मुजफ्फरनगर के विकास भवन सभागार में शुक्रवार को जिला शिक्षा परियोजना समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में जिला अनुश्रवण समिति की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में शिक्षा व्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की गई। डीएम ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के ऊपर से गुजर रही हाई टेंशन विद्युत लाइनों की समीक्षा करते हुए महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा के लिए विद्युत खंभों और ट्रांसफार्मरों को कावड़ यात्रा की तरह पॉलिथीन से ढका जाए। साथ ही विशेष अभियान चलाकर सभी विद्यालयों का निरीक्षण किया जाएगा। एक अगस्त तक पूरी करनी होगी प्रक्रिया विद्यालय परिसर में मौजूद ट्रांसफार्मरों को बैरिकेडिंग से सुरक्षित करने के निर्देश भी दिए गए। जर्जर अवस्था में पहुंचे कक्षा-कक्षों के तत्काल ध्वस्तीकरण के लिए सभी बीईओ और बीडीओ को वीडियोग्राफी सहित दस्तावेज तैयार करने को कहा गया है। यह प्रक्रिया एक अगस्त तक पूरी करनी होगी। 'स्कूल चलो अभियान' की समीक्षा में जिलाधिकारी ने नामांकन में अपेक्षित वृद्धि न होने पर नाराजगी जताई। उन्होंने चेतावनी दी कि जिन ब्लॉकों में नामांकन असंतोषजनक रहेगा, वहां के बीईओ को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। जल निकासी और प्रकाश व्यवस्था की भी जांच टास्क फोर्स के निरीक्षणों की समीक्षा में डीएम ने सभी अधिकारियों को समयबद्ध तरीके से निरीक्षण करने और रिपोर्ट बीएसए को सौंपने के निर्देश दिए। निरीक्षण में मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता, साफ-सफाई, भवन की स्थिति, जल निकासी और प्रकाश व्यवस्था की भी जांच की जाएगी। खंड शिक्षा अधिकारियों को अपने क्षेत्र से कम से कम 10 ऐसे शिक्षकों के नाम देने के निर्देश दिए गए हैं, जो बेहतर शिक्षण कार्य कर रहे हैं। इन शिक्षकों को सम्मानित कर उत्साहवर्धन किया जाएगा। डीबीटी योजना की समीक्षा में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि प्रत्येक विद्यार्थी के अभिभावक के खाते में शत-प्रतिशत धनराशि पहुंचनी चाहिए।
सिंगरौली ज़िले के लंघाडोल इलाके के एक हाई स्कूल से शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को उजागर करने वाली एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां बच्चों के हाथों में किताबों और कलम की जगह झाड़ू थमा दी गई है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद ज़िला शिक्षा अधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। झाड़ू लगाने के बाद ही पढ़ाई का आदेश वीडियो में बच्चे स्कूल परिसर में झाड़ू लगाते हुए दिख रहे हैं। जब बच्चों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अकसर शिक्षक स्कूल से गायब रहते हैं। छात्रा रंजना ने कहा, शिक्षक कहते हैं कि पहले झाड़ू लगाओ, फिर पढ़ाई होगी, लेकिन पढ़ाई तो कभी होती ही नहीं। अभिभावकों में नाराजगी ग्रामीणों ने भी शिक्षकों की लापरवाही पर गुस्सा ज़ाहिर किया है। अभिभावक सुंदर शाह ने कहा, हम बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भेजते हैं, लेकिन यहां उनसे साफ़-सफ़ाई कराई जा रही है। एक अन्य ग्रामीण बद्रीनाथ वैश्य ने बताया कि इस स्थिति की शिकायत कई बार अधिकारियों से की गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। घटना के सामने आने के बाद, ज़िला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल का निरीक्षण कर कार्रवाई करने की बात कही है। यह मामला न सिर्फ़ शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है, बल्कि बच्चों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ है, जिस पर प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठ रहे हैं।
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने CGPSC को प्रदेश के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों में 125 असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती का प्रस्ताव भेजा है। जल्द ही भर्ती को लेकर सूचना जारी हो सकती है। जानकारी के मुताबिक सरकारी कॉलेजों में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर के करीब आधे पद खाली हैं। जूडा की ओर से भी पिछले दिनों ये शिकायत की गई थी कि राज्य के कई कॉलेजों में एनाटोमी, फिजियोलॉजी, फार्माकोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री जैसे बेसिक संकाय में एक साथ कई पद रिक्त हैं। कुछ जगह तो संविदा शिक्षक के भरोसे ही पढ़ाई हो रही है। कई जगह स्थिति ऐसी है कि छात्रों को यूट्यूब, गूगल के भरोसे पढ़ाई करनी पड़ रही है। ऐसे में नियमित सहायक प्राध्यापकों की भर्ती होना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिहाज से अच्छा माना जा रहा है। संभावना है कि इस साल इसके लिए CGPSC से वैकेंसी निकलेगी। गौरतलब है कि राज्य में 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं।
संभल में शुक्रवार को समाजवादी पार्टी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर PDA पाठशाला अभियान की शुरुआत की। पूर्व जिलाध्यक्ष फिरोज खान के कार्यालय पर बच्चों के साथ इस अभियान का उद्घाटन किया गया। समाजवादी पार्टी का लक्ष्य अब गांव-गांव जाकर ऐसी पाठशालाएं स्थापित करना है। पार्टी का आरोप है कि वर्तमान सरकार की नीति शिक्षकों को बेरोजगार करने और बच्चों को स्कूल से वंचित करने की है। पार्टी ने घोषणा की है कि जहां-जहां स्कूल बंद किए जाएंगे, वहां-वहां PDA पाठशाला लगाई जाएगी। इन पाठशालाओं में शिक्षकों को रोजगार भी दिया जाएगा। पार्टी का कहना है कि चाहे उन्हें पार्टी की ओर से या कार्यकर्ताओं को चंदा करना पड़े, वे शिक्षकों को तनख्वाह देंगे। समाजवादी पार्टी ने बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि 'ए फॉर एप्पल, बी फॉर बॉय, सी फॉर कैट' जैसी बुनियादी शिक्षा से ही बच्चों की शुरुआत होती है। पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह बच्चों को शिक्षा से वंचित कर रही है। पार्टी ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी समाज में विभाजन नहीं करती। उन्होंने याद दिलाया कि समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव खुद शिक्षक रहे हैं। पार्टी का संकल्प है कि वे छोटे बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं होने देंगे। पूर्व मुख्यमंत्री स्व. मुलायम सिंह यादव का सपना था कि जब नौजवान पढ़-लिख कर देश को आगे बढ़ाने का काम करेगा तो देश तरक्की करेगा। पार्टी का आरोप है कि वर्तमान सरकार में यह सब खत्म होता जा रहा है।
टीकमगढ़ के नगर परिषद कारी के लोगों ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। उन्होंने शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल की संपत्ति के अवैध हस्तांतरण के विरोध में कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा। कारी के निवासियों ने डिप्टी कलेक्टर सुशील कुमार तोमर को ज्ञापन देते हुए बताया कि शिक्षा समिति शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कारी की चल-अचल संपत्ति का फर्जी प्रस्ताव तैयार किया गया है। इस प्रस्ताव में क्रमांक का उल्लेख नहीं है, जबकि नियमानुसार प्रस्ताव रजिस्टर पर प्रस्ताव क्रमांक का उल्लेख होना चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि शिक्षा समिति के पदाधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं। समिति के पदाधिकारियों ने स्वयं बताया है कि उन्होंने कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया और न ही कहीं हस्ताक्षर किए हैं। कारी निवासी मनोज पंडित ने बताया कि संस्था के 11 कर्मचारी निकायधीन हैं। शिकायतों के बावजूद संकुल प्राचार्य द्वारा वेतन आहरित किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि वेतन का भुगतान निकाय द्वारा किया जाना चाहिए, न कि संकुल केंद्र सीनियर बेसिक हाईस्कूल टीकमगढ़ द्वारा। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर एक सप्ताह के भीतर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। अधिकारियों ने ग्रामीणों को कार्रवाई का आश्वासन दिया है। ज्ञापन सौंपने वालों में सुरेश नारायण पंडित, चतुर बिहारी तिवारी, मंजू श्रीवास्तव, जगदीश रिछारिया, राजेश दीक्षित, मुन्नी गिरी गोस्वामी, सतीश पंडित, देविकीनंदन पंडित, सीताराम रैकवार, प्यारेलाल रैकवार, शुभम पंडित, विनोद पंडित, पुंटू धोष, मनु पाल, छोटेलाल रैकवार और गुलाब कुशवाहा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
जहानाबाद में 39वां जिला स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। 1986 में जहानाबाद जिले की स्थापना हुई थी। इस अवसर पर जिलाधिकारी अंलकृता पांडे ने जिलेवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि जिला स्थापना के बाद से लगातार विकास की ओर अग्रसर है। शिक्षा, स्वास्थ्य और सड़क क्षेत्र में निरंतर प्रगति हो रही है। जिले में मेडिकल कॉलेज का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे आम जनता को लाभ मिलेगा। कई क्षेत्रों में जहानाबाद को बिहार में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। स्थापना दिवस के अवसर पर सुबह से ही विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कारगिल चौक से लेकर अस्पताल मोड़ तक प्रभात फेरी निकाली गई। दिव्यांगों के बीच ट्राई साइकिल का वितरण किया गया। इसके अलावा गुब्बारे उड़ाए गए और रंगोली प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ। जिला प्रशासन की ओर से टाउन हॉल में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विधायक, जनप्रतिनिधि, विभिन्न राजनीतिक दलों के पदाधिकारी, समाजसेवी और बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। जिलाधिकारी ने कहा कि हम सब मिलकर जिले को विकास के पथ पर आगे बढ़ाते रहेंगे।
उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों के मर्ज किए जाने की नीति पर विपक्ष लगातार हमलावर है। समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य डॉ. मान सिंह यादव ने सरकार की इस नीति को तुगलकी फरमान करार दिया है। उन्होंने दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में कहा कि बीमार व्यवस्था को सुधारने के बजाय सरकार उसे बंद कर दे रही है। सपा एमएलसी डॉ. मान सिंह यादव ने प्रयागराज के जसरा ब्लॉक में 'पीडीए पाठशाला' का शुभारंभ किया है। इस पाठशाला में गरीब और वंचित बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाएगी। डॉ. यादव ने आगे कहा कि सरकार शिक्षा को खत्म कर रही है क्योंकि शिक्षा सवाल पूछना सिखाती है। झांसी के विधायक डॉ. मान सिंह यादव ने शिक्षा क्षेत्र में सरकार की नीतियों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उनका मानना है कि वर्तमान सरकार शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के बजाय स्कूलों को मर्ज करके इसे कमजोर कर रही है। पीडीए पाठशाला की पहल के माध्यम से वे समाज के वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं।
फतेहाबाद में टोहाना शहर के रेलवे रोड स्थित अनाज मंडी में बने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के छात्र अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल पहुंच रहे हैं। बारिश होने पर स्कूल के सामने पानी जमा हो जाता है। इससे बचने के लिए बच्चों को स्कूल की दीवार पर चढ़कर और पिलर से फिसलकर नीचे उतरना पड़ता है। इस दौरान कभी भी दुर्घटना हो सकती है। लगभग 15 दिन पहले भी बारिश के दिन बच्चे पानी से बचने के लिए इसी तरह स्कूल पहुंचे थे, लेकिन प्रशासन ने अब तक इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया है। स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य राजू ने बताया कि बारिश के दिनों में स्कूल के बाहर जमा पानी से बचने के लिए बच्चों को दीवारों पर चढ़कर स्कूल आना पड़ता है। प्रशासन पर सुनवाई न करने का आरोप हर बारिश के मौसम से पहले प्रशासन से इस समस्या के समाधान की गुहार लगाई जाती है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। पानी की निकासी के लिए दो चेंबर बनाए गए हैं, लेकिन दोनों का लेवल सड़क के लेवल से ऊंचा होने के कारण पानी की निकासी नहीं हो पाती। इससे पानी पूरा दिन जमा रहता है। प्रशासन के खिलाफ पेरेंट्स में रोष वहीं इस स्कूल के प्रिंसिपल सत्यपाल फोगाट के पास टोहाना ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी का चार्ज भी है। जब खंड शिक्षा अधिकारी के अपने स्कूल की यह स्थिति है, तो अन्य स्कूलों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। अभिभावकों में प्रशासन के प्रति रोष बना हुआ है। इस राजकीय स्कूल में एक हजार से अधिक बच्चे पढ़ते है जिसके चलते स्कूल को मॉर्निंग और इवनिंग शिफ्ट में लगाया जाता है। सुबह के समय कक्ष छ से बाहरवीं तक जबकि दोपहर बाद कक्षा एक से पांचवीं तक के छोटे बच्चे पढ़ाई करने आते हैं। छोटे बच्चे दीवार पर नहीं चढ़ पाते इसके चलते उन्हें करीबन दो फीट गहरे पानी से निकलकर आना पड़ता है। जिससे वे कभी भी बीमार हो सकते हैं।
हरियाणा के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के जनता दरबार में पेंशन, बिजली के साथ पानी निकासी से संबंधित शिकायतें लेकर लोग पहुंचे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को फोन कर समाधान के निर्देश दिए। एसपी भूपेंद्र सिंह और डीएसपी यातायात सुरेश कुमार सैनी ने भी पहली बार जनता दरबार में पहुंचकर पुलिस से संबंधित शिकायतों का समाधान करने का आश्वासन दिया। वहीं शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा मंत्री के समक्ष करीब 170 लोगों ने अपनी शिकायतें रखी। वहीं जिला सचिवालय में प्रशासन के स्तर पर जनता दरबार नहीं लगाया जा सका। पानी की निकासी के नहीं प्रबंध शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में जनता दरबार शुरू किया। उनके आते ही लोगों ने अपनी समस्या रखनी शुरू कर दी। कुटानी रोड के हरदीप और नरेंद्र ने बताया कि कई कॉलोनियों में पानी निकासी के व्यापक प्रबंध नहीं हैं। बारिश में समस्या और भी गंभीर हो गई है। जनता को बीमारी फैलने का डर सताने लगा है। लोगों ने पानी निकासी के साथ फोगिंग कराने की मांग की। मंत्री ढांडा ने निगम अधिकारियों को फोन कर पानी निकासी करने के आदेश दिए। बेसहारा गोवंश बढ़ते ही जा रहे वहीं गांव बबैल के रजनीश और निरंजन ने बताया कि गांव और शहर में बेसहारा गोवंश की संख्या बढ़ती जा रही हैं। सड़कों पर गोवंश बैठ जाने के कारण हादसा होने का खतरा बना रहता है। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को फोन कर बेसहारा गोवंश को पकड़कर गोशाला में छोड़ने के आदेश दिए। वहीं बेसहारा गोवंश का मुद्दा पिछले काफी समय से चला आ रहा है। डीएफएससी को कार्ड जोड़ने के आदेश शीला देवी ने पेंशन बनवाने और श्याम सिंह ने पीपीपी में आय ठीक कराने की मांग की। काबड़ी गांव के राममेहर और श्याम सिंह ने बीपीएल कार्ड दोबारा शुरू कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि उनका बीपीएल कार्ड पिछले दिनों काट दिया गया। शिक्षा मंत्री ने डीएफएससी को नियमानुसार कार्ड जोड़ने के आदेश दिए।
क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक ने 17 शिक्षा अॉफिस स्टाफ का किया तबादला
रांची। क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल रांची ने 17 शिक्षा अॉफिस स्टाफ का तबादला किया है। तबादला से संबंधित नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। लिपिक किशोर कुमार गुप्ता का तबादला क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, चैनपुर, गुमला किया गया है। वहीं, लिपिक ललित कुमार धान का तबादला क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी घाघरा, गुमला, लिपिक प्रदीप भगत का तबादला अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, सिमडेगा, जीपचालक भोला राम का तबादला जिला शिक्षा पदाधिकारी, रांची हुआ है। इसके अलावा लिपिक में कस्तुरी नाग का तबादला क्षेत्र जिला पदाधिकारी, गुमला, अनुज केरकेट्टा जिला शिक्षा पदाधिकारी, खूंटी, रासबिहारी महतो अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, सिमडेगा, सचित मिंज जिला शिक्षा पदाधिकारी, गुमला, लोकेश्वर सिंह जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, गुमला, चंद्रशेखर महतो जिला शिक्षा अधीक्षक, सिमडेगा, परना उरांव अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, खूंटी, बासिल मिंज जिला शिक्षा पदाधिकारी सिमडेगा, अनुपम साहु क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी कोलेबिरा, सिमडेगा, वर्षा देवी क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी, खूंटी, अल्बर्ट केरकेट्टा जिला शिक्षा पदाधिकारी, गुमला, फुलजेन्स केरकेट्टा जिला शिक्षा अधीक्षक, रांची और पुनीत तिर्की का तबादला अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी, गुमला में किया गया है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पांच वर्ष पूर्ण होने पर कॉलेज में व्याख्यानमाला
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ इकाई, राजकीय कृषि महाविद्यालय बाड़मेर के तत्वावधान में नीति से परिवर्तन तक: राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के पांच वर्ष विषय पर एक विचार-विमर्श व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन के पांच वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. वीर सिंह भाटी रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि वर्ष 1986 के बाद भारत को यह पहली राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है, जो लगभग तीन दशक बाद सामने आई। यह नीति केवल डिग्री-आधारित शिक्षा तक सीमित नहीं है, बल्कि समग्र, बहुविषयक, कौशल आधारित एवं जीवनोपयोगी शिक्षा की ओर अग्रसर करती है। डॉ. भाटी ने कहा कि नई शिक्षा नीति में मातृभाषा में प्राथमिक शिक्षा, बहुविषयक स्नातक पाठ्यक्रम, लचीलापन, मूल्यांकन में नवाचार, तकनीकी एकीकरण और शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं को समाहित किया गया है। उन्होंने इसे भारतीय ज्ञान परंपरा और वैश्विक मानकों का संतुलित समावेश बताया। कार्यक्रम की विषय प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए दीपक कुमार शर्मा ने कहा कि यह केवल एक रणनीतिक दस्तावेज नहीं, बल्कि एक गतिशील दस्तावेज है, जो गुरु को पुन शिक्षा व्यवस्था के केंद्र में स्थापित करता है। यह भारतीय युवा को विचार, व्यवहार और चिंतन में पूर्ण भारतीय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के प्रभारी अधिकारी व जिला सचिव डॉ. खगेंद्र कुमार ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के विद्यार्थी एवं संकाय सदस्य बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
संभागायुक्त ने कन्या शिक्षा परिसर की व्यवस्थाएं देखीं
सीहोर| संभागायुक्त संजीव सिंह ने सीहोर के कन्या शिक्षा परिसर का निरीक्षण किया। उन्होंने स्कूल की कक्षाओं और विज्ञान प्रयोगशाला का अवलोकन किया। छात्राओं से पढ़ाई को लेकर बातचीत की। स्कूल में चल रहे व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम की जानकारी ली। व्यवस्थाओं की समीक्षा की। यह परिसर सूर्या फाउंडेशन द्वारा पीपीपी मोड पर संचालित किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर बालागुरु के., जिला पंचायत सीईओ डॉ. नेहा जैन, एसडीएम तन्मय वर्मा, जनजाति कार्य विभाग के जिला संयोजक अरविंद कुशवाहा, प्रबंधक सत्येंद्र शर्मा आदि शामिल थे।
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी इस साल अप्रैल में पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद मई में ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष के दौरान अपने माता-पिता को खोने वाले करीब 22 बच्चों को गोद लेंगे। इन बच्चों ने या ...
झालावाड़ और जैसलमेर स्कूल में हुए हादसों के बाद गुरुवार को जयपुर के महारानी कॉलेज के हॉस्टल में प्लास्टर गिर गया। इसके बाद छात्र नेताओं ने इस लापरवाही को लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। छात्र नेता देव पलसानिया बदहाल और जर्जर हो चुके हॉस्टल को दुरुस्त करने की मांग को लेकर कॉलेज कैंपस पहुंचे। जहां रजिस्ट्रार से उनकी बहस कुछ ही देर में हाथापाई में तब्दील हो गई। जिसके बाद कॉलेज प्रशासन ने समझाइश कर मामला शांत करवाया। दरअसल, राजस्थान यूनिवर्सिटी के महारानी कॉलेज हॉस्टल की दीवार से गुरुवार को जर्जरा कर प्लास्टर गिर गया। इसके खिलाफ छात्र नेता देव पलसानिया कॉलेज कैंपस पहुंचे और प्रिंसिपल से बदहाल हॉस्टल को रिपेयर करने की मांग करने लगे। जिस पर प्रिंसिपल ने उन्हें फंड नहीं मिलने की बात कही। इसके बाद पलसानिया रजिस्ट्रार ऑफिस पहुंचे। जहां पलसानिया ने कॉलेज के लिए फंड की डिमांड की। जिस पर उनकी रजिस्ट्रार से बहस हो गई। जो कुछ ही देर में हाथापाई में तब्दील हो गई। जिसे वहां मौजूद लोगों ने समझाइश कर शांत करवाया। हालांकि इसके बाद रजिस्ट्रार कॉलेज कैंपस छोड़कर निकल गए। छात्र नेता देव पलसानिया ने कहा कि एक और स्कूल में हुए हादसे के बाद जहां सरकार प्रदेशभर के जर्जर स्कूलों को दुरुस्त करने में जुटी है। वहीं राजधानी प्रदेश के सबसे बड़े महारानी कॉलेज की हालत बाद से बद्तर हो चुकी है। लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन इस और ध्यान नहीं दे रहा है। बल्कि, रजिस्ट्रार छात्रों को ही धमकाने में लगे हुए हैं। जिसके खिलाफ हम पुरजोर आंदोलन करेंगे। पलसानिया ने कहा कि कॉलेज में प्रदेशभर से स्टूडेंट्स पढ़ने पहुंचती है। काफी स्टूडेंट्स कॉलेज के हॉस्टल में ही रहती है। जो बिल्डिंग सालों पुरानी होने को वजह से जर्जर हो चुकी है। अगर जल्द से जल्द उनकी रिपेयरिंग नहीं की है। तो हम कॉलेज प्रशासन के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे। बता दें कि इस पूरे मामले की सूचना मिलने के बाद प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ प्रेम बैरवा ने महारानी कॉलेज के हालत को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कहा कि- महारानी कॉलेज में छत और दीवारों के क्षतिग्रस्त होने की सूचना अत्यंत चिंताजनक है। इस विषय में तुरंत संज्ञान लेकर राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलगुरू और रजिस्ट्रार को निर्देशित कर दिया गया है। वह महारानी कॉलेज सहित विश्वविद्यालय के अधीन समस्त महाविद्यालयों का तत्काल निरीक्षण कर मरम्मत, संरचनात्मक सुधार और अन्य समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित कराए। हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता छात्राओं की सुरक्षा और गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित करना है। इस प्रकार की कोई भी जानकारी प्राप्त होती है, तो आप तुरंत स्थानीय प्रशासन को अवश्य सूचित करें।
पूर्णिया महिला कॉलेज में गुरुवार को नए छात्राओं के लिए इंडक्शन मीट का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन महिला कॉलेज के विज्ञान भवन में हुआ। इसमें सैकड़ों छात्राएं मौजूद रहीं। कॉलेज के प्रिंसिपल अनंत कुमार गुप्ता ने इंडक्शन मीट की अगुआई करते हुए छात्राओं को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विभिन्न कोर्सों के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को अपनी बहुमुखी विकास के लिए आवश्यक शिक्षा नीति की जानकारी करना रहा। दीप प्रज्ज्वलन कार्यक्रम और कॉलेज के कुल गीत से इंडक्शन मीट की शुरुआत हुई। कॉलेज के प्रिंसिपल अनंत कुमार गुप्ता समेत मंचासिन शिक्षकों ने नए स्टूडेंट्स को अपना संबोधन दिया। महाविद्यालय के प्रिंसिपल और विभागाध्यक्षों ने छात्रों को नई शिक्षा नीति की विशेषताएं बताई। छात्रों को बताया गया कि कैसे वे विभिन्न विषयों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं और अपनी पढ़ाई को आसान बना सकते हैं। नए दाखिला लेते वाली छात्राओं के लिए आयोजन कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ अनंत कुमार गुप्ता ने कहा कि इंडक्शन मीट का आयोजन कॉलेज में नए दाखिला लेते वाली छात्राओं के लिए किया गया है। सभी को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत विविध प्रकार के कोर्सों का वे कैसे फायदा ले सकते हैं। इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। बच्चों में बहुमुखी विकास किस प्रकार हो, इसे लेकर नई शिक्षा नीति की जानकारी सभी बच्चों को होना आवश्यक है। इसी को लेकर ये प्रोग्राम आयोजित की गई है। महाविद्यालय तकनीकी शिक्षा के साथ ही डिजिटल आधार पर लैस है। इसकी शुरुआत इसी इंडक्शन मीट से की जा रही है। आगे उन्होंने कहा कि देश के सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान में इसकी गिनती हो, वे इसी सपने को लेकर आए हैं। महाविद्यालय तकनीकी शिक्षा के साथ ही डिजिटल आधार पर भी लैस है। महाविद्यालय का प्रयास है कि छात्रों को नई शिक्षा नीति के बारे में आसानी से जानकारी हासिल हो सके। अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर उषा शरण ने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए छात्राओं को नई शिक्षा नीति के बारे में जानकारी देने और अपनी बहुमुखी विकास के लिए आवश्यक कौशल विकसित करने में मदद मिलेगी। छात्राओं को अपनी पढ़ाई को आसान बनाने और अपने लक्ष्यों को हासिल करना आसान होगा। इंडक्शन मीट में इतिहास विभाग के विभागाध्यक्ष डॉक्टर राकेश रौशन, अर्थशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संजय कुमार दास सहित अन्य टीचर मौजूद रहे।
प्रयागराज के सिविल लाइंस स्थित पत्थर गिरिजाघर धरना स्थल पर आयशा कार्यकर्ताओं ने स्कूल मर्जर के विरोध में धरना प्रर्दशन किया। इस दौरान उन्होंने सरकार के शिक्षा नीति पर सवाल उठाया। आयशा की राष्ट्रीय अध्यक्ष नेहा के मुताबिक सरकार की स्कूल मर्जर नीति देश के बच्चों का भविष्य चौपट करने वाली है। इस प्रर्दशन में सफाई मजदूर एकता मंच और आयशा संगठन के कार्यकर्ता शामिल थे। 27000 परिषदीय स्कूलों का मर्जर तथा उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन पर भी कड़ा विरोध जताया। सफाई मजदूर एकता मंच ने भी नगर निगम के कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिलाने के लिए विरोध प्रर्दशन किया। इसके साथ ही सरकारी स्कूल,सरकारी नौकरी की गारंटी करो और प्राइवेट स्कूल, प्राइवेट नौकरी पर रोक लगाओ के नारे के साथ विरोध किया। विरोध प्रर्दशन पर आयशा की राष्ट्रीय अध्यक्ष नेहा ने कहा विरोध का मकसद ये है कि इस वक्त उत्तर प्रदेश के तमाम अलग अलग इलाकों और दूर दराज गांवों में जो प्राइमरी स्कूल हैं उनकाे बंद किया जा रहा है। यह बोल के कि इसमें 50 से कम बच्चे हैं और ये गैर जरूरी है। इन सभी स्कूलों की जगह अब बाल वाटिका बनाई जाएगी। जिसमें बच्चे पढ़ेंगे। गांव के वो बच्चे जो प्राइवेट स्कूल में नहीं पढ़ सकते सरकार उनको शिक्षा से वंचित कर रही है।
जयपुर के प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान जेईसीआरसी कॉलेज ने एक बार फिर अपनी शैक्षणिक गुणवत्ता का परचम लहराया है। नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिटेशन (NBA) ने कॉलेज की सिविल इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग शाखाओं को मान्यता प्रदान की है। यह मान्यता संस्थान की शैक्षणिक उत्कृष्टता, रिसर्च सोच और बेहतर प्लेसमेंट रिकॉर्ड का प्रमाण है। NBA देशभर के तकनीकी संस्थानों में पढ़ाई जा रही इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों पर परख कर मान्यता देती है। यह प्रक्रिया अत्यंत गंभीर और तकनीकी मूल्यांकन पर आधारित होती है। इसमें जिसमें शिक्षण स्तर, लैब संसाधन, फैकल्टी की दक्षता, छात्र प्रदर्शन और प्लेसमेंट आदि का मूल्यांकन किया जाता है। NBA की मान्यता मिलने के बाद संबंधित कोर्स के विद्यार्थी केंद्र और राज्य सरकार की स्कॉलरशिप योजनाओं में पात्र बन पाएगे। इसके अलावा विदेशी विश्वविद्यालयों में पीजी एडमिशन के लिए उन्हें वरीयता मिलनी शुरू हो जाएगी। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे। कॉलेज प्रशासन के अनुसार इस शैक्षणिक सत्र में लगभग 1700 छात्रों ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया, जो अब तक के सर्वोच्च रिकॉर्ड में से एक है। कॉलेज के सिविल ब्रांच के एचओडी के.के. सैनी और इलेक्ट्रिकल ब्रांच के एचओडी प्रेरक भारद्वाज ने सभी फैकल्टी और स्टाफ को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि शिक्षकों की मेहनत, रिसर्च पर आधारित शिक्षा और छात्रों के समर्पण से संभव हो पाई है। कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. डॉ. विनय चांदना ने इस मौके पर कहा कि यह उपलब्धि गर्व की बात है, लेकिन अब हमारी जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है। हमें छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की शिक्षा और अवसर प्रदान करने की दिशा में लगातार प्रयास करते रहना होगा।
यूपी में प्राइमरी स्कूलों के मर्जर पर सरकार ने बड़ा फैसला किया है। बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा- एक किमी से अधिक दूरी पर किसी भी स्कूल को मर्ज नहीं किया जाएगा। यही नहीं, अगर किसी स्कूल में 50 या इससे अधिक छात्र हैं तो उसे भी मर्ज नहीं किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि जो स्कूल मर्ज हो चुके हैं। उनको अनपेयर यानी उनका मर्जर कैंसिल किया जाएगा। साथ ही, मर्जर में स्कूल की जो बिल्डिंग खाली हो रही हैं, उनमें बाल कल्याण विभाग के सहयोग से बाल वाटिका शुरू की जाएगी। इसमें 3 से 6 साल के बच्चे पढ़ेंगे। लोक भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री ने दावा किया कि कोई भी स्कूल बंद नहीं होगा। न ही एक भी टीचर का पद समाप्त किया जाएगा। दरअसल, यूपी सरकार ने 16 जून 2025 को प्राइमरी स्कूलों का मर्ज करने का फैसला किया था। अब तक 10827 स्कूल का मर्जर हुआ है। सरकार ने पहले 100 छात्र संख्या वाले स्कूलों को मर्ज करने का आदेश दिया था। इस फैसले के खिलाफ सीतापुर की छात्रा कृष्णा कुमारी समेत 51 बच्चों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने मर्जर के आदेश को सही बताया था। इसके बाद सीतापुर के ही कुछ अन्य बच्चों ने डबल बेंच में याचिका लगाई थी। कोर्ट ने सीतापुर के 210 में से 14 स्कूलों का मर्जर रोक दिया था। शिक्षा मंत्री की बड़ी बातें... आगे बढ़ने से पहले पोल में हिस्सा लेकर राय दें- बेसिक शिक्षा विभाग ने मर्जर का दिया था आदेश बेसिक शिक्षा विभाग ने 16 जून, 2025 को एक आदेश जारी किया था। इसमें यूपी के हजारों स्कूलों को बच्चों की संख्या के आधार पर नजदीकी उच्च प्राथमिक या कंपोजिट स्कूलों में मर्ज करने का निर्देश दिया था। सरकार ने तर्क दिया था कि इससे शिक्षा की क्वालिटी में सुधार और संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव होगा। सरकार के आदेश को 1 जुलाई को सीतापुर की छात्रा कृष्णा कुमारी समेत 51 बच्चों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। एक अन्य याचिका 2 जुलाई को भी दाखिल की गई थी। याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि यह आदेश मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा कानून (RTE Act) का उल्लंघन करता है। छोटे बच्चों के लिए नए स्कूल तक पहुंचना कठिन होगा। यह कदम बच्चों की पढ़ाई में बांधा डालेगा। इससे असमानता भी पैदा होगी। जस्टिस पंकज भाटिया की पीठ में 3 और 4 जुलाई तक बहस हुई। 4 जुलाई को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस पंकज भाटिया ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। 7 जुलाई को सिंगल बेंच ने सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। कहा था- यह फैसला बच्चों के हित में है। ऐसे मामलों में नीतिगत फैसले को चुनौती नहीं दी जा सकती, जब तक कि वह असंवैधानिक या दुर्भावनापूर्ण न हो। सिंगल बेंच के इस फैसले के खिलाफ डबल बेंच में 3 याचिकाएं दायर की गई थीं। 7 दिन पहले लखनऊ हाईकोर्ट ने सीतापुर जिले के 210 में से 14 प्राइमरी स्कूलों के मर्जर पर रोक लगा दी थी। कोर्ट ने कहा- अभी पुरानी स्थिति को बहाल रखा जाए। इस मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी। सरकार की तैयारी क्या है? हर जिले में एक मुख्यमंत्री अभ्युदय कंपोजिट विद्यालय (कक्षा 1 से 8 तक) खोला जा रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से इन स्कूलों को आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और शैक्षणिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। हर स्कूल में कम से कम 450 स्टूडेंट के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। स्कूल बिल्डिंग को 1.42 करोड़ की लागत से अपग्रेड भी किया जा रहा। स्कूलों में स्मार्ट क्लास, टॉयलेट, फर्नीचर, पुस्तकालय, कंप्यूटर रूम, मिड-डे मील किचन, डायनिंग हॉल, सीसीटीवी, वाई-फाई, ओपन जिम और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह सरकार की ओर से हर जिले में एक मुख्यमंत्री मॉडल कंपोजिट स्कूल (कक्षा- 1 से 12 तक) की स्थापना की जा रही है। इस पर करीब 30 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इन स्कूलों में कम से कम 1500 छात्रों के लिए स्मार्ट क्लास, एडवांस साइंस लैब, डिजिटल लाइब्रेरी, खेल मैदान, कौशल विकास सुविधाओं की स्थापना की जाएगी। कक्षा 11-12 के लिए विज्ञान, वाणिज्य और कला संकाय की अलग-अलग कक्षाओं का भी प्रावधान किया जाएगा। शिक्षक संघ विरोध क्यों कर रहे?सरकार के मर्जर के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ की अध्यक्ष सुलोचना मौर्य ने कहा था कि स्कूलों की संख्या कम करने से बच्चों का नुकसान होगा। अभी एक किलोमीटर की दूरी पर ही बच्चे स्कूल नहीं आते। जब एक ग्रामसभा का स्कूल बंद कर दूसरी ग्राम सभा के स्कूल में बच्चों को मर्ज किया जाएगा, तो स्कूल की दूरी और बढ़ जाएगी। गांव में गरीब माता-पिता बच्चों के लिए वैन नहीं लगा सकते। वह सुरक्षा की दृष्टि से भी बच्चों को दूर स्कूल नहीं भेजेंगे। इससे सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों और अभिभावक का होगा। बच्चे पढ़ाई छोड़ देंगे या प्राइवेट स्कूल में एडमिशन लेने को मजबूर होंगे। उत्तर प्रदेश प्राइमरी शिक्षक संघ के अध्यक्ष योगेश त्यागी ने कहा था कि सरकार शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 और बाल संरक्षण अधिनियम का खुला उल्लंघन कर रही है। इन आंकड़ों पर भी एक नजर 28 हजार प्राइमरी स्कूल पहले कम हुएसाल 2017-18 में बेसिक शिक्षा परिषद के 1.58 लाख से अधिक स्कूल थे। इनमें 1 लाख 13 हजार 289 प्राइमरी स्कूल थे। कंपोजिट विद्यालयों के गठन के लिए कम छात्र संख्या वाले करीब 28 हजार स्कूलों को पड़ोस के स्कूल में मर्ज किया गया। इससे 28 हजार प्रधानाध्यापक के पद सीधे-सीधे कम हो गए। वहीं, छात्र-शिक्षक अनुपात के लिहाज से हजारों टीचर भी सरप्लस हो गए। 70 फीसदी हेड मास्टर स्थायी नहींजानकार मानते हैं कि परिषदीय स्कूलों में करीब एक दशक से प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नति नहीं हुई है। 70 फीसदी से ज्यादा स्कूलों में कार्यवाहक हेडमास्टर हैं। कार्यवाहक हेडमास्टरों को कोई अतिरिक्त भत्ता नहीं दिया जाता। 42 लाख छात्र भी कम हो गएबेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में 2017-18 में करीब 1.37 करोड़ स्टूडेंट थे। योगी सरकार की ओर से हर साल ‘स्कूल चलो अभियान’ चलाकर नामांकन संख्या बढ़ाई गई। कोरोना महामारी के दौरान जब ग्रामीणों के पास प्राइवेट स्कूलों में फीस जमा करने के लिए पैसे नहीं थे, तो उन्होंने भी अपने बच्चों का सरकारी स्कूलों में दाखिला कराया। 2021-22 में स्टूडेंट की संख्या 1.91 करोड़ तक पहुंच गई। लेकिन, बीते 3 साल में लगातार ये संख्या घटती चली गई। आलम यह है कि अब ये संख्या 1.49 करोड़ रह गई है। ------------------------------------- ये खबर भी पढ़ें- यूपी का अगला मुख्य सचिव कौन, फैसला आज:मनोज सिंह को सेवा विस्तार नहीं मिला तो एसपी गोयल का नाम रेस में सबसे आगे यूपी में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के कार्यकाल का आज अंतिम दिन है। वह आज रिटायर हो जाएंगे। अब सबसे बड़ा सवाल है कि प्रदेश का अगला मुख्य सचिव यानी सीएस कौन होगा? ब्यूरोक्रेसी के सूत्रों के मुताबिक, आज शाम तक अगले मुख्य सचिव पर फैसला हो जाएगा। पढ़ें पूरी खबर
सीतामढ़ी के बथनाहा प्रखंड के मध्य विद्यालय सहियारा में दो शिक्षकों पर जिला शिक्षा विभाग ने सख्त कार्रवाई की है। उन पर ई-शिक्षाकोष में फर्जीवाड़ा और शैक्षणिक कार्य में लापरवाही का आरोप है। इसमें एक शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है, जबकि दूसरे शिक्षक से 24 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा गया है। फर्जी ड्यूटी मार्क और अव्यवस्था के आरोप विशिष्ट शिक्षक पंकज प्रकाश पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी तरीके से अपनी ड्यूटी दर्ज की। बिना सक्षम आदेश के स्वयं को ‘ऑन ड्यूटी’ घोषित किया और विद्यालय की सामान्य व्यवस्था को बाधित किया। जांच में ये आरोप प्रथम दृष्टया सत्य पाए गए। उन्हें विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 एवं 2024 के उल्लंघन और बिहार सरकारी सेवक आचार संहिता 1976 की धारा के तहत दोषी पाया गया है। उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और निर्देश दिया गया है कि वे प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, रुन्नीसैदपुर के अधीन मुख्यालय में उपस्थित रहें। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। रजिस्टर से छेड़छाड़ और धमकाने का आरोप इसी विद्यालय के दूसरे शिक्षक अरुण कुमार चौधरी पर गंभीर आरोप लगे हैं। उनके खिलाफ शिक्षण में रुचि नहीं लेने, विद्यालय का प्रभार न सौंपने, सहकर्मियों को धमकाने और उपस्थिति रजिस्टर से छेड़छाड़ करने के आरोप है। 29 जुलाई को हुई संयुक्त निरीक्षण में ये बातें सामने आईं। जिला शिक्षा कार्यालय ने उनसे 24 घंटे में जवाब देने को कहा है। यह आचरण शिक्षक आचार संहिता और शिक्षा का अधिकार अधिनियम के विरुद्ध माना गया है। एक ही विद्यालय में दो शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। जिला प्रशासन का स्पष्ट संदेश है कि अनुशासनहीनता और लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जब एक शिक्षक पढ़ाता है तो बाकी दो कक्षाओं के बच्चे सुनते हैं, बारिश के दौरान छत से छज्जा गिर जाए तो...। शिक्षामंत्री उदयप्रताप सिंह के नरसिंहपुर जिले के लोकीपार गांव में स्कूल की दयनीय स्थिति सामने आई है। जिला मुख्यालय से मात्र छह किमी दूर स्थित शासकीय नवीन माध्यमिक शाला में पहली से 8वीं तक की सभी कक्षाएं केवल दो जर्जर कमरों में चल रही हैं। इन कमरों की हालत इतनी खराब है कि बारिश के दौरान छत से पानी रिसता है। जब एक शिक्षक पढ़ाते हैं, तो अन्य दो कक्षाओं के बच्चे भी उसे सुनते हैं। स्थिति यह है कि बारिश होने पर बच्चों को इमली के पेड़ के नीचे बैठना पड़ता है। बच्चे बोले-छत गिरने का डर कक्षा सात के छात्र उदयप्रताप सिंह ने बताया कि 6वीं, 7वीं और 8वीं के सभी बच्चे एक ही कक्षा में बैठकर पढ़ते हैं। छात्रा राखी यादव ने कहा कि उन्हें बहुत डर लगता है, क्योंकि ऊपर से छत गिरती रहती है और ऐसा लगता है कि पूरी छत ही उनके ऊपर गिर जाएगी। शिक्षिका नेहा शर्मा ने बताया कि एक दिन जब वे स्कूल में बैठीं थी, तभी ऊपर से छत गिरने लगी। उस दिन उन्होंने तय किया कि वे अब इस भवन में बच्चों की कक्षा नहीं लगाएंगी। बच्चों का भटकता है ध्यान वर्तमान में दो कमरों को गोदरेज की अलमारियों से बांटकर तीन कक्षाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन इससे भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। एक ओर बारिश और दूसरी ओर आवाजों की गूंज से बच्चों का ध्यान भटकता है। यहां शिक्षक तीन कक्षाएं एक साथ पढ़ाते हैं। एक बोलता है, दूसरे को सुनाई पड़ता है। बच्चों का ध्यान भटकता है। साफ मौसम में पेड़ के नीचे पढ़ाते हैं गणित की शिक्षिका कमलेश साहू ने बताया कि जर्जर बिल्डिंग की आधी छतें पहले ही गिर चुकी हैं। बारिश में बच्चों को बाहर नहीं बैठाया जा सकता, इसलिए जब मौसम अच्छा होता है तो वे इमली के पेड़ के नीचे पढ़ाते हैं। 2019 से भवन निर्माण की मांग प्रभारी प्राचार्य शिखा शर्मा ने बताया है कि उन्होंने 2019 से लगातार भवन निर्माण की मांग की है। दो महीने पहले पुरानी बिल्डिंग को डिस्मेंटल करा दिया गया था, लेकिन बारिश के कारण नीलामी अटक गई है। अब एक कमरे में कक्षा 6 से 8 और दूसरे में कक्षा 1 से 5 तक की पढ़ाई चल रही है। कोई गतिविधि करना संभव नहीं होता। हमारा ध्यान बच्चों की पढ़ाई से ज्यादा उनकी सुरक्षा पर लगा रहता है। इस विद्यालय के बच्चे विज्ञान प्रदर्शनी, ओलंपियाड और मोगली महोत्सव जैसे कार्यक्रमों में जिला और राज्य स्तर तक पहुंचे हैं। शिक्षकों की मेहनत और बच्चों की लगन आज भी उम्मीदें जिंदा रखे हुए हैं। एक्स्ट्रा रूम की व्यवस्था कर रहे हैं शिक्षा विभाग के डीपीसी आरपी चतुर्वेदी ने बताया कि भवन जर्जर हो चुका है और फिलहाल दो कमरों में कक्षाएं संचालित हो रही हैं। भारी बारिश के चलते निर्माण कार्य रुका है, लेकिन एक और अतिरिक्त कक्ष की व्यवस्था की जा रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा आयोजित समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम में बुधवार को विदिशा से जुड़ी एक छात्रवृत्ति संबंधी शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की गई। शिकायतकर्ता छात्र सुमित साहू को समय पर छात्रवृत्ति न मिलने की समस्या का समाधान मौके पर किया गया। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए दो प्राचार्यों को निलंबित कर दिया गया। उच्च शिक्षा विभाग के अवर सचिव ने शासकीय कर्तव्यों के प्रति लापरवाही और उदासीनता बरतने के कारण ये फैसला लिया। इन्हें किया गया निलंबितनिलंबित किए गए अधिकारियों में शासकीय महाविद्यालय नटेरन के प्रभारी प्राचार्य डॉ. वने सिंह वर्मा और शासकीय अग्रणी महाविद्यालय विदिशा की तत्कालीन प्रभारी प्राचार्य डॉ. नीता पांडे शामिल हैं। निलंबन अवधि के दौरान दोनों अधिकारियों का मुख्यालय क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक, उच्च शिक्षा, गोपाल नर्मदापुरम संभाग, भोपाल नीयत किया गया है। उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता भी प्रदान की जाएगी। कलेक्टर-एसपी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थेविदिशा के एनआईसी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में आयोजित इस कार्यक्रम में कलेक्टर अंशुल गुप्ता, एसपी रोहित काशवानी, वन मंडल अधिकारी हेमंत यादव, अपर कलेक्टर अनिल डामोर और शासकीय अग्रणी महाविद्यालय के प्राचार्य बी.डी. अहिरवार भी उपस्थित थे। छात्र ने कहा कि उसकी समस्या का समाधान हो चुका हैकलेक्टर अंशुल गुप्ता ने छात्र की शिकायत पर हुई कार्रवाई की पूरी जानकारी साझा की। छात्र सुमित साहू ने खुद बताया कि अब उसकी समस्या का समाधान हो चुका है।
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योगी सरकार विज्ञान-गणित शिक्षकों को बनाएगी सशक्त, बदलेगी शिक्षा की तस्वीर
उत्तर प्रदेश में शिक्षा को नवाचार और व्यावहारिकता से जोड़ने की दिशा में एक नई पहल की जा रही है
सीयूजे के कुलपति प्रो. क्षिति ने शिक्षा समागम में भाग लिया
रांची| राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पांच वर्ष पूरे होने पर दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित एक दिवसीय भारतीय शिक्षा समागम, राष्ट्रीय शिक्षा नीति से विकसित भारत कार्यक्रम में सीयूजे के कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने भाग लिया। कुलपति ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल पांच वर्ष पूरे होने पर सीयूजे में भी तीन दिवसीय कार्यक्रम चल रहा है। रांची| सतीश कुमार सिन्हा मेमोरियल कॉलेज ऑफ नर्सिंग व भारती कॉलेज ऑफ नर्सिंग, कंदरी, मांडर में मंगलवार को पर्सनालिटी डेवलपमेंट, शेपिंग प्रोफेशनल आइडेंटिटी एंड प्रोमोटिंग एम्पलॉयबिलीटी विषय पर सेमिनार हुआ। उद्घाटन अध्यक्ष छवि सिन्हा, सचिव नितिन पराशर, प्रिंसिपल निहारिका श्रीवास्तव व डायरेक्टर स्पेनिन डॉ. कुमार संजय ने किया। पर्सनालिटी डेवलपमेंट सेमिनार में इंग्लिश स्पोकन का प्रशिक्षण दिया
भास्कर न्यूज | अंबिकापुर नए शैक्षणिक सत्र से एनईपी के तहत प्राइमरी कक्षा पहली से तीसरी और मिडिल की छठवीं कक्षा के पाठ्यक्रम में बड़े बदलाव किए गए हैं। साथ ही विषयों के नाम भी बदले गए हैं, जिनका उद्देश्य बच्चों में भारतीयता और संस्कृति का बोध कराना है। छठवीं कक्षा में छात्रों को अब छह विषयों की जगह नौ विषय पढ़ाए जाएंगे, जिनमें तीन नए विषय- कृति (कला शिक्षा), खेल यात्रा योग, और कौशल बोध (व्यवसाय शिक्षा) भी जोड़े गए हैं। बता दें कि पहली व दूसरी कक्षा में अंग्रेजी को अब मृदंग कहा जाएगा। तीसरी कक्षा में अंग्रेजी का नाम संतूर रखा गया है। छठवीं कक्षा में अंग्रेजी का नाम पूर्वी होगा। विज्ञान का नाम अब जिज्ञासा होगा। संस्कृत का नाम दीपकम रखा गया है। इस प्रकार, विषयों के नाम भारतीय संस्कृति और संगीत वाद्यों से प्रेरित रखे गए हैं, जिससे बच्चों को अपने देश की विरासत से जुड़ाव महसूस हो। सरगुजा जिले में एनईपी के इन बदलावों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए बीआरजी (ब्लॉक रिसोर्स ग्रुप) को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों को नए विषयों और उनके पढ़ाने के तरीकों से अवगत कराना है ताकि बच्चे रुचि के साथ पढ़ाई कर सकें। प्रथम चरण में राज्य स्तर के प्रशिक्षित ट्रेनर जिला मुख्यालय पर बीआरजी को ट्रेनिंग दे रहे हैं। कक्षा पुराने विषय के नाम नए नाम पहली व दूसरी हिंदी हिंदी पहली व दूसरी अंग्रेजी मृदंग पहली व दूसरी गणित आनंदमय गणित तीसरी हिंदी वीणा तीसरी अंग्रेजी संतूर तीसरी गणित गणित मेला तीसरी पर्यावरण हमारा अद्भुत संसार छठवीं हिंदी मल्हार छठवीं अंग्रेजी पूर्वी छठवीं गणित गणित प्रकाश छठवीं सामाजिक अध्ययन समाज का अध्ययन छठवीं विज्ञान जिज्ञासा छठवीं संस्कृत दीपकम हर विषय को एक्टिविटी के साथ जोड़ा गया ^नए पाठ्यक्रम में हर विषय को एक्टिविटी के साथ जोड़ा गया है। इसमें एक ही विषय में टीम टीचिंग का पार्ट हैं। यानी कोई ऐसा विषय जिसमें मैथ्स के साथ एक्टिविटी में विज्ञान के तथ्य आएंगे तो बच्चों को उसके बारे में बताया जाएगा। इन्हीं विषयों को पढ़ाने के तरीके के बारे में शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। ब्लॉक स्तर पर बैच जल्द ही शुरू होंगे। हमारे बीआरजी ट्रेनिंग ले चुके हैं। -डॉ. पुष्पा सिंह, नोडल अधिकारी, प्रशिक्षण डाइट
समग्र शिक्षा ने शिविर लगाकर 45 दिव्यांगजनों को बांटी जरूरी सामग्री
भास्कर न्यूज | राजनांदगांव समग्र शिक्षा के तहत दिव्यांग बच्चों के लिए मंगलवार को जिला स्तरीय मेगा शिविर का आयोजन किया गया। इसमें 45 बच्चों को उनकी जरूरत अनुसार उपकरण, ट्रायसिकल, व्हील चेयर, वाकर, श्रवण यंत्र, एमआर किट, एमएस आरडी किट, ब्रेल किट एवं थेरेपी किट का वितरण डीईओ प्रवास कुमार सिंह बघेल एवं अन्य अफसरों ने किया। इसी प्रकार जिला अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा 66 बच्चों का दिव्यांगता आंकलन कर पात्रता अनुसार दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाया गया। नेत्र रोग वाले बच्चों का मेडिकल कालेज हास्पिटल में परीक्षण कराने रेफर किया गया। परीक्षण के बाद प्रमाण पत्र बनाया जा सके। कार्यक्रम में जिला मिशन समन्वयक सतीष ब्यौहरे, एडीपीओ पीआर झाड़े, एपीसी केपी विश्वकर्मा, बीईओ राजू राम साहू, बीआरपी समावेशी शिक्षा देवकी सिंह, पूजा गुप्ता, यशोदा रेड्डी, सुश्री नसरीन खान, सीमा भावते तथा विशेषज्ञ डॉ. बीके बनर्जी, डॉ. अनिल महाकालकर, डॉ. राकेश रामटेके, डॉ. भानुप्रिय चौधरी एवं डॉ. बीएल तुलावी मौजूद रहे। दिव्यांग बच्चे अपने पालकों अभिभावकों के साथ शामिल हुए। इसी प्रकार का शिविर ब्लॉक स्तर पर 4 अगस्त 2025 को छुरिया में होगा।
नीति से परिवर्तन तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पांच वर्ष गोष्ठी का आयोजन
राजकीय महाविद्यालय बाड़मेर में बुधवार को अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उच्च शिक्षा राजस्थान की महाविद्यालय इकाई के तत्वावधान में नीति से परिवर्तन तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पांच वर्ष विषय पर एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की पांच वर्षों की उपलब्धियों, क्रियान्वयन, चुनौतियों एवं संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. उम्मेद सिंह ने उद्घाटन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि यह भारत की युवा शक्ति को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाने की रणनीति है। यह नीति आत्मनिर्भरता, नैतिकता और राष्ट्रनिर्माण की भावना से छात्र-छात्राओं को जोड़ती है। मुख्य वक्ता सहायक आचार्य जितेन्द्र कुमार बोहरा ने कहा कि यह नीति शिक्षा को समावेशी, बहुभाषिक, बहु-विषयक और नवाचार परक बनाती है। उन्होंने क्रेडिट सिस्टम, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट, एबीसी आईडी, स्किल कोर्सेस और रिसर्च ओरिएंटेड एजुकेशन जैसे बिंदुओं पर विशेष रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह नीति विद्यार्थियों को केंद्र में रखकर कौशल आधारित और मातृभाषा को प्राथमिकता देने वाली दिशा तय करती है। एबीआरएसएम के विभाग संयोजक मांगीलाल जैन ने कहा कि यह नीति भारत की परंपरागत शिक्षा प्रणाली और आधुनिक विज्ञान का सुंदर समन्वय है। यह छात्रों को सोचने, चुनने और नवाचार करने की स्वतंत्रता देती है। जिला उपाध्यक्ष वीरसिंह ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य केवल डिग्री प्रदान करना नहीं, बल्कि छात्रों को जीवन के हर क्षेत्र में सक्षम बनाना है। यह शिक्षा प्रणाली को औपचारिकता से निकाल कर वास्तविकता की दिशा में ले जाती है। कार्यक्रम का संचालन जिला सचिव डॉ. खगेंद्र कुमार ने किया। धन्यवाद इकाई सचिव कानराज पूनिया ने व्यक्त किया गया। इस अवसर पर जिला सह-सचिव दीपक कुमार, प्रो. सोहनलाल, मृणाली चौहान, हेमलता ओझा, संतोष गढ़वीर, नवलकिशोर, सीपी घारू सहित सभी संकाय सदस्य उपस्थित रहे।
सीआरपीएफ की पहल:गुरुकुल से खोली शिक्षा की राह, अब इलाज भी आसान, आधुनिक एम्बुलेंस भी
छत्तीसगढ़ के मोस्ट वांटेड नक्सली हिड़मा के गांव से परीक्षित त्रिपाठी की रिपोर्ट पूवर्ती (सुकमा)|नक्सलियों के सीसी मेम्बर हिड़मा का गांव पूवर्ती, मानसून आते ही साल के छह महीने देश-दुनिया से कटा रहता था। बारिश होने की सूरत में भी गांव तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क नहीं थी। यदि किसी को गांव तक जाना भी हो तो यहां प्रवेश के लिए नक्सलियों की अनुमति जरूरी थी। गांव तक पहुंचना आम लोगों के लिए आसान नहीं था और गांव से बाहर निकलना भी गांव वालों के लिए मुमकिन नहीं था। हालात ऐसे थे कि यदि गांव में काेई बीमार हो जाए तो इलाज मिलता ही नहीं था, लेकिन पूवर्ती गांव की यह तस्वीर अब बदल गई है। इसकी तस्वीर सीआरपीएफ ने बदली है। फोर्स ने हाल ही में पूवर्ती गांव में नया कैंप स्थापित किया है। जवानों ने गांव तक पहुंचने के लिए पहले सड़क बनाई। इसके बाद गांव के बच्चों को शिक्षित करने के लिए गुरुकुल खोला और अब पूवर्ती के सीआरपीएफ कैंप में ही जवानों ने अस्पताल खोल दिया। यहां डॉक्टर तैनात हैं। बरसात के मौसम में इलाके में सर्पदंश के शिकार लोगों की मौत हो जाती थी लेकिन अस्पताल खुलने से इन मरीजों का समय पर इलाज कर जान बचाई जा रही है। नक्सल मोर्चे में एक तरफ सीआरपीएफ जवान नक्सलियों का खात्मा कर रहे हैं तो दूसरी ओर हॉस्पिटल के जरिए आदिवासियों की जान भी बचा रहे हैं। आरोग्यधाम हॉस्पिटल में मुफ्त है बीमारियों का इलाज नक्सल प्रभावित पूवर्ती गांव में सुकमा जिला प्रशासन के सहयोग से सीआरपीएफ ने यहां आरोग्यधाम हॉस्पिटल शुरू किया है। यहां 16 बीमारियों का उपचार सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की तरह आधुनिक तरीके से किया जाता है। नि:शुल्क जांच उपचार एवं दवाइयों की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध है। हॉस्पिटल में आधुनिक मेडिकल उपकरणों से लैस एंबुलेंस की भी सुविधा उपलब्ध है, ताकि गंभीर स्थिति में भी लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ सुरक्षित हायर सेंटर रेफर किया जा सके। पहले चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में उचित इलाज नहीं मिलने से ग्रामीणों की मौत हो जाती थी। हॉस्पिटल प्रारंभ होने से ग्राम पूवर्ती और आसपास के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का नि:शुल्क लाभ मिल रहा है। कई जांच अब गांव में ही हो रही है। चिकित्सा के पर्याप्त इंतजाम : फील्ड हॉस्पिटल में एचबी, एफबीएस/पीपीबीएस/आरबीएस, लिपिड प्रोफाईल, लीवर फंक्शन टेस्ट, किडनी टेस्ट, यूरिन टेस्ट, मलेरिया कार्ड टेस्ट, डेंगू किट टेस्ट, टाइफाइड किट टेस्ट,संपूर्ण रक्त का थक्का जमने का परीक्षण (सांप के काटने पर), ईसीजी, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 2 सिलेंडर और मास्क, डिफाइब्रिलेटर, बीएलएस/एसीएलएस एम्बुलेंस, एम्बू बैग की सुविधाएं यहां उपलब्ध हैं। कौन है नक्सली हिड़मा : पूवर्ती गांव का रहने वाला है, माओवादियों की पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी बटालियन-1 का हेड रह चुका है। हिड़मा माओवादी स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य भी है, इसके साथ ही सीपीआई माओवादी की 21 सदस्यीय सेंट्रल कमेटी का सदस्य भी है। झीरम घाटी हमले से लेकर 27 से ज्यादा हमलों का मास्टरमाइंड रहा है।
संस्कृत शिक्षा के साथ भेदभाव, जर्जर स्कूलों के लिए बजट जारी नहीं किया
संस्कृत शिक्षा के साथ भेदभाव बरता जा रहा है। संस्कृत शिक्षा के जर्जर स्कूलों की मरम्मत के लिए अभी तक कोई बजट जारी नहीं किया गया। इसको लेकर शिक्षकों ने नाराजगी जताई है। राजस्थान संस्कृत शिक्षा विभागीय शिक्षक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तिवाड़ी ने बताया कि प्रदेशभर के 1936 विद्यालयों को बजट जारी किया गया, लेकिन इस सूची में संस्कृत शिक्षा विभाग से मात्र एक विद्यालय शामिल किया गया। समग्र शिक्षा अभियान के तहत बजट में केवल कोटा जिले से संस्कृत शिक्षा का एक मात्र विद्यालय शामिल किया गया है, जबकि संस्कृत शिक्षा में भी कई स्कूल जर्जर है।
शिक्षा विभाग के एडवांस बिल पर रोक लगाई गई
बिहार सरकार ने सीएजी रिपोर्ट के आधार पर बड़ी कार्रवाई की है। शिक्षा विभाग के एडवांस पैसे लेने पर रोक लगा दी है। इसी तरह नगर विकास विकास और पंचायती राज विभाग को विशेष सहायता अनुदान देने से भी वित्त विभाग ने इनकार कर दिया है। वित्त विभाग की ओर से कहा गया है कि अच्छी-खासी संख्या में उपयोगिता प्रमाण-पत्र जमा नहीं करने तक शिक्षा विभाग एसी बिल यानी एब्सट्रैक्ट कंटिंजेंसी बिल जेनरेट नहीं कर पाएगा। इसका मतलब यह है कि शिक्षा विभाग कोई आकस्मिक राशि एडवांस के तौर पर नहीं ले पाएगा। शहरी विकास और पंचायती राज विभाग के विशेष सहायता अनुदान पर भी रोक खास सीमा तक उपयोगिता प्रमाण-पत्र जमा करने तक के लिए ही की गई है। बिहार वित्तीय नियमावली के तहत प्रावधान है कि विभागों और सरकारी एजेंसियों को 18 महीने के भीतर खर्च का पूरा ब्योरा उपयोगिता प्रमाण-पत्र के स्वरूप में जमा करना है। तीनों विभागों पर यह कार्रवाई 24 जुलाई को बिहार विधानसभा में राज्य सरकार की वित्तीय स्थिति पर सीएजी की ओर से पेश रिपोर्ट में जताई गई गंभीर आपत्तियों के आधार पर की गई है। इस रिपोर्ट में सीएजी की ओर से कहा गया है कि 2023-24 तक राज्य सरकार के 70 हजार 877 करोड़ के उपयोगिता प्रमाण-पत्र बकाया थे। । वित्त विभाग ने पंचायती राज, शिक्षा और शहरी विकास विभाग पर फौरी कार्रवाई इसलिए की है, क्योंकि इन तीनों विभागों के पास सबसे अधिक राशि के उपयोगिता प्रमाण-पत्र बकाया हैं। विभाग के पास उपयोगिता प्रमाण-पत्र बकाया विभाग राशि पंचायती राज 28,154 शिक्षा 12,623 शहरी विकास 11,065 ग्रामीण विकास 7,800 कृषि 2,107 एससी-एसटी कल्याण 1,397 सामाजिक कल्याण 942 बीसी-एमबीसी कल्याण 911 स्वास्थ्य 860 सहकारिता 805 (राशि करोड़ में) सीएजी रिपोर्ट पर सरकार की बड़ी कार्रवाई
सीतामढ़ी में BPSC नव-नियुक्त प्रधान शिक्षिका आरफा नाजनीन को जिला शिक्षा कार्यालय में हंगामा करना महंगा पड़ गया। कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार और धमकी देने के आरोप में उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। वह प्राथमिक विद्यालय बसंतपुर बसंत बाजपट्टी में पदस्थापित था। आरोपी शिक्षिका पर गंभीर आरोप घटना 26 जुलाई 2025 को दोपहर 2:55 बजे से 3:27 बजे के बीच की है। आरफा नाजनीन अपने भाई के साथ जिला शिक्षा कार्यालय पहुंचीं। वहां मौजूद कर्मियों के साथ अशोभनीय व्यवहार करते हुए कार्य में बाधा पहुंचाई। इसके बाद वे जिला शिक्षा पदाधिकारी राघवेंद्र मणि त्रिपाठी के कक्ष में भी पहुंचीं। वहां उनके द्वारा भी देख लेने जैसी धमकी दी गई। स्पष्टीकरण असत्य पाया गया जिला शिक्षा पदाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उसी दिन पत्रांक 1999 के माध्यम से स्पष्टीकरण मांगा। आरफा द्वारा दिया गया जवाब असत्य, भ्रामक और अस्वीकार्य पाया गया। इसके बाद जिला प्रशासन ने कड़ा निर्णय लेते हुए उन्हें निलंबित कर दिया। रीगा BEO कार्यालय में मिलेगा मुख्यालय निलंबन के दौरान आरफा नाजनीन का मुख्यालय प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, रीगा का कार्यालय निर्धारित किया गया है। नियमानुसार, इस अवधि में उन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता दिया जाएगा। जिला शिक्षा पदाधिकारी मणि त्रिपाठी ने कहा, शिक्षकों को अनुशासन और मर्यादा का पालन करना चाहिए। जो शिक्षिका खुद नियम तोड़े, वह बच्चों को क्या सिखाएगी?ोव
जदयू कार्यालय में हर बुधवार शिक्षा मंत्री सुनील सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार और भवन निर्माण मंत्री जयंत राज का जनता दरबार लगाया जाता है। जिसमें पूरे बिहार से लोग अपनी समस्या को लेकर मंत्री के पास आते हैं। मंत्री सभी की समस्या को सुनते हैं और उसका हल निकालते हैं। आज जब दैनिक भास्कर के रिपोर्टर जदयू कार्यालय में आयोजित जनता दरबार में पहुंची तब देखा कि वहां पर बड़ी संख्या में लोग अपनी समस्या को लेकर जनता दरबार में पहुंचे हैं। लेकिन जनता दरबार में जनता तो थी लेकिन मंत्री ही गायब थे। तीनों मंत्रियों में केवल भवन निर्माण मंत्री जयंत राज जदयू कार्यालय में मौजूद थे। जयंत राज अपने विभाग से जुड़े परेशानी को सुन रहे थे। लेकिन वहां मौजूद सैकड़ों लोग शिक्षा मंत्री का इंतजार कर रहे थे। कई घंटे बीत जाने के बाद भी शिक्षा मंत्री जदयू कार्यालय नहीं पहुंचे। जब वहां मौजूद लोगों से रिपोर्टर ने बात की तो उन्होंने बताया कि मंत्री जी मोतिहारी गए हुए हैं। मंत्री सुनील कुमार को मोतिहारी का प्रभारी बनाया गया है। 'शिक्षक भी बनाते हैं हमारा मजाक' वहां जो लोग अपनी समस्या को लेकर पहुंचे थे, उससे जब रिपोर्टर ने बात की तो मधुरेंद्र कुमार ने बताया कि हमसे होमगार्ड, जनगणना,वाटर पुनरीक्षण के साथ सरकार कई सारे कार्य करवाती है, लेकिन हमें मात्र 8000 रुपया मिलता है जिससे ना तो हमारा घर चलता है और ना परिवार चलता है। हम लोग शिक्षक वर्ग में आते हैं फिर भी शिक्षक भी हमारा मजाक बनाते हैं कि यह लोग 8 हजारिया है। हम हर तरफ से समाज में जलील किए जाते हैं। 'हम ना जीने लायक है और ना मरने लायक' हमन ना जीने लायक है और ना मरने लायक है करें तो क्या करें? जो लोग परीक्षा नहीं दिए उनके महीना 42000 है। हम लोग सरकार का पात्रता परीक्षा और जो मानक तय है उसको पास करके आए हैं। हम लोग में कई लोग नेशनल तो कई इंटरनेशनल प्लेयर है। यहां तक की स्कूल में भी हमारा 15 से 20 मिनट का घंटी लगता है जिसमें हम ढंग से बच्चों को खेला भी नहीं पाते। 15 से 20 मिनट तो प्रार्थना में ही चला जाता है। शिक्षक होते हुए भी करते हैं मजदूर का काम फरियादी शैलेंद्र कुमार ने बताया कि हम एक शिक्षक होते हुए भी मजदूर का काम करते हैं। जब एक शिक्षक लेबर का काम करेगा तो उसकी मानसिक स्थिति क्या होगी। जहां देश और बिहार के भविष्य की बात हो वहां स्वाभाविक है की कमी आएगी। इसलिए बिहार को बचाया जाए और सभी स्वास्थ्य शिक्षा अनुदेशक को समझा जाए। हम अपनी मांग को लेकर जदयू कार्यालय आए थे लेकिन मंत्री जी नहीं मिले। मात्र 200 रुपए प्रति वर्ष होती है वेतन वृद्धि अपनी फरियाद लेकर जदयू कार्यालय पहुंचे अजय कुमार ने बताया कि जो भी नियोजन की प्रक्रिया होती है उसके माध्यम से हम लोग ज्वाइन किए हैं। हम लोग 3 साल से विभागीय दौड़ लगा रहे हैं। आश्वासन पर आश्वासन मिल रहा है लेकिन केवल ₹200 प्रति वर्ष हमारे वेतन की वृद्धि की जाती है। मेरे दो बच्चे हैं और घर चलाना काफी मुश्किल है। मंत्री जी से मिलने यहां आए थे लेकिन पता चला कि वह आज नहीं आएंगे कहीं और गए हैं। थाली और कटोरा लेकर पहले भी पहुंच चुके हैं जदयू कार्यालय बिहार में 2350 शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य निदेशक की 2022 में भर्ती कराई गई थी। यह स्कूल में फिजिकल एजुकेशन की पढ़ाई कराते हैं। जिन्हें महीने का केवल 8000 रुपए दिया जाता है। इसके पहले भी सभी लोग कई बार शिक्षा मंत्री से गुहार लगा चुके हैं। शिक्षा मंत्री से इसके पहले आश्वासन भी दिया गया था लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं की गईं। कई बार तो लिखित शिकायत भी दी। इसके साथ ही यह सभी लोग 1 साल पहले जदयू कार्यालय के बाहर थाली और कटोरा लेकर भीख मांगने पहुंचे थे। इन्होंने कहा था कि हमें भिखारी की तरह वेतन दी जाती है इसलिए हम कटोरा लेकर यहां पहुंचे हैं।
बलिया के जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय (जेएनसीयू) और बिहार के मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर हुए। यह समझौता सोमवार को मगध विश्वविद्यालय के बोधगया परिसर में संपन्न हुआ। इस एमओयू के तहत दोनों विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी, शोधार्थी और प्राध्यापक एक-दूसरे के संसाधनों का उपयोग कर सकेंगे। इससे शिक्षा और शोध की गुणवत्ता में वृद्धि होगी। दोनों विश्वविद्यालय अपनी क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप अंतर-अनुशासनात्मक शोध परियोजनाओं पर मिलकर कार्य करेंगे। समझौते के अनुसार, प्राध्यापक शोध और अध्यापन के लिए लघु या दीर्घ समयावधि के लिए दूसरे विश्वविद्यालय में जा सकेंगे। इससे किसी प्राध्यापक की विशेषज्ञता का लाभ दोनों विश्वविद्यालयों को मिलेगा। साथ ही दोनों विश्वविद्यालय सांस्कृतिक गतिविधियों को भी प्रोत्साहित करेंगे। जेएनसीयू के कुलपति प्रो. संजीत कुमार गुप्ता और मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशि प्रताप शाही ने इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए। प्रो. गुप्ता ने विश्वास जताया कि इस समझौते का लाभ दोनों विश्वविद्यालयों के साथ-साथ समग्र क्षेत्रीय विकास को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि गया और बलिया दोनों ही जिले अपने सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। भाषा, सामाजिक जीवन और सांस्कृतिक मूल्यों के आधार पर बलिया और बिहार में कोई विशेष अंतर नहीं है। इसलिए दोनों विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी आसानी से एक-दूसरे की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। इस एमओयू से न केवल क्षेत्रीय संस्कृति के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि विद्यार्थियों और प्राध्यापकों के बीच बेहतर समन्वय भी स्थापित होगा। दोनों पक्षों को उम्मीद है कि यह समझौता दोनों क्षेत्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
कोटा एल एन माहेश्वरी परमार्थ न्यास एवं एलन करियर इंस्टीट्यूट के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षा संबल योजना के बैच का शुभारंभ हुआ। इस योजना के तहत चयनित 126 विद्यार्थियों के लिए यह दूसरा साल है। ओरियंटेशन में चयनित 126 विद्यार्थी अपने परिजनों के साथ मौजूद रहे। कार्यक्रम में इन विद्यार्थियों को किट बैग व पुस्तकें दी गई। यह सभी वे बच्चे हैं जिनके माता-पिता मजदूर हैं जो की कोटा में अपने बच्चों को गरीबों के अभाव में पढ़ने नहीं भेज सकते उन बच्चों के अब सपने पूरे हो पाएंगे। योजना के अंतर्गत एलन की ओर से नीट-2026 के लिए 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप पर निशुल्क शिक्षा एवं निशुल्क आवास व भोजन की व्यवस्था भी की गई है। योजना में शामिल होने के लिए देश के कई राज्यों के विद्यार्थी अपने परिजनों के साथ कोटा पहुंचे। इनमें मुख्यतः राजस्थान, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड़ और उत्तराखंड से हैं। डॉ.गोविन्द माहेश्वरी ने कहा कि शिक्षा संबल ऐसे परिवारों के लिए सम्बल है, जो अभाव में हैं। उनके सपने पूरे करने का संकल्प है। यहां उन्हें हर साधन और माहौल दिया जाएगा ताकि वे अच्छे से पढ़ाई कर सकें। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अनुशासित होकर अपने परिजनों का सपना पूरा करने के लिए मेहनत करें। सफलता जरूर मिलेगी। भीलवाड़ा से आई छात्रा ने बताया कि मैं कोटा कोचिंग के बारे में काफी सुना था लेकिन परिवार की स्थिति ऐसी नहीं थी कि मैं कोटा जाकर पढ़ सकूं। मेरे पिता कारीगर हैं। शिक्षा संबल योजना के तहत हमें यहां कोचिंग में एडमिशन निशुल्क दिया गया वहीं रहने और खाने के लिए भी निशुल्क व्यवस्था की गई है अब मैं अपने डॉक्टर बनने के सपने को पूरा कर सकूंगी। छात्रा के पिता कारीगर दूंगाराम मेघवंशी ने बताया कि मेरी बेटी की इच्छा थी कि वह डॉक्टर बने शिक्षा संबल योजना के तहत पेपर देकर कोटा में कोचिंग में नंबर आया यहां पर वह निशुल्क पढ़ सकेगी और अपने सपने साकार कर सकेगी। शिक्षा संभल से पास आउट नीट में चयनित हुई छात्रा मोनाली मध्य प्रदेश की छात्रा ने बताया की मेरे पिता किसान है। परिवार की आर्थिक परेशानी के चलते में कोटा में कोचिंग नहीं ले सकती थी लेकिन और मेरा नीट में चयन भी हो गया। यह योजना उन गरीब परिवार के बच्चों को डॉक्टर बनने में काफी मददगार साबित हो रही है।
हरियाणा शिक्षा विभाग कर्मचारी तालमेल कमेटी की हिसार जिले के नारनौंद इकाई ने बुधवार को खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने शिक्षा विभाग से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला। प्रदर्शन के बाद प्रतिनिधिमंडल ने खंड शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार को शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के नाम ज्ञापन सौंपा। पुरानी पेंशन योजना बहाल करना प्रमुख ज्ञापन में कई महत्वपूर्ण मांगें शामिल की गई। इनमें प्रोबेशन अवधि समाप्त करना, विभाग में रिक्त पदों पर शीघ्र भर्ती प्रक्रिया शुरू करना, लंबित पदोन्नतियों को अमल में लाना और पुरानी पेंशन योजना बहाल करना प्रमुख हैं। कर्मचारियों का कहना है कि इन समस्याओं से न केवल टीचरों में असंतोष है, बल्कि विद्यालयों की कार्यप्रणाली पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। प्रदर्शन में ये रहे शामिल प्रदर्शन की अगुआई ब्लॉक अध्यक्ष नरेश नरवाल ने की। इस दौरान हरियाणा स्कूल टीचर संघ, सर्व कर्मचारी संघ और हेमसा से जुड़े पदाधिकारी और सदस्य बड़ी संख्या में मौजूद थे। प्रदर्शन में विजय पीटीआई, योगेंद्र माजरा, राममोहन सहायक, महेंद्र यादव, अनिल सैनी, सुखबीर, बलजीत और रोहताश दूहन सहित अन्य कर्मचारी भी उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में सरकार से शीघ्र कार्रवाई की मांग की। सरकार बार-बार आश्वासन देकर टाल रही प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार बार-बार आश्वासन देकर समस्याओं को टाल रही है। कर्मचारी वर्षों से समाधान की राह देख रहे हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द ही मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन को प्रदेश स्तर पर तेज किया जाएगा। साथ ही व्यापक प्रदर्शन की योजना भी बनाई जाएगी। खंड शिक्षा अधिकारी ने दिया आश्वासन खंड शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि ज्ञापन को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाकर आवश्यक कार्रवाई के लिए संस्तुति की जाएगी। प्रदर्शन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
बागपत में जिला विद्यालय निरीक्षक राघवेंद्र सिंह ने बच्चों की सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस आदेश के तहत जिले के सभी जर्जर स्कूली भवनों में प्रवेश पर पूर्ण रोक लगा दी गई है। राजस्थान में हुए स्कूली हादसे के बाद यह कदम उठाया गया है। निरीक्षक ने सभी स्कूलों के प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि जर्जर इमारतों को बंद किया जाए। जनपद के ऐसे सभी भवनों को चिन्हित कर लिया गया है। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन भवनों के चारों ओर नुकीले तारों से तारबंदी की जा रही है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी शिक्षक, विद्यार्थी या अभिभावक इन खतरनाक भवनों में प्रवेश न कर सके। शिक्षा विभाग का यह कदम बच्चों के भविष्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। वर्तमान में बागपत के सभी स्कूल प्रबंधन अपने जर्जर भवनों की पहचान कर उन पर तारबंदी और ताले लगा रहे हैं। यह कार्रवाई स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि शिक्षा विभाग विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर कितना सतर्क है।
बाड़मेर जिले में सरकारी स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था बदहाल है। 1 जुलाई के साथ ही नया सत्र शुरू हो गया, लेकिन स्कूलों में शिक्षक नहीं होने से बच्चों का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। सरकारी स्कूलों पर तालाबंदी और विरोध प्रदर्शन की घटनाएं लगातार हो रही है। जिन बच्चों के हाथों में किताबें होनी चाहिए थी, वो शिक्षकों के लिए संघर्ष कर प्रशासन व नेताओं से गुहार लगा रहे हैं। हाल ये है कि सीनियर सैकंडरी स्कूल की 12 कक्षाओं पर 1, 2 या 3 शिक्षक ही कार्यरत है। इसी वजह से 12 कक्षाओं के बच्चों को जॉइंट रूप से एक की छत के लिए पढ़ाया जा रहा है। बच्चों का सरकारी स्कूलों से मोहभंग हो रहा है। बाड़मेर जिले में ऐसे कई स्कूल है, जिसमें जितने स्वीकृत पद है उसके मुकाबले 20-30 फीसदी ही पदों पर शिक्षक है। कई तो ऐसे स्कूल भी जहां 4 साल बाद सरकार ने व्याख्याताओं के पद भी सृजित नहीं किए है। ऐसे में लेवल-1 और लेवल-2 के शिक्षक ही बच्चों को पढ़ा रहे हैं। बाड़मेर जिले में 712 सीनियर सैकंडरी स्कूल है, जिसमें 11612 पद स्वीकृत है, लेकिन 6287 पदों पर ही शिक्षक कार्यरत है, जबकि 5325 पद खाली पड़े हैं। मायलों का डेर 12वीं स्कूल सिर्फ 1 प्रिसिंपल बाड़मेर पंचायत समिति के राउमावि. मायलों का डेर 2021 में 10वीं और 2022 में 12वीं में क्रमोन्नत हुई थी, लेकिन शिक्षक, व्याख्याताओं के पद ही सृजित नहीं किए गए हैं। 2023-24 में जब 12वीं जब पहली बार 9वीं से क्लास लगी तो 230 बच्चों का नामांकन था, लेकिन अब हाल ये है कि सिर्फ 80 बच्चे ही है। 12वीं स्कूल होने के बावजूद सिर्फ एक प्रिसिंपल ही कार्यरत है। 12 कक्षाओं के बच्चे एक प्रिसिंपल के भरोसे है। यहां 2 साल में 150 से ज्यादा बच्चे टीसी लेकर दूसरी स्कूलों में एडमिशन ले चुके है। सगराणियों की ढाणी, 4 कमरे व 3 शिक्षक गुड़ामालानी विधानसभा में राउमावि. सगराणियों की ढाणी स्कूल है, जहां सिर्फ 4 कमरे ही है। इनमें 3 में क्लास लगती है, बाकी बच्चों को टीन शेड के नीचे सामूहिक रूप से ही बिठा कर पढ़ाना पड़ रहा है। यहां सिर्फ 3 शिक्षक है। लेवल-1, लेवल-2 और सेकंड ग्रेड का एक-एक शिक्षक है। जबकि यहां 13 पद स्वीकृत है। फर्स्ट ग्रेड के पद भी स्वीकृत नहीं है। 2021 में स्कूल क्रमोन्नत हुआ था। इस बार शिक्षकों की कमी की वजह से 25 बच्चों ने टीसी कटवा कर दूसरी स्कूलों में दाखिला करवा दिया। राउमावि. बारूड़ी, में 17 पद, कार्यरत सिर्फ 5 गुड़ामालानी पंचायत समिति के जालोर सीमा पर राउमावि. बारूड़ी स्कूल है। जहां शिक्षक और व्याख्याताओं के 17 पद सृजित है, लेकिन सिर्फ 5 ही कार्यरत है। यहां 2023 में 250 बच्चों का नामांकन था, अब शिक्षक नहीं होने से इस बार 134 बच्चों का नामांकन रह गया है। यहां प्रिसिंपल, पीटीआई, हिंदी सेकंड ग्रेड, लेवल-1 का ही शिक्षक है। भास्कर टीम जब स्कूल पहुंची तो बच्चे प्रार्थना की तैयारी में थे। यहां भी सामूहिक रूप से क्लास लगाना मजबूरी है। लंबे समय से शिक्षकों की कमी है। सादुलानियों का तला, पद ही स्वीकृत नहीं बाड़मेर पंचायत समिति के अधीन राउमावि. सादुलानियों का तला स्कूल है। यह स्कूल 2021 में 8वीं से 10वीं और 2022 में 10वीं से 12वीं में क्रमोन्नत हुआ है, लेकिन 4 साल से यहां 12वीं तक क्लास लग रही है, लेकिन स्कूल में व्याख्याताओं के पद ही सृजित नहीं हुए है। ऐसे में अब तक 12वीं स्कूल में सिर्फ 5 पद ही स्वीकृत है, जबकि 17 से ज्यादा पदों की आवश्यकता रहती है। यहां करीब 250 बच्चों का नामांकन होने के बाद भी शिक्षकों की कमी से बच्चों का शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है। प्रदेश की 283 स्कूलों को क्रमोन्नत कर पद सृजित करना भूली सरकार 2023 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार ने प्रदेश की 283 स्कूलें 10वीं से 12वीं में क्रमोन्नत कर दी, लेकिन इन स्कूलों में आज दिन तक सरकार नए शिक्षकों और व्याख्याताओं के पद सृजित करना ही भूल गई है। 4 साल से फर्स्ट ग्रेड और व्याख्याता ही नहीं है। ये हाल सिर्फ बाड़मेर में ही नहीं है, बल्कि पूरे राजस्थान में ऐसा चल रहा है। शिक्षकों की कमी फिर भी 828 शिक्षकों का जिले से बाहर ट्रांसफर बाड़मेर-बालोतरा जिले में प्राइमरी व सी.सै. की 17107 सरकारी स्कूलें हैं। इनमें 45 फीसदी शिक्षकों के पद खाली है। पहले से शिक्षकों की कमी से जूझ रहे बाड़मेर के हिंदी माध्यम स्कूलों कार्यरत 857 शिक्षकों का अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में चयन किया गया है। इनमें 84 शिक्षक तो जिले की अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में ट्रांसफर हुए, जबकि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में चयनित 828 शिक्षक बाड़मेर जिले से बाहर अपने जिले या नजदीक जिलों में चले गए। एक साथ 828 शिक्षकों का जिले से बाहर ट्रांसफर होने से हिंदी माध्यम स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था लड़खड़ा गई है। बाड़मेर जिले में जहां-जहां शिक्षकों की कमी है, वहां शिक्षकों को लगाया जा रहा है। हाल ही में जिले की स्कूलों में शिक्षकों का अंग्रेजी माध्यम स्कूल के लिए चयन किया गया। इसमें 857 शिक्षकों के ट्रांसफर हुए है। इनमें 828 शिक्षकों का तो जिले से बाहर दूसरो जिलों की अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में ट्रांसफर हुआ है। जहां कमी है वहां शिक्षक लगा रहे है। -देवाराम चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी (मा.)
स्कूल शिक्षा विभाग में एक बार फिर नया विवाद सामने आया है। इसमें उच्च माध्यमिक शिक्षक के पास तीन बड़े पदों का प्रभार होने से विरोध शुरू हो गया है। शिक्षकों ने मांग की है कि उन्हें मूल पद पर वापस भेजा जाए। महात्मा गांधी स्कूल में पदस्थ उच्च माध्यमिक शिक्षक आरके यादव पर भोपाल में पदस्थ विभिन्न शिक्षकों ने आरोप लगाए हैं। पिछले साल यादव को डीपीसी के पद से हटाकर ओ.पी. शर्मा को यह पद दिया गया था। इसके बाद शर्मा का एक विवादित ऑडियो वायरल हुआ और उन्हें कुछ समय पूर्व ही इस पद से हटा दिया गया। इसके तुरंत बाद डीईओ को इस पद का प्रभार दिया गया और 27 जून को यादव को फिर यह पद मिल गया। इसी के साथ उन्होंने वित्तीय प्रभार भी प्राप्त कर लिया। इसी को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है। यह सवाल उठाए जा रहे हैं कि उन्हें फिर से यह पद क्यों सौंपा गया है। अर्हता भी नहीं रखते हैं... शिक्षकों ने बताया कि यादव डीपीसी पद की अर्हता नहीं रखते हैं। इसी के साथ शिक्षकों ने कलेक्टर को भी इस संबंध में पत्र दिया है। यह भी कहा गया है कि डीईओ पर दबाव बनाकर उन्होंने जहांगीराबाद संकुल केंद्र के संकुल प्राचार्य का पद भी ले लिया, जबकि वे पूर्व से प्रौढ़ शिक्षा अधिकारी के पद पर भी हैं। इसके अलावा पार्ट-टाइम में उत्कृष्ट विद्यालय और महात्मा गांधी स्कूल में एनसीसी ऑफिसर के पद पर भी हैं। अपने हस्ताक्षर से आरोप पत्र जारी किया यादव पर यह भी आरोप हैं कि उन्होंने निलंबित प्राथमिक शिक्षक को अपने हस्ताक्षर से आरोप पत्र जारी किया। शिक्षकों के मुताबिक आरोप पत्र देने के लिए राजपत्रित अधिकारी होना चाहिए। पत्र में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि वरिष्ठ अधिकारी द्वारा इन्हें आदेशित या अनुमोदित किया गया है। इसी के साथ विभिन्न शिक्षकों का अलग-अलग जगह संलग्न किया गया हालांकि बाद में यह सूची निरस्त कर दी गई थी। अब फिर से उन्हें लेकर विवाद शुरू हाे गया है। काम ज्यादा, इसलिए प्रभार ^90 प्रतिशत उच्च माध्यमिक शिक्षक प्रिंसिपल के प्रभार में हैं। हाल में मुझे डीईओ ने कहा था कि वे डीपीसी का काम देख नहीं पा रहे, काम ज्यादा है, इसलिए मुझे प्रभार दे दिया गया। पहले भी मैं डीपीसी रहा हूं। इस वजह से प्रभार दिया गया। मुझे जो काम मेरी क्षमता को देखकर सौंपे गए हैं। – आर.के. यादव, प्रभारी डीपीसी तो हटाने में समस्या नहीं ^पूर्व में भी आरके यादव डीपीसी के प्रभार में रहे हैं, इसलिए उन्हें फिर से प्रभारी बनाया गया है। इस संबंध में नोटशीट बनाई गई थी। अगर कोई शिक्षक इस पद के लिए आवेदन करता है और योग्य है तो उसे प्रभार दिया जा सकता है। उन्हें हटाने में कोई समस्या नहीं है। – नरेंद्र अहिरवार, जिला शिक्षा अधिकारी
अखिल भारतीय शिक्षा समागम-2025 में शामिल होकर जिले का नाम रोशन किया
दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम 2025 में जिले की राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका चंदना दत्त ने इस समागम में सम्मिलित होकर जिले को गौरवान्वित किया। मातृभाषा मैथिली में कक्षा एक से पांच तक बच्चों को शिक्षा मिले इसके लिए ज्ञापन दिया। साथ ही अपनी बच्चों के लिए मैथिली कथा संग्रह रवि रश्मि भी भाषा विभाग को दिया। चंदना दत्त ने इसे अपने जीवन का गौरवपूर्ण क्षण बताया और इस अवसर को ‘शिक्षा जगत के लिए प्रेरणास्त्रोत’ कहा। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो संदेश के माध्यम से सभी शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि “शिक्षा ही भारत के भविष्य की नींव है और शिक्षकों का योगदान अमूल्य है।” उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से हो रहे सकारात्मक परिवर्तनों की सराहना की और शिक्षकों से नवाचार व विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया। इस समागम की अध्यक्षता भारत के शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “यह सम्मेलन केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि भारत के शैक्षिक भविष्य की दिशा तय करने वाला मंच है।” उन्होंने शिक्षकों को ‘राष्ट्रीय निर्माण के मार्गदर्शक’ बताते हुए सभी प्रतिभागियों का अभिनंदन किया। देशभर से आमंत्रित राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक, नवाचारी शिक्षक एवं शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले विशेषज्ञों को इस मंच पर आमंत्रित कर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कई विचार सत्र, प्रदर्शनी, नवाचार प्रस्तुति और संवाद सत्र भी आयोजित किए गए।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की वर्षगांठ पर दिव्यांग बच्चों के बीच सहायक उपकरण वितरित
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के पांचवीं वर्षगांठ के अवसर पर झारखंड के पांच जिलों के नौ प्रखंडों में अखिल भारतीय शिक्षा समागम के तहत समग्र शिक्षा अभियान के तहत, दिव्यांग बच्चों के लिए आवश्यक सहायक उपकरण वितरण और दिव्यांगता आकलन शिविर सह पाठ्यक्रम गतिविधि की शुरुआत हुई। जिसका उद्देश्य इन बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में लाना व उनके जीवन को सुगम बनाना है। नामकुम प्रखंड कार्यालय स्थित नोडल रिसोर्स सेंटर में विशेष आकलन सह वितरण शिविर का आयोजित किया गया। मौके पर झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक, शशि रंजन शामिल थे। उन्होंने स्वयं दिव्यांग बच्चों के बीच सहायक उपकरणों का वितरण कर उनका उत्साह बढ़ाया। उन्होंने शिविर में आए अभिभावकों से बात की और उन्हें समग्र शिक्षा के तहत संचालित विभिन्न गतिविधियों व कार्यक्रमों के प्रति जागरूक किया। पूरे शिविर का जायजा लिया और दिव्यांग बच्चों के कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। रंजन ने प्रखंड के रिसोर्स सेंटर में अभिभावकों की समस्याओं को सुना व समस्याओं का निपटारा करने को कहा।
आदेश की अवमानना पर हाईकोर्ट की सख्ती का असर:शिक्षा निदेशक को जेल भेजने की हिदायत दी तो किया भुगतान
झारखंड में कोई काम जल्दी कराने के लिए अब हाईकोर्ट ही एकमात्र सहारा बचा है। आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जब कोर्ट के आदेश या सख्ती के बाद काम हो रहे हैं। ऐसा ही मामला मांडर कॉलेज के गणित विभाग के व्याख्याता उदय कुमार का सामने आया। जब हाईकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत के सख्त हिदायत के बाद प्रार्थी को बकाये का भुगतान सहित कोर्ट के सभी आदेशों का अनुपालन कर दिया गया। प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता श्रेष्ठ गौतम ने अदालत को बताया कि सरकार ने प्रार्थी की राशि का भुगतान कर दिया है। इसके बाद अदालत ने याचिका को ड्रॉप करते हुए निष्पादित कर दी। मालूम हो कि पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार को आदेश दिया था कि अदालत के आदेश का अनुपालन करते हुए सोमवार तक प्रार्थी को राशि का भुगतान करें। आदेश का अनुपालन नहीं होने पर मंगलवार को झारखंड सरकार के उच्च शिक्षा निदेशक और रांची विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को सशरीर अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया था। अदालत ने मौखिक कहा था कि आदेश का अनुपालन नहीं हुआ तो मंगलवार को रांची एसएसपी भी अदालत में उपस्थित रहें, ताकि जिम्मेदारों को यहीं से जेल भेजा जा सके। इसके बाद आनन-फानन में आदेश का अनुपालन किया गया। दरअसल, अदालत के आदेश के बाद भी प्रार्थी का पे फिक्सेशन और पांचवां व छवां वेतनमान का भुगतान नहीं किया गया था। इसके बाद प्रार्थी ने अवमानना याचिका दाखिल की। इस पर राज्य सरकार की ओर से 10 दिनों के अंदर भुगतान करने का आश्वासन दिया गया था। इसके बाद अदालत ने अप्रैल 2025 में अवमानना याचिका को निष्पादित कर दिया था। हालांकि, अदालत ने प्रार्थी को छूट दी थी कि आदेश का अनुपालन नहीं हुआ तो वह फिर अदालत आ सकता है। इसके बाद प्रार्थी ने दुबारा अवमानना याचिका दाखिल की थी।
निशुल्क आवासीय शिक्षा के लिए आवेदन आमंत्रित
भास्कर न्यूज | महासमुंद छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों के उज्जवल भविष्य निर्माण के लिए अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत बच्चों को श्रेष्ठ निजी आवासीय विद्यालयों में कक्षा 6वीं में प्रवेश दिलाकर गुणवत्तायुक्त निशुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है, जिससे उन्हें विकास के समान अवसर मिल सके। शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए उक्त योजना के अंतर्गत आवेदन 5 अगस्त तक आमंत्रित किए गए हैं। सभी पात्र निर्माण श्रमिकों से अपने बच्चों के प्रवेश के लिए निर्धारित तिथि तक आवेदन अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने अनुरोध किया है। जिला स्तर पर श्रम संसाधन केन्द्र, मोबाइल रजिस्ट्रेशन वेन और शिविरों के माध्यम से अधिक से अधिक आवेदन प्राप्त करने की कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है। पात्र आवेदनों के दस्तावेजों की जांच उपरांत विद्यार्थियों की प्रावीण्य सूची 7 अगस्त तक मंडल मुख्यालय को प्रेषित की जाएगी, ताकि समय-सीमा के भीतर प्रवेश की प्रक्रिया पूरी की जा सके। इस संबंध में तकनीकी सहायता के लिए मानस अग्रवाल, प्रोग्रामर (मो. 8109143447) और योजना संबंधी जानकारी के लिए ममता निर्मलकर, स्टेनोग्राफर (मो. 8719990329) से संपर्क कर सकते है।
अतरमरा संकुल की बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता, मध्याह्न भोजन पर चर्चा की गई
भास्कर न्यूज | पाण्डुका लोक शिक्षण संचानालय के उपसंचालक आशुतोष चांवरे, जिला शिक्षाधिकारी जगजीत सिंह धीर,जिला मिशन समन्वयक शिवेश शुक्ला द्वारा बैठक में दिए गए निर्देशों के तहत गरियाबंद जिले के संकुल केंद्र अतरमरा में संकुल प्राचार्य बी देवांगन एवं संकुल समन्वयक विनोद सिन्हा द्वारा संकुल केंद्र अतरमरा के अंतर्गत आने वाले सभी प्रधानपाठकों की आवश्यक बैठक आहूत की गई। बैठक में उच्च कार्यालय द्वारा दिए गए निर्देशों को सभी प्रधानपाठकों को अवगत करवाया गया। संकुल प्राचार्य जी ने बताया कि शाला का संचालन नए निर्देशों के तहत किया जाए जिसमें शनिवार को प्रात:10:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक संचालित किए जायेंगे। नवीन समय सारणी के अनुसार कक्षा अध्यापन किया जाए। प्रत्येक सप्ताह, साप्ताहिक एवं मासिक आकलन पूर्ण करें। यू डाइस प्रोग्रेशन का कार्य पूर्ण करें। दिसंबर 2025 तक संपूर्ण पाठ्यक्रम पूर्ण किया जावे साथ ही बैठक में मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान का सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। प्रत्येक माह के द्वितीय और चतुर्थ शनिवार को बैगलेस डे रहेगा।बैगलेस डे की कार्ययोजना एक दिन पहले निर्धारित किया जाय।दिसंबर माह तक कक्षा पहली से तीसरी तक के बच्चों को हिन्दी एवं छठवीं से आठवीं तक के विद्यार्थियों को अंग्रेजी पढ़ना आना चाहिए इस पर विशेष ध्यान देंगे। शाला भवन एवं परिसर की साफ सफाई , मध्यान्ह भोजन मीनू के अनुसार एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन दिया जाए। पाठ्य पुस्तक एवं गणवेश वितरण शत प्रतिशत किया जाए। इस प्रकार से विभिन्न बिंदुओं पर निर्देश दिए गए। संकुल प्राचार्य बी देवांगन, संकुल समन्वयक विनोद सिन्हा, के द्वारा आयोजित बैठक में संकुल के अंतर्गत आने वाली सभी स्कूलों के संस्था प्रमुख के. एल.यादव,डी. के मेहरा मेहरा, चेतन ध्रुव,रूप राम साहू, पवनू ध्रुव, धनेश्वरी मुरचुलिया, रेणुका देवांगन, मीना ध्रुव, चित्रलेखा लोहेस उपस्थित रहे।
शिक्षक प्रतिनियुक्ति को देकर दैनिक भास्कर प्रतिनिधि और जिला शिक्षा पदाधिकारी से हुई बात
संदीप कुमार| बेगूसराय जिले में पूर्व से प्रतिनियुक्त सभी कोटि के शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति आगामी 31 जुलाई तक हर हाल में रद्द कर दी जाएगी। साथ ही नए सिरे से ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से ही विद्यालयों में छात्र-शिक्षक के अनुपात में समानुपातिक रूप से शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की जाएगाी। वहीं शिक्षकों की किसी भी तरह की प्रतिनियुक्ति 1 अगस्त से केवल ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से ही की जाएगी। इसको लेकर शिक्षा विभाग के सचिव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा है। अब िजला स्तर पर पत्र निकलते ही कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। सभी तरह की प्रतिनियुक्ति की समीक्षा जिला स्थापना समिति समय-समय पर करेगी। ज्ञात हो कि नव नियुक्त प्रधानाध्यापक एवं प्रधान शिक्षक के योगदान की तिथि को 31 जुलाई तक विस्तारित किया गया है। ऐसे में ई-शिक्षाकोष पोर्टल के माध्यम से विभिन्न चरणों में स्थानांतरित शिक्षकों के नव पदस्थापित विद्यालय में योगदान की अंतिम तिथि भी 31 जुलाई निर्धारित की गई है। साथ ही टीआरई-3 के अन्तर्गत नियुक्त विद्यालय अध्यापक कई विद्यालय में 31 तारीख तक ही योगदान करने का निर्देश दिया गया है। वहीं दूसरी आेर सरकारी विद्यालयों में सुविधाओं की कमी को दूर करने के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने विभागीय अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। उन्होंने विद्यालयों में उपलब्ध कमरे, उपस्कर, ड्रिंकिंग वाटर आदि से संबंधित कार्य पूर्ण होने के बाद 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर विद्यालयों का फोटोग्राफ लिया जाएगा।
खंडहर बन चुकी है शिक्षा व्यवस्था : मनीष सिसोदिया
देश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर आम आदमी पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है
सरकारी गर्ल्स स्कूल को बॉयज स्कूल में मर्ज करने से नाराज छात्राओं ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को नोटिस जारी कर इस पर जवाब मांगा है। दरअसल, ब्यावर जिले के गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल को 14 जुलाई को राजकीय माध्यमिक स्कूल (बॉयज स्कूल) देलवाड़ा में मर्ज कर दिया। इसके विरोध में छात्राओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया था कि विभाग ने बिना अभिभावकों की अनुमति के गर्ल्स स्कूल में पढ़ रही 276 छात्राओं का नामांकन बॉयज स्कूल में कर दिया। जबकि बॉयज स्कूल में पहले से 303 छात्र नामांकित हैं। वहीं बॉयज स्कूल के भवन में इतने कमरे नहीं हैं कि सभी स्टूडेंट्स को एक साथ बैठाया जा सके। गर्ल्स स्कूल में इस साल भी 40 नए नामांकन आए हैं। लेकिन उसके बाद भी स्कूल को मर्ज कर दिया गया। जस्टिस अनूप ढंढ की अदालत ने प्रिया सहित अन्य छात्राओं की याचिका पर सुनवाई करते शिक्षा विभाग से 7 दिन में जवाब मांगा है। छात्राओं ने धरना भी दिया थावकील रामप्रताप सैनी ने कहा कि शिक्षा विभाग का यह निर्णय शिक्षा के अधिकार और समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है। लड़कियों की सुरक्षा, सुविधाओं और सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए यह मर्जर निर्णय अनुचित है। इस निर्णय के खिलाफ ग्रामीणों और छात्राओं ने 16 जुलाई को स्कूल के बाहर धरना भी दिया था। वहीं जिला कलेक्टर और स्थानीय विधायक ने स्कूल को मर्ज नहीं करने के लिए शिक्षा विभाग को लेटर भी लिखे थे। लेकिन उसके बाद भी विभाग ने स्कूल को मर्ज कर दिया।
कलेर (अरवल) में जब्बार बीघा स्थित उर्दू प्राथमिक विद्यालय की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। इस विद्यालय में लगभग 135 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं, लेकिन पूरे स्कूल में केवल एक ही कमरा है। इस एक कमरे में सभी कक्षाओं के बच्चों को एक साथ पढ़ना पड़ता है। यही नहीं, इसी कमरे में मध्याह्न भोजन बनाने और परोसने की व्यवस्था भी की जाती है। विद्यालय में पांच शिक्षक और तीन रसोइया कार्यरत हैं, परंतु आधारभूत संरचना के अभाव में शिक्षा का स्तर गंभीर रूप से प्रभावित हो रहा है। एक ही कमरे में इतने बच्चों के बैठने से न तो छात्रों को पढ़ाई में एकाग्रता मिल पाती है और न ही भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित हो पाती है। बरसात के मौसम में स्थिति और भी खराब हो जाती है। बच्चों को भीगते हुए स्कूल आना पड़ता है और फिर एक छोटे से कमरे में सभी को ठूंस-ठूंस कर बैठना पड़ता है। स्थानीय ग्रामीणों ने इस समस्या के समाधान के लिए कई बार जिला शिक्षा पदाधिकारी और वर्तमान विधायक को आवेदन सौंपा है। लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से वादे किए जा रहे हैं, परंतु आज तक विद्यालय में एक भी अतिरिक्त कक्षा का निर्माण नहीं हुआ है। ग्रामीणों ने सरकार से आग्रह किया है कि शिक्षा के अधिकार को साकार करने के लिए विद्यालय भवन का शीघ्र निर्माण कराया जाए। इससे बच्चों को बेहतर और सम्मानजनक शिक्षा का माहौल मिल सकेगा। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र सुनवाई नहीं हुई, तो वे आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
नई दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम-2025 के उद्घाटन समारोह में नाथद्वारा के पीएमश्री गोवर्धन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को भी जोड़ा गया। जहां स्कूल के छात्र-छात्राओं ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उद्घाटन सत्र का प्रसारण उत्साहपूर्वक देखा। स्कूल की प्राचार्या लीना भट्ट ने बताया कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की 5वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक दिवसीय विचार-विमर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका उद्देश्य एनईपी 2020 की उपलब्धियों की समीक्षा करना और भविष्य की रूपरेखा तैयार करना है। इस समागम में शिक्षा को अधिक समावेशी, रोजगारोन्मुख, तकनीकी और नवाचार-आधारित बनाने पर चर्चा हुई। जिसके उद्घाटन समारोह में राजसमंद जिले से एक मात्र पीएमश्री गोवर्धन राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ, जहां बच्चों ने कार्यक्रम को देखा व इसकी महत्ता को समझा। इस दौरान शिक्षा विभाग के अधिकारी सहित स्कूल स्टाफ मौजूद रहा।
पीरपैंती प्रखंड मुख्यालय के ट्रायसम भवन में पंचायत समिति की सामान्य बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रखंड प्रमुख रश्मि कुमारी ने की। बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी अभिमन्यु कुमार, उपप्रमुख अंजू सिन्हा और मनरेगा पदाधिकारी देवेश गुप्ता मौजूद थे। बाल विकास परियोजना से निखत आरा, प्रखंड के सभी मुखिया और विभिन्न विभागों के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे। जनप्रतिनिधियों ने बैठक में बाढ़ से होने वाली संभावित समस्याओं पर चिंता जताई। उन्होंने इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की। बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य और जीविका से जुड़े मुद्दे भी उठाए गए। बैंकिंग सेवाओं, मनरेगा योजनाओं के क्रियान्वयन और पेयजल संकट पर भी चर्चा हुई। आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति सहित कई विभागीय कार्यों में व्याप्त समस्याओं को भी रखा गया। जनप्रतिनिधियों ने संबंधित विभागों के प्रति अपनी शिकायतें दर्ज कराईं। उन्होंने आवश्यक प्रस्ताव भी पारित किए। बैठक में पीएचईडी विभाग द्वारा सड़क को जगह-जगह तोड़कर अधूरा छोड़ने की समस्या भी उठाई गई। इससे आम लोगों को आवागमन में कठिनाई हो रही है। इस पर संबंधित विभाग को शीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश देने की बात कही गई।
हरदा जिले के सिराली तहसील के वनग्राम सांवरी के सरकारी स्कूल के जर्जर भवन की दीवार और छत सोमवार रात को गिर गई। जयस जिलाध्यक्ष राकेश काकोडिया ने इस घटना की तस्वीरें मंगलवार को सोशल मीडिया पर शेयर की। गनीमत रही कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। काकोडिया ने कहा कि अगर यह हादसा स्कूल समय में होता तो विद्यार्थी दुर्घटना का शिकार हो सकते थे। उन्होंने बताया कि आदिवासी क्षेत्रों में अक्सर स्कूल भवनों की स्थिति जर्जर होती है, जो बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा है। चार सदस्यों की टीम करेगी जांचखिरकिया बीआरसी रमेश पटेल ने बताया कि स्कूल का एक हिस्सा और छत गिरने की सूचना मिलने पर संकुल प्राचार्य सहित चार सदस्यों की जांच टीम गठित की गई है। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पटेल के अनुसार, सामने आई तस्वीरों से पता चलता है कि भवन के अंदर टीवी सहित अन्य सामान रखा था। यह भी जांच का विषय है कि छत अपने आप गिरी है या किसी ने जानबूझकर गिराया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही भवन में मरम्मत कार्य कराया जाएगा।
सिरसा में हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा (HTET) को लेकर सभी सेंटरों पर अभ्यर्थियों की बायोमेट्रिक सहित फेस स्क्रीनिंग भी की जाएगी। इसके लिए सेंटरों पर लगभग व्यवस्थाएं कर दी गई है। कुछ सेंटर ऐसे हैं, जहां पर सीईटी का पेपर था। वहां पर पहले से काफी सुविधाएं थी तो व्यवस्थाएं बनाने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। आज (मंगलवार को) बोर्ड और विभाग की टीमों सेंटरों पर निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लेगी। इस दौरान नोडल अधिकारी एवं ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी दौरे पर रहेंगे। हर व्यवस्था का आकलन किया जाएगा। सेंटरों पर जो खामियां मिलेंगी, उनको दुरुस्त करवाया जाएगा। यह परीक्षा 30 व 31 जुलाई को आयोजित होनी है, जिसके लिए 40 सेंटर बनाए गए हैं। एचटीईटी को लेकर डीसी की अध्यक्षता में आज पंचायत भवन में मीटिंग बुलाई गई है। इस दौरान डीईओ, बीईओ और जिला विज्ञान विशेषज्ञ सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहेंगे।मीटिंग में सेंटरों पर ड्यूटी लगाने, बायोमेट्रिक एवं फेस स्क्रीनिंग सहित पेपर करवाने से संबंधित व्यवस्थाएं करवाने पर चर्चा होगी। इसी दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए जाएंगे और नोडल अधिकारी की जिम्मेदारियां तय की जाएगी। बोर्ड ने कल सेंटर बदला था हरियाणा बोर्ड ने सिरसा के एक परीक्षा केंद्र सेंटर कोड 17040, सिरसा-40 पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय नंबर एक को रद्द कर दिया है। इसकी जगह सेंटर कोड नंबर 17042 सिरसा-42 आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल पटेल बस्ती में शिफ्ट किया है। बोर्ड सचिव की ओर से जारी पत्र में बताया गया है यहां परीक्षा देने वाले विद्यार्थी नए केंद्र आर्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल में परीक्षा देंगे। सेंटरों पर बोर्ड अधिकारी या प्रतिनिधि के अलावा जिला प्रशासन का भी राजपत्रित अधिकारी उपलब्ध रहेगा। लेवल एक, दो व तीन की इस तरह होगी परीक्षा लेवल-तीन पीजीटी की परीक्षा 30 जुलाई को 21 सेंटरों पर दोपहर तीन से साढ़े पांच बजे तक होगी, जिसमें 6360 परीक्षार्थी शामिल होंगे। इसी तरह लेवल-दो टीजीटी की परीक्षा 31 जुलाई को 40 सेंटर पर सुबह 10 से साढे 12 बजे तक आयोजित होगी, जिसमें 11703 परीक्षार्थी भाग लेंगे। लेवल-एक पीआरटी की परीक्षा 31 जुलाई को 15 परीक्षा केंद्रों पर सायंकालीन सत्र में तीन से साढ़े पांच बजे होगी, जिसमें 4505 परीक्षार्थी शामिल होंगे। सिरसा में पेपर के चलते धारा 163 लागू की डीसी शांतनु शर्मा ने सिरसा में एचटीईटी के चलते 30 व 31 जुलाई को सेंटरों के आसपास धारा 163 लगाने के आदेश जारी किए हैं। आदेशों के अनुसार 30 जुलाई को दोपहर 12 बजे से और 31 जुलाई को परीक्षा समाप्ति तक सभी परीक्षा केंद्रों की परिधि में 200 मीटर के अंदर किसी भी प्रकार का हथियार ले जाने पर प्रतिबंध रहेगा। किसी भी अनधिकृत व्यक्ति की उपस्थिति वर्जित रहेगी। सभी सेंटरों से 500 मीटर की परिधि में स्थित फोटोस्टेट की दुकानों और कोचिंग संस्थानों का संचालन बंद रहेगा। परीक्षा केंद्रों के आसपास के 200 मीटर क्षेत्र में वाहनों की पार्किंग निषेध रहेगी। सभी परीक्षा केंद्रों के आसपास वाईफाई कनेक्टिविटी युक्त किसी भी प्रकार के यंत्र/डिवाइस का उपयोग तथा 200 मीटर के भीतर लाउडस्पीकर का उपयोग पर पाबंदी रहेगी। सेंटर परिसर में मोबाइल फोन, पेजर एवं किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरण के रखने-उपयोग पर पाबंदी रहेगी।
बुरहानपुर में सोमवार को हुई साप्ताहिक समीक्षा बैठक में कलेक्टर हर्ष सिंह ने शिक्षा विभाग को अनुपयोगी और जीर्ण-शीर्ण स्कूल भवनों को गिराने के निर्देश दिए। जिला पंचायत सभाकक्ष में हुई इस बैठक में उन्होंने प्राथमिक शाला भवन चिल्लारा, जसौंदी के क्षतिग्रस्त कक्ष और जैनाबाद स्थित हिन्दी प्राथमिक शाला भवन को अनुपयोगी घोषित किया। बैठक में छात्रावासों और स्कूलों की निरीक्षण रिपोर्ट की गहराई से समीक्षा की गई। कलेक्टर ने बैठक के दौरान अधिकारियों से वन-टू-वन चर्चा कर स्कूलों की स्थितियों और समस्याओं की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि शासकीय योजनाओं का पूरा लाभ विद्यार्थियों तक पहुंचे, इसके लिए जरूरी कमियां तुरंत दूर की जाएं। उन्होंने इसे प्राथमिकता पर लेने के लिए कहा। स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन पर विशेष जोरकलेक्टर सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को स्वादिष्ट, पौष्टिक भोजन और अन्य बुनियादी सुविधाएं समय पर मिलनी चाहिए। शिक्षा के साथ-साथ बच्चों के पोषण और वातावरण की गुणवत्ता भी जरूरी है। स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा, बैंक से समन्वय के निर्देशबैठक में स्वरोजगार योजनाओं की विभागवार समीक्षा की गई। कलेक्टर ने विभाग प्रमुखों को लक्ष्य अनुरूप प्रगति लाने और बैंकों से समन्वय कर प्रकरण शीघ्र स्वीकृत करवाने के निर्देश दिए। जनकल्याण योजनाओं पर भी चर्चासमीक्षा बैठक में सीएम हेल्पलाइन, पीएम आवास, आयुष्मान कार्ड, खाद वितरण, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान, पौधारोपण, राजस्व वसूली, न्यायालयीन प्रकरण और राशन वितरण जैसे बिंदुओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई। हाट-बाजार व्यवस्था के सुधार पर भी निर्देशकलेक्टर ने हाट-बाजार व्यवस्थाओं को सुचारु बनाए रखने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। बैठक में अपर कलेक्टर वीरसिंह चौहान, सपना जैन, डीईओ संतोष सिंह सोलंकी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
दानापुर के विधायक रीतलाल यादव के बाद अब बिहार पुलिस मुख्यालय ने उनकी पत्नी रिंकू कुमारी के ऊपर कानूनी शिकंजा कसा है। ADG ऑपरेशन कुंदन कृष्णन ने रिंकू कुमारी पर कार्रवाई के लिए शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (ACS) को लेटर लिखा है। दरअसल, रीतलाल यादव की पत्नी बिहार सरकार में नियोजित टीचर हैं। साथ ही एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में लंबे वक्त से बिजनेस पार्टनर भी हैं। इसी वजह से बिहार पुलिस मुख्यालय ने उनकी पत्नी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है। केस के रिव्यू के दौरान हुआ खुलासा राजद विधायक रीतलाल यादव से जुड़े एक केस का रिव्यू बिहार STF कर रही थी। इसी दरम्यान चौंकाने वाली बात सामने आई कि विजय कंस्ट्रक्शन कंपनी में रिंकू कुमारी 11 नवंबर 2017 से ही पार्टनर हैं। सरकारी नौकरी में रहते हुए वो इस कंस्ट्रक्शन कंपनी के जरिए बिजनेस कर रही हैं। इसी बात को ADG ऑपरेशन ने कार्रवाई का आधार बनाया है। उन्होंने अनुशंसा वाले अपने लेटर में लिखा है कि 'सरकारी सेवा में रहते हुए इनके द्वारा व्यावसायिक कार्य किया जाना बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली 1976 के नियम 16 (1) और आचरण संहिता के प्रावधानों के प्रतिकूल है।' इन्हीं नियमों का हवाला देते हुए ADG ने कार्रवाई करने की बात लिखी है। 19 सालों से कोथवां में है पोस्टिंग रीतलाल यादव की पत्नी पिछले 19 सालों से बतौर नियोजित टीचर काम कर रही हैं। पटना जिले के कोथवां मुसहरी स्थित प्राथमिक स्कूल में उनकी पोस्टिंग है। 1 जुलाई 2006 से रिंकू इसी स्कूल में नियोजित टीचर हैं। इनके विधायक पति रीतलाल यादव को एक बिल्डर से रंगदारी मांगने के मामले में पटना पुलिस ने शिकंजा कसा था। कुछ दिन बेउर जेल में रखने के बाद रीतलाल को सुरक्षा कारणों का हवाला दे भागलपुर जेल में शिफ्ट कर दिया गया था।
शिक्षा विभाग:सर्वे में खुलासा: एक हॉल में आठ कक्षाएं तो छत पर टीनशेड के नीचे पढ़ रहे बच्चे
झालावाड़ स्कूल हादसे के बाद सोमवार को जैसलमेर के सरकारी स्कूल में मुख्यद्वार का जर्जर खंभा गिरने से एक छात्र की मौत हो गई। वहीं एक शिक्षक घायल हो गया है। दरअसल, जर्जर और क्षतिग्रस्त स्कूलों में बारिश के मौसम में ऐसे प्ररकण रोजाना सामने आ रहे हैं। बीकानेर के एमएम स्कूल में 26 जुलाई को जर्जर दीवार गिर गई थी। उधर, राज्य सरकार की ओर से दिए गए आदेशों के तहत राज्य भर के सरकारी स्कूलों का प्रशासन और शिक्षा विभाग की ओर से पिछले दो दिनों से सर्वे किया जा रहा है। इस सर्वे में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। गरीब और जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कहीं झोपड़े में तो कहीं बिना कमरों के भवन में आठवीं तक के स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। अनेक सरकारी स्कूल सर्वे में ऐसे सामने आए हैं जहां विद्यार्थियों के बैठने के लिए पर्याप्त कक्षा - कक्ष ही नहीं है। बिल्डिंग जर्जर है। कमरों का प्लास्टर उतर चुका है। पट्टियों में दरारें हैं। झालावाड़ की घटना के बाद ‘भास्कर’ ने भी ऐसे क्षतिग्रस्त स्कूलों का सर्वे किया। सामने आया कि 6 महीने पहले राजकीय पाबू पाठशाला स्कूल भवन में छठी से 12वीं के राजकीय उच्च माध्यमिक बालिका स्कूल आर्य समाज को मर्ज किया गया। लेकिन पाबूपाठशाला स्कूल बिल्डिंग के 6 कमरों में से तीन कमरे क्षतिग्रस्त हैं। इन उदाहरणों से समझें स्कूलों के हालात केस एक - चार कमरों का स्कूल अपग्रेड, अब छत पर 7 कक्षाएं किराए की बिल्डिंग में चले रहे राउमावि भुट्टो का बास स्कूल को 2023 में 8वीं से 12वीं में क्रमोन्नत किया गया। स्कूल में केवल चार ही कमरे हैं। अपग्रेड होने के कारण पहली से सातवीं कक्षा की पढ़ाई छत पर करवाई जा रही है। जबकि 9वीं और 10वीं के छात्र कमरों में पढ़ रहे हैं। किराए की बिल्डिंग होने के कारण पिछले दो साल से मरम्मत भी नहीं हुई है। केस दो- बिना कमरों का स्कूल, एक हॉल में 8 कक्षाएं रानी बाजार स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल बंगाली मंदिर परिसर में सिर्फ एक कमरा है। जिसमें संस्था प्रधान का दफ्तर है। पहली से 8वीं की कक्षाएं एक हॉल में एक साथ लग रही है। बच्चों के बैठने के लिए पर्याप्त स्थान नहीं होने से स्कूल का नामांकन भी घट गया है। वर्तमान में स्कूल में केवल 75 बच्चे ही अध्यनरत हैं।
दलितों की शिक्षा, उत्थान, पिछड़ों की भलाई पर करेंगे कार्य : ट्रस्ट
रांची | माइनॉरिटी एडवोकेट्स वेलफेयर एंड एजुकेशनल ट्रस्ट की बैठक अंजुमन इस्लामिया स्थित मुसाफिर खाना में अधिवक्ता मुमताज अहमद खां की अध्यक्षता में हुई। अधिवक्ताओं ने ट्रस्ट को आगे बढ़ाने पर विचार रखे। उन्होंने कहा कि दलित लोगों की शिक्षा व उनके उत्थान के लिए हम लोग हमेशा तैयार रहेंगे। माइनॉरिटी एडवोकेट्स के हित में व समाज में पिछड़े लोगों की भलाई के लिए चिंता करने की जरूरत है। माइनॉरिटी एडवोकेट्स के लिए कई योजनाएं हैं। जिससे लाभान्वित पहुंचने के लिए हमें गंभीर रहने की जरूरत है। संचालन सेक्रेटरी मो अरशद, धन्यवाद ज्ञापन एचडी असद ने किया। मौके पर सीनियर अधिवक्ता हुमायूं रशीद, हफीजुद्दीन अंसारी, वाइस प्रेसिडेंट मो सुल्तान खान सिंगापुरी, जॉइंट सेक्रेटरी मोहम्मद गुफरान, अजहर अहमद खान, मो शमीम, नदीमुद्दीन व अन्य थे।
सुकमा में शालात्यागी बच्चों को शिक्षा से जोड़ने पर चर्चा
जिला स्तरीय शिक्षा समिति की बैठक शनिवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में हुई। बैठक की अध्यक्षता जिपं उपाध्यक्ष महेश कुंजाम ने की। बैठक में जिपं सदस्य लीना ओयाम और सोयम भीमा मौजूद थे। शिक्षा विभाग की योजनाओं और योजनाओं के क्रियान्वयन पर बैठक में समीक्षा की गई। जिला शिक्षा अधिकारी जीआर मंडावी ने जिले के स्कूलों में चल रहे निर्माण, स्कूलों की दर्ज संख्या, प्राप्त विभागीय बजट, कार्यरत और रिक्त शिक्षक पद व शिक्षा विभाग की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। शालात्यागी बच्चों को पुनः स्कूल लाकर शिक्षा के मुख्यधारा में जोड़ने जनप्रतिनिधियों और समाज प्रमुखों से सहयोग लेने पर भी चर्चा की गई। उन्होंने स्कूलों में शिक्षा विभाग द्वारा बालिका सुरक्षा को लेकर मायद नूनी कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी। जिपं सदस्य सोयम भीमा ने गगनपल्ली क्षेत्र के स्कूल भवनों की मरम्मत की मांग की। शिक्षा समिति के सभापति महेश कुंजाम ने हॉस्टल, आश्रम को शिफ्ट करने के बारे में चर्चा की। इस दौरान डीएमसी उमाशंकर तिवारी, जिला खेल अधिकारी विरूपाक्ष पौराणिक, एडीपीओ नारायण वर्मा सहित अन्य मौजूद थे।
समग्र शिक्षा में भर्ती की सीबीआई जांच की मांग, एनएसयूआई ने किया घेराव
स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित समग्र शिक्षा विभाग में 14 सौ पदों पर हुई भर्ती में एनएसयूआई ने धांधली का आरोप लगाया है। प्रदेश उपाध्यक्ष अमित शर्मा के नेतृत्व में एनएसयूआई के पदाधिकारियों ने सोमवार को विभाग के कार्यालय का घेराव कर पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। दरअसल समग्र शिक्षा द्वारा 1500 से भी अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया के लिए जेम पोर्टल के माध्यम से सात कंपनियों को ठेका दिया था। सभी को सात दिन के भीतर प्रक्रिया पूरा करने के निर्देश दिए गए थे। एनएसयूआई ने आरोप लगाया है कि एक-एक अभ्यर्थी से तीन से चार लाख रुपए लेकर उन्हें नियुक्ति दी गई है। ऐसा कर ठेका कंपनियों द्वारा प्रदेश के योग्य युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किया गया है। एनएसयूआई ने इस मामले में समग्र शिक्षा विभाग के संचालक और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के इस्तीफे की मांग भी की है। साथ ही तीन दिन के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर प्रदेशभर में आंदोलन का ऐलान किया है। इस दौरान प्रशांत गोस्वामी, अजय त्रिपाठी, योगराज देवांगन, मेहताब हुसैन, हरिओम तिवारी, वैभव मुजेवार, अंकित शर्मा, शिवांक सिंह, प्रियांशु ठाकुर, आलोक सिंह, सेवा साहू, लक्की साहू आदि मौजूद थे।
शिक्षा विभाग में प्राचार्य प्रमोशन पर स्टे, अफसरों ने आदिम जाति विभाग में पदोन्नति अटका दी
स्कूल शिक्षा विभाग में प्राचार्य पद पर प्रमोशन को रोक दिया गया है। सोमवार को इस मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई, लेकिन तकनीकी कारणों के कारण अधूरी रह गई। मंगलवार को फिर सुनवाई होगी। कोर्ट के फैसले के बाद ही प्राचार्य पदों पर पदोन्नति दी जाएगी, लेकिन आदिम जाति कल्याण विभाग में प्रमोशन को लेकर किसी तरह की रोक नहीं है। उसके बावजूद अफसरों ने पोस्टिंग रोक दी है। स्कूल शिक्षा और आदिमजाति कल्याण विभाग में क्रमश: 10 व 12 साल से प्राचार्य पदों पर पदोन्नति नहीं हुई है। इस दौरान 75 प्रतिशत पद खाली हो चुके हैं। प्रदेश में 1897 हाई व 2886 हाई स्कूल हैं। इनमें 3576 पद खाली हैं। इसके बावजूद प्रमोशन में देरी की जा रही है। कई विरोधों के बाद अप्रैल में प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू की गई। मई-जून में प्रमोशन की लिस्ट भी जारी कर दी गई। पोस्टिंग के ठीक पहले कोर्ट में याचिका दायर कर दी गई। हाईकोर्ट ने जून में सुनवाई के बाद तमाम आपत्तियों को खारिज कर दिया। इसी बीच सिंगल बैच में प्रमोशन-पोस्टिंग को लेकर याचिका दायर कर दी गई और कोर्ट ने स्टे दे दिया। उसी प्रकरण की सुनवाई सोमवार को अधूरी रह गई। मंगलवार को कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील को सारे दस्तावेजों के साथ हाजिर होने के निर्देश दिए हैं। दूसरी ओर आदिमजाति कल्याण विभाग के शिक्षक 12 साल से प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं।
पाक गोलाबारी में माता-पिता को खोने वाले 22 बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाएंगे राहुल गांधी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नियंत्रण...
लखनऊ के ला मार्टिनियर कॉलेज में 'ला मार्टिनियर गोल्फ ड्राइविंग रेंज एवं प्रैक्टिस एरिया' का उद्घाटन समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय, लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति ए. आर मसूदी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता लखनऊ गोल्फ क्लब के अध्यक्ष डॉ. सुभाष चंद्रा, आईपीएस (रिटायर) ने की। समारोह में क्लब के सचिव रजनीश सेठी, कैप्टन आर. एस. नंदा और संयुक्त सचिव एवं कोषाध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। यह पहल छात्रों के शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक न्यायमूर्ति मसूदी ने अपने संबोधन में कहा कि यह पहल शिक्षा और खेल के बीच संतुलन की एक सराहनीय मिसाल है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह सुविधा छात्रों के शारीरिक और मानसिक विकास में सहायक होगी। साथ ही युवाओं में अनुशासन, प्रतिस्पर्धा और उत्कृष्टता के मूल्यों को भी मजबूत करेगी। लखनऊ गोल्फ क्लब के अध्यक्ष डॉ. सुभाष चंद्रा ने इस अवसर पर कहा कि यह ड्राइविंग रेंज लखनऊ में खेल संस्कृति को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह युवाओं को गोल्फ के प्रति आकर्षित करेगी। साथ ही उन्हें अभ्यास का आधुनिक मंच भी प्रदान करेगी। रेंज युवाओं में गोल्फ के प्रति रुचि को बढ़ावा देगी क्लब के सचिव रजनीश सेठी ने इसे क्लब के विस्तार की दिशा में एक अहम पहल बताया। कैप्टन आर. एस. नंदा ने कहा कि यह रेंज युवाओं में गोल्फ के प्रति रुचि को बढ़ावा देगी। संयुक्त सचिव एवं कोषाध्यक्ष संजीव अग्रवाल ने इसे लखनऊ की खेल अवसंरचना को मजबूती प्रदान करने वाला कदम बताया।
सविलियन विद्यालय पीपलगांव में दिव्यांग बच्चों के समग्र विकास और अभिभावकों को जागरूक करने के लिए एक विशेष पेरेंट्स काउंसलिंग कार्यक्रम आयोजित हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती प्रतिमा पर माल्यार्पण से हुई। इसे प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष देवेंद्र श्रीवास्तव ने किया। जिला अध्यक्ष अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि दिव्यांग बच्चे भी समाज को ऊंचाई तक पहुंचाने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों का नजदीकी स्कूलों में अनिवार्य रूप से नामांकन कराएं। इससे बच्चे सरकारी सुविधाओं से वंचित नहीं रहेंगे। स्पेशल एजुकेटर आशुतोष सिंह ने होम-बेस्ड शिक्षा प्राप्त कर रहे दिव्यांग बच्चों के बारे में जानकारी दी। प्रधानाध्यापक हरित जेदली और मनोरमा सोनकर ने अपने विद्यालयों में दिव्यांग बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दी। ब्लॉक अध्यक्ष मसूद अहमद ने आगामी मेडिकल कैम्प की जानकारी देते हुए बच्चों को इसका लाभ लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि ये कैंप दिव्यांग बच्चों की स्वास्थ्य जांच और प्रमाणपत्र प्राप्ति में सहायक होते हैं। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों से लगभग 50 अभिभावक और उनके बच्चे उपस्थित थे। इस दौरान ममता शुक्ला, रत्ना गुप्ता, निर्मला त्रिपाठी, सिबा जरीन, शबाना अंसारी और सरिता चंद्रौल जैसे शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भी सहभागिता की। कार्यक्रम के अंत में जिला अध्यक्ष देवेंद्र श्रीवास्तव और ब्लॉक अध्यक्ष मसूद अहमद ने सभी दिव्यांग बच्चों को उपहार देकर उनका उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम का मुख्य संदेश था कि दिव्यांगता कोई बाधा नहीं बल्कि विशेषता है। सही मार्गदर्शन से ये बच्चे समाज की मुख्यधारा में सफलतापूर्वक शामिल हो सकते हैं।
राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में सोमवार को शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहल शुरू हुई। गर्ल राइजिंग और चाइल्ड इन नीड इंस्टीट्यूट (CINI) की साझेदारी में RISE कार्यक्रम के तहत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में 35 से अधिक शिक्षकों ने हिस्सा लिया। शिक्षकों को नई शिक्षण तकनीक सिखाई गईं। साथ ही 10 स्कूलों को लैपटॉप भी वितरित किए गए। इससे कक्षाओं में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। तीन दिवसीय इस कार्यशाला में शिक्षकों ने सामाजिक-भावनात्मक शिक्षा, लैंगिक समानता, डिजिटल और वित्तीय साक्षरता जैसे विषयों पर प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण के दौरान 'वाडली' फिल्म दिखाई गई। इसने शिक्षकों को यह एहसास दिलाया कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। शिक्षक बदलेंगे, तो शिक्षा का स्वरूप भी बदलेगाखंड शिक्षा अधिकारी चुन्नी लाल दांगी ने कहा, RISE बच्चों के उज्जवल भविष्य की मजबूत नींव है। इससे शिक्षक बदलेंगे, तो शिक्षा का स्वरूप भी बदलेगा। गर्ल राइजिंग की प्रेसिडेंट निधि शुक्ला ने बताया कि यह पहल शिक्षकों को नई सोच और उपकरण देने का प्रयास है। इससे वे छात्रों के लिए सुरक्षित और प्रेरणादायक माहौल बना सकेंगे। विकासखंड साक्षरता समन्वयक सुरेश कुमार दांगी ने RISE को राष्ट्रीय शिक्षा नीति से जोड़ा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से 21वीं सदी के जरूरी कौशल बच्चों तक आसानी से पहुंचेंगे। अगले महीने से प्रशिक्षित शिक्षक अपने स्कूलों में RISE पाठ्यक्रम लागू करेंगे। इससे अगले दो वर्षों में 6000 से अधिक किशोरों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
छत्तीसगढ़ में समग्र शिक्षा के तहत हुई व्यवसायिक शिक्षा भर्ती को लेकर NSUI ने विभाग पर करप्शन का आरोप लगाया है। मामले को लेकर सोमवार को NSUI के कार्यकर्ताओं ने समग्र शिक्षा कार्यालय का घेराव कर दिया। करीब दो घंटे तक कार्यालय के गेट के बाहर जमकर नारेबाजी की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा। बल ने कार्यालय के भीतर जाने से कार्यकर्ताओं को रोक दिया। इसके बाद NSUI के कार्यकर्ता गेट के बाहर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। SDM नंद कुमार चौबे ज्ञापन लेने पहुंचे। समझाइश भी दी। लेकिन लंबी बहस के बाद समग्र शिक्षा के अधिकारियों को कार्यालय छोड़ बाहर आना ही पड़ा। 7 दिन के भीतर कार्रवाई करने का आश्वासन अधिकारियों ने 7 दिन के भीतर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। लेकिन ये बात कार्यकर्ताओं को रास नहीं आई, पूरे मामले में तीन दिनों के भीतर कार्रवाई करने की मांग NSUI ने की है। मांग पूरी नहीं होने प्रदेशभर में आंदोलन और सीएम हाउस घेराव की चेतावनी कार्यकर्ताओं ने दी है। एग्जाम का जिम्मा प्राइवेट एजेंसी को NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित शर्मा ने बताया कि, सरकारी एजेंसियां होने के बावजूद वोकेशनल टीचर भर्ती एग्जाम का जिम्मा प्राइवेट एजेंसी को दिया गया। एजेंसी के लोगों ने परीक्षार्थियों से एग्जाम के बाद 3 से 4 लाख रूपए नौकरी दिलाने के नाम पर लिए गए। लेकिन विभाग खामोश रहा। इस तरह सेटिंग करके अपने रिलेटिव्स और पैसा देने वालों को नौकरी पर रख लिया गया। बिना मेरिट, बिना परीक्षा… 10 रुपए के स्टांप पेपर पर जबरन एग्रीमेंट NSUI ने आरोप लगाया कि ₹3 से ₹4 लाख में बिकी नियुक्तियां, रिश्तेदारों को दी सीधी ज्वॉइनिंग NSUI के कार्यकर्ताओं ने बताया कि कोरोना योद्धाओं को भी नहीं मिली प्राथमिकता, सरकार रही चुप NSUI ने यह भी कहा कि कोविड काल में सेवा देने वाले नर्सिंग, हेल्थ, आईटी, कंप्यूटर ट्रेड के युवाओं को सरकार की घोषणा के अनुरूप 10% आरक्षण और प्राथमिकता नहीं दी गई। मेल, दस्तावेज और निवेदन होने के बावजूद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। NSUI की भर्ती रद्द करने की मांग हो, CBI जांच हो NSUI ने सरकार के समक्ष पूरे मामले में ये मांग रखी है कि, पूरी भर्ती प्रक्रिया तत्काल रद्द की जाए। कोरोना योद्धाओं को प्राथमिकता और 10% छूट दी जाए। 40,000 परीक्षार्थियों की मेरिट सूची सार्वजनिक की जाए। फर्जी दस्तावेजों की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर FIR दर्ज हो। CBI और EOW से आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए।
विधायक मड़ियाहूं डॉ. आर.के. पटेल और जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने कलेक्ट्रेट स्थित प्रेक्षागृह में आकांक्षा हाट/सम्पूर्णता अभियान सम्मान समारोह का शुभारंभ किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने विधायक को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। विधायक ने अपने संबोधन में कहा कि जिलाधिकारी के कुशल निर्देशन में आकांक्षात्मक ब्लॉक रामपुर में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में तेजी से विकास हो रहा है। उन्होंने बताया कि रामपुर में मुख्यमंत्री मॉडल स्कूल बन रहा है। इसके पूरा होने पर प्राइवेट स्कूल भी मुकाबला नहीं कर पाएंगे। विधायक ने आगे बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए सड़कें बनवाई जा रही हैं। बिजली की समस्या को दूर करने के लिए दो नए सब स्टेशन बन रहे हैं। इसके साथ ही बसुई नदी पर चेकडैम का निर्माण किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने आकांक्षात्मक विकास खंड रामपुर/मछलीशहर में किए गए उत्कृष्ट कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नीति आयोग के आकांक्षात्मक विकास खंड कार्यक्रम में निर्धारित कुल 40 इंडिकेटर्स में से 6 इंडिकेटर्स के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए जुलाई 2024 से सितंबर 2024 तक सम्पूर्णता अभियान चलाया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि इस अभियान के तहत 42 आकांक्षात्मक विकास खंडों में 3 या उससे अधिक इंडिकेटर्स संतृप्त हुए। जबकि 25 आकांक्षात्मक विकास खंडों में 2 या उससे कम इंडिकेटर्स संतृप्त हुए हैं। जनपद में आकांक्षात्मक विकास खंड रामपुर/मछलीशहर का चयन किया गया है। जिलाधिकारी ने चिंता व्यक्त की कि मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से फैल रही हैं। उन्होंने लोगों से जीवनशैली में परिवर्तन और हरी सब्जियों का अधिक उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने आईसीडीएस के तहत नियमित रूप से राशन वितरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कृषि विभाग द्वारा अधिक से अधिक मिट्टी की जांच और जैविक कृषि पर जोर दिया गया। साथ ही वित्तीय समावेशन के तहत महिलाओं और युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में लोन दिलाकर रोजगार से जोड़ने का आह्वान किया गया। जिलाधिकारी ने कार्यशाला की सफलता के लिए सभी को बधाई देते हुए क्षेत्र में लोगों को प्रेरित करने पर भी जोर दिया।
बांका पुलिस ने श्रावणी मेला के दौरान कांवरिया का वेश धारण कर जा रहे चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये अपराधी अमरपुर थाना क्षेत्र के मध्य विद्यालय लोसा के प्रधानाध्यापक संजीव कुमार तिवारी के नाम से फर्जीवाड़ा करने की फिराक में थे। नंबर पोर्ट कर साइबर अपराध की योजना बना रहे थे पुलिस अधीक्षक उपेंद्रनाथ वर्मा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रधानाध्यापक ने आवेदन में जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधी जिला शिक्षा पदाधिकारी बनकर उनके सरकारी मोबाइल नंबर और ई-शिक्षा कोष को हैक कर रहे थे। अपराधी नंबर को किसी अन्य के नाम पर पोर्ट कर साइबर अपराध की योजना बना रहे थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए बांका साइबर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई। एसपी के निर्देश पर पुलिस उपाध्यक्ष सह बांका थानाध्यक्ष अनूपेश नारायण के नेतृत्व में विशेष टीम बनाई गई। टीम ने तकनीकी अनुसंधान और ट्रैकिंग के माध्यम से कार्रवाई की। पांच मोबाइल और कई सिम कार्ड बरामद पुलिस ने नालंदा जिला, पटना के मसौठी और नवादा जिले के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान चार साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से पांच मोबाइल और दस विभिन्न कंपनियों के सिम कार्ड बरामद हुए। पूछताछ में सभी आरोपियों ने अपराध स्वीकार किया है। गिरफ्तार अपराधियों की पहचान नालंदा जिला के चिकसौरा थाना क्षेत्र के फरासपुर निवासियों के रूप में हुई है। इनमें सैनी कुमार, सूरज कुमार, अभिषेक कुमार और संतोष कुमार शामिल हैं। छापेमारी दल में साइबर थानाध्यक्ष अनूपेश नारायण, पुलिस अधिकारी ओमप्रकाश, अशोक कुमार और तकनीकी टीम के सदस्य शामिल थे। पुलिस इस मामले से जुड़े अन्य अपराधियों की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है।
झालावाड़ के पिपलोदी गांव में हुए स्कूल हादसे के बाद विरोध प्रदर्शन जारी है। सोमवार को भीम आर्मी ने झालावाड़ मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और रैली निकाली। प्रदर्शनकारियों ने मिनी सचिवालय पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का पुतला फूंका। भीम आर्मी ने एडीएम अभिषेक चारण को ज्ञापन सौंपा। इसमें मृतक परिवारों को 1 करोड़ रुपए और घायलों को 50 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की गई। साथ ही पीड़ित परिवारों को 10 बीघा जमीन देने की मांग भी रखी गई। प्रदर्शनकारियों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की। भीम आर्मी के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र हटवाल ने बताया कि पिपलोदी में स्कूल की छत गिरने से 7 छात्रों की मौत हुई है। कई छात्र-छात्राएं घायल भी हुए हैं। उन्होंने इस घटना को शर्मनाक बताया। हटवाल ने आरोप लगाया कि घटना के बाद भी शिक्षा मंत्री भरतपुर में स्वागत करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई ऐसे स्कूल हैं जिनकी हालत बहुत खराब है। उन्होंने सरकार पर सरकारी शिक्षण संस्थाओं को खत्म करने और निजी संस्थानों को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया।
उत्तर प्रदेश में 29,000 से अधिक प्राथमिक व सरकारी स्कूलों को बंद या विलय करने की नीति के खिलाफ 'शिक्षा बचाओ अभियान' ने कदम बढ़ा दिए हैं। गुरुवार को बलिया के आदर्श वाटिका, गार्डेनिया परिसर में इस अभियान की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में शिक्षक, छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता और युवा प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। सभी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि 31 जुलाई को बलिया समेत प्रदेश के अन्य जिलों में जिला कलेक्ट्रेट पर सामूहिक ज्ञापन सौंपा जाएगा। इस ज्ञापन कार्यक्रम में शिक्षक संगठन, छात्र समूह, विपक्षी नेता और नागरिक समाज के प्रतिनिधि शामिल होंगे। 'शिक्षा बचाओ अभियान' एक साझा मंच है। यह मंच सरकारी स्कूल बंद करने की नीति को शिक्षा के अधिकार और सामाजिक न्याय के विरुद्ध मानता है। बैठक में वक्ताओं ने चिंता जताई कि सरकार का यह फैसला गरीब और ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को शिक्षा से वंचित कर देगा। साथ ही यह शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा देगा। बैठक में आगे की रणनीति भी तय की गई। ज्ञापन के बाद अभियान का दूसरा चरण शुरू होगा। इसमें जनसंपर्क, गांवों में बैठकें और छात्र-शिक्षक संवाद जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को इस अभियान से जोड़ना है। बैठक में रूपेश चौबे, अभिनव गोलू, विवेक ओझा, अभिषेक, अमरीश, जयश, विद्यासागर और गौरव सहित कई कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
झालावाड़ में स्कूल का हिस्सा ढहने से 7 बच्चों की मौत के मामले में एनएसयूआई ने सोमवार को अजमेर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं की पुलिस से धक्का-मुक्की हो गई। एनएसयूआई के नव-नियुक्त शहर अध्यक्ष अभिषेक सेमसन के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने आक्रोश जताते हुए कुछ देर के लिए रास्ता जाम किया। इसके बाद कलेक्टर को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में जिले के सभी जर्जर स्कूलों को ठीक करने और शिक्षा मंत्री से इस्तीफा देने की मांग की गई। सूचना पर सीओ रूद्रप्रकाश शर्मा और सिविल लाइन थाना प्रभारी शंभू सिंह मौके पर पहुंचे। इस बीच पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की हो गई। कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए गेट के बाहर बैरिकेड्स लगा दिए गए। पुलिस ने समझाइश कर कार्यकर्ताओं से शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन दिलवाया। शिक्षा मंत्री से इस्तीफा देने की मांग अजमेर एनएसयूआई के शहर अध्यक्ष अभिषेक सेमसन ने बताया- एनएसयूआई ने कलेक्टर लोग बंधु के नाम ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में जिले के समस्त जर्जर स्कूलों को ठीक करवाने और उन्हें बंद करने की मांग की गई है। झालावाड़ में घटना दुखद है। अजमेर में ऐसी घटना न हो, इसे लेकर एनएसयूआई ने विरोध जताया है। छात्र नेता लकी जैन ने बताया- शिक्षा मंत्री के निलंबन की मांग की गई है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को खुद अपने स्तर पर इस्तीफा देना चाहिए। झालावाड़ में हुई घटना शर्मनाक है। कोई भी अपने स्तर पर जिम्मेदारी लेना नहीं चाह रहा है।
बेसिक शिक्षा परिषद उप्र ने परिषदीय विद्यालयों में तैनात प्रधानाचार्य और सहायक अध्यापकों के स्वैच्छिक तबादले के लिए एक और मौका दिया है। नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम- 2009 एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली- 2021 के मानकों के आधार पर छात्र, शिक्षक अनुपात की गणना करते हुए प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापकों की आवश्यकता वाले एवं आवश्यकता से अधिक शिक्षक वाले विद्यालयों को चिह्नित करते हुए वह सूची ऑनलाइन सोमवार को बेसिक शिक्षा के पोर्टल पर प्रदर्शित कर दी जाएगी। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापकों के स्वेच्छा से अंत: जनपद स्थानांतरण और समायोजन के लिए ऑनलाइन आवेदन 29 जुलाई मंगलवार से एक अगस्त तक लिया जाएगा। संबंधित जिलों के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों द्वारा ऑनलाइन सत्यापन की 2 अगस्त को किया जाएगा। सचिव ने बताया कि एनआईसी से विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रधानाध्यापक एवं सहायक अध्यापकों के स्थानांतरण की कार्रवाई करते हुए तबादले की सूची 4 अगस्त को जारी की जाएगी। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद सुरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि स्वैच्छिक तबादले के लिए प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापक आवेदन कर सकते हैं।
स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता की जांच करने पहुंचे बीईओ पात्र
भास्कर न्यूज | दरभा/जगदलपुर संकुल केंद्र नेगानार, चितापुर और छोटेकड़मा के एक दर्जन स्कूलों का दरभा बीईओ जगदीश पात्र ने शनिवार को औचक निरीक्षण किया। उन्होंने छात्रों की शैक्षिक गुणवत्ता जांची और छात्र-छात्राओं से कई सवाल पूछे एवं बच्चों को प्रोत्साहित किया। मासिक टेस्ट परीक्षा का अवलोकन किया। स्कूलों में साफ सफाई बेहतर करने के निर्देश दिए। विद्यालय में साफ सफ़ाई, शैक्षिक गुणवत्ता, मध्याह्न भोजन योजना के अलावा भोजन सामग्री देखी। बीईओ ने निर्देश दिए कि शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने पर लगातार फोकस रखें। कक्षा में जाकर बालक- बालिकाओं से सवाल कर उत्साह बढ़ाया। स्कूलों में शैक्षिक कैलेंडर, कक्षावार लर्निंग आउटकम, विद्यार्थी सूचकांक, कमरों में बच्चों की बैठक व्यवस्था, शिक्षक डायरी, मुस्कान पुस्तकालय, किचन गार्डन सहित अन्य अभिलेखों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। साथ ही एफएलएन की मूलभूत दक्षताओं के विकास के लिए प्रकाश डालते हुए बच्चों के स्तर में सुधार लाने कहा गया। छात्र, शिक्षकों की उपस्थिति देखा गया अनुपस्थित बच्चों के पालकों से संपर्क करने कहा। इसके अलावा यू-डाईस, नवोदय विद्यालय, उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम, एमडीएम दैनिक उपस्थिति पर समीक्षा की गई। निरीक्षण के दौरान नेगानार व चितापुर सीएसी बीईओ के साथ मौजूद रहे।
पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने रविवार को एनएसयूआई के नवनियुक्त जिला अध्यक्ष एडवोकेट चंपालाल तीरगर के अभिनंदन समारोह में शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों का शिक्षा के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने की ओर कोई फोकस नहीं है। लोढ़ा ने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति में जीडीपी का 6 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करने का प्रावधान किया है, लेकिन पिछले पांच वर्षों से बजट में इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि राजस्थान के छात्र शिक्षा क्षेत्र में अनेक जटिल समस्याओं का सामना कर रहे हैं। महाविद्यालयों में शिक्षकों के पद खाली हैं और नई भर्तियां नहीं हो रही हैं। स्कूलों की स्थिति भी कुछ अलग नहीं है। वर्तमान पाठ्यक्रम अत्यंत पुराना है और वैश्विक परिवर्तनों से उसका कोई मेल नहीं है। विद्यार्थी आज भी केवल थ्योरी आधारित शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। प्रैक्टिकल पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। पूर्व विधायक ने छात्र राजनीति की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने छात्र संघ चुनाव नहीं करवाकर युवा नेतृत्व को उभरने का अवसर ही समाप्त कर दिया है। राजस्थान सरकार संविदा पर शिक्षकों की नियुक्ति कर शिक्षित युवाओं का शोषण कर रही है। लोढ़ा ने कहा कि आज की नीतियां शिक्षा को महंगा बनाकर निजीकरण को बढ़ावा दे रही हैं। उन्होंने छात्रों और युवाओं से इन नीतियों के विरुद्ध संगठित होकर आवाज उठाने का आह्वान किया। उनका मानना है कि जब तक छात्र वर्ग संगठित होकर संघर्ष नहीं करेगा, तब तक शिक्षा व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो सकता। कार्यक्रम में लोढ़ा ने एनएसयूआई के नए जिलाध्यक्ष चंपालाल तीरगर का पुष्प हार पहनाकर सम्मान किया। इस अवसर पर एनएसयूआई के पूर्व जिलाध्यक्ष कुशाल सिंह देवड़ा, सुरेश सिंह राव, प्रकाश मीणा, रेशमा मीणा, पिंकी तीरगर, राहुल घांची सहित कई छात्र मौजूद रहे।
अखिल भारतीय छात्र संगठन (NSUI) की राष्ट्रीय सचिव और उत्तर प्रदेश सेंट्रल NSUI की नव-नियुक्त प्रदेश प्रभारी देवकी पटेल ने यूपी की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। बोली कि इस सरकार में युवाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ये सरकार न युवाओं को सस्ती शिक्षा दे पा रही और न ही रोजगार दे पा रही है। हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद यूपी सरकार प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव नहीं करा रही है। एनएसयूआई जल्द ही इसे लेकर सीएम आवास का घेराव करेगी। गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने 5 हजार स्कूलों को बंद किया प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, 10-माल एवेन्यू, नेहरू भवन में आयोजित प्रेसवार्ता में देवकी पटेल ने कहा कि यूपी सरकार ने प्रदेश में 5 हजार स्कूलों को बंद कर दिया। इन स्कूलों में गरीब बच्चे ही पढ़ते हैं। गरीब बच्चों को शिक्षा से दूर रखने का ये षड्यंत्र हैं। बच्चों का स्कालरशिप नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में गरीब परिवार के बच्चे आगे नहीं पढ़ पाएंगे। कांग्रेस शासित राज्यों में जल्द होंगे छात्र संघ चुनाव छात्रसंघ चुनाव पर कहा कि जल्द ही कांग्रेस शासित राज्यों में इसकी रूपरेखा तय कर चुनाव कराने की तैयारी है। क्या यूपी की योगी सरकार छात्रसंघ चुनाव कराने से डरती है। छात्रसंघ ही वो मंच है, जो देश को नए नेतृत्व प्रदान करता था, पर इसे जानबूझ कर बंद कर दिया गया, जिससे राजनीति में भी विरासत परंपरा को आगे बढ़ाया जा सके। योगी सरकार में गुंडा राज चरम पर है। आईसीयू तक में लोगों को घुसकर गोली मार दी जा रही है। छात्रों को छोड़कर ये सरकार सब कुछ कर रही है। कॉलेजों में ठीक से पढ़ाई नहीं हो रही है। महिलाओं की सुरक्षा भगवान भरोसे है। रेप की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। हमारे नेता राहुल गांधी ऐसे पीड़ित परिवारों से मिलने जाते हैं, तो उन्हें रोक दिया जाता है। स्कूल पोल खोल कार्यक्रम लॉन्च करेंगे देवकी पटेल ने कहा इसमें हमारे एनएसयूआई के कार्यकर्ता ऐसे जर्जर स्कूलों में जाएंगे और उसकी तस्वीर लेकर सरकार तक पहुंचाने का काम किया जाएगा। राजस्थान के झालावाड़ की तरह यूपी में कई स्कूल जर्जर हैं, लेकिन इसके बावजूद वहां बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। इस प्रेसवार्ता में उन्होंने संगठन की भविष्य की रणनीति, युवा और छात्र मुद्दों प अपनी योजनाओं और उत्तर प्रदेश में NSUI की गतिविधियों को लेकर महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उनकी नियुक्ति को प्रदेश में छात्र राजनीति को नई दिशा देने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। एनएसयूआई में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए जल्द ही प्रयास करेंगे। अगली बार बड़ी संख्या में आधी आबादी की भागीदारी दिखेगी। एनएसयूआई में अच्छा काम करने वालों को आगे पार्षद, जिला पंचायत सदस्य और विधायक चुनाव में भी टिकट की मांग रखी जाएगी। हमारे नेता राहुल गांधी खुद इस बात पर जोर दे रहे हैं कि राजनीति में अधिक से अधिक संख्या में युवाओं को मौका मिले।
झालावाड़ हादसे के बाद पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर बयान दिया है। डोटासरा ने हादसे को सिस्टम की तरफ से हत्या बताया है। उन्होंने कहा कि बच्चों का भविष्य बचाना है तो शिक्षामंत्री का रहना ठीक नहीं है। पीसीसी चीफ सीकर आवास पर थे,जहां मीडिया से बातचीत में उन्होंने यह बयान दिया। झालावाड़ घटना पर बोलते हुए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी स्कूल का भवन गिरने से मासूम बच्चों की मौत हो जाती है। काफी बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। सरकार चाहे कोई सी भी हो, यह सभी के लिए चिंता का विषय है। सरकार की प्राथमिकताएं तय होनी चाहिए। हमने हमारे पहले बजट में ही 400 करोड़ रुपए से ज्यादा लागत से स्कूलों का काम करवाया। राइट टू एजुकेशन कानून आने के बाद में सरकारी स्कूलों के हालात में सुधार आया। लेकिन इस सरकार के डेढ़ साल हो चुके हैं। इनके पास कांग्रेस सरकार द्वारा किए गए कामों की समीक्षा करना और अनर्गल बयानबाजी करने के अलावा कोई काम नहीं है। स्कूलों में कैसे अच्छे भवन बने,नामांकन बढ़े इस पर कोई ध्यान नहीं है। दुर्भाग्य है कि हमारे देश का एक शिक्षा मंत्री केवल अनर्गल बयानबाजी करता है। शिक्षा को लेकर उनका कोई फोकस ही नहीं है। कल तो हद ही हो गई जब 6 से 7 मासूमों की मौत होने के बाद उनका अंतिम संस्कार नहीं हुआ। उसके पहले ही शिक्षा मंत्री का फूल माला देकर,बैंड बजाकर स्वागत किया जा रहा है। डोटासरा ने झालावाड़ हादसे को हत्या बताते हुए कहा कि इसे मैं सिस्टम की तरफ से हत्या कहूंगा। निर्मम हत्या के बाद भी शिक्षा मंत्री बैंड बजवा रहा है,स्वागत करवा रहा है। यदि फिर भी मंत्री इस्तीफा नहीं देता है तो ऐसे मंत्री को तो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री द्वारा बर्खास्त कर देना चाहिए। यदि इस देश के बच्चों के भविष्य को बचाना है तो ऐसे शिक्षा मंत्री का रहना ठीक नहीं है। मंत्री कह रहा है कि मैंने जिम्मेदारी ले ली,मंत्री का फैसला मुख्यमंत्री करेंगे। लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि आपने इस्तीफे की पेशकश तो की क्या। मुख्यमंत्री तो ऐसा आ गया कि जो कोई निर्णय ले ही नहीं पाता। उनके पास तो दिल्ली से पर्ची आएगी। कहने को तो यह डबल इंजन की सरकार है। लेकिन देश और प्रदेश में किसी भी वर्ग पर कोई फोकस नहीं है। डोटासरा ने कहा कि मैंने शिक्षा मंत्री का ट्वीट देखा था। इसमें लिखा था कि 179 करोड़ रुपए स्कूलों की मरम्मत के लिए स्वीकृत कर दिए। लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि इनमें से व्यय कितना हुआ। आपकी फाइल ही जब फाइनेंस डिपार्टमेंट में अटकी हुई है तो फिर स्वीकृति का लाभ ही क्या हुआ। आपको शिक्षा मंत्री बने 2 साल हो चुके हैं। 179 करोड़ में से एक रुपया भी नहीं लगा तो फिर मतलब ही क्या। डोटासरा ने कहा कि मैंने मेरे विधानसभा क्षेत्र में 125 करोड़ रुपए खर्च करके इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने का काम किया था,पद भरने का काम किया। मैंने कलेक्टर को लेटर लिखा है कि कोई भी जनउपयोगी भवन या स्कूल की मरम्मत के लिए संबंधित विभाग का प्रपोजल भिजवाए,हम उसे प्राथमिकता देंगे। मुख्यमंत्री ने भी लैटर निकाला है और कह रहे हैं कि मैंने गाइडलाइन में रिलेक्सेशन दी है। लेकिन यह काम तो विधायक की मर्जी से होगा,आपने क्या किया है। 7 बच्चों की मौत होने के बाद आपने क्या सीख ली है। जब केंद्र में और प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है तो खराब स्कूलों की बिल्डिंग मरम्मत पर फोकस होना चाहिए। मुख्यमंत्री तो इतने कमजोर मुख्यमंत्री है कि वसुंधरा राजे ने इशारा कर दिया तो वह झालावाड़ भी नहीं गए। मुख्यमंत्री अपनी मर्जी से कहीं जा भी नहीं सकता। जिस मुख्यमंत्री को तत्काल झालावाड़ जाना चाहिए था वह एक ग्राम पंचायत में पौधा लगाने के लिए सीकर आ रहा है। लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि नीमकाथाना जिला और सीकर संभाग बहाली मामले में आपने क्या एक्शन लिया है। वकील लगातार आंदोलन कर रहे हैं। यदि मुख्यमंत्री आ रहे हैं तो सीकर में नानी बीहड़ प्रोजेक्ट के लिए घोषणा करके जाएं। इनके मंत्री मास्टर प्लान को लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। मास्टर प्लान में किसानों की जमीन जा रही है, मास्टर प्लान के खिलाफ हजारों आपत्ति आ चुकी है। इसका मतलब है कि सरकार ने अपने अब तक के कार्यकाल में कुछ नहीं किया। SI भर्ती रद्द करने की बात पर डोटासरा ने कहा कि किरोड़ीलाल मीणा तो दुखी हैं क्योंकि उनके पंख काम नहीं कर रहे। वह उड़ना चाहते हैं लेकिन उनके पंखों को दिल्ली से बांध दिया गया है और यह कह दिया गया है कि बिल्कुल शांत रहो। यदि कुछ करना है तो हमें ही करना है। इसलिए किरोड़ी कुछ नहीं बोल रहे। वरना जो मंत्री 8-10 महीने तक अपना मंत्रालय छोड़कर बैठ जाए और आज चुप होकर कहे कि मैं क्या करूं। कैबिनेट की बैठक में ही उन्हें कह दिया गया था कि आप फैसला करने वाले अकेले नहीं हो,यह कैबिनेट का सामूहिक निर्णय होता है। आप बयानबाजी मत कीजिए। तब कौन से पंडित ने इन्हें कहा था कि आप बयानबाजी करोगे तो आपको मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री बना देंगे,अब क्या हुआ। उनको अपने स्टैंड पर कायम रहना चाहिए और बच्चों को बरगलाना नहीं चाहिए।
पंजाब सरकार के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने श्री अकाल तख्त साहिब से समन मिलने के बाद सार्वजनिक रूप से अपनी गलती स्वीकार कर ली है। उन्होंने सोशल मीडिया पर गुरबाणी की एक पंक्ति साझा करते हुए माफी मांगी। बैंस ने लिखा: हम तो हमेशा अपराध और भूल करने वाले हैं, लेकिन आप (हे प्रभु) हमेशा क्षमा करने वाले हैं। उनका यह बयान श्री अकाल तख्त द्वारा भेजे गए समन के बाद आया है, जिसमें उन्हें तलब किया गया था। बैंस के इस कदम को गलती स्वीकार करने और धार्मिक मर्यादाओं के प्रति सम्मान के रूप में देखा जा रहा है। सिख परंपरा के विरुद्ध गतिविधियां हुईं यह विवाद उस समय उठा जब श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर श्रीनगर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सिख परंपरा के विरुद्ध गतिविधियां हुईं। यह कार्यक्रम पंजाब सरकार के शिक्षा विभाग और भाषा विभाग की ओर से आयोजित किया गया था। इस मामले में श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस और भाषा विभाग के डायरेक्टर सरदार जसवंत सिंह को 1 अगस्त 2025 को पांच सिंह साहिबान की विशेष बैठक में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। गलती के बाद भी नहीं दिया गया स्पष्टीकरण श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय के इंचार्ज सरदार बगीचा सिंह ने बताया कि दोनों अधिकारियों को आधिकारिक पत्र जारी कर पेश होने के लिए सूचित कर दिया गया है। जत्थेदार गड़गज ने इस बात पर चिंता जताई कि कई बार अवसर दिए जाने के बावजूद न तो मंत्री और न ही अधिकारी ने कोई स्पष्टीकरण दिया है और न ही सिख संगत से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की समाज के प्रति नैतिक और धार्मिक जिम्मेदारी होती है और इस तरह के गंभीर मामलों में उनकी चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। शहीदी शताब्दी समारोह में नाच-गाने पर हुआ था विवाद जत्थेदार ने यह भी कहा कि यह पहली बार हुआ है जब किसी शहीदी शताब्दी समारोह की शुरुआत नाच-गाने और मनोरंजन के साथ की गई, जो सिख मर्यादा और भावनाओं के सर्वथा विपरीत है। उल्लेखनीय है कि इसी बैठक में पंजाबी गायक बीर सिंह का मामला भी विचाराधीन रहेगा, जिन्होंने पहले ही श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचकर अपना पक्ष रखा है और माफी मांगी है।
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करें झारखंड के उद्यमी : राज्यपाल
झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने कहा कि झारखंड उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देश में सबसे पीछे है, जो चिंता का विषय है। इस राज्य में खनिज सहित कई संपदाएं हैं, जिससे झारखंड देश का अग्रणी राज्य बन सकता है। उन्होंने उद्यमियों और व्यापारियों से झारखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निवेश करने की अपील की। कहा, झारखंड को शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कार्य करना है। उद्योग के साथ-साथ शिक्षा में भी चैंबर को सक्रिय भागीदारी निभानी चाहिए। राज्यपाल शनिवार को बिष्टुपुर स्थित सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के प्लेटिनम जुबिली समारोह में बोल रहे थे। राज्यपाल ने कहा सिंहभूम चैंबर केवल एक संस्था नहीं, बल्कि झारखंड के औद्योगिक इतिहास की आत्मा है। संस्था द्वारा 75 वर्षों का सफर तय करना कोई साधारण बात नहीं है। मौके पर उन्होंने चैंबर के पदाधिकारियों को सम्मानित भी किया। कहा-हवाई मार्ग से बेहतर सड़क मार्गचैंबर द्वारा एयरपोर्ट की मांग पर राज्यपाल ने कहा - मैं उत्तर प्रदेश के बरेली का रहने वाला हूं। हमारे यहां बड़ा एयरपोर्ट है, लेकिन यात्रियों की संख्या कम होने के कारण सिविल एयरपोर्ट का निर्माण नहीं हो पाया है। भारत में सबसे अधिक एयरपोर्ट हैं, लेकिन विकास के लिए एयरपोर्ट जरूरी नहीं होता। देश के भूतल परिवहन मंत्री ने सड़क नेटवर्क को मजबूत किया है। अब दो से ढाई घंटे में जमशेदपुर से रांची पहुंचा जा सकता है। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि यहां एयरपोर्ट की आवश्यकता है। हवाई मार्ग से बेहतर सड़क मार्ग है।
स्वस्थ समाज के निर्माण में शिक्षा व पर्यावरण सहायक: प्रेमचंद
हरदीबाजार | गवर्नमेंट मिडिल स्कूल छुईहापारा में अतिरिक्त कक्षा निर्माण के लिए भूमिपूजन कार्यक्रम में कटघोरा विधायक प्रेमचंद पटेल ने कहा कि स्वस्थ व समृद्ध समाज के निर्माण में शिक्षा व पर्यावरण सहायक है। स्कूल में आधारभूत सुविधाओं के विस्तार से छात्रों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिल पाएगा। पर्यावरण का संरक्षण व देखभाल जरूरी है। पेड़-पौधे के बिना मानव जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। विधायक पटेल ने स्कूल परिसर में अतिरिक्त कक्ष निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। कार्यक्रम के अंत में एक पेड़ मां के नाम अभियान से स्कूल परिसर में पौधे रोपे। पेड़ बनने तक देखभाल का संकल्प लिया। भूमिपूजन व पौधारोपण कार्यक्रम में भाजपा के जिला मंत्री संजय शर्मा, दामोदर राठौर, भाजपा कटघोरा मंडल अध्यक्ष अभिषेक कुमार, हेडमास्टर ब्रम्हानंद राठौर, मन्नू साईं राठौर, सरपंच बरन सिंह, सरपंच प्रतिनिधि प्रताप सिंह, दर्री के सरपंच फगुनिया गुलाब सिंह, उप सरपंच उषा विजय, प्रमोद कुर्रे, नोडल प्राचार्य केबी कौशिक, जनपद सदस्य मीनू दिग्विजय रात्रे समेत अन्य उपस्थित थे।
भारतीय सेना में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व कम है। इसके लिए सेना की ओर से अग्नि वीर में भर्ती के लिए प्रदेश में स्कूलों के माध्यम से छात्र छात्राओं में जागरुकता अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। निदेशक क्षेत्रीय कार्यालय सेना भर्ती रायपुर ने इसके लिए लोक शिक्षण संचालक को पत्र भेजा है। इसमें अग्नि वीर में भर्ती होने से संबंधित कोर्स ,पात्रता व मानदंड की जानकारी दी गई है। इधर लोक शिक्षण संचालक ने प्रदेश के सभी संयुक्त संचालकों व शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि प्रदेश के चिह्नांकित जिलों में कार्यक्रम के लिए डेटशीट उपलब्ध कराई गई है। निर्धारित समय पर जिला एवं ब्लॉक मुख्यालय के स्कूलों में शिक्षकों तथा कक्षा 11वीं 12वीं के छात्र छात्राओं के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। लोक शिक्षण संचालक ने सभी से ऐसे स्थानों का चयन करने के लिए कहा है जहां अधिक संख्या में छात्र छात्राएं एक साथ आ सकें। एनसीसी, स्काउट गाइड व रेडक्रॉस के पदाधिकारियों को भी इसमें आमंत्रित किए जाएंगे। कार्यक्रम के लिए स्थान व तिथि से निदेशक क्षेत्रीय कार्यालय सेना भर्ती रायपुर मेजर मोहन सुंदरम एम को जानकारी भेजने के निर्देश दिए हैं,जिससे आयोजित कार्यक्रम में सेना के अधिकारी उपस्थित हो सके। कार्यक्रम को कलेक्टर के समन्वय से संपन्न कराना है। इसके लिए लोक शिक्षण संचालक ने प्रदेश के सभी संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग व जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजा है। लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा था- अभियान चलाएं जबलपुर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल पीएस शेखावत पिछले दिनों अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी के शताब्दी व्याख्यान शृंखला में बिलासपुर आए थे। इस दौरान दैनिक भास्कर से उन्होंने जिक्र किया था कि छत्तीसगढ़ में सेना में कम हैं। इसके पीछे उन्होंने युवाओं में मार्गदर्शन,जानकारी व तैयारी के संसाधन नहीं मिल पाने को कारण बताया था। कहा था कि जबलपुर के अधीनस्थ भर्ती कार्यालय के बजाए राज्य में अलग एआरओ होना चाहिए। तीन माह में इन 17 जिले में अग्नि वीरों की होगी भर्तीसितंबर के पहले हफ्ते में सरगुजा- जशपुर में, कोरिया-मनेंद्रगढ़-चिरमिरी भरतपुर में दूसरे, कोरबा में तीसरे, मुंगेली में चौथे सप्ताह में भर्ती होगी। इसी तरह अक्टूबर में सूरजपुर में पहले,ब लरामपुर में दूसरे, बस्तर व बीजापुर में तीसरे, नारायणपुर व सुकमा में चौथे सप्ताह में भर्ती होगी। नवंबर में खैरागढ़ छुईखदान गंडई, दुर्ग व सारंगढ़ बिलाईगढ़ में पहले, गौरेला पेंड्रा मरवाही व कबीरधाम में दूसरे हफ्ते में भर्ती की जाएगी।
खटीक समाज में कुरीतियों के खात्मे, शिक्षा के प्रसार पर जोर
नवगठित संगठन श्री खटीक समाज सेवा संस्थान का शपथ ग्रहण समारोह बोहरा गणेश स्थित गणपति विनायक वाटिका में गत दिवस संपन्न हुआ। इस मौके पर नए चयनित पदाधिकारियों ने पद व गोपनीयता की शपथ लेकर समाज सुधार, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्यों को साकार करने का संकल्प लिया। मुख्य अतिथि किशनलाल चौहान रहे। अध्यक्षता सुखलाल चौहान ने की। संरक्षण मंडल सदस्यों को पद की शपथ वरिष्ठ संरक्षक ने एवं अध्यक्ष चौहान को संरक्षण मंडल के सदस्य बागड़ी ने शपथ दिलाई। इसमें नियुक्त अन्य कई पदाधिकारियों को अध्यक्ष चौहान ने शपथ दिलवाई। संरक्षक मंडल में भंवरलाल बागड़ी, किशनलाल चौहान, चमनलाल चंदेरिया, राजूलाल निमावत, प्रेमचंद्र निमावत, सुरेशचंद्र चौहान, देवकिशन चौहान, शौभालाल सौलंकी, शौभालाल चौहान, तुलसीराम चौहान एवं प्रभुलाल चंदेरिया को संरक्षक मंडल नियुक्त किया। कार्यकारिणी में किशनलाल निमावत और बाबूलाल बागड़ी को उपाध्यक्ष, हरीशचंद्र चौहान और ओमप्रकाश निमावत को महामंत्री, चंद्रप्रकाश चंदल और हीरालाल चंदेरिया को मंत्री, देवीलाल चौहान को कोषाध्यक्ष और संगठन, धार्मिक, सांस्कृतिक, खेलकूद व कार्यालय मंत्री सहित विस्तृत कार्यकारिणी गठित की गई। कार्यक्रम में समाज की कुरीतियों के उन्मूलन, शिक्षा प्रसार, सामूहिक विवाह, डिजीटल पुस्तकालय, रोजगार प्रशिक्षण केंद्र आदि कार्यों को प्राथमिकता का संकल्प लिया गया। समारोह में समाज के वरिष्ठजनों, युवाओं व गणमान्यजनों की उपस्थिति रही। सभी का मेवाड़ी पगड़ी व उपरणा पहनाकर स्वागत किया गया। संचालन लक्ष्मीलाल गोयल ने किया। सेवा संस्थान के पदाधिकारियों का शपथ समारोह
झालावाड़ के पीपलोदी में हुए स्कूल हादसे के बाद प्रदेश भर में स्कूलों की सुरक्षा को लेकर सरकार सतर्क होती नजर आ रही है। शनिवार को संसदीय कार्य, विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने अपने विधानसभा क्षेत्र के अधिकारियों के साथ बैठक कर स्कूलों की सुरक्षा को लेकर समीक्षा की। बैठक की शुरुआत में झालावाड़ के पीपलोदी हादसे में दिवंगत बच्चों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा गया। इसके बाद मंत्री पटेल ने 'भास्कर' से बातचीत की। इसमें पटेल ने कहा- झालावाड़ की घटना दुखद है। इस तरह की प्रदेश में कोई और घटना नहीं हो, इसके लिए सरकार का पूरा फोकस है। आज की समीक्षा बैठक में सामने आया है कि लूणी विस क्षेत्र में 8-10 स्कूलें जर्जर स्थिति में हैं। उन्होंने कहा- बच्चों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए सभी विभागों को निर्देशित किया कि कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और भवनों के मरम्मत व निर्माण कार्यों को युद्धस्तर पर पूरा किया जाए। जर्जर भवनों का इस्तेमाल तब तक नहीं होगा, जब तक उनकी मरम्मत पूरी नहीं हो जाती। स्कूलों के डवलपमेंट पर बजट, विधायक कोष से भी दिया फंड मंत्री पटेल ने बताया- मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में हालिया 2 बजट में स्कूल भवनों की मरम्मत व निर्माण के लिए 625 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं। वहीं लूणी क्षेत्र में विधायक निधि से 31 कक्षा-कक्षों के निर्माण के लिए 2.42 करोड़ व मरम्मत कार्यों के लिए 35 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। पिछले डेढ़ वर्ष में कुल 2.77 करोड़ रुपए स्कूलों के विकास के लिए स्वीकृत हुए हैं। विभागों को तालमेल से काम करने के निर्देश पाल रोड पर स्थित पंचायत समिति लूणी कार्यालय में पटेल ने लूणी विधानसभा क्षेत्र की शिक्षा विभाग, पंचायती राज, सार्वजनिक निर्माण विभाग और समसा की समीक्षा बैठक ली। बैठक में बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रतिबद्धता दिखाई गई और कई ठोस दिशा-निर्देश जारी किए गए। इसमें पटेल ने अधिकारियों को दिए दिशा- निर्देश... निर्माण व गुणवत्ता से समझौता बर्दाश्त नहीं समसा के अधिकारियों को सभी स्वीकृत निर्माण कार्यों को तय समय-सीमा व उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने, यू-डाइस पर आंकड़ों की अपडेटिंग और भवन विहीन स्कूलों के लिए प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए गए। इसी तरह, सार्वजनिक निर्माण विभाग को स्कूल परिसरों में गति सीमा (स्पीड लिमिट) के साइनेज व स्पीड ब्रेकर लगाने और जर्जर स्कूलों की तकनीकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश मिले। पंचायती राज विभाग को शौचालय, ड्रेनेज व वॉटर हार्वेस्टिंग के कार्य स्वीकृत करने के आदेश दिए। ये प्रमुख अधिकारी रहे बैठक में मौजूद बैठक में उपखंड अधिकारी लूणी पुखराज कंसोटिया, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सीमा शर्मा, एडीपीसी समसा हिम्मत सिंह, तहसीलदार लूणी इमरान, तहसीलदार झंवर देवाराम, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता मोहम्मद शरीफ, विकास अधिकारी लूणी कंवरलाल सोनी, धवा ओमप्रकाश, केरू गिरधारीराम, सीबीईओ लूणी शमीम बानो, सीबीईओ धवा गुलेन चौधरी व पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
छत्तीसगढ़ में समग्र शिक्षा के तहत हुई व्यवसायिक शिक्षा भर्ती को लेकर NSUI ने विभाग पर करप्शन का आरोप लगाया है। इस मामले को लेकर NSUI ने विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा है। NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित शर्मा ने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला एक सुनियोजित षड्यंत्र है, जिसमें लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है। बिना मेरिट, बिना परीक्षा… ₹10 के स्टाम्प पेपर पर जबरन एग्रीमेंट NSUI ने आरोप लगाया कि हजारों युवाओं को ₹3 से ₹4 लाख में बिकी नियुक्तियां, रिश्तेदारों को दी सीधी ज्वॉइनिंग ज्ञापन में कहा गया कि कोरोना योद्धाओं को भी नहीं मिली प्राथमिकता, सरकार रही चुप NSUI ने यह भी कहा कि कोविड काल में सेवा देने वाले नर्सिंग, हेल्थ, आईटी, कंप्यूटर ट्रेड के युवाओं को NSUI की भर्ती रद्द करने की मांग हो, CBI जांच हो NSUI ने सरकार के समक्ष पूरे मामले में ये मांग रखी हैं: पूरी भर्ती प्रक्रिया तत्काल रद्द की जाए। कोरोना योद्धाओं को प्राथमिकता और 10% छूट दी जाए। 40,000 परीक्षार्थियों की मेरिट सूची सार्वजनिक की जाए। फर्जी दस्तावेजों की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर FIR दर्ज हो। CBI और EOW से आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए। 28 जुलाई को ताला बंद आंदोलन NSUI ने सरकार को पूरे मामले में 28 जुलाई 2025 तक का अल्टीमेटम दिया है। यदि मांगें नहीं मानी गईं तो समग्र शिक्षा कार्यालय में ताला बंद आंदोलन होगा। जरूरत पड़ी तो प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन होगा। ज्ञापन देने के दौरान ये प्रमुख छात्र नेता रहे मौजूद प्रशांत गोस्वामी (NSUI जिलाध्यक्ष, निखिल वंजारी (प्रदेश महासचिव) ,अजय त्रिपाठी, योगराज देवांगन, नजीब असरफी, वैभव मुजेवार सहित अनेक NSUI छात्र कार्यकर्ता मौजूद रहे।
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) राजस्थान ने झालावाड़ जिले में स्कूल भवन गिरने से 7 बच्चों की मौत को प्रशासनिक लापरवाही करार दिया है। संगठन ने शिक्षामंत्री मदन दिलावर से त्यागपत्र देने की मांग की है। पीयूसीएल द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सरकारी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। बारिश में स्कूल भवन गिरने से 8 बच्चों की मौत हो गई और कई बच्चे गंभीर रूप से घायल हुए हैं। संगठन का कहना है कि शिक्षामंत्री मदन दिलावर को इन मासूम बच्चों की मौत की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से तुरंत त्यागपत्र देना चाहिए। पीयूसीएल ने आरोप लगाया- राजस्थान में बच्चे स्कूलों में सुरक्षित नहीं पीयूसीएल ने आरोप लगाया है कि राजस्थान में बच्चे स्कूलों में सुरक्षित नहीं हैं। झालावाड़ के अलावा शिक्षा मंत्री के गृह जिले कोटा में भी छत का पलस्तर गिरने से दो बच्चों के सिर में चोटें आई हैं। इसी प्रकार मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र में भी जर्जर स्कूल भवन का वीडियो सामने आया है। संगठन ने शिक्षामंत्री पर आरोप लगाया है कि उनका एकमात्र लक्ष्य संस्थाओं को सांप्रदायिक बनाना रहा है। स्कूलों में पक्के भवन, सुविधाओं की देखरेख, संसाधन बढ़ाने और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सरकार के एजेंडे में नहीं है। पीयूसीएल का कहना है कि सरकारी निगरानी होती तो इतने बच्चों को जान से हाथ नहीं धोना पड़ता। संगठन का आरोप- सरकार आदिवासी और पिछड़े क्षेत्र के बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं पीयूसीएल ने बताया कि जिस विद्यालय में यह दुर्घटना हुई है वह आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र में है। यूनाइटेड जिला सूचना सिस्टम के 2023-24 के आंकड़ों के अनुसार, कुल 94 में से 78 विद्यार्थी आदिवासी समुदाय के हैं। संगठन का आरोप है कि सरकार आदिवासी और पिछड़े क्षेत्र के बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। पीयूसीएल ने सवाल उठाया है कि बारिश से पहले हुए स्कूलों के सर्वे में इस स्कूल का नाम शामिल नहीं था, जिसे कलेक्टर ने भी स्वीकार किया है। संगठन ने इस सर्वे को संदिग्ध बताया है। साथ ही सवाल उठाया है कि सरकार द्वारा मरम्मत के लिए आवंटित 15 करोड़ रुपये की जवाबदेही कौन तय करेगा। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से इस्तीफे की मांग पी यू सी एल ने सरकार से यह भी कहा हैं कि इस घटना से सबक लेते हुए सरकार को सभी स्कूल भवनों की सुरक्षा जांच करवानी चाहिए। जर्जर स्कूल भवनों से हटाकर बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर शिक्षा का प्रबंध करना चाहिए। PUCL का मानना है की जिस रूप से शिक्षा विभाग की विफलता व प्रशासनिक लापरवाही के कारण मासूमों की जाने गई, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को तुरंत इस्तीफा देना चाहिए।
महराजगंज में समाजवादी पार्टी ने एक निजी मैरेज हॉल में संविधान मान स्तम्भ स्थापना दिवस मनाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधान परिषद सदस्य संतोष कुमार यादव (सन्नी यादव) और पूर्व लोकसभा प्रत्याशी कुशीनगर अजय प्रताप सिंह (पिंटू सिंह) थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पाण्डेय ने की। मुख्य अतिथि संतोष यादव ने भाजपा पर संविधान बदलने और आरक्षण समाप्त करने की साजिश का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा संविधान में बदलाव कर पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) समाज को नौकरी और शिक्षा से वंचित करना चाहती है। पूर्व लोकसभा प्रत्याशी पिंटू सिंह ने इस दिन को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि सौ साल पहले इसी दिन छत्रपति शाहू जी महाराज ने अपने राज्य में आरक्षण लागू किया था, जो सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम था। सपा जिलाध्यक्ष विद्यासागर यादव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सरकारी स्कूलों को बंद कर पीडी समाज को फिर से मजदूर बनाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा देश में मनु का संविधान लागू कर देश को संघ का गुलाम बनाना चाहती है। समाजवादी पार्टी इसके खिलाफ अंतिम सांस तक संघर्ष करेगी। उन्होंने कार्यकर्ताओं से 2027 के चुनाव की तैयारी में जुटने और अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री बनाने का संकल्प लेने का आह्वान किया। कार्यक्रम में रामगोपाल यादव, बाबा वाहिनी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रवण पटेल, प्रणव गौतम, अमरनाथ यादव, सुमन ओझा, महिला सभा की जिलाध्यक्ष सत्यभामा सिंह समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर सैकड़ों समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन सपा जिला महासचिव समसुद्दीन अली और जिला सचिव शमशुल होदा ने संयुक्त रूप से किया।
झालावाड़ में कल दिल दहलाने वाली घटना के बाद पंचायती राज और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर आज फिर से भरतपुर पहुंचे हैं। उन्होंने भरतपुर में कई कार्यक्रमों में भाग लिए हैं। जगह-जगह शिक्षा मंत्री का स्वागत किया गया। जब उनसे पूछा गया कि कल हुई घटना के बाद आज वह कैसे अपना स्वागत करवा सकते हैं तो, उन्होंने कहा कि मैं अपना स्वागत सम्मान कहीं नहीं करवाया। में माला पहनता नहीं, ये घटना हुई तब भी नहीं पहनता था और पिछले 36 साल से माला नहीं पहनता। झालावाड़ हादसे की जिम्मेदारी मेरी है झालावाड़ की घटना पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम इस घटना की विस्तृत जांच करवा रहे हैं। जांच में जिस तरह के तथ्य आएंगे। उसके बाद कठोर कार्रवाई की जाएगी। मैंने नैतिकता के आधार पर घटना की जिम्मेदारी ली है। क्योंकि जब कोई अच्छा होता है तो, उसकी भी जिम्मेदारी लेता हूं। कल हादसा हुआ उसकी जिम्मेदारी भी मेरी है। हमने अधिकारियों से जर्जर स्कूलों की लिस्ट मांगी थी। हमारे पास जर्जर स्कूलों की सूची आई उसमें झालावाड़ के स्कूल का नाम नहीं था। जिसके कारण यह घटना हुई है। स्कूल की डेढ़ साल पहले हुई थी मरम्मत स्कूल का तर्क यह है कि 1 से डेढ़ साल पहले डांग विकास का जो फंड होता है। उसमें से 1 लाख रुपये लेकर स्कूल की मरम्मत करवाई थी। क्योंकि स्कूल में 2 से 3 कमरे थे लेकिन, छत से न तो, पानी टपका है और कुछ हुआ है। साइड की दीवार गिर गई। क्लास के ऊपर आरसीसी की छत नहीं थी। इस पर पट्टियों वाली छत थी। एक गिरते ही पट्टियां नीचे आ गईं। इसके कारण यह हादसा हुआ है। पिछली बार मरम्मत के लिए 80 करोड़ रुपये दिए और इस बार भी 80 करोड़ रुपये दिए थे। इस बार 175 करोड़ की स्वीकृतियां जारी हो रहीं हैं। 2 हजार स्कूलों का किया गया चयन शिक्षा मंत्री ने बताया कि हमने 2 हजार स्कूलों का चयन करके उसके लिए पैसे दे दिए हैं। यह सरकारी प्रोसेस हैं जिसमें टेंडर भी होते हैं और सरकारी प्रोसेस पूरा होता है। यह कोई घर का काम नहीं है जो जेब से निकालकर दे दो और आधी रात को काम चालू कर दें। फिर में हम कोशिश कर रहे हैं जो पैसा दिया वह समय पर वहां लग जाए। मैं जहां जाता हूं वहां स्कूलों के बारे में पूछता हूं अभी स्कूल चालू हुए हैं। कई बार देखोगे मैं स्कूल कई बार गया हूं। मैंने कार्रवाई भी की हैं। मुझे इस बात की ख़ुशी भी हैं। इस बार जो परीक्षा परिणाम रहे हमारे वह निजी स्कूलों की अपेक्षा बहुत अच्छे हैं। जिसका एक उदाहरण है कि कोटा जिले में 265 बच्चों ने 93 प्रतिशत से ज्यादा अंक प्राप्त किए। उसमें से 112 बच्चे निजी विद्यालयों के थे। 153 बच्चे सरकारी विद्यालयों के थे। अब वह जमाने लद गए जब प्राइवेट स्कूलों के रिजल्ट सरकारी स्कूलों से अच्छे रहते थे।
हरियाणा की हजारों मिड डे मील वर्कर अपनी मांगों को लेकर 3 अगस्त को शिक्षा मंत्री के गृह नगर पानीपत में राज्य स्तरीय आक्रोश प्रदर्शन करेंगी। यह जानकारी जिला पलवल में नवनियुक्त जिला कमेटी के चुनाव सम्मेलन में सीआईटीयू के प्रदेश महासचिव जय भगवान ने शनिवार को दी। सम्मेलन को संबोधित करते हुए महासचिव जयभगवान और अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कई मुद्दे उठाए। उन्होंने बताया कि मिड डे मील वर्करों को कई-कई महीने तक मानदेय नहीं मिलता है। प्रशासन वर्दी पहनने का आदेश देता है लेकिन वर्दी का पैसा स्कूलों में नहीं दिया जाता है। यूनियन नेताओं ने आरोप लगाया कि स्कूलों के मर्जर और बच्चों की कमी का हवाला देकर मिड डे मील वर्करों के मानदेय में कटौती की जा रही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण का दावा करने वाली केंद्र सरकार ने पिछले 11 साल से मिड डे मील वर्कर्स के मानदेय में एक रुपए की भी बढ़ोतरी नहीं की है। स्कूलों को बंद किया जा रहा- जय भगवाननेताओं ने न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए की मांग को अनदेखा किए जाने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी)-2020 की आलोचना करते हुए कहा कि इसके तहत कम बच्चों वाले स्कूलों को बंद किया जा रहा है। हरियाणा सरकार पांच हजार स्कूल बंद कर चुकी है जिनमें अधिकतर लड़कियों के प्राथमिक स्कूल हैं। उन्होंने बताया कि सरकार की इन नीतियों के कारण पिछले 10 वर्षों में देश भर में लगभग 2 लाख मिड डे मील वर्कर्स का रोजगार छीन लिया गया है। उन्होंने कहा कि स्कूल में ड्यूटी के दौरान भोजन बनाते हुए मिड डे मील वर्कर दुर्घटनाओं में घायल हो जाते हैं तथा वर्करों की मौत भी हो जाती है, लेकिन विभाग व सरकार की ओर से किसी प्रकार की आर्थिक मदद का प्रावधान नहीं है। उपरोक्त तमाम मुद्दों के समाधान के लिए तीन अगस्त को पानीपत में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के यहां राज्य स्तरीय आक्रोश प्रदर्शन किया जाएगा। सर्वसम्मति से संपन्न हुए जिला कमेटी के चुनाव में सोनबती धतीर को जिला प्रधान और ऊषा चिरावटा को जिला सचिव चुना गया। इसके अलावा संतोष होडल और आशा हसनपुर को उप प्रधान, बीना खिरबी को सहसचिव तथा उदयवीर को वित्त सचिव चुना गया। इमरती, नीतू, कमलेश, मीणा व सीमा को जिला कमेटी का सदस्य चुना गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से सीआईटीयू की नेता उर्मिला रावत, रमेश चंद, ताराचंद, किसान नेता दरियाब सिंह, डॉ. रघुबीर सिंह व कर्मचारी नेता महेंद्र सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कटनी जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत खिरहनी के खिरवा टोला में शासकीय प्राथमिक शाला में पानी की भारी किल्लत है। पिछले दो साल से स्कूल में पीने के पानी की सुविधा नहीं है। स्कूल में न तो मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए पानी है, न ही शौचालय के लिए है। घर से बोतल में पानी भरकर लाते हैं बच्चे बच्चों और शिक्षकों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बच्चे बोतल में पानी भरकर घर से लाते हैं। स्कूल में सिर्फ एक हैंडपंप है, जिसमें कमर्शियल बोर डाला गया है, लेकिन वह भी खराब पड़ा है। मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए बाहर से खरीदना पड़ता है पानी प्राथमिक शिक्षक रवि सिंह ने बताया कि स्कूल में पहली से पांचवीं तक कुल 56 बच्चे पढ़ते हैं। पानी न होने की वजह से मध्यान्ह भोजन बनाने के लिए बाहर से पानी खरीदना पड़ता है। शौचालय की हालत भी खराब है। मजबूरी में बच्चे और शिक्षक आसपास के घरों का सहारा लेते हैं। कई बार शिकायत के बाद नहीं हुई कार्रवाई रवि सिंह का कहना है कि इस समस्या की जानकारी कई बार अधिकारियों को दी गई है, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला है। गर्मियों में यह परेशानी और भी बढ़ जाती है। कई बार बच्चे प्यासे रह जाते हैं। इस बारे में जब जिला शिक्षा अधिकारी श्याम सिंह मरावी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मैंने हाल ही में पदभार संभाले हैं। हम मामले की जांच कर एक हफ्ते के अंदर पानी की व्यवस्था कराएंगे।
पंजाब सरकार की तरफ से श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर श्रीनगर में आयोजित कार्यक्रम को लेकर श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने शिक्षा मंत्री कुलदीप सिंह गड़गज को सम्मन भेज दिए हैं। ये कार्यक्रम में के शिक्षा विभाग के भाषा विभाग की तरफ से करवाया गया था। इस सिलसिले में श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री सरदार हरजोत सिंह और भाषा विभाग के डायरेक्टर सरदार जसवंत सिंह को 1 अगस्त 2025 को पांच सिंह साहिबान की बैठक में अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है। इस संबंध में श्री अकाल तख्त साहिब के सचिवालय के इंचार्ज सरदार बगीचा सिंह ने बताया कि कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह और भाषा विभाग के डायरेक्टर जसवंत सिंह को पेश होने के लिए आधिकारिक पत्र जारी किए जा चुके हैं। धार्मिक मामलों प चुप्पी सवाल खड़े करती है जत्थेदार गड़गज ने जानकारी दी कि बार-बार समय दिए जाने के बावजूद न तो मंत्री हरजोत सिंह और न ही डायरैक्टर जसवंत सिंह ने अब तक कोई स्पष्टीकरण दिया है और न ही सिख संगत से माफी मांगी है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की समाज के प्रति जिम्मेदारी होती है और ऐसे गंभीर धार्मिक मामलों पर उनकी चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। सिख मर्यादा के पूर्ण विपरीत हुआ जत्थेदार के अनुसार, यह पहली बार है कि किसी शहीदी शताब्दी समारोह की शुरुआत नाच-गाने और मनोरंजन से की गई, जो सिख मर्यादा और भावनाओं के पूर्णतः विपरीत है। उन्होंने बताया कि इसी दिन पंजाबी गायक बीर सिंह का मामला भी पांच सिंह साहिबान की बैठक में विचाराधीन रहेगा, जिन्होंने पहले ही श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचकर अपना पक्ष रखा है और माफी मांगी है।
कटनी के शासकीय तिलक स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कानून की पढ़ाई की सुविधा नहीं होने से छात्रों को परेशानी हो रही है। इसी समस्या को देखते हुए शनिवार को कॉलेज के छात्रों ने बी.ए. एलएलबी और बी.ए. एलएलएम पाठ्यक्रम शुरू करने की मांग की। छात्रों ने जिला कलेक्टर के नाम और कॉलेज के प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा। उनका कहना है कि इन पाठ्यक्रमों के शुरू होने से जिले के कई छात्रों को राहत मिलेगी। आर्थिक कारणों से कई छात्र महंगी प्राइवेट कॉलेजों में पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। छात्रों ने अपनी मांग के समर्थन में कॉलेज परिसर में शिक्षा के अधिकार पर जोर देते हुए नारेबाजी की। उनका मानना है कि हर छात्र को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अधिकार है। छात्र आरिफ खान ने बताया कि कटनी जिले में कुछ निजी कॉलेज हैं जहां बीए एलएलबी और एलएलएम की पढ़ाई होती है। लेकिन इन कॉलेजों की फीस बहुत अधिक है। इस कारण कई योग्य और मेधावी छात्र कानून की पढ़ाई से वंचित रह जाते हैं। कॉलेज के प्राचार्य को ज्ञापन सौंपने के बाद छात्र जिला कलेक्टर कार्यालय पहुँचे। वहाँ उन्होंने अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी मांगें रखीं। छात्रों ने जल्द कार्रवाई करने की अपील की। छात्रों का कहना है कि अगर शासकीय तिलक कॉलेज में यह सुविधा उपलब्ध हो जाती है तो कटनी और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को फायदा मिलेगा। शासकीय कॉलेज में फीस कम होने के कारण अधिक छात्र उच्च शिक्षा हासिल कर सकेंगे।
गोमती नगर स्थित यूनिवर्सल बुक सेलर्स में बॉलीवुड के प्रसिद्ध निर्देशक और लेखक दुष्यंत प्रताप सिंह द्वारा रचित पौराणिक कृति 'सात्यकि द्वापर का अजेय योद्धा' का विमोचन किया गया। इस अवसर पर लोकगायिका पद्मश्री मालिनी अवस्थी, वरिष्ठ शिक्षाविद राजेश दयाल, यूनिवर्सल बुक सेलर्स के सीईओ गौरव प्रकाश और स्वयं लेखक मंचासीन रहे। पुस्तक 'सात्यकि द्वापर का अजेय योद्धा' एक ऐसे महायोद्धा की जीवनगाथा है, जिनका उल्लेख महाभारत में होता है। समय के साथ वे इतिहास की गलियों में गुम हो गए। दुष्यंत प्रताप सिंह ने अपने शोध और सृजनात्मकता के बल पर सात्यकि को एक नई पहचान दी है। हमारी संस्कृति के पुनर्जागरण का संकेत मालिनी अवस्थी ने कहा, ऐसे विस्मृत योद्धाओं पर लिखा जाना हमारी संस्कृति के पुनर्जागरण का संकेत है। यह सिर्फ साहित्य नहीं, एक सांस्कृतिक मिशन है। उन्होंने इस प्रयास को सरकार द्वारा सहयोग प्राप्त होने की आवश्यकता पर भी बल दिया। शिक्षाविद राजेश दयाल ने पुस्तक को युगों का दस्तावेज़ बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे साहित्य को विद्यालयों और विश्वविद्यालयों की लाइब्रेरी में स्थान मिलना चाहिए। इससे नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी और हमारा गौरवशाली अतीत जीवंत रहेगा।बुक स्टोर के सीईओ गौरव प्रकाश ने कहा, जब हमारी शेल्फ पर ऐसी किताबें आती हैं, तो ये केवल व्यवसाय नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक आंदोलन जैसा प्रतीत होता है। अंग्रेजी संस्करण अक्टूबर तक उपलब्ध होगा लेखक दुष्यंत प्रताप सिंह ने बताया कि किताब को तैयार करने में दो साल का गहन शोध लगा। उन्होंने यह भी बताया कि इसका अंग्रेजी संस्करण अक्टूबर तक उपलब्ध होगा। वेब सीरीज़ का प्रस्ताव भी प्रगति पर है। उनके अनुसार ऐसे पात्र केवल पढ़ने नहीं, देखने और महसूस करने के भी योग्य हैं।
झालावाड़ के पीपलोदी गांव में हुए स्कूल हादसे के बाद बारां जिले में भी जगह-जगह लोगों का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। बारां जिले में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के पैतृक गांव चरडाना के पास लोगों ने सड़क जामकर विरोध प्रकट किया है। राष्ट्रीय राजमार्ग 752 पर ग्रामीणों ने जाम लगा दिया। ग्रामीणों ने आमली के प्राथमिक स्कूल के जर्जर भवन के नवीनीकरण और स्कूल की अन्य समस्याओं को लेकर प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं, पुरुष और विद्यार्थी सड़क पर बैठे रहे। इस दौरान अटरू थाना पुलिस ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण जिला शिक्षा अधिकारी को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे। बाद में एसडीएम ने मौके पर पहुंचकर स्कूल भवन के नवीनीकरण का आश्वासन दिया, तब ग्रामीणों ने जाम हटाया। ग्रामीणों का आरोप है कि वह बीते 3 साल से इस जर्जर भवन की जगह नया भवन बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन शिक्षा मंत्री का गांव होने के बावजूद उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर मुर्दाबाद के भी नारे लगाए। जाम के चलते सड़क पर दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं। इधर मेलखेड़ी, दौलतपुरा, हरनावदाशाहजी समेत कई जगहों पर भी स्कूलों के जर्जर भवनों को लेकर ग्रामीणों और विद्यार्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया।
बरेली में उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने काला दिवस मनाया। शिक्षामित्र सेठ दामोदर स्वरूप पार्क में एकत्र हुए। उन्होंने अपने दिवंगत साथियों को श्रद्धांजलि दी और उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा। संघ के जिलाध्यक्ष कपिल यादव ने कहा कि समायोजन रद्द होने के बाद से सरकार ने शिक्षामित्रों की कोई सुध नहीं ली है। उन्होंने बताया कि महंगाई के इस दौर में हजारों शिक्षामित्रों को जीविकोपार्जन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 8 सालों में अवसाद के कारण सैकड़ों शिक्षामित्रों की मृत्यु हो चुकी है। लेकिन सरकार का रवैया अभी भी संवेदनहीन बना हुआ है। इस अवसर पर शिक्षामित्रों ने नगर मजिस्ट्रेट अलंकार अग्निहोत्री को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक सात सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। ज्ञापन में सभी शिक्षामित्रों का नियमितीकरण करते हुए अन्य राज्यों की तर्ज पर वेतनमान लागू करने की मांग की गई। वंचित शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय में पुनः नियुक्त करने और महिला शिक्षामित्रों को उनके ससुराल के निकट स्थानांतरित करने की मांग भी शामिल थी। शिक्षामित्रों ने ईपीएफ और आयुष्मान भारत योजना में शामिल किए जाने की मांग की। दिवंगत शिक्षामित्रों के परिजनों को आर्थिक सहायता और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग भी रखी गई। सेवा मुक्त हो रहे शिक्षामित्रों को आजीविका के लिए विशेष सहायता और शिक्षामित्रों की सेवा को स्थाई करने के लिए विशेष कानून बनाने की मांग भी की गई। कार्यक्रम में अरविंद गंगवार, संतोष कुमार गंगवार, धर्मेंद्र पटेल, सुरेंद्र यादव, भगवान सिंह यादव समेत बड़ी संख्या में शिक्षामित्र मौजूद थे।