श्री आनंदपुर साहिब, जिसे 'गुरु नगरी' के नाम से जाना जाता है, अब 'व्हाइट सिटी' में तब्दील होने जा रहा है। पंजाब सरकार की इस पहल के तहत पूरे शहर को सफेद रंग से सजाया जाएगा। इस अभियान की शुरुआत मंगलवार को बस अड्डे से गई। शिक्षा मंत्री और श्री आनंदपुर साहिब के विधायक हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि यह पहल नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी शताब्दी के उपलक्ष्य में की जा रही है। इस अवसर पर श्री आनंदपुर साहिब में विश्वस्तरीय कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। एक करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना मंत्री बैंस के अनुसार, इन कार्यक्रमों में देश-विदेश से लगभग एक करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। राज्य सरकार श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सभी आवश्यक प्रबंध तेजी से पूरे कर रही है। इसी श्रृंखला में, शहर के हर कोने को सफेद रंग में रंगने की सेवा शुरू की जा रही है। इस कार्य का शुभारंभ बाबा सतनाम सिंह जी (किला आनंदगढ़ साहिब) द्वारा अरदास के साथ होगा। मंत्री बैंस ने इस सेवा में शामिल होने के लिए क्षेत्र के युवा क्लबों, पंचायत प्रतिनिधियों, सरपंचों, आम आदमी पार्टी पदाधिकारियों, समाजसेवियों और पार्षदों से अपील की है। 20 हजार लीटर सफेद रंग मंगाया गया इस अभियान के दौरान जिले के डिप्टी कमिश्नर वर्जीत वालिया और एसएसपी गुलनीत सिंह खुराना सहित जिले के वरिष्ठ अधिकारी विशेष रूप से मौजूद रहेंगे। मंत्री बैंस ने बताया कि दानदाताओं और पेंट कंपनियों के सहयोग से 20,000 लीटर से अधिक सफेद रंग एकत्र किया गया है, जिसका उपयोग शहर को सुंदर बनाने में किया जाएगा। मंत्री बैंस ने कहा कि गुरु साहिब की कृपा से आनंदपुर साहिब का स्वरूप बदल रहा है। सड़कों की मरम्मत, सफाई और सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से जारी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले पांच से सात दिनों में पूरा शहर चमकदार सफेद रंग में रंग जाएगा और सच्चे अर्थों में 'व्हाइट सिटी' के रूप में उभरेगा।
उदयपुर जिले के भींडर स्थित भैरव राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में भामाशाह सम्मान समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम में शिक्षा विकास में योगदान देने वाले भामाशाहों को सम्मानित किया गया। एमजोल इंडिया लिमिटेड और रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा 8 लाख रुपये का फर्नीचर भेंट करने पर विशेष सम्मान किया गया।
भिण्ड के कीरतपुरा स्थित सेंट माइकल स्कूल में मंगलवार को विश्व शिक्षा दिवस पर विधिक साक्षरता और जागरूकता कार्यक्रम हुआ। यह आयोजन न्यायोत्सव : विधिक सेवा सप्ताह (9 से 14 नवंबर) के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड द्वारा कराया गया। विद्यार्थियों को अधिकार–कर्तव्य की जानकारी दी कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश हिमांशु कौशल ने छात्रों को उनके अधिकार और कर्तव्य समझाए। उन्होंने कहा कि अधिकार सुरक्षित रखने के लिए हर व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का पालन जरूरी है। साथ ही बच्चों को पढ़ाई में आगे बढ़ने और अनुशासन बनाए रखने की सलाह भी दी। बच्चों को उनके कानूनी अधिकारों के बार में बतायान्यायाधीश/सचिव अनुभूति गुप्ता ने छात्रों को किशोर न्याय अधिनियम 2015 के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नाबालिगों के मामलों की सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में होती है। साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि पात्र व्यक्ति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से या टोल फ्री नंबर 15100 पर कॉल कर निःशुल्क कानूनी सहायता ले सकते हैं। स्कूल स्टाफ रहा उपस्थित कार्यक्रम में स्कूल की प्राचार्य सिस्टर शांति कजूर, शिक्षक मंजर अली, ब्रजेन्द्र कुमार, पीएलव्ही भिण्ड और स्कूल का पूरा स्टाफ मौजूद रहा।
लखीसराय जिले के बड़हिया प्रखंड स्थित उच्च विद्यालय में मंगलवार को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर एक समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर लखीसराय के जिला पदाधिकारी (डीएम) मिथिलेश मिश्र ने विद्यालय के मैट्रिक परीक्षा में शामिल होने वाले 100वें बैच के छात्र-छात्राओं का स्वागत और सम्मान किया। यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 1927 में इस विद्यालय के छात्र पहली बार पटना विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित मैट्रिक परीक्षा में सम्मिलित हुए थे। कार्यक्रम का उद्घाटन डीएम मिथिलेश मिश्र, जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) यदुवंश राम, प्रधानाध्यापक डॉ. रामप्रवेश सिंह, फिल्मकार रविराज पटेल और पूर्व प्राचार्य विपिन कुमार सिंह ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कार्यक्रम की शुरुआत देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। प्रभारी प्रधानाध्यापिका डॉ. किरण कुमारी के नेतृत्व में आयोजित इस समारोह में विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। छात्रों को संबोधित करते हुए डीएम मिश्र ने कहा कि 'छात्र देश के कर्णधार हैं, शिक्षक उनके निर्माता हैं और इन्हीं छात्रों के माध्यम से देश का भविष्य निर्मित होता है।' उन्होंने छात्रों को मन लगाकर पढ़ाई करने, अनुशासन का पालन करने तथा प्रतिदिन न्यूनतम आठ से दस घंटे अध्ययन करने की प्रेरणा दी। डीएम ने जोर दिया कि शिक्षा वह अचूक हथियार है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन को सफल बना सकता है और राष्ट्र की प्रगति में योगदान दे सकता है। जिला शिक्षा पदाधिकारी यदुवंश राम ने छात्रों को तनावमुक्त रहकर नियमित अध्ययन करने और अनुशासन बनाए रखने की सलाह दी। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने विद्यालय के 165 छात्र-छात्राओं को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया। सम्मान समारोह के बाद सभी विद्यार्थियों के साथ सामूहिक फोटोग्राफी भी की गई। कार्यक्रम में शिक्षक श्रवण कुमार, गोपाल कुमार, शशिकला कुमारी, प्रभाकर कुमार, प्रेम कुमार और सौरभ कुमार सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। समारोह का समापन राष्ट्रगान 'जन गण मन' के सामूहिक गायन से हुआ।
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कनवास क्षेत्र के दौरे में ग्रामीणों की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए मामोर की झोपड़िया के शिक्षकों के डेपुटेशन निरस्त करने के निर्देश दिए। स्कूलों की जर्जर हालत और विकास कार्यों की लापरवाही पर अधिकारियों को सख्त चेतावनी दी।
देश के दस राज्यों के शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के प्रमुख उदयपुर आए हुए है। यहां पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के क्रियान्वयन और शिक्षा में नवचार को लेकर मंथन हो रहा है। राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (आरएससीईआरटी) की ओर से उदयपुर में शुरू हुए शिक्षाविदों के तीन दिवसीय महाकुंभ के आज दूसरे दिन मंगलवार को भी कई राज्यों के वक्ताओं ने अपनी बात रखी। ‘शिक्षा में परिवर्तन: एनईपी 2020 और उसके बाद के संदर्भ में सर्वोत्तम प्रथाओं को आगे बढ़ाना’ विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में देशभर के शिक्षा विशेषज्ञ भाग ले रहे है। विभिन्न सत्रों में आयोजित चर्चाओं के दौरान विशेषज्ञों ने शिक्षण में प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रयोग, आकलन प्रणाली में सुधार, शिक्षक प्रशिक्षण की नई दिशा, प्रारंभिक कक्षाओं में भाषा आधारित अधिगम और सामुदायिक सहभागिता जैसे विषयों पर गहन मंथन किया जा रहा है। राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गोवा, मणिपुर, नागालैंड, झारखंड सहित 10 राज्यों की राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषदों से आए विशेषज्ञों ने अपने राज्यों में एनईपी के क्रियान्वयन के दौरान अपनाई जा रही सर्वोत्तम प्रथाओं, नवाचारों, तथा शिक्षा में गुणवत्ता सुधार से जुड़े अनुभव साझा किए। इसमें 'खेल-खेल में शिक्षा' पर आधारित शिक्षण पद्धति को मजबूत करने, बहुभाषी शिक्षा (MLE) को प्रोत्साहन देने तथा समावेशी शिक्षा के व्यापक क्रियान्वयन पर विशेष जोर दिया गया। विशेषज्ञों ने बताया कि सीखने की प्रक्रिया को आनंददायक बनाना, बाल मनोविज्ञान के अनुरूप गतिविधि-आधारित शिक्षण को बढ़ावा देना और भाषा विविधता को सम्मान देना - शिक्षा की नई दिशा तय करने वाले प्रमुख तत्व हैं। प्रतिभागियों ने एकमत से यह सुझाव दिया कि राज्यों के बीच नवाचारों का आदान-प्रदान शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। परिषद निदेशक श्वेता फगेडिया ने कहा कि 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा जगत में परिवर्तन का आधार स्तंभ सिद्ध हो रही है। यह नीति न केवल शिक्षण के तरीकों को आधुनिक बना रही है बल्कि विद्यार्थियों में सृजनात्मकता और आत्मनिर्भरता का विकास भी कर रही है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री देना नहीं बल्कि जीवन जीने की कला सिखाना है। इससे पहले सोमवार को हुए उद्घाटन समारोह में संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी और माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने संबोधित किया था।
राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर ने कार्मिक की मृत्यु के समय गर्भावस्था में रहे शिशु के बालिग होने पर प्रस्तुत अनुकम्पा नियुक्ति के आवेदन को राज्य सरकार द्वारा देरी के आधार पर अस्वीकार किए जाने के मामले में सुनवाई की। जस्टिस मुन्नुरी लक्ष्मण ने इस मामले में प्रारंभिक सुनवाई के बाद शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है। मामले की अगली सुनवाई 27 नवंबर को होगी। दरअसल, डीडवाना के बेरी गांव निवासी समीर खान की ओर से एडवोकेट रजाक खान हैदर ने याचिका दायर की। इसमें बताया कि समीर के पिता सुलेमान खान का वर्ष 2003 में निधन हो गया था। उस समय याचिकाकर्ता समीर खान अपनी मां के गर्भ में था। पिता की मृत्यु के बाद उसकी मां लंबे समय तक बीमार रहीं और बड़ा भाई नि:शक्त है, ऐसे में बालिग होने पर याचिकाकर्ता ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए आवेदन किया। निदेशालय की दुविधा, देरी बता अर्जी अस्वीकार की आवेदन पर प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने कार्मिक की मृत्यु के समय याचिकाकर्ता के जन्म नहीं लेने के कारण उसे आश्रित की श्रेणी में मानने या नहीं मानने को लेकर शिक्षा विभाग से मार्गदर्शन चाहा था। इस प्रश्न पर निदेशालय स्पष्टता नहीं ले पा रहा था कि क्या गर्भावस्था में रहे शिशु को मृतक कार्मिक का आश्रित माना जाए या नहीं। शिक्षा विभाग ने निदेशालय के प्रतिउत्तर में शीर्ष अदालत द्वारा पारित दो निर्णयों का उल्लेख करते हुए कहा कि कार्मिक की मृत्यु के कई वर्षों पश्चात अनुकम्पा नियुक्ति का आवेदन स्वीकार नहीं किया जा सकता। इस आधार पर याचिकाकर्ता के आवेदन को देरी के कारण अस्वीकार कर दिया गया। पीड़ित का तर्क: संदर्भ केस की गलत व्याख्या अधिवक्ता ने तर्क दिया कि राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट के उमेश कुमार नागपाल बनाम हरियाणा राज्य मामले में दिए निर्णय की गलत व्याख्या कर रही है। वकील ने कहा कि उक्त मामले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि संकट समाप्त होने या लंबे समय बाद नियुक्ति का दावा नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता के मामले में संकट अभी समाप्त नहीं हुआ है। सवाल गर्भस्थ शिशु को आश्रित मानने का
स्कूली बच्चों की फीस को लेकर आने वाले समय में शिक्षकों के साथ अभिभावकों को भी अपग्रेड होना होगा। केंद्र सरकार ने राज्यों को भेजे एक पत्र में कहा है कि डिजिटल परिवर्तन सुधारों के तहत फीस जमा करने के लिए स्कूलों में यूपीआई को शामिल किया जाए। ऐसे में भविष्य में स्कूलों में भी फोन-पे, पेटीएम जैसे यूपीआई सिस्टम से बच्चों की स्कूल फीस जमा हो सकेगी। इससे न केवल अभिभावकों को सहुलियत मिलेगी बल्कि संस्था प्रधान को भी रसीदें छपवाने व काटने के झंझट से मुक्ति मिल सकेगी। अभिभावकों को स्कूल आने की जरूरत नहीं रहेगी और उन्हें घर या कहीं से भी ऑनलाइन फीस जमा कराने की सुविधा का फायदा मिल जाएगा। यही नहीं, इसकी रसीद भी हाथों हाथ डिजिटली जनरेट होकर मिल जाएगी। केंद्र सरकार ने यह पहल विभिन्न क्षेत्रों में नीतिगत और संस्थागत सुधारों के माध्यम से स्कूली शिक्षा में आसानी को बढ़ावा देने के लिए की है। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने पहली बार राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में प्रशासनिक प्रक्रियाओं, विशेष रूप से स्कूलों में वित्तीय लेनदेन से संबंधित प्रक्रियाओं का आधुनिकीकरण करके स्कूली शिक्षा को आसान बनाने के लिए एकीकृत भुगतान इंटरफेस यानी यूपीआई को अपनाने पर जोर दिया है। यूपीआई मोबाइल वॉलेट और नेट बैंकिंग जैसे डिजिटल भुगतान प्लेटफार्मों की बढ़ती पहुंच का लाभ उठाने कहा आह्वान किया है। शिक्षा मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और स्वायत्त निकायों जैसे एनसीईआरटी, सीबीएसई, केवीएस, एनवीएस को इसे लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया है। इससे स्कूलों में सुरक्षित और पारदर्शी डिजिटल तरीकों से प्रवेश और परीक्षा शुल्क एकत्र करने का वातावरण बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही बताया है कि नकद भुगतान के बजाय डिजिटल भुगतान के कई फायदे हैं। अभिभावकों और छात्रों के लिए यह पारदर्शिता और स्कूल जाए बिना घर बैठे भुगतान करने की सुविधा है। यूपीआई लेनदेन की प्रक्रिया अपनाने से अभिभावक वित्तीय रूप से साक्षर बन सकेंगे। सुझावों के बाद जारी किए जाएंगे दिशा-निर्देश केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विकसित भारत 2047 के विजन को देखते हुए स्कूलों में डिजिटली लेनदेन को लेकर सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एनसीईआरटी, सीबीएसई, केवीएस, एनवीएस के साथ विचार विमर्श किया है। उनसे इस प्रक्रिया को अपनाने और आसान बनाने के लिए सुझाव भी आमंत्रित किए हैं। इसके बाद इस पहल को अमल में लाने के विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। साथ ही संस्थानों को प्रशिक्षित किए जाने की रूपरेखा तय की जाएगी।
पंजाबी सिंगर काशीनाथ गोल्ड का 10 तोले सोने का कड़ा लौटाने से सुर्खियों में आ गए हैं। लुधियाना में हुए एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान उन्हें एक व्यक्ति ने यह सोने का कड़ा दिया। कड़े को हाथ में लेते ही सिंगर काशीनाथ ने कहा- ये तो सोने का कड़ा है। 10 तोले से कम का नहीं है। 10 लाख इसकी कीमत होगी। मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकता। इसे लिया तो गुरुओं-पीरों से ली शिक्षा खत्म हो जाएगी। इससे प्यार हो गया तो मेरी इबादत ही खत्म हो जाएगी। सिंगर काशीनाथ हरियाणा के कैथल में जन्मे हैं लेकिन इस वक्त मोहाली में रहते हैं। सिंगर ने कड़ा हाथ में पकड़ कहीं अहम बातें लुधियाना में हुए जगराते में पहुंचे थे सिंगर10 तोले सोने का कड़ा लौटाने की ये घटना शनिवार रात लुधियाना में हुए जागरण की है। ये जागरण जय मां अंबे क्लब ने करवाया था। धार्मिक कार्यक्रम बाबा जीवन सिंह नगर की गली नंबर-1 में हुआ। सिंगर ने कड़ा लौटाने के अंत में कहा कि आपने मेरे सिर पर हाथ रख दिया, इतना ही बहुत है, जिंदा रहे तो बार-बार मिलेंगे, मर गए तो हरिद्वार मिलेंगे।
शिक्षा सुधार और अधिकारों की मांग को लेकर निखिल बंग शिक्षक समिति का चित्तरंजन में हुआ सम्मेलन
भास्कर न्यूज | चित्तरंजन शिक्षा व्यवस्था में सुधार और शिक्षकों को उचित सम्मान दिलाने की आवाज़ को लेकर बो-मार्केट देशबंधु प्रेस परिसर से बुलंद हुई। निखिल बंग शिक्षक समिति की चित्तरंजन–सालानपुर क्षेत्रीय शाखा का 11वां त्रैवार्षिक सम्मेलन उत्साह और एकजुटता के माहौल में आयोजित हुआ। सम्मेलन का शुभारंभ अध्यक्ष सौगत सरकार, पूर्व राज्य अध्यक्ष शांतिराम भट्टाचार्य और जिला नेता शांतनु दे की उपस्थिति में ध्वजारोहण व शहीद वेदी पर श्रद्धांजलि अर्पित कर किया गया। मंच को विशेष रूप से गायक जुबिन गर्ग के नाम पर समर्पित किया गया, जिसने कार्यक्रम को सांस्कृतिक पहचान दी। शाखा सचिव पलाश मंडल ने शिक्षा व्यवस्था में घटती गुणवत्ता, वेतन विसंगति और शिक्षकों की आर्थिक चुनौतियों पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। नई 9 सदस्यीय कार्यकारिणी का गठन किया गया।
ओशो की शिक्षाओं से हुआ आत्मिक गहराई का अनुभव
भास्कर न्यूज | लुधियाना ओशो उत्सव लुधियाना की ओर से एक दिवसीय ओशो ध्यान शिविर का आयोजन महावीर स्थल, निकट दोराहा में किया गया। इस ध्यान शिविर में ओशो के परम शिष्य स्वामी ज्ञान नसीब ने विशेष रूप से संचालन किया। शिविर का उद्देश्य प्रतिभागियों को ओशो की ध्यान विधियों से परिचित कराना और ध्यान के माध्यम से आत्मिक शांति का अनुभव प्रदान करना था। स्वामी मनोज प्रीत ने बताया कि स्वामी ज्ञान नसीब ने ओशो द्वारा बताई गई विभिन्न ध्यान विधियों मन एकाग्रता, नृत्य, भजन-कीर्तन, डायनेमिक ध्यान और प्रवचनों का अभ्यास करवाया। इन अभ्यासों के दौरान उपस्थित लगभग 50 संन्यासियों ने ध्यान और संगीत के समन्वय से गहन शांति, आनंद और आत्मिक उन्मुक्ति का अनुभव किया। प्रकृति के सान्निध्य में हुए इस सत्र ने प्रतिभागियों को जीवन के प्रति नए दृष्टिकोण से जोड़ते हुए ‘अंतर आनंद’ की अनुभूति कराई। शिविर में यह संदेश दिया गया कि ध्यान केवल एक साधना नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक सृजनात्मक कला है, जो व्यक्ति को वर्तमान क्षण में जीना सिखाती है। ओशो उत्सव लुधियाना के सदस्यों ने बताया कि संस्था का उद्देश्य ओशो के ज्ञान, प्रेम और ध्यान के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है, ताकि आज के तनावपूर्ण जीवन में लोग शांति और संतुलन पा सकें।
शिक्षा को समझने की प्रक्रिया है एनईपी : आयुक्त
सिटी रिपोर्टर | उदयपुर राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (आरएससीईआरटी) की ओर से आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ सोमवार को हुआ। विषय था कि शिक्षा में परिवर्तन: एनईपी 2020 और उसके बाद के संदर्भ में सर्वोत्तम प्रथाओं को आगे बढ़ाना। उद्घाटन सत्र में उदयपुर संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरामानी ने कहा कि एनईपी 2020 शिक्षा को रटने से समझने की ओर ले जाने की प्रक्रिया है। उन्होंने हितोपदेश का श्लोक उद्धृत करते हुए कहा कि विद्या ऐसा धन है, जिसे कोई चुरा नहीं सकता। सरदार पटेल की 150वीं जयंती का उल्लेख करते हुए उन्होंने शिक्षा को व्यक्तित्व निर्माण, राष्ट्रीय एकता और वैज्ञानिक दृष्टिकोण का आधार बताया। निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीताराम जाट ने कहा कि नीति में मानवीय गुणों, रचनात्मकता, कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा पर विशेष बल दिया गया है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान, सीबीए, ओआरएफ, प्रखर राजस्थान, विद्या समीक्षा केंद्र और शिक्षक एप जैसी पहलों का उल्लेख किया। परिषद निदेशक श्वेता फगेडिया ने कहा कि एनईपी शिक्षा जगत में परिवर्तन का आधार स्तंभ है, जो विद्यार्थियों में सृजनात्मकता और आत्मनिर्भरता को बढ़ा रही है। संगोष्ठी में राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गोवा, मणिपुर, नागालैंड और झारखंड सहित 10 राज्यों के विशेषज्ञों ने भाग लिया। उन्होंने अपने-अपने राज्यों में एनईपी के क्रियान्वयन में अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं और नवाचारों को साझा किया।
कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े ने सोमवार को आयोजित समय-सीमा बैठक में सभी विभागों को निर्देश दिए कि लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि 300 दिन से अधिक समय से लंबित मामलों पर अब कड़ा रुख अपनाया जाएगा। बैठक में सीएम हेल्पलाइन, अनुकंपा नियुक्ति, पीएम किसान ई-केवाईसी, अवमानना प्रकरण सहित विभागवार लंबित पत्रकों की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने चेतावनी दी कि किसी भी विभाग की प्रगति असंतोषजनक मिलने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बैठक के दौरान कलेक्टर वानखड़े ने शिक्षा विभाग को विशेष रूप से फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि पेंशन प्रकरणों में लगातार हो रही देरी बिल्कुल अस्वीकार्य है। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि किसी भी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के तीन माह पूर्व उसकी पूरी जानकारी कोषालय कार्यालय को भेजना अनिवार्य है, ताकि पेंशन प्रक्रिया समय-सीमा में पूरी हो सके। उन्होंने साफ कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। हाल ही में इंदरगढ़ क्षेत्र के स्कूल निरीक्षण के दौरान विद्यार्थियों की अनुपस्थिति पर जताई गई नाराजगी का जिक्र करते हुए कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि जो शिक्षक चुनाव कार्य में संलग्न नहीं हैं, उनकी अनिवार्य उपस्थिति विद्यालय में सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही कलेक्टर ने जनजातीय कार्य विभाग को निर्देश दिए कि छात्रावासों की मरम्मत के प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाएं। वहीं विद्यालय भवनों की मरम्मत प्रस्तावों में ढिलाई बरतने पर शिक्षा विभाग को पुनः फटकार लगाई गई। बैठक के अंत में कलेक्टर वानखड़े ने नरवाई जलाने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दोषियों पर जुर्माना लगाया जाएगा और एफआईआर भी दर्ज की जाएगी। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि पर्यावरण और फसलों को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि शासन के निर्देशों के पालन में ढिलाई पाए जाने पर संबंधित अधिकारी की व्यक्तिगत जवाबदेही तय की जाएगी।
नोहर के नेवर परिवार ने मिशन सौ बेड की प्रेरणा से शिक्षा क्षेत्र में अनूठा योगदान दिया। मुख्यमंत्री जन सहभागी योजना के तहत राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय नं. 2 में चार कमरों मय बरामदे के निर्माण हेतु 14 लाख रुपए की राशि का चेक भेंट किया गया। यह कार्य स्व. नारायणी देवी व स्व. रामा देवी नेवर की स्मृति में करवाया जाएगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की पेंड्रा इकाई ने जिले के विभिन्न विद्यालयों में व्याप्त समस्याओं के समाधान के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा। परिषद के कार्यकर्ताओं ने बताया कि जिले के कई विद्यालयों की स्थिति अत्यंत दयनीय है, जहां भवन जर्जर हो चुके हैं, फर्नीचर की कमी है और शिक्षकों के पद लंबे समय से रिक्त पड़े हैं, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है। इस अवसर पर नगर मंत्री श्रेयांश पांडे ने सभी विद्यालयों के नियमित निरीक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने मांग की कि जिला शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष समिति का गठन किया जाए। यह समिति प्रत्येक विद्यालय का दौरा कर वहाँ की मूलभूत आवश्यकताओं और कमियों की रिपोर्ट तैयार करे तथा उनके त्वरित समाधान सुनिश्चित करे। पांडे ने कहा कि शिक्षा बच्चों का मूल अधिकार है और इससे कोई समझौता स्वीकार्य नहीं होगा। स्कूलों में जर्जर भवन और शिक्षकों की कमी को लेकर कार्रवाई की मांग महंत बिसाहूदास उद्यानिकी महाविद्यालय के सह मंत्री हरीश बंजारे ने कहा कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए प्रशासन को संवेदनशील होना चाहिए। ज्ञापन में शिक्षकों की नियुक्ति, विद्यालय भवनों की मरम्मत, स्वच्छ पेयजल, शौचालय व्यवस्था और खेल सामग्री की उपलब्धता जैसे प्रमुख बिंदुओं पर शीघ्र कार्रवाई की मांग की गई है। मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन की चेतावनी दी एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समयावधि में प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो विद्यार्थी परिषद चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगी। परिषद ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य छात्रों के हितों की रक्षा और बेहतर शिक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करना है, न कि टकराव पैदा करना। ज्ञापन सौंपने के दौरान नगर सह मंत्री आदित्य चतुर्वेदी, अमल साहू, हरिओम राठौर, योगेश साहू, तुषार सेन, श्रेयांश नामदेव, शौर्य जैसवाल, शौर्यम राठौर, आयुष साहू, रूपेश केसरी, रमाकांत वर्मा, श्रद्धा दुबे और आकांक्षा सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
सतना में पीएमश्री एक्सीलेंस डिग्री कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य सुरेशचंद्र राय पर लगे गंभीर आरोपों की जांच शुरू हो गई है। सोमवार शाम 3:30 बजे उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त संचालक आर.पी. सिंह कॉलेज पहुंचे। उन्होंने कॉलेज में मौजूद दस्तावेजों की जांच की और प्रबंधन से मामले पर बात की। जांच पूरी होने के बाद सिंह ने बताया कि उनकी रिपोर्ट तैयार कर तुरंत भोपाल मुख्यालय भेजी जाएगी। आरोप पहली बार कैसे सामने आए? यह मामला तब सामने आया था, जब पिछले महीने एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य के खिलाफ प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने एक संदिग्ध कमरे का ताला भी तोड़ दिया था। उस समय प्राचार्य ने कहा था कि कमरा नैक (NAAC) की गाइडलाइंस के कारण बंद रखा गया है। छात्राओं ने लगाए गंभीर आरोप इसी दौरान कुछ छात्राओं ने भी प्राचार्य पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि प्राचार्य उन्हें अपने कमरे में बुलाते हैं, उनके मोबाइल चेक करते हैं और निजी बातचीत पर गलत टिप्पणियाँ करते हैं। छात्राओं का आरोप है कि किसी अनजान नंबर से कॉल आने पर प्राचार्य इसे “बॉयफ्रेंड का फोन” कहकर तंज कसते हैं। वायरल ऑडियो से बढ़ा विवाद मामला और बिगड़ गया जब प्राचार्य का एक कथित ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इसमें वे एक छात्रा को मिलने के लिए बुलाते हुए आर्थिक मदद और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की बात करते सुनाई दे रहे हैं। इसके बाद कॉलेज परिसर में तनाव बढ़ गया था। अब इस मामले में उच्च शिक्षा विभाग सभी आरोपों की जांच कर रहा है। जांच अधिकारी ने दस्तावेज देखे हैं और लोगों से बात की और अब वे इसकी रिपोर्ट भोपाल भेजेंगे। इसके बाद दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं कॉलेज प्रबंधन ने जांच पूरी होने तक पूरी तरह चुप्पी साध रखी थी।
Abul Kalam Azad Jayanti: अबुल कलाम आज़ाद की जयंती पर क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय शिक्षा दिवस
Maulana Abul Kalam Azad: यह दिन स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री, महान स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद् मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने की शुरुआत भारत सरकार द्वारा 2008 में की गई थी, ताकि शिक्षा के ...
संस्कृत विद्यालय शिक्षक समिति उत्तर प्रदेश एवं महर्षि वेद विज्ञान विद्यापीठ संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अयोध्या का राष्ट्रीय अधिवेशन जोरदार रहा। इस अवसर पर संस्कृत शिक्षा समस्याओं को लेकर सीएम योगी से मिलने का निर्णय लिया गया। तय हुआ कि लख़नऊ में बड़ी बैठक कर समस्याओं से संस्कृत को निजात दिलाई जाएगी। दूसरे दिन तृतीय सत्र में बतौर मुख्य अतिथि मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास ने किया। राष्ट्र सुरक्षित रहेगा तभी हमारा सनातन धर्म सुरक्षित रहेगा उन्होंने कि सनातन धर्म की रक्षा से ही राष्ट्र की रक्षा संभव है। राष्ट्र की अखंडता व संप्रभुता के लिए संस्कृत भाषा व सनातन धर्म की रक्षा करना हमारा पुनीत कर्तव्य है। राष्ट्र सुरक्षित रहेगा तभी हमारा सनातन धर्म सुरक्षित रहेगा और हमारा जीवन भी सुरक्षित रहेगा। हमारे जीवन का सब कुछ सनातन धर्म व राष्ट्र धर्म में समाहित है। इस विद्यापीठ के संस्थापक महर्षि महेश योगी ने आजीवन सनातन धर्म के लिए कार्य किया। संस्कृत भाषा के लिए आज इस प्रकार की गोष्ठियों की परम आवश्यकता उन्होंने कहा कि महर्षि महेश योगी ने विश्व में भारत देश को एक विशिष्ट पहचान दिलाई। वह महापुरुष आज स्थूल शरीर से हमारे बीच में नहीं है किन्तु सूक्ष्म शरीर से हमेशा हमारे साथ हैं और आज भी वो अपना कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा के लिए आज इस प्रकार की गोष्ठियों की परम आवश्यकता है। संस्कृत विद्यालय हमारे देश की प्रतिष्ठा हैंचौथे व समापन सत्र के मुख्य अतिथि शिक्षक एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने कहा कि संस्कृत विद्यालय हमारे देश की प्रतिष्ठा हैं और हमारे संस्कृत शिक्षक देश व भारतीय संस्कृति के आदर्श हैं। इनके लिए वर्तमान सरकार उचित कदम भी उठा रही है। किन्तु कुछ समस्याएं आज भी हैं जिनके निस्तारण के लिए प्रयास जारी है।उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा देव भाषा होने के साथ हीं ज्ञान विज्ञान की भी भाषा है, इसलिए इसका संरक्षण व सम्वर्धन करना हम सभी का दायित्व है। मै अपनी आप सभी को आस्वस्त कर रहा हूँ कि जब कभी हमारी आवश्यकता होगी, हम आपके साथ रहेंगे। हमारी संस्कृति अगर सुरक्षित है तो उसमें संस्कृत भाषा मूल में हैविशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित राम गुलाम राय शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय के प्राचार्य डा. विनय मिश्र ने कहा कि संस्कृत में ही ऐसा सामर्थ्य है कि हजारों वर्षों के कुठाराघात के बाद भी अपने आपको बचाकर रखा। हमारी संस्कृति अगर सुरक्षित है तो उसमें संस्कृत भाषा मूल में है। सन्त गणिनाथ राजकीय महाविद्यालय मऊ के आचार्य डा. चन्द्रकान्त दत्त शुक्ल ने कहा कि संस्कृत के लोग अपने को संगठित करें साथ ही अपने ज्ञान-विज्ञान को समाज में प्रस्तुत करें, तभी संस्कृत का और संस्कृत के लोगों का भला होगा।अध्यक्षता करते हुए समिति के प्रदेश अध्यक्ष डा. गणेश दत्त शास्त्री ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारत की प्रतिष्ठा संस्कृत व संस्कृति से ही है। लेकिन आज संस्कृत शिक्षकों की समस्याओं को सुनने से शासन व प्रशासन के अधिकारी बच रहे हैं। आज हमें संगठित और सक्रिय होने की आवश्यकता है। संस्कृत शिक्षा की समस्याओं के निदान के लिए मुख्यमंत्री योगी से मिला जाएगा। इसके लिए शीघ्र ही लख़नऊ में बड़ी बैठक होगी। इस अवसर पर प्रदेश महामन्त्री डाक्टर.श्रवण मणि त्रिपाठी, प्रदेश संयोजक डा.अभिषेक पाठक, डा.ओमप्रकाश तिवारी,मनोज श्रीवास्तव आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का प्रारम्भ आचार्य विकास दीक्षित के वैदिक मंगलाचरण तथा रामकिंकर त्रिपाठी के पौराणिक मंगलाचरण से हुआ ।अतिथियों का स्वागत समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष डा.रवि कुमार मिश्र ने किया। कार्यक्रम का संचालन डा. अभिषेक पाण्डेय व डा. योगेश थुवाल ने किया। इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश मणि मिश्र,डा.पवन शुक्ल,डा.अशोक पाण्डेय,डा.गोविन्द मिश्र,डा. नीलम तिवारी,डा.प्रांगेश मिश्र,डा.उमेश तिवारी,डा.ज्ञान प्रकाश मिश्र,प्रेमचन्द नाग सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए शिक्षक- शिक्षिकाएं उपस्थित रहीं।
गोंडा के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) अतुल कुमार तिवारी और शिकायतकर्ता मनोज कुमार पांडेय को आज बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने तलब किया है। यह तलब रिश्वतखोरी के एक मामले में उनके बयान दर्ज कराने के लिए किया गया है, जिसकी जांच अब शासन स्तर तक पहुंच गई है। माना जा रहा है कि दोनों तरफ से बयान दर्ज होने के बाद विभागीय कार्यवाही भी होगी। दोनों को दोपहर 1 बजे लखनऊ स्थित निदेशालय बेसिक शिक्षा विभाग में विधि विभाग के समक्ष पेश होना है। यहां उनके बयान दर्ज किए जाएंगे। इससे पहले, 7 नवंबर को भी उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए थे। गोंडा के प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रामखेलावन सिंह द्वारा गोंडा बीएसए अतुल कुमार तिवारी और शिकायतकर्ता मनोज कुमार पांडे को इसको लेकर जानकारी दी गई है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, दोनों को आमने-सामने बैठाकर बयान दर्ज करने का उद्देश्य क्रॉस-क्वेश्चनिंग करना है। इससे पूरे मामले की सच्चाई सामने आ सकेगी और आगे की विभागीय कार्रवाई के लिए आधार तैयार होगा। कई सवालों के जवाब गोंडा के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अतुल कुमार तिवारी और मुकदमा दर्ज करवाने वाले मनोज कुमार पांडे को आज अधिकारियों के सामने देना होगा। बेसिक शिक्षा विभाग के निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने बताया कि इस मामले का संज्ञान लिया गया है। उन्होंने पुष्टि की कि 7 नवंबर को भी दोनों को बुलाया गया था, लेकिन वे नहीं आए। निदेशक ने कहा कि बयान दर्ज होने और साक्ष्य देखने के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। फिलहाल, यह कहना मुश्किल है कि कौन सी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग की तरफ से लगने वाले ग्रीष्मकालीन खेलकूद प्रशिक्षण कैंप भी शिक्षकों के कमाई का जरिया बन गए हैं। हर साल हर जिले में कैंप लगाने के लिए निदेशालय से आदेश हैं, लेकिन कैंप केवल कागजों में लग रहे हैं और पूरा भुगतान उठा रहे हैं। हर जिले के कैंप में बच्चों पर करीब 60 हजार, तो ड्यूटी दे रहे शिक्षकों पर 2 लाख (दैनिक भत्ता व उपार्जित अवकाश) से ज्यादा खर्च हो रहा है, क्योंकि डीईओ ऑफिस से 4 की जगह पर 7 से 10 शिक्षकों की ड्यूटी लगा रहे हैं। ‘भास्कर’ की पड़ताल में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। उदयपुर के राउमा विद्यालय, पडूना में साल 2023 में कबड्डी और साल 2024 में फुटबॉल का कैंप लगाना बताया, जबकि स्कूल में खेल मैदान ही नहीं है। शेष | पेज 4 इसी तरह, डूंगरपुर जिले के सासरपुर राउमा विद्यालय में साल-2024 में हैंडबॉल का कैंप लगाना बताया, लेकिन इस स्कूल में भी कोई स्टेडियम तक नहीं हैं। उदयपुर-चित्तौड़गढ़ में तो कैंप लगने से पहले ही बच्चों के खाने का भुगतान हो गया। प्रतापगढ़ के जिस स्कूल में टेबल टेनिस का कैंप लगाया, उस स्कूल के पास टेबल तक नहीं था। चित्तौड़गढ़: कैंप में खुद के स्कूल के 30 बच्चे दिखाए, 5 प्रशिक्षक लगाए राउमा विद्यालय पुरोहितों का सावंता में इस साल हैंडबॉल का कैंप बताया। इसमें 32 में से 30 बच्चे खुद के ही स्कूल के दिखाए। कैंप में 5 प्रशिक्षकों की ड्यूटी लगाई, लेकिन चयनित किए बच्चों की लिस्ट पर केवल एक ही प्रशिक्षक के साइन हैं। स्कूल को कैंप देने के डीईओ आदेश का भी कोई डिस्पैच नहीं हैं। कैंप में बच्चों पर 58 हजार, तो शिक्षकों पर 1.70 लाख खर्च आया। प्रतापगढ़: स्कूल के पास संसाधन नहीं फिर भी लगा कैंप, 40 बच्चे दिखाए पिछले साल-2024 में टेबल टेनिस का कैंप राउमावि अमलावद में लगा, जहां 40 बच्चों ने भाग लेना बताया, जबकि स्कूल के पास कोई संसाधन नहीं हैं। टेबल तक गाड़ी वाले को 1200 रुपए किराया देकर दूसरी जगह से लाए। इस साल चित्तौड़िया में वॉलीबॉल कैंप के लिए 5 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई, इसमें भी शारीरिक शिक्षकों की जगह सामान्य शिक्षक लगाए। बच्चों पर 73 हजार, तो शिक्षकों पर करीब 1.50 लाख खर्च हुआ। उदयपुर: 4 जून को कैंप शुरू, 3 जून को ही दे दिया भुगतान का आदेश 2023 और 2024 में पडूना स्कूल में कबड्डी और फुटबॉल का कैंप बताया, जहां मैदान नहीं हैं। इस बार पीएमश्री मावली जंक्शन में हॉकी का कैंप बताया। कैंप 4 जून से शुरू हुआ, लेकिन डीईओ ने 3 जून को ही पूरा खर्चा 37 हजार एजेंसी को भुगतान करने का आदेश दे दिया। सभी 20 बच्चे भी खुद के ही स्कूल के दिखाए। डूंगरपुर: स्कूल में मैदान नहीं, कैंप खत्म होने के बाद खरीदी सामग्री 2024 में लगे सासरपुर स्कूल में हैंडबॉल का कैंप लगना बताया, जबकि स्कूल में मैदान तक नहीं हैं। कैंप 1 जून से शुरू हुआ, पर खेल सामग्री 14 जून को खरीदी गई। इस साल राउमावि बिछीवाड़ा स्कूल में सॉफ्टबॉल का कैंप लगा। ये खेलकूद प्रशिक्षण केवल आवासीय लगने हैं, लेकिन बच्चों का हर दिन किराया उठाया है। अगर इसी तरह कागजों में खेल कैंप लगा रहे हैं, तो गलत है। आप तो इनके कुछ प्रमाण दीजिए, जांच करवा देता हूं, दोषी होंगे तो कार्रवाई होगी। - मदन दिलावर, शिक्षा मंत्री
तिरुवनंतपुरम. केरलमेंवंदेभारतएक्सप्रेसकीउद्घाटनयात्राकेदौरानस्कूलकेछात्रोंद्वाराराष्ट्रीयस्वयंसेवकसंघ (RSS) कागीतगाएजानेकोलेकररविवारकोएकबड़ाराजनीतिकविवादखड़ाहोगया. मामलाउससमयसुर्खियोंमेंआयाजबकोच्चिकेएकनिजीविद्यालय सरस्वतीविद्यनिकेतनपब्लिकस्कूल केछात्रोंकाएकवीडियोसोशलमीडियापरवायरलहुआ, जिसमेंवे‘गानागीतम’ नामकगीतगारहेथे. इसपरराज्यकेशिक्षामंत्रीऔरमार्क्सवादीकम्युनिस्टपार्टी (CPI-M) केवरिष्ठनेता वी. शिवनकुट्टी नेकड़ीप्रतिक्रियादीऔरतत्कालजांचकेआदेशजारीकरदिए. वीडियोकेसामनेआनेकेबादमंत्रीशिवनकुट्टीनेअपनेआधिकारिकसोशलमीडियाअकाउंटपरलिखाकि“छात्रोंकाउपयोगकिसीराजनीतिकसंगठनकेसाम्प्रदायिकएजेंडाकेलिएकरनासंविधानकेसिद्धांतोंकाखुलाउल्लंघनहै. यहअत्यंतगंभीरमामलाहैऔरइसकीविस्तृतजांचकीजाएगी.” उन्होंनेयहभीचेतावनीदीकियदियहसाबितहुआकिस्कूलप्रशासननेजानबूझकरऐसाकदमउठायाहै, तोसंस्थाकी एनओसी (No Objection Certificate) रद्दकीजासकतीहै. यहघटनाशनिवारकोहुईथी, जबप्रधानमंत्रीनरेंद्रमोदीनेवीडियोकॉन्फ्रेंसिंगकेमाध्यमसे एर्नाकुलम-बेंगलुरुवंदेभारतएक्सप्रेस काशुभारंभकिया. इसअवसरपरकईस्थानीयस्कूलीबच्चेऔरशिक्षकआमंत्रितकिएगएथे. रिपोर्टकेअनुसार, कोच्चिकेसरस्वतीविद्यनिकेतनस्कूलके 20 छात्रऔरदोअध्यापकट्रेनकीउद्घाटनयात्रामेंशामिलहुएथे. कार्यक्रमकेदौरानइनछात्रोंसे RSS केसांस्कृतिककार्यक्रमोंमेंप्रचलितगीत‘गानागीतम’ गवायागया. कार्यक्रमकावीडियोजैसेहीइंटरनेटपरआया, विपक्षीदलोंऔरसामाजिकसंगठनोंनेइसेलेकरतीखीआलोचनाशुरूकरदी. कांग्रेसऔरवामपंथीकार्यकर्ताओंनेआरोपलगायाकि RSS अपनेवैचारिकप्रचारकेलिएशैक्षणिकसंस्थाओंकादुरुपयोगकररहाहै. कांग्रेसकेएकप्रवक्तानेकहा, “वंदेभारतजैसेराष्ट्रीयमहत्वकेकार्यक्रमकोसांप्रदायिकरंगदेनालोकतांत्रिकसंस्थाओंकाअपमानहै. स्कूलोंकाकामबच्चोंमेंसंविधानऔरसमानताकीभावनाजगानाहै, नकिकिसीसंगठनकाएजेंडाफैलाना.” वहीं, कुछभाजपासमर्थकोंऔरदक्षिणपंथीसमूहोंनेसोशलमीडियापरइसविवादको‘अनावश्यकराजनीति’ करारदिया. उनकेअनुसार, ‘गानागीतम’ एकसांस्कृतिकगीतहै, नकिकिसीराजनीतिकयाधार्मिकप्रचारकाहिस्सा. उनकातर्कथाकिछात्रोंनेकेवलसांस्कृतिकप्रस्तुतिदीथी, जिसेराजनीतिकरंगदेनाअनुचितहै. शिक्षामंत्रीवी. शिवनकुट्टीनेहालांकिइसतर्ककोसिरेसेखारिजकरतेहुएकहाकिसरकारीअनुमतिवालेकिसीभीस्कूलकोऐसेविवादास्पदसांस्कृतिकआयोजनोंसेदूररहनाचाहिए. उन्होंनेकहा, “हमारेस्कूलबच्चोंकोवैज्ञानिकऔरधर्मनिरपेक्षसोचसिखानेकेलिएहैं. यदिकोईसंस्थाबच्चोंकोकिसीसंगठनकेविचारोंसेजोड़नेकीकोशिशकरतीहै, तोयहहमारेसंविधानऔरराज्यकीशैक्षणिकनीतिदोनोंकेखिलाफहै.” मंत्रीकेनिर्देशकेबाद जिलाशिक्षाअधिकारी (DEO) कोजांचकाआदेशदेदियागयाहै. उन्हेंएकसप्ताहकेभीतररिपोर्टसौंपनेकेलिएकहागयाहै. शिक्षाविभागयहभीजांचकररहाहैकिक्यास्कूलनेइसकार्यक्रममेंभागलेनेकीपूर्वअनुमतिलीथीयानहीं. राज्यमेंविपक्षीभाजपानेसरकारपर“अनावश्यकदमन” काआरोपलगायाहै. भाजपाप्रवक्तानेकहा, “वंदेभारतट्रेनकाउद्घाटनएकराष्ट्रीयउत्सवथा. छात्रोंनेउत्साहसेगीतगाया, इसमेंकिसीप्रकारकाराजनीतिकसंदेशनहींथा. केरलसरकार RSS केनामपरअंधविरोधकररहीहै.” उन्होंनेयहभीआरोपलगायाकिवामसरकारअपनेवैचारिकमतभेदोंकेकारणस्कूलोंकोडरानेकाकामकररहीहै. इसविवादनेकेरलकेशैक्षणिकसंस्थानोंमेंवैचारिकस्वतंत्रताऔरराजनीतिकप्रभावकेमुद्देकोफिरसेउजागरकरदियाहै. विशेषज्ञोंकाकहनाहैकिराज्यकेकईनिजीस्कूलोंमेंपाठ्यक्रमऔरसह-पाठ्यक्रमगतिविधियोंपरवैचारिकप्रभावलगातारबढ़रहाहै. केरलविश्वविद्यालयकेशिक्षाविभागकेप्रोफेसरके. सुब्रह्मण्यमकाकहनाहै, “शिक्षाकामूलउद्देश्यबच्चोंमेंसमावेशीऔरसंवैधानिकदृष्टिपैदाकरनाहै. यदिउन्हेंकिसीएकविचारधाराकेअनुसारढालाजारहाहै, तोयहलोकतंत्रकेलिएखतराहै.” दूसरीओर, स्कूलप्रशासननेमीडियासेकहाकिछात्रोंनेकेवल“संस्कृतिसेजुड़ागीत” प्रस्तुतकियाथाऔरइसमेंकिसीराजनीतिकमकसदकासवालहीनहींहै. स्कूलकेएकवरिष्ठशिक्षकनेनामनछापनेकीशर्तपरबतायाकि“कार्यक्रमकेआयोजकोंनेहमसेबच्चोंसेकोईदेशभक्तिगीतप्रस्तुतकरनेकोकहाथा. हमनेसोचाकि‘गानागीतम’ एकउपयुक्तविकल्पहैक्योंकियहप्रेरणादायकशब्दोंवालागीतहै. हमेंयहनहींपताथाकिइसे RSS सेजोड़ाजाएगा.” हालांकि, शिक्षाविभागनेइसबयानपरसंदेहजतायाहै. एकअधिकारीनेकहाकि“यदियहसचहैकिस्कूलनेबिनाअनुमतिइसतरहकागीतचुना, तोयहनियमोंकाउल्लंघनहै. औरअगरकिसीबाहरीसंगठननेबच्चोंसेयहगीतगवाया, तोयहऔरभीगंभीरमामलाहै.” राज्यकेविभिन्नशिक्षणसंगठनभीअबइसविवादमेंशामिलहोगएहैं. केरलस्टेटटीचर्सएसोसिएशन (KSTA) नेमांगकीहैकिऐसीघटनाओंकोरोकनेकेलिएसरकारसख्तदिशानिर्देशजारीकरे. वहीं, सोशलमीडियापर #RSSSongControversy और #VandeBharatKerala जैसेहैशटैगट्रेंडकररहेहैं. कुछयूजर्सनेवीडियोसाझाकरतेहुएलिखाकि“बच्चोंकोराजनीतिकएजेंडासेदूररखाजाए”, जबकिकुछअन्यनेलिखाकि“देशभक्तिकागीतगानाअपराधनहींहोनाचाहिए.” राजनीतिकगलियारोंमेंयहविवादअबकेवलएकस्कूलयाकार्यक्रमतकसीमितनहींरहा. यहकेरलकीशिक्षाव्यवस्था, वैचारिकतटस्थताऔरसांप्रदायिकराजनीतिकेबीचकीमहीनरेखापरएकगहरीबहसकोजन्मदेरहाहै. शिक्षामंत्रीवी. शिवनकुट्टीनेअंतमेंकहा, “हमयहसुनिश्चितकरेंगेकिभविष्यमेंकोईभीसंस्थाइसतरहसेछात्रोंकोकिसीसंगठनकेविचारोंकासाधननबनाए. संविधाननेहमेंजोधर्मनिरपेक्षऔरलोकतांत्रिकमूल्यदिएहैं, उन्हेंस्कूलोंमेंसबसेपहलेसिखायाजानाचाहिए.” जांचसमितिअबइसबातकीतहमेंजाएगीकिक्यासरस्वतीविद्यानिकेतनस्कूलनेवास्तवमेंजानबूझकर RSS गीतगवाया, यायहकेवलएकसांस्कृतिककार्यक्रमकीसामान्यप्रस्तुतिथी. लेकिनइसबीच, केरलमेंयहमुद्दाशिक्षाऔरराजनीतिकेटकरावकीनईमिसालबनचुकाहै.
रोहतक के हरियाणा राजकीय शिक्षक कल्याण संघ का प्रतिनिधिमंडल शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा से चंडीगढ़ स्थित निवास पर मिला। उन्होंने मंत्री से ऑनलाइन टीचर ट्रांसफर ड्राइव जल्द चलाने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि ट्रांसफर न होने के कारण 50 हजार शिक्षक प्रभावित हो रहे है। हरियाणा राजकीय शिक्षक कल्याण संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामबीर ककराना ने बताया कि हरियाणा सरकार की केबिनेट मंत्री मीटिंग में टीचर ट्रांसफर पॉलिसी पास हो चुकी है। टीचर ट्रांसफर पॉलिसी को सरकार द्वारा पास करने पर शिक्षकों में खुशी है और जल्द ट्रांसफर ड्राइव शुरू करके शिक्षकों को लाभ देने की मांग की। 2022 के बाद नहीं हुए ट्रांसफर रामबीर ककराना ने बताया कि दूर-दराज के क्षेत्रों में शिक्षक नौकरी कर रहे है, जो अपने गृह जिले में सेवाएं देना चाहते है। लेकिन 2022 के बाद ऑनलाइन टीचर ट्रांसफर नहीं हुए हैं, जिसके कारण लगभग 50 हजार शिक्षक प्रभावित है। उन्होंने कहां- विशेषकर महिला शिक्षक वर्ग परेशानी उठा रही है। जेबीटी वर्ग से प्रिंसिपल वर्ग तक के ट्रांसफर करने की मांग की। जल्द शुरू की जाएगी ट्रांसफर प्रक्रियाशिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को शिक्षामंत्री महिपाल ढांडा ने आश्वासन दिया कि शिक्षकों की मांग पर विचार करके जल्द टीचर ट्रांसफर ड्राइव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। शिक्षक भविष्य की नींव रखते है, उन्हें परेशान होने नहीं दिया जाएगा। जो मांगे उनके सामने रखी गई है, उन्हें पूरा करने का प्रयास रहेगा।
युवाओं को सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रेरित करने वाली संस्था ‘युवा चेतना शक्ति’ विश्व जन चेतना ट्रस्ट की एक शाखा के रूप में कार्यरत है। संस्था की शुरुआत प्रयागराज से हुई थी। इसका उद्देश्य युवाओं में सामाजिक, शैक्षणिक और सांस्कृतिक जागरूकता फैलाना है। संस्था कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कैंप लगाकर युवाओं को समाज सुधार की दिशा में जोड़ रही है। महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा को लेकर संस्था जागरूकता अभियान चला रही है, जिसमें आत्मरक्षा और व्यवहारिक सतर्कता पर विशेष जोर दिया जा रहा है। युवा चेतना शक्ति का लक्ष्य है कि आने वाले समय में हर जिले में इसकी शाखाएं कार्य करें ताकि अधिक से अधिक युवाओं तक यह संदेश पहुंचे और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके। इस विषय पर युवा चेतना शक्ति की राष्ट्रीय अध्यक्ष संध्या कनौजिया ने दैनिक भास्कर से बातचीत की।अब पढ़िए पूरी बातचीत सवाल-जवाब के क्रम में... सवाल: युवा चेतना शक्ति की स्थापना की प्रेरणा कहां से मिली और इसका उद्देश्य क्या है?जवाब: युवा चेतना शक्ति, विश्व जन चेतना ट्रस्ट की शाखा है। प्रयागराज से इसकी नींव रखी गई। इसका उद्देश्य युवाओं में जागरूकता फैलाकर समाज में परिवर्तन लाना है। सवाल: संस्था युवाओं को कैसे जोड़ रही है?जवाब: कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और आसपास के इलाकों में शिविर व प्रतियोगिताएं कराकर युवाओं को जोड़ा जा रहा है। सवाल:बच्चियों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर संस्था क्या कर रही है?जवाब: अहम जागरूकता अभियान चला रहे हैं। आत्मरक्षा प्रशिक्षण और सतर्कता सत्र आयोजित कर रहे हैं ताकि महिलाएं खुद को सुरक्षित रख सकें। सवाल: क्या अभी पीड़ित महिलाओं के लिए कोई मदद का काम चल रहा है?जवाब: अभी प्रत्यक्ष सहायता नहीं, लेकिन विद्यालयों में सुरक्षा जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। सवाल: भविष्य की योजनाएं क्या हैं?जवाब: प्रयागराज से शुरुआत के बाद हर जिले में शाखाएं खोलने की योजना है ताकि समाज में बदलाव लाया जा सके। सवाल: मुख्य एक्टिविटीज क्या हैं?जवाब: पर्यावरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला समानता पर कार्य किया जा रहा है। सवाल: आज के युवाओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है?जवाब: सही मार्गदर्शन की कमी। संस्था युवाओं को दिशा और सहयोग दे रही है। सवाल: भविष्य में संगठन की दिशा क्या होगी?जवाब: साहित्य, शिक्षा, पर्यावरण और महिला समानता के क्षेत्र में ठोस बदलाव लाने की दिशा में कार्य जारी रहेगा।
छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में 9 से 13 जनवरी तक आयोजित होने वाले नेशनल रोवर रेंजर जंबूरी 2026 की तैयारियां जोरों पर हैं। 8 नवंबर को प्रदेश के स्कूली शिक्षा, ग्रामोद्योग, विधि एवं विधायी मंत्री गजेन्द्र यादव ने कार्यक्रम के प्रस्तावित स्थल ग्राम दुधली में पहुंचकर तैयारियों का मैदानी निरीक्षण किया। मंत्री यादव ने जवाहर नवोदय विद्यालय के पीछे शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज के समीप स्थित मैदान का जायजा लेते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आयोजन के दौरान प्रतिभागियों को किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए पर्याप्त पानी, शौचालय, स्नानागार, विद्युत व्यवस्था और सुगम आवागमन की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण करने के निर्देश मंत्री ने कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा और संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण हों। साथ ही उन्होंने एसपी योगेश कुमार पटेल को आयोजन स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था के लिए पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती करने के निर्देश भी दिए। मंत्री यादव ने बताया कि इस पांच दिवसीय राष्ट्रीय आयोजन में दूर-दूर से करीब 15 हजार प्रतिभागियों के शामिल होने की संभावना है। उन्होंने मौके पर नक्शे के माध्यम से कार्यक्रम स्थल की रूपरेखा का भी अवलोकन किया और व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों से चर्चा की।
नई पीढ़ी के लिए उच्च शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों अनिवार्य: देव सिंह
भास्कर न्यूज | छुरा ग्राम भैंसामुंडा में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रदेश प्रतिनिधि, लघु वनोपज संघ छत्तीसगढ़, देवसिंह रात्रे ने कहा कि आधुनिक समय में शिक्षा और स्वास्थ्य एक दूसरे के साथी की तरह हैं। शिक्षा जीवन की गुणवत्ता को ऊंचा उठाती है, जबकि बेहतर स्वास्थ्य उस यात्रा को स्थिर और सुगम बनाता है। उच्च शिक्षा व्यक्ति में आर्थिक स्थिरता और सामाजिक समझ विकसित करती है, वहीं स्वास्थ्य का ध्यान उसे जीवन के जोखिमों से बचाता है। उन्होंने युवाओं की डिजिटल लत पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी दिनभर सोशल मीडिया में उलझी रहती है। इससे समय की हानि तो होती ही है, आंखों की रोशनी और मानसिक-शारीरिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि खेलकूद से दूरी बढ़ना भी चिंता का विषय है। नई पीढ़ी को उच्च शिक्षा के साथ खेलों में भी दक्ष होना चाहिए। ग्राम में कार्तिक पूर्णिमा महोत्सव इस वर्ष भी परंपरागत उमंग के साथ मनाया गया। सुबह 7 से 9 बजे तक आंवला पूजन, उसके बाद शोभायात्रा, और 10 बजे जय मां कर्मा रामधुनी जस झांकी का आयोजन हुआ। रात्रि में जय अंबे छत्तीसगढ़ी नाच पार्टी, अंबागढ़ चौकी मोहल्ला द्वारा प्रस्तुति दी गई, जिसने पूरे माहौल को उत्सव की रोशनी से भर दिया। मंच संचालन कन्हैया यादव और राजेश साहू ने किया। मुख्य रूप से नरोत्तम ठाकुर ग्राम पटेल, डमरू लाल साहू ग्राम अध्यक्ष, फिरतू राम ठाकुर, एफआर साहू, सोनसाय ध्रुव, रामनाथ ध्रुव, लुदु राम ठाकुर, कन्हाई यादव, मोहन कंवर, लव कुमार ठाकुर, दिनेश साहू सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित थे।
गुरु नानक साहिब की शिक्षाओं पर चलने का संदेश दिया गया
भास्कर न्यूज | लुधियाना सिटी एन्क्लेव धांधरा रोड स्थित गुरुद्वारा शहीद बाबा दीप सिंह जी में साहिब श्री गुरु नानक देव जी के 556वां प्रकाश पर्व को समर्पित धार्मिक समागम का आयोजन किया। जिसमें भाई हरभेज सिंह वडाला ( हजूरी रागी श्री दरबार साहिब) कीर्तनी जत्था बाबा कुंदन सिंह भलाई केंद्र ट्रस्ट, भाई रमनदीप सिंह (लुधियाना वाले) और स्त्री सत्संग सभा कीर्तनी जत्था (गुरद्वारा साहिब) व हेड ग्रंथी गुरुद्वारा साहिब भाई करमजीत सिंह की तरफ से ईश्वरीय गुरबानी का रसभिन्नां कीर्तन करते संगत को वहमों भ्रमों को त्याग शब्द गुरु के लड़ लगने और गुरु नानक साहिब की शिक्षाओं पर चलते अपना जीवन व्यतीत करने के लिए प्रेरित किया गया । मुख्य सेवादार भगविन्दरपाल सिंह गोल्डी ने इस समागम में शिरकत करने के लिए मोहल्ला निवासी और आई प्रमुख शख्सियतों का विशेष तौर पर धन्यवाद और सम्मानित किया गया। इस मौके पर बलबीर सिंह मल, महिंदर सिंह, परमजीत सिंह बेदी, मनप्रीत सिंह, हरनेक सिंह, अमरजीत सिंह सूरी, दलजीत सिंह, विक्रमजीत सिंह धालीवाल, संदीप आहूजा, यादविंदर सिंह गंभीर, अमरजीत सिंह सूरी, वरिन्दर गुलेरिया, जगप्रीत सिंह, खुशविंदर सिंह, हरभजन कौर, रजनी, सरोज बाला, बलविंदर कौर व अन्य शामिल हुए।
शिक्षकों को आपदा प्रबंधन और शिक्षा क्षेत्र के बदलावों की दी गई जानकारी
लुधियाना| पक्खोवाल रोड स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल में आपदा प्रबंधन और शैक्षिक क्षेत्र में आए बदलावों से अभिभावकों को अवगत करवाने विषय पर एक दिवसीय सीबीएसई क्षमता निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस ज्ञानवर्धक व संवादात्मक कार्यशाला में लगभग 120 शिक्षकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन सीबीएसई के अनुभवी संसाधन दाताओं गुरु नानक पब्लिक स्कूल, सराभा नगर के प्राचार्य गुरभेज सिंह नागी, मानव रचना इंटरनेशनल स्कूल के प्रधानाध्यापक शेखर सैनी, सीबीएसई प्रमाणित प्रशिक्षक एवं प्राचार्या उर्वशी भाटिया तथा कैम्ब्रिज इंटरनेशनल स्कूल, जालंधर की प्राचार्या संध्या दीवान ने किया। सत्रों के दौरान आपदा प्रबंधन से जुड़ी जागरूकता, आकस्मिक परिस्थितियों में स्कूलों की तैयारी, त्वरित प्रतिक्रिया और सुरक्षा उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई। संवादात्मक चर्चाओं और प्रभावशाली पीपीटी प्रस्तुतियों के माध्यम से शिक्षकों को व्यावहारिक रणनीतियां विकसित करने के लिए प्रेरित किया गया। विद्यालय की प्राचार्या डॉ. सतवंत कौर भुल्लर ने सभी संसाधन दाताओं का आभार व्यक्त किया।
जैन शिक्षाओं में पर्यावरण की सुरक्षा
उदयपुर } विज्ञान समिति के दर्शन-विज्ञान प्रकोष्ठ की ओर से पन्द्रह-कर्मदान विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। मुख्य वक्ता डॉ. सुभाष कोठारी ने बताया कि जैन शास्त्रों में वर्णित ये शिक्षाएं जीवन को पवित्र और पर्यावरण को सुरक्षित बनाती हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित प्रो. प्रेमसुमन जैन ने की। उन्होंने कहा कि अहिंसा की भावना आज सम्पूर्ण मानवता और पर्यावरण दोनों के लिए जरूरी है।
आरयू: शिक्षा संकाय में सिंघल बने को-कन्वीनर
जयपुर | राजस्थान विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय में डॉ. संजीव कुमार सिंघल को को-कन्वीनर नियुक्त किया है। शिक्षा संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो. आरएन शर्मा ने यह नियुक्ति की है। डॉ. संजीव कुमार वर्तमान में अग्रवाल शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज में प्राचार्य के पद पर कार्यरत है। सिंघल को एक वर्ष के लिए को-कन्वीनर के पद पर नियुक्त किया है।
विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान शनिवार को सुपौल सदर प्रखंड के बसबिटी स्थित खेल मैदान परिसर में कांग्रेस प्रत्याशी मिन्नुतुल्लाह रहमानी के समर्थन में आयोजित महागठबंधन की विशाल जनसभा में भारी जनसमूह उमड़ा। मंच पर वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने संयुक्त रूप से सभा को संबोधित किया। दोनों नेताओं ने जनता से महागठबंधन के पक्ष में मतदान करने की अपील करते हुए बिहार में नई सोच, समानता और बदलाव की सरकार लाने का आह्वान किया। सभा को संबोधित करते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि बिहार अब बदलाव चाहता है और इस बदलाव का नेतृत्व महागठबंधन करेगा। उन्होंने कहा कि आजादी के 77 साल बाद पहली बार किसी मल्लाह समाज के बेटे का नाम उपमुख्यमंत्री पद के लिए घोषित हुआ है, जो सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। 'बिहार को अब रोजगार, शिक्षा और सम्मान की राजनीति चाहिए' सहनी ने कहा कि बिहार को अब रोजगार, शिक्षा और सम्मान की राजनीति चाहिए, और महागठबंधन की सरकार इन तीनों मोर्चों पर ठोस काम करेगी। उन्होंने कहा कि जनता ने जिन लोगों को वर्षों तक मौका दिया, उन्होंने सिर्फ वादे किए, लेकिन अब समय है ऐसी सरकार चुनने का जो वास्तव में युवाओं, किसानों और गरीबों की आवाज बने। 'पूरे बिहार में इस बार बदलाव की लहर' वहीं, कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि पूरे बिहार में इस बार बदलाव की लहर है। उन्होंने कहा कि अब बिहार को ऐसी सरकार चाहिए जो नौकरी दे, युवाओं के सपनों को पंख दे और हर वर्ग की आवाज बने। कन्हैया ने कहा कि बेरोजगारी, पलायन और शिक्षा की बदहाली से बिहार को मुक्त कराने के लिए जनता को एकजुट होकर मतदान करना होगा। सुपौल से बदलाव की शुरुआत होनी चाहिए - कन्हैया कुमार उन्होंने कहा कि सुपौल से बदलाव की शुरुआत होनी चाहिए और मिन्नुतुल्लाह रहमानी को भारी मतों से विजयी बनाकर जनता अपने हक और हकूक की आवाज बुलंद करे। सभा स्थल पर हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी थी। भीड़ और उत्साह को देखते हुए साफ था कि चुनावी माहौल अब पूरी तरह गरमा गया है।
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक सहायक शिक्षक को WhatsApp स्टेटस पर टिप्पणी करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। शिक्षक ने स्कूल में बच्चों को किताबें न मिलने और राज्योत्सव मनाने पर सवाल उठाए थे। इस कार्रवाई के विरोध में शिक्षक संगठनों ने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) का घेराव किया और शिक्षक की बहाली की मांग की, जिसके बाद उन्हें आश्वासन मिला। कुरूद ब्लॉक के ग्राम नारी प्राथमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक ढालू राम साहू ने अपने WhatsApp स्टेटस में लिखा था, स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए किताबें नहीं पहुंची हैं और हम राज्य स्थापना दिवस का उत्सव मना रहे हैं। जब तक बच्चों को पूरी पुस्तकें नहीं मिल जातीं, सहायक शिक्षक से लेकर BEO, DEO, कलेक्टर और शिक्षा मंत्री का वेतन रोक देना चाहिए। शिक्षा विभाग ने शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया शिक्षा विभाग ने इस स्टेटस का संज्ञान लेते हुए ढालू राम साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन आदेश में कहा गया कि शिक्षक ने बच्चों की शिक्षा व्यवस्था ठप है और हम चले राज्योत्सव मनाने जैसी टिप्पणी कर शिक्षकीय आचरण का उल्लंघन किया है। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत की गई है। शिक्षक संगठन ने डीईओ कार्यालय का घेराव किया इस कार्रवाई से शिक्षक संगठन आक्रोशित हो गए। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव किया और ढालू राम साहू की बहाली को लेकर जमकर हंगामा किया। घंटों चले विरोध प्रदर्शन के बाद, अधिकारियों द्वारा बहाली का आश्वासन मिलने पर मामला शांत हुआ।
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने आज फिर नगर निगम को निर्देश दिए हैं की चंबल गार्डन में हो रहे अतिक्रमणों को हटाया जाए। चंबल गार्डन को उसके पुराने गौरवशाली स्वरूप में लाया जाए। चंबल गार्डन की हालत बहुत ज्यादा खराब है। सरकार ने इसके विकास के लिए बजट भी स्वीकृत किया है, जिससे विकास कार्य करने हैं। मदन दिलावर कोटा उत्तर दक्षिण नगर निगम के द्वारा रामगंज मंडी में आयोजित शहरी सेवा शिविर में बोल रहे थे। मदन दिलावर ने कहा चंबल गार्डन पुराने समय में कोटा शहर की पहचान हुआ करता था। लोग कोटा जाने की बात सुनकर उत्साहित हो जाते थे कि हम चंबल गार्डन देखने जाएंगे। आज चंबल गार्डन अतिक्रमण और गुंडो का अड्डा बन गया है। चंबल गार्डन में मजार के नाम पर कब्जे कर लिए गए हैं। अवैध अतिक्रमण को तोड़ा जाए मंत्री मदन दिलावर ने कहा- मैंने पूर्व में भी इस बात को लेकर नगर निगम को कहा था की चंबल गार्डन में हुए अवैध अतिक्रमण को तोड़ा जाए। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। दिलावर ने आयुक्त ओमप्रकाश मेहरा को कहा- मैं आज फिर कह रहा हूं कि नगर निगम चंबल गार्डन में हुए अतिक्रमण को हटाएं। जिन्होंने अतिक्रमण किए हैं, उनसे पट्टा मांगा जाए। यदि उनके पास उस जगह का मालिकाना हक नहीं है तो बगैर नोटिस उनको हटा दिया जाए। फिर चाहे वह अतिक्रमण मजार के नाम पर हो या मंदिर के नाम पर, कोई भी हो। बिरसा मुंडा की प्रतिमा लगाई जाए अवैध अतिक्रमण को तुरंत चंबल गार्डन से हटाया जाए। शिक्षा मंत्री ने सुझाव दिया की चंबल गार्डन में आदिवासियों के भगवान कहे जाने वाले बिरसा मुंडा की प्रतिमा लगाई जाए, जिससे चंबल गार्डन को एक नई पहचान मिले। शिविर में मंत्री मदन दिलावर ने रामगंज मंडी विधानसभा क्षेत्र के धर्मपुरा, आवली, रोजड़ी क्षेत्र में निवास करने वाले 55 लोगों को पट्टे वितरित किए। कार्यक्रम मे नगर निगम की आयुक्त ओमप्रकाश मेहरा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
मैनपुरी के कुर्रा थाना क्षेत्र में एक शिक्षामित्र महिला की कथित तौर पर झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही से मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि बुखार के इलाज के दौरान गलत इंजेक्शन लगाने से महिला की हालत बिगड़ी और उनकी जान चली गई। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू कर दी है। मृतक महिला की पहचान ग्राम बजर तलिया निवासी निलेश कुमारी के रूप में हुई है, जो नगला तेज प्राथमिक विद्यालय में शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत थीं। परिजनों के अनुसार, निलेश कुमारी को तेज बुखार था, जिसके उपचार के लिए उन्हें कुर्रा बाजार स्थित डॉ. अमित के पास ले जाया गया था। निलेश कुमारी के बेटे राहुल ने बताया कि उनकी मां को शुक्रवार से बुखार था। दो दिन बाद उन्हें डॉ. अमित के पास ले जाया गया। राहुल का आरोप है कि उन्होंने डॉक्टर को इंजेक्शन न लगाने के लिए मना किया था, लेकिन डॉक्टर ने जबरन इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगने के तुरंत बाद निलेश कुमारी बेहोश हो गईं और उनकी सांसें रुकने लगीं। परिजनों ने तुरंत घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस घटना के बाद गांव में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अगले सत्र से स्टूडेंट्स को सत्र में दो बार बोर्ड परीक्षा का मौका देगा। शिक्षा मंत्री ने कहा-राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के प्रावधानों के अनुसार अगले सत्र से दो बार बोर्ड परीक्षा ली जाएगी। सभी विद्यार्थियों के लिए प्रथम बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होना अनिवार्य होगा। पास होने वाले स्टूडेंट्स को सभी सब्जेक्ट में से किन्हीं तीन में दूसरी परीक्षा में अपने प्रदर्शन में सुधारने की अनुमति दी जाएगी। शिक्षा मंत्री ने यह घोषणा शनिवार को कोटा के गणेश नगर में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में की। फेल होने पर भी सुधार करने का मौका मिलेगा पूरक योग्य घोषित विद्यार्थियों को भी अधिकतम तीन विषयों में दूसरे अवसर में परीक्षा परिणाम सुधारने की अनुमति दी जाएगी। इसमें पूरक विषय सम्मिलित रहेंगे। यदि कोई विद्यार्थी प्रथम परीक्षा में अनुत्तीर्ण (फेल) रहता है तो उसे भी दूसरे अवसर में फेल विषयों में सुधार करने की अनुमति दी जाएगी। यदि विद्यार्थी इस द्वितीय अवसर की परीक्षा में किसी विषय में अनुत्तीर्ण रहता है, तो ऐसे विद्यार्थियों को आवश्यक पुनरावृत्ति श्रेणी में रखा जाएगा। वे केवल अगले वर्ष फरवरी माह में मुख्य परीक्षा में ही सम्मिलित हो सकेंगे। फरवरी-मार्च और मई-जून में होगा एग्जामशिक्षा मंत्री ने बताया कि साल में एक बार मुख्य परीक्षा फरवरी- मार्च में आयोजित की जाएगी। उसके परिणाम की घोषणा के बाद उसी सत्र में दूसरी परीक्षा मई -जून में आयोजित की जाएगी। इसे 'द्वितीय अवसर परीक्षा' नाम दिया जा सकता है। दोनों परीक्षाएं उस साल के पूर्ण पाठ्यक्रम पर आधारित होंगी। अध्ययन योजना और परीक्षा योजना सामान रहेगी। गैरमौजूद होने पर अधिकारी से सर्टिफिकेट चाहिए होगामुख्य परीक्षा में गैरमौजूद रहने वाले विद्यार्थी को सक्षम अधिकारी के चिकित्सा प्रमाण पत्र/संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर ही द्वितीय अवसर परीक्षा में प्रवेश की अनुमति दी जा सकेगी। द्वितीय अवसर पर परीक्षा शुल्क मुख्य परीक्षा के समान ही रहेगा तथा 'बेस्ट ऑफ टू अटेम्प्ट्स' सिद्धांत लागू रहेगा। यानी दोनों परीक्षाओं में प्राप्त श्रेष्ठ अंक अंतिम परिणाम में मान्य होंगे।
लुधियाना के जगराओं में भारतीय किसान यूनियन (एकता डकौंदा) ने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ को बचाने के लिए अपना अभियान तेज कर दिया है। संगठन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से वह देश की बहुसंख्यक आबादी से शिक्षा का अधिकार छीनने, शिक्षा को व्यवसायिक बनाने और इसका भगवाकरण करने का प्रयास कर रही है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह धनेर और उपाध्यक्ष अमनदीप सिंह लालटन ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट और सिंडिकेट को भंग कर इसे पंजाब से अलग करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि पंजाब की जनता इस कथित साजिश को विफल करेगी। नेताओं ने बताया कि विश्वविद्यालय बचाओ मोर्चा के दबाव के कारण केंद्र सरकार को फिलहाल पीछे हटना पड़ा है। हालांकि, संगठन ने स्पष्ट किया है कि सीनेट चुनाव की तारीखों की घोषणा होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। सराभा गांव में निकाला जाएगा श्रद्धांजलि मार्च भारतीय किसान यूनियन (एकता डकौंदा) ने घोषणा की है कि वह 10 नवंबर को विश्वविद्यालय बचाओ मोर्चा द्वारा आयोजित बड़े प्रदर्शन में बड़ी संख्या में भाग लेगा। इसी क्रम में, संगठन ने गदर आंदोलन के महान शहीद करतार सिंह सराभा की 110वीं पुण्यतिथि पर सराभा गांव में एक श्रद्धांजलि मार्च निकालने का भी निर्णय लिया है। जिला अध्यक्ष जगतार सिंह देहड़का ने जानकारी दी कि यह वर्ष गदर आंदोलन की वीरांगना बीबी गुलाब कौर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। इस अवसर पर उन्हें भी श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। ब्लॉक अध्यक्ष रणवीर सिंह रुड़का ने बताया कि 15 नवंबर को जिलेभर की इकाइयों के कार्यकर्ता सुबह 11 बजे सराभा गांव में शहीद करतार सिंह सराभा की प्रतिमा के पास एकत्र होंगे। प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद उनके घर तक श्रद्धांजलि मार्च निकाला जाएगा।
कोटपूतली राजकीय एलबीएस पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ, चुनौतियों और भविष्य विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में नई शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्य वक्ता डॉ. प्रीति गुप्ता ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मौलिक सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने रचनात्मकता, कौशल विकास और बहुभाषिकता को बढ़ावा देने को नीति का आधार बताया। डॉ. गुप्ता ने उच्च शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के महत्वपूर्ण प्रावधानों पर भी विस्तृत चर्चा की। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर. के. सिंह ने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व के विकास और राष्ट्र निर्माण में शिक्षा की अहम भूमिका है। डॉ. सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होगी। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. सत्यवीर सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया और कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत लागू सेमेस्टर पद्धति की जानकारी दी। डॉ. उर्मिल महलावत ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों का परिचय दिया। सहायक आचार्य डॉ. चंदन सिंघल ने कार्यक्रम का संचालन किया, जबकि सहायक आचार्या बरखा ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सह आचार्य देशराज यादव, सहायक आचार्य डॉ. माधुरी गंगावत और शीशराम मीना सहित बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।
डीडवाना के डॉ. भीमराव अंबेडकर आवासीय स्कूल में खुलेआम नकल करवाने के चर्चित मामले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। स्कूल की प्रिंसिपल सुनीता सोनी और शारीरिक शिक्षिका पंकज चौधरी को एपीओ (Awaiting Posting Orders) कर दिया गया है। यह कार्रवाई जिला कलेक्टर डॉ. महेंद्र खड़गावत के निर्देश पर हुई। शिक्षा विभाग और समाज कल्याण विभाग की संयुक्त जांच समितियों ने इस प्रकरण की रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपी थी। कलेक्टर की अनुशंसा पर निदेशक शिक्षा विभाग ने प्रिंसिपल सुनीता सोनी को एपीओ किया, जबकि शारीरिक शिक्षिका पंकज चौधरी को संयुक्त निदेशक शिक्षा विभाग ने एपीओ आदेश जारी किए। दोनों का मुख्यालय बीकानेर निर्धारित किया गया है। गौरतलब है कि पावटा स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर आवासीय बालिका स्कूल में NIOS परीक्षा के दौरान खुलेआम नकल का एक वीडियो 29 अक्टूबर को बनाया गया था। यह वीडियो 3 नवंबर को सोशल मीडिया पर शेयर हो गया, जिसमें छात्राओं को बोर्ड पर लिखे उत्तरों से नकल करते हुए देखा गया था। वीडियो सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आया और जिला कलेक्टर ने तत्काल जांच के आदेश दिए। जांच में प्रिंसिपल की भूमिका संदिग्ध पाई गई, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। हालांकि, इस मामले में अभी भी कुछ सवालों के जबाव बाकी हैं। जिसमें यह शामिल है कि आवासीय बालिका स्कूल में बाहरी छात्रों को किस आधार पर प्रवेश दिया गया और NIOS परीक्षा केंद्र के रूप में स्कूल का चयन किन आदेशों पर किया गया। शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में आगे की जवाबदेही तय किए जाने की संभावना है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी राजेन्दर ने नालन्दा जिला शिक्षा अधिकारी आनंद विजय को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लंबित आवेदनों का तत्काल निपटारा सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए हैं। यह आदेश शैक्षणिक सत्र 2022-23 से लेकर 2025-26 तक के सभी लंबित आवेदनों पर लागू होगा। अपर मुख्य सचिव के इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी छात्र को अपनी पढ़ाई जारी रखने में आर्थिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। वर्तमान में संस्थान और प्रखंड स्तर पर अधिकांश आवेदन लंबित पड़े हैं, जिससे छात्रों के बीच गंभीर आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है। आवेदनों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि समग्र शिक्षा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) शाहनवाज ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 में कुल 77,695 छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा कराया है। इसमें पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के 63,319 विद्यार्थी तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के 14,346 विद्यार्थी शामिल हैं। चालू शैक्षणिक सत्र 2025-26 में अब तक 36,250 छात्रों ने आवेदन किया है। इनमें पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के 29,402 विद्यार्थी और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के 6,848 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। प्रशासनिक स्तर पर विलंब की समस्या जानकारों का कहना है कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के आवेदन संस्थान और प्रखंड स्तर पर काफी लंबे समय तक लंबित रहते हैं। इस प्रशासनिक देरी के कारण आवेदनों का समय पर सत्यापन और निपटारा नहीं हो पाता। हालांकि, जिला स्तर पर इन आवेदनों का तेज गति से निपटारा किया जा रहा है। छात्रों की सुविधा के लिए विशेष पहल समग्र शिक्षा कार्यालय में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति से संबंधित एक विशेष टीम गठित की गई है। इस काउंटर पर छात्रों की समस्याओं को सुना जाता है और उन्हें समाधान के संभावित तरीकों की विस्तृत जानकारी प्रदान की जाती है। अभी भी है आवेदन का मौका जो छात्र पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की पात्रता रखते हैं और अभी तक आवेदन नहीं कर सके हैं, उनके लिए अच्छी खबर है। वे 15 नवंबर तक संबंधित पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
शंकराचार्य ने धर्म रक्षा के लिए शस्त्र-शास्त्र की शिक्षा दी, वंदेमातरम् में इसका समावेश: साय
प्रदेश के पांच संभाग में वंदेमातरम् संस्मरणोत्सव का हुआ आयोजन राष्ट्रगीत वंदेमातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर भाजपा ने प्रदेश के पांच संभाग में वंदेमातरम् संस्मरणोत्सव का आयोजन किया। इसी के साथ एक वर्ष तक चलने वाले समारोह की शुरुआत हो गई। मुख्य समारोह राजधानी के इंडोर स्टेडियम में हुआ। इसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह आयोजन भावी पीढ़ी को राष्ट्रगीत की महत्ता समझाएगा। अंग्रेजों के खिलाफ आदि शंकराचार्य के आह्वान पर संन्यासी विद्रोह पर केंद्रित उपन्यास ‘आनन्द मठ’ में 1875 में वंदेमातरम् गीत की रचना की। आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र, दोनों की शिक्षा दी। इसका वंदेमातरम् में समावेश है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल और सुचेता कृपलानी के आग्रह पर पहली बार यह गीत आकाशवाणी पर प्रसारित हुआ। कार्यक्रम के अंत में केश शिल्प बोर्ड की अध्यक्ष मोना सेन ने वंदेमातरम् का गायन किया। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष नंदन जैन ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी, श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक राजेश मूणत, पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू, सुनील सोनी, महापौर मीनल चौबे और नान अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव मौजूद रहे। महानदी भवन में लगी फोटो प्रदर्शनी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर ‘वंदे मातरम्’ का सामूहिक गायन किया। इससे पहले वे नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्मरणोत्सव में वर्चुअली शामिल हुए। बाद में साय ने महानदी भवन में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसमें ‘वंदे मातरम्’ के सृजन से राष्ट्रीय चेतना के प्रतीक बनने तक की ऐतिहासिक यात्रा को दिखाया गया है। कार्यक्रम में सांसद चिंतामणि महाराज, मुख्य सचिव विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, संस्कृति विभाग के सचिव रोहित यादव, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, मुकेश बंसल, पी. दयानंद और डॉ. बसवराजू एस. उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को मप्र के स्वास्थ्य और वन विभाग के नव चयनित 877 अफसर-कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे। सीएम ने कहा कि आज वंदेमातरम गान को 150 साल पूरे हो गए हैं। यह वह गान है जिसने आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। ऐसे ही देश की बटी हुई 600 रियासतों को एक करने में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भूमिका निभाई।उन्होंने प्रशासनिक पुनर्गठन करके यूपीएससी जैसी परीक्षाएं शुरू कराईं। स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग को लेकर बोले कि देश में सबसे तेज मेडिकल कॉलेज बनाने वाला प्रदेश है हमारा। पीपीपी मोड पर भी हम अस्पताल शुरू कर रहे हैं। वहीं फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को लेकर कहा कि पहले शेर देखने पर डर का माहौल होता था, अब शेर दिखने का मतलब उस इलाके की शोभा माना जाता है। अपना अनुभव सुनाते हुए कहा कि मैंने भी चीते, घड़ियाल और वल्चर छोड़े। अब यह अलग बात है कि वल्चर उड़े नहीं। वन विभाग में 543 में से 76 फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में 334 शासकीय सेवक शामिल हुए। इनका मप्र लोक सेवा आयोग भर्ती परीक्षा के माध्यम से वर्ष 2024-25 में चयन हुआ। इनमें 75 एनेस्थेटिस्ट, 62 सर्जन, 106 शिशु रोग विशेषज्ञ और 91 नर्सिंग ऑफिसर शामिल थे। वन विभाग में कुल 543 को नियुक्ति पत्र मिले। इनमें 467 नव नियुक्त फॉरेस्ट गार्ड और 76 फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर शामिल हैं। इनका चयन मप्र कर्मचारी चयन मंडल भोपाल द्वारा आयोजित वनरक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2022-23 और मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित वन क्षेत्रपाल भर्ती परीक्षा वर्ष 2020-21 के जरिए हुआ है।
बलौदाबाजार में छत्तीसगढ़ राज्योत्सव के दौरान एक अनूठी शैक्षिक प्रदर्शनी ने सबका ध्यान आकर्षित किया। इस प्रदर्शनी में पारंपरिक छत्तीसगढ़ी घरेलू सामान जैसे पर्रा, सूपा, झेंझरी और झऊहा को बच्चों की पढ़ाई का माध्यम बनाया गया है। पंडित चक्रपाणी हायर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित तीन दिवसीय रजत महोत्सव में स्कूल शिक्षा विभाग के स्टॉल पर यह मॉडल प्रस्तुत किया गया। शासकीय बलौदाबाजार विकासखंड के प्राथमिक शाला चांपा की शिक्षिका आराधना वर्मा ने इसे तैयार किया है। इसके तहत कक्षा एक से तीन के बच्चों को अक्षर और शब्द ज्ञान सिखाने के लिए पारंपरिक बर्तनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। सूपा और झेंझरी पर लिखे विभिन्न शब्द और वर्ण आगंतुकों को सहज ही आकर्षित कर रहे थे। मंत्री ने नवाचार की सराहना की इस नवाचार की सराहना करते हुए जिले के प्रभारी मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल सहित अन्य अतिथियों ने इन सामग्रियों को देखा। उन्होंने शिक्षिका से इस शिक्षण पद्धति के बारे में विस्तार से जानकारी ली। अतिथियों ने इन सामग्रियों को सिर पर रखकर भी इसके उपयोग का अनुभव किया। शिक्षिका आराधना वर्मा ने बताया कि यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 'खेल-खेल में शिक्षा' सिद्धांत पर आधारित है। उनका उद्देश्य बच्चों को उनकी परिचित और स्थानीय वस्तुओं के माध्यम से शिक्षा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण परिवेश के बच्चे सूपा-झऊहा जैसी वस्तुओं से पहले से ही परिचित होते हैं, और जब ये चीजें कक्षा में शैक्षिक सामग्री बनती हैं, तो बच्चों का सीखने के प्रति रुझान स्वाभाविक रूप से बढ़ता है। यह मॉडल बच्चों को रोचक तरीके से अक्षरों और अंकों की पहचान कराने के साथ-साथ शब्द निर्माण भी सिखाता है। इस प्रदर्शनी ने दूर-दराज से आए ग्रामीणों और अन्य आगंतुकों को भी खूब आकर्षित किया, जिन्होंने इन परिचित वस्तुओं को नए शैक्षिक रूप में देखकर प्रसन्नता व्यक्त की।
गोंडा जिले की परसपुर पुलिस और यूपी एसटीएफ ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 50 हजार के इनामी आरोपी श्रीप्रकाश शर्मा को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को परसपुर थाने लाया गया, जहां से उसे न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने श्रीप्रकाश शर्मा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यह गिरफ्तारी माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड में नौकरी दिलाने के नाम पर की गई ठगी के मामले में हुई है। बीते जून माह में पुराना गांव निवासी अखिलेश प्रताप सिंह से 4.50 लाख रुपए की ठगी की गई थी। आरोपी श्रीप्रकाश शर्मा ने पैसा लेने के बावजूद अखिलेश प्रताप सिंह को नौकरी नहीं दिलाई और फरार हो गया था। पीड़ित अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने 20 जून को गोंडा के परसपुर थाने में श्रीप्रकाश शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए परसपुर थाने की पुलिस लगातार प्रयास कर रही थी, लेकिन वह फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए पुलिस महानिरीक्षक देवी पाटन परिक्षेत्र अमित पाठक ने 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। आज यूपी एसटीएफ लखनऊ की टीम और परसपुर थाने की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। गोंडा के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि आरोपी श्रीप्रकाश शर्मा ने माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की थी। परसपुर थाने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज था। पुलिस महानिरीक्षक देवी पाटन परिक्षेत्र द्वारा उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। यूपी एसटीएफ और परसपुर थाने की पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार किया है। आरोपी से पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया है और परसपुर थाने की पुलिस आगे की जांच कर रही है।
पूर्णिया के हॉट सीट अमौर विधानसभा पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कवायद में जुटे AIMIM प्रमुख असुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को विशाल जनसभा को संबोधित किया। पार्टी प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी की ये जनसभा अमौर के बड़ा ईदगाह सर्वेली हाई स्कूल में हुई। सभा स्थल पर ओवैसी को सुनने हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। ओवैसी ने मंच से संबोधन की शुरुआत करते हुए अमौर से प्रत्याशी विधायक अख्तरुल ईमान के लिए लोगों से वोट करने और भारी मतों से जीत दिलाने की अपील की। सभा को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि कब तक कश्ती से गिरकर पानी में डूबकर मरेंगे। हमारी बेटियां, हमारी बहनें 9 महीने तक कोख में रखकर बच्चे को पालती पोसती हैं, मगर अफसोस इनमें से कई बच्चे 6 महीने बाद भी दम तोड़ देते हैं। ऐसे सबसे अधिक बच्चे सीमांचल से ही होते हैं। कब तक हमारे नौजवान बच्चे 16 साल की उम्र में अमौर को छोड़कर दिल्ली, पंजाब, हैदराबाद, हरियाणा, काश्मीर, केरल जाते रहेंगे। AIMIM अमौर और सीमांचल में जीती तो मैट्रिक और इंटर में बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराएगी। 'सीमांचल का बेटा पढ़-लिखकर मजबूत पुल बनाएगा, जिसकी मिसाल गढ़ी जाएगी' ओवैसी ने कहा कि मोदी-नीतीश-तेजस्वी के पुल पानी में गिर जाते। मगर सीमांचल का बेटा पढ़ लिखकर ऐसा मजबूत पुल बनाएगा जिसकी मिसाल गढ़ी जाएगी। बेटियां पढ़ लिखकर डॉक्टर बनेगी, जिससे यहां के लोगों को बेहतर इलाज मिल सके। मैं सीमांचल के लिए हाथ फैलाकर आपसे वोट मांगता हूं। मैंने आपके खातिर सबकी गाली खाई, सबकी बातें बर्दाश्त की। मैं लंदन में रहा। हैदराबाद नहीं आया। वहां दुकानों, होटलों में काम किया। वहां 5 साल तक रात रात भर लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ाई की। अल्लाह ने मुझे इस काबिल बनाया कि आज मुझे मुकाम मिला। मेरी पढ़ाई से किसी का भला न हो तो फिर इसका क्या फायदा। सुन लो जालिमों, सुन लो मोदी नीतीश, कांग्रेस और राजद वालों सीमांचल के घर -घर पतंग पहुंच चुकी है।सीमांचल का बच्चा-बच्चा कह रहा है मुझे ओवैसी से बड़ा लीडर बनना है। बेटियां ओवैसी से बड़ा डॉक्टर, लीडर और बैरिस्टर बनेगी। अल्लाह से गुजारिश है कि मेरी आंख बंद होने से पहले मैं ये सारी चीजें देख लूं। सुन लो सबा जफर और जलील मस्तान चैन छिनने वालों AIMIM के जीत से तुम और बेचैन हो जाओगे। अमौर से अख्तरुल ईमान, बायसी से गुलाम सरवर चुनावी मैदान में अमौर से मौजूदा विधायक और AIMIM प्रत्याशी अख्तरुल ईमान, जबकि बायसी से गुलाम सरवर मैदान में हैं। दोनों सीटों पर AIMIM ने पिछली बार जीत दर्ज की और इस बार पार्टी फिर से सीमांचल में अपनी पुरानी पकड़ कायम करने की पुरजोर कोशिश में है। AIMIM प्रत्याशियों का कहना है कि पार्टी गरीबों, किसानों, मजदूरों और नौजवानों की आवाज बनकर न्याय और समान अवसर की लड़ाई लड़ रही है। पूर्णिया की अमौर विधानसभा हॉट सीट में से एक है। इस सीट से AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष और अमौर विधानसभा से विधायक अख्तरुल, महागठबंधन से कांग्रेस के अब्दुल जलील मस्तान और NDA से जदयू के सबा जफर चुनावी मैदान में हैं। जबकि बायसी विधानसभा से AIMIM के गुलाम सरवर, महागठबंधन से राजद प्रत्याशी हाजी अब्दुस सुबहान और NDA से भाजपा प्रत्याशी विनोद यादव चुनावी मैदान में हैं। दोनों ही सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला है।
छत्तीसगढ़ के धमतरी में एक शिक्षक ने राज्योत्सव के दौरान स्कूल में शिक्षा व्यवस्था और किताबों की कमी को लेकर वॉट्सऐप स्टेटस डाला था। जिसे जिला शिक्षा अधिकारी ने सस्पेंड कर दिया है। शासन के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी मानते हुए यह कार्रवाई की गई। मामला कुरूद ब्लॉक के नारी प्राइमरी स्कूल का है। जहां ढालूराम साहू सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ है। 31 अक्टूबर को शिक्षक ने अवस्था को लेकर वॉट्सऐप स्टेटस डाला। जो कि तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद डीईओ ने बैठक बुलाकर निलंबन आदेश जारी कर दिया। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल ने शिक्षा व्यवस्था और किताबों की कमी को लेकर पोस्ट किए गए स्टेटस को शासकीय आचरण नियमों का उल्लंघन बताया है। जानिए शिक्षक ने स्टेटस में क्या लिखा? शिक्षक ने अपने स्टेटस में लिखा था- “बच्चों की शिक्षा व्यवस्था ठप और हम चले राज्य स्थापना दिवस मनाने। क्या हम राज्योत्सव मनाने के लायक हैं? अभी तक स्कूल में बच्चों को पूरी पुस्तक नहीं मिल पाई है, इसका जिम्मेदार कौन है? जब तक बच्चों को पूरी पुस्तक नहीं मिल जाती, सहायक शिक्षक से लेकर डीईओ, कलेक्टर और शिक्षा मंत्री तक का वेतन रोक देना चाहिए।” अभी तक हिंदी की किताबें नहीं मिलीं- बच्चे शिक्षक के इस स्टेटस के बाद जब स्कूल की हकीकत सामने आई तो बच्चों ने बताया कि उन्हें अभी तक हिंदी की किताबें नहीं मिलीं। अंग्रेजी, गणित और पर्यावरण की किताबें तो मिली हैं, लेकिन हिंदी की किताबें पुरानी हैं और एक पुस्तक से तीन बच्चे पढ़ रहे हैं। शासकीय आचरण नियमों का उल्लंघन डीईओ अभय जायसवाल ने कहा कि शिक्षक की ओर की गई टिप्पणी शासकीय आचरण नियमों का उल्लंघन है, इसलिए उन्हें निलंबित किया गया है। उन्होंने बताया कि किताबों की आपूर्ति चरणबद्ध तरीके से की जा रही है और संकुल समन्वयक के माध्यम से वितरण जारी है।
सोनभद्र के शिक्षा विभाग में कूटरचित शासनादेश के आधार पर फर्जी वेतन भुगतान का एक बड़ा मामला सामने आया है। वर्तमान जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) जयराम सिंह की तहरीर पर रॉबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस ने तत्कालीन डीआईओएस सहित नौ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस मामले की अग्रिम जांच में जुट गई है। वर्तमान डीआईओएस जयराम सिंह ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि जंग बहादुर सिंह इंटर कॉलेज, शाहगंज में तैनात तथाकथित सहायक अध्यापक गुलाब, ओम प्रकाश सिंह और राकेश श्रीवास्तव का वेतन कूटरचित एवं फर्जी शासनादेश के आधार पर जारी किया गया था। इन तथाकथित सहायक अध्यापकों को फर्जी शासनादेश का आधार बनाकर वेतन भुगतान और सेवा संबंधी अन्य लाभ प्रदान किए गए थे। हालांकि, यह मामला संज्ञान में आने के बाद तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक ने इन अध्यापकों के वेतन भुगतान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। वेतन भुगतान पर रोक लगाए जाने के बाद उच्च न्यायालय में याचिका/विशेष याचिका दायर की गई है, जो फिलहाल न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। शासन के निर्देशानुसार, 21 दिसंबर 2016 के कूटरचित और फर्जी पत्र में संलिप्तता के आरोप में तत्कालीन डीआईओएस प्रभुराम चौहान (सेवानिवृत्त, निवासी हेतिमपुर, लंगरपुर, महराजगंज, गाजीपुर), अतुल कुमार श्रीवास्तव (तत्कालीन आशुलिपिक, डीआईओएस कार्यालय सोनभद्र, वर्तमान में मिर्जापुर), अशोक कुमार (तत्कालीन वरिष्ठ सहायक/लेखाकार, डीआईओएस कार्यालय, सेवानिवृत्त, निवासी इग्लिशिया, बलिया), हिमांशु सिंह (तत्कालीन प्रबंधक, जंग बहादुर सिंह इंटर कॉलेज, शाहगंज, सेवानिवृत्त), अमरनाथ दुबे (तत्कालीन प्रधानाचार्य, जंग बहादुर सिंह इंटर कॉलेज, शाहगंज, सेवानिवृत्त), रामानुज शुक्ला (तत्कालीन लिपिक, जंग बहादुर सिंह इंटर कॉलेज, शाहगंज), तथा तथाकथित सहायक अध्यापक गुलाब, ओम प्रकाश सिंह और राकेश कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। रॉबर्ट्सगंज कोतवाली प्रभारी निरीक्षक माधव सिंह ने बताया कि इस मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली गई है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
फिरोजाबाद के थाना टूंडला क्षेत्र में शिक्षामित्र की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। शव शुक्रवार सुबह एफएच मेडिकल कॉलेज के पास मिला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा, जिसके बाद परिजनों ने उसकी शिनाख्त की। मृतक की पहचान 43 वर्षीय दीनदयाल पुत्र स्व. वीरपाल सिंह के रूप में हुई है। वह फिरोजाबाद के सत्य नगर, टापा कला, थाना उत्तर का निवासी था। दीनदयाल प्राथमिक विद्यालय पुरानी गढ़ी, बछगांव, थाना नारखी में शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत थे। पढ़िए पूरी खबर... प्रयागराज में पत्नी को तीन तलाक, ओमान से महिला के मोबाइल पर भेजा मैसेज; ससुराल वालों ने घर से निकाला प्रयागराज में ओमान से मैसेज भेजकर पति ने पत्नी को 3 तलाक दे दिया। तलाक के बाद महिला ने करेली थाने मुकदमा दर्ज करया है। पीड़ित महिला गौसिया ने कहा- मेरा निकाह 5 दिसंबर 2024 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के मोहम्मद मुस्लिम कुरैशी से मुस्लिम रीति-रिवाज से हुआ था। शादी के बाद से ही पति कम दहेज मिलने पर नाराज रहता था और छोटी-छोटी बातों पर गाली-गलौज व मारपीट करता था। 22 मार्च को ससुरालवालों ने उसे घर से निकाल दिया। वह पहले अपने रिश्तेदार के घर गई और फिर मई में प्रयागराज लौट आई। पढ़िए पूरी खबर... गाजियाबाद में ग्राम प्रधान के घर ताबड़तोड़ फायरिंग, रात में बाइक और गाड़ी से पहुंचे हमलावर; बेटे ने भागकर जान बचाई गाजियाबाद के थाना वेव सिटी क्षेत्र के ग्राम पूठी में गुरुवार रात डरावनी घटना सामने आई। ग्राम प्रधान वीरेंद्र यादव के घर पर कार सवार अज्ञात हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस दौरान ग्राम प्रधान के बेटे अनुज यादव ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। घटना के दौरान घर और कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों में पूरी वारदात कैद हो गई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है और हमलावरों की तलाश में जुट गई है। पढ़िए पूरी खबर... मेरठ में एक दिन में मिले डेंगू के 5 मरीज: लैप्टोस्पायरोसिस समेत अन्य संक्रमण वाली बीमारियों के मरीजों में भी बढ़ोतरी मेरठ में बदलते मौसम के साथ संक्रमण जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ने लगा है। सीएमओ ऑफिस से मिले आंकड़ों के अनुसार डेंगू के पांच और लैप्टोस्पायरोसिस के दो मरीज एक दिन में ही मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। पढ़िए पूरी खबर... इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर के अधिकारों में दिया बड़ा फैसला, शैक्षिक दस्तावेजों में नाम और जेंडर बदलने से इनकार का आदेश रद्द इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों को लेकर अहम फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने माध्यमिक शिक्षा परिषद, बरेली के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें याची शरद रोशन सिंह की शैक्षिक दस्तावेजों में नाम और जेंडर परिवर्तन की मांग को ठुकरा दिया गया था। हाईकोर्ट ने इस फैसले से ट्रांसजेंडर समुदाय के शैक्षिक और कानूनी अधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम की है। पढ़िए पूरी खबर... प्रयागराज में टीचर की फोटो भेजकर रिश्ता तुड़वाया: सुसाइड की धमकी देकर किया ब्लैकमेलिंग प्रयागराज में एक निजी कॉलेज की 28 वर्षीय महिला शिक्षिका ने आरोप लगाया है कि वॉट्सऐप पर फोटो भेजकर उसके रिश्ते को तोड़ा गया। आरोप है कि जान-पहचान वाला युवक पहले सुसाइड करने की धमकी देकर बातचीत शुरू करता रहा और शिक्षिका की बात न मानने पर उसे बदनाम करने लगा। शिक्षिका ने इस संबंध में लखनऊ के रहने वाले युवक के खिलाफ करेली थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
‘विद्या ददाति विनयम्' ही सच्ची शिक्षा का आधार: महेन्द्रू
भास्कर न्यूज | अमृतसर भारतीय विद्या भवन केंद्र के तत्वावधान में ‘16वीं ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस फॉर प्रिंसिपल्स ऑफ भवन्ज सेकेंडरी एंड सीनियर सेकेंडरी स्कूल्स’ की शुरुआत हुई। भवन्ज एसएल पब्लिक स्कूल में 9 नवंबर तक चलने वाली इस कांफ्रेंस में भवंस के समूह प्रिंसीपल्स पहुंचे हैं। कांफ्रेंस की शुरुआत वीरवार को राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से की। यह राष्ट्रीय सम्मेलन देशभर के भवन्ज स्कूलों के प्राचार्यों के लिए एक सशक्त मंच है, जहां उन्होंने नवीन रुझानों, संस्थागत विकास और साझा मूल्यों पर विचार-विमर्श किया। इस वर्ष सम्मेलन का विषय है ‘अपनी जड़ों से जुड़े रहते हुए क्षितिज का विस्तार’। इस विषय पर आधारित विभिन्न सत्रों का संचालन देश के प्रख्यात शिक्षाविदों एवं विचारशील व्यक्तित्वों द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में भारतीय विद्या भवन मुंबई के महानिर्देशक एवं कार्यकारी सेक्रेटरी जगदीश लखानी, ट्रस्टी एवं सदस्य एसजी एने, ट्रस्टी डॉ. दिनेश के दफ्तरी, चिन्मय मिशन चेन्नई के हैड स्वामी मित्रानंद, भारतीय विद्या भवन शिक्षण भारती निर्देशक मधुका मल्होत्रा तथा पॉली मेनाचेरी मुख्यातिथि के तौर पर पहुंचे। भवन्ज प्रबंधन के सदस्यों ने मुख्यातिथियों का स्वागत किया। भवन्ज अध्यक्ष अविनाश महेन्द्रू ने पंजाब के गवर्नर का आभार जताया और कहा कि यदि हम वास्तव में ‘विद्या ददाति विनयम्’ (ज्ञान विनम्रता देता है) के ध्येय वाक्य को आत्मसात करें, तो हम भारतीय विद्या भवन द्वारा स्थापित आदर्शों और मूल्यों को अपने जीवन में सच्चे अर्थों में धारण कर सकते हैं। पॉली मेनाचेरी ने कहा कि भारतीय विद्या भवन सदैव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल-विकास के माध्यम से विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के योग्य बनाने के अपने मिशन पर अटल रहा है। उन्होंने कहा कि सच्ची शिक्षा वह है जो विद्यार्थियों को जीवन की कठिनाइयों का सामना शक्ति, विवेक और भारतीय संस्कारों के साथ करने में सक्षम बनाती है। इसके उपरांत विद्यालय की वार्षिक पत्रिका आभा तथा चिन्मय अमृत द्वारा ‘100 इंस्पिरेशनल थॉट्स’ पुस्तक का औपचारिक अनावरण किया गया। इस दौरान राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका विजय पुरी ने ‘लीडिंग बाय एग्ज़ाम्पल’ विषय पर सत्र दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य प्रत्येक विद्यार्थी की प्रतिभा को पहचानना और उसे विकसित करना है।
स्कूलों की संख्या दोगुनी बढ़ी, उच्च शिक्षा की भी बदल गई तस्वीर
साल 2000 में झारखंड का गठन हुआ था- एक ऐसे राज्य के रूप में, जहां खनिज संपदा तो थी, पर शिक्षा का बुनियादी ढांचा बेहद कमजोर। हर गांव में तब स्कूल नहीं थे। कॉलेजों में एडमिशन सीटें सीमित थी। विश्वविद्यालय सिर्फ तीन शहर में थे। आज 25 साल बाद, तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। अब झारखंड केवल खनिज संसाधनों के लिए नहीं, बल्कि शैक्षणिक विकास और संस्थागत विस्तार के लिए भी पहचान बना रहा है। राज्य में स्कूलों की संख्या लगभग दोगुनी हो चुकी है। विश्वविद्यालयों का नेटवर्क 10 गुना बढ़ा है। वहीं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र कई नए संस्थान स्थापित किए गए हैं। राज्य बनने के समय झारखंड में तीन सरकारी विश्वविद्यालय थे। उस दौर में न निजी विश्वविद्यालय था, केंद्रीय संस्थान के नाम पर धनबाद और सीआईपी, रिनपास थे । तकनीकी शिक्षा के नाम पर धनबाद का आईएसएम (अब आईआईटी) ही राज्य का प्रमुख संस्थान था। अधिकांश गांवों में शिक्षा का हाल और भी खराब था। प्राथमिक और उच्च विद्यालयों की संख्या आबादी के अनुसार नहीं थी। स्कूली शिक्षा सभी देना संभव नहीं था। इसलिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या भी कम थी। इसके बाद भी बड़ी संख्या में छात्र उच्च शिक्षा के लिए बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली या दक्षिण भारत का रुख करते थे। शिक्षा व रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रम तकनीकी शिक्षा को सुलभ और समावेशी बनाने के लिए सरकार ने मांकी-मुंडा छात्रवृत्ति योजना, मुख्यमंत्री तकनीकी प्रोत्साहन योजना, डिजिटल स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम जैसी योजनाएं शुरू की हैं। इसके अलावा विदेशों में पढ़ाई के लिए 25 छात्रों का हर साल चयन किया जाता है। प्रत्येक छात्र की पढ़ाई पर एक-एक करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना संचालित की जा रही है। साक्षरता दर 22% बढ़ी राज्य गठन के समय झारखंड की साक्षरता दर में तेजी से सुधार हुआ है। 25 साल में 22 प्रतिशत साक्षरता दर बढ़ गए है। अभी लगभग 76.1 प्रतिशत साक्षरता दर है। जबकि राज्य के गठन के समय लगभग 54 प्रतिशत था। महिला साक्षरता में सबसे बड़ा सुधार हुआ है। बीएड और नर्सिंग कॉलेज तेजी से बढ़े राज्य गठन के बाद सरकारी बीएड और नर्सिंग कॉलेज स्थापित नहीं किए गए हैं। लेकिन निजी स्तर पर बीएड व नर्सिंग कॉलेज तेजी से स्थापित किए गए। बीएड कॉलेजों की संख्या 4 से बढ़कर 136 हो गई है। इसी प्रकार प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों की संख्या भी तेजी से बढ़ी है। सिर्फ रांची यूनिवर्सिटी के अंतर्गत 29 नर्सिंग कॉलेज संचालित किए जा रहे हैं। 10 गुना बढ़ गई विवि की संख्या राज्य गठन के समय सिर्फ तीन सरकारी विश्वविद्यालय थे। राज्य में अब 12 सरकारी विश्वविद्यालय हैं। वहीं 18 निजी विश्वविद्यालय संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा 100 से अधिक डिप्लोमा के सरकारी और निजी संस्थान हैं। इसके अलावा राज्य में कई केंद्रीय संस्थान स्थापित किए गए हैं। चुनौतियां अब भी बरकरार... विवि में शिक्षकों के पद हैं रिक्त बेसिक शिक्षा को बढ़ावा दे रहे ये संस्थान गांव के स्कूलों में शहर जैसी सुविधा स्मार्ट क्लासरूम, टैबलेट आधारित शिक्षा और ऑनलाइन मॉड्यूल के जरिए अब गांवों के स्कूलों में भी शहर जैसी सुविधाएं मिल रही हैं। राज्य में सीबीएसई रीजनल ऑफिस का खुलना भी ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है, जिससे परीक्षा और मूल्यांकन प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ने की उम्मीद है। एकेडमिक ऑटोनॉमी पर फोकस राज्य गठन के समय एक भी कॉलेज ऑटोनोमस नहीं थे। लेकिन वर्तमान समय में सामान्य कॉलेजों को ऑटोनॉमी तो मिला ही है, साथ ही छोटानागपुर लॉ कॉलेज भी ऑटोनॉमी लेने में सफल रहा है। लॉ कॉलेज राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाने में सफल रहा है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, मॉडल स्कूल, और नवोदय विद्यालय जैसी योजनाओं ने ग्रामीण इलाकों में शिक्षा को नई दिशा दी है। स्कूलों में शिक्षकों की 26 हजार वैकेंसी आई थी। लेकिन लगभग 15 हजार पद खाली रह गए। हालांकि झारखंड ने शिक्षा के हर स्तर पर उल्लेखनीय सुधार किए हैं, लेकिन चुनौतियां अब भी खत्म नहीं हुई हैं। विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के अधिकांश पद रिक्त हैं। एक-दो कॉलेजों में ही स्थायी प्रिंसिपल हैं। ग्रामीण स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात अभी भी आदर्श नहीं है। उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात अभी भी राष्ट्रीय औसत से पीछे हैं। उद्योगों के साथ पाठ्यक्रमों का तालमेल बढ़ाने की जरूरत है। राज्य के किसी भी विवि रिसर्च की स्थिति अच्छी नहीं है।
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के लिए हुए चुनाव में लेफ्ट यूनिटी की कैंडिडेट अदिति मिश्रा ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल कर ली है। अदिति ने चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी एबीवीपी के कैंडिडेट विकास पटेल को मात दी है। अदिति के जीत के साथ वाराणसी में भी चर्चा बढ़ गई है क्योंकि वह बीएचयू की पूर्व छात्र और वाराणसी की ही रहने वाली है। पहले जानिए कौन हैं अदिति मिश्रा? अदिति मिश्रा उत्तर प्रदेश के बनारस की रहने वाली हैं यहां उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है। 2017 में जब अदिति बीएचयू में ग्रेजुएशन की छात्रा थीं, तब उन्होंने महिला हॉस्टल में कर्फ्यू को लेकर हुए आंदोलन में हिस्सा लिया था। इसके बाद 2018 में अदिति ने पांडिचेरी विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। अदिति नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ चले विरोध प्रदर्शनों में भी सक्रिय रूप से भाग ले चुकी हैं। 2017 में BHU के प्रोटेस्ट की हिस्सा रहीं 1 सितंबर 2017 की रात BHU की एक छात्रा ने आरोप लगाया कि मोटरसाइकिल सवार कुछ युवकों ने कैंपस के अंदर उसके साथ छेड़खानी की। छात्रा की शिकायत के बाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन और सिक्योरिटी गॉर्ड ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके उलट, पूछा कि वो इतनी रात को हॉस्टल से बाहर क्यों निकली थी। इस जवाब से छात्राओं में रोष पैदा हुआ। अगले दिन यानी 22 सितंबर की सुबह से छात्राओं ने यूनिवर्सिटी के मेन गेट (सिंहद्वार) पर प्रोटेस्ट और नारेबाजी शुरू कर दी। उनका नारा था - 'हमें सुरक्षा नहीं, समानता चाहिए।' छात्राओं का कहना था कि रात 8 बजे हॉस्टल में वापस लौटने की जबरन कर्फ्यू नीति और जेंडर बेस्ड डिस्क्रीमिनेशन यानी लिंग आधारित भेदभाव बंद किया जाए। साथ ही कैंपस में CCTV और गार्ड पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए। अब जानिए जीत के बाद अदिति मिश्रा ने क्या कहा JNU लेफ्ट पॉलिटिक्स की लेगसी है,जो एक स्ट्रांग यूनियन होता है जो गुंडागर्दी और जो सेंट्रल गवर्नमेंट यहां बैठकर हमारा फंड कट रही है उसके खिलाफ यह माइंडेड हमें मिला है। उन्होंने कहा कि झूठ और फारेब की राजनीति पार्लियामेंट से शुरू होती है। उन्होंने कहा मैं अपने राजनीति में स्टूडेंट्स के हक की बात करेंगे। उन्होंने कहा सरकार जेएनयू से नफरत करती है वह यहां की पढ़ाई महंगी करनी चाहती है हम उसके खिलाफ लगातार आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा कि परिवार में हमने बात की सभी खुश हैं। जल्द ही वाराणसी आयेंगे।
भिवानी के लघु सचिवालय के बाहर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा एवं स्कूल टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने प्रदर्शन किय। इस दौरान धरना देकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं कहा कि जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा किया जाए। अध्यापक संघ के जिला प्रधान अजीत राठी व हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ का राज्य संगठन सचिव सुखदर्शन सरोहा ने कहा कि अध्यापकों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इसके बाद 8 नवंबर को प्रदेशभर के अध्यापक पानीपत में शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव करेंगे। वहीं आगे की रणनीति भी बनाएंगे। सरकार मांगों को करे पूराउन्होंने कहा कि नव उदारवादी नीतियों के चलते सरकार भी बाजार के ढंग से खर्च घटाने की नीति पर चलते हुए रोजगार के स्वरूप, सेवा शर्तों और वेतन ढांचे में ऐसे बदलाव कर रही है। जिनका शिक्षा के साथ-साथ शिक्षकों व उनके परिवारों के हितों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इसके चलते अध्यापकों की कार्य क्षमता पर भी ऋणात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। सरकार इसके जरिए जो प्रत्यक्ष बचत करना चाहती है उसका प्रशासनिक दक्षता एवं शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आने से नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना ही अधिक है। सरकार को समय-समय पर एक आदर्श नियोक्ता की तरह अपने अध्यापकों की समस्याओं का निराकरण करते रहना चाहिए। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की ओर से एक जिम्मेदार और कर्तव्यनिष्ठ संगठन के रूप में अध्यापकों की मांग पूरी की जाए। ये रखी मांगउन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी, शहरों के विस्तार और नई जरूरतों के अनुसार सार्वजनिक शिक्षा का विस्तार किया जाए और उसकी गुणवत्ता बढ़ाई जाए। अध्यापकों से शिक्षण के इलावा कोई भी गैर शैक्षणिक कार्य न लिया जाए। 2 साल की सेवा के आधार पर सभी कच्चे अध्यापकों (अतिथि, कंप्यूटर, वोकेशनल, आरोही स्कूलों के स्टाफ व एचकेआरएन) को नियमित करने की नीति बनाई जाए। 1 जनवरी 2026 से लागू किए जाने के उद्देश्य से राज्य के अध्यापकों/कर्मचारियों के लिए अलग वेतन आयोग गठित किया जाए। पुरानी पेंशन योजना 1 जनवरी 2006 से बहाल की जाए। सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और विस्तार करते हुए समस्त अध्यापकों / कर्मचारियों एवं जनता के लिए निःशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था की जाए।
भिंड में एड्स जागरूकता वर्कशॉप में अध्यक्षता कर रहीं रेखा सुमन ने शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा युवाओं को एड्स जैसे वायरस से बचाव की दिशा दिखा सकती है। मुख्य अतिथि अनुग्रह दत्त शर्मा ने बताया एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ रहना या काम करना पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि एड्स वायरस छूने, साथ खाने या गले मिलने से नहीं फैलता, बल्कि यह केवल असुरक्षित संबंधों, संक्रमित सुई या रक्त के माध्यम से फैलता है। समाज में एड्स पीड़ितों के प्रति डर या भेदभाव की भावना नहीं, बल्कि सहयोग और सहानुभूति की जरूरत है। मेहगांव के स्थित शासकीय महाविद्यालय में 'लाल रिबन – आशा, समर्थन और जागरूकता का प्रतीक' विषय पर आयोजन हुआ। प्रो. शर्मा ने कहा कि लाल रिबन आशा, समर्थन और जागरूकता का प्रतीक है, जो हमें एड्स रोगियों के प्रति संवेदनशील रहने का संदेश देता है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे सुरक्षित जीवनशैली अपनाएं और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराते रहें। 'एड्स जागरूकता के लिए काम कर रही संस्थाओं की मदद करें'कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. रेखा सुमन ने कहा कि कई संस्थाएं एड्स जागरूकता के लिए काम कर रही हैं, इसलिए हमें उनका सहयोग करना चाहिए और समाज में सकारात्मक संदेश फैलाना चाहिए। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने एड्स से बचाव, सुरक्षित जीवनशैली और सहयोग की भावना को अपने पोस्टरों के माध्यम से प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया। निर्णायकों ने रचनात्मकता और संदेश की स्पष्टता के आधार पर विजेताओं का चयन किया। इसमें दीपांजलि भदौरिया ने प्रथम, काजल भदौरिया ने द्वितीय और तनु भदौरिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेताओं को मुख्य अतिथि प्रो. अनुग्रह दत्त शर्मा एवं आइक्यूएसी प्रभारी द्वारा प्रमाण पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रो. आलोक मिश्रा, प्रो. वंदना श्रीवास्तव, डॉ. दुर्गेश गुप्ता, प्रो. अंबुजा गुप्ता सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। कार्यक्रम के अंत में 60 से अधिक विद्यार्थियों ने समाज में एड्स से जुड़ी भ्रांतियों को दूर कर जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया।
आगरा में कोठी मीना बाजार के सामने अत्याधुनिक साइंस पार्क और नक्षत्रशाला की सौगात मिलने जा रही है। गुरुवार को साइंस पार्क और नक्षत्रशाला का शिलान्यास किया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने भूमि पूजन किया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार कहा- उत्तर प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के द्वारा साइंस पार्क और नक्षत्रशाला का निर्माण कराया जा रहा है। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय की ये विधानसभा है। जब विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री थे। तो इन्हीं का ये प्रयास था। जिसे हमने बस कार्रवाई कर आगे बढ़ाने का काम किया है। जो बच्चे साइंस में अच्छे है, उन्हें बढ़ावा मिलेगा। जो लोग आगरा में आएंगे वो ताज महल और लाल किले को देखेंगे। तो वो निश्चित रूप से साइंस पार्क को भी जरूर देखने आएगे। हम यहां पर पहले चरण में विज्ञान पार्क का निर्माण करा रहे है। और बहुत ही कम समय में इसे पूरा किया जाएगा। जिसके बाद विभाग एक नक्षत्रशाला देने का काम करेगा। जिससे बच्चों को पता चलेगा ब्रह्मांड में क्या गतिविधि होती है। इसी के चलते प्रदेश में साइंस को बढ़ावा मिलेगा। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय कहा- आगरा को साइंस पार्क और नक्षत्रशाला विज्ञान का पर्यटन का केंद्र भी बनाएगी। जिस दिन से बीजेपी की सरकार आई है। उसी दिन से प्रदेश और आगरा को कोई न कोई उपहार मिलता रहा है। आगरा की इस नक्षत्रशाला से न सिर्फ शिक्षा बल्कि खगोल शास्त्र के साथ शैक्षिक पर्यटन बढ़ेगा और आगरा में समृद्धि आएगी। विस्तार से पढ़े आगरा को अत्याधुनिक साइंस पार्क और नक्षत्रशाला की सौगात मिलने जा रही है। यूपी के तीसरे साइंस पार्क व नक्षत्रशाला का शिलान्यास यूपी सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार के साथ उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय 6 नवंबर को करेंगे। इस पर लगभग 39.42 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 18 महीने में साइंस पार्क व नक्षत्रशाला बनकर तैयार होगी। शाहगंज स्थित कोठी मीना बाजार मैदान के सामने स्थित ACP लोहामंडी कार्यालय के पीछे यह योजना मूर्त रूप लेगी। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग की जमीन को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को ट्रांसफर किया गया है। इतने क्षेत्रफल में मूर्त रूप लेगी योजना 11,149 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में विकसित होने वाले साइंस पार्क में ग्राउंड फ्लोर पर अत्यधिक नक्षत्रशाला बनेगी। वहीं, लगभग 4,943 वर्ग मीटर क्षेत्र में आकर्षक साइंस पार्क विकसित किया जाएगा। साइंस पार्क परिसर में एग्जिबिशन हॉल, साइंस वर्कशॉप, पैंट्री, कार्यशाला कक्ष के साथ पर्याप्त अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। कैबिनेट मंत्री ने किए प्रयास इस योजना के लिए उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने प्रयास किए थे। उन्होंने बताया-जब उनके पास विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी थी उस समय इस योजना की कार्य योजना तैयार कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। कैबिनेट में प्रस्ताव पारित होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ से अनुरोध कर बेसिक शिक्षा विभाग की भूमि को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में स्थानांतरित कराया गया था। उन्होंने बताया-39.62 लाख रुपए की लागत से बनने वाली नक्षत्रशाला एवं साइंस पार्क उत्तर प्रदेश की तीसरी विकसित नक्षत्रशाला होगी। नक्षत्रशाला के निर्माण से छात्रों को खगोलशास्त्र के रहस्यों को समझने का अवसर मिलेगा। इससे शैक्षिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा व स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। ऊर्जा संरक्षण एवं पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए पूरा परिसर सौर ऊर्जा द्वारा संचालित किया जाएगा। साइंस पार्क में आने वाले विद्यार्थी प्रकृति के जटिल व्यवहार भी खेल-खेल में सीख सकेंगे। पार्क में सामान्य वैज्ञानिक सिद्धांतों को समझने वाले कई मॉडल होंगे, जो बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र होने के साथ ही शिक्षा भी देंगे। इसके साथ ही साइंस पार्क में झूलों के जरिए उनकी विशेषता बताई जाएगी। झूलों का आधार हमेशा केंद्र में नहीं होगा। ताकि, बच्चे समझ सकें कि एक पतला सा बच्चा भी बिना किसी विशेष प्रयास के मोटे बच्चे को भी आसानी से उठा सके। झूलों की लंबाई भी अलग-अलग होगी, ताकि झूलते हुए बच्चे की लंबाई व समय के बीच संबंध को समझ सकें।
भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव ने एक बार फिर राम मंदिर को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा- राम मंदिर में पढ़कर मैं मास्टर, प्रोफेसर या अफसर बन जाऊंगा क्या? नहीं। राम मंदिर आस्था का विषय है, वह अलग है। लेकिन शिक्षा के लिए काम होना चाहिए। शिक्षा से देश चलाया जा सकता है। खेसारी ने कहा- राम मंदिर बनाइए, मस्जिद बनाइए, उसके लिए जो करना है कीजिए, लेकिन शिक्षा के लिए भी काम कीजिए। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए यूनिवर्सिटी खोलिए, रोजगार दीजिए। क्या उसके लिए हम डोनाल्ड ट्रम्प को वोट करेंगे?” खेसारी लाल यादव बिहार की छपरा सीट से राजद प्रत्याशी हैं। गुरुवार को उन्होंने छपरा में वोट डाला। इस दौरान मीडिया से उन्होंने बात की। खेसारी ने कहा, 'भगवान हमारे दिल और भक्ति में बसते हैं, मंदिरों में तो बस एक मूर्ति होती हैं। इसलिए, सब कुछ बनाइए। सिर्फ मंदिर क्यों? ये लोग बदलते रहते हैं। अगर आप इनसे विकास के बारे में सवाल करेंगे, तो ये आपको 'मंदिर-मस्जिद' या 'सनातन' ले जाएंगे, बकवास करेंगे और आपको वहीं व्यस्त रखेंगे। मैं किसी से नहीं डरता। मैं जो हूं, वो जनता ने ही मुझे बनाया है।' आगे बढ़ने से पहले पोल में हिस्सा लें- 10 दिन पहले कहा था- राम मंदिर से जरूरी स्कूल और हॉस्पिटलदरअसल, 27 अक्टूबर को खेसारी ने एक इंटरव्यू में कहा था- राम मंदिर तो जरूरी है, लेकिन उससे जरूरी है देश में स्कूल, हॉस्पिटल और बाकी जरूरी व्यवस्थाएं हैं। किसी भगवान के लिए श्रद्धा दिल में होती है। मंदिर में भगवान नहीं होते हैं। हमारे दिल में होते हैं, उत्पन्न होते हैं, तभी हम मंदिर जाते हैं। मेरा विषय है कि मंदिर बनना चाहिए, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मंदिर नहीं बनना चाहिए। मंदिर बनना चाहिए, लेकिन लोगों का ख्याल भी रखिए। आप यह बताइए कि आप मंदिर ही बना दो और लोगों के पेट में अन्न ही न दें तो भूखे पेट भजन होता है क्या? और रवि भैया की बात के लिए आप बिल्कुल कुछ मत कहिए वह तो जीने के लिए कुछ बनाते नहीं है वह तो मरने के लिए बनाते हैं। रविकिशन ने खेसारी को दिया था जवाब, कहा था- मेरे शब्दबाण से नहीं बचेंगे 29 अक्टूबर को गोरखपुर सांसद और एक्टर रवि किशन ने खेसारी लाल यादव के बयान पर पलटवार किया। कहा था- जहां सनातन विरोध की बात आएगी, प्रभु श्रीराम का मंदिर क्यों बना ये सवाल उठेगा, तो मेरा सगा भाई ही क्यों न हो। मेरे शब्द बाण से बच नहीं पाएगा। आप चुनाव जीतिए, आसमान में जाकर चफना जाइए। लेकिन भगवान राम, सनातन का अपमान...भइया हो, माई हो, मत करा। बहुत चोट लगेला। 4 दिन पहले अखिलेश ने खेसारी के समर्थन में रैली की थी 2 नवंबर को अखिलेश यादव ने खेसारी लाल के समर्थन में छपरा में रैली की थी। उन्होंने कहा था- इस बार का बिहार चुनाव पूरे देश के लिए खास है। पूरा देश बिहार की ओर देख रहा है। लेकिन जिस तरह से छपरा में चुनाव हो रहा है, वैसा पूरे बिहार में नहीं। छपरा और यहां के प्रत्याशी की चर्चा पूरे भारत में है। आप लोगों का जोश और यह भीड़ साफ बता रही है कि इस बार छपरा से खेसारी लाल यादव जीतकर पटना जाएंगे। जब बिहार के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बनेंगे, तब पलायन नौजवानों का नहीं, बल्कि भाजपा का होगा। बिहार ने हमेशा संकट की घड़ी में राजनीति को नई दिशा देने का काम किया। इस बार भी इतिहास दोहराया जाएगा। भाजपा में कई ऐसे लोग हैं, जो पहले सपा के साथ रह चुके हैं। आज वे ऊपर से भले भाजपा में हों, लेकिन भीतर से खेसारी के समर्थक हैं। वे इस बार भाजपा की राजनीति नहीं, बल्कि बिहार के बेटों की आवाज को चुनेंगे। खेसारी के बारे में जानिए --------- ये खबर भी पढ़ें... चुनाव से पहले खेसारी को मुंबई में नोटिस:भोजपुरी एक्टर पर बंगले पर अवैध निर्माण का दावा, नगर निगम बोला -खुद अतिक्रमण हटाएंगे, या हम हटाएं भोजपुरी फिल्म के सुपरस्टार और राजद उम्मीदवार खेसारी लाल यादव को महाराष्ट्र की महापालिका ने नोटिस भेजा है। नोटिस में खेसारी लाल यादव के मीरा रोड में स्थित बंगले में अवैध काम करने का दावा किया गया है। महाराष्ट्र के मीरा भायंदर नगर निगम का कहना है, 'बंगले के अवैध कंस्ट्रक्शन लोहे के एंगल और शेड को तुरंत हटाया जाए, अन्यथा अतिक्रमण विभाग की ओर से बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी। पूरी खबर पढ़ें...
भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव ने एक बार फिर राम मंदिर को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा- राम मंदिर में पढ़कर मैं मास्टर, प्रोफेसर या अफसर बन जाऊंगा क्या? नहीं। राम मंदिर आस्था का विषय है, वह अलग है। लेकिन शिक्षा के लिए काम होना चाहिए। शिक्षा से देश चलाया जा सकता है। खेसारी ने कहा- राम मंदिर बनाइए, मस्जिद बनाइए, उसके लिए जो करना है कीजिए, लेकिन शिक्षा के लिए भी काम कीजिए। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए यूनिवर्सिटी खोलिए, रोजगार दीजिए। क्या उसके लिए हम डोनाल्ड ट्रम्प को वोट करेंगे?” खेसारी लाल यादव बिहार की छपरा सीट से राजद प्रत्याशी हैं। गुरुवार को उन्होंने छपरा में वोट डाला। इस दौरान मीडिया से बातचीत में ये बातें कहीं। आगे बढ़ने से पहले पोल में हिस्सा लें- 10 दिन पहले कहा था- राम मंदिर से जरूरी स्कूल और हॉस्पिटलदरअसल, 27 अक्टूबर को खेसारी ने एक इंटरव्यू में कहा था- राम मंदिर तो जरूरी है, लेकिन उससे जरूरी है देश में स्कूल, हॉस्पिटल और बाकी जरूरी व्यवस्थाएं हैं। किसी भगवान के लिए श्रद्धा दिल में होती है। मंदिर में भगवान नहीं होते हैं। हमारे दिल में होते हैं, उत्पन्न होते हैं, तभी हम मंदिर जाते हैं। मेरा विषय है कि मंदिर बनना चाहिए, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मंदिर नहीं बनना चाहिए। मंदिर बनना चाहिए, लेकिन लोगों का ख्याल भी रखिए। आप यह बताइए कि आप मंदिर ही बना दो और लोगों के पेट में अन्न ही न दें तो भूखे पेट भजन होता है क्या? और रवि भैया की बात के लिए आप बिल्कुल कुछ मत कहिए वह तो जीने के लिए कुछ बनाते नहीं है वह तो मरने के लिए बनाते हैं। रविकिशन ने खेसारी को दिया था जवाब, कहा था- मेरे शब्दबाण से नहीं बचेंगे 29 अक्टूबर को गोरखपुर सांसद और एक्टर रवि किशन ने खेसारी लाल यादव के बयान पर पलटवार किया। कहा था- जहां सनातन विरोध की बात आएगी, प्रभु श्रीराम का मंदिर क्यों बना ये सवाल उठेगा, तो मेरा सगा भाई ही क्यों न हो। मेरे शब्द बाण से बच नहीं पाएगा। आप चुनाव जीतिए, आसमान में जाकर चफना जाइए। लेकिन भगवान राम, सनातन का अपमान...भइया हो, माई हो, मत करा। बहुत चोट लगेला। 4 दिन पहले अखिलेश ने खेसारी के समर्थन में रैली की थी 2 नवंबर को अखिलेश यादव ने खेसारी लाल के समर्थन में छपरा में रैली की थी। उन्होंने कहा था- इस बार का बिहार चुनाव पूरे देश के लिए खास है। पूरा देश बिहार की ओर देख रहा है। लेकिन जिस तरह से छपरा में चुनाव हो रहा है, वैसा पूरे बिहार में नहीं। छपरा और यहां के प्रत्याशी की चर्चा पूरे भारत में है। आप लोगों का जोश और यह भीड़ साफ बता रही है कि इस बार छपरा से खेसारी लाल यादव जीतकर पटना जाएंगे। जब बिहार के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बनेंगे, तब पलायन नौजवानों का नहीं, बल्कि भाजपा का होगा। बिहार ने हमेशा संकट की घड़ी में राजनीति को नई दिशा देने का काम किया। इस बार भी इतिहास दोहराया जाएगा। भाजपा में कई ऐसे लोग हैं, जो पहले सपा के साथ रह चुके हैं। आज वे ऊपर से भले भाजपा में हों, लेकिन भीतर से खेसारी के समर्थक हैं। वे इस बार भाजपा की राजनीति नहीं, बल्कि बिहार के बेटों की आवाज को चुनेंगे। खेसारी के बारे में जानिए --------- ये खबर भी पढ़ें- सांसद रवि किशन को धमकी देने वाला गिरफ्तार:गोरखपुर पुलिस ने पंजाब से किया अरेस्ट, फोन पर कहा था- गोली मार दूंगा सांसद रवि किशन को फोन पर जान से मारने की धमकी देने वाला आरोपी गिरफ्तार हो गया है। गोरखपुर पुलिस ने रविवार को उसे पंजाब के लुधियाना से गिरफ्तार किया। सोमवार को उसे गोरखपुर कोर्ट में पेश करके जेल भेजा गया। आरोपी की पहचान लुधियाना निवासी अजय कुमार यादव पुत्र रामफेर यादव के रूप में हुई है। पढ़ें पूरी खबर
संघ का शिक्षा एजेंडा : न पढ़ेंगे न पढ़ने देंगे
विवादित पाठ्य पुस्तकों में, इन्हीं विषयों की पिछली पाठ्य पुस्तकों से जो भारी बदलाव किए गए हैं
देश के कई विद्यालयों में सुबह की प्रार्थना सभा में सुविचार प्रस्तुत करने की परंपरा है, विद्यालयों के श्यामपट (ब्लैकबोर्ड) पर भी सुविचार लिखे होते हैं
4 साल की उम्र में श्रेया घोषाल ने ली संगीत की शिक्षा, अमेरिका में मनाया जाता है 'श्रेया घोषाल दिवस'
बॉलीवुड की फेमस सिंगर श्रेया घोषाल 12 मार्च को अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। अपनी सुरीली आवाज से लाखों लोगों को दिवाना बनाने वाली श्रेया का जन्म 1984 में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुआ था। उन्होंने बेहद कम समय में अपनी सुरीली आवाज से बड़ी ...
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NEET UG रिजल्ट को लेकर अभी भी जारी है गुस्सा, छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के पास किया विरोध प्रदर्शन
नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए छात्रों ने सोमवार को शिक्षा मंत्रालय के पास विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा परिणाम में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की। आइए जानते हैं, क्या है पूरा म
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का 10 फीसदी भी डाटा नहीं हुआ अपलोड
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का डाटा अपलोड करने में जिले के कई स्कूल ढील दे रहे हैं, वे 10 फीसदी छात्रों का भी डाटा अभी तक अपलोड नहीं कर पाए हैं। डाटा अपलोड करने में आधार कार्ड की अनिवार्यता के बाद से छ
बेसिक शिक्षा : दो महीने बाद भी 1.38 लाख छात्रों का डेटा नहीं हुआ अपडेट
बेसिक शिक्षा विभाग के यू डायस पोर्टल पर डेटा अपडेट करने का कार्य बहुत धीमी गति से चल रहा है। हाल ये है कि दो महीने में महज 1.38 लाख छात्रों डेटा भी अपडेट नहीं हुआ। विभाग ने अब 5 जून तक इसे पूरा करने क
स्कूलों में कैसे पढ़ा रहे हैं शिक्षक, वीडियो में देखेगा शिक्षा विभाग, होगी रिकॉर्डिंग
शिक्षा विभाग वीडियो के जरिए देखेगा कि परिषदीय स्कूलों के शिक्षक छात्रों को कैसे पढ़ाते हैं। बता दें. छात्रों को पढ़ाते हुए शिक्षकों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। आइए जानते हैं विस्तार से।
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राम बनने के लिएधनुष-बाण चलाने की शिक्षा ले रहे है Ranbir Kapoor, एक्टर केआर्चरी ट्रेनर ने शेयर की तस्वीरें

