ग्रेटर नोएडा में 40 औद्योगिक भूखंडों की योजना शुरू, 800 करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद
ग्रेटर नोएडा, 27 मई . ग्रेटर नोएडा औद्योगिक क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने के उद्देश्य से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 40 औद्योगिक भूखंडों की एक नई योजना की शुरुआत की है. यह योजना 26 मई से प्रभाव में आ चुकी है और इसके तहत आवेदन ... Read more
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के यथार्थ हॉस्पिटल में देर रात लिफ्ट बंद हो गई। करीब 30 मिनट तक अटकी रही। इस दौरान 16 लोग फंसे रहे। आरोप है कि कई बार हॉस्पिटल प्रबंधन और सुरक्षाकर्मियों से बात की। लेकिन, कोई मदद नहीं मिल पाई। इस वजह कई लोग पैनिक होने लगे। सांस फूलने लगी। इसमें बीमार, बुजुर्ग, महिलाएं और पुरुष शामिल थे। इसका वीडियो भी सामने आया है। जो 26 मई का बताया जा रहा है। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को इसकी शिकायत की, लेकिन किसी ने भी उनकी मदद नहीं की। काफी देर के बाद अस्पताल का स्टाफ मौके पर पहुंचा। उनके द्वारा लिफ्ट को जैसे-तैसे खोला गया और फिर सब लोगों को गिफ्ट से जैसे तैसे करके बाहर निकल गया। बताया जा रहा है लिफ्ट दो फ्लोर के बीच मे अटक गई थी। यह घटना अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। लिफ्ट में फंसे लोगों की संख्या भी क्षमता से अधिक थी, जो एक अलग चिंता का विषय है।
भोपाल-इंदौर मेट्रो में सफर करने वाले यात्रियों के वाहनों के लिए मेट्रो रेल कंपनी अब सभी स्टेशनों पर पार्किंग के लिए जगह तलाश रही है। सुभाष नगर से एम्स के बीच बन रहे प्रायोरिटी कॉरिडोर के 8 में से 5 स्टेशनों पर तो पार्किंग बनाने की तैयारियां तकरीबन पूरी कर ली गई हैं। 31 मई को इंदौर मेट्रो के सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर के पांचों स्टेशंन पर पार्किंग देने की तैयारी है। दोनों शहरों के प्रायोरिटी कॉरिडोर के स्टेशंस के बाद पूरे रूट पर भी पार्किंग का प्लान बनाया जा रहा है। मेट्रो प्रबंधन को मंत्रालय के आला अफसरों के दखल के बाद ये निर्णय लेना पड़ा है। इसलिए मेट्रो कंपनी भोपाल-इंदौर नगर निगम से चर्चा के बाद नए पार्किंग स्थल चिह्नित कर रही है। बीती 7 मार्च के अंक में दैनिक भास्कर ने ‘जयपुर में 9 किमी मेट्रो रूट में 7 पार्किंग; भोपाल-इंदौर में कुल 62 किमी में एक भी नहीं, डीपीआर बनाते वक्त ही नहीं रखा ध्यान’ शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। इसमें बताया था कि भोपाल-इंदौर मेट्रो की डीटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) में ही पार्किंग का प्रावधान नहीं किया गया है। प्रबंधन का तर्क था कि ऐसा इसलिए, क्योंकि मेट्रो की पॉलिसी है कि यात्रियों को घर से निकलते ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट मुहैया करवाया जाए। इसलिए मोबीलिटी प्लान बनाए गए हैं। खबर छपने के बाद हरकत में आया प्रबंधन भास्कर में खबर प्रकाशित होने पर मंत्रालय के अफसरों ने संज्ञान लेकर मेट्रो प्रबंधन से पहले तो पार्किंग नहीं बनाए जाने की वजह पूछी। इसके बाद पार्किंग का प्रावधान करने के निर्देश भी दिए। इसके लिए विभाग के एसीएस ने इंदौर मेट्रो के सुपर प्रायोरिटी कॉरिडोर का दौरा करते वक्त इंदौर नगर निगम के अफसरों को पार्किंग के लिए स्थान देने के निर्देश भी दिए। मंत्रालय का दखल... और बदलना पड़ा मेट्रो कंपनी को अपना फैसला 8 स्टेशनों पर बनाया जा रहा व्यवस्थित प्लान मेट्रो के अफसरों का कहना है कि भोपाल में प्रायोरिटी कॉरिडोर के 8 स्टेशनों के लिए व्यवस्थित प्लान बनाया जा रहा है। इनमें सुभाष नगर, केंद्रीय विद्यालय, बोर्ड ऑफिस, एमपी नगर, आरकेएमपी, डीआरएम, अलकापुरी और एम्स स्टेशन शामिल हैं। इन पर साइकिल, दो पहिया और चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग का प्लान बनाया जा रहा है। एम्स और सुभाष नगरमें बनेगी बड़ी पार्किंग मेट्रो प्रबंधन ने एम्स स्टेशन में पार्किंग की जगह तलाश ली है। अलकापुरी में पार्किंग के लिए जगह नहीं मिल रही है। डीआरएम स्टेशन पर स्टाफ पार्किंग की व्यवस्था की जा सकती है। आरकेएमपी पर रेलवे की पार्किंग को ही इस्तेमाल किया जाएगा, एमपी नगर स्टेशन पर पार्किंग के लिए नगर निगम से बात जारी है। सुभाष नगर में बड़ी पार्किंग बनाई जाएगी। पार्किंग न होने से ये नुकसान होते... 1. स्टेशन के आसपास अवैध पार्किंग विकसित होंगी। 2. यात्री अपने वाहन स्टेशन के पास इधर-उधर खड़े करेंगे, जिनके चोरी होने की आशंका। 3. अगर यात्री घटे तो मेट्रो को आर्थिक रूप से नुकसान भी होगा। 4. मेट्रो से सफर करने वाले यात्रियों की संख्या कम हो सकती है।
नोएडा मेट्रो एक्सटेंशन रूट पर प्रेजेंटेशन, ग्रेटर नोएडा डिपो से बोड़ाकी तक बनेगा नया रूट
नोएडा, 26 मई . नोएडा मेट्रो के विस्तार को लेकर एक अहम कदम उठाया गया है. सोमवार को आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (महुआ), भारत सरकार के समक्ष ग्रेटर नोएडा डिपो से बोड़ाकी तक प्रस्तावित मेट्रो रूट का प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया. इस प्रेजेंटेशन में रूट की वायबिलिटी, डीपीआर और संभावित लाभों को साझा किया ... Read more
हरियाणा के नारनौल में खड़ी हुई एक लोडिंग गाड़ी का चालान उत्तर प्रदेश के नोएडा में कट गया। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस में की है। वहीं पुलिस ने इसकी जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने गाड़ी मालिक को इस बारे में रिपोर्ट बनाकर दी है। जिसमें लिखा है कि उक्त गाड़ी नारनौल में है तथा चालान में दिखाई देने वाली गाड़ी से अलग है। इस रिपोर्ट को गाड़ी मालिक आरटीए कार्यालय में जमा कराएगा। जिसके बाद चालान कैंसिल होगा। मोहल्ला श्याम कालोनी के रहने वाले गाड़ी मालिक सुनील कुमार ने बताया कि उसने एक लोडिंग गाड़ी ली हुई है। इस गाड़ी का प्रयोग वह नारनौल की सब्जी मंडी से फल आदि की आसपास के कस्बों में सप्लाई करने के लिए करता है तथा रोजाना रात को वह इसमें फल भरकर सिंघाना, महेंद्रगढ़, चिड़ावा, पटौदी, लोहारू आदि लेकर जाता है। बीते कल भी वह अपना काम करके दिन में सो रहा था। शाम को जब वह उठा तो उसके मोबाइल में गाड़ी का चालान कटने का मैसेज दिखाई दिया। इसको देखकर वह एक दम से घबरा गया कि चालान कहां पर कट गया। नोएड़ा में कटा दस हजार का चालान उसने जब एम परिवहन पर चालान की जांच की तो पता चला कि उसकी गाड़ी का उत्तरप्रदेश के नोएडा में दस हजार रुपए का चालान कटा है। जिसमें रिफलेक्टर, सफेद पट्टी नहीं लगाने, स्पीड कंट्रोल व अन्य चालान दिखाई दिया। इस चालान के अनुसार उसको दस हजार रुपए जमा करवाने थे। पुलिस में दी शिकायत इसके बाद उसने इसकी शिकायत शहर थाना नारनौल में की। पुलिस में जाने के बाद पता चला कि किसी ने अर्टिका गाड़ी पर उसकी गाड़ी के नंबर लगाए हुए हैं। इस पर पुलिस ने उसको एक रिपोर्ट बनाकर दी। जिसको वह आरटीए कार्यालय में जमा कराएगा।
गाजियाबाद में अपराधी को पकड़ने गई नोएडा पुलिस पर हमला, कांस्टेबल की मौत
गाजियाबाद, 26 मई . उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रविवार देर रात शातिर बदमाश को पकड़ने गई पुलिस टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया. फायरिंग में 25 साल के कांस्टेबल की मौत हो गई. मामला मसूरी थाना क्षेत्र के नाहल गांव का है. यहां देर रात कादिर नाम के अपराधी को पकड़ने के लिए ... Read more
ग्रेटर नोएडा के दादरी में पुलिस और बाइक सवार बदमाशों के बीच मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में एक बदमाश को गोली लगी, जबकि दो अन्य को कॉम्बिंग के दौरान गिरफ्तार किया गया। शुक्रवार रात दादरी पुलिस ज्यू 3 नाले के पास चेकिंग कर रही थी। इस दौरान तीन युवक एक मोटरसाइकिल पर आते दिखे। पुलिस ने रुकने का इशारा किया, लेकिन वे भागने लगे। पीछा करने पर बदमाशों ने पुलिस पर फायर कर दिया। जवाबी कार्रवाई में एक बदमाश घायल हो गया। घायल बदमाश की पहचान करन (21) के रूप में हुई। वह ग्राम रोजा जलालपुर, थाना बिसरख का रहने वाला है। अन्य दो बदमाशों में हर्ष (21) समाधीपुर दादरी और पीयूष बंसल (19) ग्राम सैथली, थाना जारचा का निवासी है। पुलिस ने बदमाशों से एक तमंचा 315 बोर, एक खोखा कारतूस, दो जिंदा कारतूस, दो अवैध चाकू, एक लूटा हुआ मोबाइल और चोरी की एक स्प्लेंडर बाइक बरामद की। बाइक पर नंबर प्लेट नहीं थी। एडिशनल डीसीपी सुधीर कुमार ने बताया कि ये शातिर बदमाश चोरी और लूटपाट की वारदातों को अंजाम देते थे। घायल बदमाश को अस्पताल भेजा गया है। पुलिस बदमाशों के आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटा रही है।
हैसिंडा से जुड़े लोटस 300 प्रोजेक्ट मामले में ED ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। अब इसका दायरा पूर्व शासन काल में हुए फॉर्म हाउस घोटाला तक पहुंच गए है। जिसमें अधिकारियों ने साठगांठ करके करीब 2000 करोड़ रुपए राजस्व का नुकसान पहुंचाया था। आवंटियों को सस्ती दरों पर फॉर्म हाउस आवंटित किए गए। ऐसे करीब 157 फॉर्म हाउस की लिस्टिंग ईडी ने की है। इसकी फाइलों का बंच भी प्राधिकरण से मांगा गया है। जाहिर है ईडी लोटस-300 और उससे जुड़े किसी भी मामले में ढील बरतने वाली नहीं है। जिस समय फॉर्म हाउस घोटाला किया गया मोहिंदर सिंह ही नोएडा प्राधिकरण के सीईओ थे। उस समय थ्री सी के डायरेक्टर निर्मल सिंह और पूर्व सीईओ की बेहतर गठजोड़ था। ईडी पहले ही इस मामले में काफी तथ्य सामने ला चुकी है। बताया गया कि दोनों का आपस में पारिवारिक रिश्ता भी है। फिलहाल ईडी अब फॉर्म हाउस आवंटन घोटाले से जुड़े दस्तावेजों और उससे जुड़े अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है।2000 करोड़ रुपए का फॉर्म हाउस घोटालायमुना किनारे योजना लाकर सस्ते दामों पर फॉर्म हाउस आवंटित किए गए। प्राधिकरण ने दो बार 2008 और 2010 में ओपन एंड स्कीम के तहत फार्महाउस योजना निकाली। दोनों बार में 305 आवेदन स्वीकार किए गए। इसमें से 157 आवंटियों को 18 लाख 37 हजार 340 वर्गमीटर भूखंड आवंटन किया गया। सीएजी के रिपोर्ट में दिखा घोटालासीएजी ने दिखाया कि 2008-09 में 22 आवंटियों को 3100 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से भूखंड आवंटित किए। जबकि उस समय प्रचलित दर 15 हजार 914 रुपए थी। इसी दर से 2009-10 में भी 43 भूखंडों का आवंटन किया गया। उस दौरान प्रचलित दर 16 हजार 996 रुपए थी। 2010-11 में 83 भूखंडों का आंवटन 3500 रुपए के हिसाब से किया गया। जबकि दर 17 हजार 556 रुपए थी। ये घोटाला करीब 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का था।
सांप के जहर मामले में नवीनतम विकास में, नोएडा पुलिस ने बिग बॉस ओटीटी 2 विजेता और यूट्यूबर एल्विश यादव और सात अन्य के खिलाफ सूरजपुर अदालत में 1,200 पेज का आरोप पत्र दायर किया है। आरोप पत्र में 24 गवाहों के बयान भी दर्ज किये गये। नोएडा पुलिस नोएडा और गुरुग्राम समेत देशभर में दर्ज मामलों की जानकारी जुटा रही है। जयपुर लैब से सांप के जहर की पुष्टि करने वाली रिपोर्ट भी चार्जशीट में शामिल की गई है। सांप के जहर मामले से जुड़े वीडियो, कॉल डिटेल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को आधार बनाया गया। आरोप पत्र में एल्विश यादव पर लगाई गई एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के संबंध में साक्ष्य लगाए गए हैं। इसे भी पढ़ें: Telugu अभिनेता Jagapathi Babu बोले, सलमान खान के साथ हमेशा काम करना चाहता था, वह बहुत अच्छे हैं पिछले साल नवंबर में एल्विश यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और इस मामले में 5 सपेरों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हाल ही में एल्विश यादव समेत तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। पिछले साल पीपल फॉर एनिमल्स (पीएफए) संगठन की शिकायत के आधार पर नोएडा पुलिस ने सेक्टर 51 स्थित एक बैंक्वेट हॉल पर छापा मारा था और पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. पीएफए ने अपनी एफआईआर में एल्विश का नाम लिया और उन पर रेव पार्टियों का आयोजन करने का आरोप लगाया, जिसमें वे विदेशियों को आमंत्रित करते हैं और जहरीले सांपों की व्यवस्था करते हैं। इसे भी पढ़ें: Manoj Bajpayee ने जाहिर की ख्वाहिश, कहा- असाधारण कहानियों के जरिए दर्शकों से जुड़ना चाहता हूं बता दें कि छापेमारी के दौरान नौ जहरीले सांप बरामद किए गए। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत सांप की विष ग्रंथियां निकालना दंडनीय अपराध है और दोषी को सात साल की जेल हो सकती है। सिद्धार्थ यादव उर्फ एल्विश यादव गुरुग्राम के एक लोकप्रिय यूट्यूबर हैं। बिग बॉस ओटीटी 2 जीतने के अलावा वह अपने म्यूजिक वीडियो के लिए भी जाने जाते हैं और युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी 2 विजेता एल्विश यादव को पांच दिन की गिरफ्तारी के बाद सांप के जहर सप्लाई मामले में जमानत दे दी गई है। गिरफ्तारी के दिन एल्विश को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उन्हें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत हिरासत में ले लिया गया। गुरुवार को उनकी जमानत पर सुनवाई के लिए उन्हें नोएडा की एक स्थानीय अदालत में लाया गया, लेकिन सुनवाई टल गई। इस खबर की पुष्टि करते हुए, बिग बॉस 17 के प्रतियोगी अनुराग डोभाल (द यूके07 राइडर) ने ट्विटर पर लिखा, ऊपर वाला कभी गलत नहीं करेगा जमानत मिल जाएगी। इसे भी पढ़ें: Deepika Padukone और अपने बच्चे के साथ रहने के लिए काम से लंबा ब्रेक लेंगे Ranveer Singh? यहां पढ़े पूरी सच्चाई गुरुवार को नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव पर लगा एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985) एक्ट हटा दिया। पुलिस ने कहा कि यह उनकी ओर से गलती थी। उन्होंने कहा, ''हमने गलती से एनडीपीएस एक्ट लगा दिया था, ये एक लिपिकीय गलती थी।'' मालूम हो कि एनडीपीएस एक्ट के तहत जमानत मिलना बहुत मुश्किल है। इसे भी पढ़ें: Fighter OTT Release | ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण-स्टारर फाइटर इस तारीख को ओटीटी पर होगी रिलीज एल्विश यादव को गुरुग्राम में रेव पार्टियों में सांप के जहर की आपूर्ति करने के आरोप में पुलिस ने न्यायिक हिरासत में रखा था। उसके दोस्त विनय को भी हिरासत में ले लिया गया। अब एल्विश यादव को जमानत मिल गई है. कोर्ट के बाहर उनके प्रशंसक जमा हो गए थे। उन्होंने संकट के इस समय में उनका समर्थन करने वाले सभी लोगों का हाथ हिलाया। जमानत की खबर से एल्विश यादव के प्रशंसक खुशी से झूम उठे एल्विश यादव के प्रशंसक सोशल मीडिया पर इस खबर की सराहना कर रहे हैं। बिग बॉस ओटीटी 2 विजेता का समर्थन करने के लिए कई लोग आगे आए थे। विजेता के समर्थन में ईशा मालवीय और अभिषेक कुमार आगे आये थे। हमें देखना होगा कि पुलिस इस मामले को कैसे आगे बढ़ाती है। मैक्सटर्न उर्फ सागर ठाकुर के साथ मारपीट का मामला अभी भी कायम है। सात दिन के लिए भी नहीं गये जेल। सत्य है सत्य की जीत हुई बधाई हो एल्विश यादव #ElvishArmy #सुस्वागतम्_एल्विश_यादव #ElvishYadav pic.twitter.com/CCX25HrLAn — YesMan (@YesMan786) March 22, 2024 #ElvishYadav_निर्दोष_है #सुस्वागतम्_एल्विश_यादव #ElvishaYadav Got bail : pic.twitter.com/qVgff8xsxC — Narendra Choudhary (@jatnarendra_) March 22, 2024 Bail Granted to #ElvishYadav #ElvishYadav_निर्दोष_है #ElvishArmy #ElvisHistory #Bail #NoidaPolice #ElvishaYadav #ElvishAmry pic.twitter.com/D7HgbrgL3P — ELVISH ARMY XD (@mr_priyanshu77) March 22, 2024
Elvish Yadav केस में नोएडा पुलिस से क्या हो गई गलती?
एल्विश यादव को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया था. नोएडा पुलिस ने कोर्ट को बताया कि गलती से पुलिस ने NDPS एक्ट का गलत सेक्शन जोड़ दिया है. उसे कागजों में ठीक करने की अनुमति दें. पुलिस ने बताया कि उन्हें एल्विश यादव पर NDPS एक्ट का सेक्शन 22 लगाना था लेकिन गलती से सेक्शन 20 लगा दिया गया.