फ्रांसीसी एयरक्राफ्ट मेन्यूफेक्चरिंग कंपनी डसॉल्ट एविएशन प्रदेश में एक शैक्षणिक व ट्रेनिंग सेंटर बनाना चाहती है। इस सेंटर में स्टूडेंट्स को एयरक्राफ्ट से संबंधित स्किल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही कंपनी में अप्रेंटिस के अवसर भी दिए जाएंगे। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) डसॉल्ट कंपनी की ओर से दिए गए इस प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है। प्राधिकरण ने डसॉल्ट से पूछा है कि इस सेंटर के लिए कितनी जमीन की आवश्यकता होगी। 10 और 12वीं स्टूडेंट्स के लिए कोर्स होंगे ऑफर YEIDA के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि डसॉल्ट सेंट्रल मिनिस्ट्री ऑफ स्किल डेवलेपमेंट और डिफेंस के साथ मिलकर एक कौशल विकास केंद्र खोलने की योजना बना रहा है। सिंह ने कहा, वे हाई स्कूल और पॉलिटेक्निक के स्टूडेंट्स के लिए एयरोनॉटिक्स कोर्स लाना चाहते है। इसके अलावा एयरक्राफ्ट रिपेयर और मेनटेनेंस (MRO) पर केंद्रित एक विश्वविद्यालय भी बनाना चाहते हैं। डसाल्ट का प्लान है कि वह कक्षा 10 पास करने वाले स्टूडेंट्स के लिए एयरक्राफ्ट मेनटेनेंस के लिए 3 साल का कोर्स और एक साल का डिप्लोमा देगा। वहीं कक्षा 12 पास करने वाले स्टूडेंट्स यहां से एयरक्राफ्ट मैंटेनेंस में बीएससी कर सकेंगे। सेकेंड फेज में मिल सकती है जमीननोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) के प्रमुख अरुण वीर सिंह ने कहा कि डसॉल्ट को आगामी नोएडा एयरपोर्ट के दूसरे चरण के तहत आरक्षित 1,365 हेक्टेयर क्षेत्र में जमीन दी जा सकती है। यह क्षेत्र एमआरओ हब यानी (विमानों की सर्विसिंग और मरम्मत के लिए) और अन्य विमानन सुविधाओं के लिए है। एमआरओ हब की स्थापना से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने और रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। सिंह ने कहा कि डसॉल्ट तीन से चार अन्य शीर्ष एयरक्राफ्ट मेन्यूफेक्चरर के साथ मिलकर उसी क्षेत्र में एमआरओ इकाइयां स्थापित करने के लिए भी चर्चा कर रहा है। उन्होंने कहा, डसॉल्ट नागरिक और सैन्य दोनों तरह के विमानों के मेनटेनेंस का काम करेगा। एक नजर भारत में एमआरओ बाजार इंडस्ट्री रिपोर्ट के अनुसार, भारत का एमआरओ बाजार 2021 में 1.7 बिलियन डॉलर का था और 2030 तक इसके 7 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की उम्मीद है। इस समय के दौरान भारत में नागरिक विमानों की संख्या 700 से बढ़कर 1,100 से अधिक होने की उम्मीद है। इसके समर्थन के लिए प्रदेश सरकार एक विशेष एमआरओ नीति शुरू की है। इसके तहत, एमआरओ सुविधाएं स्थापित करने वाली कंपनियों को उनके निवेश के आधार पर 5% से 12% तक की सब्सिडी मिल सकती है।
अयोध्या में पर्यटन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत अयोध्या जनपद में पर्यटन विकास एवं अवस्थापना सुविधाओं के उच्चीकरण के लिए 92.46 करोड़ रुपये की 16 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। ये परियोजनाएं तीर्थ विकास परिषद, अयोध्या के मुख्य कार्यपालक अधिकारी के प्रस्ताव पर स्वीकृत की गई हैं। इन परियोजनाओं को उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट्स कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा क्रियान्वित किया जाएगा। सूचना विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, इन परियोजनाओं के अंतर्गत विकासखंड तारून स्थित कम्हरिया बाबा मंदिर का पर्यटन विकास किया जाएगा। वहीं अयोध्या में राम की पैड़ी पर दर्शक दीर्घा और पर्यटन सुविधाओं का निर्माण होगा। इसके अलावा मखोड़ा, भरतकुंड, श्रावण क्षेत्र, श्रृंगी ऋषि का आश्रम तथा दशरथ समाधि स्थल का सौन्दर्यीकरण कराया जाएगा। ठाकुर राम जानकी नई पंचायती मंदिर का भी पर्यटन विकास और सौन्दर्यीकरण किया जाएगा। मिल्कीपुर विधानसभा के अंतर्गत अमानीगंज के रामपट्टी गांव में स्थित गहनाग बाबा धाम, सुच्चितागंज (सोहावल), तुलसीदास छावनी मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों का भी विकास किया जाएगा। सरयू नदी के तट पर स्थित राजघाट के पास एम्फीथिएटर और फूड कोर्ट का निर्माण प्रस्तावित है। इसके साथ ही साकेत सदन परिसर में पंचकोसी, चौदहकोसी और चौरासी कोसी परिक्रमा संग्रहालय तथा इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा रामपथ, भक्तिपथ, धर्मपथ, जन्मभूमि पथ जैसे प्रमुख मार्गों का विकास, गुलाब बाड़ी फार्म का सौन्दर्यीकरण, कौशलेश सदन, भास्कर भवन और संत निवास का जीर्णोद्धार भी कराया जाएगा। गुप्तार घाट पर यात्रियों की सुविधा हेतु बेंच, प्रकाश व्यवस्था सहित अन्य आवश्यक सुविधाओं की स्थापना की जाएगी। इन परियोजनाओं के माध्यम से अयोध्या को एक विश्वस्तरीय धार्मिक एवं सांस्कृतिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।
लोकबंधु अस्पताल में सोमवार रात आग से एक मरीज की मौत हो गई। करीब 250 मरीजों को दूसरे अस्पतालों में ट्रांसफर करना पड़ा। अब प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन ने आग की घटना की जांच के लिए 5 सदस्यीय टीम गठित कर दी। इसकी अध्यक्षता डीजी मेडिकल हेल्थ करेंगे। उन्हें 15 दिन में रिपोर्ट सब्मिट करनी है। इससे पहले भास्कर रिपोर्टर ने अस्पताल में अग्निकांड को लेकर पड़ताल की। ये जानने की कोशिश कि आखिर इस लापरवाही के पीछे के जिम्मेदार कौन हैं? इसमें फायर सिस्टम के नोडल इंचार्ज, फायर प्रोटेक्शन एजेंसी और सिक्योरिटी एजेंसी की कुछ खामियां सामने आई हैं। अस्पताल सूत्र बताते हैं कि 1 अप्रैल को ही अस्पताल में नेशनल क्वालिटी एस्योरेंस स्टैंडर्ड्स (NQAS) की टीम ने मानकों को लेकर जांच की थी। जिसमें नोडल इंचार्ज भी मौजूद थे। उन्हें कुछ हिदायत भी दी थी, लेकिन जिसे उन्होंने समय रहते दुरुस्त नहीं कराया। पास में एम्बुलेंस पार्किंग होने से बड़ी कैजुअल्टी टल गई। अस्पताल में फायर प्रोटेक्शन का काम गोविंद एजेंसी देखती है। लेकिन आग के वक्त ये देखने में आया कि वहां लगी कई पानी की पाइपें खुली ही नहीं। कई फायर एक्सटिंग्युशर भी नहीं चले। वहीं, कैंपस में तैनात सिक्योरिटी गार्ड को आग की भनक तक नहीं लग सकी। वे अगर समय रहते तो सूचना देते तो अस्पताल में अफरातफरी को रोका जा सकता था। सबसे पहले घटना के 3 जिम्मेदारों को जानिए- अब जानिए वो तीन बातें, जिनकी वजह से बड़े हादसे को टाला जा सका- 1. अस्पताल के पास में एम्बुलेंस की पार्किंग थी लोकबंधु अस्पताल के बेहद नजदीक आशियाना के सेक्टर-M1 में एम्बुलेंस का बड़ी पार्किंग है। यहीं पर एम्बुलेंस संचालक का ऑफिस भी है। यही वजह है कि अस्पताल में आग घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर बड़ी संख्या में एम्बुलेंस पहुंच गईं। इससे मरीजों को तुरंत दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया जा सका। खासकर, आईसीयू और एनआईसीयू के मरीजों की जान बचाई जा सकी। महज आधे घंटे के भीतर 30 से ज्यादा नई एम्बुलेंस मौके पर पहुंच गई थीं। इनके जरिए 5 मरीजों को KGMU के ट्रॉमा सेंटर, 26 मरीजों को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल, 15 मरीजों को बलरामपुर अस्पताल भेजा गया। महिला मरीजों को झलकारी बाई और डफरिन अस्पताल भेजा गया है। 2. डिप्टी सीएम और टॉप अधिकारियों का पहुंचना आग लगने जानकारी होते ही मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक पहुंच गए। उनसे दो मिनट पहले जिलाधिकारी विशाख जी अय्यर पहुंचे थे। महकमे के मंत्री और अधिकारियों की मौजूदगी के कारण अस्पताल प्रशासन तेजी से एक्टिव हुआ। इससे मरीजों को काफी मदद मिली। डिप्टी सीएम खुद ही अधिकारियों और अस्पतालों को फोन पर निर्देश देने लगे। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के निर्देश पर ही बड़ी संख्या में एम्बुलेंस पहुंचीं। जिलाधिकारी ने फौरन ट्रॉमा सेंटर, बलरामपुर अस्पताल और सिविल अस्पताल को अलर्ट किया। मंडलायुक्त रोशन भी मौके पर थीं। अधिकारियों की मौजूदगी के कारण विभाग ने तत्परता दिखाई। 3. भर्ती मरीजों की संख्या का कम होना वीकेंड और अंबेडकर जयंत के चलते लगातार 2 दिन का अवकाश होने के चलते अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या आम दिनों की अपेक्षा काफी कम थी। कम मरीज होने से हताहतों को बाहर निकालना आसान हो गया। अगर सामान्य दिनों में यह हादसा होता तो बेहद भयावह हो सकता था। क्योंकि मरीजों की भीड़ कम होने से लोगों को भागने की जगह नहीं मिल पाती। भीड़ होने पर हॉल के बाहर गैलरी में जगह कम होती तो भगदड़ जैसे हालात बन सकते थे। फायर प्रोटेक्शन एजेंसी का सफाईनामा पढ़िए गोबिंद फायर एजेंसी के प्रोपराइटर गणेश ने बताया- लोकबंधु अस्पताल के फायर प्रोटेक्शन सिस्टम को हम मेंटेन कर रहे हैं। सभी उपकरणों का रखरखाव ठीक से हो इसका ध्यान रखा जाता है। अस्पताल के स्टाफ को 7 से 15 दिन में ट्रेनिंग दी जाती है। मॉक ड्रिल भी की जाती है। घटना की जानकारी होते ही मौके पर मैं खुद टीम के साथ पहुंचा। सभी को बचाने का भरसक प्रयास किया। अब घटना के फाइटर हीरोज से मिलिए, जिन्होंने 2 घंटे आग से लोगों को निकाला एक फाइटर को अस्पताल पहुंचाना पड़ा अस्पताल की फायर यूनिट में काम करने वाले मोहम्मद दिलशाद ने कई लोगों को बचाया। आग जब शांत हुई और रेस्क्यू पूरा हुआ तो दिलशाद अस्पताल के एक कोने में थककर बैठ गया था। उसके कपड़े झुलस चुके थे और सांस लेने में दिक्कत आ रही थी। बाद में उसे भी इलाज के लिए दूसरे अस्पताल भेजा गया। जान की बाजी लगाकर जान बचाई आग को काबू पाने में और घटना को रोकने में सबसे अहम भूमिका दमकल कर्मियों ने निभाई। सीएफओ मंगेश कुमार ने बताया कि रात 9:44 बजे सूचना मिली। तत्काल आलमबाग, सरोजनी नगर, हजरतगंज, चौक और गोमतीनगर के प्रभारियों को बुलाया गया। 5 टीमें बनाकर काम शुरू हुआ। काम मुश्किल था क्योंकि स्मोक फैला हुआ था। बिजली जा चुकी थी। आग बुझानी थी और लोगों को निकालना भी था। आग बुझाने के लिए 15 दमकल गाड़ियों का इस्तेमाल हुआ। दमकल कर्मियों ने साहस के जान पर खेलते हुए लोगों की जान बचाई। अब उन तीमारदारों से जानिए, जो घटना के प्रत्यक्षदर्शी हैं- ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से जान गई लोकबंधु अस्पताल में आग से हुसैनगंज के छितवापुर निवासी राजकुमार प्रजापति (61) की मौत हो गई। अनूप दुबे ने बताया कि राजकुमार उनके मित्र के पिता थे। 12 तारीख को भर्ती कराया था। लूज मोशन आ रहे थे और सांस लेने में भी दिक्कत थी। आग लगने के बाद अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई बंद कर दी गई, जिससे उनकी मौत हो गई। लोकबंधु अस्पताल से सिविल अस्पताल लेकर आए तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। राजकुमार की मौत के बाद परिवार की स्थिति बेहद खराब है। कुछ समझ आता कि आग फैल गई अस्पताल में मौजूद अर्चना सिंह ने बताया कि उनकी चाची मधु सिंह के पिता का ऑपरेशन हुआ था। अपने मरीज के साथ वह वार्ड में थीं तभी अचानक लोगों के चीखने को आवाजें सुनाई देने लगीं। देखते ही देखते धुआं भरने लगा तब समझ में आया कि आग लग गई है। अचानक हुई इस घटना के बाद कुछ देर तो समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा है। फिर हम लोग मरीज को धीरे-धीरे अस्पताल के बाहर लेकर आए। हमारे मरीज को सिविल अस्पताल ले जाया गया। सब लोग भाग रहे थे, पिताजी लेटे रहे अस्पताल में मौजूद विश्वजीत ने बताया कि उनके पिता मुन्नी लाल (55) एक सप्ताह से भर्ती थे। आग लगने की सूचना पर भागते हुए हॉस्पिटल पहुंचे तो देखा गेट पर लगभग 400 लोगों का जमावड़ा लगा था। इस भीड़ में किसी के पास उनके पिता नहीं थे। भागते हुए 116 नंबर पर बेड पर पहुंचे तो देखा कि वह लेटे हैं। फौरन उन्हें बाहर निकाला। उसके बाद उस वार्ड और कई मरीज थे सबको बाहर निकाला। फिलहाल पिता को घर लेकर आ गए हैं । उस समय माहौल बहुत गंभीर और डरावना था। 3 किलोमीटर दूर से दिखीं आग की लपटें अस्पताल पहुंचे महेश रावत ने बताया कि उनका घर वहां से 3 किलोमीटर दूर है। अस्पताल में बुआ को भर्ती करवाया था। जब आग लगी तो उसकी लपटें उनके घर तक नजर आ रही थीं। वह काम पर थे। घरवालों ने आग देखकर उन्हें बताया तो वे तत्काल अस्पताल पहुंचे। वहां देखा कि माहौल बहुत गंभीर था। चारों तरफ मरीज चीख-पुकार मचा रहे थे और भाग रहे थे।
कानपुर में कारोबारी के ममेरे भाई ने ही घर पर चोरी को अंजाम दे दिया। अपने लोगों के साथ मिलकर उसने कारोबारी को घर से सारी गृहस्थी का सामान एक लोडर में भरवाया और उसे कबाड़ी के यहां बेच दिया। घटना में कौन शामिल था इसकी जानकारी कारोबारी को तब हुई जब त्रिनेत्र योजना के तहत लगाए गए सीसी टीवी कैमरे की फुटेज देखी गई। उसमें ममेरे भाई ही आरोपी निकला। कारोबारी ने बाबूपुरवा थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। अजीतगंज निवासी राकेश अवस्थी के मुताबिक उनकी गृहस्थी का पूरा सामान चोरी हो गया था। राकेश के मुताबिक उन्हें शमशाद अली नाम के युवक पर शक था। जिसके खिलाफ उन्होंने बाबूपुरवा थाने में शमशाद के नाम पर तहरीर दे दी। पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की। इधर, राकेश अवस्थी ने घर के पास त्रिनेत्र योजना के तहत लगे सीसी टीवी कैमरों में छानबीन शुरू की। राकेश अवस्थी के मुताबिक जब उन्होंने सीसी टीवी कैमरा देखा तब उन्हें असलियत का पता चला। कैमरे की फुटेज में उनके ममेरा भाई विद्यानंद पाण्डेय ने खुद उनकी गृहस्थी का सामान चोरी करके लोडर में भरा और कबाड़ी को बेच दिया। राकेश के मुताबिक ममेरे भाई ने ही उनके घर का ताला तोड़ा था। राकेश के मुताबिक उनकी गृहस्थी का पूरा सामान 9-10 लाख रुपए का था। इसके बाद राकेश ने बाबूपुरवा पुलिस को विद्यानंद के खिलाफ तहरीर दी। बाबूपुरवा पुलिस ने तहरीर के आधार पर विद्यानंद के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इंस्पेक्टर बाबूपुरवा के मुताबिक मामले में सीसी टीवी फुटेज प्राप्त हो गई है। उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कानपुर के काकादेव थाना पुलिस और सर्विलांस टीम ने आईपीएल में सट्टा खिलवाने वाले तीन शातिरो को गिरफ्तार किया। दो दिन पूर्व हुए इस खुलासे मे पुलिस ने आरोपियो को जेल भेज दिया था। आरोपी मैच खत्म होने के बाद कार में बैठकर रुपयों का हिसाब कर रहे थे। सर्विलांस सेल प्रभारी की तहरीर पर काकादेव थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। दो दिन पूर्व सर्विलांस सेल के प्रभारी पवन प्रताप और काकादेव पुलिस रावतपुर क्रासिंग के पास गश्त कर रही थी। तभी पता चला कि गोल चौराहा पुल के पास सटोरिये इकट्ठा हुए हैं। पुलिस और सर्विलांस टीम ने छापेमारी की। जहां एक कार में बैठकर सटोरिया आईपीएल मैच का सट्टा लगाने के साथ पार्टी कर रहे थे। कार का गेट खुलवाकर देखा तो तीन लोग बैठे मिले। पुलिस ने तीनों को पकड़कर तलाशी ली। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह मैच खत्म होने के बाद रुपयों का हिसाब कर रहे थे। काकादेव पुलिस के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों ने अपना नाम सफेद कालोनी किदवई नगर निवासी मोहम्मद शाहिद, बर्रा विश्वबैंक निवासी संदीप द्विवेदी व चकेरी के श्यामनगर निवासी सुमित कुमार आनंद बताया। आरोपियों के मोबाइल ब्राउजर में एक बैटिंग बेवसाइट मिली। जिसके बारे में पूछने पर बताया कि इस बेवसाइट पर ऑन लाइन स्पोर्ट बैटिंग आईडी बनवाई थी। जिसमें आईपीएल के प्रतिदिन के मैचों का स्कोर बोर्ड के साथ भाव प्रदर्शित होता रहता है। इ सी साइट के जरिए आईपीएल में सट्टा खेलते व खिलवाते हैं। सट्टा खेलने वाले अन्य लोग शहर के विभिन्न क्षेत्रों में उनके एजेंटों से संपर्क करते हैं। एजेंट रुपयों को उनके पास लेकर आते थे। जिसके वाद वह लोग हिसाब करते है। इंस्पेक्टर काकादेव ने बताया कि आरोपियों के पास से 1.15 लाख रुपये, तीन स्मार्ट फोन, एक कीपैड, कैलकुलेटर, कार बरामद हुई है। सर्विलांस टीम के प्रभारी की तहरीर पर तीनों के खिलाफ जुआ अधिनियम की धाराओं में रिपोर्ट दर्जकर कार्रवाई की जा रही है।
कैथल में कलायत के पूर्व विधायक एवं हिसार से सांसद जयप्रकाश जेपी ने एयरपोर्ट के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नायब सैनी को उनके सवाल का जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि हिसार में इंटरनेशनल एयरपोर्ट की बजाय एयरोड्रम बनाकर सरकार ने प्रदेश की जनता के साथ छलावा किया है। प्रदेश के लोगों ने अपनी जमीन इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए दी थी, लेकिन अरबों-खरबों की जमीन देने का लोगों को वह लाभ नहीं मिला, जिसके वे हकदार थे। कहा- चहेतों को पहुंचाया लाभ सांसद ने कहा कि, एयरपोर्ट का हवाला देकर कई बड़े प्रोजेक्ट रोक दिए गए, लेकिन फिर भी एयरोड्रम ही बनाया गया। भाजपा ने अपने चहेतों को इससे लाभ पहुंचाया और कमाई का जरिया दिया। गौरतलब है कि, जेपी ने इस मुद्दे को लेकर कहा था कि हिसार में इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने संबंधित दस्तावेज सरकार पेश कर दे तो वे अपने पद से इस्तीफा दे देंगे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने उनसे इस्तीफे की मांग की। अब उसके जवाब में जयप्रकाश जेपी ने कहा कि सरकार साबित करे कि यह इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। वे अब भी इस्तीफा देने को तैयार हैं। अगर ऐसा नहीं कर सकते तो एयरपोर्ट का दावा करने वालों को उनसे व प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। लड़ाई रखेंगे जारी जयप्रकाश ने कहा कि कांग्रेस के शासन में एयरपोर्ट मंजूर हुआ था, लेकिन अब सरकार ने एयरपोर्ट के स्थान पर एयरोड्रम बना दिया। ऐसा केवल अपने लाभ के लिए किया गया है। इसके लिए वे अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। जब तक इसे इंटरनेशनल एयरपोर्ट नहीं बनाया जाता वे चुप नहीं बैठेंगे। अगर भाजपा इसको एयरपोर्ट नहीं बनाती है तो कांग्रेस की सरकार आने पर एयरपोर्ट बनाया जाएगा। तभी हरियाणा के लोगों को अपने त्याग का पूरा लाभ मिल सकेगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में आधे से ज्यादा जजों के पद खाली हैं। डिस्ट्रिक कोर्ट में देश की न्यायिक व्यवस्था को लेकर इंडिया जस्टिस रिपोर्ट (आईजेआर) 15 अप्रैल को जारी कर दी गई। इस बार पिछली रिपोर्ट (2023) के मुकाबले कुछ सुधार हुआ है। यूपी की जेलों में अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा कैदी हैं। वहीं, हाईकोर्ट में आधे से ज्यादा जजों के पद खाली हैं। जिला कोर्ट की स्थिति भी ज्यादा बेहतर नहीं है। चार में से एक जज के पद खाली हैं। वहीं, 1.2 करोड़ केस लंबित हैं। रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश को कानूनी सहायता में 18वां और न्यायपालिका में 17वां स्थान मिला है। 2022 में यह क्रमश: 18वें और 15% नंबर पर था। उत्तर प्रदेश की समग्र रैंकिंग 2025 में एक पायदान ऊपर चढ़ी है, लेकिन 18 बड़े और मध्यम आकार के राज्यों में यह अब भी सबसे निचले तीन राज्यों में बना हुआ है। शीर्ष स्थान पर कर्नाटक कायम है, इसके बाद आंध्र प्रदेश (2022 में 5वें से दूसरा), तेलंगाना (तीसरा), और केरल (छठा) स्थान पर हैं। छोटे राज्यों (1 करोड़ से कम आबादी) में सिक्किम ने फिर से पहला स्थान हासिल किया, इसके बाद हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश हैं। तीन मानकों पर देखिए क्या है यूपी की स्थिति 1- कोर्ट: तीन साल से अधिक समय से लंबित मामलों की उच्च हिस्सेदारी1 जनवरी 2025 तक, इलाहाबाद हाई कोर्ट में देश में सबसे अधिक 11 लाख मामले लंबित थे। इनमें से 71% मामले तीन साल से अधिक समय से लंबित थे, जो देशभर में सबसे अधिक है। इसके साथ ही, आधे से अधिक जजों की कमी और 78% की कम केस निपटाने की दर है। जिला अदालतों में, राज्य के 1.2 करोड़ लंबित मामलों में से 53% मामले तीन साल से अधिक समय से लंबित हैं। 2-पुलिस: खाली पद पहले से कम हुएजनवरी 2017 से जनवरी 2023 के बीच पुलिस में रिक्तियां काफी कम हुई हैं। कॉन्स्टेबल की रिक्तियां 53% से घटकर 28% और अधिकारियों की रिक्तियां 63% से घटकर 42% हो गई हैं। फोरेंसिक विभाग में, हर दो में से एक वैज्ञानिक कर्मचारी की कमी है और प्रशासनिक कर्मचारियों में 19% की कमी है। 2010 से जनवरी 2023 के बीच, राज्य पुलिस में जाति कोटा पूरा करने में असमर्थ रहा है। अनुसूचित जाति (एससी) अधिकारियों की रिक्तियां इस अवधि में 60% से अधिक रही हैं, जबकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) अधिकारियों की रिक्तियां 88% तक पहुंच गईं, जो 2023 में राज्यों में सबसे अधिक थी। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में कुछ सुधार हुआ है, जहां रिक्तियां 2010 में 59% से घटकर जनवरी 2023 में 23% हो गई हैं। 3-जेल: क्षमता से 80% अधिक भरीं उत्तर प्रदेश की जेलें अपनी क्षमता से 80% अधिक भरी हुई हैं और कुल कर्मचारियों की कमी 28% है। जेल कर्मचारियों में सबसे अधिक कमी चिकित्सा कर्मचारियों (54%) में है और कोई स्वीकृत सुधारात्मक कर्मचारी नहीं है। प्रति चिकित्सा अधिकारी 1000 से अधिक कैदी थे। राज्य ने अपने कुल कानूनी सहायता बजट का 93% योगदान दिया, लेकिन इसका केवल 60% ही उपयोग कर सका। नाल्सा फंड का उपयोग भी 2022-23 में घटकर 19% रह गया। राज्य के 97,000 गांवों के लिए केवल 120 कानूनी सेवा क्लिनिक थे, यानी औसतन एक क्लिनिक 815 गांवों को सेवा देता है। इंडिया जस्टिस रिपोर्ट (आईजेआर) 2025 ने कहा है कि न्याय व्यवस्था में तुरंत और बड़े बदलाव की ज़रूरत है। इसने खाली पदों को जल्दी भरने और सभी तरह के लोगों को न्याय व्यवस्था में शामिल करने पर ज़ोर दिया है। असली बदलाव लाने के लिए, रिपोर्ट ने कहा है कि न्याय देना एक आवश्यक सेवा होना चाहिए।
लखीमपुर खीरी के एसपी रहे तो तराई बेल्ट में सिख आतंकियों की रीढ़ तोड़ी। 12 आतंकियों को ढेर किया। जब लखनऊ के गेस्ट हाउस कांड में एसपी पद से हटाया गया तो CM मायावती से सीधे सवाल किया, मुझे क्यों सस्पेंड किया? मेरा रिकॉर्ड चेक कर लीजिए, मैं गैर-राजनीतिक अधिकारी हूं। यह कहानी है OP सिंह की हैं, जो यूपी पुलिस फोर्स में बड़ी पहचान रखते हैं। वह 37 साल की पुलिस सर्विस में जहां भी तैनात रहे, कभी कानून व्यवस्था से समझौता नहीं किया। उनकी छवि तेजतर्रार अधिकारी की रही है। इसी के चलते यूपी और केंद्र सरकार में वह तीन-तीन फोर्सेज के मुखिया बने। उत्तर प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर की नींव रखने का श्रेय इन्हें ही जाता है। एनआरसी लागू होने के समय डीजीपी रहते हुए लखनऊ में कानून व्यवस्था की कमान अपने हाथों में ली और खुद सड़क पर उतरे। वह जनवरी 2020 में यूपी के डीजीपी के पद से सेवानिवृत्त हुए। इससे पहले सीआईएसएफ और एनडीआरएफ के डीजी भी रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश में डीजीपी बनने के बाद पहली बार पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू कराई। साथ ही यूपी पुलिस को आधुनिक प्रणाली के तौर पर खड़ा किया। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज पूर्व डीजीपी ओपी सिंह की कहानी 7 चैप्टर में पढ़ेंगे... बिहार के गया में 2 जनवरी, 1960 को जन्मे ओमप्रकाश सिंह के पिता शिव धारी सिंह बैरिस्टर रहे हैं। मां प्याली देवी गृहिणी थीं। ओपी सिंह बताते हैं, मेरी शुरुआती शिक्षा बिहार के गया में हुई। सरकारी स्कूल में पढ़ाई हुई। 14 साल की उम्र में साल 1974 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से प्रथम श्रेणी में हाईस्कूल पास किया। अंकों का प्रतिशत 75 प्लस रहा। उस समय इतने अंकों के साथ हाईस्कूल करना, किसी गौरव से कम नहीं था। हाईस्कूल पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए रांची चले गए। 1976 में सेंट जेवियर इंटर कॉलेज से प्रथम श्रेणी में ही इंटर पास किया। लेकिन, इसी दौरान पिता की मौत हो गई, पिता की मौत ने परिवार को हिलाकर रख दिया। पिता के जाने के बाद मां पर परिवार की जिम्मेदारी और भी बढ़ गईं। मां चाहती थीं कि बेटा बड़ा अफसर बने, उस समय पिता के खाते में सिर्फ 600 रुपए थे। लेकिन मां ने बेटे की पढ़ाई और परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी उठाई। ओपी सिंह बताते हैं, इसके बाद मां ने मुझे पढ़ाई के लिए प्रयागराज भेज दिया। पिता की मौत के बाद मां ने खेती की देखरेख की, जिससे घर की हालत बेहतर हो सके और पढ़ाई में किसी तरह कमी न आने पाए। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से 1978 में बीए की पढ़ाई पूरी की। पढ़ाई के दौरान इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के सर सुंदरलाल हॉस्टल में रहना हुआ। जिसके बाद पढ़ने के लिए दिल्ली आ गया। दिल्ली यूनिवर्सिटी से एमए में गोल्ड मेडल हासिल करने के बाद एमफिल भी की। ओपी सिंह बताते हैं, बचपन से ही मेरा सपना खाकी वर्दी पहनने का था। 21 साल की उम्र में जब एमफिल पूरी की तो चयन प्रोफेसर पद पर हो गया। दिल्ली यूनिवर्सिटी में 1982 से 83 तक करीब डेढ़ साल प्रोफेसर की नौकरी की। ओपी सिंह बताते हैं कि मुझे लगा कि प्रोफेसर की नौकरी से देश की इतनी सेवा नहीं की जा सकती, जितनी पुलिस ऑफिसर बनकर की जा सकती है। मां भी यही चाहती थीं कि उनका बेटा बड़ा पुलिस अफसर बने। प्रोफेसर की नौकरी करते हुए ही यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। पहले ही प्रयास में UPSC क्रैक करते हुए IPS बना और बैच मिला 1983... IPS बनने की बात जब मां और परिवार को पता चली तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। एक बार तो लोगों को यकीन भी नहीं हुआ कि 23 साल उम्र में IPS बन गया। IPS बनने के बाद जब पहली बार अपने घर आया तो दोस्त और मिलने वालों के अलावा मां की खुशी देखते ही बनती थी। मां ने जो सोचा था, वह हकीकत में पूरा हुआ। एक मां जिन्होंने कभी घर के बाहर पैर भी नहीं रखा, पिता की मौत के बाद उन्होंने ही सारे काम कराने शुरू किए। एक मां ने जो बलिदान दिया, वह सिर्फ एक मां ही दे सकती है। ओपी सिंह बताते हैं, ट्रेनिंग करने के बाद यूपी के वाराणसी में ASP की पहली पोस्टिंग मिली। इसके बाद शासन ने एसपी सिटी अलीगढ़ और एसपी सिटी इलाहाबाद की जिम्मेदारी दी। 90 के दशक में यूपी के तराई बेल्ट में सिख आतंकवाद अपने पैर पसारने लगा था। साल 1992 में लखीमपुर खीरी का पुलिस कप्तान बनाया गया। उस समय नेपाल बॉर्डर से होने वाली तस्करी और आतंकवादी गतिविधियों पर हर हाल में लगाम लगाना था। इस तराई बेल्ट में खीरी, शाहजहांपुर, पीलीभीत समेत वह जिले थे, जो नेपाल बॉर्डर से सटे थे। एक दिन सूचना मिली की आतंकी सुखविंदर सिंह पोला खीरी में छिपा है। सुखविंदर सिंह पोला पर 40 हजार रुपए का इनाम था। सूचना मिलते ही रात में ही आतंकी को घेरने की पूरी प्लानिंग कर ली। ओपी सिंह बताते हैं कि मैं लखीमपुर खीरी में एसपी था, रात का वक्त था। बहुत ही कम समय में आतंकी की घेराबंदी करनी थी। यह पहले से मालूम हो चुका था कि आतंकी के साथ पूरा गैंग भी हो सकता है। उनके पास बड़े व लॉन्ग रेंज वेपन हो सकते हैं। अपनी टीम लेकर निकल लिया। सभी के पास बुलेट प्रूफ जैकेट्स थीं। सुखविंदर सिंह पोला का उस समय बड़ा नाम था, और पंजाब पुलिस को भी उसकी तलाश थी। रात में जैसे ही घेराबंदी हुई तो इसी आतंकी ने पुलिस फोर्स को निशाना बनाकर फायरिंग शुरू कर दी। दोनों तरफ से 3 घंटे तक फायरिंग हुई, आखिर में 40 हजार रुपए के इनामी आतंकी को एनकाउंटर में ढेर किया। ओपी सिंह बताते हैं कि लखीमपुर में मैं बतौर 2 साल पुलिस कप्तान रहा। अपने इस कार्यकाल में 12 आतंकियों को ढेर किया। इन आतंकियों के पास से 25 एके 47 भी बरामद की गईं। इनके अलावा भारी संख्या में कारतूस और जनरल पर्पज मशीन गन जैसे हथियार आतंकियों से बरामद किए। 2 साल के इस कार्यकाल में लखीमपुर खीरी से सिख आतंकवाद का खात्मा किया। इसी पर सरकार ने मुझे राष्ट्रपति के वीरता पदक से भी सम्मानित किया। ओपी सिंह बताते हैं, साल 1994 की बात है, मैं उस समय एसएसपी बुलंदशहर था। दिल्ली, हरियाणा और वेस्ट यूपी में महेंद्र फौजी और सतबीर गुर्जर अपने गैंग को खड़ा करने में लगे थे। जहां जमीनों को कब्जा कर लोगों से पैसा वसूलते। कई बार हत्या भी कर देते। यह दोनों ही अपराधी एक ही गांव मेवला भट्टी के रहने वाले थे। महेंद्र फौजी आर्मी से रिटायर्ड था। लेकिन रिटायरमेंट के बाद वह पैसों की चाहत में बड़ा अपराधी बन बैठा। उस समय जमीन के रेट लगातार दिल्ली, हरियाणा और वेस्ट यूपी में बढ़ रहे थे। इसी प्रॉपर्टी को अच्छा बिजनेस मानकर महेंद्र फौजी ने अपना गैंग खड़ा कर लिया। महेंद्र फौजी की एक छोटी बहन थी, जिसकी मेरठ में ससुराल थी। एक दिन महेंद्र फौजी अपने घर के आंगन में बैठा था, तभी बहन मायके से रोती हुई आई और कहा कि आज ससुराल में मेरी बेइज्जती कर दी गई। दो मुस्लिम लड़कों ने मेरे साथ अश्लील हरकतें की हैं, डर के मारे पति ने भी बचाव नहीं किया। महेंद्र फौजी ने यह बात सतबीर गुर्जर को बताई। फिर मेरठ में दोनों युवकों और उनकी मां की हत्या कर दी जाती है। यहां से पुलिस महेंद्र फौजी की तलाश में लग गई। उस समय यूपी में एसटीएफ जैसी कोई यूनिट नहीं थी। यह गैंग करीब अलग-अलग राज्यों में आए दिन हत्याओं को अंजाम देता। सबसे ज्यादा हत्याएं गैंगवार में की गईं। बाद में महेंद्र फौजी डीपी यादव (पूर्व मंत्री) के साथ खड़ा हो गया। इसी बीच महेंद्र फौजी ने अपने गैंग के साथ मिलकर लोनी टाउन एरिया के चेयरमैन जगमाल और विधायक महेंद्र भाटी की हत्या कर दी। इसमें विधायक की सुरक्षा में गनर भी मारा गया। सतबीर गैंग ने भी इसके बाद कई हत्याओं को अंजाम दिया। ओपी सिंह बताते हैं कि महेंद्र फौजी निशाने पर आ गया। कई बार उसे घेरने की प्लानिंग की, लेकिन हर बार वह बच निकलता। महेंद्र फौजी कितना बड़ा अपराधी रहा होगा, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस समय उस पर 2 लाख रुपए का इनाम था। आज से 31 साल पहले 2 लाख रुपए का इनाम अपने आप में मायने रखता है। ओपी सिंह बताते हैं कि एक दिन सूचना मिली कि महेंद्र फौजी बुलंदशहर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने आया है। मैं एसएसपी बुलंदशहर था, जहां फौजी को घेर लिया। सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन वह अपने बचाव के लिए पुलिस को निशाना बनाकर फायरिंग करने लगा। उस समय महेंद्र फौजी गैंग के पास बड़े वेपन हुआ करते थे। आखिर में महेंद्र फौजी को बुलंदशहर में ढेर कर दिया। यह उस समय का यूपी, हरियाणा और दिल्ली का सबसे बड़ा अपराधी था। बाद में सतबीर को साल 1997 में दिल्ली पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। महेंद्र फौजी और सतबीर गुर्जर पर एक फिल्म भी बनाई गई... जिसका नाम था जिला गाजियाबाद। पूर्व डीजीपी ओपी सिंह अपनी बेबाक छवि के लिए जाने जाते रहे हैं। उन्होंने अपने संस्मरण में 1995 के चर्चित लखनऊ के गेस्ट हाउस कांड को भी लिखा है। ओपी सिंह ने अपने संस्मरणों पर आधारित किताब- क्राइम, ग्रिम एंड गम्प्शन: केस फाइल्स आफ एन आईपीएस आफिसर, में इस घटना का जिक्र किया है। सबसे बड़ी फोर्स यूपी पुलिस के मुखिया से पहले वह दो केंद्रीय बलों सीआईएसएफ और एनडीआरएफ का भी नेतृत्व कर चुके हैं। ओपी सिंह ने अपनी किताब में सुनामी वर्ष नामक अध्याय के तहत गेस्ट हाउस कांड को आधुनिक भारत के इतिहास में एक अशोभनीय राजनीतिक नाटक करार दिया। वह आगे लिखते हैं कि इस घटना ने न सिर्फ उत्तर प्रदेश की राजनीति को बदल दिया, बल्कि देश की राजनीति को भी पूरी तरह से प्रभावित किया। 2 जून 1995 को हुई घटना के बारे में अपनी किताब में लिखा, उसी दिन उन्होंने लखनऊ में SSP का चार्ज संभाला था। वह याद करते हैं कि दोपहर के 2 बजे का वक्त था, मीराबाई मार्ग स्थित गेस्ट हाउस में कुछ गैर कानूनी तत्वों द्वारा गड़बड़ी को लेकर डीजीपी का फोन आया। वह डीएम और अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे। उस समय मायावती अपने विधायकों से गेस्ट हाउस में मिल रही थीं। बसपा ने मुलायम सिंह यादव वाली सरकार से अपना समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी। उन्होंने बताया कि बिजली आपूर्ति बंद होने और टेलीफोन लाइनें काट देने के कारण काफी स्थिति अस्पष्ट थी। जिसके बाद अधिकारियों से कहा गया कि सुइट्स एक और 2 में कड़ी सुरक्षा हो, अचानक हंगामा शुरू हो गया। पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। हालात सामान्य होने तक वह गेस्ट हाउस में ही रहे। गेस्ट हाउस के घटनाक्रम को लेकर कहानियां और अफवाहें तेजी से फैलने लगीं। मायावती ने चाय पीने की इच्छा जताई, संपदा अधिकारी ने सूचना दी कि रसोई गैस नहीं है, पड़ोस से एक गैस सिलेंडर की व्यवस्था की गई। गैस सिलेंडर को रसोई गैस की तरफ जमीन पर लुढ़काकर लाया जा रहा था, इससे खड़खड़ की आवाज भी आने लगी। यह अफवाह फैल गई कि मायावती को आग लगाने की कोशिश की गई है। पूर्व डीजीपी अपनी किताब में आगे लिखते हैं कि अभी तो शुरुआत थी, हैरान करने वाली घटनाएं अभी होनी बाकी थीं। मायावती ने उसी दिन राज्यपाल को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि गेस्ट हाउस में एकत्र हुए सपा सदस्यों ने हमला किया और कुछ बसपा कार्यकर्ताओं को जिला प्रशासन के अधिकारियों की नाक के नीचे उठाकर ले गए। ओपी सिंह आगे लिखते हैं कि एक पुलिस अधिकारी के तौर पर उस समय मैं फिर से 2 राजनीतिक दलों के बीच शक्ति प्रदर्शन के खेल में आरोप- प्रत्यारोप में फंस गया। राज्यपाल ने उसी रात मुलायम सिंह सरकार को बर्खास्त कर दिया। मायावती को नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई। मुझे 2 जून को निलंबित कर दिया गया। ओपी सिंह आगे लिखते हैं कि मुझे ही क्यों? गेस्ट हाउस में हम 4 लोग थे, मेरे अलावा डीएम, एडीएम सिटी और एसपी सिटी। यह स्पष्ट था कि मुझे निशाना बनाया गया। वह लिखते हैं कि नेताओं से ज्यादा मेरे वरिष्ठों और कायराना व्यवहार ने मुझे निराश किया। मैं अपने निलंबन के बाद एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी से मिलने गया, उस समय के भाव को मैं भूल नहीं सका। वह अपने कार्यालय में मुझे देखकर परेशान हो गए, उन्होंने यह जताने में कोई कसर नहीं छोड़ी कि मैं वहां बिन बुलाया मेहमान था। मुझे कार्यालय से बाहर निकाल दिया। रातों-रात मुझे बिरादरी से बाहर कर दिया गया। किताब में आगे लिखते हैं- उन दिनों मायावती का इतना खौफ था कि कोई भी अधिकारी मेरे साथ दिखना नहीं चाहता था। गेस्ट हाउस कांड को लेकर 2 FIR दर्ज की गईं। उनमें से मुझे खलनायक नामित किया गया। कुछ माह बाद सरकार ने सेवा में बहाल कर दिया और मामले भी वापस ले लिए। इस घटना के 3 साल बाद ओपी सिंह को मायावती से मिलने का मौका मिला, उस समय आजमगढ़ रेंज के डीआईजी थे। वह लिखते हैं कि उन्होंने मायावती से कहा- मैं लंबे समय से इस दिन का इंतजार कर रहा था, महोदया कि आपसे मिलकर स्थिति स्पष्ट करूं। पूरे सम्मान के साथ मैं आपसे कुछ पूछना चाहता हूं, मायावती ने जवाब दिया– पूछिए... मायावती सीधे तौर पर मेरी आंखों की तरफ देख रही थीं, जो संकेत था कि ध्यान से वह मेरी बात सुनने वाली थीं। खुद को संभालते हुए पूछा कि 2 जून, 1995 के उस मनहूस दिन पर मेरी क्या गलती थी। मैडम, मुझे क्यों निलंबित किया गया। मैं एक गैर राजनीतिक अधिकारी हूं, मेरा पूरा सर्विस रिकाॅर्ड इसकी तस्दीक कर देगा। मैंने पूछा कि क्या सजा सही काम करने की मिली थी। मायावती ने एक भी शब्द नहीं कहा। अब मुझे लगने लगा था कि मुझे स्पष्ट उत्तर नहीं मिलेगा। जिसके बाद मैं वहां से चला गया। अपनी किताब में उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा की है। ओपी सिंह बताते हैं, 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के पारित होने के बाद पूरे प्रदेश में अलर्ट कर दिया। मैं यूपी का डीजीपी था, लॉ एंड ऑर्डर संभालने में एक लंबा अनुभव था। सभी जिलों के पुलिस कप्तानों को यह निर्देश दिए कि कहीं भी कानून व्यवस्था प्रभावित न होने पाए। प्रदेश की राजधानी होने के चलते लखनऊ में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। सभी रेंज में डीआईजी, आईजी और जोन में एडीजी रैंक के अधिकारियों को भी सुरक्षा संबंधी निर्देश दिए। लखनऊ में कहीं जनहानि या नुकसान न हो, इसके लिए खुद कानून व्यवस्था संभालने लखनऊ में सड़क पर उतरा। ऐसे कम ही मौके मिलते हैं, जब लखनऊ में कानून व्यवस्था के लिए डीजीपी सड़क पर लोगों के बीच उतरे। देश भर में सीएए के विरोध में प्रदर्शन हुआ। प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर बना रहे, इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग कर सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को लगातार निर्देश देते रहा। डीजीपी बनने के बाद जनसुनवाई और डायल 112 में बेहतर तरह से काम के निर्देश दिए। जहां डायल 112 में पहली बार महिला पुलिस को जिम्मेदारी मिली। साथ ही यह भी आदेश कर दिया कि पूरे प्रदेश में रात में यदि कोई महिला को आने जाने में कोई असुविधा महसूस हो रही है तो वह डायल 112 पर कॉल करें, पुलिस जिसमें महिलाएं भी हैं वह आपको सुरक्षित जगह तक पहुंचाएंगी। प्रदेश के सभी थानों में महिलाओं की सुनवाई के लिए महिला हेल्प डेस्क पर बेहतर काम कराया। यूपी पुलिस में लंबे समय से मांग थी कि महानगरों में दिल्ली, मुंबई और कोलकाता की तर्ज पर पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होनी चाहिए। इससे क्राइम का ग्राफ कम होगा और पुलिस आधुनिकता के तौर पर बेहतर काम करेगी। डीजीपी ओपी सिंह के समय में ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहली बार पुलिस कमिश्नर प्रणाली को मंजूरी दी। प्रदेश में लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर तैनात किए गए। जिसके बाद दूसरे महानगरों को भी शामिल किया गया। उत्तर प्रदेश में आज भी सबसे ज्यादा एनकाउंटर इन्हीं के नाम पर दर्ज हैं। माफिया अतीक अहमद की अवैध संपत्ति पर कार्रवाई हो या अन्य बड़े माफियाओं पर शिकंजा। योगी सरकार के 8 साल में 226 कुख्यातों को एनकाउंटर में ढेर किया गया, इनमें से 120 अपराधी डीजीपी ओपी सिंह के समय में मारे गए। साथ ही 20 हजार अभियुक्त पकड़े भी गए। भगवान ने सब कुछ दियाओपी सिंह कहते हैं, भगवान ने सब कुछ दिया। कभी सोचा नहीं था कि सबसे बड़ी फोर्स यूपी पुलिस का मुखिया बनूं, लेकिन समय और ऊपर वाले ने ही सब कुछ दिया। उत्तराखंड बनने से पहले अल्मोड़ा का एसएसपी रहा। लखीमपुर खीरी, मुरादाबाद, लखनऊ, बुलंदशहर, एसएसपी कुंभ मेला में भी सेवाएं दीं। मुरादाबाद और आजमगढ़ रेंज में डीआईजी रहा। मेरठ जोन के ADG, प्रधानमंत्री की सुरक्षा में असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में भी सेवाएं दीं। CRPF में डीआईजी और आईजी रहा। केंद्र सरकार में सीआईएसएफ के महानिदेशक और एनडीआरएफ का भी डायरेक्टर जनरल रहा। जनवरी 2020 में यूपी के डीजीपी से सेवानिवृत्त हुआ। परिवार में बेटे अपूर्व प्रकाश सिंह अमेरिकन कंपनी में बड़े पद पर हैं। बेटी अवनी सिंह सीनियर एडवोकेट हैं। अचीवमेंट्स ------------------------ यह खबर भी पढ़िए... अखिलेश बोले- गोली मारने की धमकियों से डरने वाला नहीं:आगरा भीड़ लेकर नहीं जाऊंगा; पार्टी नेताओं को नसीहत- इतिहास को इतिहास ही रहने दो अखिलेश यादव ने मंगलवार को लखनऊ में कहा, तुम सोचते हो कि गोली मारने की धमकी देकर डरा दोगे। लेकिन, हम किसी से घबराने वाले नहीं हैं। नीयत तो उसी दिन पता चल गई थी, जिस दिन NSG छिनी थी। सपा मुखिया ने नुसरत फतेह अली खान का मीरा भजन सुनाया। करणी सेना को चैलेंज करते हुए कहा, इन्होंने मीरा का जो गाना गाया है, उसे कैसे रोकोगे। आगरा जाऊंगा, लेकिन भीड़ के साथ नहीं जाऊंगा। जैसे ये लोग (करणी सेना) आए हैं। पढ़ें पूरी खबर...
बाबा रामदेव के एक बार फिर अपने बयान की वजह से विवाद में हैं। इस बार उन्होंने शरबत बनाने वाली कंपनी रूह अफजा पर बिना नाम लिए टिप्पणी की है। उन्होंने इसे शरबत जिहाद कहा। उन्होंने एक पतंजलि के शरबत के प्रचार के दौरान यह बात कही। अब उनका यह वीडियो वायरल है। क्या है पूरा मामला? रूह अफजा की कहानी क्या है? कंपनी की शुरुआत कैसे हुई? जानिए भास्कर एक्सप्लेनर में- सवाल 1- ‘शरबत जिहाद’ से जुड़ा पूरा मामला क्या है? जवाब- यह मामला एक वीडियो से शुरू हुआ। वीडियो में रामदेव बाबा पतंजलि के शरबत का प्रचार करते दिख रहे हैं। वह कह रहे हैं- गर्मियों में प्यास बुझाने के लिए सॉफ्ट ड्रिंक के नाम पर ठंडा मतलब टॉयलेट क्लीनर पीते रहते हैं। एक तरफ टॉयलेट क्लीनर का प्रहार जहर है। दूसरी तरफ शरबत के नाम पर एक कंपनी है। जो शरबत तो देती है, लेकिन शरबत से जो पैसा मिलता है, उससे मदरसे और मस्जिदें बनवाती है। अगर आप वो शरबत पिएंगे, तो मस्जिद और मदरसे बनेंगे। अगर आप पतंजलि का शरबत पिएंगे, तो गुरुकुल बनेंगे, आचार्य कुलम बनेगा। पतंजलि विश्वविद्यालय और भारतीय शिक्षा बोर्ड आगे बढ़ेगा। उन्होंने आगे कहा- इसलिए मैं कहता हूं कि ये शरबत जिहाद है। जैसे लव जिहाद और वोट जिहाद चल रहा है, वैसे ही ‘शरबत जिहाद’ भी चल रहा है। उन्होंने इस वीडियो में भले ही ड्रिंक का नाम नहीं लिया। लेकिन, लोगों को इशारा समझने में देर नहीं लगी कि रूह अफजा शरबत की बात कर रहे हैं। इस पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। सवाल 2- रामदेव बाबा के बयान पर किसने क्या कहा? जवाब- रामदेव बाबा के ‘शरबत जिहाद’ के बयान को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने नाराजगी जताई। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा- बाबा रामदेव अपने शरबत का प्रचार खूब करें। इसमें किसी की रोक-टोक नहीं है। लेकिन, वह हमदर्द कंपनी के रूह अफजा शरबत को जिहाद से जोड़कर प्रचार कर रहे हैं। यह सरासर गलत, अन्यायपूर्ण और गैरकानूनी है। उन्हें शरबत को जिहाद से नहीं जोड़ना चाहिए था। बाबा रामदेव योग जिहाद और पतंजलि जिहाद चला रहे हैं। देवबंद के जमीयत दावतुल मुस्लिमीन के संरक्षक मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा- बाबा रामदेव बयान के लिए जब तक जनता से माफी नहीं मांगते, तब तक पतंजलि उत्पादों का बॉयकाट करें। एक वीडियो जारी करते हुए कारी इसहाक ने कहा- मैं बाबा रामदेव को बुद्धिजीवी समझता था। लेकिन, उनके अल्फाजों से दुख हुआ। ऐसी बातें करने वाला बुद्धिजीवी नहीं हो सकता। उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए। हमदर्द जैसी प्रतिष्ठित कंपनी आजादी से पहले से ही देश में सेवा कर रही है। उसकी पहचान, उसकी गुणवत्तापूर्ण यूनानी, आयुर्वेदिक दवाओं और शरबतों से है। रूह अफजा भारत की गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक है। इसे सभी धर्मों, जातियों और क्षेत्रों के लोग पसंद करते हैं। भारत में व्यापार धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि गुणवत्ता, भरोसे और इंसाफ पर होता है। जो व्यक्ति अपने उत्पाद बेचने के लिए दूसरे धर्म या समुदाय को बदनाम करे, वो समाज का दुश्मन है। न कि योग का प्रचारक। सवाल 3- रूह अफजा कंपनी की शुरुआत कैसे हुई? जवाब- रूह अफजा शरबत कंपनी की शुरुआत दिल्ली से हुई। इसे शुरू करने वाले शख्स थे यूपी के पीलीभीत में जन्मे यूनानी हकीम हफीज अब्दुल मजीद। वो दिल्ली में रहते थे। वहीं लाल कुआं बाजार में उनका एक छोटा-सा दवाखाना था- हमदर्द दवाखाना। यहीं हफीज अब्दुल मजीद मरीजों को देखते थे। बात है साल 1907 की गर्मियों की। दिल्ली के लोग भीषण लू की वजह से बीमार हालत में हकीम के पास पहुंच रहे थे। हकीम अब्दुल मजीद ने पाया कि गर्मियों में अक्सर ज्यादा खाने की इच्छा नहीं होती। लोग सादा पानी भी एक सीमित मात्रा में पी पाते हैं। तब अपने मरीजों के शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए एक उन्हें एक बूटी बनाने का ख्याल सूझा। इसके लिए उन्होंने अपने घर में ही एक बड़े कड़ाहे में संतरा, तरबूज, अनानास और सेब जैसे फलों, जड़ी-बूटियों, फूलों और मसालों को मिलाकर एक सिरप तैयार किया। इसमें केवड़ा, धनिया, खसखस, गुलाब और कमल के फूलों का अर्क डाला। यह तैयार होने के बाद गाढ़े लाल रंग का सिरप तैयार हुआ। हकीम मजीद अपने मरीजों को यह सिरप देने लगे। धीरे-धीरे उनके इस सिरप की हर तरफ चर्चा फैल गई। खरीदने के लिए लाइनें लगने लगीं। बढ़ती मांग को देखते हुए एक साल के अंदर ही इसे औपचारिक नाम देने की जरूरत पड़ गई। तब हकीम मजीद ने इसे रूह अफजा नाम दिया। यानी रूह को ताजगी देने वाला। हकीम मजीद ने इसे बाजार में उतारने का फैसला किया। पुरानी दिल्ली के हौज काजी में एक प्रिंटिंग वाले से उन्होंने इसका लेबल तैयार कराया। तीन भाषाओं हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में उस पर रूह अफजा लिखवाया। मांग बढ़ने पर उनका पूरा परिवार इस काम में लग गया। आज के समय में कंपनी 100 साल से भी ज्यादा पुरानी हो चुकी है। सवाल 4- रूह अफजा का पाकिस्तान से क्या कनेक्शन है? जवाब- 1907 के बाद से रूह अफजा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। बाजार में इसकी बराबर मांग बनी रही। ऐसे में, कंपनी भी बड़ी होती चली गई। साल 1922 में हकीम मजीद का देहांत हो गया। इसके बाद कंपनी की बागडोर उनके बेटों अब्दुल हमीद और मोहम्मद सईद के हाथों में आ गई। उनके छोटे बेटे मोहम्मद सईद तब आजादी की लड़ाई में मुस्लिम लीग से प्रेरित थे। लीग ने जब अलग मुस्लिम देश की मांग की, तो मोहम्मद सईद इसके समर्थन में थे। ऐसे में, बंटवारे के बाद साल 1948 में पाकिस्तान शिफ्ट हो गए। उन्होंने कराची में रूह अफजा के नुस्खे से इसे बनाने का काम शुरू किया। दूसरी तरफ, भारत में मूल कंपनी की कमान बड़े बेटे अब्दुल हमीद संभाल रहे थे। पाकिस्तान में यह ब्रांड नया था। ऐसे में, इसे वहां स्थापित करने के लिए मोहम्मद सईद पूरी लगन से जुटे रहे। एक चुनौती और थी कि पाकिस्तान में केवड़ा की पैदावार भारत के मुकाबले कम थी। इसलिए मोहम्मद सईद ने रूह अफजा के नुस्खे में थोड़ा बदलाव किया। केवड़ा की जगह गुल-ए-बहार और तुरंज फल के फूल का इस्तेमाल शुरू कर दिया। इस बदलाव के साथ भी रूह अफजा ने पाकिस्तान में भी अपनी पहचान बना ली। इस तरह आज भारत और पाकिस्तान दोनों जगहों पर यह कंपनी बनी हुई है। आज के समय में हमदर्द लेबोरेट्रीज के तहत रूह अफजा भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में बनता है। सवाल 5- कंपनी रूह अफजा के अलावा और कौन-कौन से प्रोडक्ट बनती है? जवाब- रूह अफजा प्रोडक्ट हमदर्द लेबोरेट्रीज कंपनी के अंडर में है। हमदर्द कंपनी पिछले कुछ सालों में रूह अफजा सिरप के अलावा अन्य कई प्रोडक्ट लॉन्च किया है। इसमें एनर्जी ड्रिंक्स से लेकर मिल्कशेक, लस्सी, नारियल पानी, ग्लूकोस-डी, तेल, शहद जैसे रेंज हैं। सवाल 6- क्या रूह अफजा हलाला सर्टिफाइड प्रोडक्ट है? जवाब- हलाला सर्टिफाइड प्रोडक्ट उन चीजों को कहते हैं, जो इस्लामिक नियम-कानूनों के मुताबिक बनाई जाती हैं। इनके मैन्युफैक्चरिंग में इस्लामिक शरिया कानून का पालन किया जाता है। ढाका साउथ सिटी कॉर्पोरेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रूह अफजा हलाला सर्टिफाइड है। हालांकि, भारत में रूह अफजा खुद को हलाला सर्टिफिकेशन के टैग में नहीं रखता है। सवाल 7- रूह अफजा का प्रॉफिट कहां जाता है? जवाब- रूह अफजा बनाने वाली पेरेंट कंपनी हमदर्द लेबोरेट्रीज के मुनाफे का एक हिस्सा समाजसेवी संस्था हमदर्द नेशनल फाउंडेशन को जाता है। कंपनी के मुताबिक, उसके मुनाफे का करीब 85 फीसदी हिस्सा इस संस्था को जाता है। हमदर्द नेशनल फाउंडेशन की स्थापना 1964 में हकीम अब्दुल मजीद ने ही की थी। उन्होंने इसकी स्थापना समाज के कमजोर वर्ग, उसमें भी खासकर मुस्लिमों में शिक्षा और स्वास्थ्य की दशा सुधारने के उद्देश्य से की थी। हालांकि, इससे भी पहले 1948 में हमदर्द कंपनी ने खुद को वक्फ यानी एक चैरिटेबल ट्रस्ट में बदल दिया था। तभी से कंपनी अपने मुनाफे का ज्यादातर हिस्सा मुस्लिम समाज में शिक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में करने लगी। सवाल 8- हमदर्द कंपनी की कमाई कितनी है? जवाब- हकीम अब्दुल मजीद के पड़पोते और हमदर्द इंडिया के फूड प्रोसेसिंग विभाग के सीईओ हामिद अहमद के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में बिजनेस आज स्वतंत्र रूप से चलाए जाते हैं। लेकिन, उनके प्रोडक्ट लगभग समान हैं। हमदर्द इंडिया का वार्षिक कारोबार लगभग 600 करोड़ रुपए है। 2020 में कंपनी ने बताया था कि उसने अकेले रूह अफजा की बिक्री से 317 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की थी। हमदर्द कंपनी का बिजनेस आज 25 से ज्यादा देशों में है और इसके 600 से ज्यादा प्रोडक्ट्स हैं। --------------------------- ये खबर भी पढ़िए यूपी के 22 SP के पास खुद का घर नहीं, कन्नौज एसपी सबसे अमीर; जानिए प्रदेश के सभी कप्तानों के पास कितनी प्रॉपर्टी यूपी में तैनात IPS अफसरों में से किसी के पास आलीशान बंगले हैं, तो किसी के पास 31 एकड़ तक खेती की जमीन है। प्रदेश के 68 जिलों के पुलिस कप्तानों की प्रॉपर्टी करोड़ों में है। ये फैक्ट IPS अफसरों की केंद्र सरकार को दी गई जानकारी में सामने आए हैं। सबसे ज्यादा प्रॉपर्टी कन्नौज के एसपी विनोद कुमार के पास है। रिकॉर्ड के अनुसार, 22 जिलों के कप्तानों के पास कोई प्रॉपर्टी नहीं है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
अंबाला छावनी के तोप खाना बाजार में कल ही जमानत पर आए चार युवकों को बीच रास्ते रोक कुछ युवकों ने हमला बोल दिया और एक युवक के पैर में चाकू घोंप दिया, किसी तरह मौके से वह जान बचा कर भागे थे। मामले की शिकायत को लेकर युवक तोपखाना चौकी पहुंचे। जहां चौकी इंचार्ज ने मामले में शिकायत लिखने से मना कर दिया। इसके बाद युवकों के परिजन भी चौकी पहुंच गए और जमकर हंगामा किया। दरअसल, तोपखाना परेड में मंगलवार रंजिश में दो गुटों में मारपीट हुई। एक से यश तो दूसरे पक्ष से शुभम घायल हो गया। अंबाला कैंट के नागरिक अस्पताल में प्राथमिक उपचार करवाने के बाद यश व उसके परिजन तोपखाना चौकी गए तो वहां पर कार्रवाई न होने पर हंगामा कर दिया। झगड़े के मामले में जमानत पर आया, शाम फिर हुआ झगड़ा तोपखाना परेड स्थित वेल्डिंग की दुकान पर शुभम व यश के बीच मंगलवार शाम को मारपीट हो गई थी। एक पक्ष से घायल यश ने बताया कि 6 अप्रैल को भी शुभम के साथ मारपीट हो गई थी। उस मामले में पुलिस ने उस पर मामला दर्ज कर दिया था। उसी मामले में एसडीएम कोर्ट से जमानत लेकर घर लौटा था। अभी वह वेल्डिंग की दुकान के पास पहुंचा था कि शुभम ने दोबारा झगड़ा शुरू कर दिया। शुभम व उसके साथियों ने उसके साथ मारपीट की व नुकीली चीज से वार होने पर वह चोटिल हो गया। उधर, घायल शुभम ने यश पर ही दुकान के बाहर आकर हमला करने के आरोप लगाए। चौकी इंचार्ज पर अभद्रता का आरोप आरोप है कि जब घायल युवक तोपखाना चौकी पहुंचे तो वहां चौकी इंचार्ज ने रिपोर्ट लिखने से मना कर दिया। इसके साथ ही अभद्र व्यवहार भी किया। इसके साथ ही घायल युवक और उसके परिजनों को चौकी से भगाने का भी आरोप चौकी इंचार्ज पर लगाया गया। इसके साथ ही चौकी इंचार्ज हर काम की फीस लेने का भी आरोप युवक के परिजनों ने लगाया है चौकी इंचार्ज ने आरोपों को नकारा हालांकि तोपखाना चौकी इंचार्ज जय सिंह ने सभी आरोपों को नकारा है। उल्टा घायल यश पक्ष के लोगों पर ही अभद्र व्यवहार व मुलाजिम के हाथ से एम एल आर व कार्ड छीनने के आरोप लगाए। रात को दोनों पक्ष की शिकायत लेकर कार्रवाई करने के बाद मामला शांत हुआ।उन्होंने बताया कि वहीं, दूसरा पक्ष भी इस मामले में शिकायत देने आ रहा है। दोनों की तहरीरों की जांच की जाएगी जो सही पाया जाएगा उसकी ओर से मुकदमा पंजीकृत कर लिया जाएगा।
यूपी के 18 मंडलायुक्तों और 30 IG-DIG के बीच दौलत के मामले में भारी फर्क दिखा। मिर्जापुर के मंडलायुक्त बाल कृष्ण त्रिपाठी 13.05 करोड़ की संपत्तियों के साथ सबसे अमीर निकले। जबकि, लखनऊ की मंडलायुक्त रोशन जैकब इकलौती अफसर हैं, जिनके नाम कोई संपत्ति नहीं है। पुलिस अफसरों में आगरा कमिश्नरेट के एडिशनल पुलिस कमिश्नर संजीव त्यागी 36.66 करोड़ की संपत्तियों के साथ टॉप पर हैं। वहीं, कुछ ऐसे भी IAS-IPS अफसर हैं, जिनके नाम पर एक इंच जमीन तक नहीं। यूपी के अफसरों ने केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय (DOPT) को भेजी रिपोर्ट में बताया कि वे कौन से फॉर्म हाउस, घर या प्लॉट के मालिक हैं? उनकी प्रॉपर्टी की कीमत क्या है? दैनिक भास्कर ने प्रदेश के सभी 18 मंडलायुक्तों और 30 आईजी-डीआईजी की प्रॉपर्टी को खंगाला। पढ़िए उनकी प्रॉपर्टी की डिटेल रिपोर्ट… प्रदेश के 2 मंडलायुक्तों की संपत्ति घटीयूपी के 18 मंडलायुक्तों में गोरखपुर के अनिल ढींगरा और मेरठ के हृषिकेश भास्कर यशोद की संपत्ति बीते 5 साल में घट गई। 2020 में अनिल ढींगरा की 3 संपत्तियां दो लखनऊ और एक हिमाचल प्रदेश में थीं। वर्तमान में उनकी सिर्फ एक संपत्ति लखनऊ में एक फ्लैट ही है। मेरठ मंडलायुक्त की 2020 में पुणे में 3 और लखनऊ और नासिक में एक-एक प्रॉपर्टी थी। इसमें 3 खुद की, एक पत्नी और एक पत्नी के साथ संयुक्त नाम पर थीं। अब उनकी 3 संपत्ति केवल पुणे की बची है। लखनऊ मंडलायुक्त और 4 IPS के पास नहीं कोई संपत्तिलखनऊ की मंडलायुक्त रोशन जैकब के नाम कोई संपत्ति नहीं है। ऐसा उन्होंने केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट में बताया है। आईजी रेंज अयोध्या प्रवीण कुमार, डीआईजी चित्रकूट राजेश यस, एडिशनल सीपी प्रयागराज अजय पाल और एडिशनल सीपी नोएडा अजय कुमार के पास भी कोई संपत्ति नहीं है। जबकि देवीपाटन के मंडलायुक्त शशिभूषण लाल सुशील की प्रॉपर्टी उपलब्ध नहीं है। 16 आईजी-डीआईजी अजय कुमार, अजय पाल, प्रवीण कुमार, राजेश यस, अजय कुमार साहनी, कलानिधि नैथानी, केशव कुमार चौधरी, मोहित गुप्ता, पीके गौतम, दीपक कुमार, राकेश सिंह, एन कोलांची, आनंद सुरेश राव कुलकर्णी, शिवा सिम्पी चनप्पा, दिनेश कुमार पी और राजेश कुमार श्रीवास्तव की संपत्तियों में 5 साल में कोई बदलाव नहीं हुआ है। बस उनकी मौजूदा कीमत बढ़ गई है। वहीं, 8 मंडलायुक्तों में आगरा के शैलेंद्र कुमार सिंह, प्रयागराज के विजय विश्वास पंत, बरेली की सौम्या अग्रवाल, मुरादाबाद के अन्जनेय कुमार सिंह, वाराणसी के कौशल राज शर्मा, आजमगढ़ के विवेक, मिर्जापुर के बालकृष्ण त्रिपाठी, बस्ती के अखिलेश सिंह और अलीगढ़ की संगीता सिंह की प्रॉपर्टी की संख्या में 5 साल में कोई बदलाव नहीं आया है। अब पढ़िए किस मंडलायुक्त और IG-DIG की कहां और कितनी संपत्ति पश्चिमी यूपी : 5 मंडलायुक्तों में अलीगढ़ की मंडलायुक्त संगीता सिंह की 3 संपत्तियों की मौजूदा कीमत 1.60 करोड़ है। दूसरे नंबर पर आगरा के शैलेंद्र कुमार हैं। उनकी 3 संपत्तियों की मौजूदा कीमत 1.23 करोड़ है। जबकि 6 आईजी-डीआईजी में सबसे अमीर मुरादाबाद के डीआईजी मुनिराज जी हैं। उनकी 10 संपत्तियों की मौजूदा कीमत 3.84 करोड़ है। दूसरे नंबर पर आगरा रेंज के आईजी दीपक कुमार हैं। उनकी दो संपत्तियों में लखनऊ का आवासीय प्लाट 1.80 करोड़ का है। इसके अलावा उनकी 3 एकड़ पैतृक कृषि भूमि भी है। हालांकि इसका वैल्यू उन्होंने नहीं बताया है। मध्य-बुंदेलखंड : 5 मंडलायुक्तों में झांसी मंडलायुक्त की 3 संपत्तियों की मौजूदा कीमत 2.18 करोड़ है। दूसरे नंबर पर कानपुर के मंडलायुक्त के विजेंद्र पांडियन है। उनकी 3 संपत्तियों की मौजूदा कीमत 1.98 करोड़ है। जबकि 6 आईजी-डीआईजी में कानपुर रेंज के आईजी जोगेंद्र कुमार की 9 संपत्तियों की मौजूदा कीमत 2.65 करोड़ है। दूसरे नंबर पर लखनऊ रेंज में तैनात प्रशांत कुमार द्वितीय (एडीजी) हैं। उनकी 5 संपत्तियों की मौजूदा कीमत 1.60 करोड़ है। पूर्वांचल : 5 मंडलायुक्तों बस्ती के अखिलेश सिंह की 1 प्रॉपर्टी की मौजूदा कीमत 1.70 करोड़ है। दूसरे नंबर पर अयोध्या मंडलायुक्त गौरव दयाल हैं। उनकी 4 संपत्तियों की मौजूदा कीमत 1.30 करोड़ है। जबकि 5 आईजी-डीआईजी में आजमगढ़ रेंज के डीआईजी सुनील कुमार सिंह की 5 संपत्तियों की मौजूदा कीमत 2.25 करोड़ है। दूसरे नंबर पर बस्ती रेंज के डीआईजी दिनेश पी हैं। उनकी 7 संपत्तियों की मौजूदा कीमत 1 करोड़ बताई है। पुलिस कमिश्नरेट में कौन कितना अमीर गाजियाबाद, नोएडा, आगरा व कानपुर कमिश्नरेट : सबसे अमीर कानपुर कमिश्नरेट में तैनात एडिशनल सीपी विनोद कुमार सिंह की 5 संपत्तियों की मौजूदा कीमत 2.27 करोड़ है। दूसरे नंबर पर कानपुर के ही एडिशनल सीपी हरीश चंद्र की 2 संपत्तियों की मौजूदा कीमत 1.35 करोड़ है। इसमें 1.10 का नोएडा का मकान ही शामिल है। लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी कमिश्नरेट : सबसे अमीर वाराणसी में तैनात एडिशनल सीपी शिवा सिम्पी चनप्पा हैं। उनकी 5 संपत्तियों में 9 एकड़ कर्नाटक में कृषि भूमि है। कर्नाटक में ही 4 प्लॉट और तीन मकान हैं। हालांकि, उन्होंने इन पैतृक संपत्तियों की मौजूदा कीमत नहीं बताई है। ---------------------- ये खबर भी पढ़िए :- यूपी के 22 SP के पास खुद का घर नहीं, कन्नौज एसपी सबसे अमीर; जानिए प्रदेश के सभी कप्तानों के पास कितनी प्रॉपर्टी यूपी में तैनात IPS अफसरों में से किसी के पास आलीशान बंगले हैं, तो किसी के पास 31 एकड़ तक खेती की जमीन है। प्रदेश के 68 जिलों के पुलिस कप्तानों की प्रॉपर्टी करोड़ों में है। ये फैक्ट IPS अफसरों की केंद्र सरकार को दी गई जानकारी में सामने आए हैं। सबसे ज्यादा प्रॉपर्टी कन्नौज के एसपी विनोद कुमार के पास है। हालांकि इसमें पैतृक संपत्ति भी शामिल है। हाथरस और शाहजहांपुर के एसपी ने अपनी प्रॉपर्टी का डिटेल नहीं दिया है। रिकॉर्ड के अनुसार, 22 जिलों के कप्तानों के पास कोई प्रॉपर्टी नहीं है। 4 जिलों के कप्तान ऐसे भी हैं, जिनके पास 5 साल पहले प्रॉपर्टी थी, लेकिन मौजूदा समय में कुछ नहीं है। इनमें दो महिला अफसर भी शामिल हैं। प्रदेश के 68 जिलों में कौन पुलिस कप्तान-कितना अमीर है? किसके पास सबसे ज्यादा खेती है? किसके पास सबसे ज्यादा मकान और प्लॉट हैं? पढ़िए पूरी रिपोर्ट…
'5 साल तक HR डिपार्टमेंट में काम करने के बाद मैंने खुद की कंपनी खोलने का प्लान बनाया। इसके लिए मुझे जॉब से इस्तीफा देना था, लेकिन सोच रहा था कि इस बारे में मम्मी-पापा को कैसे बताऊं? डर था कि वे नाराज होंगे और बिजनेस के लिए तैयार नहीं होंगे, लेकिन किसी तरह पहले पत्नी को मनाया, उसे बताया। फिर 5 साल के करियर में जो सेविंग मनी थी और तीन दोस्तों से कुछ रकम लेकर कंपनी खड़ी की। आज 700 करोड़ रुपए की कंपनी खड़ी कर दी है। साथ ही करीब 60 हजार लोगों को रोजगार दे रहा हूं।' आज मैं बिहारी में बात बेगूसराय के रहने वाले नवनीत कुमार की। नवनीत बताते हैं कि मैं HR का काम कर रहा था, तब कई लोगों का इंटरव्यू लेता था, कई लोगों का सिलेक्शन हो जाता था, लेकिन सीट सीमित होने की वजह से कई लोगों को मायूसी हाथ लगती थी। इसे लेकर मेरे मन में ख्याल आया कि क्यों न मैं खुद की कंपनी खोलूं और ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार दूं। नवनीत का जन्म 6 सितंबर 1986 को बेगूसराय के मोहनपुर गांव में हुआ है। 2011 में फ्लिपकार्ट में शुरू की जॉब नवनीत बताते हैं कि 'MBA करने के बाद सबसे पहला जॉब साल 2011 में फ्लिपकार्ट में मिला। यहां मैंने बतौर HR काम शुरू किया। उस दौरान फ्लिपकार्ट शुरुआती दौर में थी। जब कंपनी को धीरे-धीरे ग्रोथ मिलना शुरू हुआ तो मुझे भी ग्रो करने का मौका मिला। इसके बाद मैंने ओला में काम किया। ये कंपनी भी उस दौरान इनिशियल स्टेज में ही थी। फिर स्विगी जॉइन किया। आखिरकार 6 साल तक नौकरी करने के बाद साल 2016 में मन में अपना काम शुरू करने का विचार आया।' छह महीने तक माता-पिता को नहीं दी जानकारी नवनीत के मुताबिक, 'कंपनी खोलने का निर्णय लिया तो मम्मी-पापा को इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी, क्योंकि डर था कि नौकरी छोड़कर बिजनेस की बात करेंगे तो वे तैयार नहीं होंगे। नौकरी के बीच शादी हुई थी। ऐसे में नौकरी छोड़कर नया रिस्क लेने के लिए परिवार राजी होंगे या नहीं, ये मुझे नहीं पता था, लेकिन पत्नी मोनिका ने मेरे इस फैसले में मेरा काफी सपोर्ट किया।' 'पत्नी को बताया कि खुद को 6 महीने का समय दिया है, सब ठीक रहा, तभी मम्मी-पापा को इस बारे में बताऊंगा, नहीं तो फिर से नौकरी करूंगा।' कंपनी शुरू करने के लिए पैसे चाहिए थे, मेरे पास सिर्फ 3.75 लाख ही थे नवनीत बताते हैं- कंपनी शुरू करने में पैसे की जरूरत होती, लेकिन उस दौरान मेरे पास करीब 3 लाख 75 हजार रुपए ही थे। इसी पैसे से कंपनी शुरू करने की ठान ली। कुछ पैसे की और जरूरत थी, तो दिल्ली, कर्नाटक और ओडिशा में रहने वाले तीन दोस्तों प्रतीक, सत्या और नीतीश से संपर्क किया। उन्हें पूरी प्लानिंग बताई और कहा कि तुम लोग भी कुछ पैसों की मदद करो। फिर तीनों ने जो पैसे दिए और जो पैसे मेरे पास थे, उसे मिलाकर 15 लाख रुपए इकट्ठा हुआ। इसके बाद SPNN (सत्या, प्रतीक, नीतीश, नवनीत) बिजनेस सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के नाम से कंपनी रजिस्ट्रेशन कराया और एचआर सर्विसेज शुरू किया। बेंगलुरु में हमने को-वर्किंग स्पेस में काम करना शुरू किया। सबसे पहले स्विगी, फिर बिग बास्केट के लिए लगातार काम करते रहे। इलेक्ट्रिकल हायरिंग, जनरल स्टाफिंग समेत कई काम किया, पहले साल में ही 3 करोड़ का बिजनेस किया। दोस्तों ने मदद जरूर की, लेकिन शुरुआत में वे मेरे साथ जुड़े नहीं थे। वे पहले की तरह पहले अपनी-अपनी कंपनी में काम करते रहे। जब मेरी कंपनी ने पहले साल में 3 करोड़, दूसरे साल यानी 2017-18 में 30 करोड़ का बिजनेस किया, तो मेरा मनोबल बढ़ गया। इसके बाद मेरे तीनों दोस्त भी मेरे साथ आ गए। फिर हमने तीसरे साल में ही 100 करोड़ का बिजनेस पार कर लिया। इसके बाद कंपनी का हेड ऑफिस बेंगलुरु से गुरुग्राम में शिफ्ट किया, जिसमें 100 लोग काम कर रहे हैं। बेंगलुरु, बिहार समेत 20 राज्यों में 45 जगहों पर चल रहा ऑफिस नवनीत बताते हैं 'बेंगलुरु और बिहार में तीन जगह सहित 20 राज्यों में 45 जगहों पर ऑफिस चल रहे हैं। 2019 के लास्ट में अचानक कोविड आ गया, बहुत डिफिकल्ट टाइम था, लगा कि अब हम इससे ऊपर नहीं जा पाएंगे। उस समय हमारी कंपनी के माध्यम करीब 15 हजार लोग नौकरी कर रहे थे। लॉकडाउन लगने के 3 दिन के अंदर में क्लाइंट ने करीब 9 हजार लोगों को नौकरी से निकाल दिया।' 'मन में घबराहट थी, जिनकी नौकरी जा रही थी, उनकी चिंता थी, पता नहीं था कि क्या होगा? इन सबके बीच मैंने अपनी फिक्स डिपॉजिट तुड़वाकर जिनकी नौकरी गई, उन्हें सैलरी दी। इन परेशानियों के साथ मन में आत्मविश्वास था कि अच्छा दिन आएंगे।' 'कोविड के दौरान ई-कॉमर्स मार्केट में अचानक बूम आया तो अवसर को भुना लिया। ई-कॉमर्स कंपनी के साथ हमारा काम फिर से स्टार्ट हुआ और कोविड के दौरान ही हमारी कंपनी का ग्रोथ रेट सबसे अधिक था।' '700 करोड़ तक पहुंचने में काफी परेशानियां झेलनी पड़ी' 'कंपनी को 700 करोड़ तक पहुंचाने में काफी परेशानियां झेलनी पड़ी। 15 लाख का इन्वेस्टमेंट था। अगर आप 10-20 करोड़ का बिजनेस करते हैं तो परेशानी नहीं होती। लेकिन जब 100 करोड़ को पार करते हैं तो बहुत सारे लीगल और ऑफिशियल इश्यू जाते हैं। जब बिजनेस 500 करोड़ के आसपास पहुंच जाता है तो और इश्यू आते हैं। साथ ही, क्वालिटी मेंटेन करना भी बहुत बड़ा चैलेंज हो जाता है।' नवनीत बताते हैं कि 'मेरी वाइफ 'अथर्व सेवा फाउंडेशन' चलाती है। उसके माध्यम से ह्यूमन डेवलपमेंट, चाइल्ड एजुकेशन, गरीबी रेखा से नीचे वाले जो स्कूल भी नहीं जा पता उनके लिए भी काम करते हैं। उनसे सामान बनवा कर अच्छे दाम में बेचकर उनका 100 फीसदी पैसा वापस करते हैं। हेल्थ एंड हाइजीन पर भी काम करते हैं, बच्चों का हेल्थ टेस्ट करवाते हैं, फ्री में उनका इलाज करवाते हैं।' ------------------- ये भी पढ़ें... कॉलेज में दोस्तों ने बिहारी कहकर चिढ़ाया:इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ी, अब दिल्ली में ही ‘गांव’ बसा दिया, आज 10 करोड़ का सालाना टर्नओवर साल 2009… तब बिहार के गांवों में इंजीनियर और IAS अफसरों की ज्यादा पूछ होती थी। हर मिडिल क्लास फैमिली अपने बेटे को इंजीनियर और IAS बनाने का सपना देखती थी। मेरे बिजनेसमैन पिता भी मुझे इंजीनियर बनते देखना चाहते थे। पूरी खबर पढ़िए
बिहार में आज यानी बुधवार को भी मौसम बदला रहेगा। मौसम विज्ञान केंद्र ने 22 जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में हल्की बारिश और आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है। इस दौरान इन जिलों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, मौसम में आए बदलाव के कारण अधिकतम तापमान में गिरावट आई है। आने वाले 4-5 दिनों तक अधिकतम तापमान 34 से 36 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 22 से 24 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है। वहीं, पिछले 48 घंटे में जमुई में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है। यहां 48.6 एमएम बारिश रिकॉर्ड किया गया। प्रदेश के पूर्वी हिस्सों में भारी बारिश की संभावना बिहार में पुरवा हवा चल रही है, जो बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर आ रही है। इसका असर प्रदेश के ऊपर पड़ रहा है, जिससे मौसम में बदलाव दिख रहा है। 19 अप्रैल तक आंधी-बारिश के साथ आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है। खासकर, बिहार के पूर्वी हिस्सों में एक-दो जगहों पर भारी बारिश की संभावना है। इस दौरान इन इलाकों में तेज गर्जना के साथ बिजली गिरने और तेज हवा चलने की संभावना है। 50-60KM प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है। 19 अप्रैल तक प्रदेश में कैसा रहेगा मौसम 17 अप्रैल: बिहार के सभी 38 जिले को लेकर अलर्ट जारी हुआ है। इसमें पटना, बक्सर, भोजपुर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, गया, नवादा, जहानाबाद, नालंदा, शेखपुरा और बेगूसराय में यलो अलर्ट है। इसके अलावा जमुई, बांका, मुंगेर, भागलपुर, खगड़िया, कटिहार, पूर्णिया, सहरसा, मधेपुरा, किशनगंज, अररिया, सुपौल, समस्तीपुर, वैशाली, दरभंगा, मधुबनी, सारण, मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, गोपालगंज, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 18 अप्रैल: पटना, गोपालगंज, सीवान, सारण, बक्सर, भोजपुर, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, गया, जहानाबाद, नालंदा, नवादा, शेखपुरा, बेगूसराय, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में बारिश को लेकर यलो अलर्ट है। सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, भागलपुर, मुंगेर, बांका और जमुई में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट है। 19 अप्रैल: 17 जिले में बारिश को लेकर यलो अलर्ट रहेगा, जिसमें किशनगंज, अररिया, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, खगड़िया, भागलपुर, मुंगेर, बांका, जमुई, सारण, सीवान, गोपालगंज, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण में शामिल हैं। इस मौसम के संभावित प्रभाव क्या करें और क्या न करें
ये क्या हुआ। गए थे सीएम फेस बनने, लेकिन मीटिंग से निकलते ही सुर बदल दिए। ऐसा क्या हुआ... ये तो राजद-कांग्रेस वाले ही जाने। लेकिन लगता है कुछ तो गड़बड़ है। अंदरखाने खबर है कि ओल्ड ग्रैंड पार्टी ने वीटो लगा दिया है। इसलिए तेजस्वी जी मीडिया के सवाल पर चिढ़ गए। बोले- फैसला बिहार में होगा...चिंता मत कीजिए। वैसे चिंता हम काहे करें, उसके लिए आपकी पार्टी है ही...। राजद MLC को साइबर ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट गजब हो गया। तेजस्वी के MLC घर से ही नहीं निकल रहे हैं। जब से ठग सब रूम में बंद किया है, मीडिया से बोलचाल बंद कर दिए हैं। अंदर से ही खाली पर्ची भेजकर अपना बयान दे रहे हैं। दरअसल, RJD एमएलसी कारी सोहेब को साइबर ठगों ने 12 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा। उनको झूठे ED अफसर बनकर फंसा दिया था सब। जब से ये खबर आई है लोग पूछ रहे हैं कि नेताजी के पास कौन सा धन था, जो बेचारे छिपाने पर लगे थे। निशांत बोले-पापा फिर सीएम बनेंगे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटा निशांत कुमार हैं। आजकल बयान खूब दे रहे हैं। अब उन्होंने बयान दिया है कि पापा ठीक हैं। वही फिर मुख्यमंत्री बनेंगे। वैसे पत्रकार उनसे ये जानना चाहते थे कि वो खुद कब पालिटिक्स में आएंगे, इस पर वो चुप रह गए। लेकिन पापा के बारे में सफाई जरूर दे दी। जब सीएम साहब ठीके हैं तो काहे इतनी सफाई दे रहे हो भाई...। --------------- ये भी पढ़ें... सूरजभान सिंह खोलेंगे चिराग-पारस की पोल; VIDEO:3 हजार करोड़ का पुल 3 दिन में दरका, दौड़े-दौड़े पहुंचे अफसर सूरज बाबू अब फॉर्म में आ गए हैं। खुल्लम-खुल्ला मंच से ऐलान कर दिए हैं। कई राज अपने भीतर दफन किए हुए हैं। अपने पर आ गए तो एक- एक राज खोल कर रख देंगे। दिवंगत नेता रामविलास पासवान के कभी राइट हैंड रहे सूरजभान सिंह परिवार में अलगाव से दुखी हैं। पूरी खबर पढ़िए
एसएसपी डाॅ. विपिन ताडा ने शहर में जाम से निजात के लिए नई प्लानिंग की है। शहर के मुख्य 10 चौराहों की जिम्मेदारी तय करके अधिकारियों को एक-एक चौराहा गोद दिया गया है। एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह बेगमपुल चौराहा, एसपी क्राइम अवनीश कुमार तेजगढ़ी, एसपी यातायात राघवेंद्र मिश्रा हापुड़ अड्डा चौराहा और सीओ क्राइम नवीना शुक्ला बिजली बंबा चौराहे की जिम्मेदारी संभालेंगी। इसके अलावा शहर में दौराला सीओ प्रकाश चंद को कंकरखेड़ा बाईपास चौराहा, सीओ कैंट संतोष कुमार को टैंक चौराहा, सीओ कोतवाली आशुतोष कुमार को रेलवे रोड, सीओ यातायात नवीना शुक्ला को बच्चा पार्क, सीओ ब्रह्मपुरी को फुटबाल चौक और सीओ सिविल लाइंस को जेल चुंगी चौराहे की जिम्मेदारी सौंपी गई। मंगलवार काे एसएसपी ने वायरलैस सेट पर सभी अधिकारियों को शाम को साढ़े पांच बजे से साढ़े छह बजे तक चौराहों पर ट्रैफिक का हाल देखने के आदेश दिए। सभी अधिकारियों ने एक घंटे तक खुद मौके पर रहकर यातायात संचालित कराया। बच्चा पार्क पर स्कूलों की छुट्टी के समय जाम लगने की समस्या सामने आई। यहां पर पुलिया निर्माण की वजह से भी जाम लग रहा है। फुटबाल चौराहे पर अतिक्रमण की वजह से जाम लग रहा है। टैंक चौराहे पर सिग्नल बंद मिले। एसपी क्राइम ने तेजगढ़ी चौकी इंचार्ज और वहां पर तैनात यातायात पुलिसकर्मियों से जाम नहीं लगे इसको लेकर निर्देश दिए। एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा का कहना है कि एसएसपी के निर्देश पर सभी चौराहों पर जाम के कारण की समीक्षा की जा रही है। जो भी कमी हैं उनको जल्द ही दूर किया जाएगा। एसएसपी विपिन ताडा का कहना है कि शहर में जहां भी जाम के प्वाइंट हैं, उनको चेक कराया जा रहा है। अधिकारियों से कहा गया है कि इन सभी प्वाइंट को देखकर जो भी समस्या है, उसका हल कराएं ताकि लोगों को जाम की समस्या से निजात मिल सके।
गौतमबुद्ध नगर कमिश्नरेट पुलिस ने जिले में त्योहारों के बीच खूब भीड़भाड़ होने के बाद भी डायल 112 ने बेहतर काम किया। अप्रैल महीने के शुरूआती 14 दिन की रिपोर्ट के आधार डायल 112 पुलिस को पीड़ितों तक पहुंचने का औसतन समय महज तीन मिनट 35 सेकेंड रहा। अप्रैल में गौतमबुद्ध कमिश्नरेट पुलिस को प्रदेशभर में दूसरे पायदान पर रही है। पुलिस आयुक्त गौतमबुद्धनगर लक्ष्मी सिंह के निर्देशन, डायल 112 के नोडल अधिकारी व पुलिस उपायुक्त यातायात लखन सिंह यादव के पर्यवेक्षण में पीआरवी वाहनों का संचालन हो रहा है। कंट्रोल रूप से प्राप्त सूचनाओं को डायल 112 पुलिस तत्परता से ले रही है। कम से कम समय पर पुलिस पीड़ित तक पहुंचने के लिए प्रयासरत है। एक अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच नवरात्र, महावीर व अंबेडकर जयंती के बीच डायल 112 को 13,428 सूचनाएं मिलीं। इन सूचनाओं पर पीड़ितों के पास तक पहुंचने में पुलिस को तीन मिनट 35 सेकेंड का समय लगा। पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह ने बताया कि डायल 112 पुलिस का प्रयास है कि कम से कम समय में पीड़ितों तक पहुंचकर मदद की जा सके। समय-समय पर पीआरवी वाहनों के रूटचार्ट में प्राप्त होने वाली सूचनाओं के आधार पर संशोधन किया जाता है। जिन क्षेत्रों में सबसे अधिक सूचनाएं प्राप्त होती हैं। वहां पर पीआरवी वाहनों की संख्या के साथ-साथ भ्रमण का समय भी बढ़ाया जाता है, जिससे पीडित को जल्द से जल्द पुलिस सहायता प्राप्त हो सके। इस कार्य प्रणाली के आधार पर ही कमिश्नरेट पुलिस को अप्रैल के प्रथम व द्वितीय सप्ताह में प्रदेश में दूसरा स्थान मिला है। रोजाना मिलती हैं 500 सूचनाएंडॉयल-112 को प्रतिदिन 500 सूचनाएं प्राप्त होती हैं। इनको डॉयल 112 की 65 चार पहिया पीआरवी और 48 दोपहिया पीआरवी द्वारा पहुंचकर त्वरित सहायता प्रदान की जाती है। महिला सुरक्षा के दृष्टिगत कमिश्नरेट में छह महिला पीआरवी चलती है और हाईवे पर सुरक्षा एवं त्वरित रिस्पांस के लिए चार पीआरवी ईस्टर्न-पेरिफेरल के साथ दो पीआरवी यमुना एक्सप्रेस-वे पर संचालित की जाती है। पीआरवी की उत्तम कार्यशैली व तकनीकी सहायता और फोन करने वाले व्यक्ति को जल्द से जल्द सहायता प्रदान करने के लिए पीआरवी कर्मियों को समय-समय पर 18 दिवसीय फ्रेशर तथा प्रत्येक छह माह के अंतराल में सभी पीआरवी कर्मियों को नौ दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर की पुलिस लाइन में कराया जाता है। कई बार मिला पीआरवी ऑफ द डे का खिताबअप्रैल में प्रदेश के यूपी-112 में कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर ने कई बार पीआरवी ऑफ डे का खिताब प्राप्त किया है। रिस्पांस टाइम घटाने को लेकर कमिश्नरेट पुलिस कई योजनाओं पर काम कर रही है। त्वरित सहायता पहुंचने से कई बार घायल व्यक्ति को बचा लिया जाता है, तो कई बार अपराध के रोकथाम में भी यह सहायक बनता है। पुलिस कमिश्नर ने यूपी पुलिस की हेल्प लाइन नंबर ''यूपी 112'' के पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने की बात कही है। यही नहीं, उन्होंने रिस्पांस टाइम को और कम करने पर जोर दिया है।
पेंटा में पंचमुखी हनुमानजी की प्राण प्रतिष्ठा
दंतेवाड़ा | जिले के दूरस्थ ग्राम पेंटा पालनार में पंचमुखी हनुमान जी की आदमकद भव्य प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई। धाकड़ समाज और स्थानीय ग्रामीणों ने जन सहयोग से इस प्रतिमा की स्थापना की है। हनुमान जयंती के मौके पर आयोजित प्राण प्रतिष्ठा समारोह में विधिवत अनुष्ठान किया गया। इस मौके पर भक्तों ने भी पहुंचकर पंचमुखी हनुमानजी के दर्शन किए।
अंबेडकर जयंती पर महार समाज की रैली
बीजापुर| जिला मुख्यालय में महार समाज ने अंबेडकर जयंती पर रैली निकाली। इस दौरान सर्व समाज की डॉ. अंबेडकर जयंती आयोजन समिति के अध्यक्ष रैमनदास झाड़ी और महार समाज के अध्यक्ष अजय दुर्गम सहित समाज के विभिन्न पदाधिकारियों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर के जीवन दर्शन व संघर्षों पर प्रकाश डाला। इसके अलावा एसडीएम जागेश्वर कौशल सहित अन्य मौजूद थे।
आपदा प्रबंधन पर राज्य स्तरीय पुस्तक का विमोचन
भास्कर न्यूज | कोंडागांव छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में राज्य स्तरीय पुस्तक ‘आपदा प्रबंधन एवं बचाव’ का विमोचन न्यू सर्किट हाउस सिविल लाइन में संपन्न हुआ। इस गरिमामयी अवसर पर राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री टंकराम वर्मा ने पुस्तक का लोकार्पण किया और लेखन में योगदान देने वाले शिक्षकों को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया। इस बहुपयोगी पुस्तक का संपादन राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका के. शारदा के मार्गदर्शन में हुआ, जिन्होंने 33 जिलों के समर्पित शिक्षकों की टीम बनाकर यह महत्त्वपूर्ण कार्य पूर्ण किया। यह पुस्तक न केवल छात्रों में आपदा जागरूकता फैलाने का कार्य करेगी, बल्कि विद्यालय स्तर पर आपातकालीन स्थितियों से निपटने के व्यवहारिक प्रशिक्षण का भी आधार बनेगी। राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित शिक्षिका मधु तिवारी, जिनका लेख ‘बाढ़ आपदा एवं उसके बचाव’ इस पुस्तक में प्रमुखता से स्थान पाया। तकनीक और समावेशन का संगम : यह पुस्तक केवल पारंपरिक पाठ्य सामग्री तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें शामिल क्यूआर कोड्स को स्कैन करने पर छात्र वीडियो, एनिमेशन, मॉक ड्रिल और रीयल-लाइफ उदाहरणों के माध्यम से विषयवस्तु को जीवंत रूप में देख सकते हैं। दृष्टिबाधित छात्रों के लिए यह ऑडियो फॉर्मेट में भी उपलब्ध कराई गई है। शिक्षकों को मंत्री टंकराम वर्मा ने सम्मानित किया पुस्तक में योगदान देने वाले सभी शिक्षकों को मंत्री टंकराम वर्मा द्वारा सम्मानित किया गया। मधु तिवारी को मंच पर विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पुस्तक के सह-संपादक धर्मानंद गोजे, पुस्तक प्रभारी प्रीति शांडिल्य, कृष्णपाल राणा, संतोष कुमार पटेल और पुष्पेंद्र कुमार कश्यप सहित कई शिक्षकों का योगदान उल्लेखनीय रहा।
दोपहर से शाम तक रुक-रुक कर बारिश हुई
डौंडी| मंगलवार दोपहर करीब 2 बजे मौसम ने अचानक करवट ली। आसमान में काले बादल छा गए। तेज हवा और गर्जना के बीच डौंडी नगर में बारिश शुरू हुई। यह सिलसिला शाम तक रुक-रुक कर चलता रहा। पानी गिरने से लोगों को गर्मी से राहत मिली। बारिश के दौरान कई बार बिजली की सप्लाई बाधित हुई। आसमानी बिजली की कड़क से विद्युत लाइनें प्रभावित रहीं। कई बार बिजली गुल हो गई। बारिश के कारण नगर की सड़कों पर साइकिल और बाइक सवारों की आवाजाही कम हो गई। केवल बंद गाड़ियां और बसें ही चलती रहीं। शाम को भी आसमान में गर्जना होती रही। इससे बिजली व्यवस्था में फिर रुकावटें आईं। डौंडी के अलावा आसपास के गांव औवराटोला, कामता, सलहाई टोला, बेलरगोदी, छिदगांव, लिमहाटोला, अवारी, उकारी, कांडे, कुआँगोदी, सुरडोगर, खुर्सीतिकुर, कुरू टोला और भर्रीटोला में भी हल्की बारिश हुई।
हरियाणा में सैलून संचालक के बाद अब ड्राइवर को इनकम टैक्स विभाग की तरफ से 31.67 करोड़ रुपए का नोटिस थमाया गया। नोटिस में लिखा कि GST नंबर लेने के बावजूद GST नहीं भरा, जबकि अकाउंट में एक साल में 31 करोड़ से ज्यादा की ट्रांजैक्शन की। ड्राइवर के मुताबिक वह कभी GST ऑफिस गया ही नहीं। दिल्ली में फर्जी तरीके से उसका खाता खोला गया। उसने तो कर्ज लेकर टेंपो ले रखा है। एक दिन में 500 से 1000 रुपए कमाता है। इतनी ट्रांजैक्शन तो संभव ही नहीं है। विभाग ने ड्राइवर से बीते कल यानी 15 अप्रैल तक जवाब देने के लिए कहा था। जवाब न देने पर कार्रवाई की बात कही थी। ड्राइवर ने वकील के जरिए जवाब दे दिया है। इसके साथ पुलिस के पास भी पहुंचा। ये मामला भिवानी के गांव प्रहलाद गढ़ का है। इनकम टैक्स विभाग की तरफ से मिला नोटिस... पहले पढ़िए इनकम टैक्स के नोटिस में क्या लिखा टेंपो के ड्राइवर राज सिंह को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 25 मार्च को नोटिस भेजा। नोटिस में लिखा- सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने जानकारी इकट्ठी की है, जिसमें सामने आया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान 2020-21 से संबंधित वित्तीय लेन-देन किए हैं। फर्जी लेनदेन सहित कुल कारोबार 31 करोड़ 67 लाख 10 हजार 873 रुपए का किया है। नोटिस में आगे लिखा- 2020-21 के लिए अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया। जबकि 31.67 करोड़ रुपए के अस्पष्टीकृत क्रेडिट किए हैं। 15 अप्रैल तक जवाब दें। जवाब न देने पर सीधी कार्रवाई की जाएगी। अब पढ़िए ड्राइवर की 3 अहम बातें.... रिश्तेदार बोले- पुलिस ने शिकायत नहीं लीपीड़ित के रिश्तेदार श्रीकृष्ण यादव ने कहा कि उन्होंने अब नोटिस का जवाब दे दिया है। इसकी शिकायत देने के लिए वे भिवानी के साइबर क्राइम थाने में पहुंचे। जहां पर उनकी शिकायत नहीं ली गई। पुलिस वालों ने कहा कि वे नोटिस का जवाब दे दें। वहां से FIR के लिए आएगा तो की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाए। ताकि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। ----------------- ये खबर भी पढ़ें.... सिरसा में सैलून वाले को ₹37 करोड़ इनकम टैक्स नोटिस सिरसा जिले के एक सैलून संचालक को इनकम टैक्स विभाग की ओर से 37.87 करोड़ रुपए का नोटिस भेज दिया गया। सैलून संचालक ने एक लोन कंपनी से 10 हजार रुपए का कर्ज लिया था, उसे चुकता कर दिया था। उसके डॉक्यूमेंट्स का मिसयूज कर कोई कंपनी खोली गई थी। पूरी खबर पढ़ें...
धोटिया स्कूल में संविधान के बारे में दी गई जानकारी
बालोद| शासकीय कन्या हाईस्कूल धोटिया (डौंडी) में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में संविधान निर्माण में उनके योगदान को याद किया गया। एचके बंजारे ने कहा कि डॉ. अंबेडकर हम सबके आदर्श हैं। उनके दिखाए रास्ते पर देश आगे बढ़ रहा है। यूएल डोगरे ने कहा कि संविधान निर्माण में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।
मेरठ और आसपास के जिलों में 18 अप्रैल को आंधी के साथ बारिश की संभावना जताई जा रही है। मौसम विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि कटी हुई फसल को जल्द ही भंडारण गृह में ले जाएं। वहीं गर्मी का सितम बढ़ता जा रहा है। पारा 35 के पार पहुंच गया है।सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर यूपी शाही ने बताया कि11 अप्रैल को पश्चिमी विक्षोभ के कारण तेज हवा के साथ बारिश हुई। जिसके बाद तापमान में गिरावट आई। अब फिर से मौसम में बदलाव की संभावना है। 18 व 19 अप्रैल को तेज हवा के साथ बूंदाबांदी होने के आसार हैं।जिसके चलते गेहूं, सरसों व आम की फसल को नुकसान हो सकता है। डॉ. यूपी शाही का कहना है कि किसान जल्द से जल्द खेतों में कटी पड़ी फसल का भंडारण कर लें। मंगलवार को मौसम कार्यालय पर दिन का अधिकतम तापमान 35.9 डिग्री सेल्सियस व न्यूनतम तापमान 19.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री पंडित भगवत दयाल शर्मा के पुश्तैनी मकान को लेकर परिवार में ही झगड़ा हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री के बड़े भाई की बेटी ने भगवत दयाल शर्मा की बहू पर जमीन और प्लॉट पर जबरन कब्जा करने के आरोप लगाए हैं। बहू के खिलाफ उन्होंने झज्जर के SP, DC और CM को शिकायत भेजी है। शर्मा के भाई के परिवार का आरोप है, भगवत दयाल शर्मा की बहू ने उनके नाम पर ट्रस्ट बनाया हुआ है। इस ट्रस्ट में हमारे परिवार का कोई सदस्य नहीं है। ट्रस्ट की आड़ में वह मकान और जमीन पर कब्जा करना चाहती हैं। इसमें उनके साथ कांग्रेस के बड़े नेता मिले हुए हैं। जबकि, भगवत दयाल शर्मा ने कहा था कि मेरा जमीन पर कोई अधिकार नहीं है। वहीं, बहू आशा कुमारी का कहना है कि ''कुछ लोग बार-बार इस संपत्ति को खरीदने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि मकान को बेचा ही नहीं जा रहा। यह मकान पूर्व मुख्यमंत्री की विरासत है।'' 7 अप्रैल को आशा ने पुश्तैनी मकान की दीवारों पर लिखवाया था कि यह मकान और सामने वाला प्लॉट बिकाऊ नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री के भाई के परिवार ने क्या आरोप लगाए, पढ़िए... भतीजी बोलीं- ये पिता के हिस्से की जमीनपंडित भगवत दयाल शर्मा के बड़े भाई पंडित उमराव शर्मा की बेटी कैलाश कुमारी शर्मा ने आरोप लगाया कि मकान और प्लॉट पंडित उमराव शर्मा के हिस्से में आते हैं। भगवत दयाल शर्मा को रोहतक में मुरारी लाल शर्मा ने गोद लिया था। उस दौरान भगवत दयाल ने कहा था कि बेरी की जमीन पर मैं कभी हक नहीं जताऊंगा। अब जमीन के लालच में बहू आशा शर्मा ट्रस्ट का सहारा लेकर इस प्रकार से जबरन मकान की दीवारों पर बिकाऊ नहीं है जैसी शब्दावली लिखवा रही हैं। पोता बोला- पंजाबी बाग का मकान बेचाकैलाश शर्मा के पोते देवांशु शर्मा का कहना है कि आशा शर्मा अगर पुश्तैनी जमीन से इतना लगाव रखती हैं तो उन्होंने दिल्ली के पंजाबी बाग में 500 गज के मकान को क्यों बेच दिया? ये पंडित भगवत दयाल शर्मा ने बेरी की सारी जमीन को नकारने के बाद रहने के लिए खरीदा था। उन्होंने पूरा जीवन वहीं बिताया और अंतिम सांस ली। अगर आशा शर्मा लाइब्रेरी बनाना चाहती हैं तो उसे पंजाबी बाग वाली जगह पर बनवा सकती थीं। पोता बोला- कांग्रेस के बड़े नेता बहू से मिले हुएदेवांशु ने आरोप लगाया कि आशा शर्मा की कोशिश है कि बेरी की जमीन में कुछ हिस्सा उसे मिल जाए। प्रॉपर्टी पर कब्जा करने की साजिश में कांग्रेस के बड़े नेता शामिल हैं, वही ये सब षड्यंत्र रचवा रहे हैं। बेरी की सारी जमीन पर हक सिर्फ उमराव सिंह के परिवार का है। बेरी में जहां पर पंडित हीरालाल शर्मा के परिवार की श्मशान भूमि थी, उसे भी ट्रस्ट की आड़ में आशा शर्मा ने अपने कब्जे में ले लिया और श्मशान घाट को पंडित भगवत दयाल शर्मा का स्मृति पार्क बना दिया। 3 पॉइंट में जानिए, आशा शर्मा ने संपत्ति को लेकर क्या कहा... 1. संपत्ति को बेचने और खरीदने की कोशिशआशा शर्मा ने बताया कि हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री बेरी गांव के रहने वाले थे। उनका जन्म 26 जनवरी 1918 हो हुआ था। बेरी गांव में आज भी उनकी पुश्तैनी विरासत है, जिसमें 300 गज का एक प्लॉट है, जो कि खाली पड़ा है। इसके अलावा जिस घर में वे रहते थे, वह करीब 150 गज में बना है। इस संपत्ति पर परिवार में विवाद भी चला हुआ है। इसी जमीन को कुछ लोग बेचने और खरीदने की कोशिश करते रहते हैं। 2. दो बार खरीदारों की डील रुकवाईआशा शर्मा ने आगे बताया कि पहले पूर्व मुख्यमंत्री के मकान को 2 बार बेचने का प्रयास किया जा चुका है। 2 बार खरीदारों की ओर से बयाना भी दिया जा चुका था। मगर, हमने हर बार यह डील रुकवा दी। अब हमारा परिवार लगातार आने वाले ग्राहकों से परेशान हो चुका है। क्योंकि गांव की यह जमीन हमारी ऐतिहासिक विरासत है। पुश्तैनी मकान को बेचने का कोई सवाल ही नहीं उठता। 3. परिवार लाइब्रेरी बनवाना चाहता हैआशा शर्मा ने आगे कहा, पंडित भगवत दयाल शर्मा पूरे हरियाणा की शान हैं। हालांकि पूरा परिवार अब बेरी से बाहर रहता है, फिर भी इस ऐतिहासिक मकान से भावनात्मक जुड़ाव बरकरार है। यह मकान एक सांस्कृतिक धरोहर है, जिसे सहेजना हमारा कर्तव्य है। परिवार की योजना है कि इस मकान में लाइब्रेरी और बुजुर्गों के लिए बैठने की जगह बनाई जाए। उद्देश्य है कि आने वाली पीढ़ियां भी प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री की विरासत को जान सकें। पंडित भगवत दयाल शर्मा के बारे में जानिए.... ================== ये खबर भी पढ़ें :- जो पंजाब बंटवारे के खिलाफ थे,वही पहले CM बने:अफसर से देवीलाल-बंसीलाल को हराने को कहा; इंदिरा के न चाहते हुए भी बने मुख्यमंत्री 26 जनवरी 1918, संयुक्त पंजाब के जींद जिले के बैरो गांव में एक बच्चे का जन्म हुआ। सवा साल बाद उसकी मां नहीं रहीं। पिता हीरालाल शास्त्री ने कुछ साल बच्चे को संभाला, फिर रोहतक के मुरारीलाल को गोद दे दिया। गांव वालों की मौजूदगी में गोद देने कार्यक्रम भी हुआ। बच्चा 16 साल का हुआ, तो उसकी शादी करा दी गई। उसके बाद वो आजादी के आंदोलन में कूद गया, जेल भी गया। (पूरी खबर पढ़ें)
हरियाणा के नारनौल में 3 दिन पहले शहीद की जिस विधवा के साथ सरेआम मारपीट की गई, उनके लांस नायक रहे पति खुशीराम यादव ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी। खुशीराम सेना के 'ऑपरेशन राइनो' में शामिल होकर साल 1997 में असम के घने जंगलों में उल्फा उग्रवादियों से लड़े थे। उन्होंने प्राण न्योछावर कर दिए, लेकिन सेना के हथियार नहीं लुटने दिए थे। दैनिक भास्कर ने इस बारे में शहीद के फौजी बेटे कृष्ण कुमार से बातचीत की। कृष्ण ने कहा कि उनके पिता बड़े ही निडर, देश प्रेमी और अनुशासन वाले व्यक्ति थे। दुश्मनों से आखिरी सांस तक लड़ते-लड़ते ही वे वीरगति को प्राप्त हुए थे। पिता की ही प्रेरणा से उन्होंने भी आर्मी जॉइन की। बता दें कि 13 अप्रैल को गांव दोस्तपुर में कुछ युवकों ने शहीद खुशीराम की पत्नी प्रेम देवी से मारपीट की थी। इसका CCTV फुटेज भी सामने आया था। जिसके बाद गांव में पंचायत हुई और आरोपियों का सामाजिक बहिष्कार कर दिया गया। अब गांव का कोई भी आदमी उनके किसी कार्यक्रम में नहीं जाएगा और न ही उन्हें अपने यहां बुलाएगा। शहीद की पत्नी अभी भी गुरुग्राम के अस्पताल में भर्ती हैं। शहीद खुशीराम की बहादुरी की कहानी, जिनकी पत्नी को युवकों ने पीटा... 18 साल की उम्र में सेना में भर्ती हुए, 12 वर्षों में ही बने लांस नायकबेटे कृष्ण कुमार ने बताया कि उसके पिता खुशीराम का जन्म 30 मार्च 1966 को नारनौल तहसील के गांव दोस्तपुर निवासी चंदा राम और बदामी देवी के घर हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल शहबाजपुर से हुई। 18 वर्ष की उम्र में 10 फरवरी 1984 को वे सेना में भर्ती हो गए थे और सेना की 10 महार बटालियन का हिस्सा रहे। 1941 में स्थापित महार रेजिमेंट में वीरता और बलिदान का एक विशिष्ट इतिहास है। यह उनका देश सेवा के प्रति जुनून ही था कि सेवा के 12 वर्षों के भीतर लांस नायक के पद तक पदोन्नति मिल गई। इसके बाद देशभर में कई दुर्गम स्थानों पर उनका ट्रांसफर होता रहा, जहां उन्होंने अपने कार्य कौशल का परिचय दिया। 1997 में मिली असम में तैनाती, उग्रवाद से फैली थी अशांतिकृष्ण कुमार ने बताया कि साल 1997 में पिता लांस नायक खुशी राम यादव की यूनिट 10 महार बटालियन को कर्नल एमसी बरुआ की कमान में असम में तैनात किया गया था। उन दिनों असम में अशांति फैली हुई थी। अवैध विदेशियों के मुद्दे पर हिंसा हो रही थी। हालांकि 1985 में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (AASU), असम गण संग्राम परिषद (AGSP) और केंद्र सरकार के बीच असम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन शांति बहाल नहीं हुई। उग्रवादी समूह यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (ULFA) ने भारत से अलग होने की मांग करते हुए विद्रोह कर दिया था। इसी को देखते हुए ऑपरेशन राइनो की शुरुआत हुई, जिसका उद्देश्य विद्रोही गतिविधियों को बेअसर करना और सामान्य स्थिति बहाल करना था। 16 जून 1997 की रात गश्त पर निकले, उग्रवादियों ने IED विस्फोट कियाकृष्ण कुमार ने आगे बताया कि 16 जून 1997 को उनके पिता लांस नायक खुशी राम 13 सैनिकों वाले दल के साथ गश्त पर निकले थे। उनकी मिनी बस डिब्रूगढ़ जिले के कस्बे टिंगखोंग से असम के शिवसागर जिले के कस्बे सापेखाती की ओर जा रही थी। धोयापाथर गांव के घने जंगलों में घात लगाए बैठे उल्फा उग्रवादियों ने सड़क में इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) लगा रखा था। रात साढ़े 11 बजे जैसे ही उनकी मिनी बस वहां पहुंची तो उग्रवादियों ने IED का विस्फोट कर दिया। 3 साथी मौके पर शहीद, बाकी हो गए घायलकृष्ण कुमार के मुताबिक उग्रवादियों ने विस्फोट करने के साथ ही ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसमें नायब सूबेदार शाम सरन पांडे, नायक जगदीश सिंह और लांस नायक रघुबीर सिंह मौके पर ही शहीद हो गए, जबकि उनके पिता खुशीराम और हवलदार श्याम शरण पांडे सहित अन्य कई जख्मी हो गए। इसके बाद शेष गश्ती दल ने भी जवाबी मोर्चा खोल दिया। दोनों तरफ से गोलीबारी जारी थी। फौज की टुकड़ी की कोशिश थी कि आतंकवादी आगे न बढ़ सकें या कोई हथियार न छीन सकें। बैकअप के लिए दो साथी भेजे, खुद संभाले रखा मोर्चाउग्रवादी लगातार अंधाधुंध फायरिंग करते हुए आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन सैनिक भी पूरी बहादुरी से उनका मुकाबला कर रहे थे। जंगल घना था और बरसात भी होने लगी थी। ऐसे में सैनिकों को उग्रवादियों की संख्या का अंदाजा नहीं लग पा रहा था। चिंता हुई कि यदि उग्रवादियों की संख्या अधिक होने से मुकाबला ज्यादा देर चला तो सैनिकों की गोलियां खत्म हो सकती हैं। ऐसे में तय हुआ कि दो साथियों को 12 किलोमीटर दूर बैकअप बुलाने जाना होगा, बाकी यहां रहकर मोर्चे पर डटे रहेंगे। अंतिम सांस तक लड़े खुशीराम, नहीं लूटने दिए सेना के हथियार कृष्ण कुमार के मुताबिक दो साथियों के जाने के बाद शेष रह गए सैनिकों ने आगे बढ़ते हुए उग्रवादियों को घेरने की रणनीति बनाई। इसी रणनीति के तहत जवाबी फायरिंग तेज कर दी और आगे बढ़ने लगे। यह देख उग्रवादियों के हौसले पस्त हो गए और उन्होंने फायरिंग करते हुए भागना शुरू कर दिया। इस कार्रवाई में लांस नायक खुशीराम और हवलदार अमरीक सिंह शहीद हो गए। दोनों ने कर्तव्य की राह पर अपना सर्वोच्च बलिदान दे दिया था। इस हमले में कुल 5 सैनिक शहीद हुए थे। हालांकि उन्होंने सेना के हथियार नहीं लुटने दिए। क्यों खुशीराम की पत्नी से मारपीट हुई, पूरा विवाद जानिए...खुशीराम का भाई रतिराम और उसका बेटा आशीष एक हत्या के मामले में जेल में बंद हैं। इन्होंने 9 महीने पहले राहुल नाम के युवक की हत्या की थी। राहुल का भाई रोहित इस कारण खुशीराम के परिवार से रंजिश रखता है। रोहित का परिवार चाहता था कि हत्या के मामले में पुलिस खुशीराम के भाई की पत्नी का भी नाम शामिल करे। हालांकि, उसकी पत्नी गांव में नहीं रहती थी। कुछ दिन पहले जब वह गांव में आई, तब से रोहित और खुशीराम के परिवार के बीच विवाद शुरू हो गया। 13 अप्रैल को रोहित अपने साथियों के साथ मारपीट करने आया। उस समय खुशीराम की भाभी ने खुद को कमरे में बंद कर लिया, लेकिन उनकी पत्नी बाहर ही रह गई। रोहित और उसके साथियों ने मिलकर खुशीराम की पत्नी के साथ मारपीट की। --------------------------------------- शहीद खुशीराम की पत्नी पर हमले से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... नारनौल में शहीद की पत्नी को डंडों से पीटा:कमरे से घसीटकर लाए, 'ऑपरेशन राइनो' में शहीद हुए थे पति, इकलौता बेटा भी फौज में हरियाणा के नारनौल में शहीद लांसनायक की पत्नी पर घर में घुसकर पांच युवकों ने हमला कर दिया। महिला को कमरे से घसीटते हुए आंगन में लाया गया और लाठी-डंडों से बुरी तरह पीटा गया। युवकों के भागने के बाद महिला काफी देर तक आंगन में ही पड़ी तड़पती रही। बाद में आसपास के लोग घर में आए और घायल महिला को उठाकर अंदर ले गए। (पूरी खबर पढ़ें) शहीद की पत्नी के हमलावरों का सामाजिक बहिष्कार:पंचायत में ग्रामीणों ने लिया फैसला; नारनौल पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए मांगा समय हरियाणा के नारनौल में शहीद की पत्नी पर हुए हमले को लेकर आज गांव दोस्तपुर में आसपास के गांवों के पंच-सरपंचों सहित मौजिज लोगों की पंचायत हुई। पंचायत में शहीद की पत्नी के हमलावरों को गिरफ्तार नहीं किए जाने पर रोष जताया गया। वहीं पंचायत में शहीद की पत्नी पर हमला करने वाले परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया गया। पंचायत में पीड़ित परिवार को पुलिस सुरक्षा दिए जाने की भी मांग की गई। मौके पर पहुंचे थाना प्रभारी ने आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने का आश्वासन दिया। (पूरी खबर पढ़ें)
सकरापाली में शिव महापुराण का आयोजन
भास्कर न्यूज | पवनी सकरापाली में साहू परिवार द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा के चतुर्थ दिवस पर प्रसिद्ध राष्ट्रीय कथा वाचक आचार्य पंडित रामानुज युवराज पांडेय ने माता सती की पवित्र और प्रेरणादायक कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि शिव महापुराण में माता सती और भगवान शिव के प्रेम और त्याग की कहानी अत्यंत महत्वपूर्ण है। माता सती ने अपने पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में अपमान सहन नहीं किया और अपने शरीर को अग्नि में समर्पित कर दिया। आचार्य पांडेय ने बताया कि इस घटना के बाद भगवान शिव ने अपनी पत्नी के शरीर को कंधे पर उठाकर तांडव किया, जिसके बाद विभिन्न स्थानों पर उनके शरीर के अंग गिरे, जिन्हें आज शक्तिपीठ कहा जाता है। उन्होंने कहा कि माता सती की कथा हमें अपने कर्तव्यों, प्रेम और त्याग की महत्वपूर्ण शिक्षा देती है। यह कथा आज भी भक्तों को आध्यात्मिक शांति और शक्ति प्रदान करती है। पवनी। सकरापाली में आयोजित शिव महापुरण कथा को सुनने बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु।
परिवार के कमाऊ सदस्य की मृत्यु पर 20 हजार की सहायता
बिलाईगढ़| छत्तीसगढ़ शासन के समाज कल्याण विभाग की ओर से राष्ट्रीय परिवार सहायता योजना के तहत किसी बीपीएल परिवार के ऐसे सदस्य जिनके कमाई से परिवार की आजीविका चलती हो ऐसे कमाऊ सदस्य की मृत्यु हो जाने पर उनके वारिस मुखिया को अनुदान सहायता के रूप में20000 रुपये की सहायता दी जाती है। इस योजना में वह व्यक्ति पात्र होंगे जिनकी बीपीएल सर्वे सूची में नाम दर्ज हो। इस आवेदन को ग्राम पंचायत या जनपद पंचायत में ग्रामीण क्षेत्र के निवासी जमा कर सकते हैं। इसी प्रकार शहरी क्षेत्र के निवासी नगर पंचायत, नगरपालिका या नगर निगम में आवेदन जमा कर सकते हैं। इसके आवश्यक दस्तावेजों में आवेदन पत्र के साथ परिवार के मृतक व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र, जिसमें मृतक की आयु मृत्यु दिनांक को 18 वर्ष से अधिक एवं 60 वर्ष से कम हो, बीपीएल प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, राशन कार्ड, मतदाता परिचय पत्र की छाया प्रति, एक रंगीन पासपोर्ट फोटो और छत्तीसगढ़ का मूल निवासी प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य है।
दिव्यांग रतन को मिला मोटराइज्ड ट्राईसिकल
बलौदाबाजार| कलेक्टर दीपक सोनी ने मंगलवार को समाज कल्याण विभाग के माध्यम से दिव्यांग रतन लाल टंडन को मोटराईज्ड ट्राई सिकल प्रदान किया। विकासखंड पलारी अंतर्गत ग्राम सेम्हराडीह निवासी 35 वर्षीय रतन लाल टंडन पिता भावदास टंडन लगभग 80 प्रतिशत दिव्यांग है जिससे उसे चलने फिरने में बहुत कठिनाईओं का सामना करना पड़ता है। रतन लाल ने बताया कि मोटराइज्ड ट्राईसिकल नहीं होने से आने-जाने एवं सामान्य दिनचर्या के कार्यो में रोजाना काफी दिक्क़त होती थी लेकिन अब मोटराइज्ड ट्राईसिकल मिल जाने से आने-जाने की समस्या दूर हो जाएगी।
महाधिवेशन में सम्मानित हुए निखिल वर्मा
खरोरा| छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के 79वां महाधिवेशन इंडोर स्टेडियम रायपुर में आयोजित हुआ जिसमें खरोरा अंचल के ग्राम असौन्दा के युवा व्यवसायी निखिल वर्मा को व्यवसाय के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए कार्यक्रम के मुख्यातिथि विजय बघेल सांसद दुर्ग लोकसभा, टोपलाल वर्मा प्रान्त संघ चालक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष खोडस कश्यप के करकमलों से सम्मानित किया गया। क्षेत्रवासियों ने इस सम्मान के लिए निखिल वर्मा को बधाई दी।
अंबेडकर जयंती पर संविधान जागरूकता पदयात्रा निकाली
भाटापारा| कमलाकांत शुक्ला इंस्टीट्यूट, देवरी रोड भाटापारा के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की 134वीं जयंती जय स्तंभ भारत माता चौक में हर्षोल्लास के साथ मनाई। कार्यक्रम की शुरुआत चौक की सफाई से हुई। इसके पश्चात भारत माता और डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पूजा अर्चना कर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर रामनारायण शिक्षण संस्थान के अध्यक्ष मनीष शुक्ला एवं उपाध्यक्ष कौस्तुभ शुक्ला विशेष रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंतर्गत स्वयंसेवकों ने भारत माता चौक से संविधान जागरूकता पद यात्रा की शुरुआत की। यात्रा के दौरान एनएसएस का लक्ष्य गीत गाते हुए यह यात्रा कांग्रेस भवन चौक, सिविल अस्पताल, हाई स्कूल, चर्च होते हुए पुनः भारत माता चौक पहुंची। वहां सभी स्वयंसेवकों ने संविधान की प्रस्तावना पर शपथ ली। इसके उपरांत गार्डन में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
बजरंग मंदिर में सुंदर पाठ का हुआ अयोजन
तिल्दा| चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया गया। इस अवसर पर बजरंग मन्दिर नेवरा में भजन संध्या व सुंदर काण्ड पाठ का अयोजन किया गया। इस दौरान भाजपा जिला महामंत्री अनिल अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, पारुल बंटी अग्रवालमनीष शर्मा आदर्श अग्रवाल सहित सनातन प्रेमी उपस्थित रहे।
धूलभरी आंधी के साथ हुई बूंदाबांदी, गर्मी से लोगों को मिली राहत
भास्कर न्यूज | बलौदाबाजार मंगलवार शाम शहर में मौसम ने अचानक करवट ली। शाम करीब 7 बजे तेज धूलभरी आंधी के साथ बूंदाबांदी शुरू हो गई, जिसने दिनभर की भीषण गर्मी और उमस से परेशान लोगों को बड़ी राहत दी। आधे घंटे तक चली इस हल्की बारिश के दौरान बादलों की गड़गड़ाहट भी सुनाई दी, जिससे वातावरण और भी सुहावना हो गया। मौसम में आए इस परिवर्तन ने शहरवासियों को गर्मी से कुछ समय के लिए राहत दी है। बदलते मौसम का असर तापमान पर भी पड़ा है। बूंदाबांदी और हवा के चलते अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई। पिछले कुछ दिनों की तुलना में मंगलवार को तापमान में गिरावट देखी गई, जिससे गर्मी की तीव्रता में थोड़ी नरमी आई। मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को जिले में दिन का अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस रहा जबकि न्यूनतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विशेषज्ञ डॉ. एन.पी. थॉमस के अनुसार आने वाले चार दिनों तक जिले में कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ हल्की बारिश और तेज हवा चलने की संभावना बनी हुई है। उत्तर और मध्य भागों में अगले तीन दिनों तक अधिकतम तापमान में कोई विशेष बदलाव की संभावना नहीं है, लेकिन उसके बाद तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि हो सकती है। वहीं दक्षिणी क्षेत्रों में तापमान स्थिर रहने के आसार हैं। बीते 24 घंटे में जिले के दक्षिणी भागों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ हल्की बारिश और तेज हवाओं का असर देखा गया है।
ठेले को लगाई आग, थाने में मामला दर्ज
सेल| ग्राम पंचायत मल्दा में बीती रात करीब 2 बजे अज्ञात व्यक्ति द्वारा एक ठेले में आग लगा दी गई। यह ठेला बस स्टैंड के पास खड़ा था, जिसमें पान, गुटखा और अन्य सामान भरा हुआ था। आग लगने से सारा सामान जलकर खाक हो गया। ठेले के मालिक शिवकुमार प्रजापति ने बताया कि उन्होंने सोमवार को ही इस ठेले में करीब 80,000 रुपये का सामान रखा था। इसी से उनका और उनके परिवार का जीवन-यापन चलता था। घटना की रिपोर्ट शिवकुमार प्रजापति ने ग्राम कोटवार के साथ मिलकर कसडोल थाने में दर्ज कराई है, लेकिन अब तक पुलिस घटनास्थल पर निरीक्षण करने नहीं पहुंची है, जिससे पीड़ित में आक्रोश है। शिवकुमार ने इस घटना को गरीब की रोजी-रोटी पर सीधा हमला बताया और मांग की कि जल्द से जल्द आरोपी की पहचान कर उसे कड़ी सज़ा दी जाए। साथ ही प्रशासन से आर्थिक सहायता और जांच में तत्परता की मांग की है। गांव के लोगों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं असुरक्षा का माहौल पैदा कर रही हैं और प्रशासन को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि आगे इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
गांजा तस्करों पर पुलिस की कार्रवाई जारी
बलौदाबाजार| जिला पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन विश्वास अभियान के तहत असामाजिक तत्वों और मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है। इसी कड़ी में चौकी सोनाखान पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने नाकाबंदी की और कुछ समय बाद दोनों तस्करों को मोटरसाइकिल सहित रोककर उनकी तलाशी ली। तलाशी में 11.548 किलोग्राम गांजा बरामद हुआ, जिसकी बाजार में कीमत करीब 1 लाख 15 हजार 480 रुपये बताई गई।गिरफ्तार आरोपियों की पहचान ग्राम बिरसिंहपाली, थाना सरायपाली, जिला महासमुंद निवासी टोपसिंह पटेल (60) और मनीराम सिदार (50) के रूप में हुई है। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।
खरोरा में अखंड रामायण सम्मेलन 22 से
महासमुंद| ग्राम खरोरा में सतनामी समाज के तत्वावधान में गुरु घासीदास बाबा की कृपा से तीन दिवसीय अखंड रामायण सम्मेलन का आयोजन 22 से 25 अप्रैल तक रखा गया है। इसको लेकर मंगलवार को सतनामी समाज के लोगों ने बैठक का आयोजन किया। चोवाराम पटेल ने बताया हर साल गुरु घासीदास बाबा की रामायण सम्मेलन आयोजन किया जाता है। कार्यक्रम 22 अप्रैल को शाम 4 बजे शुभारंभ होगी।
527 आवेदन का राजस्व पखवाड़ा में समाधान
गरियाबंद| जिले में राजस्व पखवाड़ा के तहत मंगलवार को 15 स्थानों पर शिविर लगाए गए। कलेक्टर दीपक कुमार अग्रवाल के निर्देश पर हुए इन शिविरों में कुल 584 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से 527 आवेदनों का मौके पर ही निराकरण कर दिया गया। ज्ञात हो कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान में भूमि विवाद, नामांतरण, सीमांकन, बंटवारा, ऋण पुस्तिका, भू-अधिकार पत्र, जाति, निवास, आय प्रमाण पत्र, रकबा संशोधन और नक्शा बंटवारा जैसे मामलों का समाधान किया जा रहा है। अधिकारियों की टीमें गांव-गांव जाकर शिविर लगा रही हैं। जिससे ग्रामीणों को तहसील कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़ें। इसके तहत अमलीपदर तहसील के फरसरा शिविर में 25 में से सभी 25 आवेदन निपटाए गए।
दुष्कर्म के आरोपी को गिरफ्तार कर भेजा जेल
बिलाईगढ़| पुलिस अधीक्षक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के निर्देशन में बिलाईगढ़ पुलिस ने महिला और बच्चों के खिलाफ अपराधों की रोकथाम हेतु त्वरित कार्रवाई की है। थाना प्रभारी शिव कुमार धारी के नेतृत्व में पुलिस टीम ने दुष्कर्म के आरोपी को गिरफ्तार किया। 4 मार्च 2025 को एक प्रार्थी ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 1 मार्च को उसकी नाबालिक बेटी को अज्ञात व्यक्ति ने बहला-फुसलाकर अपहरण कर लिया था। आरोपी की पहचान बीमल दानगल, कांचीपुरम, तमिलनाडु के रूप में हुई। पुलिस ने नाबालिक पीड़िता को बरामद कर आरोपी मिथुन कुमार दास (27) को गिरफ्तार कर लिया।
नशीली दवाई टैबलेट की तस्करी करते 1 गिरफ्तार
महासमुंद| नशीली दवाई टैबलेट की तस्करी करते पुलिस ने 1 आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी के कब्जे से नाइट्राजेपम टेबलेट आईपी 10-10 टेबलेट कुल 100 नग नशीली टेबलेट को जब्त किया है। जिसकी कीमत 780 रूपए आंकी गई है। पुलिस ने बताया कि थाना बलौदा क्षेत्र में 14 अप्रैल को मुखबीर से सूचना मिला कि 1 व्यक्ति ग्राम पाईकपारा पुल बलौदा रोड के पास अवैध नशीली टेबलेट रखकर ग्राहक,वाहन का इंतजार कर रहा है। सूचना पर पुलिस की टीम के द्वारा मौके पर जाकर घेराबंदी कर 1 व्यक्ति को पकड़ा गया। तलाशी लेने पर नशीली टैबलेट नाइट्रोसन 10 एमजी कम्पनी का टेबलेट मिला। प्रतिबंधित नशीली दवाई रखने के संबंध में वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने नोटिस देने पर आरोपी के द्वारा कोई वैध दस्तावेज नहीं होना बताया।
बाइक सवार को वेगनआर ने मारी टक्कर, दो की मौत हुई
भास्कर न्यूज | महासमुंद ग्राम डोंगरीपाली में एक वेगनआर ने बाइक को जोरदार टक्कर मारकर एक्सीडेंट कर दिया। टक्कर इतना जबरदस्त था कि एक 15 वर्षीय नाबालिग सहित 2 की मौके पर ही मौत हो गई। मामला सरायपाली थाना की है। पुलिस ने शिकायत पर आरोपी चालक के खिलाफ केस दर्ज कर ली है। पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम झालपाली निवासी देवा नागवंशी (15) पिता दीपक नागवंशी 12 अप्रैल को अपने बाइक सीजी 04 केबी 3667 में अपने साथी ध्यानचंद व श्यामलाल नागवंशी के साथ ग्राम देवसागर मेला देखने गया हुआ था। मेला देखकर वापस आने के दौरान वो महाजन पटेल के घर के सामने मेन रोड डोंगरीपाली के पास पहुंचा था कि सामने से आ रही तेज रफ्तार वेगनआर के चालक ने अपने कार को तेजी और लापरवाही पूर्वक चलाकर देवा नागवंशी के बाइक को सामने से जोरदार टक्कर मारकर एक्सीडेंट कर दिया। एक्सीडेंट इतना जबरदस्त था कि मौके पर ही बाइक में बैठे देवा नागवंशी और ध्यानचंद मुंडा की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे में श्यामलाल नागवंशी घायल हो गया जिसे इलाज के लिए सरायपाली के शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामले में पुलिस ने मर्ग जांच पर दोषी वेगनआर के चालक के विरूद्ध अपराध धारा 281,125(ए) 106(1) बीएनएस कायम कर विवेचना में लिया गया।
ग्रामीणों ने खेत में शराब बेचने वाले को पुलिस के हवाले किया
भास्कर न्यूज | महासमुंद बागबाहरा पुलिस ने 14 अप्रैल को ग्राम भदरसी में अवैध शराब बिक्री करते एक आरोपी को देशी प्लेन व महुआ अवैध शराब के साथ पकड़ा है। पुलिस के बताए जानकारी के अनुसार ग्राम भदरसी के ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी कि ग्राम घांसी नगर के जोगी राम नायक पिता सुन्दर लाल नायक अपने मोहबा खार ग्राम घांसी नगर में अपने खेती के पास महुआ झाड़ के नीचे देशी प्लेन शराब व महुआ शराब को रखकर बिक्री कर रहा था। जिसे गांव वाले पकड़कर ग्राम भदरसी के शीतला मंदिर के पास आरोपी और पकड़े गये शराब को रखे है। पुलिस मौके में जाकर गांव वाले आरोपी को शराब के साथ पकड़कर रखे थे। वहां जोगी राम नायक(32) पिता सुन्दर लाल नायक निवासी घांसी नगर से पकड़े गये शराब के संबंध में पूछताछ करने पर उक्त शराब को अपना होना और ग्राम भदरसी के ग्रामीणों के खेती के पास महुआ झाड़ के नीचे पकड़ना और ग्राम भदरसी के शीतला मंदिर के पास लाना बताया। पुलिस आरोपी के कब्जे से 8 पौवा देशी प्लेन शराब प्रत्येक में 180 -180 एमएल, कुल 1260 एम एल 500 रुपये, कुल शराब 2 लीटर 700 एमएल 1140 रुपये को जब्त कर आरोपी का कृत्य धारा 34(1)(क) आबकारी अधिनियम का घटित करना पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया।
भास्कर न्यूज | महासमुंद नेशनल लोक अदालत का आयोजन 10 मई को होगा। इसको लेकर पैरालीगल वॉलेंटियर अपने अपने थाना क्षेत्र के गांवों में जाकर लोगों को इसके आयोजन के बारे में बताया जा रहा है। इसके अलावा हाट बाजारो, शासकीय कार्यालयों में पांपलेट के माध्यम से नेशनल लोक अदालत का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के प्रबंध कार्यालय के अधिकार मित्र हरिचंद साहू ने बताया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के सचिव आफरीन बानो के कुशल मार्गदर्शन में प्रबंध कार्यालय सहित जिले के विभिन्न आरक्षी केन्द्रों में पदस्थ पैरालीगल वॉलेंटियर ने अपने-अपने थाना क्षेत्र के ग्रामीण अंचलों में जाकर व्यापक रूप से नेशनल लोक अदालत के आयोजन के बारे में नागरिकों को बताया जा रहा है। इसके अलावा प्री-लिटिगेशन प्रस्तुत करने वाले वित्तीय संस्थाओं, बैकों, शासकीय कार्यालयों व ग्रामीण क्षेत्रों के हाट बाजार व गांवों में जाकर बैनर पाम्पलेंट के माध्यम से नेशनल लोक अदालत का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
सट्टा पट्टी लिखते दो को पुलिस ने रंगे हाथ पकड़ा
महासमुंद| बागबाहरा पुलिस ने 13 अप्रैल को मुखबिर की सूचना पर मुनगासेर बाजार चौक में दो व्यक्तियों को सट्टा पट्टी लिखते रंगे हाथ पकड़ा है। आरोपियों पर धारा 6 (क) जुआ एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है। पुलिस ने कहा बाजार चौक मुनगासेर में ब्रम्हा धीवर के पान ठेला में ब्रम्हा कुमार धीवर नामक व्यक्ति लोगों को रुपये पैसों का दांव लगवाकर सट्टा-पट्टी लिख रहा है। सूचना पर पुलिस ने मुखबिर के बताए स्थान पर पहुंच कर घेराबंदी कर एक व्यक्ति को सट्टा पट्टी लिखते रंगे हाथ पकड़ी। उसने नाम ब्रम्हा कुमार धीवर (35)निवासी मुनगासेर बताया। सट्टा पट्टी व सट्टे का नगदी रकम पुखराज पुरी गोस्वामी (43) निवासी खाड़ादरहा लक्ष्मीपुर के कब्जे से कुल 4360 रुपए जब्त किया।
संविदा भर्ती के लिए आवेदन 23 अप्रैल तक
महासमुंद| पंचायत संचालनालय के अंतर्गत रिवाम्पेड राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना के तहत छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम 2012 व संबंधित मार्ग दर्शिकाओं के अनुसार संविदा आधार पर विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इसमें जिला समन्वयक, संकाय सदस्य व लेखापाल के एक- एक पद शामिल है। अभ्यर्थी अपना आवेदन पत्र 23 अप्रैल शाम 5 बजे तक केवल पंजीकृत डाक या स्पीड पोस्ट के माध्यम से सीईओ जिला पंचायत महासमुंद के नाम पर भेज सकते हैं।
अवैध रेत खनन, आवास समस्याओं के समाधान के लिए लोगों ने आवेदन दिए
भास्कर न्यूज| महासमुंद महासमुंद में मंगलवार को कलेक्टोरेट में जन चौपाल का आयोजन किया गया। इसमें जिले के दूरस्थ क्षेत्रों से लोगों अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए कलेक्टर को आवेदन सौंपा। लोगों ने अवैध रेत खनन, पीएम आवास, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, अतिक्रमण हटाने सहित अलग-अलग समस्याओं के निराकरण के लिए कलेक्टर को आवेदन सौंपे। जन चौपाल में कुल 46 आवेदन प्राप्त हुए। कलेक्टर ने प्रकरणों के अनुसार संबंधित अधिकारियों को आवेदन प्रेषित करते हुए यथाशीघ्र नियमानुसार निराकरण के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने महत्वपूर्ण प्रकरणों को समय सीमा में दर्ज कर आवश्यक कार्यवाही के लिए संबंधित अधिकारी को प्रेषित किया। जन चौपाल में ग्राम गढ़सिवनी में रेत माफियाओं द्वारा हो रहे अवैध रेत खनन के लिए ग्रामवासियों ने आवेदन किया। कलेक्टर ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया। इसके अलावा ग्राम आमाकोनी तहसील बागबाहरा के निवासी श्रवण चक्रधारी ने नौकरी में ठगी से राशि लेने के संबंध में कार्यवाही की मांग की। तुलसी राम साहू कोमाख़ान निवासी ने कब्जे की भूमि का पट्टा प्रदान करने, ग्राम बेमचा निवासी गीता बाई साहू ने महतारी वंदन योजना से लाभान्वित करने, सराईपाली निवासी अनंतराम बिशी ने एरियर्स की राशि का भुगतान करने व पटेवा निवासी संतोष सेन ने पीएम आवास के लिए कलेक्टर को आवेदन दिए।
कार को मोड़ते वक्त पिकअप ने मारी टक्कर, हादसे में एक को चोट, केस
महासमुंद| बसना के बिहारी ढाबा के पास कार मोड़ते समय पीछे से आ रही एक पिकअप चालक ने लापरवाही पूर्वक अपनी वाहन चलाते कार को टक्कर मार दी। हादसे में एक व्यक्ति को चोंटें आई है, जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर ली है। पुलिस के बताए जानकारी अनुसार ग्राम पड़कीपाली निवासी मुकेश चौधरी ने शिकायत में पुलिस को बताया कि 12 अप्रैल को वह अपने दोस्त श्रीराम साहू निवासी बसना के साथ सेलेरियो कार में काम से रायपुर गया था। वापस आते समय नेशनल हाइवे 53 पर संजय बिहारी ढाबा के तरफ जाने के लिये रात करीबन 12 बजे गाड़ी को श्रीराम साहू मोड़ रहा था, तभी रायपुर तरफ से पिकअप का चालक अपने वाहन को तेज व लापरवाही पूर्वक चलाकर उनकी कार को ड्राइवर साईड के पीछा दरवाजा को टक्कर मारकर एक्सीडेंट कर दिया। जिससे श्रीराम साहू के सिर व कंधा में चोंट आई है। उसे डायल 112 से इलाज कराने सरकारी अस्पताल बसना में भर्ती कराया गया। मामले में शिकायत पर पुलिस ने आरोपी वाहन चालक के खिलाफ के तहत केस दर्ज कर कार्रवाई की है।
गांव में अवैध शराब बेचते पकड़ाए तो लगेगा 50 हजार का जुर्माना
भास्कर न्यूज| सिरको / महासमुंद बसना ब्लॉक के ग्राम पंचायत सिरको के ग्रामीणों ने गांव में नशामुक्ति और शराबबंदी पर बैन लगाने को लेकर अच्छी पहल की है। और अवैध शराब गांजा बिक्री को लेकर सख्त नियम बनाएं है। यदि कोई व्यक्ति गांव में शराब या गांजा बेचते हुए पकड़ा गया, तो उसे 50 हजार रुपए का जुर्माना निर्धारित किया गया है। वहीं अगर कोई व्यक्ति शराब पीकर हुड़दंग करता है, या गाली-गलौज करता पाया गया, तो उस पर 10 हजार रुपए का अर्थदंड से दंडित किया जाएगा। मंगलवार को गांव में नशामुक्ति को लेकर ग्रामीणों की बैठक हुई,जिसमें अवैध दारू की बढ़ती समस्या पर चिंता जताई गई। बैठक में विशेष रूप से छोटे बच्चों और युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति और वयस्कों में इसकी लत को देखते हुए गांव के सामाजिक ढांचे को बचाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए। यह भी निर्णय लिया गया कि यदि जुर्माना के बावजूद अवैध शराब की बिक्री बंद नहीं होती है, तो प्रशासनिक स्तर पर उसके खिलाफ कार्यवाही के लिए कदम उठाए जाएंगे। ग्रामीणों की इस एकजुटता और पहल को गांव में सामाजिक सुधार की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है। सरपंच फगूलाल नेताम ने बताया कि गांव में अवैध तरीके से शराब बेचने की सूचना थाने में देते थे। पुलिस आकर छापा मारती थी। कई बार कोचिए पकड़े जाते, लेकिन छूटने के बाद फिर शराब बेचने लग जाते थे। शराबबंदी का कड़ाई से पालन के लिए ही जुर्माना राशि तय किया गया है। बाहर से शराब पीकर गांव में झगड़ा करने पर भी अर्थदंड तय किया गया है। निगरानी समिति का गठन, 10 महिला और 10 पुरुष शामिल: खास बात ये है कि ग्रामीणों ने अवैध शराब बिक्री करने वाले पर निगरानी रखने के लिए एक समिति का गठन भी किया है। निगरानी समिति में 10 पुरुष और 10 महिलाएं को शामिल किया गया हैं। यह समिति गांव में अवैध नशे की गतिविधियों पर नजर रखेगी और नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई करेगी। इस पहल में महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं की भूमिका भी सराहनीय रही।
पिकअप वाहन से तस्करी, 13 मवेशी बरामद, तस्कर गिरफ्तार
राजनांदगांव| चिचोला पुलिस ने पिकअप वाहन से मवेशियों की तस्करी करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। मुखबीर से सूचना मिला कि एक बोलेरो पिकअप वाहन के चालक द्वारा मवेशियों को बिना चारा पानी के क्रूरता पूर्वक ठूंसकर परिवहन किया जा रहा है। राजनांदगांव तरफ से आ रही बोलेरो सीजी-04-पीएक्स-1261 का चालक पुलिस वाहन को देखकर पिकअप वाहन को लेकर महाराजपुर बस्ती तरफ भागने लगा। जिसे घेराबंदी कर पकड़ा गया। पिकअप वाहन के ड्राइवर सीट पर बैठा व्यक्ति पकड़ाया और दूसरा व्यक्ति भाग गया। पकड़ाए व्यक्ति का नाम पता पूछने पर अपना नाम आकाश भारती उर्फ आसू उम्र 24 साल निवासी वार्ड नंबर 2 नवागांव बजरंगपुर बताया। वाहन के अंदर कुल 13 नग बछड़ा (मवेशी) बिना चारा पानी के क्रूरता पूर्वक भरे हुए मिले। आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। उसे जेल दाखिल किया गया है।
रिद्धि-सिद्धि निवासी बुजुर्ग ने पी लिया जहर, हुई मौत
राजनांदगांव| रिद्धि-सिद्धि फेस-2 निवासी 61 वर्षीय राजीव गुप्ता ने मंगलवार की तड़के अपने घर में जहर पी लिया। सुबह उसकी मौत हो गई। मौके से पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि उनकी मौत के लिए परिवार वाले जिम्मेदार नहीं हैं। आर्थिक रूप से वे कमजोर होते जा रहे हैं। पुलिस के अनुसार कुछ साल पहले वे गंज चौक के पास कीटनाशक की दुकान का संचालन करते थे। वे रिद्धि-सिद्धि में अपनी मां के साथ रहते थे। जबकि उनका बेटा उसी कॉलोनी में दूसरे मकान में रहता था। सूचना पर पुलिस ने पंचनामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शाम को उनका अंतिम संस्कार किया गया।
लाइसेंसी फैक्ट्री से ही ढक्कन की सप्लाई संचालक एजेंट से तस्करों को भी बेच रहा
भास्कर न्यूज | राजनांदगांव छत्तीसगढ़ की शराब की बॉटलिंग के लिए जो ढक्कन (कैप) आबकारी विभाग दिल्ली से खरीद रही है। वही ढक्कन सीधे शराब तस्करों को भी बेची जा रही है। तस्कर नकली या मिलावटी शराब की बॉटलिंग इसी ढक्कन कर रहे हैं। इसे छग के दुकान की शराब बताकर कोचियों के माध्यम से बेचा जा रहा है। दिल्ली के बी-32 नरेश पार्क में मौजूद पैकव्यू नाम की फैक्ट्री छग के लाइसेंसी बॉटलिंग यूनिट को ढक्कन की सप्लाई करता है। फैक्ट्री के संचालक विक्रम आहूजा को ढक्कन बनाने का लाइसेंस दिया गया है। आबकारी विभाग बॉटलिंग यूनिट की डिमांड के मुताबिक परचेस आर्डर करता है। आर्डर के हिसाब से फैक्ट्री में छग आबकारी लिखी ढक्कन बनाता है। लेकिन अधिक मुनाफे के लिए संचालक परचेस डिमांड से अधिक ढक्कन फैक्ट्री में बना रहा है। जिसे गोंदिया, नागपुर और छग में मौजूद अपने एजेंट के माध्यम से तस्करों को बेचा जा रहा है। इसके लिए ढक्कन के निर्धारित मूल्य से 60 पैसे अधिक कीमत फैक्ट्री मालिक वसूल रहा है। यह नकली या मिलावटी शराब की बॉटलिंग में इस्तेमाल होकर आसानी से खप रही है। डोंगरगढ़ में कांग्रेस ने विरोध जताया, किया धरना प्रदर्शन इधर डोंगरगढ़ में मंगलवार को कांग्रेस ने तहसील के सामने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान कांग्रेस नें भाजपा सरकार पर जमकर प्रहार किए। अवैध रूप से शराब की बिक्री, अवैध बॉटलिंग और प्रदेश में बिगड़ती क़ानून व्यवस्था पर सरकार को घेरा। इस दौरान विधायक हर्षिता स्वामी बघेल, विधायक भोलाराम साहू, जिला कांग्रेस अध्यक्ष भागवत साहू, पूर्व मंत्री धनेश पाटीला सहित कांग्रेस के नेता मौजूद रहे। 60 हजार से अधिक ढक्कन बगैर परचेस आर्डर बेचा: पैकव्यू फैक्ट्री के मालिक विक्रम आहूजा को नांदगांव पुलिस ने अवैध बॉटलिंग यूनिट के मामले में पकड़ा है। विक्रम आहूजा ने खुलासा किया है, वह नागपुर और गोंदिया में मौजूद अपने एजेंट के माध्यम से छग में 60 हजार से अधिक ढक्कन बेच चुका है। बेचे गए सभी ढक्कन में छग आबकारी लिखा है। जिसे कुम्हारी के केडिया डिस्टलरी को बॉटलिंग के लिए परचेस आर्डर पर सप्लाई की जाती है। छग की शराब के लिए ढक्कन बनाकर देता था ^तस्करों को एजेंट के माध्यम से शराब की ढक्कन बेचने वाले को दिल्ली से पकड़ा गया है। इसकी ढक्कन बनाने की फैक्ट्री है। फैक्ट्री संचालक ने बताया है कि वह केडिया डिस्टलरी को परचेस आर्डर पर छग की शराब के लिए ढक्कन बनाकर देता था। आरोपी बगैर परचेस आर्डर 60 हजार ढक्कन एजेंट के माध्यम से छग में खपाने की जानकारी दी है। मोहित गर्ग, एसपी, राजनांदगांव छग व महाराष्ट्र के शहरों में इसके लिए बनाया एजेंट फैक्ट्री मालिक विक्रम ने जानकारी दी है कि उसके एजेंट नागपुर, गोंदिया सहित महाराष्ट्र के कई शहरों में है। इसके अलावा छग में भी उसने एजेंट बनाए हैं। जो दिल्ली पहुंचकर उसे शराब के ढक्कनों का आर्डर देते हैं। जिसे बगैर बिक्री रिकार्ड के इन एजेंटों को बेचा जाता है। बताया गया कि इसके बाद एजेंट इन ढक्कनों को ऐसे तस्करों को तक पहुंचाते हैं, जो शराब में मिलावट करके नए ढंग से बॉटलिंग करते हैं।
प्रदेश में सबसे गर्म रहा नांदगांव तापमान 40.5 डिग्री तक पहुंचा
भास्कर न्यूज | राजनांदगांव प्रदेश में मंगलवार को सबसे गर्म राजनांदगांव जिला रहा। यहां तापमान 40.5 डिग्री तक पहुंचा और शाम को खंड वर्षा भी हुई। तीन द्रोणिका मजबूत होने के चलते मंगलवार की दोपहर के बाद मौसम बदल गया। शाम को जिले में खंड वर्षा हुई। मौसम वैज्ञानिकों ने प्रदेश के कई हिस्सों में तेज हवा और गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने संभावना जताई थी। कल बुधवार को भी लगभग यही स्थिति रहेगी। उत्तर व मध्य छत्तीसगढ़ में तीन दिनों में अधिकतम तापमान में 2-3 डिग्री बढ़ने की संभावना है। प्रदेश के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होगी। बुधवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान 39 डिग्री अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान 24 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है। मंगलवार दोपहर बाद तेज हवा के साथ बारिश के चलते शहर और जिले में बिजली गुल हो गई। िबजली की आंख मिचौली होती रही वहीं कई इलाकों में देर शाम तक िबजली की आंख मिचौली होती रही। रामाधीन मार्ग, भरकापारा एवं आसपास के इलाकों में शाम को 3-4 बार बिजली गुल हुई। इसके अलावा पटरी पार इलाकों में कहीं लंबे समय तक तो कहीं आंख मिचौली होती रही। तेज हवा के कारण कई जगह शॉर्ट सर्किट भी हुआ।
मोटर साइकल चोरी करने वाले 3 आरोपी गिरफ्तार
भास्कर न्यूज | राजनांदगांव पुलिस ने बाइक चोरी करने वाले चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। सोमनी पुलिस ने तीन आरोपी और चोरी किए गए बाइक को खरीदने वाले 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। लगातार चोरी की घटना की सूचना पर थाना सोमनी पुलिस एवं साइबर सेल की टीम गठित कर आरोपी की पतासाजी में पुलिस जुटी। मामले में देवेंद्र साहू, तामेश्वर वर्मा, के साथ ही तामेश्वर बारले पदुमतरा, संजय वर्मा बुंदेलीखुर्द, रूपेश वर्मा बुंदेलीखुर्द, संजय वर्मा धौराभाठा, मो.अब्दुल खान तिलई, नितेश वर्मा बुंदेलीखुर्द और दुलेश्वर वर्मा ग्राम भोथी को गिरफ्तार किया गया है। मुखबीर की सूचना पर से संदेही देवेन्द्र साहू उम्र 31 साल निवासी ग्राम बरगाही थाना घुमका को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पूछताछ करने पर अपने दोस्त तामेश्वर बारले के साथ मिलकर चोरी की बाइक से ठाकुर टोला से एक बाइक को चोरी करना बताया। चोरी करना स्वीकार किया आरोपी देवेन्द्र साहू से कड़ाई से पूछताछ करने पर अपने दोस्त तामेश्वर वर्मा उम्र 23 साल निवासी ग्राम ठेलकाडीह के साथ मिलकर करीब 10 स्थानों पर बाइक चोरी करना स्वीकार किया। इसमें उरला दुर्ग ओव्हर ब्रिज, राजइम्पीरियल होटल के पास, खैरागढ़ शराब दुकान, तुमडीबोड़, चिचोला, मोहारा शराब भट्टी, चौपाटी, खैरागढ़ शराब भट्टी, सिंघोला करमतरा और बघेरा सोमनी से बाइक चोरी करना बताया। आरोपीगण से घटना में प्रयुक्त एक्टिवा, औजार एवं चोरी की 10 बाइक बरामद की गई।
नौकरी का झांसा दे 3.5 लाख ठगे, पिता गिरफ्तार, बेटा फरार
भास्कर न्यूज| रायगढ़ पिता-पुत्र की जोड़ी ने एनटीपीसी में नौकरी लगवाने के नाम पर एक युवक से 3.5 लाख रुपए ठग लिए। जूटमिल पुलिस ने शिकायत के बाद मामला दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। दूसरा आरोपी फिलहाल फरार बताया जा रहा है। जूटमिल थाना क्षेत्र के गांव झलमला के कर्मवीर सिंह ने शिकायत देकर बताया था कि पुसौर महलोई के सुदामा प्रधान और उसके पिता भरत ने एनटीपीसी लारा में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर 2.75 लाख रुपए यूपीआई के जरिए और 75 हजार रुपए नकद वसूले थे। जूटमिल पुलिस ने जांच में पाया कि सुदामा और उसके पिता भरत द्वारा संगठित रूप से कुल 3.5 लाख की ठगी की थी। जांच पूरी होने पर जूटमिल में आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 120-बी भादंवि के तहत अपराध दर्ज किया गया। पुलिस टीम द्वारा दबिश देने पर आरोपी भरत प्रधान को हिरासत में ले लिया गया, जबकि उसका बेटा सुदामा फरार है। पूछताछ में भरत प्रधान ने कबूल किया कि दो साल पहले उसने अपने बेटे सुदामा के साथ मिलकर कर्मवीर सिंह से नौकरी दिलाने के नाम पर राशि वसूली थी। राशि उन्होंने जमीन खरीदने और मकान बनाने में खर्च कर दिया। आरोपी भरत प्रधान (55) को महलोई से गिरफ्तार किया गया है। उसे रिमांड पर जेल भेजा गया है। फरार आरोपी सुदामा प्रधान की तलाश की जा रही है।
शनि मंदिर से छठ घाट तक 1.2 किमी लंबा न्यू मरीन ड्राइव बनेगा, सर्वे शुरू
शंकर यादव | रायगढ़ शनि मंदिर से जेल पारा होते हुए छठ घाट तक लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबा मरीन ड्राइव बनेगा। इसके लिए प्राइवेट एजेंसी द्वारा सर्वे शुरू हो गया है। इससे शहर की सुंदरता के साथ जूटमिल क्षेत्र के लोगों का ट्रैफिक दबाव कम होगा। पिछले दिनों फोरलेन सड़क की स्वीकृति शहर को मिली थी। अब छूटे हुए मरीन ड्राइव बनने से शहर का दायरा बढ़ेगा, साथ ही शहर में ट्रैफिक का दबाव कम होगा। रायगढ़ विधायक और वित्त मंत्री ओपी चौधरी और नगर निगम ने अधिकारी समेत पार्षद लक्ष्मीपुर नाले का निरीक्षण किया था। लक्ष्मीपुर नाले से लेकर सर्किट हाउस मरीन ड्राइव तक बायपास सड़क बनाने पर चर्चा हुई। इससे ढिमरापुर की तरफ से आने वाले लोगों को सर्किट हाउस की तरफ से सीधे चक्रधरनगर से जोड़ा जा सके। इसमें करीब 14 करोड़ रुपए खर्च करने की बात कही जा रही है। लक्ष्मीपुर से सड़क बनने से ढिमरापुर से केवड़ाबाड़ी चौक में लगने वाला ट्रैफिक डायवर्ट हो जाएगा। उसी तरह अब शनि मंदिर के पास से छठ घाट तक मरीन ड्राइव का निर्माण होगा, जिससे जूटमिल, कांशीराम चौक, कबीर चौक के लोग सीधे मरीन ड्राइव होते हुए कलेक्टोरेट मार्ग से जुड़ जाएंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिस प्रकार सर्किट हाउस से शनि मंदिर तक और बेलादुला रपटा पुल से एसईसीएल ऑफिस तक मरीन ड्राइव बना है, उसी प्रकार छठ घाट तक मरीन ड्राइव बनेगा। बीते एक सप्ताह से सर्वे करने वाली टीम चौड़ाई के अनुसार स्थिति तैयार कर रही है। बजट में जोड़ा गया प्रस्ताव ^आयुक्त ब्रजेश सिंह क्षत्रिय ने बताया कि मरीन ड्राइव बनाने के लिए सर्वे किया जा रहा है। लगभग 12 से 14 करोड़ की लागत से मरीन ड्राइव का निर्माण होगा, जिसे बजट में जोड़ा गया है। सर्वे करने के बाद आगे का काम शुरू हो जाएगा, जिससे शहर की सुंदरता दोगुनी हो जाएगी और शहर में बढ़ने वाली ट्रैफिक की समस्या का हल होगा। - ब्रजेश सिंह क्षत्रिय, आयुक्त, नगर निगम
रुपयों के लिए नौकर ने की थी बुजुर्ग दुकानदार की हत्या, आरोपी गिरफ्तार
रायगढ़| सोमवार को लैलूंगा के मोहनपुर गांव में 70 वर्षीय दुकानदार सुखेन शर्मा का शव मिला था। पुलिस ने जांच की तो सुखेन का नौकर ही हत्या का आरोपी निकला। सुखेन कुछ वर्षों से अकेले रहते थे और दुकान चलाते थे। उनकी दुकान पर संतुराम यादव काम करता था। सुखेन के शव मिलने की सूचना पर पहुंची पुलिस ने संतुराम को मौके पर नहीं देखा तो शक हुआ। संतुराम को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। पता चला कि 13 अप्रैल की रात को संतुराम ने सुखेन से 800 रुपए उधार लिए। थोड़ी देर में वह फिर और रुपए मांगने आया। सुखेन ने मना किया तो उसने बांस और लात-मुक्के से बुजुर्ग पर हमला किया। उनकी मौत के बाद वह 40 हजार रुपए नकद लेकर भाग गया। पुलिस ने संतुराम से 27 हजार 500 रुपए बरामद भी किए हैं।
स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने साइकिल अभियान
कवर्धा| 17वीं विशेष भारत रक्षित वाहिनी छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल में खेलो इंडिया योजना के तहत फिट इंडिया साइकिल अभियान का आयोजन हुआ। सुबह 7:30 बजे संडे ऑन सायकिल, कार्यक्रम शुरू हुआ। इसका उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम का नारा फिटनेस का डोज, आधा घंटा रोज, दिया गया है। आयोजन का संचालन इकाई प्रमुख कमलेश्वर प्रसाद चंदेल ने किया। वहीं कार्यक्रम में उप सेनानी प्रमोद गुप्ता, सहायक सेनानी बद्रीनाथ मिश्रा व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
प्रक्रिया: डिप्टी कलेक्टर गीता रायस्त का तबादला
कवर्धा| मंगलवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने राज्य प्रशासनिक सेवा के 6 अधिकारियों को प्रशासनिक आधार पर राज्य शासन ने स्थानांतरित किया है। यह आदेश सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव ने जारी किया है। इसमें कबीरधाम जिले की डिप्टी कलेक्टर गीता रायस्त शामिल है, जिनका तबादला उपायुक्त संभागीय कार्यालय बस्तर संभाग जगदलपुर में िकया गया है।
टंकी बनाई पर अब तक बोर खनन नहीं
भास्कर न्यूज | दामापुर पंडरिया ब्लॉक के ग्राम पंचायत भरेवा पूरन में जल जीवन मिशन अधूरा रह गया है। करोड़ों रुपए खर्च कर पाइप लाइन बिछाई गई। घर-घर नल कनेक्शन भी लगाए गए। पानी टंकी भी बनकर तैयार हो गई। लेकिन बोर खनन नहीं हुआ। नलों में पानी नहीं आ रहा। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार शासन और प्रशासन को शिकायत दी। अधिकारियों की बैठकें भी हुईं। फिर भी कोई हल नहीं निकला। पानी टंकी के पास बोरिंग नहीं होने से सप्लाई शुरू नहीं हो पा रही है। सफाई भी नहीं हो रही। गांव में आज भी लोग पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। शासन की अनदेखी और अफसरों की उदासीनता के कारण योजना अधूरी रह गई। ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द बोरिंग कर पानी की सप्लाई शुरू की जाए, ताकि हर घर तक स्वच्छ पेयजल पहुंचे। राहत मिले।
मवेशियों ने खरबूजे की फसल नष्ट की, केस दर्ज
भास्कर न्यूज | कवर्धा ग्राम कारेसरा के किसान महेश दास के खेत में घुसे मवेशियों ने खरबूजे की फसल को नष्ट कर दी है। घटना 13 अप्रैल की शाम 7 बजे से 14 अप्रैल की सुबह 7 बजे के बीच की है। किसान ने इसकी शिकायत चौकी बाजार चारभाठा में दर्ज कराई है। पीड़ित किसान महेश दास ने बताया कि उसने 1.50 एकड़ खेत में खरबूजा की फसल लगाई थी। खेत के चारों ओर जाली तार से घेराबंदी की गई थी। 14 अप्रैल की सुबह 6 बजे जब वह खेत देखने गया तो 18 मवेशी खेत में घुसे थे। मवेशियों ने पूरी फसल चर ली थी। सभी मवेशी ग्राम बनिया निवासी कुलिया राम यादव के बताए गए हैं। किसान ने आरोप लगाया कि कुलिया राम ने जान-बूझकर खेत की जाली तार हटाकर अपने मवेशियों को खेत में छोड़ा। इससे उसे करीब 1.50 लाख रुपए का नुकसान हुआ। किसान की लिखित शिकायत पर पुलिस ने कुलिया राम यादव के खिलाफ बीएनएस की धारा 329 (3), 324 (5) के तहत अपराध दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
लिमोरा में 5 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे, ग्रामीणों ने रस्म निभाई
बालोद| सोमवार को ग्राम लिमोरा मंे सामूहिक विवाह हुआ। देर रात तक आयोजन में पंडित के मंत्रोच्चार के साथ 5 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। बाराती व घराती बन ग्रामीणों ने रस्म निभाई। ग्रामीणों ने सर्व सहमति से पांच जोड़ों का सामूहिक विवाह अपने खर्च से कराने का निर्णय लिया था।
इंडिया जस्टिस रिपोर्ट (IJR) ने देश के 18 बड़े राज्य और केंद्र शासित छोटे राज्यों की रैंकिंग की। इसमें पुलिस व्यवस्था, जेल, न्यायपालिका और कानूनी सहायता को लेकर रिपोर्ट जारी की है। छत्तीसगढ़ को ओवरऑल रैंकिंग में टॉप 10 में 6वां स्थान मिला है, जबकि पश्चिम बंगाल की हालत सबसे दयनीय है। इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2025 के मुताबिक पुलिस व्यवस्था में राज्य को चौथा, जेल 13वां, न्यायपालिका को 8वां और कानूनी सहायता में 7वां स्थान मिला है। इसमें जेल व्यवस्था और न्यायपालिका खराब स्थिति में है। न्यायालयों में जजों की कमी है। जेलों में कैदियों की भीड़ बढ़ गई, लेकिन व्यवस्थाएं नहीं सुधर रही। छत्तीसगढ़ में प्रति 10 लाख की आबादी पर मात्र 17 जज हैं, जबकि 50 जजों की जरूरत है। इससे जजों पर केसों का पहाड़ बनते जा रहा है। वहीं जेलों की बात करें तो सेंट्रल और जिला जेलों की स्थिति खराब है। जेल क्षमता से 45% से अधिक भरी हुई हैं। वहीं पुलिसिंग में महिलाओं की संख्या बहुत कम है। इस रिपोर्ट में विस्तार से पढ़िए पुलिस व्यवस्था, जेल, न्यायपालिका और कानूनी सहायता की स्थिति... न्याय प्रणाली में बड़े पैमाने पर रिक्तियां 2025 तक, उच्च न्यायालयों में 27% से लेकर जिला न्यायाधीशों के बीच 30% तक रिक्तियां हैं। उच्च न्यायालय में लगभग हर तीन में से एक मामला (32%) 2024 में 5-10 वर्षों से लंबित था। 2022 में यह हिस्सेदारी 27% थी। जिला न्यायालय में 10% मामले 5-10 वर्षों से लंबित रहे। राज्य के लगभग आधे जिला न्यायालय के न्यायाधीश महिलाएं हैं, लेकिन 2025 में उच्च न्यायालय में उनकी संख्या केवल 6% है। छत्तीसगढ़ ने 8% के साथ देश में पुलिस में महिलाओं की सबसे कम हिस्सेदारी में से एक दर्ज की। छत्तीसगढ़ की जेलों की स्थिति दयनीय छत्तीसगढ़ की जेलें अपनी क्षमता से 45% से अधिक भरी हुई हैं। 36% के उच्च समग्र कर्मचारी की कमी के साथ चल रही हैं। जेल कर्मचारियों के भीतर, जेल अधिकारियों में रिक्तियां सबसे अधिक 66% हैं, जो देश में सबसे अधिक में से एक है। इसके चिकित्सा कर्मचारियों, डॉक्टरों और सुधारात्मक कर्मचारियों में 50% से अधिक की कमी थी और तीन में से एक गार्डिंग स्टाफ भी गायब था। IJR ने अपनी रिपोर्ट में ओवरऑल किसे कितनी रैंकिंग दी ? छत्तीसगढ़ में ओवरऑल पुलिस व्यवस्था, जेल, न्यायपालिका और कानूनी सहायता की बात करें तो छत्तीसगढ़ में जेलों की स्थिति खराब है, जबकि पुलिसिंग व्यवस्था अच्छी है। न्यायपालिका भी ठीक स्थिति में है। वहीं कानूनी सहायता में भी छत्तीसगढ़ बेहतर स्थिति में है। पुलिस विभाग में 33 प्रतिशत महिलाओं को लाने में 50 साल लगेंगे छत्तीसगढ़ पुलिस में 33% महिलाओं को लाने में अभी 50 लग सकते हैं। हालांकि छत्तीसगढ़ ने 2022 के मुकाबले ग्रोथ किया है। अभी छत्तीसगढ़ में करीब 7.6 प्रतिशत महिला पुलिसकर्मी हैं, जबकि 9.3 प्रतिशत पुलिस अधिकारी हैं। वहीं पुलिस विभाग में भी अभी करीब 30 प्रतिशत रिक्त पद हैं। छत्तीसगढ़ में पुलिस स्टेशन की संख्या और दूरी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पुलिस स्टेशन की स्थिति की बात करें तो पुलिस मशीनरी अधिकतर शहर केंद्रित होती है। 2017 और 2023 के बीच, ग्राामीण पुलिस स्टेशनों की संख्या में कमी आई, जबकि शहरी पुलिस स्टेशनों में वृद्धि हुुई। वहीं छत्तीसगढ़ की बात करें तो 2023 के मुताबिक 99 हजार 817 पुलिस स्टेशन हैं, जबकि 61 हजार 958 थाने हैं। वहीं अगर दूरी की बात करें तो शहरी क्षेत्र में प्रति 39 वर्ग किलोमीटर का दायरा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो 372 वर्ग किलोमीटर का दायरा है। छत्तीसगढ़ में जेलों की स्थिति बहुत खराब, कैदियों की बढ़ी भीड़ देश के 18 राज्यों में छत्तीसगढ़ के जेलों की स्थिति बहुत खराब है। 18 में 13वें स्थान पर है। 4.54 रैंकिंग मिली है। वहीं जेल ऑक्यूपेंसी की बात करें तो दिसंबर 2012 में 253% और दिसंबर 2022 में 145 % है। जेलों में कैदियों की भीड़ बढ़ गई है। 10 साल में 14 हजार 143 कैदी बढ़े 10 साल में छत्तीसगढ़ की जेलों की कुल क्षमता में 141% की बढ़ोतरी हुई है। 5 हजार 850 कैदियों से बढ़कर 14 हजार 143 कैदियों की बढ़ोतरी हुई है। छत्तीसगढ़ में 1-3 साल से ज्यादा समय तक रहने वाले विचाराधीन कैदियों की बात करें तो इनकी संख्या 26.0 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ में 6 कैदियों पर एक काडर छत्तीसगढ़ में 6 कैदियों पर एक काडर की नियुक्ति की गई है, जिसमें 14.7 है। ये तय सीमा से कम हैं। वहीं मेडिकल ऑफिसर की बात करें तो 300 कैदियों पर एक मेडिकल ऑफिसर की नियुक्ति होती है, लेकिन छत्तीसगढ़ में 1 हजार 76 कैदी पर एक मेडिकल ऑफिसर है। छत्तीसगढ़ में कैदियों पर कितना खर्च ? छत्तीसगढ़ में प्रत्येक कैदी पर खर्च की बात करें तो 100 रुपए प्रति कैदी खर्च हो रहा है, ये आंकड़े 2021-22 के हैं, जबकि 2023-24 के मुताबिक 105 रुपए खर्च हो रहे हैं। इसमें खाना, दवा, शिक्षा और ट्रेनिंग भी शामिल है। सबसे ज्यादा आंध्रप्रदेश 733 रुपए और सबसे कम महाराष्ट्र 47 रुपए खर्च करता है। छत्तीसगढ़ में जजों की स्थिति और वैकेंसी छत्तीसगढ़ SC और ST के लिए अपने कोटे को भरने मेंं असफल रहा है, जबकि OBC के लिए आरक्षित सीटों को भरने में कुछ हद तक बेहतर प्रदर्शन रहा। छत्तीसगढ़ में 2022-25 तक जाति के अनुसार ST-SC और OBC जजों की संख्या में कमी आई है। 2022 में तीनों कटेगरी के जजों की बेहतर स्थिति थी, लेकिन IJR की रैंकिंग में छत्तीसगढ़ में कमी रिकॉर्ड की गई है। छत्तीसगढ़ में प्रति 10 लाख की आबादी पर मात्र 17 जज 1987 मेंं विधि आयोग से निर्धारित मानक के अनुसार, प्रति 10 लाख जनसंख्या पर 50 जज होने चाहिए, लेकिन वास्तविकता में छत्तीसगढ़ में 17 ही जज हैं। वहीं हाईकोर्ट में अभी 27 प्रतिशत जजों के पोस्ट खाली हैं, जबकि छोटे अदालतों में करीब 30 प्रतिशत जजों की जरूरत है। अभी 29 प्रतिशत केस पेंडिंग हैं। छत्तीसगढ़ में 43 परसेंट ही महिलाएं, केस भी पेंडिंग महिला जजों की संख्या 43.7 परसेंट है। इसमें 92 SC महिला जज हैं। ST की 83 महिलाएं हैं, जबकि OBC की 138 महिला जज हैं। वहीं छत्तीसगढ़ में 2025 में छोटे न्यायालयों में 28.3 परसेंट केस पेंडिंग हैं, जबकि हाईकोर्ट में 113 परसेंट केस पेंडिंग हैं। न्यायपालिका में छत्तीसगढ़ की स्थिति खराब पिछले तीन सालों में केवल 11 बड़े और मध्यम आकार के राज्य ही अधीनस्थ न्यायालयों में रिक्तियों को भरने या बनाए रखने में कामयाब रहे हैं। इसके विपरीत, छत्तीसगढ़, झारखंड और पश्चिम बंगाल में इसी अवधि के दौरान रिक्तियों की संख्या दोगुनी से भी अधिक हो गई है, जबकि मुकदमों का बोझ लगातार बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ में हालात इतने खराब हो गए हैं कि 2022 में 8.9 परसेंट था, जो अब 2025 में बढ़कर 29.9 हो गई है। जजों की भर्ती नहीं हो रही है, जिससे जजों पर केसों का बोझ चढ़ता जा रहा है। केस तेजी से क्लियर नहीं हो रहे हैं। पेंडिंग में चढ़ते जा रहे हैं। खराब स्थिति में गुजरात और सेकेंड पर छत्तीसगढ़ है। छत्तीसगढ़ में कानूनी सहायता की स्थिति ? कानूनी सहायता यानी गरीबों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करना, सभी के लिए न्याय तक पहुंच सुनिश्चित कराना है। छत्तीसगढ़ में कानूनी सहायता को लेकर बात करें तो 17 में 7वीं रैंकिंग मिली है, जो मध्य की रैंकिंग है। ये रैंकिंग बेहतर नहीं है। हालांकि 11 में से 7वें स्थान पर आ गया है। छत्तीसगढ़ ने कानूनी सहायता में अपने कुल कानूनी सहायता बजट का 87% योगदान करने के बावजूद, वह इसका केवल 77% ही उपयोग कर सका। नालसा फंड का उपयोग भी 2022-23 में घटकर 69% हो गया। लगभग 20,000 गांवों के लिए केवल एक कानूनी सेवा क्लिनिक है। छत्तीसगढ़ में एक कानूनी सहायता क्लिनिक को लेकर स्थिति खराब है। 2017 और 2024 के बीच, प्रति कानूनी सहायता क्लिनिक गांवों की संख्या 20 हजार है। इंडिया जस्टिस रिपोर्ट (आईजेआर) 2025 ने कहा है कि न्याय व्यवस्था में तुरंत और बड़े बदलाव की ज़रूरत है। न्यायपालिका पर क्या बोले रिटायर्ड जस्टिस ? इंडिया जस्टिस रिपोर्ट पर चर्चा करते हुए मदन बी. लोकुर ने कहा कहा कि यह संस्थाएं समान न्याय की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतिरूप होनी चाहिए। दुर्भाग्यवश, न्याय पाने का बोझ आज भी उस व्यक्ति पर है जो न्याय मांग रहा है, न कि उस राज्य पर जो उसे प्रदान करना चाहिए। कानूनी राज और समान अधिकारों का वादा खोखला रहेगा- माया दारुवाला इंडिया जस्टिस रिपोर्ट की चीफ एडिटर माया दारुवाला ने कहा, ‘’भारत एक लोकतांत्रिक और कानून से चलने वाले देश के तौर पर 100 साल पूरे करने की ओर बढ़ रहा है, लेकिन न्याय प्रणाली में सुधार तय नहीं होंगे, तो कानूनी राज और समान अधिकारों का वादा खोखला रहेगा।
कलेक्टर ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा
भास्कर न्यूज | भाटापारा कलेक्टर दीपक सोनी ने संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में समय-सीमा बैठक आयोजित की, जिसमें उन्होंने विभिन्न विभागीय कार्यों की समीक्षा की और सुशासन तिहार के तहत प्राप्त आवेदनों का तय समय में निराकरण करने के निर्देश दिए। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि मांग और शिकायत से जुड़े आवेदनों का निराकरण योजना के नियम और बजट की उपलब्धता के अनुसार गुणवत्तापूर्ण करना चाहिए। शिकायतों को गंभीरता से लें और यदि किसी कर्मचारी पर शिकायत हो, तो उचित कार्रवाई करें। कलेक्टर ने विभागवार एसओपी तैयार करने की आवश्यकता भी जताई, ताकि आवेदनों का शीघ्र और गुणवत्तापूर्ण निराकरण हो सके। कलेक्टर ने सुशासन तिहार के अंतिम चरण में होने वाले समाधान शिविर की तैयारी की समीक्षा करते हुए बताया कि हर विकासखंड से 10-10 ग्राम पंचायतें समाधान शिविर के लिए चुनी गई हैं। इन पंचायतों में केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं का संतृप्तिकरण किया जाएगा। साथ ही, एसडीएम और जनपद सीईओ को मौके पर जाकर ग्राम पंचायतों की मूलभूत समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए गए। क्लस्टर की ग्राम पंचायतों और उनके नजदीकी पंचायतों की समस्याएं भी हल की जाएंगी। इसके अलावा, कलेक्टर ने मुख्यमंत्री जनदर्शन, कलेक्टर जनदर्शन, जनशिकायत और समय-सीमा से संबंधित आवेदनों के शीघ्र निराकरण के लिए भी निर्देश दिए। बैठक में डीएफओ मयंक अग्रवाल, सीईओ जिला पंचायत दिव्या अग्रवाल, अपर कलेक्टर दीप्ति गौते, मिथलेश डोंडे, एसडीएम, तहसीलदार, जनपद सीईओ और विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी मौजूद रहे।
उभयलिंगी, दिव्यांग और सियान के लिए हेल्पलाइन
बिलाईगढ़ | छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सेवा जतन सरोकार के ध्येय वाक्य से उभयलिंगी, दिव्यांग और सियान की सेवा समाज कल्याण विभाग की ओर से निरंतर की जा रही है। इन जरूरतमंद नागरिकों के लिए डायल करव समाधान पावव के तहत, हेल्पलाइन सेंटर सातों दिन 24 घंटे संचालित किया जा रहा है, जिसका नंबर 18002338989 है।
संविधान निर्माता की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
बलरामपुर | कलेक्टर राजेन्द्र कटारा व जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह तोमर व जनप्रतिनिधियों ने डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में डॉ. अंबेडकर व महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। कलेक्टर ने जिले के सभी लोगों को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती की बधाई व शुभकामनाएं भी दी।
कृष्ण का जीवन केवल धार्मिक कथा नहीं मानवता के लिए गहन संदेश है: विधायक
भास्कर न्यूज | सरोना ग्राम पटौद में कर्मा महोत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विधायक आशाराम नेताम थे। उन्होंने कार्यक्रम के दौरान मानव कल्याण के प्रतीक और श्री कृष्ण की अनन्य भक्त के रूप में स्थापित परंपरा पर प्रकाश डालते हुए उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित किया। विधायक नेताम ने कृष्ण के जीवन की शिक्षाओं को साझा करते हुए कहा कृष्ण का जीवन केवल एक धार्मिक कथा नहीं, बल्कि यह मानवता के लिए एक गहन संदेश है। उनके आदर्श हमें यह सिखाते हैं कि हमें अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए समाज के उत्थान में सहयोगी बनना चाहिए। यह समर्पण और निस्वार्थता की भावना ही समाज को आगे बढ़ा सकती है। उन्होंने कहा कृष्ण ने बलिदान, सेवा और आत्म.प्रतिबद्धता का जो पाठ पढ़ाया, वह आज की पीढ़ी के लिए भी उतना ही प्रासंगिक है। उनका जीवन ठोस उदाहरण प्रस्तुत करता है कि किस तरह से एक व्यक्ति समाज में परिवर्तन ला सकता है। विधायक ने युवा पीढ़ी की भूमिका पर जोर देते कहा आज का युवा हमारी संवेदनाओं की धारा है। यदि वे श्री कृष्ण के आदर्शों को अपने जीवन में उतारें, तो निश्चित रूप से वे समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। हमें उन्हें शक्ति और प्रेरणा देनी चाहिए, ताकि वे अपनी संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करते हुए आगे बढ़ सकें। कार्यक्रम के दौरान पारंपरिक नृत्य, संगीत और नाटक प्रस्तुत किए गए।
जयंती पर छुआछूत मिटाने का लिया संकल्प
देवनगर| विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के तत्वावधान में रविवार 14 अप्रैल को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम में जाटव समाज, अहिरवार समाज और अन्य हिंदू समाज के लोग शामिल हुए। सभी ने बाबा साहब के जीवन पर प्रकाश डाला। इस मौके पर समाज में छुआछूत खत्म करने का संकल्प लिया गया। कार्यक्रम में हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष सुरेश साहू, सचिव शिवराज विश्वकर्मा, प्रखंड संयोजक मोहन कुशवाहा, राहुल कुशवाहा, महेश धाकड़, आशीष साहू, ग्राम पंचायत सचिव प्रकाश जाटव, योगेश पाल, मिथुन जाटव, शिवराज जाटव और माधव जाटव मौजूद रहे। कई अन्य कार्यकर्ता भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
डॉ. अम्बेडकर योजना में 99 बेरोजगारों को मिलेगा ऋण
रायसेन|डॉ. भीमराव अम्बेडकर आर्थिक कल्याण योजना के तहत जिले के अनुसूचित जाति वर्ग के शिक्षित बेरोजगार पुरुष और महिलाएं अब खुद का रोजगार शुरू कर सकेंगे। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए योजना में 99 इकाइयों का लक्ष्य तय किया गया है। इस योजना में उद्योग, सेवा और व्यवसाय क्षेत्र की परियोजनाओं के लिए बैंकों से 10 हजार से एक लाख रुपए तक का ऋण मिलेगा। राज्य शासन स्वीकृत इकाई की लागत पर 7 प्रतिशत वार्षिक की दर से अधिकतम 5 वर्षों तक ब्याज अनुदान देगा। आवेदक का जिले का मूल निवासी होना जरूरी है। योजना में गारंटी फीस राज्य शासन द्वारा दी जाएगी।
ऑनलाइन दुकान से 9 हजार रुपए चोरी
रायसेन| धनियाखेड़ी निवासी विजय कुमार पिता देवजी अहिरवार ने पुलिस में शिकायत दी है कि उसकी ऑनलाइन दुकान दीपक धाकड़ के मकान में भोपाल-सागर रोड, देवनगर में है। 18 जून को आरोपी देव पिता उदय सिंह कुचबंदिया उम्र 18 साल निवासी छोला मंदिर के पास, भानपुर, भोपाल और उसके साथियों ने दुकान के काउंटर से 500-500 रुपए के 18 नोट चुरा लिए। कुल 9 हजार रुपए चोरी कर ले गए। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की है।
प्रतापगढ़ में डॉ. अंबेडकर की जयंती मनाई
जैथारी| ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत पुष्पमाला अर्पण और तिलक लगाकर हुई। इसके बाद सभी ने एक-दूसरे को बधाइयां दीं और मिठाई खिलाकर खुशी जताई। इस मौके पर सरपंच प्रतिनिधि राजेश राय, घनश्याम राठौर, गोविंद राठौड़, नर्मदा प्रसाद, मंडल अध्यक्ष पप्पू ठाकुर, पदम सिंह ठाकुर, सरदार ठाकुर, आजाद सिंह, बुंदेला, डॉ. गोविंद सिंह ठाकुर और डॉ. नवल किशोर साहू मौजूद रहे। क्षेत्र के कई लोग भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
राशन दुकान का नायब तहसीलदार ने किया निरीक्षण
चिकलोद कलां| आदिम जाति सेवा सहकारी संस्था की शासकीय उचित मूल्य दुकान का मंगलवार को नायब तहसीलदार देवेंद्र शुक्ला ने आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय दुकान खुली मिली। उपभोक्ताओं को सामग्री का वितरण हो रहा था। सेल्समैन महेश मांझी से केवाईसी से जुड़ी जानकारी ली गई। जांच में केवाईसी 75% पूर्ण पाया गया। निरीक्षण के दौरान पटवारी ज्ञान सिंह ककोडिया, संस्था प्रबंधक धर्मेंद्र कुमार राय, सेल्समैन महेश मांझी और उपभोक्ता मौजूद थे।
आंगनबाड़ी केंद्र में स्वास्थकर्मियों से किया अभद्र व्यवहार
जैथारी| राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान के तहत छिंद आंगनबाड़ी केंद्र में टीकाकरण चल रहा था। इसी दौरान आशा कार्यकर्ता ने गर्भवती महिला दया बाई को जांच के लिए बुलाया। जांच के बाद दया बाई घर लौट गई। कुछ देर बाद उसका पति आशीष आदिवासी आंगनबाड़ी पहुंचा। वहां मौजूद एएनएम कमला कश्यप, आशा कार्यकर्ता सीता और आशा सहयोगी मोती बाई के साथ उसने अभद्र व्यवहार किया और गाली-गलौज भी की। तीनों स्वास्थ्यकर्मियों ने घटना की लिखित शिकायत पुलिस चौकी में की। चौकी प्रभारी अरविंद पांडे ने मामला जांच में लिया है। उन्होंने कहा, जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। पीड़ित स्वास्थ्यकर्मियों ने आरोपी पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
नॉर्मल डिलीवरी के 1500 मांगे, नहीं दिए तो धमकी
विदिशा | सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नॉर्मल डिलीवरी के लिए रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है। वायरल वीडियो में स्टाफ नर्स कुसुम शर्मा एक महिला से 1500 रुपए मांगती दिख रही है। उनके साथ दाया रामबाई भी मौजूद है। वीडियो में सौदा 1200 रुपए में तय करने की बात भी सामने आई है। पैसे नहीं देने पर महिला को विदिशा रेफर करने की धमकी दी गई। यह वीडियो मंगलवार को कलेक्ट्रेट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान सोशल मीडिया ग्रुप पर वायरल हुआ। एसडीएम अजय पटेल ने वीडियो बीएमओ नीतू सिंह को भेजा। इसके बाद बीएमओ ने स्टाफ नर्स कुसुम शर्मा को बुलाकर फटकार लगाई। कार्रवाई नहीं की गई। यह स्वास्थ्य केंद्र पहले भी विवादों में रहा है। एक महीने पहले गवर्नमेंट ऑफ इंडिया की टीम निरीक्षण पर आई थी। उस दौरान ग्रामीणों ने पैसे मांगने की शिकायत की थी। ग्रामीणों ने बताया था कि पैसे नहीं देने पर स्टाफ अभद्रता करता है। बिना कारण मरीजों को रेफर कर देता है।जिस महिला से पैसे मांगे गए, वह बिछिया की रहने वाली है। फिलहाल शमशाबाद के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती है। महिला का नाम उजागर नहीं किया गया है। कारण यह है कि शिकायत करने पर स्टाफ दुर्व्यवहार करता है। देखरेख नहीं करता। अनावश्यक परेशान करता है। एसडीएम अजय पटेल ने कहा, वायरल वीडियो की जांच कर बीएमओ को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
रायसेन| इलाज के लिए आर्थिक मदद मांगने कलेक्ट्रेट पहुंचे शाहिद खान को रेडक्रॉस से 10 हजार रुपए की सहायता दी गई। कलेक्टर अरुण विश्वकर्मा ने यह राशि मंगलवार को सभाकक्ष में चेक के रूप में सौंपी। शाहिद ने बताया कि उनके मुंह का कैंसर भोपाल के जवाहरलाल नेहरू कैंसर अस्पताल में इलाज के बाद भी ठीक नहीं हुआ। डॉक्टरों ने उन्हें मुंबई रेफर कर दिया। अब टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल में इलाज चल रहा है। शाहिद आर्थिक तंगी के कारण नियमित इलाज नहीं करा पा रहे हैं। अभी वायएफसी, खून की जांच, सीटी स्कैन, पीईटी और सीटी जांच करानी है। कीमोथेरेपी के इंजेक्शन भी लगने हैं। इन सब पर करीब 14 हजार रुपए खर्च होंगे। शाहिद के पास आयुष्मान कार्ड है, जिससे इलाज तो मुफ्त होगा, लेकिन जांच का खर्च खुद उठाना होगा। कलेक्टर ने उनकी स्थिति समझते हुए रेडक्रॉस से 10 हजार रुपए की सहायता दिलाई।
नरवाई में आग लगाने पर चार पर केस
रायसेन| नरवाई में आग लगाने के मामले में बाड़ी थाने में चार लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार राज पिता शिवचरण विश्वकर्मा निवासी 21 रामदेव बाबा मंदिर भोपाल, अमर सिंह पिता तरवर सिंह निवासी ग्राम हरसिली, ओमकार पिता लक्ष्मण सिंह, लालसिंह और महेन्द्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन सभी पर खेत में नरवाई जलाने का आरोप है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
नवविवाहिता से मारपीट, जेवर छीनने का आरोप
शिवपुरी| भौंती थाना क्षेत्र के पिपारा गांव की रहने वाली नवविवाहिता ने एसपी ऑफिस में आवेदन देकर ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना के आरोप लगाए है। पीड़िता ने पति सहित ससुरालजन पर दहेज मांगने, मारपीट करने, जेवर छीनने और घर से निकालने का आरोप लगाए है। एसपी ऑफिस आवेदन देने आई कौशल्या ने बताया कि उसकी शादी 12 फरवरी 2024 को ग्राम जराय के नरेन्द्र लोधी से हिंदू रीति-रिवाज के साथ सम्पन्न हुई थी। शादी में उसके माता-पिता ने अपनी हैसियत से 7-8 लाख रुपए खर्च कर दान-दहेज दिया था, फिर भी ससुराल वाले संतुष्ट नहीं हुए और 5 लाख नकद और चार पहिया वाहन की मांग करने लगे। जब उनकी मांग पूरी नहीं हो पाई तो ससुराल वालों ने मेरे गहने छीन लिए और लगातार मारपीट व प्रताड़ित करने लगे।
आग से जले हलवाई की ग्वालियर में मौत
शिवपुरी| शहर के हाथीखाना स्थित ठाकुर बाबा मंदिर पर 12 अप्रैल को श्रीमद भागवत कथा के भंडारे में हुई आगजनी की घटना में हलवाई सहित पूर्व नपाध्यक्ष के दो भांजे झुलस गए थे। आज मंगलवार को हादसे के चौथे दिन हलवाई की ग्वालियर में इलाज के दौरान मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार 12 अप्रैल को शहर के ठाकुर बाबा मंदिर पर श्रीमद भागवत कथा के उपलक्ष्य में भंडारे का आयोजन किया गया था। इस दौरान गैस सिलेंडर लीकेज से आग भड़क गई थी। इस आगजनी में हलवाई नारायण कुशवाह (45)पुत्र नक्टू कुशवाह निवासी पुरानी शिवपुरी सहित पूर्व अध्यक्ष जगमोहन सिंह सेंगर के भांजे बलवंत भदौरिया और मोनू भदौरिया भी झुलस गए थे। गंभीर हालत के चलते हलवाई को ग्वालियर रेफर किया था जहां घटना के चौथे दिन हलवाई नारायण की इलाज के दौरान मौत हो गई है।
दो नाबालिग को पुलिस ने 10 घंटे में किया बरामद
भास्कर संवाददाता | शिवपुरी सोमवार की रात पोहरी थाना क्षेत्र से लापता हुई दो नाबालिग बालिकाओं को पुलिस ने महज 10 घंटे में खोजकर सकुशल परिजनों को सौंप दिया। फरियादी द्वारा थाने में शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कार्रवाई की और मंगलवार सुबह शिवपुरी से दोनों बालिकाओं को बरामद कर लिया। पोहरी थाना प्रभारी रजनी चौहान ने बताया कि सोमवार रात करीब 12 बजे एक व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ थाने आया और बताया कि वह दोनों शिवपुरी में आयोजित एक रैली में शामिल होने गए थे। वापस लौटने पर उन्होंने देखा कि उनकी 14 वर्षीय बेटी और पड़ोसी की 11 वर्षीय बच्ची घर पर नहीं थीं। सूचना मिलते ही पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर टीम बनाकर दोनों बालिकाओं की तलाश शुरू की। जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि बालिकाएं भी शिवपुरी की उसी रैली में भाग लेने गई थीं। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे दोनों बच्चियां शिवपुरी बस स्टैंड पर मिलीं। पुलिस ने दोनों को अपने संरक्षण में लेकर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया, जहां औपचारिक कार्रवाई के बाद उन्हें उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। तेजी से की गई इस कार्रवाई के लिए स्थानीय लोगों ने पोहरी पुलिस की सराहना की है।
लाड़ली बहनों के खाते में आज आएगी राशि
शिवपुरी| मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत लाभार्थी महिलाओं को माह अप्रैल 2025 की अनुदान राशि का वितरण आज किया जाएगा।राज्य स्तरीय कार्यक्रम मंडला में आयोजित होगा। जिले में भी इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाएगा। इस योजना के तहत शिवपुरी जिले की भी लाखों लाड़ली बहनें लाभान्वित होंगी।कलेक्टर रवींद्र कुमार चौधरी ने विकासखंड, ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकाय के वार्ड स्तर पर कार्यक्रम के प्रसारण को लेकर अफसरों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
मोनिका तोमर को उत्कृष्ट सहभागिता पुरस्कार
शिवपुरी| समाजसेवी संस्था जेसीआई पायनियर द्वारा संस्था के नियमों एवं उद्देश्यों की पूर्ति हेतु बेहतर सार्वजनिक वक्तृत्व कौशल विकसित करने के उद्देश्य से तीन दिवसीय स्पीच क्राफ्ट कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में शिवपुरी जेसीआई डायनेमिक की अध्यक्ष मोनिका तोमर को उनकी उत्कृष्ट सहभागिता के लिए उत्कृष्ट स्पीच क्राफ्ट सहभागिता पुरस्कार प्रदान किया गया। मोनिका तोमर ने कार्यशाला में प्राप्त अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण उनके लिए अविस्मरणीय रहा। उन्होंने संस्था के अन्य सदस्यों को भी इस प्रकार की कार्यशालाओं से जुड़ने और सीखने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम के दौरान पायलट फैकल्टी संदीप सुनेजा, स्वाति शारदा और पूनम मंत्री ने प्रतिभागियों की कमियों को पहचानते हुए उन्हें मंच पर प्रभावी ढंग से बोलने की कला सिखाई। इस कार्यशाला में मंडल 6 के विभिन्न जिलों और अध्यायों से कुल 36 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंडल उपाध्यक्ष अभिषेक त्रिपाठी ने की। इस अवसर पर मंडल अध्यक्ष अभिषेक गुप्ता और मंडल सचिव अभिषेक यादव का विशेष सहयोग रहा, जिनके प्रति आभार व्यक्त किया गया।
वृद्ध पर लाठी व कुल्हाड़ी से हमला
मुरैना| खेत में गेहूं भरने के दौरान गांव के तीन आरोपियों ने मिलकर 60 साल के वृद्ध अमर सिंह बघेल पर लाठी व कुल्हाड़ी से हमला कर दिया जिससे वह गंभीर घायल हैं। हमलावरों ने दो बच्चों को भी पीटकर चोट पहुंचाई है। अंबाह पुलिस ने कछपु़रा के अपराध को लेकर दो लोगों पर मुकदमा कायम किया है। हमले को लेकर 14 साल की किशोरी लक्ष्मी बघेल ने अंबाह पुलिस से शिकायत की कि उसे बाबा अमर सिंह बघेल 60 साल सोमवार को कछपुरा के खेत में गेहूं की थ्रेसिंग कराने गए थे। उनके साथ फरियादिया स्वयं व उसका भाई सहदेव 15 साल भी था।खेत में अचानक आए आरोपी प्रदीप कड़ेरे, रामबिलास कड़ेरे ने पीछे से अमर सिंह के सिर में लाठी व कुल्हाड़ी मारी जिससे वह जमीन पर गिर पड़े। पैरों में भी लाठियां मारीं।
गबन का दोषी पूर्व सरपंच छह साल के लिए निर्वाचन से वंचित
दतिया । ग्राम पंचायत बिल्हेटी के पूर्व सरपंच विक्रम सिंह द्वारा शासकीय धनराशि 8 लाख 96 हजार रु. के 8 माह पूर्व अग्रिम आहरण कर लिया। जबकि राशि निकालने के बाद मौके पर ग्राम पंचायत में जनहित के चार सीसी रोड कार्य का निर्माण समय सीमा में नहीं कराया गया। इसका प्रतिवेदन भांडेर जपं सीईओ द्वारा जिपं सीईओ को भेजा था। इसके बाद मप्र पंचायतराज ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 89 एवं 92 में प्रकरण दर्ज कियाथा। पूर्व सरपंच विक्रम पाल को प्रकरण में अपना पक्ष रखने के लिए पर्याप्त अवसर दिया गया लेकिन संबंधित शासकीय धनराशि के आठ माह पूर्व अग्रिम आहरण करने के संबंध में न्यायालय को कोई संतोषजनक तथ्य प्रस्तुत नहीं कर सके। चारों सीसी रोड के कार्यों पर बिना उपयोग, बिना कार्य प्रारंभ के राशि का आहरण किया गया। मौके पर कोई कार्य नहीं कराया गया।
शिवपुरी | आवश्यक रखरखाव का कार्य किए जाने विष्णु मंदिर फीडर से संबंधित समस्त क्षेत्रों में 16 अप्रैल को विद्युत प्रवाह बंद रहेगा। विष्णु मंदिर फीडर के बंद रहने से प्रातः 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक विष्णुमंदिर, गुलाब शाह दरगाह, सर्वोदय नगर, इंदिरा कॉलोनी, फक्कड़ कॉलोनी एवं आसपास इत्यादि क्षेत्र प्रभावित रहेंगे। इसी प्रकार भेड़ फार्म फीडर के बंद रहने से 16 अप्रैल को प्रातः 10 बजे से शाम 5 बजे तक राइन मार्केट होटल ग्रीन व्यू एसपीएस के पास मास्टर काल नवाब साहब रोड, राघवेंद्र नगर, खंडेलवाल फैक्ट्री माधव गणेश कॉलोनी आरा मशीन के पास मनियर पार्क के पास से क्षेत्र प्रभावित रहेंगे।
शिवपुरी| बामौरकलां थाना क्षेत्र के पिछोर-चंदेरी मार्ग पर मसीद घाट पुल के पास मंगलवार की सुबह एक व्यक्ति का सिर कुचला शव मिला। घटना स्थल देखकर ऐसा लगा रहा है कि जैसे किसी भारी वाहन का पहिया उसके सिर के ऊपर से निकल गया हो। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव का हटवाया और पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया है। मंगलवार की देर रात का मृतक की पहचान नहीं हो सकी है।
वाहन की टक्कर से एक बाइक सवार की मौत, एक रेफर किया
भास्कर संवाददाता | शिवपुरी सिरसौद थाना क्षेत्र के बुढ़दा-सकरावदा रोड पर सोमवार की रात करीब 10 बजे भूरा लेने बाइक पर सवार होकर अपने गांव कुअंरपुर से सकरावदा जा रहे दो लोगों में अज्ञात वाहन टक्कर मार दी। हादसे में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई वही दूसरे को गंभीर हालत के चलते ग्वालियर रेफर किया गया है। पुलिस ने मृतक का मंगलवार की सुबह पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार शिवसिंह (26)पुत्र दयाली जाटव और विजय (45)पुत्र मंथू जाटव निवासीगण कुंअरपुर थाना सिरसौद सोमवार की रात करीब 10 बजे भूसा लेने अपने गांव से ग्राम सकरावदा जा रहे थे। जैसे ही दोनों बाइक सवार सिरसौद थाना क्षेत्र के बुढदा–सकरावदा रोड पर पहुंचे तो अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। हादसे में शिवसिंह की मौके पर ही मौत हो गई। वही गंभीर रूप से घायल विजय जाटव को इलाज के लिए ग्वालियर रेफर किया गया है।
तेज रफ्तार बोलेरो दीवार से भिड़ी, हादसा टला
शिवपुरी| देहात थाना क्षेत्र स्थित रेड लाइट एरिया में सोमवार रात एक तेज रफ्तार बोलेरो (एमपी 07 सीडी 9318) ने ऑटो को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भीषण थी कि बोलेरो ऑटो को कुछ दूर तक घसीटते हुए ले गई और फिर एक दीवार से टकराकर रुकी। हादसे के तुरंत बाद मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने बोलेरो को घेर लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बोलेरो में सवार दोनों युवक नशे की हालत में थे। घटना की सूचना मिलते ही देहात थाना पुलिस मौके पर पहुंची और बोलेरो वाहन के साथ दोनों युवकों को थाने ले आई। साथ ही बोलेरो वाहन को जब्त कर लिया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और हादसे की विस्तृत जांच शुरू कर दी है। गनीमत रही कि इस दुर्घटना में कोई गंभीर घायल नहीं हुआ।
दलित समाज का फूल बरसाकर स्वागत किया
बेटमा | सांघवी गांव में सोमवार को श्रीराम मंदिर मंे दलित समाज के दूल्हे को मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश को लेकर असमंजस की स्थिति बनी। इसका वीडियो वायरल हुआ। दूसरे दिन मंगलवार को राजपूत समाज के युवाओं ने दलित समाज के युवाओं पर फूल बरसाकर मंदिर में स्वागत किया व मंदिर ले जाकर दर्शन कराए। राजपूत युवाओं ने कहा कि गांव में कभी मंदिर प्रवेश को लेकर विवाद नहीं हुआ। जो आता है, दर्शन करता है। जो नहीं आता, नहीं करता। गर्भगृह में केवल ब्राह्मण जाते हैं। सोमवार को इसी बात को लेकर भ्रम फैला। समाज ने समरसता का संदेश दिया : मंगलवार को समाज में समरसता का संदेश देने के लिए पहल की इससे सामाजिक सौहार्द का माहौल बना। राजपूत समाज के युवाओं ने कहा सभी को समान अधिकार व सम्मान मिलना चाहिए।
समाज का कोई भी व्यक्ति न्याय से न हो वंचित
भास्कर न्यूज | बक्सर व्यवहार न्यायालय परिसर में मंगलवार को निःशुल्क कानूनी सहायता को लेकर आम लोगों के बीच विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम उच्च न्यायालय, पटना के निर्देश के आलोक में किया गया। कार्यक्रम का आयोजन प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष हर्षित सिंह तथा अवर न्यायाधीश सह सचिव नेहा दयाल, विधिक सेवा प्राधिकरण बक्सर के मार्गदर्शन में हुआ। इस मौके पर पैनल अधिवक्ता मनोज कुमार श्रीवास्तव और पीएलवी प्रिय रंजन पांडेय ने लोगों को नि:शुल्क कानूनी सहायता से जुड़ी जानकारियां दीं। पैनल अधिवक्ता ने बताया कि निःशुल्क कानूनी सहायता समाज के हाशिये पर रह रहे उन लोगों के लिए है, जो आर्थिक तंगी के कारण न्यायालय तक नहीं पहुंच सकते। विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 12 में इसके पात्रता मानदंड स्पष्ट रूप से बताए गए हैं। उन्होंने बताया कि यह सेवा प्रत्येक गरीब व्यक्ति का संवैधानिक अधिकार है, जो समानता, निष्पक्षता और न्यायिक सुनवाई के मूल सिद्धांतों से जुड़ा है। कार्यक्रम के दौरान लोक अदालत की भी जानकारी दी गई। बताया गया कि लोक अदालत एक ऐसा मंच है जहाँ न्यायिक प्रक्रिया में आए बिना ही, बिना किसी खर्च के, आपसी सुलह और मध्यस्थता के जरिये मुकदमों का समाधान किया जाता है। इसमें दीवानी, फौजदारी, वैवाहिक और अन्य प्रकार के प्री-लिटिगेशन मामलों का निपटारा संभव होता है। यह सुविधा उन गरीब और असहाय लोगों के लिए है जो न्यायालयीन खर्च वहन नहीं कर सकते। ऐसे लोगों को विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से निःशुल्क अधिवक्ता भी उपलब्ध कराए जाते हैं। इस अवसर पर यह भी बताया गया कि समाज में आज भी गरीब और अशिक्षित वर्ग कानूनी अधिकारों और उपलब्ध विधिक सेवाओं से अनभिज्ञ हैं। जागरूकता की यह कमी कानून के प्रति विश्वास और न्याय तक पहुंच की प्रक्रिया को बाधित करती है। लोगों को लोक अदालतों और निःशुल्क विधिक सहायता जैसी पहलों की जानकारी होनी चाहिए। इसी उद्देश्य से उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार पैनल अधिवक्ताओं और पीएलवी के माध्यम से लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है ताकि कोई भी व्यक्ति न्याय से वंचित न रहे।
हिंदुओं पर हिंसा के विरोध में आक्रोश मार्च
भास्कर न्यूज | बक्सर पश्चिम बंगाल में हिंदू विरोधी हिंसा के विरोध में विश्वामित्र सेना ने मंगलवार को आक्रोश मार्च निकाला। राष्ट्रीय संयोजक राजकुमार चौबे के निर्देशानुसार आक्रोश मार्च रामरेखा घाट से वीर कुंवर सिंह चौक तक गया। मार्च में शामिल विश्वामित्र सेना के सैकड़ों कार्यकर्ता बंगाल में हिन्दू सेफ नहीं तथा वक्फ कानून की आड़ में हिन्दुओं पर हमले बंद करो जैसे नारे लगा रहे थे। कार्यकर्ताओं ने प्रशासन और सरकार से न्याय की भी मांग की। आक्रोश मार्च शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। इसके माध्यम से समाज और शासन को एक सशक्त संदेश दिया गया कि हिन्दू समाज अब चुप नहीं बैठेगा। श्री चौबे ने कहा कि वक्फ कानून की आड़ में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में हिन्दू समाज को जिस प्रकार से निशाना बनाया जा रहा है, वह अत्यंत निंदनीय है। विश्वामित्र सेना हर मोर्चे पर खड़ी रहेगी और हिन्दू समाज की रक्षा के लिए संघर्ष करती रहेगी। मार्च में राष्ट्रीय को-ऑर्डिनेटर अशोक उपाध्याय, कृष्ण शर्मा, जिला संयोजक मोहित दुबे, धीरज सिंह, धनजी पांडेय, अभय चौबे, दीप नारायण चौबे, कपिल मुनि बाबा, लाल बाबा, मोती बाबा, अनूप सिंह, रमेश वर्मा आदि शामिल थे।
राणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान पर राजपूत समाज ने जताया आक्रोश
राणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान पर जिला राजपूत समाज ने मंगलवार को शहर के गोलंबर से आक्रोश मार्च निकाला। आक्रोश मार्च यमुना चौक, सत्यदेवगंज होते हुए वीर कुंवर सिंह चौक पर पहुंच संपन्न हुआ। राजपूत समाज के लोगों ने उनकी आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। आक्रोश मार्च का नेतृत्व जोगेंद्र सिंह एवं संचालन कृष्णा सिंह ने किया। वक्ताओं ने कहा कि संसद के उच्च सदन राज्यसभा में सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने हिंदू समाज के आदर्श वीर शिरोमणि राणा सांगा पर अमर्यादित बयान देते हुए उनको गद्दार एवं उनके वंशजों को गद्दार कहा है। आक्रोश मार्च के माध्यम से राजपूत समाज ने अपना विरोध प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति को सपा सांसद रामजी लाल सुमन की राज्य सभा की सदस्यता समाप्त करने व किसी भी महापुरुष पर अमर्यादित बयान और टिप्पणी करने वाले व्यक्ति पर कठोर कार्रवाई सुनिश्चित कराने को मांग पत्र डीएम के माध्यम से सौंपा। उन्होंने कहा कि सांसद मे बैठकर महापुरुषों पर अमर्यादित ब्यान देना देश के लिए शर्म की बात है। जिसे राजपूत समाज कतई बर्दाश्त नहीं करेगी। बक्सर जिला राजपूत समाज ने बक्सर गोलंबर से बाबू वीर कुंवर सिंह चौक तक आक्रोश मार्च निकालकर ऐसे लोगों के प्रति अपना विरोध जताया। आक्रोश मार्च में डॉ एके सिंह, अमरेंद्र, राजेश, संजय सिंह, अनिल सिंह मुखिया, इंदल सिंह, इंद्रजीत बहादुर सिंह, बंसी सिंह, पुनीत सिंह, पिंटू सिंह, राघवेंद्र उज्जैन, विकास सिंह, राहुल सिंह, प्रतिभा सिंह, ओम प्रकाश सिंह, तेजप्रताप सिंह, गणेश सिंह, पप्पू सिंह, दीपक सिंह, आशुतोष सिंह, चंदन सिंह, मोहर सिंह, संतोष सिंह, अरुण सिंह, जितेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार सिंह, राज नारायण सिंह, सुधीर सिंह, संजय सिंह राजनेता, विमलेश सिंह, मनोज सिंह, मृत्युंजय सिंह, सुनील सिंह, गोविंद सिंह, अरविंद सिंह, वीर सिंह, अर्जुन सिंह, रविंद्र बहादुर सिंह, सुरेंद्र सिंह, वीर बहादुर सिंह, विजेंद्र सिंह, विनोद कुमार सिंह, कृष्णानंद सिंह समेत जिले और आसपास के इलाकों से सैकड़ों लोग शामिल थे।सभी ने सांसद पर कार्रवाई को लेकर आवाज बुलंद की।
ऐसा कार्य नहीं करें जिससे पितृ रुष्ट हों
धर्म का प्रचार प्रसार वेद, पुराण, साधु संत, ब्राह्मण, सत्संग, गाय, गंगा से होता है। लेकिन धीरे धीरे ह्रास हो रहा है। गांव में गाय लेकिन शहर में कुत्ते पाले जाते हैं। जिस घर में कुत्ते का आना जाना होता है उस घर में देवता क्या पितृ भी रूष्ट हो जाते हैं। जब पितृ रूष्ट हो जाते हैं तो वंश नहीं चलता है। उक्त बातें शहर के आईटीआई मैदान में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के दौरान अंतरराष्ट्रीय कथावाचक शांतिदूत श्री देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कही। कथा से पहले कथा के आयोजक विजय कुमार मिश्र ने सपरिवार व्यास पीठ का पूजन किया।कथा में पूज्य श्री चिन्मयानंद बापू जी महाराज ने शामिल होकर व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त कर कथा श्रवण किया एवं कथा पंडाल में उपस्थित भक्तों को संबोधित किया। कथा में श्री गंगापुत्र त्रिदंडी स्वामी जी महाराज ने शामिल होकर व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त कर कथा श्रवण किया एवं कथा पंडाल में उपस्थित भक्तों को संबोधित किया। कथा के दौरान महाराज श्री ने कहा कि पितृ रुष्ट तब होते हैं जब घर का सदस्य शराबी, व्याभिचारी, तामसिक राक्षसी प्रवृति का हो जाता है। इसलिए आने जाने में भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जिससे पितृ रूष्ट हो जाए। घर में कभी भी कुत्ता नहीं पालना चाहिए। शास्त्र विरूद्ध आचरण नहीं करना चाहिए। यदि हम भगवान को मानते हैं तो हमें भी ऐसा कार्य करना चाहिए जो भगवान करते हैं। अंजली में लेकर जल नहीं पीना चाहिए महाराज श्री ने कहा हमें फोन पर राधे-राधे, राम-राम बोलना चाहिए। हाथ के अंजली में लेकर जल नहीं पीना चाहिए। यह अशुभ माना गया है। बाएं हाथ से जल उठाकर नहीं पीना चाहिए, जल में प्रत्यक्ष रूप से मुंह लगाकर जल नहीं पीना चाहिए। जो ऐसा करता है वह पाप करता है। बाएं हाथ से जल उठाकर पीने से मदिरा पीने के बराबर होती है। उस व्यक्ति को चंद्रायण व्रत करता पड़ता है। खड़े होकर जल नहीं पीना चाहिए। खड़े होकर भोजन नहीं करना चाहिए। आसन पर बैठ कर हीं भोजन व जल ग्रहण करना चाहिए। यदि पानी पीते मुंह से कुछ पानी की बूंदें भोजन या पानी में गीर जाए उस पानी का त्याग कर देना चाहिए। पैर धोने के बाद बचा जल व पीने के बाद बचे शेष जल को दुबारा उपयोग नहीं करना चाहिए। जो उसे उपयोग करते हैं वह अपवित्र हो जाता है। कथा में बच्चों को लेकर आएं कथा में अपने बच्चों को लेकर आना चाहिए। ताकि वे संस्कारवान बन जाते हैं। जीवन कैसे जीना चाहिए वह माडर्न एजुकेशन नहीं सीखा सकती है। लेकिन आध्यात्मिक शिक्षा है जो गधे को भी हंस बना देती है। वहीं इसे गहरा से अध्ययन किया जाए तो भगवान से हीं मिला देती है। रामायण का पाठ, गीता का पाठ करना चाहए। धर्म की रक्षा के लिए भगवान स्वयं अवतरित होते हैं। देश के 25 करोड़ सनातनी निष्ठा से भजन करना आरंभ कर दें, तो भारत स्वतः एक हिंदू राष्ट्र के रूप में स्थापित हो जाएगा। उन्होंने यह संदेश दिया कि धर्म की रक्षा तभी संभव है जब हम अपनी संस्कृति और परंपराओं को घर-घर में पुनर्जीवित करें और उसका पालन करें।
योग प्रशिक्षक डॉ. संजय और रंजना को मिला मेगा कोच एक्सीलेंस अवॉर्ड
भास्कर न्यूज | बक्सर हेल्थ एंड हैप्पी कम्युनिटी प्रेजेंट्स की ओर से रविवार को कोलकाता में आयोजित मेगा कोच एक्सीलेंस अवॉर्ड-2025 समारोह में डुमरांव नगर के योग प्रशिक्षक डॉ. संजय कुमार सिंह और रंजना कुमारी को सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष योगदान और बक्सर जिला सहित आसपास के क्षेत्रों में योग व पर्यावरण के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए दिया गया। समारोह में देशभर से चयनित प्रशिक्षकों और स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों को सम्मानित किया गया, जिसमें बक्सर जिले के प्रतिनिधि के रूप में डॉ. संजय सिंह और रंजना कुमारी की उपस्थिति जिले के लिए गौरव का विषय रहा। डॉ. संजय कुमार सिंह ने सम्मान प्राप्त करने के बाद कहा कि यह सम्मान बक्सर के सभी योग प्रेमियों और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों का परिणाम है। उन्होंने कहा, “मैं निरंतर प्रयास करता हूं कि लोगों को योग से जोड़कर उन्हें एक स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में प्रेरित कर सकूं। साथ ही, पर्यावरण के संरक्षण को लेकर भी लोगों को जागरूक करता हूं ताकि स्वास्थ्य और प्रकृति दोनों का संतुलन बना रहे। सोशल मीडिया से लेकर व्यक्तिगत मुलाकातों में लोगों ने डॉ. सिंह और रंजना कुमारी को बधाई दी। बधाई देने वालों में प्रमुख रूप से श्याम प्रकाश सिंह यादव, राजेश कुमार आदित्य, सुधीर कुमार, सुमन कुमारी, रीना कुमारी, रीता देवी, सोनी कुमारी, संगीता सिंह, सुभाष कुमार, कुमारी शिल्पी, अंकित चौबे, ब्रिज कुमारी, ओम प्रकाश, जितेंद्र तिवारी, मोहन मिश्रा समेत अन्य लोग शामिल हैं। डॉ. सिंह के इस उपलब्धि से जिले में योग और स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े युवाओं को भी प्रेरणा मिली है।