ट्रैवल पोर्टल मेक माई ट्रिप ने अगस्त माह में घूमने के लिए देश के बेस्ट 28 शहरों की सूची जारी की है। इसमें उदयपुर को 7वां स्थान मिला है। उदयपुर सहित राजस्थान से 4 शहर इस सूची में शामिल हुए हैं — जोधपुर 8वें, माउंट आबू 26वें और जयपुर 27वें स्थान पर हैं। टॉप-5 में दक्षिण भारत के शहरों का दबदबा है। पहले स्थान पर पांडिचेरी, दूसरे पर गोवा और तीसरे पर तमिलनाडु का महाबलीपुरम है। सूची में सबसे ज्यादा महाराष्ट्र के 5 शहर शामिल हैं। करीब तीन साल पहले पर्यटन विभाग ने उदयपुर सहित प्रदेश के अन्य शहरों को मानसून डेस्टिनेशन के रूप में प्रमोट करने के लिए मार्केटिंग शुरू की थी। अब उदयपुर और राजस्थान के अन्य पर्यटन स्थल मानसून में घूमने के लिए भी डेस्टिनेशन के रूप में उभरे हैं। इससे पहले राजस्थान को मुख्य रूप से विंटर डेस्टिनेशन के रूप में जाना जाता था। उदयपुर की तारीफ में लिखा गया — विरासत और संस्कृति लुभाती है पोर्टल ने उदयपुर के बारे में लिखा है कि अरावली पहाड़ियों की खूबसूरत पृष्ठभूमि और पिछोला झील के किनारे बसा यह शहर अपनी प्राचीन विरासत और संस्कृति से पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां के आलीशान महल, मंदिर और जगमगाती झीलें यात्रा को कई गुना सुंदर बना देती हैं।मानसून सीजन के दौरान अगस्त माह में उदयपुर की अधिकतर झीलें और जलस्त्रोत लबालब हो जाते हैं, जिससे शहर की सुंदरता और भी निखर जाती है। टॉप 28 शहरों की सूची 1. पांडिचेरी 2. गोवा 3. महाबलीपुरम, तमिलनाडु 4. अलेप्पी, केरल 5. वर्कला, केरल 6. कर्जत, महाराष्ट्र 7. उदयपुर, राजस्थान 8. जोधपुर, राजस्थान 9. महाबलेश्वर, महाराष्ट्र 10. केदारनाथ, उत्तराखंड 11. पहलगाम, जम्मू-कश्मीर 12. गुलमर्ग, जम्मू-कश्मीर 13. लोनावला, महाराष्ट्र 14. कूर्ग, कर्नाटक 15. ऊटी, तमिलनाडु 16. कोडैकनाल, तमिलनाडु17. मुन्नार, केरल 18. पंचगनी, महाराष्ट्र 19. माथेरान, महाराष्ट्र 20. नैनीताल, उत्तराखंड 21. दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल 22. चेरापूंजी, मेघालय 23. शिलॉंग, मेघालय 24. गंगटोक, सिक्किम 25. शिमला, हिमाचल प्रदेश 26. माउंट आबू, राजस्थान 27. जयपुर, राजस्थान 28. वाराणसी, उत्तर प्रदेश
आपसी सपोर्ट से बढ़ रहे पौधे:9-9 फीट पर फलदार पौधे लगाए, बीच में फसल
खंडवा के पुनासा में किसान दिनेश बाहेती कॉलोनियों के बीच स्थित जमीन में जैविक खेती कर रहे हैं। उन्होंने यहां पौधे इस तरह लगाए हैं कि अपने-आप बढ़ सकें। इसके लिए 9-9 फीट की दूरी पर अलग-अलग फलों के पौधे लगाए। इनसे गिरने वाली पत्तियों से पास में लगे अन्य पौधों को खाद मिलती है, जो उनके लिए पोषण का काम करती है। यानी फलदार पौधे और बीच में लगे पौधे एक-दूसरे के सपोर्ट से बढ़ रहे हैं। खेत में आम, नींबू, संतरा, सीताफल, कटहल, सुरजाना फली के पौधे लगाए गए हैं। किसान बाहेती ने बताया- खेत में ही गोबर से कंपोस्ड खाद तैयार करता हूं। उसे छानकर खेत में देता हूं। साथ ही गोमूत्र, गुड़, बेसन आदि का घोल तैयार कर 10-12 दिन तक रखता हूं। इसके बाद गड्ढे में एकत्र किए गोबर में लकड़ी से होल करके उसमें घोल डालता हूं। इस तरह अच्छी जैविक खाद तैयार हो जाती है। खेत में इसी तरह की खाद का उपयोग कर रहा हूं। खेत में पहली कतार में 9-9 फीट की दूरी पर नींबू, दूसरी कतार में 9-9 फीट की दूरी पर जामफल, इसी तरह अन्य कतारों में संतरा, सीताफल, आम आदि के पौधे लगाए हैं। इसी तरह सुरजना और कटहल के पौधे भी 9-9 फीट की दूरी पर लगाए हैं। खेत या पौधों पर कीटनाशी नहीं छिड़कता बल्कि फसलों को बीमारी से बचाने के लिए कड़वा स्प्रे छिड़कता हूं। इसके लिए धतूरा, सुरजना की फली, नीम की पत्ती उबालकर टंकी में रखता और इस कड़वे स्प्रे को फसल पर छिड़कता हूं। पूरी तरह प्राकृतिक रूप से की जा रही खेती में फलों के पौधों के बीच बीच-बीच में गेहूं, हल्दी और अदरक की फसल लेता हूं। संतरे के पौधों से निकलने वाली खुशबू और उनके फूल मधुमक्खियों को आकर्षित करते हैं, जिससे परागण बेहतर होता है। चीकू के पेड़ मिट्टी के क्षरण को रोकते और जल संरक्षण में सहायक होते हैं। सीताफल के पेड़ भूमि की उर्वरता बढ़ाते, नींबू के पेड़ कीटों से बचाते हैं। बाहेती ने बताया- पारंपरिक तरीकों और नवाचारों के जरिए खेती तो हो ही रही है, आसपास की कॉलोनियों के लिए यह खेत ऑक्सीजन पॉकेट का काम कर रहा है। हरियाली और शुद्ध हवा से लोगों की सेहत को फायदा भी होगा।
राजस्थान हाईकोर्ट ने पशु परिचर (एनिमल अटेंडेंट) भर्ती के रिजल्ट को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। इस याचिका में कुछ अभ्यर्थियों ने शिकायत की थी कि राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड द्वारा अपनाया गया भर्ती में नंबरों को बराबर करने (स्केलिंग) का तरीका गलत है। इसी पर सुनवाई के बाद जस्टिस रेखा बोराणा की कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भर्तियों की प्रक्रिया, जिसमें विशेषज्ञों द्वारा चुनें गए मानकों का पालन किया गया, उसमें न्यायालय को हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं दिखा। कोर्ट ने इससे जुड़े सभी स्टे व अन्य लंबित आवेदनों को भी खारिज कर दिया गया। दरअसल, नितेश पाटीदार (डूंगरपुर), महेश कुमार (डीडवाना-कुचामन), हिमांशु सुथार (डूंगरपुर), राकेश रुले (चूरू) , अंकित कुमार (श्रीगंगानगर), अशोक जाट (चित्तौड़गढ़), सुखलाल उपाध्याय (चूरू), राकेश रिंवा (नागौर), मानाराम (बाड़मेर), दिलीपसिंह (सिरोही), अल्ताफ कुरैशी (नागौर), मंजू बाला (गंगानगर), विपुल कुमार (बांसवाड़ा), सचिन गनोलिया (चूरू) और कृष्णपाल सिंह (पाली) की ओर से स्केलिंग फॉमूले को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। इन याचिकाकर्ताओं का कहना था कि 3 अप्रैल को आए एनिमल अटेंडेंट भर्ती रिजल्ट में स्केलिंग फॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया है। जबकि 6 अक्टूबर, 2023 के विज्ञापन में सिर्फ नेगेटिव मार्किंग की बात कही गई थी। विज्ञापन में यह साफ लिखा था कि हर सही जवाब के लिए एक नंबर मिलेगा और हर गलत जवाब के लिए 1/4 नंबर कटेगा। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि विज्ञापन में कहीं भी स्केलिंग, नॉर्मलाइजेशन या रेशनलाइजेशन जैसी किसी भी तरीके का जिक्र नहीं था। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि स्केलिंग के बाद भी उम्मीदवारों के 'रॉ मार्क्स' (बिना स्केलिंग के मिले नंबर) घोषित नहीं किए गए और न ही रिजल्ट के साथ अलग-अलग कैटेगरी के लिए कट-ऑफ मार्क्स बताए गए। बोर्ड ने कहा – 17 लाख आवेदकों की एक दिन-एक पारी में परीक्षा कैसे संभव होती राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड (RSMSSB) की ओर से एडवोकेट मनीष पटेल ने कोर्ट में बताया गया कि इस भर्ती के लिए 17 लाख से ज़्यादा आवेदन आए थे। इतने सारे उम्मीदवारों की परीक्षा एक ही दिन या एक ही शिफ्ट में कराना संभव नहीं था, इसलिए परीक्षा कई शिफ्टों में आयोजित करनी पड़ी। बोर्ड ने कहा कि जब यह तय हो गया कि परीक्षा कई शिफ्टों में होगी, तो यह भी समझ आ गया कि सभी उम्मीदवारों के बीच बराबरी बनाए रखने के लिए नॉर्मलाइजेशन/स्केलिंग तरीका अपनाना ज़रूरी होगा। इसी वजह से 5 जून, 2024 को एक सर्कुलर जारी करके यह बताया गया कि परीक्षा अलग-अलग शिफ्टों में होगी और इस भर्ती में नॉर्मलाइजेशन का तरीका अपनाया जाएगा। इस सर्कुलर को मूल विज्ञापन का ही हिस्सा माना गया। असफल उम्मीदवारों के रॉ मार्क्स घोषित 'रॉ मार्क्स' घोषित न करने के बारे में बोर्ड ने माना कि पहली सुनवाई के दौरान यह मुद्दा उठाए जाने के बाद, राजस्थान अधीनस्थ एवं मंत्रालयिक सेवा चयन बोर्ड (RSMSSB) ने असफल उम्मीदवारों के 'रॉ मार्क्स' घोषित कर दिए हैं। एक्सपर्ट कमेटी के सुझाव से स्केलिंग फॉमूले तय एडवोकेट पटेल ने स्केलिंग फॉर्मूले के बारे में बताया गया कि इसे एक एक्सपर्ट कमेटी ने सुझाया था, जिसे इसी काम के लिए बनाया गया था। समिति ने सभी छह शिफ्टों के प्रश्नपत्रों की अच्छी तरह से जांच की, उनकी कठिनाई के स्तर को समझा और फिर एक खास फॉर्मूला सुझाया ताकि अलग-अलग शिफ्टों में परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों के बीच बराबरी बनी रहे। पहले बताया, तब आपत्ति नहीं की, रिजल्ट के बाद क्यों? सरकार की ओर से AG राजेंद्र प्रसाद व AAG आई. आर. चौधरी ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने यह आरोप नहीं लगाया है कि बोर्ड ने बेईमानी की या स्केलिंग फॉर्मूला लगाते समय कोई मनमाना या गलत फॉर्मूला इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी कहा कि उम्मीदवारों को पहले ही बता दिया गया था कि नॉर्मलाइजेशन होगा, और अब जब रिजल्ट आ गया है, तो उम्मीदवार इसे चुनौती नहीं दे सकते क्योंकि उन्होंने उस समय कोई आपत्ति नहीं उठाई थी। कोर्ट ने क्या कहा? इस मामले में जस्टिस रेखा बोराणा की कोर्ट ने पाया कि यह बात साफ थी कि लिखित परीक्षा अलग-अलग शिफ्टों में होगी और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। यह बात 5 जून, 2024 के सर्कुलर में बता दी गई थी। इसका मतलब है कि सभी उम्मीदवारों को उस समय इसकी जानकारी थी। किसी ने भी उस समय इस शर्त या प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाया। कोर्ट ने दोहराया कि कानून के हिसाब से, कोई भी उम्मीदवार जो भर्ती प्रक्रिया में शामिल होता है, वह बाद में, असफल घोषित होने के बाद, विज्ञापन की किसी भी शर्त को चुनौती नहीं दे सकता। इस बारे में, कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के 'तजवीर सिंह सोढ़ी और अन्य बनाम जम्मू और कश्मीर राज्य और अन्य' (2023) 17 SCC 147 के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि उम्मीदवार, जो बिना किसी आपत्ति के चयन प्रक्रिया में शामिल हुए थे, वे असफल घोषित होने के बाद उसे चुनौती नहीं दे सकते। कोर्ट ने यह भी माना कि 17 लाख से ज़्यादा उम्मीदवारों की परीक्षा एक ही दिन या एक ही शिफ्ट में कराना असंभव था। इसलिए, परीक्षा को अलग-अलग शिफ्टों में कराने का बोर्ड का फैसला बिल्कुल सही था। कोर्ट ने यह भी कहा कि जब कोई परीक्षा अलग-अलग शिफ्टों में होती है, तो नॉर्मलाइजेशन/स्केलिंग/रेशनलाइजेशन प्रक्रिया को अपनाना ही सभी उम्मीदवारों के बीच बराबरी बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में भी ऐसा ही किया गया है, जो गलत नहीं है।
महंगी शिक्षा का बोझ झेल रहे श्रमिक परिवारों के बच्चों के लिए शिक्षिका सुनीता डोसी ने 8 साल पहले जो पाठशाला शुरू की थी, वह आज एक संगठित शिक्षण संस्था बन चुकी है। सुनीता डोसी ने साल 2017 में एक सुबह घर के सामने से एक बच्चे को इसलिए रोते हुए जाते देखा था, क्योंकि फीस जमा नहीं करने पर उसे स्कूल से निकाल दिया गया था। इस घटना ने शिक्षिका सुनीता की जिंदगी ही बदल दी और उन्होंने पति दिनेश डोसी से चर्चा के बाद नवलखा, जानकी नगर और आसपास के श्रमिक परिवारों के सैकड़ों बच्चों को पढ़ाने के िलए दुर्गा नगर स्थित अपने घर के एक हिस्से को ही स्कूल में तब्दील कर दिया, जिसको नाम दिया - सुनीति शिक्षण एवं सेवा संस्था। बच्चे सुनीता चाची बुलाते हैं, 6 अन्य शिक्षक भी पढ़ाते हैं सुनीता ने 8 साल पहले एक जरूरतमंद बच्चे को नि:शुल्क पढ़ाने से शुरूआत की, लेकिन आज बच्चों की संख्या बढ़कर 120 तक पहुंच गई। ये बच्चे कक्षा पहली से 10वीं तक के हैं, जो शहर के विभिन्न सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ रहे हैं। इनकी कोचिंग का जिम्मा सुनीता ने ले रखा है। बच्चे उन्हें सुनीता चाची पुकारते हैं। वर्तमान में सुनीता के साथ 6 शिक्षक भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जिन्हें वे निजी तौर पर मानदेय दे रही हैं। बच्चों के लिए दोपहर का भोजन भी दिया जाता है। इसके अलावा स्कूल फीस, किताब, बस्ते और यूनिफार्म से लेकर बच्चों के परिजनों के लिए भी दवाई और राशन आदि की मदद दी जाती है। स्कूल का न तो किसी सरकारी संस्थान से कोई संबंध है और न ही किसी से कोई आर्थिक मदद ली जाती है। शिक्षक, नर्स, तकनीशियन बने बच्चे... अब तक 200 से अधिक विद्यार्थी यहां से पढ़ने के बाद बाद शिक्षक, नर्स बने या टेक्नालॉजी के क्षेत्र में सेवाएं दे रहे हैं। पिछले सत्र में इस संस्थान के 16 बच्चों ने 90 से 98%, 8 बच्चों ने 80 से 90% और 14 बच्चों ने 70% अंक प्राप्त किए।
कर्ज प्रबंधन:नई वित्तीय योजनाओं पर एक्सपर्ट करेंगे रिस्क असेसमेंट
वित्त विभाग द्वारा हाल ही में एक निजी फर्म को सरकार के वित्तीय कामकाज में मदद के लिए नियुक्त किया गया है। यह फर्म न केवल बजट की प्रक्रिया और पीपीपी प्रोजेक्ट में सेवाएं देगी बल्कि सरकार को कर्ज प्रबंधन में मदद देगी। विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार ने फर्म से अनुबंध की जानकारी साझा की। अनुबंध के मुताबिक फर्म (केपीएमजी) वित्त सहित सभी सरकारी विभागों को नए वित्तीय योजनाओं के संबंध में रिस्क असेसमेंट करके जानकारी देगी और बेहतर वित्तीय परिणाम के लिए सुझाव भी देगी। मार्केट लोन के अलावा वित्तीय संसाधनों के विकल्प जैसे म्युनिसिपल बांड, इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इंवीट), रियल एस्टेट इंफ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट के बारे में बताएगी। 3 साल के लिए फर्म नियुक्त टीम लीडर के अलावा फर्म में इंफ्रा फाइनेंस, पीपीपी प्रोजेक्ट, इंफ्रा प्रोजेक्ट, डाटा एनालिटिक्स के दो कंसलटेंट होंगे। सभी का कार्यकाल 3 साल होगा। ये एक्सपर्ट मुख्य रूप से वित्तीय आंकड़ों की रिसर्च, आकलन, नीतियों की समीक्षा, ईएपी प्रोजेक्ट के बारे में सलाह, वित्तीय पूर्वानुमान, सांख्यिकी आंकड़ों पर शोध करेगी।
हरियाणवी सिंगर मासूम शर्मा पर चंडीगढ़ में एफआईआर दर्ज होने के बाद वह कैमरे के सामने आए हैं। मासूम शर्मा ने कहा कि लाइव शो में उन्होंने कोई बैन गाना नहीं गया था। उस समय तक उनके सात गाने ही बैन हुए थे, जिनमें चंबल के डाकू गाना शामिल नहीं था। चंबल के डाकू गाना 20 दिन पहले ही बैन हुआ है जबकि लाइव शो 30 मार्च को था। मासूम शर्मा ने कहा कि 30 जुलाई को ही उन्हें पता चला कि चंडीगढ़ में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है, क्योंकि उस शो में उसने चंबल के डाकू गाना गाया था। मासूम शर्मा ने कहा कि एबीवीपी का कार्यक्रम था, इसमें उसे कार्यकर्ताओं ने आमंत्रित किया था। उस समय प्रशासन ने शर्त रखी थी कि वह कोई भी बैन गाना नहीं गाएगा। उस समय तक उसके केवल सात गाने ही बैन हुए थे। उसने कोई बैन गाना उस शो में नहीं गाया था। शो में चंबल के डाकू गाना गया था लेकिन यह गाना 11 जुलाई के आसपास बैन हुआ है। इसके बाद उन पर एफआईआर दर्ज हुई है। मासूम शर्मा बोले-प्रदेश में क्राइम बढ़ामासूम शर्मा ने कहा कि अब तो मेरे ज्यादातर गाने बैन हो चुके हैं, मेरी ख्याल से अब क्राइम पर लगाम लगनी चाहिए लेकिन प्रदेश में क्राइम बढ़ा है। मासूम ने कहा कि मेरे गाने तो मध्य प्रदेश और यूपी में भी सुने जा रहे हैं, वहां तो इतना क्राइम रेट नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार अगर गाने बैन कर रही है तो सही है लेकिन उनका एक सवाल है कि सरकार ऐसा कर रही है तो फिर हरियाणा ही क्यों और हरियाणा में कुछ चुनिंदा कलाकार ही क्यों। गाने बैन करने है तो कानून लेकर आए। हरियाणवी इंडस्ट्री बड़े स्केल पर डेवलप हुई है, इस तरीके से दबाना उचित नहीं है। अगर ये गाने बंद कर दिए तो युवा फिर से 15 साल पहले की तरफ पंजाबी गाने सुनने लग जाएंगे। गाने बैन को लेकर वह सरकार को ब्लेम नहीं कर रहे हैं, वह ब्लेम ऐसे लोगों को कर रहे हैं, जो सरकार में गलत गाइड कर रहे हैं। मासूम बोले- लाइव शो में गाते रहेंगे बैन गानेमासूम शर्मा ने ये भी कहा कि कानून की नजर में अभी उसके गाने बैन नहीं हैं। इन्हें केवल यूट्यूब पर बैन किया गया है। अगर कहीं भी लाइव शो होता है और पब्लिक की डिमांड आती है तो वह बैन गाने गाते रहेंगे। पब्लिक जो सुनना चाहेगी, वही गाएंगे। देश में कहीं पर भी कार्यक्रम होगा तो वह बैन गाने परफॉर्म करते रहेंगे। मासूम शर्मा ने कहा कि जो लोग सुनना चाहते हैं, वही सुना रहे हैं। अगर इस तरह के गाने बंद होने चाहिए तो फिर पहले लोगों को बदलना होगा। उसने शिव तांडव गाया तो दो साल में भी उस पर पांच लाख व्यूज आए हैं जबकि जेल में खटोला, चंबल के डाकू जैसे गाने एक दिन में ही 10 लाख से ऊपर चले जाते हैं। इससे साफ है कि लोग यही सुनना चाह रहे हैं। रामायण देख कर घर क्यों नहीं जलाएमासूम शर्मा ने कहा कि गाने केवल मात्र मनोरंजन के लिए होते हैं। उनके गानों में वीर रस है लेकिन कुछ लोग इसे वायलेंस कर रहे हैं। आर्टिस्ट को हर तरह का काम करना पड़ता है। रोमांटिक और फॉक गाने भी गा रहे हैं। मासूम ने कहा कि रामायण में भी आग का तांडव होता है और लंका फूक दी जाती है तो फिर रामायण देख कर कोई घर फूंकने तो नहीं गया। 16 अगस्त से निकालेंगे वर्ल्ड टूर मासूम शर्मा ने कहा कि वह वर्ल्ड टूर निकालने जा रहे हैं। 16 अगस्त को उनका पहला शो थाईलैंड के पटाया में है। उसके बाद दुबई, आस्ट्रेलिया, कनाडा, इंग्लैंड और यूएस में लाइव शो होने हैं। भारत में भी मेरठ, जयपुर, चंडीगढ़, नोएडा, अहमदाबाद, लखनऊ, पूणे में शो करेंगे।
मानसून सत्र:आदिवासियों के वनाधिकार के दावों को खारिज करने का विरोध
स्थगन के बजाए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाएगी कांग्रेस विधानसभा के मानसून सत्र में सोमवार का दिन सबसे अहम होगा। राज्य सरकार भोपाल और इंदौर शहरों के चारों ओर मेट्रोपॉलिटन रीजन के गठन के लिए मप्र महानगर क्षेत्र नियोजन एवं विकास विधेयक 2025 पेश करेगी। इसके साथ ही 5 अन्य विधेयक भी सदन में पेश किए जाएंगे। प्रत्येक विधेयक पर चर्चा और पास करने के लिए 30 मिनट का वक्त तय किया गया है। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय मेट्रोपॉलिटन विधेयक पेश करेंगे। इस बिल में इंदौर और भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन की सीमाएं तय करने के साथ ही प्रदेश स्तर पर एक मेट्रोपॉलिटन रीजन अथॉरिटी के गठन का प्रावधान है। भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन मंडीदीप, रायसेन, औबेदुल्लागंज, सांची, विदिशा, सीहोर, आष्टा, नरसिंहगढ़, ब्यावरा शामिल होंगे। इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन इंदौर जिले के अलावा देवास, उज्जैन, बड़वाह, धार, सोनकच्छ समेत शाजापुर जिले का भी कुछ हिस्से शामिल होंगे। (सीहोर-देवास की सीमा पर जहां भोपाल मेट्रोपॉलिटन रीजन खत्म होगा, वहीं से इंदौर मेट्रोपॉलिटन रीजन की शुरुआत होगी।) ये 5 विधेयक कारखाना (मप्र संशोधन) विधेयक 2025, मप्र दुकान तथा स्थापना (संशोधन) विधेयक 2025, मप्र मोटरयान कराधान (संशोधन) विधेयक 2025, विधिक सहायता तथा विधिक सलाह (निसरन) विधेयक 2025, मप्र विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किए जाएंगे। आदिवासियों के वनाधिकार पट्टों पर ध्यानाकर्षण लाएगी कांग्रेस आदिवासी जिलों में वनाधिकार के दावेदारों के प्रकरण खारिज कर की जा रही बेदखली की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाएगी। विपक्ष ने इस मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया था, लेकिन विधानसभा की ओर से ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए चर्चा तय की है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और मनावर विधायक डॉ. हीरालाल अलावा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पेश करेंगे।
पंच गौरव कार्यक्रम:बाड़मेर के पंच गौरव: ईसबगोल, रोहिड़ा, कशीदाकारी, किराडू व बास्केटबॉल
भजनलाल सरकार ने बतौर नवाचार हर जिले में एक-एक उपज, वानस्पतिक प्रजाति, उत्पाद, पर्यटन स्थल एवं खेल पर फोकस करने के लिए पंच गौरव कार्यक्रम शुरू किया है। योजनाओं में प्रशासन ने बतौर उपज ईसबगोल, उत्पाद में कशीदाकारी, प्रजाति में रोहिड़ा, खेल में बास्केटबॉल व पर्यटन स्थल में विश्व विरासत किराड़ू को शामिल किया है। फिलहाल इनके लिए अलग से कोई बजट नहीं मिला है, लेकिन बढ़ावा देने के लिए सालाना 5 करोड़ का अतिरिक्त बजट दिया जाएगा। जिला प्रशासन ने पंच गौरव में ईसबगोल, रोहिड़ा, किराडू, कशीदाकारी व बॉस्केटबॉल को शामिल कर नाम सरकार को भेजे है। अतिरिक्त जिला कलेक्टर राजेंद्रसिंह चांदावत के अनुसार ईसबगोल के लिए कृषि विभाग, रोहिड़ा के लिए वन विभाग, कशीदाकारी के लिए उद्योग विभाग, किराड़ू के लिए पर्यटन विभाग व बास्केटबॉल के लिए खेल विभाग को नोडल एजेंसी बनाया। सभी साइट्स या प्रोडेक्ट के प्रमोशन के लिए एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म, ब्रोशर व बुकलेट्स आदि भी तैयार होंगे। जिले की पहचान, प्रचुरता, संभावनाएं, उपयोगिता व लोकप्रियता जैसे सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए पंच गौरव का चयन किया गया। ईसबगोल : 97200 मैट्रिक टन का उत्पादन जिले में होने वाली खेती में ईसबगोल ज्यादा है। जिले के 1 लाख 62 हजार हैक्टेयर में किसानों द्वारा ईसबगोल की पैदावार की जा रही है। जिले में 97,200 मैट्रिक टन ईसबगोल प्रति वर्ष उत्पादन है। क्या करेंगे- एग्रो प्रोसेसिंग व सब्सिडी योजनाओं के साथ जिले में ईसबगोल की पैदावार बढ़ाने का प्लान है। स्टेट प्लान के तहत ईसबगोल के प्रति जागरुक करने के लिए 16 हजार रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। किसानों को डेमोस्ट्रेशन किट भी दिए जा रहे हैं। ईसबगोल उत्पादन को लेकर किसानों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है। रोहिड़ा : थार के सागवान के नाम में प्रसिद्ध रेगिस्तान के सागवान के नाम से प्रसिद्ध रोहिड़ा को भी पंच गौरव में शामिल किया गया है। जिले के वन क्षेत्र व प्राकृतिक दर्शनीय स्थलों पर रोहिड़ा की उपलब्धता है। जंगलों में जहां रोहिड़ा कम हो रहा है तो निजी खेतों में रोहिड़े के काफी पेड़ लगे हैं। जिन्हें किसान संरक्षित और सुरक्षित रख रहे हैं। क्या करेंगे- वन विभाग हर साल पौधारोपण में रोहिड़ा की 20% तक बढ़ोतरी करेगा। इसके साथ ही रोहिड़ा की कटाई के लिए 30 से 40 हजार रुपए तक की पैनल्टी भी लगाने का प्रावधान लिया है। कशीदाकारी : 12 हजार लोगों को रोजगार कशीदाकारी के क्षेत्र में जिले को काफी पहचान मिली है। बाड़मेर जिले के धनाऊ, आटी, चौहटन, सेड़वा, आलमसर, इटादा, सावा, बुरहान का तला सहित कई क्षेत्रों में कशीदाकारी ने लोगों को रोजगार दिलाया है। कशीदाकारी में लगभग हर साल 6.60 करोड़ का निवेश कर 12 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिला है। क्या करेंगे- कशीदाकारी को सरकार की एक जिला एक उत्पादन नीति 2024 में जोड़ा गया था। जिसके कारण कशीदाकारी को ई-प्लेटफार्म पर उपलब्ध करवाया जाएगा। किराडू - ऐतिहासिक धरोहर के रूप में अलग पहचान व पर्यटन स्थल बाड़मेर की प्राचीन धरोहर किराड़ू खुद ऐतिहासिक विरासत के रूप में पहचानी जाती है। प्राचीन भवनों के साथ-साथ भारत वर्ष के मध्यकाल को किराड़ू के खंडहर परिभाषित कर रहा है। जिसे देखने के लिए हर साल कई सैलानी आते हैं। क्या करेंगे- किराड़ू के खंडहरों को संरक्षित करने के साथ साथ इसे टूरिस्ट प्वाइंट के रूप में विकसित करने का प्रावधान है। इसके साथ ही किराड़ू की क्षतिग्रस्त मूर्तियों को संरक्षित और सुरक्षित रखने के साथ-साथ आमजन को जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए हॉल निर्माण का प्रस्ताव लिया है। बास्केटबॉल - स्थानीय स्तर से निकले स्टेट व नेशनल लेवल के खिलाड़ी जिले के परंपरागत खेल बास्केटबॉल गांवों से लेकर शहरों तक काफी प्रचलित है। बाड़मेर के युवाओं का बास्केटबॉल के प्रति काफी रुझान नजर आ रहा है। बाड़मेर के युवा बास्केटबॉल में स्टेट और नेशनल में भी अपना परचम लहरा चुके हैं। क्या करेंगे : बास्केटबॉल खेल में आगे आ रही प्रतिभाओं के खेल को निखारने के लिए सीएसआर फंड से प्रत्येक स्कूलों में बास्केटबॉल कोर्ट का निर्माण करवाया जाएगा। जिन स्कूलों में बास्केटबॉल का कोट क्षतिग्रस्त है उसे सुचारु करवाया जाएगा। ताकि युवा बास्केटबॉल में अपना भविष्य बना सके।
सीएम ने कहा-:सिंहस्थ क्षेत्र के प्रभावित किसानों को स्पेशल पैकेज देगी मप्र सरकार
भाईदूज से लाड़ली बहनों के खातों में नियमित रूप से आएंगे 1500 मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को उज्जैन में कहा कि सिंहस्थ क्षेत्र में प्रभावित होने वाले किसानों को जमीन अधिग्रहण के बदले अधिक मुआवजा देने के लिए राज्य सरकार स्पेशल पैकेज देगी। सीएम ने उज्जैन के नानाखेड़ा स्टेडियम में आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जिस तरह विक्रम उद्योगपुरी के किसानों को स्पेशल पैकेज दिया है, वैसा ही पैकेज सिंहस्थ क्षेत्र के लिए भी दिया जाएगा। सीएम ने नानाखेड़ा स्टेडियम में 50 करोड़ की लागत से एस्ट्रो टर्फ, सिंथेटिक ट्रैक और पवेलियन बनाने की भी घोषणा की। सीएम वीसी के जरिए रविवार को भावनगर-अयोध्या, जबलपुर-रायपुर, रीवा-पुणे (हड़पसर) एक्सप्रेस ट्रेनों के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। सीएम ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेलवे का यह स्वर्णिम काल चल रहा है। 155 करोड़ से 8 पुल और दो सड़कों का होगा निर्माण मोहन यादव ने रविवार को उज्जैन में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इस दौरान सीएम ने लाड़ली बहनों से राखी बंधवाई और उन्हें उपहार भी दिए। सीएम ने कहा कि दीपावली पर भाईदूज से हर लाड़ली बहन को नियमित रूप से 1500 रुपए प्रतिमाह मिलेंगे।कालिदास अकादमी परिसर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने करीब 155 करोड़ रुपए की लागत के आठ पुल एवं दो सड़क निर्माण कार्य का भूमि पूजन किया।
बरसात के साथ ही बड़ा तालाब भरने लगा है, लेकिन जलकुंभी की मौजूदगी फिर संकेत दे रही है कि सीवेज का पानी अब भी सीधे तालाब में मिल रहा है। फतेहगढ़ और शिरीन नदी के पास जलकुंभी की मोटी परतें दिख रही हैं, जो बताती हैं कि सीवेज अब भी इन हिस्सों में पहुंच रहा है। सवाल यह है कि अमृत-1 में 105 करोड़ खर्च कर 27 नालों से 20 एमएलडी सीवेज रोकने के दावे का असर क्यों नहीं दिख रहा? अब अमृत-2 में काम चल रहा है, पर 26 में से 18 बरसाती नाले अब भी सीवेज ला रहे हैं। भोज वेटलैंड प्रोजेक्ट में भी दो दशक पहले ऐसा ही प्रयास हुआ था। प्रदूषण नियंत्रण मंडल के रीजनल ऑफिसर बृजेश शर्मा का कहना है कि नगर निगम को ऐसे स्थानों पर तत्काल बायो रेमिडेशन करना चाहिए।
सावन के आखिरी और चौथे सोमवार पर देवघर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। पिछली तीन सोमवारियों की तरह आज भी लाखों कांवड़िये बाबा धाम पहुंचे हैं। सुबह सरकारी पूजा के बाद 4:10 बजे आम भक्तों के लिए मंदिर के पट खोल दिए गए। जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर आम भक्तों के लिए मंदिर का पट खोलने से पहले विशेष पूजा-अर्चना की गई। बाबा को सबसे पहले कांचा जल स्नान कराया गया। इसके बाद षोडषोपचार के साथ पूजा की गई। इसके बाद जलार्पण शुरू हुआ। मेले की अंतिम और चौथी सोमवारी होने की वजह से जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है। श्रावण माह को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि इसी माह में समुद्र मंथन हुआ था, जिसमें निकले हलाहल विष को महादेव ने ग्रहण किया था। महादेव के कंठ में जलन होने पर उन्हें गंगाजल और बेलपत्र दिया गया था। तब से श्रावण माह में भगवान भोलेनाथ को जल अर्पण कर बेलपत्र चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है। 108 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं कांवड़िये देवघर का यह मेला सबसे लंबी दूरी वाला माना जाता है। कांवड़िये बिहार के सुल्तानगंज की उत्तर वाहिनी गंगा से जल लेकर 108 किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हैं। इसके बाद वे देवघर पहुंचकर बाबा भोलेनाथ पर जलार्पण करते हैं। सोमवारी के दिन कांवड़ियों की कतार मंदिर से लगभग 5 से 8 किलोमीटर दूर तक पहुंच जाती है। आज भी कांवड़ियों का निरंतर आगमन जारी है और पूरा बाबा नगरी हर-हर महादेव के जयकारों से गुंजायमान है।
इटारसी, नर्मदापुरम और जबलपुर तक तलाशा, पर सुराग नहीं एम्स के गेट नंबर -03 पर पांच रुपए में मिलने वाला खाना खाने का अपनी मां से बोलकर गईं 11 साल और 7 साल की दो सगी बहनें पिछले आठ दिन से लापता हैं। परिजन अपने स्तर पर उनकी तलाश करते रहे। जब बच्चियों का कोई सुराग नहीं लगा तो सात दिन बाद शनिवार को थाने पहुंचकर उनके लापता होने की सूचना दी। पुलिस ने महिला की शिकायत पर दोनों बच्चियों के अपहरण का मामला दर्ज किया है।एम्स के सीसीटीवी कैमरों के तीन दिन की रिकॉर्डिंग सेव होने के कारण 26 जुलाई के फुटेज पुलिस को नहीं मिले हैं। पुलिस बच्चियों की तलाश में जुट गई है। हालांकि पुलिस का कहना है कि परिजनों द्वारा बच्चियों के लापता होने की सूचना एक हफ्ते बाद दी। इसलिए भी तलाशी में दिक्कत आ रही है। एम्स अस्पताल में भर्ती बच्चियों के मामा को देखने गया था परिवार बाग सेवनिया इलाके में रहने वाले छोटेलाल भेलिया झाड़ू बनाकर परिवार चलाते हैं। वह 80 फीट रोड पर रामेश्वर के पास झुग्गी में पत्नी पूना और पांच बच्चों के साथ रहते हैं। 26 जुलाई को पूना अपने भाई के एक्सीडेंट के बाद एम्स अस्पताल में उसके पास गई थीं। साथ में उनकी 11 वर्षीय बेटी संगीता और 7 साल की बेटी कविता भी थीं। संगीता पांचवीं कक्षा में पढ़ती है। उसने मां से 10 रुपए लिए और कहा कि गेट नंबर-03 पर पांच-पांच रुपए में मिलने वाला खाना लेने जा रही है। इसके बाद दोनों बहनें वापस नहीं लौटीं। परिजन ने बच्चों को एम्स से लेकर पिपलानी ही नहीं इटारसी, नर्मदापुरम और जबलपुर तक तलाशा। जबलपुर में बच्चियों की बुआ रहती हैं। इटारसी और नर्मदापुरम में समाज के डेरे हैं। कोई सुराग नहीं मिला तो शनिवार को बाग सेवनिया थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई। पिछले साल भी हो चुकी है ऐसी घटना - साल 2023 में भी छोटेलाल की बड़ी बेटी अपनी तीन सहेलियों के साथ बिना बताए घर से चली गई थी। वह बाद में जबलपुर में बुआ के घर मिली थी। फुटेज नहीं मिले, पुलिस स्टेशन के कैमरे खंगाल रही सब इंस्पेक्टर गोकुल प्रसाद ढावरे ने बताया कि एम्स अस्पताल में केवल तीन दिन की रिकॉर्डिंग रहती है, इसलिए 26 जुलाई के सीसीटीवी फुटेज नहीं मिल पाए। आरकेएमपी स्टेशन के फुटेज भी खंगाले गए, लेकिन बच्चियां नजर नहीं आईं। अब भोपाल स्टेशन के कैमरे देखे जा रहे हैं।
हरियाणा के पानीपत शहर में गंदे नाले किनारे बीच सड़क पर एक विधवा महिला से रेप करने की वारदात को अंजाम दिया गया। जानकार ऑटो चालक ने अपने दोस्त संग मिलकर महिला व उसकी सहेली को जान से मारने की धमकी देकर जबरन बीयर पिलाई। इसके बाद चालक ने विधवा महिला संग रेप किया। दोनों सहेलियों को धमकी दी कि अगर वे इस बारे में किसी को कुछ बताएंगी, तो वे उन्हें जान से मार देंगे। इसके बाद दोनों को उनके घर के पास छोड़कर वे फरार हो गए। मामले की शिकायत विधवा महिला ने पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर दोनों नामजद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। फैक्ट्री गई थी काम के पैसे लेने पुलिस को दी शिकायत में एक विधवा महिला ने बताया कि वह मूल रूप से यूपी के लखीमपुर जिला के एक गांव की रहने वाली है। हाल में वह पानीपत शहर की एक कॉलोनी में रहती है। वह एक गांव में स्थित फैक्ट्री में काम करती है। 25 जुलाई की रात करीब साढ़े 8 बजे वह फैक्ट्री में अपने काम के पैसे लेने अपनी सहेली के साथ गई थी। जब वे फैक्ट्री पहुंचे, तो देखा कि वह बंद थी। इसके बाद वे घर जाने के लिए बाहर सड़क तक पैदल-पैदल पहुंचे। आरोपी ने फोन कर पूछी लोकेशन, फिर पहुंचा ऑटो लेकर जहां उसके पास इरशाद निवासी शामली यूपी का फोन आया। जिसने पूछा कि आप इस समय कहां पर हो। महिला ने अपनी लोकेशन बताई, तो इरशाद ने कहा कि वह अपना ऑटो लेकर वहीं पर आ रहा है। कुछ देर बाद वह ऑटो लेकर वहां पहुंच गया। उसके साथ दानिश नाम का भी लड़का बैठा हुआ था। जोकि पहले उसके साथ फैक्ट्री में काम करता था। दोनों ने उसे व उसकी सहेली को ऑटो में बैठा लिया और घर छोड़ने के नाम के लिए चल पड़े। नाले की पुलिया पर रोका ऑटो, फिर की वारदात कुछ दूर चलने के बाद उन्होंने नाले की पुलिया पर सुनसान जगह ऑटो रोक लिया। यहां दोनों को जान से मारने की धमकी देकर जबरदस्ती बीयर पिलाई। इसके बाद इरशाद ने उसे ऑटो से नीचे उतारा और सड़क किनारे जमीन पर जबरदस्ती रेप किया। रेप करने के बाद दोनों सहेलियों को इस बारे में किसी को भी बताने पर जान से मारने की धमकी दी गई। इसके बाद वे उन्हें घर के बाहर चौक पर छोड़कर फरार हो गए।
पानीपत जिले में भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर उपभोक्ताओं के लिए एक विशेष और आकर्षक “फ्रीडम प्लान” की घोषणा की है। इस योजना के तहत नए उपभोक्ताओं को महज 1 रुपए में बीएसएनएल की हाल ही में शुरू हुई 4G सेवाओं का एक माह तक लाभ लेने का अवसर मिलेगा। अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा बता दें कि योजना के अंतर्गत उपभोक्ताओं को मुफ्त सिम कार्ड प्रदान किया जाएगा। जिसमें उन्हें प्रत्येक दिन 2GB हाई-स्पीड डेटा के साथ-साथ अनलिमिटेड कॉलिंग की सुविधा भी प्राप्त होगी। यह ऑफर 01 अगस्त से 31 अगस्त 2025 तक सीमित अवधि के लिए लागू रहेगा। प्रदेश के 2250 टावरों से सेवाएं शुरू हरियाणा दूरसंचार परिमंडल मुख्य महाप्रबंधक अमित सिंगल ने बताया कि यह योजना उपभोक्ताओं को बीएसएनएल की स्वदेशी 4G तकनीक का अनुभव लेने का बेहतरीन अवसर प्रदान करती है। उन्होंने जानकारी दी, कि बीएसएनएल ने हाल ही में हरियाणा राज्य में 2250 से अधिक टावरों के माध्यम से मॉडर्न 4G सेवाएं शुरू की हैं। जिससे उपभोक्ताओं को तेज, विश्वसनीय और स्वदेशी नेटवर्क का लाभ मिलेगा। इस विशेष फ्रीडम प्लान का लाभ उठाने के इच्छुक उपभोक्ता बीएसएनएल के अधिकृत चैनल पार्टनर्स या निकटतम बीएसएनएल ग्राहक सेवा केंद्र से संपर्क कर सकते हैं। फ्रीडम प्लान में मिलने वाली सुविधाएं - अनलिमिटेड कॉल्स। - प्रतिदिन 100 मैसेज की सुविधा। - रोजाना 2 GB 4G डेटा। - सिर्फ 1 रुपए में नया SIM कार्ड। - फेयर यूजेज पॉलिसी के तहत डेटा खत्म होने पर गति 40 kbps तक सीमित कर दी जाएगी। डिजिटल आजादी का अनुभव देने की कोशिश सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL ने 'फ्रीडम ऑफर' के जरिए लोगों को डिजिटल आजादी का अनुभव देने की कोशिश की है। सिर्फ 1 रुपए में 30 दिन की फ्री कॉलिंग, डेली 2GB 4G डेटा, 100 SMS और नया SIM बिल्कुल मुफ्त में मिल रहा है जबकि अन्य प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियां ये सुविधाएं 349 रुपए, 379 रुपए और 399 रुपए के रिचार्ज प्लान पर ऑफर कर रही हैं। BSNL फ्रीडम प्लान ‘आजादी का अमृतकाल’ जैसे मिशन को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद यूपी ही नहीं, हरियाणा और राजस्थान में जाट समाज की नाराजगी बढ़ने लगी है। दरअसल, मीडिया में धनखड़ से इस्तीफा लिए जाने की खबरें चल रही हैं। इसके बाद जाट समाज के नेता खुले तौर पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। यूपी में आगामी पंचायत चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक में जाट समाज को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। इसीलिए भाजपा आलाकमान अब बाहरी नेताओं की जगह कैडर के जाट नेताओं को ही महत्व देकर समाज, संगठन और सरकार में उनका महत्व बढ़ाने पर मंथन कर रहा है। यूपी में जाट आबादी कितनी है? भाजपा के कितने जाट विधायक हैं? पार्टी किन जाट नेताओं को आगे बढ़ा सकती है? पढ़िए पूरी रिपोर्ट... 2014 से जिन जाट नेताओं को आगे बढ़ाया, फिर उनका इस्तीफाभाजपा ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले राजस्थान, हरियाणा और यूपी के जाट वोटबैंक को साधने की कोशिश की थी। इसके लिए राजस्थान से जगदीप धनखड़, यूपी से सत्यपाल मलिक और हरियाणा से वीरेंद्र सिंह चौधरी को भाजपा में शामिल कराया था। जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया। उसके बाद देश के उपराष्ट्रपति जैसे महत्वपूर्ण पद को संभालने का मौका दिया। धीरे-धीरे धनखड़ के सरकार विरोधी बगावती सुरों ने उनका इस्तीफा करा दिया। सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाया था। लेकिन, बाद में वह भाजपा से बगावत कर गए। मलिक को हटाया, इसलिए धनखड़ बने उपराष्ट्रपतिराजनीतिक विश्लेषक मानते हैं, भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक की बगावत के बाद उनसे किनारा कर लिया था। मलिक को दूसरी बार मौका नहीं दिया। इतना ही नहीं, उनके कार्यकाल की जांच भी शुरू हुई। मलिक ने कृषि कानूनों समेत अन्य मुद्दों पर भाजपा की खिलाफत की थी। मलिक को हटाने से जाटों की नाराजगी थी। इसलिए केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के तत्कालीन राज्यपाल जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति बना दिया था। वीरेंद्र सिंह चौधरी भी भाजपा छोड़कर फिर से कांग्रेस में जा चुके हैं। भाजपा के 3 आयातित जाट नेताओं के भाजपा को बीच मझधार में छोड़कर जाने के बाद एक ओर जहां अंदर ही अंदर पार्टी के नेतृत्व पर सवाल खड़े होने लगे हैं। वहीं, जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद पश्चिमी यूपी में भी जाट समाज की नाराजगी धीरे-धीरे बढ़ रही है। ऐसे में पार्टी कैडर के जाट नेताओं की उम्मीद जगी है कि भाजपा की राजनीति में एक बार उनके अच्छे दिन आ सकते हैं। समाज की नाराजगी दूर करने के लिए पार्टी उन्हें मौका देगी। भूपेंद्र और बालियान का महत्व बढ़ेगायूपी में जाट समाज की आबादी करीब 2.5 फीसदी है। समाज के 17 विधायक हैं। इनमें से 10 भाजपा के, 4 रालोद और 3 समाजवादी पार्टी के हैं। यूपी में यूं तो योगी सरकार में गन्ना विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण भी जाट नेता हैं। लेकिन, लक्ष्मी नारायण अपने राजनीतिक सफर में कांग्रेस, सपा, बसपा होते हुए भाजपा में आए हैं। लिहाजा, मौजूदा दौर में वह पार्टी नेतृत्व की कसौटी पर खरे नहीं उतरते। सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ऐसे जाट नेताओं को आगे बढ़ाकर जाटों की नाराजगी दूर करना चाहती है, जो समाज में प्रभावशाली होने के साथ ही पार्टी के लिए वफादार हों। यूपी में पार्टी की इस कसौटी पर प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और मांट के विधायक राजेश चौधरी ही खरे उतरते हैं। यूपी में भूपेंद्र चौधरी का सिक्का चमकेगाभाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी पार्टी कैडर के जाट चेहरे हैं। वह भाजपा के जिलाध्यक्ष से लेकर पश्चिम के क्षेत्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। योगी सरकार 1.0 और 2.0 में मंत्री भी रहे। यूपी में पार्टी के सबसे बड़े जाट नेता हैं। ऐसा माना जाता है कि यूपी में चौधरी से मजबूत कोई दूसरा जाट चेहरा भाजपा के पास नहीं है। यूं तो चौधरी के अध्यक्ष पद का 3 साल का कार्यकाल अब समाप्ति की ओर है। लेकिन, चौधरी केंद्रीय नेतृत्व के करीबी हैं। ऐसे में पार्टी उनका सरकार और संगठन में कहां समायोजन करेगी, यह तय नहीं था। लेकिन जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद माना जा रहा है कि जाट वोट बैंक को साधने के लिए भूपेंद्र चौधरी की राजनीति का सिक्का चमकेगा। संजीव बालियान का भी महत्व बढ़ेगापूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने पशु चिकित्सक की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा था। 2 बार केंद्र सरकार में मंत्री रहे बालियान भी भाजपा के मूल कैडर के जाट नेता हैं। मुजफ्फरनगर दंगों में भी बालियान के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। उनकी गिनती भी हिंदुत्ववादी जाट नेताओं में होती है। बालियान ने 2 बार रालोद के अध्यक्ष अजीत सिंह को चुनाव हराया था। लिहाजा, पश्चिमी यूपी में बालियान की गिनती भी भाजपा के बड़े जाट नेताओं में होती है। मौजूदा राजनीतिक हालात में बालियान का भी महत्व बढ़ गया है। राजेश चौधरी को भी मिल सकता है मौकामांट से विधायक राजेश चौधरी ने भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से छात्र राजनीति की शुरुआत की। राजेश भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारी भी रहे। मांट सीट पर कई साल से बसपा के श्याम सुंदर शर्मा का कब्जा रहा। 2022 में पहली बार भाजपा के राजेश चौधरी यहां से विधायक चुने गए। चौधरी ना केवल क्षेत्र में सक्रिय हैं, बल्कि ब्रज के जाट समाज में भी उनकी मजबूत पकड़ है। राजेश केंद्रीय नेतृत्व के भी भरोसेमंद हैं। अपने नेताओं की जमीन मजबूत करनी चाहिएराजनीतिक विश्लेषक मानते हैं, भाजपा ने जाट वोट बैंक के लिए रालोद से गठबंधन किया है। रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी को केंद्र सरकार में मंत्री भी बनाया है। फिर भी जाट वोट बैंक में पकड़ बनाने के लिए कैडर के जाट नेताओं की जमीन मजबूत करनी चाहिए। भाजपा के ही संजीव बालियान ने 2014 और 2017 में मुजफ्फरनगर से रालोद के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह को हराया था। भाजपा के सत्यपाल सिंह ने जयंत चौधरी को हराया था। जाट नेताओं को एडजस्ट नहीं किया तो नाराजगी बढ़ेगीराजनीतिक विश्लेषक रवींद्र प्रताप राणा कहते हैं- भाजपा और जयंत चौधरी के गठबंधन में जगदीप धनखड़ की बड़ी भूमिका थी। धनखड़ उसके बाद चौधरी चरण सिंह की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे। पश्चिमी यूपी में जाटों के नेता जयंत चौधरी ही हैं। जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद से जाटों में नाराजगी अवश्य है। यह नाराजगी जेएंडके के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से शुरू हुई थी। जो हरियाणा में दुष्यंत चौटाला से लेकर जगदीप धनखड़ तक पहुंच गई है। भूपेंद्र चौधरी भाजपा के जाट नेता हैं। कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन में जाट किसान ज्यादा थे। जाट नाराज थे, इसलिए भूपेंद्र चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। भूपेंद्र चौधरी ने पश्चिमी यूपी के जाट नेताओं को भाजपा में जोड़ने में बड़ा रोल निभाया है। राजनीतिक विश्लेषक पुष्पेंद्र शर्मा कहते हैं- किसी भी जाट नेता ने प्रतिक्रिया नहीं दी है। छोटे जाट नेता कहते हैं कि भाजपा का दबाव था, इसलिए इस्तीफा दिया। जयंत चौधरी, संजीव बालियान, सतपाल सिंह और भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। कभी-कभी माना जाता है कि चुप्पी भी नाराजगी का संदेश दे रही है। लेकिन, वो बोलना नहीं चाहते हैं। ------------------------- ये खबर भी पढ़ें... मस्जिद में डिंपल की एंट्री- अखिलेश खामोश क्यों, मौलाना को सरेआम सपाइयों ने मारे थप्पड़ सपा सांसद डिंपल यादव की मस्जिद में एंट्री। पहनावे पर सवाल उठाकर कंट्रोवर्सी में घिरे मौलाना साजिद रशीदी के साथ थप्पड़-कांड। सियासी बयानबाजी और पूरे मुद्दे पर पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव की खामोशी। यूपी से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक चर्चा का मुद्दा बनी है। मुस्लिम धर्मगुरु डिंपल की आलोचना कर रहे हैं। सपा के कद्दावर नेता भी चुप्पी साधे हैं। सेकेंड लाइन के नेता भी बचाव में संभलकर बयानबाजी कर रहे हैं। खतरा, कहीं मुस्लिम वोट बैंक न छिटक जाए। पढ़ें पूरी खबर
जींद की उचाना विधानसभा से विधायक देवेंद्र अत्री ने भिवानी में दैनिक भास्कर ने बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस के साथ-साथ जेजेपी व इनेलो को पर भी निशाना साधा। साथ ही उन्होंने कहा कि सीएम अब रात 1 बजे भी लोगों की समस्याएं सुनते हैं। बता दें कि विधायक देवेंद्र अत्री रविवार को भिवानी स्थित श्री लाल महादेव अखाड़े वाले बाबा मंदिर में पहुंचे थे। यहां चल रही भागवत कथा में शामिल हुए और पूजा अर्चना की। इस दौरान उन्होंने कहा कि भिवानी के लोगों का आभारी हूं कि यहां पूजा करने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि वे भाजपा के छोटे से सिपाही हैं। हम लोग सभी धर्मों को मानने वाले लोग हैं। मैं सनातन धर्म से हूं तो मेरा सौभाग्य है कि उन्हें यहां आने व पूजा करने का मौका मिला। विधायक देवेंद्र अत्री से बातचीत रिपोर्टर: तीसरी बार बनी भाजपा की सरकार द्वारा लोगों के विकास को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे है? देवेंद्र अत्री : हमारी सरकार का मोटो है कि अंत्योदय तक जाना है। पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति को लाभ मिले। सीएम निरंतर लोगों के बीच हैं। आज सीएम रात के 12, 1 बजे भी लोगों से मिलते हैं और उनकी मांग सुनते हैं। विकास के नए आयाम स्थापित हो रहे हैं। चाहे स्वास्थ्य में हो या शिक्षा में। नई शिक्षा नीति लाई गई है और स्वास्थ्य के लिए नए-नए मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं। हम निरंतर काम कर रहे हैं और विकास हो रहा है। रिपोर्टर: कांग्रेस ने जिलाध्यक्षों की घोषणा के लिए कहा था और राहुल गांधी खुद आए थे। लेकिन अभी तक घोषणा नहीं हो पाई। संगठन के लिहाज से क्या देखते हैं? देवेंद्र अत्री: सबको पता है कांग्रेस हास्य पर है और मुद्दा विहीन है। मैं तो यह भी कहूंगा कि संसद में क्या हुआ सबने देखा। हमारी सेना तक का अपमान किया गया। जो विपक्ष को होना चाहिए था, वह नहीं कर पाया। मैं तो यही कहूंगा कि कांग्रेस हास्य पर है और उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। हमारे पीएम नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में देश व प्रदेश निरंतर आगे बढ़ रहा है। रिपोर्टर: पहलगाम हमले को लेकर कांग्रेस व विपक्षी दल भाजपा को घेरने का काम कर रही है। इसको कैसे देखते हैं? देवेंद्र अत्री: आज हर व्यक्ति समझ रहा है और पता है कि भाजपा ने क्या करके दिखाया है। पहलगाम में जो हमने ईंट का जवाब पत्थर से दिया वह सभी को पता है। ऑपरेशन सिंदूर ने भारत का मान सम्मान बढ़ाया है। हमारा सिर गर्व से ऊंचा उठा है। हमारी सेना ने पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया और उनको घर में घुसकर मारा है। रिपोर्टर: बिहार का चुनाव सिर पर है, वोटर लिस्ट अपडेट करने के बाद नाम कटने का मुद्दा उठाया जा रहा है। उसको कैसे देखते हैं? देवेंद्र अत्री: कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं हैं। मुद्दा विहीन हो चुकी है और हास्य पर है। स्पष्ट रूप से कह रहा हूं कि इनके पास कोई मुद्दा नहीं हैं। रिपोर्टर: जेजेपी व इनेलो संगठन खड़ा कर रही है, उसको कैसे देखते हैं? देवेंद्र अत्री: लोकतंत्र है और हर पार्टी अपना प्रयास करती है। हर व्यक्ति बताएगा कि हमारी सरकार ने बिना पर्ची बिना खर्ची जैसे ऐतिहासिक काम करके दिखाए हैं, उसकी गूंज हरियाणा के कोने-कोने में हैं। हरियाणा का प्रत्येक व्यक्ति समझने लगा है कि इनके बहकावे में नहीं आएंगे। भाजपा का 2047 तक विकसित भारत व विकसित हरियाणा का लक्ष्य है, उसे 100 प्रतिशत पूरा किया जाएगा।
अशोका गार्डन इलाके की घटना, 10वीं की छात्रा थी:दुकान से सामान लाई बेटी और कमरे में जाकर लगा ली फांसी
अशोका गार्डन इलाके में 10वीं की छात्रा ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। फिलहाल खुदकुशी के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। अशोका गार्डन पुलिस के मुताबिक थाने के पीछे शेड निवासी मेहताब खान ऑटो ड्राइवर हैं। उनकी 17 वर्षीय बेटी जिकरा खान 10वीं की छात्रा थी। शनिवार रात मेहताब काम से घर लौटे तो बेटी जिकरा ने उन्हें खाना दिया। इसके बाद उसने पिता से कुछ खरीदने के लिए रुपए लिए। किराना दुकान से सामान लाने के बाद वह कुछ देर पिता के साथ बैठी। फिर घर के दूसरे रूम में चली गई। जब काफी देर तक नहीं निकली तो पिता ने आवाजें दी, लेकिन जवाब नहीं मिला। खिड़की से झांकने पर देखा तो बेटी दुपट्टे से फंदे पर लटकी हुई थी। यूपी से दादा के घर आए युवक ने की खुदकुशी निशातपुरा में 18 वर्षीय युवक नुरूल हक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह दो दिन पहले कन्नौद (यूपी) से भोपाल स्थित दादा के घर आया था। रविवार सुबह करीब 10 बजे उसकी पिता से फोन पर बात हुई थी। इसके बाद उसने फांसी लगा ली। आत्महत्या की वजह साफ नहीं है। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पिता भोपाल आ रहे थे। पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया। परिजन शव लेकर कन्नौद रवाना हो गए। नुरूल के दादा ट्रेजरी से रिटायर्ड हैं और सईद कॉलोनी में रहते हैं।
अनाह गांव में पुलिस की दबिश:5 लाख रुपए की अवैध शराब पकड़ी गाड़ी, स्कूटी, 15,770 रुपए जब्त
भरतपुर जिले के सेवर थाना पुलिस ने अवैध शराब की बड़ी खेप पकड़ते हुए 159 पेटी देशी और अंग्रेजी शराब, एक टाटा सफारी गाड़ी, एक स्कूटी, 15 हजार 770 रुपये नकद, दो मोबाइल फोन और एक पेटीएम मशीन जब्त की है। जब्त शराब की बाजार कीमत करीब 5 लाख रुपये बताई गई है। कार्रवाई के दौरान मुख्य आरोपी रामकिशन गुर्जर निवासी अनाह फरार हो गया। थानाधिकारी धर्मसिंह मीणा के नेतृत्व में यह कार्रवाई की गई। 1 अगस्त को मुखबिर से सूचना मिली कि अनाह गांव में रामकिशन अपने घर के सामने दुकान में अवैध शराब बेच रहा है और बाकी शराब दुकान के पीछे और पुराने कमरे में छिपाकर रखी है। पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो रामकिशन पुलिस को देखकर भाग गया। दुकान की तलाशी में एक कार्टन अवैध देशी शराब, 15,770 रुपये नकद, पेटीएम स्कैनर और दो मोबाइल मिले। पुराने कमरे में 16 कार्टन देशी शराब और दुकान के पीछे बने टीन शेड में 8 कार्टन देशी व अंग्रेजी शराब मिली। कुल 25 कार्टन शराब जब्त कर मामला दर्ज किया गया। इसके बाद सूचना मिली कि रामकिशन ने अपने बाड़े में खड़ी सफारी गाड़ी और एक कमरे में बड़ी मात्रा में अवैध शराब छिपा रखी है। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और गाड़ी की तलाशी ली, जिसमें 8 कार्टन शराब मिले। पास के कमरे से 90 कार्टन देशी और 36 कार्टन अंग्रेजी शराब मिली। कुल 134 कार्टन (6432 पव्वे) बरामद किए गए। दोनों मामलों में अलग-अलग मुकदमे दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया गया है। आरोपी रामकिशन की तलाश की जा रही है।
काशी का महा श्मशान मणिकर्णिका घाट गंगा में डूब गया है। घाट से करीब 15 फीट ऊपर छत पर दाह संस्कार किया जा रहा है। यहां अंतिम संस्कार के लिए लाशों की लाइन लग रही है। 5 से 6 घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। बाढ़ और बारिश के कारण लकडियां गिली हैं। इनको जलने में 5 घंटे लग रहे हैं। लोग कफन से लिपटी लाशों के बीच बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे। आलम यह है कि एक साथ 8-10 लाशें जलाई जा रही हैं। यही स्थिति हरिश्चंद्र घाट का है। यहां 3 फीट चौड़ी गली में घरों के बगल में शवदाह हो रहा है। काशी में 84 घाटों तक गंगा का पानी पहुंच चुका है। 10 हजार दुकानों को शिफ्ट करना पड़ा है। मणिकर्णिका घाट में लोगों को क्या कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, दाह संस्कार कराने वाले डोम राजा का क्या कहना है? इन सवालों का जवाब जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम मौके पर पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट... भास्कर की टीम जब मणिकर्णिका घाट पर पहुंची, तो उस समय एक साथ 4 अर्थियां लाई गईं। एक गमगीन परिवार ने बताया- गाजीपुर से आए हैं। दादा की अर्थी है। उनकी इच्छा थी कि काशी में ही दाह संस्कार हो। लेकिन, यहां पैर रखने तक की जगह नहीं दिख रही। अभी तो घाट तक पहुंचने में मशक्कत करनी पड़ रही है। कुछ लोग दाह संस्कार वाली जगह से नीचे उतरते दिखे। पूछने पर बोले-अभी दाह संस्कार हुआ नहीं है। श्रद्धांजलि देकर लौट रहे हैं। हमारे परिवार में मिट्टी हुई थी। इसके बाद टीम उस जगह पर पहुंची, जहां चिता जलाई जा रही थी। यहां सिर्फ इतनी जगह दिखी कि एक बार में 10 लाशें ही जल सकें। इनके बीच ही अर्थियां रखी हुई हैं। हालत यह है कि 2 मिनट में जिंदा आदमी का शरीर तपने लगता है। 12 हजार शव दाह का ले रहेहमसे रामबली पटेल ने बताया- 4 घंटे से ऊपर हो गया, हम लोग अपने नंबर का इंतजार कर रहे हैं। अभी हमको आधे घंटे और लगेंगे। यहां पर दाह संस्कार के लिए 12 हजार रुपए लिए जा रहे हैं। दिक्कत बहुत है, 3 घंटे से पानी में खड़े हैं और अपने बारी का इंतजार कर रहे हैं। टॉयलेट और साफ-सफाई की व्यवस्था ठपरिश्तेदार का दाह संस्कार करने आए राजेश कुमार ने बताया- जो व्यवस्था की गई थी, वह जलमग्न है। घाट पर एक भी बाथरुम या शौचालय नहीं है। जबकि, यहां पर कभी-कभी एक शव के साथ 100 लोग आ जाते हैं। इसमें कई को इमरजेंसी भी होती है। वे बेचारे भागकर कहां जाए। पहले 3 घंटे में लकड़ियां जलती थीं, अब गीली होने की वजह से 5 घंटे तक लग जा रहे हैं। इसलिए भी दाह संस्कार में देरी हो रही है। 20 लोग आए थे, पानी की वजह से अलग-अलग हैंछविलाल ने बताया- नाव से लकड़ी के साथ 4-5 लोगों को ले जाया जा रहा है। हमारा आधा सामान पानी में डूब गया है। हम पिछले 4 से 5 घंटे लगातार इसी पानी में खड़े हैं। हमारे साथ 20 लोग आए थे, सभी अलग-अलग जगह पर जाकर बैठे हैं। 11 बजे आए थे, 2 बजे तक नंबर नहीं आयाहरिश्चंद्र घाट पर आए रुद्र प्रताप सिंह ने बताया- हम 11 बजे घाट पहुंचे थे, अब 2 बज गया है। लेकिन, अभी हमारी बारी नहीं आई है। 3 फीट चौड़ी गली है। लकड़ी लाने में दिक्कत हो रही है। जो हमारे साथ परिजन आए हैं। उठने बैठने में भी समस्या हो रही है। कुछ लोग तो बाहर अपने नंबर का इंतजार भी कर रहे हैं। बाढ़ की वजह से पानी बहुत ऊपर आ गया है। घाट जाने वाले सभी रास्तों पर पानी लगा है। हरिश्चंद्र घाट पर भी एक साथ 4-5 लाशें जल रहींहरिश्चंद्र घाट पर गली के अंदर एक खाली स्थान पर अंतिम संस्कार हो रहा है। एक साथ 4-5 शव को जलाया जा रहा है। यहां आने वाले मृतकों के परिजन 3 फीट चौड़ी गली से होते हुए घाट के किनारे पहुंच रहे हैं। घाट तक जाने के लिए बस एक रास्ता बचा हुआ है, जहां गंगा का पानी नहीं पहुंचा है। डोम राजा परिवार के अभिषेक चौधरी ने बताया- बाढ़ आने की वजह से घाट पर बहुत बुरी स्थिति है। जहां 20 से 25 शव जलाए जाते थे, वहां अब 4-5 जल रहे हैं। लोगों को तीन से चार घंटे इंतजार करने पड़ रहे हैं। जगह कम होने के कारण अंतिम संस्कार की जो रस्म होती है, वह भी पूरी नहीं हो पा रही है। अब डोम समाज की बात 84 घाट के 10 हजार दुकानदारों पर असरवाराणसी के एक घाट पर 80 से 100 दुकान लगती हैं, उसमें कुछ फूलमाला बेचने वाले और कुछ चाय नाश्ता की दुकान चलाते हैं। हालांकि इन दुकानों को नगर निगम द्वारा हटाया जाता है, लेकिन गंगा किनारे इन दुकानदारों की रोजी-रोटी प्रतिदिन इन्हीं दुकानों से चलती है। जब से गंगा का जलस्तर बढ़ा है, तब से सभी दुकानें बंद हो गई है। डेली कमाने वाले दुकानदारों के चेहरे पर मायूसी है। उनका कहना है कि जिनके राशन कार्ड बने हैं, उनको तो राशन मिल जा रहा है, लेकिन जिनके पास कार्ड नहीं है, उन्हें काफी समस्या हो रही है। कुछ ऐसी भी दुकानें हैं, जो घाट की गलियों में अपना रोजगार चला रहे हैं। अस्सी घाट पर हमें टिंकू मिले। उन्होंने बताया कि मेरी दुकान करीब 12 साल से लग रही है। लेकिन जब बाढ़ आती है, तो मुझे अपनी दुकान बंद करनी पड़ती है। ऐसे ही 84 घाटों पर बहुत सी दुकान हैं, जो बंद हो गई है। कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो फूल माला बेचते हैं, लेकिन उनके भी रोजगार पर असर पड़ा है। अस्सी घाट पर माला की दुकान लगाने वाले गोपाल जी कहते हैं- गंगा स्नान करने वाले हमारी दुकान पर आते थे, लेकिन गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण श्रद्धालु कम आ रहे हैं, दुकान भी अब बंद करनी पड़ रही है। जिस समय हम गोपाल जी की दुकान के पास पहुंचे तो वह घाट की गली में अपने परिवार के साथ दुकान को समेट रहे थे। उन्होंने भावुक होकर कहा कि अब 10 से 15 दिन तक हमें इंतजार करना पड़ेगा। गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जब घटने लगेंगी, तब दोबारा रोजगार शुरू करेंगे। गावों की ज्यादातर फसलें डूबीं21 गांवों और 26 वार्डों में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। तटवर्ती गांवों की सैकड़ों एकड़ फसल डूब गई है। 4,733 लोगों ने बाढ़ राहत शिविरों में शरण ली है और 1062 परिवार विस्थापित हुए हैं। गंगा में बढ़ाव का यही रुख जारी रहा, तो शहर के प्रमुख तटवर्ती पुराने मोहल्लों में बाढ़ का पानी जल्द ही प्रवेश कर सकता है। काशी में सारे घाट और वहां के मंदिर डूब चुके हैं। पानी सड़कों पर आ चुका हैं। दशाश्वमेध क्षेत्र में सड़क पर पानी लगातार आ रहा है। लोग सड़कों पर ही स्नान कर बाबा के दर्शन को जा रहे हैं। उधर, जल पुलिस केंद्र डूबने वाला है। नाव से लगातार जल पुलिस स्नान करने वालों पर ध्यान दे रही है। इसी तरह जलस्तर बढ़ता रहा तो शाम तक चितरंजन पार्क तक पानी पहुंच सकता है। बाढ़ में फंसने पर मिलाइए डायल-112 DM सत्येन्द्र कुमार ने गंगा और वरुणा नदी के चढ़ते जलस्तर को देख बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया। सुरक्षा, राहत व बचाव कार्यों की तैयारियों को परखा। कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चोरी और आपराधिक वारदात रोकने के लिए रात में नाव से विशेष बोट पेट्रोलिंग शुरू की गई है। जर्जर भवनों में रह रहे नागरिकों से शिविरों में स्थानांतरित होने की अपील की गई है। महिला सुरक्षा को ध्यान में रख शिविरों में महिला पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। जिसको भी कोई समस्या हो वो तुरंत डायल-112 नंबर मिलाए। ------------------------ यह खबर भी पढ़ें- मस्जिद में डिंपल की एंट्री- अखिलेश खामोश क्यों, मौलाना को सरेआम सपाइयों ने मारे थप्पड़; धर्मगुरु और भाजपा ने भी मोर्चा खोला सपा सांसद डिंपल यादव की मस्जिद में एंट्री। पहनावे पर सवाल उठाकर कंट्रोवर्सी में घिरे मौलाना साजिद रशीदी के साथ थप्पड़-कांड। सियासी बयानबाजी और पूरे मुद्दे पर पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव की खामोशी। यहां पढ़ें पूरी खबर
भोपाल से नागपुर तक सीधे जुड़ेंगे औद्योगिक केंद्र:चौथी लाइन बिछाने के लिए सर्वे जल्द
रेल यातायात को आधुनिक बनाने और माल व यात्री ट्रेनों की संख्या बढ़ाने के उद्देश्य से रेलवे ने बीना से भोपाल-इटारसी होकर नागपुर तक चौथी रेल लाइन बिछाई जाएगी। हाल ही में इटारसी से नागपुर के बीच चौथी रेल लाइन बिछाने की योजना को केंद्रीय मंत्री परिषद ने स्वीकृति प्रदान की है। इसके पूर्व रेलवे द्वारा बीना से भोपाल होकर इटारसी तक चौथी रेल लाइन बिछाने की घोषणा की जा चुकी है। भोपाल रेल मंडल प्रशासन ने बीना से इटारसी तक बिछाई जाने वाली चौथी रेल लाइन के लिए सर्वे करवाने की घोषणा भी कर दी है। इस परियोजना से ट्रेनें औसतन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जाने लगेंगी। साथ ही मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के बीच व्यापारिक, औद्योगिक और यात्री आवागमन को भी नई रफ्तार मिलेगी। इस प्रस्तावित रेल लाइन का सर्वेक्षण जल्द शुरू किया जाएगा और इसके बाद विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। यह रेल लाइन मौजूदा ट्रैक के समानांतर या उसके करीब बिछाई जाएगी, ताकि ट्रैफिक लोड को संतुलित किया जा सके। वर्तमान में इस रूट पर तीन लाइनें हैं, जो ट्रैफिक के भारी दबाव के कारण अक्सर बाधित रहती हैं। नई लाइन चौथी लाइन के रूप में कार्य करेगी। भोपाल रेल मंडल के सीनियर डीसीएम सौरभ कटारिया का कहना है कि नई ट्रेनों से लेकर मालगाड़ियों से सामान पहुंचाने में समय की बचत के लिहाज से चौथी रेलवे लाइन काफी कारगर साबित होगी। दूरी का गणित फायदे: ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी, राजस्व भी बढ़ेगा
पटना के जानीपुर नगवां में प्रेमी ने अपने दोस्त के साथ मिलकर प्रेमिका और उसके भाई की हत्या कर बेड पर लाशों को जला दिया। हत्या के बाद आरोपी प्रेमी शुभम की मां सांत्वना देने दोनों मृतक के घर पहुंची थी। बाद में उसे पता चला कि बेटा ही हत्यारा है। दरअसल, आरोपी के माता-पिता और मृतक की मां एम्स में ही जॉब करते थे। लड़की की मां सिक्योरिटी गार्ड थी। जबकि, प्रेमी शुभम की मां बेड ब्वॉय (स्ट्रेचर ढोने वाली) और पिता सफाईकर्मी हैं। इस मामले में पुलिस ने आरोपी प्रेमी शुभम और उसके दोस्त रौशन को गिरफ्तार कर लिया है। प्रेमिका से परेशान हो रहा था प्रेमी पुलिस की पूछताछ में शुभम और रौशन ने अपना जुर्म कुबूल कर लिया है। शुभम ने पुलिस को बताया है कि लड़की ने उससे बात करना छोड़ दिया था और किसी दूसरे लड़के के संपर्क में आ गई थी। लड़की को काफी समझाने और लाख कोशिश के बावजूद भी उससे बात नहीं कर रही थी। इसको लेकर काफी परेशान चल रहा था। फिर अपने दोस्त रौशन के साथ मिलकर लड़की की हत्या का प्लान बनाया। 31 जुलाई को लड़की बभनपुरा के स्पेक्ट्रम स्कूल में टेस्ट देने गई थी। शुभम और रौशन दोनों स्कूल से ही लड़की का पीछा करने लगे। लड़की अपने घर गई, उसके कुछ देर बाद दोनों घर में दाखिल हुए। घर के अंदर विवाद हुआ था घर के अंदर लड़की और शुभम के बीच विवाद हुआ। इस दौरान उसका छोटा भाई जो दूसरे कमरे में सो रहा था, जग गया। छोटा भाई शुभम को पहचानता था, इसलिए दोनों ने पहले ईंट से सिर कुचलकर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद लड़की की भी हत्या कर दी। साक्ष्य छिपाने के उद्देश्य से केरोसीन तेल डालकर दोनों को जला दिया। इसके लिए उन्होंने पहले से ही केरोसीन तेल खरीदा था। चोरी करने आए चोरों ने घटना को अंजाम दिया है, ऐसा प्रतीत हो इसके लिए घर में रखे अलमीरा को तोड़ दिया था। दोनों के घर के बीच की दूरी महज 4 किमी लड़की की मां और शुभम के माता-पिता एक साथ AIIMS में काम करते है। घटना की सूचना मिलते ही शुभम की मां लड़की के घर सांत्वना देने गई थी। दोनों भाई-बहन की हत्या शुभम ने ही किया है, इस बात से उसके माता-पिता अनजान थे। शुभम और लड़की के घर के बीच महज 4 KM की दूरी है। AIIMS में शुभम की मां बेड बॉय का काम करती है, वहीं उसके पिता सफाई कर्मचारी है। लड़की की मां उसी जगह सिक्योरिटी गार्ड की काम करती है। इसके वजह से दोनों के परिवार के बीच काफी नजदीकियां थी। दोनों का स्कूल एक ही था शुभम ने भी स्पेक्ट्रम स्कूल से पढ़ाई किया है। उसी स्कूल में लड़की पढ़ती थी। शुभम का दोस्त रौशन का भी नाम स्पेक्ट्रम स्कूल में है। दोनों परिवार के सदस्यों का एक दूसरे के घर आना जाना था, जिसके बाद ही शुभम और लड़की के बीच संपर्क बना। घर वालों को कभी नहीं लगा कि दोनों के बीच अफेयर है। मोहल्ले में किसी से बातचीत नहीं करता था शुभम के पकड़े जाने के बाद उसके माता-पिता दोनों घर छोड़कर कहीं चले गए हैं। हमने शुभम के मोहल्ले में लोगों से उसके बारे में पूछा तो लोगो ने कैमरे के सामने आने से यह कहते हुए मना कर दिया कि हम लोग मोहल्ले के है, उसके बारे में कुछ कैसे कह सकते हैं। नाम नहीं छापने और कैमरे के सामने नहीं आने की शर्त पर बताया कि शुभम हमेशा स्टाइल में रहता था। हालांकि, मोहल्ले में किसी से बातचीत नहीं करता था। लेकिन ऐसी घटना के अंजाम देगा ऐसा हमने नहीं सोचा था।
आज श्रावण माह का चौथा और अंतिम सोमवार है। शाम 4 बजे महाकाल भक्तों का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। पालकी में श्री महाकालेश्वर श्री चंद्रमोलेश्वर स्वरूप में, गजराज पर श्री मनमहेश रूप, गरुड रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा, नंदी रथ पर श्री उमा-महेश जी स्वरूप में दर्शन देंगे। मंदिर के सभा मंडप में भगवान की पालकी का पूजन होगा। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी। सवारी के साथ घुड़सवार पुलिस दल, सशस्त्र पुलिस बल, होमगार्ड के जवान, भजन मंडली, झांझ मंडली के सदस्य व पुलिस बैंड भी शामिल रहेंगे। इससे पहले श्रावण माह के पहले सोमवार पर 2.5 लाख, दूसरे पर 3 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे। तीसरे सोमवार को 4 लाख लोग पहुंचे थे। 4 अगस्त को श्रावण का आखिरी सोमवार होने की वजह से भक्तों की संख्या बढ़ने का अनुमान है। तड़के ढाई बजे खुले मंदिर के कपाटविश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार तड़के 2.30 बजे भस्म आरती के दौरान मंदिर के कपाट खोले गए। भगवान महाकाल को जल अर्पित कर भस्म रमाई गई। पंचामृत अभिषेक पूजन कर भगवान महाकाल का भांग चंदन और आभूषणों से राजा स्वरूप श्रृंगार किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। भस्म आरती के बाद अब रात 10 बजे तक शयन आरती तक दर्शन का सिलसिला लगातार जारी रहेगा। भस्म आरती के दौरान चलायमान दर्शन व्यवस्था में बिना परमिशन वाले भक्तों ने भी भस्म आरती में चलित दर्शन दर्शन किए। इस दौरान पूरा मंदिर परिसर महाकाल के जयकारों से गूंज उठा। भक्तों ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया। पंडित महेश पुजारी ने बताया कि श्रावण माह तपस्या का माह रहता है। महाकाल मंदिर में भगवान की दिनचर्या की रोजाना की तरह रही। सुबह भगवान को भांग चंदन अर्पित किया गया। श्रावण माह में महाकाल मंदिर में दर्शन करने आने वाले भक्त जल अर्पित कर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेकर उन्हें प्रसन्न करते हैं। यहां जूते-चप्पल उतार सकेंगे श्रद्धालु महाकाल मंदिर में अलग-अलग गेट से आने वाले श्रद्धालु अपने जूते-चप्पल त्रिवेणी संग्रहालय, महाकाल लोक प्लाजा, बड़ा गणेश के पास, हरसिद्धि मंदिर के पास मानसरोवर भवन के पास और प्रशासनिक भवन के पास उतार सकेंगे। पांच स्वरूपों में होंगे महाकाल के दर्शनबाबा महाकाल शाम 4 बजे भक्तों का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे। श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में भगवान का पूजन-अर्चन कर पालकी में विराजित करने के बाद नगर भ्रमण के लिए रवाना होंगे। मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजित भगवान को सलामी दी जाएगी। सवारी के साथ घुड़सवार पुलिस दल, सशस्त्र पुलिस बल, होमगार्ड के जवान, भजन मंडली, झांझ मंडली के सदस्य व पुलिस बैंड शामिल रहेंगे। इस बार पालकी में श्री महाकालेश्वर श्री चंद्रमोलेश्वर स्वरूप में, गजराज पर श्री मनमहेश रूप, गरूड रथ पर श्री शिव तांडव प्रतिमा, नंदी रथ पर श्री उमा-महेश जी स्वरूप में दर्शन देंगे। पर्यटन की थीम पर झांकियां शामिल होंगी बाबा महाकाल की सवारी को भव्य स्वरुप देने के लिए प्रत्येक सवारी अलग-अलग थीम पर निकाली जा रही है। इस बार चौथी सवारी में मध्यप्रदेश के विभिन्न पर्यटन पर झांकियां शामिल होगी। इसमें वन्य जीव पर्यटन के अंतर्गत मध्य प्रदेश के प्रमुख वन्य जीव पर्यटन स्थल कान्हा टाइगर रिजर्व, पेंच टाइगर रिजर्व, रातापानी टाइगर रिजर्व एवं पन्ना टाइगर रिजर्व की झांकी होगी। धार्मिक पर्यटन की झांकी में कृष्ण पथेय ओंकारेश्वर के आदि शंकराचार्य एकात्म धाम की झांकी रहेगी। ऐतिहासिक पर्यटन में ग्वालियर के किला, चंदेरी का किला, खजुराहो के मंदिर प्रदर्शित होंगे। ग्रामीण पर्यटन की झांकी में मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा ओरछा में संचालित होम स्टे व ओरछा मंदिर की प्रतिकृति शामिल रहेगी। जनजातीय व लोक कला के रंग भीसवारी के दौरान 4 जनजातीय एवं लोक नृत्य कलाकारों के दल सहभागिता करेगें। जिसमे मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में धार से भगोरिया नृत्य, मोजीलाल ड़ाडोलिया छिंदवाड़ा का भारिया जनजातीय भड़म नृत्य, उज्जैन की कृष्णा वर्मा के नेतृत्व में मटकी लोक नृत्य, राहुल धुर्वे सिवनी के नेतृत्व में गोंड जनजातीय सैला नृत्य शामिल है। यह खबर भी पढ़ें.... महाकाल की निकली सवारी, 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे:उज्जैन में चंद्रमौलेश्वर, मनमहेश और शिव-तांडव स्वरूप में दर्शन श्रावण मास के तीसरे सोमवार को उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में 4 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। विनायक चतुर्थी होने के कारण भगवान महाकाल का गणेश स्वरूप में श्रृंगार किया गया है। उज्जैन के साथ प्रदेश के अन्य शहरों में भक्त बाबा भोलेनाथ का पूजन-अभिषेक करने पहुंचे। पढ़ें पूरी खबर
जयपुर के विराटनगर स्थित बिलवाड़ी गांव में 37 साल के राकेश सिंधु (गुर्जर) नर्सरी में पौधे बेचते-बेचते खुद बागवान बन गए। अब आसपास के किसान उनसे बागवानी के गुर सीखने आते हैं। राकेश ने बताया, मेरे पास साढ़े पंद्रह बीघा का खेत है। जमीन रेतीली थी तो 150 ट्रॉली काली मिट्टी डलवाई। इसमें नींबू, मौसमी, आंवला, करौंदा, लेसवा लगा है। मक्का, धनिया, मटर, गेहूं, बाजरे की फसल भी लेता हूं। खेत में हर साल गोबर की खाद, जिप्सम डालता हूं। इससे जमीन इतनी उपजाऊ हो गई कि दूसरे किसानों से ज्यादा गेहूं व मटर होते हैं। पहली बार बागवानी लगाने पर बकरियों की खाद खेत में डालनी चाहिए। यह पौधों की जड़ें जमाने में सहायक है। बरसात के दिनों में मौसमी में डायबैक रोग लगता है, जिसे दूर करने के लिए खास मिश्रण बनाता हूं। 220 लीटर के मिश्रण के लिए 15-20 किलो नीम की पत्तियां, 5 किलो आकड़े के पत्ते, 30-35 किलो अडूसा, 5-6 किलो धतूरा लेता हूं। मशीन से इनकी कुट्टी करके गड्ढे में तिरपाल बिछाकर मिश्रण डाल देता हूं। मौसम साफ होने पर छानकर स्प्रे करता या बिना छाने ही जड़ों में डाल देता हूं। इससे फंगस नहीं लगती। जड़ों की बढ़वार अच्छी होती है। नीला थोथा कॉपर का काम करता है। इसे पीसकर 15-16 लीटर पानी में 40-50 ग्राम पाउडर मिलाकर स्प्रे करता हूं। इससे फंगस नहीं लगती। पौधों में कैल्शियम की कमी पूरी करने के लिए भट्टे पर मिलने वाली चूने की कली लाता हूं। इसे पानी में डालकर 3-4 दिन में अच्छी तरह घुलने देता हूं। इसकी गर्मी कम होने पर नीला थोथा मिलाकर जड़ों में डालता हूं। पशुओं की खेली में चूने की कली डालकर पशुओं में भी कैल्शियम की पूर्ति करता हूं। मिर्च, टमाटर में कैमिकल युक्त दवाओं का साइड इफेक्ट हो जाए या पौधों की पत्तियों पर कैमिकल जमा हो जाए तो चूने की कली वाले इस घोल का स्प्रे करने से कैमिकल का प्रभाव खत्म हो जाता है। बागवानी में सभी तरह के पेड़-पौधों में साल में 2 बार (फरवरी, अक्टूबर-नवंबर में) 5-5 लीटर चूने की कली मिला पानी देता हूं। फरवरी-मार्च में नींबू में केनर्टेड रोग लगने से फल पर दाने उभर आते हैं। इससे क्वालिटी घट जाती है। इसे दूर करने के लिए धतूरा, नीम ऑयल, नीला थोथा का स्प्रे करता हूं। नींबू में मच्छरों की समस्या दूर करने के लिए नीम की छाल को पीसकर उसे सड़ाने के बाद पानी में मिलाकर स्प्रे करता हूं। बारिश में जून से जुलाई के बीच नींबू के पत्ते नावनुमा या उलटे सिकुड़ जाएं तो उसमें भी यह स्प्रे कारगर साबित होता है। इससे मकड़ी भी नहीं लगती। लेसवा में मकौड़े का रोग दूर करने के लिए नीला थोथा-चूने का मिश्रण बनाकर पेड़ के तनों से नीचे तक पुताई करता हूं। करौंदे में बारिश के दिनों में मच्छरों की बीमारी आने पर भी नीम की पत्तियों से बने मिश्रण का उपयोग करता हूं। आंवले में डायबैक, कैंकर्ड, कीड़ा लगने पर फुटान रुक जाता है। इसे दूर करने में भी नीम की पत्तियों, अडूसा, धतूरे वाला स्प्रे उपयोगी होता है।
बिहार में मानसून एक्टिव है। रविवार को पटना समेत 13 जिलों में भारी बारिश हुई। पटना में लगातार हो रही बारिश से पटना जंक्शन, पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन और दर्जनों मोहल्लों में जलजमाव की समस्या बन गई है। गंगा नदी के जलस्तर बढ़ने से निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए है। भागलपुर के गांवों में नदी का पानी घुस गया है। वहीं, बक्सर में हाईवे पर नदी बह रही है। किशनगंज में पानी के तेज बहाव में डायवर्जन और बांका में पुल बह गया है। वीडियो देखने के लिए फोटो पर क्लिक करें
रेड लाइट के वक्त चौराहों पर फंस जाते हैं वाहन शहर के 80 प्रतिशत हिस्से में फुटपाथ नहीं है। जहां है, वहां पूरी तरह गुमठियों, हाथ ठेलों और चाय-पान की दुकानों से घिरा हुआ है। इसकी वजह से प्रमुख रास्तों से पैदल गुजर पाना ही मुश्किल हो गया है, न ही गाड़ियां खड़ी करने की जगह मिलती है। हमीदिया रोड हो या न्यू मार्केट या फिर बोर्ड ऑफिस, 10 नंबर और जहांगीराबाद जैसे इलाके... सभी जगह यही स्थिति है। इससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। चौराहों पर रेड लाइट के समय बुरी तरह वाहन फंस जाते हैं। नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने मई में फुटपाथों से अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किए थे, लेकिन विभाग के कार्यालय के बाहर ही फुटपाथ पर पालिका भवन का साइन बोर्ड लगा है। जबकि फुटपाथों पर इस तरह के साइन बोर्ड लगाना प्रतिबंधित है। नया शहर हो या पुराना... हर जगह बेतरतीबी का आलम, यातायात बाधित टीटी नगर से जवाहर चौक... यहां रोज लाखों लोग आते हैं। लेकिन, फुटपाथ पर बनी अस्थायी दुकानों के कारण पैदल चलने वालों को मजबूरन सड़क पर चलना पड़ता है। दोनों तरफ गाड़ियां खड़ी रहने से सड़क संकरी हो चुकी है। आएदिन एक्सीडेंट और रोज जाम लगता है। रोशनपुरा, न्यू मार्केट में भी यही हाल है। लिली टॉकीज चौराहा.लिली टॉकीज चौराहे के फुटपाथ पर अस्थायी कपड़ों की दुकानें, नाश्ता-चाय की टपरियों ने कब्जा कर लिया हैं। नगर निगम से अनुमति होने के बावजूद, इनका संचालन यातायात बाधित कर रहा है। पार्किंग की जगह नहीं रहती। सड़क पर वाहन गुत्थमगुत्था होने से दुर्घटनाएं होती हैं। पीरगेट से हमीदिया रोड... पीरगेट से हमीदिया रोड तक के फुटपाथों पर खाने-पीने की दुकानें, ठेले और चाय की टपरी बनी हैं। गाड़ियां भी बेतरतीब खड़ी रहती हैं, जिस कारण वाहनों की आवाजाही प्रभावित होती है। सड़क पर हर समय जाम लगा रहता है। राहगीरों को सड़क पर ट्रैफिक से निकल कर जाना पड़ता है। यहां भी हैं समस्याएं भास्कर एक्सपर्ट - सिद्धार्थ रोकड़े, ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्ट एक्सपर्ट 15 सेंटीमीटर से ऊंचा फुटपाथ नहीं बनाएं अतिक्रमण रोकने के लिए भारी जुर्माना वसूला जाना चहिए। फुटपाथ आईआरसी मानकों के अनुसार बनाएं। जहां फुटपाथ की ऊंचाई 15 सेमी से अधिक है, वहां कम की जानी चाहिए। नियमों के अनुसार, फुटपाथ की चौड़ाई 1.8 मीटर होनी चाहिए, लेकिन कई जगह 4.8 मीटर तक है, जो अनुचित है। प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए। ^अतिक्रमण हटाने के लिए हम लगातार काम कर रहे है। हमारी टीमें रोज सड़क और फुटपाथों से अतिक्रमण हटा रही हैं।वरुण अवस्थी, एडिशनल कमिश्नर, अतिक्रमण, नगर निगम
'मेरे पति प्रेम का निधन 27 जुलाई 2024 में हो गया था। मैंने मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया था। मृत्यु प्रमाण पत्र को बैंक और डाकघर समेत कई ऑफिस में जमा भी किए थे, लेकिन मेरे पति का नाम वोटर लिस्ट में आ गया। सुना था कि हर घर में BLO आएंगे, पर मेरे यहां कोई नहीं आया। मैं घर पर ही रहती हूं। किसने ये गलती की है, ये मुझे पता नहीं। ऐसा नहीं होना चाहिए था। नया मतदाता सूची जारी किया गया, जिसमें मेरे पति का नाम आया है। यह देख हम भी अचंभित है।' ये बातें केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की करीबी रिश्तेदार किरण देवी ने कही। केंद्रीय मंत्री के फुफेरा भतीजा है प्रेम, जिनके श्राद्ध में खुद गिरिराज सिंह पहुंचे थे। बेगूसराय में मृतक का नाम वोटर लिस्ट शामिल करने का यह पहला मामला नहीं है, बल्कि 18 मृतकों के नाम जोड़े गए हैं। इसके अलावा 2 नाम ऐसे हैं, जो गांव में नहीं है। हकीकत जानने के लिए भास्कर की टीम बेगूसराय के साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र के मतदान केन्द्र संख्या- 107 उच्च विद्यालय सदानंदपुर दक्षिण भाग पहुंची। यहां मृतक के परिजनों से बातचीत की। उन्होंने बताया, 'यहां BLO आए ही नहीं।' पढ़िए पूरी रिपोर्ट... मेरी पत्नी की मौत 14 साल पहले हुई है मृतक मंजू देवी के पति अनिरुद्ध साह ने बताया, 'मैं घर पर ही रहता हूं। मेरे घर BLO कोई दस्तावेज लेने नहीं आएं। पता नहीं मेरी पत्नी मंजू देवी का नाम वोटर लिस्ट में कैसे आ गया। मेरी पत्नी की 14 साल पहले ही बीमारी के कारण मौत हो गई है। लिस्ट सामने आया तो अपनी पत्नी का नाम देख रहा हूं। इस पर हम क्या कह सकते हैं।' हमसे नहीं भरवाया गया कोई फॉर्म मृतक बेंगट तांती की बहू अनीता देवी कहती हैं, 'मेरे ससुर की 8 साल पहले मृत्यु हो गई है। 5 साल पहले सास जगतारण देवी की भी मौत हो गई है। इसके बावजूद सास-ससुर दोनों के नाम वोटर लिस्ट में है। उनका नाम कैसे आया है, यह जिम्मेदार लोग ही बताएंगे।' मेरे घर पर कोई BLO नहीं आया था। हमलोगों से किसी प्रकार का फॉर्म भी नहीं भराया गया है।' BLO ने अपनी मर्जी से भरा फॉर्म मृतक शांति देवी और मृतक अजय कुमार के परिजन सुधीर सिंह ने बताया, 'मेरी मां की मृत्यु साल 2012 और भाई की 2018 में मौत हो गई थी। फिर भी वोटर लिस्ट में नाम आ गया है। BLO ने अपनी मनमर्जी से फॉर्म भरा है, जिससे इस तरह की गलतियां हुई है। वे तो मेरे घर पर आए ही नहीं थे और न ही किसी प्रकार की जानकारी ली।' मां-पिताजी की मौत हो गई, फिर भी लिस्ट में नाम है मृतक कृष्णा देवी और मृतक चक्रधर प्रसाद सिंह के परिजन संजय कुमार ने बताया, 'मेरी मां और पिताजी की मौत हो चुकी है। इसके बावजूद मतदाता सूची में दोनों का नाम है। SIR के दौरान मेरे घर पर कोई BLO नहीं आए थे और न किसी प्रकार के कागजात लिए थे। पता नहीं ये कैसे हो गया।' नाम हटवाने-जुड़वाने के लिए चक्कर लगाना पड़ेगा मंत्री गिरिराज सिंह के भतीजे रविन्द्र कुमार सिंह ने बताया, 'SIR एक बहुत महत्वपूर्ण काम था। हम इंतजार कर रहे थे कि मेरे घर कोई BLO आएंगे, हमसे फॉर्म भरवाएंगे। लेकिन एक महीने के दौरान किसी अधिकारी-कर्मचारियों ने हम लोगों से कोई संपर्क नहीं किया। जब प्रारूप छप कर आया तो उसमें काफी गलतियां है।' 'हम लोग तो यही कह सकते हैं कि एक अच्छे काम को स्थानीय कर्मचारियों ने बर्बाद कर दिया। अब काफी परेशानी होगी, नाम हटवाने-जुड़वाने के लिए चक्कर लगाना पड़ेगा, पता नहीं क्या होगा।' 'केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह मेरे करीबी रिश्तेदार हैं, उनका अधिकतर समय यहीं गुजरा। उनके रिश्ते के भतीजे प्रेम कुमार की 1 साल पहले मौत हो गई, जिनके श्राद्ध कर्म में गिरिराज सिंह भी आए थे। वैसे लोगों का भी नाम मतदाता सूची में शामिल कर दिया गया है।' 'ऑनलाइन बीएलओ का नाम देखा, वो मेरा ग्रामीण है, लेकिन वो कभी नहीं आया। कई बार कॉल किया तो कभी फोन स्विच ऑफ था या कोई परिवार के दूसरे सदस्य ने फोन रिसीव किया।' वोटर लिस्ट में सदानंदपुर में 784 मतदाताओं के नाम निर्वाचन आयोग का मानना है कि BLO ने घर-घर जाकर फॉर्म भरवाया है। उसके बाद डाटा को अपलोड किया गया। उसी आधार पर लिस्ट तैयार की गई है, लेकिन बेगूसराय के सदानंदपुर में ऐसा नहीं दिख रहा है। वोटर लिस्ट में 784 मतदाताओं के नाम हैं। इस क्षेत्र का BLO सनत कुमार हैं, जो सदानंदपुर गांव का ही रहने वाला है। ग्रामीणों ने बताया कि सनत ने अपने घर पर बैठे-बैठे ही वोटर लिस्ट को अपडेट कर दिया है। वे घर पर नहीं आए हैं। BLO घर पर नहीं है, बात नहीं हो सकती दैनिक भास्कर रिपोर्ट ने BLO सनत कुमार से संपर्क करने की कोशिश की। उनका फोन रिसीव करने वाले ने पहले परिचय पूछा, फिर कहा- सनक की तबीयत खराब है। उनसे बात नहीं कर सकती है। एक-दो घंटे के बाद फोन कीजिए। 2 घंटे बाद भी बात करने की कोशिश की, लेकिन उनसे बात नहीं हुई। जिला प्रशासन ने दिए जांच के आदेश मामले को लेकर जिला प्रशासन ने एक नोटिस जारी किया है। जिसमें लिखा है 1 अगस्त को मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन किया गया है। साहेबपुर कमाल विधान सभा क्षेत्र में कुछ मतदान केंद्रों पर मृतकों का नाम मतदाता सूची में शामिल है। संबंधित मतदान केंद्र जिन पर मृतक मतदाताओं के नाम है, उन मतदाताओं का नाम प्रारूप-7 में भर कर जांच की कार्रवाई की जा रही है। जांच प्रतिवेदन मिलते ही नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
शिरोमणि अकाली दल की भर्ती के लिए श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से गठित कमेटी अब जल्द ही अपना नया प्रधान चुनने की तैयारी में है। भर्ती कमेटी की तरफ से एक खत शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) को भेजा गया है। जिसमें आने वाली 11 अगस्त को तेजा सिंह समुद्री हाल में इजलास बुलाने की अनुमति मांगी है। लेकिन, एसजीपीसी की तरफ से किसी भी तरह के टकराव को रोकने के लिए अनुमति का खत श्री अकाल तख्त साहिब को भेज दिया गया है। यह एक कोशिश अकाली दल व भर्ती कमेटी के बीच विवाद व टकराव को रोकने लिए एसजीपीसी की तरफ से की गई है। भर्ती कमेटी की तरफ से उठाए गए इस कदम से अकाली दल में नया विवाद शुरू हो सकता है। अगर ये विवाद अभी ना थमा तो तरनतारन में होने वाले उप-चुनावों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। दरसअल, एसजीपीसी के कई सदस्यों का समर्थन इस समय भर्ती कमेटी के साथ है। तेजा सिंह समुद्री हाल में बुलाना चाहते हैं इजलास खत में अकाली दल भर्ती कमेटी के पांचों सदस्यों मनप्रीत सिंह अयाली, गुरप्रताप सिंह वडाला, संता सिंह उमैदपुर, इकबाल सिंह झूंडा और बीबी सतवंत कौर ने कहा है कि श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों के बाद भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 11 अगस्त को नया प्रधान चुनने के लिए जनरल इजलास बुलाया जा रहा है। कमेटी चाहती है कि ये इजलास एसजीपीसी कार्यालय तेजा सिंह समुद्री हाल में बुलाया जाए। श्री अकाल तख्त साहिब को भेजा खत SGPC के मेंबर कुलवंत सिंह मनन ने जानकारी दी कि भर्ती कमेटी की तरफ से खत भेजा गया है। इस पर विचार करने के लिए इसे श्री अकाल तख्त साहिब को भेज दिया गया है। जो आदेश श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से आएगा, उस पर अमल किया जाएगा। 2 दिसंबर के आदेश के बाद शुरू हुआ था विवाद 2 दिसंबर को जारी एक प्रमुख आदेश में तख्तों के सिंह साहिबानों ने शिअद के पुनर्गठन के लिए 7 सदस्यीय शिअद भर्ती कमेटी (अब पांच सदस्यीय) का गठन किया था। एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी व पूर्व प्रधान किरपाल सिंह बडूंगर द्वारा इस्तीफा देने के बाद उक्त कमेटी के शेष पांच सदस्य ही इसमें बचे। मार्च महीने में इस कमेटी ने भर्ती मुहीम को शुरू किया। जिसके पहले मैंबर पूर्व जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह थे। अब भर्ती कमेटी ने शिअद प्रधान सुखबीर बादल के समांतर प्रधान का चयन करने के लिए 11 अगस्त को बैठक बुलाई है। उक्त बैठक एसजीपीसी मुख्यालय तेजा सिंह समुद्री हाल में बुलाने के लिए भर्ती कमेटी जद्दोजहद में लगी है।
‘इसके राज में महिलाओं के लिए कुछ हुआ है जी…। नहीं ना। हम ही ना सब किए हैं।’ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सदन से लेकर सड़क तक, जब तब यह बयान देते रहते हैं। करीब साढ़े 3 करोड़ महिला वोटरों वाले बिहार में विधानसभा चुनाव को महज 3 महीने बचे हैं। ऐसे में सभी पार्टियां उन्हें साधने में जुटी है। सत्ता में आने पर विपक्ष महिलाओं को माई-बहन सम्मान योजना के तहत 2500 रुपए महीना देने का वादा कर रहा है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैक टू बैक महिलाओं को लेकर घोषणाएं कर रहे हैं। बीते एक महीने में CM नीतीश कुमार ने महिलाओं को लेकर 6 बड़ी घोषणाएं की है। मंडे स्पेशल में पढ़िए और देखिए, नीतीश की बड़ी घोषणाएं, उसके मायने, क्या महिलाएं उनकी फिर से सरकार बनवाएगी…। 1. जीविका दीदियों के लोन का ब्याज घटाया, कर्मचारियों की सैलरी दोगुनी हुई 21 जून 2025 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीविका दीदियों और कर्मचारियों से जुड़े दो बड़े फैसले किए। पहला- स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी जीविका दीदियों को 3 लाख से ज्यादा के बैंक लोन पर 3 फीसदी की कटौती कर दी। उन्हें अब सिर्फ 7 प्रतिशत ब्याज देना होगा। पहले 3 लाख रुपए से ज्यादा के बैंक ऋण पर 10% ब्याज देना पड़ता था। दूसरा- जीविका कर्मचारियों की सैलरी डबल जीविका स्वयं सहायता समूह के सभी 1 लाख 40 हजार कर्मचारियों की सैलरी को दोगुना कर दिया गया। इससे ऐसे में ब्लॉक कर्मचारियों को 50 हजार और गांव के कर्मचारियों को 25 हजार रुपए तक की सैलरी मिलेगी। इसके मायने क्या हैं- CM नीतीश कुमार के मुताबिक, 2006 में शुरू हुई जीविका परियोजना से लगभग 1 करोड़ 40 लाख जीविका दीदियां आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। लोन के ब्याज में कटौती से उन्हें सीधा फायदा होगा। जीविका से अमूमन गरीब तबके की महिलाएं जुड़ी हैं। सरकार के फैसले से उन पर बड़ा असर पड़ेगा। 2. महिलाओं के रिजर्वेशन में डोमिसाइल नीति लागू 8 जुलाई को नीतीश कैबिनेट ने सरकारी नौकरियों में महिलाओं को मिलने वाले 35 फीसदी क्षैतिज आरक्षण में डोमिसाइल नीति को लागू कर दिया। यानी अब दूसरे राज्य की महिला अभ्यर्थियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। उन्हें सामान्य श्रेणी में ही आवेदन करना होगा। सूत्रों के मुताबिक, चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले सरकार 1 लाख टीचरों, 6500 लाइब्रेरियन, सिपाही, इंजीनियर आदि की बहाली निकालने वाली है। इन बहालियों में डोमिसाइल लागू रहेगा। इसके मायने क्या हैं- चुनाव से पहले पढ़ी-लिखी महिलाओं को अपने पाले में करने के लिए सरकार ने बड़ा दांव खेला है। बिहार में होने वाली सरकारी नौकरी की बहाली में डोमिसाइल को लागू करने की मांग पुरजोर तरीके से उठ रही थी। ऐसे में नीतीश सरकार ने पूरी बहाली में इसे लागू ना कर महिलाओं की कैटेगरी में लागू किया है। 3. आशा-ममता कार्यकर्ताओं का वेतन बढ़ा 30 जुलाई को सरकार ने आशा और ममता कार्यकर्ताओं के पैसे में बढ़ोतरी का ऐलान किया। अब ‘आशा’ को 1 हजार की बजाय 3 हजार मासिक और ‘ममता’ को प्रति प्रसव 300 की जगह 600 रुपए मिलेंगे। इससे 95 हजार ‘आशा’ और 4600 ‘ममता’ कार्यकर्ताओं को फायदा होगा। और 29 हजार आशा कार्यकर्ताओं की बहाली चल रही है। इसके मायने क्या हैं- आशा और ममता कार्यकर्ताओं की पहुंच घर तक होती है। इनकी संख्या भी ठीक-ठाक है। पैसा बढ़ने से इनका मनोबल बढ़ेगा और सरकार की बातों को घर-घर तक पहुंचा सकती है। 4. सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ी सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि 400 रुपए प्रति महीन से बढ़ाकर 1100 प्रति माह होगी। लाभार्थियों को जुलाई से पेंशन बढ़ी हुई दर पर मिलेगी। खाते में यह राशि महीने की 10 तारीख को जाएगी। इससे विधवा महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों को फायदा होगा। इनकी संख्या करीब एक करोड़ 9 लाख है। इसके मायने क्या हैं- 2020 विधानसभा चुनाव में बुजुर्गों के अंदर NDA के प्रति गुस्सा दिखा था। CSDS-लोकनीति के पोस्ट पोल सर्वे में बताया गया कि 60 साल से अधिक उम्र के लोगों ने NDA को 5 फीसदी कम वोट किया था। अब माना जा रहा है कि सरकार ने बुजुर्गों का भरोसा जीतने के लिए यह दांव चला है। कितना सफल होगी, चुनाव बाद पता चलेगा। 5. लखपति दीदी योजना से आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश केंद्र सरकार ने 2023 में लखपति दीदी योजना को लॉन्च किया। इस योजना के तहत सरकार महिलाओं को बिना ब्याज के 5 लाख रुपए तक का लोन प्रोवाइड कराती है। यह स्कीम स्वयं सहायता ग्रुपों से जुड़ी महिलाओं के लिए है। इस योजना के तहत स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाती है और फिर अपना खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए बिना ब्याज के 5 लाख रुपए तक लोन दिया जाता है। इसके मायने क्या हैं- इस योजना का फायदा बिहार की महिलाएं भी उठा रही हैं। सरकार की सोच महिलाओं का आत्मनिर्भर बनाना है। जब महिलाएं सेल्फ डिपेंडेंट होंगी तो उनकी राजनीतिक सोच भी बदल सकती है। इसका फायदा NDA सरकार उठाने का प्रयास कर रही है। 6. बजट में महिलाओं की छोटी-छोटी जरूरतों का रखा ध्यान चुनावी बजट में सरकार ने आधी आबादी यानी महिलाओं को सबसे ज्यादा साधने की कोशिश की थी। महिलाओं की छोटी–छोटी जरूरतों से जुड़े थे। जैसे- पिंक टॉयलेट, पिंक बस, जिम ऑन व्हील्स, महिला हाट, गरीब कन्याओं के विवाह के लिए कन्या मंडप, गर्ल्स हॉस्टल, महिलाओं को ई–रिक्शा की खरीदारी पर सब्सिडी शामिल हैं। ये अनाउसमेंट महिलाओं की सुविधाओं से जुड़े थे, इनसे महिलाओं को छोटे–छोटे रोजगार मिलेंगे। कन्या मंडप के जरिए पहली बार गरीब कन्याओं की शादी की व्यवस्था सरकार करने जा रही है। हालांकि, इसमें भी कुछ राशि महिलाओं को देनी होगी। वहीं, कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित माहौल देने के लिए हॉस्टल की व्यवस्था होगी। इससे नौकरीपेशा महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी। महिलाओं सिपाहियों के लिए भी सरकार किराये पर कमरा लेगी। इसके मायने क्या हैं- बिहार में महिलाओं की आबादी करीब 6 करोड़ है, और ये नीतीश कुमार का वोट बैंक मानी जाती हैं। हालांकि, सरकार की योजनाओं से सिर्फ उन महिलाओं को रोजगार मिलेगा, जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है, और जो कम पिढ़ी–लिखी हैं। दरकते वोट बैंक को बचाने की कोशिश है रिटायर्ड, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज से रिटायर्ड प्रो. पुष्पेन्द्र कहते हैं, ‘नीतीश कुमार ने अपने शुरुआती कार्यकाल में काम करके महिलाओं को अपना वोट बैंक बनाया। लेकिन अब उनका वोट बैंक दरक रहा है। यह पिछले चुनाव से ही दिखने लगा था। अपराध जिस तरह से बढ़ा है उससे महिलाओं में काफी असुरक्षा आई है।’ ‘माइक्रो फाइनांस बैंक से गांवों में बेचैनी की स्थिति है। इसलिए नहीं लगता है कि अब महिलाओं का बड़ा वोट बैंक पहले की तरह नीतीश कुमार को मिल पाएगा।’ पहले के 3 कार्यकाल में भी CM नीतीश ने चला था मास्टर स्ट्रोक 2005 में मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार ने महिलाओं को अपने पाले यानी अपना वोट बैंक बनाने के लिए कई बड़े निर्णय लिए थे। इसमें कुछ बड़े निर्णय जानिए… 1. पंचायत में महिलाओं को 50 फीसदी रिजर्वेशन 2006 में नीतीश कुमार ने पंचायती राज में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण लागू किया। तब बिहार देश का पहला राज्य था, जिसने पंचायती राज में महिलाओं को इतना बड़ा रिजर्वेशन दिया। तब सरकार ने कहा था, महिलाओं को रिजर्वेशन देने से पंचायत स्तर से महिलाओं का नेतृत्व विकसित होगा। बिहार सरकार के लागू करने के एक साल बाद मध्यप्रदेश ने भी पंचायती राज में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण लागू किया। 2. 2016 में लागू की शराबबंदी अप्रैल 2016 में नीतीश कुमार ने राज्य में शराबबंदी कानून को लागू किया। यानी बिहार में शराब की बिक्री पर रोक लगा दी गई। इस कानून का उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा को कम करना और राज्य में अपराध दर को नियंत्रित करना था। नीतीश कुमार ने अपने चुनाव अभियान के दौरान शराबबंदी का वादा किया था और सरकार बनने के बाद इसे लागू किया। बिहार पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 2015 में घरेलू हिंसा के 15,000 से अधिक मामले दर्ज हुए थे, जो 2020 तक घटकर 9,000 हो गए। 3. मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना CM नीतीश कुमार ने 2018 में मुख्यमंत्री उत्थान योजना लॉन्च किया। इसका उद्देश्य राज्य की लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है। इसके तहत बालिका के जन्म पर 5,000 रुपए दिया जाता है। 10वीं और 12वीं पास करने पर 10,000 रुपए और ग्रेजुएशन करने पर 50,000 रुपए तक की सहायता राशि दी जाती है। इस योजना का लाभ लगभग एक करोड़ 6 लाख लड़कियों को मिलने की उम्मीद है। 4. स्कूल जाने के लिए लड़कियों को दी साइकिल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लड़कियों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए 2006 में साइकिल योजना शुरू की। इसके तहत सरकार स्कूल में पढ़ने वाली लड़कियों को साइकिल खरीदने के लिए प्रोत्साहन राशि दी गई। इसके 3 साल बाद 2009 में योजना का विस्तार करते हुए इसमें लड़कों को भी जोड़ा गया। तब से लड़कों को भी साइकिल मिलने लगी। बिहार में सत्ता के लिए महिलाओं का वोट जरूरी बिहार में भले महिलाओं से ज्यादा पुरुष वोटर हैं, लेकिन वोट करने बूथ तक महिलाएं ही ज्यादा जाती हैं। पिछले तीन चुनावों से महिला मतदाताओं का टर्न आउट पुरुषों के मुकाबले अधिक रहा है। 2010 में महिलाओं ने पुरुषों से अधिक वोट डाला 2010 के बिहार चुनाव में ऐसा पहली बार हुआ था जब विधानसभा चुनाव में वोट डालने के मामले में महिलाएं आगे रही थीं। तब पुरुषों का टर्नआउट 53 फीसदी और महिलाओं का 54.5 फीसदी रहा था। इस चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी को 115 सीटें मिली थीं। एक्सपर्ट के मुताबिक, पंचायत में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने और जीविका योजना शुरू होने से उनके अंदर राजनीतिक चेतना जागी। इसका परिणाम हुआ कि वह बूथ तक गईं। 2015 में महिलाओं ने रिकार्ड वोटिंग की 2015 विधानसभा चुनाव में 51.1 फीसदी पुरुषों के मुकाबले 60.4 फीसदी महिलाओं ने मतदान किया था। उस वक्त नीतीश कुमार की पार्टी JDU का लालू यादव की पार्टी RJD से गठबंधन था। उस वक्त JDU 101 सीटों पर लड़ी। जिसमें से 71 सीटें जीती। महागठबंधन 178 सीट जीता था। तब महिलाओं के वोट बढ़ने का बड़ा कारण महिलाओं के रिजर्वेशन और साइकिल योजना को दी गई थी। तब तक साइकिल योजना के शुरू हुए 10 साल हो गए थे और लड़कियां फर्स्ट टाइम वोटर बन चुकीं थी। इसके अलावा पंचायत में मिले अधिकार से उनके अंदर जागरूकता आ गई थी। 2020 में पुरुषों से 5 फीसदी अधिक महिलाओं ने डाले वोट 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में 54.6 फीसदी पुरुषों ने वोट किया था। वहीं, 59.7 फीसदी महिलाओं ने वोट किया था, जो पुरुषों के मुकाबले 5 फीसदी अधिक था। 2020 में सत्ता विरोधी लहर के बीच महिलाओं ने ही नीतीश सरकार की सरकार में वापसी कराई थी। तब JDU 43 सीटों जीती थी। सीटें कम होने का सबसे बड़ा कारण चिराग पासवान का अलग लड़ना माना गया था। एक्सपर्ट इसके पीछे शराबबंदी को बड़ा कारण मानते हैं। उनका कहना है कि महिलाएं शराबबंदी की पक्षधर हैं और उन्हें नीतीश कुमार पर ही भरोसा है। ------------- ये भी पढ़ें... अनंत, पप्पू पांडेय, धूमल सिंह की सीट नहीं छोड़ेगी JDU:चिराग के लिए जगदीशपुर छोड़ सकते हैं नीतीश, BJP की 5 सीट पर दावेदारी; देखिए पूरी लिस्ट राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट शेयरिंग को लेकर जारी चुप्पी के बीच नीतीश कुमार की JDU ने 112 सीटों पर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इन सीटों पर JDU ने जिला स्तर से लेकर विधानसभा स्तर तक अपने नेताओं की फौज उतार दी है। जदयू सूत्रों की मानें तो पार्टी ने अपने नेताओं को स्पष्ट संदेश दिया है कि ये सीटें उनके हिस्से आने वाली है। आप लोग तैयार रहें। पार्टी की तरफ से नेताओं के बीच इन सीटों की लिस्ट भी जारी की गई है। पूरी खबर पढ़िए
लेटलतीफी:अब तक शुरू नहीं हुई फार्मेसी कोर्सेस की प्रवेश प्रक्रिया, दूसरे कोर्सेस में सीएलसी जारी
प्रदेश के फार्मेसी कॉलेजों में इस वर्ष भी बी.फार्मेसी, डी.फार्मेसी और एम.फार्मेसी कोर्सेस में एडमिशन प्रक्रिया की शुरुआत नहीं हो सकी है। हर साल हजारों छात्र इन कोर्सेस में प्रवेश लेते हैं, लेकिन बीते कुछ वर्षों से यह प्रक्रिया लगातार देरी का शिकार हो रही है। इसकी बड़ी वजह फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) द्वारा कॉलेजों को समय पर मान्यता न मिल पाना है। इससे आरजीपीवी भी संबद्धता पत्र समय पर जारी नहीं कर पाता और एडमिशन प्रक्रिया अटक जाती है। प्रदेश में फार्मेसी कोर्सेस की काउंसलिंग डायरेक्टोरेट ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (डीटीई) द्वारा कराई जाती है। कोरोना के पहले तक बीटेक, बीआर्क और फार्मेसी की काउंसलिंग एक साथ शुरू होती थी, लेकिन कोरोना के बाद से फार्मेसी की प्रक्रिया हर साल पीछे छूट रही है। हालांकि, इस बार डीटीई इसी सप्ताह से फार्मेसी रजिस्ट्रेशन शुरू करने की तैयारी कर रहा है। पिछले साल के शैक्षणिक सत्र भी हुए थे प्रभावित इस वर्ष बीटेक, बीबीए, बीसीए जैसे अंडर ग्रेजुएट कोर्सेस और एमटेक, एमबीए, एमसीए जैसे पीजी कोर्सेस में कॉलेज लेवल काउंसलिंग (सीएलसी) प्रक्रिया जारी है। इसके विपरीत फार्मेसी की स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं है। पिछले सत्र में भी बी.फार्मेसी और डी.फार्मेसी का रजिस्ट्रेशन 10 सितंबर से शुरू हुआ था और पूरी प्रक्रिया 30 नवंबर तक चली थी। इससे पूरे सत्र की पढ़ाई प्रभावित हुई थी। डिग्री कॉलेजों पर भी असरफार्मेसी एडमिशन में देरी का असर डिग्री कॉलेजों पर भी होता है। कई बार छात्र विकल्प के तौर पर बीएससी जैसे कोर्सेस में अस्थायी दाखिला ले लेते हैं और फिर फार्मेसी की काउंसलिंग शुरू होते ही बीएससी सीट छोड़कर फार्मेसी में चले जाते हैं। इससे डिग्री कॉलेजों की सीटें खाली रह जाती हैं और संसाधनों का नुकसान होता है। पीसीआई की प्रक्रिया सुस्त एआईसीटीई के कोर्सेस की मान्यता को लेकर अब दिक्कतें नहीं हैं, लेकिन पीसीआई की प्रक्रिया अब भी सुस्त बनी हुई है। यदि इसमें सुधार नहीं हुआ तो फिर हजारों छात्र और कॉलेज अनिश्चितता में फंसे रहेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि फार्मेसी कोर्सेस के लिए स्थायी और समयबद्ध एडमिशन कैलेंडर जरूरी है, जिससे छात्रों को राहत मिल सके।
बिजली के झटके:शहर के नए व पुराने कई इलाकों में रोज हो रही परेशानी
भोपाल में ऐसे 50 से ज्यादा फीडर्स हैं जिन पर महीने में औसतन कम से कम 15 ट्रिपिंग हो रही हैं। एक फीडर से 1600 कनेक्शन होते हैं, यानी इन फीडरों से जुड़े 80 हजार घरों में महीने के आधे िदन िबजली आती-जाती रहती है। जाटखेड़ी, होशंगाबाद रोड का एरिया में करीब 14 कॉलोनी हैं। जाटखेड़ी फीडर से महीने भर में करीब 52 बार बिजली गुल यानी ट्रिपिंग होती है। आदमपुर और कोलार के किडजी फीडर पर भी औसतन 48 ट्रिपिंग होती हैं। अचानक बिजली गुल होने से यहां के रहवासी परेशान हैं। ऊर्जा मंत्री ने शनिवार को बैठक में इस बड़ी खामी को लेकर बिजली कंपनी के अफसरों पर नाराजगी जताई थी। इन फीडरों के इलाकों में ज्यादा समस्या जाटखेड़ी, मिसरोद, होशंगाबाद रोड पर शनि मंदिर से सटा इलाका, गणेश नगर, ज्योति नगर, केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 3 के आसपास का एरिया, मिसरोद, सहारा कॉलोनी, कोलार का बैरागढ़ चीचली, मालाखेड़ी, कोकता, आनंद नगर, शाहजहांनाबाद, तलैया। बिजली कंपनी के अफसरों पर मंत्री जता चुके नाराजगी ट्रिपिंग की ये हैं मुख्य वजहें अगर अफसरों ने लापरवाही की तो जूनियर को दे देंगे प्रभारअधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि मेंटेनेंस के बाद भी ट्रिपिंग होने पर संबंधित इंजीनियर की जिम्मेदारी तय की जाए। निरीक्षण की टीप विद्युत रजिस्टर में अंकित की जाए। मुख्य अभियंता और अधीक्षण यंत्री भी यदि लापरवाही करेंगे, तो उनके विरुद्ध कार्रवाई जाएगी। साथ ही उनके जूनियर को उनका प्रभार दे दिया जाएगा। -प्रद्युम्न सिंह तोमर, ऊर्जा मंत्री
सावन की आज अंतिम सोमवारी है। इसको लेकर बिहार और झारखंड के शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। श्रद्धालु महादेव का जलाभिषेक कर रहे हैं। देवघर के बाबा धाम में तड़के सुबह 3.00 बजे मंदिर के पट खुले। पट खुलते ही बोल बम के जयकारों से पूरा मंदिर गूंज उठा। पट खुलने के बाद कांचा जल और प्रातः कालीन पूजा की गई। इसके बाद कांवरियों ने जल चढ़ाना शुरू किया। बाबा बैद्यनाथ मंदिर परिसर से करीब 5 किलोमीटर लंबी लाइन लगी है। मंदिर परिसर में करीब 1 लाख से अधिक श्रद्धालु मौजूद हैं। वहीं, मुजफ्फरपुर के गरीबनाथ मंदिर में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ी है। गरीबनाथ मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालु पहलेजा घाट से जल लेकर पहुंच रहे हैं। मंदिर के बाहर करीब 2 किलोमीटर तक लाइन लगी है। बेगूसराय के बाबा हरिगिरिधाम गढ़पुरा श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। इसके अलावा जहानाबाद के वाणावर में स्थित सिद्धेश्वरनाथ मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है, जो बोल बम के नारे लगा रहे हैं। देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर और मुजफ्फरपुर के गरीबनाथ मंदिर की तस्वीरें..
1.5 लाख संपत्तियों के दस्तावेज ऑनलाइन:75 हजार आवंटियों के 80 लाख प्रॉपर्टी के दस्तावेज डिजिलॉकर पर
हाउसिंग बोर्ड ने अपने आवंटियों की प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज सुरक्षित करने के लिए डिजिटाइजेशन का काम करीब पूरा कर लिया है। अब तक बोर्ड 75 हजार से ज्यादा आवंटियों की 80 लाख संपत्तियों के दस्तावेज और नस्तियां ऑनलाइन कर चुका है। ये दस्तावेज अब डिजिलॉकर एप पर भी अपलोड हो गए हैं। यानी आवंटी को अपने दस्तावेजों की जरूरत हो या उन्हें इनमें कुछ देखना है तो अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से लॉगिन कर डिजिलॉकर पर देख सकते हैं।डीजी लॉकर पर मप्र शासन के 101 तरह के दस्तावेज ऑनलाइन हैं। इनमें अब मप्र हाउसिंग बोर्ड भी शामिल हो गया है। इससे चोरी होने या आग लगने के कारण दस्तावेज गायब होने की परेशानी खत्म हो जाएगी। मप्र हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर, डॉ. राहुल हरिदास फटिंग, ने बताया कि बोर्ड से प्रॉपर्टी खरीदने वाले लोग बगैर दफ्तर के चक्कर लगाए 30-40 साल पुरानी संपत्ति के दस्तावेज भी देख सकेंगे। इससे पहले बोर्ड ने अपने डेढ़ लाख से ज्यादा आवंटियों के लेजर (खाता) ऑनलाइन कर दिए हैं।
प्रदेश में वन स्टेट-वन हेल्थ इमरजेंसी मेडिसिन लागू करने की तैयारी
मप्र के ग्रामीण और शहरी स्वास्थ्य ढांचे को सुधारने के लिए एम्स भोपाल ने ‘वन स्टेट, वन हेल्थ इमरजेंसी मेडिसिन’ प्लान तैयार किया है। इसमें मप्र के सभी अस्पतालों में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को एक समान बनाया जाएगा। एम्स ने हाल ही में एक आपदा प्रबंधन मॉक ड्रिल का आयोजन किया। एम्स के निदेशक डॉ. अजय सिंह ने कहा कि हर नागरिक तक विश्वस्तरीय आपातकालीन चिकित्सा सेवा पहुंचाना हमारा मिशन है। बता दें कि इस पहल का उद्घाटन पिछले वर्ष सीएम मोहन यादव ने किया था।
यूपी के इटावा में उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर की तरह केदारेश्वर मंदिर बन रहा। इस मंदिर का पूरा क्षेत्रफल करीब 50 बीघे में है। इसे यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बनवा रहे हैं। इस मंदिर से उनका गांव सैफई करीब 20 किलोमीटर दूर है। मंदिर का शिलान्यास 2020 में अखिलेश ने किया था। 2026 तक इसके तैयार हो जाने की संभावना है। मंदिर शिव शक्ति अक्ष रेखा के ऊपर बन रहा है। देश के 8 प्रमुख शिव मंदिर इसी रेखा पर स्थित हैं। इस मंदिर को बनाने में ईंट-बालू-सीमेंट और लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। तमिलनाडु से स्पेशल पत्थर लाए जा रहे। उसी से मंदिर का निर्माण हो रहा है। ये पत्थर कन्याकुमारी से ही तराश कर भेजे जा रहे हैं। 200 लोग तमिलनाडु में पत्थरों को तराशने का काम कर रहे हैं। 100 लोग इटावा में मंदिर को तैयार करने के काम में लगे हैं। इटावा की लॉयन सफारी के सामने बन रहे इस मंदिर की ऊंचाई 74 फीट है। VIDEO में देखिए इस खास मंदिर के बारे में…
बिहार में पिछले कई दिनों से मानसून एक्टिव है। मौसम विभाग ने आज यानी सोमवार को प्रदेश के सभी 38 जिलों में बारिश की संभावना जताई है। इनमें 32 जिलों के लिए यलो और 6 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। यलो अलर्ट वाले जिलों में 30-40KM प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। इसके अलावा राज्य के 6 जिलों पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, गोपालगंज और सीवान के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे में प्रदेश के अधिकतर जिलों में बारिश और बिजली गिरने का खतरा बना रहेगा। पूर्णिया में बारिश ने पिछले 5 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। कई इलाकों में लोगों के घरों में पानी घुस चुका है। पूर्णिया में बारिश ने तोड़ा 5 साल को रिकॉर्ड पूर्णिया में रविवार शाम से भारी बारिश हो रही है। इस दौरान 2 घंटे की मूसलाधार बारिश ने पिछले 5 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। तेज हवा और गर्जन के साथ हो रही बारिश से जगह-जगह जलजमाव की स्थिति बन गई है। नगर निगम क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति है। मौसम विभाग के मुताबिक 3 अगस्त की शाम 4 से 6 बजे के बीच 2 घंटे में 115 MM बारिश दर्ज की गई। शहर के टैक्सी स्टैंड रोड स्थित पतंजलि मेगा स्टोर, शास्त्रीनगर और भट्टा बाजार इलाके के कई घरों में पानी घुस गया है। इससे पहले साल 2020 में 2 घंटे में 117 MM के आसपास बारिश दर्ज की गई थी। रविवार को 13 जिलों में बारिश हुई रविवार को पटना समेत 13 जिलों में भारी बारिश हुई। बारिश के कारण राजधानी के कई इलाकों में हालात बिगड़ गए। पटना जंक्शन, पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन, गांधी मैदान में सड़कों पर 2 से 3 फीट तक पानी जमा हो गया है। बक्सर में हाईवे पर नदी का पानी बहने लगा। मुंगेर, बांका और भागलपुर में बाढ़ जैसे हालात बन गए। मौसम से जुड़ी कुछ तस्वीरें... पिछले 24 घंटे से बिजली से 3 की मौत मौसम विभाग के अनुसार पूरे राज्य में सोमवार को बिजली गिरने का खतरा बना रहेगा। वहीं रविवार को बिजली की चपेट में आने से समस्तीपुर में एक नाबालिग लड़की, जमुई में एक स्वच्छता कर्मी और बांका में एक चरवाहे की मौत हो गई। जबकि औरंगाबाद में कोचिंग जा रही दो छात्राएं बिजली की चपेट में आने से बेहोश हो गई। दोनों को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
राजधानी भोपाल में न्यू मार्केट, दस नंबर और रायसेन रोड क्षेत्र में रात में सफाई व्यवस्था में बड़ा बदलाव दिख रहा है। बीते तीन-चार दिनों से यहां न नियमित नाइट स्वीपिंग हो रही है, बल्कि लिटर बिन्स भी खाली की जा रही हैं। खास बात यह है कि जो दुकानदार मिक्स कचरा दे रहे हैं, उन्हें अगले दिन निगम की ओर से फोन कर हिदायत दी जा रही है। स्वच्छ सर्वेक्षण शुरू होने के बाद पिछले 10 साल में पहली बार नाइट स्वीपिंग में ऐसा बदलाव देखा गया है। सफाई के लिए रात में 85 वाहन तैनात किए गए हैं। भोपाल अब सुपर स्वच्छता लीग में शामिल हो गया है, इसलिए फाइव स्टार रेटिंग बरकरार रखना निगम की प्राथमिकता बन गई है। हाल ही में इंदौर से भोपाल स्थानांतरित हुए एएचओ नितिश मिश्रा से जब निगम अफसरों ने पूछा कि इंदौर में क्या अलग हो रहा है, तो उन्होंने वहां की नाइट स्वीपिंग व्यवस्था बताई। इसके बाद निगम कमिश्नर हरेंद्र नारायण ने उन्हें इसका प्रभारी बना दिया।
घटिया क्वालिटी की वजह से राजधानी की सड़क पहली बारिश भी नहीं झेल पा रही है। ड्रेनेज सिस्टम नहीं होने की वजह से सड़कों पर पानी भर रहा है। लोग पानी में से होकर निकलने पर मजबूर हैं। हालात यह हैं कि बारिश में बने गड्ढों में लोग गिर रहे हैं। इसके बावजूद भी निगम, जेडीए और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा। पीडब्ल्यूडी ने एक साल पहले सांगानेरी गेट से ट्रांसपोर्ट नगर तक सड़क बनाई थी। यह सड़क पहली ही बारिश को नहीं झेल पाई और डेढ़ किलोमीटर के क्षेत्र में पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। इस पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। इन गड्ढों में अब आए दिन लोग गिर रहे हैं। दुपहिया वाहन फंस रहे हैं। कई जगह पानी भरा हुआ है। बारिश की गति धीमी और कम होने के बावजूद भी अधिकारियों ने अभी तक सड़क पर मोरम नहीं बिछाई है। निवारू रोड की सड़क से डामर-कंक्रीट गायब, पत्थर निकले जेडीए की ओर से धाबास, सिरसी, रंगोली गार्डन और कालवाड़ रोड पर बने गड्ढों का पैचवर्क किया जा रहा है, लेकिन निवारू रोड पर हुए गड्ढों की जेडीए अधिकारियों ने अभी तक सुध नहीं ली है। निवारू रोड पर बनी सड़क से डामर-कंक्रीट गायब हो गए हैं, पत्थर निकल गए हैं। 50 मीटर के दायरे में सड़क ही गायब हो गई है। पत्थर निकलने की वजह से आए दिन वाहन फंस रहे हैं। शास्त्री नगर में सड़क ध्वस्त शास्त्री नगर स्थित शिव शक्ति कॉलोनी में एक साल पहले करीब 2 किमी के क्षेत्र में नगर निगम ने सड़क बनाई थी, जो पहली बारिश में ही ध्वस्त हो गई। घटिया क्वालिटी की सड़क होने की वजह से जगह-जगह कंक्रीट और डामर निकल गया। इससे 6 इंच तक गड्ढे हो गए हैं, जिनमें आए दिन वाहन फंस रहे हैं। 2 करोड़ की लागत से बनी यह सड़क अब पानी में बह गई है। क्षतिग्रस्त सड़क को ठीक करने के लिए विकास समिति कई बार निगम अधिकारियों को शिकायत कर चुकी है, लेकिन इसके बावजूद निगम अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं।
यूपी के बुलंदशहर में 3 दिसंबर, 2018 को हिंसा हुई। इसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के अलावा एक युवक सुमित की मौत हुई। दोनों की जान कैसे गई, यह बात घटना के साढ़े 6 साल बाद सार्वजनिक हुई है। फोरेंसिक लैब ने जांच रिपोर्ट से दावा किया कि दोनों की मौत एक ही हथियार की गोली लगने से हुई थी। पहले सुमित, फिर इंस्पेक्टर की मौत हुई। हिंसा-हत्याकांड में 1 अगस्त को 38 दोषियों को सजा सुनाई गई, तब ये जांच रिपोर्ट पहली बार सामने आई। इससे पहले ये बात एक पहेली थी कि सुमित कैसे मरा और उसे किसने मारा? पब्लिक के एकमात्र विटनेस और 3 हत्यारों ने कोर्ट को बताया कि इंस्पेक्टर ने भीड़ पर गोली चलाई थी, जो सुमित को लगी। सुमित के पिता को इस बात का दर्द है कि आज तक बेटे की मौत का इंसाफ नहीं मिला। जबकि इंस्पेक्टर हत्याकांड-हिंसा में सजा भी हो गई। महत्वपूर्ण बात ये है कि जिस हथियार (पिस्टल) से गोली मारी गई, वो आज तक नहीं मिला। दैनिक भास्कर ने 391 पेज के कोर्ट ऑर्डर की बारीकी से स्टडी की। पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट… दोनों शवों से मिले बुलेट .32 बोर केयूपी पुलिस की फोरेंसिक लैब आगरा में है। यहां के वैज्ञानिक अधिकारी रमेश सिंह लोधी ने बुलंदशहर कोर्ट को बताया- 5 दिसंबर, 2018 को सुमित कुमार और 15 दिसंबर, 2018 को इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के शरीर से बरामद हुए बुलेट का परीक्षण किया गया। सुमित के पोस्टमॉर्टम नंबर-1465/18 से मिली बुलेट EB-1 और इंस्पेक्टर सुबोध के पोस्टमॉर्टम नंबर-991/18 से मिली बुलेट EB-1 दोनों ही .32 बोर की हैं। दोनों गोलियां एक ही हथियार से चली पाई गईं। दोनों मृतकों के शरीर पर बने गोली के एंट्री पॉइंट घाव क्लोज रेंज के बाहर की दूरी से फायर करने पर बनना संभव है। सुमित के शरीर से लेड, कॉपर और नाइट्राइट की मौजूदगी डिटेक्ट नहीं हुई। इसलिए सुमित को क्लोज रेंज से बाहर की दूरी से फायर होने पर गोली लगने की संभावना है। यानी दूर से गोली मारी गई थी। रमेश सिंह लोधी ने कोर्ट को बताया- दोनों को 32 बोर की गोली लगी थी और गोली एक ही वेपन की थी। तमाम निष्कर्ष और परीक्षण के आधार पर मैं ये कह सकता हूं कि दोनों बुलेट एक ही आग्नेय अस्त्र (हथियार) से चले पाए गए। ये बात भी सही है कि जिस हथियार से ये दोनों बुलेट चलना पाया गया, वो हथियार फोरेंसिक जांच के लिए लैब में नहीं भेजा गया। फोरेंसिक लैब की ये जांच रिपोर्ट पहली बार सार्वजनिक तौर पर सामने आई है। इससे पहले ये आरोप जरूर लगते रहे कि इंस्पेक्टर और सुमित की मौत एक ही हथियार (पिस्टल) की गोली लगने से हुई थी। कहा जाता है कि आज तक वो हथियार इसलिए रिकवर नहीं किया गया, ताकि इंस्पेक्टर हत्याकांड का केस कमजोर न पड़े। एकमात्र पब्लिक विटनेस बोला- इंस्पेक्टर की हवाई फायरिंग में सुमित को गोली लगी बुलंदशहर पुलिस ने हिंसा और हत्याकांड में मुकेश उर्फ मूला को एकमात्र पब्लिक विटनेस बनाया है। मुकेश ने कोर्ट को बताया- मैंने देखा कि इंस्पेक्टर साहब के सिर में चोट लगी थी, खून निकल रहा था। वो दीवार के सहारे बैठकर अपना खून पोंछ रहे थे। भीड़ में सबसे आगे सुमित (मरने वाला व्यक्ति) था। दीवार के सहारे एक होमगार्ड खड़ा था। उसने हवाई फायर किया, ताकि भीड़ रुक जाए। इंस्पेक्टर ने अपने को घिरता देखकर हवाई फायर किया, जो सुमित को लगा। इंस्पेक्टर को मैं अपने गांव की तरफ लेकर जा रहा था। तभी प्रशांत नट (मुख्य हत्यारा) दीवार की ओट से आया और इंस्पेक्टर को पकड़ लिया। इंस्पेक्टर जमीन पर गिर गए। भीड़ एकदम टूट पड़ी। सभी लाठी-डंडों से इंस्पेक्टर को मारने लगे। प्रशांत नट ने पिस्टल छीनकर इंस्पेक्टर को गोली मार दी। हत्यारों का भी यही बयान, सुमित को लगी इंस्पेक्टर की गोलीइंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या में कोर्ट ने 5 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इनमें से 3 दोषी प्रशांत, डेविड और राहुल ने भी कोर्ट में पब्लिक विटनेस मुकेश उर्फ मूला जैसा बयान दिया। तीनों ने बताया- जब हम चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंचे, तो इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह खेत में दीवार के सहारे (घटनास्थल) थे। वो अपना खून पोंछ रहे थे। सुमित (जिसकी बाद में मौत हुई) करीब 15 गज दूर से इंस्पेक्टर पर पत्थरबाजी कर रहा था। जिस समय सुमित को इंस्पेक्टर की गोली लगी, दोनों की दूरी 8-10 गज रही होगी। इंस्पेक्टर ने हवाई फायर किया था। जिससे गोली लगकर सुमित घायल हुआ था। यह फायर इंस्पेक्टर ने डिग्री कॉलेज की दीवार के सहारे नाली से किया था। सुमित को गोली लगने के करीब 20 मिनट बाद इंस्पेक्टर को गोली लगी होगी। सुमित के पिता बोले- बेटे को इंस्पेक्टर ने मारागांव चिंगरावठी में रहने वाले सुमित की मौत को लेकर हमने उसके पिता अमरजीत सिंह से भी बात की। वो दो टूक कहते हैं- इंस्पेक्टर गायों को कटवाता था, पैसे लेता था। उन्होंने मेरे बेटे की हत्या कर दी। जिस तरह महाभारत में अभिमन्यु की हत्या हुई, ठीक वैसे ही मेरे बेटे की हत्या कर दी गई। वो वर्दी वाला था, सरकार उसकी थी। जातीय पक्षपात मुख्यमंत्री ने किया। मैं मुख्यमंत्री से भी मिला। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। दोषियों ने अपने बचाव में कोर्ट में क्या-क्या कहा? हाईकोर्ट में सजा को चैलेंज करेंगे सभी दोषीइस हिंसा में कोर्ट ने 5 दोषियों को उम्रकैद और 33 दोषियों को 7-7 साल की सजा सुनाई है। अब इन दोषियों का क्या होगा? क्या ये पूरी सजा काटेंगे या फिर अगले कुछ दिनों में जमानत पाकर जेल से बाहर आ जाएंगे? इसे लेकर हमने डिफेंस लॉयर अशोक डागर से भी बात की। उन्होंने बताया- हम सेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट इलाहाबाद में अपील दायर करने जा रहे हैं। इसके साथ ही सभी की तरफ से बेल एप्लिकेशन भी डाली जाएगी। हमें उम्मीद है कि सभी लोग जल्द जमानत पर बाहर आएंगे। पहले भी हिंसा के 11-12 महीने बाद ही ज्यादातर नामजद आरोपियों को जमानत मिल गई थी। कोर्ट का दंगाइयों को संदेश- खुद जज बनने का प्रयास न करें1 अगस्त, 2025 को बुलंदशहर कोर्ट के ADJ गोपाल जी. ने ऑर्डर कॉपी लिखी। इसमें लिखा- भारत में हर नागरिक का दायित्व है कि वो कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में लेकर स्वयं न्यायाधीश बनने का प्रयास न करे। जब बलवाइयों-उपद्रवियों द्वारा कानून हाथ में लेने का दुस्साहस किया जाता है, तब ऐसे लोगों के साथ दंड के उद्देश्य से कोर्ट को संविधान सम्मत फैसला लेने का अधिकार है। ऐसे बलवाइयों को अनुपात में दंड दिया जाना न केवल संविधान के उद्देश्य की पूर्ति करता है, बल्कि विधि-न्यायिक व्यवस्था के प्रति जनता का भरोसा बरकरार रहता है। आखिर में पूरा मामला समझिए गोकशी पर भड़के थे हिंदू संगठन, फूंक दी थी पुलिस चौकी3 दिसंबर, 2018 को बुलंदशहर जिले में स्याना कोतवाली के गांव महाव के खेतों में गोवंश के अवशेष मिले थे। हिंदू संगठन इन्हें उठाकर बुलंदशहर-स्याना स्टेट हाईवे पर चिंगरावठी पुलिस चौकी के सामने ले आए। उन्होंने अवशेषों को सड़क पर रखकर रास्ता जाम कर दिया। पुलिस ने समझाने का प्रयास किया तो भीड़ ने पथराव कर दिया और पुलिस चौकी में आग लगा दी। इस दौरान स्याना कोतवाली के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गांव चिंगरावठी के सुमित की भी इस दौरान गोली लगने से मौत हुई। पुलिस ने 44 लोगों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की। इनमें 5 लोगों को हत्या और बाकी को हिंसा का आरोपी बनाया गया। केस की सुनवाई के दौरान 5 लोगों की मौत हो गई। एक आरोपी नाबालिग निकला। इसलिए 38 लोगों पर कोर्ट में ट्रायल चला। कोर्ट ने 30 जुलाई, 2025 को सभी 38 आरोपियों को दोषी करार दिया है। 1 अगस्त, 2025 को कोर्ट ने सभी 38 दोषियों को सजा सुना दी। ---------------------------- ये खबर भी पढ़ें... मस्जिद में डिंपल की एंट्री- अखिलेश खामोश क्यों, मौलाना को सरेआम सपाइयों ने मारे थप्पड़ सपा सांसद डिंपल यादव की मस्जिद में एंट्री। पहनावे पर सवाल उठाकर कंट्रोवर्सी में घिरे मौलाना साजिद रशीदी के साथ थप्पड़-कांड। सियासी बयानबाजी और पूरे मुद्दे पर पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव की खामोशी। यूपी से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक चर्चा का मुद्दा बनी है। मुस्लिम धर्मगुरु डिंपल की आलोचना कर रहे हैं। सपा के कद्दावर नेता भी चुप्पी साधे हैं। सेकेंड लाइन के नेता भी बचाव में संभलकर बयानबाजी कर रहे हैं। खतरा, कहीं मुस्लिम वोट बैंक न छिटक जाए। पढ़ें पूरी खबर
झारखंड के कई जिलों में फिलहाल बारिश होने की संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग ने 4, 5, 6 और 7 अगस्त को अलर्ट जारी किया है। मौसम केंद्र रांची की रिपोर्ट के अनुसार, 7 अगस्त तक झारखंड के विभिन्न हिस्सों में मध्यम दर्जे की बारिश, गर्जन और तेज हवा चलने की संभावना है। हवा की रफ्तार 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे तक रह सकती है। वहीं, वज्रपात की संभावना है। इधर, एक जून से 3 अगस्त तक झारखंड में पाकुड़ एक मात्र ऐसा जिला रहा है, जहां सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। यहां 520.9 एमएम बारिश हुई है, जो सामान्य से 16% कम है। तापमान में कोई बड़े बदलाव की संभावना नहीं इधर, राज्य में अगले 5 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में कोई बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। 4 अगस्त को राज्य में कहीं-कहीं गरज और तेज हवा के साथ बारिश हो सकती है। हवा की गति 30-40 किमी प्रतिघंटा रहने की संभावना है। कैसा रहा पिछले 24 घंटे का मौसम राज्य में मानसून सामान्य रहा। पिछले 24 घंटे में राज्य में अनेक स्थानों पर गर्जन के साथ हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हुई। जबकि कहीं-कहीं पर भारी बारिश भी दर्ज की गई। सबसे अधिक बारिश 78.4 एमएम हजारीबाग में दर्ज की गई। सबसे अधिक अधिकतम तापमान 36.3 डिग्री सेल्सियस सरायकेला में जबकि सबसे कम न्यूनतम तापमान 21.7 डिग्री सेल्सियस लातेहार में दर्ज की गई। रांची में 992 एमएम बारिश हो चुकी वहीं, मौसम विभाग के अनुसार, झारखंड में अब तक (एक जून से 3 अगस्त तक) 788.4 एमएम बारिश दर्ज हो चुकी है। जबकि इस अवधि में झारखंड में सामान्य बारिश 538.7 एमएम ही होती है। राज्य में अब तक सामान्य से 46% अधिक बारिश हो चुकी है। रांची में एक जून से 3 अगस्त तक 992 एमएम बारिश हो चुकी है। जो सामान्य से 78% अधिक है। झारखंड में सिर्फ एक जिला ऐसा हैं, जहां अब तक सामान्य से कम बारिश दर्ज हुई है। इसमें पाकुड़ जिला शामिल है।
चेतावनी...:फेस ऑथेंटिकेशन, फिंगर प्रिंट और आंख स्कैन कराएं
सरकार की सभी पेंशन स्कीमों का अलग-अलग लाभ लेने वाले 3.5 लाख पेंशन धारियों ने यदि 31 अगस्त तक अपने जीवित होने, पात्र रहने की जानकारी देने के साथ ईकेवाईसी (फेस ऑथेंटिकेशन, फिंगर प्रिंट और आईरिस) नहीं कराया तो उनकी पेंशन होल्ड कर दी जाएगी। आईरिस में पेंशनधारी की आंख स्कैन होती है। सामाजिक न्याय एवं दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग ने सभी कलेक्टर, पंचायतों के सीईओ और नगर निगमों के कमिश्नर से कहा है कि पूरा तंत्र लगाकर ईकेवाईसी कराई जाए। तय की गई 31 अगस्त की मियाद खत्म हो जाती है तो इसके बाद पेंशन पोर्टल पर संबंधित पेंशनधारी का खाता लॉक हो जाएगा। विभाग ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि पूर्व में अभियान चलाने के बाद भी 3.5 लाख पेंशनधारी ऐसे निकले हैं, जो ईकेवाईसी कराने नहीं आए। सरकार की कोशिश थी कि सरकार की पेंशन योजनाओं का लाभ सिर्फ पात्र लोगों को मिले। अपात्र बाहर हो जाएं। ईकेवाईसी अभियान में पेंशनधारकों का सत्यापित डाटा डिजिटल होना है। तय तिथि के बाद सिर्फ उसी की पेंशन शुरू हो पाएगी, जो ईकेवाईसी कराएगा। तो 20 से 25 करोड़ बचेंगेईकेवाईसी अभियान के लिए लंबा वक्त देने के बाद भी जिन लोगों ने यह सुविधा नहीं ली है, उनकी पेंशन होल्ड होती है तो सरकार के 20से 25 करोड़ रुपए बचेंगे। इस समय समग्र सामाजिक सुरक्षा पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन तथा मुख्यमंत्री कन्या अभिभावक पेंशन योजना के तहत पेंशन बंटती है। यह 600 रुपए प्रतिमाह होती है। पूर्व में बंद हो गई थी पेंशन पूर्व में कुछ पेंशनधारियों की पेंशन विभाग की गलती से बंद हो गई थी। यह पेंशन पोर्टल की वजह से हुआ था। एनआईसी ने ही इस पोर्टल को बनाया है। इसमें पेंशनधारी यदि मृत हो गया, पलायन कर गया या अपात्र है तो पेंशन रुक जाती है। पूर्व में यह गलती से हो गया था, जिसे बहाल किया जा रहा है। निकायों को यह जवाबदारी दी गई थी। इसी दौरान ईकेवाईसी भी हुई तो साढ़े लाख नाम ऐसे निकले जो ईकेवाईसी कराना ही नहीं पहुंचे।
विधानसभा में सामने आई जानकारी:6,260 हेक्टेयर में शहरीकरण के चलते पेड़ कटाई
मप्र में खेती की चाह में अवैध वन कटाई और शहरीकरण के लिए पेड़ काटने से लगभग 6260 हेक्टेयर वन क्षेत्र कम हो गया है। यानी, इतने इलाके में हरियाली घट गई है। यह जानकारी विधानसभा एक सवाल के जवाब में सामने आई है। भाजपा विधायक अभिलाष पांडेय ने पूछा था कि मप्र में बीते पांच साल में वन क्षेत्र में कितनी वृद्धि या कमी हुई है? इसके जवाब में राज्य वन मंत्री दिलीप अहिरवार ने बताया कि मप्र में 6,260 हेक्टेयर वन भूमि में निर्वनीकरण के कारण कमी हुई। इसका मतलब है कि इतने क्षेत्र में खेती और शहरीकरण के लिए पेड़ों की कटाई हुई। मंत्री ने बताया कि मप्र में 7 लाख 2 हजार 166.95 हेक्टेयर वन भूमि अतिक्रमण की चपेट में है। इस जमीन को मुक्त कराने के लिए नोटिस जारी कर बेदखल करने की कार्यवाही की जा रही है। बता दें कि वन विभाग के पास मप्र में कुल वन क्षेत्रफल 94.689 लाख हेक्टेयर है। जिसमें से 18,652 हेक्टेयर वनभूमि ऐसी भी है, जिसमें क्षतिपूरक वनीकरण यानी गैर वन उपयोग के लिए इस्तेमाल की गई जमीन के बदले में पौधरोपण के लिए रखा गया है। अब इसी जमीन में पौधरोपण करके कटाई की क्षतिपूर्ति की जाएगी। इस जमीन में से 33% पर पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए वर्तमान में वनों की सुरक्षा बढ़ाई जाएगी और वनभूमि को अतिक्रमण से मुक्त करने का अभियान चलाया जाएगा। ज्यादा वन क्षेत्र मप्र में2023 की ‘इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट’ के मुताबिक क्षेत्रफल के हिसाब से मप्र 77,073 वर्ग किमी के साथ सबसे ज्यादा वन क्षेत्र वाला राज्य है। } यह राज्य के कुल भू-भाग क्षेत्र का लगभग एक चौथाई (25%) है। } दूसरे नंबर पर अरुणाचल प्रदेश (65,882 वर्ग किमी) और तीसरे पर छत्तीसगढ़ (55,812 वर्ग किमी) हैं।
मालेगांव पर बोलीं प्रज्ञा-:किताब में बताऊंगी कैसे लिखी गई झूठी स्क्रिप्ट
मालेगांव ब्लास्ट केस में बरी होने के बाद पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर रविवार को भोपाल लौटीं। उन्होंने कहा, मैं अपने जीवन पर एक किताब लिख रही हूं। इसमें मालेगांव केस से जुड़ी सारी साजिशों और एटीएस की प्रताड़ना का पूरा विवरण होगा। कैसे ‘भगवा आतंकवाद’ की झूठी स्क्रिप्ट लिखी गई, यह लोग पढ़ेंगे तो दंग रह जाएंगे। प्रज्ञा ने कहा, अदालत का फैसला कांग्रेस की कमजोर स्क्रिप्ट और झूठी थ्योरी के मुंह पर तमाचा है। भगवा आतंकवाद कहने वालों का मुंह अब काला हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार और केंद्र की यूपीए सरकार ने मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए यह थ्योरी गढ़ी थी। साध्वी प्रज्ञा ने एक बार फिर दावा किया कि मुंबई एटीएस ने प्रताड़ित किया और संघ प्रमुख मोहन भागवत, नरेंद्र मोदी, योगी आदित्यनाथ, राम माधव और इंद्रेश कुमार के नाम जबरन लेने के लिए दबाव बनाया। उन्होंने कहा, एटीएस ने देशभर में ऐसा भय का माहौल बनाया कि हमारे समर्थन में कोई बोलने की हिम्मत नहीं कर सका। कुछ लोग तो एटीएस की प्रताड़ना के कारण मारे गए।
मानसून का बंटवारा...:विंध्य-चंबल में भारी बारिश, भोपाल व आधे राज्य में धूप
सोमवार को मप्र में मानसून की एंट्री के 50 दिन पूरे हो जाएंगे। प्रदेश में जून और जुलाई में लगातार 2 महीने सामान्य से ज्यादा बारिश हुईं। लेकिन, पिछले तीन दिन से प्रदेश में मानसून दो हिस्से में बट गया है। उत्तर प्रदेश से सटे इलाकों रीवा, सीधी सिंगरौली, ग्वालियर चंबल के कुछ इलाकों में बीते 24 घंटे में 2 इंच से 5 इंच तक बारिश हुई। इधर, भोपाल समेत आधे प्रदेश में पिछले तीन दिन से धूप निकल रही है। मौसम केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में इस मानसून सीजन 1 जून से 3 अगस्त तक 722.4 मिमी बारिश हो चुकी है। यह अब तक की सामान्य बारिश 482 मिमी से 50% ज्यादा है। भोपाल जिले में अब तक 711 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। यह अब तक की सामान्य बारिश 498.5 मिमी से 43 प्रतिशत अधिक है। आज इन जिलो में येलो अलर्टमौसम केंद्र ने सोमवार को ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुर कलां, छतरपुर और निवाड़ी में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। भोपाल में तीन- चार दिन भारी बारिश नहीं होगी।
कार्डियक अरेस्ट से उज्जैन की लीना की गई जान:मौत से पहले लिखी डायरी, हर किसी को कहा शुक्रिया
मैं कृतज्ञ हूं अपने ससुरजी के लिए, जिन्होंने मुझे बहू नहीं बेटी समझा। मैं कृतज्ञ हूं, अखबार पहुंचाने वाले हॉकर की, जो सर्दी, गर्मी, बारिश... मौसम कैसा भी हो, आप तक अखबार पहुंचाता रहता है। उस पहले पर्सन की जिसने अखबार के बारे में सोचा। उसे प्रिंट करवाया। अखबार ही है, जिससे हमें घर बैठे दुनियाभर की जानकारी मिल जाती है। ये शब्द उज्जैन की 43 साल की लीना वर्मा की डायरी के थे, जिन्होंने 22 अप्रैल को हाथ में महाकाल का चित्र और मुंह से सतत ऊं नम: शिवाय का जाप करते हुए इस दुनिया से विदा ले ली। डायरी लिखने की आदत थी... इस दुनिया को अलविदा कहने से पहले भी उन्होंने अपनी भावनाएं लिखीं। अपनी डायरी में उन्होंने उस अस्पताल के डॉक्टरों, नर्सों और वॉर्ड बॉय का भी शुक्रिया किया, जहां 2 साल तक उनकी डायलिसिस होती रही। पति संजय बताते हैं, वो कहती थीं- अब मेरी जिम्मेदारियां खत्म हो गईं। अब तुम जानो और बच्चे। 5-6 माह से पीटीएम में भी नहीं गईं। शिक्षक पूछने लगे। दोनों बच्चे क्या कहें। एक अगस्त को जन्म दिन था। संजय बताते हैं कि अगर वे जीवित होतीं तो 43 वर्ष की हो जातीं। अब बस उनकी यादें ही शेष हैं। उनकी डायरी में, उनकी लिखावट में, उनके कृतज्ञ भाव में। घर, पूजा स्थल, आंगन सब सूना छोड़कर चली गईं। यह संदेश देकर गईं कि जीवन में कृतज्ञ भाव रखें तो कोई तकलीफ बड़ी नहीं लगेगी। सांसें गिनी हुईं हैं, हर सांस का आनंद लीजिए। बीमार... 2012 में किडनी सिंक हो गई थी, 2023 से डायलिसिस 2012 में लीना की किडनी अचानक सिंक हो गई। 2023 से डायलिसिस शुरू हुआ। दो साल तक सब कुछ सामान्य चल रहा था। 21 अप्रैल को आए कार्डियक अरेस्ट ने सब बदल दिया। एमआरआई करवाई तो जांच में आया कि आर्टीज में लीकेज हो गया है। मई 2003 में लीना का विवाह संजय से हुआ था। लीना ने संस्कृत में एमए किया था। दो बेटे हैं, पार्थ और रुद्राक्ष। कोविड से पहले तक दोनों की हाजिरी 100 फीसदी रही।
बीजेपी में सरकारी बोर्ड और आयोगों में नियुक्तियों का दौर शुरू हो चुका है। ऐसे में वरिष्ठ लोगों को पहले मौका देने की तैयारी बीजेपी ने कर ली है। सूचियां तैयार हैं। इसमें पूर्व विधायक और पूर्व सांसदों को प्राथमिकता देने पर लगभग सहमति बन गई है। इनमें उन चेहरों को ज्यादा प्राथमिकता मिलेगी जिनके टिकट कटे हैं। उदाहरण के तौर पर सुभाष बहेड़िया, देवजी पटेल समेत कई चेहरे शामिल हैं। इसी तरह महिलाओं में डॉ. अलका गुर्जर, ज्योति मिर्धा, चंद्रकांता मेघवाल, अलका मूंदड़ा, जसकोर मीणा जैसे चेहरे प्रमुख रूप से शामिल हैं। गौरतलब है कि बीजेपी धीरे-धीरे बोर्ड और आयोगों में पार्टी से जुड़े लोगों को जिम्मेदारी दे रही है। ऐसे में सत्ता और संगठन में एडजस्ट करने का फार्मूला पहले ही दिल्ली में तय हो चुका था। अब पैरामीटर के आधार पर जिम्मेदारियां दी जा रही हैं। इन नेताओं में से मिलेगा मौका पूर्व मंत्री डॉ. राम प्रताप हनुमानगढ़, लक्ष्मीनारायण दवे, पूर्व सांसद सुभाष बहेड़िया, जसकोर मीणा, देवजी पटेल, महेंद्रजीत सिंह मालवीय, लालचंद कटारिया, अमराराम सीरबी, पूर्व विधायक बिहारी विश्नोई, बलवीर सिंह लूथरा, ओपी यादव, विजय बंसल भरतपुर, राजपाल सिंह शेखावत, जालम सिंह भाटी, हेमराज मीणा, निर्मल कुमावत, रामलाल शर्मा, अभिनेश महर्षि, ओम सारस्वत, महेंद्र जाटव, कैलाश मेघवाल गंगानगर (एससी मोर्चा),इनके अलावा संगठन से जुड़े — सुशील कटारा, माधोराम चौधरी, सेलाराम साहरण, सांगसिंह भाटी, जालम सिंह रावलोत, मुकेश दाधीच, श्रवण बगड़ी, हरीश पाटीदार, प्रसन्न चंद मेहता जोधपुर, पूर्व विधायक हेमराज मीणा बारां, चंद्रकांता मेघवाल, के.के. गुप्ता डूंगरपुर, सादिक खान, सुखाराम नेतड़िया, कन्हैयालाल मीणा, विजय बैंसला, लक्ष्मीनारायण बैरवा, धर्मेंद्र राठौर गढ़ी से, अलका मूंदड़ा, मंशाराम, रामनारायण डूडी जोधपुर, मोहनाराम चौधरी नागौर, हरिराम रणवां सीकर, पूर्व विधायक बंसीलाल खटिक राजसमंद, पूर्व विधायक अत्तर सिंह भड़ाना, विरेंद्र चौहान सिरोही, गिरधारी तिवाड़ी, पंकज जोशी, विमल कटियार सहित नाम शामिल हैं।
गुरुग्राम-पानीपत सेमत 8 जिलों में यलो अलर्ट:इस सीजन 24% ज्यादा हो चुकी बारिश, कल से और बिगड़ेगा मौसम
हरियाणा में आज 8 जिलों, यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह और पलवल में बारिश का यलो अलर्ट है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने पूरे प्रदेश में कहीं हल्की तो कहीं मध्यम बारिश होने की संभावना भी जताई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक आज सिरसा, फतेहाबाद और हिसार में 0 से 25% बारिश की संभावना है। जींद और भिवानी में 25 से 50%, पंचकूला, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, रोहतक, चरखी दादरी, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम और मेवात में 50 से 75%, जबकि यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, फरीदाबाद और पलवल में 75 से 100% बारिश का अनुमान है। IMD के आंकड़ों के अनुसार, इस मानसून सीजन में हरियाणा में अब तक सामान्य से 24% ज्यादा बारिश हुई है। 3 अगस्त तक औसतन 221.0 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, जबकि प्रदेश में 274.0 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है। सबसे ज्यादा बारिश महेंद्रगढ़ में 543.9 मिमी और यमुनानगर में 525.0 मिमी हुई है, जबकि सबसे कम कैथल में 140.2 मिमी और जींद में 143.7 मिमी दर्ज की गई है। अगले तीन दिन कैसा रहेगा मौसम...
करनाल के गांव छपरियों के किसान मुकेश 8 एकड़ में नेट हाउस लगाकर खीरे और शिमला मिर्च की खेती कर सालाना 80 लाख रुपए कमा रहे हैं। मुकेश ने बागवानी विभाग में फील्ड कंसलटेंट के पद पर नौकरी करते हुए साल 2021 में खेती शुरू की। पहले 2 एकड़ में नेट हाउस लगाकर खीरे की फसल लगाई। साल में तीन फसलें लीं। मुनाफा बढ़ा तो नौकरी छोड़ दी। इसके बाद दो एकड़ में और नेट हाउस लगा लिया। आज 8 एकड़ में शिमला मिर्च और खीरे की खेती कर रहे हैं। मुकेश मल्टीस्टार वैरायटी का खीरा, शिमला मिर्च की बचाटा और एप्रेन नामक शंकर किस्में उगाते हैं। उनके खेत के खीरे और शिमला मिर्च को राजस्थान, पंजाब के जालंधर, लुधियाना, चंडीगढ़ और दिल्ली के साथ-साथ देश के कई अन्य राज्यों में बिक्री के लिए भेजा जाता है। मुकेश ने बताया कि वह केंचुआ खाद खुद ही तैयार करते हैं। खीरे व मिर्च की फसल पर कीटनाशकों का प्रयोग नहीं करते। अनुदान योजना का मिलता है लाभमुकेश ने बताया कि नेट हाउस लगाने पर सरकार द्वारा किसानों को अनुदान राशि भी दी जाती है। साल 2021 में दो एकड़ में नेट हाउस लगाने पर 65 प्रतिशत सब्सिडी मिली थी। 2023-24 में 6 एकड़ में नेट हाउस लगाया तो 50 प्रतिशत के हिसाब से सब्सिडी मिली। नेट हाउस में एक एकड़ में करीब 550 से 750 क्विंटल तक प्रति एकड़ खीरे का उत्पादन होता है। एक साल में तीन बार फसलें ली जा सकती हैं। इससे सालाना 10 लाख रुपए तक की आमदनी हो जाती है। शिमला मिर्च से भी 7 से 10 लाख रुपए तक बच जाते हैं। 25 लोगों को दे रखा है रोजगारमुकेश ने प्रगतिशील किसान के रूप में अपनी आय को तो बढ़ाया ही है। साथ ही जरूरतमंदों को रोजगार भी दिया है। मुकेश के यहां करीब 25 महिलाएं व पुरुष काम करते हैं, जो फसल की देखरेख से लेकर तुड़ाई, पैकिंग और लोडिंग का कार्य करते हैं। इनके रहने के लिए फार्म पर ही कमरे बनाए हुए हैं। मुकेश से प्रेरित होकर अन्य किसान भी यह विधि अपनाने लगे हैं। विधायक कर चुके हैं सम्मानितवैज्ञानिक पद्धति को अपनाकर कृषि क्षेत्र में प्रगतिशील किसान की उपलब्धि हासिल करने पर साल 2023 में इंद्री के विधायक एवं सचेतक (राजनीति) व्हिप राम कुमार कश्यप ने किसान मुकेश को सम्मानित किया था। इसके अलावा भी उन्हें कई पुरस्कार मिल चुके हैं।
हरियाणा में नए कलेक्टर रेट लागू हो गए हैं। संशोधित कलेक्टर रेट लागू होने के साथ, गुरुग्राम का साउथ सिटी-1 अब हरियाणा का सबसे महंगा इलाका बन गया है। इस इलाके में एक वर्ग गज का कलेक्टर रेट 90,000 रुपए (1.07 लाख रुपए प्रति वर्ग मीटर) हो गया है, जो पहले 82,000 रुपए था। हालांकि मार्केट रेट इससे भी ज्यादा हैं। वहीं पंचकूला में मनसा देवी कॉम्प्लेक्स के सेक्टर 4, 5 और 6 सबसे महंगे रेजिडेंशियल एरिया हो गए हैं। जहां अब सर्किल रेट 99,000 रुपए प्रति वर्ग मीटर तक पहुंच गया है, जो पहले 66,000 रुपए था। सूबे के शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में कलेक्टर दरों में 10% से 50% तक की वृद्धि हुई है। प्रॉपटी विशेषज्ञों ने दावा किया है कि सर्किल दरों में वृद्धि से राज्य में रियल एस्टेट बाजार पर नकारात्मक असर पड़ेगा। दूसरी तरफ राजस्व विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि नई कलेक्टर दरें एक सोची-समझी प्रक्रिया का परिणाम हैं, जिसमें बदलाव की बहुत कम गुंजाइश है। गुरुग्राम के ये इलाके भी महंगे हुए... 1. निर्वाण कंट्री सेकेंड नंबर परगुरुग्राम में साउथ सिटी 1 के अलावा, निर्वाण कंट्री में कलेक्टर दरों में भी पर्याप्त वृद्धि देखी गई है। पहले 70,000 रुपए प्रति वर्ग गज की दर से, अब कलेक्टर दरों में 10,000 रुपए प्रति वर्ग गज की वृद्धि हुई है। मिलेनियम सिटी के सेक्टर 42, जिसमें डीएलएफ कैमेलियास जैसे लग्जरी विकास और गोल्फ कोर्स रोड पर संपत्तियां शामिल हैं, का कलेक्टर रेट अब 79,970 रुपए प्रति वर्ग गज है, जो पहले 72,700 रुपए प्रति वर्ग गज था। 2. DLF-2-3 में 66 हजार से 72 हजार हुआ रेटडीएलएफ फेज-2 में अब सर्किल रेट 72,000 रुपए प्रति वर्ग गज है और डीएलएफ फेज-3 में 66,000 रुपए प्रति वर्ग गज देना होगा। दक्षिणी परिधीय सड़क और द्वारका एक्सप्रेसवे के निकट विकास, जिनमें बुनियादी ढांचे का विस्तार हो रहा है, अभी भी किफायती दायरे में है। 3. गुरुग्राम के ये इलाके सस्तेकलेक्टर रेट के हिसाब से गुरुग्राम में सबसे सस्ता सेक्टर-95 है, जहां रेट 2,830 रुपए प्रति वर्ग गज है। सेक्टर 68 से 71 की ऑथराइज्ड कॉलोनियां 4,800 रुपए प्रति वर्ग गज के बढ़े हुए सर्कल रेट के साथ दूसरे स्थान पर हैं। सेक्टर 76 से 80 के लिए सर्किल रेट 5,000 रुपए प्रति वर्ग गज तय किया गया है, इसके बाद सेक्टर 91 और 92 के लाइसेंस प्राप्त प्लॉटों के लिए 5,600 रुपए प्रति वर्ग गज रेट तय किया गया है। सेक्टर 81 से 84 के लिए अब सर्किल रेट 6,000 रुपए प्रति वर्ग गज है। CM का तर्क- किसान कर रहे थे कलेक्टर रेट बढ़ाने की मांगहरियाणा के नए कलेक्टर रेट पर सीएम नायब सैनी ने पंचकूला में मीडिया से बातचीत में कहा- विपक्ष के पास कोई मुद्दा बचा नहीं है। कलेक्टर रेट का सही सिस्टम हमने आकर किया है। कांग्रेस के समय में तो यह स्थिति थी कि अगर किसी किसान की जमीन किसी बिल्डर को देनी होती थी, तो उसका कलेक्टर रेट कर देते थे 8,000 रुपए। जब वह जमीन किसी डीलर को बेचनी होती थी तो उसका कलेक्टर रेट कर देते थे 50,000 रुपए। CM का दावा- विपक्ष भ्रम फैला रहा, कहीं 130% वृद्धि नहींसीएम ने कहा कि विपक्ष प्रचार कर रहा है कि कलेक्टर दर में 130% से अधिक की वृद्धि हुई है। ये भ्रामक है। हरियाणा के 72% क्षेत्र में केवल 10% वृद्धि की है। केवल 8.37% क्षेत्रों में वृद्धि 50% तक है। यह वृद्धि मालिकों द्वारा की गई वास्तविक रजिस्ट्री के मुकाबले है, जो 200% से 900% के बीच है। इस भारी वृद्धि को देखते हुए, 50% की वृद्धि भी बहुत कम है।गुरुग्राम के अंदर एक प्लॉट ऑक्शन किया, वह 400 करोड़ रुपए के करीब बिका। सारा पैसा नंबर एक में दिया। दिक्कत क्या है। ये जो दुष्प्रचार कर रहे हैं, इन्हें सिर्फ एक मुद्दा मिल गया है। कांग्रेस का आरोप- 8 शहरों में 5 साल में कलेक्टर रेट 250% तक बढ़ेकांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने रविवार को चंडीगढ़ में प्रेसवार्ता में आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जनता पर बोझ बढ़ाकर कमाई कर रही है। कलेक्टर रेट बढ़ने से हरियाणा की जनता पर करीब 5 हजार करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा और इससे महंगाई बढ़ेगी। कलेक्टर रेट बढ़ाकर सरकार स्टाम्प ड्यूटी से पैसे कमा रही है। सुरजेवाला ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा व सरकार के ही लोग कॉलोनी काट रहें हैं, हर जगह यह हाल है, इसे चेक किया जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि 8 शहरों में कलेक्टर रेट की दरें 250% तक बढ़ाई। सुरजेवाला ने गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचूकला, अंबाला, करनाल, हिसार, कैथल व जींद का तुलनात्मक चार्ट मीडिया के सामने रखा।
हरियाणा के रेवाड़ी में ननद-भाभी के साथ रेप कर 22 तोला सोना लूटने वाले बावरिया गैंग के सरगना सहित चार बदमाशों को पुलिस ने पकड़ लिया है। इस गैंग का सरगना टीटू मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला है, जो आजकल फरीदाबाद के कुरैशीनगर में किराए पर मकान लेकर रहता है। पुलिस ने उसका आपराधिक रिकॉर्ड खंगाला तो उसके खिलाफ हरियाणा और राजस्थान में रेप, लूट, चोरी और डकैती के 10 से अधिक मामले दर्ज मिले। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि वह 3 बेटियों का पिता भी है। एक बेटी की शादी कर चुका है। अपने दामाद को भी उसने गैंग में बड़ी जिम्मेदारी सौंप रखी थी। कैसे बनाया टीटू ने यह गैंग, किसे और क्यों बनाया सदस्य, कैसे करता है वारदात, बचने के लिए क्या लगाते हैं जुगत, किस कोडवर्ड में करते हैं बात और क्या है बावरिया का मतलब? जैसे सवालों के जवाब तलाशती दैनिक भास्कर की रिपोर्ट पढ़िए... 10 साल पहले भाइयों और दोस्तों के साथ बनाई गैंगDSP डॉ. रविंद्र कुमार के मुताबिक पुलिस इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि भरतपुर निवासी टीटू ने करीब 10 साल पहले अपने भाइयों को साथ लेकर गैंग बनाया। टीटू ने सबसे पहले अपने ताऊ के लड़के रामबाबू को साथ मिलाया। इसके बाद हिसार निवासी मदन को अपनी गैंग में शामिल किया। मदन, टीटू का दोस्त है और साथ में बाग की ठेकेदारी भी कर चुका है। ये सभी बावरिया जाति से हैं। शुरुआत में इस गैंग ने अपने समाज से बाहर वारदातें कीं, लेकिन अब समाज के लोगों के परिवारों को ही निशाना बना रहा है। 1. बावरिया गैंग का सरगना टीटू शादीशुदा है। उसकी तीन लड़कियां हैं, जिनमें से एक शादीशुदा है। टीटू के खिलाफ हरियाणा के हांसी, भिवानी, सतनाली, झज्जर के बहादुरगढ़, फरीदाबाद के छायशा, राजस्थान के राजगढ़, झुंझुनूं के सूरजगढ़ थाना में रेप, लूट, चोरी और डकैती के 10 से अधिक मामले दर्ज हैं। 2. दूसरा बदमाश महेंद्रगढ़ के गागड़वास गांव का संजू है। संजू गैंग के सरगना टीटू का दामाद भी है। टीटू ने उसे बेटी की शादी के बाद गैंग में शामिल कर लिया। टीटू दामाद के साथ लूट और रेप की 3 घटनाओं को अंजाम दे चुका है। 3. तीसरा बदमाश रामबाबू है, जो गैंग सरगना टीटू के ताऊ का लड़का है। रामबाबू वर्तमान में राजस्थान के चुरू जिले के मीणा की ढाणी गांव में रहता है। रामबाबू की शादी नहीं हुई है। सबसे पहले उसे ही टीटू ने अपने गैंग शामिल किया था। 4. चौथा बदमाश हिसार के नारनौंद निवासी मदन है। मदन ने काफी समय पहले टीटू के साथ पार्टनरशिप में अमरूद का बाग ठेके पर लिया था। यहीं से दोनों के बीच गहरी दोस्ती हुई और बाद में लूटपाट की वारदात को साथ अंजाम देने लगे। मदन शादीशुदा है, जिसकी एक छह साल की बेटी भी है। टीटू की हर वारदात में मदन साथ रहा है। वारदात के बाद ये होते थे बचने के तरीके... परिवार की महिलाओं की वीडियो बनाते थे : पुलिस के मुताबिक, बावरिया गैंग के लोग हर लूट और डकैती की घटना के बाद घर में मौजूद महिलाओं के साथ दरिंदगी करते थे। महिलाओं की कपड़े उतरवा कर उनके वीडियो बनवा लेते थे। महिलाओं का VIDEO बनाने का मकसद यह था कि ऐसा करने से परिवार पुलिस को शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए। किसी के पास नहीं अपना घर, इधर-उधर भाग जाते : पुलिस के मुताबिक, बावरिया गिरोह के किसी भी सदस्य के पास अपना पक्का घर नहीं है। केवल हिसार के नारनौंद निवासी मदन के पास ही अपना घर है। बाकी सभी लोग लूट की वारदात के बाद बार-बार परिवार के साथ ठिकाना बदलते रहते हैं। हर घटना के बाद सभी आरोपी अपना मोबाइल नंबर भी बदल लेते थे। घटना से पहले कर लेते थे मोबाइल ऑफ : पुलिस के मुताबिक, आरोपी जहां भी घटना को अंजाम देने के लिए जाते थे, वहां जाने से पहले ही अपना मोबाइल ऑफ कर लेते थे। घटना को अंजाम देने के साथ सभी आरोपी एक साथ नहीं रहते थे। घटना के बाद सभी आरोपी लूटी गई रकम व जेवर के साथ निकल जाते थे। 3 पॉइंट में समझिए क्यों समाज को ही करने लगे टारगेट.. ---------------------------बावरिया गैंग से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... रेवाड़ी में बावरिया गैंग के 2 बदमाश और पकड़े:गन-पॉइंट पर ननद-भाभी के उतरवाए कपड़े, फर्श खोदकर 18 लाख की ज्वेलरी ले गए थे रेवाड़ी में घर में घुसकर ननद-भाभी के कपड़े उतरवाकर वीडियो बनाने और 22 तोला सोना लूटने के मामले में पुलिस ने 2 और बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस पहले भी महेंद्रगढ़ से 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। जिन्हें पूछताछ के लिए 2 दिन के रिमांड पर लिया है। (पूरी खबर पढ़ें)
वन नीति:उजड़े वनों को सुधारने के लिए तैयार हो रहा नई वन नीति का ड्राफ्ट
जनवरी में वन विभाग द्वारा उजाड़ वन भूमि के सुधार के लिए नई नीति का जो ड्राफ्ट लाया गया था, राष्ट्रीय स्व्यं सेवक संघ की आपत्ति के बाद उसमें बड़ा बदलाव किया जा रहा है। अब मप्र में खाली और उजाड़ वन भूमि पर अंग्रेजों के जमाने से लगाए जा रहे सागौन और साल की बजाय हरड़, बहेड़ा, आंवला, चिरौंजी, महुआ, अश्वगंधा जैसे पौधे लगाए जाएंगे। इससे जंगल भी बचेंगे और आदिवासी वर्ग की आजीविका भी बढ़ेगी। इस संबंध में नई वन नीति के लिए संघ से जुड़ी संस्था वनवासी कल्याण आश्रम ने सरकार को सुझाव दिए हैं। इन्हें नई नीति में शामिल किए जाने की संभावना है। आश्रम ने यह भी कहा है कि जिस तरह उन्नत कृषि की जानकारी देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र संचालित किए जाते हैं, उसी तर्ज पर वन विज्ञान केंद्र खोले जाएं। वन विभाग के पुराने ड्राफ्ट में भूमि को निजी निवेशकों को 40 साल के लिए लीज पर देने का प्रावधान था। इस पर वनवासी कल्याण परिषद व जनजातीय मंत्रणा परिषद की आपत्ति के बाद इसे खारिज कर दिया गया। वन विज्ञान केंद्र खोलने का सुझाव... ये आदिवासियों को वनोपज बेचने की ट्रेनिंग देंगे वन विभाग इस पूरे प्रोजेक्ट की निगरानी करेगा। इस पायलट में तीन प्रमुख आधार होंगे। पहला वन विभाग, दूसरा संबंधित ग्राम सभा और तीसरा निजी निवेशक। 38 फीसदी हिस्सा उजाड़ वनों का हैमप्र की नई वन नीति का ड्राफ्ट तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसमें उजाड़ वनों (डिग्रेडेड फॉरेस्ट) के सुधार पर सरकार का खास फोकस है। दरअसल, मप्र की वन भूमि में करीब 38% हिस्सा उजाड़ वनों का है। इसी को लेकर वनवासी कल्याण परिषद के विशेषज्ञों की मुख्यमंत्री के साथ लंबी बैठक हुई है। सूत्रों के मुताबिक ये सुझाव वन नीति में शामिल किए जाएंगे। आईआईएफएम से लेंगे तकनीकी मददवनवासी कल्याण आश्रम के प्रस्ताव के मुताबिक, वन विज्ञान केंद्र स्थापित करने के लिए आईआईएफएम जैसी संस्थाओं की मदद ली जा सकती है। वन विज्ञान केंद्र आदिवासियों की लघु वनोपज को सीधे बाजार में बेचने की बजाय वैल्यू एडिशन कर बेचने की ट्रेनिंग देंगे, ताकि सही दाम मिल सके। शुरुआत में विंध्य, महाकौशल और मध्य क्षेत्र में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक-एक वन विज्ञान केंद्र खोलने का सुझाव है। मप्र में वन विज्ञान खोलने का भी प्रस्तावराज्य सरकार ने हमारे सुझावों को गंभीरता से लिया है। वन नीति में कम्युनिटि फॉरेस्ट रिसोर्स राइट पर अधिक जोर दिया जाए, ऐसा हमारा आग्रह है। इसके लिए मप्र में वन विज्ञान केंद्र खोलने का भी प्रस्ताव है। -गिरीश कुबेर,अभा. हितरक्षा प्रमुख, वनवासी कल्याण आश्रम शोध होगा, कि कहां- कौन से पेड़ लगेंवन विज्ञान केंद्र स्थानीय जलवायु में आदिवासी वर्ग की आजीविका को बढ़ाने में मददगार पेड़ लगाने के लिए शोध करेगा। इसके बाद हरड़, बहेड़ा, आंवला, महुआ जैसे पेड़ लगाए जाएंगे। इससे जंगल भी बचेंगे और आदिवासी वर्ग की आजीविका भी बढ़ेगी।
बछामदी गांव के देवेंद्र झा पिछले 15 साल से सांपों को रेस्क्यू कर रहे हैं। उनके पास कोई स्नेक कैचर स्टिक भी नहीं है, लेकिन वह डंडी, लकड़ी और लाठी के सहारे ही सांपों को पकड़ लेते हैं।वह कहते हैं कि सभी सांप खतरनाक नहीं होते, लेकिन सांपों की जानकारी न होने और सर्पदंश का भय इतना ज्यादा है कि लोग हर सांप को खतरनाक मानकर लाठी-डंडों और पत्थरों से मार देते हैं। करीब 15 साल पहले हमारे मोहल्ले में भी ऐसा ही हुआ। एक सांप निकला, जिसे लोगों ने ईंट-पत्थर मारे। बचने के लिए वह एक नाली में घुस गया और गर्दन को हिलाने लगा, जैसे वह कह रहा हो कि मुझे मत मारो। सांप की हत्या ने मुझे विचलित कर दिया।कुछ दिन बाद हमारे घर के बाहर एक सांप और दिखा, लेकिन इस बार मैंने उसे मारने नहीं दिया, बल्कि डंडी के सहारे उसे प्लास्टिक कट्टे में पैक कर नहर के पार छोड़ आया। उसके बाद मेरी झिझक खुल गई। सांपों को रेस्क्यू करने में मजा आने लगा। लोग फोन करते हैं तो तुरंत पहुंचकर रेस्क्यू करता हूं। यह मेरे लिए अब दोहरी सेवा है — एक तो सांप को बचाना और दूसरे लोगों का डर कम करना।देवेंद्र झा कहते हैं कि चौमासे में बिलों में बरसात का पानी भर जाने के कारण सांप सुरक्षित स्थानों की तलाश में रहते हैं। कोशिश उनकी जंगल की होती है, लेकिन कई बार भटक कर घर, आंगन और मोहल्लों में आ जाते हैं। यही उनके लिए खतरनाक कदम साबित होता है। सांप को जब डर लगता है तभी वह डसता है। इसलिए सांप दिखाई दे तो उसे निकलने का रास्ता दें अथवा प्लास्टिक के कट्टे, डब्बे आदि में डंडे के सहारे पैक कर लें और जंगल में छोड़ दें। जिले में इस सीजन में सर्पदंश की करीब 187 घटनाएं हो चुकी हैं। कोबरा, वाइपर और कॉमन करैत प्रजाति के सांप सबसे ज्यादा घातक विश्व में सांपों की 2 हजार से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें 300 से ज्यादा प्रजाति के सांप भारत में देखे गए हैं। केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान, घना में 27 प्रजाति के सांप पाए गए हैं। वन्यजीव फोटोग्राफर डीडी शर्मा ने बताया कि सबसे अधिक वाटर स्नेक/पनियल सांप, रैट स्नेक/धामन और रॉक इंडियन पाइथन/चितकबरा अजगर पाए जाते हैं। इसके अलावा भरतपुर क्षेत्र में कोबरा, कॉमन करैत और वाइपर भी मिलते हैं। ये तीनों खतरनाक हैं।
जर्जर स्कूल भवनों की जांच शिक्षकों की जगह इंजीनियरों से कराई जाए
सागर | प्रदेश के अनेक शासकीय विद्यालयों के भवन वर्तमान में अत्यंत जर्जर अवस्था में हैं। इन भवनों की स्थिति विद्यार्थियों एवं विद्यालय स्टाफ की सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है। वर्तमान में शासन द्वारा इन भवनों की भौतिक स्थिति का आंकलन शिक्षकों के माध्यम से कराए जाने के निर्देश दिए जाते हैं, जबकि यह कार्य पूर्णतः तकनीकी और अभियंता विशेषज्ञता से संबंधित है। शिक्षक संघ के प्रदेश महासचिव शैलेंद्र सिंह ठाकुर गंभीरिया ने बताया कि संघ ने ज्ञापन सौंपकर निवेदन किया है कि जर्जर स्कूल भवनों की जांच इंजीनियर से कराई जाए। सही आकलन केवल प्रशिक्षित एवं अधिकृत सिविल इंजीनियर ही कर सकता है। ज्ञापन सौंपने वालों में हरिहर मिश्रा, मुकेश श्रीवास, बालकृष्ण अहिरवार, नीता विश्वकर्मा, नितेंद्र जैन आदि शिक्षक शामिल थे।
भारतीय किसान संघ के सम्मेलन में बताए उत्पादन बढ़ाने के तरीके
भास्कर संवाददाता | सागर शाहपुर में भारतीय किसान संघ की जिला स्तरीय बैठक हुई। जिलाध्यक्ष रघुराज सिंह तोमर ने इसकी अध्यक्षता की। बैठक में सागर जिले की सभी तहसीलों के अध्यक्ष, मंत्री व जिला कार्यकारिणी के सदस्य शामिल हुए। इनके अलावा आम किसान भी शामिल हुए। इस अवसर पर सहायक संचालन कृषि जितेंद्र सिंह राजपूत ने कृषि उत्पादन बढ़ाने के तरीके बताए। इस विषय पर उन्होंने व्याख्यान दिया। बताया कि अच्छी किस्मों का उपयोग कर उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। साथ ही खेती में समय का बड़ा महत्व है। इस कारण बोनी से लेकर सिंचाई तक का ध्यान रखना जरूरी है। सम्मेलन में रघुराज सिंह तोमर, मुन्ना सिंह परिहार, अरविंद कुमार, कासिम खान ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन जिला उपाध्यक्ष जगमोहन सिंह ने किया। क्षेत्र की समस्याओं पर केंद्रित एक ज्ञापन दिया।
घाटमपुर के खेत में मिला युवक का शव, जांच जारी
सागर| सुरखी थाना अंतर्गत घाटमपुर में एक युवक का शव खेत में मिला है। ढाना पुलिस चौकी क्षेत्र के घाटमपुर स्थित खेत में रविवार को शव मिलने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। चौकी प्रभारी मनीषा तिवारी ने बताया कि रविवार सुबह सूचना मिली थी कि घाटमपुर में खेत के पास संदिग्ध अवस्था में एक शख्स का शव पड़ा हुआ है। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव की शिनाख्त की। मृतक घाटमपुर निवासी अजीत अहिरवार बताया जा रहा है। पुलिस जांच कर रही है। मौत के कारणों का खुलासा नहीं हो पाया है।
टोंक रोड वसुंधरा कॉलोनी से गोपालपुरा चौराहे तक इमरान ने ओला से ऑटो बुक किया। उनसे महज 1.7 किमी के 140 रुपए वसूले गए। गोल्यावास निवासी ईशा वशिष्ठ ने बारिश के दौरान मानसरोवर स्थित पटेल मार्ग चौराहे से रेपिडो ऑटो बुक किया। 2 किमी के 292 रुपए किराया लिया। मानसून और पीक समय में ऑटो, रेडियों कैब और टैक्सी चालक व कंपनियां मनमाने तरीके से ऐसे ही दो से तीन गुना तक किराया वसूल रही हैं। परिवहन विभाग की ओर से मॉनिटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं हैं। शिकायत करो, जुर्माना होगाअधिक किराया वसूली आरटीओ में शिकायत करने पर 2000 से 10000 रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है। शिकायत करें कहां, हेल्पलाइन नंबर ही नहींफेयर ओवरचार्जिंग की शिकायत के लिए आरटीओ जाना पड़ता है। इसके लिए कोई हेल्पलाइन तक नहीं है। सवाल- कार्रवाई चालकों पर ही क्यों, कंपनियों पर क्यों नहींज्यादा किराया लेने पर कार्रवाई वाहन मालिक पर होती है, जबकि वसूला गया किराया कंपनियों को मिलता है। प्रस्ताव भी लागू नहीं कर रहे 13 साल से दरें नहीं बदली, ढाई माह पहले दरें निर्धारित करने का प्रस्ताव भेजा, मंजूर आज तक नहीं किया। मनमाना किराया लेने की शिकायतें आने के बाद प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भिजवा दिया। मुख्यालय से किराया तय होने पर इनको तय रेट पर चलना पड़ेगा।-राजेंद्र सिंह शेखावत, RTO-I
एलिवेटेड कॉरिडोर से फिर कूदा युवक, रेस्क्यू टीम ने बचाया
भास्कर संवाददाता | सागर शहर के सबसे चर्चित सुसाइडल प्वाइंट एलिवेटेड कॉरिडोर से कूदकर सुसाइड और प्रयास के मामले थमते नहीं दिख रहे। आए दिन लोग कॉरिडोर से तालाब में छलांग लगा रहे हैं। रविवार को भी एक युवक कूद गया। पुलिस के अनुसार वह घर वालों से झगड़कर आया था। उसे बचा लिया गया है। गनीमत है कि तालाब में अब पहले की तरह गहराई ज्यादा नहीं जिससे लोगों के डूबने से पहले रेस्क्यू टीम बचा रही है। दूसरी तरफ इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए जरूरी इंतजाम करने में नगर निगम प्रशासन पूरी तरह से विफल रहा है। अधिकारी व जनप्रतिनिधि तर्क दे रहे हैं कि जिसने जान देने की ठान ली उसे कौन रोक सकता है। कहीं और जाकर कूद जाएगा। सीसीटीवी कैमरे, गश्त प्वाइंट लगाए जाएं और रेलिंग की हाईट बढ़ा दी जाए तो काफी हद तक इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है। अभी एलिवेटेड कॉरिडोर की बाउंड्री की ऊंचाई कम है। तालाब का नजारा देखते या बच्चों को दिखाते समय हादसे का भी डर है।
दूध लेकर लौटी महिला तो ताले टूटे मिले, जेवर चोरी
सागर| नरयावली थाना क्षेत्र के रानीपुरा में गांव में शनिवार दोपहर अज्ञात चोरों ने एक सूने मकान को निशाना बनाकर सोने-चांदी के गहने और 43 हजार नकद चोरी कर लिए। महिला कुछ देर के लिए दूध लेने पड़ोस गई थी। लौटने पर घर के ताले टूटे मिले। पुलिस के अनुसार गेंदारानी साहू ने थाने में शिकायत की है कि वह बीड़ी बनाने का काम करती है। सोमवार दोपहर करीब 2 बजे वह पड़ोसी नत्थी साहू के घर दूध लेने गई थी। घर के दरवाजे बंद करके गई थी। कुछ देर बाद लौटी तो देखा कि सभी दरवाजे खुले थे और अंदर सामान बिखरा पड़ा था। घर में रखी पलंग पेटी का ताला टूटा था। उसमें रखी दो जोड़ी चांदी की पायल, दो चांदी की करधोनी, 22 सोने के चपरा वाले गुरिया, एक सोने का छोटा पेंडिल और नकदी चोरी हो गए हैं।
आज असंख्य पार्थिव शिवलिंग निर्माण
सागर | एक दिवसीय असंख्य पार्थिव शिवलिंग निर्माण का आयोजन मकरोनिया स्थित श्रीराम दरबार में रविवार को किया गया है। ब्रह्मलीन संत देव प्रभाकर शास्त्री दद्दा जी के शिष्य गृहस्थ संत केशव गिरी महाराज ने बताया कि सुबह 8 बजे से रुद्री निर्माण शुरू होगा। दोपहर 12 बजे से अभिषेक-पूजन होगा। अभिषेक-पूजन की सामग्री भक्तों को मंदिर की ओर से निशुल्क दी जाएगी।
हनुमान दुर्गा भैरव धाम में रुद्री निर्माण कर अभिषेक किया
भास्कर संवाददाता | सागर श्री हनुमान दुर्गा भैरव धाम मंदिर में 28 जुलाई से पार्थिव शिवलिंग निर्माण चल रहा है। मंदिर के पुजारी गोपाल शर्मा ने बताया कि रोज सुबह 8 बजे से 12 बजे तक शिव भक्तों द्वारा रुद्री निर्माण किया जा रहा है। रुद्री निर्माण में लगने वाली सामग्री मंदिर समिति द्वारा भक्तों को निशुल्क दी जा रही है। भक्तों द्वारा रोज असंख्य रुद्री निर्माण किया जा रहा है। 2 अगस्त को भक्तों ने बढ़-चढ़कर मंदिर में पहुंचकर रुद्री निर्माण किया। रुद्री निर्माण का कार्यक्रम सावन माह के अंतिम सोमवार तक जारी रहेगा। रुद्री निर्माण कार्यक्रम में श्री सीताराम बैंक के सह व्यवस्थापक पं बृजेश द्विवेदी, रामरतन तिवारी, अजय खरे, नमन द्विवेदी, प्रभात कुमार जाटव, माधव प्रसाद साहू, बद्री प्रसाद मिश्रा, राधाबाई शर्मा, विभा लोधी, शकुन आठया, शीला पटेल सहित भक्त शामिल हो रहे हैं।
तिलकगंज में चल रही रामकथा, रुद्री निर्माण
भास्कर संवाददाता | सागर सावन मास के मौके पर तिलकगंज स्थित एमएस गार्डन में चल रही रामकथा के चौथे दिन कथा वाचक पं. विपिन विहारी ने बताया कि सावन मास में प्रत्येक दिन भोलेनाथ का अभिषेक करना चाहिए। मानव निर्मित पिंडी पर चढ़े हुए प्रसाद का कोई दोष नहीं होता। छेनी-हथौड़ी के द्वारा निर्मित शिवलिंग के ऊपर चढ़े प्रसाद में दोष बताया गया है। कथा के आयोजक मुन्ना चौबे ने बताया कि राम कथा 9 दिवसीय है। सुबह 7 बजे से रुद्री निर्माण एवं अभिषेक हो रहा है। दोपहर 3 बजे से कथा हो रही है। कथा 7 अगस्त तक चलेगी। कथा में पूर्व विधायक सुनील जैन, शरद पुरोहित, हेमराज रजक, सागर साहू, निलेश अहिरवार शामिल हुए।
विभिन्न मांगों को लेकर संयुक्त मोर्चा ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
भास्कर संवाददाता | सागर संयुक्त मोर्चा ने विभिन्न मांगों को लेकर सघन विरोध की श्रृंखला में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। संघ के प्रांतीय प्रवक्ता एवं जिला अध्यक्ष आलोक गुप्ता ने बताया कि हम चाहते हैं वह स्थिति निर्मित हो जिससे हमारी प्रमुख मांगों पर शासन विचार कर पूरी करे। हमारी प्रमुख मांगों में प्रथम नियुक्ति दिनांक से सेवा अवधि की गणना कर ग्रेच्युटी एवं अवकाश नगदी करण, वरिष्ठता लागू करना, एनपीएस धारी मृतक शासकीय सेवक के आश्रित परिवार को केंद्रीय कर्मचारियों के समान परिवार पेंशन स्कीम तत्काल लागू करना, 2005 के पूर्व नियुक्त सभी विभागों के कर्मचारी एवं राज्य शिक्षा में नियुक्त शिक्षकों की पुरानी पेंशन स्कीम लागू करना और यूपीएस नहीं प्रदेश सरकार द्वारा ओपीएस लागू करना शामिल है। मध्यप्रदेश शासन द्वारा गठित यूनिफाइड पेंशन समिति का हम विरोध करते हैं। ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा से जिला अध्यक्ष चुरामन रैकवार, राज्य कर्मचारी संघ प्रदेश मंत्री राकेश श्रीवास्तव एवं जिला अध्यक्ष अवधेश उपाध्याय, उच्चतर माध्यमिक शिक्षक संघ से संजय श्रीवास्तव एवं मुकेश नेमा, प्रांतीय शिक्षक संघ से डॉ राजेंद्र यादव एवं जिला अध्यक्ष शैलेंद्र सिंह गंभीरिया, हरिहर मिश्रा, एनएमओपीएस से राघवेंद्र सिंह ठाकुर आदि शामिल थे।
कर्मचारियों ने की 2023 की संविदा नीति लागू कराने की मांग
भास्कर संवाददाता| सागर जिला ग्रामीण आजीविका संविदा कर्मचारी संघ ने शुक्रवार को अपनी 23 मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि सागर के ग्रामीण आजीविका संविदा अधिकारियों-कर्मचारियों को संविदा नीति का लाभ दिया जाना सरकार के स्तर पर तय किया गया था, लेकिन आज तक उक्त संविदा नीति का लाभ उनको नहीं दिया गया है। संविदा कर्मियों ने जल्द से जल्द उनके पक्ष में आदेश जारी करने की मांग की है। इस अवसर पर संघ के जिलाध्यक्ष अविकांत, सचिव राधे तिवारी, सह सचिव गोपाल पटेल, उपाध्यक्ष अभिषेक टुडेले, मार्गदर्शक मंडल से प्रभाव मुडोलिया, अनूप तिवारी, बृजेंद्र नामदेव, धानेंद्र मिश्रा, अभिषेक रूसिया, मीडिया प्रभारी वीरेंद्र सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।
इंजीनियरिंग कॉलेज में रिक्त सीटों के लिए कॉलेज लेवल काउंसलिंग शुरू
उज्जैन | शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में बीई प्रथम वर्ष में रिक्त सीटों पर एडमिशन के लिए कॉलेज लेवल काउंसलिंग (सीएलसी) शुरू हो गई है। शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज में बीई प्रथम वर्ष में केमिकल, मैकेनिकल, सिविल, कम्प्यूटर साइंस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रिकल ब्रांच में कुल 429 सीटें हैं। तकनीकी शिक्षा संचालनालय की काउंसलिंग समिति की ओर से जारी बीई पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में एडमिशन की ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के अंतर्गत दो चरण पूरे होने के बाद 390 सीटों पर एडमिशन हो चुके हैं। शेष 39 सीटों में से 2 सीटें टीएफडब्ल्यू के अंतर्गत हैं। अब 37 रिक्त सीटों पर एडमिशन के लिए सीएलसी हो रही है। 2 अगस्त से शुरू हुई सीएलसी के अंतर्गत विद्यार्थी रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए 5 अगस्त की रात 11.45 बजे तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। 6 अगस्त को विद्यार्थियों को कॉलेज में उपस्थित होना होगा। मेरिट के आधार पर इनकी सूची बनाई जाएगी। इसके बाद भी अगर सीटें रिक्त रहती हैं तो 7 अगस्त से फिर रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए विद्यार्थी 10 अगस्त तक ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे।
आईसीएच के मैनेजर से पांच लाख रुपए की ठगी में ईरानी गैंग पर शंका
भास्कर संवाददाता | उज्जैन पुलिस कंट्रोल के समीप स्थित इंडियन कॉफी हाउस के मैनेजर बाल मुरली कृष्णा पीबी को नकली सोने की चैन कड़ियां देकर पांच लाख की ठगी में बदमाशों के ईरानी गैंग के होने की आशंका है। माधवनगर थाना क्षेत्र में संचालित आईसीएच में बदमाश मैनेजर से मिलने पहुंचे थे और पहले दो सोने की चैन कड़ियां दिखाकर प्रलोभन दिया। इसके बाद शेष नकली चैन कड़ियां थमाकर पांच लाख की ठगी कर फरार हो गए थे, जिसमें मैनेजर मुरली द्वारा माधवनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। मामले में पुलिस अधिकारियों ने क्राइम टीम को लगाया है। बदमाश फुटेज में स्पष्ट दिखाई दे रहे है। इस आधार पर बदमाशों के आने व जाने के सारे रास्तों पर टीम काम कर रही है तथा आशंका जताई जा रही है कि इंदौर व भोपाल में भी इस तरह की वारदातें हुई हैं, जिसमें ईरानी गैंग हो सकती है।
10वीं फेल होने पर दो लड़कियां उज्जैन पहुंची, परिजन से मिलवाया
भास्कर संवाददाता | उज्जैन माधवनगर थाना क्षेत्र के ऋषिनगर में लगातार गाड़ियों के कांच फोड़ने की घटनाएं हुई है। तीन महीने में नौ गाड़ियों के कांच बदमाश फोड़ चुके हैं व माधवनगर पुलिस लगातार उक्त घटनाओं को नजर अंदाज करती आ रही थी, जिससे लोगों में आक्रोश था। एडीजीपी उमेश कुमार जोगा व एसपी प्रदीप शर्मा ने उक्त घटना को संज्ञान में लिया, जिसके बाद टीम ऋषिनगर पहुंची। रहवासियों ने बताया कि पहले माधवनगर थाना पुलिस शिकायत तक सुनने को तैयार नहीं होती थी। इस बार भी रिपोर्ट दर्ज करने में तीन बार चक्कर लगवाए थे तथा मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचने के बाद जब थाने के अधिकारियों को फटकार लगी तो टीम लोगों के बीच पहुंची। अब सभी वारदातों की डिटेल के आधार पर टाइम लाइन से लेकर सीसीटीवी फुटेज पर काम किया जा रहा है। पुलिस की टीम दो दिन से घटना के समय व वारदात के बाद बदमाशों के भागने के टाइम अनुसार सभी मार्ग के फुटेज खंगाल रही है। कुछ फुटेज भी पुलिस को मिले है, जिसमें बदमाशों की लॉस्ट लोकेशन चामुंडा माता, देवासगेट तक पुलिस ने पता की है व जानकारी जुटाई जा रही है। उज्जैन | भोपाल के आनंदनगर में रहने वाली दो सहेलियां 10वीं में फेल से तनाव में आ गई और घर छोड़कर ट्रेन में बैठकर उज्जैन आ गई। रेलवे स्टेशन पर दोनों को अकेला देख आरपीएफ के जवानों को शंका हुई कि बच्चियां थोड़ी डरी सहमी है और कुछ तय नहीं कर पा रही है। तत्काल बात की व महिला पुलिस कर्मियों की मदद से दोनों को थाने लेकर आए और बात की। दोनों ने बताया वे फेल होने से डिप्रेशन में थी। इस कारण घर छोड़कर आ गई। आरपीएफ थाना पुलिस के अधिकारी एसआई यशपालसिंह तथा एसआई अनिलकुमार यादव समेत अन्य ने दोनों बच्चियों के परिजनों से संपर्क कर उन्हें उज्जैन बुलवाया व समझाइश देकर बच्चियों को उनके हवाले किया।
गैलरी से गिरी दो साल की बच्ची की मौत
उज्जैन | इंदौर खजराना निवासी युनूस की दो साल की बेटी अलशिफा ताऊ के उज्जैन बाढ़ी मोहल्ला स्थित घर की गैलरी से गिर गई। गंभीर हालत में उसे फ्रीगंज स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। उपचार के दौरान बच्ची की मौत हो गई। महाकाल थाना पुलिस ने बताया इंदौर के युनूस भाई सलीम के यहां आया था, जहां हादसा हुआ। संभवत: खेलते हुए बच्ची का संतुलन बिगड़ा, जिससे हादसा हुआ। पुलिस जांच कर रही है।
वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में चार्वी ने जीते कांस्य पदक
उज्जैन | गोवा में हुई 24वीं वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के अंतिम दिन उज्जैन निवासी चार्वी मेहता ने शतरंज के क्लासिकल एवं रैपिड दोनों फॉर्मेट में कांस्य पदक जीत कर शहर, प्रदेश व देश का नाम गौरवान्वित किया। चार्वी ने इस चैंपियनशिप में रैपिड फॉर्मेट में 20 वर्ष से कम आयु समूह में विश्व में तृतीय स्थान प्राप्त कर कांस्य पदक प्राप्त किया। वहीं चेस के क्लासिकल फॉर्मेट में व्हीलचेयर कैटेगरी में भी चार्वी ने कांस्य पदक प्राप्त किया। उज्जयिनी शतरंज संघ के अध्यक्ष संदीप कुलश्रेष्ठ एवं सचिव महावीर जैन ने बताया समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत एवं विशिष्ट अतिथि कैबिनेट मंत्री सुभाष देसाई ने खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया गया।
राष्ट्रीय जाट महासभा भारत की बैठक में समाज एकता व बालिका शिक्षा पर चर्चा
उज्जैन | अंकपात मार्ग स्थित जाट धर्मशाला में राष्ट्रीय जाटा महासभा भारत की बैठक हुई। इसमें हरियाणा से प्रदेश अध्यक्ष तन्मय चौधरी ने सहभागिता की। जिलाध्यक्ष देवराम जाट ने बताया हरियाणा से उज्जैन पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों ने बाबा महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद लिया इसके बाद बैठक शुरू हुई। बैठक में जाट समाज की एकता और बच्चों की शिक्षा को लेकर चर्चा हुई। सभी की सहमति से समाज के बीच में काम करने के लिए उज्जैन तहसील के कार्यकर्ताओं को तहसील अध्यक्ष व अध्यक्ष पर नियुक्ति की गई। प्रदेश अध्यक्ष चौधरी ने संबोधित करते हुए कहा आज के समय में समाज एकता की बहुत जरूरत है। सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं को समाज के बीच जाकर समाज की एकता के लिए जोर देना चाहिए और समाज में बालिकाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की जरूरत बताना चाहिए। शिक्षित बालिकाएं न केवल अपने जीवन को बेहतर बनाती हैं बल्कि वे अपने परिवारों और समाज के लिए भी सकारात्मक बदलाव लाती हैं।
राष्ट्रीय स्तरीय फिन स्वीमिंग स्पर्धा में 18 राज्यों के 218 प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा
भास्कर संवाददाता | उज्जैन आठवीं फिन स्वीमिंग प्रतियोगिता का आयोजन शनिवार और रविवार को आगर रोड स्थित नगर निगम स्वीमिंग पूल में किया गया। शहर में पहली बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद अनिल फिरोजिया, डॉ. सनवर पटेल, जगदीश मालवीय, महापौर और बीजेपी के प्रवक्ता राजपालसिंह सिसौदिया की मौजूदगी में किया गया। कार्यक्रम में 18 राज्यों के 218 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। दो दिन हुई इस प्रतियोगिता में 106 इवेंट्स हुए, जिसमें विभिन्न आयु के प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता का आयोजन उज्जैन जिला तैराकी संघ ने किया। अध्यक्ष डॉ. अनुभव प्रधान ने बताया फिन स्वीमिंग प्रतियोगिता तीन विधाओं में हुई। 50, 100, 200, 400 मीटर दूरी में विभिन्न आयु वर्ग में प्रतियोगिता आयोजित हुई। कार्यक्रम के समापन में मिस इंडिया निकिता पोरवाल ने परेड की सलामी ली और सभी प्रतिभागियों को बाबा महाकाल का स्मृति चिह्न दिया व सभी राज्यों से आए बच्चों से बातचीत की। सनातन महिला संस्था द्वारा सभी प्रतिभागियों को बाबा महाकाल का प्रसाद दिया गया। महामृत्युंजय यंत्र के साथ टी-शर्ट भी भेंट की गई। संस्था द्वारा बच्चों को नि:शुल्क भोजन और आवास की व्यवस्था की गई। इस दौरान अंडर वाटर स्पोर्ट्स एसोसिएशन इंडिया के सचिव मयूर पाटील ने मध्यप्रदेश में फिन स्वीमिंग को बढ़ावा देने के लिए नए अध्यक्ष के लिए सांसद फिरोजिया के नाम का प्रस्तावित किया था, जिसे सभी की अनुमति से स्वीकृत किया गया। सांसद फिरोजिया को अध्यक्ष रूप में निर्वाचित किया गया। सांसद फिरोजिया ने बताया कि देश में अब िफन स्वीमिंग काफी लोकप्रिय हो रहा है। प्रयास होगा कि मध्यप्रदेश में भी इसे और लोकप्रिय किया जाए और युवाओं की रुचि इसके प्रति बढ़ाई जाए।
सांदीपनि शाखा सदस्यों ने किया मिस इंडिया निकिता का अभिनंदन
उज्जैन | भारत विकास परिषद सांदीपनि शाखा के सदस्य अशोक पोरवाल और राजकुमारी पोरवाल की पुत्री निकिता पोरवाल के फेमिना मिस इंडिया बनने पर सांदीपनि शाखा परिवार की ओर से अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर संरक्षक ईश्वर पटेल, रीजन सेक्रेट्री ओमप्रकाश गुप्ता, सचिव मनीषा अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजेश पंड्या, कार्यकारिणी सदस्य ललित चौहान, शैलेंद्र पंवार, दीपक सक्सेना, वंदना तिवारी आदि उपस्थित थे।
खंडेलवाल क्रिएटिव ग्रुप के स्थापना दिवस पर किया पौधारोपण
उज्जैन | समाजसेवा एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में सक्रिय संस्था खंडेलवाल क्रिएटिव ग्रुप का स्थापना दिवस रविवार को पदाधिकारियों ने पौधारोपण कर मनाया। संस्था अध्यक्ष संजय गोलिया ने बताया इस अवसर पर प्रमुख रूप से सचिव आशीष मेठी व कोषाध्यक्ष कुलदीप गुप्ता सहित समाज के सदस्य आनंद बडेरा, संदीप बेवाल, नीरज बडेरा, रूपेश बूसर, अमित झालानी, सुभाष खंडेलवाल, विजय रावत, विकास झालानी, आशीष तांबी, रितेश सोखिया, मनीष नाटानी, विकास लाभी मौजूद थे।
32 पेटी देशी शराब के साथ दो तस्कर दबोचे
भास्कर संवाददाता | सिरसौद अमोला थाना पुलिस ने रविवार-शनिवार की रात फोरलेन पर चैकिंग लगाकर अवैध रूप से एक टवेरा से गाड़ी से परिवहन कर ले जा रही 32 पेटी देशी शराब को बरामद किया है। पुलिस ने गाड़ी में सवार दोनों तस्करों के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत केस दर्ज कर शराब और गाड़ी को जब्त किया है। पुलिस ने दोनों तस्करों को न्यायालय में पेश किया जहां ने उन्हें न्यायाधीश ने जेल भेज दिया है। जानकारी के अनुसार अमोला थाना प्रभारी अंशुल गुप्ता ने बताया कि रविवार-शनिवार की रात करीब 1 बजे मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि एक शिवपुरी की तरफ से एक गाड़ी में अवैध रूप से शराब का परिवहन कर पिछोर की तरफ ले जाया जा रहा है। सूचना के बाद फोरलेन हाईवे पर चैकिंग लगाई, रात करीब 2 बजे एक टवेरा गाड़ी क्रमांक एमपी 04 बीए 9575 आती हुई दिखाई दी। जिसे रोककर उसकी तलाशी ली तो उसमें 32 पेटी देशी प्लेन शराब की रखी हुई थी। गाड़ी में सवार युवक के नाम पूछे तो उनमें से एक ने अपना नाम मजबूत सिंह (20)पुत्र करन सिंह लोधी और दूसरे ने अपना नाम लवकुश (20)पुत्र महेश लोधी निवासीगण बागरौन थाना पिछोर बताया। पुलिस ने दो युवकों के खिलाफ आबकारी एक्ट के तहत केस दर्ज कर शराब और गाड़ी को जब्त कर लिया है। पुलिस गिरफ्त में शराब तस्कर और पकड़ी गई शराब।
समय रहते नहीं हटाए जाते अतिक्रमण...क्यों?
अजमेर | शहर में लगातार अतिक्रमण हो रहे हैं। अतिक्रमी न तो समतल जमीन को छोड़ रहे हैं और न ही पहाड़ी, नदी-नालों और तालाब की जमीन को। हालात ये हैं कि अब इन्हें हटाना मुश्किल हो रहा है। कई बार जब अतिक्रमण तोड़ना पड़ता है तो लाखों रुपए खर्च करने पड़ते हैं। प्रशासन और संबंधित विभाग भी अतिक्रमण के खिलाफ उस समय कार्रवाई नहीं करते जब इनका निर्माण शुरुआती चरण में होता है। यदि समय रहते अतिक्रमण हटा दिया जाए तो प्रशासन को बड़ी कार्रवाई भी नहीं करनी पड़ेगी।-धोलाभाटा निवासी अमित गढ़वाल
आरबीएसई: प्रवीण कुमार वरिष्ठ सहायक नियुक्त
अजमेर | राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में रिक्त चल रहे वरिष्ठ सहायक निदेशक एकेडमिक के पद पर प्रवीण कुमार शर्मा को लगाया गया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा आदेश जारी किए गए हैं। प्रवीण कुमार शर्मा डूंगरपुर से यहां आ रहे हैं। पिछले महीने दिनेश कुमार ओझा को बोर्ड सचिव कैलाश चंद्र शर्मा ने एपीओ कर बीकानेर भेज दिया था। तब से ही एकेडमिक शाखा में यह पद खाली चल रहा था। अब यह पद भर गया है।
वैष्णव सखी मंच: लहरिया उत्सव में रैंप वॉक किया
अजमेर| वैष्णव सखी मंच के लहरिया उत्सव सीजन 3 में रविवार को समाज की 80 से ज्यादा महिलाओं ने उत्सव में भाग लिया । कविता, जया तत्वेदी, सरला, रेखा, सुबोध वैष्णव और राजकुमारी अग्रावत ने सभी का फ्रैंडशिप बैंड बांधकर स्वागत किया। इंदिरा वैष्णव, सुरेखा, निर्मला, निधि और मधु वैष्णव ने मिलकर सभी को गेम्स खिलाए। लहरिया पहनकर सभी महिलाओं ने रैंप वॉक किया। लहरिया क्वीन का पुरस्कार योगबाला वैष्णव को प्रदान किया गया। द्वितीय रनरअप प्रियंका और तृतीय निर्मला वैष्णव रहीं। राज्यों के नाम पर आधारित कुर्सी रेस में, मंजुलता और किरण विनर रहे। प्रवक्ता योगबाला वैष्णव ने बताया कि वैष्णव सखी मंच का उद्देश्य सभी समाज की मातृ शक्ति को एक मंच पर लाना है।
टूट रहे फैरो कवर, नालियों में फंसते हैं वाहन
अजमेर | शहर की सड़कों पर बनाए गए नालों-नालियों पर लगाए गए निम्न गुणवत्ता के फैरो कवर लगातार टूट रहे हैं। इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। नागफनी रोड ऋषि घाटी श्मशान के बाहर नाली पर फैरोकवर टूटा पड़ा है। सुबह-शाम यहां ट्रैफिक अधिक रहता है। इसके अलावा कलेक्ट्रेट के पीछे राजहंस वाटिका के सामने, काला बाग कॉलोनी के बाहर भी नाली पर फैरोकवर गायब है। इससे वाहन नाली में फंस जाते हैं। ऐसी ही शहर की कई कॉलोनियों और गलियों की स्थिति है। -अलखनंदा कॉलोनी निवासी हरीश कुमावत की रिपोर्ट रीडर्स रिपोर्टर कॉलम के जरिए आप भी अपने आसपास की समस्याओं को आवाज दे सकते हैं। जुड़ने के लिए 9252128407 पर वॉट्सएप करें या dbcajmer@dbcorp.in पर मेल करें।
चलने योग्य नहीं रह गई तारागढ़ संपर्क सड़क, यहां गड्ढे बेशुमार
अजमेर | दरगाह क्षेत्र को वैकल्पिक मार्ग से जोड़ने वाली दरगाह संपर्क सड़क इन दिनों बदहाल है। सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। ऐसे में इस सड़क पर चलना मुश्किल हो रहा है। हालत ये है कि गड्ढों में सड़क ढूंंढनी पड़ रही है। पीडब्लूडी के अधीन आने वाली इस सड़क की मरम्मत लंबे समय से नहीं हुई है। पिछली सरकार के कार्यकाल के अंतिम दिनों में सड़क मरम्मत की मंजरी दी गई लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो सका। सड़क पर बारिश के दौरान पहाड़ी से पानी, चट्टानें और मिट्टी मलबा लगातार गिरता रहा है। इसके अलावा आसपास के घरों का गंदा पानी भी बहता रहता है। इससे सड़क लगातार टूट रही है। अभी फिसलन भरी स्थिति है। दो पहिया वाहन फिसलने से कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। सड़क पर जगह जगह ब्रेकर बनाए हुए हैं इससे लोगों को वाहन ऊपर की ओर ले जाने में परेशानी होती है। -ताराशाह नगर निवासी सदरुद्दीन कुरैशी
टूटी सड़कों पर ट्रैफिक डायवर्जन से बन नए ब्लैक स्पॉट
भास्कर ग्राउंड रिपोर्ट स्मार्ट सिटी अजमेर में 50 करोड़ रुपए सड़कों और 275 करोड़ रुपए एलिवेटेड रोड के निर्माण पर खर्च कर ट्रैफिक को व्यवस्थित और सुगम बनाने का दावा उल्टा साबित होता नजर आ रहा है। सड़कों पर अस्तव्यस्त ट्रैफिक से अव्यवस्था फैल रही है। प्रमुख चौराहों, सर्किलों पर बैरिकेडिंग कर दी गई है। ट्रैफिक डायवर्जन से शहर में कई ब्लैक स्पॉट बन गए हैं। जरा सी दूरी तक जाने के लिए लोगों को लंबे चक्कर काटने पड़ रहे हैं। अव्यवस्था की यह स्थिति कलेक्ट्रेट से ही शुरू हो जाती है। कलेक्ट्रेट के सामने सीमेंट ब्लॉक रख कर मुख्य सड़क को बंद करने से शास्त्री नगर, पुलिस लाइन, एडीए, रेवेन्यू बोर्ड, कोर्ट, बस स्टैंड, जयपुर रोड आदि की जाने के लिए लोगों को ज्योतिबा फुले सर्किल, अंबेडकर सर्किल की ओर रॉन्ग साइड में जाना पड़ता है। इससे इन दोनों सर्किलों पर दिनभर जाम लगता है। बैरिकेड्स भी लगाए गए हैं, इससे वाहनों के आपस में टकराने से हादसे की आशंका रहती है। सावित्री तिराहे और जवाहर रंगमंच तिराहे पर भी ऐसी ही स्थिति है। बैरिकेड्स हटेंगे: सीओ ढाई साल में ब्लैक स्पॉट पर 52 मौतें, 90 घायल हाइवे पर 16 ब्लैक स्पॉट्स चिह्नित किए गए जिनमें से कुछ को सुधारा गया। ब्लैक स्पॉट पर पिछले ढाई सालों में 52 लोगों की डेथ हो गई जबकि 90 के करीब घायल हो गए। इनमें वर्ष 2023 में 26 की मौत हुई 46 घायल हुए। 2024 में 21 की मौत हुई 29 घायल हुए। 2025 में अब तक 5 की मौत हुई 7 घायल हुए। अप्रैल में जिले में 39 हादसों में लोगों की जान चली गई। हाइवे पर ब्लैक स्पॉट खत्म करने के िलए बैठकें आैर उनमें दिए िनर्देश कागजी साबित हो रहे हैं। ये हादसों की वजह: एलिवेटेड के नीचे अवैध पार्किंग से 3 किमी में कई ब्लैक स्पॉट पुरानी आरपीएससी से कचहरी रोड और स्टेशन रोड होते हुए और गांधी भवन से खाईलैंड महावीर सर्किल तक तीन किमी लंबे एलिवेटेड रोड के लेकिन नीचे सड़क पर पार्किंग भरपूर हो रही है। इससे कई नए ब्लैक स्पॉट पैदा हो गए हैं। खड़े वाहनों के अचानक सामने आने पर सड़क पर चल रहे दूसरे वाहनों के टकराने का खतरा रहता है। कई बार है दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। एलिवेटेड के नीचे सर्विस लेन गली बन गए हैं यहां कभी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। व्यापारी और ग्राहक अपने दो पहिया और चार पहिया वाहन सड़क पर ही पार कर रहे हैं। एलिवेटेड रोड के नीचे का हिस्सा पार्किंग और छाया के काम ही आ रहा है और नया ब्लैक स्पॉट बन गया है। कलेक्ट्रेट के बाहर: सीमेंट ब्लॉक से रोका रास्ता। अग्रसेन सर्किल: बैरिकेडिंग से अस्त व्यस्त ट्रैफिक। जीसीए चौराहा: पल-पल लगता ट्रैफिक जाम। } हाइवे पर यहां ब्लैक स्पॉट | हाईवे पर बड़लिया, पालरा, तबीजी, रीको एरिया कट नसीराबाद घाटी ब्लैक स्पॉट है। जयपुर रोड पर घूघरा घाटी में डिवाइड पर अवैध रूप से कट खोने से नया ब्लैक स्पॉट बन गया है। }बाजारों में हाल खराब | अग्रसेन सर्किल पर जेएलएन मेडिकल कॉलेज की आेर से आ रहे ट्रैफिक को अग्रसेन सर्किल पर बैरिकेडिंग कर सूचना केन्द्र की आेर डायवर्ट िकया गया है। यहां वाहन टकराते हैं। आगरा गेट, नया बाजार, दरगाह बाजार, पुरानी मंडी में भी कमोबेश यही हाल हैं। } मार्टिंडल ब्रिज पर भी अव्यवस्था | एलिवेटेड रोड के कारण मार्टिंडल ब्रिज पर कट बंद करने से नसीराबाद रोड की ओर से आने वाले वाहनों को जीसीए चौराहे तक आकर यू-टर्न लेने पर चौराहे पर जाम लगता है। }महावीर सर्किल पास ब्लैक स्पॉट और बॉटलनेक | महावीर सर्किल के पास एलिवेटेड रोड की प्रवेश वाली भुजा एक महीने से बंद है। इससे सर्विस लेन पर जाम लगता है। आगरा गेट पर भी ट्रैफिक रुक जाता है। सोनी जी की नसियां के पास सड़क की चौड़ाई नहीं बढ़ने से ब्लैक स्पॉट।
जैन समाज: लहरिया में 300 महिलाएंं हुईं शामिल
अजमेर| श्री दिगंबर जैन महासमिति महिला और युवा महिला संभाग की ओर से लहरिया उत्सव में 300 महिलाएं शामिल हुईं। “रंगीला सावन आयो रे ,सुरंगों सावन आयो रे, बरखा री बूंदा ल्यायो रे’ थीम पर छोटे धड़े की नसियां के आदिनाथ निलय में उत्सव आयोजित किया। पंचशील नगर इकाई द्वारा सास बहु पर, वैशाली नगर और छतरी योजना इकाई ने भी नृत्य प्रस्तुति दी। म्यूजिकल तंबोला पर नृत्य किया गया। मधु पाटनी व अध्यक्ष सोनिका भैंसा ने बताया कि सीए फाइनल परीक्षा में उत्तीर्ण होने पर भाविका जैन, सिद्धार्थ जैन, वेदांश जैन, शुभी जैन और प्रांशी जैन को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि कमलेश पालीवाल व सुधा पालीवाल, विशिष्ट अतिथि इंदु पायल, यामिनी पाटनी व अनिता पाटनी,अंतिमा पाटनी रीटा जैन और कृति जैन मौजूद रहीं।
अंदरकोट में चेकडैम पर कब्जा, 50 मकान बने, डाल रहे मलबा
अजमेर | अंदरकोट क्षेत्र में आमाबावड़ी पर बनाए गए जल संसाधन विभाग के चेकडैम का वजूद खत्म होने की कगार पर है। चेकडैम का निर्माण 1975 की बाढ़ के बाद हुआ था ताकि पहाड़ों का पानी सीधे दरगाह एरिया में नहीं आए। लेकिन अभी स्थित ये है कि चेकडैम पर लगातार अतिक्रमण हो रहा है। बाहरी लोग कच्चे-पक्के मकान और झोपड़ियां बनाकर कब्जा कर रहे हैं। कइयों ने दो-तीन मंजिला मकान तक खड़े भी कर लिए हैं। हालात ये हैं कि डैम के जलभराव क्षेत्र में 50 मकान बन गए हैं। कई निर्माणाधीन हैं। अतिक्रमी चारों तरफ से मलबा तथा कचरा डाल कर इसे पाट रहे हैं। ऐसा होने से यह बावड़ी जल्द ओवर फ्लो हो जाती है। चेकडैम में कच्चा रास्ता भी बनाया गया है। इसका पानी बहकर दरगाह बाजार, नला बाजार में जाताऔर जलभराव के होता है। प्रशासन को चेकडैम से अतिक्रमण हटाने चाहिए। -अंदरकोट निवासी सलमान खान
इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स जॉब प्रोवाइडर बन सकें, ऐसी शिक्षा दी जाएगी: प्रो. गर्ग
बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय (बीटीयू) के कुलगुरु प्रो. अखिल रंजन गर्ग ने कहा कि अजमेर सहित विश्वविद्यालय से संबद्ध इंजीनियरिंग कॉलेजों में एनईपी-2020 के माध्यम से इस तरह की शिक्षा प्रोवाइड कराई जाएगी कि इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब प्रोवाइडर बनें। प्रो. गर्ग रविवार को अजमेर दौरे पर थे और दैनिक भास्कर से खास बातचीत की। उन्होंने कहा कि एनईपी 2020 में स्किल डेवलपमेंट, लोकल प्रॉब्लम का तकनीकी समाधान आदि विषयों को शामिल किया गया है। वे खुद जल्द ही बॉम की मीटिंग बुला रहे हैं। उसमें यही डिसाइड किया जाएगा कि हमारे कॉलेजों के विद्यार्थियों को ऐसा बनाया जाए कि एंटर प्रयोन्योर बनें ताकि जॉब देने वाले बनें। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेजों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लोकल प्रॉब्लम की लिस्ट तैयार कराएं। अजमेर में भी इस तरह की सूची तैयार कराई जाएगी। इन प्रॉब्लम का तकनीकी समाधान इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स व टीचर्स मिल कर निकालें। इसके लिए फंड की आवश्यकता होगी, उसके कॉलेज भी अपने स्तर पर क्रिएट करेंगे और विश्वविद्यालय भी देगा। प्रो. गर्ग ने इंजीनियरिंग कॉलेजों का निरीक्षण किया, पौधे लगाए बीटीयू के कुलगुरु प्रो. अखिल रंजन गर्ग ने रविवार को इंजीनियरिंग कॉलेज बड़लिया और महिला इंजीनियरिंग कॉलेज का निरीक्षण किया। दोनों ही कॉलेजों में स्टाफ की मीटिंग ली और पौधे लगाए। प्रो. गर्ग पहले महिला इंजीनियरिंग कॉलेज पहुंचे। प्रिंसिपल प्रो. प्रकृति त्रिवेदी की अगुवाई में स्टाफ ने उनका अभिनंदन किया। कुलगुरु ने अपनी माताजी की स्मृति में पौधरोपण कर मातृत्व के प्रति श्रद्धा, संवेदना एवं प्रकृति के प्रति उत्तरदायित्व का प्रतीक प्रस्तुत किया। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों व कर्मचारियों से संवाद कर उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना एवं उनके शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बदलते सामाजिक, मानसिक व तकनीकी वातावरण में महिला शिक्षार्थियों के लिए यह संस्थान संरक्षण, संवेदनशीलता और सशक्तीकरण का माध्यम बनता जा रहा है। शिक्षक केवल अध्यापक नहीं, बल्कि इन छात्राओं के पथप्रदर्शक, प्रेरणा स्रोत और संरक्षक हैं। इधर, प्रो. गर्ग इंजीनियरिंग कॉलेज बड़लिया पहुंचे। प्रिंसिपल डॉ. रेखा मेहरा और स्टाफ ने अभिनंदन किया। प्रो. गर्ग ने स्टाफ के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की इंक्रीमेंट सहित जो भी समस्याएं हैं सबका समाधान जल्द ही किया जाएगा। उन्होंने पौधरोपण भी किया। IIT के लिए निदेशक जल्द नियुक्त होगा एक सवाल के जवाब में प्रो. गर्ग ने कहा कि अजमेर सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में बनने वाले आरआईटी की कार्यवाही सरकारी स्तर पर जारी है। जानकारी मिल रही है कि जल्द ही इसके लिए निदेशक की नियुक्ति होगी। ये आरआईटी जल्द ही अस्तित्व में आ जाएंगे। प्रो. गर्ग ने स्टूडेंट्स को मैसेज दिया कि जो स्टूडेंट्स बीटीयू में एडमिशन ले रहे हैं, उन्हें पक्का विश्वास दिला रहे हैं कि उनके समय पर एग्जाम होंगे, समय पर परिणाम आएंगे और अच्छी व ज्ञानवर्धक शिक्षा मिलेगी। ऐसी शिक्षा जिससे वे आगे के जीवन में सफल हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि अजमेर सहित सभी कॉलेजों से टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ के रिक्त पदों की डिटेल मंगाई जा रही है। इसमें यह सूचना भी मांगी जा रही है कि सरकार ने इनमें से कितने पदों पर भर्ती कर दी है। रोस्टर की डिटेल भी मांगी जा रही है। शिक्षकों की समस्याओं का भी समाधान जल्द कराया जाएगा।
प्राचार्यों व समकक्ष अधिकारियों की ट्रांसफर सूची जारी; 14 की बदली जगह, 4 बाहर से अजमेर आए
अजमेर | निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर ने प्राचार्य उमावि और समकक्ष अधिकारियों की तबादला सूची जारी की है। प्रदेश के कुल 509 लोगों का तबादला किया गया है। इसमें अजमेर में पदस्थ 14 शिक्षकों और अधिकारियों की जिम्मेदारी बदली गई है। 4 को दूसरे जिलों से अजमेर में लगाया गया है। अजमेर से 3 डीईओ और एक असिस्टेंट डायरेक्टर को दूसरे जिलों में भेजा गया है। सूची में सीनियर सैकंडरी स्कूल पजारा पीसांगन में पदस्थ हंसराज चौधरी को बीईईओ पीसांगन ब्लॉक लगाया गया है। कल्याण पुरा सावर स्कूल से चंद्रशेखर को डीईओ एलिमेंट्री ऑफिस अजमेर में एडीईओ लगाया है। छातड़ी स्कूल से रामनिवास गालव को श्रीनगर ब्लॉक में बीईईओ लगाया गया। भिनाय ब्लॉक के बीईईओ सत्यनारायण केवट को जीएसएसएस बिजयनगर में प्राचार्य, बीईईओ सरवाड़ सत्यनारायण आचार्य को सूरजपुरा स्कूल में प्राचार्य, किशनगढ़ ब्लॉक के बीईईओ अमृतराज सैनी को थाटा स्कूल नागौर में प्राचार्य, श्रीनगर ब्लॉक के बीईईओ हेमंत देतवाल को जीएसएसएस लुनियास नागौर में प्राचार्य लगाया गया है। डूंगरपुर के प्रवीण कुमार शर्मा को आरबीएसई अजमेर में सीनियर असिस्टेंट डायरेक्टर, राजसमंद के विजेंद्र सिंह शेखावत को जेडी कार्यालय अजमेर में एडीईओ, बीकानेर के दिनेश ओझा को जेडी कार्यालय अजमेर में असिस्टेंट डायरेक्ट लगाया गया है। डीईओ सैकंडरी मुख्यालय कार्यालय में एडीईओ मुन्नीदेवी शर्मा का तबादला पाली जिले में किया गया है। इसी कार्यालय में एक और एडीईओ शाहबुद्दीन चीता को जीएसएस जालोर में प्राचार्य बनाया गया है। जेडी कार्यालय अजमेर में एडीईओ शौकत अली देशवाली को जीएसएसएस खाटा बारां में प्राचार्य लगाया गया है। जेडी कार्यालय में ही असिस्टेंट डायरेक्टर यूडी खान को जीएसएसएस बांसी बूंदी का प्राचार्य बनाया गया है।
जाट समाज: महिलाओं ने मनाया लहरिया उत्सव
अजमेर| जाट समाज की महिलाओं की ओर से रविवार को पारंपरिक परिधानों में “लहरिया उत्सव” मनाया गया। इस उत्सव के माध्यम से न केवल समृद्ध राजस्थानी संस्कृति को संजोने का एक प्रयास है, बल्कि सामाजिक एकता, महिला सहभागिता, और सांस्कृतिक अभिव्यक्ति को भी बढ़ावा देती है। अजमेर में जाट समाज की फिर से इस रंग-बिरंगी परंपरा की शुरुआत हुई है। सरोज चौधरी ने कार्यक्रम का संचालन किया।
फ्रेंडशिप डे और लहरिया में दिखाया उत्साह
अजमेर| चमकते सितारे और फेबल्स फोर्टी की ओर से फ्रेंडशिप डे और लहरिया का आयोजन किया गया। मनस्वी सक्सेना, अर्चना शर्मा, प्रीति जैन और शिखा शर्मा ने यह आयोजन किया। जिसमें कई खेल प्रतियोगिताएं और मनोरंजन गतिविधियां आयोजित की गई। इनमें कुल 80 महिलाओं ने हिस्सा लिया । लक्की ड्रॉ में आरती माथुर को प्रथम पुरस्कार दिया गया। निष्ठा सोनी, शोभा शर्मा ,नीलम , शीला सहित कुल 50 महिलाओं ने पुरस्कार जीते।इस मौके पर श्वेता ,शशि , मीना सोनी , सुनीता जैमन, ऋतु ने नृत्यों की प्रस्तुति दी।
अंजुमन यादगार की साधारण सभा 15 दिन के भीतर आहूत करें
सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट अजमेर नगर पश्चिम के पीठासीन अधिकारी मनमोहन चंदेल ने अंजुमन यादगार चिश्तिया शेख जादगान के पदाधिकारियों को आदेश जारी किया है कि 15 दिन के भीतर संस्था की साधारण सभा आहूत की जाए। इस दौरान संस्था के बैंक खातों से खर्च पर भी पाबंदी रहेगी। अगर किसी असहाय, विधवा और अन्य की मदद के लिए जरूरत हो तो दस हजार रुपए तक की राशि खर्च की जा सकती है। दस हजार से ज्यादा राशि खर्च करने के लिए कार्यकारिणी की स्वीकृति जरूरी है और तीन दिन के भीतर न्यायालय को भी इस संबंध में अवगत कराया जाना होगा। प्रकरण के अनुसार संस्था के सदस्य शेखजादा शमीम अख्तर चिश्ती, शेख जादा मुकीतुर रहमान चिश्ती, फैजान उल हक और शेख जादा जावेद अख्तर चिश्ती ने अदालत के समक्ष याचिका पेश कर कहा था कि संस्था के मौजूदा पदाधिकारी संविधान का उल्लंघन कर वित्तीय अनियमितताएं कर रहे हैं। साधारण सभा भी आहूत नहीं की जा रही है। इस मामले में शनिवार को अदालत ने सुनवाई के बाद संस्था अध्यक्ष, सचिव को साधारण सभा बुलाने के आदेश जारी किए हैं। अदालत ने संस्था की गतिविधियों पर अस्थायी स्टे ऑर्डर भी जारी किया है।
महिला से छेड़खानी और मारपीट, प्राथमिकी दर्ज
भास्कर न्यूज|मधेपुर भेजा थाना क्षेत्र के एक गांव में शौच के लिए घर से बाहर गई 30 वर्षीय महिला के साथ 45 वर्षीय व्यक्ति ने छेड़छाड़ की और गलत नीयत से जोर जबरदस्ती करने लगा। इस बाबत पीड़िता ने भेजा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि शाम लगभग सात बजे घर के पीछे शौच के लिए गई थी। इसी दौरान पड़ोसी श्यामलाल चौपाल ने गलत नीयत से बांह पकड़ लिया और जोर जबरदस्ती करते हुए छेड़छाड़ करने लगा। हल्ला मचाने पर श्याम लाल चौपाल का लड़का शीतल चौपाल व सुजीत चौपाल भी वहां पहुंचा जिसके बाद तीनों ने मिल कर पिटाई कर दी। स्थानीय लोगों द्वारा जख्मी महिला को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सह रेफरल अस्पताल मधेपुर लाया गया जहां इलाज किया गया।
बासी चावल खाने से 4 लोग फूड पॉइजनिंग के शिकार
स्थानीय पीपरा गांव के एक व्यक्ति का मकान निर्माण कार्य में लगे 4 मजदूर रविवार को फूड प्वाइजनिंग का शिकार हो गए। स्थानीय लोगों द्वारा अचानक बीमार पड़े सभी मजदूरों को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सह रेफरल अस्पताल मधेपुर लाया गया जहां चिकित्सकों ने सभी का इलाज किया। बीमार पड़े मजदूरों में 28 वर्षीय जहांगीर, 21 वर्षीय रूबेल, 19 वर्षीय सूरज तथा 19 वर्षीय शरीफ शामिल हैं। ये सभी मजदूर पश्चिम बंगाल राज्य के हैं और यहां अपने कांट्रेक्टर के साथ रहकर मकान निर्माण का कार्य किया करते हैं। आदतन ये लोग बासी भात सुबह में खाकर काम पर जाया करते हैं। रविवार सुबह भी रात का बना हुआ चावल खाकर ही काम करने गया था। सभी को इलाज के लिए पीएचसी लाया गया। पीएचसी के डॉक्टरों ने सभी को खतरा से बाहर बताया।
रास्ते के विवाद में की पिटाई 4 लोगों पर दर्ज हुई प्राथमिकी
मधेपुर|भेजा थाना क्षेत्र के मेहशा गांव में रास्ता के विवाद को लेकर पट्टेदारों के बीच मारपीट की घटना हुई जिसमें 40 वर्षीय अमर यादव की पिटाई कर उसे गंभीर रूप से जख्मी कर दिया गया। जख्मी अमर यादव का इलाज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सह रेफरल अस्पताल मधेपुर में किया गया। मामले को लेकर अमर यादव ने भेजा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। इसमें अपने पड़ोसी पवन यादव उसकी पत्नी रिमझिम देवी, उनके पिता जग नारायण यादव व उनकी बहन सरिता कुमारी को नामजद आरोपी बनाया गया है। इस बाबत थानाध्यक्ष सूरज कुमार ने बताया कि कांड दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। जो भी दोष पाए जाएंगे, उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी।
24 घंटे में औसतन 60.33 एमएम बारिश, नहरों में पानी आने के कारण धनरोपनी में मिली मदद
जिले में बीते दो दिनों से रह-रह कर हो रही बारिश ने किसानों के की चिंता को बहुत हद तक कम कर दी है। वहीं, कई प्रखंड में नहर में आए पानी से भी किसान को धनरोपनी करने में मदद मिल रही है। जिले में इस साल की सबसे अधिक बारिश 3 अगस्त को दर्ज की गई। शनिवार की रात से रविवार की सुबह 8 बजे तक जिले में कुल 1267.8 एमएम वर्षा हुई जबकि औसतन बारिश 60.33 एमएम दर्ज की गई जो इस साल का सबसे अधिक बारिश वाला दिन रहा। सबसे अधिक बारिश राजनगर प्रखंड में 171.2 एमएम हुई तो वही सबसे कम बारिश बिस्फी प्रखंड में 16.4 एमएम हुई। इस तरह प्रखंड में अभी तक कहीं 30 तो कहीं 40 प्रतिशत खेतों को किसान ने आबाद कर लिया है। बाबूबरही प्रखंड के किसान रामसोगारथ ने बताया कि हम लोगों ने दमकल से खेतों में पटवन कर खेतों को आबाद किया था। लेकिन वर्षा नहीं होने के कारण खेतों में दरार आ गया था जिस कारण धान का पौधा भी जलने लगा था। लेकिन इस बारिश से बहुत हद तक राहत मिली है। अगर एक दो दिन के बाद भी बारिश हुई तो भी अब पौधे बच जाएंगे। वहीं, लदनियां, लौकहा, लौकही, झंझारपुर आदि प्रखंड के किसानों ने बताया कि नहर में पानी आने से हम लोगों ने भी बहुत हद तक अपने खेतों को आबाद कर लिया है। किसान सुमन झा ने बताया कि सरकार की तरफ से जो मदद हम किसानों को मिलनी चाहिए, वह नहीं मिलती है। अंधराठाढ़ी 81.0 बाबूबरही 51.6 बासोपट्टी 66.2 बेनीपट्टी 42.0 बिस्फी 16.4. घोघरडीहा 67.2 हरलाखी 60.4 जयनगर 41.0 झंझारपुर 73.2 कलुआही 46.4 खजौली 64.2 खुटौना 69.6 लदनियां 23.2 लखनौर 78.4 लौकही 85.2 मधेपुर 62.6 मधवापुर 45.4 पंडौल 28.4 फुलपरास 66.8 रहिका 27.6 राजनगर 171.2
वाटसन स्कूल परिसर में 4 मंजिला 500 बेड का छात्रावास बनेगा। अभियंताओं की टीम ने इसका जायजा लेकर रिपोर्ट भी भेजा है व उम्मीद है कि इस वर्ष के आखिर तक इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। मालूम हो कि वर्तमान में भी छात्र खंडहर में रहने को मजबूर हैं। साथ ही वाटसन स्कूल परिसर की जमीन की पूर्ण मापी व अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई भी अबतक पूरी नहीं हो सकी है। मालूम हो कि जिले में सरकारी स्तर पर छात्रावास की बेहतर सुविधाएं नहीं रहने के कारण काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वाटसन स्कूल का छात्रावास भी जर्जर भवन में बिना किसी सुविधा के चल रहा है। छात्रावास निर्माण को लेकर एक साल पूर्व विभाग की ओर से वाटसन प्लस टू उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक को भी पत्र लिखा गया था जिसके आलोक में वाटसन के तत्कालीन प्रभारी प्रधानाध्यापक ने जगह उपलब्ध होने की बात कही है। उन्होंने उस वक्त कहा था कि वर्तमान में जो स्कूल का छात्रावास है वह जर्जर बन चुका है। हॉस्टल के जीर्णोद्धार के लिए अपर सचिव शिक्षा विभाग के सामने भी इसका मुदा उठाया जा चुका है। आश्वासन भी मिला था। छात्रावास के मेस का भवन भी ध्वस्त हो गया है। छात्रावास के अन्य भवन भी खंडहर हो गए हैं। इस विद्यालय में छात्रों से छोटे कमरे का 1050 रूपए प्रति छात्र लिया जाता है जबकि बेड के आधार पर 650 रूपए ली जाती है। एक साल पूर्व ही इस भवन को क्षतिग्रस्त घोषित किया जा चुका है। वहीं, बता दें कि दो बार अभियंताओं की टीम ने आकर इसका मुआयना भी किया लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस हॉस्टल से अब तक 6 आईएएस, दो आईपीएस सहित कई डाक्टर, इंजीनियर, प्रोफेसर, नामी पत्रकार बन चुके हैं। इसकी स्थापना 1901 में की गई थी। यहां स्थानीय, दूसरे जिलों के व अंग्रजो के बच्चों ने भी रहकर पढ़ाई की है। लेकिन विभागीय उदासीनता के कारण यह छात्रावास आज खंडहर में तब्दील हो चुका है। हालांकि नए छात्रावास के निर्माण की बात सुनकर शहर वासियों ने हर्ष व्यक्त किया है।