आग की लपटें तेज थीं, खिड़की तोड़ कर पहले पत्नी को बाहर धकेला, फिर साली और एक बच्चे को बाहर फेंका, तब तक लपटें इतनी तेज हो गई कि उपर की बर्थ पर बैठे दो बच्चों को बचा नहीं सका, मैं बच गया, लेकिन वह जिंदा जल गए। जैसलमेर बस हादसे में झुलसे पीर मोहम्मद की ये तड़प आग में जलने से भी ज्यादा दर्द दे रही है। हादसे में वे तो बच गए, लेकिन दो बच्चों को नहीं बचा पाए। जैसलमेर से जोधपुर तक एंबुलेंस में पीर मोहम्मद बार-बार अपने भाई जम्मे खां से यही दर्द बयां करते रहे। जम्मे खां ने भास्कर को बताया कि पीर मोहम्मद बस में सबसे पीछे की सीट पर था। बता दें कि जैसलमेर से जोधपुर लौट रही एसी बस में मंगलवार दोपहर आग लगने से 20 लोग जिंदा जल गए, वहीं 15 लोगों को घायल अवस्था में जोधपुर में महात्मा गांधी अस्पताल में रेफर किया गया। इस दौरान घायलों के परिजन भी वहां पहुंचें। घायलों के परिजनों से भास्कर ने को बताया कि कोई अपने परिवार के साथ दिवाली की छुट्टियां मनाने जोधपुर आ रहा था तो कोई परिवार सहित छुट्टी मनाकर जैसलमेर से जोधपुर लौट रहे थे। कुछ लोग दीपावली की खरीदारी के लिए जोधपुर आ रहे थे। कंडक्टर ने बताया कैसे हुआ हादसा, आग में झुलसकर भी लोगों को बचायाबस कंडक्टर रफीक के भाई ने बताया कि वह जैसलमेर से उसके साथ एंबुलेंस में आया। उस दौरान उसने बताया कि वह टिकट चेक कर रहा था और बस में लास्ट कॉर्नर पर था, तभी अंदर अचानक धुआं सा होने लगा तो वह बस का गेट खोलने के लिए आगे की ओर बढ़ा। जैसे ही बस के बीच में पहुंचा तो एक दम बस के छत से आग की लपटें आईं और धमाका हुआ, इस धमाके में वह झुलसकर नीचे गिर गया। झुलसी हुई हालत में वह रेंगता हुआ मेन गेट की तरफ पहुंचा और गेट खोलकर कई लोगों को बाहर निकाला। घायलों के परिजन बोले- एंबुलेंस खटारा, लाइट नहीं थी, मरीज को डालने के बाद डीजल भरवायाहादसे में घायल परिजन मगन का कहना था कि सेना, प्रशासन ने बहुत सहायता की। पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात थी, ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घायलों को जोधुपर लाया गया, लेकिन एंबुलेंस ही खटारा थी। अन्य परिजन भी एम्बुलेंस की हालत से काफी नाराज नजर आए। घायल कंडक्टर रफीक के भाई ने कहा कि मरीज को एंबुलेंस में डालने के बाद डीजल भरवाया गया और ओटीपी का इंतजार किया गया। उसके बाद भी एंबुलेंस की स्पीड बहुत कम थी, वहीं लाइट भी नहीं थी। उन्होंने कार की टेल लाइट की रोशनी से एंबुलेंस को एस्कॉर्ट किया। महेंद्र छुट्टी मनाने जोधपुर आ रहा था, 5 लोगों का परिवार जिंदा जलाजैसलमेर में आयुध डिपो पर तैनात सेना का जवान महेंद्र, अपनी पत्नी पार्वती, बेटी खुशबू-दीक्षा व बेटे शौर्य के साथ जोधपुर छुट्टी मनाने आ रहे थे। महेंद्र को उनकी यूनिट के लोगों ने जैसलमेर के कोतवाली थाने के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे से इसी बस में चढ़ते हुए देखा और वे तत्काल जोधपुर पहुंचे। उसके परिजन भी जोधपुर महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचे। महेंद्र और उसके परिवार के बारे में पता नहीं चला फिर प्रशासन से बात करने पर जानकारी मिली कि पूरा परिवार हादसे में जिंदा जल गया। एयरफोर्स का एग्जाम देने गया था महिपालपोकरण निवासी नाथू सिंह ने बताया कि उसका भतीजा रामदेवरा निवासी महिपाल सिंह एयरफोर्स का एग्जाम देने जैसलमेर गया था। जैसलमेर से इसी बस में रवाना हुआ था। जैसलमेर वॉर मेमोरियल तक बस आई और उसमें आग लग गई। भतीजा महिपाल झुलस गया, उसे महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती करवाया है। मुझे जानकारी मिलते ही पोकरण से हादसा स्थल पर पहुंचा, वॉर मेमोरियल के बाहर हादसा होने से आर्मी वालों ने बहुत सहायता की। पत्नी के साथ जैसलमेर गए थेबैंक कर्मी आशीष दवे अपनी पत्नी विशाखा के साथ जोधपुर से जैसलमेर गए थे और दोपहर में वापस लौट रहे थे, बस में आग लगने से दोनों झुलस गए। आशीष से साढ़ू अमित ने रोते हुए बताया कि भगवान की कृपा रही कि दोनों जिंदा हैं। इस हादसे का शाम को ही पता चला तो होश उड़ गए, अब दोनों को जिंदा देखा तो राहत मिली। गाड़ी खरीदने जैसलमेर गए थेजोधपुर के गंगाणा निवासी इकबाल अपने जीजा अफरोज खान के साथ जैसलमेर गए थे। उसके भाई अमजद खान ने बताया कि इकबाल और अफरोज गंभीर घायल हैं, लेकिन जिंदा हैं। उसने बताया कि दोपहर साढ़े तीन बजे हादसे की जानकारी मिल गई थी। वह शाम 4 बजे से महात्मा गांधी अस्पताल में बैठे थे और घायलों के आने का इंतजार कर रहे थे। 1 अक्टूबर को हुआ था बस का रजिस्ट्रेशनकेके ट्रैवल्स की बसें जोधपुर-जैसलमेर के बीच चलती है। ट्रैवल एजेंसी ने पुरानी बस को बदल कर नई एसी बस शुरू की थी। बस चित्तौड़गढ़ आरटीओ से रजिस्टर थी और 1 अक्टूबर को इसका रजिस्ट्रेशन हुआ था। बस अग्निकांड से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... राजस्थान में AC बस में आग, 20 यात्री जिंदा जले:15 लोग झुलसे; बचने के लिए चलती गाड़ी से कूदे लोग, जैसलमेर से जोधपुर जा रही थी आग का गोला बनी बस, हाथ जोड़कर यात्री बोले-बचा लो:ग्रामीण पानी के टैंकर लेकर दौड़े, रोती रहीं महिलाएं; देखें हादसे की 13 PHOTOS 5 दिन पहले खरीदी थी बस, आग का गोला बनी:275-किमी ग्रीन कॉरिडोर बनाकर 16 घायलों को जैसलमेर से जोधपुर भेजा, एक की रास्ते में मौत क्यों मौत की वजह बन जाती हैं स्लीपर बस?:पतली गैलरी हादसे के वक्त भागने का मौका नहीं देती, चीन 13 साल पहले कर चुका बैन आग लगते ही लॉक हो गया था बस का दरवाजा:चश्मदीद बोला-आर्मी ने JCB से गेट तोड़ा, अंदर लाशें थीं; नॉर्मल बस AC में मॉडिफाई थी
चिकित्सा विभाग के सख्त निर्देशों के बावजूद जिले में डॉक्टरों की लिखी पर्चियां आज भी मरीजों के लिए समस्या बनी हुई हैं। स्वास्थ्य भवन में 3 अक्टूबर काे मेडिकल की प्रिंसिपल सेक्रेटरी गायत्री राठौड़ ने प्रदेश के चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की बैठक ली थी। निदेशक डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने चिकित्सकों को साफ निर्देश दिए थे कि ओपीडी व आईपीडी में दवा स्पष्ट रूप से लिखें, खुराक व सेवन का समय भी पर्ची पर अंकित करें, साथ ही मरीज को मौखिक रूप से भी समझाएं, लेकिन हकीकत इससे उलट है।डॉक्टरों की लिखावट इतनी अस्पष्ट होती है कि मरीज तो क्या, कई बार फार्मासिस्ट तक दवा का नाम नहीं समझ पाते। पर्चियों पर लिखी दवाओं को पढ़ना मरीजों व उनके परिजनों के लिए कठिन काम है। भास्कर रिपोर्टर ने जिला अस्पताल अलवर में डॉक्टरों की लिखी कई दवा पर्चियां जुटाई। इन पर लिखे प्रिस्क्रिप्शन मरीजों को तो दूर फार्मासिस्ट को समझने में परेशानी हो रही है। कई फार्मासिस्ट ने बताया कि कई बार दवा समझ नहीं आने पर मरीज को डॉक्टर के पास दोबारा भेजना पड़ता है। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट भी दे चुका आदेश 27 अगस्त को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि डॉक्टर अनिवार्य रूप से साफ व स्पष्ट अक्षरों में नुस्खे लिखें, ताकि मरीज स्वयं उसे पढ़ सके। इसके बाद हरियाणा स्वास्थ्य महानिदेशक ने सभी सरकारी और निजी चिकित्सालयों को आदेश जारी किया था कि दवा का नाम अंग्रेजी के कैपिटल लेटर्स में लिखा जाए, ताकि किसी तरह की भ्रम या गलती की संभावना न रहे। RGHS में भी डॉक्टरों के लिए हैं स्पष्ट निर्देश राज्य सरकार ने आरजीएचएस योजना के तहत भी निर्देश जारी कर रखे हैं कि डॉक्टर जहां तक संभव हो, प्रिस्क्रिप्शन कैपिटल लेटर्स में लिखें। मरीज की पुरानी बीमारियों, जांच रिपोर्ट, भर्ती के समय की स्थिति, पल्स रेट, SpO2₂ आदि का रिकॉर्ड बनाए रखें। हर पर्ची पर डॉक्टर की मोहर, हस्ताक्षर और आरएमसी नंबर अंकित करना भी अनिवार्य है। सीएमएचओ डॉ. योगेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि प्रिस्क्रिप्शन में दवा का नाम स्पष्ट रूप से लिखना पहले से ही नियम सरकारी ही नहीं, बल्कि निजी अस्पतालों के डॉक्टरों पर भी समान रूप से लागू है। ताकि मरीजों और फार्मासिस्ट दोनों दवा को समझ सके। किसी भी डॉक्टर द्वारा दवा अस्पष्ट रूप में लिखने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
मानसून विदा हो चुका है। सर्दी के सीजन की शुरुआत से पहले ही मारवाड़ के पाली-सुमेरपुर सहित मारवाड़ के अन्य क्षेत्रों से भेड़ों के रेवड़ प्रवास पर निकल चुके हैं। अब ये अगले 8 माह यानी मानसून सीजन की शुरुआत से पहले तक एमपी, पंजाब सहित अन्य राज्यों के सफर पर रहेंगे। भेड़ों के रेवड़ का मैनेजमेंट और अनुशासन भी देखने वाला रहता है। एक रेवड़ के साथ रेबारी परिवार के 7 से 8 लोग रहते हैं। इनके खाने-पीने, जरूरी दवाओं सहित जरूरत की हर चीज साथ रहती है। भेड़ों की सुरक्षा के लिए दो से तीन डॉग भी साथ रहते हैं, जो पूरे रेवड़ को गार्ड करते हैं। भेड़ें भी अपने मालिक की ओर से तय हर अनुशासन का पालन करती हैं। चलते रहने, बैठने और चरने के लिए मालिक उनसे विशेष निर्देश देते हैं। जिनका पूरा रेवड़ बखूबी पालन करता है। चलने फिरने में असमर्थ बच्चों को गधे की सवारी करवाई जाती है। प्रवास क्यों...चारे की कमी, भेडों का स्वास्थरेवड़ के साथ चल रहे सुमेरपुर के भारुंद गांव के जगदीश रेबारी बताते हैं कि मानसून के बाद रेगिस्तानी इलाकों में चारा सूख जाता है। इसी के साथ भेड़ों के इतने बड़े रेवड़े के लिए चारे और पानी की समस्या शुरू हो जाती है। इसके लिए उन्हें अपने घरों से प्रवास पर निकलना पड़ता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि भेड़ों को स्वस्थ रखने और उन्हें विभिन्न बीमारियों से बचाने के लिए मौसम के अनुसार स्थान बदलना जरूरी होता है। साथ ही एमपी के खेतों में पाई जाने वाली सोयाबीन भेड़ों की सेहत के लिए फायदेमंद रहती है। वहां उन्हें यह भरपूर मात्रा में मिल जाती है। एमपी में भेड़ों की कीमत भी ज्यादा है। ऐसे में ये परिवार प्रवास के इनका व्यवसाय भी करते हैं। चुनौतियां...जंगली जानवरों व चोरों से सुरक्षा मुश्किलमारवाड़ से आने वाले रेवड़ सुमेरपुर से सायरा, गोगुंदा-उदयपुर-सलूंबर-आसपुर-डूंगरपुर-बांसवाड़ा-प्रतापगढ़-झाबुआ-धार और देवास तक पहुंचते हैं। रेवड़ को सबसे ज्यादा मुश्किल हाईवे को पार करने में होती है। इसके अलावा रात को चोरों और जंगली जानवरों से सुरक्षा भी बड़ी चुनौती है।
दिवाली से पहले दिल्ली सरकार का तोहफा: पानी बिल पर सरचार्ज माफी
दिल्ली की रेखा गुप्ता सरकार ने दिवाली से पहले दिल्लीवासियों को बड़ा तोहफा दिया है
ग्वालियर आरपीएफ में पदस्थ पुलिस जवान ने ट्रेन में सफर रहे यात्री की जान बचाई है। घटना 13 अक्टूबर 2025 की है। जब जबलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 पर ट्रेन में चढ़ने के दौरान यात्री का पैर फिसल गया और ट्रेन और प्लेटफार्म की बीच में जाकर फंसने लगा। इसी दौरान डयूटी में तैनात आरपीएफ के जवान ने यात्री को देखा और फौरन उसे ट्रेन से दूर गया। अच्छी बात यह है कि इस घटना में यात्री को मामूली चोट आई है। रेलवे ने प्राथमिक उपचार करवाने के बाद उसे ट्रेन में बैठाकर आगे के लिए रवाना कर दिया। इटारसी के लिए रवाना होने वाली थी हावड़ा मुंबई मेल13 अक्टूबर 2025 को जबलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 पर रात लगभग 8 बजे बजे गाड़ी संख्या 12321 हावड़ा मुंबई मेल स्टेशन से इटारसी के लिए रवाना होने लगी। इसी बीच एक यात्री दौड़कर प्लेटफार्म पहुंचा और कोच नंबर S/5 में चलती गाड़ी में चढ़ने की कोशिश कि इसी दौरान यात्री का पैर फिसलने पर वह प्लेटफार्म और रेलगाड़ी के बीच आ गया, वहां पर मौजूद आरक्षक देवी शंकर पांडेय द्वारा यात्री को साहस का परिचय देकर अपनी जान को परवाह किए बिना प्लेटफार्म से खींच कर निकाला। यात्री को प्लेटफार्म पर घसीटे जाने के कारण मामूली चोट आई हैं। पूछताछ में यात्री ने अपना नाम शंकर लाल पिता कन्हैया लाल (45) निवासी ग्राम मरोल थाना सिरमौर जिला रीवा मध्य प्रदेश बताया। यात्री का कहना था, कि वह सतना से मुंबई जा रहा था। यात्री ने बताया कि जबलपुर रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म पर पानी की बोतल लेने के लिए उतरा था, गाड़ी चलने पर चढ़ते समय फिसल गया।
नगर आयुक्त ने अधूरे काम पर जताई नाराजगी:बोले- लापरवाही होने पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने मंगलवार को नगर निगम के निर्माण विभाग और सीएनडीएस के जेई के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में विभिन्न जोनल कार्यालयों, पार्कों और चल रहे निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। बैठक में नगर आयुक्त ने जोनल ऑफिस से भुगतान समय पर न होने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को चेतावनी दी कि कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्य निर्देश और निर्णय: -घंटाघर क्षेत्र में चल रहे कार्यों की निगरानी के लिए बंधू सिंह के अतिरिक्त कार्यों का प्रभार अशोक कुमार भाटी को सौंपा गया। -इंदिरा बाल विहार में साउंड सिस्टम और एलईडी वॉल लगाने के निर्देश दिए गए। -सिटी लाइब्रेरी की छत की मरम्मत, वाई-फाई और इंटरनेट सुविधा के रखरखाव के लिए अपर नगर आयुक्त (थर्ड) को जिम्मेदारी सौंपी गई। -लाइब्रेरी के पीछे किए गए कब्जे (अतिक्रमण) को दिवाली से पहले हटाने और अतिरिक्त चार्ज लगाकर किराया वसूलने का आदेश दिया गया। -निर्माण विभाग के कबाड़ और स्क्रैप की नीलामी कराने के निर्देश दिए गए। -टीपी नगर और रानीडीहा में बन रहे जोनल कार्यालयों के निर्माण कार्यों में तेजी लाने को कहा गया। -लालदिग्गी पार्क में काटे गए पेड़ों के उपयोग और सहगौन के पेड़ों की नीलामी से प्राप्त धनराशि नगर निगम में जमा कराने का निर्देश दिया गया। -प्रस्तावित स्पेस म्यूजियम को पीपीपी मॉडल (सार्वजनिक-निजी भागीदारी) पर विकसित करने का निर्णय लिया गया। -वैश्विक नगर योजना परियोजना की निगरानी की जिम्मेदारी अवर अभियंता अवनीश भारती को दी गई। -लाल नागौर क्षेत्र में बन रहे कान्हा ओपन शेल्टर और एनिमल क्रिमेटोरियम के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। -शहर में किए गए वृक्षारोपण के रखरखाव पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया।नगर आयुक्त ने स्पष्ट कहा कि पार्क, नाली और सड़कों के निर्माण कार्यों में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि कार्य समय पर पूरे नहीं हुए तो संबंधित अवर अभियंताओं पर कार्रवाई की जाएगी।नगर निगम ने सभी विभागों को चेताया है कि त्योहारों से पहले शहर की सफाई, सौंदर्यीकरण और विकास कार्य तेज गति से पूरे किए जाएं।
चुटिया में मोर महल में विराजेंगी मां काली, 551 महिलाएं करेंगी महाआरती
नव जागृति संघ चुटिया के सौजन्य से इस साल भव्य काली पूजा का आयोजन किया जा रहा है। मोर महल की थीम पर पंडाल का निर्माण किया जा रहा है। 60 फीट ऊंचा और 40 फीट चौड़ा पंडाल आकर्षक होगा। माता की 15 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी। संघ के सचिव शिवम केशरी ने बताया कि इस वर्ष आयोजन के 57वें वर्ष होगा। आयोजन पर लगभग 15 लाख रुपए की लागत अनुमानित है। मूर्ति की लागत 1 लाख रुपए है। विशेष लाइटिंग की व्यवस्था की गई है। चार बड़े गेट लाइट से जगमग होगा। बंगाल के 50 कारीगर दिन रात पंडाल के निर्माण में लगे हुए हैं। पांच दिवसीय होगा महोत्सव, प्रतिदिन विशेष भोग का किया जाएगा वितरण 20 अक्टूबर को मां काली की पूजा विधिवत पूजा-अर्चना की जाएगी। हर दिन मां को विशेष भोग लगाया जाएगा। 21 अक्टूबर खिचड़ी, 22 अक्टूबर खीर-पूड़ी, 23 अक्टूबर हलुआ-पूड़ी, 24 अक्टूबर खिचड़ी का भोग लगेगा। साथ ही 551 महिलाओं द्वारा सामूहिक महाआरती की जाएगी। भव्य जागरण होगा। 25 अक्टूबर को 101 झारखंडी नगाड़ों की गूंज के साथ पारंपरिक झारखंडी वेशभूषा में सजे श्रद्धालुओं के साथ विसर्जन शोभायात्रा निकाली जाएगी।
कुश्मी एन्क्लेव को RERA की मंजूरी:धनतेरस तक शुरू हो सकती है बुकिंग; 286 फ्लैट बनेंगे
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) की आवासीय योजना कुश्मी एन्क्लेव को रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (RERA) से मंजूरी मिल गई है। इसका पंजीकरण हो चुका है। अब इसी सप्ताह प्राधिकरण कुश्मी एन्क्लेव को लांच करने की तैयारी कर रहा है। धनतेरस तक इसकी बुकिंग शुरू हो सकती है। इस योजना में तीन श्रेणियों में मकान बनाए जा रहे हैं। टू बीएचके, थ्री बीएचके एवं थ्री बीएचके व साथ में सर्वेंट क्वार्टर की व्यवस्था है। लंबे समय से प्राधिकरण इस योजना को लांच करने की तैयारी कर रहा है। लेकिन RERA की ओर से मंजूरी नहीं मिल पा रही है। कई दिनों तक यह मामला RERA में पेंडिंग था। इसके बाद प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आनन्द वर्द्धन ने कई बार बात करके RERA से अनुमोदन दिलाया। मंगलवार को पंजीकरण हो जाने से प्राधिकरण के कर्मचारी इसे लांच करने की तैयारी में जुट गए। 3 बीएचके के सर्वाधिक फ्लैटकुश्मी एन्क्लेव में 2 बीएचके, 3 बीएचके एवं 3 बीचएके प्लस सर्वेंट क्वार्टर, 3 तरह के फ्लैट बनाए जाएंगे। इसमें 3 बीएचके के फ्लैटों की संख्या सर्वाधिक है। टू बीएचके के 88 फ्लैट, थ्री बीएचके के 132 फ्लैट एवं थ्री बीएचके प्लस सर्वेंट क्वार्टर के 66 फ्लैट बनाए जाएंगे। अब जानिए कितने एरिया के होंगे फ्लैट तीन तरह के फ्लैट बनाए जा रहे हैं तो सभी की एरिया भी अलग-अलग होगी। टू बीएचके फ्लैट का कारपेट एरिया (किचन, बालकनी व बाथरूम को छोड़कर) 62.54 वर्ग मीटर यानी 673 वर्ग फीट होगा। इसी तरह थ्री बीएचके फ्लैट का कारपेट एरिया 1070 वर्ग फीट है। सर्वेंट क्वार्टर भी जिस फ्लैट में होंगे, उसका कारपेट एरिया 1279 वर्ग फीट होगी। 5 टॉवर में बनेंगे फ्लैट कुश्मी एन्क्लेव में 5 टॉवर में फ्लैट बनाए जाएंगे। ए ब्लॉक में 2 टॉवर 44-44 फ्लैट के होंगे। इसी तरह बी ब्लॉक में 3 टॉवर होंगे। सभी टॉवर की ऊंचाई 11 मंजिला होगी। इसकी कीमत 57 लाख से 1 करोड़ रुपये तक होगी। यहां लिफ्ट, आधुनिक सुरक्षा, जल आपूर्ति, क्लब व शॉपिंग कांप्लेक्स की सुविधा मिलेगी। 397 कारों के लिए यहां पार्किंग की सुविधा दी जाएगी। जीडीए उपाध्यक्ष आनन्द वर्द्धन ने बताया कि कुश्मी एन्क्लेव को RERA से मंजूरी मिल चुकी है। इसकी बुकिंग शुरू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसी सप्ताह बुकिंग शुरू होगी।
व्यापार व उद्योग जगत के साथ मिलकर काम करेंगे
रांची | फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के वर्तमान सत्र के कार्यकारिणी समिति की दूसरी बैठक मंगलवार को अध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा की अध्यक्षता में चैंबर भवन में हुई। अध्यक्ष ने विश्वास दिलाया कि हम व्यापार और उद्योग जगत के साथ मिलकर संवाद, समन्वय और सहयोग की भावना से काम करेंगे। वर्तमान सत्र की शुरुआत से ही चैंबर ने प्रदेश के व्यापार और उद्योग जगत से जुड़े अनेक मुद्दों पर ठोस पहल की है। उन्होंने कहा कि स्थानीय उद्योगों को प्रोत्साहन, एमएसएमई सेक्टर को समर्थन और निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना हमारी प्राथमिकता रहेगी। चैंबर की गतिविधियों के वर्षभर संचालन के लिए कार्यकारिणी समिति के अनुमोदन से उपाध्यक्ष प्रवीण लोहिया और राम बांगड द्वारा कुल 64 उप समितियों का गठन किया गया। क्षेत्रीय उपाध्यक्ष विजय आनंद मूनका, अमरजीत सिंह सलूजा ने राज्य में औद्योगिकीकरण को गति देने में वर्तमान नीतियों में परिवर्तन की आवश्यकता बताते हुए पडोसी राज्यों की नीति का अध्ययन करते हुए नीति निर्माण में स्टेकहोल्डर्स की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार से आग्रह किया।
डीसी के साथ महानगर काली पूजा समिति ने की बैठक, मांगा सहयोग
रांची महानगर काली पूजा समिति के मुख्य संरक्षक आलोक कुमार दूबे व अध्यक्ष विनय कुमार सिंह के नेतृत्व में मंगलवार को उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री के साथ काली पूजा महोत्सव की तैयारियों को लेकर बैठक हुई। समिति के पदाधिकारियों ने दुर्गा पूजा के सफल संचालन के लिए प्रशासन को बधाई दी और काली पूजा के दौरान सुरक्षा, साफ-सफाई व महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। मुख्य संरक्षक आलोक कुमार दूबे ने कहा कि काली पूजा रांची की धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक एकता की पहचान है। उपायुक्त ने सभी सुझावों को गंभीरता से लेते हुए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। समिति ने उपायुक्त से पूजा पंडालों का निरीक्षण करने का अनुरोध किया। इधर, रांची महानगर काली पूजा समिति के मुख्य संरक्षक आलोक कुमार दूबे व अध्यक्ष विनय कुमार सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडे सिंह से मुलाकात की। इस दौरान काली पूजा महोत्सव के सफल व शांतिपूर्ण संचालन को लेकर चर्चा हुई। समिति ने राजधानी में सुरक्षा, स्वच्छता, प्रकाश व्यवस्था और यातायात प्रबंधन को लेकर प्रशासन को विशेष दिशा-निर्देश देने का अनुरोध किया, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
झकमक दिसि ला रे रांची सहरिया... डिस्को दीवाने सहित 19 फिल्मों में दिखीं आदिवासी जीवन की कथाएं
शहर में तीन दिवसीय ‘धरती आबा जनजातीय फिल्म फेस्टिवल-2025’ का शानदार आगाज मंगलवार को हुआ। डॉ. रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान (टीआरआई) में आयोजित इस खास समारोह में देश के कई जाने-माने फिल्मकार हिस्सा लेने पहुंचे हैं। आदिवासी विषयों पर बनी फिल्मों के प्रदर्शन के लिए यह आयोजन युवाओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जिसमें फिल्म मेकिंग में करियर बनाने वाले स्टूडेंट्स की भारी भीड़ जुटी है। टीआरआई के दो थिएटर में फिल्मों का प्रदर्शन हो रहा है। कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने फिल्म फेस्टिवल का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह महोत्सव केवल फिल्मों का प्रदर्शन नहीं, बल्कि हमारी आदिवासी पहचान, परंपरा और जीवन दर्शन का उत्सव है। फिल्म एक सशक्त माध्यम है जो जनजातीय भारत की आत्मा, उसकी संस्कृति और संघर्षों को दुनिया के सामने लाती है। राज्य सरकार जनजातीय समाज के समग्र विकास और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। यह फिल्म महोत्सव झारखंड सरकार व भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। 15 राज्यों की 52 फिल्में प्रदर्शित होंगी विभिन्न राज्यों से आए फिल्मकारों, शोधकर्ताओं और कलाकारों ने अपनी रचनात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से आदिवासी जीवन के सरोकार को साझा किया। फेस्टिवल के दौरान झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, असम, नगालैंड, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल सहित 15 राज्यों की 52 फिल्में प्रदर्शित की जा रही हैं। पहले दिन 19 फिल्मों का प्रदर्शन हुआ, जिसमें फूलो, आदिवासी, सोइल अलाइन टू अर्थ, रूट्स टू द यूनिवर्स, ब्रेकिंग बेरियर्स, बांधा खेत, कुसुम, ह्यूमन इन द लुप, फायर ऑन द एज, हीरा लो होनोर, याकासिस सिस्टर आदि प्रमुख थीं। डिस्को दीवाने का निर्देशन श्रीधर सुधीर ने किया। इसमें प्रसिद्ध डॉक्यूमेंट्री मेकर श्रीप्रकाश व उनके साथी डिस्को को लेकर झारखंड के गीत, यहां की समस्याएं, यहां के खदान सहित कई चीजों को लेकर कहानी गढ़ी गई है। झकमक दिसि ला रे रांची सहरिया... व कहेला जिंदगी छू ले तो गेले बेटा..जैसे गीतों से दर्शकों का खूब मनोरंजन हुआ। सिनेमा का दायित्व समाज की सच्चाई को उजागर करना है चमरा लिंडा ने कहा कि जब भी किसी व्यक्ति, समुदाय या जनजातीय जीवन पर फिल्म बनाई जाए, तो उसके दृश्य और कथानक यथार्थ पर आधारित हों न कि काल्पनिक या भ्रामक। कला और सिनेमा का दायित्व समाज की सच्चाई को उजागर करना है, ताकि आने वाली पीढ़ियां सही परिप्रेक्ष्य में अपनी जड़ों को पहचान सकें। इस पहल से आदिवासी कलाकारों और युवाओं को अपनी अभिव्यक्ति का एक सशक्त मंच मिलेगा, जिससे वे अपने समुदाय की वास्तविक कहानियों को राष्ट्रीय और वैश्विक पटल पर प्रस्तुत कर सकेंगे। बिरसा मुंडा व शिबू सोरेन पर फिल्में बने। फिल्म मेकिंग के बारे में जानेंगे : स्नेहा मुंडारी टीआरआई में कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने उद्घाटन के बाद दो फिल्में देखीं, कई फिल्मकार व बड़ी संख्या में छात्रों ने भी फिल्में देखीं। बेंगलुरु की फिल्ममेकर स्नेहा की फिल्म ‘सेनगे सुसुन काजी गे दुरंग’ का प्रदर्शन आज होगा। उन्होंने कहा कि झारखंड में ऐसे फिल्म फेस्ट होने चाहिए, ताकि लोगों को प्लेटफॉर्म मिले कि वे अच्छी फिल्में देख सकें। यहां लोग अपने समुदाय, कल्चर, रीजन को जान सकेंगे। तीन साल पहले टीआरआई में एक कार्यशाला हुई थी, जहां फिल्म फेस्टिवल की बात उठी थी। आज यहां देशभर की 50 से अधिक फिल्में प्रदर्शित की जा रही हैं। पचासों स्टूडेंट्स फिल्में देख रहे हैं। इसका असर 3 साल बाद पता चलेगा, जब ये स्टूडेंट्स फिल्में बनाएंगे। आज फिल्में देख रहे, कल बनाएंगे : मेघनाथ झारखंड में पहली बार आयोजित हुआ 3 दिवसीय ‘धरती आबा जनजातीय फिल्म महोत्सव-2025’ film festival नागपुरी फिल्म ‘फूलो’ से शुरुआत कहां: टीआरआई मोरहाबादी कब : सुबह 10 बजे आज : 19 फिल्में दिखाई जाएंगी
7 अल्ट्रासाउंड सेंटर का रजिस्ट्रेशन व 2 का हुआ रिन्यूअल
उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला सलाहकार समिति (पीसी-पीएनडीटी) की बैठक समाहरणालय स्थित उपायुक्त सभागार में की गई। इस दौरान समिति द्वारा अल्ट्रासाउंड सेंटर के निबंधन, रिन्यूअल, संस्थानों को मशीन के फॉर्म-बी में एंट्री, चिकित्सकों की ज्वाइनिंग एवं यूएसजी मशीन खरीदने पर विचार-विमर्श किया गया। अल्ट्रासाउंड सेंटर के निबंधन और रिन्यूअल के लिए प्राप्त अभ्यावेदनों पर विचार करते हुए समिति ने 7 सेंटर के निबंधन और 2 सेंटर के रिन्यूअल की स्वीकृति दी। इसके अलावा बैठक में समिति द्वारा संस्थानों को मशीन के फॉर्म-बी में इंट्री व सर्टिफिकेट जांच के बाद चिकित्सकों की ज्वाइनिंग का अनुमोदन दिया गया। बैठक में अल्ट्रासाउंड सेंटर के निरीक्षण को लेकर आवश्यक व उचित दिशा-निर्देश दिए गए। समिति द्वारा विभिन्न सेंटर के निश्चित समय अंतराल पर निरीक्षण करने और नियमों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध नियमसंगत कार्रवाई सुनिश्चित करने की बात कही गई। बैठक में उप विकास आयुक्त सौरभ कुमार भुवानिया, सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार, समिति सदस्य सहित अन्य सदस्य के साथ-साथ पीसी-पीएनडीटी को-ऑर्डिनेटर राकेश कुमार राय उपस्थित थे।
घाटशिला में झामुमो प्रत्याशी व बिहार में पार्टी की हिस्सेदारी पर आज उठेगा पर्दा
पॉलिटिकल रिपोर्टर | रांची घाटशिला में झामुमो की ओर से प्रत्याशी कौन होगा। बिहार में झामुमो को कितनी सीटें मिलेंगी। बुधवार को इससे पर्दा उठ जाएगा। बुधवार को पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय समिति की बैठक बुलाई है। इस बैठक में पार्टी की केंद्रीय समिति के सभी पदाधिकारीगण, केंद्रीय समिति सदस्य, जिला एवं महानगर अध्यक्षों को बुलाया गया है। यह बैठक हरमू के सोहराई भवन में सुबह 11 बजे से आयोजित की गई है। बैठक का मुख्य फोकस बिहार विधानसभा चुनाव और घाटशिला विधानसभा उपचुनाव ही है। पार्टी घाटशिला में प्रत्याशी को लेकर चर्चा एवं अंतिम निर्णय लेगी। बिहार विधानसभा चुनाव में झामुमो ने सात सीटों पर दावा किया है। पार्टी का कहना है कि जिन 7 सीटों पर दावेदारी पेश की गई है, वहां पार्टी की स्थिति मजबूत है। इन सीटों के मिलने से महागठबंधन को फायदा मिलेगा। बता दें कि झामुमो ने बांका, कटोरिया, चकाई, तारापुर, मनिहारी, पूर्णिया और धमदाहा विधानसभा सीटों पर दावा पेश किया है। इसमें कटोरिया और मनिहारी आदिवासी आरक्षित सीट है। इसलिए इसकी संभावना प्रबल है कि राजद अपने कोटे से झामुमो को कम से कम दो सीट कटोरिया और मनिहारी दे दे। हालांकि इसका औपचारिक एलान होने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी कि झामुमो के खाते में कितनी सीटें आती हैं। पार्टी का कहना है कि अगर बिहार में झामुमो को सम्मानजनक सीटें मिलती है, तो ठीक है, नहीं तो वह बिहार में अकेले दम पर भी चुनाव मैदान में उतरने को तैयार है। पार्टी के अंतिम महाधिवेशन में इसका प्रस्ताव पास हो चुका है कि पार्टी के विस्तार के लिए पार्टी बिहार, ओडिशा एवं बंगाल सहित अन्य राज्यों में चुनाव लड़ेगी। पार्टी अपना विस्तार राष्ट्रीय स्तर पर करना चाहती है।
सीएम से जुड़े मामले में आरोप गठन पर सुनवाई 31 को
बड़गांई अंचल के 8.46 एकड़ जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोप गठन पर पीएमएलए कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। आगे की सुनवाई के लिए अदालत ने 31 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की है। सुनवाई के दौरान जेल में बंद पांच आरोपियों की न्यायिक हिरासत अवधि अदालत ने 31 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। इससे पूर्व आरोपियों को वीसी के माध्यम से पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया। जमानत पर चल रहे आरोपियों की ओर से अधिवक्ता एवं सशरीर उपस्थित होकर हाजिरी दी। जबकि पिछले दिनों जमानत पर बाहर निकले अंतु तिर्की समेत 6 आरोपियों ने उपस्थिति दर्ज कराई। मामले में हेमंत सोरेन, बड़गांई अंचल के निलंबित राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप प्रसाद, झामुमो नेता अंतु तिर्की, विनोद कुमार सिंह, मो. सद्दाम, अफसर अली, विपिन सिंह, प्रियरंजन सहाय, इरशाद अख्तर, शेखर कुशवाह, हजारीबाग के कोर्ट कर्मी मो. इरशाद, कोलकाता के रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस के कर्मी तापस घोष, चौकीदार संजीत कुमार समेत अन्य आरोपी हैं।
हाईकोर्ट से निजी स्कूल संचालकों को बड़ी राहत, जमीन की अनिवार्यता पर अगले आदेश तक रोक
झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को झारखंड निजी स्कूल एसोसिएशन सहित अन्य निजी स्कूल संचालकों की ओर से दाखिल पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान औैर जस्टिस दीपक रोशन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद निजी स्कूल संचालकों को बड़ी राहत दी है। अदालत ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत राज्य सरकार के वर्ष 2019 की नियमावली के तहत दिए गए उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें निजी स्कूल खोलने के लिए जमीन को अनिवार्य बताया गया है। अदालत ने कहा कि 2019 से पहले से संचालित निजी स्कूलों पर फिलहाल यह प्रावधान लागू नहीं होगा। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर को निर्धारित करते हुए सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मालूम हो कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2019 में नियमावली बनाई गई थी। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में हाई औैर मिडिल स्कूल खोलने के लिए एक एकड़ औैर शहरी क्षेत्र में 75 डिसमील जमीन होना अनिवार्य किया गया है। वहीं प्राइमरी स्कूल खोलने के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 60 डिसमील औैर शहरी क्षेत्र में 40 डिसमील जमीन होना अनिवार्य किया गया। इस मामले सहित अन्य बिंदुओं के खिलाफ निजी स्कूल संचालक एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। 2 नवंबर 2025 को अदालत ने याचिका पर सुनवाई करते हुए जमीन को अनिवार्य बताने के नियम को सही ठहराया था और निजी स्कूल संचालकों को छह माह में इस नियम का पालन करने का निर्देश दिया था। 2019 से पहले से संचालित निजी स्कूलों पर फिलहाल यह प्रावधान लागू नहीं होगा
थर्ड ग्रेड के कितने पद रिक्त हैं, उन पदों पर किससे काम लिया जा रहा
झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को रांची नगर निगम में थर्ड ग्रेड का काम कर रहे कर्मचारियों को निर्धारित वेतनमान और प्रोन्नति देने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद नगर निगम को विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। इस संबंध में नगर निगम कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नरेश राम ने याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता प्रेम पुजारी ने बताया कि नगर निगम में जिन कर्मचारियों की नियुक्ति चतुर्थ वर्ग में हुई थी, लेकिन कार्य कुशलता, कार्य हित को देखते हुए उनसे ग्रेड थ्री का काम लिया जा रहा है। ऐसे कर्मचारी पिछले 20 वर्षों से ग्रेड थ्री के पद पर कार्यरत हैं। अदालत से आग्रह किया गया कि नगर निगम को निर्देश दिया जाए, उन पदों पर नियमित पदोन्नति से बहाली की जाए और ग्रेड-3 के अनुसार वेतन के साथ सुविधा दी जाए। अदालत ने निगम को बताने के लिए कहा है कि आज की तिथि में ग्रेड-3 के कितने पद रिक्त हैं, उन पदों पर किससे काम लिया जा रहा है और भविष्य में ग्रेड-3 के पद को भरने के लिए उनकी क्या मंशा है। थैलेसीमिया के इलाज के लिए दिसंबर बहाल करें हेमेटोलॉजिस्ट झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को थैलेसीमिया पीड़ित रोगियों के इलाज और हेमेटोलॉजिस्ट की नियुक्ति की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद दिसंबर तक हेमेटोलॉजिस्ट की नियुक्ति करने का निर्देश दिया। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह एक विशिष्ट शपथ पत्र दाखिल करे, जिसमें इस बात का जिक्र हो कि हेमेटोलॉजिस्ट की नियुक्ति प्रक्रिया के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी। झारखंड हाईकोर्ट ने नगर निगम से पूछा- क्या है स्थिति
10 दारोगा पहली बार बने थाना प्रभारी, सात माह के अंदर ही तीन की छिन गई थानेदारी
राजधानी के 9 थाने व 8 आेपी में मंगलवार की सुबह एसएसपी राकेश रंजन ने नए थानेदार व ओपी प्रभारी की पोस्टिंग की है। इनमें 6 दारोगा को एक जगह से हटाकर दूसरr जगह प्रभारी के रूप में पदस्थापित किया गया है। 10 दारोगा को राजधानी में पहली बार थानेदारी करने का मौका दिया गया है। वहीं पहले से थानेदारी कर रहे 10 दारोगा को हटाकर अलग-अलग थानों में जेएसआई के रूप में पदस्थापित किया गया है। 28 दारोगा को इधर से उधर करते हुए एसएसपी ने आदेश जारी किया है। जारी आदेश में अविलंब नव पदस्थापित स्थल पर योगदान देने को कहा गया है। रुटीन ट्रांसफर हुआ एसएसपी रांची राकेश रंजन के कहा कि बेहतर प्रशासनिक दृष्टिकोण से ही थाने व ओेपी प्रभारी समेत 28 दारोगा का ट्रांसफर किया गया है। कई दारोगा का रूटीन ट्रांसफर किया गया है। वहीं कुछ के ऊपर आरोप भी लगे हैं, जिसके बाद उन्हें हटाया गया है। ये तीन थानेदार नहीं जीत पाए एसएसपी का विश्वास, चंद महीनों में ही कर दिया ट्रांसफर 1. अभिषेक कुमार : लापुंग थानेदार के रूप में 18 जुलाई 2025 को इन्होंने योगदान दिया। हालांकि 2 महीने 26 दिन बाद ही इनसे थानेदारी छीन ली गई। एसएसपी ने ट्रांसफर करते हुए अभिषेक को लोअर बाजार थाने में जेएसआई के रूप में तैनात किया है। ये 6 दारोगा एसएसपी के भरोसेमंद, एक से दूसरे थाने व ओपी में भेजे गए सिद्वांत - ठाकुरगांव थानेदार से हटाकर तुपुदाना ओपी प्रभारी बनाए गए। मनीष कुमार - पंडरा ओपी से हटाकर खरसीदाग ओपी प्रभारी बनाए गए। सुजीत उरांव - दलादली टीओपी से हटाकर बेड़ो थाना प्रभारी बनाए गए। सत्यप्रकाश उपाध्याय - मोरहाबादी टीओपी से हटाकर दलादली टीओपी प्रभारी बनाया गया। सुनील कुमार गौड़ - पंडरा ट्रैफिक थाना से हटाकर खादगढ़ा टीओपी प्रभारी बनाया गया। दुलाल महतो - तुपुदाना ओपी प्रभारी से हटाकर मोरहाबादी टीओपी प्रभारी बनाया गया। ये 10 दारोगा पहली बार बने थानेदार नाम थाना सतीश कुमार पिठौरिया टिंकू रजक चान्हो मनोज करमाली मांडर नाम थाना नवीन शर्मा बुढ़मू गोविंद कुमार लापुंग शुभम कुमार ठाकुरगांव रंजीत कुमार पंडरा ट्रैफिक गौतम रजवार अनगड़ा राहुल कु.मेहता मुरी ओेपी अजय कु.दास मेसरा ओेपी 3. गगन कुमार ठाकुर : मुरी ओेपी प्रभारी के रूप में 19 जुलाई 2025 को योगदान दिया। एसएसपी ने इनसे 2 महीना 25 दिन में ही थानेदारी छीन ली। गगन को पुलिस कार्यालय में अभियोजन कोषांग का प्रभारी बनाया गया है। 2. अभय कुमार : पिठौरिया थानेदार के रूप में 23 फरवरी 2025 को ही अभय ने योगदान दिया था। हालांकि 7 महीने 21 दिन बाद ही इनसे थानेदारी छीन ली गई। एसएसपी ने इसका ट्रांसफर करते हुए सदर थाने में जेएसआई के रूप में तैनात किया है। थाना नाम पिठौरिया थानेदार अभय कुमार चान्हो थाना प्रभारी चंदन कु. गुप्ता मांडर थाना प्रभारी राहुल बुढ़मू थाना प्रभारी रितेश कु. महतो लापुंग थाना प्रभारी अभिषेक कुमार बेड़ो थाना प्रभारी देवप्रताप प्रधान अनगड़ा थाना प्रभारी हीरालाल साह खादगढ़ा टीओेपी प्रभारी दिवाकर कुमार मेसरा ओेपी प्रभारी संजीव कुमार खरसीदाग ओेपी प्रभारी भवेश कुमार मुरी ओपी प्रभारी गगन कु. ठाकुर इन 11 दारो की चली गई थानेदारी
करनाल के बाबू मूलचंद जैन राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) में मंगलवार को एक वर्ग अनुदेशक पर पेंटर इंस्ट्रक्टर के साथ बदसलूकी के आरोप लगे हैं। मामला मुख्यालय तक पहुंचा तो हेडक्वार्टर ने तुरंत संज्ञान लेते हुए आरोपित वर्ग अनुदेशक को सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर इसी वर्ग अनुदेशक द्वारा आईटीआई छात्र के साथ मारपीट का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिस पर प्रबंधन ने सफाई दी कि यह वीडियो पुराना है और आज की घटना से इसका कोई संबंध नहीं है। वहीं, 15 से 20 दिन पहले महिला वर्कशॉप अटेंड के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना पर भी कार्रवाई करते हुए हेडक्वार्टर ने आरोपी को सस्पेंड किया है और दोनों को हेड क्वाटर शिफ्ट कर दिया है। दोनों को नूंह भेजा गया है, जहां वे रिपोर्ट करेंगे और बिना वहां के प्रिंसिपल की अनुमति के स्टेशन नहीं छोड़ सकेंगे। कक्षा में पहुंचकर अनुदेशक से की बदसलूकी मामले की शुरुआत उस समय हुई जब पेंटर इंस्ट्रक्टर सुरेंद्र कुमार आईटीआई के कैंपस में अपनी ट्रेड के बच्चों से कैंपस की दीवारों पर स्लोग्न की पेंटिंग को ठीक करवा रहे थे, इसी दौरान वर्ग अनुदेशक मुकेश भारद्वाज वहां पर पहुंच गए, उन्होंने कहा कि आप सही तरीके से काम नहीं करवा रहे हो, जिस पर सुरेंद्र ने स्पष्ट किया कि वह सही तरीके से ही काम करवा रहा है और आप चिंता न करे, काम ठीक ही होगा। लेकिन इस पर मुकेश भारद्वाज थोड़ा नाराज हो गया और बहसबाजी शुरू कर दी। विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों के बीच झड़प जैसी स्थिति बन गई। सुरेंद्र का आरोप है कि मुकेश ने न केवल उनके साथ हाथापाई की, बल्कि उनके साथ जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और माहौल खराब किया। शिकायत पर तुरंत हुआ सस्पेंशन घटना के बाद इंस्ट्रक्टर सुरेंद्र ने अपनी शिकायत स्थानीय अधिकारियों के माध्यम से हेडक्वार्टर तक पहुंचाई। मामले को गंभीरता से लेते हुए हेड क्वार्टर ने आरोपी वर्ग अनुदेशक मुकेश भारद्वाज को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर नूंह शिफ्ट कर दिया और विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए। प्रिंसिपल राकेश भाटिया ने बताया कि मुकेश भारद्वाज आईटीआई में सुपरवाइजर स्टाफ में GI (ग्रुप इंस्ट्रक्टर) हैं, जबकि सुरेंद्र कुमार पेंटर इंस्ट्रक्टर हैं। प्रिंसिपल ने बताया- दोनों के बीच बहस के बाद बिगड़े हालात प्रिंसिपल राकेश भाटिया ने बताया कि मंगलवार को दोनों के बीच किसी बात को लेकर बहस हुई थी। सुनने में यह भी आया कि मुकेश भारद्वाज ने सुरेंद्र का कॉलर पकड़ लिया था। हालांकि इस बात की वे पूरी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरेंद्र ने हेडक्वार्टर को अपनी शिकायत दी थी, जिस पर तत्काल एक्शन लेते हुए मुकेश भारद्वाज को निलंबित कर दिया गया है और इन्हें नूंह भेज दिया है। पुराना वीडियो वायरल होने से फैली अफवाह घटना के बाद सोशल मीडिया पर आईटीआई में छात्र के साथ मारपीट का एक वीडियो भी वायरल हो गया, जिससे मामला और चर्चा में आ गया। प्रिंसिपल ने इस पर स्पष्ट किया कि यह वीडियो मौजूदा घटना से जुड़ा नहीं है। उन्होंने बताया कि यह पुराना वीडियो है, जो आज की घटना के बाद गलती से जोड़ दिया गया। उनका कहना था कि वे खुद 10 जुलाई 2024 को आईटीआई में शामिल हुए हैं, जबकि यह वीडियो उनके आने से पहले का है। वीडियो में मुकेश भारद्वाज काफी युवा दिख रहे हैं, जिससे यह साफ है कि यह पुराना फुटेज है। महिला कर्मी के साथ छेड़छाड़ पर भी हुआ एक्शन आईटीआई में कुछ दिन पहले महिला कर्मी वर्कशॉप एडें के साथ छेड़छाड़ का मामला भी सामने आया था। प्रिंसिपल भाटिया ने इस मामले में कहा कि इसमें मुकेश भारद्वाज का कोई रोल नहीं है और यह मामला पूरी तरह अलग है। यह घटना 15 से 20 दिन पहले की है, जिसमें परमजीत नामक कर्मचारी पर आरोप लगे थे, जो सहायक (क्लर्क के बाद सहायक बनता है) के पद पर है। शिकायत के बाद हेडक्वार्टर ने इस मामले में भी तुरंत एक्शन लेते हुए आज परमजीत को सस्पेंड कर दिया। सेक्सुअल हरासमेंट कमेटी तक पहुंचा मामला महिला वर्कशॉप अटेंड की शिकायत पर मामला यौन शोषण कमेटी तक भी पहुंचा था। कमेटी की जांच के दौरान महिला ने बाद में आईटीआई प्रबंधन को ईमेल के माध्यम से सूचित किया कि वह डिपार्टमेंट की कार्रवाई से संतुष्ट है और आगे कोई एक्शन नहीं चाहती। इसके बाद महिला ने स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया था। प्रबंधन ने कहा - तीनों मामले अलग-अलग समय के आईटीआई प्रशासन ने इस पूरे विवाद पर कहा कि सभी घटनाएं अलग-अलग समय पर हुई हैं। पेंटर इंस्ट्रक्टर और वर्ग अनुदेशक के बीच हुई झड़प हाल की घटना है, जबकि महिला कर्मी का मामला पहले का है और छात्र के साथ मारपीट वाला वीडियो पुराना है। प्रबंधन ने अपील की कि इन तीनों मामलों को एक-दूसरे से न जोड़ा जाए और गलतफहमी न फैलाई जाए। विभागीय जांच जारी, रिपोर्ट जल्द आएगी आईटीआई करनाल प्रबंधन के अनुसार, वर्ग अनुदेशक मुकेश भारद्वाज पर विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। दोनों को नूंह भेजा गया है, जिनको आज ही यहां से रिलीव कर दिया है और कल उन्हें नूंह की आईटीआई में रिपोर्टिंग करनी है, वहां के प्रिंसिपल की अनुमति के बिना वे स्टेशन नहीं छोड़ सकते। जांच अधिकारी को मामले की रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं हेडक्वार्टर ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसी घटनाओं को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और संस्थान में अनुशासनहीनता के मामलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
केतारी बगान रेल आरओबी का निर्माण आज से होगा शुरू
बहुप्रतीक्षित केतारी बगान रेलवे फाटक आरओबी का निर्माण गुरुवार से प्रारंभ होने जा रहा है। निर्माण की शुरुआत मैरेज हाल के मुख्य द्वार के पास पहले पाइलिंग कार्य से की जाएगी। इसके लिए रूट डायवर्जन की योजना तैयार कर ली गई है। डीएसपी प्रमोद कुमार केसरी, ठेकेदार राजू रंजन और इंजीनियरों की टीम ने क्षेत्र का निरीक्षण किया और निर्माण के दौरान ट्रैफिक प्रभावित न हो, इसके लिए जरूरी निर्देश दिए। आरओबी निर्माण के चलते रेलवे फाटक से होकर चारपहिया वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जा रही है। नामकुम के मुंडागढ़ा के पास पूर्व में बने अंडरपास से एक अस्थायी सड़क केतारी बगान तक बनाई जाएगी, जिसके लिए रेलवे से अनुमति ली जा रही है। इस मार्ग से चुटिया की ओर चारपहिया वाहन आसानी से जा सकेंगे। दो चरणों में होगा निर्माण : आरओबी का निर्माण दो चरणों में होगा। इस दौरान दोपहिया वाहनों के लिए सड़क को सुरक्षित रखा जाएगा, जिससे बाजार और स्थानीय व्यवसाय प्रभावित नहीं होंगे।
ब्लड उपलब्ध... स्टॉक में बी और ओ पॉजिटिव ग्रुप सबसे अधिक
रांची | झारखंड हाईकोर्ट में मंगलवार को रांची विवि के विभिन्न कॉलेजों में संविदा पर कार्यरत गेस्ट फैकल्टी को मानदेय का भुगतान करने से संबंधित याचिका पर सुनवाई हुई। जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने राज्य सरकार और रांची विवि को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इससे पहले प्रार्थी अरविंद प्रसाद की ओर से अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने अदालत को बताया कि रांची विवि के विभिन्न कॉलेजों में गेस्ट फैकल्टी के लिए विज्ञापन जारी हुआ था। जिसमें यह शर्त थी कि गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति अनुबंध पर होने के बाद पुराने गेस्ट फैकल्टी की सेवा स्वतः समाप्त हो जाएगी। (नोट : ये आंकड़े रात 12 बजे तक के हैं।) ब्लड ग्रुप रिम्स सदर ए पॉजिटिव 53 08 ए निगेटिव 04 02 बी पॉजिटिव 92 27 बी निगेटिव 07 05 ब्लड ग्रुप रिम्स सदर ओ पॉजिटिव 71 56 ओ निगेटिव 15 00 एबी पॉजिटिव 30 02 एबी निगेटिव 01 02 विभाग चिकित्सक मेडिसिन डॉ. अजीत डुंगडुंग सर्जरी डॉ. मृत्युंजय मुंडू न्यूरोसर्जरी डॉ. राजकुमार/डॉ. आनंद प्रकाश न्यूरोलॉजी डॉ. सुरेंद्र कुमार ऑर्थोपेडिक डॉ. गोविंद कुमार गुप्ता स्त्री एवं प्रसूति रोग डॉ. अतिमा भारती पीडियाट्रिक डॉ. पीके चौधरी चर्म रोग डॉ. आनंद कुमार नेत्र रोग डॉ. राहुल प्रसाद ईएनटी डॉ. जेडएम खान पेन एंड पेलिएटिव डॉ. भारती यूरोलॉजी डॉ. राणा प्रताप सिंह कार्डियोलॉजी डॉ. पीके श्रीवास्तव रिम्स ओपीडी... आज ये डॉक्टर मरीजों को देंगे परामर्श
हाईकोर्ट ने मई, 2023 में योजना भवन के डीओआईटी की अलमारी में करोड़ों रुपए का सोना व नकदी रखने से जुड़े ईडी मामले में आरोपी डीओआईटी के पूर्व अधिकारी वेदप्रकाश यादव के खिलाफ ईडी कोर्ट के 21 मार्च, 2024 के प्रसंज्ञान आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया। वहीं, आरोपी यादव की पुनरीक्षण याचिका को भी खारिज कर दिया। जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने यह निर्देश वेदप्रकाश यादव की याचिका पर दिया। यादव की ओर से कहा कि वह लोक सेवक था और उसके खिलाफ ईडी ने जांच करने से पहले अभियोजन की मंजूरी नहीं ली है। जबकि सीआरपीसी की धारा-197 व बीएनएस की धारा-218 के तहत अभियोजन की मंजूरी लेना जरूरी था। जवाब में ईडी के अधिवक्ता अक्षय भारद्वाज ने कहा कि डीओआईटीएंडसी ऑफिस की अलमारी में भारी मात्रा में नगदी व सोने की ईंट रखने का कृत्य अधिकारिक कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान या ऐसा करने का दावा करते हुए नहीं किया है। ऐसे में मामले में अभियोजन की मंजूरी लेना जरूरी नहीं है। उसने गैर कानूनी काम किया है और उसकी ऑफिस वाली अलमारी से 2.31 करोड़ की नकदी व सोने की ईंट बरामद हुई है। ऐसे में ईडी मामलों की विशेष कोर्ट ने उसके खिलाफ विधिक तौर पर सही प्रसंज्ञान लिया है। इसलिए उसकी याचिका खारिज की जाए। अदालत ने ईडी की दलीलों से सहमत होते हुए आरोपी यादव की याचिका खारिज कर दी। इस मामले में पहले एसीबी ने मई 2023 में तत्कालीन डीओआईटी संयुक्त निदेशक वेदप्रकाश यादव के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति रखने का केस दर्ज किया था
पटना जंक्शन से छह साल के बच्चे को अगवा कर बेचने के मामले में 3 आरोपियों से पूछताछ
पटना जंक्शन से 6 साल के आर्यन उर्फ देवांश राज को अगवा करने के बाद बेचने और खरीदने के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की। अपहरण करने वाले रंजीत प्रसाद उर्फ श्रवण प्रसाद, बेचने वाले मुन्ना बिंद और उससे बच्चे को खरीदने वाले संजीत कुमार से पुलिस ने पूछताछ की। तीनों से मिले सुराग के बाद रेल पुलिस ने नालंदा के एकंगरसराय, हिलसा, शेखपुरा और आसपास के इलाकों में छापेमारी की, पर कोई सुराग नहीं मिला। 5 सितंबर को पुलिस ने आर्यन को बरामद करने के साथ मुन्ना और संजीत के ठिकाने से एक और अपहृत बच्चे को बरामद किया था। उस बच्चे पता नहीं चल सका है। उसे भी इसी गिरोह ने अगवा कर मुन्ना बिंद को बेच दिया था। वह बच्चा अभी चाइल्ड हेल्पलाइन में है। इस मामले में पुलिस ने इन तीनों के अलावा मुन्ना बिंद के बेटा दशरथ कुमार, मुन्ना की बहन कौशल्या देवी, कौशल्या की बेटी बबीता देवी और कौशल्या के पति विष्णु जमादार के अलावा रंजीत के गिरोह से जुड़ी अनिता गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। यह गिरोह फतुहा और नालंदा का है। कोटा में पति के साथ रहने वाली औरंगाबाद के उपहारा के बघोर के हमीदनगर की रेणु देवी 22 अगस्त को कोटा-पटना एक्सप्रेस से पटना जंक्शन आई थी। उसी ट्रेन में उसके साथ रंजीत उर्फ श्रवण और उसी गिरोह से जुड़ी अनिता देवी भी थी। 23 अगस्त को जब रेणु पटना पहुंची और शौच गई तो उसने बेटे आर्यन को रंजीत की गोद में दे दिया था। इसी बीच वह आर्यन को लेकर भाग गया। मुख्यालय रेल डीएसपी ने बताया कि रंजीत, संजीत और मुन्ना बिंद को पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया। दूसरे बच्चे का पता नहीं चल सका है कि वह कहां का रहने वाला है?
मध्य प्रदेश क्राइम फाइल्स के पार्ट-1 में आपने पढ़ा कि देवास के बावड़िया मोहल्ले में रहने वाली 18 साल की नगीना 30 सितंबर 2013 की शाम को कोचिंग से घर नहीं लौटी। रात 8 बजे उसने बहन हसीना को घबराकर फोन किया था। फोन पर उसके आखिरी शब्द थे... पुलिस को बुला...…पुलिस को बुला…...। वो आगे कुछ कह पाती इससे पहले ही फोन कट गया। उस कॉल के बाद नगीना कभी नहीं मिली। 18 दिन बाद उसकी लाश दो बोरों में बंधी हुई इंदौर बायपास के एक कुएं से मिली। ऊपरी धड़ अलग, कमर के नीचे का हिस्सा अलग। नगीना की हत्या किसने और क्यों की थी? हत्यारों ने वारदात को अंजाम कब और कैसे दिया था? पुलिस ने जब इसकी जांच की तो हत्याकांड की परतें खुलती चलती गई। मध्य प्रदेश क्राइम फाइल्स के पार्ट-2 के 5 चैप्टर में पढ़िए कौन था नगीना का कातिल मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया। सबसे पहले नगीना की मां और बहन हसीना से फिर से पूछताछ की गई। इस बार उनकी आंखों में सिर्फ दुख ही नहीं, बल्कि एक अजीब सा डर और झिझक भी थी। हसीना ने कांपते हुए पुलिस को जो बताया, उसने जांच की दिशा ही बदल दी। हसीना ने कहा, नगीना और पापा के बीच अक्सर झगड़ा होता था। पैसों को लेकर और उसके दोस्तों को लेकर। पापा चिल्लाते थे कि उसने घर की इज्जत मिट्टी में मिला दी है। यह पहली बार था जब शक की सुई परिवार पर आकर टिक गई थी। पुलिस ने दो समानांतर लाइनों पर काम करना शुरू किया। मोबाइल लोकेशन ने खोले राजबीजू से दोबारा सख्ती से पूछताछ हुई। उसने अपनी बात दोहराई, 'मैं उस दिन शिर्डी में था। मेरे पास इसके सबूत हैं। मैंने नगीना को आखिरी बार घटना से दो दिन पहले देखा था।' पुलिस ने जब बीजू की मोबाइल लोकेशन और अन्य सबूतों की जांच की, तो उसकी बात सच निकली। वह वाकई शिर्डी में था। अब पुलिस का पूरा ध्यान परिवार पर केंद्रित हो गया। हसीना ने दबी जुबान में अपने पिता और भाई पर शक जताया था। पुलिस ने पिता आदम और भाई इरफान को पूछताछ के लिए बुलाया। इरफान ने बताया कि जिस दिन नगीना लापता हुई, वह पेमेंट के सिलसिले में उज्जैन गया हुआ था। लेकिन जब पुलिस ने उसकी कॉल डिटेल और मोबाइल लोकेशन निकलवाई, तो उसका झूठ पकड़ा गया। उसकी लोकेशन पूरे दिन देवास में ही थी। यह एक बड़ा सबूत था। दो दिन की निगरानी के बाद पुलिस ने पिता आदम और भाई इरफान को हिरासत में ले लिया। थाने में पूछताछ शुरू होते ही इरफान का चेहरा पीला पड़ गया। उसके चेहरे पर घबराहट साफ दिख रही थी। जैसे-जैसे पुलिस के सवाल तीखे होते गए, इरफान का आत्मविश्वास डगमगाने लगा। आखिरकार, पुलिस की सख्ती के आगे वह टूट गया और उसने जो कबूल किया, वह किसी भी सभ्य समाज की कल्पना से परे था। इरफान ने रोते हुए अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया, 'मेरी छोटी बहन नगीना दूसरे धर्म के लड़कों, सूरज और बीजू से दोस्ती रखती थी। वह हमारी दुकान से पैसे निकालकर उन पर खर्च करती थी। जब मैं कुछ समय के लिए गुजरात गया था, तो उसने मां को बहला-फुसलाकर हमारे पीछे वाला मकान भी अपने नाम करवा लिया था। वह घर में किसी की नहीं सुनती थी, हर बात पर लड़ाई-झगड़ा करती थी। हम सब उससे बहुत परेशान हो चुके थे। उसकी हरकतों से हमारे परिवार की इज्जत खराब हो रही थी। मैंने अपने दोस्त अनीस, जो रिक्शा चलाता है, से बात की। मैंने उससे कहा कि कोई आदमी बताओ जो नगीना को खत्म कर सके। जो भी पैसा लगेगा, मैं और मेरे पिताजी मिलकर दे देंगे। एक महीने पहले, अनीस ने अपने जीजा इदरीस और उसके दोस्तों रिजवान और सद्दाम को इंदौर से देवास बस स्टैंड पर बुलवाया। लाश को ठिकाने लगाने दो बोरे भी भाई से मंगवाए30 सितंबर 2013 को, प्लान के मुताबिक इदरीस, रिजवान और सद्दाम कार लेकर भोपाल रोड पर बताई गई जगह पर पहुंच गए। शाम को उन्होंने मुझे फोन करके दो बोरे लाने को कहा। मैं शक्कर की दुकान से दो बोरे खरीदकर अनीस को दे आया और साथ में 15 हजार रुपए भी दिए। शाम करीब 6 बजे, जब मेरी बहन नगीना सिविल लाइन से कोचिंग पढ़कर सब्जी लेने जा रही थी, मैंने उसे अपनी कार में बैठा लिया। मैं उसे भोपाल रोड ले गया, जहां वो तीनों हत्यारे इंतजार कर रहे थे। मैंने नगीना को उनके पास छोड़ा और वापस आ गया। रात को इदरीस ने मुझे फोन करके बताया कि 'काम हो गया है'। दो दिन बाद अनीस बाकी पैसे लेने आया। मैंने पापा से लेकर उसे दो लाख रुपए दिए। 5-6 दिन बाद वह फिर आया, तो मैंने बैंक अकाउंट से ढाई लाख रुपए निकालकर उसे दे दिए। इस तरह हमने कुल 5 लाख 15 हजार रुपए अपनी ही बेटी और बहन को मारने के लिए दिए। पिता आदम हाजी मेमन ने भी कबूल किया कि बेटी 'अपने मन की करती थी' और उनकी बात नहीं मानती थी, इसलिए वे उसकी हत्या के लिए राजी हो गए। इरफान और आदम के कबूलनामे के आधार पर पुलिस ने इंदौर से चारों आरोपियों - अनीस (बिचौलिया), इदरीस (मुख्य हत्यारा), रिजवान और सद्दाम को गिरफ्तार कर लिया। उनकी पूछताछ में हत्या की रात का पूरा मंजर सामने आ गया। आरोपी सद्दाम ने बताया कि योजना के मुताबिक, 30 सितंबर की शाम हम कार से भोपाल रोड पर तय जगह पहुंच गए। थोड़ी देर में अनीस अपने रिक्शे से आया और हमें दो बोरे देकर चला गया। करीब आधे घंटे बाद, इरफान अपनी बहन नगीना को कार से लेकर आया। उसने नगीना को हमारी कार के पास उतारा और चला गया। जैसे ही नगीना हमारी तरफ बढ़ी, मैंने उसका मुंह कसकर दबा दिया। इदरीस ने उसकी टांगें पकड़कर उसे जमीन पर गिरा दिया और छुरे से उसका गला काट दिया। वह वहीं मर गई। इसके बाद, रिजवान ने छुरे से उसकी कमर के पास से शरीर के दो टुकड़े कर दिए। हमने दोनों टुकड़ों को अलग-अलग बोरों में भरा, कार की डिक्की में रखा और इंदौर के लिए निकल गए। आरोपी इदरीस ने आगे बताया 'हमने हत्या के लिए तीन छुरे देवास से ही 400 रुपए में खरीदे थे। नगीना के शरीर पर जो कपड़े, कान की बाली, और गले की चेन थी, वह सब हमने निकाल लिया। उसका मोबाइल भी ले लिया। हत्या के बाद मिले पैसों से हमने जुआ खेला, शराब पी और बाकी पैसे बांट लिए। कुछ दिनों बाद, हमने नगीना का मोबाइल इंदौर के तुलसीनगर के एक नाले में फेंक दिया और उसके कपड़े तीन इमली चौराहे के पास एक नाली के पाइप में डाल दिए। पुलिस ने अपनी जांच पूरी कर कोर्ट में चालान पेश किया। केस की सुनवाई के दौरान आरोपी पिता आदम हाजी मेमन की बीमारी से मौत हो गई। अदालत में, आरोपियों के वकील ने यह तर्क देकर केस को कमजोर करने की कोशिश की कि कुएं से मिली लाश की चमड़ी गल चुकी थी, इसलिए यह साबित नहीं होता कि वह नगीना ही थी। उन्होंने यह भी दलील दी कि जब्त किए गए कपड़ों पर खून के धब्बों का डीएनए टेस्ट नहीं हुआ, लेकिन इस केस में अभियोजन पक्ष की सबसे बड़ी ताकत थी नगीना की बड़ी बहन हसीना। यह एक बहन की अपनी ही दूसरी बहन को इंसाफ दिलाने की लड़ाई थी। उसने अपने परिवार के खिलाफ जाने का साहस दिखाया। हसीना ने कोर्ट में अपने पिता और भाई के खिलाफ गवाही दी। उसने नगीना की आखिरी कॉल के बारे में बताया, घर में होने वाले झगड़ों का सच बयान किया और लाश के पास मिले कपड़ों की शिनाख्त की। यह लड़ाई आसान नहीं थी। हसीना को धमकियों का सामना करना पड़ा, लेकिन वह पीछे नहीं हटी। मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट के निर्देश पर उसे विशेष पुलिस सुरक्षा मुहैया कराई गई। वह अंत तक अपनी बहन के लिए लड़ती रही। तमाम गवाहों, सबूतों और विशेषकर हसीना की गवाही के आधार पर, करीब साढ़े चार साल तक चले इस केस में अदालत ने अपना फैसला सुनाया। 24 मार्च 2018 को, देवास जिला कोर्ट ने नगीना के भाई इरफान, उसके दोस्त अनीस और तीनों हत्यारों इदरीस, रिजवान और सद्दाम को हत्या, अपहरण और सबूत मिटाने का दोषी पाया। अदालत ने पांचों दोषियों को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई। यह फैसला सिर्फ एक हत्या का फैसला नहीं था, बल्कि तथाकथित 'ऑनर' के नाम पर की जाने वाली क्रूरता के खिलाफ एक तमाचा था। यह एक भाई और पिता के विश्वासघात की कहानी थी, और उससे भी बढ़कर, यह एक बहन के अटूट प्रेम और न्याय के लिए उसकी अविश्वसनीय लड़ाई की कहानी थी। हसीना ने साबित कर दिया कि इंसाफ की लड़ाई में रिश्ते नहीं, बल्कि सच मायने रखता है। नगीना मर्डर केस का पहला पार्ट भी पढ़िए बोरों में टुकड़ों में लाश,शव खाने के लिए मछली छोड़ी:कुएं में मिली युवती की लाश; 18 दिन पहले गायब युवती की मर्डर मिस्ट्री क्या थी? तारीख 30 सितंबर 2013। देवास के बावड़िया मोहल्ले की गलियों में उस दिन भी रोज की तरह ही चहल-पहल थी। 18 साल की नगीना शेख, अपनी 12वीं की किताबों का बैग कंधे पर टांगकर घर से निकली। मां ने पीछे से आवाज लगाई, ‘जल्दी लौट आना।’ नगीना ने पलटकर एक मुस्कान दी और कहा, ‘बस तीन घंटे में आती हूं।’ ये नगीना की परिवार से आखिरी बातचीत थी। इसके बाद नगीना नहीं लौटी। पूरी खबर पढ़ें
घाटों पर बन रहा एप्रोच रोड, दीपावली बाद से बैरिकेडिंग होगी
तेजी से घट रहा जलस्तर छठ महापर्व तैयारी जारी है। मंगलवार की सुबह प्रमंडलीय आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने दरभंगा हाउस काली घाट से गायघाट तक पैदल जायजा लिया। उन्होंने घाटों की भौगोलिक स्थिति, जलस्तर में परिवर्तन, एप्रोच रोड की स्थिति, कटाव, दलदल और ढलान का बारीकी से निरीक्षण किया। कहा कि भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था और यातायात नियंत्रण में कोई चूक नहीं होनी चाहिए। प्रशासन, पुलिस आैर नगर निगम की टीम कैंप मोड में काम कर रही है। आयुक्त ने नगर निगम के अधिकारियों को संध्या अर्घ्य के बाद घाटों की तेजी से सफाई सुनिश्चित करने के लिए छठ के पहले मॉकड्रिल करने का निर्देश दिया। दानापुर से पटना सिटी तक 109 प्रमुख घाटों को 21 सेक्टरों में बांटा गया है। हर सेक्टर में सेक्टर अधिकारी और सेक्टर पुलिस अधिकारी तैनात हैं। एप्रोच रोड, प्रकाश व्यवस्था और सुरक्षा घेराबंदी पर काम 24 घंटे जारी है। जेसीबी मशीनों से गीली मिट्टी को पलटने के साथ एप्रोच रोड में आ रहे पेड़, पाइप आदि को हटाने का कार्य चल रहा है। दीपावली के अगले दिन से बैरिकेडिंग लगाने का काम युद्धस्तर पर होगा। मौके पर डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम, एसएसपी कार्तिकेय शर्मा, नगर आयुक्त यशपाल मीणा मौजूद थे। इन घाटों का जायजा लिया वंशी घाट, काली घाट, पटना कॉलेज घाट, कृष्णा घाट, गांधी घाट, बहरवा घाट, पटना लॉ कॉलेज घाट, रानी घाट, बीएन राय घाट, गुलबी घाट, बालू घाट, घघा घाट, रौशन घाट, चौधरी टोला घाट, पथरी घाट, कदम घाट, घसियारी घाट, नरकट घाट, लौहरबा घाट, हनुमान घाट, गोसाई घाट, राजा घाट, करनालगंज-जुडिशियल एकेडमी घाट, गायघाट। जल संसाधन विभाग के अनुसार, गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर तेजी से घट रहा है। पिछले 24 घंटे में 19 सेमी घटा है। आकलन के अनुसार छठ तक 45-46 मीटर के बीच रहने की संभावना है। आयुक्त ने जलस्तर पर लगातार नजर रखने के साथ कटाव पर नजर रखने और खतरनाक घाटों को लाल कपड़े से घेरने के साथ स्पष्ट शब्दों में चेतावनी बोर्ड लगाने का निर्देश दिया। छठ महापर्व के दौरान 25 से 28 अक्टूबर तक सुरक्षा के मद्देनजर पटना में गंगा नदी में निजी बोट या नावों का परिचालन बंद रहेगा। मंगलवार को अनुमंडल दंडाधिकारी पटना सदर गौरव कुमार ने इस आशय का आदेश जारी किया है। घाटों पर मिलेंगी ये सुविधाएं पुरुष-महिला के लिए अलग शौचालय और चेंजिंग रूम। स्वच्छ पेयजल और रोशनी। वाहन पार्किंग, ड्रॉप गेट और बैरिकेडिंग। वॉच टावर, कंट्रोल रूम, सीसीटीवी कैमरे और ध्वनि विस्तारक यंत्र। संपर्क मार्गों पर स्ट्रीट लाइट। एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की तैनाती
एनडीए में अंतर्कलह पर कांग्रेस का हमला, अभय दुबे बोले- सत्ता के लिए दिख रही एकजुटता
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अभय दुबे ने बिहार एनडीए में अंतर्कलह का आरोप लगाते हुए कहा कि ये लोग सत्ता के लिए एकजुट हैं
दिसंबर तक शुरू हो जाएगा काम:ओटीएस का बॉटल नेक एक साल में खत्म होगा, 17 की जगह 41 मीटर चौड़ाई होगी
ओटीएस चौराहे पर विद्याश्रम स्कूल के सामने वर्षों से परेशान कर रही बॉटल नेक की समस्या को दूर करने के लिए जेडीए ने हाई लेवल ब्रिज का प्रोजेक्ट तैयार कर लिया है। इस प्रोजेक्ट को तीन महीने पहले पीडब्ल्यूसी की मीटिंग में मंजूरी दी गई थी। चौराहे पर विद्याश्रम स्कूल के सामने इस सड़क की चौड़ाई केवल 17 मीटर है, जिससे गोपालपुरा बाईपास की तरफ से मालवीय नगर की तरफ जाने वाले वाहन जाम में फंसे रहते हैं। दिन में कई बार चार-चार बार में रेड लाइट क्रॉस होती है। जेडीए इस परेशानी को दूर करने के लिए नाले के ऊपर 24 मीटर चौड़ाई बढ़ाएगा। इसमें विद्याश्रम के आगे 10.5 मीटर की सड़क और 1.5 मीटर का फुटपाथ तथा मालवीय नगर से गोपालपुरा की तरफ जाने वाले वाहनों के लिए स्कूल के सामने 9 मीटर तक सड़क की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। 40 करोड़ रुपए मंजूर... नाले में पिलर लगाकर गार्डर रखेंगे, फिर सड़क बनेगी पीडब्ल्यूसी में इस प्रोजेक्ट के लिए 40 करोड़ रुपए मंजूर हुए हैं। हाई लेवल ब्रिज के लिए नाले की जमीन पर दो से तीन पिलर खड़े कर गार्डर रखी जाएगी और फिर सड़क बनेगी। इससे सड़क की कुल चौड़ाई 40 से 41 मीटर तक बढ़ जाएगी। ओटीएस जंक्शन में कोई बदलाव नहीं होगा। जेएलएन पर लेफ्ट घूमने वाले वाहनों के लिए स्लिप लेन बनाई जाएगी। 8-10 बार लगता है जाम रोज, 20-25 मिनट खराब इस रोड पर औसतन 1 लाख वाहन रोज निकलते हैं। बिजी रूट के साथ यहां बॉटल नेक होने से सुबह से शाम तक 8 से 10 बार जाम लगता है। पीक आवर्स में 20-25 मिनट तक वाहन फंसे रहते हैं। जेडीए ने इस प्रोजेक्ट के लिए टेक्निकल बिड निकाल दी है और अब वित्तीय टेंडर होते ही दिसंबर तक काम शुरू होगा। एक साल प्रोजेक्ट की डेडलाइन है। पहले भी 2 प्रोजेक्ट बने थे
मंदिरी नाला पर सड़क निर्माण...दो बार टेंडर, दो डेडलाइन, चार साल में भी नहीं बन सकी
नया वैकल्पिक मार्ग मिलेगा इनकम टैक्स चौराहे के पास से मंदिरी नाले पर बन रही करीब 1278 मीटर लंबी सड़क परियोजना सालभर से अधिक लेट हो चुकी है। सितंबर-2023 में ही पटना स्मार्ट सिटी ने निर्माण एजेंसी से 9 महीने में ही इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का करार किया था। लेकिन डेडलाइन फेल हो गई और सालभर से ज्यादा वक्त गुजर गया है। इस सड़क को चुनाव आचार संहिता के पहले ही चालू करने की तैयारी थी, लेकिन मंदिरी में चिनाकोठी के पास निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। इस वजह से लोकार्पण को टाल दिया गया। अब चुनाव के बाद ही चालू हो सकेगा। नई सड़क पर स्ट्रीट लाइट लगाने का काम पूरा किया जा रहा है। परियोजना के लगातार लेट होने से इसकी लागत भी बढ़ रही है। पहली बार 4 दिसंबर 2021 को ही इसकी कवायद शुरू हुई थी। लेकिन निर्माण एजेंसी ने सात महीने में मात्र 70 फीसदी काम किया, जिसके चलते उसे हटा दिया गया। उस समय इसकी लागत 67.11 करोड़ थी। इसके बाद स्मार्ट सिटी ने नए सिरे से जुलाई-2024 में टेंडर जारी किया और सितंबर में दो नई निर्माण एजेंसियों को संयुक्त तौर पर परियोजना पूरा करने की जिम्मेदारी दी। नए टेंडर में करीब 20 करोड़ तक लागत बढ़कर 86.98 करोड़ हो गई है। ऐसे में इस परियोजना के पूरा होने में 3 साल से अधिक का वक्त होने को है। 5 वार्डों की बदलेगी सूरत वार्ड संख्या 21, 24, 25, 26 और 27 के गंदे पानी की निकासी मंदिरी नाले में होती है। ऐसे में लंबे समय से इसमें गाद जम गई है। इसको साफ करके नए सिरे से नाले को बेहतर किया जाएगा। इस नाले पर सड़क बनाने के साथ ही इसका पुनर्विकास होगा, क्योंकि नाले की दोनों तरफ घनी आबादी है। नाले की दोनों तरफ करीब 3 लाख आबादी को इस नाले के डेवलपमेंट से सीधे फायदा होगा। बेली रोड के आयकर गोलंबर से यह नाला शुरू होकर बांसघाट-कुर्जी-गांधी मैदान रोड तक जाती है। ऐसे में अशोक राजपथ जाने के लिए नई वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा। सड़क की खास बातें नाले पर नई संरचना टि्वन बैरल आरसीसी बॉक्स ड्रेन होगी, जिसके निर्माण के बाद उसके उपर 5.5-5.5 मीटर की दो लेन की सड़क बनेगी। ओवरहेड इलेक्ट्रिकल यूटिलिटी को आरसीसी डक्ट बनाकर भूमिगत किया जाएगा। सड़क की दोनों ओर फुटपाथ, वेंडिंग जोन, स्ट्रीट स्केपिंग जोन और ग्रीन बफर जोन बनेगा। लाइटिंग, लैंडस्केपिंग ओर रोड साइनेज का निर्माण होगा। अशोक राजपथ को बेली रोड से जोड़ने का विकल्प मंदिरी नाले पर सड़क बनने से आयकर गोलंबर से बांसघाट तक का इलाका जुड़ जाएगा। इससे अशोक राजपथ जाने के लिए नया वैकल्पिक मार्ग मिल जाएगा। गांधी मैदान जाने के लिए आमजनों को सुविधा होगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के एरिया बेस्ड डेवलपमेंट के तहत यह सड़क बन रही है। इस सड़क के बनने से डाकबंगला चौराहे पर लगने वाले जाम से राहत मिलेगी। मंदिरी नाले के पश्चिमी छोर पर फिलहाल एक सड़क है, लेकिन इसपर वाहन परिचालन सुरक्षित नहीं है। कई बार दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। मंदिरी नाले पर बनने वाली सड़क सीधे तौर से आयकर गोलंबर से बेली रोड को जोड़ेगी। इससे भी बड़ी बात यह है कि आयकर गोलंबर से जाने वाली ट्रैफिक सीधे दीघा-कुर्जी रोड होते हुए गोलघर के सामने जेपी गंगा पथ तक भी पहुंचना आसान हो जाएगा।
कैथल में HUDA के सेक्टरों में शुद्ध और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध न करवाने पर मानवाधिकार आयोग ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) और पब्लिक हेल्थ एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट को नोटिस जारी किया है। नोटिस में संबंधित विभागों के अधिकारियों को 8 सप्ताह के अंदर पानी के सैंपल लेकर उनकी जांच करवाने और लोगों को शुद्ध एवं स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के आदेश दिए हैं। इस संबंध में आयोग की ओर से दोनों विभागों के अधिकारियों को कहा गया है कि वे शिकायत पर संज्ञान लेते हुए शिकायत का निपटारा करें। इस संबंध में सेक्टर 18 के निवासी सुनील राविश ने सेक्टरों में पानी की जांच के लिए 1 सितंबर को आवेदन किया था। सैंपल की जांच रिपोर्ट 12 सितंबर को आई, जिसमें सैंपल फेल पाए गए। उसके बाद इस संबंध में सुनील में मानव अधिकार आयोग को शिकायत दी। शिकायत पर संज्ञान लेते हुए अब आयोग ने अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं। टीडीएस, सल्फेट, क्षारीयता व फ्लोराइड की मात्रा अधिक मिली शिकायतकर्ता सुनील के अनुसार, ये सैंपल कैथल शहर के सेक्टर 18, 19, 20 व 21 में लिए गए थे। जब सैंपलों की जांच की गई तो इसमें टीडीएस, सल्फेट, क्षारीयता व फ्लोराइड की मात्रा अधिक पाई गई थी। केवल सेक्टर में ही नहीं बल्कि शहर की अन्य कॉलोनी में भी पानी की यही स्थिति रही। टोंटियों पर लगा जंग शिकायतकर्ता ने पानी के साथ-साथ घरों में लगे नलों की भी फोटो दिखाई थी, जिस पर जंग लग चुका था और वह गल चुकी थी। उसके आधार पर कहा गया था कि अगर पानी में इन तत्वों की मात्रा अधिक है तो इसे किडनी, पथरी, डायरिया व दांतों सहित हड्डियों की बीमारियां होने का खतरा अधिक रहता है। उसके बाद भी जब पेयजल सप्लाई में सुधार नहीं हुआ तो सुनील ने इस संबंध में मानव अधिकार आयोग को शिकायत की। अब शिकायत पर संज्ञान लेते हुए दोनों विभागों को नोटिस जारी किया गया है। समाधान का आश्वासन इस संबंध में जनस्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन विकास बालियान ने बताया कि उनके पास अभी तक इस प्रकार का नोटिस नहीं आया है। फिलहाल शहर के सेक्टर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के पास हैं। अगर जनस्वास्थ्य विभाग को इनकी जिम्मेदारी दी जाती है तो समस्याओं का तुरंत समाधान करने के लिए प्रयास शुरू किया जाएगा। वहीं, एचएसवीपी के एक्सईएन धर्मबीर सिंह ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। जल्द ही सेक्टरों में पेयजल की सप्लाई शुद्ध करवाई जाएगी। लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
UPPSC (उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग) के राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए 1.14 लाख आवेदन आए हैं। इसके लिए 1253 पद हैं। यानी एक पद पर 92 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। इस भर्ती प्रक्रिया में 28 विषयों को शामिल किया गया है। इसमें वाणिज्य विषय में सबसे ज्यादा 157 पद हैं। दरअसल, असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन में संशोधन की प्रक्रिया 13 अक्टूबर को पूरी हो गई थी। इसके बाद आयोग ने आवेदन की संख्या देखी गई है। खास बात यह है कि पहली बार आयोग त्रिस्तरीय चयन प्रक्रिया लागू कर रहा है, जिसमें प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार शामिल हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए परीक्षा तिथि जल्द ही घोषित की जाएगी। 28 विषयों के लिए होनी है यह भर्ती असिस्टेंट परीक्षा भर्ती 28 विषयों में होनी है। इसमें सर्वाधिक 157 पद वाणिज्य के लिए हैं। अंग्रेजी में 92, हिंदी और रसायन विज्ञान में 87-87, गणित, वनस्पति विज्ञान और जंतु विज्ञान में 79-79, राजनीति विज्ञान में 57 और संस्कृत में 56 पद निर्धारित है। बता दें कि इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 4 सितंबर से शुरू हुई थी। आवेदन की अंतिम तिथि 6 अक्टूबर 2025 थी।
एनसीसी का नौकायान सिमरिया धाम होते हुए पहुंचा मटिहानी घाट
पटना| एनसीसी पटना की 01 बिहार नेवल यूनिट एक नौकायन टीम सिमरिया धाम घाट होते हुए मटिहानी गंगा घाट (बेगूसराय) पहुंची। यहां टीम के सभी सदस्यों का भव्य स्वागत किया गया। नौका अभियान टीम में भाग ले रहे द्वितीय दल के सदस्य कैडेट्स को मटिहानी घाट निकलने से पूर्व बरौनी स्थित हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लि. का भ्रमण कराया गया। जहां कैडेट्स ने प्लांट के अत्याधुनिक नियंत्रण कक्ष और पर्यावरण निगरानी प्रणाली जैसी अनूठी विशेषताओं को देखा और समझा। इस दौरे ने कैडेट्स को यह समझने में मदद की कि कैसे यह संयंत्र यूरिया उत्पादन और स्थानीय किसानों को समय पर उर्वरक उपलब्ध कराकर भारत आत्मनिर्भर बन रहा है। सभी कैडेट्स हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड को देखकर प्रसन्न हुए और अपनी जिज्ञासा को प्रश्नोत्तर के माध्यम से शांत किया। कमांडर सन्नी कुमार गुप्ता ने हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के बारे में बताते हुए कहा कि हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड विभिन्न उर्वरकों का उत्पादन करता है और किसानों को आपूर्ति सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करता है। कैडेट्स जिस घाट पर पड़ाव डालते है उस गंगा घाट के आसपास और गंगा किनारे फैले प्लास्टिक, थर्मोकोल, बोतले और अन्य कचरे को एकत्र कर साफ-सफाई करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। यह नौका अभियान की अगली यात्रा मटिहानी घाट, बेगूसराय से प्रारंभ कर भागलपुर के लिए रवाना हो जाएगी।
नाव से लाई जा रही 4 लाख की शराब जब्त
चुनाव को देखते हुए उत्पाद विभाग की टीम शराब की बरामदगी आैर धंधेबाजों को पकड़ने के लिए छापेमारी करने में जुटी है। मंगलवार को टीम ने मनेर थाने के ब्रह्मचारी स्थान के पास गंगा नदी में छापेमारी कर करीब चार लाख की विदेशी शराब बरामद की। हालांकि गंगा नदी में उत्पाद टीम की पैट्रोलिंग होने की वजह से नाविक 44 कार्टन शराब लदी नाव को छोड़कर फरार हो गया। जब्त शराब यूपी में बेचनी थी, पर तस्कर नदी के रास्ते शराब ला रहे थे। उत्पाद थाने में केस दर्ज किया गया है। सहायक उत्पाद आयुक्त प्रेमप्रकाश ने बताया कि शराब तस्करों का सुराग लगाया जा रहा है। शराब आैर नाव जब्त कर ली गई है। सूत्रों के अनुसार, बिहार विधानसभा का चुनाव होने वाला है। इसलिए शराब तस्कर आैर धंधेबाज नदी से लेकर सड़क मार्ग से शराब ला रहे हैं। यूपी, झारखंड आैर बिहार से सटे राज्यों से शराब सड़क मार्ग से बिहार की सीमा से दूर लाई जाती है, फिर वहां से नदी से नाव पर लादकर लाई जाती है। सहायक आयुक्त ने कहा कि जिले में इस तरह की टीम नदी में पैट्रोलिंग करने में जुटी है।
आईजीआईएमएस के 50 एमबीबीएस समेत पीजी टॉपरों को राज्यपाल करेंगे सम्मानित
हेल्थ रिपोर्टर| पटना। आईजीआईएमएस का 9वां दीक्षांत समारोह बुधवार को आयोजित किया जाएगा। पटना के ऊर्जा ऑडिटोरियम, शास्त्री नगर में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान टॉपरों को सम्मानित करेंगे। एमबीबीएस व पीजी के साथ-साथ नर्सिंग व पारा मेडिकल छात्रों को पदक देकर सम्मानित करेंगे। संस्थान के प्रिंसिपल डॉ. रंजीत गुहा ने बताया कि 2018 व 2019 बैच के एमबीबीएस छात्रों को एक साथ गोल्ड मेडल प्रदान किया जा रहा है। दोनों बैच मिलाकर एमबीबीएस के कुल 50 छात्र हैं। इसके अलावा पीजी, एमडी, बीएससी नर्सिंग और पारा मेडिकल के छात्रों को भी मेडल देकर सम्मानित किया जाएगा। समारोह की शुरुआत सुबह 11:45 बजे से होगी। इस दौरान संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट भी पेश की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रो एसएस अम्बष्ठा गोल्ड मेडल, डॉ. केएच राघवेंद्र गोल्ड मेडल, डॉ उदय कुमार गोल्ड मेडल, आरआइओ एलुमनी गोल्ड मेडल, डॉ हरिहर दीक्षित गोल्ड मेडल सहित अलग-अलग प्रसिद्ध डॉक्टरों के नाम से गोल्ड मेडल प्रदान किया जाएगा। संस्थान प्रशासन के मुताबिक समारोह में निदेशक प्रो. डॉ. बिंदे कुमार संस्थान की शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़ी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इसमें पिछले एक वर्ष की शैक्षणिक, शोध और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धियों का विवरण रहेगा। इस दौरान एमबीबीएस, एमडी, एमएस और अन्य चिकित्सा पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र और पदक प्रदान किए जाएंगे।
15 अक्टूबर से 2 नवंबर तक एयर इंडिया की 114 अतिरिक्त उड़ान
पटना | दीपावली और छठ पूजा में यात्रियों की भीड़ को देखते हुए एयर इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस की पटना एयरपोर्ट से 166 अतिरिक्त विमानों का उड़ान होगा। इनमें 114 एयर इंडिया और 52 एयर इंडिया एक्सप्रेस की होंगी। ये विमान विदेश से आने-जाने के लिए भी यात्रियों को कनेक्टिविटी देगी। एयर इंडिया की पटना से दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के लिए 15 अक्टूबर से 2 नवंबर के बीच कुल 114 अतिरिक्त विमानों का उड़ान होगा। इनमें दिल्ली-पटना- दिल्ली, मुंबई- पटना- मुंबई और बेंगलुरु-पटना बेंगलुरु के लिए 38-38 विमान ऑॅपरेट करेंगे। वहीं दूसरी तरफ एयर इंडिया एक्सप्रेस की 22 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच कुल 52 विमानों का ऑॅपरेशन होगा। इनमें दिल्ली-पटना- दिल्ली के बीच 26 और बेंगलुरु- पटना- बेंगलुरु के बीच भी 26 विमानों का ऑॅपरेशन होगा। सभी विमानों के लिए बुकिंग शुरू हुई दिल्ली- पटना- दिल्ली के लिए कुल मिलाकर ये दोनों एयरलाइंस 15 अक्टूबर से 3 नवंबर के बीच 64 विमानों को ऑपरेट करेगा। वहीं मुंबई-पटना- मुंबई के बीच इसी अवधि में 38 और बेंगलुरु-पटना- बेंगलुरु के बीच 64 विमानों का परिचालन होगा। इन सभी विमानों की बुकिंग शुरू हो चुकी है।
राज्य में हर साल 8873 की सड़क हादसे में मौत, गोल्डन ऑवर में नहीं मिलता इलाज
भास्कर एक्सपर्ट राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल सैकड़ों लोगों की मौत “गोल्डन ऑवर” के भीतर इलाज न मिलने से होती है। केन्द्र सरकार द्वारा एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में एक वर्ष में 8873 लोग सड़क दुर्घटना में मारे गए जबकि 6539 गंभीर या आंशिक रूप से घायल हुए। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि दुर्घटना में घायल इन मृतकों को गोल्डन ऑवर में इलाज मिल गया होता तो कइयों की जानें बचाई जा सकती थी, लेकिन दुर्भाग्य से बिहार में इस तरह के हादसों के बाद त्वरित इलाज के लिए यहां ट्रॉमा सेंटर का बेहद अभाव है। बिहार में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लाई गई ट्रॉमा सेंटर की योजना अब भी “फाइलों के पन्नों” से बाहर नहीं निकल पाई है। हाल ही में सरकार ने यह भी माना कि ट्रामा सेंटर में एनेस्थेटिक और ऑर्थोपेडिक सर्जन जैसे महत्वपूर्ण विशेषज्ञ भी मौजूद नहीं है। आलम यह है कि स्वास्थ्य विभाग की 2020 में बनी योजना के अधिकांश केंद्र अब तक शुरू ही नहीं हो सकी। दो साल पहले 8 अक्टूबर 2023 को आयोजित बैठक में भी ट्रॉमा केंद्रों को क्रियाशील करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि पटना एम्स और कुछ निजी अस्पतालों को छोड़कर यहां एक भी लेवल - 1 ट्रॉमा सेंटर नहीं है। 2021 में बने सेंटरों में अधिकांश कागजों में ही 1. पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, पटना 2. दरभंगा मेडिकल कॉलेज, दरभंगा 3. श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज, मुजफ्फरपुर 4. अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज, गया 5. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, भागलपुर 6. वर्धमान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, पावापुरी 7. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, बेतिया 8. मधेपुरा मेडिकल कॉलेज, मधेपुरा 9. कटिहार मेडिकल कॉलेज, कटिहार 10. सुपौल मेडिकल कॉलेज, सुपौल लेकिन इनमें से अधिकांश अस्पतालों में ट्रॉमा यूनिट कागज पर ही मौजूद हैं। उपकरण, डॉक्टरों की नियुक्ति और 247 इमरजेंसी सेवाएं अभी तक शुरू नहीं हुईं। 2023 में सरकार ने बनाए थे ये ट्रॉमा सेंटर 1 गोपालगंज, झाझवा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन एनएच-27 2 मधुबनी,अररिया संग्राम, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन एनएच-57/27 3 कैमूर, मोहनियां अनुमंडलीय अस्पताल भवन एनएच-2 4 नालंदा, रहुई, 100 शैया अस्पताल (दंत चिकित्सा महाविद्यालय परिसर) एनएच-31 5 पूर्वी, चंपारण चकिया, अनुमंडलीय अस्पताल भवन एनएच-28 6 अररिया, नरपतगंज, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एनएच-27 7 वैशाली, नारौल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन एनएच-22 8 बांका, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन एनएच-133ई 9 नवादा, रजौली, अनुमंडलीय अस्पताल भवन एनएच-31 10 खगड़िया, महेशखूंट अनुमंडलीय अस्पताल भवन (प्रस्तावित 20 शैया अस्पताल) 11 गया, शेरघाटी, अनुमंडलीय अस्पताल भवन एनएच 02 सरकार ने घोषित किए थे 11 नए ट्रॉमा सेंटर डॉ. अविनाश कुमार, सिविल सर्जन, पटना
जीतनराम मांझी ने समधिन और बहू को दिया टिकट
हम पार्टी ने मंगलवार को 6 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी ने समधिन और बहू को टिकट दिया है। बाराचट्टी से ज्योति देवी (समधिन) और इमामगंज से दीपा कुमारी (बहू) को उतारा है। दोनों मां-बेटी हैं। वहीं, टिकारी से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार और अतरी से रोमित कुमार को टिकट दिया है। दोनों रिश्ते में चाचा-भतीजा हैं, भूमिहार जाति से आते हैं। सिकंदरा के विधायक प्रफुल्ल कुमार मांझी पर दोबारा भरोसा जताया है। कुटुम्बा से ललन राम (भुईया) को टिकट दिया है। इस मौके पर मांझी ने कहा कि हमें कम सीटें मिली हैं। हमारे कार्यकर्ताओं का मनोबल कमजोर हुआ है। कार्यकर्ताओं में असंतोष है। इसकी क्षतिपूर्ति भविष्य में होगी, इसका आश्वासन ही कार्यकर्ताओं को दे पा रहा हूं। एनडीए जीतेगा। बिहार का सम्मान बना रहेगा।
दर्दनाक हादसा:सही सलामत घर छोड़ने वाली स्कूल बस ने 7 साल की मासूम को कुचला, दौड़ कर घर की ओर जा रही थी
हरमाड़ा इलाके में बैनाड़ रोड के पास स्थित मां करणी नगर में मंगलवार दोपहर तीन बजे एक स्कूल बस ने 7 साल की मासूम को कुचल दिया। बच्ची उसी बस से उतरकर दौड़ कर घर की ओर जा रही थी, तभी ड्राइवर ने गाड़ी चला दी। हादसे के बाद चालक बस छोड़कर भाग गया। एकत्रित हुए लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंची हरमाड़ा पुलिस ने लोगों को समझाइश कर मामला शांत करवाया। इसके बाद शव पोस्टमार्टम के लिए कांवटिया अस्पताल भेजा गया। मृत बच्ची सुनीता वर्मा के पिता राजेन्द्र वर्मा ने हरमाड़ा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। अब बुधवार सुबह पोस्टमार्टम होगा। थानाधिकारी उदय यादव ने बताया कि बच्ची रोज की तरह करीब 3 बजे बस से उतरी और घर की तरफ जाने के लिए दौड़ी। उसी समय चालक ने बस चला दी और बच्ची टायर के नीचे आ गई। सुनीता के पिता सवाई माधोपुर निवासी राजेन्द्र वर्मा मां करणी नगर में किराए के मकान में रहकर मजदूरी करते हैं। बच्चों को अच्छी पढ़ाई कराने के लिए इसी साल तीन बच्चे और पत्नी के साथ यहां रहने आए थे। बड़े बेटे राहुल व बेटी सुनीता का स्कूल में एडमिशन करवा दिया। छोटा बेटा सन्नी अभी छोटा है। बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही बस से भेजते थे। वहीं बस सुनीता की काल बन गई। मंगलवार दोपहर में दोपहर में अचानक बेटी के एक्सीडेंट की सूचना मिली तो पैरो तले जमीन खिसक गई। दौड़कर घर पहुंचा तो बेटी की मौत हो गई थी। बेटी की घर के सामने ही हादसे में मौत देखने के बाद उसकी मां पूनम बेहोश हो गई। स्थानीय लोगों ने उसे संभाला और घर के अंदर लेकर गए। वह बार-बार बेटी को याद कर रो रही है। राजधानी में आरटीओ की नाक के नीचे चल रही है अवैध बाल वाहिनी, 25 साल पुरानी बस ने ली मासूम की जान, आरसी भी एक्सपायर....अवैध वाहनों पर कार्रवाई का दावा करने वाले आरटीओ अधिकारियों की नाक के नीचे अवैध बाल वाहिनियों का संचालन हो रहा है। ये बसें हर दिन बच्चों को स्कूल लाने-छोड़ने का काम कर रही है। इसके बावजूद भी आरटीओ अधिकारियों को शहर में चल रही अवैध बाल वाहिनी नजर नहीं आ रही हैं। मासूम को जो बस हर दिन लाने-छोड़ने का काम करती है, उसी ने मंगलवार को उसकी जान ले ली। पड़ताल में सामने आया कि बस देवऋषि पब्लिक सीनियर सेकंडरी स्कूल की है। बस (अारजे14-पीडी- 3318) का आरटीओ में 23 मार्च 1999 को रजिस्ट्रेशन हुआ था, जो 23 मार्च 2014 को खत्म हो चुका है। इसके बाद आरसी रिन्यूवल होने पर बस 2020 तक ही चल सकती थी। पांच साल से बस राजधानी में अवैध तरीके से संचालित हो रही है। हालात यह है कि बस की आरसी एक्सपायर हुए पांच साल से अधिक का समय बीच चुका है। फिटनेस और इंश्योरेंस तक नहीं है। बाल वाहिनी का परमिट तक नहीं है। इसके बावजूद बस बाल वाहिनी के रूप में चल रही है। यह पूरा मामला आरटीओ द्वितीय के कार्यक्षेत्र का है। अधिकारी हर माह अवैध वाहनों पर कार्रवाई का दावा भी कर रहे हैं। इसके बावजूद भी उन्हें राजधानी में चल रही अवैध बाल वाहिनी नजर नहीं आ रही है। 2020 में सरकार ने 15 साल पुराने डीजल वाहनों लगाई थी रोक एनजीटी के आदेश के तहत राज्य सरकार ने बढ़ते पॉल्यूशन को रोकने के लिए वर्ष 2020 में आदेश जारी करके 15 साल पुराने डीजल वाहनों पर रोक लगा दी थी। ये 15 साल पुराने डीजल वाहन प्रदेश के पांच शहरों में नहीं चल सकते हैं। इसमें राजधानी भी शामिल है। इसके बावजूद भी यह बाल वाहिनी अवैध तरीके से आरटीओ द्वितीय के क्षेत्र में चल रही थी।
मतदान से पांच दिन पहले मतदाता पर्ची घर-घर पहुंचाएंगे बीएलओ
डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने मंगलवार को सभी 21 कोषांगों के अधिकारियों और 14 निर्वाची अधिकारियों के साथ चुनाव की तैयारी की समीक्षा की। अधिकारियों को स्वतंत्र, निष्पक्ष और सहभागितापूर्ण वातावरण में चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध रहने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि आचार संहिता के पालन और संपत्ति विरूपण की घटनाओं पर नजर रखें। फ्लाइंग स्क्वायड, स्टैटिक सर्विलांस टीम, वीडियो सर्विलांस टीम और वीडियो व्यूइंग टीम ऐसे सभी मामलों में कार्रवाई करे। उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के चुनाव खर्च की मॉनिटरिंग करें। खर्च सीमा या प्राधिकृत निर्वाचन व्यय के संबंध में सभी शिकायतों पर कार्रवाई करें। 15 अक्टूबर को हर विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ को ईसीआईनेट एप पर ट्रायल रन अपने-अपने मतदान केंद्र पर जाकर करना है। इसमें पीआरओ एप की फील्ड टेस्टिंग की जाएगी। सभी बीएलओ सुबह 8 बजे तक बूथ पर पहुंच जाएं। वोटर इंफॉरमेशन स्लिप का शत-प्रतिशत वितरण मतदान की तिथि के पांच दिन पहले तक बीएलओ के माध्यम से सुनिश्चित कराएं। जागरूक किया हर मतदान केंद्र पर शौचालय, पेयजल, रैम्प, बिजली आदि की सुविधा रहनी चाहिए। शत-प्रतिशत मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग होनी है। इसके लिए बिजली और इंटरनेट की व्यवस्था रहनी चाहिए। सिंगल विंडो सिस्टम का प्रभावी ढंग से संचालन करें। होम वोटिंग और पोस्टल बैलेट सुविधा के कार्य में कोई चूक नहीं होनी चाहिए। - संवेदनशील मतदान केंद्रों की सूची एक सप्ताह में दें। वल्नरेबुल मतदान केंद्रों की सूची निर्वाची पदाधिकारी को दें। वल्नरेबुल पॉकेट्स में एरिया डॉमिनेशन और रूट मार्च के लिए योजनाबद्ध ढंग से कार्य करें। गांव-गांव और हर शहरी क्षेत्र में सघन मतदाता जागरुकता अभियान चलाएं। 66 प्रतिशत मतदान के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी स्टेकहोल्डर्स की सक्रिय भागीदारी के लिए कार्रवाई करें। - वोटर हेल्पलाइन 1950 पर लोगों को निर्वाचन संबंधी हर सूचना प्रदान करें। मतदाता जागरुकता के लिए मेहंदी रचाई, रंगोली बनाई विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए जिले के शहरी और ग्रामीण इलाकों में जागरुकता अभियान चलाया गया। आईसीडीएस कर्मियों ने मतदाता शपथ, रंगोली, मेहंदी, चुनाव पाठशाला आदि के माध्यम से 6 नवंबर को सभी वोटरों से मतदान करने की अपील की। एनसीसी कैडटों ने भी रैली निकालकर लोगों को जागरूक किया।
चुनाव प्रचार के लिए पटना आ चुके 11 हेलीकॉप्टर, कुछ और आएंगे
विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए और इंडिया गठबंधन के सभी प्रत्याशियों की घोषणा होने से पहले चुनाव प्रचार के लिए 11 हेलीकॉप्टर पटना पहुंच चुके हैं। इन हेलीकॉप्टरों को एयरपोर्ट और स्टेट हैंगर की पार्किंग में लगाया गया है। इन 11 में 5 भाजपा, दो-दो राजद, जदयू और कांग्रेस ने बुक किया है। सात की बुकिंग की बात चल रही है। दो-तीन और हेलीकॉप्टर आ सकते हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में 13 हेलीकॉप्टर प्रचार के लिए आए थे। इस बार अधिक आने की वजह दो चरणों में ही चुनाव होना है। पहले चरण में 6 नवंबर को 121 सीटों के लिए मतदान होगा। पहले चरण का प्रचार 4 नवंबर की शाम 5 बजे समाप्त हो जाएगा। दूसरे चरण में 11 नवंबर को 122 सीटों पर मतदान होगा। इस चरण का प्रचार 9 नवंबर को समाप्त होगा। हेलीकॉटर बुक करने पर कम से कम तीन घंटे का फ्लाइंग चार्ज 9 लाख और 18 प्रतिशत जीएसटी देना होगा। यानी, एक दिन का एक हेलीकॉप्टर का चार्ज कम से कम 10 लाख 62 हजार देना होगा। प्रचार में नहीं जाने पर भी इतना पेमेंट करना होगा। हेलीकॉप्टर खराब होने पर चार्ज नहीं लगेगा। इसके अलावा क्रू मेंबर के खाने और रहने की व्यवस्था भी राजनीतिक पार्टी को ही करनी होगी। पटना एयरपोर्ट पर हेलीकॉप्टर और नॉन शेड्यूल फ्लाइट की ग्राउंड हैंडलिंग करने वाली ग्लोबल फ्लाइट सर्विसेज के मैनेजर देवेंद्र कुमार ने बताया कि इस बार पिछली बार से करीब डेढ़ गुना हेलीकॉप्टर उड़ेंगे। अनंत सिंह और उनकी प|ी की संपत्ति 122.93 करोड़ की सिटी रिपोर्टर|पटना मोकामा से जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह ने मंगलवार को नामांकन दाखिल किया। अनंत सिंह और उनकी प|ी नीलम देवी को मिलाकर कुल 122.93 करोड़ की चल-अचल संपत्ति है। इनमें नकदी, बैंकों में जमा राशि और जमीन हैं। अनंत सिंह के पास नकदी के नाम पर 15.61 लाख रुपए और प|ी नीलम देवी के पास 3.46 लाख रुपए हैं। जबकि विभिन्न बैंकों के बचत खाते में 26. 66 करोड़ और नीलम देवी के खातों में 13.07 करोड़ रुपए जमा हैं। वहीं, अनंत सिंह के नाम पर 11.22 करोड़ और प|ी नीलम देवी के नाम पर 49.65 करोड़ रुपए की जमीनें हैं। वहीं उनके पास 150 ग्राम सोने के आभूषण और 701 ग्राम सोने के जेवरात प|ी के पास हैं। मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह ने अपनी उम्मीदवारी का पर्चा दाखिल करने के बाद 25 पेज का शपथ पत्र दिया है। उसमें उन्होंने अपनी संपत्ति के साथ अपने ऊपर दर्ज 28 केसों का भी जिक्र किया है। इसमें पटना जिले के सचिवालय, पंडारक, पीरबहोर, कोतवाली, बेउर, बिहटा, श्रीकृष्णापुरी, बाढ़, सकसोहरा, पंचमहला, साइबर थाना, लखीसराय के हिलसी थाना, मुंगेर के धरहरा आदि थानों में विभिन्न मामले दर्ज हैं। हत्या, हत्या का प्रयास, आपराधिक साजिश, आर्म्स एक्ट,आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन आदि के मामले हैं। इसके अलावा उन्होंने शपथ पत्र में महिंद्रा एक्सयूवी, दो टोयोटा फॉर्चूनर, लैंड क्रूजर, इनोवा, थार जीप आदि वाहनों का जिक्र किया है। दर्ज हैं 28 केस
जीपीओ : आधार केंद्र में छह काउंटर बढ़े, अब रोजाना 400 लोगों को मिलेगा फॉर्म
जीपीओ में आधार बनाने और अपडेट करने के लिए काउंटर 10 से बढ़ा कर 16 कर दिए गए हैं। अब प्रतिदिन 250 की जगह करीब 400 लोगों को पर्चा मिलेगा। फिलहाल जिन लोगों को पर्चा नहीं मिल रहा, उन्हें जीपीओ परिसर से भगाया जा रहा है। इसके चलते हंगामा और झड़प होने लगी है। रात 8 बजे के बाद कैंपस में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। इस वजह से लोग सड़क पर ही लाइन में लग रहे हैं। अब जीपीओ के बाहर से ही भगाया जा रहा है। 30 प्रतिशत लोग आधार में मोबाइल नंबर अपडेट कराने आ रहे हैं। लेकिन, दिक्कत यह है कि बुजुर्ग और श्रमिकों के हाथों की रेखाएं मिट गई हैं, जिससे स्कैन नहीं हो पा रहा है। इसके कारण अन्य जिलों के लोगों को जीपीओ में आना पड़ रहा है क्योंकि यहां पर चेहरा स्कैन की सुविधा है। यदि शहर में आधार केंद्रों की संख्या बढ़ा दी जाए तो भीड़ कम होगी। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। जन्म तारीख में सुधार कराने वालों को बुला रहे : आधार रजिस्ट्रेशन करते वक्त गलत जन्म तारीख डालने वाले आवेदकों को सबसे अधिक फजीहत झेलनी पड़ रही है। स्कूल में नाम लिखवाने से लेकर छात्रवृत्ति पाने के लिए जन्म तारीख में दूसरी बार नाम सुधार करने के बाद यूआईडीएआई मैसेज भेजकर पूछ रहा है कि आपकी कौन-सी जन्म तारीख सही है, आधार सेंटर पर आकर बताएं, नहीं तो आधार कैंसिल हो जाएगा। ललित भवन में रक्सौल से आई एक महिला को जन्म तारीख और अभिभावक के नाम में संशोधन कराना है। अभिभावक में ससुर का नाम है। वह नेपाल से हैं और रक्सौल में शादी हुई है। अब उसके पिता और पति के पिता का नाम एक हो गया है, जिससे आधार लॉक हो गया है। बताया गया कि अब गार्जियन का नाम ही नहीं रहेगा। वह जीपीओ से ललित भवन का चक्कर लगा रही हैं। भभुआ से आई 70 वर्षीय दासी देवी सुबह 9 बजे पहुंची तबतक फॉर्म बंट गए। अररिया से जीपीओ आई मीना देवी बताती हैं-महिला रोजगार योजना के लिए आवेदन करना है। आधार में मोबाइल नंबर जुड़वाना है और जन्म तारीख में सिर्फ साल लिखा था, जिसे सुधार करवाना है। मजदूरी करती हूं। इसके चलते हाथ और उंगलियों की रेखाएं मिट गई हैं। इसके कारण बायोमेट्रिक नहीं ले रहा है। अररिया में मोबाइल नंबर अपडेट नहीं हो सका, इसके कारण जीपीओ आई। यहां भी दो दिनों से चक्कर लगा रहे हूं, फिर भी काम नहीं हो रहा है। लाइन लगते ही सारे फॉर्म बंट जाते हैं। मुझे नहीं मिल पा रहा है। जिलों के प्रधान-प्रमुख डाकघरों में इसी सप्ताह से आधार केंद्र खुलेंगे समस्या तरह-तरह की, समाधान बताने वाला नहीं भभुआ से 9 बजे पहुंची वृद्धा, तबतक बंट गए फॉर्म अंगुली की रेखाएं मिट जाने से बायोमेट्रिक से पहचान नहीं
होटल कारोबारी की हत्या के दो आरोपी गिरफ्तार
20 लाख की रंगदारी नहीं देने पर होटल कारोबारी शकील मलिक की हत्या करने के मामले में एक साल से फरार चल रहे दो शूटर सैफी और मो. इम्तियाज उर्फ विक्की को पीरबहोर थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। दोनों पर 25-25 हजार का इनाम था। दोनों की गिनती पटना के टॉप-10 अपराधियों में होती है। सैफी को पुलिस ने सब्जीबाग स्थित उसके घर पर छापेमारी कर गिरफ्तार किया। उसके सुराग पर विक्की को पीएमसीएच के पास से दबोच लिया। सैफी पीरबहोर थाने की दोरूखी गली का रहने वाला है। विक्की आलमगंज में रहता है। पिछले साल 20 अक्टूबर को पीरबहोर थाने की कुतुबुद्दील गली में शूटरों ने बाइक से होटल से घर आ रहे शकील मलिक को गोलियों से भून कर हत्या कर दी थी। गोली लगने के बाद शकील बाइक पर ही लुढ़क गए थे। सिटी एसपी सेंट्रल दीक्षा ने बताया कि सैफी पर पहले से पीरबहोर थाने में आर्म्स एक्ट, जबकि विक्की पर कदमकुआं थाने में हत्या और आर्म्स एक्ट का केस दर्ज है। इस मामले में जेल में बंद सभी आरोपियों को स्पीडी ट्रायल कराकर सजा दिलाई जाएगी। जांच में आए दोनों के नामशकील के भाई अरमान मलिक के बयान पर माजिद खान उर्फ डिडिया और राजा के अलावा 5 अज्ञात पर हत्या का केस दर्ज हुआ था। शकील की हत्या इसलिए की गई थी डिडिया ने उनसे 20 लाख की रंगदारी मांगी, पर उन्होंने देने से इनकार कर दिया था। शकील की हत्या की जांच में इन दोनों के भी नाम आए थे। हालांकि इन दोनों पर प्राथमिकी दर्ज नहीं थी। इस मामले में पुलिस मुख्य आरोपी डिडिया के अलावा मो. सोनू, मनीष उर्फ मनीष पगला समेत चार को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
दिवाली...पटना के बाजार में कोलकाता की मूर्तियां, दाम 20 फीसदी तक बढ़े
दीपावली के लिए शहरवासियों ने खरीदारी शुरू कर दी है। सालिमपुर अहरा, दलदली आदि जगहों पर दुकानें सज गई हैं। कलाकार माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लगे हैं। पर्यावरण को लेकर पहले के मुकाबले जागरुकता भी बढ़ी है। इस कारण पिछले साल की तुलना में इस बार मिट्टी की मूर्तियों का निर्माण अधिक हो रहा है। वहीं, कोलकाता से भी छोटी-बड़ी मूर्तियां मंगवाई गई हैं। कारीगर केवाल के साथ गंगा मिट्टी से मूर्तियों का निर्माण करते हैं। गंगा मिट्टी का उपयोग मूर्ति में चिकनाई के लिए कर रहे हैं। इस मिट्टी से सिर्फ चेहरा बनाया जाता है। वहीं मूर्ति का और भाग स्थानीय मिट्टी से बना रहे हैं। बड़े और छोटे आकार की मूर्तियां 3500 से 15000 तक में बिक रही हैं। इनकी कीमतों में करीब 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सालिमपुर अहरा में 40 साल से मूर्ति बना रहे मूर्तिकार संजय पंडित ने कहा कि मूर्ति के डिजाइन के अनुसार दाम रखा गया है। उनके पिता सीताराम पंडित ने मूर्ति बनाना शुरू किया था। अब वे बनाते हैं। मूर्तिकार चंदन कुमार ने बताया कि पहले की तुलना में लोग मिट्टी से बनी मूर्ति ज्यादा खरीद रहे हैं। ऑर्डर के अनुसार हर साल मूर्ति बनाते हैं। पिछले साल से मूर्ति की मांग अधिक है। उधर, डोमन भगत लेन स्थित दुकानदार शिव कुमार ने बताया कि कोलकाता से मिट्टी की बनी माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की मूर्तियां मंगाई जा रही हैं। ये मूर्तियां छोटी से लेकर बड़ी तक हैं। इनकी डिमांड लोग ज्यादा करते हैं। इस मूर्ति का दाम 250 से 5500 रुपए तक है। मिट्टी से बनी मूर्ति में पवित्रता और शुद्धता शास्त्रों में मिट्टी की मूर्ति की पूजा का विधान है। मिट्टी में पवित्रता, धर्म और पुण्य का वास होता है। इसीलिए इसे शुभ और उत्तम माना गया है। आचार्य राकेश झा ने बताया कि पंच तत्वों में एक पृथ्वी तत्व भी है, जो हमारी आधार शक्ति है। मिट्टी मनुष्य की न होकर भगवान की कृति है। मिट्टी से बनी मूर्ति में पवित्रता और शुद्धता बनी रहती है। शास्त्रीय विधि से स्थापित मिट्टी की प्रतिमा की पूजा से ही इच्छित कामनाओं की पूर्ति होती है। साथ ही मिट्टी की प्रतिमा पर्यावरण एवं जलीय जीवों के लिए भी अनुकूल होती है।
छात्रावास अधीक्षकों ने ई-अटेंडेंस प्रणाली के विरोध में सौंपा ज्ञापन
जनजातीय कार्य विभाग के अधीन संचालित छात्रावासों और आश्रम शालाओं के अधीक्षकों ने ई-अटेंडेंस प्रणाली के विरोध में आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग को ज्ञापन सौंपा। जिला संयोजक के नेतृत्व में दिया गया ज्ञापन अधीक्षकों की समस्याओं और कार्य परिस्थितियों को स्पष्ट करता है। अधीक्षकों का कहना है कि उनका कार्य केवल शिक्षण तक सीमित नहीं है। उन्हें 24 घंटे छात्रावास में विद्यार्थियों की देखरेख, भोजन व्यवस्था, बीमार बच्चों का उपचार और अनुशासन बनाए रखना होता है। इसके बावजूद ई-अटेंडेंस के तहत सुबह 10 से शाम 5 बजे तक उपस्थिति दर्ज करने की बाध्यता व्यवहारिक रूप से संभव नहीं है। ज्ञापन में अधीक्षकों ने कहा कि उन्हें अन्य योजनाओं जैसे आदर्श ग्राम, घरती आवास, शिष्यवृत्ति, सीएम हेल्पलाइन शिकायतें और अंतरजातीय विवाह सत्यापन कार्य भी सौंपे गए हैं। रविवार या शासकीय अवकाश पर भी उनकी उपस्थिति की अपेक्षा अनुचित है। अधीक्षकों ने मांग की है कि ई-अटेंडेंस प्रणाली से उन्हें मुक्त किया जाए या उनके लिए अलग कार्य समय प्रणाली बनाई जाए। चेतावनी दी गई कि यदि मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो वे सामूहिक विरोध प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे।ज्ञापन देने वालों में प्रशांत पटेल, ब्रजकिशोर गौर, राधेश्याम, एचपी अहिरवार, संतोष धाकड़, पहलाद सिंह, दीपक राजपूत, नीलू शर्मा, लखन लाल लोधी, जितेंद्र धाकड़, अर्चना बागड़ी शामिल रहे।
सीनियर बैडमिंटन में रणवीर को दोहरा खिताब
हंड्रेड बिहार राज्य सीनियर बैडमिंटन चैंपियनशिप में पटना के रणवीर सिंह ने दोहरा खिताब जीत लिया है। उन्होंने मेन्स सिंगल और डबल दोनों वर्गों में विजेता बनकर टूर्नामेंट में अपना दबदबा कायम रखा। भोजपुर जिला बैडमिंटन संघ के तत्वावधान में आरा क्लब में आयोजित चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले मंगलवार को खेले गए। मेन्स सिंगल फाइनल में रणवीर सिंह (पटना) ने सक्षम वत्स (पटना) को 21-17, 14-21, 24-22 से हराया। मेंस डबल फाइनल में राज आर्यन (नवादा) और रणवीर सिंह (पटना) की जोड़ी ने शानदार तालमेल दिखाते हुए अंबुज प्रकाश (जहानाबाद) और तुषार कुमार सेतु (वैशाली) की जोड़ी को 21-16, 21-14 से पराजित कर खिताब अपने नाम किया। वहीं वीमेंस सिंगल फाइनल में वैभवी सिंह (कटिहार) ने आकांक्षा पांडे (बक्सर) को 21-19, 21-19 से हराया। मिक्स्ड डबल्स फाइनल में सिद्धार्थ भूषण (वैशाली) और आकांक्षा पांडे (बक्सर) की जोड़ी ने समीर राज (पूर्णिया) और वैभवी सिंह (कटिहार) की जोड़ी को 21-8, 21-19 से पराजित कर खिताब जीता। समापन समारोह में विजेताओं को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र मुख्य अतिथि आईएमए आरा के प्रेसिडेंट डॉ. पी. सिंह, डॉ. बीके प्रसाद, डॉ. एसके रूंगटा, बिहार बैडमिंटन संघ के केएन जायसवाल और भोजपुर जिला बैडमिंटन एसोसिएशन के संयुक्त सचिव उमेश बेरिया ने प्रदान किए। आयोजन समिति के बीके शुक्ला, डॉ. कन्हैया सिंह, कुंदन कुमार सिंह भी सक्रिय रहे।
अवैध शराब के साथ आरोपी गिरफ्तार, 20 क्वार्टर जब्त
सलामतपुर| थाना पुलिस ने अवैध शराब के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 20 क्वार्टर के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस को सूचना मिली थी कि झुंड़खोह गांव की पुलिया पर एक व्यक्ति सफेद थैले में शराब बेचने जा रहा है। सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी पदम सिंह धानक निवासी झुंड़खोह को पकड़ा। झोले की जांच में 20 क्वार्टर अवैध शराब मिली, जिसे जब्त कर आरोपी के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 34 (1) के तहत मामला दर्ज किया गया। थाना प्रभारी दिनेश सिंह रघुवंशी ने बताया कि नशामुक्त अभियान के तहत अवैध शराब और नशीले पदार्थों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है। स्कूलों, कॉलेजों, होटलों और ढाबों की नियमित जांच की जा रही है।
लापता युवती अचानक थाने पहुंची, प्रेमी संग शादी का किया खुलासा
सलामतपुर| पिछले एक महीने से लापता युवती अचानक अपने प्रेमी के साथ सलामतपुर थाने पहुंच गई। थाने में उसने बताया कि दोनों ने आपसी सहमति से 23 सितंबर को भोपाल स्थित आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली है। थाना प्रभारी दिनेश सिंह रघुवंशी ने बताया कि 12 सितंबर को युवती अपनी मां के साथ बाजार गई थी और पूजा टेंट हाउस के पास से बिना बताए लापता हो गई। पुलिस ने गुम इंसान 43/25 दर्ज कर आसपास क्षेत्रों में तलाश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। युवती ने पुलिस को बताया कि उसका प्रेम प्रसंग तीन साल से चल रहा था। बालिग होने के कारण पुलिस ने युवक के साथ युवती को छोड़ा। थाना प्रभारी ने कहा कि युवती के कथन के बाद दोनों को पति-पत्नी के रूप में रवाना किया गया।
नगर में स्वयंसेवकों का निकला पथ संचलन, ग्रामीणों ने पुष्पवर्षा से किया स्वागत
चिकलोद कला| राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर रविवार को ग्राम चिकलोद कला में तिलेंडी मंडल द्वारा पथ संचलन निकाला गया। पूर्ण गणवेश में सैकड़ों स्वयंसेवकों ने कदमताल करते हुए अनुशासन, एकता और संगठन की शक्ति का परिचय दिया। संचलन हवेली भोजनालय से शुरू होकर तिलेंडी के मुख्य मार्गों से होते हुए करीब तीन किलोमीटर तक निकाला गया। मार्ग में मातृ शक्ति और ग्रामीणों ने पुष्पवर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। संचलन में लगभग 295 स्वयंसेवक शामिल हुए। पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था संभाली। कार्यक्रम में प्रांतीय अधिकारी शैलेंद्र तिवारी ने कहा कि संघ का शताब्दी वर्ष केवल उत्सव नहीं, बल्कि समर्पण, सेवा और संस्कार का प्रेरणा पर्व है। यह भारत को परम वैभवशाली राष्ट्र बनाने के संकल्प को और सुदृढ़ करता है। उन्होंने कहा कि समाज की उन्नति के लिए जाति-पांति से ऊपर उठकर संगठित होना आवश्यक है। उन्होंने संघ को दुनिया का सबसे बड़ा अनुशासित संगठन बताते हुए श्रीराम की वानर सेना का उदाहरण दिया। संचलन के दौरान पंच परिवर्तन-नागरिक शिष्टाचार, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, स्व का बोध और पर्यावरण सुरक्षा—का संदेश दिया गया।
10 दिन से लापता महिला मंडीदीप से मिली
सलामतपुर| पुलिस ने पांच अक्टूबर से लापता महिला को मंडीदीप में उसकी मौसी के घर से सुरक्षित बरामद किया। महिला की पति ने 8 अक्टूबर को गुमशुदा रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सलामतपुर थाना प्रभारी दिनेश सिंह रघुवंशी ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिलने पर पुलिस कर्मी मंडीदीप भेजे गए। जांच में पता चला कि महिला अपनी तीन बेटियों को घर पर छोड़कर अपनी मौसी के पास गई थी। उसने पुलिस को बताया कि उसके पति शराब पीने के आदि हैं और आए दिन मारपीट करते थे। परेशान होकर वह बिना बताए घर से चली गई थी। महिला को सुरक्षित घर लौटाया गया और परिवार को समझाइश दी गई।
किशोरियों को आत्मरक्षा का पाठ, कहा- निडर रहें, सच बोलें
रायसेन|साईखेड़ा की शासकीय कन्या शाला में मंगलवार को पुलिस विभाग ने किशोरी जागरूकता संवाद कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें बालिकाओं को आत्मरक्षा, सुरक्षा और कानूनी अधिकारों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में कलेक्टर अरुणकुमार विश्वकर्मा, पुलिस अधीक्षक पंकज पांडेय, एसडीएम सिलवानी, एसडीओपी सिलवानी, सीओ, महिला बाल विकास अधिकारी, थाना प्रभारी पूनम सविता, पुलिस टीम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम सरपंच, छात्राएं और ग्रामीण शामिल हुए। कुल उपस्थिति करीब 250 रही। कलेक्टर विश्वकर्मा ने छात्राओं से कहा कि किसी के बहकावे में न आएं। हर परिस्थिति में सच बोलने का साहस रखें। जरूरत पड़ने पर माता-पिता को सबकुछ बताएं। पुलिस को मित्र मानें। उन्होंने शिक्षा और संस्कार को आत्मनिर्भरता का सबसे बड़ा हथियार बताया। पुलिस अधीक्षक पंकज पांडेय ने मोबाइल और टीवी का सीमित उपयोग करने की सलाह दी। कहा कि इनका अधिक प्रयोग मानसिक और सामाजिक विकास पर असर डालता है। किसी परेशानी में निडर होकर माता-पिता और पुलिस से संपर्क करें। आपकी जानकारी गोपनीय रखी जाती है। छात्राओं को संदेश दिया गया कि किसी भी लालच में न आएं। अपने भविष्य को सुरक्षित बनाएं। उपस्थित लोगों से कहा गया कि यह संदेश अपने आसपास के लोगों तक पहुंचाएं। ताकि हर महिला आत्मनिर्भर और आत्मनिर्भर बन सके।
जिला परिषद और पंचायत समिति के आम चुनाव:मतदाता सूचियों में अपडेशन के लिए 17 तक करें आपत्तियां
भास्कर न्यूज | जालंधर जिला परिषद और पंचायत समितियों के आम चुनाव-2025 के लिए मतदाता सूचियों को अपग्रेड करने के लिए संशोधित प्रोग्राम के अनुसार मतदाता सूचियों को 15 अक्तूबर 2025 की योग्यता तिथि के आधार पर अपडेट किया जाना है। चुनाव रजिस्ट्रेशन अधिकारी- कम -उप मंडल मजिस्ट्रेट जालंधर-2 शायरी मल्होत्रा ने बताया कि मतदाता सूचियों का ड्राफ्ट प्रकाशन कर दिया गया है, जिस पर दावे और आपत्तियां 17 अक्तूबर तक प्राप्त किए जाएंगे। उन्होंने ब्लॉक विकास और पंचायत अधिकारी जलंधर पश्चिमी, जालंधर पूर्वी, आदमपुर और भोगपुर को निर्देश दिए कि जारी प्रोग्राम के अनुसार उनके अधीन आने वाले ग्रामीण क्षेत्रों (जिला परिषद और पंचायत समिति क्षेत्रों) में व्यापक स्तर पर लोगों को मतदाता सूचियों को अपग्रेड करने के बारे में जागरूक किया जाए, ताकि कोई भी योग्य मतदाता वोट बनवाने से वंचित न रहे। उन्होंने बताया कि कोई भी योग्य मतदाता वोट बनवाने के लिए अपना आवेदन पत्र फॉर्म-I में, किसी भी आपत्ति/वोट कटवाने के लिए फॉर्म नंबर-II में और मतदाता सूची में किसी प्रकार के संशोधन के लिए फॉर्म नंबर-III में अपने दावे और आपत्तियां दे सकता है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक दावे और आपत्ति के साथ एक रुपये की फीस ली जाएगी, जो कि गैर-वापसी योग्य है। उन्होंने आगे बताया कि दावों और आपत्तियों का निपटारा 23 अक्तूबर तक किया जाएगा और मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन 24 अक्तूबर को होगा।
दीपावली पर लिए खाद्य पदार्थों के 40 सैंपल, जांच रिपोर्ट आएगी महाशिवरात्रि तक
चेतन राय दीपावली के सीजन में बाजार में मिल रही अमानक खाद्य सामग्री पर रोक नहीं लग पा रही। खाद्य सुरक्षा विभाग ने अब तक 40 सेंपल जांच के लिए भेजे हैं, लेकिन रिपोर्ट आने में देरी के कारण यह सामग्री बाजार में बिक चुकी होगी। लोग इसका सेवन भी कर चुके होंगे। खाद्य सुरक्षा अधिकारी धर्मेंद्र नुनइयां ने बताया, विभाग तभी बिक्री रोक सकता है जब प्रारंभिक जांच में हानिकारक तत्व मिलें। यह तभी संभव होता है जब उत्पादन स्थल पर जांच हो और मौके पर मिलावट के प्रमाण मिलें। ऐसी मिलावट जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं है, लेकिन गुणवत्ता को प्रभावित करती है, उसे रिपोर्ट आने से पहले रोकना मुश्किल है। फिलहाल लिए गए 40 सेंपल में से किसी की बिक्री नहीं रोकी गई है। भोपाल की एकमात्र जांच की लैब है। त्योहार पर यहां दबाव बढ़ जाता है। रिपोर्ट आने में 4 महीने तक लग रहे हैं। यानी अभी जो सैंपल लिए हैं, उनकी जांच रिपोर्ट 15 फरवरी (रविवार) महाशिवरात्रि तक आ सकती है। पूरे प्रदेश में एक लैब, इसलिए जांच में देरी प्रदेश में फिलहाल सिर्फ भोपाल के ईदगाह हिल्स स्थित राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला में ही जांच होती है। पूरे प्रदेश से सैंपल आने के कारण यहां रिपोर्ट आने में अब 2 से 4 महीने लगने लगे हैं। कुछ समय पहले यह रिपोर्ट एक महीने में मिलने लगी थी, लेकिन अब प्रक्रिया फिर से सुस्त हो गई है। अधिकारियों के मुताबिक त्योहारी सीजन में काम का दबाव और बढ़ गया है। हालांकि, विभाग का कहना है कि जल्द ही इंदौर और ग्वालियर में दो नई लैब शुरू होने वाली हैं। इनके शुरू होने से रिपोर्ट की गति में सुधार आने की उम्मीद है। जांच रिपोर्ट आने में 2 से 4 महीने लग रहे हैं जब किसी खाद्य सामग्री में हानिकारक तत्वों की आशंका होती है, तो हम तत्काल उसकी बिक्री रोक देते हैं, लेकिन यह अमानक है या नहीं, इसका पता जांच रिपोर्ट आने के बाद ही चलता है। फिलहाल रिपोर्ट आने में 2 से 4 महीने लग रहे हैं। - धर्मेंद्र नुनइयां, खाद्य सुरक्षा अधिकारी 6589 दुकानों से लिए गए 40 सैंपल जिले में खाद्य सामग्री की कुल 6589 रजिस्टर्ड दुकानें हैं। खाद्य विभाग ने अक्टूबर के 14 दिन में 40 सैंपल लिए हैं, जिनमें मावा के 4, पनीर के 4, मिठाई के 18 और 14 अन्य खाद्य सामग्री के सैंपल शामिल हैं। अमानक खाद्य सामग्री के मापदंड {FSSAI के अनुसार, अमानक खाद्य सामग्री उसे माना जाएगा, जो सुरक्षा के निर्धारित मानकों का पालन नहीं करती, लेकिन हानिकारक नहीं होती। इसका मतलब यह है कि: यह स्वाद, रंग, गंध या बनावट में तय गुणवत्ता से अलग हो सकती है। {इसमें निर्धारित पोषक तत्वों की मात्रा कम हो सकती है। यह FSSAI द्वारा स्वीकृत मानकों के अनुरूप नहीं होती। हालांकि, मिलावट की तरह इसमें स्वास्थ्य को तुरंत नुकसान पहुंचाने वाले तत्व नहीं होते। जिससे ग्राहक को धोखा हो सकता है, लेकिन तुरंत कोई स्वास्थ्य जोखिम नहीं होता। इस पर जुर्माने का प्रावधान है।
रोटरी क्लब जालंधर वेस्ट के मेडिकल कैंप में 456 मरीजों ने जांच करवाई
भास्कर न्यूज | जालंधर रोटरी क्लब जालंधर वेस्ट द्वारा एसडी कॉलेज फॉर गर्ल्स में ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के अवसर पर सेमिनार का आयोजन किया गया। क्लब की प्रधान डॉ. पूजा कपूर ने छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि अक्टूबर को विश्वभर में ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में मनाया जाता है। इसी उपलक्ष्य में कॉलेज में मेगा मेडिकल चेकअप कैंप कराया गया। क्लब द्वारा मेमोग्राफी वैन के माध्यम से दूरदराज के क्षेत्रों में महिलाओं की मेमोग्राफी की जाती है। इस कैंप में मरीजों का आँखों का चेकअप, हेमोग्लोबिन, शुगर, और बीपी के कुल 456 मरीजों का चेकअप किया गया। डॉ. पूजा कपूर ने बताया कि मेमोग्राफी के माध्यम से ब्रेस्ट कैंसर का पता शुरुआती चरण में लगाया जा सकता है। कैंप में पीडीजी डॉ. एसपीएस ग्रोवर, कुलदीप सिंह, तरसेम सिंह, हरविंदर सिंह और चेतन कपूर उपस्थित थे। एसडी कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. पूजा पराशर ने सभी का स्वागत किया। डॉ. एसपीएस ग्रोवर ने एसडी कॉलेज के रोट्रेक्ट क्लब का गठन किया और उन्हें मेडिकल कैंप की सफलता में योगदान देने के लिए आमंत्रित किया। अंत में क्लब की ओर से सभी का आभार व्यक्त किया गया।
रातापानी टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी 10% हुई महंगी
रातापानी टाइगर रिजर्व में 15 अक्टूबर से जंगल सफारी शुरू हो रही है। इस बार सफारी के लिए पर्यटकों को 10 फीसदी ज्यादा शुल्क देना होगा। झिरी गेट से सफारी 15 अक्टूबर से शुरू होगी। देलावाड़ी गेट से सफारी 20 अक्टूबर से शुरू होगी। एसडीओ सुनील भारद्धाज ने बताया कि पहले इंट्री गेट शुल्क 750 रुपए था, अब यह 825 रुपए हो गया है। प्रति व्यक्ति प्रवेश शुल्क 125 रुपए से बढ़कर 138 रुपए हो गया है। एक गाड़ी में 6 लोग जंगल भ्रमण कर सकेंगे। उनके साथ एक गाइड रहेगा, जिसे 480 रुपए देने होंगे। झिरी से करमई तक 40 किलोमीटर और देलावाड़ी गेट से 20 किलोमीटर का ट्रैक है। बफर जोन में 2 किलोमीटर का पैदल ट्रैक भी है। जंगल सफारी के दौरान पर्यटक इन रास्तों से भ्रमण कर सकेंगे। रातापानी टाइगर रिजर्व 890 वर्ग किलोमीटर में फैला है। यहां 90 से ज्यादा बाघ हैं। भोपाल वन क्षेत्र में भी 12 बाघों की आवाजाही दर्ज की गई है। रिजर्व का 2,000 वर्ग किलोमीटर हिस्सा बफर जोन में आता है। यहां पक्षियों की 112, मछलियों की 15, मेमल्स की 30 और सरीसृपों की 8 प्रजातियां पाई जाती हैं।
एलजीएल में रीढ़ की हड्डी का 15वां कैंप शुरू
जालंधर | बाबा कश्मीरा सिंह जनसेवा ट्रस्ट की तरफ से चलाए जा रहे एसजीएल सुपर स्पेशिएलिटी चेरिटेबल अस्पताल में स्टैंडिंग स्ट्रेट इनकार्पोरेशन (यूएसए) दे सहयोग से रीढ़ की हड्डी के टेढ़ेपन तथा कूबड़ का 15वां मुफ्त कैंप लगाया गया। कैंप का उद्घाटन अस्पताल के वाइस चेयरमैन तथा सीईओ मनिंदर पाल सिंह रियाड़ ने किया। उन्होंने इनकार्पोरेशन के सीईओ डॉ. रवि बैंस व उनकी टीम का स्वागत किया। रियाड़ ने कहा कि 2015 से शुरू किए गए क्रम का यह 15वां कैंप है। साल में दो बार विशेष कैंप लगाकर जरूरतमंद मरीजों का मुफ्त इलाज किया जाता है। अब तक 125 मरीजों के ऑपरेशन किए जा चुके हैं। इस बार भी नाम दर्ज किए गए हैं। कैंप 18 अक्टूबर तक जारी हेगा। इसमें डॉ. रवि बैंस व उनकी अंतरराष्ट्रीय टीम जांच व ऑपरेशन करेगी।
पंजाब सरकार दलितों की कर रही है अनदेखी : सोम प्रकाश
भास्कर न्यूज | जालंधर मंगलवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में दोषियों पर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार को इस पर गंभीर संज्ञान लेते हुए सुसाइड नोट में लिखे अधिकारियों के नामों के आधार पर तुरंत प्रभाव से कड़ा कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब में आप सरकार जब सत्ता में आई थी तो तब उन्होंने दलित भाईचारे से उप मुख्यमंत्री बनाने के लिए घोषणापत्र में महत्वपूर्ण वादा किया था लेकिन साढ़े तीन साल बीत जाने के बाद भी आप सरकार ने दलित उपमुख्यमंत्री की नियुक्ति नहीं की,जो कि दलितों के साथ विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि आप सरकार ने अभी तक पंजाब से एक भी दलित नेता को राज्यसभा में नामित नहीं किया। उन्होंने कहा कि आप विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को एससी/एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया था। इससे साफ जाहिर होता है कि सत्तापक्ष के विधायक तक दलितों पर अत्याचार करते है। इस मौके भाजपा जिलाध्यक्ष सुशील शर्मा, प्रदेश महामंत्री राकेश राठौर, पूर्व विधायक शीतल अंगुराल,जिला महामंत्री राजेश कपूर, अमरजीत सिंह गोल्डी, पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष रमन पब्बी, भाजपा जिला प्रवक्ता तरुण कुमार उपस्थित थे।
रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में HIV पेशेंट की पहचान उजागर करने के मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था। इसके बाद अब इस मामले में पुलिस ने FIR भी दर्ज कर ली है। इसके अलावा पुलिस ने अस्पताल प्रशासन को नोटिस भेजकर आरोपी डॉक्टरों के नाम पूछने की भी बात कही है। हालांकि, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने कहा उन्हें कोई नोटिस नहीं मिला। विभागीय जांच चल रही है। दैनिक भास्कर ने HIV पीड़ित महिला के पति से बात की। उन्होंने ने बताया कि बच्चे के पास 'HIV पॉजिटिव मदर' लिखा हुआ चार्ट देखा तो आंखों में आंसू आ गए। मेडिकल स्टाफ हमसे दूरी बनाने लगा था। बता दें कि हाईकोर्ट ने HIV पॉजिटिव महिला मरीज की पहचान सार्वजनिक करने पर कड़ी नाराजगी जताई है। साथ ही मुख्य सचिव से व्यक्तिगत शपथपत्र मांगा है। दैनिक भास्कर ने पूरे मामले पर सभी पक्षों से बात की है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट... जानिए क्या है पूरा मामला मेकाहारा में 6 अक्टूबर को एक HIV पॉजिटिव महिला ने बच्चे को जन्म दिया। मेडिकल स्टाफ ने बच्चे को PICU में शिफ्ट किया। यहां तक तो ठीक था, लेकिन इसके बाद मौजूद स्टाफ ने सफेद रंग का एक बड़ा चार्ट पेपर लाया। फिर कुछ कलर पेंसिल भी मंगाई गई। इसके बाद लाल रंग के स्केच मंगाए गए। उस पर बड़े-बड़े बोल्ड अक्षरों में लिखा गया- HIV POSITIVE MOTHER (एचआईवी पॉजिटिव मदर)। ये इतना बड़ा और बोल्ड लिखा हुआ था कि 100 मीटर दूरी से भी गुजरने वाले इसे पढ़ जाए। ये चार्ट फिर उस बच्चे के नजदीक चस्पा कर दिया गया। पीड़ित मां ने पति से कहा- बच्चे के पास एक चार्ट लगा हुआ है चार्ट 3 दिनों तक ऐसे ही लगा रहा। मां जब-जब बच्चे को दूध पिलाने जाती, ये बोर्ड उसे दिखता। वो समझ नहीं पा रही थी कि किया क्या जाए। 2 दिन बाद उसने बातों ही बातों में ये बात अपने पति को बताई। पति को PICU के भीतर जाने की इजाजत नहीं थी। वो बच्चे को सीधे नहीं देख सकते थे। लेकिन 9 अक्टूबर को 2 मुंहे दरवाजे के खुलने और बंद होने की प्रक्रिया में कुछ सेकेंड के लिए बनने वाले स्पॉट से देखा तो आंखों से आंसू आ गए। उनके बच्चे के नजदीक 'HIV POSITIVE MOTHER' का चार्ट लगा हुआ था। पिता बोले- मेडिकल स्टाफ तक दूरी बनाने लगा था दैनिक भास्कर को पीड़ित पिता ने बताया कि वे भी HIV पॉजिटिव हैं। बीमारी का पता चल जाने पर बाकी सोसाइटी का तो छोड़िए मेडिकल स्टाफ के लोग भी सामान्य व्यवहार नहीं करते। ये बात तो सभी जानते हैं, इसके बाद भी गलती हुई। दुख इस बात है कि गलती को 3 दिनों तक नजरअंदाज किया गया। शिकायत के बाद हटा चार्ट हालांकि, शिकायत के बाद अधिकारियों तक जैसे ही ये बात पहुंची, चार्ट पेपर तुरंत हटाया गया। मीडिया में खबर पब्लिश होने के बाद इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। इसके बाद रविवार को पूरे मामले में FIR भी दर्ज की गई। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन को नोटिस भी दिया गया। लेकिन 48 घंटे से ज्यादा बित जाने के बाद भी हॉस्पिटल ने गलती करने वाले और गलती को 3 दिनों तक नजरअंदाज करने वाले डॉक्टरों के नाम नहीं बताए हैं। अदालत ने बताया अमानवीय घटना छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय में HIV पॉजिटिव महिला मरीज की पहचान सार्वजनिक करने की घटना पर कड़ी नाराजगी जताई है। साथ ही मुख्य सचिव से व्यक्तिगत शपथपत्र मांगा है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की खंडपीठ ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कहा कि 'यह कृत्य न केवल अमानवीय है बल्कि नैतिकता और निजता के अधिकार का घोर उल्लंघन भी है।' NGO ने संज्ञान लिया, तब उजागर हुआ मामला इस पूरे मामले को सुराज जनकल्याण समिति के अध्यक्ष प्रीतम महानंद और संरक्षक ने उजागर किया। प्रीतम ने बताया कि वो अपने एक पहचान वाले को देखने गए हुए थे। इसी दौरान पीड़ित पिता को रोते हुए देखा। बात हुई तो मामला पता चला। इसके बाद आगे की कार्रवाई की गई। उन्होंने अपनी टीम के साथ जाकर मौदहापारा थाने में मामले की शिकायत भी कराई है। पुलिस बोली- अभी हॉस्पिटल से नहीं मिला जवाब मामले को लेकर पुलिस बताया कि फिलहाल हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से उन्हें कोई जवाब नहीं दिया गया है। अस्पताल की ओर से जिम्मेदारी तय नहीं की गई। आगे की कार्रवाई के लिए हम हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के जवाब का इंतजार कर रहे हैं। हॉस्पिटल प्रशासन ने कहा- विभागीय जांच चल रही है वहीं, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि मामले में कोई भी नोटिस पुलिस की ओर नहीं मिला है। इस मामले पर विभागीय जांच की जा रहा रही है। मंगलवार तक जांच रिपोर्ट सबके सामने आ जाएगी। हम आवश्यक कार्रवाई करेंगे। अब जानिए HIV बीमारी के बारे में... HIV और AIDS में क्या अंतर है इनके बीच बुनियादी फर्क यह है कि HIV एक वायरस है, जो हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है। जबकि AIDS एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है, जो HIV संक्रमण के कारण होती है। इसका मतलब होता है कि इम्यून सिस्टम गंभीर रूप से कमजोर हो गया है। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को HIV संक्रमण नहीं है तो उसे एड्स नहीं हो सकता है। अगर HIV संक्रमित व्यक्ति को शुरुआती स्टेज में ही इलाज मिल जाए तो उसे एड्स होने से रोका जा सकता है। वहीं ट्रीटमेंट न मिलने पर लगभग सभी संक्रमित लोगों को एड्स होने का खतरा रहता है। क्या HIV ठीक हो सकता है अभी तक HIV के लिए कोई इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। हालांकि इसके कई ऐसे वैकल्पिक इलाज खोज लिए गए हैं, जिनकी मदद से HIV संक्रमण से शरीर को होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। इसकी प्रगति कम की जा सकती है। इसे इस तरह समझिए कि अगर HIV संक्रमण के बाद पहली से दूसरी और फिर तीसरी स्टेज आने में 10 साल लगते हैं तो वैकल्पिक इलाज की मदद से इस साइकल को 20, 30, 40 साल या उससे भी ज्यादा समय तक बढ़ाया जा सकता है। इसमें आमतौर पर एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (ART) दी जाती है। .............................................. इससे जुड़ी यह खबर भी पढ़ें... नवजात के पोस्टर पर लिखा-बच्चे की मां HIV पॉजिटिव: पिता भावुक होकर रो पड़ा; हाईकोर्ट ने कहा- यह बेहद अमानवीय, दोबारा न हो ऐसी गलती रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल की शर्मनाक हरकत पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। दरअसल, अस्पताल में नवजात शिशु के पास एक पोस्टर लगाया गया था, जिस पर लिखा था- बच्चे की मां एचआईवी पॉजिटिव है। यह पोस्टर स्त्री रोग वार्ड में भर्ती मां और नर्सरी वार्ड में रखे नवजात के बीच लगाया गया था। पढ़ें पूरी खबर...
इंदौर में एक 72 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने अपने बेटे को किडनी देकर उसे नया जीवन दिया है। उनके 46 वर्षीय बेटे की 3 साल पहले दोनों किडनियां खराब हो चुकी थीं। अब दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। बुजुर्ग महिला के स्वस्थ शरीर और जज्बे को देखकर डॉक्टर और समाज भी हैरान हैं। सदर बाजार निवासी कमलेश वर्मा की लॉन्ड्री है। परिवार में पत्नी पुष्पा, बेटा जय (11), मां गंगा (72) और पिता ओमप्रकाश वर्मा (75) हैं। दो बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी हैं। एक बड़ा भाई विजय एडवोकेट है, वह परिवार के साथ जावर में रहते हैं। कमलेश को किसी भी प्रकार का व्यसन नहीं है लेकिन 2022 से उनकी तबीयत खराब होना शुरू हुई। उन्हें हाथ-पैर में दर्द होने लगा और यूरीन में भी परेशानी शुरू हो गई। उन्होंने गीता भवन अस्पताल में दिखाया। जहां जांचें हुई तो पता चला कि दोनों किडनियां काफी खराब हो चुकी हैं। यहां करीब एक साल तक उनका डायलिसिस चला। दूसरी ओर, खास बात यह है कि इंदौर के सरकारी सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में इस केस सहित हाल ही में 3 किडनी ट्रांसप्लांट हुए हैं। जिनमें मां ने ही बेटों को किडनी दी हैं। यही नहीं जल्द एक और किडनी ट्रांसप्लांट होने वाला है। जिसमें भी डोनर मां ही है। पढ़िए यह रिपोर्ट… सरकारी अस्पताल में दो साल डायलिसिस चलापरिवार ने और जानकारी जुटाई तो पता चला कि सरकारी सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में आयुष्मान योजना में किडनी का इलाज होता है। यहां डॉक्टर को दिखाया। यहां भी कुछ जांचें हुई तो उसमें भी यही पता चला कि दोनों किडनियां खराब हैं। फिर यहां डायलिसिस शुरू हुआ। डॉक्टरों के मुताबिक कई बार पैदाइशी के दौरान बच्चे की किडनी कमजोर हो तो 20 से 40 साल की उम्र तक किडनियां पूरी तरह से खराब हो जाती है। आशंका है कि किडनी डेवलपमेंट में डिफेक्ट रहने के दौरान कमलेश की दोनों पूरी तरह कमजोर हो गई। यहां दो साल तक उनका डायलिसिस चला। परिवार ने किडनी ट्रांसप्लांट के लिए स्टेट ऑर्गन्स ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (SOTO) में रजिस्ट्रेशन कराया। डॉक्टरों ने परिवार की ऐसी की काउंसलिंगइस दौरान डॉक्टरों ने परिवार से बात की। उन्हें बताया कि परिवार में अगर किसी को किडनी डोनेट करना हो तो इसके लिए सबसे पहले ब्लड ग्रुप समान होने के साथ स्वस्थ होना जरूरी है। इसमें भी प्राथमिकता युवावस्था वाला संबंधी बेहतर होता है। खून के रिश्ते में भाई-बहन या नजदीकी रिश्तेदार की किडनी उपयुक्त होती है। यह तभी जब संबंधित डोनर स्वस्थ हो और कोई आपत्ति या परेशानी न हो। न तो कभी बीमार हुई, न कोई सर्जरीमां गंगा की सहमति के बाद सारी जांचें कराई तो किडनी मैच हो गई। यह भी पता चला कि उन्हें ब्लड प्रेशर, डायबिटीज सहित कोई बीमारी नहीं है। हीमोग्लोबिन सहित सारे मेडिकल पैरामीटर्स फिट हैं। वह न तो कभी गंभीर बीमार हुई और न ही कोई सर्जरी हुई। कुल मिलाकर सारी रिपोर्ट्स नॉर्मल आई। इसके एक दिन पूर्व दोनों की फिर लेटेस्ट संबंधित जांचें हुई जिसमें मां की सारी रिपोर्ट्स अच्छी आई। 3 स्टेप्स में तैयार किया ट्रांसप्लांट प्लानडीन डॉ. अरविंद घनघोरिया के मार्गदर्शन में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विशाल कीर्ति जैन (यूरोलॉजी एमजीएम मेडिकल कॉलेज) और एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रितेश कुमार बनोडे (नेफ्रोलॉजी डिपार्टमेंट) के साथ डॉक्टरों की टीम ने किडनी मैच और लीगल प्रोसेस के तहत 30 सितंबर के लिए ट्रांसप्लांट प्लान तैयार किया। यह प्लान तीन स्टेप्स के तहत किया गया। इसमें पहला प्री ऑपरेटिव असेसमेंट, दूसरा इंट्रा ऑपरेटिव मैनेजमेंट और तीसरा पोस्ट ऑपरेटिव मैनेजमेंट। इसमें तीनों स्टेप्स में संबंधित सारी जांचें कराई गईं कि किसी तरह की समस्या या तकलीफ तो नहीं है। आईसीयू में लगातार होती रही मॉनिटरिंगचूंकि दोनों सर्जरी (रिसीवर और डोनर) साथ में होनी थी इसलिए सर्जरी टीम, एनेस्थीसिया टीम पूरी तरह तैयार रही। 3 घंटे सर्जरी के बाद आईसीयू में सबसे बड़ी समस्या रिजेक्शन की रहती है जिसकी लगातार मॉनिटरिंग की गई। इसमें खास तौर पर मरीज के यूरिन आउटपुट, किडनी फंक्शन, क्रिएटिन पर खास फोकस किया गया। तीनों स्टेप्स में हर मेडिकल पाइंट बेहतर रहा। एक हफ्ते बाद मां गंगा को डिस्चार्ज कर दिया दिया गया। मरीज कमलेश को 13 अक्टूबर को डिस्चार्ज किया गया। इस दौरान दोनों और परिवार के लोगों ने डॉक्टरों के प्रति कृतज्ञता जताई। इस दौरान मां गंगा के हावभाव बिल्कुल सहज थे। उन्होंने कहा कि मुझे तो किडनी देने के दौरान भी और अब भी कोई तकलीफ नहीं है। कुछ ऐसी ही बात कमलेश ने भी कही। सारी जांचें नॉर्मल इसलिए उम्र का जोखिम नहींएमजीएम मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. रितेश कुमार बनोडे ने बताया कि प्लान के पूर्व डोनर (मां) की उम्र 72 साल होने के कारण विचार जरूर आया। फिर उनकी फिजिकल एक्टिवटी जानी तो पता चला कि वह काफी पैदल चलती है और घरेलू काम खुद ही करती है। उन्हें सीढ़ियां चढ़ने में भी कोई परेशानी नहीं है और न ही सांसें फूलती है और न ही हार्ट संबंधी न ही कोई अन्य तकलीफ है। खास कारण यह था कि उसकी जांचें नार्मल थी इसलिए कोई परेशानी नहीं थी। किडनी डोनेशन से जुड़े ये फैक्ट भी जानिए... यह खबर भी पढ़ें...इटारसी के आरिफ की किडनी लेने से प्रेमानंद का इनकार वृंदावन के संत प्रेमानंद महाराज ने इटारसी निवासी आरिफ खान चिश्ती की किडनी लेने से इनकार कर दिया है। महाराज की तरफ से कहा गया है कि ऐसी भावनाएं सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देती हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें...
कैबिनेट मंत्री ने मोहल्ला क्लीनिक का निरीक्षण किया, फीडबैक लिया
जालंधर | बस्ती पीरदाद में मोहल्ला क्लीनिक का औचक निरीक्षण कैबिनेट मंत्री मोहिंदर भगत ने किया। इस दौरान उन्होंने क्लीनिक में उपलब्ध स्वास्थ्य सुविधाओं, दवाओं की उपलब्धता, डॉक्टरों और कर्मियों की उपस्थिति का भी पता किया। इस दौरान सभी कार्य संतोषजनक मिला। मंत्री भगत ने मरीजों और स्थानीय लोगों से बात की और सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में उनके अनुभव जाने। लोगों ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिक के माध्यम से उन्हें अपने घर के पास ही सस्ता और तुरंत इलाज मिल रहा है, जिससे गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को काफी राहत मिली है। मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है। ईमानदारी और समर्पण से लोगों की सेवा करना ही सच्ची जनसेवा है।
मोती, शीशे की तोरण... :20 से 2 हजार तक खर्च रहे ग्राहक
भास्कर न्यूज | जालंधर दिवाली जैसे त्योहारों का सीजन नजदीक आते ही जालंधर के बाजारों में चहल-पहल बढ़ गई है। खास तौर पर रैणक बाजार और शेखां बाजार में आर्टिफिशियल फूलों और तोरण की दुकानें ग्राहकों को आकर्षित कर रही हैं। लगभग 400 से अधिक दुकानों पर सजी रंग-बिरंगी सजावटी वस्तुएं न सिर्फ घरों की शोभा बढ़ा रही हैं, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए आय का साधन भी बन रही हैं। शेखां बाजार में दुकान चलाते संदीप अग्रवाल ने बताया कि इन फूलों की मांग दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। जहां ताजे फूल कुछ ही घंटों या दिनों में मुरझा जाते हैं, वहीं नकली फूल सालों तक चलते हैं। ग्राहक इन्हें धोकर अगली दिवाली या अन्य त्योहारों में दोबारा इस्तेमाल कर लेते हैं। यही कारण है कि अब लोग ताजे फूलों की बजाय आर्टिफिशियल फूलों की ओर अधिक झुकाव दिखा रहे हैं। बाजारों में तोरण की जबरदस्त डिमांड चल रही है। व्यापारियों की बढ़ी उम्मीदें व्यापारियों के अनुसार हर रविवार को ग्राहकों की भीड़ ज्यादा होती है, और सप्ताहांत में बिक्री में दोगुनी बढ़ोतरी देखी जा रही है। दुकानदारों का कहना है कि दीवाली से एक महीना पहले ही ग्राहक सजावटी सामान खरीदने लगते हैं। इस बार बाजार में नई वैरायटी आने से बिक्री और भी बेहतर हो रही है। जहां ताजे फूलों को हर दिन बदलने की जरूरत होती है, वहीं आर्टिफिशियल फूल और टोरन लंबे समय तक उपयोग किए जा सकते हैं। इससे न केवल समय और पैसा बचता है, बल्कि फूलों की बर्बादी भी कम होती है। कई पर्यावरण प्रेमी लोग भी अब इस कारण से नकली फूलों को प्राथमिकता दे रहे हैं। तोरण, जो कि मुख्य द्वार की सजावट में उपयोग होता है, अब अनेक रंगों, डिजाइनों और सामग्रियों में बाजार में उपलब्ध है। इसकी कीमत ₹20 से शुरू होकर ₹2000 तक जाती है। कुछ तोरण में लाइटिंग, मोती, शीशे और अन्य सजावटी वस्तुएं भी लगी होती हैं, जो इन्हें और आकर्षक बनाती हैं। लोग घर की सजावट के लिए पारंपरिक तोरण से हटकर आधुनिक डिजाइन पसंद कर रहे हैं। त्योहारी सीजन के दौरान यह कारोबार न केवल व्यापारियों के लिए लाभकारी साबित हो रहा है, बल्कि घर बैठे काम करने वालों के लिए भी कमाई का जरिया बन गया है। कई महिलाएं और युवा घर से ही आर्टिफिशियल फूलों, तोरण और अन्य सजावटी वस्तुएं बनाकर बाजार में बेच रहे हैं। सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप्स के माध्यम से भी ये उत्पाद बेचे जा रहे हैं।
कैंप में पानी-सीवर कनेक्शन किए रेगुलर
जालंधर | सिटी में अनधिकृत कॉलोनी में पानी और सीवर के कनेक्शन को रेगुलर करने के लिए कैंप लगाया गया। निगम के एरिया में कॉलोनी में पानी और सीवर कनेक्शन को रेगुलर करने को वार्ड के हिसाब से रोज कैंप लगाने का काम जारी है। मंगलवार को शिविर सागर कॉलोनी (ज़ोन संख्या 2) और पार्क एवेन्यू (जोन -5ए) में लगा। कैंप में 52 पानी और सीवरेज कनेक्शनों का सफलतापूर्वक नियमितीकरण किया। इस दौरान मेयर वनीत धीर ने कहा कि अनधिकृत कॉलोनियों में ऐसे शिविर नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे, ताकि आम जनता को सुविधा प्रदान की जा सके। साथ ही सीवर-वाटर सप्लाई ब्रांच की आय भी बढ़ेगी। इस मौके पर टैक्स ब्रांच के अधिकारी भी मौजूद रहे।
पराली जलाने के पर्चे रद्द करने के लिए किसानों ने लगाया धरना
जालंधर| डीसी ऑफिस के सामने पुडा कॉम्प्लेक्स में मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन एकता ने धरना प्रदर्शन किया। किसानों ने पंजाब सरकार की तरफ से पराली जलाने के मामलों दर्ज किए जा रहे पर्चों का विरोध किया। इसके साथ ही डीएपी खाद के वितरण में आ रही दिक्कतों पर भी सवाल खड़े किए। सरकारी एजेंसी मार्कफेड पर प्राइवेट लोगों को लाभ देने के घोटाले के आरोप लगाए। धरने के बाद जालंधर के डीसी डॉ. हिमांशू अग्रवाल को मांग पत्र दिया गया। इस दौरान बलजीत सिंह, हरजिंदर सिंह, सतनाम सिंह, कुलदीप सिंह, अमरजीत सिंह, हरनेक सिंह सहोता, लखविंदर सिंह, हरमनदीप सिंह आदि ने विचार रखे।
पुलिसकर्मी पर हमला...:दो युवकों ने हाथ पकड़े, एक ने तलवार से वार किए
जम्मू-जालंधर हाईवे पर मलिकपुर के पास डाउन टाउन-44 परिसर में गत रात गुंडागर्दी देखने को मिली। पुरानी रंजिश को लेकर 4 युवकों ने गंडासी, तलवारों और डंडों से पंजाब पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया। हमले में गांव कोठे फरीदा निवासी पुलिस मुलाजिम पवन कुमार जख्मी हो गया, जो एसएसपी ऑफिस में तैनात है। शिकायत के बाद सुजानपुर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। वहीं, सरेआम गंडासी और तलवार लहराने की वीडियो भी वायरल हो रही है। एसएचओ मोहित ने बताया कि डाउन टाउन के बाहर झगड़ा होने की सूचना मिली थी, पर हमलावर भाग निकले थे। उन्होंने कहा कि झगड़े की वायरल वीडियो पुलिस के पास है और सीसीटीवी फुटेज चेक किए जा रहे हैं। दो युवकों ने पुलिसकर्मी के हाथ पकड़े और एक ने पीठ पर तलवारों से वार किए। बीच बचाव में आए युवक पर भी हमला किया गया। कई लोगों ने इधर-उधर भाग कर अपनी जान बचाई। जानकारी मिलने पर थाना सुजानपुर के एसएचओ भी मौके पर पहुंचे और जख्मी को अस्पताल ले जाया गया।
लंपी स्किन से दुग्ध उत्पादन घटा:सरस डेयरी में 11 हजार से अब 6500 लीटर दूध की ही आवक
जिले में लंपी स्किन डिजीज से गोवंश के बीमार होने से दूध उत्पादन पर भी असर पड़ा है। बाड़मेर सरस दूध डेयरी में जून महीने तक 11 हजार लीटर दूध की आवक थी, जो अब घटते-घटते साढ़े छह हजार के करीब यानी लगभग आधी रह गई है। शिव व बॉर्डर एरिया में गोवंश के अधिक बीमार होने से दूध सप्लाई ही बंद हो गई है। सरस का 5,000 लीटर दूध जिले में सप्लाई हो रहा है। डेयरी की 26 समितियों में 14 पथ बनाए गए हैं। इन सभी से सप्लायर दूध लाते हैं। बाड़मेर व बालोतरा में डेयरी के 9 कलेक्शन सेंटर बनाए गए हैं। जेतेश्वर पथ में जून महीने में 551 लीटर दूध डेयरी पहुंच रहा था, जो इस महीने घटकर 168 लीटर आ गया है। साता, रंगवाली, देवासियों की ढाणी, भंवरिया, पंडरवाली, तरला, अंबावा, सोनारड़ी, कातरला, सुहागी सहित गांवों में दूध उत्पादन कम हो गया है। बजरंग पथ में 722 से घटकर 370 लीटर दूध की सप्लाई पहुंच गई है। लोएलों का टांका, देशांतरी नाड़ी, नगर, आदर्श नगर, जाणियों की ढाणी, खडाली, नई खडाणी, गोणिया, गरल, राणासर, गोदारों की होदी, मालपुरा के ग्रामीणों से दूध लिया जाता है। वांकल पथ से खारा गंगाला, ऊपरला सहित गांवों से दो महीने पहले 600 लीटर दूध सप्लायर की गाड़ी से डेयरी आ रहा था, अब 300 लीटर दूध ही पहुंच रहा है। सप्लायर स्वरूपाराम का कहना है कि पशुओं में बीमारी के कारण गांवों में दूध उत्पादन घटा है। ऐसे में सप्लाई आधी रह गई है। नौखड़ा महादेव पथ के दूध सप्लायर तुलसाराम सैण छोटू, आडेल, आडेल पणजी, धोलनाडा, खार की बेरी, मंगने की बेरी, नौखड़ा से 650 लीटर दूध के स्थान पर अब गोवंश में दूध कम उत्पादन होने से 300 लीटर दूध ही लाया जा रहा है। साता पथ के दूध सप्लायर कैलाशदान ने बताया कि साता, धनाऊ, आलमसर, आकोड़ा, सावलौर, लीलसर, भूंकरासर, समदड़ी गाला, ओगाला से 1,000 लीटर से घटकर अब 750 लीटर दूध मिल रहा है। मेरे गोवंश को भी लंपी हो रखी है। क्षेत्र में एक-दो गोवंश बीमारी से मर रहा है। डेयरी की 26 समितियों के 14 पथ प्रभावित दूध की आवक डेयरी में कम हो गई है। जून में 11 हजार लीटर दूध सप्लायर्स की ओर से लाया जाता था, अब 6,500 लीटर पहुंच रही है। डेयरी की 26 समितियों के 14 पथ बनाए गए हैं। बाड़मेर व बालोतरा में 9 कलेक्शन सेंटर हैं। जिले में डेयरी से 5,000 लीटर दूध व 1,527 लीटर छाछ का प्रॉडक्शन कर सप्लाई की जा रही है। शेष दूध व पाउडर रानीवाड़ा डेयरी भेजा जाता है, जहां घी सहित अन्य प्रॉडक्ट तैयार किए जाते हैं। -कपिल स्वामी, एमडी सरस दूध डेयरी, बाड़मेर
मोर्चा ने झींडा की कुर्सी बचाई पर नलवी का समर्थन देने से इनकार
सिखों की सर्वोच्च संस्था एचएसजीपीसी में प्रधान जत्थेदार जगदीश सिंह झींडा की कुर्सी तो अकाल पंथक मोर्चा के सदस्यों के समर्थन से बच गई, लेकिन खुद मोर्चा में रार पैदा हो गई। मोर्चा के वरिष्ठ नेता और अलग कमेटी आंदोलन खड़ा करने वाले दीदार सिंह नलवी झींडा को समर्थन देने पर नाराज हो गए। नलवी समर्थन देने को लेकर हेड ऑफिस में हुई मीटिंग में भी शामिल नहीं हुए थे। कहा कि वे झींडा को कभी समर्थन नहीं देंगे। खास बात है कि नलवी और झींडा कभी साथी थे। दोनों ने मिलकर पंजाब से अलग एचएसजीपीसी के लिए आंदोलन खड़ा किया। लेकिन सन 2014 में अलग कमेटी एक्ट पास होने और एडहॉक कमेटी बनने के बाद दोनों में खींचतान हो गई। तब एडहॉक कमेटी में झींडा प्रधान और नलवी उपप्रधान थे। गत जनवरी में रेगुलर कमेटी चुनाव में नलवी ने अपना दल उतारा था। चुनाव के बाद नलवी अकाल पंथक मोर्चा में शामिल हो गए। मोर्चा में कुछ आजाद, कुछ अकाली दल समर्थित सदस्य हैं। मोर्चा नेताओं का दावा है कि उनके साथ 20 सदस्य हैं, लेकिन अब नलवी की नाराजगी से मोर्चा की एकता खतरे में पड़ गई है। बता दें कि कुछ दिन पहले पूर्व प्रधान बलजीत सिंह दादूवाल गुट समेत 15 सदस्यों द्वारा समर्थन वापसी से प्रधान जत्थेदार जगदीश सिंह झींडा की कुर्सी खतरे में आ गई। इससे पहले कि बहुमत परीक्षण की मांग पूरी होती, अकाल पंथक मोर्चा झींडा के लिए संकटमोचक साबित हो गया। मोर्चा ने ऐलान किया कि झींडा ही कमेटी के प्रधान रहेंगे। किसी के पास बहुमत नहीं वर्ष 2014 में अलग कमेटी एक्ट पास होने के बाद रेगुलर एचएसजीपीसी के पहले चुनाव गत जनवरी में हुए थे। 40 सदस्यों के चुनाव हुआ। 9 बाद में मनोनीत हुए, लेकिन चुनाव में किसी गुट को बहुमत नहीं मिला। एसजीपीसी अमृतसर से अलग प्रदेश की एचएसजीपीसी बनाने को लेकर 22 साल आंदोलन चलाने वाले झींडा गुट को महज 10 सीटों पर जीत मिली। वहीं पूर्व में एडहॉक कमेटी के प्रधान रहे बलजीत सिंह दादूवाल को 5 सीट मिली। कुछ आजाद बने। 6 सीटें अकाली दल के मोर्चा को मिली। प्रधान और एक्जीक्यूटिव बोर्ड के लिए 25 सदस्य जरूरी हैं। नलवी गुट को 2 सीटों पर जीत मिली थी।
जीएमसीएच नर्सिंग एसो. आज से रोज 2 घंटे करेगी रोष रैली
अमृतसर | पंजाब सरकार की नीतियों के खिलाफ लंबित मांगों को लेकर जीएमसीएच नर्सिंग एसोसिएशन ने 15 अक्तूबर से रोजाना 2 घंटे की रोष रैली करने का ऐलान किया है। यह रैली हर दिन सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक होगी । नर्सिंग एसोसिएशन के प्रधान रमनजीत सिंह गिल ने बताया कि बीते 5 वर्षों से नर्सिंग केडर अपनी मांगों को लेकर पंजाब सरकार से पत्राचार कर रहा है। इतना ही नहीं, कुछ दिन पहले नर्सिंग स्टाफ की ओर से अनिश्चितकालीन हड़ताल भी की गई थी। जिसके बाद पंजाब सरकार की ओर से नर्सिंग स्टाफ के साथ बैठकें की गईं और स्टाफ के 4600 रुपए के ग्रेड पे को लागू करने की मांग को स्वीकार करने का वादा किया। लेकिन अब तक सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। गिल ने कहा कि अब एसोसिएशन ने स्पष्ट फैसला लिया है कि आज से शुरू होने वाली यह 2 घंटे की रोष रैली अनिश्चितकाल तक जारी रहेगी। इस दौरान अस्पताल के कामकाज में बाधा आती है तो इसकी जिम्मेदारी पंजाब सरकार होगी।
‘शिक्षा क्रांति' से सुधर रही सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता: कंवलजीत सिंह
भास्कर न्यूज | अमृतसर पंजाब शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई ‘पंजाब शिक्षा क्रांति मुहिम' के अंतर्गत सरकारी स्कूलों में आधुनिक बुनियादी ढांचे की स्थापना से शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार आ रहा है। यह बात जिला शिक्षा अधिकारी (एलिमेंट्री) कंवलजीत सिंह संधू ने श्री गुरु नानक कन्या सीनियर सेकेंडरी स्कूल, घी मंडी में आयोजित जिला स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान कही। डिप्टी डीईओ इंदू बाला मंगोत्रा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में जिले के सभी ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और सेंटर हेड टीचर (सीएचटी) उपस्थित रहे। डीईओ संधू ने टीचरों को शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक और नवीन शिक्षण विधाओं को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि शिक्षक जमीनी स्तर पर कार्य करते हुए उन बच्चों की पहचान करें जो किसी कारणवश स्कूल नहीं आ पा रहे हैं और उन्हें दोबारा स्कूल शिक्षा से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास करें। समीक्षा बैठक के दौरान हाल ही में आई बाढ़ से प्रभावित स्कूलों की विस्तृत रिपोर्ट भी प्राप्त की गई। इस दौरान ब्लॉक शिक्षा अधिकारी गुरदेव सिंह, रणजीत प्रीत सिंह जंडियाला गुरु, बलजीत सिंह अमृतसर-2, जिला मीडिया कोऑर्डिनेटर परमिंदर सिंह सरपंच, जिला एमआईएस कोऑर्डिनेटर करनदीप सिंह, एसी स्मार्ट स्कूल के मुनीश कुमार मेघ और संदीप स्याल, कंवलजीत कौर आदि मौजूद थे।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के छात्रों की परीक्षा फीस हो माफ : डीटीएफ
अमृतसर| पंजाब के बाढ़ प्रभावित इलाकों के स्टूडेंट्स को परीक्षा फीस में छूट देने की मांग को लेकर डीटीएफ का एक प्रतिनिधिमंडल पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डॉ. अमरपाल सिंह से मिला। बैठक में बोर्ड के सचिव गुरिंदर सिंह सोढ़ी भी उपस्थित रहे। चेयरमैन ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वह इस पूरे मामले को पंजाब सरकार की बाढ़ राहत संबंधी उच्च स्तरीय समिति के समक्ष उठाएंगे। डीटीएफ ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड को सौंपे मांग पत्र में कहा कि मार्च 2026 में होने वाली दसवीं और बारहवीं कक्षा की परीक्षाओं के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के विद्यार्थियों की परीक्षा फीस पूरी तरह माफ की जाए।
भाजपा नेता को कार से टक्कर मारने वालों का तीन दिन बाद भी सुराग नहीं
भास्कर न्यूज | अमृतसर तीन दिन पहले शनिवार की देर शाम गोल्डन एवेन्य हरकृष्ण स्कूल के सामने कार ने बाइक सवार बीजेपी मंडल के अध्यक्ष गिरीश शिंगारी और उनके एक दोस्त दीपक अरोड़ा को टक्कर मार दी थी। जिस दौरान दोनों गंभीर रूप से जख्मी हो गए। दीपक अरोड़ा की एक टांग टूट गई। दोनों मजीठा रोड स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में दाखिल हैं। तीन दिन के बाद भी थाना मोहकमपुरा पुलिस को कार सवार आरोपी का कोई सुराग नहीं मिला। वहीं इस घटना की सीसीटीवी सामने आई है। जिसमें पहले कार सवार बाइक से 50 मीटर आगे जाता है, फिर ब्रेक लगाकर कार को तेजी से पीछे की तरफ लेकर आता है और टक्कर मारकर दोबारा उसी रास्ते भाग जाता है। हालांकि गिरीश ने बताया कि यह घटना शनिवार की देर शाम 7.12 बजे की है। उनकी किसी के साथ दुश्मनी नहीं है, लेकिन जिस तरह कार वाले ने टक्कर मारी, वह जान से मारने की नियत से की गई थी। पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही। तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस आरोपियों का कुछ पता नहीं कर पाई है। थाना मोहकमपुरा एसएचओ हरप्रकाश सिंह ने बताया कि इस मामले में पर्चा दर्ज किया है। सीसीटीवी चैक कर रहे हैं। जल्द कार को ट्रेस कर आरोपी को काबू किया जाएगा। अंधेरा होने के कारण कार का हाई सिक्योरिटी नंबर सामने नहीं आया। जांच कर रहे हैं।
तस्कर जेल में बंद, पहले से एनडीपीएस के 4 पर्चे दर्ज
भास्कर न्यूज | अमृतसर जिला प्रशासन ने नशे के खिलाफ चल रहे सख्त अभियान के तहत मंगलवार को बड़ी कार्रवाई की है। थाना मोहकमपुरा क्षेत्र में स्थित नशा तस्कर की अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को ढहा दिया गया। यह कार्रवाई नशा तस्कर रोहित सिंह (22) उर्फ कालू, निवासी प्यारा सिंह सरपंच चौक, मोहकमपुरा, की संपत्ति पर की गई। आरोपी लंबे समय से नशा तस्करी की गतिविधियों में सक्रिय था और उसके खिलाफ एनडीपीएस के कुल चार मामले दर्ज हैं। फिलहाल वह जेल में बंद है। नगर निगम ने पुलिस की निगरानी में इस अवैध इमारत को ध्वस्त किया। आरोपी के खिलाफ चार पर्चे थाना मोहकमपुरा में दर्ज है। मौके पर पहुंचे पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि इस वर्ष एनडीपीएस एक्ट के तहत 1138 मामले दर्ज कर 2133 आरोपियों को काबू किया है।
गुरु गोबिंद सिंह नगर में रेड : दड़ा-सट्टा खेलते 13 काबू
अमृतसर| थाना सी-डिवीजन पुलिस ने गुप्त सूचना पर रेड कर दड़ा-सट्टा खेलते हुए 13 आरोपियों को काबू किया। पकड़े गए आरोपियों के पास से 26 हजार 200 रुपए बरामद किए गए । एसएचओ राजविंदर कौर ने बताया कि पुलिस टीम में एएसआई प्रीतपाल सिंह और अन्य पुलिस मुलाजिमों ने मिलकर आरोपियों को काबू करने में सफलता हासिल की है। पुलिस ने बताया कि सोमवार को गश्त कर रहे थे कि गुप्त सूचना मिली कि गुरु गोबिंद सिंह नगर में एक घर में दड़ा-सट्टा खेला जा रहा हैं। जिसके बाद पुलिस ने रेड कर 13 युवकों को काबू किया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान सुखदेव सिंह निवासी ईश्वर नगर, अवतार सिंह, सुखपाल सिंह, विशाल, जोशवा, शमल, शिवा, साहिल, अजय कुमार निवासी गिलवाली गेट, हरदीप सिंह निवासी हिम्मतपुरा, दलजीत सिंह निवासी भाई मंझ रोड, हीरा सिंह निवासी भाई मंझ रोड, अभिजीत सिंह निवासी गुरु गोबिंद सिंह नगर के रूप में हुई है। आरोपियों के खिलाफ पर्चा दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
PM नरेंद्र मोदी 15 अक्टूबर यानी आज 'मेरा बूथ, सबसे मजबूत' अभियान के तहत चुनावी शंखनाद करने जा रहे हैं। PM मोदी इस अभियान के तहत ऑनलाइन जुड़ेंगे और 243 विधानसभा क्षेत्रों से संवाद करेंगे। बताया जा रहा है कि PM के संवाद कार्यक्रम में NDA के 20 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे, जिसमें बूथ लेवल से लेकर प्रदेश लेवल तक के कार्यकर्ता शामिल होंगे। PM चुनावी अभियान के रणनीतिक पहलुओं पर चर्चा करेंगे और हर बूथ जीतो का मंत्र देंगे। यह कार्यक्रम पूरी तरह से डिजिटल और इंटरएक्टिव होगा। कार्यकर्ताओं को दिए जाएंगे कई अहम टास्क जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री का फोकस तीन अहम बातों पर रहेगा। पहला वोट प्रतिशत बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा करेंगे। इसमें हर बूथ पर अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने की योजना बनाई जाएगी। महिला मतदाताओं और पहली बार वोट डालने वाले युवाओं तक पहुंचे पर खास जोर दिया जाएगा। दूसरा, बूथ प्रबंधन और समन्वय पर होगा। इसके तहत प्रत्येक बूथ पर कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय होगी। बूथ प्रभारी, पन्ना प्रमुख और सोशल मीडिया टीमों को एकजुट होकर काम करने के निर्देश दिए जाएंगे। तीसरा, सकारात्मक प्रचार और संवाद पर जोर दिया जाएगा। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाने के तरीके बताए जाएंगे। हर विस क्षेत्र से 80-100 कार्यकर्ताओं का चयन बीजेपी, जदयू, हम और उपेंद्र कुशवाहा की आरएलएम सभी दलों के कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में जुड़ेंगे। पार्टी ने सभी विधानसभा क्षेत्र में 80 से 100 कार्यकर्ताओं को चयनित किया है, जो प्रधानमंत्री के संदेश को जमीन तक पहुंचाएंगे। हर जिले में बड़े एलईडी स्क्रीन और डिजिटल सेंटर बनाए गए हैं। 10 दिन पहले पीएम ने किया था युवा संवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिनों पहले बिहार के युवाओं से वर्चुअली संवाद किया था। इस दौरान उन्होंने संवाद कार्यक्रम में जुड़े युवाओं को जंगलराज की याद दिलाई थी। उन्होंने कहा, 'ढाई दशक पहले की शिक्षा व्यवस्था और बुरे हालात का आपको अंदाजा नहीं है। पहले बिहार में शिक्षा व्यवस्था तबाह थी। ना स्कूल खुलते थे ना बच्चे आते थे। बच्चों को बिहार छोड़कर जाना पड़ा था। यहीं से पलायन की असली शुरुआत हुई। बिहार में 6 और 11 नवंबर को वोटिंग बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए 2 फेज 6 और 11 नवंबर को वोटिंग होगी। छठ के 8 दिन बाद चुनाव होगा। पहले फेज में 121 सीटें हैं। दूसरे में पूरे बॉर्डर एरिया की 122 सीटों को रखा गया है। 14 नवंबर को नतीजे आएंगे। पूरी चुनावी प्रक्रिया 40 दिन चलेगी। 40 साल बाद बिहार में 2 फेज में मतदान होंगे। इस विधानसभा चुनाव में करीब 7.42 करोड़ वोटर हैं। इनमें 100 साल ऊपर के 14 हजार वोटर शामिल हैं। पोलिंग बूथ जाने में असमर्थ लोग फॉर्म 12 D भरकर घर से वोट डाल सकेंगे। राज्य में 14 लाख लोग पहली बार वोट डालेंगे। बिहार में बूथ तक मोबाइल ले जा सकेंगे। बिहार में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जहां औसतन प्रति केंद्र 818 मतदाता रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 76,801 मतदान केंद्र ग्रामीण इलाकों में हैं, जबकि 13,911 शहरी क्षेत्रों में स्थित हैं। सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था (100%) की गई है। साथ ही, 1,350 मॉडल मतदान केंद्र भी स्थापित किए गए हैं ताकि मतदाताओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
विधायक जी की लाठी की डिमांड:मैथिली ठाकुर का नया अवतार, पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं का युद्ध
यह बात खरी है... इसमें आप देखेंगे बिहार के नेताओं और अफसरों के बीच अंदरखाने क्या चल रहा है, और दिनभर की ऐसी बड़ी हलचल जो आपको हंसाएगी भी और जिम्मेदारों को आइना भी दिखाएंगी। ऊपर VIDEO पर क्लिक करें...
नशे में धुत युवक का वीडियो वायरल, पुलिस ने डोप टेस्ट के बाद नशा मुक्ति केंद्र भेजा
अमृतसर| सिटी में नशे के हालात में युवक-युवतियां घूमते हुए दिखाई देते हैं। पुलिस इन नशेड़ियों के खिलाफ कार्रवाई भी करती हैं। इसी तरह मकबूलपुरा चौक पर नशे में बैठे एक युवक की किसी व्यक्ति ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाल दी। वीडियों वायरल होने पर यह मामला पुलिस के पास पहुंचे। जिसके बाद मकबूलपुरा पुलिस ने युवक को काबू कर उसका डोप टेस्ट करवाया। एसीपी गगनदीप सिंह ने बताया कि जब युवक का डोप टेस्ट करवाया तो वह पॉजिटिव पाया गया। युवक के खिलाफ कार्रवाई करते हुए नशा छुड़ाओं केंद्र में दाखिल करवाया गया है।
रासा पंजाब ने तीसरे अंतरराष्ट्रीय पंजाबी ओलंपियाड-2025 संबंधी करवाया सेमिनार
भास्कर न्यूज | अमृतसर रासा पंजाब की ओर से तीसरे अंतरराष्ट्रीय पंजाबी ओलंपियाड-2025 संबंधी एक सेमिनार जौड़ा फाटक के नजदीक स्थित एक स्कूल में करवाया गया। रासा पंजाब के जनरल सेक्रेटरी सुजीत शर्मा बबलू की अध्यक्षता में आयोजित इस सेमिनार में मंच संचालन के तौर पर रासा के मुख्य सलाहकार जगजीत सिंह ने भूमिका निभाई। इस सेमिनार में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से जिला अमृतसर डिपो अंजू बाला अपने सहयोगी हरप्रीत सिंह और चमकौर सिंह सहित शामिल हुए। अंजू बाला ने सभी स्कूलों को अपील की कि वह पंजाबी ओलंपियाड में अधिक से अधिक दाखिले सुनिश्चित करे, ताकि मातृभाषा पंजाबी और पंजाबी सभ्याचार का प्रचार प्रसार हो सके। रासा पंजाब के जनरल सेक्रेटरी सुजीत शर्मा बबलू ने सभी स्कूल मुखियों को अधिक से अधिक पंजाबी ओलंपियाड 2025 में योगदान डालने के लिए कहा। बोर्ड के उच्चाधिकारियों को रासा पंजाब की ओर से विश्वास दिलाया गया कि तीसरा अंतरराष्ट्रीय पंजाबी ओलंपियाड-2025 को कामयाब करने के लिए हरसंभव सहयोग किया जाएगा। मीटिंग के दौरान प्रिंसीपल सुमित पुरी और प्रिंसीपल रीतू पुरी ने सभी स्कूल प्रिंसीपल का स्वागत किया। इस दौरान रासा के सदस्यों ने पंजाबी भाषा प्रति जागरूकता फैलाने और स्टूडेंट्स को इसमें हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया। इस मौके पर कमलजोत सिंह कोहली, सुशील अग्रवाल, प्रेम शर्मा, कुलविंदर सिंह, समीर भाटिया, जगजीत सिंह, पुनीत गुप्ता, कुनाल कपूर, दिनेश कपूर, यादविंदर सिंह, अरुण मनसोत्रा, नरिंदर पाल सिंह, सोहन सिंह, गौरव अरोड़ा, दविंदर पिपलानी, मयंक कपूर, मोहित महाजन, राजीव पुंज, अमरजीत कुमार, गगनदीप सिंह, दविंदर सिंह आदि मौजूद थे।
मकानों और बिल्डिंगों पर सोलर पैनल लगाकर बिजली से घरों में रोशनी करने के मामले में राजस्थान देश भर में चौथा बड़ा राज्य बनकर उभरा है। पीएम सूर्य घर योजना के तहत प्रदेश में अब तक 88 हजार से ज्यादा घरों पर सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं। इन पैनलों के जरिए 358 मेगावाट से ज्यादा बिजली रोजाना उत्पन्न की जा रही है। इस पर केंद्र व राज्य सरकार सब्सिडी भी दे रही है। इस योजना के तहत राजस्थान से आगे गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश ही है। चौथा राज्य राजस्थान है। गुजरात पहले स्थान पर है। यहां के 6.35 लाख से ज्यादा घरों की छतों पर सोलर पैनल से बिजली पैदा की जा रही है। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 4.87 लाख से ज्यादा घरों पर सोलर पैनल लगे हैं। जबकि तीसरे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में ढाई लाख के करीब घरों पर सोलर इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं। जबकि आवेदन करने वालों में आंध्रप्रदेश के लोग सबसे आगे हैं। यहां के 14.25 लाख से ज्यादा घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाने के लिए आवेदन किए गए हैं। हालांकि इनमें से अब तक 59 हजार घरों में ही सोलर पैनल से बिजली मिल रही है। जबकि राजस्थान में 3.28 लाख आवेदन हुए हैं। इनमें 86784 पैनल इंस्टॉल किए जा चुके हैं। इसमें 88471 घर कवर किए जा रहे हैं। सरकार इस पर अब तक 606.02 करोड़ से ज्यादा की सब्सिडी उपभोक्ताओं को दे चुकी है। सब्सिडी उठाने में भी गुजरात पहले स्थान पर है। यहां 3367 करोड़ से ज्यादा रुपए अनुदान सोलर पैनल लगाने में दिए जा चुके हैं। महाराष्ट्र में 2176 करोड़, उत्तरप्रदेश में 1668 करोड़ व मध्यप्रदेश में 470 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी गई है। जबकि सबसे कम अनुदान आंध्रप्रदेश में 380 करोड़ रुपए दिए गए हैं। वहीं, इसके लिए देश के सभी राज्यों में अब तक 62.55 लाख आवेदन हुए हैं। इनमें से 16.31 लाख सोलर इकाइयां लगाई जा चुकी हैं। केंद्र सरकार ने 11716.89 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी है और 20.53 लाख से ज्यादा घर कवर किए गए हैं। 2 किलोवाट की इकाई में 60% सब्सिडी पीएम सूर्य घर योजना में 2 किलोवाट क्षमता तक की सौर ऊर्जा इकाई की लागत का 60% और 2 से 3 किलोवाट क्षमता तक की इकाइयों के लिए अतिरिक्त लागत का 40% सब्सिडी प्रदान की जा रही है। सब्सिडी 3 किलोवाट क्षमता तक ही दी जा रही है। 1 किलोवाट के लिए 30 हजार रुपए, 2 किलोवाट के लिए 60 हजार, तथा 3 किलोवाट या उससे अधिक के लिए 78 हजार रुपए की सब्सिडी दी जा रही है।
पीआरटीसी-पनबस कर्मियों ने 4 घंटे बस स्टैंड रखा बंद
भास्कर न्यूज | अमृतसर पीआरटीसी/पनबस कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने लंबित मांगों को लेकर मंगलवार को राज्यव्यापी प्रदर्शन करते हुए 4 घंटे तक सभी बस स्टैंड बंद रखे। अमृतसर के गोल्डन गेट चौराहे पर प्रदर्शन कर रहे यूनियन नेता बलजीत सिंह ने कहा कि पिछले 4 साल में ट्रांसपोर्ट विभाग के कर्मचारियों को नियमित नहीं किया गया है और सरकार विभाग चलाने में पूरी तरह विफल रही है। यूनियन नेता ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा लागू की जा रही किलोमीटर स्कीम निजी बस मालिकों को लाभ पहुंचाने के लिए है, जिससे सरकारी विभाग की संपत्ति एवं आम कर्मचारियों का शोषण बढ़ेगा। यूनियन के डिपो प्रधान हीरा सिंह और अन्य नेताओं ने कहा कि मुफ्त सफर सुविधाओं और स्पेयर पार्ट्स की कमी के कारण 400 से अधिक सरकारी बसें खड़ी हो चुकी हैं और विभाग के लिए नई बसें राज्य सरकार द्वारा नहीं दी जा रहीं। उन्होंने बताया कि तनख्वाह समय पर नहीं मिलती। कई बार वे 15-20 तारीख तक भुगतान की मांग करते रहे, परन्तु परिणाम शून्य रहा।यूनियन ने कहा कि 1 जुलाई 2024 को मुख्यमंत्री ने लिखित भरोसा देकर सात मांगों के समाधान का आश्वासन दिया था, पर वे लागू नहीं हुईं। प्रदर्शन के दौरान यूनियन ने स्पष्ट मांगे रखीं। उनकी प्रमुख मांगों में कर्मचारियों को सेवा नियमों के तहत पक्का करना, किलोमीटर स्कीम के टेंडर रद्द करना और सरकारी बसें बहाल करना, निकाले गए कर्मचारियों की बहाली और वेतन का पूरा निपटारा तथा ट्रांसपोर्ट माफिया पर कड़ी कार्रवाई करना शामिल है। यूनियन ने चेतावनी दी कि यदि मांगें नहीं मानी गईं तो वे पूरे पंजाब को ब्लॉक कर देंगे और मुख्यमंत्री आवास पर धरना देंगे। यूनियन ने बताया कि पीआरटीसी ने दो दिन में तनख्वाह देने की जिम्मेदारी ली है और कार्यक्रम कुछ मुद्दों को लेकर 17 अक्टूबर 2025 तक स्थगित कर दिया गया है। लेकिन उनकी अन्य मांगें नहीं मानी गई, तो अगला बड़ा विरोध 25-26 अक्टूबर को तरनतारन हलके में आयोजित किया जाएगा।
NDA में सीट शेयरिंग हो गई है। बावजूद इसके गठबंधन में खींचतान जारी है। नीतीश कुमार की नाराजगी के बीच जीतन राम मांझी भी उनके समर्थन में आ गए हैं। मांझी ने कहा है कि मैं भी गया में दो सीटों (बोधगया और मखदुमपुर) पर अपने कैंडिडेट को सिंबल दूंगा। ये दोनों सीटें चिराग के खाते में हैं। वहीं, कहलगांव सीट को लेकर भागलपुर सांसद ने विरोध जताते हुए अपना इस्तीफा नीतीश कुमार को भेजा था, जिसके बाद बीजेपी ने ये सीट छोड़ दी है। काराकाट सीट भी भाजपा ने जदयू के लिए छोड़ी है। यानी कहलगांव और काराकाट दोनों सीटें अब जदयू के खाते में हैं। साथ ही चिराग के खाते में मोरवा सीट थी, जिसे एलजेपी (आर) से जदयू ने वापस लिया है। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 9 सीटों के बंटवारे से नाराज बताए जा रहे हैं। जदयू ने इन सीटों पर बीजेपी से फिर विचार करने की मांग की है। सोनबरसा, राजगीर सीट को लेकर JDU-LJP (R) में टकराव इस बीच सोनबरसा सीट का मामला सुर्खियों में है। यहां से जदयू विधायक और मंत्री रत्नेश सदा को पार्टी ने दोबारा टिकट दिया है, जबकि इस सीट को पहले NDA की साझा लिस्ट में LJP (R) के खाते में बताया जा रहा था। नीतीश कुमार ने सोमवार को खुद रत्नेश सदा को पार्टी सिंबल देकर यह साफ संदेश दिया कि जदयू अपने निर्णयों पर अडिग है। जदयू के एक नेता ने बताया कि राजगीर सीट चिराग के खाते में जाने से भी नीतीश कुमार खफा है। CM हाउस में 2 घंटे चली मीटिंग इस बीच नीतीश कुमार ने CM हाउस में मीटिंग की। मंगलवार को 2 घंटे चली बैठक में मुख्यमंत्री ने संजय झा, ललन सिंह और विजय चौधरी से विवाद पर फीडबैक लिया। उन्होंने बीजेपी के सीनियर लीडर से बात करके इसे जल्द सुलझाने को कहा है। इससे पहले नीतीश कुमार ने बीजेपी नेताओं को मुख्यमंत्री आवास बुलाया था, लेकिन फिर पार्टी के 3 नेताओं से बात कर, उन्हें सभी चीजें फाइनल करने का निर्देश दिया है। नीतीश की नाराजगी के बीच संभावना जताई जा रही है कि विवाद को शांत करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पटना आ सकते हैं। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है। इधर, जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने न्यूज एजेंसी से बातचीत में उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार खुश हैं। वो NDA के लिए प्रचार करेंगे।' सम्राट चौधरी ने भी गठबंधन में किसी भी तरह की तकरार से इनकार किया है। बताया जा रहा है कि, मंगलवार शाम NDA की जॉइंट पीसी की चर्चा थी, लेकिन नहीं हुई। NDA के बड़े नेताओं का एक जैसा पोस्ट सीट शेयरिंग को लेकर तनातनी की खबरों के बीच NDA के बड़े नेताओं ने सोशल मीडिया पर एक जैसी पोस्ट शेयर की है। जिसमें लिखा-'एनडीए दलों में सीट संख्या का विषय सौहार्दपूर्ण बातचीत में पूरा हो चुका है। कौन दल किस सीट पर लड़ेगा यह चर्चा भी सकारात्मक बातचीत के साथ अंतिम दौर में है।' डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, मंत्री नितिन नवीन, लोजपा (आर) के अध्यक्ष चिराग पासवान, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा जैसे कुछ नेताओं ने ये पोस्ट शेयर की है। हालांकि, जदयू और हम के किसी भी नेता ने ये पोस्ट शेयर नहीं किया है। CM हाउस के बाहर धरने पर जदयू विधायक टिकट कटने की चर्चा के बीच JDU विधायक गोपाल मंडल समर्थकों के साथ सीएम हाउस के बाहर धरने पर बैठ गए हैं। गोपाल मंडल का कहना है कि, 'उनका टिकट काटने की साजिश हो रही है। सीएम हाउस में कुछ लोग बैठे हुए हैं जो उन्हें बेटिकट करना चाहते हैं।' जदयू सांसद अजय मंडल ने नीतीश कुमार को भेजा इस्तीफा भागलपुर से जदयू सांसद अजय मंडल ने सीएम नीतीश को अपना इस्तीफा भेजा है। अजय मंडल ने अपने इस्तीफे में लिखा है, 'विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे में मेरी सलाह नहीं ली गई। इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा देता हूं।' '2019 में जिन सीटों पर मैंने कैंडिडेट्स बताए थे, उनकी जीत हुई थी। आज जब पार्टी के कुछ लोग मेरे ही लोकसभा में टिकट बांटने का काम कर रहे हैं और संगठन की अनदेखी कर रहे हैं, तब ये स्थिति दुखद है। मुझे आपसे मिलने तक नहीं दिया जा रहा है, न ही मेरी राय सुनी जा रही है।' मुंगेर के तारापुर से चुनाव लड़ेंगे उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी तारापुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। वे 16 अक्टूबर को सुबह 11 बजे तारापुर नामांकन कार्यालय में अपना पर्चा दाखिल करेंगे। उनके नामांकन में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई अन्य बड़े नेताओं के शामिल होने की संभावना है। ये जानकारी सोमवार शाम सम्राट के भाई रोहित चौधरी ने दी। उन्होंने बताया कि नामांकन के दौरान लगभग 15,000 समर्थकों के जुटने की उम्मीद है और इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
श्री दुर्ग्याणा मंदिर कमेटी की प्रधान के बारे में अपशब्द बोलने वाले पर केस, आरोपी फरार
भास्कर न्यूज | अमृतसर श्री दुर्ग्याणा मंदिर कमेटी की प्रधान प्रो. लक्ष्मीकांता चावला के खिलाफ अपशब्द बोलने वाले श्री बड़ा हनुमान मंदिर के वाइस चेयरमैन सोमदेव शर्मा के खिलाफ साइबर क्राइम थाना की पुलिस ने आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। साइबर क्राइम सैल थाने की पुलिस ने यह कार्रवाई पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर की ओर से दिए गए निर्देशों के बाद की है। पुलिस कमिश्नर को पंजाब महिला कमीशन कमेटी की प्रधान की ओर से की गई शिकायत के बाद उक्त मामले में कार्रवाई की हिदायतें दी गई थीं। जिसके बाद पुलिस कमिश्नर ने साइबर सैल को इसकी जांच करने के आदेश दिए थे। साइबर सैल की टीम ने मामले में केस दर्ज कर अगली कार्रवाई शुरू कर दी है। फिलहाल आरोपी की अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। पुलिस का दावा है कि जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। बता दें कि 24 सितंबर को श्री दुर्ग्याणा कमेटी की प्रधान प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने पंजाब महिला कमीशन को शिकायत की कि उसे श्री बड़ा हनुमान मंदिर के वाइस चेयरमैन सोमदेव शर्मा ने उसे अपशब्द बोले हैं। उसका एक अॉडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ। यह अॉडियो भी उन्होंने कमीशन को भेजा था। इस मामले में कमीशन ने पुलिस कमिश्नर को तुरंत इस पर कार्रवाई करके 26 सितंबर तक रिपोर्ट मांगी थी। कमिश्नरेट पुलिस ने रिपोर्ट सौैंपने के बाद सोमदेव के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। कमीशन को की गई शिकायत में प्रो. चावला ने कहा था कि एक बार नहीं अनेक बार सोमदेव वह शब्द बोलता है, जो सभ्य समाज नहीं सुनना चाहता। इस सारे घटनाक्रम के बाद श्री दुर्ग्याणा मंदिर कमेटी की प्रधान प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने सोमदेव शर्मा को सभी पदों से हटा दिया था, लेकिन इसके बाद सोमदेव ने उनकी इस कार्रवाई का भी विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि प्रो. चावला अकेली न तो किसी को कोई सेवा दे सकती है और न ही अकेली किसी को सेवा मुक्त कर सकती है। उन्होंने प्रो. चावला द्वारा गाली-गलौज करने के लगाए आरोपों को भी बेबुनियाद कहा था। उनका कहना था कि उनकी तो प्रो. चावला से पिछले कई महीनों से तो कोई भी बातचीत नहीं हुई थी। बता दें कि सोमदेव शर्मा की जो ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, वह उसका किसी अन्य व्यक्ति के साथ बातचीत का था।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में सीट शेयरिंग पर गतिरोध बरकरार है। इस बीच आज यानी बुधवार को राजद, कांग्रेस और वीआईपी की ओर से अपने-अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की जा सकती हैं। तीनों दलों के बीच सीट शेयरिंग पर अंतिम सहमति अभी नहीं बन पाई है, जिसके कारण नामों की घोषणा टलती जा रही है। सीट बंटवारे में हो रही देरी के बीच माले ने मंगलवार को अपने 18 प्रत्याशियों की सूची जारी की और कैंडिडेट्स को सिंबल भी दे दिए। हालांकि, पिछली बार माले जिन सीटों पर लड़ी थी, उसमें इस बार औराई की सीट छोड़ी है। माले से वहां आफताब आलम दूसरे नंबर पर रहे थे। यहां बीजेपी के रामसूरत राय चुनाव जीते थे। 18 सीटों में माले ने 2 मुसलमान, 5 कुशवाहा, 4 रविदास, 2 अति पिछड़ा, एक सवर्ण (महिला) को टिकट दिया है। वहीं दिल्ली में कांग्रेस CEC की बैठक के बाद बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश राम ने कहा, 'हम जल्द ही आगामी बिहार विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेंगे। बैठक में क्वालिटी सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम फैसला लिया गया है।' दिल्ली में हुई कांग्रेस CEC की बैठक मंगलवार की शाम कांग्रेस CEC की बैठक हुई। इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, के सी वेणुगोपाल, अजय माकन, अधीर रंजन चौधरी, सलमान खुर्शीद समेत प्रदेश प्रभारी कृष्ण अल्लावरू, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, शकील अहमद खान भी मौजूद रहे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक में सीट शेयरिंग और कैंडिडेट्स के नामों पर फैसला लिया गया है। कांग्रेस क्वालिटी से समझौता करने को तैयार नहीं है। वहीं, सोमवार को तेजस्वी यादव की मुलाकात राहुल गांधी और खड़गे से नहीं हुई, लेकिन कांग्रेस के कुछ सीनियर नेताओं से मुलाकात हुई। करीब डेढ़ घंटे तक बातचीत हुई, लेकिन सीटों का पेंच नहीं सुलझ सका। कांग्रेस ने अपने नेताओं से बिहार की सभी 243 सीटों पर संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार करने को कहा है। सोमवार की लालू यादव ने राजद कैंडिडेट्स को सिंबल दिया था, लेकिन महागठबंधन में दरार की खबर के बीच देर रात कई कैंडिडेट्स से सिंबल वापस ले लिया गया है। महागठबंधन में कौन कहां से लड़ेगा, संभावित लिस्ट खींचतान की खबरों के बीच राजद की संभावित सीटें भी सामने आ रही है। कहा जा रहा है कि राजद 140 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि कांग्रेस के हिस्से में 60 सीटें आ रही हैं। X पर शायरी के जरिए कांग्रेस पर राजद का तंज कांग्रेस की हाईलेवल मीटिंग के दौरान राजद नेता और राज्यसभा सांसद मनोज ने ट्वीट किया। लिखा- 'रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो छिटकाय टूटे से फिर न मिले, मिले गांठ परिजाय।' वहीं, कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने मनोज झा के ट्वीट पर लिखा- 'शहर में आग है मगर राख में अब भी रूह है, कुछ लोग हैं जो मोहब्बत को जिंदा रखे हुए हैं।'
महत्त्वाकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम: अजनाला ने पाया पुरस्कार
अमृतसर| विधायक कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि महत्वाकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम के तहत जून-2025 की रैंकिंग में अजनाला ब्लॉक ने जोन-2 में तीसरा स्थान प्राप्त किया है। इसके पहले हर्षाछीना ब्लॉक ने दिसंबर-2023 में राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान हासिल कर 3 करोड़ तो दिसंबर-2024 में जोन-2 में दूसरा स्थान लाकर 1.5 करोड़ रुपए का पुरस्कार हासिल किया था। अजनाला और हर्षा छीना दोनों ब्लॉकों ने अभियान के तहत एक-एक पैरामीटर में पूर्णता हासिल की है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान क्षेत्र को काफी नुकसान हुआ है और अब प्रत्येक अधिकारी का यह कर्तव्य है कि वह प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए प्रयास करें ताकि वे अपना जीवन फिर से शुरू कर सकें।
चतुर्वेदी की गिरफ्तारी पर चंडीगढ़ और पंजाब पुलिस आमने-सामने, पिस्टल तक निकाली, नामांकन रद्द
रोपड़/अमृतसर/चंडीगढ़ | पंजाब से राज्यसभा की सीट के चुनाव के लिए फर्जी दस्तावेजों और आप विधायकों के जाली हस्ताक्षरों के जरिए नामांकन पत्र दाखिल करने के मामले के आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर चंडीगढ़ और पंजाब पुलिस आमने-सामने हो गई। जयपुर निवासी नवनीत चतुर्वेदी को गिरफ्तार करने के लिए रूपनगर के एसपी और डीएसपी गिरफ्तार करने चंडीगढ़ पहुंचे। चंडीगढ़ पुलिस द्वारा नवनीत को सुरक्षा देने से विवाद हो गया। सुखना लेक के पास दोनों पुलिस टीमों के बीच बहस हुई। इस दौरान पिस्टल तक निकाल दी गई। पिस्टल किस तरफ से निकाली गई, इसका अभी पता नहीं चल पाया है। इसके बाद चंडीगढ़ पुलिस उसे हेडक्वार्टर ले गई। हेडक्वार्टर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। नवनीत का नामांकन रद्द कर दिया गया है। उसने कहा है कि अब वह हाईकोर्ट की शरण लेगा। रूपनगर सिटी थाने में उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। सोमवार रात रोपड़ के विधायक दिनेश चड्ढा की शिकायत पर पंजाब पुलिस ने नवनीत चतुर्वेदी पर केस दर्ज किया था। इसके बाद उसे अरेस्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। मंगलवार को रोपड़ पुलिस की टीम उसे पकड़ने चंडीगढ़ में सुखना लेक पर पहुंची। साइन असली हैं, फॉरेंसिक जांच करवा लें : नवनीत दैनिक भास्कर के साथ फोन पर बात करते हुए नवनीत चतुर्वेदी ने कहा कि उन पर एफआईआर संबंधित एरिया से बाहर जाकर की गई है। अगर एफआईआर करनी थी तो वो चंडीगढ़ में बनती थी। इसके खिलाफ वह लीगली लड़ेंगे। जल्द ही उसके बारे में भी बताएंगे। दूसरी बात साइन विधायकों के ही हैं। वे अब सरकार के दबाव में मुकर गए हैं। इसलिए उन्होंने जांच की मांग की है। साथ ही सभी के साइन की फॉरेंसिक जांच करवाई जाए।
88.47 करोड़ की जल योजना:10 नई टंकियां बनेंगी 2.3 लाख मी. पाइपलाइन बिछेगी, पुरानी लाइनें हटेंगी
सुबह-सवेरे उठकर मटका और बाल्टी लेकर दौड़ना, गर्मी में टैंकर का इंतजार करना और फिर भी गंदा पानी पीने को मजबूर होना। ये भरतपुर जिले के हर घर की कहानी है। बच्चे स्कूल छोड़कर लाइन में लगते हैं, बूढ़े मां-बाप धूप में खड़े रहते हैं, और महिलाएं घर का काम छोड़कर पानी ढोती हैं। लेकिन अब ये सब बदलने वाला है। सरकार ने अमरुत-2 के तहत 125 करोड़ रुपए की योजना पास की है। प्रोजेक्ट से शहर और 6 कस्बों नदबई, उच्चैन, बयाना, रूपवास, वैर और भुसावर की पेयजल व्यवस्था पूरी तरह बदल जाएगी। शहर में ही 88.47 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसमें 10 नई पानी टंकियां (कुल क्षमता 6150 किलोलीटर)। 323547 मीटर डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन बिछाई जाएगी, जिसमें से 231570 मीटर पुरानी और जर्जर पाइप लाइन बदली जाएगी एवं 93857 मीटर नए जोन में पाइप लाइन बिछेगी। इसके अलावा 19,985 मीटर राइजिंग पाइप लाइन नई टंकियों को जोड़ने के लिए बिछाई जाएगी। साथ ही 5 पंप हाउस अपग्रेड होंगे और दो नए बनेंगे। इनसे 21,947 नए कनेक्शन दिए जाएंगे। कस्बों में ट्यूबवेल, स्वच्छ जलाशय और ओएचएसआर टंकियां बनकर शहरी क्षेत्रों को राहत देंगी। पदम विहार में सबसे बड़ी टंकी (1250 किलोलीटर) बनेगी। जिससे पानी की लीकेज और प्रदूषण पर लगाम लगेगी। सबसे ज्यादा किला क्षेत्र में 28,666 मीटर नई पाइप लाइन बिछेगी और पुरानी बदली जाएंगी। इसके अलावा पुराने मलाह (डब्ल्यूटीपी) 10.8 एमएलडी क्षमता के स्थान पर नया प्लांट बनाया जाएगा। अधिशासी अभियंता केशवदेव पांडे ने बताया है कि जल्द ही टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर कार्य शुरू कर दिया जाएगा। अमरुत-2 योजना में होगा काम, ग्रामीण क्षेत्रों में सुधरेगी पानी की सप्लाई 7 नए पंप लगने से पंप हाउस बनेंगे पावरफुल, पानी वितरण होगा तेज... मलाह वाटर वर्क्स से सेवर साइड के लिए 160 KW का नया पंप लगाया जाएगा। मलाह से सीडब्ल्यूआर कंपनी बाग की सप्लाई के लिए भी 160 KW का नया पंप लगेगा। कंपनी बाग से पक्का बाग की आपूर्ति के लिए 75 KW का पंप और सूरजमल नगर की सप्लाई के लिए 160 KW का पंप लगाया जाएगा। ओल्ड मलाह से वाटर वर्क्स कॉलोनी के लिए 75 KW का पंप बदला जाएगा। हीरादास से गणेश मंदिर की लाइन के लिए 45 KW और गौरव बेटी पार्क की सप्लाई के लिए 30 KW का नया पंप लगाया जाएगा। सभी पंपों को इस तरह तैयार किया जा रहा है कि वे लगातार 20 घंटे तक पूरी क्षमता से चल सकें। जिससे घंटों पानी की कटौती की समस्या खत्म होगी। पुराना मलाह वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (10.8 एमएलडी) भी नए प्लांट से बदला जाएगा। नदबई में 6 करोड़ रुपए खर्च होंगे 6 नए ट्यूबवेल, 2 स्वच्छ जलाशय (150 और 200 किलोलीटर) और 2 टंकियां (400 और 250 किलोलीटर) बनेंगी। 36,819 मीटर डिस्ट्रीब्यूशन लाइन बिछेगी, जिसमें 34,107 मीटर नई लाइन होगी। उच्चैन में 7.57 करोड़ रुपए खर्च होंगे 400 किलोलीटर का स्वच्छ जलाशय और 2 टंकियां (400 और 100 किलोलीटर) बनेंगी। 45,831 मीटर डिस्ट्रीब्यूशन लाइन बिछेगी, जिसमें 39,101 मीटर पुरानी लाइन बदली जाएगी। बयाना में 8.75 करोड़ रुपए खर्च होंगे 10 ट्यूबवेल, 1 स्वच्छ जलाशय और 2 टंकियां (600 और 500 किलो ली.) बनेंगी। 39,694 मीटर डिस्ट्रीब्यूशन लाइन बिछेगी, जिसमें 32,749 मीं. नई लाइन होगी। रूपवास में 3.99 करोड़ रुपए खर्च होंगे एक पानी की टंकी और 19.587 किमी नई डिस्ट्रीब्यूशन लाइन बिछेगी। वैर में 5.24 करोड़ रुपए खर्च होंगे 10 ट्यूबवेल, 1 स्वच्छ जलाशय और 2 टंकियां (600 और 500 किलोलीटर) बनेंगी। भुसावर में 5.34 करोड़ रुपए खर्च होंगे 6 ट्यूबवेल, 2 स्वच्छ जलाशय (150-150 किलोलीटर) और 2 टंकियां (400 और 300 किलोलीटर) बनेंगी। शहर में ये होंगे काम नई पानी टंकियां (कुल क्षमता: 6,150 किलोलीटर) पदम विहार (1,250 KL), गौरव बेटी पार्क (300 KL), बिल्डिंग मेटेरियल मार्केट (500 KL), अग्रसेन नगर पार्क (500 KL), पक्का बाग/अमेरिकन गेट (500 KL), वाटर वर्क्स कॉलोनी (300 KL), मछली मार्केट (250 KL), गांधी पार्क (500 KL, पुरानी की जगह), जवाहर नगर (600 KL, पुरानी की जगह), गणेश मंदिर पार्क (900 KL) पानी की कटौती और दूषित पानी से मिलेगी निजात 1. 24x7 पानी आपूर्ति: नए पंप और टंकियों से घंटों पानी की कटौती खत्म होगी। 2. गुणवत्ता में सुधार: पुरानी पाइप लाइन बदलने से दूषित पानी की समस्या समाप्त होगी। 3. नए कनेक्शन: शहर में 21,947 नए परिवारों को पानी कनेक्शन मिलेगा। 4. ग्रामीण क्षेत्रों का विकास: नदबई, बयाना जैसे कस्बों में ट्यूबवेल और जलाशयों से किसानों और आम जनता को राहत मिलेगी। पाइप लाइन रिप्लेसमेंट (कुल लंबाई: 2,31,570 मीटर) अग्रसेन नगर पार्क (16,985 मी.), लक्ष्मी नगर (15,979 मी.), वाटर वर्क्स कॉलोनी (12,223 मी.), जवाहर नगर (9,909 मी.), स्वर्ण जयंती नगर (26,856 मी.), गणेश मंदिर पार्क (17,688 मी.), सुपर मार्केट (13,003 मी.), राजेंद्र नगर (8,296 मी.), जनाना अस्पताल (27,708 मी.), किला (28,666 मी.), कुम्हेर गेट (11,405 मी.), अनाह गेट (24,877 मी.), अटलबंद (17,095 मी.), नमक कटरा (1,880 मी.)।
BJP ने 14 अक्टूबर को बिहार विधानसभा चुनाव के लिए कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी कर दी। इसमें कुल 71 कैंडिडेट हैं, जो पार्टी के हिस्से में आईं 101 सीटों का 70% हैं। सबसे ज्यादा 34 कैंडिडेट सवर्ण है। इनमें 15 राजपूत, 11 भूमिहार, 7 ब्राह्मण और एक कायस्थ हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा 19 टिकट EBC कम्युनिटी को मिले हैं। इनमें 15 वैश्य और 11 OBC कम्युनिटी से हैं। OBC में 5 कुशवाहा, 2 कुर्मी और 4 यादव हैं। पार्टी ने 10 विधायकों के टिकट काटे हैं। 2020 के चुनाव में हारी 8 सीटों में से 6 पर नया कैंडिडेट उतारा है। बची दो सीटों बैकुंठपुर से मिथिलेश तिवारी और हिसुआ से अनिल सिंह को दोबारा मौका दिया है। BJP की पहली लिस्ट... पढ़िए इस लिस्ट से निकलीं 8 बड़ी बातें… 1. लोकसभा चुनाव की गलती सुधारने की कोशिश2024 के लोकसभा चुनाव में BJP ने अपनी सीट शिवहर JDU के लिए छोड़ दी थी। यहां वैश्य कम्युनिटी से आने वाली रमा देवी सांसद थीं। उनकी जगह राजपूत कम्युनिटी से आने वालीं लवली आनंद को टिकट दिया गया। लवली बाहुबली आनंद मोहन सिंह की पत्नी हैं। शिवहर के बगल की सीट सीतामढ़ी पर JDU कोटे से ब्राह्मण कम्युनिटी के देवेश चंद्र ठाकुर को कैंडिडेट बनाया गया। यहां से JDU के सुनील कुमार पिंटू सांसद थे, जो वैश्य कम्युनिटी से हैं। यानी इस कम्युनिटी के दो सांसदों के टिकट काटकर सवर्ण कैंडिडेट को टिकट दे दिया गया। वैश्य हमेशा से BJP के कोर वोट बैंक माने जाते हैं। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव में BJP इस वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। यही वजह है कि 71 में से 15 कैंडिडेट वैश्य कम्युनिटी से उतारे हैं। वैश्य अति पिछड़ा समुदाय से आते हैंं। बिहार में अतिपिछड़ा आबादी करीब 36% है। 2. बड़े पद पर बैक डोर से एंट्री नहीं, जीत जरूरीडिप्टी CM सम्राट चौधरी और मंगल पांडेय बिहार में BJP के दो सबसे बड़े नेता हैं। दोनों विधानसभा चुनाव लड़ने की जगह MLC बनते रहे। BJP ने इन्हें भी टिकट दिया है। साफ है कि अगर मंत्रिमंडल में जगह पानी है, तो चुनाव जीतकर आना होगा। मंगल पांडेय को उनके जिले सीवान और सम्राट चौधरी को तारापुर से उम्मीदवार बनाया गया है। इनके अलावा दो बार पाटलिपुत्र से सांसद रहे रामकृपाल यादव को दानापुर और पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी रमा निषाद को औराई से चुनाव मैदान में उतारा गया है। 3. जिनके खिलाफ नाराजगी, उनका टिकट कटासीतामढ़ी के विधायक मिथिलेश कुमार का 2022 में एक्सीडेंट हो गया था। इस वजह से वे ढाई साल तक अपने क्षेत्र में नहीं जा सके। इस वजह से उनका विरोध हो रहा था। ऐसा ही गुस्सा मोती लाल के खिलाफ भी था। NDA सरकार में 18 महीने पहले ही उन्हें मंत्री बनाया गया था। सीतामढ़ी में NDA का कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ, तो मोती लाल को विरोध झेलना पड़ा। इस बार मिथिलेश कुमार और मोतीलाल दोनों के टिकट कट गए। इस लिस्ट में राजनगर विधानसभा सीट से रामप्रीमत पासवाान, कटोरिया से निक्की हेंब्रम और मुंगेर से प्रणव कुमार का नाम भी है। माना जा रहा है कि विधायक रहते हुए खराब प्रदर्शन की वजह से इनके टिकट काटे गए हैं। 4. जातीय समीकरण साधने के लिए प्रयोगBJP ने 2020 में औराई सीट से राम सूरत यादव को चुनाव लड़ाया था। इस बार मल्लाह कम्युनिटी से आने वालीं अर्चना निषाद को टिकट दिया है। सीवान में पिछली बार ओम प्रकाश यादव को टिकट दिया गया था। वे चुनाव हार गए थे। इस बार उनकी जगह मंगल पांडेय को टिकट दिया गया है। पटना साहिब सीट से लगातार 7 बार से चुनाव लड़ रहे नंद किशोर यादव की जगह इस बार रत्नेश्वर कुशवाहा को टिकट दिया गया है। 5. हिसुआ और बैकुंठपुर में हारे कैंडिडेट पर दांवहिसुआ में पार्टी ने अनिल सिंह पर फिर भरोसा जताया है। अनिल सिंह भूमिहार हैं। 2020 में वे कांग्रेस की नीतू सिंह से 17 हजार वोट से हार गए थे। वहीं बैकुंठपुर से मिथिलेश तिवारी को कैंडिडेट बनाया गया है। 2020 में वे RJD के प्रेम शंकर प्रसाद से 11,113 वोट से हार गए थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें बक्सर से टिकट दिया, लेकिन वे RJD के सुधाकर सिंह से हार गए थे। 6. हारी सीटों पर नए कैंडिडेटऔरंगाबाद: पिछली बार BJP ने यहां से रामाधार सिंह को टिकट दिया था। वे कांग्रेस के आनंद शंकर सिंह से हार गए थे। अब उनकी जगह पर त्रिविक्रम सिंह को मैदान में उतारा गया है। अरवल: 2020 में यहां से दीपक शर्मा चुनाव लड़े थे। उन्हें भाकपा माले के महानंद सिंह ने 19,950 वोट से हरा दिया था। अब दीपक शर्मा की जगह मनोज शर्मा को टिकट दिया गया है। मनोज शर्मा भूमिहार हैं और अभी प्रदेश मीडिया प्रभारी है। पिछली बार गोह से चुनाव लड़े थे, लेकिन हार गए थे। गुरुआ: पिछली बार राजीव नंदन दांगी यहां से उतरे थे, लेकिन RJD के विनय कुमार से 6,599 वोट से हार गए थे। उनकी जगह उपेंद्र दांगी को टिकट दिया गया है। बिक्रम: पिछली बार यहां से अतुल कुमार को टिकट दिया गया था, लेकिन वे हार गए थे। उनकी जगह सिद्धार्थ सौरव को टिकट दिया गया है। कांग्रेस विधायक रहे सिद्धार्थ सौरव ने 2024 में फ्लोर टेस्ट के दौरान पाला बदलकर सरकार बचाने में मदद की थी। एक दिन पहले ही वे BJP में शामिल हुए थे। दानापुर: यहां से पार्टी ने पिछली बार आशा यादव को टिकट दिया था। वे RJD के रीत लाल यादव से 15,924 वोट से हार गईं थीं। उनकी जगह पाटलिपुत्र से दो बार सांसद रहे रामकृपाल यादव को टिकट दिया गया है। रामकृपाल यादव इसी सीट से 2024 का लोकसभा चुनाव हार गए थे। सिवान: यहां से पिछली बार ओम प्रकाश यादव चुनाव लड़े थे। RJD के अवध बिहारी चौधरी ने उन्हें 1,973 वोट से हरा दिया था। उनकी जगह पर मंत्री मंगल पांडेय को टिकट दिया गया है। 7. 90% सीटें जीतने का टारगेट, चेहरे से ज्यादा जीत जरूरीपार्टी सूत्रों के मुताबिक, 27 सितंबर को अमित शाह दो दिन के लिए बिहार आए थे। उन्होंने कोर कमेटी को कई टास्क दिए थे। सभी टास्क का टारगेट विधानसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें जिताने का था। अमित शाह ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को अपने हिस्से की 80-90% सीटें जीतने का टारगेट दिया है। अब तक ये लक्ष्य 60-70% सीटों का होता था। अमित शाह ने कहा कि इसके लिए कुछ विधायकों के टिकट काटने पड़ें, तो काटिए, बड़े नेताओं को उतारना पड़े, तो उतारिए, लेकिन जीत का प्रतिशत नहीं घटना चाहिए। टिकट बंटवारे में इस हिदायत का असर साफ दिखाई दे रहा है। उम्र और एंटी इनकम्बेंसी के आधार पर नंदकिशोर यादव, अमरेंद्र प्रताप सिंह, मोतीलाल प्रसाद, रामप्रीत पासवान का टिकट काट दिया गया। गया से विधायक 72 साल के प्रेम कुमार, बेतिया की विधायक रेणु देवी, बड़हरा विधायक राघवेंद्र प्रताप सिंह को फिर से चुनाव में उतारा गया है। 8. राजस्थान और मध्य प्रदेश का विनिंग फॉर्मूला बिहार में भीमध्य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में BJP ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते, सांसद राकेश सिंह, गणेश सिंह, रीति पाठक और राव उदय प्रताप सिंह को चुनाव मैदान में उतारा था। इसी तरह राजस्थान में BJP ने 7 मौजूदा और पूर्व सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाया था। मध्यप्रदेश में एंटी इनकम्बेंसी के बाद भी पार्टी चौथी बार सत्ता में आई। राजस्थान में जीत मिली। यही प्रयोग अब बिहार में किया जा रहा है। अभी किसी सांसद को टिकट नहीं दिया गया है। लेकिन सांसद का चुनाव लड़ चुके कैंडिडेट को उतारा गया है।
मध्यप्रदेश में प्रशासनिक कामकाज रिटायर्ड अफसरों के परामर्श के भरोसे चल रहा है। दरअसल, मंत्रालय से लेकर तमाम विभागों में कई पद खाली हैं। नई भर्तियां हो नहीं रही। ऐसे में रिटायर्ड अफसरों की परामर्शी सेवाएं लेने का रास्ता निकाल लिया गया है। इसका नतीजा यह है कि कई अफसर रिटायरमेंट के बाद भी रिटायर नहीं हो रहे। उम्र 70 हो चुकी है, लेकिन उसी विभाग में जमे हैं। मानदेय भी 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक है। बस पदनाम बदल गया है। अब ये नियमित के बजाय परामर्शी सेवा दे रहे हैं। सभी विभागों को देखें तो परामर्शी सेवा वाले 100 से ज्यादा अफसर हैं। हालात ऐसे हैं कि 62 की उम्र में रिटायरमेंट के बाद पहले संविदा नियुक्ति दी जा रही है और फिर परामर्शी सेवा ली जा रही है। मंत्रालय में ही डिप्टी सेक्रेटरी और अंडर सेक्रेटरी स्तर के पद खाली पड़े हैं। पदोन्नति नहीं हो रही हैं। ऐसे में परामर्शी सेवाओं के नाम पर रिटायर्ड अफसर ही फाइलें देख रहे हैं। नोटशीट भी यही लिखते हैं। बस आदेश पर हस्ताक्षर नियमित अफसर करते हैं। तमाम विभागों में पद खाली... नई भर्तियों की बजाय जुगाड़ का रास्ता निकाला परामर्शी सेवाओं के कुछ प्रमुख उदाहरण सीएस जता चुके हैं आपत्ति मुख्य सचिव अनुराग जैन ने जीएडी में परामर्शी सेवाओं पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था, क्या हम नए विकल्प नहीं तलाशेंगे। उन्होंने सेवावृद्धि, संविदा नियुक्ति और परामर्शी सेवाओं पर रोक लगाने को कहा था। बावजूद जीएडी ने ऐसे अफसरों को हटाना तो दूर, परामर्शी और विशेषज्ञ सेवाएं लेने के लिए सालाना 20 लाख रुपए के बजट की मंजूरी ले ली, जिससे संविदा नियुक्ति के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव न भेजना पड़े। एसीएस जीएडी, संजय कुमार शुक्ला का कहना है, हर विभाग अपनी जरूरत से सेवाएं लेता है। उसी के अनुसार व्यवस्था चल रही है।
मुंह पर कपड़ा बांधे 25 साल का संजय (बदला हुआ नाम) चुपचाप आकर बैठ जाता है। डरते हुए बार-बार आसपास देखता रहता है। बार-बार पूछता है, भैया, कोई पहचान तो नहीं लेगा न। बिहार में 15 मार्च, 2024 को कैंसिल हुए TRE-3 (टीचर रिक्रूटमेंट एग्जाम) का पेपर लीक कराने वालों में आरोपियों में से एक संजय भी है। गिरफ्तार हुआ और 3 महीने बेऊर जेल में रहा, अब जमानत पर बाहर है। पहचान बादल कर रैपिडो बाइक चला रहा है। कहता है- ‘भैया मैं टेक्निकल स्टाफ था, 8 हजार सैलरी थी। छुट्टी ले लो, तो वो भी कटकर आती थी। पेपर लीक कराने वालों के साथ काम करने लगा। मजबूरी थी, पैसा चाहिए था। कुछ और काम था ही नहीं। पकड़ा गया, जेल गया। जेल में अखबार में पढ़ा कि कितने लड़कों की जिंदगी खराब की। अब समझ में आता है कि गलत काम किया।’ इस कहानी के दूसरे सिरे पर 28 साल के बादशाह यादव खड़े हैं। वे उन 3.75 लाख कैंडिडेट्स में से एक हैं, जिन्होंने TRE-3 का एग्जाम दिया, जो बाद में कैंसिल हो गया। बादशाह कहते हैं- ‘ऐसे 4 पेपर दे चुका हूं, जो बाद में लीक हो गए। 28 उम्र हो गई है, पता नहीं कब तक ये सब चलता रहेगा। 15 साल से ये सब देख रहे हैं। PK सर और तेजस्वी से उम्मीद थी, लेकिन पता नहीं क्या होगा।’ वहीं, 21 साल की प्रियंका और 22 साल की अंशु को डर है कि नौकरी नहीं मिली तो घरवाले वापस बुलाकर शादी करा देंगे। बिहार विधानसभा चुनाव अनाउंस हो चुका है, 6 और 11 नवंबर को वोटिंग है और 14 को रिजल्ट आ जाएगा। क्या इन चुनावों में पेपर लीक कोई मुद्दा है, क्या युवा वोटर इसे ध्यान में रखकर वोट देने वाले हैं। क्या किसी किसी पॉलिटिकल पार्टी के पास इससे निपटने का प्लान है? इन सब सवालों के जवाब के लिए पढ़िए, ये ग्राउंड रिपोर्ट… बेरोजगारी पर कोई बात नहीं करता, 10 पेपर लीक हो गएTRE-3 पेपर लीक का आरोपी संजय ज्यादा बात नहीं करता। कहता है- ‘मेरे पास पैसे नहीं थे। 8 हजार में परिवार का खर्च नहीं चल रहा था। सेंटर वाले ने बोला, कर लो कुछ पैसा बन जाएगा। पेपर सॉल्व कराने में कुछ लोगों की मदद की थी। रोजी-रोजगार की दिक्कत में हम ये सब करने लगे।’ हालांकि, बिहार के सभी दलों का दावा है कि उनके समय में ज्यादा से ज्यादा सरकारी नौकरियां हुई हैं। JDU-RJD के गठबंधन की सरकार के दौरान करीब 17 महीनों तक तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री रहे। उनका दावा है उन्होंने पांच लाख नौकरियां दीं, जिनमें शिक्षक भर्ती सबसे बड़ी संख्या में हुई। ठीक इन्हीं नौकरियों का क्रेडिट तब CM रहे नीतीश कुमार की JDU भी लेती है। हालांकि, पेपर लीक पर सभी बात करने से बचते नजर आते हैं। 24 साल के अविनाश भी बताते हैं कि रोजगार न मिल पाना बड़ी दिक्कत हैं। वे कहते हैं- ‘सिलेक्ट भी हो जाओ, तो पेपर लीक होने का डर बना रहता है। वैकेंसी इतनी कम आती हैं, आई भी तो पेपर लीक हो जाता है। घर से कब तक पैसे मांगे।’ अविनाश TRE-2 के पेपर में सिलेक्ट हो गए थे, लेकिन बाद में पेपर लीक सामने आया और परीक्षा रद्द हो गई। पेपर लीक का चुनावी मुद्दा होने के सवाल पर अविनाश कहते हैं, ‘सभी नेता तो एक जैसी बात करते हैं। जिस तरह महिलाओं के लिए योजना है, प्लान है। कोई भी पार्टी स्टूडेंट्स के लिए यह मुद्दा नहीं उठा रही है।’ शिक्षक भर्ती परीक्षा में चार नंबर से चूके बादशाह यादव कहते हैं, ‘मैं दरभंगा में रहकर तैयारी करता था। पांच साल से वहीं कोचिंग पढ़ाता था और उसी पैसे से खर्च चलाता था। मेरा शिक्षक वाले में नहीं हुआ, तो मैं पटना आ गया हूं। डोमिसाइल नहीं लागू था, तो बिहार के लोगों को नौकरियों में जगह कम मिलती थी।’ पेपर लीक चुनाव में कितना बड़ा मुद्दा है? इस पर बादशाह कहते हैं, ‘मुद्दा तो है, लेकिन उतना बड़ा नहीं जितना होना चाहिए। इन्हें पेपर लीक से ज्यादा वैकेंसी पर ध्यान देना चाहिए। हम तो कह रहे हैं कि देश में जितने विधायक-सांसद हैं, उतने ही पदों पर भर्तियां लाई जाएं, तो स्टूडेंट्स पर एहसान होगा।' चुनाव में फिर भी बादशाह को थोड़ी उम्मीद नजर आती है। वो कहते हैं, ‘मुझे पीके सर (प्रशांत किशोर) से और तेजस्वी सर से थोड़ी-बहुत उम्मीद है। इस सरकार को हम लोग 15 साल से देख रहे हैं। कुछ समझ में नहीं आ रहा है। सरकार बदलने पर ही कुछ उम्मीद है।’ लड़कियों को डर, पेपर लीक होते रहे तो घरवाले शादी करा देंगे21 साल की प्रियंका एक साल पहले बक्सर से पटना आई हैं। जब वो आईं, उन्होंने बिहार दरोगा की भर्ती में इंट्रेस्ट दिखाया और उसकी तैयारी शुरू की। उससे पहले कॉन्स्टेबल भर्ती का रिजल्ट आ गया तो उसके फिजिकल टेस्ट की तैयारी कर रही हैं। फर्स्ट टाइम वोटर प्रियंका कहती हैं, ‘देखिए, हम लोग स्टूडेंट हैं तो पढ़ना हमारा काम है। पढ़ेंगे तो रिजल्ट होगा ही। एक पेपर लीक होगा, उससे अगले की तैयारी करेंगे। नहीं तो दूसरा एग्जाम देंगे। हिम्मत नहीं हारेंगे।’ प्रियंका को नीतीश कुमार से उम्मीद हैं। उन्हें पटना में सुबह 4 बजे निकलने पर भी डर नहीं लगता है, इसका श्रेय नीतीश कुमार को देती हैं। प्रियंका कहती हैं, ‘हम गांव से हैं, तो हमें भोर देखने की आदत है, लेकिन सेफ्टी भी बहुत जरुरी है। पटना में सुबह निकलने पर भी बहुत अनसेफ नहीं लगता है। मुझे यहां अच्छा लगा। मैं नीतीश कुमार को वोट दूंगी।’ वहीं, 22 साल की अंशु तीन साल से पटना में हैं। अंशु बिहार पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती के फिजिकल टेस्ट की तैयारी कर रही हैं। उन्हें घर से सख्त हिदायत के साथ सिर्फ दो साल का मौका मिला है। वे कहती हैं, ‘हम लड़कियां हैं। आने से पहले ही घरवालों ने कह दिया कि तुम्हारे पास दो साल है। इसी में कभी पेपर लीक तो कभी पेपर डिले। मैं नौकरियों के एग्जाम देने के बाद हाउसवाइफ नहीं बनना चाहती। मेरे पिता डिफेंस में हैं और मेरा भी मन है कि शरीर पर वर्दी हो। लड़कियों के घरवाले पेपर लीक होने पर वापस घर बुला लेते हैं।’ बिहार में भर्ती परीक्षाओं की प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए अंशु कहती हैं, ‘एग्जाम न निकले तो बहुत दुख नहीं होता। बिहार में रहने पर हमें वो फायदा भी नहीं मिलता, जो देश के बाकी हिस्सों में होता है। मेरे पास NCC का C सर्टिफिकेट है। लगभग सभी प्रदेशों में उसके लिए 5 नंबर अलग से मिलता है, लेकिन बिहार में नहीं मिलता।’ अंशु की तरह अंजलि भी कॉन्स्टेबल के पद की तैयारी में हैं। पटना के गांधी मैदान में रोज पांच-सात किमी दौड़ती हैं। अंजलि पेपर लीक का शिकार हो चुकी हैं। वो कहती हैं, ‘घर वाले नहीं मानते कि पेपर लीक हो रहा है। उन्हें लगता है कि हम बहाने बना रहे हैं। हम ही नहीं पढ़ रहे। हम जानते हैं कि कितना मुश्किल होता है। स्टूडेंट्स को सबसे ज्यादा समस्या हो रही है। मेरी बहुत सारी दोस्त हैं, जो सिर्फ एक साल में घर लौट चुकी हैं। एक बार पेपर लीक होगा, तो दो साल तक नौकरी रुक जाती है। इसका असर होता है कि सीधे शादी करा दी जाती है।’ चुनाव में युवा पेपर लीक भूल जाते हैं, लेकिन इस बार GenZ गुस्से मेंपटना साइंस कॉलेज में प्रोफेसर और पेपर लीक के खिलाफ लगातार आवाज उठाते रहे एक्टिविस्ट डॉ. अखिलेश कुमार कहते हैं कि चुनाव में पेपर लीक युवाओं के लिए सबसे बड़ा मुद्दा होना चाहिए, लेकिन पोलराइजेशन की राजनीति में यह गायब हो जाता है। इससे गरीब परिवारों के लिए सरकारी नौकरी का सपना टूट रहा है। डॉ. अखिलेश युवाओं से अपील करते हैं कि पेपर लीक को चुनावी मुद्दा बनाएं, वरना सब ऐसे ही चलता रहेगा। वे कहते हैं, ‘बिहार जैसे स्टेट में गवर्नमेंट जॉब का बड़ा रोल होता है।' डॉ. अखिलेश इसे लॉ एंड ऑर्डर की नाकामी से भी जोड़कर देखते हैं। वे कहते हैं, ‘जो परीक्षा लेने वाली संस्थाएं हैं, उनकी जिम्मेदारी है कि फ्री एंड फेयर एग्जाम लें। सभी एग्जाम स्थानीय प्रशासन के मदद से ही होते हैं। ऐसी स्थिति में अगर पेपर लीक हो रहा है, तो इसका मतलब कहीं ना कहीं लॉ एंड ऑर्डर का भी प्रॉब्लम है।’ अखिलेश आगे कहते हैं- बहुत बड़ी इंडस्ट्री खड़ी हो गई है। इससे समाज में निचले पायदान पर खड़े लोगों का हक मारा जा रहा है। पेपर लीक से तभी निपटा जा सकता है., जब लीक कराने वालों को सख्त सजा दी जाए। शिक्षाविद प्रमोद रंजन मानते हैं कि पेपर लीक सिर्फ छात्रों की समस्या नहीं, बल्कि सिस्टम की नाकामी है। वे कहते हैं कि यह मुद्दा बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और राजनीतिक नेक्सस को उजागर करता है। आने वाले चुनावों में जेन जी का गुस्सा नीतीश सरकार को महंगा पड़ सकता है। प्रमोद कहते हैं, 'बिहार जैसे राज्य में, जहां उद्योग और रोजगार के मौके सीमित हैं, सरकारी नौकरी इकलौता सुरक्षित रास्ता मानी जाती है। यह लीक गरीब परिवारों के बच्चों का हक छीन लेता है, मनोवैज्ञानिक चोट पहुंचाता है और पूरे परिवार को हताश कर देता है।’ आने वाले चुनावों में पेपर लीक के असर पर प्रमोद कहते हैं कि ये जेन जी के गुस्से को भड़काएगा। लेकिन युवाओं का गुस्सा किसी एक राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं है। वो इस पूरे सिस्टम के खिलाफ है। तो वो सीधे-सीधे भले ही नहीं दिखेगा, लेकिन आपको पेपर लीक के खिलाफ आवाज उठा रहे राजनीतिक दलों की तरफ या नोटा की तरफ आपको कुछ वोट दिखाई पड़ेंगे। पेपर लीक होते रहते हैं, जांच जारी रहती हैआर्थिक अपराध इकाई (EOU) के DIG मानवजीत सिंह ढिल्लो ने पेपर लीक पर जांच की पैरवी करते हुए बीते फरवरी में कहा था, ‘2012 से अब तक के 10 पेपर लीक मामलों की जांच की जा रही है। 545 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जांच जारी है।’ वहीं सिर्फ 2024 में ही कुल 4 पेपर लीक हुए, जिनमें बिहार शिक्षक भर्ती के दूसरे चरण (TRE 2.0) का पेपर भी लीक हो गया था। यह खुलासा बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की जांच रिपोर्ट में हुआ। इसके लिए 5000 रुपए में सौदा हुआ था। TRE-2 की परीक्षा 7 से 15 दिसंबर 2022 तक हुई थी। करीब 1.22 लाख स्टूडेंट्स परीक्षा में सफल हुए थे। EOU की चार्जशीट में यह खुलासा 2024 में हुआ। सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे अविनाश कहते हैं, ‘ये एक चक्र है। TRE-2 लीक हुआ तो मैंने दरोगा की तैयारी शुरू कर दी। उसमें भी 1700 सीट आई और 40 लाख से ज्यादा फॉर्म बिके। रेलवे भी बदमाशी करता है। दो फेज में एग्जाम लेता है, अलग-अलग मेरिट बनाता है। मेरा एक नंबर से भी कम से सिलेक्शन रुक गया है। लड़के इलाहाबाद हाईकोर्ट जा रहे हैं।’ 27 साल के ललित भी पटना दरोगा बनने आए, मगर परीक्षा में देरी होने से कॉन्स्टेबल की नौकरी भी ले लेना चाहते हैं। पेपर लीक पर वे कहते हैं, ‘पिछले दो बार से पहले तक हर बार धड़ल्ले से पेपर आउट हो रहा था। आपको भी पता है कि बिहार में पेपर लीक होता है। पढ़ने वालों के साथ यही समस्या है कि कुछ लोग पैसा देकर पेपर खरीद लेते हैं और हमारे जैसे लाखों लोग टैलेंट लेकर बैठे रह जाते हैं।’ ‘हमारे पापा गुवाहाटी में रहकर कमाते हैं। हमारे पास इतना पैसा तो है नहीं कि हम 20-25 लाख देकर ये सब कर सकें। हमारे परिवार में 5 लोग हैं। हम तीन भाई और मां-पिता। खर्च मां-पिता से चलता है। हर महीने 5 हजार का खर्च है, पिताजी आधी कमाई भेजते हैं।’ ललित को बीते एक साल में हो रही भर्तियों पर भी बहुत भरोसा नहीं है और वो उसे चुनावी रणनीति मानते हैं। नीतीश सरकार के लगातार हो रहे वादों पर वो कहते हैं, ‘अभी सब इलेक्शन के लिए हो रहा है। नीतीश जी इससे पहले कहां थे। एक साल में ही दरोगा का पीटी हो रहा, कॉन्स्टेबल का फिजिकल टेस्ट हो रहा है। हम लोगों को भी ये सब दिखता ही है। चलिए इसीलिए सही, नौकरी तो आ रही है।’ पार्टियां क्या बोलीं... JDU: जिनका सिलेक्शन नहीं हुआ, वे पेपर लीक का आरोप लगाते हैंJDU के MLC और मुख्य प्रवक्ता नीरज सिंह का मानना है कि पेपर लीक की बातें वही करते हैं, जिनका सिलेक्शन नहीं हो पाता। 2024 में TRE 3.0 पेपर लीक के सवाल पर वे कहते हैं, ‘लीक का बहुत हल्ला हुआ, लेकिन कोई कोर्ट में नहीं गया। सीटों की संख्या बढ़ती-घटती रहती है। अभी TRE 4 और 5 में सीटें बढे़ंगी।’ ‘सिपाही भर्ती का पेपर लीक हुआ था, इस पर कार्रवाई की गई। NEET के पेपर लीक पर बिहार की आर्थिक अपराध इकाई ने गिरफ्तारियां कीं। राजस्थान में 15 पेपर लीक हुए, उस पर क्या कार्रवाई हुई। बिहार में पेपर लीक पर जीरो टॉलरेंस वाली सरकार है।’ ‘सरकार ने फॉर्म के लिए 100 रुपए फीस तय की है। स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड पर ब्याज खत्म कर दिया है। हम सरकार में लौटेंगे तो इसे और मजबूत करेंगे।’ कांग्रेस: सरकार बनी तो एग्जाम का करप्शन खत्म करेंगेकांग्रेस प्रवक्ता अधीर रंजन पेपर लीक का दोष NDA सरकार को देते हैं। वे कहते हैं, ‘महागठबंधन की सरकार बनी थी, तो करप्शन फ्री एग्जाम होते थे। हमने नौकरियां दीं। अब बिहार की सरकार युवाओं को पलायन करने पर मजबूर कर रही है।’ ‘हमारे यहां पढ़ाई का अच्छा माहौल हो, इसकी जिम्मेदारी हमारी है। हम रोजगार देंगे, रोटी देंगे। हमारी सरकार आएगी तो पलायन रोकेंगे और भ्रष्टचार से मुक्त परीक्षाएं करके दिखाएंगे।’
2 दिन में तीसरी एके-47 बरामद...:अमृतसर में दिवाली से पहले अवैध हथियार-कारतूस समेत 3 तस्कर काबू
स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल ने दो दिन बाद मंगलवार को 1 एके-47 राइफल, 3 ग्लॉक और 110 जिंदा कारतूस समेत 3 तस्करों को अरेस्ट किया है। डीजीपी गौरव यादव ने कहा, आरोपियों की पहचान गुरविंदर सिंह उर्फ गिंदर निवासी संगराई (गुरदासपुर), विपन कुमार उर्फ मनीष निवासी मरियांवाला और चमकोर सिंह निवासी नट बटाला जिला गुरदासपुर है। यह बरामदगी तरनतारन के खेमकरण स्थित इंडो-पाक सीमा के पास 2 एके-47 राइफल और 1 पिस्तौल को बरामद करने के अगले दिन की है। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि यह हथियार खेप यूएस में बैठे गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी ने पाकिस्तान से मंगवाई थी। खेप को सितंबर 2025 में गुरदासपुर के कलानौर में ड्रोन से गिराया था, जिसे बाद में आरोपियों ने उठाया लिया। पुलिस अब तस्करों की पहचान और उनके मॉड्यूल को खत्म करने की दिशा में जांच कर रही है। एसएसओसी के एआईजी सुखमिंदर सिंह मान ने बताया कि गिंदर और मनीष की निशानदेही पर चमकोर सिंह को पकड़ा गया। गोपी का नाम सरपंच जुगराज सिंह (चीमा खुड़ी) की हत्या में भी सामने आया था, जिसके लिए मनु अगवान गिरोह ने जिम्मेदारी ली थी। 203 हैंडलरों की पहचान, रैड और ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू : डीजीपी तरनतारन/बटाला | दिवाली पर्व के मद्देनजर डीजीपी गौरव यादव ने तरनतारन और बटाला में पुलिस प्रमुखों से बैठक की और हाई अलर्ट नाकों पर चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए। यादव ने कहा कि पाकिस्तान नार्को-आतंकवाद को बढ़ावा देकर पंजाब में अशांति फैलाने का प्रयास कर रहा है, पर पंजाब पुलिस पाक के मंसूबों को सक्रिय रूप से नाकाम कर रही है। पाक नशीले पदार्थों और हथियारों की खेप पहुंचाने के लिए ड्रोन और अन्य साधनों का इस्तेमाल कर रहा है। डीजीपी ने स्पष्ट किया कि 203 विदेशी हैंडलरों की पहचान हुई है, जबकि रैड और ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू है। हवाई खतरे से निपटने के लिए एंटी ड्रोन प्रणालियों का प्रभावी ढंग से प्रयोग किया जा रहा है। डीजीपी ने उन मामलों की समीक्षा की, जिनमें गिरफ्तारी लंबित है। उन्होंने फरार आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए।
पंजाब में राज्यसभा की एक सीट के लिए होने वाले उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) के 10 विधायकों के समर्थन का दावा करने वाले नवनीत चतुर्वेदी की कस्टडी के लिए चंडीगढ़ और पंजाब पुलिस में ड्रामा चला। मंगलवार को रोपड़ पुलिस नवनीत चतुर्वेदी को गिरफ्तार करने चंडीगढ़ पहुंची। जबकि चंडीगढ़ पुलिस ने नवनीत चतुर्वेदी को सिक्योरिटी दे रखी है। इस पर बवाल हो गया। सुखना लेक पर रोपड़ के SP गुरदीप सिंह और चंडीगढ़ के सेक्टर-3 थाना के प्रभारी नरेंद्र पटियाल के बीच तीखी बहस हुई। मामला इतना बढ़ गया की चंडीगढ़ की SSP को मौके पर आना पड़ा। वह नवनीत को चंडीगढ़ पुलिस के हेडक्वार्टर ले गईं। पंजाब पुलिस के अधिकारी भी यहां पहुंचे। इसके बाद नवनीत को सेक्टर-3 थाना लाया गया। जहां रात 11 बजे दोनों पुलिस के अधिकारियों के बीच बातचीत होती रही। इस दौरान पंजाब पुलिस के जवानों की एक बस और एंटी रॉयट दस्ता लेकर कई अन्य अधिकारी वहां पहुंच गए। वहीं थाने के बाहर चंडीगढ़ पुलिस ने बैरिकेडिंग कर दी। लेकिन नवनीत को पंजाब पुलिस को नहीं सौंप गया नवनीत चतुर्वेदी की ओर से विधायकों की फर्जी स्टैंप बनाए जाने के कारण उसके खिलाफ रोपड़ सिटी थाने में केस दर्ज किया गया। इसी केस में पुलिस टीम उसे अरेस्ट करने पहुंची थी। उधर, राज्यसभा सीट के लिए नॉमिनेशन भरने के बाद नवनीत चतुर्वेदी ने रविवार को चंडीगढ़ पुलिस हेडक्वार्टर पहुंचकर सिक्योरिटी मांगी। इसके बाद उसे सिक्योरिटी मुहैया करवा दी गई। हालांकि उसका राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन पहले रद्द हो चुका है। इस पर नवनीत ने हाईकोर्ट जाने की बात कही है। पहले पढ़िए सुखना लेक पर क्या हुआ.... सेक्टर-3 थाना में लंबी बातचीत चलीइसके बाद नवनीत को सेक्टर-3 के थाने में लाया गया। यहां वकीलों के साथ पंजाब पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी भी पहुंचे। शाम होते-होते यहां पंजाब पुलिस के जवानों की संख्या बढ़ा दी गई। चंडीगढ़ पुलिस ने बैरिकेडिंग के साथ थानों के गेट बंद कर दिए। लेकिन नवनीत को पंजाब पुलिस को नहीं सौंप गया। इस बीच पुलिस ने उसके मोबाइल नंबर की सीडीआर निकलवाई। मगर ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाई है। एसपी, दो डीएसपी और इंस्पेक्टर चंडीगढ़ गए थेरोपड़ के एसएसपी गुलनीत सिंह का कहना है कि नवनीत चतुर्वेदी के खिलाफ थाना सिटी रोपड़ में आपराधिक मामला दर्ज है। हमें मुखबिर से सूचना मिली थी कि आरोपी नवनीत चतुर्वेदी चंडीगढ़ में है। हमारे एक एसपी, दो डीएसपी और एक इंसपेक्टर उसकी गिरफ्तारी के लिए चंडीगढ़ गए थे और वहां पर चंडीगढ़ पुलिस की तरफ से कोई कस्टडी नहीं दी गई। अब पढ़िए वीडियो में क्या दिख रहा इंस्पेक्टर बोले- मेरे साथ तरीके से बात करनी थीचंडीगढ़ और पंजाब पुलिस में टकराव का 1 मिनट 58 सेकेंड का वीडियो सामने आया है। जिसमें चंडीगढ़ पुलिस के सेक्टर 3 के SHO नरेंद्र पटियाल गाड़ी में बैठे हैं। इसी गाड़ी में आरोपी नवनीत चतुर्वेदी भी है। इंस्पेक्टर पटियाल की गाड़ी को पंजाब पुलिस के सिविल वर्दी में आए कर्मचारियों ने घेर रखा है। इस दौरान पंजाब पुलिस के SP सिविल वर्दी में ड्राइविंग सीट की तरफ खड़े फोन पर बात कर रहे हैं। इंस्पेक्टर पटियाल कहते हैं कि मेरे साथ तरीके से बात करनी थी। इस दौरान SP और इंस्पेक्टर में बहस होने लगती है। SP ने इंस्पेक्टर को कहा- ऐसे ही गाड़ी में बैठे रहोएसपी कहते हैं आप हमारा आदमी बिठाकर थाने चलो। इस पर पटियाल कहते हैं कि मैं क्यों थाने जाऊं। एसपी कहते हैं कि कोई बात नहीं। ऐसे भगाकर ले जाओगे, ऐसे ही गाड़ी में बैठे रहो। इस दौरान इंस्पेक्टर पटियाल को कहा जाता है कि पंजाब पुलिस का मुलाजिम अपनी गाड़ी में बिठाओ, जिसमें आरोपी है। लेकिन पटियाल इससे मना कर देते हैं। वह कहते हैं कि मुझे जहां जाना होगा, मैं वहां जाऊंगा, मैं किसी से डरता नहीं हूं। SSP कंवरदीप पहुंची, बोलीं- डॉक्यूमेंट लेकर थाने आ जाओपंजाब पुलिस का मुलाजिम कहता है कि इन्होंने 3 सेक्टर थाने नहीं जाना। इंस्पेक्टर पटियाल ने कहा कि क्यों नहीं जाना, इस पर पंजाब पुलिस के एसपी कहते हैं कि हमारा बंदा अंदर बिठाओ। इतनी देर में चंडीगढ़ की SSP कंवरदीप कौर पहुंच जाती हैं। वह पूछती हैं कि आरोपी वाली गाड़ी कौन सी है। इस पर पंजाब पुलिस वाले कहते हैं कि यही है। SSP कंवरदीप उन्हें कहती हैं कि अपने डॉक्यूमेंट लेकर थाने आ जाओ। अब विस्तार से फर्जी हस्ताक्षर के मामले के बारे में पढ़िए 2019 में दिल्ली में लोकसभा चुनाव लड़ा, मिले 334बिहार छपरा में जन्में नवनीत चतुर्वेदी की पढ़ाई राजस्थान से हुई है। 2019 में नवनीत ने साउथ दिल्ली से लोकसभा चुनाव भी लड़ा था। उस वक्त उसे 334 वोट ही मिले थे। नवनीत जीओ पॉलिटिक्स नामक पुस्तक लिखने के बाद भी चर्चा में आया था। संजीव अरोड़ा के विधायक बनने से खाली हुई सीटसंजीव अरोड़ा ने 1 जुलाई 2025 को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया था। लुधियाना पश्चिम से विधायक गुरप्रीत सिंह गोगी के निधन के बाद इसी साल जून में इस सीट पर उपचुनाव हुआ था। इसके लिए पार्टी ने अपने राज्यसभा मेंबर संजीव अरोड़ा को उम्मीदवार बनाया था। अरोड़ा ने 10637 वोटों से जीत हासिल की थी। इसके बाद पंजाब सरकार ने उन्हें उद्योग व एनआरआई मंत्री बनाया। तब से ये सीट खाली है। 3 दिन पहले रजिंदर गुप्ता ने आप की तरफ से भरा नामांकन AAP तरफ से उद्योगपति रजिंदर गुप्ता को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया है। गुप्ता ने तीन दिन पहले ही नामांकन दाखिल किया है। इस दौरान CM भगवंत मान और राज्यसभा छोड़कर मंत्री बने संजीव अरोड़ा भी उनके साथ मौजूद रहे थे।
पंजाब के पूर्व CM बेअंत सिंह के हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआणा को फांसी कब होगी, इसके बारे में केंद्र सरकार आज खुलासा करेगी। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त लहजे में केंद्र से पूछा था कि आपने अब तक उसे फांसी क्यों नहीं दी? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? कम से कम हमने तो फांसी पर रोक नहीं लगाई। बुधवार की इस सुनवाई में केंद्र यह भी बताएगा कि राजोआणा को अब तक फांसी क्यों नहीं दी गई। दरअसल, राजोआणा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मर्सी पिटीशन पर सुनवाई में देरी को आधार बनाते हुए याचिका दायर की गई है। मर्सी पिटीशन राष्ट्रपति के पास पेंडिंग है। सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि मर्सी पिटीशन में देरी को देखते हुए फांसी की सजा को उम्रकैद में बदला जाए। राजोआणा को 2007 में फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिसके लिए 31 मार्च 2012 की तारीख तय की गई थी। मगर, इससे पहले ही शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने राष्ट्रपति के आगे मर्सी पिटीशन दायर कर दी। यह मर्सी पिटीशन पिछले 13 साल से राष्ट्रपति के पास पेंडिंग हैं। वहीं बलवंत राजोआणा इस वक्त वह पटियाला सेंट्रल जेल में बंद हैं। राजोआणा की फांसी की सजा उम्रकैद में बदलने के ये 2 तर्क सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद केंद्र ने मांगा था समयकरीब 20 दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था- जब इसे गंभीर अपराध की श्रेणी में माना तो फिर अब तक बलवंत सिंह राजोआणा को फांसी क्यों नहीं दी गई?। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। इस पर केंद्र की तरफ से केस की पैरवी कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा था कि इस बारे में जल्द से जल्द जवाब देंगे। इसके बाद मामले की सुनवाई आज यानी 15 अक्टूबर तक के लिए टाल दी गई। कोर्ट ने ये भी कहा था कि केंद्र के कहने पर दोबारा इस मामले को स्थगित नहीं किया जाएगा। बेअंत हत्याकांड का मास्टरमाइंड बलवंत राजोआणा31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ सेक्रेटेरिएट परिसर में सीएम बेअंत सिंह समेत 16 लोगों को मानव बम से उड़ा दिया गया। जांच में पता चला कि इस धमाके के लिए पाकिस्तान से 14 किलो RDX मंगाया गया था। पूरी प्लानिंग भी पाकिस्तान में हुई। जांच में ये भी सामने आया कि मानव बम दिलावर बना था। वहीं इस धमाके का मास्टरमाइंड बलवंत सिंह राजोआणा और जगतार सिंह हवारा थे। बलवंत राजोआणा को 27 जुलाई, 2007 को CBI की एक विशेष अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। 11 महीने पहले भाई के भोग में शामिल हुआ थाराजोआणा 20 नवंबर, 2024 को 3 घंटे के लिए जेल से बाहर आया था। सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक वह लुधियाना के राजोआणा कलां गांव में मंजी साहिब गुरुद्वारे में अपने भाई कुलवंत सिंह के भोग कार्यक्रम में शामिल हुआ था। इसके बाद कड़ी सुरक्षा में उसे वापस पटियाला की जेल में ले जाया गया। राजोआणा ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से भोग में शामिल होने के लिए पैरोल मांगी थी। इससे पहले जनवरी 2022 में हाईकोर्ट ने उसे पिता की मौत के बाद भोग और अंतिम अरदास में शामिल होने की इजाजत दी थी। ******************ये खबर भी पढ़ें चिट्ठी लिखी-मौत चाहिए, पहले CM फिर PM की:मुख्यमंत्री के चीथड़े उड़ाने वाले को फांसी की सजा, घरवालों ने पैरवी ही नहीं की; सीएम मर्डर केस 31 अगस्त 1995, वक्त शाम 5 बजकर 5 मिनट। पंजाब सिविल सचिवालय की बिल्डिंग से पगड़ी बांधे 6 फीट के सरदार जी NSG कमांडो के साथ पार्किंग की तरफ बढ़ रहे थे। उन्हें देखते ही गाड़ियों का काफिला पार्किंग में आकर रुका। सरदार दी एक सफेद रंग की एंबेसडर में बैठ गए। मेन गेट पर गाड़ी में बैठे बलवंत ने दिलावर की पीठ थपथपाई और बोला- ‘सफेद एंबेसडर में सरदार जी बैठे हैं। जा दिलावर, कौम के लिए शहादत देने का वक्त आ गया है।’ (पूरी खबर पढ़ें)
त्योहारों के समय गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर होने वाली भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने स्टेशन पर पांच नए होल्डिंग एरिया बनाने का काम शुरू कर दिया है। इन जगहों पर यात्रियों के बैठने की सुविधा, ट्रेनों की जानकारी और साफ-सुथरे शौचालय की व्यवस्था की जाएगी। दैनिक भास्कर से बात करते हुए सीपीआरओ पंकज कुमार सिंह ने बताया कि इन होल्डिंग एरिया के बनने से प्लेटफॉर्म पर भीड़ और अफरा-तफरी कम होगी और यात्रियों को आराम से इंतजार करने की सुविधा मिलेगी। पूरा वोल्डिंग एरिया सीसीटीवी से लैस होगी। स्क्रीन लगाई जाएगी जिसपर ट्रेनों का पूरा टाइम टेबल दिखाई देगा। सेवा सुधार समूह करेगा निगरानीरेलवे ने इन व्यवस्थाओं की देखरेख के लिए सेवा सुधार समूह बनाया है। यह समूह समय-समय पर होल्डिंग एरिया की जांच करेगा और जरूरत के अनुसार सुधार करवाएगा। रेलवे ने बताया कि सभी पांच होल्डिंग एरिया 15 अक्तूबर तक तैयार कर लिए जाएंगे ताकि त्योहारों के दौरान यात्रियों को दिक्कत न हो। LED स्क्रीन से मिलेगी ट्रेन की लाइव जानकारीइन नए होल्डिंग एरिया में LED स्क्रीन भी लगाई जा रही हैं, जिन पर ट्रेनों की लाइव जानकारी दिखाई जाएगी। इससे यात्रियों को अपने ट्रेन नंबर, प्लेटफॉर्म और गंतव्य की जानकारी आसानी से मिल सकेगी। इससे भीड़ प्रबंधन में भी मदद मिलेगी। हर दिन एक लाख से ज्यादा यात्री करते हैं सफरगोरखपुर रेलवे स्टेशन से रोजाना एक लाख से ज्यादा यात्री यात्रा करते हैं। दिल्ली, मुंबई और बिहार की दिशा में जाने वाली ट्रेनों में सबसे ज्यादा भीड़ रहती है। नए होल्डिंग एरिया बनने से यात्रियों को इंतजार के समय आराम मिल सकेगा और उनकी यात्रा का अनुभव बेहतर होगा। रेनोवेशन के कारण यात्रियों को हो रही दिक्कतफिलहाल स्टेशन पर मरम्मत और निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके कारण कई प्रतीक्षालय बंद कर दिए गए हैं। इससे यात्रियों को बैठने और इंतजार करने में परेशानी हो रही है। इसी समस्या को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने यह नई योजना शुरू की है, ताकि त्योहारों में यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत न हो।
चंडीगढ़ में सीनियर IPS वाई पूरन कुमार की मौत के 8वें दिन रोहतक पुलिस के साइबर सेल में कार्यरत ASI संदीप लाठर के सुसाइड ने पुलिस महकमे की चिंताएं बढ़ा दी हैं। यही नहीं दोनों सुसाइड केस को जातीय रंग देने से मामला और गंभीर हो रहा है। प्रारंभिक जांच में सामने आ रहा है कि संदीप लाठर का सुसाइड भी कहीं न कहीं पूरन कुमार के सुसाइड केस से जुड़ा है। रिश्वत केस में पूरन कुमार के गनमैन (PSO) सुशील कुमार को हिरासत में लेने वाली टीम में संदीप लाठर भी शामिल था। चंडीगढ़ पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) टीम रिश्वत केस और सुशील की गिरफ्तारी से जुड़ी रोहतक पुलिस के सभी कर्मियों से पूछताछ कर रही है। कुछ से पूछताछ हो चुकी है और कुछ को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया गया था। चंडीगढ़ पुलिस की यह SIT पूरन कुमार सुसाइड केस की जांच कर रही है। SIT यह जानना चाह रही है कि जिस शराब कारोबारी की शिकायत पर मंथली मांगने का केस दर्ज हुआ था, उसमें क्या-क्या सबूत हैं। किस आधार पर इस केस में पूरन कुमार का नाम लिया जा रहा था। SIT से पूछताछ के बाद भी ड्यूटी पर रहा संदीप लाठरIPS वाई पूरन कुमार सुसाइड केस में गठित SIT पिछले दिनों 11 अक्टूबर को रोहतक आई थी, जिसने इस केस में जुड़े लोगों से पूछताछ की थी। आईजी ऑफिस में कार्यरत रहे रीडर श्याम सुंदर व एसआईएस सुनील को नोटिस भी देकर चंडीगढ़ बुलाया गया था। श्याम सुंदर पिछले दो-तीन दिन से छुट्टी पर रहे और एसआईएस सुनील का ट्रांसफर भिवानी हो चुका है। संदीप लाठर से भी पूछताछ हुई। उसके बाद भी वो लगातार ड्यूटी पर जा रहा था। अब जानिए….संदीप लाठर की कब साइबर सैल में पोस्टिंग हुई IG के गनमैन की गिरफ्तारी का जिम्मा लाठर को मिलाअब एक शराब कारोबारी की शिकायत पर आईजी पूरन कुमार के गनमैन सुशील कुमार के खिलाफ कार्रवाई हुई। तब सुशील को हिरासत में लेने का जिम्मा लाठर को ही मिला।सूत्र बता रहे हैं कि जब सुशील कुमार को हिरासत में लिया गया, तब पूरन कुमार को भी धमकी भरे लहजे में कहा गया कि अगला नंबर आपका है। इसी वजह से पूरन कुमार के सुसाइड के बाद अब सुशील कुमार की गिरफ्तारी करने वाली टीम से पूछताछ हो रही है। 4 पेज का सुसाइड नोट छोड़ लाठर ने आत्महत्या की14 अक्टूबर दिन मंगलवार को दोपहर करीब 1 बजे ASI संदीप लाठर ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से ही खुद को गोली मार ली। मरने से पहले संदीप ने एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें IPS वाई पूरन कुमार पर गंभीर आरोप लगाए। साथ ही एक 4 पेज का सुसाइड नोट भी लिखा, जो उसके पास से बरामद कर लिया गया है। परिजनों ने पोस्टमॉर्टम के लिए शव नहीं ले जाने दियासुसाइड की सूचना मिलने के बाद सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया। इसके बाद एसपी सुरेंद्र भौरिया, एएसपी प्रतीक अग्रवाल, डीएसपी गुलाब सिंह, डीएसपी दिलीप सिंह व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच की। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए लेकर जाना चाहा, लेकिन परिजनों ने शव पुलिस को लेकर जाने नहीं दिया।लाठर के परिवार ने स्पष्ट कहा कि जब तक सुसाइड नोट व वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर केस दर्ज कर कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक पोस्टमॉर्टम नहीं करवाएंगे। परिजन शव को ट्रैक्टर में रखकर मामा के घर गांव लाढ़ौत ले गए। जहां पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन नहीं माने। मरने से 2 घंटे पहले ही उठकर गया था संदीपसंदीप लाठर के मामा के लड़के संजय देशवाल ने बताया कि संदीप लाठर पिछले दो-तीन दिन से परेशान चल रहा था। रविवार को भी साथ बैठे थे और मंगलवार को मरने से दो घंटे पहले ही संदीप उसके ऑफिस से उठकर गया था। परेशानी के कारण उसकी आंखें भी काली हो रखी थी। संजय देशवाल ने बताया कि उनकी एक ही मांग है कि जब तक सुसाइड नोट व वीडियो के आधार पर केस दर्ज नहीं होता और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती, तब तक शव का पोस्टमॉर्टम नहीं करवाया जाएगा। यह अधिकारियों को स्पष्ट रूप से बता दिया है। संदीप के शव को मामा के प्लॉट में रखा हुआसंदीप लाठर के शव को खेतों में बने कोठड़े से निकालकर पुलिस पोस्टमॉर्टम के लिए डेड हाउस लेकर जाना चाहती थी, लेकिन संदीप के मामा का लड़का संजय इस पर राजी नहीं हुआ और शव को सरकारी वाहन की बजाय ट्रैक्टर-ट्राली में चारपाई समेत लेकर गांव लाढ़ौत में अपने घेर के अंदर ले गए। देर रात को एएसपी प्रतीक अग्रवाल, एसडीएम आशीष कुमार परिजनों को मनाने पहुंचे, लेकिन परिजनों ने स्पष्ट कहा कि जब तक केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू नहीं होती, तब तक शव का पोस्टमॉर्टम नहीं होने देंगे। इस दौरान काफी संख्या में लोग वहां एकत्रित हो गए। वहीं, एएसपी बार-बार उन्हें मनाने का प्रयास करते रहे, लेकिन परिवार के लोग नहीं माने। --------------------------- ये खबर भी पढ़ें :- ASI संदीप के पिता इंस्पेक्टर, दादा फौजी रहे, CM सैनी कर चुके सम्मानित; 2007 में पुलिस जॉइन की हरियाणा के रोहतक में ASI संदीप कुमार ने खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया। संदीप कुमार मूल रूप से जींद जिले के जुलाना के रहने वाले थे। पिछले एक साल से वह रोहतक के साइबर सेल में तैनात थे। वह रोहतक में ही लाढ़ौत रोड पर अपने मामा बलवान देशवाल के घर पर रहते थे। पढ़ें पूरी खबर...
हरियाणा के सीनियर IPS अफसर वाई. पूरन कुमार के सुसाइड से पहले की 7 दिनों की पूरी कहानी सामने आई है। इस कहानी की शुरुआत 1 अक्टूबर से हुई, जो 7 अक्टूबर को उनकी मौत के साथ खत्म हुई। उनकी मौत से पहले की इस कहानी में उनके PSO सुशील कुमार की गिरफ्तारी से होती है। इसके बाद हर दिन होने वाले नए डेवलपमेंट ने उन्हें परेशान किया और लास्ट में उन्होंने सुसाइड कर लिया। IPS पूरन कुमार ने 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 में अपनी कोठी की बेसमेंट में खुद को गोली मारी थी। इससे पहले उन्होंने 8 पन्नों का एक लास्ट नोट और एक पेज की वसीयत भी लिखी थी, जिसको चंडीगढ़ पुलिस अपने कब्जे में लेकर जांच कर रही है। बताया जा रहा कि जिस रिवॉल्वर से सुसाइड किया, वो उनके PSO यानी गनमैन सुशील कुमार की थी। 1 से 7 अक्टूबर के बीच क्या-क्या हुआ, जिससे सुसाइड की नौबत आई... 29 सितंबर की डेट भी महत्वपूर्णइस घटनाक्रम में 29 सितंबर की डेट भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि 29 सितंबर को ही पूरन कुमार का IG रोहतक रेंज के पद से सुनारिया पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में ट्रांसफर कर दिया गया। 30 सितंबर को उन्होंने IG का पदभार छोड़ दिया था। पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में जॉइन कर वह छुट्टी पर चले गए। बताया जा रहा है कि उन्होंने 7-8 अक्टूबर तक छुट्टी ली थी। 1 अक्टूबर की घटना ने किया परेशान1 अक्टूबर को जब वाई पूरन कुमार अपने PSO सुशील कुमार के साथ प्राइवेट कार में रोहतक से चंडीगढ़ जा रहे थे, तब रोहतक पुलिस की एक टीम ने उनकी कार को जबरदस्ती रोक लिया। टीम ने उनके साथ बैठे पूरन कुमार के PSO को जबरदस्ती हिरासत में ले लिया। IG ने पूछा कि किस मामले में हिरासत में ले रहे हैं, FIR दिखाएं तो टीम ने FIR दिखाने से मना कर दिया। यही नहीं सख्त लहजे में धमकाते हुए कहा- अगला नंबर आपका है। रोहतक पुलिस की हिरासत से पहले PSO ने अपना रिवॉल्वर पूरन कुमार की कार में छोड़ दिया था। इसी से पूरन ने सुसाइड किया है। कोरे पेज पर PSO के सिग्नेचर से परेशान हुएइसके बाद पूरन कुमार अकेले ही अपने सेक्टर 11 स्थित अपने मकान में आ गए। सूत्रों के मुताबिक उनके PSO से 5 दिनों तक पूछताछ हुई। ये संभवत अवैध हिरासत हो सकती है, क्योंकि तब तक कोई FIR सामने नहीं आई थी। बताया जा रहा है कि PSO को प्रताड़ित किया गया और पूरन कुमार के खिलाफ बयान देने के लिए मजबूर किया गया। 5 दिनों की लगातार यातना के बाद PSO ने आखिरकार एक खाली पन्ने पर हस्ताक्षर किए। उस खाली पन्ने पर पुलिस ने एक बयान टाइप किया था, जिसमें पूरन कुमार को फंसाया गया था। DGP-SP ने नहीं उठाया फोनसूत्रों की मानें तो जब पूरन कुमार चंडीगढ़ आ गए और उनके द्वारा इस पूरे घटनाक्रम के बारे में जब DGP शत्रुजीत कपूर और रोहतक SP नरेंद्र बिजारणिया को फोन किए, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। पूरन कुमार गुहार लगा रहे थे कि उनकी व्यक्तिगत और पारिवारिक प्रतिष्ठा को नुकसान न पहुंचाया जाए। PSO के खिलाफ 6 अक्टूबर को FIR हुई6 अक्टूबर को पूरन कुमार के PSO सुशील कुमार के खिलाफ रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में PC एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई। इसमें PSO के खिलाफ जबरन वसूली के आरोप लगाए गए हैं। हरियाणा ब्यूरोक्रेसी के एक सीनियर IAS अफसर ने बताया कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि पूरन कुमार की गिरफ्तारी के लिए सरकारी अनुमति की जरूरत न पड़े। दो वकीलों को बुलाकर ड्राफ्ट किया सुसाइड नोटइसके बाद पूरन कुमार ने 2 वकीलों को अपने सेक्टर-11 मकान में बुलाया। सबसे अहम बात यह है कि उन्होंने वकीलों को ये नहीं बताया कि जो सुसाइड नोट और बिल वह बना रहे हैं वह अपने लिए बना रहे हैं। 7 अक्टूबर को भी वकीलों को आना था, लेकिन उन्होंने मूड नहीं होने की बात कहकर उन्हें आने से मना कर दिया। इसके बाद उन्होंने खुद को गोली मार ली। लैपटॉप को लेकर चल रही खींचतानआईपीएस सुसाइड केस में चंडीगढ़ पुलिस की एसआईटी के मेंबर डीएसपी जसविंद्र सिंह विर्क ने अमनीत पी. कुमार को दो दिन पहले एक लेटर लिखा था। जिसमें उन्होंने कहा था कि वाई पूरन कुमार का लैपटॉप पर नोट के प्रमाणिकता के लिए भेजा जाना है। इसे जल्द एसआईटी को सौंप दिया जाए। इसका IAS अमनीत ने 3 पेज का जवाब दाखिल किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि 10 अक्टूबर को ही लैपटॉप कब्जे में लेने की अनुमति दी थी। पुलिस की आईटी टीम 4 घंटे में भी लैपटॉप की हैश वेल्यू जनरेट करने में असफल रही। लेटर में लिखा है कि जांच में पूरा सहयोग के बावजूद मामले को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है। लैपटॉप या उसकी सामग्री को एक्सेस, क्लोन या फोरेंसिक जांच करने से पहले पूरे डेटा की प्रति या सुरक्षित बैकअप दिया जाए। चंडीगढ़ पुलिस ने CJM कोर्ट में आवेदन कर कहा कि परिवार को आदेश दिए जाएं कि जांच के लिए लैपटॉप SIT को सौंपा जाए। -------------------------------- ये खबर भी पढ़ें :- हरियाणा IPS सुसाइड- चंडीगढ़ कोर्ट में जवाब देंगी पत्नी, पोस्टमॉर्टम पर आ सकता है फैसला; 51 मेंबरी कमेटी प्रशासक कटारिया से मिलेगी हरियाणा के सीनियर IPS वाई. पूरन कुमार के सुसाइड केस का आज आठवां दिन है। उनके पोस्टमॉर्टम पर अभी तक फैसला नहीं हो पाया है। डेडबॉडी चंडीगढ़ PGI की मॉर्च्युरी में रखी हुई है। 51 मेंबरी कमेटी ने पोस्टमॉर्टम का फैसला पूरन कुमार के परिवार पर छोड़ दिया है। पढ़ें पूरी खबर...