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एनसीआर मुख्यालय में साइबर सुरक्षा कार्यशाला आयोजित:साइबर पुलिस ने डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव के तरीके बताए

उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) मुख्यालय सूबेदारगंज में कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला गुरुवार को अरावली सभाकक्ष में वरिष्ठ उप महाप्रबंधक हिमांशु बडोनी के निर्देशन और उप महाप्रबंधक (सामान्य) नितेश कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में संपन्न हुई। कार्यशाला का शुभारंभ सहायक उप महाप्रबंधक सुनील कुमार गुप्त ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उप महाप्रबंधक (सामान्य) नितेश कुमार गुप्ता और मुख्य कार्य अध्ययन निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भी उपस्थित रहे। साइबर क्राइम थाना प्रयागराज के उप निरीक्षक चंद्रशेखर यादव ने मुख्य वक्ता के तौर पर कर्मचारियों को ऑनलाइन ठगी और डिजिटल धोखाधड़ी के बढ़ते खतरों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उप निरीक्षक चंद्रशेखर यादव ने बताया कि डर, लालच और तकनीकी ज्ञान की कमी साइबर धोखाधड़ी के प्रमुख कारण हैं। उन्होंने कर्मचारियों को फ़िशिंग, फर्जी वेबसाइट, मोबाइल लॉटरी, फेक कॉल, ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड, सोशल मीडिया फ्रॉड और UPI/QR कोड धोखाधड़ी जैसे विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों से बचने के उपाय सुझाए। वक्ताओं ने कर्मचारियों को सलाह दी कि वे किसी से भी अपना OTP, PIN या पासवर्ड साझा न करें। उन्हें अनजान लिंक पर क्लिक न करने और ऑनलाइन लेनदेन के दौरान केवल सुरक्षित वेबसाइटों का उपयोग करने के लिए भी कहा गया। साथ ही, यह भी बताया गया कि यदि किसी प्रकार की ठगी हो जाए तो राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल cybercrime.gov.in या टोल फ्री नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। कार्यक्रम का समापन सहायक उप महामहाप्रबंधक सुनील कुमार गुप्त द्वारा मुख्य वक्ता चंद्रशेखर यादव को स्मृति चिन्ह भेंट कर किया गया।

दैनिक भास्कर 13 Nov 2025 6:19 pm

सोनभद्र पुलिस ने किया जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन:साइबर सुरक्षा, यातायात नियम और मिशन शक्ति पर दिया जोर

उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर और पुलिस अधीक्षक सोनभद्र अभिषेक वर्मा के नेतृत्व में 11 नवंबर को रॉबर्ट्सगंज के डीआर ड्रीम्स होटल में एक जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम साइबर जागरूकता, यातायात नियम और मिशन शक्ति विषयों पर केंद्रित था। इस अवसर पर,पुलिस महानिदेशक,साइबर क्राइम वी.के.सिंह और अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन पीयूष मोर्डिया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से छात्र-छात्राओं, उद्यमियों और नागरिकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा जागरूकता अत्यंत आवश्यक है और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए। अधिकारियों ने लोगों से किसी भी संदिग्ध लिंक, कॉल या मैसेज पर विश्वास न करने की अपील की। उन्होंने साइबर अपराधों की रोकथाम में पुलिस के साथ नागरिकों की सक्रिय भागीदारी को महत्वपूर्ण बताया। सभी से सुरक्षित डिजिटल व्यवहार अपनाने, ओटीपी साझा न करने, बैंकिंग जानकारी गोपनीय रखने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर देने का आग्रह किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नेशनल साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे ने अपने संबोधन में बताया किडिजिटल अरेस्टनामक कोई कानूनी शब्द नहीं है।उन्होंने लोगों को ऐसे किसी भी लिंक या कॉल पर भरोसा न करने की सलाह दी।उन्होंने अनजान लिंक,क्यूआर कोड या ऐप से पैसे ट्रांसफर न करने और अज्ञात कॉलर के कहने पर कॉल मर्ज या कॉल फॉरवर्डिंग न करने के लिए भी आगाह किया। अमित दुबे ने विभिन्न प्रकार की साइबर धोखाधड़ी के बारे में जानकारी दी, जिनमें लिंक फ्रॉड, ई-कॉमर्स फ्रॉड,एपीके/ऐप इंस्टॉल फ्रॉड, फ्री वाई-फाई फ्रॉड,बिजली बिल फ्रॉड और ओएलएक्स फ्रॉड शामिल हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि मोबाइल में सिम कार्ड लॉक सक्रिय करें और मोबी आर्मर जैसे प्रमाणित सुरक्षा ऐप का उपयोग करें, जो छह प्रकार से साइबर सुरक्षा प्रदान करता है। उन्होंने यह भी बताया कि साइबर धोखाधड़ी होने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर कॉल करें और अपने बैंक को ईमेल करके अकाउंट फ्रीज करवाएं। सरकार की आधिकारिक वेबसाइट www.csk.gov.in (साइबर सुरक्षा केंद्र) पर जाकर एंटी-वायरस, बॉट रिमूवल टूल्स और अन्य सुरक्षा उपाय प्राप्त किए जा सकते हैं। पुलिस अधीक्षक सोनभद्र अभिषेक वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि साइबर अपराध से निपटने का सबसे बड़ा हथियार जागरूकता है।

दैनिक भास्कर 11 Nov 2025 9:25 pm