Assam Floods: असम (Assam) में बारिश के कारण आए भूस्खलनों (Landslides) से प्रभावित रेल नेटवर्क को बहाल करने में कम से कम दो महीने का समय लगेगा। ऐसे में त्रिपुरा (Tripura) सरकार पड़ोसी राज्य से सड़क मार्ग के जरिए जरूरी सामान की सप्लाई की आकस्मिक योजना बना रही है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।खाद्य और नागरिक सप्लाई विभाग के अतिरिक्त सचिव तपन कुमार दास ने कहा कि अभी त्रिपुरा में जरूरी वस्तुओं और ईंधन की 'कोई कमी' नहीं है। लेकिन अगर ट्रेन सेवाएं लंबे समय तक बाधित रहती हैं, तो इससे राज्य में सामान्य सप्लाई पर प्रभाव पड़ेगा।उन्होंने कहा, विभाग आकस्मिक योजना के तहत सड़क मार्ग से गुवाहाटी से आवश्यक सामग्रियां लाएगा। माईबोंग में ट्रेन सेवाएं बाधित होने के मद्देनजर स्थिति का जायजा लेने के लिए भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों के साथ हमारी आज एक वीडियो कॉन्फ्रेंस है। उन्होंने बताया कि राज्य में इस समय 42 दिन के लिए चावल का भंडार है।एक दूसरे अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) ने असम में भूस्खलनों के मद्देनजर त्रिपुरा, दक्षिण असम, मणिपुर और मिजोरम के लिए 25 मई तक ट्रेन सेवाओं को पहले ही निलंबित कर दिया है।परिवहन विभाग के प्रधान सचिव एलएच दारलोंग ने PTI से कहा, हम बहाली कार्यों के लिए लुमडिंग रेल खंड के DRM के संपर्क में हैं। NFR ने कहा है कि प्रभावित इलाकों से ट्रेन सेवाएं बहाल करने में कम से कम दो महीने का समय लगेगा।उन्होंने कहा कि अगर माईबोंग और इसके निकटवर्ती इलाकों में बारिश जारी रहती है, तो बहाली कार्य में देरी हो सकती है।20 जिलों के लगभग दो लाख लोग प्रभावितअधिकारी ने बताया कि असम के माईबोंग इलाके में आपदा जैसी स्थिति के कारण लंबी दूरी की सभी सात यात्री ट्रेन निलंबित कर दी गई हैं। बहरहाल, भूस्खलन के कारण अगरतला और सिलचर के बीच यात्री ट्रेन सेवाएं प्रभावित नहीं हुई हैं।असम में आई बाढ़ से 20 जिलों के लगभग दो लाख लोग प्रभावित हुए हैं। लगातार बारिश से आए भूस्खलन के कारण रेल और सड़क संपर्क टूट गया है। एक आधिकारिक बुलेटिन में सोमवार को यह जानकारी दी गई। बुलेटिन के अनुसार दीमा हसाओ पर्वतीय जिले का संपर्क देश के शेष हिस्सों से टूट गया है।Assam Floods: बाढ़ और भारिश से नुकसान के कारण HS फर्स्ट ईयर की परीक्षा स्थगित, दो लाख लोग प्रभावितइसके अनुसार कछार जिले में बाढ़ से दो लोगों की मौत हुई, जबकि इससे पहले, भूस्खलन के कारण दीमा हसाओ में तीन लोगों की मौत हुई थी।असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के बुलेटिन में बताया गया कि बाढ़ से लगभग 1,97,248 लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें से होजई में 78,157 और कछार में 51,357 लोग प्रभावित हुए हैं।वायुसेना की ली गई मददइस बीच, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (NFR) ने एक रिलीज में बताया कि भारी भूस्खलन और लगातार बारिश की वजह से पटरियों पर जलजमाव होने के कारण असम के लुमडिंग-बदरपुर पहाड़ी खंड में दो दिनों से फंसी दो ट्रेनों के लगभग 2800 यात्रियों को निकालने का काम सोमवार को वायु सेना और दूसरी एजेंसियों की मदद से पूरा हो गया।उसने बताया कि कई यात्रियों को वायु सेना से निकाला गया, क्योंकि शनिवार से जारी लगातार बारिश से बचाव अभियान बाधित हुआ था। दो ट्रेनें दीमा हसाओ जिले में NFR के लुमडिंग खंड में फंसी हुई थीं।रिलीज के अनुसार प्रभावित क्षेत्र में शनिवार से खंड की लगभग 18 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और 10 से ज्यादा और ट्रेनों को कुछ समय के लिए टाल दिया गया है।
असम में भूस्खलन से रेल संपर्क टूटा: त्रिपुरा सरकार ने सड़क मार्ग से खाद्य आपूर्ति योजना तैयार की
अगरतला, 17 मई (भाषा) असम में बारिश के कारण आए भूस्खलनों से प्रभावित रेल नेटवर्क को बहाल करने में कम से कम दो माह का समय लगेगा और ऐसे में त्रिपुरा सरकार पड़ोसी राज्य से सड़क मार्ग के जरिए आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति की आकस्मिक योजना बना रही है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त सचिव तपन कुमार दास ने कहा कि अभी त्रिपुरा में आवश्यक वस्तुओं और ईंधन की ‘‘कोई कमी’’ नहीं है, लेकिन यदि ट्रेन सेवाएं लंबे समय तक बाधित रहती हैं, तो इससे राज्य में सामान्य आपूर्ति पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने
Tripura कैबिनेट ने पीडब्ल्यूडी के लिए योजनाओं को मंजूरी दी, स्वास्थ्य और आईटी नीति जल्द ही आएगी !
Tripura कैबिनेट ने पीडब्ल्यूडी के लिए योजनाओं को मंजूरी दी, स्वास्थ्य और आईटी नीति जल्द ही आएगी !
TJEE 2022 Result 2022: त्रिपुरा बोर्ड ऑफ जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन अगले सप्ताह...
माणिक साहा के त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद सोमवार को 11 विधायकों ने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। 11 मंत्रियों में से, भाजपा के नौ विधायक और दो आईपीएफटी विधायक हैं।
'ममता की पार्टी नहीं, CPM से है हमारी टक्कर', त्रिपुरा के CM से आजतक की खास बातचीत
त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री डॉक्टर माणिक साहा ने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कहा है कि उनकी टक्कर ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी नहीं, सीपीएम से है.
आज त्रिपुरा के 11 विधायक लेंगे मंत्री पद की शपथ, देखिए कैबिनेट मंत्रियों की लिस्ट
आज त्रिपुरा के 11 विधायक लेंगे मंत्री पद की शपथ, देखिए कैबिनेट मंत्रियों की लिस्ट
माणिक साहा के नेतृत्व वाली त्रिपुरा सरकार के नए कैबिनेट मंत्रियों ली शपथ, सूची देखें
Tripura New Cabinet: भाजपा सांसद माणिक साहा की त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्ति के एक दिन बाद सोमवार को नए मंत्रिमंडल ने शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह अगरतला के राजभवन में शुरू हुआ। आईपीएफटी के मेवार कुमार जमातिया को छोड़कर बिप्लब कुमार देब कैबिनेट के सभी मंत्रियों को नए कैबिनेट में जगह दी गई है।
त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 9 और IPFT के दो विधायकों सहित कुल 11 विधायक सोमवार को मंत्री के रूप में शपथ लेंगे. इस संबंध में एक अधिकारी …
Bank Holiday: बुद्धि पूर्णिमा के दिन आज बैंक हैं बंद, जानिए किन शहरों में है छुट्टी
Bank Holiday: बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) के अवसर पर आज 16 मई को देश के कई इलाकों में बैंकों में छुट्टी घोषित की गई है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India -RBI) के हॉलिडे कैलेंडर के मुताबिक, त्रिपुरा (Tripura), बेलापुर (Belapur), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), पंजाब और हरियाणा (Punjab and Haryana), उत्तराखंड (Uttarakhand), जम्मू (Jammu), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), महाराष्ट्र (Maharashtra), नई दिल्ली (New Delhi), बंगाल (Bengal), छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh), झारखंड (Jharkhand), हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) और श्रीनगर (Srinagar) में आज बैंक बंद हैं।बता दें मई महीने में कुल 13 दिन बैंक की छुट्टियां (Bank Holidays) हैं। इनमें से कई छुट्टियां निकल चुकी हैं और कई छुट्टियां आने वाली हैं। आप बैंक जाने से पहले छुट्टियों की लिस्ट जरूर चेक कर लें।16 मई को बैंक हैं बंद16 मई 2022 को पूरे देश भर में बुद्ध पूर्णिमा की वजह से बैंकों में छुट्टी हैं। बैंक में दूसरे और चौथे शनिवार को छुट्टी रहती है।जानिए किस दिन बैंक रहेंगे बंद22 मई – रविवार साप्ताहिक अवकाश है।28 मई - शनिवार- महीने का चौथा शनिवार- इस दिन बैंक बंद रहेंगे।29 मई - रविवार- साप्ताहिक अवकाश है।सभी राज्यों में अलग-अलग है नियमछुट्टियां राज्यों के हिसाब से अलग-अलग होती हैं। बैंक कर्मियों की छुट्टी उस राज्य में मनाए जाने वाले त्योहारों पर निर्भर करती है। बुद्ध पूर्णिमा के बाद अब सिर्फ सप्ताहिक अवकाश पर ही बंक बंद हैं।कंज्यूमर गुड्स में विस्तार की रिलायंस की बड़ी योजना, दर्जनों ब्रांडों का करेगी अधिग्रहण:सूत्रRBI जारी करता है लिस्टबैंकों की छुट्टियों के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ऑफिशियल लिंक https://rbi.org.in/Scripts/HolidayMatrixDisplay.aspx पर भी विजिट कर सकते हैं। यहां आपको हर महीने हर राज्य के बैंक की छुट्टियों के बारे में जानकारी मिल जाएगी।
कांग्रेस छोड़ बने दूसरी पार्टी से CM: ममता से जगन और माणिक साहा तक, कहानी 8 मुख्यमंत्रियों की जो कभी पार्टी ... Dainik Bhaskar बीजेपी का पुराना दांव Navbharat Times Manik Saha New CM of Tripura: शपथग्रहण के बाद क्या बोले CM Manik Saha Live Hindustan त्रिपुरा में नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति दोबारा जड़ें जमाने की बड़ी कवायद? NDTV India माणिक साहा: पूर्व कांग्रेसी जो अब त्रिपुरा में बीजेपी सरकार का चेहरा बने BBC हिंदी Google समाचार पर पूरी खबर देखें
त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नौ और आईपीएफटी के दो विधायकों सहित कुल 11 विधायक आज यानी सोमवार को मंत्री के रूप में शपथ लेंगे।
माणिक साहा के नेतृत्व वाली त्रिपुरा सरकार के नए कैबिनेट मंत्री आज लेंगे शपथ
अगरतला (त्रिपुरा):माणिक साहा के त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के एक दिन बाद, राज्यपाल एसएन आर्य सोमवार (16 मई) को दोपहर 12 बजे राजभवन में एक कार्यक्रम में 11 कैबिनेट मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे।एएनआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 विधायकों में से, बीजेपी के …
टीएमसी सांसद सुष्मिता देव रविवार को अगरतला के लिए रवाना हुईं, वहीं राज्य के पार्टी प्रभारी राजीव बनर्जी भी जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए आने वाले सप्ताह में राज्य का दौरा कर सकते हैं।
Manik Saha ने त्रिपुरा के नए सीएम के रूप में शपथ ली, मंत्रिमंडल विस्तार सोमवार को !
Manik Saha ने त्रिपुरा के नए सीएम के रूप में शपथ ली, मंत्रिमंडल विस्तार सोमवार को !
बीजेपी त्रिपुरा में भी उत्तराखंड, गुजरात और कर्नाटक के फॉर्म्युले से आगे बढ़ी है। बीजेपी यहां सीएम बदलकर सत्ता विरोधी लहर से पार पाना चाहती है। बीजेपी ने पिछले साल उत्तराखंड का सीएम बदला और कुछ महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सफलता भी मिल गई।
माणिक साहा 11 विधायकों के साथ थामेंगे त्रिपुरा की कमान, शपथ कल
त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नौ और आईपीएफटी के दो विधायकों सहित कुल 11 विधायक सोमवार को मंत्री के रूप में शपथ लेंगे।इस संबंध में एक अधिकारी ने …
Tripura: आज 11 विधायक लेंगे मंत्री के रूप में शपथ, जानें साहा मंत्रिमंडल में कौन-कौन होंगे शामिल
माणिक साहा ने रविवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। वहीं अब राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नौ और आईपीएफटी के दो विधायकों सहित कुल 11 विधायक सोमवार को मंत्री के रूप में शपथ लेंगे।
माणिक साहा ने त्रिपुरा के नए सीएम के रूप में शपथ ली, मंत्रिमंडल विस्तार सोमवार को
त्रिपुरा भाजपा अध्यक्ष माणिक साहा ने रविवार को राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इससे एक दिन पहले बिप्लब कुमार देब ने शीर्ष पद से इस्तीफा दे दिया था
त्रिपुरा (Tripura) के मुख्यमंत्री माणिक साहा (Manik Saha) ने रविवार को कहा कि हमने 2023 में विधानसभा चुनाव के लिए पहले ही काम करना शुरू कर दिया है. आगामी चुनाव …
कल शाम चार बजे पता चला त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बनूंगा : माणिक साहा
मणिक साहा ने कहा कि उनका प्रशासन केन्द्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी...
त्रिपुरा के नए सीएम बने माणिक साहा, आजतक से की खास बातचीत
Tripura New CM Manik Saha: माणिक साहा ने रविवार को त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. अगरतला स्थित राजभवन में सुबह 11.30 बजे राज्यपाल ने उन्हें शपथ दिलाई. इससे पहले शनिवार को बिप्लब देब ने अचानक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर बड़ा सियासी संकट खड़ा कर दिया था. हालांकि उनके इस्तीफे थोड़ी देर बाद ही माणिक साहा के नाम पर मुहर लग गई. मानिक साहा पेशे से डेंटिस्ट हैं और उनकी छवि बेहद साफ मानी जाती है. मानिक को बीजेपी में किसी खेमे का नहीं माना जाता है. माणिक साहा 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. बीजेपी में आते ही माणिक को चार साल बाद 2020 में प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. वो त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भी बने. अब बीजेपी ने उन्हें सीएम के ताज से नवाजा. त्रिपुरा चुनाव से ठीक पहले मिली इस जिम्मेदारी को लेकर आजतक के संवाददाता इंद्रजीत कुंडू से उन्होंने एक्सक्लूसिव बात की. देखें ये वीडियो.
माणिक साहा बने त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री, राजभवन में ली सीएम पद की शपथ
त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के तौर पर मणिक साहा ने रविवार को शपथ ले ली है. उन्हें राजभवन में राज्यपाल सत्यदेव नारायण राय ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई है. इससे पहले शनिवार को बिप्लब देब ने अचानक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर बड़ा सियासी संकट खड़ा कर दिया था. हालांकि उनके इस्तीफे के बाद बीजेपी विधायक दल की बैठक में माणिक साहा के नाम पर मुहर लग गई.
शपथग्रहण के बाद बोले त्रिपुरा के नए सीएम माणिक साहा, राज्य में लॉ एंड ऑर्डर में और सुधार करेंगे
माणिक साहा ने त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के रूप में रविवार को शपथ ले ली। उन्हें राजभवन में राज्यपाल सत्यदेव नारायण राय ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसी के साथ राज्य में करीब साढ़े तीन साल तक चले बिप्लब कुमार देब के शासन का अंत हो गया. सीएम पद की शपथ लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए सीएम माणिक साहा ने कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और डवलपमेंट को लेकर आगे बढ़ेंगे. उनके सामने कोई चुनौती नहीं...
शिक्षक भर्ती बोर्ड में इन पदों पर निकली नौकरियां, मिलेगी जबरदस्त सैलरी
शिक्षक भर्ती बोर्ड (TRB) त्रिपुरा ने त्रिपुरा राज्य के स्थायी निवासी के लिए पोस्ट ग्रेजुएट टीचर (STPGT) के पदों (TRB Tripura Recruitment 2022) को भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. इच्छुक एवं योग्य कैंडिडेट्स TRB Tripura के ऑफिशियल पोर्टल trb.tripura.gov.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त कैंडिडेट्स डायरेक्ट इस लिंक https://trbonline.tripura.gov.in/ पर क्लिक करके भी इन पदों (TRB Tripura Recruitment 2022) के लिए आवेदन कर सकते हैं. साथ ही इस लिंक https://trb.tripura.gov.in/sites/default/files/uploaded-files/STPGT के माध्यम से भी ऑफिशियल नोटिफिकेशन (TRB Tripura Recruitment 2022) को भी देख सकते हैं. महत्वपूर्ण तिथियाँ:- ऑनलाइन आवेदन करने की आरभिंक दिनांक- 12 मई 2022 ऑनलाइन आवेदन करने की आखिरी दिनांक- 20 मई 2022 पदों का विवरण:- स्नातकोत्तर शिक्षक (एसटीपीजीटी) के लिए चयन परीक्षा क्र.सं. विषय कुल समाजशास्त्र- 75 भूगोल- 75 अर्थशास्त्र- 75 साइकोलॉजी- 75 शैक्षणिक योग्यता:- मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से प्रासंगिक विषय / संबद्ध विषय में स्नातकोत्तर तथा एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थान से बैचलर ऑफ एजुकेशन (बी.एड) होना चाहिए. आयु सीमा:- कैंडिडेट्स की आयुसीमा 40 वर्ष होनी चाहिए. आवेदन शुल्क:- अनारक्षित श्रेणी के लिए: रु.300/- एससी / एसटी / पीएच उम्मीदवार के लिए: रु. 200/- अनारक्षित श्रेणी के लिए: रु.300/- एससी / एसटी / पीएच उम्मीदवार के लिए: रु. 200/- चयन प्रक्रिया:- चयन पोस्ट ग्रेजुएट टीचर्स (एसटीपीजीटी)-2022 के लिए चयन परीक्षा में प्राप्त अंक के आधार पर किया जाएगा. ग्रामीण डाक सेवकों के पदों पर इन राज्यों में निकली नौकरियां, फटाफट कर ले आवेदन हिंदी या इंग्लिश आखिर किस भाषा में है रोजगार की अधिक संभावना खुशखबरी! UP में अब हर साल होगी 12 हजार होमगार्ड की भर्ती, योगी सरकार ने किया बड़ा ऐलान
पीएम मोदी ने माणिक साहा को त्रिपुरा के नए सीएम बनने पर दी बधाई
राज्यसभा सदस्य डा. माणिक साहा के त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ
प्रधानमंत्री मोदी ने मानिक साहा को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई दी
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मानिक साहा को त्रिपुरा का नया मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, ''श्री @DrManikSaha2 ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। सफल प्रवास के लिए शुभकामनाएं। मुझे उम्मीद है कि वह त्रिपुरा के विकास प्रयासों को मजबूत करेंगे, जो 2018 में शुरू हुआ था। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी साहा को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट किया, ''@DrManikSaha2 जी को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए बधाई। मुझे विश्वास है कि त्रिपुरा हमेशा के लिए बदल जाएगा और माननीय प्रधान मंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगा और उनके दृष्टिकोण का पालन करके नड्डा ने ट्विटर का इस्तेमाल किया। डेंटल सर्जन से राजनेता बने और त्रिपुरा भाजपा अध्यक्ष बने माणिक साहा ने शनिवार, 14 मई को मौजूदा मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के इस्तीफे के बाद रविवार को राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। नेपाल के साथ भारत के संबंध 'अद्वितीय' हैं: पीएम मोदी अमेज़ॅन ने भारत में 1 मिलियन से अधिक नौकरियां पैदा कीं, निर्यात में USD5 बिलियन सक्षम किया राजीव कुमार होंगे देश के अगले मुख्य चुनाव आयुक्त, आज संभालेंगे कार्यभार
त्रिपुरा में नए CM के रूप में माणिक साहा ने ली शपथ, कहा – राज्य में लाएंगे पीएम मोदी का विकास मॉडल
माणिक साहा (Manik Saha) ने रविवार को त्रिपुरा के नए सीएम के रूप में शपथ ली है। अगरतला के राजभवन में सुबह 11.30 बजे राज्यपाल ने उन्हें शपथ दिलाई। इससे पहले शनिवार को बिप्लब देब ने अचानक सीएम पद से इस्तीफा देकर बड़ा सियासी संकट खड़ा कर दिया था। हालांकि उनके इस्तीफे थोड़ी देर बाद ही माणिक साहा के नाम पर मुहर लग गई थी। साहा ने त्रिपुरा के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। शपथ लेने के बाद माणिक ने कहा कि हम पीएम मोदी और BJP के विकास के मुद्दे को लेकर ही राज्य में काम करेंगे।उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के लोगों की समस्याओं को हल करने के साथ-साथ राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना ही मुख्य मुद्दा होगा। साहा ने कहा कि राज्य में BJP के लिए कोई राजनीतिक चुनौती नहीं है। बता दें कि देब के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद 69 साल के डॉ साहा को BJP विधायक दल के नेता के रूप में चुना गया था।माणिक साहा पेशे से डेंटिस्ट हैं और उनकी छवि बेहद साफ मानी जाती है। माणिक को BJP में किसी खेमे का नहीं माना जाता है। माणिक साहा 2016 में कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हुए थे। BJP में आते ही माणिक को चार साल बाद 2020 में प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। वो त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भी बने। अब BJP ने उन्हें सीएम के ताज से नवाजा है। अगले साल होने वाले चुनाव से पहले बीजेपी ने त्रिपुरा में अपना चेहरा बदल दिया है।'क्या आप वहां भी हनुमान चालीसा पढ़ेंगे?' कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या पर CM उद्धव ने BJP पर साधा निशानाAgartala | Manik Saha takes oath as the Chief Minister of Tripura pic.twitter.com/Tdpg8XxLiu— ANI (@ANI) May 15, 20222018 में सीएम बने थे बिप्लब देबबिप्लब देब चार साल पहले 2018 के राज्य विधानसभा चुनाव में BJP की जीत के बाद सीएम बने थे। BJP ने 25 साल तक लगातार राज्य की सत्ता में रहे लेफ्ट फ्रंट को हराकर यह जीत हासिल की थी। 60 सीटों के लिए हुए मतदान में BJP को 34 सीटों पर जीत मिली थी। BJP की इस जीत से पहले लेफ्ट फ्रंट के नेता माणिक सरकार लगातार चार बार राज्य के सीएम बने थे। उनसे पहले भी त्रिपुरा में दशरथ देब की अगुवाई में लेफ्ट फ्रंट की ही सरकार थी। उस चुनाव में लेफ्ट पार्टियों को सिर्फ 16 सीटें ही मिली थीं।
Tripura New CM: त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री बने माणिक साहा, बोले-राज्य में लाएंगे पीएम मोदी का विकास मॉडल दैनिक जागरण (Dainik Jagran) Tripura CM: कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए और छा गये! इन 4 नेताओं को मिली मुख्यमंत्री की कुर्सी Aaj Tak बिप्लब देब के इस्तीफे के बाद माणिक साहा को चुना गया त्रिपुरा का नया मुख्यमंत्री | Manik Saha | Zee News त्रिपुराः बिप्लब देव की सीएम की कुर्सी क्या ख़राब प्रदर्शन के कारण गई? BBC हिंदी Tripura Live: अगरतला में कल त्रिपुरा के CM पद की शपथ लेंगे माणिक साहा Aaj Tak Google समाचार पर पूरी खबर देखें
माणिक साहा: पूर्व कांग्रेसी जो अब त्रिपुरा में बीजेपी सरकार का चेहरा बने
इससे पहले भी बीजेपी ने उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को हटा कर पुष्कर सिंह धामी को प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की कमान सौंपी थी, राजनीति के जानकारों का यह मानना है कि ठीक वैसा ही प्रयोग त्रिपुरा में किया गया है.
माणिक साहा ने ली त्रिपुरा के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ
अगरतला (एजेंसी)। त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में डेंटल सर्जरी के प्रोफेसर माणिक साहा ने रविवार को यहां त्रिपुरा के12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने चमचमाते दरबार हॉल में एक सादे समारोह में 69 वर्षीय साहा को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी। साहा ने अकेले ही शपथ ली क्योंकि मुख्यमंत्री […] The post माणिक साहा ने ली त्रिपुरा के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ appeared first on Sach Kahoon | Best Online Hindi News .
Manik Saha Tripura New CM : बिप्लब देव हटे, जानिए कौन बना त्रिपुरा का नया सीएम
माणिक साहा बने त्रिपुरा के नए सीएम, 15 मई को शपथ ली। हाल ही में बीजेपी ने बिप्लब देव को सीएम पद से हटा दिया था। त्रिपुरा में साल 2023 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। 2018 में हुए चुनाव में जीत के बाद बिप्लब देव सीएम बने थे।
डॉ. मानिक साहा ने ली त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ
अगरतला (Agartala), 15 मई . त्रिपुरा भाजपा अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य मानिक साहा ने रविवार (Sunday) को राज्य के 11वें मुख्यमंत्री (Chief Minister) के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने यहां राजभवन में आयोजित समारोह में शपथ दिलाई. फिलहाल मानिक साहा ने अकेले शपथ ग्रहण किया है. उनके …
वहीं आप को बता दें कि, ये कोई पहली घटना नहीं है, इससे पहले उत्तराखंड में भी बीजेपी के साथ ऐसा हो चुका है.
Tripura CM Oath Ceremony:बिप्लब कुमार देब के अचानक इस्तीफा देने के बाद बीजेपी विधायक दल की बैठक में माणिक साहा को शनिवार को नेता चुना गया और आज उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.
माणिक साहा ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली
अगरतला, 15 मई (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सदस्य माणिक साहा ने रविवार सुबह त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल एसएन आर्य ने यहां राजभवन में माणिक साहा को नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई। पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब समारोह में भाजपा के विधायकों और राज्य के अन्य मंत्रियों के साथ उपस्थित थे। देव के शनिवार शाम अचानक इस्तीफे के बाद साहा शीर्ष पद पर पहुंचे हैं। शपथ ग्रहण समारोह में केंद्रीय मंत्री प्रतिमा भौमिक भी शामिल हुईं। उपमुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा और मंत्री राम प्रसाद पॉल ने शनिवार
मानिक साहा ने त्रिपुरा के CM पद की ली शपथ, 6 साल पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में हुए थे शामिल NDTV India बिप्लब देब के इस्तीफे के बाद माणिक साहा को चुना गया त्रिपुरा का नया मुख्यमंत्री | Manik Saha | Zee News Tripura Live: अगरतला में कल त्रिपुरा के CM पद की शपथ लेंगे माणिक साहा Aaj Tak त्रिपुराः बिप्लब देव की सीएम की कुर्सी क्या ख़राब प्रदर्शन के कारण गई? BBC हिंदी आज विधायक दल की बैठक में चुना सकता है त्रिपुरा का नया CM | Biplab Deb resigns | Tripura News | Zee News Google समाचार पर पूरी खबर देखें
अगरतला: माणिक साहा ने त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जानें इनके बारे में
बिप्लब कुमार देब (Biplab Kumar Deb) ने शनिवार को मुख्यमंत्री (Chief Minister) के पद से इस्तीफा दे दिया था।
अगरतला: माणिक साहा ने त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ
मानिक साहा पेशे से डेंटिस्ट हैं और उनकी छवि बेहद साफ मानी जाती है. मानिक को बीजेपी में किसी खेमे का नहीं माना जाता है.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और राज्यसभा सदस्य मणिक साहा (Manik Saha) ने रविवार को त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है. ऐसा कहा जा रहा है …
माणिक साहा बने त्रिपुरा के 11वें मुख्यमंत्री
साहा वर्तमान में त्रिपुरा से राज्यसभा सांसद हैं और राज्य की भारतीय जनता पार्टी (BJP) युनिट के अध्यक्ष हैं.
बिप्लब कुमार देब ने शनिवार को त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके कुछ घंट के भीतर ही पार्टी की राज्य विधायक दल ने माणिक साहा को नए नेता के तौर पर चुना था।
साहा भाजपा के ऐसे इकलौते मुख्यमंत्री नहीं हैं, जो कांग्रेस या दूसरे दल से आए हैं। मौजूदा राजनीतिक नक्शा देखा जाए तो इस वक्त भाजपा शासित पांच राज्य ऐसे हैं, जहां दूसरी पार्टियों से आने वाले नेताओं को मुख्यमंत्री बनाया गया है।
माणिक साहा आज बनेंगे त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री, थोड़ी देर में होगा शपथ ग्रहण समारोह
Tripura: शनिवार को बिप्लव कुमार देब ने अपना इस्तीफा राज्यपाल एस एन आर्य को सौंप दिया. त्रिपुरा में वाम मोर्चे की 25 साल पुरानी सरकार को हराकर भाजपा ने वर्ष 2018 में प्रचंड जीत दर्ज की थी
कौन हैं माणिक साहा? जो बनने जा रहे है त्रिपुरा के नए CM
अगरतला: भारत के उत्तर पूर्व (North East) भाग में मौजूद त्रिपुरा (Tripura) की सियासत को लेकर भारतीय जनता पार्टी हाईकमान ने बड़ा फैसला लिया है। अगरतला की सत्ता में बैठे बिप्लब देब (Biplab Kumar Deb) को हटाकर डॉक्टर मणिक साहा (Manik Saha) को नया सीएम बनाने का निर्णय लिया है। भाजपा MLA दल की बैठक में साहा के नाम पर मुहर लगने के पश्चात् वो कुछ ही देर में त्रिपुरा के नए सीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं। वही त्रिपुरा के नए सीएम बनने जा रहे डॉ। माणिक साहा 6 वर्ष पूर्व मतलब वर्ष 2016 में कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में सम्मिलित हुए थे। डॉ। माणिक साहा वर्तमान में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। साहा को सीएम बनाने के कारण उनकी बेदाग छवि और पार्टी में उनके निरंतर बढ़ते प्रभाव को बताया जा रहा है। बताते चलें कि माणिक साहा पेशे से डेंटिस्ट हैं। उनकी छवि पेशेवर डॉक्टर से इतर एक इमानदार नेता के रूप में भी होती है। वही अगले वर्ष 2023 में त्रिपुरा में विधान सभा चुनाव होने हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि आज साहा के शपथ ग्रहण के साथ त्रिपुरा में मंत्री से लेकर संगठन तक में बड़े परिवर्तन हो सकते हैं। बीते मतलब 2018 में हुए विधान सभा चुनावों में जीत के बाद बिप्लब देब को मुख्यमंत्री बनाया गया था। उसके बाद साहा को प्रदेश अध्यक्ष बनाते हुए पार्टी ने संगठन की जिम्मेदारी दी थी। स्थानीय राजनीति को बारीकी से समझने में माहिर माणिक ने प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी संभालते ही बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं तक सीधी पहुंच बनाने पर ध्यान दिया। माणिक साहा त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भी हैं। बच्चे ने कर दिखाया कमाल! CM नीतीश के पास पहुंचा 12 वर्षीय मासूम, स्कूल और शिक्षकों की खोल डाली पोल मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य करने के फैसले पर शाहनवाज हुसैन ने दिया बड़ा बयान, जानिए क्या बोले राज्यसभा सांसद बनाए जाने की खबरों पर आया अडानी ग्रुप का बयान, बताया पूरा सच
आज सीएम पद की शपथ लेंगे माणिक साहा, क्या उत्तराखंड का प्रयोग त्रिपुरा में भुनाने में सफल रहेगी BJP?
त्रिपुरा में सत्ता विरोधी लहर को दूर करने और अपने दल के भीतर किसी भी तरह के असंतोष को दूर करने के प्रयास में बीजेपी ने शनिवार को राज्यसभा सदस्य …
डॉ. माणिक साहा आज 11:30 बजे त्रिपुरा के सीएम पद की लेंगे शपथ, मंत्रिपरिषद का भी होगा गठन
Manik Saha will take oath as CM : डॉ. माणिक साहा आज त्रिपुरा के 11वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। विधानसभा चुनाव से एक साल पहले बिप्लब देब के इस्तीफे के कुछ घंटे बाद ही साहा को विधायक दल का नेता चुना गया। साहा वर्तमान में त्रिपुरा से राज्यसभा सांसद हैं और राज्य में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। बिप्लब देब के इस्तीफे के बाद भाजपा के केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट करके जानकारी दी कि माणिक साहा को त्रिपुरा भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और आपके नेतृत्व में त्रिपुरा विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा। डॉ. माणिक साहा साल 2016 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। इसके बाद उन्हें 2020 में भाजपा ने राज्य इकाई का अध्यक्ष बनाया और वह इसी साल मार्च में राज्यसभा से सांसद चुने गए हैं। डॉ. माणिक साहा को सीएम चुने जाने के साथ हुए कई बदलाव डॉ. माणिक साहा को सीएम चुने जाने के बाद भाजपा ने शनिवार को ही कई नए चेहरों के साथ त्रिपुरा समिति का पुनर्गठन किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब समिति में सात उपाध्यक्ष, तीन महासचिव, छह सचिव और सात प्रवक्ता होगें। अचानक इस्तीफे से आश्चर्य में लोग बिप्लब देब के द्वारा मुख्यमंत्री पद से दिए गए अचानक इस्तीफे में राज्य की जनता आश्चर्य में है। त्रिपुरा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य को इस्तीफा सौंपने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने कहा मैने तहे दिल से लोगों की सेवा की है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को इतने समय तक मुख्यमंत्री बनाने के लिए धन्यवाद भी दिया। एक साल के लिए ही मिली सीएम पद की कुर्सी डॉ. माणिक साहा को सीएम पद की कुर्सी एक साल के लिए ही मिली है, क्योंकि राज्य में अगला विधानसभा चुनाव फरवरी 2023 में होना है। चुनाव के पहले त्रिपुरा की सत्ता संभालने जा रहे डॉ. साहा के लिए यह कुर्सी काफी चुनौती पूर्ण होगी। एक साल के अंदर ही माणिक साहा ऐसा काम करना होगा जिससे राज्य में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत मिल सके।
Manik Saha: कौन हैं माणिक साहा? जो कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए, आज बनेंगे त्रिपुरा के मुख्यमंत्री
Manik Saha latest News:माणिक साहा वर्तमान में बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष हैं. उन्हें सीएम (CM) बनाने की वजह उनकी साफ सुथरी छवि को भी बताया जा रहा है. पार्टी आलाकमान के इस फैसले के बाद पेशे से डॉक्टर माणिक साहा को मिलने वाली बधाइयों का दौर जारी है.
अब जमीन पर काम करने का समय; त्रिपुरा के सीएम पद से इस्तीफा देने पर बोले बिप्लब देब
त्रिपुरा के सीएम पद से इस्तीफा दे चुके बिप्लब देब ने कहा, पार्टी नेतृत्व...
आज रविवार, 15 मई, 2022 की तमाम ताज़ातरीन ख़बरें, यानी ब्रेकिंग न्यूज़ आप इस एक पेज...
डेंटल सर्जन से चीफ मिनिस्टर तक, त्रिपुरा के CM पद की आज शपथ लेने वाले माणिक साहा की कहानी
मंत्रिपरिषद का शपथ ग्रहण समारोह 15 मई को सुबह 11:30 बजे अगरतला स्थित राज भवन में होगा। डॉ साहा राज्यसभा सांसद और राज्य में पार्टी के प्रमुख हैं। यहां अगले साल मार्च में विधानसभा चुनाव होना है।
राज्य के 11वें सीएम के रूप में शपथ ले रहे 69 साल के मानिक साहा का नाम सीएम पद के...
बीजेपी ने त्रिपुरा के मौजूदा भाजपा अध्यक्ष माणिक साहा को बिप्लब देब की जगह सीएम पद के लिए चुना है। हालांकि, साहा को अगला सीएम बनाए जाने का विरोध भी हो रहा है।
माणिक साहा आज लेंगे त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ
अगरतला, 15 मई। भाजपा नेता बिप्लव कुमार देव के त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद प्रदेश भाजपा के अद्यक्ष माणिक साहा आज प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। वह अगरतला स्थित राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ
वीडियो: त्रिपुरा के बीजेपी विधायक ने नए मुख्यमंत्री की घोषणा होने पर कुर्सी तोड़ डाली
भाजपा द्वारा त्रिपुरा में एक नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति से पार्टी के कुछ...
माणिक साहा रविवार को लेंगे त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ
डेंटल सर्जन से राजनेता बने माणिक साहा रविवार को राज्य के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे
उत्तराखंड, कर्नाटक, गुजरात और अब त्रिपुरा में CM बदला, आखिर क्यों BJP बार-बार कर रही बदलाव?
पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में शनिवार को बड़ा राजनीतिक फेरबदल देखने को मिला। यहां बिप्लब कुमार देब ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे की घोषणा के कुछ ही समय बाद त्रिपुरा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष माणिक साहा को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया गया। अब कल वो त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। ये बड़ा फेरबदल त्रिपुरा में तब देखने को मिल रहा है जब अगले साल यहाँ विधानसभा चुनाव होने हैं। बीजेपी के इस निर्णय से पार्टी के कई कार्यकर्ता नाराज भी दिखाई दिए तो वहीं कई काफी खुश नजर आए जो बिप्लब कुमार देब के कार्य से खुश नहीं थे। त्रिपुरा में क्यों बदला सीएम? दरअसल, बीजेपी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए राज्य में अपनी जड़ों को मजबूत करने में लगी हुई है। बिप्लब देब की कार्यशैली से पार्टी में कई विधायक नाराज चल रहे हैं और तीन विधायकों ने तो पार्टी से इस्तीफा तक दे दिया। इसके बाद बीजेपी हाई कमान ने तेजी से बड़े फेरबदल यहाँ किये जो चुनावों से जोड़कर ही देखें जा रहे हैं। बता दें कि वर्ष 2018 में बीजेपी ने यहाँ 60 में से 36 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कई राज्यों में बीजेपी ने बदले सीएम इससे पहले बीजेपी ने गुजरात,कर्नाटक और उत्तराखंड में सीएम बदल चुकी है। गुजरात: विजय रुपाणी वर्ष 2016 और 2021 के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहे लेकिन दूसरा कार्यकाल वो अपना पूरा करते उससे पहले ही बीजेपी ने यहाँ सीएम बदल दिया। बीजेपी ने यहाँ भूपेन्द्र पटेल को नये सीएम के रूप में नियुक्त किया। ध्यान देने वाली बात ये है कि गुजरात में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं। यह भी पढ़े- कौन हैं माणिक साहा जो होंगे त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री कर्नाटक: बीजेपी ने वर्ष 2019 में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में यहाँ सरकार बनाई थी। इससे पहले कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार थी। केवल दो साल बाद ही बीएस येदियुरप्पा को सीएम पद से हटा दिया गया उनकी जगह बसवराज बोम्मई ने ली। कर्नाटक में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं । उत्तराखंड : इसी वर्ष फरवरी में उत्तराखंड में हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने सफलतापूर्व सत्ताविरोधी लहर को हरा दिया और वापसी की। पर यहाँ ध्यान देने वाली बात ये है कि बीजेपी ने इससे पहले यहाँ 3 बार मुख्यमंत्री बदले। मुख्यमंत्री के रूप में सबसे पहले यहाँ त्रिवेंद्र सिंह रावत ने चार साल तक शासन किया। पिछले साल मार्च में उन्होंने इस्तीफा दिया और उनके बाद तीरथ सिंह रावत को सीएम बनाया गया। केवल चार महीनों में ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया और उनकी जगह पुष्कर सिंह धामी को सीएम बनाया गया। पुष्कर सिंह धामी इस वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में अपनी सीट भी बचा नहीं सके। इसके बावजूद बीजेपी ने उन्हें फिर से सीएम बना दिया। बार-बार क्यों बीजेपी कर रही बदलाव? इन सभी राज्यों में गौर करें तो बीजेपी ने विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पूर्व ही सीएम बदले हैं। इससे स्पष्ट है कि राज्य में सत्ता विरोधी लहर को पाटने के लिए बीजेपी ने ये बड़ा कदम उठाया ताकि वो चुनावों में जीत दर्ज कर सके। उत्तराखंड में बीजेपी का ये फार्मूला काम कर गया और उसने सत्ता में वापसी भी कर ली। अब इस वर्ष के अंत में गुजरात में होने वाले चुनावों में बीजेपी का ये फॉर्मूला काम आता है या नहीं ये तो वक्त बताएगा लेकिन इतना स्पष्ट है कि बीजेपी विधानसभा चुनावों को जीतने के लिए लिए बार बार सीएम बदल रही है। यह भी पढ़े- डॉ. माणिक साहा बने त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री, 11 महीने बाद ही राज्य में होना है विधानसभा चुनाव
पंजाब ने त्रिपुरा को 30-0 से हराकर दर्ज की जीत
मणिपुर के इंफाल में आयोजित 12वीं हॉकी इंडिया सब जूनियर महिला राष्ट्रीय चैंपियनशिप-2022 में शनिवार को पूल जी में खेलते हुए पंजाब ने त्रिपुरा के खिलाफ 30-0 की शानदार जीत दर्ज की।
Tripura CM Manik Saha: राज्यपाल से मिले माणिक साहा, सरकार बनाने का किया दावा पेश
त्रिपुरा विधायक दल के नेता माणिक साहा ने राजभवन में राज्यपाल सत्यदेव आर्य से मुलाकात की और पार्टी विधायकों के समर्थन पत्र के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया।
कौन हैं माणिक साहा जो होंगे त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री
बिप्लब कुमार देब के त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने विधायक दल का नेता चुन लिया है। अब त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री माणिक साहा होंगे। बीजेपी आलाकमान के निर्देश पर पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद माणिक साहा की प्रदेश के नए मुखिया के तौर पर नियुक्ति हो गई है। बीजेपी विधायक दल की बैठक में साहा के नाम पर मुहर लगाई गई। अगले साल होने वाले त्रिपुरा विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी आलाकमान ने माणिक साहा पर बड़ा दांव लगाया है। माणिक साहा को त्रिपुरा के नए सीएम का पद देने से एक बात साफ हो गई है कि बीजेपी 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव में साहा के चेहरे पर चुनाव लड़ेगी। केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने ट्वीट कर माणिक साहा को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'श्री माणिक साहा जी को त्रिपुरा भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने की बहुत-बहुत बधाई। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और आपके नेतृत्व में त्रिपुरा विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुँचेगा।' आपको बता दें, त्रिपुरा के अगले मुख्यमंत्री बनने जा रहे डॉ. माणिक साहा 6 साल पहले ही कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे और इतने जल्दी प्रभावशाली बनकर उभरेंगे, इसका अंदाजा राजनीतिक पंडित भी नहीं लगा पाए। बीजेपी में आते ही माणिक को दो साल बाद प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। वो त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट भी बने। हाल ही में राज्यसभा के लिए भी मनोनीत किए गए और अब नए सीएम के लिए चुना गया है। माणिक साहा को चुने जाने से पहले बिप्लब कुमार देब ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपना इस्तीफा शनिवार को राज्यपाल एसएन आर्य को सौंपा। कल बिप्लब देब ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, लेकिन आज इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। त्रिपुरा में कई भाजपा विधायक बिप्लब देब से नाराज चल रहे थे और इसकी गूंज हाईकमान तक भी पहुंची थी। इस्तीफा देने के बाद बिप्लब कुमार देब ने कहा, पीएम मोदी से मेरी बात हुई है। मैंने गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। आलाकमान ने इस्तीफा देने को कहा तो मैंने यह कदम उठाया। आगे विधानसभा चुनाव होने हैं, उसकी तैयारियों में लगूंगा। भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में पार्टी को मजबूत करता रहूंगा। यह भी पढ़ें: बिहार में नितिन गडकरी ने कोईलवर सिक्सलेन पुल का किया उद्धाटन, नीतीश कुमार को नहीं दिया निमंत्रण पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एक मुख्यमंत्री के रूप में मुझे त्रिपुरा की सेवा करने की जिम्मेदारी देने के लिए मैं केंद्रीय नेतृत्व और त्रिपुरा के लोगों को धन्यवाद देता हूं। मैंने तहे दिल से अपने राज्य की सेवा की है और हमेशा अपने राज्य की बेहतरी के लिए काम करता रहूंगा। त्रिपुरा निश्चित रूप से विकास की राह पर आगे बढ़ेगा। जय हिंद। उन्होंने माणिक साहा को विधायक दल के नेता के रूप में चुने जाने पर बधाई भी दी। बात करें माणिक साहा की तो उनका जन्म 8 जनवरी, 1953 में हुआ। राजनीति में आने से पहले डेंटल सर्जन रहे हैं और हापनिया के त्रिपुरा मेडिकल कॉलेज में पढ़ाते भी थे। पेशे से डेंटिस्ट रहे माणिक ने हायर स्टडी के लिए उत्तर प्रदेश और बिहार का रुख किया। उन्होंने बैचलर डिग्री पटना के गवर्नमेंट डेंटल कॉलेज से हासिल की। वहीं, डेंटल सर्जरी में मास्टर्स की पढ़ाई लखनऊ के किंगजॉर्ज मेडिकल कॉलेज से की। बता दें, माणिक साहा त्रिपुरा क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं। कभी कांग्रेस में रहे साहा 2016 में बिप्लब देब के जरिए भाजपा में शामिल हुए। अब वो त्रिपुरा के 11वें मुख्यंत्री बन गए हैं। यह भी पढ़ें: 11 साल के सोनू ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के सामने खोली पोल, कहा - 'हमको पढ़ना है सर! सरकारी स्कूल में पढ़ाई नहीं होती'
माणिक साहा होंगे त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री, बैठक में हुई धक्कामुक्की
अगरतला, 14 मई (भाषा) भाजपा ने आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए राज्यसभा सदस्य माणिक साहा को त्रिपुरा का नया मुख्यमंत्री बनाया है। वह बिप्लब कुमार देब की जगह लेंगे जिन्होंने शनिवार को पद से इस्तीफा दे दिया। देब के राज्यपाल एसएन आर्य को अपना इस्तीफा सौंपे जाने के तुरंत बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष साहा को मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर एक बैठक में विधायक दल का नेता चुना गया। देब ने बैठक में जैसे ही 69 वर्षीय साहा के नाम का प्रस्ताव रखा, मंत्री राम प्रसाद पॉल ने इसका विरोध किया जिससे विधायकों के बीच धक्कामुक्की
Manik Saha: माणिक साहा होंगे त्रिपुरा के नए सीएम, जानें इनके बारे में
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने त्रिपुरा (Tripura) के लिए नए सीएम माणिक साहा (Manik Saha) को चुना है।
Who is Manik Saha: कौन हैं माणिक साहा, जो बिप्लब देब की जगह बनेंगे त्रिपुरा के मुख्यमंत्री अमर उजाला Tripura Live: अगरतला में कल त्रिपुरा के CM पद की शपथ लेंगे माणिक साहा Aaj Tak आज विधायक दल की बैठक में चुना सकता है त्रिपुरा का नया CM | Biplab Deb resigns | Tripura News | Zee News Tripura News: त्रिपुरा के नए सीएम को लेकर हो रही है इस नाम की चर्चा ABP न्यूज़ त्रिपुरा के सीएम बिप्लब कुमार देब ने दिया इस्तीफा । Biplab Kumar Deb Resigns । Biplab Deb Resigns Amar Ujala Google समाचार पर पूरी खबर देखें
Breaking News: माणिक साहा होंगे त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री!
कल ही त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रिय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाक़ात की थी.
मैंने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है : बिपल्ब देब
अगरतला, 14 मई (भाषा) त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिपल्ब कुमार देब ने शनिवार को कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा राज्यपाल एसएन आर्या को सौंप दिया हैं। देब ने यह घोषणा यहां राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात के बाद की। त्रिपुरा में पार्टी के मामलों की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से चर्चा के लिए देब बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली गए थे। वहां पर कयास लगाए जा रहे थे कि त्रिपुरा की भाजपा इकाई में आपसी खींचतान चल रही है। सूत्रों ने बताया कि उम्मीद है कि उप मुख्यमंत्री जिष्णु देव वर्मा मुख्यमंत्री का प्रभार लेंगे।
Assam और Tripura में विरोधियों के हत्थे चढ़ा बुलडोजर
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भाजपा की नजर 2023 के विधानसभा चुनाव पर, त्रिपुरा इकाई में फेरबदल
अगरतला, 13 मई (भाषा) त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी और जुड़े प्रमुख संगठनों में फेरबदल की घोषणा की है। प्रदेश भाजपा ने इसकी जानकारी दी । वरिष्ठ आदिवासी नेता बिकास देबबर्मा को पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चे का अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने सांसद रेबती त्रिपुरा का स्थान लिया है। इसके साथ ही पार्टी ने रामपदा जमातिया को मोर्चा का पर्यवेक्षक बनाया है। पार्टी ने बताया कि प्रदेश इकाई ने 12 जिला पर्यवेक्षक और सह-पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए हैं। पार्टी ने
Tripura के आगर उद्योग के 'अच्छे दिन', लेकिन गुणवत्ता नियंत्रण आज भी हैं एक मुद्दा !
Tripura के आगर उद्योग के 'अच्छे दिन', लेकिन गुणवत्ता नियंत्रण आज भी हैं एक मुद्दा !
राजस्थान के प्रमुख मंदिरों से भगवान के दर्शन:मां त्रिपुरा सुंदरी को पहनाई केसरिया रंग की पोशाक
मां त्रिपुरा सुंदरी के दरबार में वैदिक ऋचाओ की गूंज
सीमा सुरक्षा बल ने त्रिपुरा में मादक पदार्थों का भारी जखीरा जब्त किया
नई दिल्ली : अधिकारियों ने मंगलवार को दावा किया कि सतर्क सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने त्रिपुरा के सेपाहिजाला इलाके में एक करोड़ रुपये से अधिक के मादक पदार्थ जब्त किए। सोमवार को वसूली पूरी हो गई। बीएसएफ अधिकारियों के अनुसार, बल ने क्षेत्र को घेर लिया और विशिष्ट सूचना मिलने के बाद तलाशी अभियान शुरू किया, और मिट्टी में छिपे एक बड़े ड्रम के निशान पाए। साइट पर खुदाई के दौरान सूखे गांजा से भरे तेरह प्लास्टिक ड्रम पाए गए। त्रिपुरा पुलिस भी बरामदगी के मौके पर मौजूद थी और त्रिपुरा के सेपाहिजाला जिले के रंगमती गांव में एक घर के परिसर में 21,95,000 रुपये मूल्य का 474 किलोग्राम गांजा बरामद किया।इसके अलावा, बीएसएफ और त्रिपुरा पुलिस ने 80,00,000 रुपये मूल्य की 16,000 याबा गोलियां, 82,950 रुपये मूल्य की एसकुफ सिरप की 439 बोतलें बरामद कीं, और 78,000 रुपये की कीमत के ब्राउन शुगर के 2.6 ग्राम। 1 मई को, बल ने सालपोकर बॉर्डर आउट पोस्ट के जिम्मेदारी क्षेत्र में 28,50,000 रुपये मूल्य की 5,700 याबा गोलियां बरामद कीं।पुलिस के अनुसार, पिछले दो दिनों में जब्त किए गए मादक पदार्थों की कुल मात्रा 1,32,05,950 रुपये थी। उन्होंने यह भी कहा कि जब्त किए गए सामान को कानून के अनुसार कार्रवाई के लिए उचित एजेंसियों को सौंपा जा रहा है। मंदिर में दी जा रही थी पशुओं की बलि, अचानक पहुंचे हिंदू धर्म के लोग, और फिर... नवाब मलिक की हालत गंभीर, अस्पताल में हुए भर्ती बिहार में 'कूकर' से कर डाली इंजीनियर की हत्या, ईद मनाने विदेश से आया था घर
Sarkari Naukri TRB Tripura Recruitment 2022: उम्मीदवार आवेदन करने से पहले दिए गए इन सभी आवश्यक बातों को ध्यान से अवश्य पढ़ें. साथ ही इस भर्ती प्रक्रिया के तहत उम्मीदवार शिक्षक भर्ती बोर्ड (TRB) में नौकरी (Government Jobs) हासिल कर सकते हैं.
TJEE 2022 admit card: त्रिपुरा बोर्ड ने जारी किया TJEE 2022 परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड
TJEE 2022 admit card released: TJEE परीक्षा बुधवार, 27 अप्रैल को आयोजित की जाएगी. उत्तर कुंजी 29 अप्रैल, 2022 को उपलब्ध कराई जाएगी.
TRB Tripura Recruitment 2022: इस तारीख से स्पेशल एजुकेटर के पद के लिए कर सकते हैं आवेदन
TRB Tripura Recruitment 2022: शिक्षक भर्ती बोर्ड (TRB), त्रिपुरा ने माध्यमिक निदेशालय, शिक्षा (स्कूल), विभाग, त्रिपुरा सरकार के तहत स्पेशल एजुकेटर के पद पर भर्ती के लिए एक नोटिफिकेशन जारी की है। इच्
दुर्गाष्टमी : त्रिपुरा सुंदरी के दरबार में पहुंचे हजारों दर्शनार्थी , देखें वीडियो
Mob Lynching: त्रिपुरा में गो-तस्करी के आरोप में पीट-पीट कर मार डाला, दो गिरफ़्तार
गो हत्या के आरोप या सिर्फ शक के आधार पर पीट पीट कर हत्या किेए जाने यानी मॉब लिंचिंग की घटनाएं देश में पहले भी कई बार हो चुकी हैं। ताज़ा घटनाक्रम में त्रिपुरा के सिपाहीजाला ज़िले में गाय चुराने के शक में लिटन मियां की पीट पीट कर हत्या कर दी गई है। पुलिस ने इस मामले की पुष्टि की है और दो लोगों को गिरफ़्तार किया है।
SUPERSTATIOUS BELIEF OF INDIGENOUS PEOPLE AND ENVIRONMENT PROTECTION INDIA
Author: Anjali Dixti Assistant Professor, Faculty of Juridical Sciences, Rama University, Kanpur anjalidixitlexamicus@gmail.com INTRODUCTION T he indigenous and ethnic people of the world have learnt to live in most hostile environmental condition in this universe. The most interesting feature associated with these indigenous and ethnic has been found that, they live in localities which are immensely rich in biodiversity. These ethnic and indigenous people have played a vital role in conservation of environmental management and development process as they posse’s traditional knowledge which has been useful in Eco-restoration. It has been noticed that these people know how to live with harmony in nature. In India, 68 million people belonging to 227 ethnic group and comprising of 573 tribal communities derived from six racial stocks namely - Negroid, Proto- Australoid, Mongoloid, Mediterranean, West Breachy and Nordic exists in different part of the country. These ethnic people mostly the indigenous tribals live close in the vicinity of forests and have managed and conserved the biodiversity of their localities since long time. These tribals take shelter from forest and utilize wild edible plants both raw and cooked. The flower and fruits are generally eaten raw where as tubers, leaves and seeds are cooked. Tribals utilize forest produce, forest timber and fuelwood. These tribals are living in forest since ages and have developed a kind of affinity with forests. India is a country with large ethnic society and has immense wealth due to which it is rich in biodiversity. PLANTS ARE CONSERVED IN NATURAL HABITAT AND IS BEING WORSHIPPED BY TRIBALS AS HOME OF GOD AND GODDESS. Many plants are conserved in their natural habitat by tribals due to magico - religious belief that they are habitat of god and goddess. Plants and flowers have a profound influence on them. Tribals worship trees and flowers as they believe that God and Goddesses reside in them. LIST OF PLANTS WORSHIPED AND CONSERVED BY TRIBALS ON ACCOUNT OF MAGICO - RELIGIOUS BELIEF. SNo Local Name Vernacular Name Scientific Name Name of God and Godess residing in plants 1 Aam Amra Mangifera indica Linn. Lord Vidhyadhara 2 Arjun Arjun Terminalia arjuna W &A Lord Brahma 3 Bijapura Nibu Citrus medica Linn Lord Brahaspati 4 Bilva Bel Aegle marmelos Corr Lord Shiva 5 Nimba Name Azadirachta indica A. Juss. Serpent King 6 Basil Tulsi Ocium santum L Goddess Lakshmi 7 Baka Agasti Sesbania grandiflora (Linn) pers Lord Narayan 8 Karavira Kerabi Nerium indicum Mill Lord Ganesh 9 Nilapadma Kamal Nelumbi nucifera Gaertn Godess Ambika 10. Sweta padma Madar Calotropis gigantean (L) R.Br Lord Shiva CROP PLANTS CONSERVED BY TRIBALS AS SOURCE OF FOOD The ethnic and indigenous people have conserved several plants and endangered cultivars of agricultural crops such as rice, maize, millets, grains, legumes, fruits and vegetables which have originated under diverse agro-ecological climates in north -east, central and peninsular region of India, the indigenous communities have their abode, e.g. some of these indigenous cultivars of rice such as Pattambi, Champara, Valsana are conserved by Kurichya, Pariyar, Khasi, Jatin and Garo tribes in North East region - Manipur, Meghalya, Assam and 150 wild cultivars of rice which are conserved by Santhal, Munda, Birhor and Gond tribes of Madhya Pradesh, Chhatisgarh, Orissa, Jharkhand and Bihar. These cultivars are genetically superior than existing cultivated rice varieties in characters like aroma, grain quality, protein content, digestibility and also found resistance to insects, pests and diseases. DIVERSITY OF PLANTS CONSERVED BY TRIBALS AS WILD FRUITS, SEEDS, BULB, ROOTS AND TUBERS FOR EDIBLE PURPOSE - The ethnic and indigenous people have to depend upon several wild species for fruits, seeds, bulbs, roots and tubers which are used for edible purposes. LEGAL PROTECTION OF INDIGENOUS PEOPLE IN INDIA With the statement “all Indian People are Indigenous” the government chose to not recognize the concept of Indigenous people but in 2007 voted in favor of the UN Declaration on The Rights of Indigenous People (UNDRIP) and signed the ILO convention 107. As per Part IV of the Indian Constitution which, the State is obligatory to put into force the International Treaties Indian Government has signed, the Directive Principle of State Policy also includes taking special care in promoting the educational and economic interest of weaker section specially the Scheduled Tribes and Scheduled Castes. The Indian Constitution also provides for special Land rights and self governance applicable in high density Indigenous people area. The Part III which enshrines the soul of Constitution i.e. The Fundamental Rights provided for the Right to Equality and equal protection before law with no discrimination on the basis of caste, sex, religion, race, place of birth etc. it also provides for making special provisions for the advancement of any socially or educationally backward class which includes Scheduled Tribes and to abolish Untouchability. India has signed various International treaties on various subject matter which have rights of Indigenous people at stake, still every time a law is made or a committee is set up the end result and its implementation is like a blue moon, which can be seen rarely. Some examples to put in perspective are the scheduled castes and scheduled tribes (prevention of atrocities) act, 1989 now amended lacks to safeguard the people and still the crime against SC, STs are on the rise year by year. India has been drafting the National Forest Policy since 2018 when the Indigenous People protests were on the rise but there is no government backing and again the Tribal are neglected, as for now the 1988 version of the policy is in place which is very basic and talks about conversion not strict actions. A positive step which was taken by one of the seven north east states who are densely populated with Indigenous people was approving the “Assam Land Policy- 2019” under which addressed various issues confronted by the Tribes and was based upon a committee which was set up to do so also under the policy there was no concrete definition written for Indigenous People but were said to be identified , but again the National Registrar of Citizen (NRC) supposedly not include 100,000 tribals who were the original inhabitants of Assam. Under the Forest Rights Act no member belonging to the tribes who are considered to be forest dwellers are to be evicted from land until all the necessary procedure and verification is complete but again this is in pen and paper and Tribes even after getting rights or have application pending are always under threat as to when they will be thieved of their land as big organizations come in and get necessary permit to start working which they have no authority to stop. Rights Available TO INDIGENOUS PEOPLE IN INDIA AS PER LAW Article 23 prohibits the system of bonded labor. Article 24 prohibits employment of children below the age of 14 years in factories and hazardous places. Article 29 provides for communities the right to safeguard their distinct language, script and culture, even if it’s a minority community. Article 46 provides for promotion of weaker section of society by promoting educational economic interest, especially uplifting Scheduled Tribes and Scheduled Castes. Article 164(1) gives states the authority to establish special ministry for scheduled tribes and scheduled castes. Article 243, 330 and 334 tells us the guidelines for reservation of seats for Schedule Tribes and Schedule Caste in House of People and Panchayats. Article 244 deals with administration of Tribal Areas. Article 244-A empowers the parliament to form an autonomous state comprising of tribal areas in Assam, also gives the authority to create local legislature or council of ministers. But the administration would be according to sixth schedule and autonomy in making of districts and regions. Article 275 empowers the parliament to make grants and provide it to state for the welfare and upliftment of Scheduled Tribes and to better the administration of Scheduled Castes. The Fifth and Sixth schedule gives the provision relating to administration and control of the scheduled and tribal area in all states except Assam, Tripura and Mizoram which are contained in Fifth schedule. Various Acts in Place The Untouchability (Offences) Act, 1995 prescribes for the punishment of practice of untochability and any disability arising thereof. The Scheduled Tribes and Scheduled Castes (Prevention of Atrocities) Act, 1985 protects the tribal people from various discrimination faced from influential of the society and to also eradicate thee inhumane torture to Indigenous people. The Scheduled Tribes Bonded Labor Abolition Act, 1976 to protect tribal people from exploitation by the boss as they provide minimum to no wage to the schedule tribes for all the hard work they do. The Forest Conservation Act, 1980 provides that the use of forest land for industrial purpose is prohibitory if tribal are already inhibited and have the authority on the land as forest is home to Indigenous people. CONCLUSION There is a urgent need to explore valuable germplasm through periodical survey and evaluate the floral diversity which has been conserved in the local eco -system. The ecological imbalances caused in several years needs to be restored by conserving biological diversity by adopting in-situ conservation of genetic resources within their eco-system and ex-situ conservation of genetic material can be made in seed bank, botanical garden herbal garden, arborateum and conservation of ex-plants or organs in in-vitro as cryo-bank, genomic DNA, DNA library and DNA bank. Ethnobiologist thus has to salvage the valuable legacies before tribals culturedisappear and gives birth to another culture. India in the present scenario is rich in biodiversity.The indigenous people have helped in conservation of bio-diversity. However, efforts for conservation have to be made in both vertical as well as hortizontal direction due to rapid industrial revolution. Conservation of diversity, sustainable manaement, propogation of such valued flora and their in-situ as well as ex-situ conservation are the need of this century. Therefore various disciplines like Genetics, Pollen biology, Tree Breeding, Ecology, Botany, Physiology, Eco - restoration, Taxonomy, Ethno -botany, Taxonomy, Phyto chemistry, Biometrics, Bio-stat should work at one platform and linkages have to be established. In sacred forests as well as in localities dominated by ethnic people needs to be surved for identification of plants associated with various ethno-botanical uses followed by phytochemical studies. Awarenes campaigns and training programmes are to be organized in tribal localities for eco -restoration and conserving floras. REFERENCES [1] ‘Indigenous World 2020: India’ accessed 10 Jan, 2022 [2] ‘Indigenous People, Indigenous Voices’ accessed 10 Jan, 2022 [3]‘The Rights of Indigenous Peoples’ accessed accessed 10 Jan, 2022 [4] ‘Observations on the State of Indigenous Human Rights in India’ accessed 10 Jan, 2022 [5] ‘Indigenous people in India and the web of indifference’ accessed 10 Jan, 2022 [6] ‘Indigenous People at United Nations’ accessed 15 Jan, 2022 [7] ‘India’s support for UN Declaration on the Rights of Indigenous Peoples’ accessed 16 Jan, 2022 [8] ‘The Role of ethnic and Indigenous people of India and their culture in the conservation of biodiversity’ accessed 16 Jan, 2022 [9] ‘Rights of Indigenous People’ accessed 16 Jan, 2022 [10] ‘Indigenous Peoples in India’ accessed 16 Jan, 2022
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