रायसेन पुलिस ने जिले के थाना क्षेत्रों में आयोजित मड़ई मेलों के दौरान 'किशोरी जागरूकता संवाद' अभियान चलाया। पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार पांडे के निर्देश पर यह पहल ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में नवयुवतियों एवं बालिकाओं को अपराधों तथा सामाजिक बुराइयों के प्रति सजग और सतर्क बनाने के उद्देश्य से की गई है। मेला स्थलों पर पुलिस अधिकारियों और महिला पुलिसकर्मियों ने उपस्थित बच्चों और उनके अभिभावकों से संवाद स्थापित किया। इस दौरान उन्हें सुरक्षा, आत्मरक्षा और बच्चों के कानूनी अधिकारों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। बालिकाओं को यह भी सिखाया गया कि किसी भी परेशानी की स्थिति में वे तत्काल पुलिस को सूचित करें। अभियान के तहत यातायात जागरूकता और साइबर सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी पैम्फलेट वितरित किए गए। पुलिस ने बच्चों और अभिभावकों को इन विषयों पर जागरूक किया, ताकि वे संभावित खतरों से बच सकें। इस पहल से यह संदेश जा रहा है कि पुलिस केवल कानून व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज को जागरूक कर अपराधों से दूर रहने हेतु प्रेरित करने का भी काम कर रही है। यह सामुदायिक पुलिसिंग का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। ग्राम कंजई घाना में आयोजित मड़ई मेले में बालिकाओं और उपस्थित लोगों को मोबाइल व सोशल मीडिया का सावधानीपूर्वक उपयोग करने, अनजान लिंक पर क्लिक न करने, माता-पिता को बताए बिना घर से न जाने और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर रेडियम पट्टी लगाने के लिए समझाया गया। इस दौरान किशोरी जागरूकता संवाद और एससीएसटी एक्ट से संबंधित पैम्फलेट भी बांटे गए। इसी प्रकार, थाना बरेली के ग्राम जमगढ़ में मड़ई मेले के दौरान ग्रामीणजनों और बच्चियों को यातायात नियमों का पालन करने, साइबर धोखाधड़ी से बचने के उपाय और 18 वर्ष से कम उम्र में बाल विवाह न करने जैसे विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा कर जागरूक किया गया।
रामपुर में महिलाओं को सशक्तिकरण और साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। मिशन शक्ति 5.0 के तहत आयोजित इस सेमिनार में एसीजेएम, पुलिस अधीक्षक और महिला पुलिसकर्मियों ने महिलाओं को महत्वपूर्ण टिप्स, ट्रिक्स और तकनीकें समझाईं। यह जागरूकता कार्यक्रम थाना गंज में आयोजित किया गया था। इसमें एसीजेएम अम्ब्रीस कुमार, पुलिस अधीक्षक विद्या सागर मिश्र, अपर पुलिस अधीक्षक, क्षेत्राधिकारी नगर, समाजसेवी और महिला सुरक्षा दल के सदस्य शामिल हुए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिला सशक्तिकरण और साइबर सुरक्षा जैसे विषयों पर जागरूकता बढ़ाना था। पुलिस अधीक्षक विद्या सागर मिश्र ने उपस्थित महिलाओं और बालिकाओं को उनके अधिकारों, सुरक्षा उपायों और साइबर अपराधों से बचाव के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कैसे महिलाएं डिजिटल युग में सुरक्षित रह सकती हैं और अपने आत्मविश्वास को बढ़ा सकती हैं। कार्यक्रम का लक्ष्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना और उन्हें डिजिटल युग में सुरक्षित रहने के लिए जागरूक करना था। मिशन शक्ति के इस चरण में महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी गई, साथ ही सामाजिक सहभागिता को बढ़ावा देने का प्रयास किया गया। इस दौरान साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने और उनसे बचाव के लिए जागरूक किया गया। विभिन्न प्रकार के साइबर अपराध, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के फायदे और नुकसान, साइबर अपराध से बचने के उपाय, महिला संबंधी अपराध, सोशल साइट्स का सही इस्तेमाल, बैंकिंग सतर्कता, यातायात नियम और डिजिटल सतर्कता जैसे विषयों पर जानकारी दी गई। कार्यक्रम में विभिन्न हेल्पलाइन नंबरों की भी विस्तृत जानकारी दी गई, जिनमें 1930 (साइबर क्राइम), 1090 (वूमेन पावर लाइन), 181 (महिला हेल्पलाइन), 108 (एम्बुलेंस सेवा), 1076 (मुख्यमंत्री हेल्पलाइन), 112 (पुलिस आपातकालीन सेवा), 1098 (चाइल्ड लाइन) और 102 (स्वास्थ्य सेवा) शामिल हैं। महिलाओं से अपील की गई कि वे किसी भी अनजान व्यक्ति से अपना खाता संख्या, पिन, ओटीपी या सीवीवी नंबर साझा न करें। धोखाधड़ी होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करने या राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल https://cybercrime.gov.in/ पर शिकायत दर्ज करने की सलाह दी गई।

