आजमगढ़ पुलिस को आइजीआरएस पोर्टल पर जन शिकायतों के समुचित समयबद्ध और गुणवत्ता पूर्वक निस्तारण की समीक्षा में पहला स्थान हासिल हुआ है। आईजीआरएस पोर्टल पर जन शिकायतों के समुचित समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण की समीक्षा शासन स्तर से की जाती है। प्रदर्शन के आधार पर मासिक रैकिंग का निर्धारण किया जाता है। जिले की पुलिस ने प्राप्त प्रार्थना पत्रों का समय से गुणवत्तापूर्ण निस्तारण, यथोचित कार्यवाही कराते हुए पोर्टल पर आख्या की फीडिंग की जाती है। माह नवम्बर 2025 में जनपद आजमगढ़ पुलिस द्वारा शिकायती प्रार्थना पत्रों के समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण निस्तारण/यथोचित कार्यवाही किये जाने के फलस्वरूप निर्धारित मानकों के आधार पर प्रदान की गयी रैंकिंग में प्रदेश स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया गया है । यह भी उल्लेखनीय है कि उपरोक्तानुसार गुणवत्तापूर्ण व समयबद्ध निस्तारण के आधार पर जनपद आजमगढ़ के समस्त 25 थानों को भी रैंकिग में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। लगातार मॉनीटरिंग कर रहे हैं जिले के एसएसपी जिले के थानों की रैंकिंग का निर्धारण फरीयादियों द्वारा किये गये शिकायतों के निस्तारण एवं उनके द्वारा दिये गये फीडबैक के आधार पर उत्तर प्रदेश शासन स्तर से किया जाता है। SSP आजमगढ़ डॉ. अनिल कुमार के निर्देशन व दिये गये मार्गदर्शन के फलस्वरूप आजमगढ़ पुलिस द्वारा यह उपलब्धि हासिल की गयी है। आम जनमानस और फरियादियों में आजमगढ़ पुलिस के प्रति विश्वास और संन्तुष्टि की भावना में वृद्धि हुयी है । आजमगढ़ पुलिस की इस उपलब्धि के लिये उच्चाधिकारीगण द्वारा भी पुलिस कर्मियों की सराहना की गयी। जिले के साथ-साथ जिले के सभी 25 थाने भी पहली रैंक हासिल किए हैं। निश्चित रूप से आजमगढ़ पुलिस के लिए गर्व की बात है।
बेतिया के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रानी पकड़ी गांव निवासी आभूषण विक्रेता अमृत कुमार उर्फ अनिरुद्ध कुमार रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गए हैं। घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। जहां पत्नी ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर पति की सुरक्षा की गुहार लगाई है, वहीं दूसरी ओर आभूषण व्यापारियों ने अमृत पर 69 लाख रुपये मूल्य के सोने के साथ फरार होने का गंभीर आरोप लगाया है। पुलिस ने दोनों पक्षों की FIR दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। पत्नी ने बताया- बच्चों को देखो, मैं ट्रेन से टकराकर मर जाऊंगा अमृत की पत्नी सुमन देवी के अनुसार उनके पति सोने-चांदी की खरीद-बिक्री करते हैं।24 नवंबर की शाम वे ग्राहक को सामान तौलने की बात कहकर बेतिया शहर के लिए निकले थे और ननद माया देवी के घर (बैरिया, खिरिया घाट) पहुंचे थे। सुमन देवी के मुताबिक, अमृत ने जाते समय ननद से कहा था, बच्चों को देखना, मैं ट्रेन या बस से टकराकर मर जाऊंगा। रात तक घर नहीं लौटे, फोन भी स्विच ऑफ मिला। परिजन और पड़ोस में खोजबीन की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। उनकी बाइक भी गायब है। इसी बीच, कई आभूषण व्यापारी बकाया लेने के लिए उनके घर पहुंचने लगे, जिससे पूरे मामले में नया मोड़ आ गया। व्यापारियों ने लगाया 69 लाख के सोने के साथ भागने का आरोप रानी पकड़ी निवासी स्वर्ण व्यवसायी विनय कुमार ने अमृत के खिलाफ धोखाधड़ी की FIR कराई है। उनके अनुसार, 20 नवंबर को अमृत उनके दुकान से 53 ग्राम (लगभग 6 लाख रुपए) का सोना लेकर गए थे। भुगतान के लिए समय मांगने के बाद फोन स्विच ऑफ कर गायब हो गए। विनय कुमार जब अमृत के घर पहुंचे तो वहां कई अन्य व्यापारी भी पैसे लेने आए हुए थे। पूछताछ में पता चला कि अमृत ने कथित तौर पर 400 ग्राम सोना (38 लाख रुपए), अजय कुमार, मझौलिया बाजार, 200 ग्राम सोना (17 लाख रुपये) — धर्म कुमार, नया बाजार, कालीबाग थाना क्षेत्र, 70 ग्राम सोना (8 लाख रुपए) — लाल बाबू साह, मझौलिया बाजार से लिया था और फिर गायब हो गए। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि अमृत की पत्नी सुमन देवी और साली मनीषा कुमारी उन्हें धमका रही हैं और पैसा पचाने की नीयत से अमृत को कहीं छुपा देने का आरोप लगाया। पुलिस ने दर्ज किया मामला, जांच शुरू मुफस्सिल थानाध्यक्ष सम्राट सिंह ने बताया कि गुमशुदगी और धोखाधड़ी दोनों मामलों में अलग-अलग FIR दर्ज कर ली गई है।पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि यह आत्महत्या की धमकी और गायब होने का मामला है, या सोना लेकर सुनियोजित तरीके से फरार होने की साजिश। अमृत की खोज और व्यापारियों के दावों की जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है।
मधुबनी के बासोपट्टी थाना क्षेत्र में मंगलवार को महज 8 घंटे के भीतर दो युवकों के शव मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।पहली घटना मानसिंहपट्टी गांव की है, जहां 26 वर्षीय सिकंदर सहनी का शव धान के ढेर के नीचे से बरामद किया गया। पुलिस पहली घटना की जांच कर रही थी तभी एक महिला की चीख सुनाई दी। वहां पहुंचकर पुलिस ने देखा कि युवक का शव धान के बोझ से ढका हुआ था। नीम के पेड़ से लटका मिला दूसरा शव उसी दिन सुबह बासोपट्टी–कौआहा रोड पर एक नीम के पेड़ से 23 वर्षीय दिनेश मंडल का शव लटका मिला।दोनों ही युवक मानसिंहपट्टी गांव के रहने वाले थे। एक हत्या, एक आत्महत्या- पुलिस जोड़कर देख रही दोनों घटनाएं थानाध्यक्ष विकास कुमार ने बताया कि दोनों मामलों को एक ही कड़ी से जोड़कर जांच की जा रही है।प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सिकंदर सहनी की हत्या धारदार हथियार से की गई, जबकि दिनेश मंडल के आत्महत्या करने की आशंका है। पुलिस के अनुसार, दोनों युवकों ने सोमवार रात एक साथ शराब पी थी।इसके बाद सिकंदर की हत्या और फिर दूसरी ओर दिनेश द्वारा आत्महत्या कर लेने की घटना से इनकार नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों का सड़क जाम और आगजनी घटना के विरोध में आक्रोशित ग्रामीणों ने कुछ देर के लिए सड़क जाम कर आगजनी की।पुलिस व अधिकारियों ने लोगों को समझाकर जाम हटवाया और यातायात बहाल कराया। डॉग स्क्वाड और FSL टीम जुटी सबूतों की तलाश में घटना की सूचना मिलते ही जयनगर के एसडीपीओ राघव दयाल मौके पर पहुंचे।डॉग स्क्वाड और FSL टीम भी घटनास्थल पर पहुंच चुकी है और वैज्ञानिक तरीके से सबूत जुटाए जा रहे हैं। एसडीपीओ ने कहा कि मामले की हर एंगल से गहन जांच की जा रही है और दोषियों की जल्द गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी।
बेतिया के गौनाहा थाना क्षेत्र के एक गांव से शादी की नीयत से एक किशोरी के अपहरण का मामला सामने आया है। पीड़िता की मां ने पुलिस को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। धर्मेंद्र बैठा सहित एक अज्ञात पर एफआईआर नरकटियागंज एसडीपीओ जयप्रकाश सिंह ने बताया कि किशोरी की मां के आवेदन पर अमोलवा बलुआ निवासी धर्मेंद्र बैठा और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ गौनाहा थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है।पुलिस टीम फिलहाल शक के विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर रही है। घात लगाकर बैठा था आरोपी, अपाची बाइक पर भगाया दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, 5 दिसंबर की शाम करीब 7 बजे किशोरी घर के पीछे बने शौचालय में गई थी।बताया गया कि जैसे ही वह बाहर निकली, पहले से घात लगाए बैठे धर्मेंद्र बैठा अपने एक साथी के साथ पहुंचा और शादी का प्रलोभन देकर किशोरी को अपाची बाइक पर बैठाकर फरार हो गया। पीछा करने के बाद भी नहीं मिला सुराग किशोरी की मां ने बताया कि बेटी को बाइक से ले जाते देख वह कुछ दूर तक दौड़कर पीछा की, लेकिन आरोपी तेजी से भाग निकले।परिजनों ने काफी खोजबीन की, मगर किशोरी का कुछ पता नहीं चला। इसके बाद सोमवार को पुलिस से शिकायत की गई। पुलिस ने शुरू की जांच पुलिस ने मंगलवार को एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।एसडीपीओ ने कहा कि जल्द ही किशोरी की बरामदगी और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई तेज कर दी गई है।
नवादा जिला क्रिकेट संघ, नवादा द्वारा आयोजित अंडर-14 चैलेंजर ट्रॉफी क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन कल कादिरगंज स्थित आती उच्च विद्यालय मैदान में होगा। यह टूर्नामेंट जिले के उभरते क्रिकेटरों को अपनी प्रतिभा निखारने और प्रदर्शन का मौका देगा। पांच टीमों का गठन, पारदर्शी ट्रायल के बाद चयन इस प्रतियोगिता के लिए कुल पांच टीमों का चयन किया गया है।सभी खिलाड़ियों को पारदर्शी ट्रायल प्रक्रिया के बाद चुना गया है।प्रत्येक टीम में 16-16 खिलाड़ी शामिल हैं। ये टीमें लेंगी हिस्सा भाग लेने वाली टीमों में नवादा बैरियर्स, होंडा हीटर्स, लौंध लवर्स, नारदीगंज लायंस, कादिरगंज कोब्रास शामिल हैं। सभी टीमें लीग आधार पर एक-दूसरे के खिलाफ खेलेंगी।पॉइंट्स टेबल की शीर्ष दो टीमें फाइनल में जगह बनाएंगी। तैयारियों में कोई कमी नहीं, खिलाड़ियों की ड्रेस का अनावरण टूर्नामेंट की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। हाल ही में खिलाड़ियों की आकर्षक नई ड्रेस का अनावरण किया गया।इस अवसर पर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष राजेश कुमार मुरारी, सचिव राकेश कुमार, बीसीए मैनेजर मनीष आनंद, सुभाष प्रसाद और बबलू वर्मा मौजूद रहे। संघ बोला- युवा प्रतिभाओं को मिलेगी बड़ी पहचान अधिकारियों ने कहा कि यह टूर्नामेंट नवादा जिले की क्रिकेट प्रतिभा को निखारने और राज्य स्तर पर पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभाएगा।संघ समय-समय पर ऐसे आयोजन कर युवा खिलाड़ियों को नया मंच उपलब्ध कराता रहा है। क्रिकेट प्रेमियों से अपील स्थानीय खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाने के लिए क्रिकेट प्रेमियों से अपील की गई है कि वे बड़ी संख्या में मैदान पर पहुंचकर युवा खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाएँ।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर के जैना कदल निवासी अलगाववादी नेता जावेद अहमद मीर उर्फ जावेद नलका को 1996 के एक पुराने केस में गिरफ्तार किया है। वह शेरगरी पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में वॉन्टेड था, जिसमें दंगा, पथराव और अवैध गतिविधियों से जुड़े आरोप शामिल हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जावेद मीर को शेरगरी पुलिस ने हिरासत में लिया है और आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक मीर उस जुलूस का हिस्सा था जिसे कथित रूप से जुलाई 1996 में मारे गए टेररिस्ट हिलाल अहमद बेग के अंतिम यात्रा के दौरान लीड किया गया था।
बक्सर के चर्चित नौ वर्ष पुराने हत्या कांड में जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि रिंकू यादव सहित चार अभियुक्तों को अदालत ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय मनीष कुमार शुक्ला की अदालत ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि यह मामला रेयर ऑफ रेयर की श्रेणी में नहीं आता, इसलिए फांसी की सजा नहीं दी गई। लेकिन अपराध की गंभीरता देखते हुए कठोर दंड आवश्यक है। अदालत ने दोषी रिंकू यादव, अजय कुमार पांडेय, चतुरी भर, जयराम पासवान को IPC की धारा 302 में उम्रकैद तथा प्रत्येक पर एक-एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अन्य धाराओं में भी कड़ी सजा अदालत ने इसके अतिरिक्त धारा 326 में 10 वर्ष का सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माना, आर्म्स एक्ट की धारा 27 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माना सुनाया है। सभी सजाएं एक साथ (Concurrent) चलेंगी। पहले जेल में बिताई अवधि सजा में समायोजित होगी अदालत ने धारा 428 CrPC के तहत विचारण अवधि में सभी दोषियों द्वारा जेल में बिताई गई अवधि को कुल सजा में समायोजित करने का निर्देश दिया है। रिकॉर्ड के अनुसार— 2016 में जमीन विवाद को लेकर हुई थी हत्या यह मामला वर्ष 2016, बक्सर नगर थाना क्षेत्र में हुई हत्या से जुड़ा है।जमीन खरीद-बिक्री में रुपये के लेन-देन को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि आरोपी पक्ष ने गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक की पत्नी इंदू सिंह के फर्दबयान पर मामला दर्ज किया गया था।पुलिस ने घटनास्थल साक्ष्य, गवाहों के बयान और तकनीकी जांच के आधार पर चारों अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया था। बाद में मामला सत्र न्यायालय में विचारण के लिए भेजा गया। ‘सरकारी पक्ष ने दस गवाह पेश किए, अदालत में आरोप सिद्ध पूरे ट्रायल के दौरान सरकारी पक्ष ने 10 गवाह प्रस्तुत किए।उनकी गवाही और प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने सभी आरोप पूरी तरह सिद्ध मानते हुए दोषियों को अधिकतम संभव सजा दी। पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की सिफारिश अदालत ने पीड़ित पक्ष मृतक की पत्नी इंदू सिंह और बच्चों को मुआवजा उपलब्ध कराने की सिफारिश भी की है।इसके लिए आदेश की प्रति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेज दी गई है, ताकि परिवार को न्यायिक सहायता मिल सके। परिजनों ने कहा- न्याय मिला फैसले के बाद मृतक के परिवार ने राहत व्यक्त की।स्थानीय लोगों का कहना है कि इस फैसले से न्याय व्यवस्था में आम जनता का भरोसा और मजबूत होगा।
शेखपुरा में मंगलवार को शेखोपुरसराय प्रखंड के बेलाव पंचायत के जहांगीरपुर और मधेपुर गांव में जीविका एवं पशुपालन निदेशालय के संयुक्त देखरेख में पशु स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया।शिविर का उद्देश्य ग्रामीण पशुपालकों को पशु स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना और उन्हें आधुनिक पशुपालन के प्रति जागरूक करना था। पशु चिकित्सकों ने किया जांच और इलाज शिविर में पशु चिकित्सक डॉ. संजीत कुमार सिंह और डॉ. अजीत पटेल शामिल हुए।दोनों डॉक्टरों ने मौके पर पहुंचकर पशुओं की जांच की, जरूरत के अनुसार इलाज किया और दवाएं निशुल्क प्रदान कीं। जीविका इकाई की महत्वपूर्ण भूमिका इस शिविर का आयोजन शेखोपुरसराय प्रखंड की जीविका इकाई द्वारा किया गया।मौके पर जीविका शेखपुरा जिला इकाई से पशुधन प्रबंधक कुलदीप राम, जीविकोपार्जन विशेषज्ञ सह प्रभारी प्रखंड परियोजना प्रबंधक नीरज कुमार, जीविकोपार्जन विशेषज्ञ सुकेश कुमार और दिवाकर कुमार उपस्थित रहे और शिविर संचालन में सहयोग दिया। 315 मवेशियों की जांच शिविर में 190 जीविका दीदियों और पशुपालकों ने हिस्सा लिया।उन्होंने अपने 315 मवेशियों की स्वास्थ्य जांच कराई। पशु चिकित्सकों ने निशुल्क दवा, मिनरल मिक्स्चरका वितरण किया और पशु स्वास्थ्य, आवास प्रबंधन, पोषण और अन्य पशुपालन गतिविधियों के बारे में जागरूक किया। पशुपालकों को दी गई आवश्यक सलाह डॉक्टरों ने पशु रोगों की रोकथाम, टीकाकरण की नियमितता, स्वच्छ आहार और रोग पहचान से संबंधित महत्वपूर्ण सुझाव दिए।शिविर पूरी तरह निशुल्क था और पशुओं से संबंधित हर प्रकार की बीमारी की जांच की गई। सामुदायिक टीम की सक्रिय भागीदारी शिविर को सफल बनाने में क्षेत्रीय समन्वयक राजहंस नारायण, रेणुका कुमारी,सामुदायिक समन्वयक राजेश कुमार, वीरेन्द्र कुमार, मिथुन कुमार, रिंकू कुमारी, चंचला कुमारी और जीविका समुदाय की पशु सखी दीदियों का अहम योगदान रहा। ग्रामीणों ने उठाया लाभ बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने अपने पशुओं का निशुल्क इलाज कराया और दवाएं प्राप्त कीं।शिविर समाप्ति पर जीविका व पशुपालन विभाग ने कहा कि आगे भी ऐसे कार्यक्रम ग्रामीण पशुपालकों के हित में आयोजित किए जाते रहेंगे।
शेखपुरा के बरबीघा प्रखंड में मंगलवार को बीआरसी भवन बभनबीघा में विज्ञान प्रदर्शनी और क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक सोच, नवाचार और टेक्नोलॉजी की समझ को बढ़ावा देना था। सीआरसी से चयनित प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा प्रखंड के सभी सीआरसी से चयनित छात्र-छात्राएं इस प्रतियोगिता में शामिल हुए।सफल प्रतिभागी अब जिला स्तरीय प्रतियोगिता में प्रखंड का प्रतिनिधित्व करेंगे।साइंस फॉर सोसाइटी द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम दो हिस्सों विज्ञान प्रदर्शनी और क्विज प्रतियोगिता में विभाजित था। तीन खंडों में बंटी प्रतियोगिता प्रतियोगिता को छात्रों की कक्षाओं और विषयों के आधार पर तीन खंडों में बांटा गया। खंड 1: कक्षा 6 से 12 विषय- विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में संभावनाएंइसमें क्विज और विज्ञान प्रदर्शनी दोनों का आयोजन हुआ। खंड 2: कक्षा 6 से 8 विषय- कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग संभावनाएं और चुनौतियां खंड 3: कक्षा 9 से 12 विषय क्वांटम युग का आगाज संभावनाएं और चुनौतियां विशेषज्ञों की टीम ने किया मूल्यांकन निर्णायक मंडल में गोपाल जी, शारदा कुमारी, मृत्युंजय कुमार, रूपा कुमारी, पवन कुमार और दीपशिखा सहित अन्य विज्ञान व शिक्षा विशेषज्ञ शामिल थे। अगला पड़ाव- जिला स्तर की प्रतियोगिता सभी चयनित छात्र अब जिला स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे।आयोजकों का कहना है कि ऐसी प्रतियोगिताएं बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, तार्किक सोच और नवाचार की समझ को मजबूत करती हैं और भविष्य में विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में उनके लिए अवसर बढ़ाती हैं।
सीतामढ़ी जिला अपने 54वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में जन जागरूकता और स्वच्छता अभियान चला रहा है। इसी क्रम में डुमरा स्थित कैलाशपुरी घाट पर जिला प्रशासन और नगर निगम ने संयुक्त रूप से सामूहिक श्रमदान कार्यक्रम आयोजित किया।इस दौरान जिलाधिकारी रिची पांडेय स्वयं झाड़ू लेकर सफाई अभियान में शामिल हुईं, जिससे लोगों में खासा उत्साह देखा गया। अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों की बड़ी भागीदारी इस श्रमदान कार्यक्रम में नगर आयुक्त गजेंद्र प्रसाद सिंह, विभिन्न विभागों के वरीय पदाधिकारी, जिला प्रशासन के कर्मी और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक शामिल हुए। सभी ने दस्ताने और मास्क पहनकर घाट की सफाई की। आसपास फैले कचरे को हटाया गया और लोगों को स्वच्छता का संदेश दिया गया। स्थापना दिवस पर जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला डीएम रिची पांडेय ने बताया कि 11 दिसंबर को सीतामढ़ी जिला अपना 54वां स्थापना दिवस मनाएगा।इस मौके को विशेष बनाने के लिए 5 दिसंबर से जिले में कई जन-जागरूकता कार्यक्रम चल रहे हैं।उन्होंने कहा कि आज का श्रमदान कार्यक्रम भी इन्हीं कार्यक्रमों की एक कड़ी है, जिसका मकसद जनता को विकास और स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है। लखनदेई नदी की सफाई पर डीएम का जोर जिलाधिकारी ने लक्ष्मणा नदी (लखनदेई) की स्वच्छता और संरक्षण पर विशेष जोर दिया।उन्होंने कहा कि नदी को स्वच्छ और अतिक्रमण मुक्त रखने के लिए प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है।साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की नदी में कूड़ा न फेंके, स्वच्छता बनाए रखें, पर्यावरण संरक्षण में सहयोग दें। डीएम ने यह भी कहा कि यदि कोई बायो मेडिकल वेस्ट नदी में बहाता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। स्थापना दिवस से पहले स्वच्छता का संदेश कैलाशपुरी घाट पर आयोजित यह श्रमदान कार्यक्रम न केवल सफाई का प्रयास था, बल्कि जनता और प्रशासन की संयुक्त जिम्मेदारी का संदेश भी देता है।इस कार्यक्रम का मकसद स्थापना दिवस समारोह के दौरान स्वच्छता के महत्व को रेखांकित करना और लोगों को इसमें भागीदारी के लिए प्रेरित करना था।
गोपालगंज जिले में एक शादी समारोह के दौरान हर्ष फायरिंग का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में एक युवक को खुलेआम फायरिंग करते हुए देखा जा सकता है। मामला सामने आते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित युवक की पहचान की और उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है। मंगूरहा गांव के शादी समारोह का है वीडियो जांच में पता चला है कि वायरल वीडियो मांझागढ़ थाना क्षेत्र के मंगूरहा गांव का है। यहां 24 नवंबर को दरबारी सहनी की बेटी की बारात आई हुई थी, उसी दौरान हर्ष फायरिंग की घटना हुई। वीडियो में लाइसेंसी हथियार से गोली चलाते हुए दिख रहा युवक निमुईया पंचायत के मुखिया विनोद सहनी का बेटा संजीत सहनी है। पुलिस ने की त्वरित जांच, थानाध्यक्ष ने वीडियो की पुष्टि की वीडियो वायरल होने के बाद वरीय पुलिस अधिकारी के निर्देश पर मांझागढ़ थानाध्यक्ष ने इसकी जांच की। वीडियो की सत्यता की पुष्टि होने पर संजीत सहनी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने बताया कि हर्ष फायरिंग के दौरान लाइसेंसी हथियार का दुरुपयोग किया गया है। एसडीपीओ ने कहा-लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू एसडीपीओ-2 राजेश कुमार ने बताया,सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी मिलने पर तत्काल जांच की गई। मुखिया पुत्र द्वारा हर्ष फायरिंग की पुष्टि होने पर मांझा थाना में एफआईआर दर्ज कर दी गई है। लाइसेंसी हथियार का लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है तथा आगे की कार्रवाई जारी है। पुलिस की सख्ती, आगे और भी कार्रवाई संभव पुलिस अब यह भी जांच कर रही है कि फायरिंग के दौरान कोई घायल तो नहीं हुआ और हथियार का इस्तेमाल अनुमति के अनुरूप था या नहीं। फिलहाल आरोपी युवक फरार बताया जा रहा है, जिसकी तलाश की जा रही है। हर्ष फायरिंग पर लगातार सख्ती के बावजूद जिले में ऐसी घटनाएं थम नहीं रही हैं, लेकिन इस मामले में पुलिस की तेज कार्रवाई चर्चा में है।
गोवा के अरपोरा स्थित ‘बिर्च बाय रोमियो लेन’ नाइटक्लब में 6 दिसंबर की रात भीषण आग लगी थी। इसी मामले में गोवा पुलिस ने मंगलवार को क्लब मालिक लूथरा ब्रदर्स के पार्टनर अजय गुप्ता को दिल्ली से हिरासत में लिया है। गोवा पुलिस के मुताबिक जांच के दौरान गुप्ता और उनके पार्टनर सुरिंदर कुमार खोसला के खिलाफ पहले लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी किया गया था। पुलिस टीम जब उसके दिल्ली स्थित घर पर पहुंची तो वह वहां नहीं मिला। बाद में गुप्ता को दिल्ली में ट्रेस कर हिरासत में लिया गया और जल्द ही गोवा लाया जाएगा। वहीं क्लब मालिक सौरभ और गौरव लूथरा अब भी फरार हैं। आग लगने के कुछ घंटे बाद वे थाईलैंड भाग गए थे और उनके खिलाफ इंटरपोल से ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी है। यह इस केस में छठी गिरफ्तारी है। इससे पहले पुलिस क्लब के मैनेजर राजीव मोदक, विवेक सिंह, राजीव सिंघानिया, रियांशु ठाकुर और कर्मचारी भरत कोहली को गिरफ्तार कर चुकी है। 6 दिसंबर की रात नाइटक्लब में लगी आग में 25 लोगों की मौत हुई थी और कई लोग झुलस गए थे। गुप्ता ब्रदर्स ने क्लब में पैसा लगाया था पुलिस सूत्रों के मुताबिक अजय गुप्ता उत्तरी दिल्ली का रहने वाला है और उसका इस क्लब में बड़ा फाइनेंशियल स्टेक है। जांच में सामने आया है कि अजय गुप्ता और उसका भाई राजेश गुप्ता, दोनों ही सौरभ लूथरा के बिजनेस पार्टनर हैं। गुप्ता ब्रदर्स ने उस क्लब में काफी पैसा निवेश किया हुआ था, जो जलकर खाक हो गया। पुलिस अब अजय गुप्ता से पूछताछ कर रही है ताकि फरार मुख्य आरोपियों तक पहुंचा जा सके। दूसरे क्लब पर बुलडोजर चलाया गया वहीं मंगलवार को कार्रवाई करते हुए प्रशासन ने चेन के दूसरे क्लब पर बुलडोजर की कार्रवाई की। गोवा के CM प्रमोद सावंत ने वागाटोर में सौरभ और गौरव लूथरा की रोमियो लेन बीच शैक को गिराने का आदेश दिया था। गोवा टूरिज्म के डिप्टी डायरेक्टर ने कहा कि हम बीच की तरफ से अतिक्रमण हटा देंगे। उन्होंने बताया कि गिराया जाने वाला कुल एरिया 198 स्क्वैयर मीटर है। सरकार ने चार सदस्यीय मजिस्ट्रियल जांच समिति बनाई गोवा सरकार ने सोमवार को इस हादसे की जांच के लिए चार सदस्यीय मजिस्ट्रियल जांच समिति बनाई है। गोवा सरकार ने नाइटक्लब, रेस्टोरेंट, बार और इवेंट वेन्यू के लिए नई एडवाइजरी जारी की है। इधर, जमीन के असली मालिक प्रदीप घाडी अमोनकर ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा कि क्लब नमक के खेतों पर अवैध रूप से बनाया गया था। यह मामला 20 साल से कोर्ट में चल रहा है। ---------------------------------------- ये खबर भी पढ़ें... धधकने लगा था नाइट क्लब, बेली डांसर थिरकती रही:जलने से ज्यादा मौतें दम घुटने से कैसे हुईं, ऐसी जगह फंसे तो क्या करें शनिवार रात गोवा के नाइट क्लब में ब्लास्ट हुआ और आग लग गई। हादसे में 25 लोग मरे और 6 घायल हुए। चौंकाने वाली बात ये है कि ज्यादातर मौतें जलने से नहीं, बल्कि दम घुटने के कारण हुई। आखिर क्लब में इतनी बड़ी आग कैसे लगी, लोग बाहर क्यों नहीं निकल पाए, जलने के बजाय दम घुटने से कैसे होती है मौत और ऐसे में क्या करें; जानेंगे भास्कर एक्सप्लेनर में...
मधेपुरा पुलिस ने मंगलवार को एक अंतरराज्यीय मोबाइल चोर गिरोह का पर्दाफाश कर छह बदमाशों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने उनके कब्जे से 48 चोरी के मोबाइल फोन, 17,950 रुपये नकद और दो मोटरसाइकिलें बरामद की हैं। उदाकिशुनगंज में आयोजित प्रेस वार्ता में एसपी संदीप सिंह ने पूरी कार्रवाई की जानकारी दी। सब्जी खरीदते समय चोरी हुआ था युवक का मोबाइल एसपी ने बताया कि पूरे मामले की शुरुआत 7 दिसंबर को हुई। रतवारा थाना क्षेत्र के सोनामुखी निवासी वकील भगत ने शिकायत दर्ज कराई थी कि बाजार में सब्जी खरीदते समय उनका ओपो कंपनी का मोबाइल चोरी हो गया। इस पर रतवारा थाना में कांड संख्या 79/25 दर्ज किया गया और जांच शुरू हुई। सूचना मिलते ही बनी विशेष टीम 8 दिसंबर को रतवारा थानाध्यक्ष को इनपुट मिला कि मोबाइल चोरी करने वाला एक संगठित गिरोह क्षेत्र में सक्रिय है। इस पर एएसपी के निर्देश पर थानाध्यक्ष साजन पासवान के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई। टीम ने मानवीय और तकनीकी इनपुट का उपयोग करते हुए लगातार छापेमारी की और छह बदमाशों को विभिन्न जगहों से गिरफ्तार कर लिया। झारखंड–बिहार के युवक गिरफ्तार, चोरी कर करते थे साइबर अपराध गिरफ्तार बदमाश झारखंड और बिहार के निवासी हैं। इनमें शामिल हैं— पूछताछ में इन युवकों ने चोरी की घटनाओं में संलिप्तता स्वीकार की। साथ ही यह भी खुलासा किया कि मोबाइल छीनने के बाद वे साइबर क्राइम को अंजाम देते थे। 48 मोबाइल, नकद और दो बाइक बरामद गिरोह के पास से कुल 48 मोबाइल फोन, 17,950 रुपये नकद और दो मोटरसाइकिल बरामद की गई हैं। एसपी ने बताया कि सभी अभियुक्तों के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई पूरी कर ली गई है और उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जा चुका है।यह पूरी कार्रवाई पुलिस मुख्यालय और कोसी रेंज के डीआईजी के निर्देश पर चलाए जा रहे विशेष अभियान का हिस्सा थी। मधेपुरा पुलिस ने दावा किया है कि गिरोह की गिरफ्तारी के बाद जिले में मोबाइल चोरी और उससे जुड़े साइबर अपराधों पर लगाम लगेगी।
50 हजार का इनामी फैज गिरफ्तार:प्रयागराज में रोडवेज संविदाकर्मी की हत्या के मामले में फरार था
दीपावली के दिन 21 अक्तूबर को मुंडेरा में रोडवेज संविदाकर्मी रावेंद्र उर्फ मुन्नू की दिनदहाड़े हुई हत्या के मामले में फरार फैज उर्फ शाहफैज को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। 50 हजार इनामी फैज के पास से एक अवैध तमंचा व दो कारतूस भी बरामद की गई है। पुलिस हत्याकांड के छह आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। वहीं, अब एक अन्य वांछित इनामी हसनैन की तलाश जारी है। धूमनगंज व कर्नलगंज पुलिस की संयुक्त टीम ने मंगलवार को मुखबिर की सूचना पर न्याय विहार मोड से आगे सूबेदारगंज स्टेशन के पास फैज उर्फ शाहफैज निवासी लोहरा थाना संदीपनघाट कौशाम्बी को गिरफ्तार किया। फैज हत्याकांड के बाद से फरार चल रहा था। हत्याकांड के बाद तत्कालीन मुंडेरा चौकी प्रभारी और धूमनगंज थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया था। धूमनगंज थाना प्रभारी राजेश उपाध्याय ने बताया कि हत्याकांड में सात नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। विवेचना में कई अन्य के नाम भी सामने आए। पूर्व में आरोपी अली, कामरान, इरफान अहमद, मोहम्मद हुसैन, फैसल उर्फ काले और नूरैन को जेल भेज चुकी है। वहीं, हत्यारोपियों को शरण देने के आरोप में भी कई के खिलाफ विधिक कार्रवाई कर जेल भेजा गया था।
सीकर में स्लीपर बस-ट्रक में भिड़ंत, 3 की मौत:7 की हालत गंभीर; खाटूश्यामजी जा रहे थे गुजरात के यात्री
सीकर में स्लीपर बस और ट्रक की भीषण भिड़ंत में 3 लोगों की मौत हो गई। 28 यात्री घायल हो गए। इनमें सात की हालत गंभीर है। हादसा जयपुर-बीकानेर नेशनल हाईवे पर मंगलवार देर रात 10:40 बजे फतेहपुर के पास हुआ। बताया जा रहा है कि बस में सवार सभी यात्री वलसाड (गुजरात) के रहने वाले हैं। ये सभी वैष्णो देवी के दर्शन कर लौट रहे थे और खाटूश्यामजी जा रहे थे। बस में करीब 50 लोग सवार थे। जानकारी के अनुसार स्लीपर बस बीकानेर की ओर से जयपुर जा रही थी। वहीं ट्रक झुंझुनूं से बीकानेर की ओर जा रहा था। टक्कर इतनी तेज थी कि बस का अगला हिस्सा बुरी तरह चकनाचूर हो गया। कई यात्री सीटों में ही फंस गए। हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। हाईवे से गुजर रहे वाहन रुक गए। स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। बस में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। घायलों को तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाया गया। डॉक्टरों की कई टीमें इलाज में जुटी हैं। हादसे से जुड़ी 3 तस्वीरें... बस ड्राइवर समेत 3 की मौतहादसे में बस यात्री मयंक और ड्राइवर कमलेश की मौत हो गई। एक मृतक की पहचान नहीं हुई है। अनंत, तुषार पुत्र अर्जुन, राजेश पुत्र ओमप्रकाश, प्रवीण पुत्र बाबू भाई, रंजना पत्नी सुरेश भाई, मुक्ता बेन पुत्री शैतान सिंह, आशीष पुत्र रामलाल, निलेश पुत्र अमित समेत 15 घायलों को सीकर रेफर किया गया है। इनमें सुहानी पुत्री अमित, कर्मल बेन, जमवंत पुत्र उदाराम, सुदा बेन पुत्री उत्तम, अर्जुन पुत्र उकल भाई, अमित पुत्र रमन लाल, शीला बेन पत्नी महेश भाई भी शामिल हैं। 13 घायल फतेहपुर अस्पताल में भर्ती हैं। इनमें महेश भाई पत्नी शैतान सिंह, गंगा बेन पत्नी गोविंद भाई, कंचन, साकेत पाल, लादू पुत्र विष्णु, रमीला, रंजीत, अर्जुन, संगीता, परितेश, अतुल, इंदू बेन पत्नी जीवन भाई और एक अन्य है। अचानक जोर का झटका लगा, लोग बस के गलियारे में गिर गएबस में सवार शीला बेन दो नंबर सीट पर थीं। उनकी नाक में फ्रैक्चर हुआ है। शीला बेन ने बताया- हम खाटूश्यामजी जा रहे थे। ज्यादातर सवारी सो चुकी थी। मैं अपने बेटे के साथ थी। कुछ लोग बस के गलियारे में गिरे हुए थे। हमें किसी ने इमरजेंसी गेट से निकाला। उसके बाद पता चला कि बस से ट्रक टकराया है।
शहर में बेतरतीब चल रहे ई-रिक्शा और उनके कारण बिगड़ते ट्रैफिक को सुधारने के लिए प्रशासन ने नया प्लान तैयार किया है। अब पूरे इंदौर को छह अलग-अलग रूट (जोन) में बांटा जाएगा। हर रूट का अलग रंग (कलर कोड) तय होगा। इस रंग का लोगो ई-रिक्शा के आगे और पीछे लगाया जाएगा। हर रूट लगभग 12 से 15 किमी का होगा। चालक अपनी पसंद का जोन चुन सकेगा और उसे सिर्फ उसी जोन में गाड़ी चलाने की अनुमति दी जाएगी। दूसरे रूट में पाए जाने पर उस पर कार्रवाई होगी। आरटीओ–ट्रैफिक पुलिस की बैठक में बनी योजना ई-रिक्शा संचालन को ठीक करने को लेकर आरटीओ प्रदीप शर्मा और ट्रैफिक डीसीपी आनंद कलादगी ने ई-रिक्शा संचालकों के साथ बैठक की। जिला सड़क सुरक्षा समिति की पिछली बैठक में भी इस विषय पर चर्चा हुई थी। कलेक्टर ने परिवहन विभाग और ट्रैफिक पुलिस को मिलकर प्रभावी व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए थे। नए प्लान के अनुसार रंग के लोगो पर होगा रूट नंबर हर रूट के लिए अलग रंग तय किया जाएगा। जैसे यदि रूट-1 का रंग पीला है, तो उस रूट के सभी ई-रिक्शा पर पीला लोगो लगाया जाएगा, जिस पर रूट नंबर, रिक्शा नंबर और रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा होगा। राजबाड़ा केंद्रीय बिंदु, यहीं से तय होंगे रूट रूट निर्धारण राजबाड़ा को केंद्र में रखकर किया जा रहा है। शहर में 10 हजार ई-रिक्शा, ट्रैफिक पर दबाव अभी इंदौर में करीब 10 हजार ई-रिक्शा चल रहे हैं। राजवाड़ा, पाटनीपुरा, भंवरकुआं और गंगवाल जैसे क्षेत्रों में ये सड़क किनारे खड़े होकर ट्रैफिक को प्रभावित करते हैं। नई व्यवस्था से इस अव्यवस्था पर रोक लगने की उम्मीद है। वर्दी और नेम प्लेट भी जरूरी ऑटो रिक्शा चालक महासंघ के अनुसार अब ई-रिक्शा चालकों को वर्दी पहनना और नेम प्लेट लगाना अनिवार्य होगा। आगे चलकर इनके लिए स्टैंड भी बनाए जाएंगे। हर जोन में सीमित संख्या में रिक्शा चलेंगे किसी जोन के ई-रिक्शा को दूसरे जोन में चलने की अनुमति नहीं रहेगी। इससे अनियंत्रित भीड़ नहीं होगी और ट्रैफिक सुचारु रहेगा। संचालकों ने भी इस व्यवस्था पर सहमति दी है। प्रशासन इसी माह सभी जोन की सीमाएं तय कर नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी में है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लापता हमीरपुर के पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष प्रीतम सिंह किसान का पता लगाने या उन्हें पेश करने के लिए एक सप्ताह का समय और दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर एवं न्यायमूर्ति संजीव कुमार की खंडपीठ ने प्रीतम सिंह की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट के आदेश पर हमीरपुर की पुलिस अधीक्षक डॉ दीक्षा शर्मा उपस्थित हुईं। उन्होंने लापता प्रीतम सिंह के संबंध में परिस्थितियों की जानकारी दी। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल एवं अपर शासकीय अधिवक्ता शशि शेखर तिवारी ने प्रीतम सिंह का पता लगाने और/उसे प्रस्तुत करने के लिए एक सप्ताह का और समय मांगा। इस पर कोर्ट ने इसके लिए एक सप्ताह का अतिरिक्त समय प्रदान किया। साथ ही मामले में अगली सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तारीख लगाते हुए कहा कि उस दिन यदि प्रीतम सिंह को पेश किया जाता है तो थाना प्रभारी राठ हलफनामा दाखिल करेंगे लेकिन यदि ऐसा नहीं किया जाता तो पुलिस अधीक्षक अपना हलफनामा दाखिल करेंगी। कोर्ट ने पुलिस अधीक्षक हमीरपुर दीक्षा शर्मा को व्यक्तिगत उपस्थिति से फिलहाल छूट दे दी।
पनकी थाना क्षेत्र के शांति नगर नहर के पास पुरानी रंजिश में एक युवक को तीन लोगों ने डंडाें से पीट कर मरणासन्न कर दिया। हमले के मामले में पुलिस ने युवक की बहन की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। घटना से जुड़ा 2 मिनट 24 सेकेंड का वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें एक युवक कमर से तमंचा निकाल कर पीड़ित को धमकाता, इसके बाद एक के बाद एक उसपर 19 डंडे बरसाता है। सिर और मुंह पर किए कई वार गोविंद नगर के दबौली पश्चिम निवासी नेहा सैनी ने तहरीर देकर बताया कि उसका भाई मोनू (32) निजी काम से पनकी के शांति नगर नहर के पास गया था। इसी दौरान वहाँ पहले घात लगाए बैठे सत्यम उर्फ नन्कू, सुनील और मुकेश ने बिना वजह गाली-गलौज कर लाठी-डंडों से हमला कर दिया और डंडे से सिर और मुंह पर कई वार किए, जिससे मोनू गंभीर रूप से घायल हो गया। पिटाई से मोनू के सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आईं। वहाँ मौजूद लोगों ने पिटाई का वीडियो बना सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि एक दबंग कमर से असलहा निकाल कर उसे धमकाता है और डंडे से बुरी तरह पीटता है। वहां कई अन्य लोग भी मौजूद है, घटना के बाद पीड़ित ने 112 नंबर डायल कर घटना कि सूचना पुलिस को दी। जानकारी मिलते पनकी थाने का फोर्स मौके पर पहुंचा और घायल को सीएचसी कल्याणपुर इलाज के लिए भेजा, वहीं पीड़ित कि बहन नेहा सैनी ने पनकी थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है। पनकी थाना प्रभारी मनोज भदौरिया ने बताया कि वायरल वीडियो को संज्ञान में लेकर और पीड़ित कि बहन कि तहरीर के आधार पर तीन लोगों पर नामजद मुकदमा दर्जकर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है, जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जायेगा।
अस्पताल सील करने पर जवाब तलब:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाराजगंज के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाराजगंज स्थित एक अस्पताल को सील किए जाने के मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन एवं न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने डॉ नरेश कुमार गुप्ता की याचिका पर दिया है। याची के महाराजगंज स्थित अस्पताल को अधिकारियों ने पांच जुलाई को सील कर दिया जबकि इससे पूर्व उन्हें सुनवाई का कोई अवसर नहीं दिया गया।इसके खिलाफ उन्होंने याचिका की। याची के अधिवक्ता अश्वनी कुमार श्रीवास्तव का कहना था कि याची ने अस्पताल के पंजीकरण के लिए आवेदन किया था, जिसे छह जुलाई को खारिज कर दिया गया। पंजीकरण आवेदन को खारिज करने का कारण, प्रदूषण, आग और बायोमेडिकल अपशिष्ट से संबंधित बताया गया है। इसका संभावित अर्थ है कि अस्पताल द्वारा प्रदूषण नियंत्रण, अग्नि सुरक्षा और बायोमेडिकल अपशिष्ट के निस्तारण से संबंधित उपायों का प्रबंध नहीं किया गया था।यह भी कहा गया कि याची को पंजीकरण आवेदन खारिज करने का विस्तृत आदेश अब तक नहीं दिया गया है। सरकार की ओर से बताया गया कि पंजीकरण प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं था और अस्पताल अंतर्राष्ट्रीय सीमा (नेपाल के साथ) से 500 मीटर दूर स्थित है। इस पर कोर्ट ने राज्य सरकार से बुधवार को दोपहर जवाब दाखिल कर यह बताने को कहा है कि अस्पताल के पंजीकरण आवेदन को खारिज करने की सूचना याची को क्यों नहीं दी गई? साथ ही पंजीकरण आवेदन खारिज होने से पहले ही याची को नोटिस दिए बगैर अस्पताल को सील क्यों किया गया?
डीएसटी टीम जयपुर-उत्तर और पुलिस थाना जयसिंहपुराखोर ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए मंगलवार को मानपुर, सड़वा स्थित अफजल विहार कॉलोनी में चल रहे नकली घी के कारखाने पर छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान बड़ी मात्रा में खुला नकली घी तैयार अवस्था में मिला। पुलिस ने मौके से मुख्य आरोपी हनीष (36 साल) को गिरफ्तार कर भारी मात्रा में उपकरण व ब्रांडेड पैकिंग सामग्री जब्त की। कार्रवाई के दौरान पुलिस ने टबों में भरा 1380 लीटर नकली घी, 194 लीटर महान घी, 450 लीटर सरस घी, 390 लीटर रिफाइंड सोयाबीन तेल, वनस्पति तेल, अमूल ब्रांड के 24 खाली टीन, कृष्णा घी के 3400 रैपर, महान घी के 1600 रैपर, 1400 पैकिंग थैलियां, सरस ब्रांड की 100 थैलियां सहित पाउच पैकिंग मशीन, इलेक्ट्रिक कांटा, बड़े भगौने, गैस सिलेंडर, चूल्हे व अन्य सामग्री बरामद की। माफिया विभिन्न ब्रांड की पैकिंग में नकली घी तैयार कर बड़ी मात्रा में बाजार में बेच रहे थे डीसीपी नॉर्थ करन शर्मा (IPS) ने बताया- कुछ माफिया विभिन्न ब्रांड की पैकिंग में नकली घी तैयार कर बड़ी मात्रा में बाजार में बेच रहे थे। इस पर प्रभावी कार्रवाई हेतु अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त प्रथम नीरज पाठक (RPS) और एसीपी आमेर सुरेन्द्र राणावत (RPS) के सुपरविजन में डीएसटी प्रभारी दिलीप कुमार सोनी और थाना जयसिंहपुराखोर थानाधिकारी राजेश शर्मा के नेतृत्व में टीम गठित कर छापेमारी की गई। अफजल विहार कॉलोनी में नकली घी तैयार किया जा रहा था मुखबिर सूचना एवं तकनीकी निगरानी के आधार पर टीम जब अफजल विहार कॉलोनी में पहुंची तो कारखाने में विभिन्न ब्रांड के नाम से नकली घी तैयार किया जा रहा था। मौके पर बुलाए गए जयपुर डेयरी के प्रयोगशाला सहायक सुमित कुवांडा ने जांच में पुष्टि की कि बरामद घी डेयरी का मूल उत्पाद नहीं है और पैकिंग भी असली पैकिंग से भिन्न है। आरोपी हनीष सुभाष शर्मा के साथ मिलकर नकली घी का निर्माण और बिक्री कर रहा था पुलिस ने मौके से मुख्य आरोपी हनीष (36 वर्ष) पुत्र कल्लू खाँ, निवासी अफजल विहार कॉलोनी को गिरफ्तार किया। उसने पूछताछ में बताया कि वह सुभाष शर्मा नामक व्यक्ति के साथ मिलकर नकली घी निर्माण और बिक्री का कारोबार संचालित कर रहा था। इस संबंध में पुलिस थाना जयसिंहपुराखोर में बीएनएस, कॉपीराइट एक्ट और ट्रेड मार्क एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आगे अनुसंधान किया जा रहा है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी के रेप व पॉक्सो एक्ट के मामले में सिद्ध दोष अभियुक्त राजू उर्फ राजेश की सजा निलंबित करते हुए उसकी दूसरी जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। यह आदेश न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्र ने राजू उर्फ राजेश की जमानत अर्जी पर उसके अधिवक्ता आदर्श शुक्ल और सरकारी वकील को सुनकर दिया है। अधिवक्ता आदर्श शुक्ल ने कोर्ट को बताया कि अपीलार्थी के खिलाफ वाराणसी के कपसेठी थाने में नौ अगस्त 2013 को नाबालिग लड़की को बहला फुसलाकर भगा ले जाने एवं रेप के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई। इस मामले में ट्रायल के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट वाराणसी ने अपीलार्थी को दोषसिद्ध पाते हुए 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। अपीलार्थी की पहली जमानत अर्जी 12 दिसंबर 2022 को खारिज हो गई थी।
गोवा में हाल ही में हुई अग्नि दुर्घटना को देखते हुए इंदौर में प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरतना प्रारंभ कर दिया है। शहर में गैस सिलेंडरों का अवैध रूप से भंडारण करने वालों के विरुद्ध विशेष मुहिम चलाई जा रही है। मंगलवार को खाद्य विभाग की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शहर के चार अलग-अलग स्थानों पर दबिश दी। जहां से भारी मात्रा में अवैध रूप से संग्रहित कुल 156 गैस सिलेंडर जप्त किए गए। ये सभी सिलेंडर घनी आबादी और रहवासी क्षेत्रों में बिना किसी वैध अनुमति, फायर सेफ्टी प्रमाणन और विस्फोटक विभाग की अनुज्ञप्ति के संग्रहित किए जा रहे थे, जो गंभीर दुर्घटना की स्थिति पैदा कर सकते थे। प्रशासन ने मौके से मिले सिलेंडरों को जब्त करते हुए संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत केस दर्ज कर आगे जांच प्रारंभ कर दी है। कलेक्टर शिवम वर्मा ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। शहर में अवैध गैस भंडारण पर इसी प्रकार की सख्त कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।जिला खाद्य नियंत्रक एमएल मारू ने बताया कि शहर के केटरिंग व्यवसायियों द्वारा शहर के मध्य में अवैधानिक रूप से संचालित एलपीजी के गोदामों पर आकस्मिक छापामार कार्यवाही की गई। मौके पर केटरिंग व्यवसायियों द्वारा बगैर वैधानिक अनुमति के, फायर सेफ्टी के, विस्फोटक विभाग की अनुज्ञप्ति के बडी मात्रा में विभिन्न क्षमताओं वाले गैस सिलेंडरों का भंडारण/संग्रहण करना पाया गया।कार्रवाई में श्री श्याम कृपा गैस हीटर वर्क (द्वारकापुरी) से 24 कमर्शियल गैस सिलेंडर जब्त किए जिनमें से 19 भरे हुए थे। ऐसे ही श्री श्याम कृपा गैस हीटर वर्क (एमआईजी) के लोडिंग ऑटो से 19 कमर्शियल गैस सिलेंडर जब्त किए जिनमें से 11 भरे हुए थे। भागवत केटरिंग (प्रगति नगर) सेआईओसी कंपनी 1 नग भरा, 8 नग खाली, 11 नग आंशिक भरे, 5 किलो. क्षमता एचपीसी कंपनी के 4 नग आधे भरे जब्त किए। इसी तरह महेश पिता नारायणराव भागवत के सांई बाबा नगर स्थित गोदाम से 19 किलो. क्षमता बीपीसी कंपनी 7 नग भरे, 32 नग खाली जब्त किए गए। इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी कार्रवाई की गई है।
ग्वालियर में मंगलवार शाम से रात तक गोला का मंदिर चौराहा पर मजिस्ट्रेट वाहन चेकिंग की गई है। खुद मजिस्ट्रेट पॉइंट पर मौजूद रहे। इस दौरान नियमों को ताक पर रखने वाले कई रसूखदारों का रसूख सड़कों पर फुर्र होता नजर आया। चेकिंग के एक्स एमएलए, उप सभापति, जिला पंचायत अध्यक्ष व एसडीओ की नेम प्लेट लिखे वाहनों को पकड़ा गया। कई पर हूटर लगा था तो कुछ वाहनों के कांच पर काली फिल्म चढ़ी थी।चेकिंग में जब रसूखदारों के वाहन पकड़े तो पहले बहस हुई फिर यहां-वहां नेता जी को फोन भी मिलाए गए। इसके बाद पुलिस अफसरों ने बताया कि यह मजिस्ट्रेट चेकिंग है और यहां किसी की नहीं चलने वाली। आखिर में रसूखदार जुर्माना भरकर ही आगे जा सके। चेकिंग में 41 वाहनों को पकड़कर उनसे 72800 रुपए बतौर जुर्माना वसूला गया है। शहर के गोला का मंदिर चौराहा पर मंगलवार शाम को पुलिस ने मजिस्ट्रेट चेकिंग की है। CJM प्रशांत पांडेय, JMFC सक्षम नरुला, भूपेन्द्र सिंह कुशवाह, मीनाक्षी रावत, अमन सूलिया के नेतृत्व में एक साथ चेकिंग शुरू की गई।पुलिस की ओर से डीएसपी ट्रैफिक अजीत सिंह चौहान, इंस्पेक्टर डॉ. केपीएस तोमर व गोला का मंदिर थाना प्रभारी हरेन्द्र शर्मा के साथ सूबेदार अभिषेक रघुवंशी मौजूद रहे। पुलिस ने गोला का मंदिर से गुजरने वाले हर वाहन की बारीकी से जांच की गई है।चेकिंग कर रहे पुलिस अफसरों की नजर उन वाहनों पर थी, जिन पर नेम प्लेट के साथ ही हूटर, काली फिल्म लगी थी। एक बार जो भी पुलिस के हाथ आया, उसको मजिस्ट्रेट के सामने खड़ा कर दिया गया। जैसे ही वाहन चालकों को पता चला कि यह सामान्य चेकिंग नहीं बल्कि मजिस्ट्रेट चेकिंग है तो उनकी हवा निकल गई और जुर्माना भरने के बाद ही वहां से निकला। इन रसूखदारों का निकाला रसूखमजिस्ट्रेट चेकिंग में एक्स एमएलए मुरैना, उप सभापति मर्यादित संस्था, एसडीओ, जिला पंचायत अध्यक्ष मुरैना, सुप्रीम कोर्ट के वकील की कार पकड़ी गई। जिस पर ब्लैक फिल्म के साथ ही हूटर और पुलिस लाइट लगी थी। इसके साथ ही आधा दर्जन से ज्यादा थार पकड़ी जिन पर ब्लैक फिल्म चढ़ी हुई थी। पकड़े जाने के बाद पहले तो इन वाहनों में सवार लोगों ने रसूख दिखाते हुए पुलिस अफसरों को हड़काने की कोशिश की, लेकिन जब पता लगा कि यह मजिस्ट्रेट चेकिंग है तो चालान की राशि भरकर आगे चल दिए।
दुष्कर्म मामले में आरोपितों को जमानत:बुलंदशहर 2016 में दर्ज हुआ था केस, हाईकोर्ट ने सशर्त जमानत दी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दुष्कर्म और अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम, 1989 के तहत अपराधों के आरोपों से जुड़ी प्राथमिकी में दो आरोपियों को जमानत देते हुए कहा है कि इस विशेष कानून के तहत पीड़ित अधिकारों का दुरुपयोग नहीं कर सकता। न्यायमूर्ति अनिल कुमार (दशम) की पीठ ने अपीलार्थी अजनान खान और फुरकान इलाही को जमानत देते हुए इस बात को ध्यान में रखा कि मुख्य रूप से प्राथमिकी दर्ज करने में नौ साल की अस्पष्ट देरी हुई जबकि पीड़िता स्वयं अधिवक्ता है। मुकदमे से जुड़ा तथ्य यह है कि पीड़िता ने इसी साल बुलंदशहर की देहात कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई। इसमें आरोप लगाया था कि 2016 में फुरकान उससे मिला, उसे एक होटल में ले गया और बाद में अपने दोस्त अजनान खान (सह-अभियुक्त) के घर ले गया। जब अजनान ने बाहर से दरवाजा बंद कर दिया तो फुरकान ने उससे दुष्कर्म किया। वह इसलिए चुप रही क्योंकि मुख्य आरोपित ने उसे शादी का आश्वासन दिया था। मुख्य आरोपित ने शारीरिक संबंध बनाना जारी रखा और उसे नशीली गोलियां खिलाई, इससे उसका गर्भ गिर गया। विशेष अदालत द्वारा जमानत अर्जी खारिज किए जाने के बाद अपीलार्थियों ने हाईकोर्ट का रुख किया था। उनके अधिवक्ताओं ने कहा कि प्राथमिकी नौ साल की भारी देरी के बाद दर्ज की गई थी, जो यह दिखाने के लिए पर्याप्त है कि मामला कानूनी परामर्श के बाद दर्ज किया गया था। प्राथमिकी में नामित 18 आरोपियों में चार वकील हैं। पीड़िता भी वकील है और उसका लंबा आपराधिक इतिहास है। उसने कई अन्य के खिलाफ मामले दर्ज कराए हैं। दुष्कर्म की प्राथमिकी पेशबंदी है क्योंकि एक अपीलार्थी ने अगस्त में पीड़िता के खिलाफ पहले ही प्राथमिकी दर्ज करा दी थी। महज 20 दिन बाद ही उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर दी गई। सरकारी वकील ने पीड़िता और गवाह इसरार खान के साथ कहा कि प्राथमिकी में देरी शादी के 'झूठे वादे' के कारण हुई। यह भी कहना था कि अभियुक्त उसे अभियोजन पक्ष से हटने की धमकी दे रहे थे। उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान पीड़िता के आचरण पर विशेष ध्यान दिया। आदेश में उल्लेखित है कि पीड़िता गवाह (एक वकील) के साथ अदालत में पेश हुई और उसने पूरी कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग की मांग की। अदालत कक्ष में अन्य वकीलों की मौजूदगी पर भी आपत्ति जताई। कहा कि ऐसे संवेदनशील मामले की कार्यवाही उनकी मौजूदगी में नहीं होनी चाहिए, लेकिन जब दोपहर तीन बजे मामले की सुनवाई शुरू हुई तो पीड़िता ने दलील दी कि उसने अपना वकालतनामा दाखिल नहीं किया है। उसने बहस के लिए किसी अन्य वकील को नियुक्त करने के लिए समय मांगा। जब यह स्पष्ट प्रश्न उठाया गया कि क्या उसे नोटिस दिया गया था, तो उसने मौखिक रूप से इनकार कर दिया और कहा कि ऐसा कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है। सरकार के वकील ने संबंधित एसएचओ की यह रिपोर्ट पेश की, जिसमें कहा गया था कि जब वह पीड़िता के चैंबर में नोटिस देने गए तो उन्होंने उसे लेने से इनकार कर दिया। जब उन्होंने नोटिस उसके चैंबर के बाहर चिपकाने की कोशिश की तो पीड़िता और अन्य वकीलों ने इसका विरोध किया इससे ऐसा नहीं हो सका। न्यायमूर्ति ने टिप्पणी की, अदालतें आमतौर पर पक्षकारों के आचरण पर कोई टिप्पणी करने से बचती हैं। हालांकि, इस मामले में पीड़िता का आचरण अनुचित था, यह देखते हुए कि वह स्वयं वर्ष 2013 से अधिवक्ता के रूप में कार्यरत है।
उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक असंवेदनशीलता की कड़ी आलोचना करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य अधिकारियों की एक नाबालिग अनाथ बच्चे को अनुग्रह राशि देने से इनकार करने पर गंभीर टिप्पणी की है। याची ( नाबालिग) के माता-पिता की रेलवे दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। राज्य प्राधिकारियों ने मृत्यु के प्रमाण के अभाव का हवाला देते हुए राहत देने से इनकार कर दिया है, जबकि केन्द्र सरकार ने पहले ही याची के दावे का सत्यापन कर अपने हिस्से की धनराशि जारी कर दी थी। हाईकोर्ट के जस्टिस अजीत कुमार एवं जस्टिस स्वरूपा चतुर्वेदी ने राज्य के आचरण को नीति का मजाक करार देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के शीर्ष अधिकारियों को केंद्र सरकार द्वारा बताए गए दस्तावेजों के आधार पर याची को भुगतान करना चाहिए था। याची आदर्जोश पांडेय उर्फ अंश कि एक नाबालिग है, उसने रेलवे दुर्घटना में मृत माता - पिता के आश्रित के रूप में सरकार द्वारा घोषित अनुग्रह राशि जारी करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका के अनुसार, केंद्र और राज्य सरकारों ने पीड़ित परिवारों के लिए आर्थिक राहत की घोषणा की थी। केंद्र सरकार ने मृतकों के आश्रितों के लिए 5 लाख रुपये की राशि का प्रस्ताव रखा था और राज्य के मुख्यमंत्री ने भी इसी तरह की घोषणा की थी। कार्यवाही के दौरान, भारत संघ ने एक प्रति-शपथपत्र दायर कर पुष्टि की कि केंद्र सरकार की ओर से घोषणा के अनुसार याची को भुगतान पहले ही किया जा चुका है। हालांकि, राज्य सरकार ने बिल्कुल विरोधाभासी रुख अपनाया। खंडपीठ को बताया गया कि चूंकि माता-पिता की रेल दुर्घटना में मृत्यु होने का कोई सबूत नहीं है, इसलिए भुगतान नहीं किया जा सकता। पीठ ने इस दलील पर कड़ी आपत्ति जताई और पाया कि राज्य का यह कहना पूर्ण रूप से अस्वीकार्य है। कोर्ट कहा कि हमारे विचार से यह उन लोगों द्वारा नीति का मजाक उड़ाने जैसा है जो राज्य विभाग के मामलों के शीर्ष पर हैं। जब केंद्र सरकार ने दस्तावेजों के आधार पर भुगतान किया है, तो उन दस्तावेजों को राज्य सरकार द्वारा भुगतान के आधार के रूप में लिया जाना चाहिए था। न्यायालय ने आगे टिप्पणी की कि राज्य सरकार के अधिकारियों से 'जिम्मेदाराना' व्यवहार करने की अपेक्षा की जाती है। मामले की इस स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट ने भारत सरकार के वकील को निर्देश दिया कि वह केंद्र सरकार के जवाबी हलफनामे की एक प्रति राज्य सरकार के वकील को अदालत में ही सौंप दें। कोर्ट ने जिला मजिस्ट्रेट जौनपुर को निर्देश दिया कि वे केंद्र सरकार द्वारा दायर हलफनामे के आधार पर मामले में आवश्यक कार्रवाई करें और अनुग्रह राशि का भुगतान के लिए की गई सरकारी घोषणा के अनुसार बकाया राशि का भुगतान करें। मामले को अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने 6 जनवरी, 2026 को याचिका सूचीबद्ध करते हुए कहा है कि जिला मजिस्ट्रेट को अगली तारीख तक अनुपालन हलफनामा दायर करना होगा, ऐसा न करने पर उन्हें अदालत में उपस्थित रहना होगा।
राजधानी में चल रहे एक फर्जी मैरिज ब्यूरो गिरोह ने यूपी, राजस्थान समेत कई राज्यों के लोगों से शादी के नाम पर ठगी की। शादी के नाम पर सपने दिखाना और फिर उनसे हजारों रुपए में लूट लेना इनका काम है। भोपाल में ऐसा एक गिरोह खुलासा हुआ है, यह ठग गैंग खुद को “शादी कराएंगे” वाली एजेंसी बताकर भोले-भाले लोगों को जाल में फंसाता था। बस स्टैंड, बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में शादी के लिए “लड़की उपलब्ध” वाले पर्चे बांटे जाते थे। इन पर्चों में भरोसा दिलाया जाता कि केवल थोड़ा-सा रजिस्ट्रेशन कराते ही उपयुक्त लड़की से शादी करवा दी जाएगी। झांसी के पिंटू साहू जैसे युवाओं को फोन कॉल पर भरोसा दिलाया जाता, “भोपाल आ जाइए, लड़की दिखा देंगे। बस वेरिफिकेशन के बाद जल्दी ही शादी करवा दी जाएगी।” भोपाल पहुंचने पर उन्हें किसी गांव ले जाकर नकली दुल्हन यानी कोई लड़की दिखाई जाती थी, जिसे देखकर पीड़ित सोचते अब जिंदगी बदलने वाली है। फिर उनसे 24 हजार से लेकर 25 हजार रुपए तक बतौर रजिस्ट्रेशन फीस ले ली जाती। झांसी से भोपाल तक पिंटू से ठगी झांसी का रहने वाला पिंटू साहू काफी समय से शादी के लिए प्रयास कर रहा था। उम्र बढ़ने और पारिवारिक जिम्मेदारियों का दबाव उसे परेशान कर रहा था। इसी दौरान झांसी बस स्टैंड पर एक ऑटो चालक ने उसे एक शादी कराने वाला पर्चा थमा दिया। पर्चे में दावे थे—योग्य लड़कियां उपलब्ध, तुरंत रिश्ता, बस रजिस्ट्रेशन कराएं। उम्मीद बंधी तो पिंटू ने दिए गए नंबर पर फोन किया। दूसरी ओर से भरोसा दिलाया गया- “भाई साहब, आपकी सारी परेशानी खत्म… भोपाल आ जाइए, लड़की दिखा देंगे, रिश्ता तुरंत तय हो जाएगा।” यही विश्वास उसे भोपाल ले आया। यहां उसे भानपुर के पास महौली गांव ले जाया गया, जहां पहले से तय योजना के मुताबिक एक युवती सामने लाई गई। उसे संस्कारी, घरेलू और पिंटू की पसंद के अनुसार बताया गया। वेरिफिकेशन के नाम पर 24 हजार रुपए जमा करवाए गए और कहा गया कि अगले हफ्ते शादी की तारीख फाइनल कर दी जाएगी। पिंटू ने बिना संदेह पैसे दे दिए, लेकिन कुछ ही दिनों में फोन बंद हो गया। जब वह दोबारा भोपाल पहुंचा तो वहां ताला लटका मिला। इसके बाद वह ठगी का शिकार होने की शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचा। 10 पीड़ित, एक ही तरीका छोला मंदिर थाना पुलिस की जांच में सामने आया है कि 10 लोग इसी तरह ठगे जा चुके हैं। हर किसी से 24-25 हजार लेकर शादी का भरोसा दिया गया, फिर गायब हो जाते थे।गिरोह में दो नामजद आरोपी और एक महिला शामिल है। अन्य की पहचान की जा रही है। छोला मंदिर थाना सब इंस्पेक्टर एमडी अहिरवार ने बताया- यह संगठित ठगी गिरोह भोपाल में शादी कराने के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठता था। गैंग बस स्टैंड और भीड़भाड़ वाले इलाकों में “शादी के लिए लड़की उपलब्ध” वाले पर्चे बांटकर युवकों को भरोसे में लेता था। अब तक 10 पीड़ित सामने आ चुके हैं। प्रारंभिक जांच में एक महिला रोशन खान और उत्तम नाम के दो आरोपियों को इस गिरोह का सक्रिय सदस्य पाया गया है। यह खबर भी पढ़ें... लुटेरी दुल्हन का एक शादी का चार्ज 50 हजार रुपए भोपाल के छोला से पकड़ी गई लुटेरी दुल्हन अनुराधा को फर्जी शादी करने के लिए 50 हजार रुपए मिलते थे। पुलिस मान रही थी कि अनुराधा गैंग के लिए सिर्फ एक मोहरा है, लेकिन उसके मोबाइल की जांच के बाद पता चला कि वह सक्रिय सदस्य की तरह काम कर रही थी। उसने एक एजेंट को धमकाते हुए कहा- जल्दी मेरी शादी करवा रहे हो या फिर किसी और एजेंट से बात करूं? ये मैसेज अनुराधा के फोन में मिला है।पढ़ें पूरी खबर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक आदेश में कहा है कि भ्रष्टाचार निवारण के मामलों की जांच अत्यंत लापरवाहीपूर्ण तरीके से की जा रही है। कोर्ट ने रिश्वत की रकम की बरामदगी और जब्ती में खामियां पाते हुए टिप्पणी की कि अधिकांश मामलों में न तो आरोपी और शिकायतकर्ता के हाथ उस जगह पर धोए जा रहे हैं जहां ट्रैप किया गया था और न ही बरामद रिश्वत की राशि को ट्रैप वाली जगह पर सील किया जा रहा है।जबकि ट्रैप कार्यवाही की शुचिता के लिए ये कार्यवाही उसी जगह की जानी चाहिए, जहां ट्रैप किया गया था। इसलिए प्रमुख सचिव गृह और प्रदेश के पुलिस महानिदेशक इस मामले को देखें और इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी करें। कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को आदेश की प्रति अनुपालन के लिए प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक को जल्द से जल्द भेजने का निर्देश दिया। यह आदेश न्यायमूर्ति समीर जैन ने सुरेश प्रकाश गौतम की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। सुरेश प्रकाश गौतम के खिलाफ सहारनपुर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले के कागजात की जांच के बाद कोर्ट ने पाया कि आरोप के अनुसार याची शामली में श्रम प्रवर्तन अधिकारी के पद पर तैनात था और शिकायतकर्ता के दावे का निपटारा करने के लिए उसने रिश्वत की मांग की। बाद में उसे ट्रैप टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ा। रिश्वत के नाम पर ली गई रकम की बरामदगी भी उसके कब्जे से हुई। उसके घर से 21 लाख 50 हजार रुपये भी बरामद किए गए लेकिन कागजात के अनुसार न तो याची और शिकायतकर्ता के हाथ उस जगह पर धोए गए, जहां ट्रैप किया गया था तथा न ही बरामद रिश्वत की राशि को मौके पर सील किया गया था। कागजात यह भी बताते हैं कि रिश्वत की बरामदगी का मेमो भी मौके पर तैयार नहीं किया गया और ऐसा प्रतीत होता है कि यह सारी कार्यवाही थाने में की गई है।इन तथ्यों के आधार पर याची के अधिवक्ता का यह तर्क कि ट्रैप की कार्यवाही संदेहास्पद प्रतीत होती है, को इस स्तर पर पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि अभिलेख से यह भी पता चलता है कि शिकायतकर्ता ने 21 अगस्त को याची के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी लेकिन 14 अगस्त को याची ने उप श्रम आयुक्त को प्रार्थना पत्र दिया था कि कार्यालय के कुछ अधिकारी उसे कुछ झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि इस तथ्य पर विचार करते हुए याची के अधिवक्ता का यह तर्क कि याची को झूठा फंसाया जा रहा है, को भी इस स्तर पर पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता।
भोपाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के डिजिटाइजेशन का काम भले ही पूरा हो गया हो, लेकिन 2 लाख 23 हजार वोटर्स अब भी ऐसे हैं, जिनका साल 2003 की वोटर्स लिस्ट के अनुसार डेटा नहीं मिला है। कुल 10.5 प्रतिशत वोटर्स को 'नो मेपिंग' के दायरे में रखा गया है। ऐसे में कई बीएलओ अब शंका के घेरे में आ गए हैं। एक संभावना यह भी है कि एसआईआर का काम जल्दी पूरा करने का चक्कर में भी कई वोटर्स को नो मेपिंग की कैटेगिरी में शामिल कर लिया गया हो। हालांकि, इस डेटा पर निर्वाचन आयोग की फटकार जरूर लगी है। जानकारी के अनुसार, आयोग ने स्पष्ट कहा है कि 48 घंटे के अंदर नो मेपिंग में डाले गए नामों को ठीक किया जाए। इसलिए 15 हजार से ज्यादा नाम री-चेकिंग में डाले गए हैं। अधिक 'नो मेपिंग' वाली विधानसभाओं में काम जानकारी के अनुसार, जिन विधानसभा में नो मेपिंग अधिक हुई है, वहां टीमें भेजी गई है। बीएलओ घर-घर जाकर वोटर्स के रिकॉर्ड के बारे में पता लगा रहे हैं। इस वजह से नो मेपिंग का आंकड़ा करीब 2 लाख 10 हजार पर आ गया है। 50 दिन तक चलेगी सुनवाईउप जिला निर्वाचन अधिकारी भुवन गुप्ता ने बताया कि नो मेपिंग के मतदाताओं की 50 दिन तक सुनवाई की जाएगी। प्रत्येक विधानसभा में अतिरिक्त अधिकारियों की नियुक्ति की जा रही है। जिले में 100 सहायक रजिस्ट्रकरण अधिकारी रहेंगे। ताकि, वे हर मतदाता की सुनवाई कर सकें। 16 दिसंबर को मतदाता सूची का प्रकाशन होगा। इसके बाद यह प्रक्रिया शुरू होगी। बीएलओ फार्म लेंगे। नए मतदाता भी अपने नाम जुड़वा सकेंगे। जिनका डेटा नहीं मिलेगा, उनके विरुद्ध प्रक्रिया अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
इंदौर में पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने एमपी सरकार पर हमला बोलते हुए मंत्री प्रतिमा बागरी का इस्तीफा मांगा है। पटवारी ने कहा कि जनता बीजेपी पर बार- बार भरोसा कर उन्हें चुन रही है। यह नशा माफिया की सरकार है। पहले वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा के ड्रग्स कारोबारियों के साथ फोटो आए। विश्वास सारंग का मिर्ची केस में पारिवारिक रिश्ता निकला। अब मंत्री प्रतिमा बागरी का भाई नशा तस्करी में शामिल मिला है। पटवारी ने आगे कहा कि एमपी में शराब के धंधे से सरकार 17 हजार करोड़ का राजस्व कमा रही है। नशे में हमने पंजाब को पीछे छोड़ दिया है। नशा कारोबारियों और माफियाओं ने वल्लभ भवन की पांचवी मंजिल को, मंत्रियों के ऑफिस को घेर लिया है। प्रतिमा बागरी का इस्तीफा होना चाहिए। मेरा मोहन सरकार से आग्रह है कि आप गृहमंत्री का जिम्मा दूसरों को नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि खजुराहो में चार लोगों की फूड पॉइजनिंग से मौत हो गई। कोई मंत्री उन्हें देखने नहीं गया, जबकि पूरी सरकार वहीं थी। क्या संदेश देना चाहते हैं कि हम कर्ज लेते रहेंगे, लोग मरते रहें, राजनीतिक अय्याशी करते रहेंगे। कोई एक तो होकर चला जाता, उनकी सुध ले लेता, यह कैसी सरकार है। मध्यप्रदेश वासियों चेक करो, मूल्यांकन करो, जिन्हें वोट दिया, वह सरकार कैसी है। पटवारी ने जनता से कहा पटवारी ने जनता से कहा कि आपने इन लोगों को बार- बार सत्ता में बैठाया है, लेकिन क्या यह वही सरकार है, जिसे आप चाहते थे?, राज्य में मंत्री अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहे हैं और आम जनता के मुद्दों पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्होंने खजुराहो की घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि चार लोग फूड पॉइजनिंग से मर गए, लेकिन किसी मंत्री ने उनके परिवार से मुलाकात तक नहीं की। क्या यही है आपकी सरकार?
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भोपाल ने नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसके डायरेक्टर समेत 14 कंपनियों के विरुद्ध 110 करोड़ के फर्जी लोन घोटाले में अभियोजन शिकायत दर्ज की है। यूको बैंक से लिए गए इस लोन को अंबिका सॉल्वेक्स लिमिटेड की विभिन्न ग्रुप कंपनियों के माध्यम से आपस में घुमाया गया। जिससे फर्जी व्यवसायिक गतिविधियों का दिखावा किया जा सके। लोन की राशि को व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट लाभ के लिए डायवर्ट किया गया। इसमें अचल संपत्तियों में निवेश, नकद निकासी और संबंधित कंपनियों के जटिल नेटवर्क के जरिए धन छिपाकर मनी लॉन्ड्रिंग की गई। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, उसके डायरेक्टर कैलाश चंद्र गर्ग और 14 अन्य कंपनियों व व्यक्तियों के खिलाफ पीएमएलए 2002 के अंतर्गत अभियोजन शिकायत दर्ज की है। यह शिकायत इंदौर स्थित विशेष पीएमएलए न्यायालय में 17 नवंबर 2025 को दायर की गई थी, जिस पर कोर्ट ने 5 दिसंबर को संज्ञान ले लिया है। फर्जी निर्यात के नाम पर ₹110.50 करोड़ का लोन ईडी की जांच में सामने आया कि कैलाश चंद्र गर्ग द्वारा नियंत्रित कंपनी नारायण निर्यात इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने लेटर्स ऑफ क्रेडिट (LC) और एक्सपोर्ट पैकिंग क्रेडिट (EPC) के माध्यम से यूको बैंक के नेतृत्व वाले बैंक कंसोर्टियम से लगभग ₹110.50 करोड़ का फर्जी लोन प्राप्त किया। इन पैसों को वैध व्यापार और निर्यात कार्यों के लिए बताया गया था, लेकिन जांच में यह साबित हुआ कि न तो कोई वास्तविक खरीद हुई और न ही कोई निर्यात किया गया। इसके बजाय यह धन अंबिका सॉल्वेक्स लिमिटेड की विभिन्न ग्रुप कंपनियों के माध्यम से आपस में घुमाया गया, जिससे फर्जी व्यवसायिक गतिविधियों का दिखावा किया जा सके। जमीन-जायदाद में निवेश और नकद निकासी ईडी के अनुसार, इस लोन की राशि को व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट लाभ के लिए डायवर्ट किया गया। इसमें अचल संपत्तियों में निवेश, नकद निकासी और संबंधित कंपनियों के जटिल नेटवर्क के जरिए धन को छिपाकर मनी लॉन्ड्रिंग की गई। इस मामले में ईडी पहले ही दो अस्थायी कुर्की आदेश (Provisional Attachment Orders) जारी कर चुकी है। जिसके तहत ₹27.67 करोड़ मूल्य की 37 अचल संपत्तियां जब्त की गई हैं। ईडी ने यह जांच सीबीआई, एसी-IV, व्यापम, भोपाल द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। सीबीआई ने इस मामले में संबंधित कंपनियों और व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की है। ईडी ने बताया है कि इस मामले में आगे की जांच अभी जारी है और आने वाले समय में और भी खुलासे हो सकते हैं।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने बैंक ऑफ इंडिया भोपाल जोन के दो कर्मचारियों और पांच खाताधारकों द्वारा किए गए संगठित बैंक धोखाधड़ी के मामले में FIR दर्ज की है। यह धोखाधड़ी बैंक की कैटेगराइज्ड मार्केट ब्रांच, हमीदिया रोड, एमपी नगर, भेल एरिया, प्रोफेसर्स कॉलोनी, सैफिया कॉलेज सहित कुल सात से अधिक शाखाओं में वर्षों तक संचालित की जाती रही। इनके द्वारा 227 बचत खातों से लगभग ₹44.11 लाख की राशि निकाली गई है। ईओडब्ल्यू के अनुसार बैंक के दो कर्मचारियों ने पांच खाताधारकों की मिलीभगत से उन बचत खातों को निशाना बनाया जिनमें शासन की सामाजिक सुरक्षा पेंशन एवं राहत राशि जमा होती थी। ये लंबे समय से उपयोग न होने के कारण DORMANT स्थिति में थे। आरोपी कर्मचारियों ने फिनैकल प्रणाली में अपने अधिकारों का दुरुपयोग कर इन निष्क्रिय खातों को अवैध रूप से एक्टिव किया। जमा राशि को अपने परिचितों के खातों में स्थानांतरित किया तथा एटीएम कार्डों के माध्यम से नकद निकासी कर अवैध धनराशि को अपने बीच बांटते रहे। लगातार तीन साल तक निकालते रहे पैसाबैंक द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेज़, ट्रांजैक्शन विवरण, विजिलेंस रिपोर्ट, विभागीय कार्रवाई और प्रारंभिक जांच में यह भी पाया गया कि यह धोखाधड़ी तीन वर्षों से अधिक समय तक कई शाखाओं में लगातार चलती रही। बैंक की शिकायत पर आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ ने जांच की, शिकायत जांच में आरोप प्रथम दृष्टया सत्य पाए जाने पर इस प्रकरण में अपराध पंजीबद्ध किया है। डोरमेंट खातों को एक्टिव कर लेते थे जांच के दौरान पाया गया कि बैंक कर्मचारियों की उन खातों में वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं जिनमें शासन की सामाजिक सुरक्षा पेंशन, राहत राशि तथा अन्य सरकारी सहायता जमा होती थी। ये खाते लंबे समय तक संचालन न होने के कारण DORMANT स्थिति में चले गए थे और इन खातों में मोबाइल नंबर भी अपडेट नहीं थे। शिकायत के अनुसार बैंक कर्मचारी दीपक जैन (विशेष सहायक) तथा अजय सिंह परिहार (स्टाफ क्लर्क) ने अपनी पदस्थापना का दुरुपयोग करते हुए सुनियोजित तरीके से इन DORMANT खातों को फिनैकल सिस्टम की ID के दुरुपयोग से ACTIVE कर बड़ी मात्रा में राशि का गबन किया। एक एंट्री करता तो दूसरा वेरिफाई करता, चार सहयोगियों को भी साथ लियाजांच में पाया गया कि बैंक नियमों के विपरीत जहां एक कर्मचारी एंट्री करता था तो दूसरा वेरीफाई करता था। इन्होंने अपनी पर्सनल आईडी का उपयोग कर एक-दूसरे के लेनदेन को सत्यापित किया। खाते सक्रिय होते ही उनकी जमा राशि को चार अन्य परिचित खाताधारकों खुशबू खान, कल्पना जैन, ललिता ठाकुर और अफरोज खान के खातों में स्थानांतरण किया गया। इन सभी के एटीएम कार्ड आरोपी दीपक जैन के पास थे, जिसके माध्यम से नियमित रूप से नकद निकासी की जाती रही। आरोपियों के बीच अवैध रूप से प्राप्त धनराशि का बंटवारा 70:30 के अनुपात में किया जाता था। यह धोखाधड़ी लगभग तीन वर्षों (जनवरी 2016 से मार्च 2019) तक विभिन्न शाखाओं में चलती रही और कुल 227 बचत खातों से लगभग ₹44.11 लाख की राशि अवैध रूप से डेबिट की गई। इस तरह हुआ गबन का खुलासायह भी पाया गया कि 18 मार्च 2019 को सैफिया कॉलेज शाखा में एक महिला भगवती देवी ने अपने मृत पति के खाते से अवैध निकासी की शिकायत दर्ज कराई। शाखा प्रबंधक द्वारा आंतरिक जांच में पाया गया कि संदिग्ध लेनदेन अजय सिंह परिहार एवं दीपक जैन द्वारा किया है। इसके बाद मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया गया, जहां बैंक की विजिलेंस यूनिट एवं विभागीय जाँच में बड़े पैमाने पर की गई अनियमितताएं उजागर हुईं। जांच के दौरान फिनैकल लॉग, ट्रांजैक्शन रिपोर्ट, CCTV फुटेज, ATM निकासी विवरण, ऑडिट ट्रेल एवं विभिन्न शाखाओं के रिकॉर्ड के विश्लेषण से आरोपियों की भूमिका उपयोग में लाई गई। EOW द्वारा की गई जांच में ये हुए खुलासे इन पर दर्ज किए गए केसजांच में आरोप सिद्ध होने पर 9 दिसंबर को EOW द्वारा आरोपी दीपक जैन, अजय सिंह परिहार, खुशबू खान, अफरोज खान, ललिता ठाकुर, कल्पना जैन, हेमलता जैन तथा अन्य संभावित व्यक्तियों के विरुद्ध धारा 420, धारा 409, धारा 120-बी, धारा 66(C) व 66(D) ItAct का दुरुपयोग एवं साइबर धोखाधड़ी की धाराओं में FIR पंजीबद्ध की गई है।
गोवा क्लब त्रासदी : 25 मौतों के बाद प्रशासन का बुलडोजर एक्शन
गोवा के नाइट क्लब में आग लगने से 25 लोगों की जान चली गई। क्लब के मालिक फरार हैं और उनके थाईलैंड भागने की आशंका है
लखनऊ हाईकोर्ट की बेंच ने राजधानी के एक इलाके में मंदिर के ठीक सामने 25 मीटर की दूरी पर स्थित शराब की दुकान पर नाराजगी व्यक्त की है। न्यायालय ने इसे अस्वीकार्य बताया और दुकान हटाने के लिए लाइसेंसी को 19 दिसंबर तक का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई भी इसी तारीख को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति इंद्रजीत शुक्ला की खंडपीठ ने राजेश कुमार सिंह की जनहित याचिका पर पारित किया। याचिका में शहर के ईश्वरी खेड़ा इलाके में एक मंदिर के सामने महज 25 मीटर की दूरी पर देशी शराब की दुकान होने का मुद्दा उठाया गया था। सुनवाई के दौरान, राज्य सरकार के अधिवक्ता ने न्यायालय को बताया कि लाइसेंस धारक ने दुकान को कहीं और स्थानांतरित करने के लिए एक महीने का समय मांगा था, जिसकी अवधि अब समाप्त होने वाली है। इस पर न्यायालय ने 19 दिसंबर की तारीख तय करते हुए कहा कि तब तक लाइसेंस धारक द्वारा मांगा गया एक महीने का समय भी बीत जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले एक अन्य मामले में भी न्यायालय ने सख्त रुख अपनाया था। यह मामला विभूति खंड इलाके में लोहिया संस्थान के पास स्थित शराब और बीयर की दुकान से संबंधित था। उस समय न्यायालय ने उक्त दुकान के पास पुलिसकर्मियों की तैनाती का भी आदेश दिया था।
रायबरेली में लकड़ी का कोयला बनाने वाली एक भट्टी का लाइसेंस वर्ष 2023 में रद्द होने के बावजूद उसके दिसंबर 2023 तक संचालित होने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कड़ा रुख अपनाया है। न्यायालय ने वन विभाग के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए जांच के आदेश दिए हैं। न्यायालय ने टिप्पणी की कि लाइसेंस रद्द होने के बाद भी भट्टी चलती रही और संबंधित वन अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर कोर्ट ने पूछा कि क्यों न यह माना जाए कि यह कृत्य उनकी मिलीभगत से हो रहा था। खंडपीठ ने प्रमुख मुख्य वन संरक्षक को मामले में पक्षकार बनाने का आदेश दिया है। उन्हें वन विभाग के अधिकारियों की भूमिका की जांच कर अगली सुनवाई तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा गया है। मामले की अगली सुनवाई फरवरी के दूसरे सप्ताह में होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति इंद्रजीत शुक्ला की खंडपीठ ने मोईन अख्तर की जनहित याचिका पर पारित किया। न्यायालय ने जिलाधिकारी, रायबरेली को भी जांच का आदेश दिया है। जिलाधिकारी को स्थानीय अधिकारियों और संबंधित पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच करनी होगी। विशेष रूप से, जिलाधिकारी को यह जांचने का निर्देश दिया गया है कि क्या वन विभाग ने भट्टी को बंद कराने के लिए स्थानीय पुलिस से सहयोग मांगा था। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो इसके लिए कौन से अधिकारी जिम्मेदार हैं, इसकी पहचान की जाएगी। दोनों अधिकारियों को अपनी-अपनी जांच रिपोर्ट शपथ पत्र के साथ अगली सुनवाई तक दाखिल करनी होगी। याचिका में बताया गया है कि सरताज खान के नाम से संचालित इस कोयला भट्टी का लाइसेंस वर्ष 2023 में ही निरस्त कर दिया गया था। इसके बावजूद, संबंधित अधिकारियों की कथित मिलीभगत से भट्टी का संचालन जारी रहा।
मेरठ पुलिस ने तीन माह पूर्व नौचंदी क्षेत्र में संचालित कंप्यूटर सेंटर पर छापा मारकर जिस्मफरोशी के अनैतिक धंधे का पर्दाफाश किया था। मौके से सेंटर संचालक राजबीर सिंह के अलावा 9 लड़कियां व तीन लड़के पकड़े गए थे, जिनमें से छह को न्यायालय ने जेल भेज दिया था। इस मामले में प्रॉपर्टी के मालिक विकास त्यागी फरार होने में कामयाब रहे थे, जिन्हें मंगलवार को पुलिस ने धर दबोचा। कागजी कार्रवाई में पुलिस को समय लगा, जिस कारण विकास त्यागी को पुलिस न्यायालय में पेश नहीं कर सकी। तस्वीरों से समझें तीन माह पहली कार्रवाई : पहले एक नजर पूर्व में हुई कार्रवाई पर मामला नौचंदी थाना क्षेत्र के नई सड़क स्थित त्यागी कांप्लेक्स से जुड़ा है। यहां एफेबल डिजाइंस कंपनीज नाम से कंप्यूटर सेंटर चलाया जा रहा था। सितंबर माह में पुलिस को सूचना मिली कि यहां कंप्यूटर सेंटर व स्पा सेंटर की आड़ में जिस्मफरोशी हो रही है। 14 सितंबर को सीओ सिविल लाइन अभिषेक तिवारी के नेतृत्व में मेडिकल व नौचंदी पुलिस ने एक साथ सेंटर पर छापा मारा और इस पूरे खेल का पर्दाफाश किया। मौके से 9 युवती, 3 युवक और सेंटर संचालक को गिरफ्तार किया गया। जबकि प्रोपर्टी के मालिक विकास त्यागी फरार हो गए, जिनकी भूमिका जांच में निकलकर सामने आई थी। तभी से पुलिस विकास त्यागी को तलाश कर रही थी। भूमिका साफ होती ही घेराबंदी शुरू इस मामले को सिविल लाइन सर्किल से कोतवाली सर्किल शिफ्ट किया गया था। एएसपी अंतरिक्ष जैन इसकी जांच कर रहे थे। पुलिस अफसरों की मानें तो विकास त्यागी के संरक्षण में ही यह धंधा चल रहा था। गिरफ्तारी के बाद कुछ लोगों ने बताया था कि विकास त्यागी को इस काम की पूरी जानकारी है, वह बात सही साबित हुई है। इसके बाद से एएसपी के नेतृत्व में पुलिस की टीमें विकास त्यागी की तलाश में जुटी थीं, जिन्हें मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश किया। हाईकोर्ट से आरोपियों को मिली जमानत विकास त्यागी से जितने भी लोग गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे, उन सभी को हाईकोर्ट से जमानत मिलने की बात सामने आई है। जिनको जेल भेजा गया था, उनमें परतापुर निवासी आसिया, सेंटर संचालक राजवीर सिंह, मुजफ्फरनगर निवासी तालिब, मेरठ शास्त्रीनगर निवासी नवाजिश व माज थे, जिनको कुछ समय पहले ही हाईकोर्ट द्वारा जमानत दी गई है। विकास त्यागी पुलिस को चकमा देते आ रहे थे। जैसे ही पुलिस जांच में विकास त्यागी की भूमिका स्पष्ट हुई, पुलिस ने शिकंजा कसना शुरु कर दिया। साक्ष्य के आधार पर की गई गिरफ्तारी एएसपी अंतरिक्ष जैन ने बताया कि शुरुआत में विकास ने मामले से अनभिज्ञता जताई थी लेकिन फिर वह अचानक गायब हो गए थे। इससे शक और ज्यादा गहराता गया। जांच के दौरान स्थिति और ज्यादा स्पष्ट होती चली गई। साफ हो चुका है कि विकास त्यागी अपनी प्रोपर्टी को किराए पर देकर जिस्मफरोशी करा रहे थे। कागजी कार्रवाई में वक्त लग गया, जिस कारण कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका। अब बुधवार को विकास त्यागी को न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा।
CBI ने क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में तैनात रहे वरिष्ठ पासपोर्ट अधीक्षक दीपक चंद्रा को आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुंबई से गिरफ्तार किया है। मंगलवार को उन्हें सीबीआई अदालत गाजियाबाद में पेश किया गया। मुंबई से किया अरेस्ट CBI ने सीनियर पासपोर्ट सुप्रीटेंडेंट दीपक चंद्रा को आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में चल रही जांच को प्रभावित करने के लिए गवाह को धमकाने के आरोप में मुंबई से गिरफ्तार किया गया है। दीपक चंद्रा के गाजियाबाद पासपोर्ट ऑफिस में तैनाती के दौरान आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की FIR दर्ज की गई थी। उसी के बाद उनका तबादला मुंबई कर दिया गया था। CBI ने सितंबर में फ्लैट और दुकान को भी अटैच कर दिया था। फिलहाल कोर्ट ने दीपक को 3 दिन की CBI कस्टडी रिमांड पर 12 दिसंबर तक के लिए भेज दिया है। 2018 से है मामला सीबीआई के अनुसार मामला वर्ष 2018 से 2024 के बीच है। सीबीआई के मुताबिक दीपक चंद्रा 30 जुलाई 2018 से गाजियाबाद क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे। उन्होंने इस दौरान पासपोर्ट अधीक्षक, सहायक पासपोर्ट अधीक्षक और वरिष्ठ पासपोर्ट अधीक्षक के रूप में सेवाएं दे रहे थे।
ग्रेटर नोएडा की पंचशील हाइनिश सोसाइटी में एक 55 साल की एक महिला करीब डेढ़ घंटे तक लिफ्ट में फंसी रही। इस दौरान उन्हें सांस लेने में परेशानी और घबराहट महसूस हुई। आरोप है कि सुरक्षा अलार्म बार-बार बजाने के बावजूद कोई मदद नहीं पहुंची। सोसाइटी के टावर-8, फ्लैट नंबर 2001 में रहने वाले सावन कुमार झा ने बताया कि उनकी मां दोपहर 1 बजे 23वें फ्लोर से 21वें फ्लोर पर जा रही थीं। 21वें फ्लोर पर पहुंचते ही लिफ्ट में तेज झटका लगा और वह रुक गई। जब लिफ्ट का दरवाजा नहीं खुला, तो महिला ने अलार्म बजाया, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। करीब डेढ़ घंटे बाद लिफ्ट का दरवाजा खोला जा सका बाद में शोर मचाने पर सिक्योरिटी गार्ड मौके पर पहुंचा और मेंटेनेंस विभाग को सूचित किया गया। करीब डेढ़ घंटे बाद लिफ्ट का दरवाजा खोला जा सका। सावन कुमार झा ने घटना की लिखित शिकायत एओए (अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन) और मेंटेनेंस विभाग को दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि शिकायत लेने के बजाय टीम ने उनसे घटना के सबूत मांगे और लिफ्ट में लगे सीसीटीवी फुटेज देने से इनकार कर दिया। परिवार का कहना है कि यह सोसायटी में चल रही मेंटेनेंस और सुरक्षा प्रणाली की गंभीर लापरवाही है। सुरक्षा व्यवस्था और मेंटेनेंस पर सवाल सोसाइटी के अन्य निवासियों ने भी सुरक्षा व्यवस्था और मेंटेनेंस पर सवाल उठाए हैं। ग्रेटर नोएडा में लिफ्ट फंसने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। निवासियों का आरोप है कि लिफ्ट एक्ट लागू होने के बावजूद बिल्डरों पर इसका कोई खास असर नहीं दिख रहा है। कई सोसायटियों में मेंटेनेंस चार्ज लेने के बावजूद निवासियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। बिल्डरों की शिकायत के बावजूद प्राधिकरण द्वारा भी इन पर पर्याप्त ध्यान न देने के आरोप लगते रहे हैं।
शहर के अशोक नगर इलाके में गंदगी और सीवर जाम की लगातार शिकायतों के बाद नगर निगम ने बड़ी कार्रवाई की है। महापौर सुनीता दयाल ने स्वयं मौके पर पहुंचकर अवैध रूप से संचालित एक डेरी पर कार्रवाई करवाई और वहां मौजूद पशुओं को जब्त कराया। यह कार्रवाई होली चाइल्ड स्कूल के पास स्थित एक डेरी पर की गई। बताया गया कि डेरी संचालक गोबर और अन्य कचरा सीधे नालों, सीवर लाइनों और ग्रीन बेल्ट में डाल रहे थे। इससे पूरे क्षेत्र में गंदगी फैल रही थी और नालियां लगातार जाम हो रही थीं। नगर निगम द्वारा बार-बार सफाई कराने के बावजूद यह समस्या बनी हुई थी। कार्रवाई के दौरान कुछ महिलाओं ने दरवाजा बंद कर इसे रोकने का प्रयास किया। इसके बाद महिला पुलिस को मौके पर बुलाया गया। पुलिस की मदद से सभी पशुओं को सुरक्षित रूप से नंदनी पार्क स्थित गौशाला भेज दिया गया। अशोक नगर क्षेत्र की दो अन्य बड़ी डेरियों को भी सख्त चेतावनी दी गई है। उन्हें अपनी व्यवस्था सुधारने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है, अन्यथा उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। महापौर सुनीता दयाल ने स्पष्ट किया कि नगर निगम को पशुपालन पर कोई आपत्ति नहीं है। हालांकि, शहर के बीचोंबीच गंदगी फैलाना किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि डेरी संचालक शहर की सफाई व्यवस्था को नुकसान पहुंचाते हैं, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और जुर्माना भी लगाया जाएगा। नगर निगम अधिकारियों के अनुसार, अशोक नगर से निकलने वाला गोबर होली चाइल्ड चौक से लेकर सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल के सामने, कालकागढ़ी चौक और पुराने शहर के नालों तक पहुंच रहा था। इससे पानी की निकासी बाधित हो रही थी। फिलहाल इस क्षेत्र में एक नया नाला भी बनाया जा रहा है, लेकिन गोबर के कारण निर्माण कार्य में भी बाधा आ रही है।
देवरिया में मंगलवार को एक महिला को सड़क किनारे अचानक प्रसव पीड़ा हुई और उसने वहीं बच्चे को जन्म दे दिया। सूचना मिलने पर महिला थाना अध्यक्ष पूनम यादव ने तुरंत मौके पर पहुंचकर मां और नवजात को अपनी सरकारी गाड़ी से मेडिकल कॉलेज पहुंचाया, जिससे उनकी जान बच गई। यह घटना शहर के भटवालिया स्थित फैमिली मार्ट के पास हुई। भलुअनी थाना क्षेत्र की रहने वाली सीमा (पत्नी अजय बासफोर) अपनी दो वर्षीय बेटी के साथ किसी काम से देवरिया शहर आई थीं। वे फैमिली मार्ट के पास बैठी थीं, तभी उन्हें तेज प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। दर्द बढ़ने पर सीमा सड़क किनारे चली गईं। आसपास मौजूद महिलाओं ने उनकी मदद की। इसी दौरान सीमा ने सड़क किनारे ही एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने पास के चौराहे पर ड्यूटी कर रही महिला थानाध्यक्ष पूनम यादव को घटना की सूचना दी। सूचना मिलते ही थानाध्यक्ष पूनम यादव बिना देर किए अपनी सरकारी गाड़ी के साथ मौके पर पहुंचीं। उन्होंने प्रसूता और नवजात को सुरक्षित वाहन में बैठाया और तुरंत महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज ले गईं। मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने मां और बच्चे को भर्ती कर उपचार शुरू किया। ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक के अनुसार, मां और नवजात दोनों खतरे से बाहर हैं और उनकी हालत स्थिर है। चिकित्सक टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है। महिला पुलिस ने प्रसूता के परिजनों को भी घटना की जानकारी दे दी है। स्थानीय लोगों ने समय पर मदद करने वाली महिलाओं और थानाध्यक्ष पूनम यादव की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है।
इज्जतनगर युवक से साइबर ठगों ने ठगे 98 हजार:फ्री गिफ्ट और आईफोन जीतने का झांसा दिया
बरेली के इज्जतनगर क्षेत्र में एक युवक साइबर ठगी का शिकार हो गया। फ्री गिफ्ट और आईफोन जीतने का झांसा देकर ठगों ने उससे करीब एक लाख रुपये हड़प लिए। ठगों ने खुद को दिल्ली की एक कंपनी का अधिकारी बताकर युवक को भरोसे में लिया। नगरिया परीक्षित निवासी महेश कुमार शर्मा को एक फोन कॉल आया। कॉलर ने खुद को दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-7 स्थित जेजे कम्यूनिकेशन का अधिकारी मनीष जैन बताया। उसने महेश को बताया कि उसने ऑनलाइन आईफोन 14, गोल्डन घड़ी और हेडफोन जैसे बड़े इनाम जीते हैं। इसके लिए महेश से रजिस्ट्रेशन शुल्क के तौर पर 1520 रुपये जमा करने को कहा गया, जो उसने भेज दिए। रकम भेजने के बाद ठग ने व्हाट्सऐप पर एक बिल भेजा, जिसमें गिफ्ट का मूल्य 74,138 रुपये दर्शाया गया था। इसके बाद ठग ने इंश्योरेंस, ट्रांसफर चार्ज और स्वैपिंग मशीन जैसे विभिन्न बहाने बनाकर महेश से कई बार भुगतान करवाया। पीड़ित महेश के अनुसार, ठग ने अंत में उससे कहा कि यदि वह अपने पैसे वापस चाहता है, तो उसे 98 हजार रुपये और जमा करने होंगे। ठग ने दावा किया कि इसके बाद 'मनी-टू-मनी स्वैपिंग मशीन' के माध्यम से 40 हजार रुपये वापस भेज दिए जाएंगे। इसी बात पर महेश को ठगी का एहसास हुआ। ठगी का पता चलते ही महेश ने तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया और थाना इज्जतनगर में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, बरेली में ऑनलाइन फ्री गिफ्ट, लॉटरी और महंगे मोबाइल फोन का लालच देकर लोगों को निशाना बनाने वाला प्राइज रैकेट सक्रिय है। ठग व्हाट्सऐप बिल, पेमेंट के स्क्रीनशॉट और फर्जी कंपनी के नाम का इस्तेमाल कर विश्वास का माहौल बनाते हैं। पुलिस ने जनता से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल, लिंक या फ्री गिफ्ट ऑफर पर विश्वास न करें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर दें।
सीकर में स्लीपर बस और ट्रक की भीषण भिड़ंत में 3 लोगों की मौत हो गई और 18 यात्री घायल हो गए। हादसा जयपुर–बीकानेर नेशनल हाईवे पर रात करीब 10:40 बजे फतेहपुर के पास हुआ है। हादसे में मरने वालों की अभी पहचान नहीं हुई। बताया जा रहा है कि बस में सवार अधिकतर यात्री गुजरात के रहने वाले थे। ये सभी वैष्णो देवी के दर्शन कर लौट रहे थे और यात्रा के दौरान खाटू श्याम जी मंदिर में दर्शन के लिए जा रहे थे। जानकारी के अनुसार स्लीपर बस बीकानेर की ओर से जयपुर जा रही थी। वहीं ट्रक झुंझुनूं से बीकानेर की ओर जा रहा था। टक्कर इतनी तेज थी कि बस का अगला हिस्सा बुरी तरह चकनाचूर हो गया और कई यात्री सीटों में ही फंस गए। हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई। हाईवे से गुजर रहे वाहन रुक गए और स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। बस में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। घायलों को तुरंत सीकर और आसपास के अस्पतालों में पहुंचाया गया, डॉक्टरों की कई टीमें इलाज में जुटी हैं। हादसे से जुड़ी 2 तस्वीरें...
प्रयागराज में अवैध डेयरी पर नगर निगम की कार्रवाई:शिकायत के बाद 30 हजार का जुर्माना लगाया गया
प्रयागराज के मालवीय नगर में अवैध रूप से संचालित एक डेयरी पर नगर निगम ने मंगलवार को कार्रवाई की। 'संभव दिवस' पर मिली शिकायत के आधार पर जांच के बाद पशुमालिकों पर 30,000 का जुर्माना लगाया गया। शिकायतकर्ता अनीता गुप्ता के अनुसार, क्षेत्र में कुछ पशुमालिकों ने अवैध कब्जा कर डेयरी चला रखी थी और नाली में गोबर बहाकर गंदगी फैलाई जा रही थी। इस शिकायत पर पशु कल्याण विभाग, पशु अतिक्रमण दस्ता और प्रवर्तन दल (ETF) की एक संयुक्त टीम मौके पर पहुंची। जांच के दौरान शिकायत सही पाई गई, जिसके बाद विभाग ने जिम्मेदार पशुमालिकों पर 30,000 का जुर्माना लगाया। अधिकारियों ने पशुमालिकों को सख्त चेतावनी दी कि वे पशुओं को खुले में न छोड़ें, सड़क और पटरी पर न बांधें व गोबर को नालियों एवं सीवर में न बहाएं।
मेरठ में शादी में जा रहे दो युवकों पर हमला:पांच हजार लूटकर फरार हुए बाइक सवार, पुलिस तलाश कर रही
मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में मंगलवार रात बटजेवरा मार्ग पर शादी समारोह में जा रहे दो युवकों पर हमला हुआ। तीन अज्ञात नकाबपोश बदमाशों ने उनकी बाइक रोककर मारपीट की और 5 हजार रुपये लूट लिए। पुलिस ने घायलों को इलाज के लिए भेजा और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। जेवरी गांव निवासी अक्षय और गौरव खिर्वा रोड पर थे, तभी तीन युवकों ने उनकी बाइक रोक ली। विरोध करने पर बदमाशों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया। इस दौरान उनसे पांच हजार रुपये की नकदी भी लूट ली गई। हमले में अक्षय का होंठ फट गया, जबकि गौरव के सिर में गंभीर चोटें आईं। हमलावर वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए। घटना की सूचना मिलने पर जेवरी गांव से परिजन मौके पर पहुंचे और घायलों को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया। बाद में पीड़ित पक्ष ने थाने में तहरीर दी। अक्षय के तहेरे भाई संदीप ने बताया कि उन्हें हमलावरों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। कंकरखेड़ा पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने सड़क किनारे लगे सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लिए हैं। थाना पुलिस के अनुसार, यह मामला बाइक टकराने को लेकर हुए विवाद का बताया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि लूट जैसी कोई घटना नहीं हुई है, केवल मारपीट हुई है। पुलिस ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और अन्य इनपुट के आधार पर हमलावरों की लोकेशन और बाइक की पहचान जल्द स्पष्ट हो जाएगी। उनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं।
अयोध्या जिले के हैदरगंज थाना क्षेत्र के पाराराम गांव में बीती रात एक कच्चे मकान की छत ढह गई। इस हादसे में घर के अंदर मौजूद अधेड़ कमरुद्दीन मलबे में दबकर गंभीर रूप से घायल हो गए। ग्रामीणों ने उन्हें बाहर निकाला और स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैदरगंज पहुंचाया, जहां उनका इलाज चल रहा है। जानकारी के अनुसार, बीती रात अचानक जोरदार धमाके के साथ छत गिर गई। छत गिरने की आवाज सुनकर आसपास के लोग तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने देखा कि कमरुद्दीन के मकान की छत गिरी हुई थी और परिवार के सदस्यों ने बताया कि वह मलबे में दबे हुए हैं। ग्रामीणों ने टॉर्च और मोबाइल की रोशनी में मलबा हटाना शुरू किया। कड़ी मशक्कत के बाद कमरुद्दीन को बाहर निकाला गया और तुरंत सीएचसी हैदरगंज ले जाया गया। अस्पताल में तैनात डॉ. अब्दुल कादिर और फार्मासिस्ट विनय सिंह ने तत्काल उनका उपचार शुरू किया। कमरुद्दीन के सिर, कमर और शरीर के अन्य हिस्सों पर चोटें आई हैं। उनका इलाज अस्पताल में जारी है। घटना के बाद ग्रामीणों में चर्चा है कि न तो बारिश हो रही थी और न ही मौसम खराब था, फिर अचानक रात में मकान की छत कैसे गिर गई। ग्रामीणों का कहना है कि जिस मकान में कमरुद्दीन रहते थे, वह सौ साल से भी ज्यादा पुराना हो सकता है। गनीमत रही कि हादसे के वक्त परिवार के अन्य सदस्य वहां मौजूद नहीं थे, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
प्रयागराज में एक बेरोजगार युवक सतेन्द्र केसरवानी ने आरोप लगाया है कि नौकरी दिलाने के बहाने उसके आधार कार्ड, पैन कार्ड और वोटर कार्ड का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये के अवैध वित्तीय लेनदेन किए गए हैं। इस मामले में पीड़ित ने अदालत का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद न्यायालय के आदेश पर खुल्दाबाद पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सतेन्द्र केसरवानी ने अपनी शिकायत में बताया कि कुछ समय पहले वह नौकरी की तलाश में थे। इसी दौरान उनके पड़ोसी विनोद केसरवानी ने उन्हें एलसी फूड लिमिटेड के मालिक संजय केसरवानी से मिलवाया। आरोप है कि दोनों ने सतेन्द्र के दस्तावेज़ यह कहकर लिए कि उन्हें जल्द ही नौकरी पर रख लिया जाएगा, लेकिन उन्हें कभी नौकरी नहीं मिली। सतेन्द्र को 25 फरवरी को आयकर विभाग से एक नोटिस मिला, जिसमें उनके नाम से संचालित सिंडिकेट बैंक खाते (जो अब कैनरा बैंक है) से 3.12 करोड़ रुपये के लेनदेन का उल्लेख था। नोटिस में उन पर 16.78 लाख रुपये की टैक्स देनदारी भी दर्शाई गई थी। आयकर कार्यालय पहुंचने पर उन्हें पता चला कि संजय और विनोद केसरवानी ने कथित तौर पर उनके दस्तावेज़ों का उपयोग कर शिव शक्ति ट्रेडर्स नामक एक फर्जी फर्म जीटी रोड, मोहनिया, भभुआ (बिहार) में उनके नाम से पंजीकृत कर ली थी। इस फर्म का करेंट अकाउंट प्रयागराज में खुलवाया गया था। पीड़ित का दावा है कि इस खाते से वर्ष 2016-17 में 5 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ, जिसमें अधिकांश रकम एलसी फूड लिमिटेड से जुड़ी इकाइयों में ट्रांसफर की गई। सतेन्द्र ने बताया कि बैंक अकाउंट ओपनिंग फॉर्म पर न तो उनके हस्ताक्षर हैं, न उनका पता और न ही मोबाइल नंबर। उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक शाखा प्रबंधक और कर्मचारी देवी प्रसाद की मिलीभगत से फर्जी पता डालकर इस अवैध खाते का संचालन किया गया। सतेन्द्र केसरवानी ने पहले एसीपी खुल्दाबाद सहित कई अधिकारियों से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर उन्हें न्यायालय का सहारा लेना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया है कि यह एक बड़ा आर्थिक अपराध है, जिसकी रकम का उपयोग आतंकी गतिविधियों में भी हो सकता है। पीड़ित ने यह भी कहा कि पुलिस जानबूझकर इस मामले को दबाने की कोशिश कर रही थी।
खोलते तेल की कड़ाही में गिरकर किशोर झुलसा:हालत गंभीर, फर्रुखाबाद में चल रहा था भंडारा
फर्रुखाबाद के फतेहगढ़ में एक भंडारे के दौरान खोलते तेल से भरी कड़ाही गिरने से किशोर गंभीर रूप से झुलस गया। उसे तत्काल लोहिया जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उसका इलाज जारी है। यह घटना फतेहगढ़ कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला हाथीखाना में हुई। मोहल्ले के ही निवासी करन पुत्र हरिदास (17) अपने पड़ोस में आयोजित एक भंडारे के दावत समारोह में काम कर रहा था। इसी दौरान, अचानक उसके ऊपर खोलते हुए तेल से भरी कड़ाही गिर गई, जिससे वह बुरी तरह झुलस गया। उसके साथियों ने आनन-फानन में उसे लोहिया जिला अस्पताल पहुंचाया। उसके हाथ, पैर सहित लगभग पूरा शरीर तेल की चपेट में आने झुलसा है। अस्पताल में डॉक्टरों की टीम उसकी गंभीर चोटों का इलाज कर रही है।
पीलीभीत की गजरौला पुलिस ने फिरोजाबाद के एक युवक के खिलाफ एक किशोरी के अश्लील फोटो सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। आरोपी पर पहले किशोरी का अपहरण करने और फिर समझौते का दबाव बनाने का आरोप है। समझौता न होने पर उसने बदले की भावना से यह कृत्य किया। पुलिस आरोपी की तलाश कर रही है। यह मामला गजरौला थाना क्षेत्र के एक गांव से जुड़ा है। ग्रामीण पिता ने पुलिस अधीक्षक के आदेश पर गजरौला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। तहरीर के अनुसार, फिरोजाबाद जिले के मडसेना थाना क्षेत्र के ढकपुरा गांव निवासी विपिन यादव पुत्र देवेंद्र सिंह यादव ने उनकी 16 वर्षीय बेटी को 12 जून 2025 को बहला-फुसलाकर अगवा कर लिया था। पीड़ित पिता ने उसी समय गजरौला थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस की सक्रियता से किशोरी को आगरा से बरामद कर लिया गया था। उसे बाल कल्याण समिति (CWC) के माध्यम से परिजनों को सुरक्षित सौंप दिया गया था। किशोरी की बरामदगी के बाद आरोपी विपिन यादव ने एक नई साजिश रची। आरोप है कि उसने किशोरी के आपत्तिजनक और अश्लील फोटो खींच लिए थे। विपिन लगातार पीड़ित परिवार को ब्लैकमेल कर रहा था और दर्ज मुकदमे में समझौता करने का दबाव बना रहा था। जब किशोरी के पिता ने उसकी मांग मानने से इनकार कर दिया, तो आरोपी ने प्रतिशोध में आकर किशोरी के अश्लील फोटो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल कर दिए। पिता ने शिकायत में कहा है कि इस कृत्य से उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को गंभीर ठेस पहुंची है। गजरौला थाना प्रभारी ब्रजवीर सिंह ने बताया कि किशोरी के पिता की तहरीर के आधार पर आरोपी विपिन यादव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के साथ ही आईटी एक्ट की धाराओं में भी सख्त मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।
लखनऊ के नाका इलाके में मंगलवार को प्रखर गुप्ता की मौत के विरोध में परिजनों ने घर के सामने शव रखकर प्रदर्शन किया। आक्रोशित परिजन नाका पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए मृतक के ससुरालीजनों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते रहे। सूचना पर नाका थाना प्रभारी श्रीकांत राय फोर्स के साथ पहुंचे, तब जाकर मामला शांत हुआ। पुलिस के आश्वासन के बाद परिजनों ने अंतिम संस्कार किया। रानीगंज निवासी पेंट कारोबारी सुनील कुमार गुप्ता के बेटे प्रखर (31) ने रविवार देर रात घर की छत पर बने कमरे में चादर से फांसी लगाकर जान दे दी थी। सोमवार सुबह परिजनों ने शव देखा तो हड़कंप मच गया। पोस्टमॉर्टम के बाद मंगलवार को जब शव घर पहुंचा तो परिजन भड़क गए और कार्रवाई न होने पर प्रदर्शन शुरू कर दिया। ससुराल वालों के खिलाफ FIR पुलिस मौजूदगी में दिए गए आश्वासन के बाद स्थानीय लोगों और परिजनों ने अंतिम संस्कार किया। थाना प्रभारी के मुताबिक, मृतक की मां की तहरीर पर पत्नी प्रिया, ससुर ओम प्रकाश, सास और साले एकलव्य समेत अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। दो आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। ट्रेनी दरोगा पर उलटा मुकदमा दर्ज करने का आरोप प्रखर की मां सुनीता गुप्ता ने गंभीर आरोप लगाए कि 23 अक्टूबर की रात ससुराल पक्ष के करीब 12 लोग घर में घुसे और प्रखर व उनके पति सुनील को बेरहमी से पीटा। सूचना पर 112 पुलिस भी आई थी, लेकिन नाका पुलिस ने उनकी तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज नहीं की। इसके उलट, अगले ही दिन प्रिया की तहरीर पर एक ट्रेनी दरोगा ने प्रखर के खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर दिया। पीड़िता का कहना है कि सीएम और पुलिस अधिकारियों से गुहार लगाने के बावजूद भी उनकी FIR दर्ज नहीं की गई। करीब एक माह पहले भी प्रिया की तहरीर पर दहेज प्रताड़ना की एफआईआर दर्ज की गई थी। पत्नी बोली- “जाकर मर जाओ” सुनीता गुप्ता के अनुसार, रविवार रात करीब 10 बजे प्रखर रोता हुआ घर आया। उसने बताया कि रास्ते में पत्नी प्रिया और उसके पिता ओम प्रकाश मिले थे। दोनों उसे अरेस्ट स्टे कैंसिल कराकर जेल भेजने की धमकी दे रहे थे। प्रखर ने सुलह की बात कही तो प्रिया ने उसे ताना मारते हुए कहा “जा कर मर जाओ”।मां का दावा है कि यही बात उसके बेटे के टूटने और आत्महत्या की वजह बनी।
कानपुर के रावतपुर थाने में तैनात दो दरोगाओं के ऑन ड्यूटी शराब पीने पर पुलिस कमिश्नर ने सस्पेंड कर दिया। एडीसीपी देर रात क्षेत्र में पुलिस वालों की चेकिंग की तो दोनों दरोगा शराब में धुत मिले। इसके बाद एडीसीपी की रिपोर्ट पर पुलिस कमिश्नर ने एक्शन लिया है। इसके साथ ही हिदायत दी है कि अगर ऑन ड्यूटी कोई भी पुलिस कर्मी शराब के नशे में मिला तो कड़ा एक्शन होगा। चौकी में शराब पीते मिले थे दोनों दरोगा डीसीपी वेस्ट दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि ठंड में पुलिस गश्त की हकीकत जानने के लिए देर रात एडीसीपी वेस्ट कपिल देव चेकिंग पर निकले थे। इस दौरान उन्हें रावतपुर थाने की गुरुदेव चौकी इंचार्ज लोकेश पटेल और थाने में तैनात दरोगा निखिल सिंह नशे में धुत मिले। दोनों एक साथ थाने में शराब पी रहे थे। एडीसीपी ने बताया कि इससे पहले भी दोनों पुलिस कर्मियों को कई बार हिदायत दी गई थी। जनता से व्यवहार भी ठीक नहीं था। इस वजह से दोनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट बनाकर पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल को भेजी गई थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कमिश्नर ने दोनों दरोगा को सस्पेंड कर दिया।
दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के झारो कला गांव में मंगलवार शाम एक 22 वर्षीय युवक को खेत में सिंचाई करते समय करैत सांप ने डस लिया। युवक पंकज कुमार की हालत गंभीर बनी हुई है और उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) दुद्धी में भर्ती कराया गया है। यह घटना रात करीब 8 बजे हुई, जब पंकज अपने खेत में पानी दे रहा था। परिजनों ने बताया कि खेत के किनारे झाड़ियां थीं और अंधेरा होने के कारण पंकज सांप को देख नहीं पाया। जैसे ही उसने हाथ आगे बढ़ाया, सांप उसके हाथ से चिपक गया और डस लिया। सर्पदंश के बाद पंकज लड़खड़ाकर जमीन पर गिर पड़ा। खेत के पास मौजूद परिजन और ग्रामीण उसकी आवाज सुनकर मौके पर पहुँचे। पंकज को बेहोशी की हालत में देखकर वे घबरा गए और बिना देर किए उसे निजी वाहन से सीएचसी दुद्धी ले गए। सीएचसी में मौजूद डॉक्टरों ने तत्काल उसका इलाज शुरू किया। डॉक्टरों के अनुसार, करैत सांप का जहर बहुत तेजी से शरीर में फैलता है। पंकज के हाथ में सांप ने काटा है और डॉक्टर लगातार उसकी निगरानी कर रहे हैं।
करोड़ों की ठगी का मास्टरमाइंड पवन शर्मा गिरफ्तार:छह साल से फरार, कई राज्यों में फैला था नेटवर्क
बरेली में करोड़ों की ठगी का आरोपी पवन शर्मा गिरफ्तार कर लिया गया है। छह साल से फरार चल रहे पवन पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था। प्रेमनगर पुलिस ने उसे मंगलवार सुबह झुमका चौराहे पर घेराबंदी कर पकड़ा। शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने कई राज्यों में फैले अपने ठगी नेटवर्क का खुलासा किया है, जिससे अन्य राज्यों की पुलिस भी सतर्क हो गई है। एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि पवन शर्मा ने वर्ष 2010-11 में 'प्रेस्टीज इंफ्रा डेवलपर्स' और 'प्रेस्टीजियस आवासीय समिति' के नाम पर चौधरी कॉम्प्लेक्स से एक कंपनी चलाई थी। उसने लोगों को आसान किस्तों पर प्लॉट दिलाने का झांसा दिया। विश्वास जीतने के लिए उसने अपने रिश्तेदारों को कंपनी के स्टाफ में रखा, जिससे लोग निश्चिंत होकर पैसे जमा करते रहे। यह मामला 2019 में सामने आया और प्रेमनगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ, लेकिन तब तक पवन फरार हो चुका था। गिरफ्तारी के बाद पवन शर्मा ने पुलिस को चौंकाने वाले खुलासे किए। उसने बताया कि इससे पहले हैदराबाद में 1 करोड़ 10 लाख रुपये के साइबर फ्रॉड के मामले में भी उसे गिरफ्तार किया गया था। इससे पता चलता है कि पवन बरेली में रियल एस्टेट ठगी और दक्षिण भारत में साइबर फ्रॉड के दो समानांतर नेटवर्क चला रहा था। उस पर ठगी, गबन, धमकी और जालसाजी सहित 12 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। ये मामले बरेली, कासगंज, शाहजहांपुर, खीरी, रामपुर, पीलीभीत, वाराणसी और बदायूं जैसे कई जिलों में दर्ज हैं। जांच में सामने आया कि पवन शर्मा ने अपनी कंपनी में पैसे लेने का पूरा सिस्टम किस्तों पर आधारित रखा था। इसका मुख्य उद्देश्य यह था कि शिकायतें तुरंत दर्ज न हों। जब एक बड़ी रकम जमा हो जाती थी, तो पवन रातों-रात कंपनी का शटर गिराकर फरार हो जाता था। इस तरह वह वर्षों तक बिना पकड़े ठगी का यह नेटवर्क चलाता रहा। प्रेमनगर पुलिस की टीम ने मंगलवार सुबह झुमका चौराहे पर घेराबंदी कर पवन शर्मा को गिरफ्तार किया। इस टीम में इंस्पेक्टर प्रयागराज सिंह, दरोगा मो. सरताज, आशीष कुमार, कांस्टेबल अनित और अनुराग शामिल थे।
मुजफ्फरनगर कलेक्ट्रेट स्थित मनोरंजन कर कार्यालय की पुरानी छत का एक हिस्सा अचानक गिर गया। घटना के समय कई कर्मचारी कार्यालय में काम कर रहे थे, जिससे परिसर में अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही कि मलबे के नीचे कोई मौजूद नहीं था, जिससे किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। प्रत्यक्षदर्शियों और कर्मचारियों के अनुसार, छत में काफी समय से दरारें थीं। कर्मचारियों ने कई बार विभागीय अधिकारियों को इसकी मरम्मत के लिए लिखित और मौखिक रूप से सूचित किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस घटना ने भवन के रखरखाव और सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हादसे के बाद कर्मचारियों में रोष है और वे तुरंत मरम्मत तथा सुरक्षित कार्यस्थल की मांग कर रहे हैं। सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। अधिकारियों के निर्देश पर क्षतिग्रस्त हिस्से को तुरंत सील कर दिया गया है। संबंधित विभाग को पूरी इमारत की तकनीकी जांच कराने और आवश्यक मरम्मत कार्य तत्काल शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों ने भवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है। कर्मचारियों ने भवन की जर्जर स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि कलक्ट्रेट परिसर की कई पुरानी इमारतें लंबे समय से मरम्मत की मांग कर रही हैं। यदि समय रहते ऐसे भवनों की जांच और सुधार न कराए जाएं, तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। कर्मचारियों ने प्रशासन से अपील की है कि वे न केवल इस इमारत की मरम्मत कराएं, बल्कि अन्य जर्जर हिस्सों की भी तकनीकी जांच करवाएं। फिलहाल, इस घटना में किसी के घायल न होने से राहत है, लेकिन यह हादसा एक गंभीर चेतावनी भी देता है कि सरकारी दफ्तरों में संरचनात्मक सुरक्षा की अनदेखी भविष्य में खतरनाक परिणाम दे सकती है। अधिकारी अब पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि सभी विभागों को सुरक्षित वातावरण में काम करने के लिए जरूरी मरम्मत व सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
बाजारखाला में सड़क हादसे में मैनेजर की मौत:तेज रफ्तार दो बाइकों की भिड़ंत, युवक 100 मीटर दूर जा गिरा
लखनऊ के बाजारखाला ओवरब्रिज के पास सोमवार रात तेज रफ्तार में दौड़ रही दो बाइकों की जोरदार भिड़ंत में होटल मैनेजर अभिषेक सिंह (24) की मौत हो गई। हादसे में बुलेट सवार युवक भी घायल हुआ है। पुलिस ने शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। हरदोई कटका खुर्द निवासी अभिषेक नाका स्थित एक होटल में मैनेजर थे। रविवार को वह हरदोई में परिजनों से मिलने गए थे। सोमवार शाम बाइक से लखनऊ लौट रहे थे। रात करीब 10 बजे ओवरब्रिज मोड़ के पास सामने से आई तेज रफ्तार बुलेट ने अभिषेक की बाइक में जोरदार टक्कर मार दी। मैनेजर के सिर में गंभीर चोट लगी टक्कर इतनी भीषण थी कि अभिषेक बाइक से उछलकर करीब 100 मीटर दूर जा गिरे। सिर में गंभीर चोट लगने के चलते वह मौके पर ही बेहोश हो गए। बुलेट सवार ऐशबाग निवासी ऋषि कुमार भी हादसे में घायल हो गया। स्थानीय लोगों और पुलिस ने दोनों को बलरामपुर अस्पताल पहुंचाया, जहां से अभिषेक को हालत नाजुक होने पर ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। लेकिन मंगलवार तड़के इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। अंजान साथी ने पुलिस को सूचना दी भाई दीपक ने बताया कि अभिषेक के साथ एक और युवक था, जिसकी जानकारी अब तक नहीं मिल सकी है। हादसे की सूचना उसी अंजान साथी ने फोन करके दी थी। पुलिस तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई करेगी। अभिषेक के परिवार में पत्नी लक्ष्मी और दो छोटे बेटे कान्हा और शिवाय हैं। हादसे की खबर से परिवार में कोहराम मचा है। स्पीड 100 से ज्यादा बताई जा रही प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अभिषेक की रेसर बाइक 100 किमी प्रति घंटे से ज्यादा रफ्तार में थी। तभी सामने अचानक बुलेट आ गई और तेज रफ्तार के चलते अभिषेक बाइक को नियंत्रित नहीं कर पाए, जिससे यह भीषण टक्कर हो गई।
स्टूडेंट के ग्रुप में चाकूबाजी, 3 जख्मी:गोपालगंज में आपसी विवाद के बाद हुई घटना, इलाज जारी
गोपालगंज के नगर थाना क्षेत्र के जंगलिया मोड़ पर दो छात्र गुटों के बीच आपसी विवाद को लेकर चाकूबाजी की घटना हुई। इस घटना में तीन छात्र घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए सदर मॉडल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। चाकूबाजी में एक पक्ष से दो और दूसरे पक्ष से एक छात्र जख्मी हुआ है। सभी घायलों का डॉक्टरों की देखरेख में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि इनमें से एक छात्र की हालत गंभीर बनी हुई है। घायलों की पहचान शहर के अरार मोड़ निवासी आर्यन कुमार, कॉलेज रोड निवासी आदित्य कुमार और थावे थाना क्षेत्र के लक्षवार गांव निवासी फरिदुल हक के रूप में हुई है। एक-दूसरे पर चाकू से हमला कर दिया जानकारी के अनुसार, छात्र आर्यन कुमार और फरिदुल हक के बीच पहले से ही आपसी विवाद चल रहा था। जंगलिया मोहल्ले में कोचिंग पढ़ने के दौरान दोनों के बीच यह विवाद बढ़ गया। कोचिंग से बाहर निकलने के बाद दोनों पक्षों ने अपने-अपने दोस्तों के साथ मिलकर मारपीट की योजना बनाई और एक-दूसरे पर चाकू से हमला कर दिया। इसी दौरान तीनों छात्र घायल हो गए। दो छात्रों को हिरासत में ले लिया घटना की सूचना मिलते ही नगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और दो छात्रों को हिरासत में ले लिया। जख्मी छात्रों को सदर अस्पताल में उपचार के बाद पुलिस उन्हें भी अपने साथ नगर थाना ले गई। नगर थानाध्यक्ष प्रवीण प्रभाकर ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि आवेदन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
एसआईआर को लेकर किन्नर समाज को जागरूक करने के उद्देश्य से डोर टू डोर कैंपेन किया गया। किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य मधु काजल विशेष रूप से मंगलवार को अयोध्या पहुंचीं। यहां उन्होंने स्थानीय किन्नरों के साथ बैठक कर उनको एसआईआर फॉर्म भरने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। किन्नरों से अपील किया कि सभी लोग अपना एसआईआर फॉर्म समय से भरें मधु काजल ने कहा कि सरकार की ओर से किन्नर समाज को भी मतदान का पूरा अधिकार दिया गया है। लोकतंत्र की मजबूती के लिए उनका वोट भी उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना किसी अन्य नागरिक का। उन्होंने किन्नरों से अपील किया कि सभी लोग अपना एसआईआर फॉर्म समय से भरें, ताकि आगामी चुनाव में वे बिना किसी बाधा के मतदान कर सकें। मतदान प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल होने का संकल्प भी उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि किसी किन्नर को फॉर्म भरने में कोई परेशानी आती है या तकनीकी दिक्कत सामने आती है, तो वह तुरंत संबंधित बीएलओ से बात करेंगी और उनकी समस्या का समाधान कराया जाएगा। मधु काजल ने कहा कि समाज का हर वर्ग लोकतंत्र की धुरी है और किन्नर समाज को पीछे नहीं रहने दिया जाएगा। इस जागरूकता कार्यक्रम में कई किन्नर मौजूद रहे और उन्होंने मतदान प्रक्रिया में सक्रिय रूप से शामिल होने का संकल्प भी लिया।
हाथरस के युवकों से विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। अब दो भाइयों से लाखों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। सादाबाद के गढ़उमराव निवासी समीर अली और उनके भाई सगीर को अच्छी नौकरी का झांसा देकर म्यांमार ले जाया गया, जहां उनसे जबरन 'साइबर स्लेवरी' का काम कराने की कोशिश की गई। जुलाई में नवी मुंबई के प्रमोद कुमार नामक व्यक्ति ने मोबाइल पर संपर्क किया। उसने थाईलैंड (बैंकॉक) में 80 हजार रुपए मासिक वेतन, मुफ्त रहने-खाने और कंपनी वीजा का लालच दिया। आरोपी ने प्रत्येक उम्मीदवार से 1 लाख 20 हजार रुपए की मांग की। समीर ने प्रमोद के खाते में यूपीआई और बैंक ट्रांसफर के माध्यम से कुल 2 लाख 35 हजार रुपये भेज दिए। 31 जुलाई को दोनों मुंबई एयरपोर्ट से बैंकॉक पहुंचे। वहां उन्हें पहले से भेजे गए टिकट, होटल बुकिंग और जॉब ऑफर लेटर दिखाए गए, जिससे उनका विश्वास बना रहा। थाईलैंड पहुंचने के बाद उन्हें एक ड्राइवर ने अलग होटल में छोड़ा और फिर जंगल के रास्तों से कई गाड़ियों में बैठाकर अलग-अलग देशों के युवकों के साथ लंबी दूरी तक ले जाया गया।कई घंटों तक पैदल चलने के बाद उन्हें एक झोपड़ी में बंद रखा गया। रात में नाव से नदी पार कराकर उन्हें म्यांमार के केके पार्क पहुंचा दिया गया। उन पर जबरन 'साइबर स्लेवरी' का अवैध काम करने का दबाव बनाया गया। जब दोनों ने इस काम से इनकार किया, तो उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए।उन्हें कई दिनों तक भूखा रखा। मजबूरी में कुछ समय तक काम करने के बाद, एक दिन कंपनी परिसर में भगदड़ मच गई। इसी दौरान रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और पुलिस उन्हें म्यांमार के शरणार्थी शिविर में ले आई। किसी तरह उन्होंने अपने पासपोर्ट वापस हासिल किए। शिविर में कुछ दिन रहने के बाद, 18 नवंबर को विमान से उन्हें भारत वापस लाया गया। भारत पहुंचने पर उन्हें विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने पूछताछ की। दोनों भाई अपने घर पहुंचे। पीड़ित परिवार ने आरोपी एजेंट के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
रेलवे ने नई दिल्ली और हावड़ा के बीच यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक नई आरक्षित स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। इस विशेष ट्रेन का क्रमांक 04462/61 है, जो निर्धारित तिथियों पर नई दिल्ली से हावड़ा और हावड़ा से नई दिल्ली के बीच एक-एक फेरे में चलेगी। यह कदम यात्रियों की बढ़ती मांग को पूरा करने और यात्रा को सुरक्षित, आरामदायक बनाने के लिए उठाया गया है। यह स्पेशल ट्रेन पहली बार 10 दिसंबर को नई दिल्ली से प्रस्थान करेगी। ट्रेन अपने मार्ग में प्रयागराज जंक्शन पर सुबह 6:30 बजे पहुंचेगी, जहां यह 10 मिनट के लिए रुकेगी। इसके बाद यह दोबारा यात्रा शुरू करेगी। वापसी फेरे में, ट्रेन 12 दिसंबर को हावड़ा स्टेशन से चलेगी और शाम 7:20 बजे प्रयागराज जंक्शन पर पहुंचेगी। हावड़ा से यात्रा करती इस ट्रेन का प्रयागराज में ठहराव लगभग 10 मिनट का होगा, जिसके बाद यह निर्धारित समय पर नई दिल्ली के लिए प्रस्थान करेगी। इस स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन रेलवे द्वारा यात्रियों की सुविधा और भी बेहतर बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इसके माध्यम से दिल्ली और हावड़ा के बीच यात्रा करने वाले लोगों को अधिक विकल्प और सुविधा मिलेगी। विशेष रूप से यह ट्रेन उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित होगी जो इस अवधि में यात्रा करना चाहते हैं, क्योंकि यह नियमित ट्रेनों की भीड़ को कम करेगी और टिकट मिलने में आसानी प्रदान करेगी।
शेखपुरा में मंगलवार को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत विशेष प्रसव पूर्व जांच शिविर आयोजित किए गए। इन शिविरों में कुल 923 गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। ये शिविर जिले के सदर अस्पताल, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, बरबीघा रेफरल अस्पताल और नौ अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (मेहुस, हथियामा, बर्मा गगरी कटारी, मालदह, भदौस तथा लोहान) में लगाए गए थे। निःशुल्क जांच, परामर्श और आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई अभियान के तहत गर्भावस्था की दूसरी एवं तीसरी तिमाही की सभी पंजीकृत गर्भवती महिलाओं को निःशुल्क जांच, परामर्श और आवश्यक दवाएं उपलब्ध कराई गईं। जांच में रक्तचाप, वजन, रक्त परीक्षण, शुगर, हीमोग्लोबिन और आवश्यक अल्ट्रासाउंड शामिल थे। नियमित निगरानी तथा रेफरल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई शिविरों में उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाओं की पहचान की गई और उनके लिए नियमित निगरानी तथा रेफरल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। लाभार्थियों को पोषण, जन्म से पूर्व चेतावनी संकेत, संस्थागत प्रसव और प्रसवोत्तर देखभाल के संबंध में विस्तृत परामर्श भी दिया गया। हर महीने की 9 तारीख को शिविर आयोजित किए जाएंगे इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. संजय कुमार ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी अब हर महीने की 9 तारीख को शिविर आयोजित किए जाएंगे। इसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को उनके घर के नजदीक ही सभी प्रसव पूर्व सुविधाएं उपलब्ध कराना है। उन्होंने सुरक्षित मातृत्व के लिए नियमित एएनसी, संस्थागत प्रसव और परिवार नियोजन के महत्व पर भी जोर दिया।
यमुनानगर में 75 करोड़ रुपए के बहुचर्चित धान घोटाले में विभागीय कार्रवाई तेज हो गई है। आज मंगलवार को हैफेड ने घोटाले में लापरवाही और अनियमितताओं की पुष्टि होने के बाद एक सीनियर मैनेजर, दो फील्ड इंस्पेक्टर और एक टेक्निकल ऑफिसर सहित कुल चार अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन के साथ ही इन्हें अलग-अलग कार्यालयों से अटैच किया गया है, ताकि जांच किसी प्रकार से प्रभावित न हो सके। टेक्निकल ऑफिसर अनिल कुमार और फील्ड इंस्पेक्टर राजेश कुमार व चंद्र मोहन को कुरुक्षेत्र हैफेड कार्यालय भेजा गया है, जबकि सीनियर मैनेजर सलिंद्र कुमार को पंचकूला मुख्यालय से अटैच किया गया है। विभागीय अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि प्राथमिक जांच में इन सभी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है, जिसके बाद अब चारों को चार्जशीट करने की तैयारी चल रही है। सस्पेंड अधिकारियों को किया जाएगा चार्जशीट हैफेड डीएम उधम सिंह ने कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि संबंधित अधिकारी अपने दायित्वों के निर्वहन में ईमानदार नहीं पाए गए। उन्होंने कहा कि चारों निलंबित अधिकारियों को चार्जशीट किए जाने की तैयारी की जा रही है और संपूर्ण जांच अत्यधिक पारदर्शिता के साथ पूरी की जाएगी। विभाग का कहना है कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, कार्रवाई तेज होने के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि धान घोटाले के पीछे की पूरी सच्चाई जल्द सामने आएगी और पूरे प्रकरण से पर्दा उठेगा। कल संदीप सिंगला को कोर्ट में किया जाएगा पेश उधर, इस घोटाले के मुख्य आरोपी और राइस मिलर संदीप सिंगला से पुलिस की पूछताछ तेजी से आगे बढ़ रही है। संदीप सिंगला, जिसे सीआईए-1 टीम ने एक सप्ताह पहले राजस्थान से गिरफ्तार किया था, को यमुनानगर लाकर स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया था। पुलिस ने गहन पूछताछ के लिए 10 दिन का रिमांड मांगा था, मगर कोर्ट ने पहले 6 दिन का रिमांड ही दिया। पूछताछ के दौरान कई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आने के बाद रिमांड को दो दिन और बढ़ा दिया गया। अब बुधवार को उसे दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस का फोकस यह जानने पर है कि गबन किया गया इतना बड़ा धान आखिर कहां बेचा गया, इसमें और कौन लोग शामिल थे, और पैसे का लेन-देन किन माध्यमों से हुआ। जांच के दौरान स्टॉक में पाई गई थी भारी कमी यह पूरा मामला तब उजागर हुआ था जब हरियाणा राज्य खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने जिले की 13 नवंबर को प्रतापनगर में सात राइस मिलों के गोदामों की जांच की थी। जांच में सामने आया कि रिकॉर्ड में लाखों क्विंटल धान दर्ज था, लेकिन वास्तविक स्टॉक में भारी कमी पाई गई। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार करीब 75 करोड़ रुपए मूल्य का सरकारी धान गायब था। इसी रिपोर्ट के आधार पर 13 नवंबर को मिल मालिक संदीप सिंगला और उसकी पत्नी रितिका सिंगला के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसके बाद से ही संदीप सिंगला फरार चल रहा था। राजस्थान के जयपुर से पकड़ा गया था आरोपी पिछले कई दिनों से एसआईटी उसकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही थी। आरोपी बार-बार लोकेशन बदलकर गिरफ्तारी से बचता रहा, लेकिन टीम ने पंजाब, दिल्ली से लेकर राजस्थान तक उसकी हर संभावना वाली जगह पर दबिश दी और अंततः राजस्थान में जयपुर से उसकी सटीक लोकेशन का पता लगाकर उसे गिरफ्तार कर लिया। विभागीय कार्रवाई और पुलिस जांच दोनों के तेज होने के बाद अब उम्मीद की जा रही है कि 75 करोड़ के इस घोटाले की पूरी सच्चाई जल्द सामने आएगी और इस बड़े गबन के पीछे काम कर रहे पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ हो सकेगा।
धान खरीद में 70 किसानों से 1 करोड़ की ठगी:लखीमपुर में किसान एसपी कार्यालय पहुंचे, कार्रवाई की मांग
लखीमपुर के मोहम्मदी क्षेत्र में धान खरीद के नाम पर किसानों के साथ बड़े पैमाने पर ठगी का मामला सामने आया है। बस्तौली निवासी धान व्यापारी अरविंद प्रजापति पर करीब 70 किसानों से लगभग एक करोड़ रुपए का धान खरीदकर फरार होने का आरोप है। भुगतान न मिलने पर पीड़ित किसान पहले कोतवाली मोहम्मदी पहुंचे। वहां कार्रवाई न होने पर मंगलवार को बड़ी संख्या में किसान पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय पहुंचे। किसानों ने बताया कि आरोपी अरविंद प्रजापति ने बस्तौली में उमेश शुक्ला की दुकान में एक आढ़त खोली थी। उसने अक्टूबर माह में किसानों से धान की खरीद की और तीन दिन में भुगतान का वादा किया था। हालांकि, किसानों को न तो उनके धान का पैसा मिला और न ही धान वापस किया गया। स्थिति को भांपते हुए आरोपी अपने परिवार सहित क्षेत्र से फरार हो गया। किसानों की शिकायत के बाद एसपी कार्यालय में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर गोला विधायक अमन गिरी भी मौके पर पहुंचे और किसानों के पक्ष में कड़ी कार्रवाई की मांग की। पुलिस अधीक्षक ने किसानों को आश्वासन दिया कि आरोपी को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और उनके धन की वापसी सुनिश्चित की जाएगी। मोहम्मदी के कोतवाली प्रभारी उमेश चंद्र चौरसिया ने जानकारी दी कि किसान की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और मामले की विवेचना की जा रही है। उन्होंने बताया कि गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं और आरोपी की तलाश जारी है। पुलिस जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार करने की कार्रवाई करेगी।
लखनऊ हाईकोर्ट की बेंच के समक्ष प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी और एलडीए ने जानकारी दी है कि पॉलीटेक्निक से किसान पथ तक प्रस्तावित फ्लाईओवर (एलिवेटेड रोड) के संबंध में आईआईटी, रुड़की ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। बजट आवंटन के बाद इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई फरवरी के पहले सप्ताह में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। इस दौरान प्रक्रिया में हुई प्रगति की जानकारी मांगी जाएगी। यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति इंद्रजीत शुक्ला की खंडपीठ ने अवध बार एसोसिएशन की वर्ष 2017 की एक जनहित याचिका पर पारित किया। मेट्रो चलाना व्यावहारिक नहीं गौरतलब है कि कमता चौराहा और पॉलीटेक्निक चौराहे से किसान पथ तक होने वाले ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान के लिए न्यायालय ने संबंधित विभागों को कई निर्देश दिए हैं। पूर्व में सुनवाई के दौरान अधिकारियों ने न्यायालय को यह भी बताया था कि पॉलिटेक्निक से किसान पथ तक मेट्रो चलाना व्यावहारिक नहीं होगा, इसे किसी अन्य रूट पर चलाया जा सकता है।
नैनीताल में भीषण आग, चीना बाबा मंदिर के पास मचा हड़कंप
उत्तराखंड के नैनीताल में मंगलवार शाम को मल्लीताल बाजार क्षेत्र में मंगलवार को चीना बाबा मंदिर के समीप स्थित एक पुराने लकड़ी के मकान में अचानक भीषण आग लग गई
पति व इकलौते बेटे की मौत के बाद वृद्धा का शव घर में पड़ा मिला। मकान से बदबू आने पर पड़ोसियों ने वृद्धा की बेटी और रावतपुर पुलिस को जानकारी दी। पुलिस दरवाजा खोल कर दाखिल हुई तो बिस्तर पर शव पड़ा मिला। मृतका की बेटी ने बताया कि 9 माह पहले भाई ने ट्रेन के आगे कूद कर सुसाइड कर लिया था, जिसके बाद से वह अकेले रहती थीं। शव कई दिन पुराना होने के कारण डिकंपोज होने लगा था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। 15 दिन पहले बेटी ने हैलट में भर्ती कराया था रावतपुर थाना क्षेत्र के रामलला निवासी मृतका की बेटी शांति ने बताया कि मां कुसमा देवी(70) अस्थमा की मरीज थीं। 15 दिन पहले उन्हें हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां करीब एक सप्ताह रहने के दौरान अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था। उसके बाद वह अपने घर चली गईं थीं। बीते दो दिसंबर को मां से बात हुई, तो उन्होंने तबियत ठीक होने की बात कही थी, जिसके बाद बात नहीं हुई। मंगलवार शाम मोहल्ले के लोगों ने बताया कि तीन–चार दिन से मां नहीं दिखाई पड़ी है और कमरे से बदबू भी आ रही है काफी देर से दरवाजा खटकाया जा रहा, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। जिसके बाद इलाकाई लोगों ने उन्हें व डॉयल 112 पर जानकारी। रावतपुर पुलिस ने दरवाजा खोलकर अंदर दाखिल हुई तो वृद्धा का शव बिस्तर पर पड़ा हुआ था। मौके पर फोरेंसिक टीम को बुलाया गया, जिसके बाद जांच पड़ताल कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। बेटी शांति ने बताया कि पिता राजेंद्र प्रसाद गन फैक्ट्री में तैनात थे, पिता की कई वर्ष पहले मौत हो चुकी थी, वहीं इकलौते भाई की भी फरवरी 2025 में ट्रेन से कटकर मौत हो चुकी थी। दोनों की मौत के बाद से मां घर पर अकेली रहती थी। कई बार उन्होंने साथ चलने को कहा मगर वह घर साथ नहीं गई। रावतपुर थाना प्रभारी मनोज मिश्रा ने बताया कि वृद्धा अस्थमा की मरीज थी, जिसका इलाज भी चल रहा था। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
खगड़िया जिले के मानसी नगर पंचायत के खुटिया, चकहुसैनी और मानसी बाजार में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने अपना शताब्दी दिवस मनाया। इस अवसर पर संघ ने एक महाजनसंपर्क अभियान चलाया। अभियान के तहत मानसी बाजार के लोगों के घर-घर जाकर संघ के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान संघ से संबंधित पुस्तकें भी वितरित की गईं। संघ के प्रचारक सह निवर्तमान मंडल अध्यक्ष राजाराम सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी (विक्रम संवत् 1982) के दिन हुई थी। संघ ने अब अपने 100 वर्ष पूरे कर लिए हैं और यह आज विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन बन गया है। राजाराम सिंह ने आगे कहा कि भारत में हिंदुत्व को केवल उपासना पद्धति या धर्म नहीं, बल्कि एक जीवनदृष्टि और जीवन पद्धति माना जाता है। उन्होंने बताया कि डॉ. हेडगेवार ने गुणवान कार्यकर्ता तैयार करने के लिए संघ में दैनिक 'शाखा' की एक सरल और प्रभावी पद्धति विकसित की। संघ के जिला प्रचारक मुकेश कुमार और रूपेश कुमार ने बताया कि संघ कार्य के पहले चरण में संगठन खड़ा करना और व्यक्ति निर्माण की प्रक्रिया को गति देना मुख्य उद्देश्य था। दैनिक शाखाओं में स्वयंसेवक खेल, व्यायाम, योगासन, गीत, कहानी और प्रार्थना जैसे कार्यक्रम करते हैं। इन गतिविधियों से स्वयंसेवकों में साहस, धैर्य, शक्ति, राष्ट्रीय चरित्र, अनुशासन, देशभक्ति और सेवा जैसे गुणों का विकास होता है। इन कार्यक्रमों की निरंतरता स्वयंसेवकों के जीवन की दिशा और प्राथमिकताओं को बदल देती है, जिससे संघ एक सामान्य लोगों का असामान्य संगठन बन गया है। इस कार्यपद्धति और स्वयंसेवकों के आचरण के कारण समाज में संघ की सकारात्मक छवि बनी है, जो देशभक्ति, निःस्वार्थ सेवा और अनुशासन का पर्याय है। इस मौके पर विद्यार्थी परिषद के नलिन सिंह, आनंद राही, अनुज आनंद, अंकित कुमार सोनू, रवि प्रताप और निशांत कुमार सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।
गीता ज्ञान यज्ञ का दूसरा दिन संपन्न:स्वामी ध्रुव चैतन्य ने भोग और मोक्ष पर किया सत्संग
लखनऊ में सुबोधानंद फाउंडेशन की शाखा द्वारा बौद्ध शोध संस्थान में आयोजित गीता ज्ञान यज्ञ का द्वितीय दिवस संपन्न हो गया। इस अवसर पर स्वामी ध्रुव चैतन्य सरस्वती महाराज ने भगवान गीता के उपदेशों पर विस्तृत सत्संग किया। महाराज ने अपने सत्संग में बताया कि गीता में भोग को वर्जित नहीं किया गया है, परंतु जब मनुष्य भोग से मोक्ष की आकांक्षा करता है, तो वह सच्चा मुमुक्षु बन जाता है। उन्होंने जोर दिया कि यह संसार केवल भोग के लिए नहीं, बल्कि सेवा के लिए है। सेवा के उपरांत प्राप्त फल को यज्ञ के शिष्ट भाव से ग्रहण करना चाहिए। भौतिक सुख और आध्यात्मिक साधना के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता स्वामी ध्रुव चैतन्य ने आगे कहा कि मनुष्य को प्राप्त यह शरीर धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष जैसे चतुर्थ पुरुषार्थों की सिद्धि के लिए है। उन्होंने जीवन में भौतिक सुख और आध्यात्मिक साधना के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर भी बल दिया। महाराज ने समझाया कि सेवा भाव से किया गया कार्य ही सच्चा यज्ञ है, जिसे प्रसाद के समान ग्रहण करना चाहिए। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में भक्त और साधक उपस्थित रहे, जिन्होंने महाराज के उपदेशों को ध्यानपूर्वक सुना। यज्ञ के दौरान भक्ति और ज्ञान का अद्भुत संगम देखने को मिला। गीता ज्ञान यज्ञ ने उपस्थित सभी लोगों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया और उन्हें भोग तथा सेवा के माध्यम से मोक्ष की दिशा में प्रेरित किया।
11 साल पुराने हत्या मामले में फैसला:चंदन गिरि को आजीवन कारावास, 25000 हजार का जुर्माना भी लगा
बरेली जिला न्यायालय ने 11 साल पुराने एक बहुचर्चित हत्या मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने आरोपी चंदन गिरि उर्फ चंद्रपाल कश्यप को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामला ग्राम औरंगाबाद, थाना शाही के रमेशचंद्र दिवाकर से संबंधित है। उन्होंने बताया था कि उनके बड़े भाई बाबूराम दिवाकर (50 वर्ष) अविवाहित थे और गांव की मढ़ी पर रहते थे। 28 जनवरी 2014 को गांव में भंडारे के बाद बाबूराम, चंदन गिरि के साथ चले गए थे। चंदन गिरि पहले ग्राम जाजू नंगला की मढ़ी पर रहता था, लेकिन जमीन विवाद के कारण ग्रामीणों ने उसे वहां से हटा दिया था। इसके बाद बाबूराम को उस मढ़ी पर रहने के लिए रखा गया, जिससे चंदन गिरि उनसे रंजिश रखने लगा था। इसी दुश्मनी के चलते चंदन गिरि ने बाबूराम की गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को मढ़ी के पास बने एक कुएं में फेंक दिया गया था। इस घटना के संबंध में थाना बहेड़ी में मामला दर्ज किया गया था। मामले में कुल 9 गवाहों की गवाही हुई। एडीजे-09 बरेली की अदालत ने 09 दिसंबर को चंदन गिरि उर्फ चंद्रपाल कश्यप को दोषी ठहराया। अदालत ने आरोपी को आजीवन कारावास के साथ 20,000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। इसके अतिरिक्त, आरोपी को 3 वर्ष के कारावास और 5,000 रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया गया है। यदि आरोपी अर्थदंड का भुगतान नहीं करता है, तो उसे 4 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। कुल अर्थदंड 25,000 रुपये निर्धारित किया गया है।
सनातन एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार पाठक ने आर्य कन्या इंटर कॉलेज में गीता के कर्मयोग विज्ञान पर आज मंगलवार को व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि गीता से उत्तम व्यक्तित्व का निर्माण होता है और श्रेष्ठ नागरिकों व युवाओं से श्रेष्ठ राष्ट्र का निर्माण होता है। उन्होने गीता के श्लोक कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचनष् की व्याख्या करते हुए बताया कि कर्म पर व्यक्ति का अधिकार होता है लेकिन फल पर अधिकार नहीं होता, फल की इच्छा नहीं करनी चाहिए यह कहना उपर्युक्त अर्थ नहीं है। फल पर अधिकार नहीं है, यह उपर्युक्त व्याख्या है, क्योकि फल या परिणाम को प्रभावित करने वाले बहुत सारे कारक होते हैं जिनमें से प्रायः बहुत सारे व्यक्ति के नियंत्रण मे नहीं होते, इसलिए यथेष्ट परिणाम प्राप्त करने के लिए कर्मयोग का अवलम्ब लेना चाहिए। सनातन एकता मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक कुमार पाठक ने कहा कि जो कर्म करने योग्य है और शास्त्र वैसा करने की अनुमति देते हैं, वह कर्म है। जिस कर्म को शास्त्र वर्जित करते वह अकर्म हैं, जैसे मदिरापान करना अकर्म है, और जो कर्म विहित के प्रतिकूल होते है और प्रायः अपराध की श्रेणी में आते हैं वह विकर्म हैं। व्यक्ति को कर्म, अकर्म और विकर्म तीनों का ज्ञान होना चाहिए। संयमित और संतुलित कर्मो से सदाचरण और सदाचरण से उत्तम चरित्र तथा उत्तम चरित्र से उत्तम समाज और उत्तम समाज से उत्तम राष्ट्र का निर्माण होता है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ हरीश चंद्र जायसवाल ने कहा कि गीता सभी धर्मों में सहज मान्यता प्राप्त है l गीता युवाओं के लिए कोड ऑफ कन्डक्ट की तरह है l कार्यक्रम के समापन पर प्रधानाचार्या नीना प्रजापति ने धन्यवाद ज्ञापन किया l कार्यक्रम में प्रो दीपक कुमार सिंह, प्रो इभा सिरोटिया, डॉ रंजना त्रिपाठी की उपस्थिति रहीं l कार्यक्रम का संचालन अनुपमा श्रीवास्तव ने किया l अशोक पाठक ने अतिथियों और शिक्षकों को अंगवस्त्र पहनाकर और गीता देकर सम्मानित किया गया।
लखनऊ के कुर्सी रोड स्थित बैना गांव में ईश्वरीय स्वप्नाशीष सेवा समिति ने सुंदरकांड महा अभियान का आयोजन किया। इसका उद्देश्य महिलाओं को जागरूक करना और उन्हें भक्ति मार्ग से जोड़ना था। इस कार्यक्रम में सैकड़ों महिलाओं ने भाग लिया और धार्मिक अनुष्ठानों में सक्रियता दिखाई। समिति की प्रमुख और सनातन ध्वजा वाहिका सपना गोयल ने बताया कि सुंदरकांड का नियमित पाठ कर लोगों को भक्ति मार्ग पर अग्रसर किया जा रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि अब तक लगभग 80 गांवों में सुंदरकांड का पाठ आयोजित कर महिलाओं और युवाओं में धार्मिक चेतना व सामाजिक जागरूकता फैलाई गई है। ऐसे आयोजन समाज में सेवा भावना बढ़ाता हैं सपना गोयल ने यह भी कहा कि यह अभियान केवल धार्मिक ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह महिलाओं में आत्मविश्वास और समाज सेवा की भावना को भी सशक्त करता है। उन्होंने उपस्थित महिलाओं से आग्रह किया कि वे इस पहल को अपने परिवारों और पड़ोस में भी आगे बढ़ाएँ। इस आयोजन में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय ग्रामीणों ने भी हिस्सा लिया। महिलाओं ने सामूहिक रूप से सुंदरकांड का पाठ किया और भक्ति गीतों में शामिल होकर उत्साहपूर्वक भाग लिया। समिति के सदस्यों ने बताया कि भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीण महिलाओं में धार्मिक और सामाजिक जागरूकता बढ़ाने का प्रयास जारी रहेगा।
लखनऊ में उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन संविदा कर्मचारी संघ की बैठक हुई।एवेरेडी चौराहा स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित की गई, जिसमें वर्टिकल व्यवस्था लागू होने के बाद उत्पन्न समस्याओं पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में संगठन के प्रदेश महामंत्री देवेंद्र कुमार पाण्डेय को पदाधिकारियों ने अवगत कराया कि नई व्यवस्था के तहत 33 केवी, 11 केवी, एलटी एवं वाणिज्य से जुड़े कार्य अलग-अलग अधिकारियों और कर्मचारियों को सौंपने की बात कही गई थी, ताकि कार्यदक्षता बढ़ाई जा सके। पदाधिकारियों का कहना है कि वाणिज्य क्षेत्र—जहां मुख्य रूप से राजस्व वसूली, नए संयोजन जारी करना, नोटिस जारी करना और बिल संबंधी कार्य शामिल हैं। वहीं कर्मचारियों की तैनाती बेहद कम है। इस काम निर्धारित समय पर पूरा नहीं हो पा रहा है। विभाग की राजस्व वसूली भी गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। पदाधिकारियों ने कहा कि स्थिति यह है कि वाणिज्य से जुड़े कार्य पूरे करने के लिए संचालन और अनुरक्षण कार्यों में तैनात कर्मचारियों को अतिरिक्त जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है। इससे जहां संचालन व अनुरक्षण कर्मचारियों पर कार्य का दोहरा भार पड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर राजस्व वसूली प्रभावित होने से विभाग का बकाया लगातार बढ़ता जा रहा है। पाण्डेय ने कहा कि यह स्थिति वर्टिकल व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है। कर्मचारियीं ने चेतावनी दी कि यदि वाणिज्य विभाग में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर व्यवस्था को सुचारु नहीं किया गया तो संगठन वर्टिकल प्रणाली के खिलाफ आंदोलन शुरू करेगा।
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सांसद अभय कुमार सिन्हा ने संसद में चुनावी सुधार पर चर्चा के दौरान बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में हुई कथित अनियमितताओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने सरकारी दुरुपयोग और चुनाव आयोग की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए। सिन्हा ने बिहार को 'लोकतंत्र की जननी' बताते हुए कहा कि आज वही राज्य गहरे चुनावी संकट का सामना कर रहा है। जब संबंधित मंत्री ने चर्चा को परिवारवाद के आरोपों की ओर मोड़ा, तो सांसद सिन्हा ने जवाब देते हुए कहा कि यदि मंत्री परिवारवाद देखना चाहते हैं, तो उन्हें NDA गठबंधन के भीतर देखना चाहिए। सिन्हा ने उदाहरण देते हुए कहा कि पति-पत्नी, समधी-समधन, ससुर-पुत्र और मामा-भांजे को टिकट दिए जा रहे हैं। सांसद ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार गठन के समय ऐसे व्यक्ति को शामिल किया गया जो मंत्री भी नहीं था। उन्होंने मंत्री पर जानबूझकर चुनावी सुधार और अनियमितताओं जैसे असल मुद्दों से भटकने का आरोप लगाया। अभय कुमार सिन्हा ने सदन में बैलेट पेपर प्रणाली को फिर से लागू करने का सुझाव दिया। उन्होंने तर्क दिया कि जनता का भरोसा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) पर लगातार कम हो रहा है। सिन्हा ने चुनावी अनियमितताओं पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों द्वारा 27 अक्टूबर, 31 अक्टूबर और 4 नवंबर को सांप्रदायिक और विभाजनकारी भाषण दिए गए थे। उन्होंने बताया कि ये भाषण आदर्श आचार संहिता (MCC) और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153A का सीधा उल्लंघन थे। सांसद ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने केवल 'सावधानी' की सलाह देकर अपनी भूमिका को कमजोर कर दिया।
जोधपुर में ट्रैफिक व्यवस्था की जिम्मेदारी शालिनी राज संभाल रही है। शालिनी ने सोमवार को उन्होंने एडीसीपी ट्रैफिक की जिम्मेदारी संभाली। उनके कंधों पर अब जोधपुर की ट्रैफिक की बिगड़ी व्यवस्था को सुधारने की जिम्मेदारी है। खास बात ये है कि शालिनी के पिता राजकुमार बलाई भी साल 2006 में जोधपुर में एडिशनल SP रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि जोधपुर में ट्रैफिक रूल्स की पालना करने को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा इसके साथ ही नियम तोड़कर चलने वाले वाहन चालकों के खिलाफ पुलिस का अभियान जारी रहेगा। उन्होंने जोधपुर शहर के लोगों से अपील करते हुए कहा कि सड़क पर गाड़ी चलाते समय ट्रैफिक रूल्स को फॉलो करें। जिससे होने वाली सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके। साथ ही शहर में प्रमुख चौराहों, मार्गो पर लगने वाले जाम को लेकर भी विस्तृत योजना बनाकर काम करने की जानकारी दी।
शिवपुरी जिले के करैरा थाना क्षेत्र के ग्राम फतेहपुर में सोमवार रात लूट के दौरान एक महिला की हत्या कर दी गई। घर में घुसे अज्ञात बदमाशों ने 55 वर्षीय गुड्डी गोस्वामी पत्नी विष्णु गोस्वामी पर सरिया से हमला कर दिया। महिला की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के समय वह अपने कमरे में सो रही थीं और उनके पति दूसरे कमरे में थे। 50 हजार रुपए का सामान लूटकर फरारकरीब आधी रात के बाद बदमाश दीवार कूदकर घर में आए। इसी दौरान महिला की आंख खुल गई। उन्हें जागा देखकर बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। वारदात के बाद आरोपी घर से मंगलसूत्र, टॉप्स, पायल, बिछुड़ी और करीब 10 हजार रुपये नगद मिलाकर लगभग 50 हजार रुपये का सामान लूटकर भाग गए। मृतका का बेटा बंटी गोस्वामी ग्वालियर के डबरा थाने में आरक्षक है। घटना की खबर मिलते ही वह गांव पहुंच गया। सुबह जब परिवार को घटना का पता चला तो पुलिस को सूचना दी गई। करैरा थाना पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। थाना प्रभारी विनोद छावई ने बताया कि यह लूटपाट के दौरान की गई हत्या का मामला है। अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी गई है। गांव में संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है और पुलिस सुराग जुटाने में लगी है।
पंचसूत्रीय कथा महोत्सव का समापन:लखनऊ में 'नागरिक कर्तव्य' विषय पर हुआ आयोजन
लखनऊ। भारत विकास परिषद, अवध प्रांत द्वारा आयोजित पांच दिवसीय पंचसूत्रीय कथा महोत्सव का समापन 'नागरिक कर्तव्य' विषय पर हुआ। महोत्सव के अंतिम दिन कथा प्रवचन में चैतन्य कौशिक महाराज ने नागरिक कर्तव्यों के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मानव जीवन सृष्टि में सर्वोत्तम है और समाज व प्रकृति हमसे उच्च अपेक्षाएं रखते हैं। महाराज ने स्पष्ट किया कि ट्रैफिक नियमों का पालन, पर्यावरण संरक्षण और समाज के प्रति उचित व्यवहार जैसी छोटी-छोटी बातों में भी कर्तव्यबोध झलकना चाहिए। उन्होंने अनुशासन, संयम और जिम्मेदारी को जीवन के ऐसे सूत्र बताया, जो प्रकृति और जीव-जंतुओं से भी सीखे जा सकते हैं। महोत्सव के माध्यम से परिवर्तन के संदेश कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आरएसएस के क्षेत्रीय बौद्धिक प्रमुख मिथलेश ने पंचसूत्रीय कथा महोत्सव के माध्यम से समाज में जागरूकता और परिवर्तन के संदेश की सराहना की। उन्होंने भारत विकास परिषद की इस पहल को प्रशंसनीय बताया। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मुख्य अतिथि के रूप में संघ के शताब्दी वर्ष का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि संगठन के 100 वर्षों में संकल्पित अनेक कार्य साकार होते दिख रहे हैं, जिनमें श्रीराम मंदिर का निर्माण और भारत का विश्व वैभव की ओर अग्रसर होना शामिल है। उन्होंने कथा के माध्यम से किए जा रहे इस जनजागरण प्रयास को अत्यंत सराहनीय बताया। इस आयोजन में कथा और विचार का संगम दिखा प्रांतीय अध्यक्ष देवेंद्र स्वरूप शुक्ला ने आयोजन की सफलता पर पूरी टीम को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि क्षेत्रीय संगठन मंत्री विक्रांत खंडेलवाल के मार्गदर्शन में यह आयोजन संभव हो सका। विक्रांत खंडेलवाल ने भी सभी सहयोगियों, कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कार प्रमुख मुकेश जैन, महासचिव एस.के सक्सेना, आर.के भदौरिया, राम औतार सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी और सम्मानित नागरिक उपस्थित रहे। इस आयोजन में कथा, विचार और अनुशासन का संगम देखने को मिला, जिसने उपस्थित जनमानस में जागरूकता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को मजबूत किया।
वृंदावन थाना क्षेत्र में मंगलवार को प्रेम मंदिर के पास एक अज्ञात व्यक्ति का शव मिलने से हड़कंप मच गया। राहगीरों ने सुबह करीब 7 बजे सड़क किनारे एक व्यक्ति को अचेत अवस्था में देखा, जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और जांच शुरू की। पुलिस के अनुसार, मृतक की उम्र लगभग 50 वर्ष प्रतीत हो रही है। उसके शरीर पर किसी प्रकार की चोट के स्पष्ट निशान नहीं मिले हैं। मृत्यु के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चल पाएगा। आसपास के लोगों से पूछताछ की गई, लेकिन शव की पहचान नहीं हो सकी। पुलिस ने शव को जिला अस्पताल की मोर्चरी में भिजवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। मृतक की पहचान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उसके फोटो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किए गए हैं। थाना प्रभारी ने बताया कि शव को पहचान की संभावना को देखते हुए 72 घंटे तक सुरक्षित रखा गया है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है और यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि मृतक कहीं बाहर से तो नहीं आया था। प्रेम मंदिर जैसे व्यस्त क्षेत्र में शव मिलने से स्थानीय लोगों में चर्चा बनी हुई है। पुलिस ने आमजन से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति मृतक को पहचानता हो या उससे संबंधित कोई जानकारी रखता हो तो वृंदावन पुलिस से संपर्क कर सहयोग करें, ताकि समय रहते मृतक की पहचान हो सके।
उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे जी ऑडिटोरियम में आयोजित तीन दिवसीय प्रादेशिक संगीत प्रतियोगिता में मंगलवार को किशोर वर्ग की प्रतियोगिताओं में रंगारंग प्रस्तुति देखने को मिली। ख्याल, तराना, ध्रुपद, धमार, ठुमरी और दादरा में युवा प्रतिभाओं ने अपने गायन से मंच पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। किशोर ख्याल तराना वर्ग में वाराणसी की जयंतिका डे ने प्रथम स्थान हासिल किया। गोरखपुर के अनुशांत मिश्रा को द्वितीय और गाजियाबाद की धरा खरे को तृतीय स्थान मिला। ठुमरी-दादरा वर्ग में कानपुर की प्रियाक्षी पाण्डेय ने प्रथम, वाराणसी की जयंतिका डे ने द्वितीय और बरेली की अनुषा त्रिवेदी ने तृतीय स्थान पाया। ध्रुपद-धमार में अतर्रा की वत्सला बाजपेई प्रथम, बांदा की वैष्णवी तिवारी द्वितीय और वाराणसी की जाहन्वी मिश्र तृतीय रहीं। प्रतिभागियों ने विभिन्न रोग की प्रस्तुति दी प्रतिभागियों ने ख्याल में राग भैरव, बिलासखानी तोड़ी, चन्द्रकौंस, पूरिया धनाश्री, मालकौंस आदि में प्रस्तुति दी। ठुमरी-दादरा और ध्रुपद-धमार में भी विभिन्न रागों में उत्कृष्ट गायन हुआ। उल्लेखनीय है कि कई प्रतिभागी पिछले वर्षों में भी शास्त्रीय प्रतियोगिताओं में शीर्ष स्थान प्राप्त कर चुके हैं। अकादमी ने वर्ष 2024-25 में सम्भागीय शास्त्रीय प्रतियोगिता का स्वर्ण जयन्ती वर्ष मनाया था। इस बार 18 सम्भागों के 23 केन्द्रों में लगभग 1100 प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में लखीमपुर और फर्रुखाबाद को नए केन्द्र के रूप में जोड़ा गया। बुधवार को युवा वर्ग की प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। ये लोग शामिल हुए प्रतियोगिता का आयोजन अकादमी अध्यक्ष प्रो. जयंत खोत, उपाध्यक्ष विभा सिंह और निदेशक डॉ. शोभित कुमार नाहर के मार्गदर्शन में हुआ। निर्णायक मंडल में खंडवा के रोमिल जैन, ग्रेटर नोएडा की नबनिता चौधरी और दिल्ली के पंडित राधा गोविंद दास शामिल रहे। रेनू श्रीवास्तव और डॉ. पवन तिवारी के संयोजन में कार्यक्रम का मंच संचालन राजेन्द्र विश्वकर्मा हरिहर ने किया।
कोटा में एक तरफ जहां रेलवे कॉलोनी थाना पुलिस ने नाबालिग बच्चे को बेचने के प्रयास में शामिल आरोपी को गिरफ्तार कर मासूम की जिंदगी बचाई है, वहीं दूसरी तरफ अमेरिका के कैलिफोर्निया से आए डॉक्टर दंपति ने कोटा की 14 महीने की बच्ची को गोद लेकर मानवता की मिसाल पेश की है। कोटा रेलवे कॉलोनी थाना क्षेत्र में शर्मनाक वारदात की, जहां मासूम बच्चे को अवैध रूप से बेचने की कोशिश की गई।कोटा सिटी एसपी तैजस्वनी गौतम ने बताया कि थाना रेल्वे कॉलोनी की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपी राहुल अग्रवाल को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया कि आरोपी हेमलता, प्रमोद और राहुल अग्रवाल ने मिली भगत कर एक 4 वर्षीय बच्चे को 1 लाख 25 हजार रुपये में बेचने की कोशिश की थी। आरोपियों ने बच्चे के पिता को झूठा मृत घोषित कर, फर्जी गोदनामा तैयार किया था। पुलिस की विशेष टीम ने तकनीकी और मुखबिर की सुचना के आधार पर सभी की गतिविधियों की निगरानी की और सबूतों के साथ मामले का पर्दाफाश किया। मुख्य आरोपी राहुल अग्रवाल, जो पुलिस से लगातार छिप रहा था, को 8 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया और 9 दिसंबर को न्यायालय में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। कैलिफोर्निया दंपति ने 14 महीने की बच्ची को लिया गोद कैलिफोर्निया में रहने वाले अग्रवाल डॉक्टर दंपति ने कोटा की 14 माह की बच्ची को कानूनी प्रक्रिया के तहत गोद लिया। दंपति ने बताया कि उनकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं, और वे हमेशा भारत से ही बेटी को गोद लेना चाहते थे। यह गोद लेने की प्रक्रिया दो साल से अधिक समय में पूरी हुई। जिला कलक्टर पीयूष समारिया ने दंपति को शुभकामनाएं दीं और बच्ची के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर सामाजिक न्याय विभाग की संयुक्त निदेशक सविता कृष्णिया, नारी निकेतन की अधीक्षक अंशुल मेंदीरत्ता और बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी मौजूद रहे।
मुरादाबाद के हिंदू कॉलेज में मंगलवार को शिक्षकों ने रोहिलखण्ड विश्वविद्यालय के खिलाफ प्रदर्शन किया। शिक्षकों का आरोप है कि विश्वविद्यालय ने वर्ष 2022 से अब तक लगभग 50 लाख रुपये का मानदेय रोक रखा है, जिससे उनमें भारी असंतोष है। इस भुगतान में देरी के कारण आगामी परीक्षाओं के संचालन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। शिक्षकों ने कॉलेज परिसर में एकजुट होकर धरना दिया और विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रति नाराजगी व्यक्त की। उनका कहना है कि छात्रों से फीस अग्रिम रूप से वसूल की जा चुकी है, लेकिन उनकी मेहनत की कमाई पिछले तीन वर्षों (2022 से 2025) से रोकी गई है। धरने पर बैठे शिक्षकों ने बताया कि उन्होंने कई बार भुगतान की मांग की है, लेकिन हर बार विश्वविद्यालय की ओर से केवल आज या कल में भुगतान कर दिया जाएगा जैसे आश्वासन ही मिले हैं। शिक्षकों का कहना है कि बार-बार आश्वासन देकर उन्हें भ्रमित किया गया है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। शिक्षकों ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, छात्रों से तो फीस पहले ही जमा करा ली जाती है, लेकिन हमारी मेहनत की कमाई चार साल तक रोककर रखना अन्याय है। उन्होंने यह भी कहा कि वे कॉलेज के पूरे शैक्षणिक कार्य की जिम्मेदारी निभाते हैं, फिर भी विश्वविद्यालय उन्हें सम्मानजनक भुगतान देने में लगातार विफल रहा है। धरना स्थल पर शिक्षकों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि तुरंत भुगतान नहीं किया गया, तो आंदोलन तेज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी परीक्षाओं का संचालन करना मुश्किल हो जाएगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी। शिक्षकों ने यह भी कहा कि वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे और जरूरत पड़ने पर शासन-प्रशासन को भी पत्र भेजेंगे। शिक्षकों का कहना है कि लंबे समय तक बिना भुगतान के भी उन्होंने कॉलेज के हित में काम जारी रखा, लेकिन अब परिस्थितियाँ असहनीय हो चुकी हैं। बार-बार की अनसुनी और उपेक्षा से कर्मचारियों और शिक्षकों में गहरा असंतोष पैदा हो गया है।
कुशीनगर में निर्वाचक नामावलियों का सघन पुनरीक्षण (SIR) कार्य प्रगति पर है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी वैभव मिश्रा ने बताया कि यह प्रक्रिया 01 जनवरी 2026 की अर्हता तिथि के आधार पर की जा रही है। इस दौरान सभी विधानसभा क्षेत्रों में गणना प्रपत्र वितरित किए गए थे। 2003 की मतदाता सूची से मैपिंग के उपरांत, जिन मतदाताओं ने अपने गणना प्रपत्र जमा नहीं किए, या जो अनुपस्थित, स्थानांतरित (शिफ्टेड) अथवा मृत पाए गए। साथ ही जिनकी दोहरी प्रविष्टि थी, उन्हें ASD (अनुपस्थित, स्थानांतरित और मृत्यु) श्रेणी में चिह्नित किया गया है। निर्वाचन आयोग ने इन सभी ASD चिह्नित मतदाताओं की पुनः जांच के निर्देश दिए हैं, ताकि कोई भी वास्तविक मतदाता गलती से इस श्रेणी में शामिल न हो जाए। इसके अतिरिक्त, जिन मतदाताओं के गणना प्रपत्र किसी कारणवश अभी तक डिजिटाइज्ड नहीं हो पाए हैं, उनके लिए एक विशेष अभियान चलाया जाएगा। यह तीन दिवसीय अभियान 10, 11 और 12 दिसंबर 2025 को आयोजित होगा। इस अभियान के दौरान ASD चिह्नित मतदाताओं को दोबारा खोजा जाएगा और उनके प्रपत्रों को डिजिटाइज्ड किया जाएगा। जिन मतदाताओं का नाम त्रुटिवश ASD सूची में दर्ज हो गया है, उनकी क्रॉस-चेकिंग कर सही मैपिंग सुनिश्चित की जाएगी। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए अतिरिक्त अधिकारियों को नियुक्त कर गहन जांच कराई जाएगी, ताकि मतदाता सूची की शुद्धता सुनिश्चित हो सके।
अयोध्या से 13 वर्षीय किशोरी लापता:पिता की शिकायत पर केस दर्ज, चार दिन बाद भी नहीं मिला सुराग
जिले के इनायत नगर थाना क्षेत्र से एक गांव की 13 वर्षीय किशोरी संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गई है। किशोरी के पिता की शिकायत पर स्थानीय पुलिस ने एक युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर तलाश शुरू कर दी है। किशोरी के पिता ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनकी बेटी बीते 5 दिसंबर की रात से लापता है। बेटी के गायब होने का पता चलने पर उन्होंने पहले अपने रिश्तेदारों और परिचितों के यहां उसकी तलाश की। कई जगह तलाश करने के बाद भी जब किशोरी का कोई सुराग नहीं मिला, तो पिता ने पुलिस से संपर्क किया और पुलिस को लिखित शिकायती पत्र देते हुए बेटी की सकुशल बरामदगी की गुहार लगाई है। इनायत नगर पुलिस ने इस मामले की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पिता की शिकायत के आधार पर नामजद आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। किशोरी की तलाश के लिए पुलिस की एक टीम संभावित ठिकानों पर लगातार छापेमारी कर रही है। पुलिस का कहना है कि किशोरी के मिलने के बाद उच्च न्यायालय में पेश किया जाएगा। किशोरी के बयान के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उसे बरामद करने के लिए सर्विस लांस का भी सहयोग लिया जा रहा है।
खगड़िया जिले के चौथम थाना क्षेत्र की चौथम पंचायत के नवादा गांव में मंगलवार कि देर शाम जमीन विवाद को लेकर हुई मारपीट में एक युवक घायल हो गया। घायल युवक की पहचान नवादा निवासी शैलेंद्र यादव के पुत्र रोशन कुमार के रूप में हुई है। उसे इलाज के लिए चौथम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया गया है। जमीन की नापी के बाद मारपीट रोशन कुमार ने घटना के संबंध में बताया कि उनका जयकांत यादव से जमीनी विवाद चल रहा है। मंगलवार को जमीन की नापी के बाद जयकांत यादव, रामबिलास यादव, जयप्रकाश यादव, देवनीति यादव, देवनारायण यादव और सूरज कुमार सहित अन्य लोगों ने मिलकर उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को गाली-गलौज करते हुए मारपीट की। मारपीट के दौरान रोशन कुमार घायल हो गए। शोर सुनकर ग्रामीण मौके पर जमा हो गए, जिसके बाद मामला शांत हुआ। परिजनों ने घायल रोशन को तुरंत चौथम सीएचसी पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसका प्राथमिक उपचार किया। चौथम थाना प्रभारी अजीत कुमार ने बताया कि उन्हें घटना की जानकारी मिली है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
लखनऊ निवासी डॉ. राघवेन्द्र दुबे को 26 जनवरी 2026 को 'भारत सेवा रत्न अवार्ड-2026' से सम्मानित किया जाएगा। यह राष्ट्रीय समारोह जयपुर स्थित राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर के ऑडिटोरियम में आयोजित होगा। उन्हें शिक्षा उत्थान, सामाजिक सेवा और जनकल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है। डॉ. राघवेन्द्र दुबे एक प्रतिष्ठित शिक्षाविद् और समाजसेवी हैं। वह उत्तर प्रदेश पुलिस (112) में बहराइच में उप-निरीक्षक के पद पर तैनात सुरेन्द्र कुमार दुबे के पुत्र हैं। डॉ. दुबे वर्तमान में YSS INDIA के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत हैं। प्रमुख संस्थानों में एकेडमिक हेड और प्रख्यात अध्यापक के रूप में सेवाएं दी शिक्षा के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव है। उन्होंने दिल्ली के डॉ. मुखर्जी नगर में SD IAS, Shashi Karna Classes, Vedanta IAS और TET GYAN Coaching जैसे कई प्रमुख संस्थानों में एकेडमिक हेड और प्रख्यात अध्यापक के रूप में सेवाएं दी हैं। यूपीएससी शिक्षण में उनका व्यापक अनुभव रहा है और वे कई राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित संस्थाओं से जुड़े रहे हैं। डॉ. दुबे छात्र हित को सर्वोपरि मानते हुए गुणवत्तापूर्ण और परिणाम-केंद्रित मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। ग्रामीण और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए उन्होंने निःशुल्क कोचिंग, करियर काउंसलिंग और शिक्षण गुणवत्ता सुधार हेतु सराहनीय प्रयास किए हैं। उनके मार्गदर्शन में सैकड़ों विद्यार्थियों ने बेहतर शिक्षा प्राप्त कर अपना करियर बनाया है। 15 अगस्त 2025 को 'राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया गया था इससे पहले, 15 अगस्त 2025 को उन्हें 'राष्ट्रीय गौरव पुरस्कार' से सम्मानित किया जा चुका है। शिक्षा एवं भाषा सेवा के क्षेत्र में योगदान के लिए उन्हें 'विश्व हिंदी सम्मान', 'हिंदी सेवा सम्मान' और 'राष्ट्रीय गौरव सम्मान' जैसे कई अन्य पुरस्कार भी मिले हैं। डॉ. राघवेन्द्र दुबे विश्व हिंदी परिषद के सदस्य भी हैं। राष्ट्रीय ज्युरी ने उनके सार्थक और निरंतर योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 2026 के 'भारत सेवा रत्न अवार्ड' के लिए चुना है। इस उपलब्धि पर उनके परिवार और शहर में खुशी का माहौल है।
सहारनपुर में फतेहपुर थानाध्यक्ष पर एक 65 वर्षीय बुजुर्ग ने थाने के भीतर मारपीट, अभद्रता और जातिसूचक गाली देने का गंभीर आरोप लगाया है। मंगलवार को पीड़ित ने एसएसपी से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है। इस मामले के एसएसपी कार्यालय पहुंचने पर अधिकारियों में भी हलचल मच गई है। गांव बुड्ढाखेड़ा पुण्डीर निवासी कर्मचन्द गांधी उर्फ कर्म सिंह ने एसएसपी को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि 6 दिसंबर 2025 को वह अपने पुत्र अंकित और अन्य परिजनों (पौत्र कविराज, पल्टू, अशोक, गौतम और सुन्दर निवासी गन्देवड़ा) के साथ फतेहपुर थाने पहुंचे थे। वे 30 नवंबर को दी गई अपनी शिकायत पर हुई कार्रवाई की जानकारी लेने गए थे। पीड़ित के अनुसार, थाने पहुंचने पर उनकी मुलाकात थानाध्यक्ष से हुई। जब उन्होंने मामले की प्रगति पूछी तो थानाध्यक्ष ने चौकी इंचार्ज से फोन पर बात की। इसके कुछ देर बाद, कर्मचन्द का आरोप है कि थानाध्यक्ष ने उपस्थित सभी लोगों के साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करना शुरू कर दिया। कर्मचन्द ने बताया कि जब उन्होंने विनम्रता से थानाध्यक्ष को गाली देने से मना किया, तो अधिकारी कथित तौर पर भड़क गए और उनके साथ थप्पड़, मुक्कों व लातों से मारपीट की। इस दौरान उनका चश्मा भी टूट गया। पीड़ित का यह भी आरोप है कि थानाध्यक्ष ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए उन्हें हवालात में बंद करने और गंभीर धाराओं में फंसाने की धमकी दी। पीड़ित के अनुसार, यह पूरा घटनाक्रम थाने के सीसीटीवी कैमरों में दर्ज है। साथ गए सभी साथियों ने भी घटना को अपनी आंखों से देखने का दावा किया है। 65 वर्षीय कर्मचन्द का कहना है कि इस घटना से उनका परिवार डरा और सहमा हुआ है। उन्होंने एसएसपी सहारनपुर से मांग की है कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर जांच कर कोतवाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए और उन्हें न्याय दिलाया जाए।
उदयपुर शहर में आज एक अपार्टमेंट में एक महिला करीब ढाई घंटे तक लिफ्ट में फंसी रही। लिफ्ट ऊपर के माले से नीचे आ रही थी और एकाएक तेज स्पीड से रिवर्स चल पड़ी और एक दीवार से टकराई। महिला को करीब ढाई घंटे बाद बाहर निकाला गया और वह भी ड्रिल मशीन से दीवार को तोड़कर। घटना आज सवेरे की उदयपुर शहर के न्यू आरटीओ कार्यालय के सामने स्थित अमर विलास अपार्टमेंट की है। पांचवे माला (ग्राउंड से गिनने पर छठा) पर रहने वाली भाग्यश्री का बेटा स्कूल आईकार्ड भूल गया तो वापस नीचे देने के लिए लिफ्ट से जा रही थी। करीब 8.20 बजे वह अकेली थी और ग्राउंड प्रेस किया। वह बताती है कि नीचे चली लिफ्ट एकाएक तेज स्पीड से ऊपर की तरफ चली गई और दीवार से जाकर टकराई। टकराने के साथ ही लिफ्ट की लाइट, डस्ट और अन्य सामान टूटकर उस पर गिरे। महिला ने अंदर से आवाज लगाई लेकिन किसी ने नहीं सुनाई। असल में सातवां माला जो अपार्टमेंट की छत है वहां जाकर दीवार से लिफ्ट टकराई तो वहां कोई नहीं था। महिला के शोर के बीच कुछ समय बाद छठे माला पर एक कामवाली बाई गुजर रही तो उसको आवाज सुनाई दी। बाद में उसने वहां जो मौजूद थे उनको बताया। इस बीच भीड़ जमा हो गई लेकिन यह पता नहीं चल रहा था कि महिला किस जगह है। धीरे-धीरे पता चला कि महिला ऊपर की तरफ है। बाद में आनन फानन में लोग छत पर गए और देखा की वहां तो देखना का कुछ है नहीं क्योंकि दीवार ही है। बाद में ड्रिल मशीन मंगाई और महिला की आवाज के आधार पर धीरे-धीरे खुदाई कर एक छेद किया तो हवा उन तक पहुंचे। महिला ने भी प्रयास किया और गेट को खींचा भी थोड़ा खुला लेकिन सामने दीवार थी। जैसे ही दीवार को तोड़ा गया तब बाहर से लोगों ने और अंदर से महिला ने गेट खींचा तब जाकर करीब साढ़े दस बजे महिला को सुरक्षित बाहर निकाला गया।
पन्ना में शख्स पर भालू का हमला, सिर में चोट:जलाऊ लकड़ी लेने गया था, जिला अस्पताल में भर्ती
पन्ना जिले के सकुंटी पिपरिया गांव में मंगलवार 9 दिसंबर की शाम जलाऊ लकड़ी लेने गए 55 वर्षीय किशोर सिंह गौड पर भालू ने हमला कर दिया। इस हमले में ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें प्राथमिक इलाज के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया है। जानकारी के अनुसार, किशोर सिंह कल्दा रेंज की अमरई बीट में जलाऊ लकड़ी लेने गए थे, तभी बच्चों के साथ घूम रहे एक भालू ने उन पर अचानक हमला कर दिया। जंगल से चीख-पुकार सुनकर उनके भाई चुन्नू सिंह गौड़ मौके पर पहुंचे और घायल किशोर सिंह को घर लेकर आए। परिजनों ने तत्काल वन विभाग को घटना की सूचना दी। शख्स को सिर में लगी गंभीर चोट सूचना मिलते ही वन अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायल को इलाज के लिए कल्दा अस्पताल भिजवाया। प्राथमिक इलाज के बाद, उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें सलेहा अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां डॉक्टरों ने सिर में गंभीर चोट पाए जाने पर उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इस घटना के बाद से क्षेत्र के ग्रामीणों में वन्यजीवों की बढ़ती आवाजाही को लेकर डर का माहौल है। दक्षिण पन्ना वनमंडल अधिकारी अनुपम शर्मा ने अधीनस्थ अमले को घायल व्यक्ति को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने परिजनों को तत्काल आर्थिक सहायता भी प्रदान की। वनमंडल अधिकारी अनुपम शर्मा ने वन क्षेत्र में लघु वनोपज एकत्रित करते समय सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि लोग हमेशा 3-4 के समूह में रहें और आवाज करते हुए चलें ताकि जंगली प्राणियों को मानव उपस्थिति का आभास हो सके। भालू या उसके शावकों के निकट जाने से बचें और सामना होने पर भागने की बजाय धीरे-धीरे पीछे हटें।
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कराने के लिए एक युवक हिमाचल प्रदेश से कानपुर पहुंचा। 980 किलोमीटर का सफर तय कर जब वह अपने घर पहुंचा तो घरवालों ने उसे पहचानने से इनकार कर दिया। क्योंकि वह साधु के वेश में था। घरवालों ने कहा, यह इस घर का सदस्य नहीं है। हम लोग इसे नहीं जानते हैं। युवक ने बार-बार कहा कि उसका नाम सर्वेश है। वह इसी घर का सदस्य है। मामला बढ़ा तो पुलिस बुलाई गई। सर्वेश ने युवक को कागज दिखाए। वह सभी सही पाए गए। इसके बाद मामला शांत हुआ। 9 साल पहले घर के लोगों से विवाद हुआ था सजेती थाना क्षेत्र के धरमंगदपुर गांव निवासी स्वर्गीय इंद्रपाल सचान का पुत्र सर्वेश उर्फ कल्लू सचान ने कानपुर के डीएवी कॉलेज से स्नातक की शिक्षा पूरी की थी। पढ़ाई के बाद वर्ष 1989 में वह घर छोड़कर हरिद्वार चला गया। कुछ समय बाद उसने साधु जीवन अपना लिया और हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले के दौड़ी देवी टपरे गांव स्थित शिवशक्ति धाम मंदिर में रहने लगा। इसके बाद वह कभी-कभी गांव आता था। करीब 9 वर्ष पहले सर्वेश गांव आया था, उस समय पारिवारिक जमीन और हिस्सेदारी को लेकर माता-पिता व अन्य परिजनों से उसका विवाद हो गया था। विवाद इतना बढ़ा कि ग्रामीणों के हस्तक्षेप और विरोध के बाद उसे गांव छोड़कर जाना पड़ा था। इसके बाद वह लंबे समय तक गांव नहीं लौटा। अब एसआईआर फॉर्म भरने के लिए आवश्यक शैक्षिक व पारिवारिक दस्तावेजों की जरूरत पड़ने पर वह 3 दिसंबर को साधु के वेश में गांव पहुंचा। 5 घंटे तक पंचायत चली, इसके बाद मामला शांत हुआ गांव आने के बाद वह अपने रिश्तेदार सुभाष के घर ठहरा। साधु वेश में सर्वेश के गांव पहुंचने की सूचना जब घाटमपुर में रह रहे परिजनों को लगी, तो उन्होंने किसी नए विवाद की आशंका जताते हुए गांव पहुंचकर उसे पहचानने से ही इनकार कर दिया। इसके बाद गांव वालों ने सजेती पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने साधू से पूछताछ की। इस दौरान सर्वेश ने अपनी मार्कशीट, पुराने कागजात और पहचान संबंधी दस्तावेज पुलिस को दिखाए, जिससे उसकी पहचान हुई। इसके बाद गांव में पांच घंटों तक पंचायत चली। पुलिस और ग्रामीणों के समझाने के बाद परिजनों ने आपत्ति छोड़ दी। पुलिस का कहना है, कि मौके पर शांति व्यवस्था बनी रही और किसी पक्ष की ओर से कोई लिखित शिकायत नहीं दी गई है।
अलीगढ़ में बिजली बिल 2025, स्मार्ट मीटर योजना और बिजली निजीकरण के विरोध में मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा और बिजली उपभोक्ता साझा मंच के नेतृत्व में लाल डिग्गी पर अनिश्चितकालीन महापड़ाव शुरू हो गया है। कार्यालय पर शाम तक सुबह किसानों और मजदूरों की भीड़ ने मांगों के लिए प्रदर्शन किया। 9 संगठनों ने संभाला मोर्चा महापड़ाव में पहले दिन भाकियू टिकैत, क्रांतिकारी किसान यूनियन, किसान सभा, भाकियू हरपाल, भाकियू सुनील, भारतीय हलधर किसान यूनियन, मानव सेवा दल, निर्माण श्रमिक संगठन और यूपीएमएसआर भगत सिंह मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मोर्चा संभाला। सभी संगठनों ने स्मार्ट मीटर और निजीकरण का विरोध किया। नया बिजली विधेयक जनविरोधी सभा को संबोधित करते हुए भाकियू सुनील के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील चौधरी ने कहा कि स्मार्ट मीटर आम उपभोक्ताओं को लूटने की योजना है। किसान-मजदूर मिलकर इसका जोरदार विरोध करेंगे। भाकियू हरपाल के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरपाल सिंह ने नए बिजली विधेयक को जनविरोधी बताते हुए कहा कि सरकार जनता की सहमति बिना यह कानून थोपना चाहती है, जिसका एकजुट होकर विरोध किया जाएगा। बिना सहमति लागू किया विधेयक भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष विमल तोमर ने कहा कि 9 दिसंबर 2021 को केंद्र सरकार ने किसानों से लिखित वादा किया था कि सहमति के बिना बिजली संशोधन बिल लागू नहीं किया जाएगा। लेकिन वादा तोड़कर बिजली विधेयक 2025 लाया गया है। इसका देशव्यापी विरोध किया जाएगा। सभा की अध्यक्षता सत्यवीर चौधरी, इदरीश मोहम्मद और सुल्तान सिंह ने की। किसान जारी रखेंगे स्मार्ट मीटर का विरोध मुख्य अभियंता पंकज अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता अंशुमान यादव समेत अन्य विद्युत अधिकारी धरनास्थल पहुंचे। उन्होंने सभी मांगें सुनने के बाद आश्वासन दिया कि शासन-प्रशासन तक इन्हें पहुंचाया जाएगा। वहीं, संयुक्त मोर्चा ने धरने से आह्वान किया गया कि गांवों में किसान स्मार्ट मीटर का सामूहिक विरोध जारी रखें और घरों में लगे मीटर हटवाने तथा उनकी वापसी का मांगपत्र धरनास्थल पर लाकर अधिकारियों को सौंपें। 129 किसान हटा चुके हैं स्मार्ट मीटर संयुक्त मोर्चा ने 10 दिसंबर को जिरौली डोर के किसानों के महापड़ाव की कमान संभालने की घोषणा की। जिरौली डोर के 129 किसान 8 अगस्त को घरों से स्मार्ट मीटर हटाकर पहले ही विरोधस्वरूप जमा करा चुके हैं। चेतावनी दी कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो विरोध जारी रहेगा। ये रहे मौजूद आज के धरने में क्रांतिकारी किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव शशिकांत, प्रदेश उपाध्यक्ष नगेंद्र चौधरी, मंडल प्रभारी सुरेश चंद्र गांधी, उपाध्यक्ष सत्यवीर चौधरी, अशोक नगोला, भाकियू जिलाध्यक्ष सुंदर सिंह बाल्यान, जिला युवाध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव, मुस्तकीम पठान, मुनेश पाल सिंह, विजयपाल सिंह, वीरकरण फौजी, जगदीश यादव, सुभाष शर्मा, हरेन्द्र पाल सिंह, भोला चौधरी, किसान सभा के जिलाध्यक्ष सूरजपाल उपाध्याय, हलधर किसान यूनियन के अमित भारद्वाज, भाकियू सुनील के प्रदेश उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह, रामवती सिंह, प्रमोद सिंह, के.बी. सिंह, भगवती प्रसाद, कृष्णकांत सिंह सहित कई किसान नेता मौजूद रहे।
भारत पाकिस्तान या बांग्लादेश नहीं, जहां इस्लामिक कानून चलता हो : गिरिराज सिंह
मौलाना अरशद मदनी के 'वंदे मातरम' पर दिए गए बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तीखा पलटवार किया और कहा कि मदनी हों या गजनी, यह पाकिस्तान नहीं, बांग्लादेश नहीं, जहां इस्लामिक कानून चलता हो। यह भारत है
शिवपुरी जिला अस्पताल शिवपुरी में मंगलवार को कलेक्टर रविंद्र कुमार चौधरी ने अचानक निरीक्षण किया। उन्होंने एसएनसीयू यूनिट, मेटरनिटी वार्ड, डायलिसिस यूनिट, गायनिक ओपीडी और अन्य विभागों की व्यवस्था देखी। निरीक्षण के दौरान सिविल सर्जन डॉ. बी.एल. यादव, तहसीलदार सहित स्वास्थ्य स्टाफ मौजूद रहा। कलेक्टर ने अस्पताल की सेवाओं को और बेहतर करने के लिए कई अहम निर्देश दिए। मेटरनिटी वार्ड में उन्होंने मरीजों के साथ आने वाले परिजनों के लिए बैठने की व्यवस्था सुधारने को कहा। साथ ही मरीजों के पास केवल एक ही अटेंडेंट रहने की अनुमति देने और अटेंडेंट पास सिस्टम को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। अस्पताल परिसर में भीड़ और अव्यवस्था रोकने के लिए वाहन आवाजाही पर नियंत्रण रखने और खुले स्थानों पर चंपा के पेड़ लगाने को कहा। डायलिसिस यूनिट में स्टाफ और संसाधनों की कमी को देखते हुए कलेक्टर ने 24x7 सेवा सुचारू रखने के लिए मानव संसाधन और मशीनों की पूर्ति हेतु वरिष्ठ कार्यालय को पत्र भेजने के निर्देश दिए। आयुष्मान कक्ष में उन्होंने साफ कहा कि पात्र आयुष्मान कार्डधारकों को सीधे वार्ड में भर्ती किया जाए। कलेक्टर ने डीएनबी/एनबीई और पीजी डिप्लोमा छात्रों के लिए लाइब्रेरी की व्यवस्था सुनिश्चित करने, पीडियाट्रिक ओपीडी को विस्तारित करने, शिशु रोग आपात सेवाओं को मजबूत करने और पीआईसीयू में बढ़ते मरीजों के लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन पैनल लगाने के निर्देश भी दिए। साथ ही अस्पताल के वार्डों में शुद्ध पेयजल स्रोत स्थापित करने और अनुपयोगी डीजी सेट की अपलेखन प्रक्रिया को तेज करने पर भी जोर दिया।
बुरहानपुर जिले के दूरस्थ वनग्राम मालवीर टांडा में चिकनगुनिया जैसे लक्षण मिलने पर स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। गांव में मंगलवार को शिविर लगाकर मरीजों का इलाज किया गया। स्वास्थ्य टीम ने शिविर में 20 मरीजों को दवाएं और प्राथमिक उपचार दिया। चिकनगुनिया की पुष्टि के लिए 5 मरीजों के रक्त के नमूने लिए गए हैं, जिनकी रिपोर्ट दो दिन बाद खंडवा से आएगी। टीम ने घर-घर जाकर सर्वे भी किया। वनग्राम होने से वायरस फैलने की आशंका ज्यादा टीम के अनुसार मालवीर टांडा में 150 से अधिक परिवार रहते हैं और अधिकांश लोग महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में आते-जाते हैं। यह इलाका वनग्राम है, जहां मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल स्थितियां रहती हैं। गांव में पांच जगह मिला एडीज मच्छर का लार्वा सर्वे में पांच स्थानों पर एडीज मच्छर का लार्वा मिला, जिसे तुरंत नष्ट किया गया। ग्रामीणों को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनने, मच्छरदानी लगाने और घरों में सात दिन से ज्यादा पानी जमा न होने देने की सलाह दी गई। विभाग ने बताया कि चिकनगुनिया जानलेवा रोग नहीं है। मच्छर के काटने के दो-तीन दिन बाद तेज बुखार, जोड़ों का दर्द, थकान, लाल दाने और कभी-कभी उल्टी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। उचित इलाज और आराम से मरीज आसानी से ठीक हो सकता है। बचाव के लिए मच्छर से खुद को सुरक्षित रखना सबसे जरूरी है।
रायपुर नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स जमा न करने वाले 9 बकायेदारों पर कार्रवाई की है,डिमांड बिल, नोटिस और अंतिम चेतावनी के बाद भी भुगतान न करने पर कुल 9 बकायेदारों पर कार्रवाई शुरू की गई। इनमें से कार्रवाई के दौरान 4 बकायेदारों ने मौके पर ही पूरा बकाया जमा कर दिया वहीं 5 बड़े बकायेदारों की संपत्तियां सील की गई भुगतान न करने पर इन 5 बकायेदारों की संपत्तियां सील की गई— कई बड़े बकायेदारों ने नहीं दिया है प्रॉपर्टी टैक्स रायपुर नगर निगम ने प्रॉपर्टी टैक्स वसूली को लेकर बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। निगम की टीम ने शहर के प्रमुख व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और बड़े बकायेदारों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी कार्रवाई के तहत गौरव गार्डन और मधुबन को प्रॉपर्टी टैक्स बकाया होने पर डिमांड बिल और नोटिस जारी किया गया है। निगम की टीम ने अम्बुजा मॉल, डिकैथलॉन, श्रीराम बिजनेस पार्क, सफायर ग्रीन, राम वर्ल्ड, अमर मैरिज पैलेस, गोयल गोडाउन और वाइन शॉप सहित कई प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण कर प्रॉपर्टी टैक्स से जुड़े दस्तावेजों की जांच की। यह अभियान नगर निगम के जोन-9 राजस्व विभाग की टीम द्वारा चला रही है। 100% राजस्व वसूली का है लक्ष्य नगर निगम आयुक्त विश्वदीप ने कहा कि प्रॉपर्टी टैक्स वसूली में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी 10 जोनों को आदेश दिए हैं कि बड़े बकायेदारों को तुरंत डिमांड बिल सहित नोटिस जारी किए जाएं और राजस्व वसूली में तेजी लाई जाए। जिसके बाद गौरव गार्डन, मधुबन, ओमया और अमायरा में सर्वे कर प्रॉपर्टी टैक्स की जांच की गई। इसके बाद आज गौरव गार्डन और मधुबन को नोटिस जारी कर दिया गया है। अंबुजा मॉल और डिकैथलॉन, श्रीराम बिजनेस पार्क और सफायर ग्रीन को भी जल्द ही नोटिस देने की तैयारी चल रही है।

