आमची और त्यांची मुंबई में क्या अंतर है? सुप्रीम कोर्ट में छिड़ी बहस तो बोले चीफ जस्टिस गवई
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस गवई की बेंच के सामने मुंबई से जुड़ा एक मामला आया. इसमें आमची और त्यांची मुंबई को लेकर बहस होने लगी. CJI खुद महाराष्ट्र से आते हैं. आखिर में उन्होंने इसका मतलब समझाया.
बाराबंकी में साइबर ठगी का एक मामला सामने आया है। आवास विकास कॉलोनी की रहने वाली अवंतिका परिहार के साथ एसबीआई क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर धोखाधड़ी की गई। अज्ञात व्यक्ति ने महिला से 98,000 रुपये की ठगी कर ली। पीड़िता ने साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराई। मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय ने तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। क्षेत्राधिकारी सदर सौरभ श्रीवास्तव के पर्यवेक्षण में साइबर क्राइम सेल ने त्वरित कार्रवाही की। टीम ने संबंधित बैंक और मर्चेंट से संपर्क कर खाता होल्ड करवाया। कड़ी मेहनत के बाद पुलिस ने पीड़िता के खाते में पूरी रकम वापस करवा दी।
क्रिप्टोकरेंसी में इंवेस्टमेंट से रातोंरात अमीर बनने का सपना दिखाकर एक 10वीं फेल ठग ने सैकड़ों लोगों के रुपए हड़प लिए। अपनी गर्लफ्रेंड के साथ मिलकर वो राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल में रैकेट चला रहा था। दोनों आरोपी बड़े-बड़े शो ऑर्गेनाइज करते और एक रुपए के इंवेस्टमेंट को 10 गुना करने का दावा करते थे। आरोपियों के जाल में फंसे लोगों को दुबई भी ले जाया गया। यहां इन्हें क्रूज पार्टी दी गई थी और महंगे होटल्स में रुकवाया गया। इसी झांसे में बेटी की शादी के लिए बचाए रुपए इन्हें दे दिए तो किसी ने प्रॉपर्टी बेच दी। सबसे पहले जानिए- कैसे हुआ खुलासा, कहां से ऑपरेट होता था नेटवर्क दौसा के गीजगढ़ का रहने वाला राजेश सैनी और उसकी गर्लफ्रेंड हीना सैनी अलवर से पूरा नेटवर्क ऑपरेट करते थे। राजेश सैनी खुद को अलवर में डिजिटल कॉइन का संचालक बताता था। झांसा देता कि ये डिजिटल करेंसी कुछ समय में क्रिप्टोकरेंसी की तरह महंगी हो जाएगी। आरोपियों का शिकार होने वालों में यहां के पीड़ितों की संख्या सबसे ज्यादा है। जब इंवेस्टमेंट का रिटर्न नहीं मिला तो 6 पीड़ितों ने अलवर के कोतवाली थाना और एक पीड़ित ने अरावली विहार पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई है। इसके बाद इस पूरे मामले का खुलासा हुआ। 6 महीने में इंवेस्टमेंट दोगुना होने का लालच राजेश सैनी ने लोगों को फंसाने की शुरुआत अलवर के एक बीयर बार से की। ठगों ने सबसे पहले बार के मालिक प्रदीप सोलंकी को ही अपने झांसे में लिया। फिर उसके कई बिजनेसमैन दोस्तों और बार में आने वाले लोगों को 10 गुना मुनाफे का लालच देकर फंसाया। ट्रांसपोर्ट नगर के रहने वाले प्रदीप सोलंकी ने बताया- राजेश सैनी और हीना सैनी अक्सर बार में आते थे। दोनों ने क्रिप्टोकरेंसी नेक्सा, BELOVW, BFIC, NRK के बारे में बताया। ठगों ने कहा था- जितने भी कॉइन खरीदोगे 6 महीने में दोगुना हो जाएंगे। बीयर बार मालिक के 35 लाख हड़पे आरोपियों ने दावा किया कि नीचे लोगों को जोड़ेंगे तो एक साल में 4 गुना मुनाफा हो जाएगा। ज्यादा लोगों को जोड़ा तो पैसे 10 गुना भी हो सकते हैं। झांसे में आकर प्रदीप सोलंकी ने 35 लाख रुपए का इंवेस्टमेंट कर दिया। इसके अलावा अपने दोस्तों के भी लाखों रुपए इंवेस्ट करवाए। सभी को शुरुआत में 1 से 2 लाख का मुनाफा दिया। इससे उन पर विश्वास हो गया। इसके बाद और रुपयों का इन्वेस्टमेंट किया्, लेकिन मुनाफा आना बंद हो गया। अब ठगों ने अपने मोबाइल नंबर भी बदल लिए हैं। उनसे कॉन्टैक्ट भी नहीं हो पाता। दुबई में पार्टी करवाई, ऑफिस भी होने का दावा प्रॉपर्टी डीलर पूनखर (अलवर) के रहने वाले रामकिशोर यादव ने बताया- राजेश मेरे पास प्लॉट लेने के बहाने आया था। उसने प्लॉट भी खरीदा था। इसी दौरान उसने मुझे क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बताया। कहा कि इसमें 1 रुपए लगाने पर 10 रुपए का मुनाफा होता है। झांसे में आकर मैंने 7 लाख रुपए का इंवेस्टमेंट कर दिया। इसके बाद राजेश 2024 में अलवर से करीब 200 लोगों को लेकर दुबई गया था। पार्टी में अलवर, दौसा, जयपुर, एमपी, बिहार, यूपी, कोलकाता सहित पाकिस्तान के लोग भी थे। करीब चार दिन रमाडा होटल में रूकवाया। वहां क्रूज पर घुमाया। डांस पार्टी करवाई। वहां मीटिंग की, जिसमें क्रिप्टो के नाम पर अलग-अलग करेंसी में निवेश करने के फायदे बताए थे। वहां खुद का फर्जी ऑफिस भी दिखाया गया। वहां से आने पर जो भी पैसे लगे थे, वो देने से मना कर दिया। मेरा करीब 9 लाख और दोस्तों का 20 लाख का नुकसान हुआ। बेटी की शादी के रुपए गंवाए, कोई रिटर्न नहीं मिला ठगी का शिकार एक और पीड़ित राहुल कंसाला ने बताया- राजेश सैनी ने मुझे और मेरे दोस्तों को फंसाकर करीब 23 लाख रुपए लिए हैं। मेरे एक दोस्त की बेटी की शादी थी। वो भी इसके चंगुल में फंस गया और 8 लाख रुपए इंवेस्ट कर दिए। इसके बदले कोई मुनाफा नहीं हुआ और न ही मूल रुपए वापस मिले।वो अपनी बेटी की भी शादी नहीं कर पाया। वहीं, एक और पीड़ित इमरत खान (अलवर) ने बेटी की शादी के लिए जमा किए 7 लाख रुपए लगाए थे। उन्हें भी रिटर्न नहीं मिला है। दावा- ये लोग भी ठगी का शिकार ठगों से अर्जुन सोलंकी (दिल्ली) ने 2 लाख रुपए की BELOW करेंसी खरीदी थी। इन्हें एक रुपया भी वापस नहीं मिला। वहीं, विपिन कुमार (दिल्ली) ने 2 लाख रुपए 2022 में लगाए थे। कोई पैसा वापस नहीं मिला। रामकिशोर यादव (अलवर) ने 9 लाख रुपए BELVW व NRK में लगाए थे। उसे केवल ढाई लाख रुपए वापस मिले थे। बाकी साढ़े 6 लाख रुपए नहीं मिले। पुष्पेंद्र पटेल (अलवर) ने 3 लाख रुपए 2022 में खर्च किए थे। उसे एक रुपया वापस नहीं मिला। मोनू सेन (अलवर) ने 1 लाख रुपए 2022 में लगाए थे। इसके अलावा विमल तिवारी (अलवर) 50 हजार रुपए लगाए थे।मोनू कालरा (अलवर) ने 2023 में करीब साढ़े 3 लाख रुपए लगाए थे। दिनेश किराड़ (अलवर) ने करीब 3 लाख रुपए निवेश किए थे। इनके अलावा अलवर के ही रहने वाले बृजेश सैनी और संगीता मीना ने भी 5 और 10 लाख रुपए इंवेस्ट किए थे। इन्होंने दर्ज करवाया केस अलवर के रहने वाले प्रदीप कुमार सोलंकी, बृजेश सैनी, संगीता मीणा, आशीष, गौरव और किशोर यादव ने कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं, एक मुकदमा प्रदीप कुमार ने अरावली विहार थाने में दर्ज कराया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। अब तक आरोपियों से पूछताछ नहीं हुई है।
पंकज त्रिपाठी और श्वेता बसु की जोड़ी 29 मई को वेब सीरीज ‘क्रिमिनल जस्टिस’ का चौथा सीजन लेकर आ रहे हैं। इस बार इसमें उनके साथ दिखेंगी एक्ट्रेस सुरवीन चावला। इस शो का पहला सीजन साल 2019 में आया था। 7 साल बाद भी इस लीगल ड्रामा को लेकर ऑडियंस में क्रेज बरकरार है। हर सीजन में माधव मिश्रा के किरदार को ऑडियंस का खूब प्यार मिला है। पंकज त्रिपाठी और श्वेता बसु को ऑन स्क्रीन दांव पेंच को ऑडियंस ने तीसरे सीजन में खूब पसंद किया था। दैनिक भास्कर से कलाकारों ने शो और किरदारों को लेकर बातचीत की है। पंकज, आपके चेहरे में आम आदमी वाला एहसास है, जिससे हर कोई कनेक्ट हो जाता है। इस बात को मेंटेन करना कितना मुश्किल है? बहुत मुश्किल नहीं है। मेरे जैसा होने के लिए एफर्ट लगाने की जरूरत नहीं होती है। मैं रील और रियल दोनों जगह इस चीज को मेंटेन करता हूं। मेरे साथ दूसरी चुनौतियां हैं। मैं एक्टर हूं और मेरे अंदर वो एक्टर वाला एलिमेंट क्यों नहीं आता है? मेरे अंदर क्या केमिकल लोचा है। मूडी, थोड़ा गुस्सैल, स्टाइलिश, एटीट्यूड दिखाना, ये सब एक्टर एलिमेंट होते हैं। मेरे अंदर ये बात आज तक नहीं आ पाई। मैं बहुत बोरिंग इंसान हूं। मेरी वाइफ को भी बोरिंग इंसान लगता हूं। श्वेता, क्रिमिनल जस्टिस में आपने एक तेज तर्रार प्रॉसिक्यूटर का रोल निभाया है। इसके लिए क्या तैयारियां रहीं? मैं हर किरदार के लिए एक बेसिक तैयारी करती हूं और एक बैक स्टोरी लिखती हूं। सीजन 3 में मैंने किरदार अगस्त्य के लिए भी लिखा था कि वो कहां पली-बढ़ी है। पेरेंट्स के साथ रिश्ते कैसे हैं, दोस्त कैसे हैं, पढ़ाई कितनी की है? उसे किस तरह का म्यूजिक पसंद है, किन रंगों के कपड़े पहनती है। मेरे लिए किरदार को स्क्रिप्ट के अलावा जानना बहुत जरूरी होता है। अगर बतौर एक्टर में उस किरदार को नहीं जानती हूं फिर मेरे लिए उसे ऑडियंस के सामने लाना बहुत मुश्किल होगा। मैंने कभी थियेटर नहीं किया है लेकिन करना चाहती हूं। मुझे लाइव परफॉर्मिंग आर्ट देखना बहुत पसंद है। क्रिमिनल जस्टिस मेरे लिए पहला एक्सपीरियंस है, जिसका थिएट्रिकल सेटअप है। मेरे लंबे और ब्लॉकिंग सीन्स हैं। इस में लंबे मोनोलॉग हैं। लाइन्स बहुत टेक्निकल हैं। इन सारी बातों का मैंने खूब फायदा उठाया है। मेरी कोशिश रहती है कि जब मेरे पास स्क्रिप्ट आ जाए तो मैं उसे बार-बार पढ़ूं। जैसे खाने को बनाने से पहले मैरिनेट करते हैं, वैसे ही मैं सेट पर मैरिनेट होकर पहुंचती हूं। पंकज के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा? श्वेता- पंकज जी सीनियर और दिग्गज एक्टर हैं। इसके अलावा कमाल के को एक्टर और इंसान भी हैं। सेट पर इनके साथ काफी पढ़ाई, म्यूजिक और लाइफ के बारे में अच्छी बातें होती हैं। इनके अंदर कोई एटीट्यूड, गुस्सा या नखरे नहीं हैं। एक तरह से बहुत बोरिंग इंसान हैं। ये सिर्फ शास्त्रीय संगीत, लिटरेचर पर बात करते हैं। सुरवीन आपका किरदार बहुत लेयर्ड है। इस किरदार से निकलने में कितनी मुश्किल हुई? मेरे साथ ऐसा है कि मैं जब तक किसी रोल को निभा रही होती हूं, वो मेरे अंदर रहता है। जैसे ही किरदार खत्म होता है, मैं उससे बाहर आ जाती हूं। मैंने एक बार किरदार छोड़ दिया फिर वो छूट ही जाता है। मैं ज्यादा वक्त तक उस किरदार में रह नहीं पाती। सीजन-4 में अंजू एक किस्म की इमोशनल कोर भी है। उसकी लाइफ के कुछ फैसले, गलत को सही से परे करना, ये सारी बातें शो के दौरान कठिन और सरप्राइजिंग रहा। मुझे इस शो के कास्ट एंड क्रू के साथ काम करके बहुत मजा आया। मैंने इस चीज को बहुत एंजॉय किया। सीन कट होने के बाद हम सबकी जो एनर्जी होती थी, वो यादगार रहेगी। शायद, इस वजह से भी मैं अपने किरदार से आसानी से निकल जाती थी। इस शो में आप सबके लिए सबसे यादगार क्या रहा? पंकज- रोहन सिप्पी जिस तरह से अपने एक्टर्स और यूनिट को हैंडल करते हैं, वो वाकई में कमाल होता है। उनके साथ काम करना अपने आप में एक यादगार पल है। कभी नहीं लगा कि हम कुछ बड़ा या बहुत भारी टास्क कर रहे हैं, जबकि 6-7 एपिसोड काफी भारी हैं। इसके अलावा खुशकिस्मती कहिए, पूरी कास्ट भी कमाल की मिली है। सीन कट होने के बाद सबसे एक अलग बॉन्डिंग थी। सेट पर एक घरेलू माहौल होता था। रोहन की जितनी तारीफ की जाए वो कम है। वो बड़ा से बड़ा सीक्वेंस इतनी आसानी से करा लेते थे। सुरवीन- रोहन सर की एक और बात है, जो उन्हें अलग बनाती है। वो जो भरोसा हम पर रखते थे, ऐसा लगता था कि किरदार का पकड़ हमारे हाथ में है। ऐसा भरोसा अगर एक डायरेक्टर अपने एक्टर्स के हाथ में सौंप दे तो मजा दोगुना हो जाता है। पंकज, आपके डायलॉग मीम कल्चर का हिस्सा हैं। इस शो में भी ऐसे कई डायलॉग हैं। ये स्क्रिप्ट में होता है या आप खुद क्रिएट करते हैं। मैं खुद भी जोड़ता हूं। इस शो का किरदार माधव हिंदी इलाके से आता है। मुंबई के मीरा रोड में रहकर सर्वाइवल की लड़ाई लड़ रहा है। यहां रहते हुए वो मुंबई की भाषा बोलने लगा है। मुंबईकर होने के बाद भी, वो अपने गांव-घर वाले मुहावरे बोलता है। जैसा कि श्वेता ने कहा कि वो किरदार की तैयारी करती हैं। ठीक वैसे मैं भी जो बिहारी मुहावरे में जानता हूं, वो माधव के मुंह से बुलवाता हूं। पंकज, जब आपको पहली बार कहानी नेरेट की गई थी, तब आपको लगा था कि ये इंडिया को लांगेस्ट रनिंग सीरीज बन जाएगी। मुझे बिल्कुल ऐसा नहीं लगा था। कहानियां अच्छी हैं इसलिए लोगों को पसंद आती हैं। मैं अपनी बात करूं तो मुझे चौथे सीजन की कहानी बहुत पसंद आई। मैंने पहला एपिसोड सुनकर बोल दिया था कि बढ़िया कहानी है। लीगल ड्रामा इसलिए भी लोगों को पसंद आ रहा क्योंकि उन्हें नई- नई चीजें पता चलती हैं।
जस्टिस तरलोक झारखंड हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश बनाए गए
हिमाचल हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक सिंह चौहान झारखंड हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस बनाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सोमवार को हुई बैठक में इसकी सिफारिश की गई। जिसपर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुहर लगा दी है। झारखंड के अलावा मध्य प्रदेश, दिल्ली और पटना हाईकोर्ट में भी चीफ जस्टिस की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की गई है। जस्टिस तरलोक हिमाचल हाईकोर्ट में दो बार कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की भूमिका निभा चुके हैं। 9 जनवरी 1964 को शिमला के रोहडू में उनका जन्म हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से हुई। डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ से ऑनर्स के साथ स्नातक, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद वर्ष 1989 में वकील बने। 3 फरवरी 2014 को हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के बाद 30 नवंबर 2014 को स्थायी जज बनाए गए। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने की सिफारिश
इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने महानिबंधक से दो दिन में रिपोर्ट मांगी है। महानिबंधक को पत्र लिखकर जस्टिस चौहान ने कहा है कि पीएस अभिषेक सिंह ने पुलिस पर अपने पक्ष में दबाव बनाने के लिए उनके नाम का गलत इस्तेमाल क्यों किया। उनसे स्पष्टीकरण लेकर दो दिन में रिपोर्ट पेश करे। कहा गया है कि अभिषेक सिंह ने खुद को उनका निजी सचिव बताते हुए पुलिस प्रशासन से कुछ लाभ लेने का प्रयास किया। इस आशय के दो ऑडियो रिकॉर्डिंग भी न्यायाधीश को प्राप्त हुई हैं। न्यायमूर्ति ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि इस प्रकार की अनुचित गतिविधि किसी भी अधिकारी से अपेक्षित नहीं है। उन्होंने निर्देश दिया कि अभिषेक सिंह से यह पूछा जाए कि उन्होंने बिना अनुमति पुलिस अधिकारियों से बात करते हुए उनका नाम कैसे लिया और इसका विवरण दो दिन के भीतर प्रस्तुत किया जाए। प्रतिलिपि रजिस्ट्रार (प्रोटोकॉल) व पी.पी.एस. (प्रशासन), हाईकोर्ट इलाहाबाद को भी भेजी गई है।
हिमाचल हाईकोर्ट के जस्टिस तरलोक सिंह चौहान झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस होंगे। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की आज (सोमवार) हुई मीटिंग में इसकी सिफारिश की गई। झारखंड के अलावा मध्य प्रदेश, दिल्ली, पटना हाईकोर्ट में भी चीफ जस्टिस की तैनाती की सिफारिश की गई है। तरलोक चौहान, हिमाचल हाईकोर्ट में भी दो बार कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की भूमिका निभा चुके हैं। 9 जनवरी 1964 को शिमला जिला के रोहडू में उनका जन्म हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से हुई। इस दौरान वे स्कूल के कैप्टन भी रहे। DAV कॉलेज चंडीगढ़ से ऑनर्स के साथ स्नातक, पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से कानून की डिग्री प्राप्त करने के बाद वर्ष 1989 में वकील बने। लाला छबील दास वरिष्ठ अधिवक्ता के प्रख्यात चैंबर में शामिल हुए। प्रदेश हाईकोर्ट में वकालत शुरू करते हुए कानून के सभी क्षेत्रों में महारत हासिल की। कई पदों पर रहे, कोर्ट मित्र भी बनाए गए राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड और राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अलावा कई बोर्डों, निगमों, वित्तीय संस्थानों, सार्वजनिक और निजी कंपनियों, शैक्षिक संस्थानों और सहकारी समितियों व विभिन्न विभागों के कानूनी सलाहकार रहे। विभिन्न लोक अदालतों के सदस्य बने। हाइड्रो प्रोजेक्ट्स, रोपवे, पर्यावरण कानूनों के उल्लंघन, प्लास्टिक और तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन परियोजनाओं के कार्यान्वयन और हिमाचल प्रदेश में सड़क निर्माण नीति के निर्धारण से संबंधित कई महत्वपूर्ण मामलों में सहयोग के लिए हाईकोर्ट द्वारा कोर्ट मित्र नियुक्त किए गए। 2014 में हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बने 23 फरवरी 2014 को हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज के बाद 30 नवंबर 2014 को वे हाईकोर्ट के स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। इन्होंने 5 मई 2014 से हाईकोर्ट की जुवेनाइल जस्टिस कमेटी के अध्यक्ष रहते बाल / बालिका आश्रम, हिमाचल के अस्पताल, मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वासन शिमला और हिमाचल प्रदेश के वृद्धाश्रम के बच्चों के कल्याण और हित के लिए कार्य किया। विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लेने के अलावा 21 फरवरी 2020 से 23 फरवरी 2020 तक न्यायपालिका और बदलती दुनिया विषय पर सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में सम्मेलन का हिस्सा रहे, जिसमें वे 3 उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों में से एक सदस्य थे। 13 से 17 मई 2019 तक रोमानिया में बच्चों के लिए देखभाल और सुरक्षा सेवाओं के सुधार पर अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण विनिमय कार्यक्रम का हिस्सा रहे। वे हाईकोर्ट के पहले न्यायाधीश हैं, जिन्होंने विदेशों में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है। न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष भी रहे तरलोक चौहान 12 नवंबर 2016 से गवर्निंग काउंसिल के और हिमाचल प्रदेश नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी शिमला की कार्यकारी परिषद के सदस्य भी रहे। 18 नवंबर 2018 से 13 मार्च 2020 तक न्यायिक अकादमी के अध्यक्ष रहे। हाईकोर्ट में कंप्यूटर और ई-कोर्ट कमेटी के प्रमुख होने के कारण हाईकोर्ट के साथ-साथ अधीनस्थ न्यायालयों में कम्प्यूटरीकरण काे भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का श्रेय इन्हें जाता है।
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने देश की सर्वोच्च अदालत के लिए तीन हाईकोर्ट जजों के नाम प्रस्तावित किए हैं। यह अनुशंसा मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई की अध्यक्षता में हुई, जिन्होंने हाल में निवर्तमान सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ का स्थान लिया है। कॉलेजियम के इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या बढ़ने की संभावना है, जिससे न्यायिक कार्यक्षमता को मजबूती मिलेगी। इनके नाम की भेजी सिफारिश जस्टिस विजय बिश्नोई फिलहाल गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं। इनका मूल हाईकोर्ट राजस्थान है। विजय बिश्नोई ने जुलाई 1989 में वकालत शुरू की थी और राजस्थान हाईकोर्ट व सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल, जोधपुर में विभिन्न मामलों की पैरवी की। वे भारत सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील भी रहे हैं। 2013 में राजस्थान हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त हुए थे। 2015 में स्थायी न्यायाधीश बनें। 5 फरवरी 2024 को उन्होंने गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ ली थी। जस्टिस एन. वी. अंजारिया वर्तमान में कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं। इनका मूल हाईकोर्ट गुजरात है। अंजारिया ने अगस्त 1988 में गुजरात हाईकोर्ट में वरिष्ठ वकील एस. एन. शेलत के साथ वकालत शुरू की थी। वे संवैधानिक, सिविल, श्रम और सेवा मामलों में विशेषज्ञ माने जाते हैं। कई सरकारी संस्थाओं के स्थायी वकील भी रहे हैं। उन्हें 2011 में गुजरात हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया और 2013 में स्थायी न्यायाधीश नियुक्त हुए। 25 फरवरी 2024 को उन्होंने कर्नाटक हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी। जस्टिस अतुल एस. चंदुरकर बॉम्बे हाईकोर्ट के वरिष्ठ जज हैं। चंदुरकर ने 1988 में वकालत शुरू की और बाद में नागपुर स्थानांतरित होकर विविध कानूनी मामलों में विशेषज्ञता हासिल की। वे बॉम्बे हाईकोर्ट में 2013 से न्यायाधीश के रूप में कार्यरत हैं।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में महिला के साथ सेक्सटॉर्शन किया गया। साइबर ठगों ने पहले महिला को पोर्न वीडियो देखने पर केस दर्ज होने का डर दिखाया। उससे 8 लाख 45 हजार अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए। डरा धमकाकर पैसों की डिमांड करते रहे। शुरुआत में बदनामी के चलते महिला ने पैसे दे दिए। हालांकि बाद में सिविल लाइन थाने में शिकायत की। CSP निमितेश सिंह ने बताया कि, सिविल लाइन क्षेत्र निवासी महिला ने शिकायत में बताया कि, करीब एक सप्ताह पहले उसके मोबाइल पर अनजान नंबर से कॉल आया। फोन करने वाले ने खुद को क्राइम ब्रांच का अफसर बताया। कथित अफसर ने महिला से कहा कि, वो बच्चों की पोर्न वीडियो देखती है। उनके खिलाफ थाने में केस दर्ज किया गया है। यह आरोप सुनकर महिला हैरान रह गई और डर गई। किसी को बताने पर घर में छापेमारी की दी धमकी कथित अफसरों ने महिला को अलग-अलग तरीकों से धमकी दी। कहा कि जांच में सहयोग नहीं करने पर उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। ठगों ने कहा कि, घटना की जानकारी किसी से शेयर न करें, नहीं तो टीम उसके घर तक पहुंच जाएगी। जिसके बाद जेल भी जाना पड़ सकता है। डिजिटल अरेस्ट करने की धमकी, ऑनलाइन ट्रांसफर कराए पैसे उनकी बातों को सुनकर महिला दहशत में आ गई। कथित अफसरों की धमकी से डर कर उन्होंने घटना की जानकारी अपने परिजन को भी नहीं दी। वहीं, ठगों ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट करने की भी धमकी दी। जिसके बाद महिला से किश्तों में 8 लाख 45 हजार रुपए बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए। पैसों की डिमांड सुनकर पहुंची थाने डर और बदनामी के चलते महिला ने ठगों को 8 लाख 45 हजार रुपए दे दिए। लेकिन, इसके बाद भी ठगों ने दबाव डालकर पैसों की डिमांड की। जिससे महिला परेशान हो गई। आखिरकार, वो अपनी शिकायत लेकर सिविल लाइन थाने पहुंच गई। जिस पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। कानून में नहीं है इस तरह का प्रावधान, इसलिए सतर्क रहें
प्राइम वीडियो ने अपनी नई हिंदी ओरिजिनल इन्वेस्टिगेटिव क्राइम थ्रिलर फिल्म 'स्टोलन' के प्रीमियर की घोषणा कर दी है। फिल्म का एक्सक्लूसिव ग्लोबल प्रीमियर 4 जून को होगा। एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर्स - अनुराग कश्यप, किरण राव, निखिल आडवाणी और विक्रमादित्य मोटवानी की एक प्रशंसित टीम द्वारा समर्थित - स्टोलन करण तेजपाल की निर्देशन में बनी पहली फिल्म है और जंगल बुक स्टूडियो के लिए गौरव ढींगरा द्वारा निर्मित की गई है। फिल्म की कहानी करण तेजपाल ने स्वप्निल सालकार - अगड़बम और गौरव ढींगरा के साथ मिलकर लिखी है। कहानी दो आधुनिक सोच वाले भाइयों की है जो ग्रामीण भारत के एक रेलवे स्टेशन पर एक गरीब मां के बच्चे का अपहरण होते हुए देखते हैं। नैतिक जिम्मेदारी से प्रेरित होकर, एक भाई दूसरे को इस मां की मदद करने और बच्चे को ढूंढने की इस जोखिम भरी खोज में साथ देने के लिए मना लेता है। View this post on Instagram A post shared by prime video IN (@primevideoin) इस दमदार कहानी को अभिषेक बनर्जी, हरीश खन्ना, मिया मैल्जर, साहिदुर्रहमान और शुभम जैसे प्रमुख कलाकारों द्वारा जीवंत किया गया है, स्टोलन का प्रीमियर 4 जून को प्राइम वीडियो पर भारत में और दुनिया भर के 240 से अधिक देशों और क्षेत्रों में किया जाएगा। वेनिस फिल्म फेस्टिवल में दमदार डेब्यू के साथ स्टोलन ने जबरदस्त शुरुआत की, जहां इसे स्टैंडिंग ओवेशन मिला, इसके बाद फिल्म ने दुनियाभर के कई फिल्म फेस्टिवल्स में शानदार सफर तय किया और खूब सराहना और पुरस्कार हासिल किए। बीजिंग इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इसे सर्वश्रेष्ठ निर्देशक, सर्वश्रेष्ठ सिनेमेटोग्राफी और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला। जापान के स्किप सिटी इंटरनेशनल डी-सिनेमा फेस्टिवल में इसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार मिला। ज्यूरिख फिल्म फेस्टिवल ने भी स्टोलन को विशेष उल्लेख से सम्मानित किया, जिससे वैश्विक मंच पर इसकी प्रतिष्ठा और मजबूत हुई। भारत में, इस फिल्म का प्रीमियर जियो मामी मुंबई फिल्म फेस्टिवल में हुआ और बाद में इसे 28वें केरल इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में दिखाया गया। View this post on Instagram A post shared by Abhishek Banerjee (@nowitsabhi) प्राइम वीडियो इंडिया के निदेशक और कंटेंट लाइसेंसिंग प्रमुख मनीष मेंघानी ने कहा, स्टोलन प्राइम वीडियो की उस प्रतिबद्धता का उदाहरण है, जिसमें हम बेबाक और अर्थपूर्ण कहानियों को आगे लाने में विश्वास रखते हैं। यह थ्रिलर सिर्फ़ मनोरंजक नहीं है, बल्कि समाज को एक आईना दिखाती है—न्याय, ट्रॉमा और मानवीय लचीलेपन के शक्तिशाली विषयों पर प्रकाश डालती है। फिल्म को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित फिल्म महोत्सवों में मान्यता मिली है। अनुराग कश्यप ने कहा, जो सिनेमा मजबूत, निडर, अथक और भावनात्मक रूप से बेहद सच्चा होता है, ऐसा सिनेमा पहले ही फ्रेम से अपनी ओर खींच लेता है और अंत तक नहीं छोड़ता, स्टोलन ने मेरे साथ ठीक यही किया। इस फिल्म की जो बात मुझे सबसे ज़्यादा पसंद है, वह है इसका परंपराओं में ढलने से इनकार करना। मेरे लिए सिनेमा को बेखौफ़ होना चाहिए, और करण तेजपाल ने एक ऐसी फिल्म बनाई है जो उस भावना को पूरी तरह से दर्शाती है। मुझे खुशी है कि इसे प्राइम वीडियो जैसा मंच मिला है, और अब पूरी दुनिया इस जबरदस्त थ्रिलर को देख सकेगी। किरण राव ने कहा, स्टोलन एक ऐसी असाधारण फिल्म है जो रोमांचक कहानी की कसावट को गहरे मानवीय भावनाओं के साथ जोड़ती है। फिल्म देखने के बाद भी झुम्पा का किरदार मेरे साथ लंबे समय तक रहा— उसकी नाजुकता और संघर्षशीलता इस बात की याद दिलाती है कि ताकत सबसे अनपेक्षित जगहों पर भी होती है। यह उस खास तरह की फिल्म है जो दर्शकों को हर फ्रेम के साथ और भी अधिक आकर्षित करती है और मन मोह लेती है। इस प्रभावशाली फिल्म को प्राइम वीडियो पर लाना मेरे लिए बहुत ही खुशी की बात है, और मैं इसे समर्थन देने के लिए खुद को सौभाग्यशाली महसूस करती हूं।
जस्टिस यशवंत वर्मा को लेकर जांच कमेटी की रिपोर्ट RTI के तहत नहीं होगी सार्वजनिक, SC ने किया इंकार
SC on Justice Yashwant Verma Case: सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में जांच कमेटी की रिपोर्ट को सूचना के अधिकार (RTI) के तहत सार्वजनिक नहीं करने का निर्णय लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने ये अनुरोध ठुकरा दिया है.
इंदौर के बाणगंगा पुलिस ने एक कंपनी के जीएम की शिकायत पर मामला दर्ज किया। इस मामले में क्राइम ब्रांच की टीम भी जांच कर रही है। बता दें कि ये मामला रैनसमवेयर अटैक का है। इस अटैक में आपका डेटा लॉक हो जाता है और आप इसका इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। इसके डिटेक्ट करना भी मुश्किल होता है। ऐसी स्थिति में हैकर आपसे पैसों की डिमांड करता है। बाणगंगा थाना क्षेत्र में स्थित एक कंपनी के जीएम ने मामला दर्ज कराया है। 22 मई को जब वे अपनी कंपनी पहुंचे तो कंपनी के आईटी विभाग के इंचार्ज अधिकारी ने बताया कि उनकी कंपनी का कोई भी सिस्टम चल नहीं रहा है। पूरा सिस्टम लॉक हो गया है। ऐसा लग रहा है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने कंपनी का मेन सर्वर हैक कर लिया है। मेन सर्वर की स्क्रीन पर इंग्लिश में मैसेज लिया था कि आपका डेटा चोरी हो गया है, यदि आपके द्वारा रैनसम पे नहीं किया तो मेरे द्वारा आपका डेटा पब्लिश कर दिया जाएगा। हैकर ने प्रोटोन मेल और काक मेल आईडी MichaelEhoseal1982@cock.li व MichaelEhoseal1982@protonmail.com शेयर की है। इस आईडी का इस्तेमाल करने वाले कंपनी का मेन सर्वर सिस्टम हैक कर लिया है। समय-समय पर बदल लेता है कोड, डिटेक्शन टफ होता है क्राइम ब्रांच इंदौर एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि कंपनी के जीएम की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है। मेन सर्वर को हैक कर रैनसम पे की डिमांड की जा रही है। ये बेसिकली रैनसमवेयर अटैक है, जो काफी खतरनाक अटैक होता है। जब आपके सिक्योरिटी प्रोटोकॉल पूरी तरह से सेफ नहीं होते है तो ऐसी स्थिति में ये अटैक होता है। यह अपने आपको फाइल में हाइड कर लेता है और मेमोरी में रहता है। इसलिए इसको डिटेक्ट करना मुश्किल होता है। समय-समय पर ये तत्काल अपना कोड बदल लेता है। ऐसी स्थिति में डिटेक्शन काफी टफ हो जाता है। यह एक तरह का वायरस होता है। ये आपके सिस्टम को उसके पूरे डेटा को लॉक कर देता है और उसे अपने कंट्रोल में ले लेता है। संबंधित कंपनी का कंट्रोल उससे खत्म हो जाता है। डेटा अनलॉक करने के लिए ये रैनसम मांगते है। इस मामले में जांच की जा रही है कि किस माध्यम से मेन सर्वर को रैक किया गया है। बाणगंगा पुलिस से जानकारी मांगी है, क्राइम ब्रांच की टीम इसमें लगी है। कंपनी भी कर रही अपनी कोशिश इधर, जिस कंपनी का मेन सर्वर हैक हुआ है। उस कंपनी के अधिकारी भी इसमें अपने प्रयास कर आगे की प्रोसेस कर रहे हैं, ताकि इस स्थिति से बाहर निकल सके। संभवत: सोमवार को कंपनी के अधिकारी इसमें आगे की प्रोसेस करेंगे। वहीं क्राइम ब्रांच की टीम भी इसमें अपनी तरफ से प्रयास कर रही है। रैनसमवेयर का पहला मामला बेकर्स हॉस्पिटल रिव्यू वेबसाइट के मुताबिक, दुनिया का पहला रैनसमवेयर अटैक 1989 में हुआ था। इसे एड्स रिसर्चर जोसेफ पोप ने अंजाम दिया था। जोसेफ ने दुनिया के 90 देशों में 20 हजार फ्लॉपी डिस्क बंटवाई। उन्होंने कहा कि इस डिस्क में एड्स के खतरों का एनालिसिस है। डिस्क में एक मालवेयर प्रोग्राम भी था, जो उन सभी कंप्यूटर्स में एक्टिव हो गया। डेटा के बदले उस वक्त 189 डॉलर की फिरौती मांग गई थी। इस रैनसमवेयर अटैक को AIDS Trojan के नाम से जाना जाता है। भारत के बड़े रैनसमवेयर हमले
इंदौर क्राइम ब्रांच ने 1.048 किलोग्राम चरस के साथ शनिवार रात दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों में अब्दुल रईस (48 वर्ष) निवासी बड़वानी और मोहम्मद बाबर (40 वर्ष) निवासी मल्हार पलटन शामिल हैं। दोनों आरोपी चरस की सप्लाई के इरादे से इंदौर आए थे। एडिशनल डीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम संदिग्ध वाहनों की चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान लक्ष्मीबाई नगर रोड स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में एक संदिग्ध कार नजर आई। कार में बैठे दोनों व्यक्ति पुलिस को देखकर घबरा गए, जिससे संदेह और गहरा गया। पुलिस टीम ने तत्परता दिखाते हुए घेराबंदी कर कार को रोका और तलाशी ली। जिसमें उनके पास से 1.048 किलोग्राम चरस बरामद हुई। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों ने खुलासा किया कि वे स्वयं भी नशा करते हैं और सस्ते दामों पर चरस लाकर शहर में सप्लाई करने की योजना बना रहे थे। क्राइम ब्रांच ने आरोपियों के कब्जे से एक हुंडई कार भी जब्त की है। जब्त चरस की कीमत 3 लाख रुपए बताई जा रही है। वहीं 4 लाख की कार भी जब्त की गई है। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ जारी है और पुलिस यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि इनके संपर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। पुराना रिकॉर्ड खंगाल रही पुलिस एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने बताया कि आरोपी चरस कहां से लेकर आ रहे थे और कहां सप्लाई करना थी, इसे लेकर पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा आरोपियों के पुराने रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। ताकि पता चल सके कि आरोपी नशीले पदार्थों का कारोबार तो नहीं करते हैं। कबाड़ और दर्जी का काम करते हैं आरोपी आरोपी अब्दुल रईस ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि वह शर्ट में काज-बटन लगाने का काम करता है। जल्दी रुपए कमाने के इरादे से चरस की तस्करी में शामिल हो गया। आरोपी के विरुद्ध थाना सदर बाजार एवं मल्हारगंज में लड़ाई-झगड़े, जान से मारने की धमकी, जुआ एक्ट में 2 अपराध पहले से पंजीबद्ध हैं। वहीं मोहम्मद बाबर कबाड़ी का काम करता है। जल्दी रुपए कमाने के इरादे से चरस तस्करी में शामिल हो गया। आरोपी के विरुद्ध थाना सदर बाजार में NDPS एक्ट में पहले से अपराध पंजीबद्ध है।
साइबर क्राइम के शिकार बच्चे व महिलाओं को अवसाद से बचाने में मददगार होगा सपोर्ट सेंटर
कमिश्नरेट कैंपस में बने पहले साइबर सपोर्ट सेंटर का शनिवार को डीजीपी यूआर साहू व साइबर क्राइम के डीजी डॉ. हेमंत प्रियदर्शी ने उद्घाटन किया। ये सेंटर कोगटा फाउंडेशन के सहयोग से जयपुर पुलिस और रेस्पोंसिबल नेटिजन्स संचालित करेंगे। डीजीपी साहू ने कहा कि ऑनलाइन खतरों की बढ़ती चुनौतियों से निपटने की दिशा में यह सेन्टर एक सशक्त माध्यम बनेगा। यह अग्रणी केन्द्र ऑनलाइन उत्पीड़न से मुकाबला करने, साइबर अपराधों के पीड़ितों को तत्काल सहायता प्रदान करने और साइबर सेफ जयपुर अभियान के अंतर्गत साइबर वैलनेस को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया है। सेंटर का उद्देश्य डिजीटल उत्पीड़न से उत्पन्न दीर्घकालीन मानसिक और भावनात्मक प्रभावों से निपटना होगा। सभी आयु वर्ग के नेटिजन्स के लिए बनेगा मददगार पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि यह सेंटर सभी आयु वर्ग के नेटिजन्स के लिए मददगार बनेगा। यह कानून प्रवर्तन एवं डिजीटल सिस्टम्स में विश्वास को मजबूत करते हुए पीड़ितों को न्याय और रिहेबलिटेशन की दिशा में काम करेगा। इसके लिए 8764866039 व 8764866040 पर संपर्क कर सकते हैं। साइबर सपोर्ट सेंटर का उद्देश्य मुफ्त मनोवैज्ञानिक, कानूनी और तकनीकी सहायता प्रदान करना, शिक्षा, प्रशिक्षण और जागरूकता अभियानों के माध्यम से साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देना है। साइबर अपराधों के मानसिक प्रभाव से पीड़ित व्यक्तियों को परामर्श दिया जाएगा। कार्यक्रम में एडिशनल कमिश्नर कुंवर राष्ट्रदीप, डॉ. रामेश्वर सिंह, योगेश दाधीच, डीसीपी देवेन्द्र बिश्नोई, तेजस्वनी गौतम, अमित बुढानिया, कुंदन कंवरिया व शाहीन सी. कई अधिकारी मौजूद रहे। जागरूकता कार्यक्रम छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों, वरिष्ठ नागरिकों के लिए ऑनलाइन सुरक्षा सत्र। साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए जन जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय धोखाधड़ी से बचाव और डिजिटल पहचान सुरक्षा पर शिक्षित करना। पीडितों के लिए साइबर वैलनेस सहायता जैसे साइबर धोखाधड़ी, उत्पीड़न या डिजिटल हिंसा के पीड़ितों को तत्काल सहायता। तकनीकी व कानूनी सहायता अकाउंट रिकवरी, धोखाधड़ी रोकथाम व पुलिस रेफरल का काम करेंगे। साइबर उत्पीड़न के मामलों को हल करने में पीडितों की मदद करेंगे। अकाउंट रिकवरी, डिवाइस सुरक्षा के लिए काम देखेगी और आगे की जांच और कानूनी कार्यवाही के लिए स्थानीय साइबर पुलिस स्टेशनों को रेफरल। यहां पर मनोवैज्ञानिक ऑनलाइन उत्पीड़न, ट्रॉलिंग और इंटरनेट की लत के मामलों के लिए परामर्श देंगे। अत्यधिक ऑनलाइन जुड़ाव से जूझ रहे लोगों के लिए इंटरनेट और गेमिंग की लत का उपचार। पीडितों और उनके परिवारों को डिजिटल संकट के मानसिक प्रभावों से निपटने में सहायता।
जयपुर कमिश्नरेट कार्यालय में आज से साइबर सपोर्ट सेंटर शुरू किया गया है। इस सेंटर में साइबर ठगी के शिकार हुए लोगों की मदद की जाएगी। साइबर क्राइम से कई बार महिलाएं और बच्चे परेशान होकर अवसाद में चले जाते हैं। ऐसे में यह सेंटर इस तरह के पीड़ितों की काउंसलिंग करेगा। ट्रोमा से बाहर निकालने में मददगार साबित होगा। राजस्थान पुलिस के डीजीपी यूआर साहू, डीजी साइबर क्राइम हेमंत प्रियदर्शी ने इस सेंटर की शुरुआत की है। यह सेन्टर मुम्बई स्थित एनजीओ रेस्पोंसिबल नेटिजन्स द्वारा संचालित किया जाएगा। कोगटा फाउण्डेशन इसमें आर्थिक सहयोग करेगा। यह सेंटर ऑनलाइन ठगी के शिकार हुए लोगों को मुकाबला करने, साइबर अपराधों के पीड़ितों को तत्काल सहायता प्रदान करने और #CyberSafe Jaipur अभियान के अंतर्गत साइबर वेलनेस को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया है। साइबर अपराध से सबसे अधिक दो चार हो रहे हैं बच्चे साइबर क्राइम और उससे जुड़े आंकड़ों पर काम कर रही टीम ने बताया- साइबर स्पेस का उपयोग करने वाले 3 में से 1 बच्चे को ऑनलाइन बुलिंग का सामना करना पड़ता है। 70 प्रतिशत बच्चों को साइबर खतरों का हर स्टेज पर सामना करना पड़ा है। साइबर अपराध के 30 प्रतिशत मामले महिलाओं को लक्षित करते हैं। एनसीआरबी. के आंकड़ों के अनुसार फाइनेंस साइबर अपराध के मामलों में 24.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। अकेले साइबर धोखाधड़ी के कारण 2024 में 2054 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ। राजस्थान में हर साल लगभग 3000 साइबर मामले दर्ज किए जा रहे हैं। इनमें से 47.25 प्रतिशत पैसों से जुड़ा अपराध है। 30.16 प्रतिशत यूपीआई. घोटाले से सम्बन्धित है। 12 प्रतिशत सोशल मीडिया से सम्बन्धित है। 11 प्रतिशत यौन उत्पीड़न से सम्बन्धित है। साइबर अपराधों में लोगों ने पिछले तीन साल में 1581 करोड़ रुपए गवा दिए। समय पर हस्तक्षेप के कारण पुलिस 676 करोड़ रुपए होल्ड करा सकी है। साइबर हेल्पलाइन पर साइबर स्टॉकिंग, साइबर बुलिंग और अन्य प्रकार से परेशान किया जाता है। विशेष रूप से महिलाओं के शिकार होने के बारे में हर दिन लगभग 10/15 कॉल आते है। साइबर सेफ जयपुर का उद्देश्य 1. साइबर बुलिंग, ट्रोलिंग, साइबर स्टॉकिंग, रिवेंज पोर्न और ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी सहित ऑनलाइन संकट के पीड़ितों को मुफ्त मनोवैज्ञानिक, कानूनी और तकनीकी सहायता प्रदान करना। 2. शिक्षा, प्रशिक्षण और जागरूकता अभियानों के माध्यम से साइबर अपराधों के जोखिम को कम करने के लिए उपाय अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना। 3. इंटरनेट की लत,ऑनलाइन उत्पीड़न या साइबर अपराधों के मनोवैज्ञानिक प्रभावों से पीड़ित व्यक्तिओं के लिए उपचार की सेवा प्रदान करना। 4. एक सुरक्षित डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी एजेंसियों, कानून प्रवर्तन और कॉर्पोरेट क्षेत्र के साथ निरंतर जुड़ाव के माध्यम से साइबर कल्याण की वकालात करना।
साइबर ठग आए दिन लोगों को फंसाने के लिए नया तरीका अपना रहे है। इन दिनों ठग आपको वाट्सएप या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फोटो, ऑडियो या वीडियो या लिंक भेजते है। जैसे ही उस इमेज या ऑडियो आदि को ओपन या प्ले करते हैं, तो आपके मोबाइल का एक्सेस ठगों के पास चला जाएगा और आपका मोबाइल हैक हो जाएगा। इस तरह का साइबर अपराध इन दिनों कई लोगों के साथ हो चुका। इस संबंध में मुख्यालय की साइबर सैल ने एडवाइजरी जारी की है। साइबर क्राइम के डीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि इस बार हमारी सेल के साइबर कमांडो महेश कुमार ने रिसर्च कर एडवाइजरी बनाई है, जिसमें बताया गया कि फोन हैक होने के बाद आपके मोबाइल का एक्ससे ठगों के पास जाते ही ओटीपी लेकर आपके खाते से ठगी कर लेंगे। इसके पीछे एक ऐसी तकनीक कार्य करती है, जिसे स्टेग्नोग्राफी कहते है। स्टेग्नोग्राफी में किसी मैसेज या मैलिशियस फाइल को किसी दूसरी फाइल जैसे किसी फोटो या ऑडियो आदि के पीछे इस तरह छुपाया जाता है कि देखने वाले को पता ही न चले कि उसमें कोई कोड या कोई डेटा भी छुपा हुआ है। जैसे ही आप फोटो और वीडियो को डाउनलोड करते हैं वह कोड आपके फोन में सक्रिय हो जाएगा और एक्सेस उन तक पहुंच जाएगा। मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम और एप को अपडेट रखें फिशिंग लिंक्स ठग लुभावने ऑफर के साथ लिंक भेजते है। जिस पर क्लिक करते ही आप एक नकली वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं, जो देखने में असली जैसे होगी। जहां पर आप व्यक्तिगत जानकारी अपलोड करेंगे तो ठगों तक पहुंच जाएगी। डाउनलोडिंग स्कैम ठग आपको किसी व्यक्ति की फोटो भेजेंगे और पहचानने के लिए बोलते है। इसे पहचाने के लिए आप डाउनलोड करेंगे तो आपके मोबाइल का एक्सेस उनके पास पहुंच जाएगा। ऐसे बचें
साइबर क्राइम पीड़ितों की मदद व काउंसलिंग के लिए आज से शुरू होगा साइबर सपोर्ट सेंटर
देश में लगातार बढ़ रहे साइबर क्राइम से कई बार पीड़ित महिलाएं और बच्चे अवसाद में चले जाते हैं। ऐसे में जयपुर पुलिस ने पीड़ितों की सुनवाई और काउंसलिंग के लिए कमिश्नरेट में साइबर सपोर्ट सेंटर शुरू कर रही है। इसमें साइबर क्राइम के एक्सपर्ट पुलिसकर्मी और एनजीओ पदाधिकारी काउंसलिंग के लिए बैठेंगे। जो पहले पीड़ित की कहानी सुनेंगे और उसके बाद कार्रवाई के लिए फाइल साइबर सेल में भेजेंगे। पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि साइबर सपोर्ट सेंटर रिस्पॉन्सिबल नेटिज्म एनजीओ के सहयोग से शुरू किया जा रहा है। इसका उद्घाटन आज डीजीपी यूआर साहू करेंगे। जोसफ ने बताया कि पीड़िताएं कई बार थानों में खुलकर अपनी बात नहीं बता पाती हैं। इसका नतीजा हैं कि वह धीरे-धीरे अवसाद में चली जाती हैं, इनके लिए यह कारगर होगा। इसके लिए एडिशनल डीसीपी रानू शर्मा ने करीब एक माह तक अलग-अलग शहरों में किए जा रहे कार्य पर रिसर्च किया। उसकी फाइनल रिपोर्ट के आधार पर यहां शुरू किया जा रहा है। यहां रोज सुबह 10 से 6 बजे तक पुलिसकर्मी और एनजीओ के कार्मिक मौजूद रहेंगे। ये साइबर स्पॉट सेंटर एडिशनल कमिश्नर क्राइम के अधीन काम करेगा।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत का आज रिटायरमेंट हो रहा है। केंद्रीय कानून विभाग ने अधिसूचना जारी करते हुए जस्टिस संजीव सचदेवा को एक्टिंग चीफ जस्टिस बनाया है। जस्टिस संजीव सचदेवा 24 मई से चीफ जस्टिस का प्रभार संभालेंगे। दिल्ली में साल 1964 में जन्मे जस्टिस संजीव सचदेवा ने 1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय से लॉ की पढ़ाई पूरी की थी। इससे पहले भी जस्टिस संजीव सचदेवा कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। 1988 में वकालत शुरू करने वाले एक्टिंग चीफ जस्टिस के लंबे अनुभव के बाद उन्हें 17 अप्रैल 2013 को दिल्ली हाईकोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया था। इसके बाद 31 में 2024 को उनका तबादला मध्यप्रदेश हाईकोर्ट किया गया। जस्टिस संजीव सचदेवा इसके पहले भी 9 जुलाई से 24 सितंबर 2024 तक मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस रह चुके हैं। ब्रिटिश स्कॉलरशिप सहित कई अवॉर्ड और सम्मान उन्हें मिल चुके हैं।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर कुमार यादव के पत्र पर संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस के आदेश से राजकीय संप्रेक्षण गृह गोरखपुर में अमानवीय ढंग से रखे गए 71 बाल अपचारी की दुर्दशा को लेकर एक जनहित याचिका कायम की गई है। कायम इस जनहित याचिका पर शुक्रवार 23 मई को सुनवाई होगी। जस्टिस शेखर कुमार यादव ने एक दैनिक समाचार पत्र में देवरिया से छपी खबर को लेकर स्वत: संज्ञान लिया था और हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर इस मामले को जनहित याचिका मानते हुए चीफ जस्टिस के समक्ष प्रस्तुत करने का अनुरोध किया था।न्यायाधीश के पत्र पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस मामले को जनहित याचिका कायम कर दो जजों की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई हेतु 23 मई को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। मामले के अनुसार राजकीय संप्रेक्षण गृह गोरखपुर में पाठशाला के आटे में कीड़ा होने का आरोप लगा है। यह भी बताया गया है कि 100 बालकों की क्षमता वाले संप्रेक्षण गृह में गोरखपुर मंडल के जिलों के 257 बालक रह रहे हैं। उक्त अव्यवस्था की पोल का जिला विधिक सेवा प्राधिकरण देवरिया के सचिव व अपर जिला जज के निरीक्षण में खुलासा हुआ।
हाइब्रिड मोड में ADG टेक्निकल सर्विसेज यूपी नवीन अरोरा और ADG बरेली जोन रमित शर्मा ने बरेली जोन के पुलिस अफसरों के साथ एक अहम मीटिंग की। इस मीटिंग में कानून-व्यवस्था, तकनीकी टूल्स और नए आपराधिक कानूनों पर फोकस किया गया। कुछ अफसर फिजिकली मीटिंग में शामिल हुए, बाकी ने Google Meet से ऑनलाइन हिस्सा लिया। बरेली, मुरादाबाद और अन्य जिलों के DIG, SSP, SP, ASP और नोडल अधिकारी इसमें मौजूद रहे। क्राइम कंट्रोल और मॉनिटरिंग को लेकर बनाई गई पोर्टल्स की प्रेजेंटेशन दी गई। मीटिंग में सभी अधिकारियों को बताया गया कि कैसे तकनीकी बदलावों को फील्ड लेवल पर ज्यादा असरदार तरीके से लागू किया जाए। क्राइम एनालिटिक पोर्टल, ऑपरेशन त्रिनेत्र और परेड पोर्टल जैसे टूल्स पर हुई डिटेल चर्चा ADG नवीन अरोरा ने इन-हाउस डेवलप किए गए कई अहम पोर्टल्स और सिस्टम्स की विस्तार से जानकारी दी। इनमें शामिल थे – अपराध से जुड़े डेटा को समझने वाला क्राइम एनालिटिक पोर्टल, FIR और केस की लाइव मॉनिटरिंग के लिए CCTNS और फील्ड यूनिट पोर्टल, संगठित अपराधों पर नजर रखने के लिए ऑपरेशन त्रिनेत्र, बीट स्तर पर पुलिस की एक्टिविटी पर नज़र रखने वाला फुट पेट्रोलिंग सिस्टम, पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग के लिए ऑनलाइन ट्रेनिंग पोर्टल, जनता की शिकायतों के फॉलोअप के लिए पब्लिक ग्रीवांस रिव्यू पोर्टल, पुलिस परेड की रिकॉर्डिंग और मॉनिटरिंग के लिए परेड पोर्टल, केस की जांच को ट्रैक करने वाला इन्वेस्टिगेशन मॉनिटरिंग पोर्टल और चार्जशीट से लेकर सजा तक की स्टेज को ट्रैक करने वाला प्रॉसिक्यूशन एंड कन्विक्शन मॉनिटरिंग सिस्टम। इन टूल्स का मकसद पुलिसिंग को स्मार्ट, रिजल्ट-ओरिएंटेड और जवाबदेह बनाना है। तीन नए क्रिमिनल लॉ और फिंगरप्रिंट सिस्टम पर दी गई जानकारी मीटिंग में तीन नए कानूनों – BNS (भारतीय न्याय संहिता), BNSS (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) और BSA (भारतीय साक्ष्य अधिनियम) के बारे में विस्तार से बताया गया। इसके अलावा NAFIS (नेशनल ऑटोमेटेड फिंगरप्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम) और CRPI (क्रिमिनल प्रोसीजर आइडेंटिफिकेशन एक्ट) के पुलिसिंग में इस्तेमाल को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए गए। इन बदलावों से पुलिस की जांच और पहचान प्रणाली और मजबूत होगी। फॉरेंसिक लैब का निरीक्षण, निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर फोकस मीटिंग के बाद ADG नवीन अरोरा और ADG रमित शर्मा ने बरेली स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला (फॉरेंसिक लैब) का निरीक्षण किया। उन्होंने चल रहे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को चेक किया और संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए। इस दौरान उपनिदेशक जय प्रकाश गुप्ता, वैज्ञानिक अधिकारी और PWD इंजीनियर भी मौजूद रहे। त्रिनेत्र 2.0 और पुलिस टेक्नोलॉजी को मिला नेशनल लेवल पर सम्मान टेक्निकल सर्विसेज की यह कोशिशें अब राज्य स्तर से निकलकर राष्ट्रीय पहचान बना रही हैं। FICCI, नई दिल्ली ने त्रिनेत्र 2.0 प्रोजेक्ट को स्मार्ट पुलिसिंग अवॉर्ड 2025 से नवाजा है। यह पोर्टल क्राइम इन्वेस्टिगेशन और प्रॉसिक्यूशन को मॉनिटर करता है। इसके अलावा SKOCH अवॉर्ड 2025 भी पुलिस और सिक्योरिटी कैटेगरी में मिल चुका है। ये अवॉर्ड इस बात का सबूत हैं कि उत्तर प्रदेश पुलिस, खासतौर पर बरेली जोन की टेक्नोलॉजी-फ्रेंडली पहल अब पूरे देश में मॉडल बन रही है।
एक्टर पंकज त्रिपाठी ने अपनी वेब सीरीज क्रिमिनल जस्टिस: ए फैमिली मैटर के चौथे सीजन का पटना में प्रमोशन किया। गुरुवार की शाम राजधानी के होटल ताज, सिटी सेंटर में पीसी भी की। इस दौरान त्रिपाठी ने बताया कि इस शो में उनका किरदार ‘माधव मिश्रा’ फ्रॉम पटना का रहने वाला है। इसी भावनात्मक जुड़ाव के कारण उन्होंने प्रमोशन की शुरुआत भी पटना से करना बेहतर समझा। उन्होंने कहा, 'पटना मेरी कर्मभूमि रही है। मैंने यहीं थिएटर किया, यहीं से अभिनय की शुरुआत की। जब मेरा किरदार भी पटना से है, तो प्रमोशन की शुरुआत भी यहीं से होनी चाहिए थी” उन्होंने पहले की बात करते हुए कहा, 'अब हमारा पटना काफी ज्यादा बदल गया है। काफी विकास हुआ है। सड़क से लेकर पुल पुलिया बन गए हैं। आज से 10 15 साल पहले गांव में भी पहले बिजली नहीं हुआ करती थी, लेकिन अब मेरे गांव में बिजली होती है' 29 मई से स्ट्रीम स्ट्रीम होगा शो पंकज त्रिपाठी ने बताया कि यह सीरीज अप्लॉज एंटरटेनमेंट ने बीबीसी स्टूडियो इंडिया के सहयोग से बनाया है। इसका निर्देशन रोहन सिप्पी ने किया है। “क्रिमिनल जस्टिस: ए फैमिली मैटर” का प्रसारण 29 मई से जियो सिनेमा पर किया जाएगा। लीगल ड्रामा में हास्य और संवेदनाओं का मेल अपने किरदार की विशेषताओं के बारे में बात करते हुए पंकज त्रिपाठी ने कहा कि यह शो एक लीगल ड्रामा है, जो कोर्ट रूम की कार्यशैली और कानूनी पहलुओं को दर्शाता है। उन्होंने कहा, “लीगल ड्रामा में ह्यूमर की गुंजाइश कम होती है, लेकिन माधव मिश्रा जैसे किरदार के कारण शो में सिचुएशनल ह्यूमर आता है। यह दर्शकों को गंभीर विषयों से भी जोड़ता है और उन्हें भावनात्मक रूप से भी स्पर्श करता है।” आगे बताया कि शो के अलग-अलग सीजन में किरदार के जीवन में बदलाव देखने को मिलते हैं। “सीजन 1 में माधव मिश्रा अकेला था, सीजन 2 में उसकी शादी होती है, सीजन 3 में साला जुड़ता है और अब सीजन 4 में एक नई कहानी है। इसमें बिहार की स्थानीय बोली और माहौल को भी दिखाया गया है, जिससे यहां के दर्शकों को इससे गहरा जुड़ाव महसूस होगा।” बिहार और अभिनय से पंकज का जुड़ाव पंकज त्रिपाठी ने अपने अभिनय सफर को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने पटना में थिएटर किया और फिर फिल्मों में आने का सपना लेकर मुंबई पहुंचे। उन्होंने बताया कि जैसे माधव मिश्रा पटना से वकील बनकर मुंबई जाता है, उसी तरह वह खुद भी पटना से अभिनेता बनने निकले थे। उन्होंने यह भी बताया कि “क्रिमिनल जस्टिस” बीबीसी की मूल ब्रिटिश सीरीज का भारतीय रूपांतरण है। जहां बीबीसी ने सिर्फ दो सीजन बनाए, वहीं भारत में इसे इतना प्यार मिला कि अब यह चौथे सीजन तक पहुंच चुका है। कालीन भैया का केस भी लड़ लेते मजाकिया लहजे में पंकज त्रिपाठी ने कहा, 'अगर मौका मिलता तो मैं कालीन भैया का भी केस लड़ लेता।” जब उनसे सिनेमा में आने की प्रेरणा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मनोज बाजपेयी का नाम लेते हुए कहा, “मनोज भैया की फिल्मों को देखकर ही मैंने सोचा कि मुझे भी सिनेमा में ही आना है'
देवघर में साइबर क्राइम के आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत का मामला गुरुवार को हंगामे में बदल गया। मृतक के परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगा सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पथराव भी किया। इसके बाद पुलिस ने लाठी भांज कर भीड़ को तितर-बितर किया। पुलिस को आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े। पुलिस ने दुधनी गांव में छापेमारी कर 4 युवकों को हिरासत में लिया था पूरा मामला पालोजोरी थाना क्षेत्र का है। दरअसल, साइबर थाना और स्थानीय पुलिस ने पालोजोरी थाना क्षेत्र के दुधनी गांव में छापेमारी कर 4 युवकों को हिरासत में लिया था। पूछताछ के क्रम में 35 वर्षीय मेराज अंसारी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उसे सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस कस्टडी में मेराज की पिटाई से मौत हुई: परिजन पोस्टमॉर्टम के बाद जब शव को पालोजोरी ले जाया गया तो आक्रोशित ग्रामीणों और परिजनों ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। स्थिति तनावपूर्ण हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस कस्टडी में मेराज की पिटाई से मौत हुई है। इधर, इस मामले पर पुलिस अधिकारी कोई बयान देने से बच रहे हैं। क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। वहीं, मृतक के बड़े भाई महबूब अंसारी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने हिरासत में लेने के बाद से ही मेराज के साथ मारपीट शुरू कर दी थी। विरोध करने पर स्थानीय लोगों के साथ भी दुर्व्यवहार किया गया।
बड़वानी जिले में बुधवार को साइबर ठगी का शिकार युवक ने साइबर पुलिस को शिकायत की है। आरोप है कि साइबर ठगों ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर पीड़ित से कुल 82 हजार 200 रुपए ठगे हैं। मामला अंजड थाना क्षेत्र के मंडवाड़ा गांव का है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है। बताया जा रहा है कि रवींद्र बघेल निवासी मंडवाड़ा मजदूरी का काम करता है। उसके व्हाट्स एप पर एक अज्ञात नंबर के बीते मंगलवार को कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताया। उसकी प्रोफाइल पिक्चर में भी पुलिस अधिकारी की फोटो लगी थी। ठग ने युवक पर अश्लील वीडियो देखने का आरोप लगाया। उसने कहा कि यह अपराध है और पुलिस उसे गिरफ्तार करने आ रही है। युवक को डराने के लिए एक वीडियो भी भेजा। इस वीडियो में किसी व्यक्ति की पिटाई की जा रही थी। घबराए युवक ने ठग की बात मान ली। ठग ने कार्रवाई से बचने के लिए तुरंत पैसे भेजने को कहा। युवक ने अलग-अलग बारकोड और यूपीआई के जरिए कुल 82 हजार 200 रुपए ट्रांसफर कर दिए। इतना ही नहीं, कुछ देर बाद ठग ने एक लाख रुपए और मांग लिए। इसके बाद युवक ने अपने परिजनों को पूरी घटना बताई। इसके बाद परिजनों को साथ बड़वानी साइबर पुलिस और अंजड थाने में शिकायत दर्ज कराई। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस जांच शुरू कर दी है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय संचार ब्यूरो, क्षेत्रीय कार्यालय सिरोही की ओर से बालदा ग्राम में एक महत्वपूर्ण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अटल सेवा केंद्र के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में जनकल्याणकारी योजनाओं, संविधान और साइबर क्राइम से बचाव जैसे विषयों पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में ग्राम पंचायत बालदा के प्रशासक मोहन सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की। केंद्रीय संचार ब्यूरो, सिरोही के प्रभारी अधिकारी फूलचंद गहलोत ने विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने सुकन्या समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के बारे में बताया। साथ ही साइबर क्राइम से बचाव और शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया की जानकारी भी साझा की। सेवानिवृत्त कैप्टन नारायण सिंह देवड़ा ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी दी। पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी गणपत सिंह देवड़ा ने गर्मी से बचाव और सिंगल यूज प्लास्टिक के नुकसान पर प्रकाश डाला। सामाजिक कार्यकर्ता भीकसिंह भाटी ने संविधान के 75 वर्ष और स्वस्थ जीवन के लिए योग के महत्व पर चर्चा की। कैप्टन रतन सिंह देवड़ा ने नशीली पदार्थों से दूर रहने की सलाह दी। पर्यावरण प्रेमी गोपाल सिंह राव ने पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक कुरीतियों से दूर रहने का संदेश दिया। कार्यक्रम में प्रदर्शनी और प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया गया।
जालंधर में भाजपा नेता मनोरंजन कालिया के घर पर हाल ही में हुए ग्रेनेड हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा जालंधर में पहुंचकर क्राइम सीन को रीक्रीएट किया गया। इसकी पुष्टि पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता व उनके करीबी द्वारा की गई है। एनआईए की टीमें थाना डिवीजन नंबर-3 से मुलाजिमों के साथ लेकर कालिया के घर के बाहर पहुंचीं थीं। टीम के साथ ग्रेनेड फेंकने वाला आरोपी भी था। पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया ने कहा- जब एनआईए की टीमें पहुंची तो मैं घर से कहीं बाहर था, मगर घर पहुंचने पर मुझे पता चला कि टीमें आईं थीं। एक आरोपी को साथ लेकर आए थे, जिसे हथकड़ियां लगाई हुईं थी। मंत्री के करीबी बोले- टीमों ने क्राइम सीन रीक्रीएट किया पूर्व मंत्री कालिया के करीबी राजीव वालिया ने कहा- दिल्ली नंबर गाड़ी में कुछ एनआईए के अधिकारी बीते सोमवार को क्राइम सीन पर पहुंचे थे। उनके साथ उक्त आरोपी भी था, जिसने घर पर ग्रेनेड फेंका था। उसके साथ उन्होंने पूछा कि ग्रेनेड कैसे फेंका था। पता करने के तुरंत बाद अधिकारी मौके से चले गए थे। एनआईए की टीम के साथ जालंधर सिटी पुलिस के मुलाजिम भी मौजूद थे। टीमें सिर्फ 3 से 5 मिनट ही क्राइम सीन पर रुकीं थी। टीमें अंदर नहीं आईं, बाहर बाहर से ही टीमों ने जांच के बाद क्राइम सीन से चलीं गईं। हमले की जिम्मेदारी ISI आतंकी हैप्पी पासिया ने ली 7 अप्रैल को हुए इस हमले में बीजेपी नेता के घर के शीशे और वाहन क्षतिग्रस्त हो गए थे, लेकिन किसी के घायल होने की खबर नहीं थी। बाद में इस हमले की जिम्मेदारी खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल के कमांडर और ISI के सहयोगी हैप्पी पासिया ने ली थी। अब NIA इस मामले की जांच में जुट गई है और आतंकियों के नेटवर्क को उजागर करने की कोशिश कर रही है। एजेंसी यह भी जांच कर रही है कि पाकिस्तान स्थित ISI और खालिस्तानी आतंकियों के बीच इस तरह की साजिशें कैसे रची जा रही हैं और उनमें स्थानीय युवाओं को कैसे फंसाया जा रहा है।
यमुनानगर के जगाधरी में व्यासपुर स्थित आईलेट्स सेंटर पर हुई ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना को 6 दिन बीत चुके हैं, लेकिन यमुनानगर पुलिस अभी तक हमलावरों को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है। इस वारदात ने स्थानीय लोगों में दहशत पैदा कर दी थी और अब पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठ रहे हैं। वारदात के बाद मंगलवार को पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) अंबाला मंडल पंकज नैन यमुनानगर आकर SP सहित के सभी DSP, SHO, चौकी प्रभारी और क्राइम यूनिटस के प्रभारियों के साथ क्राइम मीटिंग की। उन्होंने जिला पुलिस के पर्यवेक्षण अधिकारियों और थाना प्रबंधकों को अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए दिशा-निर्देश दिए। तीन टीमें कर रही छापेमारी ऐसे में जिला पुलिस अब इस मामले में पहले से ज्यादा एक्टिव नजर आ सकती है। हालांकि थाना प्रभारी व्यासपुर के मुताबिक, तीन टीमें वारदात के दिन से ही लगातार छापेमारी कर रही हैं। पुलिस प्रशासन द्वारा बदमाशों को जल्द पकड़ने का लगातार दावा भी किया जा रहा है, लेकिन अधिकारी अभी भी इस मामले में ज्यादा कुछ बोलने से किनारा कर रहे हैं। ऐसे हुई थी वारदात घटना 15 मई 2025 को दोपहर करीब 4 बजे की है, जब दो नकाबपोश हमलावर बाइक पर सवार होकर व्यासपुर स्थित फ्लाइंग कलर्स आईलेट्स सेंटर पहुंचे। एक हमलावर बाइक पर बैठा रहा, जबकि दूसरा जो सिर पर टोपी और गले में स्कार्फ बांधे था बंदूक लेकर सेंटर में घुसा। उसने रिसेप्शन पर मौजूद महिला कर्मचारियों से मालिक के बारे पूछा और फिर शीशों और छत पर करीब 14 गोलियां दागीं। गनीमत रही कि सेंटर संचालक प्रवीण कुमार और उनके सहयोगी कुलदीप सिंह हमले से 15 मिनट पहले सेंटर से निकल चुके थे, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ। हमलावर वारदात को अंजाम देकर साढौरा की ओर फरार हो गए थे। पुलिस ने घटनास्थल से कई खाली कारतूस और दो जिंदा कारतूस बरामद किए। सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लिया, जिसमें हमलावर का चेहरा और गतिविधियां स्पष्ट दिखाई दे रही हैं।
सोनू सूद की फतेह इस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर हुई स्ट्रीम, साइबर क्राइम की काली दुनिया को दिखाती है फिल्म
बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद की फिल्म 'फतेह' को सिनेमाघरों में मिलाजुला रिस्पॉन्स मिला था। इस फिल्म से सोनू सूद ने निर्देशन के क्षेत्र में भी कदम रखा है। साइबर क्राइम पर आधारित इस फिल्म में सोनू सूद के साथ जैकलीन फर्नांडिस मुख्य भूमिका में नजर आईं। वहीं ...
क्राइम फ्री धड़कपुर से चोरी हुई बाइक, प्राइम वीडियो की सीरीज दुपहिया का मजेदार ट्रेलर हुआ रिलीज
web series dupahiya trailer: प्राइम वीडियो ने अपनी आगामी ओरिजिनल सीरीज 'दुपहिया' का दिलचस्प ट्रेलर जारी कर दिया है। सलोना बैंस जोशी और शुभ शिवदासानी द्वारा उनके बैनर बॉम्बे फिल्म कार्टेल के तहत रचित और कार्यकारी निर्मित है। यह सीरीज़ एक काल्पनिक ...
क्राइम पेट्रोल एक्टर नितिन चौहान का निधन, 35 साल की उम्र में ली अंतिम सांस
मनोरंजन जगत से एक दुखद खबर सामने आई है। टीवी के जाने-माने एक्टर नितिन चौहान का निधन हो गया है। वह महज 35 साल के थे। एक्टर की मौत की वजह की कोई आधिकारिक जानकरी सामने नहीं आई है। नितिन रियलिटी शो 'दादागिरी 3 के विनर रह चुके हैं।
Mirzapur 3 के बाद Prime Video ने किया एक और क्राइम-थ्रिलर सीरीज का एलान, 'मटका किंग' बनकर धूम मचाएगा ये एक्टर
डिज़्नी प्लस हॉटस्टार ने आखिरकार शुक्रवार को क्राइम ड्रामा सीरीज़ क्रिमिनल जस्टिस के बहुप्रतीक्षित चौथे अध्याय की घोषणा कर दी, जिसमें पंकज त्रिपाठी मुख्य भूमिका में हैं। नई किस्त में अभिनेता पंकज त्रिपाठी अलौकिक वकील माधव मिश्रा के रूप में वापसी करेंगे। एक बयान में, अभिनेता ने कहा कि नया अध्याय मिश्रा के जीवन और जटिल मामलों को इतनी आसानी और स्थायित्व के साथ सामने लाने की उनकी क्षमता के बारे में विस्तार से बताएगा। पंकज त्रिपाठी के हवाले से बताया गया कि ऑन-स्क्रीन वकीलों की प्रसिद्धि के हॉल में, मुझे लगता है कि माधव मिश्रा ने क्रिमिनल जस्टिस के साथ अपनी जगह बना ली है। मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि सीरीज़ में माधव का किरदार मुझसे कितना मिलता-जुलता है। हर जीत मुझे अपनी जैसी लगती है और हर हार ऐसी लगती है एक व्यक्तिगत क्षति। मैं डिज़्नी+हॉटस्टार पर नए सीज़न की घोषणा करने के लिए उत्साहित हूं और मुझे उम्मीद है कि दर्शक इस सीज़न को पहले की तरह ही प्यार देना जारी रखेंगे। डिज़्नी प्लस हॉटस्टार ने पोस्ट को कैप्शन दिया ''कोर्ट जारी है, और नए सीज़न की तैयारी भी। आ रहे हैं माधव मिश्रा, #HotstarSpecials #CriminalJustice के नए सीज़न के साथ!'' इसे भी पढ़ें: Rakhi Sawant Condition is Critical | क्रिटिकल है एक्ट्रेस राखी सावंत की हालत, पूर्व पति रितेश ने शेयर किया है हेल्थ अपडेट फ्रेंचाइजी के बारे में जानकारी क्रिमिनल जस्टिस की शुरुआत 2018 में अपने पहले सीज़न के साथ हुई थी जिसे 2008 में इसी नाम की ब्रिटिश टेलीविजन श्रृंखला से रूपांतरित किया गया था। क्रिमिनल जस्टिस: बिहाइंड क्लोज्ड डोर्स नामक दूसरा सीज़न 2020 में आया, इसके बाद तीसरा अध्याय, क्रिमिनल जस्टिस: अधूरा सच, 2022 में आया। क्रिमिनल जस्टिस का निर्माण अप्लॉज़ एंटरटेनमेंट द्वारा किया गया है। इसे भी पढ़ें: Scam 2010 The Subrata Roy Saga: हंसल मेहता ने किया 'स्कैम' के तीसरे सीजन का ऐलान, सहारा की कहानी पर केंद्रित होगा नया शो बता दें कि पंकज त्रिपाठी आखिरी बार मर्डर मुबारक में नजर आए थे। फिल्म में सारा अली खान, विजय वर्मा, आदित्य रॉय कपूर और करिश्मा कपूर समेत कई स्टार कलाकार शामिल हैं। होमी अदजानिया द्वारा निर्देशित यह फिल्म नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है। वह अगली बार मिर्ज़ापुर 3 में नज़र आएंगे। रिलीज़ डेट की अभी घोषणा नहीं की गई है। View this post on Instagram A post shared by Disney+ Hotstar (@disneyplushotstar)
सस्पेंस, क्राइम और थ्रिलर का रखते है शौक तो OTT पर फौरन निपटा डाले ये जबरदस्तसाउथ फिल्में,हॉलीवुड भी लगने लगेगा फीका
सलमान खान के घर फायरिंग मामला: मुंबई क्राइम ब्रांच ने पांचवें आरोपी को राजस्थान से गिरफ्तार किया
सलमान खान के घर फायरिंग मामले में ताजा घटनाक्रम में मुंबई क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को पांचवें आरोपी मोहम्मद चौधरी को राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया है। इंडिया टीवी के अतुल सिंह की एक रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद चौधरी ने दो शूटरों, सागर पाल और विक्की गुप्ता को पैसे देकर और रेकी करके भी मदद की। क्राइम ब्रांच के मुताबिक, चौधरी को आज मुंबई लाया जा रहा है जहां उसे किला कोर्ट में पेश किया जाएगा और पांच दिन की हिरासत की मांग की जाएगी। इसे भी पढ़ें: Kareena Kapoor Khan ने Saif Ali Khan के बड़े बेटे इब्राहिम की नवीनतम तस्वीरों पर सबसे मनमोहक टिप्पणी की इससे पहले, अनुज थापन नाम के एक आरोपी ने पुलिस हिरासत में चादर से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। बता दें, अनुज पर शूटरों को हथियार मुहैया कराने का आरोप है। थापन को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले, बांद्रा में अभिनेता के आवास के बाहर गोलीबारी करने वाले दोनों शूटर विक्की गुप्ता और सागर पाल को गुजरात के भुज से हिरासत में लिया गया था। इसे भी पढ़ें: सलमान खान के घर के बाहर गोली चलाने के मामले में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सदस्य गिरफ्तार सलमान खान के घर फायरिंग मामले की जानकारी मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, कथित तौर पर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग करने वाले शूटरों के पास दो बंदूकें थीं और उन्हें 10 राउंड गोलियां चलाने का आदेश दिया गया था. 14 अप्रैल की सुबह, दो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर आए और अभिनेता के आवास गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर चार गोलियां चलाईं। घटना के बाद हमलावर तेजी से मौके से भाग गए। निगरानी फुटेज से पता चला कि दोनों संदिग्धों ने टोपी पहन रखी थी और बैकपैक ले रखा था। इस महीने की शुरुआत में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने का अनुरोध किया था. अनमोल बिश्नोई ने घटना के कुछ घंटों बाद अपने फेसबुक प्रोफाइल के जरिए सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग की जिम्मेदारी ली थी। सलमान खान की नवीनतम सार्वजनिक उपस्थिति सलमान खान हाल ही में लंदन में थे जहां उन्होंने ब्रिटेन के ब्रेंट नॉर्थ निर्वाचन क्षेत्र से सांसद बैरी गार्डिनर से मुलाकात की। इंटरनेट पर कई तस्वीरें वायरल हुईं, जिनमें बैरी और सलमान दोनों वेम्बली स्टेडियम के अंदर नजर आ रहे हैं।
Nikkhil Advani BirthdaySpecial :रोमांस-क्राइम और थ्रिलर के बेताज बादशाह है निखिल अडवानी, पढ़िए उनका पूरा फिल्मी सफरनामा
Salman Khan फायरिंग मामले में पुलिस को मिली अबतक की सबसे बड़ी कामयाबी, क्राइम ब्रांच के हाथ लगे दो और अपराधी
सलमान खान के घर फायरिंग मामले में अहम घटनाक्रम में मुंबई क्राइम ब्रांच ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है। अनमोल बिश्नोई ने घटना के कुछ घंटों बाद अपने फेसबुक प्रोफाइल के जरिए सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग की जिम्मेदारी ली थी. इस सप्ताह की शुरुआत में, मुंबई क्राइम ब्रांच ने गोलीबारी की घटना में इस्तेमाल की गई दूसरी बंदूक बरामद की। सूरत की तापी नदी से तीन मैगजीन के साथ बंदूक बरामद की गई। इसे भी पढ़ें: Tamannaah Bhatia Summoned by cyber cell | 'अवैध' IPL Streaming ऐप मामले में तमन्ना भाटिया को साइबर सेल ने तलब किया 16 अप्रैल को कच्छ पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर मुंबई क्राइम ब्रांच को सौंप दिया। बाद में, शहर की एक अदालत ने गोलीबारी की घटना के सिलसिले में दोनों आरोपियों को 25 अप्रैल तक मुंबई अपराध शाखा की हिरासत में भेज दिया। आरोपियों की पहचान बिहार के विक्की गुप्ता (24) और सागर पाल (21) के रूप में हुई, जिन्हें मेडिकल जांच के बाद अदालत में पेश किया गया। इसे भी पढ़ें: काला जादू- टोना-टोटका करने का Kangana Ranaut पर आरोप लगाने के बाद अब एक्ट्रेस के बारे Adhyayan Suman क्या सोचते है? मुंबई क्राइम ब्रांच की जांच अभी भी जारी है मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक, कथित तौर पर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग करने वाले शूटरों के पास दो बंदूकें थीं और उन्हें 10 राउंड गोलियां चलाने का आदेश दिया गया था. 14 अप्रैल की सुबह, दो व्यक्ति मोटरसाइकिल पर आए और अभिनेता के आवास गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर चार गोलियां चलाईं। घटना के बाद हमलावर तेजी से मौके से भाग गए। निगरानी फुटेज से पता चला कि दोनों संदिग्धों ने टोपी पहन रखी थी और बैकपैक ले रखा था। अनजान लोगों के लिए, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार की धमकियों के बाद 2022 में सलमान की सुरक्षा का स्तर वाई-प्लस तक बढ़ा दिया गया था। अभिनेता को व्यक्तिगत बन्दूक ले जाने के लिए भी अधिकृत किया गया था और अतिरिक्त सुरक्षा के लिए उन्होंने एक नया बख्तरबंद वाहन भी खरीदा है।
Salman Khan फायरिंग केस में आया बिलकुल तड़कता-भड़कता अपडेट,मुंबई क्राइम ब्रांच के हाथ लगा एक और पुख्तासबूत
Salman Khan फायरिंग केस मेंक्राइम ब्रांच को गुजरात से मिला बड़ा कनेक्शन, मामले में हुआ अबतक का सबसे सनसनीखेज खुलासा
Salman Khan फायरिंग केस में आया नया मोड़! भाईजान कोमारना नहीं था शूटर्स का मकसद,क्राइम ब्रांच ने किया चौकाने वाला खुलासा
Salman Khan के घर हुई फायरिंग के मामले में आया नया मोड़,क्राइम ब्रांच कोपुर्तगाल से मिला बड़ा कनेक्शन, जाने क्या है मामला
Salman Khan के घर हुईफायरिंग के केस में क्राइम ब्रांच को मिली बड़ी सफलता, इस राज्य में पकड़े गए दोनों आरोपी
धमाकेदार बीतने वाला है अप्रैल का ये हफ्ता, क्राइम-थ्रिलर के साथ देशभक्ति का तड़का लगाने आ रही है ये धांसूफिल्में और सीरीज
मुंबई क्राइम ब्रांच का एक्शन, सलमान के घर फायरिंग करने वाले दोनों शूटर दबोचे
Salman Khan House Firing: एक्टर सलमान खान के घर पर फायरिंग करने वाले दोनों आरोपियों को भुज से गिरफ्तार कर लिया गया. मुंबई क्राइम ब्रांच को ये कामयाबी मिली. आरोपी बिहार के पश्चिमी चंपारण के रहने वाले बताए जा रहे हैं. रविवार को गैलेक्सी अपार्टमेंट पर फायरिंग कर भुज फरार हो गए थे. देखें ये वीडियो.
Salman Khan के घर हुई फायरिंग मेंक्राइम ब्रांच के हाथ लगी बड़ी सफलता,नवी मुंबई में पकड़े गए 2 संदिग्ध
सलमान खान के घर पर हुई फायरिंग की जांच करेगी मुंबई क्राइम ब्रांच, इन धाराओं में दर्ज किया केस
Salman Khan firing case: बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट के बाहर रविवार तड़के दो अज्ञात हमलावरों ने गोलीबारी कर दी। इस हमले के बाद हर कोई सलमान खान की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर कर रहा है। बांद्रा पुलिस ने दो अज्ञात शख्स के ...
April में OTT पर तहलका मचाने आ रही है ये धमाकेदार फिल्में और सीरीज, मिलेगा एक्शन से लेकर क्राइम-थ्रिलर तक का मजा