अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद सांगानेर इकाई ने मनाया 34वां स्थापना दिवस
सांगानेर। अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के 34वें स्थापना दिवस के अवसर पर अधिवक्ता परिषद राजस्थान जयपुर प्रांत की सांगानेर इकाई की ओर से न्यायालय परिसर स्थित बार में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम का विषय राष्ट्र निर्माण में अधिवक्ताओं की भूमिका रखा गया। मुख्य अतिथि अतिरिक्त महाधिवक्ता कपिल प्रकाश माथुर ने अधिवक्ताओं को […] The post अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद सांगानेर इकाई ने मनाया 34वां स्थापना दिवस appeared first on Sabguru News .
धौलपुर में बसेडी का लाईनमैन 4000 रुपए रिश्वत राशि लेते अरेस्ट
धौलपुर। राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने बुधवार को धौलपुर जिले में जयपुर डिस्कॉम के नयावास फीडर बसेड़ी कार्यालय सहायक अभियंता (ओएंडएम) के लाईनमैन लोकेश कुमार मीना को चार हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। ब्यूरो की कार्यवाहक महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि एसीबी चौकी करौली को परिवादी ने […] The post धौलपुर में बसेडी का लाईनमैन 4000 रुपए रिश्वत राशि लेते अरेस्ट appeared first on Sabguru News .
जशपुर में शादी का झांसा देकर एक युवती से रेप, प्रेगनेंट करने का आरोपी अरेस्ट
जशपुर। छत्तीसगढ़ में जशपुर पुलिस ने दुष्कर्म के एक मामले में फरार आरोपी अंकित किस्पोट्टा (29) को रायपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने शादी का झांसा देकर एक युवती के साथ दुष्कर्म किया था और गर्भवती होने पर शादी से इनकार कर दिया था। मामला थाना बगीचा क्षेत्र के सोनक्यारी चौकी के […] The post जशपुर में शादी का झांसा देकर एक युवती से रेप, प्रेगनेंट करने का आरोपी अरेस्ट appeared first on Sabguru News .
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की गैंगस्टर छोटा राजन की ज़मानत
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को यह सवाल करते हुए गैंगस्टर राजेंद्र सदाशिव निकालजे उर्फ छोटा राजन की जमानत रद्द कर दी कि चार बार दोषसिद्धि और 27 साल की फरारी… ऐसे व्यक्ति की सजा क्यों स्थगित की जाए? न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने अवैध वसूली मामले में होटल […] The post सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की गैंगस्टर छोटा राजन की ज़मानत appeared first on Sabguru News .
पीएम मित्र पार्क (PM MITRA Park): एक नजर में
भारत सरकार ने पीएम मित्र पार्क (PM MITRA Park) योजना की शुरुआत देश को वैश्विक टेक्सटाइल हब (Global Textile Hub) बनाने के लक्ष्य से की है। इस योजना के तहत देशभर में सात बड़े इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इन पार्कों में उत्पादन से लेकर लॉजिस्टिक्स और निर्यात तक की पूरी वैल्यू ... Read more
सेवानिवृत्त कर्मचारी का भुगतान नहीं करने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रबंध निदेशक को फटकारा
जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक सेवानिवृत्त कर्मचारी का बकाया भुगतान नहीं करने पर राजस्थान राज्य बुनकर सहकारी संघ लिमिटेड, जयपुर के प्रबंध निदेशक को कड़ी फटकार लगाई है। उच्च न्यायालय ने प्रबंध निदेशक महावीर प्रसाद मीणा द्वारा दायर अतिरिक्त हलफनामे में दी गई जानकारी पर हैरानी जताते हुए कहा कि संघ के खाते में […] The post सेवानिवृत्त कर्मचारी का भुगतान नहीं करने पर राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रबंध निदेशक को फटकारा appeared first on Sabguru News .
इसराइल पर यूरोपीय संघ के प्रतिबंध का जर्मनी समर्थन करेगा?
यूरोपीय आयोग ने गाजा पट्टी में इसराइली कार्रवाइयों की वजह से अतिरिक्त प्रतिबंधों का प्रस्ताव दिया है। इन उपायों में कुछ कारोबारी फायदों को निलंबित करना भी शामिल है जो यूरोपीय संघ और इसराइल के बीच हुए समझौते की वजह से इसराइल को मिलते हैं।
यूरोपीय देशों को कूटनीति में गंभीरता और विश्वास दिखाना होगा-ईरान
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के साथ बातचीत में कहा कि अब यूरोपीय देशों को कूटनीति में गंभीरता और विश्वास दिखाना चाहिए। उन्होंने स्नैपबैक मैकेनिज्म और अनुचित प्रतिबंधों की कड़ी आलोचना की
Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (18 सितंबर, 2025)
मेष (Aries) Today Horoscope Rashifal 18 September 2025 : करियर: आज आपको कुछ नई जिम्मेदारियां मिल सकती हैं, जो आपके लिए फायदेमंद साबित होंगी। लव: जो लोग सिंगल हैं, उनके लिए कोई खास व्यक्ति जीवन में आ सकता है। धन: आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आय के नए स्रोत बन सकते हैं, लेकिन अनावश्यक खर्चों से बचें। स्वास्थ्य: स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, लेकिन नियमित व्यायाम और संतुलित आहार पर ध्यान दें। उपाय: प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। ALSO READ: Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि का उत्सव कब से मनाया जा रहा है, जानें इतिहास वृषभ (Taurus) करियर: करियर में थोड़ी धीमी गति महसूस हो सकती है। धैर्य रखें और अपने काम पर ध्यान केंद्रित करें। लव: प्रेम संबंधों में कुछ गलतफहमियां हो सकती हैं। बातचीत से इन्हें सुलझाएं। धन: धन के मामले में सावधान रहें। किसी को उधार देने से बचें। स्वास्थ्य: पेट संबंधी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। अपनी दिनचर्या और खान-पान का ध्यान रखें। उपाय: आज लक्ष्मी जी की पूजा करें। मिथुन (Gemini) करियर: नौकरीपेशा लोगों के लिए समय अच्छा है। आपकी मेहनत रंग लाएगी और आपको प्रशंसा मिलेगी। लव: रिश्तों में मजबूती आएगी। आप अपने पार्टनर के साथ अच्छा समय बिताएंगे। धन: अचानक धन लाभ हो सकता है। निवेश के लिए समय अनुकूल है। स्वास्थ्य: मानसिक तनाव से दूर रहें। ध्यान और योग से लाभ होगा। उपाय: गाय को हरा चारा खिलाएं। कर्क (Cancer) करियर: कार्यस्थल पर कुछ चुनौतियां आ सकती हैं, लेकिन आप अपनी बुद्धिमत्ता से उनका सामना करेंगे। लव: रिश्तों में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। अपने पार्टनर के प्रति संवेदनशील रहें। धन: खर्च बढ़ सकते हैं, इसलिए बजट बनाकर चलें। स्वास्थ्य: अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें। तनाव से बचें। उपाय: सोमवार को भगवान शिव का अभिषेक करें। ALSO READ: Budh gochar 2025: बुध ने बदली चाल, ये राशियां हो जाएंगी मालामाल, नौकरी में तरक्की व्यापार में मुनाफे के योग सिंह (Leo) करियर: आपके नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा होगी। आपको नए प्रोजेक्ट्स मिल सकते हैं। लव: प्रेम जीवन में उत्साह और रोमांच रहेगा। धन: धन का प्रवाह अच्छा रहेगा। स्वास्थ्य: ऊर्जावान महसूस करेंगे। उपाय: सूर्य देव को जल अर्पित करें। कन्या (Virgo) करियर: काम में सावधानी बरतें। सहकर्मियों से वाद-विवाद से बचें। लव: प्रेम संबंधों में कुछ समस्याएं हो सकती हैं। धन: आर्थिक स्थिति सामान्य रहेगी। स्वास्थ्य: छोटी-मोटी बीमारियों का ध्यान रखें। उपाय: भगवान गणेश जी को लड्डू का भोग लगाएं। तुला (Libra) करियर: करियर में तरक्की के योग हैं। कार्यस्थल पर सहकर्मियों का सहयोग मिलेगा। लव: प्रेम संबंधों में मधुरता आएगी। आपके संबंध मजबूत होंगे। धन: आज आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। धनलाभ के योग। स्वास्थ्य: घर के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। उपाय: खासकर शुक्रवार के दिन सफेद वस्तु का दान करें। वृश्चिक (Scorpio) करियर: नौकरीपेशा को कार्यक्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। लव: प्रेम संबंधी रिश्तों में सावधानी बरतें। इस कारण घर में तनाव हो सकता है। धन: घरेलू मामलों में अनावश्यक खर्चों से बचें। धन की बचत करें। स्वास्थ्य: आज मानसिक तनाव से बचें। उपाय: विशेषकर मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर जाएं। धनु (Sagittarius) करियर: नौकरीपेशा को हर काम में सफलता मिलेगी। पदोन्नति संभव। लव: प्रेम संबंधों में खुशियां आएंगी। घर का वातावरण सुखद रहेगा। धन: धन लाभ के योग हैं। बचत में बढ़ोतरी होगी। स्वास्थ्य: सेहत अच्छी होने से स्वयं को ऊर्जावान महसूस करेंगे। उपाय: प्रति गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा करें। मकर (Capricorn) करियर: जॉब कर रहे लोग काम में धैर्य और अनुशासन बनाए रखें। व्यापार हेतु शुभ समय। लव: रिश्तों में सामंजस्य बनाए रखें। विवाद से बचें। धन: धन के निवेश में सावधानी बरतें। पहले किसी से सलाह लें। स्वास्थ्य: घर के बुजुर्ग जोड़ों के दर्द से सावधान रहें। उपाय: हर शनिवार को शनिदेव की पूजा करें। कुंभ (Aquarius) करियर: व्यापार में नए अवसर मिलेंगे। कार्यक्षेत्र हेतु समय शुभ। लव: प्रेम संबंधों में उत्साह बना रहेगा। बिगड़ी बात बनेगी। धन: आज आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। स्वास्थ्य: घर में सभी का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। उपाय: शनिवार को गरीब को भोजन कराएं। मीन (Pisces) करियर: कार्यस्थल पर रचनात्मक कार्यों में सफलता मिलेगी। वेतन वृद्धि की संभावना। लव: प्रेम जीवन के रिश्तों में गहराई आएगी। धन: अचानक खर्च बढ़ सकते हैं। धन व्यय पर रोक लगाएं। स्वास्थ्य: मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें। संतान की सेहत की चिंता रहेगी। उपाय: गुरुवार को पीले रंग की वस्तु दान करें। ALSO READ: Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि की तिथियों की लिस्ट, अष्टमी और नवमी कब जानें
देश दुनिया की लाइव खबरें 18 सितंबर 2025 | दिन भर की खबरें
Aaj Tak Live 18 सितंबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें। यहां भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, विज्ञान-तकनीक, मौसम अपडेट और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी हर ताज़ा व बड़ी खबर तुरंत पाएँ। इस पेज पर दिन भर की खबरें अपडेट होंगीं..
अगर नॉर्थ कोरिया में रहते हुए मुंह से आइसक्रीम, हैमबर्गर और हॉट डॉग जैसे शब्द निकल गए तो इसे देशद्रोह समझा जाएगा. और इसके लिए जेल या फांसी की सजा भी हो सकती है.लेकिन क्यों? किम जोंग उन का ये अजीबो-गरीब फैसला किस ओर इशारा करता है. नॉर्थ कोरिया में ऐसे और कौन से अजीबो गरीब नियम हैं, पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो....
दैनिक भास्कर की इलेक्शन सीरीज 'नरसंहार' के सातवें एपिसोड में आज कहानी सेनारी नरसंहार की... ये कहानी है 18 मार्च 1999 की। अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। बिहार में राबड़ी देवी को दूसरी बार मुख्यमंत्री बने 9 दिन ही हुए थे। अरवल जिले में एक गांव है सेनारी। तब ये गांव जहानाबाद में पड़ता था। रात के 7.30 बजे थे। करीब 400-500 लोगों की भीड़ बंदूक और देसी हथियार लिए गांव की ओर तेजी से बढ़ रही थी। कुछ लोग पुलिस की वर्दी में थे और कुछ ने लुंगी बनियान पहन रखी थी। गांव से करीब 2 किलोमीटर पहले सहरसा नाम की पुलिस चौकी थी। थाने में हल्की लाइट जल रही थी। 5-6 जवान इधर-उधर टहल रहे थी। भीड़ में शामिल लंबे कद काठी का एक आदमी बोला- ‘आधे लोग यहीं रुक जाओ। थाने को घेर लो।’ ये आदमी इस भीड़ का कमांडर था। करीब 200 लोगों ने थाने को घेर लिया और बाकी गांव की तरफ चल दिए। कुछ ही देर में भीड़ सेनारी पहुंच गई। आधे लोग गांव के बाहर ही ठहर गए और आधे 20-30 लोगों का गुट बनाकर गांव में घुस गए। एक घर के बाहर 5 लोग बैठकर बातें कर रहे थे। अचानक हथियारबंद लोगों को देखकर भागने लगे। पुलिस की वर्दी पहना एक अधेड़ बोला- ‘भागो मत, हम कुछ नहीं करेंगे। बस ठाकुरबाड़ी का रास्ता बता दो।’ 20-25 साल का एक लड़का डरते हुए बोला- ‘चलो हम रास्ता दिखा देते हैं।’ अधेड़ बोला- ‘सब साथ चलो ना, वहां मिलकर भजन-कीर्तन करेंगे।’ डरे सहमे पांचों लोग इनके साथ चल दिए। कुछ ही देर में सभी ठाकुरबाड़ी पहुंच गए। अब कमांडर बोला- ‘इनके हाथ बांध दो।’ इतना सुनते ही पांचों समझ गए कि वे फंस चुके हैं। बचाओ, बचाओ... चिल्लाने लगे। तभी 30 साल के एक लड़के ने बंदूक तान दी- ‘@#$%@# ज्यादा चिल्लाया तो तुम्हारी खोपड़ी में गोली मार देंगे।’ हमलावरों ने पांचों के हाथ बांधकर ठाकुरबाड़ी में बैठा दिया। इधर, हमलावरों के दूसरे गुट ने एक घर को घेर रखा था। जोर-जोर से दरवाजा पीट रहे थे, पर कोई आवाज नहीं आ रही थी। 40-45 साल का एक हमलावर गुस्से में बोला- ‘टाइम खराब मत करो, डायनामाइट लगाकर उड़ा दो।’ उन लोगों ने वैसा ही किया। जोरदार धमाका हुआ। दरवाजा और दो तरफ से दीवार ढह गईं। हमलावर अंदर घुसे। 70 साल की एक महिला पलंग पर लेटी थी। पीछे 30-35 साल का उसका बेटा खड़ा था। ‘@#$%#$% दरवाजा क्यों नहीं खोल रहा था।’ ये कहते हुए हमलावर ने लड़के की छाती पर गड़ासा मार दिया। लड़का चीख उठा। हमलावर ने फिर से गड़ासा उठाया, तभी लड़के की मां उसके पैरों पर गिर पड़ी। बिलखते हुए बोली- ‘हमरा बचवा के छोड़ द।’ हमलावर ने महिला के सीने पर जोर से लात मारी। वो दूर जा गिरी। इसी बीच हमलावर ने लड़के की गर्दन पर कुल्हाड़ी मार दी। फिर उसे घसीटते हुए बाहर लेकर चले गए। महिला अंदर चीखती रह गई। अब हमलावर दूसरे घर में घुसे। एक महिला खाना पका रही थी। पास ही लालटेन की रोशन में 15 साल का उसका बेटा पढ़ाई कर रहा था। हमलावर ने जोर से थप्पड़ मारा, लड़का तखत से नीचे गिर गया। मां उसे बचाने दौड़ी, तो दूसरे हमलावर ने उसका बाल पकड़कर अपनी तरफ खींच लिया। गालों पर जोर का थप्पड़ मारते हुए बोला- ‘@#$%^# तू तो पेट से है ना, दूसरा बच्चा पैदा कर लेना।’ महिला ने उसके हाथ में दांत से काट दिया। गुस्से में हाथ छुड़ाते हुए हमलावर ने उसके पेट पर कुल्हाड़ी मार दी। वो वहीं गिर पड़ी। हमलावर बोला- %$#@%$# लो अब तुम्हारा वंश ही नहीं रहेगा।’ फिर लड़के का हाथ बांधा और बाहर खींचते हुए ठाकुरबाड़ी की तरफ चल दिए। अब कमांडर बोला- ‘अरे कोई थाने जाकर बता दो कि गांव में तैयारी हो गई है। वो लोग अपना काम शुरू कर दें।’ 10-12 आदमी भागते हुए थाने के पास पहुंचे। अपने आदमियों से कहा- ‘थाने पर हमला बोल दो। देखना कोई पुलिस वाला गांव नहीं पहुंचना चाहिए।’ इधर, गांव में ठाकुरबाड़ी के पास 40-45 लोग लाइन में खड़े थे। सबके हाथ-पैर बंधे थे। 300 से ज्यादा हमलावरों ने उन्हें घेर रखा था। ‘एमसीसी जिंदाबाद, रणवीर सेना मुर्दाबाद’ के नारे लग रहे थे। एक हट्टा-कट्टा हमलावर बोला- ‘एक-एक करके सबकी गर्दन काट दो। जल्दबाजी नहीं करना। आराम-आराम से मारना है। तड़पा तड़पाकर।’ लाइन में खड़े सब एक दूसरे का मुंह देख रहे थे। 30 साल के एक शख्स ने तलवार उठाई और सबसे दाएं खड़े अधेड़ की गर्दन पर दे मारी। उसी लाइन में 25 साल का उसका बेटा भी था। पिता को देख वो चीख उठा। गाली देते हुए बोला- ‘$#@#$% पहले मुझे काटो, बूढ़े को मारकर मर्दानगी क्यों दिखा रहा।’ हमलावर बोला- ‘#@#$#@ घबराओ नहीं। तुम्हारी बारी भी आएगी। रणवीर सेना का साथ देने वालों को आसान मौत नहीं देंगे।’ हमलावर आगे बढ़ा और 15 साल के एक लड़के की गर्दन पर गड़ासा दे मारा। उसकी आधी गर्दन कट गई। वह वहीं गिर पड़ा। खून के छींटे अगल-बगल खड़े लोगों पर पड़े। लाइन में खड़ा 45-50 साल का एक शख्स दहाड़ मारकर चीखने लगा- ‘अरे मेरे बेटवा को काट दिया। मार दिया। इसने तुम्हारा क्या बिगाड़ा था।’ ‘चुप रह #$@^%$.’ इतना कहते हुए हमलावर दनादन गड़ासा चलाने लगा। गांव चीखों से दहल गया। बेटे के सामने बाप की हत्या, बाप के सामने बेटे का कत्ल… 10-12 लोगों की गर्दन काटने के बाद हमलावर थक गया। गड़ासा फेंकते हुए बोला- ‘तुम सब मुंह क्यों देख रहा। सब मिलकर #$%$$#$ को काटो ना।’ अब 15-20 हमलावर टूट पड़े। कोई गड़ासा तो कोई कुल्हाड़ी लेकर। गांव की महिलाएं ठाकुरबाड़ी की तरफ आना चाहती थीं, लेकिन हमलावर बार-बार उन्हें लाठी-डंडे से पीटकर भगा दे रहे थे। हमलावरों ने कुछ महिलाओं के साथ बदसलूकी भी की। किसी के निजी अंग में बंदूक से वार किया तो किसी के स्तन पर। कुछ ने महिलाओं की इज्जत भी लूटी। रात 12 बजे तक हमलावर गांव में तांडव मचाते रहे। फिर ‘एमसीसी जिंदाबाद… एमसीसी जिंदाबाद, रणवीर सेना मुर्दाबाद’ का नारा लगाते हुए तेजी से निकल गए। हर तरफ कटी-फटी लाशें बिखरी पड़ी थीं, लग रहा था कोई बूचड़खाना हो रात के 12.15 बजे, जहानाबाद पुलिस मुख्यालय में फोन बजा- ‘साहब मैं करपी थाना प्रभारी बोल रहा हूं। सेनारी गांव में हमला हो गया। फोर्स भेजिए।’ फौरन जहानाबाद से पुलिस की कई टुकड़ियां सेनारी के लिए भेजी गईं। रास्ते में जगह-जगह डायनामाइट लगा रखे थे। रास्ते ब्लॉक कर रखे थे। तीन घंटे तक पुलिस और हमलावरों के बीच मुठभेड़ चलती रही। करीब 3 बजे करपी थाना प्रभारी जैसे-तैसे कुछ पुलिस वालों के साथ सेनारी पहुंचे। ठाकुरबाड़ी के पास चीख-पुकार मची थी। थाना प्रभारी जमुना सिंह ने टॉर्च जलाया- हर तरफ लाशें ही लाशें दिख रही थीं। कंठ से रिसता खून का फौव्वारा, पेट से निकली आतें। लग रहा था जैसे कोई बूचड़खाना हो। थाना प्रभारी सिहर गए। वो टॉर्च जलाते हुए लाशों के पास पहुंचे। 34 लोगों की कटी-फटी लाश मिलीं। आंखों और पेट में गोली मारी गई थी। 6 लोग लहूलुहान मिले। उनके शरीर में हरकतें हो रही थीं। थाना प्रभारी ने सिपाहियों से कहा- ‘जल्दी गाड़ी बुलाओ। इन्हें अस्पताल ले जाओ।’ पुलिस को लाशों के बीच कुछ पर्चे मिले। जिस पर लिखा था- ‘गरीब भूमिहार भाइयों…रणवीर सेना या जातपात के फेरे में न पड़ें, अमीरी गरीबी की लड़ाई में कूद पड़ें। लक्ष्मणपुर बाथे, शंकर बिगहा व नारायणपुर नरसंहार का ही परिणाम है सेनारी घटना। …एमसीसी जिंदाबाद।’ ये सेनारी नरसंहार था। 34 लोगों का कत्ल हुआ था। सभी के सभी भूमिहार थे। आरोप माओवादी संगठन एमसीसी यानी माओइस्ट कम्युनिस्ट सेंटर पर लगा। थाना प्रभारी जमुना सिंह ने पूछा- ‘किसी ने हत्यारों को देखा क्या?’ भीड़ में खड़ी एक महिला चिल्लाते हुए बोली- ‘मैंने अपनी आंखों से देखा है। मेरे पति-बेटे को मार दिया उन लोगों ने।’ थाना प्रभारी- ‘ नाम क्या है तुम्हारा? आंसू पोछते हुए महिला बोली- चिंतामणी। क्या देखा पूरी बात बताओ… बिलखते हुए चिंतामणी बोलने लगीं- ‘ रात के 8 बज रहे थे। छत पर बेटा लालटेन जलाकर पढ़ाई कर रहा था। मैं उसके पास ही बैठी थी। उसके पापा नीचे कमरे में चाय पी रहे थे। अचानक शोर सुनाई पड़ा। मैंने और बेटे ने छत से देखा- 20-25 लोग बगल के इंजीनियर साहब के घर के बाहर खड़े थे। दरवाजा खटखटा रहे थे। कोई दरवाजा नहीं खोल रहा था। बेटे ने कहा- ‘उनके घर कोई पुरुष नहीं है।’ भीड़ में से एक आदमी ने मेरे बेटे को बुला लिया। हमें लगा कि वे लोग किसी का पता पूछ रहे हैं। वो लालटेन लेकर नीचे उतरने लगा। मैं भी उसके साथ नीचे आ गई। दरवाजा खोलकर हम बाहर निकले। गांव के ही रामाशीष भुइयां, रामलखन भुइयां, साधु भुइयां, मुर्गी भुइयां सहित 15-20 लोग सामने खड़े थे। इनमें से ज्यादातर लोग मेरे गांव के ही थे। कुछ लोग लुंगी और बनियान पहने थे और कुछ लोग पुलिस की वर्दी में थे। अचानक मुर्गी भुइयां ने बेटे का हाथ पकड़कर खींच लिया। वे उसे घसीटते हुए गांव के उत्तर दिशा में ठाकुरबाड़ी की तरफ ले जाने लगे। मैं चीखने लगी। तभी मुझे गोली चलने की आवाज सुनाई दी। दर्जनों लोग ‘एमसीसी जिंदाबाद, लालू यादव जिंदाबाद, रणवीर सेना जिंदाबाद का नारा लगाते हुए आ रहे थे। मैं समझ गई नक्सली गांव में आ गए हैं। इसी बीच उन लोगों ने मेरे पति को भी पकड़ लिया। दोनों को घसीटते हुए ले जाने लगे। मैं भी उनके पीछे-पीछे चल दी। मैंने देखा कि ठाकुरबाड़ी के पास सैकड़ों लोग जमा हुए थे। उनके हाथों में कुल्हाड़ी, गड़ासा और हसिया थे। सब नारा लगा रहे थे। उन लोगों ने पति और बेटे के हाथ-पैर बांध दिए। फिर लाइन में ले जाकर खड़ा कर दिया। इसी बीच एक आदमी ने पसुली से बेटे की गर्दन पर वार कर दिया। मैं उसे बचाने के लिए दौड़ी, तो उन लोगों ने धक्का दे दिया। मैं भूसे के ढेर पर जा गिरी। कुछ पल के लिए बेहोश सी हो गई। फिर सिर उठाकर देखा- एक अधेड़ ने पति की गर्दन पर जोर से गड़ासा मारा। वो चीख उठे। उसने फिर से गड़ासा मार दिया। वो वहीं गिर पड़े।’ थाना प्रभारी- ‘गड़ासा कौन मारा, पहचानते हो क्या?’ चिंतामणी- ‘हां… वो लोग टॉर्च जला रहे थे। दुखन राम था वो। मैंने चेहरा देख लिया था।’ और क्या देखा… गहरी सांस लेते हुईं चिंतामणी बोलीं- ‘एमसीसी वाले गांव के मर्दों को घसीटते हुए ला रहे थे और गला काटते जा रहे थे। दुखन राम और रमेश यादव, ये दो लोग ही ज्यादातर लोगों का गला काट रहे थे। इससे आगे देखने की मेरी हिम्मत नहीं हो सकी। मैं भागते हुए घर पहुंची। छाती पीट-पीटकर रोने लगी। दो-तीन घंटे बाद मुझे जोरदार धमाके सुनाई दिए। वे लोग नारा लगा रहे थे- एमसीसी जिंदाबाद। लाल सलाम जिंदाबाद। फिर उनकी आवाज बंद हो गई। मैं समझ गई कि वे लोग चले गए।’ अपने परिवार की 8 लाशें देखकर पटना हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को हार्ट अटैक बिहार के सीनियर जर्नलिस्ट श्रीकांत प्रत्यूष सुबह-सुबह सेनारी पहुंचे थे। वे याद करते हैं- ‘मैं गांव पहुंचा तो भीड़ जुटी थी। ठाकुरबाड़ी के बाहर अधकटी लाशें बिखरी पड़ी थीं। लोग गुस्से में थे। महिलाएं छाती पीट-पीटकर रो रही थीं। जब लाशों की फोटो खींचने लगा, तो दर्जनों लोग खुद के ऊपर कपड़े डालकर लाशों के बीच लेट गए। एक बुजुर्ग ने गुस्से में कहा- ‘30-35 लाशों की फोटो मत लो। जितने लोग लेटे हैं सबकी फोटो खींचो। लोगों को पता तो चले कि यहां कितना बड़ा नरसंहार हुआ है।’ वे लोग बहुत गुस्से में थे। उन्हें समझाना या मना करना मुमकिन नहीं था। मैंने सबकी फोटो खींची। लोगों से बात की, फिर पटना आ गया। हालांकि मैंने 34 लोगों के नरसंहार की ही खबर प्रकाशित की।’ 19 मार्च 1999 को सुबह करीब 10 बजे एसआई जमुना सिंह ने 38 लोगों के खिलाफ हत्या, अपहरण, आगजनी जैसी धाराओं में केस दर्ज किया। पुलिस लाशें उठाना चाहती थी, लेकिन गांव वाले तैयार नहीं हुए। भीड़ ने पुलिस को घेर लिया। लोग एमसीसी और लालू यादव के खिलाफ नारा लगाने लगे। पुलिस से कहने लगे- ‘हमें राइफल चाहिए, राइफल। हम लोग खुद सुरक्षा करेंगे। कोई प्रशासन नहीं है यहां। प्रशासन मुर्दा है मुर्दा।’ 19 मार्च को ही पटना हाईकोर्ट के तत्कालीन रजिस्ट्रार पद्मनारायण सिंह सेनारी पहुंचे। यहां उनके परिवार के 8 लोग मारे गए थे। अपने परिवार वालों की लाशें देखकर उन्हें हार्ट अटैक आ गया। कुछ ही देर बाद उनकी मौत हो गई। गांव वाले और नाराज हो गए। कुछ देर बाद अटल सरकार में मंत्री रहे जॉर्ज फर्नांडिस, यशवंत सिन्हा और नीतीश कुमार सेनारी पहुंचे। तीनों नेताओं ने गांव के लोगों को समझाया-बुझाया, तब जाकर वे लोग माने। शाम 4 बजे लाशों का पोस्टमॉर्टम शुरू हुआ। पुलिस ने मौके से खून के थक्के, खून से सनी मिट्टी, खून लगा फरसा और गड़ासा बरामद किया। जब CM राबड़ी बोलीं- ‘वो लोग हमारे वोटर्स नहीं हैं, मैं क्यों जाऊं वहां' जनवरी में शंकर बिगहा और फरवरी में नारायणपुर नरसंहार के बाद केंद्र सरकार ने राबड़ी सरकार बर्खास्त कर दी थी, लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं होने के चलते 8 मार्च को राष्ट्रपति शासन वापस ले लिया था। 9 मार्च को राबड़ी देवी फिर से सीएम बनीं और अब 9 दिन बाद ही सेनारी नरसंहार हो गया। बीजेपी, समता पार्टी और जनता दल के नेता राबड़ी देवी का इस्तीफा मांग रहे थे। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा- ‘इस नरसंहार के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। उसने एक ऐसे दल को सपोर्ट किया है, जो नरसंहारों के लिए जिम्मेदार है।’ सरकार में शामिल होने के बाद भी कांग्रेस का एक गुट आरजेडी का विरोध कर रहा था। लेखक मृत्युंजय शर्मा अपनी किताब ब्रोकेन प्रॉमिसेज में लिखते हैं- ‘जब लोगों ने राबड़ी देवी को सेनारी जाने के लिए कहा तो उन्होंने जवाब दिया- ‘वो लोग हमारे वोटर्स नहीं हैं। मैं क्यों जाऊं वहां।’ राबड़ी के इस बयान पर खूब बवाल हुआ। जनता दल के नेता रामविलास पासवान ने सेनारी से लौटने के बाद कहा- ‘मुझे बहुत दुख है। मुख्यमंत्री राबड़ी देवी कहती हैं कि जो लोग वोट नहीं करते, उनके यहां क्यों जाना। उनका ये बयान शर्मनाक है। लोकतंत्र के खिलाफ है।’ 20 मार्च 1999 को बिहार के राज्यपाल जस्टिस बीएम लाल सेनारी पहुंचे। उनसे गांव वालों ने बंदूक की मांग की। वापस पटना लौटने के बाद राज्यपाल ने आदेश जारी किया कि गांव वालों को बंदूक का लाइसेंस दिया जाएगा। सेनारी नरसंहार में जख्मी हुए लोगों को प्रशासन ने गया के सरकारी अस्पताल के एक खास वार्ड में भर्ती कराया था। इसी वार्ड में एक महीना पहले हुए नारायणपुर नरसंहार के घायलों का इलाज किया जा रहा था। ये फैसला थोड़ा चौंकाने वाला था, क्योंकि नारायणपुर में रणवीर सेना ने नरसंहार किया था और सेनारी में एमसीसी ने। उस समय के अखबारों के मुताबिक नारायणपुर के घायलों को जब पता चला कि सेनारी के लोग भी यहां आ रहे हैं, तो वे डर गए। अस्पताल में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। नरसंहार के तीन महीने बाद यानी 16 जून 1999 को जहानाबाद पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट जहानाबाद के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने भेजा। 27 अक्टूबर 1999 को सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की गई। बाद में पुलिस ने दो और चार्जशीट दाखिल की। कुल 77 आरोपियों को ट्रायल के लिए भेजा गया। इनमें से 45 आरोपियों के खिलाफ सेशन कोर्ट में आरोप तय हुए। पत्रकार का माइक लेकर लालू बन गए रिपोर्टर, कहा- ‘बोलने आता ही नहीं है’ नरसंहार के कुछ महीने बाद लालू-राबड़ी जहानाबाद गए। दोनों ने कुल 6 रैलियां कीं। इस दौरान लालू ने एक पत्रकार के हाथ से माइक ले लिया। लालू ने रिपोर्टर के अंदाज में भीड़ से पूछा- बताओ कोई है डर है? ऐ कस के बोलिए कोई डर है? भीड़ से आवाज आई- जी ना, कोई डर नहीं है। लालू ने पूछा- उग्रपंथी के खिलाफ हो? भीड़ बोली- हां। उन्होंने फिर पूछा- रणवीर सेना के खिलाफ हो। भीड़ बोली- हां। लालू ने पत्रकार को माइक देते हुए कहा- ‘बोलने आता ही नहीं है।’ सेनारी नरसंहार के सात महीने बाद अक्टूबर 1999 में लोकसभा चुनाव हुए। तब बिहार में कुल 54 सीटें थीं। बीजेपी ने इनमें से 23 सीटें जीत ली। जदयू को 18 सीटें मिलीं और आरजेडी को 7 सीटें। जबकि कांग्रेस 4 सीटों पर सिमट गई। इससे एक साल पहले 1998 के लोकसभा चुनाव में आरजेडी को 17 सीटें मिली थीं। यानी 10 सीटें कम हो गईं। फरवरी-मार्च 2020 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए। कुल 324 सीटों में से आरजेडी को 124, बीजेपी को 67 और नीतीश की समता पार्टी को 34 और कांग्रेस को 23 सीटें मिलीं। किसी भी दल या गठबंधन के पास बहुमत नहीं था। राज्यपाल विनोद चंद्र पांडेय ने एनडीए को सरकार बनाने के लिए बुला लिया। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने, लेकिन बहुमत नहीं होने के चलते 7 दिन के भीतर ही इस्तीफा देना पड़ा। आरजेडी ने कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर सरकार बनाई। राबड़ी देवी तीसरी बार मुख्यमंत्री बनीं। समय के साथ बिहार में राजद और कांग्रेस की पकड़ ढीली पड़ती गई। फरवरी 2005 के विधानसभा चुनाव में कुल 243 सीटों में से आरजेडी को 75, नीतीश की जदयू को 55 और बीजेपी को 37 सीटें मिलीं। जबकि कांग्रेस 10 सीटों पर सिमट गई। सत्ता की चाबी नई नवेली रामविलास पासवान की लोजपा के हाथों में थी, जिसे 29 सीटें मिली थीं। पासवान ने किसी भी दल को समर्थन नहीं दिया। बिहार में राष्ट्रपति शासन लग गया। अक्टूबर-नवंबर 2005 में फिर से चुनाव हुए। इस बार बीजेपी-जदयू गठबंधन ने 243 सीटों में से 143 सीटें जीत लीं। जबकि आरजेडी को 54 और कांग्रेस को 9 सीटें मिलीं। नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। इसके बाद बिहार की सत्ता हमेशा नीतीश के ही इर्द-गिर्द रही। सेनारी नरसंहार के 17 साल बाद यानी 27 अक्टूबर 2016 को जहानाबाद जिला अदालत ने 13 आरोपियों को दोषी करार दिया। 15 नवंबर 2016 को 10 आरोपियों को फांसी और 3 को उम्रकैद की सजा के साथ एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया। तीन दिन बाद यानी 18 नवंबर को अदालत ने एक और आरोपी दुखन राम को भी फांसी की सजा सुना दी। इसके बाद आरोपियों ने पटना हाईकोर्ट से गुहार लगाई। नरसंहार के करीब 22 साल बाद यानी 21 मई 2021 को पटना हाईकोर्ट ने सभी 14 आरोपियों को बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा- ‘पुलिस की शुरुआती जांच रिपोर्ट में गवाहों के बयान और बाद की रिपोर्ट में गवाहों के बयान बहुत हद तक बदले हुए थे। घटना रात में हुई थी। अंधेरे में आरोपियों की पहचान करना संदेह के घेरे में है। जिन लोगों के खिलाफ ट्रायल चला, उनका नाम शुरुआती रिपोर्ट में नहीं था। पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश करने से पहले पहचान के लिए परेड भी नहीं कराई। ऐसे में यह तय कर पाना मुश्किल है कि इन्हीं लोगों ने हत्या की है।’ हाईकोर्ट के फैसले के बाद बिहार सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गई, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। कल 8वें एपिसोड में पढ़िए बिहार के एक और बड़े नरसंहार की कहानी... (यह सच्ची कहानी पुलिस चार्जशीट, कोर्ट जजमेंट, गांव वालों के बयान, अलग-अलग किताबें और इंटरनेशल रिपोर्ट्स पर आधारित है। क्रिएटिव लिबर्टी का इस्तेमाल करते हुए इसे कहानी के रूप में लिखा गया है।) रेफरेंस :
‘54 साल की थी जब कनाडा में पति ने मुझे तलाक दे दिया। भारत लौटी तो बहुत परेशान थी। यहां मुझे अपने से 20 साल छोटे लड़के निखिल से प्यार हो गया। शादी के लिए जब हम तैयार हुए तो लोगों ने जमकर विरोध किया। निखिल की मां ने मुझसे कहा कि सोचो, अगर तुम्हारा लड़का 20 साल बड़ी लड़की से शादी करता तो तुम एक मां के तौर पर क्या करती? मैंने जवाब दिया था- हां, मैं भी विरोध करती। फिर उन्होंने कहा- इसलिए चाहती हूं कि निखिल अपने से इतनी बड़ी लड़की से शादी न करे। ये रिश्ता किसी भी तरह सफल नहीं होगा। आखिर बताओ समाज को क्या जवाब दूंगी, रिश्तेदारों से क्या कहूंगी? इस तरह विरोध जारी रहा, लेकिन आखिर में हमने शादी का फैसला किया। शादी हुई तो लोगों ने खूब तंज कसे। सोशल मीडिया पर मुझे कहा गया- 'बूढ़ी आंटी ने पूजा-पाठ की उम्र में शादी की है’, कहीं आने-जाने पर जान-पहचान के लोग कहते हैं देखो- मां-बेटे जा रहे। ब्लैकबोर्ड में कहानी उन महिलाओं की, जिन्होंने अपने से काफी छोटी उम्र के लड़कों से प्यार और शादी की, जिसके बाद लोगों ने उनका जमकर मजाक उड़ाया। आज भी तंज झेल रहे हैं। 60 साल की गीता इस समय मुंबई में रहती हैं। वो बताती हैं, ‘मेरी जब पहली शादी हुई तो तीन साल तक पति के साथ भारत में रही। उसके बाद वो मुझे कुवैत, फिर सऊदी अरब ले गए। वहां उन्होंने अच्छा पैसा कमाया। फिर वहां से हम कनाडा चले गए। वहां लगभग 22 साल साथ गुजारे। वहीं हमें एक बेटा भी पैदा हुआ।’ ‘सब अच्छा चल रहा था। शादी के 28 साल बीत चुके थे, लेकिन पति एक फिलिस्तीनी लड़की के प्यार में पड़ गए। उन्होंने मुझे तलाक देने का फैसला किया। मेरी तो जैसे दुनिया ही उजड़ गई। मामला कोर्ट भी गया, लेकिन कोई फायदा न हुआ। उन्होंने मुझे तलाक दे दिया। उसके बाद मैं भारत वापस लौट आई।’ गीता बताती हैं, ‘भारत लौटी तो बहुत तनाव में रहने लगी। डिप्रेशन में चली गई। तबीयत इतनी खराब होती कि बेहोश हो जाती। हालत ज्यादा खराब होने पर मेरे मम्मी-पापा साथ आकर रहने लगे। बाद में मेरी भतीजी भी आई’। एक दिन वो जिद करके मुझे आवारा कुत्तों के टीकाकरण कार्यक्रम में ले गई। वहां एक लड़का मिला। वो मुझे सोशल मीडिया के जरिए पहचानता था। उसने पास आकर कहा- ‘आप गीता हैं न?’ मैंने सिर हिलाकर कहा- ‘हां’। उसने कहा- ‘मैं आपको फेसबुक पर फॉलो करता हूं। मेरा नाम निखिल है।’ उसके बाद वो मेरे घर अक्सर आने-जाने लगा। धीरे-धीरे उसकी मुझसे नजदीकी बढ़ गई। वो मेरा बहुत ख्याल करता और प्यार भी करने लगा। जिस तरह से वो मेरी देखभाल कर रहा था, उसे देखकर मैं भी उससे प्यार करने लगी थी। एक दिन तनाव में मेरी हालत देखकर उसने मेरे मम्मी-पापा से कहा- ‘मैं गीता से शादी करना चाहता हूं। उन्हें संभाल लूंगा’। लेकिन मेरे मम्मी-पापा ने उसे बहुत समझाया कि ऐसा नहीं हो सकता। आप दोनों की उम्र में 20 साल फर्क है। कोई मेल नहीं है। पर वो नहीं माना, जिद पर अड़ा रहा। आखिर में मम्मी-पापा ने उसे सबसे पहले अपने घर बात करने को कहा और साफ-साफ बताने को कहा कि तुम जिस लड़की से शादी करना चाहते हो, वो 20 साल बड़ी है। निखिल ने कहा- हां अपने घर वालों को ये बात बता दूंगा और उन्हें मना भी लूंगा। उसके बाद वो अपने मम्मी-पापा से मुझसे शादी को लेकर बात की, लेकिन मेरी उम्र के बारे में उनसे कुछ नहीं बताया। घर लंच पर बुलाया, तो मां-बाप देखकर हुए हैरान उसके बाद निखिल ने अपनी मम्मी-पापा से मिलवाने के लिए मुझे अपने घर लंच पर बुलाया। घर गई तो उसने अपने मम्मी-पापा से बताया कि यही हैं गीता, जिनसे शादी करना चाहता हूं। फिर तो वे मुझे देखकर बहुत हैरान हुए। उनकी हैरानी देखकर मैं तनाव में आ गई थी। फिलहाल, हमने साथ में लंच किया। लंच के बाद निखिल की मम्मी मुझे एक अलग कमरे में ले गईं और कहा- 'गीता आप अच्छी हो, तभी निखिल तुमसे शादी के लिए इतना अड़ा हुआ है। उसे कई लड़कियां दिखाईं, लेकिन वह मान नहीं रहा, लेकिन आप जरा अपनी और उसकी उम्र के बारे में सोचो। आखिर शादी के बाद लोगों से क्या बताऊंगी। हमारी बड़ी बदनामी होगी। मेरी जगह तुम होती तो क्या सोचती?' उस दिन उनसे कहा कि देखिए मैं और मेरे मम्मी-पापा ने भी निखिल को बहुत समझा चुके हैं, लेकिन वो नहीं मान रहा। अपने तलाक की बात भी उसे बता चुकी हूं। मैं खुद नहीं चाहती कि जिंदगी में आगे चलकर फिर से तलाक जैसी नौबत आए। उसके बाद मैं और उसके मम्मी-पापा फिर से बहुत समझाने की कोशिश किए, लेकिन वो किसी भी कीमत पर मुझसे शादी करने पर अड़ा रहा। उसके बाद उसकी मम्मी ने कहा- ऐसा करो, तुम दोनों बस दोस्त बनकर रहो, शादी मत करो। मैंने भी कहा- हां यही सही होगा। उसके बाद मैं अपने घर लौट आई। मैं और निखिल दोस्त की तरह रहने लगे, लेकिन उसका समर्पण, मेरी देखभाल करना, दिल जीतने वाला होता था। मुझे भी उससे प्यार हो गया, लेकिन उसकी मुझे चिंता हो रही थी, इसलिए शादी की बात नहीं कह पा रही थी। एक दिन वो मेरे घर आया और बोला- ‘आज तुम साफ-साफ बता दो, मुझसे शादी करोगी या नहीं। अगर आज वापस गया, तो कभी नहीं लौटूंगा।’ उस दिन मैं बहुत परेशानी में पड़ गई। काफी सोच-विचार कर मैंने ‘हां’ कर दी। जब ये बात मेरे मम्मी-पापा को पता चली तो वे मुझ पर बहुत नाराज हुए। उन्होंने कहा- तुम्हें ऐसा फैसला नहीं करना चाहिए था। निखिल को अभी अंदाजा नहीं है। वो कुछ सालों में तुम्हें छोड़ देगा। इस पर मैंने कहा कि देखिए मेरी जिंदगी में पहले ही काफी बुरा हो चुका है। आगे भी वैसा ही हो गया तो क्या ही फर्क पड़ेगा। कम से कम कुछ साल तो खुश होकर जी लूंगी। लड़के के मम्मी-पापा ने अपनाया, किया फूलों से स्वागत उसके बदा मम्मी-पापा मान गए। लेकिन उन्होंने कहा कि निखिल से कहो कि वो किसी भी तरह अपने घर वालों को मनाए। निखिल ने अपने घर वालों को मनाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वे तैयार नहीं हुए। आखिरकार, हमने शादी का फैसला ले लिया। 11 दिसंबर 2020 को हम कोर्ट में शादी के लिए पहुंचे। रजिस्ट्रार ऑफिस में शादी की लिखा-पढ़ी चल ही रही थी कि निखिल के मम्मी-पापा भी पहुंच गए। उन्हें देखकर हम दोनों बहुत खुश हुए। वहां उन्होंने हमें आशीर्वाद दिया। यही नहीं, शादी के बाद जब निखिल के घर गई, तो दरवाजे से लेकर मेरे कमरे तक फूल सजाए गए थे, जिसे देखकर मेरी आंखों में आंसू भर आए। गीता आगे बताती हैं कि आज हमारी शादी के 5 साल हो चुके हैं। ससुराल में सभी हमें प्यार करते हैं। सबका सहयोग मिलता है। किसी ने कभी भी मेरी उम्र को लेकर मुद्दा नहीं बनाया। अब तो सोशल मीडिया पर लोग हमें देखकर खुश होते हैं। वे हमसे प्यार और शादी टिप्स मांगते हैं। मम्मी बोलीं- पागल हो गया है, इतनी बड़ी औरत से शादी करेगा वहीं, उनके पति निखिल बताते हैं कि स्ट्रे डॉग वैक्सीनेशन ड्राइव में गीता से पहली मुलाकात के बाद रिश्ता शादी तक पहुंच जाएगा, मैंने कभी सोचा नहीं था। उस मुलाकात के बाद हमारी दोस्ती धीरे-धीरे गहरी होती चली गई। शुरू में 3 साल हम लगातार मिलते रहे। एक दिन फोन पर जब गीता अपने पति की तलाक की बात बताकर रोने लगीं, तो मैंने कहा था- ‘मुझसे शादी कर लो’। उस दिन गीता ने कोई जवाब नहीं दिया और फोन काट दिया था। मुझे लगा था कि नाराज हो गईं। फिर मनाने के लिए इनके घर पहुंचा और माफी मांगी थी। उस दिन इन्होंने भी मुझे समझाया था कि हमारे बीच उम्र का बहुत फर्क है। आखिर लोग क्या कहेंगे, हम लोगों के बीच कैसे रह पाएंगे। अच्छा होगा कि हम दोस्त बनकर रहें। निखिल ने कहा, लेकिन गीता को मैं पसंद करने लगा था। जब अपने मम्मी-पापा से इनसे शादी की बात कही तो वे बहुत नाराज हुए। मम्मी ने तो एक दिन कह दिया- ‘तू पागल हो गया है। इतनी बड़ी औरत से शादी करेगा। किसी मनोचिकित्सक को जाकर दिखा।’ उस दिन मां से कहा था कि गीता भले मुझसे उम्र में 20 साल बड़ी हैं, लेकिन वो बहुत अच्छी हैं। मैं उसके साथ खुश रहूंगा, लेकिन मां नहीं मान रही थीं। दरअसल, उसी समय मेरा भी तलाक हुआ था। मेरे मम्मी-पापा यह सोचकर परेशान थे कि कहीं ये रिश्ता भी लंबा न चला तो फिर क्या होगा, ये भी टूट गया तो? भाई ने मजाक उड़ाया, कहा- भाभी कहूं या बुआ? मेरे भाई को जब इस बारे में पता चला तो वो भी नाराज हुआ। उनसे कहा- शादी के बाद गीता को भाभी कहूंगा या बुआ? मेरे दोस्तों से भी उसने सारी बात बता दी। दोस्तों ने भी मुझे बहुत समझाया और रोका। लेकिन जब नहीं माना, तो वे मेरा साथ देने को तैयार हो गए थे। हालांकि, आज मेरे घर वालों ने बेशक ये रिश्ता स्वीकार कर लिया है, लेकिन रिश्तेदार और आस-पास के अक्सर तंज कसते हैं- ‘तूने बूढ़ी आंटी से शादी कर ली।’ कुछ लोगों ने कहा, ‘तुमने गीता से शादी उसके पैसे देखकर की है।’ एक शख्स ने कहा- ‘जरूर उस औरत ने तुम पर जादू-टोना किया होगा।’ सोशल मीडिया पर भी इसी तरह के ताने मिलते हैं। वहां एक दिन गीता को लेकर एक शख्स ने कमेंट किया- ‘आपको इतनी उम्र में शादी करने की क्या जरूरत थी, ये उम्र तो पूजा-पाठ करने की थी'। लेकिन हम इन सारी बातों को नजरअंदाज कर अपने रिश्ते में खुश हैं। आज शादी के 5 साल बाद भी हमारा रिश्ता पहले जैसा मजबूत है। ट्यूशन देते वक्त 9 साल छोटे लड़के से प्यार इसी तरह आकाश राठी और अरुणिमा बोस राठी ने भी समाज की सोच को चुनौती दी है। कोलकाता की रहने वाली अरुणिमा, आकाश से 9 साल बड़ी हैं, लेकिन उम्र का फर्क उनके रिश्ते में रुकावट नहीं बना अपने रिश्ते के बारे में अरुणिमा कहती हैं- हम एक ही सोसाइटी में रहते थे। हमारे घर आमने-सामने थे। खिड़की खोलते तो एक-दूसरे को देखते थे। शादी से पहले हम पांच साल रिलेशनशिप में रहे। उस समय आकाश मेरे घर ट्यूशन पढ़ने आते थे। इन्हें SAP (सिस्टम एप्लिकेशन एंड प्रोडक्ट्स इन डेटा प्रोसेसिंग) का ट्यूशन देती थी। साथ हमारी क्वांटम फिजिक्स में दिलचस्पी थी। इस वजह से हमारी दोस्ती और गहरी होती गई। आखिर में प्यार में बदल गई। उस वक्त आकाश मेरे लिए एक नोटबुक में चिट्ठियां लेकर आते थे। एक दिन एक चिट्ठी मेरी मां के हाथ लग गई। वो पढ़ते ही रो पड़ीं। मामला बाबा (पापा) तक पहुंचा। उसके बाद तो घर में तूफान मच गया। मम्मी ने आकाश को मेरे घर आने से रोक दिया। सुबह साथ में दौड़ना भी बंद हो गया। बाद में तो मैंने मां को तो किसी तरह मना लिया, लेकिन बाबा इस रिश्ते को किसी भी हालत में स्वीकार करने को तैयार नहीं थे। उधर, आकाश के घर भी बवाल मचा हुआ था। उनके घर में भी इस रिश्ते को कोई स्वीकार करने को तैयार नहीं था। उन्हें 9 साल बड़ी लड़की से शादी मंजूर नहीं थी। आस-पास के लोगों को जब ये बात पता चली तो वे मुझे ताने मारने लगे। कहते- ‘आकाश अरुणिमा को दीदी क्यों नहीं कहता।’ हालांकि, उस कठिन वक्त में भी हम अलग नहीं हुए। मेरी मां मान गई थीं। मैंने आकाश को बुलाया और शादी करने का फैसला कर लिया। शादी तय हुई। बारात में तो मेरे घर से लोग आए। मोहल्ले के लोग भी, जो कि हम पर ताने कसते थे। गिफ्ट देते हुए उन्होंने कहा- आप लोगों की हिम्मत को दाद देनी होगी। हालांकि, आकाश के घर से कोई नहीं आया था। अरुणिमा बताती हैं कि हम दोनों आज सोशल मीडिया पर ‘ऐज-गैप कपल’ के नाम से कंटेंट बनाते हैं। इसमें लोगों को समझाते हैं कि शादी या रिश्ते में उम्र कोई मायने नहीं रखती। लोग समझते हैं और हमारी तारीफ करते हैं। वे कहते हैं- आप इसी तरह लोगों को जागरूक करते रहिए। उम्र वाकई शादी में कोई मायने नहीं रखती। हालांकि, कुछ बुरे कमेंट भी आते हैं। कुछ लोग तो कहते हैं कि फर्जी ज्ञान मत दीजिए। लड़की छोटी होने पर नॉर्मल, पर बड़ी होने पर क्यों नहीं? अरुणिमा आगे कहती हैं कि आखिर लड़की का उम्र में बड़ा होना क्यों अजीब माना जाता है। जब उसका छोटा होना अजीब नहीं होता तो बड़ा होना क्यों? अब लोग अपनी सोच बदलें, इसलिए हम सोशल मीडिया पर इसको लेकर कंटेंट बना रहे हैं। अरुणिमा के पति आकाश कहते हैं कि शादी के बाद जब हम सोशल मीडिया पर पहली बार ‘ऐज गैप’ पर वीडियो कंटेंट लेकर आए, तो लोगों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला। लोगों ने तो इस टॉपिक पर और ज्यादा वीडियो बनाने को कहा। हालांकि, मेरे आस-पास के लोग आज मुझ पर तंज कसते हैं- ‘तुमने तो दीदी से शादी कर ली।’ कोई ‘बेबी बॉय विद आंटी’ कहकर चिढ़ाता है। कुछ लोग ‘मां-बेटा’ कहते हैं। आकाश समझाते हैं कि आखिर समाज में जो लंबे समय चला आ रहा है, जरूरी है कि वह आगे भी चलता रहे। जब लड़की को उम्र में छोटा होना सामान्य बात माना जाता है, तो उसकी उम्र ज्यादा होना भी उतना ही सामान्य क्यों नहीं? लोगों में गलत धारणा है कि रिश्ते में लड़का ही बड़ा होना चाहिए। वही घर के सारे फैसले ले सकता है। अब समय बदल चुका है। आज लड़कियां हर फैसला ले सकती हैं। अब मेरी शादी के 7 महीने हो चुके हैं। हमारे बीच कभी कोई मतभेद होता भी है, तो बैठकर सुलझा लेते हैं। शादी के बाद अरुणिमा के घर से मुझे बहुत प्यार मिला। सास तो दोस्त जैसी हैं। अब तो मेरे मम्मी-पापा ने भी इस रिश्ते को स्वीकार कर लिया है। वे अब मेरी तो कम, अरुणिमा की बात ज्यादा मानते हैं। 1-ब्लैकबोर्ड- पति पीरियड्स में भी संबंध बनाता था:पीटकर दांत तोड़ा, दूसरी शादी भी 9 दिन चली; वृंदावन में कृष्ण भक्त महिलाओं की कहानियां वृंदावन आकर रह रहीं हरियाणा की ज्योति बताती हैं- मायके में मेरे ताऊ के लड़के की शादी थी। अपने बेटे कार्तिक के साथ वहां जाने की तैयारी में लगी थी, लेकिन पति चाहते थे कि न जाऊं। जाने से एक दिन पहले वो रात में मेरे कमरे में आए और मुझे पीटने लगे। इतना मारा कि अधमरा कर दिया। कपड़े फाड़ दिए। गर्दन से पकड़ा और मुंह बेड में लड़ा दिया। मेरा एक दांत टूट गया और होंठ कट गए। खून से सारा कपड़ा भीग गया। वो पीरियड्स में भी मेरे साथ सेक्स करता था। आखिरकार मेरा तलाक हो गया। बाद में मायके के दबाव में आकर दूसरी शादी की। दूसरा पति भी मुझे दहेज के लिए ताने मारने लगा। वो मेरे साथ अननेचुरल सेक्स करता था। शादी के 9 दिन बाद ही मैंने उसे तलाक दे दिया और वृंदावन में कृष्ण की शरण में आ गई। ये कहते हुए ज्योति रोने लगती हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें 2- ब्लैकबोर्ड-मंगेतर ने कुत्तों का खर्च रोका तो सगाई तोड़ दी:लोग तंज कसते-शादी करके क्या करोगी, तुम्हें तो कुत्तों संग अच्छा लगता है दिल्ली के आजादपुर की भीड़-भाड़ वाली गलियों में जब चंचल शर्मा एक पिल्ले को बचाने गईं, तो वहां मौजूद लोगों ने उन्हें घेर लिया। ‘कुत्ते बचाती हो, इंसान नहीं,’ कहते हुए उनके कपड़े खींचे और धक्का दे दिया। वह किसी तरह जान बचाकर वापस लौटीं। कुत्तों की देखभाल के कारण चंचल की शादी टूट गई। जिस लड़के से उनकी शादी तय हुई थी, उसने कहा- ‘जो पैसे कुत्तों पर खर्च कर रही हो, उसे बचाओ और आने वाले बच्चों के भविष्य के बारे में सोचो।’ इस पर वो इतना नाराज हुईं कि शादी से 20 दिन पहले सगाई तोड़ दी। शादी टूटने के बाद चंचल पर तंज कसा गया- इन्हें तो कुत्तों के साथ अच्छा लगता है। क्या करेंगी शादी करके! चंचल रोज लगभग 450 आवारा कुत्तों को खाना खिलाती हैं, जिस पर महीने के लगभग 3 लाख रुपए खर्च करती हैं। इनके रिश्तेदार अब घर नहीं आते, पड़ोसियों ने दूरी बना ली है। इसी तरह संध्या रस्तोगी ने तो शादी ही नहीं की, डर था कि पति उन्हें इस काम से रोक देगा। उनको 'कुत्ते वाली आंटी', पागल कहा जाता है। वहीं मानवी राय के खिलाफ तो 'एनिमल वेलफेयर' के नाम पर कुछ लोगों ने झूठे केस दर्ज करा दिए, रेप की धमकियां दीं। पूरी खबर यहां पढ़ें
22 अगस्त की बात है। राजस्थान में ईंट-भट्ठे पर मजदूरी करने वाले सुरेश के पांव तले तब जमीन खिसक गई, जब उनका 6 महीने का बेटा गायब हो गया। वो भी तब जब पूरा परिवार स्टेशन पर एक साथ सो रहा था। ये घटना देश की राजधानी दिल्ली की है। सुरेश अगले ही दिन परिवार के साथ राजस्थान के बहरोड़ काम करने जाने वाले थे, लेकिन इस घटना ने उन्हें और उनके पूरे परिवार को परेशान कर दिया। सुरेश ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। दिल्ली पुलिस जब बच्चे की खोजबीन में जुटी तो वो उत्तर प्रदेश में चाइल्ड ट्रैफिकिंग के एक गैंग तक पहुंची। ये गैंग नवजात बच्चों को डॉक्टर या किसी हॉस्पिटल के जरिए लाखों रुपए में बेचता था। सुरेश का बच्चा भी इसका शिकार होने वाला था, लेकिन पुलिस की कार्रवाई के बाद वो बच गया। दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सुरेश के बच्चे के अलावा 5 और बच्चे बरामद किए। इन्हें लखनऊ, आगरा और नैनीताल बेचा गया था। पुलिस ने रैकेट से जुड़े 10 लोगों को अरेस्ट किया है, जिसमें डॉक्टर, मेडिकल स्टूडेंट और कस्टमर समेत दलाल शामिल हैं। ये गैंग बस स्टॉप और रेलवे स्टेशन पर बच्चों को टारगेट करती। इनका नेटवर्क दिल्ली और यूपी ही नहीं, तेलंगाना, तमिलनाडु और उत्तराखंड तक फैला है। दैनिक भास्कर की टीम ने ग्राउंड पर पहुंचकर विक्टिम फैमिली और पुलिस से बात कर पूरा मामला समझा। सबसे पहले जानिए कैसे गायब हुआ बच्चा…सुरेश मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के रहने वाले हैं। पिछले 7-8 सालों से राजस्थान के बहरोड़ में एक ईंट-भट्ठे पर मजदूरी कर रहे हैं। दिहाड़ी पर उन्हें मजदूरी मिलती है। उसी ईंट-भट्टे पर पत्नी गुड़िया और चार बच्चों के साथ रहते भी हैं। 22 अगस्त को वे पूरे परिवार के साथ बांदा से बहरोड़ जाने के लिए निकले थे। पहले ट्रेन से दिल्ली में निजामुद्दीन स्टेशन पहुंचे। फिर वहां से सराय काले खां बस स्टैंड गए। 23 अगस्त की सुबह उन्हें बहरोड़ के लिए बस पकड़नी थी। इसलिए खाना खाकर रात को बस स्टैंड के प्लेटफॉर्म नंबर-2 पर सो गए। रात करीब 11 बजे जब नींद खुली तो उनका सबसे छोटा बेटा गायब था। सुरेश और उनकी पत्नी ने बच्चे को आसपास काफी देर तक ढूंढा लेकिन कुछ पता नहीं चला। फिर उन्होंने PCR पर कॉल करके जानकारी दी। पुलिस ने पहले आसपास छानबीन शुरू की। घटना को याद करते हुए सुरेश बताते हैं, ‘पहले हमने अनाउंसमेंट करवाई। पुलिस भी हमारे साथ बहुत देर तक ढूंढती रही, लेकिन बच्चा नहीं मिला। आसपास की झुग्गियों में जाकर देखा, फिर भी कुछ पता नहीं चला। इसके बाद हमने रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने टीम बनाकर जांच शुरू की। सीसीटीवी खंगालने शुरू किए।‘ सुरेश के मुताबिक, इस पूरे घटनाक्रम के दौरान वो कर्जदार भी हो गए। उन्हें बच्चे के मिलने तक दिल्ली में ही रुककर रहने-खाने का इंतजाम करना पड़ा। इसी दौरान उनके एक बच्चे की तबीयत भी बिगड़ गई। उसके इलाज में करीब चार हजार रुपए लग गए। इन तीन-चार दिन में उनके 10 हजार से ज्यादा रुपए खर्च हो गए। इसके लिए उन्हें एक रिश्तेदार से कर्ज लेना पड़ा। सीसीटीवी से पकड़ में आए आरोपी, रैकेट का हुआ खुलासा साउथ-ईस्ट दिल्ली के DCP डॉ हेमंत तिवारी बताते हैं, ‘जब हमने वहां का सीसीटीवी फुटेज खंगाला तो हमें उसमें दो संदिग्ध व्यक्ति बच्चे को साथ लेकर जाते दिखे। इसके बाद हमने स्पेशल स्टाफ की टीम को इस काम पर लगाया। इस टीम ने तकनीकी छानबीन शुरू की। तीन-चार ऐसे नंबर मिले, जो संदिग्ध लगे। हमने टारगेट करते हुए एक नंबर को फोकस किया तो हमें आगरा के फतेहाबाद कस्बे की लोकेशन मिली।’ फतेहाबाद कस्बे में छापेमारी करके पुलिस ने सबसे पहले वीरभान और कालीचरण नाम के लोगों को हिरासत में लिया। पुलिस के मुताबिक, इन दोनों ने पूछताछ में पहले कुछ भी बताने से इनकार किया। जब उनके घर की तलाशी ली तो पुलिस को वो मोबाइल मिल गया, जिसकी लोकेशन घटनास्थल से मिल रही थी। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ कि तो दोनों ने बच्चा चोरी की बात भी कबूल कर ली। पूछताछ में दोनों ने बताया कि उन्होंने अपने रिश्तेदार रामबरण के कहने पर बच्चा चुराया था। उसके बदले पैसा देने की बात तय हुई थी। दिल्ली से चोरी के बाद वे बच्चे को आगरा के फतेहाबाद में ही डॉक्टर कमलेश के हॉस्पिटल (केके हॉस्पिटल) में दे दिया। DCP हेमंत बताते हैं, ‘पूछताछ के बाद पुलिस कमलेश के हॉस्पिटल पहुंची। हमारे स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर ने हार्ट अटैक का बहाना बनाया और अस्पताल में दाखिल हुए। जब डॉक्टर (कमलेश) देखने आया तो उन्होंने अपनी पहचान जाहिर की। पूछताछ हुई तो कमलेश ने बताया कि उसने बच्चे को एक मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव सुंदर के पास बेच दिया।‘ ‘सुंदर को छापेमारी का पता चल चुका था। वो राजस्थान की तरफ भागने लगा। हमने 50 किलोमीटर तक पीछा करके उसे पकड़ा।‘ आगरा की दो मेडिकल स्टूडेंट समेत दलाल-कस्टमर सबको पकड़ाइस कार्रवाई में शामिल रहे एक पुलिस अधिकारी बताते हैं कि इस केस को सॉल्व करने में स्पेशल स्टाफ (साउथ ईस्ट दिल्ली पुलिस) की पूरी टीम आगरा पहुंची थी। 23 अगस्त की रात पुलिस वहां तीन गाड़ियों में पहुंची। आरोपी का फोन चेक किया तो उसमें बच्चे की फोटो मिली। लोकेशन भी मैच कर गई। इसके बाद हमने उससे सारी जानकारी निकलवाई। हालांकि जिसके कहने पर इन्होंने बच्चे की तस्करी की, वो रामबरण अभी फरार है। अधिकारी के मुताबिक, ये पूरा गैंग आगरा और उसके आसपास का ही है। बरामद हुए दूसरे बच्चों की पहचान कराने के लिए पुलिस जांच कर रही है। हमारा टारगेट था कि किसी तरीके से गरीब परिवार के बच्चे को वापस ले आएं। कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। इस केस में एक के बाद एक किरदार सामने आते गए। सुंदर से जब पूछताछ शुरू हुई तो उसने बताया कि बच्चे को आगरा के राजनगर इलाके में रहने वाले कृष्णा शर्मा और प्रीति शर्मा के पास बेचा है। पुलिस के मुताबिक, ये दोनों बहन हैं और BAMS (बैचलर ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसिन एंड सर्जरी) कर रही हैं। पुलिस की टीम ने इनके घर छापेमारी की और उन्हें गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इनके घर से सुरेश के 6 महीने के बच्चे को बरामद कर लिया। पुलिस के मुताबिक, दोनों बहनों ने पूछताछ में बताया कि वे रितु नाम की बिचौलिए के जरिए इस बच्चे को ज्योत्सना को बेचने वाली थीं। इसके बाद पुलिस ने रितु का घर ट्रेस किया और उसे भी गिरफ्तार कर लिया। वहीं पूछताछ के लिए ज्योत्सना को भी हिरासत में लिया। पुलिस ने 48 घंटे में बच्चे को रिकवर कर लिया और परिवार को सौंप दिया। बच्चा तस्कर गैंग का खुलासा, आगरा-लखनऊ में छापेमारी इसके बाद पुलिस मामले में अरेस्ट सभी 10 आरोपियों दिल्ली ले आई। जब इनसे पूछताछ शुरू हुई तो चौंकाने वाले खुलासे हुए। पता चला कि ये लोग एक गैंग की तरह काम कर रहे हैं। सुरेश के बच्चे की तरह ही कई और बच्चों को भी बेचा गया है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने एक स्पेशल जांच टीम (SIT) बनाई और आगे की कार्रवाई शुरू की। आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने आगरा और लखनऊ में छापेमारी की। पुलिस ने गैंग के जरिए बेचे गए 5 और बच्चों को बरामद कर लिया। DCP हेमंत बताते हैं, ‘पूछताछ में पता चला कि डॉ. कमलेश, कृष्णा या इस तरह के दूसरे डॉक्टरों के जरिए आरोपी पूरा नेक्सस चला रहे है।‘ ‘इसमें कई ऐसे मामले भी मिले, जैसे- शादी से पहले बच्चा होने या पैसों के लिए मां-बाप खुद अपने बच्चे बेच दिए। हमने जो बच्चे रिकवर किए हैं, उनमें से एक को साढ़े सात लाख रुपए में बेचा गया था।‘ DCP ने बताया कि इसमें मुख्य आरोपी सुंदर, कृष्णा और प्रीति हैं, ये लोग करीब ढाई-तीन साल से इस काम में लगे हैं। हो सकता है कि इन्होंने और भी बच्चों को बेचा हो, अभी इसकी जांच चल रही है। डॉक्टर कमलेश और ऐसे दूसरे लोगों इस मामलों में बैकचेन संभालते हैं और रितु, ज्योत्सना जैसे लोग ऐसे पेरेंट्स ढूंढते हैं, जिन्हें बच्चों की जरूरत है। 5 और बच्चे रिकवर किए, फतेहाबाद-नैनीताल बेचे गए थेपुलिस ने जिन 5 और बच्चों को बरामद किया है, उनमें दो लड़कियां और तीन लकड़े हैं। इसमें एक 10 दिन का बच्चा भी। इन सभी को दिल्ली सरकार के चलाए जा रहे स्टे होम 'निर्मल छाया' में रखा गया है। इनके पेरेंट्स की पहचान अब तक नहीं हो सकी है। दो महीने के बच्चे को आगरा में किसी परिवार को बेचा गया है। दिल्ली पुलिस ने बच्चे को रिकवर कर लिया। वहीं आरोपी सुंदर के जरिए एक और दो महीने के बच्चे को बेचा गया था, उसे भी रिकवर किया गया। रचिता नाम की आरोपी के बताने पर आगरा से ही 10 दिन का बच्चा बरामद किया गया। पूछताछ में सुंदर ने बताया कि निखिल नाम के एक व्यक्ति ने उसे एक साल की बच्ची दी थी, जिसे उसने अगस्त महीने में फतेहाबाद में एक परिवार को बेचा था। पुलिस ने उस बच्ची को भी रिकवर कर लिया है। वहीं, कृष्णा शर्मा और प्रीति शर्मा से पूछताछ में खुलासा हुआ कि उन्होंने एक बच्चे को उत्तराखंड के नैनीताल में बेचा है। दिल्ली पुलिस ने नैनीताल से उस दूसरे बच्चे को भी रिकवर कर लिया है। सभी 10 आरोपियों के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि इनसे पूछताछ में कई और बच्चों की तस्करी का पता चल सकता है। DCP हेमंत का कहना है कि जांच में ये भी पता चला है कि दिल्ली, यूपी के साथ ही हैदराबाद, चेन्नई और उत्तराखंड में भी तस्करों का नेटवर्क काम कर रहा है। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर ये गरीब परिवारों को टारगेट करते हैं और बच्चे चोरी कर बेचते थे। एक्सपर्ट बोले- चाइल्ड ट्रैफिकिंग के लिए दिल्ली हॉट स्पॉटमानव तस्करी के खिलाफ काम करने वाली संस्था 'आश्रय ट्रस्ट' के वकील गौरव कश्यप कहते हैं कि दिल्ली चाइल्ड ट्रैफिकिंग के लिए हॉट स्पॉट है। क्योंकि यहां हर जगह से बच्चे आते हैं। गौरव कहते हैं, ‘बच्चों को चोरी करके संतानहीन कपल को बेचना तस्करी का नया ट्रेंड है। इसमें डॉक्टर समेत एक पूरा नेक्सस शामिल रहता है। ऐसे मामले अभी कम हैं। यात्रा के दौरान ऐसा अक्सर होता है। सरकार को ऐसे मामलों के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए।‘ गौरव बताते हैं कि इसके अलावा बाल तस्करी के दूसरे मामले भी आते हैं। तस्करी से आए बच्चे ढाबों, फैक्ट्रियों में काम करते हैं। वहीं लड़कियों को सेक्स वर्क और घरेलू कामों में धकेला जाता है। दिल्ली में पहले भी सामने आई चाइल्ड ट्रैफिकिंग गैंगदिल्ली में बच्चों की तस्करी का ये पहला मामला नहीं है। इस साल अप्रैल में भी दिल्ली पुलिस ने एक गैंग का भंडाफोड़ किया था। ये गैंग छोटे बच्चों को राजस्थान और गुजरात के अस्पतालों में 5 से 10 लाख रुपए के बीच बेचती थी। पुलिस ने उस दौरान सिर्फ चार-पांच दिन के एक बच्चे को भी बरामद किया था। तब पुलिस ने बताया था कि कम से कम 35 बच्चों की तस्करी की गई है। इन बच्चों को भी संतानहीन कपल को बेचा जाना था। पूरे देश के आंकड़ों को देखें तो बाल तस्करी की समस्या अब भी काफी बड़ी है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के मुताबिक, 2022 में देश भर में 2,878 नाबालिग बच्चों की तस्करी की गई। पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बाल तस्करी के बढ़ते मामलों पर केंद्र सरकार से रिपोर्ट की मांग की थी। कोर्ट ने इस मुद्दे पर खुद संज्ञान लेते हुए चिंता जताई थी और सरकार से पूछा था कि इसे रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। कोर्ट ने कहा था कि बाल तस्करी के मामलों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। इसी मामले पर अप्रैल में कोर्ट ने कहा था कि नवजात बच्चों की तस्करी जैसे केस की सुनवाई 6 महीने में पूरी हो जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाई कोर्ट को निर्देश भी दिया था कि बाल तस्करी के पेंडिंग मामलों का डेटा रिव्यू करें और ट्रायल कोर्ट को 6 महीने में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दें। ......................ये खबर भी पढ़ें... ऑनलाइन गेमिंग तो बैन, हमारा करोड़ों का कर्ज कौन चुकाएगा महाराष्ट्र के संतोष गंगाशेट्टी कपड़ों का कारोबार करते थे। अच्छी कमाई थी। ऑनलाइन गेम्स के चक्कर में कर्जदार हो गए। मकान तक बेचना पड़ा। अब किराए के घर में रह रहे हैं। हमारा करोड़ों का कर्ज कौन चुकाएगा। ये कहानी सिर्फ संतोष की नहीं है। देश में लाखों लोग ऑनलाइन मनी गेमिंग की लत से जूझ रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर...
प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर सेवा पखवाड़ा के तहत सिरोही- आबूरोड में रक्तदान
सबगुरु न्यूज- सिरोही। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वे में जन्मदिन के उपलक्ष में सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित भाजपा नगर मंडल सिरोही की ओर से सिरोही जिले अस्पताल के ब्लड बैंक में और आबूरोड में ज्ञानदीप वी बल्ड बैंक में रक्तदान कार्यक्रम रखा गया। सिरोही में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ […] The post प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर सेवा पखवाड़ा के तहत सिरोही- आबूरोड में रक्तदान appeared first on Sabguru News .
अडानी आदेश : जस्टिस काटजू का 'स्वतंत्र' मीडिया की जांच का आह्वान
अडानी आदेश और भारत का तथाकथित 'स्वतंत्र' मीडिया : जस्टिस काटजू का 'स्वतंत्र' मीडिया की जांच का आह्वान
महिलाओं के उत्तम स्वास्थ्य से ज्यादा कीमती नहीं सरकारी तिजोरी, हर महिला जांच कराए : मोदी
भैंसोला (धार)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भावुक अंदाज़ में देश की माताओं-बहनों से अपील की कि वे पूरे परिवार की चिंता के बीच कुछ समय खुद के लिए भी निकालें और बीमारियों की आशंकाओं से बचने के लिए आज से शुरु हुए ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार’ अभियान के तहत अपने स्वास्थ्य की जांच कराएं […] The post महिलाओं के उत्तम स्वास्थ्य से ज्यादा कीमती नहीं सरकारी तिजोरी, हर महिला जांच कराए : मोदी appeared first on Sabguru News .
एमसीएफ में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई विश्वकर्मा पूजा
विश्वकर्मा पूजा का यह आयोजन केवल धार्मिक कार्यक्रम भर नहीं रहा, बल्कि इसने कर्मचारियों के बीच एकजुटता और सामूहिकता की भावना को भी मजबूत किया।
यूरोपीय संघ का इज़राइल-गाज़ा युद्ध पर सख्त रुख, व्यापार रियायतें निलंबित करने का प्रस्ताव
यूरोपीय संघ ने इज़राइल के साथ व्यापार रियायतें निलंबित करने और गाज़ा युद्ध को लेकर चरमपंथी मंत्रियों व हिंसक बसने वालों पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा है। आयोग ने मानवाधिकार उल्लंघन और लोकतांत्रिक सिद्धांतों की अवहेलना को कारण बताया है।
छत्तीसगढ़ में 12 नक्सलियों ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण।
नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ में अपनी हिंसक भावना को छोड़ कर नया जीवन जीने का पथ चुना, छत्तीसगढ़ पुलिस ने ही की सहायता।
मोदी ने देश को नयी ऊंचाईयों तक पहुंचाया : भजनलाल शर्मा
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में भारत ने अभूतपूर्व प्रगति की है और डिजिटल इंडिया से लेकर मेक इन इंडिया तक, जन धन योजना से लेकर आयुष्मान भारत तक, हर क्षेत्र में उन्होंने भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। शर्मा […] The post मोदी ने देश को नयी ऊंचाईयों तक पहुंचाया : भजनलाल शर्मा appeared first on Sabguru News .
रेल सफर में मिलेगा अपनी पसंद का खाना, मेकमाईट्रिप का जोमैटो से करार
नई दिल्ली। देश की अग्रणी ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी मेकमाईट्रिप के ग्राहक अब ट्रेन सफर के दौरान अपनी पसंद का खाना बुक करा सकेंगे। मेकमाईट्रिप ने इसके लिए ऑनलाइन फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म जोमैटो से करार किया है। इसके तहत अब मेकमाईट्रिप ऐप पर ट्रेन टिकट बुक करने वाले यात्री जोमैटो से जुड़े 40,000 से अधिक रेस्टोरेंट […] The post रेल सफर में मिलेगा अपनी पसंद का खाना, मेकमाईट्रिप का जोमैटो से करार appeared first on Sabguru News .
बयाना : नदी में गिरे जेसीबी चालक और 4 महिलाओं को ग्रामीणों ने बचाया
भरतपुर। राजस्थान में भरतपुर के बयाना थाना क्षेत्र में मंगलवार को टूटी रपट से नदी पार कर रही एक जेसीबी के नदी में गिरने से चार महिलाएं और चालक नदी में बह गए, लेकिन ग्रामीणों बाद में इन सभी को बचा लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार शाम को जेसीबी चालक चार महिलाओं को जेसीबी पर […] The post बयाना : नदी में गिरे जेसीबी चालक और 4 महिलाओं को ग्रामीणों ने बचाया appeared first on Sabguru News .
पटना हाईकोर्ट का कांग्रेस को निर्देश : सोशल मीडिया से पीएम और उनकी मां का एआई जनित वीडियो हटाएं
पटना। पटना उच्च न्यायालय ने बुधवार को कांग्रेस पार्टी को निर्देश दिया है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी मां का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक से बनाया गया वीडियो अपने सोशल मीडिया अकाउंट से हटाएं। पटना उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश पीबी बजंथरी ने इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए […] The post पटना हाईकोर्ट का कांग्रेस को निर्देश : सोशल मीडिया से पीएम और उनकी मां का एआई जनित वीडियो हटाएं appeared first on Sabguru News .
दिया कुमारी ने मोदी के जन्मदिन पर सेवा पखवाड़े में किया रक्तदान
जयपुर। राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर बुधवार को यहां सेवा पखवाड़े में रक्तदान कर मानव सेवा का संदेश दिया। मोदी के जन्म दिन के अवसर पर आज से सेवा पखवाड़े की शुरुआत हुई और इसके तहत जयपुर के विद्याधर नगर क्षेत्र में एक रक्तदान एवं चिकित्सा शिविर […] The post दिया कुमारी ने मोदी के जन्मदिन पर सेवा पखवाड़े में किया रक्तदान appeared first on Sabguru News .
अंगडिया कर्मचारी से 2.5 करोड़ की लूट : मुंबई क्राइम ब्रांच ने मुख्य आरोपी को दबोचा
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लुटेरों ने कार का दरवाजा खोलते ही कर्मचारियों पर हमला कर दिया, उन्हें रस्सियों से बांध दिया और बैग में रखे करीब 2.5 करोड़ रुपये लेकर फरार हो गए।
सुप्रीम कोर्ट VS खजुराहो: कोर्ट ने भगवन विष्णु मूर्ति की याचिका ख़ारिज की...
सुप्रीम कोर्ट ने खजुराहो के जावरी मंदिर में क्षतिग्रस्त भगवान विष्णु की मूर्ति को ठीक करने की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने इसे प्रचार के लिए दायर बताया।
राज ज्वेलर वसूली मामला : हाईकोर्ट से जीआरपी के तीन पुलिसकर्मियों को अग्रिम जमानत
मामला मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर राजस्थान से आए एक ज्वेलर से कथित धमकी, मारपीट और पैसों की वसूली से जुड़ा है
पाइक्रॉफ्ट को हटाने की पाकिस्तान की मांग खारिज, यूएई के खिलाफ खेलने अभी तक नहीं पहुंची टीम
पाकिस्तान की क्रिकेट टीम एशिया कप में यूएई के खिलाफ ‘करो या मरो’ का मुकाबला खेलने अभी तक होटल से नहीं निकली है जबकि एंडी पाइक्रॉफ्ट को मैच रैफरी के तौर पर हटाने की उसकी मांग दूसरी बार आईसीसी ने खारिज कर दी। भारत के खिलाफ रविवार के मैच के बाद भारतीय खिलाड़ियों के हाथ नहीं मिलाने पर हुई शर्मिंदगी के लिये पाकिस्तान ने पाइक्रॉफ्ट को जिम्मेदार ठहराया था। ALSO READ: AAP नेता सौरभ भारद्वाज का भारतीय कप्तान सूर्यकुमार के लिए तीखा वार, 'औकात है तो दे दो [VIDEO] एक जानकार सूत्र ने पीटीआई को बताया ,‘‘ पाइक्रॉफ्ट बुधवार के मैच में मैच रैफरी रहेंगे और अगर पाकिस्तान नहीं खेलता है तो यूएई को पूरे अंक मिलेंगे।’’ पीसीबी के एक सूत्र ने बताया कि खिलाड़ियों को अपने कमरों में रहने और आगे के निर्देशों का इंतजार करने के लिये कहा गया है। (भाषा)
EVM पर अब दिखेगी कैंडिडेट की फोटो ; EC का बड़ा फैसला
चुनाव आयोग ने पारदर्शिता और मतदाताओं की सुविधा के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब देशभर के चुनावों में EVM पर उम्मीदवारों के नाम के साथ उनकी रंगीन तस्वीरें भी दिखेंगी।
नीति आयोग के पूर्व CEO बने IndiGo के एडीशनल डायरेक्टर ; जाने विस्तार से
इंडिगो आज भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन के तौर पर उड़ान भर रही है, जिसका घरेलू मार्केट शेयर 60% से भी अधिक है। 350 से ज्यादा विमानों के बेड़े के साथ कंपनी 80 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों को जोड़ रही है।
कुर्ला संघ की गुरु दर्शन यात्रा सम्पन्न
यात्रा के दौरान संघजनों ने न केवल दर्शन का लाभ लिया बल्कि विभिन्न स्थानों पर धार्मिक प्रवचन भी सुने। साधु-साध्वियों ने संयम, अहिंसा और परस्पर सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जीवन में शांति और आत्मिक बल प्राप्त करने के उपाय बताए।
हरा झंडा उतारकर भगवा झंडा लगाने का यह वीडियो नेपाल का नहीं
बूम ने जांच में पाया कि वायरल वीडियो कर्नाटक के मांड्या जिले के मद्दुर कस्बे का है. गणेश प्रतिमा विसर्जन जुलूस में सांप्रदायिक तनाव के बाद 8 सितंबर 2025 को झंडा उतारने की घटना सामने आई थी.
AI से मोबाइल तक; भारत में तैयार होंगी अल्ट्रा मॉडर्न चिप्स
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग तेज़ी से बुलंदियों को छू रहा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसका वर्तमान मूल्य अब 11.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुँच गया है।
पीएम मोदी को जन्मदिन पर मेस्सी का स्पेशल गिफ्ट, जानें क्या है वों खास तोहफ़ा..?
फुटबॉल की दुनिया के प्रसिद्ध प्लेयर लिओनेल मेस्सी ने भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को 75वें जन्मदिन पर एक अनोखा उपहार भेंट किया है। अपनी साइन की हुई 2022 फीफा वर्ल्ड कप जर्सी, मेस्सी ने पीएम मोदी को भेंट की है।
फिल्म फेस्टिवल में धमाका मचाने के बाद सिनेमाघरों में रिलीज होगी मणिपुरी फिल्म बूंग
भारत का सबसे बड़ा और प्रीमियम सिनेमा एग्ज़िबिटर PVR INOX, अब एक खास कदम उठाने जा रहा है। दरअसल यह 19 सितंबर 2025 को मणिपुरी फिल्म 'बूंग' को भारत के चुनिंदा शहरों और सिनेमाघरों में रिलीज करने वाला है। इस फिल्म का डायरेक्शन लक्ष्मीप्रिया देवी ने किया है। फिल्म को एक्सेल एंटरटेनमेंट ने चॉकबोर्ड एंटरटेनमेंट और स्यूटेबल पिक्चर्स के साथ मिलकर प्रोड्यूस किया है। लक्ष्मीप्रिया देवी द्वारा डायरेक्टेड और लिखी हुई फिल्म बूंग ने 2024 टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में अपनी वर्ल्ड प्रीमियर की थी, जो मणिपुरी सिनेमा के लिए एक ऐतिहासिक माइलस्टोन था। View this post on Instagram A post shared by Excel Entertainment (@excelmovies) इसके बाद से यह फिल्म कई बड़े फिल्म फेस्टिवल्स में भी गई, जहां इसे क्रिटिक्स की सराहना मिलने के साथ कई अवॉर्ड्स से भी सम्मानित किया गया। फिल्म में प्रोफेशनल और नए कलाकारों का अनोखा मेल है, जो इसे बहुत मजबूत बनाता है और एक असली दुनिया से रूबरू कराता है। अपनी मजबूत कहानी, खूबसूरत विजुअल्स और मणिपुर के जीवन और संस्कृति को दिखाने के साथ, बूंग हंसी, उम्मीद और बचपन की मासूमियत के पल को भी दिखाती है। यह इंसानों के बीच के जुड़ाव की गहरी कहानी पर रोशनी डालती है। फिल्म के रिलीज के बारे में बात करते हुए फिल्ममेकर लक्ष्मीप्रिया देवी ने कहा, बूंग वह किताब है जिसे मैं अपनी खराब इंग्लिश की वजह से नहीं लिख पाई! यह फिल्म मेरी दादी की लोककथाओं से प्रेरित है, जिन्होंने बचपन में मुझे एक तरह की गर्मजोशी और सुकून दिया। उन्होंने कहा, यह मणिपुर के लोगों की हिम्मत को समर्पित है। मैं इस समय पूरी तरह से विश्वास न होने, खुशी और कृतज्ञता के बीच का अजीब सा मिश्रण महसूस कर रही हूँ कि क्योंकि आखिरकार एक मणिपुरी फिल्म भारत के मेनलैंड तक पहुँच रही है! तो आइए और बूंग को हेलो कहिए! PVR INOX पिक्चर्स के सीईओ कमल गियानचंदानी ने कहा, हमारी कोशिश हमेशा दुनिया भर की अलग अलग कहानियों को अपने दर्शकों तक पहुंचाना रहा है। हम मानते हैं कि हर तरह की सिनेमा के लिए एक दर्शक मौजूद है, और हमारी जिम्मेदारी है कि उन्हें ऐसी कहानियाँ दिखाएँ जो नए नजरिए पेश करें। हम बूंग को रिलीज करके बहुत उत्साहित हैं, यह एक मणिपुरी फिल्म है, जो वहां के अनुभवों से गहराई से जुड़ी हुई है और साथ ही यूनिवर्सल अपील भी रखती है। क्या है फिल्म की कहानी? बूंग की कहानी एक छोटे लड़के की है, जो अपनी अकेली मां के साथ मणिपुर के एक गांव में रहता है। दोनों ही उसके पिता, जॉयकुमार, के अचानक गायब होने के रहस्य से जूझ रहे हैं। कभी शहर में काम करने वाला जॉयकुमार बिना किसी सुराग के लापता हो गया है, जिससे कई सवाल उठते हैं: क्या वह मर गया है? या उसने उन्हें छोड़ दिया? अपनी माँ को 'सबसे बड़ा तोहफा' देने के इरादे से, बूंग अपने सबसे अच्छे दोस्त के साथ अपने पिता को खोजने की एक इमोशनल सफर पर निकलता है। इसके बाद जो जो चीजें होती हैं, वही इस दिल छू लेने वाली कहानी और इस शानदार फिल्म का अहम हिस्सा बन जाती हैं।
Share Market : लगातार दूसरे दिन चढ़ा बाजार, Sensex 313 अंक उछला, Nifty में भी रही तेजी
Share Market Update News : आईटी, बैंक और वाहन शेयरों में लिवाली से शेयर बाजार में बुधवार को लगातार दूसरे दिन तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 313 अंक के लाभ में रहा जबकि एनएसई निफ्टी 91 अंक चढ़ा। निवेशक भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर सकारात्मक बातचीत से उत्साहित हैं। सेंसेक्स की कंपनियों में भारतीय स्टेट बैंक, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, कोटक महिंद्रा बैंक, मारुति, ट्रेंट और अल्ट्राटेक सीमेंट प्रमुख रूप से लाभ में रहीं। एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग सकारात्मक दायरे में रहे। सेंसेक्स मंगलवार को 594.95 अंक चढ़ा था जबकि निफ्टी 169.90 अंक के लाभ में रहा था। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 313.02 अंक यानी 0.38 प्रतिशत की बढ़त के साथ 82,693.71 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान, यह 361.26 अंक यानी 0.43 प्रतिशत बढ़कर 82,741.95 अंक पर पहुंच गया था। पचास शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 91.15 अंक यानी 0.36 प्रतिशत चढ़कर 25,330.25 अंक पर रहा। ALSO READ: Sensex 356 अंक चढ़ा, Nifty 25100 के पार, इन शेयरों में दिखी तेजी विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदों और प्रस्तावित व्यापार समझौते पर अमेरिका-भारत के बीच सकारात्मक बातचीत से शेयर बाजारों में तेजी जारी रही। सेंसेक्स की कंपनियों में भारतीय स्टेट बैंक, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, कोटक महिंद्रा बैंक, मारुति, ट्रेंट और अल्ट्राटेक सीमेंट प्रमुख रूप से लाभ में रहीं। दूसरी तरफ, नुकसान में रहने वाले शेयरों में बजाज फिनसर्व, टाइटन, आईटीसी और टाटा स्टील शामिल हैं। वाणिज्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर भारत आए अमेरिकी दल के साथ दिनभर चली बातचीत सकारात्मक रही और दोनों पक्ष समझौते को शीघ्र और पारस्परिक रूप से लाभकारी बनाने के लिए प्रयास करने पर सहमत हुए। ALSO READ: Share Bazaar बढ़त में रहा, Sensex 324 अंक उछला, Nifty 25 हजार के करीब पहुंचा एशियाई बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग सकारात्मक दायरे में रहे, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और जापान का निक्की गिरावट के साथ बंद हुआ। यूरोप के प्रमुख बाजारों में दोपहर के कारोबार में तेजी का रुख था। अमेरिकी बाजार मंगलवार को गिरावट के साथ बंद हुए थे। ALSO READ: GST कर सुधारों की घोषणा से Share Bazaar में बहार, Sensex 676 अंक उछला, Nifty भी रहा बढ़त में वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.58 प्रतिशत टूटकर 68.07 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मंगलवार को लिवाल रहे। शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, उन्होंने 308.32 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। सेंसेक्स मंगलवार को 594.95 अंक चढ़ा था जबकि निफ्टी 169.90 अंक के लाभ में रहा था।(इनपुट एजेंसी) Edited By : Chetan Gour
संसद हमले का असली गुनहगार ; मसूद अजहर बेनकाब!
मसूद अजहर बेनकाब! जैश कमांडर के कबूलनामे से पाकिस्तान की पोल खुली
SBI बैंक से 20 करोड़ का सोना और कॅश लेकर फरार हुए 3 बदमाश...
इंडियन आर्मी की वर्दी पहन कर बैंक में आये, और मुँह पर कपडा भी बांधा था। तीनों आरोपी बैंक में आने के बाद ये दिखाने का प्रयास कर रहे थे, की वे नया बैंक अकाउंट बनवाने आए हैं।
कपड़ों से लेकर रिश्तों तक किया गया ट्रोल, मलाइका अरोड़ा ने बताया कैसे करती हैं आलोचनाओं का सामना
मलाइका अरोड़ा बॉलीवुड की हॉट एंड ग्लैमरस एक्ट्रेस मे से एक हैं। 51 साल की मलाइका अपनी फिटनेस से कई एक्ट्रेस को मात देती हैं। मलाइका अपनी बोल्ड तस्वीरों से इंटरनेट पर तहलका मचा देती है। मलाइका अरोड़ा अपने रिलेशनशिप और फैशन के मुद्दों पर खुलकर राय रखती हैं। इस वजह से उन्हें कई बार ट्रोलिंग का भी सामना करना पड़ता है। हाल ही में मलाइका ने बताया कि कैसे वो ट्रोलिंग का सामना करती हैं। किस तरह से ये आलोचनाएं, उन्हें और मजबूत बनने व जीवन में आगे बढ़ने में मदद करती हैं। मलाइका ने बताया कैसे उन्हें ‘बहुत बोल्ड’ और ‘बहुत बिंदास’ जैसे लेबल दिए गए, लेकिन अब वह इन लेबलों को गर्व के साथ स्वीकार करती हैं। हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बातचीत के दौरान मलाइका ने बताया कि यह मुश्किल था क्योंकि लोग आपको यह बताना पसंद करते हैं कि आपको क्या होना चाहिए और क्या नहीं। मुझे मेरे करियर, मेरे कपड़ों, मेरे रिश्तों हर चीज के लिए आंका गया। मैंने समझ लिया कि लोग हमेशा बताएंगे कि आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं। मलाइका ने कहा, लेकिन जिस दिन मैंने खुद को समझाना बंद कर दिया, उसी दिन मुझे आजादी का एहसास हुआ। मेरी सबसे बड़ी सीख है कि सिर्फ वही कहानी मायने रखती है जो आप खुद के लिए लिखते हैं। मैंने हमेशा जिंदगी अपनी शर्तों पर जी है, चाहे वह फैशन हो, फिटनेस हो या निजी फैसले। मेरा मानना है कि असली आत्मविश्वास खुद के प्रति ईमानदार रहने से आता है, लेकिन हां, आत्म-संदेह स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, मुझे बहुत ज्यादा बोल्ड, बहुत ज्यादा खराब और भी काफी कुछ कहा गया, लेकिन सच कहूं तो मैं इसे एक ताज की तरह पहनती हूं। अगर मैं किसी के लिए ज्यादा हूं, तो शायद वह भी मेरे लिए काफी नहीं है। चाहे फैशन हो, फिटनेस हो या फिर मेरे द्वारा लिए गए मेरे फैसले मैंने कभी किसी फॉर्मूले को फॉलो नहीं किया।
इंदौर में ट्रक से 15 लोगों को रौंदने और 3 लोगों की जान लेने वाला ट्रक ड्राइवर गुलशेर हैवान है। वो घोड़ी के साथ अप्राकृतिक कृत्य और बीवी के साथ मारपीट भी कर चुका है। आदतन शराबी तो वो है ही। यहां तक कि ट्रक से 15 लोगों को कुचलने के बाद उसे इस बात का कोई अफसोस नहीं है कि उसने इस हादसे से कई घरों को तबाह कर दिया है और 3 लोगों की जान ले ली। बता दें कि ट्रक ड्राइवर गुलशेर का आपराधिक रिकार्ड खंगाला तो उसके खिलाफ 3 केस दर्ज मिले। ALSO READ: इंदौर ट्रक हादसे के वक्त से लापता हुए राजेंद्र शर्मा आखिर कहां गए, एमवाय और अरविंदो में नहीं मिल रही डिटेल? कालानी नगर से बड़ा गणपति तक कोहराम मचाकर तीन लोगों की जान लेने वाले जिस नशेड़ी ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वह पहले पशुओं के साथ कुकर्म करने के मामले में भी गिरफ्तार हो चुका है। इसके विरुद्ध 3 आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं। ALSO READ: Indore truck accident: इंदौर ट्रक हादसे के बाद लोगों ने सुनाई खौफनाक मंजर की दास्तां आर्म्स एक्ट , छेड़छाड़ और कुकर्म के केस : डीसीपी जोन 1 कृष्ण चदानी ने बताया कि वहशी ट्रक ड्राइवर गुलशेर पिता गुलशन निवासी धरमपुरी धार के विरुद्ध 3 मामले दर्ज हैं, जिनमें एक मामला 25 आर्म्स एक्ट, एक धारा 354 छेड़छाड़ एवं 2022 में घोड़ी के साथ अप्राकृतिक कृत्य किए जाने का शामिल है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक जबकि क्लीनर शंकर का कोई रिकार्ड अभी तक नहीं मिला है। पुलिस आज दोनों को न्यायालय में पेश कर उनका 5 दिन का रिमांड मांगेगी, ताकि कुछ और अहम जानकारी मिल सके। ज्ञात रहे कि इस नशेड़ी ड्राइवर ने 2 दिन पहले नशे की हालत में ट्रक चलाकर तीन लोगों की जान ले ली थी और 15 से अधिक लोगों को घायल किया था, जो अभी भी जीवन और मौत से संघर्ष कर रहे हैं। एक महिला सहित 3 लोगों की हालत चिंताजनक बनी हुई है। इस घटना ने जहां प्रशासन को हिलाकर रख दिया है, वहीं दूसरी ओर सरकार की भी नींद उड़ा दी है। ALSO READ: Indore truck accident : इंदौर पुलिस का बड़ा खुलासा, नशेड़ी ट्रक ड्राइवर ने इसलिए मचाया मौत का तांडव पत्नी के साथ मारपीट भी : पुलिस के मुताबिक ड्राइवर गुलशेर का परिवार के साथ भी व्यवहार ठीक नहीं था। पत्नी के साथ भी वह शराब पीकर आए दिन मारपीट करता था। परिवार वाले भी उसे परेशान थे और यही कारण है कि कई दिनों तक वह घर से बाहर भी रहता था तो उसकी चिंता नहीं करते थे। पुलिस ने जब उसके परिवार वालों से फोन पर संपर्क कर इसके बारे में जानकारी चाहिए तो उनका कहना था कि हमें कोई मतलब नहीं है। यदि अपराध किया है तो सजा मिलना चाहिए। आश्चर्य की बात तो यह है कि इतनी बड़ी घटना करने के बाद भी शराबी गुलशेर को कोई अफसोस नहीं है। जबकि क्लीनर शंकर घटना को लेकर दुखी है और इस घटना को लेकर बार-बार पुलिस वालों से यही कह रहा है जीवन की बहुत बड़ी गलती हो गई। Edited By: Navin Rangiyal
मिराई ने बनाया रिकॉर्ड, 5 दिन में पार किए 100 करोड़
तेजा सज्जा की फिल्म मिराई ने रिलीज़ के साथ ही बॉक्स ऑफिस पर जोरदार धमाका किया है। वर्ल्डवाइड कलेक्शन में यह फिल्म रिकॉर्ड तोड़ते हुए तेजी से 100 करोड़ क्लब में शामिल हो गई है।
अनुराग कश्यप एक बार फिर चर्चा में हैं, इस बार अपनी बहुप्रतीक्षित फिल्म निशानची को लेकर। इस वीकेंड सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही यह क्राइम ड्रामा फिल्म खास है क्योंकि इसमें पहली बार ऐश्वर्य ठाकरे बड़े पर्दे पर डेब्यू कर रहे हैं और निर्देशन की कमान संभाली है अनुराग कश्यप ने। IMDb को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में अनुराग कश्यप ने खुलासा किया कि उन्होंने निशानची क्यों बनाई, फिल्म को पूरा होने में एक दशक क्यों लग गया और आखिर क्यों उन्होंने एक नए कलाकार को फिल्म का हीरो बनाया। अनुराग कश्यप ने बताया कि फिल्म बनाने का सही समय तब आता है जब कास्ट, प्रोड्यूसर और स्टूडियोज सबकुछ सही बैठ जाए। उन्होंने कहा कि यह फिल्म लंबे समय तक इसलिए अटकी रही क्योंकि बड़े स्टार्स और स्टूडियो के साथ बात बन नहीं पाई। कश्यप ने बिना स्क्रिप्ट बदले फिल्म को उसी रूप में बनाने की ठान ली थी। आखिरकार एक फ्लाइट में अमेज़न एग्जिक्यूटिव से मुलाकात हुई और वहीं से प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिली। कश्यप के अनुसार निशान्ची उनके लिए हिंदी सिनेमा को सलाम करने वाली फिल्म है। इसमें 60, 70 और 80 के दशक की उन फिल्मों की छाप है जिन्हें वह बचपन से पसंद करते आए हैं—चाहे वह दिलीप कुमार और अमिताभ बच्चन की फिल्में हों, मदर इंडिया और मुग़ल-ए-आज़म जैसी क्लासिक हों या विमल रॉय के शानदार काम। दिलचस्प बात यह है कि अनुराग कश्यप ने इस फिल्म को अपनी ही कल्ट फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर के उलट बताया। उन्होंने साफ कहा कि “मैंने निशानची बनाई ताकि गैंग्स ऑफ वासेपुर को अनडू कर सकूं।” कश्यप ने यह भी कहा कि वासेपुर के बाद लोग उन्हें गालियों का जनक समझने लगे थे, इसलिए वह इस छवि से बाहर निकलना चाहते थे। उन्होंने मजाक में यह भी कहा कि लोग लगातार गैंग्स ऑफ वासेपुर 3 की मांग करते हैं और इसी को लेकर प्रोड्यूसर ने निशान्ची के टीज़र में मजेदार ईस्टर एग डाला। फिल्म के हीरो ऐश्वर्य ठाकरे की तारीफ करते हुए कश्यप ने कहा कि वे सिर्फ एक एक्टर ही नहीं बल्कि गायक, संगीतकार, गीतकार और कम्पोजर भी हैं। उन्होंने फिल्म में दो गाने गाए हैं और धुन भी तैयार की है। अनुराग ने एक सीन का जिक्र किया जिसमें ठाकरे के अभिनय ने सबको चौंका दिया। उन्होंने कहा, “वो पल ऐसा था जब आऐश्वर्य ने अपने किरदार बाबलू से डबलू में रूपांतरण किया, उनकी चाल-ढाल और बॉडी लैंग्वेज पूरी तरह बदल गई थी। हमें विश्वास ही नहीं हुआ कि हम वही शख्स देख रहे हैं।” निशानची की रिलीज को लेकर दर्शकों में जबरदस्त उत्साह है और यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह फिल्म अनुराग कश्यप को एक बार फिर बॉक्स ऑफिस पर सफलता दिला पाएगी।
श्रीनगर-जम्मू हाइवे 21 दिन बाद चालू; राहत की सांस
लगभग तीन हफ़्तों से बंद श्रीनगर-जम्मू हाईवे आखिरकार बुधवार को भारी वाहनों के लिए खोल दिया गया। हाईवे पर फंसे हजारों ट्रक और ड्राइवरों को अब बड़ी राहत मिली है।
Maharaja Agrasen biography: महाराजा अग्रसेन, भारतीय इतिहास के एक ऐसे महान व्यक्तित्व थे, जिन्हें न केवल एक राजा के रूप में बल्कि एक दूरदर्शी समाज सुधारक और जनकल्याणकारी शासक के रूप में भी याद किया जाता है। उनका जन्म आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि को हुआ था। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार वर्ष 2025 में इस बार 22 सितंबर, दिन सोमवार को महान लोकनायक महाराजा अग्रसेन का जन्मोत्सव बनाया जाएगा। ALSO READ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी : स्वदेशी का संकल्प और राष्ट्र निर्माण के प्रेरक महाराजा अग्रसेन कौन थे?: महाराजा अग्रसेन का जन्म द्वापर युग में, लगभग 5174 वर्ष पहले, महाराजा वल्लभ और महारानी भगवती के घर हुआ था। वे भगवान राम के पुत्र कुश की 34वीं पीढ़ी में जन्मे थे। उनका जन्म स्थान प्रताप नगर था। उनके जन्म के समय गर्ग ॠषि ने उनके पिता राजा वल्लभ सेन से कहा था- 'तुम्हारा ये पुत्र राजा बनेगा और इसके राज्य में एक नई शासन व्यवस्था उदय होगी और हजारों वर्ष बाद भी इनका नाम अमर होगा। अत: गर्ग ॠषि के कथनानुसार ही महाराजा अग्रसेन का कार्य था, वे एक क्षत्रिय राजा थे और उनका उद्देश्य एक ऐसे राज्य की स्थापना करना था जहां कोई भी व्यक्ति गरीब या दुखी न हो। वे अग्रोहा गणराज्य के एक प्रसिद्ध महाराजा थे और उन्हें अग्रवाल समुदाय का जनक माना जाता है। उनका जीवन, वीरता, करुणा और न्याय के सिद्धांतों पर आधारित था और उनके सिद्धांत आज भी प्रासंगिक हैं। जीवन की कहानी: महाराजा अग्रसेन ने अपने राज्य को एक आदर्श गणराज्य बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने अपने राज्य का नाम अग्रोहा रखा, जो आज हरियाणा में स्थित है। अग्रोहा को उन्होंने व्यापार और वाणिज्य का एक प्रमुख केंद्र बनाया। उनके शासनकाल की सबसे खास बात उनकी सामाजिक विचारधारा थी, जो आज के समाजवाद से मिलती-जुलती थी। उन्होंने 'एक रुपया, एक ईंट' का सिद्धांत अपनाया। ALSO READ: Happy Birthday to Narendra Modi ji: विकास, विश्वास और नेतृत्व का प्रतीक– नरेंद्र मोदी जी को जन्मदिन की हार्दिक बधाई! इसका मतलब यह था कि अग्रोहा में बसने वाले हर नए नागरिक को राज्य का प्रत्येक व्यक्ति एक रुपया और एक ईंट देता था। इससे वह व्यक्ति बिना किसी कठिनाई के अपना घर और व्यापार शुरू कर सकता था। इस व्यवस्था ने यह सुनिश्चित किया कि उनके राज्य में कोई भी व्यक्ति गरीब या बेसहारा न रहे। वीरता और करुणा के किस्से: महाराजा अग्रसेन की वीरता का सबसे बड़ा किस्सा युद्ध के मैदान से नहीं, बल्कि उनके विवेक और करुणा से जुड़ा है। 1. यज्ञ में पशुबलि का विरोध: महाराजा अग्रसेन ने अपने जीवन में 18 महायज्ञ करने का संकल्प लिया था। जब वे 18वें यज्ञ को पूरा करने वाले थे, तब उन्होंने देखा कि यज्ञ के लिए एक घोड़े को बलिदान के लिए लाया गया है। घोड़े की आंखों में पीड़ा देखकर उनका हृदय करुणा से भर गया। उन्होंने तुरंत यज्ञ को बीच में ही रोक दिया और घोषणा की कि उनके राज्य में किसी भी जीवित प्राणी की बलि नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, 'मेरा राज्य अहिंसा के सिद्धांत पर चलेगा।' यह उनकी नैतिक और आध्यात्मिक वीरता का सबसे बड़ा प्रमाण था, क्योंकि उन्होंने उस समय की परंपराओं को तोड़कर एक नया मार्ग प्रशस्त किया। 2. दूरदर्शिता और सामाजिक समानता: अग्रसेन की सबसे बड़ी वीरता उनकी दूरदर्शिता थी। उन्होंने अपने 'एक रुपया, एक ईंट' के सिद्धांत के माध्यम से एक ऐसा समाज बनाया, जहां कोई भी व्यक्ति गरीब नहीं था। अगर किसी के पास व्यापार या जीवनयापन के लिए पैसे नहीं होते थे, तो पूरा समाज उसकी मदद करता था। यह उनकी बहादुरी थी कि उन्होंने एक ऐसे राज्य की कल्पना की और उसे साकार किया, जहां राजा नहीं, बल्कि समाज की सामूहिक शक्ति ही सबसे बड़ी थी। उन्होंने अपने राज्य को 18 गणों में विभाजित किया और हर गण को एक विशेष कुल का नाम दिया, जिससे अग्रवाल समुदाय के 18 गोत्रों का जन्म हुआ। महाराजा अग्रसेन की खासियतें: महाराजा अग्रसेन ने अपने जीवन के अंतिम पड़ाव में, अपनी सारी जिम्मेदारियां अपने पुत्रों को सौंप दी और स्वयं वनप्रस्थ आश्रम में चले गए। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्चा राजा वह होता है जो अपनी प्रजा के लिए न केवल शासन करता है, बल्कि उनके सुख-दुःख को अपना मानकर एक आदर्श समाज का निर्माण करता है। उनकी विरासत आज भी अग्रवाल समुदाय के सेवाभाव और उद्यमिता में जीवित है। भारतीय इतिहास में आज भी महाराजा अग्रसेन एक ऐसे दूरदर्शी और जनकल्याणकारी शासक के रूप में जाने जाते हैं, जिन्होंने अपने राज्य को सामाजिक समानता और समृद्धि का प्रतीक बनाया। अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। ALSO READ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 75 साल और उनके बारे में 75 बातें
एक बार फिर कैंसर की चपेट में आईं नफीसा अली, बोलीं- मुझे जिंदगी से मोहब्बत है...
लाइफ इन ए मेट्रो और यमला पगला दीवाना जैसी फिल्मों के लिए पहचानी जाने वाली एक्ट्रेस नफीसा अली इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रही हैं। नफीसा एक बार फिर कैंसर जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ गई हैं। उन्हें 2018 में पेरिटोनियल कैंसर हुआ था और 2019 में वह पूरी तरह ठीक हो चुकी थीं। अब 6 साल बाद नफीसा अली फिर से इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ गई है। उन्हें स्टेज 4 कैंसर हुआ है। नफीसा ने बताया कि उन्हें फिर से कीमोथेरेपी शुरू करनी होगी, क्योंकि डॉक्टरों ने सर्जरी के विकल्प को खारिज कर दिया है। View this post on Instagram A post shared by Nafisa Ali Sodhi (@nafisaalisodhi) नफीसा ने सोशल मीडिया पर अपना हेल्थ अपडेट शेयर किया है। पोस्ट में लिखा है, एक दिन मेरे बच्चों ने पूछा, 'जब आप नहीं रहेंगी, तो हम किसके पास जाएंगे?' मैंने उन्हें बताया कि एक-दूसरे का सहारा लो। यही मेरा सबसे बड़ा उपहार है। भाई-बहन जो एक ही प्यार और यादों को साझा करते हैं। एक दूसरे की रक्षा करों, और याद रखो कि तुम्हारा बंधन जीवन की किसी भी चुनौती से अधिक मजबूत है। नफीसा ने कैप्शन में लिखा, आज से मेरे सफर का नया अध्याय शुरू हुआ है। कल मेरा पीईटी स्कैन हुआ। सर्जरी संभव नहीं है, इसलिए फिर से कीमोथेरेपी शुरू हुई है। यकीन मानिए, मुझे जिंदगी से बेहद मोहब्बत है। बता दें कि नफीसा अली 1977 में मिस इंटरनेशनल की रनर अप रह चुकी हैं। उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत साल 1979 में श्याम बेनेगल की फिल्म 'जुनून' से की थी। नफीसा लोकसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं।
PM मोदी की मां पर बने वीडियो पर हंगामा; कोर्ट ने दिया कड़ा फैसला
पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद जेडीयू नेता नीरज कुमार ने कांग्रेस पर करारा हमला बोला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की मां पर बनाया गया AI वीडियो एक सामाजिक और नैतिक अपराध है। पीएम मोदी और उनकी मां पर बने एआई वीडियो पर बवाल पटना हाईकोर्ट ने दिया हटाने का आदेश कांग्रेस पर JDU का हमला
budh gochar september 2025: : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का राशि परिवर्तन एक महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव हमारे जीवन के विभिन्न पहलुओं पर पड़ता है। 15 सितंबर 2025 को ग्रहों के राजकुमार बुध, सिंह राशि से निकलकर अपनी स्वराशि कन्या में प्रवेश कर चुके हैं। यह गोचर 2 अक्टूबर 2025 तक रहेगा। बुध ग्रह को बुद्धि, व्यापार, तर्कशक्ति और संचार का कारक माना जाता है। जब बुध अपनी ही राशि में प्रवेश करते हैं, तो वे अत्यंत बलवान हो जाते हैं, जिससे कई जातकों के लिए शुभ और लाभकारी योग बनते हैं। इस विशेष अवधि में, कुछ राशियों को नौकरी में तरक्की, व्यापार में मुनाफा और संबंधों में मधुरता जैसे शुभ परिणाम मिलने की संभावना है। आइए जानते हैं कि कौन सी हैं वे भाग्यशाली राशियाँ जिनकी किस्मत बुध के इस गोचर से चमकने वाली है। 1. कन्या राशि कन्या राशि के जातकों के लिए बुध का यह गोचर बेहद खास और अत्यंत शुभ साबित होगा। चूंकि बुध आपकी राशि के स्वामी हैं और अपने ही घर में प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए आपको हर क्षेत्र में सफलता मिलेगी। • करियर: नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन मिल सकता है और वेतन वृद्धि के योग भी बन रहे हैं। जो लोग व्यापार से जुड़े हैं, उन्हें बड़ा मुनाफा होने की संभावना है। • आर्थिक स्थिति: धन लाभ के नए स्रोत खुलेंगे और आपकी आर्थिक स्थिति पहले से अधिक मजबूत होगी। • स्वास्थ्य: स्वास्थ्य में सुधार होगा और पुरानी बीमारियों से मुक्ति मिलेगी। यह समय आपके आत्मविश्वास और ऊर्जा को बढ़ाएगा। 2. मकर राशि मकर राशि के जातकों के लिए बुध का यह गोचर भाग्य और धर्म के घर में हो रहा है। यह गोचर आपके लिए भाग्यशाली साबित होगा। • करियर: आपको नौकरी और व्यापार में तरक्की के नए अवसर मिलेंगे। यदि आप कोई नया काम शुरू करना चाहते हैं, तो यह समय सबसे उत्तम है। • आर्थिक स्थिति: अचानक धन लाभ के योग हैं, जिससे आपकी आर्थिक परेशानियां दूर होंगी। निवेश से भी अच्छा रिटर्न मिल सकता है। • संबंध: पारिवारिक और सामाजिक संबंधों में मधुरता आएगी। आपको अपने मित्रों और परिवार से पूरा सहयोग मिलेगा। 3. मीन राशि मीन राशि के जातकों के लिए बुध का यह गोचर साझेदारी और वैवाहिक जीवन के घर में हो रहा है। इस गोचर से आपको विशेष लाभ होगा। • करियर: यदि आप व्यापार में हैं, तो कोई नई साझेदारी आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। नौकरीपेशा लोगों को भी सहकर्मियों और वरिष्ठों का सहयोग मिलेगा। • आर्थिक स्थिति: व्यापार में मुनाफे के योग हैं और आपको रुका हुआ पैसा वापस मिल सकता है। • संबंध: वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ेगा। अविवाहितों के लिए विवाह के योग भी बन सकते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ज्योतिषीय प्रभाव व्यक्ति की कुंडली में मौजूद अन्य ग्रहों की स्थिति पर भी निर्भर करते हैं। लेकिन इन तीन राशियों के लिए बुध का यह गोचर निश्चित रूप से शुभता और समृद्धि लेकर आएगा। ALSO READ: shradh 2025: अर्पण और तर्पण में क्या है अंतर? जानें क्यों पितृपक्ष में तर्पण है सबसे महत्वपूर्ण अस्वीकरण ( Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
shradh 2025: अर्पण और तर्पण में क्या है अंतर? जानें क्यों पितृपक्ष में तर्पण है सबसे महत्वपूर्ण
difference between tarpan and arpan: पितृपक्ष आते ही हर घर और घाट पर एक विशेष क्रिया देखने को मिलती है - तर्पण। लेकिन अक्सर लोग इस शब्द को अर्पण से जोड़कर देखते हैं, जबकि दोनों में एक स्पष्ट और गहरा अंतर है। अर्पण और तर्पण दोनों ही श्रद्धा और समर्पण की क्रियाएं हैं, लेकिन इनका उद्देश्य, लक्ष्य और विधि पूरी तरह से भिन्न होती हैं। आइए, गरुड़ पुराण और अन्य शास्त्रों के आधार पर समझते हैं कि इन दोनों में क्या मौलिक फर्क है। अर्पण: देवताओं के लिए समर्पण अर्पण शब्द 'अर्पयति' से बना है, जिसका अर्थ है 'समर्पित करना' या 'प्रस्तुत करना'। यह क्रिया हमेशा देवताओं के लिए की जाती है। अर्पण में हम अपनी श्रद्धा और भक्ति के साथ कोई भी वस्तु, जैसे फूल, जल, भोजन, या नैवेद्य, देवी-देवताओं को अर्पित करते हैं। इसका उद्देश्य भगवान को प्रसन्न करना और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना होता है। अर्पण में दाता की भावना, यानी 'समर्पण' का भाव सबसे महत्वपूर्ण होता है। इसमें हम भगवान के प्रति कृतज्ञता और अपनी भक्ति व्यक्त करते हैं। उदाहरण के लिए, पूजा के दौरान हम फूलों और जल का अर्पण करते हैं। तर्पण: पितरों की शांति का माध्यम तर्पण शब्द 'तृप्ति' से आया है, जिसका अर्थ है 'संतुष्ट करना' या 'शांति प्रदान करना'। यह क्रिया विशेष रूप से हमारे दिवंगत पूर्वजों, यानी पितरों के लिए की जाती है। तर्पण के माध्यम से हम जल, दूध, काले तिल और कुश के साथ अपने पितरों की आत्मा को शांति और तृप्ति प्रदान करते हैं। पितृपक्ष में, जब हमारे पूर्वज पृथ्वी लोक पर आते हैं, तो यह क्रिया उनकी प्यास बुझाने और उन्हें मुक्ति का मार्ग दिखाने के लिए की जाती है। शास्त्रों में यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि तर्पण सिर्फ एक क्रिया नहीं, बल्कि एक कर्म और श्रद्धा का संगम है। यह हमारे द्वारा किए गए पिंडदान का ही एक हिस्सा है। माना जाता है कि जब हम सच्चे मन से तर्पण करते हैं, तो हमारे पितर प्रसन्न होते हैं और हमें आशीर्वाद देते हैं। शास्त्रों के अनुसार अर्पण और तर्पण का स्पष्ट अंतर 1. उद्देश्य: अर्पण का उद्देश्य देवताओं को प्रसन्न करना और उनका आशीर्वाद पाना है। यह भक्ति और समर्पण का प्रतीक है। तर्पण का उद्देश्य पितरों की आत्मा को संतुष्टि और शांति प्रदान करना है। यह पितृ ऋण चुकाने और कृतज्ञता व्यक्त करने का माध्यम है। 2. प्राप्तकर्ता: अर्पण हमेशा जीवित देवी-देवताओं को किया जाता है। तर्पण हमेशा दिवंगत पूर्वजों को दिया जाता है। 3. भाव: अर्पण में भक्ति, प्रेम और कृतज्ञता का भाव होता है। तर्पण में श्रद्धा, सम्मान और पितरों की शांति की कामना का भाव होता है। 4. कर्म: अर्पण पूजा और भक्ति का एक हिस्सा है, जो कभी भी किया जा सकता है। तर्पण एक विशेष अनुष्ठान है जो विशेष तिथियों जैसे पितृपक्ष में किया जाता है, खासकर जब पितृ पृथ्वी पर होते हैं। गरुड़ पुराण में भी इस बात का उल्लेख है कि श्राद्ध और तर्पण का अनुष्ठान करने से पितरों की आत्मा प्रेत योनि से मुक्त होकर मोक्ष को प्राप्त करती है। जब कोई व्यक्ति सच्चे मन से तर्पण करता है, तो उसे न केवल पितृ दोष से मुक्ति मिलती है बल्कि उसे अपने पूर्वजों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। इस प्रकार, तर्पण केवल एक कर्मकांड नहीं, बल्कि एक ऐसा धार्मिक दायित्व है जो जीवन को सुख-शांति और समृद्धि से भर देता है। ALSO READ: Pitra Paksh 2025:श्राद्ध के लिए क्यों मानी जाती है कुशा अनिवार्य, जानिए पौराणिक महत्त्व अस्वीकरण ( Disclaimer) : सेहत, ब्यूटी केयर, आयुर्वेद, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार जनरुचि को ध्यान में रखते हुए सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इससे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
Gen-Z ने आसमान में एक तारे का नाम रखा सैयारा, अहान पांडे-अनीत पड्डा ने जताया आभार
अहान पांडे और अनीत पड्डा ने अपनी डेब्यू फिल्म 'सैयारा' से लोगों का दिल लिया। इस इमोशनल रोमांटिक फिल्म का जेन-जी के बीच इतना क्रेज देखने को मिला की इसने बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड दिए। सिनेमाघरों में 'सैयारा' देखकर कई युवा रोते हुए तक दिखे। 'सैयारा' को अब इस पीढ़ी का दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (डीडीएलजे) और कहो ना प्यार है कहा जा रहा है, क्योंकि इस फिल्म और अहान-अनीत की सांस्कृतिक छाप ने भारत और पूरी दुनिया के दक्षिण एशियाई समुदाय पर गहरा असर डाला है। अहान और अनीत का लॉन्च अब तक का सबसे बड़ा माना जा रहा है, जिसकी तुलना 25 साल पहले रितिक रोशन और अमीषा पटेल के डेब्यू से की जा रही है। अहान और अनीत ने कृष कपूर और वाणी बत्रा के जो किरदार निभाये वे अब डीडीएलजे के राज और सिमरन जैसी आइकॉनिक पहचान हासिल कर रहे हैं। अहान और अनीत के जनरेशन जी फैंस ने अपने पसंदीदा ऑन-स्क्रीन आइकॉन का जश्न मनाने का सबसे प्यारा तरीका चुना। उन्होंने आसमान में एक तारे का नाम सैयारा रखा है। फैस के इस प्यार से अहान और अनीत भावुक हो गए। अहान ने कहा, असल सितारे तो आप हैं, आपका इतना चमकना ही हमारी रोशनी है। मुझे वह दिन याद है जब सैयारा सिनेमाघरों से उतर गई थी। सब कुछ हो चुका था, लेकिन मैंने खुद को उस एहसास में डूबने ही नहीं दिया। अब यह देखकर लगता है जैसे फ़िल्म ने यूनिवर्स में अपनी जगह बना ली है, आकाशगंगा के उस कोने में जहां सारी खूबसूरत चीज़ें चली जाती हैं जब वे यहां से विदा लेती हैं। मेरे शब्द मेरी भावनाओं को पूरी तरह व्यक्त नहीं कर सकते, क्योंकि यह एहसास इतना सुंदर है कि शब्दों में नहीं बंध सकता। लेकिन यह जादुई है, बेहद जादुई। तहेदिल से शुक्रिया। वहीं अनीत ने कहा, कभी-कभी मुझे लगता है फिल्म ख़त्म हो गई। फिर आप ऐसा कुछ करते हैं और मुझे अहसास होता है कि कहानियाँ ख़त्म नहीं होती, वे बस नए आसमान खोज लेती हैं। एक तारे का नाम भले ही सैयारा रखा गया हो, लेकिन असली आकाशगंगा तो हमेशा आप सब रहे हैं। हमारी कहानी को अनंत बनाने के लिए दिल से धन्यवाद।
गोरखपुर दीपक हत्याकांड में चौकी प्रभारी सहित पूरी पुलिस टीम निलंबित
गोरखपुर में 19 वर्षीय दीपक गुप्ता की हत्या के बाद बड़ा प्रशासनिक एक्शन लिया गया है। एसएसपी ने जंगल धूसर चौकी प्रभारी समेत सभी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है।
आरक्षित सीट नहीं मिली तो पीएम बने जनरल कोच के यात्री !
सूरत से अहमदाबाद जाने की जल्दी में मोदी को रिज़र्वेशन नहीं मिल सका। ऐसे में उन्होंने आम यात्रियों संग जनरल डिब्बे में सफर कर 230 किमी की दूरी तय की।
भोपाल: मध्यप्रदेश का पालपुर कूनो राष्ट्रीय उद्यान (Kuno National Park) देश की सबसे महत्वाकांक्षी वन्यजीव परियोजनाओं में से एक, ‘प्रोजेक्ट चीता’ (Project Cheetah) का सफल केंद्र बनकर उभरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर 17 सितंबर, 2022 को उनके जन्मदिवस के अवसर पर नामीबिया से लाए गए पहले चीतों को कूनो में छोड़े जाने ... Read more
नई दिल्ली : एमेजॉन इंडिया (Amazon India) और भारतीय सेना के प्रतिष्ठान, आर्मी वैलफेयर प्लेसमेंट ऑर्गेनाइजेशन (Army Welfare Placement Organization – AWPO) के बीच सितंबर 2025 में एक अहम समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुए। इस साझेदारी का उद्देश्य पूर्व सैनिकों (Veterans), सैनिकों के जीवनसाथियों (Military Spouses) और सैन्य विधवाओं (War Widows) को कॉर्पोरेट जगत ... Read more
Share Bazaar बढ़त के साथ खुला, Sensex और Nifty में रही तेजी
Share Market Update News : द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए भारत आई अमेरिकी टीम के साथ दिनभर चली सकारात्मक चर्चा के बाद बुधवार को शुरुआती कारोबार में स्थानीय शेयर बाजार मजबूती के रुख के साथ खुले। दोनों पक्ष समझौते को जल्द और पारस्परिक रूप से लाभकारी रूप से संपन्न करने के लिए प्रयास करने पर सहमत हुए हैं। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 262.74 अंक बढ़कर 82,643.43 अंक पर पहुंच गया। निफ्टी भी 85.25 अंक चढ़कर 25,324.35 अंक पर कारोबार कर रहा था। मंगलवार को सेंसेक्स 594.95 अंक या 0.73 प्रतिशत बढ़कर 82,380.69 अंक पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 169.90 अंक या 0.68 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,239.10 अंक पर रहा था। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 262.74 अंक बढ़कर 82,643.43 अंक पर पहुंच गया। 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 85.25 अंक चढ़कर 25,324.35 अंक पर कारोबार कर रहा था। सेंसेक्स की कंपनियों में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, अल्ट्राटेक सीमेंट, ट्रेंट, लार्सन एंड टुब्रो, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, एचसीएल टेक, इन्फोसिस और टेक महिंद्रा प्रमुख रूप से लाभ में रहीं। हालांकि अडाणी पोर्ट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा स्टील और इटर्नल के शेयर नुकसान में थे। ALSO READ: Sensex 356 अंक चढ़ा, Nifty 25100 के पार, इन शेयरों में दिखी तेजी एशियाई बाजारों में, जापान का निक्की, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंग सेंग सकारात्मक दायरे में कारोबार कर रहे थे, जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी नुकसान में था। अमेरिकी बाजार मंगलवार को नुकसान के साथ बंद हुए थे। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 0.16 प्रतिशत गिरकर 68.36 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। ALSO READ: Share Bazaar बढ़त में रहा, Sensex 324 अंक उछला, Nifty 25 हजार के करीब पहुंचा विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) मंगलवार को खरीदार रहे। एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, उन्होंने 308.32 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। मंगलवार को सेंसेक्स 594.95 अंक या 0.73 प्रतिशत बढ़कर 82,380.69 अंक पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 169.90 अंक या 0.68 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,239.10 अंक पर रहा था। (इनपुट एजेंसी) Edited By : Chetan Gour
क्या आपको पता है निया शर्मा का असली नाम?
निया शर्मा टीवी सीरियल्स से लेकर रियलिटी शोज तक धमाल मचा रही हैं। एक्ट्रेस अपने बोल्ड और सिजलिंग लुक्स को लेकर अक्सर चर्चा में रहती हैं। निया की सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है। वह अक्सर अपने बोल्ड और सिजलिंग लुक से तहलका मचाती रहती हैं। 17 सितंबर 1990 को दिल्ली में जन्मीं निया शर्मा का असली नाम नेहा है। निया शर्मा एक्ट्रेस नहीं बल्कि जर्नलिस्ट बनना चाहती थीं। उन्होंने मीडिया स्टडीज की डिग्री हासिल की है। निया ने अपने करियर की शुरुआत साल 2010 में काली एक अग्निपरीक्षा शो से की थी। निया को असली पहचान 2011 से 2013 के बीच प्रसारित हुए शो एक हजारों में मेरी बहना है से मिली थी। निया ने अपने करियर में टीवी के साथ ही साथ डिजिटल वर्ल्ड और म्यूजिक वीडियोज में भी काम किया है। निया ब्रिटिश बेस्ड ईस्टर्न आई न्यूजपेपर की ओर से टॉप 50 सेक्सी एशिया वुमन्स की लिस्ट में 2016 में नंबर 3 और 2017 में नंबर 2 पर रह चुकी हैं। निया ने साल 2020 में द टाइम्स मोस्ट डिजायरएबल वुमन ऑन टीवी की लिस्ट में दूसरा नंबर हासिल किया था। निया शर्मा शाकाहारी हैं और उन्हें राजमा चावल बहुत पसंद है। वह स्ट्रीट फूड से दूर रहती हैं।
How to perform Dwadashi Shraddha: श्राद्ध पक्ष में द्वादशी तिथि का श्राद्ध उन पूर्वजों के लिए किया जाता है, जिनका निधन द्वादशी तिथि को हुआ हो। यह श्राद्ध उन लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण है जिन्होंने संन्यास लिया हो। इस दिन श्राद्ध करने से पितरों को मोक्ष मिलता है और उनका आशीर्वाद बना रहता है। ALSO READ: shradh 2025: श्राद्ध कर्म के लिए कुतुप और रोहिण काल का क्यों माना जाता है महत्वपूर्ण, जानें महत्व और सही समय श्राद्ध पक्ष में द्वादशी तिथि का श्राद्ध करना बहुत ही विशेष माना जाता है। इस श्राद्ध को 'संन्यासी श्राद्ध' भी कहते हैं, क्योंकि यह उन पितरों के लिए किया जाता है, जिन्होंने जीवन के अंतिम समय में संन्यास ले लिया था। इसके अलावा, द्वादशी श्राद्ध उन पूर्वजों के लिए भी किया जाता है, जिनकी मृत्यु द्वादशी तिथि को हुई थी। इस साल, श्राद्ध पक्ष में द्वादशी श्राद्ध 18 सितंबर 2025, गुरुवार को किया जाएगा। द्वादशी श्राद्ध 2025: तिथि और कुतुप काल: 2025 द्वादशी श्राद्ध के मुहूर्त द्वादशी तिथि प्रारम्भ- 17 सितंबर 2025 को 11:39 पी एम बजे से, द्वादशी तिथि समाप्त- 18 सितंबर 2025 को 11:24 पी एम बजे तक। श्राद्ध अनुष्ठान समय अपराह्न काल - 01:46 पी एम से 04:12 पी एम अवधि - 02 घण्टे 26 मिनट्स कुतुप मुहूर्त - 12:08 पी एम से 12:57 पी एम अवधि - 00 घण्टे 49 मिनट्स रौहिण मुहूर्त - 12:57 पी एम से 01:46 पी एम अवधि - 00 घण्टे 49 मिनट्स द्वादशी श्राद्ध का महत्व: इस दिन सन्यासी पूर्वजों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को मोक्ष और शांति मिलती है। मान्यता है कि द्वादशी श्राद्ध करने से परिवार में सुख-समृद्धि और लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है। यह श्राद्ध देश में अन्न के भंडार में वृद्धि करता है। विधि-विधान से श्राद्ध करने पर पितृ प्रसन्न होकर वंशजों को हर संकट से बचाते हैं तथा पितरों का आशीर्वाद मिलता है। ALSO READ: ऑनलाइन श्राद्ध धार्मिक रूप से सही या गलत?, जानिए शास्त्रों में क्या है विधान पूजा विधि: पवित्रता: सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और पूजा के स्थान को गंगाजल से पवित्र करें। तर्पण: हाथ में जल, जौ, कुशा और काले तिल लेकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पितरों का तर्पण करें। पिंडदान: चावल, जौ और तिल से बने पिंडों को पितरों को अर्पित करें। भोजन: पितरों के लिए सात्विक भोजन (जैसे खीर, पूरी, सब्जी) बनाएं। ब्राह्मण को भोजन: भोजन का कुछ अंश गाय, कौवे और कुत्तों को देने के बाद, ब्राह्मण को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा दें। सावधानियां: श्राद्ध के दिन किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन (प्याज, लहसुन आदि) न बनाएं और न खाएं। श्राद्ध करने वाले व्यक्ति को पूरे दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस दिन बाल, नाखून या दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए। श्राद्ध के बाद जरूरतमंदों को दान अवश्य करें। अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। ALSO READ: Pitra Paksh 2025:श्राद्ध के लिए क्यों मानी जाती है कुशा अनिवार्य, जानिए पौराणिक महत्त्व
अमृता राव को एम एफ हुसैन से मिला था यह खास गिफ्ट
प्रसिद्ध चित्रकार एमएफ हुसैन ने अमृता राव को अपना संग्रह माना और विवाह की रिलीज के बाद उन्हें लाइव चित्रित किया था। उनकी जयंती के अवसर पर, अभिनेत्री अमृता ने चित्रकार से जुड़ी एक स्मृति को फिर से याद किया था। अमृता राव ने साझा किया था कि उन्हें चित्रकार से एक उपहार मिला है जिसे वह अपना मूल्यवान अधिकार मानती है। उन्होंने अभिनेत्री को अपना पेंटब्रश उपहार में दिया जिसे उन्होंने विशेष रूप से पेरिस से आयात किया और इसे सिग्नेचर वाकिंग स्टिक के रूप में इस्तेमाल किया। एम एफ हुसैन ने अमृता राव को अपना सिग्नेचर ब्रश पेश करते हुए कहा था, 'याद रखें कि दुनिया में सिर्फ 3 लोग ही इसके मालिक हैं।' चित्रकार को याद करते हुए अमृता कहती हैं, मैं जानती हूं की हुसैन साहब अपने 'सेल्फ-पोर्ट्रेट' में बहुत अच्छे थे जो कि बहुत कम लोग ऐसे है। उन्होंने कहा था, इससे पहले कि वह मुझे चित्रित करना शुरू करें, मैंने उनसे कहा कि मैं चाहती हूं कि पेंटिंग का विषय 'द पेंटर एंड हिज म्यूज' हो, यदि आप पेंटिंग देखते हैं, तो पेंटिंग के भीतर एक पेंटिंग है। हर लड़की एक चित्रकार द्वारा चित्रित किए जाने का सपना देखती है, मैं बहुत सम्मानित और धन्य हूं कि मुझे कोई और नहीं बल्कि महान एमएफ हुसैन ने अपने कैनवास पर अमर कर दिया।
भारत सरकार ने अडानी एंटरप्राइजेज की आलोचना वाले 138 यूट्यूब वीडियो और 83 इंस्टाग्राम पोस्ट हटाने का आदेश दिया है। पत्रकारों और क्रिएटर्स ने इसका विरोध जताया है...
सीधी में महिला हेड कांस्टेबल की पति ने पीट-पीटकर की निर्मम हत्या
सीधी। मध्यप्रदेश के सीधी जिले में सोमवार देर रात एक दर्दनाक घटना सामने आई। यहां कमर्जी थाने में पदस्थ महिला हेड कांस्टेबल सविता साकेत की उनके पति ने बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी। यह सनसनीखेज वारदात पुलिस लाइन स्थित शासकीय आवास में घटी, जिससे पूरे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। जानकारी के […] The post सीधी में महिला हेड कांस्टेबल की पति ने पीट-पीटकर की निर्मम हत्या appeared first on Sabguru News .
डीग में उपले के बिटोरा में महिला की जिंदा जलाकर हत्या
भरतपुर। राजस्थान में डीग जिले के खोह थाना क्षेत्र में मंगलवार को काकड़ा गांव में एक महिला की उपले के बिटोरा में जिंदा जलाकर हत्या करने का मामला सामने आया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना की सूचना मिलने पर पुलिस काकड़ा गांव पहुंची तो आक्रोशित ग्रामीणों ने उन पर हमला करके वाहनों को […] The post डीग में उपले के बिटोरा में महिला की जिंदा जलाकर हत्या appeared first on Sabguru News .
हाईकोर्ट ने सांसद हनुमान बेनीवाल के विधायक आवास खाली पर लगाई रोक
जयपुर। राजस्थान उच्च न्यायालय ने सांसद हनुमान बेनीवाल के जयपुर स्थित विधायक आवास खाली कराने के मामले में बड़़ी राहत देते हुए संपदा अधिकारी के यहां चल रही कार्रवाई पर मंगलवार को रोक लगा दी। न्यायाधीश समीर जैन की एकलपीठ ने बेनीवाल की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार, संपदा अधिकारी को नोटिस जारी […] The post हाईकोर्ट ने सांसद हनुमान बेनीवाल के विधायक आवास खाली पर लगाई रोक appeared first on Sabguru News .
Sagar News सुरखी में खिलेगा मध्यप्रदेश का पहला ‘नमो फ्रूट फॉरेस्ट’
सागर: जिले की सुरखी विधानसभा (Surkhi Vidhan Sabha) में मध्यप्रदेश का पहला नमो फ्रूट वन (Namo Fruit Forest) आकार ले रहा है। बरौदा गांव की 70 एकड़ भूमि पर विकसित किए जा रहे इस उद्यान का निरीक्षण मंगलवार को खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने किया। खास बात यह रही ... Read more
अजमेर दरगाह के आस्ताना शरीफ में सीसीटीवी कैमरे लगाने के प्रस्ताव का विरोध
अजमेर। राजस्थान में अजमेर के महान सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह के आस्ताना शरीफ में प्रस्तावित सीसीटीवी कैमरे लगाने का विरोध शुरु हो गया है। दरगाह सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि दरगाह की सुरक्षा सहित भीड़ नियंत्रण और अन्य इंतजामों को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दरगाह […] The post अजमेर दरगाह के आस्ताना शरीफ में सीसीटीवी कैमरे लगाने के प्रस्ताव का विरोध appeared first on Sabguru News .
आईआरसीटीसी के टूर पैकेज में शामिल हुआ कोटा
कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से राजस्थान में कोटा पर्यटन के मानचित्र पर नई पहचान बना रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि पहली बार भारतीय रेलवे कैटरिंग एंड टूरिजम कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) ने अपने विशेष पर्यटन पैकेज में कोटा को शामिल किया है। चार अक्टूबर से माता वैष्णोदेवी संग उत्तर भारत […] The post आईआरसीटीसी के टूर पैकेज में शामिल हुआ कोटा appeared first on Sabguru News .
भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रुकवाने के ट्रम्प के दावे को पाकिस्तान ने किया खारिज
नई दिल्ली। पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इशाक डार ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रुकवाने में मध्यस्थता करने के अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे को खारिज किया है। डार ने मंगलवार को कतर में अल-जज़ीरा को दिए साक्षात्कार में पहली बार स्वीकार किया कि भारत […] The post भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रुकवाने के ट्रम्प के दावे को पाकिस्तान ने किया खारिज appeared first on Sabguru News .
ईरान के शीर्ष मानवाधिकार अधिकारी ने अवैध प्रतिबंधों के प्रभावों से निपटने पर जोर दिया
The Iranian delegation at the 60th session of the UN Human Rights Council in Geneva meets the UN Special Rapporteur, Alena Douhan, September 16, 2025.
चित्तौड़गढ़ में मोटर साइकिल पर ट्रेलर गिरने से दो युवकों की मौत
चित्तौड़गढ़। राजस्थान में चित्तौड़गढ़ जिले के भदेसर थाना क्षेत्र में मंगलवार को अनियंत्रित ट्रेलर के चलती मोटर साइकिल पर गिरने से दो युवकों की मौत हो गई। पुलिस सूत्रों ने बताया कि चित्तौड़गढ़ निवासी कपिल मेनारिया एवं अक्षत सोनी सुबह भादसोड़ा स्थित श्री सांवलियाजी प्राकट्य स्थल मंदिर के दर्शन करके चित्तौड़गढ़ मोटर साइकिल से लौट […] The post चित्तौड़गढ़ में मोटर साइकिल पर ट्रेलर गिरने से दो युवकों की मौत appeared first on Sabguru News .
राजसमंद जिले में जातीय वैमनस्य फैलाने के आरोप में एक अध्यापक निलंबित
राजसमंद। राजस्थान में शिक्षा विभाग ने राजसमंद में आमेट पंचायत समिति की राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय धुकल सिंहजी का खेड़ा के अध्यापक कैलाश चंद सामोता को जातीय वैमनस्य फैलाने एवं उच्च अधिकारियों पर झूठे गंभीर आरोप लगाने के आरोप में निलंबित कर दिया हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय प्राथमिक शिक्षा) ने […] The post राजसमंद जिले में जातीय वैमनस्य फैलाने के आरोप में एक अध्यापक निलंबित appeared first on Sabguru News .
कांग्रेस ने बदले की भावना से निर्दोष लोगों पर कराए झूठे राजद्रोह के मुकदमें : गजेन्द्र सिंह शेखावत
जोधपुर। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस पर एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने अपनी आंतरिक कलह और हार के बदले की भावना से निर्दोष लोगों पर झूठे राष्ट्रद्रोह के मुकदमे दर्ज कराए। शेखावत मंगलवार को सर्किट हाउस में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) सुधारों की […] The post कांग्रेस ने बदले की भावना से निर्दोष लोगों पर कराए झूठे राजद्रोह के मुकदमें : गजेन्द्र सिंह शेखावत appeared first on Sabguru News .
कॉलेज शिक्षा विकास की अभिनव पहल के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन
अजमेर। सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के सेमिनार हॉल में मंगलवार को महाविद्यालय के प्रतिनिधि मण्डल ने राजस्थान उच्च शिक्षा विभाग के तत्वावधान में आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सहभागिता की। अतिरिक्त मुख्य सचिव कुलदीप रांका, आयुक्त कॉलेज शिक्षा ओपी बैरवा के साथ संयुक्त निदेशक एवं सहायक निदेशकों के साथ संवाद स्थापित किया। इस वीडियो […] The post कॉलेज शिक्षा विकास की अभिनव पहल के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का आयोजन appeared first on Sabguru News .
Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (17 सितंबर, 2025)
मेष (Aries) Today Horoscope Rashifal 17 September 2025 : करियर: कार्यक्षेत्र में आपकी मेहनत रंग लाएगी, कार्यस्थल पर पहचान बनेगी। मित्रों से सहयोग मिलेगा। लव: प्रेम संबंधों में पारदर्शिता बढ़ेगी। धन: कारोबार और नौकरी में अचानक धनलाभ के संकेत। स्वास्थ्य: सेहत में एनर्जी अच्छी बनी रहेगी। उपाय: तांबे के पात्र में सूर्य नारायण को जल चढ़ाएं। ALSO READ: Indira Ekadashi 2025:यमलोक से जुड़ी है इंदिरा एकादशी की कथा, जानें राजा इंद्रसेन की कहानी वृषभ (Taurus) करियर: कार्यक्षेत्र में सहयोगियों से सहायता मिलेगी। पदोन्नति के योग बनेंगे। लव: प्रेम संबंधों में स्थिरता बनी रहेगी। अविवाहितों के लिए नए संपर्क संभव। धन: धन के निवेश में सोच-समझकर निर्णय लें। स्वास्थ्य: गले या पैर से संबंधित दिक्कतें होंगी। उपाय: आज सफेद वस्त्र धारण करें। मिथुन (Gemini) करियर: नौकरी में प्रमोशन या प्रोजेक्ट में सफलता के योग। लव: पुराने मित्र से मुलाकात हो सकती है। लव संबंधों में सुधार होगा। धन: कारोबार में आय के नए स्रोत बनेंगे। नौकरी में वेतनमान बढ़ेगा। स्वास्थ्य: पेट संबंधी समस्या हो सकती है। खान-पान का ध्यान रखें। उपाय: गाय को हरी घास खिलाएं। कर्क (Cancer) करियर: कार्यस्थल पर सतर्क रहना आवश्यक, किसी की आलोचना करने से बचें। लव: प्रेमी साथी के साथ मतभेद संभव। उग्र स्वभाव से विवाद हो सकते हैं। धन: खर्च में बढ़ोतरी हो सकती है। कार्यभार अधिक लग सकता है। स्वास्थ्य: मानसिक तनाव से बचें। अधिक मेहनत से तनाव बढ़ सकता है। उपाय: शिवलिंग पर दूध अर्पित करके शिव मंत्रों का जाप करें। सिंह (Leo) करियर: नौकरी में अच्छी नेतृत्व क्षमता से फायदा होगा। वेतन में बढ़ोतरी होगी। लव: किसी से नया जुड़ाव हो सकता है। प्रेम संबंध बनेंगे। धन: कारोबार की आय में वृद्धि होगी। नौकरीपेशा को लाभ होगा। स्वास्थ्य: अधिक कार्य से आंखों में थकान हो सकती है। सेहत का ध्यान रखें। उपाय: सूर्य को जल अर्पित करें। ALSO READ: Shraddha Paksha 2025: एकादशी का श्राद्ध कब है, क्या करते हैं इस दिन? कन्या (Virgo) करियर: आज इंटरव्यू या एग्ज़ाम में सफलता मिलेगी। सार्वजनिक जीवन में प्रशंसा संभव। लव: रिश्तों में समझदारी बढ़ेगी। रोमांस और सौहार्द बनेगा। धन: निवेश से लाभ संभव। रुका हुआ पैसा लौट सकता है। स्वास्थ्य: नींद की कमी रह सकती है। थकान महसूस करेंगे। उपाय: तुलसी के पौधे की सेवा करें। तुला (Libra) करियर: कार्यस्थल पर निर्णय लेने में सावधानी रखें। विचारों को स्पष्ट रखें। लव: परिवार में सामंजस्य बना रहेगा। प्रिय मित्र-कुटुंब के साथ समय सुखद रहेगा। धन: घर-बाहर के खर्चों पर नियंत्रण रखें। धन पाने में कठिनाई महसूस होगी। स्वास्थ्य: त्वचा या पित्त रोग से परेशानी संभव। खान-पीन का ध्यान रखें। उपाय: मां दुर्गा को लाल फूल चढ़ाएं। वृश्चिक (Scorpio) करियर: कार्यस्थल पर पदोन्नति के संकेत मिल सकते हैं। वेतनमान बढ़ेगा। लव: प्रेमियों के बीच के पुराने झगड़े सुलझ सकते हैं। धन: कारोबार से अच्छी आमदनी के योग हैं। निवेश करेंगे। स्वास्थ्य: माता या पिता को जोड़ों में दर्द की आशंका रहेगी। उपाय: शिव चालीसा का पाठ करें। धनु: (Sagittarius) करियर: आज भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। सृजनात्मक कामों में मानसिक प्रेरणा का उपयोग करेंगे। लव: प्रेमी साथी से सरप्राइज मिल सकता है। समय ठीक रहेगा। धन: कारोबार बढ़ने से आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। स्वास्थ्य: मानसिक रूप से प्रसन्नता बनी रहेगी। सेहत अच्छी बनी रहेगी। उपाय: केले के पौधे की पूजा करें। मकर (Capricorn) करियर: नई जॉब या प्रमोशन का योग। नौकरी में सुखद समय। लव: प्रेम जीवन में थोड़ी दूरी महसूस हो सकती है। धन: आज धन लेने या उधारी देने से बचें। स्वास्थ्य: आज आपको कमर में दर्द हो सकता है। आराम हेतु समय निकालें उपाय: शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं। कुम्भ (Aquarius) करियर: मान-सम्मान में वृद्धि। नौकरी में नवीन अवसर मिलेंगे। लव: लव लाइफ में नयापन आएगा। प्रेमी के साथ सुखद समय व्यतीत करेंगे। धन: धन निवेश से लाभ होगा। कारोबार हेतु समय बहुत अच्छा रहेगा। स्वास्थ्य: शारीरिक थकान से दूर रहें। तनाव बढ़ेगा। उपाय: आज काली चीज़ों का दान करें। मीन (Pisces) करियर: नौकरी में सकारात्मक अवसर मिल सकते हैं। पद प्राप्ति होगी, लाभ होगा। लव: प्रेमी से दिल की बात कहने का समय है। संकोच न करें। धन: धन के मामले में अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। स्वास्थ्य: एलर्जी या सर्दी-जुकाम हो सकता है। उपाय: आज पीले वस्त्र धारर करके केले का दान करें। ALSO READ: Sarvapitri amavasya 2025: सर्वपितृ अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण, क्या होगा भारत पर इसका असर?
देश दुनिया की लाइव खबरें 17 सितंबर 2025 | दिन भर की खबरें
Aaj Tak Live 17 सितंबर 2025 की देश दुनिया की आज तक लाइव खबरें यहां पढ़ें। यहां भारत की राजनीति, अर्थव्यवस्था, खेल, विज्ञान-तकनीक, मौसम अपडेट और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से जुड़ी हर ताज़ा व बड़ी खबर तुरंत पाएँ। इस पेज पर दिन भर की खबरें अपडेट होंगीं..
भारत में शादी को एक पवित्र बंधन माना जाता है, अग्नि को साक्षी मानकर दो लोग एक दूसरे के साथ 7 जन्म बिताने की कस्में खाते हैं लेकिन इसी भारत में कम से कम 30 लाख लोग शादीशुदा होने के बावजूद बेवफाई या एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के लिए बने ऐप का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के लिए ऐप कैसे बन सकता है, ये काम कैसे करता है, इतने लोग इसे इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं, क्या इसमें किसी तरह का खतरा नहीं है, पूरी जानकारी के लिए ऊपर दी गई इमेज पर क्लिक कर देखें वीडियो....
गुजरात के वडनगर का काला वासुदेव चौक। खपरैल की छत वाला छोटा सा घर। ये घर था चाय की रेहड़ी चलाने वाले दामोदरदास और हीराबा का। 17 सितंबर 1950 यानी आज ही के दिन 75 साल पहले यहां नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ। दामोदरदास, हीराबा, उनके पांच बेटे और एक बेटी। एक कमरे में कुल आठ लोगों का परिवार रहता था। तेज बारिश में छत जगह-जगह टपकने लगती। हीराबा रिस रहे पानी के नीचे बर्तन लगाती जातीं। नरेंद्र अपनी मां को परेशान देख उनकी मदद को दौड़ पड़ते। दामोदरदास की चाय की दुकान रेलवे स्टेशन के बाहर थी। नरेंद्र अक्सर वहां भी पिता का हाथ बंटाते। इतनी सी आमदनी में परिवार का गुजारा संभव नहीं था, इसलिए हीराबा आस-पास के घरों में बर्तन धोतीं, मजदूरी करतीं। इसे याद कर नरेंद्र मोदी अक्सर भावुक हो जाते हैं। 28 सितंबर 2015 को अमेरिकी दौरे पर गए मोदी ने फेसबुक टाउनहॉल में बताया… नरेंद्र मोदी की शुरुआती पढ़ाई वडनगर की कुमारशाला-1 में हुई। 8 साल की उम्र में वे RSS की शाखाओं में जाने लगे। साल 1958, दीवाली का दिन था। 'वकील साहब' के नाम से मशहूर RSS प्रचारक लक्ष्मणराव ईनामदार वडनगर पहुंचे। वहां बाल स्वयंसेवकों को संबोधित किया और शपथ दिलाई। इनमें 8 साल के नरेंद्र मोदी भी थे। यहीं से नरेंद्र के मन में हिंदू राष्ट्रवाद की विचारधारा के बीज पड़े। उम्र बढ़ने के साथ नरेंद्र का मन घर के दायरे से बाहर जाने लगा। उन्होंने अपना उपनाम ‘अनिकेत’ रख लिया यानी जिसका कोई घर नहीं। उनके समाज की परंपरा में शादी तीन चरण में होती थी। 3-4 साल की उम्र में सगाई, 13 की उम्र में शादी और 18-20 की उम्र में गौना। 13 साल के नरेंद्र की शादी भी ब्राह्मणवाड़ा गांव की जशोदाबेन के साथ कर दी गई। गौना होना बाकी था। एक दिन नरेंद्र ने कहा, 'मां! मेरा मन करता है कि बाहर जाकर देखूं, दुनिया क्या है। मुझे स्वामी विवेकानंद जी की राह पर चलना है।' पास बैठे पिता बेटे के मन में उभर रहे वैराग्य से परेशान हो गए, लेकिन हीराबा बेटे का मन पहले से भांप गई थीं। उन्होंने पिता को जन्मपत्री देकर कहा- ज्योतिषी को इसकी जन्मपत्री दिखाओ!' ज्योतिषी ने बताया- 'इसकी तो राह ही अलग है, ईश्वर ने जहां तय किया है, ये वहीं जाएगा!' इस तरह पिता भी माने। नरेंद्र मोदी ने इस अनुभव को याद करते हुए अपने ब्लॉग में लिखा… घर छोड़कर नरेंद्र पहले रामकृष्ण मिशन के बेलूर मठ गए। इसके बाद दिल्ली, राजस्थान, पूर्वोत्तर और फिर हिमालय। सबसे ज्यादा समय उन्होंने गरुड़चट्टी में बिताया। करीब 2 साल बाद मोदी वापस वडनगर लौटे, लेकिन महज 17 दिनों में फिर घर छोड़ दिया। संघ प्रचारक वकील साहब ने अहमदाबाद के ‘डॉ. हेडगेवार भवन’ में मोदी के रहने का इंतजाम कर दिया। यहां वे संघ के स्वयंसेवक, फिर शाखाओं के प्रभारी और फिर प्रचारक बन गए। 15 वर्षों तक मोदी ने देश भर में संगठन के विस्तार के लिए जी-तोड़ काम किया। 1985 में सक्रिय राजनीति में आए और जल्द ही BJP की राष्ट्रीय चुनाव समिति के सदस्य बन गए। उनके माइक्रो-मैनेजमेंट की बदौलत 1989 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने गुजरात की 14 में से 11 सीटें जीतीं। साल 1990। लालकृष्ण आडवाणी ने राम रथयात्रा निकाली। नरेंद्र मोदी ने सोमनाथ से मुंबई तक इसका बेहद सफल समन्वय किया और राष्ट्रीय नेताओं के करीब आए। जब 2 साल बाद मुरली मनोहर जोशी ने लाल चौक पर तिरंगा फहराने के लिए एकता यात्रा निकाली तो उसमें नरेंद्र मोदी दूसरे नंबर के नेता थे। 24 जनवरी 1992 को एकता यात्रा के दौरान जम्मू में दिया उनका भाषण खूब चर्चित हुआ। पंजाब के फगवाड़ा में एकता यात्रा पर अटैक हुआ। गोलियां चलीं। कई लोग मारे गए। नरेंद्र मोदी जानते थे, मां ये सुनकर परेशान होगी। लाल चौक पर तिरंगा फहराने के बाद जम्मू लौटे नरेंद्र मोदी ने पहला फोन अपनी मां को किया। जनवरी 2025 को निखिल कामत के पॉडकास्ट में मोदी ने बताया… अहमदाबाद लौटने पर मोदी के सम्मान में एक कार्यक्रम रखा गया। यहां पहली बार मां हीराबा सार्वजनिक मंच पर मोदी की सराहना के लिए सामने आईं। गुजरात बीजेपी तब दो खेमों में बंटी थी- शंकर सिंह वाघेला और केशुभाई पटेल। केशुभाई को मोदी अपना राजनीतिक गुरु मानते थे। 1995 में दोनों खेमों में खींचतान मची। पार्टी आलाकमान ने मोदी को दिल्ली बुला लिया और राष्ट्रीय सचिव बनाया। अगले कुछ साल तक नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में रहकर काम किया। 1 अक्टूबर 2001, नरेंद्र मोदी एक टीवी पत्रकार के दाह संस्कार में गए थे। तभी तब के पीएम अटल बिहारी का बुलावा आ गया। मोदी पीएम आवास पहुंचे, तो अटल ने कहा, 'दिल्ली में पंजाबी खाना खाकर तुम काफी मोटे हो गए हो। फिर से गुजरात लौट जाओ।' एक इंटरव्यू में मोदी बताते हैं कि मुझे तब तक ये अंदाजा नहीं था कि अटल जी मुझे गुजरात का मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। हालांकि मोदी आदेश टाल नहीं सके और अगली सुबह दिल्ली से अहमदाबाद की फ्लाइट पकड़ी। एयरपोर्ट से सीधे मां के पास गए। मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा… ‘खुशी से भरी हुई मां का पहला सवाल यही था कि क्या तुम अब यहीं रहा करोगे? मां मेरा उत्तर जानती थीं।’ 7 अक्टूबर 2001। नरेंद्र मोदी ने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। हीराबा दूसरी बार सार्वजनिक मंच पर बेटे को आशीर्वाद देने पहुंचीं। मोदी को मुख्यमंत्री बने सालभर भी नहीं हुआ था कि 2002 में गुजरात में दंगे हो गए। सरकार पर दंगे प्रायोजित करने के आरोप लगे। तब मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा- 'क्रिया और प्रतिक्रिया की चेन चल रही है। हम चाहते हैं कि न क्रिया हो न प्रतिक्रिया।' गुजरात दंगों पर नरेंद्र मोदी को पहले मजिस्टीरियल कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई। इन आरोपों पर वो कभी डिफेंसिव भी नजर नहीं आए। मोदी की 'हिंदू हृदय सम्राट' की छवि के साथ जुड़ा आर्थिक तरक्की का ‘गुजरात मॉडल’ और बीजेपी ने 2014 लोकसभा चुनाव से पहले मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बना दिया। मोदी युग से पहले 1999 में बीजेपी अधिकतम 182 सीटें जीत सकी थी, लेकिन 2014 चुनाव में पहली बार 282 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत हासिल किया। नरेंद्र मोदी बने भारत के 16वें प्रधानमंत्री। पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी संसद पहुंचे, तो सीढ़ियों को माथे से लगाया। उस पल को याद करते हुए पीएम मोदी कहते हैं… मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद हीराबा प्रधानमंत्री आवास आईं। वो तस्वीरें मोदी और हीराबा के लिए बेशक महत्वपूर्ण थीं, लेकिन भारतीय लोकतंत्र के लिए उससे भी ज्यादा। दूसरे के घरों में बर्तन धोने वाली एक महिला का बेटा दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का प्रधानमंत्री बन गया था। इलेक्टोरल पॉलिटिक्स में आने के बाद से नरेंद्र मोदी ने अब तक कुल 7 चुनाव लड़े हैं। सभी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री रहते हुए लड़े और सभी चुनावों में एकतरफा जीत हासिल की है। 2019 और 2024 चुनाव जीतकर मोदी सबसे ज्यादा समय तक पद पर रहने वाले देश के दूसरे प्रधानमंत्री बन गए हैं। उनसे आगे अब सिर्फ नेहरू हैं। 30 दिसंबर 2022 को हीराबा का 100 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। 75 वर्ष के हो चले नरेंद्र मोदी का मां के बगैर आज तीसरा जन्मदिन है। उनके सक्रिय राजनीतिक जीवन का सिलसिला अनवरत जारी है। ********नरेंद्र मोदी से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... मंडे मेगा स्टोरी- हमेशा CM/PM रहते चुनाव लड़े मोदी:10 महीने में छोड़ दी थी पहली सीट, नरेंद्र मोदी की इलेक्टोरल जर्नी मैं पहली बार गुजरात के CM के चैम्बर में तब गया था, जब मैं मुख्यमंत्री बना। मैं गुजरात की विधानसभा में भी पहली बार तब गया जब मैं मुख्यमंत्री बना। मैं यहां (लोकसभा) भी पहली बार ही आया हूं।’ 20 मई 2014 को संसद के केंद्रीय कक्ष में जब BJP के संसदीय दल की बैठक में प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम पर मुहर लग गई, तब उन्होंने अपने संबोधन में ये बात कही। PM मोदी की 24 साल की इलेक्टोरल जर्नी में उन्होंने सभी चुनाव बतौर CM या PM ही लड़े हैं। पढ़िए पूरी खबर...
‘8 सितंबर को प्रदर्शन से ठीक पहले हमारी पार्टी की मीटिंग हुई थी। इसमें बात हुई थी कि बच्चों का आंदोलन खड़ा हो रहा है। अगर उसमें हिंसा होगी, तो लोगों की भावनाएं भड़क जाएंगी। हमें इसकी आशंका थी। मैंने पार्टी के अंदर जनता के असंतोष का मुद्दा उठाया था। कहा था कि अगर हमारे पास बहुमत नहीं है, तो विपक्ष में बैठना चाहिए।’ ये दावा नेपाल के पूर्व विदेश मंत्री एनपी साउद का है। साउद देश की सबसे पुरानी और संसद में सबसे बड़ी पार्टी रही नेपाली कांग्रेस के नेता हैं। नेपाली कांग्रेस की सहमति से ही कम्युनिस्ट पार्टी के केपी ओली जुलाई 2024 में नेपाल के प्रधानमंत्री बने थे। जेनजी प्रोटेस्ट की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। दैनिक भास्कर ने केपी शर्मा ओली की सरकार गिराने वाले प्रोटेस्ट में हुई हिंसा, नेताओं के लिए गुस्से, अंतरिम सरकार की चुनौतियों, भारत-चीन से रिश्तों और पॉलिटिकल पार्टियों के भविष्य पर एनपी साउद से बात की। पढ़िए पूरा इंटरव्यू… सवाल: नेपाल में हुए बदलाव को कैसे देखते हैं, जिस तरह हिंसा हुई, सरकार गिरी, क्या इसका अंदेशा था?जवाब: आंदोलन में हुई हिंसा दुखद है। बच्चों की भ्रष्टाचार को लेकर शिकायतें थीं, वे बदलाव चाहते थे। अगर हम उनकी मांगें ठीक से सुनते, तो ये नहीं होता। इतने कम वक्त में जो गुस्सा बाहर आया, ये राजनीतिक दल खड़ा नहीं कर सकते। बच्चों को महसूस हो रहा था कि पढ़ने से लेकर काम करने तक, हमें बाहर जाना पड़ रहा है। नेपाल में आय की असमानता ज्यादा है। उन्हें लगा कि कुछ लोगों के पास बहुत ज्यादा संसाधन हैं और हम लोग पिछड़े हुए हैं। देश आगे नहीं बढ़ रहा है। चीन और भारत बहुत आगे चले गए। राजनीतिक नेताओं का सिंडिकेट सा बना हुआ है। हमारा शासन आम लोगों तक नहीं पहुंचा और इसी वजह से बदलाव की मांग उठी। सवाल: जेनजी प्रोटेस्ट खुद से किया आंदोलन था या दूसरे देश और नेपाल के असामाजिक तत्व इसमें शामिल थे?जवाब: प्रदर्शन के जरिए युवाओं ने आम लोगों की नाराजगी जाहिर करने की कोशिश की। इसमें कई सारे अलग-अलग हितों के लोग शामिल होने की वजह से ये हिंसक हो गया। जहां तक दूसरे देशों के दखल की बात है, तो किसी भी देश की राजनीति अब स्थानीय नहीं रही। किसी भी एक देश को चिह्नित नहीं किया जा सकता। ये साफ है कि आंदोलन में जेनजी से बाहर के लोग शामिल हो गए। बाहर के लोग हिंसा और उत्पात मचाने के मकसद से शामिल हुए। नेपाल की सांस्कृतिक महत्व की जगहों को बर्बाद कर दिया गया। सिंह दरबार को जलाने में जेनजी की क्या दिलचस्पी होगी। सवाल: आपको लगता है कि आर्मी का सरकार में दखल बढ़ेगा?जवाब: नेपाल की आर्मी प्रोफेशनल फोर्स है। ऐसा समय नेपाल के इतिहास में कई बार आया है। तब भी आर्मी ने राजा को सुझाव दिया था कि बातचीत से रास्ता निकाला जाए। आर्मी ने माओवादी हिंसा के वक्त भी प्रोफेशनल रोल निभाया। मुझे नहीं लगता कि आर्मी का इसमें कोई राजनीतिक हित है। बस 9 सितंबर को हिंसा हुई, तब आर्मी को थोड़ा पहले आगे आकर देश को बचाना चाहिए था। रात 10 बजे तक जो तहस-नहस होता रहा, उसे रोका जा सकता था। सवाल: नेपाल की सारी पार्टियां आपस में मिलकर सरकार बनाती रही हैं। वे क्या नहीं कर पाईं, जिसकी वजह से जेनजी में गुस्सा पनपा?जवाब: नेपाल में संसदीय व्यवस्था से चुनाव होते हैं। अलग-अलग पार्टियों के सांसद चुनकर आते हैं। ऐसे में किसी एक पार्टी को बहुमत नहीं मिलेगा, तो गठबंधन बनेंगे। इसलिए सत्ता के लिए राजनीतिक दल आपस में समझौता करते हैं और उसी के इर्द-गिर्द चक्कर लगाते हैं। सवाल: ये भारत में भी होता है, लेकिन ये कभी नहीं हो सकता कि BJP और कांग्रेस मिलकर सरकार बना लें। नेपाल में तो दो सबसे बड़े विरोधी दल सरकार बना लेते हैं, ऐसे में विपक्ष की जगह ही नहीं बचती?जवाब: आपकी ये बात ठीक है। हमारी पार्टी के भीतर भी ये मुद्दा उठा था कि अगर दो विरोधी दल एक जगह आ जाएंगे और उनका प्रदर्शन कमजोर होगा तो असंतुष्टि जाहिर करने के लिए सड़क के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा। छोटी-छोटी पार्टियां विपक्ष में थीं। इसकी वजह से विपक्ष की मजबूत आवाज नहीं दिख रही थी। इसलिए लोगों ने संसद के प्रति अपनी उम्मीद ही छोड़ दी। लोगों ने सड़क से सरकार बदल दी। मैंने पार्टी के अंदर जनता के असंतोष का मुद्दा उठाया था। कहा था कि अगर हमारे पास बहुमत नहीं है, तो विपक्ष में बैठना चाहिए। यहां हर पार्टी सत्ता में आना चाहती है। कई बार नेपाल में तीसरे नंबर की पार्टी का नेता प्रधानमंत्री बन जाता है। नेपाल में पहले नंबर की पार्टी तो प्रधानमंत्री बना ही नहीं पाती। सवाल: क्या सुशील कार्की का अंतरिम प्रधानमंत्री चुना जाना सही है, उनके सामने क्या चुनौतियां होंगी?जवाब: सुशीला जी चीफ जस्टिस रह चुकी हैं। हमारे यहां पहले भी चीफ जस्टिस को प्रधानमंत्री बनाया जा चुका है, लेकिन ये पार्टियों की सहमति से हुआ था। इस बार राष्ट्रपति ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करके अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया है। अच्छी बात ये है कि उनकी नियुक्ति के बाद हिंसा थमनी चाहिए। हालात ठीक करना सबसे बड़ी चुनौती होगी। सवाल: अंतरिम सरकार को 6 महीने में चुनाव कराना है। जेनजी ने संविधान में भी बदलाव की मांग की है। फिर नेपाल की पुरानी पार्टियों का क्या होगा?जवाब: पुरानी पार्टियां अब संभलने की कोशिश कर रही हैं। हमारे लिए ये सदमे की तरह हो गया है। दो दिन में दो तिहाई बहुमत की सरकार चली गई। लोगों में डर और आक्रोश दोनों है। हमें पार्टियों को फिर से एकजुट करने की कोशिश करनी होगी। संविधान के तहत अगर चुनाव करवाते हैं, तो पार्टियां इसे पॉजिटिव तरीके से लेंगी। सत्ता का हस्तांतरण लोकतांत्रिक तरीके से होना चाहिए। सवाल: 8 सितंबर के प्रोटेस्ट में 20 छात्रों की मौत हुई, तो क्या आपको लग रहा था कि दूसरे दिन ऐसा कुछ होगा कि संसद, सिंह दरबार, सुप्रीम कोर्ट सब जला दिया जाएगा?जवाब: 8 सितंबर को प्रदर्शन से ठीक पहले हमारी पार्टी की मीटिंग हुई थी। हमने चर्चा की थी कि ये बच्चों का आंदोलन खड़ा हो रहा है। अगर वहां हिंसा होगी, तो लोगों की भावनाएं भड़क उठेंगी। हमें इसी की आशंका थी। मैं उस दिन काठमांडू से दूर चितवन चला गया। हमें वहीं इस बारे में पता चला। इसके बाद से हमारी पार्टी में लगातार चर्चा चल रही है। सवाल: पूरे प्रोटेस्ट में सबसे ज्यादा चर्चा में काठमांडू के मेयर बालेन शाह का नाम रहा। ये भी कहा जा रहा है कि सुशीला कार्की सिर्फ चेहरा हैं, असली सत्ता बालेन शाह के पास है। क्या आप भी ये मानते हैं?जवाब: बालेन शाह युवा हैं। वे काठमांडू के युवाओं में पॉपुलर हैं। वे सोशल मीडिया पर ही एक्टिव हैं। उनका कोई संगठन नहीं है। उनके सिर्फ सोशल मीडिया फॉलोअर्स हैं। जेनजी आंदोलन खड़ा करने में उन्होंने भूमिका निभाई है। बैकग्राउंड से राजनीति चलाना प्रजातंत्र के लिए ठीक नहीं। जवाबदेह व्यक्ति शासन करे, तो बेहतर रहेगा। सवाल: नेपाली कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है। पार्टी की जब सरकार बनी, नेपाल और भारत के रिश्ते मजबूत हुए। अब नेपाली कांग्रेस का भविष्य क्या होगा, क्या सेकेंड लीडरशिप नेतृत्व संभालेगी?जवाब: नेपाली कांग्रेस के संविधान के मुताबिक कोई भी दो बार से ज्यादा अध्यक्ष नहीं बन सकता। शेर बहादुर देउबा दो बार अध्यक्ष बन चुके थे। अब नए चेहरे को कमान संभालनी ही थी। अब नई पीढ़ी के नेता आगे आएंगे। जेनजी को भी अलग-अलग स्तर पर शामिल करना चाहिए। उनके आंदोलन से सीखने की जरूरत है। हम अभी अपनी पार्टी को एकजुट करना चाहते हैं। सवाल: केपी शर्मा ओली का झुकाव चीन की तरफ ज्यादा था, भारत से दूरियां बढ़ रही थीं। क्या ये बात सही है?जवाब: नेपाल की विदेश नीति गुट निरपेक्षता पर आधारित रही है। ये संविधान में लिखा हुआ है। नेपाल को रणनीतिक रूप से अहम साझेदारों के साथ रिश्ते बनाकर रखना चाहिए था। नेपाल को अपना बेस और ग्राउंड नहीं छोड़ना चाहिए था। हमारा अनुभव है कि हमें दो बड़े राष्ट्रों के साथ अच्छे संबंध रखकर आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए। विदेश नीति में असंतुलन दिखा और इसके गंभीर नतीजे दिखे हैं। सवाल: आप विदेश मंत्री रहे हैं, अंतरिम सरकार को विदेश नीति पर क्या सलाह देंगे?जवाब: हमारे पास विदेश नीति पर बड़ा अनुभव है। हमें गुट निरपेक्षता के साथ ही आगे बढ़ना है। हमारे उत्तर में चीन हैं, हम वन चाइना पॉलिसी को मानते हैं। हम चीन जैसी बड़ी ताकत को नाराज नहीं कर सकते। दक्षिण में हमारे कामकाज काफी ज्यादा हैं। हम दो-तिहाई कारोबार भारत के साथ करते हैं। भारत के साथ हमारे संबंध ज्यादा हैं। भविष्य की संभावना के नजरिए से हम भारत को ऊर्जा निर्यात कर सकते हैं। हम भारत के साथ बेहतर और आपसी हित पर आधारित संबंध बनाएं। भारत को भी नुकसान न हो और हमें भी नुकसान न हो। सवाल: आप अंतरिम सरकार को क्या सलाह देंगे, भारत और चीन से बराबरी के संबंध रखें या भारत की तरफ ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है?जवाब: मैं बराबरी शब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहता। मैं संतुलन की बात करता हूं। धरती भी बराबर नहीं झुकी है, वो भी 66 डिग्री पर खड़ी है। हमारी विदेश नीति राष्ट्रीय सुरक्षा, कारोबार, विकास पर आधारित होनी चाहिए। इस पर संतुलन बनाने की जरूरत है। सवाल: भारत किस तरह से विदेश नीति के मोर्चे पर नेपाल की मदद कर सकता है?जवाब: एक साल पहले मैं विदेश मंत्री था, तो पुष्प कमल दहल प्रचंड जी के साथ दिल्ली गया था। PM मोदी साहब के साथ बात हुई। उन्होंने कहा था कि हम नेपाल के साथ अच्छे संबंध बनाना चाहते हैं। हम बॉर्डर के मसले भी बातचीत के जरिए हल करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश के साथ सीमा के मुद्दों पर समाधान हुआ। उसी तरह से बातचीत से भी हम इसको हल करेंगे। हम सरकार में थे, तो हमने साफ तौर पर तय किया था कि हम नेपाल और भारत के संबंधों को लोकल पॉलिटिक्स का हिस्सा नहीं बनाएंगे। हम भारत के साथ रिश्तों का इस्तेमाल राष्ट्रीय हित के लिए करना चाहते हैं। सवाल: आपको क्या लगता है कि अंतरिम सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर क्या होना चाहिए और सबसे बड़ी चुनौतियां क्या हैं?जवाब: अंतरिम सरकार को आगाह करना चाहता हूं कि संविधान और प्रजातंत्र की धरोहर को बचाना चाहिए। सरकार बनती हैं, बिखरती हैं, बदलाव होता रहता है, लेकिन संविधान को मत छोड़िए। आप संविधान के रास्ते ही चुनाव में जाइए। सरकार को सभी पार्टियों को भरोसे में लेना चाहिए। ..................... नेपाल से ये ग्राउंड रिपोर्ट भी पढ़िए... 1. GenZ लीडर बोले- 2 साल से आंदोलन की तैयारी थी 26 साल के अर्जुन शाही और 27 साल के टंका धामी का जेनजी रेवोल्यूशन नेपाल नाम का संगठन है। ये संगठन सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट का हिस्सा रहा। दोनों कहते हैं, ‘ये कोई दो चार दिन का आंदोलन नहीं था। हमने कई महीनों की प्लानिंग और रिसर्च के बाद इसे खड़ा किया। हम पिछले दो साल से लगातार मेहनत कर रहे थे और एक-एक कर युवाओं को जुटाया।‘ पढ़िए पूरी खबर... 2. पूर्व PM-वित्त मंत्री को पीटा, संसद-सुप्रीम कोर्ट जलाए, लोग बोले- हमारी सरकार करप्ट गैंग नेपाल की संसद, सुप्रीम कोर्ट, पॉलिटिकल पार्टियों के ऑफिस, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री-मंत्रियों के घर और सबसे खास काठमांडू का सिंह दरबार, सब एक दिन में जल गया। पूरे काठमांडू के आसमान में काला धुआं दिख रहा है। पूर्व PM झालानाथ खनाल की पत्नी को जिंदा जला दिया गया। 20 से 25 साल के लड़के-लड़कियां सरकार के खिलाफ सड़कों पर हैं। इनका कहना है कि हमारी सरकार करप्ट है। पढ़िए पूरी खबर...
दोनों घुटनों की सर्जरी वाले मरीज पर 40 हजार, IVF वाले मरीज पर 22 हजार और MRI/ CT स्कैन वाले मरीज पर 20 फीसदी कमीशन। ज्यादा मरीज भेजेंगे तो उत्तराखंड में ट्रिप जैसे ऑफर भी हैं। हर मरीज पर 20% कमीशन तय। ये रेट मरीजों की सौदेबाजी का है। सौदा बड़े हॉस्पिटल्स और छोटे हॉस्पिटल्स-क्लिनिक के बीच होता है। पूरे नेक्सस को एक्सपोज करने के लिए भास्कर की नेशनल इन्वेस्टिगेशन टीम ने दिल्ली-NCR, जयपुर और लखनऊ के 15 बड़े अस्पतालों में पड़ताल की। कहीं सीधे डॉक्टर तो कहीं हॉस्पिटल की मार्केटिंग टीम से बात हुई। अस्पताल बातचीत में पेशेंट का इलाज लंबे समय तक करने, महंगी दरों पर करने और जरूरत से ज्यादा दिनों तक एडमिट रखने के लिए भी तैयार होते हैं। बस बिल में हिस्सेदारी बांट दी जाती है। इस सिस्टम का नाम है- रेफरल सिस्टम। अब सिलसिलेवार तरीके से पढ़िए किस हॉस्पिटल ने क्या ऑफर दिया... दिल्ली 1.मेट्रो अस्पताल : बाइलेट्रल नी रिप्लेसमेंट पर ₹20,000 कमीशन किससे बात हुई : सचिन रोहिल्ला, सीनियर मैनेजर सचिन ने बताया कि एंजियोग्राफी पर ₹2,000, PTCA/CABG पर ₹10,000 कमीशन तय है। बाइलेट्रल नी रिप्लेसमेंट पर ₹20,000 कमीशन दे रहे हैं। 2.हार्ट एंड लंग इंस्टीट्यूट : एंजियोप्लास्टी पर ₹15,000 से ₹21,000 किससे बात हुई : विशाल सिंह, डेप्युटी मैनेजर विशाल सिंह ने बताया कि एंजियोप्लास्टी पर ₹15,000 से ₹21,000 और कैंसर/कोविड केस पर 5% कमीशन है। रिपोर्टर: आपके यहां रेफरल का क्या सिस्टम है? विशाल : इंश्योरेंस और कैश का अलग-अलग रहता है। रिपोर्टर: समझा दीजिए। विशाल: सरकारी स्कीम वाले पेशेंट पर 15 हजार देते हैं। रिपोर्टर: ओके। विशाल: TPA का पेशेंट आता है तो 17 हजार देते हैं। कैश वाला पेशेंट आया तो 21 हजार देते हैं। हमारा सीधा हिसाब है 15 हजार, 17 हजार, 21 हजार। रिपोर्टर: जैसे कोई पेशेंट डेथ कर गया, उसने बिल भी पे कर दिया। तो कमीशन मिलेगा न? विशाल: अगर पेशेंट की बिलिंग हुई है तो रेफरल मिलेगा। लेकिन एक लाख से नीचे की बिलिंग है तो हम कुछ नहीं करते है। रिपोर्टर: डेथ केस में रेफरल के लिए मिनिमम कितने लाख की बिलिंग चाहिए? विशाल: एक लाख। फरीदाबाद 3.पार्क अस्पताल : मरीजों का बिल बढ़ाने की पेशकश किससे बात हुई : मुकेश तिवारी, सीनियर मार्केटिंग मैनेजर मुकेश ने बताया कि 'आयुष्मान भारत मरीजों पर ₹5,000, CGHS/ECHS पर ₹6,000 और ESI मरीजों पर ₹6,000-₹8,000 कमीशन है। ज्यादा मरीज भेजने पर कमीशन 25-30% तक बढ़ सकता है। 10 CGHS/ECHS मरीज भेजने पर महीने का ₹1 लाख कमीशन मिल सकता है।' हमारे इशारे भर से अस्पताल मरीजों के बिल को जानबूझकर बढ़ाने की पेशकश करता है, जैसे “एक को दो बना देंगे”। रिपोर्टर: आयुष्मान, CGHS के पेशेंट्स रेगुलर आते हैं। हर पेशेंट आप कह रहे हो 6 हजार रुपए। मुकेश : आयुष्मान का 5 हजार, एंजियोप्लास्टी और CABG, हिप आपरेटिव का भी 5 देते हैं। रिपोर्टर: ठीक है। मुकेश : अगर बल्क में होगा तो सर से पूछकर रिक्वेस्ट कराके उसको इंक्रीज भी करा देंगे। रिपोर्टर: ठीक है। मुकेश: लेकिन ESIC का 6 से 8 हजार है। वो डिपेंड करता है कि उसके 5 पेशेंट आ रहे हैं या 10 आ रहे हैं। रिपोर्टर: ठीक है। मुकेश : ठीक इसी तरह ECHS CGHS और CAPF का है। 10 CGHS मरीज भेज दो, ₹1 लाख कमीशन बन जाएगा। गुरुग्राम 4.सिल्वर स्ट्रीक अस्पताल : कैश / TPA मरीजों पर 20% कमीशन किससे बात हुई : गौरव शर्मा, जनरल मैनेजर गौरव ने बताया कि 'आयुष्मान, CGHS, ECHS मरीजों पर ₹3,000 और कैश/TPA मरीजों पर 20% कमीशन तय है। नी रिप्लेसमेंट पर ₹50,000-₹60,000 और NRI मरीजों पर 30% कमीशन देते हैं। मरीज की अगर इलाज के दौरान मौत भी हो जाए तो भी कमीशन मिलता है। इसके लिए अस्पताल के साथ एक MoU साइन करना होगा।' गौरव ने दावा किया कि 'फिलहाल सिल्वर स्ट्रीक के रेफरल नेटवर्क में 400 से ज्यादा डॉक्टर जुड़े हुए हैं। जीतने मरीज आते हैं उस हिसाब से महीने में दो बार पैसा ट्रांसफर कर दिया जाता है। जयपुर 5.मंगलम प्लस मेडिसिटी अस्पताल : ड्राइवर के अकाउंट में पैसा पहुंच जाएगा किससे बात हुई : मितेश चौधरी, मार्केटिंग मैनेजर मितेश के मुताबिक, 'कैश/TPA मरीजों पर 10%, बाइलेटरल नी रिप्लेसमेंट पर ₹20,000 और चिरंजीवी योजना के कार्डियक मरीजों पर ₹5,000 कमीशन का रेट चल रहा है।' मितेश ने ये भी दावा किया कि 'सरकारी डॉक्टर भी इसमें शामिल हैं और उन्हें भी कमीशन दिया जा रहा है। ये डॉक्टर कमीशन अपने ड्राइवर या रिश्तेदारों के अकाउंट में ट्रांसफर करवाते हैं।' रिपोर्टर: रेफरल कट कमीशन का आपके यहां क्या हिसाब-किताब है? मितेश : कैश, TPA पर 10 पर्सेंट है। चिरंजीवी में हम कार्डियक पर देते हैं। रिपोर्टर: स्टंट पर क्या रहेगा? मितेश: 10 हजार होता है पूरे एक स्टंट का और दो का 15000 के आस-पास पड़ जाता है। दो स्टंट होने पर चिरंजीवी में नहीं दे पाते। सिर्फ तब हो पाता है जब पेशेंट चिरंजीवी में लगातार आ रहे हैं। 5000 एक स्टंट पर चिरंजीवी के तहत। रिपोर्टर: अब मान लो, मेरा जो महीने का है रेफरल 2 लाख बना। तो मोड ऑफ पेमेंट कैसे रहेगा? मितेश : RTGS रहेगा। आप अपना अकाउंट नंबर दे दो। यहां से RTGS चला जाएगा। रिपोर्टर: हम बुक में नहीं आना चाहते। मितेश : आपके किसी भी अकाउंट में डलवा दूंगा। रिपोर्टर: ड्राइवर के अकाउंट में डालने का कहेंगे तो हो जाएगा। मितेश : हां। मितेश : मुझे, बस एक स्क्रीन शॉट चाहिए होगा। कि प्लीज, गिव माई पेमेट ऑन दिस अकाउंट। सौ दैट, मैं यहां भी डॉक्यूमेंट्स में लगा दूं ये पेमेंट है, इसमें जा रहा है। हमारे काफी ऐसे डॉक्टर्स हैं, जो गर्वमेंट में हैं। वो बुक में नहीं आना चाहते। उनके ड्राइवर, भाई, पत्नी के अकाउंट में भेजते हैं। 6.रूंगटा अस्पताल : कार्डियक मरीजों पर ₹10,000 कमीशन किससे बात हुई : देबाशीष बनर्जी, पब्लिक रिलेशन एग्जीक्यूटिव बनर्जी के मुताबिक, कैश मरीजों पर फ्लैट 10% और चिरंजीवी कार्डियक मरीजों पर ₹10,000 कमीशन है। 7.इंडस जयपुर अस्पताल : सरकारी डॉक्टरों को कैश में कमीशन किससे बात हुई : सीनियर मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव वीरेंद्र चौहान और बिजनेस मैनेजर डॉ. भाव्या शर्मा दोनों ने बताया कि कैश/TPA मरीजों पर 10% और नी रिप्लेसमेंट पर ₹8,000-₹10,000 कमीशन है। सरकारी डॉक्टरों को कैश में कमीशन दिया जाता है। अस्पताल ने मरीज की डेथ के बाद भी कमीशन देने की बात स्वीकारी। लखनऊ 8.संजीवनी अस्पताल : हर इलाज पर 25% कमीशन किससे बात हुई : डॉ. अंकित द्विवेदी, मार्केटिंग मैनेजर अंकित ने बताया कि हर इलाज पर 25% कमीशन देते हैं। इसके लिए अस्पताल के साथ नॉन-फाइनेंशियल MoU साइन करना पड़ता है। 9.ग्लोब हेल्थकेयर : CM फंड से आए मरीजों पर 5% किससे बात हुई : श्यामेन्द्र सिंह, डेप्युटी मार्केटिंग मैनेजर सिंह ने बताया कि उनके यहां CM फंड से आए मरीजों पर 5% रेफरल कमीशन दिया जा रहा है। उनके रेफरल नेटवर्क में 1,000 से ज्यादा डॉक्टर हैं। अस्पताल ने माना कि रेफरल का ये कमीशन कैश में भी दिया जाता है। 10.चंदन अस्पताल : कैश मरीजों पर 10% किससे बात हुई : शेखर पुनिया, वाइस प्रेजिडेंट शेखर ने बताया कि अस्पताल कैश मरीजों पर 10% और TPA पर 5% कमीशन दे रहा है। 11.नोवा अस्पताल : हर इलाज पर 20% कमीशन किससे बात हुई : डॉ. गोपाल गर्ग, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. गर्ग ने कहा कि अस्पताल हर इलाज पर 20% कमीशन और नी रिप्लेसमेंट पर ₹20,000 दे रहा है। 12.मिडलैंड अस्पताल : एंजियोप्लास्टी पर ₹17,000 कमीशन किससे बात हुई : मुरतुल्या सिंह, मार्केटिंग मैनेजर सिंह ने एंजियोप्लास्टी पर ₹17,000 कमीशन और सरकारी योजनाओं से तहत इलाज पर 15% तक कमीशन देने की बात कही। उन्होंने वॉट्सऐप पर पूरी लिस्ट भेज दी। नोएडा 13.कैलाश अस्पताल : हर मरीज पर 15% कमीशन किससे बात हुई : पुष्पेंद्र यादव, मार्केटिंग मैनेजर पुष्पेंद्र ने खुलासा किया कि ‘ हर रेफरल मरीज पर 15% कमीशन देते हैं और कुछ खास इलाज के लिए पहले से तय राशि मिलती है।’ जैसे, ‘बाइलेटरल नी रिप्लेसमेंट पर ₹40,000, IVF पर ₹22,000 और MRI/CT स्कैन पर 20% कमीशन तय है। छोटे अस्पतालों के साथ MOU साइन किए जाते हैं, ताकि रेफरल प्रक्रिया ठीक से चले। ज्यादा मरीज भेजने वाले डॉक्टरों को उत्तराखंड में राफ्टिंग ट्रिप जैसे ऑफर भी दिए जाते हैं।’ 14.फेलिक्स अस्पताल : विदेशी मरीजों पर 30% तक कमीशन किससे बात हुई : मार्केटिंग मैनेजर कुश और मार्केटिंग कोऑर्डिनेटर श्वेता विराज कुश के मुताबिक, CGHS मरीजों पर ₹7,000, कैश और TPA मरीजों पर 20% कमीशन (अधिकतम ₹50,000 प्रति माह) और विदेशी मरीजों पर 30% तक कमीशन दिया जाता है। कीमोथेरेपी और रेडिएशन की हर सिटिंग पर अलग से कमीशन देते हैं। मार्केटिंग कोऑर्डिनेटर श्वेता विराज ने कहा कि ज्यादा मरीज भेजने पर रेट में बढ़ोतरी और 'स्पेशल फेवर' भी दिए जाते हैं। कुश: ऐसे तो हमारे पास सारे डिपार्टमेंट है, कार्डियो, ऑर्थो, गाइनी, और मेडिसिन, मैक्सिमम हमारे पास जो डिपार्टमेंट है सभी में मिल जाएगा। रिपोर्टर: जो आपके और भी डिपार्टमेंट हैं उससे रिलेटेड कोई भी पेशेंट आएगा, उस पर 20% कमीशन रहेगा? कुश: यह हम कैश और TPA का आपको बता रहे हैं 20%, PSU वाला जो मैंने बताया था CAPF वाला वो तो फिक्स अमाउंट है। रिपोर्टर: अगर PSU के केसेज आते हैं, बाइपास सर्जरी के? कुश: 15 हजार। रिपोर्टर: एक्सीडेंट केस है या डिलीवरी केस है ? कुश: उस पर भी सेम अमाउंट है, न्यूरो सर्जरी में अगर कोई इंप्लांट लगता है तो 15 हजार देते हैं। रिपोर्टर: इंटरनेशनल पेशेंट का क्या है? कुश: इंटरनेशनल पेशेंट पर तो हमारे पास अभी 30% का था, जो हमारा अभी कुछ दिन पहले 2-4 पेशेंट एडमिट हुए थे। उसपे 30% था। 15.यथार्थ सुपर स्पेशियलिटी : आयुष्मान पर 5 हजार, ESI पर 8 हजार किससे बात हुई : गोविल त्यागी, मार्केटिंग हेड गोविल ने न केवल कमीशन की पुष्टि की, बल्कि यह भी बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट जैसे इलाज पर ₹50,000 फिक्स कमीशन दिया जाता है। नी रिप्लेसमेंट पर ₹20,000 और बाइलेटरल नी रिप्लेसमेंट पर ₹40,000 का फिक्स कमीशन है। सभी इलाजों पर मेडिसिन और कंज्यूमेबल हटाकर कुल बिल का 10% कमीशन देते हैं। इन सरकारी स्कीम्स वाले मरीजों को एडमिट करवाने के लिए ऑफर मरीज को रेफर करने के बदले में कमीशन नहीं ले सकते... नेशनल मेडिकल काउंसिल की गाइडलाइन के मुताबिक, 'कोई भी डॉक्टर किसी मरीज को रेफर करने के बदले में कमीशन, उपहार या किसी भी तरह का फायदा न तो ले सकता है और न ही दे सकता है और अगर कोई डॉक्टर इस तरह की प्रैक्टिस में शामिल पाया जाता है- जैसे कि मरीज भेजने के बदले कमीशन लेना या देना, तो यह मेडिकल प्रोफेशन के नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और उस डॉक्टर/अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।' अंतरराष्ट्रीय कंज्यूमर पॉलिसी एक्सपर्ट और इस सब्जेक्ट पर काम कर चुके एक्सपर्ट प्रोफेसर बेजोन कुमार मिश्र कहते हैं, ‘2015 में बनी जांच कमेटी ने इस कमीशन नेटवर्क का खुलासा किया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।' 'क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट (2010) इस समस्या को रोकने के लिए है, पर राज्यों में सही तरीके से लागू नहीं हो पाया।’ वहीं, कंज्यूमर एक्सपर्ट प्रोफेसर राम खन्ना ( मैनेजिंग ट्रस्टी, कंज्यूमर वॉयस) कहते हैं, 'आजकल डॉक्टरी पेशा व्यवसाय बन चुका है और रेफरल सिस्टम इसी का हिस्सा है। इसमें डॉक्टर मरीज को जानबूझकर उसी लैब, फिजियोथेरेपिस्ट या विशेषज्ञ के पास भेजते हैं जहां से उन्हें कमीशन मिलता है। यह मरीज के साथ धोखा और एक तरह की घूसखोरी है, क्योंकि डॉक्टर का निर्णय पैसे से प्रभावित होता है।' कॉन्क्लूजन : भारत के कई बड़े निजी अस्पतालों में डॉक्टरों और रेफरल नेटवर्क को मरीज भेजने के बदले कमीशन या रिवॉर्ड दिया जा रहा है। राशि अस्पताल और मरीज के हिसाब से तय होती है। जैसे, कैलाश अस्पताल में 15% कमीशन, पार्क अस्पताल में CGHS/ECHS मरीजों पर ₹6,000, और सिल्वर स्ट्रीक में NRI मरीजों पर 30% दिया जाता है। यह प्रैक्टिस नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) के नियमों के तहत अनैतिक मानी जाती है। ................................................................ GST के फर्जी बिलिंग से जुड़ा ये खुलासा भी आप पढ़ सकते हैं 5% कमीशन पर 20 करोड़ का फर्जी GST बिल:न माल, न सप्लाई और लाखों की कमाई; GST माफिया कैमरे पर एक्सपोज दिल्ली का वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया। एक पुरानी और जर्जर सी फैक्ट्री। दीवारों पर जमी धूल, टूटी खिड़कियां और जंग लगी चादरें। बाहर से देखने पर यह किसी बंद पड़े गोदाम जैसी लगती है, जैसे बरसों से यहां कोई काम नहीं हुआ हो, लेकिन जैसे ही टीम अंदर दाखिल होती है, नजारा बदल जाता है। पूरी खबर पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें...।
दैनिक भास्कर की इलेक्शन सीरीज 'नरसंहार' के छठे एपिसोड में आज शंकर बिगहा नरसंहार और राबड़ी सरकार बर्खास्त करने की कहानी... बात 25 जनवरी 1999 की है। देश 50वां गणतंत्र दिवस मनाने की तैयारी कर रहा था। कुछ देर पहले ही राष्ट्रपति के आर नारायणन ने देश को संबोधित किया था। कहा था, 'दलितों पर अत्याचार बंद होना चाहिए।' पर हुआ कुछ और। बिहार के अरवल जिले का शंकर बिगहा गांव। तब ये जहानाबाद जिले का हिस्सा था। करीब 110 घर होंगे इस गांव में, जिसमें 100 से ज्यादा दलित परिवार थे। न किसी के पास पक्का घर न ही खेती की जमीन। उन्हें तो मजदूरी के लिए यहां बसाया गया था। ठिठुरती सर्दी वाली रात के साढ़े दस बज रहे थे। बंदूक और कुल्हाड़ी लिए करीब 100 लोग गांव में घुसे। शुरुआत में ही भैरों राजवंशी का घर था। वे पत्नी और बच्चों के साथ सो रहे थे। अचानक उन्हें शोर सुनाई पड़ा। वो सकपका गए। बिस्तर लपेटे भागते हुए पत्नी से बोले- ‘अरे बचवा सब को लेकर भागो। सेना वाले आ गए हैं।’ भैरों भाग गए, लेकिन उनकी पत्नी और बच्चे अंदर ही रह गए। हमलावर फायरिंग करते हुए घर में घुसे। पहली गोली भैरों की पत्नी के पैरों में लगी। वह गिर पड़ी। इसी बीच दूसरे ने भैरों के बच्चों को तखत से उठाकर पटक दिया। भैरों की पत्नी चीख उठी- ‘हमरा बचवा सब के छोड़ दो। ई लोग तुम्हारा का बिगाड़ा है।’ एक हमलावर उसके बाल पकड़कर घसीटते हुए बोला- ‘ह#$%@ तुम सब MCC वालों का सपोर्टर है न। आज गांव में कोई बचेगा नहीं। एक-एक आदमी को उड़ा देंगे।’ हमलावर ने दोनों बच्चों को गोली मार दी। दोनों वहीं खत्म हो गए। महिला छाती पीट-पीटकर रोने लगी। गुस्से में हमलावर ने उसकी गर्दन पर तलवार मार दी। तभी चार-पांच और हमलावर अंदर घुस गए। वे कुछ देर तक इधर-उधर अंधाधुंध फायरिंग करते रहे। फिर वहां से चल दिए। एक बड़े से बरामदे में जागरण चल रहा था। 10-15 लोग नाच-गाना कर रहे थे। उन तक अभी गोलियों की गूंज नहीं पहुंची थी। 40-50 हमलावरों ने चारों तरफ से बरामदे को घेर लिया। एक बोला- ‘केरोसिन डालकर सबको जला दें क्या?’ दूसरा बोला- ‘नहीं, सब जगा है भाग जाएगा। ई सब भी गोली बंदूक रखा होगा।’ अपनी धोती कमर में बांधते हुए हमलावर बोला- 'देखो अपने पास ज्यादा टाइम नहीं है। तेजी से बरामदे में जाओ और अटैक कर दो। भागने का मौका ही नहीं देना है।' हमलावरों ने धावा बोल दिया। अंधाधुंध फायरिंग करते हुए बरामदे में घुस गए। कीर्तन कर रहे लोगों पर गोलियों की बौछार कर दी। कुछ ही मिनटों में 10 लाशें बिछ गईं। इक्का-दुक्का लोग जैसे-तैसे खेतों की तरफ भाग निकले। यहां से हमलावर नारा लगाते हुए अलग-अलग घरों में घुसे। जो मिला उसे गोली मार दी। जो गोली लगने से नहीं मरा, उसे कुल्हाड़ी से काट दिया। गांव भर में चीख-पुकार मच गई थी। इसी बीच बगल के गांवों से गोलियों की आवाज आने लगी। हमलावरों का कमांडर सोच में पड़ गया कि दूसरे गांवों में फायरिंग कहां से होने लगी। कहीं MCC वाले तो नहीं आ गए।' वह हड़बड़ाते हुए अपने साथियों से बोला- 'लगता है MCC वाले आ गए हैं। देखो उधर से भीड़ आ रही है। चलो भाग निकलें।' इसके बाद हमलावर हवा में फायरिंग करते हुए, नारा लगाते हुए गांव के पश्चिम से निकल गए। भैरों राजवंशी भूसे के घर में छिपकर सबकुछ देख रहे थे। हमलावरों के जाते ही वे हांफते हुए घर पहुंचे। दरवाजे से ही पत्नी को आवाज लगाई। कोई जवाब नहीं मिला। डरे सहमे भैरों जैसे ही अंदर घुसे, उनके पैरों से कुछ टकराया। कांपते हुए भैरों ने टॉर्च जलाई। सामने पत्नी की लाश पड़ी थी। चारों तरफ खून फैला था। वे आगे बढ़े, देखा खाट के नीचे बड़े बेटे की लाश पड़ी थी। भैरों को चक्कर आने लगा। खुद को संभाला और दूसरे कमरे में गए। वहां तीन लाशें थीं। उनके दो भाई और छोटे बेटे की। उनके परिवार के 5 लोग मारे गए थे। वे बदहवास चीखने लगे- 'मैं बर्बाद हो गया। उन लोगों ने सबको मार दिया। किसी को नहीं छोड़ा।' अब तक रात के 12 बज चुके थे। गांव में हर तरफ रोने-बिलखने की आवाज गूंज रही थी। गलियों में लाशें पड़ी थीं। इसी बीच जहानाबाद थाने में फोन बजा- 'शंकर बिगहा गांव में नरसंहार हो गया है।' रात करीब 2 बजे जहानाबाद के SP मनमोहन सिंह और ASP केके सिंह गांव पहुंचे। एसपी ने घर-घर जाकर देखा। कुल 23 लाशें मिलीं। इनमें 5 महिलाएं और 7 बच्चे थे। एक बच्चा तो महज 10 महीने का था। गोली लगने की वजह से उसकी आंतें बाहर आ गई थीं। हमलावरों ने उसके पेट में बंदूक की नोक सटाकर गोली मारी थी। सीनियर जर्नलिस्ट रमाशंकर मिश्रा उस नरसंहार को याद करते हैं- 'मैं 26 जनवरी की सुबह गांव पहुंचा था। दिल दहला देने वाला मंजर था। कोई गोली से छलनी था, किसी के हाथ कटे थे, किसी की आंखें निकाल दी गई थीं। घर, बरामदे, गलियां सब खून से सन गई थीं।' ये शंकर बिगहा नरसंहार था। हत्या का आरोप रणवीर सेना पर लगा। करीब 20 दिन पहले एक अखबार में रणवीर सेना प्रमुख ने दावा किया था कि अगले हमले की जगह तय हो गई है। और हुआ भी वहीं। दरअसल, 1998 में अरवल जिले के चौरम में 10 सवर्णों की हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप माओवादी संगठन एमसीसी पर लगा था। रणवीर सेना का मानना था कि शंकर बिगहा गांव के लोगों ने माओवादियों की मदद की थी। इसीलिए रणवीर सेना ने हमले के लिए इस गांव को चुना। भीड़ ने लालू-राबड़ी को घेर लिया, महिलाएं बोलीं- हमें इनाम नहीं बंदूक चाहिए 27 जनवरी की सुबह मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और लालू यादव शंकर बिगहा गांव पहुंचे। भीड़ ने लालू-राबड़ी का खूब विरोध किया। महिलाएं गाली देने लगीं। लोग नारा लगा रहे थे- 'लालू राबड़ी मुर्दाबाद। सामाजिक न्याय धोखा है। रणवीर सेना को खत्म करो। राबड़ी सरकार इस्तीफा दो।' लालू, भीड़ को समझाते हुए बोले- 'देखो हम सबको सजा दिलवाएंगे। जो लोग मारे गए हैं, उनके परिवार को एक-एक लाख रुपए दिया जाएगा। गांव के लोगों को घर बनाने के लिए 20-20 हजार रुपया देंगे। गांव में स्कूल और पंचायत भवन बनेगा।' मुआवजे की बात सुनकर भीड़ और भड़क गई। बच्चे को गोद में लिए एक महिला राबड़ी के नजदीक पहुंच गई। चीखते हुए बोली- ‘हमें तुम्हारा गंदा पैसा नहीं चाहिए। हम तुम्हारे इनाम की @#$%^ कर देंगे। हमें बदला चाहिए बदला। हमें बंदूक दो, गोली दो, हथियार दो। तुम्हारे मीठे-मीठे भाषणों से कुछ नहीं होगा। बगल के लक्ष्मणपुर बाथे में हमारे 58 लोगों को मार दिया। क्या किया तुम्हारी सरकार ने। कुछ नहीं किया।’ जैसे-तैसे भीड़ से निकलते हुए लालू गांव में घुसे। लोगों से मिले। एक घर के बाहर पांच लाशें रखी थीं। घर की चौखट पर सिर पर हाथ रखे महिला बैठी थी। लालू को देखते ही वो गुस्से से लाल हो गई। उसने सामने पड़ी लाश के ऊपर से कपड़ा हटा दिया। खून से सने बच्चे की लाश। उसकी आंतें बाहर आ गई थीं। लाश देखकर लालू-राबड़ी इमोशनल हो गए। महिला चिल्लाते हुए बोली- 'हमें इंसाफ दिलाना चाहते हो, तो बब्बन सिंह को हमारे सामने लाओ। उसे हमारे हवाले कर दो। हम हिसाब बराबर कर लेंगे। तब हम मानेंगे कि आप सरकार हो। आपकी खाकी वर्दी वाले रणवीर सेना वालों से मिले हुए हैं। वे उन्हीं का पक्ष लेते हैं। जब वो लोग गांव में मारकाट मचा रहा था, तब कोई नहीं आया। जब सब चला गया, तब पुलिस वाले आए।' रुआंसे लालू ने कहा- ‘देखो आप जैसा चाहते हो वैसा एक्शन मैं नहीं ले सकता, लेकिन मैं भरोसा दिलाता हूं कि इनसे कायदे से निपटूंगा। केस की सुनवाई जल्दी होगी। 6 महीने के भीतर ट्रायल पूरा हो जाएगा। सबको सजा मिलेगी चिंता मत करो। जो लोग हत्यारे हैं, वे लोग ही इस्तीफा मांग रहे हैं। तुम लोग वैसा मत करो।’ शाम तक लालू और राबड़ी पटना लौट आए। इधर, विपक्ष राबड़ी के इस्तीफे पर अड़ा था। नीतीश कुमार और रामविलास पासवान सरकार को बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे। इतना ही नहीं, राबड़ी सरकार में शामिल कांग्रेस के कई नेता भी सीएम का इस्तीफा मांग रहे थे। इस पर लालू भड़क गए। उन्होंने कहा- 'राबड़ी इस्तीफा नहीं देंगी। 26 जनवरी से पहले सरकार को बदनाम करने की साजिश रची गई थी। रणवीर सेना बजरंग दल का एक्सटेंशन है। कांग्रेस कहती है कि हमने जमींदारी प्रथा खत्म कर दी है। सच में ऐसा हुआ होता तो ये नरसंहार नहीं होता।' 27 जनवरी को कांग्रेस ने पूर्व लोकसभा स्पीकर शिवराज पाटिल और मीरा कुमार को शंकर बिगहा भेजा। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का कहना था कि फिलहाल हम सरकार को सपोर्ट कर रहे हैं। नेताओं की फाइंडिंग्स के बाद तय करेंगे कि क्या करना है। मुख्यमंत्री राबड़ी बोलीं- लोग कहे रहे हैं कि 'बाभना सब मारा है' 28 जनवरी को बिहार के डीजीपी केए जैकब ने ऐलान किया- 'जो रणवीर सेना प्रमुख ब्रह्मेश्वर मुखिया का पता बताएगा, उसे पांच लाख रुपए इनाम दिया जाएगा।' इसी दिन राबड़ी ने कहा- '6 आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं। बाकी भी जल्द पकड़े जाएंगे। मैं नरसंहार वाले गांव गई थी। लोग कह रहे थे- ‘बाभना सब मारा है।' तब के अखबारों में राबड़ी का ये बयान छपा था। 29 जनवरी को बिहार के राज्यपाल सुंदर सिंह भंडारी ने गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की। मीडिया में खबरें आने लगीं कि केंद्र बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश कर सकता है। राबड़ी सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा था। 1 फरवरी को बीजेपी नेता सुशील मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- 'लालू और रणवीर सेना के बीच साठगांठ है। राजद के कई लोग रणवीर सेना से मिले हुए हैं। लालू ने कई बार रणवीर सेना प्रमुख को छुड़वाया है। 6 महीना पहले ही शास्त्री नगर की पुलिस ने मुखिया को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन लालू ने खुद दखल देकर छुड़वा दिया।' 10 फरवरी 1999, शंकर बिगहा नरसंहार के 15 दिन बाद। पास के ही एक गांव नारायणपुर में रात 9 बजे हमलावरों ने धावा बोल दिया। 11 दलितों की हत्या हो गई। 6 महिलाएं और 5 पुरुष मारे गए। पर्चे बांटकर रणवीर सेना ने इसकी जिम्मेदारी भी ले ली। अगले दिन लालू-राबड़ी गांव पहुंच गए। उन्होंने तीन लोगों को नौकरी और हर मृतक के परिवार को 1.20 लाख रुपए देने की घोषणा की। साथ ही इस नरसंहार से प्रभावित लोगों को इंदिरा आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए 20 हजार रुपए देने का वादा किया। दिल्ली में हाईलेवल मीटिंग, विदेश में थे पीएम, रात में बिहार सरकार बर्खास्त करने का ऐलान 12 फरवरी की सुबह केंद्र सरकार ने रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस, केंद्रीय मंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय मंत्री सत्य नारायण जटिया के नेतृत्व में एक टीम जहानाबाद भेजी। ये तीनों मंत्री एयरफोर्स के स्पेशल विमान से पहले पटना पहुंचे, फिर नारायणपुर। इसी दिन दिल्ली में गृहमंत्री ने हाईलेवल मीटिंग की। बैठक में बिहार सरकार को हटाकर राष्ट्रपति शासन लगाने पर सहमति बन गई, लेकिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक समिट के लिए जमैका गए थे। कैबिनेट ने प्रस्ताव जमैका भेज दिया। कुछ देर बाद प्रधानमंत्री ने उस पर मुहर लगा दी। दोपहर बाद एक खास मैसेंजर के जरिए प्रस्ताव को कोलकाता भेजा गया। तब राष्ट्रपति के.आर नारायणन वहीं थे। रात 9 बजे उन्होंने केंद्र की सिफारिश पर मुहर लगा दी। रात 9.15 बजे केंद्रीय मंत्री प्रमोद महाजन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने का ऐलान किया। केंद्र के इस फैसले पर लालू भड़क गए। उन्होंने कहा- 'सरकार ने डेमोक्रेसी की हत्या कर दी है। सड़कों पर बवाल कर दो। तानाशाहों के पैर तोड़ दो। कल से मैं जनता की अदालत में जाऊंगा। और मैं यह नहीं कह सकता कि कल को क्या होगा।' अगले ही दिन लालू यादव और राबड़ी देवी समर्थकों के साथ पटना की सड़कों पर उतर गए। कुछ देर के लिए पुलिस ने उन्हें हिरासत में भी लिया। कई जगह हिंसक प्रदर्शनों में एक दर्जन लोगों की जान जा चुकी थी। एक प्रदर्शन के दौरान लालू ने कहा - 'गोली का जवाब हम हिंसा से देंगे।' राष्ट्रपति शासन लगने के दो घंटे के भीतर राज्यपाल ने मुख्य सचिव और डीजीपी को हटा दिया। विजय शंकर दुबे को मुख्य सचिव बनाया गया और टीपी सिन्हा को डीजीपी। सिन्हा ने रात में ही कमान संभाल ली। राज्यपाल के इस फैसले पर सवाल उठे क्योंकि सिन्हा और दुबे दोनों सवर्ण थे। नरसंहार में मारे गए लोगों से मिलने पहुंचीं सोनिया गांधी ने बेलछी की यादें ताजा कर दीं 13 फरवरी 1999, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी नारायणपुर पहुंच गईं। वो गांव में घूमीं। मृतकों के घर गईं। सोनिया के दौरे को 1977 के इंदिरा के बेलछी दौर से जोड़कर देखा गया। इमरजेंसी के बाद हुए चुनावों में मिली हार के बाद इंदिरा बेलछी नरसंहार में मारे गए लोगों से मिलने पहुंची थीं। उसके बाद केंद्र और बिहार दोनों जगह कांग्रेस ने वापसी की थी। सोनिया के लिए भी इंदिरा जैसे ही हालात थे। 1996 के चुनाव में कांग्रेस को सेटबैक लगा था। राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्य कांग्रेस गंवा चुकी थी। कांग्रेस शंकर बिगहा और नारायणपुर नरसंहार के जरिए फिर से दलितों को साधने की कवायद में जुटी थी। प्रदेश कांग्रेस के नेता लगातार कह रहे थे कि हमें राष्ट्रपति शासन का समर्थन करना चाहिए। तब के अखबारों ने लिखा- 'सोनिया दुविधा में हैं। अगर वे राजद का विरोध करती हैं, तो मुस्लिम वोट बैंक छिटक जाएंगे और अगर समर्थन करती हैं, तो दलित नाराज हो जाएंगे।' हुआ भी वहीं। सोनिया ने राष्ट्रपति शासन के बारे में कुछ नहीं कहा। उन्होंने मृतकों को 10-10 हजार रुपए देने की घोषणा की और फिर पटना होते हुए दिल्ली लौट गईं। गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी और राज्यपाल में ठन गई, माफी की मांग पर अड़ गए भंडारी सोनिया के बिहार दौरे के बाद केंद्र सरकार भांप गई थी कि कांग्रेस राष्ट्रपति शासन का समर्थन नहीं करेगी। 16 फरवरी को गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने कहा- 'बिहार के राज्यपाल सुंदर सिंह भंडारी को हटाकर एक गैर राजनीतिक आदमी को राज्यपाल बनाया जाएगा।' इस पर राज्यपाल भंडारी खफा हो गए। अगले ही दिन वो ट्रेन से दिल्ली के लिए निकल गए। कहा गया कि नाराजगी की वजह से राज्यपाल ने फ्लाइट नहीं ली। 18 फरवरी को वे पीएम अटल बिहारी वाजपेयी से मिले। आधे घंटे तक दोनों के बीच बातचीत हुई। तब के अखबारों में छपी खबरों के मुताबिक पीएम ने राज्यपाल से कहा कि बातचीत करके मामला सुलझा लो। पर भंडारी, आडवाणी की माफी पर अड़े रहे। तीन दिन दिल्ली में रहने के बाद 21 फरवरी को वे पटना लौट आए। इसी बीच लालू ने दिल्ली में सोनिया गांधी से मुलाकात की। सीनियर जर्नलिस्ट संकर्षण ठाकुर अपनी किताब बंधु बिहारी में लिखते हैं- 'सांप्रदायिक ताकतें बढ़ रही हैं। यह आरएसएस की साजिश है। मैडम अगर कांग्रेस इसे नहीं रोकेगी तो कौन रोकेगा। कांग्रेस को उन लोगों से लड़ना पड़ेगा।' 22 फरवरी को कांग्रेस ने साफ कर दिया कि वो सदन में प्रेसिडेंट रूल के खिलाफ वोट करेगी। 'द अनटोल्ड वाजपेयी' के मुताबिक वाजपेयी राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर बहुत खुश नहीं थे, लेकिन समता पार्टी के नेता नीतीश कुमार चाहते थे कि राज्य सरकार को बर्खास्त कर दिया जाए। 6 महीना पहले भी सितंबर 1998 में सुंदर भंडारी ने राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी, लेकिन राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था। तब वाजपेयी ने अपने एक सहयोगी से कहा था- 'समता पार्टी के दबाव में झुकने की कीमत चुकानी पड़ेगी।' 7 मार्च को वाजपेयी, सोनिया गांधी से मिले थे, लेकिन राष्ट्रपति शासन पर समर्थन के लिए राजी नहीं कर पाए। आखिरकार 8 मार्च को केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन वापस लेने का ऐलान कर दिया। 9 मार्च को राबड़ी देवी फिर से सीएम बनीं, लेकिन इसके 9 दिन बाद ही एक और बड़ा नरसंहार हो गया। उस नरसंहार की कहानी अगले एपिसोड में। इधर, 15 मार्च को केंद्र सरकार ने राज्यपाल सुंदर भंडारी को हटा दिया। पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बीएम लाल को राज्यपाल का पदभार दिया गया। दो नरसंहारों में 34 की हत्या, 49 आरोपी, सजा 0, कोर्ट में मुकर गए गवाह शंकर बिगहा नरसंहार मामले में 24 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। जुलाई 2014 से नवंबर 2014 तक जहानाबाद सेशन कोर्ट में ट्रायल चला। इस दौरान सभी 50 गवाह अपने बयान से मुकर गए। आरोपियों को पहचानने से इनकार कर दिया। मुख्य गवाह भैरों राजवंशी ने कहा- ‘मैं नरसंहार के दिन तो शंकर बिगहा में था ही नहीं। पुलिस ने जबरन मेरा अंगूठा लगवा लिया। पुलिस ने खुद से बयान लिख दिया और पढ़कर सुनाया भी नहीं।’ एक और गवाह रामप्रसाद पासवान ने कहा- 'गोली लगने के बाद मैं गिर गया था तो किसी को पहचानता कैसे? पुलिस ने झूठा बयान लिखा है।' 13 जनवरी 2015 को जहानाबाद सेशन कोर्ट ने सबूतों के अभाव में सभी 24 आरोपियों को बरी कर दिया। दलितों को इस फैसले से इसलिए भी ज्यादा धक्का लगा कि तब राज्य में एक दलित ही मुख्यमंत्री थे। जीतन राम मांझी। आखिर गवाह अपने बयान से क्यों मुकर गए... बाद में भैरों राजवंशी ने एक पत्रकार से इसकी वजह बताई। उन्होंने कहा- 'नरसंहार के लिए बनी अमीर दास कमीशन की इन्क्वायरी के दौरान पुलिस ने हमें सुरक्षा दी थी। पुलिस के लोग साथ पटना लेकर गए थे, लेकिन जहानाबाद में ट्रायल के दौरान हमें सुरक्षा नहीं मिली। हमें पता है कि कुछ भी बोलेंगे तो मारे जाएंगे। हम लोग तो उन्हीं के खेतों में काम करते हैं। रोटी मिलनी भी बंद हो जाएगी।' दरअसल, ट्रायल के आखिरी दिनों यानी 14 नवंबर 2014 को कोर्ट ने अरवल जिले के डीएम को चिट्ठी लिखकर गवाहों को सुरक्षा देने को कहा था। तब तक ज्यादातर गवाह अपने बयान से मुकर चुके थे। डीएम ने दो महीने बाद 9 जनवरी 2015 को गवाहों की सुरक्षा के लिए SP को चिट्ठी लिखी, लेकिन चार दिन बाद ही कोर्ट ने फैसला सुना दिया। शंकर बिगहा की तरह नारायणपुर नरसंहार में भी सभी 25 आरोपी सबूतों के अभाव में बरी कर दिए गए। इस तरह शंकर बिगहा और नारायणपुर दोनों नरसंहारों में कुल 34 दलितों का कत्ल हुआ। दोनों मामलों को मिलाकर 49 लोग आरोपी बनाए गए, लेकिन सजा किसी को नहीं मिली। लेफ्ट पार्टियों ने कहा था कि वे इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। लेकिन 11 साल बाद भी सुप्रीम कोर्ट में इसकी सुनवाई नहीं हो सकी है। लगातार नरसंहारों के चलते बिहार में राजद की सरकार कमजोर होती गई। 1995 में 167 सीटें जीतने वाली लालू की पार्टी साल 2000 में 124 पर आ गई। जबकि बीजेपी ने 67 सीटें जीत लीं। यानी पिछले चुनाव के मुकाबले 26 सीटें ज्यादा। उसके बाद एनडीए का दबदबा बढ़ता गया। आखिरकार अक्टूबर-नवंबर 2005 में बिहार में एनडीए की सरकार बन गई। लगभग 40 सालों तक बिहार में राज करने वाली कांग्रेस खत्म सी हो गई। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि राजद का साथ देने की वजह कांग्रेस ने बिहार में अपना बड़ा बेस गंवा दिया। सवर्ण बीजेपी की तरफ शिफ्ट हो गए और पिछड़े-अति पिछड़ों को लालू और नीतीश ने साध लिया। कल सातवें एपिसोड में पढ़िए बिहार के एक और बड़े नरसंहार की कहानी... (यह सच्ची कहानी पुलिस चार्जशीट, कोर्ट जजमेंट, गांव वालों के बयान, अलग-अलग किताबें और इंटरनेशल रिपोर्ट्स पर आधारित है। क्रिएटिव लिबर्टी का इस्तेमाल करते हुए इसे कहानी के रूप में लिखा गया है।) रेफरेंस :
“भारत में नहीं चलेगी घुसपैठियों की मनमानी” बिहार के सीमांचल से पीएम मोदी का कड़ा संदेश
मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और राजद की जमात को यह समझ लेना चाहिए कि अब भारत में केवल भारत का कानून चलेगा। “जो भी घुसपैठिया है, उसे बाहर जाना ही होगा। एनडीए सरकार इस मुद्दे पर पूरी तरह गंभीर है और देश को सुरक्षित करने की जिम्मेदारी हम पूरी तरह निभाएंगे।”
एस्पिरिन के फायदे और नुकसान: दिल की बीमारियों की रोकथाम में इसकी भूमिका
रोज़ाना एस्पिरिन की कम खुराक दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकती है। लेकिन शोध से पता चला है कि रोकथाम के लिए हर किसी को इसे नहीं लेना चाहिए।
हैंडशेक विवाद पर भारतीय टीम के साथ खड़ा BCCI, पाकिस्तान को दिया करारा जवाब
एशिया कप 2025 में पाकिस्तान पर सात विकेट की जीत के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने हैंडशेक नहीं किया। BCCI ने कहा यह परंपरा है, नियम नहीं; जबकि पीसीबी ने दर्ज कराई शिकायत।
आनंदकुमार वेलकुमार ने रचा इतिहास: स्पीड स्केटिंग विश्व चैंपियनशिप में भारत को पहला स्वर्ण
22 वर्षीय आनंदकुमार ने 1000 मीटर स्प्रिंट रेस में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया।जूनियर वर्ग में कृष शर्मा की जीत ने दिखाया कि स्केटिंग में भारत का भविष्य बेहद उज्ज्वल है।
BCCI और Apollo में करोड़ों की सेटिंग डील ने मचाई हलचल!
टीम इंडिया को मिला नया जर्सी स्पॉन्सर, बीसीसीआई ने अपोलो टायर्स के साथ करार किया। यह डील मार्च 2028 तक effective रहेगी, जिससे बीसीसीआई को नई स्पॉन्सरशिप मिली है। बीसीसीआई और अपोलो टायर्स के बीच हुआ 579 करोड़ का करार टीम इंडिया को मिला नया जर्सी स्पॉन्सर
ट्रंप के सीजफायर दावे की पोल खोल; पाकिस्तान ने ही किया एक्सपोज
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने सीजफायर को लेकर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कई बार भारत से बातचीत की कोशिश की, लेकिन भारत ने मध्यस्थता को मंजूरी नहीं दी।
भारी कीमत चुकाई है टीम इंडिया का स्पॉंसर बनने के लिए, अपोलो टायर्स हर मैच के देगा 4.77 करोड़ रुपए
अपोलो टायर्स ने 579 करोड़ रुपये की शानदार बोली लगाकर त्रिकोणीय मुकाबले में जीत हासिल करते हुए भारतीय टीम के प्रायोजन अधिकार हासिल कर लिए हैं। यह प्रायोजन सौदा तीन साल का है और इसमें 121 द्विपक्षीय मैच और 21 आईसीसी मैच शामिल हैं।100 से ज्यादा देशों में मौजूदगी वाली गुड़गांव स्थित इस टायर कंपनी ने कैनवा और जेके सीमेंट्स की चुनौतियों को मात दी, जिन्होंने क्रमशः 544 करोड़ रुपये और 477 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। यह सौदा प्रति मैच लगभग 4.77 करोड़ रुपये का बैठता है, हालांकि द्विपक्षीय और आईसीसी मैचों के बीच मूल्य अंतर को देखते हुए इसमें थोड़ा अंतर हो सकता है। क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा निर्धारित आधार मूल्य द्विपक्षीय मैचों के लिए 3.5 करोड़ रुपये और विश्व कप मैचों के लिए 1.5 करोड़ रुपये था। सभी रियल मनी गेमिंग कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने वाले सरकारी आदेश द्वारा ड्रीम11 सौदे को रद्द करने के बाद बीसीसीआई को एक नए प्रायोजक के लिए निविदाएं जारी करनी पड़ीं। एशिया कप के करीब आने वाले सरकारी आदेश के साथ, बीसीसीआई को संयुक्त अरब अमीरात में चल रही महाद्वीपीय चैंपियनशिप में भारतीय टीम के लिए जर्सी प्रायोजक के बिना जाना पड़ा। नए प्रायोजकों को पहला अंतरराष्ट्रीय लाभ 2 अक्टूबर से शुरू होने वाली वेस्टइंडीज के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की घरेलू श्रृंखला में मिलेगा, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया में एक सफेद गेंद की श्रृंखला होगी। हालांकि, इससे पहले, नए प्रायोजक का लोगो भारत ए और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन मैचों की 50 ओवरों की श्रृंखला के दौरान प्रदर्शित किया जाएगा। समझा जाता है कि बीसीसीआई ने चयनकर्ताओं को भारत ए वनडे टीम का चयन जल्दी करने के लिए कहा है ताकि 30 सितंबर, 2 और 5 अक्टूबर को कानपुर में होने वाले मैचों के लिए जर्सी तैयार की जा सकें। तीनों मैचों के लिए भारत ए टीम की घोषणा 14 सितंबर को की गई थी। ALSO READ: भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी का नया प्रायोजक होगा अपोलो टायर्स मंगलवार को मुंबई स्थित बीसीसीआई मुख्यालय में बोली प्रक्रिया में भाग लेने वाली कंपनियों के अलावा, उत्तर प्रदेश स्थित शंक एयर और दुबई स्थित ओमनीयत ने भी आईटीटी दस्तावेज खरीदकर रुचि दिखाई थी। हालांकि, वे बोली लगाने के लिए उपस्थित नहीं हुए। पता चला है कि मुंबई स्थित डब्ल्यूपीपी मीडिया ने अपोलो के मूल्यांकन और सफल बोली की देखरेख की थी। बोली लगाने से पहले, उद्योग बीसीसीआई की निविदा पर प्रतिक्रिया को लेकर संशय में था। ऐसा कहा जा रहा था कि प्रायोजन के लिए बहुत अधिक इच्छुक नहीं होंगे, खासकर भारत में सभी बोर्डों और टूर्नामेंटों में खेलों के सबसे बड़े वित्तपोषक - रियल-मनी गेमिंग कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने के सरकारी आदेश के बाद। हालांकि, बीसीसीआई को एक ऐसा साझेदार मिल गया है जो ड्रीम11 से 200 करोड़ रुपये अधिक खर्च करने को तैयार है, जिसका बोर्ड के साथ 358 करोड़ रुपये का सौदा था। (एजेंसी)
कल्याण में अस्पताल और मेडिकल स्टोर के नाम पर 70 लाख की ठगी
हॉस्पिटल और मेडिकल स्टोर दिलाने का दिखाया झांसापुलिस को शक–और भी लोग फंस सकते हैं इस जाल में
बिहार में चलेगा ‘243 रथों’ का चक्रव्यूह ; जाने रणनीति
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आठवले ने बढ़ाई महायुति की टेंशन, मांगी 24 सीटें और उपमहापौर पद
मुंबई बीएमसी चुनाव से पहले महायुति में सीट बंटवारे की राजनीति गरमा गई है। आरपीआई (A) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने 24 सीटों और उपमहापौर पद की मांग कर बीजेपी समेत गठबंधन दलों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
Makhana Board: मोदी जी किया मखाना बोर्ड का शुभारम्भ, जानिए बिहार में कैसे होता है मखाना उत्पादन
PM Modi Launches National Makhana Board: मखाना, जिसे फॉक्स नट्स या कमल के बीज के रूप में भी जाना जाता है, एक स्वादिष्ट और पौष्टिक स्नैक है। यह भारत में व्यापक रूप से उगाया जाता है, और बिहार इसका सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ...
कलबुरगि-कोल्हापुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस ने पूरे किए 3 साल का सफल सफर
कलबुरगि से कोल्हापुर तक आस्था और संस्कृति को जोड़ती सुपरफास्ट एक्सप्रेस ने पूरे किए तीन सफल वर्ष