पटियाला पुलिस की स्पेशल सेल ने बड़ी कार्रवाई में अमेरिका स्थित गैंगस्टर मनप्रीत सिंह उर्फ मनी भिंडर के 5 साथियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी पटियाला और मोगा में दो लोगों की हत्या की योजना बना रहे थे।पुलिस ने आरोपियों से 5 पिस्तौल और 23 कारतूस बरामद किए। सभी आरोपी स्विफ्ट डिजायर कार में सवार थे। उन्हें धक्का कॉलोनी एरिया कोतवाली पटियाला पुलिस स्टेशन के पास से पकड़ा गया। एसएसपी पटियाला डॉ. नानक सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि गिरोह का मुख्य आरोपी हरप्रीत सिंह उर्फ मक्खन (23) है। वह पटियाला के सैफदीपुर गांव का रहने वाला है। पिछले 6 वर्षों में उस पर 8 केस दर्ज हैं।दूसरा आरोपी राम सिंह (32) भवानीगढ़ संगरूर में सैलून चलाता था। उस पर 5 केस दर्ज हैं। लवप्रीत सिंह बिल्ला (27) बीए पास है और खेती करता है। उस पर भी 5 मामले दर्ज हैं। हरप्रीत सिंह हैप्पी पर पटियाला में एक हत्या का मामला दर्ज है। सभी आरोपियों की मुलाकात जेल में हुई थी। हरप्रीत सिंह ने 2018 में दोहरा हत्याकांड किया था। वह गैंगस्टर भूपी राणा और अंकित राणा का साथी है। राम सिंह गैंगस्टर एसके खरौड़ से जुड़ा है। लवप्रीत सिंह बिल्ला गुर्जर गैंग का सदस्य है, जिसने 2018 में पसियाणा में जोगी सरपंच की हत्या की थी।
...तो यह अमेरिका के प्रति अन्याय होगा, भारत को लेकर ट्रंप ने दिया चौंकाने वाला बयान
Donald Trump News : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर एलन मस्क की टेस्ला कंपनी भारत के शुल्क से बचने के लिए वहां फैक्टरी का निर्माण करती है, तो यह अमेरिका के प्रति अन्याय होगा। ट्रंप की यह टिप्पणी शुल्क में उल्लेखनीय वृद्धि करने ...
भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सवा घंटे और केंद्रीय गृह मंत्री डेढ़ घंटे तक रहेंगे। समिट के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री मोदी सुबह 10 बजे समिट स्थल पहुंच जाएंगे। वहीं समापन कार्यक्रम के विशेष मेहमान केंद्रीय मंत्री शाह 25 फरवरी को अपरान्ह 4.30 से 6 बजे तक समिट में रहेंगे। सम्मेलन में शामिल होने के लिए 200 से अधिक भारतीय कम्पनियों के चेयरमैन और एमडी तथा 200 से अधिक विश्व स्तरीय कम्पनियों के सीईओ आने वाले हैं। साथ ही बीस से अधिक यूनिकॉर्न के संस्थापक और 60 से अधिक देशों के राजनयिक प्रतिनिधि समिट में शामिल होंगे। समिट शुरू होने के एक दिन पहले सीआईआई की राष्ट्रीय समिति की बैठक होगी। दो दिन के इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में दवाइयां, माल ढुलाई, कपड़ा उद्योग, खाना बनाने और पैकेजिंग, नौकरियों के लिए हुनर सिखाने पर बात होगी। साथ ही कम्प्यूटर, आईटी, बिजली, खनन, पर्यटन, छोटे उद्योग, शहरी विकास भी फोकस में रहेंगे। पांच विशेष सेक्टोरल सेशन, सात विभागीय सम्मेलन, पांच इंटरनेशनल सेशन होंगे तीन बड़ी प्रदर्शनी लगेंगी कार्यक्रम स्थल पर तीन बड़ी प्रदर्शनी लगाई जा रही हैं। एक प्रदर्शनी में गाड़ियों और ऑटो पार्ट्स का प्रदर्शन होगा। इसके जरिए एमपी में आटोमोटिव क्षमताओं और फ्यूचर मूवमेंट के समाधान की जानकारी दी जाएगी। दूसरी प्रदर्शनी में कपड़ा उद्योग, फैशन को प्रमोट किया जाएगा। इसमें एमपी में कपड़ों की उत्कृष्टता का प्रदर्शन करने के साथ पारंपरिक और आधुनिक वस्त्र निर्माण की तकनीकी का समावेश होगा। तीसरी प्रदर्शनी में एक जिला एक उत्पाद और जिलों के संस्कृति कल्चर का प्रदर्शन होगा। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में राजनयिक कोर की भागीदारी का नेतृत्व जर्मनी, जापान, स्विट्जरलैंड और मलेशिया के महावाणिज्य दूतों सहित मिशनों के प्रमुखों द्वारा किया जा रहा है। इसमें यूनाइटेड किंगडम, पोलैंड, नीदरलैंड और कनाडा के वरिष्ठ राजनयिक प्रतिनिधि भी शामिल हैं। राजनयिक उपस्थिति को और प्रभावी करते हुए नेपाल, मोरक्को, जिम्बाब्वे, अंगोला और बुर्किना फासो के राजदूतों के साथ रवांडा, सेशेल्स, जमैका, लेसोथो और युगांडा के उच्चायुक्तों ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। ये विदेशी उद्योगपति, प्रतिनिधि रहेंगे मौजूद
Khatu Shyam Ji: अमेरिका में बाबा श्याम के भजन पर झूमा अंग्रेज, देखें वीडियो
Khatu Shyam Ji: सोशल मीडिया पर एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें एक अंग्रेज बाबा के भजन पर झूम रहा है औरजय श्री श्याम का नारा लगा रहा है. देखें वीडियो.
Rajasthan Politics News: अमेरिका ने अवैध रूप से बसे भारतीयों को सीधे भारत भेजना शुरू कर दिया है. इसको लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए तीखा हमला बोला है.
सत्ता की नशा की बिमारी जो गलिसे लेकर विश्व स्तर पर सदियों पुरानी है. पहले कबीले एक दूसरे पर अधिपत्य बनाने शुरू किए, फिर तथाकथित देश बनने लगे तो उन्हेंने एक दूसरे को दखल करने से लेकर गोरे, काले,पिले और राष्ट्र के नाम देने की शुरुआत हुई. राष्ट्रो का एक दुसरे पर अधिपत्य बनना शुरू […]
चूरू में अमेरिका द्वारा भारतीय नागरिकों के साथ किए गए दुर्व्यवहार के विरोध में युवा कांग्रेस ने कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प का पुतला फूंका। युवा कांग्रेस के प्रदेश सचिव जयदत जांगिड़ और शहर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष असलम खोखर ने कहा कि अमेरिका से भारतीय नागरिकों को हथकड़ी और पैरों में जंजीर पहनाकर भेजा गया। उन्होंने इसे विश्व पटल पर भारत का अपमान बताया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सौ से अधिक भारतीय नागरिकों के साथ इस तरह का व्यवहार किया गया। उन्होंने केंद्र सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। नेताओं ने कहा कि अमेरिकी आर्मी के जहाज को भारत में लैंड करने की अनुमति देना भी गलत था। प्रदर्शन में सोयल खान डीके, कांग्रेस प्रवक्ता एडवोकेट सद्दाम हुसैन, हर्ष लाम्बा, अजीज खान, एडवोकेट सुरेश कुमार कल्ला, पंचायत समिति सदस्य एडवोकेट सुनील मेघवाल समेत कई कार्यकर्ता मौजूद थे। सभी ने मोदी सरकार से इस मामले में जवाब मांगा।
कपूरथला में ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ एफआईआर हुई है। चक्कोकी गांव के निशान सिंह को दो ट्रेवल एजेंटों ने अमेरिका भेजने के नाम पर धोखाधड़ी की। एजेंटों ने सीधे अमेरिका भेजने का वादा किया था। लेकिन उन्होंने युवक को सूरीनाम भेजकर वहां से मेक्सिको के जंगलों में छोड़ दिया। एजेंटों ने शुरुआत में 35 लाख रुपए में डील की थी। परिवार ने 22 लाख नकद और 13 लाख बैंक खातों में जमा किए। बाद में मेक्सिको की दीवार पार करवाने के लिए 10 लाख रुपए और वसूल लिए। निशान को मेक्सिको के जंगलों में 16 दिन तक भटकना पड़ा। जब वह अमेरिका की दीवार फांदकर अंदर घुसा, तो अमेरिकी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। बाद में उसे भारत डिपोर्ट कर दिया गया। निशान की शिकायत पर थाना ढिलवां पुलिस ने गांव लखन का पड्डा के सुखजिंदर सिंह सोनी और गांव किशन सिंह वाला के लक्खी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एसएचओ मनजीत सिंह के अनुसार आरोपी एजेंटों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है।
Donald Trump Tariff: अमेरिका फर्स्ट की नीतियों पर काम कर रहे ट्रंप ने आते ही टैरिफ का ऐसा चाबुक चलाया कि मैक्सिको, कनाडा से लेकर चीन तक को हिला दिया है, टैरिफ का वार भारत से भी अछूता नहीं रहने वाला है.
धौलपुर में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अमेरिका में सिख यात्रियों के साथ हुए दुर्व्यवहार के खिलाफ गुरुवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की। ज्ञापन में कहा गया कि अमेरिका में भारतीय और सिख यात्रियों के साथ गंभीर लापरवाही की गई। फ्लाइट में चढ़ने से पहले सिख यात्रियों की पगड़ी के साथ अनुचित व्यवहार किया गया। युवा कांग्रेस ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए। कार्यकर्ताओं का कहना है कि वैश्विक स्तर पर भारतीयों का ऐसा अपमान स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस मुद्दे पर उचित कार्रवाई नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग की। युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष तरुण शर्मा उर्फ नीरू पंडित के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति से अमेरिका के इस व्यवहार पर कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कांग्रेसी कार्यकर्ता शामिल हुए।
पंजाब में नशा मुक्ति, कर्ज में डूबे किसानों की आत्महत्या रोकने और अमेरिका से डिपोर्ट युवाओं को डिप्रेशन से बचाने जैसे मुद्दों पर पंजाब सरकार हरकत में आ गई है। सरकार जल्द ही मेंटल हेल्थ पॉलिसी लाएगी। इसके लिए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। पॉलिसी बनाने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ बैठकें की जा रही हैं। जल्द ही यह नीति तैयार कर मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाई जाएगी। यह दावा पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने किया है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास पंजाब को रंगला पंजाब बनाना है। PGI और विभिन्न विशेषज्ञों से ली जाएगी राय स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह ने कहा कि नीति पर बहुत बारीकी से काम किया जाएगा। इसमें सभी विभागों के मंत्री, सचिव, नशा मुक्ति के लिए काम कर रहे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। इसके लिए पीजीआई और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञ, पंजाब के निजी चिकित्सक, एनजीओ और पुलिस अधिकारियों से सलाह ली जाएगी। इसके लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जहां से सभी की राय ली जाएगी। इस दौरान मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सभी मुद्दे। चाहे वह किसानों और युवाओं में आत्महत्या हो, क्योंकि अब युवा बाहर से निर्वासित होकर आ रहे हैं। उस पर चर्चा की जाएगी। उन्हें कैसे बाहर निकाला जाए। उन्हें अवसाद से बाहर निकालने के लिए मानसिक स्वास्थ्य नीति बनाई जा रही है।सारी मुद्दों हर हल पर तैयार होगी स्ट्रेटजीसेहत मंत्री ने बताया कि इस दौरान पहले इन चीजों की पड़ताल जाएगी कि आखिर लोग किसी वजह से इन मानसिक परेशानियों में आ रहे हैं। साथ ही इन समस्याओं से कैसे निपटा जा सकता है। इस पर मंथन किया जाएगा। यह पॉलीसी पहल के आधार पर तैयार की जा रही है। इससे पहले सीएम भगवंत मान साफ कर चुुके है कि डिपोर्ट हाेने वाले युवाओं को दोबारा नया जीवन शुरू करने में हर संभव सहयोग दयिा जाएगा।
यूक्रेन युद्ध को सुलझाने में अमेरिका की भूमिका को लेकर क्या बोले जेलेंस्की के सलाहकार?
Russia Ukraine War: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) के एक सलाहकार ने बुधवार को दावा किया कि अमेरिका ने अपनी स्थिति कमजोर कर ली है और यूक्रेन पर किसी भी संभावित शांति वार्ता से पहले रूस को कूटनीतिक नेतृत्व सौंप दिया है। ...
अमेरिका में 2 छोटे विमानों में टक्कर होने से 2 व्यक्तियों की मौत
2 small planes collide in America: अमेरिका के दक्षिणी एरिजोना (Arizona) में 2 छोटे विमानों के बीच हुई टक्कर में कम से कम 2 व्यक्तियों की मौत हो गई। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि टक्सन के बाहरी इलाके में एक छोटे हवाई अड्डे पर यह ...
अमेरिका: एरिजोना में दो छोटे विमानों की हवा में टक्कर, दो लोगों की मौत
लॉस एंजिल्स, 20 फरवरी . अमेरिका में विमान हादसा हुआ है. अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि दक्षिणी एरिजोना में दो छोटे विमानों के बीच हवा में टक्कर हो गई. इस हादसे में दो लोगों की मौत हुई है. अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड (एनटीएसबी) की शुरुआती जानकारी के अनुसार, बुधवार सुबह रनवे 12 पर ... Read more
पिघल रही है अमेरिका और रूस के बीच की बर्फ, क्यों डरे हुए हैं जेलेंस्की
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति बनते ही एक लंबी बर्फ़ीली अवधि के बाद रूस-अमेरिकी संबंधों में तेज़ी से निकटता आती दिख रही है। ट्रंप द्वारा अपने पद की शपथ लेने के एक महीने के भीतर ही मंगलवार, 18 फरवरी को दोनों देशों के विदेश ...
कीव: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की और अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप के बीत तनातनी बढ़ गई है। ट्रंप ने जेलेंस्की को तानाशाह बताते हुए रूस के साथ युद्ध के लिए कटघरे में खड़ा किया है और यूक्रेन में नए सिरे से चुनाव कराने पर जोर दिया है। इस पर जेलेंस्की …
जर्मनी का पुराना वीडियो अमेरिका से अवैध प्रवासियों को बाहर करने के दावे से वायरल
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो बर्लिन का है. दिसंबर 2024 में फिलीस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने कार्रवाई की थी.
गलत सूचनाओं के बीच रहते हैं अमेरिकी राष्ट्रपति : डोनाल्ड ट्रंप को जेलेंस्की का जवाब
कीव, 19 फरवरी . यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने बुधवार को कहा कि डोनाल्ड ट्रंप ‘गलत सूचनाओं के बीच’ में रहते हैं. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने आरोप लगाया था कि जेलेंस्की की अप्रूवल रेटिंग सिर्फ 4 फीसदी है. जेलेंस्की ने कीव में कहा, “दुर्भाग्य से, राष्ट्रपति ट्रंप, जिनका हम अमेरिकी लोगों के नेता के ... Read more
अमेरिका की ओर से भारतीयों के अपमान के विरोध में कोटा में यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। यश गौतम की अगुवाई में कार्यकर्ता हाथ में लोहे की जंजीर बांधकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। इसके बाद दंडवत करते हुए अधिकारी के ऑफिस तक गए। राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस से हल्की बहस हुई। यश गौतम ने कहा- अमेरिका की ओर से लगातार भारतीयों का अपमान किया जा रहा है। हाल में प्रधानमंत्री अमेरिका यात्रा पर गए। उन्होंने वहां जाकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से इस बारे में बातचीत नहीं की और न ही कोई आपत्ति जताई। इससे पूरे देश का अपमान हुआ है। ये सामान्य घटना नहीं है। अमेरिका ने डिपोर्ट किए गए नागरिकों के हाथ में हथकड़ियां नहीं लगाई बल्कि पूरे देश के लोगों के हाथ में हथकड़ियां पहनाने का काम किया है। देश के 143 करोड़ लोगों को केंद्र सरकार से उम्मीद थी लेकिन केंद्र सरकार ने कोई आपत्ति नही जताई। बल्कि मौन धारण करके बैठी है। अगर सरकार एक्शन नहीं लेगी तो यूथ कांग्रेस सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगी।
पंजाब के मोगा जिले के धर्मकोट क्षेत्र के गांव पंडोरी अराइयां का एक युवक अमेरिका से डिपोर्ट होकर वापस लौट आया है। जसविंदर सिंह नाम का यह युवक बेहतर भविष्य की तलाश में 24 दिसंबर को अमेरिका गया था। युवक के परिजनों ने अमेरिका भेजने वाले एजेंट के खिलाफ केस दर्ज कराया है। जसविंदर ने 27 जनवरी को मेक्सिको बॉर्डर पार किया। इससे पहले वह 20 अन्य युवकों के साथ किश्ती में नहरें पार करता रहा और कई दिन जंगलों में पैदल चला। अमेरिकी अधिकारियों ने उसे एक कैंप में रखा। वहां कमरे में बंद करके सर्दी में भी कपड़े उतरवाकर एसी चला दी जाती थी। हथकड़ी लगाकर वापस भेजा करीब 20 दिन डिटेंशन सेंटर में रखने के बाद उसे डिपोर्ट कर दिया गया। डिटेंशन सेंटर से ही उसके हाथों में हथकड़ी लगा दी गईं। विमान में भी इसी हालत में बैठाया गया। रास्ते में विमान दो जगह रुका, लेकिन हथकड़ी नहीं खोली गईं। अमृतसर पहुंचने से पहले ही उसके हाथों से हथकड़ी उतारी गईं। 45 लाख खर्च करके गया अमेरिका जसविंदर ने बताया कि इस पूरे सफर में उसके करीब 45 लाख रुपए खर्च हो गए। अब वह वापस अपने गांव लौट आया है। उसने भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश प्रधान फर्मान सिंह संधू, गांव के सरपंच और ग्रामीणों के साथ मिलकर मोगा के एसएसपी को एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। एजेंट के खिलाफ दर्ज कराई FIR जसविंदर की वापसी पर उसके माता-पिता और रिश्तेदारों ने सरकार से इंसाफ की मांग की है। भारतीय किसान यूनियन पंजाब के प्रदेश प्रधान फर्मान सिंह संधू, गांव के सरपंच अमन पंडोरी और गांववासियों के साथ मिलकर मोगा के एसएसपी को एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई। पुलिस ने पीड़ित की शिकायत के आधार पर सुखविंदर गिल तौते वाला, उसके भाई, उसकी मां और चंडीगढ़ के एक एजेंट के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। पीड़ित जसविंदर सिंह की शिकायत पर धर्मकोट पुलिस ने सुखविंदर गिल तौते वाला, उसकी मां, उसका भाई और चंडीगढ़ के एक ट्रैवल एजेंट के खिलाफ मामला किया दर्ज।
ऐसे तो दिवालिया हो जाएगा US... एलन मस्क की टेढ़ी नजर अब अमेरिकी नागरिकों पर, क्या करने वाले हैं?
US Money Deficit: मस्क ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए सोशल सिक्योरिटी डेटाबेस में बड़ी गड़बड़ी का दावा किया. उन्होंने बताया कि इस सिस्टम में 20 मिलियन से ज्यादा ऐसे लोगों को जीवित दिखाया गया है जिनकी उम्र 100 साल से अधिक है. यहां तक कि 369 साल तक के लोगों को जीवित दिखाया गया.
पंजाब के लुधियाना जिले के जगराओं में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। एक एनआरआई की पिस्टल को गन पॉइंट मालिक ने बदलकर थाने में जमा करवा दिया। मामला तब सामने आया, जब पीड़ित अपनी पिस्टल लेने थाने पहुंचा। जब भी भारत आता, पिस्टल जमा करवा देता पीड़ित गुरदीप सिंह गांव मडियानी का रहने वाला है और अमेरिका का नागरिक है। उसने 2006 में थिंद गन पॉइंट पर अपनी 32 बोर की पिस्टल जमा करवाई थी। वह जब भी भारत आता, अपनी पिस्टल ले लेता और वापस जाते समय जमा करवा देता था। 2011 में उसने अपनी पिस्टल आरोपी सुखमिंदर सिंह के पास जमा करवा दी। 2017 में पिस्टल का लाइसेंस समाप्त हो गया। पिस्टल लेने थाने पहुंचा पीड़ित विदेश में होने के कारण वह लाइसेंस रिन्यू नहीं करवा सका। 2024 में जब वह अमेरिका से वापस आया, तो उसने लाइसेंस रिन्यू करवाया जो 2027 तक वैध है। जब वह अपनी पिस्टल लेने गन पॉइंट पहुंचा, तो पता चला कि गन पॉइंट बंद हो चुका है। गन पॉइंट मालिक ने सभी हथियार थाना दाखा में जमा करवा दिए थे। थाने से मिली पिस्टल को देखकर पीड़ित ने पहचान लिया कि यह उसकी पिस्टल नहीं है। केस दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस मामले में पुलिस ने आरोपी सुखमिंदर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी रूड़का रोड मुल्लापुर का रहने वाला है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि थाने में जमा करवाई गई पिस्टल किसकी है और उसका लाइसेंस बना हुआ है या नही। वही पीड़ित की पिस्टल कहां पर है। जांच अधिकारी ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि फिलहाल आरोपी फरार चल रहा है। उसके गिरफ्तार होने के बाद ही इन बातों से पर्दा उठेगा।
अमेरिका से निर्वासित 299 लोग पनामा के होटल में हिरासत में, वहां से जाने की अनुमति नहीं
people deported: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के प्रशासन द्वारा निर्वासित किए गए विभिन्न देशों के लगभग 300 लोगों को पनामा (Panama) ने एक होटल में हिरासत में रखा है तथा अंतरराष्ट्रीय प्राधिकारियों द्वारा उनकी स्वदेश वापसी ...
कोविड को पीछे छोड़कर अमेरिका में फ्लू सबसे घातक सांस रोग बना
न्यूयॉर्क, 19 फरवरी . यह पहली बार हुआ है कि कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से अमेरिका के कैलिफोर्निया राज्य में फ्लू (इन्फ्लूएंजा) कोविड से ज्यादा घातक सांस की बीमारी बन गया है. इस कारण अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ रही है और डॉक्टरों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. ... Read more
अमेरिका और यूरोप में ठनी, वेंस के भाषण से लगा EU को झटका
यूरोप और अमेरिका अपने आपको बड़े गर्व से लोकतंत्र का सर्वोच्च शिखर मानते रहे हैं। स्वयं को लोकतंत्र नाम के एक ही सिक्के के दो पहलू बताया करते थे, किंतु अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनते ही दोनों के बीच ठन गई है। दोनों एक-दूसरे के ...
ममता ने अमेरिका से प्रवासियों को बेड़ियों में बांधकर भेजने की निंदा की, मोदी की ‘चुप्पी’ पर सवाल
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों को बेड़ियों में बांधकर...
Russia-Ukraine War : यूक्रेन युद्ध पर अमेरिका के साथ पहली बातचीत, जानिए क्या निकला हल
रूस और अमेरिका के शीर्ष राजनयिकों ने मंगलवार को सऊदी अरब में मुलाकात के दौरान संबंधों को सुधारने तथा यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत शुरू करने पर चर्चा की। यह बातचीत अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी विदेश नीति में एक बड़े बदलाव को दर्शाती है। इस बैठक में यूक्रेन का कोई अधिकारी मौजूद नहीं था। यह वार्ता ऐसे समय में हुई है जब यूक्रेन धीरे-धीरे लेकिन लगातार रूसी सैनिकों के खिलाफ अपनी जमीन खो रहा है। रूस-यूक्रेन युद्ध को लगभग तीन वर्ष होने वाले हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि अगर यूक्रेन इस वार्ता में हिस्सा नहीं लेता है, तो उनका देश इस सप्ताह की वार्ता में लिए गए किसी भी फैसले को स्वीकार नहीं करेगा। यूरोप के देशों ने भी चिंता जताई है कि उन्हें दरकिनार किया जा रहा है। बैठक में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक के जरिये दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किए जाने की उम्मीद थी, जो पिछले कुछ दशकों में बेहद खराब हो गए। रुबियो ने बैठक के बाद ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि दोनों पक्ष मोटे तौर पर तीन लक्ष्यों को प्राप्त करने पर सहमत हुए हैं। इनमें वाशिंगटन और मॉस्को में अपने-अपने दूतावासों में कर्मचारियों की बहाली, यूक्रेन शांति वार्ता का समर्थन करने के लिए एक उच्च स्तरीय टीम का गठन, तथा घनिष्ठ संबंधों और आर्थिक सहयोग की संभावनाएं तलाशना। ALSO READ: जंग शुरू होने के बाद तेजी से घटी यूक्रेन की आबादी अमेरिका ने यूरोपीय देशों के साथ मिलकर रूस पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं। सहयोगी देशों ने कई बार रूस की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए उपायों का विस्तार किया है। संबंधों में गिरावट के चलते पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका और रूस दोनों ने एक दूसरे के कई राजनयिकों का निष्कासन किया है। इस बैठक का उद्देश्य ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बैठक का मार्ग प्रशस्त करना भी था। वार्ता समाप्त होने के बाद पुतिन के विदेश मामलों के सलाहकार यूरी उशाकोव ने रूस के ‘चैनल वन’ को बताया कि उस शिखर सम्मेलन के लिए अब तक कोई तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन इसके अगले सप्ताह होने की ‘संभावना’ नहीं है। इससे पहले रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने संवाददाताओं को बताया था कि वार्ता मुख्य रूप से ‘‘अमेरिका-रूस संबंधों को बहाल करने, साथ ही यूक्रेन के साथ समझौते पर संभावित वार्ता की तैयारी और दोनों राष्ट्रपतियों की बैठक आयोजित करने’’ पर केंद्रित होगी। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि बैठक का उद्देश्य यह निर्धारित करना था कि रूस शांति के प्रति कितना गंभीर है और क्या विस्तृत वार्ता शुरू की जा सकती है। वहीं, फ्रांस ने युद्ध पर चर्चा करने के लिए यूरोपीय संघ के देशों और ब्रिटेन की एक आपातकालीन बैठक बुलाई। रुबियो ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन में रूस के युद्ध को समाप्त करने के लिए सभी पक्षों की ओर से रजामंदी की आवश्यकता होगी और यूरोप वार्ता का हिस्सा होगा। रूस के विरुद्ध प्रतिबंधों के बारे में पूछे जाने पर रुबियो ने कहा कि ये प्रतिबंध रूस के हमले के परिणामस्वरूप लगाए गए थे और केवल अमेरिका ने ही इन्हें नहीं लगाया है। सऊदी अरब की राजधानी रियाद के दिरियाह पैलेस में हुई यह बैठक क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के मध्यस्थता करने के प्रयासों को भी उजागर करती है। ‘वाशिंगटन पोस्ट’ के पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 में हुई हत्या के बाद सलमान आलोचनाओं के घेरे में आ गए थे। भाषा
भारत के अवैध प्रवासियों को कोस्टा रिका भेजेगा अमेरिका
न्यूयॉर्क, 18 फरवरी . मध्य अमेरिकी देश कोस्टा रिका ने अमेरिका से निर्वासित अवैध भारतीय प्रवासियों को स्वीकार करने पर सहमति व्यक्त की है. उन्हें कोस्टा रिका भेजने के बाद उनके भविष्य पर निर्णय लिया जाएगा. कोस्टा रिका के राष्ट्रपति रोड्रिगो चावेस रॉबल्स के कार्यालय ने घोषणा की है कि अमेरिका के वित्त पोषित कार्यक्रम ... Read more
Russia Ukraine War: यूक्रेन का क्या होगा? जेलेंस्की को किनारे कर अमेरिका ने पुतिन को कर लिया रेडी
Ukraine war: जियो पॉलिटिक्स एक्सपर्ट्स लगातार कह रहे हैं कि यूक्रेन युद्ध के मोर्चे से गुड न्यूज़ आने वाली है. पुतिन और ट्रंप के बीच मोटा-मोटी बात (Trump Putin Talks) हो चुकी है. पीस डील यानी युद्ध रोकने की रेसिपी लगभग तैयार हो चुकी है, बस उसे अमल में कैसे लाना है इसे लेकर रियाद तक मंथन जारी है.
भारत-ऑस्ट्रेलिया से नहीं हुआ... अमेरिका ने कर दिखाया, गेंदबाजों ने बना दिया 'महारिकॉर्ड'
Unique Cricket Records: वनडे क्रिकेट के इतिहास में कई टॉप टीमें एक से बढ़कर एक अजूबे रिकॉर्ड्स बनाती नजर आईं हैं. लेकिन जो इस फॉर्मेट में भारत और ऑस्ट्रेलिया जैसी टॉप टीमों से नहीं हुआ वो कारनामा अमेरिका के गेंदबाजों ने कर दिखाया है. अमेरिका ने सबसे कम टोटल का बचाव करते हुए मुकाबले को जीतकर इतिहास रच दिया.
सपने टूटे, भविष्य पर संकट, अमेरिका से लौटे अवैध प्रवासी की दर्दनाक कहानी
Illegal immigrants returned from America: जुलाई 2024 में, अमृतसर में रोहित ने एक ‘ट्रैवल एजेंट’ के कानूनी रूप से अमेरिका में प्रवेश दिलाने का वादा करने के बाद बेहतर भविष्य की तलाश में सफर शुरू किया, लेकिन यह प्रयास उस समय विफल हो गया जब उन्हें कुछ ...
वाशिंगटन और मॉस्को यूक्रेन शांति वार्ता के लिए टीम बनाने पर सहमत : अमेरिकी विदेश मंत्री
रियाद, 18 फ़रवरी, . अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिकी-रूस वार्ता में शामिल पक्षों ने यूक्रेन में शांति स्थापित करने, आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक उच्च स्तरीय टीम बनाने पर सहमति जताई है. अमेरिका और रूसी प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को रियाद में यूक्रेन संकट का समाधान निकालने के लिए मिले. ... Read more
यूक्रेन संकट पर अमेरिका-रूस की वार्ता, मॉस्को ने रखी नई मांग
रियाद, 18 फरवरी . अमेरिका और रूसी अधिकारियों ने मंगलवार को रियाद में चार घंटे से अधिक समय तक बातचीत की. यह यूक्रेन में युद्ध को समाप्त करने के लिए उनकी पहली बातचीत. हालांकि कीव और उसके यूरोपीय सहयोगी इसमें शामिल नहीं थे. मीडिया रिपोर्ट रूसी वार्ताकार यूरी उशाकोव के हवाले से बताया कि वार्ता ... Read more
अमेरिका और भारत के बीच संबंध और मजबूत होने के संकेत मिल रहे हैं.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के डिपोर्टेशन अभियान के बाद अब पंजाब में भी सख्ती दिखने लगी है। अमृतसर की अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ज्योति बाला ने मानव तस्करी अधिनियम 2012 और पंजाब सरकार द्वारा लागू पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल रेगुलेशन एक्ट के तहत आइलेट्स और कंसल्टेंसी कोचिंग सेंटर का लाइसेंस रद्द कर दिया है। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ज्योति बाला ने बताया कि इस एजेंसी द्वारा लाइसेंस नवीनीकरण के लिए कोई अनुरोध नहीं किया गया था। इसी आधार पर श्री जेजे कंसल्टेंट 48/5 हाइड मार्केट हुसैनपुरा चौक का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है। हो सकती है कानूनी कार्रवाई उन्होंने आगे कहा कि यदि उक्त लाइसेंसधारी या उसकी फर्म के विरुद्ध किसी अधिनियम/नियम के तहत कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो उसका पूरा उत्तरदायित्व लाइसेंसधारी/फर्म के मालिक या प्रोपराइटर पर होगा। साथ ही, किसी भी प्रकार की भरपाई भी उसी द्वारा की जाएगी। यह कार्रवाई पंजाब ट्रैवल प्रोफेशनल्स रेगुलेशन एक्ट 2012 की धारा 6(1)(ई) के तहत की गई है। प्रशासन ने साफ किया है कि किसी भी कंसल्टेंसी या कोचिंग संस्थान को कानून का उल्लंघन करने पर सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
पंजाब के बराबर साइज, पर अमेरिका से निकाले जा रहे भारतीयों के लिए आगे आया यह देश
Costa Rika: कोस्टा रिका ने भारत और मध्य एशिया के अवैध प्रवासियों को अमेरिका से वापस भेजे जाने में एक 'पुल' के रूप में काम करने पर सहमति व्यक्त की है. राष्ट्रपति रोड्रिगो चावेस रोबल्स के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, 200 प्रवासियों का पहला समूह बुधवार को एक वाणिज्यिक उड़ान से जुआन सांतामारिया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेगा.
पंजाब के मानसा में संयुक्त किसान मोर्चे ने अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीय युवाओं के समर्थन में आंदोलन का ऐलान किया है। मोर्चे के नेता रुलदू सिंह मानसा ने मानसा में पत्रकारों से बातचीत की। हथकड़ी और बेडिय़ों में भारत भेजा उन्होंने कहा कि रोजगार की तलाश में अमेरिका गए युवाओं को हथकड़ी और बेडिय़ों में भारत भेजा जा रहा है। यह दुखद है कि भारत सरकार अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए विमान तक नहीं भेज सकी। रुलदू सिंह ने बताया कि कई युवाओं ने विदेश जाने के लिए अपनी जमीन और घर बेच दिए। एजेंटों ने उनके साथ धोखाधड़ी की, अब उनके पास कुछ नहीं बचा है। केंद्र सरकार से की मांग किसान नेता ने केंद्र सरकार से मांग की है कि धोखाधड़ी करने वाले एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही विदेशी सरकारों से संपर्क कर वहां के एजेंटों पर भी कार्रवाई की जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार एजेंटों से युवाओं के पैसे वापस नहीं करवाती, तो किसान संगठन एजेंटों के घरों के बाहर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
आजकल युवाओं में हार्ट अटैक और दिल की बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भागदौड़ भरी जिंदगी, खराब खान-पान और अनियमित जीवनशैली के चलते दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है.
यूक्रेन संकट के समाधान के लिए रियाद में रूस-अमेरिका वार्ता शुरू, कीव नहीं शामिल
रियाद, 18 फरवरी, . सऊदी अरब में रूसी और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडलों की युक्रेन युद्ध को लेकर बैठक शुरू हो गई है. रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव रियाद में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात कर रहे हैं, लेकिन यूक्रेन या किसी भी यूरोपीय देश को वार्ता में आमंत्रित नहीं किया गया. अमेरिका के ... Read more
Rajasthan : राजस्थान में अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को बंद करने या फिर मर्ज करने की सुगबुगाहट के बीच राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सीएम भजनलाल से बड़ा सवाल पूछा है. सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर डोटासरा ने कहा कि भाजपा नेताओं के बच्चे इंग्लैंड, अमेरिका और विदेशी मुल्कों में पढ़ रहे हैं, नामी अंग्रेजी स्कूलों में पढ़कर कामयाब बन रहे हैं.
अमेरिका में एलन मस्क-पीएम मोदी की मुलाकात के बाद टेस्ला ने भारत में शुरू की भर्ती
नई दिल्ली, 18 फरवरी . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की सफल यात्रा के बाद, एलन मस्क द्वारा संचालित टेस्ला ने भारत में अलग-अलग पदों पर वैकेंसी निकाली है. भारत एक ऐसा बाजार है जहां कंपनी जल्द ही प्रवेश करने जा रही है. टेस्ला द्वारा भारत में नियुक्तियां ऐसे समय में की जा रही हैं, ... Read more
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए मोहाली के युवक की शिकायत पर पुलिस ने हरियाणा के अंबाला के दो ट्रैवल एजेंट के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपियों की पहचान गुरजिंदर अंटाल और मुकुल निवासी अंबाला कैंट के रूप में हुई है। दोनों एजेंट ने युवक को 45 लाख रुपए लेने के बाद अमेरिका भेजा था। पीड़ित का आरोप है कि जब रास्ते में वह 4 महीने फंसे रहे तो उन्होंने वापस इंडिया भेजने की बात कही। इस पर एजेंटों ने ऑडियो मैसेज भेजकर कहा कि अब तो जाना ही पड़ेगा, पीछे मुडनें का सवाल ही नहीं है। आरोपी ने सारी रकम अमेरिका पहुंचने से पहले ही ले ली थी। उसने इस संबंधी सारे प्रमाण पुलिस को सौंपे है। आरोपियों पर पुलिस भारतीय न्याय सहिता की धारा 143, 316( 2), 318( 4) और इमिग्रेशन एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ है। इस बारे में तरनवीर सिंह ने पुलिस को शिकायत दी थी। पुलिस अब इस मामले के आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी कर रही है। तरनवीर सिंह की शिकायत में मुख्य रूप से चार प्वाइंटों का जिक्र किया गया है.... 1. दोस्त के जरिए एजेंटों से की थी मुलाकात तरनवीर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि दोनों आरोपी गुरजिंदर अंटाल और मुकुल बिजनेस पार्टनर हैं। वह अपने दोस्त गुरशरन सिंह निवासी बूथगढ़ ने माध्यम से आरोपियों से मिला था। आरोपी गुरजिंदर मेरे दोस्त का दूर का रिश्तेदार है। 10 जुलाई 2024 को उसने अपना पासपोर्ट दोनों आरोपियों को दिया था। गुरजिंदर सिंह ने उसे बताया था कि उसे फ्लाइट के जरिए यूएसए पहुंचा देंगे। इतना ही नहीं, उसे वहां पर काम का इंतजाम भी कर देंगे। उसके वहां पर अच्छे लिंक है। इसके लिए उसे 45 लाख रुपए देने होंगे। 2. मेक्सिको के जंगलों में 4 महीने तक फंसा रहा इसके बाद उनके साथ डील हुई। उसके कोलंबिया पहुंचने पर 18 लाख रुपए आरोपी को उसके घरवालों ने दिए थे। इसके बाद जब वह मेक्सिको पहुंच गया तो आरोपी शेष रकम उसके घर आकर पिता से ले गया था। सफर के दौरान उसे और उसके साथियों को 4 महीने कोलंबिया में रुकना पड़ा था। जिस बारे इन्होंने पहले कुछ नहीं बताया था। जब वह वहां पर फंस गए तो उन्होंने कहा कि वह गलत तरीके से अमेरिका नहीं जाना चाहता है। उसे अपने देश भारत वापस बुला लो। इस पर गुरजिंदर ने ऑडियो मैसेज भेजकर कहा कि अब तुम्हें वापस नहीं बुला सकते हैं ,तुझे वहां जाना ही पडे़गा। 3. हम कोलंबिया तक के पैसे देने को तैयार थे पीड़ित ने बताया कि उसने यह सारी बात अपने घरवालों को बताई। फिर उसके पिता ने मुकुल को अपने गांव बुलाया। उसे कहा कि हमारे बेटे को वापस भारत बुला लो। हम गैर कानूनी तरीके से बेटे को अमेरिका भेजना नहीं चाहते हैं। इस पर मुकुल का जवाब था कि अब तो उसे आगे ही जाना पड़ेगा। उसे किसी भी कीमत पर वापस नहीं बुला सकते हैं। जबकि उसने उन्हें कहा कि वहां तक पहुंचने के लिए जो भी खर्च आया है वह पैसे भले ही वह रख ले। लेकिन आरोपियों ने उनकी एक नहीं सुनी। 4. घरवालों को बताने के बाद डोंकर करते थे टॉर्चरतरनवीर ने बताया कि इस सफर में उन्हें काफी मुश्किल सहनी पड़ी है। गलत तरीके से उन्होंने अमेरिका का बॉर्डर क्रॉस किया। इससे पहले रास्ते में उन्हें बहुत टॉर्चर किया गया। रोटी व पानी के बिना कई दिन गुजारने पड़े। जब हम अपने साथ बीत रही बात घरवालों को बताते थे, तो इनके ट्रैवल एजेंट के कहने पर डोंकर हमें मारते पीटते थे। जान से मारने की धमकियां देते थे। इन्होंने यह बात बिल्कुल नहीं बताई थी कि रास्ते में उन्हें पैदल जाना पड़ेगा, या फिर छोटी किश्ती के माध्यम से सफर करना पडे़गा। हमें तो फ्लाइट और क्रूज के जरिए भेजने के सपने दिखाए गए थे। अब तक 11 केस केस दर्ज हो चुके हैं अमेरिका से डिपोर्ट हुए लोगों के मामले की जांच के लिए पंजाब सरकार की तरफ से एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम बनाई है। इसके अलावा अब तक 11 एफआईआर पुलिस ने दर्ज कर ली है। वहीं, सरकार साफ कर चुकी है कि उनकी तरफ से पीड़ितों की हर संभव मदद की जाएगी। उन्हें जिंदगी नए से शुरू करने के लिए लोन व अन्य चीजें मुहैया करवाई जाएगी।
F-35 फाइटर प्लेन : गेम चेंजर या महंगा जाल, अमेरिकी विमान को लेकर दुविधा में क्यों है भारत
नई दिल्ली : 14 फरवरी को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आश्चर्यजनक घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘हम अंततः भारत को F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान देने की राह खोल रहे हैं। भारत के रणनीतिक और रक्षा समुदाय के लिए, यह एक महत्वपूर्ण क्षण है। यदि यह सौदा स्वीकार कर लिया जाता …
ट्रंप के गाजा प्लान, यूक्रेन पर बातचीत के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री रियाद पहुंचे
रियाद, 18 फरवरी . अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो सऊदी अधिकारियों से बातचीत के लिए रियाद पहुंचे. इस बैठक का मुख्य विषय गाजा को लेकर अमेरिका का एक विवादित प्रस्ताव था. यह रुबियो की बतौर अमेरिका के शीर्ष राजनयिक पहली मध्य पूर्व यात्रा है. रुबियो की यह यात्रा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस ... Read more
भारत से अमेरिका जाने के डंकी रूट के नए वीडियो सामने आए हैं। अमेरिका से डिपोर्ट हुए गुरदासपुर के युवक गुरविंदर ने यह 2 वीडियो जारी किए हैं। गुरविंदर 112 भारतीयों वाले तीसरे बैच में डिपोर्ट होकर लौटा है। उसने बताया कि किस तरह सांप-मगरमच्छों से बचते हुए वह पनामा के जंगलों (डेरियन गैप) से मैक्सिको बॉर्डर के जरिए अमेरिका में दाखिल हुआ। युवक ने जो वीडियो जारी किए, उनमें दिख रहा है कि रात के अंधेरे में वह कीचड़ के ऊपर से गुजर रहा है। लाइट के लिए उनके पास टॉर्च है। दूसरे वीडियो में वह एक छोटी सी नांव पर सवार हैं। जिसमें बैठकर वह नदी पार कर रहे हैं। बता दें कि अमेरिका से अब तक 3 बैच में 332 लोग डिपोर्ट किए जा चुके हैं। जिनमें 128 पंजाब के रहने वाले हैं। पंजाबी युवक के जारी किए डंकी रूट के PHOTOS… डंकी रूट से अमेरिका पहुंचे युवक गुरविंदर की कहानी... 1. एजेंट ने डायरेक्ट फ्लाइट से भेजने की बात कीगुरविंदर सिह ने बताया कि उन्होंने एक एजेंट से अमेरिका जाने की बात की। एजेंट ने कहा कि उसे वैलिड तरीके से डायरेक्ट फ्लाइट के जरिए भेज देगा। इसके लिए 50 लाख रुपए मांगे। इसके लिए अपनी डेढ़ एकड़ जमीन बेच दी। पैसे कम पड़े तो 10 लाख का कर्ज भी ले लिया। 2. पनामा के जंगल में ले गए तो डंकी रूट का पता चला22 सितंबर 2024 को वह यहां से दिल्ली और फिर मुंबई पहुंचा। वहां से उसे फ्लाइट में आगे ले गए। फिर गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया से होते हुए उन्हें पनामा के जंगलों तक पहुंचा दिया गया। तब जाकर उन्हें पता चला कि सीधी फ्लाइट के बजाय उन्हें डंकी रूट से भेजा जा रहा है। जब उसके पिता हरभजन सिंह ने एजेंट से बात की तो उसने कहा कि 20 दिन में वह अमेरिका पहुंच जाएगा। 3. 2 दिन में जंगल पार किया, पीने को सिर्फ गंदा पानी थाडंकी रूट पर 23 लोगों का ग्रुप भेजा गया। जब वे डंकी रूट पर अमेरिका की तरफ बढ़े तो रास्ते में डोंकर उनसे दुर्व्यवहार करते थे। उनका मोबाइल छीन लेते। उन्हें परिवार से बात नहीं करने देते। 2 दिन तक वह जंगल से गुजरते रहे। इस दौरान छोटी नांव से नदियां पार करनी पड़ी। इस दौरान वे कीचड़ में चले। वहां उन्हें सांप-मगरमच्छों से भी बचना पड़ा। इस दौरान खाने के लिए सिर्फ चिप्स और पीने के लिए गंदा पानी मिलता था। 4. मैक्सिको बॉर्डर पार करते ही अमेरिकी सेना ने पकड़ा1 फरवरी को उन्हें मैक्सिको बॉर्डर पर पहुंचा दिया गया। वहां से वह दीवार फांदकर अमेरिकी सीमा में दाखिल हो गया। जहां अमेरिकी सेना की बॉर्डर पेट्रोल टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद 14 दिन उसे आर्मी कैंप में रखा गया। वहां उनके साथ बुरा बर्ताव किया गया। उन्हें रात में नहाने के लिए उठा दिया जाता था। बिना कपड़ों के AC रूम में रखा जाता था। 5. एयरपोर्ट पर विमान उतरने से पहले हथकड़ी-बेड़ियां खोलीं15 फरवरी को पता चला कि उन्हें जबरन भारत लौटाया जा रहा है। उन्हें कैंप से निकाला गया। फिर हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां डालकर जकड़ दिया गया। इसके बाद सेना के विमान में बैठा दिया गया। विमान के अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरने से पहले उनकी हथकड़ी-बेड़ियां खोली गईं। उन्हें पगड़ी भी नहीं पहनने दी गई। अमृतसर एयरपोर्ट पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने सिर ढकने के लिए कपड़ा दिया। हरियाणा का युवक भी शेयर कर चुका डंकी रूट का वीडियो... 7 महीने में दिल्ली से अमेरिका पहुंचा था आकाशआकाश ने बताया कि वह 20 जून 2024 को दिल्ली पहुंचा। एक महीने यहीं रोका गया। फिर मुंबई भेजा गया, वहां 2 महीने रखा गया। मुंबई से वह फ्लाइट के जरिए ब्राजील गया, जहां उसे एक महीना रहना पड़ा। इसके बाद वह बोलीविया पहुंचा। यह बहुत महंगा देश था, इसलिए यहां उसे सिर्फ 5-6 दिन ही रखा गया। फिर वह ग्वाटेमाला गया, जहां उसे एक महीना लगा। उसके बाद पनामा के जंगलों से गुजरना पड़ा, जिसमें 7 दिन लगे। पनामा के बाद वह होंडुरस पहुंचा, जहां 15 दिन रुका। फिर साउथ अमेरिका में 10 दिन रहना पड़ा। अंत में वह मेक्सिको पहुंचा, जहां उसे करीब 35 दिन तक रोका गया। आखिरकार 25 जनवरी 2025 की रात को 12 बजे वह अमेरिका की सीमा पार कर गया। अमेरिका जाने के लिए डंकी के 3 पड़ाव… आखिर इतनी मुसीबतें सहकर अमेरिका क्यों जाते हैं भारतीय? भारतीय लोग बेहतर अवसर के लिए भारत से बाहर जाने का इरादा करते हैं, लेकिन कई लोग एजुकेशन की कमी या किसी अन्य वजह से लीगल तरीके से नहीं जा पाते। विदेश मामलों के जानकार और JNU के प्रोफेसर राजन कुमार बताते हैं कि भारतीय लोगों को अमीर बनने का झूठा सपना दिखाया जाता है कि अमेरिका जाकर वह कामयाब हो जाएंगे... प्रो. राजन कुमार के मुताबिक, भारतीय लोग डंकी रूट से जान जोखिम में डालकर अमेरिका पहुंच तो जाते हैं, लेकिन सालों तक डिटेंशन सेंटर में इंतजार के बाद कोर्ट में सुनवाई होती है। केस जीत भी गए तो 105 दिनों के लिए बर्तन धोने और झाड़ू लगाने जैसे काम करने होते हैं, ताकि वह गुजारा कर सकें। अमेरिका जाकर अमीर हो जाना इतना आसान नहीं है। 8-10 साल बाद भी ग्रीन कार्ड मिलने के चांस ज्यादा नहीं होते। ऐसे में डंकियों को वापस भारत भेज दिया जाता है या फिर सारी जिंदगी जेल में गुजारनी पड़ती है। फॉरेन एक्सपर्ट ए.के. पाशा के मुताबिक, कई लोग भारत में नौकरी नहीं मिलने की वजह से अमेरिका जाते हैं। कुछ मामलों में डंकियों को जॉब मिलती है, लेकिन यह आंकड़े बहुत कम हैं। भारत से अमेरिका जाने वाले ज्यादातर डंकी गुजरात और पंजाब से होते थे। अब हरियाणा भी इस लिस्ट में शामिल हो गया है। सामाजिक बहिष्कार से बचने की कोशिशअमेरिकी बॉर्डर पर पकड़े जाने के दौरान सबसे ज्यादा लोग यह वजह बताते हैं। इनमें 4 तरह की सामाजिक प्रताड़ना शामिल है… 10 अक्टूबर 2022 की BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जालंधर के जसप्रीत सिंह को गे होने की वजह से घर से निकाल दिया गया। उन पर कई बार जानलेवा हमले हुए। इससे तंग आकर वे डंकी रूट के जरिए अमेरिका चले गए। यहां उन्हें रहने की अनुमति मिल गई। **************** डंकी रूट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें :- डंकी रूट पर हरियाणा के युवक की लाश का VIDEO:परिवार बोला- डोंकरों ने गोली मारी; ग्वाटेमाला में अमेरिकी बॉर्डर के करीब पहुंच गया था अमेरिकन ड्रीम पूरा करने के लिए डंकी रूट से जाने के चक्कर में हरियाणा के कैथल के रहने वाले एक युवक ने जान गंवा दी थी। जब वह अमेरिकी बॉर्डर के करीब ग्वाटेमाला तक पहुंच गया तो डोंकरों ने उसे गोली मार दी। डोंकर उससे और रुपयों की डिमांड कर रहे थे। पढ़ें पूरी खबर
एजेंट बोलता था- गोली मार दो इसे:35 लाख खर्च कर बेटे को अमेरिका भेजा, अब गांव वाले मजाक उड़ा रहे
'अमेरिका से बेदखल' सीरीज के चौथे एपिसोड में पढ़िए अमेरिका से जबरन पंजाब लाए गए मनदीप सिंह और आकाशदीप की कहानी… गांव के एक एजेंट ने कहा था कि 15 दिन में वो वीजा लगाकर मुझे अमेरिका भेज देगा। 35 लाख रुपए में डील हुई। तब मैं स्पेन में था। एजेंट ने स्पेन से बोलिविया तक ही फ्लाइट करवाई। उसके बाद डंकी रूट में डाल दिया। बोला- ऐसे ही अमेरिका जाना पड़ेगा। वहां से 4 महीने में कार-बस और पनामा के खतरनाक जंगलों से गुजरते हुए मेक्सिको सिटी पहुंचा। रास्ते में हर जगह एजेंट का आदमी यानी डोंकर कहता- तुम्हारे एजेंट ने अभी तक पैसे नहीं भेजे हैं। एजेंट से बात करता तो वो कहता- आज ही भेज दूंगा, कल भेज दूंगा। मैं बोलिविया से मेक्सिको पहुंच गया, लेकिन एजेंट ने डोंकर को पैसे नहीं भेजे। पैसों के लिए डोंकर मुझे मारने-पीटने लगा। मेक्सिको में ही एक सिटी है मैक्सिकली। वहां डोंकर ने मुझे कमरे में बंद कर दिया। बोला- जब तक पेमेंट नहीं मिलेगा, तुम यही रहोगे। डोंकर जब फोन करता तो एजेंट कहता, गोली मार दो उसे। डोंकर का कहना था कि यदि पैसे नहीं मिले, तो सच में गोली मार देंगे। कनपटी पर बंदूक सटा देता था।’ ये किस्सा कहते हुए पंजाब के तरन-तारन जिले के मनदीप सिंह की आवाज भारी हो जाती है। कुछ देर रुककर कहते हैं- रात में मुझे सपने आते हैं कि कहीं डोंकर सच में गोली न मार दे…। पहली कहानी : अमृतसर से सटे तरन तारन जिले के मनदीप सिंह कीमनदीप के घर के बाहर ही सेनेटरी की दुकान है। ये दुकान उनके बड़े भाई गुरु इकबाल सिंह की है। दुकान के बाहर मनदीप की मां शरणजीत कौर और पिता नौनिहाल सिंह बैठे हैं। नौनिहाल सिंह चाय पीते हुए बोल पड़ते हैं, ‘बहुत नुकसान हो गया। 50 लाख रुपए डूब गए। जमीन बेचकर और कर्ज लेकर एजेंट को पैसे दिए थे। सब तबाह हो गया। अब क्या कर सकते हैं। बेटा जिंदा बचकर आ गया, यही मेरे लिए धन है। वो लोग गोली मार देते तो क्या होता।’ ऐसा लगता है कि नौनिहाल सिंह बोलते-बोलते रो पड़ेंगे। दुकान के काउंटर पर मनदीप के बड़े भाई बैठे हैं। मां शरणजीत कहती हैं- 'मनदीप के साथ जो हुआ, उसके बाद से मेरी तबीयत खराब रहने लगी है। चलना-फिरना भी मुश्किल हो गया है। मैंने तो मना ही किया था कि स्पेन में हो। ठीक-ठाक पैसे कमा ही रहे हो। अमेरिका जाना है, तो लीगल तरीके से जाओ। ये एजेंट वाला ठीक नहीं, लेकिन किसी ने नहीं सुनी। अब पछताकर भी क्या कर सकते हैं।’ मैंने मनदीप के बारे में पूछा तो नौनिहाल सिंह रूखे मन से कहते हैं, ‘बस थोड़ी देर में आ रहा है। जब से अमेरिका से आया है, सोता ही रहता है।’ कुछ देर बाद मनदीप मुझे दुकान से घर के अंदर बने आंगन में ले जाते हैं। एक-डेढ़ साल पहले ही मनदीप ने स्पेन की कमाई से यह घर बनवाया है। कहते हैं, ‘हमारे पास खेती नहीं है। दो-तीन कैनाल जमीन थी, वो भी एजेंट को पैसे देने के लिए बेच दी। जब यहां पर कुछ भी नहीं था, तो पापा 1993 में दुबई चले गए। 7-8 साल तक उन्होंने वहां पर ट्रॉली चलाई। फिर गांव आ गए। बड़े भाई ने 7 साल पहले सेनेटरी की दुकान खोली। मैं 12वीं के बाद जॉब की तैयारी कर रहा था। कई सरकारी नौकरी के पेपर दिए, लेकिन किसी में नहीं हुआ। आसपास के कई लोग विदेश में रहते हैं। मैंने भी सोचा कि विदेश जाऊंगा, तो दिन बदल जाएंगे। 2022 की बात है। एक एजेंट ने 15 लाख लेकर स्पेन का वीजा लगवा दिया। वहां करीब 2 साल रहा। पहले रेस्टोरेंट में किचन साफ करने का काम करता था, फिर शेफ का काम करने लगा। दिन के 11 बजे जाता, रात के 3 बजे आता। ओवर टाइम नौकरी करके महीने का डेढ़-दो लाख रुपए हो जाता था।’ फिर अमेरिका जाने का ख्याल कैसे? ‘मेरा एक दोस्त कुछ साल से अमेरिका में ही था। उसने कहा तुम भी आ जाओ। यहां बहुत पैसा है। किसी एजेंट से सेटिंग करवा लो, जल्दी आ जाओगे। मैंने सोचा कि यहां के किसी एजेंट से बात करूंगा, तो शायद धोखा दे देगा। पैसे लेकर भाग जाएगा। मैंने पापा को फोन पर कहा कि मुझे अमेरिका जाना है। पंजाब के किसी एजेंट से बात करो। पापा ने अगल-बगल से पता किया। एक एजेंट ने कहा- '15 दिन में स्पेन से अमेरिका पहुंचा दूंगा।' एजेंट हर दूसरे दिन 2-4 लाख रुपए लेकर जाता था। कहता था- 'ये पैसे आगे दूसरे एजेंट को भेजने हैं।' मनदीप बताते हैं- 'मैं लगातार उससे बात करता रहता कि कब-कैसे निकलना है स्पेन से। पैसे जुटाने के लिए जो कुछ भी था- जमीन जायदाद, जमा-पूंजी, रिश्तेदारों से कर्ज लेकर सब कुछ दे दिया। मेरे एजेंट ने अगस्त में स्पेन से बोलिविया की टिकट करवा दी। वहां पहुंचकर दूसरे एजेंट के पास अपना फोटो लेकर गया। उसने मुझे कहा- तुम्हारा पेमेंट अभी तक नहीं आया है। एजेंट मुझे ग्रुप से अलग कर देते थे। कहते थे- जब तक पैसा नहीं आएगा, तुम्हें आगे लेकर नहीं जाएंगे। मुझे लगा कि फ्लाइट से अमेरिका भेजेंगे, लेकिन आखिर में डंकी रूट से ही ले गया। करीब 4 महीने में बोलिविया से पेरू, इक्वाडोर, कोलंबिया के रास्ते पनामा जंगल होते हुए मेक्सिको पहुंचा। साथ में रास्ता बताने के लिए एजेंट का एक आदमी था, जिसको डोंकर कहते हैं।' मनदीप बताते हैं- 'रास्ते में हर जगह डोंकर मुझे मारते-पीटते थे। कभी थप्पड़ मार देते, कभी लात-घूंसे तो कभी बाल खींचकर पीटते। मैं जब कहता कि मुझे क्यों मार रहे हो, तो गाली देते हुए कहते- तुम्हारे एजेंट ने पैसे नहीं भेजे हैं। जल्दी पैसा भेजने को बोलो। मैं पापा को, भाई को फोन करके कहता, एजेंट को बोलो पैसे भेजे, लेकिन एजेंट हर बार बहाना बनाकर टाल देता। जनवरी में हम मेक्सिको होते हुए अमेरिका पहुंचने वाले थे। इससे पहले ही डोंकर ने मुझे एक होटल के कमरे में कैद कर लिया। 4 दिनों तक बेल्ट से, रॉड से मुझे मारता रहा। मैंने घरवालों को कुछ नहीं बताया, वरना सब परेशान हो जाते। 6 दिन तक डोंकर ने खाना भी नहीं दिया। 6 दिन के बाद मुझे एक पिज्जा दिया। कंबोड का पानी पीना पड़ा। डोंकर ने मेरे कपड़े, मोबाइल, कानों की बाली, सोने की चेन, जो भी था, सब छीन लिया। जब डोंकर फोन पर एजेंट से बात करता तो मैं सुनता रहता था। एजेंट से डोंकर कहता, पैसे नहीं आएंगे, तो इसे गोली मार देंगे। एजेंट कहता- मार दो गोली। हम कुछ नहीं जानते हैं। जब मैंने ये बातें सुनी, तब 13वें दिन घरवालों को फोन किया, कहा- पापा ये मुझे गोली मार देंगे। आप कैसे भी करके, पैसे अरेंज करके इसे भेज दो। मैंने जैसे-तैसे पूरे पैसे दिए, तब उसने मुझे आगे जाने दिया। मनदीप कहते हैं- 'मेक्सिको से अमेरिका में दाखिल होने की दीवार 35-40 फीट ऊंची है। एक जगह दीवार टूटी हुई है, उसी रास्ते से मुझे डोंकर ने अमेरिका में दाखिल करवाया। जैसे ही अमेरिका में दाखिल हुआ, पुलिस ने पकड़ लिया। यहां मुझे करीब 15 दिनों तक रखा। 2 फरवरी की बात होगी। मेरे साथ जितने लोग थे, सभी को अमेरिकी फोर्सेज ने पैर में बेड़ियां और हाथ में हथकड़ी लगाकर एक बस में बिठा दिया। फिर हवाई अड्डे पर सेना के जहाज में एक-एक करके सबको बिठा दिया। बेड़ियों से मेरे पैर छिल गए। 40 घंटे सिर्फ जूस और सैंडविच खाकर रहा। किसी आतंकवादी जैसा सलूक किया जा रहा था। मनदीप मुझे एफआईआर की कॉपी दिखाते हैं। कहते हैं, ‘अमेरिका से भेजे जाने के तुरंत बाद मैंने एजेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी है। अब पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। एजेंट भाग गया है। घरवाले पैसे न भेजते, तो डोंकर मुझे गोली मार देते। अब यहीं पर दिहाड़ी करूंगा। चपरासी की भी नौकरी करूंगा, लेकिन कभी अमेरिका जाने का नहीं सोचूंगा। जाऊंगा भी तो लीगल तरीके से, वीजा लगाकर।’ दूसरी कहानी : अमृतसर के आकाशदीप की मनदीप से बातचीत करने के बाद मैं अमृतसर के राजाताल गांव के लिए निकल पड़ता हूं। अटारी से सटे पाकिस्तान बॉर्डर पर बसे इस गांव में लहलहाते खेतों के बीच स्वर्ण सिंह का घर है। इनके बेटे आकाशदीप को अमेरिका ने बेदखल कर दिया है। 65 लाख रुपए खर्च करके वे अमेरिका गए थे। जब मेरी स्वर्ण सिंह से फोन पर बात हुई थी, तो उनका कहना था कि आकाशदीप भी घर पर रहेगा। आ जाइए, लेकिन जब हम वहां पहुंचे, तो आकाशदीप नहीं आए। लाल रंग का टी-शर्ट पहने और माथे पर काले रंग की पगड़ी बांधे स्वर्ण सिंह कहते हैं, ‘जिस दिन आपने फोन किया, मैंने उससे बोला था। उसने कहा कि मैं आ जाऊंगा, लेकिन अब नहीं आ रहा है। जब से अमेरिका से आया है, सदमे में है। दोस्त के यहां ही सोया रहता है। हम लोगों से भी कोई बातचीत नहीं कर रहा है। कुछ बोलता ही नहीं है। इसकी मां दिलजीत डिप्रेशन की दवाई खा रही है। अचानक चीखने-चिल्लाने लगती है। रोने लगती है। कलेजा पीटने लगती है।’ स्वर्ण सिंह चार भाई हैं। सभी का घर एक कतार में बना हुआ है। सबसे पुराना और खस्ताहाल स्वर्ण सिंह का ही घर दिख रहा है। वे कहते हैं, ‘अब बस यही घर बचा है और कुछ भी नहीं। 8 मवेशी थे, वो भी बेच दिया। कुछ जमीन भतीजे को 20 लाख में बेच दी। बाकी की जमीन पर बैंक से लोन ले लिया। अब इतना भी नहीं है कि खेती करूं। हर रोज बैंक वाले ब्याज मांगने आते हैं। कहां से दें। 65 लाख का कर्ज है। अपना खून और किडनी भी बेच दूं, तब भी ये कर्ज नहीं चुका पाऊंगा।’ स्वर्ण सिंह की पत्नी दिलजीत बरामदे से निकलकर दरवाजे पर आ जाती हैं। वे पत्नी को ढांढस बंधाते हुए कहते हैं, ‘कम से कम हमारा बेटा जिंदा आ गया। उनका क्या होता होगा जिनके बेटे वहीं मर गए। चिंता में कई रात जागकर गुजार रहा हूं। अब तो पेट भरना भी मुश्किल है। आकाशदीप इकलौता बेटा है। उम्मीद थी कि बड़ा होकर घर-परिवार संभालेगा। 12वीं तक आकाशदीप पढ़ने में ठीक था। फिर 4 साल तक उसने नौकरी की तैयारी की, लेकिन नहीं मिली, तब वह विदेश जाने के सपने देखने लगा। 2024 के जुलाई की बात है। वह दुबई चला गया। वहां के एजेंट ने उसका वीजा तो बनवाकर भेजा था, लेकिन वर्क परमिट नहीं दिलवाया। इस वजह से 4 महीने तक वह दुबई में फंसा रहा।' स्वर्ण सिंह कहते हैं- 'हर रोज बेटा फोन करके एक ही बात बोलता- पापा जैसे ही अमेरिका पहुंच जाऊंगा, सब कर्ज उतर जाएगा। अपनी गाड़ी-कोठियां होंगी। आपको भी यहीं सेटल करवा दूंगा। बेटा जैसा कहता गया, मैं मानता गया। किसी से पूछा भी नहीं कि जो मैं कर रहा हूं, सही कर रहा हूं या गलत। पहले एजेंट ने बोला कि फ्लाइट से भेजेंगे, फिर डंकी रूट से भेज दिया। जनवरी में वह मेक्सिको पहुंचा, जहां उसे गिरफ्तार कर लिया। 65 लाख डूबने के बाद अब ऐसा लगता है कि ऐशो-आराम के लालच में अपना सब कुछ गंवा दिया। आसपास के लोग मजाक उड़ाते हैं। कहते हैं, ‘गया था अमेरिका, अब यहां दिहाड़ी करेगा। कभी-कभी तो खुद को खत्म करने का भी मन करता है। बेटा को इतना बड़ा सदमा लगा है कि न किसी से मिलता है, न बात करता है। एक दोस्त के यहां शादी थी। सब गए, लेकिन आकाशदीप एक कोने में चादर से मुंह ढंककर सोया हुआ था। ऐसा लगता है कि पागल हो जाएगा…।’ ------------------------ अमेरिका से बेदखल सीरीज की ये खबरें भी पढ़ें : 1. जंगल में 6 दिन गीले कपड़ों में रहा:500 बार में नदी पार की, जमीन बेचकर अमेरिका पहुंचा, हथकड़ी लगाकर वापस भेज दिया एजेंट ने कहा था कि वो 40 लाख रुपए में डंकी रूट से मुझे अमेरिका भेज देगा। मैंने 20 लाख में जमीन बेच दी और बाकी रुपए कर्ज लेकर एजेंट को दे दिए। जिस दिन घर से निकला था, बीवी डेढ़ साल के बेटे को लेकर दरवाजे पर खड़ी रो रही थी। मां भी रो रही थी। मैंने कहा था अमेरिका पहुंच जाऊंगा तो सब ठीक हो जाएगा, लेकिन सब कुछ तहस-नहस हो गया। पढ़िए पूरी खबर... 2. अमेरिका से निकाले गए सभी 33 गुजराती अंडरग्राउंड:इनमें 7 परिवारों के 21 लोग, लेकिन 18 का एड्रेस अलग; दावा-पुलिस ने बात करने से रोका अमेरिका से जबरन भारत भेजे गए सभी 33 गुजराती अंडरग्राउंड हो गए हैं। भास्कर 33 में से 26 लोगों के घरों तक पहुंचा, लेकिन कोई भी प्रवासी सामने नहीं आया। बाकी 7 लोग अपने पते पर नहीं मिले। एक परिवार ने खुलकर दावा किया कि पुलिस ने उन्हें किसी से बात नहीं करने की हिदायत दी है। पढ़िए पूरी खबर...
अमेरिका से डिपोर्ट हुआ युवक स्नेचिंग केस में था फरार, काबू
अमेरिका से डिपोर्ट किए भारतीयों की दूसरी खेप में शामिल लुधियाना के एक युवक को थाना जमालपुर की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। युवक की पहचान गुरविंदर सिंह (26) पुत्र दारी सिंह वासी ससराली कॉलोनी के रूप में हुई है। उस पर स्नैचिंग का मामला दर्ज था जिसमें वह फरार था। आरोपी युवक के पिता खुद पंजाब पुलिस के कॉन्स्टेबल और पूर्व सैनिक हैं। जोकि हाल में थाना जोधेवाल में तैनात हैं। गुरविंदर कुछ महीने पहले ही अमेरिका गया था। उसने ट्रैवल एजेंटों के एक नेटवर्क को 45 लाख रुपए का भुगतान किया। इसके लिए उनके पिता ने इस रकम को ब्याज पर लिया था ताकि उनका बेटा विदेश जा सके। 45 लाख रुपए देकर अमेरिका गया था गुरविंदर परिवार के अनुसार, गुरविंदर का भाई पहले ही कनाडा में बसा हुआ था और वह भी विदेश जाने का इच्छुक था। इसी कारण, उसने कई ट्रैवल एजेंटों से संपर्क किया था। शनिवार को परिवार को जानकारी मिली कि गुरविंदर को अवैध रूप से देश में प्रवेश करने के आरोप में अमेरिकी अधिकारियों ने हिरासत में लिया है। अधिकारियों के मुताबिक, गुरविंदर ने बठिंडा, दिल्ली और दुबई में स्थित तीन अलग-अलग एजेंटों को 45 लाख रुपए का भुगतान किया था। उसकी यात्रा अक्टूबर 2024 में शुरू हुई थी, जब वह पहली बार गुयाना पहुंचा। 25 जनवरी को उसने मेक्सिको-अमेरिका सीमा पार करने की कोशिश की, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने उसे पकड़ लिया और डिपोर्ट कर दिया।
हरियाणा में करनाल के 10 युवक-युवतियां अमेरिका से डिपोर्ट होकर वापस लौट आए। इनमें असंध के पंघाला गांव का दंपति भी शामिल है, जो अपने बच्चों को छोड़कर वहां गया था, लेकिन पहुंचते ही उन्हें वापस भेज दिया गया। अमेरिका जाने के लिए इन्होंने जमीन बेची, लोन लिया और करोड़ों रुपये एजेंटों को दिए। इनमें से कई ने डंकी रूट से जाने के लिए लाखों खर्च किए, लेकिन नतीजा सिर्फ कर्ज और पछतावा निकला। परिजन सदमे में हैं और किसी से बात तक नहीं कर रहे। जिनका घर तक बिक गया, वे अब किराए पर रहने को मजबूर हैं। लाखों खर्च किए, लेकिन सपने टूट गए अमेरिका से लौटे लोगों में असंध के गांव राहड़ा से रवि सिंह, तरसेम, पंघाला निवासी दंपति बलवान और रुबी, सांभी गांव से मनप्रीत सिंह और गुरविंद्र कौर, घोघड़ीपुर की मीनाक्षी, बरास गांव के विजय प्रताप, गढ़ी बीरबल के महक और मोहदीनपुर के साहिल राणा शामिल हैं। इन सभी ने अमेरिका जाने के लिए जमीन बेची, मकान गिरवी रखा, बैंक से लोन लिया और रिश्तेदारों से कर्ज तक उठा लिया था। अब जब ये खाली हाथ लौट आए हैं, तो परिजन सदमे में हैं और किसी से बात करने की हालत में नहीं हैं। डंकी रूट से भेजे गए थे, एयर ट्रैवल का झांसा दिया ये सभी युवक-युवतियां हाल ही में अमेरिका पहुंचे थे, लेकिन वहां की पुलिस ने पकड़कर तुरंत डिपोर्ट कर दिया। इन लोगों को एजेंटों ने बाय एयर भेजने का झांसा दिया था, लेकिन असल में इन्हें डंकी रूट से भेजा गया। इस दौरान किसी को जंगलों में पैदल चलना पड़ा, तो किसी को दुश्वारियों का सामना करना पड़ा। अब जब ये वापस लौटे हैं, तो सिर्फ पछतावा ही हाथ लगा है। अब तक 24 युवक-युवतियां लौट चुके अमेरिका से डिपोर्ट होने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। अब तक जिले के 24 युवक-युवतियां वापस आ चुके हैं। इन सभी ने एजेंटों को करीब 10 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन अमेरिका में कदम रखते ही उन्हें पकड़ लिया गया और वापस भेज दिया गया। इनमें कुछ तो ऐसे हैं, जिन्होंने अपना रहने का घर तक बेच दिया था और अब किराए पर रह रहे हैं। बच्चों को छोड़ अमेरिका गए, लाखों गंवाकर लौटे असंध के पंघाला गांव निवासी बलवान और रुबी पति-पत्नी ने अमेरिका जाने के लिए करीब 90 लाख रुपये खर्च किए थे। जमीन और मकान पर लोन लिया, रिश्तेदारों से कर्ज उठाया, लेकिन अमेरिका में एक हफ्ता भी नहीं टिक पाए और वापस भेज दिए गए। राहड़ा निवासी रवि ने 45 लाख रुपये खर्च कर अमेरिका जाने का सपना देखा था। बैंक से लोन लिया, बड़े भाई ने जो सेना में है, उसने भी मदद की। लेकिन अमेरिका पहुंचते ही उसे पकड़कर वापस भेज दिया गया। राहड़ा का ही तरसेम, जो छह बहनों का इकलौता भाई है, उसने भी अमेरिका जाने के लिए अपनी डेढ़ एकड़ जमीन बेच दी और एजेंट को 43 लाख रुपये दिए। उसे एयर ट्रैवल का वादा कर डंकी रूट से भेज दिया गया, जहां कई दिनों तक उसे जंगलों में पैदल चलना पड़ा। अब वह वापस आ चुका है और परिवार गहरे आर्थिक संकट में है। दो एकड़ जमीन बेचकर अमेरिका गया, लेकिन दीवार कूदने के बाद पकड़ा गया निसिंग के बरास गांव के विजय प्रताप ने अमेरिका जाने के लिए अपनी दो एकड़ जमीन बेच दी। पिता पहले ही गुजर चुके थे, बड़ा भाई खल की दुकान चलाता है। विजय ने 45 लाख रुपये खर्च कर अमेरिका का टिकट कटाया, लेकिन जैसे ही वह वहां की दीवार कूदा, पकड़ लिया गया और वापस भेज दिया गया। घोघड़ीपुर की मीनाक्षी का भाई तीन साल पहले अमेरिका गया था। उसे लगा कि वह भी वहां जाकर भाई के साथ बेहतर जिंदगी बिता सकेगी। उसने करीब 40 लाख रुपये रिश्तेदारों और भाई के सहयोग से जुटाए और अमेरिका चली गई, लेकिन पहुंचने के 15 दिन बाद ही उसे भी वापस भेज दिया गया। जो लोग अमेरिका जाकर डॉलर कमाने के सपने देख रहे थे, वे अब कर्ज में डूब चुके हैं। कोई बैंक का लोन चुका रहा है, कोई जमीन बेचकर भी खाली हाथ रह गया है। परिजन इस हालत में नहीं हैं कि किसी से बात कर सकें। जो हुआ, उसने पूरे परिवार को आर्थिक और मानसिक रूप से तोड़कर रख दिया है।
Russia- Ukraine War:रूस औऱ यूक्रेन के बीच करीब तीन साल जंग जारी है. इस जंग को समाप्त करने के लिए कई देशों लगातार मांग कर रहे हैं. इसी बीच इसे लेकर रूस की तरफ से भी अच्छा संकेत आया है. रूस ने कहा कि विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो समेत टॉप यूएस अधिकारियों के साथ यूक्रेन में जंग को समाप्त करने लिए बातचीत करेंगे.
इंदौर के श्री गोविंदराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (एसजीएसआईटीएस) में छात्रों के लिए एक विशेष करियर मार्गदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। औद्योगिक एवं उत्पादन अभियांत्रिकी (आईपीई) विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में बीटेक द्वितीय और तृतीय वर्ष के छात्रों को मार्गदर्शन प्रदान किया गया। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता संस्थान की 2021 बैच की पूर्व छात्रा सुश्री ऐश्वर्या सिंघई रहीं, जो वर्तमान में अमेरिका की प्रतिष्ठित कंपनी वोल्फस्पीड में प्रोसेस सस्टेनिंग इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री प्राप्त की है। संस्थान के निदेशक प्रो. पुरोहित के निर्देशन में चल रहे साप्ताहिक विद्यार्थी मार्गदर्शन कार्यक्रम के तहत आयोजित इस सत्र में, सुश्री सिंघई ने औद्योगिक क्षेत्र में मौजूदा अवसरों और चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने छात्रों को बताया कि इंडस्ट्रियल इंजीनियर्स कैसे उत्पादन प्रक्रियाओं, संचालन प्रबंधन, आपूर्ति श्रृंखला अनुकूलन और डेटा-आधारित निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस अवसर पर उन्होंने छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनने के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने का मार्गदर्शन दिया और अपने अनुभवों को साझा किया। कार्यक्रम ने छात्रों को उद्योग जगत की वास्तविक चुनौतियों और अवसरों से रूबरू कराया।
पंजाब के नवांशहर के गांव सड़ोआ के 19 वर्षीय तरनजीत सिंह को अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया गया है। शुक्रवार को पुलिस ने उसे सुरक्षित उसके घर पहुंचाया। तरनजीत पहले इंग्लैंड में रह रहा था, जहां से वह 25 जनवरी को अमेरिका पहुंचा था। हालांकि अमेरिकी अधिकारियों ने उसे पकड़कर भारत वापस भेज दिया। दादा बोले-सुरक्षित घर पहुंच गया तरनजीत के घर पहुंचने पर उनके दादा बलदेव सिंह ने सिर्फ इतना कहा कि वह सुरक्षित घर पहुंच गया है और इससे ज्यादा कुछ नहीं बोलना चाहते। मामले में स्थानीय गांव आलोवाल के सरपंच तिलक राज सूद ने पंजाब सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। 3 साल में सरकार ने किए केवल झूठे वादे सरपंच ने कहा कि पंजाब सरकार ने युवाओं को विदेश जाने की जरूरत न पड़ने का भरोसा दिलाया था। सरकार ने वादा किया था कि वह पंजाब में ही युवाओं के लिए व्यवसाय और रोजगार का प्रबंध करेगी। साथ ही विदेश में रह रहे लोगों को भी वापस लाकर नौकरियां देने का आश्वासन दिया था, लेकिन तीन साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने युवाओं के लिए कुछ नहीं किया और केवल झूठे वादे किए जा रहे हैं। इसी कारण युवा लाखों रुपए खर्च करके जोखिम भरा रास्ता चुन रहे हैं।
अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीय युवाओं के तीसरे बैच में हरियाणा के कैथल जिले के 8 युवक शामिल हैं। रविवार रात को इन सभी की वतन वापसी हुई। सोमवार दोपहर करीब 2:30 बजे इंस्पेक्टर राजकरण अंबाला बॉर्डर से पुलिस टीम के साथ इन युवाओं को लेकर कैथल पुलिस लाइन पहुंचे। यहां सभी युवाओं की संबंधित थानों से क्रिमिनल हिस्ट्री की जांच करवाई गई। जांच के दौरान पता चला कि खेड़ी गुलाम अली गांव के रोहित तंवर को पहले ही भगोड़ा घोषित किया जा चुका था। रोहित लड़ाई-झगड़े के एक मामले में आरोपी था और कानूनी कार्रवाई से बचने के लिए अवैध रूप से अमेरिका भाग गया था। कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित किया था, जिसके बाद अब उसकी गिरफ्तारी संभव हो सकी। जैसे ही उसकी पहचान हुई, सीवन पुलिस ने उसे पुलिस लाइन से हिरासत में लिया और लंबित दोनों मामलों में गिरफ्तार कर लिया। इन युवाओं की हुई वतन वापसी: डिपोर्ट हो रहे युवाओं पर पुलिस की कड़ी निगरानी कैथल पुलिस ने सभी युवाओं की पूरी जांच की और जिन पर किसी भी तरह का आपराधिक रिकॉर्ड नहीं था, उन्हें उनके परिवार के हवाले कर दिया गया। वहीं, रोहित तंवर को तुरंत हिरासत में ले लिया गया और कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऐसे मामलों पर अब सख्त कार्रवाई की जा रही है ताकि अवैध इमिग्रेशन और अपराधों पर रोक लगाई जा सके। ये मामला था दर्जसीवन थाने में दर्ज एफआईआर नंबर 128 साल 2021 के अनुसार गांव खेड़ी गुलाम अली के छह लोगों के खिलाफ लड़ाई झगड़े का मामला दर्ज हुआ था। जिसमें डिपोर्ट हुए युवक रोहित तंवर का भी नाम शामिल था। पुलिस ने यह मामला रोहित के गांव के ही शिकायतकर्ता मंगल सिंह की शिकायत पर दर्ज किया था। पुलिस को दी शिकायत में मंगल सिंह ने बताया कि दिनांक 6 जून 2021 को वह अपने परिवार जनों के साथ खेत में पशुओं का चारा लेने गए हुए थे। जब वह अपने खेत से वापस जा रहे थे तभी आरोपी गणों ने उसका रास्ता रोक उन पर जानलेवा हमला कर दिया था।जिसमें उसे वह उसके पिता सहित परिवार के कई सदस्यों को काफी चोटें आई थी। इस संदर्भ पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद वह कोर्ट से जमानत लेने के बाद विदेश भाग गया, इस लिए पुलिस ने उसे बेल जंपर घोषित किया हुआ था। लड़ाई झगड़े के मामले में था बेल जंपर: एसएचओ सीवन थाना प्रभारी कुलदीप देशवाल ने बताया कि रविवार को डिपोर्ट हुए गांव खेड़ी गुलाम अली निवासी रोहित तंवर एक लड़ाई झगड़े के मामले में बेल जंपर था। जिसको आज हिरासत में लेकर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है।
जमशेदपुर में अमेरिका द्वारा अप्रवासी भारतीयों को हथकड़ी लगाकर वापस भेजने के विरोध में सोमवार को जोरदार प्रदर्शन हुआ। ऑल इंडिया सिख स्टूडेंट्स फेडरेशन के पूर्वी भारत अध्यक्ष सतनाम सिंह गंभीर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने साकची गोलचक्कर पर अपने हाथों में हथकड़ियां पहनकर प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किया। सतनाम सिंह गंभीर ने कहा कि अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय नागरिकों को सेना के विमान में हथकड़ियों में जकड़कर भेजना मानवता के खिलाफ है। उन्होंने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। सतनाम सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री के हालिया अमेरिका दौरे के दौरान भी इस मुद्दे पर कोई चर्चा न होना देश का अपमान है। फेडरेशन ने भारत सरकार से तीन प्रमुख मांगें रखीं। पहली, अमेरिका से डिपोर्ट किए जा रहे भारतीयों को सम्मानजनक तरीके से वापस लाया जाए। दूसरी, इन लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं। तीसरी, फर्जी एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए, जो लोगों को गलत तरीके से विदेश भेजते हैं।
अमेरिका में भारतीय पत्रकार के सवाल पर हंस रही महिला का पुराना वीडियो वायरल
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो क्लिप फरवरी 2020 की है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्हाइट हाउस में कोरोनावायरस पर मीडिया को संबोधित कर रहे थे.
पंजाब में कपूरथला के गांव चक्केकी निवासी 19 वर्षीय निशान सिंह की अमेरिका जाने की कोशिश विफल हो गई। उज्जवल भविष्य की आशा में परिवार ने जमीन गिरवी रखकर और सोना बेचकर 35 लाख रुपए जुटाए, लेकिन एजेंट ने उन्हें धोखा दे दिया। निशान ने बताया कि वह पहले 23 जून 2022 को फ्रांस गया। वहां से एक एजेंट ने अमेरिका पहुंचाने का वादा किया। परिवार ने 17 लाख रुपए नकद दिए और बाकी रकम अलग-अलग खातों में जमा करवाई। 24 जून 2024 को फ्रांस से अमेरिका के लिए रवाना हुए, लेकिन एजेंट ने सीधी फ्लाइट की बजाय उन्हें जंगल के रास्ते भेजा। एजेंटों ने की मारपीट रास्ते में उन्हें टैंकर में छिपाकर ले जाया गया। इस दौरान उनके पैर में गंभीर चोट लगी, लेकिन कोई इलाज नहीं किया गया। एजेंटों ने मारपीट की और करंट भी लगाया। कई देशों से होते हुए 24 जनवरी 2025 को वे अमेरिकी कैंप पहुंचे, जहां भी उनकी स्थिति दयनीय रही। वहां मौजूद पाकिस्तानी अनुवादक ने उन्हें भारत वापस भेजे जाने की सूचना दी। देर रात अमृतसर पहुंचे निशान को ढिलवां थाना SHO मनजीत सिंह के नेतृत्व में उनके घर पहुंचाया गया। निशान की मां बलविंदर कौर और परिवार ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। यह मामला अवैध प्रवास के नाम पर युवाओं के साथ हो रहे शोषण को उजागर करता है।
अमेरिका जाकर डॉलर कमाने और परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने का सपना देखने वाला कैथल जिले के गांव श्यों माजरा का युवक मनदीप सिंह ठगी का शिकार हो गया। एजेंट के झांसे में आकर उसने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया, लेकिन अंत में उसे डिपोर्ट होकर भारत लौटना पड़ा। बी.ए. पास मनदीप अमेरिका जाने के लिए बेहद उत्साहित था। इसके लिए उसके पिता मंगत सिंह ने एक किल्ला जमीन बेच दी। बाकी की जमीन बैंक में गिरवी रखी और रिश्तेदारों से भी उधार लिया। परिवार ने एजेंट को 44 लाख रुपए दिए, जिसने दावा किया था कि 40 दिनों में उसे सुरक्षित अमेरिका पहुंचा दिया जाएगा। जंगलों के रास्ते भेजा अमेरिका मनदीप के मुताबिक एजेंट ने उसे पहले दिल्ली से मुंबई भेजा, फिर साउथ अफ्रीका के गोहाना, ब्राजील, मालवीय, पेरू, कोलंबिया और पनामा के खतरनाक जंगलों के रास्ते से होते हुए अमेरिका भेजा। लेकिन यह सफर 40 दिनों की बजाय 5 महीने लंबा हो गया। 24 जनवरी को उसने मेक्सिको बॉर्डर की दीवार पार कर अमेरिका में प्रवेश किया, लेकिन अमेरिकी बॉर्डर पुलिस ने उसे पकड़ लिया और हिरासत में ले लिया। डिपोर्ट होकर हथकड़ियों में भारत लौटा 13 फरवरी को अमेरिकी प्रशासन ने मनदीप को डिपोर्ट कर दिया। अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद उसे हथकड़ियों में अंबाला लाया गया, फिर वहां से कैथल पुलिस को सौंपा गया। गुहला थाना पुलिस ने उसे उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया। पासपोर्ट भी 5 साल के लिए ब्लैकलिस्ट मनदीप का कहना है कि एजेंट ने उसे धोखा दिया। सरकार बदलने के कारण हालात और मुश्किल हो गए और आखिरकार उसे डिपोर्ट होना पड़ा। उसका 44 लाख रुपए चला गया, जमीन भी गिरवी रखी गई और पासपोर्ट भी 5 साल के लिए ब्लैकलिस्ट हो गया। अब परिवार चाहता है कि एजेंट के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो ताकि आगे कोई और इस तरह से धोखाधड़ी का शिकार न हो।
नहीं छिप पाएगी धरती की कोई हलचल, बाज की तरह नजर रखेगा भारत-अमेरिका का 'NISAR', जानें खासियतें
Nisar Project: ISRO और NASA मिलकर एक संयुक्त मिशन संचालित कर रहे हैं. यह मिशन पृथ्वी के सतह का अध्ययन करेगा. इससे धरती पर होने वाले सभी भौगोलिक बदलावों को बिना किसी रुकावट के ट्रैक किया जा सकेगा.
हरियाणा के करनाल जिला में घरौंडा के गुढ़ा गांव के पारस मेहला को दो दिन पहले अमेरिका के कैलिफोर्निया से डिपोर्ट कर दिल्ली एयरपोर्ट पर भेजा गया। उसने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर अमेरिका में डिपोर्टेशन की प्रक्रिया और वहां का असली सच बताया। पारस ने दावा किया कि अमेरिका में पकड़े जाने के बाद कई लोग यह सोचते हैं कि पहले साइन करवाया जाएगा और अगर कोई साइन नहीं करेगा तो उसे छोड़ दिया जाएगा, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। साइन करना न करना दोनों के अपने खतरे, अमेरिका वाले नहीं छोड़ते कोई रास्ता वीडियो में पारस ने बताया कि वह तीन और युवकों के साथ अमेरिका से डिपोर्ट हुआ है। उसने कहा कि अमेरिका में जब किसी को पकड़ा जाता है तो वे कहते हैं कि तुम्हें ट्रांसफर किया जा रहा है, लेकिन असल में सीधे डिपोर्ट कर दिया जाता है। कई लोग यह सोचकर बैठे रहते हैं कि साइन नहीं करेंगे तो वहीं रह जाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होता। अमेरिका वाले सीधे फ्लाइट में बैठाकर इंडिया भेज देते हैं। साइन से बचने पर भी जेल की सजा, एक युवक भुगत चुका अंजाम पारस ने बताया कि एक युवक ने साइन करने से मना कर दिया था, जिसके बाद उसे जेल में डाल दिया गया। बाद में जब उसने साइन किए, तभी जाकर उसे छोड़ा गया। पारस का कहना है कि अमेरिका में डिपोर्टेशन का कोई फिक्स नियम नहीं है। कभी वे साइन करवाते हैं, कभी बिना साइन कराए ही डिपोर्ट कर देते हैं। लेकिन जो साइन नहीं करता, उसे तीन साल तक की सजा भी हो सकती है। इसलिए किसी भी गलतफहमी में न रहें। दिल्ली एयरपोर्ट पर मिली हकीकत, नहीं पूछा गया कुछ भी पारस ने बताया कि जब वे अमेरिका में थे तो उन्हें यही लगा कि शायद कोई पूछताछ होगी, या रुकने का कोई तरीका निकलेगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्हें एयरबेस पर ले जाकर सीधे दिल्ली की फ्लाइट में बैठा दिया गया। दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद भी किसी ने कोई सवाल नहीं किया और वे सीधा अपने घर लौट आए। पारस ने यह भी कहा कि अमेरिका जाने का सपना देखने वाले इस हकीकत को जरूर जान लें ताकि बाद में परेशानी न हो।
पंजाब के लुधियाना में इलाका मेहरबान के ससराली कॉलोनी निवासी 26 वर्षीय गुरविंदर सिंह को अमेरिका ने दूसरे ग्रुप में डिपोर्ट किया। गुरविंदर को देर रात थाना जमालपुर की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गुरविंदर पर स्नैचिंग का मामला दर्ज है। गुरविंदर के परिवार में शादी समारोह है। गुरविंदर के परिवार ने मंगलवार को होने वाली उनकी चचेरी बहन की शादी का हवाला देते हुए मीडिया से बात करने से मना कर दिया। रिश्तेदारों ने बताया कि गुरविंदर के डिपोर्ट की अचानक खबर से वे अचंभित हैं और शादी के जश्न में खलल डाले बिना स्थिति को संभालने की कोशिश कर रहे हैं। 45 लाख का भुगतान करके गया था अमेरिका परिवार के सदस्यों के अनुसार, गुरविंदर कुछ दिन पहले ही तीन महीने ट्रांजिट में बिताने और ट्रैवल एजेंटों के एक नेटवर्क को 45 लाख रुपए का भुगतान करने के बाद अमेरिका गया था। उनके पिता, दारी सिंह, जो पंजाब पुलिस के कॉन्स्टेबल और पूर्व सैनिक हैं, ने अपने बेटे के विदेश में बसने के सपने को पूरा करने के लिए इस राशि का एक बड़ा हिस्सा ब्याज पर उधार लिया था। गुरविंदर का भाई पहले से ही कनाडा में बसा हुआ है, और वह भी विदेश जाने का इच्छुक था, जिसके कारण उसने विभिन्न ट्रैवल एजेंटों से संपर्क किया। परिवार को शनिवार को पता चला कि गुरविंदर को अवैध रूप से देश में प्रवेश करने के लिए अमेरिकी अधिकारियों ने हिरासत में लिया है। उन्हें यकीन नहीं है कि उसने अमेरिका पहुंचने के लिए कुख्यात 'डोंकी मार्ग' का इस्तेमाल किया था या नहीं। उन्होंने ट्रैवल एजेंटों पर निराशा व्यक्त की है, जिन्होंने मोटी रकम ली, लेकिन सुरक्षित और कानूनी मार्ग सुनिश्चित करने में विफल रहे। अपनी चिंताओं के बावजूद, परिवार खुलकर बोलने से कतराता है, क्योंकि उन्हें डर है कि डिपोर्ट पर सार्वजनिक ध्यान उनकी प्रतिष्ठा और चचेरे भाई की शादी को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, उन्होंने उन एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, जिन्होंने गुरविंदर की गैरकानूनी यात्रा में मदद की। अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरने पर अधिकारियों को दिए गए बयान के अनुसार, गुरविंदर ने बठिंडा, दिल्ली और दुबई में स्थित तीन अलग-अलग एजेंटों को 45 लाख रुपए का भुगतान किया था। उनकी यात्रा पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुई थी, जब वे पहली बार गुयाना पहुंचे थे। 25 जनवरी को मेक्सिको-अमेरिका सीमा पार करने का किया प्रयास 25 जनवरी को, उन्होंने मेक्सिको-अमेरिका सीमा पार करने का प्रयास किया, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने उन्हें पकड़ लिया और बाद में डिपोर्ट कर दिया। गुरविंदर का पारिवारिक विवाद भी रहा है जिस कारण वह अमेरिका चला गया था। गुरविंदर का अपने बड़े भाई और पिता के साथ कुछ मतभेद था। वह अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहता था और परिवार की संपत्ति में अपना हिस्सा मांग रहा था। मामले को निपटाने के लिए, उसके पिता ने 45 लाख का ऋण लिया और एजेंट को भुगतान किया, जिसने अमेरिका की सुगम यात्रा का वादा किया था। एक पारिवारिक सदस्य ने कहा कि हालांकि, प्रक्रिया में अपेक्षा से अधिक समय लगा और गुरविंदर तीन महीने से अधिक समय तक पारगमन (ट्रांसिट) में रहा। जब तक वह अमेरिकी सीमा पर पहुंचा, तब तक राजनीतिक स्थिति बदल चुकी थी। पारिवारिक सदस्य ने कहा कि तब तक, डोनाल्ड ट्रम्प ने पदभार संभाल लिया था, और हमें नहीं पता था कि वह अप्रवासियों पर इतना सख्त हो जाएगा और उन्हें डिपोर्ट करना शुरू कर देगा। जब उन्होंने एजेंट से संभावित जोखिमों के बारे में पूछा, तो उसने हमें आश्वस्त किया कि ऐसे हालात अक्सर चलते रहते है।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र का युवक 8 महीने के बाद अमेरिका से डिपोर्ट होकर वापस अपने वतन लौट आया। देर रात उसके परिजन उसे गांव लेकर आए। युवक को जबरन वापस भेजने से परिवार काफी आहत है। हालांकि परिजन बेटे के सुरक्षित पहुंचने से खुश भी है। पहले डिपोर्ट हुए भारतीयों में जिला कुरुक्षेत्र के 13 लोग शामिल थे। इस बार प्रशासन 3 युवकों के आने की पुष्टि की है। जानकारी के मुताबिक, पिहोवा के स्याणा सैयदां गांव का रहने वाला रोबिनप्रीत सिंह 23 जून 2024 को अमेरिका गया था। इसके लिए उसने एजेंट को करीब 40 लाख रुपए दिए थे। रोबिन ने डंकी के रास्ते दिसंबर में अमेरिका का बॉर्डर क्रॉस किया था। बॉर्डर क्रॉस करते ही पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर कैंप में डाल दिया था। रोबिन 12 वीं पास करने के बाद अमेरिका के लिए चला था। रोबिन के पिता हरजीत सिंह खेती-बाड़ी करते हैं। बेटे के आने की सूचना के बाद परिवार उसे लेने अमृतसर गया हुआ था। यहां पुलिस ने रोबिन को उसके परिवार के हवाले कर दिया। रोबिन के साथ आया साहिल गिरफ्ताररोबिन के साथ आए पिहोवा के रहने वाले साहिल वर्मा को पुलिस ने अमृतसर एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया। साहिल के खिलाफ मई 2022 में पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। मामले में कोर्ट ने आरोपी को भगोड़ा घोषित कर दिया था। पुलिस की ओर से उसके खिलाफ LOC भी जारी किया गया था। प्लेन से उतरते ही पुलिस ने उसे काबू कर लिया। गांव का एक और युवक आया था वापसस्याणा सैयदां गांव का एक और युवक डिपोर्ट होकर वापस आया था। गुरजेंट सिंह भी जून 2024 को अमेरिका जाने के लिए निकला था। परिजनों ने उसे कर्ज लेकर अमेरिका भेजा था। गुरजेंट का परिवार करनाल के तरावड़ी में रह रहा है। हालांकि गुरजेंट और उसका परिवार मामले में कुछ भी बोलने से बच रहा है। गुरजेंट 4-5 फरवरी की रात को वतन आ गया था। हालांकि उस समय किसी ने उसके आने की पुष्टि नहीं की थी। दूसरी लिस्ट में भी नाम गुरजेंट का नाम 14-15 की रात को आए भारतीयों की लिस्ट में है। रविवार को प्रशासन की ओर से जारी लिस्ट में भी गुरजेंट का नाम है। हालांकि गांव में गुरजेंट के पड़ोसियों ने 6 फरवरी को उसके आने की बात बताई थी। उस दिन उनके घर पर ताला लटका हुआ था। पड़ोसी यही कह रहे हैं कि गुरजेंट गांव में आया ही नहीं है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ लगाने के आदेश के बाद से ही देश के हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स चिंतित हैं। अमेरिका की ओर से ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ लगते ही भारत के हैंडीक्राफ्ट उत्पादों पर 29% अतिरिक्त शुल्क लगेगा, जिसका सीधा असर एक्सपोर्ट पर पड़ेगा। जोधपुर से करीब 4500 करोड़ का हैंडीक्राफ्ट उत्पादों को एक्सपोर्ट किया जाता है। इसमें से करीब 2500 करोड़ का एक्सपोर्ट अमेरिकन देशों में होता है। जोधपुर से वुडन हैंडीक्राफ्ट के अलावा, मैटल, लेदर, कैमल बोन, ग्लास व टेक्सटाइल व कई पारंपरिक हस्तनिर्मित उत्पादों का अमेरिका में बड़ी मात्रा में एक्सपोर्ट होता है। अमेरिका व यूरोपियन देशों में चल रही मंदी से पहले ही यहां से 20% एक्सपोर्ट कम हो चुका है। अब यदि अमेरिका रेसिप्रोकल टैरिफ लगाता है तो जोधपुर हैंडीक्राफ्ट एक्सपोर्टर्स पर बड़ा असर पड़ेगा। इसके तहत भारत से अमेरिका में एक्सपोर्ट होने वाले प्रोडक्ट्स पर सीधे 29% तक अतिरिक्त शुल्क लगेगा। इससे हमारे हैंडीक्राफ्ट प्रोडेक्ट्स की लागत 29% बढ़ जाएगी। अमेरिकी बाजार में पहले से ही चीन, वियतनाम, इंडोनेशिया और बांग्लादेश के उत्पाद प्रतिस्पर्धा में हैं। भास्कर एक्सपर्ट- दिलीप बैद, अध्यक्ष एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल फॉर हैंडीक्राफ्ट चीन पर इंपोर्ट ड्यूटी से भारत को मिली राहत बेअसर होगी पूर्व में चीन से अमेरिका एक्सपोर्ट होने वाले आइटम्स पर 25% इंपोर्ट ड्यूटी लगाई गई थी। यह ड्यूटी हाल ही में 35% कर दी गई। ऐसे में हमारे एक्सपोर्टर्स के लिए चीन से प्रतिस्पर्धा की राह काफी आसान हो गई थी। लेकिन यदि अब प्रस्तावित रेसिप्रोकल टैरिफ लागू की जाती है तो भारत से एक्सपोर्ट आइटम्स पर 29% अतिरिक्त शुल्क लगेगा। हम केंद्र सरकार से आग्रह करेंगे कि हस्तक्षेप करें ताकि करोड़ों लोगों के रोजगार व निर्यातकों पर आए संकट से उभरा जा सके।
अमेरिका से जबरन भारत भेजे गए भारतीयों में हरियाणा के पानीपत जिले के गांव सौदापुर गांव का मनीष भी शामिल हैं। परिवार वालों ने दुकान बेच कर 45 लाख लगाकर युवक को अमेरिका भेजा था। एजेंट ने 45 लाख लेकर मनीष को कोलंबिया के रास्ते मेक्सिको भेज दिया। इसके बाद डोंकर ने 5 जनवरी को उसे अमेरिका में दाखिल करा दिया। जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया। अब अमेरिका से उसे वापस भारत डिपोर्ट कर दिया गया है। जानकारी देते हुए गांव सौदापुर निवासी सरोज ने बताया कि वह पशुपालक हैं। उसका छोटा बेटा मनीष अविवाहित है। मनीष ने अक्टूबर 2024 में अमेरिका जाने की इच्छा जाहिर की। मनीष अमेरिका जाकर पैसे कमाना चाहता था और अच्छा जीवन व्यतीत करना चाहता था। उसने एजेंट से बात की तो एजेंट ने 45 लाख रुपए मांगे। उनकी सौदापुर में दुकान थी। उसने अपनी दुकान 37 लाख रुपए में बेच दी। रिश्तेदार से पैसे उधार लिए एक रिश्तेदार से 8 लाख रुपए उधार लिए और एजेंट को पैसे दे दिए। एजेंट ने नवंबर में मनीष को दिल्ली एयरपोर्ट पर बुलाया, यहां उसे एक माह तक एक होटल में रखा गया। इसके बाद उसे कोलंबिया ले जाया गया। यहां से नांव में उसे तेजवाना ले जाया गया। फिर वह पनामा के खतरनाक जंगलों में पहुंचा। जंगलों को पार करते हुए वह घायल भी हो गया। मनीष रोज वीडियो कॉल कर उन्हें अपनी स्थिति बताता था। डोंकर ने किया अपहरण, 5 लाख लेकर छोड़ा पनामा के जंगल में डोंकर ने उनका अपहरण कर लिया। उसे छोड़ने की एवज में उनसे 5 लाख रुपए मांगे गए। जब उसने एजेंट से इस बारे में कहा तो उसने जवाब दिया कि पैसे दे दो डोंकर खतरनाक है। उसने मनीष को बचाने के लिए 5 लाख रुपए डोंकर के खाते में भेज दिए। इसके बाद 5 जनवरी को डोंकर ने अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर की दीवार से मनीष को अमेरिका में कूदा दिया। मनीष ने अमेरिका में पुलिस चौकी में जाकर अपनी गिरफ्तारी दी। इसके बाद उनका मनीष से कोई संपर्क नहीं हुआ। अब उन्हें पता चला है कि मनीष को वापस डिपोर्ट किया जा रहा है।
सबसे पहले ये तस्वीर देखिए अमृतसर एयरपोर्ट पर बिना पगड़ी पहने जा रहा यह युवक मंदीप है। वह शनिवार (15 फरवरी) रात को अमेरिका से डिपोर्ट किए गए 116 भारतीयों में शामिल था। उसकी बिना पगड़ी के फोटो वायरल हुई थी। तस्वीर में दिख रहा था कि उसके केश (बालों) से छेड़छाड़ हुई है। फोटो वायरल होने के बाद वह खुद मीडिया के सामने आया। मंदीप ने बताया कि वह भारतीय सेना में सेवाएं दे चुका है। रिटायर होने के बाद वह अपनी सारी कमाई (40 लाख) लगाकर अमेरिका गया था। इसके बाद 14 लाख का कर्ज भी हो गया। जब वह अमेरिका पहुंचा तो उसे वहां आर्मी ने गिरफ्तार कर लिया। उसकी पगड़ी उतारकर कूड़ेदान में फेंक दी। उसकी दाढ़ी और बाल भी काट दिए। जब उन्हें भारत लाया जा रहा था तो रास्ते में सिर्फ एक फ्रूटी, सेब और लेज (चिप्स) का पैकेट दिया, लेकिन उन्होंने नहीं खाया। उन्हें डर था कि कहीं ये लोग हमें टॉयलेट में न जाने दें, इसलिए सिर्फ पानी ही पिया। रिटायरमेंट पर 35 लाख लगाए, पत्नी के गहने बेचेमंदीप सिंह ने बताया- मैंने 17 साल भारतीय सेना में सेवाएं दीं। रिटायरमेंट पर मुझे 35 लाख रुपए मिले। उसने अमेरिका जाना का सोच लिया। मैंने पत्नी के गहने बेचकर कुछ पैसे जुटाए। एजेंट से उससे 40 लाख रुपए की डिमांड की थी। एजेंट ने उससे 14 लाख रुपए और देने को कहा। मैंने उससे कहा कि मेरे पास पैसे नहीं है तो एजेंट ने उसे भेजने से इनकार दिया गया। पिछले साल अमृतसर से निकलापिछले साल 13 अगस्त को मैं घर से अमेरिका जाने के लिए निकला था। अमृतसर से दिल्ली, दिल्ली से मुंबई, केन्या, डकार, एम्स्टर्डम होते हुए सूरीनाम पहुंचे। यहां तक वह फ्लाइट में पहुंचे। इसके बाद गाड़ियां या फिर पैदल सूरीनाम से गुयाना, बोलिविया, पेरू, ब्राजील, एक्वाडोर, कोलंबिया, पनामा के जंगलों से होते हुए अमेरिका तक का रास्ता तय किया। अमेरिका जाने के लिए कभी कारों में छिपे तो कभी चार-चार दिन जंगलों में भटकते रहे। डौंकरों (डंकी लगवाने वाले) ने पूरे रास्ते अमानवीय व्यवहार किया। मुझे और साथियों को नांव में बैठकर 30-30 फीट ऊंची लहरों के बीच छोड़ दिया गया। किसी तरह वे अपनी जान बचाकर वहां से निकले। रास्ते में ऐसा व्यवहार बेहद पीड़ादायक था। जब वह रास्ते में था तो करीब 70 से ज्यादा दिनों तक उन्हें सिर्फ मैगी खाने को मिली। उसी से उनका पूरे रास्ते गुजारा हुआ। जब जंगलों और सारे रास्ते को पार कर वह अमेरिका में घुसे। बाल काटने से रोका तो अधिकारियों ने नहीं सुनीवहां सेना के अधिकारियों ने मेरी पगड़ी उतारकर कूड़ेदान में फेंक दी। उन्होंने मेरी दाढ़ी और बाल काट दिए। मैंने अधिकारियों को ऐसा न करने को कहा, लेकिन उन्होंने मेरी एक न सुनी। उन्होंने मेरे केश काटकर छोटे कर दिए। गिरफ्तारी के बाद उन्हें कैंप में रखा गया। उनके पैर में बेड़ियां और हाथ में हथकड़ियां लगाईं। इसके बाद वह बिना कपड़ों के ही वहां से निकला। 30 घंटे के हवाई यात्रा के सफर में उन्हें सिर्फ एक फ्रूटी, एक सेब और चिप्स का पैकेट खाने को दिया। हमें ये भी नहीं पता था कि प्लेन में उन्हें बाथरूम में जाने देंगे या नहीं। इसलिए उन्होंने पूरे रास्ते में उन्होंने सिर्फ पानी पीकर ही गुजारा किया। जब वह पानी पीने को कहते थे तो उनके हाथ की एक हथकड़ी खोल देते थे। हरियाणा के परिवार ने दुकान बेचकर बेटा भेजा अमेरिका...अमेरिका से डिपोर्ट होकर भारत पहुंचे 116 लोगों में हरियाणा के पानीपत का मनीष भी शामिल है। मनीष के परिवार वालों ने भी अपने बेटे के लिए कई सपने देखे थे लेकिन उनके सारे सपने धरे रह गए हैं। गांव सौदापुर निवासी सरोज पशुपालन का काम करते हैं वह बताते हैं कि उनका छोटा बेटा मनीष अमेरिका जाकर पैसे कमाना चाहता था। अमेरिका पहुंचाने के लिए एजेंट ने 45 लाख रुपए मांगे तो 37 लाख में सौदापुर की दुकान बेच दी और 8 लाख रुपए एक रिश्तेदार से ले लिए। एजेंट ने नवंबर में मनीष को दिल्ली एयरपोर्ट पर बुलाया, यहां उसे एक महीने तक होटल में रखा गया। इसके बाद उसे कोलंबिया ले जाया गया। यहां से नांव में उसे तेजवाना ले जाया गया। फिर वह पनामा के खतरनाक जंगलों में पहुंचा। जंगलों को पार करते हुए वह घायल भी हो गया। मनीष रोज वीडियो कॉल कर घरवालों को अपनी स्थिति बताता था। सरोज बताते हैं कि एक डोंकर ने तो उनके बेटे को बीच रास्ते में ही किडनैप भी कर लिया था। बेटे को छोड़ने की एवज में पांच लाख रुपए मांगे जा रहे थे। जब उन्होंने एजेंट को इस बारे में बताया तो एजेंट ने कहा वो डोंकर खतरनाक है पैसे देदो, जिसके बाद उन्होंने पैसे दे दिए। इसके बाद 5 जनवरी को डोंकर ने अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर की दीवार से मनीष को अमेरिका में कूदा दिया। मनीष ने अमेरिका में पुलिस चौकी में जाकर अपनी गिरफ्तारी दी। इसके बाद उनका मनीष से कोई संपर्क नहीं हुआ।
'अमेरिका से बेदखल' सीरीज के तीसरे एपिसोड में पढ़िए अमेरिका से जबरन पंजाब लाए गए गुरप्रीत सिंह की कहानी… मेरे कई दोस्त और रिश्तेदार कुछ साल पहले अमेरिका गए थे। उन्होंने बड़ी गाड़ियां खरीद लीं। बड़ी-बड़ी कोठियां बनवा लीं। जबकि मैं मजदूरी करके जैसे-तैसे गुजारा करता था। इसलिए मैंने भी अमेरिका जाने की ठान ली। कई बार लीगल तरीके से जाने की कोशिश की, लेकिन वीजा नहीं लगा। एक एजेंट ने कहा 40 लाख रुपए में डंकी रूट से अमेरिका भेज देगा। मैंने 20 लाख में जमीन बेच दी और बाकी रुपए कर्ज लेकर एजेंट को दे दिए। जिस दिन घर से निकला था, बीवी डेढ़ साल के बेटे को लेकर दरवाजे पर खड़ी रो रही थी। मां भी रो रही थी। मैंने कहा था अमेरिका पहुंच जाऊंगा तो सब ठीक हो जाएगा।खुश था कि अपने सपने को पूरा कर पाऊंगा, लेकिन सबकुछ तहस-नहस हो गया। ये कहते हुए पंजाब के सुल्तानपुर लोधी के रहने वाले गुरप्रीत सिंह की आंखों में आंसू आ जाते हैं। पंजाब के कपूरथला से करीब 28 किलोमीटर की दूरी पर है सुल्तानपुर लोधी। कपूरथला से सुल्तानपुर लोधी जाते हुए रास्ते में हर जगह विदेश भेजने वाले इंस्टीट्यूट्स के बोर्ड नजर आते हैं। ठीक वैसे ही जैसे दिल्ली के मुखर्जी नगर, करोलबाग में यूपीएससी की तैयारी कराने वाले इंस्टीट्यूट्स के होर्डिंग्स दिखते हैं। रास्ते में बड़ी-बड़ी कोठियां, बंगले नजर आ रहे हैं। कुछ कोठियों के ऊपर तो हवाई जहाज बने हुए हैं। रास्ते में एक नहर है, जिसके बगल से पतला-सा रास्ता गुरप्रीत सिंह के घर की तरफ जाता है। यहीं मुझे गुरप्रीत मिल गए। मेन रोड से तकरीबन 200 मीटर अंदर गुरप्रीत मुझे अपने घर लेकर चलते हैं। दरवाजे से अंदर घुसते ही सामने गुरप्रीत की मां दर्शन कौर, पत्नी और ढाई साल का बेटा सरताज बैठा है। दर्शन कौर मुझे देखते ही घबरा जाती हैं। कुछ देर बाद कहती हैं, ‘जमीन बेचकर, रिश्तेदारों से कर्ज लेकर बेटे को अमेरिका भेजा था। न अब जमीन रही, न बेटा अमेरिका में रहा। सब कुछ खत्म हो गया। रब का लाख-लाख शुक्र है कि कम-से-कम बेटा तो जिंदा आ गया। अगर इससे भी हाथ धो बैठती, तो हम कहां जाते। इसकी पत्नी और बेटा किसके सहारे रहते। बोलते-बोलते दर्शन कौर की आंखें डबडबाने लगती हैं। गुरप्रीत मां के आंसू पोंछते हुए कहते हैं, बहुत मुश्किल से परिवार को संभाला है। अब नहीं चाहता कि पुरानी बातें याद करके मां रोए। भारी आवाज में गुरप्रीत कहते हैं, जब से लौटा हूं ठीक से सो नहीं पाया हूं। 3-4 घंटे तक छत निहारते लेटा रहता हूं। परिवार को देखकर खुद को स्ट्रॉन्ग करना पड़ रहा है, नहीं तो मर ही जाऊंगा या पागल हो जाऊंगा। मैंने पूछा अमेरिका जाने का ख्याल कैसे आया? गुरप्रीत कहते हैं, पापा मंडी में काम करते थे। इससे गुजारा होना मुश्किल था। 10वीं के बाद मैंने पढ़ाई छोड़ दी। सुल्तानपुर लोधी की ही एक फैक्ट्री में नौकरी करने लगा। मेरे एक जानने वाले ट्रांसपोर्टेशन का धंधा करते थे। मैं भी वही काम करने लगा। 15 साल तक ट्रांसपोर्टेशन का बिजनेस किया। इसी कमाई से सड़क किनारे एक प्लॉट लिया। सोचा था कि इसमें घर बनाऊंगा। 2020 में कोविड आने के बाद से ट्रांसपोर्टेशन का काम धीमा हो गया। एक बिजनेस पार्टनर से खटपट हो गई। आखिर ये काम छोड़ना पड़ा। घर चलाने के लिए दो साल तक मजदूरी भी करनी पड़ी। अब यहां 15-20 हजार रुपए से ज्यादा सैलरी वाली नौकरी ही नहीं मिलती। पंजाब में विदेश का वीजा देने वालों की मंडी है। एजेंट विदेश भेजने का सपना दिखाकर 50 लाख से एक करोड़ रुपए तक ऐंठ लेते हैं। किसी का विदेश जाने का सपना डंकी रूट से पूरा होता है, तो किसी का अधूरा ही रह जाता है। सब जुआ ही है। डंकी रूट?'इसमें एजेंट अवैध तरीके से जमीनी रास्ते से अमेरिका भेजता है। आमतौर पर मेक्सिको और कनाडा बॉर्डर पार कराकर अवैध तरीके से अमेरिका भेजा जाता है। इसे डंकी रूट कहा जाता है।' इससे पहले कई जानने वाले डंकी रूट से अमेरिका जा चुके थे। अब किसे नहीं अच्छा लगेगा कि उसके घर की स्थिति ठीक हो जाए। घरवाले मान गए। पंजाब के ही एक एजेंट से बात हुई। उसने 40 लाख रुपए में अमेरिका पहुंचाने की बात कही। अब इतने पैसे घर में आएंगे कहां से, कई दिन सोचने के बाद एकमात्र जमीन का टुकड़ा भी 20 लाख में बेच दिया। कुछ पापा ने अपने रिश्तेदारों से कर्ज लिए। कुछ मैंने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से लिया। 40 लाख रुपए जुटाने के बाद एजेंट ने साउथ अमेरिका के गुयाना के लिए वीजा बनवा दिया। मैं 28 अगस्त 2024 को घर से निकल गया। सामने पत्नी गोद में डेढ़ साल के बेटे को लिए खड़ी थी। उसके बगल में बुजुर्ग मां और पापा खड़े थे। सब बस रो रहे थे। पत्नी को मैंने एक रात पहले खूब समझाया था कि ये गरीबी बस कुछ महीनों की है। सब ठीक हो जाएगा। एक दिन अपना भी सब कुछ होगा। नहीं पता था कि ये दिन देखने पड़ेंगे। गुरप्रीत के पास अमेरिका की कोई तस्वीर नहीं है। उनका कहना है कि डंकी रूट के दौरान जब वे पनामा जंगल और नदी से जा रहे थे, तो भीगने से मोबाइल खराब हो गया। कहते हैं, ‘गुयाना जाने के बाद 3 दिन बस में ट्रैवल करके ब्राजील पहुंचा। वहां दो दिन रुका। फिर 4 दिन में बोलिविया पहुंचा। हर 20 घंटे के बाद एक बस से उतरकर दूसरी बस में बैठना होता था। बोलिविया में दो दिन रुकने के बाद कार से पेरू पहुंचा। पेरू से इक्वाडोर के लिए निकलने में 6 दिन लग गए। कभी बस में, तो कभी कार में। इक्वाडोर से 2 दिन बस में ट्रैवल करने के बाद कोलंबिया पहुंचा। वहां तकरीबन डेढ़-दो महीना रुकना पड़ा। एजेंट कहता था कि अभी आगे काम नहीं है। लाइन-अप होने के बाद भेजेंगे। पहले एजेंट ने फ्लाइट से अमेरिका भेजने की बात कही, लेकिन वो काम नहीं हो पाया। एजेंट ने कहा- अमेरिका जाने का आखिरी रास्ता अब पनामा का जंगल और नदी ही है। फिर मैं पनामा जंगल के रास्ते निकल पड़ा। करीब 200 किलोमीटर जंगल, पहाड़, नदी पार करना पड़ता है। मुझे तो सामने सपने में बस अमेरिका दिखाई दे रहा था। जब वीडियो कॉल पर पत्नी से बात होती, तो यही पूछती कि कब पहुंचोगे। मुझे भी नहीं पता था कि कितने महीने, दिन और लगेंगे। पनामा जंगल में रहने के दौरान 6 दिनों तक घरवालों से कोई बातचीत नहीं हो पाई। मोबाइल पानी में खराब हो गया था। ब्रेड और बिस्किट खाकर 6 दिन गुजारे। ऊपर से बारिश, नीचे कीचड़-पानी। जितने दिन जंगल में रहा, सूखा कपड़ा नहीं पहना। पीठ पर जो बैग था, वो भी भीगकर भारी हो गया। करीब 200 किलोमीटर का जंगल-पहाड़, पैदल पार करने में 6 दिन लग गए। साथ में रास्ता बताने के लिए एजेंट का आदमी भी था, जिसे वे लोग डोंकर बोलते हैं। 40-50 किलोमीटर तक साथ में गया। शाम होने के बाद जंगल में ही टेंट लगा लेते थे। हालांकि सांप, बिच्छू का भी डर रहता था इसलिए नींद तो आती नहीं थी। कई बार दूसरे डोंकर पैसे भी छीन लेते हैं। इसलिए जागना पड़ता था। मेरे साथ दूसरे राज्यों के, देश के लोगों का भी ग्रुप था। इसमें 2 साल से 18 साल तक के बच्चे थे। 50 साल की महिलाएं भी जा रही थीं। इन लोगों को देखकर हौसला मिलता था। कहते-कहते गुरप्रीत ठहर जाते हैं। सूजी आंखों से आंसू भरभराकर बहने नहीं देते, रोक लेते हैं। कुछ देर बाद कहते हैं, बहुत भयानक मंजर था। हर पल डर लगा रहता था। पनामा नदी को 500 बार पार करने की कोशिश की होगी। नदी गहरी तो नहीं थी, लेकिन धारा काफी तेज थी। उसी धारा के साथ चलना होता था। जंगल से निकलते ही 4 नवंबर को पनामा बेस कैंप में मुझे अरेस्ट कर लिया गया। 18 नवंबर को वहां से सेंट्रल अमेरिका के एक देश कोस्टा रिका के लिए बस से भेज दिया गया। बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स ने कंट्री आउट दे दिया यानी देश छोड़कर चले जाने का नोटिस। हर जगह डोंकर की सेटिंग होती है। कोस्टा रिका से निकलने के बाद मानागुआ, फिर होंडुरस, उसके बाद ग्वाटेमाला और दिसंबर के पहले हफ्ते में मेक्सिको आ गया। मेक्सिको आने के बाद सांस में सांस आई। लगा कि चलो सालों की अरदास पूरी हो गई। घरवालों को बताया कि मेक्सिको पहुंच गया, तो सब खुश हुए। यहीं मुझे पकड़ लिया था। वहां तकरीबन डेढ़ महीने कैद रहा। सालों से ऐसा हो रहा है। सब कुछ डोंकर पर डिपेंड करता है। लग रहा था कि कुछ दिन बाद अमेरिका में दाखिल हो जाऊंगा, लेकिन उससे पहले ही ट्रम्प सरकार ने इमिग्रेशन को लेकर नया नियम बना दिया। नहीं पता था कि ये नंबर मेरा ही लग जाएगा। ऐसा लगता है उसी पनामा के जगल में, नदी में बैठा हूं। अब तो सब जीरो हो गया। ऊपर से 20 लाख का कर्ज। अभी कुछ दिन तक तो कोई पैसे मांगने नहीं आएगा। उसके बाद तो सब मांगेंगे ही। मेरे 40 लाख रुपए पानी में चले गए। यही सब सोचकर मरा जा रहा हूं। काश! अमेरिकी सरकार पनामा के जंगल से ही अरेस्ट करके डिपोर्ट कर देती, तो 40 लाख नहीं डूबते। तब तक तो 15 लाख ही खर्च हुए थे। गुरप्रीत 3 फरवरी के दिन को याद कर आज भी सहम जाते हैं। कहते हैं, ‘जो लोग अवैध तरीके से मेक्सिको में दाखिल होते हैं, उन्हें बेस कैंप में जाना ही पड़ता है। यहां मुझे अरेस्ट कर लिया गया। करीब दो महीने रहना पड़ा। लग रहा था कि अब यहां से डोंकर अमेरिका में दाखिल करवा देगा। नहीं पता था कि उससे पहले ही इंडिया भेज दिया जाएगा। वो भी जानवरों जैसा सुलूक करके। 2-3 फरवरी की बात है। अचानक अमेरिकी फोर्सेज सभी को बैरक से निकालकर एक-एक करके हाथ में हथकड़ी और पैर में बेड़ियां लगाने लगीं। किसी को पता ही नहीं था कि हमें डिपोर्ट किया जा रहा है। लग रहा था कि ये लोग हमें फ्लाइट में बिठाकर कहीं और छोड़ने जा रहे हैं। हम सभी एक-एक करके जहाज में बैठ गए। एक घंटे के बाद उन्होंने बताया कि हमें वापस इंडिया भेजा जा रहा है। 40 घंटे हाथ-पैर बांधे हुए, कुर्सी पर जैसे बैठते हैं, वैसे ही आना पड़ा। खाने-पीने में सिर्फ जूस और स्नैक्स था। एकमात्र टॉयलेट था। महिलाएं भी बेड़ियों-हथकड़ियों से जकड़ी हुईं थीं। हम सभी को वॉशरूम भी जाना हुआ, तो बेड़ियों-हथकड़ियों में ही। 5 फरवरी को अमृतसर लैंड होने तक घरवालों को नहीं पता था कि उनका बेटा वापस आ गया है। पंजाब पुलिस ने घरवालों को फोन करके बताया। जब घरवालों ने देखा, तो कुछ देर के लिए सभी सन्न रह गए। सभी के दिमाग में एक ही बात थी- जमीन भी गई और हाथ से पैसा भी। अब सबसे बड़ी मुश्किल यही है कि जिनसे कर्ज लिया है, उनके पैसे कैसे चुकाऊंगा। सब कुछ शून्य हो गया।’ कल यानी मंगलवार को पढ़िए अमेरिका से जबरन पंजाब भेजे गए प्रवासी का दर्द... एजेंट से डोंकर बोला- इसे गोली मार देंगे: मवेशी-जमीन बेचकर बेटे को अमेरिका भेजा, अब लौटा तो गांव वाले मजाक उड़ाने लगे गांव के ही एजेंट ने कहा था 35 लाख रुपए में वीजा लगाकर अमेरिका भेज देगा। जब भेजने की बात आई, तो उसने डंकी रूट में डाल दिया। कहा- ऐसे ही अमेरिका जाना होगा। एजेंट ने अमेरिका पहुंचाने वाले एजेंट को पैसे भी नहीं दिए। पैसों के लिए डोंकर मुझे मारने-पीटने लगा। मेक्सिको के शहर मैक्सिकली में डोंकर ने मुझे कमरे में बंद कर दिया। 6 दिन तक खाना नहीं दिया। मुझे बेल्ट से पीटा। पूरी कहानी मंगलवार को पढ़िए 'अमेरिका से बेदखल' सीरीज के चौथे एपिसोड में...
नमस्कार, कल की बड़ी खबर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ से जुड़ी रही। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 18वें सीजन का शेड्यूल जारी हुआ। लेकिन कल की बड़ी खबरों से पहले आज के प्रमुख इवेंट्स, जिन पर रहेगी नजर... अब कल की बड़ी खबरें... 1. दिल्ली स्टेशन पर भगदड़, महाकुंभ जा रहे 18 की मौत; लालू बोले- फालतू है कुंभ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार को हुई भगदड़ में 14 महिलाओं और 4 पुरुषों की मौत हो गई। इनमें 4 बच्चे हैं। रेलवे ने हादसे की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाई है। वहीं दिल्ली पुलिस ने भी घटना की जांच शुरू कर दी है। हादसे पर पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री और RJD चीफ लालू यादव ने कहा- यह रेलवे का मिस मैनेजमेंट है जिसके कारण इतने सारे लोगों की जान चली गई। रेल मंत्री को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। कुंभ का क्या मतलब है। फालतू है कुंभ। भगदड़ के बाद क्या एक्शन लिए गए.... पूरी खबर यहां पढ़ें... 2. महाकुंभ: भगदड़ रोकने के लिए पुलिस ने ह्यूमन चेन बनाई; संगम स्टेशन 26 फरवरी तक बंद महाकुंभ में रविवार को जबरदस्त भीड़ रही। प्रयागराज जंक्शन यात्रियों से फुल हो गया। रात 8.20 बजे अनाउंस किया गया कि अभी एक घंटे स्टेशन न आएं। वहीं, संगम रेलवे स्टेशन 26 फरवरी तक बंद कर दिया गया। भगदड़ जैसी स्थिति से बचने के लिए पुलिसकर्मी चेन बनाकर भीड़ के आगे चले। CM योगी भी प्रयागराज में थे: CM योगी भी रविवार को महाकुंभ में थे। उन्होंने हेलिकॉप्टर से शहर और मेला क्षेत्र का जायजा लिया। लोगों से अपील की कि गाड़ी सड़क पर नहीं, पार्किंग में ही खड़ी करें। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और धर्मेंद्र प्रधान ने संगम में डुबकी लगाई। रविवार को 1.49 करोड़ श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। 13 जनवरी से अब तक 52.96 करोड़ श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें... 3. दिल्ली के नए CM का नाम 19 फरवरी को तय होगा, भाजपा ने विधायक दल की बैठक बुलाई दिल्ली में BJP विधायक दल की बैठक 19 फरवरी को होगी, जिसमें CM का नाम तय होगा। पहले यह मीटिंग 17 फरवरी को होनी थी। भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 में से 48 सीटें जीती हैं और 27 साल बाद सत्ता में वापसी कर रही है। नई सरकार 20 फरवरी को शपथ ले सकती है। जीते हुए MLAs में से ही CM चुना जाएगा: पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा पहले ही साफ कर चुके हैं कि मुख्यमंत्री निर्वाचित विधायकों में से होगा। विधायक दल की बैठक में कैबिनेट मंत्रियों के नाम की भी घोषणा हो सकती है। शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा पूरी कैबिनेट समेत पार्टी के बड़े नेता शामिल होंगे। भाजपा और NDA शासित 21 राज्यों के CM और डिप्टी CM भी आएंगे।पूरी खबर यहां पढ़ें... 4. IPL का पहला मैच 22 मार्च को बेंगलुरु-कोलकाता के बीच, 65 दिन में 74 मुकाबले होंगेइंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 18वें सीजन का शेड्यूल जारी हो चुका है। ओपनिंग मैच डिफेंडिंग चैंपियन कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) के बीच कोलकाता में 22 मार्च को होगा। दूसरा बड़ा मुकाबला 23 मार्च को मुंबई इंडियंस (MI) और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के बीच चेन्नई में खेला जाएगा। 65 दिन में 74 मैच खेले जाएंगे। फाइनल 25 मई को कोलकाता में होगा। 13 वेन्यू पर 10 टीमों के मुकाबले पूरी खबर यहां पढ़ें... 5. 112 अवैध अप्रवासी भारतीय US से लौटे, अब तक 337 भारतीयों को अमेरिका से भेजा जा चुका अमेरिका से 112 अवैध अप्रवासी भारतीयों का तीसरा बैच अमृतसर पहुंचा। इनमें हरियाणा के 44 और पंजाब के 33 लोग शामिल हैं। एक दिन पहले ही 116 अवैध अप्रवासी भारतीय आए थे, जिनमें सिर्फ पुरुषों को हथकड़ी और बेड़ी पहनाई गई थी। अब तक 332 भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा जा चुका है।पूरी खबर यहां पढ़ें... 6. 'भारत-टेक्स 2025' में PM मोदी का संबोधन, बोले- टेक्सटाइटल एक्सपोर्ट ₹3 लाख करोड़ पहुंचा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के भारत मंडपम में 'भारत टेक्स 2025' को संबोधित किया। कहा- आज हम दुनिया के छठे सबसे बड़े टेक्सटाइटल और अपैरल्स एक्सपोर्टर हैं। हमारा टेक्सटाइटल एक्सपोर्ट 3 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। इसे 2030 तक ₹9 लाख करोड़ पहुंचाने का टारगेट है। 17 फरवरी तक चलेगा 'भारत टेक्स 2025': ग्लोबल टेक्सटाइल इवेंट 'भारत टेक्स 2025' दिल्ली में 12 से 17 फरवरी तक दो वेन्यू पर हो रहा है। ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में यह 12 फरवरी से 15 फरवरी तक हुआ। वहीं दिल्ली के भारत मंडपम में इवेंट 14 फरवरी को शुरू हुआ, जो 17 फरवरी तक चलेगा। इवेंट में 5,000 से अधिक एग्जिबिटर्स और 120 से ज्यादा देशों के रिप्रेजेंटेटिव हिस्सा ले रहे हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें... 7. मस्क ने भारतीय चुनाव में अमेरिकी फंडिंग रोकी; वोटर्स की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए ₹182 करोड़ मिलते थे मस्क के नेतृत्व वाले डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DOGE) ने भारतीय चुनाव में दी जाने वाली अमेरिकी फंडिंग रोक दी है। भारत के चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए 182 करोड़ रुपए की फंडिंग मिलती थी। मस्क के डिपार्टमेंट ने 4200 करोड़ रुपए के 15 प्रोग्राम्स की फंडिंग रद्द की है। इसी में भारत को दी जाने वाली फंडिंग भी शामिल है। पूरी खबर यहां पढ़ें... आज का कार्टून By मंसूर नकवी... कुछ अहम खबरें हेडलाइन में… अब खबर हटके... जज ने चोरी करने वालों को कार धोने की सजा दी अमेरिका के मिशिगन स्टेट के एक जज ने वॉलमार्ट से चोरी करने वालों को मुफ्त में कार धोने की सजा सुनाई। जज जेफ्री क्लोथियर का मानना है कि इस सजा के बाद लोग स्टोर से चोरी करने से बचेंगे। अगर कोई परिचित आपको कार धोते हुए देखेंगे, तो यह शर्मिंदगी भरा होगा। वॉलमार्ट ने भी कार धोने के लिए पानी और जरूरी चीजें मुहैया कराने की बात कही है। भास्कर की एक्सक्लूसिव स्टोरीज, जो सबसे ज्यादा पढ़ी गईं… कन्या राशि वालों की नौकरी में तरक्की की संभावना है। तुला राशि वालों को तनाव से राहत मिलेगी। जानिए आज का राशिफल... आपका दिन शुभ हो, पढ़ते रहिए दैनिक भास्कर ऐप… मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ को और बेहतर बनाने के लिए हमें आपका फीडबैक चाहिए। इसके लिए यहां क्लिक करें...
अमेरिका से वापसी आंखें खोलने वाली, गैर- कानूनी ढंग से विदेश न जाएं : सीएम भगवंत
अमेरिका से लौटे पंजाबियों के मुद्दे पर सीएम भगवंत सिंह मान ने युवाओं से अपील की है कि वे अमेरिका से गैर-कानूनी प्रवासियों की वापसी से सबक लें और गलत तरीकों से विदेश जाने की सोच छोड़कर अपने राज्य को देश में अग्रणी बनाने के लिए कड़ी मेहनत करें। अमेरिका से सामूहिक वापसी हम सभी के लिए आंखें खोलने वाली हैं और अब हमें गैर-कानूनी तरीके से विदेश नहीं जाना चाहिए, बल्कि राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने अफसोस जताया कि पिछली सरकारों की नाकामी के कारण राज्य के युवा बेहतर भविष्य की तलाश में अन्य देशों की ओर पलायन करने को मजबूर थे। सीएम मान खन्ना के घुंगराली राजपूतां में सीएम ने कहा कि पंजाब पुलिस में हर साल 1800 सिपाही और 300 सब इंस्पेक्टर भर्ती करने का फैसला किया है। इन 2100 पदों के लिए हर साल करीब 2.50 लाख उम्मीदवार आवेदन करने की संभावना है, इसलिए सभी इच्छुक अभ्यर्थी परीक्षा पास करने के लिए शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ अपनी शारीरिक क्षमता को भी सुधारेंगे। राज्य सरकार ने पंजाब पुलिस में 10,000 नई भर्तियां करने का फैसला किया है। सीएम ने कहा कि खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करना राज्य सरकार की नशे के खिलाफ मुहिम का सबसे प्रभावशाली तरीका हो सकता है। खेलों में व्यस्त युवा नशे की ओर देखने का समय भी नहीं निकाल पाएंगे। सीएम ने घुंगराली राजपूतां गांव में आम आदमी क्लीनिक, सोलर लाइटें लगाने, कम्युनिटी हॉल के निर्माण, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और अन्य विकास कार्यों के लिए एक करोड़ रुपये से अधिक की ग्रांट देने की घोषणा की। आयोजित खेल समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे। उनके साथ कैबिनेट मंत्री तरुणप्रीत सिंह सोंद भी थे। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही पंजाब के युवाओं को योग्यता के आधार पर 50 हज़ार से अधिक सरकारी नौकरियां दी हैं। राज्य के इतिहास में ये पहली बार हुआ है कि तीन वर्षों में युवाओं को इतनी बड़ी संख्या में सरकारी नौकरियां दी गई हैं। ये सिलसिला आने वाले दिनों में भी जारी रहेगा क्योंकि युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर भर्ती की तैयारी की जा रही है।
अमेरिका से वापसी आंखें खोलने वाली : मान
अमेरिका से लौटे पंजाबियों के मुद्दे पर सीएम भगवंत सिंह मान ने युवाओं से अपील की है कि वे अमेरिका से गैर-कानूनी प्रवासियों की वापसी से सबक लें और गलत तरीकों से विदेश जाने की सोच छोड़कर अपने राज्य को देश में अग्रणी बनाने के लिए कड़ी मेहनत करें। अमेरिका से सामूहिक वापसी हम सभी के लिए आंखें खोलने वाली हैं और अब हमें गैर-कानूनी तरीके से विदेश नहीं जाना चाहिए, बल्कि राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने अफसोस जताया कि पिछली सरकारों की नाकामी के कारण राज्य के युवा बेहतर भविष्य की तलाश में अन्य देशों की ओर पलायन करने को मजबूर थे। -पढ़ें पेज 3 पर
अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों का तीसर बैच आज (16 फरवरी) रात 10 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। अमेरिकी एयरफोर्स के C-17 A ग्लोबमास्टर विमान में 112 लोगों आए हैं। इनमें हरियाणा के 44 और पंजाब के 33 लोग शामिल हैं। एयरपोर्ट में इमिग्रेशन अधिकारी डिपोर्ट लोगों से पूछताछ कर रहे हैं। उन्हें बाहर आने में 3 से 4 घंटे लग सकते हैं। हरियाणा के लोगों के लिए पुलिस के अधिकारी वॉल्वो बस लेकर पहुंचे हैं। ऐसे ही पंजाब सरकार भी बसों में लोगों को उनके घर छोड़कर आएगी। वहीं, शनिवार रात साढ़े 11 बजे अमेरिकी विमान 116 भारतीयों का दूसरा बैच लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा था। महिलाओं-बच्चों को छोड़कर सभी पुरुषों को हाथों में हथकड़ियां और पैरों में बेड़ियां डालकर विमान में बैठाया गया था। एयरपोर्ट पर ही उनके परिवार से मुलाकात कराई गई। करीब 5 घंटे की वैरिफिकेशन के बाद पुलिस की गाड़ियों में सभी को घर छोड़ा गया। इससे पहले 5 फरवरी को 104 अप्रवासी भारतीयों को जबरन लौटाया जा चुका है। इनमें बच्चों को छोड़कर महिलाओं-पुरुषों को हथकड़ियों और बेड़ियों में जकड़कर लाया गया था। इस तरह अब तक 332 अवैध अप्रवासी भारतीयों को भारत भेजा जा चुका है। युवक ने हथकड़ी-बेड़ियों की पुष्टि की, चचेरे भाई मर्डर केस में डिटेनइस विमान में डिपोर्ट हुए होशियारपुर के दलजीत सिंह ने हथकड़ियां-बेड़ियां लगाने की पुष्टि की। उन्होंने कहा- हमारे हाथ बंधे थे और पैरों में जंजीरें डाली गईं थी। वह डंकी रूट से अमेरिका पहुंचा था। वहीं डिपोर्ट होकर आए चचेरे भाइयों संदीप और प्रदीप को पटियाला पुलिस ने डिटेन किया है। उनसे जून 2023 में दर्ज कत्ल केस के मामले में पूछताछ की जा रही है। दूसरे बैच में पंजाब के 65, हरियाणा के 33, गुजरात के 8 लोग शनिवार को जबरन वापस भेजे गए लोगों में पंजाब से 65, हरियाणा से 33, गुजरात से 8, उत्तर प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से 2-2 और हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। इनमें अधिकांश 18 से 30 साल की उम्र के हैं। पिछले बैच को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सवाल किए थे कि जब सबसे ज्यादा 33-33 लोग हरियाणा और गुजरात के थे तो विमान को अहमदाबाद या अंबाला की जगह पंजाब क्यों उतारा गया? हालांकि इस बैच में सबसे ज्यादा पंजाबियों को लौटाया गया। पंजाब के मंत्री डिपोर्ट किए गए लोगों से मिले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान रिसीव करने के लिए पहले अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचे थे, लेकिन विमान के आने में देरी की वजह से वे लौट गए। इसके बाद पंजाब सरकार की तरफ से 2 मंत्रियों, कुलदीप धालीवाल और हरभजन सिंह ईटीओ ने पंजाब के युवकों को रिसीव किया। इस दौरान मंत्री कुलदीप धालीवाल ने रात 1 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचकर कहा, 'उन्हें बड़ा दुख हुआ कि हरियाणा सरकार ने अमेरिका से डिपोर्ट किए अपने लोगों के लिए कैदियों वाली बस भेजी। उन्होंने हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज से कहा कि पंजाब ने अच्छी गाड़ियां लगाई हैं। विज ट्रांसपोर्ट मंत्री हैं, उन्हें कोई अच्छी बस भेजनी चाहिए थी। हरियाणा से कोई मंत्री, MLA या भाजपा नेता तक यहां नहीं आया।' 5 कहानियों से समझें पंजाबियों का दर्द... 1. पटियाला: सोहजबीर ने जमीन गिरवी रखी, 60 लाख खर्चेपटियाला के गांव गाजेवास के सोहजबीर की मां बलजिंदर को पता ही नहीं था कि बेटा डिपोर्ट किया गया है। मां बिलख उठी। बताया, अपनी 3 एकड़ जमीन गिरवी रखी, उधार लेकर 60 लाख खर्च किए। एजेंट ने उसे एक साल दुबई रखा। हमें कहा 20 दिन में अमेरिका भेजेंगे। 23 जनवरी को बॉर्डर क्रॉस किया। फिर संपर्क नहीं हुआ। मां बलजिंदर कौर और पिता सुखदीप सिंह ने संतोष जताया कि बेटा सकुशल घर आ रहा है। 2. बीस साल का जश्नप्रीत सिंह रिफ्यूजी कैंप में भी रहाहलका भुलत्थ के गांव पंडोरी राजपूतां से अमेरिका गए 20 वर्षीय जश्नप्रीत सिंह के डिपोर्ट होने की खबर मिलने पर मां कुलदीप कौर की आंखों में आंसू थे। वह भरी आंखों से ईश्वर को धन्यवाद दे रही थीं कि बेटा सही सलामत लौट रहा है। पिता ने बताया, बेटा अगस्त में स्पेन पहुंचा था। वहां अमेरिका जाने का मन बनाया। जनवरी में अमेरिका के रिफ्यूजी कैंप में पहुंचा था, लेकिन उसे डिपोर्ट कर दिया गया। 3. ब्याज पर रुपए लेकर बेटे को 2 साल पहले अमेरिका भेजागुरदासपुर के गांव भेट पतन निवासी अजायब सिंह ने बताया कि उनका बेटा गुरमेल सिंह अमेरिका से डिपोर्ट हो रहा है। वह 2 साल पहले अमेरिका गया था। एजेंट कई महीनों तक उसे दुबई, रोमानिया समेत अन्य जगहों पर घुमाता रहा। इस साल 27 जनवरी को वह अमेरिका पहुंचा था। अमेरिका भेजने के लिए उन्होंने 50 लाख में एजेंट से डील की थी। ब्याज पर पैसे लेकर एजेंट को 35 लाख रुपए दे दिए थे। 4. बेटे को अमेरिका भेजने के 40 लाख लिए, एजेंटों ने हम पर ही FIR करा दीराजपुरा के रहने वाले मलकीत सिंह ने बताया कि बेटा गुरदत्त भी अमेरिका से डिपोर्ट हुआ है। जब लिस्ट में नाम आया तो इसका पता लगा। एजेंटों ने हमारे खिलाफ ही राजपुरा थाने में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज करवाई। उनका आरोप था कि हम उनके पैसे नहीं दे रहे। एजेंट के 18 लाख रह गए थे। मलकीत के मुताबिक 40 लाख दिए हैं। मैं अब मांग करता हूं कि पैसे वापस दिए जाएं। बेटा आ गया गया। 3 महीने हमारे बेटे को अरेस्ट करके रखा गया। 5. दो ट्रक और प्रॉपर्टी बेचकर पोते को अमेरिका भेजाजंडियाला गुरु अमृतसर निवासी मंगल सिंह ने बताया कि पोता जसनूर 9 जून 2024 को डंकी रूट से अमेरिका गया था। 29 और 30 जनवरी की रात को बॉर्डर क्रॉस किया। इसके बाद उससे कोई संपर्क नहीं हुआ। आज मीडिया से पता चला कि जसनूर डिपोर्ट होकर आ रहा है। उसे 2 बड़े कॉमर्शियल ट्रक बेचकर 54 लाख रुपए दिए थे। फिर साढ़े 11 लाख रुपए कर्ज पर लेकर एजेंट को दिए। अब एजेंट पैसे वापस नहीं करेगा तो केस करेंगे। पंजाब सीएम ने कहा था- पंजाब को बदनाम करने की साजिश CM मान ने अमृतसर एयरपोर्ट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें उन्होंने बताया कि डिपोर्ट होकर आ रहे सभी भारतीयों के रहने, खाने और उन्हें घर तक छोड़ने की सारी व्यवस्था पंजाब सरकार ने कर दी है। पंजाब का जो व्यक्ति जहां का होगा, उसे वहां तक छोड़ा जाएगा। हरियाणा के लोगों को भी छोड़ देंगे। बाकियों को दिल्ली भेजा जाएगा। अमृतसर में विमान की लैंडिंग पर मुख्यमंत्री मान ने कहा कि इस पवित्र शहर को डिटेंशन सेंटर न बनाया जाए। केंद्र सरकार से इसी बात का ऐतराज किया जा रहा है कि आपके पास और भी एयरपोर्ट व एयरबेस हैं, इस तरह के जहाजों को वहां क्यों नहीं उतारते? केंद्रीय मंत्री रवनीत बिट्टू ने कहा- भगवंत मान बताएं कि पंजाब को कैसे बदनाम किया? जो बेड़ियों और हथकड़ियों का वीडियो वायरल हो रहा है, वह एक फिल्म का सीन है। पहली बार सैन्य विमान से भारतीयों को डिपोर्ट किया गयाभारतीय अप्रवासियों को डिपोर्ट करने वाला पिछला अमेरिकी सैन्य विमान 4 फरवरी को सुबह 3 बजे अमेरिका के सैन एंटोनियो से रवाना हुआ था। यह पहली बार था जब अमेरिका ने अप्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल किया। इससे पहले अलग-अलग रिपोर्ट में दावा किया जा रहा था कि अमेरिका ने डिपोर्टेशन के लिए कुल 205 अवैध भारतीयों की पहचान की है। अमेरिका में करीब 7 लाख अवैध भारतीय अप्रवासीप्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक साल 2023 तक अमेरिका में करीब 7 लाख से ज्यादा अवैध प्रवासी भारतीय हैं। यह मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद सबसे ज्यादा हैं। अमेरिका में अवैध प्रवासियों से डील करने वाली सरकारी संस्था (ICE) के मुताबिक पिछले 3 सालों में अवैध रूप से घुसने की कोशिश में औसतन 90 हजार भारतीय नागरिकों को पकड़ा। इन अप्रवासियों का एक बड़ा हिस्सा पंजाब, गुजरात और आंध्र प्रदेश से आ रहा है। अवैध अप्रवासियों को क्यों निकाल रहे ट्रम्पट्रम्प ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करके अवैध अप्रवासियों की एंट्री बैन करने का ऐलान किया था। ट्रम्प ने चुनाव कैंपेन में भी अवैध अप्रवासियों को देश से निकालने का वादा किया था। उन्होंने अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन करने को कहा था। ट्रम्प का मानना है कि दूसरे देशों से लोग अमेरिका में अवैध तरीके से घुसकर अपराध करते हैं। यहां नौकरियों के बड़े हिस्से पर अप्रवासियों का कब्जा है, इससे अमेरिकी लोगों को नौकरी नहीं मिलती। ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले कानून ‘लैकेन रिले एक्ट’ पर साइन किए। इस कानून के तहत फेडरल अधिकारियों को उन अवैध अप्रवासियों को हिरासत में लेकर डिपोर्ट करने का अधिकार है, जो किसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। ---------------------------------------- भारतीयों के डिपोर्ट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... अमेरिका से 104 भारतीय जबरन भारत डिपोर्ट:इनमें गुजरात-हरियाणा के 33-33 लोग, पंजाब के 30; US समेत 20 देशों में कभी नहीं जा सकेंगे अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 ग्लोबमास्टर 5 फरवरी को दोपहर करीब 1 बजे 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर अमृतसर के गुरु रविदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा था। इसमें 11 क्रू मेंबर और 45 अमेरिकी अधिकारी भी साथ आए। प्लेन में पंजाब के 30, हरियाणा-गुजरात के 33-33 लोग शामिल थे। पढ़ें पूरी खबर
कानपुर की कल्याणपुर पुलिस ने ताला बंद घरों का ताला तोड़कर दो घरों से हुई चोरी का खुलासा कर दिया। पुलिस ने दोनों घरों से चोरी गए लाखों के जेवरात, कैश और भारी मात्रा में कई देशों की विदेशी मुद्रा भी बरामद की है। दोनों शातिर चोरों के पास से 1.50 किलो चरस भी बरामद हुई है। एक शातिर चोर पर 23 और एक के खिलाफ 2 एफआईआर दर्ज है। पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। बंद घरों का ताला तोड़कर शातिर चोरों ने दिया था वारदात को अंजाम एडीसीपी कल्याणपुर विजेंद्र द्विवेदी ने चोरी का खुलासा करते हुए बताया कि केस्को से रिटायर कर्मचारी के बेटे रामकुमार निगम के घर 8 फरवरी को घर का ताला तोड़कर 10 लाख से ज्यादा की चोरी हुई थी। रामकुमार नोएडा की एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं, पूरा परिवार ताला बंद करके नोएडा ही गया था। शातिर चोर घर में ताला बंद होने का फायदा उठाकर शातिर चोर घर में रखी नेपाल, अमेरिका, श्रीलंका समेत कई देशों की करेंसी उठा ले गए थे। इसके साथ ही शातिर चोरों ने इसी सोसायटी में रहने वाले एनजीओ संचालक राजेश गौड़ के घर भी 30 नवंबर 2024 करीब 15 से 20 लाख की चोरी की थी। कल्याणपुर पुलिस चोरी का खुलासा करने के लिए जांच कर रही थी। लोकल इनपुट, सर्विलांस और सीसीटीवी की मदद से पुलिस ने कन्नौज कोतवाली थाना क्षेत्र के भगवानपुर चौधरीपुर कछोहा निवासी शातिर चोर अमित कुशवाहा उर्फ अजीत कनौजिया और कानपुर के नगर निगम कॉलोनी काकादेव निवासी विकास बाल्मीकि को अरेस्ट कर लिया। पूछताछ में शातिर चोरों ने दोनों चोरियों का खुलासा कर दिया। इसके बाद रविवार को पुलिस ने दोनों से लाखों का माल बरामद करने के बाद जेल भेज दिया। एडीसीपी वेस्ट ने बताया कि शातिर अमित कुशवाहा उर्फ अजीत के खिलाफ अलग–अलग थानों में 23 मुकदमें और विकास बाल्मीकि के खिलाफ तीन अपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। ये माल हुआ बरामद शातिर चोरों के पास से 1.50 किलो चरस, चोरी की रकम से खरीदी गई बाइक, चोरी में इस्तेमाल की गई बाइक, 10 हजार रुपए कैश और इसके साथ ही श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल, अमेरिका, सिंगापुर की करेंसी, चेकबुक, कार की चाबी समेत लाखों का माल बरामद किया है।
जींद का युवक प्लाट बेचकर अमेरिका गया:20 दिन में डिपोर्ट हुआ, 35 लाख एजेंट को दिए; 10 देशों में फंसा
अमेरिका से भेजे गए दूसरे विमान में 119 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया, जिनमें जींद शहर का रवि भी है। जींद से अमेरिका पहुंचने में रवि को 220 दिन लग गए और इस दौरान वह 10 से ज्यादा देशों में फंसा रहा। पनामा के जंगलों में कई महीने बिताए और 20 दिन पहले ही दीवार कूदकर अमेरिका पहुंचा था। लेकिन रविवार सुबह रवि वापस डिपोर्ट किया गया। जींद के सोमनाथ मंदिर के पास गली नंबर दो निवासी रवि 10 जुलाई 2024 को अमेरिका जाने के लिए घर से निकला था। रवि के भाई अमन ने बताया कि 29 लाख रुपए में एजेंट ने अमेरिका भेजने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि पहले उसे दुबई भेजेंगे, वहां से सीधे लीगल तरीके से अमेरिका भेज देंगे। उसके भाई को पहले दुबई भेजा गया। वहां कई महीने तक रखा, इसके बाद पनामा के जंगलों से डंकी के जरिए अमेरिका के लिए ले गए। 5 से 6 महीने जंगल में काटे जंगलों में जाकर एजेंट ने छह लाख रुपए की और मांग की। उसके भाई रवि को कई दिनों तक खाना नहीं दिया गया। 5 से 6 महीने जंगल में ही काटे। इस दौरान कई तरह की परेशानियों का सामना रवि को करना पड़ा। एजेंट द्वारा 6 लाख रुपए की और डिमांड की गई तो उसके पिता ने प्लाट बेचकर और लोन लेकर रुपए जुटाए और एजेंट को दिए। इसके बाद 20 दिन पहले ही रवि दीवार कूदकर अमेरिका पहुंचा था, तभी वापस डिपोर्ट कर दिया गया। रवि को अमेरिका तक कई देशों से होते हुए 9 महीने में पहुंचाया, लेकिन अमेरिका से 20 दिन में ही वापस डिपोर्ट कर दिया गया। एजेंटों ने 35 लाख रुपए हड़प लिए। अमन ने बताया कि 26 वर्षीय रवि ने बीए की पढ़ाई को बीच में ही छोड़ दिया था। अमन का कहना है कि एजेंटों ने एक नंबर से लीगल तरीके से अमेरिका पहुंचाने की बात कही थी, लेकिन उसके साथ धोखाधड़ी की गई। परिजनों के अनुसार दीपक मलिक, रजत मोर, मनीष पंडित ने अमेरिका भेजा था। जींद में दो और युवक कल तक वापस आएंगे, जिनमें सफीदों के मुआना का निशांत और ढांडा खेड़ी का शुभम शामिल हैं। शहर थाना प्रभारी मनीष कुमार का कहना है कि अभी तक किसी की तरफ से भी शिकायत नहीं आई है। अगर शिकायत आती है तो कार्रवाई की जाएगी।
अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 116 भारतीयों में करनाल के 9 युवक भी शामिल है। वहां की सरकार ने इनको जबरन डिपोर्ट कर दिया है। शनिवार देर रात 11:30 बजे अमेरिकी एयरफोर्स का विमान ग्लोबमास्टर इन्हें लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पहुंचा। जिनमें अनुज निवासी जुंडला, हर्ष निवासी सग्गा तरावड़ी, निखिल निवासी गुढ़ा घरौंडा, सक्षम निवासी पोपड़ा असंध, अमित निवासी राहड़ा असंध और विपिन निवासी कर्ण विहार करनाल के नाम शामिल हैं। एयरपोर्ट पर सभी की 3 घंटे तक वेरिफिकेशन हुई, जिसके बाद पुलिस की गाड़ियों में उन्हें उनके घर भेजा गया। इस दौरान मीडिया से बातचीत करने की इजाजत नहीं दी गई। राहड़ा के अमित ने 40-45 लाख खर्च करके लगाई डंकी करनाल जिले के गांव राहड़ा का 22 वर्षीय अमित करीब 4 महीने पहले अमेरिका गया था। वह जैसे ही मैक्सिको बॉर्डर पार कर अमेरिका में घुसा, वहीं उसे पकड़कर कैंप में डाल दिया गया। अब 4 महीने बाद उसे डिपोर्ट कर दिया गया। अमित के एक परिचित ने बताया कि उसका भाई ग्रीस में काम करता है और उसी ने अमेरिका भेजने के लिए 40-45 लाख रुपए दिए थे और कुछ पैसे परिवार की तरफ से एकत्रित किए गए थे। परिवार में दो भाई और दो बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। जुंडला निवासी अनुज के पिता अशोक ने बताया कि जब पहला जहाज आया था तो उस वक्त थोड़ी टेंशन बढ़ गई थी। लेकिन बच्चा सुरक्षित आ चुका है। हम सिविल लाइन करनाल से लेकर आए है। जो अमेरिका के अंदर है, वे भी दिक्कत में है। अब उसको किस तरह की दिक्कत आई थी। कुछ घर बेचकर पैसे एकत्रित किए थे और कुछ इधर उधर से एकत्रित किए थे। एयरपोर्ट पर परिवार से मिलाए, फिर किया रवाना डिपोर्ट किए गए भारतीयों को अमृतसर एयरपोर्ट पर उनके परिवार वालों से मिलने दिया गया, लेकिन मीडिया से बात करने पर रोक थी। सभी की पहचान और दस्तावेज की जांच करने में करीब 5 घंटे लगे। इसके बाद पुलिस की गाड़ियों में उन्हें उनके घरों तक छोड़ा गया। डिपोर्ट हुए युवकों के परिवारों की मीडिया से दूरी डिपोर्ट हुए युवकों के परिवार लगातार मीडिया से दूरी बनाए हुए है। कोई भी न तो कुछ बताने को तैयार है और न ही कुछ सुनने को तैयार है। जब भी कॉल किया जाता है तो कॉल काट दिया जाता है। ऐसे में दूरी का क्या कारण है, यह समझ से परे है। अब तक 220 भारतीय लौटाए जा चुके इससे पहले 5 फरवरी को 104 भारतीयों को जबरन लौटाया गया था। उस समय भी महिलाओं और बच्चों को छोड़कर पुरुषों को हथकड़ियों और बेड़ियों में बांधकर लाया गया था। अब तक कुल 220 भारतीयों को डिपोर्ट किया जा चुका है। तीसरा ग्रुप आज रात 10 बजे अमृतसर पहुंचेगा, जिसमें 157 और भारतीय शामिल होंगे।
कुरुक्षेत्र में अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए युवक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। युवक को कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाया जा रहा है। पॉक्सो एक्ट के मामले में चल फरार रहा था। अमृतसर में प्लेन उतरते ही पुलिस ने हिरासत में लिया। शनिवार को अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे 116 और भारतीयों को जबरन भारत भेज दिया गया। अमेरिकी एयरफोर्स का विमान ग्लोबमास्टर शनिवार देर रात 11.30 बजे अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरा। करीब 5 घंटे की वैरिफिकेशन के बाद पुलिस की गाड़ियों में सभी को घर छोड़ा गया। इस दौरान किसी को भी मीडिया से बातचीत नहीं करने दी गई।
अमेरिका से भेजे गए दूसरे विमान में 119 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया, जिनमें पंजाब के 67 लोग शामिल हैं। इनमें से गुरदासपुर के गांव खानोवाल के दो चचेरे भाई हरजोत सिंह और हरजीत सिंह है। दोनों भाइयों ने अपना घर और दो एकड़ जमीन बेचकर, प्रति व्यक्ति 45 लाख रुपए खर्च किए और अवैध तरीके से (डंकी लगाकर) अमेरिका पहुंचे। अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए हरजीत सिंह ने बताया कि पनामा के जंगलों में उनके साथ काफी मारपीट हुई और डंकर उन्हें पिस्तौल दिखाकर धमकाते थे कि अगर वह नहीं चले तो उन्हें मार दिया जाएगा। जहाज में भी उन्हें बेड़ियों से बांधकर लाया गया और अमेरिकन आर्मी वाले धमकाते थे कि अगर किसी ने कोई आवाज निकाली तो उन्हें एक बक्से में 4 घंटे के लिए बंद कर दिया जाएगा। हरजीत सिंह ने बताया कि उसका चचेरा हरजोत सिंह को काफी कुछ सहना पड़ा है। उसने बताया कि उन्हें कोलंबिया से अमेरिका नेपाल की नकली आईडी बना कर पनामा जंगलों से भेजा जा रहा था। हरजोत सिंह की उम्र 21 वर्ष थी, लेकिन एजेंट ने उसकी आईडी में उसकी उम्र 35 साल कर दी थी। उन्होंने इसका विरोध भी किया था, लेकिन एजेंट नहीं माना। जब वह जा रहे थे तो हरजोत सिंह रास्ते में पकड़ा गया, लेकिन वह वहां से निकल गया था। हरजोत सिंह को वहां पर गिरफ्तार कर लिया गया और हथकड़ी लगाकर उसे कैंप में लेकर जा रहे थे तो हरजोत सिंह आर्मी को चकमा देकर वहां से फरार हो गया। डिप्रेशन में गया हरजोत सिंहपनामा के जंगलों दो दिन घूमता रहा तब उसके साथ काफी हादसे हुए उसे काफी चोटें भी लग गई थी, लेकिन बाद में वह फिर पकड़ा गया। जिसे फिर कैंप में भेज दिया गया और हम दोनों को वहां से डिपोर्ट कर दिया गया था। इस बात का उसके दिमाग पर गहरा सदमा लगा और उसकी आज यह हालत हुई है कि वह डिप्रेशन में है और किसी से कोई बातचीत नहीं कर रहा। वही हरजीत सिंह की माता गुरप्रीत कौर ने बताया कि दोनों परिवारों में 45- 45 लाख रुपए खर्च दोनों बेटों को अमेरिका भेजा था। तब एजेंट से बात हुई थी कि एक नंबर में इन्हें भेजा जाएगा, लेकिन एजेंट धोखा कर गया और बच्चों को दो नंबर में पनामा जंगलों के जरिए डंकी लगाकर भेजा जा रहा था। जब वह अमेरिका बॉर्डर पर पहुंचे तो वहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और आज उन्हें वापस घर भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि सब कुछ बेच कर पैसे इकट्ठे कर उन्होंने भेजा था। अब उनके पास कुछ नहीं बचा। वह सारी जिंदगी इस सदमे से उभर नहीं पाएंगे। उन्होंने मांग किया कि पंजाब और केंद्र सरकार इन एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और इन एजेंटों से उन्हें पैसा दिलाया जाए ताकि वह आगे की अपनी जिंदगी गुजार सकें। परिवार ने बताया कि दोनों भाई देर रात घर पहुंचे थे।
भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा का स्वागत किया है। उनकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई मुलाकात से समुदाय में उत्साह है। इस मुलाकात को लेकर भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रमुख प्रेम भंडारी ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति ट्रंप से मिलने वाले चौथे विश्व नेता हैं। ट्रंप के कार्यकाल के पहले महीने में दोनों नेताओं की मुलाकात द्विपक्षीय संबंधों के महत्व को दर्शाती है। ट्रंप-मोदी के बीच वार्ता महत्वपूर्ण भंडारी ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच मित्रता राष्ट्रपति ट्रंप के पहले कार्यकाल में मजबूत हुई थी। जैसा कि ह्यूस्टन और अहमदाबाद में उनके संयुक्त कार्यक्रमों में साफ नजर आया था। वाशिंगटन में जो हमने देखा, वह उनकी व्यक्तिगत केमिस्ट्री थी। हालांकि, वे व्यापार, टैरिफ और आप्रवासन नीतियों जैसे चुनौतीपूर्ण विषयों पर चर्चा कर रहे थे। भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सदस्य न केवल दोनों नेताओं के बीच रचनात्मक संवाद का स्वागत कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक चुनौतियों पर सहयोग की महत्वपूर्ण संभावनाओं को भी देख रहे हैं। भारतीय-अमेरिकी समुदाय ने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात को सकारात्मक रूप में देखा है। इस बैठक ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सुरक्षा और व्यापार के नए अवसर पैदा होंगे प्रेम भंडारी ने यह भी कहा कि इस मुलाकात से दोनों देशों के बीच व्यापार, सुरक्षा, और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग के नए अवसर पैदा होंगे। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच सामूहिक संवाद ने यह साबित किया कि दोनों नेता व्यक्तिगत रूप से भी एक मजबूत रिश्ता साझा करते हैं। उनके बीच की मित्रता दोनों देशों के हितों को आगे बढ़ाने में सहायक होगी। भारतीय-अमेरिकी समुदाय को उम्मीद है कि इस बैठक के परिणामस्वरूप भारत और अमेरिका के बीच वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए और भी बेहतर सहयोग होगा, जो दोनों देशों के नागरिकों के लिए लाभकारी साबित होगा।
अमेरिका से डिपोर्ट होकर कल (शनिवार) रात पंजाब पहुंचे 116 लोगों में से 2 चचेरे भाइयों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन पर 2 साल पहले हुई एक हत्या का केस दर्ज है। जांच में पता चला है कि सजा से बचने के लिए दोनों भाई डंकी के जरिए अमेरिका भाग गए थे। राजपुरा सिटी थाने के SHO बलविंदर सिंह ने कहा है कि दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जा रहा है। गिरफ्तार दोनों भाइयों की पहचान संदीप और प्रदीप के रूप में हुई है। ये पटियाला में राजपुरा के रहने वाले हैं। हालांकि, इनके परिजनों का कहना है कि बच्चों को झूठे केस में फंसाया जा रहा है। 2 साल पहले क्या हुआ था... रेहड़ी वालों से झगड़ने पहुंचे थे आरोपी25 जून 2023 को पटियाला के राजपुरा सिटी थाने में दर्ज FIR के मुताबिक, शिकायतकर्ता हरमनजोत ने जानकारी दी थी कि दाना मंडी के करीब उनकी रेहड़ी लगती है। वहां 25 जून की रात 10.30 बजे हसमुख सिंह उनकी रेहड़ी पर आया। हसमुख सिंह आकर किसी बात पर बहस करने लगा। पास खड़े उनके रिश्तेदार और दोस्त उसे समझाने लगे, लेकिन हसमुख सिंह नहीं माना। उसने अपने दोस्तों संदीप सिंह उर्फ सनी और सुखदेव सिंह को बुला लिया। ये लोग स्विफ्ट कार और स्कॉर्पियो में कुछ अन्य लोगों को लेकर आए थे। तलवारें लेकर आए युवक, हाथापाई कीशिकायतकर्ता ने बताया कि आरोपियों के हाथ में तलवारें थीं। इन तलवारों से आरोपियों ने शिकायतकर्ता हरमनजोत के भाई सचंदर सिंह और फूफा सरवन सिंह पर हमला कर दिया। हालांकि, उन्होंने उस समय तलवारें नहीं चलाई थीं, केवल हाथापाई की थी। इसके बाद सभी धमकी देकर वहां से चले गए थे। कह रहे थे कि कल देख लेंगे। लेकिन, घटना के कुछ देर बाद ही आरोपी वहां फिर से आ गए और तलवारों से सचंदर सिंह और सरवन सिंह पर हमला कर दिया। इसमें दोनों घायल हो गए। मौके पर मौजूद लोगों ने दोनों को अस्पताल पहुंचाया। वहां सरवन सिंह को डॉक्टरों ने मृत घोषित किया। आरोपी युवक ही तलवार लेकर पहुंचे थेइस घटना में दोनों भाइयों पर आरोप है कि ये गांव ढींडसा के रहने वाले हसमुख के साथ दाना मंडी पहुंचे थे। यहां फल विक्रेताओं के साथ हुए झगड़े में ये दोनों साथ थे। हसमुख के कहने पर ही संदीप और प्रदीप तलवारें लेकर दाना मंडी पहुंचे थे। आरोपियों के परिजन क्या बोले... घर नहीं पहुंचे बच्चे, पुलिस ने रास्ते से ही पकड़ लियाइधर, दोनों आरोपियों के पारिवारिक सदस्य सतनाम सिंह ने जानकारी दी है कि आज सुबह ही सूचना मिली कि अमेरिका से डिपोर्ट होकर आए प्रदीप और संदीप घर नहीं पहुंचे हैं। पूरा परिवार उनके घर आने का इंतजार कर रहा था। बाद में पता चला कि दोनों को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। एजेंट ने साफ रास्ते से भेजने की बात कही थीसतनाम सिंह ने कहा है कि दोनों को झूठे केस में फंसाया गया है। दोनों को बाहर भेजने के लिए हमने 1.20 करोड़ रुपए खर्च किए थे। पैसे लेने से पहले एजेंट ने साफ रूट से भेजने की बात कही थी, लेकिन दोनों बच्चों को जंगल के रास्ते भेजा गया। गाड़ी को लेकर FIR में नाम आया था2 साल पहले हुए झगड़े पर सतनाम सिंह ने कहा कि झगड़े में दोनों को फंसाया गया है। इस केस में स्विफ्ट गाड़ी के कारण दोनों के नाम सामने आए थे। पुलिस ने गाड़ी हमारे घर से बरामद की थी। सतनाम ने अपील की है कि उनके बच्चों को झूठे केस से निकाला जाए और बाहर भेजने वाले एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। मैं 8-10 हजार में ड्राइवरी कर परिवार का पालन-पोषण कर रहा हूं। अब पढ़िए, डिपोर्ट होकर आए अन्य परिवारों की कहानी... मोहाली के डेराबस्सी के गांव जड़ौत के रहने वाले जसविंदर सिंह का बेटा गुरप्रीत सिंह और उसकी पत्नी घर पहुंच गए हैं। पिता जसविंदर का कहना है कि इस घटना से दोनों डिप्रेशन में हैं, कुछ भी नहीं बता पा रहे हैं। उन्होंने बताया है कि वे फरवरी में अमेरिका पहुंचे थे। आखिरी बार 5 फरवरी को उनकी बातचीत बेटे-बहू से हुई थी। इसके बाद कल मीडिया से पता चला कि बेटा और बहू वापस आ रहे हैं। इसके बाद वह खुद अमृतसर एयरपोर्ट गए और खुद उन्हें लेकर आए। जसविंदर पुलिस विभाग में थानेदार हैं। उन्होंने बताया है कि परिवार में 2 बेटे हैं। बड़े बेटे गुरप्रीत सिंह का करीब 5 साल पहले हरियाणा के शहजादपुर की रहने वाली अमनप्रीत कौर के साथ विवाह हुआ था। गांव में 2 मंजिला पक्का मकान है। दोनों करीब 8 महीने पहले अमेरिका गए थे। परिवार का कहना है कि इन्हें अमेरिका भेजने के लिए हमने कर्ज लिया था। कई मुल्कों से होते हुए वे अमेरिका पहुंचे थे। एक बेहतर जिंदगी की लालसा में उन्हें विदेश भेजा था। अमेरिका से डिपोर्ट लोगों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में जंजीर बांधी गई थी। यह दावा होशियारपुर के गांव कुराला के रहने वाले दलजीत सिंह ने किया है। वह भी उस विमान से भारत लाए गए हैं। उन्होंने बताया कि वह ट्रैवल एजेंट की ठगी का शिकार हुए हैं। दलजीत की पत्नी बताती हैं कि करीब 3 साल पहले अमेरिका जाने के लिए निकले थे। सोचा था कि वहां पहुंचते ही दिन संभल जाएंगे, लेकिन वह समय मुसीबतों से कम नहीं था। अमेरिका भेजने के लिए एजेंट से 40 लाख में सौदा किया था। एजेंट ने करीब 5 एकड़ जमीन भी अपने नाम करवा ली। वह एक महीना पहले ही अमेरिका पहुंचे थे। फिर वापस आने की सूचना मिली। उन्होंने बताया कि गांव के एक व्यक्ति के जरिए उन्होंने ट्रैवल एजेंट से संपर्क किया था। एजेंट ने उन्हें कानूनी रूप से अमेरिका ले जाने का आश्वासन दिया, लेकिन बाद में उन्हें कई स्थानों से ले जाया गया, जिससे उनकी यात्रा की वैधता पर संदेह पैदा हो गया।
कैथल के 7 और युवक अमेरिका से डिपोर्ट:आज 4 और युवकों की वापसी संभव; पंजाब बॉर्डर से लेकर आएगी पुलिस
अमेरिका में अवैध तरीके से प्रवास कर रहे हरियाणा के 33 युवकों को शनिवार रात भारत वापस भेज दिया गया। इनमें 7 युवक कैथल के बताए जा रहे हैं, जबकि आज रात को आने वाले तीसरे विमान में जिले के 4 और युवकों के लौटने की संभावना जताई जा रही है। अबकी बार कैथल पुलिस युवकों को अंबाला के लगते पंजाब बॉर्डर से लेकर आएगी। अभी तक कोई भी युवक अपने घर नहीं पहुंचा है। उनके परिजन भी मीडिया को जानकारी देने से बच रहे हैं। दूसरी तरफ, पुलिस और गुप्तचर विभाग के अधिकारी अम्बाला बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं। डिपोर्ट किए गए युवाओं के मामले में पुलिस विस्तृत जांच करेगी, यदि कोई युवक किसी एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाएगा तो उस पर तत्काल प्रभाव से मामला दर्ज किया जाएगा। 5 फरवरी को रिपोर्ट किए गए कैथल के किसी भी युवा ने एजेंटों के खिलाफ शिकायत देने से मना कर दिया था। कैथल के डिपोर्ट किए गए युवक आज रात ये चार युवक हो सकते हैं डिपोर्ट: एजेंटों पर होगी कड़ी कार्रवाई: एसपी कैथल एसपी राजेश कालिया का कहना है कि 5 फरवरी को डिपोर्ट हुए किसी भी युवा ने एजेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करवाई। अगर कोई व्यक्ति अवैध रूप से विदेश जाने के लिए एजेंटों द्वारा ठगा गया है और शिकायत करता है, तो उन एजेंटों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कैथल में अमेरिका से डिपोर्ट हुए भारतीय की दूसरी लिस्ट सोशल मीडिया पर सामने आई है। लिस्ट में चार नाम कैथल के युवाओं के शामिल हैं। सूची के अनुसार कुछ समय पहले डंकी के रास्ते अमेरिका गए युवाओं का एक और जहाज शनिवार को अमृतसर पहुंचा। डिपोर्ट हुए युवाओं में शिमला निवासी रितेश, फिरोजपुर निवासी संजीव, काकौत निवासी प्रिंस और अरनौली निवासी गुरप्रीत का नाम है। ये युवक जमीन बेचकर और कर्ज लेकर अच्छी कमाई की चाह में विदेश गए थे, लेकिन खाली हाथ वापस लौटना पड़ा। डिपोर्ट हुए युवाओं के परिजनों के पास भी इस संबंध में अभी तक कोई सूचना नहीं पहुंची है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार अरनौली निवासी गुरप्रीत शादीशुदा है और राेजगार की तलाश में अपने दो बच्चों को छोड़कर अमेरिका गया। उसे नहीं पता था कि वह अमेरिका पहुंचने से पहले ही वापस भेज दिया जाएगा। वह कर्ज लेकर जनवरी में अमेरिका गया था। गुरप्रीत की वापसी से परिवार को काफी आर्थिक परेशानी झेलनी पड़ेगी। इसी प्रकार काकौत निवासी प्रिंस भी दिसंबर माह में अमेरिका गया था। कुछ ऐसे ही फिरोजपुर निवासी संजीव भी कुछ माह पहले अमेरिका गया था। पिता की हादसे में मौत के बाद परिवार की सारी जिम्मेदारी संजीव पर हैं। अब इनके डिपोर्ट होने से परिवार की स्थिति खराब होना संभावित है। मामले को लेकर डीएसपी सुशील प्रकाश ने बताया कि अभी तक उनके पास इस संबंध में कोई सूचना नहीं आई है। अगर ऐसा होता है तो जरूरी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
पीएम की यात्रा से भारत-अमेरिका संबंधों को मिली एक नई दिशा
सिटी रिपोर्टर| गया सर्किट हाउस के सभागार में शनिवार को एनडीए नेताओं की विशेष बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के प्रतिनिधि सहित घटक दलों के जिलाध्यक्ष उपस्थित हुए। बैठक की अध्यक्षता गया भाजपा जिला पूर्वी के अध्यक्ष विजय कुमार मांझी ने की। जबकि संचालन जदयू जिलाध्यक्ष द्वारिका प्रसाद ने किया। इस दौरान भारत सरकार द्वारा लोकसभा में पेश बजट और प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा को लेकर चर्चा की गई। इसमें लोक जनशक्ति (रामविलास) जिलाध्यक्ष दिलीप सिंह, हम पार्टी के जिलाध्यक्ष नारायण प्रसाद मांझी, गया जिला पश्चिमी के भाजपा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश चिंटू और पूर्व जिला अध्यक्ष धनराज शर्मा व अन्य उपस्थित थे। बैठक में निर्णय लिया कि 16 फरवरी 2025 को एक विशेष परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे। इस कार्यक्रम में एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर बजट चर्चा करेंगे। बजट पर चर्चा का आयोजन केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के बोधगया आवास पर किया जाएगा। सम्मेलन के बाद प्रेस नोट के माध्यम से बजट की विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी। बैठक में उपस्थित नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि इस बजट में देश के समग्र विकास को प्राथमिकता दी गई है। सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया गया है। बजट के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत अभियान को और मजबूती देने का प्रयास किया गया है। उपस्थित नेताओं ने प्रधानमंत्री को उनकी सफल यात्रा के लिए बधाई दी। इसे भारत की वैश्विक साख को बढ़ाने वाला कदम बताया। कहा कि प्रधानमंत्री की इस यात्रा से भारत-अमेरिका संबंधों को एक नई दिशा मिली है। चुनाव की तैयारियों में जुटें एनडीए कार्यकर्ता बैठक में एनडीए कार्यकर्ताओं को आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुटने की अपील की गई। कहा कि सरकार की उपलब्धियों और विकास योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का कार्य प्राथमिकता से किया जाना चाहिए। अंत में सभी नेताओं ने संकल्प लिया कि एनडीए गठबंधन पूरी मजबूती के साथ जनता के बीच जाएगी और सरकार की नीतियों का प्रचार-प्रसार करेगी। निर्णय लिया गया कि आगामी कार्यक्रमों के माध्यम से एनडीए कार्यकर्ता जनता को जागरूक करने और सरकार की नीतियों से लोगों को अवगत कराने का कार्य करेंगे।
जयपुर के कानोड़िया पीजी महिला महाविद्यालय में कला के क्षेत्र में करियर को लेकर एक महत्वपूर्ण इंटरैक्टिव सत्र का आयोजन किया गया। शनिवार को आयोजित इस सत्र में आयोवा विश्वविद्यालय, अमेरिका की प्रोफेसर अनीता जंग ने प्रिंट मेकिंग, ड्राइंग, पेंटिंग और ग्राफिक आर्ट में करियर के अवसरों पर विस्तार से चर्चा की। प्रोफेसर जंग, जो वर्तमान में फुलब्राइट नेहरू छात्रवृत्ति के तहत एमएस विश्वविद्यालय, बड़ौदा में एक प्रोजेक्ट पर कार्यरत हैं, ने छात्राओं को कला की विभिन्न तकनीकों की जानकारी दी। उन्होंने लिनोकट, वुडकट, एचिंग, एक्वाटिन्ट, ड्राई-पोइन्ट जैसी प्रिंट मेकिंग तकनीकों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। साथ ही, के.जी. सुब्रमण्यम, कृष्णा रेड्डी, हरेनदास जैसे भारत के प्रसिद्ध छाप चित्रकारों के कार्यों से छात्राओं को अवगत कराया। कार्यक्रम में प्रोफेसर जंग ने कलाकारों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक कलाकार वैज्ञानिक की तरह निरंतर प्रयोग करता है और अपनी भावनाओं को विभिन्न माध्यमों से अभिव्यक्त करता है। उन्होंने छात्राओं को जोखिम लेने और निरंतर सीखते रहने का महत्व समझाया। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सीमा अग्रवाल और विभागाध्यक्ष डॉ. सारिका कौल ने मुख्य अतिथि को छात्राओं द्वारा बनाई गई मधुबनी पेंटिंग भेंट की। कार्यक्रम में 40 छात्राओं और महाविद्यालय की प्राध्यापिकाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
पंजाब के पटियाला जिले में एनआरआई पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध तरीके से लोगों को अमेरिका भेजने वाले एक ट्रैवल एजेंट को गिरफ्तार किया है। आरोपी अनिल बत्रा हरियाणा के कुरुक्षेत्र के थानेसर क्षेत्र का रहने वाला है, जो केस दर्ज होने के बाद पटियाला के प्रताप नगर में अपने ससुराल में छिपा हुआ था। अन्य नाम का दिलवाया था वीजा और टिकट पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी ने गुरविंदर सिंह नामक व्यक्ति को सूरी नाम का वीजा और टिकट दिलवाया था। इसके बाद गुरविंदर को दक्षिण अमेरिका के देशों से होते हुए अवैध तरीके से अमेरिका में प्रवेश करवाया गया, जहां उसे अमेरिकी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और बाद में डिपोर्ट कर दिया। तीन अन्य आरोपी फरार डीएसपी एनआरआई गुरबंस सिंह के नेतृत्व में एसएचओ अभय चौहान की टीम ने आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के बैंक खाते में जमा 6 करोड़ 35 लाख 13,610 रुपए को फ्रीज कर दिया है। मामले में अभी तीन अन्य आरोपी फरार हैं। चार सदस्यीय कमेटी की निगरानी में यह कार्रवाई की गई है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर अन्य मामलों की भी जांच कर रही है।
पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के गांव तलानिया के 36 वर्षीय गुरमीत सिंह की अमेरिका जाने की कोशिश नाकाम हो गई। परिवार की गरीबी दूर करने के लिए उन्होंने घर और गहने गिरवी रखकर 40 लाख रुपए जुटाए और एक एजेंट के माध्यम से अमेरिका जाने का प्रयास किया। दिल्ली छोड़ने गया था परिवार गुरमीत 12 नवंबर 2023 को घर से निकले थे। परिवार उन्हें दिल्ली तक छोड़ने गया था। एजेंट से सीधे संपर्क कर उन्होंने यह कदम उठाया। आखिरी बार उन्होंने 22 जनवरी को अपने परिवार से बात की थी। इसके बाद मेक्सिको सीमा पार करते समय वे पकड़े गए और 72 दिनों के बाद उन्हें भारत वापस भेज दिया गया। आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब गुरमीत के पिता चुन्नी लाल ने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब थी और अब घर-गहने गिरवी रखने से हालात और भी बदतर हो गए हैं। स्थानीय पार्षद वैशाखी राम ने कहा कि परिवार गहरे सदमे में है। उन्होंने सरकार से एजेंट के खिलाफ कार्रवाई करने और परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की है। यह घटना अवैध तरीके से विदेश जाने के जोखिम और एजेंटों द्वारा की जा रही धोखाधड़ी को उजागर करती है।
गया में शनिवार को एनडीए की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता गया जिला पूर्वी के अध्यक्ष विजय कुमार मांझी ने की, जबकि संचालन का जिम्मा जदयू जिला अध्यक्ष द्वारका प्रसाद ने संभाला। बैठक में भाजपा, जदयू, लोजपा और हम पार्टी के कई बड़े नेता मौजूद रहे। बैठक का मुख्य एजेंडा केंद्र सरकार के बजट पर चर्चा रहा। तय हुआ कि 16 फरवरी को केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के नेतृत्व में बोधगया में एक विशेष परिचर्चा होगी। इसमें एनडीए कार्यकर्ता बजट की नीतियों और विकास योजनाओं पर चर्चा करेंगे। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जनता को बजट से जुड़ी अहम जानकारियां दी जाएंगी। नेताओं ने कहा कि यह बजट देश के बुनियादी ढांचे, कृषि, शिक्षा और रोजगार पर केंद्रित है। आत्मनिर्भर भारत अभियान को इससे और मजबूती मिलेगी। पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा को बताया ऐतिहासिक बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिका यात्रा पर भी विशेष चर्चा हुई। नेताओं ने इसे भारत की वैश्विक साख बढ़ाने वाला कदम बताया। कहा गया कि इस यात्रा से भारत-अमेरिका के व्यापार, रक्षा और तकनीकी संबंधों को नई दिशा मिली है। एनडीए नेताओं ने पीएम मोदी को इस सफल कूटनीतिक मिशन के लिए बधाई दी। विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर जोर बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव पर भी रणनीति बनाई गई। तय हुआ कि एनडीए कार्यकर्ता सरकार की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। गठबंधन के नेता हर स्तर पर मजबूत प्रचार अभियान चलाएंगे। बैठक में शामिल प्रमुख नेता इस बैठक में भाजपा, जदयू, लोजपा और हम पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इनमें लोक जनशक्ति रामविलास जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह, हम पार्टी के जिला अध्यक्ष नारायण मांझी, भाजपा जिला अध्यक्ष प्रेम प्रकाश चिंटू, पूर्व जिला अध्यक्ष धनराज शर्मा, राजेंद्र प्रसाद, अनुज कुमार, कमल सिन्हा, करुणा सिंह, प्रशांत कुमार, देवानंद पासवान और कई अन्य प्रमुख नेता शामिल थे। बैठक के अंत में सभी नेताओं ने संकल्प लिया कि एनडीए गठबंधन पूरी मजबूती के साथ जनता के बीच जाएगा और सरकार की नीतियों को घर-घर तक पहुंचाएगा।
अमेरिका से अवैध अप्रवासी भारतीयों का दूसरा बैच आज (15 फरवरी) शनिवार की रात 10 बजे पंजाब के अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंच रहा है। इसमें 119 भारतीयों को जबरन वापस भेजा जाएगा। इसमें पंजाब के 67 और हरियाणा के 33 लोग शामिल हैं। इस दौरान पंजाब के सीएम भगवंत मान भी एयरपोर्ट पर जाकर डिपोर्ट किए जा रहे पंजाबियों से मुलाकात करेंगे। इसके बाद 16 फरवरी यानी रविवार को भी रात 10 बजे फिर 157 भारतीयों को लेकर विमान अमृतसर आएगा। इससे पहले 5 फरवरी को अमेरिकी एयरफोर्स के विमान ग्लोबमास्टर में 104 भारतीयों को अमृतसर पहुंचाया गया था। इन लोगों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डालकर लाया गया था। इस बार भारतीयों को कैसे डिपोर्ट किया जाएगा, क्या उन्हें फिर से हथकड़ी-बेड़ियां पहनाकर भेजा जाएगा, इसे लेकर कोई जानकारी अब तक सामने नहीं आई है। पंजाब CM बोले– अमृतसर लैंडिंग को पंजाबियों को बदनाम करने की साजिशशुक्रवार शाम को अमृतसर पहुंचे पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा, 'पंजाब में अवैध अप्रवासियों के विमान उतारना गलत है। यह पंजाब को बदनाम करने की साजिश है। जो लोग गैरकानूनी तरीके से अमेरिका गए थे, उन्हें डिपोर्ट किया जा रहा है। पहले भी जो लोग डिपोर्ट हुए थे, उनमें अलग-अलग प्रदेशों के लोग थे। फिर विमान अमृतसर में क्यों उतारे जा रहे हैं। वित्तमंत्री बोले- पंजाब को बदनाम किया जा रहापंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने अवैध भारतीय प्रवासियों को लाने वाले अमेरिकी विमान के पंजाब में उतरने पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, 'ऐसा करके केंद्र सरकार पंजाब को बदनाम करना चाहती है। वह प्लेन को गुजरात, हरियाणा या दिल्ली में क्यों नहीं उतरवाते।' पहली बार सैन्य विमान से भारतीयों को डिपोर्ट किया गयाभारतीय अप्रवासियों को डिपोर्ट करने वाला पिछला अमेरिकी सैन्य विमान 4 फरवरी को सुबह 3 बजे अमेरिका के सैन एंटोनियो से रवाना हुआ था। यह पहली बार था जब अमेरिका ने अप्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल किया। इससे पहले अलग-अलग रिपोर्ट में दावा किया जा रहा था कि अमेरिका ने डिपोर्टेशन के लिए कुल 205 अवैध भारतीयों की पहचान की है। अमेरिका में करीब 7 लाख अवैध भारतीय प्रवासीप्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक साल 2023 तक अमेरिका में करीब 7 लाख से ज्यादा अवैध प्रवासी भारतीय हैं। यह मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद सबसे ज्यादा हैं। अमेरिका में अवैध प्रवासियों से डील करने वाली सरकारी संस्था (ICE) के मुताबिक पिछले 3 सालों में अवैध रूप से घुसने की कोशिश में औसतन 90 हजार भारतीय नागरिकों को पकड़ा है। इन अप्रवासियों का एक बड़ा हिस्सा पंजाब, गुजरात और आंध्र प्रदेश से आ रहा है। अवैध अप्रवासियों को क्यों निकाल रहे ट्रम्पट्रम्प ने 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करके अवैध अप्रवासियों की एंट्री बैन करने का ऐलान किया था। ट्रम्प ने चुनाव कैंपेन में भी अवैध अप्रवासियों को देश से निकालने का वादा किया था। उन्होंने अमेरिका के इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन करने को कहा था। ट्रम्प का मानना है कि दूसरे देशों से लोग अमेरिका में अवैध तरीके से घुसकर अपराध करते हैं। यहां नौकरियों के बड़े हिस्से पर अप्रवासियों का कब्जा है, इससे अमेरिकी लोगों को नौकरी नहीं मिलती। ट्रम्प ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले कानून ‘लैकेन रिले एक्ट’ पर साइन किए। इस कानून के तहत फेडरल अधिकारियों को उन अवैध अप्रवासियों को हिरासत में लेकर डिपोर्ट करने का अधिकार है, जो किसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं। ******** ये खबर भी पढ़ें :- अमेरिका से 104 भारतीय जबरन भारत डिपोर्ट:इनमें गुजरात-हरियाणा के 33-33 लोग, पंजाब के 30; US समेत 20 देशों में कभी नहीं जा सकेंगे अमेरिकी सैन्य विमान सी-17 ग्लोबमास्टर 5 फरवरी को दोपहर करीब 1 बजे 104 अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर अमृतसर के गुरु रविदास इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा था। इसमें 11 क्रू मेंबर और 45 अमेरिकी अधिकारी भी साथ आए। प्लेन में पंजाब के 30, हरियाणा-गुजरात के 33-33 लोग शामिल थे। पढ़ें पूरी खबर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र...
अमेरिका से अवैध प्रवासियों को बेड़ियों में जकड़ कर भेजना क्रूर और शर्मनाक है: उमा भारती
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने अवैध भारतीय प्रवासियों को...
प्रधानमंत्री मोदी का अमेरिका में स्वागत करना सम्मान की बात: तुलसी गबार्ड
अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) तुलसी गबार्ड ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का...
स्पेन के बर्सिलोना शहर के रहने वाले 65 वर्षीय जेवियर पदयात्रा करते हुए प्रयागराज जाने के लिए आज रीवा पहुंचे। वे शुक्रवार को 65,000 किलोमीटर की पदयात्रा कर रीवा पहुंचे। जो 10 सालों से लगातार पद यात्रा कर रहे हैं। यहां रीवा में पुलिस प्रशासन ने उनका स्वागत किया। इसके साथ ही उनके ठहरने और भोजन पानी की व्यवस्था की। जहां अब उनका अगला पड़ाव प्रयाग महाकुंभ है। उन्होंने बताया कि मैंने 14 अक्टूबर 2015 से पुष्कर से कन्याकुमारी के लिए पदयात्रा शुरू की थी। मैं जानना चाहता हूं कि इस पूरी दुनिया में क्या चल रहा है। इस पर मैं किताब भी लिख रहा हूं। उन्होंने बताया कि यहां के गुरुनानक जी, बुद्ध, महावीर आदि ने किस तरह से सुख सुविधा वैभव को त्याग कर फकीरी वाला जीवन जिया और अपने विचारों को जन-जन तक पहुंचाया। मैं इसी चीज से प्रभावित हूं। इसके पहले मैं बिजनेसमैन हुआ करता था। थाने में बिताई कई रातें जेवियर ने बताया कि वे थाने में भी रुके और कई रातें भी बिताई। वे जहां रुकते वहां के लोग उन्हें भोजन करवा देते थे। उन्हें पैदल चलता देख लोग उन्हें आर्थिक सहयोग करने के लिए आगे आते हैं। प्राप्त सहयोग का उन्होंने उपयोग मात्र सफर तय करने के लिए किया। इनका कहना है कि यहां के संत महापुरुष फकीरी वाला जीवन कैसे जिए, उस बारे में जानने के लिए वे स्वयं भी उन्हीं के जैसे सड़कों पर पदयात्रा के लिए निकल पड़े हैं। उनकी पत्नी साउथ अमेरिका के चिली में टीवी जर्नलिस्ट है, उनके दो बच्चे हैं। एक बेटा पीएचडी कर रहा है तो एक बेटी फिजियोथेरेपिस्ट है।
अमेरिका से भारतीयों के डिपोर्ट होने के मामले के बाद सरकार ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। जगराओं में एसडीएम करण दीप सिंह और डीएसपी जस ज्योत सिंह के नेतृत्व में विशेष टीमों ने 21 आईलेट्स सेंटर और इमिग्रेशन एजेंटों के कार्यालयों में छापेमारी की। जांच के दौरान कई एजेंट और सेंटर मालिक डर के मारे फरार हो गए। कुछ ने तो अपने कार्यालय भी किए बंद टीमों ने मौजूद एजेंटों के लाइसेंस और अन्य दस्तावेजों की गहन जांच की। जो एजेंट या सेंटर मालिक मौके पर नहीं मिले, उन्हें अगले दिन तक अपने दस्तावेज जमा करने के निर्देश दिए हैं। नायब तहसीलदार सुरिंदर पब्बी के नेतृत्व में एक अलग टीम ने राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य स्थानों पर भी निरीक्षण किया। कई एजेंटों ने बताया कि कनाडा की नई स्टडी वीजा पॉलिसी के कारण उनका काम पहले ही प्रभावित हुआ है और कुछ ने तो अपने कार्यालय भी बंद कर दिए हैं। शाम तक एसडीएम की छापेमारी रही जारी एसडीएम और डीएसपी ने बताया कि यह छापेमारी डिप्टी कमिश्नर के निर्देश पर की गई, जोकि देर शाम तक जारी रही। विदेश मंत्रालय और पंजाब सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार फर्जी ट्रेवल एजेंटों की पहचान करने के लिए यह विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जांच में श्रम निरीक्षक सहित अन्य विभागों के कर्मचारी भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि आगे भी इस तरह से जांच की जाएगी, ताकि युवाओं को धोखे से बचाया जा सके। 100 से ज्यादा अधिकृत सेंटर हैं, लेकिन यहां कोई भी वर्क परमिट लाइसेंस के साथ विदेश भेजने का काम नहीं करता।
महाकुंभ में 33 दिनों में 50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने स्नान किया। इतिहास में ये सबसे बड़ा आयोजन रिकॉर्ड किया गया। 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ के अभी 12 दिन और बचे हैं। अमेरिका और चीन की कुल आबादी के बाद तीसरी सबसे बड़ी आबादी के बराबर लोग प्रयागराज पहुंचे हैं। ब्राजील के रियो फेस्टिवल या जर्मनी के अक्टूबर फेस्ट में आने वाली भीड़ इसके मुकाबले कुछ नहीं है। रियो कार्निवल 9 फरवरी से शुरू हुआ है जो 17 फरवरी तक चलेगा, इसमें रोज करीब 20 लाख लोग पहुंचते हैं। वहीं 16 दिनों तक चलने वाले जर्मनी के अक्टूबर फेस्ट में करीब 70 लाख लोग पहुंचते हैं। अमेरिका, रूस और पाकिस्तान जैसे देशों की जनसंख्या भी इतनी नहीं यूएस सेंसस ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार, पूरी दुनिया के 200 से अधिक राष्ट्रों में जनसंख्या के दृष्टिकोण से टॉप 10 देशों में क्रमश: भारत 141 करोड़, चीन 140 करोड़, अमेरिका 34 करोड़, इंडोनेशिया 28 करोड़, पाकिस्तान 25 करोड़, नाइजीरिया 24 करोड़, ब्राजील 22 करोड़, बांग्लादेश 17 करोड़, रूस 14 करोड़ और मैक्सिको 13 करोड़ शामिल हैं। वहीं महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की 14 फरवरी तक 33 दिन की संख्या (50 करोड़ पार) को देखा जाए तो केवल भारत और चीन की जनसंख्या ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं से अधिक है। जबकि अमेरिका, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, नाइजीरिया, ब्राजील, बांग्लादेश, रूस और मैक्सिको की जनसंख्या भी इससे कहीं पीछे है। ये दिखाता है कि महाकुंभ अब केवल एक पर्व नहीं, बल्कि यह सनातन धर्म के विराट स्वरूप का प्रतीक बन चुका है। सरकार की उम्मीदों से भी पार पहुंचा आंकड़ा आंकड़ा इतना पार पहुंच गया है, जिसकी महाकुंभ से पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उम्मीद जताई थी। सीएम योगी ने पहले ही अनुमान जताया था कि इस बार जो भव्य और दिव्य महाकुंभ का आयोजन हो रहा है वह स्नानार्थियों की संख्या का नया रिकॉर्ड स्थापित करेगा। उन्होंने शुरुआत में ही 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई थी। बता दें कि उनका यह आंकलन बीते 11 फरवरी को ही सच साबित हो गया था। वहीं शुक्रवार (14 फरवरी) को यह संख्या 50 करोड़ के ऊपर पहुंच चुका है। अभी महाकुंभ में 12 दिन और एक महत्वपूर्ण स्नान पर्व शेष है। पूरी उम्मीद है कि स्नानार्थियों की यह संख्या 55 से 60 करोड़ के ऊपर जा सकती है। विभिन्न स्नान पर्वों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भारी भीड़यदि अब तक के कुल स्नानार्थियों की संख्या का विश्लेषण करें तो सर्वाधिक 8 करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर स्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था। एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई, इसके अलावा बसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई थी। वहीं माघी पूर्णिमा के महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर भी दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पावन स्नान किया था।
अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की जा रही डिपोर्टेशन की कार्रवाई के बाद कल यानी शनिवार को दूसरा एयरक्राफ्ट करीब 119 भारतीयों को लेकर अमृतसर एयरपोर्ट पर पहुंचेगा। इसमें सबसे ज्यादा पंजाबी युवक हैं। पंजाबी के कुल 67 युवक इस जत्थे में हैं। अनुमान है कि उक्त विमान कल यानी शनिवार को सुबह करीब 10 से 11 बजे तक अमृतसर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निर्वासित भारतीयों में 67 पंजाबी, 33 हरियाणवी, 8 गुजरात से, 3 उत्तर प्रदेश से, 2 महाराष्ट्र से, 2 राजस्थान से, 2 यात्री गोवा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से एक-एक यात्री हैं। हालांकि इसे लेकर अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे द्वारा फिलहाल कोई बयान या अन्य जानकारी साझा नहीं की गई है। बता दें कि इससे पहले 5 फरवरी को 104 भारतीयों को लेकर सी-17 जहाज अमृतसर लैंड हुआ था। जिन्हें वहां से वाइट पासपोर्ट के जरिए भारत भेजा गया था। हालांकि चर्चा है कि इस बार चर्चा है कि विमान भारतीय है, जिसमें उक्त लोगों को भारत लाया जा रहा है। इसे लेकर फिलहाल अधिकारी स्तर पर कोई बयान नहीं जारी किया गया है। अमेरिका ने पहली बार सैन्य विमान भेजा भारत यूएस मिलिट्री का यह विमान भारतीय समय के मुताबिक 4 फरवरी की सुबह 3 बजे अमेरिका के सैन एंटोनियो रवाना हुआ था। यह पहली बार है जब अमेरिका ने अप्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल किया गया था। करीब साढ़े 3 घंटे बाद US एयरफोर्स विमान वापस लौट गया था। इससे पहले अलग-अलग रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि अमेरिका ने कुल 205 अवैध भारतीयों को डिपोर्ट करने के लिए चिह्नित किया है। इन्हें भारत भेजा जाएगा। 186 भारतीयों को डिपोर्ट करने वाली लिस्ट भी सामने आई थी। जब विमान उतरा तो पतला चला कि उक्त जत्थे में सिर्फ 104 भारतीय डिपोर्ट किए गए हैं। ग्लोबमास्टर को भारत भेजने पर लगभग 6 करोड़ रुपए का खर्च आया। अमेरिका में करीब 7 लाख अवैध भारतीय प्रवासी प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक साल 2023 तक अमेरिका में करीब 7 लाख से ज्यादा अवैध प्रवासी भारतीय हैं। यह मेक्सिको और अल साल्वाडोर के बाद सबसे ज्यादा है। अमेरिका में अवैध प्रवासियों से डील करने वाली सरकारी संस्था (ICE) के मुताबिक पिछले 3 सालों में अवैध रूप से घुसने की कोशिश में औसतन 90 हजार भारतीय नागरिकों को पकड़ा है। इन अप्रवासियों का एक बड़ा हिस्सा पंजाब, गुजरात और आंध्र प्रदेश से आ रहा है।
मोहित कोहली के परिजन शुक्रवार सुबह बेटे की अंत्येष्टि करने के लिए अमेरिका रवाना होंगे। साइकिलिस्ट मोहित कोहली अमेरिका में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के लिए साइकिल से 10 हजार किलोमीटर की यात्रा पर थे। बुधवार को चिली में उनको कार ने टक्कर मार दी थी, इस हादसे में उनकी मौत हो गई। मोहित की मौत की जब सूचना आई तो मां माला महाकुंभ में थी। मोहित की मौत से परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। बेटे की दक्षिण अमेरिका में सड़क हादसे में मौत हो गई मेरठ के रहने वाले बंदूक कारोबारी के बेटे की दक्षिण अमेरिका में सड़क हादसे में मौत हो गई। 36 साल के मोहित कोहली एथलीट थे। मोहित साइकिलिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने निकले थे। बुधवार को चिली शहर में कार ने उन्हें कुचल दिया। आसपास मौजूद लोग उन्हें अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।मोहित के पिता प्रणनीत कोहली उर्फ रोमी मेरठ के बड़े बिजनेसमैन हैं। उनकी पीएल शर्मा रोड पर गन की दुकान है। पिछले 10 साल से माता-पिता दिल्ली के कश्मीरी गेट इलाके में रह रहे हैं। प्रणनीत कोहली के बड़े बेटे मोहित कोहली ने सेंट मैरी से पढ़ाई की। इसके बाद दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। उन्होंने लंदन और दूसरे देशों में भी पढ़ाई की। मोहित एथलीट थे। वह रनिंग के अलावा स्विमिंग और पोलो के भी खिलाड़ी थे। मोहित को एडवेंचर बहुत पसंद था। ऐसे में उन्होंने साइकिलिंग करनी शुरू की। उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए। कोलंबिया, पेरू, इक्वाडोर और चिली में रह चुके थे। वह अब अमेरिका में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के करीब थे। 10 हजार km में आधी दूरी तय कर चुके थे मोहित मोहित ने दक्षिण अमेरिका को सबसे तेज स्पीड में पार करने के लिए कोलंबिया के शहर कार्टाजेना से 22 जनवरी को यात्रा शुरू की थी। उनकी फिनिश लाइन उशुआइया पैटागोनिया में थी। 10 हजार km के इस सफर को वह तेजी से तय करते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तरफ बढ़ रहे थे। साढ़े 5 हजार किलोमीटर का सफर पूरा कर चुके थे।रेडियो पॉलिना की रिपोर्ट के अनुसार, चिली के टारापाका क्षेत्र में रूट-5 नोर्ट पर बुधवार शाम को उनकी साइकिल को एक तेज रफ्तार वाहन ने टक्कर मार दी। इससे मोहित सड़क पर गिरे और गाड़ी के पहिए के नीचे आ गए। दुर्घटना पोज़ो अलमोंटे के पास घटी, जहां चिकित्साकर्मी उनकी जान बचाने के लिए पहुंचे। लेकिन मौत हो गई। परिजन चिली रवाना हो रहे हैं। मोहित अपनी यात्रा के वीडियो इंस्टाग्राम अकाउंट पर लगातार शेयर कर रहे थे। उनकी मौत से उनके फैंस और परिचित बेहद दुखी हैं।22 जनवरी को मोहित ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट की। इसमें उन्होंने दक्षिण अमेरिका को साइकिल से पार करने का लक्ष्य तय किया था। मोहित के पिता प्रणनीत कोहली के दोस्त संजय प्रताप सिंह ने बताया कि मोहित बेहद सौम्य थे। वे जिससे एक बार मिल लेते थे, उनको कोई भूलता नहींं था। संजय प्रताप सिंह बताते हैं कि मोहित बेहद होनहार थे। उनका इस तरह जाना बेहद दुखदायी है। परिवार के दुख को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। परिजन मोहित की अंतेष्टी के लिए शुक्रवार सुबह फ्लाइट से अमेरिका के लिए रवाना होंगे। उनका अंतिम संस्कार वहीं पर किया जाएगा। इसके बाद उनकी अस्थियों को भारत लाया जाएगा। मोहित के छोटे भाई मुदित कोहली हैं। पोस्ट पढ़िए.... 'नमस्कार, मैं मोहित हूं, मैं जीवन भर के रोमांच पर निकलने वाला हूं। साइकिल से दक्षिण अमेरिका को सबसे तेज पार करने का विश्व रिकॉर्ड तोड़ने का प्रयास करने वाला हूं। सफर को कार्टाजेना, कोलंबिया से शुरू करते हुए मैं महाद्वीप के पार साइकिल चलाऊंगा। लुभावने परिदृश्यों, कठिन चढ़ाई और अप्रत्याशित मौसम से निपटते हुए उशुआइया, पैटागोनिया में फिनिश लाइन तक मुझे पहुंचना है। मैं इस चुनौती को लेने के लिए वास्तव में उत्साहित हूं। क्या आपने कभी इस तरह के रोमांच का सपना देखा है। चलो साथ में सवारी करते हैं।'
भारतीय-अमेरिकी संगीतकार और उद्यमी चंद्रिका टंडन ने जीता ग्रैमी अवॉर्ड, देखिए विनर्स की पूरी लिस्ट
67वें ग्रैमी अवॉर्ड्स के विनर का ऐलान हो गया है। इस इवेंट का आयोजन लॉस एंजेलिस के डाउनटाउन में क्रिप्टो टाउन एरिना में हुआ। ट्रेवर नोआ ने ग्रैमी अवॉर्ड्स 2025 को होस्ट किया। भारतीय-अमेरिकी गायिका और उद्यमी चंद्रिका टंडन ने एल्बम 'त्रिवेणी' के लिए ...
अमेरिकी नौसेना के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित हुए टॉम क्रूज, हॉलीवुड स्टार ने जताई खुशी
हॉलीवुड स्टार टॉम क्रूज की दुनियाभर में जबरदस्त फैन फॉलोइंग है। टॉम क्रूज अपनी फिल्मों में जबरदस्त एक्शन सीन्स के लिए जाने जाते हैं। वह खतरनाक से खतरनाक स्टंट सीन खुद ही करते हैं। वहीं अब टॉम क्रूज को अमेरिकी नौसेना के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से ...
मिथुन चक्रवर्ती की पहली पत्नी हेलेना ल्यूक का निधन, अमेरिका में ली अंतिम सांस
मनोरंजन जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती की पहली पत्नी हेलेना ल्यूक का निधन हो गया है। उन्होंने अमेरिका में आखिरी सांस ली। हेलेना के निधन की खबर मशहूर डांसर और एक्ट्रेस कल्पना अय्यर ने सोशल मीडिया के जरिए दी है। खबरों ...
Devara Part 1 advance booking: साउथ सुपरस्टार जूनियर एनटीआर की फिल्म 'देवरा : पार्ट 1' का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस फिल्म के जरिए जाह्नवी कपूर भी साउथ इंडस्ट्री में कदम रखने जा रही हैं। 'देवरा : पार्ट 1' की रिलीज में अब केवल एक महीना बचा ...
बचपन से एक्टर बनना चाहते थे सैफ अली खान, अमेरिका से पढ़ाई पूरी करने के बाद रखा इंडस्ट्री में कदम
Saif Ali Khan Birthday: बॉलीवुड के अभिनेता सैफ अली खान 54 वर्ष के हो गए हैं। 16 अगस्त 1970 को दिल्ली में जन्में सैफ अली खान को अभिनय की कला विरासत में मिली। उनकी मां शर्मिला टैगोर फिल्म इंडस्ट्री की जानी मानी अभिनेत्री रही जबकि पिता नवाब पटौदी ...
अमेरिका में प्रभास की फिल्म 'कल्कि' का रिलीज से पहले जलवा, देखें मूवी मसाला
प्रभास, अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण और कमल हासन स्टारर फिल्म 'कल्कि 2898 AD' का फैंस के बीच जबरदस्त क्रेज है. हालांकि फिल्म के ट्रेलर को लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही है. वहीं, फिल्म अमेरिका में एडवांस बुकिंग के मामले में रिकॉर्ड बना रही है. देखें 'मूवी मसाला'.
अमेरिकाज गॉट टैलेंट में जम्मू की रहने वालीArshiya Sharma ने बजाय डंका, किया ऐसा कमाल किखड़े होकर तालियां बजाने लगे जजेस
Cannes में स्क्रीनिंग के बाद विवादों में घिरी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपतिडोनाल्ड ट्रम्प की बायोपिक, फिल्म के इस सीन पर मचा हंगामा
कियारा आडवाणी शनिवार को कान्स फिल्म फेस्टिवल से इतर एक कार्यक्रम में शामिल हुईं। उनके खूबसूरत पिंक और ब्लैक गाउन के अलावा कुछ और भी था जिसने सबका ध्यान खींचा। रेड सी फिल्म फाउंडेशन के वीमेन इन सिनेमा गाला डिनर के रेड कार्पेट पर मीडिया को दिया गया उनका एक साक्षात्कार ऑनलाइन सामने आया है। इसमें कियारा को कान्स में पहली बार बोलने के बारे में दिखाया गया है, लेकिन उनका नया लहजा थोड़ा ध्यान भटकाने वाला है। इसे भी पढ़ें: Cannes Film Festival 2024 | पंजाबी गायिका सुनंदा शर्मा ने अपने कान्स डेब्यू में सफेद पंजाबी सूट-सलवार में बिखेरा जलवा कियारा का ताज़ा लहजा? कियारा वीडियो में कहती हैं कि इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाना 'बहुत ही विनम्र' है, खासकर जब वह एक अभिनेता के रूप में 10 साल पूरे कर रही हैं। वह कहती हैं, यह बहुत खास पल पर भी आता है। उनके विशेष रूप से 'बहुत' और 'पर' कहने के अमेरिकी तरीके ने प्रशंसकों को आश्चर्यचकित कर दिया कि क्या वह एक नया उच्चारण करने का प्रयास कर रही हैं। इसे भी पढ़ें: वोट डालने पहुंचे Deepika Padukone और Ranveer Singh, एक्ट्रेस का दिखा बेबी बंप, पर वह भीड़ से खुद को छुपाती दिखी | Viral Video ट्विटर क्या कहता है? एक व्यक्ति ने ट्विटर पर भविष्यवाणी की, “बॉलीवुड ट्विटर आपके उच्चारण के बारे में बात करने आ रहा है… भागो, कियारा भागो।” और निश्चित रूप से, ऐसा हुआ। मंच पर कई ट्वीट्स में कियारा के नए लहजे पर हैरानी जताई गई। एक प्रशंसक ने लिखा, मैं उससे प्यार करता हूं, लेकिन वह लहजा क्यों। एक अन्य व्यक्ति ने कहा, “इसकी तुलना में उनका अपना उच्चारण वास्तव में अच्छा है।” एक अन्य व्यक्ति ने पूछा, भारतीय लहजा किसी भी तरह से बुरा या अपमानजनक नहीं है, फिर इन लोगों ने इसे क्यों नहीं चुना और पूरी चीज़ को बर्बाद कर दिया। एक अन्य व्यक्ति ने लिखा “क्या कियारा आडवाणी सोचती हैं कि जब वह इस तरह की बातें करती हैं तो वह किम कार्दशियन हैं? कृपया उस ऐंठन वाले लहजे को रोकें। आप इसके लिए कूल या मजाकिया नहीं हैं। कियारा इससे पहले वेरायटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भी शामिल हुई थीं। उन्होंने अपने करियर और फिल्मों के बारे में बात की, मनोरंजन उद्योग की अन्य महिलाओं के एक पैनल में शामिल हुईं। कान्स और कियारा पर कान्स फिल्म महोत्सव मंगलवार रात क्वेंटिन डुपिएक्स के ले ड्यूक्सिएम एक्ट (द सेकेंड एक्ट) के विश्व प्रीमियर के साथ शुरू हुआ, जिसमें ली सेडौक्स, विंसेंट लिंडन, लुइस गैरेल और राफेल क्वेनार्ड ने अभिनय किया। कियारा राम चरण-स्टारर गेम चेंजर में दिखाई देने की तैयारी कर रही हैं, जो एस. शंकर द्वारा निर्देशित एक राजनीतिक एक्शन थ्रिलर है। तेलुगु फिल्म जल्द ही स्क्रीन पर आने के लिए तैयार है। वह ऋतिक रोशन-स्टारर वॉर 2 में वाईआरएफ जासूस ब्रह्मांड में शामिल होने के लिए भी तैयार हैं, जिसमें आरआरआर स्टार जूनियर एनटीआर भी होंगे। इसके अलावा कियारा के पास डॉन 3 भी है, जिसमें वह रणवीर सिंह के साथ अभिनय करेंगी। रिपोर्ट्स की मानें तो टॉक्सिक में यश के साथ आडवाणी भी नजर आएंगे। Kiara Advani's accent pic.twitter.com/A5WFyGzdkC — bebo (@bollypopgossip) May 19, 2024
'अगर मैं अमेरिका का जासूस होता तो...' जान की बाजी लगाने पर भी रवीन्द्र कौशिक को नहीं मिला सम्मान, आखिरी चिट्ठी में बयां किया था दर्द
सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहाGoldy Brar के शूटआउट का CCTV फुटेज, गैंगस्टरको लेकरअमेरिकी पुलिस ने किया बड़ा दावा
जिंदा हैSidhu Moose Wala की ह्त्या करने वालाGoldy Brar! मास्टरमाइंड को लेकर अमेरिकी पुलिस ने किया सनसनीखेज खुलासा
कौन हैGrammys और Oscar जीतने वाले मशहूर हॉलीवुड अमेरिकन आइकॉन Frank Sinatra? बायोपिक में ये फेमस एक्टर निभाएगा लीड रोल
अमेरिका में रची गई साजिश! सलमान खान के घर फायरिंग मामले में बड़ा खुलासा?
बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर हुई फायरिंग मामले को लेकर अब अपडेट सामने आ रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक आरोपियों ने शूटिंग में इस्तेमाल बाइक को कुछ दिन पहले रायगढ़ के एक शोरूम से खरीदी थी. मामले में और क्या-क्या खुलासे हुए हैं. देखें.
क्या सच में अमेरिका में रहती है दिलजीत की पत्नी-बेटा? मॉडल ने खोली पोल
दिलजीत दोसांझ अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर काफी प्रोटेक्टिव रहे हैं. दिलजीत ने हाल ही में अपने पेरेंट्स के साथ रिलेशंस को लेकर खुलासा किया, जिसने सबको हैरानी में डाल दिया था. हालांकि वह अपनी पत्नी और बच्चे के बारे में अटकलों पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन उनके एक दोस्त ने हाल ही में दावा किया कि दिलजीत शादीशुदा हैं और उनका एक बेटा भी है.
अभिनेता और गायक दिलजीत दोसांझ नेटफ्लिक्स और इम्तियाज अली की अमर सिंह चमकीला के लिए तैयारी कर रहे हैं। फिल्म 12 अप्रैल से बड़े पैमाने पर प्रसारित होगी। द इंडियन एक्सप्रेस की एक हालिया रिपोर्ट, जिसमें गुमनामी के तहत उनके करीबी दोस्तों के उद्धरण शामिल हैं, से पता चलता है कि दिलजीत दोसांझ वास्तव में शादीशुदा हैं। एक इंडो-अमेरिकन महिला के साथ उनकी शादी हुई थी और उनका एक बेटा भी है। प्रकाशन में अभिनेता की प्रोफ़ाइल में लिखा है, एक अत्यंत निजी व्यक्ति, उनके परिवार के बारे में बहुत कम जानकारी है लेकिन दोस्तों का कहना है कि उसकी पत्नी एक अमेरिकी-भारतीय है और उनका एक बेटा है, और उनके माता-पिता लुधियाना में रहते हैं। दिलजीत दोसांझ , जो अमर सिंह चमकीला की रिलीज की तैयारी कर रहे हैं, ने खुलासा किया कि उनके माता-पिता ने उन्हें 11 साल की उम्र में लुधियाना में एक रिश्तेदार के साथ रहने के लिए भेज दिया था। दिलजीत ने रणवीर इलाहाबादिया से बात करते हुए कहा “मैं ग्यारह साल का था जब मैंने अपना घर छोड़ दिया और अपने मामाजी के साथ रहने लगा। मैं अपना गाँव छोड़कर शहर आ गया। मैं लुधियाना शिफ्ट हो गया। उन्होंने कहा 'उसे मेरे साथ शहर भेज दो' और मेरे माता-पिता ने कहा 'हां, उसे ले जाओ।' मेरे माता-पिता ने मुझसे पूछा भी नहीं। इसे भी पढ़ें: Thor फेम Chris Hemsworth के फैंस के लिए खुशखबरी! Furiosa-Mad Max में योद्धा के अवतार में दिखे जबरदस्त, जानें फिल्म कब होगी रिलीज उड़ता पंजाब के अभिनेता ने कहा कि हालांकि इस फैसले से उनके माता-पिता के साथ उनके रिश्ते में तनाव आ गया है, लेकिन वह उनका बहुत सम्मान करते हैं। दिलजीत ने खुलासा किया “मैं एक छोटे से कमरे में अकेला रहता था। मैं बस स्कूल जाता था और वापस आ जाता था, वहां कोई टीवी नहीं था। मेरे पास बहुत समय था. इसके अलावा, उस समय हमारे पास मोबाइल फोन नहीं थे, यहां तक कि अगर मुझे घर पर फोन करना होता था या अपने माता-पिता का फोन रिसीव करना होता था, तो इसके लिए हमें पैसे खर्च करने पड़ते थे। इसलिए मैं अपने परिवार से दूर होने लगा। इसे भी पढ़ें: 'Ramayana' के लिए Ranbir Kapoor ले रहे हैं जमकर ट्रेनिंग, गांव में कभी साइकिलिंग तो कभी जॉगिंग करते दिखे एक्टर | VIDEO गायक ने कहा “मैं अपनी माँ का बहुत सम्मान करता हूँ। मेरे पिता बहुत प्यारे इंसान हैं। उन्होंने मुझसे कुछ नहीं पूछा। उन्होंने यह भी नहीं पूछा कि मैंने किस स्कूल में पढ़ाई की है। लेकिन मेरा उनसे नाता टूट गया।
Marvel 1943: Rise Of Hydra का धमाकेदार ट्रेलर हुआ लॉन्च,ब्लैक पैंथर और कैप्टन अमेरिका में छिड़ी घमासान जंग