कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी डॉ नवजोत कौर सिद्धू के 500 करोड़ रुपए वाले बयान पर कांग्रेस पार्टी को विरोधी दलों ने घेरना शुरू कर दिया। भारतीय जनता पार्टी ने इस बयान के जरिए कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर भी सवाल खड़े कर दिए। नवजोत कौर सिद्धू का बयान अब राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस के लिए मुसीबत बन गया है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व राज्य सभा सदस्य डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने एक वीडियो पोस्ट के जरिए कहा कि नवजोत कौर के बयान से स्पष्ट हो गया कि भ्रष्टाचार और कांग्रेस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। विकास का विषय हो सरकार में या सीटों के बंटवारे का विषय संगठन में कांग्रेस में प्रथम आधार सिर्फ भ्रष्टाचार है। कांग्रेस में संगठन स्तर पर भ्रष्टाचार का आरोप नई बात नहीं डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने अपनी पोस्ट में कहा कि पंजाब कांग्रेस के नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने गंभीर आरोप लगाया है कि कांग्रेस में मुख्यमंत्री का पद कम से कम 500 करोड़ रुपए अटैची में देने पर ही संभव है। यह आरोप नया नहीं है। इससे पहले कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट अल्वा ने अपनी किताब Courage and Commitment में लिखा था कि 2008 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में सीटों की खुली बोली लग रही थी जो जितना पैसा दे, उसे टिकट। यह स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी कांग्रेस के अंदर भ्रष्टाचार का रोग संगठन तक फैला हुआ है। देश की जनता सावधान रहे ये लोग पार्टी के अंदर भी लोकतंत्र के दुश्मन हैं और बाहर भी। इनके हाथों न संविधान सुरक्षित है और न ही पार्टी का संविधान।अपने को मासूम दिखाने के प्रयास बेनकाब हो चुके हैं, क्योंकि आपके ही नेताओं की जुबानी आपके भ्रष्टाचार की कहानी सामने आ रही है। तो बताइए, इस विषय पर आपका क्या कहना है? क्योंकि जहां आप सरकार पर आरोप लगाते हैं, वहीं यहां आरोप आपकी ही पार्टी के भीतर से उठ रहे हैं। एक तथ्य स्पष्ट है भ्रष्टाचार और कांग्रेस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। विकास का विषय हो सरकार में या सीटों के बंटवारे का विषय संगठन में कांग्रेस में प्रथम आधार सिर्फ भ्रष्टाचार है। गुटबाजी से जूझ रही कांग्रेस के लिए नई मुसीबत पंजाब कांग्रेस इन दिनों गुटबाजी से जूझ रही है और पार्टी में अलग-अलग गुट सक्रिय हैं। इस सब के बीच नवजोत कौर सिद्धू के बयान ने कांग्रेस के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी। नवजोत कौर सिद्धू के इस बयान को लेकर अभी तक कांग्रेस के किसी नेता ने आधिकारिक तौर पर बयान नहीं दिया। नवजोत कौर के बयान ने सिद्धू की दावेदारी की कमजोर पंजाब कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन की सुगबुगाहट के बीच नवजोत सिंह सिद्धू भी पिछले कुछ समय से फिर एक्टिव होने लगे थे। सिद्धू कांग्रेस हाईकमान राहुल गांधी व प्रियंका गांधी से मिलने भी गए और उन्होंने सोशल मीडिया पर फोटो भी पोस्ट की। यही नहीं उन्होंने अपने समर्थकों के जरिए खुद को भी अप्रत्यक्ष तौर पर पार्टी प्रधान का दावेदार बताना शुरू कर दिया था। नवजोत कौर सिद्धू के 500 करोड़ रुपए की अटैची वाले बयान ने पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू की दावेदारी को कमजोर कर दिया है। पार्टी इस बयान के बाद नवजोत सिंह सिद्धू को कोई अहम जिम्मेदारी देने से गुरेज कर सकती है। पत्नी का बयान नवजोत सिंह सिद्धू के राजनीतिक सफर पर भी असर डाल सकता है। नवजोत कौर के बयान को विपक्षी दल बना रहे मुद्दा नवजोत कौर के बयान को विपक्षी दलों ने मुद्दा बनाना शुरू कर दिया। पंजाब में आदमी पार्टी से लेकर तमाम विपक्षी दलों ने नवजोत कौर के बयान को भुनाना शुरू कर दिया। आम आदमी पार्टी के कुलदीप धालीवाल ने बाकायदा प्रेस कान्फ्रेंस करके कांग्रेस को भ्रष्टाचारियों की पार्टी बताया तो वहीं भाजपा ने तो इसे राष्ट्रीय स्तर पर मुद्दा बना लिया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ भी खोला था मोर्चा कैप्टन अमरिंदर सिंह जब कांग्रेस पार्टी में थे और पंजाब के मुख्यमंत्री थे तो उनकी नवजोत सिंह सिद्धू से 36 का आंकड़ा रहने लगा था। नवजोत सिंह सिद्धू तब लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह के कामकाज पर सवाल खड़े कर रहे थे। उस दौरान भी नवजोत कौर सिद्धू ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोला था और अपने पति को सच बोलने वाला नेता बताया था। 2019 में कहा था कांग्रेस से तोड़ दिया नाता सूबे में जब कांग्रेस पार्टी की सरकार थी तब 2019 में नवजोत कौर सिद्धू ने अमृतसर में एक कार्यक्रम के दौरान ऐलान किया था कि वो अब कांग्रेस में नहीं हैं वो सिर्फ समाज सेवी बनकर काम करेंगी। हालांकि बाद में नवजोत सिंह सिद्धू कांग्रेस के प्रधान बने तो वो फिर से पार्टी गतिविधियों में सक्रिय हो गई।
कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक ही सिक्के के दो पहलू : सुधांशु त्रिवेदी
पंजाब की पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत कौर सिद्धू के पार्टी हाईकमान पर लगाए आरोपों के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर निशाना साधा है
जालौन में इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की मौत मामले में महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा को जेल भेज दिया गया। उसको लेकर नया खुलासा हुआ है। उसने 2022 में पीलीभीत में एक सिपाही को रेप के आरोप में जेल भिजवाया था। पीड़ित सिपाही मोहित खोखर ने बताया- मीनाक्षी पुरानी ब्लैकमेलर है। उसने मुझे प्रेम जाल में फंसाया। फिर पैसे मांगने शुरू कर दिए। अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने लगी। झूठा केस लिखाने की धमकी दी। 25 लाख रुपए मांगे। पैसे न देने पर रेप का फर्जी मुकदमा लिखवा दिया था। दो महीने जेल में गुजारने पड़े। मामला कोर्ट में है। लेकिन वह नहीं आती है, क्योंकि मुकदमा झूठा था। मोहित का आरोप है कि सिपाही मीनाक्षी, उसके पिता और दो भाई इसी तरफ कई पुलिस कर्मियों को जाल में फंसा कर ब्लैकमेल कर चुके हैं। एक SSI को भी ब्लैकमेल कर 25 लाख रुपए ऐंठ चुके हैं। सिपाही मोहित की वर्तमान में बदायूं में तैनाती है। अब पढ़िए सिपाही मोहित की कहानी, उसकी जुबानी... पूरनपुर में पोस्टिंग के दौरान करीब आई सिपाही मोहित ने बताया- 2022 में मेरी पोस्टिंग पीलीभीत के पूरनपुर थाने में थी। इसी दौरान मीनाक्षी शर्मा की भी वहां तैनाती हुई। पहले वह दोस्ती के बहाने करीब आई और फिर उसने मुझे अपने प्रेमजाल में फंसा लिया। कुछ महीनों बाद उसने अपने पिता और भाई के जरिए रुपए मांगना शुरू कर दिया। वो लोग 25 लाख की डिमांड कर रहे थे। परिवार को बताया तो उन्होंने रुपए देने से मना कियासिपाही ने बताया, जैसे-जैसे मुझ पर मीनाक्षी का दबाव बढ़ा, वैसे-वैसे मेरा तनाव बढ़ता जा रहा था। इस मुश्किल से निकलना चाह रहा था। इसलिए पूरी बात अपने परिवार को बताई। घरवालों से कहा- मीनाक्षी मुझे ब्लैकमेल कर रही है। मेरे ऊपर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे सब झूठे हैं। परिवार ने मेरा साथ दिया और उन्होंने साफ कहा कि मीनाक्षी, उसके पिता और भाई को कोई पैसा नहीं दिया जाएगा। 2022 में झूठा रेप का केस दर्ज करा दियासिपाही का कहना है कि पैसों से इनकार करना ही उनके लिए सबसे भारी पड़ गया। मोहित ने कहा- जब मैंने रुपए नहीं दिए, तो मीनाक्षी ने पीलीभीत कोतवाली में 2022 में मेरे खिलाफ झूठा रेप का मुकदमा दर्ज करा दिया। उसी केस में मुझे दो महीने जेल में रहना पड़ा। उस दौरान मेरी जिंदगी खत्म हो गई थी। अमरिया थाने के SSI भी बन चुके शिकार, पैसे देकर पीछा छुड़ायापीड़ित सिपाही ने दावा किया कि वह मीनाक्षी के अकेले शिकार नहीं हैं। मीनाक्षी ने अमरिया थाने में तैनात एक वरिष्ठ उपनिरीक्षक को भी इसी तरह फंसाया था। उन्होंने पैसे देकर उससे पीछा छुड़ाया था। अवैध कमाई से खरीदी करोड़ों की प्रॉपर्टीसिपाही ने दावा किया कि ब्लैकमेलिंग से होने वाली कमाई से मीनाक्षी शर्मा का परिवार संपत्तियां बना रहा है। उसकी अवैध कमाई से ही पिता और भाई ने करोड़ों की प्रॉपर्टी खड़ी कर ली है। इसकी भी जांच होनी चाहिए। यह पूरा गिरोह मिलकर काम करता है। फर्जी केस के बाद मेरा तबादला भी कर दियासिपाही के अनुसार, झूठे मुकदमे का असर नौकरी पर भी पड़ा। जैसे ही उसके द्वारा फर्जी रेप केस लिखा गया, मेरा विभागीय तबादला पीलीभीत से जालौन कर दिया गया। मतलब उसने मेरी नौकरी, मेरी इज्जत, सब कुछ बर्बाद करने की कोशिश की। अब जानिए SHO अरुण कुमार राय की कैसे हुई मौत... जालौन में शुक्रवार रात 9 बजे कुठौंद थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय ने थाना परिवार के ही क्वॉर्टर में सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर सुसाइड कर लिया। बुलेट उनके सिर के आर-पार हो गई। इसमें एक महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा का नाम सामने आया। सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार रात इंस्पेक्टर ने जब सुसाइड किया, उस वक्त महिला सिपाही उनके कमरे में ही थी। वह चीखती हुई बाहर आई और कहा- साहब ने गोली मार ली है। फिर वहां रुकने की बजाय भाग गई। थाने के आसपास कई सीसीटीवी हैं, जिनमें महिला सिपाही भागती हुई नजर आई। जालौन एसपी दुर्गेश कुमार ने कहा- इंस्पेक्टर के गोली मारने की सूचना महिला सिपाही ने सबसे पहले दी थी। उसकी भूमिका की भी जांच की जा रही। उससे पूछताछ की जा रही है। शनिवार रात को ही पुलिस ने सिपाही मीनाक्षी शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उसे रविवार को कोर्ट ले गई, जहां से 14 दिन के लिए उरई जेल भेज दिया गया। पुलिस ने महिला सिपाही को देर शाम जेल में दाखिल करा दिया। वहीं, कोर्ट जाने के दौरान महिला सिपाही ट्रैक सूट पहने थी और चेहरे पर रुमाल बांध रखा था। ब्लैकमेलिंग से तंग आकर इंस्पेक्टर अरुण कुमार ने सुसाइड कीपुलिस अफसर लगातार उससे पूछताछ कर रहे थे। पर महिला सिपाही कुछ सवालों का सही से जवाब नहीं दे पाई। रविवार दोपहर पुलिस टीम प्राइवेट कार से मीनाक्षी को मेडिकल कराने के लिए कुठौंद के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गई थी। इंस्पेक्टर अरुण की पत्नी माया राय ने मीनाक्षी शर्मा पर हत्या करने या करवाने की FIR कराई थी। पुलिस सूत्रों के अनुसार, महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा की ब्लैकमेलिंग से तंग आकर इंस्पेक्टर अरुण कुमार ने सुसाइड की है। बताया जा रहा है कि महिला सिपाही का इंस्पेक्टर अरुण से प्रेम प्रसंग था। महिला सिपाही ने कुछ आपत्तिजनक वीडियो बना लिए थे और इंस्पेक्टर को ब्लैकमेल करते हुए 25 लाख रुपए की डिमांड कर रही थी। शनिवार को सुसाइड से पहले उसकी इंस्पेक्टर अरुण से फोन पर बात भी हुई थी। महिला सिपाही उनसे कुछ डिमांड कर रही थी। दोनों की फोन पर बहस भी हुई थी। इसके बाद महिला सिपाही, इंस्पेक्टर अरुण के थाने में पहुंच गई। उसे देखते ही इंस्पेक्टर ने सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली। पुलिस के अनुसार, हादसे की सूचना आरोपी महिला आरक्षी मीनाक्षी ने ही पुलिस को दी। मीनाक्षी सिर्फ 3 मिनट में थाने में आई और भाग गई। पुलिस पहुंची तो इंस्पेक्टर अरुण का शव मच्छरदानी के अंदर मिला और 9 एमएम पिस्टल से चली गोली भी कमरे से मिली। वह दीवार में धंसी थी। 2024 में एक-दूसरे के संपर्क में आएपुलिस सूत्रों के मुताबिक, इंस्पेक्टर राय और मीनाक्षी जुलाई- 2024 में एक-दूसरे के संपर्क में आए थे। दोनों उस वक्त जालौन के कोंच थाने में तैनात थे। तभी उनके बीच नजदीकियां बढ़ीं। कोंच से उरई ट्रांसफर होने के बाद मीनाक्षी का इंस्पेक्टर राय के पास आना-जाना था। जब उनका ट्रांसफर कुठौंद थाने में किया गया तो वहां भी अक्सर मीनाक्षी आती थी। वह आई-फोन यूज करती थी। उसने हाल ही में 3 लाख का हार लिया था। चर्चा है, कि इंस्पेक्टर राय ने ही इसे दिलवाया था। इंस्पेक्टर की पत्नी बोलीं- टीवी पर न्यूज से मौत का पता चला इंस्पेक्टर अरुण की पत्नी माया ने बताया- जब मैंने 5 दिसंबर की रात पति को फोन किया तो वो कहने लगे कि मैं थका हूं। आराम करने जा रहा। उन्हें बीपी (ब्लड प्रेशर) की दिक्कत थी, जिसकी दवा भी लेते थे। इसलिए मैं समझ गई कि उन्हें थकान है। इसलिए मैंने फोन काट दिया। इसके 10 मिनट बाद दैनिक भास्कर से पता चला कि पति ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। मीनाक्षी शर्मा नाम की महिला 9.13 बजे उनके कमरे में गई। फिर 9.30 बजे वह सब कुछ करके निकल गई। मैं मीनाक्षी के बारे में ज्यादा नहीं जानती। वह सिपाही है, जो कोंच थाने में तैनात है। जबकि, मेरे पति की कुठौर थाने में तैनाती थी। हम लोग भी यह जानना चाहते हैं कि मीनाक्षी वहां क्या करने गई थी? उसकी मंशा क्या थी। किसी ने भेजा था या हत्या करने गई थी, यही मैं जानना चाहती हूं। सरकार और प्रशासन से यही चाहती हूं कि सच का खुलासा हो। पति के साथ जो भी हुआ, हमें न्याय मिले। थाने में इस तरह की घटना होना शर्मिंदगी की बात है। सीएम योगी से अपील है कि आप न्याय के देवता माने जाते हैं। हमारे पति की हत्या हुई है, हमें न्याय मिले। आत्महत्या करने की कोई बात ही नहीं है। मेरा छोटा-सा खुशहाल परिवार था। पति ऐसा कर ही नहीं सकते थे। 3 मिनट में महिला सिपाही थाने से भागीपुलिस जांच के मुताबिक, आरोपी महिला सिपाही 3 मिनट ही थाना कैंपस में रही। सीसीटीवी में जब वह थाने आ रही थी, तब किसी से बात कर रही थी। वह इंस्पेक्टर के कमरे में पहुंची। इसके बाद तुरंत गोली चली और महिला सिपाही चिल्लाते हुए बाहर आई, फिर भाग गई। सीसीटीवी फुटेज में रात 9 बजकर 15 मिनट 32 सेकेंड पर वह इंस्पेक्टर के कमरे की ओर जाती हुई दिख रही। जबकि, 9 बजकर 18 मिनट 21 सेकेंड में कमरे से बाहर भागते नजर आ रही। पुलिस थ्योरी, जो जांच में निकल रही... 2 बातें जो सबसे ज्यादा चर्चा में 1- शादी में 25 लाख खर्च करने का दबाव बना रही थीमीनाक्षी की शादी तय हो गई थी। फरवरी- 2026 में उसकी शादी होनी है। इंस्पेक्टर के करीबी लोगों ने बताया कि मीनाक्षी इंस्पेक्टर पर अपनी शादी का पूरा खर्च उठाने का दबाव बना रही थी। वह 25 लाख रुपए खर्च करने की डिमांड कर रही थी। धमकी देती थी कि अगर शादी का खर्च नहीं उठाया तो वीडियो पत्नी को भेज देगी। बताया जा रहा है कि इंस्पेक्टर इससे काफी परेशान थे। 2-मीनाक्षी के पास 3 मोबाइल, 4 सिम मिलेसर्विलांस टीम के एक अफसर ने बताया- मीनाक्षी के पास 3 मोबाइल और 4 सिम, जबकि इंस्पेक्टर के पास 3 सिम मिले हैं। सभी का डेटा खंगाला जा रहा। यह भी सामने आया कि मीनाक्षी पिछले 10 दिनों से ड्यूटी से गायब चल रही थी। उसके गायब रहने के कारण भी तलाशे जा रहे हैं। दोनों के कॉल रिकॉर्ड्स खंगाले जा रहे हैं। चैट बैकअप भी रिकवर किया जा रहा। मेरठ की रहने वाली मीनाक्षी की सगाई हो चुकी थी जालौन पुलिस के मुताबिक, मीनाक्षी की नवंबर में सगाई थी। उसने 1 नवंबर को विभाग में छुट्टी की एप्लिकेशन दी थी। 10 नवंबर तक वह छुट्टी पर रही। इसके बाद उसने ड्यूटी जॉइन की। 17 नवंबर को फिर उसने 6 दिन की छुट्टी की एप्लिकेशन दी थी। तभी से वह लगातार गैरहाजिर थी। मीनाक्षी शर्मा मेरठ जिले के फलावदा थाना क्षेत्र के ग्राम अहमदपुर उर्फ दांदूपुर की रहने वाली है। उसके पिता का नाम विपिन कुमार शर्मा है। वह 2019 में सिपाही पद पर भर्ती हुई थी। पहली पोस्टिंग पीलीभीत में हुई थी। वहां एक सिपाही पर उसने केस दर्ज कराया था। इसके चलते मीनाक्षी का तबादला 3 अक्टूबर, 2022 को पीलीभीत से जालौन कर दिया गया। संत कबीरनगर में अंतिम संस्कार हुआइंस्पेक्टर अरुण कुमार राय संत कबीरनगर के धनघटा थाना क्षेत्र के राजनौली गांव के रहने वाले थे। मौत के बाद 6 दिसंबर (शनिवार) की देर रात पोस्टमॉर्टम के बाद उनका शव घर पहुंचा। पत्नी माया पति का चेहरा देखते ही बेहोश हो गईं। रविवार दोपहर धनघटा थाना प्रभारी जयप्रकाश दुबे की अगुआई में इंस्पेक्टर अरुण कुमार को सलामी दी गई। धनघटा क्षेत्र के बिरहर घाट पर उनका गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इंस्पेक्टर अरुण राय का एक बेटा अमृतांश राय है, जो राजस्थान के कोटा में NEET की तैयारी कर रहा है। अरुण का सपना था कि उनका बेटा डॉक्टर बने। 1998 में सिपाही बने अरुण राय, ईमानदारी से नाम कमायाइंस्पेक्टर अरुण कुमार राय 1998 में यूपी पुलिस में सिपाही के रूप में भर्ती हुए थे। उनके भतीजे प्रशांत राय ने बताया कि मेरे चाचा ने मेहनत और ईमानदारी से विभाग में नाम कमाया। 2012 में उपनिरीक्षक पद पर विभागीय परीक्षा देकर प्रमोशन पाए थे, 2023 में इंस्पेक्टर बने थे। 2024 में जालौन ट्रांसफर के बाद उन्हें मीडिया सेल की जिम्मेदारी दी गई। इसके बाद कोंच कोतवाली और उरई कोतवाली में रहे। अच्छे काम को देखते हुए अगस्त, 2025 में कुठौंद थाने की कमान सौंपी गई। विभाग में उनकी छवि एक मिलनसार, शांत स्वभाव और सख्त अधिकारी की थी। ------------------- ये खबर भी पढ़ें- इंस्पेक्टर ने खुद को गोली मारी, महिला सिपाही पर FIR, जालौन में कमरे से चीखते हुए भागी यूपी के जालौन में थाना प्रभारी इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय ने सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर सुसाइड कर लिया। बुलेट उनके सिर के आर-पार हो गई। इसमें एक महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा का नाम सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार रात इंस्पेक्टर ने जब सुसाइड किया, उस वक्त महिला सिपाही उनके कमरे में ही थी। पूरी खबर पढ़िए
मेरठ के सेंट्रल मार्केट में ध्वस्तीकरण के सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद व्यापारियों की बेचैनी बढ़ गई है। व्यापारी लगातार आवास एवं विकास परिषद अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से मिलकर राहत की गुहार लगा रहे हैं। बाजार स्ट्रीट में दुकानों के लिए शमन शुल्क जमा कराना अनिवार्य होगा, लेकिन प्रक्रिया में आने के लिए 8 से 10 फीट तक दुकानों को ध्वस्त करना होगा, तभी शमन पर विचार संभव माना जा रहा है। इसके लिए रविवार को व्यापार बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले बाजार में काले पोस्टर लगाए गए। समिति का कहना है कि यह मामला एक लाख परिवारों की रोज़ी-रोटी से जुड़ा है। व्यापारी परिवार और व्यापार बचाने की मांग कर रहे हैं। कब शुरू हुआ ध्वस्तीकरण का प्रकरण सुप्रीम कोर्ट ने 17 दिसंबर को सेंट्रल मार्केट स्थित आवासीय भवन 661/6 में बने व्यावसायिक कॉम्पलेक्स को ध्वस्त करने के आदेश दिए थे। करीब 10 महीने तक कार्रवाई न होने पर आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने अवमानना याचिका दायर की। इसके बाद 25- 26 अक्टूबर को भवन ध्वस्त किया गया। इसमें 22 दुकानदार अचानक सड़क पर आ गए। कुछ समय बाद व्यापारियों ने मलबे के ढेर पर बोर्ड लगाकर आसपास दुकानें फिर शुरू कर ली थीं। फिर से दोहराया जा रहा आदेश ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने आवासीय भवनों में चल रही सभी अवैध व्यवसायिक गतिविधियों पर ध्वस्तीकरण का आदेश दोहराया है। इसी के चलते बाजार में बेचैनी और नाराजगी बढ़ गई है। मेन सेंट्रल मार्केट के महामंत्री निमित जैन ने बताया कि काले बैनर लगाने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है और जल्द ही आवास विकास की अन्य कॉलोनियों में भी बैनर लगाए जाएंगे। वहीं, मलबा हटाने का काम भी शुरू हो गया है, जिसका ठेका करीब 15 लाख रुपये में दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका भी दाखिल इस मामले में आरटीआई कार्यकर्ता व सच संस्था के अध्यक्ष डॉ. संदीप पहल ने तत्कालीन कमिश्नर हृषिकेश भास्कर यशोद, कैंट विधायक अमित अग्रवाल, महापौर हरिकांत अहलूवालिया, जिलाध्यक्ष विवेक रस्तोगी, नगर आयुक्त सौरभ गंगवार समेत बैठक में मौजूद अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की है। डॉ. पहल का आरोप है कि 27 अक्टूबर की बैठक में शेष दुकानों को न तोड़ने का आदेश दिया गया था, जो सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के विपरीत है। इसी आधार पर सभी को वादी बनाते हुए याचिका दायर की गई है।
कोर्ट ने गुजरात के पूर्व डीएम को सुनाई 5 साल की सजा, सरकार को 1.20 करोड़ रुपए का पहुंचाया था नुकसान
विशेष पीएमएलए अदालत ने भुज भूमि आवंटन के दौरान गुजरात सरकार को 1.20 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने के लिए एक पूर्व जिला कलेक्टर को पांच साल की कैद और 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया
ऊपर Video पर क्लिक करें और देखें... आज यूपी की राजनीति और सरकारी विभागों की कौन सी बात खरी है....
गोवा हादसे के बाद नाइट क्लब, रेस्टोरेंट, बार और इवेंट वेन्यू के लिए एडवाइजरी जारी
गोवा के नाइट क्लब हादसे के बाद राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने गोवा में चल रहे सभी नाइट क्लब, रेस्टोरेंट, बार, इवेंट वेन्यू और इसी तरह की जगहों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है
आर्यनगर विधानसभा क्षेत्र में एसआईआर के कार्य में ढिलाई बरतने वाले 27 बीएलओ के विरुद्ध रविवार को प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया। एसीएम (चतुर्थ) पुष्पेंद्र कुमार की समीक्षा में पाया गया कि लगातार आदेशों के बावजूद इन बीएलओ ने वर्ष 2003 की मतदाता सूची से मतदाताओं की मैपिंग का कार्य मानक के अनुसार पूरा नहीं किया। निर्देश के बाद भी नहीं किया सुधार समीक्षा में स्पष्ट हुआ कि इन सभी बीएलओ को एईआरओ और सुपरवाइजर स्तर से कई बार निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद मैपिंग प्रगति 90 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ी। नवीन सभागार में पिछले तीन दिनों से लगातार आयोजित बैठकों में भी इनको कार्य गति बढ़ाने के निर्देश दिए गए, लेकिन सुधार नहीं दिखा। स्थिति को गंभीर मानते हुए सभी 27 बीएलओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्हें 08 दिसंबर सोमवार को अपना लिखित स्पष्टीकरण अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा। निर्धारित समय में उत्तर न मिलने पर कार्यवाही की जाएगी। नोटिस प्राप्त करने वाले बीएलओ के नाम रीता प्रजापति, पुष्पा देवी, मनीषा साहू, लक्ष्मी हेम, श्रद्धा शर्मा, शाहीन जमाल, गुडान देवी, संजीव कुमार, शालिनी मिश्रा, पूजा पांडे, कमलेश कुमार, हेमलता, शारदा सिंह, सुधीर कुमार, गौशिया फारूकी, कुसुमलता, रेखा पचौरी, शाइस्ता परवीन, पुष्पा चौरसिया, माधुरी शर्मा, कामना वर्मा, दीपिका बाजपेयी, सीरिन यासमीन, मोहम्मद उस्मान अरिफ, सबीना इस्लाम, मोहम्मद हसन और अरूणा देवी। आर्य नगर और सीसामऊ में भाजपा का विशेष जोरएसआईआर अभियान में भाजपा ने आर्य नगर व सीसामऊ विधानसभा में कमर कस ली है। पार्टी ने पूरी सजगता और मुस्तैदी से उन विधानसभाओं पर अपना ध्यान केंद्रित कर दिया है, जिन पर पार्टी पिछले कुछ वर्षों से चुनाव हार रही है। एमएलसी अरुण पाठक व जिला अध्यक्ष अनिल दीक्षित ने आर्यनगर विधानसभा के तीनों मंडलों में सघन जनसंपर्क किया। मंडलों के शक्ति केंद्रों पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर कहा कि विधानसभा का एक भी पात्र व्यक्ति मतदाता बनने से वंचित न रह पाए, इसके लिए रणनीति बनाई। साथ ही ऐसे लोग जो फर्जी तरीके से मतदाता बने हुए उनको चिन्हित कर मतदाता सूची से बाहर करने पर रणनीति तैयार की। विधायक अरुण पाठक व जिला अध्यक्ष अनिल दीक्षित ने प्रत्येक मंडल की बूथ वार रिपोर्ट बनाकर न्यूमरेशन फॉर्म जमा होने की स्थितियों पर चर्चा की और प्रत्येक शक्ति केंद्र व बूथ पर एक एक वरिष्ठ कार्यकर्ता की नियुक्ति की।भाजपा जिला मीडिया प्रभारी अनुराग शर्मा ने जानकारी दी कि बूथ संख्या 157 से 167 तक व 43 से 53 तक घर घर संपर्क किया गया।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नवाब सिंह,मंडल अध्यक्ष योगेश पांडे, रमा शंकर अग्रहरि,दीपक शुक्ला सहित वरिष्ठ कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
पंजाब के फिरोजपुर में 68 दिन पहले जिस पिता ने अपनी बेटी को हाथ बांधकर नहर में फेंका था, वही बेटी अब जिंदा लौटकर उसे बचाने की गुहार लगा रही है। जिस बेटी का वीडियो वायरल हुआ था, जिसे पुलिस लगातार ढूंढ रही थी, वह अचानक मीडिया के सामने आ गई। उसने बताया कि वह कैसे बची और क्यों अपने ही पिता को जेल से छुड़वाना चाहती है। दरअसल, बेटी को नहर में फेंकने के बाद पुलिस ने पिता को गिरफ्तार कर लिया था। तब से वह जेल में है। बेटी ने कहा कि पिता जेल में हैं, ऐसे में घर में मौजूद बहनों को कौन देखेगा। पिता को जेल से बाहर निकालने के लिए मैं कोर्ट में जाऊंगी। लड़की ने बताई अपने जिंदा निकलने की कहानी बेटी के चरित्र पर शक करता था पिता30 सितंबर को फिरोजपुर से इस घटना का वीडियो सामने आया था। जिसमें दिख रहा था कि मां की मौजूदगी में ही बेटी के दोनों हाथ बांधकर पिता नहर में फेंक देता है। वह 17 साल की बेटी के चरित्र पर शक करता था। पड़ोसियों का भी कहना था कि बेटियों को लेकर बाप बहुत सख्ती करता था। वारदात की जानकारी मृतका की बुआ ने पुलिस को दी थी। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने कहा कि उसने बेटी को कई बार समझाने की कोशिश की, पर वह उसकी बातों पर ध्यान नहीं दे रही थी तो उसने उसे मार डाला। बेटी को नहर में फेंकने के VIDEO में क्या दिखा था SSP बोले- रिश्तेदार के पास, पुलिस के पास नहीं आईफिरोजपुर के SSP भूपिंदर सिंह ने कहा कि लड़की अभी तक पुलिस के पास पेश नहीं हुई है। वो अपने किसी रिश्तेदार के पास है। अभी वो डरी हुई है। जिसे मीडिया कर्मी के साथ उसने संपर्क किया था, उससे बात हुई है। लड़की पुलिस के पास आना चाहती है, लेकिन अभी आई नहीं है। जैसे ही लड़की आएगी, इस केस में उसके बयानों के आधार पर अगली कार्रवाई की जाएगी।
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में बच्चा बदलने का मामला सामने आया है। पिता का आरोप है- उनकी पत्नी की वार्ड में बाथरूम में अंदर डिलेवरी हो गई। पत्नी ने बेटा को जन्म दिया। पहले नर्स बेटा बताती रही, मगर बाद में बेटी बताने लगी। मेरे नवजात बेटे को जिस महिला को दिया गया, वो लेकर चली गई। इन आरोपों के बाद कॉलेज प्रशासन में हड़कंप मच गया। हंगामा होने पर सीएमएस मौके पर पहुंच गए। काफी समझाने के बाद भी परिवार नहीं माना। डीएनए जांच कराने के आश्वासन पर मामला शांत हुआ। तब मां और नवजात बच्ची का सैंपल लिया गया है। जो जांच के लिए भेजा जाएगा। हालांकि, सीएमएस डॉ. सचिन माहुर का कहना है कि परिवार के सारे आरोप झूठे हैं। न तो बाथरूम में डिलेवरी हुई और न ही बच्चा बदला गया। महिला ने बेटी को ही जन्म दिया है। अब पूरा मामला विस्तार से पढ़िए 5 दिसंबर को भर्ती हुई थी महिला मोठ के आजाद नगर मोहल्ला निवासी रोहित रायकवार ने बताया- मेरी पत्नी रीता (24) गर्भवती थी। प्रसव पीड़ा होने पर उसे 5 दिसंबर को मेडिकल कॉलेज के प्रसूता वार्ड में भर्ती करवाया था। 6 दिसंबर की रात लगभग 11:15 बजे वो बाथरूम गई थी। आरोप है कि बाथरूम के अंदर डिलेवरी हो गई। सीट में बच्चे का सिर फस गया। तब पत्नी ने ही उसे निकाला। तब तक नर्स आ गई। मुझे चाय लेने के लिए भेजने लगे। तब मैंने कहा कि पहले बच्चा दिखाओ। तब बोले कि लड़का हुआ है। मुझे तसल्ली हुई और मैं चाय लेने चला गया। फिर बच्चे को ऑक्सीजन में रखकर वार्ड में ले गए। कहते रहे कि लड़का है। वार्ड से आते वक्त बोले कि लड़की हुई है। मेरी पत्नी ने लड़के को जन्म दिया, अब ये बेटी बता रहे हैं। बच्चे को बदल दिया। मेरा बेटा किसी महिला को दे दिया और वो बेटे को लेकर चली गई। अब कह रहे हैं कि लड़की मिलेगी। नहीं तो मुझे जेल जाना पड़ेगा। धमकियां दी जा रही है। मैंने थाने और एसडीएम को शिकायत दी है। अब हमें लड़का चाहिए। बाथरूम की सीट में फंस गया था बच्चा प्रसूता की बुआ पुष्पा ने बताया- बहू की डिलेवरी होनी थी। वो मेडिकल कॉलेज के प्रसूता वार्ड में भर्ती थी। 6 दिसंबर की रात लगभग 11:15 बजे बहू बोली कि बाथरूम जाना है। मैंने कहा कि मैं साथ चल रही हूं, तो बोली बुआ आप परेशान मत हो, मैं चली जाऊंगी। वो अकेली चली गई और बाथरूम में ही बच्चा हो गया। बच्चा सीट में फंस गया तो बहू ने निकाल लिया। बहू चिल्लाई तो लोग चिल्लाने लगे कि बाथरूम में डिलेवरी हो गई। तब मैं भागकर गई। मैं देख नहीं पाई कि लड़का था या लड़की। लव मैरिज की थी, 3 बच्चे पहले रोहित रायकवार ने बताया- मैंने रीता से लव मैरिज की थी। हम दोनों एक दूसरे से प्यार करते थे। हमारे दो बेटे और एक बेटी पहले से हैं। इसमें 9 साल का आदित्य, 8 साल की अरोही और ढाई साल का बाबू हैं। अब पत्नी की चौथी डिलेवरी थी। हमारे महराज ने भी कहा था कि लड़का होगा। 6 डिलेवरी हुई, सबको बेटी हुई, सारे आरोप झूठे हैं सीएमएस डॉ. सचिन माहुर ने बताया- रीता को बेटी पैदा हुई है। उनका लड़का बदलकर लड़की देने का आरोप झूठा है। क्योंकि, 6-7 दिसंबर की रात को 6 डिलेवरी हुई। सभी को लड़की पैदा हुई। कोई लड़का पैदा नहीं हुआ। रीता का बच्चा प्री-म्यचोर था। इसलिए एनआईसीयू में रखा गया है। जहां उसका इलाज चल रहा है। परिवार पहले से ही मानसिकता में था कि उनका लड़का होगा। उनको किसी महाराज ने आर्शिवाद दिया था। इसके अलावा महिला ने कहीं अल्ट्रासाउड कराया होगा तो डॉक्टर ने भी लड़का बता दिया। इसी भ्रम की वजह से वो लड़का बता रहे हैं। बाथरूम में डिलेवरी का आरोप भी झूठा है। लेबर रूम के अंदर डॉक्टरों ने रीता की डिलेवरी कराई है। परिवार की संतुष्टि के लिए डीएनए जांच कराई जा रही है। मां और नवजात बच्ची का सैंपल ले लिया है। जो जांच के लिए भेज दिया है। जांच रिपोर्ट से पता चल जाएगा कि बच्चा महिला का है।
बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और उद्योग मंत्री दिलीप जायसवाल आज सुबह मुजफ्फरपुर पहुंचेंगे। उत्तर बिहार के सबसे बड़े शिवालय बाबा गरीब नाथ धाम मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे। इसके साथ ही तीन दिवसीय क्षेत्रीय बैठक कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। जिले के कांटी के कपड़पुरा स्थित मुजफ्फरपुर पश्चिम क्षेत्र भाजपा कार्यालय में तिरहुत और मिथिला क्षेत्र के पार्टी पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक होगी। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य हाल के चुनावों की समीक्षा करना और पार्टी की भविष्य की रणनीति को अंतिम घर तक पहुंचाना है। तीन दिवसीय क्षेत्रीय बैठक कार्यक्रम के पहले दिन, 8 दिसंबर को, मुजफ्फरपुर के कांटी के कपरपुरा स्थित भाजपा पश्चिमी कार्यालय में तिरहुत और मिथिला क्षेत्र की बैठकें होंगी। दोपहर में मोतिहारी स्थित पार्टी कार्यालय में सारण और चंपारण क्षेत्र के पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी। 9 दिसंबर को पटना में होगी बैठक कार्यक्रम के दूसरे दिन, 9 दिसंबर को, पटना स्थित पार्टी कार्यालय में बैठक होगी। इसमें पटना, नालंदा, मुंगेर, शाहाबाद और मगध रेंज के क्षेत्रों के पदाधिकारी शामिल होंगे। अंतिम दिन, 10 दिसंबर को, पूर्णिया स्थित पार्टी कार्यालय में सीमांचल, कोशी और भागलपुर क्षेत्रों के पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी। भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रभात मालाकार ने बताया कि इन बैठकों के माध्यम से पार्टी जनादेश के अनुरूप योजनाएं बनाएगी। साथ ही, चुनावी कमियों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। उन्होंने पुष्टि की कि इन सभी बैठकों में स्वयं प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल उपस्थित रहेंगे।
इंजीनियर्स कितने ताकतवर हैं और उनसे भी बड़े ताकतवर हैं ठेकेदार। क्योंकि इन दोनों ने मिलकर न सिर्फ कलेक्टर की मियाद को तोड़ा बल्कि संभागीय आयुक्त की 30 नवंबर तक डामरीकरण पूरा करने की मियाद को भी पार कर दिया। आज 8 दिसंबर है। यानी जो काम एक सप्ताह पहले पूरा होना चाहिए था वो आज भी अधूरा है। इसकी मुख्य वजह यह है कि कलेक्टर और कमिश्नर सिर्फ जनता को भटकाने के लिए ही मियाद देते हैं। मियाद पर काम न होने पर किसी इंजीनियर को नोटिस तक नहीं दिया। ये सिर्फ जनता को बहका रहे हैं। दरअसल दीवाली से पहले सड़कें जर्जर थीं। 22 सितंबर को कलेक्टर ने दीवाली तक शहर की सड़कें दुरुस्त करने के आदेश दिए थे। जानकारी हैरानी होगी कि दीवाली तक सिर्फ दो सड़कें ही बनी थीं। कलेक्टर से पार नहीं पड़ी तो संभागीय आयुक्त ने अभियंताओं की बैठक लेकर कहा कि कम से कम सड़कों को दीवाली तक चलने लायक तो बना दो। नवंबर के दूसरे सप्ताह में फिर संभागीय आयुक्त ने बीडीए, पीडब्ल्यूडी और नगर निगम अधिकारियों को एक तय समय सीमा दी। कहा, 30 नवंबर तक सारी सड़कों का डामरीकरण पूरा हो। अगर नहीं हुआ तो एक्शन लिया जाएगा। 15 दिन पहले तब के हालात देख भास्कर ने दावा किया था कि 30 नवंबर तक डामरीकरण नहीं होगा क्योंकि जिस गति और मंशा से काम चल रहा है, उससे यही लगा और अब वो सच साबित हुआ। तब संभागीय आयुक्त ने दावा किया था कि अगर 30 नवंबर तक डामरीकरण न हुआ तो देख लेना क्या एक्शन होता है। अब 30 नवंबर बीते 8 दिन हो गए, मगर संभागीय आयुक्त का दावा भी बेअसर रहा। न तो किसी इंजीनियर को नोटिस मिला और ना ही डामरीकरण हुआ। जानिए कौन-कौन सी सड़कें बाकी हैं डूंगर कॉलेज आर्मी गेट :आर्मी गेट वाली सड़क पर आधा काम हुआ है। गौतम सर्किल–व्यास कॉलोनी तक ही काम हुआ। गौतम सर्किल से संस्कार स्कूल तक WBM का काम बाकी है। यानी सर्दियों में यह काम नहीं होगा। फरवरी में ही काम होगा। उदासर रोड :उदासर रोड पीडब्ल्यूडी की रोड है। पानी की लाइन बीच में थी। बताते हैं पानी की लाइन दिक्कत कर रही थी। पानी का काम हो गया, लेकिन सर्दियों में यह भी नहीं बनेगी। शहर की सबसे बदसूरत सड़क दीनदयाल सर्किल वाली के बाद उदासर रोड है जहां गाड़ियां झूले की तरह झूलती हैं। इसका डामरीकरण बाकी है। अशोक नगर रोड :यहां भी डामरीकरण का काम शुरू हुआ है। 30 नवंबर की मियाद यहां भी खत्म हो गई। खतूरिया कॉलोनी :खतूरिया कॉलोनी में भी डामरीकरण का काम अभी शुरू हुआ। यह भी मियाद पार है। दीनदयाल - एक साइड बाकी :यह सड़क नासूर बनी हुई है। अभी वेटरनरी विवि साइड वाली लाइन पूरी हुई है जो सिर्फ क्षतिग्रस्त थी। जहां सीवरेज डाली गई, वह साइड पूरी बाकी है। वहां तो अभी WBM भी नहीं हुआ। उसके बाद डामरीकरण होगा। यानी कम से कम 15 दिन और लगेंगे क्योंकि एक साइड की सड़क बनाने में ठेकेदार ने एक महीना पूरा ले लिया। सोफिया स्कूल के सामने :यह सड़क तो री-टेंडर में ही गई। इसका काम फरवरी के बाद ही शुरू होगा। अब सवाल यह है कि जब इतनी सड़कें बाकी हैं तो क्या गलियों का काम कराकर प्रशासन खुशफहमी पाल रहा है? पुलिस लाइन चौराहा :यहां CC रोड आधी तो बन गई, मगर ट्रैफिक एक साइड रोड से निकल रहा है। यहां डिवाइडर तोड़ा जा चुका है। कुल मिलाकर यह सड़क भी असली रूप में आने में दो सप्ताह और लेगी। साहब... मौका तो देखिए... अधिकारी ज्यादातर कमरों में बैठकर ही सड़क टूटी होने की कल्पना करते हैं। क्योंकि संभागीय आयुक्त, कलेक्टर और ADM सड़कों की पीड़ा इसलिए नहीं समझ पा रहे क्योंकि उनकी गाड़ियों ने उन गड्ढों के झटके सहे ही नहीं। उदासर गांव जाने वाली रोड पर न कलेक्टर गुजरीं न संभागीय आयुक्त। एक बार उदासर वाली रोड पर जाकर देखें, तब समझ आएगा कि लोग एक साल से कैसे झटके खा रहे हैं। मौका लगे तो दीनदयाल सर्किल और पुलिस लाइन वाली रोड पर जाइए। यह एक-दो फीट नहीं बल्कि 3-3 फीट गहरे गड्ढे हैं। कारों के जंपर टूट रहे हैं। नेताओं की तरह हो गए अफसरों के दावे चुनाव में जैसे नेता दावे करते हैं, वैसे ही दावे अब बीकानेर प्रशासन भी कर रहा है। हकीकत अफसर भी जानते हैं, मगर जनता को आश्वासन देने के लिए ऐसी तारीखें फिक्स करते हैं कि अगर कोई बोलना भी चाहे तो ना बोल पाए। समय-सीमा बार-बार टूट रही और फिर नई तारीख तय हो जाती है। कुछ तो हो ही रहा है। बाकी हमारा जो काम है, वो हम करेंगे। — विश्राम मीणा, संभागीय आयुक्त
बिहारशरीफ शहरवासियों के लिए अच्छी खबर है। देवीसराय से कारगिल चौक तक बने फ्लाईओवर के नीचे की खाली जगह अब जल्द ही एक हरे-भरे और मॉडर्न पार्क के रूप में नजर आएगी। विधानसभा चुनाव के पहले पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से 3.89 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले पार्क का शिलान्यास किया था। चुनाव बाद इस भव्य पार्क का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। करीब 2 किलोमीटर लंबे इस पार्क के बनने से न केवल शहर की खूबसूरती बढ़ेगी, बल्कि लोगों को सुबह-शाम टहलने और सुकून के पल बिताने के लिए एक नया ठिकाना भी मिलेगा। यह पार्क फ्लाईओवर के नीचे लगभग 11 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला होगा। फिलहाल निर्माण कार्य की शुरुआत चहारदीवारी बनाने से हुई है, जिसकी ऊंचाई 5 फीट रखी गई है। काम शुरू करने के लिए विभाग ने 1.20 करोड़ रुपए की राशि भी जारी कर दी है। विशिष्ट लैंडस्केप और हरियाली होगी खास योजना के अनुसार, इसे एक विशिष्ट लैंडस्केप के रूप में विकसित किया जाएगा। पार्क को इस तरह डिजाइन किया जा रहा है कि यहां आने वाले लोगों को प्रकृति की गोद में होने का अहसास हो। यहां हरे-भरे वृक्ष और विभिन्न प्रकार के सुगंधित फूल लगाए जाएंगे। फ्लाईओवर के दोनों तरफ की सड़कों से गुजरने वाले वाहन चालक भी इस हरियाली का आनंद ले सकेंगे। इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास तत्कालीन वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री और स्थानीय विधायक डॉ. सुनील कुमार ने किया था। यह शहर का इकलौता ऐसा पार्क होगा जो फ्लाईओवर के नीचे स्थित होगा, जिससे बेकार पड़ी जगह का सदुपयोग भी होगा और शहर का वातावरण भी सुधरेगा।
पति सौरभ राजपूत की हत्या करके नीले ड्रम में सीमेंट से जमा देने वाली मुस्कान 10 महीने से जेल में है। मेरठ के जिस घर में वह पति के साथ 3 साल किराए पर रही। वह अब बिक रहा है। लेकिन देशभर को हिला देने वाले मर्डर की दहशत अभी भी जिंदा है। यही वजह है, न तो कोई इस मकान को किराए पर ले रहा, न कोई इसे खरीदने को तैयार है। एक प्रॉपर्टी डीलर की मदद से दैनिक भास्कर ने इस घर के मालिक ओमपाल सिंह से फोन पर बात की। वह कहते हैं- मेरे बेटे विदेश में रहते हैं। मैं भी उस मकान में नहीं रहता। अब इस मकान को लोग नीले ड्रम से जोड़कर देख रहे। किराए पर भी नहीं लेते, इसलिए बेच रहा हूं। ब्रह्मपुरी की जिस गली में यह मकान है, वहां से सिर्फ 200 मीटर दूर मुस्कान के पिता प्रमोद रस्तोगी भी अपना 2 मंजिला मकान बेच रहे हैं। 70 से 75 लाख रुपए की कीमत लगाई जा रही है। लेकिन खरीदार नहीं मिल रहे। मुस्कान की बड़ी बेटी पीहू को प्रमोद और उनकी पत्नी कविता इसी मकान में पाल रहे। पढ़िए रिपोर्ट… अब 5 पॉइंट में सौरभ मर्डर केस जानिए 1. लंदन में जॉब करने वाले सौरभ राजपूत का मर्डर 3 मार्च की रात को मुस्कान और उसके बायफ्रेंड साहिल शुक्ला ने किया। दोनों रातभर लाश के साथ उसी घर में रहे। सुबह चाकू, सीमेंट और नीला ड्रम मार्केट से खरीदकर लाए। 2. सौरभ की लाश को 4 हिस्सों में काट दिया। फिर उसे तकिया के कवर में पैक करके नीले ड्रम में रख दिया। ऊपर से सीमेंट का घोल बनाकर डाल दिया। प्लानिंग इस ड्रम को फेंकने की थी, मगर भारी होने से साहिल और मुस्कान इसे घर में ही छोड़कर चले गए। 3. 4 मार्च को शिवा ट्रैवल्स से कैब बुक की। फिर ड्राइवर अजब सिंह को लेकर मुस्कान और साहिल हिमाचल और उत्तराखंड में घूमते रहे। ड्राइवर के मुताबिक, वो लोग बियर पीते और बर्फ पर खेलते रहते थे। 17 मार्च तक साहिल-मुस्कान मनाली, शिमला और कसोल घूमते रहे। इसके बाद मेरठ आ गए। 4. 17 मार्च को ही मुस्कान ने अपनी मां कविता को बता दिया कि मैंने सौरभ को मार डाला है। लाश किराए के घर में ही पड़ी हुई है। मुस्कान को लेकर उसके पिता प्रमोद थाने गए। पुलिस ने साहिल को भी अरेस्ट किया। 5. मुस्कान और साहिल को इस घर में लाकर सौरभ की लाश जिस ड्रम में रखी गई थी, उसको बरामद कर लिया। 19 मार्च को कोर्ट में पेश होने के बाद मुस्कान और साहिल को जेल भेजा गया। मेन गेट पर ताला, अंदर सौरभ-मुस्कान का सामान पड़ा दिखा दैनिक भास्कर टीम ब्रह्मपुरी के उस मकान में पहुंची, जहां पर सौरभ की हत्या की गई थी। मकान के नीचे के पोर्शन में सौरभ और मुस्कान अपनी बेटी पीहू के साथ रहते थे। जब हम इस मकान के बाहर पहुंचे, तो मेन गेट पर ताला लगा हुआ था। गेट से अंदर झांककर देखा तो जिस हिस्से में मुस्कान और साहिल रहते थे। वहां बरामदे में आज भी उनका सामान पड़ा हुआ दिखा। मर्डर से कुछ समय पहले ही सौरभ ने मुस्कान के लिए नई वॉशिंग मशीन खरीदी थी, वो भी बरामदे में रखी दिखी। जिस पर धूल की परत जमी हुई थी। बाकी सामान भी जस का तस पड़ा हुआ था। पड़ोसी बोले- अब तो गली में बच्चे भी नहीं खेलते यहां अजीब सी खामोशी थी। हमें इस मकान के अंदर झांकते देखकर एक पड़ोसी अपने घर से बाहर निकल आए। हमने परिचय दिया और बात करने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने कैमरे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। इस मकान के 2 हिस्से हैं। एक हिस्से में मुस्कान और सौरभ रहते थे। मर्डर होने के बाद हम लोगों को यकीन नहीं हुआ था कि मुस्कान ने ऐसा किया होगा। मगर जो सच्चाई सामने आई, उसके बाद तो हर रिश्ते से भरोसा उठ गया। पहले तो मोहल्ले में हर शाम को बच्चे खेला करते थे। छुटिट्यों में तो दिनभर धमाल होता था। लेकिन सौरभ की हत्या के बाद गली की रौनक ही खत्म हो गई। अब रविवार को भी बच्चे बाहर खेलने नहीं निकलते। शायद उनके मां-बाप भी डरे रहते हैं। सब्जीवाले बोले- हत्या के बाद कई महीने लोगों ने सामान नहीं खरीदाइस मकान से कुछ दूरी पर एक व्यक्ति सब्जी बेचते हुए दिखा। बातचीत में हरदयाल बताते कि वो रेगुलर यहां सब्जी बेचने आते हैं। लोग खूब खरीदारी करते थे। मगर सौरभ की हत्या होने के बाद बहुत कुछ बदल गया। कई महीने तक तो लोग सब्जी लेने भी नहीं आते थे। कोई आता था तो बस थोड़ा सामान लेकर तुरंत घर के अंदर चला जाता था। धीरे-धीरे अब लोग बातचीत करने लगे हैं। कुछ सब्जी वगैरह भी फिर से बिकने लगी है। लोग बोले- गली को सब मुस्कान के नाम से जानते हैं इस गली से बाहर आते ही एक किराने की दुकान पर कुछ लोग बात करते हुए दिखे। यहां खड़े पंकज कुमार कहते हैं- मैं भी इसी गली में रहता हूं। इस मर्डर के बाद तो अब अगर कोई रिश्तेदार आता है तो कहता है कि एक बार वो घर दिखा दो, जिसमें मुस्कान ने सौरभ को मार डाला। अब इस गली का असली नाम लोग भूल चुके हैं। सब मुस्कान-सौरभ के नाम से ही इस गली को जानते हैं। एड्रेस भी उन्हीं के नाम से पूछते हैं। अब आप खुद हालात का अंदाजा लगा लीजिए। यहीं बातचीत करते हुए हमें दुकानदार ने एक प्रॉपर्टी डीलर का नंबर दिया। जिसे ओमपाल सिंह ने अपना मकान का बिकवाने के लिए कहा था। प्रॉपर्टी डीलर बोले- 200 वर्ग गज में बना है मकान अब हम गली से बाहर निकलकर एक प्रॉपर्टी डीलर राजू के ऑफिस में पहुंचे। डीलर कहते हैं- ओमपाल का मकान 200 वर्ग गर्ज में बना हुआ है। कंस्ट्रक्शन भी अच्छा है। मकान 2 हिस्सों में बना है। जिसमें मर्डर हुआ, वो पिछले 10 महीने से दोबारा किराए पर नहीं उठा। क्योंकि वहां कोई रहना नहीं चाहता है। बगल के प्लॉट पर बने मकान में लोग रहते हैं। ओमपाल खुद भी यहां नहीं रहते। उनके बच्चे विदेश में बसे हुए हैं। इसलिए वो अपना मकान बेचना चाहते हैं। उन्होंने 75 लाख रुपए की डिमांड रखी है। मुस्कान के पिता ने फिर 'मकान बिकाऊ है' पोस्टर लगाया इधर 4 दिसंबर को एक बार फिर प्रमोद रस्तोगी ने अपने मकान पर ‘बिकाऊ है’ का पोस्टर लगा दिया। दरअसल, 4 नवंबर को इस घर पर ‘बिकाऊ है’ का पोस्टर लगा था। 16 दिन में 4-5 खरीदार इस मकान को खरीदने के लिए आए, लेकिन सौदा नहीं हो सका। इसके पीछे 3 कारण बताए जा रहे हैं। पहला- लोगों में आज भी मुस्कान ने जिस तरह से पति को मार डाला, उसकी दहशत है। दूसरा- लोग इस परिवार और उससे जुड़ी प्रॉपर्टी को अपशगुन और विवाद से जोड़कर देख रहे। तीसरा- मार्केट वैल्यू से इस मकान की कीमत ज्यादा बताई जा रही। इस मकान की कीमत 75 लाख रुपए रखी गई है। 'बिकाऊ है' का पोस्टर लगाने के 3 दिन बाद ही हटा लिया गया था। अब एक बार फिर इस मकान पर पोस्टर लगा दिया गया है। जेल में बेटी की देखभाल कर रही मुस्कानमुस्कान ने एक बेटी को जन्म दिया है, जिसका नाम राधा रखा है। जेल में इस समय मुस्कान बेटी की देखभाल कर रही है। मगर परिवार का कोई सदस्य उससे मिलने नहीं पहुंचा है। जेल प्रशासन के मुताबिक, मुस्कान से कोई काम नहीं कराया जा रहा। उसके बॉयफ्रेंड ने मुस्कान की बेटी को देखने की इच्छा जाहिर की थी। हालांकि, उसे अनुमति नहीं मिली थी। सौरभ हत्याकांड में अब तक 15 गवाहों की गवाही हो चुकी है। मुस्कान ने बेटी होने के बाद दोबारा अपनी जमानत के लिए कोर्ट में अर्जी दाखिल नहीं की है। …. ये ग्राउंड रिपोर्ट पढ़िए- नीले ड्रम वाली मुस्कान का घर कोई खरीदना नहीं चाहता: 8 महीने बाद भी दहशत, लोग प्रॉपर्टी को मनहूस मान रहे मेरठ के सौरभ का मर्डर 8 महीने पहले हुआ था। मगर अब तक लोगों के जेहन में मुस्कान और नीले ड्रम की दहशत बनी हुई है। नतीजा ये हुआ कि मुस्कान के माता-पिता शहर छोड़कर कहीं और शिफ्ट होना चाहते हैं। मगर उनका ब्रह्मपुरी का 2 मंजिला मकान कोई खरीदने नहीं आ रहा है। पढ़िए पूरी खबर...
मैं नारायणपुर प्रखंड के मदनाडीह गांव का एक साधारण किसान हूं। किसान से पहले दिहाड़ी मजदूर था। अपने खेतों में भी साधारण और पारंपरिक तरीके से खेती कर सब्जी उगाता था। धीरे-धीरे हौसला बुलंद हुआ और नई तकनीकी से साथ खेती करने लगा। ड्रिप इरीगेशन से खेती का लाभ जाना। साथ ही कृषि विभाग से संपर्क कर कई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। छत्तीसगढ़ से इस बार 8000 ग्राफ्टेड (कलमी) बैंगन और टमाटर के पौधा मंगवाया था। टपक सिंचाई प्रणाली के साथ-साथ ग्राफ्टेड विधि की खेती सुनते थे। लेकिन अब खुद से कर रहे हैं। आज मेहनत रंग लाई है । मदनाडीह गांव में 2 एकड़ जमीन पर क्रॉप्टेड टमाटर की खेती की है। 2 एकड़ जमीन में इन फसलों की खेती में करीब ढाई से 3 लाख रुपए की लागत आई है। जबकि उत्पादन देखकर लगता है कि दोगुनी आय होगी। गांव में ही दे रहे लोगों को रोजगार सबसे खास बात यह है कि मेरी खेती में अब गांव के चार पांच मजदूरों को रोजाना रोजगार भी मिल रहा है। टमाटर की फसल तैयार हो गई है। उपज खरीदने के लिए मेरे खेत तक दूर-दूर के लोग व्यापारी आते हैं। आज जब लोग रोजगार के लिए राज्य से बाहर जा रहे हैं, खेत होते हुए भी उन्हें तकनीकी की जानकारी से वंचित है। उन्हें में यही कहना चाहता हूं कि सरकार से मदद लेने की कोशिश करें और घर पर रखकर ही खेती से आत्मनिर्भर होने की प्रयास करें। मेहनत और परिश्रम से पीछे नहीं हटे। खेती के तरह-तरह तकनीकी सीखने के लिए अपने से ही प्रयास किया और जिला कृषि विभाग से भी कुछ जानकारी हासिल की। अलग-अलग मौसम में, टमाटर बैंगन, खीरा, गोभी सहित अन्य फसल उपजाते हैं। खेती से मेरा यह अनुभव हुआ की सिंचाई करने का तरीका सीखे। यह भी जाना कि कम पानी में कैसे अधिक सिंचाई की जा सकती है। जिससे पानी की बर्बादी नहीं होगी। इसमें टपक सिंचाई प्रणाली से मदद मिली। किस मिट्टी में कौन सी फसल लगाएं। कब खाद दें, पटवन कितने अंतराल पर करें, यह सब जाना। खेती में सिंचाई व खाद के उपयोग जानना बहुत जरूरी मैं खेती में बेहतर करने के सिलसिले में दो-तीन बार पलांडू रांची गया। वहां जाकर खेती करने के तरीके देखे। उसे अपने यहां अपनाया। ग्राफ्टेड पौधे को हम डंडे या रस्सी का सहारा देकर एक ही पौधे से कई बार फसल ने सकते हैं। टपक सिंचाई का उपयोग किया है जिससे जमीन की नमी बनी रहती है। पहले सामान्य पौधे की खेती की करते थे। उसमें 10% पौधे मर जाते थे और नुकसान उठाना पड़ता था। लेकिन ग्राफ्टेड पौधे का यही सुविधा है कि नुकसान नहीं होता है। जानिए... कौन हैं सुबल मंडल किसान सुबल मंडल शुरुआत से ही खेती में तन मन लगाए हैं। उन्होंने दसवीं तक की पढ़ाई की है। दूसरे के घरों पर भी खेती पर भी मजदूरी करते थे। घर में कुल चार सदस्य हैं। परिवार में दो बेटी, पत्नी हैं। पत्नी भी गृह कार्य के अलावे खेती के कार्य में मदद करती हैं। कभी ऐसा समय था कि खेती करने और परिवार का भरण पोषण गरीबी के कारण संभव नहीं था।आज वे किसानों को प्रेरित कर रहे हैं। टपक विधि और उन्नत खेती की ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं। उनके बच्चे भी पढ़ाई के साथ साथ खेती की उन्नत तकनीक सीख रहे हैं।
जालौन में इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की मौत मामले बड़ा खुलासा हुआ है। जब इंस्पेक्टर ने अपनी कनपटी पर गोली मारी, लेडी कॉन्स्टेबल मीनाक्षी शर्मा वहीं खड़ी थी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। जांच में सामने आया है कि अरुण और मीनाक्षी के बीच काफी समय से नजदीकियां थीं। 8 फरवरी 2026 को मीनाक्षी की शादी होने वाली थी। मीनाक्षी उनसे दूर जा रही थी। दोनों के बीच पिछले कई दिनों इसको लेकर विवाद चल रहा था। VIDEO में देखिए इंस्पेक्टर की मौत की मिस्ट्री और लेडी कॉन्स्टेबल के कनेक्शन की कहानी...
टर्सरी केयर सेंटर:अब ब्रेकी थेरेपी की नई मशीन से होगा बच्चेदानी और ब्रेस्ट कैंसर का इलाज
प्रिंस बिजय सिंह मेमोरियल हॉस्पिटल के आचार्य तुलसी रीजनल कैंसर रिसर्च सेंटर स्थित टर्शरी केयर सेंटर में ब्रेकी थेरेपी की नई मशीन आ गई है। बच्चेदानी, ब्रेस्ट और आहार नली के कैंसर रोगियों को अब सेक लगवाने बाहर नहीं जाना पड़ेगा। टर्शरी कैंसर केयर सेंटर प्रोग्राम के तहत ब्रेकी थेरेपी मशीन की खरीद चार करोड़ रुपए से हुई है। मशीन के लिए एटोमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड ने कैंसर सेंटर का निरीक्षण करने के बाद मंजूरी दी थी। एसपी मेडिकल कॉलेज स्तर पर मार्च में इसके टेंडर किए गए थे। रविवार को एक ट्रक में लादकर इसे यहां लाया गया है। मशीन एक बंकर में इंस्टॉल की जाएगी। इस काम में एक-दो महीने का समय लगेगा। मशीन को शुरू करने के लिए इसमें रेडियोधर्मी स्रोत डाला जाएगा। उसके बाद इस मशीन से रोज़ छह-सात कैंसर मरीजों का उपचार किया जा सकेगा।देश के 13वें और राज्य के पहले आचार्य तुलसी रीजनल कैंसर रिसर्च सेंटर में अब ब्रेकी थेरेपी की दो मशीनें होंगी। पहली मशीन 2017 में इंस्टॉल की गई थी। उसकी अवधि लगभग पूरी हो चुकी है। बीच-बीच में मशीन खराब होने से मरीजों को सेक लगवाने के लिए जयपुर जाना पड़ता था। 45 करोड़ में से 17 करोड़ रुपए इस साल मिले टर्शरी कैंसर केयर सेंटर प्रोग्राम के तहत केंद्र और राज्य सरकार ने 60:40 के तहत 45 करोड़ का बजट मंजूर किया था, जिसमें से 17 करोड़ रुपए की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति मार्च में आ गई थी। सेंटर निदेशक डॉ. नीति शर्मा ने बताया कि इस बजट में से ब्रेकी थेरेपी मशीन खरीदी गई है। लो-एनर्जी लिनियर एक्सीलरेटर की खरीद के लिए भी टेंडर हो चुके हैं। इसके अलावा तीन करोड़ रुपए से सेंटर का विस्तार करते हुए दो मंजिला भवन का निर्माण कराया जाएगा। इन कैंसर में ब्रेकी थेरेपी उपयोगी है प्रोस्टेट, गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय, स्तन, फेफड़ों, मलाशय, आंखों और त्वचा के कैंसर में ब्रेकी थेरेपी से इलाज किया जाता है। संभाग में इसकी मशीन केवल बीकानेर के कैंसर सेंटर में ही है। “टर्शरी कैंसर सेंटर के लिए काफी बजट मिला है। इससे नई मशीनों की खरीद की जा रही है। सेंटर अपग्रेड होगा। मरीजों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।” — डॉ. सुरेंद्र कुमार वर्मा, प्रिंसिपल, एसपी मेडिकल कॉलेज भास्कर एक्सपर्ट — डॉ. नीति शर्मा, निदेशक, कैंसर अस्पताल कैंसर कोशिकाओं को टारगेट करती है मशीन ब्रेकी थेरेपी मशीन एक विशेष उपकरण है, जो कैंसर के इलाज के लिए रेडियोधर्मी स्रोत को सीधे ट्यूमर के अंदर या उसके बहुत करीब रखती है, ताकि विकिरण की उच्च खुराक केवल कैंसर कोशिकाओं को टारगेट करे। इससे आसपास के स्वस्थ ऊतकों को कम नुकसान पहुंचता है। यह मशीन कंप्यूटरीकृत योजना और इमेजिंग (CT/MRI) का उपयोग करके स्रोत की सटीक स्थिति सुनिश्चित करती है।
औद्योगिक शहर बहादुरगढ़ में श्रमिकों और बीमित कर्मचारियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। हरियाणा राज्य औद्योगिक संरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) सेक्टर-4बी में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) की ओर से लगभग 68 करोड़ की लागत से बन रहा 100 बेड का आधुनिक ईएसआई अस्पताल का कार्य अब अंतिम चरण में पहुंच गया है। निर्माण एजेंसी के साइट इंजीनियर राजकिशोर शुक्ला के अनुसार अस्पताल का सिविल वर्क लगभग पूरा हो चुका है, जबकि इलेक्ट्रिकल कार्य तेज गति से चल रहा है। दावा है कि फरवरी 2026 तक यह अस्पताल पूरी तरह तैयार होकर विभाग को हैंडओवर कर दिया जाएगा।अस्पताल बनने के बाद बहादुरगढ़ के करीब एक लाख से अधिक बीमित श्रमिकों और उनके परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी। फिलहाल गंभीर मरीजों को दिल्ली स्थित बसईदारापुर ईएसआई अस्पताल या निजी पैनल अस्पतालों पर निर्भर रहना पड़ता है। वहीं प्राथमिक स्तर पर शहर में तीन डिस्पेंसरी तो हैं, लेकिन वे केवल सामान्य जांच और हल्की दवाइयों तक सीमित हैं। ऐसे में अधिकांश ईएसआई से जुड़े मरीजों का भार सिविल अस्पताल पर ही रहता है। चार साल से अधूरा है निर्माण, अब तय हुई नई समय-सीमाबहादुरगढ़ में 100 बेड के इस अस्पताल की घोषणा नवंबर 2018 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की थी। वर्ष 2019 में शिलान्यास भी हुआ, मगर निर्माण कार्य दिसंबर 2021 में शुरू हो पाया। तय समय के अनुसार यह अस्पताल दिसंबर 2023 में बनकर तैयार होना था, परंतु निर्माण कार्य दो साल से अधिक की देरी से चल रहा है। अब इंजीनियरिंग टीम का कहना है कि फरवरी 2026 तक अस्पताल पूरा होकर सौंप दिया जाएगा। इस अस्पताल के बनने में सबसे बड़ी बाधा भूजल स्तर के ऊपर होने और ड्राइंग चेंज होना रही।साइट इंजीनियर राजकिशोर शुक्ला ने बताया कि सिविल स्ट्रक्चर का कार्य पूरा है। इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशन, डक्टिंग, फायर सेफ्टी और अन्य तकनीकी कार्य जारी हैं। फरवरी 2026 तक बिल्डिंग पूरी तरह उपयोग के लिए तैयार हो जाएगी। इसके बाद ईएसआईसी विभाग की ओर से मशीनरी इंस्टॉल कर स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी। श्रमिकों की बड़ी जरूरत है यह अस्पतालबहादुरगढ़ एक प्रमुख औद्योगिक हब है। यहां हरियाणा, दिल्ली, यूपी, राजस्थान, बिहार, झारखंड, एमपी और बंगाल जैसे राज्यों के हजारों कामगार काम करते हैं। शहर में सात हजार से अधिक छोटी-बड़ी फैक्ट्रियां और देश का पहला फुटवियर पार्क होने के कारण बीमित व्यक्तियों (IP) की संख्या एक लाख से अधिक है। हर माह उनके वेतन से ईएसआई फंड में राशि जमा होती है, लेकिन बदले में मिलने वाली सुविधाएं बेहद सीमित हैं। यही कारण है कि श्रमिकों के साथ उद्योगपति भी लंबे समय से ईएसआई अस्पताल की मांग करते आ रहे हैं।उद्योगपति नरेंद्र छिकारा व सुभाष जग्गा का कहना है कि अस्पताल बनने के बाद शहर पर बोझ कम होगा और श्रमिकों को समय पर बेहतर इलाज उपलब्ध होगा। उद्योग जगत जल्द ही सरकार से मुलाकात कर मशीन इंस्टॉलेशन और स्टाफ भर्ती की प्रक्रिया तेजी से शुरू करने की मांग भी करेगा। बहादुरगढ़ को मिलेगी बड़ी स्वास्थ्य सुविधा 100 बेड की क्षमता वाला यह अस्पताल पूरी तरह आधुनिक तकनीक से लैस होगा। ओपीडी, इमरजेंसी, लेबर रूम, ऑपरेशन थिएटर, डायलिसिस यूनिट, ICU, एक्स-रे, लैब और फार्मेसी जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। अस्पताल शुरू होने के बाद ईएसआई के मरीजों को अब दिल्ली या निजी अस्पतालों की ओर नहीं भागना पड़ेगा। बहादुरगढ़ के श्रमिकों और उद्योगपतियों को अब इस बात की उम्मीद है कि फरवरी 2026 के बाद शहर में स्वास्थ्य सुविधाओं का एक बड़ा अंतर खत्म होगा और क्षेत्र को एक बड़ी राहत मिलेगी।
हरियाणा की कैबिनेट मीटिंग आज है। दोपहर बारह बजे होने वाली इस मीटिंग की अध्यक्षता मुख्यमंत्री नायब सैनी करेंगे। इस मीटिंग में पांच एजेंडे रखे जाएंगे। मीटिंग में सरकार विधायकों को राहत देने वाला फैसला लिया जा सकता है। दूसरे राज्यों के दौरे पर विधायकों को होटल में रूकने की संशोधित दरें पर फैसला लेकर एक दिन का 5000 रुपया दिया जाएगा। इसके अलावा मीटिंग में इसी महीने वाले विधानसभा सत्र की डेट भी फैसला लिया जा सकता है। छह जिलों के गांवों की अदली-बदली पर चर्चा इसके अलावा कैबिनेट मीटिंग में छह जिलों के गांवों की अदला-बदली पर भी चर्चा की जाएगी। दरअसल, कैबिनेट की सब कमेटी में जिला बनाने को लेकर गांवों की अदला-बदली को लेकर कई प्रस्ताव आए हैं। इन प्रस्तावों के तहत जिला महेंद्रगढ़ स्थित नारनौल, रेवाड़ी, यमुनानगर, फरीदाबाद, सिरसा और जिला झज्जर के गांवों को एक उप तहसील व तहसील से निकालकर दूसरी उप तहसील व तहसीलों में स्थानांतरित करने के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल द्वारा मंजूरी प्रदान की जाएगी। विधानसभा के विंटर सेशन की डेट पर फैसला मीटिंग में विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तारीख भी तय किए जाने की संभावना है। विधानसभा का शीतकालीन सत्र 26 दिसंबर से आरंभ हो सकता है, जो 30 या 31 दिसंबर तक चलने की संभावना है। मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा मोटर वाहन नियमों में बदलाव होगा। इसके तहत राज्य सरकार पर्यटन परमिटों के अंतर्गत संचालित पर्यटन वाहनों के संचालन की आयु निर्धारित करेगी। इससे सड़क दुर्घटनाएं रोकने में मदद मिलेगी। अल फलाह यूनिवर्सिटी को लग सकता है झटका मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2006 में संशोधन किया जाएगा, जिसके माध्यम से एक निजी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए विधेयक पेश किया जाना है। यह विश्वविद्यालय गुरुग्राम के सेक्टर 68 में खुलेगा और इसका नाम डिजाइन, नवाचार और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय है। इसी अधिनियम के माध्यम से पिछली हुड्डा सरकार ने साल 2013 में 17 निजी विश्वविद्यालयों को मंजूरी प्रदान की थी। आतंकी गतिविधियों के केंद्र के रूप में सामने आई फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी को भी इसी अधिनियम में संशोधन के तहत मंजूरी मिली थी।
सर्दियों की दस्तक के साथ ही नालंदा जिले के जलाशयों में विदेशी प्रवासी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। रूस, मंगोलिया, चीन, तिब्बत, उज्बेकिस्तान, तजाकिस्तान और हिमालयी क्षेत्रों से हजारों किलोमीटर की यात्रा तय कर ये पंछी यहां पहुंच रहे हैं, लेकिन इस बार पक्षी प्रेमियों और पर्यावरणविदों के लिए चिंता का विषय यह है कि जलाशयों की दुर्दशा के कारण इन अतिथि पक्षियों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। नालंदा विश्वविद्यालय के समकालीन रहे गिद्धि और पुष्पकर्णी जैसे ऐतिहासिक जलाशय आज उपेक्षा के शिकार हैं। नूरसराय प्रखंड के बेगमपुर स्थित गिद्धि जलाशय जंगली घास और पौधों से पूरी तरह ग्रसित हो चुका है। जलस्तर में लगातार कमी के कारण यहां स्थानीय पक्षियों की संख्या भी घट गई है। पुष्पकर्णी जलाशय की स्थिति भी कुछ बेहतर नहीं है। यहां महज तीन सौ छोटी सिल्ही, कुछ खैरा बगुले और अंधा बगुले ही दिखाई दे रहे हैं। गिद्धि जलाशय में हालांकि प्रवासी पक्षियों का आगमन हो चुका है, लेकिन पंचाने नदी में केवल राजहंस ही नजर आ रहे हैं। विविध प्रजातियों का आगमन इस बार देखे जा रहे प्रवासी पक्षियों में गडवाल (मैल), नॉर्दन शोवलर (सांखर), नॉर्दन पिनटेल, कामन कूट (सरार), रेड क्रेस्टेड पोचार्ड (लालसर), कॉमन पोचार्ड, फेरुजीनस पोचार्ड, यूरेशियन विजन, बार हेडेड गिज, कॉटन टील (गिरी), ग्रीनिश वार्बलर, टैगा फ्लाईकैचर और बलायथ्स रिड वार्बलर प्रमुख हैं। स्थानीय जलीय पक्षियों में जामुनी जलमुर्गी, जल पीपी, जलमोर, सामान्य जलमुर्गी और सफेद भौं खंजन शामिल हैं। मछली पालन पट्टा, संरक्षण में सबसे बड़ी बाधा पर्यावरणविद राहुल कुमार का कहना है कि इन महत्वपूर्ण आर्द्र भूमियों के प्रबंधन में मछली पालन का पट्टा सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभरा है। मछली पालन से पक्षियों के आवास में कई तरह के बदलाव हो रहे हैं, जिससे आर्द्र भूमि को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। विशेष चिंता की बात यह है कि पट्टाधारी खरपतवार हटाने के लिए रासायनिक खरपतवार नाशकों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे पक्षियों के आवास पूरी तरह नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा मछली पट्टाधारी द्वारा पक्षियों के शिकार की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। पर्यावरणविदों की चेतावनी बिहार पर्यावरण संरक्षण अभियान और मगध नेचर कंजर्वशन सोसाइटी की टीम नियमित रूप से इन जलाशयों का निरीक्षण कर रही है। टीम के सदस्यों ने बताया कि मानवीय गतिविधियों में वृद्धि के कारण संरक्षण कार्यक्रम में कई तरह की बाधाएं आ रही हैं। पर्यावरणविदों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि तत्काल आवश्यक कार्रवाई नहीं की गई तो हमारे जीवंत पोखर और तालाब पक्षी विहीन हो जाएंगे। वैज्ञानिक प्रबंधन के अभाव में पक्षियों की संख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है। नालंदा जिले में छह प्रमुख पक्षी विहार स्थल हैं गिद्धि लेक, नूरसराय- पुष्करणी लेक, सिलाव- पावापुरी जलाशय, पावापुरी- गिरियक डैम, राजगीर- गिरियक जलाशय, गिरियक- पंचाने नदी।
उन्नाव जिले का पूरननगर मोहल्ला। यहां एक घर मिला। वोटर लिस्ट में उस घर के पते पर 45 लोग रजिस्टर्ड थे। घर के प्रमुख कमलेश कुमार को बीएलओ ने 45 फॉर्म दिए। कमलेश ने 3 भरकर वापस कर दिए। बाकी 42 खाली रह गए। बीएलओ ने बाकी 42 के बारे में पूछा तो कमलेश ने कहा कि हम नहीं जानते। बीएलओ साहब का सिर चकरा गया। आखिर ये कैसे हो सकता है? उन्होंने आसपास के लोगों से बात की, दूसरे मोहल्लों के लोगों से बात की। लेकिन, कहीं कुछ पता नहीं चला। बात ऊपर तक पहुंच गई। जांच के लिए और भी अधिकारी आए, लेकिन वो वोटर नहीं मिले। डीएम ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिख दी। पूछा- अब इन वोटर्स को कैसे खोजें? चुनाव आयोग ने अभी कोई जवाब नहीं दिया। अब सवाल उठता है कि ये वोटर्स कहां से जुड़ गए? अगर ये नहीं मिलते तो क्या नाम काटा जा सकता है? किस आधार पर नाम काटा जाता है? आइए सब कुछ शुरुआत से जानते हैं… मकान में 45 लोग रजिस्टर्ड लेकिन रहते सिर्फ 3 हैंपूरननगर मोहल्ला वार्ड नंबर-1 में आता है। इसी में बूथ संख्या- 200 के अंतर्गत 57 नंबर का मकान है। इस वक्त वोटर लिस्ट की स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (एसआईआर) की प्रक्रिया चल रही है। चुनाव आयोग की तरफ से नियुक्त बूथ लेवल अधिकारी घर-घर जाकर वोटर्स वेरिफाई कर रहे हैं। इस बूथ में बीएलओ राजीव त्रिपाठी की ड्यूटी लगी थी। राजीव घर-घर जाकर एसआईआर का फॉर्म दे रहे और उसे भरवा रहे हैं। 30 अक्टूबर को राजीव मकान संख्या- 57 में पहुंचे। इस मकान में कमलेश कुमार पत्नी और एक बेटे के साथ रहते हैं। बीएलओ यहां पहुंचे तो उन्होंने वोटर लिस्ट के मुताबिक 45 फॉर्म दिए। कमलेश ने 3 फॉर्म भरे और बाकी वापस कर दिए। बाकी के 42 लोग कौन हैं, इसके बारे में कमलेश को कुछ भी पता नहीं था। बीएलओ ने पहले कमलेश से पूछा, फिर आसपास के लोगों से पूछा। लेकिन कोई भी बाकी 42 लोगों के बारे में कुछ नहीं बता पाया। कमलेश बोले- बाकी सभी 42 नाम हटा दीजिएइस घर में रहने वाले कमलेश से दैनिक भास्कर ने बात की। कमलेश कहते हैं- हमारे घर में सिर्फ 3 वोटर हैं। ये जो 42 और हैं, इसे लेकर हमें कोई जानकारी नहीं। हमने बीएलओ साहब से पूछा था। तब उन्होंने कहा कि तकनीकी वजह से ऐसा हो गया। हमने उन्हें मौखिक और फिर लिखित दिया कि ये नाम हमारे घर से हटा दिए जाएं। कितने वक्त यहां रहने के सवाल पर कमलेश कहते हैं- हम यहां पिछले 10-12 साल से रह रहे। इसे उसी वक्त बनवाया था। कभी किसी को किराए पर नहीं दिया। आसपास के लोगों से भी आप पूछ सकते हैं। डीएम ने AERO को चेक करने के लिए भेजाबीएलओ राजीव को जब ये लोग नहीं मिले, तो उन्होंने इसकी जानकारी बड़े अफसरों को दी। राजीव कहते हैं- कई बार होता यह है कि जिन लोगों का नाम यहां दर्ज है, वो कहीं और होंगे। पूरननगर और पड़ोस के दरियाईखेड़ा में 65 नंबर मकान को लेकर इसी तरह की दिक्कत है। जिन लोगों का यहां नाम है, वो हमें दरियाई खेड़ा में मिले। बीएलओ की रिपोर्ट के आधार पर डीएम गौरांग राठी ने असिस्टेंट इलेक्टोरल अफसर (AERO) फहद को मौके पर भेजा। फहद पहुंचे, तो उन्हें भी वो 42 वोटर नहीं मिले। फहद कहते हैं- हमने इलाके में आकर जांच की। आसपास के लोगों से बात की। यहां कमलेश कुमार, उनकी पत्नी और बेटे के अलावा कोई नहीं मिला। हमने यहां से रिपोर्ट बनाकर इलेक्टोरल अफसर (ERO) को सौंप दी है। सभासद बोले- दो बार घर बिका, लोग चले गएहमारी टीम इस मामले को लेकर स्थानीय सभासद प्रतिनिधि राजेश शर्मा से मिली। राजेश कहते हैं- हमने अपने स्तर पर भी पता किया। इसमें सामने आया कि ये मकान बहुत पहले 2 बार बिक चुका है। अभी जो लोग यहां रह रहे, वो 10-12 साल से यहां हैं। हमने पूछा कि पहले जो लोग रहे हैं, उनके बारे में कोई जानकारी है क्या? राजेश कहते हैं- यह बहुत पहले की बात है, उस वक्त की जानकारी तो हमें नहीं। लेकिन इतना पता है कि बांगरमऊ समेत आसपास के कुछ इलाकों से लोग यहां आए और रहने लगे। बाद में वह दूसरी जगह चले गए। शायद ये सभी उन्हीं के नाम हैं। हमारे यहां इस वक्त 4800 वोटर रजिस्टर्ड हैं। हमने आसपास के मोहल्लों में पता किया, कई लोग किराए पर रहते हुए मिले। लोग इस बात को भी मानते हैं कि शहर में गांव की तरफ से बहुत सारे लोग आते हैं। यहां लंबे वक्त तक रहते हैं, बाद में कहीं चले जाते हैं। डीएम ने चुनाव आयोग से खोजने का तरीका पूछास्थानीय स्तर पर जांच होने के बाद डीएम गौरांग राठी को रिपोर्ट मिल गई। उन्होंने ये रिपोर्ट उपजिला निर्वाचन अधिकारी सुनील कुमार गोंड को भेजी। इसके बाद रिपोर्ट लखनऊ पहुंची। डीएम ने चुनाव आयोग के अफसरों से बात की। उन्होंने इन वोटर्स को तलाशने के दूसरे विकल्प के बारे में जानकारी मांगी। उन्होंने यह भी पूछा कि अगर ये किसी दूसरी जगह की वोटर लिस्ट में शामिल हो गए हैं, तो इन्हें कैसे तलाशा जाए। चुनाव आयोग की तरफ से अभी फिलहाल कुछ नहीं सुझाया गया है। अगर ये नहीं मिलते, तो नाम काटा जाएगाअगर ये नहीं मिलते तो क्या होगा? इसे लेकर हमने एक दूसरे बीएलओ यजेंद्र त्रिपाठी से बात की। यजेंद्र कहते हैं- पहले तो उन्हें खोजने के लिए आसपास के लोगों से ही संपर्क साधा जाएगा। कोशिश की जाएगी कि किसी तरह से उन 42 लोगों में किसी एक का भी पता चल जाए। अगर पता चल जाता है तो संभव है कि बाकी लोगों के बारे में भी जानकारी मिल जाएगी। लेकिन, अगर नहीं पता चलता तो स्थानीय स्तर पर इसका भी नियम है। यजेंद्र कहते हैं- अगर उन 42 लोगों का कोई पता नहीं चल पाता तो स्थानीय सभासद, कोटेदार और गांव के ही कुछ लोग आपस में बैठक करेंगे। वो सभी इस बात को बाकायदा लिखेंगे कि इस लिस्ट में दर्ज 42 लोगों का इस गांव या मोहल्ले से कोई मतलब नहीं। इसमें दर्ज कोई भी व्यक्ति यहां का नहीं है। लोगों के सिग्नेचर होंगे। इसके बाद यह पत्र चुनाव आयोग को भेज दिया जाएगा और आगामी लिस्ट में इनका नाम नहीं रहेगा। ------------------------- ये खबर भी पढ़ें... यूपी में CEIR पोर्टल ने ढूंढ निकाले लापता 57761 फोन, इसी पोर्टल का मोबाइल एप 'संचार साथी' यूपी के गोरखपुर में जीआरपी (GRP) ने 19 नवंबर को 55 लाख रुपए कीमत के 248 मोबाइल उनके मालिकों को लौटाए। मेरठ रेंज की पुलिस इस साल 5 हजार मोबाइल रिकवर करके लोगों को वापस कर चुकी है। ये वो मोबाइल हैं, जो चोरी या खो चुके थे। इन मोबाइलों की रिकवरी संभव हुई है सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) पोर्टल से। पढ़िए पूरी खबर...
गोरखपुर के महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज में 6 से 8 दिसंबर तक चलने वाले महंत दिग्विजयनाथ राज्य स्तरीय प्राइजमनी पुरुष वास्केटबाल और वॉलीबाल प्रतियोगिता के दूसरे दिन का मुकाबला भी रोमांच से भरा रहा। इस दौरान बास्केटबॉल का चार तो वहीं वॉलीबाल के 6 मुकाबले खेले गए। सभी टीमों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिला। ग्राउंड पर खिलाड़ियों के जीत के लिए दांव पेंच लगाना दर्शकों को काफी पसंद आया। अंत तक सभी दर्शक अपने सीट पर बने रहे और मैच को उत्साहित होकर देखते रहे। जहां एक ओर बास्केटबॉल में अपना जोरदार प्रदर्शन करते हुए वाराणसी ने गोरखपुर छात्रावास को हराकर सेमीफाइनल में जगह में बना लिया तो वहीं वॉलीबाल प्रतियोगिता के दौरान 6 मैच खेले गए। जिसमें बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली टीमों ने क्वार्टर फाइनल के लिए रास्ता साफ कर लिया। बास्केटबॉल में टीमों का प्रदर्शन दूसरे दिन बास्केटबॉल प्रतियोगिता में पहला मैच आगरा और कानपुर के बीच खेला गया जिसमें आगरा ने कानपुर को एकतरफे मुकाबले में 36-14 अंको के अंतर से हरा दिया। वहीं दूसरा मैच गोरखपुर और बस्ती के बीच खेला गया, जिसमें गोरखपुर ने बस्ती एकतरफे मुकाबले में 56-33 अंकों के भारी अंतर से करारी शिकस्त दे दी। इसके अलावा तीसरा मैच लखनऊ और प्रयागराज के बीच खेला गया, जिसमें लखनऊ ने प्रयागराज को 36-20 अंको के अंतर से हरा दिया। इसके बाद पहला कार्टर फाइनल का जबरदस्त मुकाबला वाराणसी और गोरखपुर छात्रावास के बीच खेला गया, जिसमें वाराणसी ने गोरखपुर छात्रावास को 65-35 अंको के अंतर से हराकर सेमीफाइनल में जगह बना लिया। इस अवसर पर निर्णायक की भूमिका स्कन्द राय, आर सी सिंह, नुरुद्दीन अहमद, दिलीप निषाद, आदित्य प्रताप सिंह, अनूप देव, शिव शंकर, विनय पाण्डेय और अन्य ने निभाई। जरा से अंतर से हारा गोरखपुर वहीं वॉलीबॉल प्रतियोगिता में कुल 6 मुकाबले हुए। पहला मैच देवरिया छात्रावास बनाम गोरखपुर के बीच खेला गया, जिसमें देवरिया छात्रावास ने गोरखपुर को 25-23, 25-21 अंको के जरा सी अंतर से हरा दिया। काशी पीठविश्वनाथ और आजमगढ़ छात्रावास दबदबा कायम रखा दूसरा मैच काशी पीठविश्वनाथ बनाम स्पोर्ट्स कालेज गोरखपुर के बीच खेला गया, जिसमें काशी पीठविश्वनाथ ने स्पोर्ट्स कालेज गोरखपुर को 25-14, 22-25, 25-20 अंको से हराया। इसके अलावा तीसरा मैच आजमगढ़ छात्रावास बनाम बांदा छात्रावास के बीच खेला गया, जिसमें आजमगढ़ छात्रावास ने बांदा छात्रावास को 25-26, 25-18 अंको के अंतर से हरा दिया। स्पोर्टस कालेज गोरखपुर और देव एकेडमी को करना पड़ा हार का सामना वहीं चौथा मैच प्रयागराज छात्रावास बनाम स्पोर्ट्स कालेज गोरखपुर के बीच खेला गया जिसमें प्रयागराज छात्रावास ने स्पोर्टस कालेज गोरखपुर को 25-14, 23-25, 25-18 अंको के अन्तर से पराजित किया। पांचवे मैच आजमगढ़ छात्रावास बनाम देव एकेडमी के बीच खेल गया, जिसमें आजमगढ़ छात्रावास ने देव एकेडमी को 25-17, 26-24 अंको के अन्तर से पराजित किया। इसके अलावा छटवां मैच महाराणा प्रताप एकेडमी बनाम काशी पीठ विश्वनाथ के बीच खेला गया, जिसमें महाराणा प्रताप एकेडमी ने काशी पीठ विश्वनाथ को 25-20, 25-22 अंको के अंतर से पराजित किया। इस अवसर पर निर्णायक की भूमिका संतोष पटेल, रमेश राय, रफिक अहमद, अमित बच्चन, रमन सिंह, शिवाजीत, संदीप पुण्डीर, राजेन्द्र निगम, शेषनाथ कुशवाहा, व्यास और अन्य ने निभायी।
बीकानेर की मंडियों में इस सीजन मूंगफली का व्यापार इतिहास रच रहा है। गुजरात में भारी बारिश से मूंगफली की फसल खराब होने के बाद वहां के बड़े एक्सपोर्टर और प्रोसेसिंग यूनिट संचालक अब बीकानेर पर निर्भर हैं। नतीजा यह हुआ कि बीकानेर मंडल में अब तक 1 करोड़ से अधिक बोरी मूंगफली की खरीद हो चुकी है, जो अब तक की सबसे बड़ी खरीद मानी जा रही है। बीकानेर की मुख्य अनाज मंडी और पूगल रोड मंडी सहित लूणकरणसर, नोखा, डूंगरगढ़ में रोजाना करीब 5 लाख बोरी मूंगफली की आवक दर्ज हो रही है। सरदारशहर, बज्जू और मोहनगढ़ जैसी छोटी मंडियों को शामिल करें तो ये संख्या और बढ़ जाती है। अक्टूबर से शुरू हुई आवक नवंबर और दिसंबर में पीक पर रही। गुजराती कारोबारियों के बाजार में आने से कीमतों में भी जोरदार बढ़ोतरी दर्ज हुई है। दीपावली से पहले 3800-4800 रुपए प्रति क्विंटल मिलने वाली मूंगफली अब 5000 से 6300 रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रही है। यानी किसानों को 700 से 1000 रुपए प्रति क्विंटल का अतिरिक्त भाव मिला है। अच्छी आवक के साथ बीकानेर के किसानों को इस सीजन में भाव का बड़ा लाभ मिला। गुजरातियों के आने से बाजार में कॉम्पिटिशन बढ़ा और दाम तेजी से ऊपर गए। एक बड़े किसान ने बताया, इतने अच्छे भाव कई साल बाद मिले हैं। इस बार मूंगफली ने हमारी उम्मीदों से ज्यादा फायदा दिया है। बीकानेर की मूंगफली का दाना अच्छा, इसलिए गुजरात में मांग तेज उत्पादन और बेहतर खाद्य गुणवत्ता, मशीन क्लीनिंग, ग्रेडिंग और प्रोसेसिंग की सुविधा, मंडियों में तेजी से नीलामी, एक्सपोर्ट कंपनियों के लिए उपयुक्त दाना, राजस्थान में आवक का स्थिर और बड़ा वॉल्यूम, इतनी आवक से स्थानीय तेल मिल, दाना मिल, पंजाब-उत्तरप्रदेश के कारोबारी और क्रेशिंग यूनिट भी बड़ी मात्रा में खरीद कर रहे हैं। भास्कर एक्सपर्ट- -बालेश कूकणा, पूर्व अध्यक्ष, बीकानेर मूंगफली दाना मिल एसोसिएशन, बीकानेर इस वर्ष गुजरात में फसल को बहुत नुकसान हुआ। बीकानेर की मूंगफली दाना साइज, तेल प्रतिशत और कलर क्वालिटी में इस बार देश में सबसे बेहतर है। हमारी कई प्रोसेसिंग यूनिट्स अब बीकानेर से ही दाना उठा रही हैं। यहां की मंडियों में पारदर्शिता और तेज खरीद-फरोख्त भी हमें आकर्षित करती है। -मनोज पटेल, एक्सपोर्ट ट्रेडर, राजकोट बीकानेर की मूंगफली देश की सबसे विश्वसनीय ब्रांड बन चुकी है बीकानेर की मूंगफली अब राष्ट्रीय स्तर पर एक पहचान बन चुकी है। इस बार गुजरात के बड़े व्यापारियों द्वारा की गई रिकॉर्ड खरीद किसानों के लिए बहुत सकारात्मक संकेत है। बाजार में पारदर्शिता, गुणवत्ता और भारी आवक ने बीकानेर को देश का सबसे मजबूत मूंगफली हब बना दिया है। आने वाले सालों में यह आंकड़ा और बढ़ेगा।
‘मेरी गारंटी में दम होता है। यह मैं हवा में नहीं कह रहा हूं। मेरे बीते 9 सालों का ट्रैक रिकॉर्ड यही है। मोदी मतलब गारंटी, काम पूरा होने की गारंटी।’ 26 सितंबर, 2023 को जयपुर के दादिया में हुई रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये बातें कही थीं। बीजेपी ने चुनावी घोषणा पत्र में किए वादों को भी ‘मोदी की गारंटी’ के नाम से उतारा। सस्ता सिलेंडर, पेपर लीक माफियाओं पर शिकंजा, हर घर में नल, सस्ता पेट्रोल-डीजल जैसी कई गारंटियां इसमें शामिल थीं। 15 दिसंबर को राज्य सरकार दो वर्ष का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। उससे पहले भास्कर ने बड़ी घोषणाओं का एनालिसिस किया। इन दो साल में पीएम मोदी की कौन सी गारंटी को पूरा किया गया? कौन सी गारंटी अब तक पूरी हुई नहीं हो पाई है? पढ़िए मंडे स्पेशल स्टोरी में… पहले जानिए, घोषणापत्र में बड़ी गारंटियां क्या थीं?दो साल पहले पीएम मोदी ने जयपुर, सीकर और कोटा में जगह-जगह रैलियां करते हुए कहा था- मोदी मतलब गांरटी। पीएम ने कहा था कि बीजेपी की सरकार बनने पर इन गारंटियों को पूरा किया जाएगा। 1. पेपरलीक पर एक्शन, कई सरगना जेल में डाले राजस्थान में लगातार हो रहे पेपर लीक विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बने थे। बीजेपी ने हर मोर्चे पर पेपर लीक करने वालों को जेल भेजने का वादा किया था। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने घोषणापत्र जारी करने के दौरान कहा था- अगर हमारी सरकार बनी तो परीक्षा पत्र लीक जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करेंगे। हकीकत : शपथ के दिन ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पेपर लीक मामले में एसआईटी बनाने की घोषणा की। कुछ दिन बाद ही एसओजी के एडीजी वीके सिंह के नेतृत्व में SIT बनाई गई। डमी कैंडिडेट, पेपर लीक, पेपर में नकल कराने वाले, फर्जी डॉक्यूमेंट से नियुक्ति पाने वालों की ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां की। बिना पेपर लीक के करवाईं परीक्षाएं : सरकार ने पुरानी भर्तियों में घोटालेबाजों पर तो शिकंजा कसने के साथ ही दर्जनों सरकारी भर्तियों को बिना विवाद करवाया है। 2. 450 रुपए में गैस सिलेंडर देंगे प्रदेश की आधी आबादी (महिला वोटर्स) को लुभाने के लिए पीएम मोदी ने 450 रुपए में सस्ते गैस सिलेंडर देने का वादा किया था। कांग्रेस ने 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने का वादा किया था। गहलोत की घोषणा की काट में बीजेपी ने 450 रुपए में सिलेंडर देने की घोषणा पीएम मोदी से करवाकर महिलाओं को साध लिया था। हकीकत : पीएम मोदी की गारंटी को पूरा करने के लिए भजनलाल सरकार बीपीएल और उज्जवला कनेक्शनधारियों के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) से जुड़े परिवारों को भी 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर दे रही है। खाद्य सुरक्षा योजना की सूची में प्रदेश के एक करोड़ 7 लाख 35 हजार से ज्यादा परिवार शामिल हैं। इनमें से करीब 37 लाख परिवार ऐसे हैं, जो बीपीएल या उज्जवला कनेक्शन धारियों की सूची में भी हैं। इन्हें मौजूदा समय में 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है। 3. पेट्रोल-डीजल सस्ता करने का वादा 20 नवंबर, 2023 को पाली में आयोजित एक सभा में पीएम मोदी ने कहा था- राजस्थान की कांग्रेस सरकार 12 से 13 रुपए ज्यादा पेट्रोल वसूल रही है, जबकि पड़ोसी राज्यों में पेट्रोल सस्ता है। गहलोत ने लूट मचा रखी है। मध्यम वर्ग को साधने के लिए पीएम मोदी ने पेट्रोल-डीजल सस्ता करने का वादा किया था। हकीकत : वैट घटाया, फिर भी पड़ोसी राज्यों से महंगा मिल रहा पेट्रोल करीब तीन महीने बाद मार्च 2024 में 2% वैट घटाने की घोषणा की। इससे पेट्रोल-डीजल के दामों में कुछ राहत मिली। पेट्रोल के भाव 116 रुपए तक चले गए थे जो कम होकर 104 रुपए तक आए। हालांकि यह राहत नाकाफी थी। बाकी राज्यों कि तुलना में राजस्थान में अब भी सबसे महंगा पेट्रोल बिक रहा है। उदाहरण- पड़ोसी राज्य हरियाणा में 1 लीटर पेट्रोल की कीमत लगभग ₹95.71 से ₹96.12 प्रति लीटर के बीच है। सरकार की परेशानी क्या? : पेट्रोल-डीजल राजस्व का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। खपत बढ़ने पर सरकार की आमदनी भी बढ़ती है। वित्त विभाग से जुड़े अधिकारियों की मानें तो वर्ष 2019-20 से मार्च 2024 तक वैट की बढ़ी दरों से राज्य सरकार को करीब 5 हजार करोड़ की अतिरिक्त आमदनी हुई थी। राजस्थान में पेट्रोल पर वैट घटकर 29.04 फीसदी हो गया है। लेकिन यह देश में सर्वाधिक है। हरियाणा में सरकार 18.20 फीसदी वैट वसूलती है। सूत्रों के अनुसार फिलहाल सरकार की आर्थिक सेहत ठीक नहीं है। यही कारण है कि अभी तक पेट्रोल-डीजल सस्ते करने की गारंटी पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। 4. सभी घरों तक पहुंचेगा पानी पीएम मोदी ने प्रचार के दौरान ‘हर घर नल, हर घर जल’ पहुंचाने की बात कही थी। पूर्वी राजस्थान को साधने के लिए ईआरसीपी परियोजना (ERCP) को पूरा करने का वादा किया था। हकीकत : ERCP यानी रामसेतु लिंक परियोजना का काम जारी है। पीएम मोदी ने पिछले साल 17 दिसंबर, 2024 को जयपुर में पार्वती-कालीसिंध-चंबल-ईआरसीपी परियोजना का शिलान्यास किया था। भजनलाल सरकार के एक साल पूरा होने के कार्यक्रम में पहली बार राजस्थान-मध्य प्रदेश की परियोजना के समझौते को भी सार्वजनिक किया गया। नदी जोड़ने का काम पूरा होने पर 100 प्रतिशत घरों तक नल से हर घर पानी पहुंचने की संभावना है। इससे पूर्वी राजस्थान के जयपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, गंगापुर सिटी, ब्यावर, केकड़ी, दूदू, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, डीग और जयपुर ग्रामीण को जल संकट से छुटकारा मिल पाएगा। ERCP के लिए 45 हजार करोड़ का बजट कब पूरी होगी परियोजना 5. पुरानी योजनाओं को बंद नहीं करेंगे राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान कई जगहों पर पीएम मोदी ने कहा था- बीजेपी की सरकार बनने पर कांग्रेस सरकार की योजनाओं को बंद नहीं किया जाएगा। राजस्थान में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की 100 यूनिट फ्री बिजली, अन्नपूर्णा किट, महिलाओं को फ्री स्मार्टफोन, 25 लाख तक का मुफ्त इलाज जैसी कई पॉपुलर योजनाएं थीं। हकीकत : सत्ता में आने के बाद भजनलाल सरकार ने कांग्रेस की कुछ योजनाओं को तो बंद कर दिया, कुछ में शर्त जोड़ दी। कई योजनाओं को मर्ज कर दिया। जैसे- मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना का केंद्र की अन्य योजना में मर्ज कर दिया गया। पूर्व सीएम अशोक गहलोत भी आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने X हैंडल पर लिखा था- हमें किसी योजना का नाम बदलने पर एतराज नहीं है लेकिन आप जांच करवा लीजिए, भाजपा सरकार बनने के बाद राजस्थान में कांग्रेस सरकार की योजनाओं को या तो बंद कर दिया गया है या फिर कमजोर कर दिया है। 6. पीएम किसान निधि को बढ़ाकर 12 हजार रुपए वार्षिक करना 18 नवंबर 2023 को पीएम मोदी ने चुनावी प्रचार के दौरान वादा किया था कि जैसे ही यहां बीजेपी सरकार बनेगी, राजस्थान के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि में 12 हजार रुपए मिलने शुरू हो जाएंगे। तब किसानों को 9,000 रुपए ही किसान सम्मान निधि में मिल रहे थे। राजस्थान में करीब 6 करोड़ लोग सीधे रूप से कृषि कार्यों से जुड़े हुए हैं। ऐसे में घोषणा के जरिए भाजपा किसान वोटर्स और उनके परिवारों को साधने की कोशिश की थी। हकीकत : सरकार बनने के 2 साल होने वाले हैं। लेकिन अभी तक किसानों को वही 9 हजार रुपए ही किसान सम्मान निधि के तहत मिल रहे हैं। पूर्व सीएम अशोक गहलोत भी इस मुद्दों को उठा चुके हैं। हालांकि कुछ दिन पहले ही 5 दिसंबर को श्रीगंगानगर में एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि किसान सम्मान निधि में 3000 बढ़ाए जाएंगे, किसानों को सालाना ₹12000 मिलेंगे। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल बोले-
नमस्कार, कल की सबसे बड़ी खबर इंडिगो से जुड़ी रही। एयरलाइन ने यात्रियों को अब तक 610 करोड़ रुपए वापस कर दिए। दूसरी बड़ी खबर भोजपुरी स्टार पवन सिंह को लॉरेंस गैंग की धमकी मिलने की रही। ⏰ आज का प्रमुख इवेंट, जिस पर रहेगी नजर... कल की बड़ी खबरें... 1. इंडिगो ने यात्रियों को ₹610 करोड़ रिफंड किए, छठे दिन भी 650+ फ्लाइट कैंसिल इंडिगो ने यात्रियों को अब तक 610 करोड़ रुपए का रिफंड दिया है। साथ ही देशभर से 3 हजार से ज्यादा बैगेज लौटाए हैं। रविवार को भी 650 से ज्यादा फ्लाइट कैंसिल हुईं। यात्रियों की मदद के लिए स्पेशल सपोर्ट सेल बनाए गए हैं। एयरलाइन ने 10 दिसंबर तक हालात सामान्य होने की बात कही है। DGCA ने इंडिगो के CEO से जवाब मांगा: डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स को नोटिस जारी किया है। उन्हें बताना होगा कि पिछले 6 दिन से जारी संकट के चलते कंपनी पर एक्शन क्यों न लिया जाए। जवाब न देने पर DGCA एकतरफा फैसला ले सकेगा। मामले की जांच के लिए DGCA ने चार सदस्यों का पैनल बनाया है, जो 15 दिन में अपनी रिपोर्ट और सुझाव देगा। पढ़ें पूरी खबर... 2. स्मृति मंधाना-पलाश मुछाल की शादी कैंसिल, स्मृति ने कहा- मामले को यहीं खत्म करना चाहती हूं क्रिकेटर स्मृति मंधाना और सिंगर पलाश मुछाल की शादी टूट गई है। दोनों ने इंस्टाग्राम पर स्टोरी लगाकर इसकी जानकारी दी। शादी 23 नवंबर को होनी थी, लेकिन उसी दिन सुबह शादी टल गई। संगीत से लेकर हल्दी के कार्यक्रम हो चुके थे। सोशल मीडिया में दावा किया गया कि पलाश ने स्मृति के साथ धोखा किया है। इसी बीच स्मृति ने सोशल मीडिया अकाउंट से शादी से जुड़ी सभी तस्वीरें हटा दी थीं। पलाश-स्मृति की मुलाकात 2019 में हुई थी: दोनों मुंबई में एक दोस्त के जरिए मिले थे। फिर दोनों के बीच दोस्ती हो गई, जो प्यार में बदल गई। दोनों ने अपनी रिलेशनशिप को चुपचाप आगे बढ़ाया। करीब 5 साल बाद यानी 2024 में दोनों ने अपने रिश्ते के बारे में फैंस को बताया था। पढ़ें पूरी खबर... 3. इंस्पेक्टर की मौत में महिला सिपाही गिरफ्तार, 3 लाख का हार दिलवाया, 25 लाख मांग रही थी यूपी के जालौन में इंस्पेक्टर अरुण कुमार राय की मौत मामले में महिला सिपाही मीनाक्षी शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस उसे रविवार को कोर्ट ले गई, जहां से 14 दिन के लिए उरई जेल भेज दिया गया। वहीं, कोर्ट जाने के दौरान महिला सिपाही ट्रैक सूट पहने थी और चेहरे पर रुमाल बांध रखा था। सिपाही मीनाक्षी शर्मा उस समय इंस्पेक्टर अरुण के कमरे में थी, जब उनकी मौत हुई। इसके बाद इंस्पेक्टर अरुण की पत्नी माया राय ने मीनाक्षी शर्मा पर हत्या करने या करवाने की FIR कराई थी। हालांकि, शुरुआती जांच इशारा कर रही है कि महिला सिपाही को कमरे में देखते ही इंस्पेक्टर ने खुद को गोली मार ली। मीनाक्षी सिर्फ 3 मिनट में थाने में आई और भाग गई। शादी में 25 लाख खर्च करने का दबाव बना रही थी मीनाक्षी की शादी फरवरी, 2026 में होनी है। इंस्पेक्टर के करीबी लोगों ने बताया कि वह इंस्पेक्टर पर शादी का पूरा खर्च उठाने का दबाव बना रही थी। वह 25 लाख रुपए खर्च करने की डिमांड कर रही थी। धमकी देती थी कि अगर शादी का खर्च नहीं उठाया तो इंस्पेक्टर से जुड़ा कथित वीडियो पत्नी को भेज देगी। इंस्पेक्टर इससे काफी परेशान थे। पढ़ें पूरी खबर... 4. पवन सिंह को लॉरेंस गैंग की धमकी, सलमान के साथ स्टेज शेयर न करने की चेतावनी पवन सिंह अब तक 250 से ज्यादा फिल्में कर चुके हैं और 100 से ज्यादा गाने गा चुके हैं। (फाइल फुटेज) भोजपुरी स्टार पवन सिंह को लॉरेंस गैंग के नाम पर धमकी मिली है। कॉल करने वाले ने सलमान खान के साथ बिग बॉस फिनाले में स्टेज शेयर न करने की चेतावनी दी। इसके बाद पुलिस ने पवन सिंह की सुरक्षा बढ़ा दी और मामले की जांच कर रही है। हालांकि, पवन सिंह बिग बॉस के फिनाले में शामिल हुए। लॉरेंस के टारगेट पर हैं सलमान: साल 1998 में सलमान खान पर काले हिरण के शिकार का आरोप लगा था। इसी मामले को लेकर लॉरेंस बिश्नोई ने कई बार उन्हें जान से मारने की धमकी दी है। पिछले साल सलमान के घर पर फायरिंग भी हुई थी। बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद उनसे 5 करोड़ रुपए की मांग की गई। दरअसल, बिश्नोई समुदाय में काले हिरण को पवित्र माना जाता है। पढ़ें पूरी खबर... 5. फिल्ममेकर विक्रम अरेस्ट, फिल्म बनाने के नाम पर ₹30 करोड़ ठगने का आरोप फिल्ममेकर विक्रम भट्ट और उनकी पत्नी को मुंबई और राजस्थान पुलिस ने अरेस्ट किया। दोनों पर उदयपुर के व्यापारी से फिल्म बनाने के नाम पर 30 करोड़ रुपए की ठगी का आरोप है। विक्रम भट्ट को मुंबई में साली के घर से पकड़ा गया। पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर उन्हें उदयपुर लेकर जाएगी। फिल्ममेकर ने पत्नी के खाते में पैसे मंगवाए: पीड़ित डॉ. अजय मुर्डिया का आरोप है कि विक्रम भट्ट ने उनकी पत्नी की बायोपिक बनाने के नाम पर उनसे पैसे ठगे। यह रकम फर्जी वेंडर्स के खातों में ट्रांसफर कराई गई और बाद में पत्नी के खाते में भेजी गई। विक्रम भट्ट ने बॉलीवुड में अब तक लगभग 40 फिल्में बनाई हैं। पढ़ें पूरी खबर... 6. रूस ने यूक्रेन पर 700 हवाई हमले किए, गलती से अपने शहर पर गिराया 1000kg का बम रूस ने यूक्रेन पर करीब 700 ड्रोन और मिसाइलों से बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें कई बिजली स्टेशन और रेलवे ढांचे को नुकसान पहुंचा। 8 लोग घायल हो गए। हमले के दौरान रूस ने गलती से अपने ही शहर बेल्गोरोड पर 1000 किलो का बम गिरा दिया। हालांकि कोई नुकसान नहीं हुआ। इस बीच युद्ध रोकने को लेकर अमेरिका-यूक्रेन वार्ता भी बेनतीजा रही। 2022 से जारी रूस-यूक्रेन जंग: रूस ने यूक्रेन के करीब 20% इलाके पर कब्जा कर लिया है। इस जंग में हजारों लोग मारे गए और लाखों यूक्रेनी विस्थापित हुए हैं। युद्ध खत्म कराने के लिए ट्रम्प ने दोनों देशों के नेताओं से बातचीत की है। हाल ही में ट्रम्प ने पुतिन के साथ अलास्का में बैठक की, जो 80 साल में किसी रूसी नेता की पहली यात्रा थी। पढ़ें पूरी खबर... आज का कार्टून ⚡ कुछ अहम खबरें हेडलाइन में… ️ बयान जो चर्चा में है... खबर हटके... महाराष्ट्र में मिली दुनिया की सबसे छोटी भैंस महाराष्ट्र में राधा नाम की दुनिया की सबसे छोटी भैंस मिली है, जिसका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ है। भैंस की लंबाई सिर्फ 2 फीट 8 इंच है। फोटो जो खुद में खबर है भास्कर की एक्सक्लूसिव स्टोरीज, जो सबसे ज्यादा पढ़ी गईं… करेंट अफेयर्स ⏳आज के दिन का इतिहास ️ मौसम का मिजाज कर्क राशि वालों को रुका पैसा मिल सकता है। बिजनेस के लिहाज से भी अनुकूल दिन है। जानिए आज का राशिफल... आपका दिन शुभ हो, पढ़ते रहिए दैनिक भास्कर ऐप… मॉर्निंग न्यूज ब्रीफ को और बेहतर बनाने के लिए हमें आपका फीडबैक चाहिए। इसके लिए यहां क्लिक करें...
मध्य प्रदेश विधानसभा का पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया, लेकिन अपने पीछे कई सवाल छोड़ गया। इस सत्र में विपक्ष की भूमिका सदन के बाहर प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन तक सीमित रही, जबकि सत्ता पक्ष के विधायकों ने ही अपनी सरकार को घेरकर 'असली विपक्ष' की भूमिका निभाई। पांच दिनों तक चले इस सत्र की चार बैठकों में 100 तारांकित सवालों में से 60 सवाल सत्ता पक्ष के विधायकों ने ही पूछे। वहीं, विपक्ष सिवनी हवाला कांड और लैंड पुलिंग जैसे गंभीर मुद्दों पर सदन में खामोश रहा। सत्र के दौरान चार विधेयक पारित हुए और 13,474 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया गया, लेकिन विधायकों की गैरहाजिरी भी चर्चा का विषय बनी रही। पढ़िए इस सत्र से जनता को क्या हासिल हुआ? सदन के बाहर विपक्ष का प्रदर्शन: पूतना, बंदर और प्रतीकों की राजनीतिविपक्ष ने सदन के भीतर सार्थक बहस करने के बजाय, बाहर प्रदर्शनों पर ज़्यादा ध्यान केंद्रित किया इन गंभीर मुद्दों पर सदन में खामोश रहा विपक्ष जब अपनों ने ही निभाई 'विपक्ष' की भूमिकासत्र की सबसे चौंकाने वाली बात सत्ता पक्ष के विधायकों का अपनी ही सरकार से तीखे सवाल पूछना था। 1. खंडवा की सुरक्षा पर सरकार और मंत्री आमने-सामनेसत्र के दूसरे दिन खंडवा की भाजपा विधायक कंचन तनवे ने अपने क्षेत्र में SAF बटालियन की मांग उठाई। इस पर राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि खरगोन में बटालियन प्रस्तावित है, खंडवा में जरूरत नहीं। विधायक तनवे ने पलटवार किया: 'खंडवा के एक मदरसे से 20 लाख के नकली नोट मिले हैं। यह इलाका सिमी जैसी आतंकी गतिविधियों का केंद्र रहा है। वहां तुरंत बटालियन की जरूरत है।' मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने समर्थन किया: 'खंडवा इतना संवेदनशील है कि वहां बिना पुलिस सुरक्षा के त्योहार नहीं मनाए जा सकते। विधायक की मांग पूरी तरह सही है।' मंत्री विजय शाह भी समर्थन में उतरे: 'यह जिला आतंकियों की हिट लिस्ट में रहा है। यहां जेल टूटने और एनकाउंटर जैसी घटनाएं हो चुकी हैं।' बढ़ते दबाव के बाद राज्यमंत्री पटेल बैकफुट पर आ गए और कहा कि मंत्री विजयवर्गीय के बयान को ही सरकार की आधिकारिक राय माना जाए। 2.भ्रष्टाचार, जनता की समस्या पर भी बीजेपी विधायक मुखरराजेंद्र पांडे (भाजपा): 'निजी स्कूलों में मनमानी फीस, यूनिफॉर्म और किताबों को लेकर लूट मची है। वॉशरूम में कैमरे लगाए जा रहे हैं। सरकार क्या कर रही है?' सरकार का जवाब: हम जागरूकता कार्यक्रम चलाएंगे। भगवानदास सबनानी (भाजपा): 'RGPV विश्वविद्यालय में वित्तीय अनियमितताओं पर क्या कार्रवाई हुई? क्या धारा 54 लगाई जाएगी?' सरकार का जवाब: फॉरेंसिक ऑडिट चल रहा है, अंतिम रिपोर्ट नहीं मिली है। दिनेश राय मुनमुन (भाजपा): 'बसों में अवैध किराया वसूला जा रहा है। सिवनी से नागपुर के 275 और जबलपुर के 300 रुपए लिए जा रहे हैं। यात्रियों को टिकट तक नहीं दिया जाता।' सरकार का जवाब: बसों की नियमित जांच होती है। ऑल इंडिया परमिट केंद्र सरकार देती है, जिस पर राज्य का नियंत्रण नहीं है। सदन की प्रमुख बहस और पारित विधेयक मक्का खरीदी पर हंगामा: नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने जब मक्का की MSP पर खरीदी को लेकर सवाल पूछा, तो कृषि मंत्री एंदल सिंह कसाना ने जवाब दिया- 'वेट एंड वॉच।' इस पर सदन में भारी हंगामा हुआ और कांग्रेसी विधायक वेल में आ गए। अतिक्रमण के खिलाफ चलेगा अभियान: सदन में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण का मुद्दा उठने पर नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने घोषणा की कि मुख्यमंत्री से समीक्षा बैठक के बाद SIR ( स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) पूरा होने पर पूरे प्रदेश में अतिक्रमण हटाने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया जाएगा।
करनाल के घरौंडा क्षेत्र में नेशनल हाइवे पर अवैध कट सड़क सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं। सड़क सुरक्षा समिति की हर माह बैठकों और एनएचएआई के दावों के बावजूद हालात नहीं सुधरे हैं। कई जगह रेलिंग काटकर झाड़ियों में फेंक दी गई है और कंक्रीट ब्लॉक को साइड में खिसका दिया गया है। पैट्रोल पंपों, ढाबों और शराब के ठेकों के सामने पक्का रास्ता बना कर वाहन सीधे हाईवे पर चढ़-उतर रहे हैं। इससे हर समय हादसे का डर बना रहता है। रात में यह खतरा और बढ़ जाता है। हाईवे पर बने इतने ज्यादा अवैध कट किसी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। नियम-कानून को धत्ता बता बनाई जा रही खतरे की राह स्थानीय लोगों के अनुसार हाईवे सुरक्षित होना चाहिए था। वाहन चालक सुरेश कुमार, ब्रिंदावन, उमेश कुमार, रमेश पाठक, टेकचंद, विकास कुमार, भरोसे लाल, प्रदीप कुमार, जगपाल सिंह व अन्य बताते हैं कि एनएचएआई ने कंक्रीट वाल, रेलिंग, फेंसिंग और रिटेनिंग वाल तो बना दी, लेकिन अवैध कटों पर कोई रोक नहीं लगी। हर समय यही डर रहता है कि कहीं वाहनों के सामने अचानक कोई दूसरी दिशा से न आ जाए। रेलिंग काटकर फेंक दी झाड़ियों में, ब्लॉक खिसकाकर बनाए रास्ते कई स्थानों पर तो नियमों की धज्जियां उड़ाने की हद कर दी गई है। एक गोदाम के सामने पूरी रेलिंग काट दी गई और उसे सर्विस रोड की झाड़ियों में फेंक दिया गया। अब अगर वह हिस्सा चोरी हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? वहीं, दूसरी जगह कंक्रीट ब्लॉक को साइड में रखकर सीधा रास्ता बना दिया गया है। शराब के ठेकों पर भी इसी तरह अवैध रास्ते तैयार कर दिए गए हैं, जहां से हर समय वाहन तेज रफ्तार में हाईवे पर चढ़ते-उतरते हैं और हादसों को निमंत्रण देते हैं। हर माह बैठकें, फिर भी जमीनी स्तर पर कार्रवाई गायब सड़क सुरक्षा समितियों की बैठकों में सड़क सुरक्षा के मुद्दे उठाए जाते हैं, लेकिन धरातल पर चेकिंग कम और अवैध गतिविधियां ज्यादा दिख रही हैं। जो ढाबे, पैट्रोल पंप, शराब के ठेके या गोदाम हाईवे से अवैध कट बनाकर धंधा चमका रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जरूरत है। लेकिन सवाल यह है कि क्या वास्तव में कोई एक्शन लिया जाएगा? एनएचएआई अधिकारियों से संपर्क मुश्किल जब मीडिया ने इस संदर्भ में जानकारी लेने के लिए एनएचएआई अधिकारियों को कॉल किया तो किसी ने फोन तक नहीं उठाया। इससे यह भी संदेह उठता है कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से बच रहे हैं या समस्या से आंखें मूंदे हुए हैं। लोगों में बढ़ रहा आक्रोश, हादसे का डर बना रहता हमेशा स्थानीय वाहन चालक कहते हैं कि सड़क सुरक्षा एनएचएआई की पहली जिम्मेदारी है। सड़क सुरक्षा के नाम पर केवल बैठकों और कागजी कार्यवाही से हालात नहीं सुधरेंगे। हाईवे सुरक्षित तभी बन सकता है जब अवैध कटों को बंद कर सख्ती से नियम लागू किए जाएं। लोग प्रशासन और एनएचएआई से अपेक्षा कर रहे हैं कि सड़क सुरक्षा पर ध्यान दिया जाए, ताकि बेवजह हादसों में किसी की जान न जाए। जिम्मेदार विभाग कब संज्ञान लेता है और कब कार्रवाई होती है, यह देखने वाली बात होगी।
नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर में 282 मरीजों ने कराया इलाज
भास्कर संवाददाता। मुरैना मेजर रामकुमार शर्मा परमार्थ न्यास द्वारा रविवार को नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य शिविर का शुभारंभ रामचरित मानस का पाठ एवं विनय पत्रिका की कथा के साथ हुई। इस शिविर में 282 मरीजों ने स्वास्थ्य परीक्षण कराया। जिनमें दन्त रोग के 90, मेडिसिन के 85, नाक-कान-गला के 36, सर्जरी के 40, अस्थि रोग के 49, नेत्र रोग के 29, त्वचा रोग 20 मरीज शामिल थे। शिविर के दौरान मरीजों की नि:शुल्क ब्लड प्रेसर, ईसीजी जांच की गई। इस दौरान 30 लोगों ने 30 नशा छोड़ने का संकल्प लिया। मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण डॉ. एसके शर्मा, डॉ. बीएल राजपूत, डॉ. भानु, डॉ. राजेश, डॉ. दीपक बंसल, डॉ भूपेंद्र ने किया।
कथा के भंडारे में श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया प्रसाद
झुंडपुरा। कस्बे के कैनाल नहर पहुंच मार्ग स्थित देवस्थान पर बांके बिहारी हनुमानजी महाराज के सानिध्य में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का समापन रविवार को हुआ। कथा समापन के अवसर पर आयोजित भंडारे में हजारों श्रद्धालुओं ने पहुंचकर प्रसादी ग्रहण की। सुबह 10 बजे आरंभ हुआ भंडारा देर रात तक निरंतर चलता रहा। जिसमें नगर सहित आसपास क्षेत्रों से महिलाएं, पुरुष और वरिष्ठजन बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए। भागवत कथा के समापन पर कथा व्यास रामभूषण दास महाराज ने कहा कि भगवान की कथा सुनने से मनुष्य के जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और आनंद का संचार होता है। उन्होंने बताया कि भगवान सांसारिक वस्तुओं से नहीं, बल्कि सच्चे भाव और भक्ति से प्रसन्न होते हैं।
खेत की मिट्टी हटाने पर जेठ ने बहू को पीटा,केस
श्योपुर| खेत की मेढ़ से मिट्टी हटाने का उलाहना देना एक महिला को उस समय भारी पड़ गया जब उसके ही जेठ ने गाली-गलौज करते हुए उस पर फावड़े से हमला कर दिया। इससे उसके पैर में चोट आई है। घटना रघुनाथपुर थाना क्षेत्र के रिझेंटा गांव की है। पुलिस ने आरोपी जेठ के खिलाफ मारपीट के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। रघुनाथपुर पुलिस ने बताया कि गोपाली, पत्नी भागीरथ केवट, और रघुवीर, पुत्र रामचरन केवट, आपस में एक ही परिवार के लोग हैं। रघुवीर, गोपाली बाई का रिश्ते में जेठ लगता है। रविवार को खेत की मिट्टी हटाने की बात को लेकर उनके बीच मुंहवाद हो गया। इस दौरान रघुवीर ने तैश में आकर गोपाली बाई पर फावड़े से हमला किया। गनीमत रही कि फावड़ा महिला के सिर के बजाय पैर में लगा, जिससे उसे हल्की चोट आई है।
सेफ्टी वॉल को फांदकर नहर में गिरी लोडिंग, 2 जख्मी
झुंडपुरा । अंबाह ब्रांच कैनाल किनारे की सड़क से गुजर रहा लोडिंग वाहन सेफ्टी वॉल को लांघ कर नहर में गिर गया। यह लोडिंग वाहन दवाओं से भरा हुआ था। नहर में पानी कम था इसलिए बड़ा हादसा टल गया। ड्राइवर व कंडेक्टर चोट लगने से घायल हो गए। देवगढ़ थाना क्षेत्र का शाला चौकी मोड़ लगातार दुर्घटनाओं का केंद्र बना हुआ है। रविवार को लोडिंग वाहन इसी मोड़ पर सेफ्टी वॉल से टकराया और गिर पड़ा। यह लोडिंग इतनी रफ्तार में था कि सेफ्टी वॉल को पार कर नहर में जा गिरा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जख्मी लोगों को उपचार के लिए भेजा। थाना प्रभारी देवगढ़ जयपाल सिंह के मुताबिक उपचार के बाद ड्राइवर कंडेक्टर से पूछा जाएगा कि दवाएं कहां ले जाई जा रही थी। चंबल नहर प्रणाली 60 के दशक में शुरू हुई थी। नहरों के निर्माण के बाद इसके किनारे सड़क बनाई गई थीं। यही वजह है कि मुरैना से सबलगढ़ तक आधा दर्जन जगहों पर इस सड़क पर तीखे मोड़ हैं। यहां पर सेफ्टी वॉल का निर्माण कराने वाली निर्माण एजेंसी ने ब्लैक स्पॉट के निदान के लिए कोई काम नहीं किया है। अब देवगढ़ पुलिस विभाग को पत्र लिख रही है, जिसमें शाला मोड और ऐसी अन्य जगहों पर बोर्ड के अलाव अन्य सुरक्षा संकेत लगाने की बात कही जा रही है।
राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्के बादलों की आवाजाही ने उत्तरी हवा की रफ्तार कमजोर हो गई है। इससे न्यूनतम और अधिकतम तापमान में 3 डिग्री तक की बढ़ोतरी होने से सर्दी कम हो गई है। बाड़मेर के बाद रविवार को चित्तौड़गढ़ में भी दिन का अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। सीकर, फलोदी, चूरू में न्यूनतम तापमान में 2 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी हुई। मौसम विशेषज्ञों ने राज्य में अगले एक-दो दिन इसी तरह का तापमान रहने और राज्य में कोल्ड-वेव से राहत रहने की संभावना जताई है। जबकि अगले एक सप्ताह मौसम शुष्क रहने का अनुमान जताया है। पिछले 24 घंटे के दौरान रविवार को सबसे कम तापमान फतेहपुर में 3.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। फतेहपुर के अलावा लूणकरणसर और माउंट आबू (सिरोही) ऐसे शहर रहे, जहां न्यूनतम तापमान 5 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। सीकर में न्यूनतम तापमान 6.8, चूरू में 6.3, करौली में 6.4, दौसा में 6, सिरोही में 7.3, झुंझुनूं में 7.2, वनस्थली (टोंक) 6.4, चित्तौड़गढ़ में 8.3, उदयपुर में 8.6, श्रीगंगानगर में 8.5, बारां में 8.9, जालोर, अजमेर में 8.8, भीलवाड़ा में 8.6, पिलानी में 7.6, जयपुर में 10.6 और कोटा में 9.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। पश्चिमी जिलों में छाए बादल रविवार को दिन में जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, गंगानगर और बाड़मेर के कुछ हिस्सों में हल्के बादल छाए रहे। ऊंचाई वाले हल्के बादल छाने से इन एरिया में दिन में धूप थोड़ी कमजोर रही। सबसे अधिक अधिकतम तापमान जोधपुर में 32.3, बाड़मेर में 32, चित्तौड़गढ़ में 30.4, जालोर में 30.9, जैसलमेर में 29.6, अजमेर में 28.8, जयपुर में 28.2, कोटा में 27.2, उदयपुर में 27.9, बीकानेर में 28.4 और फलोदी में 26.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। अब आगे क्या? मौसम केन्द्र जयपुर के मुताबिक राज्य में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव पश्चिमी जिलों में आज भी रहने की संभावना है। इस दौरान यहां आसमान में ऊंचाई पर हल्के बादल छा सकते है। जबकि शेष राज्य में मौसम बिल्कुल शुष्क रहेगा और शेखावाटी समेत पूर्वी राजस्थान के जिलों में तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे दर्ज होगा। इस दौरान शेखावाटी के एरिया में कोल्ड-वेव से राहत रहेगी।
पत्नी मायके में थी, युवक ने की आत्महत्या
भिंड| बरोही थाना क्षेत्र अंतर्गत एक युवक द्वारा घर में फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। आत्महत्या की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार पीपरी स्थित लला सिंह का पुरा निवासी 27 वर्षीय विकास ने रविवार सुबह करीब 11 बजे घर के बाहर वाले कमरे में फांसी लगा ली। कुछ देर बाद मृतक की मां सखी देवी पहुंचीं तो उन्होंने बेटे को फंदे पर लटका देखा। इसके बाद अन्य परिजन को जानकारी दी और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को उतरवाकर जिला अस्पताल भेजा जहां पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। मृतक की मां ने बताया कि करीब 15 दिन पहले विकास की पत्नी शिवानी मायके गई हुई है। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है।
शॉर्ट सर्किट से दुकान में लगी आग, दोना-पत्तल जले
भिंड| मिहोना नगर में रविवार को शॉट सर्किट के कारण एक पत्तल-दोना की दुकान में आग लगने की घटना हो गई। घटना की जानकारी लगते ही फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाया। जानकारी के अनुसार नगर में शंकर मंदिर के पास व्यापारी सुनील गुप्ता की पत्तल-दोना की दुकान है। रविवार को सुनील गुप्ता की दुकान में अचानक शॉट सर्किट के कारण आग लग गई। आग लगने से दुकान में धुआं उठता देख आसपास के लोगों ने इसकी सूचना मिहोना पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग बुझाने के प्रयास शुरू किए। फायर ब्रिगेड ने पानी फेंक कर दुकान में लगी आग बुझाई। तब तक दोना पत्तल जल गए।
युवक को पीटकर तोड़ी सोने की चेन
भिंड| रौन कस्बा में बायपास रोड पर खड़े एक युवक के साथ विवाद करते हुए आरोपियों द्वारा मारपीट की गई। इस दौरान आरोपियों ने युवक की सोने की चेन तोड़ दी। शिकायत पर जांच के बाद रौन पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया है। फरियादी रामनारायण कुशवाह ने पुलिस को बताया कि बीते 32 नवंबर को लखन पैलेस के पास आरोपी अभि कुशवाह, चंदन कुशवाह, श्यामसुंदर कुशवाह एवं अखिलेश ने विवाद के चलते उससे मारपीट की। इस दौरान आरोपियों ने उसके गले की सोने की चेन तोड़ दी। पुलिस ने जांच के बाद मामला दर्ज किया है।
समाधान योजना: 20 उपभोक्ताओं का अतिरिक्त चार्ज माफ
भास्कर संवाददाता | भिंड शहर के गौरी सरोवर पर व्यायामशाला में बिजली कंपनी द्वारा समाधान योजना शिविर लगाया गया। शिविर आईटीआई और बीटीआई जोन के उपभोक्ताओं को लाभ देने के लिए लगाया गया, जिसमें 20 बिजली उपभोक्ताओं का बिल में लगाया गया अतिरिक्त चार्ज माफ किया गया। अवसर पर महाप्रबंधक बिजली कंपनी अमरेश शुक्ला, डीई विशाल उपाध्याय सहित नपा पार्षद और कर्मचारी मौजूद रहे। रविवार सुबह 11 बजे गौरी रोड पर शिविर में बिजली बिल का सरचार्ज माफ कराने के लिए बड़ी संख्या में उपभोक्ता पहुंचे। बिजली कंपनी सहायक प्रबंधक छविराम पाल ने बताया कि बिजली कंपनी द्वारा समाधान योजना शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। जिसमें बिजली उपभोक्ताओं को दिए गए अतिरिक्त बिल में लगे हुए चार्ज और अतिरिक्त राशि को माफ किया जा रहा है। योजना के तहत बिल में जोड़े गए सरचार्ज को माफ किया जा रहा है। इसके साथ ही अधिक सरचार्ज और बिजली बिल को किश्तों में भी जमा करने की सुविधा दी गई है। बिजली उपभोक्ता इसका लाभ लेकर अपना बिजली बिल जमा कर सकते हैं। गौरी रोड पर आयोजित शिविर में शहर के आईटीआई और बीटीआई जोन के उपभोक्ताओं को लाभ देते हुए कुल 4 लाख 30 हजार बिल जमा कराया। इस अवसर पर बिजली अधिकारियों ने अन्य जोन के उपभोक्ताओं को आगामी दिनों में लगने वाले शिविरों में लाभ लेने की अपील की गई। आयोजित शिविर में बिजली कंपनी प्रबंधक मोहम्मद रहीस शिद्दकी, राकेश शर्मा, सहायक प्रबंधक नरेंद्र प्रताप सिंह, सहायक प्रबंधक शशिभूषण त्रिपाठी, फीडर प्रभारी भानु भदौरिया, राजकुमार त्रिपाठी, पुष्पेंद्र सिंह व किशन सोनी सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।
बीमारी से परेशान युवक ने पेड़ पर फांसी लगाई, मौत
भिंड| ऊमरी कस्बे में रविवार दोपहर घर से काम पर जाने के लिए निकले 40 साल के युवक ने पेड़ पर फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। ऊमरी कस्बा निवासी मांतोली खटीक 40 साल रविवार दोपहर को अपने परिजनों से काम पर जाने की बात कहकर निकला था। कस्बे से 3 किमी दूर शाम 4:30 बजे बंद चल रहे राजावत फिलिंग सेंटर के पीछे जामुन के पेड़ पर आसपास के लोगों को एक शव लटकता दिखाई दिया। सूचना मिलने पर ऊमरी पुलिस मौके पर पहुंची। यहां जांच करने पर मृतक की शिनाख्त मंतोली जाटव के रूप में हुई। पुलिस ने घटना की सूचना मृतक के परिजनों को देते हुए शव को पीएम के लिए अस्पताल पहुंचाया। परिजनों ने बताया कि युवक लंबे समय से बीमार होने के कारण परेशान था।
विशेष गहन पुनरीक्षण संशोधित बैठक आज
भिंड|निर्वाचक नामावली का विशेष गहन पुनरीक्षण 2026 के संबंध में संशोधित कार्यक्रम प्रेषित किया गया गया। जिसके संबंध में कलेक्टर की अध्यक्षता में 8 दिसंबर को दोपहर 2 बजे कलेक्ट्रेट सभाकक्ष भिंड में बैठक आयोजित होने जा रही है। अतः उक्त बैठक में मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के अध्यक्ष, सचिव उपस्थित रहेंगे।
भिंड| मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र बिजली वितरण कंपनी द्वारा सोमवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें स्मार्ट मीटर से होने वाले लाभ के साथ ही उपभोक्ता हित की योजनाएं जैसे बकायादार उपभोक्ताओं के लिए समाधान योजना 2025-26, 5 रुपये में नवीन कनेक्शन, सोलर रूफटॉप तथा बिजली से होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम और बचाव की जानकारी दी जाएगी। कंपनी के महाप्रबंधक अमरेश शुक्ला ने बताया कि यह कार्यशाला 8 दिसंबर सोमवार को दोपहर 3 बजे MPEB कैंपस वाटर वर्क्स कार्यालय सभागार में आयोजित होगी।
दुल्हागन गांव में रंजिश पर युवक से मारपीट
भिंड| फूफ के दुल्हागन गांव निवासी एक युवक के साथ पुरानी रंजिश को लेकर आरोपियों द्वारा मारपीट की गई। फरियादी विकास दैपुरिया ने बताया कि शनिवार शाम 6:30 बजे के करीब जब वह गणपति ढाबा के पास खड़ा था, तभी अखिलेश बघेल और जयवीर बघेल ने पुरानी रंजिश पर उसके साथ मारपीट कर दी। इस दौरान आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी भी दी। फूफ पुलिस ने शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया।
विनोद नगर में विवाद पर युवक को पीटा, केस दर्ज
भिंड| शहर के विनोद नगर में पुराने विवाद पर एक 26 साल के युवक से मारपीट की गई। फरियादी शिवम कुशवाह ने बताया कि शनिवार शाम 5 बजे के करीब विजय नगर निवासी हिमांशु जाटव ने उसके साथ मारपीट करते हुए जान से मारने की धमकी दी। सिटी कोतवाली पुलिस ने शिकायत पर आरोपी के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। साथ ही आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
संस्थाओं से ऑनलाइन आवेदन 20 तक
भिंड|जनपद पंचायत अटेर के ग्रामीण क्षेत्रों में जिन पंचायतों में शासकीय उचित मूल्य दुकान नहीं है, उन पंचायतों में नवीन उचित मूल्य दुकान खोली जाने के लिए पात्र संस्थाओं से निर्धारित प्रारूप में ऑनलाइन आवेदन पत्र दिनांक 5 दिसंबर से 20 दिसंबर तक आंमत्रित किए गए हैं। बेवसाइट mrationmitra.nic.in पर ऑनलाइन किये जा सकेंगे। जनपद पंचायत अटेर में दुकान विहीन पंचायतें अटेर में नरीपुरा, बिरगवां पावई, सोरा, पिथनपुरा निर्धारित हैं। पात्र संस्थाएं आवेदन की अर्हताएं की अधिक जानकारी के लिए संबंधित अनुविभागीय अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
हाईटेक खेती के विख्यात धौद का कुंडलपुर गांव जिले के किसानों के लिए रोल मॉडल बन चुका है। 3500 की आबादी वाले गांव में करीब 1000 लोग इस हाइटेक खेती से जुड़े हैं।किसान इजरायल की तर्ज पर ग्रीन हाउस व शेडनेट तकनीक से सब्जियों की खेती कर रहे हैं। खेती से किसानों को सालाना 50 करोड़ से ज्यादा की इनकम होने लगी है। सिंचाई भी हाईटेक सुविधा से की जाती है। 40 से ज्यादा किसान शेडनेट व ग्रीन हाउस बनाकर खेती कर रहे हैं। इस नवाचार को देखकर उद्यान विभाग ने गांव को हाईटेक हॉर्टिकल्चर मॉडल क्लस्टर गांव घोषित किया है। उद्यान विभाग के कृषि अधिकारी शंकरलाल ने बताया कि गांव में हाईटेक खेती की शुरुआत 10 साल पहले किसान प्रेमाराम यादव ने की थी। इसके बाद गांव में 70 प्रतिशत तक किसान खेती में ये तकनीक अपनाने लगे हैं। लोटनल, ग्रीन व शेडनेट हाउस में ज्यादातर किसान खीरा, टमाटर, मिर्च, फूल की खेती कर रहे हैं। एक साल पहले उद्यान विभाग ने लगवाए थे 28 ग्रीन व शेडनेट हाउस हाईटेक हॉर्टिकल्चर मॉडल क्लस्टर योजना में शामिल करने के बाद उद्यान विभाग ने पिछले साल जिले में करीब 60 ग्रीन व शेडनेट हाउस लगवाए थे। इनमें सबसे ज्यादा 28 ग्रीन व शेडनेट हाउस अकेले कुंडलपुर में लगवाए थे। विभाग ने करीब 50 करोड़ रुपए किसानों को अनुदान दिया था। मॉडल गांव का चयन हाईटेक तकनीक अपनाने वाले किसानों की संख्या के आधार पर किया गया है। पिछले साल 24 ग्रीन हाउस व 4 शेडनेट हाउस लगाए गए थे। पहले से भी एक दर्जन ग्रीन व शेडनेट हाउस लगे हैं। ये है हाईटेक खेती पर अनुदान की योजना ग्रीन हाउस : इकाई लागत का 95 प्रतिशत के अनुसार 2 हजार वर्ग मीटर क्षमता के ग्रीन हाउस पर एक किसान को अधिकतम 16.91 लाख रुपए तक अनुदान दिया गया। शेडनेट : इकाई लागत 95 प्रतिशत के हिसाब से 2 हजार वर्ग मीटर क्षमता के शेडनेट हाउस पर एक किसान को 13.49 लाख रुपए अनुदान दिया गया। लोटनल : इकाई लागत का 50 प्रतिशत या 7375 रुपए प्रति हजार वर्ग मीटर पर अनुदान दिया जाता है। एक किसान अधिकतम ढाई हजार वर्ग मीटर तक अनुदान ले सकता है।मल्च : एक हेक्टेयर के लिए 16 हजार रुपए अनुदान तय है। एक किसान अधिकतम 2 हेक्टेयर तक ले सकता है। बूंद-बूंद सिंचाई : सामान्य श्रेणी में 70 प्रतिशत या इकाई लागत का एक किसान को अधिकतम 79 हजार रुपए तक तथा अन्य श्रेणी में 75 प्रतिशत के हिसाब से एक किसान को अधिकतम 85 हजार रुपए अनुदान मिलता है।
धर्मशाला के लिए दिए 21 हजार रुपए
बोरावां| ग्राम धरमपुरी के कमलेश यादव का पिछले दिनों निधन हो गया। रविवार को पगड़ी व अन्नदान की पंगति का कार्यक्रम हुआ। स्व. कमलेश की स्मृति में पिता कृष्णलाल यादव व भाई अखिलेश यादव ने ग्राम की यादव अहीर समाज धर्मशाला के लिए 21 हजार रुपए दान दिए। समाज के राजेश यादव व ओमप्रकाश यादव ने कहा अपनों को खोने का गम व उन्हें भुलाना नामुमकिन है, लेकिन उनकी यादों को हमेशा जीवित रखने के लिए समाज को दान देना एक अच्छी पहल है। दान से समाज का विकास होता है।
विधायक ने 30 स्कूली विद्यार्थियों को वितरित की साइकिलें
भास्कर संवाददाता| बेड़िया ग्राम मरदलिया के 30 छात्र-छात्राओं को समय पर स्कूल पहुंचने के लिए विधायक सचिन बिरला ने साइकिलें वितरित कीं। ये विद्यार्थी जी मैपिंग में त्रुटि के कारण प्रदेश शासन की साइकिल वितरण योजना से वंचित रह गए थे। साइकिल पाकर विद्यार्थियों ने प्रसन्नता व्यक्त की और कहा अब स्कूल आवागमन में सहूलियत होगी। समय की भी बचत होगी। विधायक ने विद्यार्थियों व शिक्षकों की मांग पर ग्राम मरदलिया के शासकीय स्कूल परिसर में पेयजल के लिए जल्द ट्यूबवेल खनन करवाकर मोटर पंप लगाने की घोषणा की। विधायक ने कहा बड़वाह विधानसभा क्षेत्र के हर पात्र विद्यार्थी को शासन की साइकिल वितरण का लाभ दिया जाएगा। प्रदेश सरकार का संकल्प है कि प्रदेश के हर विद्यार्थी को यथोचित शैक्षणिक सुविधाएं मिलें ताकि वे शिक्षित होकर परिवार, समाज व देश की सेवा कर सकें। साइकिल वितरण के दौरान भाजपा नेता गोविंद बिरला, सोहन यादव, जीवनलाल बिरला, भोलाराम कैथवास, डॉ. अरविंद रावल, राजेंद्र नामदेव, नरेंद्र गावशिंदे, प्रेमलाल बिरला, संजय पाठक, महादेव शाह, पूनम चारण, पप्पू चारण आदि उपस्थित थे।
खरगोन का सितारा स्पर्धा में बिखेरेगा अपनी चमक
खरगोन। यूसिमास की 25वीं अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता इस वर्ष जॉर्जिया में आयोजित की जा रही है। इस प्रतियोगिता में खरगोन शहर के अवि दिलीप सराफ मात्र 9 वर्ष की उम्र में अपनी विलक्षण गणितीय क्षमता का प्रदर्शन करेंगे। प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले यूसीमास वर्ल्ड कप एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता हैं जिसमे 70 देशों से आए कंट्री चैंपियन्स अपने-अपने देश का प्रतिनिधित्व करते है। ये सभी विद्यार्थी अपने अपने लेवल में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर चुने गए है। यूसीमास की डायरेक्टर पल्लवी दीपक वाघ ने बताया कि अवि सराफ ने पिछले दो माह से कड़ी मेहनत की है।
सिंदूरी सूर्योदय ने बामंदी का आसमान सजाया
बामंदी। ठंड के बीच रविवार सुबह सूर्योदय के समय एक अलग ही नजारा रहा। सूर्य की किरणों ने हल्के बादलों को नारंगी और लाल रंग में रंग दिया। सूर्योदय के बाद भी करीब 15 मिनट तक आसमान की यह रंगत मनमोहक बनी रही। इस दृश्य को हर किसी ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया। इसके बाद सूरज और बादलों के बीच लुका-छिपी जारी रही। सर्द हवाओं के कारण लोग प्रमुख चौराहों और गलियों में अलाव जलाकर सर्दी से बचते नजर आए।
15919 मतदाताओं के नामों को लेकर आज होगा मंथन
खरगोन | खरगोन विधानसभा क्षेत्र में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत और दोहरी प्रविष्टि की श्रेणी में पाए गए 15,919 मतदाताओं के नाम हटाने को लेकर सोमवार को मंथन होगा। इसके लिए निर्वाचन कार्यालय द्वारा सभी संबंधित राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को बैठक में उपस्थित रहने का आग्रह किया गया है। चुनाव आयोग के निर्देशानुसार बीएलओ ने विधानसभा क्षेत्र के 258 मतदान केंद्रों पर मतदाता सूची का सत्यापन कर केंद्रवार एएसडीआर सूची तैयार की है। इन सूचियों का अवलोकन और समीक्षा पुराने कलेक्टर कार्यालय परिसर स्थित स्वामी विवेकानंद सभागृह में की जाएगी। सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी महेंद्रसिंह दांगी ने बताया मतदान केंद्र क्रमांक 61 से 189 की सूची का अवलोकन सुबह 11 से 12 बजे तक तथा मतदान केंद्र क्रमांक 1 से 60 और 190 से 258 की सूची का अवलोकन 12 से 1 बजे तक किया जाएगा। बैठक में इन प्रविष्टियों की स्थिति, आपत्तियों और अंतिम पुष्टि पर चर्चा होगी। इसके आधार पर फाइनल सूची तैयार की जाएगी। वहीं जिले के प्रत्येक मतदान केंद्रों पर बीएलओ, सुपरवाइजर की बैठकें होगी। जिसमें मतदाताओं की उपस्थिति में एएसडीआर सूची का वाचन किया जाएगा। मतदाता सूची में दर्ज 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के मतदाताओं का भी भौतिक सत्यापन होगा। 11 दिसंबर तक यदि कोई मतदाता मृत हो जाता है या बाहर से वापस आता है तो सूची अपडेट की जाएगी।
5वीं-8वीं की अर्द्ध वार्षिक परीक्षाएं आज से, दो शिफ्ट में होगी
खरगोन | कक्षा तीसरी से आठवीं के विद्यार्थियों की अर्द्ध वार्षिक परीक्षाएं सोमवार से शुरू होगी। 8 दिसंबर से 13 दिसंबर तक परीक्षाएं सुबह व दोपहर की शिफ्ट में होगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने तैयारियां पूरी कर ली है। 5वीं-8वीं बोर्ड पैटर्न पर होने से इसके प्रश्न पत्र राज्य शिक्षा केंद्र से ही जारी किए गए है। जिले में 2351 प्रायमरी और 677 मिडिल स्कूलों में 1 लाख 12 हजार बच्चे परीक्षा देंगे। तीसरी से 8वीं की परीक्षाएं 8 दिसंबर से शुरू होगी। तीसरी से पांचवीं की परीक्षाएं 12 दिसंबर तक चलेगी। जो सुबह 10 से दोपहर 12.30 बजे तक होगी। वहीं 6वीं से 8वीं की परीक्षाएं 13 दिसंबर तक दोपहर 1.30 बजे से शाम 4 बजे तक होगी। शिक्षा विभाग के अनुसार सभी केंद्रों पर प्रश्न पत्र, उत्तर पुस्तिकाएं, सुपरवाइजरी व्यवस्था और उपस्थिति व्यवस्था सुनिश्चित कर दी गई है। राज्य शिक्षा केंद्र ने यह परीक्षा 24 नवंबर से शुरू करने का निर्णय लिया था। इस बीच शिक्षकों के एसआईआर सर्वे में लगे होने से परीक्षा कराने की चुनौती थी। राज्य शिक्षा केंद्र ने ताबड़तोड़ टाइम टेबल में संशोधन कर तारीख आगे बढ़ाई। 5वीं और 8वीं की बोर्ड पैटर्न पर परीक्षा होने से इसके प्रश्न पत्र भी पहुंच गए थे।
हाइवे-18 को शीघ्र किया जाए फोरलेन, तब आएगी हादसों में कमी
सलामतपुर | भोपाल-विदिशा स्टेट हाईवे 18 पर सड़क हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। इन रोज़ होने वाले हादसों की वजह से अब इस सड़क को खूनी सड़क भी कहा जाने लगा है। सलामतपुर, दीवानगंज, बालमपुर, और बेरखेड़ी चौराहा क्षेत्र के लोगों ने इस स्टेट हाईवे को चार लेन करने की मांग शासन-प्रशासन से की है। गौरतलब है कि भोपाल-विदिशा स्टेट हाईवे 18 पर एक वर्ष में लगभग सौ सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें पच्चीस से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सलामतपुर और सूखी सेवनिया पुलिस भी रोज़ हो रही इन दुर्घटनाओं की वजह से काफी परेशान है। थाने में पुलिस बल काफी कम है। सड़क हादसों में पुलिस बल भेजने के बाद थाने में पुलिस बल कम पड़ जाता है, जिससे थाने आए फरियादियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्थानीय ग्रामीणों ने शासन-प्रशासन से स्टेट हाईवे 18 को चार लेन करने की मांग की है।
बिना परमिट वाली बालू जितनी चाहिए मिल जाएगी। पुलिस की कोई टेंशन न लीजिए। हमारी गाड़ी को कोई हाथ नहीं लगाएगा। पुलिस वालों का पैसा बंधा है। हर गाड़ी पर एक एक ट्रिप का पैसा देते हैं। थाने के सामने बालू लोड गाड़ियां बिना सेटिंग के लग रही हैं। आप तो पैसा दीजिए बालू आपके प्लाट पर गिरा दी जाएगी। गाड़ी से अनलोड करने के बाद आपकी जिम्मेदारी होगी। पुलिस को सेट कर लीजिए, घर बन जाएगा। नहीं तो नंबर एक की बालू खोजते रह जाइएगा और वो बहुत महंगी भी मिलती है। यह दावा अवैध बालू की सप्लाई करने वाले एजेंट कर रहे हैं। भास्कर के कैमरे पर 6 एजेंट बिना कागज वाले अवैध बालू की डील करते कैमरे में कैद हुए हैं। भास्कर रिपोर्टर ने एजेंट से 100 ट्राली बालू की डील की है। सदन में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा की बालू माफियाओं के खिलाफ बयान की जमीनी हकीकत जानने के लिए दैनिक भास्कर ने ऑपरेशन बालू चलाया। पढ़िए और देखिए जहां सरकार बैठती है, वहां कैसे चल रहा है अवैध बालू का खेल..। थाना के सामने लगती है अवैध बालू की मंडी नई सरकार बनते ही गृह मंत्री सम्राट चौधरी बालू माफियाओं पर आक्रामक हैं। सम्राट के साथ सदन में डिप्टी सीएम विजय सिन्हा भी बालू के खिलाफ आक्रामक हुए। सरकार की इस सख्ती के बाद ऐसा लग रहा था बिहार में अवैध बालू की निकासी बंद हो गई है। दैनिक भास्कर की इन्वेस्टिगेशन टीम इसकी पड़ताल में जुटी तो थाने के सामने ही अवैध बालू की मंडी का इनपुट मिला। पड़ताल के दौरान पता चला कि पूरा खेल रात में चल रहा है। सुबह होते ही पूरी डील हो जाती है। इनपुट मिला कि दीघा थाने के सामने अवैध बालू की डील होती है, रिपोर्टर रात में 3 बजे दीघा थाने के सामने पहुंचा। थाने के सामने सड़क पर एक लाइन से 100 से अधिक बालू लदी छोटी बड़ी गाड़ियां नजर आईं। रिपोर्टर ने बिना कागज वाली 50 ट्राली बालू की डील की। दीघा थाने के सामने रिपोर्टर की मुलाकात बालू के एजेंट बिहारी से हुई। वह बिना पेपर के बालू देने को तैयार हो गया। पुलिस की सख्ती पर दावा किया कि उससे कोई भी कागज नहीं मांग पाएगा। सब कुछ सेटिंग से चल रहा है। रिपोर्टर - बालू किस घाट का है? बिहारी - कोइलवर का है, कोई शिकायत नहीं है। रिपोर्टर - अधिक चाहिए था। बिहारी - आप जितना चाहिए मिल जाएगा। रिपोर्टर - पेपर दीजिएगा ना? बिहारी - पेपर नहीं मिलेगा, पेपर काहे का होगा?रिपोर्टर - अगर पुलिस वाले मांगे तो क्या बताएंगे? आजकल बहुत सख्ती है। बिहारी - उसकी चिंता छोड़ दीजिए, हम हैं ना, बालू गिरा देंगे।रिपोर्टर - नहीं, बिना पेपर का कैसे होगा?बिहारी - हम हाइवा वाला चालान दे देंगे।रिपोर्टर - ट्रैक्टर से गिर रहा है, तो हाईवा वाला चालान का क्या होगा?बिहारी - यहां सब ऐसे ही होता है, कागज खोजिएगा तो बालू नहीं मिल पाएगा। दीघा थाने के सामने ही हमारी मुलाकात एजेंट ओम प्रकाश से हुई। वह 100 गाड़ी बालू देने को तैयार हो गया। बालू दिखाने के लिए वह थाने से लगभग 2 किलो मीटर दूर ले गया। पोलसन रोड पर बालू स्टोर करके रखा गया था। वह स्टोर में ले जाकर रिपोर्टर से 100 गाड़ी की डील की। रिपोर्टर - यहां तो बालू को लेकर बहुत दिक्कत है। ओम प्रकाश - इधर थोड़ी दिक्कत है, धीरे - धीरे सब सेट हो जाएगा। रिपोर्टर - बालू के लिए 3 बजे रात में घूमना पड़ रहा है? ओम प्रकाश - बिहार में कोई नियम - कानून नहीं है? रिपोर्टर - बालू तो दिन में ही कागज पर मिल जाना चाहिए। ओम प्रकाश - चलिए अपने स्टोर पर वहीं बात किया जाएगा। रिपोर्टर - ठीक है, चलिए दिखा दीजिए। ओम प्रकाश - देखिए, यह है बालू है, जांच कर लीजिए (स्टोर पर बालू दिखाते हुए) रिपोर्टर - ठीक तो दिख रहा है, घर के लिए सही रहेगा ना? ओम प्रकाश - एकदम सही है, ऑर्डर दीजिए यही गिरवा देते हैं रिपोर्टर - आज रुक जाइए, कल बताएंगे तो गिरवा दीजिएगा। ओम प्रकाश - ठीक है, सुबह कल इसी समय यहीं मिलिएगा। बिहार में दारू लाना आसान, बालू ले जाना मुश्किल ओमप्रकाश को जब हमने राजीव नगर थाने के पीछे नेपाली नगर में बालू अनलोड करने की बात कही तो उसने पुलिस की सेटिंग की पोल खोल दी। ओमप्रकाश ने कहा, वहां गाड़ी फंसने का डर है। बिना पुलिस को सेट किए वहां घर नहीं बनाया जा सकता है, क्योंकि सब सरकारी जमीन है। रिपोर्टर - चालान का क्या होगा? ओमप्रकाश - मिल जाएगा। रिपोर्टर - बाकी खर्चा? ओमप्रकाश - वो मैं देख लूंगा। रिपोर्टर - बाहर बता रहे थे 400 रुपए लगता है। ओम प्रकाश - वो भी मैं देख लूंगा। रिपोर्टर - किस थाने का खर्चा है? ओम प्रकाश - सभी थाने में तो देना ही होता है। रिपोर्टर - कहां गिराएंगे? ओम प्रकाश - जहां कहिए, वहीं गिरा दूंगा। ट्रैक्टर से गिराया जाएगा। रिपोर्टर - नेपाली नगर में गिराना है। ओमप्रकाश - वहां तो मैनेज करके ही काम लगाइएगा, नहीं तो गाड़ी फंस जाएगी। रिपोर्टर - क्यों आपकी तो सेटिंग है ना? ओम प्रकाश - उधर बिना सेटिंग के घर नहीं बनता है। गाडी फंस गई तो फिर गड़बड़ हो जाएगी। रिपोर्टर - कागज है तो क्यों फंसेगी? ओमप्रकाश - नेपाली नगर हाउसिंग की जमीन है, वहां बिना मैनेज के काम नहीं होता। रिपोर्टर - रास्ते में कोई रोकेगा तो नहीं? ओमप्रकाश - कोई नहीं रोकेगा, सौ - दो सौ दे दिया जाएगा। रिपोर्टर - ठीक है। ओमप्रकाश – जब गिरवाना हो, एक दिन पहले बता दीजिएगा। रिपोर्टर - और कोई परेशानी तो नहीं होगी? ओमप्रकाश - नहीं, हम लोग बाइक से आगे - आगे रहेंगे। रिपोर्टर - अच्छा सेटिंग के लिए। ओम प्रकाश - देखा ही होगा, जब हमारी ट्रक आई तो हमारी तीन बाइक आगे - पीछे लगी थीं। रिपोर्टर - तब तो बहुत दिक्कत है। ओमप्रकाश - हां, दारु लादकर चलना आसान है, लेकिन बालू लाना मुश्किल। रिपोर्टर - ऐसा क्यो ? ओम प्रकाश - 4 लाख का फाइन है, इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। रिपोर्टर - जहां आप काम करते हैं, वह किसका है? ओमप्रकाश - जगह किराए पर ली है। क्या करें, पूरी जिंदगी यही धंधा किया है। रिपोर्टर - मेरी सेटिंग करा दीजिए ताकि घर बन जाए। ओम प्रकाश - हां सेट हो जाएगा। थाना को मैनेज करने के बाद पूरा काम कीजिए। दीघा थाना के पास ही बालू के एजेंट विजय ने रिपोर्टर से बालू की डील की। विजय ने खुलासा किया कि बालू का काम पूरी तरह से साफ सुथरा नहीं है। पुलिस की सेटिंग करनी ही पड़ती है। चाहिए कि बिना पुलिस की सेटिंग से बालू का काम हो जाए तो नामुमकिन है। थाना को सब पता रहता है, बालू कहां से कैसे आ रहा है। रिपोर्टर - कहां का बालू है? विजय - सोन नदी का लाल बालू है। रिपोर्टर - किस घाट से निकाला गया है। विजय - महुवार घाट का है, कहां गिराना है। रिपोर्टर - राजीव नगर थाना के पीछे नेपाली नगर में गिराना है। विजय - 6 हजार रुपए ट्राली का रेट है। रिपोर्टर - पुलिस रोक दे रही है। विजय - देखिए, बिना पुलिस को मैनेज किए बालू नहीं गिर पाएगा। रिपोर्टर - बालू में क्या दिक्कत है? विजय - बालू गिराएगा काम कीजिएगा बिना मैनेज किए कैसे होगा। रिपोर्टर - हमको ज्यादा बालू चाहिए, लेकिन पेपर के साथ चाहिए। विजय - ये सब हाइवा से गिरता है, वहां से हम लोग टेलर पर लोड करके बेचते हैं। रिपोर्टर - कागज तो होगा ना बालू का? विजय - नहीं इसका कोई कागज नहीं मिल पाएगा। रिपोर्टर - पेपर तो मिलता है भाई? विजय का दावा - गाड़ी खड़ी करने के लिए पुलिस पैसा लेती है बालू की डील करने के दौरान विजय ने खुलासा किया कि पुलिस थाने के पास गाड़ी खड़ी करने का पैसा लेती है। विजय ने कहा - देखिए बिंदौल, मछुआर, पनकापुर और महुआर से बालू यहां आता है। बड़ी गाड़ियों से बालू लाकर हम प्लॉट पर गिरा देते हैं। इसके बाद हम लोग यहां से बिना पेपर के ही बेचते हैं। बस खदान से निकलने वाले ट्रक का पेपर रहता है। विजय की बातचीत में यह साफ हो गया कि घाट पर ही नियम कानून है, बाकी का पूरा खेल पुलिस की सेटिंग से चल रहा है। रिपोर्टर - कितना फाइन लगता है? विजय - एक फीट पर एक लाख का फाइन है। रिपोर्टर - फाइनल रेट बताइए विजय - आप तो 55 सौ रुपए ट्राली दे दीजिएगा, हम गिरा देते हैं। रिपोर्टर - बालू गिराने में पुलिस का कोई डर है क्या। विजय - देखिए यहां बालू वाला ट्रैक्टर खड़ा करने में 100 रुपया थाना को देना पड़ता है। रिपोर्टर - किस लिए देना पड़ता है? विजय - ये पैसा हमलोग दे कर ही यहां थाना के पास गाड़ी लगाते हैं। रिपोर्टर - पुलिस मैनेज है तो फिर बालू गिरवा दीजिए। विजय - आप सिर्फ अपने प्लॉट पर पुलिस को मैनेज कर लीजिए बालू गिर जाएगा। रिपोर्टर - पुलिस से सेटिंग नहीं हुई तो क्या होगा? विजय - मैनेज नहीं कीजिएगा तो पुलिस धर लेगी। रिपोर्टर - क्या करना होगा हमको? विजय - सब हो जाता है, थाना पर जाकर मिल लीजिएगा। रिपोर्टर - बाकी रास्ते में पकड़ा तो क्या होगा? विजय - रोड पर हम लोग मैनेज करेंगे, प्लॉट पर आपको मैनेज करना है। दीघा में ही हमारी मुलाकात एजेंट सनोज से हुई। सनोज ने दावा किया कि पेपर की कोई जरूरत नहीं है। बस साइट दिखा दीजिए बालू गिर जाएगा। बालू के लिए कागज नहीं सेटिंग की जरुरत है। मामला सेट हो गया तो जितना चाहिए बालू मिल जाएगा। रिपोर्टर - अधिक संख्या में बालू चाहिए। सनोज - आप टेंशन मत लीजिए, जब जितना बालू चाहिए, भेज देंगे। रिपोर्टर - पेपर दीजिएगा ना? सनोज - पेपर की क्या जरूरत है, आप साइट दिखा दीजिए, बालू गिराना मेरा काम है। रिपोर्टर - पैसा कैसे लेंगे लोग सनोज - जैसे देना है दीजिए ना, मेरा नंबर ले लीजिए जब बोलिएगा बालू गिर जाएगा। रिपोर्टर - पुलिस का कोई टेंशन तो नहीं होगा ना? सनोज - वह सब हम लोगों का टेंशन है, देखिए कैसे बालू पहुंच जाएगा। रिपोर्टर - आप लोगों की सेटिंग होती है क्या पुलिस वालों से? सनोज - यहां कागज नहीं पूरा काम सेटिंग से होता है। बालू के एजेंट मनोज ने भी पुलिस की सेटिंग का दावा किया। मनोज के मुताबिक बालू का पूरा कारोबार सेटिंग पर हो रहा है। कागज से बालू नहीं बिक रहा है। सेटिंग नहीं हो तो किसी का भी घर नहीं बन पाएगा। मनोज के मुताबिक पटना में बालू बिना पेपर के ही मिल रहा है। रिपोर्टर - अधिक संख्या में बालू चाहिए? मनोज - चलिए दो गाड़ी ले चलिए, हम गिरा देंगे। रिपोर्टर - कागज वाला बालू चाहिए, नहीं तो पुलिस परेशान करेगी। मनोज - कागज के साथ यहां बालू कोई नहीं दे पाएगा। रिपोर्टर - क्यों, बालू निकालते होंगे तो कागज मिलता होगा ना? मनोज - यहां लाने में ही बहुत खर्चा है, 500 रुपया भी ट्रैक्टर वाला नहीं लेगा तो काम कैसे होगा। रिपोर्टर - कैसे होगा तब? मनोज - देखिए सर अब रिस्क ज्यादा है, डर के मारे जल्दी उधर बालू देने की नहीं जाता है। रिपोर्टर - रोज आप लोगों का बिक जाता है। मनोज - कभी एक तो कभी कभी दो - दो ट्रेलर बिक जाता है। दीघा के पास ही रिपोर्टर की मुलाकात बालू के सप्लायर राहुल से हुई। राहुल ने बताया कि पुलिस की सेटिंग से ही पूरा काम हो रहा है। बालू को गाड़ियों में लोडकर दीघा थाना के पास ही लगाते हैं। थाना के पास से ही हर दिन बालू की डील होती है। रिपोर्टर - बालू कहां का है? राहुल - सोन से आता है। हम लोग तो डिपो से लाते हैं। रिपोर्टर - खदान कौन लोग करते हैं? राहुल - हम लोग डायरेक्ट खदान नहीं जा रहे, वहां से महंगा पड़ रहा है। रिपोर्टर - बालू का चालान तो मिल जाएगा ना? राहुल - नहीं पेपर कोई नहीं मिलेगा, यहां कोई पेपर पर नहीं बेचता है। रिपोर्टर - हमें तो पेपर वाला चाहिए, लेकिन आप कह रहे हैं पेपर नहीं है। राहुल - हम लोग पहले जाते थे, लेकिन थाना से परेशानी होने लगी। रिपोर्टर - थाना पास में है, यहां लगाए हैं तो कोई दिक्कत? राहुल - कल ही ले लिया, थाना ने कल ले लिया था। रिपोर्टर - थाना भी पैसा लेता है क्या? राहुल - हां देना पड़ता है, बिना पैसा लिए काम करने देगी क्या? रिपोर्टर - ट्रक वाला कहां मिलेगा? राहुल - सगुना चले जाइए, वहां मिल जाएगा। रिपोर्टर - वहां भी थाना को पैसा देना होगा क्या? राहुल - नहीं, आपको नहीं देना होगा। गाड़ी वाला ही देता है। वहां भी पेपर नहीं मिलेगा। रिपोर्टर - वहां कागज तो मिल जाता है ना? राहुल - मुश्किल है, एक नंबर का काम नहीं है, कागज पर कोई बालू नहीं देगा। रिपोर्टर - घाट पर तो चालान का कागज मिलता होगा? राहुल - कागज का क्या कहें, एक कागज पर तीन-तीन बार बालू ढोया जाता है। रिपोर्टर - बालू आ कहां से रहा है? राहुल - कोइलवर से आ रहा है। रिपोर्टर - आप लोग कहां से ला रहे हैं? राहुल - हम लोग तो डिपो से ला रहे हैं। रिपोर्टर - डिपो क्या है? राहुल - बड़ी गाड़ियां खाली जगह पर आकर गिरा देती हैं। वहीं से हम लेकर आते हैं। रिपोर्टर - कितना आप लोगों को मिलता है? राहुल - 300 रुपए की कमाई हो जाती है। बालू के एजेंटों की पड़ताल के दौरान ही दीघा में हमें राजेश मिला। उसने भी बालू के लिए बड़े-बड़े दावे किया। राजेश ने बताया- पुलिस वालों को हम डील कर लेंगे आप तो ऑर्डर दीजिए। रिपोर्टर - कितना CFT बालू है? राजेश - फ्रेश बालू है। रिपोर्टर - हमको तो 10 ट्रॉली से अधिक चाहिए। राजेश - ठीक है, हो जाएगा। रिपोर्टर - रेट बताइए, क्या लग जाएगा। राजेश - कहां गिराना है? रिपोर्टर - नेपाली नगर में गिराना है। राजेश - गिर जाएगा, लेकिन 65 सौ रुपया लगेगा। रिपोर्टर - पेपर दीजिएगा ना? राजेश - पेपर नहीं मिलेगा, पेपर काहे होगा? रिपोर्टर - अगर पुलिस वाले मांगेंगे तो पेपर दिखाना होगा ना। राजेश - उसकी चिंता छोड़ दीजिए, हम हैं ना, बालू गिरा देंगे। रिपोर्टर - नहीं, बिना पेपर का कैसे होगा? राजेश - हम हाइवा वाला चालान दे देंगे। रिपोर्टर - ट्रैक्टर से गिर रहा है तो हाइवा वाला चालान का क्या होगा? राजेश - सब हो जाएगा, आप चिंता ना करें। कहां गिराना है बस ये बताइए। दीघा में हमारी मुलाकात एजेंट रमेश से हुई। रमेश बालू का सप्लायर है। वह अवैध खनन कर लाई गई बड़ी गाड़ियों का बालू ट्रैक्टर से सप्लाई करता है। रमेश ने भी पुलिस को सेट करने की बात कही है, वह बोला पुलिस सेट हो जाती है। रिपोर्टर - 20 ट्राली से अधिक बालू चाहिए? रमेश - मिल जाएगा, कहां गिराना है बताइए? रिपोर्टर - बिल तो मिल जाएगा ना? रमेश - नहीं बिल कहां मिलेगा। रिपोर्टर - तब पुलिस को क्या दिखाएंगे, प्लाट पर भी जांच कर रही है। रमेश - बोल दीजिएगा, हाइवा से गिरवाए हैं। रिपोर्टर - नहीं भाई, कोई परेशानी हुई तो क्या होगा?रमेश - कुछ नहीं होगा, एक बार गिर गया तो कोई परेशानी नहीं।रिपोर्टर - थाना पुलिस आएगा तो क्या होगा?रमेश - वह हम समझ लेंगे, उसकी चिंता नहीं। अपना तो रोज़ ही गिरता है। रात में लगती है बालू की अवैध मंडी हर दिन रात में पटना के अलग-अलग इलाकों में बालू की मंडी लगती है। बालू भरे ट्रैक्टरों की लाइन दीघा और शगुना में लग जाती है। दीघा में थाना के आस पास 100 से अधिक बालू लोड ट्रैक्टर लगते हैं। रात में ही सड़क के किनारे बालू लदे ट्रैक्टर लग जाते हैं, सुबह होते ही सब साफ हो जाता है। भोर में 3 बजे से ही ग्राहक थाना के आस पास पहुंचने लगते हैं। सुबह 5 बजे तक 90 प्रतिशत ट्रैक्टरों का बालू बिक जाता है। जो बच जाते हैं, उन्हें थोड़ा साइड में खड़ा कर दिया जाता है। बिना नंबर वाले ट्रैक्टर से चल रहा पूरा धंधा पुलिस और बालू माफियाओं की सेटिंग ऐसी है कि बालू लदे किसी भी ट्रैक्टर पर रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं होता है। पूरा खेल बिना नंबर वाली गाड़ियों सेहोता है। जबकि घाट पर जहां चालान कटता है, वहां गाड़ी के नंबर से ही पूरा पेपर तैयार होता है। थाना के आस पास बिना नंबर वाली गाड़ियों से हो रहे कारोबार पर पुलिस भी सवालों में है। बालू के कारोबार में जितनी भी गाड़ियां पटना में सप्लाई में लगी हैं, इसमें 95 प्रतिशत गाड़ियों में आगे पीछे नंबर प्लेट नहीं होती है। ऐसे में इन गाड़ियों की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। इस वजह से यह समझना भी मुश्किल होता है कि बालू कहां से लाया जा रहा है, किसके नाम पर गाड़ी है और बिक्री कैसे हो रही है। यह पूरा कारोबार थाना के आस पास खुलेआम चल रहा है। ऐसे में यह बात साफ है कि गृहमंत्री सम्राट चौधरी और डिप्टी सीएम विजय सिन्हा के दावों का भी पुलिस पर कोई असर नहीं है। जिस पुलिस के दम पर सम्राट चौधरी बालू माफियाओं के खिलाफ सदन में दावे कर रहे हैं, वही पुलिस बालू माफियाओं से सेटिंग कर बालू का खेल करा रही है।
श्मशान घाट की सफाई में जुटे युवा
भास्कर संवाददाता | सलामतपुर कस्बे के युवाओं ने श्मशान घाट की सफाई का जिम्मा उठाया है। हर रविवार सुबह से वे घाट पर पहुंचते हैं। दिनभर झाड़ियां हटाने और सफाई का काम करते हैं। युवाओं ने अन्य लोगों से भी अभियान में जुड़ने की अपील की है। इस अभियान में सुनारी सलामतपुर के सरपंच प्रतिनिधि शेर सिंह राजपूत भी सहयोग कर रहे हैं। युवाओं ने शपथ ली है कि हर साल 100 घंटे यानी हर सप्ताह 2 घंटे श्रमदान करेंगे। उन्होंने कहा, न खुद गंदगी करेंगे, न किसी और को करने देंगे। शुरुआत खुद से करेंगे। धार्मिक स्थलों, परिवार, मोहल्ले, गांव और कार्यस्थल को भी स्वच्छ बनाएंगे।
2 कारों ने दो बाइक को मारी टक्कर, 4 युवक घायल
भास्कर संवाददाता | सलामतपुर भोपाल-विदिशा स्टेट हाइवे 18 पर लांबाखेड़ा मोड़ पर रविवार दोपहर दो कारों ने दो मोटरसाइकिलों को टक्कर मार दी। हादसे में चार युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। डायल 112 के पायलट शुभम राजपूत और आरक्षक रंजीत धाकड़ ने घायलों को तुरंत सांची सिविल अस्पताल पहुंचाया। प्राथमिक इलाज के बाद सभी को विदिशा रेफर किया गया। शाम को हालत बिगड़ने पर चारों को भोपाल भेजा गया। प्रधान आरक्षक विकास श्रीवास्तव ने बताया कि भोपाल के लांबाखेड़ा से छह दोस्त तीन मोटरसाइकिलों पर सांची स्तूप घूमने जा रहे थे। लांबाखेड़ा मोड़ पर सांची से इंदौर जा रही बलेनो कार ने एक मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। इस बाइक पर सवार साहिल खान उम्र 19 वर्ष और अयान खान उम्र 20 वर्ष, दोनों निवासी लांबाखेड़ा, गंभीर रूप से घायल हो गए। दस मिनट बाद उनके दो अन्य दोस्त आदिल खान उम्र 20 वर्ष और निज़ाम खान उम्र 20 वर्ष, दोनों निवासी लांबाखेड़ा, दूसरी बाइक पर सवार थे। इन्हें विदिशा से भोपाल जा रही स्विफ्ट कार ने टक्कर मार दी। दोनों को सिर, हाथ और पैर में गंभीर चोटें आईं। हादसे के बाद कुछ देर के लिए हाइवे पर जाम लग गया। थाना प्रभारी दिनेश सिंह रघुवंशी मौके पर पहुंचे। लोगों की मदद से क्षतिग्रस्त वाहनों को हटवाया और यातायात चालू कराया।
सुल्तानपुर-रायसेन टोल नाके पर मेंटेनेंस, 6 घंटे हुई बिजली कटौती
सुल्तानपुर| सुल्तानपुर से रायसेन जिले के टोल टैक्स नाके तक विद्युत व्यवस्था सुधारने के लिए मेंटेनेंस का कार्य किया गया। यह कार्य सुबह 10:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक चला, जिसमें विद्युत वितरण कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में लगभग 18 कर्मियों ने आठ घंटे तक पूरी मेहनत से काम किया। मेंटेनेंस के दौरान क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति अस्थायी रूप से बाधित रही। अधिकारियों ने बताया कि इस काम का उद्देश्य खराब नेटवर्क को दुरुस्त करना और भविष्य में विद्युत आपूर्ति में व्यवधान न आने देना है।
भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी अभी से में पार्टी की जीत के लिए प्लान तैयार कर उस पर काम करेगी। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बयानों का कड़ा जवाब तथ्यों के साथ देने की कार्ययोजना बनाई जा रही है, ताकि कांग्रेस की ओर से गढ़े जाने वाले नैरेटिव तुरंत तोड़े जा सकें। इसी के लिए भाजपा की नई प्रदेश टीम के साथ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा व प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने रविवार को बैठक ली। बैठक में संगठन को जमीनी स्तर पर और मजबूत करने के लिए फैसले किए गए। बैठक में नवनियुक्त पदाधिकारियों का परिचय, संगठन की मजबूती तथा सरकार की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में सीएम ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं की मेहनत और समर्पण के बल पर ही संगठन मजबूत होता है और इन्हीं कार्यकर्ताओं की बदौलत 2028 में फिर से प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी। विपक्ष के बयानों का जवाब तथ्यों के साथ देने की योजना पदाधिकारियों को करना होगा आत्म- मूल्यांकन मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों को पार्टी की जिम्मेदारियों के निर्वहन का पाठ सीखिया। सीएम ने कहा कि पदाधिकारी को अपने कार्य और उत्तरदायित्व का निरंतर आत्म-मूल्यांकन करते रहना चाहिए। ताकि खुद के साथ ही संगठन को भी मजबूती मिले। बैठक में संगठन विस्तार, जनसंपर्क अभियान, सरकारी योजनाओं के प्रभावी प्रचार-प्रसार करेंगे। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं की ओर से फैलाए जा रहे भ्रम और मिथ्या प्रचार का तथ्यों के साथ मुकाबला करें। कांग्रेसी नेता असत्य का सहारा लेकर जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। सीएम का मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक मुख्यमंत्री ने रविवार को सीएमआर पर मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठक की। बैठक में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़, डिप्टी सीएम दिया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल, मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग अन्य मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जनप्रतिनिधि की जनता के प्रति जवाबदेही होती है। जन आकांक्षाओं को पूरा करना ही जनप्रतिनिधि की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। हमारी सरकार ने सबका साथ-सबका विकास की भावना के साथ दोनों बजट में सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में बजट दिया। हमारी सरकार के दो साल पूरे होने पर 15 दिन तक कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई है।
शिक्षक राजेंद्र कुमार सक्सेना का निधन
रायसेन| रायसेन परिवार के सदस्य संजय सक्सेना के पिताजी एवं कृष्ण कुमार सक्सेना के बड़े भाई व शालू और गोलू के ताऊजी राजेंद्र कुमार सक्सेना का निधन हो गया। वे एक प्रतिष्ठित शिक्षक थे। उनके निधन से परिवार और क्षेत्र में शोक की लहर है। उनकी अंतिम यात्रा रविवार को मालीपुरा वार्ड क्रं. 2 स्थित उनके निवास से निकाली गई। परिवार, रिश्तेदारों और शुभचिंतकों की उपस्थिति में उनका अंतिम संस्कार भोपाली फाटक स्थित श्मशान घाट पर किया गया।
समाजसेवी पप्पू भैया का निधन, बाजार रहा बंद
देवनगर | समाजसेवी और व्यापारी रविंद्र कुमार याज्ञिक उर्फ पप्पू भैया का शुक्रवार को निधन हो गया। वे 6 दिन से बंसल हॉस्पिटल में भर्ती थे। इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। वे दिनेश कुमार याज्ञिक और शैलेंद्र कुमार याज्ञिक के बड़े भाई थे। उनके पुत्र अस्मित याज्ञिक (सनु) ने उन्हें मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार शनिवार, 6 दिसंबर को देवनगर में हुआ। उनके निधन की खबर से नगर में शोक की लहर फैल गई। बाजार आधे दिन बंद रहे। विधायक डॉ. प्रभुराम चौधरी, जमना सेन, बृजेश चतुर्वेदी, जनपद अध्यक्ष विजय पटेल सहित कई नेता और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
भारतीय भाषा उत्सव 11 तक, ‘भाषण अनेक, भाव एक’ थीम
सुल्तानपुर| राज्य शिक्षा केंद्र के निर्देश पर भारतीय भाषा उत्सव 4 दिसंबर से शुरू हुआ। यह आयोजन 11 दिसंबर तक चलेगा। महाकवि सुब्रमण्यम भारती की जयंती के उपलक्ष्य में यह उत्सव मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं के महत्व को बढ़ावा देना है। उत्सव की थीम ‘भाषण अनेक, भाव एक’ रखी गई है। इसके तहत विभिन्न विद्यालयों में कार्यक्रम हो रहे हैं। विद्यार्थियों को भारत की विविध भाषाओं से परिचित कराया जा रहा है। देशभर में बोली जाने वाली भाषाओं के अलग-अलग उच्चारण और उनके समान अर्थों की जानकारी दी जा रही है। दूरस्थ आदिवासी अंचल दियाबाड़ी के शिक्षक सनमान सिंह ने विद्यालयों में जाकर बच्चों को भाषाओं के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने गीत-संगीत के माध्यम से विभिन्न भाषाओं में गाकर और उनकी शैली समझाकर भाषा के विविध रूपों को प्रस्तुत किया।
भौतिक सुख से आत्मिक संतुष्टि नहीं मिल सकती : मुनिश्री
भास्कर संवाददाता | रायसेन संत शिरोमणि आचार्य विद्या सागर महाराज के परम प्रभावक शिष्य और शंका समाधान प्रणेता राष्ट्रीय संत मुनि प्रमाण सागर महाराज का सोमवार को सुल्तानगंज, जिला रायसेन में मंगल प्रवेश होगा। इस अवसर पर मुनि श्री ने अपने उपदेश में जीवन की विभिन्न सोचों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति की सोच अलग होती है और वही सोच हमारी प्रवृत्तियों और जीवन को निर्धारित करती है। मुनि श्री ने भौतिक, व्यावसायिक, व्यवहारिक और आध्यात्मिक सोच के बीच अंतर बताते हुए कहा कि भौतिक सोच वाले लोग केवल भोग और आनंद की तलाश करते हैं। लेकिन ऐसे लोग हमेशा मृगमरीचिका में भटकते रहते हैं। उन्होंने कहा कि भौतिक सुख से स्थायी शांति नहीं मिल सकती। जैसे ईंधन से अग्नि बुझाई नहीं जा सकती, वैसे ही भौतिक सुख से आत्मिक संतुष्टि नहीं मिल सकती। मुनि श्री ने ध्यान दिलाया कि हमारी संस्कृति में शुभ लाभ की सोच है, जहां लाभ सिर्फ व्यक्तिगत नहीं होता, बल्कि दूसरों का भला करने वाला होता है। उन्होंने व्यावसायिक सोच वाले व्यक्तियों को यह सलाह दी कि वे लाभ की बजाय नैतिकता के साथ कार्य करें। धर्म, परिवार और जीवन में नफा-नुकसान देखने वाला व्यक्ति कभी अच्छा मनुष्य नहीं बन सकता। मुनि श्री ने आगे कहा कि आध्यात्मिक सोच का मतलब यह नहीं कि आप समाज से कट जाएं, बल्कि इसका मतलब है कि आप अपने जीवन को संतुलित और शुद्ध रखें। आत्मसंतुष्टि और आंतरिक शांति की खोज करें। रात्रि विश्राम डूंगरिया ग्राम में होगा और सोमवार की प्रातः आहारचर्या सुल्तानगंज में आयोजित की जाएगी।
मोदी सरकार के एक और नीतीश सरकार के एक मंत्री सरकार से वेतन भी ले रहे हैं और पेंशन भी। यह खुलासा RTI के जरिए हुआ है। RTI के जरिए सामने आई इस जानकारी में बिहार के कई ऐसे नेताओं के नाम हैं जो संसद के सदस्य हैं और अब पूर्व सदस्य के तौर पर बिहार सरकार से पेंशन ले रहे हैं। सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम बिहार सरकार के मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव और मोदी सरकार में मंत्री सतीश चंद्र दुबे का है। 2 दिसंबर 2025 को RTI के जरिए सामने आई लिस्ट में 8 लोगों के नाम हैं। नियम के खिलाफ पेंशन उठाने वालों का नाम सिलसिलेवार तरीके से जानिए... 1. उपेंद्र कुशवाहाः राज्यसभा सांसद हैं, ले रहे पेंशन उपेंद्र कुशवाहा पहले अपना नाम उपेंद्र प्रसाद सिंह लिखते थे, बाद में बदल लिया। उन्हें 2005 से पेंशन मिल रहा है। इस समय यह राशि 47 हजार रुपए है। कुशवाहा इसके साथ ही राज्यसभा सांसद का वेतन भी ले रहे हैं। कुशवाहा अभी NDA के साथ हैं। उनकी पार्टी का नाम राष्ट्रीय लोक मोर्चा है। इन्होंने रालोसपा नाम की पार्टी बनाई थी। बाद में इसका विलय जेडीयू में किया, फिर जदयू से अलग होकर अपनी पार्टी बनाई। 2025 के विधानसभा चुनाव में कुशवाहा की पार्टी को 4 सीट मिले हैं। उनकी पत्नी स्नेहलता कुशवाहा सासाराम से चुनाव जीती हैं। कुशवाहा ने अपने बेटे दीपक प्रकाश को पंचायती राज मंत्री बनवाया है। दीपक अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। उपेंद्र कुशवाहा केंद्रीय मंत्री और चारों सदन (राज्यसभा, लोकसभा, विधानसभा और विधान परिषद) के सदस्य रहे हैं। 2. सतीश चंद्र दुबे: केंद्रीय मंत्री हैं, ले रहे 59,000 रुपए पेंशन पश्चिम चंपारण से आने वाले सतीश चंद्र दुबे राज्यसभा के सदस्य हैं। अभी भारत सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री हैं। सतीश चंद्र को 2019 से पेंशन मिल रही है। इस समय यह राशि 59,000 रुपए है। सतीश चंद्र विधायक और वाल्मीकिनगर सीट से लोकसभा सांसद थे। 2019 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। 3. बिजेंद्र प्रसाद यादव: मंत्री हैं, ले रहे 10 हजार रुपए पेंशन जदयू के सीनियर नेता बिजेंद्र प्रसाद यादव अभी बिहार सरकार में वित्त मंत्री हैं। ऊर्जा विभाग भी इनके जिम्मे है। उन्हें 2005 से 10 हजार रुपए पेंशन मिल रही है। सुपौल से विधायक बिजेंद्र यादव 1990 से लगातार विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं। 2025 में पांचवीं बार उन्होंने शपथ ली। लंबे समय से ऊर्जा विभाग के मंत्री हैं। ईमानदार नेता की छवि है। 4. देवेश चंद्र ठाकुर: लोकसभा सांसद हैं, ले रहे 86 हजार रुपए पेंशन जदयू नेता देवेश चंद्र ठाकुर लोकसभा सांसद हैं। 2020 से 86,000 रुपए पेंशन ले रहे हैं। विधान परिषद में सभापति जैसे बड़े संवैधानिक पद पर रहे हैं। तिरहुत स्नातक सीट से लंबे समय तक एमएलसी रहे। देवेश लोकसभा चुनाव 2024 जीतकर सांसद बने हैं। अपने एक बयान के चलते चर्चा में आए थे। कहा था, ‘मुस्लिम और यादव समुदाय ने वोट नहीं दिया तो उनकी व्यक्तिगत मदद नहीं करेंगे। सिर्फ चाय-नाश्ता कराकर विदा करेंगे।’ 5. ललन सर्राफ: विधान परिषद में होकर ले रहे 50 हजार पेंशन मधेपुरा के ललन सर्राफ बिहार विधान परिषद का सदस्य होने के नाते वेतन ले रहे हैं। इसके साथ ही 2020 से 50 हजार रुपए पेंशन भी पा रहे हैं। जदयू नेता ललन की गिनती मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में होती है। 2024 में इन्हें विधान परिषद में जदयू का उपनेता नियुक्त किया गया था। 6. नीतीश मिश्रा: विधायक हैं, ले रहे 43 हजार रुपए पेंशन 2025 के चुनाव में झंझारपुर सीट से जीतकर विधायक बने नीतीश मिश्रा 2015 से पेंशन ले रहे हैं। अभी 43 हजार रुपए मिल रहे हैं। पहले जदयू में थे। इस समय भाजपा विधायक हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के पुत्र नीतीश मिश्रा की गिनती पढ़े-लिखे नेताओं में होती है। बिहार सरकार के कई विभागों में मंत्री रहे हैं। इस बार मंत्री पद नहीं मिला है। 7. संजय सिंह: विधान पार्षद के वेतन के साथ ले रहे पेंशन जदयू नेता संजय सिंह विधान पार्षद हैं। उन्हें 2018 से पेंशन मिल रही है। वर्तमान में 68 हजार रुपए पेंशन ले रहे हैं। 8. भोला यादव हार गए चुनाव वेतन और पेंशन एक साथ पाने वालों की लिस्ट में भोला यादव का भी नाम है। हालांकि उन्हें वर्तमान में मिल रही पेंशन नियम के खिलाफ नहीं है। वह चुनाव हार गए हैं। भोला को पेंशन के रूप में 65 हजार रुपए मिल रहे हैं। क्या कहता है वेतन और पेंशन नियम? भास्कर ने पेंशन से जुड़े नियम की पड़ताल की तो पता चला कि नियम यह है कि माननीय हों या सामान्य नौकरी वाले लोग। सभी को हर साल जिंदा होने का सर्टिफिकेट देना पड़ता है। इससे साफ है कि हर वर्ष माननीय बता रहे हैं कि वे जीवित और पेंशन के हकदार हैं। नियम के तहत वेतन के साथ-साथ पेंशन नहीं लिया जा सकता है। किसी भी सदन का वेतन मिलने पर पहले से प्राप्त हो रहा पेंशन बंद होना चाहिए। पेंशन पाने के लिए लिख कर देना होता है कि राज्य या केंद्र सरकार में कहीं सेवा नहीं दे रहे हैं। यह तो आर्थिक अपराध जैसा मामला है: सीनियर वकील वेतन और पेंशन एक साथ लिए जाने पर पटना हाईकोर्ट के सीनियर वकील सर्वदेव सिंह ने कहा, ‘यह तो आर्थिक अपराध का मामला है। रिटायर होने के बाद ही माननीय पेंशन ले सकते हैं। अगर पद पर रहते हुए पेंशन लेते हैं तो गलत और नियम के खिलाफ है।’ बिहार के RTI कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय के आवेदन पर दी गई सूचना को लेकर भास्कर ने सभी नेताओं से संपर्क किया। लेकिन किसी नेता ने फोन रिसीव नहीं किया। उनका जवाब आने पर शामिल किया जाएगा।
विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी, दिल्ली पुलिस ने महिला को किया गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाली एक महिला को गिरफ्तार किया है
मध्य प्रदेश के पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल की बेटी प्रतिज्ञा सिंह पटेल 1330 किलोमीटर की नर्मदा परिक्रमा करने जा रहीं हैं। प्रतिज्ञा की यह यात्रा परिक्रमा करने वाले दूसरे यात्रियों से अलग होगी। प्रतिज्ञा करीब दो साल में नर्मदा परिक्रमा पूरी करेंगी। 15 दिसंबर को अमरकंटक से प्रतिज्ञा की यात्रा शुरू होगी। इस मौके पर मंत्री प्रहलाद पटेल और उनके परिजन मौजूद रहेंगे। 7 किलोमीटर लंबी पेंटिंग बनाएंगी प्रतिज्ञा पटेल अमरकंटक से लेकर नर्मदा नदी के अरब सागर तक के सफर का चित्रांकन करेंगी।1330 किलोमीटर की इस यात्रा में नदी के दोनों किनारों के दृश्यों की पेंटिंग बनाएंगी। हर 150 किलोमीटर के दृश्य एक किलोमीटर की पेंटिंग पर उकेरे जाएंगे। अमरकंटक, ओंकारेश्वर जैसे कुछ स्थानों के चित्रण में करीब डेढ़ से दो किलोमीटर की पेंटिंग हो सकती है। इस तरह 1330 किलोमीटर की नर्मदा यात्रा को सात किलोमीटर की पेंटिंग में बनाने की तैयारी है। डूब में आए स्थल भी पेंटिंग में दिखेंगेप्रतिज्ञा कहतीं हैं कि मेरे माता-पिता, चाचा, मामा-मामी नर्मदा परिक्रमा कर चुके हैं। पापा ने 1994 में पहली नर्मदा परिक्रमा की थी। इसके बाद 2005 में पापा और मम्मी दोनों ने साथ में नर्मदा परिक्रमा की थी। पापा (प्रहलाद पटेल) के पास नर्मदा परिक्रमा की 52 मिनट की वीडियो रिकॉर्डिंग है। उसके आधार पर मैं अपनी पेंटिंग्स में यह दिखाऊंगी कि 1994 में नर्मदा किनारे कौन से तप स्थल कहां कैसे दिखते थे। 2005 में कहां कैसे दृश्य थे। मामी भी साथ में करेंगी यात्राप्रतिज्ञा ने बताया कि नर्मदा यात्रा में मेरी मामी मेरे साथ जा रहीं हैं। चूंकि पेंटिंग के लिए स्टैंड और काफी सामान की जरूरत होगी। इसलिए मैंने एक मिनी ट्रक इस यात्रा के लिए तैयार कराया है। उस ट्रक के जरिए यात्रा होगी। ड्रोन की मदद से कैद होंगे नर्मदा किनारे के दृश्यप्रतिज्ञा कहती हैं कि नर्मदा किनारे जहां पहुंचने में दिक्कत है वहां ड्रोन की मदद से वीडियो और फोटोग्राफी कराकर फिर पेंटिंग बनाई जाएगी। मैं अपनी पेंटिंग में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले एक्रेलिक और सिंथेटिक के बजाए नेचुरल कलर जैसे पत्थर से रंग और गोंद की मदद से कलर तैयार करूंगी। पर्यावरण संरक्षण का भी होगा संदेशप्रतिज्ञा कहतीं हैं कि यात्रा के पीछे विचार ये है कि लोग नर्मदा को जिस आस्था के भाव से देखते हैं वह जीवनदायिनी नर्मदा मैया को साफ-स्वच्छ रखने के लिए लोग जागरूक हों। प्राचीन समय में लोग नर्मदा को साफ रखने के लिए तांबे के सिक्के डालते थे। कपास के वस्त्र प्रवाहित करते थे जो बाद में मछलियों का भोजन बनता था। अब समय बदला है लोग पानी साफ करने के लिए काला नमक, फिटकरी डालते हैं। यदि हम प्लास्टिक युक्त कपडे़ डालेंगे तो वह नर्मदा मैया के प्रदूषण का कारण बनेगा। मैं नर्मदा यात्रा में पर्यावरण और मैया के संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करने वाले चित्र बनाऊंगी। सिंहस्थ में पेंटिंग होगी प्रदर्शितप्रतिज्ञा ने बताया कि पहले चरण में मेरी यात्रा करीब पांच महीनों की होगी। बारिश शुरू होने के पहले इसका पहला चरण खत्म होगा। अनुमान है कि इस यात्रा में करीब ढ़ाई साल का वक्त लगेगा। नर्मदा यात्रा पूरी होने के बाद 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ में इस पेंटिंग को प्रदर्शित किया जाएगा। भास्कर के सवाल, प्रतिज्ञा के जवाब सवाल: यात्रा को लेकर आपकी क्या योजना है?प्रतिज्ञा: मैं आने वाले दिनों में अमरकंटक से इस पेंटिंग की शुरुआत करने जा रही हूं। पूस के महीने में परिक्रमा शुरू करने की मनाही होती है इसलिए मैंने दत्त पूर्णिमा पर इसका श्रीगणेश भरुच से दादागुरु की मौजूदगी में कर दिया है। मैंने अपने पिताजी के साथ बैठकर रूट तय किए हैं कि किस स्थान पर किस तपोभूमि में कितने दिन रूकना होगा। हर सात दिनों के बाद मुझे नया रूट मैप मिलता जाएगा कि मुझे कहां-कहां जाना है। हमने संकल्प लिया है कि इस पेंटिंग की लंबाई 7 किलोमीटर यानी 7 हजार मीटर होगी। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 5300 किलोमीटर का रिकॉर्ड है। मैंने संकल्प किया है कि ऑयल पेंटिंग पर 7 हजार किलोमीटर के कैनवास पर पेंटिंग बनेगी। ये हनुमान परिक्रमा के रूप में होगी। जिसमें आप दोनों तट पार कर सकते हैं। उन तटों का चित्रण करती जाऊंगी। तटों पर जो मंदिर हैं तपोभूमि हैं परंपराओं का डॉक्यूमेंटेशन करूंगी। जो भी अनुभूतियां होंगी उनका डॉक्यूमेंटेशन इस पेंटिंग में होगा। सवाल: पेंटिंग में क्या दिखाएंगी?प्रतिज्ञा: मेरी ज्यादा तर प्रैक्टिस पर्यावरण पर केंद्रित है। क्योंकि भारत की नदियों को जैविक कहा गया है। मां का दर्जा दिया गया है तो पर्यावरण की चिंता करते हुए मैं उन दृश्यों को दिखाना चाहती हूं। जिसमें हमारे यहां पहले सनातन में प्राकृतिक संसाधनों का बहुत ध्यान दिया जाता था। जैसे नदियों की सफाई के लिए उनमें तांबा डाला जाता था आजकल फिटकरी और काला नमक डालने को कह रहे हैं क्योंकि, तांबा की कमी है। पहले कपास का कपड़ा डालते थे वो मछलियों का भोजन बन जाता था। ये सब मैं दिखाना चाहती हूं। लोग परंपराओं को समझें और जागरूक हों। उन परंपराओं पर चलें और समय के साथ उन्हें अपडेट करें। अगर आप प्लास्टिक की चुनरी डाल रहे हैं तो वो मां के लिए हमारे और पर्यावरण के लिए अच्छा नहीं हैं। आशा है कि लोग इससे जागरूक होंगे। पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता आएगी। ऐसा नहीं हैं कि ये सिर्फ हम फोटो या पेंटिंग के लिए कर रहे हैं। सवाल: कितने समय में यह यात्रा पूरी होगी?प्रतिज्ञा: नर्मदा जी 13 सौ किलोमीटर लंबी हैं। परिक्रमा का नियम है कि आप देवउठनी ग्यारस के बाद यात्रा शुरू कर सकते हैं और देवशयनी एकादशी पर यात्रा समाप्त करनी होती है। हमने जो सोचा है उसके मुताबिक इस यात्रा में दो साल का समय लग सकता है क्योंकि डॉक्यूमेंटेशन और ऑयल पेंटिंग की जो प्रोसेस थोड़ा लंबी है । अगर आप छोटा टुकड़ा भी पेंट कर रहे हैं तो उसे तीन-चार दिन लग जाते हैं। मुझे इसमें समय देना पड़ेगा। अभी तो 5-6 महीने में लगातार पेंट करती जाऊंगी और जितना भी समय लगे मैं इस संकल्प को पूरा करूंगी। अगर कोई उस चित्र को देखे तो समझ जाए कि परिक्रमा क्या है? अब लोग नर्मदा जी के बारे में जानना चाहते हैं तो ये पेंटिंग उसका माध्यम बने। अगर आप परिक्रमा में न जा पाएं तो लोग उस पेंटिंग के जरिए उन दृश्यों को देख पाएं। कई ऐसे स्थान जो अब नजर नहीं आते वे डूब क्षेत्र में हैं। उन्हें भी दिखाएंगे। सवाल: ये पेंटिग को कहां प्रदर्शित करेंगी?प्रतिज्ञा: अभी तक यह निर्णय नहीं हो पाया है। दादा गुरु जी ने कहा था कि मैं चाहता हूं कि इस पेंटिंग को सिंहस्थ में दिखाएं। मैं दिन में 12 घंटे पेंटिंग के लिए देती हूं। यात्रा में दिन की रोशनी पर निर्भर करेगा कि मैं कितना समय दे पाती हूं।
बॉलीवुड के सोल फुल सिंगर मोहित चौहान की आवाज ने 'डूबा डूबा', 'नादान परिंदे' और 'सड्डा हक' जैसे गानों को अमर बनाया। अब वे राजनीति को लेकर खुलकर बातें कर रहे हैं। पहली बार उन्होंने साफ कहा कि अभी किसी पार्टी का नाम तय नहीं किया है, लेकिन पहाड़ों और देश के लिए काम करना उनकी प्राथमिकता है। ग्लैमर की चकाचौंध दुनिया एक माया है। यह पलभर में खत्म हो जाती है और उसी भ्रम में कई युवा कलाकार अपना रास्ता भटक जाते हैं। मोहित चौहान ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में अपने संगीत के सफर, ‘सिल्क रूट’ के दिन, जानवरों के प्रति प्रेम, स्ट्रे डॉग्स के लिए काम, ओटीटी सीरीज ‘चमकीला’ और ए.आर. रहमान के साथ काम करने के अनुभवों को बेहद सहज और बेबाक अंदाज में साझा किया। पढ़िए... भोपाल हिंदुस्तान के सबसे खूबसूरत शहरों में से एकमोहित चौहान हाल ही में एम्स भोपाल के कार्यक्रम ‘फेस्ट रेटीना 8.0’ में प्रस्तुति देने भोपाल पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि वे इससे पहले भी कई बार भोपाल आ चुके हैं और यह शहर उन्हें खासा पसंद है। भोपाल हिंदुस्तान के सबसे खूबसूरत शहरों में से एक है। यहां की झीलें शहर की सुंदरता को कई गुना बढ़ा देती हैं। भोपाल बहुत साफ नजर आता है। यही बात मुझे इसे लेकर और ज्यादा आकर्षित करती है। यहां आकर हमेशा अच्छा लगता है। दिल्ली में स्ट्रे डॉग्स के लिए काम कर रहा हूं, यह हमारा धर्म हैसिर्फ संगीत ही नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति भी मोहित चौहान काफी संवेदनशील हैं। उन्होंने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से स्ट्रे डॉग्स और दूसरे बेसहारा जानवरों के लिए काम कर रहे हैं। उनकी ज्यादातर गतिविधियां दिल्ली में होती हैं। सिंगर मोहित चौहान ने कहा कि मुझे प्रकृति और जानवरों से हमेशा से लगाव रहा है। हम लोग उनके साथ यह दुनिया साझा करते हैं। वे भी हजारों सालों से हमारे साथ रहते आ रहे हैं। उनकी रक्षा करना और उन्हें अच्छा वातावरण देना हम इंसानों का कर्तव्य है। स्ट्रे एनिमल्स की सेवा करना मुझे अपना धर्म लगता है। इंडस्ट्री की लाइमलाइट माया, फंसना खतरनाकइंडस्ट्री की लाइमलाइट देखकर कई युवा कलाकार उसमें उलझ जाते हैं, जो उनके करियर को प्रभावित करती है। इस पर मोहित चौहान ने कहा, मुझे लगता है कि जो चकाचौंध होती है, वो एकदम से माया है। वो एक पल में निकल जाती है। फिर जो लोग उसमें कुछ वक्त के लिए खोए होते हैं, वे बहुत परेशान हो जाते हैं कि वो कहां चली गई। लेकिन वो तो कभी थी ही नहीं वहां पर। वो सिर्फ एक इल्यूजन था। असली जीवन यही है कि जमीन पर रहो, अपना काम करो। अपने लोगों से जुड़े रहो, धरती से जुड़े रहो, अपने काम पर ध्यान दो और सेवा भी कुछ न कुछ करते रहो। गीत में दर्द तभी उतरता है, जब महसूस करें…मोहित चौहान ने कहा कि यह एक गायक की प्रतिभा है कि यदि वह दर्द भरा गीत गाता है, तो जरूरी नहीं कि वह खुद उस पीड़ा से गुजरा हो, लेकिन वह उस पीड़ा को महसूस कर सकता है। दुनिया में कोई न कोई उस दर्द से गुजर रहा होता है। जब आप उसके प्रति सहानुभूति रखते हुए उस दर्द को अपने भीतर महसूस करके गाते हैं, तभी वो गीत लोगों के दिल को छूता है। नए माहौल को जल्दी अपनाने की आदत मोहित चौहान ने कहा कि वे बहुत जल्दी लोगों और माहौल को अपना लेते हैं। “जब मैं दूसरे सिंगर्स के गाने सुनता हूं या किसी म्यूजिकल कॉन्सर्ट में उनके गाने गाता हूं, तो मैं उसमें पूरी तरह ढल जाता हूं। जंगलों और पहाड़ों में रहा हूं, बहुत जगहों पर घूमा हूं, इसलिए नए माहौल को जल्दी अपनाने की आदत है। शायद यही वजह है कि मेरे गाए गीतों में लोगों को मेरा अक्स नजर आता है। नए सिंगर्स को ओरिजिनल रहना चाहिएमोहित ने कहा कि नए सिंगर्स ओरिजिनल रहें। सबके गाने सुनें, लेकिन सबसे हटकर अपनी एक पहचान बनाएं। किसी को कॉपी करने के बजाय अपनी यूनिक आइडेंटिटी बनाएं। जानवरों से प्यार करें, इससे आपके संगीत और आपकी पर्सनैलिटी में बहुत निखार आता है। गाना सिर्फ दो हफ्ते का ट्रेंड नहीं होताउन्होंने कहा कि आजकल कई गाने सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल होने के लिए बनाए जाते हैं। कई बार डायरेक्टर कहते हैं कि ऐसा गाना बनाइए जो ट्रेंड करे और लोगों की रिंगटोन बने। तब मैं मुस्कुराकर कहता हूं कि मैं पहाड़ी देसी हूं। मैं सोलफुल म्यूजिक में भरोसा रखता हूं। मेरे लिए गाना दो हफ्ते का ट्रेंड नहीं, बल्कि सालों तक लोगों के दिल में रहना ज्यादा जरूरी है। ऐसे चमकीला में मिला बाजा का किरदार मोहित चौहान ने बताया कि मेरी बढ़ी हुई दाढ़ी की वजह से उन्हें चमकीला में बाजा का किरदार मिला। मैं गाना रिकॉर्ड कर रहा था। उसी वक्त इम्तियाज अली से पंजाबी में मजाक कर रहा था। उन्होंने कहा कि पगड़ी पहनोगे तो बिल्कुल सिख लगोगे, वहीं से मेरे इस किरदार की शुरुआत हुई। मोहित चौहान ने बताया कि उन्होंने रामचरण के लिए ‘चिकिरी चिकिरी’ गीत गाया है, जिसका संगीत एआर रहमान ने दिया है। अलग भाषा और अलग फ्लेवर में गाना हमेशा एक नया अनुभव होता है। मुझे ऐसी चुनौतियां पसंद हैं। यह भी पढ़े...मोहित बोले- मेरे बैंड के मेंबर्स की फ्लाइट लेट हुई , लेकिन बस से आए बॉलीवुड के मशहूर सिंगर और युवाओं के दिलों की धड़कन मोहित चौहान भोपाल पहुंचे। शनिवार रात AIIMS भोपाल के एनुअल कल्चरल फेस्ट “RETINA” में मोहित की परफॉर्मेंस शुरू हुई। मोहित चौहान को लाइव सुनने के लिए छात्र सुबह से ही उत्साहित नजर आ रहे थे। पूरी खबर यहां पढ़ें...
भोपाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के डिजिटाइजेशन का काम पूरा हो गया है। 21 लाख 25 लाख से ज्यादा वोटर्स के फाॅर्म डिजिटाइज किए गए, लेकिन 2 लाख 26 हजार वोटर्स ऐसे मिले, जिनका 2003 की वोटर्स लिस्ट के अनुसार डेटा नहीं मिला है। कुल 10.7 प्रतिशत वोटर्स को 'नो मेपिंग' के दायरे में रखा गया है। अब अगले एक महीने तक जिला प्रशासन इन वोटर्स का रिकॉर्ड ढूंढेंगे। यदि रिकॉर्ड नहीं मिलता है तो नाम भी काटे जाएंगे। सबसे ज्यादा नो मेपिंग नरेला विधानसभा में सबसे ज्यादा नो मेपिंग नरेला विधानसभा से है। यहां पर कुल 55 हजार 384 यानी, 15.61 प्रतिशत वोटर्स को इस दायरे में रखा गया है। सबसे कम बैरसिया में सिर्फ 3419 वोटर्स हैं, जो 1.35 प्रतिशत है। भोपाल उत्तर में 26 हजार 965, भोपाल दक्षिण-पश्चिम में 32 हजार 818, भोपाल मध्य में 27 हजार 890, गोविंदपुरा में 47 हजार 264 और हुजूर विधानसभा में 34 हजार 647 वोटर्स है। इस तरह कुल 2 लाख 28 हजार 387 वोटर्स 'नो मेपिंग' में शामिल हैं। 4 नवंबर से शुरुआत, पर असली काम 19 नवंबर सेएसआईआर का काम 4 नवंबर से शुरू हुआ था, जो 9 दिसंबर तक चलना है। सबसे पहले बैरसिया विधानसभा ने टारगेट पूरा किया। इसके बाद हुजूर, उत्तर और मध्य ने भी काम निपटा लिया है। रविवार को बाकी विधानसभाओं ने भी 100 प्रतिशत काम पूरा कर लिया। भोपाल की सात विधानसभा सीटों में 21 लाख 25 हजार 908 वोटर हैं। 19 नवंबर तक की स्थिति में फॉर्म की वापसी का प्रतिशत 7.37 ही था। वहीं, 7 दिसंबर की शाम तक यह 100 प्रतिशत हो गया। समझाईश, फटकार, कार्रवाई और सम्मान भीएसआईआर के काम में लापरवाही बरतने पर एक दर्जन से ज्यादा बीएलओ पर कार्रवाई भी हो चुकी है। वहीं, अब काम पूरा करने वाले बीएलओ को सम्मानित भी किया जा रहा है। कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने रविवार को भो बीएलओ का सम्मान किया। वहीं, दो दिन पहले काम पूरा करने पर बैरसिया के बीएलओ को बड़ा तालाब में शिकारा नाव की सैर करवाई गई थी। डरे नहीं...50 दिन में देने होंगे दस्तावेज, अफसर भी मदद करेंगेजिन वोटर्स के फार्म नो मेपिंग के दायरे में हैं, उन्हें 50 दिन मिलेंगे। वे इस अवधि में अपने दस्तावेज जमा करवा सकते हैं। इसलिए वास्तविक मतदाताओं को डरने की जरूरत नहीं है। अधिकारी भी उनकी मदद करेंगे। इस संबंध में उप जिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता ने जानकारी दी। दैनिक भास्कर ने उनसे सवाल-जवाब भी किए हैं। सवाल- नो मेपिंग कैटेगिरी में करने से क्या होगा? सवाल- यदि किसी का वोटर लिस्ट में नाम नहीं है? या बाहर से आए और वहां नाम कट गया तो वे क्या कर सकते हैं? ये खबरें भी पढ़ें... 1. भोपाल में 20.71 लाख वोटर्स का SIR डिजिटाइजेशन स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) में भोपाल के कुल 20 लाख 71 हजार से ज्यादा वोटर्स के फाॅर्म डिजिटाइज हो गए हैं, जो 97.5 प्रतिशत है। 7 में से चार विधानसभा- बैरसिया, हुजूर, भोपाल उत्तर और भोपाल मध्य में काम पूरा हो चुका है। बची 3 विधानसभा में अगले 24 घंटे में टारगेट पूरा करने का दावा है। पूरी खबर पढ़ें 2. एसआईआर सर्वे-BLO ने फॉर्म लिए, पर बांटे ही नहीं भोपाल में वोटर लिस्ट के गहन परीक्षण यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) में लापरवाह 2 बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) को सस्पेंड करने का प्रस्ताव कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को भेजा गया है। इनमें से एक बीएलओ ने मैपिंग कार्य और फॉर्म भी ले लिए, पर फिल्ड में उतरे ही नहीं। इस वजह से बीएलओ के बूथ क्षेत्र में काम ही नहीं हुआ। पूरी खबर पढ़ें
जैसलमेर और फतेहगढ़ में डिस्कॉम के समानांतर सिस्टम खड़ा करने की पड़ताल के दौरान एक और चौकान्ने वाला खुलासा हुआ है। 38, 401 वर्गकिमी में फैला जैसलमेर राजस्थान ही नहीं देश का सबसे बड़ा सरकारी लैंड बैंक वाला जिला है। यहां की खाली सरकारी जमीन पर धड़ल्ले से अवैध खेती हो रही है। बिना नहरी क्षेत्र में, जिसमें पांच तहसीलें जैसलमेर, सम, फतेहगढ़, पोकरण व भणियाणा शामिल हैं। फतेहगढ़ तहसील में 22.14 लाख हेक्टेयर सरकारी जमीन है, इसमें से करीब 60 से 70 % सरकारी जमीन पर माफिया बेखौफ अवैध खेती कर रहे हैं। हर बार बारिश में सरकारी जमीन पर खेती को लेकर विवाद बढ़ जाते हैं, कई बार तो आपस में एक दूसरे पर हमला करने के मामले पुलिस में आते हैं। कई प्रकरण तो पुलिस दर्ज नहीं करती है और प्रशासन को पत्र भेजकर सरकारी जमीन मुक्त करवाने का आग्रह करती है। लेकिन अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हो सकी है। भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान ये तथ्य सामने आया है। सांवता : जीरे की फसल - अवैध बिजली कनेक्शन की पड़ताल के दौरान जब भास्कर टीम फतेहगढ़ क्षेत्र के सांवता गांव पहुंची। यहां पर रोड के किनारे एक जने ने अपनी खातेदारी जमीन के साथ करीब 150 बीघा सरकारी जमीन पर बुवाई कर रखी थीं। यहां पर जीरा की फसल की बुवाई हो चुकी थी और बिजली चोरी कर ट्यूबवेल से पानी सींचा जा रहा था। यहां बूंद बूंद प्रणाली से फसल को पानी दिया जा रहा था। जब इस बारे में खेती करने वाले व्यक्ति से बातचीत करने का प्रयास किया तो उसने सबसे पहले ट्रांसफार्मर से अवैध कनेक्शन हटा दिया और उसे चारे के नीचे रख दिया। छोड़ गांव - 100 बीघा में खेती- जैसलमेर से फतेहगढ़ की ओर जाने वाले मेगा हाइवे के दोनों ओर बिजली चोरी के साथ सरकारी जमीन पर खेती मिली। भास्कर की टीम मुख्य हाइवे से छोड़ गांव के चालीस फीट की सड़क से अंदर रवाना हुई। करीब 10 किमी चलने के बाद यहां भी विंड मिल के पास खाली पड़ी 100 बीघा से ज्यादा जमीन पर जीरा की बुवाई हो रखी थी। खेत में काम कर रहे दो युवकों से भास्कर ने बातचीत की। उन्होंने अपना नाम सादिक व हमीरा खान बताया। दोनों का कहना था कि वे बाड़मेर जिले के शिव तहसील के रहने वाले है और दिहाड़ी पर काम करते है। यहां खेत मालिक ने अपनी जमीन के साथ पास की सरकारी जमीन पर बुवाई कर रखी है। कुछ देर बाद भास्कर टीम रवाना होने लगी तब कुछ लोग फॉरच्यूनर में सवार होकर आए और धमकाने लगे। 100-100 बीघा जमीन पर कब्जे कर खेती, दबदबे के लिए झगड़ेजैसलमेर, सम, फतेहगढ़, पोकरण व भणियाणा में सरकारी जमीन की भरमार है, लेकिन सिंचाई के लिए नहरी पानी नहीं हैं। ऐसे में सौ-सौ बीघा सरकारी जमीन पर अवैध खेती हो रही है। कई जगह खातेदारी के पास खाली पड़ी जमीन पर दबंगाई से कब्जा कर खेती की जा रही है। इसको लेकर झगड़े भी होते हैं। यहां 400 फीट गहराई से पानी लिफ्ट करने के लिए 25 एचपी से ज्यादा क्षमता के पंप लगाए जा रहे हैं। इन पंपों को भी चोरी की बिजली से चलाया जा रहा है। खेती को लेकर हो रहे झगड़े मानूसन में अवैध खेती को लेकर झगड़े होते हैं। पुलिस प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई करती है। कब्जे हटाने के लिए प्रशासन को पत्र भेजते हैं।-अभिषेक शिवहरे, एसपी, जैसलमेर शिकायत पर कब्जे हटाए फतेहगढ़ तहसील में सरकारी जमीन पर अवैध खेती की शिकायतें मिलती हैं। बड़ा क्षेत्र होने के बाद भी शिकायत मिलते ही कब्जे हटाते हैं। -भरतराज गुर्जर, एसडीएम, फतेहगढ़
रेगुलर अध्यापकों का डीसी रेट से कम वेतन करना मुलाजिम विरोधी : अध्यापक यूनियन
ईटीटी 6635 अध्यापक यूनियन का आरोप है कि सरकार ने अदालत के आदेशों को भ्रमित रूप में लागू करवाने के लिए नया रास्ता निकाला है। 2018 के सर्विस नियमों के अनुसार परख काल में नौकरी कर रहे 6635, 4161, 5994, 2364 अध्यापकों पर 10300 रुपए का नाममात्र वेतन थोप दिया गया, यह वेतन डीसी रेट से भी कम बनता है। प्रदेश प्रधान दीपक कंबोज, वित्त सचिव निर्मल जीरा व उपप्रधान कुलदीप खोखर व प्रांतीय कनवीनर शलिंदर कंबोज ने कहा कि अध्यापकों में सरकार के प्रति भारी रोष है जहां परख काल में मुलाजिमों की न्यूनतम वेतन 40 हजार से ज्यादा बनती है, वहीं इस तरीके से वेतन कम करके अध्यापकों को मानसिक व आर्थिक तौर पर परेशान करने के लिए सरकार की ओर से हर पैंतरा अपनाया जा रहा है। उन्होंने सरकार के इस रवैये के खिलाफ संघर्ष तेज करने की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि जुलाई 2020 के बाद भर्ती रेगुलर अध्यापकों व मुलाजिमों द्वारा पंजाब पे स्केल को बहाल करवाने के लिए जमीनी व कानूनी लड़ाई लगातार लड़ी जा रही थी जिसमें सौरभ शर्मा बनाम अन्य केसों में सुप्रीम कोर्ट व हाइकोर्ट की ओर से पंजाब सरकार को सर्विस रूल के आधार पर पंजाब सरकार को पंजाब स्केल लागू करने की हिदायत की। सरकार की ओर से पंजाब स्केल लागू करने के लिए जहां समय पर विभिन्न आदेश व पत्र जारी किए गए, वहीं 3 अक्टूबर को जारी किए पत्र ने रेगुलर अध्यापकों व मुलाजिमों को बहुत बड़ा वित्तीय नुकसान पहुंचाया। नेताओं ने स्पष्ट किया कि विभिन्न केसों में लगी सीओसीपी में जिसकी अगली सुनवाई 10 दिसंबर है, अगर सरकार छठे पंजाब स्केल पूर्ण रूप में लागू करने में सहमत नहीं होती तो आने वाले समय सरकार का हर फ्रंट पर विरोध किया जाएगा।
सीनियर डिप्टी मेयर से मिले सिविल लाइंस रेजिडेंट्स एसोसिएशन के सदस्य, इलाके की समस्याएं बताईं
भास्कर न्यूज | बठिंडा सिविल लाइंस के इलाका निवासियों के अनुरोध पर सीनियर डिप्टी मेयर शाम लाल जैन सिविल लाइन पार्क पहुंचे जहां सिविल लाइंस रेजिडेंट्स एसोसिएशन ने शहर के सबसे पॉश इलाके की समस्याओं से अवगत करवाया। इस दौरान पार्षद टहल सिंह बुट्टर भी उपस्थित रहे। एसोसिएशन के प्रधान इंजी. सर्बजीत कंवर, उपप्रधान शिवदेव सिंह, महासचिव विनीत मल्होत्रा, कोषाध्यक्ष आशुतोष चंदर, सुखदीप सिंह भिंडर ने बताया कि बरसात के दिनों में सिविल लाइंस पानी की चपेट में आना सबसे गंभीर समस्या है। हाइवे को जाती सड़क ऊंची होने की वजह से इलाके में अढ़ाई से तीन फुट तक पानी भर जाता है और बारिश का पानी कई घरों में घुस जाने से भारी आर्थिक नुकसान का कारण बनता है। सिविल लाइंस क्लब परिसर में एक स्टोरेज टैंक बनाया गया है और नगर निगम द्वारा बारिश के पानी को लिफ्ट करके मुख्य पाइप लाइन में डालने के लिए पंप भी लगाया गया है। हाजीरतन, सब्जी मंडी और राजिंदरा कॉलेज की तरफ से आने वाला पानी सिविल लाइंस कॉलोनी के घरों में घुस जाता है। जलभराव की समस्या के पुख्ता समाधान के लिए हाजीरतन में एक पंप लगाकर इस पानी को लिफ्ट करके मुख्य पाइप में डाला जाए ताकि यह पानी सिविल लाइंस कॉलोनी में प्रवेश न कर सके। इसके अलावा सिविल लाइंस स्थित पार्क संख्या 33 में लाइटें नहीं हैं। शाम के समय महिलाएं और बच्चे आते हैं, लेकिन पार्क में रोशनी बहुत कम होने के कारण घूमना और खेलना मुश्किल हो जाता है। पार्क में नई एलईडी लाइट्स लगाकर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था की जाए, वहीं पार्क की दीवार, ग्रिल और पैदल मार्ग की मरम्मत की जाए। इलाका निवासियों ने पार्क में 15x20 फीट का एक मीटिंग हॉल बनवाने का आग्रह किया जहां लोग समाचार पत्र पढ़ सकें और कॉलोनी की बैठकें की जा सकें। सीनियर डिप्टी मेयर शाम लाल जैन ने शीघ्र ही इसके समाधान का भरोसा दिया।
मजदूर वर्ग की बहुतायत वाली शहीद नगर की एक गली है। गली के आखिर में रामदेवजी का छोटा-सा मंदिर है, जो हर शाम स्कूल बन जाता है। यहां संतोष नाम की महिला 55 बच्चों को फ्री में कोचिंग देती हैं। संतोष बचपन में टीचर बनना चाहती थीं। एमकॉम और एसटीसी किया। हालात ने उसे मनरेगा में मेट बना दिया। फिर सपना देखा कि बेटी प्रतिभा को डॉक्टर बनाऊंगी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। 5 जून 2021 को 18 साल 6 महीने की बेटी प्रतिभा पीलिया से चल बसी। जीवन का नया मकसद बनाया- अगर मेरी एक बेटी गई तो क्या हुआ? वह 2022 में शाम को काम से सीधे मंदिर जाने लगीं। तीन बच्चों को पढ़ाना शुरू किया। धीरे-धीरे बच्चे जुड़ते गए। कॉलोनी के मजदूर परिवारों में कोचिंग का सपना सिर्फ सपना था और संतोष ने इसे हकीकत में बदल दिया। अब शाम 5 बजते ही बच्चों के कदम मंदिर की सीढ़ियों पर चढ़ने लगते हैं। फिर शुरू होता है भविष्य संवारने का सिलसिला। मंदिर में पढ़ रहे बच्चे बोले-मैडम हमारे लिए भगवान संतोष मनरेगा में मेट हैं और कमाई 7 हजार महीना। पति भंवरलाल मजदूर हैं और हर महीने 12 से 18 हजार रुपए कमाते हैं। बड़ा बेटा मजदूरी के साथ नर्सिंग की पढ़ाई कर रहा है। छोटा बेटा 12वीं में है, वह भी घर चलाने में मदद करता है। खास बात यह है कि 15 साल या उससे ऊपर कोई लड़की आती है तो संतोष उसे पढ़ाई के साथ सिलाई भी सिखाती हैं ताकि वो खुद के लिए खड़ी हो सके। घर की कमाई कम, लेकिन हिम्मत सबसे ज्यादा 2004 में प्राण-प्रतिष्ठा हुआ रामदेवजी मंदिर आज पूरे इलाके की शिक्षा का केंद्र बन गया है। शहीद नगर के बच्चे कहते हैं कि मैम तो भगवान हैं। मंदिर में भगवान की मूर्ति अंदर है और बाहर मैम। संतोष ने सिर्फ बच्चों को पढ़ाया नहीं, पूरी कॉलोनी के भविष्य को दिशा दी है। कहानी यहीं खत्म नहीं होती…, यहीं से उन 55 बच्चों की नई कहानियां शुरू होती हैं।
20 नवंबर को नीतीश कुमार ने 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। नतीजे तो 14 नवंबर को ही साफ हो गए थे, पर तस्वीर जितनी साफ दिखी, कहानी उतनी साफ नहीं है। CM की कुर्सी नीतीश के पास है, लेकिन पावर-सेंटर अब खुलकर बीजेपी के हाथों में दिखने लगा है और यही बात राजनीति की धड़कन बढ़ा रही है। अंदरखाने इसी गहमागहमी के बीच एक और चर्चा अचानक जोर पकड़ चुकी है- नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार राजनीति में उतरने वाले हैं। चुनाव के रिजल्ट के बाद पहले घर यानी नीतीश कुमार के बड़े भाई ने निशांत के राजनीति में आने की वकालत की। उसके 20 दिन बाद JDU के दिग्गज संजय झा ने साफ-साफ कहा कि निशांत को अब आगे आना चाहिए। अब सवाल और दिलचस्प हो गया है क्या यह सिर्फ राय है या JDU के भविष्य का ब्लूप्रिंट। अगर निशांत सामने आते हैं, तो क्या नीतीश कुमार अपनी राजनीतिक पारी को समेटने की तैयारी कर रहे हैं? जानेंगे, आज के एक्सप्लेनर बूझे की नाहीं में...। सवाल-1ः निशांत कुमार के राजनीति में आने पर कब किसने क्या कहा? जवाबः 5 दिसंबर को पटना एयरपोर्ट पर JDU के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और निशांत कुमार एक साथ दिखे। संजय झा ने कहा, ‘JDU के कार्यकर्ता, समर्थक और शुभचिंतक सभी चाहते हैं कि अब निशांत कुमार पार्टी में सक्रिय भूमिका निभाएं। पार्टी में हर कोई उन्हें काम करते देखना चाहता है। अब अंतिम निर्णय निशांत कुमार को ही लेना है।’ खास बात है कि इस बार संजय झा ने यह बयान मीडिया के बिना सवाल पूछे दिया है। मतलब अपने से बयान दिया है और वह भी निशांत कुमार के सामने। जबकि, इससे पहले 3 सितंबर को एक इंटरव्यू में संजय झा ने कहा था, ‘फिलहाल निशांत कुमार राजनीति में नहीं आएंगे। ऐसी कोई बात नहीं है। नीतीश कुमार फिलहाल सक्रिय हैं।’ सवाल-2ः क्या निशांत राजनीति में आएंगे और उनको लाने की मांग क्यों हो रही? जवाबः संजय झा के बयानों से साफ लग रहा है कि निशांत कुमार के राजनीति में आने के चॉंसेज ज्यादा हैं। एक्सपर्ट इसके पीछे 3 बड़े कारण बताते हैं… 1. नीतीश के बाद JDU में कोई पॉपुलर लीडर नहीं 2003 में बनी JDU बीते 22 साल से नीतीश की छतरी के नीचे ही चल रही है। नीतीश कुमार ही चेहरा हैं। पार्टी में कोई और नेता नहीं, जिसकी पकड़ पूरे बिहार में हो। दूसरे नंबर पर जरूर कुछ नेता पहुंचे हैं, लेकिन वे भी लंबे समय तक टिक नहीं पाए हैं। 2. बड़े लीडर हैं भी तो कोर वोटर कोईरी-कुर्मी समुदाय से नहीं JDU में नीतीश के अलावा 4 बड़े नेता हैं। केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, विजय कुमार चौधरी और अशोक चौधरी। इनमें ललन सिंह और विजय चौधरी भूमिहार हैं। संजय झा ब्राह्मण है और अशोक चौधरी दलित। जबकि, JDU का कोर वोटर कुर्मी-कोईरी और EBC हैं। सीनियर जर्नलिस्ट संजय सिंह बताते हैं, ‘फिलहाल बिहार की राजनीति में पिछड़ा तबका हावी है। नीतीश पिछड़े तबके के बड़े नेता हैं। ऐसे में वे किसी फॉरवर्ड को टॉप लीडरशिप नहीं सौंपना चाहेंगे। इससे अति पिछड़ा तबका लालू की तरफ शिफ्ट हो सकता है। अगर दलित नेता के नाते अशोक चौधरी को विरासत सौंपी जाती है, तो अति पिछड़ी जातियां उन्हें अपना नेता नहीं मानेगी।’ 3. निशांत के नाम पर विवाद नहीं, पार्टी बच सकती है पॉलिटिकल एनालिस्ट अभिरंजन कुमार कहते हैं, ‘भारत की पॉलिटिक्स को देखें तो यहां पॉलिटिकल साइंस की वेबर थ्योरी काम करती है। इसके मुताबिक, लीडरशिप 3 तरह की होती है- अथॉरिटेटिव मने आधिकारिक, डेमोक्रेटिक मने लोकतांत्रिक और कैरिस्मैटिक मने करिश्माई। सवाल-3ः क्या निशांत आएंगे तो नीतीश कुमार राजनीति छोड़ेंगे? जवाबः फिलहाल इसकी संभावना कम है। इसके 3 अहम कारण हैं… पॉलिटिकल एनालिस्ट अभिरंजन कुमार कहते हैं, ‘निशांत कुमार अभी पूरी तरह राजनीतिज्ञ नहीं बने हैं। ऐसे में उनके आने के तुरंत बाद नीतीश कुमार राजनीति से हट जाएंगे, इसकी संभावना बहुत कम है।’ अभिरंजन कुमार कहते हैं, ‘निशांत को नीतीश कुमार अपनी देखरेख में ट्रेंड करने की सोचेंगे। वह पहले उनको पार्टी की गतिविधियों में लगाएंगे। एक-दो साल ट्रेनिंग दी जाएगी। उसके बाद पार्टी की कमान सौंप सकते हैं। हां, इतना जरूर है कि 2029 से पहले नीतीश कुमार राजनीति छोड़कर पूरी तरह निशांत को कमान सौंप सकते हैं।’ सवाल-4: अगर निशांत नहीं आए तो क्या JDU खत्म हो जाएगी? जवाबः JDU का अस्तित्व पूरी तरह खत्म तो नहीं होगा, लेकिन यह पार्टी धीरे-धीरे सिकुड़ सकती है और दूसरे दलों में समा जाने का खतरा बढ़ जाएगा। सीनियर जर्नलिस्ट संजय सिंह कहते हैं, 'JDU की पहचान और ताकत नीतीश कुमार के नेतृत्व से जुड़ी है। अगर वे स्पष्ट उत्तराधिकारी घोषित नहीं करते हैं तो नेतृत्व को लेकर अंदरूनी खींचतान और गुटबाजी बढ़ सकती है। कार्यकर्ताओं और समर्थकों में असमंजस फैल सकता है।' सवाल-5ः जिन पार्टियों ने समय से अपना नेता घोषित नहीं किया, उनका क्या हुआ? जवाबः भारत की राजनीति में करिश्माई नेतृत्व का प्रचलन रहा है। लोगों और कार्यकर्ताओं के दिलो-दिमाग में नेताओं का प्रभाव रहा है। यही कारण है कि बिना परिवार की पार्टियों के भविष्य पर खतरा मंडराता रहा है। कांग्रेस की स्थिति ही देख लीजिए, पार्टी गांधी परिवार के बिना चल नहीं पाती। भारतीय राजनीति की विडंबना है कि जिन पार्टियों ने समय से कदमताल कर अपना नेता घोषित नहीं किया है, वो खत्म हो गई हैं। इसे उदाहरण से समझिए…
‘यादवों के गांव को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है। बुलडोजर चलवाने में कुछ नेता भी शामिल हैं। फोर्स सड़क किनारे अतिक्रमण हटा रही थी, गुंडे हमारे घरों में घुस आए और आग लगा दी। इसके बाद बुलडोजर चलवा दिया गया। नीतीश, सम्राट की सरकार इसीलिए बनी है कि गरीबों के घर जला दिए जाएं। हमारा सब कुछ खत्म हो गया है। हमारे बाप-दादा यहीं मरे हम कहां जाएंगे। सम्राट की बहनों के घरों पर इस तरह बुलडोजर चलेगा तो क्या करेंगे। यही जवाब दें।’ ये गुस्सा है 42 साल की समस्तीपुर की रहने वाली हीरा देवी और बेगूसराय की 60 साल की आरती देवी का। जिनके घरों पर बुलडोजर चला है। दरअसल, गुरुवार को दुधपुरा बाजार में नगर निगम की ओर से बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण हटाया गया। प्रशासन की इस कार्रवाई में 200 से अधिक परिवारों की झोपड़ियां गिरा दी गई है। लोग टूटी हुई झोपड़ी से बचे अवशेष निकाल रहे हैं। बेघर हुए ज्यादातर लोग रोज कमाने और खाने वाले हैं। प्रशासन की कार्रवाई के बाद दैनिक भास्कर की टीम समस्तीपुर और बेगूसराय में पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंची। जानने की कोशिश की कि अब उनका जीवन कैसे चल रहा है? घर तोड़े जाने के कहां बस रहे हैं, इस कार्रवाई के लिए किसे जिम्मेदार बता रहे हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट... सवाल पूछते ही महिला भड़क गई सबसे पहले हम समस्तीपुर के उस एरिया में पहुंचे, जहां दो दिन पहले बुलडोजर चलाया गया था। यहां चारों तरफ घर खंडहर बन गए थे। लोग टूटी दीवारों, छतों के नीचे से अपना सामान निकालने में जुटे थे। यहां सबसे पहले हमारी मुलाकात हीरा देवी से होती है। उनमें बहुत गुस्सा है, सवाल पूछते ही भड़क जाती हैं, सरकार को कोसने लगती हैं। कहती हैं, 'सब कुछ खत्म हो गया। मैं यहां 35 साल से रह रही हूं, मेरे बाप-दादा सब यहीं रहे हैं। हम लोग चौथी पीढ़ी हैं। सरकार ने सड़क से अंदर आकर हमारे घर को तोड़ दिया। उनको हमारी फिक्र नहीं है। सड़क के आसपास अतिक्रमण है, वह नहीं हटाकर हमारी घरों में आग लगा दी गई।' 'यादवों के जितने भी चार से पांच गांव थे, उनके गांव में यादवों को निशाना बनाया गया, इनमें मंगलगढ़, परोड़िया, दूधपुरा, रामनगर में फोर्स आई। फोर्स के साथ गुंडे भी थे, जिन्होंने ईंट-पत्थर, लाठी-डंडा चलाया। फायरिंग की गई, हम लोग पीछे हटे तो हमारी जान बची। लेकिन जब हम लोगों ने साहस दिखाया तो फोर्स और गुंडे भागे हैं।' 'मेरे मां-बाप की यहीं मौत हुई है, मेरे दो बेटों की यहीं मौत हुई है। मैं खिचड़ी खाकर गुजारा कर रही हूं। सीओ साहब ने कहा था कि आप लोगों को 5 डिसमिल जमीन दी जाएगी, मेरा कहीं और जमीन नहीं है, हम लोगों का घर उजाड़ दिया गया है, अब छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कहां जाएंगे।' समस्तीपुर की हीरा देवी ने सम्राट चौधरी को क्या चुनौती दी हीरा देवी ने कहा कि, 'हम गरीबों को परेशान किया जा रहा है, बस्ती में लूटपाट की जा रही है। मैंने बेटी की शादी के लिए रुपए और गहने रखे थे, सब कुछ लूटकर ले गए। हम लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई, पहले घर तोड़ दिया गया और कहा गया कि जमीन दी जाएगी, ऐसा ही करना था तो नीतीश कुमार ने 10 हजार रुपए क्यों दिए, 10 हजार देकर हमारा खून बहाया जा रहा है।' अगर सम्राट चौधरी में हिम्मत है, उनके जिगर में दम है तो जो गैरमजरूआ जमीन पर ढांचे बने हैं, उसे तोड़कर दिखाएं। सभी यादव परिवार, पासवान परिवार के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है, अगर सम्राट में हिम्मत है तो हम सभी गांव के 5000 लोगों को फांसी पर चढ़ा दें। जब रहने का अधिकार नहीं दे सकते तो फिर मुझे भी जीने का अधिकार नहीं है। 'पति मजदूरी करते हैं, अब न रहने का ठिकाना, न खाने का' मेरे पति मजदूरी करते हैं, चार दिन हो गए, नमक रोटी के लिए तरस गए हैं। चूल्हा तक नहीं जल रहा है, चूड़ा मंगवाकर खा रहे हैं, जीवन गुजार रहे हैं, अगर सरकार सही रहती तो सड़क किनारे के अतिक्रमण को हटाती। चलो ठीक है, हमारा घर तोड़ दिया, लेकिन सामान क्यों बर्बाद किया, अब क्या बनाएं, कहां रहें, क्या खाएं? हम लोगों को परेशान किया जा रहा है, हमारे घर से लड़कियों को खींच-खींचकर बेइज्जत किया जा रहा है। जानिए, प्रशासन ने कहां और क्यों चलाया बुलडोजर? समस्तीपुर के मंगलगढ कोठी के भू-स्वामी कृष्ण प्रकाश सिंह केशरी बताते हैं कि, प्रशासन की ओर से खाली कराई गई जमीन उनके पूर्वजों की है। 1993 से लाल झंडे के दम पर लोगों ने कब्जा कर लिया था। कब्जे के खिलाफ मैंने 1993 में एसडीओ रोसड़ा के यहां 145 वाद दायर किया, जिस वाद में 200 लोग उपस्थित हुए। कोर्ट की प्रक्रिया के बाद साल 2003 में कोर्ट ने फैसला मेरे पक्ष में सुनाया। इसके बाद जमीन पर मेरा कब्जा होना चाहिए था। लेकिन प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली। इसके बाद 2005 में जिला जज के कोर्ट में अर्जी लगाई। करीब 13 साल बाद एक बार फिर से मेरे पक्ष में फैसला 2018 में आया। लेकिन पजेशन नहीं मिला। साल 2019 में कृष्ण प्रकाश केशरी मामले को लेकर हाईकोर्ट गए। जहां उसी साल अगस्त में कोर्ट ने फैसला देते हुए जिला प्रशासन को जमीन खाली कराने का आदेश दिया। लेकिन चुनावी प्रक्रिया शुरू हो जाने के कारण चुनाव बाद कार्रवाई की बात कही गई। चुनाव खत्म होने के बाद उन्होंने पुन: डीएम के पास पहुंच कर जमीन खाली कराने को लेकर आग्रह किया। जिसके बाद मजिस्ट्रेट की तैनाती के साथ 4 दिसंबर को जमीन खाली कराई गई। हालांकि अभी भी मात्र 70 फीसदी ही अतिक्रमण हटाया गया है। अतिक्रमण अभियान के कारण लोगों की इनके गन्ने के खेतों में आग लगा दी थी। 7 अक्टूबर को ही होनी थी कार्रवाई, चुनाव के कारण हुई देरी रोसड़ा के एसडीओ संदीप कुमार ने बताया कि कोर्ट से आदेश मिलने के बाद सभी लोगों को नोटिस दी गई। 7 अक्टूबर को जमीन खाली कराने को लेकर नोटिस दी गई थी। उस समय माइकिंग भी कराई गई थी। फिर से तीन दिनों से नोटिस के साथ माइकिंग कराई गई। इसके बावजूद लोगों ने जमीन खाली नहीं की तो हाई कोर्ट के आदेश पर उसे खाली कराई गई है। लोगों का आरोप गलत है। कुछ लोगों ने खुद ही झोपड़ी में आग लगा ली थी। फसल में भी आग लगा दी थी। अब पढ़िए, बेगूसराय में बुलडोजर एक्शन के दौरान देसी शराब के कारोबार का खुलासा बेगूसराय के ट्रैफिक चौक से जेल गेट तक बुधवार को झुग्गी झोपड़ी को हटाने के लिए प्रशासन की टीम बुलडोजर लेकर पहुंची। अतिक्रमण हटाने के दौरान ही प्रशासन की टीम को देसी शराब के अवैध कारोबार का पता चला और तत्काल उसका सफाया कर दिया। मामला लोहिया नगर झोपड़पट्टी का है। स्थानीय लोगों ने ये भी कहा कि लोहिया नगर के झोपड़पट्टी में गरीब मजबूरी में नहीं रहते हैं। बल्कि यहां देसी महुआ शराब की फैक्ट्रियां चलती थी। यहां रहने वाले लोग ऊपर से दिखावे के लिए झोपड़ी बनाकर रहते थे। लेकिन अंदर 50 प्रतिशत से अधिक घरों में देसी शराब बनाई जाती थी। यह देसी शराब न केवल आसपास में बेचते थे, बल्कि दूर-दूर तक पहुंचाई जाती थी। मिट्टी के नीचे प्लास्टिक के डिब्बे, गैलन में रखी थी शराब की खेप यहां शराब के कारोबार की सूचना पर पहले भी पुलिस पहुंचती थी तो एक दो घर में छापेमारी करने के बाद लौट जाती थी। अभी जब पुलिस ने झोपड़ी हटाई तो इस दौरान कुछ बोतल में शराब मिली। लेकिन जब मिट्टी खोदकर हटाना शुरू किया तो मिट्टी के नीचे प्लास्टिक के डब्बे और गैलन में शराब रखी मिली थी। यहां के कारोबारी शराब बनाकर मिट्टी के नीचे और झोपड़पट्टी के बीच में कच्चे नाला के जमा गंदे पानी में छुपा देते थे। पुलिस आती थी तो पता नहीं चलता था। प्रशासन की मानें तो यहां सिर्फ शराब का निर्माण ही नहीं होता था, बल्कि गांजा और स्मैक का भी कारोबार होता था। सूत्र बताते हैं कि कोढ़ा (कटिहार) गैंग के 10 से अधिक बदमाश इस झोपड़पट्टी में रहकर बेगूसराय और आसपास के इलाके में चोरी-छिनतई, झपट्टामार और लूट की घटना को अंजाम देते थे। सदर-वन DSP आनंद कुमार पांडेय बताते हैं कि, यह झोपड़पट्टी बड़े पैमाने पर अवैध शराब बनाने का अड्डा बन गया था। छिनतई और मोटरसाइकिल चोरी की घटना में शामिल बदमाश यहां अड्डा बना हुआ था। 8000 लीटर से अधिक देसी महुआ शराब बरामद की गई।
आपको हम बता रहे हैं, भोपाल शहर में आज कहां-क्या हो रहा है। यहां हर वो जानकारी होगी, जो आपके काम आएगी। संगीत-संस्कृति, आर्ट, ड्रामा के इवेंट से लेकर मौसम, सिटी ट्रैफिक, बिजली-पानी की सप्लाई से जुड़ा हर अपडेट मिलेगा। काम की जरूरी लिंक्स
बिहार में ठंड बढ़ रही है। न्यूनतम तापमान 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, अगले एक सप्ताह तक पूरे प्रदेश में मौसम सामान्य रहेगा। हालांकि, रात में न्यूनतम तापमान में गिरावट होने के चलते ठंड अधिक महसूस होगी। वहीं, सुबह में घना कोहरा छाया रहेगा, जिससे विजिबिलिटी कम हो सकती है। पिछले 24 घंटे में बेतिया में घना कोहरा छाया रहा। वहीं, पटना में भी सुबह-सुबह कुहासा दिखा। 8.4 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ शेखपुरा सबसे ठंड जिला रहा। एक सप्ताह शीतलहर की स्थिति नहीं मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 13 दिसंबर तक बिहार में बारिश की कोई संभावना नहीं है। इस दौरान अधिकतम तापमान सामान्य से थोड़ा ऊपर-नीचे रिकॉर्ड किया जाएगा। इस दौरान प्रदेश में शीतलहर की स्थिति बनने की संभावना नहीं है। मौसम से जुड़ी कुछ तस्वीरें.... पटना में कैसा रहेगा मौसम पटना में भी अधिक ठंड महसूस की जा रही है। पछुआ हवा की वजह से रात के तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। आने वाले 24 घंटों में पटना का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री के आसपास रह सकता है। सुबह और शाम हल्की ठंडी हवा चलेंगी, जिससे सर्दी बढ़ेगी। दिन का तापमान भी सामान्य से 2 डिग्री कम रह सकता है। मौसम बदलने से क्या होगा असर? सुबह-शाम ठंड में बढ़ोतरी दिन में हल्की धूप, मौसम सुहावना कोहरे की स्थिति अगले 48 घंटों में बढ़ सकती है किसानों के लिए मौसम अनुकूल, रबी फसलों पर कोई खतरा नहीं होगा।
तेजस्वी यादव की नई पॉलिटिक्स, नई लाइफ स्टाइल और नई रणनीति...। सब कुछ एक साथ सुर्खियों में है। चुनावी मैदान में 17 दिनों (24 अक्टूबर से 9 नवंबर) में 183 रैलियां करने वाले तेजस्वी नतीजों में सिर्फ 25 सीटों पर सिमट गए। इतनी बड़ी हार के बाद ना कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस की और ना ही बड़ी समीक्षा बैठक। कुछ दिन बाद एक दिन पार्टी की रिव्यू मीटिंग की। उसमें विधायक दल का नेता चुन लिया। इसके बाद फिर चुप्पी साध ली। घर से तब निकले (1 दिसंबर को) जब विधानसभा में शपथ लेनी थी। शपथ ली। अगले दिन स्पीकर के चुनाव पर धन्यवाद भाषण दिया और यूरोप की फ्लाइट ले ली। 30 दिनों की यूरोप ट्रिप-आखिर यह ब्रेक है, रिसेट है या नई राजनीति का हिस्सा? मंडे मेगा स्टोरी में पढ़िए, तेजस्वी यादव की यूरोप यात्रा के पीछे की असली वजह, उनकी वापसी की टाइमिंग और इसका बिहार की राजनीति पर संभावित असर...। 2 पॉइंट में तेजस्वी यादव विदेश क्यों गए… 1- चुनावी हार और परिवार में कलह 14 नवंबर को रिजल्ट आया, पार्टी की शर्मनाक हार हुई। 15 नवंबर को रोहिणी आचार्या ने घर छोड़ दिया। रोती-बिलखती नजर आईं। गंभीर आरोप लगाए। पार्टी सूत्रों के अनुसार चुनावी हार और परिवार में चल रही कलह से तेजस्वी यादव रिलैक्स होना चाहते थे। धुआंधार चुनाव प्रचार के बाद आराम और परिवार को समय देने की जरूरत महसूस हो रही थी। इसके चलते तेजस्वी विदेश गए। वह फैमिली के साथ क्वालिटी टाइम बिता रहे हैं। अभी तुरंत कोई चुनाव नहीं है। वह तरोताजा होकर आएंगे और पार्टी को नई रणनीति के साथ आगे ले जाएंगे। 2. किसी बड़े नेता के इशारे पर, विदेश गए तेजस्वी बिहार के राजनीतिक गलियारों में तेजस्वी यादव के विदेश जाने के पीछे एक बड़े नेता की भूमिका की भी चर्चा है। वह नेता राजद के नहीं हैं। तेजस्वी ने हाल के समय में कुछ ऐसे काम किए, जिससे ऐसी अटकलों को बल मिला है। चुनाव से पहले तेजस्वी यादव ने 2 एजेंसियों से सर्वे कराए। इसके डाटा के एनालिसिस के अनुसार टिकट बांटना था, लेकिन तेजस्वी नेताओं के साथ मीटिंग में बैठे तो उनके हाथ में भाजपा की एजेंसी द्वारा किए गए सर्वे की रिपोर्ट थी। पार्टी सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में विधानसभा वाइज जानकारी थी। पार्टी के बड़े नेताओं के बीच यह चर्चा रही कि भाजपा के चाहे बगैर यह रिपोर्ट कैसे तेजस्वी यादव तक पहुंच सकती है। शेंगेन वीजा लेकर यूरोप गए तेजस्वी, जानें क्या है यह तेजस्वी यादव शेंगेन वीजा लेकर यूरोप गए हैं। यह वीजा यूरोप के 29 देशों में बिना किसी अलग-अलग इमिग्रेशन चेक के फ्री मूवमेंट की सुविधा देता है। यह शॉर्ट-स्टे वीजा है। 4 जनवरी को यूरोप से लौटेंगे तेजस्वी शेंगेन जोन में फ्रांस, इटली, जर्मनी, स्पेन, नीदरलैंड, स्विट्जरलैंड, बेल्जियम और ऑस्ट्रिया जैसे 29 देश आते हैं। इसमें स्विट्जरलैंड को दुनिया का सबसे सुंदर देश माना जाता है। शेंगेन वीजा के 4 तरह के काम के लिए मिलता है। ये हैं- घूमने के लिए टूरिस्ट वीजा, बिजनेस मीटिंग, परिवार या दोस्तों से मिलना और यूरोप होकर आगे दूसरे देश में जाना। तेजस्वी घूमने के लिए यूरोप गए हैं। 4 जनवरी के बाद भारत लौटने वाले हैं। पत्नी संग यूरोप में न्यू ईयर सेलिब्रेशन करेंगे तेजस्वी यादव तेजस्वी यादव की पत्नी रेचल गोडिन्हो (अब राजश्री यादव) ईसाई हैं। 25 दिसंबर को क्रिसमस है। क्रिसमस और न्यू ईयर का सेलिब्रेशन यूरोप में सबसे शानदार होता है। यही वजह है कि तेजस्वी इस मौके पर यूरोप की यात्रा कर रहे हैं। वह पत्नी के साथ न्यू ईयर सेलिब्रेशन करेंगे। यूरोप में कहां घूम सकते हैं तेजस्वी यादव? भारत से यूरोप घूमने जाने वालों का मुख्य आकर्षण स्विट्जरलैंड होता है। आल्प्स पहाड़ पर बसे इस देश में सुंदर पहाड़ और घाटियां हैं। यह फिल्मी दुनिया के लोगों की पसंदीदा जगह है। इसके अलावा तेजस्वी परिवार के साथ पेरिस, रोम, वेनिस, फ्लोरेंस और एथेंस जैसे शहरों की भी सैर कर सकते हैं। यूरोप यात्रा से तेजस्वी यादव पर क्या पड़ेगा असर? 3 पॉइंट में समझें 1- इमेज बिगड़ा तेजस्वी यादव जिस तरह यूरोप गए हैं, उससे उनके काम करने के तरीके को लेकर सवाल उठे हैं। छवि बिगड़ी है। विधानसभा का शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर तक चला। तेजस्वी इसके बाद भी जा सकते थे, लेकिन वह 3 दिसंबर को विदेश निकल गए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी चुनाव हारने के बाद विदेश यात्रा कर चुके हैं। विरोधी तेजस्वी को राहुल के साथ जोड़ते हुए नॉन सीरियस नेता बता रहे हैं। राहुल बिहार चुनाव से पहले दक्षिण अमेरिका के 4 देशों की यात्रा पर चले गए थे। 2023 में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद विदेश गए थे। 2019 में CAA के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के वक्त कांग्रेस नेता दक्षिण कोरिया चले गए थे। ऐसे कई और उदाहरण हैं। तेजस्वी के यूरोप जाने पर वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश अश्क ने कहा, ‘महागठबंधन ने तेजस्वी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और हार हुई। ऐसे में विदेश जाकर तेजस्वी ने गैर जिम्मेदाराना हरकत की है।’ उन्होंने कहा, ‘तेजस्वी को महागठबंधन का मनोबल बढ़ाना था, लेकिन वह विदेश चले गए। राजद को दूसरी बार ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा है। 2010 में राजद को सिर्फ 22 सीटें मिलीं। लालू ने जेल से ही पार्टी को एकजुट रखा।’ 2. लीडरशिप पर सवाल, बिखर सकता है गठबंधन चुनाव में मिली हार और इसके बाद तेजस्वी यादव जिस तरह जनता के बीच जाने से बच रहे हैं, इससे उनके नेतृत्व को लेकर सवाल उठ रहे हैं। रिजल्ट आने के बाद से तेजस्वी यादव ने अब तक कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं किया है। सार्वजनिक जगहों पर कम दिखे हैं। विधानसभा चुनाव में राजद ने कांग्रेस पर दबाव डालकर तेजस्वी यादव को महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करा लिया था। महागठबंधन ने तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ा, लेकिन सीट शेयरिंग से लेकर रैली तक, तालमेल बिगड़ा रहा। नतीजा, बड़ी हार हुई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम कह चुके हैं कि राजद से हमारा गठबंधन चुनाव तक के लिए ही था। कांग्रेस एकला चलो की राह पर है। लेफ्ट की पार्टियां (माले, CPI, CPIM) चुनाव के रिजल्ट के बाद नए सिरे से अपने गठबंधन पर विचार कर सकती हैं। ये पार्टियां अभी बीजेपी को रोकने के लिए तेजस्वी के साथ हैं। अगर आगे उनको लगेगा कि कोई दूसरी पार्टी यह काम कर सकती है तो वे उसके साथ जा सकते हैं। 3 . आगे की लड़ाई कठिन राजद प्रमुख लालू यादव के सबसे छोटे बेटे तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी 3 बड़े चुनाव (2020 विधानसभा चुनाव, 2024 लोकसभा चुनाव, 2025 विधानसभा चुनाव) लड़ी। तीनों हार गई। 2020 के चुनाव में राजद 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी, लेकिन 2025 में सिर्फ 25 सीटें जीत सकी। लोकसभा चुनाव में पार्टी को मात्र 4 सीट मिले। तेजस्वी यादव जिस तरह रिजल्ट आने के बाद गायब रहे, अब विदेश चले गए। इससे उनके लिए आगे की लड़ाई और कठिन होगी। वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी ने कहा, ‘विधानसभा सत्र में तेजस्वी की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े किए हैं। साफ दिख रहा है कि उन्होंने हार से सबक नहीं ली। आत्मविश्वास खो चुके हैं। जब-जब बिहार को जरूरत पड़ी तेजस्वी गायब थे।’ क्यों हो रही तेजस्वी की आलोचना? बिहार के राजनीतिक मामलों के जानकार कह रहे हैं कि तेजस्वी को कम से कम विधानसभा सत्र में पूरी तरह से उपस्थित रहना चाहिए था। इसके बाद विदेश जा सकते थे। हालांकि किसी के निजी यात्रा पर सवाल नहीं उठाया जा सकता, लेकिन विधानसभा सत्र में जनता के करोड़ों रुपए खर्च होते हैं और तेजस्वी विपक्ष के नेता हैं, इसलिए सवाल उठ रहे हैं। तेजस्वी पहले भी सत्र में गैरमौजूद रह चुके हैं। राजद के सीनियर नेता शिवानंद तिवारी ने तो कहा था कि तेजस्वी ने मैदान छोड़ दिया है। अगले पांच साल तक विरोधी दल के नेता की भूमिका निभाने की क्षमता उनमें नहीं है। तेजस्वी की यूरोप यात्रा पर क्या कहते हैं उनके विरोधी रमीज से तमीज सीख रहे क्या तेजस्वी: नीरज कुमार तेजस्वी की विदेश यात्रा पर जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, ‘तेजस्वी यादव चुनाव में जननायक बन रहे थे, लेकिन राजनीति के खलनायक हैं। नेता प्रतिपक्ष का दर्जा ले लिया और सुविधा जुटा कर यूरोप चले गए। क्या वे हार से घबरा गए हैं? उन्होंने कहा, ‘सुन रहे हैं कि उनके साथ हिस्ट्रीशीटर रमीज भी गए हैं। तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि उनके साथ कौन-कौन गए हैं? यूरोप में तेजस्वी कहां हैं? लोकेशन तो मिलना चाहिए। रमीज से राजनीति की तमीज सीख रहे हैं क्या?’ अगली बार तेजस्वी की जीत मुश्किल हो जाएगी: कुंतल कृष्ण बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुंंतल कृष्ण ने कहा, ‘इस देश और प्रदेश का दुर्भाग्य है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव जैसे लोग राजनीति में हैं। इतने गैर गंभीर लोग हैं कि पूछिए मत। कुर्सी पाने के लिए बेचैनी और जब जिम्मेदारी सामने आई तो छोड़ कर भाग लिए।’ उन्होंने कहा, ‘अभी तक तो राहुल गांधी ब्राजील और कोलंबिया की यात्रा पर जाया करते थे। बाकी काम छोड़ कर अब तो तेजस्वी भी विदेश जाने लगे। सत्र खत्म नहीं हुआ कि निगल गए।’ तेजस्वी यादव अपने काम में लगे हैं: एजाज अहमद आरजेडी के प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा, ‘नीरज कुमार को तेजस्वी से आगे निकलना चाहिए। तेजस्वी यादव अपने काम में लगे हैं। बिहार की जनता बुलडोजर से परेशान है। महिलाओं को 10 हजार देकर बुलडोजर से आंसू दे रही है नीतीश सरकार।’
जहां कानपुर में शीतलहर ठंड को बढ़ा रही है वहीं, तापमान भी रोज एक नई करवट ले रहा है। शनिवार को न्यूनतम पारा 10 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। जबकि शुक्रवार को न्यूनतम पर 5 डिग्री सेल्सियस पर था। अचानक से न्यूनतम तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस के बढ़ोत्तरी ने आमजन को ठंड से राहत दिलाई। वहीं, अधिकतम तापमान की बात करें तो वह 24.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। बादलों की वजह से बढ़ा तापमानमौसम विशेषज्ञ डॉक्टर एसएन सुनील पांडेय ने बताया कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस के साथ जो नमी आई उसने आसमान में बादल छा दिए, जिसके कारण न्यूनतम तापमान चढ़ा है। संभावना है कि आने वाले 24 घंटे के बाद जब यह बादल छटेंगे तो तापमान एक बार फिर से गिरेगा। 14 दिसंबर के बाद एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस आने की संभावना है जो की बारिश करा सकता है।भारत मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में नमी के कारण धुंध और बदली रह सकते है। लेकिन दिन चढ़ते धूप तेज रहने की संभावना है। रात, सुबह और शाम की ठंड रहेगी जारीउत्तर पश्चिमी हवाएं की फिर से निरंतरता कायम होने से फिर से कानपुर मंडल सहित उत्तर प्रदेश में रात दिन के तापमान में उतार चढ़ाव रहने के साथ रात ,सुबह और शाम कड़ाके की ठंड जारी रहेगी। प्रदूषण और शाम, सुबह नमी के कारण धुंध भी बनी रहेगी। कोहरा पड़ने की भी संभावना है।
मेरा काम मेरा सच:शोक की दहलीज पर खड़ी होकर मैं हमेशा नया जीवन तलाशती हूं
अस्पताल से फोन आते ही दिल थम-सा जाता है। पता होता है कि मैं ऐसे परिवार के पास जा रही हूं, जिसने अभी किसी प्रियजन को खोया है। ट्रेनिंग मिलती है, लेकिन असली परीक्षा उस कमरे में होती है, जहां परिवार गहरे दुख में होता है। ब्रेन डेड घोषित करने से पहले डॉक्टर दो बार, छह-छह घंटे के अंतर से टेस्ट करते हैं। 4 विशेषज्ञों की पुष्टि के बाद ही हमें परिवार से बात करने भेजा जाता है। सबसे कठिन है- शोक में डूबे परिवार से कहना कि यदि वे चाहें तो अंगदान कर सकते हैं। सबसे मुश्किल होता है सच स्वीकार करवाना कई परिवार मानते ही नहीं कि उनका अपना ब्रेन डेड है। वे कहते हैं- दिल धड़क रहा है, शरीर गर्म है। तब समझाना पड़ता है कि यह सब वेंटिलेटर की वजह से है। कोमा से इंसान लौट सकता है, लेकिन ब्रेन डेड व्यक्ति कभी नहीं लौटता। कुछ लोग जल्दी समझ जाते हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों के, पर कई बार गुस्सा और अविश्वास भी झेलना पड़ता है। नेत्रदान के लिए लोग आगे आते हैं, लेकिन पूर्ण अंगदान के लिए सहमति अब भी कठिन है। परिवारों को शरीर की चीर-फाड़ का डर होता है, जबकि सम्मानपूर्वक एक चीरे में सर्जरी होती है और शरीर सिलकर सौंप दिया जाता है। हमारी टीम एंबुलेंस को सजाकर सम्मान से शव घर पहुंचाती है। कुछ घटनाएं दिल में बस गईं 18 साल की लड़की के पिता ने कहा-मेरी बेटी देशभक्त थी, जीवित देश के लिए कुछ न कर सकी, पर उसके अंग दूसरों की जिंदगी बचा लें। पहला केस भी याद है, 7 साल का बच्चा था परिवार तैयार हुआ, लेकिन मां बोली थी- बस मेरे बच्चे का कलेजा घर लौटा देना। दिल दान नहीं हो पाया, पर बाकी अंगों से कई जिंदगियां बचीं। यह राजस्थान का पहला डोनर था - मोहित कुमार। मेरा काम उम्मीद जगाना है। हर ‘हां’ किसी को नई जिंदगी देती है- यही मेरा सच है। -जैसा ईशा सिंह को बताया
ब्राह्मणों की बेटियों को लेकर विवादास्पद बयान देने के मामले में अब तक आईएएस संतोष वर्मा पर कार्रवाई नहीं हो सकी है। अजाक्स के अध्यक्ष और आईएएस अधिकारी संतोष कुमार वर्मा को 26 नवंबर को नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब मांगा था। आठ दिन बाद संतोष वर्मा ने जवाब दिया और अब नोटिस देने के बाद 11 दिन बीत चुके हैं, लेकिन सरकार बेटियों को लेकर बयान देने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी पर एक्शन नहीं ले सकी है जबकि यह मामला मध्य प्रदेश के सभी जिलों में विरोध प्रदर्शन के साथ दिल्ली, बिहार तक में गूंज चुका है। राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने 23 नवंबर को भोपाल में हुए अजाक्स के प्रांतीय सम्मेलन के दौरान दिए गए बयान के बाद संतोष वर्मा को अखिल भारतीय सेवाएं (अनुशासन तथा अपील) नियम 1969 के नियम 10 (1)(ए) के अंतर्गत नोटिस जारी कर सात दिन में जवाब मांगा था। चेतावनी दी गई थी कि जवाब न देने पर एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी। जीएडी के नोटिस को वर्मा ने गंभीरता से नहीं लिया और आठ दिन बाद 4 दिसंबर को जवाब दिया। यह कहा था जीएडी ने नोटिस मेंजीएडी के नोटिस में कहा गया था कि अजाक्स के प्रांतीय अधिवेशन में दिया गया बयान भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारियों से अपेक्षित आचरण के अनुरूप नहीं है। यह अनुशासनहीनता, स्वेच्छाचारिता और गंभीर कदाचरण की श्रेणी में आता है। नोटिस में कहा गया है कि वर्मा द्वारा अखिल भारतीय सेवाएं आचरण नियम 1967 के नियमों का उल्लंघन किया गया है। इसके आधार पर वर्मा ने खुद को अखिल भारतीय सेवाएं अनुशासन तथा अपील नियम 1969 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्रवाई का भागीदार बना लिया है। वर्मा बताएं कि ऐसे कृत्य पर उनके विरुद्ध अखिल भारतीय सेवाएं अनुशासन तथा अपील नियम 1969 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए? अभी जवाब का परीक्षण कर रहा जीएडी इस बीच यह बात सामने आई है कि केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को सौंपे गए शिकायत पत्र के बाद अभी केंद्र ने राज्य सरकार या मुख्यमंत्री से इस मामले में कोई जवाब नहीं मांगा है। इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि वर्मा द्वारा दिए गए जवाब का अभी जीएडी परीक्षण कर रहा है। इसके बाद इसे मुख्यमंत्री को भेजा जाएगा जिस पर वे अंतिम फैसला लेंगे। सीएम से भी शिकायत, बिहार विधानसभा में भी उठा मामला आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा ब्राह्मणों की बेटियों को लेकर दिए गए बयान पर कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने सीएम निवास जाकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से शिकायत की है। इसके अलावा नगरीय विकास और आवास विभाग के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि वर्मा का बयान दुर्भाग्यपूर्ण और निंदाजनक है। सरकार उनको कड़ी से कड़ी सजा देने की कोशिश कर रही है। उधर बिहार विधानसभा में भी यह मामला उठ चुका है और आईएएस वर्मा के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई है। रीवा सांसद ने लिखी थी चिट्ठीसबसे पहले रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने केंद्रीय कार्मिक विभाग के मंत्री जितेंद्र सिंह को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी। इसके बाद सांसद आलोक शर्मा ने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात कर पत्र सौंपा था। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को भोपाल सांसद आलोक शर्मा के नेतृत्व में सीधी सांसद डॉ. राजेश मिश्रा, जबलपुर सांसद आशीष दुबे, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी, परशुराम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पंडित विष्णु राजोरिया, पंडित गिरीश शर्मा, पंडित राकेश चतुर्वेदी, पंडित लक्ष्मी कांत दुबे ने मंत्रालय में ज्ञापन दिया था। मंत्री ने ध्यान पूर्वक सुना एवं केंद्र द्वारा कार्रवाई करने एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के सेक्रेटरी को जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का आश्वासन दिया है। सांसद ने चयन की जांच कराने की मांग की 28 नवंबर 2025 को लिखे पत्र में रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने तीन बड़ी मांगें की हैं- कहा- पद और वेतन लाभ से वंचित किया जाएसांसद मिश्रा ने चौंकाने वाला दावा किया कि संतोष वर्मा का चयन भारतीय प्रशासनिक सेवा में जिन प्रक्रियाओं से हुआ, वे नियमों के विपरीत थीं। वर्मा को अनुसूचित जाति की जगह अनुसूचित जनजाति वर्ग में चयनित किया गया। उनके चयन और प्रमाणीकरण को वर्ष 2021 में अदालत ने भी गलत ठहराया था। न्यायालय के आदेशानुसार वर्मा को पद और वेतन लाभ से वंचित किया जाना चाहिए था। मिश्रा ने पत्र में यह भी लिखा है कि वर्मा का नाम पूर्व में अदालत की अवमानना, अमर्यादित भाषा और सरकारी कार्य में बाधा जैसे मामलों में भी आया था। जिनके चलते उन्हें कारावास की सजा तक भुगतनी पड़ी थी। ये खबर भी पढ़ें.. सांसद बोले-प्रमोशन पाने एससी से एसटी बन गए IAS वर्मा अजाक्स के प्रांताध्यक्ष और मध्य प्रदेश के कृषि विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी IAS संतोष वर्मा का मामला जल्द शांत होता नहीं दिख रहा है। अब रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने वर्मा के प्रमोशन पर सवाल उठाए हैं। सांसद ने केंद्रीय कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह को पत्र लिखकर जांच कराने की मांग भी की है। पूरी खबर पढ़ें
इंदौर के एडिशनल डीसीपी दिशेष अग्रवाल और चंदन नगर थाना प्रभारी इंद्रमणि पटेल को सुप्रीम कोर्ट ने झूठा हलफनामा पेश करने के मामले में अब पुलिस कमिश्नर को भी पक्षकार बनाया गया है। इस झूठे हलफनामा मामले में इन दोनों अधिकारियों पर पुलिस कमिश्नर ने क्या कार्रवाई की, इसकी जानकारी उन्हें लार्जर एफिडेविट (विस्तृत हलफनामा) के साथ देनी है। इसके चलते मामला काफी गंभीर हो गया है। इसकी सुनवाई 9 दिसंबर को है। दोनों पुलिस अधिकारियों ने आरोपी अनवर हुसैन की जमानत का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा जमा किया था, जिसमें दावा किया गया था कि अनवर पर कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। डबल बेंच जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने जब रिकॉर्ड की जांच करवाई तो पता चला कि हलफनामे में बताए गए आठ में से चार मामलों में आरोपी अनवर का नाम ही नहीं था।इनमें IPC की धारा 376 (बलात्कार) वाला केस भी शामिल बताया गया था।जांच से स्पष्ट हुआ कि यह केस 2023 में अनवर नहीं, बल्कि करण पवार नामक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज है और वह मामला भी बलात्कार नहीं, बल्कि अवैध हथियार रखने (आर्म्स एक्ट) से संबंधित है। कोर्ट ने इसे तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर अदालत को गुमराह करने की कोशिश माना। कोर्ट ने प्रोसेडिंग में 7, 8 और 9 बिंदुओं में इसका स्पष्ट जिक्र किया है। लोगों को पुलिस पर विश्वास कम होगानीरज सोनी (सीनियर एडवोकेट) के मुताबिक 28 अक्टूबर 2025 को चंदन नगर के टीआई इंद्रमणि पटेल और एडीसीपी दिशेष अग्रवाल द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा पेश किया गया था इसे कोर्ट ने गलत माना। 4 नवंबर को इन दोनों अधिकारियों के हलफनामा को झूठा माना।साथ ही गंभीर स्थिति उत्पन्न हुई खासकर दोनों अधिकारियों के आचरण को लेकर क्योंकि समाज में पुलिस सीधे तौर पर लोगों के विश्वास पर केंद्रित है। इन दोनों अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में गलत हलफनामा पेश किया इसलिए तो इन दोनों अधिकारियों रिस्पोनडेंट नंबर 2 और 3 बनाया है। इसके साथ ही पुलिस कमिश्नर इंदौर को रेस्पोनडेंट नं. 5 के रूप में जोड़ा गया है। हाई कोर्ट में भी झूठा हलफनामा दिया सुप्रीम कोर्ट ने इन दोनों अधिकारियों के विषय में यह उल्लेख किया गया है कि पुलिस कमिश्नर इनके बारे में विस्तृत हलफनामा पेश करें कि इनके खिलाफ क्या कार्रवाई की गई। अब 9 दिसंबर को पुलिस कमिश्नर को शपथपत्र पेश करना होगा। यह मामला इस कारण गंभीर हो गया कि चंदन नगर थाना पुलिस ने अनवर के बारे में हाई कोर्ट में हलफनामा दिया था वह आठ अपराधों के संबंध में दिया था। फिर सुप्रीम कोर्ट में भी ऐसा ही किया। सुप्रीम कोर्ट में स्थिति स्पष्ट हुई कि अनवर के खिलाफ आठ अपराध नहीं थे बल्कि तीन ही थे जबकि पांच में उसका नाम नहीं था या गलत तरीके उसे बताया गया। मौलिक अधिकारों और जीने की दैहिक स्वतंत्रता का उल्लंघन एडवोकेट सोनी के मुताबिक दोनों अधिकारियों ने एक व्यक्ति के मौलिक अधिकारों और जीने की दैहिक स्वतंत्रता का उल्लंघन किया है इसलिए कोर्ट ने दोनों अधिकारियों द्वारा दिए गए हलफनामा पर भी विश्वास नहीं किया और पुलिस कमिश्नर को पक्षकार बनाते हुए उन्हें विस्तृत हलफनामा पेश करने को कहा है। हलफनामा में चार झूठे केसों की हकीकतआवश्यक वस्तु अधिनियम से संबंधित केस के मामले में आरोपी अनवर हुसैन की जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी। इसमें सुनवाई के दौरान मप्र शासन ने हलफनामा पेश किया कि अनवर के खिलाफ आठ केस दर्ज हैं, जबकि वास्तव में चार केस दर्ज हैं। इसमें से उसके खिलाफ दो केस मंडलेश्वर में दर्ज होना बताए गए। एक केस सनावद में दर्ज होना बताया। इंदौर के मल्हारगंज थाना और अन्य थाने के केस बताए गए। इसी में चंदन नगर थाने में एक केस रेप का बताया गया। एडवोकेट ने पेश किया काउंटर हलफनामामप्र शासन के सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए इस हलफनामा को लेकर अनवर के एडवोकेट की ओर से काउंटर हलफनामा पेश किया गया। इसमें बताया कि अनवर के खिलाफ आठ नहीं बल्कि वास्तव में चार केस दर्ज हैं। इसमें एक में वह बरी हो गया है। मप्र शासन ने मंडलेश्वर में जो दो केस दर्ज होना बताए हैं उसमें एक चोरी का केस है। एक अन्य केस सनावद का बताया गया। इस काउंटर हलफनामा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में मप्र शासन से पूछा था कि आपकी ओर से हलफनामा में आठ केस दर्ज होना बताए गए हैं जबकि अनवर की ओर से सिर्फ चार केस बताए गए थे। नाटकीय तरीके से पेश किया दूसरा हलफनामापुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में फिर से दूसरा हलफनामा पेश किया। इसमें बताया कि अनवर के खिलाफ मंडलेश्वर में दो और सनावद में जो एक केस दर्ज होना बताए गए थे वे उसके खिलाफ नहीं हैं। ये तीनों केस किसी अन्य अनवर के खिलाफ दर्ज हैं।यह पुलिस की गलती और पोर्टल की मिस्टेक के कारण हुआ था। ऐसे ही चंदन नगर में दर्ज रेप का केस भी किसी करण के खिलाफ दर्ज हैं और अवैध हथियार रखने का है। इन चारों केस की जानकारी पुलिस ने दूसरी बार हलफनामा में स्वीकारोक्ति के साथ स्पष्ट रूप से दी। ये खबर भी पढ़ें... झूठे हलफनामे में एडीसीपी-टीआई को पक्षकार बनाने के आदेश इंदौर के एडिशनल डीसीपी दिशेष अग्रवाल और चंदन नगर थाना प्रभारी इंद्रमणि पटेल को सुप्रीम कोर्ट ने झूठा हलफनामा पेश करने के आरोप में पक्षकार बनाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने 25 नवंबर को दोनों अधिकारियों को खुद उपस्थित होने के आदेश दिए थे। मामले में अब 9 दिसंबर को सुनवाई होगी। पूरी खबर पढ़ें
रावत नाच महोत्सव में सीलपहरी दल ने जीता पहला पुरस्कार
भास्कर न्यूज | राहौद नगर पंचायत राहौद में शनिवार, 6 दिसंबर को आयोजित रावत नाच महोत्सव इस बार पूरी तरह सीलपहरी दल के नाम रहा। परंपरा, ताल और ऊर्जा के शानदार संगम के साथ सीलपहरी दल ने ऐसी प्रस्तुति दी कि पूरा मैदान तालियों से गूंज उठा। निर्णायक मंडल ने इसे सर्वसम्मति से सर्वोत्तम प्रदर्शन माना। नतीजा—सीलपहरी दल को प्रथम पुरस्कार ₹21,000 मिला। वहीं गीरसा दल ने बेहतरीन ताल-मुद्राओं से दर्शकों को आकर्षित कर ₹17,000 का द्वितीय पुरस्कार जीता। मुख्य अतिथि भाजपा जिला अध्यक्ष अम्बेश जागड़े ने कहा कि रावत नाच सिर्फ एक कला नहीं, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही सांस्कृतिक धरोहर है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन कलाकारों को मंच देते हैं और समाज को अपनी परंपराओं को करीब से समझने का अवसर मिलता है। विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष सत्यालता आनंद मिरी ने लोककलाओं के संरक्षण पर जोर दिया। अध्यक्ष प्रतिभा मोनू कश्यप ने कहा कि रावत नाच हमारी पहचान है, इसे बचाना समय की आवश्यकता है। कार्यक्रम में संतोष लहरें, पूर्व विधायक प्रत्याशी संतोषी मनोज, नगर पंचायत खरौद अध्यक्ष गोविंद यादव, शिवरीनारायण नगर पंचायत अध्यक्ष राहुल थवाईत, राहौद उपाध्यक्ष गयाराम चंदेल, सभापति संतोष यादव, अमित अनंत, राजेश यादव, कीर्ति सोनी, इंदू मनहर, योगेश देवांगन, नर्सिंग गोंड, नेहा अग्रवाल, अवंतिका गुप्ता और पूर्व पार्षद विमल मनहर सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे। पारंपरिक उत्साह से सराबोर रहा पूरा नगर राहौद नगर पंचायत परिसर में सुबह से ही उत्सवमय माहौल था। दूर-दराज के गांवों से आए कलाकार परंपरागत परिधानों, ढोल-नगाड़ों की थाप और सामूहिक नृत्य शैली के साथ पहुंचे। हर प्रस्तुति में छत्तीसगढ़ की लोक-आत्मा झलकती रही। युवा से लेकर बुजुर्ग तक सभी रावत नाच की लय में डूबे नजर आए।
हमला करने वाले आरोपी को दो साल की कारावास
पाटन| दुकानदार पर जानलेवा हमला करने वाले आरोपी को न्यायालय ने दोषी करार दिया है। अपर सत्र न्यायाधीश दुलार सिंह निर्मलकर की अदालत ने दो वर्ष एवं 6 माह के सश्रम कारावास एवं 2 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। मामले में अभियोजन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक शेखर वर्मा ने पैरवी की। घटना 8 जुलाई 2024 की है। प्रार्थी सुनील गायकवाड़ ग्राम गोडपेंडरी के अपनी दुकान पर बैठा था, तभी रात करीब 8 बजे आरोपी जय शंकर जांगड़े उर्फ अच्छे जांगड़े अन्य साथी के साथ उसकी दुकान पर पहुंचा। आते ही उससे शराब पीने के लिए पैसों की मांग करने लगा। पैसा देने से इंकार करने पर जयशंकर जांगड़े ने अपने साथियों के साथ मिलकर कटर से सुनील की गर्दन पर वार कर दिया। बचाव करने पर उसकी भुजा में गंभीर चोट आ गई। प्रार्थी की शिकायत उतई पुलिस ने आरोपी जय शंकर के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया।
कोटनी में टेनिस बॉल क्रिकेट स्पर्धा 14 से
दुर्ग | ग्राम कोटनी में टेनिस बॉल क्रिकेट प्रतियोगिता 14 दिसंबर से आयोजित की गई है, दुर्ग जिला ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के खिलाड़ी प्रतिभागी भाग ले सकते हैं। प्रतियोगिता प्रत्येक रविवार को खेली जाएगी और हर मैच 6 ओवर का होगा। होगी। वहीं 32 टीम भाग ले सकते है। प्रथम पुरस्कार 50 हजार रुपए, द्वितीय पुरस्कार 20 हजार व तृतीय पुरस्कार 10 हजार रुपए रखा गया है। यहां जानकारी क्रिकेट क्लब समिति के सदस्य बीरेंद्र कुमार निषाद ने दी।
रसोइया संघ की बैठक में उठी मानदेय और सुरक्षा की मांग
भास्कर न्यूज | जांजगीर मध्यान्ह भोजन रसोइया संघ की संभागीय बैठक आनंदम धाम रिसोर्ट में संपन्न हुई, जिसमें बिलासपुर संभाग के सभी जिलों से महिला जिलाध्यक्ष और पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं। बैठक का मुख्य उद्देश्य रसोइया महिलाओं की समस्याओं और उनकी मांगों पर चर्चा करना था। संरक्षक गीता सिंह ने कहा कि बच्चों के लिए मध्यान्ह भोजन में थाली सजाने और खाना पकाने वाली रसोइयों को उनका उचित अधिकार और मानदेय मिलना चाहिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि रसोइयों की सभी मांगों को शासन स्तर तक पहुंचाया जाएगा और उनके हितों की लड़ाई मजबूती से लड़ी जाएगी। बैठक में संभागीय संरक्षक विनोद खाण्डे, जिलाध्यक्ष श्रद्धा मानिकपुरी, संभाग अध्यक्ष प्रेम बाई खाण्डे, सक्ती जिला से कृष्णा कंवर, जांजगीर से संतोषी कौशिक, हेमलता भास्कर, सुनीत मिरी सहित कोरबा और बिलासपुर संभाग के अन्य जिलों की रसोइया पदाधिकारी उपस्थित रहीं।
भौतिक साधन से आत्मा को सुखी नहीं कर सकते: युगल शरण
भास्कर न्यूज | जांजगीर ब्रज गोपिका सेवा मिशन द्वारा आयोजित 21 दिवसीय प्रवचन श्रृंखला का सातवां दिन 7 दिसंबर को संपन्न हुआ। इसमें डॉ स्वामी युगल शरण ने संसार के वास्तविक स्वरूप और आत्मा के सुख पर विशेष प्रवचन दिया। उन्होंने संसार के विषय में सच्चा ज्ञान और वैराग्य ही भगवत् प्राप्ति की पहली सीढ़ी है। स्वामी ने प्रश्न उठाया कि हम अपने सुख के लिए किसे प्रसन्न करें- शरीर या आत्मा? उनका स्पष्ट उत्तर था कि केवल आत्मा को सुख देने से अनंत आनंद की प्राप्ति होती है। इसके लिए सबसे पहले हमें यह दृढ़ मान लेना होगा कि हम आत्मा हैं, न कि केवल शरीर। जब हम स्वयं को आत्मा के रूप में पहचानेंगे, तभी हमारा लक्ष्य आत्मा को सुखी बनाना होगा। स्वामी ने समझाया कि भौतिक साधनों और संपत्ति से आत्मा को सुखी नहीं किया जा सकता क्योंकि आत्मा भौतिक नहीं, बल्कि दिव्य है। प्रवचन में शरणागति के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया। स्वामी ने कहा कि शरणागति का अर्थ है अपने शरण्य (भगवान और गुरु) का सदा अनुकूल चिंतन करना, प्रतिकूल चिंतन से बचना, और अपने आप को हरि-गुरु को समर्पित करना। इस समर्पण में अहंकार का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। स्वामी ने बताया कि वर्तमान में हम पहली सीढ़ी भी पूरी तरह से पार नहीं कर पाए हैं, क्योंकि संसार का परिज्ञान अभी तक पूर्ण नहीं हुआ। जब मन में यह स्पष्ट हो जाएगा कि जिस सुख की खोज हम अनादिकाल से कर रहे हैं, वह परमानंद और परम सुख संसार में नहीं है, तभी मन स्वाभाविक रूप से संसार से विरक्त हो जाएगा। भगवान को जानने के लिए संसार को जानना जरूरी: भगवान की प्राप्ति के क्रम को स्पष्ट करते हुए स्वामी ने कहा कि भगवान को जानने के लिए पहले संसार को जानना आवश्यक है। संसार का परिज्ञान होने के बाद ही वैराग्य उत्पन्न होता है और उसी वैराग्य से भगवान में अटूट श्रद्धा का विकास संभव है। श्रद्धा ही भगवान को जानने और उनकी प्राप्ति का मार्ग है। स्वामी ने कहा कि कई लोग सोचते हैं कि उन्होंने संसार को जान लिया है, लेकिन वास्तविक परिज्ञान के बिना वैराग्य संभव नहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि अनंत जन्मों का प्रयास करने के बाद भी यदि संसार का सही ज्ञान न हुआ हो, तो वैराग्य उत्पन्न नहीं हो सकता।
हर गांव के प्रत्येक वार्ड में जाएं, वहां के लोगों की समस्याओं को सुनें: बैज
भास्कर न्यूज| महासमुंद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज रविवार को महासमुंद दौरा पर के तहत गांधी कांग्रेस भवन पहुंचे। उन्होंने जिले के वरिष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में बैठक लिया। संगठन की वर्तमान गतिविधियों, बूथ स्तर तक संगठन को मजबूत बनाने और आगामी राजनीतिक कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद करते हुए कहा कि आगामी चुनावी माहौल को ध्यान में रखते हुए संगठन को अधिक सक्रिय, संगठित और जनसंपर्क मूलक कार्यों पर जोर देना होगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे गांव-गांव और वार्ड-वार्ड जाकर आम जनता की समस्याओं को सुनें। कांग्रेस की नीतियों को घर–घर पहुंचाएं और संगठन की मजबूती के लिए एकजुट होकर कार्य करें। बैठक में जिले की विभिन्न समितियों की कार्यप्रणाली की समीक्षा भी की गई और आवश्यक निर्देश प्रदान किए गए। इस दौरान महासमुंद जिले के कांग्रेस पदाधिकारियों ने प्रदेश अध्यक्ष के समक्ष स्थानीय मुद्दों, संगठनात्मक चुनौतियों व जनहित से जुड़े विषयों को रखा। इस पर बैज ने सकारात्मक रूप से संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया। इस मौके पर डॉ. रश्मि चंद्राकर, आलोक चंद्राकर, खिलावन बघेल, ढेलू निषाद, सोमेश दवे, गौरव चंद्राकर, राजेंद्र चंद्राकर, लक्ष्मण पटेल, अमर चंद्राकर, शाहबाज रजवानी, सीटू सलूजा, नितेंद्र बनर्जी, राजू साहू, जावेद चौहान सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
ओवरब्रिज के नीचे कब्जा हटाने पालिका ने चलवा दी बुलडोजर
भास्कर न्यूज| महासमुंद नगर पालिका अध्यक्ष निखिलकांत साहू शहर में अवैध अतिक्रमण कर्ताओं पर सख्ती बरत रहे हैं। जहां लंबे समय से कब्जा कर बैठे लोगों के अतिक्रमण पर सोमवार को बुलडोजर चलवाया। नगर के तुमगांव रोड स्थित स्थानीय ओवर ब्रिज के नीचे अतिक्रमण की सूचना पर उन्होंने स्वयं स्थल निरीक्षण करने पहुंचे। वार्ड क्रमांक 14 के नागरिकों ने उन्हें एक व्यक्ति द्वारा अवैध कब्जे की शिकायत की थी। उन्होंने अतिक्रमण स्थल पहुंचकर संबंधित विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए। निर्देश के बाद पालिका कर्मचारियों ने जेसीबी के माध्यम से अवैध कब्जे के लिए किए गए तार घेरा, कॉलम आदि को ध्वस्त किया। नगर पालिका अध्यक्ष निखिलकांत साहू ने नागरिकों से अपील की कि किसी प्रकार की जमीन पर अवैध कब्जा न करें। ओवर ब्रिज के नीचे जनहित के विभिन्न कार्य प्रस्तावित है। शिकायत मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। लोगों ने बताया कि यहां लंबे समय से अवैध कब्जा किया गया था। इसके पूर्व वर्षों में भी लोगों ने शिकायत की थी। बावजूद नहीं हटाया जा रहा है। नगर पालिका अध्यक्ष ने शिकायत पर गंभीरता दिखाई और तत्काल बुलडोजर चलवाकर अतिक्रमण हटवाया। इससे अब लोगों को आवागमन में सुविधाएं मिलेगी।
छात्राओं को साहसी बनाने महासमुंद जिले में मिशन, सीखा रहे हैं सेल्फ डिफेंस के गुर
भास्कर न्यूज| महासमुंद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद महासमुंद के तत्वावधान में महारानी लक्ष्मीबाई की जन्म जयंती के उपलक्ष्य में रविवार को मिशन साहसी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महासमुंद के समीपस्थ ग्राम खैरा स्थित आदिवासी कन्या छात्रावास में करीब 50 से अधिक छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण प्रदान किया गया। मिशन साहसी विद्यार्थी परिषद के तत्वावधान में हर साल देश भर के प्रत्येक विद्यालय मजबूती महाविद्यालयों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसमें बहनों को आत्मरक्षा का गुण सिखाया जाता है। इससे वे हर मुश्किल घड़ी में उपयोग करके अपनी आत्म रक्षा करने में सक्षम हो और अपने आप को सुदृढ़ कर सकें। कहीं भी निडर होकर अपना कार्य कर सकें। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एबीवीपी राजिम विभाग संयोजक अभिषेक पांडे ने छात्राओं को मिशन साहसी के बारे में बताते हुए कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की एक पहल है, जिसका उद्देश्य लड़कियों और महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाना है। इसके लिए उन्हें आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वे निडर होकर अपने अधिकारों के लिए खड़ी हो सकें और किसी भी तरह के अपराध का सामना कर सकें। यह सिर्फ शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी सशक्त बनाने का एक अभियान है, जिसे पूरे भारत में चलाया जा रहा है। मिशन साहसी के माध्यम से एबीवीपी विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में पहुंच छात्राओं को आत्म रक्षा के लिए प्रशिक्षण देकर विपरीत परिस्थितियों से लड़ने की साहस पैदा करना है। देश की बहनों को झांसी की रानी लक्ष्मी बाई की तरह पराक्रम, निडर और साहस से परिपूर्ण करने प्रशिक्षण देकर उन्हें मजबूती प्रदान करते है। इस मौके पर सुधा साहू, छात्रावास अधीक्षिका शमशाद जहा, जिला संयोजक ललित साहू, महासमुंद नगर मंत्री लवेश साहू, नगर सह मंत्री मेघा दुबे, आदित्य आर्य, नगर कार्यालय मंत्री मन्नू शर्मा, एमवीपीजी कॉलेज कैंपस अध्यक्ष सोनम चंद्राकर सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे। समस्याओं से डरने की बजाय लड़ने की प्रेरणा सभी को आत्मरक्षा के लिए कराते में ब्लैक बेल्ट मुख्य प्रशिक्षक राहुल साहू, त्रिलोक साहू ने प्रशिक्षण प्रदान किया। छात्रावास की 50 छात्राओं को आत्मरक्षा की गुर बताए गए। उन्हें निडर होकर सामने आने वाली समस्याओं से डरना छोड़ लड़ने के लिए प्रेरित किया गया। छात्राओं ने भी रूचि लेते हुए कराते का प्रशिक्षण लिया और साहस से भरा महसूस किया। स्वयं के साथ परिवार के ऊपर आने वाले विपरीत परिस्थितियों से लड़ने की बात छात्राओं ने कही।
तौलाई का पैसा न दें किसान, सोसाइटी हमालों को करें भुगतान: विधायक साव
भास्कर न्यूज | भाटापारा समर्थन मूल्य पर जारी धान खरीदी केन्द्रों पर किसानों से अवैधानिक रूप से वसूली 7.50 रुपए प्रति क्विंटल को तत्काल बंद कर किसानों के साथ न्याय करने की मांग की है वही विधायक इंद्र साव ने किसानों से अपील करते हुए किसी भी प्रकार का पैसा न देने और भुगतान के दौरान अतिरिक्त पैसा काटे जाने पर उसका पुरजोर विरोध करने की अपील की है। विधायक इंद्र साव ने किसानों के नाम जारी अपील में कहा कि खरीफ विपणन वर्ष 2025–26 के लिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य प्रारंभ हो चुका है। पूरे प्रदेश से यह जानकारी प्राप्त हो रही है कि सभी धान खरीदी केन्द्रों पर धान बेचने वाले किसानों से सोसाइटी के बोरे में धान भरने खरीदी केन्द्र पर कार्यरत हमालों द्वारा 3/- प्रति कट्टा (40 किलो) अर्थात रु. 7.50 प्रति क्विंटल की वसूली करने और न देने वाले किसानों का धान खरीदी न करने की धमकी हास्यप्रद है। जो किसानों के साथ धोखा है। विधायक साव ने कहा कि धान खरीदी केन्द्रों पर बोरा भराई, तोलाई, सिलाई, छपाई, लोडिंग तथा स्टैकिंग इन सभी कार्यों के लिए मंडी लेबर चार्ज भारत सरकार द्वारा प्रति क्विंटल रुपए 22.05 रुपए राज्य सरकार की एजेंसी को दिया जाता है। इसका स्पष्ट उल्लेख खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार के परिपत्र दिनांक 09.10.2025 में दिया हुआ है, इस कारण किसानों का धान खरीदने वाली सोसायटियों की जवाबदारी है कि हमालों का सभी भुगतान वह करे। विधायक इंद्र साव ने धान खरीदी केंद्रों पर किसानों से वसूली जा रही 7.50 प्रति क्विंटल की वसूली को तत्काल बंद कर जितने किसानों से वसूला गया है उन्हें वापस करे,वही साव ने किसानों से भी यह अतिरिक्त राशि ना देने और मांगे जाने पर अपना विरोध प्रदर्शन करे।
स्पर्धा के लिए सीएसवीटीयू की टीम बिहार रवाना हुई
स्पोर्ट्स रिपोर्टर | भिलाई छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय भिलाई की पुरुष वालीबॉल टीम अखिल भारतीय पूर्वी क्षेत्र अंतर विश्वविद्यालयीन वालीबॉल प्रतियोगिता में शामिल होने आज बिहार रवाना हुई। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर विवि, मुजफ्फरपुर (बिहार) में 10 से 14 दिसंबर तक यह प्रतियोगिता होगी। इसमें तकनीकी विवि का पहला मुकाबला वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा से होगा। प्रभारी खेल निदेशक किशोर भारद्वाज ने बताया कि रवाना होने के पहले टीम के सदस्यों को बीआईटी में शिविर लगाकर 10 दिन प्रशिक्षण दिया गया। रवाना होने के पहले टीम के सदस्यों ने कुलसचिव डॉ. अमित सिंह राजपूत, परीक्षा नियंत्रक डॉ. रोहित कुमार मिरी तथा बीआईटी दुर्ग प्रशिक्षण कैंप प्रभारी, वरिष्ठ खेल अधिकारी कोंडल राव, खेल सहायक सियाराम साहू से मुलाकात की। उन्होंने ट्रैक शूट के साथ स्पोर्ट्स किट प्रदान किया गया। साथ ही प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जताई गई। टीम के कोच पुरुषोत्तम रात्रे और कोच रमेश दलाई हैं। टीम में सुमित राव, केतन पांडेय, अंशुमान प्रधान, यश सिंह, राज देवांगन, दक्ष कुमार, नितिन आनंद, गौरव नायक आदि मौजूद थे।
कोनी की रिवर व्यू कॉलोनी में कचरे के ढेर ने बढ़ाई मुसीबत
बिलासपुर| कोनी स्थित रिवर व्यू कॉलोनी इन दिनों बदहाल सफाई व्यवस्था के कारण गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। कॉलोनी के विभिन्न इलाकों में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे होने से लोग परेशान हैं। कॉलोनीवासियों का कहना है कि न तो कॉलोनाइज़र की ओर से नियमित रूप से कचरा उठाने की व्यवस्था की जा रही है और न ही निगम इसके कोई ठोस कदम उठा रहा है। लंबे समय से पड़े कचरे के कारण दुर्गंध फैल रही है। यहां निवासी बताते हैं कि कई बार कॉलोनाइज़र और नगर निगम अधिकारियों को शिकायतें दर्ज कराई गईं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। कचरे के ढेर बढ़ने से मच्छरों और आवारा मवेशियों की संख्या भी बढ़ गई है। -शिव सोनी, रिवर व्यू कॉलोनी
नेटबॉल: जांजगीर ने पुरुष व दुर्ग ने महिला वर्ग में जीता खिताब
बिलासपुर| 15वीं राज्य स्तरीय सीनियर नेटबॉल प्रतियोगिता का समापन रविवार को हुआ। इससे पहले पुरुष व महिला टीमों के बीच खिताबी मुकाबले हुए। पुरुषों में जांजगीर व महिलाओं में दुर्ग की टीम ने खिताब पर कब्जा जमाया। जिला नेटबॉल संघ के सचिव योगेश साहू ने बताया कि पुरुष वर्ग का फाइनल मुकाबला जांजगीर व दुर्ग के बीच हुआ। इसमें दोनों टीमों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। तय समय में दोनों टीमें 13-13 अंक हासिल किए। इसके बाद 5 मिनट का एक्सट्रा टाइम दिया गया, जिसमें जांजगीर ने 16-15 अंक यानी एक अंक से जीत दर्ज कर खिताब जीता। वहीं महिला वर्ग में दुर्ग की टीम ने रायपुर को 28-9 यानी 19 अंकों से करारी शिकस्त देकर चैंपियन बनी। महिला वर्ग में बिलासपुर को तीसरा स्थान मिला। वहीं पुरुष वर्ग में भाटापारा व राजनांदगांव तीसरे नंबर पर रहे। इस दौरान अतिथि के रूप में पहुंचे प्रकाश बहरानी, डॉ. आशीष मुंदड़ा ने विजेताओं को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया। प्रतियोगिता के दौरान प्रवीण बिसेन, अख्तर खान, नवनीत पांडेय, सौरभ सिंह, राजेश राठौर आदि मौज्ूद रहे।
विवादों का निराकरण कर संबंधों की रक्षा में फैमिली कोर्ट की अहम भूमिका: सीजे
लीगल रिपोर्टर| बिलासपुर परिवार की रक्षा में फैमिली कोर्ट की अहम भूमिका होती है। परिवार न्यायालय केवल विवादों के निराकरण तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे संबंधों की रक्षा कर, पुनर्मिलन को प्रोत्साहित करते हैं। यह बातें चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहीं। उन्होंने राज्य स्तरीय बैठक का वर्चुअल उद्घाटन किया । छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी शनिवार को विवेकानंद सभागार में परिवार न्यायालयों के न्यायाधीशों, काउंसलर्स और सामाजिक कल्याण एजेंसियों की राज्य स्तरीय बैठक में सीजे सिन्हा ने कहा कि फैमिली कोर्ट्स में काम करते समय कानूनी ज्ञान के साथ-साथ सहानुभूति, धैर्य एवं मानवीय व्यवहार की समझ आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मामलों का निराकरण जितनी संवेदनशीलता से किया जाता है, वही यह निर्धारित करता है कि परिवार मजबूत होकर उभरेगा या और अधिक विखंडित होगा। उन्होंने सुनिश्चित करने को कहा कि परिवार न्यायालय से सहायता मांगने वाले प्रत्येक व्यक्ति को सम्मान और समयबद्ध न्याय मिले। बैठक में जस्टिस रजनी दुबे, जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा, जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद, अतिरिक्त महाधिवक्ता रणबीर सिंह मरहास समेत अन्य मौजूद रहे। चीफ जस्टिस ने लंबित प्रकरणों, अधोसंरचनागत कमी, विशेषज्ञ प्रशिक्षण की आवश्यकता और घरेलू हिंसा, बाल अभिरक्षा, भरण-पोषण, गोद लेने एवं संरक्षकता जैसे बढ़ते और जटिल होते मामलों पर चिंतन करने की आवश्यकता पर जोर दिया सभी हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय एवं निरंतर कौशल-वृद्धि की आवश्यकता भी बताई। सीजे सिन्हा ने काउंसलर्स एवं सामाजिक कल्याण एजेंसियों की भूमिका की सराहना की। कहा कि उन्होंने कई जटिल परिस्थितियों में पारिवारिक संबंधों में फिर सामंजस्य स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

