पुलिस मुख्यालय में आयोजित दो दिवसीय राज्यस्तरीय वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन- 2025 ‘पुलिस मंथन’ का शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुआ। मुख्यमंत्री योगी ने अपने सम्बोधन में यूपी पुलिस के अब तक के कार्य, सुधार और उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि पिछले साढ़े आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश ने अपने परसेप्शन और कानून-व्यवस्था की छवि में उल्लेखनीय परिवर्तन किया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रयासों से उत्तर प्रदेश को आज देश-दुनिया में एक रोल मॉडल की तरह देखा जा रहा है और परिवर्तन की यह पहचान जनता के अनुभवों से सिद्ध होती है, न कि आत्मप्रशंसा से। इस दौरान उन्होंने स्मार्ट पुलिसिंग का विजन साझा करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि वर्ष 2017 से अब तक पुलिसिंग के हर स्तर पर व्यापक बदलाव हुए, भर्ती, प्रशिक्षण, अवसंरचना, तकनीक, साइबर सुरक्षा, फॉरेंसिक क्षमता, पुलिस कमिश्नरेट व्यवस्था, UP-112, सेफ सिटी मॉडल, महिला पुलिस भर्ती, और प्रीडिक्टिव पुलिसिंग की दिशा में निर्णायक प्रगति की गई है। पहले जहां प्रशिक्षण क्षमता सीमित थी, वहीं आज बड़े पैमाने पर 60,000 से अधिक आरक्षियों का प्रशिक्षण प्रदेश के अन्दर ही कराया जा रहा है। 75 जनपदों में साइबर थाने, 12 एफएसएल लैब और फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी जैसे संस्थागत बदलाव प्रदेश की नई सोच को दर्शाते हैं। अपराधियों में भय और नागरिकों में स्थापित हुआ विश्वास सीएम ने कहा कि आज यूपी पुलिस अपराधियों के लिए भय और आम नागरिकों के लिए विश्वास व सम्मान का भाव स्थापित कर रही है। पुलिस की भूमिका अब केवल प्रतिक्रियात्मक नहीं, बल्कि प्रो-एक्टिव और प्रीडिक्टिव पुलिसिंग की ओर बढ़ चुकी है। मुख्यमंत्री ने बेस्ट प्रैक्टिसेस साझा करने, नवाचार अपनाने और समयबद्ध व बिंदुवार कार्य प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर बल दिया। अंत में मुख्यमंत्री योगी ने विश्वास व्यक्त किया कि यह दो दिवसीय पुलिस मंथन कार्यक्रम नीति, रणनीति और बेहतर क्रियान्वयन के जरिए समग्र पुलिसिंग को नई दिशा देगा और यूपी पुलिस अपने कार्यों को उसी आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ाती रहेगी। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में डीजीपी राजीव कृष्ण ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सम्मेलन में दो दिन उपस्थित रहकर मार्गदर्शन देने के लिए आभार व्यक्त किया । उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के गरिमामयी इतिहास में यह एक विशिष्ट क्षण है, जब मुख्यमंत्री ने अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकालकर इस मंथन में सहभागिता की है। डीजीपी ने विभिन्न सत्रों की रूपरेखा एवं उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए भर्ती, प्रशिक्षण, आधारभूत संरचना, तकनीक-आधारित नागरिक सेवाओं, फॉरेंसिक सुदृढ़ीकरण, साइबर पुलिसिंग, मिशन शक्ति केन्द्र, विशेष इकाइयों के गठन तथा अपराध के प्रति जीरो टालरेंस नीति के प्रभाव को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि सम्मेलन का लक्ष्य प्रत्येक सत्र से स्पष्ट उत्तरदायित्व, निर्णयों की स्पष्ट टाइमलाइन और ठोस परिणाम सुनिश्चित करना है, ताकि यह मंथन कक्षों से निकलकर फील्ड में दिखाई दे और नागरिकों तक बेहतर, रिस्पांसिव एवं सिटीजन फर्स्ट पुलिस सर्विस पहुँचे। सम्मेलन के पहले दिन 7 सत्र आयोजित किए गए, जिनमें हर सत्र में 7 नोडल वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एवं उनकी टीम द्वारा विभिन्न विषयों पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। बीट पुलिसिंग के लिए एआई बेस्ड यक्ष एप पहले सत्र में बीट पुलिसिंग विषय के नोडल अधिकारी एडीजी क्राइम एसके भगत ने बीट पुलिसिंग से सम्बन्धित समस्या तथा उसके समाधान एवं बेस्ट प्रैक्टिस के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया। इसके बाद सीएम ने यक्ष ऐप का लोकार्पण किया । ‘यक्ष ऐप’- AI और Big Data Analysis की मदद से तैयार किये गये बीट बुक का डिजिटल स्वरूप है। इसके माध्यम से बीट पर अपराध, अपराधियों तथा संवेदनशील क्षेत्रों का समग्र डाटा उपलब्ध होगा, जिससे पुलिस कार्यवाही अधिक तथ्यात्मक, विश्लेषणात्मक एवं लक्षित रूप में की जा सकेगी। यह ऐप बीट कर्मियों के रोज़मर्रा के कार्यों को आसान, सुव्यवस्थित एवं प्रभावी बनाने में भी मददगार होगा । मिशन शक्ति केंद्रों के बारे में लोगों को किया जा जागरुक दूसरे सत्र में महिला एवं बाल अपराध व मानव तस्करी विषय की नोडल अधिकारी पद्मजा चौहान, अपर पुलिस महानिदेशक, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा प्रदेश में महिलाओं एवं बच्चों से सम्बन्धित प्रमुख कार्य, उपलब्धियां, चुनौतियां एवं भावी कार्ययोजना जिसमें नवस्थापित मिशन शक्ति केन्द्र, समुदाय स्तर पर किये जा रहे जागरूकता कार्यक्रम एवं पारिवारिक विघटन के साथ लैंगिक अपराधों से पीड़ित बालिकाओं की देखभाल एवं संरक्षण, मिशन-शक्ति के द्वारा महिलाओं एवं बाल-सुरक्षा, मिशन-शक्ति केन्द्र के द्वारा सकारात्मक बदलाव, Family Dispute Resolution Clinic (FDRC), एवं बलात्कार के प्रकरणों में कानून प्रवर्तन पर प्रस्तुतीकरण दिया गया । इसके अतिरिक्त अपर पुलिस महानिदेशक, गोरखपुर जोन अशोक मुथा जैन द्वारा बहू-बेटी सम्मेलन पर प्रस्तुतीकरण दिया गया। सुजीत पांडेय ने पेश किया थाने स्तर की पुलिसिंग के सुधार का खाका तीसरे सत्र में पुलिस स्टेशन मैनेजमेंट और अपग्रेडेशन विषय पर नोडल अधिकारी व लखनऊ जोन के डीजी सुजीत पांडेय के नेतृत्व में उनकी टीम द्वारा थाना स्तर की पुलिसिंग में तकनीकी उन्नयन के लिए 'स्मार्ट एसएचओ डैशबोर्ड' की विशेषताओं और उपयोगिताओं के साथ साथ इसको लागू करने के सम्बन्ध में आने वाली चुनौतियों तथा समाधान आदि के बारे में विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया गया । प्रस्तुतीकरण के दौरान बताया गया कि उक्त एकीकृत डैशबोर्ड के माध्यम से थाना प्रभारी सभी प्रमुख कार्यों पर नियंत्रण रख सकते है । इस डैशबोर्ड के क्रियान्वयन से नागरिक शिकायतों के समाधान के समय में भारी कमी, पुलिस कर्मियों के बीच जवाबदेही में वृद्धि, यातायात प्रवाह में सुधार और अपराध निगरानी में तेजी आयेगी । चौथे सत्र में साइबर क्राइम पर मंथन चौथे सत्र में साइबर क्राइम को लेकर मंथन किया गया। इसके नोडल अधिकारी डीजी साइबर क्राइम बिनोद कुमार सिंह व उनकी टीम ने बढ़ रहे साइबर अपराध के प्रमुख कारणों, साइबर अपराधियों की कार्यप्रणाली की जानकारी दी गई। उन्होंने साइबर अपराध की चुनौती से निपटने के लिए साइबर थाने व साइबर हेल्प डेस्क द्वारा किये जाने वाले प्रयासों तथा भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C) के सहयोग से कैपसिटी बिल्डिंग के लिए किये जा रहे प्रयासों के संबंध में प्रस्तुतीकरण दिया। पांचवे सत्र में ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट वेलफेयर पर चर्चा पांचवे सत्र में ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट वेलफेयर के साथ साथ पुलिस के बिहैवियर और प्रशिक्षण विषय के नोडल अधिकारी डीजी ट्रेनिंग राजीव सभरवाल के नेतृत्व में उनकी टीम ने प्रस्तुतिकरण दिया। इसमें पुलिस कर्मियों के व्यवहार में सुधार के लिए विशेषज्ञ एजेंसियो के माध्यम से कराए गए प्रयास एवं प्रशिक्षण, उ०प्र० प्रान्तीय पुलिस सेवा (PPS) संवर्ग के अधिकारियों की सेवा सम्बन्धी समस्याओं एवं उसके निवारण, उत्तर प्रदेश पुलिस के कर्मियों एवं उनके आश्रित परिवार के स्वास्थ्य एवं कल्याण, कौशल विकास एवं आत्मनिर्भरता, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा एवं जागरूकता के लिए वामासारथी द्वारा किये जा रहे सराहनीय प्रयासों एवं प्रचलित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं, भारत सरकार के ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म- i-GOT पोर्टल पर उत्तर प्रदेश के पुलिसबल को प्रशिक्षण कोर्स कराये जाने के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया गया । इसी तहर छठें सत्र में प्रासिक्यूशन और प्रिसन और सातवें चरण में सीसीटीएनएस 2.0, न्याय संहिता एवं फारेंसिक विषय पर दिपेश जुनेजा और नवीन अरोड़ा ने प्रस्तुतिकरण दिया।
झालावाड़ के राजकीय कन्या महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) की प्रथम और द्वितीय इकाइयों के सात दिवसीय विशेष शिविर का समापन समारोह आयोजित किया गया। समारोह का शुभारंभ मां सरस्वती और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। प्रथम सत्र में मुख्य मेहमान साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ विनोद नागर ने छात्राओं को साइबर सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने अपने वायु सेना के सेवाकाल के अनुभव भी साझा किए। पुलिस सेवा में कार्यरत बलवंत नागर ने छात्राओं को सोशल मीडिया का सावधानीपूर्वक उपयोग करने और साइबर अपराध होने पर पुलिस से सहायता लेने की सलाह दी। प्राचार्य डॉ. चारुलता तिवारी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन के प्रेरक प्रसंगों को छात्राओं के साथ साझा किया। इसके उपरांत सभी कार्मिकों ने सुशासन दिवस की शपथ ली। द्वितीय सत्र में वीर बाल दिवस मनाया गया। कार्यक्रम अधिकारी हर्षित शर्मा ने छात्राओं को वीर बाल दिवस के इतिहास से परिचित कराया और विभिन्न ग्रामीण खेलों का आयोजन किया। तृतीय सत्र में सुश्री शालू कुमारी ने अटल बिहारी वाजपेयी की कविता का पाठ किया। विशेष शिविर में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित भी किया गया। अतिथियों का आभार कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती धापू ने व्यक्त किया। इस अवसर पर गोपाल गालय, महेंद्र सिंह, राजेंद्र जांगिड़ और अभिषेक राठौर सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
रोहतक जिले के कलानौर स्थित सती भाई साईंदास विद्यालय में गुरुवार को साइबर सेफ्टी एंड सिक्योरिटी पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यशाला में शिक्षकों को साइबर सुरक्षा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। वर्कशॉप में सोनू लोचब और शालिनी ने रिसोर्स पर्सन के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने शिक्षकों को साइबर अपराधों के बारे में विस्तार से बताया, जिसमें हैकर्स द्वारा फोन हैक करने के तरीके और उनसे बचाव के उपाय शामिल थे। विशेषज्ञों ने सलाह दी कि उपयोगकर्ताओं को हर तीन महीने में अपना पासवर्ड बदलना चाहिए। साथ ही, उन्होंने विभिन्न ऐप्स के लिए एक ही पासवर्ड का उपयोग न करने की भी बात कही, ताकि सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस अवसर पर विद्यालय की प्रिंसिपल श्रीमती शीतल रानी, वाइस प्रिंसिपल मीनाक्षी, वैन्यू डायरेक्टर रेशमा, ममता और अन्य सभी स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।
डिजिटल गार्ड हो गये फेल, साइबर सुरक्षा की कमजोरी हुई उजागर
साइबर-सिक्योरिटी फर्म और वेब-इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाता कंपनी द्वारा की गई रुकावट एक गंभीर याद दिलाती है कि किस प्रकार रक्षक भी कमजोर हैं

