ग्रेटर नोएडा : रंगदारी मांगने वाले गिरोह का भंडाफोड़, तीन गिरफ्तार, हथियार बरामद
ग्रेटर नोएडा, 15 अप्रैल . ग्रेटर नोएडा की कासना थाना पुलिस ने ठेकेदारों और कबाड़ियों से जबरन वसूली करने वाले एक गैंग का भंडाफोड़ करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किए गए आरोपियों के पास से दो तमंचे, कारतूस और एक मोटरसाइकिल बरामद की गई है. पुलिस के अनुसार, आरोपी सौरभ (21), ... Read more
लखनऊ में ठाकुरगंज के मुसाहिब गंज मोहल्ले में आज भी सन्नाटा पसरा हुआ है। इंजीनियर अभिषेक के घर रिश्तेदार और आसपास के लोगों की भीड़ लगी है। लोग परिजनों को ढांढस बंधा रहे हैं। इंजीनियर अभिषेक भांजे का बर्थडे मनाने के लिए नोएडा से सीधे मैनपुरी पहुंचे थे। जबकि माता-पिता और पत्नी लखनऊ से गए थे। बर्थडे के बाद खाटूश्याम जाने की प्लानिंग थी। तब बहन ने कहा- बड़े पापा के पोते का 14 अप्रैल को मुंडन है, इसके बाद खाटूश्याम चलेंगे। वीकेंड में तीन छुट्टियां इकट्ठा पड़ीं तो इन्हें खराब होने से बचाने के लिए दर्शन का प्लान कैंसिल नहीं किया। रविवार को पूरा परिवार खाटूश्याम दर्शन करने गया था। जयपुर में उनकी कार ट्रेलर से टकरा गई। हादसे में इंजीनियर अभिषेक, बैंक मैनेजर पत्नी प्रियांशी, 7 माह की बेटी श्री, पिता सत्यप्रकाश और मां रमादेवी की मौत हो गई थी। सोमवार को इंजीनियर परिवार की जब एक साथ 5 अर्थियां उठीं तो पूरा मोहल्ला रो पड़ा। अब परिवार के लोगों ने दैनिक भास्कर से जो कहा, वह पढ़िए भरे गले से चाचा चंद्रप्रकाश ने बताया- हम लोग नाश्ता कर रहे थे, तभी दामाद का फोन आया कि जयपुर में हादसा हो गया है। इतना कहकर वह थोड़ा रुके, फिर बोले- वे लोग खाटू श्याम जा रहे थे। यह सुनते ही पूरे घर में चीख-पुकार मच गई। अभिषेक के बड़े भाई हिमांशु परिवार के अन्य लोगों के साथ तत्काल जयपुर के लिए रवाना हुए। अभिषेक ने सिर्फ तीन दिन की छुट्टी ली थी। सोमवार को परिवार में मुंडन का कार्यक्रम था, लेकिन किस्मत ने ऐसी पलटी मारी कि अंतिम संस्कार हुआ। अभिषेक के परिवार में बड़े भाई हिमांशु, उनकी पत्नी ज्योति और उनका बेटा बचा है। हादसे के बाद भास्कर टीम इंजीनियर अभिषेक के घर पहुंची हादसे के बाद रविवार दोपहर में भास्कर टीम इंजीनियर अभिषेक के घर पहुंची। वहां उनके चचेरे भाई आदित्य प्रकाश सिंह मिले। आदित्य ने बताया कि अभिषेक का पूरा परिवार मूलतः सीतापुर के मिश्रिख इलाके का रहने वाला है। अभिषेक ने 2020 में सेकेंड हैंड VERNA कार (UP 32 ES 8766) खरीदी थी। सभी लोग उसी कार से शनिवार शाम 5 बजे मैनपुरी के लिए निकले थे। वहां उसकी बहन सरला की शादी हुई है। बहन के बेटे का जन्मदिन था। सभी लोग रातभर रुके थे और बर्थडे सेलिब्रेट किया। रविवार सुबह खाटूश्यामजी के लिए निकले थे। खाटू श्याम से 100 किमी पहले नेकावाला टोल के पास कार सामने से आ रहे ट्रेलर से टकरा गई। सुबह वहां से फोन आया, तब जाकर हमें हादसे की जानकारी मिली। माता-पिता ने की जिद, इसके बाद जयपुर के लिए निकले अभिषेक सिंह ने 3 दिन की छुट्टी ली थी। रविवार को भांजे के जन्मदिन के बाद सोमवार को बड़े पापा के पोते जियांशु का मुंडन संस्कार कराना तय किया था। अभिषेक के पिता सत्यप्रकाश और मां रमादेवी ने पहले नाती का जन्मदिन मनाने की जिद की फिर खाटू श्याम के दर्शन के लिए निकले थे। बहू ने सास-ससुर की बात को मानापरिवार के करीबी बताते हैं कि शनिवार रात को ही मैनपुरी में पार्टी के बाद अभिषेक और प्रियांशी ने माता-पिता के बार-बार आग्रह पर कहा था- चलो एक बार बाबा श्याम के दर्शन कर लें, फिर लखनऊ लौटेंगे। परिवार के लोगों ने बताया शनिवार रात सत्यप्रकाश ने वॉट्सऐप पर नाती के बर्थडे पार्टी की फोटो भेजी थी। सब खुश थे। किसी ने नहीं सोचा था कि ऐसा हो जाएगा। 3 साल पहले हुई थी इंजीनियर की शादीअभिषेक और प्रियांशी की शादी 29 नवंबर 2022 को हुई थी। हादसे के वक्त अभिषेक सिंह गाड़ी चला रहे थे। अभिषेक का बड़ा भाई हिमांशु प्राइवेट नौकरी करते हैं। एक महीने पहले भाई की मौत हुई थीचाचा आदित्य सिंह ने बताया- एक महीने पहले मिश्रिख निवासी भाई सूर्य प्रकाश की मौत हुई थी। अब इस घटना ने पूरी तरह से परिवार को तोड़कर रख दिया है। किसी और को समझाना तो दूर खुद को नहीं संभाल पा रहे हैं। सभी रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल है। अब जानिए पूरा घटनाक्रम रविवार को लखनऊ के इंजीनियर समेत परिवार के 5 लोगों की जयपुर में सड़क हादसे में मौत हो गई। परिवार खाटूश्यामजी जा रहा था। हाईवे पर मनोहरपुरा मोड़ के पास तेज रफ्तार कार सामने से आ रहे ट्रेलर से टकरा गई। टक्कर इतनी तेज थी कि ट्रेलर सड़क से नीचे जाकर पलट गया। टक्कर से कार के परखच्चे उड़ गए। कार से शवों को बाहर निकालने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। हादसे में मरने वालों की पहचान लखनऊ के बालागंज इलाके के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर अभिषेक सिंह (35), उनकी पत्नी प्रियांशी (30), पिता सत्य प्रकाश (60), मां रामा देवी (55) और 6 महीने की बेटी के रूप में हुई थी। प्रियांशी बैंक ऑफ बड़ौदा की गोमतीनगर ब्रांच में मैनेजर थीं। सत्य प्रकाश मल्टीनेशनल कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। बच्ची का नामकरण नहीं हुआ था, घर के लोग उसे श्री कहकर बुलाते थे। हाल में ही बच्ची का मंथली बर्थडे मनाया गया था। आखिरी में हादसे की 5 तस्वीरें- ------------------------ ये खबर भी पढ़ें- इंजीनियर परिवार की एक साथ 5 अर्थियां उठीं:लखनऊ में बच्ची का शव देख देवरानी चीखी....भाभी उठो न, श्री गोद में है लखनऊ में सोमवार को इंजीनियर परिवार के 5 लोगों अर्थियां एक साथ उठीं। यह देख वहां चीख-पुकार मच गई। देवरानी ने शव से लिपटकर चीखते हुए कहा- भाभी उठो, श्री आपकी गोद में है। अभी तो छुट्टियों का प्लान बना रही थीं...कहां चली गईं? इसके बाद रोते-रोते गश खाकर गिर पड़ी। यहां पढ़े पूरी खबर
ग्रेटर नोएडा में 149 किलो गांजा के साथ तीन तस्कर गिरफ्तार, 40 लाख रुपये है अनुमानित कीमत
ग्रेटर नोएडा, 14 अप्रैल . ग्रेटर नोएडा में सीआरटी टीम और बादलपुर थाना पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए गांजे की तस्करी करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है. इस कार्रवाई में 149 किलो उच्च गुणवत्ता वाला गांजा बरामद किया गया है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 40 लाख रुपए बताई जा रही है. साथ ... Read more
ग्रेटर नोएडा के दादूपुर गांव के खेत में लगी भीषण आग, लाखों की फसल राख
ग्रेटर नोएडा, 14 अप्रैल . जैसे-जैसे उत्तर भारत में गर्मी अपने चरम पर पहुंच रही है, वैसे-वैसे आग लगने की घटनाएं भी तेजी से बढ़ती जा रही हैं. उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्रों में पिछले कुछ दिनों से आग लगने की घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं. इसी बीच सोमवार को ... Read more
ग्रेटर नोएडा, 14 अप्रैल . ग्रेटर नोएडा के थाना सूरजपुर पुलिस ने रविवार को 130 मीटर रोड पर चेकिंग के दौरान एक बड़ी सफलता हासिल की. पुलिस ने आर्म्स एक्ट, चोरी व लूट, हत्या के प्रयास, संगठित अपराध से संबंधित मामले में शामिल दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि इनका एक साथी मौके से ... Read more
दिन : 6 सितंबर, 2022 नोएडा की जेवर पुलिस ने बीटेक छात्र सोमेश गौतम को पैर में गोली मारकर अरेस्ट किया। सोमेश पर फरीदाबाद में नागेश मर्डर केस में शामिल होने का आरोप लगा। आर्म्स एक्ट और गैंगस्टर एक्ट भी लगाया गया। पुलिस ने सोमेश के पिता तरुण गौतम से कहा- आपके बेटे का नंबर नागेश के हत्यारों के मोबाइल में मिला। आपका बेटा मर्डर केस में शामिल है। तरुण ने बताया, बेटे पर आरोप लगने के बाद भी मुझे हकीकत पता थी। मेरे दादा-पिता सब सेना में रहे हैं। मेरा बेटा ऐसा नहीं कर सकता था। पुलिस से लेकर कोर्ट तक मैंने 2 साल तक संघर्ष किया। सिस्टम के खिलाफ इस लड़ाई में कोर्ट ने इंसाफ किया। मेरे बेटे को निर्दोष बताया और जेवर थाने के तत्कालीन थाना प्ररी भासहित 12 पुलिस वालों के खिलाफ FIR करने के आदेश दिए। एक पिता ने पूरे सिस्टम के खिलाफ कैसे संघर्ष किया, पुलिस के खिलाफ कैसे लड़े, उन्हें किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा? इसे समझने के लिए दैनिक भास्कर टीम मुख्यालय से 10km दूर कदंब बिहार कॉलोनी पहुंची। पढ़िए पूरी रिपोर्ट... पुलिस ने बेटे को बिजली के झटके तक दिएटीम कदंब बिहार कॉलोनी में तरुण गौतम के घर पहुंची। उनसे पूछा- 6 दिसंबर, 2022 की रात को क्या हुआ? तरुण ने बताया- 4 सितंबर, 2022 की रात 9 बजे बिना नंबर प्लेट की 2 गाड़ियों से 10-12 लोग मेरे घर पहुंचे। मेरा घर मथुरा के थाना रिफाइनरी इलाके की कदंब बिहार कॉलोनी में है। उन्होंने कहा- हम जेवर थाने की पुलिस हैं। पूछा- सोमेश कहां है? मैंने कहा कि वह दिल्ली में है। यह सुनने के बाद उन्होंने घर में तोड़फोड़ की। मुझे गाड़ी में बैठाकर दिल्ली लेकर आए। पुलिस कर्मियों ने मेरे साथ मारपीट की। बेटे के बारे में पूछा। मैंने बताया कि वह दिल्ली के शकरपुर में किराए का कमरा लेकर रह रहा है। इसके बाद पुलिस कर्मी बेटे के कमरे पर गए और वहां से उसे लेकर जेवर थाना के आए। जहां बेटे और मुझे 6 सितंबर तक रखा। थाने में मुझे और बेटे को अलग-अलग रखा गया। पुलिस ने हिरासत में सोमेश को बुरी तरह पीटा और बिजली के झटके तक दिए। पुलिस वाले बोले- आप गलत फंस गए, 1 लाख दे दोतो क्या आपको छोड़ दिया गया? जवाब में तरुण ने कहा- नहीं, 6 सितंबर, 2022 की रात को पुलिस कर्मियों ने पहले थाने पर मौजूद एक पुरानी बाइक में पेट्रोल डाला फिर एक हथियार से 3 फायर किए। इसके बाद सोमेश की आंखों पर पट्टी बांधी और हम दोनों को एक जगह ले गए, जहां सोमेश के पैर में गोली मार दी। पुलिस ने धमकी दी कि अगर मुंह नहीं खोला, तो अभी टांग में गोली मारी है, बाद में सिर पर मार देंगे। इसके बाद सोमेश पर फरीदाबाद से चोरी की बाइक का झूठा केस, आर्म्स एक्ट और गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज किए गए। सोमेश को इलाज के लिए सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। बाद में उसको कोर्ट में पेश करके जेल भेज दिया गया। इसके बाद भी 2 पुलिसवाले केस के चक्कर में मेरे संपर्क में रहे। जब मैं पुलिस के सामने बेटे की जिंदगी के लिए गिड़गिड़ाया, तब 2 पुलिस वालों ने मुझसे कहा- आप गलत फंस गए हो। 1 लाख रुपए दे दो, तो छूट जाओगे। मैं डरा हुआ था, अपने भाई की मदद से 1 लाख रुपए पुलिस को दिए। उन पुलिस वालों ने मेरे बेटे को छुड़वा दिया। दोबारा अरेस्टिंग से बचने के लिए मैं कोर्ट गया। सोमेश को 21 फरवरी, 2023 में जमानत मिल गई। अमित शाह से लेकर सीएम योगी तक को लेटर लिखेआपने पुलिस से शिकायत नहीं की? तरुण ने जवाब में कहा- जून, 2024 में पुलिस के बड़े अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। कोई ये मानने को तैयार नहीं था कि बीटेक की पढ़ाई करने वाला मेरा बेटा निर्दोष हो सकता है। गृहमंत्री अमित शाह से लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक को मैंने लेटर लिखे। मगर कुछ मदद नहीं मिली। सिस्टम से थककर मैंने कोर्ट में याचिका दायर की। इसके बाद मैंने इस केस से जुड़े सबूत इकट्ठे किए। वकील के जरिए सोमेश पर लगाए गए आरोपों को गलत साबित किया। कोर्ट ने कब आपकी बात को सही माना? उन्होंने कहा- मैंने जून, 2024 में गौतमबुद्धनगर कोर्ट में आवेदन दिया। इसके बाद कोर्ट ने जेवर थाना के मुठभेड़ के समय थाना प्रभारी रहे अंजनी कुमार सिंह को बुलाया, लेकिन वह टालमटोल करते रहे। इस दौरान 12 से ज्यादा तारीख पड़ी। 14 फरवरी, 2025 को कोर्ट ने मुकद्दमा दर्ज करने के आदेश जारी किए। मगर केस दर्ज नहीं हुआ। जब कोर्ट ने सख्ती की, तब 8 अप्रैल, 2025 को थाना प्रभारी अंजनी कुमार सिंह सहित 12 पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज किया गया। गुडवर्क के चक्कर में पुलिस ने करियर बर्बाद कर दियाकोर्ट के आदेश के बाद भी आपको परेशान किया गया? तरुण ने कहा- ऐसा हुआ था। कोर्ट के आदेश के बावजूद नोएडा पुलिस के अधिकारियों ने धमकाया। हमसे कहा कि समझौता कर लो। मेरे वकील को भी एक DCP ने रात को अपने ऑफिस बुलाया और कहा इस मामले को खत्म कर दें। तरुण गौतम ने कहा- मेरे बाबा और पिता आर्मी में थे। परिवार हमेशा देश सेवा में रहा, लेकिन नोएडा पुलिस ने फर्जी गुडवर्क के चक्कर में उनके इकलौते बेटे को क्रिमिनल बना दिया। सोमेश बीटेक लास्ट ईयर का छात्र था। वह अच्छा फुटबॉल और बॉलीवॉल का खिलाड़ी था। लेकिन पुलिस ने उसका करियर बर्बाद कर दिया। ................. ये खबर भी पढ़ें- नोएडा में बीटेक स्टूडेंट का एनकाउंटर फर्जी...12 पुलिसवालों पर FIR:वो VIDEO देखिए, जिसे पिता ने अदालत में पेश किया, बेटे को बचाया कानपुर के बाद अब गौतमबुद्धनगर में फर्जी एनकाउंटर का खुलासा हुआ है। बीटेक स्टूडेंट को मुठभेड़ में गोली मारने वाले पूर्व SHO समेत 12 पुलिसवालों पर मंगलवार को नोएडा के जेवर थाने में FIR हुई है। छात्र के पिता ने मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए कोर्ट में शिकायत की थी। उन्होंने आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ तीन साल कानूनी लड़ाई लड़ी। पिता का आरोप था कि पुलिस वाले एक हत्या के मामले में मुझे और बेटे को घर से ले गए। करंट लगाया। जुर्म कबूल करने की धमकी दी। पिता ने घर से हिरासत में लिए जाने का CCTV कोर्ट में पेश किया। जिसमें पुलिस वाले बाप-बेटे को कहीं ले जाते दिख रहे हैं। पीड़ित के पिता ने वह CCTV भास्कर से भी साझा किया। पढ़ें पूरी खबर
सीबीआई , एसआईटी के बाद अब ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा ) दिल्ली ने छह बिल्डरों के खिलाफ अपनी जांच शुरू कर दी है। इन बिल्डरों पर करीब तीन हजार करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितता करने का आरोप है। ये पैसा बिल्डर को प्राधिकरण में जमा करना था। बायर्स से लिया गया ये पैसा अलग-अलग प्रोजेक्ट और अन्य जगहों में पर लगाया गया। हवाला के कनेक्शन की जांच भी ईओडब्ल्यू करेगी। प्राधिकरण ने ही इन छह बिल्डरों के खिलाफ जांच के लिए दिल्ली ईओडब्ल्यू से आग्रह किया था। 10 प्रतिशत रकम देकर किया अलाटमेंट पूर्व के शासन काल में इन बिल्डरों ने आवंटन नीति के लूप होल का फायदा उठाकर प्राधिकरण से महज 10 प्रतिशत प्लाट की लागत देकर आवंटन कराया। इसके बाद लुभावने ब्रोशर निकाले। बायर्स ने इन बिल्डरों की योजना में पैसा लगाकर फ्लैट बुक किए। अधिकांश परियोजना आधी अधूरी है। बायर्स को फ्लैट नहीं मिला। जहां फ्लैट मिला वहां प्राधिकरण में बकाया जमा नहीं करने पर बायर्स की रजिस्ट्री नहीं हो सकी। इसी को देखकर ही शासन ने अमिताभ कांत की सिफारिश लागू की। जिसके तहत कुल बकाया का 25 प्रतिशत जमा करने को कहा गया। अमिताभ कांत की सिफारिश को नहीं माना इन सात बिल्डरों ने सिफारिश के तहत न तो हामी भरी और न ही बिल्डर- प्राधिकरण बैठक में शामिल हुए। इनको बकाया वापस करने के लिए प्राधिकरण ने कई बार नोटिस जारी किए। इसके बाद भी बिल्डर की ओर से जवाब नहीं दिया गया। ऐसे में प्राधिकरण सीईओ ने ईओडब्ल्यू दिल्ली से वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए आग्रह किया। प्राधिकरण ने तीन से चार महीने में एक-एक बिल्डर पर बकाया की रिपोर्ट ईओडब्ल्यू को भेजी। ईओडब्ल्यू दिल्ली ने मांगे दस्तावेजइस मामले को गंभीरता से लेते हुए ईओडब्ल्यू ने वित्तीय अनियमितता की जांच शुरू की। उसने प्राधिकरण से संपर्क किया और बिल्डरों के भूमि आवंटन से लेकर ब्रोशर, वित्तीय बकाया और आवंटन नीति के बारे में जानकारी मांगी। ये जानकारी लेकर प्राधिकरण के कर्मचारी ईओडब्ल्यू दिल्ली पहुंचे। वहां जानकारी दी गई। ईओडब्ल्यू ने आवंटन और बिल्डर प्रोजेक्ट से संबंधित और भी दस्तावेज मांगे है। प्राधिकरण ने बताया कि जल्द ही सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे। इन तीन बिल्डरों पर 1767 करोड़ बकाया इन तीन बिल्डर पर 1425 करोड़ बकाया लॉजिक्स समूह की सेक्टर-143 स्थित ब्लूसम जेस्ट , सेक्टर-137 में शुभकामना बिल्ड टेक और सेक्टर-118 स्थित आइवीआर प्राइम डेवलपर, इन तीनों परियोजनाओं में प्राधिकरण का करीब 1425 करोड़ रुपए बकाया है।
न्यू नोएडा बसाने के लिए प्राधिकरण ने एक कदम और आगे बढ़ाया है। 80 गांवों की ड्रोन सर्वे कराया जाएगा। इसके लिए 10 दिन में कंपनी को पीपीटी तैयार करने को कहा गया है। CEO के सामने इसका प्रेजेंटेशन किया जाएगा। इस पीपीटी में बताया जाएगा कि ड्रोन सर्वे में किन पाइंट को शामिल किया जाएगा। इस सर्वे से मिले डेटा का मिला अक्टूबर 2024 की सैटेलाइट मैप से कराया जाएगा। जिससे वास्तविक अवैध निर्माण की जानकारी मिल सकेगी। इन्हे नोटिस और ध्वस्त किया जाएगा। ड्रोन सर्वे में इन पाइंट को किया गया शामिल अक्टूबर 2024 सैटेलाइट इमेज से होगा मिलान अक्टूबर 2024 में प्राधिकरण ने न्यू नोएडा यानी DNGIR के लिए अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना के बाद 80 गांवों में यदि कोई निर्माण करता है तो उसके लिए नोएडा प्राधिकरण से अनुमति लेनी होती है। बिना अनुमति के किया गया निर्माण अवैध माना जाता है। इस दिन की सैटेलाइट इमेज प्राधिकरण के पास है। इसी इमेज का मिलान ड्रोन सर्वे से कराया जाएगा। जिससे तय हो जाएगा किस खसरे पर अवैध निर्माण किया गया है। या अधिसूचना के बाद कहा कहा अवैध निर्माण किया जा रहा है। मई में किया जाएगा सर्वे कंपनी पहले दस दिनों में पीपीटी तैयार करेगी। 20 अप्रैल के बाद नोएडा प्राधिकरण में बैठक होगी। इस बैठक में कंपनी को पाइंट और सुझाव व निर्देश दिए जाएंगे। जिसके बाद मई में सर्वे का काम शुरू किया जाएगा। ये सर्वे 10 से 15 दिन में पूरा किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट तैयार कर सीईओ को दी जाएगी। अवैध निर्माण पर नोटिस जारी किया जाएगा। जिसे ध्वस्त किया जाएगा। चार फेज में बनेगा DNGIRन्यू नोएडा (DNGIR) 209.11वर्गकिमी में यानी 20 हजार 911.29 हेक्टेयर में बसाया जाएगा। इस मास्टर प्लान को चार फेज में पूरा किया जाएगा। 2023-27 तक इसके 3165 हेक्टेयर को विकसित किया जाएगा। इसी तरह 2027 से 2032 तक 3798 हेक्टेयर एरिया को विकसित किया जाएगा। इसके बाद 2032-37 तक 5908 हेक्टेयर और अंत में 2037-41 तक 8230 हेक्टेयर जमीन को विकसित करने का प्लान है। इससे पहले यहां जमीन अधिग्रहण और मुआवजा के लिए रेट तय किए जाएंगे। प्राधिकरण अधिकारी ने बताया कि न्यू नोएडा के पहले फेज के गांवों में जमीन किसानों से आपसी सहमति के आधार पर ही ली जाएगी। यहां मुआवजा रेट क्या होगा इस पर विस्तार से चर्चा की गई। हालांकि अभी कोई निर्णायक फैसला पर नहीं पहुंचा जा सका है। जल्द ही एक और बैठक की जाएगी जिसमें रेट को फाइनल किया जाएगा। पहले फेज में 15 गांव शामिलसबसे पहले 15 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। जबकि न्यू नोएडा को 80 गांवों की जमीन पर बसाया जाएगा। प्रत्येक गांव में करीब 200 किसान परिवार है। यानी कुल 16 हजार किसान परिवार है। जिनके साथ बैठक की जाएगी। पहले फेज में 3165 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जाना है।
सांप के जहर मामले में नवीनतम विकास में, नोएडा पुलिस ने बिग बॉस ओटीटी 2 विजेता और यूट्यूबर एल्विश यादव और सात अन्य के खिलाफ सूरजपुर अदालत में 1,200 पेज का आरोप पत्र दायर किया है। आरोप पत्र में 24 गवाहों के बयान भी दर्ज किये गये। नोएडा पुलिस नोएडा और गुरुग्राम समेत देशभर में दर्ज मामलों की जानकारी जुटा रही है। जयपुर लैब से सांप के जहर की पुष्टि करने वाली रिपोर्ट भी चार्जशीट में शामिल की गई है। सांप के जहर मामले से जुड़े वीडियो, कॉल डिटेल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को आधार बनाया गया। आरोप पत्र में एल्विश यादव पर लगाई गई एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के संबंध में साक्ष्य लगाए गए हैं। इसे भी पढ़ें: Telugu अभिनेता Jagapathi Babu बोले, सलमान खान के साथ हमेशा काम करना चाहता था, वह बहुत अच्छे हैं पिछले साल नवंबर में एल्विश यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और इस मामले में 5 सपेरों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हाल ही में एल्विश यादव समेत तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। पिछले साल पीपल फॉर एनिमल्स (पीएफए) संगठन की शिकायत के आधार पर नोएडा पुलिस ने सेक्टर 51 स्थित एक बैंक्वेट हॉल पर छापा मारा था और पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. पीएफए ने अपनी एफआईआर में एल्विश का नाम लिया और उन पर रेव पार्टियों का आयोजन करने का आरोप लगाया, जिसमें वे विदेशियों को आमंत्रित करते हैं और जहरीले सांपों की व्यवस्था करते हैं। इसे भी पढ़ें: Manoj Bajpayee ने जाहिर की ख्वाहिश, कहा- असाधारण कहानियों के जरिए दर्शकों से जुड़ना चाहता हूं बता दें कि छापेमारी के दौरान नौ जहरीले सांप बरामद किए गए। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत सांप की विष ग्रंथियां निकालना दंडनीय अपराध है और दोषी को सात साल की जेल हो सकती है। सिद्धार्थ यादव उर्फ एल्विश यादव गुरुग्राम के एक लोकप्रिय यूट्यूबर हैं। बिग बॉस ओटीटी 2 जीतने के अलावा वह अपने म्यूजिक वीडियो के लिए भी जाने जाते हैं और युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी 2 विजेता एल्विश यादव को पांच दिन की गिरफ्तारी के बाद सांप के जहर सप्लाई मामले में जमानत दे दी गई है। गिरफ्तारी के दिन एल्विश को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उन्हें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत हिरासत में ले लिया गया। गुरुवार को उनकी जमानत पर सुनवाई के लिए उन्हें नोएडा की एक स्थानीय अदालत में लाया गया, लेकिन सुनवाई टल गई। इस खबर की पुष्टि करते हुए, बिग बॉस 17 के प्रतियोगी अनुराग डोभाल (द यूके07 राइडर) ने ट्विटर पर लिखा, ऊपर वाला कभी गलत नहीं करेगा जमानत मिल जाएगी। इसे भी पढ़ें: Deepika Padukone और अपने बच्चे के साथ रहने के लिए काम से लंबा ब्रेक लेंगे Ranveer Singh? यहां पढ़े पूरी सच्चाई गुरुवार को नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव पर लगा एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985) एक्ट हटा दिया। पुलिस ने कहा कि यह उनकी ओर से गलती थी। उन्होंने कहा, ''हमने गलती से एनडीपीएस एक्ट लगा दिया था, ये एक लिपिकीय गलती थी।'' मालूम हो कि एनडीपीएस एक्ट के तहत जमानत मिलना बहुत मुश्किल है। इसे भी पढ़ें: Fighter OTT Release | ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण-स्टारर फाइटर इस तारीख को ओटीटी पर होगी रिलीज एल्विश यादव को गुरुग्राम में रेव पार्टियों में सांप के जहर की आपूर्ति करने के आरोप में पुलिस ने न्यायिक हिरासत में रखा था। उसके दोस्त विनय को भी हिरासत में ले लिया गया। अब एल्विश यादव को जमानत मिल गई है. कोर्ट के बाहर उनके प्रशंसक जमा हो गए थे। उन्होंने संकट के इस समय में उनका समर्थन करने वाले सभी लोगों का हाथ हिलाया। जमानत की खबर से एल्विश यादव के प्रशंसक खुशी से झूम उठे एल्विश यादव के प्रशंसक सोशल मीडिया पर इस खबर की सराहना कर रहे हैं। बिग बॉस ओटीटी 2 विजेता का समर्थन करने के लिए कई लोग आगे आए थे। विजेता के समर्थन में ईशा मालवीय और अभिषेक कुमार आगे आये थे। हमें देखना होगा कि पुलिस इस मामले को कैसे आगे बढ़ाती है। मैक्सटर्न उर्फ सागर ठाकुर के साथ मारपीट का मामला अभी भी कायम है। सात दिन के लिए भी नहीं गये जेल। सत्य है सत्य की जीत हुई बधाई हो एल्विश यादव #ElvishArmy #सुस्वागतम्_एल्विश_यादव #ElvishYadav pic.twitter.com/CCX25HrLAn — YesMan (@YesMan786) March 22, 2024 #ElvishYadav_निर्दोष_है #सुस्वागतम्_एल्विश_यादव #ElvishaYadav Got bail : pic.twitter.com/qVgff8xsxC — Narendra Choudhary (@jatnarendra_) March 22, 2024 Bail Granted to #ElvishYadav #ElvishYadav_निर्दोष_है #ElvishArmy #ElvisHistory #Bail #NoidaPolice #ElvishaYadav #ElvishAmry pic.twitter.com/D7HgbrgL3P — ELVISH ARMY XD (@mr_priyanshu77) March 22, 2024
Elvish Yadav केस में नोएडा पुलिस से क्या हो गई गलती?
एल्विश यादव को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया था. नोएडा पुलिस ने कोर्ट को बताया कि गलती से पुलिस ने NDPS एक्ट का गलत सेक्शन जोड़ दिया है. उसे कागजों में ठीक करने की अनुमति दें. पुलिस ने बताया कि उन्हें एल्विश यादव पर NDPS एक्ट का सेक्शन 22 लगाना था लेकिन गलती से सेक्शन 20 लगा दिया गया.