ग्रेटर नोएडा में कर्मचारी से मारपीट:धार्मिक पहचान छुपाने का आरोप, एक आरोपी गिरफ्तार
ग्रेटर नोएडा वेस्ट में एक चाप विक्रेता कर्मचारी के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। पीड़ित पक्ष ने आरोप लगाया है कि चाप का ऑर्डर देर से देने और उसकी धार्मिक पहचान के कारण उसके साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की है। जानकारी के अनुसार, बिसरख थाना क्षेत्र स्थित एक चाप स्टॉल पर शुक्रवार शाम को कुछ युवक चाप खाने पहुंचे थे। दुकान पर पहले से भीड़ होने के कारण ऑर्डर तैयार होने में समय लगा। इसी बात को लेकर 3-4 युवकों ने दुकान पर काम कर रहे कर्मचारी से बहस शुरू कर दी। आरोप है कि बहस के दौरान युवकों ने पहले गाली-गलौज की और फिर कर्मचारी के साथ मारपीट शुरू कर दी। पीड़ित ने बताया कि इस दौरान उसकी धार्मिक पहचान को उससे पूछा गया। मारपीट करने वाले आरोपियों ने खुद ही घटना का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो बनाने वालों ने चाप विक्रेता पर नाम छिपाने का आरोप भी लगाया था। बिसरख थाना पुलिस ने मामले का संज्ञान लेते हुए पीड़ित इरफान की शिकायत पर दो नामजद और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी मोहित को गिरफ्तार कर लिया है। बिसरख पुलिस ने बताया कि वायरल वीडियो की जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि विवाद ऑर्डर में देरी के कारण हुआ था। अन्य सभी आरोपों को गंभीरता से लिया गया है। सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर शेष आरोपियों की पहचान की जा रही है और उनकी तलाश जारी है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि कानून व्यवस्था और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा के दनकौर कोतवाली क्षेत्र में शुक्रवार देर रात एक चलती कार में आग लग गई। अजनारा गोल चक्कर के पास हुई इस घटना में कार सवार तीन लोगों ने कूदकर अपनी जान बचाई। कुछ ही मिनटों में आग ने पूरी कार को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे वह जलकर राख हो गई। जानकारी के मुताबिक, बुलंदशहर के रहने वाले देवेंद्र अपने दो साथियों के साथ दनकौर कोतवाली क्षेत्र के अट्टा फतेहपुर गांव स्थित फॉर्म हाउस गए थे। देर रात वापसी के दौरान अजनारा गोल चक्कर के पास उनकी कार से अचानक धुआं निकलने लगा। स्थिति को समझते हुए तीनों लोग तुरंत कार से बाहर निकल गए। इसके कुछ ही देर बाद कार में आग लग गई। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आग लगने के दौरान कार में लगा सीएनजी सिलेंडर भी फट गया, जिससे मौके पर हड़कंप मच गया। गनीमत रही कि इस घटना में कोई जनहानि नहीं हुई। सूचना पर फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आग बुझाई, लेकिन तब तक कार पूरी तरह जल चुकी थी। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। दनकौर कोतवाली के एसएचओ मुनेंद्र सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार, आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट हो सकता है। उन्होंने पुष्टि की कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है।
याचिकाकर्ता वकील अपने मुवक्किल पर हमले की एफआईआर दर्ज करवाने के लिए नोएडा सेक्टर 126 के पुलिस स्टेशन गई थीं, जहां उनकी शिकायत नहीं लिखी गई और क्लाइंट को मारा गया.एक महिला वकील ने नोएडा पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्हें जबरदस्ती हिरासत में रखा गया, बंदूक दिखाकर धमकाया गया और पुलिस स्टेशन में उनका यौन उत्पीड़न किया गया. महिला वकील ने सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (19 दिसंबर, 2025) को याचिका दाखिल करके बताया कि पुलिस स्टेशन को सील करके उनके मुवक्किल के साथ मारपीट भी की गई और अब भी उन्हें धमकियां मिल रही हैं. बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार याचिकाकर्ता वकील ने बताया कि अपने मुवक्किल पर हमले की शिकायत के लिए वह कोर्ट गई थीं, जब उनकी शिकायत दर्ज नहीं की गई तो उन्होंने सीनियर अधिकारियों से बात करने को कहा. तब पुलिस स्टेशन को सील कर दिया और उनके मुवक्किल की पिटाई की गई, जिसमें उन्हें गंभीर चोटें आईं. वकील ने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने अगले दिन उन्हें किसी लिखित नोटिस के हिरासत में ले लिया और यहां उनको डेढ़ घंटे रखकर उनके साथ छेड़छाड़ की गई, शिकायत दर्ज न करने के लिए धमकाया गया और अश्लील बातें बोली गईं. एक पुलिस अधिकारी ने उनसे कहा, 'तेरी जैसी वकीलों को हम रोज रात...' जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस एन वी अंजारिया की बेंच ने पहले तो याचिकाकर्ता वकील से पूछा कि वह नोएडा में रहती हैं तो वह इलाहाबाद हाईकोर्ट क्यों नहीं गईं, लेकिन बाद में कोर्ट मामले की गंभीरता को देखते हुए सुनवाई के लिए तैयार हो गया. सीनियर एडवोकेट विकास सिंह ने याचिकाकर्ता वकील की ओर से कोर्ट को बताया कि पुलिस अधिकारियों ने सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए और पुलिस स्टेशन में वकील का यौन उत्पीड़न किया गया. उन्होंने अनुरोध किया है कि सीसीटीव फुटेज को डिलीट होने से पहले ही सीज कर लिया जाए.' सीनियर एडवोकेट महालक्ष्मी पवनी भी याचिकाकर्ता के लिए पेश हुईं और उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकायरियों ने उनकी मुवक्किल का मोबाइल फोन सीज कर लिया है और सभी वीडियोज डिलीट कर दिए हैं. उन्होंने चिंता जताई है कि वकील की जान को खतरा है. एडवोकेट विकास सिंह ने कोर्ट को यह भी बताया कि पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने और उनके सही से काम करने का मामले पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. ऐसे में इस मामले को टेस्ट केस की तरह लिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के लिए एक संदेश होना चाहिए कि किसी वकील के साथ इस तरह की हरकत बिल्कुल गलत है. इस पर कोर्ट ने गौतम बुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि वह देखें कि घटना के वक्त की फुटेज डिलीट न हो और उसको सील कर लें. एडवोकेट महालक्ष्मी ने भी कहा कि अगर वकीलों के साथ ऐसी घटनाएं हो सकती हैं तो सामान्य लोगों के लिए तो क्या ही स्थिति होगी. कोर्ट ने कहा कि अगर उसने संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत यह मामला सुना तो पूरी दिल्ली के मामले यहां आने शुरू हो जाएंगे. यह अनुच्छेद सीधे सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का अधिकार देता है. कोर्ट ने कहा, 'वैसे हम याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने के लिए कहते, लेकिन याचिकाकर्ता ने काफी गंभीर आरोप लगाए हैं और यह देखते हुए कि पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने और उनके ठीक से काम करने का मामला कोर्ट में लंबित है, तो हम यह मामला सुनेंगे.' इसके बाद कोर्ट ने 7 जनवरी, 2026 को सुनवाई के लिए मामला लिस्ट कर दिया है. याचिका के अनुसार यह घटना नोएडा के सेक्टर 126 के पुलिस स्टेशन की है, जहां 3 दिसंबर को महिला वकील के साथ छेड़ाछाड़ हुई और जबरदस्ती उनको हिरासत में रखा गया. वकील के सिर में गंभीर चोटें भी आई हैं. याचिकाकर्ता ने बताया कि वह वकील की ड्रेस और आईडी के साथ अपने मुवक्किल पर हमले की एफआईआर करवाने गई थीं. उनका आरोप है कि जिन लोगों ने मुवक्किल पर हमला किया, वे एक नेशनल न्यूज चैनल से जुड़े हैं. मुवक्किल की मेडिकल रिपोर्ट में भी सामने आया कि उन्हें काफी चोटें आई हैं. जब वकील एफआईआर करवाने पुलिस स्टेशन गईं तो दो पुलिस अधिकारियों ने शिकायत लिखने से मना कर दिया. इसके बाद वकील ने पुलिस इमरजेंसी रिस्पोंस सर्विस पर कॉल करने की कोशिश, लेकिन पुलिस स्टेशन सील कर दिया गया और उनके क्लाइंट को मारा गया. वकील ने बताया कि अगले दिन उन्हें बिना किसी लिखित कारण के एक से डेढ़ घंटे हिरासत में रखा गया. याचिका के अनुसार हिरासत के दौरान एक पुलिस अधिकारी ने वकील का कोट फाड़ दिया और उनकी तलाशी लेने लगा, बंदूक दिखाकर उन्हें धमकाया और उनसे अश्लील बातें कहीं. याचिका के अनुसार, पुलिस अधिकारी ने कहा, 'तेरी जैसी वकीलों को रोज रात...' याचिका के अनुसार वकील का फोन सीज कर लिया गया, उनके फोन से वीडियोज डिलीट कर दी गईं और पुलिस स्टेशन के सीसीटीवी कैमरों को डिसएबल कर दिया गया या हटा दिया गया. याचिकाकर्ता वकील का कहना है कि उनके मुवक्किल पर शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया. उन्होंने कहा कि भले ही वकील को थोड़ी देर बाद ही छोड़ दिया गया था, लेकिन उन्हें अभी भी धमकियां मिल रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने एक वकील की याचिका पर संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार, प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी), गौतमबुद्ध नगर के पुलिस कमिश्नर, संबंधित एसीपी और एसएचओ को नोटिस जारी किया है
एनसीआर में जहरीली हवा का कहर, नोएडा में एक्यूआई 468 तक पहुंचा
दिल्ली-एनसीआर एक बार फिर गंभीर वायु प्रदूषण की चपेट में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) और आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली और नोएडा के अधिकांश इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 से 450 के पार पहुंच चुका है, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर ग्रैप-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-4) लागू है। इसके नियमों का उल्लंघन करने वालों पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सख्त कार्रवाई कर रहा है। प्राधिकरण ने अब तक 46 कंपनियों और व्यक्तियों पर कुल 49.45 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। एनजीटी के आदेशों के तहत एनसीआर में GRAP-4 लागू होने के साथ ही निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी गई है। इसके अतिरिक्त, निर्माण सामग्री को ढककर रखने और नियमित रूप से पानी का छिड़काव करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने सख्ती से निर्देश दिए हैं कि सभी नियमों का पालन किया जाए। एसीईओ सुमित यादव के नेतृत्व में परियोजना विभाग की टीम लगातार क्षेत्र में निगरानी कर रही है। नियमों का उल्लंघन मिलने पर टीम तुरंत कार्रवाई कर जुर्माना लगा रही है। विगत दो दिनों में 46 जगहों पर उल्लंघन मिलने पर कुल 49.45 लाख रुपये की पेनल्टी लगाई गई। इसमें ईटा वन के 22 निवासियों को भी जुर्माना लगाया गया, जो GRAP-4 के नियमों की अनदेखी कर निर्माण कार्य कर रहे थे। प्राधिकरण ने सभी से जुर्माने की रकम एक सप्ताह के भीतर जमा कराने के निर्देश दिए हैं। कंपनी/आवंटी का नाम-- सेक्टर-- पेनल्टी(रुपए)1. एटीएस -सेक्टर-1 -5 लाख2. बृंदा (स्काई वार्ड) -सेक्टर-1 -5 लाख3. मनोज शर्मा -खेड़ा चौगानपुर -5 लाख4. बटुकनाथ शुक्ल -खेड़ा चौगानपुर -5 लाख5. एबीएस डेवलपर्स -खेड़ा चौगानपुर -5 लाख6. ऐस ग्रुप -12 -1 लाख7. सिवीटेक -12 -1 लाख8. फ्यूजन -12 -1 लाख9. फ्यूजन फैबरिक्स -10 -1 लाख10. एनडीकॉन कंस्ट्रक्शन -ईकोटेक-8 -1 लाख11. सुविज फोइल -ईकोटेक-8 -1 लाख12. स्पार्किंग ह्यूज जेम्स -ईकोटेक-8 -1 लाख13. संदीप कुमार -भनौता -1 लाख14. धर्मवती -भनौता -1 लाख15. सतेंद्र -भनौता -1 लाख16. जयपाल आदि -भनौता -1 लाख17. मनोज गौतम -छपरौला -1 लाख18. हाइवे मैनशन -सहारा सिटी -1 लाख19. मुकेश -छपरौला -1 लाख20. शिवम सैनी -छपरौला -1 लाख21. हर्षवर्धन -छपरौला -1 लाख22. हरीश सिंघल -छपरौला -1 लाख23. कंपलेंट कनवेयर सिस्टम -ईकोटेक-6 -50 हजार24. बीएलसी इंजीनियरिंग सर्विसेज -ईकोटेक-6 -25 हजार25. 22 अन्य -ईटा वन -6.70 लाख
खराब वायु गुणवत्ता पर नोएडा प्राधिकरण सख्त, ग्रेप-4 के पालन को लेकर सीईओ ने ली अहम बैठक
खराब होती वायु गुणवत्ता और वर्तमान में लागू ग्रेप-4 के प्रभावी अनुपालन को लेकर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. लोकेश एम. की अध्यक्षता में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई
ग्रेटर नोएडा में कड़ाके की ठंड से राहत, 19 प्रमुख स्थानों पर अलाव की व्यवस्था
शीत लहर और लगातार गिरते तापमान को देखते हुए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने आमजन को ठंड से राहत देने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं
सांप के जहर मामले में नवीनतम विकास में, नोएडा पुलिस ने बिग बॉस ओटीटी 2 विजेता और यूट्यूबर एल्विश यादव और सात अन्य के खिलाफ सूरजपुर अदालत में 1,200 पेज का आरोप पत्र दायर किया है। आरोप पत्र में 24 गवाहों के बयान भी दर्ज किये गये। नोएडा पुलिस नोएडा और गुरुग्राम समेत देशभर में दर्ज मामलों की जानकारी जुटा रही है। जयपुर लैब से सांप के जहर की पुष्टि करने वाली रिपोर्ट भी चार्जशीट में शामिल की गई है। सांप के जहर मामले से जुड़े वीडियो, कॉल डिटेल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों को आधार बनाया गया। आरोप पत्र में एल्विश यादव पर लगाई गई एनडीपीएस एक्ट की धाराओं के संबंध में साक्ष्य लगाए गए हैं। इसे भी पढ़ें: Telugu अभिनेता Jagapathi Babu बोले, सलमान खान के साथ हमेशा काम करना चाहता था, वह बहुत अच्छे हैं पिछले साल नवंबर में एल्विश यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी और इस मामले में 5 सपेरों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। हाल ही में एल्विश यादव समेत तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। पिछले साल पीपल फॉर एनिमल्स (पीएफए) संगठन की शिकायत के आधार पर नोएडा पुलिस ने सेक्टर 51 स्थित एक बैंक्वेट हॉल पर छापा मारा था और पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. पीएफए ने अपनी एफआईआर में एल्विश का नाम लिया और उन पर रेव पार्टियों का आयोजन करने का आरोप लगाया, जिसमें वे विदेशियों को आमंत्रित करते हैं और जहरीले सांपों की व्यवस्था करते हैं। इसे भी पढ़ें: Manoj Bajpayee ने जाहिर की ख्वाहिश, कहा- असाधारण कहानियों के जरिए दर्शकों से जुड़ना चाहता हूं बता दें कि छापेमारी के दौरान नौ जहरीले सांप बरामद किए गए। पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत सांप की विष ग्रंथियां निकालना दंडनीय अपराध है और दोषी को सात साल की जेल हो सकती है। सिद्धार्थ यादव उर्फ एल्विश यादव गुरुग्राम के एक लोकप्रिय यूट्यूबर हैं। बिग बॉस ओटीटी 2 जीतने के अलावा वह अपने म्यूजिक वीडियो के लिए भी जाने जाते हैं और युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी 2 विजेता एल्विश यादव को पांच दिन की गिरफ्तारी के बाद सांप के जहर सप्लाई मामले में जमानत दे दी गई है। गिरफ्तारी के दिन एल्विश को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। उन्हें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत हिरासत में ले लिया गया। गुरुवार को उनकी जमानत पर सुनवाई के लिए उन्हें नोएडा की एक स्थानीय अदालत में लाया गया, लेकिन सुनवाई टल गई। इस खबर की पुष्टि करते हुए, बिग बॉस 17 के प्रतियोगी अनुराग डोभाल (द यूके07 राइडर) ने ट्विटर पर लिखा, ऊपर वाला कभी गलत नहीं करेगा जमानत मिल जाएगी। इसे भी पढ़ें: Deepika Padukone और अपने बच्चे के साथ रहने के लिए काम से लंबा ब्रेक लेंगे Ranveer Singh? यहां पढ़े पूरी सच्चाई गुरुवार को नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव पर लगा एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985) एक्ट हटा दिया। पुलिस ने कहा कि यह उनकी ओर से गलती थी। उन्होंने कहा, ''हमने गलती से एनडीपीएस एक्ट लगा दिया था, ये एक लिपिकीय गलती थी।'' मालूम हो कि एनडीपीएस एक्ट के तहत जमानत मिलना बहुत मुश्किल है। इसे भी पढ़ें: Fighter OTT Release | ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण-स्टारर फाइटर इस तारीख को ओटीटी पर होगी रिलीज एल्विश यादव को गुरुग्राम में रेव पार्टियों में सांप के जहर की आपूर्ति करने के आरोप में पुलिस ने न्यायिक हिरासत में रखा था। उसके दोस्त विनय को भी हिरासत में ले लिया गया। अब एल्विश यादव को जमानत मिल गई है. कोर्ट के बाहर उनके प्रशंसक जमा हो गए थे। उन्होंने संकट के इस समय में उनका समर्थन करने वाले सभी लोगों का हाथ हिलाया। जमानत की खबर से एल्विश यादव के प्रशंसक खुशी से झूम उठे एल्विश यादव के प्रशंसक सोशल मीडिया पर इस खबर की सराहना कर रहे हैं। बिग बॉस ओटीटी 2 विजेता का समर्थन करने के लिए कई लोग आगे आए थे। विजेता के समर्थन में ईशा मालवीय और अभिषेक कुमार आगे आये थे। हमें देखना होगा कि पुलिस इस मामले को कैसे आगे बढ़ाती है। मैक्सटर्न उर्फ सागर ठाकुर के साथ मारपीट का मामला अभी भी कायम है। सात दिन के लिए भी नहीं गये जेल। सत्य है सत्य की जीत हुई बधाई हो एल्विश यादव #ElvishArmy #सुस्वागतम्_एल्विश_यादव #ElvishYadav pic.twitter.com/CCX25HrLAn — YesMan (@YesMan786) March 22, 2024 #ElvishYadav_निर्दोष_है #सुस्वागतम्_एल्विश_यादव #ElvishaYadav Got bail : pic.twitter.com/qVgff8xsxC — Narendra Choudhary (@jatnarendra_) March 22, 2024 Bail Granted to #ElvishYadav #ElvishYadav_निर्दोष_है #ElvishArmy #ElvisHistory #Bail #NoidaPolice #ElvishaYadav #ElvishAmry pic.twitter.com/D7HgbrgL3P — ELVISH ARMY XD (@mr_priyanshu77) March 22, 2024
Elvish Yadav केस में नोएडा पुलिस से क्या हो गई गलती?
एल्विश यादव को बुधवार को कोर्ट में पेश किया गया था. नोएडा पुलिस ने कोर्ट को बताया कि गलती से पुलिस ने NDPS एक्ट का गलत सेक्शन जोड़ दिया है. उसे कागजों में ठीक करने की अनुमति दें. पुलिस ने बताया कि उन्हें एल्विश यादव पर NDPS एक्ट का सेक्शन 22 लगाना था लेकिन गलती से सेक्शन 20 लगा दिया गया.

