हुंडई मोटर इंडिया ने आज (24 अक्टूबर) हुंडई वेन्यू का सेकेंड जनरेशन मॉडल रिवील कर दिया है। कंपनी अपडेटेड मॉडल को 4 नवंबर को भारतीय बाजार में लॉन्च करेगी। कार लेवल-2 एडास जैसे सेफ्टी फीचर्स के साथ आएगी। सब-4 मीटर SUV पूरी तरह नए लुक में है और इसका इंटीरियर डिजाइन पहले से ज्यादा प्रीमियम है, साथ ही कई फीचर्स भी जोड़े गए हैं। कंपनी ने 25,000 रुपये की टोकन राशि के साथ बुकिंग शुरू कर दी है। भारत में इसकी एक्स-शोरूम कीमत 8 से 14 लाख रुपए के बीच हो सकती है। इसका मुकाबला महिंद्रा XUV 3XO, टाटा नेक्सॉन, मारुति ब्रेजा, किआ सोनेट और स्कोडा काइलाक से रहेगा।
अगर यूट्यूब पर शॉर्ट्स देखते-देखते आपको भी समय का पता नहीं चलता और स्क्रॉलिंग में घंटों बर्बाद कर देते हैं, तो वीडियो प्लेटफॉर्म ने मोबाइल एप में नया 'टाइमर' फीचर रोलआउट किया है। ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने यह फीचर शॉर्ट्स की अनलिमिटेड स्क्रॉलिंग रोकने के लिए लॉन्च किया है, ताकि यूजर्स का दिमाग 'डूमस्क्रॉलिंग' (बेकार स्क्रॉलिंग) की गिरफ्त में न फंसे। आइए जानते हैं ये फीचर कैसे काम करेगा। नया टाइमर फीचर क्या है और कैसे काम करेगा? ये फीचर क्यों जरूरी और किसे फायदा मिलेगा? लोग लत के कारण घंटों शॉर्ट्स स्क्रॉल करते हैं और समय का पता नहीं चलता। रिसर्च के मुताबिक 'एंडलेस स्क्रॉलिंग' से ध्यान भटकता है, पढ़ाई-लिखाई में दिक्कत होती है और दिमाग का रिवॉर्ड सिस्टम खराब होता है। स्क्रॉलिंग से इंपल्स कंट्रोल कमजोर पड़ता है और चिंता (एंग्जायटी) बढ़ जाती है। प्लेटफॉर्म में 'टेक ए ब्रेक' (15, 30, 60, 90 मिनिट का रिमाइंडर) और 'बेड टाइम रिमाइंडर' पहले से हैं। अब टाइमर फीचर के साथ नया फोकस शॉर्ट्स पर है, जो लोगों का सबसे ज्यादा समय लेता है। इस नए फीचर से समय बचेगा, प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी और फोन की लत कम होगी। इसका फायदा स्टूडेंट्स, प्रोफेशनल्स और बच्चों के माता-पिता को मिलेगा। कैसे शुरू हुआ यूट्यूब? 2004 में ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम- Paypal (अमेरिकन मल्टीनेशनल फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी कंपनी) में काम कर चुके तीन दोस्तों चैड हर्ली, स्टीव चेन, जावेद करीम सैन फ्रांसिस्को में हुई एक डिनर पार्टी में मिले। तीनों ने एक ऑनलाइन डेटिंग सर्विस शुरू करने का प्लान बनाया। 2005 में वैलेंटाइन्स डे पर 14 फरवरी को डोमेन Youtube.com लॉन्च किया गया। इसका पहला ऑफिस एक गैरेज में बनाया गया। डेटिंग सर्विस फेल हुई तो बन गया वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म समय गुजरा लेकिन इसमें कोई वीडियो अपलोड नहीं हुआ। आइडिया फेल होने के बाद तीन फाउंडर में से एक जावेद करीम ने 23 अप्रैल 2005 को इसमें पहला वीडियो अपलोड किया। इस वीडियो का टाइटल ‘मी एट द जू’ था। 19 सेकेंड के इस वीडियो में जावेद करीम खुद सैन डिएगो जू में हाथियों पर बात करते दिखे थे। सितंबर 2005 तक यूट्यूब के पहले वीडियो को 10 लाख से ज्यादा व्यूज मिले थे। आज उस वीडियो पर 26 करोड़ व्यूज और 1.3 करोड़ लाइक्स हैं। जावेद ने ट्रायल के लिए चैनल बनाया था, जिसमें मी एट द जू 18 सालों में अपलोड हुआ इकलौता वीडियो है। बस यहीं से यूट्यूब डेटिंग साइट से वीडियो प्लेटफॉर्म बना। एक साल में फास्टेस्ट ग्रोइंस साइट बनी शुरुआती ग्रोथ देखते हुए Paypal के CFO रोएलोफ बोथा ने भी इसमें पैसे लगाए और यूट्यूब को लगातार इन्वेस्टर्स मिलने लगे। लॉन्च होने के महज एक महीने बाद मई 2005 तक Youtube.com में हर दिन 30 हजार से ज्यादा यूजर्स आने लगे, 6 महीने में ही ये संख्या 20 लाख यूजर तक पहुंच गई। 2006 में यूट्यूब फास्टेस्ट ग्रोइंग साइट थी।
टेक कंपनी शाओमी की सब ब्रांड रेडमी आज अपने होम मार्केट चीन में नई स्मार्टफोन सीरीज रेडमी K90 लॉन्च करने जा रही है। इसमें रेडमी K90 और रेडमी K90 प्रो मैक्स शामिल होंगे। रेडमी K90 प्रो मैक्स में सबसे खास बैक कैमरा सेटअप के साथ बोस स्पीकर दिए गए हैं। कंपनी ने ऑफिशियल वेबसाइट पर सीरीज का प्रोडक्ट पेज लाइव कर दिया है। लॉन्च ईवेंट भारतीय समयअनुसार शाम 4:30 बजे होगा। कंपनी वेबसाइट और रेडमी वेब पेज पर इवेंट लाइव स्ट्रीम करेगी। दोनों फोन 50MP पेरिस्कोप टेलीफोटो कैमरा के साथ आएंगे। लीक के अनुसार, K90 प्रो मैक्स में ब्रांड की अब तक की सबसे बड़ी 7500mAh बैटरी दी जा सकती है। यह स्मार्टफोन 100W फास्ट चार्जिंग तकनीक सपोर्ट करेगा,जिसके साथ 50W वायरलेस चार्जिंग टेक्नोलॉजी भी दी जा सकती है। इसी तरह रेडमी K90 5G में 7000mAh बैटरी मिलेगी। ये फोन भारतीय बाजार में POCO ब्रांड के तहत आएंगे। रेडमी K90 स्मार्टफोन सीरीज: स्पेसिफिकेशंस डिस्प्ले: रेडमी K90 में 1440x 3200 पिक्सल्स रेजोल्यूशन वाला 6.59 इंच का OLED डिस्प्ले दिया जा सकता है, जो 120Hz रिफ्रेश रेट और 3000 निट्स पीक ब्राइटनेस सपोर्ट करेगा। वहीं, रेडमी K90 प्रो में 1440 x 3200 पिक्सल्स रेजोल्यूशन वाला 6.82 इंच का OLED डिस्प्ले दिया जा सकता है, जो 144Hz रिफ्रेश रेट और 3000 निट्स पीक ब्राइटनेस सपोर्ट करेगा। कैमरा: फोटो और वीडियो के लिए रेडमी K90 प्रो मैक्स में 50 मेगापिक्सल का LYT950 OIS कैमरा हो सकता है। साथ में ट्रिपल कैमरा सेटअप में 50 मेगापिक्सल का अल्ट्रा-वाइड लेंस और 50 मेगापिक्सल का सैमसंग JN5 पेरिस्कोप टेलीफोटो सेंसर भी मिलेगा। परफॉर्मेंस: रेडमी K90 प्रो मैक्स 5G फोन में क्वालकॉम का फ्लैगशिप मोबाइल प्रोसेसर स्मैपड्रैगन 8 एलीट जेन 5 दिया जा सकता है। ये 3Nm तकनीक से बना है और इसमें 8 कोर वाला ओर्योन CPU है, जो 3.63GHz से लेकर 4.6GHz तक की क्लॉक स्पीड दे सकता है। साथ में स्नैपड्रैगन X85 5G मोडेम लगा है, जो तेज इंटरनेट और बेहतर 5G कनेक्शन देगा। रैम और स्टोरेज: हाल ही में ये फोन बेंचमार्किंग साइट गीकबेंच पर दिख चुके हैं, जहां इसे 16GB रैम के साथ लिस्ट किया गया था। ये इसका सबसे ऊंचा वैरिएंट हो सकता है। बेस मॉडल में 12GB रैम मिल सकती है। स्टोरेज की बात करें, तो बेस वैरिएंट में 256GB और टॉप वैरिएंट में 1TB तक जगह मिल सकती है। रेडमी K90 में भी यही स्टोरेज ऑप्शन मिलेंगे।
सरकारी कंपनी BSNL ने सीनियर सिटीजन के लिए सस्ता एनुअल प्लान लॉन्च किया है। इस प्लान में 1812 रुपए में एक साल की वैलिडिटी, अनलिमिटेड कॉलिंग और हर दिन 2GB इंटरनेट डेटा मिलेगा। ये प्लान 60 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए है। इस प्लान में कंपनी की ओर से फ्री सिम कार्ड भी दिया जाएगा। 6 महीने का BiTV सब्सक्रिप्शन भी फ्री मिलेगा। BSNL सम्मान प्लान सीमित समय के लिए लाया गया है। यह 365 दिन वाला मोबाइल प्लान फिलहाल 18 नवंबर तक ही खरीदा जा सकता है। 27 सितंबर को BSNL ने 4G सर्विस लॉन्च की BSNL के 25 साल पूरे होने पर कंपनी ने 27 सितंबर को 4G सर्विस लॉन्च की थी। वहीं पूरे देश में BSNL 4G सर्विस रोलआउट करते हुए और 92,600 नए मोबाइल टावर जारी करते हुए कंपनी पहले ही खराब नेटवर्क और नो सिग्नल की समस्या को काफी हद तक कम कर चुकी है। बीएसएनएल ने खुद की 4G टेक्नोलॉजी डेवलप की है, जो विदेशी नहीं बल्कि देसी है। इसे 98,000 जगहों पर लगाया जाएगा। मतलब, गांव-शहर सभी जगह तेज 4G इंटरनेट मिलेगा। 5G में आसानी से अपग्रेड हो सकता है ये नेटवर्क BSNL का ये स्वदेशी 4G स्टैक 5G में आसानी से अपग्रेड हो सकता है। ये क्लाउड-बेस्ड और फ्यूचर-रेडी डिजाइन वाला है। मतलब सॉफ्टवेयर अपडेट से ही 5G पर शिफ्ट हो जाएगा। कोई बड़े हार्डवेयर चेंज की जरूरत नहीं पड़ेगी। टेलीकॉम मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी कहा है कि ये सीमलेसली 5G में अपग्रेडेबल है। यानी, 4G लॉन्च के बाद जल्द ही 5G की तैयारी हो जाएगी। BSNL के कस्टमर लगातार कम हो रहे टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के जुलाई 2025 के आंकड़ों के अनुसार, BSNL और MTNL लगातार सब्सक्राइबर खो रही हैं। जुलाई में BSNL के 1.01 लाख ग्राहक कम हुए, वहीं MTNL के भी सब्सक्राइबर घटे। अब पब्लिक सेक्टर टेलीकॉम कंपनियों का मार्केट शेयर 8% से भी कम रह गया है। रिपोर्ट के अनुसार, जियो ने जुलाई में सबसे ज्यादा 4.83 लाख नए मोबाइल ग्राहक जोड़े हैं। एयरटेल ने जुलाई में 4.64 लाख नए मोबाइल यूजर्स जोड़े। जबकि वोडाफोन आइडिया के सब्सक्राइबर्स में गिरावट देखने को मिली है। वोडाफोन आइडिया (Vi) के जुलाई में 3.59 लाख मोबाइल ग्राहक घटे हैं। BSNL की ऐसी हालत क्यों हुई?
सैमसंग ने अपना नया XR हेडसेट 'गैलेक्सी XR' ग्लोबल मार्केट में लॉन्च किया है। XR मतलब एक्सटेंडेड रियलिटी - यानी वर्चुअल रियलिटी (VR), ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) और मिक्स्ड रियलिटी का पूरा पैकेज है। इसकी कीमत $1799 (करीब 1.5 लाख रुपए) रखी गई है और ये एपल के विजन प्रो से करीब 2.9 लाख रुपए ($3499) महंगा है। हालांकि, कंपनी ने ये नहीं बताया है कि इसकी डिलीवरी कब से की जाएगी। ये हेडसेट न सिर्फ गेमिंग और मूवीज के लिए डिजाइन किया गया है, बल्कि कामकाज और क्रिएटिविटी के लिए भी गेम-चेंजर साबित हो सकता है। सैमसंग का दावा है कि ये XR को आम लोगों तक पहुंचाएगा, क्योंकि एप्पल का प्रोडक्ट बहुत महंगा है। मार्केट में ये कंपटीशन XR टेक को तेजी से आगे ले जाएगा। गैलेक्सी XR जेमिनी AI सपोर्ट करता है। यह न सिर्फ वॉयस कमांड सुनता है, बल्कि स्क्रीन पर क्या चल रहा है, वो देखकर रीयल-टाइम मदद करता है। जैसे गूगल मैप्स में 3D शहर घूमते हुए रोड सजेशन्स या एडोब प्रोजेक्ट पल्सर से वीडियो एडिटिंग करते वक्त आइडियाज देना। ये एपल के विजन प्रो को टक्कर देगा। सैमसंग गैलेक्सी-XR: स्पेसिफिकेशन्स
ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन में आने वाले दिनों में 5 लाख से ज्यादा जॉब्स को रोबोट्स रिप्लेस कर सकते हैं। मतलब, वेयरहाउस में पिकिंग, पैकिंग और डिलीवरी जैसे कामों को रोबोट्स करेंगे और इंसानों की जरूरत कम हो जाएगी। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 से अमेजन की यूएस वर्कफोर्स तीन गुना बढ़कर लगभग 12 लाख हो गई है। लेकिन अब ऑटोमेशन के कारण नई हायरिंग को रोका जा सकता है। अमेजन के एक्जीक्यूटिव्स ने बोर्ड को बताया कि 2033 तक सेल्स को दोगुना करने के प्रोजेक्शन के बावजूद रोबोटिक ऑटोमेशन से कंपनी अपनी हायरिंग कर्व को फ्लैट रख सकती है। यानी, अमेजन को 5 लाख से ज्यादा अतिरिक्त एम्प्लॉयी हायर करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। 2027 तक 1 लाख करोड़ रुपए की बचत का अनुमान आंतरिक दस्तावेजों से पता चला है कि ये रोबोट्स हर आइटम को चुनने, पैक करने और डिलीवर करने में 30 सेंट (लगभग 2.5 रुपए) तक की बचत करेंगे। 2025 से 2027 के बीच कुल 12.6 अरब डॉलर (लगभग 1 लाख करोड़ रुपए) की बचत हो सकती है। ऑपरेशंस का 75% हिस्सा ऑटोमेट करने का प्लान अमेजन का प्लान ऐसे वेयरहाउस बनाना है जहां कम इंसान काम करें। ये वेयरहाउस सुपरफास्ट डिलीवरी के लिए डिजाइन होंगे। कंपनी की रोबोटिक्स टीम का फाइनल प्लान ऑपरेशंस का 75% हिस्सा ऑटोमेट करने का है। अमेजन बोला- NYT को मिले दस्तावेज अधूरे अमेजन की प्रवक्ता केली नैंटेल ने कहा- जो दस्तावेज NYT को मिले, वे अधूरे हैं। ये कंपनी की फुल हायरिंग स्ट्रैटेजी नहीं दिखाते। ये सिर्फ एक ग्रुप का व्यू है। उन्होंने ये भी बताया कि होलीडे सीजन के लिए 2.50लाख स्टाफ हायर करेंगे, लेकिन परमानेंट कितने होंगे, ये नहीं कहा। अमेजन के ग्लोबल ऑपरेशंस हेड उदित मदन ने इंटरव्यू में कहा- किसी एक हिस्से में दक्षता आना पूरी कहानी नहीं है। हमारा पुराना ट्रेडिशन है कि ऑटोमेशन से बचने वाले पैसों से नई जॉब्स क्रिएट करते हैं। जैसे हाल ही में रूरल एरिया में ज्यादा डिलीवरी डिपो खोले। मतलब, कंपनी कह रही है कि रोबोट्स से पैसे बचेंगे तो नई जगहों पर जॉब्स आएंगी।
OpenAI ने मंगलवार (21 अक्टूबर) को अपने नए AI-पावर्ड वेब ब्राउजर 'चैटजीपीटी एटलस' को लॉन्च किया। इस लॉन्च के बाद गूगल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। जिससे गूगल की मार्केट वैल्यू एक ही दिन में 150 बिलियन डॉलर यानी 13.15 लाख करोड़ रुपए घट गई। अल्फाबेट का शेयर 2.21% की गिरावट के साथ 251.34 डॉलर बंद हुआ। कारोबार के दौरान शेयर ने 244.67 डॉलर का लो बनाया था, यानी डे हाई (255.38 डॉलर) से शेयर 4.19% गिरा था। अभी कंपनी की मार्केट वैल्यू 3.03 लाख करोड़ डॉलर यानी 265.93 लाख करोड़ रुपए है। OpenAI ने इस ब्राउजर को पेश करने के लिए पहले X पर एक छह सेकंड का वीडियो शेयर किया था, जिसमें ब्राउजर टैब्स दिखाए गए। इसके बाद CEO सैम ऑल्टमैन ने एक लाइवस्ट्रीम में चैटजीपीटी एटलस का ऐलान किया था। सैम ऑल्टमैन ने X पर पोस्ट शेयर किया सैम ऑल्टमैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर भी पोस्ट शेयर कर लिखा, 'हमारा नया AI-फर्स्ट वेब ब्राउजर 'चैटजीपीटी एटलस' macOS के लिए अवेलेबल है। कृपया अपना फीडबैक दें, अन्य प्लेटफॉर्म पर भी जल्द ही अवेलेबल होगा।' क्या है चैटजीपीटी एटलस की खासियत? एटलस कोई साधारण ब्राउजर नहीं है। यह गूगल क्रोम की तरह ही क्रोमियम टेक्नोलॉजी पर बना है, लेकिन इसमें चैटजीपीटी को हर वेबपेज में इंटीग्रेट किया गया है। यानी आपको सवाल पूछने के लिए टैब स्विच करने या कॉपी-पेस्ट करने की जरूरत नहीं होगी। इसका सबसे खास फीचर है-एजेंट मोड, जिसमें AI आपके कर्सर और कीबोर्ड को कंट्रोल करके कठिन काम कर सकता है। जैसे- फ्लाइट बुक करना, प्रोडक्ट रिसर्च करना या डॉक्यूमेंट्स एडिट करना। आप इसे बस देख सकते हैं या फिर काम छोड़कर चले भी जा सकते हैं। एटलस अभी सिर्फ macOS पर अवेलेबल फिलहाल यह फीचर सिर्फ प्लस और प्रो सब्सक्राइबर्स के लिए है, लेकिन बेसिक ब्राउजर फ्री यूजर्स भी इस्तेमाल कर सकते हैं। एटलस अभी macOS पर अवेलेबल है और जल्द ही इसके मोबाइल और विंडोज वर्जन भी आएंगे। ऑल्टमैन ने कहा, 'हमारा मानना है कि AI ब्राउजर को पूरी तरह से बदल सकता है।' एटलस के लॉन्च के समय ऑल्टमैन के साथ वो इंजीनियर्स भी थे, जिन्होंने पहले क्रोम और फायरफॉक्स जैसे ब्राउजर्स बनाए हैं। गूगल पर क्यों पड़ा असर? एटलस के लॉन्च का गूगल पर असर का कारण है कि गूगल की कमाई का बड़ा हिस्सा सर्च एडवरटाइजिंग से आता है। लेकिन एटलस जैसे AI-पावर्ड ब्राउजर्स और सर्च इंजन सीधे जवाब देकर गूगल के एडवरटाइजिंग-बेस्ड मॉडल को चुनौती दे रहे हैं। OpenAI के पास पहले से ही 800 मिलियन वीकली ChatGPT यूजर्स हैं, जो एटलस को आसानी से अपना सकते हैं। गूगल की क्या है तैयारी गूगल ने हाल ही में अपने क्रोम ब्राउजर में जेमिनी AI को इंटीग्रेट किया है। साथ ही पिछले महीने गूगल एक कोर्ट केस में टूटने से भी बच गया, जिसमें उसके ब्राउजर को अलग करने की मांग थी। अब 29 अक्टूबर को गूगल की तीसरी तिमाही की कमाई के नतीजे आने वाले हैं और निवेशक यह देखेंगे कि क्या AI की यह जंग गूगल के सर्च बिजनेस को प्रभावित कर रही है। आगे क्या होगा? चैटजीपीटी एटलस और गूगल क्रोम के बीच यह जंग टेक दुनिया में बड़ा बदलाव ला सकती है। जहां OpenAI ब्राउजिंग को AI के जरिए आसान और तेज बनाने की कोशिश कर रहा है। वहीं गूगल अपने दबदबे को बचाने के लिए हर कदम उठा रहा है।
टेक कंपनी रियलमी ने अपने होम मार्केट चीन में नई फ्लैगशिप स्मार्टफोन सीरीज GT8 लॉन्च की है। इसमें दो स्मार्टफोन रियलमी GT8 और रियलमी GT8 प्रो शामिल हैं। दोनों फोन में दमदार परफॉर्मेंस, प्रीमियम डिजाइन, हाई-एंड डिस्प्ले और एडवांस कैमरा सिस्टम दिया गया है। कंपनी का दावा है कि ये अब तक के सबसे एडवांस रियलमी फोन हैं, जो फोटोग्राफी और गेमिंग दोनों में प्रोफेशनल-ग्रेड एक्सपीरियंस देंगे। रियलमी ने दोनों स्मार्टफोन को 5-5 स्टोरेज वैरिएंट में पेश किया है और चीन में इनकी शुरुआती कीमत 2899 युआन (लगभग ₹35,850) है। दोनों स्मार्टफोन जल्द ही भारत में भी लॉन्च किए जाएंगे। डिजाइन: कस्टमाइज्ड कैमरा रिंग्स के साथ 3 कलर ऑप्शन रियलमी ने GT8 सीरीज के डिजाइन पर खास ध्यान दिया है। GT8 प्रो में मेकैनिकल असेंबली डिजाइन है, यानी कैमरा डेको के हिस्सों को बदला जा सकता है। आप अपनी पसंद के अनुसार कैमरा रिंग्स को कस्टमाइज कर सकते हैं। यह फोन 3 कलर में अवेलेबल है, वाइट (फ्रॉस्टेड ग्लास), ब्लू (रीसायकल्ड लेदर) और ग्रीन (पेपर टेक्सचर)। रियलमी GT8 का डिजाइन भी प्रीमियम है, जिसमें सर्कुलर कैमरा मॉड्यूल और पतला मेटल फ्रेम है। यह फोन सिर्फ 7.8 मिमी पतला है और इसका वजन करीब 190 ग्राम है। फोन IP66, IP68 और IP69 रेटिंग के साथ धूल और पानी से सुरक्षित है, जिससे यह काफी टिकाऊ है। रियलमी GT8 और रियलमी GT8 प्रो: स्पेसिफिकेशंस डिस्प्ले: रियलमी GT8 सीरीज में 6.79 इंच का 2K स्काई डोम ओलेड डिस्प्ले दिया गया है, जो 144Hz रिफ्रेश रेट और 3200Hz टच सैंपलिंग रेट के साथ आता है। इसमें BOE का Q10+ कस्टम पैनल है, जिसकी ब्राइटनेस 7000 निट्स तक पहुंच सकती है, यानी तेज धूप में भी स्क्रीन साफ दिखती है। इसके अलावा, 4000 निट्स सनलाइट ब्राइटनेस, 2160Hz PWM डिमिंग, 1 निट अल्ट्रा-डार्क मोड और आंखों की सुरक्षा के लिए ट्रू कलर फीचर भी मिलता है। परफॉर्मेंस: परफॉर्मेंस और गेमिंग के लिए रियलमी GT8 सीरीज में क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 8 एलीट जेन 5 चिपसेट है, जो 3nm तकनीक पर बना है। यह चिप AI और ग्राफिक्स में शानदार प्रदर्शन देती है। फोन में 16GB तक LPDDR5X रैम और 1TB तक UFS 4.1 स्टोरेज मिलती है। कंपनी ने फोन में R1 ग्राफिक्स प्रोसेसर भी दिया है, जो 100 से ज्यादा गेम्स में सुपर फ्रेम और सुपर रिजॉल्यूशन मोड को सपोर्ट करता है। 7000mm वैपर कूलिंग सिस्टम फोन को गर्म होने से बचाता है, जो GT7 से 30% बड़ा है। इससे लंबे गेमिंग सेशन में भी फोन ठंडा रहता है। गेमिंग को और बेहतर बनाने के लिए 4D वाइब्रेशन इंजन, गेम मोड 3.0 और अल्ट्रा-लो टच लेटेंसी दी गई है। GT8 प्रो में फ्रेम रेट और GPU को बेहतर करने के लिए AI एन्हांसमेंट भी है। OS और सिक्योरिटी: रियलमी GT8 सीरीज एंड्रॉएड 15 पर बेस्ड रियलमी UI 6.0 पर काम करती है। इसमें स्काई कम्यूनिकेशन सिस्टम और स्काई सिग्नल चिप S1 है, जो कमजोर नेटवर्क में भी 25% बेहतर सिग्नल देता है। फोन वाईफाई 7, ब्लूटूथ 6.0, NFC और 21 ग्लोबल 5G बैंड्स को सपोर्ट करता है। सुरक्षा के लिए इसमें अल्ट्रासोनिक इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर और फेस अनलॉक फीचर है। कैमरा: कैमरा की बात करें, तो रियलमी ने रिको इमेजिंग के साथ पार्टनरशिप की है, जो अपनी प्रीमियम GR कैमरा सीरीज के लिए जानी जाती है। GT8 प्रो में रिको GR सीरीज से इंस्पायर्ड कैमरा सिस्टम दिया गया है, जिसमें हाई ट्रांसपेरेंसी लेंस ग्रुप है, जो कलर और क्लैरिटी दोनों में सुधार करता है। GT8 प्रो में 200MP सैमसंग HP5 पेरिस्कोप टेलीफोटो कैमरा है, जो 3x ऑप्टिकल और 6x लॉसलेस जूम सपोर्ट करता है। साथ में 50MP सोनी IMX921 मेन सेंसर और 50MP अल्ट्रा-वाइड लेंस दिया गया है। वहीं, GT8 में 50MP मेन सेंसर, 8MP अल्ट्रा-वाइड और 50MP 3.5x टेलीफोटो लेंस है। वहीं, सेल्फी और वीडियो रिकॉर्डिंग के लिए फ्रंट में GT8 प्रो में 32MP सोनी IMX615 सेंसर है, जो AI ब्यूटी मोड और 4K रिकॉर्डिंग को सपोर्ट करता है। वहीं, GT8 में 16MP सेल्फी कैमरा दिया गया है। कैमरा फीचर्स की बात करें, तो इसमें GR मोड, स्नैप मोड, क्लासिक फिल्टर्स, HDR 2.0 और प्रो नाइटस्कैप जैसे मोड दिए गए हैं। वीडियो के लिए डॉल्बी विजन और AI मोशन कैप्चर सपोर्ट भी मिलता है। पावर बैकअप: बैटरी और चार्जिंग की बात करें, तो रियलमी GT8 और GT8 प्रो दोनों में 7000mAh की सेकंड-जेनरेशन टाइटन बैटरी दी गई है। GT8 में 100W फास्ट चार्जिंग है, जबकि GT8 प्रो में 120W सुपरवूक और 50W वायरलेस चार्जिंग दी गई है। कंपनी का दावा है कि यह फोन सिर्फ 10 मिनट में 45% तक चार्ज हो जाती है और बैटरी लाइफ 1600 चार्जिंग साइकल्स तक टिकाऊ रहेगी।
टेक कंपनी ओप्पो अपनी फ्लैगशिप स्मार्टफोन सीरीज 28 अक्टूबर को भारतीय बाजार में लॉन्च करने जा रही है। इसमें फाइंड X9 और फाइंड X9 प्रो मॉडल उतारे जाएंगे। ब्रांड ने हाल ही में इन फोन्स को होम मार्केट चीन में लॉन्च किया था। ये फोन्स डायमेंसिटी 9500 चिपसेट और प्रीमियम 6.59 इंच डिस्प्ले के साथ आएंगे। इसके अलावा फाइंड X9 में 50MP कैमरा सेटअप और 7025mAh की बड़ी बैटरी जैसे फीचर्स मिलेंगे। वहीं, फाइंड X9 प्रो मॉडल में 200MP कैमरा सेटअप और 7500mAh की बड़ी बैटरी जैसे फीचर्स दिए जाएंगे। भारत में इनका मुकाबला, वीवो X300, वनप्लस 13 और शाओमी 17 जैसे फ्लैगशिप सीरीज के स्मार्टफोंस से होगा। लॉन्च इवेंट 28 अक्टूबर को स्पेन के बार्सिलोना शहर में रात 7:30 बजे होगा। ओपो ग्लोबल वेबसाइट पर ईवेंट को लाइव देख सकते हैं। उम्मीद है कंपनी इसी दिन दोनों फोन्स की इंडिया लॉन्च डेट अनाउंस कर सकती है।
फेस्टिव सीजन में स्मार्टफोन फोटोज, वीडियोज और शॉपिंग एप्स से भर जाता है। स्टोरेज फुल होने से फोन स्लो हो जाता है, एप्स क्रैश करते हैं, बैटरी जल्दी खत्म होती है और नई फाइल्स सेव नहीं हो पातीं। यहां तक कि डेटा लॉस होने का खतरा रहता है। अगर आपको भी इन परेशानियों से बचना है तो कुछ आसान टिप्स फॉलो कर आप फोन को क्लीन और फास्ट कर सकते हैं। इसके साथ ही बैटरी लाइफ भी बढ़ा सकते हैं। चलिए इन ग्राफिक्स की मदद से डिटेल में जानते हैं… क्लाउड स्टोरेज क्या है? क्लाउड स्टोरेज एक ऑनलाइन सर्विस है, जहां आपकी फाइल्स (फोटोज, वीडियोज, डॉक्यूमेंट्स) इंटरनेट पर सर्वर्स में स्टोर होती हैं। इससे फोन या कंप्यूटर का स्टोरेज फ्री हो जाता है और आप कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं। ये बैकअप और शेयरिंग के लिए बेस्ट है, जैसे गूगल ड्राइव या ड्रॉपबॉक्स। स्टोरेज कैसे ट्रांसफर करें?
आईटेल ने रिदम ईको ईयरबड्स लॉन्च किए:10 मिनट की चार्जिंग में 2 घंटे का प्लेबैक टाइम; कीमत ₹1199
भारतीय बाजार में अपने नए रिदम ईको ईयरबड्स लॉन्च कर दिए हैं। कंपनी ईयरबड्स का प्ले टाइम 50 घंटे तक दोने का दावा करती है। ये ईयरबड्स खास तौर पर उन यंगस्टर्स के लिए डिजाइन किए गए हैं जो पूरे दिन इस्तेमाल के लिए लंबी बैटरी लाइफ, पॉवरफुल साउंड और क्लियर कॉल क्वालिटी चाहते हैं। ईयरबड्स की शुरुआती कीमत ₹1199 है। itel भारत में 11 करोड़ से ज़्यादा ग्राहकों के भरोसे पर कायम है। ईयरबड्स लुरेक्स ब्लैक और मिडनाइट ब्लू दो कलर्स में उपलब्ध हैं और एक साल की वारंटी के साथ आते हैं। रिदम ईको ईयरबड्स में क्वाड माइक नॉइस कैंसेशन जैसे फीचर्स रिदम ईको ईयरबड्स में शोर खत्म करने के लिए क्वाड माइक ENC का इस्तेमाल किया गया है। यानी इसमें लगे चार माइक्रोफोन आपके आसपास के शोर, जैसे ट्रैफिक या भीड़भाड़ को पहचान कर उसे कम कर देते हैं। इससे आपकी आवाज कॉल करने वाले तक साफ पहुंचती है। इसके अलावा गेमिंग के लिए ईयरबड्स 45 मिलीसेकंड (ms) की लो लेटेंसी के साथ आते हैं। लो लेटेंसी का मतलब है कि गेम में आवाज और वीडियो के बीच का गैप (देरी) बहुत कम होना, जिससे गेमिंग का अनुभव एकदम स्मूथ और तेज हो जाता है। रिदम ईको ईयरबड्स में लगे 10mm के डायनेमिक ड्राइवर्स म्यूजिक, फिल्में और पॉडकास्ट में बेस और क्रिस्टल क्लियर साउंड देते हैं। 10 मिनट की चार्जिंग में 2 घंटे का प्लेबैक ईयरबड्स सिर्फ 10 मिनट की चार्जिंग में आपको 120 मिनट (2 घंटे) तक का प्लेबैक टाइम मिल जाएगा। ब्लूटूथ 5.3 स्टेबल और पावर-एफिशिएंट कनेक्शन देता है। टच कंट्रोल से आप आसानी से गाने बदल सकते हैं, वॉल्यूम एडजस्ट कर सकते हैं या कॉल का जवाब दे सकते हैं। इनमें रोज़मर्रा के इस्तेमाल के लिए ईयरबड्स में IPX4 रेटिंग और AI वॉयस असिस्टेंट का सपोर्ट दिया गया है।
अगर आप दिवाली पर नया स्मार्टफोन लेने का प्लान बना रहे हैं और बजट 50 हजार रुपए है तो आप तो रियलमी, सैमसंग, ओप्पो, मोटोरोला और गूगल जैसे ब्रांड्स के प्रीमियम फोन खरीद सकते हैं। इस रेंज के स्मार्टफोन्स में प्रीमियम लुक, फास्ट प्रोसेसर, बड़ी बैटरी, बेहतर कैमेरा, बड़ी डिस्प्ले और AI असिस्टेंस जैसे फीचर्स मिल जाएंगे। यहां हम आपको ऐसे 5 स्मार्टफोन के बारे में बता रहें हैं... 1. रियलमी GT 7 Pro: 50MP कैमरा के साथ 5800mAh बैटरी रियलमी GT 7 Pro इस बजट का सबसे हेवी प्रोसेसर वाला फोन है। इसमें स्नैपड्रैगन 8 एलीट प्रोसेसर है जो फास्ट पर्फोमेंस देता है। इसके अलावा फोन में 120Hz रिफ्रेश रेट के साथ 6.7 इंच का एमोलेड डिस्प्ले आता है। फोन का 50MP मेन कैमरा लो-लाइट में भी साफ तस्वीरें लेता है। 5800 mAh की बैटरी 120W फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है। इससे फोन 30 मिनट में 50% चार्ज हो जाता है। इसकी शुरुआती कीमत 45,999 रुपए है। ये फोन 12GB RAM + 256GB स्टोरेज के साथ आता है। 2. सैमसंग गैलेक्सी S24: AI फीचर्स के साथ प्रीमियम लुक सैमसंग, S24 स्मार्टफोन में अपनी ब्रांड वैल्यू के साथ कई AI फीचर्स ऑफर करता है। फोन में आपको एक्सीनोस 2400 SoC प्रोसेसर मिलता है जो पावरफुल परफॉर्मेंस देता है। इसके अलावा फोन के बैकग्राउंड रिमूवर और लो-लाइट फिक्स जैसे AI फीचर्स यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाते हैं। फोन में 6.2 इंच का डायनेमिक LTPO AMOLED 2X डिस्प्ले है, जो 120Hz रिफ्रेश रेट के साथ बेहद स्मूथ चलता है। कैमरे के मामले में यह 50MP के मेन सेंसर और है क्वालिटी ऑप्टिकल जूम के साथ आता है। यह उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो कॉम्पैक्ट साइज में फ्लैगशिप परफॉर्मेंस और बेहतर कैमरा चाहते हैं। 3. ओप्पो रेनो 14 Pro: 50MP फ्रंट कैमरा और 80W फास्ट चार्जिंग अगर आपको सेल्फी लेने और वीडियो बनाने का शौक है, तो ये फोन आपके लिए परफेक्ट हो सकता है। फोन में 50MP कैमरा का क्वाड सेटअप है, जिसमें फ्रंट 50MP सेल्फी कैमरा है। फोन सेल्फी में AI से ब्यूटी मोड ऐड करता है। इसके आलावा 6.8 इंच का AMOLED कर्व्ड डिस्प्ले हाई-क्वालिटी कंटेट को देखने का बेहतर एक्सपीरियंस देता है। मीडियाटेक डाइमेंसिटी 8450 चिप से फोन स्मूद चलता है। 6200mAh की बैटरी 80W सुपर वू (फास्ट चार्जिंग) को सपोर्ट करती है। 12GB RAM + 256GB स्टोरेज के साथ ये फोन वाटरप्रूफ (IP68 रेटिंग) भी है। इसकी कीमत 48,999 रुपए से शुरू होती है। 4. मोटोरोला एज 50 Ultra: कर्व्ड डिस्प्ले के साथ 64MP कैमरा मोटोरोला एज 50 Ultra में आपको कर्व्ड स्क्रीन के साथ पावरफुल परफॉर्मेंस देखने को मिलती है। 6.7 इंच का pOLED कर्व्ड डिस्प्ले अलग यूजर एक्सपीरियंस देता है। स्नैपड्रैगन 8s Gen 3 चिप से बिना हीटिंग के लंबे समय तक हेवी गेमिंग कर सकते हैं। फोन में 64MP लेंस के साथ ट्रिपल कैमरा सेटअप है, जिसमें 125mm पेरिस्कोप लेंस दूर की तस्वीरें साफ लेता है। फोन की 4500mAh बैटरी 125W वायर्ड और 50W वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट करती है। स्मार्टफोन की कीमत 42,999 रुपए से शुरू होती है। 5. गूगल पिक्सल 9a: क्लीन सॉफ्टवेयर के साथ AI कैमरा अगर आपको फोन में क्लीन सॉफ्टवेयर पसंद है तो 50 हजार के बजट में गूगल पिक्सल 9a बेहतरीन चॉइस हो सकती है। फोन में 6.3 इंच का OLED डिस्प्ले ब्राइट और स्मूद है, जो छोटे हाथों के लिए बेस्ट। टेंसर G4 चिप AI फीचर्स को के साथ बेहतर परफॉमेंस देता है। पिक्सल 9a में 48MP में लेंस के साथ डुअल कैमरा सेटअप है। फोन के मैजिक एडिटर जैसे AI फीचर्स क्लिक किए हुए फोटोज को और बेहतरीन बनाते हैं। 5100 mAh की बैटरी 18W चार्जिंग को सपोर्ट करती है। 8GB RAM + 128GB स्टोरेज के साथ ये फोन 7 साल तक सॉफ्टवेयर अपडेट्स देता है। इसकी शुरुआती कीमत 42,599 रुपए है।
टाटा मोटर्स ने नेक्सॉन EV में लेवल-2 ADAS (एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम) फीचर देने के एक महीने बाद अब नेक्सॉन के पेट्रोल वर्जन को भी इसी फीचर के साथ अपडेट कर दिया है। कंपनी की सबसे पॉपुलर कार में अब फॉरवर्ड कोलिजन वॉर्निंग, ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग, लेन डिपार्चर वॉर्निंग, लेन-कीप असिस्ट, हाई-बीम असिस्ट और ट्रैफिक साइन रिकग्निशन जैसे फीचर्स मिलेंगे। ये लेवल-2 ADAS फीचर्स सिर्फ टॉप मॉडल नेक्सॉन फियरलेस +PS में मिलेंगे, जो टर्बो-पेट्रोल इंजन और डुअल-क्लच ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ आता है। ADAS फीचर्स के साथ ₹27,000 महंगी हुई कार ADAS फीचर्स के साथ नेक्सॉन फियरलेस +PS की कीमत ₹13.53 लाख रुपए रखी गई है, जो मौजूदा कीमत (₹13.26 लाख) से 27,000 रुपए ज्यादा है। इसके अलावा टाटा ने नेक्सॉन रेड डार्क एडिशन को भी ADAS फीचर्स के साथ अपडेट कर पेश किया है, जिसकी एक्स-शोरूम कीमत 13.81 लाख रुपए रखी गई है। ये मौजूदा मॉडल से 28,000 रुपए से ज्यादा है। इसमें कॉस्मैटिक बदलावों के साथ डिजाइन एलिमेंट्स दिए गए हैं। वहीं, 2025 टाटा नेक्सॉन की एक्स-शोरूम कीमत 7.32 लाख रुपए से शुरू होती है, जो 14.15 लाख रुपए तक जाती है। जीएसटी 2.0 के बाद 2025 टाटा नेक्सॉन 1.55 लाख रुपए तक सस्ती हो गई है। इसका मुकाबला किआ सोनेट, हुंडई वेन्यू, मारुति ब्रेजा, महिंद्रा एक्सयूवी एक्सओ और निसान मैग्नाइट से है। टाटा नेक्सॉन रेड डार्क एडिशन: एक्सटीरियर डिजाइन डिजाइन की बात करें तो अपने इलेक्ट्रिक मॉडल की तरह नेक्सॉन रेड डार्क को एटलस ब्लैक कलर की फिनिशिंग दी गई है। इसमें डार्क व्हील्स और बैजिंग भी दी गई है। करीब से देखने पर इसके फेंडर पर रेड डार्क की बैजिंग भी दी गई है। इसके फ्रंट में LED DRLs स्प्लिट हेडलैंप, स्पोर्टी बम्पर पर नीचे LED हेडलैंप दिए गए हैं। वहीं, साइड में फंकी दिखने वाले 16 इंच के अलॉय व्हील मिलते हैं। रियर में नेक्सॉन को फुल कनेक्टेड LED टेल लाइट मिलती है, जिसे कंपनी 'X फैक्टर टेल लैंप' कहती है। इसमें वेलकम और गुडबाय फंक्शन भी मिलता है।कार में 6 नए कलर इंट्रीड्यूज किए गए हैं। इसमें फियरलेस पर्पल, क्रिएटिव ऑसियन, प्योर ग्रे, फ्लेम रेड, डेटोना ग्रे और प्रिस्टीन वाइट शामिल हैं। टाटा नेक्सॉन रेड रेड डार्क एडिशन: इंटीरियर डिजाइन नेक्सॉन रेड डार्क एडिशन के इंटीरियर में डैशबोर्ड पूरी तरह ब्लैक है और सीटों पर शानदार रेड कलर की फिनिश दी गई है, जो इसे बहुत स्टाइलिश और कॉन्ट्रास्टिंग लुक देता है। टाटा मोटर्स का कहना है कि इस रेड डार्क थीम को और खास बनाने के लिए 10.25 इंच के इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर और टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम में भी उसी थीम से मिलते-जुलते ग्राफिक्स दिए गए हैं। फीचर्स: 10.25 इंच का डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले टाटा ने अब नेक्सॉन के टॉप वैरिएंट में नेक्सॉन EV की तरह रियर सनशेड्स जोड़ दिए हैं, बाकी फीचर्स में कोई बदलाव नहीं है। इसमें पहले से ही 10.25 इंच की टचस्क्रीन, 10.25 इंच का डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले, ऑटो AC, पैनोरमिक सनरूफ, हवादार फ्रंट सीट्स, 9-स्पीकर JBL साउंड सिस्टम, वायरलेस चार्जर, और पुश-बटन स्टार्ट के साथ कीलेस एंट्री जैसे शानदार फीचर्स मिलते हैं। ADAS (एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम) के अलावा, सेफ्टी के लिए इसमें 6 एयरबैग्स (हर वैरिएंट में स्टैंडर्ड), ABS के साथ EBD, फ्रंट और रियर पार्किंग सेंसर्स, 360-डिग्री कैमरा, और इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC) दिए गए हैं, जो गाड़ी को सुरक्षित और स्टेबल रखते हैं। परफॉरमेंस: पेट्रोल, डीजल और CNG ऑप्शन नेक्सॉन रेड डार्क एडिशन में स्टैंडर्ड मॉडल वाले इंजन ऑप्शन ही मिलेंगे। यहां कोई बदलाव नहीं किया गया है। 1.2-लीटर टर्बो पेट्रोल: 1.5 लीटर टर्बो-डीजल: 1.2 लीटर टर्बो CNG (बाय-फ्यूल):
स्कोडा ऑटो इंडिया ने अपनी लग्जरी सेडान ऑक्टाविया RS को भारत में लॉन्च किया है, जिसकी कीमत 49.99 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) है। भारत में इसकी सिर्फ 100 गाड़ियां बेची जाएंगी, जो 6 अक्टूबर 2025 को प्री-बुकिंग शुरू होने के कुछ ही दिनों में बिक गई थीं। डिलीवरी 6 नवंबर 2025 से शुरू होगी। चेक कंपनी स्कोडा ने कार को जनवरी 2025 के मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में दिखाया था। इसमें 360-डिग्री कैमरा और ADAS जैसे सेफ्टी फीचर्स हैं। इसका सीधा मुकाबला किसी से नहीं, लेकिन ये फॉक्सवैगन गोल्फ GTI को टक्कर देगी। ऑडी A4, BMW 2 सीरीज, और मर्सिडीज A-क्लास के मुकाबले ये ज्यादा स्पोर्टी है। एक्सटीरियर: मैट्रिक्स LED हेडलाइट्स और 8-इंच अलॉय व्हील्स 2025 स्कोडा ऑक्टाविया RS रेगुलर ऑक्टाविया का ज्यादा स्पोर्टी वर्जन है। इसमें कई स्टाइलिश डिजाइन बदलाव किए गए हैं। फ्रंट में ब्लैक फिनिश के साथ स्कोडा की सिग्नेचर बटरफ्लाई ग्रिल है, जिस पर है। इसके साथ V-शेप्ड LED DRLs के साथ डुअल-पॉड मैट्रिक्स LED हेडलाइट्स दी गई हैं। रियर में स्लीक रैपअराउंड LED टेललाइट्स हैं। गाड़ी में 18-इंच के डुअल-टोन अलॉय व्हील्स हैं, जो इसे बेहतर हवा का प्रवाह देते हैं। साथ ही, ब्लैक बूट लिप स्पॉइलर और ब्लैक ORVMs इसे और स्पोर्टी लुक देते हैं। इंटीरियर : 13-इंच फ्री-स्टैंडिंग टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम RS मॉडल के केबिन में रेड एक्सेंट के साथ ऑल-ब्लैक कलर थीम मिलेगी जो इसे काफी स्पोर्टी फील देगी। इसमें सीटों पर लेदरेट अपहोल्स्ट्री और फ्रंट और रियर पैसेंजर के लिए सेंटर आर्मरेस्ट की सुविधा भी मिलेगी। इसमें 3-स्पोक स्टीयरिंग व्हील के साथ 'स्कोडा' लेटरिंग, 13-इंच फ्री-स्टैंडिंग टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम और 10-इंच डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले दिया जाएगा। फीचर्स: 360-डिग्री कैमरा और एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस इसमें डुअल-जोन ऑटो AC, हीटेड और पावर्ड फ्रंट सीट, एम्बिएंट लाइटिंग, वायरलेस फोन चार्जर और प्रीमियम साउंड सिस्टम जैसे फीचर भी मिलेंगे। सेफ्टी के लिए इसमें कई सारे एयरबैग्स, ऑटो होल्ड फंक्शन के साथ इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS), 360-डिग्री कैमरा और एडवांस ड्राइवर असिस्टेंस (ADAS) दिया जा सकता है। स्कोडा ऑक्टाविया आरएस भारतीय वर्जन में डायनामिक चेसिस कंट्रोल और बेहतर हैंडलिंग के लिए लिमिटेड स्लिप डिफ्रेंशियल दिया जा सकता है। स्टैंडर्ड ऑक्टाविया RS के मुकाबले RS में कड़े स्प्रिंग, रेस्पॉन्सिव स्टीयरिंग व्हील और अपग्रेडेड ब्रेक्स दिए गए हैं जो बेहतर हैंडलिंग में मदद करेंगे।
यूट्यूब डाउन होने से लाखों यूजर्स परेशान, स्क्रीन पर दिखा यह मैसेज
Youtube Down news in hindi : गूगल का वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म यूट्यूब गुरुवार सुबह अचानक ठप हो गया। इस वजह से दुनियाभर के लाखों यूजर्स को परेशानी का सामना करना पड़ा। यूट्यूब डाउन होते ही सोशल मीडिया साइट एक्स पर #YouTubeDown ट्रेंड करने लगा।
GST की नई दरें 22 सितंबर से लागू होने की वजह से कार की कीमतें 4 साल पहले के बराबर पहुंच गई हैं। इसके अलावा कंपनियां दिवाली डिस्काउंट भी दे रही हैं। ऐसे में अगर आप भी इस फेस्टिव सीजन में नई कार खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो डिलीवरी से पहले कुछ सावधानियां रखना जरूरी है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि कार खरीदने से पहले क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए। कार डीलर से कैसे डील करें और शोरूम से कार की डिलीवरी लेने से पहले प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन (PDI) क्यों जरूरी है और इसे कैसे किया जाता है... सबसे पहले जानते हैं PDI क्या होता है? PDI यानी प्री डिलीवरी इंस्पेक्शन। यह एक प्रोसेस है, जिसमें कार की डिलीवरी से पहले इंस्पेक्शन फैसिलिटी मिलती है। इसमें कार के इंटीरियर, एक्सटीरियर, इंजन और सभी फीचर्स को चेक किया जाता है कि वे ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं। PDI दो तरीके से किया जाता है। PDI क्यों जरूरी, कब और कहां करना चाहिए? PDI करने से पता चल सकता है कि कार में कोई दिक्कत तो नहीं है। कार डीलर को पहले से पता होता है कि कार में क्या प्रॉब्लम है और डिलीवरी से पहले किस तरह कस्टमर से उसे छिपाना है। इसलिए गाड़ी रजिस्टर होने से पहले ही कार का PDI कर लेना चाहिए। कार का PDI ऐसी जगह करना चाहिए जहां रोशनी अच्छी हो। इससे कार के सभी हिस्सों को देखने में आसानी होती है। किसी एक्सपर्ट, मैकेनिक या कारों के बारे में नॉलेज रखने वाले को साथ ले जाना फायदेमंद होगा। एक्सपर्ट न भी मिले तो खुद भी इसे कर सकते हैं। आइए जानते हैं PDI कैसे करते हैं... स्टेप-1 : चेक लिस्ट बनाएं स्टेप-2 : एक्सटीरियर स्टेप-3 : इंटीरियर स्टेप-4 : इंजन, ओडोमीटर और फ्यूल स्टेप-5 : कार के डॉक्युमेंट्स स्टेप-6 : टेस्ट ड्राइव लें स्टेप-7 : इंस्पेक्शन का वीडियो बनाएं सारी चीजें चेक करने के बाद ही उस कार को अपने नाम पर रजिस्टर्ड कराएं। रजिस्ट्रेशन होने के बाद उस कार पर नजर बनाए रखें। कार को वापस सर्विस सेंटर के अंदर न जाने दें। अगर कार को अंदर भेजना ही है तो किसी अन्य व्यक्ति को साथ भेजें। अगर आप और ज्यादा सिक्योर होना चाहते हैं तो पूरे इंस्पेक्शन का एक वीडियो बना लें। कार की डिलीवरी लेने के बाद क्या करें कार खरीदने के बाद उसके इनवॉइस (बिल) को अच्छी तरह से चेक कर लेना चाहिए। कई डीलर शुरू में गाड़ी के एक्स-शोरूम प्राइस पर इंश्योरेंस और RTO चार्ज जोड़कर ऑनरोड प्राइस बता देते हैं। गाड़ी खरीदने के बाद जब हम बिल देखते हैं तो काफी सारे हिडन चार्ज दिखते हैं, जैसे- फाइल चार्जेस, सर्विस चार्जेस, हैंडलिंग चार्जेस और एक्सेसरीज चार्जेस। कुल मिलाकर लगभग 5-10 हजार रुपए के हिडन चार्जेस लगा दिए जाते हैं। बता दें कि सर्विस चार्ज गैरकानूनी है। इस तरह का चार्ज आप अपने बिल में देखते हैं तो तुरंत ऑब्जेक्शन उठाएं या फिर बुकिंग के समय ही डीलर को क्लियर कर दें कि कोई हिडन चार्ज पे नहीं करेंगे। ये जरूरी टिप्स भी जान लें... चलते-चलते जान लेते हैं कार खरीदते समय क्या-क्या सावधानी रखनी चाहिए
TVS मोटर इंडिया ने आज 15 अक्टूबर को अपनी नई एडवेंचर टूरर बाई TVS अपाचे RTX 300 लॉन्च कर दी है। यह 300cc सेगमेंट में TVS की पहली एडवेंचर बाइक है। इसकी शुरुआती एक्स-शोरूम प्राइस ₹1.99 लाख रखी गई है, जो इसे एडवेंचर सेगमेंट की सबसे सस्ती बाइकों में से एक बनाती है। TVS ने इसे एक बिल्कुल नए प्लेटफॉर्म पर बनाया है, जिसमें ऑन-रोड और ऑफ-रोड दोनों पर चलने की काबिलियत है। अपाचे RTX 300 का मुकाबला KTM 250 एडवेंचर, yezdi एडवेंचर और हिमालयन जैसी गाड़ियों से होगा। अपाचे RTX 300 तीन वेरिएंट्स में लॉन्च की गई है.... एडवेंचर लुक के साथ स्टील फ्रेम डिजाइन के मामले में RTX 300 पूरी तरह से एक एडवेंचर बाइक जैसी दिखती है। इसमें ट्विन-LED हेडलाइट, हाई विंडस्क्रीन, फेडर और शार्प बॉडी पैनल्स दिए गए हैं।यह स्टील ट्रेलिस फ्रेम पर बनी है, जो इसे कच्ची सड़कों के लिए मजबूती देता है। खराब रास्तों को आसानी से संभालने के लिए इसमें लंबी-ट्रेवल USD (अपसाइड डाउन) फ्रंट फोर्क्स और पीछे मोनोशॉक सस्पेंशन दिया गया है। बाइक में 19 इंच के फ्रंट और 17 इंच के रियर व्हील दिए गए हैं। इसमें डुअल-पर्पस टायर लगे हैं जो हाईवे और मिट्टी वाले रास्तों दोनों पर काम आते हैं। यह वाइपर ग्रीन, मेटैलिक ब्लू, पर्ल व्हाइट, लाइटनिंग ब्लैक और टार्न ब्रॉन्ज पांच रंगों में उपलब्ध है। दमदार इंजन, 35 हॉर्सपावर की ताकत अपाचे RTX 300 में मैकेनिकल सेटअप पर खासा ध्यान दिया गया है। इसे 299cc का बिल्कुल नया लिक्विड-कूल्ड RT-XD4 इंजन है। यह इंजन लंबी दूरी और तेज गर्मी में भी बाइक को ठंडा रखता है। यह इंजन 35 हॉर्सपावर (hp) की मैक्सिमम पावर और 28.5 Nm का टॉर्क पैदा करता है, जो एडवेंचर राइडिंग के लिए पावर देता है। इसमें स्मूथ गियर शिफ्टिंग के लिए स्लिप-एंड-असिस्ट क्लच के साथ 6-स्पीड गियरबॉक्स दिया गया है। साथ ही, क्विकशिफ्टर (बिना क्लच दबाए गियर बदलना) और राइड-बाय-वायर (थ्रॉटल को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से कंट्रोल करना) जैसे प्रीमियम फीचर्स भी मौजूद हैं। अपाचे में ट्रैक्शन कंट्रोल के साथ 5-इंच TFT स्क्रीन फीचर्स के मामले में बाइक में कई हाई-टेक राइडर एड्स दिए गए हैं। इसमें दिया गया ट्रैक्शन कंट्रोल बाइक को सड़कों पर फिसलने से रोकता है। ABS (एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम) के लिए रैली, अर्बन और रेन जैसे मोड्स मिलते हैं, जो अलग-अलग सड़कों के हिसाब से ब्रेकिंग को एडजस्ट करते हैं। बाइक के 5-इंच TFT स्क्रीन में क्रूज कंट्रोल और टर्न-बाय-टर्न नेविगेशन की सुविधा मिलती है। बाइक को स्मार्टएक्स कनेक्ट एप के जरिए आप फोन कॉल, म्यूजिक को कंट्रोल कर सकते हैं।
इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनी ओला इलेक्ट्रिक अब एनर्जी स्टोरेज मार्केट में कदम रखने का प्लान बना रही है। ओला के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर भाविश अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट शेयर कर इसका संकेत दिया। भाविश अग्रवाल ने पोस्ट में लिखा, 'शक्ति को लेकर बहुत एक्साइटेड हूं। लॉन्च डेट को रिवाइज किया गया है। अब यह लॉन्च सुबह 10 बजे होगा। इस पोस्ट में उन्होंने अपने प्रोडक्ट की कुछ फोटोज और एक वीडियो भी शेयर किया है। फोटो में प्रोडक्ट पर शक्ति लिखा हुआ है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके इस नए प्रोडक्ट का नाम शक्ति है। इससे पहले भाविश अग्रवाल ने एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने लॉन्च डेट 17 अक्टूबर बताई थी। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था, 'इस दिवाली हम अपना पहला नॉन व्हीकल प्रोडक्ट लॉन्च कर रहे हैं। पावर हमेशा से एक यूटिलिटी रही है, लेकिन अब यह डीप टेक बन गई है - इंटेलिजेंट, पोर्टेबल और पर्सनल। 17 अक्टूबर को हमारे साथ बने रहें।' एनर्जी स्टोरेज मार्केट 2030 तक ₹2.64 लाख करोड़ तक बढ़ेगा भाविश की इन दोनों पोस्ट से पता चलता है कि ओला इलेक्ट्रिक व्हीकल के अलावा एनर्जी सेक्टर में उतरने जा रही है। PTI की रिपोर्ट के अनुसार, एनर्जी स्टोरेज का मार्केट 2030 तक 30 बिलियन डॉलर यानी 2.64 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ सकता है। वहीं ओला इलेक्ट्रिक ने बीएसई फाइलिंग में कहा, 'हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक व्हिकल कंपनी ओला इलेक्ट्रिक, एनर्जी सेक्टर में अपने नए प्रोडक्ट को पेश करेगी, जिसका नाम 'ओला शक्ति' है। हालांकि, कंपनी ने ओला शक्ति के बारे में कोई जानकारी का खुलासा नहीं किया है। नया प्रोडक्ट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम से जुड़ा हो सकता है PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कंपनी का यह नया प्रोडक्ट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) से जुड़ा हो सकता है, जो घरों और व्यवसायों के लिए होगा। ओला इस प्रोडक्ट में अपनी तमिलनाडु गिगाफैक्ट्री में बनी 4680 भारत सेल टेक्नोलॉजी का यूज करेगी। यानी इस प्रोडक्ट में सोलर या ग्रिड की बिजली को स्टोर करके जरूरत पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। डिस्ट्रीब्यूटेड एनर्जी सॉल्यूशंस की मांग बढ़ रही ओला ऐसे समय मार्केट में एंट्री कर रही है, जब डिस्ट्रीब्यूटेड एनर्जी सॉल्यूशंस की मांग बढ़ रही है। अगर ओला बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) मार्केट में आ रही है, तो कंपनी को फायदा होगा। क्योंकि उसके पास पहले से इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है, जो ट्रेडिशनल तरीकों से मार्केट में एंट्री करने की उसकी बाधाओं को कम कर देगा। इसकी 5 GWh कैपेसिटी वाली गिगाफैक्ट्री को स्टोरेज के कामों के लिए आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है, वो भी बिना ज्यादा पैसा खर्च किए। साथ ही पूरे देश में फैले ओला इलेक्ट्रिक के स्टोर्स रिहायशी और कमर्शियल ग्राहकों के लिए तुरंत डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट्स का काम करेंगे। कंपनी के यह सभी एसेट उसे BESS इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की तुलना में तेजी से मार्केट में कदम रखने में मदद करेंगे। भारत का एनर्जी स्टोरेज सेक्टर शुरुआती कंपनियों के लिए बड़ी संभावनाएं देता है। ओला की एंट्री देश में मैन्युफैक्चरिंग की कैपेसिटी को बढ़ाएगा, खासकर जब सरकार लोकल प्रोडक्शन को प्राथमिकता दे रही है।
हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) ने तरुण गर्ग को कंपनी का नया मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (MD CEO) नियुक्त किया है। गर्ग 1996 में कंपनी शुरू होने के बाद पहले भारतीय होंगे जो इसका नेतृत्व करेंगे। वे उन्सू किम की जगह लेंगे। कंपनी ने बुधवार (15 अक्टूबर) को BSE फाइलिंग में बताया कि गर्ग 1 जनवरी 2026 से अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे, अभी कंपनी में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) हैं। हालांकि, इस फैसले के लिए शेयरहोल्डर्स की मंजूरी बाकी है, तब तक वो MD और CEO डेजिग्नेट रहेंगे। गर्ग को ऑटो-इंडस्ट्री में 30 साल से ज्यादा का अनुभव तरुण गर्ग दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियर और IIM लखनऊ से MBA हैं। उनके पास ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में 30 साल से ज्यादा का अनुभव है। हुंडई में आने से पहले उन्होंने मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड में लंबे समय तक काम किया, जहां वो मैनेजमेंट ट्रेनी से शुरू करके रीजनल सेल्स मैनेजर, कॉमर्शियल बिजनेस हेड, नेशनल सेल्स और नेटवर्क हेड और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (मार्केटिंग, लॉजिस्टिक्स, पार्ट्स, और एक्सेसरीज) जैसे रोल्स तक पहुंचे। हुंडई कारों में ADAS फीचर लॉन्च किया हुंडई में रहते हुए गर्ग ने मार्केट में कंपनी की पहुंच और मुनाफे को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने डिजिटल मार्केटिंग, प्रीमियम चैनल डेवलपमेंट, ग्रामीण बाजारों में विस्तार और यूज्ड-कार सेगमेंट में पहल की। उन्होंने नौ हुंडई मॉडल्स में एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) लॉन्च किया और सेल्स क्वालिटी सुधारते हुए मुनाफे के मार्जिन को बढ़ाया। कंपनी बोली- गर्ग को मार्केट और इंडस्ट्री की गहरी समझ कंपनी ने कहा, ‘गर्ग के पास मार्केट और इंडस्ट्री की गहरी समझ है और वो ट्रेंड्स, थर्ड-पार्टी इनसाइट्स और भविष्य के अनुमानों के आधार पर प्रैक्टिकल और दूरदर्शी स्ट्रैटजी बनाने में एक्सपर्ट हैं। उनके (तरुण गर्ग) नेतृत्व में हुंडई ने वॉल्यूम ग्रोथ, ब्रांड वैल्यू और कस्टमर सैटिस्फेक्शन में बैलेंस बनाया।’ कंपनी ने बताया कि गर्ग की नियुक्ति भारत में हुंडई की मजबूत नींव को और मजबूत करने और स्मार्ट मोबिलिटी सॉल्यूशंस प्रोवाइडर बनने की दिशा में तेजी लाने की लॉन्ग टर्म स्ट्रैटजी का हिस्सा है।
मर्सिडीज-बेंज इंडिया ने भारतीय बाजार में नई G 450d लॉन्च कर दी है। इसकी कीमत 2.90 करोड़ रुपए (एक्स-शोरूम) रखी गई है। G 400d के बंद होने के बाद फिर से जी-क्लास रेंज में डीजल इंजन की वापसी हुई है। कंपनी अब इस आइकॉनिक SUV को भारत में पहली बार 3 ऑप्शन्स दे रही है। इनमें डीजल (G 450d), पेट्रोल (G 63 AMG) और इलेक्ट्रिक (G 580) शामिल है। नई G 450d में पुराने G 400d से ज्यादा पावरफुल अपग्रेडेड 3 लीटर इनलाइन 6 सिलेंडर डीजल इंजन है और इसके डिजाइन में भी कुछ बदलाव किए गए हैं, लेकिन पहला बैच सिर्फ 50 गाड़ियों का है। डिजाइन: 4 हॉरिजॉन्टल स्लैट्स ग्रिल के साथ 20 इंच के अलॉय व्हील्स G 450d का लुक वही पुराना आइकॉनिक और बॉक्सी है, जो G-क्लास को इतना खास बनाता है, लेकिन इसमें कुछ छोटे-मोटे बदलाव किए गए हैं। अब ग्रिल में 4 हॉरिजॉन्टल स्लैट्स हैं, पहले G 400d में 3 थे। नए डिजाइन के फ्रंट और रियर बंपर हैं, जिसमें फ्रंट बंपर पर वर्टिकल एयर इनलेट्स भी मिलते हैं। गाड़ी की एयरोडायनामिक्स को बेहतर करने के लिए रूफ पर स्पॉयलर जोड़ा गया है। साथ ही 20 इंच के अलॉय व्हील्स हैं, जो ग्लॉस ब्लैक फिनिश और हाई शीन इफेक्ट के साथ आते हैं। इंटीरियर और फीचर्स: 12.3-इंच की 2 स्क्रीन के साथ एक ऑफ-रोड डिस्प्ले G 450d का इंटीरियर पहले की तरह प्रीमियम है, जैसा कि G-क्लास से उम्मीद होती है। केबिन में डुअल-टोन नापा लेदर सीट्स और AMG लाइन थीम दी गई है, जो इसे अंदर से लग्जरी लुक देती है। डैशबोर्ड पर कॉन्ट्रास्टिंग मैटेलिक इंसर्ट्स भी हैं, जो इसे और अट्रेक्टिव बनाते हैं। डिस्प्ले: डैशबोर्ड पर 12.3-इंच की 2 स्क्रीन दी गई हैं। इनमें एक इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर के लिए और दूसरी इंफोटेनमेंट के लिए है, जो वायरलेस एंड्रॉएड ऑटो और एपल कारप्ले सपोर्ट करती हैं। ऑफ-रोड डिस्प्ले: इसमें एक ऑफ-रोड डिस्प्ले भी दिया गया है, जो जो उबड़-खाबड़ रास्तों पर गाड़ी चलाते समय गाड़ी की स्थिति और पहियों के एंगल जैसी जरूरी जानकारी दिखाता है। अन्य फीचर्स: मसाज फंक्शन वाली वेंटिलेटेड फ्रंट सीट्स, 18-स्पीकर बर्मेस्टर 3D साउंड सिस्टम (डॉल्बी एटमॉस सपोर्ट), और कस्टमाइज्ड एम्बिएंट लाइटिंग। कुल मिलाकर केबिन लग्जरी और हाई-टेक एक्सपीरियंस देता है। परफॉर्मेंस: 3-लीटर इनलाइन 6-सिलेंडर इंजन के साथ टॉप स्पीड 210kmph G 450d में G 400d के मुकाबले ज्यादा पावरफुल 3-लीटर इनलाइन 6-सिलेंडर इंजन दिया गया है, जो 48 वोल्ट की माइल्ड हाइब्रिड असिस्ट को सपोर्ट करता है। इसके साथ कार को 15kWh का पावर बूस्ट भी मिलता है। ये दोनों मिलकर 367hp की पावर और 750Nm का पीक टॉर्क जनरेट करता है, जो G 400d के इंजन से 37hp ज्यादा और 50Nm ज्यादा है। इंजन को 9-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के के साथ ट्यून किया गया है। कार ऑल व्हील ड्राइव पावरट्रेन के साथ आती है। कंपनी का दावा है कि कार 0-100kmph की स्पीड सिर्फ 5.8 सेकेंड में हासिल कर लेती है और इसकी टॉप स्पीड 210kmph किमी/घंटा है। मर्सिडीज G 450d की ऑफ-रोड कैपेबिलिटी की बात करें तो, इसमें एक्सल के बीच 241mm का ग्राउंड क्लीयरेंस मिलती है और ये 700mm तक गहरे पानी में बिना रुके निकल सकती है। कार का एप्रोच एंगल 31 डिग्री, ब्रेकओवर एंगल 26 डिग्री और डिपार्चर एंगल 30 डिग्री है। मर्सिडीज का यह भी दावा है कि G 450d 35 डिग्री तक के ढलान पर भी स्थिर रूप से चलेगी।
दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप का 11वां टेस्ट मंगलवार (14 अक्टूबर) को किया जा रहा है। रॉकेट को सुबह 5:00 बजे टेक्सास के बोका चिका से लॉन्च किया गया। ये टेस्ट 1 घंटे 6 मिनट का है। इस फ्लाइट का मकसद अगली जेनरेशन सुपर हेवी बूस्टर के लिए डेटा कलेक्ट करना, हीटशील्ड का स्ट्रेस टेस्ट और फ्यूचर रिटर्न टू लॉन्च साइट मैन्यूवर्स का प्रदर्शन है। यानी, भविष्य में रॉकेट को उड़ान भरने वाली जगह पर ही वापस लाने से जुड़े टेस्ट। दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने इस रॉकेट को बनाया है। स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट (ऊपरी हिस्सा) और सुपर हैवी बूस्टर (निचला हिस्सा) को कलेक्टिवली 'स्टारशिप' कहा जाता है। इस व्हीकल की ऊंचाई 403 फीट है। ये पूरी तरह से रीयूजेबल है। मिशन का उद्देश्य: जरूरी एक्सपेरिमेंट कर डेटा जुटाना 10वां टेस्ट: पहली बार आठ डमी सैटेलाइट अंतरिक्ष में छोड़े स्टारशिप का 10वां टेस्ट बुधवार (27 अगस्त) को किया गया था, जो कामयाब रहा। रॉकेट को सुबह 5:00 बजे टेक्सास के बोका चिका से लॉन्च किया गया। ये टेस्ट 1 घंटे 6 मिनट का था। इस मिशन में स्टारलिंक सिम्युलेटर सैटेलाइट को अंतरिक्ष में छोड़ने से लेकर इंजन चालू करने जैसे सभी ऑब्जेक्टिव पूरे हुए। स्टारलिंक सिम्युलेटर सैटेलाइट असली स्टारलिंक सैटेलाइट्स के डमी हैं। इनका इस्तेमाल स्टारशिप की सैटेलाइट डिप्लॉयमेंट क्षमता को परखने के लिए किया जाता है। 29 जून स्टारशिप में ब्लास्ट हो गया था इससे पहले ये टेस्ट 29 जून को होना था, लेकिन स्टैटिक फायर टेस्ट के दौरान स्टारशिप में ब्लास्ट हो गया था। इस टेस्ट में रॉकेट को जमीन पर रखकर उसके इंजन को चालू किया जाता है, ताकि लॉन्च से पहले सब कुछ ठीक हो, ये चेक किया जा सके। टेस्ट के दौरान रॉकेट के ऊपरी हिस्से में अचानक विस्फोट शुरू हुआ। देखते ही देखते पूरा रॉकेट आग के गोले में बदल गया था। नौवां टेस्ट: बूस्टर लैंड हो गया था, लेकिन शिप ने कंट्रोल खो दिया 28 मई 2025 को हुए 9वें टेस्ट में लॉन्चिंग के करीब 30 मिनट बाद स्टारशिप ने कंट्रोल खो दिया था, जिस कारण पृथ्वी के वातावरण में एंटर करने पर ये नष्ट हो गया था। ये लगातार तीसरी बार था जब स्टारशिप आसमान में ही नष्ट हुआ था। हालांकि, बूस्टर ने अमेरिका की खाड़ी में हार्ड लैंडिंग की। आठवां टेस्ट: बूस्टर लैंड हो गया था, लेकिन शिप ब्लास्ट हो गई थी स्टारशिप का आठवां टेस्ट भारतीय समयानुसार 7 मार्च को हुआ था। लॉन्चिंग के 7 मिनट बाद बूस्टर (निचला हिस्सा) अलग होकर वापस लॉन्च पैड पर आ गया। लेकिन 8 मिनट बाद शिप (ऊपरी हिस्सा) के छह इंजनों में से 4 ने काम करना बंद कर दिया जिससे शिप ने कंट्रोल खो दिया। इसके बाद ऑटोमेटेड अबॉर्ट सिस्टम ने शिप को ब्लास्ट कर दिया। गिरते मलबे की वजह से मियामी, ऑरलैंडो, पाम बीच और फोर्ट लॉडरडेल के हवाई अड्डों पर उड़ानें प्रभावित हुईं थी। सातवां टेस्ट: बूस्टर वापस आया; लेकिन स्पेसक्राफ्ट आसमान में ही ब्लास्ट हुआ 17 जनवरी 2025 को भी स्टारशिप का सातवां टेस्ट पूरी तरह से कामयाब नहीं रहा था। लॉन्चिंग के 8 मिनट बाद बूस्टर (निचला हिस्सा) अलग होकर वापस लॉन्च पैड पर आ गया था, लेकिन शिप (ऊपरी हिस्सा) में ऑक्सीजन लीक से ब्लास्ट हो गया था। छठा टेस्ट: लॉन्चपैड पर उतरने में दिक्कत दिखी तो पानी पर लैंड कराया, ट्रम्प भी मौजूद रहे स्टारशिप का छठा टेस्ट 20 नवंबर 2024 को सुबह 03:30 बजे किया गया था। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी टेस्ट देखने के लिए स्टारबेस पहुंचे थे। इस टेस्ट में बूस्टर को लॉन्च करने के बाद वापस लॉन्चपैड पर कैच किया जाना था, लेकिन सभी पैरामीटर ठीक नहीं होने के कारण इसे पानी में लैंड कराने का फैसला लिया गया। स्टारशिप के इंजन को स्पेस में फिर से चालू किया गया। इसके बाद हिंद महासागर में लैंडिंग हुई। पांचवां टेस्ट: पहली बार बूस्टर को लॉन्चपैड पर कैच किया था स्टारशिप का पांचवां टेस्ट 13 अक्टूबर 2024 को किया गया था। इस टेस्ट में पृथ्वी से 96 Km ऊपर भेजे गए सुपर हैवी बूस्टर को लॉन्चपैड पर वापस लाया गया, जिसे मैकेजिला ने पकड़ा। मैकेजिला दो मेटल आर्म हैं जो चॉपस्टिक्स की तरह दिखाई देती हैं। वहीं स्टारशिप की पृथ्वी के वायुमंडल में री-एंट्री कराकर हिंद महासागर में कंट्रोल्ड लैंडिंग कराई गई। स्टारशिप ने जब पृथ्वी के वातावरण में एंट्री की तब उसकी रफ्तार 26,000 किलोमीटर प्रति घंटे थी और तापमान 1,430C तक पहुंच गया था। चौथा टेस्ट: स्टारशिप को स्पेस में ले जाया गया, फिर पानी में लैंडिंग हुई स्टारशिप का चौथा टेस्ट 6 जून 2024 को हुआ था, जो सक्सेसफुल रहा था। 1.05 घंटे के इस मिशन को बोका चिका से शाम 6.20 बजे लॉन्च किया गया था। इसमें स्टारशिप को स्पेस में ले जाया गया, फिर पृथ्वी पर वापस लाकर पानी पर लैंड कराया गया। टेस्ट का मेन गोल यह देखना था कि स्टारशिप पृथ्वी के वातावरण में एंट्री के दौरान सर्वाइव कर पाता है या नहीं। टेस्ट के बाद कंपनी के मालिक इलॉन मस्क ने कहा था, 'कई टाइल्स के नुकसान और एक डैमेज्ड फ्लैप के बावजूद स्टारशिप ने समुद्र में सॉफ्ट लैंडिंग की।' तीसरा टेस्ट: रीएंट्री के बाद स्टारशिप से संपर्क टूटा था ये टेस्ट 14 मार्च 2024 को हुआ था। स्पेसएक्स ने बताया था कि स्टारशिप रीएंट्री के दौरान सर्वाइव नहीं कर पाया, लेकिन उसने उड़ान के दौरान कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। वहीं इलॉन मस्क ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल आधा दर्जन स्टारशिप उड़ान भरेंगे। दूसरा टेस्ट: स्टेज सेपरेशन के बाद खराबी आ गई थी स्टारशिप का दूसरा टेस्ट 18 नवंबर 2023 को शाम करीब 6:30 बजे किया गया था। लॉन्चिंग के करीब 2.4 मिनट बाद सुपर हैवी बूस्टर और स्टारशिप का सेपरेशन हुआ। बूस्टर को वापस पृथ्वी पर लैंड होना था, लेकिन 3.2 मिनट बाद 90 Km ऊपर यह फट गया। वहीं स्टारशिप तय प्लान के अनुसार आगे बढ़ गया। करीब 8 मिनट बाद पृथ्वी से 148 Km ऊपर स्टारशिप में भी खराबी आ गई, जिस कारण उसे नष्ट करना पड़ा। फ्लाइट टर्मिनेशन सिस्टम के जरिए इसे नष्ट किया गया था। दूसरे टेस्ट में रॉकेट और स्टारशिप को अलग करने के लिए पहली बार हॉट स्टैगिंग प्रोसेस का इस्तेमाल किया गया था, जो पूरी तरह सक्सेसफुल रही थी। सभी 33 रैप्टर इंजनों ने भी लॉन्च से सेपरेशन तक ठीक से फायर किया था। पहला टेस्ट: लॉन्चिंग के 4 मिनट बाद विस्फोट हो गया था 20 अप्रैल 2023 को स्टारशिप का पहला ऑर्बिटल टेस्ट किया गया था। इस टेस्ट में बूस्टर 7 और शिप 24 को लॉन्च किया गया था। उड़ान भरने के 4 मिनट बाद ही मेक्सिको की खाड़ी के पास 30 किलोमीटर ऊपर स्टारशिप में विस्फोट हो गया था। स्टारशिप के फेल होने के बाद भी इलॉनमस्क और एम्प्लॉइज खुशी मना रहे थे। ऐसा इसलिए क्योंकि रॉकेट का लॉन्च पैड से उड़ना ही बड़ी सफलता थी। मस्क ने लॉन्चिंग से दो दिन पहले कहा था- सफलता शायद मिले, लेकिन एक्साइटमेंट की गारंटी है। स्पेसएक्स ने कहा था- सेपरेशन स्टेज से पहले ही इसका एक हिस्सा अचानक अलग हो गया, जबकि यह तय नहीं था। इस तरह के एक टेस्ट के साथ हम जो सीखते हैं, उससे सफलता मिलती है। आज का टेस्ट हमें स्टारशिप की रिलायबिलिटी में सुधार करने में मदद करेगा। टीमें डेटा को रिव्यू करना जारी रखेंगीं और अगले फ्लाइट टेस्ट की दिशा में काम करेंगीं। स्टारशिप सिस्टम स्टारशिप क्या-क्या कर सकता है? स्टारशिप इंसानों को मंगल पर पहुंचाएगा ये लॉन्चिंग इसलिए अहम है, क्योंकि ये स्पेसशिप ही इंसानों को इंटरप्लेनेटरी बनाएगा। यानी इसकी मदद से पहली बार कोई इंसान पृथ्वी के अलावा किसी दूसरे ग्रह पर कदम रखेगा। मस्क 2029 तक इंसानों को मंगल ग्रह पर पहुंचाकर वहां कॉलोनी बसाना चाहते हैं। स्पेसशिप इंसानों को दुनिया के किसी भी कोने में एक घंटे से कम समय में पहुंचाने में भी सक्षम होगा। मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाने की क्या जरूरत? मंगल ग्रह पर कॉलोनी बसाने की जरूरत पर इलॉनमस्क कहते हैं- 'पृथ्वी पर एक लाइफ एंडिंग इवेंट मानवता के अंत का कारण बन सकता है, लेकिन अगर हम मंगल ग्रह पर अपना बेस बना लेंगे तो मानवता वहां जीवित रह सकती है।' करोड़ों साल पहले पृथ्वी पर डायनासोर का भी अंत एक लाइफ एंडिंग इवेंट के कारण ही हुआ था। वहीं, प्रोफेसर स्टीफन हॉकिंग ने भी 2017 में कहा था कि अगर इंसानों को सर्वाइव करना है तो उन्हें 100 साल के भीतर विस्तार करना होगा। आर्टेमिस प्रोग्राम का हिस्सा है स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट इस मिशन का सक्सेसफुल होना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट नासा के आर्टेमिस प्रोग्राम का हिस्सा है। इसके जरिए 5 दशक बाद चंद्रमा पर मनुष्यों की वापसी होगी। स्टारशिप चंद्रमा पर मिशन के अंतिम चरण को पूरा करेगा। एस्ट्रोनॉट को स्पेसक्राट से लूनर ऑर्बिट तक ले जाएगा और चंद्रमा पर लैंडिंग भी कराएगा।
निसान मोटर इंडिया कॉम्पैक्ट SUV सेगमेंट में नई कार उतारने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने कंफर्म कर दिया है कि हुंडई क्रेटा, मारुति सुजुकी विक्टोरिस, ग्रैंड विटारा, किआ सेल्टोस और फॉक्सवैगन टाइगन को टक्कर देने वाली ये कार 'टेक्टॉन' नाम से आएगी। कंपनी ने नई SUV का फर्स्ट लुक रिवील किया है। ये पैनोरमिक सनरूफ, डिजिटल क्लस्टर और सेफ्टी के लिए 360 डिग्री कैमरा के साथ लेवल-2 ADAS जैसे सेफ्टी फीचर्स से लैस होगी। इसकी मैन्युफेक्चरिंग भारत में होगी, यहां से अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी बेची जाएगी। निसान टेक्टॉन की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 10.5 लाख रुपए (पैन-इंडिया) हो सकती है। इसे 2026 की दूसरी तिमाही में पेश किया जाएगा। निसान के भारतीय लाइनअप में एक्स-ट्रेल SUV भी शामिल है, जिसे यहां इंपोर्ट करके बेचा जा रहा है। डिजाइन: कनेक्टेड LED DRLs के साथ डुअल-टोन अलॉय व्हील्स निसान टेक्टॉन का डिजाइन भारतीय बाजार में एकदम नया है। इसके फ्रंट में कनेक्टेड LED DRLs और C-शेप की LED हेडलाइट्स के साथ स्टाइलिश ग्रिल है, जो निसान की इंटरनेशनल पेट्रोल SUV से मिलती-जुलती है। हूड पर बोल्ड ‘टेक्टॉन’ बैजिंग और स्पोर्टी बंपर है, जिसमें मजबूत स्किड प्लेट इसे दमदार लुक देती है। साइड प्रोफाइल की बात करें तो यहां SUV जैसा मजबूत लुक, रूफ रेल्स, बड़े व्हील आर्च और डुअल-टोन अलॉय व्हील्स मिलते हैं। खास बात ये है कि रियर दरवाजों हैंडल छिपे हुए हैं और फ्रंट डोर पर एक ट्रिम भी है, जिसके डिजाइन को लेकर निसान का कहना है कि ये हिमालय से प्रेरित है। टीजर में रियर क्वार्टर ग्लास में टेपर्ड फिनिश दिखाई गई है, जो पेट्रोल के डिजाइन की याद दिलाता है। आगे की तरह, टेक्टॉन में पीछे भी C शेप की कनेक्टेड LED टेल लाइट दी गई है। कुल मिलाकर, टेक्टॉन का डिजाइन प्रोडक्शन के लिए तैयार लग रहा है। केबिन: पैनोरमिक सनरूफ के साथ 360-डिग्री कैमरा निसान ने टेक्टॉन के केबिन डिटेल्स फिलहाल नहीं दीं है। इसमें ग्लॉस ब्लैक फिनिश और कॉपर एक्सेंट्स के साथ मल्टी-लेयर डिजाइन मिलेगा, जो डैशबोर्ड को स्टाइलिश और प्रीमियम लुक देता है। इसके अलावा कार में बड़ी टचस्क्रीन, फुल डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले, ऑटो AC, एम्बिएंट लाइटिंग, प्रीमियम साउंड सिस्टम, वायरलेस फोन चार्जर, पैनोरमिक सनरूफ और पुश बटन स्टार्ट-स्टॉप जैसे फीचर्स मिल सकते हैं। वहीं, सेफ्टी के लिए कई एयरबैग्स, ABS + EBD, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC), 360-डिग्री कैमरा और लेवल-2 ADAS (एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम) जैसे फीचर्स हो सकते हैं। कुल मिलाकर, टेक्टॉन का केबिन मॉडर्न और फीचर-पैक्ड होने की उम्मीद है। परफॉर्मेंस: हाइब्रिड इंजन ऑप्शन मिलेगाकंपनी ने इंजन की जानकारी अभी नहीं दी है, हालांकि उम्मीद है कि इसमें कई पावरट्रेन ऑप्शन मिलेंगे, जिनमें एक हाइब्रिड ऑप्शन भी शामिल हो सकता है। निसान टेक्टॉन में मैनुअल और ऑटोमैटिक गियरबॉक्स का विकल्प मिल सकता है।
एयरटेल का नेटवर्क डाउन:फोन कॉल नहीं कर पा रहे यूजर्स, UPI ट्रांजैक्शन अटकने की भी शिकायतें
भारत की दूसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी भारती एयरटेल की नेटवर्क सर्विस देशभर के कई हिस्सों में पिछले 24 घंटों से डाउन चल रही हैं। यूजर्स फोन कॉल नहीं कर पा रहे हैं, मोबाइल इंटरनेट ठीक से काम नहीं कर रहा और कुछ को तो सिग्नल ही नहीं मिल रहा है। कुछ यूजर्स ने UPI ट्रांजैक्शन अटकने की भी शिकायतें की हैं। 35% लोगों ने नो सिगनल की रिपोर्ट की वेबसाइट और ऑनलाइन सर्विसेज का रियल टाइम स्टेटस बताने वाले प्लेटफॉर्म डाउन डिटेक्टर के अनुसार, एयरटेल की सर्विसेज में 10 अक्टूबर शाम 7 बजे से समस्या देखने को मिल रही है। यूजर्स ने कनेक्टिविटी की समस्याओं को लेकर सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। वहीं, शाम आज (11 अक्टूबर) 6:30 बजे सबसे ज्यादा करीब 40 शिकायतें दर्ज की गईं। समस्या फेस कर रहे करीब 9% लोगों को मोबाइल फोन सर्विसेज में दिक्कत आई। 57% लोगों को मोबाइल इंटरनेट में दिक्कतें हुईं। वहीं, 35% लोगों ने नो सिगनल की रिपोर्ट दर्ज की हैं। सोशल मीडिया पर नेटवर्क की समस्याओं से यूजर्स का गुस्सा... एक यूजर ने लिखा, 'आपके नेटवर्क में क्या खराबी है? मैं बूस्टर से बस कुछ मीटर दूर हूं, लेकिन फिर भी एक ट्वीट (X पोस्ट) तक नहीं भेज पा रहा।' एक और यूजर ने लिखा कि उसने शुक्रवार को @Airtel_Presence पर नेटवर्क की समस्या को लेकर शिकायत की थी, लेकिन जवाब शनिवार की तड़के सुबह मिल सका। दो महीने में दूसरी बार डाउन हुई सर्विसेस एयरटेल की सर्विसेस दो महीने में दूसरी बार डाउन हुई हैं। इससे पहले 18 अगस्त को भी कई यूजर्स ने नेटवर्क, मोबाइल डेटा, नो सिगनल और वॉयस सर्विसेज में समस्याओं की शिकायतें की थी। तब एयरटेल ने कहा था, 'हम वर्तमान में नेटवर्क आउटेज का सामना कर रहे हैं। हमारी टीम इस समस्या को हल करने और सर्विसेज को तुरंत बहाल करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। यूजर्स को हुई असुविधा के लिए खेद है।' हालांकि, इस बार सर्विसेस प्रभावित होने के 24 घंटे बाद भी कंपनी की ओर से कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं आया है। पहली तिमाही में कंपनी को ₹7,422 करोड़ का मुनाफा वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी को ₹7,422 करोड़ का मुनाफा हुआ है। सालाना आधार पर यह 57.31% बढ़ा है। अप्रैल-जून 2024 में यह ₹4,718 करोड़ रहा था। अप्रैल-जून में रेवेन्यू 28% बढ़कर ₹49,463 करोड़ पहली तिमाही (Q1FY2026) में कंपनी ने संचालन से 49,463 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया। पिछले साल के मुकाबले यह 28.46% ज्यादा है। Q1FY2025 में कंपनी ने ₹38,506 करोड़ का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिलने वाली कुल राशि रेवेन्यू होती है। एयरटेल के होम्स बिजनेस के राजस्व में 26% की बढ़ोतरी स्मार्टफोन डेटा ग्राहक 2.13 करोड़ हुए, तिमाही आधार पर 39 लाख बढ़े 1995 में हुई थी भारती एयरटेल की शुरुआत भारत सरकार ने 1992 में पहली बार मोबाइल सेवा के लिए लाइसेंस बांटने शुरू किए। कंपनी के फाउंडर सुनील मित्तल ने इस अवसर को समझा और फ्रेंच कंपनी विवेंडी के साथ मिलकर दिल्ली और आस-पास के इलाकों के लाइसेंस हासिल किए। 1995 में मित्तल ने सेल्युलर सर्विस ऑफर करने के लिए भारती सेल्युलर लिमिटेड बनाई और एयरटेल ब्रांड के तहत काम शुरू किया। आउटेज से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें स्टारलिंक की सर्विस दुनियाभर में डाउन: सेटेलाइट से इंटरनेट इस्तेमाल नहीं कर पा रहे यूजर्स, 40% ने टोटल ब्लैकआउट की शिकायत की दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन इलॉन मस्क की सेटेलाइट इंटरनेट देने वाली कंपनी स्टारलिंक की सर्विस आज (15 सितंबर) दुनियाभर में डाउन हो गई है। इससे यूजर्स सेटेलाइट से इंटरनेट इस्तेमाल करने में परेशानी हो रही है। डाउनडिटेक्टर के मुताबिक, सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस में 14 सितंबर सुबह 10:47 बजे से खराबी शुरू हुई। इस आउटेज ट्रैकिंग वेबसाइट के अनुसार, करीब 45,000 यूजर्स ने प्लेटफॉर्म पर इस समस्या की शिकायत की हैं। पूरी खबर पढ़ें...
सस्ता Samsung Galaxy M17 5G क्या दिखा पाएगा कमाल, जानिए क्या हैं फीचर्स
Samsung ने अपना एक और सस्ता स्मार्टफोन लॉन्च किया है। इसकी कीमत सिर्फ 12,499 रुपए है। यह स्मार्टफोन Galaxy M16 5G का अपग्रेड मॉडल है। फीचर्स की बात करें तो इस स्मार्टफोन में बड़ी बैटरी के साथ-साथ 50MP का OIS कैमरा मिलेगा। फोन में कंपनी ने नए डिजाइन ...
अमेरिका की टैरिफ नीति के बीच इन दिनों देश में स्वदेशी टेक्नोलॉजी पर चर्चा तेज है। कई प्रतिष्ठित लोग और राजनीतिज्ञ भी अब गूगल-माइक्रोसॉफ्ट जैसी अमेरिकी कंपनियों की सर्विस छोड़कर स्वदेशी कंपनी जोहो के प्रोडक्ट्स पर शिफ्ट हो रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तारीफ ने भारतीय टेक कंपनी जोहो के ईमेल सर्विस, जोहो मेल को सुर्खियों में ला दिया है। यह देसी ईमेल सेवा अब तेजी से गूगल के जीमेल का ऑप्शन बन रही है। खासकर उन यूजर्स के बीच जो अपनी प्राइवेसी को लेकर सजग हैं और बिना विज्ञापनों के साफ-सुथरे अनुभव की तलाश में हैं। पेशेवर लोग और छोटे कारोबारी इसकी ओर तेजी शिफ्ट हो रहे हैं। इसका कारण है इसका यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस, कस्टम डोमेन सपोर्ट और मजबूत प्राइवेसी फीचर्स। अगर आप भी माइक्रोसॉफ्ट, जीमेल या जूम मीटिंग जैसे टूल्स का ऑप्शन खोज रहे हैं, तो जानिए स्वदेशी कंपनी जोहो कैसे मजबूत विकल्प हो सकती है। 1. जीमेल-आउटलुक का जवाब है जोहो मेल भारत में फिलहाल सबसे लोकप्रिय हैं गूगल का जीमेल और माइक्रोसॉफ्ट का आउटलुक। इसी का स्वदेशी विकल्प है जोहो मेल। यह कोई नई सुविधा नहीं है। बल्कि कई सालों से इस स्पेस में है। फ्री ईमेल बनाना आसान: mail.zoho.in पर जाएं। यहां पर्सनल या बिजनेस मेल दोनों के विकल्प हैं। डिटेल्स डालकर अकाउंट बनाएं। मोबाइल-डेक्सटॉप दोनों पर इस्तेमाल कर सकते हैं। जोहो मेल क्यों बन रहा है लोगों की पसंद? 2. गूगल ड्राइव की जगह जोहो वर्कड्राइव यह सस्ता विकल्प है। जोहो वर्कड्राइव का स्टारटर प्लान 170 रुपए से शुरू है। इसमें 1 टीबी स्टोरेज मिलता है। अगर फ्री यूजर हैं तो जोहो में आपको 5 जीबी का स्टोरेज फ्री मिलता है। पेड प्लान में सस्ता विकल्प: zoho.com/workdrive/ पर जाएं। अगर आपको अतिरिक्त स्टोरेज की जरूरत है तो अपनी पसंद का प्लान चुनिए। पेड प्लान में गूगल से सस्ता विकल्प है। 3. वॉट्सएप को टक्कर दे रहा अराटाई इसमें वॉट्सएप जैसे लगभग सभी फीचर्स हैं। मैसेजिंग, वीडियो कॉल, कॉलिंग फीचर्स इत्यादि। खास बात है कि इसमें यूजर्स मीटिंग भी शेड्यूल कर सकते हैं। यह भी तुरंत करना संभव है। 1 करोड़ से अधिक यूजर्स: गूगल प्लेस्टोर या एपल स्टोर पर Aratai डाउनलोड करें। जैसे वॉट्सएप पर अकाउंट बनाते हैं, इसमें भी बना सकते हैं। इसके 1 करोड़ से अधिक यूजर्स हो गए हैं। 4. जूम मीटिंग की जगह जोहो मीटिंग ऑनलाइन मीटिंग में जूम-गूगल का विकल्प जोहो मीटिंग्स है। जूम में 40 मिनट का फ्री मीटिंग टाइम मिलता है। जोहो में 60 मिनट तक का फ्री मीटिंग टाइम मिलता है। जूम मीटिंग से सस्ता: zoho.com/meeting/ पर जाएं। यहां से मीटिंग शेड्यूल करना शुरू कर सकते हैं। पेड प्लान भी खरीदने के ऑप्शन हैं। यह जूम से आधी कीमत पर उपलब्ध हैं। जोहो के ये टूल्स भी जानें अराटाई पर यूजर्स के लिए जल्द लाएंगे पेमेंट सिस्टम लोग स्वदेशी टेक पर भरोसा करेंगे? जवाब: इसे आंकड़ों से समझते हैं। आज 10 लाख से अधिक संस्थान हमारे प्रोडक्ट्स इस्तेमाल कर रहे हैं। हमारा मॉडल प्रॉफिटेबल और भरोसेमंद है। क्लाउड स्टोरेज में हम गूगल से पहले जोहो वर्कड्राइव लॉन्च कर चुके हैं। लोग वॉट्सएप से अराटाई पर शिफ्ट क्यों होना चाहेंगे, क्या खास है? जवाब: मैसेजिंग में हम 2 हफ्ते पहले नहीं आए हैं। 2006 में हमने जोहो क्लिक शुरू किया था। यह मैसेंजिंग कम्युनिकेशन था। हमारा प्लेटफॉर्म विज्ञापन-मुक्त रहेगा। इसमें नए फीचर्स जुड़ेंगे। अराटाई पर पेमेंट सिस्टम जल्द लाएंगे। जोहो वर्कप्लेस सस्ता विकल्प है? जवाब: हमारा फोकस वैल्यू पर रहा है। अगर आप हमारे जोहो इकोसिस्टम का इस्तेमाल करते हैं तो यह कई मायनों में अन्य कंपनियों से सस्ता विकल्प है। यूजर गूगल-माइक्रोसॉफ्ट से जोहो प्लेटफॉर्म पर क्यों आए? जवाब: हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप कोई प्लेटफॉर्म छोड़कर जोहो ही अपनाएं। हमारे पास 55 से अधिक प्रोडक्ट्स हैं। ह्यूमन रिसोर्स से लेकर राइटिंग टूल्स तक। एक पूरा इकोसिस्टम है। हम सिर्फ विकल्प नहीं, इनोवेटर्स हैं।
कोरियन टेक कंपनी सैमसंग ने आज (10 अक्टूबर) भारतीय बाजार में M-सीरीज के तहत नया बजट स्मार्टफोन गैलेक्सी M17 लॉन्च कर दिया है। ये गैलेक्सी M16 का अपग्रेडेड मॉडल है। इसमें 5nm बेस्ड एग्जीनोस 1330 चिपसेट, 4GB रैम और 128GB स्टोरेज, 50MP कैमरा और 5000mAh बैटरी जैसे फीचर्स दिए गए हैं। इसके अलावा कई एडवांस AI फीचर्स और कंपनी का लेटेस्ट सर्किल टू सर्च टूल मिलेगा। इससे यूजर्स किसी भी स्क्रीन पर दिख रहे एलिमेंट को तुरंत सर्च कर पाएंगे। यह फीचर पहले सिर्फ गैलेक्सी S-सीरीज में मिलता था, लेकिन अब ये मिड रेंज मोबाइल्स में भी दिया जा रहा है। सैमसंग गैलेक्सी M17 को 4GB रैम + 128GB स्टोरेज के सिंगल वैरिएंट में उतारा गया है और इसकी कीमत 16,499 रुपए रखी गई है। बैंक ऑफर के बाद इसे केवल 12,499 रुपये में खरीदा जा सकता है। इसकी सेल 13 अक्टूबर से शुरू होगी। गैलेक्सी M17 का भारत में रेडमी नोट 14 5G, आईक्यू Z10x और रियलमी नार्जो 70 टर्बो जैसे फोंस से मुकाबला रहेगा। सैमसंग गैलेक्सी M17 5G: स्पेसिफिकेशन्सडिस्प्ले: फोन में 1080 x 2340 पिक्सल रिजॉल्यूशन वाला 6.7 इंच का सुपर एमोलेड फुल HD+ डिस्प्ले दिया गया है, जो 90Hz रिफ्रेश रेट पर काम करता है। स्क्रीन को गोरिल्ला ग्लास विक्टस की सिक्योरिटी दी गई है। कैमरा: फोटोग्राफी के लिए बजट फोन में ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप दिया गया है। इसमें OIS सपोर्ट के साथ 50 मेगापिक्सल का मेन सेंसर, 5MP का अल्ट्रा-वाइड लेंस और 2MP का मैक्रो लेंस दिया गया है। वहीं, सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 13MP का फ्रंट कैमरा है। प्रोसेसर और OS: परफॉर्मेंस के लिए डिवाइस में 5nm एग्जीनोस 1330 चिपसेट दिया गया है। स्टोरेज के लिए फोन 4GB रैम के साथ 128GB मैमोरी सपोर्ट करता है। फोन एंड्रॉएड 15 पर बेस्ड वन UI ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है। डिवाइस के साथ 6 साल तक सिक्योरिटी और OS अपडेट मिलेगा। बैटरी: पावर बैकअप के लिए फोन में 5000mAh की बैटरी दी गई है। इसे चार्ज करने के लिए 25W फास्ट वायर्ड चार्जिंग सपोर्ट है, लेकिन बॉक्स में चार्जर नहीं मिलेगा। गैलेक्सी M17 5G बेहतरीन डिस्प्ले, कैमरा और बड़ी बैटरी वाला है इसलिए सभी वर्ग के लोगों को पसंद आ सकता है। हालांकि आप इसमें ज्यादा हैवी टास्क नहीं कर पाएंगे, क्योंकि यह रोज के उपयोग और बेसिक कामों के लिए अच्छा रह सकता है।
ब्रिटिश कंपनी रोल्स-रॉयस ने भारतीय नौसेना के साथ पार्टनरशिप में भारत का पहला इलेक्ट्रिक वॉरशिप बनाने की इच्छा जताई है। कंपनी ने कहा है कि वह भारत के लिए इलेक्ट्रिक जंगी जहाज बनाने और लॉन्च करने में पूरा सहयोग करेगी। रोल्स-रॉयस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अभिषेक सिंह ने कहा कि हमारे पास भारतीय नौसेना के लिए हाइब्रिड-इलेक्ट्रिक और फुल-इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम (जहाज को चलाने वाली प्रणाली) है। ये सिस्टम फ्यूल बचाने और ऑपरेशनल रेंज बढ़ाने के लिए बनाए गए हैं। इससे पहले 9 अक्टूबर को यूनाइटेड किंगडम से कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (CSG), HMS प्रिंस ऑफ वेल्स नाम का जंगी जहाज लेकर मुंबई पहुंचा था। इस जहाज में रोल्स-रॉयस का MT30 गैस टर्बाइन इंजन इस्तेमाल किया गया है। छोटे शहर जितनी बिजली बनता है MT30 इंजन कंपनी का MT30 गैस टर्बाइन इंजन एक पावरफुल और कॉम्पैक्ट इंजन है। HMS प्रिंस ऑफ वेल्स जहाज में लगे दो MT30 गैस टर्बाइन अल्टरनेटर, चार डीजल जनरेटरों के साथ मिलकर 109 मेगावाट बिजली पैदा करते हैं। यह एक छोटे शहर को बिजली देने के लिए काफी है। CSG में HMS रिचमंड और एक पनडुब्बी भी है, जो रोल्स-रॉयस के स्पे मारिन गैस टर्बाइन और न्यूक्लियर सिस्टम से चलती है। टेक्नोलॉजी दिखाने भारत लाया गया जहाज रोल्स-रॉयस के डायरेक्टर एलेक्स जिनो ने कहा, 'ब्रिटेन के जंगी जहाज का भारत दौरा, भारतीय रक्षा अधिकारियों के लिए एक शानदार मौका था। इससे उन्हें कंपनी की दुनिया की सबसे बेहतरीन नौसैनिक टेक्नोलॉजी को करीब से जानने का मौका मिला।' रोल्स-रॉयस का मानना है कि यह टेक्नोलॉजी भारतीय नौसेना की ऑपरेशनल रीच को कई गुना बढ़ा सकती है। भारत में 90 साल से काम कर रही है रोल्स-रॉयस रोल्स-रॉयस भारत में करीब 90 साल से काम कर रही है और भारत में अपनी सप्लाई चेन, मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग सुविधाओं को लगातार बढ़ा रही है। भारतीय वायु सेना, नौसेना और सेना के 1,400 से ज्यादा प्लेटफॉर्म्स पर रोल्स-रॉयस के इंजन लगे हुए हैं और भारत में उसके 4,000 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। रोल्स-रॉयस दुनियाभर में एडवांस टेक्नोलॉजी के जहाज चलाने वाले सिस्टम बनाने वाली मार्केट लीडर कंपनी है। कंपनी का फोकस इलेक्ट्रिफिकेशन और हाइब्रिड टेक्नोलॉजी पर है।
इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 का आज दूसरा दिन है। इसमें चलती हाई स्पीड ट्रेन में खराबी का पता लगाने वाले AI रोबोट से लेकर गाड़ियों की रियल टाइम हेल्थ ट्रेक करने वाले मॉनिटरिंग डिवाइस जैसे कई टेक इनोवेशन पेश किए गए। दिल्ली के यशोभूमि कन्वेंशन सेंटर में 11 अक्टूबर तक चलने वाले एशिया के इस सबसे बड़े डिजिटल-टेक इवेंट में 120 देशों के 1.5 लाख से ज्यादा लोग पहुंचेंगे। इसमें 500 स्टार्टअप के साथ 400 से ज्यादा कंपनियों ने अपने इनोवेशन पेश किए हैं। आइए IMC-2025 के टॉप इनोवेशन के बारे में जानते हैं... 1. कैमरा विजन: चलती हुई हाई स्पीड ट्रेन में गड़बड़ी पकड़ सकेंगे हिताची में AI रिसर्चर विवेक कुमार ने बताया कि कैमरा विजन टेक्नोलॉजी से ट्रेन ज्यादा सुरक्षित होंगी। हाई क्वालिटी कैमरे और AI हाई स्पीड ट्रेन में छोटी से छोटी खराबी को पकड़ लेंगे। इससे ट्रेन को लाइव स्क्रीन कर सकते हैं। इस टेक्नोलॉजी को रोबो डॉग की मदद से इस्तेमाल किया जा सकता है। यह इतनी तेजी से काम करता है कि ट्रेन के किसी भी हिस्से में टूट-फूट पकड़ सकता है और इसके साथ रियल टाइम में अपडेट भी भेज सकता है। इससे मेंटेंनेस आसान होगा और क्षमता बढ़ेगी। ऐसी किसी खराबी को सेमी स्किल्ड इंजीनियर ठीक कर सकते हैं। AR ग्लास लाइव बताएंगे कि खराबी को कैसे सुधार सकते हैं। 2. अन्नपूर्ति: ग्रेन ATM से 24X7 ले सकेंगे राशन टेक कंपनी एरिक्सन ने IMC में अन्नपूर्ति नाम की मशीन पेश की। यह एक ऑटोमेटेड मल्टी-कमोडिटी ग्रेन डिस्पेंसिंग मशीन है, जिसे 'Grain ATM' कहा जाता है। यह मशीन राशन कार्ड धारकों को सब्सिडी वाले अनाज (जैसे- गेहूं, चावल और बाजरा) तेजी, सटीकता और बिना बर्बादी के देती है। यह 24X7 अवेलेबल है। यह सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को पारदर्शी और सुविधाजनक बनाती है। Grain ATM कैसे काम करता है? 3. मॉनिटरिंग डिवाइस: सर्विसिंग का अलर्ट मिलेगा, लाइफ बढ़ेगी गाड़ियों की लाइव मॉनिटरिंग के लिए सेंसराइज कनेक्ट के डिवाइस गाड़ियों और फ्लीट में लगते हैं। इससे गाड़ी की हेल्थ, इंजन से ड्राइवर तक के बिहेवियर की लाइव ट्रैकिंग की जा सकती है। प्रेसिडेंट कर्ण नागपाल ने बताया कि,'इसे जिओ फेंसिंग से भी जोड़ रहे हैं, ताकि व्हीकल दायरे से बाहर न निकले। मॉनिटरिंग से पता चलता है कि व्हीकल को कब सर्विसिंग की जरूरत है। इससे कॉस्ट बचेगी और गाड़ियों की लाइफ भी बढ़ेगी। इसके अलावा NBFC ग्राहकों के साथ डील कर रहे हैं। EMI नहीं भरने पर डिवाइस से व्हीकल रोक सकते हैं। 4. AR ग्लास: मूवमेंट होने पर भी स्टेबल रहेगी वर्चुअल स्क्रीन, GPS का काम भी करेगी एरिक्सन के जोस सोमोलिनोज ने बताया कि हाईटेक AR ग्लास हमारे चलने-फिरने से लेकर काम करने का तरीका बदल देंगे। दिखने में यह सामान्य चश्मे जैसा हैं, पर इसमें एक ‘वर्चुअल स्क्रीन’ दिखती है। मूवमेंट होने पर भी वर्चुअल स्क्रीन स्थिर बनी रहती है। इसमें माइक्रो OLED पैनल हैं, जो 1080 पिक्सल का रेजॉल्यूशन देते हैं। इनसे आप वीडियो और फोटो तक क्लिक कर सकते हैं। सोमोलिनोज कहते हैं, इसे ऐसे समझें कि जल्द ही ट्रेनें चलता-फिरता थियेटर और वर्कस्टेशन होंगी। ये स्क्रीन GPS का भी काम करेगी। यानी बोलने भर से लाइव रास्ता दिखाएगी। 5. Vi प्रोटेक्ट: AI से धोखाधड़ी वाले कॉल का लगेगा पता वोडाफोन-आइडिया (Vi) ने 'Vi प्रोटेक्ट' नाम की AI बेस्ड सर्विस लॉन्च की, जो AI की मदद से ग्राहकों को स्पैम कॉल, फ्रॉड और साइबर खतरों से बचाता है। इसका वॉयस स्पैम डिटेक्शन सिस्टम बिना किसी थर्ड-पार्टी ऐप के संदिग्ध कॉल को पकड़कर स्क्रीन पर अलर्ट दिखाता है। दूसरा, AI बेस्ड साइबर डिफेंस सिस्टम साइबर हमलों को 1 घंटे में रोकता है और नेटवर्क को सुरक्षित रखता है। अब तक 60 करोड़ से ज्यादा स्पैम कॉल और मैसेज पकड़े जा चुके हैं और जल्द ही खतरनाक लिंक ब्लॉक करने की सुविधा भी आएगी। 150 से ज्यादा देशों से 1.5 लाख से ज्यादा स्पीकर्स शामिल होंगे इंडियन मोबाइल कांग्रेस 8 से 11 अक्टूबर तक चलेगी। इसमें देश-विदेश की कंपनियां, स्टार्टअप्स और विशेषज्ञ नई तकनीकों को पेश करेंगे। इसमें भारत, कनाडा, जापान, ब्रिटेन, रूस सहित 150 से ज्यादा देशों से 1.5 लाख से ज्यादा स्पीकर्स, 7000 से ज्यादा ग्लोबल डेलिगेट्स और 400 से ज्यादा कंपनियां भाग लेंगी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक प्रेस रिलीज में बताया कि इस कार्यक्रम को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) और सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने संयुक्त रूप से आयोजित किया है। इस साल कार्यक्रम का थीम इनोवेट टू ट्रांसफॉर्म है। इवेंट में 6जी, AI और साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर चर्चा होगी इस बार इंडिया मोबाइल कांग्रेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन, सेमीकंडक्टर्स इन टेलीकॉम, क्वांटम कम्युनिकेशन, 6जी और फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर्स पर केंद्रित होगा, जो अगली पीढ़ी की कनेक्टिविटी, डिजिटल संप्रभुता, साइबर फ्रॉड की रोकथाम और ग्लोबल टेक्नोलॉजी लीडरशिप में भारत की रणनीतिक प्राथमिकताओं को दर्शाता है। IMC 2025 में 1,600 से ज्यादा नई तकनीकी उपयोगिताएं पेश की जाएंगी, जो 5जी/6जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्मार्ट मोबिलिटी, क्वांटम कंप्यूटिंग, साइबर सुरक्षा और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों से जुड़ी होंगी। इस दौरान 100 से अधिक तकनीकी सत्र और 800 से ज्यादा वक्ता अपनी बात रखेंगे। इंडिया मोबाइल कांग्रेस से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... मोदी बोले- भारत कभी 2G के लिए जूझता था: आज सभी जिलों में 5G कनेक्टिविटी, 1GB डेटा की कीमत एक कप चाय से भी कम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली स्थित यशोभूमि में इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 के 9वें एडिशन का उद्घाटन किया। यह एशिया का सबसे बड़ा टेलीकॉम, मीडिया और टेक्नोलॉजी इवेंट है। PM ने कार्यक्रम को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा- जब मैंने 'मेक इन इंडिया' की बात कही थी तो कुछ लोग इसका मजाक उड़ाते थे। उन्हें जवाब मिल गया है। जो देश कभी 2जी को लेकर स्ट्रगल करता था, आज उसी देश के सभी जिले में 5जी पहुंच गया है। आज भारत में 1GB वायरलेस डेटा की कीमत एक कप चाय से भी कम है। पूरी खबर पढ़ें...
टेक कंपनी रियलमी ने गेमिंग के शौकीनों के लिए अपने फ्लैगशिप स्मार्टफोन रियलमी 15 प्रो का गेम ऑफ थ्रोन्स एडिशन भारत सहित ग्लोबल मार्केट में लॉन्च कर दिया है। नए लिमिटेड एडिशन फोन में स्टैंडर्ड मॉडल जैसे ही फीचर और स्पेसिफिकेशन हैं, लेकिन इसमें HBO की वेब सीरीज गेम ऑफ थ्रोन्स से इन्सपायर्ड कॉस्मेटिक बदलाव किए गए हैं। इनमें स्टाइलिश नैनो-एनग्रेव्ड मोटिफ्स और कस्टम यूजर इंटरफेस (UI) थीम शामिल हैं। लिमिटेड एडिशन फोन को 12GB रैम + 512GB स्टोरेज वैरिएंट के साथ पेश किया गया है। इसकी भारत में शुरुआती कीमत 44,999 रुपए रखी गई है। बैंक कार्ड से पैमेंट करने पर 3000 रुपए का डिस्काउंट मिलेगा। डिजाइन: कलर बदलने वाला ड्रैगनफायर बैक पैनल इसमें सबसे अनोखा हीट-सेंसिटिव बैक पैनल है, जो 42C से ऊपर गर्म होने पर ब्लैक से रेड कलर में बदलता है। कंपनी ने इस फीचर को 'ड्रैगनफायर' नाम दिया है। लिमिटेड एडिशन स्मार्टफोन को गोल्ड और ब्लैक स्टाइलिंग में पेश किया गया है। बैक पैनल पर कैमरा सेटअप पर 3D ड्रैगन क्लॉ बनाया गया है, जो GOT की फील लाता है। सभी कैमरा सेंसर्स पर डेकोरेटिव लेंस रिंग्स लगाई गई हैं। यहां 'गेम ऑफ थ्रोन्स' और 'फायर एंड ब्लड' भी लिखा गया है। रियर पैनल के नीचे ड्रैगन का निशान भी है। बोनस के तौर पर पैकेज में आइरन थ्रोन फोन स्टैंड, किंग हैंड पिन, वेस्टरॉस का मिनी रेप्लिका और GOT ब्रांडेड स्टिकर्स-पोस्टकार्ड जैसे स्पेशल एक्सेसरीज भी हैं। यूनिक डिजाइन के अलावा फोन में कस्टमाइज्ड गेम ऑफ थ्रोन वॉलपेपर्स और ऐप आइकन भी मिलते हैं। रियलमी 15 प्रो 5G गेम ऑफ थ्रोन्स एडिशन: स्पेसिफिकेशन्स डिस्प्ले: फोन में 12802800 पिक्सल रिजॉल्यूशन वाली 6.8 इंच की एमोलेड फ्लेक्सिबल 4D कर्व प्लस स्क्रीन दी गई है। ये स्क्रीन 240Hz टच सैंपलिंग रेट और 144Hz तक रिफ्रेश रेट सपोर्ट के साथ आती है और इसकी पीक ब्राइटनेस 1800निट्स है। कैमरा: रियलमी 15 प्रो में बैक पैनल पर 50 मेगापिक्सल का रियर प्राइमरी कैमरा सोनी IMX896 के साथ OIS सपोर्ट के साथ आएगा है। इसके अलावा 8MP का अल्ट्रा-वाइड-एंगल लेंस मिलेगा। वहीं, सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए प्रो मॉडल में 50MP का OV50D सेंसर मिलेगा। फ्रंट और रियर दोनों कैमरे से 60fps पर 4K वीडियो रिकॉर्डिंग कर सकेंगे। प्रोसेसर: परफॉर्मेंस के लिए फोन में क्वालकॉम का स्नैपड्रैगन 7 जेन 4 चिपसेट मिलेगा। इसके साथ 12GB LPDDR4X रैम मिलेगी, जिसे वर्चुअल रैम तकनीक की मदद से 26GB तक बढ़ाया जा सकेगा। इसमें 512GB तक UFS 3.1 इंटरनल स्टोरेज दिया जा सकता है। OS: रियलमी 15 प्रो 5G गेम ऑफ थ्रोन्स लिमिटेड एडिशन में OS और UI को GOT की थीम से खास बनाया गया है। ये फोन Android 15 पर चलता है, जो Realme UI 6.0 स्किन के साथ आता है। सॉफ्टवेयर सपोर्ट में 3 साल के OS अपडेट्स और 4 साल के सिक्योरिटी पैचेस मिलेंगे। बैटरी और चार्जिंग: मोबाइल में लंबे बैकअप के लिए 7000mAh की बड़ी बैटरी मिलेगी। इसे चार्ज करने के लिए 80W का सूपरवूक फास्ट चार्जिंग सपोर्ट मिलेगा।

