एसआरएन इंटरनेशनल स्कूल, जगतपुरा में रविवार को ऐडुप्रोलिक्स 2025 एनुअल एग्जीबिशन का शुभारंभ उत्साह के साथ किया गया। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य विद्यार्थियों में नवाचार, प्रयोगात्मक अधिगम और वैज्ञानिक सोच विकसित करना है। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रतीक श्रीवास्तव (चीफ इंजीनियर, हाउसिंग बोर्ड जयपुर) ने दीप प्रज्वलन कर किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि रविशा अग्रवाल (डायरेक्टर-केंब्रिज बोर्ड एवं टेड एक्स स्पीकर) और विशेष अतिथि शशांक कावरा (चार्टर्ड अकाउंटेंट एवं एसआरएन अलुमनाई) उपस्थित रहे। विद्यालय के चेयरमेन रवि शंकर (IFS, रिटायर्ड) ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। मुख्य अतिथि प्रतीक श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रदर्शनी भविष्य के इनोवेटर्स, वैज्ञानिकों और नीति-निर्माताओं की विचारधारा का सशक्त मंच है। उन्होंने छात्रों द्वारा कल्पना को वास्तविक प्रयोगों में बदलने और अद्भुत आत्मविश्वास प्रदर्शित करने की प्रशंसा की। संविधान, न्याय व्यवस्था और साइबर सुरक्षा पर जागरूकता मॉडल प्रस्तुत किए विद्यालय के चेयरमेन रवि शंकर ने बताया कि शिक्षा का वास्तविक स्वरूप तब प्रकट होता है जब छात्र सीखने के साथ-साथ प्रयोग और अनुसंधान को भी अपनाते हैं। उन्होंने इस एग्जीबिशन को विद्यार्थियों में नेतृत्व, तर्कशक्ति और वैश्विक समझ विकसित करने की दिशा में एक सार्थक कदम बताया। प्रदर्शनी में 30 क्लबों की नवाचार-आधारित प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र रहीं। विद्यार्थियों द्वारा संचालित सभी क्लबों ने अपनी शोध आधारित प्रस्तुतियां, मॉडल, एआई तकनीक, सांस्कृतिक प्रोजेक्ट्स और सामाजिक विषयों पर आधारित जागरूकता अभियानों का प्रदर्शन किया। प्रमुख क्लबों में 'एस्ट्रोनॉमी क्लब' के विद्यार्थियों ने ग्रहों, तारों और अंतरिक्ष विज्ञान पर आधारित मॉडल प्रस्तुत किए, जिसमें रॉकेट लॉन्च तकनीक और ब्लैक होल थ्योरी विशेष आकर्षण रहे। 'लीगल क्लब' ने संविधान, न्याय व्यवस्था और साइबर सुरक्षा पर जागरूकता मॉडल प्रस्तुत किए। मॉक कोर्ट प्रस्तुति ने बच्चों में न्यायिक प्रक्रिया के प्रति समझ विकसित की। 'साइंटिफिक माइंड्स क्लब' ने नवीकरणीय ऊर्जा, जल-शोधन और रोबोटिक्स पर आधारित विज्ञान मॉडल प्रस्तुत किए। छात्रों के तार्किक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण की सराहना की गई। भविष्य तकनीक और मानवीय जरूरतों का संतुलन कैसे बनेगा से जुड़े मॉडल प्रदर्शित किए फ्रेंच सोसाइटी क्लब ने फ्रेंच भाषा, संस्कृति और विरासत से परिचित कराया। फ्रेंच संवाद प्रस्तुति और मॉडलिंग स्टॉल विशेष चर्चा का विषय बने। केब्रिज SDG क्लब ने संयुक्त राष्ट्र के 17 सतत विकास लक्ष्यों पर आधारित जागरूकता फैलाते हुए समाधान आधारित प्रोजेक्ट प्रस्तुत किए। क्लाइमेट चेंज और वेस्ट मैनेजमेंट मॉडल चर्चित रहे। 'एआई ब्लयूलेबल क्लब ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित हेत्थ मॉनिटरिंग सिस्टम, फेस रिकग्निशन और चैटबॉट मॉडल प्रदर्शित किए गए। इस क्लब ने दर्शाया कि भविष्य तकनीक और मानवीय जरूरतों का संतुलन कैसे बनेगा। रीडर्स क्लब ने छात्रों में पढ़ने की रुचि और भाषा कौशल को प्रोत्साहित किया। बुक एक्सचेंज कॉर्नर व लाइव स्टोरी सेशन आकर्षण का केंद्र रहा। 'कॉमर्स क्रूसेडर्स क्लब ने व्यापारिक शिक्षा, वित्तीय जागरूकता और स्टॉक मार्केट की समझ विकसित को दर्शाया। विद्यार्थियों ने ई-कॉमर्स मॉडल और जीएसटी सिस्टम पर भी प्रस्तुति दी। एंटरप्रेन्योर एंड डेवलपमेंट क्लब' में स्टार्टअप संस्कृति और नेतृत्व कौशल को बढ़ावा देने वाला यह क्लब छात्रों को भविष्य के उद्यमी बनाने की दिशा में कार्यरत रहा। बिजनेस पिच मॉडल ने दर्शकों को प्रभावित किया। हेल्थ एंड वैलनेस समिति क्लब ने स्वास्थ्य, योग, पोषण और मानसिक संतुलन पर जागरूकता का प्रदर्शन किया। योग प्रदर्शन और स्वस्थ जीवनशैली सलाह संग्रहित करने योग्य रही। रविशा अग्रवाल बोलीं- बच्चों में जिज्ञासा, सृजनात्मकत्ता और आत्मविश्वास को विकसित करें विशिष्ट अतिथि रविशा अग्रवाल ने बच्चों की सराहना करते हुए कहा- ऐसे आयोजन बच्चों में जिज्ञासा, सृजनात्मकत्ता और आत्मविश्वास को विकसित करते हैं। जब बच्चे अपनी कल्पनाओं को वास्तविक प्रोजेक्ट्स के रूप में प्रस्तुत करते हैं, तब वे केवल सीखते ही नहीं बल्कि भविष्य की चुनौतियों का सामना करने का साहस भी प्राप्त करते हैं। आज के बच्चे ही कल के वैज्ञानिक, लेखक, कलाकार, इंजीनियर और नेता हैं। इसलिए विद्यालयों में आयोजित ऐसी प्रदर्शनी बच्चों को नवाचार और प्रयोग करने के लिए प्रेरित करती है। विद्यालय डायरेक्टर उषा शर्मा ने कहा- यह प्रदर्शनी शिक्षण से आगे बढ़कर छात्रों को वास्तविक जीवन कौशल, अनुसंधान क्षमता और वैश्विक दृष्टि प्रदान करती है। यह एसआरएन की प्रगतिशील शिक्षा पद्धति का श्रेष्ठ उदाहरण है। विद्यालय प्रिंसिपल पल्लवी टंडन ने बताया कि ऐडुप्प्रोलिक्स 2025 छात्रों की रचनात्मकता, मेहनत और भविष्य की सोच को साकार रूप देने का सशक्त मंच है। यह प्रदर्शनी आगामी 24 और 25 नवंबर तक जयपुर के सीबीएसई, केंब्रिज बोर्ड, आईबी बोर्ड व आरबीएसई बोर्ड के विभिन्न विद्यालयों के विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं शिक्षा से जुड़े लोगों के लिए खुली रहेगी।प्रदर्शनी के समापन समारोह पर विद्यालय के मां विमला देवी ऑडिटोरियम में विजेता क्लब के छात्र-छात्राओं को नगद पुरस्कार व प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया जाएगा
डिजिटल गार्ड हो गये फेल, साइबर सुरक्षा की कमजोरी हुई उजागर
साइबर-सिक्योरिटी फर्म और वेब-इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाता कंपनी द्वारा की गई रुकावट एक गंभीर याद दिलाती है कि किस प्रकार रक्षक भी कमजोर हैं
जांजगीर-चांपा जिले में अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस के अवसर पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की 12वीं कक्षा की छात्रा संतोषी धीवर को 15 मिनट के लिए पुलिस अधीक्षक बनाया गया। यह आयोजन यूनिसेफ और पुलिस प्रशासन के तत्वावधान में किया गया था। एसपी विजय कुमार पांडेय ने बुके भेंट कर उनका स्वागत किया। इस दौरान, संतोषी धीवर ने सीएसपी योगिताबाली खापर्डे और डीएसपी कविता ठाकुर से साइबर सुरक्षा, महिला एवं बच्चों की सुरक्षा सहित पुलिस विभाग के विभिन्न कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने स्कूल और कॉलेज परिसर से 200 मीटर के दायरे में संचालित होने वाली दुकानों को लेकर निर्देश दिए और मोटरसाइकिल नीलामी के एक प्रकरण को वरिष्ठ कार्यालय को अग्रेषित करने का आदेश भी दिया। संतोषी धीवर ने पूछा साइबर ठगी रोकने के उपाय संतोषी धीवर ने सीएसपी योगिताबाली खापर्डे से पूछा कि लोगों को साइबर ठगी से कैसे जागरूक किया जा रहा है। जवाब में, सीएसपी ने बताया कि पुलिस शिविरों, सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से लोगों के बीच जाकर जागरूकता फैला रही है। उन्होंने ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए ओटीपी साझा न करने और ठगी का शिकार होने पर जारी हेल्पलाइन नंबर पर सूचित करने की सलाह दी। संतोषी ने छेड़खानी मामलों की कार्रवाई पूछी इसके बाद, उन्होंने डीएसपी कविता ठाकुर से छेड़खानी से संबंधित अपराधों में की जा रही कार्रवाई के बारे में जानकारी ली। डीएसपी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज होने के 60 दिनों के भीतर चालान पेश किया जा रहा है और संवेदनशील मामलों में चालान पेश करने में कोई देरी नहीं की जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। दोनों पुलिस अधिकारियों के जवाबों से संतुष्ट होकर, संतोषी धीवर ने उनके कार्यों की सराहना की और शुभकामनाएं दीं। स्कूलों से 200 मीटर दूर लगाया जाए पान-ठेले संतोषी धीवर ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के आसपास लगे पान-ठेला और दुकानों को अब 100 मीटर नहीं, बल्कि 200 मीटर दूर लगाया जाए। इसके साथ ही पुलिस लाइन की कामकाज प्रणाली की समीक्षा करते हुए मोटरसाइकिल वाहनों की नीलामी का प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को भेजा गया है। 12वीं की स्टूडेंट है संतोषी धीवर संतोषी धीवर, जो बनारी गांव की रहने वाली है, शासकीय माध्यमिक विद्यालय में 12वीं की छात्रा है और जीव विज्ञान विषय से पढ़ाई कर रही है। उसके माता-पिता रोज़ मजदूरी का काम करते हैं। 15 मिनट के लिए पुलिस अधीक्षक बनने के बाद संतोषी ने बताया कि वह आगे चलकर IPS की परीक्षा की तैयारी करना चाहती है, ताकि अपने माता-पिता और गांव का नाम रोशन कर सके और समाज तथा देश की सेवा कर पाए। संतोषी ने इस अवसर के लिए पुलिस अधीक्षक विजय कुमार पांडेय का धन्यवाद किया। उसने बताया कि पांडेय सर आदिवासी गौड़ समाज को अवैध शराब के धंधे से दूर रखकर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें विभिन्न कामों की जानकारी देकर बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
रायसेन जिले में किशोरी जागरूकता अभियान के तहत देवनगर और गैरतगंज में बुधवार को विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए। ये कार्यक्रम पीएम श्री एकीकृत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और सीएम राइज स्कूल गैरतगंज में बालिकाओं के लिए थे, जिनमें साइबर सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों पर संवाद हुआ। पुलिस अधीक्षक पंकज कुमार पाण्डेय ने बालिकाओं को कानूनी प्रावधानों और पुलिस द्वारा चलाए जा रहे अभियानों की जानकारी दी। इस अवसर पर एसडीओपी बेगमगंज, देव नगर थाना प्रभारी हरिओम अस्ताया निरीक्षक अपाला सिंह और निरीक्षक मयूरी गौर भी उपस्थित रहे। पुलिस अधीक्षक पाण्डेय ने बालिकाओं से उनकी सुरक्षा, सोशल मीडिया, परिवहन और दैनिक जीवन से जुड़ी समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने प्रत्येक समस्या का समाधान बताया और बालिकाओं को निडर होकर अपनी बात रखने तथा आवश्यकता पड़ने पर तत्काल पुलिस सहायता लेने के लिए प्रेरित किया। साइबर सुरक्षा पर केंद्रित सत्र में, पुलिस अधीक्षक ने बालिकाओं को साइबर अपराधों के बढ़ते स्वरूप, सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग, ऑनलाइन ठगी से बचाव और डिजिटल सतर्कता के विभिन्न पहलुओं पर सरल तरीके से जानकारी दी। उन्होंने जोर दिया कि डिजिटल युग में सावधानी और जागरूकता ही सुरक्षा का सबसे मजबूत माध्यम है। इसके अतिरिक्त, पुलिस अधीक्षक कमलेश कुमार खरपुसे ने किशोरियों को 'रहवीर योजना' के बारे में बताया। उन्होंने हेलमेट, सीट बेल्ट के उपयोग, गति नियंत्रण और ट्रैफिक नियमों के पालन को सुरक्षित जीवन के लिए अनिवार्य बताया।
उमरिया पुलिस द्वारा 1 नवंबर से 30 नवंबर तक चलाए जा रहे 'मुस्कान विशेष जागरूकता अभियान' के तहत 18 नवंबर को एक्सीलेंस स्कूल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक उमरिया विजय भागवानी ने बच्चों से गर्ल्स एंड वूमेन सेफ्टी और साइबर सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर संवाद किया। संवाद के दौरान, पुलिस अधीक्षक ने छात्राओं और महिलाओं की सुरक्षा तथा साइबर सुरक्षा से संबंधित आवश्यक जानकारी दी। उन्होंने अपराधों से बचने के लिए सुरक्षा उपायों और घटना होने पर बिना डरे शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया के बारे में बताया। साथ ही, 112, 1098, 1090 और 1930 जैसे महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी भी साझा की गई। कार्यक्रम में, एसपी उमरिया ने बच्चों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए सुझाव दिए, जिसमें उन्होंने कड़ी मेहनत को सफलता की कुंजी बताया और कहा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। 'मुस्कान विशेष जागरूकता अभियान' का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से समाज में महिलाओं और साइबर अपराधों को कम करना है। इसका लक्ष्य लोगों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना, प्राचीन कुप्रथाओं को समाप्त करना और इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के प्रति जागरूक करना भी है। इस अभियान के तहत, उमरिया पुलिस जागरूकता कार्यक्रमों के साथ-साथ गुमशुदा बालिकाओं की तलाश और उनकी दस्तयाबी की कार्रवाई भी तेजी से कर रही है। एक्सीलेंस स्कूल में आयोजित इस कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक विजय भागवानी के साथ थाना यातायात प्रभारी, महिला थाना प्रभारी, प्रभारी रक्षित निरीक्षक पुलिस लाइन, साइबर सेल की टीम और स्कूल के प्राचार्य, स्टाफ सहित लगभग 500 बच्चे उपस्थित रहे।

