चुना। सिर्फ तीन-चार साल में ही कंपनी सालाना 45 लाख रुपए तक कमा रही है। शिवानी का मकसद सिर्फ प्रोडक्ट बनाना नहीं था। वो चाहती थी कि इसका फायदा खेत तक पहुंचे। शिवानी की कंपनी ‘अब्रोसा’ बेर की खेती को बढ़ावा दे रही है और अब-तक एक हजार से ज्यादा किसानों के साथ काम कर चुकी है। ये वही किसान हैं, जो सूखे और पथरीले इलाकों में खेती करते हैं। जहां दूसरी फसलें बार-बार धोखा दे जाती हैं। बेर ने उन्हें एक स्थायी रोजगार दिया। इसके अलावा शिवानी ने 250 से ज्यादा आदिवासी महिलाओं को ट्रेनिंग देकर इस काम से जोड़ा है। उत्तर प्रदेश हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के साथ मिलकर बुंदेलखंड और राजस्थान में बेर के तीन हजार से ज्यादा पेड़ लगाए हैं। ये पेड़ सिर्फ फल नहीं दे रहे, बल्कि सूखी जमीन को दोबारा जिंदा कर रहे हैं। जहां कभी धूल उड़ती थी, आज वहां छोटे-छोटे बाग नजर आते हैं। किसान, महिलाएं, स्थानीय युवा। ये सफर सिर्फ एक जगह तक सीमित नहीं रहा। झांसी से निकली ये कहानी अब कई शहरों तक पहुंच चुकी है। जहां बेर को हल्के में लिया जाता था, वहां अब लोग पूछते हैं “बेर वाली चॉकलेट कहां मिलेगी?” शिवानी का ये सफर सिर्फ एक कंपनी का सफर नहीं है। ये उस भरोसे की कहानी है, जो एक छोटे से जुगाड़ से शुरू हुआ और आज कई जिंदगियों से जुड़ गया है। *** स्टोरी एडिट- कृष्ण गोपाल ग्राफिक्स- सौरभ कुमार *** कहानी को रोचक बनाने के लिए क्रिएटिव लिबर्टी ली गई है। ---------------------------------------------------------- सीरीज की ये स्टोरी भी पढ़ें... स्कूल की बिजली उड़ाई, कभी प्रिंसिपल ऑफिस में 'बम' गिराया; जुगाड़ से बना ड्रोनमैन, लखनऊ के ‘रैंचो’ ने बनाई करोड़ों की कंपनी एक बच्चे की ‘खुराफात’ से पूरा स्कूल और मोहल्ला परेशान था। कभी इलेक्ट्रिक शार्पनर से स्कूल की लाइट गुल कर देता। तो कभी उसका बनाया प्लेन प्रिंसिपल ऑफिस में धमाका कर देता। बच्चा बड़ा हुआ तो क्लीनिंग रोबोट और लाइफ सेविंग ड्रोन बनाए। पूरी स्टोरी पढ़ें...
‘हम मुसलमान जरूर हैं, लेकिन मुर्गी तक नहीं काटी’:यूपी में अखलाक के भाई बोले– न्याय की उम्मीद बढ़ी
गौतमबुद्धनगर जिले के बिसाहड़ा गांव में 10 साल पहले गोमांस खाने के शक में हुई अखलाक मॉब लिंचिंग मामले में लोअर कोर्ट ने उस अपील को खारिज कर दिया है, जिसमें यूपी सरकार यह केस वापस लेना चाहती थी। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि आरोपियों पर केस ट्रायल चलेगा और अब रोजाना इसकी सुनवाई होगी। कोर्ट के इस फैसले के बाद ‘दैनिक भास्कर’ ने अखलाक के भाई जान मोहम्मद से एक्सक्लूसिव बात की। वो कहते हैं– हम 10 साल से अपने गांव नहीं गए। वो घटना बकरीद के दिनों हुई थी, इसलिए हमने 10 साल से ईद नहीं मनाई। हम मुसलमान जरूर हैं, लेकिन आज तक एक मुर्गी भी नहीं काटी। भास्कर ने इस बहुचर्चित मामले में कई अधिवक्ताओं से भी बात की। ये जाना कि अब कोर्ट का अगला रुख क्या हो सकता है। गांव में अखलाक के घर की हालत कैसी है। ये रिपोर्ट पढ़िए। सबसे पहले बिसाहड़ा कांड समझिए 28 सितंबर, 2015 की रात अफवाह फैली कि ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा गांव में 52 साल के मोहम्मद अखलाक के घर में फ्रिज के अंदर गोमांस रखा हुआ है। इसी अफवाह में सैकड़ों उपद्रवियों की भीड़ ने अखलाक के घर पर हमला कर दिया। अखलाक की पीट–पीटकर हत्या कर दी गई। अखलाक की पत्नी इकरामन ने 10 लोगों के खिलाफ FIR कराई। इस घटना ने ऐसा तूल पकड़ा कि देशभर में प्रदर्शन हुए। 22 दिसंबर 2015 को नोएडा की दादरी थाना पुलिस ने 18 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। बाद में आरोपियों की संख्या 19 हो गई। इसमें एक आरोपी स्थानीय BJP नेता संजय राणा का बेटा विशाल आरोपी भी है। वर्ष 2016 में एक अभियुक्त रवीन सिसोदिया की जेल में मौत हो गई थी। फिलहाल सभी 18 आरोपी जमानत पर बाहर हैं। साल–2021 में गौतमबुद्धनगर की जिला अदालत में इस केस का ट्रायल शुरू हो चुका है। कोर्ट ने यूपी सरकार की केस वापसी की अर्जी खारिज की10 साल पुराना केस अब दोबारा कैसे चर्चाओं में आया, ये भी जानना जरूरी है। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार के न्याय विभाग ने 26 अगस्त 2025 को एक आदेश जारी किया और इस केस को वापस लेने के लिए कहा। इस आदेश में राजभवन की अनुमति होना बताया गया। इसके बाद 12 सितंबर 2025 को गौतमबुद्धनगर के संयुक्त निदेशक अभियोजन ने DGC क्रिमिनल को एक पत्र लिखा और शासन के आदेश पर आगे की कार्रवाई शुरू करने को कहा। 15 अक्टूबर 2025 को राज्य सरकार की तरफ से CRPC की धारा–321 के तहत ट्रायल कोर्ट में ये केस वापस लेने की अर्जी दी गई। 23 दिसंबर 2025 को गौतमबुद्धनगर जिला अदालत ने इस अर्जी को खारिज करते हुए केस ट्रायल जारी रखने का फैसला लिया। फास्ट ट्रैक कोर्ट–एक के अपर सत्र न्यायाधीश सौरभ द्विवेदी ने अपनी टिप्पणी में कहा– हत्या का गंभीर अपराध समाज के विरुद्ध किया गया अपराध है। राज्य इसी कारण मुकदमों की पैरवी करता है, ताकि समाज में कानून व्यवस्था का भय बना रहे। दंड शास्त्र का सिद्धांत समाज के बेहतर भलाई के लिए स्थापित किया गया है। नोएडा की अदालत में इस केस की अगली सुनवाई 6 जनवरी 2026 को होगी। मृतक के भाई बोले– हमने 10 साल से बकरीद नहीं मनाईबिसाहड़ा कांड के बाद अखलाक और उनके भाइयों का परिवार गांव छोड़ चुका है। अखलाक की पत्नी और बच्चे गाजियाबाद जिले में एक अज्ञात जगह रह रहे हैं। दो भाई ग्रेटर नोएडा के कस्बा दादरी में अलग–अलग रहते हैं। हम जान मोहम्मद के घर पहुंचे, जो नोएडा की एक कंपनी में प्राइवेट जॉब करते हैं और वही इस पूरे मुकदमे की पैरवी भी कर रहे हैं। कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए जान मोहम्मद कहते हैं– जब यूपी सरकार की तरफ से कोर्ट में ये एप्लिकेशन डाली गई, तब हमें थोड़ा झटका लगा। बल्कि मैं कहूंगा कि हमारे लिए ये अफसोसजनक खबर थी। क्योंकि 10 साल से हम न्याय की लड़ाई लड़ रहे थे। हमें बड़ा धक्का लगा। हमें कानून की ज्यादा जानकारी नहीं थी। हमने अपने अधिवक्ता से बात की और फिर कोर्ट में अपना पक्ष रखा। कोर्ट के फैसले से मुझे ऐसा लगा है कि कानून का राज कायम है और न्याय इस देश में है। जान मोहम्मद कहते हैं– जब बकरीद आती है, तब हमें वही सीन याद आता है। क्योंकि बकरीद से 3 दिन पहले ही हमारे भाई अखलाक की पीट–पीटकर हत्या कर दी गई थी। कुर्बानी न हम पहले करते थे, न आज। मैं दादरी कस्बे में जहां रहता हूं, वहां 25–30 हजार मुस्लिम आबादी है। यहां भी हमने कुर्बानी नहीं दी। हमने अपने हाथ से आज तक एक मुर्गी भी नहीं काटी। मैं चैलेंज के साथ कहता हूं अगर कोई एक व्यक्ति ये बात साबित भी कर दे। कुर्बानी से हमारा कोई मतलब नहीं है। ‘भरोसे की दीवार टूटी, इसलिए गांव छोड़ना पड़ा’10 साल में क्या मुकदमे की वापसी का प्रेशर डाला गया? इस सवाल के जवाब में वो कहते हैं– 28 सितंबर 2015 की घटना के बाद 17 अक्टूबर 2015 को हमने पूरी तरह गांव छोड़ दिया था। उसके बाद आज तक हमारी फैमिली का कोई मेंबर गांव नहीं गया। गांव छोड़ने के बाद स्थानीय लोग कई बार हमारे पास आए। कई ग्राम प्रधान तक आए। पांच–छह महीने पहले तक मुझ पर केस वापसी का दबाव बना। शर्त यही थी कि मैं अखलाक मर्डर केस वापस लूं तो मेरे ऊपर दर्ज गोमांस का केस वापस ले लिया जाएगा। गांव क्यों छोड़ा? इस पर जान मोहम्मद कहते हैं– जब एक विश्वास की दीवार सदियों से खड़ी हो, उसे कुछ इंसान अकारण गिरा दें और वो दीवार इतनी बुरी तरह से गिरे कि दोबारा खड़े होने की कोई गुंजाइश न रहे। हम गांव छोड़कर दूसरी जगह रह रहे हैं, तब भी मुकदमा वापसी के लिए हम पर दबाव डाला जाता है। इसी से समझ सकते हैं कि अगर हम बिसाहड़ा गांव में रहते तो ये दबाव कितना गुना ज्यादा होता। इस घटना के चश्मदीद, गवाह कैसे सुरक्षित रह पाते, यही गांव छोड़ने की वजह बनी। अखलाक को हम खो चुके, लेकिन अब खुद या बच्चों की जान नहीं खोने देना चाहते। ‘सरकार की साम्प्रदायिक सौहार्द की दलील निराधार’सरकार के मुकदमा वापसी के फैसले पर क्या प्रतिक्रिया है? इसके जवाब में जान मोहम्मद कहते हैं– हम नॉन क्वालिफाइड लोग नहीं हैं। जिस दिन ये घटना हुई, उस दिन सद्भाव खराब होना चाहिए था। जब अखलाक की डेडबॉडी जेपी हॉस्पिटल में रखी थी, तब मेरे स्थानीय लोगों ने मुझे खूब उकसाया कि डेडबॉडी लेकर दादरी आ जाओ, यहीं चौराहे पर रखकर जाम लगाएंगे। तब मैंने डीएम को सलाह दी कि दादरी के बाहर जंगल के एक रोड से बॉडी लेकर गांव में जाइए। मैंने अपनी सूझबूझ से बवाल टलने से बचाया। तब भी मैंने सद्भाव बिगाड़ने की बात नहीं की। मैंने कभी नहीं कहा कि हम उस घटना का बदला लेंगे। मैं आज भी कह रहा हूं कि मेरे गांव के लोग बहुत अच्छे हैं। चंद लोग बुरे हैं, जिन्होंने ये हरकत की थी। कोर्ट में अब होगी अखलाक की पत्नी की गवाहीअखलाक पक्ष के अधिवक्ता मोहम्मद यूसुफ सैफी ने बताया– कोर्ट ने माना है कि मर्डर जैसे मामले में CRPC-321 बनती ही नहीं है। जब गवाहों की गवाही हो गई हो, केस ट्रायल पर चल रहा हो। आरोप भी तय हो चुके हैं। चार्जशीट भी पुलिस की तरफ से आई है। कोर्ट ने ये सारी चीजें देखीं और उप्र सरकार की केस वापसी की अपील खारिज कर दी। कोर्ट ने गवाहों की सुरक्षा को लेकर नोएडा पुलिस कमिश्नर और DCP ग्रेटर नोएडा को अलग से आदेश जारी किया है। इस मुकदमे में अभी तक मृतक अखलाक की बेटी शाइस्ता की गवाही हो पाई है। अखलाक की मां मुकदमे के दौरान एक्सपायर हो चुकी हैं। अब अखलाक की पत्नी की गवाही कराई जाएगी। ................ ये खबर भी पढ़ें... मोदी ने योगी के लिए 2027 की स्क्रिप्ट लिखी:दोनों नेता गुफ्तगू करते दिखे, PM ने सोशल इंजीनियरिंग को धार दी पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लखनऊ के प्रेरणा स्थल से भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग को नई धार दी। उन्होंने मंच से भगवान बिरसा मुंडा, बिजली पासी, राजा सुहेलदेव, राजा महेंद्र प्रताप सिंह, प्रभु राम के सखा निषादराज का जिक्र कर करीने से इनके वोट बैंक को भी साधा। इसी के साथ सरदार वल्लभ भाई पटेल और अम्बेडकर को इतिहास में उचित स्थान न दिए जाने पर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया। परिवारवाद का जिक्र कर उन्होंने कांग्रेस, सपा सहित विपक्षी दलों पर कटाक्ष किया। मंच पर जिस तरीके से सीएम योगी के साथ वे गुफ्तगू करते नजर आए, इससे साफ है कि 2027 की चुनावी स्क्रिप्ट में योगी की बड़ी भूमिका रहेगी। पढ़िए पूरी खबर...
उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और दो बार भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहने के बाद भी केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह यूपी भाजपा के नेतृत्व की सूची में शामिल नहीं हैं। यूपी भाजपा की वेबसाइट में ‘हमारे नेतृत्व’ की सूची में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का नाम है। लेकिन राजनाथ सिंह का नाम सूची से गायब है। चंदौली के भभौरा गांव में जन्मे राजनाथ सिंह ने 1974 में भारतीय जनसंघ से राजनीतिक सफर की शुरुआत की। राजनीतिक सूझबूझ के चलते सियासी सफर में उन्होंने दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा। समय के साथ-साथ संगठन और सरकार में हर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को संभाला। यूपी भाजपा के नेताओं में अटल बिहारी वाजपेयी के बाद राजनाथ सिंह ही हैं, जिन्होंने भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश के शिक्षा मंत्री से लेकर देश के रक्षामंत्री तक मुकाम हासिल किया। राजनाथ से बड़ा किसी का कद नहीं यूं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी के वाराणसी से सांसद हैं। लेकिन यूपी भाजपा के मौजूदा दौर में प्रदेश के भाजपा नेताओं और जनप्रतिनिधियों में राजनाथ सिंह से बड़ा किसी भी नेता का राजनीतिक कद नहीं है। राजनाथ के महत्व और राजनीतिक कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आरएसएस और भाजपा के तमाम नेता भी संकट के समय राजनाथ सिंह के पास ही पहुंचते हैं। राजनीति के जानकार मानते हैं कि संघ को भी पीएम मोदी तक अपनी बात पहुंचाने और उसे पूरा कराने के लिए राजनाथ सिंह को ही माध्यम बनाना होता है। इतना ही नहीं यूपी में सरकार और संगठन से जुड़ा कोई भी बड़ा निर्णय राजनाथ सिंह की सहमति के बिना नहीं होता है। केंद्रीय मंत्री पंकज चौधरी को भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चुनाव में प्रत्याशी घोषित करने से पहले केंद्रीय नेतृत्व ने राजनाथ सिंह के पास भेजा था। इससे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में शामिल डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी राजनाथ सिंह से दो बार मुलाकात की थी। अटल की विरासत संभाल रहे राजनाथ राजधानी लखनऊ को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की परंपरागत सीट माना जाता था। अटलजी 1991 से 2009 तक लखनऊ के सांसद रहे। 2009 में लालजी टंडन ने लखनऊ से चुनाव जीता। लेकिन संघ ने 2014 में अटलजी की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए राजनाथ सिंह को चुना। राजनाथ के बेटे भी प्रदेश पदाधिकारी राजनाथ सिंह के बड़े बेटे पंकज सिंह बीते 16 साल से भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी हैं। पंकज सिंह नोएडा से लगातार दूसरी बार विधायक भी हैं। इस मामले में सोशल मीडिया प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक अंकित सिंह चंदेल का कहना है कि राजनाथ सिंह जी का नाम होगा, नहीं है तो मैं देखता हूं। --------------------------- ये खबर भी पढ़ें... BJP के ब्राह्मण विधायकों पर भड़के पंकज चौधरी:कहा- ऐसी बैठक दोबारा नहीं हो; एक-एक MLA की क्लास लगाई यूपी में भाजपा के ब्राह्मण विधायकों की बैठक से पार्टी में खलबली मच गई है। नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी नाराज हो गए हैं। उन्होंने ब्राह्मण कुटुंब बनाने और बैठक में शामिल सभी ब्राह्मण विधायकों की क्लास लगाई है। पंकज चौधरी ने भाजपा विधायकों को सलाह के साथ चेतावनी भी दी है। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। चौधरी ने कहा- किसी तरह की नकारात्मक राजनीति का शिकार न बनें। भाजपा सिद्धांतों और आदर्शों वाली पार्टी है। इस तरह का कोई भी काम पार्टी के संविधान और आदर्शों के अनुकूल नहीं है। भाजपा और उसके कार्यकर्ता परिवार या वर्ग विशेष को लेकर राजनीति करने में विश्वास नहीं करते हैं। चेतावनी देते हुए चौधरी ने कहा- भविष्य में अगर भाजपा के किसी जनप्रतिनिधि ने इस तरह की गतिविधि को दोहराया तो इसे अनुशासनहीनता माना जाएगा। पढ़ें पूरी खबर
पटना के सखी वन स्टॉप में एक महिला ने अपने पति के अफेयर के खिलाफ शिकायत की है। महिला का कहना है कि उसके पति का उसके एक मेल फ्रेंड की भाभी से अफेयर है। पति की अगर उसकी प्रेमिका से बात नहीं होती है तो पति डिप्रेशन में चला जाता है। अगर प्रेमिका कुछ कह देती है तो पति उसके साथ गाली-गलौज करता है और सुसाइड करने की धमकी देता है। पिछले दो साल से यह सब झेल रही थी, लेकिन अब बात बर्दाश्त के बाहर होने पर सखी वन स्टॉप सेंटर में शिकायत दर्ज करवाने पहुंची है। साल 2004 में प्रेमिका की हुई थी लव मैरिज पीड़िता ने बताया कि, प्रेमिका की शादी 2004 में हुई थी। मेरे पति और उसकी प्रेमिका दूर के रिश्ते में लगते थे, जिससे उसका मेरे घर में आना-जाना था। इस दौरान दोनों एक दूसरे को पसंद करने लगे। उनकी लव मैरिज घरवालों की आपसी रजामंदी से हुई। मेरा पति गाड़ी के शोरूम में पार्ट्स लगाने का काम करता है। मेरा पति और उसकी प्रेमिका के बीच रोज सुबह से शाम तक 10 बार बातचीत होती है। शुरुआत में इग्नोर किया, लेकिन फिर पति देर रात घर आने लगा, इसके बाद मेरा शक गहरा होने लगा। पति के कॉल रिकॉर्ड्स निकलवाए पीड़िता ने कहा, मेरी पहली मुलाकात उनके दोस्त की भाभी से मेरे देवर की शादी में हुई थी। मेरे पति ने हीं उन्हें इनवाइट किया था। शादी में ही उस महिला की हरकतें मुझे अलग लगी। उसकी नजर हमेशा मेरे पति के ऊपर थी। वो साथ खाना खाने के लिए जिद कर रही थी। मैंने अपने पति से मजाक में कहा कि उसकी नजर आपसे हट नहीं रही है। लेकिन उन्होंने मजाक में बात को टाल दिया। कुछ दिन बाद वह घर लेट आने लगे। उनके फोन पर एक ही नंबर से कई बार कॉल देखकर बेटे से कॉल डिटेल्स निकलवाए। फिर मैंने उसे भी कॉल करके पूछा कि आप मेरे पति को इतनी बार क्यों कॉल करती हैं। इसपर वो बोली- आप गलत समझ रही हैं। कुछ दिन पहले मैंने अपने पति के फोन में दोनों की बहुत करीब की तस्वीर देखी। इसके बाद हम दोनों की लड़ाई हुई। घर पर मेरी सास अपने बेटे का ही सपोर्ट करती है, मगर अन्य घरवाले मेरे साथ हैं। मेरा घर टूट रहा है। मेरे बच्चे भी इससे प्रभावित हो रहे हैं। मैं बस न्याय चाहती हूं।' भाभी ने कहा- पीड़िता के पति का किसी और महिला से अफेयर पीड़िता ने बताया, पति की प्रेमिका किसी मॉल में काम करती थी और अब एक कॉस्मेटिक शॉप में जॉब कर रही है। पति कहता है हम दोनों के बीच कोई चक्कर नहीं है। तुम गलत आरोप लगा रही हो। हम दोनों में सिर्फ बात होती है, कोई अफेयर नहीं है। वहीं, पति की प्रेमिका ने कहा कि, पीड़िता के पति का किसी और महिला से अफेयर है। हम सिर्फ फोन पर बात करते थे। शिकायत सखी वन स्टॉप सेंटर पहुंचने के बाद हम पीड़िता के पति से कोई बात नहीं होगी। पीड़िता के पति के आने के बाद होगा फैसला सखी वन स्टॉप सेंटर की केंद्रीय प्रशासक शिल्पी कुमारी ने कहा कि, पीड़िता ने आरोप लगाया है कि पति का दोस्त की भाभी के साथ अफेयर है। उसके पति और दोस्त की भाभी रातभर बात करते हैं, उसके बार-बार कॉल और मैसेज आते हैं। साथ ही दोनों बाहर घूमने भी जाते हैं। इस मामले में जांच के दौरान हमने प्रतिवादी पक्ष को कॉल करके बुलाया है। उनपर लगे सारे आरोप गलत हैं। तबीयत खराब होने के कारण वह आज नहीं आ पाए। इस मामले में हमने कोई अगली तिथि नहीं दी है, क्योंकि पीड़िता का कहना है कि उनके पति की जब तबीयत ठीक हो जाएगी। तो वह खुद सूचित करके यहां आ जाएगी।
राजस्थान में तेज सर्दी का दौर जारी है। करौली, पाली, फतेहपुर समेत कई शहरों में पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज हुआ है। जयपुर, दौसा, अलवर, भरतपुर समेत पूर्वी और उत्तरी राजस्थान के कई जिलों में सर्द हवा चली। तेज सर्दी और हवा के कारण धूप में भी सर्दी से राहत नहीं मिली। मौसम विज्ञान केन्द्र जयपुर ने राज्य में अगले एक सप्ताह मौसम साफ रहने और इसी तरह की सर्दी रहने का अनुमान जताया है। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य के लगभग सभी शहरों में आसमान साफ रहा और दिन में धूप रही। शुक्रवार को सबसे ज्यादा ठंडा दिन सिरोही में रहा, जहां का अधिकतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। उत्तर-पूर्वी राजस्थान में सर्द हवाओं का असर उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं के असर से राज्य के उत्तर-पूर्वी राजस्थान के जिलों में सुबह-शाम कड़ाके की सर्दी का दौर जारी है। सबसे ज्यादा सर्दी करौली में रही, जहां का न्यूनतम तापमान 3.6 डिग्री सेल्सियस, फतेहपुर में 4.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज हुआ।
3.2 डिग्री लुढ़का रात का पारा, ठंड बढ़ी
पिछले एक सप्ताह में सागर के मौसम में उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। उत्तर से आ रही सर्द हवाओं के कारण पिछले 48 घंटों में ठंड की एकदम से वापसी हुई है। इस दौरान रात के तापमान में 3.2 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। शुक्रवार को सुबह से मौसम साफ रहा और तेज धूप निकली, लेकिन इसके बाद भी ठिठुरन बढ़ी और दिन के तापमान में भी हल्की गिरावट आई। मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को शहर का अधिकतम तापमान 25.6 डिग्री व न्यूनतम 9.2 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2 डिग्री कम रहा। सुबह की नमी घटकर 63% रही, जिससे कोहरे का असर कुछ कम हुआ, ठंड बरकरार रही। आगे कैसा रहेगा मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले तीन दिन सागर में मौसम शुष्क बना रहेगा। अधिकतम तापमान 26 से 28 डिग्री और न्यूनतम तापमान 8 से 10 डिग्री के बीच रह सकता है। सुबह के समय हल्का कोहरा छाने की संभावना है, जबकि दिन में धूप खिली रहेगी।
बस 4 दिन बाद नया साल आने वाला है। 2026 बिहार के लोगों के लिए उम्मीदों का वर्ष है। नई सरकार 2 लाख से ज्यादा युवाओं को नौकरी देने वाली है। 2026 में सरकारी कर्मचारियों को 54 दिन की छुट्टी मिलेगी। होली और दुर्गा पूजा जैसे अवसरों पर 4-4 दिन की छुट्टी है। रक्षाबंधन के समय दो दिन छुट्टी मिल जाए तो 6 दिन के लिए कहीं घूमने जाने की प्लानिंग की जा सकती है। 10 लंबे वीक एंड मिल रहे हैं। नए साल में कितनी छुट्टियां हैं? कब लंबी छुट्टी मिलने वाली है? कितनी सीटों पर भर्ती होने वाली है? कौन से बड़े राजनीतिक इवेंट होने हैं? खास रिपोर्ट में जानिए… सरकारी कर्मियों को मिलेगी 54 दिनों की छुट्टी नीतीश सरकार ने 2026 के लिए सरकारी छुट्टियों का कैलेंडर जारी किया है। इसके अनुसार कुल 54 दिनों की छुट्टी मिलेगी। इनमें से 10 दिन रविवार है। मतलब असल में छुट्टी वाले दिन 44 बचे। 10 शुक्रवार को छुट्टी है। इससे लंबे वीकेंड मिल सकते हैं। 2026 में सरकारी ऑफिस में 11 दिन का सामान्य अवकाश रहेगा। ये वो छुट्टियां हैं जब सभी सरकारी ऑफिस पूरी तरह बंद रहेंगे। इसके साथ ही 20 दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किए गए हैं। इन दिनों को सभी सरकारी ऑफिस पूरी तरह बंद रहेंगे। इसके अलावा कर्मचारियों को 22 दिनों का ऐच्छिक या प्रतिबंधित अवकाश मिलेगा। यह अवकाश कर्मचारी अपनी व्यक्तिगत या धार्मिक आवश्यकता के अनुसार चुनते हैं। एक दिन वार्षिक लेखाबंदी के लिए तय किया गया है। इस दिन सरकारी ऑफिस बंद रहेंगे। 2026 की छुट्टी के कैलेंडर में हिंदू और मुस्लिम धर्म से जुड़ी छुट्टियों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश है। ऐच्छिक/प्रतिबंधित अवकाशों की सूची में से पूरे साल में अधिकतम किसी तीन अवकाशों का इस्तेमाल किया जा सकेगा। होली से छठ तक, कब मिलेगी लंबी छुट्टी गणतंत्र दिवस, 4 चार दिन की छुट्टी: 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस है। इससे पहले 23 जनवरी को वसंत पंचमी और 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर जयंती के दिन ऐच्छिक अवकाश है। 25 जनवरी को रविवार है। इस तरह लगातार चार दिन छुट्टी मिल सकती है। होली, 4 दिन की छुट्टी: 2 मार्च को होलिका दहन की ऐच्छिक छुट्टी है। 3 और 4 मार्च को होली की छुट्टी है। 1 मार्च को रविवार है। इस तरह लगातार 4 दिनों की छुट्टी मिल सकती है। मुहर्रम, 3 दिन की छुट्टी: 26 जून को मुहर्रम के चलते सार्वजनिक अवकाश है। 27 जून को ऐच्छिक छुट्टी है। वहीं, 28 जून को रविवार है। इस तरह लगातार 3 दिन छुट्टी मिलेगी। रक्षाबंधन: 23 अगस्त को रविवार है। 24 अगस्त को सावन माह का अंतिम सोमवार है। इस दिन ऐच्छिक छुट्टी है। 26 अगस्त (बुधवार) को हजरत मुहम्मद साहब का जन्म दिन होने के चलते सार्वजनिक अवकाश है। 28 अगस्त (शुक्रवार) को रक्षाबंधन है। अगर एक कर्मचारी को 25 और 27 अगस्त को छुट्टी मिले तो वह लगातार 6 दिन छुट्टी मना सकता है। दुर्गा पूजा, 4 दिन की छुट्टी: दुर्गा पूजा के अवसर पर 18-21 अक्टूबर तक चार दिन की छुट्टी है। 21 अक्टूबर को कृष्ण सिंह जयंती होने के चलते ऐच्छिक छुट्टी है। छठ पूजा, 3 दिन छुट्टी: छठ पूजा का खरना 14 नवंबर को है। इस दिन ऐच्छिक छुट्टी है। इसके बाद 15 और 16 नवंबर को छठ पूजा की छुट्टी है। इस तरह तीन दिन लगातार छुट्टी मिल सकती है। सरकारी स्कूलों में 65 दिन छुट्टियां नए साल में बिहार के सरकारी स्कूलों के बच्चों को 65 दिन छुट्टी मिलेगी। बिहार सरकार के शिक्षा विभाग से जारी स्कूलों की छुट्टियों पर नजर डालें तो इनकी संख्या 75 है। इसमें 10 रविवार हैं। इस हिसाब से 65 छुट्टियां हैं। सरकारी नौकरी वालों को कब मिलेगी 2/3 दिन लगातार छुट्टी कोर्ट में सामान्य अवकाश जानकी नवमी- 25 अप्रैल (शनिवार), 26 अप्रैल को रविवारकबीर जयंती- 29 जून (सोमवार), 28 जून को रविवार ऐच्छिक/प्रतिबंधित छुट्टी कर्पूरी ठाकुर जयंती- 24 जनवरी (शनिवार), 25 जनवरी रविवार, 26 जनवरी (गणतंत्र दिवस)होलिका दहन- 2 मार्च (सोमवार), 1 मार्च (रविवार), 3-4 मार्च (होली)मुहर्रम- 27 जून (शनिवार), 28 जून (रविवार)सावन की अंतिम सोमवारी- 24 अगस्त (सोमवार), 23 अगस्त (रविवार)तीज- 14 सितंबर (सोमवार), 13 सितंबर (रविवार)छठ पूजा खरना- 14 नवंबर (शनिवार), 15 नवंबर (रविवार), 16 नवंबर (छठ) सार्वजनिक अवकाश गणतंत्र दिवस- 26 जनवरी (सोमवार), 25 जनवरी (रविवार)ईद उल फितर- 21 मार्च (शनिवार), 22 मार्च (रविवार)स्वतंत्रता दिवस- 15 अगस्त (शनिवार), 16 अगस्त (रविवार)दुर्गा पूजा-18 अक्टूबर रविवार, 19-20 अक्टूबरछठ-15 नवंबर, 16 नवंबर इन 10 शुक्रवार को लॉन्ग वीकेंड में बदल सकते हैं बिहार सरकार की छुट्टियों में लॉन्ग वीकेंड कब- कब हो सकते हैं? इसे जानिए। शुक्रवार की छुट्टी में मिलाकर आप शनिवार की छुट्टी लेते हैं तो आपको तीन दिनों की लंबी छुट्टी मिल सकती है। 23 जनवरी को वसंत पंचमी की छुट्टी है। 24 जनवरी को कर्पूरी ठाकुर जयंती है। वहीं, 25 जनवरी को रविवार है तो 26 जनवरी को भी छुट्टी है। इस तरह एक बार में 4 दिन की छुट्टी मिलेगी।13 मार्च को रमजान का अंतिम जुमा28 अगस्त को रक्षाबंधन25 सितंबर को अनंत चर्तुदशी3 अप्रैल को गुड फ्राइडे1 मई को मई दिवस, बुद्ध पूर्णिमा4 सितंबर को कृष्ण जन्माष्टमी2 अक्टूबर को गांधी जयंती25 दिसंबर को क्रिसमस बिहार में 5 तरह की हैं सरकारी छुट्टियां 1. राजपत्रित अवकाश यानी गजेटेड छुट्टी: इसकी घोषणा राज्य सरकार करती है। इसके अनुसार सरकारी ऑफिस, स्कूल, कॉलेज आदि बंद रहते हैं। गणतंत्र दिवस, होली, दीपावली, स्वतंत्रता दिवस आदि की छुट्टियां इसी में आती हैं। 2. गैर राजपत्रित छुट्टियां या रिस्ट्रिक्टेड छुट्टी: इसे कर्मचारी अपनी सुविधा और धर्म-परंपरा के अनुसार चुन सकते हैं। पूरे ऑफिस के लिए अनिवार्य रूप से लागू नहीं है। हर कर्मचारी को तय संख्या में मिलती है। 3- साप्ताहिक छुट्टी: आमतौर पर बिहार में रविवार को मिलती है। सचिवालय जैसे ऑफिस में शनिवार को भी मिलती है। 4. विशेष स्थानीय अवकाश: यह जिला या प्रमंडल स्तर पर घोषित होती है। जैसे-किसी जिले के स्थापना अवसर पर या स्थानीय पर्व पर। 5. आपात या विशेष परिस्थिति में छुट्टी: प्राकृतिक आपदा, चुनाव, शोक आदि के समय राज्य सरकार इसकी घोषणा करती है। कर्मचारियों को मिलती है 6 तरह की छुट्टी CL (कैजुअल लीव): एक कर्मचारी को एक साल में 13 दिन के लिए मिलती है। निजी या पारिवारिक कारण से ली जाती है। अगर किसी ने 13 की जगह 10 छुट्टी ली तो बची हुई 3 छुट्टी अगले साल की छुट्टी में नहीं जुड़ेगी। आम तौर पर इस छुट्टी को लगातार 5 दिन से ज्यादा नहीं ले सकते। इसके साथ EL (अर्न लीव) या ML (मेडिकल लीव) जोड़कर नहीं लिया जाता। Sl (स्पेशल लीव): यह स्वास्थ्य आदि कारणों से लिया जाता है। महिलाएं प्रतिमाह दो दिन यह अवकाश ले सकती हैं। ML (मेडिकल लीव): इसे पूरे सेवा काल में अधिकतम 250 दिन ले सकते हैं। बीमारी, स्वास्थ्य की गंभीर स्थिति, ऑपरेशन, दुर्घटना जैसी स्थिति में इसे ले सकते हैं। इसके लिए मेडिकल सर्टिफिकेट देना पड़ता है। EL/ PL (अर्न लीव या प्रिविलेज लीव): इसे अधिकतम 300 दिन तक जमा किया जा सकता है। इसका उपयोग कर्मचारी लंबी छुट्टी लेने के लिए करते हैं। आम तौर पर एक साल में 30 EL/ PL जुड़ते हैं। ML (मैटरनिटी लीव): गर्भवती या नई माताओं को छह माह (180 दिन) की छुट्टी मिलती है। इस अवधि में पूरा वेतन भी मिलता है। Pl (पैटरनिटी लीव): पिता बनने वाले पुरुष कर्मी को मिलता है। इसकी अवधि 15 दिनों की होती है। पहले दो बच्चों तक यह छुट्टी मिलती है। 2026 में बिहार में होने वाले पॉलिटिकल इवेंट जनवरी: नीतीश कैबिनेट का विस्तार होगा 16 जनवरी के बाद नीतीश कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। बिहार सरकार में विभागों की संख्या 45 से बढ़कर 48 हो चुकी है। विधायकों के संख्या बल के हिसाब से 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं। अभी मुख्यमंत्री सहित 27 मंत्री हैं। मंत्रिमंडल विस्तार में नीतीश मिश्रा, जीवेश मिश्रा, संजीव चौरसिया जगह पा सकते हैं। जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष बदलेंगे, राजद में भी बदलाव संभव 2026 में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा बदल सकते हैं। वे 2 टर्म से प्रदेश अध्यक्ष पद पर हैं। इसलिए हटाए जा सकते हैं। उन्हें मंत्रिमंडल में जगह दिए जाने की चर्चा है। आरजेडी में भी बदलाव संभव है। प्रदेश अध्यक्ष मंगनी लाल मंडल की विदाई हो सकती है। कांग्रेस की करारी हार के बाद भी प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम की कुर्सी पर फिलहाल कोई खतरा नहीं दिख रहा। बीजेपी में नई राज्य कार्यकारिणी गठन पर नजर भाजपा में नए साल में राज्य कार्यकारिणी का गठन होना है। सभी की नजर इस पर है कि इस बार बीजेपी किस तरह से सोशल इंजीनियरिंग को साधती है। संजय सरावगी को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। वे अपने हिसाब से नई कमेटी बनाएंगे। लोगों की नजर इस पर भी है कि नई कमेटी में सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा और दिलीप जायसवाल के नजदीकियों को किस तरह से जगह मिलती है। निशांत कुमार की पॉलिटिकल एंट्री संभव दूसरी ओर नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार की पॉलिटिकल एंट्री बंगाल चुनाव से पहले कराई जा सकती है। इसको लेकर सबसे चर्चित बयान जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने दिया। उन्होंने कहा था, ‘नीतीश कुमार की लीगेसी बहुत बड़ी है। किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं। पार्टी 100 साल तक मजबूती से चलेगी। शुभचिंतकों की इच्छा है कि अब निशांत राजनीति में आएं। जेडीयू में सक्रिय हों। अंतिम फैसला निशांत को लेना है कि वे औपचारिक रूप से पार्टी में कब कदम रखेंगे।’ मार्च-अप्रैल: बांकीपुर सीट पर उपचुनाव मार्च-अप्रैल 2026 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग द्वारा राज्य के विधानसभा चुनाव के साथ उस समय खाली दूसरे राज्यों की विधानसभा सीटों पर भी चुनाव कराए जाते हैं। बांकीपुर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए नितिन नवीन को बीजेपी में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने मंत्री पद छोड़ दिया है, विधायकी भी छोड़ेंगे। चर्चा है कि उन्हें राज्यसभा भेजा जाएगा। ऐसे में बांकीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो सकता है। मार्च माह में बीजेपी को राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है। अप्रैल: 5 सीटों के लिए होंगे राज्यसभा चुनाव विधानसभा चुनाव के नतीजे का असर बिहार के हिस्से की राज्यसभा सीटों पर भी पड़ेगा। अप्रैल 2026 में राज्यसभा की 5 सीटें खाली हो रही हैं। इसमें RLM के उपेंद्र कुशवाहा, RJD के प्रेमचंद गुप्ता और एडी सिंह, JDU के हरिवंश और रामनाथ ठाकुर के नाम हैं। इन पांचों सीटों पर एनडीए का कब्जा तय माना जा रहा है। राज्यसभा के 16 सदस्य बिहार से चुनकर भेजे जाते हैं। एक सीट जीतने के लिए 41 विधायकों के समर्थन की जरूरत है। आरजेडी के विधायकों की संख्या घटने की वजह से खाली होने वाली 5 सीटों पर एनडीए का कब्जा संभव है। जून: विधान परिषद की 10 सीटों पर होंगे उपचुनाव बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की प्रचंड जीत और महागठबंधन की करारी हार के बाद विधान परिषद का नजारा बदल जाएगा। सम्राट चौधरी, मंगल पांडेय, भगवान सिंह कुशवाहा और राधा चरण सेठ विधानसभा चुनाव जीते हैं। इसलिए इन सीटों पर उपचुनाव होंगे। उपेंद्र कुशवाहा के पुत्र दीपक प्रकाश अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं, उन्हें पंचायती राज विभाग का मंत्री बनाया गया है। उन्हें 6 माह के अंदर किसी सदन का सदस्य बनना पड़ेगा। जून में विधान परिषद की 10 सीटों ( NDA की 7, महागठबंधन की 3) पर चुनाव होंगे। इसके अलावा स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र की 8 सीटें 2006 के अंत में खाली होंगी। नवंबर-दिसंबर: EVM से होंगे पंचायत चुनाव बिहार में नवंबर-दिसंबर 2026 में पंचायत चुनाव होने हैं। मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों के पदों पर आरक्षण में फेरबदल होगा। हर 10 साल पर आरक्षण का रोस्टर बदलने का नियम है। नई बात यह भी कि इस बार पंचायत चुनाव EVM से होंगे। बिहार में बड़ा धार्मिक कार्यक्रम, फरवरी से विराट रामायण मंदिर में शुरू होगी पूजा नए साल में बिहार में होने वाले बड़े धार्मिक कार्यक्रम की बात करें तो पूर्वी चंपारण स्थित केसरिया-चकिया में विराट रामायण मंदिर में पूजा शुरू होगी। तमिलनाडु के महाबलीपुरम में बनाए गए 33 फीट ऊंचे और 210 टन वजनी शिवलिंग को 96 पहियों वाले ट्रक से बिहार लाया जा रहा है। इसे जनवरी में स्थापित किया जाएगा। 15 फरवरी को महाशिवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर में पूजा-अर्चना और दर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह दुनिया का सबसे ऊंचा 270 फीट का मंदिर होगा। इसके परिसर में 22 मंदिर होंगे। 2026 में 2 लाख से ज्यादा युवाओं को मिलेगी नौकरी 2026 में बिहार सरकार 2 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने की तैयारी में है। राज्य सरकार का लक्ष्य 5 साल में 1 करोड़ लोगों को नौकरी-रोजगार देना है। TRE-4 निकालेगी सरकार: फरवरी-मार्च में सीबीएससी और बिहार बोर्ड की परीक्षा होनी है। काफी मांग के बाद सरकार टीआरई-4 की वैकेंसी 2026 में लाएगी। स्पेशल टीचर की भर्ती होगी। इसी के साथ इसकी बहुत उम्मीद है कि सरकार लाइब्रेरियन सहित अन्य विभागों से जुड़ी वैकेंसी लाने वाली है। गृह और शिक्षा विभाग से काफी संख्या में युवाओं को नौकरी मिलने की संभावना है। कहां कितनी वैकेंसी जनवरी-फरवरी: पटना में होंगे LLC के मैच, सम्राट से मिले सहवाग 11 जनवरी 2026 से 5 फरवरी 2026 के बीच लीजेंड्स लीग क्रिकेट (LLC) का आयोजन होना है। इसके मैच पटना में भी होंगे। पटना के स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सितारों की चमक देखने को मिलेगी। प्रसिद्ध क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी से मुलाकात की है। इस टूर्नामेंट के मैच पटना के अलावा ग्वालियर, उदयपुर, कोयम्बटूर, अमृतसर-जालंधर क्षेत्र और कोच्चि में होंगे। लीग का एक अंतरराष्ट्रीय फेज शारजाह या दोहा में भी आयोजित होगा। खिलाड़ियों के लिए बड़ा मौका- सक्षम और उड़ान का पोर्टल खुलेगा बिहार के खिलाड़ियों के लिए नए वर्ष में 1 जनवरी से ‘सक्षम’ और ‘उड़ान’ योजना का पोर्टल खुलेगा। इस योजना के अंतर्गत नेशनल लेवल के खिलाड़ियों को सालाना 5 लाख रुपए तक की स्कॉलरशिप दी जाएगी। इंटरनेशनल लेवल के खिलाड़ियों को उड़ान योजना के तहत 20 लाख रुपए तक की स्कॉलरशिप दी जाएगी। आवेदन की प्रक्रिया 1 जनवरी से 15 जनवरी 2026 तक चलेगी।
भारतीय जनता पार्टी नव निर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी शनिवार को एक दिवसीय दौरे पर मथुरा आ रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद यह उनका मथुरा में पहला दौरा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बांके बिहारी जी के दर्शन करेंगे। पहली बार मथुरा दौरे पर आ रहे प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं ने तैयारी पूरी कर ली है। तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे रहे कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी के प्रथम बार मथुरा आगमन को लेकर पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं में उत्साह का वातावरण है। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी की मथुरा जिला एवं महानगर इकाई द्वारा भव्य स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है, जिसकी तैयारियां संगठन स्तर पर अंतिम चरण में हैं। जिला और महानगर इकाई करेगी स्वागत भाजपा के मीडिया प्रभारी श्याम शर्मा ने बताया कि जिला अध्यक्ष निर्भय पांडे के नेतृत्व में जिला इकाई के कार्यकर्ता करमन टोल टैक्स (कोटवन बॉर्डर), कोसीकलां पर प्रदेश अध्यक्ष का स्वागत करेंगे। वहीं महानगर अध्यक्ष हरिशंकर राजू यादव के नेतृत्व में जनप्रतिनिधियों एवं कार्यकर्ताओं द्वारा एन.के. ग्रुप वृंदा पुरम, जीएलए यूनिवर्सिटी के समीप, नेशनल हाईवे पर भव्य स्वागत कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। भाजपा कार्यकर्ता करेंगे भव्य स्वागत मीडिया प्रभारी श्याम शर्मा ने बताया कि इस कार्यक्रम में महानगर, मंडल एवं बूथ स्तर के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं कार्यकर्ता बड़ी संख्या में सहभागिता करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष बनने के पश्चात यह पंकज चौधरी जी का पहला मथुरा दौरा है, जिसे ऐतिहासिक एवं स्मरणीय बनाने के लिए पार्टी कार्यकर्ता पूर्ण निष्ठा और उत्साह के साथ जुटे हुए हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष ने स्वागत कार्यक्रम में संगठन के सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाने का आह्वान किया है । स्वागत-सम्मान कार्यक्रम के बाद प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी वृंदावन पहुंचेंगे जहां वह ठाकुर बांके बिहारी जी के दर्शन करेंगे।
सेंगर की जमानत का युकां ने किया विरोध
उन्नाव गैंगरेप में उम्रकैद के अपराधी बीजेपी नेता कुलदीप सेंगर की जमानत व पीड़िता को जेल भेजने के विरोध में युवक कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष शेरसिंह चौहान के नेतृत्व में युवक कांग्रेस द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया। चौहान ने बताया कि घट्टिया में हुए इस विरोध प्रदर्शन में ‘उन्नाव गैंगरेप पीड़िता को इंसाफ दो, कुलदीप सिंह दोषी है, जमानत नहीं सजा दो, जैसे नारे लिखे पोस्टर हाथों में लेकर नारे लगाए तथा सेंगर की जमानत पर विरोध दर्ज कराया। इस दौरान जिला उपाध्यक्ष प्रितेश शर्मा, महासचिव रेणुका गांधी, राज रोहित सोलंकी, कौशल गरासिया, सत्या सोलंकी, रमेश मंडलोई, हरलाल मालवीय आदि मौजूद थे।
राबड़ी आवास पर आधी रात में हलचल:जनता के बीच जलील हुए विधायक, मंत्री ने लगाई अफसर की क्लास
बात खरी है... इसमें आप देखेंगे बिहार के नेताओं और अफसरों के बीच अंदरखाने क्या चल रहा है, और दिनभर की ऐसी बड़ी हलचल जो आपको हंसाएगी भी और जिम्मेदारों को आइना भी दिखाएंगी। ऊपर VIDEO पर क्लिक करें...
गंदगी व पॉलीथिन पर 33 हजार से अधिक का जुर्माना
उज्जैन | शहर को स्वच्छ रखने के लिए नगर निगम स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को सभी जोन में अभियान चलाकर 33 हजार से अधिक का जुर्माना वसूला गया। स्वास्थ्य विभाग अमले ने गंदगी करते पाए जाने पर 19 हजार रुपए, प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग करने पर 8 हजार रुपए और भवन निर्माण सामग्री सड़क पर रखने पर 6 हजार रुपए का जुर्माना वसूला। यह कार्रवाई संबंधित जोन के स्वास्थ्य अधिकारियों, स्वच्छता निरीक्षकों और दरोगाओं की उपस्थिति में की गई। निगम ने नागरिकों से स्वच्छता नियमों का पालन करने की अपील की है।
अजमेर उर्स मेला अवसर पर चलेगी स्पेशल ट्रेन
भास्कर संवाददाता | उज्जैन अजमेर उर्स मेला-2025 के अवसर पर रेलवे प्रशासन द्वारा गाड़ी संख्या 07730 अजमेर-हैदराबाद उर्स स्पेशल ट्रेन का संचालन किया जा रहा है। ट्रेन संख्या 07730 अजमेर-हैदराबाद उर्स स्पेशल 28 दिसंबर (रविवार) को अजमेर से 10.25 बजे प्रस्थान करेगी आैर रतलाम मंडल के अंतर्गत चित्तौड़गढ़ जंक्शन (14:00 बजे आगमन व 14:05 बजे प्रस्थान), नीमच (14:49 बजे आगमन व 14:51 बजे प्रस्थान), मंदसौर (15:29 बजे आगमन व 15:31 बजे प्रस्थान), रतलाम जंक्शन (17:30 बजे आगमन व 17:40 बजे प्रस्थान) एवं उज्जैन (19:25 बजे आगमन व 19:30 बजे प्रस्थान) स्टेशनों से होते हुए अगले दिन सोमवार को 23.30 बजे हैदराबाद पहुंचेगी।
काचीगुड़ा-भगत की कोठी बड़नगर स्टेशन रुकेगी
उज्जैन | बड़नगर क्षेत्र के लिए रेल सुविधाओं के विस्तार की दिशा में एक उपलब्धि जुड़ गई है। सांसद अनिल फिरोजिया ने बताया कि बड़नगर रेलवे स्टेशन पर 17605/17606 काचीगुड़ा-भगत की कोठी एक्सप्रेस के प्रायोगिक ठहराव को स्वीकृति प्रदान की गई है। रेल मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार यह ठहराव प्रायोगिक आधार पर शुरू किया जाएगा, जिससे बड़नगर और आसपास के क्षेत्र के यात्रियों को सीधी और सुलभ रेल सुविधा उपलब्ध होगी। यह रेल सेवा दक्षिण भारत को राजस्थान से जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण ट्रेन है।
देपालपुर 1734वीं रैंक पर, ये टॉप-3 में आया तभी हम होंगे नंबर-1
देश के सबसे स्वच्छ शहर का ताज बचाने के लिए इस बार इंदौर को अकेले अपने दम पर नहीं, बल्कि देपालपुर को साथ लेकर चलना होगा। स्वच्छता सर्वेक्षण में टॉप सिटी लीग शामिल इंदौर को अपने साथ जोड़े गए देपालपुर की रैंकिंग भी सुधारना होगी। इसे टॉप-3 में लाना होगा। वर्तमान में 50 हजार से कम आबादी वाले शहरों में देपालपुर 1734वें स्थान पर है। देपालपुर की स्थिति सुधरेगी, तभी इंदौर की नौवीं बार नंबर-1 बनने की दावेदारी मजबूत मानी जाएगी। इंदौर लगातार आठ बार से देश का सबसे साफ शहर का खिताब हासिल कर चुका है। सरकार ने पिछले साल से टॉप शहरों की अलग लीग बना दी है। इस लीग में शामिल शहरों को अब स्वच्छता में पिछड़े क्षेत्रों की रैंकिंग सुधारने की जिम्मेदारी भी दी गई है। इसी के तहत इंदौर के साथ इस बार देपालपुर को स्वच्छता जोड़ीदार बनाया गया है। सर्वेक्षण 12,500 अंकों के आधार पर स्वच्छता सर्वेक्षण 2025-26 की तैयारियों को लेकर शुक्रवार को स्मार्ट सिटी कार्यालय में महापौर पुष्यमित्र भार्गव की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें निगमायुक्त दिलीपकुमार यादव, सभी एमआईसी सदस्य, स्वच्छ भारत मिशन प्रभारी अपर आयुक्त रोहित सिसोनिया सहित कई अधिकारी मौजूद थे। केंद्र सरकार ने इस बार सर्वेक्षण का नया टूलकिट जारी किया है। सर्वेक्षण 12,500 अंकों के आधार पर होगा। सिटीजन फीडबैक के अंक 500 से बढ़ाकर 1000 कर दिए गए हैं और साल में तीन से चार बार लिया जाने वाला फीडबैक अब सालभर लिया जाएगा, जिससे निगम के सामने चुनौती बढ़ गई है। बैठक में नई गाइडलाइन के अनुसार मैदान में उतरने के निर्देश दिए गए। एक्यूआई को लेकर भी चिंता, क्योंकि इसके 250 अंक
उज्बेकिस्तान की एक 70 वर्षीय महिला डेढ़ साल से सांस लेने की तकलीफ से गुजर रही थीं। स्थिति काफी नाजुक थी। वहां एडवांस सर्जरी की व्यवस्था नहीं होने के चलते उन्हें इंदौर भेजा गया। यहां हाल ही में उनकी सर्जरी हुई। यह सर्जरी काफी जटिल थी और 5 घंटे तक चली। डॉक्टरों ने ट्यूमर को फेफड़े सहित पहले बाहर निकाला। फिर उसमें से ट्यूमर और फेफड़े का 40% खराब हिस्सा अलग कर 60% स्वस्थ फेफड़ा फिर से सांस की नली से जोड़ दिया। सर्जरी के बाद तेजी से रिकवरी होने लगी। छह दिनों बाद बुजुर्ग विदेशी महिला डिस्चार्ज होकर हॉस्पिटल से नाचते-गाते अपने देश रवाना हो गई। दरअसल, अल्ला सिमरोनोवा को उज्बेकिस्तान के टिब्ब हेल्थ केयर एंड नेफ्रो मेडिकेयर के डायरेक्टर डॉ. फरीद खान (नेफ्रोलॉजिस्ट) ने इंदौर के चोइथराम हॉस्पिटल में रेफर किया था। इसके लिए वहां के लोकल को-ऑर्डिनेटर परवेज खान ने भारत और उज्बेकिस्तान के बीच मेडिकल वीजा सहित अन्य दस्तावेजी प्रक्रिया कराई और उन्हें लेकर इंदौर आ गए। लेप्रोस्कोपिक जांच में पता चली घातकताइंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. गौरव गुप्ता ने बताया कि लेप्रोस्कोपिक जांच में पता चला कि उनके बाएं फेफड़े में बड़ा ट्यूमर था। यह ऐसा ट्यूमर था, जो तेजी से बढ़ रहा था। इस तरह के ट्यूमर को सर्जरी कर निकालना ही पर्याप्त नहीं होता। इसके लिए उसका एक-एक अंश निकालना पड़ता है, नहीं तो यह फिर से विकसित हो जाता है। इस महिला को टिपिकल तरह का ट्यूमर था। इससे एक फेफड़े की सांस की नली बंद हो गई थी, जिससे उन्हें सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी। यह सबसे क्रिटिकल रेस्पिरेटरी कंडीशन थी, जिसमें तुरंत ऑपरेट करना जरूरी था। महिला की सहमति के बाद 18 दिसंबर को उसकी सर्जरी की गई। 5 घंटे चली सर्जरी, ब्लीडिंग का था जोखिममिनिमल इन्वेसिव जीआईएल लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. संदीप राठौर ने बताया कि सर्जरी पांच घंटे चली। ऐसी सर्जरी में ब्लीडिंग ज्यादा होती है, जिससे स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण हो जाती है। हार्ट और फेफड़े आपस में कनेक्ट रहते हैं, इसलिए एक छोटी सी नस से भी ब्लीडिंग होने का जोखिम रहता है। हमने सर्जरी काफी सावधानी से की और ब्लीडिंग को कंट्रोल किया। इससे ब्लीडिंग काफी कम हुई। चैलेंज यह था कि फेफड़ा ट्यूमर के साथ निकालना था और फिर पूरे ट्यूमर को अलग करना था। इसके आसपास मौजूद लिम्फ नोड (Lymph Node), जिन्हें ड्रेनेज या गठानें कहा जाता है, उन्हें भी निकालना जरूरी था। साथ ही फेफड़े का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा बचाना भी चुनौती थी। दरअसल, यह पेशेंट की पोस्ट-ऑप रिकवरी के लिए बेहतर होता है। इसके लिए पहले पूरे ट्यूमर को ब्रोंकाई के साथ निकाला गया। फिर बचे हुए आधे फेफड़े को दोबारा अंदर फेफड़े से कनेक्ट किया गया। कुल मिलाकर पहले ट्यूमर के साथ पूरे फेफड़े को निकाला गया और फिर उसे जोड़ा गया। अगर सर्जरी नहीं की जाती तो ट्यूमर तेजी से फैलता। ऐसे में अगर ट्यूमर शरीर के अंदर दूसरे ऑर्गन्स के पास मूव करता, तो मरीज की जान का खतरा और बढ़ जाता। मध्य क्षेत्र में इस तरह की पहली सर्जरीदेश में इस तरह की सर्जरी हैदराबाद, बेंगलुरु, दिल्ली और मुंबई में होती है। इंदौर में हुई यह सर्जरी मध्य क्षेत्र की पहली ऐसी सर्जरी है। इसमें खास बात यह रही कि मरीज 70 वर्षीय बुजुर्ग और विदेशी नागरिक थी। वहां के डॉक्टरों और इस मरीज ने भारत के इलाज पर विश्वास जताया और इंदौर में यह सर्जरी कराई। उज्बेकिस्तान का मेडिकल साइंस अलग महिला के को-ऑर्डिनेटर परवेज खान ने बताया कि वह डेढ़ साल से सांस लेने की तकलीफ से जूझ रही थी। इंदौर में सर्जरी कराने को लेकर स्थिति स्पष्ट होने के बाद भारत और उज्बेकिस्तान के बीच समन्वय कर मरीज को लाया गया। इसके लिए मेडिकल वीजा सहित अन्य दस्तावेजी प्रक्रिया की गई। इंडिगो की फ्लाइट की करनी पड़ी व्यवस्थाचोइथराम अस्पताल के डिप्टी डायरेक्टर अनिल कुमार लखानी ने बताया कि जिस दिन सर्जरी के लिए डॉ. मंजूनाथ बाले को इंदौर आना था, उस दौरान बमुश्किल इंडिगो की फ्लाइट की व्यवस्था हो पाई। हालांकि पूरी टीम के प्रयासों से मरीज की सफल सर्जरी हुई। वह 24 दिसंबर को डिस्चार्ज होकर रवाना हो गई। विदेशी महिला को इस टीम ने दिया नया जीवनयह सर्जरी डॉ. सुनील चांदीवाल (डायरेक्टर) के नेतृत्व में हैदराबाद के डॉ. मंजूनाथ बाले (रोबोटिक एंड मिनिमली इनवेसिव थोरेसिक सर्जन), अस्पताल के डॉ. गौरव गुप्ता (इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट), डॉ. संदीप राठौर (मिनिमल इनवेसिव जीआईएल लेप्रोस्कोपिक सर्जन), डॉ. राजेश पाटीदार (मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट), डॉ. राजेंद्र आंजने (रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट) और डॉ. दीपक खेतान की टीम ने की। यह सर्जरी पांच घंटे तक चली।
जालंधर शहर के बस्ती दानिशमंदा स्थित शिवाजी नगर में नशा तस्करों के हौसले इतने बुलंद हो गए कि एक गर्भवती महिला द्वारा पुलिस में शिकायत देने पर तस्करों ने उसके परिवार पर ही हमला कर दिया। यह हमला शुक्रवार रात करीब 12 बजे किया गया, जिसमें परिवार के सदस्यों के साथ-साथ मोहल्ले के कुछ दुकानदार भी घायल हो गए। परिवार बोला पुलिस की ढीली कार्रवाई का नतीजा पीड़ित परिवार ने बताया कि उन्होंने एक दिन पहले ही पुलिस को शिकायत दी थी कि इलाके में खुलेआम नशा बिक रहा है। परिवार का आरोप है कि अगर पुलिस समय रहते कार्रवाई करती, तो यह हमला नहीं होता। शुक्रवार देर रात नशा बेचने वाले युवक तेजधार हथियारों और ईंटों के साथ घर के बाहर पहुंचे और गेट पर हमला कर दिया। गर्भवती महिला ने बताया कि नशा तस्कर उसके पति को बार-बार अपने पास बुलाते गर्भवती महिला ने बताया कि नशा तस्कर उसके पति को बार-बार अपने पास बुलाकर नशा करवाते थे। जब उसने इसका विरोध किया और पति को बचाने के लिए पुलिस को शिकायत दी, तो आरोपियों ने बदले की नीयत से परिवार पर हमला कर दिया। महिला का कहना है कि आरोपियों की वजह से उसका पति भी नशे की चपेट में आया था। हमले की सूचना मिलते ही हलका जालंधर वैस्ट के वरिष्ठ भाजपा नेता शीतल अंगुराल मौके पर पहुंचे हमले की सूचना मिलते ही हलका जालंधर वैस्ट के वरिष्ठ भाजपा नेता शीतल अंगुराल मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उनके साथ भाजपा नेता सुशील रिंकू भी मौजूद रहे। नेताओं ने पुलिस अधिकारियों से बात कर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग की। शीतल अंगुराल ने चेतावनी दी कि यदि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार नहीं किया गया तो पुलिस प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया जाए परिवार बोला पुलिस भी नशा तसकरों क्यों कर्रवाई नहीं कर रही बड़ा सवाल परिवार की ओर से मीडिया काे बताया कि पुलिस के तीन दिन पहले शिकायत दी थी। महिला ने बताया कि पुलिस को बाई नेम शिकायत दी थी लेकिन पुलिस पता नहीं क्यो कार्रवाई नहीं कर रही। या तो पुलिस इन लोगों के साथ मिली हुई। जा फिर इन लोगों से डरती है। अगर एैसा न होता पुलिस अब तक इन लोगों को गिरफ्तार कर चुकी होती। थाना नंबर-3 की पुलिस ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया कि जल्द ही मामला दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। पुलिस ने इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई क्या था वीरवार रात का मामला इलाके में नशे के आरोपों को लेकर दो पक्षों के बीच जमकर झगड़ा हो गया था। आरोप है कि एक पक्ष ने महिलाओं और परिवार पर ईंट-पत्थर बरसाए और खुलेआम जान से मारने की धमकियां दीं थी। पीड़ित परिवार का कहना है कि घटना के दौरान पुलिस मौके पर मौजूद थी, इसके बावजूद कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई। पीड़ित महिला ने बताया कि वह पिछले करीब 10 साल से शिवाजी नगर इलाके में रह रही है और उसके दो छोटे बच्चे हैं। उसका आरोप है कि मोहल्ले में रहने वाला एक युवक, जो पहले भी नशे के मामलों में जेल जा चुका है, खुलेआम नशे का कारोबार करता है। जेल से बाहर आने के बाद उसने उसके पति को भी नशे की लत लगा दी। पुलिस के जाते ही किया पथराव महिला के मुताबिक, उसने पति को नशा छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति केंद्र भी भेजा था, लेकिन आरोपी युवक और उसके रिश्तेदारों ने दोबारा उसे अपने साथ जोड़ लिया। आरोप है कि आरोपी के साथ उसका मामा का बेटा भी शामिल है, जो कथित तौर पर इलाके में खुलेआम नशा बेचता है। घटना वाले दिन डीएसपी मौके पर पहुंचे और दोनों पक्षों को समझाकर चले गए, लेकिन पुलिस के जाते ही आरोपियों ने पीड़ित के घर पर हमला कर दिया। महिला का कहना है कि पथराव की पूरी घटना वीडियो में कैद है। हमलावरों ने पुलिस के सामने ही गालियां दीं और ईंटें फेंकीं। मामले की जांच कर रही पुलिस पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसने कई बार पुलिस को शिकायत दी, लेकिन हर बार यही कहा गया कि थाने में जाकर कार्रवाई करवाई जाए। महिला का कहना है कि वह बच्चों और परिवार की सुरक्षा को लेकर डरी हुई है और पुलिस प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग कर रही है। फिलहाल पुलिस का कहना है कि दोनों पक्षों की शिकायतों की जांच की जा रही है। मामले में वीडियो फुटेज और बयानों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
करनाल शहर की एक पॉश और रिहायशी कॉलोनी में बने एक भवन को ओयो होटल में तब्दील किए जाने से क्षेत्र का माहौल बिगड़ने का आरोप लगाया गया है। कॉलोनीवासियों का आरोप है कि यहां लगातार संदिग्ध गतिविधियां हो रही हैं, जिससे न सिर्फ सामाजिक वातावरण खराब हुआ है बल्कि बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ गई है। हालात बिगड़ते देख लोगों ने एकजुट होकर पुलिस को शिकायत दी है। रिहायशी भवन को ओयो होटल में बदला गयादीवान कॉलोनी में स्थित एक बिल्डिंग को ओयो होटल के रूप में संचालित किया जा रहा है। कॉलोनीवासियों का कहना है कि यह इलाका पूरी तरह रिहायशी है, इसके बावजूद यहां होटल खोल दिया गया। आरोप है कि इस होटल में न सिर्फ बाहरी लोग ठहरते हैं, बल्कि छोटी उम्र की लड़कियों की भी आवाजाही देखी जा रही है। सीसीटीवी फुटेज से बढ़ी चिंताइस होटल से जुड़ी एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई है, जिसमें एक लड़की मुंह बांधकर होटल के अंदर जाती हुई दिखाई दे रही है। कॉलोनीवासियों का कहना है कि ऐसी घटनाओं से पूरे क्षेत्र की छवि खराब हो रही है और लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। स्थानीय लोगों के अनुसार यह होटल शहर के एक डॉक्टर का बताया जा रहा है। कॉलोनीवासियों ने पहले भी इस मुद्दे को लेकर डॉक्टर से बात करने की कोशिश की थी, लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। इसके बाद मजबूरन लोगों को पुलिस का सहारा लेना पड़ा। लड़कियां पीछे उतरकर पैदल जाती हैं होटल तकदीवान कॉलोनीवासी ब्रिगेडियर रणधीर सिंह, महिला अनीता, डॉ. गीता, महेंद्र सिंह, विकास गुलाटी व अन्य लोगों का कहना है कि होटल में आने वाली लड़कियां अक्सर पीछे किसी जगह उतरती हैं और फिर पैदल होटल तक पहुंचती हैं। कोई मुंह ढककर आती है तो कोई गाड़ी में आती है, ताकि पहचान न हो सके। अनमैरिड कपल और छात्राओं की आवाजाही का आरोपकॉलोनीवासियों का आरोप है कि यहां अनमैरिड कपल आते हैं और कई बार छात्राएं भी स्कूल ड्रेस में देखी गई हैं। होटल के कई कमरे बिना किसी कपल आईडी के दिए जा रहे हैं। अगर आईडी की जांच की जाए तो कई मामलों में आईडी उपलब्ध नहीं होती। लोगों का कहना है कि दूसरे राज्यों की गाड़ियां होटल के बाहर खड़ी रहती हैं। इनमें से उतरकर लोग नशे की हालत में होटल के बाहर खड़े रहते हैं। जब कॉलोनीवासी उन्हें टोकते हैं तो वे झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। बच्चों पर पड़ रहा गलत असरकॉलोनीवासियों का कहना है कि इस होटल की वजह से बच्चों पर गलत असर पड़ रहा है और पूरे इलाके का माहौल खराब हो चुका है। यह होटल दीवाली से पहले खुला बताया जा रहा है। इतना ही नहीं, होटल को प्रमोट करने के लिए अलग-अलग तरह की रील भी वायरल की जा रही हैं, जिन्हें लोग आपत्तिजनक बता रहे हैं। पूरी तरह बंद करने की मांगदीवान कॉलोनी के लोगों ने पुलिस से मांग की है कि रिहायशी इलाके में चल रहे इस ओयो होटल को पूरी तरह बंद किया जाए, ताकि कॉलोनी का शांत और सुरक्षित माहौल फिर से बहाल हो सके।
पति की मौत के बाद दो एकड़ जमीन नाम कराना था। पटवारी, तहसीलदार से लेकर कलेक्टर तक के चक्कर काटे। वहां कोई सुनने वाला नहीं है। कुंडम तहसील में बैठे एक साहब ने 20 हजार रुपए भी ले लिए। वे रुपए मैंने बकरियां बेचकर दिए थे। फिर भी काम नहीं हुआ। यह कहना है 52 वर्षीय बैगा आदिवासी महिला बेल बाई का। उनके पति की 2020 में मृत्यु हो गई थी। अब तक 5 साल बीत गए। वह जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर टिकरिया गांव से जबलपुर आकर दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं। उनकी 2 एकड़ जमीन जबलपुर-बघराजी रोड से लगी है। ऐसे में कई लोग उन्हें बेचने पर अच्छी कीमत मिलने की बात कह रहे हैं। जबकि बेल बाई चाहती हैं कि यह जमीन उनके और बेटों के नाम हो जाए। हालांकि, सरकारी सिस्टम ने उन्हें इस कदर परेशान कर दिया है कि वह उम्मीद ही छोड़ बैठी हैं। दूसरी ओर, मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ने जांच के निर्देश दिए हैं। पढ़िए यह रिपोर्ट... पटवारी से लेकर कलेक्ट्रेट तक दिए आवेदन बेल बाई के पति जंगलिया बैगा की 2019 में बीमारी के चलते मौत हो गई। खेती-किसानी और बकरी चराकर परिवार पालन-पोषण करता था। बेल बाई का एक बेटा दिव्यांग है। जबलपुर-बघराजी रोड से लगी जमीन को हथियाने के लिए घर के चक्कर काटते हुए लालच दिया जाने लगा लेकिन गांव के लोगों ने जमीन अपने या बेटों के नाम करवाने की सलाह दी। इसके बाद से बेल बाई लगातार राजस्व अधिकारियों के चक्कर काट रही है, लेकिन मदद कहीं से नहीं मिली। बकरियां बेचकर दिए 20 हजारटिकरिया गांव में रहने वाली बेल बाई दो दिन पहले नामांतरण की समस्या लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं। यहां भी हर बार की तरह उन्हें आश्वासन मिला कि जल्द काम हो जाएगा। बेल बाई का आरोप है कि 2024 में कुंडम तहसील में आवेदन लेकर गई थीं। वहां तहसीलदार के कंप्यूटर ऑपरेटर ने 20 हजार रुपए मांगे थे। तहसीलदार ने बाबू के पास भेज दियाबेल बाई बैगा ने दैनिक भास्कर को बताया कि बेटा अगस्त 2025 को नोटिस लेकर तहसील कार्यालय कुंडम गया तो बाबू संतोष बर्मन एवं तहसीलदार वीर सिंह धुर्वे से मिला। बताया कि फौती नामांतरण कार्यालय में लंबित है। तब तहसीलदार ने बाबू ऑपरेटर संतोष बर्मन के पास भेजा। बाबू ने कहा कि तुम 20 हजार रुपए दे दो तो तुम्हारा फौती नामांतरण करवा दूंगा। हमारे पास 20 से 25 बकरियां थीं, जिसमें कुछ बेचकर बाबू को पैसे दिए। बकरी चराकर चलता है परिवारपति जंगलिया की मौत के बाद से जमीन पर खेती होना बंद हो गई। तब से बेल बाई बकरी चराकर जीवन-यापन कर रही हैं। उनका कहना है कि यदि जमीन उनके नाम हो जाए, तो जमीन से कुछ आमदनी होने लगेगी। अगर जमीन नाम पर हो जाएगी, तो उसे सिकमी देकर चार पैसे आ जाएंगे, लेकिन जब तक जमीन मेरे नाम नहीं होती तब तक सिकमी नहीं दे सकते हैं। खेत से कटे 49 पेड़, 40 लाख का दावा2019 में जंगलिया बैगा के जीवित रहते कुछ लोग उनके पास आए और खेत में लगे सागौन, कोहा, साजा, कोसम, मुंडी और गुंजा के करीब 49 पेड़ कटवाने की बात कही। इसके लिए वन विभाग के कर्मचारियों के साथ कलेक्टर कार्यालय में आवेदन भी कराया गया। कहा गया कि पेड़ कटने पर करीब 40 लाख रुपए मिलेंगे। जंगलिया को सिहोरा ले जाकर एक निजी बैंक में खाता खुलवाया गया और भरोसा दिलाया गया कि रकम खाते में आएगी। इसी बीच जंगलिया की मौत हो गई। खेत से पेड़ कट गए, लेकिन एक रुपया भी नहीं मिला। जब बेल बाई ने वन विभाग से पैसे मांगे तो कहा गया कि जमीन अभी पति के नाम है, पहले फौती नामांतरण कराओ, फिर देखा जाएगा। इसके बाद से ही वे नामांतरण के लिए दर-दर भटक रही हैं। संरक्षण के दावे, हकीकत अलगसरकार की ओर से बैगा जनजाति को संवैधानिक और कानूनी संरक्षण देने के दावे किए जाते हैं। उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला है और शिक्षा, रोजगार व भूमि अधिकारों के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं। बावजूद इसके बेल बाई बैगा इन तमाम योजनाओं से दूर अकेले ही सिस्टम से लड़ने को मजबूर हैं।
एमआर 11:बायपास व कॉलोनियों के एंट्री पाइंट पर लगेंगे ओवरहेड बैरियर, ताकि भारी वाहन न आ सकें
एमआर-11 पर पुलिया निर्माण के चलते ट्रैफिक की हो रही फजीहत को लेकर अफसरों ने शुक्रवार को मौका मुआयना किया। अफसरों ने पाया कि जहां पुलिया निर्माण का काम हो रहा है, वह पुलिया मिट्टी धंसने से गंभीर है, भारी वाहनों की आवजाही से कभी भी धंस सकती है। इसलिए बायपास पर निपानिया व आसपास की कॉलोनी के पास एंट्री पाइंट पर ओवरहेड बैरियर लगाए जाएंगे, जिससे भारी वाहन प्रवेश नहीं कर सकेंगे। इससे बार-बार लगने वाले जाम से वाहन चालकों को राहत मिलेगी। सभी भारी वाहन एमआर 10 से होकर ही जाएंगे। दौरे के बाद शाम को यहां ट्रैफिक संतुलित नजर आया। भारी वाहनों के प्रवेश बंद होते ही यहां से गुजरने वाले रहवासियों ने भी राहत महसूस की। शुक्रवार को डीएसपी ट्रैफिक आनंद कलादगी, आईडीए इंजीनियर दिनेश गोयल और एसीपी ट्रैफिक मनोज खत्री ने दौरा किया। कलादगी ने खतरनाक हो रही पुलिया से तत्काल भारी वाहनों की आवाजाही रोकी। वहीं आईडीए इंजीनियर दिनेश गोयल को निर्देशित किया कि वे पुलिया के मुख्य मार्ग से एक अलग से कच्चा टेम्परी मार्ग तैयार करें ताकि छोटे वाहनों की आवाजाही सुरक्षित ढंग से हो सके। टाउनशिप के बीच का संकरा रास्ता चौड़ा करने के निर्देश दिए इधर, इस रूट पर पिनेकल ड्रीम्स व एक अन्य टाउनशिप के पास से बीच का संकरा व कच्चा रास्ता भी अफसरों ने देखा। इस रास्ते को दुरुस्त कर यहां दीवार हटाकर इसे पुलिया निर्माण तक आवागमन के लिए चौड़ा करने के निर्देश भी दिए। यदि ये रास्ता चौड़ा होगा तो काफी हद तक ट्रैफिक यहां से भी गुजर सकेगा। इससे जाम नहीं लगेगा।
ईयर एंडिंग व न्यू ईयर पर घूमने जाने वालों की संख्या बढ़ने से इंदौर से चलने वाली फ्लाइट में यात्रियों को दोगुना तक किराया देना पड़ रहा है। इंदौर से शारजाह जाने वाली इंटरनेशनल फ्लाइट का एक तरफ का किराया 45 हजार व राउंड फेयर 60 हजार रुपए तक पहुंच गया है। इंदौर-गोवा के बीच वन-वे फेयर 11 हजार तक, वहीं राउंड फेयर 22 हजार रुपए तक लग रहा है। यही स्थिति बैंगलुरु, मुंबई, दिल्ली सहित अन्य रूट पर चलने वाली फ्लाइट की भी है, जबकि सरकार पहले ही दाम बढ़ाने पर फेयर कैप लागू कर चुकी है। खास बात यह है कि सिर्फ ईयर एंडिंग व न्यू ईयर ही नहीं, पूरे जनवरी और फरवरी में भी हाई फेयर है। आगे के दिनों में शारजाह का राउंड फेयर 34 हजार रुपए तक आ रहा है। इंदौर से जाने का फेयर महंगा : ट्रैवल्स एसोसिएशन इस वर्ष इंदौर से जाने वाली फ्लाइट का किराया काफी हाई होने के साथ ही आने वाली फ्लाइट के किराए में भी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन यह इतनी ज्यादा नहीं है। इंदौर से शारजाह का वन-वे फेयर आम दिनों में 13-15 हजार रुपए तक का होता है, लेकिन ईयर एंड पर 45 हजार रुपए तक पहुंच गया है। इसी तरह गोवा, मुंबई, दिल्ली, बैंगलुरू, पुणे सहित अन्य रूट पर हाईफेयर है। किराया दोगुना से भी ज्यादा चल रहा है।- हेमेंद्रसिंह जादौन, ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रदेश अध्यक्ष फेयर कैप लागू कर रखी, फिर भी वसूल रहे हाई फेयरपिछले महीने इंडिगो की फ्लाइट लगातार निरस्त हुई थीं, इस कारण दूसरी एयरलाइंस ने फेयर काफी बढ़ा दिया था। कई मौके पर तो यात्रियों ने छह गुना ज्यादा तक किराया दिया था। इसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए यात्रियों को महंगे टिकटों से बचाने के लिए किराया सीमा (फेयर कैप) लागू कर दी थी। हालांकि ईयर एंडिंग व न्यू ईयर पर एयरलाइंस कंपनी ने किराया फिर बढ़ा दिया है।
बिहार में बर्फीली हवा ने कनकनी और ज्यादा बढ़ा दी है। मौसम विज्ञान केंद्र ने आज यानी शनिवार को 38 जिलों के लिए कोल्ड डे और घने कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। पटना, भोजपुर, बेतिया, बगहा, गोपालगंज समेत 20 से ज्यादा शहरों में सुबह-सुबह घना कोहरा छाया है। विजिबिलिटी जीरो है। लोग सड़कों पर गाड़ी की लाइट जलाकर चल रहे हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, ठंडी पछुआ हवा के कारण न्यूनतम तापमान लगातार गिर रहा है। 8 जिलों का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे नीचे पहुंच गया है। बीते 24 घंटे में पटना, जहानाबाद, बेतिया, बगहा, समस्तीपुर सहित कई जिलों में घना कोहरा दिखा। न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि, आने वाले दिनों में तापमान में और गिरावट की संभावना है। प्रदेश के कई हिस्सों में न्यूनतम तापमान 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक और नीचे जा सकता है, जिससे ठंड और अधिक बढ़ेगी। मौसम से जुड़ी तस्वीरें देखिए... कोहरे के कारण हैदराबाद-दरभंगा फ्लाइट डायवर्ट शुक्रवार को घने कोहरे होने के कारण हैदराबाद से दरभंगा आ रही फ्लाइट को कोलकाता डायवर्ट किया गया है। 100 से ज्यादा यात्री कोलकाता में फंस गए। यात्रियों ने फ्लाइट के अंदर ही हंगामा शुरू कर दिया। हैदराबाद से दरभंगा आने वाली इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट संख्या 6E 537 को निर्धारित समय दोपहर 2.05 बजे दरभंगा में उतरना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण कोलकाता डायवर्ट कर दिया गया। दरभंगा उतरने वाले यात्री अचानक कोलकाता पहुंच गए। पहाड़ों में बर्फबारी और पश्चिमी विक्षोभ का असर मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि, उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में लगातार बर्फबारी हो रही है। इसके साथ ही पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय है। इसका असर प्रदेश के ऊपर पड़ रहा है और न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। इसका परिणाम यह है कि दिन-रात शीतलहर जैसी स्थिति बनी हुई है। पटना में आज कैसा रहेगा मौसम राजधानी में भी ठंड अधिक महसूस की जा रही है। आज सुबह में घना कोहरा छाए रहने की संभावना है, जिससे विजिबिलिटी काफी कम हो सकती है। न्यूनतम तापमान में भी गिरावट आएगी। दिन में धूप निकलेगी, लेकिन ठंड से राहत नहीं मिलेगी। आने वाले 4-5 दिनों तक कोई राहत नहीं मौसम विज्ञान केंद्र ने चेतावनी दी है कि अगले 4 से 5 दिनों तक ठंड से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं है। खासकर उत्तर, उत्तर-मध्य और दक्षिण-पूर्व बिहार में कोल्ड डे जैसी स्थिति बनी रह सकती है। लोगों को सतर्क रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और ठंड से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम करने की सलाह दी है।
अप्रैल से बिजली 10% महंगी हो सकती है, मार्च में होगा फैसला
नए वित्तीय वर्ष में अप्रैल से बिजली की दाम 10 प्रतिशत बढ़ सकते हैं। पश्चिमी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2026-27 की बिजली दरों के लिए प्रस्ताव बनाकर पॉवर मैनेजमेंट कंपनी को भेज दिया है। प्रस्ताव स्वीकार होने के बाद आयोग मार्च में इंदौर, भोपाल और जबलपुर में जनसुनवाई करेगा। तीनों कंपनी की ओर से दायर की गई अर्जी स्वीकार होने के बाद आम जनता से दावे-आपत्तियां बुलाई जाएंगी। आयोग हर आपत्ति की सुनवाई करेगा। इसके बाद नए वित्तीय वर्ष के लिए दरें जारी की जाएंगी। 1 अप्रैल से नई दरें प्रभावी होंगी। हालांकि अब तक का ट्रेंड बताता है कि आयोग ने कभी भी कंपनियों की मांग के अनुरूप पूरी बढ़ोतरी मंजूर नहीं की है। आमतौर पर 6 से 7% के बीच ही बिजली महंगी की जाती रही है। इतनी वृद्धि होने पर घरेलू उपभोक्ताओं के बिल में औसतन 20 से 25 रुपए प्रतिमाह का भार पड़ता है। इंदौर में हैं 8 लाख उपभोक्ता प्रदेश में जब बिजली की सर्वाधिक मांग 19572 मेगावाट थी, उस दौरान इंदौर व उज्जैन संभाग में सर्वाधिक 7640 मेगावाट दर्ज हुई। इंदौर में 8 लाख बिजली उपभोक्ता हैं।
पंजाब और चंडीगढ़ में आज (शनिवार) को लोगों को घनी धुंध का सामना करना पड़ेगा। यह स्थिति आने वाली एक जनवरी तक बनी रहेगी। हालांकि, इस दौरान किसी तरह की बारिश की संभावना नहीं है। पिछले 24 घंटे में राज्य के न्यूनतम तापमान में 2 डिग्री की बढ़ोतरी हुई है, जो सामान्य तापमान से 3 डिग्री अधिक रहा है। राज्य में सबसे ठंडा गुरदासपुर रहा, जहां तापमान 6 डिग्री दर्ज किया गया। जबकि पटियाला में मैदानी इलाकों का सबसे कम अधिकतम तापमान 14.6C दर्ज किया गया है। लोगों को ठंड से बचने के लिए पंजाब सेहत विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। साथ ही अगर स्थिति ठीक न लगे तो तुरंत डॉक्टरी सहायता की सलाह दी है। अमृतसर और हलवारा में जीरो डिग्री विजिबिलिटी दर्ज की गई। इसी तरह लुधियाना और पटियाला में घना कोहरा रिकॉर्ड हुआ है। पहाड़ों पर बर्फ गिरेगी, तापमान बढ़ेगा मौसम विभाग के अनुसार 27 दिसंबर से हिमालयी क्षेत्र में एक नया कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। इस वजह से कुछ समय के लिए तापमान बढ़ेगा, जबकि 30 दिसंबर को दूसरा पश्चिमी विक्षोभ आएगा। इस वजह से पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फ गिर सकती है। आज ऐसा रहेगा मौसम पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, बठिंडा, लुधियाना, बरनाला, मानसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला और एसएएस नगर (मोहाली) में कहीं-कहीं घने से बहुत घने कोहरे की संभावना है। मौसम शुष्क रहने की संभावना है। अगले 07 दिनों तक मौसम ड्राई रहने की संभावना है। राज्य में अगले 07 दिनों के दौरान न्यूनतम तापमान में कोई बड़ा बदलाव नहीं होने की उम्मीद है। 28 दिसंबर - पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट, मुक्तसर, मोगा, बठिंडा, लुधियाना, बरनाला, मानसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला और एसएएस नगर (मोहाली) में कुछ स्थानों पर घना से बहुत घना कोहरा छाने की संभावना है। मौसम ड्राई बना रहने की संभावना है। 29 दिसंबर - होशियारपुर, रूपनगर और एसएएस नगर (मोहाली) में अलग-अलग स्थानों पर बहुत घना कोहरा रहने की संभावना है, जबकि फिरोजपुर, फाजिल्का, फरीदकोट और मुक्तसर में अलग-अलग स्थानों पर घना कोहरा छा सकता है। मौसम ड्राई बना रहने की संभावना है। 30 दिसंबर - अमृतसर, तरनतारन, नवांशहर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब और पटियाला में कुछ स्थानों पर घना कोहरा छाने की संभावना है। मौसम ड्राई बने रहने की संभावना है।
डीसीजीआई के 11 अप्रैल 2025 को जारी आदेश में जिन 35 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) के निर्माण और बेचने पर प्रतिबंध लगाया गया था, वे दवाएं थोक बाजार में भी बेची जा रही हैं। इंदौर के दवा बाजार में थोक दवा व्यापारी ये दवाएं सप्लाई कर रहे हैं। अनअप्रूव्ड दवाएं सूरत (गुजरात), मुंबई (महाराष्ट्र), सोलन (हिमाचल प्रदेश), नई दिल्ली में बनती हैं। इन दवाओं पर ही मेकर्स और मार्केटिंग कंपनियों के नाम-पते छपे हैं फिर भी विभाग इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इंदौर से ही धार, देवास, उज्जैन और आसपास के जिलों में सप्लाई होती है। दवा बाजार में थोक दुकानों पर कुछ ही मात्रा में दवाएं रखी जाती हैं। बाकी दवाओं को गोदाम से मंगवाकर दे दिया जाता है। वहीं उज्जैन में इन दवाओं को तीन बत्ती चौराहा स्थित दवा बाजार में कुछ चुनिंदा व्यापारी ही रखते हैं। बिना बिल के देते हैं छोटे व्यापारी को दवाईभास्कर ने रिटेल व्यापारी के तौर पर इंदौर के दवा बाजार में थोक व्यापारियों से अनअप्रूव्ड दवाएं मांगीं तो उन्होंने कुछ मात्रा में दवाई दे दी। जब उनसे ज्यादा मात्रा की मांग की तो उनका कहना था कि एक दिन रुकिए, कल तक मंगवा देंगे। कल कैसे आएगी तो उन्होंने बताया कि देवास नाका पर बड़े डीलरों के गोदाम हैं। वहां से मंगवाकर देंगे। जो दवाई मिली थी, उसका भी बिल नहीं दिया।(भास्कर के पास इसका वीडिया मौजूद है) जनऔषधि केंद्र वाले मंगवाकर दे रहे दवाईदवा बाजार स्थित पीएम जनऔषधि केंद्र पर अनअप्रूव्ड दवाएं नहीं थीं। दुकानदार ने कुछ देर इंतजार करने को कहा। दुकान से लड़के को भेजकर दवाई मंगवाई और हमें दे दी। केस-1: दवा बाजार के तलघर में दक्ष फार्मा की दुकान से भास्कर ने कई एफडीसी दवाएं मांगी तो उन्होंने निकालकर दे दीं। बिल मांगा तो नहीं दिया और पेमेंट ले लिया। केस-2: दवा बाजार के पहले तल मेडिट्रेड एजेंसी से हमने एफडीसी दवाएं मांगी। दुकानदार ने दवाएं दे दीं। ज्यादा मात्रा में मांगी तो वह बोला- आज माल नहीं है, कल मिल जाएगा। अब भी बिक रहीं तो कार्रवाई करेंगे जो FDC बैन की गई थी, उसी दिन से हमने एसोसिएशन के सदस्यों व दवा बाजार के दुकानदारों को इन्हें बेचने की रोक लगाई थी। फिर भी बिक रही है और बिना बिल के, तो कार्रवाई करेंगे। -विनय बाकलीवाल, अध्यक्ष इंदौर दवा बाजार व्यापारी संघ
अव्यवस्था:भेरूघाट पर 10 घंटे लगा जाम, रात आठ बजे बाद बलवाड़ा घाट पर भी फंसी गाड़ियां
खंडवा रोड स्थित भेरूघाट पर शुक्रवार सुबह से जाम लग गया। जाम भेरूबाबा मंदिर से शुरू हुआ और सिमरोल गांव तक पहुंच गया। करीब 10 किमी तक लोग गुत्थम-गुत्था होते रहे। यह हालात सुबह 10 बजे से लेकर देर रात तक चलते रहे। इस दौरान वाहन सिर्फ रेंगते हुए चलते रहे। स्थिति ऐसी बिगड़ चुकी थी कि पुलिस की टीमें भी जाम को खुलवा नहीं पा रही थी। सबसे खराब हालत तो भेरूघाट की रही। यहां वाहनों को निकलने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। ग्रामीण भी मदद के लिए पहुंचे, लेकिन वे भी जाम के आगे बेबस रहे। हालांकि रात आठ बजे भेरूघाट पर लगा जाम खुल गया, लेकिन बलवाड़ा घाट पर लग गया। जाम की एक वजह निर्माण कार्य के कारण एक ही लेन में दोनों तरफ के वाहनों का आमने-सामने आ जाना रहा। भास्कर एक्सपर्ट - अविनाश मालवीय, इंजीनियर पुरानी सड़क पर इतने गड्डे कि बिगड़ी हालतएनएचएआई और मेघा कंपनी ने 6 लेन बनाना शुरू तो कर दिया है, लेकिन पुरानी सड़क को नजरअंदाज कर दिया। जबकि उन्हें पहले वह पुरानी सड़कें भी सुधारना थी, जिस पर अभी ट्रैफिक चल रहा है। इस रोड पर काफी गड्ढे हैं। इस वजह से भी वाहनों की गति और लेन बिगड़ी है। अभी भी वक्त है, यदि ये सड़क नहीं सुधरी तो बड़े जाम लगने में देरी नहीं लगेगी। 2 घंटे का सफर 6 घंटे में हुआ इंदौर से बड़वाह जाने के लिए कार से निकले विजेद्र सिंह ने बताया कि सुबह का समय देख सोचा था कि जल्दी लौट आऊंगा, लेकिन बड़वाह पहुंचने में जहां 2 घंटे लगना थे वहां 6 घंटे लग गए। आने में तो मैंने मंडलेश्वर से सेंधवा बायपास होते हुए राऊ बायपास आने वाला रास्ता चुना। सुबह इंदौर की तरफ से ढेरों कारें आने लगी। अचानक भीड़ बढ़ने लगी और एका-एक घाट के नीचे से जाम लगना शुरू हो गया। अधिकांश कार वाले बड़े दिनों कि छुटि्टयां मिलने पर परिवार को लेकर ओंकारेश्वर-खंडवा रूट पर निकले थे। इतनी ज्यादा गाड़ियां हो गई कि जाम बढ़ने लगा। इंदौर-खंडवा रोड के अलावा तलाईनाका-महू रोड भी जाम होने लग गया।
आदिवासी बाहुल्य उदयपुर जिले में ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर बदलने की तैयारी है। प्रदेश सरकार अब ऐसी व्यवस्था करने जा रही है कि गांवों से मरीजों को उपचार के लिए शहर तक दौड़ नहीं लगानी पड़े। इसके लिए भींडर में 59 करोड़ से नया जिला अस्पताल बनाया जा रहा है। इसका काम भी शुरू हो चुका है। ये अस्पताल करीब 3 हेक्टेयर क्षेत्र में बन रहा है। इसके अलावा झाड़ोल-कोटड़ा-गोगुंदा और बड़गांव में 42-42 करोड़ के सब डिविजनल हॉस्पिटल बनेंगे। इनका काम भी जल्द शुरू होगा। बड़गांव में सेटेलाइट अस्पताल की नई बिल्डिंग बनेगी। इसके लिए जमीन का चयन इसी सप्ताह होने की संभावना है। फतहनगर में भी 10 करोड़ की लागत से नया ट्रोमा सेंटर बनाया जा रहा है। इन सभी कामों के लिए सरकार ने वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी है। झाड़ोल-कोटड़ा-गोगुंदा और बड़गांव हॉस्पिटल के काम जनवरी 2026 में शुरू हो जाएंगे। ये सभी अस्पताल 10-10 बीघा जमीन पर बनेंगे। फतहनगर में भी ट्रोमा सेंटर निर्माण का काम भी नए साल में शुरू हो जाएगा। इसका टेंडर भी किया जा चुका है। चुनौती...विशेषज्ञ चिकित्सकों के 52 में से 30 पद रिक्त नए अस्पतालों में में सबसे बड़ी चुनौती विशेषज्ञ चिकित्सकों की रहेगी। क्योंकि, ऐसे चिकित्सकों को गांवों में रोकना आसान नहीं होगा। अभी जिले के विभिन्न अस्पतालों में एनेस्थिसिया, ऑर्थोपेडिक, पीडियाट्रिक, स्त्री रोग, ईएनटी, सर्जन व चेस्ट फिजिशियन लगे हुए हैं। विशेषज्ञ चिकित्सकों के कुल 52 पद हैं। इनमें से 30 पद रिक्त हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 21 चिकित्सकों के पद रिक्त पड़े हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी इतने ही पद रिक्त हैं। ये फायदा : नए भवन से सुविधाएं बढ़ेंगी, रात में रुक सकेगा स्टाफअधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में भवन पुराने और जर्जर हो चुके हैं। वहां पर बने स्टाफ क्वार्टर भी काफी पुराने हैं। ऐसे में स्टाफ का रात रुकना भी मुश्किल रहता है। इन सभी स्थानों पर नए भवन बनने से उपचार की नई राह खुलेगी। गांवों में शहर जैसे अस्पताल बनने से लोगों को उदयपुर शहर तक की दौड़ नहीं लगानी होगी। उन्हें अपने ही क्षेत्र में शहर जैसे माहौल में बेहतरीन उपचार मिल सकेगा। सीएमएचओ बोले- भींडर में काम शुरू, दूसरी जगह पर भी जल्द होगा सीएमएचओ डॉ. अशोक आदित्य का कहना है कि भींडर जिला अस्पताल का काम शुरू हो चुका है। झाड़ोल, कोटड़ा व गोगुंदा में डीएमएफटी फंड से काम होने वाला है। इसकी वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी है। सभी के मैप और कार्ययोजना तैयार हो चुकी है। नए भवनों में हर तरह की सुविधाएं मिलेंगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को इलाज के लिए शहर की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी।
जिले में रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए साल 2020 में नमकीन क्लस्टर स्थित रेशम केंद्र परिसर में ही 1.25 करोड़ रुपए की लागत से रेशम प्रशिक्षण केंद्र बनाया। यहां रेशम उत्पादन से जुड़े किसानों को प्रशिक्षित किया जाना था। 5 वर्षों में एक भी किसान को ट्रेनिंग नहीं दी गई। इस केंद्र के ताले ही नहीं खुले हैं। किसानों को रेशम कीट पालन, उत्पादन, शहतूत के पौधे लगाने संबंधित प्रशिक्षण देने के लिए यह प्रशिक्षण केंद्र बनाया गया था। यहां एक बार में 30 किसानों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था है। प्रशिक्षण के लिए लाखों रुपए खर्च कर प्रोजेक्टर, बर्तन, मेस, कुर्सियां, कंप्यूटर सेटअप, जनरेटर आदि तक खरीद लिए गए। हितग्राहियों के रुकने के लिए बेड भी लगा दिए गए। लेकिन ये यहां धूल खा रहे हैं। 11.88 एकड़ जमीन भी विभाग के हाथों से गईयशवंत सागर स्थित रेशम फैक्ट्री की 9 एकड़ जमीन राजस्व के पास चली गई और वहां गोशाला बन गई है। वहीं किशनगंज में मुख्य सड़क के पास 2.88 एकड़ जमीन भी अब स्वास्थ्य विभाग के पास है। वर्तमान में विभाग के पास धारनाका रेशम केंद्र की 4 और नमकीन क्लस्टर रेशम केंद्र की 3 एकड़ जमीन ही बची है। होलकर काल में दक्षिण से इंदौर पहुंचा रेशम दक्षिण से एक परिवार होलकर रियासत को रेशम की सप्लाई किया करता था। देवी अहिल्याबाई होलकर ने महेश्वर में भारतवर्ष से कुशल कारीगरों को बुलवाकर रेशम उद्योग की स्थापना की थी। इंदौर में रेशम वाली गली भी है। रेशम की रिसर्च और इसके उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए महाराजा यशवंत राव होलकर ने काफी प्रयास किए थे। इनमें रेशम का उत्पादन, डाई करना, सुखाना आदि शामिल था। इसके लिए रियासत में एक अलग विभाग था।-जफर अंसारी, इतिहासकार
पर्यटन सीजन में सफर की चुनौती:हवाई किराया दोगुना, ट्रेनों में लंबी वेटिंग, बसों में भी टिकट महंगा
उत्सवों के बीच 27 दिसंबर से 4 जनवरी तक हवाई किराया 100 प्रतिशत तक महंगा हो गया है। उदयपुर-जयपुर के बीच सामान्य दिनों में किराया 5 से 8 हजार रुपए तक था, जो न्यू ईयर के इन 9 दिनों में 8500 से 16 हजार रुपए तक पहुंच चुका है। उदयपुर-दिल्ली का किराया 5500 से 8 हजार से बढ़कर 8 से 14 हजार रुपए, उदयपुर-मुंबई का किराया 5500 से 8 हजार रुपए तक रहता है, जो 8500 से 17 हजार रुपए तक पहुंच गया है। इसी तरह उदयपुर-बेंगलुरु का किराया 10 से 14 हजार था, जो अब 13 से 17 हजार रुपए, उदयपुर-हैदराबाद का किराया 10 से 14 हजार था, जो अब 13 से 17 हजार रुपए पर जा पहुंचा है। उदयपुर-इंदौर का 3 से 4 हजार था, जो अब 4 हजार 500 से 7 हजार 500 रुपए तक महंगा हो गया है। टूरिस्ट सीजन के बीच विमानों-ट्रेनों के साथ बसों में भी यात्रीभार का दबाव देखा जा रहा है। बस ट्रांसपोर्ट से जुड़े कारोबारियों के अनुसार अहमदाबाद से उदयपुर के बीच रोज 150 बसें चलती हैं। ये सभी अभी फुल चल रही हैं। इनमें एसी स्लीपर का किराया 1200 रुपए से बढ़कर 1500 रुपए तक हो गया है। सीटर बसों में वीकेंड और सीटें ज्यादा बुक होने से 10 से 15% किराया बढ़ रहा है। 5 जनवरी तक इस रूट पर किराये में इसी तरह की तेजी रहेगी, क्योंकि गुजरात के ज्यादातर लोग न्यू ईयर मनाने राजस्थान ही आते हैं। दूसरी ओर, रोडवेज में भी एडवांस में टिकट बुक हो रहे हैं। जयपुर से उदयपुर के लिए हर रोज तीन वोल्वो बसें उपलब्ध हैं। इनमें 30% टिकट ऑनलाइन बुक हो गए हैं। अगले 5 दिन तक यही स्थिति रहेगी।
इस वर्ष रिकॉर्ड 12 हजार से ज्यादा नए वकील मिले, इंदौर पहले, भोपाल दूसरे व ग्वालियर तीसरे स्थान पर
प्रदेश के युवाओं को वकालत भा रही है। वर्ष 2025 खत्म होना बाकी है और मप्र स्टेट बार काउंसिल में अब तक 12 हजार से ज्यादा वकीलों के रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं। साल खत्म होने तक संख्या में बढ़ोतरी तय है। ये आंकड़ा वर्ष 2024 में 10,349 और 2023 में 8,042 था। मप्र के प्रमुख जिलों की बात करें तो जबलपुर, भोपाल और ग्वालियर को पीछे छोड़ते हुए इंदौर से इस साल 1676 वकील स्टेट बार में रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। भोपाल दूसरे, ग्वालियर तीसरे और जबलपुर चौथे स्थान पर है। अगले साल ही मप्र स्टेट बार काउंसिल के चुनाव भी प्रस्तावित हैं। 25 पदों के लिए ये नए वकील भी मतदान करेंगे। इसलिए इंदौर बना नंबर-1
हिमसागर सहित 5 ट्रेनों की स्पीड बढ़ी, जनवरी से टाइमिंग बदलेगी
नए साल की शुरुआत के साथ ही रेल यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। 1 जनवरी 2026 से उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल सहित बीना-पलवल सेक्शन पर चलने वाली कई ट्रेनों के आगमन और प्रस्थान समय में बदलाव किया जा रहा है। साथ ही कुछ प्रमुख एक्सप्रेस ट्रेनों की यात्रा अवधि घटाने के लिए उनकी स्पीड बढ़ेगी। टाइम-टेबल में बदलाव के तहत भोपाल-ग्वालियर इंटरसिटी एक्सप्रेस (12197) अब ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर 3 मिनट पहले पहुंचेगी। अभी यह ट्रेन रात 11:58 बजे ग्वालियर आती है, जबकि संशोधित समय के बाद यह रात 11:55 बजे पहुंचेगी। इसी तरह वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी-लखनऊ इंटरसिटी एक्सप्रेस (11109) अब झांसी से 5 मिनट पहले रवाना होगी। बीना-पलवल सेक्शन पर 130 किलोमीटर से दौड़ेंगी ट्रेन स्पीड बढ़ाने के फैसले के तहत बीना-पलवल मार्ग पर चलने वाली 5 प्रमुख ट्रेनों के संचालन समय में 10 मिनट की कटौती की गई है। इनमें ट्रेन नंबर 16031 अंडमान एक्सप्रेस, 11449 जबलपुर-श्री वैष्णोदेवी कटरा एक्सप्रेस, 16787 तिरुनेलवेली-श्री माता वैष्णोदेवी कटरा एक्सप्रेस, 16317 हिमसागर एक्सप्रेस और 20493 चंडीगढ़ एक्सप्रेस शामिल हैं। इन ट्रेनों की गति बढ़ने से यात्रियों को कम समय में गंतव्य तक पहुंचने का लाभ मिलेगा। रेल प्रशासन के अनुसार, ये ट्रेनें अब इस सेक्शन में करीब 130 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ रही हैं। इसलिए ट्रेनों की टाइमिंग में बदलाव किया है।
एक्सपर्ट - मोहर सिंह जादौन, रिटायर्ड कार्यपालन यंत्री पीडब्ल्यूडी देश के ऐतिहासिक मेलों में शुमार ग्वालियर मेले के झूला सेक्टर में सबसे ज्यादा सैलानी पहुंचते हैं। यहां रोजाना 45 से 48 हजार सैलानी यहां आते हैं। आप किसी भी समय पहुंचे 5 से 7 हजार सैलानी इस सेक्टर में मिलते ही हैं, लेकिन इतनी भीड़ के हिसाब से झूलों सेक्टर में सुरक्षा इंतजाम नहीं रहते। पिछले वर्ष एक झूले से महिला गिरी थी जो गंभीर रुप से घायल हुई और कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहकर इलाज कराना पड़ा। जब जांच हुई तो पता चला कि क्षमता से अधिक सैलानी झूले में बैठाए थे। सुरक्षा मानकों का पालन नहीं हो रहा था। ऐसे ही कई हादसे मेले के झूला सेक्टर में होते हैं। इन्हें रोकने और सुरक्षा इंतजाम के लिए ठोस कदम जरुरी है। एक साइड सड़क मिलती है, इसलिए हर झूले के तीनों तरफ 15-15 फीट जगह खाली छोड़ी जानी चाहिए। ताकि, किसी भी आपात स्थिति में फायर बिग्रेड, एम्बुलेंस मदद के लिए पहुंच सके। इस बार भी झूुले एक-दूसरे से सटाकर लगा दिए हैं। यानी इतने हादसे और जांच के बाद भी हालात नहीं बदले हैं। इसके परिणाम कभी भी बड़े नुकसान के तौर पर सामने आ सकते हैं। झूला सेक्टर के हालात... सड़क घेरकर टिकट और सॉफ्टी काउंटर लगाए बीते वर्ष हुआ झूला सेक्टर में हादसा, जांच कमेटी ने जो सुझाव दिए उनकी भी अनदेखी (ये बिंदु 2024 में हुए हादसे के बाद हुई जांच में तत्कालीन एसडीएम अशोक चौहान ने दिए थे।) अफसरों ने जिम्मेदारी को बनाया फुटबॉलमेरी नहीं, भास्कर सक्सेना की जिम्मेदारी सुनील त्रिपाठी/ मेला सचिव झूला सेक्टर में सुरक्षा नियमों का पालन कराया गया है?इसकी जिम्मेदारी भारी मशीनरी संभाग के भास्कर सक्सेना की है, मेरी नहीं। सभी झूले एक दूसरे से चिपकाकर लगा दिए गए हैं, आप सचिव हैं। क्या आपके स्तर से नियमों के पालन के लिए कोई सख्ती की गई?मुझे इससे क्या करना, झूले का पूरा काम सक्सेना ही देखेंगे। सचिव होने के नाते मेले में सुरक्षा इंतजाम और नियमों का पालन कराना आपके दायित्व में नहीं हैं क्या? ये सब काम मेरे नहीं है। भास्कर सक्सेना, कार्यपालन यंत्री/भारी मशीनरी संभाग मेले में बिना जगह छोड़े झूले लगे हैं, आपने रोके नहीं?हमें जांच समिति में रखा गया है, झूले लगवाने की जिम्मेदारी प्राधिकरण की हैं। प्राधिकरण ने ही ये झूले लगवाए हैं। नियमों का पालन नहीं होने पर आपने क्या किया?हमने नियम पालन कराने के लिए पत्र लिखा है। झूलों को एनओसी रोक दी है। सभी झूलों में अर्थिंग करने के लिए निर्देश दिए हैं। सीट बेल्ट स्टील के लगवा रहे हैं।
स्टेट हाइवे 20 की नोखा-बीदासर रोड पर शुक्रवार शाम करीब 5.30 बजे तेज रफ्तार में आ रहे ट्रक की टक्कर में बोलेरो में सवार देवर-भाभी सहित पांच लोगों की मौत हो गई। इनमें चार एक ही परिवार के हैं। हादसे में बोलेरो में सवार तीन लोग घायल हुए। हादसे में चार लोगों की मौके पर और एक की बीकानेर ले जाते समय रास्ते में मौत हुई। घटना के बाद ट्रक चालक मौके से भाग गया। बताया जा रहा है कि ट्रक की तेज रफ्तार के कारण उक्त हादसा हुआ। बोलेरो में सवार लोग किसी परिवाद को लेकर सांडवा थाने आए थे। एसएचओ ने बताया कि बोलेरो में आठ लोग सवार थे। उनमें से उम्मेद सिंह (55) पुत्र नवल सिंह, प्रहलाद सिंह (35) पुत्र भंवर सिंह, राजू कंवर (35) पत्नी मदन सिंह निवासी लालगढ़ व दलीप सिंह (25) पुत्र भवानी सिंह निवासी श्यामसर की मौके पर मौत हो गई। स. माधोपुर : कार-ट्रेलर की भिड़ंत, मामा-भांजे की मौत बौंली (सवाई माधोपुर) | दतुली पंचायत क्षेत्र के मोरेल नदी से गुजर रहे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर गुरुवार रात सड़क हादसे में कार चालक गुजरात के बरोड़ निवासी कमल गोहिल (35) की मौत हो गई। उसके भांजे गुजरात के भावनगर निवासी तेजस सोलंकी (32) ने इलाज के लिए एसएमएस अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया। एक्सप्रेस-वे के चैनेज संख्या 246 के पास अप लाइन पर कार चालक का संतुलन बिगड़ गया।और आगे चल रहे ट्रेलर को पीछे से टक्कर मारती हुई मेडियन में पलटी खा गई। रिश्ते में दोनों मामा भांजा लगते थे। पेट्रोलिंग टीम को घटना की जानकारी मिली तो उसने दौसा पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। क्षेत्र बौंली का होने पर लालसोट थाने के सिपाही ने घटना के बारे में बौंली थाने पर सूचना दी। सीआई जितेन्द्र सिंह और एएसआई मुरारी लाल मीना एनएचएआई की एम्बुलेंस लेकर घटना स्थल पहुंचे, तब तक कार चालक की मौत हो गई थी, जबकि उसके साथ सवार भांजा गंभीर घायल था। दोनों को एम्बुलेंस से सीएचसी बौंली लाया गया। चिकित्सकों ने गुजरात के बरोड़ निवासी कार चालक कमल गोहिल (35) को मृत घोषित कर दिया। गंभीर घायल भांजे को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया, लेकिन 108 और एनएचएआई की 1033 एम्बुलेंस चालक ने जाने से मना कर दिया। इस पर सीआई जितेंद्र सिंह ने अपने खर्चे पर किराए की प्राइवेट एम्बुलेंस कर एसएमएस अस्पताल जयपुर के लिए रवाना किया। घायल गुजरात भावनगर निवासी तेजस सोलंकी (32) ने सांगानेर पहुंचते-पहुंचते दम तोड़ दिया। जिसको एसएमएस अस्पताल के चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस के अनुसार कार सवार दोनों मामा भांजा तीन दिन पहले निजी कार से पानीपत स्क्रैप खरीदने के लिए गए थे और गुरुवार सुबह एक्सप्रेस वे से वापस गुजरात लौट रहे थे। कार चला रहे मृतक कमल गोहिल की शादी नहीं हुई थी, जबकि उसके साथी तेजस्वी सोलंकी के 3 साल और के 5 साल की दो बेटियां हैं। कार की स्पीड अधिक होने से कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस के अनुसार शुक्रवार शाम को परिजन थाने पहुंचे और सीएचसी बौंली पर कमल गोहिल और एसएमएस में तेजस के शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम करवा कर शव परिजनों को सुपुर्द किए गए। स्क्रैप का कारोबार करते थे दोनों मृतकों के परिजनों के अनुसार दोनों गुजरात के भावनगर में स्क्रैप का कारोबार करते थे। पिछले दिनों गुजरात से निजी कार से स्क्रैप खरीदने के लिए पानीपत के लिए निकले थे। गुरुवार सुबह पानीपत के लिए वापस रवाना हुए थे। इसी बीच सवाई माधोपुर दौसा जिले की सीमा के पास मोरेल नदी पुलिया से पहले दुर्घटना में दोनों की मौत हो गई। ट्रोमा सेंटर होता तो बच सकती थी जान एम्बुंलेंस चालक के अनुसार तेजस्वी सोलंकी दर्द से तड़प रहा था। सिर में चोट से खून बह रहा था। बौंली में ट्रोमा सेंटर होता तो शायद उसकी जान बच जाती। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे पर आए दिन सड़क हादसों में घायल लोगों को स्थानीय स्तर पर उपचार मुहैया नहीं हो रहा है। कुस्तला टोल से जिला मुख्यालय दूर पड़ता है। बौंली के ट्रोमा सेंटर खुलने से घायलों को समय पर उपचार मिलने से उनकी जान बचाई जा सकती है। एक्सपर्ट व्यू - कार बार-बार पलटने से एयरबैग काम नहीं कर पाए कार एक्सप्रेस वे पर 120 की स्पीड से चल रही होगी। इसी दौरान चालक का संतुलन नींद पूरी नहीं होने पर झपकी आने से या फिर आगे चल रहे वाहन की स्पीड कम होने से भी दुर्घटना हो सकती है। कार के टकराने पर झटके से एयरबैग खुल गए होंगे, पर कार बार-बार पलटने से काम नहीं कर पाए। तीन से चार बार पलटी मारती हुई मेडियन में गिरी है, जिससे कार चालक और सवार दोनों फंस गए। कार के बार-बार पलटने से चालक या सवार का बचना मुश्किल हो जाता है। कार का लोहा क्षतिग्रस्त होने से बचाना मुश्किल हो जाता है। - सिराज खान, हेवी वाहन चालक एक्सपर्ट व्यू कार बार-बार पलटने से एयरबैग काम नहीं कर पाए कार एक्सप्रेस वे पर 120 की स्पीड से चल रही होगी। इसी दौरान चालक का संतुलन नींद पूरी नहीं होने पर झपकी आने से या फिर आगे चल रहे वाहन की स्पीड कम होने से भी दुर्घटना हो सकती है। कार के टकराने पर झटके से एयरबैग खुल गए होंगे, पर कार बार-बार पलटने से काम नहीं कर पाए। तीन से चार बार पलटी मारती हुई मेडियन में गिरी है, जिससे कार चालक और सवार दोनों फंस गए। कार के बार-बार पलटने से चालक या सवार का बचना मुश्किल हो जाता है। कार का लोहा क्षतिग्रस्त होने से बचाना मुश्किल हो जाता है। - सिराज खान, हेवी वाहन चालक एक की मौत हो गई थी, दूसरे ने रास्ते में दम तोड़ा लालसोट थाने के सिपाही से जानकारी मिलने पर ड्यूटी अधिकारी पुलिस जाब्ता लेकर मौके पर पहुंचे। दोनों को सीएचसी बौंली पर भर्ती करवाया गया। एक की मौत हो गई थी, जबकि दूसरे ने रास्ते में दम तोड़ दिया। दोनों के परिवार वालों को सूचना दी गई। - जितेंद्र सिंह सोलंकी, एसएचओ, बौंली
मध्यप्रदेश के 31 शहरों में भीषण सर्दी पड़ रही है। यहां न्यूनतम तापमान 10 सेल्सियस से नीचे है। जिन जिलों में उत्तर से बर्फीली हवाएं आ रही हैं, वहां दिन का तापमान 25 डिग्री से नीचे चल रहा है। इधर, कोहरे ने ट्रेनों की रफ्तार भी रोक दी है। आज भी राजधानी, झेलम, मालवा जैसी ट्रेनें निर्धारित समय से देरी से चल रही हैं। हिमालय के ऊपर पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) का असर खत्म हो गया है। इससे उत्तरी हवा एमपी में आ रही है। जिससे सर्दी बढ़ गई है। पचमढ़ी सबसे ठंडा है। यहां रात का तापमान 5 डिग्री से नीचे चल रहा है। गुरुवार-शुक्रवार की रात में पचमढ़ी में पारा 4.2 डिग्री पहुंच गया। इससे ओस की बूंदें भी जम गई। पचमढ़ी प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन है। कोहरे की वजह से ट्रेनें आ रही लेट शुक्रवार सुबह भोपाल, मंडला, रीवा, सतना, पचमढ़ी, दतिया, धार, गुना, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन, खजुराहो, नौगांव, अशोकनगर, झाबुआ, खंडवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, शाजापुर, सीहोर समेत कई जिलों में कोहरे का असर रहा। इस वजह से दिल्ली से भोपाल, इंदौर-उज्जैन की तरफ आने वाली ट्रेनें अपने निर्धारित समय से काफी लेट हो गईं। ऐसा ही असर शनिवार सुबह भी देखने को मिल रहा है। ग्वालियर, भिंड, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी और सिंगरौली में कोहरा छाया हुआ है। कोहरे और ठंड की वजह से आम जनजीवन पर भी असर पड़ रहा है। सुबह लोग अलाव जलाते हुए नजर आ रहे हैं। 5 बड़े शहरों में ग्वालियर सबसे ठंडाप्रदेश के 5 बड़े शहरों में ग्वालियर सबसे ठंडा है। यहां पारा 6.8 डिग्री रहा। भोपाल में 7 डिग्री, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर में पारा 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके अलावा कई शहरों में पारा काफी नीचे आ गया। मंदसौर में 4.6 डिग्री, शहडोल के कल्याणपुर में 4.9 डिग्री, शाजापुर में 5.4 डिग्री, रीवा में 5.5 डिग्री, शिवपुरी-खजुराहो में 6 डिग्री, नौगांव-दतिया में 6.2 डिग्री, उमरिया में 6.5 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं, करीब 25 शहरों में पारा 10 डिग्री से नीचे रहा। हिमालयी क्षेत्र में सिस्टम, बढ़ेगी ठंडमौसम विभाग के अनुसार, 30 दिसंबर को एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। इसका असर एमपी में भी देखने को मिलेगा। सर्द हवाओं की वजह से ठंड का मिजाज और भी बढ़ सकता है। जेट स्ट्रीम की रफ्तार 240 किमी प्रतिघंटावर्तमान में जेट स्ट्रीम भी चल रही है। उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में जेट स्ट्रीम का असर है। शुक्रवार को यह जमीन से 12.6 किलोमीटर की ऊंचाई पर 232 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बही। शनिवार को भी इतनी ही रफ्तार रहने का अनुमान है। क्या होती है जेट स्ट्रीम?मौसम एक्सपर्ट की माने तो प्रदेश में ठंड बढ़ने की वजह खास वजह जेट स्ट्रीम भी है। यह जमीन से लगभग 12 किमी ऊंचाई पर चलने वाली तेज हवा है। इस बार रफ्तार 262 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई है। यह देश के उत्तरी हिस्से में सक्रिय है। पहाड़ों से आने वाली बर्फीली हवा के अलावा ये ऊंची हवा सर्दी बढ़ा रही है। उत्तर के मैदानी इलाकों से जब ठंडी हवा और पहाड़ी इलाकों से बर्फीली हवा हमारे यहां आती है, तब तेज ठंड पड़ती है। यह सब उत्तर भारत में पहुंचने वाले मौसमी सिस्टम वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण होता है। ऐसे में यदि जेट स्ट्रीम भी बन जाए तो सर्दी दोगुनी हो जाती है। इस बार यही हो रहा है। लोगों के लिए यह अलर्ट.... नवंबर-दिसंबर में रिकॉर्ड तोड़ चुकी है सर्दीइस बार नवंबर के बाद दिसंबर में भी सर्दी रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। नवंबर में भोपाल में लगातार 15 दिन तक शीतलहर चली। रिकॉर्ड के अनुसार, साल 1931 के बाद शीतलहर के यह सबसे ज्यादा दिन है। दूसरी ओर, 17 नवंबर की रात में पारा 5.2 डिग्री तक पहुंच गया, जो ओवरऑल रिकॉर्ड भी रहा। इससे पहले 30 नवंबर 1941 में तापमान 6.1 डिग्री रहा था। इंदौर में भी पारा 6.4 डिग्री ही रहा। यहां भी सीजन की सबसे सर्द रात रही। 25 साल में पहली बार पारा इतना लुढ़का। दूसरी ओर, दिसंबर में इंदौर में पारा सबसे कम रहा। भोपाल में भी यह 5 डिग्री से नीचे पहुंच चुका है। ठंड के लिए दिसंबर-जनवरी खासमौसम विभाग के अनुसार, जिस तरह मानसून के चार महीने (जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर) में से दो महीने जुलाई-अगस्त महत्वपूर्ण रहते हैं और इन्हीं में 60 प्रतिशत या इससे अधिक बारिश हो जाती है, ठीक उसी तरह दिसंबर और जनवरी में कड़ाके की ठंड पड़ती है। इन्हीं दो महीने में प्रदेश में उत्तर भारत से सर्द हवाएं ज्यादा आती हैं। इसलिए टेम्प्रेचर में अच्छी-खासी गिरावट आती है। सर्द हवाएं भी चलती हैं। पिछले 10 साल के आंकड़े यही ट्रेंड बताते हैं। वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) के एक्टिव होने से दिसंबर में मावठा भी गिरता है। इससे दिन में भी सर्दी का असर बढ़ जाता है। अब जानिए दिसंबर में कैसी रहती है ठंड? मौसम का ट्रेंड देखें तो दिसंबर में स्ट्रॉन्ग वेस्टर्न डिस्टरबेंस आते हैं। वहीं, उत्तरी हवाएं आने से दिन-रात के तापमान में गिरावट होती है। इस बार भी यही हो रहा है। शुरुआत से अब तक कई वेस्टर्न डिस्टरबेंस उत्तर भारत को प्रभावित कर चुके हैं। इस वजह से एमपी में कड़ाके की ठंड के साथ शीतलहर का असर है। इन जिलों में सबसे ज्यादा सर्दी MP के 5 बड़े शहरों में दिसंबर में ऐसा ट्रेंड भोपाल में 3.1 डिग्री रिकॉर्ड हो चुका टेम्प्रेचरभोपाल में दिन-रात ठंड और बारिश का ट्रेंड रहा है। 10 में से पिछले 5 साल से भोपाल दिसंबर में भीग रहा है। आधा से पौन इंच तक बारिश हो गई। हालांकि, इस बार अब तक बारिश नहीं हुई है। दिसंबर में ठंड की बात करें तो 11 दिसंबर 1966 की रात में पारा 3.1 डिग्री पहुंच गया था। यह अब तक का ओवरऑल रिकॉर्ड है। 3 साल पहले 2021 में पारा 3.4 डिग्री पहुंच चुका है। इंदौर में 5 से 8 डिग्री के बीच रहा है पाराइंदौर में दिसंबर में रात का तापमान 5 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। पिछले साल तापमान 8.6 डिग्री तक पहुंच गया था। 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो दिन में पारा 28 से 31 डिग्री के बीच ही रहता है। इस महीने इंदौर में बारिश भी होती है। पिछले 4 साल से बारिश हो रही है। हालांकि, इस बार अब तक बारिश नहीं हुई है। 31 दिसंबर 2015 को दिन का सर्वाधिक तापमान 33 डिग्री दर्ज किया गया था। 27 दिसंबर 1936 की रात में टेम्प्रेचर 1.1 डिग्री रहा था। सर्वाधिक कुल मासिक बारिश वर्ष 1967 को 108.5 मिमी यानी 4.2 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 53 मिमी यानी 2.1 इंच बारिश 17 दिसंबर 2009 को हुई थी। ग्वालियर में सबसे ज्यादा सर्दी, इस बार कोहरे का असरग्वालियर में दिन में गर्मी तो रात में ठंड रहती है। पिछले 10 साल में यहां अधिकतम तापमान 26.2 से 31.6 डिग्री तक रह चुका है। वहीं, रात में पारा 1.8 से 6.9 डिग्री दर्ज किया गया। इस बार तेज ठंड है। साथ ही घना कोहरा भी छा रहा है। 6 दिसंबर 2006 को दिन का तापमान 32.1 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है। 26 दिसंबर 1961 को न्यूनतम तापमान 0.4 डिग्री पहुंचा था। वर्ष 1997 में कुल मासिक बारिश 106.6 मिमी यानी 4.1 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश 13 दिसंबर 2013 को 32.1 मिमी यानी 1.2 इंच हुई थी। जबलपुर में तेज रहता है सर्दी का असरजबलपुर में 28 दिसंबर 1960 को दिन का तापमान 33.2 डिग्री पहुंच चुका है। 28 दिसंबर 1902 की रात में तापमान 0.6 डिग्री रहा था। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। वर्ष 1885 में सर्वाधिक मासिक बारिश 125 मिमी यानी 4.9 इंच हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड 68.1 मिमी यानी 2.6 इंच 16 दिसंबर 1885 का है। इस बार भी कड़ाके की ठंड का दौर है। बारिश नहीं हुई है। उज्जैन में भी कड़ाके की ठंडउज्जैन में दिन का औसत तापमान 28.2 डिग्री और रात में 9.4 डिग्री सेल्सियस है। इस महीने औसत 4.6 मिमी बारिश होती है। पिछले पांच साल से उज्जैन में दिसंबर में बारिश हो रही है, लेकिन अबकी बार एक भी दिन बारिश नहीं हुई है। 18 दिसंबर 2002 को दिन में टेम्प्रेचर 34.9 डिग्री पहुंच चुका है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है। 28 दिसंबर 1968 और 29 दिसंबर 1983 को रात में पारा 0.5 डिग्री पहुंच चुका है। वर्ष 1997 में कुल मासिक बारिश 119.4 मिमी यानी 4.7 इंच बारिश हो चुकी है। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश की बात करें तो 11 दिसंबर 1967 को 35.3 मिमी यानी 1.3 इंच बारिश हुई थी।
हरियाणा के बहुत से लोग न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए हिल स्टेशन की ओर रुख करते हैं। खासकर स्नोफॉल देखने का चाव रहता है। आप भी ऐसा ही प्लान कर रहे हैं तो यह खबर जरूर पढ़ लें। शिमला, मनाली, कसौली, धर्मशाला और डलहौजी जैसे प्रमुख पर्यटन स्थलों पर अभी बर्फबारी नहीं हुई है। स्नो फॉल के लिए रोहतांग दर्रे के अलावा पर्यटकों को कम से कम 14 हजार फीट की ऊंचाई तक जाना पड़ रहा है। न्यू ईयर सेलिब्रेशन को लेकर होटल, रिसॉर्ट और होम-स्टे पूरी तरह तैयार हैं। शिमला में 60 से 65 प्रतिशत, मनाली में करीब 60 प्रतिशत, कसौली में 85 से 90 प्रतिशत और धर्मशाला व डलहौजी में 55 से 60 प्रतिशत तक होटल बुकिंग हो चुकी है। शिमला-मनाली में जाम में फंसने के चांसेज काफी ज्यादा हैं। मनाली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे अनूप ठाकुर के मुताबिक फिलहाल होटलों में 70 प्रतिशत तक प्री बुकिंग है। अगले एक-दो दिन में न्यू ईयर नाइट के लिए होटल पूरी तरह पैक होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। दूसरी तरफ ट्रैवल एजेंट्स का कहना है कि फॉरेन में थाईलैंड पहली चॉइस पर है। 28-29 को बर्फबारी के आसारमौसम विभाग के अनुसार, पहाड़ों पर जब तक अच्छी बारिश-बर्फबारी नहीं होती तब तक कोहरा लोगों को परेशान करता रहेगा। हिमाचल में नए साल से पहले 28 और 29 दिसंबर को बर्फबारी के आसार जरूर बन रहे हैं। मगर यह बर्फबारी प्रदेश के अधिक ऊंचाई वाले भागों में ही होने का पूर्वानुमान है। ज्यादातर भागों में मौसम साफ रहने का पूर्वानुमान है। सोलन के बद्दी, बिलासपुर, मंडी, ऊना, हमीरपुर और पांवटा साहिब में सुबह के समय विजिबिलिटी 50 मीटर तक रह रही है। बद्दी, भाखड़ा बांध के आसपास और बल्ह घाटी में इससे भी नीचे गिर गई। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 28 दिसंबर तक देर रात से सुबह 10 बजे तक मैदानी इलाकों में घने कोहरे का यलो अलर्ट दे रखा है। इसे देखते हुए वाहन चालकों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। बर्फ देखने यहां और ऐसे जाएं... 3 पॉइंट में समझिए हिमाचल के किस शहर में क्या रहेगा खास... यहां समझिए सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण चीजें... शिमला कार्निवल में 450 पुलिस जवान तैनातशिमला में न्यू ईयर के दौरान यातायात को सुचारू बनाने के लिए शहर को पांच सेक्टरों में बांटा गया है। इनमें 450 जवान तैनात किए गए हैं। शिमला में एमसी पार्किंग नियर लिफ्ट, आईएसबीटी टूटीकंडी, मेन बस स्टैंड और हॉलिडे होम होटल के पास वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इसी तरह, शहर में अन्य छोटे पार्किंग स्थल भी हैं, जिनकी जानकारी शिमला जिला प्रशासन की वेबसाइट पर मौजूद है। कांगड़ा में 150 जवान तैनातकांगड़ा कार्निवल के लिए 150 से ज्यादा पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। यहां पर पुलिस ग्राउंड, धर्मशाला, मेला ग्राउंड दाड़ी, वॉर मेमोरियल पार्किंग लॉट जवाहर नगर, धर्मशाला स्काई-वे लोअर टर्मिनल, मैक्लोडगंज मल्टी-लेवल कार पार्किंग में वाहन पार्क किए जा सकेंगे। कपल पैकेज दे रहे ट्रैवल कंपनियां... हिल स्टेशन के अलावा सिक्किम, राजस्थान व विदेश डेस्टिनेशन... होटल कारोबारियों की नजर में न्यू ईयर हालात होटल व्यवसायियों में उत्साहकसौली होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र चोपड़ा ने बताया कि इस बार नए साल के मौके पर कसौली के लगभग सभी होटल फुल एक्यूपेसी की ओर हैं। स्पेशल पैकेज, कपल डांस, फन एक्टिविटीज, डांस प्रतियोगिताएं और बच्चों के लिए रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बर्फ गिरती तो और अच्छा टूरिस्ट पहुंचताशिमला के होटेलियर प्रिंस कुकरेजा ने बताया कि स्नोफॉल होता तो और ज्यादा टूरिस्ट पहाड़ों पर पहुंचता। उन्होंने माना कि बर्फबारी के बगैर भी काफी संख्या में टूरिस्ट शिमला पहुंच रहे हैं। वीकेंड और न्यू ईयर पर और ज्यादा टूरिस्ट पहुंचने की उम्मीद है।
हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर न्यू ईयर 2026 के वेलकम को खास इंतजाम किए गए है। शिमला, डलहौजी और धर्मशाला में विंटर कार्निवल चल रहा है, जबकि मनाली और कसौली में डीजे पार्टी चल रही है। बड़े होटलों में भी न्यू ईयर पर स्पेशल पार्टी, लाइव म्यूजिक और डिनर नाइट्स आयोजित होंगी। 30 व 31 दिसंबर के लिए कमरों की एडवांस बुकिंग हो रही है। टूरिस्ट के लिए अच्छी बात यह है कि कमरों की बुकिंग के लिए मारामारी नहीं होगी और ज्यादातर शहरों में कमरे आसानी से उपलब्ध होंगे, क्योंकि प्रदेश में बीते छह-सात सालों के दौरान लगभग 4000 होम स्टे खुल चुके है। इस वजह से कमरों के लिए कुछ साल पहले जैसी मारामारी नहीं होगी। ट्रेन और फ्लाइट बुकिंग लगभग फुलन्यू ईयर सेलिब्रेशन के जोश का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कालका-शिमला ट्रैक पर चलने वाली पांचों ट्रेनों में 95 प्रतिशत से ज्यादा सीटें 31 दिसंबर तक एडवांस बुक हो चुकी हैं। इसी तरह, दिल्ली, अमृतसर, देहरादून और जयपुर से कुल्लू के भुंतर एयरपोर्ट के लिए 31 दिसंबर तक अधिकांश फ्लाइट्स बुक हो चुकी हैं। दिल्ली से भुंतर फ्लाइट का किराया करीब 10 हजार रुपए, जबकि अमृतसर, देहरादून और जयपुर से भुंतर का किराया औसतन 3,500 रुपए चल रहा है। प्रमुख पर्यटन स्थलों पर क्या स्थिति... होटल बुकिंग की स्थिति पर्यटन स्थलों में कहां ठहरेहोटलों के अलावा प्रदेश में करीब 4 हजार होम-स्टे, हिमाचल पर्यटन विकास निगम के 66 होटल, प्राइवेट होटल और सरकारी गेस्ट हाउस भी विकल्प हैं। सरकारी गेस्ट हाउस की ऑनलाइन बुकिंग सुविधा से पर्यटकों को काफी राहत मिली है। ज्यादातर टूरिस्ट एडवांस बुकिंग करके पहुंच रहे: अश्वनीशिमला के होटेलियर अश्वनी सूद ने बताया कि अब ज्यादातर टूरिस्ट एडवांस ऑनलाइन बुकिंग करके आ रहा है। 31 दिसंबर के लिए शिमला के होटलों में 50 फीसदी से ज्यादा कमरों की एडवांस बुकिंग हो चुकी है। न्यू ईयर तक ऑक्यूपेंसी 90 फीसदी पहुंचने के आसार है। काफी टूरिस्ट मनाली पहुंच रहा: अनूपमनाली के होटेलियर अनूप ठाकुर ने बताया कि न्यू ईयर के लिए काफी टूरिस्ट मनाली पहुंच रहा है। इससे पर्यटन कारोबारी उत्साहित है। 50 फीसदी टूरिस्ट होटलों में कमरों की एडवांस बुकिंग करवा चुके है। न्यू ईयर तक इसमें इजाफा होगा।
पंजाब में महिला सिख धर्म प्रचारक बीबी दलेर कौर के समागम के विरोध का मुद्दा गर्माता जा रहा है। एक तरफ फतेहगढ़ में हुई शहीदी सभा में भी बीबी दलेर कौर का मुद्दा उठा। निहंग जत्थेबंदी के सिंह साहिबान ने बीबी दलेर कौर के सोशल मीडिया पर आंसू बहाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि वैसे तो बीबी दलेर कौर खुद को इंटरनेशनल प्रचारक बता AK-47 की बात करती है और अब रो रही है। दूसरी तरफ एक और महिला सिख धर्म प्रचारक प्रभलीन कौर बीबी दलेर कौर के समर्थन में आ गईं। प्रभलीन ने कहा कि सिखी बाणे वाली महिलाओं को धमकाया जा रहा है। हमसे अच्छी तो वो हैं जो नंगी होकर वीडियो डालती हैं। घटना के बाद से दलेर कौर डिप्रेशन में हैं। वह ढंग से सो नहीं पा रही हैं। बता दें कि 22 दिसंबर को बीबी दलेर कौर का गुरदासपुर के पंजगराइयां में धार्मिक समागम था। इसमें बीबी दलेर कौर ने कहा कि जब दशम पिता ने चमकौर की गढ़ी छोड़ी तो अपना कलगी तोड़ा बाबा संगत सिंह को दिया। सिख इतिहास की इस बात पर निहंगों ने बीबी दलेर कौर का विरोध कर दिया। इसकी वजह ये है कि कुछ सिख विद्वान मानते हैं कि दशमेश पिता ने कलगी तोड़ा भाई जीवन सिंह को दिया था। बीबी दलेर कौर को लेकर निहंग जत्थेबंदी ने क्या कहा... कीर्तनी जत्थे की प्रभलीन ने दलेर को लेकर क्या कहा... निहंग रसूलपुर का बीबी दलेर कौर को खुला समर्थन.. निहंग सिंह बाबा राजा राज ने किया विरोध कौन है बीबी दलेर कौर, जिनको लेकर विवाद हो रहा... ****************** दलेर कौर से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... पंजाब की महिला सिख प्रचारक के विरोध का मामला गर्माया:निहंग बोले- धमकी नहीं दी; दलेर ने कहा था- आए दिन नंगी फोटो डालते हो पंजाब में महिला सिख प्रचारक ढाडी दलेर कौर के विरोध का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। बीबी दलेर कौर ने यहां तक कह दिया कि आप जो आए दिन नंगी फोटो डाल देते हो, इतना तुम्हें दलेर कौर को नंगी देखने की इच्छा हो रही है। मैंने फिर भी सब कुछ बर्दाश्त किया (पढ़ें पूरी खबर) पंजाब की महिला सिख प्रचारक का विरोधियों पर गुस्सा फूटा:बोलीं- गुंडे इकट्ठे किए, स्टेज पर नहीं जाऊंगी सिख धर्म का प्रचार कर रहीं जालंधर की बीबी दलेर कौर का विरोधियों पर गुस्सा फूटा है। गुरदासपुर में दीवान (धार्मिक सभा) के दौरान सरेआम उनका विरोध किया गया। इसके बाद धमकी भी दी गई कि वह जहां भी प्रोग्राम करेंगी, उनका विरोध किया जाएगा (पढ़ें पूरी खबर)
किन्नर अखाड़े से अलग होकर अपना नया अखाड़ा (सनातनी किन्नर अखाड़ा) बनाने वाली कौशल्या नंद उर्फ टीना मां पहली बार अपने अलग शिविर में होंगी। यह पहला मौका होगा जब टीना मां अपनी शिष्यों के साथ किन्नर अखाड़े के बजाय अपने नए अखाड़े सनातनी किन्नर अखाड़ें मौजूद रहेंगी। इसके लिए माघ मेले में अपने नए अखाड़े के लिए जमीन सुरक्षित करा ली है और भूमि पूजन भी कर लिया। वहीं, दूसरी ओर माघ मेले में किन्नर अखाड़े का अलग शिविर पहले की तरह बनाया जाना है। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी भी माघ मेले में शामिल होंगी। महाकुंभ में था एक शिविर, अब अलग-अलग दरअसल, बीते महाकुंभ में किन्नर अखाड़े में ही टीना मां भी थीं। सेक्टर 16 में स्थित यह अखाड़ा सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहा। यहां बालीवुड एक्ट्रेस रहीं ममता कुलकर्णी भी महामंडलेश्वर बनीं थीं। महाकुंभ के बाद से ही टीना मां ने नया अखाड़ा बनाने का काम शुरू कर दिया। तीन नवंबर को ही टीना मां ने अपने नए सनातनी किन्नर अखाड़े का गठन कर लिया और खुद आचार्य महामंडलेश्वर बन गईं। इसके बाद उनका पट्टाभिषेक भी हुआ। मेले के अखाड़े में होंगे विभिन्न आयोजन भूमि पूजन के बाद आचार्य महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि ने कहा, सनातनी किन्नर अखाड़े में पूरे मेला अवधि में विभिन्न आयोजन होते रहेंगे। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा। हिंदू धर्म छोड़कर दूसरे धर्मों में जाने वालों की घर वापसी कराई जाएगी।
हरियाणा के रोहतक में माता दरवाजा चौक पर माया ब्यूटी पार्लर के अंदर घुसकर संचालिका माया के मर्डर केस में उसके बड़े भाई ज्वाला प्रसाद की गिरफ्तारी हो चुकी है। ज्वाला ने कबूला कि बहन ने बिना घर बताए तलाक लिया। फिर बिना बताए ही बॉयफ्रेंड के साथ लिव-इन रिलेशन में रहने लगी। इसी बात का गुस्सा था। इस पूरे मामले की चश्मदीद पार्लर की हेल्पर लक्ष्मी बुरी तरह सहमी हुई है। उसकी आंखों के सामने मर्डर हुआ। यहां तक कि उसने माया को बचाने की कोशिश की तो खुद भी चोट लगी। आंखों के सामने माया की गर्दन की निकली खून की धार को देकर लक्ष्मी इतनी सहम गई कि बेहोश तक हो गई। उसे तुरंत जनता क्लीनिक में ले जाया गया। पुलिस उसके बाद बयान लेने पहुंची तो वह इतनी डरी हुई थी कि यही कहती रही कि उसने मैडम की गर्दन काट दी। परिजनों ने उसे अभी रिश्तेदारों के पास भेज दिया है, ताकि वो उस खूनी मंजर से बाहर आ सके। पार्लर में सीसीटीवी नहीं, लक्ष्मी इकलौती चश्मदीदबताया जा रहा है कि लक्ष्मी पार्लर संचालिका माया की सहायक थी। माया उसे काफी प्यार करती थी। लक्ष्मी उसे कभी मैडम तो कभी दीदी कहती थी। गुरुवार सुबह 10 बजे पार्लर खुलने के बाद अंदर माया और लक्ष्मी ही थी। पहले साफ-सफाई की। फिर माया ब्रेकफास्ट करने बैठ गई। इसी बीच दोनों रेगुलर कस्टमरों को लेकर बात कर रही थीं। पार्लर में कुछ नए प्रोड्क्ट भी आए थे। पार्लर में CCTV कैमरे नहीं लगे हैं। ऐसे में इस मर्डर केस की लक्ष्मी ही इकलौती चश्मदीद गवाह है। अचानक जोर से दरवाजा खुला, सामने ज्वाला खड़ा थापुलिस की प्रारंभिक छानबीन में सामने आया कि अचानक पार्लर का दरवाजा खुला। सामने माया का बड़ा भाई ज्वाला खड़ा था। माया या लक्ष्मी दोनों में से किसी को भी शक नहीं हुआ कि इससे सिर पर खून सवार है। हालांकि ज्वाला लगातार इस बात पर नाराजगी जता चुका था कि माया घर छोड़कर उसी कबीर कॉलोनी में बॉयफ्रेंड के साथ लिव-इन रिलेशन में रहने लगी है। अचानक ज्वाला ने माया को पकड़ा और गला रेतने लगापुलिस के मुताबिक ज्वाला अचानक माया पर झपटा और धारदार हथियार से गला रेतने लगा। लक्ष्मी जब तक कुछ समझ पाती-माया के गले से खून की धार बहने लगी। लक्ष्मी चिल्लाई-इन्हें छोड़ दो। ज्वाला ने उसकी नहीं सुनी बल्कि उसे भी धक्का दिया और वार किया। आंखों के सामने खून देख लक्ष्मी बेहोश हुईशोर-शराबा सुनकर जब तक आसपास के लोग वहां पहुंचते तब तक बेतहाशा खून देख लक्ष्मी बेहद डर चुकी थी। वो बेहोश होकर गिर गई। लोगों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां पुलिस को बयान देने के बाद वह रिश्तेदारों के पास चली गई। होश में आने के बाद लक्ष्मी काफी डरी हुई थी। पुलिस ने लक्ष्मी से पूछताछ की और पूरी बात की जानकारी ली। इसके बाद लक्ष्मी अपने रिश्तेदार के यहां चली गई। लक्ष्मी भी कबीर कॉलोनी की ही रहने वाली है और पड़ोस होने के कारण अभी उसे इस माहौल से दूर भेजा गया है, जिसके बारे में कोई कुछ नहीं बता रहा। 5 भाई बहनों में चौथे नंबर की थी मायामाया 5 भाई-बहनों में चौथे नंबर की थी। माया की सबसे बड़ी बहन ज्योति, उसके बाद पूजा व तीसरे नंबर पर भाई ज्वाला प्रसाद है। चौथे नंबर पर माया और सबसे छोटा भाई जग प्रसाद है। पांचों भाई बहनों की शादी हो चुकी है। माया ने अपने पति रमन से करीब 5 महीने पहले ही तलाक लिया है। लिव-इन में रहने से नाराज था ज्वाला प्रसादपिता महेंद्र ने बताया कि ज्वाला प्रसाद को माया का लिव-इन में रहना पसंद नहीं था, क्योंकि माया कबीर कॉलोनी में ही किराए के मकान में किसी युवक के साथ रह रही थी। ज्वाला प्रसाद ने कई बार उसे मना किया, लेकिन माया नहीं मानी तो उसे मारने की धमकी देता था। ज्वाला को अक्सर लोगों के तानों का सामना करना पड़ रहा था। इसी कारण माया की हत्या करने की योजना बनाई। जब ज्वाला ने माया की हत्या की, तो उसके कपड़े खून से सन गए थे। वह सने कपड़ों से ही बाहर निकला और करीब एक किलोमीटर दूर अपने घर पैदल ही पहुंचा। यहां उसने कपड़े बदले। कुछ देर में ही पुलिस उसके घर पहुंच गई। पुलिस ने पकड़ा तो बोला-उसका चरित्र खराब थापुलिस ने ज्वाला को पकड़कर पूछताछ की। पूछा-माया को क्यों मारा? उसने कहा-माया का कैरेक्टर खराब हो गया था। पति से तलाक लिया और हमें बताया तक नहीं। फिर एक लड़के के साथ कॉलोनी में ही रहने लगी। लोग आते-जाते ताने देते थे। परिवार की समाज में बदनामी हो रही थी। जांच अधिकारी बोलीं- 3 दिन के रिमांड पर आरोपीओल्ड सब्जी मंडी थाना की जांच अधिकारी SI मीनाक्षी दहिया ने बताया कि बहन की हत्या करने वाले आरोपी ज्वाला प्रसाद को कोर्ट में पेश करके 3 दिन के रिमांड पर लिया गया है। रिमांड के दौरान पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। वहीं, इस मामले में ब्यूटी पार्लर में काम करने वाली लड़की लक्ष्मी से पूछताछ की गई है। SI मीनाक्षी ने बताया कि लड़की लक्ष्मी काफी डरी हुई है, छोटी उम्र में यह सब देखकर उसे धक्का लगा है। दुकान में सीसीटीवी नहीं मिला, इसलिए आसपास की दुकानों के बाहर लगे सीसीटीवी को चेक किया जा रहा है। अभी कोई ऐसा फुटेज नहीं मिला, जिसमें कुछ भी स्पष्ट हो सके। पुलिस मामले में जांच कर रही है। ------------------------ ये खबर भी पढ़ें :- बॉयफ्रेंड संग लिव-इन में रहती थी ब्यूटी पार्लर संचालिका:रोहतक में भाई बोला-लोग ताना मारते थे, नहीं मानी तो काटा गला; पति को छोड़ चुकी थी हरियाणा के रोहतक में ब्यूटी पार्लर में घुसकर संचालिका माया (33) के मर्डर केस में उसके भाई ज्वाला प्रसाद को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। शुरुआती पूछताछ में भाई ने चौकाने वाला खुलासा किया। उसका कहना है कि माया ने पहले पति से तलाक लिया। इसके बाद पिछले कुछ महीनों से किसी युवक के साथ रहने लगी थी। पढ़ें पूरी खबर...
पलवल जिले में होडल से भाजपा विधायक हरेंद्र रामरतन ने जिला महामंत्री जयराम प्रजापति को फोन पर जमकर लताड़ लगाई। इसका एक ऑडियो सामने आया है जिसमें विधायक ने यहां तक कहा- तुम्हारा जिलाध्यक्ष इतना बड़ा नेता नहीं है कि विधायक के पास भी कॉल न कर सके। अब कुएं में गिरो तुम और तुम्हारा जिलाध्यक्ष, अपनी पार्टी मैं आप चला लूंगा। जिलाध्यक्ष कल बना है, मैं 11 साल से पार्टी को खींच रहा हूं। 4 दिन रुक जाओ तुम सबको सबक सिखाऊंगा। बोल देना मैं दूसरे तरीका का MLA हूं। असल में होडल में 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जंयती पर सुशासन दिवस का प्रोग्राम रखा गया था, लेकिन इसके बारे में विधायक हरेंद्र को कोई जानकारी नहीं दी गई। प्रोग्राम से पहले भाजपा के जिला महामंत्री जयराम प्रजापति ने विधायक को सूचना देने के लिए कॉल किया। इस पर विधायक आग बबूला हो गए और जमकर खरी-खोटी सुनाई। ऑडियो वायरल होने के बाद यह मामला अब पार्टी के अंदरूनी अनुशासन और संगठनात्मक तालमेल पर सवाल खड़े कर रहा है। इससे दो दिन पहले ही केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने अफसरों की भरी मीटिंग में पार्टी जिलाध्यक्ष विपिन बैंसला को फटकार लगाई थी। तब जिलाध्यक्ष हाथों से चेहरा छिपाते नजर आए थे। अब जानिए विधायक और महामंत्री के बीच में क्या बातचीत हुई महामंत्री: नमस्ते विधायक जीविधायक: नमस्ते जी महामंत्री: मैं ये कह रहा था कल विधानसभा हलके में सम्मेलन होना है, हर हलके में सम्मेलन हो रहे हैं जीविधायक: हूं महामंत्री: अटल बिहारी वाजपेयी की जंयती को लेकर पूरे हरियाणा में प्रोग्राम चल रहे हैं, तो इसमें कल आपके विधानसभा में प्रोग्राम रखा हैविधायक: जयराम जी, मुझे लग रहा है इनका दिमाग हिल गया है। महामंत्री: जी, कैसे विधायक जीविधायक: महामंत्री होकर आपका दिमाग हिल गया है जय राम जी, मुझे लगता है। महामंत्री: जी कैसेविधायक: तुम्हारा नेता जो जिलाध्यक्ष इतना बड़ा नेता नहीं है कि जो आपको जिम्मेदारी दे रखी है। जो विधायकों पर फोन नहीं करेगा। फिर मेरा तो नाम ही नहीं है तो मैं क्यों आऊं इस प्रोग्राम में। महामंत्री: आपका नाम कैसे नहीं है जीविधायक: अपनी पोस्ट तो पढ़ लो, पहले क्या पोस्ट डाला है आपने। महामंत्री: सर, उसमें अध्यक्षता तो जिला अध्यक्ष की है।विधायक: हां महामंत्री: मुख्यअतिथि बाहर से हैं, बाकी तो बीजेपी ही कर रही है इसकोविधायक: मेरा नाम है कहीं कि होडल विधायक भी रहेंगे उसमें महामंत्री: वो तो आप ऑफ-कोर्स रहोगे, जो पोस्टर लगेंगे उसमें सभी में आप रहोगे विधायक जीविधायक: अरे ये बताओ जो पोस्ट डाली है तुमने, उस पोस्ट में मेरा नाम है क्या? महामंत्री: मैं तो समझ गया ,ये पोस्ट तो मुझे बनाकर अध्यक्ष जी ने डाली हैविधायक: कुएं में जाए तेरा अध्यक्ष और ऊपर से जाओ आप लोग, मुझे क्या लेना-देना जयराम भाई। आप सुबह-सुबह मेरा दिमाग खराब मत किया करो महामंत्री: नहीं-नहीं जी, मैं नहीं कर रहा भैयाविधायक: आपके साथ मेरे दूसरे तरीके के पारिवारिक रिश्ते हैं महामंत्री: मैं तो आपकोविधायक: और भाई इसलिए मैं तो आपका फोन उठा लेता हूं। महामंत्री: मैं तो आपको इसलिए फोन कर रहा हूं ।विधायक: एक मिनट सुनो आप पहले मेरी बात सुनो। महामंत्री: जीविधायक: भारतीय जनता पार्टी का जो आपका जिलाध्यक्ष जो प्रोग्राम कर रहा है ना, लिख लो और इसको कहीं सेव भी कर लेना बेशक से। अगर मेरा नाम कहीं लिखोगे और मुझे आदर के साथ बुलाओगे तो मैं आऊंगा, नहीं तो मुझे फोन मत करना। मैं अपनी पार्टी अपने आप चला लूंगा। मैं अपने लोगों को अपने आप देख लूंगा, बना लूंगा। कैसे प्रोग्राम करने हैं, कैसे नहीं करने हैं, कोई मैं जिला अध्यक्ष के ऊपर डिपेंड नहीं हूं। जिलाध्यक्ष तो कल बना है, 11 साल से पार्टी को खींच रहा हूं मैं। गुस्से में आए विधायक हरेंद्र रामरतन.... विधायक: कोई मैं पागल हूं ,ऐसे पोस्ट डाल दी। पोस्ट में मेरा नाम तक नहीं है, जो है कि मेरे होडल में प्रोग्राम हो रहा है और मुझे पता तक नहीं है। कर लो राजनीति जितनी करनी है। रुक जाओ अभी 4 दिन में बताऊंगा।महामंत्री: विधायक जी विधायक: 4 दिन रुक जाओ 4 दिन। जिलाध्यक्ष को भी बता देंगे और जो है ना उसके पदाधिकारियों को भी बता दूंगा। 4 दिन रुको तुम, अभी तो देखा ही इतना बड़ा खेल और बताऊंगा।महामंत्री: विधायक जी मेरी बात… विधायक: जब धरने पे बैठूंगा ना तो जब बताऊंगा तुम लोगों कोमहामंत्री: विधायक जी मेरी बात तो सुनो, आप निराश मत होइए। मैं ये कह रहा हूं सुनो आप। विधायक: मेरे बिना पूछे मेरे हलके में कैसे रख दिया प्रोग्राम?महामंत्री: आपके हलके का कार्यक्रम है विधायक: मेरे बिना पूछे कैसे रख दिया? किसने रखा है प्रोग्राम? पहले मुझे ये बताएं कि किसने रखा है प्रोग्राम मेरे हलके में?महामंत्री: जिला अध्यक्ष ने रखा है जी विधायक: जिला अध्यक्ष को ये बता दे, जो है ना ज्यादा राजनीति मत करे। कभी ज्यादा राजनीति के चक्कर में पड़ रहा होमहामंत्री: भैया-भैया मुझे तो आप विधायक: आप मेरे हलके में मुझसे पूछे बगैर मीटिंग कर रहे हो, नेतागिरी कर रहे हो। मेरे हलके में प्रोग्राम रख रहे हो और मेरे को पूछ नहीं रहे हो। मैं इसलिए कह रहा हूं ये राजनीति ज्यादा दिन नहीं चलती। आप लोग पुराने लोग हो। पुराने उठने-बैठने वाले हो तो मेरे हलके में ज्यादा राजनीति मत करो। विधायक: मैं दूसरे तरीका का MLA हूं। मैं बुरे तरीके का MLA हूं और भाइयों के साथ भाइयों की तरह रहने वाला MLA हूं महामंत्री: भैया मेरा काम है सूचना देनाविधायक: नहीं मेरे को क्या सूचना दे रहे हो, आप उसको बोल दो मैं फोन नहीं करूंगा विधायक को महामंत्री: मैं बोल दूंगा आगे से और बताइयेविधायक: आगे से आप मेरे को पार्टी के प्रोग्राम के लिए फोन नहीं करोगे विधायक की हिदायत- जिलाध्यक्ष फोन न करे विधायक: पर्सनल आपके हमारे साथ पारिवारिक रिश्ते हैं, उसके लिए आप 10 बार फोन करो। मेरी तरफ से बोल देना उसको, मेरे को फोन न करेमहामंत्री: जी मैं मैं बोल दूंगा उनको ठीक है जी विधायक: बोल देना मेरे को विधायक ने बोल दिया कि मेरे पास फोन मत करना, अगर फोन करेगा तो जिला अध्यक्ष फोन करेगामहामंत्री: जी ठीक है, ठीक है विधायक: कोई लाट साहब है क्या वो बहुत बड़ा। मेरे हलके में प्रोग्राम कर रहा है और मेरे को बता भी नहीं रहा। फार्मेलिटी पूरी करने के लिए फोन कर रहे हो क्या?महामंत्री: फार्मेलिटी को नहीं जी, देखो अब ये है। विधायक: अरे फार्मेलिटी, मैं नारेबाजी और कराऊंगा तुम्हारे खिलाफ, प्रभारी जी आ रहे हैं न वहांमहामंत्री: हां प्रभारी जी आ रहे हैं, सतीश पूनिया जी विधायक: हां प्रभारी जी के सामने ही कराऊंगा नारेबाजी, प्रभारी जी के सामने ही कराऊंगा ये सब चीजेंमहामंत्री: कोई बात नहीं आप रखना उनके समक्ष जो चीजें हैं विधायक: मैं क्यों रखूं, मैं तो बाहर रोड पर करवाऊंगा। मैं अंदर तो जाऊंगा ही नहीं। तुम प्रोग्राम करवा रहे हो नायर (होडल से बीजेपी के पूर्व विधायक जगदीश नायर) को नेता बना रहे हैं महामंत्री: आप हमारे विधायक हो क्यों नहीं जाओगे, ऐसे क्यों कह रहे होविधायक: मेरा क्या लेना देना जो मैं जाऊं। मेरा प्रोग्राम है क्या, मुझसे पूछ कर रखा है तुमने प्रोग्राम ऑडियो वायरल होने के बाद विधायक बोले- महामंत्री को नोटिस देंगेजब वायरल ऑडियो को लेकर दैनिक भास्कर एप ने विधायक हरेंद्र रामरतन से बात की तो उन्होंने कहा कि मेरे हलके में बिना मुझे पूछे प्रोग्राम रखा गया था। महामंत्री जयराम प्रजापति ने गलत तरीके से कॉल रिकॉर्ड करके इसको वायरल किया। जिसको लेकर महामंत्री को नोटिस देकर कार्रवाई करवाएंगे। एक विधायक की प्राइवेसी को इस तरह से वायरल करना पूरी तरह से गलत है। इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाऊंगा। जिला अध्यक्ष और महामंत्री ने नहीं दिया रिप्लाईवहीं जब इस मामले को लेकर भाजपा जिला अध्यक्ष विपिन बैंसला और जिला महामंत्री जयराम प्रजापति से उनका पक्ष जानने के लिए कॉल किया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। जिसके बाद जिलाध्यक्ष को मैसेज डाला गया, लेकिन उसका भी रिप्लाई नहीं आया। 22 दिसंबर को कृष्णपाल गुर्जर ने जिलाध्यक्ष को हड़कायाइससे पहले 22 दिसंबर को पलवल लघु सचिवालय में आयोजित दिशा कमेटी की बैठक में केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर ने भाजपा जिला अध्यक्ष विपिन बैसला को जमकर डांट लगाई थी। जिसका एक वीडियो भी सामने आया था। मंत्री नगर परिषद के अधिकारियों से कर्मचारियों का डेटा मांग रहे थे। इस दौरान जिलाध्यक्ष ने कर्मचारियों का पक्ष लेने की कोशिश की तो मंत्री ने जमकर लताड़ लगाई। मंत्री ने जिला अध्यक्ष को बैठक में डांटते हुए कहा- आप चुप रहिए, बैठक मैं ले रहा हूं आप नहीं ले रहे। इसके बाद जिला अध्यक्ष हाथ से चेहरे को ढकते नजर आए थे। विधायक गुर्जर गुट, महामंत्री खेल मंत्री खेमे केबताया जा रहा है कि होडल विधायक हरेंद्र रामरतन केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर के गुट से गिने जाते हैं, जबकि जिला महामंत्री जयराम प्रजापति खेल राज्यमंत्री गौरव गौतम के गुट से आते हैं। पलवल व फरीदाबाद में मंत्री विपुल गोयल, राजेश नागर व गौरव गौतम की पटरी बैठती है। तीनों के कृष्णपाल गुर्जर से रिश्ते खट्टे हैं। ------------------------------ ये खबर भी पढ़ें :- केंद्रीय राज्यमंत्री ने जिलाध्यक्ष को डांटा,VIDEO:पलवल में गुर्जर बोले- चुप बैठिए, मीटिंग मैं ले रहा हूं, आप नहीं; चेहरा छिपाते नजर आए बैंसला हरियाणा के पलवल में 22 दिसंबर को लघु सचिवालय में दिशा की मीटिंग के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने भाजपा जिला अध्यक्ष विपिन बैंसला जमकर लताड़ लगाई। मंत्री ने मीटिंग में जिला अध्यक्ष को यहां तक बोल दिया कि बैठक मैं ले रहा हूं, आप नहीं ले रहे, इसलिए आप मत बोलिए। पढ़ें पूरी खबर...
नीमच जिले के नयागांव थाना क्षेत्र अंतर्गत महू–नसीराबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुरुवार रात भीषण सड़क हादसा हो गया। टोल टैक्स बैरियर और रेलवे क्रॉसिंग के बीच स्पीड ब्रेकर पर हुई दुर्घटना में मल्हारगढ़ के एक किराना व्यापारी सहित तीन लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसा रात करीब 12 बजे रेलवे क्रॉसिंग के पास हुआ। स्पीड ब्रेकर पर ट्रक चालक ने वाहन की गति धीमी की, तभी पीछे से तेज रफ्तार में आ रही कार ट्रक के पिछले हिस्से में जा घुसी। टक्कर से कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। मृतकों में पिंकेश (40) पिता राधेश्याम मांदलिया, भारत (43) पिता रामलाल डांगी और गोवर्धन (58) पिता रामलाल बामनिया शामिल हैं। रायसिंह (42) पिता गोरा बंजारा गंभीर घायल है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
पीएम स्व निधि योजना:33 निकायों में 400 करोड़ के कर्ज में घपला, 46 हजार फाइलें रोकीं
राजस्थान में 400 करोड़ रुपए के कर्ज से जुड़ी प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (पीएम-स्वनिधि) योजना जांच के दायरे में आ गई है। करीब 4 लाख लोगों ने योजना के लिए आवेदन किए। बैंकों ने कर्ज पास भी कर दिए। लेकिन कुछ जानकारी भर कर दोबारा सबमिट करने के लिए फाइलें निकायों को भेजी गई तो निकायों ने पूर्ण करवाने की जगह दबा दी। इस कारण 24 हजार से ज्यादा लोगों के आवेदन पर कर्ज अप्रूव होने पर भी फायदा नहीं मिला। शिकायतें मिली हैं कि रिश्वत बिना फाइलें आगे नहीं बढ़ती। अटका दी जाती हैं। इसी तरह निकायों द्वारा फाइलें दुरुस्त कर सबमिट नहीं करवाए जाने से बैंकों ने 22716 के आवेदन लौटा दिए। 8 हजार से अधिक आवेदन तो निकायों ने अपने स्तर पर ही रिजेक्ट कर दिए। लाखों लोगों से जुड़ी योजना में इस बंटरबाट पर यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा और सचिव रवि जैन खासा नाराज हैं। उन्होंने गड़बड़ वाले निकायों व अफसरों के खिलाफ सख्त एक्शन की तैयारी की है। आवेदन करने वालों से आधे लोगों के खाते में ही ट्रांसफर हुई कर्ज की राशि प्रधानमंत्री स्व निधि योजना में कर्ज के लिए प्रदेश के 3.96 लाख रेहड़ी, थड़ी, पटरी वालों ने आवेदन किया। इनमें से 3.80 लाख आवेदन कर्ज के लिए पात्र मिले। फिर भी 2 लाख 65 हजार 806 बांटने के लिए मंजूरी दी गई और असल में कर्ज का लाभ लेने वाले लाभार्थी घटकर 2 लाख 662 रह गए। 3.58 करोड़ 93 लाख रुपए ही कर्ज बंट पाया। 22716 आवेदन बैंकों ने लौटा दिए। 24 हजार 833 आवेदन निकायों ने पूरे नहीं करवाए। निगम, पालिकाएं जांच के दायरे में प्रदेश की 33 नगर निगम, नगर पालिकाएं और नगर परिषदों में यह घपला किया गया। इन निकायों ने 10 से कम आवेदन पूरे करवाए और अटकाए रखे। कर्ज पास होने पर भी फाइलों को आगे नहीं बढ़ाया। 3 माह से लगाए जा रहे जिलों में शिविरपिछले 3 माह से प्रदेश के 41 जिलों में पीएम स्व निधि के लिए कैंप लगाए गए। अधूरे आवेदनों पर कर्ज नहीं मिला। हालांकि अटकाए गए आवेदन 1 से 3 साल पुराने ज्यादा हैं।
मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री उर्फ बाबा बागेश्वर सरकारी विमान से रायपुर पहुंचे। इस दौरान माना थाना प्रभारी मनीष तिवारी ने जूता और टोपी उतारकर बाबा के पैर छुए। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कोई पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की मांग कर रहा है तो कोई पैर छूने को सही बता रहा है। इस मामले में रायपुर SSP डॉ लाल उमेद सिंह ने कहा कि पुलिसकर्मी पूरी वर्दी में नहीं था। उसने टोपी और जूते उतार दिए थे। फिलहाल, पुलिसकर्मी पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है। इसके अलावा बाबा बागेश्वर छत्तीसगढ़ सरकार के शासकीय विमान से रायपुर पहुंचे, जहां से वे भिलाई रवाना हुए। धीरेंद्र शास्त्री को सरकारी विमान की सुविधा मिलने पर सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं। कांग्रेस ने इसे जनता के पैसों की बर्बादी बताया है। वहीं भाजपा ने कहा- कांग्रेस कभी हिंदुओं का धर्म प्रचारकों को बर्दाश्त नहीं कर पाती है। जानकारी के अनुसार धीरेंद्र शास्त्री को लाने प्रदेश सरकार के एक मंत्री पहले उसी सरकारी विमान से सतना गए, फिर बाबा बागेश्वर को लेकर रायपुर आए। वीडियो में विमान से तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरू खुशवंत साहेब उतरते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल, भिलाई के जयंती स्टेडियम में कथावाचक पं. धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की हनुमंत कथा 25 दिसंबर से 29 दिसंबर तक होगी। जिसके लिए वो गुरुवार को रायपुर से भिलाई पहुंचे थे। पहले देखिए ये तस्वीरें- निजी धार्मिक कार्यक्रम के लिए सरकारी विमान? लोगों का कहना है कि धीरेंद्र शास्त्री एक कथावाचक हैं और किसी भी संवैधानिक पद पर नहीं हैं। ऐसे में निजी धार्मिक आयोजन के लिए सरकारी विमान का उपयोग नियमों के खिलाफ है। सोशल मीडिया पर इसे सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का मामला बताया जा रहा है। पुलिसकर्मी के आचरण पर भी सवाल विवाद यहीं नहीं थमा। रायपुर के स्टेट हैंगर से सामने आए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि एक वर्दीधारी पुलिसकर्मी जूते उतारकर बाबा बागेश्वर के पैर छूता है। वीडियो वायरल होने के बाद इस पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं। लोगों ने पुलिसकर्मी के इस व्यवहार को पुलिस की गरिमा और सेवा नियमों के खिलाफ बताया है। सोशल मीडिया पर निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए संबंधित पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। SSP बोले- पूरी वर्दी में नहीं था पुलिसकर्मी दैनिक भास्कर डिजिटल ने इस विषय पर रायपुर SSP डॉ लाल उम्मेद सिंह से बात की। SSP ने कहा कि पुलिसकर्मी पैर छूने के दौरान पूरी वर्दी में नहीं था। उसने अपनी कैप और शूज उतारा हुआ था। प्रारंभिक जांच में नियमों का उल्लंघन नहीं दिख रहा है। फिलहाल, पुलिसकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कांग्रेस बोली- सरकारी खजाने का दुरुपयोग प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कथावाचक को लाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार का विमान भेजना राज्य के खजाने का दुरुपयोग है। सरकार ने धीरेन्द्र शास्त्री के किस संवैधानिक हैसियत के कारण उनके लिए विमान भेजा था। यह राज्य के खजाने पर डकैती के समान है। सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि धीरेन्द्र शास्त्री हिन्दू समाज और सनातन के धर्मगुरु नहीं है। वे कथावाचक हो सकते हैं। टोना-टोटका करने वाले बाबा हो सकते हैं, लेकिन वे कोई धर्माचार्य नहीं है, न ही किसी शास्त्र के मान्यता प्राप्त पीठ के पीठाधीश्वर हैं। उनका आचार-विचार, व्यवहार देश की गंगा जमुनी संस्कृति के खिलाफ है। 'कांग्रेस हिंदुओं के धर्म प्रचारकों को बर्दाश्त नहीं कर पाती' कांग्रेस के सवाल पर पलटवार करते हुए बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहा कांग्रेस के लोग कब से धर्म गुरुओं को प्रमाण पत्र बांटने लगे। कांग्रेस का बयान साबित करता है कि वो धर्मांतरण करने वालों के साथ है और भाजपा धर्म बचाने वालों के साथ है। दूसरे दिन की कथा के बाद मुंबई रवाना हुए धीरेंद्र शास्त्री इस विवाद बीच बताया जा रहा है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री भिलाई में आयोजित कथा के दूसरे दिन कथा समाप्ति के बाद मुंबई के लिए रवाना हो गए। जानकारी के मुताबिक वे कल यानी शनिवार को कथा के समय से पहले भिलाई लौट आएंगे। भिलाई में 25 से 29 दिसंबर तक कथा का आयोजन होना है। ................................. धीरेंद्र शास्त्री से संबंधित यह खबर भी पढ़ें... 01. भूपेश बोले-मुगल शासन में भी हिंदू खतरे में नहीं था:BJP-RSS ने डर दिखाकर 3 बार जीता चुनाव, कथावाचक प्रदीप मिश्रा-धीरेंद्र शास्त्री फैला रहे अंधविश्वास दुर्ग में पूर्व CM भूपेश बघेल ने बीजेपी, RSS, कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा और धीरेंद्र शास्त्री पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि, देश में कभी हिंदू खतरे में नहीं था। लेकिन जब से बीजेपी-आरएसएस सत्ता में आई है, तब से हिंदू खतरे में है का डर दिखाकर तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। पढ़ें पूरी खबर... 02. धीरेंद्र बोले- हिंदुओं को जोड़ना, भक्ति-राष्ट्रवाद अंधविश्वास नहीं: कहा- जिन्हें ऐसा लगता है तो देश छोड़ दें, भूपेश बोले थे- टोटके की बातें करते हैं छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि कथावाचक प्रदीप मिश्रा और धीरेंद्र शास्त्री अंधविश्वास फैला रहे हैं। देश में हिंदू कभी खतरे में नहीं था। अब पं. धीरेंद्र शास्त्री ने भूपेश बघेल के बयान पर पलटवार किया है। पढ़ें पूरी खबर...
प्रदेश में उच्च शिक्षा की डिग्रियां दे रहे सरकारी विश्वविद्यालयों की हालत चिंताजनक है। सरकारी विश्वविद्यालयों में न तो शिक्षक हैं और ना ही कामकाज करने वाले बाबू। भास्कर ने 18 सरकारी विश्वविद्यालयों की पड़ताल की तो सामने आया कि 10 सरकारी विश्वविद्यालयों में तो एक भी नियमित शिक्षक या कर्मचारी नहीं हैं, मतलब 100 प्रतिशत पद खाली पड़े हैं। ऐसी काम चलाऊ व्यवस्था का खमियाजा छात्रों को उठाना पड़ रहा है। विश्वविद्यालयों ने भर्ती की डिमांड राज्य सरकार को भेज रखी है, लेकिन ज्यादातर में पिछले दो साल में कोई भर्ती नहीं हुई है। ऐसे में विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति कैसे लागू हो रही है, कैसे छात्रों को पढ़ाया जा रहा है और किस तरह डिग्रियां बांटी जा रही हैं, इन सब पर सवाल खड़े होते हैं। कहीं रोस्टर तो कहीं वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृति से अटकी प्रदेश के विश्वविद्यालय शैक्षणिक और अशैक्षणिक पदों पर भर्तियों के लिए लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं। सरकार की ओर से सेंक्शन पोस्ट के लिए भी वित्तीय व प्रशासनिक स्वीकृतियां जारी नहीं हो पा रही है। दूसरी ओर विश्वविद्यालयों का रोस्टर भी सिंडिकेट से पारित नहीं हो रहा। सरकार ने स्वीकृतियां दे दी हैं, वहां भी विश्वविद्यालयों द्वारा भर्ती में लेटलतीफी हो रही है। संस्कृत विवि को अक्टूबर, 2024 में 16 शैक्षणिक व अशैक्षणिक पदों को भरने की स्वीकृति जारी हुई थी। लेकिन नतीजा जीरो है। राज्य वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में शिक्षकों व कर्मचारियों के पद बड़ी संख्या में खाली होना चिंताजनक है। कोठारी कमीशन के अनुसार शिक्षक- छात्र अनुपात 1:20 होना चाहिए। नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन तभी हो सकता है, जब सरकार चरणबद्ध तरीके से खाली पदों को भरे। - प्रो. आर. के. कोठारी, पूर्व कुलपति, राजस्थान विवि
सूरत पुलिस को झांसा:पुलिसकर्मी मोबाइल चलाते रह गए, टॉयलेट के रोशनदान से भागा आरोपी
पुलिस कस्टडी से दुष्कर्म का आरोपी अर्धनग्न हालत में फरार हो गया। घटना कोतवाली थाने के पीछे स्थित त्रिमूर्ति होटल की है। आरोपी सूरत की एक नाबालिग लड़की को भगाकर पंधाना क्षेत्र में ले आया था। सूरत पुलिस ने आरोपी के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। गिरफ्तारी के बाद जांच के लिए सूरत पुलिस उसे खंडवा लेकर आई थी। पुलिसकर्मी होटल की पहली मंजिल के कमरे में रुके थे। आरोपी शौच के बहाने टॉयलेट गया, नल चालू किया और चिटकनी लगा दी। इसी दौरान पुलिसकर्मी मोबाइल में व्यस्त थे। आरोपी टॉयलेट के पीछे बने 22 फीट के रोशनदान से निकलकर फरार हो गया। कोतवाली पुलिस ने सूरत पुलिसकर्मी दिलुभा बोराना की शिकायत पर आरोपी पुष्पेंद्र उर्फ सोनू उर्फ दीपू पिता शिवराम सिंह गुर्जर (25), निवासी बाड़ीगांव, धौलपुर (राजस्थान) के खिलाफ पुलिस अभिरक्षा से भागने का केस दर्ज किया है। आरोपी वर्ष 2024 में सूरत में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आरोपी था। वह लड़की को बमनगांव टिगरिया में डेढ़ साल तक साथ रखे रहा था। तीन दिन से सूरत पुलिस त्रिमूर्ति होटल के रूम नंबर 106 में ठहरी थी। रोशनदान का कांच निकालकर अर्धनग्न हालत में नीचे कूदा आरोपी के टॉयलेट में जाते ही पुलिसकर्मी मोबाइल में व्यस्त हो गए। इसका फायदा उठाकर गुर्जर ने नल चालू किया और अंदर से चिटकनी लगा ली। टॉयलेट की पिछली दीवार के 22 फीट के रोशनदान का कांच निकालकर वह साइड की छत पर पहुंचा। दुबला-पतला होने के कारण वह आसानी से निकल गया और नीचे कूदकर दौड़ लगा दी। भागते समय उसने सिर्फ अंडरवियर पहन रखा था। होटल कर्मचारियों ने शोर मचाया। पकड़ने की कोशिश में बोतल मारी, महिला को धक्का देकर भागा शोर सुनकर होटल गेट के पास मौजूद एक दुकानदार ने भाग रहे आरोपी के चेहरे पर पानी से भरी प्लास्टिक की बोतल मारी। आरोपी लड़खड़ाया लेकिन गिरा नहीं। उसने सामने खड़ी महिलाओं को धक्का दिया और बस स्टैंड होते हुए बड़ा कब्रिस्तान रोड की ओर भाग निकला। पुलिसकर्मियों ने पीछा किया, लेकिन आरोपी फरार हो गया।
पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी से मैदानी इलाकों में सर्दी बढ़ गई है। मौसम विभाग ने शनिवार को यूपी के 68 जिलों शीतलहर अलर्ट जारी किया है। इस दौरान कोहरा इतना घना होगा कि विजिबिलिटी शून्य तक पहुंच सकती है। कोहरे की वजह से प्रयागराज, देवरिया समेत कई रेलवे स्टेशनों पर 50 से ज्यादा ट्रेनें देरी से चल रही हैं। गोरखपुर, वाराणसी समेत कई एयरपोर्ट्स पर 10 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसिल हैं। कई देरी से उड़ान भर रही हैं। एमपी में करीब 25 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे है। कोहरे के कारण दिल्ली से भोपाल, इंदौर और उज्जैन की ओर आने वाली कई ट्रेनें तय समय से देरी से चल रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल-उत्तराखंड में 30 और 31 दिसंबर को बर्फबारी होने की संभावना है। वहीं शनिवार को 19 राज्यों में शीतलहर और कोहरे की चेतावनी है। देश में मौसम से जुड़ी 2 तस्वीरें... 28 दिसंबर: ठंडी हवाएं बढ़ाएंगी सर्दी, रातें ज्यादा सर्द
जीतो ₹3 करोड़ - डेली QUIZ:26 दिसंबर, 2025 की QUIZ में 'हनीवेल सुओनो नेकबैंड' जीतने वाले 50 विनर्स
दैनिक भास्कर एप के 26 दिसंबर, 2025 के ‘जीतो 3 करोड़ QUIZ’ में सभी सवालों के सही जवाब देकर ''हनीवेल सुओनो नेकबैंड” जीतने वाले 50 विनर्स की लिस्ट सामने आ गई है। अभी खेलें>> रोज खेलें ‘जीतो 3 करोड़ QUIZ’ और डेली प्राइज जीतने के साथ ही बंपर प्राइज जीतने का चांस भी बढ़ाएं। अभी खेलें>>
सांसद खेल महोत्सव..:खिलाड़ी बोले- हजारों रुपए देने का वादा, पर विजेता को 300 रुपए देकर भेजा
सांसद खेल महोत्सव में विवाद बढ़ता जा रहा है। खरगोन में प्रमाण-पत्र फाड़े जाने के 24 घंटे बाद ही जबलपुर में भी इनामी राशि के विरोध में नाराज खिलाड़ियों ने वीडियो वायरल कर आरोप लगा दिया कि प्रतियोगिता में भाग लेने और बेहतर प्रदर्शन करने पर जिस पुरस्कार राशि का वादा किया गया था, वह उन्हें नहीं मिली। आरोप जिले के होनहार खिलाड़ियों ने लगाया है। वायरल वीडियो में खिलाड़ी खुद को ठगा हुआ बता रहे हैं। दरअसल, 23 से 25 दिसंबर तक तीन दिवसीय खेल महोत्सव में तमाम जिलों से खिलाड़ी आए हुए थे। पूरा आयोजन बेहतर ढंग से आयोजित किया गया। बताया जा रहा है कि वीडियो 25 दिसंबर का है। इसी दिन खरगौन में भी ईनामी राशि नहीं मिलने से खिलाड़ियों ने आक्रोश दिखाया था। सांसद बोले- सिर्फ खेलों का आयोजन था मकसद, राशि की घोषणा ही नहीं हुई जबलपुर के वायरल वीडियो को शुक्रवार तड़के का बताया जा रहा है। प्रतियोगिता में अव्वल रहे खिलाड़ी यह कहते नजर आ रहे हैं कि उन्हें पुरस्कार के रूप में हजारों रुपए दिए जाने की जानकारी दी गई थी, लेकिन पुरस्कार वितरण के समय 300, 500 और 1000 रुपए देकर औपचारिकता पूरी कर दी गई। खिलाड़ियों का कहना है कि इससे वे निराश हैं। इस मामले पर सांसद आशीष दुबे ने साफ कहा कि हजारों रुपए राशि देने की कोई घोषणा नहीं की गई थी, लेकिन खेल भावना बनी रहे, इसलिए उन्हें प्रोत्साहन राशि दी गई। एक खिलाड़ी सुमित पटेल ने वीडियो जारी कर प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग की है। उनका आरोप है कि विरोध करने पर कुछ कोचों द्वारा दबाव बनाया जा रहा है और करियर को नुकसान पहुंचाने की बातें कही जा रही हैं। इसके बावजूद खिलाड़ी एकजुट होकर सामने आए हैं और उन्होंने कहा है कि वे इस राशि, मेडल और प्रमाण पत्र को स्वीकार नहीं करेंगे। वहीं खेल अधिकारी आशीष पांडे ने जैसे-तैसे खिलाड़ियों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन, सभी दर्जनों विजेता अपने मेडल और प्रमाणपत्र वापस करने पर अड़े नजर आए। ^खेल महोत्सव का आयोजन सिर्फ नए प्रतिभावान खिलाड़ियों को सामने लाने का अवसर था। इस आयोजन से पहले भी कोई बड़ी राशि देने की घोषणा नहीं की गई। किसी ने युवा खिलाड़ियों को भ्रमित किया था, लेकिन उन्हें यह बताया गया कि जो प्रोत्साहन राशि दी गई है, वह उनके अच्छे प्रदर्शन को लेकर दी गई।आशीष दुबे, सांसद जबलपुर लोकसभा खरगोन में 51-21 हजार के इनाम की हुई थी घोषणा: खरगोन में भी पुरस्कार वितरण के दौरान खिलाड़ियों का गुस्सा फूट पड़ा था। समापन अवसर पर राज्यसभा सदस्य डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी, कलेक्टर भव्या मित्तल, पुलिस अधीक्षक धर्मराज मीणा सहित अन्य अतिथि मौजूद थे। मंच से खिलाड़ियों को मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जा रहा था, लेकिन नकद पुरस्कार न मिलने पर माहौल तनावपूर्ण हो गया। खिलाड़ियों का आरोप था कि आयोजन से पहले वेबसाइट और प्रचार में मेडल के साथ 51 हजार व 21 हजार रुपए की नकद राशि देने की घोषणा की गई थी, लेकिन समापन समारोह में केवल मेडल और प्रमाण पत्र देकर औपचारिकता निभाई गई। इससे नाराज खिलाड़ियों ने अतिथियों के सामने ही प्रमाण-पत्र फाड़ दिए और मेडल हवा में उछाल दिए।
टेंडर में बार-बार बदलाव का आरोप:टेंडर में गड़बड़ी... हाउसिंग बोर्ड के दो अफसर सस्पेंड
ग्वालियर के एक प्रोजेक्ट में टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर मप्र हाउसिंग बोर्ड ने चीफ इंजीनियर और एक कार्यपालन यंत्री (ईई) को सस्पेंड किया है। एसके सुमन, उपायुक्त (अपर आयुक्त चालू प्रभार) और नीरू राजपूत, सहायक यंत्री (कार्यपालन यंत्री, चालू प्रभार) संभाग-1 ग्वालियर पर कार्रवाई की गई है। मामला ग्वालियर के कमर्शियल कॉम्प्लेक्स प्रोजेक्ट, अटलकुंज, दीनदयाल नगर सेक्टर एके टेंडर में बार-बार परिवर्तन करने, अनियमितताएं और हेरफेर का है। ग्वालियर के अनियमितताएं प्रोजेक्ट का टेंडर 30 अक्टूबर 2024 को जारी हुआ था। आरोप है कि इस टेंडर में इन दोनों इंजीनियरों ने बार-बार परिवर्तन किया। बोर्ड मुख्यालय ने मामला संज्ञान में आने पर टेंडर प्रक्रिया को दूषित मानते हुए इसे निरस्त कर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक पूरे मामले की जांच कर इस प्रकरण को संचालक मंडल के सामने रखा गया था। इसके बाद कमिश्नर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग ने कार्रवाई की है। मुख्यालय में पदस्थ एसके सुमन का निलंबन काल में मुख्यालय वृत्त इन्दौर निर्धारित किया गया है। वहीं, नीरू राजपूत को सागर वृत्त में अटैच किया गया है।
सीएम ने दिए कई निर्देश:सभी जिलों में खुलेंगे कबीरा, मृगनयनी, विंध्यावैली व प्राकृत ब्रांड के आउटलेट
राज्य सरकार के खादी ग्रामोद्योग विभाग के चारों प्रमुख ब्रांड के आउटलेट अब प्रदेश के सभी 55 जिलों में खोले जाएंगे। इनमें मृगनयनी, विंध्यावैली, कबीरा और प्राकृत ब्रांड शामिल है। राज्य सरकार अब निजी उद्यमियों को इनकी फ्रेंचाइजी भी देगी। इसके साथ ही पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रदेश के चिन्हित जिलों में लाड़ली बहनों को लूम और चरखे उपलब्ध कराकर खादी व सिल्क के कपड़ों का उत्पादन शुरू कराया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग की समीक्षा बैठक में इसके निर्देश दिए हैं। अभी यह आउटलेट सिर्फ संभागीय मुख्यालयों पर ही मौजूद हैं। नए खोले जाने वाले विक्रय केंद्र एग्जिबिशन कम सेल्स आउटलेट जैसे होंगे। बैठक में विभाग की ओर से अपने दो साल की उपलब्धियों और 3 साल के लक्ष्यों के बारे में बताया। बैठक में ग्रामोद्योग राज्यमंत्री दिलीप जायसवाल, एसीएस नीरज मंडलोई, केसी गुप्ता मौजूद थे। दूसरे शहरों में हो वॉकथान सीएम ने कहा कि इंदौर में हुए साड़ी वॉकथान जैसे आयोजन प्रदेश के दूसरे शहरों में भी किए जाएं। सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय में अतिथियों को भेंट करने के लिए मप्र के हेरिटेज महेश्वरी स्टोल का चयन किया गया है। महेश्वर के किले पर उकेरे गए डिजाइन के अनुसार मां अहिल्यादेवी को समर्पित 52 डिजाइन की साड़ियां तैयार कराई जा रही हैं। कूनो चीता अभ्यारण्य में विक्रय के लिए प्रदेश की 35 से अधिक क्रॉफ्ट पर चीता थीम पर नए गिफ्ट आइटम बन रहे हैं।
सहकारिता, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने अशोकनगर में सट्टा संचालन एवं अवैध आर्थिक गतिविधियों के आरोपी आजाद खान से जुड़ी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी पर सख्त एक्शन लिया है। प्रकरण का संज्ञान लेते हुए मंत्री सारंग ने आजाद खान की केजीएन साख सहकारी संस्था मर्यादित, वार्ड-10, अशोकनगर की सभी वित्तीय ट्रांजेक्शन पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि मामले की गहन और निष्पक्ष जांच कर 7 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। जांच में यदि किसी भी स्तर पर दोष सिद्ध होता है, तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। तब तक आजाद की केजीएन साख सहकारी संस्था मर्यादित के सभी तरह के वित्तीय लेनदेन पर रोक रहेगी। यहां बता दें कि आजाद खान के विरुद्ध सट्टा संचालन सहित अन्य आपराधिक मामलों में पहले से कार्रवाई चल रही है। वह वर्तमान में जेल में बंद है। अवैध आर्थिक गतिविधियों के संदेह के चलते संबंधित क्रेडिट सोसायटी की भूमिका भी जांच के दायरे में लाई गई है।
मणिपुर: असम राइफल्स ने एक ड्रग रैकेट का किया भंडाफोड़, करोड़ों की ड्रग्स जब्त
असम राइफल्स ने मणिपुर में एक बड़ी ड्रग खेप का भंडाफोड़ किया है, जिसमें 40 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य की मेथैम्फेटामाइन की गोलियां बरामद की गईं हैं
कोलार में हादसा:आमने-सामने से भिड़ीं दो कारें, डैशबोर्ड व सीट के बीच फंसे सिविल कॉन्ट्रैक्टर, मौत
भोपाल के कोलार थाना क्षेत्र में सड़क हादसे में सिविल कॉन्ट्रैक्टर की मौत हो गई। गेहूंखेड़ा से नीलबड़ की ओर जाने वाली सड़क पर स्थित छोटे पुल पर गुरुवार देर रात दो कारों की आमने-सामने से जोरदार भिड़ंत हो गई। हादसे में एक कार में सवार सिविल कॉन्ट्रैक्टर की मौत हो गई। हादसा इतना खतरनाक था कि कॉन्ट्रैक्टर डैशबोर्ड और सीट के बीच फंसे रहे। वहीं, दूसरी कार में तीन युवतियां और 2 युवक सवार थे। इनमें से दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इनका इलाज जारी है। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है। कोलार थाना पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार अब्दुल रशीद खान (42) फेस-1 कोलार के रहने वाले थे। गुरुवार रात अब्दुल डी-मार्ट के पीछे वाली सड़क से होते हुए रातीबढ़ के लिए जा रहे थे। इसी दौरान उनकी कार की टक्कर होने से उनकी मौत हो गई। अब्दुल के एक बेटा और एक बेटी है। दोनों पढ़ाई कर रहे हैं। राहगीरों ने बताया कि हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल हो गया था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में किया। दोनों कार में सवार गंभीर रूप से घायल हुए थे। डैशबोर्ड और सीट के बीच फंसे रहे- हादसे में अब्दुल कार के अंदर फंस गए थे। वो डैशबोर्ड और सीट के बीच फंसे थे। जिससे उनको बाहर निकालने में काफी परेशानी हुई। लोगों की मदद से उनको खींचकर बाहर निकाला गया। जिसके बाद गंभीर हालत में राहगीर उनको लेकर अस्पताल पहुंचे थे। यहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। आरोप: दूसरी कार में शराब की खाली बोतलें और ग्लास मिले मृतक अब्दुल के बेटे रेहान ने आरोप लगाया है कि दूसरी कार में सवार युवक-युवती नशे में थे। उनकी कार में शराब की खाली बोतलें और ग्लास भी रखे थे। कार तेज रफ्तार में थी। कार की टक्कर के बाद एयरबैग खुल गए थे। पुलिस का कहना है कि सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। हादसे में दूसरी कार में सवार लोगों को भी चोट आई है। उनका इलाज जारी है। डैशबोर्ड-सीट के बीच फंसना यानी गाड़ी की रफ्तार 100 किमी तक आमतौर पर ऐसी स्थिति तभी बनती है जब टक्कर बेहद तेज रफ्तार और सीधे फ्रंटल इम्पैक्ट में हो। एक्सपर्ट्स के मुताबिक:
ऑनलाइन ट्रेडिंग का झांसा देकर साइबर शातिरों ने युवक से 22 लाख रुपए ठग लिए। मुनाफे के लालच में युवक विभिन्न फर्मों में निवेश करता रहा। मुनाफे की रकम निकालने की कोशिश पर युवक को अपने साथ हुए फ्राड का अहसास हुआ। इस पर पुलिस से शिकायत कर रिपोर्ट दर्ज कराई है। साइबर सेल की मदद से जांच की जा रही है। कल्याणपुर के आवास विकास-तीन निवासी रंजीत कुमार शाह ने बताया कि कुछ दिन पहले उनके व्हाट्सएप पर ऑनलाइन ट्रेडिंग के जरिए पैसा कमाने का ऑफर आया, जिसे उन्होंने नजर अंदाज कर दिया। इसके बाद उनके पास कॉल आई, जिस पर उन्हें एक ऑनलाइन ट्रेडिंग ग्रुप से जोड़ दिया गया। शातिर ने उन्हें विश्वास में लेकर पहले 30 हजार का निवेश कराया। ग्रुप की बैलेंसशीट पर लगातार मुनाफा दिखाया जाने लगा। इसके बाद उसे और अधिक निवेश कर अच्छी कमाई का लालच दिया गया। इसके बाद उनसे विभिन्न फर्मों में करीब 22 लाख का निवेश कराया गया। पीड़ित का आरोप है कि जब उसने मुनाफे की रकम निकालने की कोशिश की तो शातिरों ने जीएसटी, करेंसी कन्वर्जन समेत अन्य शुल्क जमा करने का हवाला देकर टालमटोल करने लगे। इस दौरान पीड़ित ने जब ग्रुप लीडर मुंबई खारघर की अर्चना उर्फ तनु से संपर्क किया तो नंबर बंद मिला। ग्रुप व उससे जुड़े सभी नंबर उसे बंद मिले। इस पर उसे ठगी का अहसास हुआ। इस पर तत्काल कल्याणपुर थाने में शिकायत की। थाना प्रभारी ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर साइबर सेल की मदद से जांच की जा रही है। मुनाफे का झांसा देकर हड़पे चार लाख कल्याणपुर में वर्क फ्रॉम होम के नाम पर ऑनलाइन गेमिंग से मुनाफा कमाने का लालच देकर शातिरों ने महिला से चार लाख की ठगी की। आवास विकास-तीन के अंबेडकर पुरम निवासी शिखा पांडेय के अनुसार तीन मई 2025 को उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक विज्ञापन देखा। दिए गए नंबर से संपर्क करने पर उनके एक व्हाट्सएप लिंक भेजा गया, जिसे खोलते ही टेलीग्राम एप से जुड़ गई। ऑनलाइन गेमिंग एप पर टास्क पूरे करने के लिए उन्हें यूजर आईडी व पासवर्ड मिला। शुरुआती टास्क पूरे करने पर शातिरों ने कुछ रुपए देकर झांसे में लिया। इसके बाद अधिक निवेश कर मुनाफा कमाने की बात कह उनसे 4,17467 रुपए की ठगी की गई। थाना प्रभारी ने बताया कि साइबर सेल की मदद से जांच की जा रही है।
व्यापमं घोटाला...:फर्जी आधार कार्ड बनाकर दूसरे को परीक्षा देने भेजा, आरोपी को 5 साल की जेल
व्यापमं घोटाले के आरोपी सुनील कुमार को विशेष न्यायाधीश (व्यापमं प्रकरण) प्रवीण पटेल ने 5 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 4 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। आरोपी सुनील ने अपनी जगह पर सह आरोपी अर्जुन को पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में भेजा था। सुनील ने फर्जी आधार कार्ड तैयार किया था। सह आरोपी अर्जुन मामले में फरार चल रहा है। घटना 6 अगस्त 2016 की निशातपुरा थाना क्षेत्र की है। आरपीएफ में रिटायर्ड असिस्टेंट कमांडर ने थाने में शिकायत की थी। उन्होंने बताया था कि वो ट्रूबा कॉलेज करोंद में सेंटर इंचार्ज का काम देख रहे थे। यहां व्यापमं की ओर से आयोजित पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2016 चल रही थी। आगरा उत्तर प्रदेश का रहने वाला सुनील भी परीक्षा देने पहुंचा था। उसने अपना रजिस्ट्रेशन खुद करवाया। इसके बाद उसे लैब नंबर 3 में सीट नंबर 116 दी गई। इसके बाद आरोपी सुनील बहाना करके गेट के बाहर चला गया और अपनी जगह अर्जुन को परीक्षा देने अंदर भेजा। जब अर्जुन अंदर जाने लगा तो गार्ड ने उसे रोक लिया। एडमिट कार्ड और आधार कार्ड की फोटो अलग अलग होने से अर्जुन को परीक्षा केंद्र के अधीक्षक के पास लेकर जाया गया। यहां उसने फर्जी तरीके से परीक्षा में शामिल होना कबूल किया। सुनील ने अपने आधार पर अर्जुन का फोटो स्कैन करके दिया था अर्जुन ने पूछताछ में बताया था कि सुनील ने परीक्षा केंद्र में जाकर अपना एडमिट कार्ड चेक कराकर रजिस्ट्रेशन कराया। बाद में बाहर आया और उसे अपनी जगह परीक्षा देने एडमिट कार्ड देकर अंदर भेजा। सुनील ने अपने आधार कार्ड पर उसकी फोटो स्कैन कर फर्जी आधार कार्ड तैयार कर पहचान के लिए दिया था। 2013 में हुआ था का खुलासा, कई मामले कोर्ट में चल रहे हैं व्यापमं घोटाला 2009 में शुरू हुआ था। इसका खुलासा बड़े स्तर पर साल 2013 में हुआ था। जांच में सबसे पहले पुलिस और मेडिकल परीक्षाओं में गड़बड़ी पाई गई थी। जांच में सामने आया था कि इन परीक्षाओं में पैसे लेकर नकल कराई जाती थी। ओएमआर शीट बदलना, रोल नंबर और सीट बदलना, फर्जी आधार और एडमिट कार्ड का इस्तेमाल किया जाता था। सबसे पहले जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी। बाद में इसे सीबीआई को सौंपा गया। व्यापमं के कई मामले अभी कोर्ट में चल रहे हैं।
21 साल बाद फैसला...:उत्तर प्रदेश से भोपाल चरस तस्करी करने आए आरोपी को 10 साल की सजा
चरस की तस्करी करने के आरोपी मनोज जायसवाल को विशेष न्यायाधीश (एनडीपीएस) डॉ. मुकेश मलिक ने 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है। आरोपी मनोज उत्तर प्रदेश का रहने वाला है, वो उत्तर प्रदेश से चरस लाकर भोपाल में बेचता था। उसके पास से 2 किलो चरस मिली थी। मामले में कोर्ट ने 21 साल बाद फैसला सुनाया है। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक नीरेंद्र शर्मा ने पैरवी की है। घटना 24 फरवरी 2004 की ऐशबाग थाना क्षेत्र की है। पुलिस को सूचना मिली थी कि आरोपी मनोज पुल बोगदा के पास खड़ा है। उसके पास चरस है। वो उसे बेचने के लिए ग्राहक का इंतजार कर रहा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने मनोज को पकड़ा। उसके पास एक अटैची थी। तलाशी लेने पर अटैची के अंदर कपड़ों के नीचे पन्नी में 13 पैकेट चरस रखी मिली। इसके बाद पुलिस ने 50-50 ग्राम सैंपल लेकर उसे जांच के लिए भेजा। आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में पेश साक्ष्यों और दस्तावेजों के आधार पर पुलिस ने मनोज को दोषी पाते हुए सजा सुनाई। जुर्माना राशि जमा नहीं देने पर एक साल की अतिरिक्त सजा और होगी कोर्ट ने आरोपी मनोज को 10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा है कि यदि जुर्माना की राशि जमा नहीं कराई जाती है, तो आरोपी को एक साल की अतिरिक्त सजा होगी। मनोज जिला कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का रहने वाला है। कैनाबिस की राल से बनती है चरस चरस हिमालयी क्षेत्रों में उगने वाले कैनाबिस पौधे की राल से बनती है। यह हिमाचल, उत्तराखंड, नेपाल और अफगानिस्तान से तस्करी के जरिए शहरों तक पहुंचती है। बाजार में इसकी कीमत क्वालिटी के अनुसार 2 लाख से 10 लाख रुपए प्रति किलो तक होती है। इसके सेवन से मानसिक भ्रम, याददाश्त कमजोर होना, डिप्रेशन, एंग्जायटी और लत लगने का खतरा बढ़ता है। लंबे समय तक सेवन युवाओं के दिमागी विकास को नुकसान पहुंचाता है। एनडीपीएस एक्ट में चरस का कारोबार गैर-जमानती अपराध है, जिसमें कठोर सजा का प्रावधान है।
10 साल में विकास के नाम पर काटे 5 लाख पेड़... उगे सिर्फ कागजों पर
भोपाल में पिछले एक दशक में जिस गति से ‘कंक्रीट का जंगल’ बढ़ा है, उसी अनुपात में ‘प्राकृतिक जंगल’ सिमटा है। अयोध्या बायपास और बैरसिया का मामला पहला नहीं है। यह एक खतरनाक पैटर्न का हिस्सा है। पर्यावरण विशेषज्ञों और ग्लोबल अर्थ सोसाइटी (जीएसईईडी) की रिपोर्ट के अनुसार, भोपाल जिले में 10 सालों (2014-2024) के दौरान जिले में विभिन्न विकास परियोजनाओं (जैसे बीआरटीएस, मेट्रो, स्मार्ट सिटी, कोलार सिक्स लेन और रेलवे प्रोजेक्ट्स) के नाम पर लगभग 5 लाख पेड़ काटे गए। एक शोध के अनुसार, भोपाल ने पिछले 10 सालों में अपनी 26% हरियाली खो दी है। 2009 में जहां हरित क्षेत्र 35% था, वह 2019 तक गिरकर महज 9% रह गया था। वहीं प्रशासन का दावा है कि काटे गए पेड़ों के बदले ‘कंपेंसेटरी अफोरेस्टेशन’ (प्रतिपूरक वनीकरण) के तहत लाखों पौधे लगाए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि इनमें से 60-70% पौधे देखरेख के अभाव में मर जाते हैं। वाल्मी पहाड़ी पर शिफ्ट किए पेड़ ठूंठ बने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में पेड़ कटाई को लेकर हल्ला मचने पर साल 2017-18 में 125 पेड़ वाल्मी पहाड़ी पर शिफ्ट किए गए। कुछ ही दिनों में यह पेड़ ऐसे ठूंठ बन कर रह गए और अब सुरक्षा दीवार बना दिए जाने के कारण यहां पहुंचना असंभव हो गया है। इनमें से एक भी पेड़ जीवित नहीं बचा। एक पेड़ काटा तो बदले में 10 पेड़ लगाने का नियम प्रशासनिक रिपोर्टों के अनुसार, एक व्यस्क पेड़ को काटने के बदले 10 पौधे लगाने का नियम है। अगर बैरसिया में 15 हजार पेड़ कटते हैं, तो प्रशासन को 1.5 लाख पौधे लगाने होंगे। अब सवाल ये है कि जब शहर के भीतर लगाए गए 20 लाख पौधों की ‘सर्वाइवल रिपोर्ट’ (जीवित रहने का आंकड़ा) प्रशासन के पास नहीं है, तो बैरसिया के वीरान इलाके में लगाए जाने वाले पौधों की गारंटी कौन लेगा? इधर, हरियाली की जीत: विरोध से रुके बड़े प्रोजेक्ट राजधानी में अभी अयोध्या बायपास 10 लेन प्रोजेक्ट में 7851 पेड़ों की कटाई का विरोध हो रहा है। एनजीटी ने पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है। 25 दिसंबर से पेड़ों की कटाई रुकी है, पर दूसरे काम जारी हैं। विशेषज्ञ बिना पेड़ काटे रोड का विकल्प भी बता रहे हैं। इससे पहले कुछ प्रोजेक्ट में पेड़ कटाई के खिलाफ लोगों ने आवाज उठाई तो सरकार ने कदम पीछे खींच लिए थे। प्रोफेसर कॉलेनी रीडेंसिफिकेशन प्रोजेक्टप्रोफेसर कॉलेनी रीडेंसिफिकेशन प्रोजेक्ट भी विरोध के कारण रुका है। प्रोजेक्ट में 390 पेड़ काटने का प्रस्ताव था। भोपाल सिटीजंस फोरम एनजीटी पहुंचा। एनजीटी ने 100 पेड़ काटने और 90 शिफ्ट करने की शर्त पर मंजूरी दी, लेकिन लोगों के विरोध के बाद प्रोजेक्ट रोका गया। तुलसी नगर-शिवाजी नगर प्रोजेक्टतुलसी नगर-शिवाजी नगर की 29000 पेड़ों की हरियाली दो बार बची। 2016 में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट टीटी नगर शिफ्ट हुआ। 2024 का रीडेंसिफिकेशन प्रोजेक्ट भी निरस्त हो गया। 2019 में विधायक विश्रामगृह प्रोजेक्ट के तहत 5600 पेड़ कटना थे, जिसमें 1000 कटे। फिर सरकार ने प्रोजेक्ट वापस लिया।
मॉडर्न स्लॉटर हाउस...:दावा जीरो वेस्ट का, हकीकत- रात के अंधेरे में छोड़ रहे गंदा पानी
मेट्रो डिपो के पास 35 करोड़ रुपए से बनाए गए ‘मॉडर्न’ स्लॉटर हाउस को लेकर बड़े-बड़े दावे किए गए थे। कहा गया था कि यहां खून, अवशेष और बदबू नहीं फैलेगी। लेकिन हकीकत यह है कि स्लॉटर हाउस के पास से गुजरने वाले नाले में आज भी नियमों के खिलाफ अवशेष और खून बह रहा हैं। उजाला होने से पहले या रात के अंधेरे में पानी छोड़ा जाता है। लाल, फिर पीले और काले रंग के बदबूदार पानी से आसपास के लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। पद्मनाभ नगर, सुभाष नगर, प्रभात पेट्रोल पंप सहित कई कॉलोनियों के रहवासी इससे परेशान हैं। आरोप है कि ‘मॉडर्न’ के नाम पर पुराने तरीके से ही स्लॉटर हाउस चल रहा है। कुत्ते नाले से मवेशियों के अवशेष निकालकर घरों के बाहर फेंक देते हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। ग्रीन मिडोज के लोगों ने पहले ही स्लॉटर हाउस यहां न बनाने को लेकर प्रदर्शन किया था। वर्तमान में हाईकोर्ट में इस संचालन को लेकर याचिका भी लंबित है। शुरू होने के बाद से पीसीबी और निगम की मॉनिटरिंग गायब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के आधार पर 3 महीने पहले स्लॉटर हाउस संचालन की अनुमति दी थी। करीब एक महीने पहले से संचालन शुरू हुआ। इसके बाद न तो पीसीबी और न ही नगर निगम की नियमित मॉनिटरिंग दिखाई दी। वहीं, कंसेंट टू ऑपरेट की फाइल लगभग पांच महीने शासन स्तर पर अटकी रही। मंजूरी मिलने के बाद अक्टूबर में एमआईसी से हरी झंडी मिली और 8 दिसंबर से संचालन शुरू हुआ। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों का भी मानना है कि खून और तरल अपशिष्ट सीधे नाले में जाना स्पष्ट उल्लंघन है। मांस के टुकड़े बने खतरा, कुत्तों के हमले बढ़ेस्लॉटर हाउस के सामने नाले के पास स्लॉटरिंग के बाद मांस के टुकड़े फेंक दिए जाते हैं। मांस के इन टुकड़ों को आवारा कुत्ते सड़क पर बिखेर देते हैं। रात होते ही यही कुत्ते आक्रामक हो जाते हैं और राहगीरों व वाहन चालकों पर हमला कर देते हैं। कई लोग कुत्तों के हमले से गिरकर घायल हो चुके हैं। 35 करोड़ रुपए से बने मॉडर्न स्लॉटर हाउस के शुरू होने से पहले बड़े-बड़े दावे किए गए थे, लेकिन हकीकत यह है कि स्लॉटर हाउस के पास बहते नाले में मवेशियों के मांस के टुकड़े और खून बहता नजर आ रहा है। गड़बड़ी मिली तो बंद कराएंगेसुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संचालन की अनुमति दी है। अगर लाल पानी आ रहा है तो जांच कराएंगे। पानी के सैंपल लिए जाएंगे। गड़बड़ी मिलने पर स्लॉटर हाउस बंद कराएंगे। -बृजेश शर्मा, रीजनल डायरेक्टर, एमपीपीसीबी बदबू-लाल पानी की जांच कराएंगेस्लाटर हाउस से बदबू और लाल पानी बहने की शिकायत की जांच कराएंगे। नियमों का पालन कराया जाएगा। हमने जीरो वेस्ट की ही परमिशन दी है। - संस्कृति जैन, कमिश्नर, नगर निगम

