नेपाल की राजनीति में ऐतिहासिक बदलाव। पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की बनीं नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री। जेन-जी आंदोलन के दबाव में केपी शर्मा ओली ने दिया था इस्तीफ़ा, अंतरिम सरकार छह महीने के भीतर चुनाव कराएगी
Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (13 सितंबर, 2025)
1. मेष (Aries) Today 13 September horoscope in Hindi 2025 : करियर: आज का दिन आपके लिए बहुत अनुकूल रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपकी मेहनत की सराहना होगी। लव: रिश्ते में मधुरता बनी रहेगी। पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताएंगे। धन: अपार धन लाभ के योग हैं। बाहरी फालतू खर्चों पर नियंत्रण रखें। स्वास्थ्य: स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, लेकिन बाहर का खाना खाने से बचें। उपाय: आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें। ALSO READ: shraddha Paksha 2025: एकादशी का श्राद्ध कब है, क्या करते हैं इस दिन? 2. वृषभ (Taurus) करियर: बाहरी क्षेत्र के काम में कुछ रुकावटें आ सकती हैं। धैर्य रखें और काम पर ध्यान केंद्रित करें। लव: पार्टनर के साथ छोटी-मोटी बहस हो सकती है। अपनी वाणी पर संयम रखें। धन: आज आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। धन निवेश करने से पहले सोच-विचार करें। स्वास्थ्य: पेट से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं। उपाय: श्रीगणेश जी को दूर्वा चढ़ाएं। 3. मिथुन (Gemini) करियर: नया प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए आज का दिन अच्छा है। सहयोगियों का समर्थन मिलेगा। लव: प्रेम संबंध पहले से अधिक मजबूत होंगे। शादीशुदा जीवन में खुशी रहेगी। धन: आय के नए स्रोत बनेंगे। आर्थिक लाभ हो सकता है। स्वास्थ्य: मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी। उपाय: गणेश अथर्वशीर्ष का पाठ करें। 4. कर्क (Cancer) करियर: आज काम में मन कम लगेगा। जरूरी कार्यों को टालने से बचें। लव: पार्टनर के साथ भावनात्मक जुड़ाव बढ़ेगा। धन: अनावश्यक खर्च बढ़ सकते हैं, बजट बनाकर चलें। स्वास्थ्य: सर्दी-जुकाम जैसी समस्या से परेशान होंगे। उपाय: किसी गरीब को भोजन कराएं। 5. सिंह (Leo) करियर: ऑफिस में बॉस द्वारा आपके नेतृत्व क्षमता की तारीफ होगी। कुछ को पदोन्नति के योग बन रहे हैं। लव: लव लाइफ में नयापन मन को लुभाएगा। पार्टनर के साथ घूमने जा सकते हैं। धन: धन लाभ की संभावना है, कारोबार में रुका हुआ पैसा वापस मिल सकता है। स्वास्थ्य: ऊर्जा से भरपूर महसूस करेंगे। उपाय: सूर्य को जल अर्पित करें। ALSO READ: September 2025 Weekly Horoscope: इस हफ्ते आपके सितारे क्या कहते हैं? 6. कन्या (Virgo) करियर: कार्यक्षेत्र में कड़ी मेहनत के बाद भी परिणाम आपकी उम्मीद के अनुसार नहीं होंगे। निराश न हों। लव: पार्टनर के साथ गलतफहमियां दूर होंगी। धन: धन हानि हो सकती है, लेन-देन में सावधानी बरतें। स्वास्थ्य: पीठ दर्द की शिकायत हो सकती है। उपाय: कलावा अपनी कलाई पर धारण करें। 7. तुला (Libra) करियर: आज आपको कार्यस्थल पर कोई बड़ी सफलता मिल सकती है। आपके काम की तारीफ होगी। लव: रिश्ते में रोमांस बढ़ेगा। पार्टनर आपकी भावनाओं को समझेगा। धन: आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। नौकरीपेशा को आय में वृद्धि के संकेत हैं। स्वास्थ्य: परिवारजन का स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। उपाय: गणेश जी को लड्डू का भोग लगाएं। 8. वृश्चिक (Scorpio) करियर: कार्यस्थल पर किसी से विवाद हो सकता है। आप आज शांत रहने की कोशिश करें। लव: प्रेम जीवन में कुछ तनाव हो सकता है। धैर्य से काम लेना होगा। धन: अचानक खर्च बढ़ेंगे। बिना सोचे समझे खरीदारी न करें। स्वास्थ्य: सिरदर्द की समस्या हो सकती है। उपाय: हनुमान चालीसा का पाठ करें। 9. धनु (Sagittarius) करियर: आपके लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। विदेश यात्रा का मौका मिल सकता है। लव: रिश्तों में मजबूती आएगी। पार्टनर का सहयोग मिलेगा। धन: आर्थिक लाभ के योग हैं। धन निवेश संभव। स्वास्थ्य: सेहत अच्छी रहेगी। उपाय: गणेश जी की आरती करें। 10. मकर (Capricorn) करियर: कार्यक्षेत्र में अधिक काम का दबाव रहेगा। आपको अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। लव: पार्टनर के साथ विचारों में मतभेद हो सकते हैं। वाणी संयम जरूरी। धन: धन की स्थिति सामान्य रहेगी। स्वास्थ्य: पैरों में दर्द हो सकता है, थोड़ा आराम करें। उपाय: पितृ तर्पण करें। 11. कुंभ (Aquarius) करियर: नौकरीपेशा लोगों के लिए दिन सामान्य है। व्यवसायियों को अच्छा लाभ हो सकता है। लव: पार्टनर के साथ रिश्ते को लेकर गंभीरता बढ़ेगी। धन: अचानक अच्छे धन लाभ के योग हैं। स्वास्थ्य: अपनी आंखों का ख्याल रखें। उपाय: भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। 12. मीन (Pisces) करियर: काम में आज कुछ गलतियां आप से हो सकती हैं। ध्यानपूर्वक कार्य करें। लव: रिश्ते में समझदारी बढ़ेगी। आप पार्टनर के साथ भविष्य की योजना बना सकते हैं। धन: समय अच्छा रहेगा, धन लाभ के अवसर मिलेंगे। स्वास्थ्य: योग और ध्यान से मानसिक शांति मिलेगी। उपाय: भगवान विष्णु को पीले फूल अर्पित करें। ALSO READ: Weekly Prediction 15 To 21 September 2025: इस सप्ताह बनेगा गजकेसरी और लक्ष्मी नारायण योग, 7 राशियों को मिलेगा धन लाभ
देश दुनिया की लाइव खबरें 13 सितंबर 2025 | Aaj Tak Live
13 सितंबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें। यहां भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, विज्ञान-तकनीक, मौसम अपडेट और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी हर ताज़ा व बड़ी खबर तुरंत पाएँ। इस पेज पर दिन भर की खबरें अपडेट होंगीं..
दैनिक भास्कर की इलेक्शन सीरीज 'नरसंहार' के दूसरे एपिसोड में आज कहानी दलेलचक बघौरा नरसंहार की, जिसके बाद 40 साल बिहार में राज करने वाली कांग्रेस फिर कभी अपना सीएम नहीं बना सकी... 29 मई 1987 की एक रात। जगह- बिहार का औरंगाबाद जिला। वहीं औरंगाबाद जहां देश का इकलौता पश्चिम मुखी सूर्य मंदिर है। करीब 500 लोगों की भीड़ ‘एमसीसी जिंदाबाद’ नारा लगाते हुए बढ़ रही थी। हाथों में बंदूक, कुल्हाड़ी, गड़ासा और केरोसिन तेल के डिब्बे थे। थोड़ी देर बाद सभी एक जगह रुके। कुछ बात की। फिर आधे बघौरा गांव की तरफ चल पड़े और आधे दलेलचक की ओर। दोनों गांव एक किलोमीटर की दूरी पर हैं। यहां राजपूतों का दबदबा था। बघौरा के गया सिंह वन विभाग में हेड क्लर्क थे। गांव में इकलौता पक्का मकान उन्हीं का था। शौक से बनवाए थे। सिंहद्वार पर दूर से ही आंखें ठहर जाती थीं। रात करीब 8 बजे अचानक कुछ शोर सुनाई पड़ा। उन्होंने दरवाजा खोलकर देखा, तो सामने 200-300 लोगों की भीड़ खड़ी थी। गया सिंह ने हड़बड़ाकर दरवाजा बंद कर लिया। वे दो कदम भी नहीं बढ़े थे कि भीड़ ने धक्का देकर दरवाजा तोड़ दिया। सबसे पहले घर के मर्दों को घसीटकर बाहर निकाला और लाइन में खड़ा कर दिया। इस बीच दो लड़कों ने नजर बचाकर भागना चाहा, लेकिन हमलावरों ने गोली चला दी। दोनों वहीं गिर पड़े। हमलावर उनके नजदीक गया। सांसें अभी पूरी तरह टूटी नहीं थीं। उसने गड़ासा गर्दन पर दे मारी। फिर पसीना पोंछते हुए बोला- ‘अरे देख क्या रहे हो… जाओ इनकी औरतों को उठा लाओ।’ 20-25 हमलावर अंदर घुसे और महिलाओं-बच्चों को उठा-उठाकर बाहर पटकने लगे। सब चीख रहे थे- ‘हमें मत मारो। छोड़ दो। हम तुम्हारे पैर पड़ते हैं।’ एक हमलावर बोल पड़ा- ‘##$% बहुत गर्मी दिखाते हैं ये लोग। हमारी औरतों से मजदूरी कराते हैं। इनके सामने ही औरतों की इज्जत उतारो। तभी बदला पूरा होगा।’ हमलावर, महिलाओं और लड़कियों पर टूट पड़े। उनके कपड़े फाड़ दिए। बलात्कार करने लगे। कुछ देर बाद एक अधेड़ बोल पड़ा- ‘बहुत हो गया। अब सबको काट डालो।’ हमलावर, महिलाओं को घसीटते हुए बरामदे में ले गए। उनकी गर्दन तखत पर रखकर जोर से दबा दी। एक हमलावर ने कुल्हाड़ी उठाई और एक-एक करके पांच महिलाओं की गर्दन उतार दी। पूरे बरामदे में खून फैल गया। हमलावर बोला- ‘ठिकाने लगा दो सबको।’ 8-10 लोग फावड़ा लेकर घर के सामने ही गड्ढा खोदने लगे। कुछ ही देर में गड्ढा तैयार हो गया। हमलावरों ने महिलाओं की लाश गड्ढे में डालकर ऊपर से मिट्टी भर दिया। ‘अब इन #@$%* को बांधकर ले चलो बरगद के पास। गांव वालै भी तो देखें कि हमसे टकराने का अंजाम क्या होता है।’ ये सुनते ही हमलावरों ने गया सिंह और उनके परिवार के लोगों के हाथ-पैर बांध दिए। घसीटते हुए बरगद के पेड़ के पास ले गए। गांव की शुरुआत में ही बड़ा सा बरगद का पेड़ था। अब तक गांव में चीख-पुकार मच चुकी थी। हमलावर राजपूत परिवारों से चुन-चुनकर महिला, पुरुष और बच्चों को घसीटते हुए बरगद पेड़ के पास ला रहे थे। कई लोग छत से कूदकर खेतों की तरफ भाग रहे थे। हमलावर लगातार फायरिंग कर रहे थे। कुछ लोग तो मौके पर ही मारे गए। 40 साल का एक शख्स ट्रैक्टर लेकर घर लौट रहा था। हमलावरों को देखते ही चीख पड़ा- ‘अरे काका हम राजपूत नहीं हैं। हम तो इनके घर काम करते हैं। हम हरिजन हैं हरिजन।’ #$%@#$ झूठ बोल रहा… कहते हुए एक अधेड़ ने उसकी पीठ पर कुल्हाड़ी मार दी। दो हमलावरों ने उसे ट्रैक्टर की सीट से बांध दिया। फिर केरोसिन तेल का डिब्बा ट्रैक्टर पर उड़ेला और आग लगा दी। कुछ ही मिनटों में ड्राइवर तड़प-तड़प कर मर गया। इधर, बगल के गांव दलेलचक में कमला कुंवर कुछ घंटे पहले ही ससुराल से लौटी थीं। पिता भोज की तैयारी कर रहे थे। मेहमान आ चुके थे। अचानक कुत्ते भौंकने लगे। कमला अपनी बहन ललिता से बोली- ‘जाओ देखो तो बाहर कौन है?’ ललिता ने झांककर देखा सैकड़ों हथियारबंद गांव की तरफ बढ़ रहे थे। वो चीख उठी- ‘पापा, मम्मी सब भागो, नक्सली आ गए हैं।’ दोनों बहनें, उनके मम्मी-पापा और बाकी रिश्तेदार खेतों की तरफ भागने लगे। तभी बगल के लोगों ने रोक लिया। कहने लगे- ‘आप लोगों को कोई खतरा नहीं है। घर में ही छिप जाओ।’ कुछ ही मिनटों में भीड़ ने गांव में धावा बोल दिया। राजपूतों के घरों में घुस गए। मारकाट मचाने लगे। कमला और ललिता घर के पीछे भूसे के ढेर में छिप गईं। बाकी परिवार और रिश्तेदार पकड़े गए। दो साल का बच्चा पलंग पर सो रहा था। वो भीड़ देखकर रोने लगा। हमलावर ने चीखते हुए कहा- ‘इस कमीने को सबसे पहले मारो।’ इतना सुनते ही एक अधेड़ ने बच्चे को उठाकर चौखट पर पटक दिया। उसका सिर फट गया। हमलावर ने बाल पकड़कर बच्चे को उठा लिया। दूसरे ने बच्चे की गर्दन पर कुल्हाड़ी दे मारी। बच्चे का सिर हमलावर के हाथ में रह गया और बॉडी नीचे गिर गई। एक ने औरतों की तरफ इशारा करते हुए बोला- ‘इनकी इज्जत लूट लो और काम तमाम कर दो।’ हमलावरों ने वैसा ही किया। बलात्कार करके महिलाओं और लड़कियों की गर्दन उतार दी। कमला के पिता से यह देखा नहीं गया। वे गाली देते हुए हमलावरों पर झपटे, पर उन लोगों ने दबोच लिया। दो हमलावरों ने उनका पैर पकड़ा और दो ने हाथ। 20 साल के एक लड़के ने उनके पेट में कुल्हाड़ी मार दी। वो चीख उठे। तभी हमलावर ने उनके मुंह में बंदूक का बट ठूंस दिया। चंद मिनटों में वे तड़प-तड़पकर शांत हो गए। अब एक हमलावर बोला- ‘टाइम खराब मत करो। सारे मर्दों को बांध दो और ले चलो बरगद के पेड़ के पास।’ हमलावरों ने रस्सी से सभी मर्दों के हाथ पैर बांध दिए और घसीटते हुए उसी बरगद के पेड़ के पास ले जाने लगे। दलेलचक के बाकी घरों में भी ऐसे ही कोहराम मचा था। हमलावरों ने महिलाएं और लड़कियों को बलात्कार के बाद घर में ही मार दिया। जबकि मर्दों के हाथ-पैर बांधकर बरगद के पेड़ के पास बैठा दिया। दलेलचक और बघौरा दोनों गांव से करीब 40-50 लोगों को पकड़कर हमलावरों ने यहां रखा था। कुछ ही देर में हमलावरों ने सबको बरगद के पेड़ से बांध दिया। ये लोग जोर जोर से चीख रहे थे- बचाओ, बचाओ। पर कोई सुनने वाला नहीं था। गांव के गैर राजपूतों ने अपने-अपने दरवाजे बंद कर लिए थे। अब तक रात के 9 बज चुके थे। हमलावरों के मुखिया ने कहा- ‘इन @#$%$#@ के टुकड़े-टुकड़े कर दो।’ भीड़ कुल्हाड़ी और गड़ासा लेकर टूट पड़ी। कुछ ही मिनटों में बरगद के पेड़ से दर्जनों अधकटी लाशें लटक गईं। तभी हवा में फायरिंग करते हुए एक हमलावर बोला- ‘जाओ इनके घरों में आग लगा दो। जो छुपे होंगे वो भी जल मरेंगे।’ भीड़ ने चुन-चुनकर दोनों गांवों के राजपूतों के घरों में आग लगा दी। फिर ‘एमसीसी जिंदाबाद। छेछानी का बदला ले लिया। बदला पूरा हुआ।’ का नारा लगाते हुए हमलावर निकल गए। गांव से महज तीन किलोमीटर की दूरी पर मदनपुर थाना है। भीड़ की धमक, लोगों की चीखें और गोलियों की गूंज थाने तक पहुंच चुकी थीं, पर पुलिस निकलने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। करीब 2 घंटे बाद पांच पुलिस वाले गांव के लिए निकले। बगल के दूसरे थाने से पुलिस की एक और टीम दलेलचक पहुंची। कुछ ही देर में औरंगाबाद के एसपी सतीष झा भी पहुंच गए। दोनों गांवों में घरों से अब भी आग की ऊंची-ऊंची लपटें दिख रही थीं। एसपी सतीश झा और बाकी पुलिस वाले आग बुझाने में जुट गए। वे घर-घर जाकर पानी मांग रहे थे, लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला। इसी बीच एसपी को कुछ लोगों के कराहने की आवाज सुनाई पड़ी। पुलिस वालों को लेकर वे उस तरफ दौड़े। टॉर्च जलाई। देखा 4 साल का एक बच्चा बिस्तर लपेटे एक कोने में सिसक रहा था। थोड़ी दूर पर 20-25 साल का एक लड़का भूसे के ढेर में छिपा हुआ था। उन्होंने दोनों को बाहर निकाला। इधर, पटना तक नरसंहार की खबर पहुंच गई थी। रात में ही डीजीपी शशिभूषण सहाय और आईजी ललित विजय सिंह, दलेचचक बघौरा के लिए निकल गए, पर गांव तक जाने के लिए पक्की सड़क नहीं थी। उन्हें पहुंचने में काफी देर हो गई। इधर, पूरी रात पुलिस आग बुझाने में जुटी रही, पर आग बुझने का नाम नहीं ले रही थी। अब सुबह के 5 बज गए थे। एक-एक करके लाशें गिनी जाने लगीं। बरगद के पेड़ के पास 29 कटी फटी लाशें मिलीं। सिर जमीन पर बिखरे पड़े थे और बाकी हिस्सा बरगद के पेड़ से बंधा हुआ था। पूरी जमीन खून से सन गई थी। ऐसा लग रहा था जैसे कोई बूचड़खाना हो। पुलिस ने दोनों गांवों में एक-एक घर की तलाशी ली। 26 लाशें मिलीं। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। कुल 55 लोग मारे गए थे। 54 राजपूत और एक हरिजन। 7 परिवार ऐसे थे, जिनके घरों में कोई जिंदा नहीं बचा था। आजादी के बाद ये बिहार का सबसे बड़ा जातीय नरसंहार था। आरोप माओवादी संगठन माओइस्ट कम्युनिस्ट सेंटर यानी एमसीसी पर लगा। तब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी और राजीव गांधी प्रधानमंत्री। बिहार में भी सरकार कांग्रेस की थी और बिंदेश्वरी दुबे मुख्यमंत्री। एक ही चिता पर 80 साल के बुजुर्ग और 6 महीने के बच्चे का अंतिम संस्कार अगले दिन यानी 30 मई को सरकार ने नरसंहार में मारे गए लोगों का सामूहिक अंतिम संस्कार करवाया। कई लाशों की पहचान नहीं हो सकी थी। कई मृतकों के घर से कोई आया नहीं। शायद उनके परिवार में कोई बचा ही नहीं था। एक-एक चिता पर 5-7 लाशें रखी गई थीं। एक ही चिता पर 80 साल के बुजुर्ग और 6 महीने के बच्चे का अंतिम संस्कार किया गया। ये सीन देखकर वहां मौजूद लोग और पुलिस वालों की आंखें भर आई थीं। लोग जलती चिताओं से राख उठाकर तिलक लगा रहे थे। शायद ये तिलक बदले का संकेत था। पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर को धक्का मारने लगी भीड़, पत्रकार ने बचाया 31 मई की सुबह पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर दिल्ली से सीधे दलेलचक बघौरा पहुंचे। किताब ‘द जननायक कर्पूरी ठाकुर’ में उपसभापति हरिवंश नारायण उस किस्से को याद करते हैं- ‘मैं एक मैगजीन रिपोर्टर था। गया से औरंगाबाद होते हुए सुबह 6 बजे नरसंहार वाली जगह पहुंचा। मैंने देखा कि एक कोने में कर्पूरी ठाकुर चुपचाप खड़े थे।’ उसी किताब में पटना के वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार कहते हैं- ‘जब भीड़ कर्पूरी को धकियाने लगी तो मुझे लगा कि उन्हें अपमानित किया जा सकता है। हमारी आंखें मिलीं और वे मेरी स्कूटर पर पीछे बैठ गए। मैं उन्हें औरंगाबाद मेन रोड तक ले गया। वहां से वे अपनी गाड़ी में बैठकर पटना चले गए।’ जलते घर, वीरान गांव, नरसंहार का मंजर देख रो पड़े मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दुबे 31 मई को ही मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दुबे भी दलेलचक बघौरा पहुंचे। अब भी कई घरों में आग बुझी नहीं थी। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां मंगाई गईं। फिर आग बुझाई गई। मुख्यमंत्री घर-घर जाकर देख रहे थे, पर गांव के ज्यादातर लोग भाग चुके थे। अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक एक बुजुर्ग, मुख्यमंत्री को देखकर बिलखने लगा। उसकी गोद में दो छोटे-छोटे बच्चे थे। कहने लगा- ‘साहब ये दोनों मेरे पोते-पोती हैं। इनके मां-बाप को मार डाला है। परिवार में बस ये ही बचे हैं। मैं अकेला इनकी देखभाल कैसे करूंगा।’ यह देखकर मुख्यमंत्री भी रोने लगे। कुछ देर बाद वे पटना लौटे और अगले दिन ऐलान किया कि एमसीसी पर बैन लगाया जाएगा। इस नरसंहार में विधायक रामलखन सिंह यादव पर भी आरोप लगा था। कहा गया कि 30 अप्रैल को वे औरंगाबाद के ही एक गांव छोटकी छेछानी में यादव महासभा के लिए गए थे। विपक्ष का दावा था कि मुख्यमंत्री भी यादव महासभा में शामिल हुए थे। एमसीसी ने इस नरसंहार को छोटकी छेछानी का ही बदला बताया था। इसलिए विपक्ष सरकार पर और ज्यादा हमलावर था। 5 जून को जनता पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर, राम विलास पासवान और लोकदल के अजित सिंह गांव पहुंच गए। इन सब घटनाओं से सीएम पर लगातार इस्तीफे का दबाव बढ़ रहा था। जनता पार्टी और बाकी विपक्षी दल सरकार बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे। आखिर छोटकी छेछानी में क्या हुआ था, जिसका बदला माओवादियों ने दलेलचक बघौरा में लिया… दरअसल, बघौरा गांव के बगल से कोयल नहर निकलने वाली थीं। इससे वहां की जमीनों की कीमतें अचानक बढ़ गई थीं। इन जमीनों पर राजपूतों का दावा था। जबकि यादव अपना कब्जा चाहते थे। नक्सली संगठन एमसीसी यादवों की मदद कर रहा था। दलेलचक गांव में बोध गया के महंत की सैकड़ों एकड़ जमीनें थीं। एमसीसी वालों ने उनकी कुछ जमीनों पर कब्जा कर लिया था और बटाईदारों के जरिए खेती करवा रहे थे। गांव के ही एक दबंग राजपूत रामनरेश सिंह ने महंत से 46 एकड़ जमीनें खरीद लीं और बटाईदारों को भगा दिया। कहा जाता है कि रामनरेश केंद्रीय मंत्री और बाद में पीएम बने चंद्रशेखर का करीबी था। कुछ ही दिनों बाद रामनरेश के सहयोगी कृष्णा कहार का मर्डर हो गया। सितंबर 1986 में राम नरेश के एक और सहयोगी की हत्या हो गई। आरोप एमसीसी पर लगा। 10 दिनों के भीतर ही जमींदारों ने 5-6 एमसीसी कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी। यहां से बदले की आग और धधकती गई। 20 दिन बाद पास के ही दरमिया गांव में 11 राजपूतों की हत्या हो गई। फिर से आरोप लगा एमसीसी पर। इसके बाद सरकार ने स्पेशल ऑपरेशन चलाया। पुलिस बढ़ा दी गई। सेंट्रल फोर्सेज की तैनाती की कर दी गई। कुछ महीने मामला काबू में रहा। फिर प्रशानस ने ढील दे दी। सेंट्रल फोर्सेज को पंजाब भेज दिया गया। एसपी और टास्क फोर्स वालों को भी पटना बुला लिया गया। दरअसल, उन दिनों पंजाब उग्रवाद के दौर से गुजर रहा था। ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद इंदिरा गांधी की हत्या हो चुकी थी। 19 अप्रैल 1987 को राजपूत जमींदार केदार सिंह की हत्या हो गई। इस हत्या के दो घंटे बाद ही मुसाफिर यादव और राधे यादव परिवार के सात लोगों का कत्ल हो गया। मुसाफिर और राधे यादव एमसीसी के सपोर्टर माने जाते थे। कुछ रोज बाद मदनपुर बाजार में नक्सलियों ने पर्चा बंटवाया। जिसमें लिखा था- ‘सात का बदला सत्तर से लेंगे।’ और अगले ही महीने दलेलचक बघौरा में नरसंहार हो गया। दो साल में 3 मुख्यमंत्रियों का इस्तीफा, फिर कभी कांग्रेस का सीएम नहीं बना इस नरसंहार को लेकर विपक्ष तो हमलावर था ही, सरकार के अंदर भी अलग-अलग खेमे बंट गए थे। पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्रा तो अपने ही सीएम पर लापरवाही का ठीकरा फोड़ रहे थे। आनन-फानन में सरकार ने डीजीपी एसबी सहाय को हटा दिया। आईजीपी लॉ एंड ऑर्डर का भी तबादला हो गया। औरंगाबाद के एसपी भी बदल गए। पर सरकार में सबकुछ ठीक नहीं रहा। इसके बाद सीएम को दिल्ली बुलाया गया। सियासी गलियारों में कयास लगने लगे कि मुख्यमंत्री बदले जाएंगे। आखिरकार 13 फरवरी 1988 को मुख्यमंत्री बिंदेश्वरी दुबे ने इस्तीफा दे दिया। भागवत झा आजाद मुख्यमंत्री बने, लेकिन एक साल बाद उन्हें भी हटा दिया गया। इसके बाद सत्येंद्र नारायण सिंह सीएम बने। पर 7 महीने बाद दिसंबर 1989 में उनका भी इस्तीफा हो गया। अगले चुनाव में दो-तीन महीने ही बचे थे। ऐसे में राज्य की कमान एक बार फिर से जगन्नाथ मिश्रा को मिली। 1990 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 324 सीटों में से महज 71 सीटें मिलीं। पिछले चुनाव से 125 कम। मगध संभाग, जहां ये नरसंहार हुआ था, वहां की 26 सीटों में से सिर्फ 10 सीटें ही कांग्रेस बचा सकी। जबकि पिछले चुनाव में उसे 19 सीटें मिली थीं। यानी आधी सीटें कांग्रेस ने गंवा दी। 122 सीटें जीतकर जनता दल ने लेफ्ट और निर्दलीयों की मदद से सरकार बनाई और लालू यादव मुख्यमंत्री बने। 1990 के अगस्त में मंडल कमिशन की सिफारिशें लागू करने का एलान हुआ और दो महीने बाद ही बीजेपी ने राम रथ यात्रा निकाल दी। इसी दौरान लालू ने बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी को बिहार में गिरफ्तार कर लिया। यहां से लालू को पिछड़ों के साथ ही मुस्लिमों का साथ भी मिलने लगा। दूसरी तरफ आरक्षण और सवर्णों के नरसंहारों की वजह कांग्रेस के कोर वोटर्स बीजेपी की तरफ शिफ्ट होते गए। 1995 के चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 29 सीटों ही जीत सकी। इसके बाद साल दर साल कांग्रेस कमजोर पड़ती गई। 40 साल तक बिहार में राज करने वाली कांग्रेस, राजद का छोटा भाई बनने पर मजबूर हो गई। तब से उसका सीएम तो नहीं ही बना, वह मुख्य विपक्षी पार्टी भी नहीं बन पाई। हमलावर 500, आरोपी 177, 8 उम्रकैद काटकर जेल से छूट गए दलेलचक बघौरा गांव में 500 लोगों की भीड़ ने हमला किया था। इनमें से कुल 177 आरोपी बनाए गए। दिसंबर 1992 में औरंगाबाद सेशन कोर्ट ने 8 को फांसी की सजा सुनाई गई और बाकी सबूतों के अभाव में बरी हो गए। 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया। इसी साल आठों आरोपी अपनी-अपनी सजा काटकर जेल से छूट गए। नरसंहार के बाद ज्यादातर राजपूत गांव छोड़कर चले गए थे। दोनों गांवों को भूतहा गांव कहा जाने लगा था। आज भी इन गांवों में राजपूतों के गिने-चुने ही घर हैं। कई परिवार तो नरसंहार के बाद लौटे ही नहीं। कल तीसरे एपिसोड में पढ़िए कहानी बारा नरसंहार की, जहां 35 भूमिहारों की हत्या कर दी गई.. नोट : (यह सच्ची कहानी पुलिस चार्जशीट, कोर्ट जजमेंट, गांव वालों के बयान, अलग-अलग किताबें, अखबार और इंटरनेशल रिपोर्ट्स पर आधारित है। क्रिएटिव लिबर्टी का इस्तेमाल करते हुए इसे कहानी के रूप में लिखा गया है।) रेफरेंस :
भारत में अमूमन 10 में से 9 बच्चे 16 साल की उम्र में 10वीं या 11वीं क्लास में पढ़ रहे होते है. और करियर बनाने के लिए अपने असल इंटरेस्ट तलाश रहे होते हैं. वहीं, 16 साल के राउल जॉन अजू हैं, जो अपने ही पिता को नौकरी देने की वजह से सुर्खियों में हैं. लेकिन राउल भारत के सबसे युवा एआई विशेषज्ञों में से एक कैसे बने? आखिर क्या है इस बच्चे की पूरी कहानी? पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...
GenZ आंदोलन, हिंसा, आगजनी और तख्तापलट। नेपाल ने 5 दिन में वो सब कुछ देख लिया जो इतिहास में पहले कभी नहीं देखा। सोशल मीडिया बैन और करप्शन को लेकर GenZ ने 8 सितंबर को प्रोटेस्ट शुरू किया। अगले दिन देश में माहौल हिंसक हो गया। संसद, सुप्रीम कोर्ट, पॉलिटिकल पार्टियों के ऑफिस, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री-मंत्रियों के घर और काठमांडू के सिंह दरबार समेत सब जला दिया गया। केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा। अब 5 दिन के अंदर देश में एक नई व्यवस्था बनी। 12 सितंबर को देश की संसद भंग कर दी गई। पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने राष्ट्रपति भवन शीतल निवास में उन्हें शपथ दिलाई। Gen-Z नेता सरकार में शामिल नहीं हुए। वे बाहर से ही सरकार का कामकाज देखेंगे। सुशीला कार्की का नाम 10 सितंबर को ही बढ़ाया गया था। GenZ प्रोटेस्ट का समर्थन करने वाले मेयर बालेन शाह ने उनका समर्थन भी किया था लेकिन GenZ लीडर्स में सहमति नहीं बनी। फिर दो दिन के अंदर ऐसा क्या हुआ कि 73 साल की सुशीला कार्की के नाम पर GenZ एकमत हो गए। उन्होंने किन शर्तों पर अंतरिम सरकार बनने की सहमति दी और इसमें बालेन शाह की क्या भूमिका रही। इन सवालों के जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर ने GenZ लीडर्स की कोर कमेटी, आर्मी के साथ बातचीत का हिस्सा रहे डेलिगेशन और सुशीला कार्की के करीबी सोर्सेज से बात की। वहीं हमने नेपाल के जर्नलिस्ट और पॉलिटिकल एक्सपर्ट से भी बात की। GenZ के साथ 3 दौर की बातचीत कैसे पटरी पर आई नेपाल में 9 सितंबर को तख्तापलट हुआ। दूसरे दिन आर्मी ने देश की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था अपने हाथ में ले ली। आर्मी चीफ जनरल अशोक राज सिगडेल ने GenZ प्रदर्शनकारियों को बातचीत का न्योता दिया। इसके बाद आर्मी की निगरानी में ही नेपाल के अगले नेतृत्व और व्यवस्था को लेकर बातचीत शुरू हुई। पहले दौर की बातचीत 10 सितंबर को आर्मी हेडक्वार्टर्स में हुई। देश के मुखिया के लिए सुशीला कार्की का नाम बढ़ाया गया। फिर 11 सितंबर को सेना और GenZ प्रदर्शनकारियों के बीच दूसरे दौर की बातचीत भी आर्मी हेडक्वार्टर्स में रखी गई, लेकिन यहां GenZ के अलग-अलग गुट आपस में भिड़ गए। सुशीला कार्की के नाम पर सहमति नहीं बन सकी। नेपाल के जर्नलिस्ट खगेंद्र भंडारी बताते हैं, ‘GenZ प्रदर्शनकारियों का कोई लीडर न होने की वजह से बातचीत पटरी पर नहीं आ पा रही थी। इसके बाद एक 16 सदस्यीय GenZ डेलिगेशन बनाया गया। इस डेलिगेशन के मेंबर काठमांडू के 16 अलग-अलग इलाकों से चुने गए। तब GenZ के साथ बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ा। 12 सितंबर को आखिरी दौर की बातचीत राष्ट्रपति भवन में हुई।‘ GenZ किन शर्तों के साथ सुशीला के नाम पर राजी हुएसभी GenZ शुरू में सिर्फ बालेन शाह को बतौर PM देखना चाहते थे, लेकिन वो अंतरिम सरकार में PM बनने को राजी नहीं थे। लिहाजा उन्होंने बालेन शाह की पसंद सुशीला कार्की के साथ जाने पर सहमति जताई। GenZ डेलिगेशन से जुड़े एक लीडर बताते हैं, 'सुशीला कार्की के नाम पर सहमति के लिए कुछ शर्तें भी रखी गई थीं। इसके तहत कोई भी पॉलिटिकल पार्टी का लीडर सरकार का हिस्सा नहीं होगा। इसलिए कार्की के अलावा किसी और ने मंत्री पद की शपथ नहीं ली। सारे विभाग PM सुशीला कार्की के पास ही होंगे।' GenZ डेलिगेशन ने मांग रखी थी कि सरकार के अलग-अलग विभागों से जुड़े फैसले लेने के लिए एक GenZ एडवाइजरी ग्रुप बनेगा। ये एडवाइजरी ग्रुप एक तरह से मंत्रिपरिषद यानी कैबिनेट की तरह काम करेगा। इस तरह सरकार सुशीला कार्की के नाम की होगी, लेकिन पीछे से GenZ का एडवाइजरी ग्रुप फैसले लेने में अहम भूमिका निभाएगा। सुशीला को बालेन के एकतरफा समर्थन के पीछे क्या वजहसोर्स के मुताबिक, GenZ के लिए PM पद का सबसे चहेता चेहरा काठमांडू के मेयर बालेन शाह थे। वो नेपाल के मौजूदा हालात में कोई रिस्क नहीं लेना चाहते थे। लिहाजा उन्होंने शुरू से ही साफ कर दिया था कि वो अंतरिम सरकार का जिम्मा नहीं संभालेंगे। बालेन 6 महीने बाद चुनाव के जरिए जनमत हासिल करके प्रधानमंत्री पद संभालना चाहते हैं। बालेन को भी ऐसे चेहरे की तलाश थी, जो उनकी बात मानें और जिन्हें GenZ भी पसंद स्वीकार कर लें। सोर्स के मुताबिक, सुशीला कार्की, बालेन की पहली पसंद बनकर उभरीं। सबसे पहले बालेन ने ही उनके नाम का समर्थन किया और इसी वजह से GenZ प्रदर्शनकारियों ने भी उनके नाम पर भरोसा जताया। हालांकि, GenZ सुशीला के नाम पर भी एकदम से सहमत नहीं हुए। नेपाल में भारत विरोध की राजनीति मशहूर है। सुशीला कार्की ने मीडिया को दिए कुछ इंटरव्यू में भारत और PM मोदी के बारे में तारीफ भरे लहजे में बात की। इसकी वजह से GenZ प्रदर्शनकारियों का एक गुट उनके विरोध में उतर आया लेकिन ये विरोध जल्द ही दबा दिया गया और सुशीला को GenZ नेताओं को समर्थन हासिल हो गया। वहीं, अगले 6 महीनों में बालेन शाह जरूरत पड़ने पर PM सुशीला कार्की और GenZ एडवाइजरी ग्रुप को सलाह देंगे। बालेन का मकसद पर्दे के पीछे से अंतरिम सरकार चलाना और अगले 6 महीने तक चुनाव के लिए तैयारी करना है। वो 6 महीने बाद चुनाव लड़ेंगे और फिर मजबूत दावेदारी पेश करके PM बनने की कोशिश करेंगे। PM बनने के लिए कई दावेदार कतार में रहे बालेन और सुशीला के अलावा PM बनने के लिए दूसरे दावेदार भी दावेदारी पेश करने से पीछे नहीं हटे। इंजीनियर सुदन गुरंग, इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के पूर्व प्रमुख कुलमान घिसिंग और धरान के मेयर हर्क सामपांग भी कतार में थे। ये सभी अपने GenZ समर्थकों के जरिए PM बनने के लिए जोर आजमाइश करते रहे। कई बार आर्मी हेडक्वार्टर और राष्ट्रपति भवन के बाहर इनके समर्थकों में झड़पें भी हुईं लेकिन बात नहीं बन सकी। अब सरकार बनाने में नेपाली आर्मी की भूमिका समझिएअंतरिम सरकार बनाने में आर्मी ने मजबूत मध्यस्थ की भूमिका निभाई है। दरअसल बालेन शाह आर्मी चीफ जनरल अशोक राज सिगडेल के करीबी रहे हैं। जब वो पहली बार काठमांडू के मेयर बने थे, तो सबसे पहले आर्मी चीफ से मिलने पहुंचे थे। इससे जाहिर है कि उनके आर्मी के साथ कितने करीबी संबंध हैं। वहीं आर्मी की पसंद भी बालेन शाह रहे हैं। सोर्स बताते हैं कि तख्तापलट के साथ ही बालेन शाह आर्मी के संपर्क में थे। उन्होंने आर्मी को भरोसे में लिया और सरकार बनाने की कवायद शुरू करने के लिए कहा। आर्मी के पास दो जिम्मेदारियां थीं। पहली, शांति और सुरक्षा कायम करना। दूसरी, अंतरिम सरकार के लिए पहल करना। दोनों ही काम आर्मी ने पूरी जिम्मेदारी के साथ किए। एक्सपर्ट बोले- GenZ आंदोलन नहीं अब नई सरकार का काम देखेंगेसुशीला कार्की के शपथ ग्रहण और नई सरकार के स्वरूप को लेकर हमने नेपाल के पॉलिटिकल एनालिस्ट संजीन हुमागेन से बात की। वे कहते हैं, 'अभी तो देश में अस्थिरता का ही माहौल रहना ही है। अब सबसे अहम बात ये है कि नई सरकार अगले चुनाव को लेकर कितनी संजीदा है और इसके कराने में कितनी जल्दी दिखाती है। अभी यही सबसे बड़ा एजेंडा होगा।' GenZ नई सरकार के फैसले को क्या ज्यादा समय तक स्वीकार कर पाएंगे या फिर आंदोलन की राह पर उतरेंगे? इसके जवाब में संजीन कहते हैं, 'मुझे नहीं लगता कि GenZ अभी इतनी जल्दी रिएक्ट करेंगे। वो देखना चाहेंगे कि नई सरकार किस तरह काम कर रही है। वो ट्रैक पर है या नहीं। इसलिए इतनी जल्दी दोबारा आंदोलन का तो सवाल ही नहीं उठता है। हां उनकी नजर बाकी सियासी दलों और सिविल सोसाइटीज के काम पर जरूर रहेगी।' नई सरकार को लेकर बाकी पॉलिटिकल पार्टियों का क्या रुख है? इस पर वे बताते हैं, ज्यादातर पॉलिटिकल पार्टियां इस फैसले को संविधान के खिलाफ बता रही हैं। अब बस उन्हें अगले इलेक्शन का इंतजार है। उनकी तैयारी अगले चुनाव को लेकर ही रहने वाली है। हालांकि संजीन इस सियासी उठापटक के बीच सेना की भूमिका का सराहना करते हैं। आर्टिकल- 61 के तहत PM बनीं सुशीलानेपाल में नया संविधान के लागू होने के बाद सभी सरकारें आर्टिकल- 76 के तहत बनाई जाती थीं, लेकिन सुशीला कार्की को आर्टिकल- 61 के अनुसार प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। इसमें सीधे प्रधानमंत्री के पद या शक्तियों का कोई जिक्र नहीं है। इसमें मुख्य रूप से राष्ट्रपति का काम और जिम्मेदारियां बताई गई हैं। आर्टिकल- 61 के मुताबिक, राष्ट्रपति संविधान की रक्षा का काम करते हैं। इसलिए इसी के तहत PM की नियुक्ति की गई है। केपी ओली की पार्टी ने संसद भंग करने का विरोध कियानेपाल में संसद भंग करने के फैसले का सियासी पार्टियों ने विरोध किया है। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की पार्टी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल के महासचिव शंकर पोखरेल ने इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। पोखरेल ने देशवासियों से सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों से इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरने की अपील की है। सिंह दरबार में नया पीएम ऑफिस तैयारनेपाल के सिंह दरबार में नया पीएम ऑफिस तैयार कर दिया गया है। ये ऑफिस होम मिनिस्ट्री के लिए बनाई गई बिल्डिंग में तैयार किया गया। दो दिन पहले प्रदर्शनकारियों ने सिंह दरबार कॉम्पलेक्स की मुख्य बिल्डिंग में आग लगा दी थी, इस वजह से होम मिनिस्ट्री की बिल्डिंग में नया ऑफिस बनाया गया है। ....................... नेपाल से ये ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़िए... पूर्व PM-वित्त मंत्री को पीटा, संसद-सुप्रीम कोर्ट जलाए, लोग बोले- हमारी सरकार करप्ट गैंग नेपाल की संसद, सुप्रीम कोर्ट, पॉलिटिकल पार्टियों के ऑफिस, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री-मंत्रियों के घर और सबसे खास काठमांडू का सिंह दरबार, सब एक दिन में जल गया। पूरे काठमांडू के आसमान में काला धुआं दिख रहा है। पूर्व PM झालानाथ खनाल की पत्नी को जिंदा जला दिया गया। 20 से 25 साल के लड़के-लड़कियां सरकार के खिलाफ सड़कों पर हैं। इनका कहना है कि हमारी सरकार करप्ट है। पढ़िए पूरी खबर...
नेपाल का विद्रोह: भारत क्या सीखें?
प्रोफेसर जगदीश्वर चतुर्वेदी से हम समझेंगे नेपाल के आंदोलन की जड़ें, उसकी असफलताएँ और वो सबक जो हमारे लोकतंत्र और हमारी राजनीति के लिए बेहद ज़रूरी हैं।
टाटा प्रोजेक्ट पर वाइल्डलाइफ़ का साया; उठाया बड़ा कदम
असम में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को जंगल का खतरा, चिप फैक्ट्री बचाने बनाई जा रही ‘Elephant Proof’ दीवार
बेटे ने की पिता की हत्या, कोर्ट ने सुनाई 18 साल की कैद
लंदन में एस्टन लैम्बर्ट को अपने 78 वर्षीय पिता की हत्या के मामले में 18 साल की सजा सुनाई गई। जानें कैसे पैसे मांगने पर इनकार के बाद यह दर्दनाक घटना हुई
नेपाल में बड़ा सियासी उलटफेर; सुशीला कार्की होंगी अंतरिम पीएम
राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने बड़ा फैसला लेते हुए प्रतिनिधि सभा को भंग करने की घोषणा कर दी। इसी के साथ उन्होंने सुशीला कार्की को नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाने की तैयारी शुरू कर दी है।
टेकऑफ के दौरान रनवे पर गिरा स्पाइसजेट फ्लाइट का टायर, पायलट ने सुरक्षित उतारा विमान
गुजरात के कांडला एयरपोर्ट पर बड़ा हादसा टल गया। इसके बावजूद पायलट ने समझदारी दिखाते हुए उड़ान जारी रखी और विमान को सुरक्षित मुंबई एयरपोर्ट पर उतारा। सभी यात्री सुरक्षित हैं।
दिन भर की बड़ी खबरें: ब्रेकिंग न्यूज लाइव, 12 सितम्बर के मुख्य और ताजा समाचार
Breaking News in Hindi: ब्रेकिंग न्यूज लाइव, 12 सितम्बर के मुख्य और ताजा समाचार हेडलाइन्स राष्ट्रपति ने श्री सी. पी. राधाकृष्णन को भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में पद की शपथ दिलाई प्रधानमंत्री 13 से 15 सितंबर तक मिजोरम, मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार का दौरा करेंगे यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारीजन को सम्मानित किया। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान नेपाल के राजनीतिक संकट का ज़िक्र किया जस्टिस सूर्यकांत बोले आजकल नेपाल भी नहीं जा सकते अदालत एक चुनावी मामले पर विचार कर रही थी, जहाँ एक उम्मीदवार की नागरिकता का मुद्दा था, क्योंकि बताया गया था कि उस समय उसके पास भारत के साथ-साथ नेपाल की भी नागरिकता थी। मिल ही गए जगदीप धनखड़ – 53 दिन की चुप्पी के बाद पूर्व उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के शपथ ग्रहण समारोह में दिखे। इस्तीफे पर उठ रहे सवाल और तेज। गुजरात में राहुल बिहार कांग्रेस का एआई-जनरेटेड वीडियो चर्चा में, जिसमें पीएम मोदी और उनकी दिवंगत मां जैसी झलक। भाजपा आक्रामक, विपक्ष ने पलटवार किया। प्रधानमंत्री का पूर्वोत्तर दौरा – 13 से 15 सितंबर तक मिजोरम, मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल और बिहार जाएंगे नरेंद्र मोदी। अखिलेश यादव का सम्मान – किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिजनों को दिया गया सम्मान। सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला – कोर्ट परिसर के उच्च सुरक्षा क्षेत्र में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी पर पूर्ण प्रतिबंध। अब रील-मेकिंग या वीडियो शूटिंग पर सख्त रोक। उमर खालिद की जमानत पर इंतजार – दिल्ली दंगों की बड़ी साजिश मामले में जमानत पर सुनवाई 19 सितंबर तक टली। ईरानी राष्ट्रपति का ऐलान – मसूद पेज़ेशकियन बोले, सड़कों पर बम गिराने से क्रांति नहीं रुकेगी। इज़राइल और पश्चिम पर गंभीर आरोप। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें धर्मनिरपेक्षता, पारदर्शिता और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक दलों के पंजीकरण के लिए नियम बनाने की मांग की गई है। इस जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा है। सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र और चुनाव आयोग से चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है और याचिकाकर्ता को मामले में सभी पंजीकृत राजनीतिक दलों को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है। याचिका में केंद्र सरकार को ऐसे निर्देश देने की भी मांग की गई है, जिससे राजनीति में भ्रष्टाचार, जातिवाद और अपराधीकरण के खतरे कम हो सकें।
उड़ान भरते ही गिरा पहिया! स्पाइसजेट फ्लाइट में अफरा-तफरी
स्पाइसजेट की फ्लाइट ने कांडला से मुंबई के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन टेकऑफ़ के कुछ ही देर बाद बड़ा हादसा टलते-टलते बचा। उड़ान के दौरान विमान का पहिया गिर गया, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई।
यपुर में रेल मंत्री का दौरा; वंदे भारत मेंटेनेंस शेड से मिला तोहफा
Ashwini Vaishnaw Jaipur Visit : रेल मंत्री ने जयपुर में Vande Bharat शेड और अमृत भारत स्टेशन परियोजनाओं का निरीक्षण किया
nepal protests gen z: जिस नेपाल में Gen Z ने गिरा दी सरकार, वो देश कैसे बचा रहा मुगलों से
why mughals did not invade nepal : भारत का इतिहास मुगल साम्राज्य के उत्थान और पतन से भरा है। 16वीं से 18वीं शताब्दी तक, बाबर से लेकर औरंगजेब तक, मुगलों ने लगभग पूरे उत्तर भारत, दक्कन और यहां तक कि अफगान सीमाओं तक अपना वर्चस्व स्थापित किया। उनकी ...
रेलवे ने बढ़ाया यात्रियों का उत्साह; 944 नहीं अब 1126 स्पेशल ट्रेनें
मध्य रेल 2025 में पूजा, दिवाली और छठ पर्व के लिए 1126 विशेष ट्रेनें चलाएगा- पहले से घोषित 944 विशेष ट्रेनों के अलावा 182 विशेष ट्रेनें और चलाई जाएँगी
बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान इन दिनों अपनी डेब्यू सीरीज 'बैड्स ऑफ बॉलीवुड' को लेकर चर्चा में हैं। इस सीरीज में इंडस्ट्री के कई सितारे एक साथ नजर आने वाले हैं। हाल ही में 'बैंड्स ऑफ बॉलीवुड' का ट्रेलर रिलीज हुआ, जिसे दर्शकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला। 'बैड्स ऑफ बॉलीवुड' से आर्यन खान बतौर निर्देशक कदम रख रहे हैं। लेकिन इसके साथ ही वह सिंगिंग डेब्यू भी कर रहे हैं। इस सीरीज के तीसरे गाने 'तेनू की पता' को आर्यन ने दिलजीत दोसांझ संग मिलकर आवाज दी है। आर्यन गाने के कुछ चुनिंदा हिस्सों को अपनी आवाज दे रहे हैं। View this post on Instagram A post shared by Shah Rukh Khan (@iamsrk) आर्यन खान के सिंगिंग डेब्यू पर उनके पिता शाहरुख ने दिलजीत दोसांझ पर प्यार बरसाया है। उन्होंने गाने के मेकिंग से जुड़े बीटीएस मोमेंट्स वाला वीडियो शेयर किया है। वीडियो में आर्यन और दिलजीत रिकॉर्डिंग के दौरान मस्ती करते हुए नज़र आ रहे हैं। रिकॉर्डिंग के दिलजीत और आर्यन शाहरुख को वीडियो कॉल भी करते हैं, जिस पर किंग खान मजाकियां अंदाज में कहते हैं, 'अब आर्यन भी फेमस हो जाएगा।' वीडियो के आखिर में जब दिलजीत ने आर्यन की अंग्रेज़ी वोकल्स सुनीं तो वह चौंक उठे और बोले— 'नो वे, ये आपने गाया है?' View this post on Instagram A post shared by T-Series (@tseries.official) इस वीडियो को शेयर करते हुए शाहरुख खान ने कैप्शन में लिखा, दिलजीत पाजी को दिल से शुक्रिया और बड़ी सी झप्पी। आप बहुत ही काइंड और स्वीट इंसान हैं। उम्मीद करता हूं कि आर्यन ने आपको ज्यादा तंग नहीं किया होगा। लव यू। शाहरुख की इस पोस्ट पर दिलजीत ने रिएक्ट करते हुए लिखा, मेरे भाई आर्यन के साथ सहयोग करें। आर्यन बहुत ही कमाल का सिंगर है। अगर म्यूजिक में आ गया ना तो बता रहा हूं...बच्चू! आर्यन खान ने ‘बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ को न सिर्फ डायरेक्ट किया है बल्कि लिखा भी है। इस सीरीज में शाहरुख खान भी कैमियो करने वाले हैं। सीरीज को रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के बैनर तले गौरी खान द्वारा निर्मित किया गया है। यह सीरीज़ 18 सितंबर को नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ होगी।
Asia Cup में गौतम गंभीर से उलझने वाले पाक विकेटकीपर ने 15 साल बाद मानी गलती (Video)
कुछ गलतियां करने के कुछ मिनट या घंटो बाद पछतावा होता है तो कुछ गलतियां सालों बाद याद आती है तो कुछ गलितायां कभी याद ही नहीं आती, याद आती भी हैं तो अहसास नहीं होता कि कुछ गलत किया भी था या नहीं। हालांकि पाकिस्तान के पूर्व विकेटकीपर कामरान अकमल को एशिया कप 2010 में खेले गए बेहद करीबी मैच में गौतम गंभीर से हुई अपनी झड़प याद आई और उन्होंने माना गलती उनकी थी। दरअसल साल 2010 के एशिया कप में जब भारत 260 रनों से ज्यादा के स्कोर का पीछा कर रहा था तो कामरान अकमल ने गौतम के मिस शॉट पर अपील की थी। ऐसे में गौतम ने खुद से कुछ कहा जिसे कामरान अकमल ने समझा कि वह उनसे कुछ कह रहे हैं ऐसे में यह विवाद बढ़ गया और दोनों में बहसबाजी हुई। जिसे तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और फील्डिंग कर रहे पाकिस्तानी क्रिकेटर्स ने शांत किया। Gambhir might have called Sreesanth a 'Fixer', but Gautam Gambhir stood tall when India needed him in 2007 WC Final, 2011 WC Final & many other occasions Gambhir Kamran Akmal fight was Epic at Asia Cup 2010 #GautamGambhir #Sreesanth pic.twitter.com/IqNB3y6p58 — Richard Kettleborough (@RichKettle07) December 7, 2023 टेलीकॉम एशिया स्पोर्ट से बात चीत करते हुए कामरान अकमल ने इस बात का खुलासा किया।पाकिस्तान की तरफ से 2017 तक 268 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले कामरान को पाकिस्तान सुपर लीग की टीम पेशावर जल्मी ने भी बाहर कर दिया था और विकेटकीपर के रूप में अनुबंधित करने के बजाय उन्हें अपने कोचिंग स्टाफ में शामिल कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने संन्यास की घोषणा कर दी।इससे पहले वह अन्य पाकिस्तानी क्रिकेटरों की तरह कई बार टीम से अंदर बाहर होते रहे।
कुकी-मैतेई संघर्ष के बीच मोदी का मिशन मणिपुर!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर और मिजोरम में आज कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। दौरे से पहले सुरक्षा चाक-चौबंद कर दी गई है, जबकि विपक्ष ने इस पर सवाल उठाए हैं।
nepal india relations: क्या नेहरू ने नहीं बनने दिया नेपाल को भारत का हिस्सा? जानिए ऐतिहासिक सच्चाई
Did Jawaharlal Nehru Reject Nepal's Merger With India: भारतीय उपमहाद्वीप के इतिहास में कई ऐसे मोड़ आए हैं, जिनके बारे में अक्सर कम बात होती है, लेकिन उनका असर आज भी महसूस किया जाता है। ऐसा ही एक किस्सा भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और पड़ोसी देश नेपाल से जुड़ा है। एक समय था जब नेपाल के शासक ने खुद ही भारत में विलय का प्रस्ताव रखा था, लेकिन क्या यह सच है कि पंडित नेहरू ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था? इस लेख में हम इस ऐतिहासिक घटना की गहराई में जाएंगे और इससे जुड़े तथ्यों को समझेंगे। नेपाल के राजा का चौंकाने वाला प्रस्ताव यह कहानी 1950 के दशक की शुरुआत की है, जब नेपाल में राणा शासन समाप्त हो रहा था और राजशाही का प्रभाव बढ़ रहा था। नेपाल के तत्कालीन राजा वीर विक्रम त्रिभुवन शाह ने एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए भारत के प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के सामने नेपाल के भारत में विलय का प्रस्ताव रखा था। यह एक असाधारण प्रस्ताव था, क्योंकि एक संप्रभु राष्ट्र अपने ही अस्तित्व को समाप्त कर दूसरे देश में शामिल होना चाहता था। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अपनी आत्मकथा द टर्बुलेंट इयर्स में इस घटना का जिक्र किया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से लिखा है कि राजा त्रिभुवन ने यह प्रस्ताव पंडित नेहरू के सामने रखा था। मुखर्जी ने तो यहां तक लिखा कि अगर यही प्रस्ताव इंदिरा गांधी के सामने आया होता, तो नेपाल भी सिक्किम की तरह भारत का एक प्रांत होता। नेहरू का फैसला और उसके पीछे के तर्क पंडित नेहरू ने राजा त्रिभुवन के इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। उनका मानना था कि भारत को एक मजबूत और स्वतंत्र पड़ोसी देश की आवश्यकता है, न कि अपने ही भूभाग में एक कमजोर और अशांत प्रांत की। शायद नेहरू ने यह भी सोचा होगा कि नेपाल को भारत में मिलाना अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जटिलताएं पैदा कर सकता है और भारत की गुटनिरपेक्ष नीति के लिए भी सही नहीं होगा। नेहरू ने नेपाल को एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के रूप में देखना पसंद किया, और यही उनके फैसले का आधार बना। इस घटना की पुष्टि केवल प्रणब मुखर्जी ही नहीं करते, बल्कि जनता पार्टी की सरकार में उप-प्रधानमंत्री रहे चौधरी चरण सिंह ने भी नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बी.पी. कोइराला के सामने इस बात का जिक्र किया था। यह सुनकर कोइराला असहज हो गए थे, जिसके बाद चंद्रशेखर ने बीच में आकर माहौल को हल्का किया था। चौधरी चरण सिंह का यह कथन इस घटना के ऐतिहासिक महत्व को और भी पुष्ट करता है। नेपाल और भारत के संबंध नेहरू के इस फैसले ने भारत-नेपाल संबंधों की दिशा तय की। आज, भले ही भारत और नेपाल के बीच कई बार सीमा विवाद और राजनीतिक उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच रोटी-बेटी का संबंध सदियों पुराना है। यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि इतिहास में लिए गए एक-एक फैसला का वर्तमान पर गहरा प्रभाव पड़ता है। ALSO READ: Nepal Gen Z Protest: नेपाल की बर्बादी का क्या है जगन्नाथ मंदिर से कनेक्शन?
केरल पुलिस के धार्मिक नारे लगाने के दावे से वायरल वीडियो ईद के जश्न का है
बूम ने पाया कि ईद-मिलाद-उन-नबी के मौके पर केरल की प्रमुख राजनीतिक पार्टी IUML के एक यूथ क्लब द्वारा निकाली गई धार्मिक यात्रा के वीडियो को केरल पुलिस का वीडियो बताया गया है.
Navratri Story 2025: नवरात्रि पर्व की कहानी
Navratri Hindu mythology story: नवरात्रि का पावन पर्व, जो नौ रातों तक चलता है, शक्ति की देवी मां दुर्गा को समर्पित है। यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इस उत्सव के केंद्र में एक शक्तिशाली और पौराणिक कथा है, महिषासुर नामक असुर का मां दुर्गा द्वारा वध। यह कहानी न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि हमें यह भी सिखाती है कि अहंकार और अधर्म का अंत निश्चित है और धर्म की शक्ति हमेशा विजयी होती है। ALSO READ: Durga Ashtami 2025: शारदीय नवरात्रि में दुर्गा अष्टमी कब है, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और कन्या पूजन का महत्व महिषासुर वध की कहानी: पौराणिक कथाओं के अनुसार, महिषासुर एक बहुत ही शक्तिशाली और अहंकारी राक्षस था। उसने कठोर तपस्या करके भगवान ब्रह्मा से एक ऐसा वरदान प्राप्त किया था, जिसके अनुसार उसे कोई देवता, दानव या मनुष्य नहीं मार सकता था। यह वरदान मिलते ही उसका अहंकार और बढ़ गया और उसने तीनों लोकों (स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल) में हाहाकार मचा दिया। उसने देवताओं को हराकर स्वर्ग पर कब्जा कर लिया और उनके अधिकारों को छीन लिया। सभी देवता महिषासुर के अत्याचारों से त्रस्त होकर भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान ब्रह्मा के पास गए और उनसे मदद की गुहार लगाई। देवताओं की दयनीय स्थिति देखकर त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) और अन्य सभी देवताओं ने अपनी-अपनी दैवीय शक्तियों को मिलाकर एक महाशक्ति का सृजन किया। यह महाशक्ति ही देवी दुर्गा कहलाईं। देवी दुर्गा के कई हाथ थे, जिनमें सभी देवताओं ने अपने-अपने अस्त्र-शस्त्र दिए। भगवान शिव ने उन्हें त्रिशूल, भगवान विष्णु ने चक्र, और अन्य देवताओं ने गदा, धनुष-बाण, तलवार जैसे शस्त्र दिए। शेर उनका वाहन बना। देवी दुर्गा ने जब हुंकार भरी तो पूरा ब्रह्मांड गूंज उठा। महिषासुर ने जब यह देखा तो वह क्रोधित हो गया और अपनी विशाल सेना के साथ देवी से युद्ध करने निकल पड़ा। देवी दुर्गा और महिषासुर के बीच लगातार नौ दिनों तक भयंकर युद्ध चला। महिषासुर अपनी मायावी शक्तियों से कभी भैंसा, तो कभी सिंह, और कभी हाथी का रूप बदलकर देवी को भ्रमित करने की कोशिश करता रहा। लेकिन देवी दुर्गा ने अपने दिव्य अस्त्रों और अपनी अदम्य शक्ति से उसके हर छल को नाकाम कर दिया। नौवें दिन की समाप्ति पर, जब महिषासुर ने अंतिम रूप से भैंसे का रूप धारण किया, तब देवी दुर्गा ने अपने त्रिशूल से उसके हृदय पर वार किया और उसका वध कर दिया। इस प्रकार नवरात्रि का पर्व अधर्म पर धर्म की, बुराई पर अच्छाई की और अहंकार पर विनम्रता की जीत का प्रतीक बन गया। इसके अगले दिन, यानी दसवें दिन, को विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन मां दुर्गा ने विजय प्राप्त की थी। नवरात्रि का यह पर्व हमें यह सिखाता है कि बुराई चाहे कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, सत्य और धर्म की शक्ति के सामने वह हमेशा पराजित होती है। अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। ALSO READ: shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि की तिथि, मुहूर्त, घट स्थापना, पूजा विधि, व्रत नियम और महत्व
चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने उप राष्ट्रपति पद की शपथ ली
नई दिल्ली। चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को देश के 15वें उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राधाकृष्णन को पद की शपथ दिलाई। इससे पहले राधाकृष्णन के उप राष्ट्रपति निर्वाचित होने से संबंधित निर्वाचन आयोग का प्रमाण पत्र पढकर सुनाया गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री […] The post चंद्रपुरम पोन्नुसामी राधाकृष्णन ने उप राष्ट्रपति पद की शपथ ली appeared first on Sabguru News .
नासिक में ट्रक और कार की भिडंत में तीन लोगों की मौत, 10 घायल
नासिक। महाराष्ट्र के नासिक जिले में तहराबाद-मुल्हेर मार्ग में पिकअप ट्रक और कार की भिडंत में एक महिला समेत तीन मजदूरों की मौत हो गई और 12 मजदूर घायल हो गए। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। जायखेड़ा पुलिस के अनुसार सतना तालुके में तहाराबाद-मुल्हेर रोड पर गुरुवार रात खेतीहर मजदूरों से भरे पिकअप […] The post नासिक में ट्रक और कार की भिडंत में तीन लोगों की मौत, 10 घायल appeared first on Sabguru News .
सुप्रीम कोर्ट का सांसद कंगना रनौत की याचिका पर सुनवाई से इनकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी सांसद कंगना रनौत की उस याचिका पर सुनवाई करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि की शिकायत रद्द करने की गुहार लगाई थी। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने सुश्री रनौत पर 2021 के […] The post सुप्रीम कोर्ट का सांसद कंगना रनौत की याचिका पर सुनवाई से इनकार appeared first on Sabguru News .
राजस्थान पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 2025 के लिए स्पेशल ट्रेनों का संचालन
जयपुर। उत्तर पश्चिम रेलवे राजस्थान पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 2025 के परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए परीक्षा स्पेशल रेलसेवाओं का संचालन करेगा। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण के अनुसार गाडी संख्या 04701/04702, श्रीगंगानगर-खातीपुरा(जयपुर)-श्रीगंगानगर परीक्षा स्पेशल रेलसेवा , गाडी संख्या 04701, श्रीगंगानगर-खातीपुरा( जयपुर) परीक्षा स्पेशल रेलसेवा 13 सितंबर को (01 ट्रिप) श्रीगंगानगर से […] The post राजस्थान पुलिस कांस्टेबल परीक्षा 2025 के लिए स्पेशल ट्रेनों का संचालन appeared first on Sabguru News .
दिल्ली हाईकोर्ट को मिला धमकी भरा ईमेल, 3 बम रखने के दावे के बाद परिसर कराया खाली
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट में शुक्रवार सुबह ईमेल के जरिये बम रखने की धमकी मिलने के बाद परिसर को खाली कराया गया। इस मेल में अदालत परिसर में तीन बम रखे जाने का दावा किया गया है और दोपहर दो बजे तक बम में विस्फोट हो सकता है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक यह मेल आज […] The post दिल्ली हाईकोर्ट को मिला धमकी भरा ईमेल, 3 बम रखने के दावे के बाद परिसर कराया खाली appeared first on Sabguru News .
अमरीका में कर्नाटक के मोटल मैनेजर की हत्या, सहकर्मी अरेस्ट
बेंगलूरु। अमरीका के टेक्सास में एक भारतीय मूल के मोटल मैनेजर की उसके सहकर्मी ने बेरहमी से हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि भारतीय समयानुसार आज पीड़ित सैमुअल बुलेवार्ड स्थित डाउनटाउन सूट्स मोटल मैनेजर चंद्रमौली नागमल्लैया (50) पर क्यूबा के नागरिक योर्डानिस (कोबोस) मार्टिनेज़ को खराब वॉशिंग मशीन का इस्तेमाल न करने को कहा […] The post अमरीका में कर्नाटक के मोटल मैनेजर की हत्या, सहकर्मी अरेस्ट appeared first on Sabguru News .
लखनऊ में बस-पानी के टैंकर की भिडन्त, 5 की मौत, 19 घायल
लखनऊ। राजधानी लखनऊ के काकोरी थाना क्षेत्र के गुरुवार शाम के बेता नाला पुल टिकैतगंज के पास बड़ा सड़क हादसा हो गया। हरदोई से लखनऊ आ रही कैसरबाग डिपो की रोडवेज बस पानी के टैंकर से भिड़कर अनियंत्रित हो गई और गहरी खाई में गिर गई। इस हादसे में पांच लोगों की मौके पर ही […] The post लखनऊ में बस-पानी के टैंकर की भिडन्त, 5 की मौत, 19 घायल appeared first on Sabguru News .
विवेज रंजन अग्निहोत्री की फिल्म द बंगाल फाइल्स की कोलकाता में इस दिन होगी पहली स्क्रीनिंग
विवेक रंजन अग्निहोत्री की 'द बंगाल फाइल्स' इस साल की सबसे ज्यादा इंतजार की जाने वाली फिल्मों में से एक थी, जो पिछले हफ्ते सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। रिलीज से पहले इस फिल्म को लेकर जमकर विवाद हुआ। वहीं पश्चिम बंगाल के कई शहरों में यह फिल्म अभी तक रिलीज नहीं हो पाई है। 'द बंगाल फाइल्स' विवेक की जानी मानी टूथ ट्रिलॉजी की तीसरी कड़ी है, जो भारत के काले इतिहास से जुड़ी सच्चाई पर रोशनी डालती है। फिल्म देशभर में रिलीज हो चुकी है, लेकिन वेस्ट बंगाल के थिएटर्स ने अब तक इसे स्क्रीन नहीं किया है। हालांकि, रिलीज के एक हफ्ते बाद द बंगाल फाइल्स की एक स्पेशल स्क्रीनिंग 13 सितंबर को कोलकाता में होने वाली है। इस खबर को ऑफिशियली पूर्व राज्यसभा सांसद स्वपन दासगुप्ता ने शेयर किया है। द बंगाल फाइल्स की स्पेशल स्क्रीनिंग 13 सितंबर को शाम 4 बजे डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भाषा भवन, नेशनल लाइब्रेरी, कोलकाता में रखी गई है। यह स्क्रीनिंग क्लोज़-डोर होगी, जहां सिर्फ इनविटेशन पर ही एंट्री मिलेगी। यह कदम तब आया है जब वेस्ट बंगाल में फिल्म को थियेटर्स में रिलीज नहीं किया गया। वहीं देशभर में इस फिल्म को सराहा जा रहा है क्योंकि यह भारत के इतिहास के एक अहम लेकिन अनदेखे किस्से को सामने लाती है। बंगाल में फिल्म को लेकर जिज्ञासा लगातार बढ़ रही है और थियेटर्स के न दिखाने के बावजूद प्राइवेट स्क्रीनिंग्स आयोजित की जा रही हैं। एक इंटरव्यू में विवेक अग्निहोत्री ने बताया कि किस तरह राजनीतिक दबाव की वजह से द बंगाल फाइल्स को सिनेमा हॉल्स में जगह नहीं मिल रही। उन्होंने कहा, हमने एडवांस बुकिंग खोल दी थी और थिएटर्स भी फाइनल हो गए थे। मेरे डिस्ट्रीब्यूटर्स ने मुझे बताया। बंगाल में डिस्ट्रीब्यूटर्स अलग-अलग धर्मों से थे। यह इतिहास रचने वाले थी। लेकिन अब मुझे पता चला है कि थिएटर्स फिल्म दिखाने से मना कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि राजनीतिक अशांति पैदा हो सकती है। द बंगाल फाइल्स की कहानी और निर्देशन विवेक रंजन अग्निहोत्री ने किया है, जबकि इसके निर्माता अभिषेक अग्रवाल, पल्लवी जोशी और विवेक रंजन अग्निहोत्री हैं। इसमें मिथुन चक्रवर्ती, पल्लवी जोशी, अनुपम खेर और दर्शन कुमार अहम भूमिकाओं में हैं। यह फिल्म तेज नारायण अग्रवाल और आई एम बुद्धा प्रोडक्शन्स द्वारा प्रस्तुत की गई है।
मुंबई में बम की धमकी से मचा हड़कंप, तटीय इलाकों में बढ़ाई गई निगरानी
गुरुवार दोपहर एक अज्ञात कॉलर द्वारा समुद्र में बम विस्फोट की धमकी देने से मुंबई में हड़कंप मच गया। पुलिस ने तुरंत अलर्ट जारी कर तटीय इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी है और कॉलर की तलाश शुरू कर दी गई है।
फरार नौसैनिक और उसका भाई तेलंगाना से गिरफ्तार, नेवी नगर से चोरी की थी बंदूक और कारतूस
नेवी नगर से चोरी हुई बंदूक और 40 कारतूस के मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। फरार नौसैनिक राकेश डुब्बुला और उसके भाई उमेश को तेलंगाना से गिरफ्तार कर लिया गया है।
munshi ayangar formula: भारत की आजादी के बाद, देश के सामने एक बड़ा सवाल था: राष्ट्रभाषा क्या हो? इस सवाल को लेकर भारत के उत्तरी और दक्षिणी राज्यों के बीच एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था। यह सिर्फ एक भाषा का मुद्दा नहीं था, बल्कि यह राष्ट्रीय एकता और ...
Gen-Z से लेकर आर्मी चीफ तक सबकी सहमती; फिर भी सुशीला कार्की को लेकर नेपाल में सस्पेंस कायम
Gen-Z आंदोलन ने सत्ता पलट दी है—पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली इस्तीफा देकर अज्ञात स्थान पर चले गए हैं। राजधानी काठमांडू से लेकर तराई तक सड़कों पर जनसैलाब है, लेकिन तख़्तापलट के बाद अब तक अंतरिम सरकार का गठन नहीं हो पाया है। नतीजा—देश अनिश्चितता और सस्पेंस की गिरफ्त में है।
‘12वीं पास, नौकरी छह साल ही शेष’, टीईटी की अनिवार्यता को लेकर क्यों चिंतित हैं शिक्षक?
टीईटी की अनिवार्यता को लेकर देशभर के हजारों शिक्षक परेशान हैं। वे सड़कों पर उतरक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।
37 साल के फेमस चायनीज एक्टर यू मेंगलोंग की मौत, बिल्डिंग से गिरकर गई जान
फेमस चाइनीज सिंगर, एक्टर और मॉडल यू मेंगलोंग का निधन हो गया है। वह महज 37 साल के थे। यू मेंगलोंग की प्रबंधन टीम ने उनके निधन की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि यू मेंगलोंग की बीजिंग में एक बिल्डिंग से गिरकर मौत हो गई है। खबरों के अनुसार मेंगलोंग की टीम ने लिखा, बेहद दुख के साथ हमें बताना पड़ रहा है कि हमारे प्यारे मेंगलोंग की 11 सितंबर को बिल्डिंग से गिरकर मौत हो गई है। पुलिस ने किसी भी आपराधिकता से इनकार किया है। हम आशा करते हैं कि उनकी आत्मा को शांति मिले और उनकी फैमिली स्ट्रॉन्ग बनी रहें। यू मेंगलोंग के अचानक निधन से इंडस्ट्री में शोक की लहर है। 37 साल की छोटी-सी उम्र में उन्होंने फैंस केबीच जबरदस्त पहचान बनाई थी। मेंगलोंग ने पहली बार साल 2013 में चाइनीज सिंगिंग रियलिटी शो 'सुपर बॉय' में पार्टीसिपेट कर पॉपुलैरिटी हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने एक्टिंग का रुख किया। मेंगलोंग ने वेब सीरीज ‘गो प्रिंसेस गो’ में अहम किरदार निभाया, जिससे उनकी पॉपुलैरिटी और भी ज्यादा बढ़ गई। इसके बाद उन्होंने हिट फैंटेसी रोमांस ‘एटरनल लव’ में बाई कियान का किरदार निभाया। मेंगलोंग मॉडलिंग की दुनिया में भी सक्रिय थे।
अगले BCCI अध्यक्ष हो सकते हैं सचिन तेंदुलकर, यह खबर पढ़कर मास्टर ब्लास्टर ने कहा..
दिग्गज क्रिकेट सचिन तेंदुलकर ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल होने अफवाहों को सिरे से खारिज किया है।तेंदुलकर के बीसीसीआई के अगले अध्यक्ष बनने की अटकलों के बीच, एसआरटी स्पोर्ट्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा जारी आधिकारिक बयान में कहा है, हमारे संज्ञान में आया है कि श्री सचिन तेंदुलकर के भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष पद के लिए विचार किए जाने या उन्हें नामित किए जाने की अफवाहें फैल रही हैं। हम स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। ALSO READ: BCCI की एजीएम 28 सितंबर को, अध्यक्ष पद के लिए चुनाव मुख्य एजेंडा तेंदुलकर स्वयं टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे, लेकिन उनकी टीम ने मीडिया से इस तरह की अटकल बाजी से बचने का अनुरोध किया। बयान में कहा गया, हम सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध करते हैं कि वे निराधार अटकलों पर ध्यान न दें। बीसीसीआई अध्यक्ष के चुनाव 28 सितंबर को होने हैं, जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष के पदों के लिए मतदान होगा। बोर्ड के भीतर आम धारणा के अनुसार मौजूदा सचिव देवजीत सैकिया, संयुक्त सचिव रोहन गौंस देसाई और कोषाध्यक्ष प्रभतेज सिंह भाटी अपने पदों पर बने रहेंगे। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के पदों के साथ-साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के अध्यक्ष की भूमिका को लेकर भी बड़े सवाल उठ रहे हैं। राजीव शुक्ला वर्तमान उपाध्यक्ष हैं, और हो सकते है कि वे किसी न किसी रूप में बीसीसीआई का हिस्सा बने रहें। शुक्रवार को राज्य संघों के लिए वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के लिए अपने प्रतिनिधियों के नाम दाखिल करने की अंतिम तिथि है। इस सूची से यह संकेत मिल सकता है कि बड़े पदों के लिए कौन-कौन दावेदार हैं। (एजेंसी )
पशुपतिनाथ मंदिर के गेट पर चढ़ रहे लोगों का वीडियो नेपाल प्रदर्शन से जुड़ा नहीं
BOOM ने पाया वीडियो मार्च 2025 में नेपाल स्थित पशुपतिनाथ मंदिर में बसलेश्वरी जत्रा उत्सव मनाए जाने के दौरान का है.
बॉक्स ऑफिस पर लोका चैप्टर 1 का धमाका, 15 दिन में किया इतना कलेक्शन, दिल मद्रासी का हाल बेहाल
साउथ इंडस्ट्री में इस वक्त सिर्फ एक ही नाम 'लोका चैप्टर 1' गूंज रहा है, एडवेंचर-फैंटेसी ड्रामा ने सिनेमाघरों में तूफान मचा दिया है। प्रियदर्शन की बेटी और फिल्म की लीड एक्ट्रेस कल्याणी प्रियदर्शन को हर तरफ से सराहना मिल रही है। लोका की सफलता ने दूसरी बड़ी फिल्मों को सीधा नुकसान पहुंचाया है, खासकर 'दिल मद्रासी' को। 15 दिन में 214 करोड़ की कमाई रिपोर्ट्स के मुताबिक, लोका का बजट करीब 30 करोड़ रुपए था। लेकिन फिल्म की कमाई ने हर किसी को चौंका दिया है। भारत में कमाई: 100 करोड़+ ओवरसीज कलेक्शन: 96.15 करोड़ रुपए ग्रॉस इंडिया कलेक्शन: 114.35 करोड़ रुपए वर्ल्डवाइड टोटल: 214.35 करोड़ रुपए सिर्फ 15वें दिन ही इस फिल्म ने 3.85 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया। इस तरह लोका ने बजट से कई गुना ज्यादा कमाई कर बॉक्स ऑफिस पर नया इतिहास रच दिया है। दिल मद्रासी की हालत खराब वहीं दूसरी तरफ बड़े बजट (करीब 200 करोड़ रुपये) में बनी फिल्म दिल मद्रासी बॉक्स ऑफिस पर टिक ही नहीं पा रही। रिलीज के पहले हफ्ते में फिल्म का वर्ल्डवाइड कलेक्शन केवल 78 करोड़ रुपए तक पहुंच सका। इंडिया ग्रॉस कलेक्शन: 55.25 करोड़ रुपए 7वें दिन तक कुल कमाई: 57.25 करोड़ रुपए ओवरसीज कलेक्शन: 22 करोड़ रुपए स्पष्ट है कि दर्शक लोका की ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे हैं और मद्रासी अपने खर्च भी निकालने में जूझ रही है। लोका चैप्टर 1 की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि सही कहानी और शानदार प्रस्तुति के साथ छोटे बजट की फिल्म भी बॉक्स ऑफिस पर बड़ा कमाल कर सकती है। वहीं, बड़े-बजट की फिल्में भी फ्लॉप हो सकती हैं अगर कंटेंट दर्शकों को नहीं भाए।
मुंबई की तेज रफ्तार में दौड़ती लोकल ट्रेन से कूदीं करिश्मा शर्मा, अस्पताल में चल रहा इलाज
'रागिनी एमएमएस रिटर्न्स' और 'प्यार का पंचनामा' जैसी फिल्मों में नजर आ चुकी एक्ट्रेस करिश्मा शर्मा को लेकर शॉकिंग खबर सामने आई है। एक्ट्रेस एक गंभीर हादसे का शिकार हो गई हैं। करिश्मा मुंबई में चलती ट्रेन से कूदने के बाद गंभीर रूप से घायल हो गई हैं। इस बाद की जानकारी करिश्मा ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दी है। एक्ट्रेस ने बताया कि वह मुंबई की लोकल ट्रेन से चर्चगेट जा रही थीं। करिश्मा शर्मा के ट्रेन में चढ़ते ही स्पीड़ बढ़ गई और उनेक दोस्त ट्रेन पकड़ नहीं सके। इसके बाद वह डर की वजह से चलती ट्रेन से ही कूद गईं। करिश्मा ने अपनी पोस्ट में लिखा, कल जब मैं चर्चगेट शूट के लिए जा रही थी तो मैंने साड़ी पहनकर ट्रेन से जाने का फैसला किया। जैसे ही ट्रेन में चढ़ी, वह तेज होने लगी। मैंने देखा कि मेरे दोस्त ट्रेन पकड़ नहीं पाए। डर की वजह से मैंने छलांग लगा दी और पीछे गिर गई। उन्होंने लिखा, मेरी पीठ में चोट लगी है, सिर पर सूजन है और पूरे शरीर पर चोट के निशान हैं। डॉक्टरों ने MRI किया और मुझे एक दिन के लिए ऑब्जर्वेशन में रखा है। ताकि सिर की चोट सीरियस न हो। कल से दर्द हो रहा है, लेकिन मैं हिम्मत बनाए हुए हूं। जल्दी ठीक होने के लिए दुआ करें और अपना प्यार भेजें, यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है। बता दें कि करिश्मा शर्मा कई फिल्मों और वेब सीरीज में नजर आ चुकी हैं। उन्होंने फसते फसाते, सुपर 30, एक विलेन रिटर्न्स जैसी फिल्मों में भी काम किया है। इसके अलावा वह पवित्र रिश्ता, ये है मोहब्बतें और प्यार तूने क्या किया जैसे टीवी शोज़ का भी हिस्सा रही हैं।
राधाकृष्णन का ऐतिहासिक पल; विपक्षी उम्मीदवार रेड्डी को दी मात
सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति शपथ समारोह राष्ट्रपति भवन में संपन्न प्रधानमंत्री मोदी और वरिष्ठ नेता रहे मौजूद
नेटफ्लिक्स फैमिली ड्रामा Unaccustomed Earth में फ्रीडा पिंटो के साथ लीड रोल में नजर आएंगे सिद्धार्थ
एक्टर सिद्धार्थ को नेटफ्लिक्स की एक घंटे की फैमिली ड्रामा सीरीज़ 'Unaccustomed Earth' में फ्रीडा पिंटो के साथ मुख्य भूमिका में कास्ट किया गया है। यह सीरीज़ जॉन वेल्स और माधुरी शेखर द्वारा बनाई गई है। शो का संचालन भी जॉन वेल्स ही करेंगे। इस सीरीज का निर्देशन ऋतेश बत्रा करेंगे। एरिका सालेह, एरिन जॉनटो, और निशा गणात्रा इसके एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर्स हैं। नेटफ्लिक्स ने इस सीरीज़ के आठ एपिसोड्स का ऑर्डर दिया है। Unaccustomed Earth एक भव्य, भावनात्मक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध ड्रामा है, जो एक करीबी भारतीय-अमेरिकी समुदाय की कहानी बयां करता है, जो प्यार, इच्छा और अपनी पहचान की खोज में जूझ रहा है। यह कहानी कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स के एक विशिष्ट और आंतरिक भारतीय-अमेरिकी समुदाय के जीवन में झांकने का मौका देती है। जब एक समर्पित पत्नी और उसके लंबे समय से खोए हुए प्रेम के बीच एक पुराने रिश्ते की चिंगारी दोबारा जलती है, तो एक विवादास्पद अफेयर जन्म लेता है और इस आपस में जुड़े समुदाय में नए संघर्षों की शुरुआत होती है। सीरीज़ की प्रमुख शूटिंग अगस्त 2025 से शुरू होगी और साल के अंत तक चलेगी। सिद्धार्थ एक मूल्यांकित भारतीय अभिनेता, पटकथा लेखक, गायक और निर्माता हैं, जिनका करियर दो दशकों से अधिक का है और उन्होंने तमिल, तेलुगु और हिंदी सिनेमा में काम किया है। सात भाषाएं बोलने वाले बहुभाषी कलाकार सिद्धार्थ ने तमिल फिल्म बॉयज़ से धमाकेदार डेब्यू किया था और फिर BAFTA नामांकित हिंदी फिल्म रंग दे बसंती से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। सिद्धार्थ को हमेशा साहसिक और अपारंपरिक प्रोजेक्ट्स चुनने के लिए जाना जाता है, जो उनकी तेज रचनात्मक सोच को दर्शाते हैं। अब वह अपने पहले अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट नेटफ्लिक्स की Unaccustomed Earth के ज़रिए अमेरिकी और वैश्विक बाजार में कदम रखने जा रहे हैं।
shraddha Paksha 2025: एकादशी का श्राद्ध कब है, क्या करते हैं इस दिन?
Ekadashi Shraddh 2025: पितृ पक्ष 2025 में एकादशी का श्राद्ध 17 सितंबर, बुधवार को होगा। यह एकादशी 'इंदिरा एकादशी' के नाम से भी जानी जाती है। एकादशी तिथि को पितरों के श्राद्ध के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, खासकर जब यह भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष में आती है और इसे इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। ALSO READ: Sarvapitri amavasya 2025: वर्ष 2025 में श्राद्ध पक्ष की सर्वपितृ अमावस्या कब है? इस दिन क्या करते हैं: एकादशी का श्राद्ध उन दिवंगत परिजनों के लिए किया जाता है, जिनका निधन एकादशी तिथि को हुआ हो। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है, और इस दिन श्राद्ध करने से कई लाभ होते हैं। धार्मिक मान्यता है कि एकादशी का श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और वे जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाते हैं। यह श्राद्ध पितृदोष को दूर करने में भी सहायक माना जाता है। यह समय श्रद्धा, विनम्रता और आत्म‑चिंतन हेतु महत्वपूर्ण होता है। श्राद्ध करते समय पितरों के प्रति सम्मान की भावना हो तथा आत्म‑ग्लानि या दोषारोपण से श्राद्धकर्ता तथा परिवारजनों को बचना चाहिए। ALSO READ: Shradh paksh 2025: श्राद्ध के 15 दिनों में करें ये काम, पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति • तर्पण और पिंडदान: इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विधि-विधान से तर्पण और पिंडदान किया जाता है। तर्पण के लिए जल में काले तिल, दूध और चावल मिलाकर पितरों को अर्पित किया जाता है। • ब्राह्मण भोजन: पितृ पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन कराना एक महत्वपूर्ण कर्म है। एकादशी के श्राद्ध के दिन भी ब्राह्मणों को आदरपूर्वक भोजन कराया जाता है और उन्हें दक्षिणा व वस्त्र आदि दान दिए जाते हैं। • पंचबलि: श्राद्ध के दिन गाय, कुत्ता, कौआ, देवता और चींटी यानी पंचबलि के लिए भोजन निकाला जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन जीवों को भोजन कराने से पितरों को भोजन प्राप्त होता है। • दान-पुण्य: पितृ पक्ष में आने वाली एकादशी के दिन यथाशक्ति तथा अनाज, वस्त्र, छाता और अन्य उपयोगी वस्तुओं का दान किया जा सकता है।दान-पुण्य करना बहुत शुभ माना जाता है। • पूजा-पाठ: भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करना भी इस दिन अत्यंत फलदायी होता है, क्योंकि एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। ALSO READ: Shradha Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष के बाद इन 96 दिनों में कर सकते हैं श्राद्ध कर्म अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
ईरानी राष्ट्रपति का खुला ऐलान- सड़कों पर बम गिराने से क्रांति नहीं रुकेगी
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन ने कहा है कि समझदारी से निर्णय लेने वाला राष्ट्र कभी आत्मसमर्पण नहीं करेगा। उन्होंने इज़राइल और पश्चिम पर गंभीर आरोप लगाए...
रेयरअर्थ के लिए म्यांमार के विद्रोहियों से हाथ मिलाएगा भारत?
इस मामले से परिचित चार लोगों के मुताबिक भारत एक शक्तिशाली विद्रोही समूह की मदद से म्यांमार से रेयर अर्थ के नमूने हासिल करने पर काम कर रहा है। रेयर अर्थ की सप्लाई के मामले में चीन का नियंत्रण मजबूत है, और भारत चाहता है कि इस पर चीन की पकड़ कमजोर हो।
देश दुनिया की लाइव खबरें 12 सितंबर 2025 | Aaj Tak Live
12 सितंबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें। यहां भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, विज्ञान-तकनीक, मौसम अपडेट और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी हर ताज़ा व बड़ी खबर तुरंत पाएँ। इस पेज पर दिन भर की खबरें अपडेट होंगीं..
भारत में स्वेच्छा से निजी स्थान पर सेक्स वर्कर यानी प्रोस्टीट्यूट के तौर पर काम करना अपराध नहीं है. लेकिन, वेश्यालय चलाना, सार्वजनिक स्थानों पर ग्राहक ढूंढ़ना, दलाली करना और अब केरल हाईकोर्ट के मुताबिक ग्राहक होना भी अपराध है जो जेल की हवा भी खिलवा सकता है.लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने खुद साल 2022 में प्रोस्टीट्यूशन को पेशे के तौर पर मान्यता दी है. तो फिर केरल हाईकोर्ट का ग्राहक वाला फैसला किस ओर इशारा करता है? क्या प्रोस्टीट्यूट के पास सेक्स के लिए जाना अपराध है या नहीं.पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो...
चुनावी माहौल में दैनिक भास्कर लाया है बिहार के 10 बड़े नरसंहारों की कहानी, जिनका राजनीति में अब भी गहरा असर है। पहले एपिसोड में आज कहानी बेलछी नरसंहार की... देश से आपातकाल हटे ठीक 64 दिन हुए थे। साल था 1977 और तारीख 24 मई। केंद्र में जनता पार्टी की सरकार थी और मोरारजी देसाई पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री। बिहार में राष्ट्रपति शासन था, लेकिन चुनाव की तारीखें तय हो चुकी थीं। पटना से 90 किलोमीटर दूर एक गांव है बेलछी। 6 बजे थे सुबह के। गांव का दबंग महावीर महतो सिर पर गमछा बांधते हुए बोला- ‘मंगरू सुन रहे हो… जा सिंघवा को बुला लाओ।’ मंगरू- ‘हां काका, अभी जाते हैं।’ महावीर ने 30-35 साथियों को बुला लिया। बोला- ‘देखो आज सिंघवा बचना नहीं चाहिए। मंगरू गया है उसे बुलाने। लाठी-डंडे लेकर सब गली में खड़े जाओ। मैंने बंदूक-गोली मंगा ली है। आते ही उस पर टूट पड़ना है।’ कुछ ही देर में मंगरू, सिंघवा के घर पहुंच गया। खटिया पर बैठा सिंघवा दातुन कर रहा था। मंगरू बोला- ‘महावीर काका बुलाए हैं। अभी के अभी घर चलिए।’ सिंघवा की पत्नी बोल पड़ी- ‘उसके घर से तो दुश्मनी है। कल तो उसके लोग मारने आए थे। उसके घर जाना ठीक नहीं है।’ ‘अरे चुप रहो, कुछ नहीं होगा’… कहते हुए सिंघवा, मंगरू के साथ चल पड़ा। पीछे-पीछे उसके ससुर जानकी पासवान भी साथ हो लिए। सिंघवा जैसे ही महावीर के घर में घुसा, पीछे से एक आदमी ने उसके सिर पर लाठी मार दी। वह पलटकर भागना चाहा, लेकिन 4-5 लोगों ने दबोच लिया। लाठी-डंडे से पीटने लगे। यह देखकर जानकी पासवान भागते-भागते दलित बस्ती पहुंचे। कहने लगे- ‘सब चलो, जल्दी चलो… महावीर %^*$% सिंघवा को मार रहा है।’ 10-15 लड़के लाठी-डंडे लेकर चल पड़े। इधर, महावीर के आदमी घात लगाए थे। उन लोगों ने इन्हें देखते ही फायरिंग शुरू कर दी। ज्यादातर लड़के गोली लगते ही गिर पड़े। इसी बीच दोनाली बंदूक ताने खुद महावीर महतो आ गया। बोला- ‘हाथ-पैर बांधकर सबको मेरे सामने ले आओ।’ सिंघवा सहित कुल 11 लोगों के हाथ-पैर बांधकर महावीर के सामने खड़ा कर दिया। अब महावीर बोला- ‘का रे सिंघवा… तू बड़का नेता बन रहा है न। खेत जोतेगा हमारा। चलो आज खेत जोतवाते हैं।’ तभी बंदूक लिए परशुराम धानुक नाम का एक आदमी हांफते हुए आया। बोला- ‘भैया सबको खेत ले चलो। वहां इनके स्वर्ग का इंतजाम कर दिए हैं।’ गांव के बाहर एक खेत में मक्के की फसल लगी थी। उसके बीचों-बीच चिता सजाकर रखी थी। परशुराम ने केरोसिन डालकर आग लगा दिया। कुछ ही मिनटों में ऊंची-ऊंची लपटें उठने लगीं। महावीर बोला- ‘सब *^%$ को लाइन में खड़ा करो।’ महावीर के आदमियों ने सिंघवा और उसके साथियों को घसीटते हुए ले जाकर लाइन में खड़ा कर दिया। अब महावीर और परशुराम ने बंदूक उठाई...धांय धांय की गूंज से गांव दहल गया। किसी के सिर में गोली लगी, तो किसी का सीना पार कर गई। सब जमीन पर गिर पड़े। महावीर बोला- ‘अब इन हरा@#$% को उठाकर आग में झोंक दो।’ महावीर के आदमियों ने सबको आग में डाल दिया। 12 साल का एक लड़का गोली लगने के बाद भी बच गया था। वह बार-बार चिता से उठ जा रहा था। महावीर के आदमी बार-बार पकड़कर उसे आग में फेंक दे रहे थे। गुस्से में महावीर ने गड़ासा उठाया और उसकी गर्दन पर दे मारा। उसकी गर्दन कटकर लटक गई। फिर दो लड़कों ने उठाकर उसे आग में झोंक दिया। कुछ देर बाद परशुराम बोला- ‘आग कम पड़ रही है, कंडे-लकड़ी लाओ।’ चार-पांच औरतें दौड़-दौड़कर कंडे और लकड़ियां लाने लगीं। दो घंटे बाद महावीर के आदमियों ने लाठी-डंडे से उलट-पलटकर देखा सब जल गए थे। ये बिहार का पहला जातीय नरसंहार था-'बेलछी नरसंहार। 11 लोगों को मारकर जला दिया। इनमें 8 दलित और 3 सुनार थे... दोपहर 2.30 बजे गणेश पासवान नाम का चौकीदार भागते-भागते 17 किलोमीटर दूर बाढ़ पुलिस स्टेशन पहुंचा। थाना प्रभारी से बोला- ‘साहब… बेलछी में 11 लोगों को मारकर जला दिया है।’ थाना प्रभारी अवधेश मिश्रा ने आवाज लगाई- ‘अरे जीप निकालो।’ 10-12 पुलिस वालों को लेकर थाना प्रभारी बेलछी के लिए निकल पड़े, लेकिन रास्ते में उनकी गाड़ी का ब्रेक फेल हो गया। कुछ ही दूर पर एक दूसरा थाना था सकसोहरा। थाना प्रभारी ने मदद मांगी, तो सकसोहरा थाना के इंचार्ज बोले- ‘बेलछी हमारे इलाके में नहीं आता। हम मदद नहीं कर सकते।’ किसी तरह देर शाम बाढ़ पुलिस बेलछी पहुंची। मक्के के खेत में अभी भी आग जल रही थी। भीड़ जुटी थी। मृतकों के घर वाले बदहवास बिलख रहे थे। थाना प्रभारी ने गांव वालों से पूछा- ‘ये कत्ल किसने किया, किसी ने देखा क्या?’ गमछा बनियान पहने 40 साल के जानकी पासवान बोले- ‘साहब...गांव के ही महावीर महतो, परशुराम महतो और उसके 30-35 लोग थे। मैंने अपनी आंखों से देखा है सबको मारते हुए। मेरे दामाद सिंघवा को भी उन लोगों ने मार दिया।’ कैसे मारा, पूरी बात बताओ? ‘साहब… सुबह ही मारा। पहले महावीर समझौते के लिए सिंघवा और उसके साथियों को बुलाया। फिर घेरकर फायरिंग करने लगा। मैं भागकर गांव वालों को बुलाने चला गया। फिर देखा कि वो लोग सबको बांधकर खेत ले जा रहे हैं। मैं एक छत पर छिपकर दीवार के पीछे से देख रहा था। महावीर और परशुराम ने सबको गोली मारी, फिर आग में झोंक दिया। जब वे चले गए तो मैंने जाकर चौकीदार गणेश पासवान को ये बात बताई।’ क्यों मारा? जानकी पासवान- ‘साहब… गांव के कुर्मी बहुत दबंग हैं। सब जमीन पर उन्हीं लोगों का कब्जा है। हम लोग मजदूरी करते हैं। वो लोग काम करवा के भी मजदूरी नहीं देता है। सिंघवा ने लड़कर कई मजदूरों को पैसा दिलवाया था। इसलिए वे लोग इसके पीछे पड़े थे।’ पुलिस ने इसे गैंगवार बताया, लेकिन वामपंथी दल और दलित नेता इसे जातीय नरसंहार बता रहे थे। एक हफ्ते के भीतर पुलिस ने महावीर सहित 20-22 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पटना पुलिस के डिप्टी कमिश्नर के.एन अर्धनारीश्वर ने जांच संभाली। उन्होंने महावीर महतो की कॉलर पकड़ते हुए पूछा- ‘बता, क्यों मारा सबको?’ ठसक भरी आवाज में महावीर बोला- ‘मैंने कुछ नहीं किया। वो उनकी आपसी लड़ाई थी।’ डिप्टी कमिश्नर- ‘ये ऐसे मानेगा नहीं। हाथ-पैर बांधकर इसे उल्टा लटका दो।’ तीन-चार सिपाहियों ने महावीर के हाथ-पैर बांध दिए। डिप्टी कमिश्नर ने जैसे ही हंटर उठाया, महावीर कांपने लगा। बोल पड़ा- ‘साहब मारो मत, सब बताता हूं।’ ‘साहब... 2-3 दिन पहले हमारा एक आदमी सिंघवा के खेत से 5 मन धान चुरा लिया था। सिंघवा उसे पीटते हुए थाने ले जा रहा था। मैंने 5 मन धान देकर उसे छुड़ा लिया। फिर घर पर अपने लोगों को बुलाया और कहा कि धान चुराने से कुछ नहीं होगा। हमें सिंघवा को ही खत्म करना होगा। अगले दिन हमने सिंघवा पर हमला कर दिया। उधर से उसके लोग भी गोली चलाने लगे। रातभर लड़ाई चलती रही। वो लोग एक मकान में छुप गए थे। सुबह मैंने चाल चली और सिंघवा को सुलह के लिए बुला लिया। वो जैसे ही आया हमारे आदमी उस पर टूट पड़े।’ बेलछी के जानकी पासवान की गवाही पर पुलिस ने महावीर महतो, परशुराम धानुक सहित 31 लोगों पर हत्या, अपहरण, आगजनी जैसी धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। जून 1977 में बिहार विधानसभा चुनाव हुए। 5 साल पहले कुल 324 में से 167 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 57 सीटों पर सिमट गई। वहीं, नई नवेली जनता पार्टी ने 214 सीटें जीत लीं। यानी दो तिहाई सीटें। 24 जून 1977 को जनता पार्टी के कर्पूरी ठाकुर बिहार के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने भी बेलछी कांड को जातीय नरसंहार नहीं माना। जनता पार्टी की लहर के बावजूद एक युवा नेता हार गया। नेता थे नीतीश कुमार। दरअसल, नीतीश नालंदा जिले की हरनौत से चुनावी डेब्यू कर रहे थे। हरनौत, बेलछी से 10-12 किलोमीटर ही दूर है। नीतीश उसी कुर्मी समुदाय से हैं, जिस पर नरसंहार का आरोप लगा था। हरनौत में कुर्मियों का दबदबा भी था। भोला सिंह, जो कभी नीतीश के साथी रहे, चुनाव में उनके खिलाफ उतर गए। भोला अपनी रैलियों में आरोपियों को बेगुनाह बताने लगे। जबकि नीतीश ने पीड़ितों का साथ दिया। इससे नाराज कुर्मी समुदाय भोला के लिए लामबंद हो गया। नीतीश 6 हजार वोट से हार गए। जब राम विलास पासवान ने लोकसभा में बेलछी नरसंहार की अधजली हड्डियां दिखाईं बेलछी का मुद्दा लोकसभा में भी गरमाया हुआ था। गृहमंत्री चौधरी चरण सिंह ने सदन में कहा- 'ये दो गैंग के बीच वर्चस्व का मामला है। इसमें कास्ट एंगल नहीं है।' इस पर उनकी पार्टी के दलित सांसदों ने ही हंगामा कर दिया। विवाद बढ़ा तो जनता पार्टी के दलित नेता रामधन की अगुआई में फैक्ट फाइंडिंग टीम बेलछी भेजी गई। इसमें पहली बार सांसद बने रामविलास पासवान भी थे। 13 जुलाई 1977...रामविलास लोकसभा में बोलने के लिए खड़े हुए। शुरुआती कुछ मिनट उन्होंने आपातकाल और कांग्रेस के खिलाफ बोला। फिर अचानक सदन के पटल पर एक पोटली खोल दी। उसमें इंसानी अधजली हड्डियां थीं। सब हैरान रह गए कि ये किसकी हड्डियां हैं… रामविलास बोले- ‘ये अस्थियां बेलछी नरसंहार में मारे गए लोगों की हैं। हमारे गृहमंत्री चौधरी चरण सिंह बहुत सीधे-सादे व्यक्ति हैं। वे अनुभवी हैं, लेकिन उन्होंने नौकरशाहों के तैयार किए गए बयान को आंख मूंदकर पेश कर दिया। अगर ये नरसंहार आपसी रंजिश था, तो मृतकों के खिलाफ एक भी आपराधिक मामला पहले से क्यों नहीं दर्ज था? क्या सिंघवा कभी जेल गए? किसी अदालत ने उन्हें सजा सुनाई? नहीं। ये नरसंहार इसलिए हुआ क्योंकि दलित भूमिहीन थे और उन्होंने लड़ाई लड़ने का फैसला किया था। याद रखिए जब भी कोई दलित अपनी आवाज उठाने की कोशिश करेगा, तो एक नहीं बल्कि कई बेलछी होंगे।’ दरअसल, 2 जुलाई 1977 को जनता दल के सांसदों के साथ रामविलास बेलछी गए थे। तब मारे गए लोगों की अस्थियां और राख बांध लाए थे। रामविलास के भाषण के बाद गृह मंत्री चौधरी चरण सिंह को बयान बदलना पड़ा। इधर, इमरजेंसी के बाद मिली हार से कांग्रेस सदमे में थी। इंदिरा अपनी सीट भी गंवा चुकी थीं। लोकसभा में बिहार से कांग्रेस का एक भी सांसद नहीं था। चर्चा होने लगी थी कि इंदिरा के दिन लद गए। लेकिन कांग्रेस नेता सीताराम केसरी को बेलछी की आग में अब भी धुआं उठता दिख रहा था। उन्होंने इंदिरा को सलाह दी- ‘मैडम आपको बेलछी जाना चाहिए।' 11 अगस्त 1977, शाम का वक्त। पटना के सदाकत आश्रम में फोन बजा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केदार पांडे ने फोन उठाया। उधर से इंदिरा की आवाज आई- ‘मैं पटना आ रही हूं। बेलछी जाना है। तैयारी कर लो।’ 13 अगस्त 1977 की सुबह इंदिरा पटना पहुंचीं। तेज बारिश हो रही थी। बाढ़ जैसे हालात थे। इंदिरा, पटना से बिहारशरीफ के रास्ते बेलछी के लिए निकलीं। इंदिरा को देखने के लिए लोग छतों और पेड़ों पर चढ़ गए। जयकारे लग रहे थे। दूसरी तरफ कुछ लोग इंदिरा का विरोध भी कर रहे थे। वजह थी इमरजेंसी और नसबंदी का फैसला। कार, जीप, ट्रैक्टर कीचड़ में फंस गए, तो हाथी पर बैठकर बेलछी पहुंचीं इंदिरा रास्ते में इंदिरा की कार कीचड़ में फंस गई, तो जीप बुलाई गई, लेकिन आधे रास्ते में जीप भी कीचड़ में फंस गई। बेलछी अब भी करीब 15 किलोमीटर दूर था। कांग्रेस नेताओं ने कहा- ‘मैडम हम गांव जा नहीं पाएंगे। पटना लौट चलिए।’ इंदिरा बोलीं- ‘कुछ तो होगा गांव जाने के लिए। व्यवस्था करिए।’ पास के एक गांव से ट्रैक्टर लाया गया। इंदिरा ट्रैक्टर पर बैठकर चल पड़ीं, लेकिन कुछ देर बाद ट्रैक्टर भी दलदल में फंस गया। लेखक श्रीरूपा रॉय अपनी किताब ‘द पॉलिटिकल आउटसाइडर’ में लिखती हैं- ‘इंदिरा को सलाह दी गई कि वो पटना लौट जाएं, पर वो अड़ गईं। बोलीं- ‘हम पैदल चलकर जाएंगे। भले ही वहां पहुंचने में रात क्यों ना हो जाए।’ उन्होंने साड़ी ऊपर कर लीं और पैदल चलने लगीं।’ जोवियर मोरो अपनी किताब ‘द रेड साड़ी’ में लिखते हैं- इंदिरा ने बेलछी से लौटकर सोनिया को पूरा किस्सा सुनाया। वो कहती हैं- ‘काफी देर पैदल चलने के बाद एक नदी मिली। कोई नाव भी नहीं थी। हमें देखकर कुछ लोग झोपड़ियों से बाहर आ गए। मैंने पूछा कि हम नदी कैसे पार कर सकते हैं? कोई गधा या खच्चर मिल सकता है क्या? उन लोगों ने बताया कि गांव के मंदिर में एक हाथी है, उस पर चढ़कर नदी पार कर सकते हैं। गांव वाले हाथी लेकर आए। मोती नाम था उसका। पहले मैं बैठी और फिर मेरे पीछे प्रतिभा पाटिल। हाथी झूमकर चल रहा था और उसके पेट तक पानी आ रहा था। प्रतिभा ने मेरी साड़ी ऐसे पकड़ रखी थी, जैसे कोई बच्चा डर के मारे मां की साड़ी पकड़ लेता है। लग रहा था कि वह रो ही देगी। हम बेलछी पहुंचे तो दिन ढल चुका था। गांव वालों ने मुझे घेर लिया। वे मुझे उस जगह पर ले गए, जहां नरसंहार हुआ था। लोगों ने बताया कि कैसे उनके अधमरे परिवार वालों को आग में फेंका गया। उनकी बातें सुनकर मेरा दिल दहल गया।’ बेलछी के जानकी पासवान याद करते हैं- ‘इंदिरा हाथी पर बैठे-बैठे ही लोगों से बात करती रहीं। उन्होंने अपनी साड़ी का आंचल फैला दिया था। लोग कागज पर अपनी-अपनी मांगें लिखकर उसमें डालते जा रहे थे।’ 13 अगस्त 1977 की रात इंदिरा बेलछी से पटना के लिए निकलीं। रास्ते में लोग लालटेन लेकर इंदिरा का इंतजार कर रहे थे। हरनौत में इतनी भीड़ जमा हो गई कि इंदिरा को हाथी से उतरकर लोगों से मिलना पड़ा। उन्होंने कहा- 'मैं कोई भाषण देने नहीं आई हूं। आप लोगों का दुख बांटने आई हूं।' फिर वो पटना लौट गईं। अगले दिन अखबारों में इंदिरा गांधी की फोटो छपी। हाथी पर बैठीं इंदिरा की तस्वीर ने सियासी गलियारों में खलबली मचा दी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं में फिर से जान आ गई। अगड़ों की पार्टी माने जाने वाली कांग्रेस को दलितों और पिछड़ों का भी समर्थन मिलने लगा। बिहार में नारा गूंजने लगा- ‘इंदिरा तेरे अभाव में हरिजन मारे जाते हैं।’ भूखी रोटी खाएंगे, इंदिरा को लाएंगे। 14 अगस्त की सुबह इंदिरा की कार पटना के कदमकुआं के लिए निकली। कुछ देर बाद उनकी कार एक घर के सामने रुकी। इंदिरा गाड़ी से उतरीं और अंदर चली गईं। ये घर जय प्रकाश नारायण यानी जेपी का था, जिनके आंदोलन की वजह से इंदिरा ने इमरजेंसी लगाई थी। जेपी पलंग से उतरकर खड़े हो गए। उन्होंने इंदिरा के लिए कुर्सी मंगवाई। आधे घंटे तक इंदिरा वहां रुकीं। फिर हाथ जोड़कर आशीर्वाद लिया और दिल्ली के लिए निकल गईं। इंदिरा के बेलछी दौरे के बाद कर्पूरी ठाकुर ने आरक्षण लागू किया, पर सरकार गिर गई इंदिरा के इस सियासी रुख से जनता पार्टी सरकार पर दबाव बढ़ने लगा। ऐसे में सीएम कर्पूरी ठाकुर ने एक दांव चला और अप्रैल 1978 में 26% आरक्षण लागू कर दिया। इसके तहत पिछड़ों को 8%, अति पिछड़ों को 12%, गरीब सवर्णों और महिलाओं के लिए 3-3% आरक्षण दिया। ओबीसी आरक्षण लागू करने वाला बिहार पहला राज्य था। इस फैसले से जनता पार्टी के सवर्ण नेता नाराज हो गए। आखिरकार 21 अप्रैल 1979 को कर्पूरी ठाकुर को इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद दलित समुदाय से आने वाले रामसुंदर दास मुख्यमंत्री बने। इधर, केंद्र में भी जनता पार्टी के भीतर वर्चस्व की लड़ाई छिड़ी थी। 15 जुलाई 1978 को चौधरी चरण सिंह ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया। 19 जुलाई को प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के समर्थन से चौधरी चरण सिंह प्रधानमंत्री बने, लेकिन अगले ही महीने कांग्रेस ने समर्थन वापस लेकर उनकी सरकार गिरा दी। जनवरी 1980 में लोकसभा चुनाव हुए। कांग्रेस के पक्ष में एक तरफा लहर चली। कुल 542 में से 353 सीटें कांग्रेस ने जीत लीं। बिहार में 54 में से 30 सीट कांग्रेस को मिली। जनता पार्टी 8 सीटों पर सिमट गई। इंदिरा फिर से प्रधानमंत्री बनीं। अब बिहार में जनता पार्टी के भीतर उथल-पुथल मच गई। फरवरी 1980 में रामसुंदर दास को इस्तीफा देना पड़ा। राष्ट्रपति शासन लग गया। फांसी पर एकमत नहीं थे हाईकोर्ट के जज, सजा से पहले दोषियों ने खाई दही और मिठाई कर्पूरी ठाकुर के सीएम रहते बेलछी नरसंहार मामले में चार्जशीट दाखिल हो गई थी, लेकिन तीन साल तक सुनवाई नहीं हो सकी थी। इंदिरा के पीएम बनते ही केस की सुनवाई शुरू हो गई। 19 मई 1980 को पटना ट्रायल कोर्ट ने महावीर महतो और परशुराम धानुक को फांसी की सजा और 15 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। आरोपियों ने पटना हाईकोर्ट में अपील की। अदालत ने आरोपियों को दोषी तो माना, लेकिन महावीर और परशुराम के फांसी के मुद्दे पर दो जजों की राय एकमत नहीं थी। जस्टिस हरिलाल अग्रवाल फांसी के फेवर में थे और जस्टिस मनोरंजन प्रसाद विरोध में। अब इस केस को एक तीसरे जज उदय सिन्हा के पास भेजा गया। जस्टिस सिन्हा बेलछी गए। लोगों से मिले। गवाहों के बयानों को वेरिफाई किया। 11 जुलाई 1982 को जस्टिस सिन्हा ने फैसला सुनाया-‘यह मामला रेयर ऑफ रेयरेस्ट है। इस क्रूरतम अपराध के लिए फांसी से कम सजा हो ही नहीं सकती।’ इसके बाद महावीर और परशुराम ने देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई, पर राहत नहीं मिली। उनकी फांसी के लिए 25 मई 1983 की तारीख मुकर्रर हुई और जगह भागलपुर सेंट्रल जेल। मई 1983, सुप्रीम कोर्ट में गर्मी की छुट्टियां चल रही थीं। आरोपियों ने टेलिग्राम भेजकर फांसी पर रोक लगाने की याचिका दायर कर दी। तब वेकेशन जज थे ए. वरदराजन। उन्होंने याचिका स्वीकार कर ली और 23 मई को फांसी पर रोक लगा दी। यानी फांसी की तय तारीख से 2 दिन पहले। तमिलनाडु से ताल्लुक रखने वाले वरदराजन सुप्रीम कोर्ट के पहले हरिजन जज थे। गर्मी की छुट्टियों के बाद सुप्रीम कोर्ट के 3 जजों की बेंच ने फिर से सुनवाई की और फांसी की सजा बरकरार रखी। आखिरकार नवंबर 1983 में दोनों को फांसी दे दी गई। कहा जाता है कि फांसी से ठीक पहले दोनों ने दही और मिठाई खाने की इच्छा जाहिर की थी। बेलछी नरसंहार के चलते लगातार दूसरी बार हार गए नीतीश जून 1980 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए। यहां के दलित नारा लगा रहे थे- ‘आधी रोटी खाएंगे, इंदिरा को लाएंगे।’ वोटों की गिनती हुई तो कांग्रेस ने 324 में से 169 सीटें जीत लीं। जनता पार्टी 42 सीटें ही जीत पाई। पहली बार चुनाव लड़ रही बीजेपी ने 21 सीटें जीत लीं। पर, नीतीश के लिए बेलछी नरसंहार इस बार भी भारी पड़ा। नीतीश 5 हजार वोट से हार गए। लगातार दो हार से नीतीश को इतना धक्का लगा कि वे राजनीति छोड़ने का मन बना चुके थे। सीनियर जर्नलिस्ट संकर्षण ठाकुर अपनी किताब ‘अकेला आदमी, कहानी नीतीश कुमार की’ में लिखते हैं- ‘लगातार दूसरी हार से नीतीश बुरी तरह टूट गए थे। उन्हें तकलीफ थी कि अपने लोगों ने ही उनका साथ नहीं दिया। उन्होंने राजनीति छोड़ने का भी ऐलान कर दिया था, लेकिन समाजवादी नेता चंद्रशेखर के कहने पर 1985 में नीतीश ने फिर जोर लगाया। इस बार नीतीश के पास चुनाव लड़ने के पैसे नहीं थे। उनकी पत्नी ने 20 हजार रुपए दिए। इस बार नीतीश 22 हजार वोट से जीत गए।’ बेलछी नरसंहार के बाद कांग्रेस ने केंद्र और बिहार में जोरदार वापसी की, लेकिन वो इसे बरकरार नहीं रख पाई। सीनियर जर्नलिस्ट अमरनाथ तिवारी बताते हैं- ‘बेलछी नरसंहार के बाद बिहार में लोअर कास्ट पॉलिटिक्स हावी होती गई। लगातार जातीय नरसंहार होते रहे। राम मंदिर आंदोलन और लालू का साथ देने के चलते सवर्ण कांग्रेस से छिटककर बीजेपी की तरफ शिफ्ट हो गए और पिछड़ा तबका लालू का वोटर बन गया।’ कल दूसरे एपिसोड में पढ़िए कहानी दलेलचक बघौरा नरसंहार की, जहां 54 राजपूतों की हत्या कर दी गई.. नोट : (यह सच्ची कहानी पुलिस चार्जशीट, कोर्ट जजमेंट, गांव वालों के बयान, अलग-अलग किताबें और इंटरनेशल रिपोर्ट्स पर आधारित है। क्रिएटिव लिबर्टी का इस्तेमाल करते हुए इसे कहानी के रूप में लिखा गया है।) रेफरेंस :
11 सितंबर को काठमांडू में आर्मी हेडक्वार्टर पर नेपाली सेना और GenZ प्रदर्शनकारियों के बीच दूसरे दौर की बातचीत होनी थी। इसी में अंतरिम सरकार के मुखिया का नाम तय होना था। एक के बाद एक GenZ ग्रुप्स आर्मी हेडक्वार्टर पहुंचने लगे। तभी इनमें से कुछ गुटों के बीच बहस शुरू हो गई। देखते ही देखते मारपीट की नौबत आ गई और प्रदर्शनकारी एक-दूसरे पर टूट पड़े। नेपाल में तख्तापलट हुए 3 दिन बीत चुके हैं। अब भी तय नहीं हो सका है कि नेपाल की अंतरिम सरकार का मुखिया कौन होगा और सरकार का स्वरूप क्या होगा। GenZ करीब 10 अलग-अलग गुटों में बंटे हुए हैं। सबकी अपनी दावेदारियां हैं। कुछ गुटों का आरोप है कि सेना ने बातचीत के लिए बुलाया लेकिन हेडक्वार्टर के अंदर नहीं जाने दिया। कुछ इस बात से नाराज हैं कि सेना ने बातचीत में राजनीतिक पार्टियों को क्यों बुला लिया। वहीं, सेना के लिए ये तय करना मुश्किल हो गया है कि वो प्रदर्शनकारियों के इतने गुटों में से किससे बात करे। GenZ प्रदर्शनकारियों के सभी गुट सिर्फ काठमांडू के मेयर बालेन शाह के नाम पर एकमत हैं, लेकिन बालेन खुद मुखिया नहीं बनना चाहते। वहीं नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए बढ़ाया गया था लेकिन सहमति नहीं बनी क्योंकि GenZ युवा PM चाहते हैं। दैनिक भास्कर ने काठमांडू में GenZ के अलग-अलग गुटों से बात कर समझने की कोशिश की कि आखिर अंतरिम सरकार का मुखिया चुनने में दिक्कत कहां आ रही है। साथ हमने नेपाल में अपने सोर्स से भी पूरा मामला समझने की कोशिश की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… सबसे पहले जानिए लीडरशिप को लेकर कन्फ्यूजन क्यों…अंतरिम सरकार बनाने में बढ़ रहा गतिरोध, सहमति नहीं बन रही नेपाल की राजधानी काठमांडू में सेना ने मोर्चा संभाल रखा है। चप्पे-चप्पे पर आर्मी की तैनाती है। दिन भर पूरे शहर पर कर्फ्यू लगा रहा। शाम को सिर्फ 2 घंटे कर्फ्यू में ढील दी गई। सेना कानून-व्यवस्था को पटरी पर लाने में जुटी हुई है। आने-जाने वाले हर शख्स की तलाशी ली जा रही है। वहीं लूटे गए हथियार लोगों से सरेंडर करने की अपील की जा रही है। नेपाल में GenZ प्रोटेस्ट, तोड़फोड़ और आगजनी के बाद अब अंतरिम सरकार बनाने में भी दिक्कत आ रही है। GenZ प्रदर्शनकारियों के बीच किसी भी नाम को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है। 11 सितंबर को आर्मी हेडक्वार्टर में दूसरे दौर की बातचीत के लिए GenZ लीडर्स, सेना और अंतरिम सरकार के संभावित लीडर्स जुटे। हालांकि, हेडक्वार्टर के बाहर ही GenZ युवाओं के बीच लड़ाई-झगड़े शुरू हो गए। 10 सितंबर को नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की का नाम अंतरिम प्रधानमंत्री के तौर पर चला था, लेकिन इस पर अंतिम मुहर नहीं लग पाई। क्योंकि सभी इसे लेकर सहमत नहीं दिखे। दरअसल GenZ युवाओं को लीड करने वाला कोई चेहरा या डेलिगेशन अब तक नहीं बन सका है। इसकी वजह से आर्मी को भी बातचीत आगे बढ़ाने में दिक्कत आ रही है। अब तक देश का लीडर चुनना तो दूर की बात है, नई सरकार की व्यवस्था क्या होगी इसे लेकर भी सहमति नहीं बन सकी है। इन 3 पॉइंट्स में समझिए दिक्कत कहां आ रही…1. आर्मी चीफ का मानना है कि काठमांडू के मेयर बालेन शाह जो बोलेंगे, वही होगा। बालेन शाह ने कहा है कि संसद भंग हो, लेकिन इसे लेकर एकराय नहीं है। 2. GenZ के कुछ ग्रुप्स चाहते हैं कि संविधान और संसद की मौजूदा व्यवस्था में ही सरकार का गठन हो और राष्ट्रपति इसका नेतृत्व करें। 3. नेपाल की सभी प्रमुख पॉलिटिकल पार्टियों ने ऐलान किया कि वो संसद भंग नहीं करना चाहते और मौजूदा सिस्टम में ही नई सरकार का गठन करना चाहते हैं। हमारे सोर्स के मुताबिक, 10 सितंबर की रात सेना ने GenZ लीडर्स को कहा कि वो अपनी दावेदारी पेश करें। GenZ प्रदर्शनकारियों के 10 से ज्यादा गुट अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं। ऐसे में नेपाली आर्मी के सामने भी चुनौती है कि वो किससे बात करें और किसकी अनदेखी करे। जिसे चर्चा में शामिल नहीं किया जा रहा है, वो गुट लड़ाई-झगड़े और हंगामा कर रहे हैं। GenZ लीडर्स सेना के रोल पर सवाल उठा रहे आर्मी हेडक्वार्टर के बाहर दावेदारी जताने वाले GenZ लीडर्स ने बताया कि आर्मी उन्हें अंदर नहीं जाने दे रही, न ही बातचीत में शामिल कर रही है। इनमें से पहचान जाहिर न करने की शर्त पर एक लीडर ने बताया, ‘आर्मी ने ही हमसे यहां आने के लिए कहा था, लेकिन अब वही हमें अंदर नहीं जाने दे रही है। अगर ऐसा ही होगा तो हमें आर्मी की सरकार बनाने की प्रक्रिया पर भरोसा नहीं रहेगा।’ GenZ की पोस्टर गर्ल तनुजा पांडे और रक्षा बम कहती हैं, ‘आर्मी ने बातचीत करने के लिए पहले हमें बुलाया था। अब इस बातचीत में राजावादी नेता दुर्गा प्रसाई और RSP (राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी) के नेताओं को बुला लिया। इसे लेकर हम नाराज हैं। हम अब आर्मी चीफ से बात नहीं करेंगे। हम सिर्फ राष्ट्रपति से बात करेंगे और ये बातचीत राष्ट्रपति भवन में होनी चाहिए।’ रक्षा आगे कहती हैं, ‘जब हम आर्मी हेडक्वार्टर पहुंचे तो आर्मी चीफ ने बताया कि दुर्गा प्रसाई और RSP से भी इसे लेकर बातचीत करनी चाहिए। हमने इससे इनकार कर दिया है।’ ‘संसद भवन जल गया लेकिन संविधान जिंदा है’ वहीं GenZ लीडर तनुजा पांडे कहती हैं, ‘हम संविधान और मौजूदा लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत ही सत्ता परिवर्तन चाहते हैं। अब अंतरिम सरकार के लिए बातचीत आर्मी चीफ से नहीं बल्कि राष्ट्रपति से होगी। आर्मी का काम सुरक्षा और शांति बहाल करना है, वो वही करें। किसी भी सरकार को बनाने और गिराने में हमें आर्मी की भूमिका मंजूर नहीं।’ सेना को बताना चाहिए कि राष्ट्रपति कहां हैं और इस चर्चा में राष्ट्रपति को शामिल करना चाहिए। हम संसद का विघटन स्वीकार नहीं करेंगे। नई सरकार मौजूदा संविधान के दायरे में ही बनाई जानी चाहिए। हम संविधान की रक्षा करेंगे और यही सर्वोच्च है। GenZ लीडर की मांग- राजशाही की वापसी होइधर GenZ लीडर्स में से एक रवि किरण अमाल राजशाही के समर्थक हैं। वे GenZ स्टूडेंट कोऑर्डिनेटर हैं और राजशाही समर्थक पार्टी राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (RPP) के केंद्रीय सदस्य भी हैं। रवि को GenZ प्रोटेस्ट के दौरान संसद में घुसपैठ के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन 9 सितंबर को तख्तापलट के साथ रिहा कर दिया गया। वे राजशाही की वापसी की मांग कर रहे हैं। एक GenZ नेता ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि हमारी मांग है कि बालेन शाह को प्रधानमंत्री बनना जाए। अगर वो PM नहीं बनते तो हर्क सामपांग को अंतरिम सरकार का प्रधानमंत्री बनना चाहिए। GenZ लीडर्स के ग्रुप से अलग राजनीतिक पार्टियों की स्टूडेंट्स यूनिट ने भी प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि संसद को भंग नहीं किया जाना चाहिए और संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था के तहत ही नई सरकार का गठन होना चाहिए। अब जानिए PM पद की रेस में कौन-कौन से नाम... 1. बालेन शाह, काठमांडू के मेयर अगर बालेन शाह अंतरिम सरकार का मुखिया बनने का ऐलान कर देते हैं तो GenZ के बीच कोई गतिरोध नहीं रह जाएगा। ज्यादातर गुट उनकी लीडरशिप मंजूर कर लेंगे। हमारे सोर्स ने बताया कि बालेन शाह खुद अंतरिम सरकार का मुखिया नहीं बनना चाहते बल्कि उन्होंने सुशीला कार्की का नाम आगे बढ़ाया था। बालेन अंतरिम सरकार के बाद चुनाव लड़कर पूर्णरूप से प्रधानमंत्री बनने का विचार कर रहे हैं। उनकी मांग है कि मौजूदा संसद भंग की जाए और नई शासन व्यवस्था बनाई जाए। 2. सुशीला कार्की, पूर्व चीफ जस्टिससुशीला कार्की की छवि एक ईमानदार जज की रही है और उनको लेकर काफी सहमति भी है। सबसे बड़ी बात जो उनके पक्ष में जाती है कि खुद बालेन शाह ने उनका समर्थन किया है। हालांकि सुशीला के नाम पर GenZ गुटों में पूरी तरह सहमति नहीं दिख रही। कई मतभेद भी हैं। GenZ का कहना है कि या तो बालेन खुद PM बनें या फिर कोई युवा GenZ को ही बागडोर संभालनी चाहिए। सुशीला पर असहमति की दूसरी वजह ये है कि उन्हें भारत की तरफ झुकाव रखने वाली शख्सियत के तौर पर देखा जा रहा है। इसके चलते भी उन्हें लेकर सहमति नहीं बन पा रही। 3. हर्क सामपांग, धरान के मेयरहर्क धरान से निर्दलीय मेयर हैं। उन्होंने मेयर बनने के बाद श्रमदान का एक अभिनव प्रयोग किया, जिसकी वजह से उन्हें नेपाल में पहचान मिली और वो युवाओं के बीच मशहूर चेहरा बन गए। हर्क को लेकर भी GenZ के बीच अच्छा समर्थन है, लेकिन उन्हें बालेन शाह का समर्थन हासिल नहीं है और यही बात उनके खिलाफ जाती है। हर्क धरान से आए अपने समर्थकों के साथ काठमांडू में डेरा डाले हुए हैं। उन्होंने आर्मी चीफ से भी मुलाकात की है, लेकिन उनके पक्ष में एकमत राय बनती नहीं दिख रही है। हमने आर्मी हेडक्वार्टर्स के बाहर उनसे बातचीत भी की। हालांकि वो ज्यादातर सवालों के जवाब देने से बचते रहे। उन्होंने मुस्कुराकर बस इतना कहा कि बातचीत चल रही है। देखते हैं क्या होता है। 4. कुलमान घिसिंग, इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के पूर्व चीफपेशे से इंजीनियर रहे कुलमान अपनी साफ सुथरी छवि की वजह से नेपाल में मशहूर हैं। उन्हें नाइट मैन कहा जाता है। नेपाल में लो शेडिंग बड़ी दिक्कत थी, लेकिन कुलमान के इलेक्टिसिटी बोर्ड का जिम्मा संभालने के बाद नेपाल में बिजली समस्या का स्थायी समाधान निकला। इसकी वजह से उनकी लोगों के बीच लोकप्रियता बढ़ी। लेकिन उनके लिए जनता की दीवानगी तब और ज्यादा बढ़ गई जब पूर्व PM केपी ओली ने उन्हें पद से हटा दिया था। 5. सुदन गुरंग, इंजीनियर और सोशल एक्टिविस्टसुदन गुरंग नॉन रेसिडेंट नेपाली हैं। उनका नाम भी अंतरिम प्रधानमंत्री की रेस में शामिल है। वे हामी नेपाल नाम से संगठन चलाते हैं। इस संगठन के लिए वो विदेश में रहने वाले नेपालियों से मदद लेकर अभियान चलाते हैं। उनके संगठन ने कोविड के दौर में नेपाल में काफी सोशल वर्क किया था। सुदन ने GenZ प्रोटेस्ट को मोबलाइज करने का काम किया। वो युवाओं के बीच काफी मशहूर हैं, लेकिन लीडरशिप को लेकर उनके नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। क्या बालेन के पास सत्ता की चाबीनेपाल में अंतरिम सरकार की सत्ता चाबी सिर्फ काठमांडू के मेयर और युवा लीडर बालेन शाह के पास है। वो अगर खुद अंतरिम सरकार में PM बनने की दावेदारी पेश करते हैं तो उनके नाम पर GenZ के बीच सहमति बन जाएगी। लेकिन वो मौजूदा शासन व्यवस्था और संविधान को खत्म कर संविधान में व्यापक पैमाने पर बदलाव की मांग कर रहे हैं। उनकी सबसे बड़ी मांग प्रत्यक्ष चुनाव की है। वहीं बाकी सियासी पार्टियां इसके लिए तैयार नहीं है। इसी की वजह से गतिरोध जारी है और वक्त बीतने के साथ ये गतिरोध बढ़ता जा रहा है। ..................... नेपाल से ये ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़िए... पूर्व PM-वित्त मंत्री को पीटा, संसद-सुप्रीम कोर्ट जलाए, लोग बोले- हमारी सरकार करप्ट गैंग नेपाल की संसद, सुप्रीम कोर्ट, पॉलिटिकल पार्टियों के ऑफिस, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री-मंत्रियों के घर और सबसे खास काठमांडू का सिंह दरबार, सब एक दिन में जल गया। पूरे काठमांडू के आसमान में काला धुआं दिख रहा है। पूर्व PM झालानाथ खनाल की पत्नी को जिंदा जला दिया गया। 20 से 25 साल के लड़के-लड़कियां सरकार के खिलाफ सड़कों पर हैं। इनका कहना है कि हमारी सरकार करप्ट है। पढ़िए पूरी खबर...
सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे राहुल गांधी : सीआरपीएफ
नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि गांधी विदेश यात्रा पर जाते हैं लेकिन इसकी सूचना नहीं दी जाती है जो सरासर सुरक्षा प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को इस संबंध […] The post सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहे राहुल गांधी : सीआरपीएफ appeared first on Sabguru News .
जयपुर में 15 नवंबर को होगा घूमर महोत्सव का भव्य आयोजन
जयपुर। राजस्थान की समृद्ध लोक संस्कृति और महिला सशक्तीकरण को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने के उद्देश्य से राजधानी जयपुर में 15 नवम्बर को पहली बार घूमर महोत्सव-2025 का आयोजन किया जाएगा। पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उपेंद्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को बताया कि जिला कलक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने अधिकारियों […] The post जयपुर में 15 नवंबर को होगा घूमर महोत्सव का भव्य आयोजन appeared first on Sabguru News .
महिला अधिकारिता विभाग की ओर से स्वच्छता शिविर आयोजित
अजमेर। नसीराबाद उपखंड के निकटवर्ती ग्राम दाता में महिला अधिकारिता विभाग की ओर से दाता स्थितसीनियर सेकेंडरी स्कूल में स्वच्छता शिविर आयोजित किया गया। किशोरी बालिकाओं को जागरूकता करने के लिए राजस्थान सरकार की ओर से समय-समय पर इस तरह के कार्यशाला एवं शिविर आयोजन किए जाते हैं। स्वास्थ्य अधिकारी जितेंद्र कुमार ने पोषण संबंधी […] The post महिला अधिकारिता विभाग की ओर से स्वच्छता शिविर आयोजित appeared first on Sabguru News .
संभागीय आयुक्त अजमेर ने जल भराव प्रभावित क्षेत्र का किया निरीक्षण
अजमेर। संभागीय आयुक्त शक्ति सिंह राठौड़ ने गुरुवार को बोराज तालाब की पाल टूटने से हुए जलभराव के बाद प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। वे स्वस्तिक नगर एवं आसपास की कॉलोनियों में पहुंचे और वहां के जल प्रभावित परिवारों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना। संभागीय आयुक्त ने क्षतिग्रस्त आवासों को स्वयं देखा और […] The post संभागीय आयुक्त अजमेर ने जल भराव प्रभावित क्षेत्र का किया निरीक्षण appeared first on Sabguru News .
एमडीएसयू में राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर लगाए खेजड़ी के 100 पौधे
अजमेर। महार्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में आज राष्ट्रीय वन शहीद दिवस बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय परिसर में 100 खेजड़ी के पौधे लगाए गए। कार्यक्रम का आयोजन पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा किया गया। अध्यक्षता कुलगुरु प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल ने की, मुख्य अतिथि श्री रतनलाल कंवरलाल पाटनी महिला […] The post एमडीएसयू में राष्ट्रीय वन शहीद दिवस पर लगाए खेजड़ी के 100 पौधे appeared first on Sabguru News .
भारतीय किसान संघ ने की सरकार से बाजरा ख़रीद शीघ्र चालू करने की मांग
जयपुर। बाजरे का समर्थन मूल्य ख़रीद करने का चुनाव में भाजपा की राज्य सरकार ने घोषणा की थी। वह चुनाव घोषणा बन कर रह गई है। हमारी मांग है कि बाजरा ख़रीद सरकार शीघ्र चालू करें। यह बात भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साई रेड्डी ने आज कार्यालय पर प्रेस को सम्बोधित करते […] The post भारतीय किसान संघ ने की सरकार से बाजरा ख़रीद शीघ्र चालू करने की मांग appeared first on Sabguru News .
मरम्मत शुरू हो गई, दो दिन बाद जागे जालोर –सिरोही सांसद
सबगुरु न्यूज-सिरोही। एक फोटो आई। साथ में खबर भी। फोटो में जालौर सिरोही सांसद लुंबाराम चौधरी और राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी हैं। इसके अनुसार गुरुवार को दिया कुमारी से मिलकर इस बारिश में टूटे आबूरोड-माउंट आबू सड़क के हिस्से तथा शिवगंज सुमेरपुर के बीच जवाई नदी की पुलिया को बनवाने का अनुरोध किया। […] The post मरम्मत शुरू हो गई, दो दिन बाद जागे जालोर – सिरोही सांसद appeared first on Sabguru News .
आज के टॉप 10 हिंदी समाचार पढ़ें — पढ़ें 11 सितंबर 2025 की भारत और बिहार की बड़ी खबरें एक ही जगह।
आचार्य विनोबा भावे और आरएसएस : 130वीं जयंती पर उनकी चेतावनी और आज की प्रासंगिकता
आचार्य विनोबा भावे की 130वीं जयंती पर उनका 1948 का आरएसएस को लेकर साफ़ और बेबाक विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं।
PF निकालना होगा आसान दिवाली से पहले मिल सकती है बड़ी खुशखबरी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) सब्सक्राइबर्स के लिए बड़ी राहत की खबर है। श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में 10-11 अक्टूबर को होने वाली अहम बैठक में यह तय हो जाएगा कि EPFO 3.0 के तहत कब से PF Withdrawal from ATM की सुविधा शुरू होगी। लंबे समय से इंतज़ार की जा रही इस व्यवस्था से करोड़ों कर्मचारियों को दिवाली से पहले बड़ा तोहफ़ा मिल सकता है।
कश्मीरी सेब पहुंचे सीधे बाजार रेलवे ने शुरू की रैपिड कार्गो ट्रेन
भारतीय रेलवे ने कश्मीर के फल उत्पादकों के लिए शुरू की रैपिड कार्गो ट्रेन समय पर पहुंचेगा सेब और सब्जियों का माल
राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने नेपाल में मौजूदा संकट के समाधान का वादा किया
काठमांडू। नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने राष्ट्र को आश्वस्त करते हुए कहा है कि वह संविधान के दायरे रह कर देश के वर्तमान राजनीतिक संकट को सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं और लोगों को शांति व्यवस्था में सहयोग करना चाहिए। पौडेल ने गुरुवार दोपहर जारी एक बयान में कहा कि मैं सभी पक्षों […] The post राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने नेपाल में मौजूदा संकट के समाधान का वादा किया appeared first on Sabguru News .
गर्भावस्था में संबंध पर डॉक्टरों की राय नॉर्मल डिलीवरी में मददगार
फिजिकल रिलेशन जहां इंसान को मानसिक सुकून और रिलैक्सेशन देते हैं, वहीं गर्भावस्था के दौरान इन्हें लेकर कई तरह की शंकाएँ भी सामने आती हैं। खासकर यह सवाल अक्सर उठता है कि क्या प्रेग्नेंसी में फिजिकल रिलेशन नॉर्मल डिलीवरी को आसान बना सकते हैं। मेडिकल एक्सपर्ट्स की मानें तो इसमें कुछ सच्चाई जरूर है, लेकिन साथ ही कई सावधानियां बरतना भी जरूरी है।
प्रतापगढ़ में 50 करोड़ की एमडी ड्रग फैक्ट्री का पर्दाफाश, वांछित तस्कर अरेस्ट
प्रतापगढ़। राजस्थान में एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (एजीटीएफ) पुलिस मुख्यालय की टीम ने प्रतापगढ़ जिले में पीपलखूंट थाना और डीएसटी के सहयोग से एमडी ड्रग बनाने की अवैध फैक्ट्री का पर्दाफाश कर 25 हजार का इनामी वांछित तस्कर को गिरफ्तार किया हैं। पुलिस आधिकारिक सूत्रों के अनुसार अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) दिनेश एमएन के निर्देशन […] The post प्रतापगढ़ में 50 करोड़ की एमडी ड्रग फैक्ट्री का पर्दाफाश, वांछित तस्कर अरेस्ट appeared first on Sabguru News .
राष्ट्रपति संदर्भ के 14 सवालों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति और राज्यपाल द्वारा विधेयकों को मंज़ूरी देने की समय-सीमा निर्धारित करने के विवाद से जुड़े राष्ट्रपति के संदर्भ पर सुनवाई पूरी होने के बाद गुरुवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्य कांत, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति एएस […] The post राष्ट्रपति संदर्भ के 14 सवालों पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित appeared first on Sabguru News .
रायबरेली में कांग्रेस बैठक पर सियासी ड्रामा, विधायक ने छोड़ी मीटिंग
कांग्रेस नेता राहुल गांधी इन दिनों अपने दो दिवसीय दौरे पर रायबरेली पहुंचे हैं। यहां वे विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत कर रहे हैं। इसी बीच उन्होंने दिशा की बैठक में हिस्सा लिया, लेकिन इस बैठक में उस समय सियासी हलचल तेज हो गई जब सपा के बागी विधायक मनोज पाण्डेय ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया। उनके इस कदम को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
Shradha Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष के बाद इन 96 दिनों में कर सकते हैं श्राद्ध कर्म
pitru shradha paksha 2025: भाद्रपद की पूर्णिमा से लेकर आश्विन माह की अमावस्या तक अर्थात पितरों के लिए 16 दिनों का श्राद्ध पक्ष रहता है। यदि इन दिनों में श्राद्ध नहीं कर पा रहे हैं तो वर्ष के अन्य बचे दिनों में से 80 दिन ऐसे आते हैं जबकि श्राद्ध किया जा सकता है। अथार्त एक वर्ष में कुल 96 श्राद्ध के दिन रहते हैं। आओ जानते हैं कि वे कौन कौनसे दिन रहते हैं। 16 श्राद्ध: भाद्रपद की पूर्णिमा से लेकर आश्विन माह की अमावस्या तक कुल 16 दिनों तक निरंतर श्राद्ध कर्म कर सकते हैं। 12 अमावस्या तिथियां: प्रत्ये माह अमावस्या रहती है। इसका अर्थ है कि 12 माह में 11 अमावस्या। इन सभी दिनों में श्राद्ध कर्म कर सकते हैं। 12 संक्रातियां: सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश को संक्रांति कहते हैं। 12 राशियों में सूर्य गोचर करता है। वर्ष में 12 संक्रांतियां होती हैं। 12 वैधृति योग: ज्योतिष शास्त्र में एक अशुभ योग है, जो सूर्य और चंद्रमा के बीच 14वें नक्षत्र अंतर के कारण बनता है। वर्ष में यह 12 बार आता है। वैधृति योग के नकारात्मक प्रभावों को दूर करने के लिए शांति पूजा की जाती है। इस पूजा में भगवान सूर्य, अग्नि और रुद्र की पूजा की जाती है। इस समय में पितरों का श्राद्ध भी कर सकते हैं। 12 व्यतिपात योग: तिपात योग हिन्दू पंचांग का एक महत्वपूर्ण और अशुभ योग है। इस योग में पूजा पाठ और श्राद्ध कर्म के अलावा कोई भी शुभ मांगलिक कार्य नहीं करते हैं। 14 मन्वादि तिथियां अथवा मन्वन्तर: जैसे 12 माह होते हैं उसी प्रकार समय की लंबी कालावधि 14 मन्वन्तर होते हैं। इन मन्वन्तरों की तिथियों के दिन श्राद्ध कर्म कर सकते हैं। 3 अन्य योग: पूर्वेदु, अष्टक एवं अन्वष्टक दिवस के दिन भी श्राद्ध कर्म कर सकते हैं। 4 युग: 4 युगों की तिथियों के दिन श्राद्ध कर सकते हैं। अर्थात यह युग जब प्रारंभ हुए थे उस तिथि को श्राद्ध कर्म कर सकते हैं। 7 कल्पादि तिथियां: कल्प के प्रारंभ होने की तिथियां। 4 ग्रहण तिथियां: वर्ष में चंद्र और सूर्य ग्रहण मिलाकर कुल 4 ग्रहण होते हैं। इस तरह कुल 96 दिन होते हैं। अन्य दिवस: भीष्म अष्टमी दिवस, वार्षिक श्राद्ध दिवस, गजच्छाया योग, सम्पात दिवस, किसी उपयुक्त ब्राह्मण का आगमन होने पर भी श्राद्ध कर्म कर सकते हैं।
पंजाब में आई बाढ़ ने जनजीवन को काफी प्रभावित किया है। कई एकड़ की फसलें बाढ़ के पानी से बर्बाद हो चुकी है। ऐसे में कई सेलेब्स पंजाब के लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं। शाहरुख खान का मीर फाउंडेशन भी लोकल NGOs के साथ हाथ मिलाकर पंजाब बाढ़ से प्रभावित परिवारों की मदद कर रहा है। इसके तहत ज़रूरी रिलीफ किट्स बांटी जा रही हैं, जिनमें दवाइयाँ, हाइजीन से जुड़ी चीज़ें, खाने-पीने का सामान, मच्छरदानी, तिरपाल की चादरें, फोल्डिंग बेड, कॉटन के गद्दे और दूसरे जरूरी सामान शामिल हैं। यह पहल अमृतसर, पटियाला, फाजिल्का और फिरोज़पुर जैसे जिलों के कुल 1,500 परिवारों तक पहुंचेगी। इसका मकसद है कि लोगों को तुरंत स्वास्थ्य, सुरक्षा संग आश्रय की ज़रूरतें पूरी की जा सकें, ताकि बाढ़ से प्रभावित परिवार सम्मान के साथ अपनी ज़िंदगी को दोबारा पटरी पर ला सकें। शाहरुख खान के अलावा सलमान खान, अक्षय कुमार और सोनू सूद जैसे कई सेलेब्स ने पंजाब की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है। वहीं कई पंजाबी सिंगर भी लोगों की मदद के लिए आगे आए हैं।
दुनिया के सबसे अमीर आदमी की दर्द भरी दास्तां; जानकर चौंक जाएंगे
ओरेकल के को-फाउंडर लैरी एलिसन नेटवर्थ में उछाल के साथ दुनिया के सबसे अमीर शख्स बने एलन मस्क को पीछे छोड़ा
नवंबर में अमेरिका नई मार्की क्रिकेट लीग की मेजबानी करेगा
अमेरिका एक नए रोमांचक क्रिकेट तमाशे की मेजबानी के लिए तैयार है, क्योंकि मेयर्स न्यू वर्ल्ड टी20 क्रिकेट लीग नवंबर 2025 में शुरू हो रही है।यह 12-दिवसीय टूर्नामेंट अंतरराष्ट्रीय दिग्गजों और अमेरिका की स्थानीय प्रतिभाओं के रोमांचक मिश्रण के साथ क्रिकेट मनोरंजन को नई परिभाषा देने का वादा करता है।मेयर्स न्यू वर्ल्ड टी20 क्रिकेट लीग में चार फ्रेंचाइजी टीमें खिताब के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगी, जिसमें 60 गतिशील खिलाड़ी शामिल होंगे, जिनमें अंतरराष्ट्रीय सितारे, अमेरिका के क्रिकेटर और स्थानीय प्रतिभाएं शामिल हैं। भारत, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज और अमेरिका जैसी क्रिकेट की दिग्गज टीमों के प्रतिनिधित्व के साथ, यह टूर्नामेंट मैदान पर विश्व स्तरीय एक्शन और विविधता का वादा करता है।मेयर्स न्यू वर्ल्ड टी20 क्रिकेट लीग के बारे में, अध्यक्ष और लीग कमिश्नर, बृजेश माथुर ने कहा, हम युवा और महत्वाकांक्षी क्रिकेटरों के लिए रास्ते बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मेयर्स न्यू वर्ल्ड टी20 स्थानीय प्रतिभाओं को सामने लाने और उन्हें विश्व स्तरीय खिलाड़ियों के साथ मैदान साझा करने का अमूल्य अनुभव प्रदान करने का भी एक अवसर है। उन्होंने आगे कहा, हमारा मानना है कि दिग्गजों, अंतरराष्ट्रीय सितारों, अमेरिकी राष्ट्रीय टीम और उभरते अमेरिकी क्रिकेटरों का यह मिश्रण अगली पीढ़ी को प्रेरित करेगा।प्रमानित ग्लोबल वेंचर्स यूएसए इंक द्वारा आयोजित, मेयर्स न्यू वर्ल्ड टी20 का लक्ष्य एक ऐसा मंच प्रदान करना है जो क्षेत्र में क्रिकेट के विकास को बढ़ावा दे और इस खेल को नए दर्शकों तक पहुंचाए। तेज-तर्रार 20-ओवर के प्रारूप में खेले जाने वाले इस मैच में दुनिया भर के प्रशंसकों के लिए 180 मिनट का शुद्ध क्रिकेट एक्शन, बाउंड्री, विकेट और रोमांचक पलों से भरपूर होगा। (एजेंसी)
Pitru Paksha Saptami 2025: पितृ पक्ष के दौरान, प्रत्येक तिथि का अपना विशेष महत्व होता है। पितृ पक्ष में सप्तमी तिथि का श्राद्ध उन पूर्वजों के लिए किया जाता है, जिनका निधन सप्तमी तिथि को हुआ हो। यह श्राद्ध पितृ पक्ष के दौरान महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन विधिवत श्राद्ध करने से पितरों को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इन दिनों कुतुप काल को श्राद्ध कर्म करने के लिए सबसे शुभ और महत्वपूर्ण समय माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मुहूर्त में किए गए कर्मों का फल सीधे पितरों को प्राप्त होता है। ALSO READ: Impact of Lunar eclipse: चंद्र ग्रहण से नेपाल में उत्पात और अब सूर्य ग्रहण से होगा महासंग्राम सप्तमी श्राद्ध तिथि और मुहूर्त 2025 श्राद्ध अनुष्ठान तिथि: शनिवार, 13 सितंबर 2025 सप्तमी तिथि प्रारंभ: 13 सितंबर 2025 को सुबह 07:23 बजे सप्तमी तिथि समाप्त: 14 सितंबर 2025 को सुबह 05:04 बजे। कुतुप काल का मुहूर्त अभिजित मुहूर्त 12:10 से 12:59 तक। कुतुप मुहूर्त- दोपहर 12:10 से 12:59 तक। अवधि- 00 घंटे 49 मिनट्स रौहिण मुहूर्त- दोपहर 12:59 से 01:48 तक। अवधि- 00 घंटे 49 मिनट्स अपराह्न काल- दोपहर 01:48 से 04:15 तक। अवधि- 02 घंटे 27 मिनट्स श्राद्ध कैसे करें? सप्तमी श्राद्ध की विधि और सावधानियां श्राद्ध करना एक महत्वपूर्ण धार्मिक प्रक्रिया है, जो अपने दिवंगत पूर्वजों की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए की जाती है। इसे विधि-विधान से करने पर ही इसका पूर्ण फल मिलता है। श्राद्ध की सामान्य विधि इस प्रकार है: श्राद्ध की तैयारी • तिथि का चयन: श्राद्ध हमेशा उसी तिथि पर करें, जिस तिथि को आपके पूर्वज का निधन हुआ था। अगर तिथि याद नहीं है तो अमावस्या पर श्राद्ध कर सकते हैं, जिसे सर्वपितृ अमावस्या भी कहते हैं। • सामग्री: श्राद्ध के लिए आवश्यक सामग्री पहले से जुटा लें। इसमें चावल, जौ, काले तिल, गाय का दूध, गंगाजल, कुश (एक प्रकार की घास), फूल, घी, शक्कर और सात्विक सब्जियां शामिल होती हैं। • स्थान और शुद्धि: श्राद्ध घर के किसी पवित्र स्थान पर या नदी के किनारे किया जाता है। श्राद्धकर्ता यानी श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और स्वच्छ, बिना सिलाई वाले वस्त्र पहनने चाहिए। ALSO READ: shraddha Paksha 2025: श्राद्ध पक्ष में षष्ठी तिथि का श्राद्ध कैसे करें, जानिए कुतुप काल मुहूर्त और सावधानियां श्राद्ध की विधि 1. तर्पण: - सबसे पहले पूर्वजों को तर्पण दिया जाता है। - एक पात्र में जल, काले तिल और दूध मिलाएं। - दक्षिण दिशा की ओर मुख करके इस जल को अंजुलि में लेकर धीरे-धीरे धरती पर गिराएं। - ऐसा करते समय अपने पूर्वजों का स्मरण करें और 'ॐ पितृभ्यः नमः' मंत्र का जाप करें। 2. पिंडदान: - चावल के आटे, जौ के आटे या उबले हुए चावलों को मिलाकर पिंड बनाएं। - इन पिंडों को कुश के आसन पर रखें। - एक-एक करके पिंडों को अपने पूर्वजों के नाम से अर्पित करें और उन्हें जल दें। 3. ब्राह्मणों को भोजन: - श्राद्ध में ब्राह्मणों को भोजन कराना सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। - एक या तीन ब्राह्मणों को आदरपूर्वक भोजन कराएं। - भोजन में खीर, पूड़ी, सब्जी और अन्य सात्विक पकवान शामिल करें। - भोजन के बाद, ब्राह्मणों को वस्त्र, दक्षिणा और अन्य वस्तुएं दान करें। 4. पंचबलि: - भोजन का कुछ अंश निकालकर पांच अलग-अलग हिस्सों में रखें: * कौआ बलि: कौए के लिए * श्वान बलि: कुत्ते के लिए * गो बलि: गाय के लिए * देवादि बलि: देवताओं के लिए * पिपीलिका बलि: चींटियों के लिए - माना जाता है कि इन जीवों को भोजन कराने से पितरों को भोजन प्राप्त होता है। 5. क्षमा याचना और आशीर्वाद: - श्राद्ध कर्म के अंत में, अपने पूर्वजों से अपनी अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगें और उनसे अपने परिवार के लिए सुख, शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मांगें। ध्यान रखने योग्य सावधानियां • श्राद्ध के दिन घर में लहसुन, प्याज, मांसाहार का प्रयोग न करें। • इस दिन ब्रह्मचर्य व्रत धारण करना चाहिए। • श्राद्धकर्ता बाल और नाखून न काटें। • श्राद्ध के दौरान घर में झगड़े या कलह से बचें। • श्राद्ध का भोजन बाहर के किसी व्यक्ति को नहीं देना चाहिए। अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। ALSO READ: Shradh Paksha 2025: श्राद्ध कर्म नहीं करने पर क्या होता है?
भारत से पढ़ाई, नेपाल में सियासत ; PM पद तक पहुंच सकते हैं कुलमान
Nepal Interim PM: भारत में पढ़ा इंजीनियर, अब नेपाल का अंतरिम प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में कुलमान घिसिंग
Wednesday Box Office पर बड़ा उलटफेर; देखें पूरी कमाई का हिसाब
Wednesday Box Office Collection बुधवार को किस फिल्म ने मारी बाजी और किसकी कमाई रह गई फीकी
फैक्ट चेक: नेपाल में योगी आदित्यनाथ के पोस्टर के साथ प्रदर्शन की तस्वीर पुरानी है
बूम ने पाया कि यह तस्वीर 9 मार्च 2025 को राजधानी काठमांडू में निकाली गई एक रैली की है, जिसमें प्रदर्शनकारी नेपाल में राजशाही की बहाली की मांग करते हुए पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह और योगी आदित्यनाथ के पोस्टरलिएनजरआएथे.
Weekly Prediction 15 To 21 September 2025: 15 से 21 सितंबर 2025 के बीच चंद्रमा और बृहस्पति की युति से गजकेसरी योग और शुक्र एवं बुध की युति से लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होगा। इसके बाद शुक्र और चंद्र की युति से कलात्मक योग और बुधादित्य योग भी बनेगा। यह योग अत्यंत शुभ और शक्तिशाली माना जाता है, जो व्यक्ति को अपार धन, सम्मान और सफलता दिलाता है। इससे आर्थिक तंगी दूर होती है और अचानक धनलाभ के योग बनते हैं। इसके योग के चलते 7 राशियां हो जाएंगी मालामाल। 1. वृषभ राशि: इस सप्ताह आप पर लक्ष्मी नारायण योग का विशेष प्रभाव रहेगा। व्यापार से जुड़े लोगों को बड़ा मुनाफा हो सकता है। नौकरीपेशा जातकों को पदोन्नति या वेतन वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं। लंबे समय से रुका हुआ पैसा वापस मिल सकता है, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। 2. मिथुन राशि: मिथुन राशि के जातकों के लिए गजकेसरी राजयोग का प्रभाव बेहद शुभ रहने वाला है क्योंकि यह योग आपकी राशि से में ही बन रहा है, जिसके कारण आपको अचानक से धनलाभ होगा। आत्मविश्वास में जबरदस्त बढ़ोतरी के चलते सामाजिक और पेशेवर जीवन में मान-सम्मान प्राप्त होगा। 3. कर्क राशि: यह सप्ताह आपके लिए गजकेसरी योग का पूरा लाभ लेकर आ रहा है। आपकी आय में अप्रत्याशित वृद्धि हो सकती है। निवेश से अच्छा रिटर्न मिलेगा और आपको कार्यक्षेत्र में उच्च अधिकारियों का सहयोग प्राप्त होगा। आपके मान-सम्मान में भी वृद्धि होगी। यात्रा के योग भी बन रहे हैं। 4. सिंह राशि: सिंह राशि वालों के लिए यह सप्ताह धन लाभ के कई नए द्वार खोल देगा। लक्ष्मी नारायण योग के प्रभाव से आपको व्यापार में कोई बड़ा सौदा मिल सकता है। नौकरी में आपके परफार्मेंस की सराहना होगी और आपको कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, जो भविष्य में आर्थिक लाभ देगी। 5. तुला राशि: तुला राशि वालों के लिए यह सप्ताह सौभाग्य और समृद्धि लेकर आया है। गजकेसरी और लक्ष्मी नारायण योग की वजह से आपके लिए आय के नए स्रोत खुलेंगे। कर्ज से मुक्ति मिलेगी और अचानक धन लाभ के योग भी बन रहे हैं। पारिवारिक जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी। यह योग आपकी कुंडली के स्थान पर बन रहा है, जिससे किस्मत का साथ मिलेगा। 6. कन्या राशि: आपके लिए यह योग अटके कार्य पूर्ण करने का रास्ता खोलेगा। यह योग कर्म स्थान पर बन रहा है जिसके चलते कार्यक्षेत्र में सफलता के द्वार खुलेंगे जिससे करियर और कारोबार में तरक्की मिलेगी। नौकरी करने वालों के प्रमोशन के योग हैं। आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी। 7. धनु राशि: गजकेसरी योग के प्रभाव से धनु राशि के जातकों का भाग्य पूरी तरह से साथ देगा। आपके रुके हुए काम पूरे होंगे और आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होगी। पैतृक संपत्ति से जुड़े मामलों में सफलता मिल सकती है। इस सप्ताह आप जो भी काम शुरू करेंगे, उसमें सफलता निश्चित है।
जबरदस्त घाटे का डर, ब्रोकरेज फर्म ने चेताया शेयरधारकों को
आरबीआई की मंजूरी के बाद एसएमबीसी की एंट्री यस बैंक शेयर पर मंडराया घाटे का खतरा ब्रोकरेज फर्म का अलर्ट
Shashti Tithi Shraddha 2025: पितृ पक्ष में षष्ठी श्राद्ध पितरों को समर्पित एक महत्वपूर्ण दिन है। पितृ पक्ष में षष्ठी तिथि का श्राद्ध उन पूर्वजों के लिए किया जाता है, जिनका निधन षष्ठी तिथि को हुआ हो। यह श्राद्ध पितृ पक्ष के दौरान महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इस दिन विधिवत श्राद्ध करने से पितरों को शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस मुहूर्त में किए गए कर्मों का फल सीधे पितरों को मिलता है। कुतुप काल को श्राद्ध कर्म करने के लिए सबसे शुभ और महत्वपूर्ण समय माना जाता है। इस बार षष्ठी श्राद्ध 12 सितंबर 2025 को किया जा रहा है। ALSO READ: Sanja festival 2025: संजा लोकपर्व क्या है, जानिए पौराणिक महत्व और खासियत षष्ठी श्राद्ध तिथि और मुहूर्त 2025 षष्ठी श्राद्ध की तिथि: शुक्रवार, 12 सितंबर 2025 को षष्ठी तिथि का आरंभ: 12 सितंबर 2025, सुबह 09:58 मिनट से। षष्ठी तिथि का समापन: 13 सितंबर 2025, सुबह 07:23 मिनट पर। श्राद्ध अनुष्ठान के शुभ मुहूर्त कुतुप मुहूर्त- दोपहर 12:10 से 12:59 तक। अवधि- 00 घंटे 49 मिनट्स रौहिण मुहूर्त- दोपहर 12:59 से 01:48 मिनट तक। अवधि- 00 घंटे 49 मिनट्स अपराह्न काल- दोपहर 01:48 से 04:16 मिनट तक। अवधि- 02 घंटे 28 मिनट्स षष्ठी श्राद्ध की विधि, श्राद्ध कैसे करें? 1. शुद्धि और स्नान: श्राद्ध के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। 2. तर्पण: दक्षिण दिशा की ओर मुख करके जल में काले तिल मिलाकर पितरों को तर्पण दें। तर्पण करते समय 'ॐ पितृभ्यः नमः' मंत्र का जाप करें। 3. पिंडदान: आटे, जौ या चावल से बने पिंडों को पितरों को अर्पित करें। यह क्रिया भी दक्षिण दिशा की ओर मुख करके की जाती है। 4. ब्राह्मणों को भोजन: एक या तीन ब्राह्मणों को श्राद्ध का भोजन कराएं। भोजन में खीर, पूड़ी, सब्जी और अन्य सात्विक व्यंजन शामिल करें। भोजन कराने के बाद ब्राह्मणों को दक्षिणा, वस्त्र और अन्य वस्तुएं दान करें। 5. पंचबलि: भोजन का कुछ अंश निकालकर पंचबलि यानी गाय, कुत्ता, कौआ, देवता और चींटी के लिए रखें। माना जाता है कि इन जीवों के माध्यम से भोजन पितरों तक पहुंचता है। 6. क्षमा याचना: श्राद्ध के अंत में पितरों से अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगें और उनका आशीर्वाद लें। ALSO READ: Shradh Paksha 2025: श्राद्ध कर्म नहीं करने पर क्या होता है? श्राद्ध की सावधानियां: • सात्विकता: श्राद्ध के दिन घर में लहसुन, प्याज, मांस, मदिरा और अन्य तामसिक भोजन का सेवन न करें। • ब्रह्मचर्य का पालन: इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। • विवाद: घर में किसी भी प्रकार का कलह या विवाद न करें। • बाहरी भोजन: श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को बाहर का भोजन नहीं करना चाहिए। • शुभ कार्य: पितृ पक्ष के दौरान किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य जैसे विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि से बचना चाहिए। • बाल और नाखून: श्राद्ध के दिन बाल कटवाना और नाखून काटना वर्जित है। अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। ALSO READ: sanja ke geet : संजा लोकपर्व के लोकप्रिय सरल और प्यारे गीत
रियलिटी शो 'बिग बॉस 19' के घर में जबरदस्त ड्रामा देखने को मिल रहा है। वहीं हर हफ्ते फैंस को वीकेंड का वार एपिसोड का भी बेसब्री से इंतजार रहता है। वीकेंड का वार में सलमान खान कंटेस्टेंट्स की जमकर क्लास लगाते नजर आते हैं। लेकिन इस बार फैंस को थोड़ी निराशा होने वाली हैं। सलमान खान इस हफ्ते वीकेंड का वार होस्ट करते नहीं दिखेंगे। उनकी जगह दो अन्य एक्टर्स होस्ट की कमान संभालेंगे। बताया जा रहा है कि सलमान खान इस समय अपनी अगली फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' की शूटिंग में बिजी हैं। वह इसके लिए लद्दाख में हैं। यही कारण है कि वह 'बिग बॉस 19' होस्ट करने के लिए मुंबई में नहीं रहेंगे। बताया जा रहा है कि सलमान खान की गैर मौजूदगी में अक्षय कुमार और अरशद वारसी 'वीकेंड का वार' को हस्ट करने वाले हैं। दोनों शो पर अपनी फिल्म 'जॉली एलएलबी 3' के प्रमोशन के लिए आने वाले हैं। इस मौके पर वह शो को होस्ट भी करेंगे। अक्षय कुमार और अरशद वारसी 13 और 14 सितंबर को 'बिग बॉस' में नजर आएंगे। अरशद वारसी इससे पहले 'बिग बॉस' के पहले सीजन को होस्ट कर चुके हैं। वहीं अक्षय कुमार पहली बार 'बिग बॉस' को होस्ट करने वाले हैं।
iPhone Air: अब हवा से भी पतला फ़ोन लाया Apple!
सोचिए इतना पतला फ़ोन कि हाथ में पता ही न चले! iPhone Air इस सीरीज़ का नया स्टार है, और ये अब तक का सबसे पतला iPhone है। इसकी मोटाई सिर्फ़ 5.6 मिमी है। ये iPhone 17 Plus की जगह ले रहा है और इसमें 6.5-इंच की बड़ी स्क्रीन है जो गेमिंग और मूवी देखने के लिए एकदम परफेक्ट है। Phone Air के साथ एपल ने सैमसंग और हॉनर जैसे प्रतिद्वंद्वियों को पतले स्मार्टफोन्स के सेगमेंट में कड़ी चुनौती दी है। ALSO READ: iPhone 17 Pro और Pro Max: कैमरा नहीं, बल्कि सिनेमा! क्या है खास? A19 प्रो चिप: फ़ोन इतना स्मूथ चलेगा कि आप सोच भी नहीं सकते। टाइटैनियम फ्रेम: हल्का, लेकिन इतना मजबूत कि आसानी से टूटेगा नहीं। वायरलेस चार्जिंग: 25W की फास्ट वायरलेस चार्जिंग, तो चार्ज करने का झंझट खत्म। दाम: इसकी शुरुआती कीमत 119000 रुपए है, जो एक प्रीमियम फील देता है। नया iPhone Air अपनी पतली डिज़ाइन और प्रीमियम फीचर्स के साथ युवा और स्टाइलिश यूज़र्स को आकर्षित कर सकता है, लेकिन सिंगल रियर कैमरा कुछ यूज़र्स को निराश कर सकता है। पतला होने के चक्कर में इसमें सिर्फ़ एक ही कैमरा है। तो अगर आप प्रो-लेवल फोटोग्राफर नहीं हैं, तो कोई बात नहीं। लेकिन अगर आप सिर्फ़ स्टाइल और परफॉरमेंस चाहते हैं, तो ये आपके लिए बेस्ट है! ALSO READ: iPhone 17 सीरीज की कीमतों का हुआ ऐलान, भारत में क्या है Price, जानिए कहां मिलेगा सबसे सस्ता उपलब्धता प्री-ऑर्डर: 11 सितंबर, 2025 से शुरू। आधिकारिक बिक्री: 19 सितंबर, 2025 से।
iPhone 17 Pro और Pro Max: कैमरा नहीं, बल्कि सिनेमा!
अगर आप एक ऐसे इंसान हैं जिसके लिए कैमरे की क्वालिटी से कोई समझौता नहीं, तो iPhone 17 Pro और Pro Max आपके लिए ही बने हैं। इन फोन्स का कैमरा सेटअप पूरा बदल गया है, जिसे एपल ने 'कैमरा प्लेटो' नाम दिया है। ये एक हॉरिजॉन्टल कैमरा बार है। ALSO READ: iPhone 17 सीरीज की कीमतों का हुआ ऐलान, भारत में क्या है Price, जानिए कहां मिलेगा सबसे सस्ता क्या है खास? 48MP का ज़बरदस्त कैमरा: 8X ऑप्टिकल-जैसा ज़ूम और 40X डिजिटल ज़ूम! सोचो, दूर की चीज़ें भी एकदम पास दिखेंगी। कैमरा प्लेटो: प्रो मॉडल्स में सबसे बड़ा बदलाव है हॉरिजॉन्टल कैमरा बार, जिसे एपल ने 'कैमरा प्लेटो' नाम दिया है। इसमें 48-मेगापिक्सल टेलीफोटो लेंस शामिल है, जो 8X ऑप्टिकल-जैसा ज़ूम और 40X डिजिटल ज़ूम तक की क्षमता देता है। ALSO READ: iphone air : अब तक का सबसे पतला आईफोन, पावरफुल बैटरी बैकअप और एडवांस कैमरा सेंसर, जानिए क्या है कीमत वेपर-चेंबर कूलिंग: गेमिंग के शौकीनों के लिए ये एक वरदान है। घंटों गेम खेलो, फ़ोन गरम नहीं होगा! A19 प्रो चिप: ये चिप फ़ोटोज़ और वीडियो को इतनी तेज़ी से प्रोसेस करेगा कि आप हैरान रह जाएंगे। प्रो मॉडल्स में टाइटेनियम की जगह एल्यूमीनियम चेसिस का उपयोग किया गया है, जो लागत और फोन को गरम नहीं होने देता। प्रो मॉडल्स में एल्यूमीनियम का उपयोग और टाइटेनियम को केवल Air मॉडल तक सीमित करना लागत और परफॉर्मेंस के बीच स्मार्ट संतुलन दर्शाता है। उन्नत कैमरा सिस्टम, खासकर ज़ूम क्षमताएँ, फोटोग्राफी को एपल का प्रमुख विक्रय बिंदु बनाए रखती हैं। दाम: iPhone 17 Pro 134000 और Pro Max 159000 से शुरू होते हैं। ये फोन्स उन लोगों के लिए हैं जो अपनी फोटोग्राफी स्किल्स को नेक्स्ट लेवल पर ले जाना चाहते हैं। Pro मॉडल्स का कैमरा प्लेटो और उन्नत ज़ूम फोटोग्राफी प्रेमियों के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। बढ़ी हुई कीमतों पर ग्राहकों की प्रतिक्रिया देखना दिलचस्प होगा। उपलब्धता प्री-ऑर्डर: 11 सितंबर, 2025 से शुरू। आधिकारिक बिक्री: 19 सितंबर, 2025 से।
लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी दौरे के खिलाफ कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन का ऐलान करते ही पुलिस ने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को लखनऊ में हाउस अरेस्ट कर लिया है। अजय राय ने आरोप लगाया है कि पुलिस कांग्रेस कार्यकर्ताओं की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। हर कार्यकर्ता इसका मुंहतोड़ जवाब […] The post प्रधानमंत्री मोदी के वाराणसी दौरे से पहले लखनऊ में हाउस अरेस्ट किए गए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय appeared first on Sabguru News .
इज़राइल पीएम का चौंकाने वाला बयान, दोहा हमले की तुलना 9/11 से
नेतन्याहू ने दोहा स्ट्राइक को ठहराया जायज़ 9 11 हमले के बाद अमेरिका की कार्रवाई से की तुलना
सीबीआई इंटरपोल की मदद से भगोड़े ठग मुन्नावर ख़ान को कुवैत से भारत वापस लाई
नई दिल्ली। केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने अंतरराष्ट्रीय अपराध पुलिस संगठन (इंटरपोल) के सहयोग से एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए लंबे समय से वांछित भगोड़े मुन्नावर ख़ान को कुवैत से भारत वापस लाने में सफलता हासिल की है। आरोपी पर षड्यंत्र, धोखाधड़ी और जालसाज़ी जैसे गंभीर आरोप हैं। सीबीआई की अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग इकाई […] The post सीबीआई इंटरपोल की मदद से भगोड़े ठग मुन्नावर ख़ान को कुवैत से भारत वापस लाई appeared first on Sabguru News .
जहांगीरपुरी एनकाउंटर : रोहित गोडारा गैंग के सदस्य को पुलिस से मुठभेड़ में पैर में लगी गोली
नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की रोहिणी स्पेशल सेल ने राजधानी में संगठित अपराध पर बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात रोहित गोडारा गैंग के शातिर बदमाश अंकित को एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार कर लिया। पुलिस और बदमाश के बीच यह मुठभेड़ जहांगीरपुरी इलाके के शाह आलम बंड में हुई। जानकारी के अनुसार पुलिस को अंकित की […] The post जहांगीरपुरी एनकाउंटर : रोहित गोडारा गैंग के सदस्य को पुलिस से मुठभेड़ में पैर में लगी गोली appeared first on Sabguru News .
चांदी की दौड़: 12 महीनों में छुएगी 1.5 लाख का स्तर...
नई दिल्ली। आने वाले समय में चांदी निवेशकों को बड़ा मुनाफा दे सकती है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, अगले 12 महीनों में चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है। अनुमान है कि घरेलू बाजार में चांदी का भाव धीरे-धीरे बढ़कर 1.35 लाख रुपये प्रति किलो और फिर 1.50 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक बाजार में भी चांदी की कीमत $50 प्रति औंस का स्तर छू सकती है। अभी तक 2024 में चांदी ने मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर करीब 37% का रिटर्न दिया है, जो अन्य कई एसेट क्लासेस की तुलना में बेहतर प्रदर्शन है। तेजी के पीछे कारण चांदी की कीमतों में यह तेजी कई कारणों से हो रही है। मजबूत औद्योगिक मांग – अमेरिकी सिल्वर इंस्टीट्यूट का अनुमान है कि 2025 में कुल चांदी उत्पादन का लगभग 60% हिस्सा औद्योगिक मांग से जुड़ा होगा। इसमें सौर ऊर्जा, इलेक्ट्रिक वाहन और 5G इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी ग्रीन टेक्नोलॉजी से आने वाली मांग अहम होगी। कमजोर डॉलर – अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें निवेशकों को सुरक्षित एसेट्स की ओर खींच रही हैं। भू-राजनीतिक तनाव और वैश्विक अनिश्चितता – इन कारकों के चलते चांदी एक सुरक्षित निवेश विकल्प के रूप में देखी जा रही है। केंद्रीय बैंकों की रुचि – रूस ने हाल ही में अपने राज्य रिजर्व के लिए चांदी खरीदने की घोषणा की है और अगले तीन वर्षों में $535 मिलियन की राशि आवंटित की है। वहीं सऊदी अरब के केंद्रीय बैंक ने भी करीब $40 मिलियन सिल्वर-लिंक्ड ईटीएफ में निवेश किए हैं। भारत में चांदी की मांग घरेलू स्तर पर भी भारत में चांदी की खपत और निवेश तेज़ी से बढ़ रहे हैं। 2025 की पहली छमाही में ही भारत ने 3,000 टन से अधिक चांदी का आयात किया है। साथ ही, सिल्वर ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स) में प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों में भी तेज वृद्धि दर्ज की गई है। निवेशकों के लिए चेतावनी हालांकि, रिपोर्ट ने यह भी साफ किया है कि इतनी तेज़ बढ़ोतरी के बाद अल्पावधि में प्रॉफिट बुकिंग यानी मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है। अनुमान है कि मौजूदा स्तरों से चांदी 1.15 लाख से 1.18 लाख रुपये प्रति किलो तक नीचे आ सकती है। ऐसे में निवेशकों को रणनीति बनाकर निवेश करना चाहिए। बाजार का रुख यह लगातार पांचवां साल है जब बाजार में आपूर्ति घाटा बना हुआ है, जो समग्र मांग को और मजबूत करता है। इस साल कॉमेक्स पर चांदी ने अब तक 41.6% की बढ़त हासिल की है, जबकि सोने ने 34.6% और कॉपर जैसे बेस मेटल्स ने सिर्फ 14% का रिटर्न दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि औद्योगिक मांग, ग्रीन टेक्नोलॉजी, केंद्रीय बैंकों की खरीद और कमजोर डॉलर जैसे कारक आने वाले महीनों में चांदी की कीमतों को लगातार सहारा देंगे। हालांकि निवेशकों को अल्पकालिक उतार-चढ़ाव के बीच सतर्क रहकर कदम बढ़ाना होगा।
नेपाल में उपद्रव के पीछे अमेरिका ? जस्टिस काटजू का लेख
नेपाल में हालिया Gen Z आंदोलन हिंसा और पीएम ओली के इस्तीफ़े तक पहुँच गया। जस्टिस काटजू के अनुसार यह केवल भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी का गुस्सा नहीं, बल्कि अमेरिका-चीन शक्ति संघर्ष का परिणाम है। क्या नेपाल नई भू-राजनीतिक जंग का अखाड़ा बन रहा है? पढ़िए जस्टिस मार्कंडेय काटजू का विश्लेषण
Planetary and Eclipse Conjunctions Year 2025: वर्ष 2025, जिसे ज्योतिषीय दृष्टि से कई अशुभ योगों वाला माना गया था, देश और दुनिया में कई भयानक घटनाओं का गवाह बना। इस वर्ष में ग्रहों और ग्रहणों के विशेष संयोगों को भूकंप, युद्ध, जन विद्रोह और प्राकृतिक आपदाओं जैसी घटनाओं का कारण माना जा रहा है। आइए, इन घटनाओं और उनके ज्योतिषीय आधार पर एक विस्तृत नज़र डालते हैं। ग्रहण और ग्रहों का अशुभ योग 1. ग्रहण योग: 14 मार्च को मीन संक्रांति के दिन पूर्ण चंद्र ग्रहण लगा। 29 मार्च को शनि ने मीन राशि में प्रवेश किया, और इसी दिन सूर्य ग्रहण भी हुआ। इसके बाद, 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण हुआ और अब 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण होगा। ज्योतिष के अनुसार, जब दो ग्रहणों के बीच 14 दिनों का अंतर होता है, तो यह देश और दुनिया में बड़े भूकंपों और राजनीतिक उथल-पुथल का कारण बनता है। 2025 में यह संयोग कई बार बना, जिसका असर स्पष्ट रूप से देखा गया। 2. ग्रहों के योग: शनि मीन योग: 29 मार्च को शनि का मीन राशि में गोचर हुआ और वह वक्री चाल चला। अतिचारी बृहस्पति: 14 मई को गुरु ग्रह वृषभ से निकलकर मिथुन राशि में अतिचारी हो गए, जिसे दो देशों के बीच युद्ध और जलवायु परिवर्तन का कारक माना जाता है। गुरु 8 वर्षों तक अतिचारी चाल चलेंगे। ऐसा महाभारत काल में हुआ था। राहु गोचर: 18 मई को राहु ने मीन से निकलकर कुंभ में और केतु ने सिंह राशि में गोचर किया। राहु के इस गोचर को तकनीकी क्षेत्र में विस्तार से जोड़कर देखा जाता है। इन गोचरों के साथ ही कई अन्य अशुभ योगों का निर्माण हुआ: शनि-मंगल का नवपंचम योग: युद्ध और हिंसा का कारण। राहु और शनि का पिशाच योग: सामाजिक अशांति और संघर्ष का सूचक। मंगल और केतु का कुंज केतु योग: दुर्घटनाओं और आगजनी की आशंका। शनि-मंगल और राहु-मंगल का षडाष्टक योग: बड़े टकराव और आपदाओं का प्रतीक। खप्पर योग: युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं के लिए अशुभ माना जाने वाला योग। इन सभी अशुभ योगों के कारण दुनिया में घटनाएं, दुर्घटनाएं, हादसे, भूकंप, प्राकृतिक आपदाएं, जन विद्रोह और युद्ध जैसे हालात देखने को मिले। वर्ष के अंत तक यह ग्रह योग बने रहेंगे। भारत में हुए प्रमुख घटनाक्रम आपदाएँ और दुर्घटनाएँ: जनवरी में एक हादसे में 37 श्रद्धालुओं की जान गई, और फरवरी में दिल्ली में भगदड़ से 10 लोगों की मौत हुई। अप्रैल में गुजरात की एक पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से 17 लोगों की मृत्यु हुई। जून में बेंगलुरु में आरसीबी की जीत के जश्न से पहले भगदड़ में 11 लोग मारे गए। अहमदाबाद में एक भयानक प्लेन हादसे में 275 लोगों की मौत हुई। पहाड़ी क्षेत्रों में बादल फटने और बाढ़ की घटनाओं से जनवरी से अगस्त तक 600 से अधिक लोग मारे गए, और हजारों लोग विस्थापित हुए। आतंकवाद और रक्षा: पहलगाम आंतकवादी हमला: 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने 26 पर्यटकों को गोली मार दी। ऑपरेशन सिंदूर: इसके जवाब में 7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान पर हमला कर आतंकवादियों के ठिकानों को नष्ट किया। दुनिया में हुए प्रमुख घटनाक्रम युद्ध और तनाव: इजराइल-ईरान युद्ध, रूस-यूक्रेन संघर्ष और थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद जैसे तनावों के कारण तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ गई। बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार में पहले से ही अस्थितरता है। अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। जन विद्रोह और सत्ता परिवर्तन: 7 सितंबर के चंद्र ग्रहण के बाद नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ बड़ा जन विद्रोह हुआ। 'जेन-जी' के नेतृत्व में हुए इन प्रदर्शनों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया। इसके बाद फ्रांस में भी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें लाखों लोग सड़कों पर उतर आए। पाकिस्तान में भी इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद राजनीतिक उथल-पुथल जारी रही। प्राकृतिक आपदाएँ (भूकंप): जनवरी में तिब्बत में 7.1 की तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 126 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई। मार्च में म्यांमार में 7.7 की तीव्रता का भूकंप आया, जिससे 1,000 से अधिक लोग मारे गए। जुलाई में रूस के कामचटका प्रायद्वीप के तट पर 8.8 की तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिससे 4 मीटर तक की लहरें उठीं। अगस्त में अफगानिस्तान में 6.0 की तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें 2500 से अधिक लोगों की मौत हुई। भविष्य की आशंकाएं: ज्योतिषियों का मानना है कि 2025 से भी अधिक खतरनाक वर्ष 2026 हो सकता है। हिंदू संवत्सर के अनुसार, 19 मार्च 2026 से रौद्र नामक संवत्सर शुरू होगा, जिसमें बड़े पैमाने पर राजनीतिक बदलाव होने की संभावना है। कुछ ज्योतिषियों का यह भी मानना है कि इस दौरान एक महायुद्ध हो सकता है, जो बड़े नरसंहार का कारण बनेगा।
दशहरा-दिवाली पर खुशखबरी! सोलापुर-अजमेर के लिए 12 स्पेशल फेरे
दशहरा और दिवाली पर रेलवे का तोहफ़ा सोलापुर अजमेर स्पेशल ट्रेन के 12 अतिरिक्त फेरे चलेंगे
Impact of Lunar eclipse: चंद्र ग्रहण से नेपाल में उत्पात और अब सूर्य ग्रहण से होगा महासंग्राम
Impact of Lunar eclipse: ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, 7 सितंबर को हुए चंद्र ग्रहण ने नेपाल में बड़े जन विद्रोह को जन्म दिया, जिससे वहाँ की सरकार गिर गई। अब 21 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत सहित दुनिया में बड़े राजनीतिक और प्राकृतिक बदलाव ला सकता है। चंद्र ग्रहण: नेपाल में जन विद्रोह का कारण: 7 सितंबर, 2025 को हुए चंद्र ग्रहण को ज्योतिषियों ने 'उत्पात' का संकेत माना था। इसके ठीक दो दिनों बार 9 सितंबर 2025 मंगलवार को मंगल के 9 अंक का अद्भुत संयोग था। इस ग्रहण के ठीक बाद और 9 अंक के संयोग के दिन, नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाए जाने के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। ये प्रदर्शन जल्द ही एक जन विद्रोह में बदल गए, जिसमें 'जेन-जी' (Gen Z) के युवा नेतृत्व ने अहम भूमिका निभाई। इस विद्रोह के परिणामस्वरूप, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल को अपने पदों से इस्तीफा देना पड़ा। ज्योतिष के जानकारों के अनुसार, यह घटना चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव का सीधा परिणाम थी, जिसने लोगों में असंतोष और विद्रोह की भावना को भड़काया। सूर्य ग्रहण: भारत पर गहरा प्रभाव: अब सभी की निगाहें 21 सितंबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण पर टिकी हैं। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, सूर्य ग्रहण का प्रभाव चंद्र ग्रहण से भी अधिक शक्तिशाली होता है। कई ज्योतिषियों का मानना है कि यह ग्रहण भारत की राजनीति पर गहरा असर डालेगा। राजनीतिक उथल-पुथल: यह ग्रहण केंद्र सरकार में बड़े बदलाव या स्थिरता पर संकट ला सकता है। कुछ ज्योतिषियों का मानना है कि यह किसी बड़े नेता के पद छोड़ने या सरकार में बड़े फेरबदल का कारण बन सकता है। युद्ध की आशंका: ज्योतिषीय योगों के अनुसार, सूर्य ग्रहण के साथ शनि और मंगल का षडाष्टक योग, और मंगल-राहु का योग युद्ध और बड़े संघर्ष की स्थितियाँ पैदा कर सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसके बाद भारत को सीमा पर या किसी अन्य देश के साथ तनाव का सामना करना पड़ सकता है। प्राकृतिक आपदाएं: यह ग्रहण भूकंप, बाढ़ और आगजनी जैसी प्राकृतिक आपदाओं की संभावना को भी बढ़ा सकता है। ग्रहों का अशुभ संयोग: ज्योतिषीय गणनाएँ बताती हैं कि 2025 में कई अशुभ योग बन रहे हैं, जैसे शनि-मंगल का षडाष्टक योग, राहु और शनि का पिशाच योग, और खप्पर योग। इन योगों को पहले ही कई प्राकृतिक और राजनीतिक आपदाओं का कारण माना जा चुका है, जैसे कि म्यांमार और अफगानिस्तान में आए विनाशकारी भूकंप, और रूस-यूक्रेन तथा इजराइल-ईरान के बीच जारी युद्ध। 21 सितंबर का सूर्य ग्रहण इन सभी अशुभ योगों के प्रभाव को और बढ़ा सकता है, जिससे आने वाले समय में बड़े बदलाव और चुनौतियां देखने को मिल सकती हैं।
बल्ले के बाद गेंद से भी कमाल, शिवम दुबे ने Asia Cup के पहले मैच में ही दिखा दिया ट्रेलर
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में इंपैक्ट प्लेयर नियम के कारण शिवम दुबे की गेंदबाजी में भूमिका सीमित हो गई थी लेकिन वह भारतीय टीम के लिए अदद ऑलराउंडर बनना चाहते हैं जिसमें उन्हें मुख्य कोच गौतम गंभीर का समर्थन और गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल का मार्गदर्शन मिल रहा है।संयुक्त अरब अमीरात के खिलाफ एशिया कप के पहले मैच में दो ओवर में चार रन देकर तीन विकेट लेने वाले दुबे ने एक तेज गेंदबाज के रूप ने अपने खेल में सुधार के संबंध में मोर्कल की भूमिका के बारे में बात की। दुबे ने भारत की नौ विकेट से जीत के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब से मैं इंग्लैंड श्रृंखला के लिए भारतीय टीम में वापस आया हूं, तब से मोर्ने मेरे साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने मुझे कुछ विशेष सलाह दी है और मैंने उन पर अमल किया है।’’इस विस्फोटक बल्लेबाज ने कहा, ‘‘उन्होंने मुझे ऑफ स्टंप से थोड़ा बाहर की लाइन पर गेंदबाजी करने को कहा। उन्होंने धीमी गेंद करने को लेकर भी मेरे साथ काम किया और मेरे रन-अप में भी थोड़ा बदलाव किया। मुख्य कोच और कप्तान ने मुझे बताया था कि मेरी गेंदबाजी की भूमिका अहम होगी।’’ आईपीएल के बाद दुबे को अपने ऑलराउंड खेल और फिटनेस पर काम करने के लिए दो महीने का समय मिला। दुबे का आईपीएल में उनकी फ्रैंचाइज़ी चेन्नई सुपर किंग्स पावर-हिटर के रूप में ज़्यादा इस्तेमाल करती है।दुबे ने कहा, ‘‘पिछले दो महीनों में, मैंने अपनी फिटनेस पर काफ़ी काम किया है। जहां तक मेरी बल्लेबाज़ी का सवाल है तो मुझे पता है कि बीच के ओवरों में मुझे (एक पावर-हिटर के तौर पर) अपनी भूमिका निभानी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानता हूं कि पिछले कुछ वर्षों में गेंदबाजों ने मुझे शॉर्ट पिच गेंदों से निशाना बनाया है और मैंने अपने शॉट्स की रेंज बढ़ाने पर काम किया है।’’इस ऑलराउंडर ने कहा, ‘‘जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ेगा, विकेट धीमा होता जाएगा और मैं जानता हूं कि तब मेरी धीमी गेंदें प्रभावी होंगी। मैं यह भी जानता हूं कि बीच के ओवरों में कैसे बल्लेबाजी करनी है।’’ एक ऑलराउंडर के रूप में दुबे को कई बार हार्दिक पंड्या की चुनौती का सामना करना पड़ता है, लेकिन मुंबई के इस ऑलराउंडर ने जोर देकर कहा कि उनके बीच किसी तरह की प्रतिस्पर्धा नहीं है।उन्होंने कहा, ‘‘हार्दिक मेरे भाई की तरह हैं जिनसे मैं बहुत कुछ सीखता हूं क्योंकि आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका अनुभव मुझसे कहीं अधिक है। मेरा प्रयास हमेशा उनसे कुछ न कुछ सीख लेना होता है।’’ दुबे ने पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले आगामी मैच के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘चाहे मैं यूएई के खिलाफ खेल रहा हूं या पाकिस्तान के खिलाफ, मैं अपने कोच गौती भाई (गंभीर) की बातों पर अमल करने की कोशिश करता हूं। जब आप भारत के लिए खेलते हैं, तो आपको देश के लिए कुछ अच्छा करने का अवसर मिलता है।’’ (भाषा)