हिंदू लड़की को फँसाया, रेप और अप्राकृतिक सेक्स के बाद गोमांस भी खिलाया: शादीशुदा साबिर खान ने कहा था- ‘तुझे मुसलमान बनना होगा’

ग्वालियर में एक हिंदू लड़की ने साबिर खान पर रेप करने, धमकाने, गोमांस खिलाने और धर्म परिवर्तन का दबाव डालने का आरोप लगाया है।

ऑप इंडिया 27 Apr 2024 2:52 pm

कांग्रेस के इस नेता ने चुनाव प्रचार समिति से दिया इस्तीफा, खुद बताई ये वजह

मुंबई: महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता एवं पूर्व मंत्री आरिफ नसीम खान ने लोकसभा चुनाव में प्रदेश में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी न उतारने पर आलाकमान से नाराजगी जताई है। आरिफ नसीम खान ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को चिट्ठी लिखकर प्रदेश में मुस्लिम उम्मीदवार न उतारने पर असंतोष जताया है। आरिफ नसीम खान ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को चिट्ठी लिखकर कहा कि लोग कह रहे है कि कांग्रेस को मुस्लिम वोट चाहिए मगर मुस्लिम उम्मीदवार नहीं, साथ ही अपनी नाराजगी जताते हुए नसीम खान ने चुनाव प्रचार समिति से भी इस्तीफा दे दिया है। नसीम खान ने स्टार प्रचारक के पद से इस्तीफा दे दिया है। पद से इस्तीफा देने को लेकर उन्होंने कहा कि जब मैं प्रचार के लिए जाऊंगा तो मुस्लिम समाज, उत्तर भारतीय समाज के लोग अपने प्रतिनिधित्व के बारे में पूछेंगे, इसलिए अब प्रदेश में चुनाव प्रचार नहीं करूंगा। आगे नसीम खान ने कहा कि मुझे 2 महीने पहले कहा गया था कि आप उत्तर मध्य मुंबई से तैयारी कीजिए, कांग्रेस में परंपरा रही है कि सभी समाज को प्रतिनिधित्व मिले मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ। कुछ लोग बोलते हैं कि यदि मुस्लिम उम्मीदवार देंगे तो भाजपा हिन्दू मुस्लिम करेगी और नुकसान होगा, क्या हम सभी महाराष्ट्र की 48 सीट जीतने के लिए लड़ रहे हैं। हालांकि पार्टी से नाराज चल रहे नसीम खान को असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एमआईएम (AIMIM) ने अपनी पार्टी से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है। एमआईएम (AIMIM) सांसद इम्तियाज जलील ने कांग्रेस नेता नसीम खान को मुंबई से AIMIM के टिकट पर चुनाव लड़ने का आमंत्रण दिया है। नसीम खान को ऑफर देते हुए AIMIM नेता इम्तियाज जलील ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सिर्फ स्टार प्रचारक के पद से इस्तीफा क्यों? आपको उस पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए जो सिर्फ मुस्लिम वोट चाहती है मगर उनका नेतृत्व नहीं। नसीम खान भाई आप AIMIM के टिकट पर चुनाव क्यों नहीं लड़ते जो हम आपको मुंबई में देने के लिए तैयार हैं। यह एक अच्छा सौदा है, थोड़ा साहस दिखाइए तथा अवसर का लाभ उठाइए। AIMIM के ऑफर पर नसीम खान ने जवाब देते हुए कहा कि मुझे AIMIM पर कोई बात नहीं करनी, उनकी सहानुभूति के लिए धन्यवाद। आगे उन्होंने कहा मुझे पार्टी के कई वरिष्ठ लोगों के फोन आ रहे हैं, अगले दो तीन दिन में आगे का कदम तय करूंगा, मेरी नाराजगी का सवाल नहीं है, सिर्फ नसीम खान का सवाल नहीं है, मैं इसलिए बोल रहा हूं कि पार्टी का नुकसान न हो। रांची में स्कूल बस पलटने से हुआ बड़ा हादसा, लगभग 15 बच्चे घायल बौद्ध धर्म में यकीन नहीं करते पीएम मोदी ! कांग्रेस सुप्रीमो मल्लिकार्जुन खड़गे के आरोप पर क्या बोले भारतीय बौद्ध संघ के अध्यक्ष ? बीकानेर में अचानक अंदर धंसते जा रही है जमीन, जांच करने पहुंची GSI की टीम

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 27 Apr 2024 2:50 pm

श्रीलंका में चीनी पैसों से बने एयरपोर्ट को चलाएँगी भारत-रूस की कंपनियाँ: पड़ोसी देश में ड्रैगन के उखड़ रहे कदम!

चीन के एग्जिम बैंक से मिले लोन से इस एयरपोर्ट को बनाया गया था। आरोप है कि उस समय श्रीलंका के राष्ट्रपति रहे महिंद्रा राजपक्षे ने चीन से नजदीकी बढ़ाने के लिए इस एयरपोर्ट को बनवाया था।

ऑप इंडिया 27 Apr 2024 2:29 pm

महाराष्ट्र की 48 सीटों पर एक भी मुस्लिम उम्मीदवार क्यों नहीं..? विपक्षी गठबंधन पर भड़के कांग्रेस नेता आरिफ खान, दिया इस्तीफा !

मुंबई: महा राष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुहम्मद आरिफ 'नसीम' खान ने लोकसभा चुनावों के बीच विपक्षी महा विकास अघाड़ी (MVA) गुट द्वारा चुनाव में किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारने के फैसले का हवाला देते हुए पार्टी की अभियान समिति से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े लोग और संगठन, किसी मुस्लिम चेहरे या नेता को टिकट नहीं देने के ब्लॉक के फैसले से नाराज हैं। मीडिया से बात करते हुए, खान ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा शुरू से ही समुदाय या जाति की परवाह किए बिना सभी को साथ लेकर चलने की रही है। उन्होंने कहा कि, 'मुस्लिम समुदाय से जुड़े लोगों या हमसे जुड़े संगठनों से जुड़े लोगों में बहुत गुस्सा है। क्योंकि राज्य की 48 लोकसभा सीटों पर एक भी मुस्लिम (विपक्षी) उम्मीदवार नहीं है। मैं भी परेशान हूं, क्योंकि कांग्रेस, अपने स्थापना के दिनों से ही, सभी को साथ लेकर चलने के लिए जानी जाती है, चाहे वे मुस्लिम हों, OBC हों, मराठा हों, एससी या एसटी हों।'' उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग उम्मीद करते हैं कि उनकी आवाज लोकसभा में प्रतिनिधित्व की जाएगी, और वे इस बात से नाराज हैं कि विपक्षी गठबंधन द्वारा उम्मीदवारों की पसंद समुदायों के व्यापक प्रतिनिधित्व को प्रतिबिंबित नहीं करती है। आरिफ खान ने कहा कि, '(कांग्रेस में) हर समुदाय के प्रतिनिधियों को लोकसभा और अन्य विधायी निकायों में प्रतिनिधित्व करने का मौका देने की परंपरा रही है। महाराष्ट्र सदैव एक प्रगतिशील राज्य रहा है। अब्दुल रहमान अंतुले लंबे समय तक महाराष्ट्र से सांसद रहे। अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को उम्मीद है कि उनकी आवाज को आगे बढ़ाया जाएगा और लोकसभा में सुना जाएगा। इस बार वे स्वाभाविक रूप से परेशान हैं, क्योंकि विपक्ष की उम्मीदवारों की पसंद समाज के व्यापक प्रतिनिधित्व को प्रतिबिंबित नहीं करती है।” कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि, “इस बार मुस्लिम समुदाय से कोई उम्मीदवार क्यों नहीं है? अगर मैं वोट मांगने के लिए लोगों के पास जाऊंगा, तो वे मुझसे ऐसे सवाल पूछेंगे जिनके जवाब मेरे पास नहीं हैं। इसलिए, मैंने चुनाव के तीसरे, चौथे और पांचवें चरण के लिए प्रचार नहीं करने का फैसला किया है।” इससे पहले, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को संबोधित पत्र में, आरिफ खान ने उन्हें चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों में से एक के रूप में नामित करने के लिए धन्यवाद दिया, लेकिन कहा कि वह लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए आगे प्रचार नहीं करेंगे। बता दें कि, MVA, जो पहले महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन था, में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) शामिल हैं। खान ने खड़गे को लिखे अपने पत्र में कहा, महाराष्ट्र की कुल 48 सीटों में से एमवीए ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को नामांकित नहीं किया है। वरिष्ठ नेता ने कहा कि राज्य में कई मुस्लिम संगठनों, नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि कांग्रेस कम से कम एक उम्मीदवार मैदान में उतारेगी, लेकिन 'दुर्भाग्य से' ऐसा नहीं हुआ। खाना ने कहा कि “अब वे पूछ रहे हैं…कांग्रेस को मुस्लिम वोट चाहिए… मुस्लिम उम्मीदवार क्यों नहीं?” यह कहते हुए कि वह पार्टी के 'अनुचित निर्णय' से 'परेशान' हैं, कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्होंने कई राज्यों-उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा, तेलंगाना, गुजरात, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में अपनी चुनावी जिम्मेदारियों का ईमानदारी से निर्वहन किया, जब भी पार्टी ने उनसे कहा। खड़गे को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा कि, “इन सभी कारणों से, मैं सामना नहीं कर पाऊंगा और मेरे पास महाराष्ट्र के मुसलमानों और अन्य मुस्लिम संगठनों का कोई जवाब नहीं है जो हमेशा इस मुद्दे को उठाते हैं। इसलिए, मैंने लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान पार्टी के लिए प्रचार नहीं करने का फैसला किया है और महाराष्ट्र लोकसभा चुनाव 2024 की अभियान समिति से भी इस्तीफा दे दिया है।'' इस बीच, गुरुवार को मुस्लिम वोटर काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी खड़गे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद चंद्र पवार (NCP-SCP) प्रमुख शरद पवार और शिव सेना (UBT) सुप्रीमो उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर लोकसभा चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में नहीं उतारने के फैसले पर अपनी 'निराशा' व्यक्त की। MVA ने हाल ही में महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटों के लिए अपनी सीट-बंटवारे की व्यवस्था की घोषणा की, जो उत्तर प्रदेश के बाद दूसरे सबसे अधिक सदस्यों को निचले सदन में भेजता है। एमवीए सहयोगियों के बीच सीट बंटवारे के समझौते के तहत, शिवसेना (यूबीटी) 21 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) ने क्रमशः 17 और 10 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। महाराष्ट्र में मतदान पांच चरणों में हो रहा है - 19 अप्रैल से 20 मई तक। वोटों की गिनती 4 जून को होनी है। 'SC/ST और OBC का आरक्षण ख़त्म कर देंगे..', कांग्रेस ने शेयर किया अमित शाह का Video, जानिए सच्चाई ? 4 से 14 साल के 95 बच्चे.., कहाँ ले जाए जा रहे थे पता नहीं ! अयोध्या बाल कल्याण समिति ने किया रेस्क्यू इंदौर के कांग्रेस उम्मीदवार पर हत्या की कोशिश का आरोप, जानिए पूरा मामला

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 27 Apr 2024 1:50 pm

अमेठी से राहुल, रायबरेली से प्रियंका..! आज बड़ा ऐलान कर सकता है कांग्रेस हाईकमान

नई दिल्ली: उ त्तर प्रदेश की बहुप्रतीक्षित सीटों-रायबरेली और अमेठी के लिए उम्मीदवारों पर चर्चा के लिए कांग्रेस आज केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की बैठक करेगी। कांग्रेस सूत्रों ने मीडिया को बताया है कि यूपी कांग्रेस के नेताओं और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के यूपी प्रभारी अविनाश पांडे को भी आज बैठक के लिए बुलाया गया है। इससे पहले यूपी कांग्रेस की ओर से सीईसी को प्रस्ताव दिया गया था कि गांधी परिवार को अमेठी और रायबरेली सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए और फैसला सीईसी और शीर्ष नेतृत्व पर छोड़ दिया गया था। कांग्रेस आज की शीर्ष बैठक में अमेठी, रायबरेली सीटों पर चर्चा कर सकती है।पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि स्थिति बहुत अच्छी है और वे इस प्रस्ताव पर सच्ची भावना से विचार किए जाने के लिए बहुत सकारात्मक हैं। इस बात की अधिक संभावना है कि कांग्रेस राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को क्रमशः अमेठी और रायबरेली सीटों के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर सकती है। स्मृति ईरानी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अमेठी से हराया था। ईरानी को भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर इस सीट से मैदान में उतारा है। विशेष रूप से, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के व्यवसायी-पति, जिन्होंने पहले अमेठी संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की थी, ने कहा है कि पूरा देश चाहता है कि वह (रॉबर्ट) सक्रिय राजनीति में आएं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेठी से मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं। उन्होंने कहा, पूरे देश से आवाज आ रही है। वे चाहते हैं कि मैं सक्रिय राजनीति में आऊं क्योंकि मैं हमेशा देश के लोगों के बीच रहा हूं। लोग हमेशा चाहते हैं कि मैं उनके क्षेत्र में रहूं। मैंने 1999 से वहां (अमेठी) प्रचार किया है। मौजूदा सांसद स्मृति ईरानी ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं।' बता दें कि रायबरेली 1960 से कांग्रेस का गढ़ रहा है और फ़िरोज़ गांधी और इंदिरा गांधी दोनों ने इसका प्रतिनिधित्व किया है। 2006 का उपचुनाव जीतने के बाद से सोनिया गांधी इस निर्वाचन क्षेत्र से सांसद हैं। सोनिया गांधी के उच्च सदन में जाने के साथ, कांग्रेस प्रियंका गांधी वाड्रा को मैदान में उतार सकती है जो पार्टी में महासचिव हैं। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में 20 मई को अमेठी और रायबरेली लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। परीक्षा में फेल हुआ तो फंदे से लटक गया छात्र, सदमे में परिजन 'वोकल फॉर लोकल' का असर ! दुनियाभर में भारतीय खिलौनों की धूम, चीन से आयात 70 फीसद घटा महाराष्ट्र की 48 सीटों पर एक भी मुस्लिम उम्मीदवार क्यों नहीं..? विपक्षी गठबंधन पर भड़के कांग्रेस नेता आरिफ खान, दिया इस्तीफा !

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 27 Apr 2024 1:50 pm

बौद्ध धर्म में यकीन नहीं करते पीएम मोदी ! कांग्रेस सुप्रीमो मल्लिकार्जुन खड़गे के आरोप पर क्या बोले भारतीय बौद्ध संघ के अध्यक्ष ?

नई दिल्ली: बौ द्ध धर्म के अनुयायी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस सप्ताह बौद्ध धर्म के प्रति कथित उदासीनता के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। एक इंटरव्यू में उन्होंने पीएम की बौद्ध धर्म में आस्था पर सवाल उठाए। खड़गे ने कहा कि, 'बुद्ध को विष्णु का 9वां अवतार माना जाता है। वह (पीएम मोदी) बुद्ध को करीब नहीं आने देते। उत्तराखंड में कानून है कि अगर कोई बौद्ध धर्म अपनाना चाहता है तो उसे जिला मजिस्ट्रेट के पास जाना होगा। खड़गे ने कहा, बौद्ध धर्म भारत में स्थापित हुआ था, लेकिन आप (पीएम मोदी) इसमें विश्वास नहीं करते। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के आरोप गंभीर हैं, लेकिन इसके खिलाफ भी कुछ तथ्य ऐसे सामने आए हैं, जो बताते हैं कि यह आरोप सच्चाई से बहुत दूर है। भारत सरकार से जुड़े सूत्र, प्रधान मंत्री द्वारा उठाए गए उपायों की एक लंबी सूची का हवाला देते हैं, जो बौद्ध धर्म के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है। पहला वैश्विक बौद्ध शिखर सम्मेलन अप्रैल 2023 में मोदी सरकार द्वारा आयोजित किया गया था। गत वर्ष के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने कहा था कि, IBC (अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ) जैसे मंच समान विचारधारा वाले और समान दिल वाले देशों को बुद्ध धम्म और शांति फैलाने का अवसर दे रहे हैं। सरकारी सूत्रों ने एक अन्य उपाय के रूप में बौद्ध सर्किट के विकास का भी हवाला दिया। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि, “मोदी सरकार ने बुद्ध की शिक्षाओं को लोगों तक पहुंचाने का काम किया है। बौद्ध सर्किट ऐसा ही एक कदम है। यह भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े विभिन्न स्थानों को जोड़ता है। इससे बौद्ध पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है।'' कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास के साथ भारत और विदेश के तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी इसका एक और उदाहरण है। 2021 में पीएम मोदी ने उस क्षेत्र में हवाई अड्डे का उद्घाटन किया जहां भगवान बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। कुशीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दुनिया भर के बौद्ध समाज की भक्ति को एक श्रद्धांजलि है। चाहे वह पीएम मोदी द्वारा लुंबिनी में भारत अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र की आधारशिला रखना हो या वडनगर को UNESCO की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल करने का उनका प्रयास, सरकारी सूत्रों ने कहा, मौजूदा सरकार का इरादा बहुत स्पष्ट है। एक विशेष संकेत में, भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को प्रदर्शनी के लिए भारत से मंगोलिया ले जाया गया। इसी तरह, भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों के पवित्र अवशेषों को 26 दिवसीय प्रदर्शनी के लिए थाईलैंड भेजा गया था। बैंकॉक में अवशेषों को श्रद्धापूर्वक और एक भव्य समारोह के साथ प्राप्त किया गया। भारत के साथ-साथ विदेशों में बौद्ध विरासत के प्रचार और संरक्षण के लिए विभिन्न बौद्ध संस्थानों को वित्तीय सहायता दी गई। अधिकारियों ने कहा कि पीएम मोदी ने सुनिश्चित किया कि बौद्ध धर्म को बढ़ावा देने के लिए वेसाक पूर्णिमा, आषाढ़ पूर्णिमा और अभिधम्म दिवस जैसे विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। खड़गे के राजनीतिक आरोपों का जवाब देते हुए, सरकारी सूत्रों ने कहा कि कैसे पीएम ने नेपाल को बोधगया के महाबोधि मंदिर में बोधि वृक्ष का एक पौधा उपहार में दिया था। एक विशेष भाव में, उन्होंने जापानी पीएम फुमियो किशिदा को बाल बोधि वृक्ष का एक पौधा भी उपहार में दिया। बौद्ध सर्किट के भीतर यात्रा की सुविधा के लिए मोदी सरकार द्वारा बुद्ध पूर्णिमा एक्सप्रेस विशेष ट्रेन भी शुरू की गई है। मोदी सरकार ने सारनाथ और कुशीनगर जैसे तीर्थस्थलों का भी कायाकल्प किया है। मई 2022 में लुंबिनी में भारत अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्कृति और विरासत केंद्र की आधारशिला भी रखी गई थी। बौद्ध धर्म को दुनिया भर में ले जाने की बात करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने सितंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के भाषण में बुद्ध का उल्लेख किया था। उन्होंने कहा था कि, “हम एक ऐसे देश से हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बल्कि ‘बुद्ध’ दिया है।” एक अन्य उदाहरण में, उन्होंने और मंगोलिया के राष्ट्रपति खल्टमागिन बटुल्गा ने संयुक्त रूप से 2019 में उलानबटार में ऐतिहासिक गंडन तेगचेनलिंग मठ में स्थापित भगवान बुद्ध और उनके दो शिष्यों की एक प्रतिमा का अनावरण किया। सरकारी सूत्रों ने कहा कि प्रधान मंत्री के खिलाफ खड़गे के आरोप के बावजूद, पीएम मोदी के कार्य, उनके शब्दों से अधिक जोर से बोलते हैं। यही नहीं खुद बौद्ध समुदाय के नेता भी सामने आए हैं और राजनीतिक उद्देश्यों के लिए बौद्ध धर्म का इस्तेमाल करने के कांग्रेस अध्यक्ष के प्रयास की निंदा की है। भारतीय बौद्ध संघ के अध्यक्ष भंते संघप्रिय राहुल ने कांग्रेस प्रमुख के आरोपों पर कहा कि, “मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी निंदनीय है। 2014 में पहली बार पीएम मोदी ने तालकटोरा स्टेडियम में भगवान बुद्ध की जयंती मनाई थी, जो आजादी के बाद पहली बार किसी प्रधानमंत्री ने ऐसा किया था। जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने विधानसभा के अंदर और सीएम आवास पर भी बुद्ध की एक मूर्ति लगाई थी। मैं मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछना चाहता हूं कि जब मनमोहन सिंह की सरकार थी, तब आपने बुद्ध पर ध्यान क्यों नहीं दिया, आपने बुद्ध का जश्न क्यों नहीं मनाया?” 'वोकल फॉर लोकल' का असर ! दुनियाभर में भारतीय खिलौनों की धूम, चीन से आयात 70 फीसद घटा महाराष्ट्र की 48 सीटों पर एक भी मुस्लिम उम्मीदवार क्यों नहीं..? विपक्षी गठबंधन पर भड़के कांग्रेस नेता आरिफ खान, दिया इस्तीफा ! हादसे का शिकार हुई अकोला जा रही बस, दर्जनों लोग हुए लहूलुहान

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 27 Apr 2024 1:50 pm

6 महीने में आग लगने की 565 घटनाएँ, 690 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित: उत्तराखंड में इस साल भी गर्मियों में वही समस्या, काफी ज्वलनशील होती है चीड़ की पत्तियाँ

कालागढ़ टाइगर रिजर्व, राजाजी टाइगर रिजर्व और नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क में आग लगने से जंगली जानवरों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता खड़ी हो गई है।

ऑप इंडिया 27 Apr 2024 1:02 pm

अमेरिका में मानवाधिकार हनन के साथ-साथ नस्लीय भेदभाव: अश्वेत फ्रैंक टायसन को पुलिस ने गिराकर गर्दन दबाया, अस्पताल में मौत

अमेरिका में पुलिस अधिकारियों ने एक अश्वेत व्यक्ति को गिरफ्तार करते समय उसके गर्दन को घुटने से दबाए रखा, जिससे उसकी मौत हो गई।

ऑप इंडिया 27 Apr 2024 12:49 pm

रिचार्ज करवाने गई नाबालिग हिंदू लड़की को दुकानदार अतहरुद्दीन भेजने लगा गंदे-गंदे मैसेज, सबके सामने उठा ले जाने की धमकी: लोगों ने दम भर कूटा

रिचार्ज करवाने गई नाबालिग हिन्दू लड़की का मोबाइल नंबर लेकर दुकानदार अतहरुद्दीन ने खुद को सिख बता कर भेजे गंदे मैसेज और करने लगा पीछा।

ऑप इंडिया 27 Apr 2024 12:34 pm

गाजियाबाद लोकसभा चुनाव 2024 में हुई चुनावी धांधली से उपजते तल्ख सवाल मांग रहे दो टूक जवाब

लोकतंत्र का महापर्व चुनाव होता है, लेकिन जब चुनाव में ही धांधली हो जाए और प्रशासनिक अमला हाथ पर हाथ धरा बैठा नजर आए, तो फिर कहा किससे जाए, यक्ष प्रश्न है! इतना ही नहीं, यदि प्रशासन के कुछ खास लोग ही सत्तापक्ष से मिले हुए प्रतीत हों, जैसे कि खुलेआम आरोप सोशल मीडिया पेजों पर चस्पां हुए, तो फिर कहने को कुछ शेष नहीं रह जाता है। ऐसे में गाजियाबाद लोकसभा चुनाव 2024 में हुई चुनावी धांधली से उपजते सवाल का जवाब अवाम अवश्य चाहेगी, क्योंकि उसके जनादेश का गला घोंटने का जो दुस्साहस किया गया है, उसे अनुत्तरित नहीं छोड़ा जा सकता। मसलन, उत्तरप्रदेश में दूसरे चरण के मतदान के दौरान इंडिया गठबंधन की कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा, एमबीए ने ट्वीट करते हुए कहा कि गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र में शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव करवाने में केंद्रीय चुनाव आयोग विफल रहा है। उनके कहने का तातपर्य यह है कि जब केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के लोगों के इशारे पर ही स्थानीय प्रशासन और उससे जुड़े लोगों को कार्य करना है, तो फिर कहने को कुछ शेष नहीं रह जाता है! इसे भी पढ़ें: टीएन शेषन ने बदली थी भारत के अराजक चुनावों की तस्वीर पहला, डॉली शर्मा ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स (ट्वीटर) पर लिखा है कि सूर्यनगर इलाके में भाजपा ने सुबह हमारी टेबल हटा दी। फिर से टेबल लगी, लेकिन ये लोग बार बार झंडे हटा देते हैं। ये क्या गुंडागर्दी नहीं है? अपने ट्वीट में उन्होंने केंद्रीय चुनाव आयोग के उच्चाधिकारियों को टैग करते हुए लिखा कि मैं इलेक्शन कमीशन से कहना चाहती हूं कि कृपया शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव हो, उसका इंतजाम किया जाए। क्योंकि भाजपा लगातार जिस तरीके से धांधली कर रही है, बीएलओ से पर्चियां छीनी गई हैं और वो भाजपा प्रत्याशी के लिफाफे में डालकर भेजी जा रही हैं, वह अपने आप में एक गम्भीर सवाल खड़ा करता है? दूसरा, डॉली शर्मा ने आगे एक्स (ट्वीटर) पर एक वीडियो टैग करते हुए लिखा है कि ब्रिजविहार डीएवी स्कूल पर प्रतिक्रिया देखिए। भाजपा ने बीएलओ से पर्चियां छीनकर अपनी जेबों में रखी है। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा है कि @ECISVEEP ये कौन सा चुनाव है? इस वीडियो में एक व्यक्ति बोल रहा है कि जातिविशेष व सम्प्रदाय विशेष के इलाकों में बीएलओ ने पर्चियां बांटी ही नहीं, बल्कि भाजपा कार्यकर्ताओं को बांटने के लिए दे दी, जिन्होंने अपने मनमाफिक कार्य किया। यह प्रशासनिक मिलीभगत का नतीजा नहीं तो क्या है? क्योंकि इससे कांग्रेस और इंडिया गठबंधन समर्थक वोट देने ही नहीं निकले, क्योंकि उनके पास पर्चियां ही नहीं थीं। तीसरा, डॉली शर्मा ने @ECISVEEP को टैग करते हुए आगे लिखा है कि 2 घण्टे से बूथ संख्या 335 गाजियाबाद लोकसभा के नाहल में 2 घण्टे से मशीन बन्द है, हर जगह मुस्लिम इलाकों में वोटिंग स्लो कर रखी है, वोटरों को धमकाया जा रहा है। उनकी इन टिप्पणियों पर उनके समर्थकों ने कहा है कि इससे केंद्रीय चुनाव आयोग की साख पर बट्टा नहीं तो क्या लगेगा, आप समझदार हैं! चतुर्थ, कांग्रेस उम्मीदवार डॉली शर्मा ने आगे आरोप लगाया कि भाजपा की तानाशाही चरम पर है। मुस्लिम इलाकों में वोटिंग रोककर और लाइट काटकर वोटिंग को बाधित करने का लगातार प्रयास किया गया। यह साजिश नहीं तो क्या है? उन्होंने अपने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट 'एक्स' और 'फेसबुक' पर @ECISVEEP और #Ghaziabad को टैग करते हुए उपर्युक्त बातें लिखी हैं। पंचम, उन्होंने @dm_ghaziabad @ECISVEEP मुरादनगर #Ghaziabad को टैग करते हुए लिखा कि मुरादनगर विधानसभा क्षेत्र में बूथ नम्बर-119 से 123 तक वोट डाली जा रही है, लेकिन हमारे एजेंट्स बाहर कर दिए गए हैं। आखिर ये क्या हो रहा है? लोकतंत्र की हत्या है सीधी की सीधी! छठा, शहीद नगर में दौनाराम स्कूल और एकता स्कूल पर 4 बजे से लाइट नहीं है। कृपया ध्यान दीजिए। आखिर किसके आदेशों से ऐसा हो रहा है। वहीं, हर एक घण्टे में साहिबाबाद इलाके में शहीदनगर में विकास मॉडर्न स्कूल की लाइट काटी जा रही है। @ECISVEEP ऐसा क्यों? क्या इसी को फ्री एंड फेयर इलेक्शन कहते हैं? सातवां, सरदार पटेल स्कूल, विजय नगर में 45 मिनट से मशीन बन्द है और बूथ पर फर्जी वोट डाली जा रही है। लेकिन @ECISVEEP आपके सहायक रिटर्निंग ऑफिसर फोन नहीं उठा रहे हैं। भाजपा अब खुलकर चोरी कर रही है। वहीं, बूथ नम्बर- 425 कंपोजिट विद्यालय डासना गेट, गाजियाबाद में वहां के चुनाव कर्मी वोट नहीं डालने दे रहे हैं। सुबह में यहां मशीन 1 घण्टे तक बन्द रही। @ECISVEEP कुछ कीजिए। यहां पर लोगों ने डॉली शर्मा को बताया कि भाजपा के एजेंट बूथ के अंदर हैं, मतदान अधिकारी मतदाताओं से अभद्र भाषा में बात कर रहे हैं, उनके साथ बदतमीजी की जा रही है। वहीं महिला पुलिस महिलाओं को भगा रही है। आठवां, डॉली शर्मा के द्वारा लगातार किये गए ट्वीट और सोशल मीडिया पोस्ट के बारे में लोगों का कहना है कि गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र का जनसमूह अब डॉली शर्मा के साथ हो चुका है, लिहाजा इंडिया गठबंधन की सफलता से भाजपा घबरा गई है। ये बातें तो महज बानगी भर हैं, लेकिन पांचों विधानसभाओं में डॉली शर्मा के समर्थक मतदाताओं के खिलाफ राजनीतिक व प्रशासनिक कुचक्र जारी रहा, जो शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव का दावा करने वाली एजेंसियों की कलई खोल देने को काफी है। नवम, आलम यह है कि लोकसभा प्रत्याशी डॉली शर्मा व उनके समर्थकों की शिकायतों को भी नजरअंदाज किया जाना आम बात है। इससे स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है, जो चुनाव बाद कभी भी फूट सकता है। उनके समर्थकों का साफ कहना है कि यदि प्रशासनिक धांधली से हमारी सुनिश्चित विजय को पराजय में बदलने की कोशिश की गई तो सबूत सहित कोर्ट तक इस विषय को पहुंचाया जाएगा, लेकिन मदमस्त सत्ता के नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। दशम, यह सब तब हुआ जब डॉली शर्मा ने चुनाव आयोग को इस बारे में पहले ही आगाह कर दिया था, बावजूद इसके प्रशासनिक लापरवाही और पक्षपात सामने आया! उन्होंने कहा कि गाजियाबाद में इंडिया गठबंधन की सुनामी चल रही है, जिसे प्रशासनिक तिकड़मों से रोका नहीं जा सकता है। हमारे कार्यकर्ता धैर्य और संयम पूर्वक अपना काम कर रहे हैं, क्योंकि वो हमारी जीत के प्रति आश्वस्त हैं। हां, प्रशासनिक धांधली व पक्षपात से जीत का अंतर थोड़ा कम हो सकता है। लेकिन प्रशासनिक पक्षपात के खिलाफ विधिसम्मत लड़ाई आगे भी लड़ी जाएगी। ग्यारह, इंडिया गठबन्धन की कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा ने कहा कि चुनाव आयोग के मातहत कार्यरत प्रशासन का आज यानी मतदान के दिन की गतिविधियां देखकर उस पर कोई भरोसा नहीं रहा। इसलिए उन्होंने सभी पोलिंग एजेंट्स से अनुरोध किया कि अपने-अपने बूथों की ईवीएम मशीनें सील करवाकर ही उठें और बसों के पीछे मंडी तक जाएं। वो खुद देर शाम अपनी टीम के साथ गोविंदपुरम अनाज मंडी पहुंचीं और अपनी देखरेख में सभी ईवीएम को सीलबंद करवाया। बारह, बताया जाता है कि भगवा किले में इंडिया गठबंधन की कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा द्वारा जबर्दस्त सेंधमारी किये जाने से घबराई मोदी सरकार ने अपने 'भरोसेमंद अधिकारियों' के मार्फ़त अपनी मातहत योगी सरकार की ऐसी नकेल कसी कि केंद्रीय चुनाव आयोग के अधीन कार्यरत गाजियाबाद प्रशासन के कतिपय लोग भी गत 26 अप्रैल 2024 को मतदान के दिन 'चुनावी कदाचार' पर उतर आए और जगह जगह पर डॉली शर्मा के समर्थक मतदाताओं को हतोत्साहित किया। तरह, आलम यह रहा कि डॉली शर्मा के समर्थकों को मतदान केंद्रों पर न केवल रोका और धमकाया गया, बल्कि ईवीएम में गड़बड़ी पैदा करके मतदान की प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश की गई। दो टूक शब्दों में कहूँ तो इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी डॉली शर्मा की सियासी सुनामी को रोकने के लिए कहीं ईवीएम किया बन्द गया तो कहीं समर्थक वोटरों से बदसुलूकी की गई, जो भारतीय लोकतंत्र की सफलता पर सवालिया निशान लगाने को काफी है। चौदह, इन बातों से स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं चुनाव आयोग भी अपनी जिम्मेदारियों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरतता पाया गया, क्योंकि बहुधा शिकायत पर त्वरित कार्रवाई महसूस नहीं की गई। खास बात यह कि जिन चुनावी कदाचार की आशंका डॉली शर्मा पहले ही व्यक्त कर चुकी थीं, उसे रोकने के माकूल उपाय नहीं किया जाना घोर प्रशासनिक लापरवाही नहीं तो क्या है? यही वजह है कि इंडिया गठबंधन की कांग्रेस प्रत्याशी डॉली शर्मा ने चुनावी धांधली का आरोप लगाया और कहा कि स्थानीय प्रशासन, भाजपा के इशारे पर कार्य कर रहा है, लेकिन इसे रोकने में चुनाव आयोग विफल रहा है। जाहिर है, गाजियाबाद में लोकतंत्र की हत्या हुई है, इसलिए फ्री एंड फेयर इलेक्शन पर सवाल उठना लाजिमी है। हमारे प्रशासनिक हुक्मरानों को यह सोचना चाहिए कि सियासी दांव-प्रतिदांव में उनके सहयोगियों के पार्टी बनने से क्या लोकतंत्र की भावना कलुषित नहीं होगी? क्या स्थायी कार्यपालिका के पीछे जो संवैधानिक उद्देश्य अंतर्निहित है, वह ऐसे माहौल में पूरा हो पाएगा। जवाब होगा, शायद नहीं! अब उम्मीदवार की समझदारी इसी बात में है कि ऐसे चुनिंदे मामलों में प्रशासनिक अधिकारियों से बहस करने के बजाय उन्हें कोर्ट में बेनकाब करके अपना हक पाया जाए। हालांकि, इसके लिए और अधिक पुख्ता सबूत जुटाने होंगे। - कमलेश पांडेय वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक

प्रभासाक्षी 27 Apr 2024 12:24 pm

टीएन शेषन ने बदली थी भारत के अराजक चुनावों की तस्वीर

देश की मौजूदा पीढ़ी को शायद इस बात का अंदाजा भी नहीं होगा कि भारत की आजादी के बाद की ऊबड-खाबड़ यात्रा में देश ने ऐसे-ऐसे हिचकोले खाए कि लगने लगा था कि लोकतंत्र पटरी से उतर कर अराजकता में बदल जाएगा। इसी यात्रा में सबसे बड़ी चुनौती थी, देश के निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न कराना। आज जिस तरह शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव सम्पन्न कराए जा रहे हैं। करीब साढ़े तीन दशक पहले इसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। उस दौर में ऐसा कोई भी चुनाव नहीं रहा जो खून-खराबे से भरा नहीं रहा हो। देश में बैलट पर बुलट भारी था। बंदूक की नोक पर वोटों की पेटियों को लूटना आम बात थी। भारत की चुनावी प्रक्रिया में हर तरह की बुराई थी। ऐसे में देश को एक ऐसा मुख्य चुनाव आयुक्त मिलता है, जो पूरी चुनाव व्यवस्था को बदलकर रख देता है। बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं को नकेल कस देता है। उस मुख्य चुनाव आयुक्त का नाम है टीएन शेषन। आज अगर देश में निष्पक्ष और स्वतंत्र माहौल में चुनाव हो पाता है तो इसका श्रेय टीएन शेषन को जाता है। देश के दबंग चुनाव आयुक्त के तौर पर अपनी पहचान बनाने वाले टीएन शेषन नौकरशाही में भी सुधार के जनक थे। ईमानदारी और कानून के प्रति अपनी निष्ठा की वजह से वह बहुतों को खटकते भी थे। इस वजह से उनके विरोधी उनको सनकी और तानाशाह तक भी कहते थे। लेकिन वह व्यवस्था में क्रांति लाने वाले इंसान, मेहनती, सक्षम प्रशासक, योग्य नौकरशाह, बुद्धीजीवियों और मध्य वर्ग के नायक थे। इसे भी पढ़ें: राष्ट्रहित में संकल्पित युवा शक्ति का मतदान पलक्कड़ (केरल) के निवासी टीएन शेषन ने 1955 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में ट्रेनी के तौर पर अपने कॅरियर की शुरुआत की। शेषन ने अपनी पहली तैनाती में ही तीखे तेवर दिखाते हुए तमिलनाडु के मदुरई जिले के डिंडीगुल में सब कलेक्टर पद पर रहते हुए हरिजन समुदाय के एक व्यक्ति पर फंड के घपले का आरोप में गिरफ्तार करवा दिया। मंत्री के दवाब के बाद भी आरोपी को नहीं छोड़ा। चेन्नई में यातायात आयुक्त पद के दौरान एक बार एक ड्राइवर ने शेषन से पूछा कि अगर आप बस के इंजन को नहीं समझते और ये नहीं जानते कि बस को ड्राइव कैसे किया जाता है, तो आप ड्राइवरों की समस्याओं को कैसे समझ पाएंगे। शेषन ने इसको एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया। उन्होंने न सिर्फ़ बस की ड्राइविंग सीखी बल्कि बस वर्कशॉप में भी काफ़ी समय बिताया। एक बार उन्होंने बीच सड़क पर ड्राइवर को रोक कर स्टेयरिंग संभाल लिया और यात्रियों से भरी बस को 80 किलोमीटर तक चलाया। शेषन का तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से काफी झगड़ा हो गया, जिसके बाद वे प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली आ गए और तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग के एक सदस्य के तौर पर उनकी नियुक्ति हुई। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के आग्रह पर पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के सचिव बन गए। सचिव के तौर पर उन्होंने टिहरी बांध और सरदार सरोवर बांध जैसी परियोजनाओं का विरोध किया। भले ही सरकार ने उनको विरोध को दरकिनार कर दिया और परियोजना पर काम को आगे बढ़ाया लेकिन बांध के पर्यावरण पर पडऩे वाले प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया गया। इसके साथ ही शेषन ने विभागों में नहीं कहने का रुझान शुरू किया। इस दौरान राजीव गांधी से उनकी नजदीकी बढ़ी। वहां से उनको आंतरिक सुरक्षा का सचिव बनाया गया। करीब 10 महीनों बाद उनको कैबिनेट सचिव बनाया गया। जब राजीव गांधी दिसंबर 1989 में चुनाव हार गए और प्रधानमंत्री नहीं रहे तो टीएन शेषन का ट्रांसफर योजना आयोग में कर दिया गया। शेषन के मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की दास्तां भी कम दिलचस्प नहीं है। दिसंबर 1990 केंद्रीय वाणिज्य मंत्री और शेषन के दोस्त सुब्रमण्यम स्वामी ने प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के दूत के तौर शेषन पर मुख्य चुनाव आयुक्त के पद की पेशकश की। शेषन इस प्रस्ताव से बहुत अधिक उत्साहित नहीं हुए थे, क्योंकि पहले ही कैबिनेट सचिव विनोद पांडे ने भी उन्हें ये प्रस्ताव दिया था। शेषन इस प्रस्ताव पर राजीव गांधी से मिले। राजीव गांधी ने शेषन को मुख्य चुनाव आयुक्त का पद स्वीकार करने के लिए अपनी सहमति दे दी। लेकिन वो इससे बहुत खुश नहीं थे। उन्होंने उन्हें छेड़ते हुए कहा कि वो दाढ़ी वाला शख्स (चंद्रशेखर) उस दिन को कोसेगा, जिस दिन उसने तुम्हें मुख्य चुनाव आयुक्त बनाने का फ़ैसला किया था। पंडित जवाहर लाल नेहरू ने साठ के दशक में तमिलनाडु में शेख़ को नजऱबंद करवा दिया था। शेषन उस समय मदुरै जिले के कलेक्टर थे। उनको जिम्मेदारी दी गई थी कि वो शेख़ द्वारा बाहर भेजे गए हर पत्र को पढ़ें। शेख ने डॉक्टर एस राधाकृष्णन प्रेसिडेंट ऑफ़ इंडिया के नाम पत्र लिखा। शेषन ने बिना डरे पत्र पढ़ लिया। शेख़ ने घोषणा की कि वो उनके साथ किए जा रहे खऱाब व्यवहार के विरोध में आमरण अनशन पर जाएंगे। शेषन ने कहा कि सर ये मेरा कर्तव्य है कि मैं आपकी हर ज़रूरत का ख्याल रखूं, मैं ये सुनिश्चित करूंगा कि कोई आपके सामने पानी का एक गिलास भी ले कर न आए। शहरी विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव के धर्मराजन त्रिपुरा में हो रहे चुनावों का पर्यवेक्षक का कार्य छोड़ कर थाइलैंड चले गए। इस पर दंडित करते हुए शेषन ने उनकी गोपनीय रिपोर्ट में विपरीत प्रवष्टि करने का फ़ैसला किया। शेषन ने वर्ष 1993 में 17 पेज का आदेश जारी किया कि जब तक सरकार चुनाव आयोग की शक्तियों को मान्यता नही देती, तब तक देश में कोई भी चुनाव नहीं कराया जाएगा। आखिरकार सरकार को उनके सामने झुकना पड़ा। मौजूदा आदर्श आचार संहिता उसी आदेश का परिणाम है। शेषन के आने से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त एक आज्ञाकारी नौकरशाह होता था जो वही करता था जो उस समय की सरकार चाहती थी। ये शेषन का ही बूता था कि उन्होंने चुनाव में पहचान पत्र का इस्तेमाल आवश्यक कर दिया। शेषन ने साफ कह दिया कि अगर मतदाता पहचान पत्र नहीं बनाए गए तो 1 जनवरी 1995 के बाद भारत में कोई चुनाव नहीं कराए जाएंगे। शेषन के दौर में ही हिमाचल प्रदेश में चुनाव के दिन पंजाब के मंत्रियों के 18 बंदूकधारियों को राज्य की सीमा पार करते हुए धर दबोचा गया। उत्तर प्रदेश और बिहार सीमा पर तैनात नागालैंड पुलिस ने बिहार के विधायक पप्पू यादव को सीमा नहीं पार करने दी। हिमाचल प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल गुलशेर अहमद को चुनाव आयोग द्वारा सतना का चुनाव स्थगित करने के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा। गुलशेर अहमद पर आरोप था कि उन्होंने राज्यपाल पद पर रहते हुए अपने पुत्र के पक्ष में सतना चुनाव क्षेत्र में चुनाव प्रचार किया था। उसी तरह राजस्थान के तत्कालीन राज्यपाल बलिराम भगत को भी शेषन का कोपभाजन बनना पड़ा था, जब उन्होंने एक बिहारी अफ़सर को पुलिस का महानिदेशक बनाने की कोशिश की। शेषन ने बिहार में पहली बार चार चरणों में चुनाव करवाया और चारों बार चुनाव की तारीखें बदली गईं। ये बिहार के इतिहास का सबसे लंबा चुनाव था। शेषन ने आचार संहिता के उल्लंघन पर पश्चिम बंगाल की राज्यसभा सीट पर चुनाव नहीं होने दिया, जिसकी वजह से केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी को अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा। पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु इतने नाराज़ हुए कि उन्होंने उन्हें पागल कुत्ता कह डाला। साल 1992 के शुरू से ही शेषन ने सरकारी अफ़सरों को उनकी ग़लतियों के लिए लताडऩा शुरू कर दिया था। उसमें केंद्र के सचिव और राज्यों के मुख्य सचिव भी शामिल थे। बीते दशकों में टीएन शेषन से ज़्यादा नाम शायद ही किसी नौकरशाह ने कमाया हो। वर्ष 1990 के दशक में तो भारत में एक मज़ाक प्रचलित था कि भारतीय राजनेता सिर्फ़ दो चीज़ों से डरते हैं। एक ख़ुदा और दूसरे टीएन शेषन से। - योगेन्द्र योगी

प्रभासाक्षी 27 Apr 2024 12:02 pm

इंदौर के कांग्रेस उम्मीदवार पर हत्या की कोशिश का आरोप, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम शुक्रवार को उस समय मुसीबत में फंसते नजर आए जब बीजेपी ने जानकारी छुपाने के कारण उनका नामांकन पत्र खारिज करने की मांग की। भाजपा ने कहा कि बम के खिलाफ हत्या के प्रयास का आपराधिक मामला चल रहा है, तथा इस बात की खबर उन्होंने जानबूझकर नामांकन पत्र में नहीं दी। वैसे चौंकाने वाली बात यह है कि 17 वर्ष पुराने इस केस में हत्या की कोशिश की धारा 24 अप्रैल को यानी नामांकन जमा करने वाले दिन ही जोड़ी गई थी। तत्पश्चात, इंदौर जिला कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अफसर आशीष सिंह ने बीजेपी की आपत्ति को खारिज कर दिया तथा कांग्रेस उम्मीदवार का फॉर्म स्वीकार कर लिया। वे इस बात से सहमत नजर आए कि सत्र न्यायालय ने उसी दिन (24 अप्रैल) केस में धारा 307 (हत्या की कोशिश) जोड़ने का आदेश दिया था, जिस दिन बम ने नामांकन पत्र दाखिल किया। इस मामले में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी निधि नीलेश श्रीवास्तव ने बम को 10 मई को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया है। जबकि इसके 3 दिन पश्चात् इंदौर में मतदान होना है। वही इस बारे में बीजेपी की लीगल सेल के सदस्य भूपेन्द्र सिंह कुशवाहा ने बम पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए कहा, 'अक्षय कांति बम एक पुराने केस में 307 जैसी IPC की गंभीर धारा के आरोपी हैं तथा उन्होंने अपने नामांकन फॉर्म में इस धारा के लगे होने की बात छुपाई। यह जानबूझकर की गई धोखाधड़ी है, इस आधार पर उनका फॉर्म रद्द किया जाना चाहिए।' हालांकि जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने बम की ओर से दिए गए तर्कों को स्वीकार कर लिया कि यह धारा नामांकन दाखिल करने के दिन ही जोड़ी गई थी। वहीं इस मामले को लेकर कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय बम ने कहा, 'बीजेपी मेरे खिलाफ साजिश रच रही है, क्योंकि वे जानते हैं कि बीजेपी उम्मीदवार शंकर लालवानी इंदौर से चुनाव हारने वाले हैं।' उधर इस केस को लेकर शिकायतकर्ता के अधिवक्ता मुकेश देवल ने कहा, 'यह मामला बीते 17 वर्षों से चल रहा है। 24 अप्रैल को मामले की सुनवाई हुई। जिसमें अदालत ने हत्या के प्रयास की धारा जोड़ने के निर्देश दिए हैं। इसका मौजूदा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है।' 'गलती मैंने की, PM मोदी पर ना निकालें अपना गुस्सा...', परषोत्तम रूपाला ने क्षत्रिय समाज से मांगी माफी 'सरकार बच्चों की मौत जैसे संवेदनशील मामले में भी लापरवाह', MP में खुले बोरवेल पर HC की कड़ी टिप्पणी जबलपुर में हुए कबाड़ गोदाम ब्लास्ट मामले में बड़ा एक्शन, मालिक के भाई के घर चला बुलडोजर

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 27 Apr 2024 11:50 am

मुस्लिम लीग के नेताओं ने 4 पत्रकारों से की मारपीट…क्योंकि वो दिखा रहे थे फर्जी मतदान की खबर, CPM विधायक से भी धक्का-मुक्की: केरल में मामला दर्ज

केरल के कासरगोड जिले के एक बूथ पर फर्जी मतदान की रिपोर्टिंग करने गए चार पत्रकारों के साथ मुस्लिम लीग के कार्यकर्ताओं ने मारपीट की है।

ऑप इंडिया 27 Apr 2024 11:17 am

सूरत वॉकओवर कांग्रेस की अव्यवस्था और BJP की पूर्ण रूप से हावी होने की इच्छा का नतीजा

Surat Election Result 2024: कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपने सूरत उम्मीदवार नीलेश कुंभानी पर बीजेपी के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया है.

क़्विंट हिन्दी 27 Apr 2024 10:48 am

सुलगते पहाड़, धधकते जंगल और सांसों की तबाही...हाई कोर्ट कॉलोनी तक पहुंची लपटें, नैनी झील में बोटिंग बंद

उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग भीषण हो गई है. शुक्रवार को आग की लपटें नैनीताल की हाईकोर्ट कॉलोनी तक पहुंच गईं. इसके अलावा शुक्रवार को रुद्रप्रयाग में जंगलों में आग लगाने की कोशिश के आरोप में 3 लोगों को गिरफ्तार...

समाचार नामा 27 Apr 2024 10:09 am

कोलकाता समेत इन 4 एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, पुलिस जांच शुरू

पश्चिम बंगाल के कोलकाता एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली, जिसके बाद चारों तरफ अफरा-तफरी मच गई. हवाईअड्डे के अधिकारियों को शुक्रवार (26 अप्रैल) को एक ईमेल मिला जिसमें दावा किया गया कि परिसर में...

समाचार नामा 27 Apr 2024 10:05 am

बाहुबली धनंजय सिंह को जौनपुर से बरेली जेल में किया गया ट्रांसफर, जेल से पत्नी के लिए चुनाव प्रचार करने का आरोप

जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह की जेल बदल दी गई है। उन्हें जौनपुर जिला जेल से बरेली जेल स्थानांतरित कर दिया गया है. धनंजय सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच बरेली ले जाया गया है. पूर्व बाहुबली सांसद पर जेल से अपनी पत्नी....

समाचार नामा 27 Apr 2024 10:01 am

‘केजरीवाल के लिए राष्ट्रहित से ऊपर व्यक्तिगत हित’: भड़का हाई कोर्ट, जेल से सरकार चलाने के कारण दिल्ली के 2 लाख+ स्टूडेंट को न किताब मिली, न ड्रेस

दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा ना देकर राष्ट्रहित से ऊपर अपना व्यक्तिगत हित रख रहे हैं।

ऑप इंडिया 27 Apr 2024 9:25 am

बिहार लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण में करीब 59% मतदान- क्या कहते हैं चुनावी पैटर्न?

Bihar Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के पहले चरण में बिहार की 4 लोकसभा सीटों पर 48% मतदान हुआ था.

क़्विंट हिन्दी 26 Apr 2024 9:43 pm

नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ कर रहा था महताब, माँ ने विरोध किया तो घर में घुसकर मार दी गोली: मौत के बाद 2 साथियों संग हुआ फरार

महताब और उसके साथियों ने सरिता शर्मा को गोली मार दी। सरिता शर्मा की बेटी के साथ महताब छेड़छाड़ करता था। इस मामले में पुलिस को भी शिकायत दी गई थी।

ऑप इंडिया 26 Apr 2024 8:22 pm

‘इस्लाम में दूसरे का अंग लेना जायज, लेकिन अंगदान हराम’: पाकिस्तानी लड़की के भारत में दिल प्रत्यारोपण पर उठ रहे सवाल, ‘काफिर किडनी’पर हो चुका है बवाल

पाकिस्तानी लड़की को इतनी जल्दी प्रत्यारोपित करने के लिए दिल मिल जाने पर सोशल मीडिया यूजर ने हैरानी जताते हुए सवाल उठाया है।

ऑप इंडिया 26 Apr 2024 8:15 pm

इस्लामी-वामी फिलीस्तीन समर्थकों का आतंक देख US भूला मानवाधिकारों वाला ज्ञान, भारत के समय खूब फैलाया था प्रोपगेंडा: अमेरिका का दोहरा चरित्र बेनकाब

यूएस आज हिंसक प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई कर रहा है, लेकिन यही काम जब भारत ने देश में कानून-व्यवस्था बनाने के लिए करता है तो अमेरिका मानवाधिकारों का ज्ञान देता है।

ऑप इंडिया 26 Apr 2024 6:29 pm

दिल्ली मेयर चुनाव स्थगित करवाने पर भड़की आम आदमी पार्टी , बीजेपी को घेरा कहा ये उनकी दलित विरोधी मानसिकता

आम आदमी पार्टी (AAP) ने दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) के चुनाव स्थगित करने के निर्णय का विरोध किया है, जबकि चुनाव आयोग से 26 अप्रैल को मतदान कराने की अनुमति मिली थी। AAP ने महेश खिची को मेयर और रवींद्र भारद्वाज को उप-मेयर के रूप में प्रस्तुत किया है। सदन में मेयर ने कहा कि एलजी ने मेयर चुनाव कराने के लिए पीठासीन अधिकारी नामित नहीं किया, ये ही संविधान की हत्या है। वहीं, भाजपा को दलित विरोधी बताते हुए आप ने सदन के बाहर प्रदर्शन किया। इस वर्ष के MCD मेयर का चुनाव एक आरक्षित श्रेणी से किया जाना है, जिसमें पहला वर्ष महिलाओं के लिए, दूसरा ओपन केटेगरी के लिए, तीसरा आरक्षित श्रेणी के लिए और बाकी दो वर्ष फिर से ओपन केटेगरी के लिए आरक्षित हैं।AAP के MCD प्रभारी दुर्गेश पाठक ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह दिन भारतीय इतिहास में नकारात्मक रूप से याद किया जाएगा। उन्होंने जोर दिया कि बीजेपी की विचारधारा से प्रभावित LG ने चुनाव आयोग की अनुमति के बावजूद चुनाव स्थगित कर दिया। पाठक ने BJP पर संविधान का उल्लंघन करने और दलित समुदाय को मेयर के रूप में प्रतिनिधित्व से वंचित करने का आरोप लगाया। उन्होंने पार्टी के अपने सदस्यों और कांग्रेस के समर्थन का भी उल्लेख किया, जिससे आगामी चुनावों में जीत सुनिश्चित होती । अन्य AAP नेताओं ने पाठक के विचारों से सहमति जताई, BJP पर लोकतंत्र और संवैधानिक सिद्धांतों को कमजोर करने का आरोप लगाया। NATO प्रमुख ने चीन को दी चेतावनी ,यूक्रेन युद्ध में रूस की मदद पर जताया रोष मोदी देश के लिये चुनाव लड़ते है, देश की जनता ही मोदी का परिवार है : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भाजपा को वोट क्यों दिया ! तमिलनाडु में DMK समर्थकों ने महिला को पीट-पीटकर मार डाला ?

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 26 Apr 2024 5:50 pm

स्त्री धन पर सिर्फ पत्नी का हक, पति या सुसराल वालों का नहीं: सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, शख्स से कहा- बीवी को देने पड़ेंगे 25 लाख रुपए

सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में साफ कहा है कि महिला का स्त्रीधन उसकी पूर्ण संपत्ति है. जिसे अपनी मर्जी से खर्च करने का उसे पूरा अधिकार है। इस स्त्री धन में पति कभी भी साझीदार या हिस्सेदार नहीं बन सकता।

ऑप इंडिया 26 Apr 2024 5:19 pm

कांग्रेस की 4 पीढ़ियां गरीबी हटाओ बोलती रहीं, मोदी सरकार ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला - गुना में बोले शाह

गुना: कें द्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज भाजपा उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए चुनाव प्रचार करने मध्य प्रदेश के गुना आए हुए हैं। यहाँ उन्होंने एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने देश की जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि, 2-2 बार इस देश की जनता ने मोदी जी को पूर्ण बहुमत दिया। 10 साल तक मोदी जी ने ढेर सारे काम किए हैं। उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, कांग्रेस 70 साल से राम मंदिर के मुद्दे को अटका रही थी, लटका रही थी, भटका रही थी। आपने मोदी जी को दूसरी बार प्रधानमंत्री बनाया, उन्होंने 5 साल में ही केस भी जीता, भूमिपूजन भी किया और 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा कर जय श्रीराम कर दिया। राहुल बाबा को प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण भेजा गया, लेकिन वो नहीं गए। क्योंकि ये अपनी वोटबैंक से डरते हैं। जो निमंत्रण मिलने के बाद न मंदिर गए, न अयोध्या गए, इन लोगों को कभी माफ नहीं किया जा सकता। अमित शाह ने कहा कि, नरेन्द्र मोदी जी ने 10 साल में पूरे देश से आतंकवाद और नक्सलवाद को समाप्त कर दिया। दिग्गी राजा के समय में मध्य प्रदेश नक्सलवाद से पीड़ित राज्य माना जाता था। आज भाजपा ने मध्य प्रदेश से नक्सलवाद को समाप्त करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस पार्टी वर्षों से गरीबी हटाने की बात करती थी। 4-4 पीढ़ियों तक इन्होंने यही बात कही मगर कुछ नहीं हुआ। लेकिन, मोदी जी ने 10 साल में ही 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने का काम किया। उन्होंने मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को भी आड़े हाथों लिया। अमित शाह ने कहा कि, दिग्गी राजा की सलाह से अपने घोषणा पत्र में कहा है कि कांग्रेस सरकार आएगी, तो मुस्लिम पर्सनल लॉ लाएंगे। इनकी सरकार तो आनी नहीं है, मगर मैं फिर भी आपसे पूछता हूं कि क्या शरिया कानून से देश चलना चाहिए? ये कांग्रेस पार्टी पर्सनल लॉ की बात करके, पिछले दरवाजे से देश में शरिया कानून लाने की बात करती है। दिग्विजय सिंह ने भगवा आतंकवाद शब्द दिया था। ये पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद को साहब कहकर बुलाते हैं, जाकिर नाइक को गले लगाते हैं, अफजल गुरु की फांसी का विरोध करते हैं और PFI पर बैन का भी विरोध करते हैं। अमित शाह ने कहा कि, ये बहुत बार आए और बहुत बार गए। अब समय आ गया है, इनको परमानेंट विदाई देने का। राजनीति से दिग्विजय सिंह की परमानेंट विदाई राजगढ़ वालों को करनी है। उन्होंने राहुल गांधी के OBC वाले बयान पर भी निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि, कांग्रेस OBC विरोधी पार्टी है। इन्होंने काका कालेलकर कमीशन की रिपोर्ट सालों तक दबाकर रखी, मंडल कमीशन की रिपोर्ट दबाकर रखी, केंद्र की संस्थाओं में OBC को आरक्षण नहीं दिया, OBC आयोग नहीं बनाया। OBC आयोग बनाने का काम नरेन्द्र मोदी जी ने किया है। अदालत के आदेश की अनदेखी SDM को पड़ा भारी, कुर्क किए ऑफिस के कुर्सी-मेज और कम्प्यूटर बंगाल में मतदान के दौरान भाजपा कार्यकर्ता की हत्या, फांसी पर लटका मिला चोटिल शव, TMC पर आरोप 'हम 80% हैं, लेकिन वोट 20% ही करते हैं..', भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने बताया- इससे किसे होता है फायदा ?

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 26 Apr 2024 3:51 pm

'NDA इस चरण की सभी 14 सीटें जीतेगा..', कर्नाटक में वोट डालने के बाद बोले पूर्व पीएम देवेगौड़ा

बैंगलोर: पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) (JDS) प्रमुख एचडी देवेगौड़ा ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा-JDS गठबंधन कर्नाटक की सभी 14 सीटों पर जीत दर्ज करेगा जहां लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान चल रहा है। कर्नाटक में कुल 28 लोकसभा सीटें हैं और बाकी 14 सीटों पर 7 मई को मतदान होगा। एचडी देवेगौड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ''हम इस चरण में 14 में से 14 सीटें (भाजपा-जेडीएस) जीतने जा रहे हैं।'' उन्होंने आगे कर्नाटक में अपने चुनावी विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को गुमराह करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की आलोचना की। उन्होंने कहा कि, कांग्रेस इस स्तर तक गिर गई है, राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे की फोटो के साथ वादे कर रही है। यह मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी की फोटो है। क्या राहुल गांधी प्रधानमंत्री हैं? क्या खड़गे मुख्यमंत्री या प्रधान मंत्री हैं? वे केवल सामान्य हैं कांग्रेस के सदस्यों की तरह हैं। उन्होंने कहा, यह सिर्फ लोगों को गुमराह करने और मूर्ख बनाने के लिए कर्नाटक में वितरित किया गया एक पर्चा है। इससे पहले आज, पूर्व प्रधान मंत्री देवेगौड़ा ने हासन निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। साथ ही कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और मांड्या लोकसभा सीट से जनता दल (सेक्युलर) के उम्मीदवार एचडी कुमारस्वामी ने भी सभी 14 सीटें जीतने का भरोसा जताया। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में कर्नाटक की 14 सीटों पर आज मतदान हो रहा है। बीजेपी के साथ गठबंधन में जेडीएस तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी मांड्या, हासन और कोलार सीटों से चुनाव लड़ रही है। वोटिंग सुबह 7 बजे शुरू हुई। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और जद-एस ने मिलकर भाजपा के खिलाफ लड़ाई लड़ी और गठबंधन हार गया। भाजपा ने रिकॉर्ड 25 सीटें जीती थीं; कांग्रेस और जद-एस ने सिर्फ एक-एक सीट जीती थी। लोकसभा चुनाव 1 जून तक सात चरणों में हो रहा है और वोटों की गिनती 4 जून को होगी थी। दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया, सात चरणों वाले लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 102 निर्वाचन क्षेत्रों में हुआ था। चुनाव आयोग के अनुसार, मतदान प्रतिशत 62 प्रतिशत से अधिक दर्ज किया गया। तीसरे चरण का चुनाव 7 मई को होगा। बंगाल: ED पर अटैक मामले में संदेशखाली में CBI की रेड, बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद कांग्रेस की 4 पीढ़ियां गरीबी हटाओ बोलती रहीं, मोदी सरकार ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से निकाला - गुना में बोले शाह सीएम केजरीवाल की गैरमौजूदगी में कमान संभालेंगी पत्नी सुनीता, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और गुजरात में करेंगी रोड शो

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 26 Apr 2024 3:50 pm

'घबराए हुए हैं मोदी, स्टेज पर ही आंसू निकल आएँगे..', कर्नाटक से राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर बोला हमला

बैंगलोर: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत आज शुक्रवार (26 अप्रैल) को देशभर में मतदान हो रहा है। इस बीच कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला है। राहुल गांधी ने कर्नाटक के बीजापुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इन दिनों पीएम मोदी अपने भाषणों में बेहद घबराए हुए लगते हैं। शायद अगले कुछ दिनों में स्टेजपर ही उनके आंसू निकल जाएं। राहुल ने आगे कहा कि पीएम मोदी चौबीसों घंटे आपका ध्यान भटकाने का प्रयास करते हैं। कभी वह पाकिस्तान और चीन की बातें करेंगे। तो कभी वह आपको थाली बजाने के लिए कहेंगे और मोबाइल की फ्लैश लाइट ऑन करने को कहेंगे। इस दौरान राहुल ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी ने बीते दस वर्षों में केवल गरीबों से पैसा छीना है। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने देश के 22 लोगों को उतना धन दे दिया, जितना देश के 70 करोड़ लोगों के पास है। हिंदुस्तान में एक प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जो 40 प्रतिशत धन नियंत्रित करते हैं। इसलिए कांग्रेस पार्टी बेरोजगारी और महंगाई मिटाकर आपको उस धन में भागीदारी देगी। जितना पैसा नरेंद्र मोदी जी ने अरबपतियों को दिया है, उतना पैसा हम हिंदुस्तान के गरीबों में बाँट देंगे। वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी जी ने बीते 10 वर्षों में 20-25 लोगों को अरबपति बनाया है। उन्होंने एयरपोर्ट-पोर्ट, बिजली, खदान, सोलर-विंड पावर, डिफेंस सेक्टर,, सब कुछ अडानी और दूसरे अरबपतियों को दे दिया है। मगर गरीबों को कुछ नहीं दिया। कर्नाटक में कांग्रेस ने जो भी गारंटियां दी थीं, उन सबको पूरा किया है। केंद्र से पैसा मांग रहा कर्नाटक, जानिए क्यों ? बता दें कि, कांग्रेस ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान मुफ्त के चुनावी वादे किए थे, जिसके बाद वो सत्ता में तो आ गई, लेकिन इन गारंटियों को पूरा करने में सरकारी ख़ज़ाने पर बोझ बढ़ गया। एक बार जब कांग्रेस विधायकों ने अपने क्षेत्रों में विकास कार्य के लिए राज्य सरकार से धन माँगा, तो डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने ये कहते हुए मना कर दिया कि चुनावी गारंटियों को पूरा करने में हमें फंड लगाना पड़ा है, इसलिए अभी विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं दे सकते। अब जब राज्य सूखे से जूझ रहा है, तो राज्य सरकार ने केंद्र से आर्थिक मदद मांगी है। केंद्र सरकार ने एक हफ्ते में धनराशि जारी करने की बात कही है। हालाँकि, कांग्रेस के चुनावी वादों पर भी अर्थशास्त्रियों ने चिंता जताई थी कि मुफ्त की चीज़ों से सरकारी ख़ज़ाने पर बोझ बढ़ेगा और बाकी विकास कार्यों के लिए पैसा नहीं बचेगा, लेकिन उस समय पार्टी ने इन बातों को नज़रअंदाज़ कर दिया था। यही नहीं, सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने अपनी मुफ्त की 5 चुनावी गारंटियों को पूरा करने के लिए SC/ST वेलफेयर फंड से 11 हजार करोड़ रुपये निकाल लिए थे। बता दें कि, कर्नाटक शेड्यूल कास्ट सब-प्लान और ट्रायबल सब-प्लान एक्ट के मुताबिक, राज्य सरकार को अपने कुल बजट का 24।1% SC/ST के उत्थान के लिए खर्च करना पड़ता है। लेकिन उन 34000 करोड़ में से भी 11000 करोड़ रुपए राज्य सरकार ने निकाल लिए। इसके बाद राज्य सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए एक योजना शुरू की, जिसमे उन्हें वाहन खरीदने पर 3 लाख तक की सब्सिडी देने का ऐलान किया था। उस योजना के अनुसार, यदि कोई अल्पसंख्यक 8 लाख रुपये की कार खरीदता है, तो उसे मात्र 80,000 रुपये का शुरूआती भुगतान करना होगा। 3 लाख रुपए राज्य सरकार देगी, यही नहीं बाकी पैसों के लिए भी बैंक ऋण सरकार ही दिलाएगी। वहीं, इस साल के बजट में कांग्रेस सरकार ने वक्फ प्रॉपर्टी के लिए 100 करोड़ और ईसाई समुदाय के लिए 200 करोड़ आवंटित किए हैं। जानकारों का कहना है कि, धन का सही प्रबंधन नहीं करने के कारण, राज्य सरकार का खज़ाना खाली हो गया और आज सूखे से जूझ रहे कर्नाटक को राहत देने के लिए कांग्रेस सरकार के पास पैसा नहीं बचा। अब कर्नाटक सरकार,, केंद्र सरकार से सूखे से निपटने के लिए पैसा मांग रही है, केंद्र ने एक हफ्ते के अंदर राशि जारी करने की बात कही है। 'NDA इस चरण की सभी 14 सीटें जीतेगा..', कर्नाटक में वोट डालने के बाद बोले पूर्व पीएम देवेगौड़ा बेटी मीसा और रोहिणी की जीत के लिए सत्यनारायण की कथा करवा रहे लालू यादव, जनता के सामने दूसरा होता है रूप ! इंटरनेट पर छाया ऋचा चड्ढा और रेखा का ये दिल छू लेने वाला VIDEO

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 26 Apr 2024 3:50 pm

रवि किशन की नहीं होगी DNA जाँच, मुंबई कोर्ट ने खारिज की याचिका: खुद को बेटी बताने वाली एक्ट्रेस को झटका, FIR भी दर्ज

मशहूर अभिनेता और राजनेता रवि किशन को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। खुद को रवि किशन की बेटी बताने वाली शिनोवा ने डीएनए टेस्ट की माँग की थी, लेकिन अदालत ने शिनोवा की याचिका खारिज कर दी है।

ऑप इंडिया 26 Apr 2024 3:36 pm

'हम 80% हैं, लेकिन वोट 20% ही करते हैं..', भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने बताया- इससे किसे होता है फायदा ?

बैंगलोर: भा जपा सांसद तेजस्वी सूर्या, जो बेंगलुरु दक्षिण सीट से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं, ने भाजपा समर्थकों से बड़ी संख्या में मतदान करने का आग्रह किया, क्योंकि कर्नाटक की 28 में से 14 सीटों पर शुक्रवार को दूसरे चरण में मतदान जारी है। तेजस्वी सूर्या ने कहा कि भले ही देश में 80% भाजपा समर्थक और मतदाता हैं, लेकिन केवल 20% ही वोट देने आते हैं, जिससे कांग्रेस को फायदा मिलता है। वोट डालने के बाद भाजपा समर्थकों से अपनी अपील में सूर्या ने कहा कि, हम 80% हैं, लेकिन मतदान के दिन हम बाहर आकर केवल 20 फीसद वोट करते हैं। वहीं, कांग्रेस समर्थक 20% हैं, और वे बाहर आते हैं और 80% वोट करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भाजपा मतदाता को बाहर आना चाहिए और मतदान करना चाहिए क्योंकि हमारा वोट मायने रखता है। यदि आप मतदान नहीं कर रहे हैं, तो कांग्रेस का 20% बाहर आ रहा है और मतदान कर रहा है। कोई फर्क नहीं पड़ता कि गर्मी या बारिश, यह आपका वोट है जो अगले पांच वर्षों के लिए देश का भविष्य तय करेगा।“ उल्लेखनीय है कि, बेंगलुरु दक्षिण सीट पर सूर्या का मुकाबला जयनगर की पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता सौम्या रेड्डी से है, जो राज्य के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी की बेटी हैं। बेंगलुरु दक्षिण, जो 1996 से भाजपा का गढ़ रहा है, सूर्या ने 2019 के चुनावों में तीन लाख से अधिक वोटों के अंतर से सीट जीती। इससे पहले दिन में, 33 वर्षीय भाजपा नेता को देश के 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 88 सीटों पर दूसरे चरण का मतदान शुरू होने पर पूजा करते और अपने माता-पिता का आशीर्वाद लेते देखा गया था। सूर्या ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, आज मोदी 3.0 की शुरुआत करने और भारत के अगले पांच वर्षों को आकार देने में मदद करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन है। तेलंगाना में 11वीं-12वीं के रिजल्ट घोषित होने के बाद 7 स्टूडेंट्स ने की ख़ुदकुशी रवि किशन को बड़ी राहत, कोर्ट ने खारिज की DNA जांच की मांग 'मैं अपने बयान पर कायम..', संसाधनों पर मुस्लिमों का पहला दावा वाली बात पर बोले मनमोहन सिंह, Video

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 26 Apr 2024 2:51 pm

अमेरिका की टॉप यूनिवर्सिटीज में इतना हंगामा क्यों मचा है? प्रदर्शन के पीछे का जॉर्ज सोरोस कनेक्शन, भारत ने मौके पर कैसे मारा चौका

जंग तो इजरायल और गाजा में हो रही है, लेकिन अमेरिका में कोहराम मचा है। दुनियाभर की सबसे बड़ी और मशहूर यूनिवर्सिटी में आजकल हालात का अंदाजा सामने आई तस्वीरों से लग जाएगा। अमेरिका के कॉलेज दुनिया के महंगे कॉलेजों में से एक हैं। जहां पढ़ने के लिए करोड़ों खर्च करने पड़ते हैं। न जाने कितने एग्जाम पास करने पड़ते हैं। उन कॉलेजों में आजकल न किताबें पढ़ी जा रही हैं ना क्लास हो रही है। वहां इन दिनों विद्रोह, नारेबाजी और गिरफ्तारियां होती दिख रही हैं। अमेरिका में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन इतना बड़ा हो गया है कि ये 25 यूनिवर्सिटी तक फैल चुका है। जिसमें कोलंबिया, येल, टेक्सस, ऑस्टीन, लॉस एंजलिस जैसी नामी यूनिवर्सिटी शामिल हैं। अमेरिका का कॉलेजों में फिलिस्तीन को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्र इजरायल से रिश्ता तोड़ने और गाजा में संघर्ष विराम जैसी मांगों पर अड़े हुए हैं। उन्होंने कैंपस में तंबू लगा लिया और मांगे पूरी होने तक वहीं बने रहने की बात करते नजर आए। इस प्रदर्शन की शुरुआत न्यूयॉर्क में कोलंबिया यूनिवर्सिटी से हुई थी। धीरे धीरे ये अमेरिका के पूरे कॉलेजों में फैल गई। यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से प्रदर्शनकारी छात्रों को हटाने की भरसक कोशिश की गई। पुलिसिया कार्रवाई में सैकड़ों छात्रों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। लेकिन फिर भी वे पीछे हटने के लिए तैयार नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में आज आपको बताते हैं कि अमेरिका में फिलीस्तीन सपोर्ट वाले प्रदर्शन की कहानी क्या है? इन प्रदर्शनों का अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव पर क्या असर पड़ सकता है। भारत ने अमेरिका को क्या नसीहत दी है और इस प्रदर्शन में जॉर्ज सोरेस का एंगल क्या है। इसे भी पढ़ें: कॉमरेड जिनपिंग इंतजार कर रहे हैं...अपना अगला कार्यकाल शुरू करने के साथ ही चीन के दौरे पर जाएंगे पुतिन दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में 93 गिरफ्तार दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में बुधवार के प्रदर्शन के दौरान अतिक्रमण के संदेह में 93 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सार्वजनिक सुरक्षा उपाध्यक्ष चेरिल इलियट के अनुसार, स्कूल में विरोध प्रदर्शन के दौरान 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें 20 एमोरी समुदाय के सदस्य भी शामिल थे। जॉर्जिया राज्य गश्ती दल के अनुसार, विरोध प्रदर्शन के दौरान सैनिकों ने अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ब्लैक पिपर के गोले का इस्तेमाल किया। जॉर्जिया के एमोरी विश्वविद्यालय से सामने आए दृश्यों में, सुरक्षा बल फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों को पीटते, आंसू गैस छोड़ते और कथित तौर पर भीड़ और प्रदर्शनकारियों पर रबर की गोलियां चलाते हुए दिखाई दे रहे हैं। विश्वविद्यालय परिसर में स्नूपर्स ओहियो यूनिवर्सिटी का एक वीडियो वायरल हो गया है जिसमें ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी और इंडियाना ब्लूमिंगडेल यूनिवर्सिटी की छतों पर कुछ स्नाइपर्स देखे गए। हालाँकि, विश्वविद्यालय के प्रवक्ता बेन जॉनसन ने स्पष्टीकरण में कहा कि छतों पर देखे गए लोग राज्य के सैनिक हैं। इस बीच, इंडियाना यूनिवर्सिटी के पुलिस विभाग ने कहा कि डन मीडो में तंबू इकट्ठा करने से कैंपस कानूनों का उल्लंघन हुआ और उन्हें हटाने से इनकार करने पर 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसे भी पढ़ें: मार्च तिमाही में US अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़कर 1.6 प्रतिशत रही विरोध प्रदर्शनों के पीछे जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स की फंडिंग प्रमुख अमेरिकी विश्वविद्यालयों में चल रहे फिलिस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों के बीच, यह पता चला है कि जॉर्ज सोरोस और रॉकफेलर ब्रदर्स फंड जैसे लोग प्रदर्शनकारियों को वित्त पोषित कर रहे हैं और परिसरों में अशांति पैदा कर रहे हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल (डब्ल्यूएसजे) में प्रकाशित एक टिप्पणी में पत्रकार इरा स्टोल ने जोर देकर कहा कि अमेरिका की दो सबसे बड़ी परोपकारी संस्थाओं द्वारा देश भर के परिसरों को बाधित करने वाली हरकतों के लिए कार्यकर्ताओं को भुगतान किया है। वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार का कहना है कि यहूदी विरोधी विरोध प्रदर्शन में शामिल मलक अफ़ानेह और क्रेग बिर्कहेड-मॉर्टन नामक दो छात्र कार्यकर्ताओं को बाद में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए थे। इरा स्टोल के अनुसार, फ़िलिस्तीनी अधिकारों के लिए अमेरिकी अभियान 3 महीने के लिए 8 घंटे/सप्ताह के काम के लिए 'कैंपस-आधारित अध्येताओं' को $2880-$3360 का भुगतान करता है। उन्होंने कहा कि फेलोशिप को 'एजुकेशन फॉर जस्ट पीस इन द मिडिल ईस्ट' द्वारा प्रायोजित किया गया जिसे 2018 से जॉर्ज और एलेक्स सोरोस द्वारा संचालित ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (ओएसएफ) से $7,00,000 प्राप्त हुए थे। भारत ने क्या कहा? भारत के विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राज्य भर के कॉलेजों में फ़िलिस्तीन के समर्थन में चल रहे विरोध प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विभिन्न परिसरों में पुलिस अधिकारियों ने सैकड़ों प्रदर्शनकारी छात्रों को गिरफ्तार कर लिया है, जिससे अधिकारों के हनन की चिंताएं पैदा हो गई हैं। नई दिल्ली ने वाशिंगटन को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सार्वजनिक सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रखने की सलाह दी है। चूंकि भारत परंपरागत रूप से अन्य देशों के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने से बचता है, इसलिए यह नवीनतम बयान नीति में बदलाव को दर्शा सकता है। अतीत में, अमेरिका ने नए नागरिकता कानून और किसानों के विरोध से जुड़े घरेलू नीतिगत फैसलों पर भारत की आलोचना की है। ऐसे में क्या जा रहा है कि भारत अब अमेरिका को अपनी ही दवा का स्वाद चखाने की कोशिश कर रहा है? बाइडेन-नेतन्याहू ने क्या कहा? अमेरिका में इजरायल विरोध प्रदर्शनों को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने खतरनाक बताया है। उन्होंने इस प्रदर्शनों को रोकने के लिए और कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। इतना ही नहीं, नेतन्याहू ने इन प्रदर्शनों की तुलना नाजी जर्मनी से भी कर दी। वहीं व्हाइट हाउस ने भी इन प्रदर्शनों की निंदा करते हुए इसकी तुलना आतंकवादियों की भाषा से की है।अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इनकी निंदा की है। बाइडेन ने मीडिया से बात करते हुए न सिर्फ इजरायल विरोधी प्रदर्शनकारियों की निंदा की, बल्कि उन लोगों की भी आलोचना की जिन्हें ये नहीं पता कि फिलिस्तीन में क्या चल रहा है।

प्रभासाक्षी 26 Apr 2024 2:38 pm

बीरभूम लोकसभा सीट पर BJP को लगा झटका, पूर्व आईपीएस अधिकारी देवाशीष धर का नामांकन रद्द

बीरभूम लोकसभा सीट पर बीजेपी को झटका लगा है. चुनाव आयोग ने बीजेपी उम्मीदवार और पूर्व आईपीएस अधिकारी देवाशीष धर का नामांकन रद्द कर दिया है. 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी देवाशीष धर ने पिछले महीने ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. बीजेपी ने उन्हें बीरभूम से मैदान में उतारा....

समाचार नामा 26 Apr 2024 2:05 pm

'देशभर में कांग्रेस के पक्ष में माहौल, भाजपा की हालत बहुत ख़राब..', वोट डालकर बोले अशोक गहलोत

जयपुर: आज शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के बीच, कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वह 'मंगलसूत्र' मुद्दे पर बात नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि चुनाव मुद्दों पर लड़ा जाना है। देश में बेरोजगारी और महंगाई जैसी स्थिति है।'' गहलोत ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जानबूझकर 'मंगलसूत्र' मुद्दे पर बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यह दुखद है कि लोकतंत्र कहां जा रहा है? प्रधानमंत्री ने जो कहा है, उनका खुद मजाक उड़ाया गया। मैं इसमें नहीं पड़ना चाहता कि उन्होंने 'मंगलसूत्र' के बारे में क्या कहा, चुनाव बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, गरीबों और अमीरों के बीच बढ़ती खाई के मुद्दों पर लड़ना है। उन्होंने कहा, वह (पीएम मोदी) जानबूझकर इसे 'मंगलसूत्र' तक खींच रहे हैं। इसका घोषणापत्र से क्या लेना-देना है? वह जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं। मुझे लगता है कि पहली बार प्रधानमंत्री की विश्वसनीयता को झटका लगा है. लोगों को पता चल गया कि वह झूठ बोलते है।'' उल्लेखनीय है कि, कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी ने जनसभा में कहा था कि कांग्रेस पार्टी की नजर लोगों की मेहनत की कमाई, संपत्ति और महिलाओं के 'मंगलसूत्र' पर भी है और वह इसे जब्त करने और फिर से बांटने की योजना बना रही है। अलीगढ़ में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था, ''हमारी माताओं-बहनों के पास सोना है। यह सिर्फ अवसरों पर पहनने के लिए नहीं है, यह 'स्त्री-धन' है, इसे पवित्र माना जाता है, यहां तक कि कानून भी इसकी रक्षा करता है।' अब, कांगेस की नजर कानून बदलने और हमारी माताओं और बहनों की संपत्ति जब्त करने पर है। उनकी नज़र महिलाओं के मंगलसूत्र पर है। उनका इरादा माताओं-बहनों का सोना चुराने का है। दरअसल, राहुल गांधी ने वादा किया था कि, सत्ता में आने के बाद कांग्रेस देश कि संपत्ति का सर्वे करेगी और फिर संपत्ति का वापस से बंटवारा करेगी, पीएम मोदी इसी को लेकर बोल रहे थे। उनका कहना था कि, कड़ी मेहनत से कमाई गई देश की संपत्ति को कांग्रेस अपने वोट बैंक में बांटना चाहती है। वहीं, विपक्ष की बात करते हुए राजस्थान के पूर्व सीएम ने कहा कि माहौल कांग्रेस पार्टी के पक्ष में है और पहले चरण की तरह दूसरे चरण का चुनाव भी अच्छा होगा। गहलोत ने कहा कि, भाजपा की स्थिति बहुत खराब है। माहौल कांग्रेस के पक्ष में है, INDIA गठबंधन के पक्ष में है। चुनाव के पहले चरण में नतीजे अच्छे थे। आज भी यह हमारे पक्ष में होगा। यह स्थिति नहीं है। सिर्फ राजस्थान में ही नहीं बल्कि पूरे देश में है।बता दें कि, पहले चरण में मतदान प्रतिशत काफी कम रहा था, गर्मी के कारण लोग वोट डालने ही नहीं निकले थे, इसे विपक्ष अपनी जीत के रूप में देख रहा है। गहलोत ने बीजेपी पर भी निशाना साधा और कहा, चुनाव में स्थिति इतनी खराब है कि दो मुख्यमंत्री जेल में हैं. कांग्रेस पार्टी के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं. संयुक्त राष्ट्र हमारे बारे में बोल रहा है। संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी देश के बारे में बोल रहे हैं। भाजपा के 'अबकी बार, 400 पार' के नारे पर गहलोत ने कहा, आप देख सकते हैं कि प्रधानमंत्री और अमित शाह कभी यह नारा नहीं लगाएंगे। पहले चरण के बाद वह नारा नहीं लगाया जा रहा है। वे समझ गए हैं कि वे सफल नहीं होंगे। इसके बाद राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने अपने परिवार के साथ जोधपुर के एक मतदान केंद्र पर वोट डाला। इस बीच, उनके बेटे और जालोर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार वैभव गहलोत ने लोगों से कांग्रेस के लिए वोट करने की अपील करते हुए कहा कि, ''चाहे कोई भी चुनाव हो, हमारा पूरा परिवार एक साथ वोट डालने जाता है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे आशीर्वाद दें।' राजस्थान में कांग्रेस पार्टी का माहौल अच्छा है, जालौर की जनता में कांग्रेस के प्रति उत्साह है।'' चुनाव में अपनी जीत पर बोलते हुए वैभव गहलोत ने कहा, ''मुझे 100 फीसदी भरोसा है कि लोग इस बार जालोर में बदलाव ला रहे हैं।'' दूसरे चरण के मतदान से पहले अशोक गहलोत और वैभव गहलोत ने अपने पूर्वजों का आशीर्वाद भी लिया। दूसरे चरण में 13 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में 88 लोकसभा क्षेत्र हैं, जिनमें राजस्थान में 13, केरल में 20, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में आठ-आठ, असम और बिहार में पांच-पांच, मध्य प्रदेश में छह, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में तीन-तीन शामिल हैं। वहीं त्रिपुरा, मणिपुर और जम्मू-कश्मीर में एक-एक सीट पर मतदान हो रहा है। मौसम की स्थिति सामान्य सीमा के भीतर रहने की भविष्यवाणी के साथ, मतदाता आराम से अपना वोट डाल सकते हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, मतदाताओं की सुविधा के लिए सभी मतदान केंद्रों पर सुविधाओं सहित गर्म मौसम की स्थिति से निपटने के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। ईसीआई के अनुसार, दूसरे चरण में 15.88 करोड़ से अधिक मतदाता मतदान करेंगे, जिसमें 8.08 करोड़ पुरुष मतदाता, 7.8 करोड़ महिला मतदाता और 5929 तीसरे लिंग के मतदाता शामिल हैं। ईसीआई के अनुसार, कुल 4553 उड़न दस्ते, 5731 स्थैतिक निगरानी दल, 1462 वीडियो निगरानी दल और 844 वीडियो देखने वाली टीमें 1.67 लाख मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को किसी भी प्रकार के प्रलोभन से सख्ती से और तेजी से निपटने के लिए चौबीसों घंटे निगरानी रख रही हैं। क्या देश अब शरिया से चलेगा ? कांग्रेस ने किया पर्सनल लॉ लागू देने का वादा, तो भड़के अमित शाह नकली सोना गिरवी रख Bank of India को लगाया करोड़ों का चूना, जाँच में जुटी पुलिस 'बिक गई है हाई कोर्ट..', शिक्षक भर्ती घोटाले पर ममता का विवादित बयान, CPIM नेता पहुंचे अदालत, कार्रवाई की मांग

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 26 Apr 2024 1:50 pm

कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी नहीं हुई दर्ज… सुनवाई तो दूर की बात: हजारों वकीलों को समान अवसर मिलने की बात अब कौन सुनेगा?

कॉलेजियम प्रणाली पर सवाल उठाने वाली एक रिट याचिका को सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार ने सुनवाई के लिए दर्ज करने से इनकार कर दिया है।

ऑप इंडिया 26 Apr 2024 1:32 pm

‘रामभक्तों की विधवाओं के मंगलसूत्र का क्या’ : CM योगी का डिंपल यादव पर करारा पलटवार, पुलवामा बलिदानियों की पत्नियों को बना रही थीं ढाल

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डिंपल यादव से रामभक्तों की विधवाओं के मंगलसूत्र के विषय में प्रश्न पूछा है।

ऑप इंडिया 26 Apr 2024 1:22 pm

क्या देश अब शरिया से चलेगा ? कांग्रेस ने किया पर्सनल लॉ लागू देने का वादा, तो भड़के अमित शाह

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र जारी होने के बाद लोगों का रुझान भारतीय जनता पार्टी के प्रति और बढ़ गया है, क्योंकि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में तुष्टिकरण की अपनी पुरानी आदत को दोहराया है। शाह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस का घोषणापत्र पर्सनल लॉ को आगे बढ़ाने की बात करता है, जो देश को बांटने वाला है। अमित शाह ने कहा कि, सबसे पहले, मैं मतदाताओं से अपील करना चाहूंगा कि वे एक ऐसी पार्टी को चुनें, जो अपने शब्दों पर कायम रहे - एक सुरक्षित और समृद्ध देश और गरीबों के कल्याण के लिए। कांग्रेस का घोषणापत्र जारी होने के बाद, लोगों का रुझान भाजपा की ओर बढ़ गया है इसलिए बढ़ा क्योंकि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में तुष्टीकरण की अपनी पुरानी आदत को दोहराया है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में पर्सनल लॉ को आगे बढ़ाने की बात कही गई है। मैं राहुल गांधी से पूछना चाहता हूं कि क्या अब यह देश शरिया के अनुसार काम करेगा?'' अमित शाह ने जोर देकर कहा, हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष है, देश का कानून धर्म के आधार पर नहीं बनाया जा सकता। आगे गृह मंत्री ने कहा कि भाजपा ने अपने घोषणापत्र में साफ कहा है कि वह समान नागरिक संहिता (UCC) लाएगी। उन्होंने कहा कि, हमने तीन तलाक को खत्म कर दिया और UCC शुरू किया और हम इसे आगे बढ़ाएंगे। राहुल गांधी पर्सनल लॉ की बात करते हैं, जो देश को विभाजित करने के बारे में है। इस देश में पर्सनल लॉ लागू नहीं किया जा सकता है। मुझे विश्वास है कि हम नरेंद्र मोदी को तीसरी बार देश के प्रधान मंत्री के रूप में देखेंगे। इससे पहले, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर देश में 'शरिया कानून' लागू करने और लोगों की संपत्ति का पुनर्वितरण करने की योजना बनाने का आरोप लगाया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अमरोहा में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए दावा किया कि कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में देश में 'शरिया कानून' लागू करने का इरादा व्यक्त किया है, जो संविधान के लिए खतरा है। योगी ने कहा कि, कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में एक विशेष समुदाय के लिए व्यक्तिगत कानून लाने के बारे में लिखा है। इस कदम के माध्यम से, कांग्रेस का लक्ष्य शरिया कानून लागू करना है, भारत में तालिबान-शैली का शासन लाना है। यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि कांग्रेस और I.N.D.I गठबंधन देश के संविधान के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं।'' नकली सोना गिरवी रख Bank of India को लगाया करोड़ों का चूना, जाँच में जुटी पुलिस 'बिक गई है हाई कोर्ट..', शिक्षक भर्ती घोटाले पर ममता का विवादित बयान, CPIM नेता पहुंचे अदालत, कार्रवाई की मांग पंडित धीरेंद्र शास्त्री के भाई ने किया 'नया कांड', अब इस कारण दर्ज हुई FIR

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 26 Apr 2024 12:50 pm

विरासत टैक्स एवं निजी सम्पत्ति सर्वे पर संकट में घिरी कांग्रेस

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जनता के बीच जिस तरह के मुद्दों को लेकर चर्चा में हैं, उनमें देश विकास से अधिक मुक्त की रेवड़िया बांटने या अतिश्योक्तिपूर्ण सुविधा देने की बातें हैं तो ‘विरासत टैक्स’ के नाम पर जनता की गाड़ी कमाई को हड़पने के सुझाव है। ऐसी विरोधीभासी सोच एवं योजनाएं कांग्रेस की अपरिपक्व एवं स्वार्थप्रेरित राजनीति को ही उजागर करती है। इंडिया ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष एवं राहुल गांधी के विश्वस्त सलाहकार सैम पित्रोदा ने चुनावी समर में अपने ताजा बयान में विरासत टैक्स की वकालत की है। उन्होंने अमेरिका में लागू इस टैक्स की पैरवी करते हुए भारत के लिये उपयोगी बताया। सैम ने अपने बयान पर विवाद बढ़ता देख सफाई दी है, तो कांग्रेस ने इस बयान से खुद को अलग कर लिया है। लेकिन राजनीति की इन कुचालों एवं ऐसे बयानों में कांग्रेस का इरादा जनता की मेहनत की कमाई की संगठित लूट और वैध लूट ही नजर आता है। सैम पित्रोदा के बयान में कांग्रेस की सोच एवं संकल्प ही नहीं दिखा बल्कि कांग्रेस की भावी योजनाओं की परतें भी खुली है। भले ही इस बयान ने कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हो, लेकिन जनता को मूर्ख समझ हर बार हंगामा खड़ा करना कांग्रेस की नीति एवं नियत रही है। सैम ऐसे ही विवादास्पद बयानों से पूर्व में भी चर्चा में रहे हैं। अमेरिका में विरासत टैक्स जैसी अनेक स्थितियां एवं कानून हैं जो भारत में नहीं है क्योंकि हर देश की अपनी स्थितियां होती है। सैम के इस बयान ने इसलिए तूल पकड़ लिया, क्योंकि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में लोगों की संपत्ति के सर्वे का वादा किया है। इसकी व्याख्या भाजपा पहले से ही इस रूप में कर रही है कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति का आकलन करके संपन्न-सक्षम लोगों की संपदा का एक हिस्सा लेने का इरादा रखती है। चूंकि सैम पित्रोदा का कथन कुछ इसी ओर संकेत करता दिख रहा था, इसलिए भाजपा ने नए सिरे से उनके बयान को मुद्दा बना दिया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तो कहा जब तक आप जीवित रहेंगे, तब तक कांग्रेस आपको ज्यादा टैक्स से मारेगी और जब जीवित नहीं रहेंगे, तब आप पर विरासत का बोझ लाद देगी।’ कांग्रेस की लूट जिन्दगी के साथ भी और जिन्दगी के बाद भी कह कर मोदी ने कांग्रेस को निशाने पर लिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने भी यह कह दिया कि यदि कांग्रेस वैसा कुछ करने का नहीं सोच रही है, जैसा सैम पित्रोदा कह रहे हैं तो वह अपने घोषणा पत्र से संपत्ति के सर्वेक्षण वाली बात हटाए।’ निश्चित ही कांग्रेस की संपत्ति के सर्वेक्षण की बात में गहरे अर्थ, संदेह एवं शंकाएं निहित हैं। राजननेताओं के बयानों पर राजनीति होना लोकतंत्र का एक हिस्सा है, लेकिन जनता के हितों पर आघात करना दुर्भाग्यपूर्ण है। लोकतन्त्र में सतत् रूप से अमीर-गरीब का विमर्श चलता रहता है, गरीबों के हित की बात करके अधिसंख्य मतदाताओं को लुभाना राजनीतिक चतुराई है, लेकिन जनता को बांटना एवं अलग-अलग खेमों में खड़ा करना, लोकतंत्र को कमजोर करता है। मगर भारत का मतदाता अब इतना सुविज्ञ एवं समझदार हैं कि वे राजनेताओं की मंशा को समझकर उस समय आगे बढ़कर नेतृत्व खुद संभाल लेते हैं जब नेतागण अपना पथ भूल जाते हैं। भारत के चुनावों का इतिहास इसका गवाह रहा है। इसलिए राजनैतिक विमर्श चाहे जितना गर्त में चला जाये मगर मतदाता की सूझबूझ, जागरूकता एवं विवेक कभी मंद नहीं पड़ती। इसे भी पढ़ें: क्या है विरासत टैक्स? मंगलसूत्र, मुसलमान के बाद अब क्या अमेरिका मॉडल के बहाने आम लोगों की संपत्ति पर है कांग्रेस की नजर? भले ही सैम पित्रोदा अमेरिका का उदाहरण देकर उस पर भारत में बहस की जरूरत जता रहे थे, लेकिन उन्हें गलत समय ऐसा उदाहरण नहीं देना चाहिए था, जो तथ्यात्मक रूप से पूरी तरह भारत की परिस्थितियों के लिये सही न हो और जिसके विवाद का विषय बनने की भरी-पूरी संभावनाएं हो। यह तो कांग्रेस ही जाने कि वह संपत्ति के सर्वे के जरिये क्या हासिल करना चाहती है, लेकिन इससे इन्कार नहीं कि देश में आर्थिक असमानता कम करने की आवश्यकता है। इसके बाद भी इस आवश्यकता की पूर्ति न तो वामपंथी सोच वाले तौर-तरीकों से की जा सकती है और न ही उन उपायों से, जो समाज में विभाजन पैदा करें। जो भी निर्धन-वंचित हैं या सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछडे़ हैं, उनके उत्थान की अतिरिक्त चिंता की जानी चाहिए, लेकिन बिना उनका जाति, मजहब देखे, बिना विभाजन की राजनीति को किये। सैम पित्रोदा, राजनीति की दुनिया में यह नाम कोई नया नहीं है, कांग्रेस के शासन में तकनीकी एवं आधुनिक विकास के वे पुरोध रहे हैं। इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह के सलाहकार रह चुके पित्रोदा इस समय राहुल के खास लोगों में से एक हैं। पित्रोदा अपने काम से कम अपने बयानों के चलते ज्यादा चर्चे में रहते हैं। उनके बयान अक्सर कांग्रेस के लिए भी सरदर्द बनते रहे हैं। पित्रोदा के अनेक बयान पहले भी विवाद एवं कांग्रेस के सिरदर्द की वजह बन चुके हैं। साल 2019 में ही उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि मिडिल क्लास को स्वार्थी नहीं होना चाहिए। उन्हें अधिक से अधिक टैक्स देने के लिए तैयार रहना चाहिए। मध्यमवर्गीय परिवार को रोजगार और अधिक अवसर मिलेंगे। इस बयान ने भी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ाई थीं और पार्टी को डैमेज कंट्रोल करना पड़ा था। पित्रोदा यहीं नहीं रुके, उन्होंने 2019 के ही पुलवामा हमले पर कहा था कि ऐसे हमले तो होते रहते हैं, मुंबई में भी हमला हुआ था। निश्चित ही कांग्रेस के शासन में ऐसे हमले एवं साम्प्रदायिक दंगे होते ही रहते थे। उन्होंने बालाकोट एयरस्ट्राइक ऑपरेशन पर सबूत मांगे थे। सैम पित्रोदा के बयान एवं कांग्रेस के घोषणा पत्र के निजी सम्पत्ति सर्वे की बात में अवश्य ही रिश्ता है, जिसने पूरे देश के सामने कांग्रेस का मकसद स्पष्ट कर दिया है कि निजी संपत्ति का सर्वे कर निजी संपत्ति को सरकारी खजाने में डालकर वह इस धन को अपने वोट बैंक में बांटना चाहती है। ऐसी योजना यूपीए सरकार में तय भी हुई थी कि देश के संसाधनों पर पहला अधिकार अल्पसंख्यक और उसमें भी सबसे अधिक मुस्लिमों का है, उस प्रकार से कांग्रेस की यह मुसलमानों को लुभाने एवं उन्हें लाभ पहुंचाने की अघोषित चुनावी घोषणा है, इस तरह की घोषणाएं लोकतंत्र में सुशासन एवं राजनीति मूल्यों को धुंधलाने की कुचेष्टा ही कही जायेगी। लोकतांत्रिक व्यवस्था में नेता बादशाह नहीं होता बल्कि साधारण मतदाता बादशाह होता है क्योंकि उसके ही एक वोट से सरकारें बनती और बिगड़ती हैं। मतदाता को जो मूर्ख समझते हैं उनसे बड़ा मूर्ख दूसरा नहीं होता। ऐसे तथाकथित बयानों से भारत में संसदीय प्रणाली का लोकतंत्र कभी भी प्रभावित नहीं होगा, वह सफल रहा है और रहेगा क्योंकि भारत के लोग अनपढ़ व गरीब हो सकते हैं मगर वे अज्ञानी या मूर्ख नहीं है। उनका व्यावहारिक ज्ञान बहुत मजबूत होता है और वे राजनीतिक दलों के भ्रम में नहीं आने वाले, गुमराह नहीं होने वाले। यह सच है कि जब से भारत में जातिवादी, क्षेत्रवादी, भाषावादी, वर्गवादी व सम्प्रदायवादी राजनीति का बोलबाला हुआ है तभी से राजनीति के विमर्श में गिरावट आनी शुरू हुई है, लेकिन इस गिरावट को संभालने के लिये मतदाता को अधिक परिवक्व एवं समझदार होने की अपेक्षा है। ः - ललित गर्ग लेखक, पत्रकार, स्तंभकार

प्रभासाक्षी 26 Apr 2024 12:46 pm

राजस्थान के इस जिले ऐसा रहेगा मौसम का मिजाज, IMD ने जारी किया अलर्ट

पश्चिमी विक्षोभ के असर से शुक्रवार को दोपहर बाद जोधपुर में तेज हवाएं चलने की संभावना है। हवा की गति 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती है. इस दौरान अनुमान लगाया गया है कि बादलों की हल्की-हल्की गहमागहमी रहेगी...........

समाचार नामा 26 Apr 2024 12:28 pm

सियासत के संग्राम में नारों का जोर-शोर

चुनाव के बनते-बिगड़ते समीकरणों के बीच चुनावी नारे खूब रंग जमाते रहे हैं। शुरुआती चुनाव से मौजूदा दौर तक चुनावी नारे सियासी दलों की विचारधारा की तस्वीर को जनता के बीच साफ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। इन्हीं नारों की पतवार के सहारे कई पार्टियों की नैया भी पार लगी है तो कई बार कुछ नारे जमीदोज भी हो गये। अब तो चुनावी नारों के साथ-साथ राजनीतिक विरोधियों पर हमला करने से लेकर मतदाताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने तक, लोकप्रिय बॉलीवुड फिल्मों के कई हास्य तत्वों सहित रंगीन मीम्स की सोशल मीडिया पर बाढ़ भी देखने को मिलती है, इंस्टाग्राम से लेकर एक्स तक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चुनावों से पहले राजनीतिक बढ़त के लिए कड़वे पोस्टर युद्ध और यहां तक कि कड़वे मीम की लड़ाई भी देखी जा सकती है। मतदाताओं, विशेषकर युवा और पहली बार मतदाताओं तक पहुंचने के लिए मीम्स का इस्तेमाल किया है, जो कई बार विचित्र होते हैं। लोकसभा चुनाव में सबसे पहला लोकप्रिय नारा सन 1971 के आम चुनाव में गरीबी हटाओ रहा। इस नारे की गूंज गली-गली तक रही और इंदिरा गांधी को लोगों ने हाथों हाथ लिया था। असल में 1967 में जब इंदिरा गांधी चुनाव मैदान में उतरीं तो उस दौरान कांग्रेस का नारा सरकार बनाना खेल नहीं, इस दीपक में तेल नहीं सियासी फिजाओं में खूब गूंजा था, लेकिन 1971 में गरीबी हटाओ नारे के साथ इंदिरा गांधी ने लोगों से भावनात्मक रिश्ता कायम करने में सफलता हासिल की। आम लोगों के दिल को छूने वाला यही नारा एक बड़ा मुद्दा बन गया। चुनाव प्रचार के दौरान इंदिरा गांधी लोगों से कहती थीं कि वह कहते हैं कि इंदिरा हटाओ, हम कहते हैं गरीबी हटाओ। इसी पर इंदिरा के समर्थन में एक और नारा लोकप्रिय हुआ...जात पर न पात पर, इंदिरा जी की बात पर, मुहर लगेगी हाथ पर। इसे भी पढ़ें: देश को संदेश देने में नाकाम रही विपक्ष की रांची रैली 1977 में जननायक जयप्रकाश नारायण ने कांग्रेस के खि़लाफ़ चुनाव में इंदिरा हटाओ, देश बचाओ का नारा दिया था। उस साल जनता पार्टी ने कांग्रेस को हराकर जीत हासिल की और इसमें इस नारे का बहुत बड़ा हाथ था। 1996 और 1998 के चुनावी मैदान में राजतिलक की करो तैयारी आ रहे अटल बिहारी को खूब लोकप्रियता मिली, लेकिन इसके बाद हुए आम चुनाव में बीजेपी का इंडिया शाइनिंग नारा पूरी तरह से धाराशायी हो गया था। इसी चुनाव में समाजवादी पार्टी का मुलायम तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं भी खूब गूंजा था। 2014 से 2019 लोकसभा चुनाव में हर-हर मोदी और मोदी है तो मुमकिन है का नारा भी चुनावी रणक्षेत्र में खूब गूंजा। भाजपा की हर रैली में इस नारे का शोर रहा। इसका असर यह रहा कि 2014 में भाजपा का वोट प्रतिशत तेजी से बढ़ा। आज की तारीख में लोकसभा चुनाव के लिए नारों का शोर गली-मोहल्लों में भले ही न सुनाई दे रहा हो, लेकिन सोशल मीडिया के माध्यम से जन-जन तक पहुंच बना रहे हैं। इनका असर पहले से अधिक प्रभावी है। आजादी के बाद हुए आम चुनाव से अभी तक नारों के तेवर ने बनते बिगड़ते समीकरणों में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। कब जनता के बीच कौन सा नारा सिर चढ़ कर बोला इसकी बात की जाये तो वर्ष 1952 में खरा रुपैया चांदी का, राज महात्मा गांधी का और देश की जनता भूखी है,यह आजादी झूठी है खूब हवा में उछला था। इसी तरह वर्ष 1957 में जली झोपड़ी भागे बैल,यह देखा दीपक का खेल, जिस दीपक में तेल नहीं, सरकार बनाना खेल नहीं। वर्ष 1962 में, जाटव-मुस्लिम भाई-भाई, बाकी कौम कहां से आई। सिंहासन खाली करो जनता आती है। वर्ष 1967 में जय जवान जय किसान। वर्ष 1977 में बेटा कार बनाएगा, मां सरकार बनाएगी।यह नारा संजय गांधी और इंदिरा गांधी पर कटाक्ष करते हुए गढ़ा गया था। इसी के साथ जमीन गर्क चकबंदी में, मकान ढह गया हटबंदी में। दरवाजे पर खड़ी औरतें चिल्लाएं, मेरा मर्द गया नसबंदी में भी काफी प्रभावी रहा था। वर्ष 1980 में इंदिरा जी की बात पर मुहर लगेगी हाथ पर, का नारा लगा। वर्ष 1984 में जब तक सूरज चांद रहेगा, इंदिरा तेरा नाम रहेगा। उठे करोड़ों हाथ हैं, राजीव जी के साथ हैं। वर्ष 1996 में ‘सबको देखा बारी-बारी, अबकी बारी अटल बिहारी।’ महंगाई जो रोक न पाई वो सरकार निकम्मी है जो सरकार निकम्मी है वो सरकार बदलनी है। वर्ष 2004 में शाइनिंग इंडिया, कांग्रेस का हाथ, आम आदमी के साथ नारे की धूम रही थी। वर्ष 2014 में ‘अबकी बार मोदी सरकार, अच्छे दिन आने वाले हैं और हर हर मोदी, घर घर मोदी। वर्ष 2019 में ‘सबका साथ सबका विकास’, ‘मोदी है तो मुमकिन है। मोदी हटाओ, देश बचाओ, अब होगा न्याय। इस बार वर्ष 2024 में मोदी की गांरटी, अबकी पार 400 पार। कांग्रेस का हाथ बदलेगा हालात सपा का ‘घर घर बेरोजगार मांगे रोजगार” नारा चर्चा है। अब तो चुनावी नारों के साथ-साथ राजनीतिक विरोधियों पर हमला करने से लेकर मतदाताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने तक, लोकप्रिय बॉलीवुड फिल्मों के कई हास्य तत्वों सहित रंगीन मीम्स की सोशल मीडिया पर बाढ़ भी देखने को मिलती है, इंस्टाग्राम से लेकर एक्स तक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चुनावों से पहले राजनीतिक बढ़त के लिए कड़वे पोस्टर युद्ध और यहां तक कि कड़वे मीम की लड़ाई भी देखी जा सकती है। मतदाताओं, विशेषकर युवा और पहली बार मतदाताओं तक पहुंचने के लिए मीम्स का इस्तेमाल किया है, जो कई बार विचित्र होते हैं। राजनीतिक पार्टियां प्रचार के साथ ही एक दूसरे पर हमला बोलने जबकि चुनाव आयोग वोटरों को मतदान केंद्र तक लाने के लिए इनका प्रयोग कर रहा है। मीम के साथ ही स्लोगन पोस्टर फिल्मी डायलाग का जमकर इस्तेमाल हो रहा है। चुनाव आयोग ने एक्स पर पोस्ट किया है कि हम मतदान को लेकर उत्साहित हैं क्या आप भी तैयार हैं। वहीं, राजनीतिक पार्टियों ने एक दूसरे पर हमले और प्रचार के लिए इसका प्रयोग किया है। भाजपा के सोशल मीडिया फीड पर मुख्य रूप से तस्वीरें और नारे हावी रहे हैं। जैसे मोदी की गारंटी और विकास भी, विरासत भी। वहीं, कांग्रेस ने एक्स पर वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें भाजपा पर व्यंग्यात्मक टैगलाइन, बेरोजगारी बहुत है, बाकी सब ठीक है,के साथ कटाक्ष किया गया। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले राजनीतिक दलों के एक-दूसरे पर हमले जारी हैं। इसी क्रम में भारतीय जनता पार्टी ने सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक फोटो शेयर करते हुए उन्हें मीम मटीरियल ऑफ दि ईयर बताया। जिसके कैप्शन में लिखा, “ये अवॉर्ड तो बनता है।” दरअसल, बीते 09 मार्च को दिल्ली के भारत मंडपम में पीएम मोदी ने क्रिएटर्स अवॉर्ड दिए। इसी दौरान की एक फोटो एडिट करके बीजेपी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर की जिसमें पीएम मोदी राहुल गांधी को एक अवॉर्ड देते हुए दिख रहे हैं। इस अवॉर्ड पर ‘जोकर’ लिखा हुआ है। साथ ही अंग्रेजी में लाइन लिखी गई कि मीम मटीरियल ऑफ दि ईयर- राहुल गांधी। जिसका बीजेपी वालों ने कैप्शन लिखा, “ये अवॉर्ड तो बनता है।”

प्रभासाक्षी 26 Apr 2024 12:16 pm

J.P. Nadda ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का वीडियो शेयर करते हुए कहा-मुस्लिमों को तरजीह देना ही Congress की नीति है

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान शुरू हो गया है. इस बीच बीजेपी ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का साल 2009 का एक पुराना वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में वह देश के संसाधनों पर मुसलमानों के पहले अधिकार की बात कर रहे हैं.....

समाचार नामा 26 Apr 2024 12:05 pm

ओवैसी के लिए 'शहीद' है कांग्रेस नेता का हत्यारा मुख़्तार अंसारी, बोले- सपा के लिए जान दे रहे मुसलमान

लखनऊ: उत्त र प्रदेश के वाराणसी में पहली बार तीसरे मोर्च के रूप में बनी PDM यानी पिछड़ा, दलित और मुस्लिम की जनसभा शहर के नाटी ईमली के बुनकर कॉलोनी के मैदान में आयोजित की गई। इस जनसभा को संबोधित करते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असुदुद्दीन ओवैसी ने भाजपा के साथ ही विपक्ष के नेताओं को भी आड़े हाथों लिया। ओवैसी ने अपने भाषण में गैंगस्टर मुख्तार अंसारी का भी जिक्र किया। ओवैसी ने कांग्रेस नेता अवधेश राय हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा पाए मुख्तार अंसारी को शहीद तक का दर्जा दे डाला। हालाँकि, खुद अवदेश राय के भाई और यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ही वोट बैंक को खुश रखने के कारण मुख़्तार के खिलाफ नहीं बोलते, तो ओवैसी क्यों बोलेंगे ? गौर करने वाली बात है कि, अवधेश की हत्या अजय के सामने ही हुई थी, और मुख़्तार के खिलाफ अजय राय ने ही FIR दर्ज करवाई थी, लेकिन कांग्रेस अपने नेता को इन्साफ दिलवाने की बजाए उल्टा मुख़्तार को बचाने में लगी रही, ताकि मुस्लिम वोटर्स नाराज़ न हों, यही काम अब ओवैसी कर रहे हैं. बता दें कि, फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में भी मुख़्तार को कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। लेकिन, दो बार उम्रकैद की सजा पा चुका कुख्यात अपराधी मुख़्तार अंसारी,, ओवैसी के लिए शहीद है, क्या सिर्फ इसलिए कि वो मुसलमान था ? ये ओवैसी की विचारधारा को दर्शाता है, हो सकता है कल को वे आतंकियों को भी शहीद कह दें, क्योंकि वैसे भी देश की एक यूनिवर्सिटी JNU में आतंकी अफजल गुरु की बरसी मनाई ही गई है, जिसने संसद पर हमला किया था। बहरहाल, अपने भाषण की शुरूआत में ओवैसी ने कहा कि यह बनारस मोदी का नहीं उस्ताद बिस्मिल्लाह और तुलसीदास और गंगा जमुनी तहजीब का है। उन्होंने कहा कि PDM इंसाफ के लिए बनाया गया है। उत्तर प्रदेश की सियासत में पिछड़े समाज के लिए एक विकल्प के लिए बनाया गया है। हम 50 वर्षों से सिर्फ वोट देने वाले बने, मगर अब हम वोट लेने वाले बनेंगे। RSS, भाजपा, समाजवादी पार्टी या अन्य पार्टियां केवल मुंह से इंसाफ की बात करती हैं, मगर जमीन पर अमली जामा पहनाने का काम नहीं करती। ओवैसी ने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि जो (मुसलमान) सपा के लिए जान दे रहा है, उसी के पाँव में गोलियां मारी जा रही हैं। मुसलमानों ही जेल में जहर दिया जा रहा है। हमारे घरों को बुलडोजर से तोड़ा जा रहा है। पूर्व सांसद (अतीक) जो 10 सुरक्षाकर्मियों के साथ चल रहा था, उसे कोई भी पास से जाकर गोली मार दिया। मगर, इन सबपर अखिलेश की जुबान नहीं खुलती। सपा यह चाहती है कि आप अखिलेश भैया के लिए जान कुर्बान करो और दरी बिछाओ। एक वक़्त ऐसा भी आएगा जब अखिलेश यादव खुद दरी बिछाएंगे और आपके लिए जान भी देंगे। ओवैसी ने जनसभा में कहा कि, मुख्तार का नाम लेकर कह रहा हूं मैं किसी के बाप से डरता नहीं हूं। मुख्तार अंसारी एक इंसान था, हिरासत में था, उसे जहर देकर मार डाला गया। वो शहीद है और शहीदों के बारे में (इस्लाम में) कहा गया है कि शहीदों को मुर्दा कभी मत कहो वह जिंदा है। मगर, उनको बचाने की जिम्मेदारी भाजपा की सरकार की थी और उसमें वह विफल साबित हुए हैं। हालांकि, गौर करने वाली बात ये है कि पिछले दिनों मुख्तार की विसरा रिपोर्ट आई थी, जिसमें जहर नहीं पाया गया। इससे पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि हुई थी। लेकिन, इसके बावजूद ओवैसी खुलेआम मुस्लिमों को भड़काते हुए कह रहे हैं कि मुख़्तार को जहर देकर मारा गया। लव मैरिज के 28 दिन बाद ही पति ने पी लिया फिनायल, सामने आई चौंकाने वाली वजह ‘सॉरी मम्मी-पापा…' सुसाइड नोट लिख 10वीं की छात्रा ने किया सुसाइड, चौंकाने वाली है वजह केजरीवाल की सेहत के लिए हुआ मेडिकल बोर्ड का गठन, तिहाड़ जाकर इलाज करेंगे AIIMS के 5 डॉक्टर

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 26 Apr 2024 11:51 am

नहीं होगा VVPAT पर्चियों का 100% मिलान, EVM से ही होगा चुनाव: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की सारी याचिकाएँ, बैलट पेपर की माँग भी रद्द

सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट वेरिफिकेशन की माँग से जुड़ी सारी याचिकाएँ 26 अप्रैल को खारिज कर दीं। कोर्ट ने बैलट पेपर को लेकर की गई माँग वाली याचिका भी रद्द कीं।

ऑप इंडिया 26 Apr 2024 11:39 am

पूर्णिया चुनाव के दौरान Pappu Yadav ने किस पर लगाया जान से मारने का गंभीर इल्जाम? देखें वायरल वीडियो

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में बिहार की 5 सीटों पर वोटिंग शुरू हो गई है. इस बीच बिहार की हॉट सीट कही जाने वाली पूर्णिया से एक चौंकाने वाला बयान सामने आया है. पूर्णिया लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे राजनेता पप्पू यादव ने विपक्षी खेमे पर बड़ा आरोप लगाया है....

समाचार नामा 26 Apr 2024 10:00 am

चाकू मारो, पत्थर मारो, मार डालो…गुजरात में मुस्लिम भीड़ ने मंदिर के नीचे हिंदू दुकानदार पर किया हमला, बचाने आए लोगों को भी नहीं छोड़ा: 11 पर FIR दर्ज

गुजरात के भरूच में एक हिंदू व्यापारी पर मुस्लिम भीड़ ने जानलेवा हमला किया। इस दौरान उसे चाकू से मारने की और उसकी दुकान में आग लगाने की कोशिश भी हुई।

ऑप इंडिया 26 Apr 2024 9:39 am

हजारों महिलाओं की सेक्स वीडियो रिकॉर्डिंग, घर-घर जाकर अश्लील फोटो दिखा वोट न करने की अपील: एक्शन में महिला आयोग, नेता की ओर से ‘फर्जी’केस दर्ज

कर्नाटक महिला आयोग ने CM सिद्दारमैया से कथित तौर पर हासन में वायरल हो रही सेक्स वीडियो के विषय में जाँच करवाने को कहा है।

ऑप इंडिया 26 Apr 2024 9:39 am

ये चुनाव लोकतंत्र और संविधान बचाने का है : खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, पहले चरण में हम आगे थे, दूसरे दौर में भी आगे रहेंगे

देशबन्धु 25 Apr 2024 11:36 pm

पहले चरण के रूझानों से परेशान मोदी कांग्रेस के ‘न्याय पत्र’ को दे रहे हैं सांप्रदायिक रंग : जयराम

कांग्रेस ने गुरुवार को आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के पहले चरण के रुझानों से परेशान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबसे पुरानी पार्टी के ‘न्याय पत्र’ को सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं

देशबन्धु 25 Apr 2024 10:33 pm

राजस्थान में कॉन्ग्रेस की सहयोगी RLP की बगावत, बाड़मेर में मतदान से एक दिन पहले BJP प्रत्याशी कैलाश चौधरी को वोट देने की अपील

कॉन्ग्रेस के उम्मीदवार उम्मेदाराम बेनीवाल पहले आरएलपी में थे, लेकिन टिकट बंटवारे से ठीक पहले वो कॉन्ग्रेस में शामिल हो गए और कॉन्ग्रेस से लोकसभा प्रत्याशी बन गए। आरएलपी के स्थानीय नेता इसे विश्वासघात बता रहे हैं।

ऑप इंडिया 25 Apr 2024 9:33 pm

‘घर के काम पर होता है मूल्यांकन, न कि विदेश में कही गई बातों पर’: अमेरिकी यूनिवर्सिटीज में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों के खिार पुलिस कार्रवाई पर भारत

फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी पर भारत ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी की भावना का संतुलन होना चाहिए।

ऑप इंडिया 25 Apr 2024 8:04 pm

हिंदुओं से घृणा और इस्लामी कट्टरपंथ से मोहब्बत: प्रिंसिपल परवीन शेख पर ऑपइंडिया की रिपोर्ट से जागा मशहूर सोमैया स्कूल, बोला- करेंगे कार्रवाई

सोमैया ट्रस्ट ने ऑपइंडिया की रिपोर्ट के जवाब में कहा कि हमें परवीन शेख के इस पहलू के बारे में पता नहीं था, ये पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

ऑप इंडिया 25 Apr 2024 7:59 pm

मोदी देश के लिये चुनाव लड़ते है, देश की जनता ही मोदी का परिवार है : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

दिलीप सिंह की रिपोर्ट झाबुआ। लोकसभा चुनाव के चौथे चरण हेतु आज नामाकंन फार्म जमा करने के अंतिम दिन रतलाम लोकसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार श्रीमति अनिता नागर सिंह चौहान ने झाबुआ में जिला निर्वाचन अधिकारी नेहा मिणा के समक्ष अपना नामांकन फार्म जमा किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, केंद्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री जगदीश देवडा, केबिनेट मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया, केबिनेट मंत्री चेतन्य कश्यप, वन मंत्री नागरसिंह चौहान सहित झाबुआ, आलिराजपुर और रतलाम जिले के भाजपा के जिलाध्यक्ष उपस्थित थे। इस अवसर पर भाजपा की विशाल आमसभा झाबुआ के बस स्टेंड पर संम्पन्न हुई। जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने केंद्र की मोदी सरकार व भाजपा की प्रदेश सरकार द्वारा कराये गये विकास कार्यो को गिनाया और आदिवासीयों को बताया की भाजपा की सरकार ही आदिवासीयों का विकास करने वाली पार्टी है। मुख्यमंत्री ने कहा की प्रदेश और केंद्र की सरकार में विकास कार्य आगे भी जारी रहेगा। भाजपा का काल मोदी राज्य में राम राज्य की तरह है। मुख्यमंत्री ने कहा की भाजपा की सरकार गरीबों की सरकार है। मुख्यमंत्री ने कहा की अस्पतालों में भर्ती मरीजों को अगर अन्य किसी बड़े अस्पताल में भर्ती कराना होतो उसे आवश्यक हुआ तो एयरलिप्ट करने का निर्णय भी प्रदेश सरकार ने लिया है। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर करारा तंज कसते हुए कहा की कांग्रेस के पास यहां सिर्फ एक ही उम्मीदवार है विधायक बनाना होतो वही और सांसद का चुनाव लड़ाना हो तो भी वही, आपने कहा की कांग्रेस ने कभी आदिवासीयों का भला नहीं किया, लेकिन भाजपा ने आदिवासीयों को राष्ट्रपति के पद तक पहूंचाया। कांग्रेस ने कभी जमुना देवी या अन्य नेताओं को प्रदेश में मुख्यमंत्री तक नहीं बनाया। आपने कहा की अब कांग्रेस का उठावना करना होगा। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस के घोषणा पत्र का जिक्र करते हुए कहा की कांग्रेस आर्थिक सर्वेक्षण करा कर अधिक धन वालों का धन छिनकर उनका धन मुस्लमानों को देगें। लोगों की मेहनत की संपती कांग्रेस छिन लेगी और दूसरों को देंगे। मुख्यमंत्री ने सैम पित्रोदा के बयान पर कहा की वे तो एक कदम और आगे है और अमेरिका के नियम भारत में लागू करने की बात कर रहे है। कांग्रेस झूठ बोलने की मशीन हे एक झटके में गरीबी दूर करने की बात करते हो, इसके पहले जब सरकार कांग्रेस की थी तब गरीबी क्यों नहीं दूर की। आपने आदिवासी समुदाय से अपिल की कि मदतान के दिन 13 मई को एक एक वोट डलना चाहिये। इस अवसर पर कांग्रेस को बड़ा झटका लगा जबकि झाबुआ जिला युवा कांग्रेस के जिला अध्यक्ष व जिला पंचायत सदस्य विजय भाभर और जिला पंचायत सदस्य ममता बहादूर हठिला ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है। इन दो जिला पंचायत सदस्यों के कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में जाने से जिला पंचायत में वर्तमान में कांग्रेस का अध्यक्ष है आने वाले दिनों में इस पद पर भी लोकसभा चुनाव के बाद खेला होने की पूरी संभावना बन गई है। इसके पूर्व कल दिनांक 24 अप्रेल को कांग्रेस उम्मीदवार कांतिालाल भूरिया ने भी अपना नामाकंन फार्म भरा और इसी बस स्टेंड पर विशाल जनसभा को संबोधित किया था। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, विवके तनखा, बाला बच्चन, विधायक डॉ. विक्रांत भूरिया, विधायक वरसिंग भूरिया, विधायक जोबट सेना पटेल सहित रतलाम, सैलाना, झाबुआ और आलिराजपुर के कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित थे। रैली को संबोधित करते हुए जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार पर कई आरोप लगाते हुए कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने की अपिल की थी और कहा था कि कांतिलाल भूरिया का यह आखरी चुनाव है और इस बार कांतिलाल भूरिया का साथ दे। अखिलेश यादव ने कन्नौज लोकसभा सीट से दाखिल किया नामांकन जम्मू में लोकसभा चुनाव से पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम AAP के लिए वोट मांगने मैदान में उतरेंगी सीएम की पत्नी सुनीता केजरीवाल, भगवंत मान भी करेंगे प्रचार

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 25 Apr 2024 6:51 pm

बीजेपी ने चुनाव आयोग से की अभिषेक बनर्जी की शिकायत

कोलकाता, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई ने गुरुवार को भारतीय चुनाव आयोग से तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी के खिलाफ शिकायत की। उन पर निर्भया दीदी के नाम से मशहूर भाजपा उम्मीदवार श्रीरूपा मित्रा चौधरी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है।

समाचार नामा 25 Apr 2024 5:49 pm

गूगल पर इनहेरिटेंस टैक्स और सैम पित्रोदा को सबसे ज्यादा बार इस दिन किया गया सर्च

नई दिल्ली, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष और राहुल गांधी के करीबी सैम पित्रोदा के इनहेरिटेंस टैक्स (विरासत कर) पर दिए गए बयान को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। एक तरफ जहां सैम पित्रोदा के 'विरासत कर' वाले बयान से कांग्रेस ने खुद को अलग कर लिया है और इसे उनका निजी बयान बताया है।

समाचार नामा 25 Apr 2024 5:47 pm

पीएम मोदी के बांसवाड़ा भाषण पर चुनाव आयोग ने भाजपा को भेजा नोटिस

नई दिल्ली, 25 अप्रैल (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आदर्श आचार संहिता के तथाकथित उल्लंघन पर संज्ञान लेते हुए भारतीय निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस, भाकपा और भाकपा-माले की शिकायतों पर भारतीय जनता पार्टी से 29 अप्रैल तक जवाब मांगा है।

समाचार नामा 25 Apr 2024 5:45 pm

गर्लफ्रेंड का बर्गर खा गया दोस्त तो भड़क गया SSP का बेटा दानियाल नजीर, सुरक्षाकर्मी से रायफल छीन दाग दीं गोलियाँ, जज के बेटे की मौत

पाकिस्तान के कराची में SSP के बेटे ने अपने दोस्त की गोली मारकर इसलिए हत्या कर दी, क्योंकि उसने उसकी गर्लफ्रेंड का बर्गर खा लिया था।

ऑप इंडिया 25 Apr 2024 5:42 pm

मुंबई के मशहूर सोमैया स्कूल की प्रिंसिपल परवीन शेख को हिंदुओं से नफरत, PM मोदी की तुलना कुत्ते से… पसंद है हमास और इस्लामी हत्यारे

परवीन शेख मुंबई के मशहूर स्कूल द सोमैया स्कूल की प्रिंसिपल हैं। ये स्कूल मुंबई के घाटकोपर-ईस्ट इलाके में आने वाले विद्या विहार में स्थित है। परवीन शेख 12 साल से स्कूल से जुड़ी हुई हैं, जिनमें से 7 साल वो बतौर प्रिंसिपल काम कर चुकी हैं।

ऑप इंडिया 25 Apr 2024 5:09 pm

सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा, 'विपक्ष ने मेरी बहनों को मेरे खिलाफ खड़ा किया'

कडप्पा (आंध्र प्रदेश), 25 अप्रैल (आईएएनएस)। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार को बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उनके विरोधियों ने साजिश के तहत उनकी दो बहनों को उनके ही खिलाफ खड़ा कर दिया है।

समाचार नामा 25 Apr 2024 5:09 pm

'कन्नौज सीट अब सपा का गढ़ नहीं रही..', अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने पर भाभी अपर्णा ने कसा तंज

लखनऊ: स माजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की भाभी अपर्णा यादव ने उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी के लिए कन्नौज सीट अब आसान नहीं है। कुछ साल पहले भाजपा में शामिल हुईं अपर्णा यादव ने अपने भतीजे तेज प्रताप यादव की जगह कन्नौज से अखिलेश यादव की उम्मीदवारी के बारे में बात करते हुए यह टिप्पणी की। समाजवादी पार्टी ने सोमवार को तेज प्रताप को कन्नौज से अपना उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन बुधवार को उन्होंने अपना फैसला बदल दिया. अपर्णा यादव ने कहा, अखिलेश यादव अपने पिता के नक्शेकदम पर चल रहे हैं। मुलायम सिंह को जब भी लगा कि पार्टी को उनकी जरूरत है, तो वह खुद चुनावी मैदान में उतरे। हालाँकि, उन्होंने अपने जेठ को चीजों को हल्के में न लेने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि, कन्नौज में समाजवादी पार्टी के लिए यह आसान नहीं होगा। उन्होंने दावा किया कि कन्नौज के मौजूदा सांसद और भाजपा नेता सुब्रत पाठक ने इस निर्वाचन क्षेत्र में बहुत काम किया है, जिससे यह सपा के लिए एक चुनौतीपूर्ण युद्ध का मैदान बन गया है। . अपर्णा यादव ने कहा, ''मुलायम सिंह, जो मेरे ससुर हैं, के कारण यूपी में बहुत सी सीटें सुरक्षित मानी जाती थीं, जिसमे कन्नौज भी थी, लेकिन अब नहीं।'' कन्नौज से अखिलेश यादव को मैदान में उतारने के सपा के फैसले के बारे में बात करते हुए उन्होंने दावा किया कि पार्टी को भाजपा के खिलाफ रक्षात्मक रणनीति अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने कहा, ये INDI गठबंधन के नेता अब डरे हुए हैं। इसलिए अब उनके पास भाजपा से मुकाबला करने के लिए वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतारने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, यह पीएम मोदी को हराने की उनकी रणनीति है। अपर्णा यादव ने यह भी कहा कि बीजेपी का कन्नौज में दबदबा है और मतदाता इतना समझदार है कि वह जानता है कि पीएम मोदी ने बहुत काम किया है। उन्होंने कहा, पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाएंगे, चाहे मैदान में कोई भी हो। कन्नौज में अखिलेश यादव की उम्मीदवारी को लेकर विवाद तब गहरा गया जब सपा ने अचानक उनके भतीजे तेज प्रताप यादव को इस सीट से उम्मीदवार बना दिया। अखिलेश यादव ने गुरुवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया, वह पहले से अपने पास मौजूद सीट को फिर से हासिल करने की मांग कर रहे थे। जब पूछा गया कि क्या कन्नौज में सपा कार्यकर्ता चाहते हैं कि वह इस सीट से चुनाव लड़ें, तो अखिलेश यादव ने कहा, यहां सवाल इस सीट से ऐतिहासिक जीत का है। इस चुनाव में बीजेपी इतिहास बन जाएगी क्योंकि लोगों ने इंडिया ब्लॉक के लिए अपना मन बना लिया है। लोग इस बार एनडीए के खिलाफ वोट करने जा रहे हैं, पीडीए एनडीए को हराएगा।” अखिलेश यादव का कन्नौज लोकसभा सीट से पुराना इतिहास है, उन्होंने 2000, 2004 और 2009 में इसे जीता था। हालांकि, उनकी पत्नी डिंपल यादव ने बाद में इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया, 2012 और 2014 में, 2019 में बीजेपी के सुब्रत पाठक ने उन्हें हरा दिया था। कन्नौज में चल रहे लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को मतदान होगा। इंदिरा की पूरी संपत्ति पाने के लिए राजीव गांधी ने ख़त्म कर दिया था 'विरासत कानून' ! 40 सालों तक सरकार ले लेती थी आधी प्रॉपर्टी आधार, जनधन खाता, टैक्स प्रणाली...! पीएम मोदी की कई नीतियों के मुरीद हुए अंतर्राष्ट्रीय फाइनेंस कंपनी JP Morgan के CEO डिमन क्या निजी संपत्ति पर कब्ज़ा कर सकती है सरकार ? कांग्रेस के 30 साल पुराने कानून पर 9 'सुप्रीम' जज कर रहे सुनवाई !

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 25 Apr 2024 4:50 pm

'चुनाव के बाद कांग्रेस डायनासोर की तरह लुप्त हो जाएगी', राजनाथ सिंह का विपक्ष पर हमला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सैम पित्रोदा का बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष अमेरिका का कानून भारत में लागू करने की बात बोल रहे हैं, जिसमें परिवार के मुखिया के निधन के पश्चात् आधे से भी अधिक 55 प्रतिशत संपत्ति पर सरकार का कब्जा हो जाता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि इस प्रकार के कानून को भारत का नागरिक बिल्कुल स्वीकार नहीं करेंगे। लखीमपुर के विलोबी मैदान में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की नामांकन सभा को संबोधित करने पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। रक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस गरीबी हटाने की बात ही करती रही, किन्तु पिछले 10 वर्षों में पीएम नरेंद्र मोदी ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर किया। राजनाथ सिंह ने कहा पहले कांग्रेस के शासन में आतंकवादी घटनाएं होती रहती थी, किन्तु आज किसी की हिम्मत नहीं है, जो ऐसी हिम्मत कर सके। कोई कोशिश करेगा तो उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने 2008 के मुंबई हमले का जिक्र करते हुए कहा कि तब कांग्रेस के गृहमंत्री ने इस छोटी-मोटी घटना बता दिया था, जबकि हमारे कई अफसर हादसे में शहीद हो गए थे। राजनाथ सिंह ने कहा कि चुनाव के पश्चात् कांग्रेस डायनासोर की भांति लुप्त हो जाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कांग्रेस की सरकार में भारत एवं चीन की सीमा पर सड़क तक नहीं बन पाती थी। उनको लगता था कि चीनी घुस आएंगे। किन्तु अब कोई घुसने का प्रयास करेगा तो उसे माकूल जवाब दिया जाएगा। राजनाथ सिंह ने समाजवादी पार्टी पर भी तंज करते हुए कहा कि सपा का नाम अब समाप्त पार्टी हो चुका है। 8-9 वर्षों के पश्चात् बच्चे भी सपा का नाम भूल जाएंगे। अपने भाषण के चलते रक्षा मंत्री ने सरकार की उपलब्धियां गिरे उन्होंने कहा कि विश्व में अब भारत का दर्जा बदल चुका है। आज भारत कुछ बोलता है तो पूरी दुनिया कान खोल कर सुनती है। राजनाथ सिंह ने कहा कि रूस एवं यूक्रेन के युद्ध के चलते भारत के 30 हजार बच्चों को पीएम मोदी सुरक्षित निकाल कर लाए। उन्होंने रूस एवं यूक्रेन के राष्ट्र अध्यक्षों से बात की तथा साढ़े चार घंटे के लिए युद्ध रुकवा दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भाजपा वह पार्टी है जो बोलती है उसे करके दिखाती है। हमने जनसंघ के जमाने में ही यह वादा किया था कि हमारा दोनों सदनों में बहुमत होगा तो धारा 370 खत्म की जाएगी तथा हमने चुटकी बजाते हुए उसे समाप्त किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भव्य राम का मंदिर बनने का संकल्प लिया था। तब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी वाले तारीख पूछते थे। अब रामलाल झोपड़ी से महल में प्रवेश कर गए हैं तथा रामराज आ चुका है। बहन के लव मैरिज करने से नाराज थे भाई, तलवार से काट डाला जीजा का गला मनीष कश्यप ने थामा BJP का दामन, बोले- 'मेरी मां मोदी की फैन' दिग्विजय सिंह के बेटे ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को बताया 'बाहरी' प्रत्याशी', बोले- 'उनसे फोन पर बात करना असंभव'

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 25 Apr 2024 3:50 pm

'2025 तक आरक्षण को पूरी तरह ख़त्म कर देगी भाजपा..', तेलंगाना सीएम रेवंत रेड्डी ने क्यों लगाया ये आरोप ?

हैदराबाद: मुसलमानों के लिए आरक्षण को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रही राजनीतिक खींचतान के बीच, तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया है कि भाजपा निकट भविष्य में हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए आरक्षण को पूरी तरह से खत्म करने की योजना बना रही है। रेवंत रेड्डी ने दावा किया कि भाजपा अपने वैचारिक गुरु, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी वर्ष, 2025 तक आरक्षण खत्म कर देगी। कांग्रेस नेता ने आज गुरुवार को एक सार्वजनिक बैठक में कहा, 2025 तक, RSS 100 साल पूरे कर लेगा। वे 2025 तक एससी, एसटी, ओबीसी आरक्षण को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। कई बार, आरएसएस और भाजपा नेताओं ने आरक्षण के बारे में टिप्पणी की है।उन्होंने बताया कि भाजपा ने पहले मंडल आयोग की रिपोर्ट के कार्यान्वयन को रोक दिया था, जिसमें पिछड़ा वर्ग (बीसी) के लिए आरक्षण का प्रस्ताव था। रेड्डी ने आगे आरोप लगाया कि भाजपा का 'अबकी बार 400 पार' का लक्ष्य लोकसभा चुनाव में 400 सीटें जीतना था ताकि एससी, एसटी और बीसी समुदायों के लिए कोटा खत्म करने के लिए संसद में संख्या हासिल की जा सके। उन्होंने कहा, कुछ लोग भाजपा का समर्थन कर रहे हैं, जो आरक्षण खत्म करने की कोशिश कर रही है। ये लोकसभा चुनाव एससी, एसटी, बीसी आरक्षण पर एक जनमत संग्रह है। रेड्डी का बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुधवार को मध्य प्रदेश में एक रैली के दौरान की गई टिप्पणी के बाद आया है, जहां उन्होंने आरक्षण पर कांग्रेस पार्टी के रुख की आलोचना की थी। पीएम मोदी ने रेवंत रेड्डी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा था कि तेलंगाना के कांग्रेसी मुख्यमंत्री मुसलमानों के लिए आरक्षण सुनिश्चित करेंगे। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस द्वारा कर्नाटक में मुसलमानों को इस श्रेणी में शामिल करने का हवाला देते हुए ओबीसी के लिए आरक्षण को कम करने के खिलाफ चेतावनी दी। पीएम मोदी ने कांग्रेस पर धर्म के आधार पर आरक्षण नीतियों का राजनीतिकरण करने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए कहा, कांग्रेस एससी/एसटी/ओबीसी से आरक्षण छीनना चाहती है और इसे अपने विशेष वोट बैंक को देना चाहती है। उन्होंने कहा, ''कांग्रेस की यह कार्रवाई पूरे देश के ओबीसी समुदाय के लिए खतरे की घंटी है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने स्पष्ट रूप से तय किया था कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। बता दें कि, हाल ही में पिछड़ा आयोग ने भी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने राज्य के सभी मुस्लिमों को पिछड़ा मानते हुए OBC की श्रेणी में डाल दिया है और उन्हें आरक्षण दे रही है। पिछड़ा आयोग ने दावा किया है कि, ये संविधान के हिसाब से गलत है और इससे पिछड़ों का हक़ मारा जा रहा है। बता दें कि, कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने मुस्लिमों को OBC कोटे में से 4 फीसद आरक्षण दे रखा है, साथ ही अल्पसंख्यक होने के नाते उन्हें दूसरे लाभ भी दिए जाते हैं । जबकि हिन्दू OBC को केवल आरक्षण ही मिलता है, क्योंकि वे तो बहुसंख्यक हैं, जिनका कोटा कांग्रेस ने कम कर दिया है। क्या निजी संपत्ति पर कब्ज़ा कर सकती है सरकार ? कांग्रेस के 30 साल पुराने कानून पर 9 'सुप्रीम' जज कर रहे सुनवाई ! पति के दोस्त संग भाग गई थी महिला, 6 महीने बाद ही उतरा प्यार का बुखार और... 'चुनाव के बाद कांग्रेस डायनासोर की तरह लुप्त हो जाएगी', राजनाथ सिंह का विपक्ष पर हमला

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 25 Apr 2024 3:50 pm

नामांकन के बाद अखिलेश-बोले- 'नकारात्मक राजनीति का होगा खात्मा'

समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कन्नौज लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल किया। इस दौरान पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि हमें नकारात्मक राजनीति खत्म करना है

देशबन्धु 25 Apr 2024 3:37 pm

दिग्विजय सिंह के बेटे ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को बताया 'बाहरी' प्रत्याशी', बोले- 'उनसे फोन पर बात करना असंभव'

गुना: गु ना लोकसभा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार यादवेन्द्र सिंह यादव के लिए प्रचार में जुटे दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्द्धन सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को बाहरी उम्मीदवार बता दिया है। कांग्रेस MLA ने लोगों से कहा- उस व्यक्ति को उम्मीदवार चुनें जो सरलता से उपलब्ध हो सके। कांग्रेस उम्मीदवार राव यादवेंद्र सिंह के समर्थन में राघौगढ़ MLA जयवर्द्धन सिंह ने गुना शहर के विभिन्न वार्डों में जनसम्पर्क किया। जनसंपर्क के चलते जयवर्द्धन ने लोगों से कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे हाईप्रोफाइल एवं बाहरी नेता की बजाए स्थानीय जनप्रतिनिधि राव यादवेंद्र को अपना समर्थन दें, जिससे चुनाव सरलता से लोग अपने सांसद से मिल सकें तथा उनकी समस्या का समाधान हो सके। राव यादवेंद्र सिंह के समर्थन में कांग्रेस नेता जयवर्द्धन सिंह ने शहर में नुक्कड़ सभाओं को संबोधित किया। उन्होंने 'लाड़ली बहना योजना' के सामने 'नारी सम्मान योजना' का जिक्र करते हुए महिलाओं को बताया कि देश में कांग्रेस की सरकार बनती है तो प्रत्येक गरीब महिला को सालाना 1 लाख रुपए तक दिए जाएंगे। जयवर्द्धन सिंह ने बताया, 5 वर्ष पहले गुना की जनता संदेश दे चुकी है कि उन्हें बाहरी उम्मीदवार नहीं चाहिए, इसीलिए उन्होंने केपी यादव को चुना था। इसी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने इस बार उन 18 लाख मतदाताओं में से ही उम्मीदवार दिया है, जो इस लोकसभा क्षेत्र की सूची में सम्मिलित है। राघौगढ़ MLA ने लोगों को स्थानीय जनप्रतिनिधि चुनने के फायदे बताते हुए समझाया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया दिल्ली रहते हैं। कभी-कभी ग्वालियर आते हैं। माह में एक बार गुना भी आ जाते हैं। किन्तु उनसे सीधे फोन पर बात करना संभव नहीं है। जबकि यादवेंद्र जमीन से जुड़े नेता हैं, उनसे कभी सम्पर्क किया जा सकता है। यादवेन्द्र सहज रूप से उपलब्ध होंगे। जयवर्धन ने बीजेपी द्वारा दिए जा रहे डबल इंजन के जुमले की तुलना में बमौरी MLA एवं उनकी जोड़ी को डबल इंजन बताया। जबकि यादवेंद्र को जिताने पर ट्रिपल इंजन तैयार होने की बात कही। कांग्रेस प्रत्याशी यादवेंद्र सिंह ने बयान देते हुए कहा कि स्वतंत्रता के पश्चात् से निरंतर एक ही परिवार को सांसद के रूप में चुनने के बाद भी क्षेत्र में विकास नहीं हो पा रहा है। अधिकतर युवा बेरोजगार हैं, रोजगार के तलाश में अन्य प्रदेशों का रुख करते हैं। इसी प्रकार बिजली बिल कमर तोड़ रहे हैं, यदि कोई गरीब बिल जमा नहीं कर पा रहा है तो उसके खिलाफ निरंतर मुकदमा दर्ज किए जा रहे हैं। यादवेंद्र ने दावा किया कि क्षेत्र ने उन्हें चुना तो लोगों के जीवन में परिवर्तन आएगा तथा ऐसे मुद्दों पर पहले काम किया जाएगा, जो रोजमर्रा की गतिविधियों पर प्रभाव डालते हैं। पीएम मोदी और राहुल गांधी ने किया आचार संहिता का उल्लंघन, शिकायत पर चुनाव आयोग ने कांग्रेस-भाजपा से माँगा जवाब पटना जंक्शन के पास होटल में लगी भयंकर आग, खतरे में कई लोगों की जान 'सबूत मिटने के लिए 170 फोन तोड़े, केजरीवाल ही हैं शराब घोटाले के मास्टरमाइंड..', सुप्रीम कोर्ट में ED का हलफनामा

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 25 Apr 2024 2:50 pm

मनीष कश्यप ने थामा BJP का दामन, बोले- 'मेरी मां मोदी की फैन'

पटना: बिहार के मशहूर यूट्यूब स्टार मनीष कश्यप ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है। मनीष कश्यप को भारतीय जनता पार्टी सांसद एवं भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी पार्टी मुख्यालय लेकर पहुंचे थे। उनके साथ मनीष कश्यप की मां भी थीं। मनीष कश्यप बिहार ही नहीं बल्कि बिहार के बाहर भी एक सोशल मीडिया का एक लोकप्रिय चेहरा हैं। उन्होंने इससे पहले बिहार की पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र भरा था। किन्तु खबर है कि वो अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। मनीष कश्यप पूरे बिहार में भाजपा और भाजपा के सहयोगी दलों के लिए चुनाव प्रचार करेंगे। उन्होंने बेतिया में चुनाव प्रचार आरम्भ भी कर दिया है। भाजपा ज्वाइन करने के पश्चात् मनीष कश्यप ने कहा है कि मेरी मां मोदी जी की फैन हैं। मैं जब जेल में था तब मनोज तिवारी जी ने मेरी मां को बहुत संबल दिया था। मनीष कश्यप ने कहा कि मेरी मां ने कहा है कि तुमको मोदी जी के साथ खड़ा होना है। फिर ये मेरे लिए आखिरी बात हो गई। अब मैं पार्टी के लिए पूरी तरह काम करूंगा। वहीं मनीष कश्यप के भाजपा ज्वाइन करने पर सांसद मनोज तिवारी ने बोला कि इनकी योग्यता के मुताबिक भाजपा हमेशा इनको सम्मान देगी। इनके साथ उनकी माता जी भी मंच पर ज्वॉइन करने आई हैं, ये सुखद है। मनोज तिवारी ने कहा कि मनीष कश्यप ने जनता का मुद्दा उठाया है तथा हमेशा मोदी जी के पक्ष में बातें कही हैं। किन्तु इस देश के कुछ राजनीतिक दलों ने इनकी आवाज दबाने के लिए जेल में बंद कर दिया। CM योगी से मिले UPSC टॉपर आदित्य श्रीवास्तव, पोस्ट शेयर कर कही ये बात पीएम मोदी और राहुल गांधी ने किया आचार संहिता का उल्लंघन, शिकायत पर चुनाव आयोग ने कांग्रेस-भाजपा से माँगा जवाब पटना जंक्शन के पास होटल में लगी भयंकर आग, खतरे में कई लोगों की जान

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 25 Apr 2024 2:50 pm

Lok Sabha Elections 2024 के दूसरे चरण से पहले लालू यादव को लगा बड़ा झटका, BJP में शामिल हुआ ये कद्दावर नेता, मीसा भारती की बढ़ाएगा टेंशन

लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टियों के बीच दलबदल और जोड़-तोड़ चरम पर है. इसी क्रम में बुधवार को मनेर विधानसभा क्षेत्र से चार बार विधायक रहे श्रीकांत निराला ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की. निराला को बीजेपी के प्रदेश सह....

समाचार नामा 25 Apr 2024 2:32 pm

क्या सरकार लोगों की निजी संपत्ति छीन सकती है, आर्टिकल 39बी क्या कहता है? 22 साल बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हरेक की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा। हमारी बहनों के पास सोना कितना है उसकी जांच की जाएगी और उसका हिसाब लगाया जाएगा। चांदी कितना है, उसकी जांच की जाएगी। संपत्ति को समान रूप से वितरित करने की बात कांग्रेस की तरफ से कही जा रही है। पीएम मोदी ने सवाल करते हुए लोगों से पूछा कि आपकी मेहनत करके कमाई गई संपत्ति क्या सरकार को एंठने का अधिकार है क्या? पहले जब उनकी सरकार थी तो उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति एकट्ठा करके जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक रैली में लोगों को संबोधित करते हुए कहा था कि हम सत्ता में आते हैं तो पिछड़ों की सही आबादी जानने के लिए एक जाति जनगणना करेंगे। उसके बाद वित्तीय और संस्थागत सर्वेक्षण शुरू होगा। हम भारत की संपत्ति, नौकरियां और अन्य कल्याणकारी योजनाओं को उनकी जनसंख्या के आधार पर वितरित करने का ऐतिहासिक कार्य करेंगे। अगर इसे ऐसे समझें तो देश की संपत्ति को लोगों के बीच समान रूप से वितरित करने का कार्य किया जाएगा। लेकिन सत्ता पक्ष के द्वारा कहा गया कि कांग्रेस कह रही है कि वो लोगों की निजी संपत्ति छीन लेगी और इसे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 2006 के बयान से जोड़ दिया गया। बाद में कांग्रेस नेता और राजीव, सोनिया के सलाहकार रहे सैम पित्रोदा की तरफ से विरासत टैक्स लगाए जाने की बात कही जाने के बाद संपत्ति देखते ही देखते इस चुनाव में ट्रेंडिंग टॉपिक बन गया। ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या राज्य के पास शक्ति है कि वो हमारे संपत्ति को छीन सकता है। संविधान में क्या ऐसा कोई प्रावधान है? सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर क्या चल रहा है। इसे भी पढ़ें: क्या है विरासत टैक्स? मंगलसूत्र, मुसलमान के बाद अब क्या अमेरिका मॉडल के बहाने आम लोगों की संपत्ति पर है कांग्रेस की नजर? क्या है अनुच्छेद 39बी हमारे संविधान के भाग 4 राज्य के नीति निदेशक तत्व यानी डीपीएसपी में अनुच्छेद 39बी समावेशित है। अनुच्छेद 39बी में कहा गया है कि समुदाय के भौतिक संशाधनों का स्वामित्व और नियंत्रण इस प्रकार वितरित किया जाए कि आम भलाई के लिए उसका सर्वोत्तम प्रयोग हो सके। अगर इसे सरल भाषा में समझें तो कहा जा सकता है कि देश के संशाधनों का प्रयोग देशहित में होना चाहिए। आम लोगों के हित में होना चाहिेए। अब इसकी व्याख्या में क्या केवल सार्वजनिक संपत्ति को छीनकर गरीबों में बांटा जा सकता है? या निजी संपत्ति को भी लेकर गरीबों में बांटा जा सकता है। इस मुद्दे पर पेंच फंसा हुआ है। 1977 का रंगनाथन रेड्डी केस ये मुद्दा काफी पुराना है। 2002 में सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की बेंच को इस मुद्दे को सौंपा जा चुका है। लेकिन अलग अलग समय पर अलग अलग वादों के माध्यस से आर्टिकल 39बी को व्याख्यायित किया गया। सबसे पहले 1977 में रंगनाथन रेड्डी केस में पांच जजों की बेंच ने अनुच्छेद 39बी पर सुनवाई की थी क्या भौतिक संसाधनों में निजी संपत्ति भी शामिल है। चार जजों ने निजी संपत्ति के शामिल होने की बात को खारिज कर दिया। जबकि इसी फैसले में एक अन्य न्यायधीश कृष्ण अय्यर ने कहा कि निजी संपत्ति भी शामिल है। इसे भी पढ़ें: हमारा इस्लाम और अल्लाह सबके साथ मिलकर चलना सिखाता है, पीएम मोदी की 'मंगलसूत्र' वाली टिप्पणी पर फारूक अब्दुल्ला ने दिया जवाब 1983 संजीव कोक केस साल 1983 में इसी मामले में पांच जजों की बेंच फिर से बैठी। लेकिन पांच जजों की बेंच ने पिछले फैसले से उलट ये मानते हुए कह दिया कि आर्टिकल 39बी में निजी संपत्ति भी शामिल है। यानी आप समरूप से वितरण में ऐसा कर सकते हैं। बाद में 1997 में मफतलाल वाद में कहा गया कि ये मुद्दा काफी पेंचीदा है। इस विषय पर शोध करने का काम सुप्रीम कोर्ट की नौ जजों की बेंच को दे दिया जाना चाहिए। 2002 में सात जजों की बेंच ने महाराष्ट्र के मुद्दे पर आर्टिकल 39बी पर विचार हो रहा था और फिर इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में इसे 9 जजों की बेंच को रेफर कर दिया गया। 22 साल बाद अब क्यों इसको लेकर चर्चा हुई तेज सुप्रीम कोर्ट ने 23 अप्रैल को नौ जजों की पैनल ने संविधान के अनुच्छेद 39बी की व्याख्या के लिए कार्यवाही शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य ये स्पष्ट करना है कि क्या राज्य की नीति का ये निदेशक सिद्धांत सरकार को व्यापक सार्वजनिक कल्याण के लिए समुदाय के भौतिक संसाधनों के बहाने निजी स्वामित्व वाली संपत्तियों का प्रबंधन और पुनर्वितरण करने की अनुमति देता है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से 24 अप्रैल को कहा कि संविधान का उद्देश्य सामाजिक बदलाव की भावना लाना है और यह कहना खतरनाक होगा कि किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति को ‘समुदाय का भौतिक संसाधन’ नहीं माना जा सकता और सार्वजनिक भलाई के लिए राज्य प्राधिकारों द्वारा उस पर कब्जा नहीं किया जा सकता। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली नौ-सदस्यीय संविधान पीठ ने ये टिप्पणी की। पीठ में न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला, न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा, न्यायमूर्ति राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह भी शामिल थे। मार्क्सवादी दृष्टिकोण का जिक्र सीजेआई ने कहा कि हमें 1977 के रंगनाथ रेड्डी मामले में अनुच्छेद 39(बी) की जस्टिस कृष्णा अय्यर की मार्क्सवादी समाजवादी व्याख्या तक जाने की जरूरत नहीं है। लेकिन सामुदायिक संसाधनों में निश्चित रूप से वे संसाधन शामिल होंगे जिन पर वर्तमान पीढ़ी भरोसा करती है। सीजेआई ने कहा कि सामुदायिक संपत्ति में प्राकृतिक संसाधन शामिल होंगे।

प्रभासाक्षी 25 Apr 2024 2:32 pm

PM Modi और Rahul Gandhi के चुनावी भाषणों पर चुनाव आयोग ने पार्टी को भेजा नोटिस, मांगा जवाब

लोकसभा चुनाव के बीच नेता खूब सियासी बयानबाजी कर रहे हैं. इस समय संपत्ति बंटवारे को लेकर बीजेपी और कांग्रेस नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है. पीएम मोदी लगातार देशभर में चुनावी रैलियां कर रहे हैं.....

समाचार नामा 25 Apr 2024 2:28 pm

मार्क्सवादी सोच पर काम नहीं करेंगे काम: संपत्ति के बँटवारे पर बोला सुप्रीम कोर्ट, कहा- निजी प्रॉपर्टी नहीं ले सकते

संपत्ति के बँटवारे केस सुनवाई करते हुए सीजेआई ने कहा है कि वो मार्क्सवादी विचार का पालन नहीं करेंगे, जो कहता है कि सब संपत्ति राज्य की है।

ऑप इंडिया 25 Apr 2024 1:23 pm

मोहम्मद जुबैर को ‘जेहादी’कहने वाले व्यक्ति को दिल्ली पुलिस ने दी क्लीनचिट, कोर्ट को बताया- पूछताछ में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला

मोहम्मद जुबैर को 'जेहादी' कहने वाले जगदीश कुमार को दिल्ली पुलिस ने क्लीनचिट देते हुए कोर्ट को बताया कि उनके खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला।

ऑप इंडिया 25 Apr 2024 1:21 pm

‘इंदिरा की संपत्ति के लिए राजीव गाँधी सरकार ने बदल दिया था कानून, 4 पीढ़ियों तक नामदारों ने की मौज’: पीएम मोदी ने बताई ‘विरासत कर’की सियासत

पीएम मोदी ने कहा कि मैंने पहले ही दिन कहा था कि इनका मेनिफेस्टो मुस्लिम लीग का ही प्रतिबिंब है।

ऑप इंडिया 25 Apr 2024 1:21 pm

Interview: ईवीएम पर बार-बार सवाल उठाना गलत: हरदीप पुरी

विपक्ष ईवीएम मशीन को लेकर एक बार फिर सत्ता पक्ष पर हमलावर हुआ है। हालांकि, मामला सुप्रीम कोर्ट में है, जहां लगातार बहसें हो रही हैं। विपक्ष के तमाम आरोपों को पत्रकार रमेश ठाकुर के साथ बातचीत में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दूर करने की कोशिश की। पेश हैं बातचीत के मुख्य हिस्से। प्रश्नः ईवीएम मशीन पर लगने वाले आरोप कभी दूर होंगे भी या नहीं? उत्तरः विपक्ष को हार की कुंठा कहीं तो निकालनी ही पड़ेगी। चुनाव चाहे छोटा हो या बड़ा, सभी चुनौतियों से भरे होते हैं। सोशल मीडिया का जमाना है और एआई तकनीक के मकड़जाल के दौर में स्वतंत्र चुनाव कराना आयोग के समक्ष निश्चित रूप से चुनौती है। पर, ‘भारतीय चुनाव आयोग’ ऐसे अजन्मी समस्याओं से हर सूरत में निपटने को तैयार है। चुनाव की स्वतंत्रता और निष्पक्षता के लिए आयोग नई आधुनिक तकीनीकों का इस्तेमाल कर रहा है। आयोग में काबिल ऑफिसर हैं। आयोग पर बेशक विपक्ष कितना भी आरोप क्यों न लगाए। लेकिन ये सच है हमारा आयोग निष्पक्ष और सशक्त है। प्रत्येक चुनौतियों से निपटकर आयोग साफ-सुथरा चुनाव संपन्न करवाएगा। प्रश्नः विपक्षी दल ईवीएम को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचे हुए हैं? उत्तरः मुझे लगता है कि स्वतंत्र चुनाव आयोग व चुनावी प्रक्रिया की अवधारणा, समानता व स्वंतंत्रता के अधिकार के साथ भारतीय लोकतंत्र की विश्व में अलग प्रतिष्ठा कायम हो चुकी है। ईवीएम का इस्तेमाल भारत में ही नहीं, बल्कि तमाम पड़ोसी मुल्क भी ईवीएम और भारतीय चुनाव आयोग की मदद लेते हैं। उनको भी ईवीएम में कभी कोई खामियां नहीं दिखीं। फिर विपक्ष का बार-बार ईवीएम पर छाती पीटना और रोना-चिल्लाना, कोई तुक नहीं बनता? आयोग ने कई मर्तबा ईवीएम की तकनीकों के संबंध में जैसे, डिवाइस, मॉनिटरिंग सिस्टम व इस्तेमाल के तरीकों से विपक्ष के नेताओं का अवगत करवाया है। बावजूद इसके हारने के बाद विरोधी खेमा अपनी पराजय की कुंठा ईवीएम पर निकालते हैं। हालांकि, मौजूदा चुनाव में मुझे नहीं लगता, ईवीएम का कोई मुद्दा है। इसे भी पढ़ें: Interview: अमेरिकी कंपनी ‘टेक माइक्रोसाफट’ के अंदेशों को इग्नोर न करें चुनाव आयोगः सुप्रिया श्रीनेत प्रश्नः पहले चरण में मतदान उम्मीद से भी कम हुआ? उत्तरः ये बड़ा विषय है। मुझे लगता है इस पर पक्ष-विपक्ष को मिलकर व्यापक स्तर पर चर्चा करनी जरूरी? क्योंकि ये मुद्दा सिर्फ सत्ता पक्ष के लिए ही जरूरी नहीं, बल्कि विपक्ष के लिए भी उतना ही महत्व रखता है। चुनाव चाहे छोटे हो, या बड़े उनमें मतदाताओं की उदासीनता के कारणों को जानना आयोग के लिए अतिजरूरी हो जाता है। क्योंकि चुनावों में आयोग की भूमिका बहुत बड़ी होती है। लोकतंत्र की मजबूत नींव रखने में जिस तरह से चुनाव आयोग अपना रोल निभाता है, जिसपर लोग आंखमूंद कर भरोसा करते है। देश चाहता है आयोग अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाए। कोई कमी न रहे, इसलिए केंद्र सरकार आयोग को हर जरूरत मुहैया करवाता है। फिलहाल आयोग की टीमें सशक्त हैं, काबिल से काबिल अफसर विभाग में हैं। प्रश्नः चुनाव आयोग की कार्यशैली को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं? उत्तरः मुझे लगता है बहुत मजबूती से आयोग इस बार के चुनाव में लगा है। धरपकड़ तेज है। पहले चरण के चुनाव से पूर्व आयोग ने 4658.13 करोड़ रूपए जब्त किए हैं। इसके अलावा भारी मात्रा में राजस्थान से नशीली दवाओं, शराब, कीमती धातुएं, मुफत बांटी जाने वाली वस्तुएं और अवैध नकदी पकड़ी है। आयोग के मुताबिक ये सिलसिला पूरे चुनाव में सभी 543 संसदीय क्षेत्रों में जारी रहेगा। आयोग ने खुद माना है कि 75 वर्ष के चुनावी इतिहास में इतनी बड़ी जब्ती हुई है। देखिए, आरोप लगाना बड़ा आसान होता। आरोप लगाने से पहले थोड़ा ये जरूर सोचना चाहिए कि बिलावजह के आरोपों से आयोग का मनोबल कमजोर भी होगा। आयोग स्वंतत्र संस्था है, उसे खुलकर काम करने देना चाहिए। मोदी सरकार में सभी संस्थाएं स्वतंत्र होकर काम कर रही हैं। प्रश्नः विपक्ष का एक आरोप ये भी कि विदेशों में बैठे हैकर्स चुनाव में गड़बड़ी कर सकते हैं? उत्तरः देखिए, ऐसी सूचनाएं मात्र अफवाह सी लगती हैं। इसमें कोई दम नहीं है? चुनावों में वोटरों को लुभाने एवं भ्रमित करने को पेड न्यूज और स्टिंग ऑपरेशन के बाद हैकर्स गड़बड़ी करते जरूर हैं। पर, ऐसी हरकतों से निपटने के लिए इस बार चुनाव आयोग ने अलग से एआई विभाग भी गठित किया है, जो ऐसे तत्वों पर पैनी नजर रखे हुए है। मेरी अपील है कि वोटर किसी भ्रम में न पड़े, निश्चिंत होकर बूथ जाएं और अपना मतदान करें। -बातचीत में जैसा केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने डॉ. रमेश ठाकुर से कहा

प्रभासाक्षी 25 Apr 2024 1:16 pm

भारत में धार्मिक पर्यटन छू रहा नित नई ऊंचाइयां

हाल ही के समय में भारत के नागरिकों में “स्व” का भाव विकसित होने के चलते देश में धार्मिक पर्यटन बहुत तेज गति से बढ़ा है। अयोध्या धाम में प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर में श्रीराम लला के विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा के पश्चात प्रत्येक दिन औसतन 2 लाख से अधिक श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं। यह तो केवल अयोध्या की कहानी है इसके साथ ही तिरुपति बालाजी, काशी विश्वनाथ मंदिर, उज्जैन में महाकाल लोक, जम्मू स्थित वैष्णो देवी मंदिर, उत्तराखंड में केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री एवं यमनोत्री जैसे कई मंदिरों में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ रही है। भारत में धार्मिक पर्यटन में आई जबरदस्त तेजी के बदौलत रोजगार के लाखों नए अवसर निर्मित हो रहे हैं, जो देश के आर्थिक विकास को गति देने में सहायक हो रहे हैं। जेफरीज नामक एक बड़ी अंतरराष्ट्रीय ब्रोकरेज कम्पनी ने बताया है कि अयोध्या में निर्मित प्रभु श्रीराम के मंदिर से भारत की आर्थिक सम्पन्नता बढ़ने जा रही है। दिनांक 22 जनवरी 2024 को अयोध्या में सम्पन्न हुए प्रभु श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद स्थानीय कारोबारी अपना उज्जवल भविष्य देख रहे हैं। अयोध्या धार्मिक पर्यटन का हब बनाने जा रहा है तथा अब अयोध्या दुनिया का सबसे बड़ा तीर्थ क्षेत्र बन जाएगा। धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से अयोध्या दुनिया का सबसे बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। जेफरीज के अनुसार अयोध्या में प्रति वर्ष 5 करोड़ से अधिक पर्यटक आ सकते हैं। अभी अयोध्या में केवल 17 बड़े होटल हैं इनमें कुल मिलाकर 590 कमरे उपलब्ध हैं। लेकिन, अब 73 नए होटलों का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से 40 होटलों का निर्माण कार्य प्रारम्भ भी हो चुका है। अभी तक नए एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, टाउनशिप और रोड कनेक्टिविटी में सुधार जैसे कामों पर 85,000 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। इस निवेश का स्थानीय अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर दिखाई देने जा रहा है। शीघ्र ही अयोध्या वैश्विक स्तर पर धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में उभरेगा। इससे होटल, एयरलाईन, हॉस्पिटलिटी, ट्रैवल, सिमेंट जैसे क्षेत्रों को बहुत बड़ा फायदा होने जा रहा है। भारत के विभिन्न शहरों से 1000 के आसपास नई रेल अयोध्या के लिए चलाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पूरे देश से दिनांक 23 जनवरी 2024 के बाद से प्रतिदिन भारी संख्या में धार्मिक पर्यटक अयोध्या पहुंच रहे हैं। यह हर्ष का विषय है कि पहिले दिन ही 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रभु श्रीराम के दर्शन किये हैं। विश्व के कई अन्य देश भी धार्मिक पर्यटन के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्थाएं सफलतापूर्वक मजबूत कर रहे हैं। सऊदी अरब धार्मिक पर्यटन से प्रति वर्ष 22,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर अर्जित करता है। सऊदी अरब इस आय को आगे आने वाले समय में 35,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक ले जाना चाहता है। मक्का में प्रतिवर्ष 2 करोड़ लोग पहुंचते हैं, जबकि मक्का में गैर मुस्लिम के पहुंचने पर पाबंदी है। इसी प्रकार, वेटिकन सिटी में प्रतिवर्ष 90 लाख लोग पहुंचते हैं। इस धार्मिक पर्यटन से अकेले वेटेकन सिटी को प्रतिवर्ष लगभग 32 करोड़ अमेरिकी डॉलर की आय होती है, और अकेले मक्का शहर को 12,000 करोड़ अमेरिकी डॉलर की आमदनी होती है। अयोध्या में तो किसी भी धर्म, मत, पंथ मानने वाले नागरिकों पर किसी भी प्रकार की पाबंदी नहीं होगी। अतः अयोध्या पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 5 से 10 करोड़ तक प्रतिवर्ष जा सकती है। फिर अकेले अयोध्या नगर को होने वाली आय का अनुमान तो सहज रूप से लगाया जा सकता है। अभी अयोध्या आने वाले श्रद्धालु अयोध्या में रूकते नहीं थे प्रात: अयोध्या पहुंचकर प्रभु श्रीराम के दर्शन कर शाम तक वापिस चले जाते थे परंतु अब अयोध्या को इतना आकर्षक रूप से विकसित किया गया है कि श्रद्धालु 3 से 4 दिन रुकने का प्रयास करेंगे। एक अनुमान के अनुसार, प्रत्येक पर्यटक लगभग 6 लोगों को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध कराता है। इस संख्या के हिसाब से तो लाखों नए रोजगार के अवसर अयोध्या में उत्पन्न होने जा रहे हैं। अयोध्या के आसपास विकास का एक नया दौर शुरू होने जा रहा है। यह कहना भी अतिशयोक्ति नहीं होगा कि अब अयोध्या के रूप में वेटिकन एवं मक्का का जवाब भारत में खड़ा होने जा रहा है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने भी धरातल पर बहुत कार्य सम्पन्न किया है। साथ ही, अब इसके अंतर्गत एक रामायण सर्किट रूट को भी विकसित किया जा रहा है। इस रूट पर विशेष रेलगाड़ियां भी चलाए जाने की योजना बनाई गई है। यह विशेष रेलगाड़ी 18 दिनों में 8000 किलो मीटर की यात्रा सम्पन्न करेगी, इस विशेष रेलगाड़ी के इस रेलमार्ग पर 18 स्टॉप होंगे। यह विशेष रेलमार्ग प्रभु श्रीराम से जुड़े ऐतिहासिक नगरों अयोध्या, चित्रकूट एवं छतीसगढ़ को जोड़ेगा। अयोध्या में नवनिर्मित प्रभु श्रीराम मंदिर वैश्विक पटल पर इस रूट को भी रखेगा। इसे भी पढ़ें: विकसित देश भारत के आर्थिक दर्शन को लागू कर अपनी आर्थिक समस्याओं का हल निकाल सकते हैं केंद्र सरकार द्वारा भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लगातार किए जा रहे प्रयासों का परिणाम भी अब दिखाई देने लगा है। “मेक माई ट्रिप इंडिया ट्रैवल ट्रेंड्स रिपोर्ट” के अनुसार, भारत के नागरिक अब पहले के मुकाबले अधिक यात्रा कर रहे हैं। भारत के नागरिकों द्वारा विशेष रूप से अयोध्या, उज्जैन एवं बदरीनाथ जैसे आध्यात्मिक स्थलों के बारे में अधिक जानकारी हासिल की जा रही है। उक्त जानकारी “मेक माई ट्रिप” के प्लेटफार्म के 10 करोड़ से अधिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं से प्राप्त जानकारी के आधार पर सामने आई है। वर्ष 2019 के बाद से भारत में एक वर्ष में तीन से अधिक यात्राएं करने वाले लोगों की संख्या में 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। उक्त रिपोर्ट के अनुसार, आध्यात्मिक पर्यटन सम्बंधी जानकारी हासिल करने की गतिविधियों में वर्ष 2021 की तुलना में वर्ष 2023 में 97 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। विशेष रूप से अयोध्या के सम्बंध में जानकारी हासिल करने सम्बंधी गतिविधियों में वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में 585 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज हुई है। इसी प्रकार, उज्जैन एवं बदरीनाथ जैसे धार्मिक स्थलों के सम्बंध में भी जानकारी हासिल करने वाले नागरिकों की संख्या में क्रमशः 359 प्रतिशत और 343 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। भारत में अब पारिवारिक यात्रा की बुकिंग भी बहुत तेज गति से बढ़ रही है। इसमें वर्ष 2022 के तुलना में वर्ष 2023 में 64 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। जबकि इसी अवधि में एकल यात्रा की बुकिंग में केवल 23 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उक्त जानकारी को भारत के नागरिक विमानन मंत्रालय द्वारा जारी एक जानकारी से भी बल मिलता है कि भारत में घरेलू हवाई यातायात अब एक नए मुकाम पर पहुंच गया है। दिनांक 21 अप्रेल 2024 (रविवार) को रिकार्ड 471,751 यात्रियों ने 6,128 उड़ानों के माध्यम से, भारत में हवाई सफर किया है। इसके पूर्व हवाई यातायात करने वाले नागरिकों की औसत संख्या, कोरोना महामारी के पूर्व के खंडकाल में, 398,579 यात्रियों की थी। इसमें 14 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। देश में धार्मिक पर्यटन में हो रही भारी वृद्धि के चलते भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में भी तेजी दिखाई देने लगी है। वित्तीय वर्ष 2023-24 की तृतीय तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर ने भारत सहित विश्व के समस्त आर्थिक विश्लेषकों को चौंका दिया है। इस दौरान, भारत में सकल घरेलू उत्पाद में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हासिल हुई है जबकि प्रथम तिमाही के दौरान वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत एवं द्वितीय तिमाही के दौरान 7.6 प्रतिशत की रही थी। पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत रही थी। जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष एवं विश्व बैंक ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 6.3 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था। इसी प्रकार, क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इकरा ने 6.5 प्रतिशत, एशिया विकास बैंक एवं बार्कलेस एवं प्राइस वॉटर कूपर्स ने 6.7 प्रतिशत, डेलाईट इंडिया ने 7 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान लगाया था। परंतु, समस्त विदेशी संस्थानों के अनुमानों के झुठलाते हुए भारत की आर्थिक विकास दर लगभग 8 प्रतिशत की रही है। यह सब देश में लगातार बढ़ते धार्मिक पर्यटन एवं विभिन त्यौहारों तथा शादी जैसे समारोहों पर भारतीय नागरिकों द्वारा दिल खोलकर पैसा खर्च करने के चलते सम्भव हो पा रहा है। इससे त्यौहारों एवं शादी के मौसम में व्यापार के विभिन्न क्षेत्रों में अतुलनीय वृद्धि दृष्टिगोचर होती है। जैसे दीपावली त्यौहार के समय भारत में नागरिकों के बीच विभिन्न नए उत्पादों की खरीद के लिए जैसे आपस में होड़ सी लग जाती है। भारत में लाखों करोड़ रुपए का व्यापार दीपावली त्यौहार के समय में होता है। इसी प्रकार की स्थिति शादियों के मौसम में भी पाई जाती है। संभवत: विदेशी वित्तीय संस्थान भारत में हो रहे इस तरह के उक्त वर्णित परिवर्तनों को समझ नहीं पा रहे हैं एवं केवल पारंपरिक विधि से ही सकल घरेलू उत्पाद को आंकने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए भारत की विकास दर के संबंच में विभिन्न विदेशी संस्थानों के अनुमान गलत साबित हो रहे हैं। - प्रहलाद सबनानी सेवा निवृत्त उप महाप्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक के-8, चेतकपुरी कालोनी, झांसी रोड, लश्कर, ग्वालियर - 474 009

प्रभासाक्षी 25 Apr 2024 12:56 pm

देश को संदेश देने में नाकाम रही विपक्ष की रांची रैली

विपक्षी दलों की झारखंड की राजधानी रांची में हुई महारैली देश को कोई स्पष्ट संदेश नहीं दे सकी। हांलाकि इससे बड़ी उम्मीद थी। उम्मीद थीं कि राजनैतिक दल अपने चुनाव घोषणा पत्र अब तक प्रस्तुत कर चुके हैं। इस रैली में वे काँमन मिनीमम कार्यक्रम जारी कर सकतें हैं किंतु ऐसा कुछ नही हुआ। हर बार की तरह सिर्फ भाषण तक ही सीमित रही रैली। झारखंड की राजधानी रांची में विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' ने 'उलगुलान न्याय महारैली' का नाम दिया गया है। इस दौरान मंच में बड़े-बड़े दिग्गज नेता मौजूद रहे। इसके साथ ही मंच पर दो खाली कुर्सियां रखी गईं। एक जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए और दूसरी झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के लिए। उनकी जगह केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने मंच साझा किया। भारी संख्या में लोग रैली में पहुंचे रैली के दौरान भीड़ ने 'जेल का ताले टूटेंगे, हेमंत सोरेन छूटेंगे' और 'झारखंड झुकेगा नहीं' जैसे नारे लगाए। झारखंड की राजधानी का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास होने के बावजूद भारी संख्या में लोग रैली में शामिल हुए। चिलचिलाती गर्मी के बीच सभी रैली के समर्थन जुटे रहे। 'उलगुलान' शब्द, जिसका अर्थ क्रांति है। इसे आदिवासियों के अधिकारों के लिए अंग्रेजों के खिलाफ बिरसा मुंडा की लड़ाई के दौरान गढ़ा गया था। इसे भी पढ़ें: चुनाव में चले सियासी तीर, कांग्रेस के घोषणापत्र पर आक्रामक हुई भाजपा हेमंत सोरेन को कथित भूमि धोखाधड़ी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 31 जनवरी की रात को गिरफ्तार किया था। इसी केंद्रीय एजेंसी ने 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल को शराब नीति घोटाले से जुड़े मामले में गिरफ्तार भी किया था। हालांकि, झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष और आप सुप्रीमो के लिए कुर्सियां खाली रखी गई थीं, लेकिन उनकी पत्नियां कल्पना सोरेन और सुनीता केजरीवाल मंच पर बैठी थीं। कल्पना सोरेन और सुनीता केजरीवाल का भाषण मुख्यतः अपने पतियों की गिरफ्तारी के विरोध में था। दोनों का दावा था कि उनके पतियों को केंद्र की मोदी सरकार ने गलत ढंग से गिरफ्तार कराया हुआ है। केंद्र की मोदी सरकार विपक्ष की आवाज दबा देना चाहती है। इसके लिए सबको एकजुट होना होगा। रैली में नेताओं का यह भी आरोप था कि केंद्र में भाजपा फिर लौटी तो देश से लोकतंत्र खत्म हो जाएगा। रैली में शामिल नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार झूठ बोलने, गारंटी के नाम पर लोगों को ठगने, लोकतंत्र को कमज़ोर करने और जुमलों के सहारे राजनीति करने के आरोप लगाए। नेताओं ने कहा कि देश में बेरोज़गारी चरम पर है और प्रधानमंत्री मोदी का हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा हवा में घूम रहा है। देश में पहले चरण के मतदान के ठीक अगले दिन आयोजित उलगुलान न्याय महारैली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पहले चरण के चुनाव में बीजेपी की हवा निकल गई है। उन्होंने कहा कि वे 400 पार की बात करते हैं लेकिन 180-190 सीटों से आगे नहीं जाने वाले। इसलिए, वोट देना ज़रूरी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, ''पहले चरण में ही उत्तर प्रदेश में इनकी हालत ख़राब हो गई है और जब यूपी इन्हें हटा सकता है, तो आप क्यों नहीं। यह देश मोदी की नहीं, संविधान की गारंटी चाहता है।'' जबकि झारखंड में मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस रैली को पूरी तरह फ्लॉप करार दिया है। बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल नाथ शाहदेव ने कहा, ''इनके मंच पर भ्रष्टाचार में शामिल नेताओं का जमावड़ा हुआ और ये भ्रष्टाचार उन्मूलन की बात करते हैं. यह हास्यास्पद है।'' प्रतुल नाथ शाहदेव ने कहा, “इनका दावा था कि रैली में पांच लाख लोग शामिल होंगे लेकिन आए बमुश्किल 10-15 हज़ार लोग। उनमें आपस में मारपीट हुई। ये लोग सिर्फ़ सत्ता में आने के लिए एक मंच पर आए थे। रैली में सिर्फ़ परिवारवादियों और भ्रष्टाचारियों की भागीदारी थी, इसलिए इसे सुपर फ़्लॉप कहा जाना चाहिए।” हालांकि उलगुलान न्याय महारैली में लोगों की खासी भागीदारी देखी गई। झारखंड के सुदूर इलाक़ों से लोग बसों, गाड़ियों और ट्रेनों से रांची पहुंचे। ऐसे लोगों को लाने के विशेष इंतज़ाम किए गए थे। रैली स्थल पर लोगों की भीड़ देर शाम तक जमी रही। उलगुलान रैली में शामिल होने आई कार्यकर्ताओं की भीड़ में दो गुटों के बीच झड़प हो गयी। कुर्सियां भी तोड़ी गई। ये मारपीट, ये हुडदंग कोई अच्छा संदेश नही दे सकें। उलगुलान रैली में शिबू सोरेन, बसंत सोरेन, कल्पना सोरेन, यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव, बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान, आप सांसद संजय सिंह, शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए। रैली में शामिल नहीं हुए राहुल गांधी। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तबीयत अचानक खराब हो गई है। इस वजह से वे रैली में शामिल नहीं हुए। सात चरणों में पूरे होने वाले लोकसभा चुनाव का पहला चरण पूरा हो गया। मतदाताओं ने प्रत्याशियों निर्णय इवीएम को सौंप दिया। दूसर चरण का मतदान 26 अप्रैल को होना है। इतना सब होने पर भी विपक्षी 28 दलों का गठबंधन अब तक न कोई अपना कॉमन प्रोग्राम प्रस्तुत कर सका। न नहीं सभी दलों द्वारा सर्व सम्मत नेता ही चुना गया। दरअसल विपक्षी दलों का यह गठबंधन, उन दलों का भी गठबंधन कहां जा सकता है, जो दल भाजपा के साथ नहीं जा सके। अवसर नहीं मिला। इस विपक्षी दलों के आई.एन.डी.आई.ए. गठबंधन को खड़ा करने में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा योगदान रहा। ये सब उन्ही की मेहनत से खड़ा ह़ुआ। किंतु मौके की तलाश में बैठे नीतीश कुमार अवसर मिलते ही इस गठबंधन से किनारा करके बिहार में भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया। भाजपा के साथ मिलकर अपनी सरकार बना ली। इसी तरह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय लोकदल के जयंत चौधरी ने किया। भाजपा से बात पक्की होने तक वे सपा के अखिलेश यादव और कांग्रेस के नेताओं के साथ थे। बात पक्की होते ही उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन कर लिया। 28 दलों वाले इस एलायंस में प्रायः वह ही दल हैं जिनकी अपने प्रदेश में सरकार है। प्रदेश में सरकार होने के कारण वह भाजपा से गठबधंन नही कर पा रही। चुनाव का एक चरण बीत गया। दूसरा 26 को है। इसके बाद पांच चरण शेष हैं। लगता है कि ये भी जल्द ही हो जांएगे, विपक्ष के 28 दलों के 'एलाइंस इंडिया' का मिनिमम कार्यक्रम तय हुआ। ये बैठकर कोई ऐसा एजेंडा भी नही बना पाए कि बहुमत में आने पर किस कार्यक्रम पर वे सरकार चलांएगे। दूसरा उनका संयुक्त प्रधानमंत्री कौन होगाॽ क्या कुछ प्रदेशों की तरह तीन या छह−छह माह में अब प्रधानमंत्री भी बदले जांएगे। जो भी हो विपक्षी गठबंधन इंडिया का जैसे अच्छा नाम मिली था, वैसा कुछ आगे नही हुआ। उसने निराश ही किया। देश का प्रतिनिधित्व करने वाले 28 दलों के गठबंधन से उम्मीद काफी ज्यादा थीं, किंतु वह एक पर भी खरा नही उतर सका। ये सारे दल अलग−अलग विचार और सिद्धांतों के मानने वाले हैं। ऐसे में एकजुट होने के लिए इनका काँमन एजेंडा भी होना चाहिए। ऐसा न होने पर इनकी एकजुटता छलावा है। धोखा है। अब तो इनका का उददेश्य केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना करना रह गया। आलोचनाएं भी सकारात्मक नही। नकारात्मक। - अशोक मधुप (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)

प्रभासाक्षी 25 Apr 2024 12:29 pm

'मामा अब दिल्ली जाएंगे और वहां भी खाली-पीली नहीं जाएंगे', शिवराज सिंह का बड़ा बयान

विदिशा: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम एवं विदिशा से भाजपा प्रत्याशी शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अब मामा दिल्ली जाएंगे तथा दिल्ली भी खाली-पीली नहीं जाएंगे। सोशल मीडिया पर शिवराज की स्पीच का ये वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में शिवराज बोल रहे हैं, देश में मोदी जी और यहां मोहन यादव जी काम करेंगे तथा अब मामा दिल्ली जाएंगे और दिल्ली भी खाली-पीली नहीं जाएंगे। दुबला पतला-जरूर हूं, किन्तु काम कराके छोड़ूंगा, चिंता मत करना। यहां के विकास और बेहतरी के लिए जाएंगे। वही इस बीच वहां उपस्थित एक कार्यकर्ता ने मांग करते हुए कहा कि आपको दिल्ली से दो पद लेकर आने हैं। कृषि मंत्री एवं पंचायत मंत्री। इस पर शिवराज हंसने लगे और कहा कि मैं तो कार्यकर्ता हूं और पार्टी जो भी दे देगी, किन्तु जो भी काम मिलेगा, पूरी प्रमाणिकता के साथ ऐसा करूंगा। मैं तो आपका ही हूं। आपकी सेवा करूंगा। इस बीच जब शिवराज ने कहा कि चुनाव मैं नहीं लड़ रहा हूं, तो इस पर एक कार्यकर्ता ने एक कहा कि मोदी जी लड़ रहे हैं। तत्पश्चात, उन्होंने कहा कि नहीं-नहीं आप लड़ रहे हैं। अब मैं आज अधिक नहीं बोलूंगा, जिस दिन जीतकर आऊंगा, उस दिन बोलूंगा। बता दें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव जीतने के पश्चात् भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान की जगह उज्जैन से चुनकर आए मोहन यादव को सीएम बनाया है। जबकि शिवराज को उनकी पुरानी सीट विदिशा से लोकसभा का प्रत्याशी बनाया है। विदिशा सीट की बात करें तो यह सीट भाजपा-जनसंघ का गढ़ मानी जाती रही है। इस सीट पर पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज जैसे दिग्गज नेता जीत हासिल कर चुके हैं। स्वयं शिवराज सिंह चौहान विदिशा सीट से पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। 'जितना काम मैंने मथुरा के लिए किया, उतना कहीं नहीं हुआ': हेमा मालिनी बिहार के छात्रों ने खोली सरकारी शिक्षा व्यवस्था की पोल, बोले- 'स्कूल में रील्स बनाती हैं मैडम और टोकने पर...' 11वीं की छात्रा की हार्ट अटैक से हुई मौत, परिजनों ने स्‍कूल पर लगाए आरोप

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 25 Apr 2024 10:52 am

चार सप्ताह में लाखों रुपये कहां से लौटाएंगे बंगाल के हजारों शिक्षक?

पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में अदालत के आदेश के बाद हजारों शिक्षकों का भविष्य सवालों में घिर गया है. अदालत ने उन्हें वेतन का पैसा सूद समेत लौटाने को कहा है

देशबन्धु 25 Apr 2024 10:38 am

Anurag Takur ने राहुल गांधी और ओवैसी पर साधा निशाना, बोलें-दोनों औरंगजेब विचारधारा वाले स्कूल के पढ़े हुए

लोकसभा चुनाव के बीच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन औवेसी दोनों औरंगजेब की विचारधारा से प्रशिक्षित हैं। उनके होठों....

समाचार नामा 25 Apr 2024 10:33 am

जानें क्या है M फैक्टर? जो दूसरे चरण के वोटिंग पर हो रहा हावी, देखें इनसाइट स्टोरी में पूरी जानकारी

देश में लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के लिए प्रचार खत्म हो गया है. दूसरे चरण में 13 राज्यों की 89 सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होगा। चुनाव आयोग ने इसकी तैयारी भी पूरी कर ली है. इस चरण में वायनाड सीट पर वोट....

समाचार नामा 25 Apr 2024 10:27 am

आखिर क्यों बिहार की पूर्णिया सीट के लिए तेजस्वी यादव मांग रहे हैं NDA के लिए वोट? जानें कारण

देश में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार खत्म हो गया है. बिहार की हाईप्रोफाइल सीट पूर्णिया पर घमासान मचा हुआ है. इस सीट पर पप्पू यादव ने निर्दलीय ताल ठोककर सभी दलों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. आज हुआ यूं कि....

समाचार नामा 25 Apr 2024 10:24 am

Lok Sabha Elections के दूसरे चरण से पहले Nitish Kumar की बढ़ी मुश्किलें, अज्ञात बाइक सवार ने सिर में गोली मारकर की युवा नेता की हत्या

लोकसभा चुनाव 2024 की आचार संहिता के बावजूद एक युवा नेता की हत्या कर दी गई है. बिहार की राजधानी पटना के पुनपुन में बीती रात जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेता 33 वर्षीय सौरभ कुमार की हत्या कर दी गई.....

समाचार नामा 25 Apr 2024 10:21 am

समस्तीपुर में इन दिग्गजों के बच्चे आए आमने-सामने, चुनावी जंग हुई रोचक, जानें कौन किसके सामने हैं खड़ा ?

देश में लोकतंत्र का सबसे बड़ा त्योहार लोकसभा चुनाव है. राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. नेता और उम्मीदवार कड़ी धूप में रैलियां और जनसभाएं कर रहे हैं. बिहार की समस्तीपुर लोकसभा सीट....

समाचार नामा 25 Apr 2024 10:16 am

PUBG खेलते हुए 1 बच्ची की माँ को फँसाया, इस्लाम कबूल करा के किया निकाह और बना डाला जीनत फातिमा: डोनर बन कर हुई परेशान को किया आत्मत्या का प्रयास

फ़ुजैल ने काम-धंधा भी बंद कर दिया था। जीनत ने अपने शौहर की आदतों से खुद को बेहद परेशान बताया था। जीनत ने आत्महत्या का प्रयास किया है।

ऑप इंडिया 24 Apr 2024 10:02 pm

चुनाव 2024: 'हर घर जल'मिशन की सच्चाई! पानी के किल्लत वाले मथुरा से ग्राउंड रिपोर्ट

जल जीवन मिशन बीजेपी की सबसे अधिक प्रचारित योजनाओं में से एक है और पीएम मोदी ने इसकी सराहना की है. लेकिन, हकीकत क्या है? Ground Report

क़्विंट हिन्दी 24 Apr 2024 9:36 pm

‘तुम च$र, हमसे पहले क्यों भरा पानी?’: मेवात में सरकारी ट्यूबवेल पर मुस्लिम महिलाओं का दलितों पर हमला, गाँव छोड़कर नहीं जाने पर हत्या की धमकी

मेवात के तावडू में सरकारी ट्यूबवेल पर पानी भरने गईं दलित समुदाय की महिलाओं पर मुस्लिम महिलाओं ने हमला कर दिया और उनके बर्तन फेंक दिए।

ऑप इंडिया 24 Apr 2024 9:16 pm

‘लव ब्रेन’से पीड़ित लड़की अस्पताल में भर्ती: प्रेमी को दिन भर में 100+ बार करती थी कॉल, जवाब नहीं आने पर करती थी तोड़फोड़

चीन में 18 साल की एक लड़की अपने प्रेमी को दिन भर में 100 से अधिक बार कॉल करती थी। उसे 'लव ब्रेन' से पीड़ित पाया गया है।

ऑप इंडिया 24 Apr 2024 8:16 pm

नए ग्राहक जोड़ने पर प्रतिबंध, क्रेडिट कार्ड जारी करने पर भी रोक: RBI ने कोटक महिंद्रा बैंक पर लगाए कई तरह के प्रतिबंध, कहा – 2 साल समय दिया, लेकिन…

RBI ने Kotak Mahindra Bank को ऑनलाइन या मोबाइल बैंकिंग एप के जरिए ग्राहक जोड़ने से रोक दिया है। नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर भी प्रतिबंध।

ऑप इंडिया 24 Apr 2024 7:41 pm

‘अशोक गहलोत ने मुझे दी थी कॉल रिकॉर्डिंग वाली पेन ड्राइव’: पूर्व CM के OSD ने ही किया खुलासा –गजेंद्र शेखावत की छवि खराब करने के लिए रची साजिश

लोकेश शर्मा ने बुधवार (24 अप्रैल 2024) को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कई चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने कहा कि कॉल रिकॉडिंग वाली पेन ड्राइव उन्हें खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दी थी।

ऑप इंडिया 24 Apr 2024 7:04 pm

शराब के नशे में कोर्ट पहुँच जाते थे जज साहब, जब मन अदालत से लापता हो जाते थे: कई शिकायतों के बाद बर्खास्त, सेवा बहाली की याचिका खारिज

बॉम्बे हाई कोर्ट ने शराब पीकर कोर्ट जाने के आरोप में बर्खास्त हुए जज अनिरुद्ध पाठक की सेवा बहाली की याचिका को खारिज कर दिया।

ऑप इंडिया 24 Apr 2024 6:17 pm

चुनाव में चले सियासी तीर, कांग्रेस के घोषणापत्र पर आक्रामक हुई भाजपा

लोकसभा चुनावों के प्रथम चरण का मतदान संपन्न हो चुका है। दूसरे चरण का प्रचार चरम पर है। प्रथम चरण के चुनावों में भाजपा नेतृत्व राम लहर और मोदी के करिश्माई नेतृत्व के बल पर अबकी बार चार सौ पार के नारे के साथ आगे बढ़ रहा था और चुनावी रैलियों में, “सबका साथ, सबका विकास, सबके विश्वास के साथ एक बार फिर मोदी सरकार” की बात की जा रही थी। भाजपा नेतृत्व अभी तक विपक्ष को परिवारवाद व उनके शासनकाल में किए गये अथाह भ्रष्टाचार और घोटालों की बात करके घेर रहा था लेकिन उसके मुस्लिम तुष्टिकरण पर सीधा प्रहार नहीं कर रहा था किन्तु कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र, राहुल गांधी व विपक्ष के नेताओं के कुछ आपत्तिजनक बयानों के बाद नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पूरी भारतीय जनता पार्टी अब कांग्रेस तथा विरोधी दलों के घोर मुस्लिम तुष्टिकरण या कहें कि हिन्दू घृणा के खिलाफ बहुत आक्रामक हो गयी है। मोर्चा स्वयं नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस के समय में प्रधानमंत्री रहे मनमोहन सिंह के भाषण और कांग्रेस के घोषणापत्र में किए गए वादों पर चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री ने स्वयं खोला। भारतीय जनता पार्टी के इतिहास में पहली बार विरोधी दल कांग्रेस के घोषणपत्र को ही आधार बनाकर उस पर इतना तीखा हमला बोला गया है। स्वाभाविक रूप से कांग्रेस और उसके साथी तिलमिला गए हैं और वह मुख्य धारा तथा सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री मोदी पर अर्मायदित शब्दावली का प्रयोग कर रहे हैं। कांग्रेस का एक प्रतिनिधि मंडल प्रधानमंत्री मोदी की शिकायत लेकर चुनाव आयोग भी पहुंचा है उधर भाजपा का प्रतिनिधि मंडल भी राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंच गया है। इसे भी पढ़ें: क्या है विरासत टैक्स? मंगलसूत्र, मुसलमान के बाद अब क्या अमेरिका मॉडल के बहाने आम लोगों की संपत्ति पर है कांग्रेस की नजर? प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा के सभी बड़े नेता कांग्रेस के मुस्लिम प्रेम पर एक के बाद एक तीखा प्रहार कर रहे हैं जिससे कांग्रेस तिलमिला गई है। प्रधानमंत्री मोदी एक के बाद एक कांग्रेस की सरकारों में हुए हिन्दू विरोधी घटनाओं, निर्णयों, विवादों को उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने सबसे पहले राजस्थान की एक जनसभा में कहा कि, “कांग्रेस की नजर आम लोगों की मेहनत की कमाई पर है, प्रापर्टी पर है महिलाओं के मंगलसूत्र पर है। कांग्रेस ने इरादा जाहिर कर दिया है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो लोगो के घरों, प्रापर्टी और गहनों का सर्वे कराएगी फिर लोगों की कमाई कांग्रेस के पंजे में होगी। कांग्रेस की नजर देश की महिलाओं के गहनों पर है, माताओं- बहनों के मंगल सूत्र पर है वो उसे छीन लेना चाहती है। कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र में उसके इरादे साफ जाहिर हो रहे हैं। अगर कांग्रेस की सरकार आई तो लोगो के बैंक एकाउंट में झांकेगी, लॉकर खंगालेगी, जमीन-जायदाद का पता लगायेगी और फिर सब कुछ छीनकर उसे घुसपैठियों और ज्यादा बच्चे वालों में बांट देगी। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस यह संपत्ति उन लोगों को बांटेगी जिन्हें मनमोहन सरकार ने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। इस बयान ने चुनाव के मैदान में तूफ़ान आ गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को धार्मिक आधार पर मुस्लिम आरक्षण को लेकर भी घेरा है। उन्होंने बताया कि किस प्रकार से कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में 2004 से 2010 के बीच मुसलमानों को दलितों, पिछड़ों, अति पिछड़ों का हिस्सा काटकर उसमें से ही विशेष आरक्षण देने का भरसक प्रयास किया किंतु न्यायपालिका के हस्तक्षेप से कांग्रेस का यह विकृत पायलट प्रोजेक्ट लागू नहीं हो सका जबकि अब यही कांग्रेस भारत का संविधान बदलकर दलित, पिछड़ों, अतिपिछड़ों के अधिकारों में कटौती करके मुस्लिम आरक्षण देने की बात कर रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने ही बयानों से फंस जाते हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फुल टॉस गेंद फेंककर चुनाव के मैदान में चौके-छक्के लगाने का अवसर दे बैठते हैं। राहुल गांधी ने कांग्रेस का घोषणापत्र जारी हो जाने के बाद एक जनसभा में कहा कि, “सत्ता में आने पर वह देश का एक्सरे कर देंगे। दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। पिछडे़, दलित, आदिवासी, गरीब, सामान्य वर्ग के लोगों को पता चल जाएगा कि इस देश में उनकी भागीदारी कितनी है। इसके बाद हम वित्त और संस्थागत सर्वे करेंगे और यह पता लगायेंगे कि हिंदुस्थान का धन किसके हाथों में है और इस ऐतिहासिक कदम के बाद हम क्रांतिकारी काम शुरू करेंगे।“ इस बयान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को रन बनाने का सुनहरा अवसर दे दिया और वे हिंदुत्व को लेकर आक्रमक हो गए। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो अभी तक केवल अयोध्या, मथुरा, काशी और विरोधी दलों के माफिया प्रेम व कानून व्यवस्था की बात कर रहे थे वो भी बोल पड़े, “कांग्रेस देश में शरिया कानून लागू करना चाहती है लेकिन यह देश संविधान से ही चलेगा शरिया से नहीं। योगी का कहना है कि बीजेपी को मिलने वाल एक- एक वोट कर्फ्यू से मुक्ति और बेटियों की सुरक्षा से गारंटी देता है। वही असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा का बयान आता है कि कांग्रेस के घोषणापत्र पर पाकिस्तान की छाप है। कांग्रेस के घोषणा पात्र और उसके स्टार प्रचारक के बयानों से तो यह तो स्पष्ट ही था कि अब कांग्रेस पूरी तरह से टुकड़े- टुकडे गैंग और शहरी नक्सलियों के हाथ में चली गयी है लेकिन कन्हैया कुमार को टिकट देकर उसने इस बात को साबित भी कर दिया। एक समय था कि राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी व दादी इंदिरा गांधी ने जातिगत जनगणना को देश के लिए घातक माना था आज राहुल गांधी उन्हीं के विरुद्ध जाकर जातिगत जनगणना की बात कह रहे हैं। राहुल गांधी की असली मंशा जगजाहिर हो चुकी है। एक बात ध्यान देने योग्य यह भी है कि विपक्ष का गठबंधन तो बन गया है और उनकी तीन रैलियां भी हो चुकी हैं किंतु उसके पास प्रधानमंत्री कौन बनेगा इस बात को लेकर असमंजस है।विपक्षी दलों के घोषणा पत्रों में वैसे तो विरोधाभास है किंतु मुस्लिम तुष्टिकरण के मामले पर सब एक हैं। आज भाजपा को हिंदुत्व पर आक्रामक होने का अवसर किसी ने दिया है तो वह केवल और केवल कांग्रेस व इंडी गठबंधन के नेता ही हैं। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में मुसलमानों से कई वायदे किये हैं जिसमें उसने कहा है कि सत्ता में आने पर फैसले बहुसंख्यकवाद पर नहीं अल्पसंख्यकवाद पर आधारित होंगे।कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया है कि हम अल्पसंख्क छात्रों और युवाओं को शिक्षा, रोजगार, व्यवसाय, सेवाओं, खेल, कला और अन्य क्षेत्रों मे बढ़ते अवसरों का पूरा परा लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित और सहायता करेंगे। कांग्रेस नेता चिदंबरम सत्ता में आने के बाद सीएए और एनआरसी को न लागू करने की बात कह रहे हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे का मानना धारा 370 से देश के दूसरे भागों का क्या लेना देना? कांग्रेस ने जातिगत जनगणना कराने के बाद 50 प्रतिशत आरक्षण सीमा को भी बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है। भूलना नहीं चाहिए यही कांग्रेस की सरकार सांप्रदायिक हिंसा बिल लेकर आई थी जो अगर लागू हो जाता तो हिन्दुओं का जीवन दुरूह हो जाता, भाजपा के अथक प्रयासों से वह बिल लागू नहीं हो सका। एक समय था जब कांग्रेस के इंदिरा गांधी सरीखे नेता वामपंथियों को महत्व नहीं देते और कांग्रेस की अपनी विचारधारा थी। उस समय की कांग्रेस वामपंथी नेताओं का अपने हितों के लिए उपयोग भर करती थी, उन्हें अपने पास फटकने तक नहीं देती थी जबकि आज हालात ऐसे हो गये कि शहरी नक्सलियों ने कांग्रेस के भीतर ही अपनी जड़ों को मजबूत कर लिया है। राहुल गांधी पूरी तरह से शहरी नक्सलियों के शिकंजे में आ चुके हैं। नक्सलियों व मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति के चलते ही कांग्रेस ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का बहिष्कार कर डाला। कांग्रेस “संविधान बचाओ” के नाम पर भाजपा को घेरने का प्रयास कर रही थी किन्तु उसके घोषणापत्र ने उसकी कलई खोल दी और भाजपा को हिंदुत्व की राजनीति करने का अवसर दे दिया। वैसे भी आम नागरिक और भाजपा कार्यकर्ता दोनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आक्रामक छवि को अधिक पसंद करते है। परिणाम तो चार जून को आएगा किन्तु अभी कांग्रेस बैकफुट पर है। - मृत्युंजय दीक्षित

प्रभासाक्षी 24 Apr 2024 6:01 pm

खालिस्तानी अमृतपाल लड़ेगा खडूर साहिब से लोकसभा चुनाव: थाने पर हमला करने के कारण हुआ था जेल में बंद, NSA भी लगा

खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह खडूर साहिब से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ेगा। उसे पिछले साल गिरफ्तार किया गया था।

ऑप इंडिया 24 Apr 2024 5:59 pm

‘अपनी माँ-बहनों को भेज दो, पता चल जाएगा राहुल गाँधी नपुंसक हैं या नहीं’: खुले मंच से कॉन्ग्रेस नेता का बयान, BJP बोली –यही इनके DNA में

मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि आपके घर वहाँ कौन गया था ये चेक करने के, कि राहुल गाँधी 'नपुंसक' हैं।

ऑप इंडिया 24 Apr 2024 5:50 pm

भाषण देते वक़्त अचानक मंच पर बेहोश होकर गिरे नितिन गडकरी, जानिए अब कैसा है हाल?

मुंबई: महाराष्ट्र के यवतमाल में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भाषण देते वक़्त मंच पर अचानक गिर गए. मंच पर मौजूद लोग तत्काल उन्हें उठाकर उपचार के लिए ले गए. गडकरी यवतमाल के पुसद में एक चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए गए हुए थे. वह मंच पर बोल ही रहे थे कि अचानक वह बेसुध होकर गिर पड़े इसके उपरांत उनके आसपास मौजूद लोगों ने उन्हें संभाला और तत्काल उपचार के लिए ले गए. आपके स्नेह और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। खबरों का कहना है कि कुछ देर बाद नितिन गडकरी ने एक्स पर पोस्ट कर जानकारी दी कि गर्मी के चलते उन्हें असहज महसूस हुआ था लेकिन अब वह पूरी तरह से अच्छा महसूस कर रहे हैं. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी नागपुर लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं. नागपुर सीट पर पहले चरण में मतदान हो गया है. यहां गडकरी का मुकाबला कांग्रेस के विकास ठाकरे से है. नितिन गडकरी यहां से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. पुसद, महाराष्ट्र में रैली के दौरान गर्मी की वजह से असहज महसूस किया। लेकिन अब पूरी तरह से स्वस्थ हूँ और अगली सभा में सम्मिलित होने के लिए वरूड के लिए निकल रहा हूँ। आपके स्नेह और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। Nitin Gadkari (मोदी का परिवार) (@nitin_gadkari) April 24, 2024 पहले भी खराब हो चुकी है तबीयत: इतना ही नहीं यह पहली बार नहीं है जब गडकरी की तबीयत अचानक ख़राब हुई है. 2018 में भी महाराष्ट्र के अहमदनगर में एक कार्यक्रम के बीच वह अचानक मंच पर बेहोश हो गए थे. इस बीच महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल विद्यासागर राव उनके साथ मौजूद थे. गवर्नर ने ही उन्हें स्टेज पर संभाल लिया. वहीं तब बताया गया था कि शुगर लेवल कम होने के कारण से गडकरी को चक्कर आ गए. उन्हें तुरंत पानी पिलाया गया था और पेड़ा भी उन्हें खिलाया था. इससे पहले भी एक रैली के बीच उनकी तबीयत खराब होने की खबर आई थी. खबरों की माने तो नितिन गडकरी वजन घटाने के लिए अपना ऑपरेशन करवा चुके हैं. नागपुर से तीसरी बार मैदान में नितिन गडकरी: इतना ही नहीं ‌नागपुर को एक वक़्त कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था. यहां से अब तक कांग्रेस कुल 12 चुनाव जीती है. लेकिन, 2014 के चुनाव में भाजपा ने नितिन गडकरी को मैदान में उतारा और उन्होंने जबरदस्त जीत अपने नाम की. उसके बाद वह 2 लाख से अधिक वोटों से चुनाव जीतते आ रहे हैं. नागपुर विधानसभा की 6 सीटों में से 4 सीटों पर भाजपा का कब्जा है. MDH और एवरेस्ट के मसालों से हो सकता है कैंसर? स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा लहसुन पालक लंच से लेकर डिनर तक बेस्ट है, यह बहुत ही आसानी से बनकर तैयार हो जाता है आपको भी बार-बार काजल लगाने की आदत है! हो सकते हैं ये नुकसान

न्यूज़ ट्रॅक लाइव 24 Apr 2024 5:50 pm

माली और नाई के बेटे जीत रहे पदक, दिहाड़ी मजदूर की बेटी कर रही ओलम्पिक की तैयारी: गोल्ड मेडल जीतने वाले UP के बच्चों ने कहा –हमारा पूरा ख़र्च उठा रही है सरकार

10 साल से छोटी एक गोल्ड-मेडलिस्ट बच्ची के पिता परचून की दुकान चलाते हैं। वहीं एक अन्य जिम्नास्ट बच्ची के पिता प्राइवेट कम्पनी में काम करते हैं।

ऑप इंडिया 24 Apr 2024 5:39 pm