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कौन हैं मनीष त्रिपाठी, जिन्होंने जिगरी दोस्त शुभांशु शुक्ला के लिए बनाई स्पेशल चीज, स्पेस में बजेगा भारत का डंका

भारत वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के लिए उनके बचपन के दोस्त ने एक ऐसा बैज बनाया है जो उनकी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान भारतीय संस्कृति की झलक बिखेरेगा. चलिए जानते हैं कि इस बैज में क्या-क्या है?

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 6:02 pm

बज गई खतरे की घंटी! अचानक खट्टा होने लगा महासागर का पेट, डेंजर जोन में इन लोगों की जान

Oceans Enter Danger Zone: हमारे जीवन में महासागर का महत्वपूर्ण स्थान है. महासागर की बदलती गतिविधियों का वातावरण पर काफी असर पड़ता है. वैज्ञानिकों ने एक बड़ी चेतावती देते हुए बताया है कि महासागर की स्थिति पहले से ज्यादा खराब हो गई है.

ज़ी न्यूज़ 15 Jun 2025 5:40 pm

गोलियों की रफ्तार से तेज आया, बर्फ को चीरकर निकल गया, रहस्यमयी रेडियो सिग्नल से वैज्ञानिक भी हो गए दंग

Science News: वैज्ञानिक कुछ न कुछ ऐसी खोज करते रहते हैं जिससे लोग हैरान हो जाते हैं. एक बार फिर वैज्ञानिकों ने फिर दुनिया को हैरान करते हुए जमीन के नीचे से आने वाले अजीबोगरीब रेडियो सिग्नल का पता लगाया है.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 10:54 pm

महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन का नया वैरिएंट Z4 AT लॉन्च:एसयूवी में 70 से ज्यादा कनेक्टेड फीचर्स, शुरुआती कीमत ₹17.39 लाख

महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपनी पॉपुलर SUV स्कॉर्पियो-एन का नया वैरिएंट Z4 ऑटोमेटिक वैरिएंट लॉन्च किया है। इसे बेस वैरिएंट Z2 के ऊपर रखा गया है। इससे ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली स्कॉर्पियो एन और भी सस्ती हो गई है। इससे पहले Z4 वैरिएंट सिर्फ 6-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के साथ अवेलेबल था। अब इसमें पेट्रोल और डीजल दोनों इंजन ऑप्शन के साथ 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक गियरबॉक्स दे दिया गया है। इसके अलावा कार में कोई बदलाव नहीं किया गया है। Z4 पेट्रोल ऑटोमैटिक की एक्स-शोरूम कीमत 17.39 लाख रुपए है, जबकि Z4 डीजल ऑटोमैटिक की कीमत 17.86 लाख रुपए है। इस अपडेट से पहले स्कॉर्पियो-एन में ऑटोमैटिक गियरबॉक्स का ऑप्शन डीजल में Z6 वैरिएंट (कीमत ₹18.91 लाख) और पेट्रोल में Z8 सेलेक्ट वैरिएंट (कीमत ₹19.06 लाख) में मिलता था। इसकी तुलना में नए स्कॉर्पियो Z4 ऑटोमेटिक मॉडल पेट्रोल में 1.05 लाख रुपए और डीजल 1.67 लाख रुपए सस्ते हैं। भारत में इसका मुकाबला टाटा हैरियर और सफारी से है, वहीं इस प्राइस रेंज में इसकी टक्कर हुंडई क्रेटा और किया सेल्टोस के टॉप लाइन वैरिएंट से भी है। परफॉर्मेंस : डीजल इंजन के साथ 4 व्हील ड्राइव ऑप्शन भी महिंद्रा स्कॉर्पियो-एन 2.0-लीटर का mStallion टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन और mHawk डीजल इंजन के साथ आती है। पेट्रोल इंजन वाली SUV 6-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ 203hp की पावर और 370NM का पीक टॉर्क जनरेट करती है। 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ जोड़े जाने पर यही इंजन 10Nm ज्यादा टॉर्क जनरेट करता है। वहीं, डीजल इंजन मैनुअल गियरबॉक्स के साथ 175hp और 370NM पीक टॉर्क जनरेट करता है। 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर के साथ यही इंजन 400Nm का टॉर्क जनरेट करता है। स्कॉर्पियो-एन डीजल इंजन के साथ 4 व्हील ड्राइव (4WD) ऑप्शन भी है। फीचर्स : एंड्रॉइड ऑटो और एपल कारप्ले के साथ 8-इंच टचस्क्रीन स्कॉर्पियो-एन 70 से ज्यादा कनेक्टेड फीचर्स के साथ आती है। इसके Z4 ट्रिम में 8-इंच टचस्क्रीन, वायर्ड एंड्रॉइड ऑटो और एपल कारप्ले, स्टीयरिंग-माउंटेड कंट्रोल, सेकेंडर रो में AC वेंट, हैलोजन हेडलाइट्स, LED टर्न इंडिकेटर्स, प्लास्टिक कवर वाले 17-इंच व्हील, रियर स्पॉइलर, पावर विंडो और फैब्रिक अपहोल्स्ट्री जैसे फीचर्स मिलते हैं। सेफ्टी फीचर्स : 6 एयरबैग और टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम सेफ्टी के लिए महिंद्रा ने सभी व्हील में डिस्क ब्रैक, 6 एयरबैग, हिल होल्ड कंट्रोल, हिल डिसेंट कंट्रोल,सेंसर के साथ रिवर्स कैमरा, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम, क्रूज कंट्रोल और रियर डिस्क ब्रेक जैसे कई फीचर्स दिए हैं।

दैनिक भास्कर 14 Jun 2025 9:36 pm

वीवो Y400 प्रो स्मार्टफोन 32MP सेल्फी कैमरा के साथ आएगा:90W फास्ट चार्जिंग के साथ 5500mAh बैटरी, एक्सपेक्टेड प्राइस 24 हजार रुपए

टेक कंपनी वीवो भारतीय बाजार में अपने पोर्टफोलियो को बढ़ा रही है। हाल ही में T4 अल्ट्रा स्मार्टफोन लॉन्च करने के बाद अब कंपनी वीवो Y400 प्रो को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। अपकमिंग स्मार्टफोन वीवो Y400 प्रो 32MP सेल्फी कैमरा के साथ आएगा। इसके अलावा फोन में 90W फास्ट चार्जिंग के साथ 5500mAh बैटरी मिलेगी और कीमत 23,990 रुपए हो सकती है। टीजर में वाइट कलर ऑप्शन दिखावीवो ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर अपकमिंग स्मार्टफोन का पहला टीजर जारी किया है, जिसमें लुक भी सामने आया है। वीडियो में वाइट कलर ऑप्शन में फोन की एक झलक भी दिखाई गई है। हालांकि अभी ब्रांड ने लॉन्च डेट कंफर्म नहीं की है। लेकिन, कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो स्मार्टफोन इसी महीने के अंत तक लॉन्च हो सकता है। वीवो Y400 प्रो स्मार्टफोन के स्पेसिफिकेशन्स हाल ही में लीक हो गए थे। आइए जानते हैं फोन में कौन से फीचर्स मिल सकते हैं। वीवो Y400 प्रो: एक्सपेक्टेड स्पेसिफिकेशंसकैमरा सेटअप: टीजर में फोन के रियर पैनल पर ट्रिपल कैमरा सेटअप नजर आया है। इसमें 50 मेगापिक्सल सोनी IMX882 मेन सेंसर दिया जा सकता है, जिसके साथ 2 मेगापिक्सल बोकेह लेंस मिलने की उम्मीद है। वहीं लीक के अनुसार इस वीवो 5G फोन में 32 मेगापिक्सल फ्रंट कैमरा मिल सकता है। AI फीचर्स: वीवो Y400 प्रो में AI ट्रांसक्रिप्ट असिस्ट, AI सुपरलिंक, AI नोट असिस्ट, AI स्क्रीन ट्रांसलेशन, वीवो लाइव कॉल ट्रांसलेशन, AI लाइव टैक्स्ट और सर्किल टू सर्च जैसे फीचर्स मिलेंगे। डिस्प्ले: वीवो Y400 प्रो में 6.77 इंच की एमोलेड डिस्प्ले दिया जा सकता है, जिसमें 120Hz रिफ्रेश रेट का सपोर्ट मिलेगा। प्रोसेसर: फोन में मीडियाटेक डायमेंसिटी 7300 चिपसेट दिया जाएगा। यह एक पावरफुल मिड-रेंज प्रोसेसर है, जो मल्टीटास्किंग और सामान्य गेमिंग के लिए अच्छा है। रैम और स्टोरेज: फोन 8GBरैम और 128GB स्टोरेज और 256GB स्टोरेज ऑप्शन के साथ लॉन्च किया जा सकता है।

दैनिक भास्कर 14 Jun 2025 6:12 pm

जल्द अंतरिक्ष यात्रा पर निकलेंगे भारत के शुभांशू शुक्ला, ISRO ने किया तारीख का ऐलान

Axiom Space Mission Date: Axiom-4 मिशन को बीते दिनों कुछ तकनीकी दिक्कतों के कारण स्थगित करना पड़ा था. वहीं अब मिशन लॉन्च की नई तारीख सामने आ चुकी है.

ज़ी न्यूज़ 14 Jun 2025 1:55 pm

पायलट बोले- मेडे,मेडे...थ्रस्ट नहीं मिल रहा, प्लेन उठ नहीं रहा:क्रैश की 4 थ्योरी का एनालिसिस, पायलट की गलती या इंजन में खराबी; एक्सपर्ट से समझें

12 जून 2025 का दिन। एअर इंडिया की फ्लाइट AI-171 ने दोपहर 1 बजकर 38 मिनट 40 सेकेंड पर अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए टेकऑफ किया। प्लेन 625 फीट की ऊंचाई तक पहुंचता है और 174 नॉट्स की टॉप स्पीड हासिल करता है, फिर तेजी से नीचे आने लगता है। पायलट सुमीत सभरवाल और को-पायलट क्लाइव कुंदर एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी ATC को मेडे कॉल करते हैं। सुमित सभरवाल कहते हैं- मेडे, मेडे, मेडे... थ्रस्ट नहीं मिल रहा, प्लेन उठ नहीं रहा। नहीं बचेंगे। सुमित को 8,200 घंटे से ज्यादा का फ्लाइंग एक्सपीरियंस था। को पायलट को भी 1,100 घंटे का फ्लाइंग एक्सपीरियंस था। फिर ऐसा क्या हुआ कि चंद सेकेंड में ही एअर इंडिया की ये फ्लाइट एक बड़ा आग का गोला बन गई। ये पायलट की किसी गलती से हुआ या बोइंग के प्लेन में आई किसी तकनीकी दिक्कत से। इस हादसे में 242 यात्रियों और क्रू मेंबर्स में से 241 की मौत हो गई। सिर्फ एक भारतीय मूल के ब्रिटिश यात्री की जान बची। यह बोइंग 787-8 के इतिहास का पहला क्रैश था। हादसे की जांच शुरू हो चुकी है और शुरुआती अनुमानों में इस क्रैश लेकर एक्सपर्ट्स की 4 तरह की थ्योरी है... 1. दोनों इंजन में खराबी 2. फ्यूल कंटेमिनेशन यानी दूषित ईंधन 3. बिना फ्लैप्स के टेकऑफ 4. पायलट ने गलती से फ्लैप्स उठा दिए इन चारों थ्योरीज में कितना दम है इसका एक्सपर्ट के साथ बारी-बारी से एनालिसिस करते हैं। लेकिन इसे आसानी से समझने के लिए प्लेन के उड़ने की साइंस को भी समझना होगा। इसलिए सबसे पहले हवाई जहाज के मुख्य हिस्से और उनका काम जान लेते हैं… अब समझिएं टेकऑफ, क्रूज और लैंडिंग… टेकऑफ: प्लेन के विंग्स में एयरफॉइल होते हैं, जो ऊपर से कर्व और नीचे से थोड़े फ्लैट होते हैं। इस शेप के कारण जब जहाज रनवे पर तेजी से दौड़ता है, तो हवा विंग्स के ऊपर और नीचे से गुजरती है। विंग्स के ऊपर की हवा तेजी से निकलती है, जिससे वहां कम एयर मॉलिक्यूल्स जमा होते हैं और प्रेशर भी कम बनता है। विंग्स के नीचे की हवा धीमी होती है, इसलिए वहां ज्यादा एयर मॉलिक्यूल्स जमा हो जाते हैं और प्रेशर भी ज्यादा बनता है। ये प्रेशर का फर्क और नीचे की तरफ जमा ज्यादा एयर मॉलिक्यूल्स जहाज को ऊपर धकेलते हैं। इसे न्यूटन के नियम से भी समझ सकते हैं। न्यूटन का तीसरा नियम कहता है: हर क्रिया की बराबर और विपरीत प्रतिक्रिया होती है। यानी, अगर कोई वस्तु दूसरी वस्तु पर बल लगाती है, तो दूसरी वस्तु भी पहले पर उतना ही बल, लेकिन उल्टी दिशा में लगाती है। प्लेन के विंग्स हवा के मॉलिक्यूल्स को नीचे दबाते हैं और ये मॉलिक्यूल्स विपरीत दिशा में बल लगाते हैं, जिससे प्लेन ऊपर उठ जाता है। आसान भाषा में कहे तो जहाज के पंख हवा को नीचे दबाते है जिससे जहाज ऊपर उठता है और फ्लाई कर पाता है। यहां एक और बात समझना जरूरी है कि जहाज की स्पीड जितनी ज्यादा होगी उतने ही ज्यादा एयर मॉलिक्यूल जमा होंगे और जहाज को उतना ही लिफ्ट मिलेगा। टेकऑफ के दौरान पायलट टर्बोफैन इंजन को फुल थ्रॉटल देता है, जिससे जहाज रनवे पर तेज दौड़ता है। इसके अलावा जहाज को ऊपर उठाने में एंगल ऑफ अटैक यानी विंग्स का हवा से टकराने के कोण का भी बड़ा रोल है। एंगल ऑफ अटैक के ज्यादा होने से लिफ्ट बढ़ जाती है। इसे टेक ऑफ के समय टेल में लगे एलिवेटर से बढ़ाया जाता है। एलिवेटर को ऊपर उठाने से प्लेन की टेल नीचे और नोज ऊपर हो जाती है। हवाई जहाज के फ्लैप्स और स्लैट्स यानी, विंग्स के पीछे और आगे की मूविंग प्लेट्स भी लिफ्ट जनरेट करने में मदद करते हैं। जहां रनवे छोटे होते हैं वहां इनकी मदद से ही प्लेन को ज्यादा लिफ्ट मिलती है। क्रूज: हवाई जहाज को हवा में टिके रहने के लिए लगातार तेजी से चलना पड़ता है, ताकि विंग्स से लिफ्ट मिलती रहे। अगर स्पीड कम हुई, तो वजन की वजह से जहाज नीचे गिर जाएगा। हवा में टर्न करने के लिए टेल काम आती है। एलिवेटर ऊपर-नीचे की मूवमेंट के लिए है। दाएं-बाएं टर्न के लिए रडर होता है, जो हवा के दबाव से जहाज को मोड़ता है। पायलट कॉकपिट से ये सब कंट्रोल करता है। लैंडिंग: पायलट इंजन की स्पीड कम करता है, जिससे लिफ्ट कम हो और जहाज धीरे-धीरे नीचे आए। फ्लैप्स और स्लैट्स खोलकर कम स्पीड में भी कंट्रोल बनाए रखा जाता है। स्पॉइलर्स (विंग्स पर छोटी प्लेट्स) खुलते हैं, जो लिफ्ट कम करते हैं और हवा का रेजिस्टेंस बढ़ाते हैं। इंजन में रिवर्स थ्रस्ट लगाकर हवा को आगे फेंका जाता है, जिससे जहाज धीमा होता है। टायरों में ब्रेक्स भी लगते हैं और जहाज रनवे पर रुक जाता है। एअर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान क्रैश की 4 थ्योरी को एविएशन एक्सपर्ट और कॉमर्शियल पायलट कैप्टन स्टीव से समझतें है। कैप्टन स्टीव ने बोइंग 777 और बोइंग 787 दोनों उड़ाए हैं… 1. दोनों इंजन में खराबी: कुछ लोगों का मानना है कि विमान के दोनों इंजनों ने एक साथ काम करना बंद कर दिया, जिसके कारण विमान की लिफ्ट खत्म हो गई। लेकिन कैप्टन स्टीव के मुताबिक, यह थ्योरी कमजोर है। वीडियो में इंजनों से कोई आग, धुआं या चिंगारी नहीं दिख रही, जो आमतौर पर इंजन फेल होने पर दिखती है। अगर पक्षियों का झुंड इंजनों में घुस गया होता, तो भी कुछ निशान दिखते, लेकिन ऐसा कुछ नहीं है। कैप्टन स्टीव ने यह भी कहा कि बोइंग 787 एक इंजन पर भी उड़ सकता है, और अगर एक इंजन फेल भी होता, तो विमान इतनी जल्दी क्रैश नहीं होता। दोनों इंजनों का एक साथ फेल होने की संभावना काफी कम है। 2. दूषित ईंधन: अगर फ्यूल कंटेमिनेशन होता, तो टेकऑफ से पहले, जब पायलट्स ने इंजनों की शक्ति बढ़ाई तो इंजनों में खराबी के संकेत मिलते। उदाहरण के लिए, इंजन स्पटरिंग यानी, रुक-रुक कर चलने की आवाज करते या असामान्य व्यवहार करते। लेकिन वीडियो फुटेज और प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, विमान ने सामान्य गति से रनवे पर दौड़ लगाई, सामान्य रोटेशन स्पीड पर नोज ऊपर उठाया, और टेकऑफ शुरू किया। इससे पता चलता है कि टेकऑफ के शुरुआती चरण में इंजनों में कोई स्पष्ट खराबी नहीं थी। 3. बिना फ्लैप्स के टेकऑफ: तीसरी थ्योरी यह है कि विमान ने बिना फ्लैप्स के टेकऑफ किया। लेकिन यह भी लगभग असंभव है। बोइंग 787 में इलेक्ट्रॉनिक चेकलिस्ट होती है, जो सुनिश्चित करती है कि फ्लैप्स सही पोजीशन में हों। अगर फ्लैप्स न लगे होते, तो कॉकपिट में लाल बत्तियां जलतीं, जोरदार हॉर्न बजता, और पायलट्स को तुरंत पता चल जाता। इतनी सारी चेतावनियों को नजरअंदाज कर टेकऑफ करना नामुमकिन है। 4. गलती से फ्लैप्स उठा लिए गए: कैप्टन स्टीव की सबसे संभावित थ्योरी यह है कि टेकऑफ के बाद को-पायलट ने गलती से लैंडिंग गियर यानी, पहिए उठाने की बजाय फ्लैप्स उठा लिए। स्टीव कहते हैं कि टेकऑफ के बाद पायलट ने अपने को-पायलट से लैंडिंग गियर उठाने को कहा होगा, लेकिन को-पायलट ने गलती से फ्लैप्स उठा दिए जिससे विमान की लिफ्ट अचानक कम हो गई। वीडियो में दिखता है कि लैंडिंग गियर टेकऑफ के बाद भी नीचे ही रहे, जो सामान्य नहीं है। गियर को टेकऑफ के 50 फीट बाद उठा लिया जाता है, लेकिन इस केस में विमान के 600 फीट की ऊंचाई तक जाने के बाद भी ऐसा नहीं हुआ। इस केस में ऐसा हो सकता है कि लैंडिंग गियर की जगह फ्लैप्स के अचानक उठने से विमान की स्पीड कम हुई, वह संतुलन खो बैठा। पायलट ने नोज ऊपर खींचकर लिफ्ट बनाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। पायलट के पास रिकवरी का समय नहीं था। ये सब कुछ ही सेकेंड में हुआ। अब आगे क्या होगा? कैप्टन स्टीव ने कहा- यह थ्योरी अभी केवल एक अनुमान है। आने वाले दिनों में ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) की जांच से सच्चाई सामने आ सकती है। प्लेन हादसे की जांच में 8 एजेंसियां कर रहीं है। इसमें नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी, गुजरात पुलिस, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टीगेशन ब्यूरो (AAIB) डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA), यूनाइटेड किंगडम की एयर एक्सीडेंट्स इन्वेस्टीगेशन ब्रांच (UK-AAIB) यूनाइटेड स्टेट्स की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB), फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) शामिल है।

दैनिक भास्कर 14 Jun 2025 10:39 am

अब फिंगरप्रिंट की जरूरत नहीं, नाक की सांस खोलेगी सारे 'राज'? वैज्ञानिकों ने किया खुलासा

Breathing Patterns: वैज्ञानिक अपनी खोज की वजह से दुनिया भर को हैरान करते रहते हैं. वैज्ञानिकों ने एक ऐसी खोज की है जिसे लेकर बताया है कि हर व्यक्ति के सांस लेने का पैटर्न, फिंगरप्रिंट या डीएनए की तरह अनोखा होता है.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 7:32 pm

अंतरिक्ष में पीरियड कैसे कंट्रोल करती हैं महिला एस्ट्रोनॉट्स? Axiom-4 मिशन से पहले जान लें ये जानकारी

Female Astronauts in Space: अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाते ही स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय बन जाएंगे. इनके साथ जाने वाली टीम में एक महिला यात्री भी शामिल हैं.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 6:13 pm

Newton: न्यूटन के पहले नियम को 300 सालों से गलत पढ़ती रही दुनिया, अब समझे वैज्ञानिक इसका असली मतलब

Law of Motion: आइजक न्यूटन के दिए गए लॉ ऑफ मोशन के नियम को आपने स्कूल में जरूर पढ़ा होगा. इन नियमों को मूल रूप से लैटिन भाषा में लिखा गया था.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 5:16 pm

अमिताभ बच्चन की 'अजूबा' याद है? सच में बात करने समंदर से बाहर आती है यह विशालकाय मछली

Humpback Whales: व्हेल मछली के द्वारा समंदर में की जानी वाली गतिविधियों पर हमेशा से ही वैज्ञानिकों की नजर रही है. अब SETI संस्थान के शोधकर्ताओं ने खुलासा किया है कि व्हेल मछली सालों से इंसानों से संवाद करने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने इस संकेत से जानकारी हासिल की है.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 4:45 pm

कोयले से लदी मालगाड़ी पर क्यों छिड़का जाता है पानी? इसके पीछे का विज्ञान आपको कर देगा हैरान

Coal Transportation: कोयला बहुत ही लंबे समय से भारतीय अर्थव्यवस्था को चलाने का बहुत बड़ा माध्यम बना हुआ है. देश में कोयले का उत्पादन और ट्रांसपोर्टेशन दोनों ही बहुत जरूरी है.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 3:45 pm

अमेरिका में बिकने वाले 97% आईफोन भारत में बने:इस साल ₹37 हजार करोड़ के फोन भेजे; ट्रम्प ने कहा था- अमेरिका में बनाओ आईफोन

एपल को ट्रम्प की धमकी के बावजूद अमेरिका में बिकने वाले लगभग सभी आईफोन भारत में बन रहे हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक एपल ने मार्च से मई 2025 के बीच भारत से जितने भी आईफोन एक्सपोर्ट किए, उनमें से 97% अमेरिका भेजे गए हैं। इनकी कीमत 3.2 बिलियन डॉलर (27,000 करोड़ रुपए) रही। सिर्फ मई में ही करीब 1 बिलियन डॉलर यानी 8,600 करोड़ के आईफोन भारत से अमेरिका भेजे गए हैं। यानी एपल अब भारत में आईफोन एक्सक्लूसिव तौर पर अमेरिकी बाजार के लिए बना रहा है। जनवरी से मई 2025 तक भारत से अमेरिका को 4.4 बिलियन डॉलर(₹37 हजार करोड़) के आईफोन एक्सपोर्ट हो चुके हैं। ये आंकड़ा 2024 के 3.7 बिलियन एक्सपोर्ट से भी ज्यादा है। 2024 तक अमेरिका में बेचे जाने वाले 50% आईफोन भारत में बनते थे। ट्रम्प ने एपल पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी डोनाल्ड ट्रम्प ने 23 मई को कहा था कि अमेरिका में बेचे जाने वाले आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग भारत या किसी अन्य देश में नहीं, बल्कि अमेरिका में ही होनी चाहिए। उन्होंने एपल के CEO टिम कुक को बता दिया है कि यदि एपल अमेरिका में आईफोन नहीं बनाएगा तो कंपनी पर कम से कम 25% का टैरिफ लगाया जाएगा। ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर लिखा, मैंने बहुत पहले एपल के टिम कुक को सूचित कर दिया था कि जो आईफोन अमेरिका में बेचे जाएंगे, वे अमेरिका में निर्मित किए जाएंगे, न कि भारत या कहीं और। यदि ऐसा नहीं होता है, तो एपल को कम से कम 25% का टैरिफ देना होगा। 15 मई को कहा था, इंडिया अपना ख्याल खुद रख लेगा एपल CEO के साथ हुई इस बातचीत की जानकारी देते हुए ट्रम्प ने 15 मई को कहा था कि एपल को अब अमेरिका में प्रोडक्शन बढ़ाना होगा। मुझे कल टिम कुक के साथ थोड़ी परेशानी हुई। मैंने उनसे कहा, टिम, तुम मेरे दोस्त हो, तुम 500 बिलियन डॉलर लेकर आ रहे हो, लेकिन अब मैं सुन रहा हूं कि तुम पूरे भारत में प्रोडक्शन कर रहे हो। मैं नहीं चाहता कि तुम भारत में प्रोडक्शन करो। उन्होंने आगे कहा कि अगर तुम भारत का ख्याल रखना चाहते हो तो तुम भारत में निर्माण कर सकते हो, क्योंकि भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा टैरिफ वाले देशों में से एक है। भारत में बेचना बहुत मुश्किल है और उन्होंने हमें एक डील ऑफर की है। इसके तहत वे हमसे कोई टैरिफ नहीं वसूलने को तैयार हैं। मैंने टिम से कहा, देखो, हमने वर्षों तक चीन में तुम्हारे द्वारा बनाए गए सभी प्रोजेक्ट्स को सहन किया, अब तुम्हें अमेरिका में प्रोडक्शन करना होगा, हम नहीं चाहते कि तुम भारत में निर्माण करो। इंडिया अपना ख्याल खुद रख सकता है। एपल का भारत पर इतना ज्यादा फोकस क्यों, 5 पॉइंट्स ट्रम्प नहीं चाहते कि एपल के प्रोडक्ट भारत में बनें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प नहीं चाहते कि एपल के प्रोडक्ट भारत में बने। पिछले हफ्ते ट्रम्प ने कंपनी के CEO टिम कुक से कहा था कि भारत में फैक्ट्रियां लगाने की जरूरत नहीं है। इंडिया अपना ख्याल खुद रख सकता है। एपल CEO के साथ हुई इस बातचीत की जानकारी ट्रम्प ने गुरुवार (15 मई) को कतर की राजधानी दोहा में बिजनेस लीडर्स के साथ कार्यक्रम में दी। उन्होंने कहा था कि एपल को अब अमेरिका में प्रोडक्शन बढ़ाना होगा। इसके बावजूद एपल की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर फॉक्सकॉन ने भारत में 1.49 बिलियन डॉलर (करीब ₹12,700 करोड़) का निवेश किया है। फॉक्सकॉन ने अपनी सिंगापुर यूनिट के जरिए बीते 5 दिन में तमिलनाडु के युजहान टेक्नोलॉजी (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड में यह निवेश किया है।

दैनिक भास्कर 13 Jun 2025 1:54 pm

सुलझ गया ब्रह्मांड का सालों पुराना रहस्य, जानें कहां है इसका केंद्र और कैसे हो रहा है विस्तार?

Space Science: जब खगोलविदों ने शक्तिशाली दूरबीनों की मदद से दूर स्थित आकाशगंगाओं में रात को आकाश में देखा तो उन्हें संकेत मिला की ब्रह्मांड वैसा नहीं है जैसा हम समझते हैं.

ज़ी न्यूज़ 13 Jun 2025 1:07 pm

जब चाहा बदल लिया जेंडर, इन जानवरों के अंदर भरा पड़ा है जादू, एक नाम जानकर चौंक जाएंगे

Gender Changing Animals: दुनिया भर में कई अनोखे जानवर होते हैं जो अपने की वजह से चर्चाओं में रहते हैं. कोई अपनी बनावट की वजह से तो कोई अपने बोलने और रहने की वजह से चर्चा में रहता है. ऐसे ही हम बताने जा रहे हैं उन जानवरों के बारे में जेंडर बदलने में माहिर है.

ज़ी न्यूज़ 12 Jun 2025 7:56 pm

ब्रह्मांड का अंत, वैज्ञानिकों ने बताई 'मौत की नई तारीख', स्टीफन हॉकिंग का सिद्धांत दे रहा झटका!

Universe Theories:वैज्ञानिकों ने जितना सोचा था ब्रह्मांड का अंत उससे कहीं ज्यादा तेजी से अपने अंजामकी ओर बढ़ रहा है. एक नई स्टडी में ब्रह्मांड की मृत्यु की नई तारीख सामने रखी गई है.

ज़ी न्यूज़ 12 Jun 2025 6:39 pm

दिमाग का कमाल! पेन किलर से लेकर सर्जरी तक, क्या आपका विश्वास ही है आपकी सबसे बड़ी दवा?

Placebo Effect: यह एक मनौवैज्ञानिक घटना है जिसमें एक व्यक्ति को ऐसा उपचार दिया जाता है जो वास्तव में है ही नहीं, बस उसे ऐसा लगता है कि वह ठीक हो रहा है. यह व्यक्ति से विश्वास से जुड़ा है.

ज़ी न्यूज़ 12 Jun 2025 6:00 pm

कोलंबस से लेकर आज तक...बरमूडा ट्रायंगल का खौफ, कहां गायब हो गए 50 जहाज और 20 विमान?

Bermuda Triangle: विज्ञान के लिए अब तक के सबसे बड़े रहस्यों में से एक हैं. इस जगह से कई हवाई जहाज और विमान गायब हो चुके हैं. इसको लेकर अलग-अलग कहानियां चलती रहती हैं.

ज़ी न्यूज़ 12 Jun 2025 5:22 pm

टेक-ऑफ के समय क्यों डिम कर दी जाती हैं प्लेन की लाइटें? ये है सबसे बड़ी वजह

Why Flight Cabin Lights Dim: अहमदाबाद हादसे के बाद एयर इंडिया का बोइंग विमान चर्चा में है. इसमें 242 यात्री सवार थे. यह एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान था जिसमें यात्री सवार थे.

ज़ी न्यूज़ 12 Jun 2025 4:09 pm

Runway: टेक ऑफ से पहले प्लेन कितनी दूर तक रनवे पर दौड़ता है? एक नहीं.. कई फैक्टर्स करते हैं काम!

Runway Length For Flight: यह एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान था जिसमें 242 यात्री सवार थे. रनवे की लंबाई केवल विमान को उड़ान भराने के लिए नहीं बल्कि किसी इमरजेंसी में उसे रोकने के लिए भी तय की जाती है.

ज़ी न्यूज़ 12 Jun 2025 3:44 pm

15 साल में पहली बार क्रैश हुआ बोइंग 787 विमान:एअर इंडिया ने लंबी उड़ानों के लिए खरीदा था, 14,000 किमी तक उड़ सकता है

अहमदाबाद में एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश हो गया। इसमें 242 लोग सवार थे। विमान ने लंदन के लिए उड़ान भरी थी। क्रैश हुआ विमान एक मॉडर्न एयरक्राफ्ट है, जिसे दिसंबर 2013 में बोइंग कॉमर्शियल एयरप्लेन्स ने बनाया था। बोइंग के 787 विमान के 15 साल के इतिहास में यह पहला क्रैश है। ये मिड-साइज, ट्विन-इंजन, वाइड-बॉडी जेट है, जो लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किया गया है। ये एक बार में 14,000 किमी तक उड़ सकता है। बोइंग ड्रीमलाइनर की सवाल-जवाब में पूरी जानकारी... सवाल 1: बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर क्या है? जवाब: बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर एक आधुनिक, मिड-साइज, ट्विन-इंजन, वाइड-बॉडी जेट विमान है, जिसे बोइंग ने बनाया है। ये लंबी दूरी की उड़ानों के लिए डिजाइन किया गया है और पुराने बोइंग 767 को रिप्लेस करने के लिए लाया गया। ये फ्यूल-एफिशिएंट विमान है। सवाल 2: इस विमान का इतिहास क्या है? जवाब: बोइंग ने 2003 में इसे 7E7 प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया, जिसका नाम बाद में 5 लाख ऑनलाइन वोट्स से ड्रीमलाइनर रखा गया। पहली उड़ान 2009 में हुई, और पहला विमान 2011 में ANA को डिलीवर हुआ। शुरुआत में कुछ देरी हुई, लेकिन अब ये दुनिया भर में पॉपुलर है। 15 साल के इतिहास में ये विमान पहली बार क्रैश हुआ है। इससे पहले लीथियम आयन बैटरियों में आग और बॉडी के जोड़ों में गैप जैसी शिकायतें आई थी। सवाल 3: भारत से इसका क्या कनेक्शन है? जवाब: भारत में एयर इंडिया इसका इस्तेमाल करती है। 2012 में एयर इंडिया ने साउथ कैरोलिना प्लांट से पहला 787-8 लिया था। ये दिल्ली-न्यूयॉर्क, मुंबई-लंदन जैसे लंबे रूट्स पर उड़ता है। सवाल 4: इसकी रेंज और यात्री क्षमता कितनी है? जवाब: ये 200-250 यात्रियों को ले जा सकता है और करीब 14,000 किमी तक उड़ सकता है। यानी दिल्ली से न्यूयॉर्क या टोक्यो जैसे लंबे रूट्स आसानी से कवर कर सकता है। सवाल 5: ये कितना फ्यूल बचाता है? जवाब: बोइंग 787-8, बोइंग 767 जैसे विमानों से 20-25% कम ईंधन खर्च करता है। सवाल 6: इस विमान में ऐसा क्या खास है? जवाब: इसमें कई खास चीजें हैं: सवाल 7: इसका इंजन और परफॉरमेंस कैसा है? जवाब: इसमें दो इंजन हैं- रोल्स-रॉयस ट्रेंट 1000 या जनरल इलेक्ट्रिक GEnx। ये 60% कम शोर करते हैं। इसकी क्रूज़ स्पीड मैक 0.85 है। इसके पंखों की टिप्स ऊपर मुड़ी हैं, जो टर्बुलेंस और हवा का प्रतिरोध कम करती हैं। सवाल 8: यात्रियों के लिए क्या सुविधाएं हैं? जवाब: सवाल 9: पर्यावरण के लिए ये कितना अच्छा है? जवाब: ये 20-25% कम ईंधन खर्च करता है और 50% कम CO2 उत्सर्जन करता है। इसके इंजन 60% कम शोर करते हैं, जिससे हवाई अड्डों के आसपास कम परेशानी होती है। इसका प्रोडक्शन साउथ कैरोलिना के नेट-ज़ीरो उत्सर्जन प्लांट में होता है। सवाल 10: इसकी कोई कमियां हैं? जवाब: कुछ यात्रियों को इकोनॉमी सीट्स (3-3-3 लेआउट) थोड़ी तंग लगती हैं। 2013 में बैटरी इश्यू की वजह से इसे कुछ समय के लिए ग्राउंड किया गया था, लेकिन अब वो ठीक हो चुका है। विमान हादसे से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें अहमदाबाद में एअर इंडिया का प्लेन क्रैश: गुजरात के पूर्व CM विजय रूपाणी समेत 242 लोग सवार थे अहमदाबाद में एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश हुआ है। इसमें गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी समेत 242 पैसेंजर सवार थे। विमान लंदन के लिए उड़ान भर रहा था, तभी टेकऑफ के दौरान एयरपोर्ट की बाउंड्री के पास उसमें धमाका हो गया। एयर इंडिया की फ्लाइट नंबर AI-171 ने दोपहर 1.38 बजे उड़ान भरी थी। दोपहर 1.40 बजे यह क्रैश हो गई। विमान एयर कस्टम कार्गो ऑफिस के पास क्रैश हुआ, जो एयरपोर्ट कैंपस से सटा हुआ है। विमान के गिरते ही पूरे इलाके में धुएं का गुबार दिखाई दिया। पूरी खबर पढ़ें अहमदाबाद प्लेन क्रैश, 10 PHOTOS:टेकऑफ के 2 मिनट बाद फ्लाइट दीवार से टकराई, आग में कई झुलसे; तस्वीरों में हादसा अहमदाबाद में एयर इंडिया का प्लेन क्रैश हुआ है। टेकऑफ के 2 मिनट बाद ही फ्लाइट दीवार से टकरा गई। पूरे इलाके में धुएं का गुबार दिखाई दिया। आग में कई यात्री झुलसे हैं। लंदन जा रहे विमान में 242 यात्री सवार थे। फोटो देखें

दैनिक भास्कर 12 Jun 2025 2:55 pm

धरती पर ही मंगल ग्रह! ये 3 जगहें दिलाएंगी एलियन दुनिया का एहसास, 10,00,000 साल से नहीं हुई बारिश

Mars like Places: धरती की कई सारी जगहों की मिट्टी लाल रंग की और भूरी जमीन वाली और काले रंग रंग के ज्वालामुखी के लावे से बना बालू और गहरी सूखी घाटियां हैं. हम आपको कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताएंगे जो मंगल ग्रह जैसी लगती हैं.

ज़ी न्यूज़ 12 Jun 2025 2:02 pm

18,380 फीट की ऊंचाई पर हिमालयन इलेक्ट्रिक की टेस्टिंग:हिमालयन 750 भी लद्दाख में दिखी, 2026 में लॉन्च हो सकती है दोनों बाइक्स

रॉयल एनफील्ड ने अपनी दो बाइक्स, हिमालयन 750 और हिमालयन इलेक्ट्रिक को पहली बार ऑफिशियली टीज किया है। इन दोनों बाइक्स को लद्दाख की खारदुंग ला पास पर टेस्ट करते हुए दिखाया गया है, जो 18,380 फीट की ऊंचाई पर है। ये दोनों बाइक्स अभी प्रोटोटाइप स्टेज में हैं, लेकिन हिमालयन 750 प्रोडक्शन के काफी करीब नजर आ रही है। आइए, इन बाइक्स के बारे में डिटेल में जानते हैं। हिमालयन 750: ज्यादा पावर और नए फीचर्स रॉयल एनफील्ड की हिमालयन 750 मौजूदा हिमालयन 450 से बड़ी और ज्यादा पावरफुल होगी। डिजाइन की बात करें तो इसमें हिमालयन 450 से मिलता-जुलता लुक है। डिजाइन और फीचर्स: बाइक में राउंड एलईडी हेडलैंप, टॉल विंडस्क्रीन, और फ्यूल टैंक के चारों ओर गार्ड देखने को मिलता है, जो ऑफ-रोडिंग के दौरान प्रोटेक्शन देता है। इसमें 19 इंच का फ्रंट व्हील और 17 इंच का रियर व्हील है, जो इसे टूरिंग और ऑफ-रोडिंग दोनों के लिए परफेक्ट बनाता है। सस्पेंशन में फ्रंट में अपसाइड-डाउन फोर्क्स और रियर में मोनोशॉक है। ब्रेकिंग के लिए फ्रंट में डुअल डिस्क ब्रेक्स दिए गए हैं। इंजन: इसमें 750cc का ट्विन-सिलेंडर इंजन होने की उम्मीद है, जो मौजूदा 648cc इंजन का अपग्रेडेड वर्जन होगा। ये इंजन करीब 55 बीएचपी की पावर दे सकता है। नया साइड-माउंटेड अपस्वेप्ट एग्जॉस्ट और रेडिएटर डिजाइन इसे और आकर्षक बनाता है। परफॉर्मेंस: ये बाइक हाईवे पर हाई स्पीड टूरिंग और ऑफ-रोडिंग दोनों के लिए डिजाइन की गई है। इसका 19 इंच का फ्रंट व्हील इसे टूरिंग के लिए बेहतर बनाता है, जबकि लंबा सस्पेंशन ट्रैवल और डुअल-स्पोर्ट टायर्स ऑफ-रोडिंग में मदद करते हैं। कीमत और लॉन्च: हिमालयन 750 की कीमत 4 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) से शुरू होने की उम्मीद है। इसे 2026 में लॉन्च किया जा सकता है। हिमालयन इलेक्ट्रिक: रॉयल एनफील्ड की पहली इलेक्ट्रिक बाइक हिमालयन इलेक्ट्रिक को HIM-E के नाम से भी जाना जाता है। इसे 2023 और 2024 के EICMA में कॉन्सेप्ट के तौर पर दिखाया था। अब लद्दाख में टेस्टिंग के दौरान इसे प्रोडक्शन के करीब देखा गया है। ये बाइक रॉयल एनफील्ड की पहली इलेक्ट्रिक एडवेंचर बाइक होगी। डिजाइन और फीचर्स: हिमालयन इलेक्ट्रिक का डिजाइन काफी हद तक हिमालयन 450 से मिलता-जुलता है। इसमें राउंड एलईडी हेडलैंप, टॉल विंडस्क्रीन, और स्प्लिट सीट्स हैं। बाइक में एल्यूमिनियम फ्रेम, गोल्ड-कलर्ड अपसाइड-डाउन फोर्क्स, और SM प्रो प्लेटिनम स्पोक्ड व्हील्स हैं, जो कॉन्टिनेंटल ब्लॉक-पैटर्न टायर्स के साथ आते हैं। बॉडी में इको-फ्रेंडली फ्लैक्स फाइबर कंपोजिट्स का इस्तेमाल हुआ है, जो इसे सस्टेनेबल बनाता है। पावरट्रेन: अभी बैटरी और मोटर की डिटेल्स सामने नहीं आई हैं, लेकिन माना जा रहा है कि ये फिक्स्ड बैटरी पैक के साथ आएगी। परफॉर्मेंस के मामले में ये हिमालयन 450 के बराबर हो सकती है। फास्ट चार्जिंग का ऑप्शन भी मिल सकता है। प्रोडक्शन और लॉन्च: हिमालयन इलेक्ट्रिक अभी प्रोटोटाइप स्टेज में है, लेकिन इसका प्रोडक्शन वर्जन 2026 तक लॉन्च हो सकता है। इसकी कीमत 7-8 लाख रुपए के बीच हो सकती है। खास बात: रॉयल एनफील्ड ने इस बाइक के इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए क्वालकॉम के साथ पार्टनरशिप की है। ये बाइक रॉयल एनफील्ड ब्रांड के तहत आएगी। पहले कुछ अफवाहें थीं कि ये फ्लाइंग फ्ली के तहत आ सकती है। लद्दाख में टेस्टिंग का मतलब रॉयल एनफील्ड ने इन दोनों बाइक्स को लद्दाख के खारदुंग ला पास पर टेस्ट किया, जो दुनिया की सबसे ऊंची मोटरेबल रोड्स में से एक है। इस मुश्किल टेरेन पर टेस्टिंग का मतलब है कि कंपनी इन बाइक्स की हाई-एल्टीट्यूड परफॉर्मेंस, ड्यूरेबिलिटी, और रिलायबिलिटी को चेक कर रही है। दोनों बाइक्स पर तमिलनाडु की टेंपरेरी रेड रजिस्ट्रेशन प्लेट्स थीं। मार्केट में पोजिशनिंग हिमालयन 750: ये बाइक हिमालयन 450 के साथ बिक्री में रहेगी और इसका मुकाबला KTM 390 एडवेंचर और CFMoto 450 MT जैसी बाइक्स से होगा। इसका फोकस लंबी दूरी की टूरिंग और ऑफ-रोडिंग पर है। हिमालयन इलेक्ट्रिक: ये रॉयल एनफील्ड की पहली इलेक्ट्रिक बाइक होगी, जिसका मुकाबला हार्ले-डेविडसन EDT 600R इलेक्ट्रिक बाइक से हो सकता है। इसका प्रीमियम प्राइस टैग इसे एक्सक्लूसिव बनाएगा। रॉयल एनफील्ड की रणनीति रॉयल एनफील्ड अपनी 650cc लाइनअप को बढ़ाने के साथ-साथ इलेक्ट्रिक सेगमेंट में भी कदम रख रही है। हिमालयन 750 के साथ कंपनी मिडलवेट एडवेंचर टूरर सेगमेंट में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है, जबकि हिमालयन इलेक्ट्रिक के जरिए वो सस्टेनेबल मोबिलिटी की तरफ बढ़ रही है। इनके लॉन्च से रॉयल एनफील्ड का ग्लोबल मार्केट में दबदबा बढ़ेगा।

दैनिक भास्कर 12 Jun 2025 12:18 pm

मर्सिडीज-AMG G63 का कलेक्टर एडिशन लॉन्च, कीमत ₹4.30 करोड़:SUV 4.4 सेकेंड में 100kmph की स्पीड हासिल कर सकती है, सिर्फ 30 यूनिट बिकेंगी

मर्सिडीज-बेंज इंडिया आज (12 जून) भारतीय बाजार में अपनी पापुलर एसयूवी AMG G63 का कलेक्टर्स एडिशन लॉन्च कर दिया है। कंपनी ने पहली बार भारत से इन्सपायर्ड किसी कार का स्पेशल एडिशन लॉन्च किया है। G63 कलेक्टर्स एडिशन का डिजाइन भारतीय मानसून से इन्सपायर्ड है। रेगुलर AMG G63 के मुकाबले इसे खास पेंट स्कीम में तैयार किया गया है और इसे अलग दिखाने के लिए कुछ कॉस्मेटिक बदलाव किए गए हैं। लग्जरी SUV की एक्स-शोरूम कीमत 4.3 करोड़ रुपए रखी गई है, जो इसके रेगुलर वैरिएंट से 55 लाख रुपए ज्यादा है। मर्सिडीज-AMG G63 की सिर्फ 30 यूनिट्स बेची जाएंगी। यह सिर्फ उन लोगों के लिए अवेलेबल होगी, जिनके पास टॉप-एंड मर्सिडीज-बेंज है। कलेक्टर्स एडिशन की डिलीवरी 2025 की आखिरी तिमाही से शुरू होगी। इस स्पेशल एडिशन को मर्सिडीज-बेंज इंडिया और मर्सिडीज-बेंज रिसर्च एंड डेवलपमेंट इंडिया के ग्रुप ने मिलकर खास तौर पर भारत के लिए डेवलप किया है। कंपनी का दावा है कि SUV सिर्फ 4.4 सेकेंड में 0 से 100kmph की स्पीड हासिल कर सकती है। मर्सिडीज-AMG G63 कलेक्टर्स एडिशन में नया क्या? स्टैंडर्ड AMG G63 की तुलना में कलेक्टर्स एडिशन में 22-इंच के नए मल्टी-स्पोक गोल्डन एलॉय व्हील्स दिए गए हैं। इसके अलावा साइड में बीडिंग और टेलगेट पर लगे स्पेयर व्हील कवर पर एक स्पेशल कलेक्टर्स एडिशन की बेजिंग दी गई है। कार को दो कलर ऑप्शन के साथ पेश किया गया है। इसमें मॉनसून की हरियाली से इन्सपायर्ड मिड ग्रीन मैग्नो और आयरन रिच सॉइल से इन्सपायर्ड रेड मैग्नो कलर शामिल हैं। कार के केबिन में बेज और ब्लैक कलर कॉम्बिनेशन की थीम दी गई है। जबकि डैशबोर्ड लेआउट और फीचर्स रेगुलर मॉडल वाले ही मिलेंगे। इसमें डैशबोर्ड पर एक कस्टमाइजेबल ग्रैब हैंडल है, जहां आप अपना नाम लिखवा सकते हैं। परफॉर्मेंस : माइल्ड हाइब्रिड इंजन और एक्टिव राइड कंट्रोल सस्पेंशन AMG G63 के स्पेशल एडिशन में मैकेनिकली बदलाव नहीं किया जाएगा। इसमें परफॉर्मेंस के लिए 4.0-लीटर का ट्विन-टर्बोचार्ज्ड V8 इंजन मिलेगा, जो 48V माइल्ड हाइब्रिड टेक्नीक के साथ जोड़ा गया है। यह सेटअप 576hp की मैक्सिमम पावर और 850Nm का टॉर्क जनरेट करता है। एक्सीलरेशन के दौरान 20hp का अतिरिक्त बूस्ट भी अवेलबल है। ट्रांसमिशन की बात करें तो ये इंजन 9-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ ट्यून किया गया है। ये SUV ब्रांड के 4 मैटिक ऑल-व्हील ड्राइव सिस्टम से लैस है जो चारों व्हील पर पावर सप्लाई करता है। इसमें नया 'रेस स्टार्ट' फंक्शन भी मिलता है। इससे कार 4.4 सेकेंड में 0 से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है। इसकी टॉप स्पीड 240kmph है। खास बात ये है कि G63 में पहली बार लॉन्च कंट्रोल फीचर दिया गया है। इसके अलावा कार AMG एक्टिव राइड कंट्रोल सस्पेंशन से लैस है। इस सस्पेंशन सिस्टम में एक्टिव हाइड्रोलिक रोल स्टेब्लाइजेशन और एडजस्टेबल डंपिंग शामिल है। इससे हर तरह के सरफेस पर कार स्मूथ परफॉर्मेंस देती है।

दैनिक भास्कर 12 Jun 2025 11:30 am

धरती तो बच गई लेकिन अब 'सिटी किलर' के निशाने पर चांद, बनेगा 10 मंजिला इमारत जितना बड़ा गड्ढा

City Killer: 2024 YR4 एस्टेरॉयड के 2032 में चंद्रमा से टकराने की संभावना 4.3 प्रतिशत है. हालांकि इससे चंद्रमा को बड़ा नुकसान नहीं होगा लेकिन एक बड़ा गड्ढा जरूर बन जाएगा जो वैज्ञानिकों के लिए बहुत ही रोमांचक होने वाला है.

ज़ी न्यूज़ 12 Jun 2025 11:27 am

भीषण गर्मी का नया Alert, 2030 तक इन शहरों में दोगुने होंगे लू के दिन, बारिश भी बरसाएगी कहर

Heat Waves: उत्तर भारत के कई सारे राज्य इस समय भीषण गर्मी और लू की समस्या से जूझ रहे हैं. ऐसे में जलवायु परिवर्तन से जुड़ी नई रिपोर्ट में चेतावनी जारी की गई है कि अब गर्मी की उम्र बढ़ने वाली है.

ज़ी न्यूज़ 12 Jun 2025 10:48 am

डिजायर 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग वाली मारुति की पहली कार:BNCAP क्रैश टेस्ट में बच्चों की सेफ्टी के लिए 41.57 पॉइंट मिले, बलेनो को 4 स्टार

मारुति सुजुकी की पॉपुलर सेडान डिजायर को भारत NCAP क्रैश टेस्ट में 5-स्टार रेटिंग मिली है। एजेंसी के क्रैश टेस्ट रिजल्ट के अनुसार, डिजायर को एडल्ट के लिए 34 में से 29.46 और चाइल्ड सेफ्टी के लिए 49 में से 41.57 पॉइंट मिले हैं। भारत NCAP में पहली बार मारुति की दो कारों का क्रैश टेस्ट किया गया। इसमें फोर्थ जनरेशन डिजायर और बलेनो के अपडेटेड 2025 मॉडल शामिल रहे। डिजायर मारुति की पहली कार है जिसे एडल्ट और चाइल्ड दोनों की सेफ्टी के लिए 5 स्टार रेटिंग मिली है। इससे पहले मारुति की ब्रेजा को ग्लोबल NCAP से सबसे ज्यादा 4 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली थी। वहीं, अब बलेनो को भारत NCAP से एडल्ट के लिए 4 और बच्चों की सेफ्टी के लिए 3 स्टार रेटिंग मिली है। डिजायर मारुति ब्रांड की एकमात्र कार भी बन गई है, जिसका क्रैश टेस्ट भारत और ग्लोबल NCAP दोनों में किया गया और दोनों में 5 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली। थर्ड जनरेशन डिजायर को क्रैश टेस्ट में सिर्फ 2 स्टार सेफ्टी रेटिंग मिली थी। क्रैश टेस्ट की प्रोसेस 1. टेस्ट के लिए इंसान जैसी 4 से 5 डमी को कार में बैठाया जाता है। बैक सीट पर बच्चे की डमी होती है, जो चाइल्ड ISOFIX एंकर सीट पर फिक्स की जाती है। 2. गाड़ी को फिक्स्ड स्पीड पर ऑफसेट डिफॉर्मेबल बैरियर (हार्ड ऑब्जेक्ट) से टकराकर देखा जाता है कि गाड़ी और डमी को कितना नुकसान पहुंचा है। ये तीन तरीके से किया जाता है। 3. टेस्ट में देखा जाता है कि इम्पैक्ट के बाद डमी कितनी डैमेज हुई, एयरबैग और सेफ्टी फीचर्स ने काम किया या नहीं। इन सभी के आधार पर रेटिंग दी जाती है। क्रैश टेस्ट की स्कोरिंग

दैनिक भास्कर 12 Jun 2025 2:47 am

टेस्ला रोबोटैक्सी सर्विस 22 जून से शुरू हो सकती है:अमेरिका की सड़कों पर दिखी ड्राइवरलेस ईवी, मस्क बोले- फैक्ट्री से कस्टमर के घर खुद पहुंचेगी

इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली टेस्ला 22 जून से अपनी रोबोटैक्सी सर्विस शुरू कर सकती है। इसकी जानकारी कंपनी के CEO इलॉन मस्क ने X पर एक पोस्ट में दी। X पर एक यूजर के सवाल के जवाब में मस्क ने कहा, 'टेस्ला टेक्सास के ऑस्टिन में रोबोटैक्सी सर्विस शुरू करने जा रही है। हालांकि, अभी इसकी तारीख फाइनल नहीं है, क्योंकि हम सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं, इसलिए तारीख बदल सकती है।' मस्क ने ये भी बताया कि टेस्ला की पहली ड्राइवरलेस कार 28 जून को फैक्ट्री से सीधे कस्टमर के घर खुद ड्राइव करके जाएगी। अमेरिका में टेस्टिंग के दौरान दिखी थी रोबोटैक्सीमस्क ने हाल ही में एक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया था, जिसमें टेस्ला की ड्राइवरलेस​​​​​​​ रोबोटैक्सी को अमेरिका में टेक्सास की राजधानी ऑस्टिन की सड़कों पर टेस्टिंग के दौरान देखा गया था। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। 8 सेकेंड की वीडियो क्लिप में मॉडल-Y SUV का नया वर्जन दिखाया गया। इस ब्लैक कलर की कार के फ्रंट डोर पर वाइट कलर का रोबोटैक्सी लोगो था। गाड़ी एक चौराहे पर आकर रुकी और पैदल चल रहे लोगों के सड़क पार करने के बाद आगे बढ़ गई। इसके बाद एक यूजर ने मस्क से सवाल पूछा था कि पहली पब्लिक राइड कब शुरू होगी। AI फीचर वाली साइबरकैब बिना ड्राइवर के चलेगी टेस्ला CEO ने पिछले साल अक्टूबर में अमेरिका के कैलिफोर्निया में हुए 'वी-रोबोट' इवेंट में AI फीचर वाली अपनी पहली रोबोटैक्सी 'साइबरकैब' का कॉन्सेप्ट मॉडल रिवील किया था। दो सीट वाली इस टैक्सी में न तो स्टीयरिंग है न ही पैडल। कंज्यूमर 30,000 डॉलर (करीब 25 लाख रुपए) से कम में टेस्ला साइबरकैब खरीद सकेंगे। साइबर ट्रक से इंस्पायर्ड डिजाइन, यह टू-डोर कार साइबरकैप का डिजाइन साइबर ट्रक से काफी मिलता-जुलता है। कार के फ्रंट में एक पतली कनेक्टिंग LED लाइट दी गई है, जो DRL का काम करती है। इसके दोनों सिरों पर प्रोजेक्टर हेडलैंप दिए गए हैं। साइड में बटरफ्लाई-विंग डोर कार के फ्यूचरस्टिक डिजाइन को पेश करते हैं। यह एक टू-डोर कार है। इसके पिछले हिस्से में साइबर ट्रक जैसा स्टोरेज कैबिन दिया गया है। साइबरकैब में न तो स्टीयरिंग न ही पैडल टैक्सियों की एक फ्लीट डेवलप करना चाहते हैं इलॉन मस्क मस्क का प्लान सेल्फ-ड्राइविंग टेस्ला टैक्सियों की एक फ्लीट डेवलप करना है। टेस्ला के ऑनर्स अपने व्हीकल्स को पार्ट टाइम टैक्सियों के रूप में भी लिस्ट कर सकेंगे। यानी, जब ऑनर्स अपनी कार उपयोग नहीं कर रहे हों तो नेटवर्क के जरिए पैसा कमा सकते हैं। नया रोबोटैक्सी मॉडल एक कॉम्पैक्ट, फ्यूचरिस्टिक टू-सीटर है। यह सीधे तौर पर वेमो और क्रूज जैसी स्थापित ऑटोनॉमस टैक्सी सर्विसेज को टारगेट करता है, टेस्ला को इस कॉम्पिटिटिव मार्केट में अपनी जगह बनाने की उम्मीद है। टेस्ला की स्ट्रैटेजी अपने कैमरा-बेस्ड फुली सेल्फ-ड्राइविंग (FSD) सिस्टम पर भरोसा करने की है, जो वेमो जैसे कॉम्पिटिटर्स से काफी अलग है जो लिडार और रडार तकनीक का उपयोग करते हैं। ये टेक्नोलॉजी टेस्ला की टेक्नोलॉजी की तुलना में महंगी है। रोबोवैन भी लाएगी टेस्ला टेस्ला ने अपने वी-रोबोट इवेंट में रोबोटैक्सी के साथ एक और ऑटोनॉमस व्हीकल 'रोबोवैन' को भी पेश किया था जो 20 लोगों को ले जाने में सक्षम है। इसमें सामान भी कैरी किया जा सकेगा। मस्क ने उदाहरण देते हुए बताया कि इसका इस्तेमाल स्पोर्ट्स टीम के ट्रांसपोर्टेशन के लिए किया जा सकता है।

दैनिक भास्कर 12 Jun 2025 12:10 am

वीवो T4 अल्ट्रा भारत में लॉन्च, शुरुआती कीमत ₹37,999:स्मार्टफोन में लाइव कॉल ट्रांसलेशन जैसे AI फीचर्स और 50MP पेरिस्कोपिक टेलीफोटो लेंस

चाइनीज टेक कंपनी वीवो ने आज (11 जून) भारतीय बाजार में नया स्मार्टफोन वीवो T4 अल्ट्रा लॉन्च कर दिया है। स्मार्टफोन में मीडियाटेक डाइमेंशन 9300+ चिपसेट के साथ 50 मेगापिक्सल का पेरिस्कोप टेलीफोटो लेंस दिया गया है। वीवो ने मिड बजट रेंज के इस फोन को कई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) फीचर्स के साथ मार्केट में उतारा है। इसमें गूगल के सर्किल टू सर्च और AI नोट असिस्ट, AI इरेज, AI ट्रांसक्रिप्ट असिस्ट और AI लाइव कॉल ट्रांसलेशन जैसे अन्य AI फीचर शामिल हैं।

दैनिक भास्कर 11 Jun 2025 5:03 pm

AC का टेंपरेचर 20°C से कम नहीं कर पाएंगे:ग्लोबल वॉर्मिंग और बिजली की खपत रोकने के लिए सरकार नए नियम ला रही

आने वाले दिनों में अगर आप नया AC खरीदेंगे तो उसे 16 या 18 डिग्री पर नहीं चला सकेंगे, सिर्फ 20 से 28 डिग्री के बीच ही सेट कर पाएंगे। गर्मी के मौसम में AC से बिजली की खपत रोकने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही नया नियम ला रही है। सरकार का दावा है कि इससे बिजली की बचत होगी, बिल कम आएंगे और देशभर के लाखों उपभोक्ताओं के अगले तीन साल में 18,000-20,000 करोड़ रुपए की बचत होगी। पावर मिनिस्टर मनोहर लाल ने कहा- AC बनाने वाली कंपनियों के लिए नया नियम कूलिंग को और बेहतर बनाएगा। इससे गर्मियां बढ़ने पर बिजली की डिमांड और बिलों में होने वाली बढ़ोतरी को कम करने में मदद मिलेगी। जैसे ही नए नियम लागू होंगे, ये नियम हर सेक्टर में इस्तेमाल होने वाले एयर-कंडीशनर पर लागू होगा- चाहे वो घरों में हो या कॉमर्शियल जगहों जैसे ऑफिस, मॉल, होटल और सिनेमाघरों में, जहां अक्सर AC को सबसे लोएस्ट सेटिंग पर चलाया जाता है। अब 8 सवालों के जवाब से जानिए, सरकार नियम क्यों ला रही... सवाल 1: सरकार ने ये नियम क्यों बनाया? जवाब: गर्मियां बढ़ने के साथ बिजली की डिमांड बहुत बढ़ रही है। इस साल जून में एक दिन में बिजली की मांग 241 गीगावाट तक पहुंच गई, जो इस साल की सबसे ज्यादा थी। सरकार का अनुमान है कि पीक डिमांड 270 गीगावाट तक जा सकती है। AC की वजह से बिजली की खपत बहुत ज्यादा होती है, खासकर जब लोग इसे 16-18 डिग्री पर चलाते हैं। नए नियम से बिजली बचाने और पावर ग्रिड पर दबाव कम करने की कोशिश है। साथ ही, इससे लोगों के बिजली बिल भी कम होंगे और पर्यावरण को भी फायदा होगा। हर 1 डिग्री तापमान बढ़ाने पर 6% तक बिजली की बचत होती है। सवाल 2: इस नियम से क्या फायदे होंगे ? जवाब: इस नियम के कई फायदे बताए जा रहे हैं: सवाल 3: ये नियम कब लागू होगा? जवाब: अभी इस नियम को लागू करने की तारीख की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि इसे “जल्द ही” लागू किया जाएगा। सरकार AC बनाने वाली कंपनियों के साथ मिलकर तापमान के स्टैंडर्ड तय कर रही है। जैसे ही नियम नोटिफाई होंगे, सभी नए AC इस रेंज में बनाए जाएंगे। सवाल 4: क्या ये नियम पुराने AC पर भी लागू होगा? जवाब: अभी ये साफ नहीं है कि पुराने AC पर ये नियम लागू होगा या नहीं। लेकिन, नए नियम के तहत भविष्य में बनने वाले AC में टेक्नोलॉजी ऐसी होगी कि वो 20 डिग्री से नीचे कूलिंग न कर पाएं। पुराने AC वालों को शायद सॉफ्टवेयर अपडेट या टेक्निकल बदलाव करने पड़ें, लेकिन इसकी पुष्टि अभी बाकी है। सवाल 5: क्या ये नियम गाड़ियों के AC पर भी लागू होगा? जवाब: हां, ये नियम गाड़ियों में लगे AC पर भी लागू होगा। यानी, कारों और दूसरी गाड़ियों में भी AC को 20 डिग्री से नीचे सेट नहीं किया जा सकेगा। इसका मकसद गाड़ियों में बिजली या फ्यूल की खपत को कम करना है। सवाल 6: इंडस्ट्री और लोग क्या कह रहे हैं? जवाब: इस नियम को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ लोग इसे बिजली बचाने और पर्यावरण के लिए अच्छा कदम मान रहे हैं। लेकिन, कुछ का कहना है कि गर्मियों में 20 डिग्री की सीमा काफी नहीं होगी, खासकर उत्तर भारत में जहां तापमान 45 डिग्री के पार तक जाता है। AC बनाने वाली कंपनियां, जैसे डैकिन, LG, और वोल्टास, सरकार के साथ मिलकर इस नियम को लागू करने की तैयारी कर रही हैं। SIAM यानी, सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स ने भी कहा है कि वो गाड़ियों के AC के लिए स्टैंडर्ड्स पर काम कर रहे हैं। सवाल 7: दुनिया के बाकी देशों में क्या हो रहा है? जवाब: इटली, जापान जैसे देशों में भी पब्लिक बिल्डिंग्स के लिए AC को मिनिमम 23C पर रखने का नियम है। अधिकतम तापमान को 27C से ज्यादा बढ़ने पर पाबंदी है। सवाल 8: अभी का नियम क्या है? वर्तमान में कोई सरकारी नियम AC को किसी खास तापमान (जैसे 20 डिग्री या उससे ऊपर) पर सेट करने की पाबंदी नहीं लगाता। आप अपने AC को अपनी पसंद के हिसाब से किसी भी तापमान पर सेट कर सकते हैं, जैसे 16, 18, या 24 डिग्री। सरकार और ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी यानी BEE की ओर से सुझाव दिया गया है कि AC को 24 डिग्री सेल्सियस पर चलाया जाए, क्योंकि ये बिजली बचाने और पर्यावरण के लिए अच्छा है। लेकिन, ये सिर्फ सलाह है, कोई कानूनी बाध्यता नहीं। यूटिलिटी से जुड़ी ये खबर पढ़ें... वेटिंग टिकट कन्फर्म हुआ या नहीं, 24-घंटे पहले पता चलेगा: अभी 4 घंटे पहले चार्ट बनने पर पता चलता है; देशभर में जल्द लागू होगा नियम भारतीय रेलवे ने वेटिंग लिस्ट वाले पैसेंजर्स के लिए नए नियम लेकर आई है। अब यात्रियों को सीट कन्फर्म हुई या नहीं इसकी जानकारी ट्रेन निकलने के एक दिन पहले पता चल जाएगी। रेलवे ने अब चार्ट बनाने का समय ट्रेन के चलने से 24 घंटे पहले कर दिया है। अभी सिर्फ 4 घंटे पहले रिजर्वेशन चार्ट बनाया जाता था। ऐसे में वेटिंग टिकट वालों को आखिरी वक्त तक कंफर्मेशन का इंतजार करना पड़ता था। पूरी खबर पढ़ें

दैनिक भास्कर 11 Jun 2025 4:38 pm

2025 TVS अपाचे RTR200 4V स्पोर्ट्स बाइक लॉन्च:टर्न बाय टर्न नेविगेशन और क्रैश अलर्ट जैसे फीचर्स, कीमत ₹1.53 लाख

टीवीएस मोटर इंडिया ने 2025 TVS अपाचे RTR200 4V को भारत में लॉन्च कर दिया है। इसकी कीमत 1,53,990 रुपए (एक्स-शोरूम दिल्ली) रखी गई है। बाइक में इन्वर्टेड फोर्क सस्पेंशन और सिंगल-पीस हैंडलबार दिया गया है। इसके इंजन को OBD-2B के अनुसार अपडेट किया गया है। बाइक में टर्न बाय टर्न नेविगेशन और क्रैश अलर्ट जैसे फीचर्स दिए गए हैं। बाइक का मुकाबला बजाज पल्सर NS200 और हॉर्नेट 2.0 जैसी 200cc स्ट्रीटफाइटर बाइक से है।

दैनिक भास्कर 11 Jun 2025 3:52 pm

बिना ड्राइविंग लाइसेंस चला सकते हैं ये 5 इलेक्ट्रिक स्कूटर:गाड़ी के रजिस्ट्रेशन की भी जरूरत नहीं, कीमत 40 हजार रुपए से शुरू

भारत में कई कंपनियां ऐसे लो-स्पीड इलेक्ट्रिक स्कूटर बना रही हैं जो बिना लाइसेंस के चलाए जा सकते हैं। इन वाहनों का RTO में रजिस्ट्रेशन भी नहीं कराना होता है। इन इलेक्ट्रिक स्कूटरों में हीरो इलेक्ट्रिक फ्लैश और ओकिनावा लाइट कई स्कूटर शामिल हैं। आज हम आपको ऐसे ही 5 इलेक्ट्रिक स्कूटर बता रहे हैं जिन्हें चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस और RC की जरूरत नहीं रहती। सबसे पहले जानें नियम क्या कहते हैं?भारत में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के नियमों के अनुसार, इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर को दो श्रेणियों में बांटा गया है: हाई-स्पीड और लो-स्पीड। लो-स्पीड इलेक्ट्रिक स्कूटर, जिनकी अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रति घंटा और मोटर पावर 250 वॉट तक होती है, को मोटर वाहन की श्रेणी में नहीं गिना जाता। यही वजह है कि इन्हें चलाने के लिए न तो ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत पड़ती है, न ही वाहन का पंजीकरण (रजिस्ट्रेशन) और न ही बीमा। ये नियम खास तौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित हुए हैं जो ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया से बचना चाहते हैं या जिनकी उम्र लाइसेंस के लिए पर्याप्त नहीं है, जैसे किशोर, छात्र, या बुजुर्ग। हालांकि, सुरक्षा के लिए हेलमेट पहनने की सलाह दी जाती है, भले ही यह अनिवार्य न हो। 1. हीरो इलेक्ट्रिक फ्लैशहीरो इलेक्ट्रिक का फ्लैश मॉडल 250 वॉट की BLDC मोटर और 48V 28Ah लिथियम-आयन बैटरी के साथ आता है। इसकी टॉप स्पीड 25 किमी/घंटा है और यह सिंगल चार्ज पर 85 किलोमीटर तक की रेंज देता है। कीमत लगभग 59,640 रुपए (एक्स-शोरूम) है। यह स्कूटर 18 साल के कम उम्र के बच्चों और छोटे शहरों में छोटी दूरी की यात्रा के लिए सही है। 2. ओकिनावा लाइटओकिनावा ने अपने लाइट मॉडल में 250 वॉट की मोटर और 1.25 kWh की रिमूवेबल लिथियम-आयन बैटरी दी है। यह स्कूटर 60 किलोमीटर की रेंज देता है और 4-5 घंटे में फुल चार्ज हो जाता है। इसकी कीमत करीब 69,093 रुपए है। इसमें LED हेडलाइट्स, डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, और स्टाइलिश डिजाइन इसे आकर्षक बनाते हैं। 3. काइनेटिक जिंग बिग Bकाइनेटिक ग्रीन का जिंग बिग B स्कूटर 1.7 kWh बैटरी के साथ 100 किलोमीटर की रेंज देता है। इसकी कीमत 75,990 रुपए से शुरू होती है। यह स्कूटर घर पर आसानी से चार्ज हो जाता है और इसमें मॉडर्न फीचर्स जैसे रिमोट लॉकिंग और डिस्क ब्रेक शामिल हैं। 4. ओला गिगओला इलेक्ट्रिक का गिग मॉडल खास तौर पर शहरी क्षेत्रों के लिए डिजाइन किया गया है। 250 वॉट मोटर और 1.5 kWh रिमूवेबल बैटरी के साथ यह 112 किलोमीटर की शानदार रेंज देता है। इसकी कीमत 39,999 रुपए से शुरू होती है, जो इसे बजट-फ्रेंडली बनाता है। 5. ओकिनावा R30इस इलेक्ट्रिक स्कूटर की शुरुआती कीमत 61,998 रुपए है। इसमें 250 W पावर वाली मोटर मिलती है। इस स्कूटर की टॉप स्पीड 25Km प्रति घंटा है। वहीं सिंगल चार्ज पर इसकी रेंज 60 किलोमीटर है। कंपनी के मुताबिक ये 4 से 5 घंटे में फुल चार्ज हो जाता है। कंपनी बैटरी पर 3 साल की वारंटी देती है। इन स्कूटरों की खासियत नोट: कीमतें और फीचर्स समय के साथ बदल सकते हैं।

दैनिक भास्कर 11 Jun 2025 1:17 pm

मोटोरोला का मिड-रेंज स्मार्टफोन एज 60 लॉन्च:कीमत 25,999 रुपए, 50MP ट्रिपल कैमरा और 5500 mAh की बैटरी मिलेगी

मोटोरोला ने भारत में अपना नया मिड-रेंज स्मार्टफोन Edge 60 लॉन्च कर दिया है। इसकी कीमत 25,999 रुपए है। 50MP का ट्रिपल कैमरा सेटअप, और 5500mAh की बैटरी वाला ये फोन पोको X7 Pro और वन प्लस नॉर्ड 4 जैसे फोन्स को टक्कर देगा। ये फोन 17 जून 2025 से दोपहर 12 बजे से फ्लिपकार्ट, मोटोरोला की ऑफिशियल वेबसाइट और रिलायंस डिजिटल जैसे ऑफलाइन स्टोर्स पर मिलेगा। फोन दो स्टाइलिश रंगों पैनटोन जिब्राल्टर सी और पैनटोन शेमरॉक में उतारा गया है। दोनों में वीगन लेदर फिनिश है। डिजाइन और बिल्ड: डिस्प्ले: परफॉर्मेंस: प्रोसेसर: फोन में मीडिया टेक डाइमेंसिटी 7400 चिपसेट है। इसमें दो Cortex-A78 परफॉर्मेंस कोर (2.6GHz) और छह Cortex-A55 एफिशिएंसी कोर हैं, जो मल्टीटास्किंग और गेमिंग को आसान बनाते हैं। रैम और स्टोरेज: 12GB LPDDR4X रैम और 256GB UFS 2.2 स्टोरेज के साथ ये फोन तेज और स्मूथ चलता है। हालांकि, माइक्रोएसडी कार्ड से स्टोरेज बढ़ाने का ऑप्शन नहीं है। सॉफ्टवेयर: ये फोन एंड्रॉयड 15 बेस्ड हेलो UI पर चलता है। मोटोरोला ने 3 साल के OS अपडेट्स और 4 साल के सिक्योरिटी अपडेट्स का वादा किया है। यानी ये 2028 तक लेटेस्ट सॉफ्टवेयर के साथ रहेगा। मोटो AI: फोन में मोटो AI फीचर्स हैं, जैसे इमेज स्टूडियो, मैजिक इरेजर और सर्किल टू सर्च। ये फोटो और प्रोडक्टिविटी को बेहतर बनाते हैं। कैमरा: बैटरी और चार्जिंग: कनेक्टिविटी और ऑडियो क्या ये फोन आपके लिए सही है? अगर आप 30,000 रुपए से कम में एक स्टाइलिश, टिकाऊ, और फीचर-पैक्ड फोन चाहते हैं तो इसे ले सकते हैं। इसका डिस्प्ले, कैमरा, और सॉफ्टवेयर अपडेट्स इसे गेमिंग, मूवी देखने, और रोजमर्रा के कामों के लिए शानदार बनाते हैं। वहीं अगर आपको वायरलेस चार्जिंग चाहिए या स्टोरेज बढ़ाने का ऑप्शन चाहिए। साथ ही, सस्ते में ज्यादा पावरफुल चिपसेट चाहते हैं, तो पोको या iQOO के ऑप्शन्स देख सकते हैं।

दैनिक भास्कर 10 Jun 2025 5:53 pm

ChatGPT दुनिया भर में डाउन हुआ:भारत-अमेरिका के यूजर्स को आ रही सबसे ज्यादा दिक्कत, OpenAI ने कहा- हम समस्या की जांच कर रहे

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी OpenAI का पॉपुलर चैटबॉट ChatGPT मंगलवार (10 जून) को ग्लोबल लेवल पर डाउन हो गया है। दुनिया भर में हजारों यूजर्स इस AI प्लेटफॉर्म का यूज नहीं कर पा रहे हैं। सबसे ज्यादा भारत और अमेरिका के यूजर्स ने ChatGPT डाउन होने की शिकायतें दर्ज की हैं। रियल-टाइम मॉनिटरिंग प्लेटफॉर्म डाउनडिटेक्टर के अनुसार, दोपहर 12 बजे के बाद से भारत में यूजर्स ChatGPT डाउन होने की रिपोर्ट कर रहे हैं। दोपहर 3:00 बजे के आसपास भारत से 800 से ज्यादा यूजर्स ने शिकायतें दर्ज की हैं। वहीं UK और अमेरिका में 1,000 से ज्यादा यूजर्स ने इसके डाउन होने की रिपोर्ट की हैं। ChatGPT पर यूजर्स को मिल रहे एरर मैसेज ChatGPT का यूज कर रहे यूजर्स को 'कुछ गड़बड़ हो गई है' और 'नेटवर्क में कोई दिक्कत है', इस तरह के एरर मैसेज दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा प्लीज चेक योर कनेक्शन और ट्राई अगेन जैसे एरर मैसेज भी मिल रहे हैं। OpenAI ने कहा- हम समस्या की जांच कर रहे OpenAI ने अपने स्टेटस पेज पर आउटेज को कंफर्म करते हुए कहा कि API, ChatGPT और सोरा डाउन हुए हैं। AI प्लेटफॉर्म्स पर यूजर्स को हाई एरर रेट और लेटेंसी का सामना करना पड़ रहा है। अभी हम समस्या की जांच कर रहे हैं।' हालांकि, कंपनी ने यह नहीं बताया कि इस समस्या को ठीक होने में कितना समय लग सकता है। इसके अलावा यूजर्स को सलाह दी है कि वे चैटजीपीटी के ऑपरेशनल स्टेट्स की रियल-टाइम अपडेट्स के लिए कंपनी के स्टेटस पेज को चेक करते रहें। कई यूजर्स ChatGPT के डाउन होने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट शेयर कर रिएक्शन दे रहे हैं। 2022 में ChatGPT को पब्लिकली अनवील किया था OpenAI ने नवंबर 2022 में दुनिया के लिए ChatGPT अनवील किया था। इस AI टूल ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। म्यूजिक और पोएट्री लिखने से लेकर निबंध लिखने तक, ChatGPT बहुत सारे काम कर सकता है। यह एक कन्वर्सेशनल AI है। एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जो आपको इंसानों की तरह जवाब देता है। OpenAI में माइक्रोसॉफ्ट जैसी बिग टेक कंपनी ने 13 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश कर रखा है। कंपनी ने अपने सर्च इंजन ‘बिंग’ में भी ChatGPT को इंटीग्रेट किया है। कई कंपनियां भी ChatGPT का इस्तेमाल करने के लिए आतुर हैं। ऐसे में AI बेस्ड इस चैटबॉट का इस्तेमाल आने वाले दिनों में कहीं ज्यादा फैलने की उम्मीद है। ये खबर भी पढ़ें... गिबली ट्रेंड के कारण चैटजीपीटी डाउन हुआ: करीब 1.5 घंटे एक्सेस नहीं कर पाए यूजर्स; अब दिन में सिर्फ 3 इमेज जनरेट कर सकेंगे OpenAI का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल चैटजीपीटी (ChatGPT) रविवार को दुनिया भर में डाउन हो गया। चैटजीपीटी, नए अपडेट स्टूडियो गिबली इमेज जनरेटर के ज्यादा यूज के चलते डाउन हुआ। भारत में ये शाम करीब 4 से 5.30 बजे तक डाउन रहा।​​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें...

दैनिक भास्कर 10 Jun 2025 5:53 pm

आईटेल की अल्फा 3 स्मार्टवॉच लॉन्च:कीमत 1499 रुपए, 1.5 इंच का राउंड डिस्प्ले; तीन कलर में अवेलेबल

टेक कंपनी आईटेल ने भारतीय बाजार में अपनी नई स्मार्टवॉच आईटेल अल्फा 3 को लॉन्च कर दिया है। कंपनी ने इसकी कीमत 1499 रुपए रखी है। यह नई स्मार्टवॉच IP67 वाटर और डस्ट प्रूफ रेटिंग के साथ आती है। आईटेल अल्फा 3 में 1.5 इंच का राउंड डिस्प्ले दिया गया है। यह स्मार्टवॉच तीन कलर- डार्क ब्लू, रोज गोल्ड और ब्लैक में अवेलेबल है। आईटेल अल्फा 3 स्मार्टवॉच: फीचर्स आईटेल अल्फा 3 की पीक ब्राइटनेस 500 निट्स है, यानी सीधे सूर्य की रोशनी में भी अच्छी विजिबिलिटी मिलेगी। स्मार्टवॉच प्रीमियम बेजेल डिजाइन के साथ आती है और IP67 रेटिंग इसे धूल और पानी से बचाती है। आईटेल अल्फा 3 में स्पोर्ट्स एक्टिविटी के लिए 100 से ज्यादा मोड्स दिए गए हैं। इसके अलावा इसमें 150 से ज्यादा वॉच फेस थीम मिलेंगी। वहीं, स्मार्टवॉच में पावर बैकअप के लिए 300mAh की बैटरी दी गई है। ब्लूटूथ कॉलिंग के लिए इसमें सिंगल चिप दी गई है, जिससे बेहतर वॉइस कनेक्टिविटी मिलेगी। स्मार्टवॉच में 24/7 हार्ट रेट ट्रैकिंग, SpO₂ मॉनिटरिंग, स्लीप एनालिसिस और एक्टिविटी स्टैट्स जैसे फीचर्स भी हैं। इसमें AI वॉयस असिस्टेंट भी दिया गया है। इस स्मार्टवॉच में आपको इंस्टेंट कॉल और मैसेज अलर्ट मिलेंगे। कंपनी स्मार्टवॉच के साथ 1 साल की वारंटी भी दे रही है।

दैनिक भास्कर 10 Jun 2025 2:27 pm

नए ट्रांसपेरेंट आइकन के साथ नजर आएंगे आईफोन:एपल का लिक्विड ग्लास डिजाइन वाला iOS26 अनवील, विजुअल इंटेलिजेंस जैसे AI फीचर्स भी मिलेंगे

एपल के आईफोन सहित सभी डिवाइस अब नए आइकन और इंटरफेस के साथ नजर आएंगे। एपल ने अपने सबसे बड़े एनुअल इवेंट WWDC2025 के पहले दिन सोमवार (9 जून) को अपडेटेड ऑपरेटिंग सिस्टम iOS पेश किया। iOS का नया डिजाइन विजनOS से इंस्पायर्ड है। इसमें सबसे खास इसका ट्रांसपेरेंट इंटरफेस है, जिसमें गोल आइकन और डायनामिक लॉक स्क्रीन मिलती है। लॉक स्क्रीन पर टाइम वॉलपेपर के हिसाब से एडजस्ट होता है और 3D इफेक्ट्स फोन हिलाने पर दिखते हैं। iOS सभी ऑपरेटिंग सिस्टम्स iPadOS 26, macOS 26 (Tahoe), watchOS 26, tvOS 26 और visionOS 26 फिलहाल, डेवलपर के लिए बीटा वर्जन में अवेलेबल है और पब्लिक बीटा जुलाई 2025 में आएगा। सितंबर 2025 में सभी यूजर्स आईफोन, आईपेड, मैक, एपल वॉच और विजन प्रो को अपडेट कर नए फीचर्स इस्तेमाल कर सकेंगे। दूसरा बड़ा फीचर विजुअल इंटेलिजेंस है, जो आईफोन 16 के कैमरा कंट्रोल बटन के साथ काम करता है। ये ऑब्जेक्ट, प्लेस, टेक्स्ट या स्क्रीन कंटेंट स्कैन कर इन्फॉर्मेंशन देता है। जैसे रेस्तरां में मेन्यू से किसी डिश के रिव्यू बता सकता है या पोस्टर से इवेंट की पूरी डिटेल्स दे सकता है। आइए अपडेटेड iOS ऑपरेटिंग सिस्टम्स, सभी एप्स और फीचर्स के बारे में जानते हैं... सबसे पहले जानते हैं किन डिवाइसेस में अपडेट हो सकेंगे नए सॉफ्टवेयर 1. लिक्विड डिजाइनलुक और फील: विजन OS से इन्स्पायर्ड ये डिजाइन ट्रांसपेरेंट और डायनामिक है। लॉक स्क्रीन पर टाइम वॉलपेपर के हिसाब से एडजस्ट होता है और 3D इफेक्ट्स फोन हिलाने पर दिखते हैं। होम स्क्रीन एप्स में बदलाव

दैनिक भास्कर 10 Jun 2025 7:22 am

स्टारलिंक दो महीने में भारत में सैटेलाइट-इंटरनेट सर्विस शुरू करेगी:डिवाइस की कीमत ₹33,000 होगी; अनलिमिटेड डेटा प्लान के लिए ₹3,000 चार्ज कर सकती है कंपनी

इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स अपनी स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस भारत में शुरू करने की तैयारी कर रही है। बीते हफ्ते कंपनी को भारत में ऑपरेशन शुरू करने के लिए टेलीकॉम डिपार्टमेंट का लाइसेंस भी मिल गया है। अब मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी अगले दो महीने में भारत में अपनी सर्विसेज शुरू कर देगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टारलिंक ने इंडियन मार्केट के लिए अपने प्राइसिंग स्ट्रक्चर को फाइनल कर दिया है। बताया जा रहा है कि सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए लगने वाली सैटेलाइट डिश डिवाइस की कीमत कंपनी ने लगभग 33,000 रुपए तय की है। इसके अलावा कंपनी अपने मंथली अनलिमिटेड डेटा प्लान के लिए 3,000 रुपए चार्ज करेगी। एक महीने का फ्री-ट्रायल भी देने का प्लान बना रही स्टारलिंक हालांकि, आधिकारिक तौर पर मस्क की कंपनी ने इसकी जानकारी नहीं दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, अपनी लॉन्च स्ट्रेटेजी के हिस्से के रूप में स्टारलिंक हर एक डिवाइस की खरीद के साथ एक महीने का फ्री-ट्रायल भी देने का प्लान बना रही है। जिससे कस्टमर रेगुलर मंथली पेमेंट करने से पहले सर्विस टेस्ट कर सकें। सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज से भारत के दूरदराज और वंचित इलाकों में भी कनेक्टिविटी मिलने की उम्मीद है। जहां ट्रेडिशनल ब्रॉडबैंड इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करना चैलेंजिंग रहा है। स्टारलिंक का पृथ्वी की निचली कक्षा का सैटेलाइट ग्रुप उन स्थानों पर हाई-स्पीड इंटरनेट एक्सेस देने का वादा करता है, जहां पहले कन्वेंशनल टेरेस्ट्रियल नेटवर्क नहीं पहुंच पाते थे। स्टारलिंक डिवाइस की कीमत बांग्लादेश-भूटान में भी ₹33,000 प्राइसिंग स्ट्रक्चर में स्टारलिंक ने रीजनल स्ट्रेटेजी अपनाई है, क्योंकि कंपनी के डिवाइस की लागत भारत के पड़ोसी देशों में भी बराबर ही है। स्टारलिंक डिवाइस की कीमत बांग्लादेश और भूटान दोनों देशों में भी 33,000 रुपए ही है। बीते हफ्ते स्टारलिंक को टेलीकॉम मिनिस्ट्री की मंजूरी मिली बीते हफ्ते रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी थी कि स्पेसएक्स को स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस भारत में ऑपरेट करने के लिए टेलीकॉम डिपार्टमेंट का लाइसेंस मिल गया है। अब उसे सिर्फ इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर यानी, IN-SPACe के अप्रूवल का इंतजार है। स्टारलिंक तीसरी कंपनी है जिसे भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस ऑपरेट करने का लाइसेंस मिला है। इससे पहले वनवेब और रिलायंस जियो को मंजूरी मिली थी। इससे पहले यह भी खबरें आई थीं कि स्टारलिंक भारत में 840 रुपए में महीनेभर अनलिमिटेड डेटा देगा। 6 सवाल-जवाब में जानें स्टारलिंक से जुड़ी जरूरी बातें... सवाल 1: स्टारलिंक क्या है और ये खास क्यों है? जवाब: स्टारलिंक, स्पेसएक्स का प्रोजेक्ट है, जो सैटेलाइट्स के जरिए हाई-स्पीड इंटरनेट देता है। इसके सैटेलाइट्स पृथ्वी के करीब घूमते हैं, जिससे इंटरनेट तेज और स्मूथ चलता है। ये खासकर उन इलाकों के लिए फायदेमंद है, जैसे गांव या पहाड़, जहां आम इंटरनेट नहीं पहुंचता। सवाल 2: भारत में इसके इंटरनेट प्लान्स की कीमत कितना हो सकती है? ANI की रिपोर्ट्स के मुताबिक, सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए लगने वाली सैटेलाइट डिश डिवाइस की कीमत कंपनी ने लगभग 33,000 रुपए तय की है। इसके अलावा कंपनी मंथली अनलिमिटेड डेटा प्लान के लिए 3,000 रुपए चार्ज करेगी। इससे पहले द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया था कि स्पेसएक्स भारत में अपनी स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज मंथली 10 डॉलर यानी लगभग 840 रुपए से कम कीमत वाले शुरुआती प्रमोशनल अनलिमिटेड डेटा प्लान से शुरू करेगी। सवाल 3: स्टारलिंक को लाइसेंस मिलने में इतना वक्त क्यों लगा? जवाब: स्टारलिंक 2022 से कोशिश कर रही थी, लेकिन सिक्योरिटी चिंताओं की वजह से देरी हुई। भारत सरकार ने डेटा सिक्योरिटी और कॉल इंटरसेप्शन जैसी शर्तें रखी थीं। स्टारलिंक ने इन शर्तों को माना, और मई 2025 में लेटर ऑफ इंटेंट मिलने के बाद अब लाइसेंस मिल गया। सवाल 4: आम लोगों को क्या फायदा होगा? जवाब: स्टारलिंक से गांवों और दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंचेगा, जिससे ऑनलाइन एजुकेशन, टेलीमेडिसिन, और बिजनेस को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, टेलीकॉम मार्केट में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से सस्ते और बेहतर प्लान्स मिल सकते हैं। सवाल 5: अब स्टारलिंक का अगला कदम क्या है? जवाब: स्टारलिंक को अब IN-SPACe से फाइनल अप्रूवल और स्पेक्ट्रम चाहिए। अगले 15-20 दिनों में ट्रायल स्पेक्ट्रम मिल सकता है, और फिर कॉमर्शियल सर्विस शुरू होगी। सवाल 6: भारत मस्क के लिए क्यों जरूरी है? जवाब: भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट मार्केट है। मस्क के लिए ये लाइसेंस बड़ी कामयाबी है, खासकर जब अमेरिका में उनकी डोनाल्ड ट्रम्प के साथ तनातनी चल रही है। इससे स्पेसएक्स के कॉन्ट्रैक्ट्स खतरे में हैं। सैटेलाइट्स से आप तक कैसे पहुंचेगा इंटरनेट? जून 2020 में सरकार ने IN-SPACe स्थापित किया था डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस ने जून 2020 में IN-SPACe को स्थापित किया था। यह स्पेस एक्टिविटीज में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी को रेगुलेट करने और उसे सुविधाजनक बनाने के लिए सिंगल-विंडो एजेंसी के रूप में काम करती है। IN-SPACe नॉन-गवर्नमेंटल एंटिटीज के लिए लाइसेंसिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरिंग और स्पेस बेस्ड स‌र्विसेज को बढ़ावा देने का काम भी करती है। स्टारलिंक से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें बांग्लादेश में मस्क का सैटेलाइट वाला स्टारलिंक इंटरनेट शुरू:केबल और फाइबर की जरूरत नहीं; ₹3000 में 300mbps की स्पीड और अनलिमिटेड डेटा बांग्लादेश में इलॉन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी स्टारलिंक ने मंगलवार से अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने इसके लिए देश की जनता को बधाई दी। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा- देश में स्टारलिंक का हाई-स्पीड, लो-लेटेंसी इंटरनेट दो पैकेज के साथ उपलब्ध हो चुका है। एक प्लान में लोगों को 6000 टका (4,203 भारतीय रुपए) और दूसरे प्लान में 4200 टका (2,942 भारतीय रुपए) खर्च करने होंगे। पूरी खबर पढ़ें...

दैनिक भास्कर 9 Jun 2025 9:18 pm

एपल का एनुअल इवेंट WWDC2025 आज:नए नाम और इंटरफेस के साथ आएगा iOS और एप्स में भी दिखेंगे चेंजेस

टेक कंपनी एपल का साल का सबसे बड़ा इवेंट वर्ल्ड वाइड डेवलपर कॉन्फ्रेंस (WWDC 2025) आज (9 जून) से कैलिफोर्निया के क्यूपर्टिनो में शुरू होगा। भारतीय समय अनुसार, इसकी शुरुआत रात 10:30 बजे होगी। 13 जून तक चलने वाले इवेंट की लाइव स्ट्रीमिंग यूट्यूब, ऑफिशियल वेबसाइट और एपल एप पर देख सकेंगे। इवेंट की शुरुआत एपल CEO टिम कुक करेंगे। इवेंट में कंपनी इस बार अपने सभी प्लेटफॉर्म्स के लिए नए सॉफ्टवेयर अपडेट की घोषणा करेगी। हाल ही में एपल ने अपना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) फीचर एपल इंटेलिजेंस पेश किया था, जिसके धीमा होने और लिमिटेड फीचर्स के कारण कंपनी की काफी आलोचना हुई। अब उम्मीद है कंपनी यूजर्स की शिकायतें को दूर करेगी। हालांकि कंपनी ने इसे लेकर अब तक बहुत ज्यादा जानकारी नहीं दी है, लेकिन इससे जुड़े कई लीक सामने आ चुके हैं। इंटरफेस और एप्स में हो सकते हैं बदलाव मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार एपल अपने सभी सॉफ्टवेयर सिस्टम को साल के अनुसार नाम दे सकती है, जैसे iOS19 की जगह iOS26 होगा। विजनOS पर बेस्ड नया इंटरफेस भी आ सकता है, जिसमें पारदर्शिता और हल्के डिजाइन देखने को मिलेगा। कैमरा, फोन और सफारी जैसे एप्स में बदलाव हो सकते हैं। इसके अलावा, एपल AI तकनीक से बैटरी परफॉर्मेंस को बेहतर करने पर भी काम कर रही है। गेमिंग एप और स्मार्ट सिरी भी आ सकता है WWDC2025 में एक गेमिंग ऐप भी लॉन्च हो सकता है, जो गेम सेंटर पर बेस्ड होगा और आईफोन, आईपैड, मैक और एपल TV पर काम करेगा। इसके अलावा, सिरी को और स्मार्ट बनाया जा सकता है। यह अब बेहतर जवाब दे सकेगी और यूजर की आदतों को समझकर उसकी मदद करेगी। एक नया हेल्थ कोचिंग टूल और थर्ड पार्टी एप्स के लिए AI टूल्स भी लॉन्च हो सकते हैं, जिससे डेवलपर्स को फायदा होगा। WWDC क्या है? वर्ल्ड वाइड डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस (WWDC) एक एनुअल इवेंट है, जिसे कंपनी अपने कैलिफोर्निया के क्यूपर्टिनो हेडक्वार्टर में होस्ट करती है। अपकमिंग सॉफ्टवेयर चेंजेस को डेवलपर्स के सामने पेश करने के लिए कंपनी ये इवेंट ऑर्गेनाइज करती है। इवेंट में ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे कि iPhones के लिए iOS, कंप्यूटर के लिए macOS और iPadOS के लिए iPadOS में बदलाव को पेश किया जाता है।

दैनिक भास्कर 9 Jun 2025 8:59 pm

मोटोरोला एज 60 5G स्मार्टफोन 10 जून को लॉन्च होगा:50 मैगापिक्सल का सेल्फी कैमरा और 5500mAh बैटरी मिलेगी, एक्सपेक्टेड प्राइस ₹24,999

टेक कंपनी मोटोरोला 10 जून को एज 60 सीरीज में नया स्मार्टफोन मोटोरोला एज 60 लॉन्च करने जा रही है। इस सीरीज में ये तीसरा मोबाइल होगा। इससे पहले कंपनी भारत में एज 60 स्टाइलस, एज 60 फ्यूजन और एज 60 प्रो स्मार्टफोन लॉन्च कर चुकी है। मोटोरोला ने अपकमिंग मोबाइल के फीचर्स और स्पेसिफिकेशन्स ऑफिशियल वेबसाइट पर रिवील कर दिए हैं। फोन में 50 मैगापिक्सल का सेल्फी कैमरा, 5500mAh बैटरी और मीडिया डायमेंसिटी 7400 ऑक्टा-कोर प्रोसेसर मिलेगा। मोटोरोला ऐज 60 को भारतीय बाजार में एज 60 फ्यूजन से ऊपर की रेंज में रखा जा सकता है। ऐज 60 फ्यूजन की शुरुआती कीमत 22,999 रुपए है। ऐसे में एज 60 की कीमत 24,999 रुपए हो सकती है। मोटोरोला एज 60 भारत में पैनटोन शेमरॉक और पैनटोन जिब्राल्टर सी कलर में बिकेगा।

दैनिक भास्कर 7 Jun 2025 11:50 pm

मोबाइल टावर लगाने के नाम पर फ्रॉड:लोगों से ₹5,000 का डिपॉजिट मांग रहे जालसाज, दूरसंचार विभाग ने कहा- नोटिस फेक है

दूरसंचार विभाग (DoT) ने लोगों को मोबाइल टावर लगाने के नाम पर हो रही धोखाधड़ी के खिलाफ आगाह किया है। जालसाज लोगों को मैसेज भेजकर टावर लगाने के बदले पैसे वसूल रहे हैं। न्यूज एजेंसी PIB फैक्ट चेक ने इन मैसेज को फर्जी बताते हुए लोगों से सावधान रहने की सलाह दी है। DoT ने कहा है कि उसकी और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (TRAI) की तरफ से इस तरह का कोई मैसेज नहीं भेजा गया है। नोटिस भेजकर 5,000 डिपॉजिट मांग रहे जालसाजसाइबर अपराधी लोगों को मंथली किराया देने के बदले घर की छत या खाली जमीन पर मोबाइल टावर लगवाने का लालच देते हैं। उनके द्वारा ऐसा लेटर तैयार किया जाता है, जो सरकारी आदेश की तरह नजर आता है। इसकी भाषा भी बिल्कुल सरकारी दस्तावेज की तरह लगती है। इसमें टावर लगवाने के बदले 5,000 रुपए कंपनी के वकील के खाते में जमा कराने को कहा जाता है। कुछ लोग इस झांसे में आकर ठगी का शिकार हो रहे हैं। मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई NOC जारी नहीं की जाती TRAI ने कहा कि उसकी तरफ से मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई NOC जारी नहीं की जाती है। अगर, इस तरह का कोई मैसेज आपको मिलता है तो यह पूरी तरह से फर्जी है। TRAI ने कहा कि इस तरह का मैसेज आने पर किसी तरह का लेन-देन करने से बचें। आप संबंधित मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर को इस बारे में सूचित करें। दूरसंचार विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर भी चेक कर सकते हैं और थाने में फ्रॉड की शिकायत दर्ज कराएं। आइए जानते हैं मोबाइल टावर लगाने के नाम पर हो रही ठगी से खुद को कैसे बचाएं और मोबाइल टावर लगवाने का सही प्रोसेस क्या है... सवाल- मोबाइल टावर के नाम पर साइबर ठग लोगों को कैसे अपने जाल में फंसाते हैं? जवाब- साइबर ठग लोगों को उनकी जमीन या छत पर टावर लगवाने के बदले हर महीने मोटी कमाई का झांसा देते हैं। इसके साथ ही टेलिकॉम कंपनी की तरफ से एक व्यक्ति को नौकरी देने का भी वादा करते हैं। यही वजह है कि लोग आसानी से उनके झांसे में आ जाते हैं और ठगी का शिकार हो जाते हैं। सवाल- मोबाइल टावर के नाम पर होने वाले स्कैम से कैसे बच सकते हैं? जवाब- मोबाइल टावर स्कैम में सबसे पहले स्कैमर्स टेलिकॉम कंपनी का प्रतिनिधि होने का दावा करते हैं। इसके बाद वह कंपनी की पॉलिसी के नाम पर आपको नौकरी या बिना कुछ किए मोटी कमाई करने का लालच देते हैं। जब आप एक बार उनके झांसे में आ जाते हैं तो वह कंपनी में रजिस्ट्रेशन करने के नाम पर आपसे फाइल चार्ज मांगते हैं। हमेशा ध्यान रखें कि कभी भी टेलिकॉम कंपनी किसी को इस तरह फोन करके मोबाइल टावर लगाने का ऑफर नहीं देती है। अगर आपके पास ऐसा कोई कॉल आए तो उसके झांसे में न आएं। इसके अलावा नीचे ग्राफिक में दी गई कुछ बातों का जरूर ध्यान रखें। सवाल- मोबाइल टावर लगवाने का सही तरीका क्या है? जवाब- अगर आप अपने प्लॉट या छत पर मोबाइल टावर लगवाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको टावर ऑपरेट करने वाली कंपनी से संपर्क करना होगा। इसके लिए टावर ऑपरेट कंपनी के ऑफिस जाना होगा। साथ ही ऑनलाइन वेबसाइट पर भी विजिट कर सकते हैं। इसके बाद कंपनी के प्रतिनिधि आपकी प्रॉपर्टी का इंस्पेक्शन करेंगे। मोबाइल टावर को लेकर सरकार द्वारा कुछ नियम तय किए गए हैं। इन नियमों के आधार पर ये तय होता है कि आपकी प्रॉपर्टी में टावर लग सकता है या नहीं। इसे नीचे पॉइंटर्स से समझिए- सवाल- क्या मोबाइल टावर लगाने के लिए कोई सिक्योरिटी मनी भी जमा करनी होती है? जवाब- बिल्कुल नहीं। अगर कोई मोबाइल कंपनी आपकी जमीन पर मोबाइल टावर लगा रही है तो वह किसी भी प्रकार की सिक्योरिटी मनी या फिर पैसे की डिमांड नहीं कर सकती है। इसका सारा खर्च मोबाइल कंपनी के द्वारा ही वहन किया जाता है। सवाल- मोबाइल टावर लगवाने के लिए क्या परमिशन लेनी पड़ती है? जवाब- भारतीय टेलिग्राफ राइट ऑफ वे (संशोधन) नियम 2022 के मुताबिक, निजी संपत्ति पर मोबाइल टावर लगाने के लिए किसी प्राधिकरण से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं है। हालांकि टावर लगाने वाली कंपनी को स्थानीय प्रशासन को इसकी लिखित जानकारी देनी होती है। सवाल- मोबाइल टावर लगवाने पर कितना किराया मिलता है? जवाब- इसके लिए टेलिकॉम कंपनी की तरफ से करीब 5000 रुपए से लेकर 60 हजार रुपए तक मासिक किराया मिलता है। यह किराया आपके शहर, जमीन की लोकेशन, ऊंचाई आदि के आधार पर तय होता है। सवाल- अगर मोबाइल टावर से जुड़ी ठगी का शिकार हो जाएं तो क्या करें? जवाब- इस तरह का फ्रॉड होने पर सबसे पहले स्थानीय पुलिस को इसकी सूचना दें। इसके बाद साइबर क्राइम की वेबसाइट या नेशनल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर इसकी शिकायत दर्ज कराएं। साइबर पुलिस इस मामले में आपकी मदद करेगी।

दैनिक भास्कर 7 Jun 2025 11:19 pm

गाड़ी का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना हो सकता है महंगा:IRDAI ने 18-25% तक प्रीमियम बढ़ाने का सुझाव दिया, जानें कितने ज्यादा रुपए चुकाने होंगे

गाड़ी का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना महंगा हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने सरकार से थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम बढ़ाने का सुझाव दिया है। IRDAI ने औसतन 18% प्रीमियम बढ़ाने का सुझाव दिया है, जबकि कुछ गाड़ियों की कैटेगरी में यह बढ़ोतरी 20% से 25% तक हो सकती है। अब इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय लेगा। 2 से 3 हफ्तों में इस पर फैसला लिया जा सकता है। मंत्रालय की मंजूरी के बाद एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन सार्वजनिक सहमति के लिए जारी किया जाएगा। इसके बाद अन्य प्रक्रिया जैसे सुझाव लेना और समीक्षा करना किया जाएगा, तभी यह बदलाव लागू होंगे। पिछले तीन सालों से इस बीमा के प्रीमियम में बदलाव नहीं किया गया है। अब समझें थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होता क्या है? थर्ड पार्टी इंश्योरेंस एक प्रकार का वाहन बीमा है, जो भारत में मोटर वाहन अधिनियम के तहत हर वाहन मालिक के लिए अनिवार्य है। इसे आसान भाषा में समझें: थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का मतलब: यह बीमा आपके वाहन से किसी तीसरे व्यक्ति (जैसे राहगीर, दूसरा वाहन चालक, या उनकी संपत्ति) को होने वाले नुकसान की भरपाई करता है। यह आपके या आपके वाहन के नुकसान को कवर नहीं करता, बल्कि दूसरों को हुए नुकसान के लिए सुरक्षा देता है। उदाहरण से समझें: मान लीजिए आपकी गाड़ी से दुर्घटना में किसी और का वाहन खराब हो जाता है, या किसी को चोट लगती है, या उसकी संपत्ति को नुकसान होता है। ऐसी स्थिति में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस उस नुकसान की भरपाई करता है, जैसे मरम्मत का खर्च या मेडिकल बिल। इसमें क्या-क्या कवर होता है? थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्यों जरूरी है? यह क्या नहीं कवर करता?

दैनिक भास्कर 7 Jun 2025 2:07 pm

2025 सुजुकी वी-स्ट्रॉम 800DE भारत में लॉन्च:एडवेंचर टूरिंग बाइक में 22.7kmpl माइलेज, कीमत ₹10.30 लाख

सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया ने भारतीय बाजार के लिए 2025 सुजुकी वी-स्ट्रॉम 800DE लॉन्च की है। यह एक मिडिलवेट एडवेंचर टूरिंग बाइक है, जिसे हाईवे, शहर और ऑफ-रोड के लिए डिजाइन किया गया है। बाइक 22.7kmpl माइलेज के साथ 450+ किलोमीटर की रेंज देती है। इसकी एक्स-शोरूम कीमत 10.30 लाख रुपए रखी गई है। एडवेंचर बाइक सेगमेंट में ये होंडा XL750 ट्रांसलेप (कीमत ₹10,99,990) को टक्कर देगी।

दैनिक भास्कर 6 Jun 2025 11:58 pm

भारत में जल्द मिलेगी स्टारलिंक की इंटरनेट सर्विस:इलॉन मस्क की कंपनी को टेलीकॉम मिनिस्ट्री की मंजूरी, ₹840 में महीनेभर अनलिमिटेड डेटा

इलॉन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स को स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस भारत में ऑपरेट करने के लिए टेलीकॉम डिपार्टमेंट का लाइसेंस मिल गया है। अब उसे सिर्फ इंडियन नेशनल स्पेस प्रमोशन एंड ऑथराइजेशन सेंटर यानी, IN-SPACe के अप्रूवल का इंतजार है। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। स्टारलिंक तीसरी कंपनी है जिसे भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस ऑपरेट करने का लाइसेंस मिला है। इससे पहले भारती के वनवेब और रिलायंस जियो को देश के भीतर अपनी सर्विस देने के लिए मंजूरी दी गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक स्टारलिंक भारत में 840 रुपए में महीनेभर अनलिमिटेड डेटा देगा। स्टारलिंक के प्रमोशनल प्लान में अनलिमिटेड डेटा द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेसएक्स भारत में अपनी स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज मंथली 10 डॉलर यानी लगभग 840 रुपए से कम कीमत वाले शुरुआती प्रमोशनल अनलिमिटेड डेटा प्लान से शुरू करेगा। स्टारलिंक समेत सैटेलाइट कम्यूनिकेशंस कंपनियों का टारगेट अपने यूजर बेस को तेजी से बढ़ाना है। यह मिड-टू-लॉन्ग टर्म में 10 मिलियन यानी 1 करोड़ कस्टमर तक पहुंच सकता है। इससे कंपनियों को भारी स्पेक्ट्रम कॉस्ट की भरपाई करने में मदद मिलेगी। सैटेलाइट्स से आप तक कैसे पहुंचेगा इंटरनेट? जून 2020 में सरकार ने IN-SPACe स्थापित किया था डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस ने जून 2020 में IN-SPACe को स्थापित किया था। यह स्पेस एक्टिविटीज में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी को रेगुलेट करने और उसे सुविधाजनक बनाने के लिए सिंगल-विंडो एजेंसी के रूप में काम करती है। IN-SPACe नॉन-गवर्नमेंटल एंटिटीज के लिए लाइसेंसिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरिंग और स्पेस बेस्ड स‌र्विसेज को बढ़ावा देने का काम भी करती है।

दैनिक भास्कर 6 Jun 2025 4:24 pm

कीमती धातुओं पर प्रतिबंध का असर, स्विफ्ट का प्रोडक्शन रुका:BMW-मर्सिडीज जैसे ब्रांड्स भी प्रभावित, अगले हफ्ते भारतीय दल जाएगा चीन

चीन की ओर से कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल) के एक्सपोर्ट पर पाबंदी लगाने का सीधा असर दुनिया की ऑटो इंडस्ट्री पर दिखने लगा है। मारुति सुजुकी की पैरेंट कंपनी सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन ने जापान में अपने पॉपुलर मॉडल स्विफ्ट का प्रोडक्शन रोकने का एलान किया है। वहीं, यूरोप और जापान की कई ऑटो कंपनियों ने प्रोडक्शन रोक दिया है या कभी भी रोकने की स्थिति में आ गई हैं। इसमें फोर्ड, निसान, BMW और मर्सिडीज जैसी कंपनियां शामिल हैं। इसका असर भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर पर भी पड़ेगा। इसलिए अगले हफ्ते एक भारतीय दल चीन जाएगा। ऑटो पार्ट्स की कमी से प्रोडक्शन रोकना पड़ रहा हालांकि, मर्सिडीज और BMW जैसी कंपनियां सीधे तौर पर दुर्लभ धातुओं का स्रोत नहीं बनाती हैं, लेकिन उनके टियर-1 सप्लायर्स इन धातुओं का इस्तेमाल इलेक्ट्रिक मोटरों और हाइब्रिड सिस्टम में करते हैं। इससे उन्हें कंपोनेंट्स की कमी का सामना करना पड़ता है। अगले हफ्ते चीन जाएगा भारतीय डेलिगेशनभारत अगले हफ्ते चीन में ऑटो इंडस्ट्री का एक हाई लेवल डेलिगेशन भेजेगा, जिसमें सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (Siam) और ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Acma) के प्रतिनिधि शामिल होंगे। यह दल चीन के अधिकारियों से रेयर अर्थ मटेरियल के शिपमेंट के लिए तेजी से मंजूरी देने के लिए बातचीत करेगा, जो ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के लिए जरूरी हैं। वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय बीजिंग में भारतीय दूतावास के जरिए सप्लाई की समस्याओं को हल करने में जुटे हैं। चीन की पाबंदियां बनी रहीं, तो महंगी होंगी ईवी अगर चीन की पाबंदियां बनी रहीं, तो ग्लोबल लेवल पर इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनियों पर इसका असर देखने को मिलेगा। कच्चे माल की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे गाड़ियों के दाम भी ऊपर जा सकते हैं। भारत सहित सभी बाजारों में भी इसका असर धीरे-धीरे दिखेगा। भारत में विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि चीन से इम्पोर्ट जल्द शुरू न हुआ तो इलेक्ट्रिक और ICE वाहनों के कारखानों का प्रोडक्शन रुक सकता है। रेयर मटेरियल्स की माइनिंग में चीन की करीब 70% हिसेदारी बता दें कि ग्लोबल लेवल पर रेयर मटेरियल्स की माइनिंग में चीन की हिसेदारी करीब 70% और प्रोडशन में करीब 90% तक है। चीन ने हाल ही में अमेरिका के साथ बढ़ती ट्रेड वॉर के बीच 7 कीमती धातुओं (रेयर अर्थ मटेरियल) के निर्यात पर रोक लगा दी थी। चीन ने कार, ड्रोन से लेकर रोबोट और मिसाइलों तक असेंबल करने के लिए जरूरी मैग्नेट यानी चुंबकों के शिपमेंट भी चीनी बंदरगाहों पर रोक दिए हैं। ये मटेरियल ऑटोमोबाइल, सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस बिजनेस के लिए बेहद अहम हैं। स्पेशल परमिट के जरिए ही होगा एक्सपोर्टचीन ने 4 अप्रैल को इन 7 कीमती धातुओं के निर्यात पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था। आदेश के मुताबिक ये कीमती धातुएं और उनसे बने खास चुंबक सिर्फ स्पेशल परमिट के साथ ही चीन से बाहर भेजे जा सकते हैं। कंपनियों को चीन से मैग्नेट मंगाने के लिए 'एंड-यूज सर्टिफिकेट' देना होगा। इसमें यह बताना पड़ेगा कि यह चुंबक सैन्य उद्देश्यों के लिए तो नहीं हैं। चीन ने प्रतिबंध क्यों लगाए?रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन का यह कदम माइनिंग इंडट्री में इसके डोमिनेंस को भी दिखाता है। इसके अलावा, इसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाड ट्रंप के साथ चल रहे टैरिफ वार में चीन ओर से लाभ उठाने के रूप में देखा जा रहा है।

दैनिक भास्कर 6 Jun 2025 2:01 am

हुंडई वरना का SX+ वैरिएंट लॉन्च, कीमत ₹13.79 लाख:20 Kmpl का माइलेज और 65 से ज्यादा सेफ्टी फीचर, होंडा सिटी को टक्कर देगी

हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड ने आज (5 जून) भारतीय बाजार के लिए कॉम्पैक्ट सेडान सेगमेंट में वरना का नया वैरिएंट लॉन्च किया है। इसकी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 13.79 लाख रुपए है। इसमें 20Kmph माइलेज मिलेगा। इस वैरिएंट को SX और SX (O) वैरिएंट के बीच पोजिशन किया गया है, जिसमें मैनुअल और CVT ऑप्शंस दिए गए हैं। इस वैरिएंट के पेश होने से अब इस कार में वेंटिलेटेड और हीटेड फ्रंट सीट्स, लेदरेट सीट अपहोल्स्ट्री और 8 स्पीकर बोस साउंड सिस्टम जैसे फीचर्स 1 लाख रुपए कम कीमत में मिलेंगे। कॉम्पैक्ट सेडान सेगमेंट में इसका मुकाबला होंडा सिटी, स्कोडा स्लाविया और फॉक्सवैगन वर्टस से है। कार के साथ 3 साल की अनलिमिटेड किलोमीटर वारंटी मिलती है। अब 5 ट्रिम्स और 9 कलर ऑप्शनप्रीमियम सेडान अब 5 ट्रिम्स और 2 इंजन ऑप्शन के साथ अवेलेबल है। इसमें EX, S, SX, SX+ और SX (O) वैरिएंट शामिल है। कार को 7 मोनोटोन कलर ऑप्शन टाइफून सिल्वर, फेयरी रेड, स्टारी नाइट, टाइटन ग्रे, एबिस ब्लैक, एटलस व्हाइट और टेल्यूरियन ब्राउन में खरीदा जा सकता है। इसके अलावा इसमें एटलस व्हाइट और फेयरी रेड डुअल टोन कलर ऑप्शन भी मिलते हैं। इसके साथ ही अब कंपनी ग्रैंड i10, ऑरा, एक्सटर, वेन्यू और वरना में वायरलेस एंड्रॉयड ऑटो और एपल कारप्ले एडॉप्टर एसेसरीज के तौर पर दे रही है। ऑल न्यू हुंडई वरना : वैरिएंट और इंट्रोडक्टरी प्राइस 2025 हुंडई वरना SX+ में न्या क्या?हुंडई वरना SX+ सबसे अफोर्डेबल वैरिएंट है, जिसमें हीटेड और वेंटिलेटेड फ्रंट सीट्स, 8-स्पीकर बोस साउंड सिस्टम और लेदरेट सीट अपहोल्स्ट्री जैसे फीचर्स दिए गए हैं, जो सभी पिछले SX वैरिएंट में नहीं दिए गए हैं। इसके अलावा नए SX+ वैरिएंट में SX वैरिएंट वाले भी फीचर्स दिए गए हैं, जिनमें LED हेडलाइट्स, 16 इंच के अलॉय व्हील, LED DRL और LED टेल लाइट्स दिए गए हैं। इसके केबिन में डुअल-टोन ब्लैक और बेज थीम, लेदरेट रैप्ड स्टीयरिंग व्हील और गियर लीवर मिलते हैं। नए वैरिएंट में अन्य फीचर्स के तौर पर 8-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट, सिंगल-पैनल सनरूफ, रियर वेंट्स के साथ ऑटोमैटिक एसी, वायरलेस फोन चार्जर, कूल्ड ग्लवबॉक्स, एम्बिएंट लाइटिंग और क्रूज कंट्रोल जैसे फीचर्स दिए गए हैं। सेफ्टी के लिए इसमें 6 एयरबैग, हिल स्टार्ट असिस्ट, फ्रंट और रियर पार्किंग सेंसर, रियर पार्किंग कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक और टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS) जैसे फीचर्स मिलते हैं। परफॉर्मेंस: 19.60KMPL का माइलेज मिलेगावरना के नए SX+ वैरिएंट में 1.5-लीटर नेचुरली एस्पिरेटेड पेट्रोल इंजन दिया गया है, जो 115PS की पॉवर और 144Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इसके साथ 6-स्पीड मैनुअल और 7 स्पीड डुअल टच क्लच ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन (IVT) ऑप्शन मिलेगा। ये इंजन एक लीटर पेट्रोल में मैनुअल ट्रांसमिशन के साथ 18.60KMPL और ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के साथ 19.60KMPL का माइलेज देता है। इसके टॉप वैरिएंट्स में एक नया 1.5-लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन मिलता है, जो 160PS की पॉवर और 253Nm का टॉर्क जनरेट करता है। इस इंजन को भी 6-स्पीड मैनुअल और 7-स्पीड IVT गियरबॉक्स के साथ ट्यून किया किया गया है। कार में इको, नॉर्मल और स्पोर्ट जैसे तीन ड्राइविंग मोड्स मिलेंगे। दोनों ही इंजन RDE कंप्लाइंट हैं और E-20 पेट्रोल पर भी चलेंगे।

दैनिक भास्कर 5 Jun 2025 8:05 pm

वनप्लस 13s भारत में लॉन्च, कीमत ₹54,999:50MP कैमरा और स्नैपड्रैगन 8 एलीट प्रोसेसर; प्लस-की जैसे फीचर्स भी मिलेंगे

वनप्लस ने भारत में अपना लेटेस्ट स्मार्टफोन वनप्लस 13s लॉन्च कर दिया है। यह वनप्लस का अब तक का सबसे छोटा फोन है। इसकी शुरुआती कीमत 54,999 रुपए रखी गई है। यह फोन तीन कलर ब्लैक वेलवेट, पिंक सैटिन और ग्रीन सिल्क में अवेलेबल है। पिंक सैटिन और ग्रीन सिल्क में वेलवेट ग्लास टेक्नोलॉजी दी गई है, जो फोन को सॉफ्ट और मैट फिनिश देती है। वनप्लस 13s: डिजाइन और डिस्प्ले वनप्लस 13s में 6.32 इंच की 1.5K AMOLED डिस्प्ले दी गई है, जो 120Hz रिफ्रेश रेट के साथ आती है। यह स्क्रीन 1600 निट्स तक की ब्राइटनेस देती है, यानी आपको धूप में भी साफ दिखाई देती है। डिस्प्ले में क्रिस्टल शील्ड ग्लास का प्रोटेक्शन है और यह डॉल्बी विजन और HDR10+ को सपोर्ट करती है। फोन का वजन सिर्फ 185 ग्राम है और मोटाई 8.2mm, जो इसे एक हाथ से इस्तेमाल करने में आसान बनाता है। फोन में वनप्लस का मशहूर अलर्ट स्लाइडर हटाकर एक नया प्लस की (Plus Key) दिया गया है। यह एक कस्टमाइजेबल बटन है, जिसे आप कैमरा ओपन करने, फ्लैशलाइट ऑन करने, वॉइस रिकॉर्डिंग शुरू करने या रिंग मोड बदलने जैसे कामों के लिए सेट कर सकते हैं। वनप्लस 13s: परफॉर्मेंस और फीचर्स फोन में क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 8 एलीट प्रोसेसर है, जो लेटेस्ट और पावरफुल चिपसेट है। यह प्रोसेसर गेमिंग, मल्टीटास्किंग और हैवी ऐप्स को आसानी से हैंडल करता है। इसमें 12GB LPDDR5X रैम और UFS 4.0 स्टोरेज है, जो तेज स्पीड देता है। हीट को कंट्रोल के लिए इसमें 4400mm ग्लेशियर वाष्प चैंबर कूलिंग सिस्टम है, जो गेमिंग या लंबे इस्तेमाल के दौरान फोन को ठंडा रखता है। यह फोन OxygenOS 15 पर चलता है, जो एंड्रॉइड-15 पर बेस्ड है। इसमें वनप्लस AI फीचर्स भी दिए गए हैं, जैसे- वनप्लस 13s: कैमरा सेटअप हालांकि, इसमें अल्ट्रा-वाइड लेंस नहीं है, जो कुछ यूजर्स के लिए कमी हो सकती है। रियर कैमरे 4K वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं, लेकिन फ्रंट कैमरा सिर्फ 1080p तक लिमिटेड है। वनप्लस 13s: बैटरी और चार्जिंग इस फोन में 5,850mAh की बैटरी है, जो कॉम्पैक्ट फोन के लिए काफी बड़ी है। यह 80W फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है, लेकिन इस फोन में वायरलेस चार्जिंग का ऑप्शन नहीं मिलता है। वनप्लस 13s: कनेक्टिविटी वनप्लस 13s में 5.5G नेटवर्क सपोर्ट मिलता है। इसमें 11-एंटीना 360-डिग्री सिग्नल सिस्टम और G1 Wi-Fi चिपसेट है, जो कम सिग्नल वाले इलाकों में भी अच्छा कनेक्शन देता है। साथ ही Wi-Fi 7, ब्लूटूथ 6.0, NFC और डुअल-सिम 5G सपोर्ट भी मौजूद है। फोन IP65 रेटिंग के साथ आता है, जो इसे धूल और पानी के छींटों से बचाता है। हालांकि, यह फोन पूरी तरह वाटरप्रूफ नहीं। कंपनी फोन के साथ 4 साल का सॉफ्टवेयर अपडेट और 5 साल का सिक्योरिटी अपडेट भी दे रही है। फोन में मेटल फ्रेम और इन-डिस्प्ले फिंगरप्रिंट सेंसर भी दिया गया है। वनप्लस 13s: कहां से खरीदें? वनप्लस 13s की प्री-बुकिंग शुरू हो चुकी है और यह 12 जून से अमेजन इंडिया और वनप्लस की ऑफिशियल वेबसाइट पर सेल के लिए अवेलेबल होगा। अगर आप इस फोन को SBI क्रेडिट कार्ड से खरीदते हैं, तो ₹5,000 का इंस्टेंट डिस्काउंट मिल सकता है। जिससे इस फोन की शुरुआती कीमत ₹49,999 हो जाएगी।

दैनिक भास्कर 5 Jun 2025 2:52 pm

ओला इलेक्ट्रिक में हुंडई और किया ने अपनी हिस्सेदारी बेची:₹590 करोड़ में ब्लॉक डील हुई; 6 महीने में 50% गिरा शेयर

दक्षिण कोरियाई कंपनी हुंडई मोटर्स ने ओला इलेक्ट्रिक में अपनी पूरी 2.47% हिस्सेदारी बेच दी है। वहीं किया मोटर्स ने भी अपनी 0.6% हिस्सेदारी बेचीं है। दोनों कंपनियों ने कुल मिलाकर करीब ₹692 करोड़ की ब्लॉक डील की है। रायटर्स के मुताबिक हुंडई ने अपनी 2.47% हिस्सेदारी (करीब 10.88 करोड़ शेयर) ₹50.70 प्रति शेयर के भाव पर बेची। जबकि किया ने अपनी 0.6% हिस्सेदारी (करीब 2.71 करोड़ शेयर) ₹50.55 प्रति शेयर के भाव पर बेचे हैं। किया की अब ओला इलेक्ट्रिक में हिस्सेदारी 1% से कम रह गई है। दोनों कंपनियों ने 2019 में ओला इलेक्ट्रिक में कुल 300 मिलियन डॉलर (2500 करोड़ रुपए) का निवेश किया था। कल 8% गिरा था ओला का शेयर ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में मंगलवार को 8% की गिरावट देखने को मिली थी। कंपनी का शेयर 4.10 रुपए गिरकर 49.60 रुपए पर बंद हुआ। वहीं आज 1.20% की तेजी के साथ 50 रुपए पर बंद हुआ है। ओला का घाटा दोगुना हुआ खराब रिजल्ट के कारण ओला इलेक्ट्रिक के शेयर में 30 मई को 10% तक गिरावट देखने को मिली थी। 29 मई को कंपनी ने वित्त वर्ष 2025 की चौथी के तिमाही के नतीजे जारी किए थे। कंपनी का घाटा दोगुना होकर 870 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 416 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। सालाना आधार पर कंपनी का लॉस दो गुने से ज्यादा बढ़ा है। ऑपरेशन से कंपनी के रेवेन्यू की बात करें तो जनवरी मार्च तिमाही में यह 611 करोड़ रुपए रहा है। इसमें 62% की गिरावट है। एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी ने 1,598 करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया था। वस्तुओं और सेवाओं को बेचने से मिली राशि को रेवेन्यू या राजस्व कहा जाता है। व्हीकल्स की बिक्री में तीसरे नंबर पर पहुंची ओला इसके अलावा ओला इलेक्ट्रिक बिक्री के मामले में तीसरे नंबर पहुंच गई है। वाहन पोर्टल के अनुसार मई महीने में कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 20% रह गई है।बीते साल मई के मुकाबले व्हीकल्स की बिक्री में 60% की गिरावट आई है। 2025 के मई महीने में सिर्फ 15,221 वाहन रजिस्टर हुए, जबकि पिछले साल मई में यह आंकड़ा 37,388 था। वहीं पुराने प्लेयर TVS मोटर 25% मार्केट शेयर के साथ पहले नंबर पर है। बजाज ऑटो 22.6% हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है। एथर एनर्जी का मार्केट शेयर अप्रैल के 14.9% से घटकर मई में 13.1% रह गया। 2017 में ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की हुई थी स्थापना बेंगलुरु स्थित ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की स्थापना 2017 में हुई थी। कंपनी मुख्य रूप से ओला फ्यूचर फैक्ट्री में इलेक्ट्रिक व्हीकल, बैटरी पैक, मोटर्स और व्हीकल फ्रेम बनाती है।

दैनिक भास्कर 4 Jun 2025 4:46 pm

सिंधिया ने कहा- स्टारलिंक को भारत में लाइसेंस जल्द मिलेगा:मस्क की कंपनी ₹840 में अनलिमिटेड डेटा देगी; अब सिर्फ IN-SPACe का अप्रूवल बाकी

इलॉन मस्क की स्टारलिंक को सैटेलाइट इंटरनेट प्रोजेक्ट के लिए जल्द ही भारत में ऑपरेटिंग लाइसेंस मिलने वाला है। यह बात कम्युनिकेशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कही है। स्टारलिंक को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने पहले ही लेटर ऑफ इंटेंट (LOI) दे दिया है। अब स्टारलिंक को सिर्फ IN-SPACe से फाइनल अप्रूवल मिलना बाकी है। स्टारलिंक के लिए प्रोसेस लगभग पूरी: सिंधिया सिंधिया ने कहा, 'फिलहाल दो कंपनियों- वनवेब और रिलायंस को सैटेलाइट कनेक्टिविटी के लिए लाइसेंस मिले हैं। स्टारलिंक के लिए भी प्रोसेस लगभग पूरी हो चुकी है। LOI जारी कर दिया गया है। मुझे विश्वास है कि स्टारलिंक को जल्द ही लाइसेंस मिल जाएगा। अगला कदम IN-SPACe से मंजूरी हासिल करना है। तीनों लाइसेंस होल्डर्स को ऑपरेशन शुरू करने से पहले इस प्रोसेस से गुजरना होगा।' TRAI स्पेक्ट्रम अलॉटमेंट के लिए पॉलिसी नॉर्म्स देगा सिंधिया ने कहा कि वनवेब और रिलायंस को सिर्फ शुरुआती टेस्टिंग के लिए लिमिटेड स्पेक्ट्रम एक्सेस दिया गया है। स्टारलिंक को ऑफिशियल लाइसेंस मिलने के बाद इसी तरह का रास्ता अपनाने की उम्मीद है। सिंधिया ने कहा, 'इसके बाद टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) एडमिनिस्ट्रेटिव स्पेक्ट्रम अलॉटमेंट के लिए पॉलिसी नॉर्म्स प्रोवाइड करेगा, जो कमर्शियल रोलआउट को कंट्रोल करेगा।' भारत में ₹840 में अनलिमिटेड डेटा देगा स्टारलिंक द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेसएक्स भारत में अपनी स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विसेज मंथली 10 डॉलर यानी लगभग 840 रुपए से कम कीमत वाले शुरुआती प्रमोशनल अनलिमिटेड डेटा प्लान से शुरू करेगा। स्टारलिंक समेत सैटेलाइट कम्यूनिकेशंस कंपनियों का टारगेट अपने यूजर बेस को तेजी से बढ़ाना है। यह मिड-टू-लॉन्ग टर्म में 10 मिलियन यानी 1 करोड़ कस्मटर तक पहुंच सकता है। इससे कंपनियों को भारी स्पेक्ट्रम कॉस्ट की भरपाई करने में मदद मिलेगी। स्पेक्ट्रम महंगा, लेकिन स्टारलिंक को दिक्कत नहीं टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Trai) ने सैटेलाइट कम्यूनिकेशंस कंपनियों से शहरी यूजर्स के लिए मंथली चार्ज ₹500 रखने की सिफारिश की है। जिससे सैटेलाइट कम्यूनिकेशंस स्पेक्ट्रम ट्रेडिशनल टेरेस्टेरियल सर्विसेज की तुलना में ज्यादा महंगा हो जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि प्रीमियम प्राइसिंग के चलते स्टारलिंक जैसी फाइनेंशियली स्ट्रांग कंपनियों को भारत के शहरी मार्केट में दूसरी कंपनियों के साथ कॉम्पिटिशन करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। रेवेन्यू शेयर और लाइसेंस फीस वसूलता है ट्राई ट्राई की सिफारिशों में एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) पर 4% फीस और प्रति मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम पर मिनिमम 3,500 रुपए एनुअल फीस शामिल है। इसके अलावा सैटेलाइट कम्युनिकेशन प्रोवाइडर्स को कॉमर्शियल सर्विसेज देने के लिए 8 लाइसेंस फीस देनी होगी। सभी प्रपोजल को लागू करने से पहले सरकार के आखिरी अप्रूवल का इंतजार है। इन प्राइस पॉइंट्स के बावजूद एक्सपर्ट्स का मानना है कि लिमिटेड सैटेलाइट कैपेसिटी भारतीय यूजर बेस के तेजी से बढ़ने की क्षमता को कम कर सकती है। कंपनियों के लिए कैपेसिटी एक चुनौती साबित होगी IIFL रिसर्च के अनुसार, स्टारलिंक की 7,000 सैटेलाइट का मौजूदा ग्रुप ग्लोबल लेवल पर लगभग 4 मिलियन यूजर्स को सर्विस प्रोवाइड करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर 18,000 सैटेलाइट्स हों, तो भी स्टारलिंक वित्त-वर्ष 2030 तक सिर्फ 1.5 मिलियन भारतीय कस्टमर्स को ही सर्विसेज प्रोवाइड करने में सक्षम होगा। IIFL रिसर्च ने कहा था, 'कस्टमर की संख्या बढ़ाने के मामले में कैपेसिटी यानी क्षमता की कमी एक चुनौती साबित हो सकती है। यह ग्राहक को जोड़ने के लिए कम कीमत के टूल्स की इफेक्टिवनेस को भी कम कर सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि स्टारलिंक ने पहले भी अमेरिका और अफ्रीका के कुछ हिस्सों में इसी तरह की कैपेसिटी लिमिट्स के कारण ग्राहकों को जोड़ना बंद कर दिया था।' सैटेलाइट इंटरनेट भारत में होम ब्रॉडबैंड की तुलना में महंगा IIFL के एनालिसिस में कहा गया था कि किसी भी समय भारत को कवर करने वाली सैटेलाइट्स की हिस्सेदारी टोटल ग्लोबल सैटेलाइट काउंट का सिर्फ 0.7-0.8% होगी, जो मोटे तौर पर देश के टोटल लैंड एरिया के प्रोपोर्शनल है। वर्तमान में सैटेलाइट-बेस्ड ब्रॉडबैंड भारत में ट्रेडिशनल होम ब्रॉडबैंड सर्विसेज की तुलना में काफी महंगा है। JM फाइनेंशियल ने बताया कि सैटकॉम ब्रॉडबैंड की लागत स्टैंडर्ड होम इंटरनेट प्लान्स की तुलना में 7 से 18 गुना ज्यादा है। स्टारलिंक को IN-SPACe की मंजूरी का इंतजार सैटेलाइट कम्युनिकेशन सर्विसेज के लिए डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन की मंजूरी के बाद स्टारलिंक को अब भारत में सर्विसेज शुरू करने के लिए IN-SPACe से अप्रूवल मिलने का इंतजार है। इससे पहले यूटेलसैट वनवेब और जियो सैटेलाइट कम्युनिकेशंस ने 2021 और 2022 में इसी तरह के लाइसेंस हासिल किए थे, लेकिन IN-SPACe की मंजूरी के लिए लगभग दो साल इंतजार किया था। डिपार्टमेंट ऑफ स्पेस ने जून 2020 में IN-SPACe को स्थापित किया था। यह स्पेस एक्टिविटीज में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी को रेगुलेट करने और उसे सुविधाजनक बनाने के लिए सिंगल-विंडो एजेंसी के रूप में काम करती है। IN-SPACe नॉन-गवर्नमेंटल एंटिटीज के लिए लाइसेंसिंग, इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरिंग और स्पेस बेस्ड स‌र्विसेज को बढ़ावा देने का काम भी करती है। सैटेलाइट्स से आप तक कैसे पहुंचेगा इंटरनेट?

दैनिक भास्कर 4 Jun 2025 2:48 pm

हुंडई अल्काजार के नए वैरिएंट लॉन्च, कीमत ₹17.87 लाख:7 सीटर SUV में टर्बो डीजल इंजन के साथ अब पैनोरमिक सनरूफ मिलेगा

हुंडई इंडिया ने अपनी पॉपुलर 7 सीटर SUV अल्काजार के नए वैरिएंट भारतीय बाजार में लॉन्च किए हैं। कार में डीजल इंजन के साथ नया कॉर्पोरेट वैरिएंट जोड़ा गया है, जिसमें पैनोरमिक सनरूफ भी मिलेगा, जो टर्बो-पेट्रोल इंजन तक ही सीमित था। इसकी कीमत 17.87 लाख रुपए रखी गई है। नया कॉर्पोरेट ट्रिम मैनुअल और ऑटोमैटिक दोनों गियरबॉक्स के साथ अवेलेबल है। इसके अलावा कंपनी ने पेट्रोल इंजन के साथ DCT गियरबॉक्स को 18.64 लाख रुपए में दूसरे बेस प्रेस्टीज ट्रिम पर पेश किया है।

दैनिक भास्कर 3 Jun 2025 11:42 pm

गूगल के नए AI-टूल से मिनटों में बनाएं रियलिस्टिक वीडियो:असली-नकली का फर्क करना बेहद मुश्किल, जानें VEO-3 से कैसे बदलेगी हमारी जिंदगी

गूगल ने हाल ही में अपना नया AI वीडियो जेनरेशन टूल VEO-3 लॉन्च किया है। इसे अब तक का सबसे एडवांस मॉडल माना जा रहा है। VEO-3 की खासियत है कि ये हाई-क्वालिटी वीडियो के साथ-साथ डायलॉग, साउंड इफेक्ट्स और बैकग्राउंड म्यूजिक भी जेनरेट कर सकता है। ये टूल असल जिंदगी में कैसे काम आएगा, आसान भाषा में समझते हैं… क्या है VEO-3 और कैसे काम करता है? VEO-3 गूगल डीपमाइंड की तरफ से बनाया गया एक AI वीडियो जेनरेशन मॉडल है। ये टेक्स्ट या इमेज से 8 सेकंड के हाई-क्वालिटी वीडियो बना सकता है। वीडियो बनाने के साथ डायलॉग, साउंड इफेक्ट्स और म्यूजिक जेनरेट करने का फीचर इसे ओपनएआई के सोरा और रनवे एमएल जैसे टूल्स से अलग बनाता है। मिसाल के तौर पर, अगर आप लिखते हैं, “अल्बर्टा के जंगल में आग लगने की खबर एक न्यूज़ एंकर बता रहा है,” तो VEO-3 न सिर्फ़ न्यूज़ एंकर का वीडियो बनाएगा, बल्कि उसकी आवाज़, साउंड इफेक्ट्स और बैकग्राउंड म्यूजिक भी जोड़ देगा। ये वीडियो 4K रेजोल्यूशन में बनते हैं, जो इन्हें बेहद रियलिस्टिक बनाता है। VEO-3 को गूगल के जेमिनी ऐप और फ्लो प्लेटफॉर्म के ज़रिए इस्तेमाल किया जा सकता है। फ्लो एक खास ऐप है, जिसे गूगल ने क्रिएटर्स के लिए बनाया है। इसमें आप वीडियो को और बेहतर तरीके से कस्टमाइज़ कर सकते हैं। ये टूल मूड, टोन और कल्चरल सेटिंग्स को समझकर सिनेमैटिक वीडियो बनाता है। VEO-3 हमारी जिंदगी को कैसे बदल सकता है? 1. फिल्म और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के लिए गेमचेंजर VEO-3 फिल्ममेकर्स और एनिमेटर्स के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। मशहूर डायरेक्टर डैरेन एरोनोफ्स्की जैसे लोग पहले ही इसे आज़मा रहे हैं। मान लीजिए एक डायरेक्टर को जंगल में आग लगने का सीन चाहिए, लेकिन बजट कम है। VEO-3 की मदद से वो टेक्स्ट डालकर ऐसा सीन बना सकता है, जिसमें आग, धुंआ और रियलिस्टिक साउंड इफेक्ट्स सब कुछ होगा, वो भी कुछ ही मिनटों में। स्पेशल इफेक्ट्स और एनिमेशन की कॉस्ट को ये टूल बहुत कम कर सकता है। छोटे फिल्ममेकर्स, जो बड़े बजट की प्रोडक्शन नहीं कर सकते, उनके लिए ये वरदान है। एक इंडिपेंडेंट फिल्ममेकर ने VEO-3 से एक साइंस-फिक्शन सीन बनाया, जिसमें एक स्पेसशिप क्रैश हो रही थी। इस सीन को बनाने में सिर्फ़ 20 डॉलर का प्रो प्लान खर्च हुआ, जबकि असल में ऐसा सीन बनाने में लाखों रुपए लगते। 2. गेमिंग इंडस्ट्री के लिए गेमचेंजर साबित होगा गेम्स में हाई-क्वालिटी कटसीन्स और रियलिस्टिक एनवायरनमेंट की डिमांड है। VEO-3 की मदद से डेवलपर्स ऐसे वीडियो सीन्स बना सकते हैं, जो रियल लगें। 3. एडवर्टाइजमेंट बनाना आसान हुआ VEO-3 विज्ञापन इंडस्ट्री के लिए भी बड़ा बदलाव ला सकता है। एड बनाने के लिए शूटिंग और प्रोडक्शन में बहुत खर्चा होता है। VEO-3 की मदद से ब्रांड्स सस्ते में हाई-क्वालिटी विज्ञापन बना सकते हैं। छोटे बिजनेस, जैसे लोकल बेकरी या जिम, अब VEO-3 से प्रोफेशनल विज्ञापन बनाकर सोशल मीडिया पर डाल सकते हैं। पहले ऐसा विज्ञापन बनाने में हजारों रुपए लगते थे। 4. एजुकेशन और ट्रेनिंग के लिए इस्तेमाल VEO-3 का इस्तेमाल एजुकेशन और ट्रेनिंग में भी हो सकता है। स्कूल, कॉलेज और कॉरपोरेट ट्रेनिंग के लिए रियलिस्टिक वीडियो बनाना अब आसान हो गया है। टीचर्स VEO-3 से हिस्ट्री, साइंस या जियोग्राफी के वीडियो बना सकते हैं। मिसाल के तौर पर, एक टीचर को “द्वितीय विश्व युद्ध” को बारे में बताना है। तो VEO-3 की मदद से ऐसे वीडियो बनाए जा सकते हैं जिसमें सैनिक और टैंक दिख रहे हो। बच्चों को ये देखकर समझने में आसानी होगी। एक मेडिकल कॉलेज ने VEO-3 से सर्जरी का एक सिमुलेशन वीडियो बनाया था, जिसमें एक डॉक्टर ऑपरेशन कर रहा था। स्टूडेंट्स ने इसे देखकर प्रैक्टिकल नॉलेज हासिल किया। 5. सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएशन सोशल मीडिया क्रिएटर्स के लिए VEO-3 एक मज़ेदार टूल है। यूट्यूब पर इसके वीडियो पहले ही वायरल हो रहे हैं। क्रिएटर्स VEO-3 से मज़ेदार वीडियो बना रहे हैं, जैसे कार्टून कैट्स, डिज़ास्टर सीन या रियलिस्टिक न्यूज़ रिपोर्ट्स। एक यूज़र ने VEO-3 से एक वीडियो बनाया, जिसमें वो डायनासोर के साथ भाग रहा था। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। 1 मिलियन से ज़्यादा बार इसे देखा गया। फेक न्यूज फैलने का खतरा VEO-3 के फायदों के साथ कुछ चुनौतियां भी हैं। VEO-3 से बने रियलिस्टिक वीडियो की वजह से फेक न्यूज़ फैलने का डर है। इसके अलावा विज्ञापन, एनिमेशन और गेमिंग इंडस्ट्री में कुछ जॉब्स कम हो सकते हैं। अभी तक 71 देशों में पहुंचा VEO-3, भारत में जल्द मिलेगा VEO-3 को सबसे पहले 20 मई को अमेरिका में लॉन्च किया गया था, और कुछ ही दिनों में इसकी डिमांड इतनी बढ़ गई कि गूगल ने इसे 71 और देशों में रोलआउट कर दिया। हाल ही में यूके को भी इसका एक्सेस मिला है, लेकिन यूरोपियन यूनियन और भारत जैसे देशों को अभी इंतजार करना होगा। गूगल के जेमिनी के वाइस प्रेसिडेंट जोश वुडवर्ड ने एक पोस्ट में बताया कि वो भारत में जल्द से जल्द इसे लाने की कोशिश कर रहे हैं। गूगल डीपमाइंड के सीईओ डेमिस हस्साबिस ने कहा कि लॉन्च के कुछ ही दिनों में यूज़र्स ने VEO-3 से लाखों वीडियो बना लिए।

दैनिक भास्कर 3 Jun 2025 5:45 pm

कावासाकी Z900 का 2025 मॉडल भारत में लॉन्च:₹9.52 लाख में नई स्टाइलिंग और दमदार फीचर्स, होंडा CB650R और डुकाटी मॉन्स्टर से होगा मुकाबला

कावासाकी इंडिया ने अपनी पॉपुलर मिडिलवेट नेकेड बाइक Z900 का 2025 मॉडल भारत में लॉन्च कर दिया है। इसकी कीमत 9.52 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) रखी गई है, जो इसके पुराने मॉडल से सिर्फ 14,000 रुपए ज्यादा है। नई Z900 में ढेर सारे अपडेट्स किए गए हैं, जैसे नई स्टाइलिंग, बेहतर इलेक्ट्रॉनिक्स और इसमें यूरो 5+ नॉर्म्स को पूरा करने वाला इंजन है। ये बाइक उन लोगों के लिए शानदार ऑप्शन है, जो स्ट्रीटफाइटर बाइक की तलाश में हैं। नया लुक और डिजाइन पॉपुलर जापानी मिडिलवेट नेकेड 2025 कावासाकी Z900 का लुक पहले से फास्टर और एग्रेसिव बनाया गया है। कंपनी ने इसमें अपनी सिग्नेचर सुगोमी डिजाइन लैंग्वेज को बरकरार रखा है, लेकिन कई छोटे-छोटे बदलाव किए हैं। नई LED हेडलाइट, बड़ा फ्यूल टैंक और नए टैंक एक्सटेंशन इस बाइक को पहले से ज्यादा मस्कुलर लुक देते हैं। टेललाइट को भी रीडिजाइन किया गया है, जो इसे मॉडर्न टच देता है। यह दो कलर ऑप्शन ब्लैक-ग्रीन और ब्लैक-रेड में अवेलेबल है। इसके अलावा, बाइक में नया 5-इंच का कलर TFT डिस्प्ले दिया गया है, जो पहले से ज्यादा साफ और स्टाइलिश है। ये डिस्प्ले ब्लूटूथ कनेक्टिविटी के साथ आता है और कावासाकी की राइडोलॉजी ऐप से कनेक्ट हो सकता है। इस ऐप के जरिए राइडर को टर्न-बाय-टर्न नेविगेशन और वॉयस कमांड्स जैसे फीचर्स मिलते हैं। नए फीचर्स और टेक्नोलॉजी इस बार Z900 में कई नए फीचर्स जोड़े गए हैं, जो राइडिंग को आसान और सेफ बनाते हैं। इसमें राइड-बाय-वायर थ्रॉटल, क्रूज कंट्रोल और एक बाइ-डायरेक्शनल क्विकशिफ्टर जैसे स्टैंडर्ड फीचर्स दिए गए हैं। इसके अलावा बाइक में दो पावर मोड्स और अलग-अलग राइड मोड्स भी हैं, ताकि राइडर अपनी जरूरत के हिसाब से बाइक को चला सके। सेफ्टी के लिए इसमें 5-एक्सिस IMU (इनर्शियल मेजरमेंट यूनिट) दी गई है, जो कॉर्नरिंग ट्रैक्शन कंट्रोल और कॉर्नरिंग ABS जैसे फीचर्स को सपोर्ट करती है। यानी तेज मोड़ लेते वक्त भी बाइक का कंट्रोल बना रहता है। सस्पेंशन में भी बदलाव किया गया है, इसके फ्रंट में अपसाइड-डाउन (USD) फोर्क और रियर में मोनोशॉक दिया गया है। नए डनलप स्पोर्टमैक्स Q5A टायर्स इसकी ग्रिप को और बेहतर बनाते हैं। इंजन और परफॉरमेंस 2025 Z900 में वही 948cc का इन-लाइन फोर-सिलेंडर लिक्विड-कूल्ड इंजन दिया गया है। ये 125 bhp की पावर और 98.6Nm का टॉर्क जनरेट करता है, जिसे 6-स्पीड गियरबॉक्स से जोड़ा गया है। लेकिन इस बार इंजन को यूरो 5+ नॉर्म्स के हिसाब से अपडेट किया गया है। कंपनी ने नए थ्रॉटल वाल्व और कैमशाफ्ट प्रोफाइल्स का इस्तेमाल करके लो-एंड टॉर्क को बढ़ाया है। अब ये इंजन 1500 rpm से ही बेहतर रिस्पॉन्स देता है, यानी कम स्पीड पर भी बाइक का पिकअप शानदार है। कॉम्पिटिशन और कीमत कावासाकी Z900 का मुकाबला भारत में होंडा CB650R (कीमत 9.60 लाख रुपए, एक्स-शोरूम), ट्रायम्फ स्ट्रीट ट्रिपल R (कीमत 10.17 लाख रुपए, एक्स-शोरूम), डुकाटी मॉन्स्टर (12.95 लाख रुपए, एक्स-शोरूम) और सुजुकी कटाना (कीमत 13.61 लाख रुपए, एक्स-शोरूम) जैसी बाइक्स से होगा। 9.52 लाख रुपए की कीमत पर ये बाइक अपने सेगमेंट में वैल्यू फॉर मनी है, खासकर नए फीचर्स और अपडेट्स को देखते हुए। बुकिंग और डिलीवरी कावासाकी ने 2025 Z900 की बुकिंग शुरू कर दी है और डिलीवरी भी जल्द शुरू होने वाली है। अगर आप एक दमदार स्ट्रीटफाइटर बाइक की तलाश में हैं, जो स्टाइल, परफॉरमेंस और टेक्नोलॉजी का अच्छा मिक्स है, तो ये बाइक आपके लिए शानदार ऑप्शन हो सकती है।

दैनिक भास्कर 3 Jun 2025 3:22 pm

इनफिनिक्स GT 30 प्रो गेमिंग स्मार्टफोन लॉन्च, शुरुआती कीमत ₹24,999:डाइमेंसिटी 8350 प्रोसेसर के साथ 120FPS पर गेम खेल सकेंगे, 108MP कैमरा मिलेगा

टेक कंपनी इनफिनिक्स ने आज (3 जून) भारतीय बाजार में नया गेमिंग स्मार्टफोन इनफिनिक्स GT-30 प्रो लॉन्च कर दिया है। मिडरेंज गेमिंग स्मार्टफोन में डाइमेंसिटी 8350 पावरफुल प्रोसेसर के साथ 120FPS पर गेम खेल सकेंगे। इसके अलावा इसमें 108 मैगापिक्सल का कैमरा AI कैमरा मिलता है। कंपनी ने फोन को 2 रैम और 256GB के सिंगल स्टोरेज ऑप्शन के साथ पेश किया है। इसकी शुरुआती कीमत इसके 8GB रैम वैरिएंट की कीमत 24,999 रुपए है और 12GB रैम वैरिएंट की प्राइस 26,999 रुपए है। नए इनफिनिक्स फोन की सेल 12 जून से भारत में शुरू होगी। इसे डार्क फ्लेयर और ब्लैड वाइट कलर ऑप्शन के साथ खरीदा जा सकेगा।

दैनिक भास्कर 3 Jun 2025 2:47 pm

टाटा हैरियर ईवी 560km+ रेंज के साथ आज लॉन्च होगी:इलेक्ट्रिक SUV में 360° कैमरा के साथ ट्रांसपेरेंट मोड जैसे ऑफ रोडिंग फीचर्स मिलेंगे

टाटा मोटर्स आज (3 जून) को अपनी मिड साइज इलेक्ट्रिक SUV हैरियर ईवी को लॉन्च करने जा रही है। ये 560 किलोमीटर की रेंज के साथ आएगी। कार का लॉन्चिंग इवेंट दोपहर 2 बजे से है। कंपनी ने ईवी का टीजर जारी किया था, जिसमें कार को ऑल-व्हील ड्राइवट्रेन का इस्तेमाल करके केरल में एलीफेंट रॉक पर चढ़ाते हुए दिखाया गया है। इस दौरान हैरियर ईवी के 360 डिग्री कैमरा के साथ ट्रांसपेरेंट मोड, बूस्ट मोड और रॉक क्रॉल मोड जैसे ऑफ-रोडिंग फीचर्स रिवील किए गए। वहीं, सेफ्टी के लिए 7 एयरबैग के साथ ADAS जैसे सेफ्टी फीचर दिए जाएंगे। ICE मॉडल के मुकाबले इसके डिजाइन को अपडेट किया गया है। टाटा हैरियर ईवी को पहली बार ऑटो एक्सपो 2023 में एक कॉन्सेप्ट के तौर पर शोकेज किया गया था। इसके बाद कंपनी ने इसके प्रोडक्शन रेडी वर्जन को इस साल दिल्ली में हुए भारत ग्लोबल मोबिलिटी शो 2025 में पेश किया था। एक्स शोरूम कीमत 25 लाख रुपए हो सकती हैहैरियर ईवी टाटा के एक्टिव.ईवी प्लेटफार्म पर बेस्ड होगी। इसमें मल्टी-लिंक रियर सस्पेंशन भी मिलेगा, जिससे राइड कंफर्ट और हैंडलिंग दोनों बेहतर हो सकती है। इसकी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत करीब 25 लाख रुपए हो सकती है। इसका मुकाबला महिंद्रा XEV 9e और BYD एटो 3 से रहेगा। टाटा हैरियर ईवी में मिलने वाले ऑफ रोडिंग फीचर्स पर एक नजर डालते हैं... डिजाइन: LED हेडलाइट और कनेक्टेड LED DRL's हैरियर ईवी का ओवर ऑल लुक इसके ICE वर्जन जैसा ही है, लेकिन इसमें कुछ कॉस्मेटिक अपडेट्स किए गए हैं। हैरियर ईवी के फ्रंट में कर्व ईवी की तरह क्लोस्ड-ऑफ ग्रिल और वर्टिकल स्लेट्स के साथ नया बंपर दिया गया है। इसके अलावा इसमें रेगुलर मॉडल वाली LED हेडलाइट और कनेक्टेड LED DRL के साथ वेलकम और गुडबाय एनिमेशन फंक्शन भी मिलेगा। साइड प्रोफाइल की बात करें तो यहां नए अलॉय व्हील के साथ एयरो स्पेसिफिक कवर मिलते हैं। इसके फ्रंट डोर पर ‘EV’ बैजिंग भी देखी जा सकती है, वहीं ICE वर्जन में ‘हैरियर’ ब्रांडिंग मिलती है। ऊपर की ओर रूफ रेल्स और पैनोरमिक सनरूफ दिया गया है। हैरियर ईवी के रियर में ICE मॉडल की तरह वेलकम और गुडबाय एनिमेशन के साथ कनेक्टेड LED टेल लैंप्स दिए गए हैं। इसके रियर बंपर को भी अपडेट किया गया है। अब इसमें वर्टिकल स्लेट्स दी गई हैं, जो इसके फ्रंट डिजाइन से मैच करती है। इंटीरियर: इल्लुमिनेटेड टाटा लोगो के साथ 4-स्पोक स्टीयरिंग व्हीलटाटा हैरियर ईवी का केबिन ICE मॉडल जैसा ही है। लेकिन, इसमें नेक्सॉन ईवी और कर्व ईवी की तरह ग्रे और वाइट केबिन थीम मिलेगी। इसमें डुअल डिजिटल डिस्प्ले और इल्लुमिनेटेड टाटा लोगो के साथ 4-स्पोक स्टीयरिंग व्हील दिया गया है जो इसे मॉडर्न लुक देते हैं। फीचर्स: 12.3-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टमटाटा हैरियर ईवी में ICE पावर्ड हैरियर वाले फीचर मिलेंगे। इनमें वायरलेस एपल कारप्ले और एंड्रॉइड ऑटो कनेक्टिविटी के साथ 12.3-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, 10.25-इंच डिजिटल ड्राइवर डिस्प्ले, पैनोरमिक सनरूफ, डुअल-टोन क्लाइमेट कंट्रोल, पावर्ड और वेंटिलेटेड फ्रंट सीट, मल्टी-कलर एम्बिएंट लाइटिंग, कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी और सबवुफर के साथ 10-स्पीकर JBL साउंड सिस्टम शामिल है। इसमें एक एक्सक्लूसिव फीचर ‘समन मोड’ भी मिलेगा, जो एक रिमोट कंट्रोल्ड पार्किंग फंक्शन है, जो गाड़ी को गियर नोब का इस्तेमाल करके आगे या पीछे बढ़ाता है। इसके अलावा इसमें ईवी-स्पेसिफिक फीचर जैसे व्हीकल-टू-लोड (V2L) और व्हीकल-टू-व्हीकल चार्जिंग (V2V) भी दिया जाएगा। परफॉर्मेंस: 500 किलोमीटर से ज्यादा की रेंज मिलेगीटाटा हैरियर ईवी के बैटरी पैक और स्पेसिफिकेशन की जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है। हालांकि टाटा ने कंफर्म किया है कि इसमें ऑल-व्हील-ड्राइव ऑप्शन मिलेगा और फुल चार्ज में इसकी सर्टिफाइड रेंज 500 किलोमीटर से ज्यादा होगी। सेफ्टी फीचर्स: 7 एयरबैग के साथ 360 डिग्री कैमरा सेफ्टी के लिए इसमें 7 एयरबैग, EBD के साथ ABS, फ्रंट और रियर पार्किंग सेंसर, 360 डिग्री कैमरा, इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी कंट्रोल, टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम और ऑटो होल्ड के साथ इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक जैसे सेफ्टी फीचर मिलेंगे। हैरियर ईवी में लेवल 2 एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (ADAS) भी दिया जाएगा।

दैनिक भास्कर 3 Jun 2025 12:44 pm

रांची में फ्लाइट से टकराया गिद्ध, 40 मिनट बाद लैंडिंग:बंदूक की गोली से खतरनाक है बर्ड हिट, जानें इमरजैंसी लैंडिंग के समय क्या करें

रांची के लिए उड़ान भरने वाली इंडिगो की फ्लाइट की पक्षी टकराने की वजह से इमरजैंसी लैंडिंग करानी पड़ी। घटना आज (सोमवार, 2 जून) दोपहर 1.14 बजे की है। फ्लाइट नंबर 6E6152 (एयरबस 320) जब रांची एयरपोर्ट से करीब 10 से 12 नॉटिकल मील की दूरी पर थी, तभी उससे एक गिद्ध टकरा गया। हादसा जिस समय हुआ, विमान लगभग 3 से 4 हजार फीट की ऊंचाई पर था। विमान से गिद्ध के टकरने पर पायलेट को 40 मिनट तक विमान को हवा में रखना पड़ा। इसके बाद रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर लैंडिंग कराई गई। टक्कर से विमान के अगले हिस्सा में डेंट आया है। फ्लाइट में 175 यात्री सवार थे, जो सभी सुरक्षित हैं। अब ऐसे में सवाल उठता है कि एक पक्षी इतने बड़े विमान को कितना नुकसान पहुंचा देता है कि उसकी आनन-फानन में लैंडिंग करानी पड़ती है... 1.8 किलो के पक्षी का प्लेन से टकराना बंदूक की गोली से भी ज्यादा खतरनाक जब कोई पक्षी उड़ते हुए विमान से टकराता है, तो उसे 'बर्ड स्ट्राइक' या 'बर्ड हिट' कहा जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 1.8 किलो का एक पक्षी जब किसी तेज रफ्तार विमान से टकराता है तो 3,50,000 न्यूटन फोर्स पैदा होता है। इसे ऐसे समझें कि 0.365 मीटर की नली वाली बंदूक से जब 700m/s की रफ्तार से एक 40 ग्राम का बुलेट फायर होता है तो इससे 2,684 न्यूटन फोर्स पैदा होता है। यहां न्यूटन, फोर्स का यूनिट है। यह विज्ञान की भाषा हुई। अब इसे आसान भाषा में समझें तो 1.8 किलो का एक पक्षी जब विमान से टकराता है तो इसका फोर्स एक बुलेट की तुलना में करीब 130 गुना ज्यादा होता है। ABC साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक 5 किलो के एक पक्षी का 275 किमी/घंटा के रफ्तार से किसी विमान से टकराना वैसा ही है जैसे 100 किलो भार के किसी बैग के 15 मीटर ऊपर से जमीन पर गिरना। हालांकि, विमान को ‘बर्ड हिट’ से बचाने के लिए सावधानियां बरती जाती हैं, लेकिन जब प्लेन के टर्बाइन से टकराकर पक्षी विमान के इंजन में फंसता है तो इससे हादसे का खतरा बढ़ जाता है। ‘बर्ड हिट’ के खतरनाक होने के लिए ये 4 बातें जिम्मेदार ‘बर्ड हिट’ के ज्यादातर मामलों में पक्षी किसी प्लेन के सामने से या किनारे से टकराता है। इस दौरान प्लेन के विंग से पक्षियों के टकराने की आशंका ज्यादा होती है। जब चिड़िया प्लेन के विंडशील्ड से टकराती है तो इसमें दरार आ जाती है। इसकी वजह से केबिन के अंदर हवा के दबाव में अंतर होता है। ‘बर्ड हिट’ किसी प्लेन के लिए कितना खतरनाक या घातक हो सकता है, ये इन 4 बातों पर निर्भर करता है… 1. पक्षी का वेट 2. पक्षी की साइज 3. पक्षी के उड़ान भरने की स्पीड 4. पक्षी के उड़ान भरने की दिशा हर दिन 34 ‘बर्ड हिट’ के मामले सामने आते हैं इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गेनाइजेशन (ICAO) ने 91 देशों पर सर्वे किया। इसमें पाया कि हर रोज 34 ‘बर्ड हिट’ के मामले दुनिया भर में सामने आते हैं। इसकी वजह से हर साल दुनिया भर में कॉमर्शियल प्लेन को करीब 7.79 हजार करोड़ रुपए का सालाना नुकसान होता है। हालांकि, 92% 'बर्ड हिट' के मामले बिना किसी डैमेज के होते हैं। एयरपोर्ट के पास से पक्षियों को हटाने के लिए अपनाए जाते हैं 3 तरीके.. 117 साल पहले 'बर्ड हिट' का पहला मामला सामने आया था बर्ड हिट का पहला मामला 1905 में हवाई जहाज बनाने वाले ओरविल राइट यानी राइट ब्रदर्श में से एक भाई ने रिपोर्ट की थी। ओरविल जब एक मकई के खेत के ऊपर से फ्लाइट उड़ा रहे थे, तब पक्षियों के एक झुंड में वो फंस गए। इस दौरान एक चिड़िया उनके प्लेन से टकराई थी। हालांकि, दुनिया में बर्ड हिट की वजह से होने वाली बड़ी घटनाओं की संख्या कम है। ज्यादातर मामले में हवाई जहाज को कम नुकसान पहुंचता है, लेकिन कई बार यह खतरनाक भी साबित हो जाता है। 2009 में 'बर्ड हिट' की एक घटना जिसने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा हर साल दुनिया भर में 'बर्ड हिट' के 10 हजार से ज्यादा मामले सामने आते हैं, लेकिन 15 जनवरी 2009 में अमेरिका में घटी एक घटना ने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा था। दरअसल, US एयरवेज फ्लाइट 1549 के न्यूयॉर्क सिटी से उड़ान भरते ही एक पक्षी विमान से टकराया। यह 'बर्ड हिट' इतना जोरदार था कि पक्षी के टकराते ही विमान के इंजन में आग लग गई। हालांकि खतरे को भांपते हुए पायलट ने हडसन नदी में फ्लाइट को लैंड करा दिया। जिससे बड़ा खतरा टल गया। इमरजेंसी लैंडिंग से जुड़ी ये खबर पढ़ें... इंडिगो फ्लाइट टर्बुलेंस में फंसी:रायपुर से दिल्ली आ रही थी, 80 KMPH की आंधी के कारण हवा में कई चक्कर लगाए, फिर सेफ लैंडिंग छत्तीसगढ़ के रायपुर से दिल्ली जा रही इंडिगो की फ्लाइट 6E 6313 रविवार को टर्बुलेंस में फंस गई। दिल्ली में लैंड करने से पहले पायलट को फ्लाइट को दोबारा हवा में उड़ाना पड़ा। ऐसा दिल्ली-NCR में दोपहर के वक्त धूलभरी आंधी के कारण हुआ। इसके बाद फ्लाइट ने आसमान में कई चक्कर लगाए। बाद में एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से क्लियरेंस मिलने के बाद फ्लाइट सुरक्षित लैंड कराई गई। फ्लाइट के हवा में चक्कर काटने का वीडियो भी सामने आया है। इसमें नजर आ रहा है कि फ्लाइट में बैठे पैसेंजर्स घबराए हुए हैं। पूरी खबर पढ़ें...

दैनिक भास्कर 2 Jun 2025 5:55 pm