त्रिपुरा स्टेट रायफल्स में तैनात जवान दिनेश कुमार का निधन हो गया। वे मथुरा के थाना नौहझील क्षेत्र के गांव मुड़िलिया के निवासी थे। रविवार की सुबह परिवार को उनके निधन की सूचना फोन पर मिली। दिनेश कुमार 2008 में त्रिपुरा पुलिस में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वे टीएसआर के पद पर कार्यरत थे। उनकी मृत्यु के कारणों की जांच जारी है। सैन्य टुकड़ी के साथ जब उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, तो परिवार में कोहराम मच गया। मां बलवीरी देवी, पत्नी पूजा देवी और पिता विक्रम सिंह की आंखें नम हो गईं। उनकी 13 वर्षीय बेटी पल्लवी और 11 वर्षीय बेटा रोहित पिता की मौत पर बिलख रहे थे। गांव के युवा हाथों में तिरंगा लेकर 'भारत माता की जय' और 'दिनेश अमर रहे' के नारे लगा रहे थे। प्रशासनिक अधिकारी, राजनीतिक नेता और समाजसेवी भी मौके पर पहुंचे। आसपास के ग्रामीणों ने भी पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। दिनेश के अंतिम संस्कार में उनके 11 वर्षीय बेटे रोहित ने मुखाग्नि दी। सैन्य टुकड़ी ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार में भाग लिया।
बांसवाड़ा जिले में दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ और जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने रविवार सुबह मां त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन किए। पंडित निकुंज मोहन पंड्या और दिव्यभारत पंड्या ने विधि विधान से पूजा कराई। दर्शन के बाद पंचाल समाज और मंदिर ट्रस्ट ने स्वागत सत्कार किया। इस मौके पर पंचाल समाज मंत्री से मांग की है कि तलवाड़ा से त्रिपुरा सुंदरी और बोरवट से त्रिपुरा सुंदरी तक सड़क टू लेन की जाए। ताकि श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा मिले। क्योंकि इस मार्ग पर भारी वाहन अधिक चलने से हर साल सड़क टूट जाती है। मंत्री ने विभाग के अधिकारियों की मीटिंग की उसमें उन्होंने प्रोजेक्ट की समस्याओं के बारे में जानकारी ली। अधिकारियों अपर हाइ लेवल केनाल के संबंध में बताया कि फॉरेस्ट लैंड क्लियर नहीं हो रही है। साथ ही भूमि अधिग्रहण के कारण देरी आ रही है। मंत्री ने तत्काल कलेक्टर डॉ इंद्रजीत यादव और वन अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही जल्द करने के निर्देश दिए। मंत्री ने कहा कि फॉरेस्ट क्लियरेंस तो मिल जाएगी लेकिन जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही जिला स्तर से करनी है उसे जल्द पूरा कर काम आगे बढ़ाए। पीपलखूंट हाइलेवल केनाल में अब तक 40 फीसदी काम पूरा होने और फॉरेस्ट क्लियरेंस होने की जानकारी दी। साथ ही बताया कि जलदाय विभाग की 78 किमी में करीब 38 किमी पाइप लाइन बिछा दी गई है। एसई ने बताया कि 1200 करोड़ के पाइप का काम है शेष 300 करोड़ का कंस्ट्रक्शन का काम है। पंपिंग स्टेशन का काम खुदाई से शुरू हो गया है। फॉरेस्ट क्लियरेंस 15 अप्रैल को पूरी हो जाएगी। अनास नदी के पानी को लेकर मंत्री ने कहा कि पानी एमपी से आता है और गुजरात बह रहा है ऐसे में अपने यहां क्या प्रोजेक्ट बना सकते हैं। मंत्री ने स्टडी कर कोई बड़ा स्ट्रक्चर बनाने के प्रपोजल बनाने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने कहा कि अनास पर डेम बनने से काफी कॉस्ट बच सकती है, क्योंकि अभी हम माही से आर्टिफिशियल रिजर्ववायर बना रहे है जो महंगा होगा। अंत में मंत्री ने कहा कि अधिकारी ऑफिस की बजाय फील्ड में जाए। किसी भी काम को समय पर पूरा करने और उसकी क्वालिटी में समझौता नहीं होना चाहिए। मंत्री ने एक अधिकारी को इसलिए भी फटकार लगाई क्योंकि 7दिन से ज्वाइन करने के बाद एक भी दिन फील्ड में नहीं गए।