उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर और पुलिस अधीक्षक सोनभद्र अभिषेक वर्मा के नेतृत्व में 11 नवंबर को रॉबर्ट्सगंज के डीआर ड्रीम्स होटल में एक जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम साइबर जागरूकता, यातायात नियम और मिशन शक्ति विषयों पर केंद्रित था। इस अवसर पर,पुलिस महानिदेशक,साइबर क्राइम वी.के.सिंह और अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन पीयूष मोर्डिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छात्र-छात्राओं, उद्यमियों और नागरिकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा जागरूकता अत्यंत आवश्यक है और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए। अधिकारियों ने लोगों से किसी भी संदिग्ध लिंक, कॉल या मैसेज पर विश्वास न करने की अपील की। उन्होंने साइबर अपराधों की रोकथाम में पुलिस के साथ नागरिकों की सक्रिय भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया। सभी से सुरक्षित डिजिटल व्यवहार अपनाने, ओटीपी साझा न करने, बैंकिंग जानकारी गोपनीय रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर देने का आग्रह किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नेशनल साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे ने अपने संबोधन में बताया किडिजिटल अरेस्टनामक कोई कानूनी शब्द नहीं है।उन्होंने लोगों को ऐसे किसी भी लिंक या कॉल पर भरोसा न करने की सलाह दी।उन्होंने अनजान लिंक,क्यूआर कोड या ऐप से पैसे ट्रांसफर न करने और अज्ञात कॉलर के कहने पर कॉल मर्ज या कॉल फॉरवर्डिंग न करने के लिए भी आगाह किया। अमित दुबे ने विभिन्न प्रकार की साइबर धोखाधड़ी के बारे में जानकारी दी, जिनमें लिंक फ्रॉड, ई-कॉमर्स फ्रॉड,एपीके/ऐप इंस्टॉल फ्रॉड, फ्री वाई-फाई फ्रॉड,बिजली बिल फ्रॉड और ओएलएक्स फ्रॉड शामिल हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि मोबाइल में सिम कार्ड लॉक सक्रिय करें और मोबी आर्मर जैसे प्रमाणित सुरक्षा ऐप का उपयोग करें, जो छह प्रकार से साइबर सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने यह भी बताया कि साइबर धोखाधड़ी होने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें और अपने बैंक को ईमेल करके अकाउंट फ्रीज करवाएं। सरकार की आधिकारिक वेबसाइट www.csk.gov.in (साइबर सुरक्षा केंद्र) पर जाकर एंटी-वायरस, बॉट रिमूवल टूल्स और अन्य सुरक्षा उपाय प्राप्त किए जा सकते हैं। पुलिस अधीक्षक सोनभद्र अभिषेक वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि साइबर अपराध से निपटने का सबसे बड़ा हथियार जागरूकता है।
सवाई माधोपुर पुलिस ने साइबर सुरक्षा पर जागरूकता बढ़ाने के लिए एडवाइजरी जारी की है। इसमें पासवर्ड सुरक्षा, फिशिंग से बचाव और डिजिटल सतर्कता के महत्त्व पर जोर दिया गया है। पुलिस ने चेताया—“हैकर्स पूछते नहीं, अनुमान लगाते हैं—अनुमान असंभव बनाइए।”
पेटलावद पुलिस ने गुरुवार और शुक्रवार को स्कूलों में यातायात और साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान चलाया। यह अभियान पुलिस अधीक्षक डॉ. शिवदयाल सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिपाल सिंह महोबिया और थाना प्रभारी निर्भय सिंह भूरिया के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। अभियान के तहत, सूबेदार धर्मेंद्र पटेल, उप निरीक्षक महेश भामदरे, आरक्षक राजेंद्र परिहार, अमित वसुनिया और विकास यादव की एक टीम ने कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को जागरूक किया। टीम ने छात्रों को दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने के महत्व के बारे में विस्तार से बताया। उन्हें समझाया गया कि हेलमेट दुर्घटना की स्थिति में सिर को गंभीर चोटों से बचाता है। अभियान में छात्रों से हेलमेट पहनने की अपील की छात्रों से अपील की गई कि वे न केवल स्वयं हेलमेट पहनें, बल्कि अपने परिवार के सदस्यों और परिचितों को भी इसके महत्व के प्रति जागरूक करें। यातायात नियमों के साथ-साथ, पुलिस टीम ने छात्रों को ऑनलाइन ठगी, फिशिंग और सोशल मीडिया के खतरों से भी अवगत कराया। उन्हें अपनी व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रखने और किसी भी संदिग्ध लिंक या संदेश पर भरोसा न करने की सलाह दी गई। कार्यक्रम में 'ऑपरेशन मुस्कान' अभियान के बारे में बताया कार्यक्रम के दौरान 'ऑपरेशन मुस्कान' अभियान के तहत लापता बच्चों की खोज और उन्हें उनके परिवारों से मिलाने के पुलिस प्रयासों की भी जानकारी दी गई। इसका उद्देश्य बच्चों को अपराध और शोषण से बचाना और समाज में उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इस जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से पुलिस ने युवा पीढ़ी को सड़क सुरक्षा, डिजिटल सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर शिक्षित किया।

