जोमैटो की पैरेंट कंपनी ईटर्नल के फाउंडर-सीईओ दीपिंदर गोयल ने अपना नया डिवाइस टेम्पल का टीजर इंस्टाग्राम पर शेयर किया। यह छोटा गोल्डन डिवाइस ब्रेन ब्लड फ्लो को रियल-टाइम मॉनिटर करता है। गोयल ने कैप्शन में लिखा, गेटिंग देयर। पहले उन्होंने इसे पहले माथे पर दाहिने ओर पहना था, जिससे सोशल मीडिया पर काफी क्यूरियोसिटी बढ़ी। डिवाइस गोयल के ग्रेविटी एजिंग हाइपोथेसिस पर रिसर्च का हिस्सा है। टेम्पल डिवाइस की डिटेल्स गोयल ने लिंक्डइन पर बताया कि टेम्पल एक एक्सपेरिमेंटल डिवाइस है जो ब्रेन फ्लो को एक्यूरेटली, रियल-टाइम और कंटीन्यूअस कैलकुलेट करता है। यह छोटा गोल्डन डिवाइस सिर पर लगता है। गोयल ने कहा कि यह उनके कंटिन्यू रिसर्च प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो ह्यूमन एग्जिस्टेंस एक्सप्लोरेशन पर काम करता है। पिछले दो साल से बायोलॉजी स्टडी कर रहे हैं ताकि एजिंग स्लो डाउन करने का तरीका ढूंढें। ग्रेविटी एजिंग हाइपोथेसिस क्या है? पिछले महीने गोयल ने लिंक्डइन पर सीरीज पोस्ट की, जिसमें ग्रेविटी एजिंग हाइपोथेसिस बताया। उन्होंने कहा कि ग्रेविटी डायरेक्टली ह्यूमन एजिंग को इन्फ्लुएंस कर सकती है। न्यूटन ने नाम दिया, आइंस्टीन ने कहा कि यह स्पेस-टाइम बेंड करता है। मैं कहता हूं कि ग्रेविटी लाइफस्पैन शॉर्ट करती है। गोयल ने तीन आइडियाज लिंक किए।अपराइट पोस्चर से ब्रेन ब्लड फ्लो में स्लाइट रिडक्शन, हाइपोथैलेमस और ब्रेनस्टेम न्यूरॉन्स की सेंसिटिविटी, और इन रीजन का एजिंग रेगुलेट करने में रोल। कस्टमर्स का ट्रस्ट खोना मेरा गेम नहीं गोयल ने कहा, मैं ईटर्नल के CEO के तौर पर नहीं, बल्कि एक क्यूरियस ह्यूमन के तौर पर शेयर कर रहा हूं। हाइपोथेसिस को डिवाइस प्रमोट करने के आरोप पर बोले, टेम्पल छोटी क्यूट कंपनी बनेगी, अगर बनेगी। ईटर्नल से तुलना नहीं है। हमने हाइपोथेसिस को मार्केटिंग गिमिक के लिए नहीं बनाया। कस्टमर्स का ट्रस्ट खोना मेरा गेम नहीं है। गोयल का एजिंग स्लो करने पर फोकस गोयल का कंटिन्यू रिसर्च प्रोजेक्ट एजिंग स्लो करने पर फोकस कर रहा है। टेम्पल डिवाइस ग्रेविटी हाइपोथेसिस को टेस्ट करने का टूल बनेगा। गोयल ने कहा कि यह साइंटिफिक लेकिन अनकन्वेंशनल है। रिसर्च जारी है, डिवाइस लॉन्च पर अपडेट देंगे।
एलियन है या चमकती बिजली! क्या है अंतरिक्ष से गिरती चमकीली लाल रोशनी, वैज्ञानिकों ने बताया ये तो...
Mysterious Lights from Space: वैज्ञानिकों द्वारा जारी की गई एक तस्वीर में तेजी से चमकने वाली रोशनी दिखी जो किसी भूत जैसी लगती है. ये रोशनियां केवल मिलीसेकंड के लिए दिखती हैं और फिर गायब हो जाती हैं.
Quasar in Space: खगोलविदों ने 53 शक्तिशाली क्वासरों की पहचान की है जो ब्रह्मांड में विशालकाय जेट छोड़ रहे हैं. ये जेट हमारे मिल्की वे आकाशगंगा से भी 50 गुना अधिक चौड़े हैं.
NASA वैज्ञानिकों का बड़ा खुलासा...अलास्का से आर्कटिक तक, हर जगह अलग है ग्लेशियर की रफ्तार
NASA: नासा ने ग्लेशियरों की हरकतों में चौंकाने वाले मौसमी बदलाव देखे हैं. इससे पता चलता है कि वे बढ़ते तापमान पर कैसे प्रतिक्रिया करते हैं.
क्वांटम की सबसे बड़ी मिस्ट्री सॉल्व! 100 साल बाद गलत साबित हुए आइंस्टीन, चीनी वैज्ञानिकों की रिपोर्ट
Science News: प्रोफेसर पैन और उनकी टीम ने आइंस्टीन के एक विचार प्रयोग को फिर से किया जिससे यह दिखाया जा सके कि क्वांटम दुनिया असल में कैसे काम करती है.
Worlds Largest Pink Diamond: लेसोथो में एक 108.39 कैरेट का गुलाबी हीरा मिला है. यह हीरा बाजार में बड़ी हलचल मचाएगा. विशेषज्ञों का मानना है कि नीलामी में इसकी कीमत करोड़ो में जा सकती है.
650 पुरानी लैपटॉप बैटरियों से बनाया सीक्रेट पावर प्लांट, बिजली का बिल 'जीरो' और सेफ्टी 100%
Old Laptop Batteries: एक आदमी ने 650 साल पुरानी बेकार लैपटॉप बैटरियों को इस्तेमाल करने अपने घर के लिए एक पावर सिस्टम बनाया. यह सिस्टम करीब दस साल से चल रहा है और बाजार में मिलने वाली तकनीक से ज्यादा अच्छा काम कर रहा है.
धरती पर इंसानों के बाद कौन करेगा राज? वैज्ञानिकों ने बताया चौंकाने वाले 'अगले शासक' का नाम
Earth After Humans: इंसानों की जगह कौन सा जानवर धरती पर सबसे खास प्रजाति बन सकता है. आखिरकार वैज्ञानिकों के पास अब इस सवाल के लिए एक जवाब है.
Tesla ने Europe में उतारा Model 3 का बजट वेरिएंट; भारत में लॉन्च की उम्मीद
Tesla ने यूरोप में Model 3 का किफायती वर्ज़न लॉन्च किया है, जिसकी रेंज 480 किलोमीटर से अधिक है। डिलीवरी 2026 की पहली तिमाही से शुरू होगी। भारत में लॉन्च की अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं, लेकिन बढ़ती EV मांग के चलते सस्ते मॉडल की उम्मीदें बढ़ रही हैं।
बजाज ऑटो ने 160cc सेगमेंट में अपनी पॉपुलर बाइक पल्सर N160 का नया वैरिएंट लॉन्च किया है। इसमें गोल्डन कलर का इनवर्टेड USD फोर्क और सिंगल-सीट लेआउट दिया गया है। इसकी एक्स-शोरूम कीमत 1,23,983 रुपए रखी गई है। नया वैरिएंट इसके टॉप वैरिएंट से 2000 सस्ता है। बाइक देशभर में सभी डिलरशिप पर अवेलेबल है। बाइक का मुकाबला TVS अपाचे RTR 160 4V , हाल ही में अपडेट की गई हीरो एक्सट्रीम 160R 4V, और 2025 यामाहा FZ-S Fi से है। कंपनी का कहना है कि ग्राहकों की डिमांड पर ये अपडेट लाया गया है। कंपनी की रिसर्च से पता चला कि कई ग्राहक सिंगल पीस सीट को ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि ये लॉन्ग राइड्स में कम्फर्ट देती है। पहले USD फोर्क सिर्फ टॉप वैरिएंट में था, लेकिन अब ये फीचर कीम कीमत में अवेलेबल हो गया है। कुल मिलाकर N160 के अब 4 वैरिएंट हो गए हैं। पल्सर N160: वैरिएंट्स वाइस प्राइस डिजाइन: LED हेडलाइट के साथ गोल्डन पेंटेड इनवर्टेड फोर्क नए वैरिएंट में गोल्डन पेंटेड इनवर्टेड फोर्क (USD फोर्क) सबसे हाइलाइट फीचर है। ये फोर्क न सिर्फ लुक को प्रीमियम बनाता है, बल्कि हैंडलिंग को भी बेहतर करता है। सिंगल पीस सीट को वापस लाया गया है, जो पहले के लोअर वैरिएंट्स में था। बाइक का ओवरऑल डिजाइन एग्रेसिव है, जिसमें LED हेडलाइट और मस्कुलर फ्यूल टैंक शामिल हैं। कलर ऑप्शन में पहले की तरह ही 4 शेड्स हैं। इसमें पर्ल मेटालिक व्हाइट, रेसिंग रेड, पोलर स्काई ब्लू और ब्लैक कलर शामिल है। डायमेंशंस में कोई बदलाव नहीं है। पहले की तरह ही इसकी लंबाई 2212mm, चौड़ाई 744mm और व्हीलबेस 1352mm है। परफॉर्मेंस: 45-60kmpl का माइलेज नई पल्सर N160 में में कोई भी मैकैनिकली बदलाव नहीं किए गए है। इसमें परफॉर्मेंस के लिए 165 cc का सिंगल-सिलेंडर इंजन दिया गया है, जो 17 hp की मैक्सिमम पावर और 14.3 Nm का पीक टॉर्क जनरेट करता है। ट्रांसमिशन की बात करें तो इंजन को 5-स्पीड गियरबॉक्स के साथ ट्यून किया गया है। सिटी राइडिंग में माइलेज करीब 45kmpl और हाईवे पर 60kmpl तक मिल सकता है। टॉप स्पीड 120kmph के आसपास है। पल्सर N160 : ब्रेकिंग और सस्पेंशन कंफर्ट राइडिंग के लिए बाइक के फ्रंट में गोल्डन कलर के USD फोर्क्स और रियर में नाइट्रोक्स गैस-चार्ज्ड मोनोशॉक एब्जॉर्बर सस्पेंशन दिए गए हैं। वहीं, ब्रेकिंग के लिए पल्सर N160 में डुअल चैनल ABS के साथ 300mm फ्रंट डिस्क ब्रेक दिए गए हैं और रियर में 230mm डिस्क ब्रेक मिलते हैं। वहीं, बाइक के दोनों तरफ 17 इंच के अलॉय दिए गए हैं। इनमें फ्रंट व्हील पर 100/80-17 सेक्शन और रियर व्हील 130/70-17 सेक्शन के ट्यूबलेस टायर मिलते हैं। फीचर्स: ब्लूटूथ कनेक्टेड LCD कंसोल और नेविगेशन बाइक में फुली डिजिटल LCD कंसोल दिया गया है, जो ब्लूटूथ से कनेक्ट होता है। कंपनी ने अपडेटेड बाइक में फुली डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर दिया है। इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर को ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के जरिए बजाज राइड कनेक्ट एप से जोड़ा जा सकता है। इससे राइडर बाएं हाथ के स्विचगियर पर एक बटन का इस्तेमाल करके कॉल रिसीव या रिजेक्ट भी कर सकता है। ये डिस्प्ले फोन की बैटरी और सिग्नल की स्थिति दिखाता है। इसके अलावा, कंसोल स्पीडोमीटर, ओडोमीटर, टैकोमीटर, गियर पोजीशन इंडिकेटर, रियल टाइम फ्यूल एफिशिएंसी और एवरेज माइलेज भी देख सकते हैं। बाइक में डुअल-चैनल ABS के 3 मोड्स- सेफ्टी बढ़ाते हैं।
कब हुआ था दुनिया का पहला सूर्य ग्रहण? धरती और सूरज के बारे में 2,700 साल पुराना रहस्य सुलझ गया
Science News: रिसर्चर्स ने पुराने चीन के 2,700 साल पुराने रिकॉर्ड दिखाए हैं जिनसे पृथ्वी के घूमने और सोलर एक्टिविटी के बारे में नई जानकारी मिलती है और सोलर एक्लिप्स और सूरज के कोरोना के शुरुआती डिटेल्स कन्फर्म होते हैं.
भारत के शहरी इलाकों में जंक फूड का चलन तेजी से बढ़ रहा है। लोकलसर्कल्स के सर्वे के अनुसार, क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स पर बिकने वाले पैकेज्ड फूड आइटम्स में आधे से ज्यादा हाई फैट, शुगर, सॉल्ट (HFSS) वाले या अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड (UPF) हैं। सर्वे में 39% घरों ने बताया कि वे सॉफ्ट ड्रिंक्स, बिस्किट, चिप्स, नूडल्स जैसे आइटम रेगुलर खरीदते हैं, यानी हर 10 में 4 घर से जंक फूड ऑर्डर किया जा रहा है। खास बात ये है कि ऑर्डर करने वालों में बच्चे और यूवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। कोविड के बाद अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड की सेल वैल्यू 10% से ऊपर पहुंच गई है, जो हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे मोटापा, डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ा रही है। रिपोर्ट में बताया कि हर 10 में से 9 पैरेंट्स ने जंक फूड पर रेड कोडिंग लगाने की मांग की है। जंक फूड का जेन Z में सबसे ज्यादा क्रेज रिपोर्ट के अनुसार, इन प्लेटफॉर्म्स पर हर दो में से एक आइटम जंक या हाई-फैट, हाई-शुगर, हाई-सॉल्ट (HFSS) वाला है। ये वही चीजें हैं जो बच्चे सबसे ज्यादा ऑर्डर करते हैं। इसमें बिस्किट, कोल्ड ड्रिंक, चिप्स, नूडल्स, चॉकलेट और आइसक्रीम शामिल है। ऑनलाइन प्लैटफॉर्म पर इतने ज्यादा ऑप्शन होने से बच्चों के लिए इनसे दूर रहना मुश्किल हो जाता है। रिपोर्ट में पाया गया कि जंक या अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड (UPF) की डिमांड कोविड के बाद 'V-शेप्ड' बढ़ रही है। खासकर जेन Z में ये ट्रेंड ज्यादा है, क्योंकि क्विक डिलीवरी और लो कॉस्ट की वजह से ये आसानी से मिल जाते हैं। 10 में से 9 पैरेंट्स एप्स पर रेड वार्निंग लेबल चाहते हैं लोकलसर्कल्स ने जुलाई-सितंबर 2024 के बीच देशभर के 277 जिलों में 42,000 से ज्यादा लोगों का सर्वे किया। इनमें से 39% माता-पिता ने बताया कि उनके बच्चे नियमित रूप से इन एप्स से जंक फूड मंगाते हैं। सर्वे में पता चला कि 10 में से 9 माता-पिता चाहते हैं कि एप्स पर भी रेड वार्निंग लेबल दिखाया जाए, ताकि बच्चे समझ सकें कि कौन-सी चीज स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लेकिन फिलहाल, ज्यादातर एप्स ऐसी कोई जानकारी नहीं देते। स्वाद और अवेलेबलिटी की वजह से लत लग रही पिछले साल ICMR और NIN ने साफ कहा था कि UPF में फाइबर और पोषक तत्व में कम, लेकिन शुगर, नमक और तेल में अत्यधिक होते हैं। इनका स्वाद ऐसा होता है कि ये जल्दी लत लगा देते हैं और इनकी उपलब्धता पूरे देश में इतनी आसान है कि लोग इन्हें रोजमर्रा के खाने में शामिल करने लगे हैं। इकॉनोमिक सर्वे ने भी बताया कि भारत के 56% से ज्यादा रोगों की जड़ अस्वास्थ्यकर भोजन है, जिसमें जंक फूड मुख्य भूमिका निभा रहा है। अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड क्या है? अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड वे खाद्य पदार्थ होते हैं, जो इंडस्ट्रियल प्रोसेसिंग से तैयार किए जाते हैं। इनमें प्रिजर्वेटिव, इमल्सीफायर, आर्टिफिशियल फ्लेवर, कलर, एडेड शुगर, सेचुरेटेड फैट और नमक जैसी कई चीजें मिलाई जाती हैं। इनका उद्देश्य फूड को लंबे समय तक खराब होने से बचाना और उसे स्वाद व दिखने में अधिक आकर्षक बनाना होता है। आसान भाषा में कहें तो ये रेडी-टू-ईट फूड्स होते हैं, जिन्हें बार-बार गर्म करने या पकाने की जरूरत नहीं होती है। इनमें फ्रोजन फूड्स, शुगरी ड्रिंक्स, प्रोसेस्ड मीट, इंस्टेंट नूडल्स, पिज्जा, बर्गर, मोमोज, फ्रेंच फ्राईज, चिप्स, नमकीन, कुकीज, केक और मफिन जैसे प्रोडक्ट्स शामिल होते हैं, जो दिखने और खाने में तो लाजवाब होते हैं, लेकिन स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक हैं।
Snow Monster Story: पहाड़ों में पाए जाने वाले 20 फुट ऊंचे बर्फीले दैत्यों के बारे में आपने किस्से-कहानियों में खूब पढ़ा होगा. लेकिन फिर वे दैत्य धीरे-धीरे कहां गायब होने लगे. अब इसका राज सामने आ गया है.
फोन में प्रोसेसर कौन सा चुनें, रैम कितनी जरूरी:नया फोन खरीदने से पहले इन 9 फीचर्स के बारे में जानिए
आज बाजार में हर बजट, हर जरूरत और हर यूजर के लिए फोन मिल रहा है। सिर्फ ब्रांड या विज्ञापन देखकर फोन खरीद लेना समझदारी नहीं है। अगर आप नया फोन लेने जा रहे हैं तो ये 9 बातें जानना जरूरी है। फोन में रैम, प्रोसेसर या डिस्प्ले चुनते समय इन बातों का ध्यान रखें... 1. आपको कितनी RAM चाहिए? RAM फोन की एक्टिव मेमोरी है जो फोन को एक-एक काम तेजी से करने में मदद करती है। इसे रेस्टोरेंट के वेटर से समझें। रेस्टोरेंट में वेटर जितने ज्यादा होंगे, सर्विस उतनी तेज होगी। वैसे ही रैम जितनी ज्यादा होगी, फोन एक साथ अधिक एप्स खोलकर लैग (फंसेगा) नहीं करेगा। 15 हजार रुपए तक के फोन में 6 से 8GB रैम ठीक है। 2. प्रोसेसर क्या है... कैसे चुनें? प्रोसेसर फोन की स्पीड और क्षमता तय करता है। इस समय स्नैपड्रैगन 8 एलीट जेन 5 और मीडियाटेक डाइमेंसिटी 9500 टॉप लेवल माने जाते हैं। प्रोसेसर का चिप साइज भी जरूरी होता है। यह नैनोमीटर में हाेता है। इसका आंकड़ा कम होना बेहतर है। जैसे 3nm चिप 4nm से आगे मानी जाती है। 3. एमोलेड-एलीसीडी डिस्प्ले में अंतर? LCD: ट्रेडिशनल डिस्प्ले होता है। सस्ता और बैकलाइट इस्तेमाल करता है (एक तरह की ट्यूबलाइट जैसी रोशनी)। AMOLED: यह हर पिक्सल खुद रोशन करता है। इसका फायदा है कि कलर ऑरिजनल लगते हैं और पावर कम खर्च होती है। फिल्में-सीरीज और डीप कॉन्ट्रास्ट के लिए एमोलेड बेहतर है। 4. रिफ्रेश रेट क्या होता है? रिफ्रेश-रेट बताती है कि स्क्रीन एक सेकेंड में कितनी बार खुद को अपडेट करती है। 60Hz यानी 60 बार/सेकंड, 90Hz/120Hz यानी ज्यादा स्मूद एनीमेशन और स्क्रॉलिंग। 144Hz/165Hz यानी गेमिंग के लिए और भी स्मूद, पर फोन का प्रोसेसर और गेम दोनों सपोर्ट करना चाहिए। 5. कैमरा में मेगापिक्सल क्या? मेगापिक्सल पिक्सल की संख्या बताते हैं। जैसे 1MP यानी 10 लाख पिक्सल। 50MP यानी 5 करोड़ पिक्सल। लेकिन फोटो की क्वालिटी सिर्फ मेगापिक्सल पर निर्भर नहीं करती। सेंसर का साइज और अपर्चर ज्यादा महत्वपूर्ण है। कम रोशनी में अच्छी फोटो का राज होता है बड़ा सेंसर और छोटा अपर्चर नंबर। 6. मेन और अल्ट्रावाइड कैमरा जानें प्राइमरी कैमरा मेन कैमरा होता है और सबसे बेहतर क्वालिटी देता है। अल्ट्रावाइड कैमरा ज्यादा चौड़ा एंगल कैप्चर करता है। ग्रुप फोटो या लैंडस्केप के लिए बढ़िया है। टेलीफोटो कैमरा 2x, 3x या 5x जूम देता है। दूर की चीजें साफ दिखती हैं और पोट्रेट फोटो क्वालिटी में आती है। 7. IP रेटिंग क्या होती है? IP Rating बताती है कि फोन धूल और पानी से कितनी सुरक्षा देता है। IP68 सबसे भरोसेमंद रेटिंग मानी जाती है। इसका मतलब है कि यह फोन 15 फीट पानी में 30 मिनट तक टिक सकता है। ध्यान रखें कि IP Rating का मतलब यह नहीं कि पानी से खराब होने पर वारंटी मिलेगी। 8. eSIM कैसे अलग होती है? eSIM फोन के अंदर लगी होती है और सॉफ्टवेयर से एक्टिव होती है। इंटरनेशनल ट्रैवल में इसका बड़ा फायदा है। आप नई कंट्री का eSIM ले सकते हैं, बिना अपनी असली SIM निकाले। वापस आने पर पुराने SIM या eSIM को आसानी से री-एक्टिव किया जा सकता है। 9. एआई फीचर्स क्या हैं? अब कई फोन एआई वाले काम अपने अंदर ही कर लेते हैं, वो भी बिना इंटरनेट की मदद से। जैसे टेक्स्ट एडिट करना, छोटी कमांड्स चलाना, फोटो प्रोसेसिंग आदि। एंड्राइड में यह गूगल के जेमिनी नैनो मॉडल से चलता है। जानकारी टेक एक्सपर्ट तुषार मेहता (को-फाउंडर athenil) के पॉडकास्ट के आधार पर है।
Sun Dog: हिमालय के ऊपर उड़ते समय पायलट को क्यों दिखते हैं 3 सूरज? 99% लोगों को नहीं होगा मालूम
Science Latest News: हिमालय के ऊपर हवाई जहाज उड़ाने वाले पायलट अक्सर एक साथ 3 सूरज देखते हैं जिसे सनडॉग कहा जाता है. यह बस पहाड़ों के मौसम और सूरज की रोशनी के मिलने से होता है.
पांच इंच भी खिसकी टेक्टोनिक प्लेट तो बदल जाएगा भारत का नक्शा, धूल में मिल जाएंगे भारत के ये शहर!
Tectonic Plates Shifting: हाल के समय में वैज्ञानिकों ने इस बात चिंता जाहिर की है कि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट हर साल उत्तर की तरफ लगभग 2 इंच खिसक रही जिसके कारण हिमालयी क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है.
Deep Sea Mining Test: दुनियाभर में इलेक्ट्रिक वाहनों और ग्रीन एनर्जी के लिए जरूरी धातुओं की मांग बढ़ रही है. इन्हें समुद्र की गहराई से निकालने की कोशिशें लगातार बढ़ रही हैं. इसी बीच एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने 4 किलोमीटर गहराई में बड़े पैमाने पर नई प्रजातियों की खोज की है.
80 साल बाद जंगल का 'किंग' वापस, फिर दिखाई दिया लुप्त हो चुका ये खास जानवर
Endangered Animals: ओरेगन में एक दुर्लभ और ताकतवर शिकारी जानवर की चौंकाने वाली वापसी देखी जा रही है. इसे 80 सालों में पहली बार उनकी संख्या ने एक ऐतिहासिक आंकड़ा पार कर लिया है.
Space Robotic Welding System ISPAR: यूके के वैज्ञानिक ऐसा रोबोटिक वेल्डिंग सिस्टम तैयार कर रहे हैं जो अंतरिक्ष में जाकर सैटलाइट्स की मरम्मत, जोड़ाई और मैन्युफैक्चरिंग करगा. यह तकनीक भविष्य में अंतरिक्ष मिशनों को लंबे समय तक चलाने और स्पेस जंक कम करने में अहम भूमिका निभाने वाली है.
Antarctica South Ocean: हाल ही में हुई स्टडी में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. वैज्ञानिकों का कहना है कि अंटार्कटिका के चारों तरफ जो दक्षिणी महासागर है उसमें 100 सालों तक गर्मी का प्रकोप जारी रह सकता है.
Bamboo Fossil In Manipur Imphal Valley: मणिपुर के इम्फाल घाटी में वैज्ञानिकों ने 37,000 साल पुराना बांस का बेहद सुरक्षित जीवाश्म खोजा है. इस खोज से पता चलता है कि एशिया में बांस ने Ice Age को भी झेला और जिंदा रहने के लिए अपने आपको खास उसी तरह से ढाल लिया था.
Titanoboa 42 Foot Snake: ये दुनिया अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए है. ऐसे में करीब 6 करोड़ साल पहले धरती पर एक ऐसा सांप रहता था जो लंबाई में 42 फीट तक पहुंचता था और जिसका वजन एक छोटी कार जितना था. इसे Titanoboa कहा जाता है.
स्पेस से दिखाई दी सहारा रेगिस्तान की 50 किमी 'चौड़ी आंख', ESA के सैटेलाइट ने शेयर की तस्वीर
Sahara Desert: सहारा रेगिस्तान में 50 किमी लंबी एक खास बनावट छिपी है जिसे केवल अंतरिक्ष से ही देखा जा सकता है. अब सवाल आता है कि इस विशाल आंख को रेगिस्तान में किसने बनाया है?
Berkeley Discovery Microbe: कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी में बर्कले के रिसर्चर्स ने एक ऐसा माइक्रोब खोजा है जो DNA के कोड को दो अलग-अलग तरीकों से पढ़ता है. यह खोज उस 60 साल पुराने नियम को चुनौती देती है जिसमें कहा गया था कि हर कोड का एक ही मतलब होता है. यह माइक्रोब एक ही कोडन को कभी स्टॉप सिग्नल और कभी अमीनो एसिड जोड़ने का इशारा मानता है. यह बदलाव आने वाले समय में कई जेनेटिक बीमारियों के इलाज के लिए नई राह खोल सकता है.
नील नदी की चट्टानों के नीचे छिपा था 'मौत का शहर'! 30 रहस्यमयी कब्रें और 900 साल पुराना खौफनाक राज…
Ancient Aswan Egyptian Tomb Discovery: हाल ही में मिस्र के असवान में नील नदी किनारे 30 से ज्यादा प्राचीन कब्रें मिली हैं, जिनमें दो ममियां एक ही ताबूत में चिपकी हुई पाई गईं हैं.
गहरे समुद्र में मिला 'स्टार वार्स' जैसा एलियन जीव, वैज्ञानिक देखते ही बोले- ये तो मंगल से भी...
Sea Exploration: वैज्ञानिकों ने हाल ही प्रशांत महासागर की गहराई में एक नई खोज की है. उन्होंने एक ऐसे नए जीव की खोज की है जिसे आज से पहले कभी नहीं देखा गया था.
आर्यभट्ट से लेकर गगनयान तक, जानें भारत-रूस की स्पेस पार्टनरशिप से क्यों डरा था अमेरिका?
India Russia Collaboration: भारत और रूस अंतरिक्ष के मामलों में मिलकर काम करते रहे हैं. रूस ने भारत को सैटेलाइट लॉन्च करने की तकनीक दी और पहले भारतीय को अंतरिक्ष में भेजा.
Nanotyrannus Lancensis Confirmed: paleontology की सबसे पुरानी बहस खत्म हो गई है. एक रिसर्च पता चला है कि Nanotyrannus lancensis वास्तव में एक अलग डायनासोर प्रजाति है. वैज्ञानिकों ने पहली बार गले की हड्डियों (hyoid) के माइक्रो-रिसर्च से इसकी उम्र और विकास का सही पता लगाया है.
OTT प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स ने वॉर्नर ब्रदर्स स्टूडियो को 72 बिलियन डॉलर यानी 6.47 लाख करोड़ रुपए में खरीदने का ऐलान किया है। ये डील एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक बड़ा मर्जर है, जो स्ट्रीमिंग और ट्रेडिशनल मीडिया को जोड़ेगी। कंपनी के मुताबिक, ये खरीदारी उनके कंटेंट को और मजबूत करेगी। नेटफ्लिक्स के CEO टेड सारंडोस ने कहा, 'ये डील हमारी ग्रोथ को नई ऊंचाई देगी। वॉर्नर की फिल्में और शोज हमारी लाइब्रेरी का हिस्सा बनेंगे, जिससे यूजर्स को ज्यादा ऑप्शन्स मिलेंगे।' ये ऐलान गुरुवार को कंपनी की बोर्ड मीटिंग के बाद किया गया। डील के तहत नेटफ्लिक्स, वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी (WBD) के फिल्म-टीवी स्टूडियोज और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म (HBO Max और HBO) को अपने साथ मिलाएगा। नेटफ्लिक्स कैश और स्टॉक से वॉर्नर ब्रदर्स को पेमेंट करेगी ये डील 72 बिलियन डॉलर की है, जिसमें ज्यादातर कैश पेमेंट होगा और बाकी नेटफ्लिक्स के शेयर से भी पेमेंट किया जाएगा। वॉर्नर ब्रदर्स डिस्कवरी का हिस्सा है, जो पहले ही कई बिडर्स के चक्कर में था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, डिज्नी और अमेजन ने भी बिड लगाई थी, लेकिन नेटफ्लिक्स ने सबसे ऊंची बोली लगाई। डील अगले साल की पहली तिमाही में पूरी होने की उम्मीद है, बशर्ते रेगुलेटरी अप्रूवल मिल जाए। नेटफ्लिक्स के पास अभी दुनियाभर में 30 करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं, जबकि वॉर्नर ब्रदर्स 13 करोड़ से ज्यादा यूजर्स को सर्विस देता है। ये मर्जर दोनों की ऑडियंस को एक प्लेटफॉर्म पर ले आएगा। नेटफ्लिक्स की शुरुआत DVD से, वॉर्नर ब्रदर्स की हॉलीवुड हिस्ट्री नेटफ्लिक्स 1997 में रीड हेस्टिंग्स ने DVD रेंटल से शुरू किया था। आज ये ग्लोबल स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म है, जिसका रेवेन्यू 2024 में 35 बिलियन डॉलर यानी 3.14 लाख करोड़ रुपए रहा। कंपनी ओरिजिनल कंटेंट पर फोकस करती है, जैसे स्ट्रेंजर थिंग्स और द क्राउन। वहीं वॉर्नर ब्रदर्स 1923 में बनी थी, जो हॉलीवुड के पुराने स्टूडियो में से एक है। ये बैटमैन, हैरी पॉटर जैसी फ्रेंचाइजी की मालिक है। 2022 में वॉर्नर डिस्कवरी का मर्जर हुआ था, लेकिन कंपनी डेट और कॉम्पिटिशन से जूझ रही थी। नेटफ्लिक्स के लिए ये खरीदारी सस्ते में क्वालिटी कंटेंट हासिल करने का मौका है। डील से स्ट्रीमिंग मार्केट में नेटफ्लिक्स का दबदबा बढ़ेगा इस डील से स्ट्रीमिंग वॉर में नेटफ्लिक्स आगे निकल जाएगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि वॉर्नर की 10 हजार से ज्यादा फिल्में और शोज नेटफ्लिक्स पर आ जाएंगी, जो यूजर्स को प्लेटफॉर्म पर रोकने में मदद करेंगी। लेकिन ये डील एंटी-ट्रस्ट चिंताओं को बढ़ावा दे सकती है, क्योंकि मार्केट शेयर 40% से ऊपर चला जाएगा। वॉर्नर के चेयरमैन डेविड जसलेव ने कहा, 'नेटफ्लिक्स के साथ पार्टनरशिप से हमारी क्रिएटिविटी को नया प्लेटफॉर्म मिलेगा।' इंडस्ट्री एनालिस्ट्स मानते हैं कि ये मर्जर छोटे प्लेयर्स जैसे पैरामाउंट को प्रेशर देगा। ज्यादा ओरिजिनल कंटेंट, ग्लोबल एक्सपेंशन की प्लानिंग डील के बाद नेटफ्लिक्स 2026 तक 50 नए ओरिजिनल शोज लॉन्च करने का प्लान कर रहा है, जिनमें वॉर्नर की IP इस्तेमाल होगी। कंपनी इंडिया और एशिया में एक्सपेंड करेगी, जहां अभी 5 करोड़ से ज्यादा यूजर्स हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ये डील स्ट्रीमिंग को मेनस्ट्रीम बनाएगी, लेकिन प्राइवेसी और कंटेंट रेगुलेशन पर फोकस बढ़ेगा। नेटफ्लिक्स अब AI टूल्स से पर्सनलाइज्ड रिकमेंडेशन पर काम भी करेगा। ये खबर भी पढ़ें... वेबसाइट्स को साइबर-अटैक से बचाने वाली क्लाउडफ्लेयर फिर डाउन: जीरोधा, ग्रो, कैनवा यूज करने में दिक्कत हुई; 16 दिन में दूसरी बार डाउन वेबसाइट्स को साइबर अटैक से बचाने वाली क्लाउडफ्लेयर शुक्रवार को फिर से डाउन हो गई। इससे जीरोधा, ग्रो, कैनवा, डाउंडिटेक्टर, जूम, एंजेल वन, अपस्टॉक्स जैसे कई प्लेटफॉर्म्स प्रभावित हुए। पूरी खबर पढ़ें...
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 दिसंबर को 23वें भारत-रूस समिट के लिए दो दिन के भारत दौरे पर पहुंचे। उन्हें रिसीव करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी प्रोटोकॉल तोड़कर खुद दिल्ली के पालम एयरपोर्ट आए। यहां से दोनों लीडर एक ही कार में बैठकर पीएम आवास पहुंचे। खास बात ये रही कि ये कोई बुलेटप्रूफ कार नहीं, बल्कि वाइट कलर की टोयोटा फॉर्च्यूनर थी। अब प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति की ये राइड अब इंटरनेट और सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जहां लोग फॉर्च्यूनर ओनर्स के लिए 'प्राउड मोमेंट' बता रहे हैं। वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स इसे पश्चिमी देशों के लिए एक डिप्लोमैटिक सिग्नल मान रहे हैं। चलिए जानते हैं सफेद कलर की कार का ही इस्तेमाल क्यों किया गया, ये जापानी ब्रांड की कार क्यों यूज की गई। साथ ही इस कार के बारे में डिटेल में जानेंगे... मोदी-पुतिन ऑफिशियल कार छोड़ टोयोटा फॉर्च्यूनर में एक साथ बैठे आमतौर पर विदेशी मेहमानों के लिए रेंज रोवर या मर्सिडीज जैसी लग्जरी कारें इस्तेमाल होती हैं। वहीं, पुतिन हर विदेशी दौरे पर अपनी बुलेटप्रूफ लिमोजिन कार ऑरस सीनेट का इस्तेमाल करते हैं और पीएम मोदी की ऑफिशियल कारें रेंज रोवर (यूके मेड) और मर्सिडीज-मेबैक S650 गार्ड हैं। दोनों लीडर ने अपनी कारों को छोड़ टोयोटा फॉर्च्यूनर में एक साथ सफर किया। इसके पीछे प्रधानमंत्री की रेंज रोवर और पुतिन की बुलेटप्रूफ लग्जरी कार ऑरस सीनेट भी चल रही थीं। वाइट फॉर्च्यूनर क्यों? अफसरों का कहना है कि ऐसी गाड़ियां हाल ही में अपडेट हुए VIP फ्लीट का हिस्सा हैं, जो हाई-प्रोफाइल मूवमेंट्स के लिए सेफ्टी, एमिशन और ऑपरेशनल स्टैंडर्ड्स को पूरा करने के लिए मेंटेन की जाती हैं। सिक्योरिटी एजेंसियां VIP मूवमेंट्स के लिए अक्सर वाइट फॉर्च्यूनर इस्तेमाल करती हैं, क्योंकि ये मॉडल गवर्नमेंट फ्लीट्स में काफी यूज होती हैं, कन्वॉय में आसानी से घुल-मिल जाती हैं और हाई स्टेबिलिटी व ग्राउंड क्लीयरेंस देती हैं। यूनिफॉर्म कलर और स्टैंडर्ड लुक की वजह से गाड़ी लो प्रोफाइल रख पाती है, साथ ही सेफ्टी भी सुनिश्चित हो जाती है। सिक्योरिटी प्रोटोकॉल्स कन्वॉय में आमतौर पर आर्मर्ड व्हीकल्स होते हैं, लेकिन ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी के लिए फॉर्च्यूनर और इनोवा जैसी सपोर्टिंग कारें भी जोड़ी जाती हैं। फॉर्च्यूनर का रेगुलर रजिस्ट्रेशन प्लेट ध्यान खींच गया, क्योंकि VIP मूवमेंट्स में ज्यादातर स्पेशल नंबर प्लेट्स या अनमार्क्ड गाड़ियां इस्तेमाल होती हैं। हालांकि, अफसरों ने ये नहीं बताया कि महाराष्ट्र रजिस्टर्ड फॉर्च्यूनर क्यों यूज हुई, लेकिन सिक्योरिटी एजेंसियां हाई-प्रोफाइल विज़िट्स के लिए कई स्टेट्स में फ्लीट रखती हैं। वेस्ट को मैसेज या प्रैक्टिकल वजह? डिफेंस एनालिस्ट कर्नल रोहित देव ने X पर पोस्ट किया, 'ये वेस्ट को मैसेज है।' बीजेपी स्पोक्सपर्सन शहजाद पूनावाला ने कहा, 'स्मार्ट लोग समझ जाएंगे क्यों।' एक यूजर ने लिखा, 'नो अमेरिकन, नो यूरोपियन, जापानीज कार। सिग्नलिंग शुरू!' ये कदम दिखाता है कि डिप्लोमेसी में सिंबॉलिक स्टेप्स कितने जरूरी होते हैं।
वेबसाइट्स को साइबर अटैक से बचाने वाली क्लाउडफ्लेयर शुक्रवार को फिर से डाउन हो गई। इससे जीरोधा, ग्रो, कैनवा, डाउंडिटेक्टर, जूम, एंजेल वन, अपस्टॉक्स जैसे कई प्लेटफॉर्म्स प्रभावित हुए। कंपनी ने कहा कि डैशबोर्ड और APIs में प्रॉब्लम है, इसके कारण आधे घंटे तक तक सिस्टम ठप रहा। इसके कारण रिक्वेस्ट फेल हुईं और यूजर्स को एरर मैसेज दिखे। यह नवंबर 18 के बाद दूसरा बड़ा आउटेज है। सर्वर डाउन होने की जानकारी देने वाली वेबसाइट डाउनडिटेक्टर पर 2,100 से ज्यादा रिपोर्ट्स आईं, जो दोपहर 1:50 बजे से शुरू हुईं। कैनवा, जूम जैसे प्लेटफॉर्म भी डाउन हुए क्लाउडफ्लेयर ने बताया कि आंतरिक सर्विस डिग्रेडेशन की वजह से डैशबोर्ड और APIs प्रभावित हैं। यूजर्स को वेबसाइट एक्सेस, सर्वर कनेक्शन और होस्टिंग में दिक्कत हो रही है। जीरोधा ने कहा कि सर्विस रिस्टोर हो गई। ग्रो ने भी कन्फर्म किया कि क्लाउडफ्लेयर आउटेज की वजह से इश्यू था। कैनवा, जूम, शॉपिफाई, वैलोरेंट, स्पॉटिफाई, चैटजीपीटी जैसे ग्लोबल प्लेटफॉर्म्स भी डाउन हुए। आउटेज करीब 30 मिनट चला। 16 दिन में दूसरी बार डाउन हुआ क्लाउडफ्लेयर इससे पहले 18 नवंबर को क्लाउडफ्लेयर की वजह से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X, AI चैटबॉट चैटजीपीटी और कैनवा की सर्विसेज देशभर में डाउन हो गईं। ये सर्विसेज मंगलवार शाम करीब 5 बजे से रात 9 बजे तक डाउन रहीं। भारत समेत दुनियाभर में यूजर्स को लॉगिन, साइनअप, पोस्ट करने और देखने के अलावा प्रीमियम सर्विसेज सहित प्रमुख सुविधाओं का उपयोग करने में दिक्कत आई। सर्वर डाउन होने की जानकारी देने वाली वेबसाइट डाउनडिटेक्टर भी बंद रही। कौन सी सर्विसेज सबसे ज्यादा प्रभावित हुईं थीं 18 नवंबर को क्लाउडफ्लेयर डाउन होने से से 1.4 करोड़ से ज्यादा वेबसाइट्स प्रभावित हुई। इनमें X, चैटजीपीटी, वॉट्सएप, इंस्टाग्राम, स्पॉटिफाई, कैनवा, क्लॉड AI, उबर, जूम शामिल थीं। क्लाउडफ्लेयर दुनिया की 20% से ज्यादा वेबसाइट्स को कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क, सिक्योरिटी और रूटिंग सर्विस देता है। एक अनुमान के मुताबिक, दुनिया की हर पांचवीं वेबसाइट को क्लाउडफ्लेयर सर्विस देता है। क्लाउड सर्विसेज और साइबर सिक्योरिटी कंपनी है क्लाउडफ्लेयर क्लाउडफ्लेयर एक ग्लोबल क्लाउड सर्विसेज और साइबर सिक्योरिटी कंपनी है। यह डेटासेंटर्स, वेबसाइट और ईमेल सिक्योरिटी, डेटा लॉस से बचाव और साइबर खतरों से सुरक्षा देती है। कंपनी खुद को “इंटरनेट का इम्यून सिस्टम” बताती है। मतलब उसकी टेक्नोलॉजी अपने क्लाइंट्स और बाकी दुनिया के बीच में बैठकर रोजाना अरबों साइबर अटैक ब्लॉक करती है। साथ ही, अपनी ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर की मदद से यह इंटरनेट ट्रैफिक को तेज भी बनाती है। कंपनी हर तिमाही में 500 मिलियन डॉलर (लगभग 4.42 हजार करोड़ रुपए) से ज्यादा की कमाई करती है। इसके करीब 3 लाख ग्राहक हैं। कंपनी चीन समेत 125 देशों में काम करती है।
कैसे बनी फॉर्च्यूनर VIP सुरक्षा की धड़कन? जानिए इस अदृश्य सुरक्षा तंत्र की कहानी
Toyota Fortuner भारत की सबसे चर्चित SUV है, जो अपने दमदार इंजन, 44 क्षमता और आर्मर्ड वेरिएंट्स के कारण आम ग्राहकों से लेकर वीवीआईपी सुरक्षा तक में भरोसेमंद मानी जाती है। 2025 Leader Edition से लेकर B6 बुलेटप्रूफ मॉडलों तक, यह रिपोर्ट Fortuner की ताकत, फीचर्स और सुरक्षा उपयोग को विस्तार से समझाती है।
The Russian Capsule: 11 अप्रैल 1984 को भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा कजाकिस्तान में सुरक्षित उतर गए. वह सुयोज T-10 नाम के गोल कैप्सूल में उतरे थे जिसका व्यास 2.2 मीटर और वजन 2950 किलो था. कैप्सूल से उतरते समय 1650 डिग्री की भयंकर गर्मी और 7.5G का भारी दबाव सहा.
NASA Hubble Telescope: NASA के हबल टेलीस्कोप ने 3I/ATLAS नाम के एक अनोखे धूमकेतु की नई तस्वीरें ली हैं जो हमारे सौरमंडल के बाहर से आया है. दुनिया भर के वैज्ञानिक इस दुर्लभ चीज का अध्ययन करने में लगे हुए हैं.
Hubble Risk Starlink Satellites: दुनिया भर में हजारों नए सैटेलाइट्स के लॉन्च होने की वजह से रात का आसमान पहले से कहीं अधिक भीड़भाड़ वाला हो गया है. Nature जर्नल में प्रकाशित नई रिपोर्ट के मुताबिक यह बढ़ती भीड़ अब हमारे सबसे अहम स्पेस टेलीस्कोप्स के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है.
Twin Galaxy Alaknanda: जेम्स वेब टेलीस्कोप ने अलकनंदा नाम की बहुत बड़ी सर्पिल आकाशगंगा को खोजा है. यह आकाशगंगा बिग बैंग होने के सिर्फ 1.5 अरब साल बाद बनी थी.
अगर मौत के बाद शरीर मरने से ही मना कर दे तो...वैज्ञानिकों ने खोजा 'थर्ड स्टेट', ना जिंदा-ना मुर्दा
What Happens After Death: इंसान और दूसरे जीवों के मरने के बाद भी उनकी कुछ कोशिकाएं जिंदा रहती हैं और नई जिंदगी शुरू कर देती हैं. वैज्ञानिक इस स्थिति को थर्ड स्टेट कहते हैं जो ना तो पूरी तरह जिंदा है और ना पूरी तरह मुर्दा.
शुक्र ग्रह की तूफानी हवाओं की मिस्ट्री सॉल्व, सूरज की गर्मी है 'सुपररोटेशन' की असली वजह!
Solar Storms: नए शोध से पता चला है कि शुक्र ग्रह पर जो तेज हवाएं चलती हैं जिसकी मुख्य वजह है सूरज की गर्मी से पैदा होने वाला रोज का ज्वार भाटा है.
62 डिग्री झुका हुआ रहस्यमयी ग्रह! TOI-3884 सिस्टम में मिली अनोखी कक्षा, वैज्ञानिक भी हैरान
Science News In Hindi: वैज्ञानिकों ने TOI-3884 नाम के सितारे के पास एक ऐसा ग्रह खोजा है जिसका orbit और तारे की spin axis एक-दूसरे से सीधी नहीं बल्कि लगभग 62 डिग्री के अजीब कोण पर हैं. यह झुकाव इतना असाधारण है कि वैज्ञानिक इसका कारण समझ नहीं पा रहे हैं. इस सिस्टम में न तो कोई बड़ा ग्रह मिला और न ही कोई दूसरा तारा जबकि आमतौर पर ऐसे झुकाव इन्हीं की वजह से होते हैं.
Indonesia sea treasure: इंडोनेशिया की सरकार को समुद्र में 700 से ज्यादा जगहों पर डूबे जहाज मिले हैं, जिनमें सोना-चांदी और ऐतिहासिक सामान जैसे करोड़ों के खजाने छिपे होने की आशंका जाताई जा रही है.
African Population Isolated: एक नई रिसर्च में यह पता लगाया है कि दक्षिणी अफ्रीका में रहने वाले कुछ प्राचीन लोग लगभग 1,00,000 सालों तक अकेले रहे. इस दौरान उनके अंदर किस तरह के खास आनुवंशिक लक्षण विकसित हुए.
समुद्र के 5000 फीट नीचे छिपा है 'ओरेगन का शैतान', वैज्ञानिकों ने दे दी चेतावनी- अगर जाग गया तो सब...
Oregon Underwater Giant: वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि ओेकरेन तट के पास समुद्र के नीचे स्थित एक्सियल सीमाउंट नाम का ज्वालामुखी जल्द ही फट सकता है. इसकी वजह यह है कि इस इलाके में पहले से भी ज्यादा भूकंप आ रहे हैं.
Science News In Hindi: वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष में 49 मिलियन लाइट ईयर लंबा एक विशाल कॉस्मिक टॉरनेडो खोज निकाला है. यह अब तक का देखा गया सबसे बड़ा घूमता हुआ स्ट्रक्चर माना जा रहा है. इसमें सैकड़ों गैलेक्सीज एक ना दिखने वाले धागे (फिलामेंट) में फंसकर बहुत ज्यादा स्पीड से चक्कर लगा रही हैं. इस खोज से यह साबित होता है कि ब्रह्मांड अदृश्य ताकतों और डार्क मैटर के जाल से बंधा हुआ है.
मिस्र में मिली 3500 साल पुरानी 'बुक ऑफ द डेड', वैज्ञानिकों ने इसे बताया- अगले जीवन का गाइ़ड मैप
Book of the Dead: वैज्ञानिकों की एक टीम को मिस्र में बहुत ही रेयर और पुरानी किताब मिली है जो तकरीबन 3500 साल तक पुरानी बताई जा रही है. यह एक पेपिरस स्क्रॉल है. इस किताब का नाम बुक ऑफ द डेड है.
रामानुजन का 100 साल पुराना फॉर्मूला बना मॉडर्न साइंस का सुपर टूल, IISC वैज्ञानिकों ने किया बड़ा दावा
Black Hole: महान गणितज्ञ रामानुजन ने पाई का मान निकालने के लिए जो बहुत पुराना सूत्र दिया था वह आज के मॉडर्न साइंस में भी काम आ रहा है. IISC के वैज्ञानिकों ने यह पता लगाया कि यह सूत्र ब्लैक होल को समझने वाले नियमों में अपने आप ही शामिल है.
2 billion year old rock: हाल में ही अरावली में 2 अरब साल पुरानी चट्टान मिली है जिसके जरिए पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत समझने में बड़ा सुराग दे सकती है.
टेक कंपनी रेडमी ने भारत में नया बजट समार्टफोन रेडमी 15C लॉन्च कर दिया है। अफोर्डेबल 5G फोन को AI फीचर्स के साथ पावरफुल 6000mAh बैटरी, 50MP कैमरा और 8GB रैम के साथ उतारा गया है। कंपनी ने स्मार्टफोन को 3 वैरिएंट में पेश किया है। इसकी कीमत 12,499 रुपए से शुरू होती है। फोन की सेल 11 दिसंबर से शुरू होगी। फोन को डस्ट पर्पल, मूनलाइट ब्लू और मिडनाइट ब्लैक कलर ऑप्शन के साथ पेश किया गया है। रेडमी 15C: डिजाइन रेडमी 15C को पॉलीकार्बोनेट मटेरियल से बनाया गया है, लेकिन फिनिश की वजह से ये प्लास्टिक जैसा फील नहीं होता। इसका बैक पैनल ग्लॉसी + ग्लिटरी फिनिश वाला है, जो अलग-अलग लाइट एंगल पर शाइन करता है। स्मार्टफोन का वजन 212 ग्राम है, जो थोड़ा भारी लग सकता है। साइड में पावर बटन में फिंगरप्रिंट स्कैनर दिया गया है। निचले हिस्से में 3.5mm हेडफोन जैक, टाइप-C पोर्ट, माइक और सिंगल डाउन-फायरिंग स्पीकर है। सिम ट्रे ट्रिपल स्लॉट वाला है। इसमें 2 सिम और एक माइक्रो SD कार्ड लगा सकते हैं। फोन IP64 डस्ट स्प्लैश रेसिस्टेंस के साथ आता है, यानी हल्के पानी के छींटे या बारिश में सेफ रहेगा। फ्रंट में 6.9 इंच का डिस्प्ले है, जिसमें ऊपर सेंटर में पंच-होल कैमरा है। बेजल्स थोड़े मोटे हैं खासकर चिन वाला हिस्से में। बॉक्स में ट्रांसपेरेंट सिलिकॉन केस, चार्जर और टाइप-A टू टाइप-C केबल मिलती है। रेडमी 15C: स्पेसिफिकेशंस पावरबैकअप: रेडमी 15C फोन की सबसे बड़ी USP पावरफुल बैटरी है। पावर बैकअप के लिए इसमें 6000mAh बैटरी दी गई है। यह 19 घंटे, 18 मिनिट का PC मार्क बैटरी बेंचमार्क स्कोर हासिल कर चुकी है। इसे चार्ज करने के लिए फोन में 33W फास्ट चार्जिंग तकनीक दी गई है। इसके साथ ही फोन में रिवर्स चार्जिंग भी मिलेगी। डिस्प्ले: स्मार्टफोन में 720 x 1600 पिक्सल रेजोल्यूशन वाली 6.9-इंच की बड़ी स्क्रीन दी गई है, जो HD+ रेजोल्यूशन वाली वॉटरड्रॉप नॉच LCD डिस्प्ले दिया गया है। यह 120Hz रिफ्रेश रेट पर काम करता है, यानी स्मूद स्क्रॉलिंग। वहीं, इसकी पीक ब्राइटनेस 800निट्स है। यह TUV सर्टिफाइड स्क्रीन है, जो ज्यादा देर तक फोन चलाने पर आंखों को सुरक्षित रखती है। हालांकि, वॉटरड्रॉप नॉच ओल्ड फैशन होने की फील देती है। अगर रेडमी 15सी में पंच-होल स्क्रीन दी जाती तो ज्यादा बेहतर रहता। कैमरा: फोटोग्राफी के लिए फोन के बैक पैनल पर डुअल रियर सेटअप दिया गया है। इसमें LED फ्लैश के साथ 50 मेगापिक्सल मेन सेंसर दिया गया है, जो सेकेंडरी AI लेंस के साथ मिलकर काम करता है। वहीं, सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 8 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा कैमरा मिलता है। परफॉर्मेंस: रेडमी 15C एंड्रॉयड 15 पर बेस्ड हाइपर OS 2 पर काम करता है। प्रोसेसिंग के लिए स्मार्टफोन में 6 नैनोमीटर प्रोसेस पर बना मीडियाटेक डायमेंसिटी 6300 ऑक्टा-कोर प्रोसेसर दिया गया है, जो 2.4GHz तक की क्लॉक स्पीड पर रन कर सकता है। अन्य: कनेक्टिविटी के लिए डिवाइस में वाईफाई और ब्लूटूथ के साथ NFC का सपोर्ट भी दिया गया है। यह रेडमी फोन इन्फ्रारेड सेंसर भी सपोर्ट करता है। मोबाइल में 3.5mm हेडफोन जैक भी मिलेगा।
चाइनीज टेक कंपनी रियलमी ने P सीरीज में नया स्मार्टफोन P4x 5G भारत में लॉन्च कर दिया है। स्मार्टफोन में 7,000mAh की बड़ी बैटरी के साथ 45W की फास्ट चार्जिंग दी गई है। बेहतर पर्फोमेंस के लिए मीडियाटेक डाइमेंसिटी 7400 अल्ट्रा चिपसेट के साथ 8GB तक RAM और 256GB तक स्टोरेज दिया गया है। फोन को तीन कलर ऑप्शंस मैट सिल्वर, एलिगेंट पिंक और लेक ग्रीन के साथ लॉन्च किया गया है। कंपनी ने लॉन्च ऑफर के तहत बेस मॉडल पर ₹2,000 का डिस्काउंट दे रही है। इस फोन की सेल 12 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से शुरू होगी। आप इसे फ्लिपकार्ट और रियलमी के ऑनलाइन स्टोर से खरीद सकते हैं। रियलमी P4x 5G की बैटरी और चार्जिंग फीचर्स बड़ी बैटरी: इस फोन की सबसे बड़ी खासियत इसकी बैटरी है। 7,000mAh की बड़ी बैटरी इस सेगमेंट में सबसे बड़ी बैटरी में से एक है। फास्ट चार्जिंग: बैटरी को जल्दी चार्ज करने के लिए इसमें 45W वायर्ड फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट दिया गया है। रिवर्स चार्जिंग: यह फोन रिवर्स वायर्ड चार्जिंग को भी सपोर्ट करता है, यानी आप इससे अपनी दूसरी डिवाइस को भी चार्ज कर सकते हैं। बाईपास चार्जिंग: इसमें बाईपास चार्जिंग का सपोर्ट भी है, जिसका मतलब है कि गेमिंग के दौरान चार्जिंग सीधे बैटरी को बायपास करके फोन को पावर देगी, जिससे फोन ज्यादा गरम नहीं होगा। रियलमी P4x 5G: डिस्प्ले और डिजाइन 6.72 इंच फुल-HD LCD डिस्प्ले है, 144Hz रिफ्रेश रेट के साथ। पीक ब्राइटनेस 1,000 निट्स तक जाती है, धूप में भी साफ दिखेगा। IP64 रेटिंग से फोन डस्ट और स्प्लैश प्रूफ रहेगा। स्मार्टफोन की मोटाई 8.39mm और वजन 208 ग्राम है। रियलमी P4x 5G:परफॉर्मेंस और स्टोरेज स्मार्टफोन में मीडियाटेक डाइमेंसिटी 7400 अल्ट्रा चिपसेट (6nm) दिया गया है। 8GB तक RAM और 256GB तक स्टोरेज। वर्चुअल RAM 18GB तक। लंबे गेमिंग सेशन के लिए इसमें खास 'फ्रोजन क्राउन कूलिंग सिस्टम' दिया गया है, जिसमें 5300mm का वेपर चैंबर और कॉपर-ग्रेफाइट कोटिंग है। 50+2 मेगापिक्सल का डुअल कैमरा सेटअप इस फोन में डुअल कैमरा सेटअप दिया गया है। इसका मेन कैमरा 50 मेगापिक्सल का है, जिसे 2 मेगापिक्सल के सेकेंडरी सेंसर के साथ जोड़ा गया है। सेल्फी और वीडियो कॉल के लिए इसमें 8 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है। रियलमी P4x 5G कनेक्टिविटी फीचर्स फोन में 5G, Wi-Fi, ब्लूटूथ, GPS, USB टाइप-C पोर्ट दिया है। स्मार्टफोन एंड्रॉइड 15 पर बेस्ड रियलमी UI 6.0 पर रन करता है। इसके साथ ही 2 साल OS अपडेट और 3 साल सिक्योरिटी पैच मिलेंगे। रियलमी ने स्मार्टवॉच 5 भी लॉन्च की रियलमी ने भारत में नई स्मार्टवॉच 5 लॉन्च कर दी है। P4x 5G फोन के साथ AIoT लाइनअप में आई यह वॉच बड़ी AMOLED स्क्रीन, इंडिपेंडेंट GPS और ढेर सारे हेल्थ फीचर्स के साथ आई है। कंपनी ने बताया कि वॉच ऑप्टिमस इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ पार्टनरशिप में भारत में ही बनी है। रियलमी वॉच 5 की कीमत ₹4,499 रखी गई है। लॉन्च ऑफर में ₹500 डिस्काउंट के साथ सिर्फ ₹3,999 में मिलेगी। पहली सेल 10 दिसंबर दोपहर 12 बजे रियलमी इंडिया ई-स्टोर, फ्लिपकार्ट और मेनलाइन चैनल्स पर शुरू होगी। चार कलर ऑप्शंस टाइटेनियम ब्लैक, टाइटेनियम सिल्वर, मिंट ब्लू और वाइब्रेंट ऑरेंज दिए गए हैं।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा में उनकी लिमोजिन कार ‘ऑरस सीनेट’ चर्चा में है। 7 टन वजनी ये कार एक चलता-फिरता किला है। इसका 900 किलो का एक डोर हाथ से नहीं हाइड्रोलिक सिस्टम से खुलता है। कार की टॉप स्पीड 250 किमी प्रति घंटा है। यह अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प की कार ‘द बीस्ट’ से दोगुनी स्पीड से दौड़ती है। ‘द बीस्ट’ की स्पीड 112 किमी प्रति घंटा है। ये कार पूरी तरह से बुलेट और ब्लास्ट प्रूफ है। टायर फटने पर भी दौड़ सकती है गाड़ी चारों टायर फटने पर भी ये गाड़ी 80kmph की स्पीड से दौड़ सकती है। 6cm मोटा कांच पूरी तरह बुलेटप्रूफ है। यह असॉल्ट राइफल, AK-47, ग्रेनेड हमले को झेल सकता है। केमिकल अटैक होने पर कार के अंदर ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम शुरू हो जाता है। पुतिन की ऑरस सीनेट एकमात्र ऐसी कार है जो पूरी तरह स्वदेशी है, दुनिया के किसी राष्ट्राध्यक्ष के पास स्वदेशी कार नहीं है। ऑटोनॉमस डिफेंस सिस्टम: खतरा होने पर खुद अलर्ट भेज सकता है इसका ऑटोनॉमस डिफेंस सिस्टम 360 डिग्री खतरे को हमेशा मॉनिटर करता रहता है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि को यह खुद डिटेक्ट करता है। तुरंत सुरक्षा बल को अलर्ट करता है। ड्राइवर को तुरंत रूट चेंज करने की जानकारी देता है। यह एडवांस कम्युनिकेशन सिस्टम से भी लैस है। परमाणु हमले की स्थिति में भी यह सिस्टम एक्टिव रहता है। काउंटर अटैक में सक्षम 1. टियर गैस लॉन्चर सिस्टम: सेल्फडिफेंस के लिए इसमें ऑटोमैटिक टियर गैस लॉन्चर फिट किए गए हैं। दुश्मन के करीब आने पर ऑटोमैटिकली टियर गैस फायर होता है। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए भी इसका इस्तेमाल हो सकता है। 2. स्मोक स्क्रीन सिस्टम: गाड़ी के विभिन्न हिस्सों से ऑटोमैटिक स्मोक ग्रेनेड निकलते हैं। इस सिस्टम के ऑन करते ही कार के चारों तरफ से धुएं की एक चादर बन जाती है। यह दुश्मन की नजर को धुंधला कर चकमा दे सकती है। 3. फायर सप्रेशन सिस्टम: अगर बम विस्फोट हो जाए या आग लग जाए, तो इसका सेंसर उसे डिटेक्ट कर लेता है। इसके बाद इसमें लगा फायर सप्रेशन सिस्टम खुद ऑन हो जाता है और फायर एक्सटिंग्विशर (अग्निशामक यंत्र) बाहर निकलकर आग पर काबू पा लेता है। इसमें विशेष फ्लेम रिटार्डेंट केमिकल स्प्रे होता है। 4. इलेक्ट्रिक शॉक सिस्टम: गाड़ी इलेक्ट्रिक शॉक सिस्टम से भी लैस रहती है। इसके गेट व हैंडल से इलेक्ट्रिक शॉक छोड़ा जा सकता है। हमले की स्थिति में इसका इस्तेमाल होता है, ताकि बाहर से कोई हमलावर उसे पकड़ न सके। पुतिन के सुरक्षा गार्ड को आजीवन रहना होता है सीक्रेट; 35 में हो जाते हैं रिटायर्ड पुतिन की सुरक्षा में लगे बॉडीगार्ड्स को 35 साल की उम्र के बाद रिटायर कर दिया जाता है। माना जाता है कि इसके बाद रिफ्लेक्स (प्रतिक्रिया) धीमे हो जाते हैं। ये मूंछें, दाढ़ी, टैटू और पियर्सिंग नहीं करा सकते हैं। इन्हें पूरी लाइफ सीक्रेटली बितानी होती है। सुरक्षा गार्ड स्थायी रूप से राष्ट्रपति के बारे में जानकारी प्रकट करने से भी प्रतिबंधित हैं। पुतिन के बॉडीगार्ड्स ‘पूप सूटकेस’ भी लेकर चलते हैं खाने-पीने की चीजों के साथ चम्मच, प्लेट व कटोरी भी टीम लेकर चलती है। पुतिन के बॉडीगार्ड्स पूप सूटकेस भी लेकर चलते हैं। ताकि, विदेश में पुतिन के अपशिष्ट पदार्थ (मल-मूत्र) न छूटे। वजह, डीएनए व अन्य जानकारी लीक न करना है। पुतिन प्लेन: ट्रम्प एयर फोर्स वन से ज्यादा गोपनीय है पुतिन का विमान इल्यूशिन आईएल-96-300पीयू ट्रम्प के एयर फोर्स वन की तुलना में ज्यादा गोपनीय है। इसके डिजाइन व सिस्टम की सभी बातें छुपी हैं। वहीं, एयर फोर्स वन की जानकारी सार्वजनिक है। पुतिन जहां भी जाते हैं वह दो या तीन विमान ले जाते हैं।
मंगल ग्रह पर दिखी विशाल 'तितली', ESA के मार्स एक्सप्रेस ने भेजी गजब की 3D तस्वीर
Butterfly on Mars: मार्स एक्सप्रेस यान पर एक हाई रिजोल्यूशन स्टीरियो कैमरा लगा हुआ है. इस कैमरे से ली गई ताजा तस्वीरों को मिलाकर शानदार 3D नजारा तैयार किया गया है. यह नजारा मंगल की जमीन को बड़ी खूबसूरती से दिखाता है.
Zhuque 3 Reusable Rocket: चीन की प्राइवेट स्पेस कंपनी LandSpace ने अपने दोबारा इस्तेमाल किए जाने वाले रॉकेट Zhuque-3 को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया. हालांकि लैंडिंग के दौरान बड़ा हादसा हो गया. रॉकेट की पहली स्टेड तय क्षेत्र में वापस नहीं उतर पाया और जमीन से टकराते ही जोरदार विस्फोट हो गया.
Wormholes: छोटे वर्महोल सिर्फ विज्ञान की कहानियां नहीं हो सकते हैं बल्कि इनकी असलियत होने की संभावना हो सकते हैं.
इंसानों से पहले किसने बनाई ये रहस्यमयी सुअर की पेंटिंग? 51200 साल पुराना राज! अब खुलेगा नया राज...
51200 year old painting: हाल में ही इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर वैज्ञानिकों ने एक खोज की है जिसमें सुअर की पेंटिंग मिली है जिसको मानवों के पहले बनाया गया था. साथ ही इस पेंटिंग की उम्र 51200 साल बताई जा रही है.
Oldest Mule Discovered: स्पेन के रिसर्चर्स ने वेस्टर्न यूरोप का अब तक का सबसे पुराना खच्चर (mule) खोजा है. यह खोज आयरन एज के शुरुआत की है. इस फोनीशियाई व्यापारी पहली बार गधे लेकर यूरोप पहुंचे थे. यह खोज बताती है कि घोड़ों और गधों के बीच क्रॉसब्रीडिंग या कहें तो खच्चर बनाने का ज्ञान यूरोप में पहले से माना जा रहा था.
चीन की लीडिंग प्राइवेट स्पेस कंपनी लैंडस्पेस ने 3 दिसंबर को अपना पहला रीयूजेबल रॉकेट ZQ-3 Y1 लॉन्च किया। रॉकेट ने सफलतापूर्वक ऑर्बिट हासिल की, लेकिन फर्स्ट स्टेज बूस्टर की लैंडिंग के दौरान खराबी आ गई। यह रिकवरी साइट के ऊपर फट गया। यह चीन का पहला ऐसा प्रयास था जहां रीयूजेबल रॉकेट को ऑर्बिट में भेजा गया। अमेरिका अब भी इकलौता देश है, जिसका ऑर्बिटल क्लास बूस्टर धरती पर सफलतापूर्वक लौटा है। इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने फाल्कन 9 रॉकेट के जरिए सबसे पहले ऐसा किया था। इसके अलावा, जेफ बोजेस की कंपनी ब्लू ओरिजिन ऐसा कर चुकी है। पिछले महीने न्यू ग्लेन रॉकेट अपने दूसरे मिशन में बूस्टर को रिकवर करने और रीयूज करने में कामयाब रहा था। मिशन की 3 तस्वीरें... मिशन का मकसद: रीयूजेबल टेक्नोलॉजी को टेस्ट करना इस मिशन का मकसद रॉकेट को लो-अर्थ ऑर्बिट (LEO) तक ले जाना और फर्स्ट स्टेज को वापस पृथ्वी पर लैंड करना था। हालांकि, आग लगने के कारण वो इसमें कामयब नहीं हो सका। टेस्ट कैसे रहा: लॉन्च स्मूथ हुआ लेकिन रिटर्न के दौरान फटा मिथेन-पवार्ड इंजन से चलता है रॉकेट छोटी-मोटी टेक्निकल प्रॉब्लम ने रॉकेट फेल हुआ एक्सपर्ट्स का कहना है कि छोटी-मोटी टेक्निकल प्रॉब्लम ने रॉकेट को फेल कर दिया। इस प्रॉब्लम को ठीक करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। कंपनी के एक स्पोक्सपर्सन ने कहा, ये पहला टेस्ट था, डेटा से हम अगली फ्लाइट्स को और मजबूत बनाएंगे। यह टेस्ट चीन की कॉमर्शियल स्पेस सेक्टर का हिस्टोरिक मोमेंट था, क्योंकि यह पहली बार किसी चाइनीज प्राइवेट फर्म ने ऑर्बिटल टेस्ट के साथ फर्स्ट स्टेज रिकवरी ट्रायल किया। अभी तक चीन के पास सिंगल-यूज रॉकेट्स हैं, लेकिन रीयूजेबल से कॉस्ट 30-50% कम हो सकती है। 2015 में झांग चांगवू ने बनाई थी लैंडस्पेस लैंडस्पेस बीजिंग बेस्ड प्राइवेट स्पेस फर्म है, जिसकी स्थापना 2015 में हुई था। इसके फाउंडर और CEO झांग चांगवू का फोकस रीयूजेबल रॉकेट टेक्नोलॉजी पर है। 2023 में लैंडस्पेस ने ZQ-2 के साथ दुनिया का पहला मिथेन-LOX रॉकेट ऑर्बिटल लॉन्च किया था। फ्यूचर प्लान्स: स्पेस स्टेशन सप्लाई से मून मिशन्स तक लैंडस्पेस 2026 से चीन के तियांगोंग स्पेस स्टेशन के लिए स्पेसक्राफ्ट लॉन्च मिशन्स करेगी। कंपनी रीयूजेबल टेक्नोलॉजी को वेरिफाई और अप्लाई करने पर काम जारी रखेगी। रीयूजेबल टेक से चीन सैटेलाइट कांस्टेलेशन, मून मिशन्स और स्पेस टूरिज्म पर फोकस करेगा।
टेक कंपनी वीवो ने भारतीय बाजार में नई फ्लैगशिप स्मार्टफोन सीरीज X300 लॉन्च कर दी है। इसमें X300 और X300 प्रो मॉडल पेश किए गए हैं। दोनों मॉडल्स X200 के अपग्रेडेड वर्जन है। इनमें मीडियाटेक का नया डायमेंसिटी 9500 चिपसेट दिया गया है। इसके अलावा, दोनों फोन 200 मेगापिक्सल कैमरा, बड़ी बैटरी और नए डिजाइन के साथ पेश किए गए हैं। फोन्स के साथ फोटोग्राफी के लिए वीवो जाइस 2.35x टेलीफोटो एक्सटेंडर किट भी मिलेगी। वीवो X300 को तीन स्टोरेज वैरिएंट में पेश किया गया है। X300 की कीमत 75,999 से शुरू होती है, जबकि X300 प्रो को सिंगल वैरिएंट में 1,09,999 की कीमत में लॉन्च किया गया है। फोन के साथ कंपनी ने वीवो जाइस 2.35x टेलीफोटो एक्सटेंडर किट भी 18,999 की कीमत में पेश की है। सभी डिवाइस की प्री-बुकिंग वीवो इंडिया ई-स्टोर, ई-कॉमर्स और ऑफलाइन स्टोर्स पर शुरू कर दी गई है। इनकी सेल 10 दिसंबर से शुरू होगी। इनका मुकाबला ओप्पो फाइंड X9 सीरीज, सैमसंग गैलेक्सी S25 अल्ट्रा, शाओमी 17 प्रो मैक्स और एपल आईफोन 17 सीरीज से रहेगा। वीवो X300 सीरीज: स्पेसिफिकेशंस कैमरा: वीवो X-सीरीज की सबसे बड़ी खासियत हमेशा से ही कैमरा क्वालिटी रही है। वीवो X300 के बैक पैनल पर ट्रिपल कैमरा सेटअप दिया गया है। इसमें ऑप्टिकल इमेज स्टेब्लाइजेशन (OIS) और CIPA 4.5 स्टेबिलाइजेशन के साथ 200MP का प्राइमरी सेंसर है, जो 50MP वाइड-एंगल लेंस और 50MP टेलीफोटो सेंसर के साथ मिलकर काम करता है। फोन में में 3x ऑप्टिकल जूम मिलता है। वहीं, सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए फ्रंट में 50MP ऑटो फोकस कैमरा दिया गया है। वहीं, वीवो X300 में भी तीन कैमरे दिए गए हैं। इनमें 50MP सोनी LYT-828 प्राइमरी OIS सेंसर के साथ 50MP वाइड-एंगल और 200MP टेलीफोटो कैमरा शामिल है। ये सेटअप 3.5x ऑप्टिकल जूम और CIPA 5.5 स्टेबिलाइजेशन सपोर्ट करता है। प्रोफेशनल फोटोग्राफी के लिए दोनों स्मार्टफोन जाइस पोर्टरेट, एस्ट्रो मोड, लैंडस्केप मोड, लॉन्ग एक्सपोजर और टेलीफोटो एक्सटेंडर जैसे एडवांस मोड्स को सपोर्ट कर सकते हैं। डिस्प्ले: वीवो X300 में 2640 1216 रिजॉल्यूशन वाला 6.31-इंच का एमोलेड डिस्प्ले दिया गया है, जो 120Hz एडेप्टिव रिफ्रेश रेट पर काम करता है। सेफ्टी के लिए जेनसेशन XT कोर ग्लास दिया गया है। वहीं, X300 प्रो में बड़ा 6.78-इंच LTPO एमोलेड पैनल है। जो 120Hz एडेप्टिव रिफ्रेश रेट सपोर्ट करता है। इसमें HDR10+ और डॉल्बी विजन के साथ हाई-क्वालिटी मल्टीमीडिया एक्सपीरियंस मिलेगा। दोनों फोंस में 94% से ज्यादा स्क्रीन-टू-बॉडी रेशियो के साथ आते हैं। परफॉरमेंस: परफॉरमेंस के लिए X300 और X300 प्रो मीडियाटेक डायमेंसिटी 9500 चिपसेट दिया गया है। इसमें C1-अल्ट्रा, C1-प्रीमियम और C1-प्रो कोर स्ट्रक्चर है। ये कॉन्फिग्रेशन मल्टीटास्किंग, गेमिंग और प्रोफेशनल-ग्रेड वीडियो रेंडरिंग को स्मूद कमांड दे सकता है। दोनों डिवाइसेस LPDDR5X अल्ट्रा रैम और UFS 4.1 स्टोरेज के साथ आते हैं। बैटरी: पावर बैकअप के लिए X300 में 6040mAh की बैटरी और 90W फ्लैश चार्ज सपोर्ट दिया गया है, जबकि वीवो X300 प्रो में इससे बड़ी 6510mAh बैटरी दी गई है, जो 90W वायर्ड चार्जिंग और 40W वायरलेस फ्लैश चार्ज सपोर्ट करती है। अन्य फीचर: सिक्योरिटी और बिल्ड की बात करें तो वीवो X300 में सिंगल-पॉइंट 3D अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर दिया गया है, जबकि वीवो X300 प्रो में भी इसी फिंगरप्रिंट तकनीक का उपयोग हुआ है। दोनों फोन IP68 और IP69 रेटिंग के साथ आते है। जिसका मतलब है कि पानी और धूल से पूरी तरह सुरक्षित हैं। इनमें NFC, वाई-फाई 7, ब्लूटूथ 6.0, USB 3.2 जेन1, NavIC सपोर्ट और ई-सिम जैसे फीचर्स हैं।
अमेरिकी टेक कंपनी एपल भारत सरकार के उस आदेश को मानने से इनकार कर दिया है, जिसमें हर नए फोन में ‘संचार साथी’ एप इंस्टॉल करने को कहा गया है। मंगलवार (2 दिसंबर) को पीटीआई ने रिपोर्ट में बताया कि, एपल इस फैसले से सहमत नहीं है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह संचार साथी एप और पोर्टल यूजर्स के सिम कार्ड्स को ट्रैक करने के लिए डिजाइन किया गया है, लेकिन एपल इसे प्राइवेसी में दखल मान रही है। कंपनी का कहना है कि, 'आदेश पर सरकार के साथ बातचीत की जाएगी और बीच का रास्ता निकालेंगे। हम मौजूदा स्वरूप में आदेश लागू करने में सक्षम नहीं है।' फ्रॉड रोकने का नया टूल मान रही सरकार सरकार का कहना है कि एप चोरी या गुम फोन ट्रैक करने, ब्लॉक करने और उनका गलत इस्तेमाल रोकने के काम आएगा। यानी साइबर फ्रॉड रोकने में मदद मिलेगी। संचार साथी एप की मदद से अब तक 7 लाख से ज्यादा गुम या चोरी हुए मोबाइल वापस मिल चुके हैं। आदेश में एपल, सैमसंग, वीवो, ओप्पो और शाओमी जैसी मोबाइल कंपनियों को 90 दिन का समय दिया गया है। इस एप को यूजर्स डिसेबल नहीं कर सकेंगे। पुराने फोन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह एप इंस्टॉल किया जाएगा। एपल ने कहा- यूजर की प्राइवेसी पहली प्रायोरिटी रॉयटर्स के मुताबिक, कंपनी के एक प्रवक्ता ने रिपोर्ट में बताया, 'हम यूजर प्राइवेसी को सबसे ऊपर रखते हैं। सरकार के इस डायरेक्टिव से iOS डिवाइसेस पर डेटा शेयरिंग की जरूरत पड़ेगी, जो हमारी पॉलिसी के खिलाफ है।' एपल का तर्क है कि पोर्टल और एप से यूजर्स का पर्सनल डेटा, जैसे IMEI नंबर और कॉल हिस्ट्री, लीक होने का खतरा है। एपल अब सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में चैलेंज करने की प्लानिंग कर रही है। कंपनी के वकीलों ने DoT को लेटर लिखा है, जिसमें आदेश को 'अनरेशनल' बताया है। एपल इंडिया के हेड ने इंटरनल मीटिंग में स्टाफ को आदेश दिया है कि कोई भी डेटा शेयर न करें। एपल की पॉलिसी क्या है? डेटा को लेकर पहले भी सरकार से हो चुका टकराव भारतीय बाजार में एपल की 9% हिस्सेदारी भारत में तेजी से बढ़ रही एपल की ग्रोथ एपल के लिए भारत लगातार महत्वपूर्ण बाजार के रूप में उभरा है। मार्केट ट्रैकर IDC के अनुसार, 2025 में कंपनी देश में 15 करोड़ आईफोन बेच सकती है। इससे एपल का मार्केट शेयर पहली बार 10% से ऊपर जा सकता है। सितंबर तिमाही में एपल भारत का चौथा सबसे बड़ा स्मार्टफोन विक्रेता बना, जहां कंपनी ने लगभग 5 मिलियन यूनिट की बिक्री के साथ 25% सालाना वृद्धि दर्ज की। कुक ने हाल के कई एनालिस्ट कॉल में भारत को स्टैंडआउट मार्केट बताया है जहां कंपनी ने लगातार 15 तिमाहियों से रिकॉर्ड राजस्व हासिल किया है। संचार साथी एप क्या है और कैसे काम करता है ये खबर भी पढ़ें... क्या संचार एप से जासूसी हो सकती है:सरकार ने इसे हर मोबाइल के लिए जरूरी किया; यह OTP पढ़ सकता है, बातचीत सुन सकता है कल्पना करें... किसी के पास ऐसा सीक्रेट वेपन हो कि वो जब चाहे आपके फोन में झांक सके। पर्सनल मैसेज के साथ बैंक OTP जैसे मैसेज पढ़ सके। जब चाहे आपकी बात सुन सकें। आपकी लोकेशन जान सके और आपके फोन में मौजूद फोटो-वीडियो देख सकें। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ ऐसा ही हो सकता है संचार साथी मोबाइल एप से, जिसे सरकार ने हर मोबाइल पर इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है। इस स्टोरी में जानेंगे कि संचार साथी मोबाइल एप क्या है? इसका विरोध क्यों हो रहा है? क्या इससे जासूसी की जा सकती है और क्या ये लोगों की प्राइवेसी पर हमला है? पूरी खबर पढ़ें...
कल्पना करें... किसी के पास ऐसा सीक्रेट वेपन हो कि वो जब चाहे आपके फोन में झांक सके। पर्सनल मैसेज के साथ बैंक OTP जैसे मैसेज पढ़ सके। जब चाहे आपकी बात सुन सके। आपकी लोकेशन जान सके और आपके फोन में मौजूद फोटो-वीडियो देख सके। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ ऐसा ही हो सकता है संचार साथी मोबाइल एप से, जिसे सरकार ने हर मोबाइल पर इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि यह कदम लोगों की प्राइवेसी पर सीधा हमला है। यह एक जासूसी एप है। सरकार हर नागरिक की निगरानी करना चाहती है। इस स्टोरी में जानेंगे कि संचार साथी मोबाइल एप क्या है? इसका विरोध क्यों हो रहा है? क्या इससे जासूसी की जा सकती है और क्या ये लोगों की प्राइवेसी पर हमला है? सवाल 1: संचार साथी मोबाइल एप क्या है, यह एप मेरे लिए कैसे फायदेमंद है? जवाब: यह केंद्र सरकार का एक डिजिटल सेफ्टी प्रोजेक्ट है। इसे 17 जनवरी 2025 को लॉन्च किया गया था। इसे गूगल प्ले स्टोर और एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। वेबसाइट पर भी ये मौजूद है। इसके जरिए आम लोगों को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। जैसे… सवाल 2: संचार एप का विरोध क्यों हो रहा है, यह मेरे फोन में क्या-क्या डेटा देख सकता है? जवाब: 1 दिसंबर 2025 को एक सरकारी प्रेस रिलीज आई। कहा गया, “अब हर नए स्मार्टफोन में सरकार का साइबर सिक्योरिटी एप ‘संचार साथी’ पहले से इंस्टॉल रहेगा। 90 दिन में सभी कंपनियों को लागू करना होगा। इसे डिसेबल नहीं किया जा सकेगा।” पहले तो किसी ने ध्यान नहीं दिया। फिर कुछ एक्सपर्ट्स ने एप की परमिशन लिस्ट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर डाले। इसमें बताया गया कि ये एप कैमरा, माइक, कीबोर्ड, मैसेज, कॉल लॉग, लोकेशन जैसी परमिशन मांगता है, जिन्हें यूजर ऑफ नहीं कर सकते। सवाल 3: क्या इस एप से मेरी निगरानी या जासूसी हो सकती है? जवाब: एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये संभव है। संचार साथी एप को फोन के कई हिस्सों तक एक्सेस चाहिए, जो IMEI चेक से कहीं ज्यादा है। इसका सर्वर भी यही है। सवाल 4: एप जो डेटा लेता है, उसे कितने समय तक रखा जाता है? जवाब: संचार साथी की प्राइवेसी पॉलिसी कहती है कि डेटा सुरक्षित रखा जाएगा और कानूनी जरूरत पर शेयर होगा, लेकिन कितने समय तक स्टोर रहेगा, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। एक्सपर्ट का मानना है कि इससे प्राइवेसी रिस्क बढ़ सकता है। सवाल 5: क्या एप में कोई ऐसी अनुमति है जिसके बिना भी ये चल सकता है? जवाब: संचार साथी एप के कोर फंक्शन IMEI वेरिफिकेशन, खोए फोन की रिपोर्टिंग, फ्रॉड कॉल/SMS रिपोर्टिंग, SIM चेक है। इसके लिए मुख्य रूप से डिवाइस आइडेंटिफायर्स (IMEI), फोन स्टेट (कॉल/SMS), लोकेशन (ट्रैकिंग) और नेटवर्क एक्सेस काफी हैं। लेकिन एप गूगल प्ले और एप स्टोर लिस्टिंग के अनुसार कैमरा, माइक, स्टोरेज, कीबोर्ड जैसी ब्रॉड अनुमतियां मांगता है, जो IMEI चेक या फ्रॉड रिपोर्ट के बिना भी एप को बेसिक रन करने देती हैं। DoT पॉलिसी में इन्हें सपोर्टिंग फीचर्स कहा गया है। सवाल 6: क्या पहले भी जासूसी के मामले आए हैं? जवाब: 2023 में पेगासस स्पाइवेयर केस आया था। ये इजराइल के NSO ग्रुप का टूल था, जो फोन में घुसकर मैसेज, कैमरा, माइक एक्सेस करता था। आरोप लगाए गए थे कि भारत सरकार ने पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए बेहद खतरनाक पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल और द वॉशिंगटन पोस्ट की नई जांच में ये खुलासा हुआ था। ये स्पाइवेयर मैसेज और ईमेल पढ़ सकता था, फोटो देख सकता था, कॉल सुन सकता था, लोकेशन ट्रैक कर सकता था, यहां तक कि कैमरा चालू करके वीडियो रिकॉर्डिंग भी कर सकता था। हालांकि ये पेगासस एक स्पाइवेयर था जिसे चुपचाप से फोन में छोड़ दिया जाता था। सरकार का संचार साथी एप डिजिटल सेफ्टी प्रोजेक्ट है। ये फोन में पहले से इंस्टॉल होकर आएगा। अभी इसे गूगल प्ले स्टोर और एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। यानी, ये स्पाइवेयर नहीं है। सरकार इसे नागरिकों को बेहतर सर्विस देने के लिए लाई है। हालांकि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि इसका इस्तेमाल भी स्पाइवेयर की तरह हो सकता है। सवाल 7: कई सारे एप्स हैं, जो ऐसी परमिशन मांगते है, संचार एप का विरोध क्यों? जवाब: विरोध और चिंताएं मुख्य रूप से दो फैक्टर्स पर निर्भर करती हैं- बड़ी और स्थापित कंपनियां जैसे गूगल या एपल आमतौर पर डेटा प्राइवेसी पॉलिसीज में ज्यादा पारदर्शिता रखती हैं और सख्त नियमों के तहत काम करती हैं। हां, सैद्धांतिक रूप से किसी भी एप से जासूसी हो सकती है, यदि उसके पास आवश्यक अनुमतियां हैं। इसी वजह से संचार एप के मामले में आलोचकों का तर्क है कि सरकार द्वारा अनिवार्य रूप से इंस्टॉल किया गया एप निगरानी का रास्ता खोल सकता है। डर है कि इस डेटा का उपयोग व्यक्तिगत स्तर पर नागरिकों की निगरानी के लिए किया जा सकता है, न कि केवल धोखाधड़ी रोकने के लिए। सवाल 8: क्या एप को अन इंस्टॉल किया जा सकता है या यह जबरन रहेगा? जवाब: पहले ये खबरें थीं कि इसे अन इंस्टॉल नहीं किया जा सकेगा। इसी वजह से इसका ज्यादा विरोध हो रहा था। हालांकि आज दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये साफ किया कि एप को अन इंस्टॉल कर सकेंगे। सवाल 9: मोबाइल कंपनियों के पास क्या विकल्प, एपल क्या करेगा? जवाब: मोबाइल कंपनियों को 90 दिन का समय दिया गया है। नए फोन में संचार एप को प्री इंस्टॉल करके देना होगा। वहीं पुराने फोन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह एप इंस्टॉल किया जाएगा। कंपनियों को 120 दिनों में कंप्लायंस रिपोर्ट जमा करनी होगी। ये टेलिकॉम साइबर सिक्योरिटी रूल्स, 2024 के तहत है, लेकिन कंपनियों के पास क्या विकल्प हैं? सवाल 10: यूजर्स को प्राइवेसी के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब: संचार साथी एप अभी पूरी तरह वैकल्पिक है, इसलिए अगर आपको लगता है कि ये आपकी प्राइवेसी के लिए खतरा है तो इसे डाउनलोड करने से बचें। पुराने फोन में ऑटो सॉफ्टवेयर अपडेट बंद कर दें। प्राइवेसी सेटिंग्स में कैमरा, माइक, लोकेशन, SMS और कॉल लॉग की परमिशन को “आस्क एवरी टाइम” कर दें। हर रीस्टार्ट के बाद बैटरी यूजेज चेक करें कि एप बैकग्राउंड में तो नहीं चल रहा। ---------------- ये खबर भी पढ़ें... संचार साथी एप पर प्रियंका बोलीं-सरकार जासूसी करना चाहती है: सरकार ने कल कहा था- सभी मोबाइल में इंस्टॉल होगा; आज बोली- डिलीट कर सकते हैं सभी मोबाइल फोन में साइबर सिक्योरिटी एप 'संचार साथी' को प्री-इंस्टॉल करने के दूरसंचार विभाग (DoT) के आदेश पर विवाद बढ़ने के बाद मंगलवार को केंद्र सरकार की सफाई आई। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ये कंपलसरी नहीं है। चाहे तो यूजर इसे डिलीट कर सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें...
एपल ने अमर सुब्रमण्या को अपने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का वाइस प्रेसिडेंट बनाया है। कंपनी ने उन्हे 1 दिसंबर को हायर किया है। सुब्रमण्या जॉन जियानैंड्रिया की जगह लेंगे, जो मई 2026 में रिटायर हो रहे है। गूगल में सुब्रमण्या फाउंडेशन मॉडल्स, मशीन लर्निंग रिसर्च और एआई सेफ्टी टीम्स को लीड करेंगे और सॉफ्टवेयर टीम के हेड क्रेग फेडरिकी को रिपोर्ट करेंगे। एपल में सुयह हायरिंग सिलिकॉन वैली की टैलेंट वॉर का हिस्सा है, जहां टॉप इंजीनियर्स को हाई सैलरी और बोनस से लुभाया जा रहा है। सुब्रमण्या 2009 से जुलाई 2025 तक 16 साल गूगल में काम किया। गूगल के AI असिस्टेंट जेमिनी के इंजीनियरिंग टीम को भी लीड किया। जुलाई में माइक्रोसॉफ्ट जॉइन किया, लेकिन 5 महीने से भी कम समय में माइक्रोसॉफ्ट छोड़ एपल में आ गए। अमर सुब्रमण्या: बेंगलुरु से सिएटल तक का सफर अमर सुब्रमण्या भारतीय मूल के एआई रिसर्चर हैं। उनका जन्म बेंगलुरु में हुआ था। 2001 में बैंगलोर यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) की डिग्री हासिल की। 2005-2009 के बीच सिएटल के यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी पूरी की। एपल की AI चुनौतियां: सिरि का ओवरहॉल क्यों लेट हो रहा एपल की AI जर्नी में कई रुकावटें आई हैं। अक्टूबर 2024 में लॉन्च हुए एपल इंटेलिजेंस में प्रॉब्लम्स सामने आईं। जैसे नोटिफिकेशन समरी में फेक हेडलाइंस बनीं- एक संदिग्ध की सुसाइड, स्पोर्ट्स में जल्दबाजी जीत और नेतन्याहू की अरेस्ट जैसी गलत खबरें। इससे यूजर्स नाराज हुए और लीगल केस भी बने। सिरि के अपग्रेड में देरी सिरि का बड़ा अपग्रेड, जिससे उसे कॉन्टेक्सचुअल अवेयरनेस और एप कंट्रोल मिलेगा, उसमें मिड 2026 तक की देरी हो गई है। इंटरनल टेस्ट फेल हो गए। सिरि टीम पहले जॉन जियानैंड्रिया के अंडर थी। जियानैंड्रिया ने मशीन इंटेलिजेंस लीड किया, लेकिन 2024 में रिटायर हो गए। वे मई 2026 तक एडवाइजर रहेंगे। उन्होंने 2024 में 'लार्ज-रीजनिंग मॉडल्स' पर पेपर पब्लिश किया, जिसमें AI की सिमुलेटेड कॉग्निशन पर क्रिटिक की। सिमुलेटेड कॉग्निशन का मतलब है कंप्यूटर या आर्टिफिशियल सिस्टम में मानव जैसी सोचने-समझने की प्रक्रिया को नकली तरीके से बनाना। एपल अब 1-ट्रिलियन पैरामीटर का इन-हाउस मॉडल डेवलप कर रहा है। साथ ही जेमिनी के साथ 1 बिलियन डॉलर का लाइसेंसिंग डील होने वाली है, जो सिरि को बूस्ट देगा। सुब्रमण्या की एंट्री से एपल को AI रेस में तेजी मिलेगी सुब्रमण्या की एंट्री से एपल को AI रेस में तेजी मिलेगी। वे एपल इंटेलिजेंस और जेमिनी डील को इंटीग्रेट करेंगे। सिरि को रिवाइव करने में मदद मिलेगी। सिलिकॉन वैली में टैलेंट मोबिलिटी बढ़ रही है। ओपनAI , मेटा और एंथ्रोपिक भी एक्सपर्ट्स के पीछे हैं। एपल का फोकस मल्टीमॉडल AI पर रहेगा, लेकिन प्राइवेसी को बैलेंस करना चैलेंज होगा।
मारुति सुजुकी अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार ई-विटारा आज (2 दिसंबर) लॉन्च करने जा रही है। इसमें 49kWh और 61kWh के दो बैटरी पैक ऑप्शन मिलेंगे। कंपनी का दावा है कि कार एक बर फुल चार्ज करने पर 500 किलोमीटर से ज्यादा चलेगी। इलेक्ट्रिक SUV 360 डिग्री कैमरा, एयरबैग और लेवल-2 एडवांस ड्राइविंग असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) जैसे सेफ्टी फीचर्स के साथ आएगी। ईवी का प्रोडक्शन फरवरी-2025 से सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड के प्लांट में हो चुका है। ई विटारा इलेक्ट्रिक को पिछले साल रिवील किया गया था कंपनी ने ईवी को इस साल जनवरी में हुए भारत ग्लोबल मोबिलिटी एक्सपो-2025 में रिवील किया था। इससे पहले मारुति की पेरेंट कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने पिछले साल अक्टूबर में इटली के मिलान में हुए मोटर शो EICMA-2024 में ई-विटारा को ग्लोबल मार्केट में रिवील किया था। मिड साइज इलेक्ट्रिक एसयूवी EVX का प्रोडक्शन वर्जन है, जिसे पहली बार ऑटो एक्सपो-2023 में पेश किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अगस्त 2025 को गुजरात के हंसलपुर में ई-विटारा को एक्सपोर्ट के लिए फ्लैग-ऑफ किया था। ये पूरी तरह से मेड-इन-इंडिया इलेक्ट्रिक कार है और इसे 100 से ज्यादा देशों, जैसे यूरोप और जापान में निर्यात किया जाएगा। 20 लाख रुपए से शुरू हो सकती है कीमत मारुति ई विटारा के 49kWh बैटरी पैक वाले बेस मॉडल की कीमत 20 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) रखी जा सकती है। वहीं, हाई पावर वाली मोटर के साथ 61kWh बैटरी पैक वाले मॉडल की कीमत 25 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) हो सकती है। इसके अलावा ई-ऑलग्रिप AWD वर्जन की कीमत 30 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) हो सकती है। भारतीय बाजार में ई विटारा इलेक्ट्रिक SUV का मुकाबला MG ZS EV, टाटा कर्व EV और हुंडई क्रेटा EV और महिंद्रा BE 6 से रहेगा। एक्सटीरियर : LED हेडलैंप और 19-इंच ब्लैक व्हील सुजुकी ई विटारा को नए हार्टेक्ट-ई प्लैटफॉर्म पर डेवलप किया गया है, जिसे कंपनी ने टोयोटा के साथ मिलकर बनाया है। सुजुकी ई विटारा का एक्सटीरियर डिजाइन EVX कॉन्सेप्ट मॉडल की तरह ही है। इसके फ्रंट में पतली LED हेडलाइट और वाई-शेप्ड LED DRL और स्टाइलिश बंपर के साथ इंटीग्रेटेड फॉग लाइट दी गई हैं। बॉडी क्लेडिंग और 19-इंच ब्लैक व्हील के साथ मिड साइज SUV साइड से काफी मस्क्यूलर दिखाई देती है। पिछले गेट पर डोर हैंडल को सी-पिलर पर दिया गया है। इसके अलावा रुफ पर एक इलेक्ट्रिक सनरुफ भी है। ई विटारा के रियर में कॉन्सेप्ट वर्जन की तरह 3-पीस लाइटिंग एलिमेंट वाली कनेक्टेड LED टेल लाइट दी गई है। इंटीरियर : 6 एयरबैग स्टैंडर्ड और इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक मिलेंगे ई-विटारा में डुअल-टोन ब्लैक और ऑरेंज केबिन दी गई है। इसमें 2-स्पोक फ्लेट बॉटम स्टीयरिंग व्हील और वर्टिकल ओरिएंटेड AC वेंट्स के चारों ओर क्रोम टच दिया गया है। इसके केबिन का प्रमुख हाइलाइट इंटीग्रेटेड फ्लोटिंग स्क्रीन सेटअप दिया गया है, जिसमें एक इंफोटेनमेंट और दूसरी ड्राइवर डिस्प्ले है। सुजुकी ने ई विटारा के फीचर्स का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है मारुति की इलेक्ट्रिक कार में ऑटोमैटिक AC, वेंटिलेटेड फ्रंट सीटें और वायरलेस फोन चार्जर जैसे फीचर दिए जा सकते हैं। वहीं, सुरक्षा के लिए इसमें 6 एयरबैग स्टैंडर्ड, 360 डिग्री कैमरा और इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक जैसे सेफ्टी फीचर मिलेंगे। बैटरी पैक और रेंज यूरोपियन मार्केट में ई विटारा को दो बैटरी पैक ऑप्शन के साथ पेश किया गया है। इसमें 49kWh और 61kWh का बैटरी पैक ऑप्शन शामिल है। कंपनी ने अभी तक ई विटारा की सर्टिफाइड रेंज का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है इसकी फुल चार्ज में रेंज 500 किलोमीटर तक हो सकती है। कार में 2 व्हील ड्राइव और 4 व्हील ड्राइव का ऑप्शन भी दिया जाएगा।
अब हर नए स्मार्टफोन में साइबर सिक्योरिटी एप 'संचार साथी' प्री-इन्स्टॉल (पहले से डाउनलोड) मिलेगा। केंद्र सरकार ने स्मार्टफोन कंपनियों को आदेश दिया कि वे स्मार्टफोन में सरकारी साइबर सेफ्टी एप को पहले से इंस्टॉल करके बेचें। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ये आदेश आज सामने आया है। इसमें एपल, सैमसंग, वीवो, ओप्पो और शाओमी जैसी मोबाइल कंपनियों को 90 दिन का समय दिया गया है। इस एप को यूजर्स डिलीट या डिसेबल नहीं कर सकेंगे। पुराने फोन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह एप इन्स्टॉल जाएगा। हालांकि यह आदेश फिलहाल पब्लिक नहीं किया गया है, बल्कि चुनिंदा कंपनियों को निजी तौर पर भेजा गया है। इसका मकसद साइबर फ्रॉड, फर्जी IMEI नंबर और फोन की चोरी को रोकना है। एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने कहा, 'यह एप फर्जी IMEI से होने वाले स्कैम और नेटवर्क मिसयूज को रोकने के लिए जरूरी है।' संचार साथी एप क्या है, कैसे करेगा मदद डुप्लीकेट IMEI नंबर से बढ़ रहा साइबर क्राइम भारत में 1.2 अरब से ज्यादा मोबाइल यूजर्स हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट है, लेकिन फर्जी या डुप्लीकेट IMEI नंबर की वजह से साइबर क्राइम बढ़ रहा है। IMEI एक 15 डिजिट का यूनिक कोड होता है, जो फोन की पहचान करता है। अपराधी इसे क्लोन करके चोरी के फोन को ट्रैक से बचाते हैं, स्कैम करते हैं या ब्लैक मार्केट में बेचते हैं। सरकार का कहना है कि यह एप पुलिस को डिवाइस ट्रेस करने में मदद करेगा। सितंबर में DoT ने बताया था कि 22.76 लाख डिवाइस ट्रेस हो चुके हैं। कंपनियों पर असर, ऐपल-सैमसंग को दिक्कत हो सकती इंडस्ट्री सोर्सेज कहते हैं कि पहले से कंसल्टेशन न होने से कंपनियां परेशान हैं। खासकर एपल के लिए मुश्किल है, क्योंकि कंपनी की पॉलिसी में गवर्नमेंट या थर्ड-पार्टी एप प्री-इंस्टॉलेशन पर पाबंदी है। पहले भी एपल का एंटी-स्पैम एप पर रेगुलेटर से टकराव हुआ था। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि एपल सरकार से नेगोशिएशन कर सकती है। एपल यूजर्स को वॉलंटरी प्रॉम्प्ट देने का सुझाव भी दे सकता है। हालांकि, अभी तक किसी भी कंपनी ने आदेश के बारे में कोई कमेंट नहीं किया है। यूजर्स की सीधा फायदा मिलेगा यूजर्स को सीधा फायदा मिलेगा। चोरी का फोन होने पर IMEI चेक करके तुरंत ब्लॉक कर सकेंगे। फ्रॉड कॉल रिपोर्ट करने से स्कैम कम होंगे, लेकिन एप डिलीट न होने से प्राइवेसी ग्रुप्स सवाल उठा सकते हैं। यूजर कंट्रोल कम होगा। भविष्य में एप और फीचर्स जुड़ सकते हैं, जैसे बेहतर ट्रैकिंग या AI बेस्ड फ्रॉड डिटेक्शन। DoT का कहना है कि यह टेलीकॉम सिक्योरिटी को नेक्स्ट लेवल पर ले जाएगा। ये खबर भी पढे़ं सुप्रीम कोर्ट बोला- वॉट्सएप क्यों, स्वदेशी एप अपनाएं:सोशल मीडिया अकाउंट्स को सस्पेंड-ब्लॉक करने के नियम बनाने की मांग थी, याचिका खारिज सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका खारिज कर दिया, जिसमें देशभर में सोशल मीडिया अकाउंट्स को सस्पेंड या ब्लॉक करने के नियम बनाने की मांग थी। याचिकाकर्ता चाहते थे कि सोशल मीडिया कंपनियां अकाउंट सस्पेंड या ब्लॉक करने में साफ प्रक्रिया, पारदर्शिता और संतुलन रखें। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने अनुच्छेद 32 के तहत कहा कि वॉट्सएप तक पहुंच को मौलिक अधिकार कैसे कहा जा सकता है। पूरी खबर पढ़ें...
इंडियन मोबाइल मार्केट में दिसंबर महिने में 10 हजार रुपए के बजट फोन से लेकर 1 लाख रुपए तक के फ्लैगशिप स्मार्टफोन लॉन्च होंगे। इसमें वीवो, रेडमी, वनप्लस, रियलमी जैसे ब्रांड अपने डिवाइस पेश करेंगे। इन फोन्स में लेटेस्ट AI फीचर्स मिलेंगे। इसके अलावा, DSLR जैसी क्वालिटी वाला 200 मेगापिक्सल मेन कैमरा, 50 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा, 7000mAh की बड़ी बैटरी और एमोलेड स्क्रीन जैसे फीचर मिलेंगे। चलिए डिटेल में जानते हैं... वीवो X300 लॉन्च डेट- 2 दिसंबर वीवो X300 छोटा लेकिन पावरफुल फोन होगा, जिसमें मीडियाटेक का नया डायमेंसिटी 9500 प्रोसेसर मिलेगा। इस कॉम्पैक्ट फोन में 6.31-इंच की 1.5K ओलेड स्क्रीन मिलेगी, जो 120Hz की रिफ्रेश रेट और 4500 निट्स पीक ब्राइटनेस के साथ आएगी। फोटोग्राफी के लिए फोन में 200 मेगापिक्सल का मेन कैमरा, 50 मेगापिक्सल का जूम वाला पेरिस्कोप लेंस और एक 50 मेगापिक्सल का अल्ट्रावाइड कैमरा। सेल्फी के लिए 50 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा है। पावर बैकअप के लिए फोन में 90W वायर्ड और 40W वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट के साथ 6040mAh की बैटरी मिलेगी। वीवो X300 प्रोलॉन्च डेट – 2 दिसंबर वीवो X300 प्रो भारत में इस साल लॉन्च होने वाला आखिरी फ्लैगशिप फोन होगा। ये फोन भी मीडियाटेक डाइमेंसिटी 9500 प्रोसेसर के साथ आएगा। डिवाइस में 6.78 इंच की 1.5K एमोलेड डिस्प्ले मिलेगी। फोटोग्राफी के लिए इसमें 200MP पेरिस्कोप टेलीफोटो लेंस के साथ 50MP सोनी LYT828 सेंसर और 50MP अल्ट्रा-वाइड कैमरा दिया गया है। वहीं सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 50MP फ्रंट कैमरा मिलेगा। पावर बैकअप के लिए 6510mAh बैटरी दी गई है, जिसके साथ 90W वायर्ड, 40W वायरलेस और रिवर्स वायरलेस चार्जिंग भी मिलती है। रेडमी 15C 5Gलॉन्च डेट- 3 दिसंबर रेडमी 15C को 12 से 15 हजार रुपए की रेंज में लाया जाएगा। मोबाइल मीडियाटेक डायमेंसिटी 6300 प्रोसेसर पर काम करता है। इसमें 33W फास्ट चार्जिंग के साथ पावर बैकअप के लिए 6000mAh बैटरी मिलेगी। फोटोग्राफी के लिए फोन 50 मेगापिक्सल डुअल रियर कैमरा सपोर्ट करता है और फ्रंट पर 8 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा है। रेडमी 15C फोन में 6.9-इंच की HD+ स्क्रीन दी गई है, जो 120Hz रिफ्रेश रेट सपोर्ट करती है। रियलमी P4xलॉन्च डेट- 4 दिसंबर ये रियलमी ‘P4’ सीरीज का तीसरा मॉडल होगा। पावर बैकअप के लिए फोन में 45W फास्ट चार्जिंग तकनीक के साथ 7000mAh बैटरी मिलेगी। लीक्स के अनुसार, स्मार्टफोन में 144Hz रिफ्रेश रेट वाली 6.72-इंच की फुल HD+ LCD स्क्रीन और इसमें 18GB डायनामिक रैम भी मिलेगी। वहीं, फोटोग्राफी के लिए 50 मेगापिक्सल डुअल रियर कैमरा और 8 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा दिया जा सकता है। वनप्लस 15Rलॉन्च डेट- 17 दिसंबर वनप्लस 15 के बाद अब कंपनी प्रीमियम मोबाइल वनप्लस 15R लॉन्च करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फोन में स्नैपड्रैगन 8 जेन 5 प्रोसेसर, 16GB रैम और पावर बैकअप के लिए 120W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 7800mAh बैटरी जैसे फीचर्स मिल सकते हैं। वहीं, 1.5K रेजोल्यूशन और अल्ट्रासोनिक इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर सपोर्ट वाली OLED स्क्रीन मिलेगी, जो 165Hz रिफ्रेश रेट पर काम करती है। पोको C85लॉन्च डेट- तय नहीं यह पोको का लो बजट स्मार्टफोन इसी महीने 15 हजार से कम में आएगा। इसमें 33W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 6000mAh बैटरी दी जाएगी। मोबाइल मीडियाटेक डायमेंसिटी 6300 प्रोसेसर पर काम करेगा। फोटोग्राफी के लिए 50 मेगापिक्सल डुअल रियर कैमरा और 8 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा मिलेगा। पोको C85 में 120Hz रिफ्रेश रेट सपोर्ट के साथ बड़ी 6.9-इंच स्क्रीन मिलेगी। ओप्पो रेनो 15 सीरीजलॉन्च डेट – तय नहीं ओप्पो रेनो 15 सीरीज चीन में लॉन्च हो चुकी है, कंपनी दिसंबर में इसके दोनों फोन- रेनो 15 और रेनो 15 प्रो लॉन्च भारत में लॉन्च कर सकती है। फोन मीडियाटेक डायमेंसिटी 8450 प्रोसेसर के साथ आएंगे। फोटोग्राफी के लिए इनमें 200MP प्राइमरी सेंसर, 50MP अल्ट्रावाइड और 50MP टेलीफोटो कैमरा मिलेगा। वहीं सेल्फी के लिए 50MP फ्रंट कैमरा दिया गया है। रेनो 15 6200mAh और प्रो मॉडल 6500mAh बैटरी के साथ आएगा। प्रो मॉडल में जहां 6.78-इंच स्क्रीन दी गई है, वहीं नॉन प्रो मॉडल 6.32-इंच डिस्प्ले मिलेगा।
मारुति सुजुकी अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार ई-विटारा कल (2 दिसंबर) लॉन्च करने जा रही है। इसमें 49kWh और 61kWh के दो बैटरी पैक ऑप्शन मिलेंगे। कंपनी का दावा है कि कार एक बर फुल चार्ज करने पर 500 किलोमीटर से ज्यादा चलेगी। इलेक्ट्रिक SUV का प्रोडक्शन फरवरी-2025 से सुजुकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड के प्लांट में हो चुका है। ई विटारा इलेक्ट्रिक को पिछले साल रिवील किया गया था कंपनी ने ईवी को इस साल जनवरी में हुए भारत ग्लोबल मोबिलिटी एक्सपो-2025 में रिवील किया था। इससे पहले मारुति की पेरेंट कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने पिछले साल अक्टूबर में इटली के मिलान में हुए मोटर शो EICMA-2024 में ई-विटारा को ग्लोबल मार्केट में रिवील किया था। मिड साइज इलेक्ट्रिक एसयूवी EVX का प्रोडक्शन वर्जन है, जिसे पहली बार ऑटो एक्सपो-2023 में पेश किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 अगस्त 2025 को गुजरात के हंसलपुर में ई-विटारा को एक्सपोर्ट के लिए फ्लैग-ऑफ किया था। ये पूरी तरह से मेड-इन-इंडिया इलेक्ट्रिक कार है और इसे 100 से ज्यादा देशों, जैसे यूरोप और जापान में निर्यात किया जाएगा। 20 लाख रुपए से शुरू हो सकती है कीमत मारुति ई विटारा के 49kWh बैटरी पैक वाले बेस मॉडल की कीमत 20 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) रखी जा सकती है। वहीं, हाई पावर वाली मोटर के साथ 61kWh बैटरी पैक वाले मॉडल की कीमत 25 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) हो सकती है। इसके अलावा ई-ऑलग्रिप AWD वर्जन की कीमत 30 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) हो सकती है। भारतीय बाजार में ई विटारा इलेक्ट्रिक SUV का मुकाबला MG ZS EV, टाटा कर्व EV और हुंडई क्रेटा EV और महिंद्रा BE 6 से रहेगा। एक्सटीरियर : LED हेडलैंप और 19-इंच ब्लैक व्हील सुजुकी ई विटारा को नए हार्टेक्ट-ई प्लैटफॉर्म पर डेवलप किया गया है, जिसे कंपनी ने टोयोटा के साथ मिलकर बनाया है। सुजुकी ई विटारा का एक्सटीरियर डिजाइन EVX कॉन्सेप्ट मॉडल की तरह ही है। इसके फ्रंट में पतली LED हेडलाइट और वाई-शेप्ड LED DRL और स्टाइलिश बंपर के साथ इंटीग्रेटेड फॉग लाइट दी गई हैं। बॉडी क्लेडिंग और 19-इंच ब्लैक व्हील के साथ मिड साइज SUV साइड से काफी मस्क्यूलर दिखाई देती है। पिछले गेट पर डोर हैंडल को सी-पिलर पर दिया गया है। इसके अलावा रुफ पर एक इलेक्ट्रिक सनरुफ भी है। ई विटारा के रियर में कॉन्सेप्ट वर्जन की तरह 3-पीस लाइटिंग एलिमेंट वाली कनेक्टेड LED टेल लाइट दी गई है। इंटीरियर : 6 एयरबैग स्टैंडर्ड और इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक मिलेंगे ई-विटारा में डुअल-टोन ब्लैक और ऑरेंज केबिन दी गई है। इसमें 2-स्पोक फ्लेट बॉटम स्टीयरिंग व्हील और वर्टिकल ओरिएंटेड AC वेंट्स के चारों ओर क्रोम टच दिया गया है। इसके केबिन का प्रमुख हाइलाइट इंटीग्रेटेड फ्लोटिंग स्क्रीन सेटअप दिया गया है, जिसमें एक इंफोटेनमेंट और दूसरी ड्राइवर डिस्प्ले है। सुजुकी ने ई विटारा के फीचर्स का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है मारुति की इलेक्ट्रिक कार में ऑटोमैटिक AC, वेंटिलेटेड फ्रंट सीटें और वायरलेस फोन चार्जर जैसे फीचर दिए जा सकते हैं। वहीं, सुरक्षा के लिए इसमें 6 एयरबैग स्टैंडर्ड, 360 डिग्री कैमरा और इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक जैसे सेफ्टी फीचर मिलेंगे। बैटरी पैक और रेंज यूरोपियन मार्केट में ई विटारा को दो बैटरी पैक ऑप्शन के साथ पेश किया गया है। इसमें 49kWh और 61kWh का बैटरी पैक ऑप्शन शामिल है। कंपनी ने अभी तक ई विटारा की सर्टिफाइड रेंज का खुलासा नहीं किया है, लेकिन उम्मीद है इसकी फुल चार्ज में रेंज 500 किलोमीटर तक हो सकती है। कार में 2 व्हील ड्राइव और 4 व्हील ड्राइव का ऑप्शन भी दिया जाएगा।
टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ इलॉन मस्क ने एक पॉडकास्ट में कहा कि उनकी पार्टनर शिवोन जिलिस दिल से आधी भारतीय हैं। उन्होंने अपने बेटे का नाम नोबेल विजेता वैज्ञानिक सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर के नाम पर ‘शेखर’ रखा है। पूरा नाम सेल्डन शेखर लाइकुर्गस मस्क है। मस्क ने कहा कि अमेरिका को भारतीय टैलेंट से बहुत फायदा हुआ है। वहीं उन्होंने कहा कि 10-20 साल में AI और रोबोटिक्स इतने डेवलप हो जाएंगे कि इंसानों के लिए काम करना जरूरी नहीं रह जाएगा। काम उनके लिए हॉबी की तरह होगा। मस्क ने ये बात ब्रोकिंग फर्म जिरोधा के फाउंडर निखिल कामत के पॉडकास्ट 'पीपल बाय WTF' में कही। ये पॉडकास्ट 1 घंटे 54 मिनट का था जो रविवार को रिलीज हुआ। पढ़ें इंटरव्यू के महत्वपूर्ण हिस्से... सवाल 1: AI और रोबोटिक्स की वजह से काम का भविष्य क्या होगा? जवाब: मेरा अनुमान है कि आने वाले 10-20 साल में काम एक विकल्प बन जाएगा। लोग चाहें तो काम करें, चाहें तो ना करें। AI इतना काम कर देगा कि ज्यादातर जरूरतें रोबोट्स और मशीन खुद पूरी कर देंगी। जॉब इंसानों के लिए जरूरत की जगह हॉबी जैसा बन जाएगा। कुछ लोग काम इसलिए करेंगे, क्योंकि उन्हें मजा आता है, न कि अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए। AI और रोबोट्स सुनामी की तरह आगे बढ़ रहे हैं। कुछ ही सालों में दुनिया में जरूरत से ज्यादा सामान बनेंगे, यानी कीमतें कम होंगी। सवाल 2: सबको सब कुछ मिलेगा तो लोग किस बात पर कम्पीट करेंगे? जवाब 2: हम सिंगुलैरिटी की तरफ जा रहे हैं। यानी, AI इंसानों से कहीं ज्यादा होशियार हो जाएगा। उसके बाद क्या होगा, कोई नहीं जानता। पहले 20-30 साल तक AI हमें खुश रखने में लगेगा। अच्छा खाना, अच्छी फिल्में सब कुछ सस्ता और बेस्ट क्वालिटी में देगा। उसके बाद AI अपने लिए काम करने लगेगा। जब सारे इंसान खुश और सेट हो जाएंगे, तब AI अंतरिक्ष में नई दुनिया बसाएगा, नई खोज करेगा। वो सब जो हम सोच भी नहीं सकते। सवाल 3: आप अमेरिका में भारतीय टैलेंट को लेकर क्या सोचते हैं? जवाब: दुनिया के लिए भारत काफी महत्वपूर्ण है। यहां टैलेंट बहुत है। अमेरिका को भारतीयों से काफी फायदा हुआ है। टेस्ला और स्पेसएक्स में सबसे स्मार्ट लोग भारतीय हैं। H-1B प्रोग्राम का दुरुपयोग हुआ था, लेकिन इसे खत्म करने की बात गलत है। बिना बॉर्डर कंट्रोल के कोई देश नहीं चल सकता, लेकिन टैलेंटेड इमीग्रेंट्स को वेलकम करना चाहिए। बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन में फ्री-फॉर-ऑल था, जिससे नेगेटिव इफेक्ट पड़ा। अमेरिका को टॉप टैलेंट चाहिए और भारत इसमें लीडर है। मेरी कंपनियों में हम दुनियाभर से बेस्ट लोगों को लाते हैं। इमिग्रेशन पॉलिसी को बैलेंस्ड रखना होगा अवैध इमिग्रेशन रुकना चाहिए, लेकिन स्किल्ड वीजा को प्रमोट करना चाहिए। सवाल 4: ट्विटर को X क्यों बनाया? क्या यह सही फैसला था? जवाब: ट्विटर एक तरह की आइडियोलॉजिकल इंबैलेंस में चला गया था। वो वामपंथी विचारों को बढ़ावा दे रहा था, जबकि दक्षिणपंथी आवाजें दबाई जा रही थीं। मैंने इसे सबके लिए बराबर बनाने की कोशिश की। X का विजन ग्लोबल टाउन स्क्वायर है यानी वर्ड्स, वीडियो, कॉलिंग, मैसेजिंग और पेमेंट एक ही जगह पर। यानी X का फ्यूचर एक एवरीथिंग एप की तरह है। सवाल 5: ज्यादा बच्चे होने चाहिए या नहीं? फर्टिलिटी रेट क्रैश क्यों खतरनाक है? जवाब: जरूर होने चाहिए। दुनिया में आज ज्यादातर देशों में औसतन एक महिला से सिर्फ 1.5-1.6 बच्चे ही हो रहे हैं, जबकि समाज चलते रहने के लिए कम-से-कम 2.1 बच्चे चाहिए। अगर यही चलता रहा तो 100-150 साल बाद इंसान की आबादी इतनी कम हो जाएगी कि पूरी मानव जाति ही खत्म हो जाएगी। कॉन्शियसनेस बढ़ानी है तो ज्यादा लोग चाहिए। बच्चे आपको अनकंडीशनल लव करते हैं। सवाल 6: आपके कई पार्टनर्स से बच्चे हैं? आप पारंपरिक परिवार मॉडल में विश्वास करते हैं? जवाब: हां, मेरा मानना है कि ट्रेडिशनल फैमिली मॉडल काम करता है और ज्यादातर लोगों के लिए सही भी है। मेरी स्थिति थोड़ी अलग है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ट्रेडिशनल फैमिली मॉडल गलत है। सवाल 7: आपकी बॉडी देखकर हैरानी हुई, आप काफी मस्कुलर हैं, उतना सोचा नहीं था। जवाब: (हंसते हुए) ओह स्टॉप, आप मुझे ब्लश करवा रहे हो! बस वर्कआउट करता हूं, लेकिन रियल चीट कोड है- कभी क्विट न करना। मैं अभी भी 100 घंटे से ज्यादा काम करता हूं। सवाल 8: अमेरिका पर बहुत ही ज्यादा कर्ज है, इसे सॉल्व करने का रास्ता क्या है? जवाब: करेंसी डिफ्लेशन से नहीं चलेगा। एक ही रास्ता है- एआई और रोबोटिक्स। ये प्रोडक्टिविटी को इतना बढ़ा देगा कि कर्ज मैनेज हो जाएगा। लेकिन ये बस बदलाव जैसा होगा, लंबा नहीं चलेगा। परमानेंट ग्रोथ के लिए यूनिवर्सल हाई इनकम की तरफ जाना पड़ेगा, जहां एआई वैल्यू क्रिएट करे। सवाल 9: फ्यूचर में पैसा रहेगा भी या गायब हो जाएगा? जवाब: लॉन्ग टर्म में पैसा गायब हो जाएगा। जब AI-रोबोट्स हर जरूरत पूरी कर देंगे तो लेबर एलोकेशन के लिए पैसा नहीं चाहिए। एनर्जी ही असली करेंसी बनेगी। सवाल 10: इंडिया के एंटरप्रेन्योर्स को क्या एडवाइस देंगे? जवाब: यूजफुल प्रोडक्ट या सर्विस बनाओ जो लोगों की जिंदगी आसान करे, पैसा अपने आप पीछे-पीछे दौड़ेगा। दिन-रात मेहनत करो, असफलता को गले लगाओ, बार-बार गिरो, लेकिन हर बार कुछ नया सीखकर उठो। बस ये याद रखो – आप समाज से जितना लेंगे, उससे ज्यादा वापस लौटाओ। नेट पॉजिटिव कंट्रीब्यूटर बनो, बाकी सब अपने आप सेट हो जाएगा। सवाल 11: लाइफ का मतलब क्या है? आपने क्या निष्कर्ष निकाला? जवाब: “मैंने इस सवाल पर बहुत सोचा। बचपन में 12-13 साल की उम्र में डगलस एडम्स की किताब द हिचहाइककर्स गाइड टू द गैलेक्स पढ़ी। किताब में पृथ्वी एक सुपर-कंप्यूटर निकलती है जिसका काम था ‘लाइफ, यूनिवर्स और एवरीथिंग’ का जवाब ढूंढना। 7.5 मिलियन साल चलने के बाद कंप्यूटर का जवाब आता है - 42। लेकिन फिर सब समझ आता है कि असली जवाब नहीं, असली सवाल ढूंढना सबसे मुश्किल है। 42 का मतलब क्या है, ये कोई नहीं जानता क्योंकि सवाल ही गलत था। सही सवाल ढूंढने के लिए पृथ्वी से भी बड़े कंप्यूटर की जरूरत है। तो मेरा निष्कर्ष ये है- लाइफ का मतलब है कॉन्शियसनेस का दायरा और स्केल बढ़ाना। हम अभी ये भी नहीं जानते कि हमें क्या नहीं पता। जो सवाल हमें पता भी नहीं कि पूछने हैं, वही सबसे जरूरी हैं। सवाल 12: लॉन्ग टर्म में स्टॉक में पैसा लगाने का एकमात्र फॉर्मूला क्या है? जवाब: प्रोडक्ट्स-सर्विसेज अभी पसंद हैं? प्रोडक्ट रोडमैप शानदार है? टीम टैलेंटेड + हार्डवर्किंग है और मॉटिवेटेड है? बस इतना देखो। डेली फ्लक्चुएशंस को पूरी तरह इग्नोर करें। सवाल 13: अभी आपको सबसे एक्साइटेड क्या कर रहा है- टेस्ला, स्पेसएक्स, xAI? जवाब: तीनो कंपनियां एक साथ मिल रही हैं। टेस्ला + स्पेसएक्स + xAI… भविष्य सोलर-पावर वाले AI सैटेलाइट्स का है। धूप तो अंतरिक्ष में 24 घंटे मिलती है। इसलिए वहां ऊपर सोलर एनर्जी इकट्ठा करके AI को कभी बैटरी खत्म होने की टेंशन नहीं रहेगी। इसके लिए तीनों का कॉम्बिनेशन चाहिए। टेस्ला दुनिया का नंबर-1 रियल वर्ल्ड AI बना रहा है → सेल्फ-ड्राइविंग कारें अब ऑस्टिन में कोई भी ऐप से बुला के ट्राई कर सकता है → अगले साल गर्मियों से ऑप्टिमस रोबोट की फैक्ट्री में बड़े पैमाने पर बनना शुरू होगा → हर आदमी को अपना निजी C-3PO/R2-D2 जैसा रोबोट हेल्पर मिलने वाला है स्पेस एक्स का स्टारलिंक कमाल कर रहा है → आज 150 देशों में चल रहा है, भारत में भी जल्द आएगा → धरती पर कहीं भी हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचा देगा तीनों मिलकर ऊपर अंतरिक्ष में सोलर पावर + AI + इंटरनेट का जाल बिछाएंगे। फिर नीचे हर इंसान के पास अपना रोबोट और हमेशा ऑन इंटरनेट रहेगा। सवाल 14: हम सिमुलेशन में हैं? प्रोबेबिलिटी कितनी है? जवाब: काफी ज्यादा प्रोबैबलिटी है 50 साल पहले गेम में काफी छोटे थे, आज गेम असली दुनिया जैसे दिखते हैं। अगर यही स्पीड चली तो जल्दी ही गेम और हकीकत में फर्क ही नहीं रहेगा। बेस रियलिटी में होने की प्रोबेबिलिटी बहुत कम है। सवाल 15: धर्म के बिना नैतिकता संभव है या नहीं? जवाब: बिल्कुल पॉसिबल है। नैतिकता का धर्म से कोई जरूरी रिश्ता नहीं है। प्यार से रहो, दूसरे का दुख समझो, चोरी-मार-काट मत करो। ये बातें किसी भी धर्म में मिल जाएंगी, लेकिन ये धर्म से पहले भी थीं। ये तो बस कॉमन सेंस है। अगर सब एक-दूसरे को मारने लगें या धोखा देने लगें तो समाज दो दिन भी नहीं टिकेगा। इसलिए अच्छे नियम हर कहीं खुद-ब-खुद बन जाते हैं। चाहे भगवान को मानो या न मानो। सवाल 16: आज के जमाने में कॉलेज जाना जरूरी है या नहीं? जवाब: सोशल रीजंस के लिए ठीक है। लेकिन फ्यूचर में स्किल्स की जरूरत नहीं पड़ेगी। पोस्ट-वर्क सोसाइटी आएगी। AI-रोबोटिक्स सुपरसॉनिक सुनामी है। मेरे बड़े बेटे भी कॉलेज जा रहे हैं हालांकि जानते हैं कि उनकी स्किल्स फ्यूचर में अनयूजफुल हो जाएंगी। सवाल 17: अगर अपनी कंपनी के अलावा एक स्टॉक खरीदना हो तो कौन सा? जवाब: AI-रोबोटिक्स वाली कंपनियां। गूगल और एनवीडिया अभी सबसे सॉलिड लग रहे हैं। फ्यूचर में लगभग सारी वैल्यू AI, रोबोटिक्स और स्पेस से आएगी। सवाल 18: ट्रंप के टैरिफ प्लान से आप डिसअग्री करते हैं? जवाब: हां। फ्री ट्रेड बेस्ट है। टैरिफ्स मार्केट में डिस्टॉर्शन लाते हैं। स्टेट के अंदर टैरिफ लगाएंगे तो इकोनॉमी तबाह हो जाएगी। मैंने ट्रम्प को समझाने की कोशिश की, लेकिन नहीं माने। सवाल 19: DOGE से सबसे बड़ा सबक क्या मिला? जवाब: DOGE यानी, डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी ने सिखाया कि सबसे साधारण बदलाव भी अरबों डॉलर बचा सकते हैं। पहले सरकारी पेमेंट सिस्टम में फ्रॉड का बोलबाला था। जैसे फर्जी NGO बनाकर “बेबी पांडा बचाओ” जैसे नाम से पैसा लूटना। DOGE ने बस दो बेसिक चीजें जोड़ीं... हर पेमेंट के लिए कोड नंबर जरूरी और कमेंट बॉक्स में डिटेल्स भरना अनिवार्य कर दिया। इससे फ्रॉड पकड़ना आसान हो गया, और हर साल 100-200 बिलियन डॉलर की बचत हो रही है। मतलब, बड़ी-बड़ी स्कीम्स की बजाय छोटी-छोटी सावधानियां ही असली गेम-चेंजर हैं। पॉडकास्ट करने वाले निखिल कामत के बारे में भी जानिए... -------------------------- इलॉन मस्क के बारे डिटेल में जानने के लिए ये स्टोरी पढ़ें... 1. पिता ने मानसिक यातना दी, डिप्रेशन में रहे:गर्लफ्रेंड बोली- ऐसा लगता था इलॉन को हार्ट-अटैक आ जाएगा; 54 साल के हुए मस्क 2. इलॉन मस्क की 5 रिलेशनशिप और 13 बच्चे:12 साल की उम्र में वीडियो गेम बनाकर बेचा, आज दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी
चैटजीपीटी में यूजर्स को जल्द ही स्पॉन्सर्ड सजेशंस और विज्ञापन दिखने को मिल सकते हैं। ब्लीपिंग कंप्यूटर और फाइंडआर्टिकल्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओपनएआई चैटजीपीटी में ऐड्स लाने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने आधिकारिक घोषणा नहीं की है, पर चैटजीपीटी के नए एंड्रॉइड बीटा एप वर्जन के शुरुआती कोड रेफरेंस में विज्ञापन शुरू होने के संकेत मिले हैं। बीटा एप लीक में मिले एड शुरू होने के संकेत टेक पोर्टल ब्लीपिंग कंप्यूटर के अनुसार, ChatGPT के एंड्रॉइड बीटा एप (वर्जन 1.2025.329) के कोड में 'सर्च ऐड', 'सर्च ऐड्स कैरोसेल' और 'बाजार कंटेंट' जैसे स्ट्रिंग्स मिले हैं। इससे संकेत मिलता है कि ओपन AI चैट-बेस्ड स्पॉन्सर्ड कंटेंट दिखाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर बना रहा है। वहीं एक इंजीनियर तिबोर ब्लाहो ने X पर शेयर किया कि कोड में स्पॉन्सर्ड कंटेंट के लिए सिस्टम बन रहा है। यह जनरल चैट से ज्यादा सर्च क्वेरी पर फोकस्ड लगता है। टेक न्यूज प्लेटफॉर्म गिज्मोचाइना ने कहा कि ऐड्स ट्रेडिशनल बैनर नहीं, बल्कि कन्टेक्स्टुअल सजेशंस होंगे। जैसे शॉपिंग क्वेरी में प्रोडक्ट कार्ड्स। विज्ञापन क्यों ला रही ओपनएआई ओपनएआई के पावरफुल मॉडल्स चलाने का कॉस्ट बहुत ज्यादा है। अभी सब्सक्रिप्शन (चैटजीपीटी प्लस) और API लाइसेंसिंग से कमाई हो रही है, लेकिन ऐड्स तीसरा रेवेन्यू सोर्स बनेगा। CEO सैम ऑल्टमैन यह कह चुके हैं कि ऐड्स ट्राई करने का विकल्प है, लेकिन हमने कोई कमिटमेंट नहीं किया। 2022 में ChatGPT को पब्लिकली अनवील किया था OpenAI ने नवंबर 2022 में दुनिया के लिए ChatGPT अनवील किया था। इस AI टूल ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। म्यूजिक और पोएट्री लिखने से लेकर निबंध लिखने तक, ChatGPT बहुत सारे काम कर सकता है। यह एक कन्वर्सेशनल AI है। एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जो आपको इंसानों की तरह जवाब देता है। OpenAI में माइक्रोसॉफ्ट जैसी बिग टेक कंपनी ने 13 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश कर रखा है। कंपनी ने अपने सर्च इंजन ‘बिंग’ में भी ChatGPT को इंटीग्रेट किया है। कई कंपनियां भी ChatGPT का इस्तेमाल करने के लिए आतुर हैं। ऐसे में AI बेस्ड इस चैटबॉट का इस्तेमाल आने वाले दिनों में कहीं ज्यादा फैलने की उम्मीद है।
चाइनीज टेक कंपनी रियलमी ने बजट सेगमेंट में नया 5G स्मार्टफोन लॉन्च किया है। ये रियलमी C75 का अपडेटेड वर्जन है। नया फोन मिलिट्री ग्रेड सर्टिफिकेशन और IP69K रेटिंग के साथ आया है। यानी 6 मीटर गहरे पानी में गिरने और हाई-प्रेशर वॉटर जेट से पानी मारने पर भी फोन को कुछ नहीं होगा। इसके अलावा, मीडियाटेक डाइमेंसिटी 6300 ऑक्टा-कोर प्रोसेसर, 144Hz रिफ्रेश रेट वाली स्क्रीन और 7000mAh बैटरी जैसे फीचर्स से लैस है। कंपनी का दावा है कि 1% बैटरी पर फोन 9 घंटे का स्टैंडबाई बैकअप दे सकता है और 40 मिनिट तक कॉलिंग की जा सकती है। स्मार्टफोन को भारत में दो स्टोरेज वैरिएंट में उतारा गया है। इसकी शुरुआती कीमत 15,499 रखी गई है, जो रियलमी C75 से 1500 रुपए ज्यादा है। C75 को 12,999 रुपए की शुरुआती कीमत पर लॉन्च किया गया था। हालांकि, कंपनी नए फोन पर 500 रुपए का कैशबैक भी देगी। रियलमी C85 स्मार्टफोन: वैरिएंट वाइस प्राइस रियलमी C85: डिजाइन फोन पतला और हल्का डिजाइन वाला है, जो एक हाथ से आसानी से इस्तेमाल करने लायक है। इसकी लंबाई 166.07mm, चौड़ाई 77.93mm और मोटाई सिर्फ 8.38mm है। फोन का वजन 215 ग्राम है, जो लंबे समय तक उपयोग के लिए आरामदायक बनाता है। बिल्ड की बात करें तो फोन प्लास्टिक बैक पैनल के साथ, मिलिट्री ग्रेड MIL-STD-810H सर्टिफाइड है, जिससे यह 2 मीटर तक की गिरावट को भी झेल सकने का दावा करता है। फोन को IP66, IP68, IP69 और IP69K रेटिंग दी गई है, यानी स्मार्टफोन धूल और पानी और हाई-प्रेशर वॉटर जेट से भी सेफ है। इसकी 6 मीटर तक पानी में 30 मिनट तक रखकर टेस्टिंग की गई है। फोन दो कलर ऑप्शन के साथ आया है। इसमें पीकॉक ग्रीन और पेरोट पर्पल कलर शामिल है। रियलमी C85: स्पेसिफिकेशंस डिस्प्ले: फोन में LCD पैनल पर बना 6.8 इंच का HD+ डिस्प्ले दिया गया है, जो 144Hz रिफ्रेश रेट पर काम करता है। इसकी पीक ब्राइटनेस 1200निट्स है। पावर बैकअप: फोन की सबसे बड़ी USP इसकी 7000mAh की बड़ी बैटरी है। यह टाइटेनियम बैटरी है, जो 6 साल की बैटरी हेल्थ के साथ आई है। कंपनी का दावा है कि फुल चार्ज पर 22 इसमें घंटे तक का ऑनलाइन वीडियो स्ट्रीमिंग टाइम मिल सकता है। इसके अलावा सिर्फ 1% बैटरी बचने पर भी यह फोन 9 घंटे तक चलेगा। बैटरी को चार्ज करने के लिए मोबाइल में 44वॉट फास्ट चार्जिंग तकनीक दी गई है। इसके अलावा स्मार्टफोन 6.5W रिवर्स चार्जिंग भी सपोर्ट करता है, जिससे यह पावर बैंक का काम भी कर सकता है। इससे दूसरा फोन, इयरबड्स और स्मार्टवॉच चार्ज हो सकते हैं। कैमरा: फोटोग्राफी के लिए रियलमी C85 के बैक पैनल पर LED फ्लैश डुअल रियर कैमरा सपोर्ट दिया गया है। इसमें 50 मेगापिक्सल Sony IMX852 सेंसर दिया गया है, जो सेकेंडरी AI लेंस के साथ मिलकर काम करता है। सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 8 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा मिलता है। परफॉर्मेंस: फोन में परफॉर्मेंस के लिए मीडियाटेक डाइमेंसिटी 6300 ऑक्टा-कोर प्रोसेसर दिया गया है, जो 2.4गीगाहर्ट्ज तक की क्लॉक स्पीड पर रन कर सकता है। बता दें कि C85 से पहले वाला रियलमी C75 फोन भी इसी चिपसेट पर लाया गया था। डिवाइस में 5300+ mm VC कूलिंग सिस्टम भी दिया गया है, जो परफॉर्मेंस को लंबे समय तक स्थिर रखने में मदद करता है। इसमें रैम को 10GB तक वर्चुअली बढ़ाया जा सकता है, साथ ही माइक्रोएसडी कार्ड के जरिए 2TB तक स्टोरेज भी एक्सपेंड हो सकती है। अन्य फीचर्स: फोन में 1115 अल्ट्रा-लीनियर बॉटम स्पीकर दिया गया है। कंपनी का दावा है कि यह 400% अल्ट्रा वॉल्यूम आउटपुट देने में सक्षम है। इसमें साइड-माउंटेड फिंगरप्रिंट सेंसर शामिल है। कनेक्टिविटी ऑप्शंस में 5G SA/NSA, वाईफाई 5, ब्लूटूथ 5.3, GPS और यूएसबी टाइप-C पोर्ट शामिल हैं।
कल तक निपटा लें ये 4 जरूरी काम:पेंशन नहीं मिलेगी, बैंक अकाउंट बंद हो जाएगा, टैक्स नोटिस भी आ सकता है
नवंबर का महीना कल हो जाएगा और इसके साथ ही 4 जरूरी काम की डेडलाइन भी खत्म हो जाएगी। इन काम में पेंशन पाने के लिए लाइफ सर्टिफिकेट जमा करना, पंजाब नेशनल बैंक में KYC, टैक्स से जुड़े फॉर्म और केंद्रीय कर्मचारियों के लिए UPS ऑप्शन शामिल हैं। अगर अब तक आपने अब तक ये काम नहीं किए हैं, तो पेंशन रुक सकती है, फाइनेंशियल प्रोसेस अटक सकते हैं, टैक्स से जुड़ी दिक्कतें बढ़ सकती हैं और पेनाल्टी भी लग सकती है। आइए समझते हैं इन जरूरी कामों को कैसे पूरा कर सकते हैं। 1. पेंशनर्स के लिए लाइफ सर्टिफिकेट 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए है। केंद्र और राज्य सरकार के पेंशनभोगियों को अपनी पेंशन जारी रखने के लिए हर साल 1 अक्टूबर से 30 नवंबर तक अपना जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) जमा करना होता है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) की डोरस्टेप लाइफ सर्टिफिकेट सर्विस इस प्रक्रिया को और आसान बना दिया है। इसमें पेंशनर्स घर बैठे ही डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट बनवा सकते हैं। 2. टैक्स से जुड़े जरूरी फॉर्म की डेडलाइन टैक्सपेयर्स को 30 नवंबर तक अक्टूबर 2025 के लिए (सेक्शन 194-IA, 194-IB, 194M और 194S के तहत) TDS का चालान-कम-स्टेटमेंट जमा करना जरुरी है। इसके अलावा, जिन टैक्सपेयरों की अंतरराष्ट्रीय या स्पेशल घरेलू फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन सेक्शन 92E के तहत आती है, उन्हें ITR भरना होगा। वहीं, विदेशी कंपनियों की भारतीय यूनिट्स को फॉर्म 3CEAA भी 30 नवंबर तक जमा करना होगा। 3. पंजाब नेशनल बैंक के ग्राहक पंजाब नेशनल बैंक के ग्राहकों को 30 नवंबर 2025 तक eKYC करानी है। अगर ग्राहक ऐसा नहीं करते हैं तो उनका अकाउंट ऑपरेटिव नहीं रहेगा। ग्राहक अपने अकाउंट से पैसा निकाल नहीं पाएंगे। साथ ही पैसा ट्रांसफर नहीं कर पाएंगे। अगर आपका खाता पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में है और आपका KYC अपडेट बाकी है, तो 30 नवंबर तक जरूर निपटा लें। 4. यूनिफाइड पेंशन स्कीम में शामिल होने का आखिरी मौका केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में शामिल होने की आखिरी तारीख 30 नवंबर 2025 है। पहले ये डेडलाइन 30 सितंबर थी, जिसे दो महीने बढ़ाकर 30 नवंबर किया गया था। UPS, नई पेंशन व्यवस्था (NPS) से अलग है और इसमें कर्मचारियों और सरकार दोनों का योगदान तय होता है। UPS के तहत कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 10% योगदान करते हैं, जबकि सरकार 18.5% देती है। यह व्यवस्था पुरानी पेंशन स्कीम (OPS) से अलग है, जिसमें कर्मचारियों को बिना योगदान दिए अंतिम बेसिक पे का 50% पेंशन मिलती थी।
होंडा कार्स इंडिया की पॉपुलर सेडान अमेज भारत में कंपनी की सबसे सेफ कार बन गई है। थर्ड जनरेशन मॉडल को भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (BNCAP या भारत NCAP) के क्रैश टेस्ट में एडल्ट प्रोटेक्शन कैटेगरी में 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली है, जो इसके सभी वैरिएंट्स पर लागू होगी। हालांकि कार चाइल्ड, प्रोटेक्शन के लिए 4 स्टार ही स्कोर कर पाई। एजेंसी के क्रैश टेस्ट रिजल्ट के अनुसार, होंडा अमेज को एडल्ट सेफ्टी के लिए 32 में से 28.33 और चाइल्ड सेफ्टी के लिए 49 में से 40.81 पॉइंट मिले हैं। इसके साथ ही ये मारुति की डिजायर के बाद भारत में दूसरी सेडान है, जिसे 5 स्टार मिले हैं। होंडा भारत में एक SUV एलिवेट और दो सेडान- सिटी और अमेज (सेकेंड और थर्ड जनरेशन मॉडल) बेचती है। थर्ड जनरेशन अमेज कंपनी की पहली कार है जिसका भारत-एनकैप में क्रैश टेस्ट हुआ है। आइए जानते हैं क्रैश टेस्ट में दोनों कारों का स्कोर क्या रहा... होंडा अमेज: भारत एनसीएपी क्रैश टेस्ट डिकोड होंडा अमेज: एडल्ट ऑक्युपेंट प्रोटेक्शन क्रैश टेस्ट फ्रंटल इंपैक्ट टेस्ट- 64kmph की स्पीड में हुए फ्रंटल इंपैक्ट टेस्ट में अमेज को 16 में से 14.33 अंक मिले। इसमें ड्राइवर के सिर, गर्दन, कमर, जांघ और टखने की प्रोटेक्शन को 'अच्छा' बताया गया। वहीं, छाती और दोनों पैरों की टिबिया (घुटने और टखने के बीच का हिस्सा) की सुरक्षा को पर्याप्त पाया गया। वहीं, साइड पैसेंजर के सिर, गर्दन, छाती, कमर, जांघ, टिबिया और टखने की प्रोटेक्शन को 'अच्छा' बताया गया। इसका फुटवेल एरिया और बॉडीशेल इंटीग्रिटी 'स्थिर' बताई गई है। साइड इम्पेक्ट टेस्ट- सेडान का 50kmph की स्पीड से साइड इंपैक्ट टेस्ट किया गया, जिसमें इसे 16 में से 14 अंक मिले। इस टेस्ट में सिर, पेट और कमर के हिस्से को 'अच्छा' प्रोटेक्शन मिला, जबकि छाती को मार्जिनल सेफ्टी मिली। साइड पोल इम्पेक्ट टेस्ट- इस टेस्ट में ड्राइवर के सिर, छाती, पेट और कमर की सेफ्टी को अच्छा पाया गया। इन तीनों टेस्ट की परफॉर्मेंस के बेस पर होंडा अमेज को एडल्ट प्रोटेक्शन कैटेगरी में 32 में से 28.33 पॉइन्ट मिले, जो 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग के लिए काफी है। होंडा अमेज: चाइल्ड ऑक्युपेंट प्रोटेक्शन क्रैश टेस्ट इस टेस्ट में 18 महीने और एक 3 साल के बच्चे की डमी को चाइल्ड रेस्ट्रेंट सिस्टम पर उल्टी दिशा की तरफ रखा गया। होंडा अमेज को चाइल्ट प्रोटेक्शन कैटेगरी में 49 में से 40.81 अंक मिले, जिससे इस कैटेगरी में 4 स्टार क्रैश टेस्ट रेटिंग मिली। इस कैटेगरी में कार डायनामिक स्कोर 24 में से 23.81, चाइल्ड रेस्टरेंट सिस्टम (CRS) इंस्टॉलेशन स्कोर 12 में से 12 और व्हीकल असिसमेंट स्कोर 13 में से 5 रहा। क्रैश टेस्ट में 3 साल के बच्चे की डमी ने फ्रंटल क्रैश टेस्ट में 8 में से 8 अंक और साइड क्रैश टेस्ट में 4 में से 4 अंक हासिल किए। वहीं, 18 महीने के बच्चे की डमी ने फ्रंटल क्रैश टेस्ट में 8 में से 7.81 अंक, जबकि साइड क्रैश टेस्ट में 4 में से 4 अंक हासिल किए। हालांकि, प्रोटेक्शन के लेवल्स की जानकारी तो शेयर नहीं की गई है। 2025 होंडा अमेज के सेफ्टी फीचर्स होंडा अमेज में 6 एयरबैग स्टैंडर्ड, ABS के साथ EBD, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल (ESC), टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS), हिल स्टार्ट असिस्ट, फ्रंट-रियर पार्किंग सेंसर्स और चाइल्ड ISOFIX सीट एंकर जैसे सेफ्टी फीचर्स मिलते हैं। हायर वैरिएंट में ब्लाइंड व्यू मॉनिटर और लेवल-2 ADAS पैकेज फीचर भी दिए गए हैं। इसमें एडाप्टिव क्रूज कंट्रोल, लेन कीप असिस्ट, ऑटो हाई-बीम, अपने आप इमरजेंसी ब्रेकिंग शामिल हैं। सब-4 मीटर सेडान की कीमत 7.41 लाख से शुरू होकर 10 लाख तक (एक्स-शोरूम) जाती है। सेगमेंट में इसका सीधा मुकाबला हुंडई ऑरा, मारुति डिजायर और टाटा टिगोर से है। क्रैश टेस्ट की प्रोसेस 1. टेस्ट के लिए इंसान जैसी 4 से 5 डमी को कार में बैठाया जाता है। बैक सीट पर बच्चे की डमी होती है, जो चाइल्ड ISOFIX एंकर सीट पर फिक्स की जाती है।2. गाड़ी को फिक्स्ड स्पीड पर ऑफसेट डिफॉर्मेबल बैरियर (हार्ड ऑब्जेक्ट) से टकराकर देखा जाता है कि गाड़ी और डमी को कितना नुकसान पहुंचा है। ये तीन तरीके से किया जाता है। 2. टेस्ट में देखा जाता है कि इम्पैक्ट के बाद डमी कितनी डैमेज हुई, एयरबैग और सेफ्टी फीचर्स ने काम किया या नहीं। इन सभी के आधार पर रेटिंग दी जाती है।
जल्द ही आप घर बैठे आधार कार्ड में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदल सकेंगे। आधार को रेगुलेट करने वाली संस्था यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने नई डिजिटल सर्विस की घोषणा की है। इसके जरिए यूजर्स आधार एप पर OTP वेरिफिकेशन और फेस ऑथेंटिकेशन से अपना मोबाइल नंबर अपडेट कर पाएंगे। इस सर्विस से दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोग और सीनियर सिटिजन को आसानी होगी। नई सर्विस कैसे काम करेगी? UIDAI के मुताबिक मोबाइल अपडेट करने की प्रोसेस काफी सिंपल रखा गया है। इसके लिए कोई डॉक्यूमेंट या फिजिकल विजिट की जरूरत नहीं है। पूरी प्रोसेस कुछ मिनटों में हो जाएगी। आधार मोबाइल अपडेट क्यों जरूरी है? आधार कार्ड देश की सबसे बड़ी आइडेंटिटी सर्विस है, जिसमें 130 करोड़ से ज्यादा लोगों का डेटा जुड़ा हुआ है। मोबाइल नंबर इसका सबसे अहम हिस्सा है, क्योंकि इसी से OTP के जरिए बैंक अकाउंट, सरकारी सब्सिडी, इनकम टैक्स वेरिफिकेशन और डिजिटल सर्विसेज जैसे डिजीलॉकर तक एक्सेस मिलता है। अगर नंबर पुराना हो जाए या खो जाए तो कई समस्याएं हो सकती हैं। अभी तक इसे अपडेट करने के लिए एनरोलमेंट सेंटर जाना पड़ता था, जहां बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और लंबी कतारों का झंझट होता है। लेकिन अब UIDAI डिजिटल तरीके से इसे आसान बनाने जा रहा है। UIDAI ने पिछले महीने AADHAAR एप लॉन्च किया था एक महीने पहले UIDAI ने आधार कार्ड का नया मोबाइल एप लॉन्च किया था। इसमें यूजर एक ही फोन में 5 लोगों के आधार रख सकते हैं। इसमें आधार की सिर्फ वही जानकारी शेयर करने का ऑप्शन है, जो जरूरी होते हैं। इस ऐप में आप UPI में जिस तरह स्कैन कर पेमेंट करते है, उसी तरह आधार डिटेल्स शेयर कर सकते हैं। एप को ज्यादा सिक्योर बनाने के लिए इसमें फेस ऑथेंटिकेशन जैसे फीचर्स जोड़े गए हैं। आधार के नए एप के फीचर्स पुराना आधार एप पहले से था, फिर नया क्यों लाया गया? पुराना mAadhaar और नया आधार एप का मकसद आधार को डिजिटल तरीके से यूज करना है, लेकिन फोकस अलग-अलग है... नए एप से यूजर्स को क्या फायदा मिलेगा? 2009 में शुरू हुआ था आधार आधार 2009 में शुरू हुआ था। अब 1.3 अरब यानी 130 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास आधार हैं। पहले पेपर कार्ड था, फिर mAadhaar एप आया। अब डिजिटल इंडिया के तहत फुली डिजिटल एप लाया गया है। सरकार की कोशिश है कि हर सर्विस ऑनलाइन हो जाए। --------------------------- देश में 6 करोड़ मृतकों के आधार कार्ड एक्टिव: पश्चिम बंगाल में 34 लाख ID धारक अब जिंदा नहीं; UIDAI ने सर्वे शुरू किया देश में जनवरी 2009 में आधार कार्ड लागू हुआ था। हर नागरिक को आधार नंबर जारी करने की शुरुआत के 15 साल हो चुके हैं। इस दौरान 142 करोड़ से अधिक आधार कार्ड जारी हुए, लेकिन 8 करोड़ से ज्यादा धारकों की मौत के बावजूद 1.83 करोड़ कार्ड ही निष्क्रिय हो पाए हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
एपल ने भारत में अपना पांचवां रिटेल स्टोर 11 दिसंबर को नोएडा के DLF मॉल ऑफ इंडिया में खोलने का ऐलान किया है। यह दिल्ली NCR का दूसरा स्टोर होगा, पहला अप्रैल 2023 में दिल्ली में खुला था। बेंगलुरु (2 सितंबर) और पुणे (4 सितंबर) के बाद 2025 में एपल का यह तीसरा स्टोर ओपन होगा। CEO टिम कुक ने कहा था कि भारत में मुंबई-दिल्ली के अलावा चार और स्टोर खोले जाएंगे। नोएडा स्टोर में आईफोन 17 सीरीज, M5-पावर्ड मैकबुक प्रो और 14 मैकबुक प्रो जैसे लेटेस्ट प्रोडक्ट्स मिलेंगे। कस्टमर्स नए फीचर्स ट्राई कर सकेंगे। स्पेशलिस्ट, क्रिएटिव्स, जीनियस और बिजनेस टीम्स एक्सपर्ट सपोर्ट देंगे। भारत में तेजी से बढ़ रही एपल की ग्रोथ एपल के लिए भारत लगातार महत्वपूर्ण बाजार के रूप में उभरा है। मार्केट ट्रैकर IDC के अनुसार, 2025 में कंपनी देश में 15 करोड़ आईफोन बेच सकती है। इससे एपल का मार्केट शेयर पहली बार 10% से ऊपर जा सकता है। सितंबर तिमाही में एपल भारत का चौथा सबसे बड़ा स्मार्टफोन विक्रेता बना, जहां कंपनी ने लगभग 5 मिलियन यूनिट की बिक्री के साथ 25% सालाना वृद्धि दर्ज की। कुक ने हाल के कई एनालिस्ट कॉल में भारत को स्टैंडआउट मार्केट बताया है जहां कंपनी ने लगातार 15 तिमाहियों से रिकॉर्ड राजस्व हासिल किया है। स्टोर में 'टुडे एट एपल' सेशन्स भी होंगे नोएडा स्टोर में 'टुडे एट एपल' सेशन्स का आयोजन होंगे, जो पूरी तरह फ्री होंगे। इन सेशन्स में एपल के क्रिएटिव्स ग्राहकों को डिजिटल आर्ट, स्टोरीटेलिंग, प्रोडक्टिविटी और कोडिंग जैसे विषयों पर वर्कशॉप्स देंगे। ये सेशन्स उन लोगों के लिए खास होंगे जो अपने एपल डिवाइसेज का बेहतर इस्तेमाल सीखना चाहते हैं या कुछ नया और रचनात्मक करना चाहते हैं। गैजेट्स खरीद सकेंगे और सर्विस भी मिलेगी
दुनिया का पहला फुली मोबाइल AI-इनेबल्ड एंटी-ड्रोन पैट्रोल व्हीकल 'इंद्रजाल रेंजर' लॉन्च किया गया है। ये सिंगल मूवमेंट में ही ड्रोन को 10 किलोमीटर दूर से डिटेक्ट और ट्रैक कर सकता है। यही नहीं 4 किलोमीटर दूर से न्यूट्रलाइज भी कर सकता है। इसे हैदराबाद की एरियल डिफेंस सिस्टम वाली कंपनी इंद्रजाल ड्रोन डिफेंस ने बनाया है। कंपनी ने इसे शहरों और बॉर्डर एरिया में बिना इजाजत उड़ने वाले ड्रोन्स को ढूंढकर रोकने के लिए डिजाइन किया है। हैदराबाद में चल रहे स्टार्टअप इन्क्यूबेटर इवेंट 'टी-हब' में इसे पेश किया गया, जहां लाइव डेमो भी दिया गया। इवेंट में कंपनी के CEO किरण राजू ने कहा कि ये गाड़ी बॉर्डर पर ड्रग्स, हथियारों और विस्फोटकों की स्मगलिंग को रोकने के काम आएगी। गाड़ी में AI से चलने वाला कमांड सिस्टम इस गाड़ी में शरारती ड्रोन्स से निपटने के लिए ढेर सारे गैजेट्स लगे हैं, जैसे ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) स्पूफिंग, रेडियो फ्रीक्वेंसी (RF) जैमिंग और एक स्प्रिंग वाला किल स्विच भी है, जो ड्रोन को तुरंत मार गिरा सकता है। ये पूरी तरह घूमने-फिरने लायक व्हीकल है और इसमें AI से चलने वाला कमांड सिस्टम भी फिट है, जिसका नाम स्काईओएस है। इस पूरे सिस्टम को ग्रीन रोबोटिक्स ने बनाया है, जो सारे ऑपरेशंस को ऑटोमेटिकली कंट्रोल करता है। मिलिट्री ग्रेड के साथ 100% मेड इन इंडिया इंद्रजाल रेंजर की ऑफिशियल प्राइस नहीं बताई गई है। कंपनी ने कहा है कि ये 100% मेड इन इंडिया है। इसका डिप्लॉयमेंट बॉर्डर रोड्स, कैनाल्स, एग्रीकल्चर बेल्ट्स, क्रिटिकल इंफ्रास्ट्रक्चर और अर्बन एरियाज में अगले कुछ महीनों में शुरू होगा। बुकिंग या ऑर्डर के लिए इंद्रजाल की वेबसाइट या डायरेक्ट कॉन्टैक्ट का ऑप्शन है। ARDTC-सर्टिफाइड होने से ये मिलिट्री और सिविल यूज के लिए रेडी है। एक्सटीरियर: 4x4 ऑल-टेरेन व्हीकलइंद्रजाल रेंजर एक 4x4 ऑल-टेरेन व्हीकल है, यानी हर तरह के सतह पर चल सकता है। इसका एक्सटीरियर 4x4 टोयोटा हाइलक्स पर बेस्ड है। फ्रंट में रग्ड बंपर और सेंसर दिए गए हैं, जो हाई-थ्रेट जोन्स में स्टेबल रहने के लिए डिजाइन किए गए हैं। साइड में रेनफोर्स्ड साइड पैनल्स और एक्सटर्नल एंटिना सेटअप है, जो मूविंग डिटेक्शन को सपोर्ट करता है। रियर में इंटीग्रेटेड जैमर और लेजर यूनिट्स लगे हैं। इंटीरियर: मल्टी टच डिस्प्ले के साथ टेक-लोडेड कैबिन अंदर इंटीरियर मिलिट्री-स्टाइल है, जो ऑपरेटर्स के लिए फंक्शनल है। डैशबोर्ड पर सेंट्रल कंट्रोल कंसोल है, जिसमें 10-12 इंच की मल्टी-टच स्क्रीन्स लगी हैं। इसमें एक थ्रेट मॉनिटरिंग के लिए और दूसरा नेविगेशन और कमांड्स के लिए काम आती है। स्टीयरिंग व्हील पर क्विक-एक्सेस बटन्स हैं, जो RF जैमिंग या सॉफ्ट किल को एक्टिवेट करते हैं। सीट अपहोल्स्ट्री वाटर-रेजिस्टेंट फैब्रिक वाली हैं। परफॉरमेंस: ऑल व्हील ड्राइव सेटअप के साथ ड्राइव मोड इंद्रजाल रेंजर में टोयोटा हाइलक्स वाला ही 2.8 लीटर का डीजल इंजन दिया गया है, जो 201hp की पावर और 500Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इसकी टॉप स्पीड 180kmph है और ये 0-100kmph की स्पीड 10 सेकेंड्स में हासिल कर सकता है। इसमें 4x4 ऑल व्हील ड्राइव सेटअप के साथ ऑफ-रोड मोड्स (सैंड, मड, रॉक) मिलते हैं। सेफ्टी फीचर्स: थ्रेट न्यूट्रलाइजेशन वाली प्रोटेक्शन व्हीकल सेफ्टी में के लिए एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS), इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक डिस्ट्रीब्यूशन (EBD), 6 एयरबैग्स, 360-डिग्री कैमरा और टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम हैं। ARDTC सर्टिफिकेशन से मिलिट्री-ग्रेड प्रोटेक्शन मिलता है। ये खबर भी पढ़ें भारत का पहला प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट तैयार:300 किलो तक के सैटेलाइट अंतरिक्ष में ले जाएगा; मोदी ने उद्घाटन किया, अगले साल लॉन्चिंग पीएम मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत के पहले प्राइवेट ऑर्बिटल रॉकेट विक्रम-I को दुनिया के सामने रखा। इस रॉकेट की ऊंचाई 26 मीटर यानी करीब 85 फीट है। रॉकेट को प्राइवेट स्पेस कंपनी स्काईरूट एयरोस्पेस ने बनाया है। इस रॉकेट को 2026 में लॉन्च किया जाएगा। यह अपने साथ 300 किग्रा सैटेलाइट ले जाने में सक्षम है। पीएम ने रॉकेट के अलावा कंपनी के नए इनफिनिटी कैंपस का भी इनॉगरेशन किया। इस कैंपस में कई लॉन्च व्हीकल के डिजाइन, डेवलपमेंट, इंटीग्रेशन और टेस्टिंग का काम किया जाएगा। कैंपस तेलंगाना के हैदराबाद में बना है। कंपनी का हेड ऑफिस भी यहीं है। पूरी खबर पढ़ें
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने आज (27 नवंबर) अपने स्क्रीम इलेक्ट्रिक इवेंट के दूसरे दिन नई 7-सीटर इलेक्ट्रिक SUV लॉन्च की है। भारत में इलेक्ट्रिक कार को तीन बैटरी पैक ऑप्शन के साथ 6 वैरिएंट में उतारा गया है और इसकी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 19.95 लाख रुपए रखी गई है। इसे XEV 9e के INGLO प्लेटफॉर्म पर ही बनाया गया है, लेकिन ये 1.95 लाख रुपए सस्ती है। XEV 9S की बुकिंग अगले साल 14 जनवरी से शुरू होगी और इसकी डिलीवरी 23 जनवरी 2026 से की जाएगी। कार की टेस्ट ड्राइव यूनिट 5 दिसंबर से डीलरशिप पर मिलेगी। ये XUV400, BE 6e और XEV 9e के बाद महिंद्रा की चौथी इलेक्ट्रिक SUV है। SUV में 12.3 इंच की ट्विन स्क्रीन और खुलने वाला पैनोरमिक सनरूफ दिया गया है, जबकि BE 6e और XEV 9e फिक्स्ड ग्लास रूफ के साथ आती हैं। इसमें फुल चार्ज में 679km तक की रेंज मिलेगी। महिंद्रा XEV 9S: वैरिएंट वाइस प्राइस एक्सटीरियर डिजाइन: बोल्ड और स्पेशियस लुक महिंद्रा XEV 9S का एक्सटीरियर डिजाइन XUV700 से इंस्पायर्ड है, लेकिन इसमें EV एलिमेंट्स दिए गए हैं। फ्रंट में L-शेप्ड कनेक्टेड LED DRLs, ट्रायंगुलर LED हेडलैंप्स, क्लोज्ड-ऑफ ग्रिल और इल्यूमिनेटेड महिंद्रा लोगो है, जो चंकी प्रोफाइल देते हैं। साइड में लॉन्ग व्हीलबेस (2762mm) और ओवरहैंग्स (फ्रंट 915mm, रियर 1099mm) से बैलेंस्ड स्टांस मिलता है, साथ में 18-इंच या 20-इंच एरो-स्टाइल अलॉय व्हील्स और ग्लॉस ब्लैक पैनल्स। रियर में स्मोक्ड LED टेल लैंप्स, रीडिजाइन बंपर और इंटीग्रेटेड स्पॉयलर है। डायमेंशन्स: लंबाई 4737mm, चौड़ाई 1900mm, ऊंचाई 1745mm, ग्राउंड क्लीयरेंस 201mm (बैटरी पर 219mm)। बूट स्पेस थर्ड रो फोल्ड करने पर 527 लीटर, फ्रंक 150 लीटर। कलर ऑप्शन्स: स्टेल्थ ब्लैक, रूबी वेलवेट, नेबुला ब्लू, मिडनाइट ब्लैक, डेजर्ट मिस्ट, एवरेस्ट व्हाइट। इंटीरियर डिजाइन: प्रीमियम और वर्सेटाइल कैबिन अंदर लाइट ब्लैक और ब्लैक-व्हाइट थीम है, जो XUV700 से मिलती-जुलती है। सीट अपहोल्स्ट्री लेदरेट वाली है, सेकंड रो स्लाइडिंग और रिक्लाइनिंग वाली, थर्ड रो बच्चों या पेट्स के लिए सूटेबल। फ्रंट सीट्स वेंटिलेटेड हैं, मैक्सिमम हेडरूम राइवल्स से ज्यादा। डैशबोर्ड पर ट्रिपल-स्क्रीन सेटअप: 12.3-इंच डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, सेंट्रल इंफोटेनमेंट टचस्क्रीन (वायरलेस एंड्रॉयड ऑटो/एप्पल कारप्ले) और पैसेंजर डिस्प्ले (कंटेंट स्ट्रीमिंग के लिए)। स्टीयरिंग टू-स्पोक वाली, फिजिकल बटन्स के साथ। ओपनेबल पैनोरमिक सनरूफ, मल्टी-कलर एम्बिएंट लाइटिंग और AR HUD हाई वैरिएंट्स में हैं। सेकंड रो पैसेंजर्स के लिए फ्रंट सीट्स पर माउंटेड स्क्रीन्स BYOD फीचर सपोर्ट करती हैं। फीचर्स: कंफर्ट और एडवांस टेक का कॉम्बो कंफर्ट के लिए डुअल-जोन क्लाइमेट कंट्रोल, रियर AC वेंट्स, वेंटिलेटेड फ्रंट सीट्स, बॉस मोड (फ्रंट सीट्स एडजस्टमेंट) और 16-स्पीकर हार्मन कार्डन साउंड सिस्टम है। कन्वीनियंस में कीलेस एंट्री, पुश-बटन स्टार्ट, ऑटो हेडलैंप्स, रेन-सेंसिंग वाइपर्स, रियर डिफॉगर और वायरलेस चार्जिंग मिलती है। एडवांस फीचर्स में 12.3-इंच टचस्क्रीन (क्रिस्प ग्राफिक्स), OTA अपडेट्स, वॉयस कमांड्स और 540-डिग्री कैमरा (अंडर-कार व्यू के साथ) हैं। सब कुछ INGLO प्लेटफॉर्म पर रन करता है, जो EV आर्किटेक्चर को स्मूथ बनाता है। परफॉरमेंस: सिंगल मोटर और लॉन्ग रेंज RWD सेटअप वाली XEV 9S में सिंगल इलेक्ट्रिक मोटर है, जो 231 PS (59kWh) से 286 PS (79kWh) पावर और 380Nm टॉर्क देती है। कंपनी का दावा है कि कार 0-100kmph की स्पीड 7 सेकंड्स में हासिल कर सकती है और इसकी टॉप स्पीड 202kmph है। बैटरी ऑप्शन्स: 59kWh (521km रेंज), 70kWh (600km) और 79kWh (679km, ARAI)। रियल-वर्ल्ड रेंज 400-550km के बीच। चार्जिंग: 140kW (59kWh) से 180kW (79kWh) DC फास्ट, 20-80% 20 मिनट में। 7.2kW AC पर 0-100% 8.7-11.7 घंटे, 11kW पर 6-8 घंटे। फोर ड्राइव मोड्स और फाइव रिजेन ब्रेकिंग लेवल्स हैं। फर्स्ट ओनर्स को लाइफटाइम बैटरी वारंटी मिलेगी। सेफ्टी फीचर्स: 360-डिग्री कैमरा के साथ लेवल-2 ADAS सेफ्टी में लेवल-2 ADAS सूट है, जिसमें एडाप्टिव क्रूज कंट्रोल, लेन कीप असिस्ट, ऑटो इमरजेंसी ब्रेकिंग और डॉरोसनेस डिटेक्टर शामिल हैं।6 एयरबैग्स, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, 360-डिग्री कैमरा, ऑल-डिस्क ब्रेक्स, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक विथ ऑटो-होल्ड और हिल स्टार्ट असिस्ट स्टैंडर्ड हैं। ऑटो पार्किंग और 540-डिग्री व्यू सेफ्टी बढ़ाते हैं। भारत NCAP से 5-स्टार रेटिंग एक्सपेक्टेड है।
महिंद्रा एंड महिंद्रा का स्क्रीम इलेक्ट्रिक इवेंट आज (26 नवंबर) से शुरू हो गया है। ये महिंद्रा की इलेक्ट्रिक व्हीकल जर्नी का 1 साल का सेलिब्रेशन इवेंट है। इवेंट के पहले दिन कंपनी ने अपनी पॉपुलर इलेक्ट्रिक एसयूवी BE 6 का फॉर्मुला ई एडिशन भारत में लॉन्च किया। स्पेशल एडिशन टॉप-स्पेक पैक 3 वैरिएंट पर बेस्ड है, जिसकी फुल चार्ज पर 682km की रेंज है। स्पेशल एडिशन SUV को स्टैंडर्ड BE 6 की तुलना में कॉस्मेटिक चेंजेस और कुछ नए फीचर्स के साथ पेश किया है। महिंद्रा ने इसे दो वैरिएंट- FE2 और FE3 में उतारा है, इसकी शुरुआती कीमत 23.69 लाख रुपए (एक्स-शोरूम, पैन-इंडिया) है, जो स्टैंडर्ड मॉडल से ₹80,000 ज्यादा है। पहले 999 कस्टमर्स को ट्रैक डे एक्सपीरियंस और फॉर्मूला ई रेस के टिकट्स जैसे गिफ्ट मिलेंगे। BE 6 फॉर्मूला ई की बुकिंग 14 जनवरी 2026 से शुरू होगी और डिलीवरी 14 फरवरी से की जाएगी। ये भारत में टाटा कर्व ईवी, हुंडई क्रेटा इलेक्ट्रिक और MG ZS EV को टक्कर देती है। महिंद्रा BE 6 फॉर्मूला-ई एडिशन: वैरिएंट वाइस प्राइस एक्सटीरियर डिजाइन: रेसिंग वाली बोल्ड लुक स्पेशल एडिशन SUV रेस ट्रैक से निकली लगती है। इसके फ्रंट और रियर बंपर्स को और ज्यादा आक्रामक डिजाइन दिया गया है, फॉर्मूला ई से इंस्पायर्ड ग्राफिक्स, डिकल्स और कई खास चीजें मिली हैं। कार के फ्रंट में रिवाइज्ड ग्रिल, सर्कुलर LED प्रोजेक्टर हेडलैंप्स और आईब्रो स्टाइल DRLs हैं। बंपर्स को फिर से डिजाइन किया गया है, रियर में ब्रश्ड एल्युमिनियम फॉक्स स्किड प्लेट और इंटीग्रेटेड स्पॉयलर लगा है। बॉडी पर मोटरस्पोर्ट ग्राफिक्स, हूड स्ट्रिप्स, व्हील स्ट्रिप्स और फॉर्मूला ई बैज हैं। रेड ब्रेक कैलीपर्स और ऑरेंज टो हुक स्पोर्टी वाइब ऐड करते हैं। डायमेंशन्स स्टैंडर्ड BE 6 जैसे ही हैं- लंबाई 4371mm, चौड़ाई 1985mm, ऊंचाई 1495mm और व्हीलबेस 2775mm। कलर ऑप्शन्स में ब्लैक-रेड एक्सेंट्स के साथ फायरस्टॉर्म ऑरेंज, टैंगो रेड, एवरेस्ट व्हाइट और स्टेल्थ ब्लैक हैं। 20-इंच अलॉय व्हील्स नया एरो डिजाइन वाले हैं, जो 2023 के राल-ई कॉन्सेप्ट से इंस्पायर्ड हैं। इंटीरियर डिजाइन: प्रीमियम और रेस-रेडी अंदर डुअल-टोन ऑरेंज-ब्लैक थीम है, जो एक्सक्लूसिव फील देती है। डैशबोर्ड पर कार्बन फाइबर फिनिश, डोर ट्रिम्स पर फॉर्मूला ई लोगो और सीट बैक पर मोटिफ लगा है। स्टीयरिंग व्हील पर ऑरेंज इंसर्ट्स, सेंटर कंसोल बटन्स और डोर हैंडल्स ऑरेंज हैं। सीट अपहोल्स्ट्री वेंटिलेटेड फ्रंट सीट्स वाली है, ड्राइवर के लिए 6-वे पावर एडजस्टमेंट के साथ। पैनोरमिक मूनरूफ इल्यूमिनेटेड लाइटिंग स्ट्रिप्स के साथ है। टचस्क्रीन ट्विन 12.3-इंच डिस्प्ले- एक कर्व्ड इंफोटेनमेंट और दूसरा डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर। महिंद्रा का एड्रेनॉक्स AI इंटरफेस वायरलेस एप्पल कारप्ले, एंड्रॉयड ऑटो, OTA अपडेट्स और वॉयस कमांड्स सपोर्ट करता है। रियर AC वेंट्स, लैमिनेटेड डोर्स और 65W टाइप-सी फास्ट चार्जर कन्वीनियंस बढ़ाते हैं। फीचर्स: कंफर्ट और एडवांस टेक का मिक्स कंफर्ट के लिए डुअल-जोन क्लाइमेट कंट्रोल, वायरलेस चार्जिंग, ऑटो-डिमिंग IRVM, ऑटो हेडलैंप्स और रेन-सेंसिंग वाइपर्स हैं। एडवांस फीचर्स में डॉल्बी एटमॉस के साथ 16-स्पीकर हार्मन कार्डन साउंड सिस्टम, जो म्यूजिक को नेक्स्ट लेवल ले जाता है। रेस-रेडी डिजिटल कॉकपिट वॉयस कंट्रोल से नेविगेशन और क्लाइमेट हैंडल करता है। ये सब INGLO प्लेटफॉर्म पर हैं, जो इलेक्ट्रिक आर्किटेक्चर को पावरफुल बनाता है। परफॉरमेंस: पावरफुल मोटर और लॉन्ग रेंज RWD सेटअप वाली ये SUV सिंगल इलेक्ट्रिक मोटर से 282bhp पावर और 380Nm टॉर्क जनरेट करती है। 79kWh बैटरी पैक के साथ MIDC सर्टिफाइड रेंज 682km (P1+P2 कॉम्बाइंड) है। 175kW DC फास्ट चार्जिंग से 10-80% चार्ज 20 मिनट में हो जाता है। 180kW तक सपोर्ट है, जो आइडियल कंडीशंस में 20 मिनट का टाइम देता है। एक्सेलेरेशन 0-100kmph में 6.7 सेकंड्स है, टॉप स्पीड 200kmph। ये परफॉरमेंस स्टैंडर्ड BE 6 जैसी ही है, लेकिन रेसिंग थीम इसे एक्साइटिंग बनाती है। सेफ्टी फीचर्स: 5-स्टार रेटिंग वाली प्रोटेक्शन सेफ्टी में लेवल-2 ADAS सूट है, जिसमें एडाप्टिव क्रूज कंट्रोल, लेन कीप असिस्ट और ऑटो इमरजेंसी ब्रेकिंग शामिल हैं। इसके अलावा 6 एयरबैग्स, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, 360-डिग्री कैमरा, ऑल-डिस्क ब्रेक्स, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक विथ ऑटो-होल्ड और हिल स्टार्ट असिस्ट स्टैंडर्ड मिलते हैं। भारत NCAP से 5-स्टार रेटिंग मिली चुकी है। एरो विंग और स्पॉयलर ड्रैग कम करके स्टेबिलिटी बढ़ाते हैं।
एपल एक दशक के बाद सैमसंग को पीछे छोड़कर फिर दुनिया का नंबर 1 स्मार्टफोन ब्रांड बन सकता है। काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक इसका कारण आईफोन 17 सीरीज की तेजी से बढ़ रही सेल होगी। इससे पहले 2011 में एपल ने नंबर की पोजिशन हासिल की थी। रिसर्च के अनुसार सितंबर में लॉन्च हुई आईफोन 17 सीरीज को अमेरिका और चीन दोनों बाजारों में बेहद मजबूत प्रतिक्रिया मिली है, जिससे एपल की बिक्री में तेज वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा US-चाइना ट्रेड तनाव में कमी और डॉलर की कमजोरी ने बड़े बाजारों में भी आईफोन की खरीद बढ़ाई है। आईफोन की बिक्री 10% तक बढ़ेगी काउंटरपॉइंट का अनुमान है कि 2025 में आईफोन की बिक्री 10% बढ़ेगी, जबकि सैमसंग की यह वृद्धि सिर्फ 4.6% रहेगी। इसी बढ़त के साथ एपल इस साल सैमसंग को पीछे छोड़कर नंबर 1 स्थान पर आ जाएगा। 2025 में वैश्विक स्मार्टफोन बाजार लगभग 3.3% बढ़ेगा और एपल की हिस्सेदारी 19.4% तक पहुंच सकती है। एपल आखिरी बार 2011 में दुनिया की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्माता बनी थी। यूजर्स फोन अपग्रेड कर आईफोन पर शिफ्ट हो रहे काउंटरपॉइंट के विश्लेषक यांग वांग ने कहा कि आईफोन 17 की सफलता के पीछे प्रमुख कारण यह है कि कोविड अवधि में फोन खरीदने वाले कंज्यूमर अब अपना फोन अपग्रेड कर रहे हैं। 2023 से 2025 के बीच 35.8 करोड़ सेकंड-हैंड आईफोन s बिके, जिनके उपयोगकर्ता अगले कुछ वर्षों में नए आईफोन मॉडल की ओर बढ़ने की संभावना रखते हैं। फोल्डेबल फोन से सेल बढ़ने की उम्मीद रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि एपल की पहुंच आने वाले वर्षों में और मजबूत हो सकती है। 2026 में फोल्डेबल आईफोन और बजट आईफोन 17e लॉन्च होने की उम्मीद है, जबकि 2027 में कंपनी बड़े डिजाइन बदलाव लाने की तैयारी कर रही है। इन सभी कारणों से कॉउंटरपॉइंट का अनुमान है कि एपल 2029 तक लगातार नंबर 1 स्मार्टफोन ब्रांड बना रहेगा।एपल ने पिछले महीने कहा था कि उसकी सेल्स उम्मीद से तेज गति से बढ़ रही हैं और कंपनी की हॉलिडे क्वार्टर की कमाई लगभग 140 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर के करीब पहुंच सकती है।
अमेरिकी टेक कंपनी HP इंक ने ग्लोबल लेवल पर 4,000 से 6,000 कर्मचारियों की छंटनी का प्लान बनाया है। कंपनी का यह प्लान FY28 यानी फिस्कल ईयर 2028 के आखिरी तक पूरा होगा। कंपनी का कहना है कि मेमोरी चिप के दामों में तेजी से लागत बढ़ रही है, जिसके चलते यह फैसला लिया गया। साथ ही AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर फोकस बढ़ाने के लिए ऑपरेशंस को स्ट्रिमलाइन किया जा रहा है। इससे कंपनी को तीन साल में 1 बिलियन डॉलर यानी 8,927 करोड़ रुपए की ग्रॉस सेविंग होगी। कंपनी के पास अभी करीब 58,000 कर्मचारी HP के CEO एनरिके लोर्स ने मंगलवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि प्रोडक्ट डेवलपमेंट, इंटरनल ऑपरेशंस और कस्टमर सपोर्ट टीम्स पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। कंपनी के पास अभी करीब 58,000 कर्मचारी हैं। इस साल की शुरुआत में भी कंपनी ने 1,000 से 2,000 कर्मचारियों की छंटनी की थी। मेमोरी चिप के दामों ने मुश्किलें बढ़ाईं टेक सेक्टर में मेमोरी चिप की डिमांड तेजी से बढ़ रही है, खासकर डेटा सेंटर्स की वजह से ऐसा हो रहा है। मोर्गन स्टैनली के एनालिस्ट्स ने चेतावनी दी है कि इससे HP, डेल और एसर जैसी कंपनियों पर प्रॉफिट का दबाव बढ़ेगा। HP का कहना है कि PC सेल्स साइकल के फायदे को ये बढ़ते खर्च कैंसल कर रहे हैं। कंपनी ने बताया कि पहले हाफ में इन्वेंटरी की वजह से असर कम रहेगा, लेकिन सेकंड हाफ में सतर्क रहेंगे। लोर्स ने कहा, 'हम ज्यादा मेमोरी सप्लायर्स जोड़ रहे हैं, जहां जरूरी न हो वहां मेमोरी कम कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर प्रयास बढ़ा रहे हैं।' इसके अलावा नॉर्थ अमेरिका के लिए प्रोडक्ट्स की मैन्युफैक्चरिंग चीन से बाहर शिफ्ट की जा रही है, ताकि टैरिफ का असर कम हो। चौथे क्वार्टर में HP की सेल्स 4.2% बढ़ी थी फिस्कल फोर्थ यानी चौथे क्वार्टर में HP की सेल्स 4.2% बढ़कर 14.6 बिलियन डॉलर यानी 1.30 लाख करोड़ रुपए रही। PC यूनिट की कमाई 8% ऊपर गई, क्योंकि विंडोज 11 मशीन्स और AI PCs की डिमांड बढ़ी है। AI वाले PCs ने Q4 में 30% से ज्यादा शिपमेंट्स कवर किए। लेकिन प्रिंटर यूनिट की सेल्स 4% गिरकर 4.27 बिलियन डॉलर यानी 38,111 करोड़ रुपए रह गई। एडजस्टेड प्रॉफिट 93% प्रति शेयर रहा, जो एनालिस्ट्स के 92% के अनुमान से थोड़ा बेहतर था। HP AI को प्रोडक्ट डेवलपमेंट तेज करने, कस्टमर सैटिस्फैक्शन बढ़ाने और प्रोडक्टिविटी सुधारने के लिए इस्तेमाल करेगी। लोर्स ने कहा, 'यह कदम उठाना जरूरी है ताकि कंपनी कॉम्पिटिटिव बनी रहे।' 3 साल पहले भी HP ने 6,000 कर्मचारियों को निकाला था तीन साल पहले भी HP ने 4,000 से 6,000 नौकरियां कम करने का प्लान किया था, जब कंपनी के कर्मचारियों की संख्या 61,000 थी। उससे 2.2 बिलियन डॉलर (19,634 करोड़ रुपए) की सेविंग हुई थी। अभी के प्लान से 650 मिलियन डॉलर (5,801 करोड़ रुपए) के रिस्ट्रक्चरिंग चार्जेस होंगे, जिसमें FY26 में 250 मिलियन डॉलर (2,231 करोड़ रुपए) शामिल हैं। कंपनी का अनुमान है कि पूरे साल का एडजस्टेड प्रॉफिट $2.90 (258 रुपए) से $3.20 (285 रुपए) प्रति शेयर रहेगा, जबकि एनालिस्ट्स $3.32 (296 रुपए) की उम्मीद कर रहे थे। जनवरी तक खत्म होने वाले पीरियड में एनालिस्ट्स के 78% के मुकाबले 73% से 81% प्रति शेयर का प्रॉफिट दिखेगा। टेक सेक्टर में छंटनी का सिलसिला जारी टेक इंडस्ट्री में नौकरियां कम करने का ट्रेंड चल रहा है। अमेजन ने हाल ही में 14,000 से ज्यादा जॉब्स कट किए हैं, जो उसके 3.5 लाख कॉर्पोरेट एम्प्लॉई का करीब 10% है। पैनडेमिक के दौरान हायरिंग बढ़ाने के बाद अब खर्च कंट्रोल करने की कोशिश हो रही है। मेटा ने भी AI ऑपरेशंस में सैकड़ों रोल्स खत्म किए। एपल ने भी सेल्स डिविजन में रीऑर्गनाइजेशन के तहत दर्जनों एम्प्लॉई को पिंक स्लिप थमाई है। ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में 20 रोल्स पहले ही चले गए हैं। HP की छंटनी भी इसी चेन का हिस्सा है। रॉयटर्स के मुताबिक, अमेजन ने पैनडेमिक के बाद 30,000 कॉर्पोरेट पोजिशंस कम किए हैं। भविष्य में क्या असर होगा? HP को तीन साल में 1 बिलियन डॉलर की सेविंग से फायदा होगा, लेकिन शॉर्ट टर्म में रिस्ट्रक्चरिंग कॉस्ट्स प्रेशर डालेंगी। AI PCs की ग्रोथ से PC सेगमेंट मजबूत रहेगा, लेकिन मेमोरी चिप प्रॉब्लम सेकंड हाफ में चुनौती बनेगी। लोर्स ने कहा, 'हम गाइडेंस पर सतर्क रहेंगे, लेकिन एग्रेसिव एक्शंस ले रहे हैं।' एनालिस्ट्स का मानना है कि मेमोरी प्राइसेज अगर कंट्रोल न हुए तो प्रॉफिट मार्जिन पर असर पड़ेगा। कंपनी AI इनोवेशन पर फोकस करके मार्केट शेयर बढ़ाने की कोशिश करेगी। ग्लोबल वर्कफोर्स पर 7%-10% का असर पड़ेगा, जो टेक सेक्टर के ओवरऑल ट्रेंड को दिखाता है। ये खबर भी पढ़ें... नैनो-बनाना प्रो से अब फर्जी आधार और पैन-कार्ड बन रहे: फोटो-नाम और डिटेल्स डालकर रियल जैसे बन जाते हैं डॉक्यूमेंट्स, गूगल की सेफ्टी गाइडलाइंस पर सवाल गूगल का नया AI मॉडल नैनो बनाना प्रो तेजी से पॉपुलर हो रहा है, लेकिन इससे अब फर्जी आधार और पैन कार्ड भी जनरेट किए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये बात सामने आई कि ये मॉडल यूजर्स के प्रॉम्प्ट पर बिना किसी चेतावनी के रियलिस्टिक लुकिंग डॉक्यूमेंट बना देता है। इसमें यूजर का फोटो, फर्जी नाम और ID नंबर्स सब कुछ रियल ID की तरह ऐड हो जाते हैं। ये प्राइवेसी और फ्रॉड का बड़ा खतरा पैदा कर रहा है। पूरी खबर पढ़ें...
गेमिंग फोन बनाने वाली टेक कंपनी आईक्यू ने आज (26 नवंबर) भारत में नया फ्लैगशिप स्मार्टफोन iQOO 15 लॉन्च किया है। यह फोन क्वालकॉम के फ्लैगशिप 3Nm ऑक्टा-कोर स्नैपड्रैगन 8 एलीट जेन 5 चिपसेट से लैस है। इस चिपसेट के साथ ये कंपनी का पहला और भारत में दूसरा फोन है। इससे पहले वनप्लस 15 इसी प्रोसेसर के साथ आया था। इसके अलावा, फोन में 100W वायर्ड फास्ट चार्जिंग के साथ 7000mAh बैटरी, 2K रेजोल्यूशन वाला 6.85-इंच डिस्प्ले मिलता है। वहीं, सुरक्षा के लिए इसमें 3D अल्ट्रासोनिक फिंगरप्रिंट सेंसर भी है। आइकू 15 को 2 स्टोरेज वैरिएंट में उतारा गया है और इसकी शुरुआती कीमत 72,999 रुपए है। कंपनी लॉन्च ऑफर में मोबाइल पर 7000 रुपए का इंस्टेंट बैंक डिस्काउंट दे रही है। फोन 1 दिसंबर दोपहर 12 बजे से ई-कॉमर्स साइट पर अवेलेबल होगा। डिजाइन: ग्लास और मेटल बॉडी आइकू 15 स्मार्टफोन ग्लास और मेटल बॉडी से बना है। इसमें कर्व्ड एजेस हैं, जो हाथ में अच्छे से फिट हो जाते हैं। बैक पैनल पर रीडिजाइन कैमरा मॉड्यूल फ्यूचरिस्टिक टच देता है, जबकि फ्रंट में मिनिमल बेजल्स के साथ AMOLED डिस्प्ले है। पंच होल सेल्फी कैमरा मॉडर्न फील देता है। फोन का डायमेंशन स्लिम है। ये 161.5 लंबा, 75.2 चौड़ा, 8.5mm पतला और वजन 200g है। IP68 रेटिंग से वॉटर-डस्ट रेसिस्टेंट है, जो आउटडोर यूज के लिए अच्छा है। कुल मिलाकर, iQOO 15 का डिजाइन प्रीमियम और गेमिंग-फोकस्ड है, जो स्लिक लुक के साथ कम्फर्टेबल ग्रिप देता है। आइकू 15 स्मार्टफोन: स्पेसिफिकेशंस डिस्प्ले: मोबाइल में 6.85-इंच 2K ओलेड डिस्प्ले दिया गया है। इसमें सैमसंग की लाइट-एमिटिंग एडेप्टिव डिस्प्ले (LEAD) तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इससे स्क्रीन विजिबिलिटी बढ़ती है और रिफ्लेक्शन कम होते हैं। डिस्प्ले 144Hz रिफ्रेश रेट पर काम करता है। इसकी पीक ब्राइटनेस 6000 निट्स है और इसमें 3D अल्ट्रासोनिक इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर भी दिया गया है। कंपनी ने इसे इंडिया का सबसे ब्राइट डिस्प्ले कहा है। परफॉर्मेंस: फोन में परफॉर्मेंस के लिए क्वालकॉम स्नेपड्रैगन 8 एलिट जेन 5 ऑक्टा-कोर प्रोसेसर दिया गया है। यह 3 नैनोमीटर आर्किटेक्चर पर बना मोबाइल चिपसेट है, जो 3.63GHz से 4.6GHz तक की क्लॉक स्पीड पर रन कर सकता है। मोबाइल में BGMI और COD जैसे गेम्स खेलने के लिए सुपर कंप्यूटिंग चिप Q3 लगाई गई है। यह मोबाइल यूजर्स को लंबा गेमिंग सेशन देती है और गेम खेलने के दौरान फोन को हीट होने से रोकती है। कंपनी का दावा है कि फोन में गेम खेलते वक्त 144FPS फ्रेम रेट मिलेगी और लैग व हैंग जैसी प्रॉब्लम भी नहीं आएगी। फोन ओरिजन OS6 ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करता है। कैमरा: फोटोग्राफी के लिए आइकू 15 के बैक पैनल पर ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप दिया गया है। इसमें LED फ्लैश के साथ 50 मेगापिक्सल सोनी IMX921 VCS सेंसर दिया गया है। इसके साथ 50 मेगापिक्सल अल्ट्रा-वाइड एंगल लेंस और 50 मेगापिक्सल 3x पेरिस्कोप टेलिफोटो लेंस मिलता है। वहीं, सेल्फी और वीडियो कॉलिंग के लिए 32 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा मिलता है। बैटरी और चार्जार: पावर बैकअप के लिए फोन में 7000mAh की बैटरी दी गई है। इसे चार्ज करने के लिए फोन में 100W वायर्ड फास्ट चार्जिंग और 40W वायरलेस फास्ट चार्जिंग तकनीक दी गई है। मोबाइल ग्लोबल डायरेक्ट ड्राइव पावर सप्लाई 2.0 टेक्नोलॉजी से लैस है। यह जरूरत पड़ने पर फोन की बैटरी की बजाय सीधे मदरबोर्ड को पावर देती है, जिससे बैटरी पर लोड नहीं पड़ता है और मोबाइल हीट नहीं होता।
हीरो मोटोकॉर्प ने आज (26 नवंबर) इंडियन मार्केट में हीरो एक्सट्रीम 160R का नया कॉम्बैट एडिशन लॉन्च कर दिया है। हीरो ने अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर नए वैरिएंट को 'एक्सट्रीम 160R 4V क्रूज कंट्रोल' नाम दिया है। इसे क्रूज कंट्रोल, कलर LCD डिस्प्ले और 3 राइडिंग मोड्स जैसे फीचर्स के साथ उतारा गया है। ये भारत में क्रूज कंट्रोल फीचर वाली पहली 160CC स्पोर्टी बाइक है। बाइक डुअल चैनल ABS फीचर से भी लैस है, जो ब्रेक लगाने पर फ्रंट और रियर दोनों व्हील्स को कंट्रोल करता है। इससे बाइक फिसलने का खतरा कम हो जाता है। इसकी कीमत 1,34,100 लाख रुपए (एक्स-शोरूम, दिल्ली) है। हीरो एक्सट्रीम 160R अपने सेगमेंट में TVS अपाचे RTR 160 4V (₹1.33 लाख) और बजाज पल्सर NS160 (₹1.23 लाख) को टक्कर देगी। डिजाइन, डायमेंशन और कलर ऑप्शन हीरो एक्सट्रीम 160R 4V कॉम्बैट एडिशन का डिजाइन रेगुलर मॉडल से थोड़ा अलग है। इसमें शार्पर LED हेडलाइट और सिग्नेचर ग्रे/फ्लोरोसेंट यलो कलर स्कीम इसे मिलिट्री-इंस्पायर्ड लुक देगा। डायमेंशन स्टैंडर्ड ही हैं। इसकी लंबाई 2023mm, चौड़ाई 781mm, ऊंचाई 1054mm, व्हीलबेस 1335mm है। सीट हाइट 795mm रखी गई है, जो एवरेज हाइट वालों के लिए परफेक्ट है। कलर ऑप्शन में नया ग्रे विद येलो हाइलाइट्स मिलेगा, जो स्पोर्टी वाइब देगा। वजन 139.5 किलो है, जो हैंडलिंग को लाइट रखता है। हीरो ने ग्राफिक्स पर भी फोकस किया है, ताकि स्ट्रीट पर ये बाइक हेड-टर्नर बने। परफॉरमेंस: 163cc इंजन के साथ 50kmpl से ज्यादा का माइलेज बाइक के इंजन में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसमें पहले की तरह ही 163CC का सिंगल-सिलेंडर ऑयल-कूल्ड इंजन दिया गया है, जो 16.6hp की मैक्सिमम पावर और 14Nm का टार्क जनरेट करता है। इस इंजन को 5-स्पीड गियरबॉक्स यूनिट के साथ ट्यून किया गया है। बाइक OBD-2 अनुरूप और E20 पेट्रोल (20% इथेनॉल मिक्स पेट्रोल) पर चलने में सक्षम है। परफॉर्मेंस बेस मॉडल जैसी ही है, लेकिन राइड-बाय-वायर से रिस्पॉन्स बेहतर हो गया है। कंपनी का दावा है कि बाइक 0-60kmph की स्पीड सिर्फ 4.5 सेकेंड में हासिल कर लेती है। माइलेज शहर में 45kmpl और हाईवे पर 50kmpl से ऊपर मिलेगा। तीन राइडिंग मोड्स से रेन मोड में सेफ्टी बढ़ती है, जबकि स्पोर्ट मोड में थ्रिल मिलता है। हीरो का दावा है कि ये बाइक सिटी कम्यूटिंग और वीकेंड राइड्स दोनों के लिए बैलेंस्ड है। इसकी टॉप स्पीड 115kmph के आसपास है, जो सेगमेंट में कॉम्पिटिटिव है। हार्डवेयर: KYB सस्पेंशन और डुअल-चैनल ABS से सेफ्टी फुल ऑन हीरो ने हार्डवेयर को रिफाइन किया है, ताकि स्पोर्टी राइडिंग में भी स्टेबिलिटी बनी रहे। कंफर्ट राइडिंग के लिए बाइक के फ्रंट में KYB इनवर्टेड फोर्क और रियर में मोनोशॉक सस्पेंशन सेटअप दिया गया है, जो खराब रास्तों को अच्छे से हैंडल करता है। इसमें 17-इंच के अलॉय व्हील्स हैं। वहीं, फ्रंट व्हील में 100/80-17 सेक्शन और रियर में 130/70-17 सेक्शन के टायर्स मिलते हैं। ब्रेकिंग में 276mm फ्रंट डिस्क और 220mm रियर डिस्क के साथ डुअल-चैनल ABS स्टैंडर्ड है। फीचर्स: कलर LCD कंसोल से मॉडर्न टच नया कलर LCD इंस्ट्रूमेंट कंसोल स्पीड, फ्यूल लेवल, टाइम, गियर पोजिशन, टैकोमीटर, ओडोमीटर और ट्विन ट्रिप मीटर्स दिखाता है। ये कंसोल हीरो ग्लैमर X125 और एक्सट्रीम 125R जैसा है, लेकिन 160cc के लिए ऑप्टिमाइज्ड है। फुल LED लाइटिंग सेटअप है, जो नाइट राइडिंग को ब्राइट बनाता है।
गूगल का नया AI मॉडल नैनो बनाना प्रो तेजी से पॉपुलर हो रहा है, लेकिन इससे अब फर्जी आधार और पैन कार्ड भी जनरेट किए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये बात सामने आई कि ये मॉडल यूजर्स के प्रॉम्प्ट पर बिना किसी चेतावनी के रियलिस्टिक लुकिंग डॉक्यूमेंट बना देता है। इसमें यूजर का फोटो, फर्जी नाम और ID नंबर्स सब कुछ रियल ID की तरह ऐड हो जाते हैं। ये प्राइवेसी और फ्रॉड का बड़ा खतरा पैदा कर रहा है। नैनो बनाना प्रो क्या है, कैसे काम करता है नैनो बनाना प्रो गूगल के जेमिनी नैनो मॉडल का अपग्रेडेड वर्जन है, जो पिछले हफ्ते लॉन्च हुआ है। ये कैरेक्टर कंसिस्टेंसी में बेहतर है। इसके अलावा ये 4K इमेज जनरेट और ऐडिट कर सकता है और गूगल सर्च से इंटीग्रेटेड है। सोशल मीडिया पर नैनो बनाना प्रो पॉपुलर भी हो गया है। क्योंकि ये स्टाइलिश पोर्ट्रेट्स बना सकता है, लिंक्डइन प्रोफाइल को AI इन्फोग्राफिक्स में बदल देता है और कॉम्प्लेक्स टेक्स्ट को व्हाइटबोर्ड समरी में कन्वर्ट कर देता है। लेकिन प्रॉब्लम ये है कि ये सेंसिटिव कंटेंट पर कोई सेफ्टी चेक नहीं करता। प्रॉम्प्ट से फर्जी आधार और पैन कार्ड बनाया जांच में जब फर्जी आधार और पैन कार्ड बनाने के लिए प्रॉम्प्ट दिया गया, तो मॉडल ने बिना सवाल किए इमेज जनरेट कर दी। इसमें जेमिनी वॉटरमार्क दिखता है और इनविजिबल सिंथआईडी वॉटरमार्किंग भी ऐड हो जाती है ताकि ये रियल से अलग लगे। लेकिन वॉटरमार्क आसानी से रिमूव हो जाता है। प्रिंट करके या जल्दी दिखाने पर ये असली डॉक्यूमेंट जैसा लग सकता है। वहीं एक यूजर ने अपना फोटो और फर्जी डिटेल्स डाले, तो सब कुछ परफेक्टली ऐड हो गया। सेफ्टी की वजह से प्रॉम्प्ट्स शेयर नहीं किए गए हैं। जांच में क्या-क्या मिला, पुराने मॉडल्स से तुलना जांच में पाया गया कि नैनो बनाना प्रो ने फेक आधार कार्ड पर जेमिनी वॉटरमार्क के साथ इमेज बनाई, जहां यूजर का फोटो, नाम, जन्मतिथि और 12-डिजिट आधार नंबर सब फिट हो गया। इसी तरह पैन कार्ड पर भी AI जनरेटेड मार्किंग थी, लेकिन फर्जी नाम, पिता का नाम और 10-डिजिट PAN नंबर रियल लग रहे थे। मॉडल ने सेक्शुअली सजेस्टिव कंटेंट या वायलेंस से जुड़े प्रॉम्प्ट्स को ब्लॉक कर दिया, लेकिन ID प्रूफ्स पर कोई रेस्ट्रिक्शन नहीं लगाया। ये पहली बार नहीं है, जब AI मॉडल्स ने फेक ID प्रूफ्स बनाए। पहले चैटजीपीटी के GPT-4o मॉडल ने भी 'गिबली मोमेंट' के दौरान ऐसा किया था, लेकिन नैनो बनाना प्रो इससे कहीं बेहतर इमेज क्वालिटी देता है। रिपोर्ट में कहा गया, 'ये चैटजीपीटी से कई गुना बेहतर रियलिस्टिक इमेज क्रिएट करता है।' इससे गूगल की सेफ्टी टीम्स पर सवाल उठे हैं कि बेसिक मिसयूज को क्यों नहीं रोका गया, जबकि कंपनी स्ट्रिक्ट गाइडलाइंस के लिए जानी जाती है। रिस्क्स क्या हैं, प्राइवेसी पर क्या असर फर्जी आधार और पैन कार्ड बनने से प्राइवेसी का बड़ा खतरा है। रियल लाइफ में इनका इस्तेमाल फ्रॉड, आइडेंटिटी थेफ्ट या गलत वेरिफिकेशन के लिए हो सकता है। रिपोर्ट में बताया गया कि वॉटरमार्क रिमूव करके प्रिंटेड वर्जन को हड़बड़ी में असली समझ लिया जा सकता है। भारत जैसे देश में जहां आधार और पैन हर सर्विस के लिए जरूरी हैं, यहां ये प्रॉब्लम और गंभीर हो जाती है। अभी तक कोई स्पेसिफिक इनसिडेंट्स रिपोर्ट नहीं हुए, लेकिन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि ये फ्रॉड को आसान बना सकता है। गूगल ने इस पर अभी कोई रिस्पॉन्स नहीं दिया है। एक्सपर्ट्स ने क्या कहा, आगे क्या हो सकता है एक्सपर्ट्स ने चिंता जताते हुए कहा कि गूगल का जेमिनी नैनो बनाना प्रो मॉडल सोशल मीडिया पर पॉपुलर हो गया है, लेकिन ये फेक ID प्रूफ्स जनरेट करने में बिना हिचकिचाहट के काम कर रहा है। सवाल है कि गूगल की सेफ्टी टीम्स ने इस बेसिक मिसयूज को क्यों नहीं रोका, जबकि यूजर्स कंपनी को स्ट्रिक्ट गार्ड्रेल्स के लिए क्रिटिसाइज करते रहे हैं। फ्यूचर में गूगल को सेंसिटिव प्रॉम्प्ट्स पर और स्ट्रॉन्ग फिल्टर्स लगाने पड़ सकते हैं। वहीं भारत सरकार या UIDAI जैसी अथॉरिटीज से इस पर गाइडलाइंस आ सकती हैं। यूजर्स को सलाह है कि AI टूल्स का इस्तेमाल सावधानी से करें।
टाटा मोटर्स ने आज (25 नवंबर) अपनी मोस्ट अवेटिंग SUV सिएरा को भारतीय बाजार में लॉन्च कर दिया है। सिएरा टाटा के लिए एक आइकॉनिक नाम है, जिसे 2003 में बंद कर दिया गया था। अब 22 साल बाद सिएरा मॉडर्न स्टाइल और फीचर के साथ वापसी की है। कार 360 कैमरा और लेवल-2 एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) जैसे सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं। नई सिएरा की इंट्रोडक्टरी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 11.49 लाख रुपए रखी गई है। इसकी बुकिंग 16 दिसंबर से शुरू होगी और डिलीवरी 15 जनवरी से की जाएगी। इसका मुकाबला हुंडई क्रेटा, किआ सेल्टोस, स्कोडा कुशाक, फोक्सवैगन टाइगन, मारुति ग्रैंड विटारा, होंडा एलिवेट और MG एस्टर से रहेगा। एक्सटीरियर: 1990 मॉडल और नई सफारी से इंस्पायर्ड डिजाइन नई सिएरा का डिजाइन 1990 में आने वाले अपने पुराने मॉडल से इंस्पायर्ड है, लेकिन कंपनी ने ओवरऑल डिजाइन थीम मौजूदा लाइनप में शामिल हैरियर और सफारी के जैसी रखी है। इसके फ्रंट में कनेक्टेड LED DRL जैसे मॉडर्न एलिमेंट्स दिए गए हैं। इनके बीच कार की चौड़ाई तक फैली ग्रिल और स्टाइलिश बंपर दिया गया है। इसमें हेडलाइट को बंपर में इंटीग्रेट है। साइड से SUV वाला बॉक्सी सिल्हूट पहले की तरह है, जिसमें आइकॉनिक ‘एल्पाइन विंडो’ डिजाइन मिलेगी, लेकिन इसमें ओरिजनल सिएरा की तरह सिंगल ग्लास पेन ग्लास रूफ नहीं होगा, क्योंकि नई सिएरा 4 दरवाजों वाली कार होगी। मॉडर्न टच के लिए इसमें फ्लश डोर हैंडल और 19 इंच के स्टाइलिश मल्टी-स्पोक डुअल-टोन अलॉय व्हील भी दिए गए हैं। रियर से सिएरा काफी सिंपल है और इसमें कार की पूरी चौड़ाई तक फैली LED टेल लैंप्स दी गई है। इसमें सिल्वर स्किड प्लेट के साथ ग्लॉसी ब्लैक रियर बंपर दिया गया है जो इसे पीछे से मॉडर्न लुक देता है। चारों ओर ग्लॉस ब्लैक फिनिश दी गई है। इंटीरियर: ट्रिपल स्क्रीन सेटअप वाली टाटा की पहली कार सिएरा कार का केबिन वर्तमान में टाटा की मौजूदा कारों से काफी अलग है। इसके केबिन में ट्रिपल स्क्रीन सेटअप दिया गया है, जो एक पेनल पर इंटीग्रेटेड है और ये डैशबोर्ड की पूरी चौड़ाई तक फैला है, जो पहली ही नजर में सबका ध्यान अपनी ओर खींचता है। इसके डैशबोर्ड पर कई जगह यलो हाइलाइट दिए गए हैं, जबकि AC वेंट्स काफी पतले हैं। इसमें इल्लुमिनेटेड लोगो के साथ 4-स्पोक स्टीयरिंग व्हील दिया गया है। डैशबोर्ड पर आपको एक साउंडबार मिलता है, जो वास्तव में बहुत कूल दिखता है और आपको इसका साउंड पसंद आएगा। खास बात ये है कि बड़ी खिड़कियां और बड़ा पैनोरमिक सनरूफ केबिन को हवादार फील कराता है। सिएरा के केबिन में पीछे की तरफ बेंच सीट के साथ 3 एडजस्टेबल हेडरेस्ट और एक सेंटर आर्मरेस्ट दिया गया है। पीछे की सीट तीन लोगों के बैठने के हिसाब से पर्याप्त चौड़ी है और आपको काफी लेग रूम भी मिलता है। फीचर्स: ड्यूल-जोन क्लाइमेट कंट्रोल और लेवल-2 ADAS सिएरा SUV भी फीचर लोडेड है। इसमें तीन स्क्रीन, ड्यूल-जोन क्लाइमेट कंट्रोल, वायरलेस फोन चार्जर, JBL साउंड सिस्टम, वेंटिलेशन के साथ पावर्ड फ्रंट सीटें, एम्बिएंट लाइटिंग, और पैनोरमिक सनरूफ जैसे फीचर दिए जा सकते हैं। पैसेंजर की सुरक्षा के लिए इसमें 7 एयरबैग, EBD के साथ ABS, फ्रंट और रियर पार्किंग सेंसर के साथ 360 डिग्री कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, ISOFIX चाइल्ड सीट एंकर और लेवल 2 ADAS (एडवांस ड्राइविंग असिस्ट सिस्टम) जैसे सेफ्टी फीचर दिए जा सकते हैं। परफॉर्मेंस: 1.5 लीटर का नया T-GDI टर्बो पेट्रोल इंजन टाटा सिएरा को तीन इंजन ऑप्शन के साथ मार्केट में उतारा गया है। इसमें एक 1.5 लीटर का नेचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन है, जो 108PS की पावर और 145Nm का मैक्सिमम टॉर्क जनरेट करता है। इस इंजन के साथ 6 स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन और 7 स्पीड डुअल क्लच ट्रांसमिशन का ऑप्शन मिलेगा। वहीं दूसरा 1.5-लीटर का T-GDI टर्बो-पेट्रोल इंजन है, जो 160PS की पावर और 255Nm का टॉर्क जनरेट करता है। ट्रांसमिशन के लिए इसके साथ 6-स्पीड ऑटोमेटिक गियरबॉक्स के ऑप्शन मिलेगा। ये कंपनी के पोर्टफोलियो में बिल्कुल नया इंजन है। वहीं, तीसरा 1.5-लीटर की डीजल इंजन दिया गया है, जो 118PS की पावर और 260Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इसके साथ 6-स्पीड मैुअल ट्रांसमिशन और 6-स्पीड डुअल क्लच ट्रांसमिशन का ऑप्शन मिलेगा। इसके अलावा इसमें इलेक्ट्रिक पावरट्रेन का ऑप्शन भी मिलेगा।
मोटोरोला ने भारत में अपना नया मिड-रेंज स्मार्टफोन मोटो G57 पावर 5G लॉन्च कर दिया है। स्मार्टफोन में दुनिया का पहला स्नैपड्रैगन 6s Gen 4 प्रोसेसर से लैस है। इसमें 50 मेगापिक्सल सोनी LYTI 600+ AI कैमरा और 7000mAh की पावरफुल बैटरी दी गई है। मोटो G57 पावर को 8GB रैम और 128GB स्टोरेज के सिंगल वैरिएंट में पेश किया गया है। फोन की सेल 3 दिसंबर से फ्लिपकार्ट, मोटोरोला की वेबसाइट और रिटेल स्टोर्स पर शुरू होगी। कीमत और वेरिएंट्स मोटो G57 पावर 5G का बेस वैरिएंट 8GB रैम + 128GB स्टोरेज की कीमत 14,999 रुपए है, लेकिन लॉन्च ऑफर और बैंक डिस्काउट के साथ यह 12,999 रुपए में मिलेगा। स्मार्टफोन अभी सिर्फ एक ही स्टोरेज ऑप्शन में अवेलेबल है, लेकिन कंपनी ने कहा है कि इसे 256GB वैरिएंट भी लॉन्च कर सकती है। मोटो G57 पावर के तीन कलर ऑप्शन मिलेंगे- पैंटोन रेगाटा, पैंटोन फ्लुइडिटी और पैंटोन कोर्सेयर। अगर आप बजट में 5G फोन ढूंढ रहे हैं, तो यह ऑप्शन अच्छा लगेगा क्योंकि इसमें NFC और IP रेटिंग जैसी फीचर्स नहीं हैं, लेकिन बेसिक यूजर्स के लिए ठीक है। डिस्प्ले और डिजाइन फोन में 6.72 इंच का फुल-एचडी+ LCD डिस्प्ले है, जो 120Hz रिफ्रेश रेट के साथ आता है। पीक ब्राइटनेस 1050 निट्स तक है, जिससे आउटडोर में ऑपरेट करना आसान होगा। कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 7i प्रोटेक्शन है और स्मार्ट वॉटर टच 2.0 फीचर से गीले हाथों से भी टच काम करेगा। डिजाइन की बात करें तो फोन का साइज 166.23 x 76.50 x 8.60 मिलीमीटर है और वजन 210.6 ग्राम, जो थोड़ा भारी लग सकता है लेकिन बैटरी की वजह से। यह प्लास्टिक बॉडी वाला फोन है, जो मिड-रेंज में कॉमन है। कैमरा सेटअप कैमरा डिपार्टमेंट में मोटो G57 पावर 5G का मेन हाइलाइट 50-मेगापिक्सल का सोनी LYT-600 सेंसर है, जो f/1.8 अपर्चर के साथ 2K वीडियो 60fps तक रिकॉर्ड कर सकता है। इसके साथ 8 मेगापिक्सल अल्ट्रावाइड लेंस है, जो 119.5 डिग्री फील्ड ऑफ व्यू देता है। फ्रंट में 8 मेगापिक्सल सेल्फी कैमरा है। AI फीचर्स जैसे शॉट ऑप्टिमाइजेशन, ऑटो स्माइल कैप्चर, मैजिक इरेजर, फोटो अनब्लर, रीइमेजिन ऑटो फ्रेम, पोर्ट्रेट ब्लर, पोर्ट्रेट लाइट, स्काई, कलर पॉप और सिनेमैटिक फोटोज हैं। डेली फोटोग्राफी के लिए यह ठीक रहेगा। प्रोसेसर और परफॉर्मेंस इस फोन में क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 6s Gen 4 चिपसेट है, जो 4nm प्रोसेस पर बना है। इसमें चार परफॉर्मेंस कोर्स 2.4GHz पर और चार एफिशिएंसी कोर्स 1.8GHz पर चलते हैं। 8GB LPDDR4x रैम के साथ मल्टीटास्किंग स्मूथ होगी और 128GB स्टोरेज माइक्रोएसडी कार्ड से बढ़ाया जा सकता है। कनेक्टिविटी में 5G, 4G LTE, ब्लूटूथ 5.1, डुअल-बैंड वाई-फाई और USB टाइप-सी है। सेंसर्स में एक्सेलेरोमीटर, जायरोस्कोप, प्रॉक्सिमिटी, एम्बिएंट लाइट और ई-कंपास हैं। साथ ही साइड-माउंटेड फिंगरप्रिंट स्कैनर। गेमिंग या हैवी यूज के लिए यह एवरेज परफॉर्म करेगा। बैटरी और चार्जिंग बैटरी लाइफ इस फोन का सबसे बड़ा प्लस पॉइंट है 7000mAh की दमदार बैटरी 33W वायर्ड फास्ट चार्जिंग के साथ आती है। कंपनी के मुताबिक, एक चार्ज पर स्मार्टफोन 2-3 दिन चल सकती है, खासकर लाइट यूजर्स के लिए। पुराने मोटो G सीरीज फोन्स की तरह ही, यह बैटरी फोकस्ड डिवाइस है। सॉफ्टवेयर और अपडेट्स मोटो G57 पावर 5G एंड्रॉयड 16 पर बेस्ड है, जो लेटेस्ट वर्जन है। मोटोरोला ने सिक्योरिटी अपडेट्स का वादा किया है, लेकिन OS अपग्रेड्स की डिटेल्स अभी क्लियर नहीं हैं।
होंडा ने CB750 हॉर्नेट के 2026 वैरिएंट को इंटरनेशनल मार्केट में अनवील कर दिया है। कंपनी ने इस मॉडल में नए ड्यूल-टोन कलर्स और इ- क्लच सिस्टम दिया है। CB750 हॉर्नेट 2026 के कोर मैकेनिकल्स पुराने मॉडल की तरह ही हैं। यह स्ट्रीटफाइटर स्टाइल की बाइक है। हालांकि कंपनी ने अभी इसकी प्राइसिंग का ऐलान नहीं किया है। भारत में इसके पुराने वर्जन की कीमत ₹9.22 लाख (एक्स-शोरूम) है। नया मॉडल आने पर प्राइस 10 लाख रुपए के पार जा सकती है। CB750 हॉर्नेट 2026: 4 नए कलर्स में पेश 2026 CB750 हॉर्नेट में डिजाइन पहले जैसा ही रखा गया है। शार्प, मिनिमल स्ट्रीटफाइटर लुक, कॉम्पैक्ट बॉडी और अपराइट राइडिंग पोजिशन। इसे चार नए ड्यूल-टोन कलर्स में पेश किया गया है। परफॉर्मेंस: क्लच लीवर बिना गियर शिफ्टिंग इ- क्लच सिस्टम सबसे बड़ा अपडेट है। यह क्लच लीवर बिना गियर शिफ्ट करने देता है। इलेक्ट्रॉनिक एक्ट्यूएटर्स क्लच को ऑटोमैटिकली हैंडल करते हैं। राइडर्स मैनुअल क्लच भी यूज कर सकते हैं। इंजन पुराने मॉडल जैसा ही 755cc पैरेलल-ट्विन है। ये 6-स्पीड गियरबॉक्स के साथ आता है जो 9,500 rpm पर 90.5 bhp और 7,250 rpm पर 75 Nm टॉर्क देता है। हार्डवेयर: ब्रेकिंग के लिए ड्यूल फ्रंट डिस्क्स फीचर्स: स्पोर्ट समेत 4 राइडिंग मोड्स भारत में आने की संभावना भारत में पुराना CB750 हॉर्नेट बिकता है। नया मॉडल E-Clutch और अपडेट्स के साथ आ सकता है, लेकिन लॉन्च की कोई घोषणा नहीं की गई है। प्राइस बढ़कर ₹10 लाख से ऊपर जा सकती है।
इंडियन टू-व्हीलर मैन्यूफैक्चरर रॉयल एनफील्ड ने गोवा में चल रहे बाइकिंग इवेंट मोटोवर्स-2025 में इलेक्ट्रिक बाइक फ्लाइंग फ्ली S6 को रिवील कर दिया है। स्क्रैम्बलर स्टाइल वाली भारत में ये पहली इलेक्ट्रिक मोटरसाइिकल है। इसे हाल ही में इटली के मिलान में हुए ऑटोमोटिव शो EICMA-2025 में पेश किया गया था। ये कंपनी की दूसरी इलेक्ट्रिक बाइक है। इससे पहले कंपनी ने पिछले साल मोटोवर्स-2024 में अपनी पहली इलेक्ट्रिक बाइक फ्लाइंग फ्ली C6 को पेश किया था। नई ई-बाइक C6 का ही स्क्रैम्बलर वर्जन है, जिसे रेट्रो लुक के साथ ऑफ-रोड राइडिंग के लिए तैयार किया गया है। कंपनी का कहना है कि ये प्रीमियम इलेक्ट्रिक स्क्रैम्बलर सेगमेंट में एंट्री करेगी, जिसमें फ्रेम-माउंटेड इलेक्ट्रिक मोटर और चेन ड्राइव से हाई टॉर्क मिलेगा। इसे 2027 की शुरुआत में लॉन्च किया जा सकता है और कीमत 2.30 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) हो सकती है। डिजाइन, डायमेंशन और कलर ऑप्शन फ्लाइंग फ्ली S6 का डिजाइन रेट्रो स्क्रैम्बलर स्टाइल पर बेस्ड है। यह गोल LED हेडलाइट, टीयरड्रॉप शेप का फ्यूल टैंक और स्लिम प्रोफाइल के साथ आई है। सीट के नीचे गोल्ड-फिनिश्ड इनवर्टेड फोर्क इसे प्रीमियम टच देता है। एंड्युरो-स्टाइल सीट से राइडर को सिटी या ऑफरोड दोनों जगह कम्फर्ट मिलेगा। डायमेंशन की डिटेल अभी नहीं बताई गई हैं, लेकिन स्लिम बॉडी से वजन लाइट रखा गया है। कलर ऑप्शन में मैट ब्लैक या ग्रीन शेड्स एक्सपेक्टेड हैं, जो रेट्रो वाइब देंगे। परफॉर्मेंस: फुल चार्ज में 150km की रेंज परफॉर्मेंस के लिए S6 में फ्रेम-माउंटेड इलेक्ट्रिक मोटर दी गई है, जो चेन ड्राइव के साथ हाई इनिशियल टॉर्क देती है। खासकर ऑफ-रोड और ट्रेल राइडिंग के लिए परफेक्ट है। मैग्नीशियम केसिंग वाला फिन्ड बैटरी पैक पैसिव एयर-कूलिंग से वेट ऑप्टिमाइज्ड है। कंपनी का दावा है कि बाइक फुल चार्ज में 150km (क्लेम रेंज) चलेगी। चार्जिंग डिटेल्स अभी रिवील नहीं हुई हैं, लेकिन OTA अपडेट्स से बैटरी मैनेजमेंट आसान होगा। ईवी में 6 राइडिंग मोड्स मिलेंगे, जिसमें ऑफ-रोड, कस्टम, फॉरवर्ड/रिवर्स क्रॉल शामिल हैं। हार्डवेयर: ऑफ-रोड के लिए सूटेबल एल्युमिनियम स्पोक व्हील फ्लाइंग फ्ली S6 इलेक्ट्रिक बाइक में हार्डवेयर सेटअप ऑफ-रोड फोकस्ड है। लॉन्ग-ट्रैवल गोल्ड-फिनिश्ड USD फ्रंट फोर्क और रियर में मोनोशॉक सस्पेंशन से बम्प्स आसानी से हैंडल होंगे। वहीं, फ्रंट में 19-इंच और रियर में 18-इंच के एल्युमिनियम स्पोक व्हील हैं, जो ऑफ-रोड के लिए सूटेबल है। इन पर ऑफरोडिंग के लिए ब्लॉक पैटर्न टायर्स मिलेंगे। ब्रेकिंग के लिए फ्रंट और रियर में डुअल-चैनल स्विचेबल लीन-सेंसिटिव ABS के साथ डिस्क ब्रेक्स दिए गए हैं, जिन्हें लूज टेरेन्स पर ऑफ भी किया जा सकता है। फीचर्स: डिजिटल मीटर और कनेक्टिविटी फीचर्स की बात करें तो बाइक में 3.5-इंच राउंड टचस्क्रीन TFT कंसोल क्वालकॉम स्नैपड्रैगन प्रोसेसर से पावर्ड है, जिसमें इन-हाउस OS चलेगा। 4G, ब्लूटूथ और Wi-Fi से स्मार्टफोन-स्मार्टवॉच कनेक्टिविटी मिलेगी। इससे नेविगेशन, कॉल/SMS अलर्ट्स, व्हीकल डेटा स्टैट्स सब चेक कर सकेंगे। वॉइस असिस्ट फीचर स्मार्टफोन से लिंक होकर हैंड्स-फ्री ऑपरेशन देगा। इन-हाउस VCU और NXP माइक्रोकंट्रोलर्स से पावर और ट्रैक्शन कंट्रोल्ड होगा। OTA अपडेट्स से राइड मोड्स और चार्जिंग डायग्नोस्टिक्स अपडेट रहेंगे। कीलेस एंट्री भी ऐप से पॉसिबल है।
रॉयल एनफील्ड ने गोवा में शुरू हुए अपने एनुअल बाइकिंग इवेंट मोटोवर्स-2025 में हिमालयन 450 का माना ब्लैक एडिशन लॉन्च किया है। कंपनी ने एडवेंचर बाइक को हाल ही में EICMA 2025 में रिवील किया था। बाइक 40hp पावरफुल इंजन के साथ आती है। बाइक की कीमत 3,37,036 रुपए (एक्स-शोरूम, चेन्नई) रखी गई है, जो मौजूदा टॉप वैरिएंट हैनले ब्लैक एडिशन से करीब 17,354 रुपए ज्यादा है। भारत में बाइक KTM 390 एडवेंचर SW, येज्दी एडवेंचर, BMW G310 GS और ट्रायम्फ स्क्रैम्बलर 400X को टक्कर देती है। हिमालयन 450 माना ब्लैक एडिशन में नया क्या? इसका नाम इंडो-तिब्बत बॉर्डर पर स्थित माना गांव से लिया गया है। इसका लुक रग्ड और देसी पहाड़ी स्टाइल वाला नजर आ रहा है। बाइक को भारत में फैक्ट फिटेड एसेसरीज के साथ पेश किया गया है। इसमें एल्युमिनियम ब्रेस के साथ फैक्ट्री फिटेड नकल गार्ड, 860mm ऊंची रैली-स्टैप फ्लटर सीट (स्टैंडर्ड बाइक में 825 मिलीमीटर), फ्लेयर्ड टेल सेक्शन और क्रॉस स्पोक व्हील्स के साथ ट्यूबलेस टायर शामिल है। इसका वजन 195kg, यानी पहले से 1kg हल्की है। बाइक का कलर ऑल-ब्लैक है और इसे डार्क ग्रे ग्राफिक्स से से सजाया गया है। रॉयल एनफील्ड ने इसमें एरो के कस्टम एग्जॉस्ट भी दिया है, लेकिन यह केवल यूरोपियन मार्केट के लिए है। रॉयल एनफील्ड हिमालयन 450 : परफॉर्मेंस रॉयल एनफील्ड हिमालयन 450 कंपनी की पहली लिक्विड कूल्ड इंजन वाली बाइक है। इसमें 452cc का सिंगल सिलेंडर, लिक्विड कूल्ड इंजन दिया गया है। यह करीब 8000rpm पर 40hp की पावर और 5500rpm पर 45nm का पीक टॉर्क जनरेट करता है। इस इंजन को असिस्ट और स्लिपर क्लच के साथ 6-स्पीड गियरबॉक्स के साथ ट्यून किया गया है। कंपनी का दावा है कि बाइक 0-100kmph की स्पीड सिर्फ 6-7 सेकेंड में हासिल कर लेती है। इसकी टॉप स्पीड 150-160kmph है। हाईवे पर 120kmph पर क्रूज करना कम्फर्टेबल लगता है। ऊंचाई वाले इलाकों (जैसे हिमालय) में भी पावर लॉस कम होता है, क्योंकि वॉटर कूलिंग की वजह से थिन एयर में भी 'स्नॉर्ट' मिलता रहता है। रॉयल एनफील्ड हिमालयन 450 : ससपेंशन और ब्रेकिंग बाइक में कंफर्ट राइडिंग के लिए 43mm के USD डाउन फोर्क्स और रियर में प्री-लोड एडजस्टेबल मोनोशॉक सस्पेंशन सेटअब दिया गया है। दोनों ही सस्पेंशन 200mm तक ट्रेवल कर सकते हैं। वहीं, ब्रेकिंग के लिए डुअल चैनल ABS के साथ फ्रंट व्हील पर 320mm का सिंगल डिस्क और रियर में 270mm का डिस्क ब्रेक मिलता है। एडवेंचर टूरिंग मोटरसाइकिल का वेट 196kg है और इसमें 17-लीटर का फ्यूल टैंक दिया गया है। बाइक 21-इंच के फ्रंट और 17-इंच के रियर व्हील पर चलती है। इसमें ऑफरोडिंग कैपेबिलिटी वाले टायर लगे हैं। रॉयल एनफील्ड हिमालयन 452 : फीचर्स फीचर्स की बात करें तो न्यू जनरेशन हिमालयन 452 में इंटीग्रेटेड गूगल मैप्स, स्विचेबल रियर ABS, राइडिंग मोड्स, ऑल LED लाइटिंग सेटअप, रियर टेल लाइट्स के साथ 4 इंच का राउंड शेप्ड TFT इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर मिलता है, जो टर्न इंडिकेटर्स के रूप में भी काम करता है। इसके अलावा हाइट एडजस्टेबल सीट दी गई है।

