तेजू भइया बनाए तेजस्वी का रिपोर्ट कार्ड:पूर्णिया का धनकुबेर शिक्षा अधिकारी, मोदी को लालू का इनविटेशन
यह बात खरी है... इसमें आप देखेंगे बिहार के नेताओं और अफसरों के बीच अंदरखाने क्या चल रहा है, और दिनभर की ऐसी बड़ी हलचल जो आपको हंसाएगी भी और जिम्मेदारों को आइना भी दिखाएंगी। ऊपर VIDEO पर क्लिक करें...
शिक्षा, कृषि जैसे विभागों के अफसर कर रहे थे वाहन जांच
अखिलानंद मिश्र|गोपालगंज विगत 6 साल से बलथरी चेकपोस्ट पर राजस्व संग्रह करने, जुर्माना लगाने की जानकारी नहीं रखने वाले लोगों की प्रतिनियुक्ति की गई। यह हम नहीं कह रहे वर्तमान डीएम साहब कह रहे हैं। डीएम पवन कुमार सिन्हा ने प्रतिनियुक्ति को अवैध करार देते हुए रद्द कर दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार का कोई ऐसा आदेश नहीं है। जिसे चेक पोस्ट पर दूसरे विभाग के लोगों की प्रतिनियुक्ति किया गया उन लोगों को राजस्व संग्रहण से दूर दूर तक संबंध नहीं है। जिससे वैसे लोगों को प्रतिनियुक्ति करनी गलत है। जिन लोगों की प्रतिनियुक्ति की गई है, उन लोगों से उनके कार्यकाल में उनके द्वारा की गई कर संग्रह की रिपोर्ट मांगी गई है। बलथरी चेकपोस्ट पर विगत 6 वर्षों से चली आ रही प्रतिनियुक्ति की परंपरा पर आखिरकार डीएम ने रोक लगा दी है। जिलाधिकारी ने कहा कि जिन्हें जांच और राजस्व या कर संग्रहण की कोई वैधानिक शक्ति नहीं प्राप्त नहीं है। उसे राजस्व संग्रह केन्द्र या चेक पोस्ट पर प्रतिनियुक्त करना गलत है। ^सरकार का कोई ऐसा आदेश नहीं है। जिसे चेकपोस्ट पर दूसरे विभाग के लोगों की प्रतिनियुक्ति किया जाय। जिससे कर संग्रह की जानकारी भी नहीं है तथा उन लोगों को कर संग्रह के लिए शक्ति प्रदत ही किया है। इसकी जैसे ही मुझे जानकारी मिली। उस प्रतिनियुक्ति को रद्द कर दिया। जिन लोगों की प्रतिनियुक्ति रद्द की गई है, उन लोगों से उनके कार्यकाल में उनके द्वारा कितनी राजस्व वसूली की गई रिपोर्ट मांगी गई है। -पवन कुमार सिन्हा, डीएम, गोपालगंज अफसरों को ऐसे अधिकार दे दिए, जो उनके कार्यक्षेत्र के बाहर चेकपोस्ट पर अंतिम प्रतिनियुक्ति 7 मार्च को तत्कालीन डीएम प्रशांत सीएच के हस्ताक्षर से हुई थी। इसमें फुलवरिया प्रखंड के प्रभारी श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मनोज कुमार, कुचायकोट के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी पुरुतोषम कुमार, उचकागांव के प्रखंड कल्याण पदाधिकारी चंचल कुमार, फुलवरिया के प्रखंड कल्याण पदाधिकारी अरविंद्र कुमार सिंह और कुचायकोट के कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार भास्कर को छह माह के लिए बलथरी चेकपोस्ट पर तैनात किया गया था। इन अधिकारियों को प्रतिदिन निर्धारित रोस्टर के अनुसार वाहनों की जांच और राजस्व संग्रहण का कार्य करना था। डीएम पवन कुमार सिन्हा ने पदभार ग्रहण करने के बाद इस व्यवस्था की समीक्षा की और पाया कि यह प्रतिनियुक्ति न केवल अनियमित है बल्कि अधिकारियों को ऐसे अधिकार भी दे रही है जो उनके कार्यक्षेत्र से बाहर हैं। इसके बाद उन्होंने पत्र को रद्द करते हुए सभी अधिकारियों को उनके मूल विभाग में भेज दिया। हर नए डीएम के कार्यकाल में होती रही प्रतिनियुक्ति वर्तमान ने लगाई रोक बलथरी चेकपोस्ट पर विभिन्न विभागों के प्रखंड स्तरीय अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की शुरुआत छह वर्ष पूर्व तत्कालीन डीएम ने की थी। परिवहन विभाग के अधिकारियों की कमी को देखते हुए उन्होंने अतिरिक्त अधिकारियों को चेकपोस्ट पर तैनात करने का आदेश दिया था। आदेश के अनुसार, ये अधिकारी निर्धारित रोस्टर के तहत वाहनों की जांच और राजस्व संग्रहण का कार्य करते थे। हालांकि इसके पूर्व कभी भी चेकपोस्ट पर इस तरह की प्रतिनियुक्ति नहीं की जाती थी। समय बीतने के साथ यह एक परंपरा का रूप ले बैठा और हर नए डीएम के कार्यकाल में अलग-अलग दंडाधिकारियों की तैनाती होती रही। राजस्व वसूली की रिपोर्ट भी मांगी गई है
बच्चों की नियमित उपस्थिति व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर
भास्कर न्यूज | पाटन पाटन के उम विद्यालय बसदह में प्रिंसिपल हरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में शिक्षक-अभिभावक की बैठक हुई। इसमें सीआरपी उपेंद्र राम उपस्थित रहे। बैठक के दौरान विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण, बच्चों की पढ़ाई, अनुशासन और उनकी उपस्थिति को लेकर चर्चा हुई। प्रिंसिपल हरेंद्र सिंह ने कहा कि विद्यालय की गुणवत्ता सुधारना शिक्षक और अभिभावक दोनों की संयुक्त जिम्मेदारी है। बच्चों की नियमित उपस्थिति और पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। वहीं बैठक में शामिल अभिभावकों ने कहा कि विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई और अनुशासन बेहतर हो रहा है। शिक्षक समय पर आते हैं और बच्चों को ध्यान से पढ़ाते हैं। अभिभावक भी अपने स्तर से बच्चों की पढ़ाई पर निगरानी रखेंगे। सीआरपी उपेंद्र राम ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए विद्यालय और बच्चों की प्रगति में सहयोग बनाए रखने की अपील की। मौके पर दर्जनों अभिभावक मौजूद थे।
प्रधान अध्यापक रावटे शिक्षा रत्न अलंकरण सम्मान मिला
भास्कर न्यूज | नारायणपुर पूर्व माध्यमिक शाला बंगलापारा नारायणपुर की प्रधान अध्यापक ब्रजेश्वरी रावटे को राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के तहत नवाचारी गतिविधियों को अपने विद्यालय में शामिल करने, विज्ञान क्लब, इको क्लब, पूर्व व्यावसायिक शिक्षा एवं स्मार्ट क्लास के तहत शैक्षणिक गतिविधियों को सम्मिलित करने के लिए पुरस्कृत किया गया। राज्य भर में शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार कर रहे वैज्ञानिक दृष्टिकोण तथा विज्ञान के प्रचार प्रसार प्राकृतिक संरक्षण, सहित अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य एवं योगदान के लिए चयनित उत्कृष्ट शिक्षकों को पुरस्कृत किया गया। मुख्य अतिथि रश्मि वर्मा आरके साइंस रिसर्च सेंटर नागपुर ने सभी शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए बधाई देकर प्रकृति शिक्षण विज्ञान के लिए जन जागरूकता वैज्ञानिक सोच एवं प्रकृति का सृजन को विस्तार से अवगत कराया। नीरज वर्मा इसरो साइंस एक्टिविस्ट ने राज्य से चयनित विद्यार्थियों को श्रीहरिकोटा महाराष्ट्र शैक्षणिक भ्रमण करने की महत्वाकांक्षी योजना की जानकारी दी और आगे प्रकृति शिक्षक विज्ञान यात्रा की चयन प्रक्रिया शिक्षकों के रचनात्मक कार्य, वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रचार प्राकृतिक संरक्षण, एवं विज्ञान के क्षेत्र में शिक्षा में नवाचार सम्मिलित किया जाता है। ब्रजेश्वरी को शिक्षा रत्न अलंकरण कर्मवीर सम्मान से सम्मानित करते।
शिक्षा विभाग में राज्य स्तरीय स्पर्धा के लिए उदयपुर पहली पसंद, अब 16 से सृजनात्मक प्रतियोगिता होगी
शिक्षा विभाग की राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं के लिए उदयपुर पहली पसंद बना हुआ है। दो साल में उदयपुर 3 राज्य और एक नेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं की मेजबानी कर चुका है। अब 16 से 18 सितंबर तक माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की राज्य स्तरीय सृजनात्मक प्रतियोगिता भी उदयपुर में होनी है। इसके लिए बोर्ड के सचिव कैलाशचंद्र ने माध्यमिक शिक्षा विभाग के डीईओ लोकेश भारती को पत्र लिखकर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं। यह प्रतियोगिता तीन दिन चलेगी। इसमें निबंध लेखन, वाद-विवाद, कविता, चित्रकला, विज्ञान मॉडल प्रस्तुति, संगीत, नृत्य और नाट्य सहित कई सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक प्रतियोगिताएं होंगी। इनका उद्देश्य विद्यार्थियों की रचनात्मकता, अभिव्यक्ति क्षमता और नवाचार को मंच प्रदान करना है। डीईओ लोकेश भारती बताते है कि प्रतियोगिता के माध्यम से न केवल विद्यार्थियों की प्रतिभा को सम्मान मिलेगा, बल्कि उन्हें राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक उदयपुर को पहचान बनाने का अवसर भी मिलेगा। राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव कैलाश चन्द्र शर्मा ने बताया कि यह प्रतियोगिता में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थी अपनी मौलिक सोच, कला और शोध की क्षमता का परिचय देंगे। प्रतिस्पर्धात्मक भावना के साथ-साथ आत्मविश्वास और नेतृत्व क्षमता का भी विकास होगा। वुमंस क्रिकेट-एथलेटिक्स और संस्कृत की स्पर्धाएं हो चुकीं जनवरी 2025 में स्कूल क्रिकेट की वुमंस की नेशनल प्रतियोगिता का आयोजन उदयपुर में हो चुका है। इसके बाद अगस्त में संस्कृत एजुकेशन का संस्कृत दिवस का राज्य स्तरीय आयोजन हुआ। नवंबर 2024 में राज्य स्तरीय विज्ञान मेला और दिसंबर में एथलेटिक्स की राज्य स्तरीय प्रतियोगिता हुई। अब बोर्ड का राज्य स्तरीय सृजनात्मक प्रतियोगिताओं का आयोजन उदयपुर में हो रहा है। इस प्रतियोगिता में राज्य भर से 140 बच्चे भाग ले रहे हैं। कला, ज्ञान, रचनात्मक की स्पर्धाओं में चयनित बच्चे नेशनल स्पर्धा में भाग लेंगे।
सहायक निदेशक ने किया स्कूलों का अवलोकन, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने पर दिया जोर
शाला संबलन कार्यक्रम के तहत निदेशालय बीकानेर द्वारा नियुक्त नोडल प्रभारी एवं सहायक निदेशक अरविंद शर्मा ने गुरुवार को उदयपुर जिले के कुराबड़ ब्लॉक स्थित पीएम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय साकरोदा का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय परिसर, कक्षाओं और शैक्षणिक गतिविधियों का अवलोकन करते हुए स्टाफ व विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम में सीडीईओ कार्यालय उदयपुर के सहायक निदेशक डॉ. दिनेश बंसल भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। सहायक निदेशक अरविंद शर्मा ने प्रधानाचार्य एवं स्टाफ से शिक्षण व्यवस्था की जानकारी ली और विद्यार्थियों के साथ सीधे संवाद स्थापित किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान के तहत विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता को बढ़ाने पर विशेष बल दिया जा रहा है। शर्मा ने विद्यार्थियों को आत्मविश्वास के साथ नियमित अध्ययन करने की प्रेरणा दी तथा शिक्षकों को नवीन शैक्षणिक पद्धतियों के उपयोग पर बल दिया।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मनमाने ढंग से काम करने की प्रवृत्ति पर तीखी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि वे याचियों को परेशान करने के लिए जानबूझकर अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हैं। कहा गया कि आदेश का पालन नहीं किया जाता है तो अगली तिथि पर अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश और राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद के निदेशक को कोर्ट में उपस्थित होना होगा। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने उज्जमा व एक अन्य की याचिका पर दिया है। रामपुर की याची उज्जमा और चेतना सैनी 2011 में प्रशिुक्षु शिक्षक की भर्ती में शामिल हुई। जाति प्रमाण पत्र में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए बेसिक शिक्षा विभाग ने नियुक्ति पत्र देने से इन्कार कर दिया। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई। कोर्ट ने गंभीर चिंता व्यक्त की कि अधिकारियों ने 2018 के कोर्ट के आदेश का पालन करने का इरादा ही नहीं दिखाया। इसके बजाय उन्होंने 2019 में एक अनन्तिम नियुक्ति पत्र पेश किया और दावा किया कि आदेश का पालन हो गया है। कोर्ट ने इस कृत्य को न्यायालय को गुमराह करने वाला माना है। कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बावजूद याचियों को परेशान किया गया है और उन्हें दो अवमानना याचिकाएं और तीन रिट याचिकाएं दायर करने के लिए मजबूर किया गया है। मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर, 2025 को होनी है।
टोंक जिले के देवली में पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय में छात्राओं के लिए किशोरावस्था शिक्षा पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। एक्सपर्ट पारुल जैन ने कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया। प्राचार्य नवरतन मित्तल ने बताया- कार्यक्रम में किशोरावस्था से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। इनमें शारीरिक बदलाव, मानसिक स्वास्थ्य, व्यक्तिगत स्वच्छता, आत्म-संरक्षण और पोषण शामिल थे। छात्राओं ने अपने अनुभव बताए और एक्सपर्ट्स से सवाल पूछे। कार्यक्रम में विद्यालय की शिक्षिका स्वाति श्रीवास्तव, मधु मोयल, कमलेश वैष्णव और साहबा अली ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियों का संचालन किया। इसी दौरान, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, गांवड़ी में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी हरिनारायण वैष्णव ने निरीक्षण किया। उन्होंने स्कूल के रिकॉर्ड की जांच की। मिड-डे मील की गुणवत्ता की जांच की। प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों का शैक्षणिक स्तर परखा। निरीक्षण के दौरान प्रधानाचार्य दयालराम मीणा और अन्य स्टाफ सदस्य मौजूद रहे।
चोइथराम कॉलेज ऑफ नर्सिंग 12 और 13 सितंबर को राष्ट्रीय सम्मेलन 'Synergy-2K25' का आयोजन करने जा रहा है। इस सम्मेलन का विषय 'इंटरडिसकीप्लीनरी सिनर्जीः एआई एट द इंटरसेक्शन ऑफ हेल्थ, रिसर्च, एजुकेशन एंड प्रेपरिंग ग्लोबल हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स' है। दो दिवसीय कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर मंथन होगा। इसमें विशेष रूप से स्वास्थ्य, शिक्षा और रिसर्च के क्षेत्र में इसके प्रभाव और संभावनाओं पर चर्चा की जाएगी। प्रिंसिपल और ऑर्गनाइसिंग चेयरपर्सन प्रो. श्रीजा विजयन ने बताया कि सम्मेलन के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा विभाग के सचिव आईएएस विनीत जोशी होंगे। देशभर से स्वास्थ्य विशेषज्ञ, शोधकर्ता, शिक्षक और तकनीकी जानकार इस मंच पर शामिल होंगे। आयोजन चोइथराम इंटरनेशनल स्कूल के न्यू ऑडिटोरियम में होगा। आयोजन सचिव डॉ. प्रो. शीतल सक्सेना ने कहा कार्यक्रम के पहले दिन आईआईटी इंदौर की डॉ. सौमी चट्टोपाध्याय 'एक्सप्लेनेबल एआई' पर, आचार्य अच्युत गोपाल प्रभुजी 'एआई और अध्यात्म' पर, जबकि डॉ. अशोक शर्मा 'वर्चुअल सिम्युलेशन से नर्सिंग शिक्षा पर विचार रखेंगे। इसी दिन स्वास्थ्य निगरानी और पब्लिक हेल्थ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर सीएमएचओ के Epidemiologist डॉ. अंशुल मिश्रा व्याख्यान देंगे। दूसरे दिन डॉ. माया इंगले (डीएवीवी) 'एआई युग में शिक्षा पर, अधिवक्ता प्रवीण बावसे 'एआई से जुड़े कानूनी पहलुओं' पर और आईआईआईटी हैदराबाद के जूडिश राज 'एथिक्स एंड गवर्नेस ऑफ एआई' पर वक्तव्य देंगे। सम्मेलन के अंत में सांस्कृतिक संध्या और पोस्टर/पेपर प्रेजेंटेशन भी होंगे। भारतीय नर्सिंग परिषद (INC) ने इस सम्मेलन को 7.5 CNE घंटे / 1.5 CNE क्रेडिट मान्यता प्रदान की है। इसमें पूरे भारत से नर्सिंग संकाय सदस्य, स्टाफ नर्स, सहयोगी स्वास्थ्य पेशेवर, पब्लिक हेल्थ कोऑर्डिनेटर, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (CHOs) और बी.एससी., एम.एससी. व पीएच.डी. स्तर के स्टूडेंट्स भाग लेंगे।
उन्नाव में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए एसडीएम पुरवा प्रमेश श्रीवास्तव ने गुरुवार को क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने छात्रों की उपस्थिति और शिक्षण व्यवस्था की जांच की। ऊंचागांव किला प्राथमिक विद्यालय में 35 में से 26 छात्र और 2 शिक्षक मौजूद मिले। एसडीएम ने कक्षा-3 के छात्रों से द्विपाद का अर्थ और मकड़ी के पैरों की संख्या पूछी। छात्रों ने संतोषजनक जवाब दिए। कन्हाई खेडा प्राथमिक विद्यालय में उपस्थिति बेहतर थी। यहां 50 में से 45 छात्र मौजूद थे। एसडीएम ने छात्रों से गणित का सवाल पूछा कि 11 में क्या जोड़ें कि 99 हो जाए। छात्रों ने सही उत्तर देकर प्रभावित किया। एसडीएम ने शिक्षकों को समय पर विद्यालय पहुंचने और रोचक तरीके से पढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ तभी मिलेगा जब स्कूलों में पढ़ाई का माहौल और उपस्थिति बेहतर होगी। गांव के अभिभावकों ने निरीक्षण का स्वागत किया। उनका मानना है कि इस पहल से विद्यालयों में अनुशासन और शिक्षा का स्तर सुधरेगा। एसडीएम ने भविष्य में भी ऐसे औचक निरीक्षण जारी रखने की बात कही।
बिहार में शिक्षा विभाग के रीजनल डिप्टी डायरेक्टर वीरेंद्र नारायण के पटना, मुजफ्फरपुर और पूर्णिया स्थित घर और ऑफिस पर SVU (स्पेशल विजिलेंस यूनिट) ने गुरुवार सुबह रेड की है। आय से अधिक संपत्ति के मामले में ये छापेमारी की जा रही है। तीनों जगह पर बाहर से आने-जाने वालों पर टीम ने रोक लगा दी है। टीम पूरे मकान और मुजफ्फरपुर स्थित उनके ऑफिस को खंगाल रही है। मुजफ्फरपुर में भारी मात्रा में कैश मिलने की सूचना है। इसे गिनने के लिए मशीन मंगवाई गई है। पटना में झोले में 4 लाख कैश मिले हैं। पूर्णिया में वीरेंद्र नारायण की 5 करोड़ की कोठी में कार्रवाई चल रही है। ये 1 बीघा यानी 20 कट्ठे में बनी है। वीरेंद्र नारायण की फिलहाल तिरहुत प्रमंडल में पोस्टिंग है। रीजनल डिप्टी डायरेक्टर वीरेंद्र नारायण पर आय से 3 करोड़ 76 लाख रुपए से अधिक अवैध संपत्ति जमा करने का आरोप है। पटना-मुजफ्फरपुर-पूर्णिया में रेड पटना के जगनपुरा में वार्ड नंबर 32 में वीरेंद्र नारायण के घर पर रेड चल रही है। सुबह 7 बजे 4 गाड़ियों से 6 अफसरों की टीम उनके घर पहुंची। टीम के साथ पुलिस फोर्स भी मौजूद है। मेन गेट को लॉक कर दिया गया है। किसी को घर में आने-जाने की परमिशन नहीं है। यहां से टीम को झोले में 4 लाख कैश मिले हैं। कुछ पेपर्स और लैपटॉप भी टीम के हाथ लगे हैं। मुजफ्फरपुर में वीरेंद्र नारायण के ऑफिस और किराए के घर में स्पेशल विजिलेंस टीम ने रेड की है। सुबह करीब साढ़े 7 बजे 2 गाड़ियों से टीम यहां पहुंची। 7 से ज्यादा अफसर अंदर मौजूद हैं। ऑफिस के पेपर खंगाले जा रहे हैं। कर्मचारियों से भी पूछताछ हो रही है। टीम ने ऑफिस के रिकॉर्ड रूम को भी खंगाला है। मुजफ्फरपुर के खबरा रोड स्थित लेन नंबर 4 में वीरेंद्र नारायण के आवास पर भी कार्रवाई चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, कल रात ही पटना से 6 सदस्यीय टीम मुजफ्फरपुर पहुंची थी। टीम रातभर सर्किट हाउस में रूकी। सुबह 8 बजे ही कार्यालय खुलने से 1 घंटे पहले पहुंच गई थी। 9 बजे खुलते ही छानबीन शुरू कर दी। पूर्णिया के रामबाग में वीरेंद्र नारायण की आलीशान कोठी पर SVU ने रेड की है। सुबह करीब 7 बजे 2 गाड़ियों से 7 लोगों की टीम यहां पहुंची है। साढ़े 11 बजे 4 लोगों की टीम पिछले गेट से घर के अंदर गई है। बाहर बड़ी संख्या में पुलिस मौजूद है। घर में किसी को आने-जाने नहीं दिया जा रहा है। रेड से जुड़ी कुछ तस्वीरें.... पटना में 4 लाख कैश मिले हैं मुजफ्फरपुर में मशीन से नोटों की गिनती चल रही है पूर्णिया में आलीशान कोठी पर रेड टीम सामानों की लिस्ट बना रही है टीम घर में रखे दस्तावेज, कीमती सामान की लिस्ट बनाने में जुटी है। इसके अलावा घर में रखे लैपटॉप समेत अन्य गैजेट्स को भी खंगाल रही है। बताया जा रहा है कि वीरेंद्र नारायण के खिलाफ लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं, जिसके बाद उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा दर्ज किया गया है। वैशाली में DEO रहते लगे आरोप वीरेंद्र नारायण 10 जुलाई 2022 को वैशाली के जिला शिक्षा पदाधिकारी बने। इसी कार्यकाल के दौरान उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। साल 2024 की आखिरी महीने में जिले के तत्कालीन DM यशपाल मीणा ने DEO पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसमें प्रशासनिक लापरवाही से लेकर कर्तव्यों के उल्लंघन तक शामिल है। DEO पर रिटार्यड शिक्षकों के बकाया भुगतान में अनावश्यक देरी करने का आरोप है। साथ ही जनता की शिकायतों और विभिन्न योजनाओं के सुधार में लापरवाही बरतने के भी आरोप लगे थे। 4 जुलाई 2025 तक वे DEO रहे। 12 लाख जलाने वाले सुपरिटेंडेंट इंजीनियर के 3 ठिकानों पर EOU रेड इधर, कुछ दिन पहले रेड में 12 लाख कैश जलाने वाले ग्रामीण कार्य विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर विनोद कुमार राय के 3 ठिकानों पर आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने गुरुवार सुबह से छापेमारी शुरू कर दी है। पहलाः समस्तीपुर के हसनपुर थाना के तहत खरहिया गांव में उनके पुश्तैनी घर। दूसराः समस्तीपुर में ही टाउन थाना के तहत आदर्श नगर सेक्टर 4 स्थित विनोद राय के घर। तीसराः पटना में भूतनाथ रोड स्थित इंजीनियर के घर रेड हुई है। विनोद कुमार राय के खिलाफ EOU ने 3 करोड़ 38 लाख 46 हजार 892 रुपए आय से अधिक समाप्ति का केस दर्ज किया है। इसके बाद ही छापेमारी शुरू की गई है। दरअसल, पटना में 22 अगस्त को EOU ने ग्रामीण कार्य विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर विनोद कुमार राय के घर पर रेड की थी। भूतनाथ रोड स्थित आलीशान मकान से टीम ने 52 लाख कैश बरामद किए गए। इनमें 12 लाख 50 हजार जले हुए नोट थे। यही नहीं आवास से सोने के बिस्किट समेत 26 लाख के गहने बरामद हुए थे। EOU को उनके घर से बीमा पॉलिसी और जमीन, मकान के कागजात, इलेक्ट्रानिक्स सामान समेत 20 करोड़ की चल-अचल संपत्ति मिली थी। 5 साल में 43 इंजीनियर करप्शन में पकड़ाए बीते 5 सालों में बिहार की निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (विजिलेंस), स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) और आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने 43 इंजीनियरों को आय से अधिक संपत्ति और रंगे हाथ रिश्वत लेते पकड़ा है। इसमें से 20 ऐसे इंजीनियर हैं, जिनके पास करोड़ों की संपत्ति हैं। जबकि, 23 इंजीनियर रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार हुए। एजेंसियों की कार्रवाई के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे अधिक भवन निर्माण विभाग के इंजीनियर भ्रष्ट हैं। दूसरे नंबर पर बिजली विभाग और तीसरे नंबर पर ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियर हैं। ---------------------- इसे भी पढ़िए... रेड से पहले पत्नी के साथ नोट जलाने लगा इंजीनियर:किचन की चिमनी-टॉयलेट के पाइप से 52 लाख कैश मिले; सोने के बिस्किट-विदेशी घड़ियां भी पटना में शुक्रवार को EOU ने ग्रामीण कार्य विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर विनोद कुमार राय के घर पर रेड की। भूतनाथ रोड स्थित आलीशान मकान से टीम ने 52 लाख कैश बरामद किए। इनमें 12 लाख 50 हजार जले हुए नोट थे। यही नहीं आवास से सोने के बिस्किट समेत 26 लाख के गहने बरामद हुए। पूरी खबर पढ़ें।
जिले में सरकारी स्कूलों की जर्जर हालत को देखते हुए जिला कलक्टर ने 19 जर्जर स्कूलों व 465 स्कूलों के 1353 कक्षों को जमींदोज करने के आदेश कर दिए। दूसरी तरफ वैकल्पिक व्यवस्था के नाम पर बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। कहीं गंदे पानी में बैठाकर पोषाहार भोजन (एमडीएम) बनवाया जा रहा है, तो कहीं मुर्गी फार्म जैसी असुरक्षित जगहों में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। जहां न बच्चों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था है, न ही बिजली की कोई व्यवस्था है। कई ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों की हालत इतनी खराब है कि उन्हें बंद कर, दूसरे के घर में बैठाकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। नतीजा, स्कूल में बच्चों का नामांकन धीरे-धीरे घट रहा है। भास्कर रिपोर्टर ने स्कूलों में जाकर हालात जाने तो सामने आई सच्चाई... मिड-डे मील बनाने को गंदे पानी और कीचड़ से होकर जाना मजबूरी गर्ल्स सीनियर सेकंडरी मडरपुर के कक्ष 1 से 10, रसोईघर एवं शौचालय को जमींदोज करने के लिए जिला कलक्टर की टीम ने आदेश दे दिए। वहीं, स्कूल में पानी भरने की वजह से कक्षा नहीं लग रही, लेकिन मौके पर भास्कर पड़ताल में बच्चों के लिए पोषाहार बनता दिखा। जहां पोषाहार बनाने वाली महिलाएं गंदे पानी से होते हुए आती-जाती दिखीं। वहीं, स्कूल के छोटे बच्चे थाली लेकर जर्जर स्कूल में आते-जाते दिखे। जिससे स्वच्छता को लेकर सवाल उठा। वैकल्पिक व्यवस्था न होने के कारण पोषाहार बनाने वाली महिलाओं की जान जोखिम में डालते हुए दिखी। स्कूल शिक्षकों से बात की तो बताया कि 260 बच्चों का नामांकन है। बच्चों को बैठाकर पढ़ाने के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं है। स्कूल भवन जर्जर, अब मुर्गी फार्म में पढ़ा रहे हैं बच्चों को, पास में ही भरा रहता है कबाड़ राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नगला केवल को 2024 में जर्जर घोषित किया जा चुका है। जर्जर स्कूल को बनवाने के लिए सेशन भी आ चुका है। ऐसे में स्कूल प्रधानाध्यापक द्वारा बच्चों के बैठने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर स्कूल के पास में ही मुर्गी फार्म में किया गया है। कक्षा 1 से 8 तक 55 बच्चे गर्मी और उमस में बिना पंखे के धरती पर बैठकर पढ़ाई करते हैं तो दूसरी तरफ मुर्गियों के लिए दाना, भूसा व कबाड़ रखा हुआ है। जहां बच्चों के लिए न पीने के पानी की व्यवस्था है, न ही लड़कियों के लिए शौचालय की। शिक्षकों ने बताया कि स्कूल के जर्जर घोषित होने के बाद कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं थी। इस कारण बच्चों को मुर्गी फार्म में बैठाकर पढ़ाना पड़ रहा है। स्कूल जर्जर हुआ तो पड़ोस के घर में ही बनाया ठिकाना, खुले में लग रही क्लास कमरे जर्जर हुए तो स्कूल पर लगाया ताला, धूप में बैठकर पढ़ रहे बच्चे राजकीय सीनियर सेकंडरी स्कूल पीपला में 7 कमरे हैं। बाकी 7 कमरे जर्जर होने के कारण उन पर ताला लगा दिया गया। ऐसे में बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल के गार्डन में धूप व उमस में बैठकर पढ़ाना शुरू कर दिया। जहां अभी वैकल्पिक व्यवस्था के नाम पर कोई और व्यवस्था नहीं हुई है। प्रधानाचार्य प्रकाश चंद चौधरी ने बताया कि 462 बच्चों का नामांकन है। जो भी वैकल्पिक व्यवस्था कर सकते हैं, वह हम लोग बच्चों को पढ़ाने के लिए कर रहे हैं। उन्होंने बताया, इस संबंध में उच्चाधिकारियों को भी सूचित किया गया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अगर कोई प्रधानाचार्य मुर्गी फार्म व जर्जर घोषित स्कूल में एमडीएम बनवा रहा है, उसकी जानकारी कर तुरंत एक्शन लेंगे क्योंकि जर्जर स्कूल घोषित होने के बाद हमने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर बच्चों को पास के सरकारी स्कूल में शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं या पास में कोई धर्मशाला हो तो वहां बच्चों को बैठाकर पढ़ाने के आदेश दिए हैं। -सुरेंद्र गोपालिया, डीईओ माध्यमिक (नोडल अधिकारी)
शिक्षाविद् की मनाई गई 6वीं पुण्यतिथि
सिटी रिपोर्टर| अंबा प्रखंड मुख्यालय अंबा में शिक्षाविद् अवकाश प्राप्त शिक्षक उग्रह नारायण सिंह की छठी पुण्यतिथि बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री वितरण कर मनाई गई। यह कार्यक्रम औरंगाबाद रोड स्थित देवी मंदिर के प्रांगण में अंबे जागृति मंच द्वारा आयोजित हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड प्रमुख धर्मेंद्र कुमार व संचालन शिक्षक रामजीत सिंह ने किया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रमुख के साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी आदर्श कुमार नंदा, थानाध्यक्ष राहुल राज, शिक्षक संघ के राज्य सचिव धनंजय सिंह, पूर्व जिला परिषद सदस्य अजय भुईयां, महिला महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो दिनेश कुमार सिंह व कल्पवृक्ष धाम के अध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस दौरान सभा में मौजूद लोगों ने उक्त शिक्षक की तैल चित्र पर पुष्पांजलि की और 2 मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। वक्ताओं ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अन्य लोगों को सीख लेने की भी जरूरत है। उक्त शिक्षक अपने कार्यकाल में शैक्षणिक गतिविधि व समाज के लिए एक बड़ी मिसाल थे। उनके पास ढेर सारे गुण थे इसके बावजूद भी वह सादगी भरा जीवन जीते थे। यही कारण है कि आज भी शिक्षक समाज में उनका नाम गर्व से लिया जाता है। कई जगहों पर उन्हें उदाहरण के रूप में लेते हुए बातें होते रहती हैं। ऐसी शख्सियत उन्होंने बनाई कि आज वह मरकर भी अमर है। उक्त कार्यक्रम में सैकड़ों बच्चों के बीच पाठ्य सामग्री का वितरण किया गया और बच्चों को पढ़ाई के प्रति रुचि लेने के लिए प्रेरित की गई। उक्त कार्यक्रम में उनके पुत्र शिक्षक नागेंद्र सिंह व शैलेंद्र कुमार सिंह ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और कार्यक्रम को सफल बनाया। इस मौके पर परमिंदर कुमार सिंह, सुधीर कुमार सिंह, उमाशंकर सिंह, धीरेंद्र कुमार, विवेक कुमार सिंह, महेंद्र मिश्रा, रमेश कुमार, रामराज केसरी, रामवृक्ष पासवान, हसन इमाम, विजय सिंह समेत जिले भर के कई अन्य शिक्षक व समाजसेवी मौजूद थे।
आनेवाले समय में शिक्षा प्रणाली में एआई की अहम भूमिका : डॉ रविकांत
भास्कर न्यूज| बगोदर रामकृष्ण विवेकानंद कॉलेज ऑफ एजुकेशन, बगोदर में आयोजित पांच दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के दूसरे दिन मंगलवार को साउथ बिहार सेंट्रल यूनिवर्सिटी, गया के प्रोफेसर डॉ. रविकांत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सदुपयोग विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में शिक्षा प्रणाली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण होगी। एआई आधारित टूल्स, सॉफ्टवेयर और वेबसाइट्स के माध्यम से रिसर्च, इनोवेशन और फैकल्टी डेवलपमेंट के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में स्कूल और कॉलेजों में रोबोटिक्स आधारित शिक्षा आम हो जाएगी। कार्यक्रम में महाविद्यालय के सचिव कमलदेव सिंह, डायरेक्टर शैलेंद्र कुमार मालव, बगेड़िया प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य, ग्रिजली कॉलेज कोडरमा के प्राचार्य, मेजबान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अरुण कुमार दुबे, वाइस प्रिंसिपल डॉ. संजय कुमार सुमन, विभागाध्यक्ष डॉ. जगदीश प्रसाद मेहता, प्रो. चंद्रशेखर प्रसाद रजक, प्रो. डॉ. लक्ष्मी खेमलाल महतो, प्रो. राकेश कुमार, प्रो. प्रशांत थे।
उच्च शिक्षा मंत्रालयिक कर्मचारी संघ ने दिया ज्ञापन
उदयपुर | उच्च शिक्षा मंत्रालयिक कर्मचारी संघ ने बुधवार को कलेक्टर को ज्ञापन देकर कॉलेजों में मंत्रालयिक पदों पर संविदा नियुक्तियों का विरोध दर्ज कराया। संभाग अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद माली एवं जिला अध्यक्ष जयेश पुरोहित के नेतृत्व में दिए ज्ञापन में मांग की गई कि कॉलेजों के स्वीकृत मंत्रालयिक पदों को विभाग के मूल मंत्रालयिक संवर्ग में शामिल किया जाए। साथ ही इन पदों पर सीधी भर्ती, पदोन्नति एवं स्थानांतरण के माध्यम से स्थाई नियुक्तियां की जाएं। ज्ञापन देते समय शंकर सिंह, विक्रम सिंह, अंबालाल आदि मौजूद रहे। संघ ने सरकार से मांग की है कि वह संविदा नियुक्तियों के निर्णय पर पुनर्विचार करे और स्थायी नियुक्तियों की प्रक्रिया को प्राथमिकता दे।
चिकित्सक शिक्षक अनशन पर, मांग- चिकित्सा शिक्षा में लेटरल एंट्री की स्वीकृति नहीं दे सरकार
राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (आरएमसीटीए) उदयपुर ने बुधवार से आरएनटी मेडिकल कॉलेज में क्रमिक अनशन शुरू कर दिया। ये राज्य में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए चिकित्सा शिक्षा में लेटरल एंट्री की अनुमति नहीं देने की मांग कर रहे हैं। छह प्रमुख मांगें रखते हुए एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि यदि इन मुद्दों पर शीघ्र विचार नहीं किया गया तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। कार्य व्यवस्था प्रभावित नहीं हो इसे देखते हुए विरोध प्रदर्शन किया। मुख्य सचिव के नाम कलेक्टर नमित मेहता को ज्ञापन भी दिया। प्रदेश में राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी के अन्तर्गत जो 22 मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं, उन कॉलेजों में शिक्षक चिकित्सकों के रिक्त पदों पर ऐसे डॉक्टरों को सरकार लाने की तैयारी कर रही है, जिन्हें पढ़ाने का कोई अनुभव नहीं है। ये शिक्षक बिना किसी प्रक्रिया के केवल अनुभव के आधार पर मेडिकल ऑफिसर से सीधे एसोसिएट प्रोफेसर बन जाएंगे। ये विरोध प्रदर्शन इस नई प्रक्रिया को लागू करने से रोकने के लिए किया जा रहा है। मांगें केवल शिक्षकों के हित के लिए ही नहीं, बल्कि चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान की गुणवत्ता और छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के लिए भी जरूरी हैं। एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर शीघ्र सकारात्मक कदम नहीं उठाए, तो उन्हें मजबूरन आंदोलन की राह पकड़नी पड़ेगी। आरएमसीटीए सचिव डॉ. तरुण रलोत ने बताया कि प्रदेश की तरह आरएनटी में शुरुआत की है। हमने क्रमिक अनशन भी मरीजों को परेशानी नहीं हो ये देखते हुए शुरू किया। ये भी हैं आरएमसीटीए की प्रमुख मांगें {भर्ती केवल प्रवेश स्तर पर सहायक आचार्य (असिस्टेंट प्रोफेसर) पद पर ही की जाए। {भर्ती प्रक्रिया केवल आरपीएससी के माध्यम से ही संपन्न की जाए। {राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप समय-समय पर डीएसीपी (डिपार्टमेंटल असेसमेंट एंड करियर प्रोग्रेशन) लागू किया जाए। {चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में नियमित भर्ती नीति अपनाई जाए। {पीजी डिग्री प्राप्त डेमोन्सट्रेटर को सहायक आचार्य पद पर पदोन्नति दी जाए। मांगों को लेकर क्रमिक अनशन पर बैठक चिकित्सक शिक्षक।
लखनऊ के बख्शी का तालाब क्षेत्र में स्थित मां कमला देवी श्री पिताम्बरा देवी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में टैबलेट वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बुधवार को बीकेटी विधानसभा क्षेत्र के विधायक योगेश शुक्ला ने संस्थान के 300 छात्रों को टैबलेट वितरित किए। विधायक योगेश शुक्ला ने छात्रों को टैबलेट के उचित उपयोग की सलाह दी। उन्होंने कहा कि टैबलेट का इस्तेमाल शिक्षा के लिए करें। इससे आधुनिक जानकारियां प्राप्त होंगी और रोजगार के अवसर भी मिल सकेंगे। संस्थान के चेयरमैन ने राज्य सरकार की इस पहल की सराहना की। उन्होंने बताया कि टैबलेट के माध्यम से छात्र घर बैठे ही पढ़ाई कर सकते हैं। छात्र नई जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। यह प्रैक्टिकल और थ्योरी की शिक्षा को आसान बनाएगा। साथ ही रोजगार के अवसर बढ़ाने में मददगार साबित होगा।
प्रदेश के जिन विद्यालयों में चालू शिक्षा सत्र में एक भी विद्यार्थी का एडमिशन नहीं हुआ है, ऐसे विद्यालयों के शिक्षकों को अब उन विद्यालयों में पदस्थ किया जाएगा जहां टीचर्स की कमी है। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने काउंसलिंग के जरिए ऐसे टीचर्स को शाला विकल्प चुनने का मौका देने का फैसला लिया है। काउंसलिंग की कार्यवाही 12 सितंबर को की जाएगी। इसमें सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को ताकीद किया है कि जो भी कार्यवाही की जाए वह पूरी पारदर्शिता और शुचिता के साथ होनी चाहिए। लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए निर्देश में कहा है कि एजुकेशन पोर्टल 3.0 पर दर्ज जानकारी के अनुसार जिलों में शून्य नामांकन वाले विद्यालयों में पदस्थ शिक्षकों को उन विद्यालयों में पदस्थ किया जाएगा जहां शिक्षकों की कमी है। इसी तारतम्य में शून्य नामांकन (नो न्यू एडमिशन) वाले विद्यालयों में पदस्थ शिक्षकों की जानकारी गूगल शीट जीरो एनरोलमेंट स्कूल टीचर डेटा फॉर काउंसलिंग पर सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को शेयर की गई है। इसके अलावा अगर किसी स्कूल के शिक्षक छूटे हों तो उनकी एंट्री गूगल शीट पर की जाना है। 12 सितंबर को दोपहर में होगी काउंसलिंगइन शिक्षकों की काउंसलिंग 12 सितंबर को दोपहर 12 बजे से की जानी है। इसलिए सभी शिक्षकों को 12 सितम्बर को तय स्थान पर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उपस्थित होकर शाला विकल्प का चयन करना है। ऐसे शिक्षक जो काउंसलिंग में उपस्थित नहीं होंगे या शाला विकल्प चयन नहीं करेंगे उनकी पदस्थापना जिले में किसी भी स्कूल में की जा सकेगी। जिला स्तर पर काउंसलिंग सीनियरिटी के आधार पर की जाएगी। इसके लिए जिला शिक्षा अधिकारी ग्रेडेशन लिस्ट के आधार पर काउंसलिंग करेंगे यानी सीनियर टीचर को शाला विकल्प का मौका पहले दिया जाएगा। काउंसलिंग में मौजूद शिक्षकों द्वारा चयन किए गए विकल्प का सहमति पत्र लेकर जिला शिक्षा कार्यालय में रिकार्ड रखा जाएगा। काउंसलिंग के बाद जिला शिक्षा अधिकारी गूगल शीट की जानकारी लोक शिक्षण संचालनालय को भेजेंगे। इसमें समय सीमा और पारदर्शिता रखने के लिए खासतौर पर ताकीद किया गया है।
हिसार के हांसी में एसपी अमित यशवर्धन ने मंगलवार को अपने कार्यालय में आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम के दौरान स्वर्गीय चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी सतीस (निवासी ढाणी ब्राह्मण) की धर्मपत्नी आशा को आर्थिक सहयोग स्वरूप 24 लाख 21 हजार 500 रुपए का चेक दिया। यह राशि विभागीय सहयोग और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत उपलब्ध करवाई गई है। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हांसी पुलिस अपने हर कर्मचारी को परिवार का हिस्सा मानती है। किसी कर्मचारी के निधन के बाद उसके परिजनों को अकेला महसूस न हो, यह विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि विभाग का उद्देश्य है कि दिवंगत कर्मचारी के आश्रितों को न तो आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़े और न ही बच्चों की शिक्षा तथा परिवार की अन्य आवश्यकताओं में कोई बाधा आए। उन्होंने स्वर्गीय सतीस की सेवाओं को याद करते हुए कहा कि उनकी निष्ठा और योगदान अमूल्य हैं। विभाग सदैव उनके परिवार की मदद के लिए तत्पर रहेगा और किसी भी आवश्यकता पर हर संभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। मौके पर मौजूद अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने भी स्वर्गीय सतीस को श्रद्धांजलि अर्पित की और आशा व उनके परिवार के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की लगातार अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया है। पाया गया कि कई शिक्षक बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) या पर्यवेक्षक की ड्यूटी का हवाला देकर लंबे समय से विद्यालय से अनुपस्थित रहते हैं, जिससे पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। इस स्थिति को देखते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) ने कड़ा निर्देश जारी किया है। आदेश के अनुसार अब सभी बीएलओ और बीएलओ पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत शिक्षकों को विद्यालय में नियमित रूप से उपस्थित रहना होगा और सामान्य शिक्षण कार्य करना होगा। बीएलओ से जुड़ी जिम्मेदारियां शिक्षक विद्यालय समय के बाद या अतिरिक्त समय में पूरी करेंगे। पदाधिकारी ने स्पष्ट किया कि पढ़ाई से समझौता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राजस्थान एसओजी-एटीएस की टीम ने आज एक महिला शिक्षक को फर्जी दस्तावेजों से नौकरी लगने के मामले में गिरफ्तार किया है। महिला की ओर से शिक्षा निदेशालय बीकानेर प्रारम्भिक की नियुक्ति शाखा की ई-मेल आईडी पर फर्जी सत्यापन रिपोर्ट दी गई। जिसको लेकर आज उसे हिंडौन सिटी करौली से गिरफ्तार कर लिया। दरअसल, तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा 2021 में राज्य सरकार ने खेल कोटे में 2 प्रतिशत आरक्षण कोटा देने की अधिसूचना जारी की थी। जिसमें ताईक्वांडो फेडरेशन ऑफ इंडिया धनबाद (झारखण्ड) के फर्जी खेल प्रमाण पत्रों से शिक्षकों के नौकरी लगने की एसओजी को शिकायत मिली थी। जिस पर एसओजी ने एक एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। हिंडौन सिटी करौली से किया गिरफ्तार एसओजी के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि हेमलता गुर्जर (31) पत्नी प्रधुमन सिंह गुर्जर निवासी गांव तिगरिया, पुलिस थाना नई मंडी हिंडौनसिटी, जिला करौली को एसओजी ने गिरफ्तार किया है। हेमलता गुर्जर के पति प्रधुमन सिंह गुर्जर ने राजस्थान ताइक्वांडो एसोसिएशन के महासचिव दिनेश जगरवाल से मिलकर फर्जीवाड़ा किया है। पति ने दलाल से मिलकर किया फर्जीवाड़ा हेमलता गुर्जर का बिना ताईक्वांंडो खेले ही फर्जी तरीके से थर्ड भगवान महावीर ओपन नेशनल ताईक्वांडो चैम्पियनशिप-2017 की ताई शीटों में काटछांट कर नाम जुड़वाया था। उसके पति ने दलाल हितेश भादु के जरिए फर्जी तरीके से खेल प्रमाण पत्र का सत्यापन करवाया था। फर्जी ईमेल रिपोर्ट भेजने वाले बिमलेंदु कुमार झा, रुपयों का लेनदेन करने वाला दलाल कमल सिंह, हितेश भादु और राजस्थान ताईक्वांडो एसोसिएशन के महासचिव दिनेश जगरवाल, फर्जी सत्यापन रिपोर्ट से नौकरी पाने वाले मनोज कुमार गुर्जर और हेमलता के पति प्रधुमन सिंह गुर्जर को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है।
कैथल जिले के कलायत के जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. विजय लक्ष्मी ने गांव बालू में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल और राजकीय प्राथमिक पाठशाला का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने स्वच्छता सप्ताह के तहत चल रही गतिविधियों और शैक्षणिक कार्यों की समीक्षा की। खंड कलायत के स्वच्छता अभियान नोडल अधिकारी डॉ. नरेंद्र बालियान भी इस दौरान मौजूद रहे। कमरों से लेकर स्टोर तक जांची व्यवस्था जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल के सभी कमरों, रसोईघर, स्टोर और अन्य स्थानों पर सफाई व्यवस्था की जांच की। स्कूल प्रबंधन को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। स्कूल को निर्देश दिया गया है कि सफाई कार्य पूरा होने के बाद पूरे स्कूल की वीडियोग्राफी करके जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करें। किसी तरह की कमी बर्दाश्त नहीं होगी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि स्वच्छता से जुड़ी गतिविधियों की अगले सप्ताह दोबारा जांच होगी। किसी तरह की कमी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। खंड शिक्षा अधिकारी कलायत ने पहले ही सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
राजस्थान के पंचायती राज व शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने चूरू के ढाणी डीएसपुरा में सफाई व्यवस्था की खराब स्थिति पर कड़ी नाराजगी जताई। मंत्री मंगलवार को एक शोकसभा में शामिल होने आए थे। इस दौरान वे ढाणी डीएसपुरा और ढाणी लालसिंहपुरा का निरीक्षण करने पहुंचे। ग्रामीणों ने मंत्री को बताया कि पिछले तीन महीने से गांव में सफाई नहीं हुई है। यह सुनते ही मंत्री दिलावर ने सरपंच पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ठेकेदारों को बिना काम के भुगतान किया जा रहा है। मंत्री ने बीडीओ को 30 सितंबर तक सफाई व्यवस्था में सुधार लाने का निर्देश दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि समय सीमा में सुधार नहीं होने पर सरपंच, ठेकेदार और ग्राम अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मंत्री के निरीक्षण का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में वे गांव की गलियों में खड़े होकर अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से सवाल पूछते नजर आ रहे हैं।
छिंदवाड़ा स्कूल शिक्षा विभाग और जनजातीय कार्य विभाग की शैक्षणिक गतिविधियों की कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह द्वारा गहराई से समीक्षा की गई। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी जी.एस. बघेल, सहायक संचालक शिक्षा जनजातीय कार्य विभाग उमेश सातनकर, डीपीसी जगदीश इड़पाचे, सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारी, एपीसी और बीआरसीसी उपस्थित रहे। कलेक्टर ने कमजोर विद्यार्थियों के लिए रेमेडियल क्लासेस नियमित संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये कक्षाएं समय पर चलें ताकि बच्चों की कमियों को दूर कर परीक्षा में बेहतर परिणाम सुनिश्चित किए जा सकें। ई-अटेंडेंस में लापरवाही बर्दाश्त नहींबैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि जिन विद्यालयों में ई-अटेंडेंस नहीं लगाई जा रही है, उनकी सूची तत्काल उपलब्ध कराई जाए और संबंधित इंचार्ज पर सख्त कार्यवाही की जाए। “शिक्षकों की उपस्थिति और समयपालन शिक्षा की गुणवत्ता का आधार है,” उन्होंने कहा। अतिथि शिक्षकों पर भी कड़ी कार्रवाईकलेक्टर ने कहा कि यदि अतिथि शिक्षक अपने दायित्वों का ईमानदारी से निर्वहन नहीं कर रहे हैं तो उन्हें तुरंत हटाया जाए। उन्होंने कहा कि जिले के विद्यार्थियों के भविष्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अतिथि शिक्षक नियमित, समय पर और गुणवत्तापूर्ण कक्षाएँ लें, अन्यथा उनकी सेवाएँ समाप्त कर दी जाएँ। अब पेरेंट-टीचर मीटिंग पालकों के घर परकलेक्टर ने निर्देश दिया कि प्रत्येक 15 दिन में कम से कम एक पालक के घर बैठक आयोजित की जाए। इससे अभिभावकों की सहभागिता बढ़ेगी और बच्चों की पढ़ाई में परिवार की भूमिका मजबूत होगी। कलेक्टर सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग की प्रत्येक गतिविधि की समीक्षा समय-समय पर की जाएगी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने स्कूलों को निरीक्षण के दौरान लापरवाही बरतने वाले 1 शिक्षक को सस्पेंड कर दिया, वहीं 4 अन्य को नोटिस दिया है। दरअसल, निदेशक जाट शिक्षा विभाग की ओर से चल रहे मौखिक प्रवाह पठन कार्यक्रम में लापरवाही पाए जाने पर ये कार्रवाई की है। इस कार्यक्रम के तहत बच्चों को पढ़ने की स्पीड बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। बीकानेर की 4 स्कूलों का किया निरीक्षणनिदेशक जाट ने मंगलवार को बीकानेर के 4 विद्यालयों में आयोजित गतिविधियों का औचक निरीक्षण किया। साथ ही विद्यालय में शिक्षण एवं अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय, खारी चारणान में कक्षा 3 से 5 एवं कक्षा 6 से 8 के समूह बनाकर इस तरह की एक्टिविटी करवानी थी, ताकि बच्चे की पढ़ने की स्पीड बढ़ सके। ऐसी कोई एक्टिविटी स्कूल में नहीं करवाई गई। जाट ने संबंधित शिक्षकों को गम्भीरता पूर्वक कार्य करने की चेतावनी दी और योजनानुसार गतिविधियां आयोजन के निर्देश दिए। सस्पेंड टीचर पर घोर लापरवाही का आरोपपीएमश्री राउमावि गौड़ू में कार्यक्रम प्रभारी और अध्यापक लेवल-2 चौथमल के कार्य में घोर लापरवाही बताते हुए सस्पेंड किया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय माध्यमिक ने चौथमल को निलंबित किया है। इनको मिलेगा 17 सीसीए नोटिसनिदेशक ने खारी चारणान विद्यालय के की अध्यापिका लेवल-1 रेखा गर्ग और मनदीप कौर तथा वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक माणक चंद सुथार द्वारा गतिविधि आयोजन में बरती जा रही लापरवाही के लिए इनके खिलाफ सीसीए नियम-17 के तहत कार्यवाही प्रारंभ किये जाने के निर्देश दिये गए। इसी प्रकार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, बज्जू में भी मौखिक प्रवाह पठन कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को समूह अनुसार गतिविधियों का आयोजन नहीं करवाया जाना पाया गया। विद्यालय के संस्था प्रधान बगसा राम बिश्नोई द्वारा कार्यक्रम के संबंध में संतोषजनक जानकारी प्रदान नहीं की गई। कार्यक्रम के दिशा-निर्देश एवं गतिविधि आयोजन के संबंध में किसी भी प्रकार की कार्य योजना का भी नहीं पाई गई। इसके मद्देनजर संस्था प्रधान के खिलाफ सीसीए नियम-17 के तहत कार्यवाही प्रारंभ करने के निर्देश प्रदान किये गए। जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय (माध्यमिक) द्वारा इन शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ करने के लिए नोटिस जारी कर दिया गया और 12 सितंबर तक स्पष्टीकरण चाहा गया है। क्या है ओआरएफमुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान प्रखर राजस्थान 2.0 के तहत प्राइमरी क्लास में पढ़ने वाले बच्चों को किताब पढ़ते समय अटकने के बजाय स्पीड बनाने के लिए ये कार्यक्रम तय किया गया है। ताकि भाषायी कौशल के विकास, समझ के साथ पढ़ने, लिखने की आदत हो सके। राज्य सरकार ने इस कार्यक्रम को मिशन मोड पर लिया है। छात्रावास का भी किया निरीक्षणनिदेशक ने कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय, बज्जू के छात्रावास का भी निरीक्षण किया। यहां सहायक वार्डन अर्चना रावत उपस्थित रही। छात्रावास में साफ-सफाई एवं भोजन की गुणवत्ता सही पाई गई। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मोडायत में निरीक्षण के समय संतोषजनक शैक्षिक व्यवस्थाएं पायी गई। इस दौरान अतिरिक्त निदेशक गोपाल राम बिरदा और जिला शिक्षा अधिकारी (मुख्यालय) माध्यमिक किशन दान चारण साथ रहे।
पंचकूला के रिटायर्ड शिक्षा विभाग अधिकारी से बाइक सवार 2 बदमाश पर्स छीनकर भाग गए। उन्होंने शोर भी मचाया लेकिन तब तक बदमाश वहां से भाग चुके थे। पीड़ित की शिकायत पर पंचकूला सेक्टर-5 थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। पंचकूला सेक्टर-5 ए के निवासी मोहन लाल सैनी ने बताया कि मैं हरियाणा स्कूल शिक्षा विभाग से रिटायर्ड अधिकारी हुं। मैं सेक्टर-16 पंचकूला में अपनी गाडी का फास्ट टैग रिचार्ज करवाने बैंक गया था। बैंक से काम करवाकर वापिस चला तो सेक्टर 9/10 व 11/15 के चौक के बीच में 2 बाइक सवारों ने मुझे रोका और मुझे कहा कि आप बीडी या जरदा पिते हो क्या? यदि आप पीते है तो हमे दो। मैं रूका तो मुझे कहने लगे कि क्या हम चोर लगते हैं और आप जेब चैक करवाओ। इसी तरह से बातचीत 2-3 मिनट चली फिर बाइक सवार ने मेरी जेब पर हाथ लगाकर चैक किया, जो मुझे कहने लगे आप अपना पर्स निकालकर दिखाओ। मैं पर्स निकालकर दिखाने लगा तो पर्स छीन कर भाग गए। जिसमें 10 हजार रुपए कैश, एटीएम कार्ड, पेंशन कार्ड, सीनियर सिटीजन कार्ड व दूसरे कागजात थे। मैंने तुरंत बैंक जाकर अपना एटीएम कार्ड बंद करवाया। चल रही है जांच : ASI सुनीलपंचकूला सेक्टर-5 पुलिस थाना के जांच अधिकारी ASI सुनील ने बताया कि पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आसपास के एरिया में CCTV चैक किए जा रहे हैं। हालांकि अभी तक दोनों बाइक सवार का सुराग नहीं लगा है। वे आरोपियों का पता लगाने के प्रयास में जुटे हुए हैं।
शिक्षा विभाग:अलोक ने कहा- पेपर लीक रोकने के लिए भविष्य में टैबलेट बेस होंगी चयन बोर्ड की परीक्षाएं
शिक्षा विभाग की ओर से कर्मचारी चयन बोर्ड जयपुर को तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की अभ्यर्थना प्राप्त होने के बाद भर्ती परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन शुरू किए जाएंगे। 19 से 21 सितंबर को होने वाली चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी परीक्षा का जायजा लेने एक दिवसीय दौरे पर बीकानेर आए चयन बोर्ड के अध्यक्ष एवं पूर्व मेजर जनरल आलोक राज ने दैनिक भास्कर से बातचीत में बताया कि तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा जनवरी में प्रस्तावित है। शिक्षा विभाग की ओर से फिलहाल अभ्यर्थना प्राप्त नहीं हुई है। अभ्यर्थना आते ही भर्ती परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन शुरू कर दिए जाएंगे। दरअसल, आरपीएससी की ओर से अगले साल मई-जून में व्याख्याता और जुलाई में सेकंड ग्रेड भर्ती परीक्षा प्रस्तावित है। जिसके लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो चुके हैं। लेकिन जनवरी में प्रस्तावित तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा के ऑनलाइन आवेदन अभी तक शुरू नहीं हुए। पेपर लीक होने की समस्या पर उन्होंने कहा कि चयन बोर्ड भविष्य में सरकारी सेंटर पर टैबलेट बेस परीक्षा आयोजित करने की कवायद में जुटा है। इसको लेकर आईआईटी कानपुर और आईआईटी मद्रास के सहयोग से परीक्षण किया जा रहा है। इसको लेकर पहले एक परीक्षण सफल नहीं हुआ, लेकिन अब दोबारा परीक्षण किया जा रहा है ताकि बिना पेपर लीक हुए परीक्षा को संपन्न करवाया जा सके। उन्होंने बताया कि जल्द ही बोर्ड सरकारी केंद्रों पर टैबलेट बेस परीक्षा आयोजित करने में सफल होगा। बोर्ड 1 लाख परीक्षार्थी की संख्या वाले पेपर टैबलेट बेस करवाने की कवायद में जुटा है। अगर परीक्षा कंप्यूटर या टैबलेट बेस आयोजित की जाएगी तो पेपर लीक की समस्या ही खत्म हो जाएगी। बीकानेर सहित 38 जिलों में होगी चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी परीक्षा कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज ने कहा कि आगामी 19-21 सितंबर को बीकानेर सहित राज्य के 38 जिलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी परीक्षा होगी। इस परीक्षा में करीब 25 लाख परीक्षार्थी बैठेंगे। उन्होंने बताया कि विभिन्न जिलों में जाकर वे परीक्षा तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। डमी कैंडिडेट को रोकने के लिए बायोमैट्रिक उपस्थिति आलोक राज ने बताया कि डमी कैंडिडेट और पेपर लीक से बचने के लिए बोर्ड ने कई कदम उठाए हैं। डमी कैंडिडेट की रोकथाम को लेकर परीक्षार्थियों की बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज करने के साथ फेस स्कैन भी किया जा रहा है। पेपर लीक से बचने के लिए अलग - अलग प्रिंटिग प्रेस से अलग-अलग सेट बनवाना, परीक्षा केन्द्र को परीक्षा शुरू होने से एक घंटे पहले बंद करना, वीडियोग्राफी, परीक्षा कक्ष में सीसीटीवी लगाने समेत विभिन्न उपाय किए गए हैं।
शिक्षा विभाग के बीआरसी सोलंकी ने 8 माह तक लिया दोहरा वेतन, पहले निलंबन, अब शिक्षक बनाकर भेजा
भास्कर संवाददाता | उज्जैन शिक्षा विभाग के एक अधिकारी द्वारा 8 माह तक दोहरा वेतन लिया गया, जिसकी शिकायत हुई और मामले के करीब दो साल बाद जांच हो पाई। जांच में शिकायत सही निकलने पर संबंधित अधिकारी के साथ ही वेतन का लेखा-जोखा रखने वाले दो कर्मचारियों पर भी कार्रवाई करते हुए उनकी एक वेतनवृद्धि रोक दी गई। विभाग के अफसर संतोष सोलंकी है, जो कि पहले शिक्षा विभाग अंतर्गत बिछड़ौद में पदस्थ थे और 2022 के आसपास इनका स्थानांतरण घट्टिया हुआ, जहां वे बीआरसी का पद संभाल रहे थे। इस बीच इनके खाते में जून 2022 से जनवरी 2023 तक कुल आठ माह का दोहरा वेतन आता रहा। बिछड़ौद और घट्टिया दोनों जगह से वेतन अधिकारी को मिलता रहा और अधिकारी द्वारा इस बात की सूचना नहीं दी गई। सितंबर 2024 में मामले में शिकायत हुई, जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने मामले में जांच की। इस दौरान अधिकारी को सस्पेंड कर विभाग ने मामले में जांच करवाई। शिकायत सही निकलने पर कुछ माह पहले ही विभाग ने अधिकारी को नौकरी से बहाल कर गांव कालूहेड़ा शिक्षक के रूप में भेज दिया। मामले में शिक्षा विभाग ने जांच फिर आगे बढ़ाई है और वेतन का लेखा-जोखा रखने वाले दुष्यंत जैन और राजेंद्र द्विवेदी पर कार्रवाई करते हुए एक वेतनवृद्धि रोक दी है। मामले में जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा ने जांच प्रतिवेदन लोक शिक्षण संभाग संयुक्त संचालक रमा नाहटे को सौंपा था, जिसमें बताया कि प्रतिमाह निकालने वाले वेतन संबंधी जानकारी आहरण संवितरण अधिकारी द्वारा संकुलों से प्राप्त नहीं की जाती है। जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत होने के बाद संयुक्त संचालक नाहटे द्वारा 3 सितंबर 2025 को विकासखंड घट्टिया लेखापाल दुष्यंत जैन और बिछड़ौद में लिपिक राजेंद्र द्विवेदी पर कार्रवाई कर एक वेतनवृद्धि रोक दी है। लापरवाही पर कार्रवाई की ^दोहरा वेतन लेने की शिकायत पर जांच करवाई। जांच के बाद शिक्षक को बहाल कर कालूहेड़ा भेज दिया है। कर्मचारियों द्वारा लापरवाही सामने आई, जिसके बाद एक वेतनवृद्धि रोकते हुए कार्रवाई की गई है। - रमा नाहटे, संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग
शिक्षा को हमले से बचाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2025: स्कूलों और छात्रों के खिलाफ बढ़ती हिंसा
On September 9, 2025, the world marks the International Day to Protect Education from Attack amid rising violence in conflict zones. UN reports confirm 6,000 attacks on schools in two years, with 10,000 students harmed. UNESCO and UNICEF call for stronger protections and full implementation of the Safe Schools Declaration.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन दिल्ली में मेवाड़ के पूर्व राजपरिवार के सदस्य डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने मंगलवार को शिष्टाचार भेंट की। राष्ट्रपति द्रौपदी और महाराणा प्रताप के वंशज डॉ. लक्ष्यराज सिंह के बीच राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर के विभिन्न समसामयिक विषयों और मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास के पारस्परिक संबंधों पर विस्तार से चर्चा हुई। दोनों के बीच बालिका शिक्षा, महिला सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण जैसे अतिमहत्वपूर्ण विषय पर भी गंभीरता से वार्ता हुई। डॉ. लक्ष्यराज सिंह ने राष्ट्रपति द्रौपदी को बताया कि मेवाड़ राजघराने ने आज से 162 वर्ष पूर्व बालिका शिक्षा के प्रोत्साहन की अभिनव पहल की। महाराणा शंभु सिंह ने 1863 में शंभू पाठशाला की स्थापना की, जो वर्तमान में राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय जगदीश चौक उदयपुर के नाम से संचालित है। इसमें अभी 600 से ज़्यादा बेटियां अध्ययनरत हैं। उन्होंने उनको बताया कि मेवाड़ राजपरिवार आज भी शम्भू पाठशाला में पढ़ने वाली बेटियों के लिए कम्प्यूटर, पुस्तकें, स्टेशनरी इत्यादि उपलब्ध कराने की परंपरा का निर्वहन कर रहा है। उल्लेखनीय है कि डॉ. लक्ष्यराज सिंह के आमंत्रण पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 3 अक्टूबर 2024 को उदयपुर सिटी पैलेस में आई थीं तब उनकी अगवानी की गई थी।
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में समर्थ उत्तर प्रदेश विकसित-2047 अभियान के तहत संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने की। मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस राजीव कपूर ने कहा कि उत्तर प्रदेश कुछ मामलों में अन्य राज्यों से पिछड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि 2047 तक प्रदेश को विकसित बनाने के लिए आमजन से संवाद कर नीतियां बनाई जाएंगी। विकसित उत्तर प्रदेश का मुख्य लक्ष्य राज्य को विकसित भारत का अग्रदूत बनाना है। कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने कहा कि 2047 तक विकसित उत्तर प्रदेश बनाने की जिम्मेदारी युवाओं पर है। उन्होंने किसानों को साल में तीन फसलें उगाने और बेहतर बीजों का चयन करने की सलाह दी। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए नई प्रजातियां विकसित कर रहे हैं। योजना के तहत शिक्षा, कौशल विकास और नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा। स्वास्थ्य, सुरक्षा और सामाजिक कल्याण को प्राथमिकता दी जाएगी। कुलपति ने युवाओं को सलाह दी कि वे नौकरी की तलाश में भटकने के बजाय कृषि क्षेत्र में उद्यमिता को बढ़ावा दें। संवाद कार्यक्रम में पहुंचे अधिकारियों ने किसानों और युवाओं के साथ संवाद किया। इस दौरान युवाओं एवं किसानों के सुझावों को भी सुना और उनकी समस्या का भी समाधान किया। किसान रंजीत नारायण तिवारी ने सुझाव देते हुए कहा कि मनुष्य करैला खाकर कबतक जीवन यापन करेगा। वैज्ञानिकों को ऐसा शोध करना होगा जिससे विकसित होने वाली प्रजातियां बीमारी से मुक्त हो और लोग अधिक दिन तक जिंदा रह सकें। बताया कि किसानों को अनाज रखने पर बीमारी न लगे इसके लिए सरकार को प्रयास करना होगा। छात्र सुजीत ने बताया कि दूध महंगा होता जा रहा है लेकिन लोगों को कम प्रोटीन मिल रहा है। फसल की पैदावार के साथ-साथ मैनुफेक्चरिंग करना होगा। मात्सियकी की छात्रा का कहना है कि किसान मछली पालन के साथ-साथ फसलों की भी रोपाई करें जिससे कि उनकी आय दोगुणी हो सके। मत्स्य पालकों को यह ध्यान रखना होगा कि ऐसे फसल की रोपाई न करें जिससे मछलियों या फसल को किसी प्रकार का नुकसान हो।
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग को लेकर छात्रों ने मंगलवार को विथीका भवन के सामने धरना प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में एकत्र छात्रों ने नारेबाजी के साथ अपनी मांग रखी। छात्र नेता इंद्रलाल पटेल के अनुसार, पिछले चार वर्षों से वे इस मांग को लेकर ज्ञापन और पत्राचार कर रहे हैं। सीधी जिले में स्नातक स्तर तक की शिक्षा उपलब्ध है। उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को रीवा, जबलपुर, इलाहाबाद या अन्य राज्यों का रुख करना पड़ता है। जिले में कई महाविद्यालय एक ही संकाय तक सीमित हैं। यहां न तो परास्नातक स्तर की पढ़ाई है और न ही मेडिकल, लॉ या तकनीकी शिक्षा संस्थान हैं। छात्र नेता ज्योति पटेल ने बताया कि आर्थिक कठिनाइयों के कारण कई छात्र उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। छात्रों ने पांच घंटे तक शांतिपूर्ण धरना दिया। आंदोलन में इंद्रलाल पटेल, ज्योति पटेल, अंकुर सिंह, विजय पटेल, मुस्कान द्विवेदी, राहुल यादव, आरती तिवारी, शिवानी रावत और रोशनी पटेल सहित अन्य छात्र-छात्राएं शामिल रहे। प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर से मिलकर ज्ञापन सौंपने की मांग की।
पौआखाली में शिक्षा की नई पहल:स्कूल से वंचित बच्चियों को मिला नया अवसर, समाज में बदलाव की उम्मीद
किशनगंज जिले के पौआखाली थाना क्षेत्र में शिक्षा के क्षेत्र में एक नई पहल की शुरुआत हुई है। रसिया ग्राम पंचायत के महादलित टोला, वार्ड संख्या 14 में यूनाइट फाउंडेशन ने शिक्षा ज्योति केंद्र की स्थापना की है। केंद्र का उद्घाटन 9 सितंबर 2025 को किया गया। इस अवसर पर समाज के विभिन्न वर्गों के लोग उपस्थित रहे। सभी ने बच्चों की शिक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। कार्यक्रम में आने वाली पीढ़ी की शैक्षिक प्रगति पर विस्तृत चर्चा की गई। केंद्र में प्रारंभिक चरण में 50 बच्चों का चयन किया गया है। इनमें अधिकतर मुसहर समुदाय के बच्चे हैं। विशेष रूप से इनमें किशोरियों की संख्या अधिक है, जो अब तक कभी स्कूल नहीं गई थीं। कार्यक्रम के समापन पर मिठाई वितरण किया गया। उपस्थित लोगों ने इस शैक्षिक पहल का स्वागत किया और इसे समाज में बदलाव का माध्यम बताया।
शिवहर जिले के डुमरी कटसरी प्रखंड स्थित राजकीय मध्य विद्यालय केवला डुमरी में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई। मुखिया संघ के जिला अध्यक्ष रणविजय कुमार सिंह ने शहीद भगत सिंह पुस्तकालय का उद्घाटन किया। पुस्तकालय के शुभारंभ से विद्यालय के छात्र-छात्राओं में उत्साह का माहौल है। जिला अध्यक्ष सिंह ने कहा कि पुस्तकालय की स्थापना से विद्यार्थियों को पढ़ाई में सहायता मिलेगी। उन्होंने छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम में जिला निपुण समन्वयक नितेश चौरसिया और अवनीश कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे। विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिवजी ठाकुर, शिक्षक मनोज कुमार, राज किशोर सहित अन्य शिक्षकगण और विद्यार्थी भी मौजूद रहे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अब शिक्षा माफियाओं के खिलाफ बड़ा अभियान चलाने जा रही है। इसको लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बीएचयू के पदाधिकारियों ने अपनी रूपरेखा को साझा करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले स्थित श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय में अनियमितताओं के विरोध में हुए प्रदर्शन पर निर्मम लाठीचार्ज के उपरान्त प्रदेश व्यापी छात्र आंदोलन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया था। ABVP ने किया था विरोध अभय ने बताया विश्वविद्यालय प्रशासन बीसीआई संबद्धता को लेकर स्पष्ट जानकारी न देकर छात्रों को गुमराह कर रहा था तथा अवैध रूप से पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा था। इसी आंदोलन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज में दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिसके पश्चात अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के सभी जिला केंद्रों पर प्रदर्शन कर अभाविप की मांगों की पूर्ति हेतु विरोध दर्ज किया था। मुख्यमंत्री से मुलाकात कर रखी गई थी 4 मांग इस प्रदर्शन के उपरांत अभाविप के एक प्रतिनिधिमंडल की उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मुलाकात हुई। प्रतिनिधिमंडल ने श्री रामस्वरूप मेमोरियल विश्वविद्यालय, बाराबंकी में विधि छात्रों पर हुए बर्बर लाठीचार्ज, बाहरी गुंडों के हमले तथा लंबे समय से संचालित अवैध पाठ्यक्रमों के मुद्दों और दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई की मांग के साथ ही उत्तर प्रदेश की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के विषयों पर वार्ता की है। मुख्यमंत्री ने कारवाई की जानकारी दी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि शिक्षा-माफिया किसी भी कीमत पर बख्शे नहीं जाएंगे और प्रदेश सरकार विद्यार्थी हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि अब तक विश्वविद्यालय प्रकरण में 6 उपद्रवियों की गिरफ्तारी तथा सीओ, इंस्पेक्टर व चौकी इंचार्ज समेत 6 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जा चुकी है। अवैध निर्माण पर बुलडोजर एक्शन भी किया गया। उच्च शिक्षा परिषद की ओर से विश्वविद्यालय के विरुद्ध प्राथमिकी भी दर्ज कराई गईी निष्कासित दो विद्यार्थियों का निष्कासन भी वापस हो गया है। साथ ही, प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया की व्यापक जांच हेतु विशेष टीमें गठित कर दी गई हैं। अभाविप ने मुख्यमंत्री से यह भी आग्रह किया कि विश्वविद्यालय द्वारा छात्रों से की गई अवैध वसूली की जांच कराई जाए, निष्कासित छात्रों को सम्मानपूर्वक पुनः प्रवेश दिया जाए और अवैध भूमि पर शेष कब्जे पर तत्काल बुलडोजर चलवाकर कब्जामुक्त किया जाए। अब वाराणसी में भी जारी होगा अवैध स्कूलों के खिलाफ अभियान अभाविप के प्रान्त मंत्री अभय प्रताप सिंह ने कहा की, मुख्यमंत्री जी से अभाविप प्रतिनिधिमंडल की सार्थक वार्ता हुई है। उन्होंने दोषियों के विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अभाविप यह स्पष्ट करती है कि शिक्षा-माफियाओं और छात्रविरोधी प्रशासन को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।जब तक छात्रों को संपूर्ण न्याय नहीं मिलता, हमारा संघर्ष जारी रहेगा।अभाविप समस्या से समाधान तक के मार्ग पर चलते हुए विद्यार्थियों के हित में कार्य करती है और यह आंदोलन उसी का एक उदाहरण है।भविष्य में भी ऐसी कोई घटना होगी तो विद्यार्थी परिषद आंदोलन को बाध्य होगी
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की अरवल जिला इकाई ने मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव से मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल ने जिले के महाविद्यालयों में व्याप्त शैक्षणिक समस्याओं को लेकर विस्तृत ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधि मंडल ने कुलसचिव को बताया कि अरवल जिला शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़ा है। यहां के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए दूसरे जिलों में जाना पड़ता है। इससे उनकी आर्थिक और मानसिक परेशानियां बढ़ती हैं। सभी विषयों की पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षा शुरू करने की मांग ज्ञापन में प्रमुख मांगें शामिल हैं। SDS कॉलेज कलेर और SBAN कॉलेज लारी में सभी विषयों की पोस्ट ग्रेजुएट शिक्षा शुरू की जाए। दोनों कॉलेजों में B.LIS और M.LIS पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएं। SDS कॉलेज में B.Com और SBAN कॉलेज में BCA की पढ़ाई शुरू की जाए। ग्रेजुएशन लेवल की नामांकन सीटें बढ़ाने की मांग अरवल के सभी महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर सभी विषय उपलब्ध कराए जाएं। SDS कॉलेज कलेर में भूगोल और होम साइंस विषय तत्काल शुरू किए जाएं। छात्रहित में सभी कॉलेजों में ग्रेजुएशन लेवल की नामांकन सीटें बढ़ाई जाएं। प्रतिनिधिमंडल में जिला संयोजक अमर कृति, जिला सह संयोजक अमरकांत यादव, विभाग संयोजक गोपाल शर्मा, पूर्व कार्यकर्ता संजीव कुमार, प्रांत सह मंत्री मंतोष सुमन, शिवनारायण और सूरज कुमार अभिराज सैनी मौजूद थे।
सीएम योगी आदित्यनाथ मंगलवार बस्ती जिले के बसहवा पहुंचे, जहां उन्होंने सरस्वती विद्या मंदिर बसहवा का भूमि पूजन और शिलान्यास किया। सीएम का हेलिकॉप्टर कार्यक्रम स्थल के पास बने हेलीपैड पर उतरते ही कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गोरक्ष प्रांत के प्रांत प्रचारक रमेश जी, क्षेत्र संगठन मंत्री हेमचंद्र, विद्यालय समिति के अध्यक्ष गोपाल गाडिया, प्रबंधक सुरेंद्र प्रताप सिंह, कोषाध्यक्ष प्रह्लाद मोदी और प्रधानाचार्य गोविंद सिंह मौजूद रहे। सभी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए विद्यालय की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं की जानकारी साझा की। सीएम ने जमता को संबोधित करते हुए सरस्वती शिशु मंदिर के इतिहास और कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा के बारे में बताया। सीएम ने देश की आजादी और कश्मीर में धारा 370 के लागू होने के बारे में भी बताया। ़ तस्वीरें देखिए... नीचे सिलसिलेवार पढ़िए सीएम ने क्या-क्या कहा- बस्ती में सीएम योगी बोले- आज यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे महर्षि वशिष्ठ की स्मृति से जुड़ी इस पावन धरा पर भूमि पूजन कार्यक्रम में भाग लेने का अवसर मिला है। मंदिर के एक बड़े प्रकल्प को अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान विद्या भारती के तत्वावधान में नए रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास हुआ है। मैं सबसे पहले विद्या भारती परिवार और सरस्वती शिशु मंदिर से जुड़े सभी लोगों को इस कार्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं। भारतीय मनीषा ने ज्ञान के बारे में कहा है- सा विद्या या विमुक्तये। यानी विद्या वही है, जो हमारी मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करे। यह देश 1947 में स्वतंत्र हुआ। लेकिन उसके बाद जिन कारणों से यह देश परतंत्र हुआ था, उनका समाधान करने और फिर से देश गुलाम न होने पाए, इसके लिए स्वतंत्र भारत ने तत्काल कोई भी उपचारात्मक उपाय नहीं किए। इन्हीं विसंगतियों को दूर करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में नानाजी देशमुख के नेतृत्व में गोरखपुर में सरस्वती शिशु मंदिर की पहली शाखा स्थापित की गई। यह गोरख प्रांत इसलिए सौभाग्यशाली है कि उसे विद्या भारती के शिक्षण संस्थानों का गौरव प्राप्त है। सीएम ने शिशु मंदिर के इतिहास के बारे में बताया भारत में कैसी शिक्षा होनी चाहिए, आजादी के पांच साल बाद भी तत्कालीन सरकारें इस दिशा में ठोस प्रयास नहीं कर पाईं। तब नानाजी ने इस प्रयास को आगे बढ़ाया। इसके पीछे का ध्येय यही था कि भारत की भारतीयता से ओतप्रोत ऐसे शिक्षण संस्थानों की स्थापना हो, जो भारत को उसकी आत्मा के अनुरूप फिर से विश्वगुरु बना सकें। शिक्षा के मंदिरों से ही इसकी शुरुआत होती है। शिक्षण संस्थान केवल ज्ञान का माध्यम नहीं हैं, बल्कि बालक के सर्वांगीण विकास की आधारशिला हैं। और यदि शिक्षा संस्कारयुक्त नहीं है, आदर्शों और मूल्यों पर आधारित नहीं है, तथा राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव नहीं पैदा कर पा रही है, तो वह शिक्षा नहीं बल्कि भटकाव है। यह एक चुनौती थी। सरकार पाठ्यक्रम तय करती है, सहयोग करे या न करे यह भी सरकार तय करती है। लेकिन बिना सरकारी सहायता के, स्वयंसेवकों के सहयोग और भारतीयता के प्रति अनुराग रखने वाले नागरिकों के माध्यम से सरस्वती शिशु मंदिर ने इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। गोरखपुर में जब पहला सरस्वती शिशु मंदिर स्थापित हुआ था तो उसमें छात्रों की संख्या मात्र 5 थी। और आज 12,000 से अधिक विद्यालय केवल सरस्वती शिशु मंदिर के हैं। सीएम ने कहा- भारत को विकसित भारत बनाना है कोई भी देश शक्तिशाली, समर्थ और आत्मनिर्भर तभी हो सकता है, जब उसकी शिक्षा मजबूत हो। दुनिया में जब समृद्धि की चर्चा होती है, तो सबसे पहले शिक्षा का पैरामीटर देखा जाता है। इसके बाद स्वास्थ्य, कृषि और जल संसाधनों को प्राथमिकता दी जाती है। इसके साथ कौशल विकास और रोजगार को जोड़ा जाता है और फिर पर्यावरण को ध्यान में रखकर विकास का स्वरूप तय किया जाता है। इन सभी पैरामीटरों के संतुलन से ही समग्र विकास संभव है। आपको याद होगा, भारत की आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष पर पीएम मोदी ने देशवासियों से आगामी 25 वर्षों की कार्ययोजना बनाने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा था कि भारत को विकसित भारत बनाना है। यह तभी संभव होगा जब हम इन पंच प्रणों को अपने जीवन का हिस्सा बनाएंगे। सीएम ने कहा- 1953 से 2019 तक कश्मीर में अलग व्यवस्था चलती थी हमें अपनी विरासत का सम्मान करना होगा। हमें अपने पूर्वजों और परंपराओं पर गौरव करना होगा। 1953 में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने उद्घोष किया था- एक देश में दो विधान, दो निशान और दो प्रधान नहीं चलेंगे। इसके लिए उन्हें अपना बलिदान देना पड़ा। 1953 से 2019 तक कश्मीर में अलग व्यवस्था चलती रही। धारा 370 कांग्रेस ने बाबा साहब की असहमति के बावजूद जबरन लागू की थी। लेकिन पीएम मोदी ने मुखर्जी के इस संकल्प को साकार किया। कश्मीर को आतंकवाद और भारत-विरोधी गतिविधियों से मुक्त कर भारत के कानून से जोड़ा गया। इसी तरह 500 वर्षों का इंतजार तब खत्म हुआ जब अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हुआ। विपक्षी दलों को लगता था यह नहीं होना चाहिए, लेकिन रामभक्तों का संकल्प अडिग रहा। प्रभु श्रीराम भारतीयता के प्रतीक और आदर्श हैं। भगवान राम और रामायण के बारे में सीएम ने बताया महर्षि वाल्मीकि ने जब नारदजी से पूछा कि मुझे किस आदर्श पर लिखना चाहिए, तो नारदजी ने कहा- वर्तमान में श्रीराम का चरित्र ही ऐसा है, जिस पर लिखा जा सकता है। और फिर महर्षि ने लिखा- रामो विग्रहवान् धर्मः, यानी राम स्वयं धर्म के साकार स्वरूप हैं। उसी से हमें रामायण जैसा विश्व का सर्वश्रेष्ठ महाकाव्य मिला। गुलामी की मानसिकता देश में गहरी पैठ बना चुकी थी। भारतीय को हीन समझा जाता था और विदेशी को श्रेष्ठ। लेकिन बीते 11 वर्षों में इस मानसिकता पर रोक लगी है। आज गर्व से कहा जा सकता है कि भारतीय ही श्रेष्ठ हैं। 400 साल पहले भारत दुनिया की नंबर-1 अर्थव्यवस्था था। वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान 25% था। लेकिन 1947 में आजादी के समय यह घटकर केवल 2% रह गया। हमने हिंदी-संस्कृत की जगह अंग्रेजी को भारतीयता का प्रतीक मान लिया। जबकि भारत के पास न बल की कमी थी, न बुद्धि की। सीएम ने सुहेलदेव के बारे में बताया बल का उदाहरण देखना हो तो बहराइच के महाराज सुहेलदेव का देखिए। 1000 साल पहले जब सालार मसूद मंदिर तोड़ने आया था, तो सुहेलदेव ने उसका मुकाबला किया और ऐसी सजा दी, जो इस्लामी दृष्टि से सबसे कठोर मानी जाती है। लेकिन बाद में हमें भरमा दिया गया और सुहेलदेव की स्मृति को भुला दिया गया। हमारी सरकार ने बहराइच में उनका स्मारक और आजमगढ़ में विश्वविद्यालय बनवाया। पीएम मोदी ने वोकल फॉर लोकल और मेड इन इंडिया को प्राथमिकता देकर विदेशी वस्तुओं से दूरी बनाने का आह्वान किया। आज सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर जातियों को लड़ाने का काम हो रहा है। फेक अकाउंट बनाकर गालियां दिलवाई जा रही हैं। जबकि इन प्लेटफॉर्म का उपयोग सकारात्मक कार्यों के लिए होना चाहिए। कोविड के समय वर्चुअल क्लासेज चलीं। शिक्षकों ने बच्चों के लिए अच्छा कंटेंट दिया। टेक्नोलॉजी हमारे लिए महत्वपूर्ण है। कोरोना के समय जब दुनिया पस्त थी, तब भारत ने पीएम मोदी के नेतृत्व में कोरोना प्रबंधन का बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया। उसी समय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की घोषणा की गई। ------------------------------------------------------------- ये खबर भी पढ़ेंः- यूपी में TET से डरकर सरकारी प्रिंसिपल ने फांसी लगाई:बेटा बोला-दिनभर TET की बात करते थे, इतना प्रेशर पड़ा कि जान दे दी महोबा में 49 साल के प्राइमरी स्कूल के प्रिंसिपल ने सुसाइड कर लिया। सोमवार को उनका शव कमरे में फंदे से लटका मिला। बेटे ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के TET अनिवार्यता आदेश के बाद तनाव में थे। इस वजह से उन्होंने जान दी। पढ़ें पूरी खबर...
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज मंगलवार सुबह 10:30 बजे से कैबिनेट की अहम बैठक शुरू होगी। इस बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और आर्थिक विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा की जाएगी। माना जा रहा है कि बैठक से कई ऐसे बड़े फैसले निकलेंगे, जिनका सीधा असर आम जनता के जीवन पर पड़ेगा। मुख्यमंत्री के साथ सभी मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी बैठक में मौजूद रहेंगे। पिछली कैबिनेट बैठक में 49 एजेंडों पर मुहर पिछली कैबिनेट बैठक में सरकार ने 49 एजेंडों पर मुहर लगाई थी। उस बैठक में चुनावी साल को ध्यान में रखते हुए कई बड़े फैसले लिए गए थे। राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों में 3200 नए पदों को मंजूरी दी थी, जिन पर जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। 30 हजार होमगार्ड जवानों का डेली भत्ता 774 रुपए से बढ़ाकर 1121 रुपए कर दिया गया था। पहले जहां एक महीने में उन्हें 23,220 रुपए मिलते थे, वहीं अब बढ़कर 33,630 रुपए मिलेंगे। ग्राम कचहरी सचिवों का मानदेय बढ़ा ग्राम कचहरी सचिवों का मानदेय भी सरकार ने 6000 रुपए से बढ़ाकर 9000 रुपए कर दिया है। शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा फैसला लेते हुए मैट्रिक के 16 लाख विद्यार्थियों में OBC-EBC छात्रों के लिए 231 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप राशि मंजूर की गई। SC-ST वर्ग के छात्रों के लिए पहले से ही अलग से छात्रवृत्ति योजना संचालित है। महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर भी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत 2025-26 के लिए 20,000 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई। इस योजना के तहत राज्य के प्रत्येक परिवार की एक महिला को रोजगार शुरू करने के लिए 10,000 रुपए की पहली किस्त दी जाएगी। आवेदन लेने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी और सितंबर से ही लाभार्थियों के बैंक खातों में राशि ट्रांसफर की जाएगी। रोजगार शुरू करने के छह महीने बाद आकलन के आधार पर जरूरत पड़ने पर 2 लाख रुपए तक की अतिरिक्त सहायता भी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज 9 सितंबर दोपहर 3:30 बजे मंत्रालय (महानदी भवन) नवा रायपुर में कैबिनेट की बैठक होगी। यह बैठक इसलिए खास मानी जा रही है, क्योंकि मंत्रिमंडल विस्तार के बाद साय कैबिनेट की यह पहली बैठक होगी। इसमें सभी 14 मंत्री शामिल होंगे। कैबिनेट की पिछली बैठक 19 अगस्त को हुई थी, जिसमें सीमित एजेंडे पर चर्चा हुई थी। जबकि अब मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि, इस बैठक में कई अहम नीतिगत फैसले लिए जा सकते हैं। इस मुद्दों पर हो सकती है चर्चा इस बैठक में बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए राहत-पुनर्वास पैकेज, राज्य के विकास कार्यों की प्राथमिकताएं और आने वाले विधानसभा सत्र से जुड़ी रणनीतियों पर चर्चा हो सकती है। साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और औद्योगिक निवेश जैसे क्षेत्रों में नई योजनाओं को मंजूरी मिलने की संभावना भी जताई जा रही है। यह पहली बैठक राज्य सरकार की नीतियों की दिशा और गति तय करने में अहम साबित होगी। क्योंकि हाल के दिनों में बस्तर और अन्य इलाकों में बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है, इसलिए आपदा प्रबंधन पर विशेष जोर दिए जाने की संभावना है।
ऑनलाइन शिक्षा के लिए सेमेस्टर परीक्षा हेतु आवेदन वेबसाइट exam.ignou.ac.in के जरिए जमा करें
भास्कर न्यूज | जालंधर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (इग्नू) की ओर से दिसंबर 2025 के लिए आयोजित की जाने वाले टर्म एंड परीक्षा की तारीखों के लिए घोषणा कर दी है। ऑनलाइन दूरस्थ शिक्षा और ऑनलाइन कार्यक्रमों के लिए सेमेस्टर परीक्षा हेतु आवेदन आधिकारिक वेबसाइट exam.ignou.ac.in. के जरिए जमा किए जा सकते है। दिसंबर सत्र की टर्म-एंड परीक्षाएं 1 दिसंबर से आयोजित की जाएंगी। परीक्षा पेन और पेपर के साथ-साथ कंप्यूटर-आधारित परीक्षा (सीबीटी) मोड में आयोजित की जाएगी। इसके लिए जारी नोटिस में कहा गया है कि टर्म-एंड-परीक्षा के लिए पात्र छात्रों द्वारा परीक्षा फॉर्म (टीईई, प्रोजेक्ट सबमिशन और प्रैक्टिकल परीक्षा) जमा करने के लिए ऑनलाइन 6 अक्तूबर तक बिना लेट फीस के अप्लाई कर सकते है। वहीं लेट फीस के साथ आवेदन जमा करने की आखिरी तारीख 20 अक्टूबर रखी गई है। उम्मीदवारों को 1,100 रुपये लेट फीस देनी होगी वहीं परीक्षा फॉर्म भरते समय छात्रों को परीक्षा का तरीका, पाठ्यक्रम और परीक्षा केंद्र चुनना होगा। बीएल-आईएस कार्यक्रम सहित प्रायोगिक या प्रयोगशाला पाठ्यक्रमों में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रर करने वाले छात्रों को परीक्षा स्थल और कार्यक्रम के लिए अपने क्षेत्रीय केंद्र से संपर्क करना होगा। वहीं समर्थ पोर्टल के माध्यम से परीक्षा फॉर्म भरने के मद्देनजर, परीक्षा केंद्र में बदलाव के किसी भी अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा। एक बार चुने गए पाठ्यक्रमों को परीक्षा फॉर्म जमा करने के बाद नहीं बदला जाएगा। विषयों को 5 समूहों में वितरित किया गया है और छात्र समूहों में से तीन विषयों को चुन सकते हैं। प्रति समूह केवल एक अनुशासन की अनुमति होगी जैसे यदि किसी छात्र ने समूह-1 से अंग्रेजी चुनी है, तो वह इस समूह से कोई अन्य विषय नहीं चुन सकेगा। वह अन्य समूहों से उसी प्रकार दूसरा और तीसरा अनुशासन ले सकता है। वहीं इसके लिए पहले से जारी एग्जामिनेशन शेड्यूल के अनुसार परीक्षाएं एक दिसंबर से शुरू होकर आठ जनवरी 2026 तक चलेंगी। परीक्षा दो सेशन में आयोजित की जाएगी। सुबह का सत्र सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक और शाम का सत्र दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक आयोजित की जाएगी। पाठ्यक्रमों के प्रश्नपत्र वस्तुपरक किस्म के प्रश्न (एमसीक्यू) ओएमआर आधारित होंगे। इसके साथ ही कहा गया है कि इग्नू की ओर से परीक्षा के लिए उम्मीदवारों के एडमिट कार्ड एग्जाम तिथि से कुछ दिन पहले डाउनलोड के लिए उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। प्रवेश पत्र उपलब्ध होने के बाद अभ्यर्थी यूजर नेम एवं पासवर्ड दर्ज करके ऑफिशियल वेबसाइट से एडमिट कार्ड प्राप्त कर पाएंगे। ध्यान रखें कि किसी भी अभ्यर्थी को पर्सनल रूप से एडमिट कार्ड नहीं भेजे जाएंगे। वहीं जिन छात्रों ने इग्नू के छात्र पोर्टल पर पहले ही रजिस्ट्रेशन करा लिया है, उन्हें परीक्षा फॉर्म जमा करने के लिए बस लॉगइन करना होगा। वहीं, जिन छात्रों ने अभी तक विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उन्हें पहले नया रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करके पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर जागरूकता कार्यक्रम कराया
अमृतसर| गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर आधारित एक संवेदनशीलता और जागरूकता कार्यक्रम करवाया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर द्वारा करवाया गया। उद्घाटन निदेशक प्रो. मनिंदर लाल सिंह ने किया। उन्होंने शिक्षकों को नीति के परिवर्तनों के अनुरूप तैयार करने की आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम में 105 शिक्षकों ने भाग लिया, जहां विशेषज्ञों ने बहु-अनुशासनात्मक शिक्षा, कौशल विकास, शोध-आधारित शिक्षण और तकनीक समर्थित अध्यापन पर विचार साझा किए। इस पहल का उद्देश्य शिक्षकों को मार्गदर्शक की भूमिका में लाना और उन्हें व्यावहारिक समझ प्रदान करना था, ताकि वे शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप अध्यापन प्रक्रिया को नया स्वरूप दे सकें।
हरियाणा में राशन डिपो चलाने के इच्छुक युवाओं के लिए खुशखबरी है। सरकार प्रदेश में 6 हजार नए राशन डिपो खोलने जा रही है। इसमें महिलाओं को 33% आरक्षण भी मिलेगा। जिससे करीब 2000 डिपो महिलाओं के लिए रिजर्व होंगे। इस संबंध में फूड एंड सप्लाई विभाग ने फाइल तैयार कर CM नायब सैनी की मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री ऑफिस (CMO) को भेज दी है। विभाग की इस स्कीम को इसी हफ्ते मंजूरी मिल सकती है। जिसके बाद विभाग की तरफ से आवेदन मांग लिए जाएंगे। फूड एंड सप्लाई विभाग के मंत्री राजेश नागर ने इसकी पुष्टि की है। राशन डिपो के लिए कितनी उम्र, शिक्षा क्या, सवाल–जवाब पढ़ें… सवाल: प्रदेश में कितने लोगों को राशन मिलता है, कितने डिपो हैं?जवाब: प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत करीब 32 लाख परिवारों को राशन का वितरण किया जाता है। प्रदेश में अभी 9,434 राशन डिपो हैं। जिनके जरिए सस्ता राशन बांटा जाता है। सवाल: प्रदेश में कितनी तरह के राशन कार्ड हैं, उन पर कितना–कितना राशन मिलता है?जवाब: 3 तरह के राशन कार्ड हैं, पीला, गुलाबी और खाकी। इनमें पीला कार्ड (BPL) पर परिवार के एक मेंबर के हिसाब से 5 किलो गेहूं, 2 लीटर तेल, 1 किलो चीनी, 1 किलो दाल मिलती है। वहीं गुलाबी कार्ड (अंत्योदय अन्न योजना–AAY) पर प्रति कार्ड 35 किलो गेहूं, 2 लीटर सरसों का तेल, 1 किलो चीनी, 1 किलो दाल मिलती है। खाकी कार्ड(अन्य प्राथमिकता वाले परिवार-OPH) पर एक मेंबर के लिए 5 किलो गेहूं और 1 किलो दाल सरकार देती है। सवाल: राशन डिपो लेने के लिए उम्र की सीमा क्या है?जवाब: प्रदेश में राशन डिपो लेने के लिए आवेदक की उम्र 21 से 45 साल के बीच होनी चाहिए। सवाल: राशन डिपो के आवेदन के लिए शिक्षा कितनी होनी चाहिए?जवाब: सरकार के मानक के मुताबिक राशन डिपो के आवेदन करने वाले व्यक्ति का न्यूनतम 12वीं पास होना जरूरी है। इसके अलावा उसे कंप्यूटर का भी ज्ञान होना चाहिए। सवाल: क्या शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए क्या अलग-अलग नियम हैं?जवाब: नहीं, यह प्रक्रिया खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता विभाग द्वारा राशन डिपो धारकों की नियुक्ति के लिए तय की गई है, जिसमें शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के राशन डिपो शामिल हैं। अलग से कोई भी नियम तय नहीं किए गए हैं। सवाल: डिपो के आवेदन के लिए मूल निवासी से भी जुड़ी कोई शर्त है?जवाब: राशन डिपो लाइसेंस के आवेदन के लिए आवेदनकर्ता का हरियाणा का निवासी होना अनिवार्य है। आवेदन के लिए राज्य का मूल निवासी प्रमाण पत्र ( डोमिसाइल सर्टिफिकेट) भी जमा करना होता है, जिसके बाद ही कोई व्यक्ति आवेदन के योग्य होता है। सवाल: महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था क्या है और कब बनी?जवाब: प्रदेश में राशन डिपो के आवंटन में महिलाओं को 33% आरक्षण दिया जाता है। इसकी शुरुआत 2023 में हुई थी। तब राशन डिपो में महिलाओं को पर्याप्त मौका देने के लिए ये आरक्षण व्यवस्था शुरू की थी। तब से लेकर अभी तक यह सुविधा बरकरार है। नए डिपो के आवंटन में भी इसका फायदा मिलेगा। सवाल: राशन डिपो धारक को कितनी कमाई होती है?जवाब: राशन डिपो होल्डर को सैलरी नहीं मिलती, सरकार कमीशन देती है। अभी सरकार प्रति क्विंटल राशन पर 150 रुपए देती है। इससे औसतन एक डिपो होल्डर को महीने में 9 हजार से लेकर 12 हजार रुपए तक की आमदनी हो जाती है।
शिक्षा जीने की कला, जिम्मेदारी का बोध कराती है: डॉ. चटर्जी
डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय में प्रबंधन शारीरिक शिक्षा और एजुकेशन के नव आगंतुक छात्रों का दीक्षा आरंभ कार्यक्रम किया। इस दौरान छात्रों को विश्वविद्यालय के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही हुए विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों से रूबरू भी हुए। इस दौरान प्रतिदिन मोटिवेशनल स्पीकर्स और विद्वानों ने उनका मार्गदर्शन भी किया। एक सप्ताह तक चले दीक्षा आरंभ समारोह का सोमवार को समापन हुआ। मुख्य अतिथि कुलसचिव डॉ. अरविंद कुमार तिवारी ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य केवल डिग्री प्राप्त करना नहीं, बल्कि समाज के लिए उपयोगी नागरिक बनना है। उन्होंने कहा कि एमबीए, एजुकेशन और फिजिकल एजुकेशन जैसे विषय विद्यार्थियों को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई दिशा देने का अवसर प्रदान करते हैं। इन क्षेत्रों में दक्षता हासिल करके विद्यार्थी न केवल अपने कॅरियर को मजबूत बना सकते हैं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में भी अहम योगदान दे सकते हैं। डॉ. तिवारी ने छात्रों से कहा कि जीवन में अनुशासन, परिश्रम और नैतिकता को अपनाना सबसे बड़ी उपलब्धि है। इन मूल्यों को आत्मसात करने से जीवन की हर चुनौती का समाधान संभव हो जाता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आज के प्रतिस्पर्धी दौर में वही विद्यार्थी सफल हो पाता है, जो कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य और आत्मविश्वास बनाए रखता है। विशिष्ट अतिथि डॉ. जयति चटर्जी ने कहा कि शिक्षा केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की कला और समाज के प्रति जिम्मेदारी का बोध कराती है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जिस क्षेत्र में अध्ययन कर रहे हैं, उसमें मेहनत और समर्पण से ही सफलता संभव है। डॉ. जयति ने कहा कि फिजिकल एजुकेशन और एमबीए, एजुकेशन दोनों ही विषय विद्यार्थियों को समाज में परिवर्तन लाने का अवसर प्रदान करते हैं। शारीरिक शिक्षा से स्वास्थ्य और अनुशासन को प्रोत्साहन मिलता है। छात्रों को अपने अंदर अनुशासन की भावना विकसित करनी चाहिए।
सुबोध शिक्षा समिति; साधारण सभा का वार्षिक अधिवेशन
जयपुर| एस.एस. जैन सुबोध शिक्षा समिति जयपुर की साधारण सभा का वार्षिक अधिवेशन अरिहन्त सभागार सुबोध पब्लिक स्कूल रामबाग सर्किल में हुआ। मंच संचालन संजीव कोठारी ने किया। अधिवेशन में कार्यकारिणी के सभी सदस्य मौजूद रहे। गत वर्ष की साधारण सभा के कार्यवाही विवरण पेश किया। वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंकेक्षित लेखों का सचित्र प्रस्तुतीकरण समिति के कोषाध्यक्ष विनोद कुमार लोढ़ा ने किया, जिसका सर्वसम्मति से अनुमोदन किया। इसके बाद चलचित्र के माध्यम से सुबोध की समस्त संस्थाओं के गत वर्ष की गतिविधियों का प्रस्तुतीकरण दिया।
बाल विवाह नहीं, शिक्षा सफल जीवन की कुंजी : डॉ. जोश
भास्कर न्यूज | महुआडांड़ संत जेवियर्स कॉलेज के सभागार में सोमवार को बाल विवाह प्रतिषेध कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों एवं समाज को बाल विवाह जैसी कुप्रथा के दुष्परिणामों से अवगत कराना और इसके विरुद्ध जागरूकता फैलाना था। कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत एक सशक्त नुक्कड़ नाटक से हुई। इस नाटक के माध्यम से छात्रों ने दर्शकों को यह संदेश दिया कि बाल विवाह बच्चों के अधिकार, उनके स्वास्थ्य और भविष्य के लिए घातक है। नाटक के दौरान विद्यार्थियों ने प्रभावशाली नारों का प्रयोग किया, जैसे ज्ञान का दीपक जलाना है, बाल विवाह मिटाना है, बच्चों को पढ़ाने की लो राह, बंद करो ये बाल विवाह, मेरा बचपन मेरा अधिकार, बाल विवाह अभिशाप है । कॉलेज के प्राचार्य डॉ. फादर एम. के. जोश ने अपने संबोधन में कहा भारत में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम, 2006 लागू है, जिसके तहत लड़के के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और लड़की के लिए 18 वर्ष निर्धारित है। इसके बावजूद ग्रामीण समाज में आज भी बाल विवाह होते हैं, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और भविष्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। बाल विवाह रोकने के लिए कानून के साथ-साथ समाज में जागरूकता फैलाना, लड़कियों को शिक्षा और आर्थिक अवसर उपलब्ध कराना और सामुदायिक भागीदारी बढ़ाना अत्यंत आवश्यक है। तभी भारत एक सशक्त और सुदृढ़ राष्ट्र बन सकेगा। बाल विवाह सामाजिक बुराई है: अदिति अर्थशास्त्र की असिस्टेंट प्रोफेसर अदिति मैम ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि बाल विवाह कोई परम्परा नहीं बल्कि एक गंभीर सामाजिक बुराई है, जिससे भारतीय समाज कलंकित हो रहा है। इसके खिलाफ सकारात्मक सोच विकसित करने और इसके दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि लड़कियों को शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण देकर आर्थिक रूप से सक्षम बनाया जा सकता है, जिससे परिवार उन्हें बोझ न समझें। सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ जैसी योजनाएं भी इसी दिशा में एक सशक्त कदम हैं।
व्याख्यान :भारतीय शिक्षा पद्धति पर मंथन
उदयपुर | साक्षरता दिवस पर विद्या भवन पॉलिटेक्निक में राष्ट्रीय सेवा योजना की ओर से व्याख्यान हुआ। मुख्य वक्ता प्रताप गौरव केंद्र शोध विभाग के निदेशक डॉ. विवेक भटनागर ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा पद्धति में साक्षरता और ज्ञान अलग विषय हैं, जबकि पश्चिमी शिक्षा में दोनों को एक माना जाता है। उन्होंने कहा कि समाज को केवल साक्षर नहीं, ज्ञानवान और कौशल युक्त बनाना जरूरी है। अध्यक्षता प्रचार्य डॉ. अनिल मेहता ने की।
बाराबंकी के रामस्वरूप विश्वविद्यालय प्रकरण के बाद सामने आई अनियमितताओं को देखते हुए प्रदेश सरकार ने उच्च शिक्षा संस्थानों पर सख्त रुख अपना लिया है। उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि अब किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकारी विश्वविद्यालय जुड़े ‘समर्थ पोर्टल’ से प्रदेश के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों को भारत सरकार के ‘समर्थ पोर्टल’ से जोड़ा जा चुका है। इस पोर्टल से विश्वविद्यालयों के शैक्षणिक और प्रशासनिक कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। निजी विश्वविद्यालयों पर निगरानी के लिए समिति गठित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर एक विशेष समिति बनाई गई है। इसमें वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और वरिष्ठ शिक्षा अधिकारी शामिल होंगे। यह समिति हर निजी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय से शपथ पत्र लेगी। शपथ पत्र में देनी होगी पूरी जानकारी संस्थानों को बताना होगा कि वे कौन-कौन से कोर्स चला रहे हैं, इन कोर्स की मान्यता की स्थिति क्या है और प्रत्येक कोर्स में कितने छात्रों का प्रवेश हुआ है। अनियमितता मिली तो होगी कार्रवाई जांच में गड़बड़ी मिलने पर संबंधित संस्थान पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। वहीं, अवैध प्रवेश पाए जाने पर छात्रों की पूरी फीस ब्याज सहित वापस करनी होगी। निजी संस्थानों के लिए नया पोर्टल तैयार सरकार अब एक नया पोर्टल विकसित करने जा रही है, जो सभी निजी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को जोड़ेगा। यह पोर्टल केंद्र सरकार के ‘समर्थ पोर्टल’ की तर्ज पर काम करेगा और संस्थानों पर निगरानी आसान बनाएगा।
उदयपुर माध्यमिक शिक्षा विभाग के गोवर्धन विलास स्थित ऑफिस में अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी के चैम्बर में प्लास्टर गिर गया। गनीमत रही कि उस वक्त ऑफिस में अधिकारी सहित अन्य स्टाफ नहीं था। नहीं तो बड़ी जनहानि हो सकती थी। घटना सुबह करीब 9:30 बजे की है, तब चैम्बर खाली था। प्लास्टर गिरने के बाद फिलहाल चैम्बर को बंद कर दिया है। प्लास्टर इतना ज्यादा गिरा कि टेबल का कांच टूट गया। कुर्सियां गिर गई। जानकारी अनुसार यह बिल्डिंग पूरी तरह जर्जर है। इसके कारण कई कमरों में बारिश का पानी टपकता है। कुछ जगह प्लास्टर अभी भी जर्जर हालत में है। इसके कभी भी गिरने से संभावना बनी हुई है। ऐसे में काम करने वाले कर्मचारी भी घटना के बाद घबराए हुए हैं।10 लाख बजट का टेंडर हो चुका, बारिश से काम रुका: डीईओजिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक लोकेश भारती ने बताया- प्लास्टर और छत पर वाटर प्रूफिंग का 10 लाख बजट का टेंडर हो चुका है। बारिश से पहले कुछ काम हुआ था। लेकिन बारिश शुरू होने पर काम रोक दिया। बारिश बंद होते ही जल्द मरम्मत का काम शुरू कराया जाएगा। सरकारी स्कूल में 5 माह पहले बनी नवनिर्मित दर्शक दीर्घा गिरी इधर, जिले के गोगुंदा में पीएम श्री सरकारी स्कूल के ग्राउंड पर नवनिर्मित दर्शक दीर्घा भी सोमवार दोपहर को भरभराकर गिर गई। स्कूलों में कलेक्टर की ओर से घोषित अवकाश के चलते बड़ा हादसा टल गया। इस दर्शक दीर्घा पर रोज स्कूल बच्चे आकर बैठते हैं। 5 माह पहले ही करीब 4 लाख की लागत से इसका निर्माण कराया था। निर्माण के वक्त ग्रामीणों की शिकायत पर तत्कालीन एसडीएम डॉ.नरेश सोनी ने काम रुकवाया था। लेकिन विभाग के जेईएन ने निरीक्षण में इसे सही व सुरक्षित बताया था। जिसके बाद वापस निर्माण कराया गया।
पंचायत भवन में शराब पार्टी व डांस का VIDEO:प्रधान और शिक्षामित्र पर आरोप, जांच के आदेश
मिर्जापुर में पंचायत भवन बना शराबखोरी और डांस का अड्डा। हिनौता गांव का एक वीडियो सामने आया है। जिसमें फिल्मी गानों पर हाथों में शराब की बोतल लिए प्रधान और शिक्षामित्र जमकर ठुमके लगाते नजर आ रहे है। इस दौरान जश्न में ग्राम प्रधान, पूर्व प्रधान और शिक्षामित्र शामिल है। मामला मड़िहान तहसील क्षेत्र के विकासखंड पटेहरा कला के हिनौता गांव स्थित पंचायत भवन का है। देखिए 3 तस्वीरें... वहीं खंड विकास अधिकारी राजीव शर्मा ने कहा कि सरकारी भवन का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। वीडियो की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि पंचायत भवन के अंदर कुर्सियों पर बैठकर शराब पी जा रही है। उसके बाद जमकर ठुमके लगाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, ग्राम प्रधान को सिगरेट पीते हुए भी देखा गया। ग्रामीणों में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि पंचायत भवन, जो गांव के विकास और आम बैठकों के लिए बना है। अब जनप्रतिनिधियों और कर्मचारियों की मौज-मस्ती का अड्डा बन गया है। यह न केवल सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाता है। बल्कि पंचायत व्यवस्था की गरिमा को भी ठेस पहुंचाता है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि यदि ऐसी घटनाओं पर रोक नहीं लगी तो पंचायत भवनों की साख धूमिल होती जाएगी।
झालावाड़ में सोमवार को अंबेडकर भवन में 59वां अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया गया। जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि वर्तमान में साक्षरता का महत्व सर्वोपरि है। कलेक्टर ने कहा कि शिक्षा प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती। उन्होंने वयस्क शिक्षार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने गांव और कस्बों में हर बच्चे को शिक्षा के लिए प्रेरित करें। उनका लक्ष्य यह होना चाहिए कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रामसिंह मीणा ने बताया कि आजादी के बाद से साक्षरता दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने में साक्षरता महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षा विभाग ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों और स्वयंसेवियों के माध्यम से निरक्षर लोगों को साक्षर बनाने का काम कर रहा है। समारोह के दौरान शिक्षा के महत्व को समझकर बढ़ती उम्र में शिक्षा प्राप्त कर रहे लोगों को जिला कलेक्टर सहित अन्य अतिथिगणों ने माला पहनाकर एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही इस दौरान ऐसे लोगों को शिक्षा प्रदान करने वाले स्वयं सेवी शिक्षक राजकुमार गुप्ता, महावीर भील, पूजा कुमारी व कृष्ण मुरारी का भी सम्मान किया। कार्यक्रम में सहायक परियोजना अधिकारी शिवप्रसाद चौबदार ने अतिथियों का स्वागत किया। समारोह में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं। महिला शिक्षण विहार की कनक ने राजस्थानी गीत, सुलोचना ने एकल नृत्य और बबली एवं समूह ने साक्षरता पर लघु नाटिका प्रस्तुत की। समारोह में नगर परिषद के सभापति प्रदीप सिंह राजावत, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक भीमसिंह जाट, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक सीताराम मीणा, एडीपीसी समसा कल्याणमल वर्मा, एडीईओ पवन पाटीदार, समाज सेवक मनोज शर्मा, उदयभान सिंह सहित महिला शिक्षण विहार की शिक्षिकाएं एवं बालिकाएं उपस्थित रही। मंच संचालन पूनम रौतेला ने किया।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) ने शिक्षकों के लिए हाेने वाले सभी तरह की ट्रेनिंग को फिलहाल टाल दिया है। अब शासन के निर्देश पर अतिआवश्यक ट्रेनिंग ही आयोजित किए जाएंगे। दरअसल, लगातार ट्रेनिंग प्रोग्राम के चलते स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। पिछले दिनों हुई समीक्षा बैठक में यह पूरा मामला उठा था। जिसके बाद स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव ने ट्रेनिंग कार्यक्रमों पर नाराजगी जताई। मंत्री यादव ने कहा था कि, समर वेकेशन के दौरान ट्रेनिंग दी जाए। टीचर ट्रेनिंग में व्यस्त रहेंगे, तो स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। मंत्री यादव के निर्देश और नाराजगी के बाद SCERT ने वर्तमान में संचालित, अनुमोदित और प्रस्तावित सभी तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक स्थगित करने का आदेश जारी कर दिया।अभी कई तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम चल रहे हैं। इनमें कई समग्र शिक्षा से जुड़े हुए हैं। पिछले एक महीने में कई ट्रेनिंग प्रोग्राम हुए हाल ही में जिला स्तर पर क्षमता निर्माण पर ट्रेनिंग प्रोग्राम चला था। दो दिन तक चले इस प्रोग्राम को शिक्षक दिवस पर रखा गया था। इसमें रायपुर जिले के आधा दर्जन शिक्षकों के नाम शामिल थे। इसी तरह पिछले एक-डेढ़ महीने के अंदर 12 से ज्यादा ट्रेनिंग प्रोग्राम हो चुके हैं। आए दिन ट्रेनिंग प्रोग्राम में टीचर्स की ड्यूटी लगती थी। वहीं, पिछले तीन-चार ट्रेनिंग प्रोग्राम तो एग्जाम के सीजन फरवरी-मार्च में आयोजित किए गए। स्कूलों में NGO की एंट्री पर रोक SCERT ने इस बार स्कूलों में NGO की एंट्री पर भी रोक लगा दी है। हालांकि, रजिस्ट्रेशन और MOU के लिए NGO से आवेदन तो मंगाए थे। लेकिन बाद में किसी भी एनजीओ का पंजीयन और एमओयू नहीं करने का निर्णय SCERT ने लिया। NGO की वजह से शिक्षक परेशान थे।
खरगोन के अम्बिका गुरुकुल पिपरी में आयोजित कर्मयोगी मिलन समारोह में अलग-अलग क्षेत्रों में योगदान देने वाले 50 से ज्यादा लोगों को सम्मानित किया गया। समारोह में शल्य विशेषज्ञ डॉ. आकृति पाटीदार, शिवराम, संतोष लिक्खी और प्राचार्य रामेश्वर पाटीदार ने सम्मान दिया। कार्यक्रम के संयोजक योगेश पाटीदार ने बताया कि ऊन अस्पताल की नर्स मंजुला पाटीदार को हजारों सामान्य प्रसव कराने के लिए सम्मानित किया गया। झिरन्या के आदिवासी क्षेत्र में सोलर पंप उपलब्ध कराने के लिए संतोष पाटीदार को विशेष सम्मान मिला। नवलपुरा के शिक्षक जगदीश पाटीदार और बैजापुरा के रामरतन पाटीदार को कुलभूषण सम्मान से नवाजा गया। इन्हें मिला सम्मान भारतीय सेना के पूर्व सैनिक राधेश्याम, सुखदेव, लखन, मोहन और जितेंद्र को भी सम्मान मिला। कुनबी पटेल समाज के जिलाध्यक्ष रामलाल पटेल ने गुरुकुल की भूमिका को सराहा। उन्होंने कहा कि पाटीदार समाज के लिए धर्म, संस्कृति और संस्कार युक्त शिक्षा के लिए गुरुकुल का निर्माण प्रेरणादायक है। ये उपस्थित रहे-पंडित श्रीराम आचार्य ने व्यक्ति, परिवार और समाज निर्माण का आह्वान किया। संतोष पाटीदार ने शिक्षा के साथ संस्कार, धर्म और राष्ट्रप्रेम में गुरुकुल की महत्ता पर प्रकाश डाला। डॉ. सुनील पाटीदार ने स्वास्थ्य संबंधी मार्गदर्शन दिया। कार्यक्रम में गायत्री परिजन रघुवीर पटेल भी उपस्थित रहे।
बिलासपुर में एसईसीएल ने अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत शासकीय नर्सिंग महाविद्यालय को दो नई बसें प्रदान की हैं। केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने शनिवार को इन बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। तोखन साहू ने कहा कि नर्सिंग जैसे सेवा-आधारित क्षेत्र में शिक्षारत छात्राओं को हर संभव सुविधा देना प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि ये बसें विद्यार्थियों के आवागमन को सुगम बनाएंगी। साथ ही शिक्षा में निरंतरता और गुणवत्ता सुनिश्चित करेंगी। एसईसीएल प्रबंधन के अनुसार, कंपनी सीएसआर के माध्यम से स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर योगदान दे रही है। नर्सिंग महाविद्यालय को बसों की उपलब्धता इसी दिशा में एक कदम है। नर्सिंग छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में एसईसीएल मुख्यालय के महाप्रबंधक (सीएसआर) सीएम वर्मा, स्थानीय जनप्रतिनिधि, सीएसआर विभाग के अधिकारी, शिक्षक और छात्र-छात्राएं शामिल हुए।
हरियाणा के कॉलेजों में इस बार दाखिलों का ग्राफ धड़ाम से गिर गया है। करीब आधी से ज्यादा सीटों पर एडमिशन नहीं हुए हैं। सरकारी, एडेड और सेल्फ फाइनांस कॉलेजों में नए कोर्स के बावजूद कम दाखिले हुए है, जो कॉलेज प्रबंधन के साथ-साथ राज्य सरकार के लिए भी चिंता का विषय है। आंकड़ों की बात करें तो इस सत्र पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) की 61% और अंडर ग्रेजुएट (UG) की 49 % सीटों पर दाखिला नहीं हुआ है। खास बात यह है कि इस सत्र दाखिलों का ग्राफ पिछले सत्र की अपेक्षा भी कम हुआ है। पिछले सत्र यूजी और पीजी में करीब 1.57 लाख दाखिले हुए थे, लेकिन इस सत्र केवल 1.39 लाख सीटें ही भर पाई है। जिसे लेकर शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा काफी नाराज हैं, उन्होंने अधिकारियों को इस पर चिंतन और मंथन करने को कहा है। सरकार ने शुरू किए नए कोर्स इस सत्र में सरकार ने सरकारी कॉलेजों में छात्र संख्या बढ़ाने के मकसद से कॉलेजों की आवश्यकता और जरूरत अनुसार नए कोसों और विषयों की शुरुआत की थी। करीब 101 नए कोर्स और 33 नए विषय शुरू किए गए हैं। इसे लेकर उच्चतर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) की तरफ से सभी कॉलेजों के प्राचार्यों को पत्र भी जारी किया गया था। यह भी निर्देश दिया गया है कि सभी संबंधित प्राचार्य यह सुनिश्चित करेंगे कि यदि छात्र संख्या 20 से कम है तो संबद्ध विश्वविद्यालय की आवश्यक स्वीकृति से विषय स्ट्रीम को बंद किया जा सकता है। प्रवेश पोर्टल के प्रचार प्रसार के निर्देश शैक्षणिक सत्र 2025-26 के दौरान कॉलेजों में पहले से चल रहे किसी भी पाठ्यक्रम, विषय को बंद नहीं किया जाएगा। बाकायदा सरकारी कॉलेजों में अधिक से अधिक संख्या में दाखिले हों, इसे लेकर महानिदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग ने सभी जिला उपायुक्तों, सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति, रजिस्ट्रार, सभी जिलों के डीएचईओ सहित सभी सरकारी कॉलेजों के प्रिंसिपल को पत्र भी लिखा था। पत्र के जरिए डीजी ने ग्रेजुएशन प्रथम वर्ष में दाखिले के लिए प्रवेश पोर्टल खुलने के बाद व्यापक प्रचार-प्रसार की बात कही थी। सरकार अधिकतम नामांकन सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक है इसलिए इसे लेकर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। कॉलेजों में शिक्षकों के हजारों पद खाली प्रदेश के 79 एडेड कॉलेजों में शिक्षकों के करीब 2500 पद स्वीकृत हैं। इनमें से करीब 1700 पर शिक्षक काम कर रहे हैं। शेष 800 पद लंबे समय से खाली पड़े है। पता चला है कि इन खाली पदों पर भर्ती बंद की हुई थी। इन्हें मर्ज करने की प्रक्रिया चल रही थी। मगर सरकार ने इन्हें मर्ज नहीं किया और अब पदों पर लगा बैन भी हट गया है। उम्मीद है कि अब इन पदों पर मैनेजमेंट, जिनकी गर्वनिंग बॉडी है, वे भर्ती कर सकते हैं। सरकारी कॉलेजों में 2758 पद खाली सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों के 7986 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 3264 पर नियमित शिक्षक काम कर रहे है। वहीं, 1964 पदों पर एक्सटेंशन लेक्चरर लगे हुए हैं। करीब 2758 पद खाली पड़े हैं। सरकार ने कॉलेजों में शिक्षकों के 2424 पदों को भरने का प्रस्ताव कई माह पहले एचपीएससी को भेजा था। जिस पर एचपीएससी काम कर रही है।
विद्यार्थियों में पढ़ाई के साथ नैतिक शिक्षा का ज्ञान जरूरी : बाबूलाल
भास्कर न्यूज | धालभूमगढ़ बनवासी कल्याण केंद्र झारखंड की शैक्षिक इकाई श्री हरि बनवासी विकास समिति के तत्वावधान में नरसिंहगढ़ स्थित धनपति सिंहदेव सरस्वती शिशु मंदिर में अंतर संकुलिय प्रश्न मंच प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बाबूलाल सोरेन, विशिष्ट अतिथि कुलदा रंजन मिश्रा, श्री हरि बनवासी विकास समिति के मंत्री शिवेंद्र लाल मानिक, कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध कुमार, अजय कुमार संघ के कार्यकर्ता, जिला निरीक्षक हीरालाल महतो, प्रधानाचार्य सावित्री दास, स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष शशांक शेखर दास, सचिव नंदन कुमार सिंह देव मुख्य रूप से उपस्थित थे। अतिथियों द्वारा सामूहिक रूप से दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि भाजपा नेता बाबूलाल सोरेन ने संबोधन करते हुए बताया कि इस विद्यालय के विद्यार्थी काफी संस्कारी होते हैं। सभी बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ नैतिक शिक्षा का भी ज्ञान होना चाहिए। सभी को गुरुजनों को सम्मान देना चाहिए। उन्होंने कई विद्वानों का उदाहरण देते हुए बच्चों को भी उचित शिक्षा ग्रहण करने के लिए आग्रह किया। इसके अलावा भी उन्होंने बताया कि जल्द निजी स्तर से परिवार सम्मान योजना चला कर जो भी क्षेत्र में भूमिहीन गरीब लाचार परिवार है वैसे परिवारों को हर महीना 25 किलो करके चावल निजी स्तर से देने का भी घोषणा की। वहीं मौके पर धनपति सिंह देव शिशु मंदिर नरसिंहगढ़ के पूर्व छात्र अभिजीत सिंह सोलांकी वर्तमान में भैरपुर स्कूल में प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने इस विद्यालय के शिक्षा के बारे में अनुभव बताए। वहीं विद्यालय के सचिव नंदन सिंह देव, शिक्षाविद कुलदा रंजन मिश्रा समेत अन्य वक्ताओं ने अपना वक्तव्य रखा। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी का खूब वाहवाही लूटी। कार्यक्रम समापन के बाद उपस्थित विद्यार्थियों को मुख्य अतिथि बाबूलाल सोरेन ने अपने हाथों से भोजन परोस कर भोजन के लिए दिए। इस अंतर संकुलिय प्रश्न मंच प्रतियोगिता में कोल्हान के विभिन्न संकुल क्षेत्र के कुल 13 विद्यालय के छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे। प्रश्न मंच में धालभूमगढ़ ने 12 में से 11 अंक प्राप्त कर पहला स्थान प्राप्त किया, वहीं दूसरा स्थान सीलपहाड़ी, तीसरा स्थान बहरागोड़ा तथा चौथा स्थान चंद्री स्कूल ने हासिल किया। विजयी टीमों को मुख्य अतिथि के हाथों से पुरस्कार दिया गया। कार्यक्रम का संचालन हीरालाल महतो ने किया। पिंटू कुमार, बुतरु हांसदा, चंदन मुंडा, लालटू नामाता, रंजन सिंह देव, सपना मिश्रा, एनिमा दास, रश्मि देवी, कृपा नामाता, बुलबुल सेन, प्रियंका साव समेत पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम तथा सरायकेला खरसावां जिला के शिक्षक शिक्षिकाएं शामिल थे।
शिक्षा में उत्कृष्ट योगदान के लिए पांच शिक्षक सम्मानित
भास्कर न्यूज | बगबुड़ा राज्य स्तरीय शालेय खेल प्रतियोगिता समापन समारोह एवं छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना रजत जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित जिला स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में स्कूल शिक्षा अंतर्गत बेहतर और नवाचारी गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के समग्र विकास में किए जा रहे कार्यों के लिए विकासखंड पलारी से प्राचार्य यू. के. नागवंशी (कोसमंदी), व्याख्याता रमेशचंद खोटे, शिक्षक कविता सरसीहा, प्रधानपाठक बाबूलाल साहू और शासकीय प्राथमिक शाला कानाकोट संकुल धमनी में पदस्थ शिक्षक कन्हैया साहू का मुख्य अतिथि अशोक जैन, अध्यक्ष नगर पालिका बलौदाबाजार, विशिष्ट अतिथि विजय केसरवानी, उपाध्यक्ष स्काउट गाइड, जिला पंचायत सीईओ दिव्या अग्रवाल, पुष्पराज वर्मा, संयोजक सोनचंद फाउंडेशन, जिला शिक्षा अधिकारी संजय गुहे और अन्य गणमान्य अतिथियों ने शाल, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया। साथ ही परमेश्वरी फेकर, प्रकाश सेन, अनिल आडिल को शिक्षादूत सम्मान एवं बिहारी लाल पटेल को ज्ञानदीप सम्मान से सम्मानित किया गया। पलारी विकासखंड के शिक्षकों को सम्मान प्राप्त होने पर बीईओ पलारी एन. के. वर्मा, एबीईओ सतीश महेश्वरी, बीआरसी जे. एल. जोशी, कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अध्यक्ष पलारी देवेंद्र साहू, विक्रम राय, दिलीप सिंह पैकरा, कृष्ण कुमार फेकर, दिनेश ठाकुर, मनीराम पैकरा, सुनीता साहू, लोचन बांधे और विकासखंड पलारी के शिक्षकों ने शुभकामनाएं एवं बधाई दी।
शिवहर में स्थित पेट्रोल पंप के पास गोला कार्यालय में रविवार को शिक्षाविद और समाज सुधारक ठाकुर प्रभाकर सिंह की 11वीं पुण्यतिथि मनाई गई। पूर्व विधायक ठाकुर रत्नाकर की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों ने उनकी तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। ठाकुर प्रभाकर सिंह बीएस कॉलेज में अंग्रेजी विभागाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने 1980 में जनता पार्टी और 1984 में दलित किसान मजदूर पार्टी से लोकसभा चुनाव लड़ा। वे 1980 से दो बार जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष रहे। 1995 में भाजपा संस्थापक कैलाशपति मिश्र ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाई। उनका परिवार स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा रहा। उनके पिता ठाकुर गिरिजा नन्दन सिंह पूर्व सांसद थे। उनके दादा ठाकुर रामानन्दन सिंह और परदादा ठाकुर नबाब सिंह उर्फ गोरा बाबू स्वतंत्रता सेनानी थे। उनके पुत्र ठाकुर रत्नाकर राणा भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व विधायक हैं। कार्यक्रम में बीजेपी के पूर्व जिला अध्यक्ष संजीव पांडेय, राजीव पांडेय, विनय सिंह, मनोज कुमार, मिडिया प्रभारी संजय तिवारी, समाजसेवी योगेन्द्र प्रसाद गुप्ता, राजेश कुमार राजू, अधिवक्ता संघ के सचिव शशी सुमन, डॉ. धर्मेंद्र किशोर मिश्र और रविन्द्र कुमार सिंह सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 56वीं एवं ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की 11वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित व्याख्यानमाला के तीसरे दिन वक्ताओं ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: विकसित भारत की आधारशिला विषय पर अपनी बात रखी। भगतफूल सिंह महिला विश्वविद्यालय सोनीपत हरियाणा की पूर्व कुलपति प्रो. सुषमा यादव मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित थीं। उन्होंने कहा कि शिक्षित व्यक्ति को कभी भय नहीं होता है। क्योंकि वह जहां जाएगा अपनी शिक्षा से सुख प्राप्त करेगा।मुख्य वक्ता ने कहा कि नई शिक्षा नीति शिक्षा और दीक्षा क अंतर को कम करने वाली नीति है। इसमें शिक्षा और दीक्षा, दोनों की प्रक्रिया को विकसित करने का प्रयास किया गया है। यह सभी प्रकार के बंधनों से मुक्त शिक्षा देने की नीति है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य हर व्यक्ति में दिव्य ज्योति जलाना व विलक्षणता को प्रकट करना है। इसमें हर नागरिक के लिए अच्छा जीवन स्तर के साथ देश की अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने पर बल दिया गया है।प्रो. सुषमा ने कहा कि भारत विकसित बनना चाहता है लेकिन पर्यावरण के संतुलन के साथ। यह भारत की ही संस्कृति है कि पर्यावरण का उपयोग त्योग की भावना से किया जाता है। समाज का हर वर्ग समाज से समाज रूप से जुड़ा महसूस करे, ऐसी शिक्षा की बात इस नीति में की गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ज्ञानमयी, रसमयी व कर्तव्यमयी होनी चाहिए। भारत की आत्मा की पुकार है नई शिक्षा नीतिविशिष्ट वक्ता के रूप में उपस्थित गोरखपुर विश्वविद्यालय प्राणी विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डीके सिंह ने कहा कि तेजी से बदलती आवश्कताओं के अनुरूप यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति है। छात्रों को डिजिटल शिक्षा के साथ भारतीय भाषाओं में भारतीय ज्ञान परंपरा की शिक्षा इस नीति का केंद्र बिन्दु है। यह नीति भारत की आत्मा की पुकार है।प्रो. सिंह ने कहा कि इसके पीछे हमारी गुरुकुल शिक्षा परंपरा का विस्तार है। इसमें गुरुकुल परंपरा के पांच कोषों के विकास की बात कही गई है। हमारी पौराणित शिक्षा नीति में भौतिक विकास के साथ आध्यात्मिक विकास पर बल दिया जाता था। इसी के अनुरूप इस शिक्षा नीति को भी तैयार किया गया है। इसमें पर्यावरण को सुरक्षित रखने पर भी बल दिया गया है। पर्यावरण आधारित शिक्षा देने के साथ कृषि क्षेत्र में भी अधिक शोध पर विशेष बल दिया गया है। इन वक्ताओं ने भी किया संबोधितअयोध्याधाम से आए स्वामी बालभरत दास ने कहा कि इस शिक्षा नीति में हमारी उस प्राचीन भारतीय शिक्षा को अपनाया गया है, जहां शस्त्र और शास्त्र दोनों की समान शिक्षा दी जाती है। कामदगिरी पीठ, चित्रकूट से आए महंत शशिभूषणदास ने कहा कि मानव जीवन में शिक्षा का बहुत महत्व है। उन्होंने कहा कि हमारे मनीषियों ने उस विद्या की बात की है जो मुक्ति प्रदान करे। ऐसी शिक्षा नीति हो जो नियुति तथा विमुक्ति, दोनों को दिलाने का सामर्थ्य रखती हो।विषय प्रवर्तन करते हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय नई दिल्ली, संस्कृत विभाग के प्रो संतोष शुक्ल ने कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुरूप है। यह पूर्ण रूप से भारतीय विरासत पर आधारित है। यह नीति बहुविषयी पाठ्यक्रम तथा बहुविषयी संस्थानों के निर्माण की बात करती है। इस सत्र की अध्यक्षता श्री गोरक्षनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने की।
छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर ने बाल संरक्षण और पुनर्वास के क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता बाल संरक्षण संस्थानों (सीसीआई) में रह रहे बच्चों के समग्र विकास के लिए एक अच्छी पहल बताई गई। दंडात्मक से सुधारात्मक शिक्षा पर बोले कुलपति रविवार को न्यायिक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (JTRI), लखनऊ में आयोजित राज्य स्तरीय परामर्श बैठक में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने “शेल्टर होम बच्चों के लिए विश्वविद्यालय की भूमिका : दंडात्मक से सुधारात्मक शिक्षा एवं समग्र विकास की दिशा में पुनर्वास” विषय पर अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए सुधारात्मक, शिक्षा-केंद्रित एवं पुनर्वास-उन्मुख दृष्टिकोण अपनाना समय की मांग है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान, समाज कार्य, योग, कला, संगीत, फैशन डिजाइनिंग, होटल प्रबंधन व अन्य विभाग ब्रिज कोर्स, व्यावसायिक प्रशिक्षण, पोषण, स्वास्थ्य और आजीविका विकास में सहयोग करेंगे। “एक छात्र–एक बालक” जैसी मेंटरशिप योजनाओं और “युवा-से-युवा संपर्क” कार्यक्रमों के जरिए विश्वविद्यालय छात्राओं को शैक्षणिक और सांस्कृतिक सहयोग देंगे। न्याय समिति के सदस्य भी मौजूद रहे इस अवसर पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरुण भंसाली ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जबकि यूनिसेफ और उच्च न्यायालय की किशोर न्याय समिति समेत कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। समझौते के अनुसार विभाग प्रशासनिक सहयोग व वित्तपोषण करेगा और विश्वविद्यालय भागीदारी की निगरानी एवं प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा। तीन वर्षों के लिए प्रभावी यह एमओयू बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ-साथ उच्च शिक्षा को समाज से जोड़ने का एक प्रेरणादायक मॉडल सिद्ध होगा।
डग में ईद मिलादुन्नबी पर तीन दिवसीय कार्यक्रम:मेधावी छात्रों का सम्मान, धार्मिक शिक्षा पर जोर
झालावाड़ के डग कस्बे में मुस्लिम समाज ने ईदगाह परिसर में जश्ने ईद मिलादुन्नबी पर तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र और पुरस्कार दिए गए। भीलवाड़ा से आए हजरत कारी सलीम साहब ने अपने संबोधन में रसूल की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जीवन इंसानियत के लिए एक आदर्श है। उन्होंने आज की युवा पीढ़ी को मोबाइल की लत से दूर रहने की सलाह दी। कारी सलीम ने कहा कि धार्मिक शिक्षा इंटरनेट के बजाय बुजुर्गों से लेनी चाहिए। उन्होंने नई पीढ़ी को नमाज को जीवन का हिस्सा बनाने और बुराई, गिबत और भेदभाव से दूर रहने का संदेश दिया। कार्यक्रम में हाफिज हसन रजा, हाफिज मुबारक हुसैन, हाफिज मोहम्मद नफीस, आलीम यामिन रजा और अंजुमन सदर अब्दुल रहीम उर्फ गुड्डू भाई सहित कई समाज के लोग मौजूद थे। कार्यक्रम के अंत में फातिहा के बाद प्रसाद का वितरण किया गया।
पटना में 400 शिक्षकों को मिला शिक्षा रत्न सम्मान
एजुकेशन रिपोर्टर|पटना पटना के रविंद्र भवन में शनिवार को अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन (अपसा) द्वारा 7वां शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस खास मौके पर राज्यभर के करीब 400 निजी स्कूलों के शिक्षकों को अपसा शिक्षा रत्न सम्मान से नवाजा गया। सभी शिक्षकों को मोमेंटो और सम्मान पत्र देकर उनकी मेहनत और योगदान को सराहा गया। कार्यक्रम का उद्घाटन राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने किया। उन्होंने अपसा की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से शिक्षकों का मनोबल बढ़ता है और शिक्षा का स्तर भी बेहतर होता है। समारोह के मुख्य अतिथि बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन थे। वहीं, कई अन्य खास मेहमानों में पटना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति केसी सिन्हा, डीपीओ कुमकुम पाठक, मिनर्वा एडवेंचर्स के जयंत भट्टाचार्य, सायंस फॉर सोसायटी के डॉ. अरुण और युवा शिक्षाविद् दीपक प्रकाश शामिल हुए। इस मौके पर दीपक प्रकाश ने घोषणा की कि वे अपने शिक्षण संस्थान के माध्यम से निजी स्कूलों के बच्चों के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था करेंगे। समारोह की अध्यक्षता अपसा अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार झा ने की। उन्होंने कहा कि अपसा राज्य के सभी निजी स्कूलों और उनके शिक्षकों को एक साथ जोड़कर शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव लाने का काम कर रहा है।
शिक्षा संचालनालय ने स्कूल की टाइमिंग बदलने का भेजा प्रस्ताव
प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में शनिवार को शाला लगने की टाइमिंग बदलने का प्रस्ताव स्कूल शिक्षा विभाग को मिला है। मंत्रालयीन स्तर पर इस पर निर्णय लिया जाना है। शिक्षा संचालनालय के प्रस्ताव के अनुसार शनिवार को मार्निंग शिफ्ट में लगने वाले स्कूल सुबह 7.30 बजे से 11.30 बजे तक लगाने की योजना है। इसी तरह दो शिफ्ट में लगने वाले स्कूलों में प्राइमरी और मिडिल स्कूल को दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक और हाईस्कूल व हायर सेकेंडरी स्कूल को सुबह 7.30 से 11.30 बजे तक लगाने का प्रस्ताव भेजा गया है।
लखनऊ-वाराणसी नेशनल हाइवे पर शनिवार दोपहर हुए हादसे ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने बुलेट सवार दंपती को जोरदार टक्कर मार दी, जिससे शिक्षामित्र की मौके पर ही मौत हो गई और उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं। लीलापुर थाना क्षेत्र के रसूलपुर गुलरहा निवासी अश्विनी कुमार (50) अपनी पत्नी सुमन (45) के साथ बुलेट से प्रतापगढ़ शहर खरीदारी के लिए जा रहे थे। जैसे ही वे खरगपुर पेट्रोल पंप के पास पहुंचे, सामने से आ रही तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने उनकी बाइक में टक्कर मार दी। जोरदार टक्कर से दोनों सड़क पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल में हुई अश्विनी की मौत सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को जिला अस्पताल भिजवाया, जहां डॉक्टरों ने अश्विनी कुमार को मृत घोषित कर दिया। उनकी पत्नी सुमन को हालत गंभीर होने पर इलाज के लिए भर्ती किया गया है। परिजनों में मचा कोहराम अश्विनी कुमार तेतारपुर विद्यालय में शिक्षामित्र के पद पर तैनात थे। वे चार भाइयों में तीसरे नंबर पर थे और अपने पीछे बेटा अभिजीत व बेटी साक्षी को छोड़ गए हैं। मौत की खबर मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। लीलापुर थाना प्रभारी मनोज पांडेय ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। तहरीर मिलने पर केस दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (BSEB) की वार्षिक परीक्षा 2025 में शामिल होने वाले छात्रों के दस्तावेज अपलोड करने में कई विद्यालयों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। इस पर शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखाते हुए 20 विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा है। बीएसईबी ने 4 अगस्त को सभी विद्यालयों को निर्देश जारी कर विद्यार्थियों के हस्ताक्षरित घोषणापत्र और डमी रजिस्ट्रेशन कार्ड पोर्टल पर अपलोड करने को कहा था। कई बार याद दिलाने के बावजूद कई विद्यालयों ने अब तक इसका पालन नहीं किया है। विभाग का कहना है कि ऐसी लापरवाही से छात्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने चेतावनी दी है कि निर्धारित समय में संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर संबंधित प्रधानाचार्यों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि समय सीमा के भीतर कार्य पूरा न होने पर कठोर कदम उठाए जाएंगे। जिन विद्यालयों से जवाब मांगा गया है, उनमें शामिल हैं: शिक्षा विभाग ने सभी प्रधानाचार्यों से अपील की है कि वे समय पर पोर्टल पर दस्तावेज अपलोड करें, ताकि विद्यार्थियों को अनावश्यक परेशानी का सामना न करना पड़े।
गोरखपुर के न्यू कॉलोनी चिलमापुर में देर शाम ईद मिलादुन्नबी के पावन अवसर पर भव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर धार्मिक आयोजकों और स्थानीय लोगों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। कार्यक्रम की शुरुआत कुरआन-ए-पाक की तिलावत हाफिज रहमत अली निजामी ने की, जिससे माहौल आध्यात्मिक और शांतिपूर्ण बन गया। इसके बाद नात-ए-पाक का पाठ सद्दाम हुसैन ने प्रस्तुत किया, जिसने सभी उपस्थितों के दिलों को मोह लिया। बदलाव से ही बदलेंगे हालात मुख्य वक्ता कारी मुहम्मद अनस रजवी ने अपने संबोधन में कहा कि जब तक हम स्वयं में बदलाव नहीं लाएंगे, तब तक हमारे हालात में सुधार नहीं होगा। उन्होंने बताया कि पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की जात से खुद को जोड़ना, सहाबा किराम वाला दीनी जज्बा विकसित करना और कुरआन-ए-पाक व हदीस-ए-पाक पर मुकम्मल अमल करना हर मुसलमान के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को बुराईयों से दूर रहना चाहिए, दूसरों के दुख-दर्द में शरीक होना चाहिए और सुन्नत पर चलना चाहिए। फर्ज की अदायगी समय पर करना, ज्ञान प्राप्त करना और अच्छे आचरण को अपनाना जीवन को प्रकाशमय बनाता है। पैगंबर-ए-इस्लाम के आदर्श- शिक्षाएं करी अनस रजवी ने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम पूरे मानव समाज के लिए आदर्श हैं। अल्लाह ने उन्हें रहमत बना कर भेजा और उनका हर पैगाम दुनिया वालों के लिए मार्गदर्शक है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों को सिर्फ नाम से मुसलमान नहीं बनना चाहिए, बल्कि अपने अमल और किरदार से पैगंबर-ए-इस्लाम के वफादार बनना चाहिए। बच्चों को हर हाल में पैगंबर-ए-इस्लाम की सीरत और शिक्षाएं बताना जरूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ी भी उनके रास्ते पर चल सके। संगोष्ठी का समापन दरूदो सलाम के साथ हुआ। इसके बाद देश की तरक्की, अमन, मुहब्बत और भाईचारे की दुआ मांगी गई। संगोष्ठी में अब्दुल अहद, सलमान, पप्पू, इमरान, औसाफ, खालिद, समीर, सोनू सहित तमाम स्थानीय नागरिक और धर्मगुरु मौजूद रहे।
20 वर्षों से भाजपा-जदयू सत्ता में हैं, फिर भी शिक्षा, रोजगार और सिंचाई की हालत बदतर-तेजस्वी यादव
बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को एनडीए सरकार पर जुबानी हमला किया। उन्होंने कहा कि 20 वर्षों से भाजपा और जदयू सत्ता में हैं, फिर भी बिहार में शिक्षा, रोजगार और सिंचाई की हालत बदतर है
समस्तीपुर में रसोईया संघ ने जिला शिक्षा कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया। रसोईया संघ के जिलाध्यक्ष ने बताया कि विभाग ने पहले ₹2000 हर महीने मानदेय बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था। साथ ही 10 की जगह 12 महीने भुगतान की बात थी। लेकिन सरकार ने केवल ₹1650 की बढ़ोतरी की। संघ की प्रमुख मांगों में रसोईया को ₹10,000 हर महीने का 12 महीने का मानदेय, सरकारी कर्मचारी का दर्जा और स्वास्थ्य बीमा की सुविधा शामिल है। साथ ही ₹5,000 मासिक पेंशन और सेवानिवृत्ति पर ₹2 लाख की एकमुश्त राशि की मांग की गई है। मिड-डे मील के निजीकरण पर रोक लगाने की मांग रसोईया संघ ने मिड-डे मील के निजीकरण पर रोक लगाने और विद्यालयों में ताजा भोजन बनाने की व्यवस्था बनाए रखने की मांग की है। उन्होंने उजियारपुर प्रखंड के देसुआ और मोहनपुर प्रखंड से हटाए गए रसोइयों की बहाली की भी मांग की है। संघ का कहना है कि ग्रामीण राजनीति के कारण शिक्षा समिति निर्दोष रसोइयों को काम से हटा देती है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी बिना उचित जांच के इन निर्णयों को मंजूरी दे देते हैं। रसोईया संघ ने मांग की है कि रसोइयों से अन्य काम न लिया जाए। स्कूल में रात्रि प्रहरी की बहाली में उन्हें प्राथमिकता दी जाए।
शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स से एक रिपोर्ट मांगी है। इसमें जिलों में स्थित स्कूल में मौजूद जर्जर क्लास रूम के स्थान पर पढ़ाई के लिए दूसरी क्या वैकल्पिक व्यवस्था की गई। इसकी रिपोर्ट मांगी है। ये रिपोर्ट 7 सितंबर तक सभी कलेक्टर्स को भेजने के लिए कहा है। झालावाड़ में हुई दर्दनाक घटना के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया था। हाईकोर्ट की जयपुर बैंच ने शिक्षा विभाग से सरकारी स्कूलों में मौजूद जर्जर क्लास रूम की रिपोर्ट मांगी थी। पिछले महीने सरकार की तकनीकी टीम ने सर्वे के बाद रिपोर्ट पेश की। 86 हजार 934 क्लास रूम जर्जर इस रिपोर्ट में बताया- राज्य में कक्षा 1 से 12वीं तक के कुल 63018 स्कूल हैं। इन स्कूलों में 5,26,262 क्लासरूम हैं। इनमें से 86 हजार 934 क्लास रूम जर्जर हैं। इन्हें बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से सही नहीं माना। हाईकोर्ट ने इस रिपोर्ट के बाद इन सभी क्लास रूम को बंद करने के आदेश सुनाते हुए इनकी जगह वैकल्पिक स्थान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। ताकि बारिश या अन्य कारण से इन भवनों के गिरने या ढहने से होने वाली जनहानि को बचाया जा सके। इसी रिपोर्ट के आधार पर सभी कलेक्टर्स को इन क्लास रूम में पढ़ने वाले बच्चों के लिए सुरक्षित वैकल्पिक स्थान खोजने और उन बच्चों को वहां शिफ्ट करके पढ़ाई सुचारू करवाने के लिए कहा था। 7 बच्चों की हुई थी मौत झालावाड़ जिले में जुलाई में एक प्राथमिक स्कूल की छत गिरने से सात बच्चों की मौत हो गई थी। इस दर्दनाक हादसे के बाद सरकार की जमकर आलोचना हुई। हाईकोर्ट ने इस प्रकरण पर संज्ञान लेते हुए स्कूलों की बदहाल स्थिति पर सवाल उठाए थे।
प्रतापगढ़ के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार तेतरवाल ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कचोटिया का दौरा किया। उन्होंने 69वीं जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस प्रतियोगिता में 17 और 19 वर्ष के छात्र-छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं। प्रतियोगिता में हैंडबॉल, कुश्ती और योगासन की स्पर्धाएं शामिल हैं। सीडीईओ ने खिलाड़ियों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए खेल जरूरी है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है। खेल शारीरिक और मानसिक विकास के साथ-साथ संस्कृति और आत्मविश्वास के लिए भी महत्वपूर्ण है। सीडीईओ ने खिलाड़ियों को खेल के साथ पढ़ाई पर भी ध्यान देने की सलाह दी। कार्यक्रम में शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिला अध्यक्ष देवीलाल मीणा, शारीरिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष इंद्रमल मीणा और मुख्य निर्णायक दिलीप कुमार सोलंकी मौजूद रहे। प्रतियोगिता संयोजक और विद्यालय के प्रधानाचार्य गणेश लाल मीणा ने यह जानकारी दी।
छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के बाजारपारा स्थित ऑडिटोरियम में रजत जयंती वर्ष और शिक्षक दिवस के मौके पर जिला स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने 21 टीचर्स को सम्मानित किया। मंत्री नेताम ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन के जीवन और विचारों ने शिक्षा को नई दिशा दी है। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका को कुम्हार से जोड़ते हुए कहा कि जैसे कुम्हार मिट्टी को तराशकर सुंदर घड़ा बनाता है, वैसे ही शिक्षक विद्यार्थियों को ज्ञान और संस्कारों से गढ़कर समाज और देश के निर्माण में योगदान देते हैं। एक अच्छे नागरिक का निर्माण शिक्षक करते हैं कलेक्टर कटारा ने कहा कि, प्रारंभिक शिक्षा माता-पिता से मिलती है, लेकिन एक अच्छे नागरिक का निर्माण शिक्षक करते हैं। उन्होंने शिक्षकों से अपने कर्तव्यों का बेहतर निर्वहन करने और बच्चों के लिए प्रेरणादायक बनने का आग्रह किया। 21 उत्कृष्ट शिक्षकों का सम्मान समारोह में ज्ञानदीप पुरस्कार से 3 और शिक्षादूत पुरस्कार से 18 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इस तरह कुल 21 उत्कृष्ट शिक्षकों का सम्मान किया गया। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष हीरामुनि निकुंज, उपाध्यक्ष धीरज सिंह देव, कलेक्टर राजेंद्र कटारा, पुलिस अधीक्षक वैभव बैंकर रमनलाल और जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह तोमर मौजूद रहे।
भारतीय छात्रों के पसंदीदा बने ये देश, अमेरिका में क्यों घट रही है रुचि?
Indian students News : अमेरिकी विश्वविद्यालयों में आवेदनों में साल-दर-साल 13 प्रतिशत की गिरावट आई है, क्योंकि भारतीय छात्र जर्मनी जैसे गंतव्यों को पसंद कर रहे हैं, जहां 2024-25 में 32.6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। अमेरिका और कनाडा जैसे देशों की सख्त ...
स्कूलों में ट्रांसजेंडर-समावेशी यौन शिक्षा लागू करने की जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एनसीईआरटी और एससीईआरटी को देशभर के स्कूलों में ट्रांसजेंडर-समावेशी यौन शिक्षा लागू करने की याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमति दे दी है
UKPSC ने जारी किया भर्ती परिणाम, 12 जनवरी को हुई थी परीक्षा
Public Service Commission released recruitment result : उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पुलिस सब इंस्पेक्टर, गुल्मनायक और फायर स्टेशन सेकंड अधिकारी भर्ती का परिणाम घोषित कर दिया है। अभ्यर्थी आयोग की आधिकारिक वेबसाइट psc.uk.gov.in पर जाकर अपने नतीजे चेक ...
Petrol Diesel Prices: पेट्रोल और डीजल के ताजा भाव जारी, जानें कि आपने नगर में क्या हैं कीमतें
Petrol Diesel Prices: ग्लोबल मार्केट (global market) में भले ही कच्चे तेल (crude oil) की कीमतें पिछले महीनेभर से 67 डॉलर के आसपास घूम रही हैं, लेकिन घरेलू बाजार में पेट्रोल-डीजल (petrol and diesel) की खुदरा कीमतों में बखूबी बदलाव दिख रहा है। ...
5100 छात्रों के सपनों को लगेंगे रिलायंस फाउंडेशन की स्कॉलरशिप के पंख
Reliance Foundation News : रिलायंस फाउंडेशन (Reliance Foundation) की वार्षिक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन एक बार फिर खुल गए हैं। शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए रिलायंस फाउंडेशन 5100 छात्रों को स्कॉलरशिप यानी छात्रवृत्ति देगी। स्कॉलरशिप के लिए केवल प्रथम ...
संघ का शिक्षा एजेंडा : न पढ़ेंगे न पढ़ने देंगे
विवादित पाठ्य पुस्तकों में, इन्हीं विषयों की पिछली पाठ्य पुस्तकों से जो भारी बदलाव किए गए हैं
देश के कई विद्यालयों में सुबह की प्रार्थना सभा में सुविचार प्रस्तुत करने की परंपरा है, विद्यालयों के श्यामपट (ब्लैकबोर्ड) पर भी सुविचार लिखे होते हैं
ललित सुरजन की कलम से- शिक्षा और परीक्षा
'एक बात समझ आती है कि देश में बहुत सी अन्य बातों के साथ शिक्षा जगत में भी जो परिवर्तन नज़र आते हैं उसका बहुत कुछ श्रेय नवपूंजीवादी विश्वव्यवस्था को है
दिल्ली में झुग्गी में रहने वाले एक पिता ने, जो चाय बेचते हैं, उन्होंने अपनी बेटी को आखिरकार CA बना दिया। जहां एक ओर लोगों ने कहा, क्यों अपनी बेटी को जरूरत से ज्यादा पढ़ा रहे हो, इसकी शादी करवा देनी चा
NEET UG रिजल्ट को लेकर अभी भी जारी है गुस्सा, छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के पास किया विरोध प्रदर्शन
नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए छात्रों ने सोमवार को शिक्षा मंत्रालय के पास विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा परिणाम में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की। आइए जानते हैं, क्या है पूरा म
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का 10 फीसदी भी डाटा नहीं हुआ अपलोड
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का डाटा अपलोड करने में जिले के कई स्कूल ढील दे रहे हैं, वे 10 फीसदी छात्रों का भी डाटा अभी तक अपलोड नहीं कर पाए हैं। डाटा अपलोड करने में आधार कार्ड की अनिवार्यता के बाद से छ
बेसिक शिक्षा : दो महीने बाद भी 1.38 लाख छात्रों का डेटा नहीं हुआ अपडेट
बेसिक शिक्षा विभाग के यू डायस पोर्टल पर डेटा अपडेट करने का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है। हाल ये है कि दो महीने में महज 1.38 लाख छात्रों डेटा भी अपडेट नहीं हुआ। विभाग ने अब 5 जून तक इसे पूरा करने क
स्कूलों में कैसे पढ़ा रहे हैं शिक्षक, वीडियो में देखेगा शिक्षा विभाग, होगी रिकॉर्डिंग
शिक्षा विभाग वीडियो के जरिए देखेगा कि परिषदीय स्कूलों के शिक्षक छात्रों को कैसे पढ़ाते हैं। बता दें. छात्रों को पढ़ाते हुए शिक्षकों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। आइए जानते हैं विस्तार से।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति : यूपी बोर्ड ने दिए निर्देश, एनईपी लागू करने को स्कूल बनाएंगे प्लान
यूपी बोर्ड से जुड़े 27 हजार से अधिक स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने के लिए स्कूल स्तर पर योजना बनाई जाएगी। एनईपी 2020 के विषय में विद्यालयों में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
बॉलीवुड का ये सुपरस्टार युवाओं को IAS बनाने के लिए मुफ्त में देगा शिक्षा, योजना से अबतक जुड़ चुके है7000 युवा
राम बनने के लिएधनुष-बाण चलाने की शिक्षा ले रहे है Ranbir Kapoor, एक्टर केआर्चरी ट्रेनर ने शेयर की तस्वीरें