राजस्थान के स्कूलों की किताबों में गोधरा कांड को लेकर विवादित तथ्य पढ़ाने को लेकर शिक्षा विभाग एक्शन मोड में आ गया है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की आपत्ति के बाद अब विभाग ने राजस्थान के स्कूल के पाठ्यक्रम की समीक्षा करने का फैसला किया है। इसको लेकर 10 सदस्य स्कूली पाठ्यक्रम समीक्षा समिति का गठन किया गया है। जो अगले 30 दिनों में स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली किताबें का अध्ययन कर अपनी समीक्षा रिपोर्ट शिक्षा विभाग को सौंपेगी। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया- राजस्थान में स्कूलों के पाठ्यक्रम में कुछ अवांछनीय प्रसंग को और विषय को गलत तरीके से पेश किया गया है। ऐसे में पाठ्यक्रम की समीक्षा कर कैसे उसे राष्ट्रीय भावना से प्रेरित और परिपूर्ण किया जाएगा। इसको लेकर पाठ्यक्रम समीक्षा समिति का गठन किया गया है। यह समिति पाठ्यक्रम का अध्ययन कर उनमें अंकित अवांछनीय प्रसंग और विषय की रिपोर्ट बनाकर शिक्षा विभाग को देगी। उस रिपोर्ट का अध्ययन कर पाठ्यक्रम में संशोधन का फैसला किया जाएगा। सोडाणी बने समिति के अध्यक्ष शिक्षा विभाग द्वारा बनाई गई पाठ्यक्रम समीक्षा समिति का अध्यक्ष कुलपति वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा प्रोफेसर कैलाश सोडाणी को बनाया गया है। शिक्षाविद हनुमान सिंह राठौड़ समिति के उपाध्यक्ष होंगे। इसके साथ ही शिक्षाविद डी रामाकृष्ण राव सलाहकार और शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के विशेषाधिकारी सतीश कुमार गुप्ता सदस्य सचिव के तौर पर कार्य करेंगे। इसके साथ ही समिति में पूर्व कुलपति कोटा यूनिवर्सिटी और पूर्व सदस्य राजस्थान लोक सेवा आयोग प्रोफेसर प्रमेंद्र कुमार दशोरा, पूर्व अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर, प्रोफेसर भारत राम कुमार, शिक्षाविद श्याम सुंदर बिस्सा, जयंतीलाल खंडेलवाल, कन्हैया लाल बेरीवाल को समिति का सदस्य नियुक्त किया गया है। समिति 30 दिनों में सौंपेगी रिपोर्ट प्रारंभिक शिक्षा (आयोजना) विभाग राजस्थान सरकार के आदेश के बाद बनी यह समीक्षा समिति राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के प्रावधानों और राज्य पाठ्यक्रम की रूपरेखा और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के सभी स्कूली पाठ्यक्रम की विषय वस्तु, छायाचित्र, रेखाचित्र, सामग्री संकलन, व्याख्या का अध्ययन और समीक्षा कर अगले 30 दिनों में अपने सुझाव राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद उदयपुर को सौंपेगी। जहां से यह रिपोर्ट शिक्षा मंत्री को प्रस्तुत की जाएगी।
हर सहाय महाविद्यालय पी रोड में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय उपस्थित थे। इस मौके पर कानपुर विश्वविद्यालय स्ववित्त पोषित शिक्षक संघ के महामंत्री डॉ. अखंड प्रताप सिंह के नेतृत्व में शिक्षकों की समस्याओं का एक ज्ञापन मंत्री जी को सौंपा। ये करी गई मांगेडॉ. अखंड प्रताप सिंह ने बताया कि ज्ञापन में कहा गया है कि अनुदानित महाविद्यालय में विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदित स्ववित्त पोषित शिक्षकों की बहुत दयनीय स्थित है। वह अपना जीवन यापन करने एवं अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा देने की स्थिति में नहीं है। इसलिए अनुदानित महाविद्यालय में चल रहे स्ववित्त पोषित विभागों को अनुदान में लेने का काम किया जाए। इसके अलावा स्ववित्त पोषित महाविद्यालय में शिक्षकों को 7000 से लेकर 12000 तक का ही वेतन प्राप्त हो रहा है। इसलिए स्ववित्त पोषित महाविद्यालय को प्राप्त छात्र द्वारा फीस का 75% भाग अगर विश्वविद्यालय में जमा कराकर विश्वविद्यालय द्वारा भौतिक रूप से कार्य कर रहे स्ववित्त पोषित शिक्षकों को विश्वविद्यालय द्वारा न्यूनतम वेतन मानक के अनुसार दिलवाने का काम किया जाए। ज्ञापन देने वालों में थे ये लोग प्रतिनिधि मंडल में संगठन के महामंत्री डॉ. अखंड प्रताप सिंह, संरक्षक डॉ. आरपी सिंह, मीडिया प्रभारी राजकुमार सिंह, सह प्रवक्ता डॉ. एसके शुक्ला, प्रचार मंत्री डॉ. मनोज कुमार, महिला संयुक्त मंत्री डॉ. साधना देवी, विधिक सलाहकार डॉ. राज कटियार, डॉ. बृजेश यादव, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. समरेंद्र वीर सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर आज राजसमंद पहुंचे। इस दौरान भाजपा के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। इस दौरान भाजपा जिला अध्यक्ष मान सिंह बारहठ, राजसमंद प्रधान अरविन्द सिंह, नर्बदा शंकर पालीवाल, राम लाल जाट सहित पदाधिकारी मौजूद थे। इसके बाद शिक्षा मंत्री दिलावर कुंवारिया कस्बे में हो रहे खटीक समाज के सामूहिक विवाह समारोह कुंवारिया मेला ग्राउंड पहुंचे जहां समाज के पदाधिकारियों ने उनकी अगवानी की। सामूहिक विवाह समारोह में खटीक समाज के 33 जोडे परिणय सूत्र में बंधेंगे। इस दौरान ठाकुरजी व तुलसीजी का विवाह भी होगा। खटीक समाज के सामूहिक विवाह समारोह के तहत शनिवार को कुंवारिया कस्बे में बैंड बाजों के साथ कलश यात्रा निकाली गई, इस दौरान महिलाएं कलश लेकर आई। कलश यात्रा बस स्टैण्ड, पहुंची जहां विनायक स्थापना परिसर में कलश रखे गए। बाद में तुलसी जी की हल्दी एवं मेंहदी की रस्म भी पूरी की गई। इस दौरान महिलाओं ने मंगल गीत गाए।
राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) की लेक्चरर संस्कृत शिक्षा भर्ती परीक्षा रविवार को जिले में 34 केन्द्रों पर हुई। परीक्षा शुरू होने से एक घंटे पूर्व परीक्षा केन्द्रों पर प्रवेश दिया गया। केन्द्रों पर काफी सख्ती से अभ्यर्थियों की जांच हुई। प्रत्येक परीक्ष केन्द्र पर पुलिस जवान और जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त स्टाफ तैनात था। चेन, अंगूठी, ब्रेसलेट, घड़ी सहित अन्य प्रतिबंधित चीजें पहनकर आए अभ्यर्थियों से इन चीजों को परीक्षा केन्द्र के बाहर ही खुलवा लिया गया। प्रवेश का समय बीतने बाद पहुंचे कई अभ्यर्थियों को प्रवेश नहीं दिया गया। उदयपुर में 9736 अभ्यर्थी रजिस्टर्ड थे। सुबह 10 बजे से 11:30 बजे पहली पारी में 22.43 प्रतिशत अभ्यर्थियों की उपस्थिति रही। 9736 में से 2184 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। जबकि 7552 अनुपस्थित रहे। उदयपुर में राबाउमाबि रेजीडेंसी स्कूल, सरकारी गुरु गोविंद सिंह सी.सै.स्कूल, सरकारी मीरा गर्ल्स कॉलेज, राबाउमावि भूपालपुरा और राबाउमावि हिरण मगरी आदि परीक्षा केन्द्र बनाए गए थे।
स्कूल शिक्षा:अर्द्धवार्षिक के रिजल्ट के आधार पर फाइनल परीक्षा की तैयारी की जाएगी
स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 9वीं से 12वीं तक के लिए अर्द्धवार्षिक परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी है। यह परीक्षाएं इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इसके आधार पर वार्षिक परीक्षा की तैयारी को लेकर विभाग की आगे की रणनीति बनेगी। खास बात यह है कि जिला शिक्षा अधिकारियों को भी अर्द्धवार्षिक परीक्षा के बाद दस प्रतिशत उत्तर पुस्तिकाओं का अनिवार्य रूप से परीक्षण करवाएंगे और इसकी रिपोर्ट लोक शिक्षण संचालनालय को भेजी जाएगी। इसमें मुख्य रूप से बोर्ड परीक्षाओं पर फोकस रहेगा। विभाग का सबसे ज्यादा फोकस 10वीं और 12वीं का रिजल्ट सुधारने पर है। दिसंबर में अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। इसके बाद फरवरी अंत से फाइनल एग्जाम होंगे। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अर्द्धवार्षिक परीक्षा में ज्यादा से ज्यादा कोर्स कवर करने का प्रयास रहेगा। छात्रों का मजबूत व कमजोर पक्ष सामने आ सकेंगे विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अर्द्धवार्षिक परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर होगी। इसके बाद आगे की तैयारी इसके रिजल्ट को आधार बनाकर करेंगे। 10 प्रतिशत कॉपियों की जिला शिक्षा अधिकारी जो रिपोर्ट भेजेंगे उससे यह स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि ओवरलऑल क्या स्थिति है। छात्र कितना समझ पा रहे हैं और उन्हें कहां समस्या आ रही है। यानि छात्रों का मजबूत और कमजोर पक्ष दोनों सामने आ सकेंगे। यह पता चल सकेगा कि संबंधित विषय के कितने बिंदुओं पर ज्यादातर छात्रों ने गलती की है और कहां उनके अंक कटे हैं। रेमेडियल कक्षाओं पर काम भोपाल सहित अन्य जिलों में रेमेडियल कक्षाओं पर काम शुरू हो गया है। भोपाल के जिला शिक्षा अधिकारी नरेंद्र अहिरवार ने बताया कि रेमेडियल कक्षाएं लगाने क निर्देश स्कूल प्राचार्यों को दिए जा सकेंगे। इसमें भी मुख्य रूप से दसवीं में गणित और इंग्लिश पर फोकस किया जा रहा है। इसी के साथ जो अब तक पढ़ाया जा चुका है उसका रिवीजन भी शुरू कर दिया गया है। छात्रों को कक्षाओं में ही सवाल हल करवाने के निर्देश हैं ताकि शिक्षकों को भी यह पता रहे कि छात्रों को समस्या कहां आ रही है। औचक निरीक्षण भी करेंगे इसी के साथ अब इसी महीने से स्कूलों में औचक निरीक्षण भी किए जाएंगे। इसमें देखा जाएगा कि कक्षाओं में छात्रों की कितनी उपस्थिति है और कक्षाओं का सुचारू संचालन हो रहा है या नहीं। इसी के साथ छात्रों के समूह बनाकर अतिरिक्त कक्षाएं भी लगाई जाएंगी। अगर स्कूल में दसवीं के पांच सेक्शन हैं ताे देखा जाएगा कि गणित में कितने छात्रों को समस्या है। इसके बाद इनकी कंबाइंड कक्षा लगेगी। ऐसा ही अन्य विषयों में भी किया जाएगा और छात्रों की वार्षिक परीक्षा के लिए तैयारी करवाई जाएगी।
बिहार बोर्ड : सक्षमता परीक्षा द्वितीय का रिजल्ट जारी, लेकिन जिला आवंटन शिक्षा विभाग करेगा
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बिहार बोर्ड) ने शनिवार को सक्षमता परीक्षा द्वितीय 2024 का परिणाम जारी कर दिया है। परीक्षा में 80713 शिक्षक अभ्यर्थी शामिल हुए थे, जिसमें 81.42 यानी 65716 शिक्षक अभ्यर्थी सफल हुए हैं। अभ्यर्थी बोर्ड की वेबसाइट https://www.bsebsakshamta.com पर आवेदन नंबर और जन्म तिथि अंकित कर परिणाम देख सकते हैं। रिजल्ट जारी करने के दौरान बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बताया कि आनंद किशोर ने कहा कि सक्षमता परीक्षा पास अभ्यर्थियों का जिला आवंटन अब इस बार से शिक्षा विभाग द्वारा किया जाएगा। जारी परीक्षाफल के आधार पर शिक्षा विभाग यह तय करेगा कि किस शिक्षक अभ्यर्थी को कौन सा जिला आवंटित करना है। आगे भी बोर्ड सिर्फ परीक्षा लेगा और रिजल्ट जारी करेगा। जिला आवंटन का कार्य शिक्षा विभाग के अधीन है। इसके अतिरिक्त अब आगे सक्षमता परीक्षा सिर्फ ऑनलाइन मोड में ही होगी। ऑफलाइन मोड में परीक्षा को लेकर भी निर्णय शिक्षा विभाग लेगा। सभी कक्षाओं के शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा का रिजल्ट एक साथ जारी 13 नवंबर को हुई सक्षमता परीक्षा का परिणाम माह के अंत तक : आनंद किशोर ने कहा कि सक्षमता परीक्षा 2024, द्वितीय के तहत सात विषयों की कक्षा नौ से 10 के संगीत, हिंदी, गृह विज्ञान, नृत्य, फारसी तथा कक्षा 11-12 के विषय गृह विज्ञान एवं इतिहास क पुनर्परीक्षा 13 नवंबर को आयोजित हुई थी। इस परीक्षा का परिणाम इस माह के अंत तक जारी किया जाएगा। सभी कक्षाओं के शिक्षकों की सक्षमता परीक्षा एक साथ परिणाम जारी कर दिया गया है। कक्षा एक पांच तक में 81.42 प्रतिशत अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। इसी तरह कक्षा छह से आठ तक में 81.4 प्रतिशत, कक्षा नौ से 10 तक में 84.20 प्रतिशत और कक्षा 11 से 12 तक में 71.4 प्रतिशत अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। कक्षा एक से पांच तक में 67,358 शिक्षक अभ्यर्थी सक्षमता परीक्षा 2024, द्वितीय शामिल हुए थे। इसमें 54,840 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। इसी प्रकार कक्षा छह से आठ में 8,232 शिक्षक अभ्यर्थी शामिल हुए। इसमें 6,702 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। कक्षा नौ से 10 में 4,032 शिक्षक अभ्यर्थी शामिल हुए। इसमें 3,395 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। कक्षा 11 से 12 में 1,091 शिक्षक अभ्यर्थी शामिल हुए। इसमें से 779 अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए हैं। यह परीक्षा पटना में निर्धारित 42 केंद्रों पर ऑनलाइन माध्यम से आयोजित हुई थी। कक्षा 1 से 5 में विषयवार उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या विषय शामिल उत्तीर्ण उत्तीर्णता% कक्षा 1-10 वीं में विषयवार उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या विषय शामिल उत्तीर्ण उत्तीर्णता% कक्षा 11वीं-12वीं में विषयवार उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या विषय शामिल उत्तीर्ण उत्तीर्णता %
नालंदा में 16 से 18 नवंबर तक आयोजित होने वाले 'नालंदा ज्ञान कुंभ' में देश के कोने-कोने से एक हजार से अधिक शिक्षाविद और 200 से अधिक शैक्षिक संस्थान भाग लेंगे। आयोजन विकसित भारत के निर्माण के लिए शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने का प्रयास है। बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर 17 नवंबर को इस ज्ञान कुंभ का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन समारोह में देश के कई गणमान्य व्यक्ति शामिल होंगे, जिनमें विदेश राज्यमंत्री पवित्रा मार्गरिटा, सिक्किम व मेघालय के पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद, अध्यात्मिक गुरु स्वामी गोविंद देव गिरी जी महाराज, डॉ. अतुल कोठारी, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा और नालंदा विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो अरविंद पनगढ़िया प्रमुख हैं। ज्ञान कुंभ का उद्देश्य आयोजन समिति के अध्यक्ष और नालंदा खुला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. केसी सिन्हा ने बताया कि इस ज्ञान कुंभ का मुख्य उद्देश्य भारतीय ज्ञान परंपरा और भारतीय भाषाओं के संदर्भ में अखिल भारतीय अकादमिक परिसंवाद करना है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 के सन्दर्भ में भारतीय ज्ञान परंपरा और भारतीय भाषाओं के संदर्भ में अखिल भारतीय अकादमिक परिसंवाद का भी आयोजन किया जाएगा। प्रदर्शनी का उद्घाटन मंत्री श्रवण कुमार करेंगे यह तीन दिवसीय आयोजन प्रतियोगिता, प्रदर्शनी और परिसंवाद के रूप में आयोजित की जाएगी। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले को 51 हजार रुपए का नगद पुरस्कार दिया जाएगा। 16 नवंबर को प्रदर्शनी का उद्घाटन मंत्री श्रवण कुमार करेंगे। 84 अलग-अलग सत्र का आयोजन किया जाएगा नालंदा विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति प्रो. अभय कुमार सिंह ने बताया कि ज्ञान कुंभ में विकसित भारत -2047 और भारतीय ज्ञान परंपरा को स्थापित करने के लिए नीति निर्धारण की जाएगी। तीन दिवसीय इस ज्ञान कुंभ में करीब 84 अलग-अलग सत्र का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 270 शोध पत्रों की प्रस्तुति होगी। शिक्षा के उत्थान के लिए, विकसित भारत - 2047 की नीति निर्धारण और भारतीय ज्ञान परंपरा को पुनर्स्थापित करने के लिए विद्वानों के द्वारा गहन चिंतन और मंथन किया जाएगा।
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर शनिवार को कोटा दौरे पर हैं। शनिवार को एक दिवसीय रामगंजमंडी विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर वह पहुंचे। यहां वे विभिन्न कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हो रहे हैं। मंत्री दिलावर जवाहर नवोदय स्कूल खैराबाद में पहुंचे। जहां वे छात्र छात्राओं की ओर से युवा संसद-बाल संसद कार्यक्रम में शामिल हुए। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने विधिवत रूप से मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर युवा संसद का शुभारंभ किया तथा बाल संसद में प्रधानमंत्री से लेकर नेता प्रतिपक्ष तक पूरे मंत्रिमंडल के सदस्यों से बारी-बारी से परिचय लिया। नसीहत दी- संसद चलने तक शांत रहें नेता प्रतिपक्ष से परिचय लेते हुए शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा कि आपकी भूमिका महत्वपूर्ण है। विपक्ष के रूप में सकारात्मक भूमिका निभाना, नकारात्मकता उचित नहीं। शिक्षा मंत्री की सलाह पर नेता प्रतिपक्ष बने स्टूडेंट ने सहमति जताते हुए कहा कि यस सर। युवा संसद के प्रारंभ होने से पूर्व माननीय शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने पंडाल में उपस्थित सभी सदस्य को नसीहत दी कि बीच में ना तो कोई ताली बजाएगा, ना ही किसी प्रकार की बातचीत या आवाज करेगा। सभी अपने मोबाइल पूरी तरह बंद रखेंगे। पत्रकार भी बार-बार उठकर व्यवधान नहीं करेंगे। संसद के प्रतीकात्मक रूप में यह आयोजन हो रहा है। इसलिए इसकी गरिमा का पूरा ध्यान सभी रखेंगे। जब युवा संसद के प्रारंभ में दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी तो शिक्षा मंत्री भी दो मिनट तक मौन खड़े रहे। इसके बाद दोपहर तीन बजे शिक्षा मंत्री कुदायला में कोटा स्टोन एसोसिएशन के दिवाली स्नेह मिलन समारोह में शामिल होंगे।
कीर्तन में शिक्षाओं का महत्व बताया
लुधियाना| पक्खोवाल रोड, शहीद भगत सिंह नगर में अमोलक सिंह गोल्डी के निवास पर गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाया। इस अवसर पर भाई गुरदेव सिंह के नेतृत्व में हजूरी रागी जत्था, श्री दरबार साहिब से आए रागी जत्थों ने कीर्तन कर संगत को निहाल किया। कीर्तन में गुरु नानक देव जी के उपदेशों और उनकी शिक्षाओं का महत्व बताए। डॉली बत्रा और अमोलक जीत सिंह ने रागी जत्थों को सिरोपा डालकर उनका सम्मान किया।
प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू होने के बाद इसमें जो खामियां सामने आईं हैं उसे दूर करने के लिए अगले सत्र से बड़े बदलाव की तैयारी है। इस तरह से फिर से छात्रों उनके कोर्स में नये अध्याय पढ़ने को मिलेंगे। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग 82 विषयों की बोर्ड ऑफ स्टडीज और उसके तीन-तीन मेंबर्स से इस संबंध में सुझाव लेने जा रहा है। मप्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू करने के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में से है। इसके बावजूद यहां एनईपी लागू होने के बाद लगातार पाठ़्यक्रम को लेकर विसंगतियां सामने आ रही थीं। इसी के साथ अब नया अध्यादेश भी लागू किया जा रहा है। इसी को लेकर बोर्ड ऑफ स्टडीज के चेयरमेन और मेंबर अपनी बात रखेंगे और उसके बाद इसे नये सत्र से लागू कर दिया जाएगा। प्रदेश में अध्यादेश 14(1) को लागू किया गया है। अन्य फैकल्टी के कोर्सेस भी पढ़ सकेंगे उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान परीक्षा योजना में विद्यार्थी को अगले वर्ष सेमेस्टर में प्राविधिक प्रवेश के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत क्रेडिट प्राप्त करने की बाध्यता है। इस कारण अनेक विद्यार्थी अनुत्तीर्ण हो रहे हैं। परिणामस्वरूप उनका सत्र शून्य घोषित किया जाता है साथ ही विद्यार्थियों को पूरे एक शैक्षणिक सत्र की हानि होती है। पुरानी पद्धति की परीक्षा योजना में न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर विद्यार्थी को परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित किया जाता था। इसके लिए विद्यार्थियों के लिए पासिंग ग्रेड 35 प्रतिशत क्रेडिट अर्जित करना प्रस्तावित किया गया है। सिलेबस निर्धारण पर फोकस उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बोर्ड ऑफ स्टडीज के चेयरमेन और मेंबर्स की बैठक 20 नवंबर को प्रस्तावित है। इसके तहत एनईपी को और बेहतर ढंग से कैसे लागू करें इसके मंथन होगा। इसी के साथ सिलेबस में बदलाव, भारतीय ज्ञान परंपरा के तहत नये अध्याय को जोड़ना आदि शामिल है। नये सेशन से इसे कैसे लागू होगा इस पर मेजर, माइनर विषयों को लेकर भी इसमें होने वाले बदलाव को लेकर जो विचार आएंगे उसे अगले सत्र से लागू करेंगे। डबल मेजर ले सकेंगे: प्रस्तावित अध्यादेश में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देश के तहत विद्यार्थी को द्वितीय वर्ग में डबल मेजर विषय चयनित करने का अवसर प्रदान किया गया है। अब तक छात्र एक मेजर सब्जेक्ट, एक माइनर और एक ओपन इलेक्टिव लेता है। लेकिन अगले सत्र से ऐसी व्यवस्था हो सकती है जिसके तहत इच्छुक विद्यार्थियों को एक और मुख्य विषय के अध्ययन की विशेष सुविधा प्राप्त होगी। इस विकल्प से विद्यार्थी को स्नातक के बाद दो विषयों में पीजी अध्ययन का विकल्प उपलब्ध हो सकेगा। इसी के साथ छात्र-छात्राएं वैल्यू एडेड भी पढ़ेंगे।
भारती शिक्षा के साथ संस्कार ही भारत की पहचान : पटेल
अहमदपुर खैगांव | शिक्षा के साथ संस्कार का संगम भी जरूरी है। यही भारती शिक्षा परंपरा है और यही भारत की पहचान भी है। इस साल बाल दिवस की थीम शिक्षित बेटी-सशक्त बेटी है। आज का आयोजन त्रिवेणी जैसा है। शिक्षित बेटी-सशक्त बेटी, पर्यावरण संरक्षण तथा समाज के लिए सकारात्मक श्रेष्ठ पथ प्रदर्शक। यह त्रिवेणी संगम आज की जरूरत है। इसे समझने के साथ जीवन में उतारना भी होगा। हायर सेकंडरी स्कूल अहमदपुर खैगांव में आयोजित बाल दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आरएसएस सामाजिक समरसता प्रमुख बलिराम पटेल ने यह बात कही। इस मौके पर स्कूल परिसर में त्रिवेणी का रोपण भी किया गया। इस मौके पर पर्यावरण मंत्रालय में भारत सरकार के सलाहकार विनय जांगिड़, डीएफओ राकेश डामोर, शिक्षक अनिल बरोले, भाजपा जिलाध्यक्ष सेवादास पटेल, जिपं सदस्य श्रीराम चौधरी, सरपंच प्रतिनिधि मनोज वारंगा, उपसरपंच अशोक पटेल, भगवान पाटिल, गोपाल पाटिल व स्कूल स्टाफ उपस्थित था।
देशभर में आज शुक्रवार को गुरुनानक देव जी के जन्मदिन पर प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। रायपुर में प्रकाश पर्व के दिन खालसा स्कूल मैदान में आयोजित समारोह में सीएम विष्णुदेव साय पहुंचे। वहां मत्था टेका और अरदास की। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुनानक जयंती पर प्रदेश वासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरू नानक जी का जीवन सिर्फ सिख समुदाय के लिए ही नहीं बल्कि सभी भारतीयों के लिए बहुत ही प्रेरक है। सीएम ने कहा कि गुरु नानक जी ने अपने वचनों में हमेशा सामाजिक एकता पर जोर दिया और एक समता मूलक समाज के निर्माण की बात कही। देश के आजादी सिख समाज का बहुत बड़ा योगदान है और सिख समाज का इतिहास बहुत ही गौरवशाली है। गुरु नानक देव जी के उद्देश्य आज वर्तमान संदर्भ में अत्यंत प्रासंगिक है। सुबह से चल रहा कार्यक्रम सिखों के पहले गुरु नानकदेव के 556 वे प्रकाश पर्व के मौके पर सुबह से ही गुरुद्वारों में भव्य आयोजन किए जा रहे हैं। खालसा स्कूल में सुबह से ही मत्था टेकने बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। सुबह खालसा स्कूल में ब्लाइंड स्कूल की दृष्टिबाधित बच्चियों ने शबद गायन किया। इस दौरान लुधियाना से कीर्तनकार और कथावाचक भी रायपुर पहुंचे हुए हैं। हेल्थ चैकअप और दवाई-शिक्षा का लंगर खालसा स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में स्वास्थ्य शिविर के साथ ही दवाई और शिक्षा का लंगर लगाया गया है। आने वाले लोगों के हेल्थ चैकअप के साथ गरीब बच्चों की स्कूल फीस, स्टेशनरी समेत शिक्षा में सहायता के लिए बच्चों को रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है और उन्हें नोट बुक भी बांटी जा रही है। राजधानी के 16 गुरुद्वारों में गुरु का लंगर भी मुख्य आयोजन के अलावा बाबा बुड्ढा साहिब गुरुद्वारा तेलीबांधा, गुरुद्वारा श्रीगुरुसिंघ सभा गुरुनानक नगर, गुरुद्वारा गुरु नानक सच्चा सौदा कटोरा तालाब, गुरुद्वारा श्रीगुरु तेगबहादुर महावीर नगर, श्रीगुरु अमरदास जी गुरुद्वारा देवपुरी, गुरु गोविंद नगर गुरुद्वारा पंडरी समेत राजधानी के 16 गुरुद्वारों में विशेष सजावट की गई है। साथ ही सुबह से गुरुद्वारों में लंगर चल रहा है। शाम को होगी आतिशबाजी प्रकाश पर्व के मौके पर गुरुनानक चौक पर आतिशबाजी की जाएगी। वही गुरुनानक चौक को दीपों से सजाया जाएगा। शाम 6.30 बजे यहां आतिशबाजी भी होगी। जिसमें बड़ी संख्या में सिख समाज के लोग शामिल होंगे। यह खबर भी पढ़िए... गुरु नानक के 3 प्रेरक किस्सों से सीखें जीवन में सुख-शांति और सफलता पाने के सूत्र आज (15 नवंबर) कार्तिक पूर्णिमा है, इस तिथि पर गुरु नानक की जयंती मनाई जाती है। गुरु नानक के कई ऐसे किस्से हैं, जिनमें जीवन को सुखी और सफल बनाने के सूत्र छिपे हैं। अगर इन सूत्रों को जीवन में उतार लिया जाए तो हमारी सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं। जानिए गुरु नानक के 3 प्रेरक प्रसंग... खबर पूरी पढ़ें
पंजाब के 233 स्कूलों का चयन प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया (पीएम श्री) स्कीम के अधीन हुआ है। इन स्कूलों में विद्यार्थियों को वर्ल्ड क्लास एजुकेशन दी जाएगी। वहीं, इन स्कूलों का नाम भी बदलेगा। सभी स्कूलों के नामों के आगे अब पीएम श्री लग जाएगा। इस संबंधी शिक्षा विभाग की तरफ से नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है। सभी 23 जिलों के स्कूलों को स्कीम में शामिल किया गया है। इन स्कूलों में इस तरह की मिलेगी सुविधाएं स्कीम के तहत हर ब्लॉक से एक प्राथमिक, एक उच्च और एक सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को चुना गया है। इन स्कूलों के स्टूडेंट्स को फर्नीचर, आउटडोर खेल सामग्री, स्मार्ट कक्षाएं और कंप्यूटर लैब सहित सारी सुविधाएं दी जाएंगी। इसके पीछे की कोशिश शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है। योजना के लिए केंद्र सरकार ने 27360 करोड़ रुपए का बजट रखा हुआ है। यह पांच वर्षों के लिए है। इसमें केंद्र सरकार का बजट 18128 करोड़ का रहेगा। जबकि शेष राशि अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की रफ से खर्च की जानी है। स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 के मूल सिद्धांतों को लागू किया जाएगा। पंजाब में हैं 18 हजार से अधिक स्कूल पंजाब में कुल 18 हजार से अधिक स्कूलों में तीस लाख विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। वहीं, पंजाब सरकार की तरफ से 100 स्कूलों को स्कूल ऑफ एमिनेंस बनाया जा रहा है। इन स्कूलों में इस साल के लिए 100 करोड़ का बजट रखा हुआ है। वहीं, अब जल्दी ही पंजाब सरकार की योजना स्कूल ऑफ हैप्पीनेस स्थापित करने की है। इसके लिए 72 स्कूलों के पहले बैच को फिनलैंड से ट्रेनिंग दिलाई गई है। वहीं, रूपनगर स्कूल से प्रोजेक्ट का आगाज किया जा रहा है।
परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों के खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी जाने वाली 1200 रुपये की धनराशि को लेकर नई कवायद होने जा रही है। विभाग और शिक्षकों के प्रयास विफल होने के बाद अब नये सिरे से अभिभावकों को जागरूक करने के लिए ब्लॉक स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा। लोगों को जागरूक करने के लिए आठ लाख 80 हजार का बजट जारी किया गया है शिक्षकों की ओर से हास्यास्पद करार दिये जाने वाले इस प्रयोग को लेकर जिले में खासी चर्चा है। बताया जा रहा है कि इस संगोष्ठी का उद्देश्य अभिभावकों को डीबीटी समेत विभिन्न कार्यक्रमों के प्रति जागरूक किया जाना है। इसके लिए इस प्रधानों और सभासदों का सहयोग भी लिया जायेगा। विभाग का कहना है कि अभिभावकों द्वारा डीबीटी की धनराशि खर्च की दी जाती है और उन्हें बिना ड्रेस स्कूल भेजा जाता है जिसके लिए अब नौनिहालों को संसाधन उपलब्ध कराने को लेकर अभिभावकों को जागरूक करने के लिए आठ लाख 80 हजार रुपए का बजट जारी हुआ है। इससे विद्यालयों में गोष्ठी का आयोजन कराया जाएगा। अभिभावकों को जागरूक करने के लिए अब प्रधान व नगर निकाय के सदस्यों की ब्लॉक स्तरीय बैठक आयोजित की जाएगी। सभी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालयों के लिए होने वाली गोष्ठी पर 8 लाख 80 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे। इसमें डायरेक्ट बेनिफिशियरी ट्रांसफर के माध्यम से भेजी गई धनराशि के समुचित उपभोग, निपुण भारत मिशन, दीक्षा ऐप, आपरेशन कायाकल्प आदि विषयों पर चर्चा की जाएगी। संगोष्ठी एवं उन्मुखीकरण का उद्देश्य डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के बैंक खातों में भेजे गए 1200 रुपए के प्रति लोगों को जागरूक करना है, ताकि अभिभावक अपने बच्चों को यूनिफार्म, जूता-मोजा, स्वेटर, बैग व स्टेशनरी खरीदने को आगे आएं। साथ ही ऑपरेशन कायाकल्प के तहत 19 पैरामीटर्स पर प्रधानों व सभासदों को विद्यालयों को संतृप्त करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। निपुण भारत मिशन में लक्ष्य, तालिका के महत्व को समझाने के साथ लर्निंग आउटकम पर आधारित शिक्षण को जन आंदोलन बनाने पर चर्चा की जाएगी। मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक दो संगोष्ठियों का अनुश्रवण करेंगे। बीएसए संतोष कुमार राय ने बताया कि ब्लाक स्तरीय संगोष्ठी का आयोजन कराने के लिए सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। राज्य परियोजना कार्यालय को खर्च की गई धनराशि का उपभोग प्रमाण-पत्र उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही अभिभावकों को जागरूक किया जा रहा है।
लखनऊ हाईकोर्ट में गुरुवार को 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती मामले की सुनवाई हुई। एक अभ्यर्थी की अवमानना याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में आदेश दिया है कि सचिव बेसिक शिक्षा परिषद याची को एक अंक दें। रिट कोर्ट के आदेश का अनुपालन शपथ पत्र तीन सप्ताह में दाखिल करें। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो न्यायालय के समक्ष हाजिर हों। यह आदेश न्यायमूर्ति मनीष कुमार की एकल पीठ ने सुरभि सिंह की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया है। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए नौ दिसंबर की तारीख निर्धारित की है।
विद्यासागर पब्लिक स्कूल, राधीबाई हासोमल ख्यांतानी फाउंडेशन स्कूल और अर्जन हाथीरामानी प्ले स्कूल में बाल दिवस के खास मौके पर गुरूवार को नन्हे-मुन्ने बच्चों का उत्साहवर्धन करते हुए विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती, माँ भारती और संत शिरोमणि हिरदाराम साहिब जी के समक्ष दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण से हुआ। इसके बाद, विद्यार्थियों के उत्साह को बढ़ाते हुए प्रबंधन निर्देशक भगवान दामानी ने बच्चों से कहा, आज का दिन बच्चों का है, यही वो समय है जब आपको शिक्षा और संस्कार लेकर अपने भविष्य को संवारना है और देश को ऊंचाइयों तक ले जाना है। स्कूल की प्रधानाध्यापिका मिष्ठी वासवानी ने भी बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए कहा, आपकी मेहनत और संघर्ष के लिए आज आपको पुरस्कार मिल रहे हैं, जो श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी की ओर से भेजे गए उपहार हैं। उन्होंने बच्चों से आग्रह किया कि वे हमेशा दया और मदद के भाव से अपने आसपास के लोगों का साथ दें, क्योंकि दूसरों की मदद करना ही असली खुशी है। कार्यक्रम में फैंसी ड्रेस और चित्रकला प्रतियोगिता के 98 विजेताओं को पुरस्कार और प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। बच्चों के मनोरंजन के लिए शिक्षिकाओं ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया, जिसे देखकर बच्चे भी खुशी से झूम उठे। वहीं, गुरु नानक जयंती के उपलक्ष्य में बच्चों ने जपजी साहिब का उच्चारण किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन मिनी धारवा (कोऑर्डिनेटर) ने किया, जबकि दीपा भागवानी (कोऑर्डिनेटर) ने सभी अतिथियों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।
भास्कर संवाददाता | बांसवाड़ा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शुक्रवार को बांसवाड़ा आएंगे। बीते 11 महीनों में चौथी बार सीएम शर्मा बांसवाड़ा आ रहे हैं। यहां खेल मैदान में आयोजित जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर नवादि युगधारा प्रणेता समागम’ कार्यक्रम में शामिल हांेगे। मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से सुबह 11 बजे (हेलीपेड) खेल मैदान पर आएंगे। वहां से 11:05 बजे कॉलेज के सामने स्थित खेल मैदान में पहुंचेंगे। यहां खेल मैदान में स्टॉल्स और प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे। मुख्यमंत्री के चुनावी दौरे को छोड़ दे तो बाकी दो बड़े आयोजन थे, जिनमें वह सीधे जनता से रूबरू हुए। मुख्यमंत्री बनने के बाद वह पहली बार 15 जनवरी को तलवाड़ा में विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत हुए कैंप मंे शामिल हुए। इसके बाद 4 अप्रैल को लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी महेंद्रजीतसिंह मालवीया के नामांकन दाखिल करने के दिन कुशलबाग मैदान में जनसभा को संबोधित किया। 4 अक्टूबर को मानगढ़ पर आदि गौरव सम्मान समारोह में भी शिरकत की थी। सीएम के लगातार बांसवाड़ा के दौरे कर जनता से जुड़कर और संबोधित कर अपनी सरकार का विजन रखने की कोशिश की है। यह साफ दर्शाता है कि सरकार का आदिवासी बाहुल क्षेत्र में फोकस है। पिछले चुनावों में यहां से भाजपा को अपेक्षित परिणाम नहीं मिला। बीएपी का जनाधार बढ़ा और चुनाव में कांग्रेस-बीएपी के गठबंधन ने भी भाजपा के लिए चुनौती खड़ी कर दी। कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव ने बताया कि शुक्रवार को कार्यक्रम के तहत सुबह 11:20 बजे प्रधानमंत्री के वर्चुअल प्रोग्राम का ऑनलाइन सीधा प्रसारण होगा। दोपहर 12:30 बजे मुख्यमंत्री जनजाति समाज में विशिष्ट उपलब्धि प्राप्त उन्नत किसान, महिला उद्यमी, शिक्षा, खेल, कला, संस्कृति और नवाचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले व्यक्तियों को प्रणेता के रूप में सम्मानित करेंगे। कार्यक्रम में बजट घोषणा 2024-25 की क्रियान्विति स्वरूप सामुदायिक वनाधिकार गतिविधियों और वन प्रबंधन के लिए गोविंद गुरु जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजना’ की रूपरेखा का विमोचन, राजीविका सखियों को चेक वितरित किए जाएंगे। इस मौके पर केन्द्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी, पूर्व मंत्री महेन्द्रजीत सिंह मालवीया भी कार्यक्रम को संबोधित करेंगे। एसपी हर्षवर्धन अग्रवाला ने बताया कि सुबह 9 बजे से कार्यक्रम समाप्ति तक ट्रैफिक व्यवस्था में बदलाव किया गया है। खेल मैदान वाले मार्ग पर आवागमन पूर्ण रूप से बंद रहेगा।
राज्य के विभिन्न स्कूलों में सरप्लस चल रहे शिक्षकों और कार्मिकों का समायोजन 12 दिसंबर से प्रस्तावित अर्द्धवार्षिक परीक्षा से पहले होगा। राज्य में स्कूल क्रमोन्नत होने और महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम में बदलाव होने से अनेक शिक्षक अधिशेष चल रहे हैं। इन शिक्षकों का रिक्त पदों पर समायोजन किया जाएगा। माध्यमिक एवं प्रारंभिक दोनों शिक्षा निदेशकों ने संयुक्त हस्ताक्षर से सरप्लस शिक्षकों के समायोजन के लिए 30 बिंदुओं की गाइड लाइन और कैलेंडर गुरुवार को घोषित कर दिया है। गाइडलाइन के मुताबिक सरप्लस शिक्षकों का समायोजन पास के स्कूल में किया जाएगा। वहीं, अंग्रेजी माध्यम स्कूल और नव क्रमोन्नत सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में जहां अभी तक पद स्वीकृत नहीं हुए हैं वहां भी स्टाफिंग पैटर्न से पद मानकर अधिशेष शिक्षकों को समायोजित किया जा सकेगा। समायोजन के लिए शिक्षा निदेशालय ने टाइम फ्रेम भी घोषित कर दिया है। 25 नवंबर तक अधिशेष कार्मिकों की पदवार सूची तैयार की जाएगी। राज्य के स्कूलों में करीब 10 हजार शिक्षक अधिशेष बताए जा रहे हैं। अधिशेष शिक्षकों और कार्मिकों का समायोजन रिक्त पदों पर ही किया जाएगा। यदि किसी स्कूल में पद रिक्त है तो पहली प्राथमिकता वहीं दी जाएगी। उसके बाद उसी ग्राम पंचायत या ब्लॉक के स्कूल में रिक्त पद पर संबंधित अभिशेष शिक्षक का समायोजन किया जाएगा। टाइम फ्रेम के मुताबिक इनके पदस्थापन आदेश 6 दिसंबर को जारी होंगे। अधिशेष प्रबोधक और शिक्षाकर्मियों का पदस्थापन ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में होगा प्रबोधक और शिक्षाकर्मी सहित पंचायत शिक्षकों के पद माध्यमिक शिक्षा विभाग के स्कूलों में नहीं होने के कारण इन स्कूलों से अधिशेष होने वाले इन कार्मिकों का समायोजन प्रारंभिक शिक्षा विभाग के ग्रामीण क्षेत्र के स्कूलों में किया जाएगा। अंग्रेजी मध्यम स्कूलों में चयनित हुए शिक्षकों के अधिशेष होने पर उन्हें प्राथमिकता से अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में ही लगाया जाएगा। समायोजन का यह रहेगा टाइम फ्रेम 25 नवंबर - अधिशेष कर्मियों के पदवार सूची तैयार करना। 28 नवंबर - अधिशेष कार्मिकों में से समायोजित होने वाले कार्मिकों की संभावित पदस्थापन स्थान सहित सूची तैयार करना। 28 नवंबर - माध्यमिक शिक्षा विभाग से अधिशेष कार्मिकों की सूची प्रारंभिक शिक्षा विभाग को सौंपना। 2 दिसंबर - प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा माध्यमिक शिक्षा से लौटए गए तथा प्रारंभिक शिक्षा में अधिशेष कार्मिकों की पदवार सूची तैयार करना। 4 दिसंबर - प्रारंभिक शिक्षा विभाग द्वारा संभावित अधिशेष शिक्षकों की सूची तैयार करना। 6 दिसंबर - अधिशेष शिक्षकों के पदस्थापन आदेश जारी करना।
गुरु नानक देव जी की शिक्षाएं अपनाएं
आर्य कॉलेज गर्ल्स सेक्शन के पंजाबी विभाग ने गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस पर मनाए जाने वाले गुरुपर्व को भव्य ढंग से मनाया। एसीएमसी के सचिव डॉ. एसएम शर्मा ने गुरुपर्व के अवसर पर सभी को बधाई दी और विभाग के प्रयासों की सराहना की। प्रिंसिपल डॉ. सूक्ष्म आहलूवालिया ने सिख धर्म की प्रमुख अवधारणाओं पर प्रकाश डालते हुए गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को अपनाने को प्रेरित किया।
हिन्दुस्तान जिंक; बच्चों को शिक्षा परियोजनाओं से कर रहा लाभान्वित
जयपुर | हिन्दुस्तान जिंक देश के भविष्य बनने वाले बच्चों को शिक्षा से दिशा दिखाने में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहा है। हिंदुस्तान जिंक एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में प्रदेश के 2 लाख से अधिक बच्चों को अपनी संचालित विभिन्न शिक्षा परियोजनाओं से उन्हें दिशा दिखाते हुए उज्जवल भविष्य की ओर अग्रसर कर रहा है। प्रदेश के 7 जिलों के स्कूली विद्यार्थियों को सर्वोत्तम शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने के लिए प्रयास किए जा रह है। हिन्दुस्तान जिंक द्वारा बच्चों के समग्र विकास के किए बाल विकास परियोजना का संचालन कर रहा है, जिसके तहत प्रदेश के पांच जिलों उदयपुर, सलूंबर, राजसमंद और चित्तौडगढ़, में 14 आंगनबाड़ी केंद्रों में आईसीडीएस विभाग के साथ मिलकर बच्चों के सर्वागींण विकास के लिए कार्य किया जा रहा है। कंपनी भारत में शीर्ष 10 सीएसआर व्यय करने वालों में से है और वर्तमान में राजस्थान और उत्तराखंड के 3700 गांवों में 20 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
स्कूल शिक्षा के पाठ्यक्रम की समीक्षा को लेकर चर्चा
जयपुर | शिक्षामंत्री मदन दिलावर के निर्देश के बाद गुरुवार को स्कूली पाठ्यक्रम की समीक्षा को लेकर चर्चा की गई। राजस्थान में सरकारी स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहा है। इसलिए नई दिल्ली स्थित एनसीईआरटी के कार्यालय में यह बैठक हुई। यहां राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद दिल्ली के प्रोफेसर दिनेश प्रसाद सकलानी और सचिव अमन शर्मा के साथ शिक्षामंत्री के ओएसडी सतीश गुप्ता सहित दो अन्य अधिकारियों ने पाठ्यक्रम समीक्षा से संबंधित विषय पर चर्चा की। गुप्ता ने बताया कि हमनें इस दौरान पाठ्यक्रम से जुड़ी अपने इश्यू रखे हैं। कई टॉपिक और कुछ चैप्टर को लेकर हमने अपनी बात रखी है। पिछले दिनों शिक्षा मंत्री दिलावर ने कहा था कि स्कूली शिक्षा की पाठ्यक्रम में चल रही किताबों में जो अवांछनीय विषय वस्तु पढ़ाई जा रही है, उनको हटाया जाएगा।
वर्तमान में ऊर्जा विभाग के अधीन मध्यप्रदेश की बिजली कंपनियां मानव संसाधन नियमों की असमानताओं से जूझ रही हैं जिसके कारण प्रत्येक कंपनी में एक ही वर्ग में अलग-अलग नियमावलियां प्रकाश में आती रहती हैं, जिनका अब तक कोई निराकरण नहीं हो पाया है, इससे अनेक विसंगतियां पैदा हो रही …
डॉ सतीश वर्मा शिक्षाविद भी थे। वे DAV College, अजमेर में Botany के बहुत ही अच्छे लेक्चरार हुआ करते थे । BSc में पढ़ाई के दौरान मैं उनके इसी बंगले में Botany Subject से Related Problem पूछने जाया करता था तो वे मुझे पूरा Time देकर Notes दिया करते थे। डॉ सतीश वर्मा जी इसी ... Read more
वक्फ संपत्तियों का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के लिए किया जाएगा : किरेन रिजिजू
नई दिल्ली, 14 नवंबर . ‘वक्फ (संशोधन) विधेयक-2024’ को लेकर विपक्षी राजनीतिक दलों के विरोध के बीच केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने एक बार फिर से सरकार के सकारात्मक एजेंडे को सामने रखते हुए दावा किया है कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के लिए किया जाएगा, जो मुस्लिम ... Read more
कमला देवी पब्लिक स्कूल भोपाल में बाल दिवस बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर शिक्षकों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई। श्लोक,गायत्री मंत्र और प्रार्थना गीत गाए। पुरानी और नई शिक्षा प्रणाली पर नाटक का मंचन भी किया गया जिसकी विद्यार्थीयों ने खूब सराहना की। कार्यक्रम के समापन पर सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों ने बारी-बारी से विभिन्न गीतों पर मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी। स्कूल संचालक राकेश शर्मा, ओ.पी. गुर्जर और प्राचार्या डॉ. विनीता मिश्रा ने सभी को बाल दिवस की बधाई व शुभकामनाएं दी।
शिक्षा बचाओ आंदोलन के संयोजक एवं विद्या भारती के राष्ट्रीय महामंत्री दीनानाथ बत्रा एवं वरिष्ठ प्रचारक गोपाल व्यास के निधन पर शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास इंदौर एवं विद्या भारती मालवा के संयुक्त तत्वावधान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन बुधवार को सरस्वती शिशु मंदिर खातीवाला टैंक पर किया गया। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के जिला संयोजक दीपक यादव ने बताया कि शिक्षा बचाओ आंदोलन के तहत शिक्षा में आ रही परेशानियों और कमियों को दूर कर भारतीय ज्ञान परंपरा आधारित शिक्षा के ध्वज वाहक वरिष्ठ स्वयंसेवक एवं शिक्षाविद स्व. दीनानाथ बत्रा एवं संघ के वरिष्ठ प्रचारक स्व. गोपाल व्यास के निधन के बाद पूरे भारत में हर जगह उन्हें श्रद्धांजलि देकर शोक संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं। इंदौर में भी श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इसमें शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास इंदौर के द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर खातीवाला टैंक के सभागृह में श्रद्धांजलि सभा रखी गई। इसमें कृष्णकुमार अष्ठाना,न्यास की ओर से शोभा ताई पैठणकर, डॉ. मनोहर भंडारी ने श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही विद्या भारती की ओर से राकेश भावसार, गोपाल माहेश्वरी ने स्मरण सुनाए। डॉ. सुब्रतो गुहा, अवधेश यादव, डॉ. दिनेश दवे, डॉ. गोविंद सिंघल, डॉ. कुंभन, डॉ. बबीता कड़किया, कमलेश वाजपेयी, डॉ. जितेंद्र तलरेजा, डॉ. अविनाश यादव, रोशनी शर्मा आदि ने पुष्पांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास इंदौर महानगर एवं विद्या भारती सहित शिक्षा से जुड़े 10 संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे। श्रद्धांजलि सभा का संचालन विद्या भारती के राकेश जोशी ने किया। सभा का समापन प्रो. दिनेश दवे ने शांति मंत्र से किया ।
बलरामपुर जनपद में आज 1537 आंगनबाड़ी केंद्रों पर बाल मेला आयोजित किया जाएगा, जिसमें बाल विभाग और शिक्षा विभाग का महत्वपूर्ण योगदान रहेगा। इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उन्हें कला, संस्कृति तथा परिवेश से जोड़ना है। मेले में बच्चों की रचनात्मकता और सृजनात्मकता को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। कला, संस्कृति और खेल पर ध्यान केंद्रितइस बार के बाल मेले में विशेष रूप से कला, संस्कृति और परिवेश से जुड़ी गतिविधियों पर जोर दिया जाएगा। मेले में बच्चों की सृजनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही खेल गतिविधियों के माध्यम से औपचारिक शिक्षा में बच्चों और उनके अभिभावकों की रुचि बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में कार्यक्रमबाल मेला सिर्फ आंगनबाड़ी केंद्रों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अन्य स्कूलों में भी इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। बच्चों में शिक्षा के प्रति जागरूकता और कला की ओर रुझान पैदा करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मेले के माध्यम से बच्चों को रचनात्मकता की ओर प्रेरित किया जाएगा। कार्यक्रम की तैयारी और निरीक्षणबाल मेला आयोजित होने से एक दिन पहले, बुधवार को शहर के भगवतीगंज आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों को मेले की तैयारी कराई गई। साथ ही, अधिकारियों ने मेले की व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर व्यवस्था का जायजा लिया। यह निरीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि मेले के आयोजन में कोई भी समस्या उत्पन्न न हो। बेसिक शिक्षा अधिकारी का बयानबेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने बताया कि इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर सभी निर्देश जारी किए गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में आयोजित होने वाले इस बाल मेले में बच्चों को कला, संस्कृति और परिवेश से जुड़ी गतिविधियों के माध्यम से जागरूक किया जाएगा। यह पहल बच्चों को एक सकारात्मक दिशा में प्रेरित करेगी।
कक्षा चौथी व पांचवीं के छात्र-छात्राओं को स्कूलों में दी जाएगी कंप्यूटर शिक्षा
भास्कर न्यूज | बक्सर जिले के प्रारंभिक विद्यालयों में अब कक्षा चौथी व पांचवीं के छात्र-छात्राओं को भी कंप्यूटर की शिक्षा जल्द ही दी जाएगी। अब नई पहल के अनुसार चौथी व पांचवीं वर्ग के बच्चे भी अब पढ़ाई के साथ माउस और कीबोर्ड के माध्यम से कंप्यूटर शिक्षा का ज्ञान लेंगे। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। चौथी व पांचवीं वर्ग के बच्चों को भी कंप्यूटर शिक्षा देने का मुख्य मकसद प्रारंभिक अवस्था से ही कंप्यूटर का ज्ञान कराना है। ताकि बच्चे कंप्यूटर चलाने के साथ इसके माध्यम से उनकी प्रतिभा विकसित हो। आगे चलकर उन्हें कंप्यूटर चलाने में कोई परेशानी नहीं हो। हालांकि अभी चौथी व पांचवी के बच्चे को कंप्यूटर शिक्षा को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा कोई अधिकारिक पत्र जारी नहीं किया गया है। लेकिन, संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही इसके लिए आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। अभी सरकारी विद्यालयों में कक्षा 6 से 12वीं तक के बच्चों को कंप्यूटर शिक्षा दी जा रही है। इसके लिए आईसीटी लैब का भी निर्माण कराया गया था। मिली जानकारी के अनुसार सरकारी स्कूलों के बच्चे को माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एमएस ऑफिस, एक्सेल और पावर पॉईंट सहित अन्य विषयों की कंप्यूटर से संबंधित बेसिक शिक्षा दिया जाएगा। वर्तमान समय में कंप्यूटर की शिक्षा सभी के लिए अनिवार्य है।
खुशहाली से जीवन जीने का संदेश देती हैं, बाबा नानक की शिक्षाएं
भास्कर न्यूज|अमृतसर श्री रामतीर्थ स्थित पं. नानक चंद माता पिता वृद्ध आश्रम में चल रहे साप्ताहिक कथा-सत्संग के दौरान संतों ने श्री गुरु नानक देव जी की महिमा का गुणगान किया। श्री आरती शिव दुर्गा मंदिर करतार नगर छेहर्टा के गद्दीनशीन संत परम संत अद्वैत स्वरूप श्री आरती देवा जी के सानिध्य में 18 नवंबर तक चलने वाले सम्मेलन के दूसरे दिन स्वामी अशोकानंद जी, प्रेमा बहन जी, स्वामी विविधा नंद जी महाराज हरिद्वार वाले, स्वामी राजेश्वरानंद जी और सुमित शास्त्री जी ने व्याख्यान दिया। रामतीर्थ मेले और गुरु पर्व को लेकर आयोजित समागम में संतों ने कहा कि गुरु नानक जी की तीन बड़ी शिक्षा खुशहाली से जीने का मंत्र देती हैं। ये शिक्षा है- नाम जपो, किरत करो और वंड छको। यह सीखें कर्म से जुड़ी हुई हैं। कर्म में श्रेष्ठता लाने की ओर ले जाती हैं। यानी मन को मजबूत, कर्म को ईमानदार और कर्मफल के सही इस्तेमाल की सीख देती हैं। ये एकाग्रता-परोपकार की ओर भी ले जाती हैं। संतों का कहना है कि ईश्वर का रहस्य सिर्फ सोचने से नहीं जाना जा सकता है, इसलिए नाम जपें। नाम जपना यानी ईश्वर का नाम बार-बार सुनना और दोहराना है। गुरु नानक जी ने इसके दो तरीके बताए हैं- संगत में रहकर जप किया जाए। संगत यानी पवित्र संतों की मंडली या एकांत में जप किया जाए। जप से चित्त एकाग्र हो जाता है और आध्यात्मिक-मानसिक शक्ति मिलती है। मनुष्य का तेज बढ़ जाता है। संतों का कहना है कि गुरु जी हमें सीख देते हैं कि किरत करो- यानी ईमानदारी से मेहनत कर आजीविका कमाओ। श्रम की भावना सिख अवधारणा का भी केंद्र है। इसे स्थापित करने के लिए गुरु जी ने एक अमीर जमींदार के शानदार भोजन की तुलना में गरीब के कठिन श्रम के माध्यम से अर्जित मोटे भोजन को प्राथमिकता दी थी।
बालिका शिक्षा कार्यक्रम के तहत जागरूकता रथ रवाना
भास्कर न्यूज | खरोरा हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी रूम टू रीड बालिका शिक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय अभियान हर कदम बेटी के संग, मिल कर लाएं बदलाव हम 2024 का शुभारंभ विकासखंड तिल्दा के कार्यालय में, विकासखंड शिक्षा अधिकारी व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया। इस कार्यक्रम में मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखा कर बालिका शिक्षा के आयामों को जानने व जीवन कौशल की मनोरंजक कहानियों को चलचित्रों के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने का उद्देश्य लेकर गांव में भेजा गया। जिससे समुदाय के हर व्यक्ति को इसकी जानकारी हो और बालिका शिक्षा को लेकर सभी जागरूक हों। इसी कड़ी में कार्यक्रम से जुड़ी बालिकाएं जिन्होंने अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना निडरता से किया है उससे संबंधित वीडियो भी साझा किया गया जिसे देखकर उपस्थित सभी प्रोत्साहित एवं प्रसन्न हुए। इस कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जेएन टंडन, राजेश चंदानी, प्राचार्य शासकीय उमा विद्यालय नेवरा, पापिया बैनर्जी, प्राचार्या शासकीय उमा विद्यालय टंडवा, प्राचार्य अनिल वर्मा शासकीय उमा विद्यालय सरोरा व अन्य उपस्थित रहे।
शिक्षा के साथ बहुत जरूरी है अच्छे संस्कार
भास्कर न्यूज| अमरसर म्हारखुर्द ग्राम पंचायत के राजकीय वरिष्ठ उपाध्याय संस्कृत विद्यालय कालच्या में बुधवार को प्रधानाचार्य महेश सोनी की अध्यक्षता में विद्यालय में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले शिक्षकों सहित क्रीडा प्रतियोगिता में उत्कर्ष प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का प्रतीक चिह्न प्रशस्ति पत्र प्रदान कर अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम के दौरान पांच दिवसीय एसयूपीडब्लू शिविर का भी समापन किया गया। कार्यक्रम के दौरान प्रधानाचार्य महेश सोनी ने कहा कि व्यक्ति के जीवन निर्माण के लिए जिस प्रकार शिक्षा जरूरी है, उसी प्रकार अच्छा नागरिक बनने के लिए अच्छे संस्कार होना भी जरूरी है। विद्यालय में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली शिक्षिका स्वाति शर्मा व मंत्रालयिक कार्मिक लालचंद शर्मा और संस्कृत शिक्षा क्रीडा प्रतियोगिता में उत्कर्ष प्रदर्शन करने वाली छह छात्रा खिलाड़ियों का प्रतीक चिह्न प्रदान अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम के दौरान वक्ताओं ने उपस्थित विद्यार्थियों से विद्यालय में शिक्षा के साथ-साथ अनुशासन सहित सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय रहकर भागीदारी निभाने की अपील की। शिविर संयोजक बाबूलाल रैगर ने शिविर के दौरान कराए जाने वाले कार्यों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
संस्था प्रधानों और बोर्ड कक्षाओं को पढ़ाने वाले शिक्षकों के परिणाम को लेकर शिक्षा विभाग ने सख्ती बरतने व रैंकिंग तय करने का काम प्रारंभ कर दिया है। शिक्षा विभाग ने प्रदेश के 19 हजार से अधिक सेकंडरी व सीनियर सेकंडरी स्कूलों के बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम की जानकारी मांगी है। इसके साथ ही 10वीं-12वीं में पढ़ाने वाले करीब एक लाख शिक्षक-व्याख्याताओं को भी अपने परिणाम की जानकारी देनी होगी। विभाग ने इसके लिए 16 नवंबर तक की तिथि तय की है। इस तिथि तक परिणाम की जानकारी नहीं देने वाले स्कूलों के संस्था प्रधानों के खिलाफ कार्रवाई होगी। परिणाम की जानकारी मिलने के बाद इसके आधार पर स्कूलों की रैंकिंग भी तय करने की कवायद की जाएगी। साथ ही जिन संस्था प्रधानों और शिक्षकों का परिणाम न्यून होगा। उनको भी नोटिस जारी किया जाएगा। विभाग हर साल न्यून परिणाम वाले शिक्षकों को नोटिस जारी करता है। इसमें उनसे कम परिणाम को लेकर स्पष्टीकरण मांगा जाता है। 20 हजार सेकंडरी व सीनियर सेकंडरी स्कूल प्रदेश में 19740 सेकंडरी और सीनियर सेकंडरी स्कूल है। 10494 प्रिंसिपल कार्यरत हैं। बोर्ड कक्षाओं 10वीं और 12वीं कक्षा को 65709 वरिष्ठ अध्यापक और 37679 व्याख्याता हैं। इन सबको शाला दर्पण पोर्टल पर अपने परिणाम की जानकारी अपलोड करनी है। सत्र 2023-24 में 10वीं व 12वीं में अध्यापन कराने वाले अध्यापकों, व्याख्याताओं और संस्था प्रधानों के प्रमाणिक बोर्ड परीक्षा परिणाम को 16 नवंबर तक शाला दर्पण पोर्टल पर रिजल्ट टैब पर प्रविष्ट करना है। प्रविष्ट करने के बाद इसको लॉक किया जाए। विभाग ने यह भी चेतावनी दी है कि इस तिथि तक रिजल्ट अपलोड नहीं करने वाले स्कूलों के संस्था प्रधानों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। कार्रवाई होगी शिक्षकों पर संस्था प्रधान को 10वीं का परिणाम 50 फीसदी या इससे कम और 12वीं का परिणाम 60 फीसदी या इससे कम होने पर नोटिस मिलेगा। इसी तरह से 12वीं कक्षा को पढ़ाने वाले शिक्षक का उसके विषय का परिणाम 70 फीसदी या इससे कम और 10वीं कक्षा के शिक्षक का उसके विषय का परिणाम 60 फीसदी या इससे कम होने पर नोटिस मिलेगा। ऐसा होगा श्रेष्ठ परिणाम संस्था प्रधानों का 90 फीसदी या इससे अधिक परिणाम होने पर श्रेष्ठ माना जाएगा। जबकि 10वीं व 12वीं के शिक्षकों के 100 फीसदी परिणाम को श्रेष्ठ माना जाएगा।
देवास के मल्हार स्मृति मंदिर स्कूल में मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम में मुस्कान ड्रीम्स क्रिएटिव फाउंडेशन द्वारा चलाये जा रहे डिजिटल शाला प्रोग्राम का बुधवार को शुभारम्भ हुआ। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष तोमर ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में लगातार कार्य किया जा रहा है। मुस्कान ड्रीम्स जैसे संगठन आगे बढ़कर शिक्षा के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। शिक्षा का क्षेत्र बहुत बड़ा है, शिक्षा के क्षेत्र में सभी का सहयोग आवश्यक है। देवास में जिला प्रशासन ने नवाचार में अग्रणी भूमिका निभाई है। तोमर बोले- शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए सरकार संकल्पित तोमर ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य के लिए प्रदेश सरकार दृढ़ संकल्पित है। संगठनों के साथ मिलकर भी शिक्षा के क्षेत्र में कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुस्कान ड्रीम द्वारा ग्वालियर में भी डिजिटल शाला का सफल आयोजन किया गया है। डिजिटल शिक्षा के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। डिजिटल शिक्षा से बच्चों की पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी। वहीं देवास विधायक गायत्री राजे पवार ने कहा कि डिजिटल शिक्षा एक महत्वपूर्ण कदम है। शिक्षा के क्षेत्र में देवास में नवाचार किए जा रहे है। मुस्कान ड्रीम प्रशासन के साथ मिलकर कार्य कर रहा है। ‘’मेरा स्कूल-स्मार्ट स्कूल’’ अभियान के तहत देवास जिले की सभी शासकीय स्कूलों में स्मार्ट टीवी लगाई गई है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में स्मार्ट टीवी लगाने से काम नहीं बनता, शिक्षकों को प्रशिक्षण देने की और अच्छे कंटेंट की आवश्यकता भी होती है। पढ़ाई के लिए अच्छा कंटेंट उपलब्ध कराया गया है। कार्यक्रम में एसबीआई फाउंडेशन प्रेसिडेंट जगन्नाथ साहू ने भी संबोधित किया। कलेक्टर ने दी याेजनाओं की जानकारी कार्यक्रम में कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने देवास जिले में शिक्षा के क्षेत्र में चलाए जा रहे अभियानों की जानकारी दी। डिजिटल शाला पहल का मुख्य उद्देश्य छात्रों और शिक्षकों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्र में सशक्त बनाना है।
स्कूल शिक्षा में AI का उपयोग होगा:डिजिटल टेक्नालॉजी पर फोकस; विभाग की विजन डॉक्यूमेंट पर प्लानिंग
स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की जिज्ञासा का समाधान करने के लिये सरकार स्कूल शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करेगी। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों को स्कूलों में नवीन टेक्नोलॉजी के संसाधन उपलब्ध कराने के निर्देश स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने दिए हैं। उन्होंने नई शिक्षा नीति 2020 में बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा से जोड़ने पर भी जोर दिया है। साथ ही विजन डॉक्यूमेंट 2047 में इसे शामिल करने के लिए कहा है। मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार का प्रयास है कि स्कूल शिक्षा की पहुंच प्रदेश के हर बच्चे तक हो। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को विकसित भारत @2047 के ड्राफ्ट पर प्रभावी क्रियान्वयन करना होगा। मंत्री सिंह ने अधिकारियों से ड्रॉफ्ट पर चर्चा की। इस दौरान बताया गया कि विजन-2047 के ड्राफ्ट में यह बिन्दु प्रमुख रूप से डाला गया है कि सभी बच्चों को बगैर भेदभाव के सामान रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाये। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चर्चा करते स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों की जिज्ञासा का समाधान करने के लिये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिये स्कूलों में नवीन टेक्नोलॉजी के संसाधन उपलब्ध कराने होंगे। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 में बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा से जोड़ने पर भी जोर दिया गया है। इसके लिये जरूरी है कि बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा व्यावहारिक तरीके से दिये जाने की व्यवस्था हों। स्कूल शिक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि सरकारी क्षेत्र से जुड़े शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होगी। आगामी आवश्यकता को देखते हुए शिक्षकों के पाठ्यक्रम तैयार किये जायें। मार्च 2025 में शुरू होंगे 122 सीएम राइज स्कूल बैठक में सीएम राइज स्कूल परियोजना के पहले चरण में निर्माणाधीन 275 स्कूलों की प्रगति की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि सीएम राइज स्कूल परियोजना विश्व स्तरीय स्कूल व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। सचिव, स्कूल शिक्षा डॉ. संजय गोयल ने बताया कि मार्च 2025 तक 122 सीएम राइज स्कूल प्रारंभ हो जायेंगे। उन्होंने बताया कि सीएम राइज स्कूल परिधि में आने वाले बच्चों को प्राथमिकता से प्रवेश दिये जाने की व्यवस्था की गई है। फाइनेंशियल मैनेजमेंट के आधार पर बदलाव आयुक्त लोक शिक्षण शिल्पा गुप्ता ने बताया कि अक्टूबर 2024 में 2 सीएम राइज स्कूलों का उद्घाटन किया गया है। उन्होंने बताया कि वित्तीय सीमाओं को देखते हुए सीएम राइज स्कूल परियोजना में बदलाव भी किये जा रहे है। इसका मकसद स्कूल की संख्या बढ़ाकर अधिक से अधिक बच्चों को गुणात्मक शिक्षा दिये जाने की व्यवस्था करना है। पाठ्य पुस्तक निगम के एमडी विनय निगम ने बताया कि वर्ष 2025-26 शैक्षणिक सत्र में स्कूलों के सत्र के प्रारंभ में ही पाठ्य पुस्तकें पहुंचाए जाने का कार्यक्रम तैयार किया गया है।
IIT इंदौर और नेशनल ऑटोमोटिव टेस्ट ट्रैक्स (नैट्रेक्स) ने संयुक्त अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास परियोजनाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से MOU साइन किया। यह साझेदारी शिक्षाविदों और उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ाने, ओटोमोटिव क्षेत्र में इनोवेशन और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। यह है MOU के मुख्य उद्देश्य - संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएं - सड़क सुरक्षा, ट्रैक की विशेषताओं को प्रभावित किए बिना ट्रैक पूर्वानुमानित रखरखाव, उन्नत सामग्री और टिकाऊ प्रौद्योगिकियों जैसे क्षेत्रों में सहयोगी अनुसंधान परियोजनाएं शुरू करना। प्रौद्योगिकी विकास - नई प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देना जिन्हें सड़क सुरक्षा और ट्रैक के रखरखाव में लागू किया जा सके। ज्ञान का आदान-प्रदान - कार्यशालाओं, सेमिनारों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से IIT इंदौर और नैट्रेक्स के बीच ज्ञान और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाना। छात्र सहभागिता - स्टूडेंट्स को नैट्रेक्स सुविधाओं में अनुसंधान परियोजनाओं, इंटर्नशिप और व्यावहारिक प्रशिक्षण में भाग लेने के अवसर प्रदान करना। इस MOU पर IIT इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास एस. जोशी और नैट्रेक्स के निदेशक डॉ. मनीष जायसवाल सहित विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति में साइन किए गए। इस सहयोग से दोनों संस्थानों की विशिष्टता का लाभ उठाकर अत्याधुनिक शोध किया जा सकेगा, नई टेक्नीक विकसित की जा सकेंगी और स्टूडेंट्स और रिसचर्स को बहुमूल्य अवसर प्रदान किए जा सकेंगे। निदेशक प्रोफेसर सुहास एस. जोशी ने कहा - यह समझौता ज्ञापन शिक्षा और उद्योग के बीच की आवश्यकताओं को पूरा करने के हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हम इनोवेशन को बढ़ावा देने और सड़क सुरक्षा और ट्रैक पूर्वानुमानित रखरखाव के लिए प्रभावशाली समाधान बनाने के लिए इस सहयोग की क्षमता को लेकर उत्साहित हैं। नैट्रेक्स के निदेशक डॉ. मनीष जायसवाल ने कहा - हम IIT इंदौर के साथ साझेदारी करके बहुत उत्साहित हैं और इन परियोजनाओं पर एक साथ काम करने के लिए तत्पर हैं, जो सड़क सुरक्षा और ट्रैक प्रबंधन/रखरखाव प्रौद्योगिकी, ईवी प्रौद्योगिकी की सीमाओं को आगे बढ़ाएंगे और उद्योग के विकास में योगदान देंगे। यह साझेदारी सड़क सुरक्षा और ऑटोमोटिव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाने के लिए IIT इंदौर और नैट्रेक्स दोनों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है, जो अंततः देश की तकनीकी प्रगति और आर्थिक विकास में योगदान देगी।
चित्तौड़गढ़ में दिसंबर महीने में अखिल भारतवर्षीय श्री गुर्जरगौड़ ब्राह्मण महासभा का राष्ट्रीय अधिवेशन होने जा रहा है। यह राष्ट्रीय अधिवेशन चित्तौड़गढ़ में तीसरी बार होने जा रहा है। इस अधिवेशन में नव निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश जोशी का शपथ ग्रहण होगा। साथ ही, राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी होगी। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कई इंपोर्टेंट प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे, जिनपर आगामी 5 सालों में काम किया जाएगा। हमें आरक्षण नहीं चाहिए लेकिन शिक्षा प्रणाली में बदलाव जरूरी अखिल भारतवर्षीय श्री गुर्जरगौड़ ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि समाज में सुधार हो और ब्राह्मण समाज के लोगों के आवश्यकताओं की पूर्ति हो, इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं। यही हमारा मुख्य एजेंडा है। इसके अलावा आरोग्य के ऊपर भी जो प्रस्ताव आएंगे, उसे हम पारित करने वाले हैं। सरकारी प्रणाली में आरक्षण हमेशा से मुख्य मुद्दा रहा है और ब्राह्मण समाज इस आरक्षित वर्ग में नहीं आता है। 40 प्रतिशत लाने वाला आरक्षित से हो और 95 प्रतिशत लाने वाला ब्राह्मण समाज से हो तो नौकरी आरक्षित वर्ग को मिलती है। हम यह नहीं कहते कि हमें आरक्षण चाहिए लेकिन हम यह 35 और 95 के गैप को पूरा करना चाहते हैं। इस गैप को पूरा करके हम अपने बच्चों को इतना काबिल बनना चाहते हैं कि वह अपना काम खुद करें। हम आरक्षण तोड़ो की बात नहीं कर रहे हैं। हम लड़ने की बात कर रहे हैं। शिक्षा प्रणाली में सुधार की बात कर रहे हैं। अपने आप को तैयार करने की बात कर रहे हैं। रही बात कुरीतियों की तो ब्राह्मण समाज में अब ध्वज प्रथा नहीं है, दहेज प्रथा भी मामूली सी है। हमारे समाज में बहुत बड़े स्तर पर विवाह समारोह करवाना बंद कर दिया है, लेकिन जो अपनी मर्जी से खर्च करते हैं उन्हें हम समझने की भी कोशिश करते हैं की शादी विवाह में इतना खर्च न करके समाज के उत्थान के लिए खर्च करें। सामूहिक विवाह में चित्तौड़गढ़ जिला रहा अग्रणी उन्होंने कहा कि यह महासभा राजनीतिक से नहीं जुड़ा हुआ है। यह एक महासभा है जहां सिर्फ सामाजिक समस्याओं को पूरा किया जाता है। जिन्हें समाज के किसी लोग को आर्थिक जरूरत होती है तो उनकी पूर्ति करते हैं। हम समाज के कंधे पर रखकर राजनीति में जाना पसंद नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि समाज द्वारा करवाए गए सामूहिक विवाह में सबसे आगे चित्तौड़गढ़ जिला रहा है। 20 सालों में पूरे देश में श्री गुर्जर गौड़ ब्राह्मण महासभा ने 12500 सामूहिक विवाह करवाया है। उसमें सबसे हाईएस्ट सामूहिक विवाह 150 जोड़ों का चित्तौड़गढ़ जिले के सांवलिया जी में हुआ था। उसके अलावा चित्तौड़गढ़ जिले में अब तक 1371 सामूहिक विवाह हो चुका है। 25 और 26 दिसंबर में होगा राष्ट्रीय महाअधिवेशन राष्ट्रीय प्रभारी ओम प्रकाश उपाध्याय ने बताया कि चित्तौड़गढ़ में 25 और 26 दिसंबर को महासभा का अधिवेशन होगा। इस अधिवेशन के लिए चार जगह से प्रस्ताव आए थे लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष ने चित्तौड़गढ़ के प्रस्ताव को स्वीकार किया। चित्तौड़गढ़ में की तीसरी बार अधिवेशन होने जा रहा है। पहला अधिवेशन 1986 में, दूसरा अधिवेशन 2010 में हुआ था और तीसरा अधिवेशन अब 2024 में होने जा रहा है। इस अधिवेशन में 25 दिसंबर को नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष का शपथ ग्रहण होगा और साथ ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी होगी। शाम को सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन किया जाएगा। वहीं, 26 दिसंबर को सुबह 9 बजे किला रोड से विशाल शोभा यात्रा शुरू होगी जो आयोजन स्थल भारत पाक पर आकर संपन्न होगी। यहां पर महर्षि गौतम की पूजा अर्चना कर आगंतुक अतिथियों का स्वागत सत्कार भी किया जाएगा। इसके बाद अधिवेशन शुरू होगा। अखिल भारतवर्षीय गुर्जर गौड़ ब्राह्मण महासभा का गठन 1936 में हुआ उन्होंने बताया कि अखिल भारतवर्षीय गुर्जर गौड़ ब्राह्मण महासभा का गठन 1936 में हुआ था और रजिस्ट्रेशन भी करवाया गया था। आज यह संस्था 88 सालों से लगातार कार्यरत है। उन्होंने बताया कि आगामी अधिवेशन में चुनाव प्रक्रिया के बदलाव करने का प्रस्ताव भी लिया जाएगा जिस संस्था पर आर्थिक भार कम पड़ेगा और यह लंबा प्रोसेस भी नहीं होगा। आगामी समय में हम निशुल्क सामूहिक विवाह, परिचय सम्मेलन, महर्षि गौतम की लोकसभा में मूर्ति स्थापना करना, विधुर एवं विधवा विवाह जैसे प्रस्ताव भी लिए जाएंगे। इन्होंने कहा कि हरिद्वार में गौतम आश्रम की परिकल्पना भी 1997 में चित्तौड़गढ़ में ही रखी गई थी। आरोग्य और शिक्षा की ओर भी होगा काम राष्ट्रीय प्रधानमंत्री जय किशन पंचारिया ने बताया कि समाज अब आरोग्य और शिक्षा की ओर भी काम करने जा रहा है। अहमदाबाद में एक आयुष भवन बनाने की कार्ययोजना, जहां इलाज करवाने जा रहे समाज जनों के रुकने की व्यवस्था की जाएगी। जोधपुर एम्स के सामने भी ऐसी ही भवन बनाई जाएगी। इसी तरह एजुकेशन सेक्टर के लिए एक अलग से ट्रस्ट बनाई गई है जो पढ़ाई कर रहे बच्चों को इंटरेस्ट फ्री लोन दिलाने या छात्रवृत्ति दिलाने का काम करेगी। उन्हें सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिल सके इसका ध्यान रखा जाएगा। दिल्ली में एक बड़ा इंस्टिट्यूट बनाया जाएगा जहां पर सरकारी कंपटीशन फाइट करने वाले समाज के बच्चों को सुविधा दी जाएगी और पढ़ने का मौका दिया जाएगा। कोटा में भी जमीन ले रखी है जहां पर भवन का निर्माण करवा कर कंपटीशन एग्जाम के लिए जा रहे समाज के बच्चों को सुविधा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पुष्कर में स्थित महासभा कार्यालय को जयपुर में शिफ्ट किया जाएगा जहां समाज जने या दूसरे समाज के लोग भी जा सकते हैं। इस दौरान हरिद्वार ट्रस्ट के महामंत्री दिनेश जांजड़ा, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एडवोकेट कमलेश भट्ट, जिला अध्यक्ष एडवोकेट प्रशांत शर्मा ने संबोधित किया। संचालन महासभा के पूर्व राष्ट्रीय मंत्री शिवशंकर व्यास और आभार व्यक्त जिला महामंत्री नरेश दत्त व्यास ने किया। पंडित विकास उपाध्याय ने मंत्रोच्चारण किया।
राजस्थान यूनिवर्सिटी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत अब भारतीय ज्ञान और दर्शन को सिलेबस में शामिल किया जा रहा है। नए सिलेबस के तहत दर्शनशास्त्र में अब छात्र वेद और उपनिषद के सिलेबस में करपात्री महाराज की दो किताबें 'गोपी गीत' और 'वेद का स्वरूप और प्रमाण' पढ़ेंगे। इन सब्जेक्ट को कंपलसरी वैल्यू ऐडेड कोर्स के रूप में पढ़ाया जाएगा। ऐसे में स्टूडेंट्स का इनमें पास होना अनिवार्य होगा। फिलासफी डिपार्मेंट पढ़ाएगा भारतीय ज्ञान और दर्शन राजस्थान यूनिवर्सिटी में अब मैकाले की शिक्षा पद्धति से आगे बढ़कर अब फिलासफी डिपार्मेंट में भारतीय ज्ञान और दर्शन को पढ़ाया जाएगा। इस संबंध में बुधवार को यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो अल्पना कटेजा ने बताया कि फिलासफी के प्रोफेसर्स दया कृष्णा, विशंभर पाही, राजेंद्र स्वरूप भटनागर ने भारतीय ज्ञान दर्शन को लेकर जितना काम किया है, उसी के कारण आज फिलासफी डिपार्मेंट की पूरे देश में पहचान है। दूसरे विभागों में भी होगा बदलाव उन्होंने कहा कि फिलॉसफी पढ़ कर के यहां से निकलने वाले स्टूडेंट्स अलग - अलग प्रतियोगी परीक्षाओं में अपना स्थान बनाते रहे हैं। उसी को रिवाइव करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आगे चलकर अलग - अलग विभागों में भारतीय ज्ञान को समायोजित करते हुए सिलेबस में परिवर्तन किया जाएगा। फिलहाल वेद और उपनिषद के सिलेबस में करपात्री महाराज की दो किताबें 'गोपी गीत' और 'वेद का स्वरूप और प्रमाण' को शामिल किया गया है। नई शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान को जोड़ा जा रहा है, वैसे भी भारतीय ज्ञान आध्यात्मिक से परे नहीं है। इनमें भी दर्शनशास्त्र में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। नई शिक्षा नीति के तहत धीरे-धीरे होगा बदलाव वहीं इन किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल करने का सुझाव देने वाले आध्यात्म गुरु स्वामी अभिषेक ब्रह्मचारी ने बताया कि अब तक मैकाले शिक्षा पद्धति के अनुसार पाठ्यक्रम पढ़ते आए हैं। अब नई शिक्षा नीति के तहत धीरे-धीरे इसमें बदलाव किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बरसों से चली आ रही परंपरा को 1 मिनट में खत्म नहीं किया जा सकता। इस परंपरा में आध्यात्मिक विषयों को जोड़ने का प्रयास एक सराहनीय कदम है। कोई भी पुरानी परंपरा में यदि सुधार की प्रक्रिया होती है, तो उसमें कुछ समय लगता है। धीरे-धीरे उसी परंपरा में चले जाएंगे, जिस प्राचीन ज्ञान परंपरा से चले थे। 'गोपी गीत' और 'वेद का स्वरूप और प्रमाण' का विषयों में शामिल होना इसी का सूचक है। वैदिक ग्रंथों के माध्यम से पढ़ाया जा रहा प्रश्न पत्र होगा अनिवार्य फिलासफी डिपार्टमेंट के सहायक प्रोफेसर अनुभव वार्ष्णेय ने बताया कि भारतीय ज्ञान परंपरा और शास्त्रीय साहित्य में यूजी और पीजी स्तर के कोर्स में बदलाव किया जा रहा है। यूजीसी से मिले परामर्श के तहत दर्शनशास्त्र में इंडियन वैल्यू सिस्टम मॉड्यूल की संरचना की गई है। जिसे यूजी के फर्स्ट ईयर के स्टूडेंटन्स को पढ़ाया जाना शुरू किया है। इसी तरह पीजी में दर्शनशास्त्र पहले और दूसरे सेमेस्टर के स्टूडेंटन्स के लिए शास्त्रीय भारतीय दर्शन के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। इसी साल से वैदिक ग्रंथों के माध्यम से पढ़ाया जा रहा ये प्रश्न पत्र अनिवार्य होगा। यानी ये कंपलसरी वैल्यू ऐडेड कोर्स के रूप में पढ़ाए जाएंगे। इन पेपर्स में पास होना अनिवार्य होगा।
छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में स्कूली बच्चों के अंग्रेजी बोलने और समझने की क्षमता को बढ़ाने के लिए जिला शिक्षा विभाग और स्टेप अप फॉर इंडिया NGO के बीच नि:शुल्क समझौता ज्ञापन (MOU) हुआ है। इसके तहत मनेन्द्रगढ़ ब्लॉक के सभी प्राइमरी और मिडिल स्कूल में अंग्रेजी भाषा पर कार्य किया जाना हैै। कार्य की प्रगति के आधार पर भविष्य में पूरे जिले में कार्य किया जाना प्रस्तावित है। स्टेप अप फॉर इंडिया NGO कई सालों से राज्य स्तर पर SCERT के साथ काम कर रहा है।
रतलाम में आज चार घंटे बिजली कटौती:शिक्षा विभाग समेत कई क्षेत्रों में बंद रहेगी सप्लाई, पढ़ें शेड्यूल
रतलाम में बिजली कंपनी ने अलग-अलग क्षेत्रों में फीडर मेंटेनेस काम किया जा रहा है। इस कारण पावर कट किया जा रहा है। आज (बुधवार) को शहर के 13 क्षेत्रों में अलग-अलग समय में बिजली की आपूर्ति बंद रहेगी। इस कारण सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे संबंधित क्षेत्रों में बिजली बंद रहेगी। जिनमें रेल नगर, शिव नगर, महेश नगर, विनोबा नगर डी कॉलोनी, विनोबा नगर पानी की टंकी क्षेत्र, गोपाल नगर, ग्लोबस टाउनशिप, अम्बिका नगर, न्यू ग्लोबस सिटी, श्री राम नगर आदि क्षेत्रों में विद्युत स्पलाई बंद रहेगा। वहीं 100 केवीए ट्रांसफॉर्मर चार्ज करने का कार्य करने के कारण सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक शायर चबूतरा, शिक्षा विभाग, सेठ जी के बाजार की विद्युत सप्लाई बंद रहेगा।
राउंड टेबल 361 गांवों में शिक्षा की बुनियादी सुविधाओं में सुधार ला रही
भास्कर न्यूज | चित्तौड़गढ़ राउंड टेबल 361 चित्तौड़गढ़ ने गत तीन वर्षों में जिले के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की बुनियादी सुविधाओं में सुधार लाने के लिए कई कार्य किए हैं। आगे भी संस्था इसी कार्य में जुटी रहेगी। राउंड टेबल 361 चित्तौड़गढ़ के इस प्रयास का नेतृत्व कर रहे संस्था के प्रमुख कार्यकारी अध्यक्ष रौनक जैन, अनुज इनानी और दीपक पगारिया ने बताया कि इन कार्यों में स्कूलों के लिए कक्षा-कक्षों का निर्माण, विद्यार्थियों के लिए स्टेशनरी किट, स्वच्छ और सुरक्षित शौचालयों की व्यवस्था, स्कूल यूनिफार्म का वितरण और अन्य शैक्षिक संसाधनों का प्रावधान शामिल है, ताकि बच्चों को एक बेहतर और उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिल सके। प्रवक्ता ने कहा कि तीनों के मार्गदर्शन में संस्था के अन्य सदस्य ऋषि राज ईनाणी, हिमांशु समदानी, विनीत जैन, अंकित झंवर, रौनक ईनाणी, ऋषभ सिसोदिया, हर्ष हेड़ा, कृष्णा ईनाणी, शुभम पुंगलिया, वैभव मालीवाल, कार्तिक जिंदल, वैभव जैन, प्रतीक सिसोदिया, अनुशी सिसोदिया और रोहित पुंगलिया ने भी सक्रिय रूप से योगदान दिा है। संस्था के सदस्यों ने स्कूलों के लिए नए भवनों का निर्माण किया, ताकि बच्चों को पढ़ाई के लिए सुरक्षित और सुसज्जित वातावरण मिल सके। इसके अलावा, वे स्कूलों में अन्य बुनियादी सुविधाओं जैसे स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, शौचालयों का निर्माण, और बच्चों के लिए खेलकूद की सुविधाएं भी उपलब्ध करवा रहे हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना और छात्रों के उज्जवल भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाना था। प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह के सुधारों के कारण न केवल बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल रही है, बल्कि उनके मानसिक और शारीरिक विकास के लिए भी एक अच्छा वातावरण तैयार हो रहा है। यह समाज में जागरूकता और सहयोग की भावना भी पैदा कर रहा है। अभी तक ओछडी, शास्त्रीनगर, डगला का खेड़ा स्कूल के अलावा कलेक्ट्रेट चौराहा के पास गार्डन भी विकसित किया है। अब चार कक्षाकक्षा का निर्माण इस साल और कराया जाएगा। इसके लिए शिक्षा विभाग से बातचीत चल रही है।
पीएम श्री स्कूल में सूचना प्रौद्योगिकी व सैन्य शिक्षा की बच्चों को जानकारी दी
भास्कर न्यूज | जालोर पीएम श्री केंद्रीय स्कूल जालोर में 21वीं सदी की सीख एवं सूचना कौशल मद में मीडिया लिट्रेसी एवं डिजिटल लिट्रेसी, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस एवं फाइनेंशियल लिट्रेसी विषय पर कार्यक्रम हुआ। सूचना प्रौद्योगिकी और संचार विभाग के उप निदेशक सूर्यप्रकाश ने पीपीटी के माध्यम से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों को जन सूचना पोर्टल, अभय कमाण्ड, राज स्वान, लाडली योजना, फाइबर-टू-बी-होम, जिला वेबसाइट एवं साइबर क्राइम के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने विद्यार्थियों को सूचना प्रौद्योगिकी की महत्ता के बारे में जानकारी देते हुए सोशल मीडिया की उपयोगिता के साथ दुष्प्रभावों से सावधान रहने की बात कही। एनसीसी के कमीशन अधिकारी अम्बिका प्रसाद तिवारी ने विद्यार्थियों को भारतीय सेना में कॅरिअर के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि विद्यार्थियों को रुचि के अनुसार योजना व लक्ष्य बनाकर सफलता प्राप्त करनी है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के ऊंचे सपने देखने के साथ कर्मशील बनने की बात कही। वार्ता में उन्होंने सरकारी सेवा, निजी सेवा एवं स्वरोजगार के विभिन्न आयामों के संबंध में जानकारी देते हुए सैन्य शिक्षा एवं नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की बात कही। पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य गोपाल मीना ने विद्यार्थियों को समय का सदुपयोग करते हुए सम सामयिकी विषय पर अद्यतन रहने की बात कही। शिक्षक बाबूलाल मीना, राजेश द्विवेदी मौजूद रहे।
इस बार के चुनाव में राज्य में बेहतर शिक्षा, रोजगार, विकास के लिए हमारा वोट होगा
रांची | रांची शहर के युवा मतदाता पहली बार वोट देने को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंेने कहा कि समय से चुनाव हो जाता है, बस समय से परीक्षाएं नहीं ली जाती हैं। इस बार लोकतंत्र के पर्व में पहली बार वोट डालने जा रहे हैं। इससे राज्य के प्रति जिम्मेवारी का अहसास हो रहा है। इस बार के चुनाव में शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, सुरक्षा जैसे मुद्दों को लेकर वोट डालेंगे। महिलाओं की सुरक्षा पर काम हो : कशिश मैं पहली बार वोट डालूंगी। देश की नागरिक होने के नाते यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। पहली बार वोट देने की खुशी है, पर नर्वस भी हूं। आए दिन हो रही घटनाओं से हम लड़कियां सुरक्षित महसूस नहीं कर पाते हैं। महिलाओं की सुरक्षा पर सरकार काम करेगी, इसी उम्मीद के साथ वोट डालूंगी। मेरा वोट शिक्षा व विकास के लिए होगा : हर्ष मेरा नाम मतदाता सूची में शामिल हो गया है, मैं पहली बार वोट दूंगा। जब 18 साल पूरे नहीं हुए थे तब से वोट देने को लेकर बहुत उत्सुक था। मेरा वोट शिक्षा और विकास के लिए होगा। चुनाव के बाद स्थिर सरकार बने। देश, राज्य प्रगति के पथ पर अग्रसर हो, यही मेरी इच्छा है। डिग्री के अनुसार सभी को नौकरी मिले : जुतू युवाओं की सबसे बड़ी समस्या आज कम पैसों में अच्छी शिक्षा प्राप्त करना है। लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी नौकरी की कोई गारंटी नहीं है। सरकार रोजगार के अवसर नहीं देती। पढ़-लिखकर भी आज के युवा बेरोजगार हैं। समय पर वैकेंसी निकालनी होगी, नौकरी देनी होगी। शिक्षा व्यवस्था की स्थिति बेहतर हो : मिथुन चुनाव देश को चलाने के लिए बहुत जरूरी है। चुनाव में कभी भी देरी नहीं होती है। लेकिन आए दिन राज्य में होने वाली मुख्य परीक्षाओं में देरी हो जाती है। परीक्षाएं होती भी है तो पेपर लीक हो जाता है। शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने की जरूरत है। शिक्षा और स्वास्थ के क्षेत्र में काम हो : सोनाली उच्च शिक्षा के लिए लाखों खर्च करने पड़ते है। मध्यम वर्ग के लोग उच्च शिक्षा के बारे में सोच भी नहीं पाते है। शिक्षा को सुलभ बनाने की जरुरत है। साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्था को भी बेहतर करने की जरुरत है। लोग शिक्षित और निरोगी रहेंगे तो देश के विकास में योगदान दे सकेंगे।
शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों से पूछा-कॉलेजों को पिछले पांच साल में कितने पैसे दिए, हिसाब जल्द दें
शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों से पिछले 5 सालों में कॉलेजों को दी जाने वाली रकम का हिसाब मांगा है। विभाग ने यह भी कहा है कि यदि विश्वविद्यालय यह हिसाब जल्द नहीं देंगे तो उन्हें अगला फंड जारी नहीं किया जाएगा। इस संबंध में मगध विवि, वीर कुंवर सिंह विवि, जेपी, बीआरए बीयू समेत 8 विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है। सभी विवि के कुलसचिवों को लिखे गए पत्र में विभाग ने पूछा है कि आपको विभाग से कितना पैसा मिला। यह पैसा किस मद में और कितना खर्च हुआ। आपने कॉलेजों को कितना पैसा दिया। विवि को यह भी बताना है कि सत्र कौन सा था। राशि क्यों नहीं दी गई और यदि दी गई तो बची राशि कितनी है। यह सारी जानकारी एक तय प्रोफार्मा में जल्द से जल्द विभाग को उपलब्ध कराएं। प्रोफार्मा में सभी रिकार्ड वर्ष और महीने और कॉलेजों की पूरी जानकारी के साथ देना होगा। दरअसल, शिक्षा विभाग ने आठ विश्वविद्यालयों से जुड़े 160 कॉलेजों को 5 वर्ष में 6 हजार करोड़ रुपए से अधिक का फंड दिया है। इसमें वेतन, मेंटेनेंस, छोटे निर्माण कार्य सहित अन्य खर्च का भुगतान करना था। इस दौरान विभाग ने विवि से कभी जानकारी नहीं मांगी कि कॉलेज मद का पैसा कहां इस्तेमाल हो रहा है। नतीजा यह हुआ कि कॉलेजों को फंड अक्सर देर से मिलता था। जानिए... इसकी जरूरत क्यों पड़ी दरअसल, कॉलेजों ने विभाग में शिकायत की थी कि उन्हें विश्वविद्यालयों से निर्माण कार्य, मेंटेनेंस, अन्य मद के लिए पैसे समय पर नहीं मिलते हैं। इसके अलावा कई मद में खर्च पैसे विश्वविद्यालयों में वर्षों से लंबित हैं। इसके बाद शिक्षा विभाग ने जांच कराई। जिसमें पता चला कि विभाग पैसे रिलीज करता था, लेकिन विवि समय से कॉलेजों को पैसे नहीं देते थे। इसके बाद विभाग ने विश्वविद्यालयों से पूरी विस्तृत जानकारी मांगी है।
सागर ग्रुप की सीएसआर आर्म और अभय सागर फाउंडेशन द्वारा संचालित सागर विद्या निकेतन स्कूल में आज वार्षिक खेल प्रतियोगिता 'तत्वमसि' का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव, आई.पी.एस. और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, भोपाल, स्कूल की स्पोर्ट्स मीट में उपस्थित रही। उनके साथ इस समारोह में डॉ. जयश्री कंवर (डायरेक्टर, सागर पब्लिक स्कूल), डॉ. अदिति लुनावत (डायरेक्टर, डेवलपमेंट सिस्टेक), रश्मी सेठ (वाइस प्रिंसिपल, सागर पब्लिक स्कूल रातीबड़) और एस. बिंदु (प्रिंसिपल, सागर विद्या निकेतन) भी मौजूद रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत हेड बॉय और हेड गर्ल द्वारा मुख्य अतिथि का स्वागत किए जाने से हुई, इसके बाद स्कूल बैंड ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। टार्च प्रज्ज्वलन के बाद छात्रों ने स्कूल बैंड की धुन पर एक शानदार और समन्वित मार्च पास्ट प्रस्तुत किया। इसके बाद मुख्य अतिथि प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने गुब्बारे छोड़कर खेलों की भावना के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और मीट-ओपन की घोषणा की। खेलों में छात्रों ने उत्साह और जोश के साथ विभिन्न रेस प्रतियोगिताओं में भाग लिया। रेडी-टू-स्कूल रेस, बाधा दौड़, ABC ट्रेन रेस, 50 मीटर और 100 मीटर फ्लैट रेस सहित रिले रेस ने दर्शकों को रोमांचित किया। केजी छात्रों द्वारा नन्हा मुन्ना राही हूं गीत पर किया गया प्रदर्शन, शारीरिक और मानसिक फिटनेस पर आधारित कक्षा I और II के विद्यार्थियों द्वारा किया गया सिंक्रनाइज़ ड्रिल, और योगा ड्रिल ने खेलों के साथ-साथ जीवन के स्वस्थ और संतुलित दृष्टिकोण का संदेश भी दिया। छात्रों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए हमने ठान लिया है स्लोगन के तहत क्लैपिंग और स्किपिंग ड्रिल से टीमवर्क और समन्वय को उजागर किया। मेधावी छात्रों को छात्रवृत्तियों के साथ सम्मानित किया गया और विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए। सांदीपनी हाउस को ट्रॉफी प्रदान की गई, जबकि सर्वश्रेष्ठ छात्र और छात्रा के रूप में तुलसी मनोरिया और अरमान मारन को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने कहा, मैं सागर विद्या निकेतन की शिक्षा और छात्रों के समग्र विकास की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना करती हूं। खेलों के जरिए हम बच्चों में अनुशासन और प्रतिस्पर्धात्मकता का भाव उत्पन्न कर सकते हैं। साथ ही, अभिभावकों को भी बच्चों की समग्र शिक्षा में सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। . सागर ग्रुप के संस्थापक और चेयरमैन सुधीर कुमार अग्रवाल ने कहा, हमारे खेल दिवस का आयोजन हमेशा छात्रों और अभिभावकों को प्रेरित करता है। मुझे छात्रों द्वारा दिखाए गए आत्मविश्वास और उनकी प्रतिभा को देखकर खुशी हो रही है। प्रिंसिपल एस. बिंदु ने अपने संबोधन में विद्यालय के छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की मेहनत को सराहा। उन्होंने कहा, हम छात्रों को न केवल शिक्षित कर रहे हैं, बल्कि उन्हें समाज से जोड़कर एक आत्मविश्वासी नागरिक बनाने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। स्पोर्ट्स मीट का समापन हेडमिस्ट्रेस प्रियंका उपाध्याय और करिश्मा द्विवेदी के धन्यवाद ज्ञापन और राष्ट्रगान के साथ हुआ। खास बातें: यह आयोजन सागर विद्या निकेतन के छात्रों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत साबित हुआ और आगामी वर्षों में भी इस तरह के आयोजनों की उम्मीद जताई गई।
शिक्षा विभाग के कर्मचारियों का धरना:पदोन्नति सहित अनेक मांगों को लेकर सद्बुद्धि यज्ञ किया
शिक्षा निदेशालय के कर्मचारी इन दिनों आंदोलन पर है। पदोन्नति सहित अनेक मांगों को लेकर कर्मचारियों ने धरने के बीच मंगलवार को सद्बुद्धि यज्ञ किया और आला अधिकारियों पर हठधर्मिता का आरोप लगाया। शिक्षा विभागीय कर्मचारी संघ के बैनर तले चल रहे इस आंदोलन के तहत अनिश्चितकालीन धरना मुख्य द्वार पर चल रहा है। कर्मचारी नेता राजेश व्यास ने बताया- पिछले वर्षों में पात्र व कार्यरत कर्मचारियों एवं सेवानिवृत कर्मचारियों को पदोन्नति का लाभ दिया जाना है। साल 2024-25 की नियमित डीपीसी नहीं हुई है। जिससे नए जिलों में स्थित कार्यालयों में परेशानी हो रही है। स्कूल शिक्षा विभाग में संस्थापन अधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी सहायक प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ सहायक एवं कनिष्ठ सहायक के पदों की रिव्यू डीपीसी और पदोन्नति भी नहीं हुई है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल नारायण आचार्य ने बताया कि लोक सेवा आयोग से चयनित 1986 के कार्मिकों के प्रकरणों, पंचायत राज विभाग से आये कार्मिकों के प्रकरणों एवं दिव्यांगजनों के प्रकरणों का भी निपटारा नहीं हो रहा है। साथ ही पदस्थापन में ऑनलाइन काउंसिलिंग प्रक्रिया के सम्बन्ध में आदेश अविलम्ब जारी होने चाहिए। सोमवार को धरने पर मदन मोहन व्यास प्रदेश संस्थापक, प्रदेशाध्यक्ष कमलनारायण आचार्य, ओम प्रकाश बिश्नोई आदि उपस्थित रहे।
छात्रों को शैक्षिक सुधारों के प्रति जागरूक करने और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत किए गए परिवर्तन और उसकी उपादेयता को समझाने के लिए हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय तीन सारथियों का चयन करेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दिशा-निर्देशों के तहत, पत्रकारिता विश्वएविद्यालय ने एनईपी- सारथी का नामांकन करने की घोषणा की है। ये सारथी छात्रों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में जागरूकता पैदा करने, इसके कार्यान्वयन में सहायता करने और छात्रों से प्रतिक्रिया एकत्र करने में सक्रिय रूप से भूमिका निभाएंगे, ताकि नीति के प्रभाव को और बेहतर किया जा सके। प्रचार प्रसार सुधारों के सक्रिय एम्बेसडर के रूप में संलग्न करने के लिए बनाई गई है। चयन के लिए विश्वविद्यालय के स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी छात्रों में से तीन छात्रों का नामांकन किया जाएगा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभारी डॉ. मनोज कुमार लोढा ने बताया कि पत्रकारिता विश्वविद्यालय में सारथी के चयन के लिए विश्वविद्यालय के स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी छात्रों में से तीन छात्रों का नामांकन किया जाएगा। इन छात्रों का चयन परीक्षा और साक्षात्कार के माध्यम से किया जाएगा, ताकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति संबंधी ज्ञान, संचार और नेतृत्व कौशल तथा जागरूकता अभियानों के आयोजन और नीति के प्रभाव पर चर्चा में भाग लेने की क्षमता का मूल्यांकन किया जा सके। जागरूकता फैलाने के लिए कैंपस इवेंट्स और सोशल मीडिया अभियानों का आयोजन करना होगा डॉ. मनोज लोढा ने बताया कि सारथी के तौर पर चयनित एम्बेसडर की जिम्मेदारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कैंपस इवेंट्स और सोशल मीडिया अभियानों का आयोजन करना होगा। इसके अतिरिक्त, वे अपने साथियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पहल के बारे में मार्गदर्शन देंगे, छात्रों से प्रतिक्रिया एकत्र करेंगे और नीति को और अधिक प्रभावशील बनाने में योगदान देंगे। डॉ. लोढा ने आगे बताया कि वर्ष के अंत में सारथी छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल कार्यान्वयन में उनके योगदान को मान्यता देगा। साथ ही, उन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के आधिकारिक सोशल मीडिया चैनलों पर प्रदर्शित किया जाएगा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 से संबंधित ऑनलाइन आयोजनों में भाग लेने का निमंत्रण मिलेगा। इसके अतिरिक्त, उन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के न्यूजलेटर में लेख प्रकाशित करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे शैक्षिक सुधारों पर राष्ट्रीय संवाद में योगदान दे सकेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में बात करते हुए डॉ. लोढ़ा ने कहा कि यह नीति भारत की शिक्षा प्रणाली को गुणवत्ता, समानता और पहुंच को प्राथमिकता देकर बदलने का लक्ष्य रखती है। इसके सफल कार्यान्वयन के लिए सभी हितधारकों—विशेष रूप से छात्रों की सक्रिय भागीदारी आवश्यक है। सारथी चयन की पहल छात्रों को इस शैक्षिक परिवर्तन के अग्रणी बनाने का एक मंच प्रदान करती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी आवाज़ सुनी जाए और वे भारतीय उच्च शिक्षा के भविष्य को आकार देने में योगदान कर सकें।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के मौके पर मोतिहारी के उर्दू लाइब्रेरी में कार्यक्रम सह लाइब्रेरी के निर्वाचित प्रतिनिधियों के सम्मान में सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि MLC ख़ालिद अनवर सहित अन्य शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर की। इस दौरान एक-एक कर सभी ने देश के प्रथम शिक्षा मंत्री अबुल कलाम आजाद द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों पर प्रकाश डालते हुए, उनके बारे में जानकारी दी। उर्दू लाइब्रेरी आगे कैसे बढ़े इस पर भी सभी ने बारी बारी से अपना विचार रखा। मुख्य अतिथि के रूप में आए MLC खालिद अनवर ने कहा कि बिहार सरकार का खजाना शिक्षा के क्षेत्र में काम के लिए हमेशा खुला रहता है। अब देखना है कि लाइब्रेरी के लोग कितना ज्यादा से ज्यादा उसका फायदा उठा सकते हैं। तत्काल अपने निजी फंड से 15 लाख रुपया लाइब्रेरी के रंग रोगन और अन्य सामानों के लिए दिया है। इसके अलावा आगे भी कमेटी के लोग अपने लेटर पैड पर लिखकर जैसे जैसे सरकार से डिमांड करते रहेंगे, वह चाहे खेल के क्षेत्र में हो सेमिनार हों या अन्य क्षेत्रों में बिहार सरकार उन्हें फंड देती रहेगी। मौक़े पर डॉक्टर तबेला अजीज उर्दू लाइब्रेरी की अध्यक्ष सबाब रजा, ओजैर अंजुम, तनवीर सहित अन्य मौजूद थे।
पीएमश्री केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-1 में भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर राष्ट्रीय शिक्षा दिवस व विश्व विज्ञान दिवस मनाया गया। जिसमें कक्षा तीसरी के विद्यार्थियों ने नृत्य के माध्यम से सबको शिक्षा के महत्व के बारे में बताया। बच्चों ने नृत्य प्रस्तुतिकरण में विभिन्न मुद्राओं जैसे योग मुद्रा, सामाजिक व नैतिक शिक्षा प्रदर्शित करती मुद्राएं एवं शिक्षा में ज्ञान-ध्यान व जागरूकता का भी उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इसी तारतम्य में विभिन्न कक्षा के विद्यार्थियों द्वारा भाषण भी प्रस्तुत किये गए, तत्पश्चात इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य गौरव कुमार द्विवेदी ने बच्चों की भूरि भूरि सराहना की तथा मौलाना आजाद के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला । प्राचार्य गौरव कुमार द्विवेदी ने शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए इस सामाजिक उत्थान के महत्वपूर्ण आयाम को अपने आशीर्वचन के साथ विद्यार्थियों के साथ साझा किया।कार्यक्रम की रूपरेखा नीलेश कुशवाहा द्वारा तैयार की गई एवं कार्यक्रम का संचालन अभिषेक तिवारी (संस्कृत ) द्वारा किया गया।
तुलसी मानस प्रतिष्ठान और महर्षि अगस्त्य वैदिक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में मानस भवन स्थित पं. रामकिंकर उपाध्याय सभागार में छठवीं संध्या को आयोजित गीता सत्संग एवं उपनिषद चिंतन कार्यक्रम में स्वामी अनुभवानंदजी ने गीता की महत्ता और आत्म-संयम पर बातें साझा कीं। स्वामीजी ने कहा, हमारे मन पर दुनिया के विषयों का आकर्षण बहुत अधिक होता है, लेकिन जब हम बिना समझे और बिना अभ्यास के अपने ऊपर नियंत्रण करने की कोशिश करते हैं, तो मन पर नियंत्रण नहीं मिलता। उन्होंने बताया कि मन की चंचलता को शांत करने के लिए हमें पहले विषयों के दोषों को पहचानना होगा। यदि हम विषयों में दोष नहीं देखेंगे, तो हम उन्हीं में लगे रहेंगे, स्वामीजी ने यह भी कहा कि मन की अभिव्यक्ति शब्दों से होती है और एक शांत मन ही परमात्मा के पास पहुंचने का द्वार है। उन्होंने यह भी कहा कि मन की तपस्या मौन में होती है और जो व्यक्ति समत्व में स्थित रहता है, वही योगी होता है। स्वामीजी ने श्रोताओं से अपील की कि वे अपनी जीवन की अनुभूतियों से सीखें और बुरे कार्यों से बचें। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, जो असफलता से हम कुछ सीखते हैं, वह असफलता नहीं है, लेकिन अगर हम जानबूझकर अपने ज्ञान का अनादर करते हैं, तो वह पाप है। कार्यक्रम के अंत में स्वामीजी ने सभी श्रोताओं से रामरक्षा स्त्रोत का पाठ कराया। इसके बाद, इन्द्रा पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित 'त्रिपुरा रहस्य' के तीन खंडों का विमोचन स्वामीजी के करकमलों से हुआ। इस अवसर पर रधुनंदन शर्मा (कार्याध्यक्ष), प्रभुदयाल मिश्र, कैलाश जोशी, संजीव अग्रवाल, श्रीमती किरण अग्रवाल, मनीष गुप्ता, अनिल शर्मा, गोपाल सिंह राजपूत सहित बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।
सरकारी स्कूलों में डमी एडमिशन को लेकर शिक्षा विभाग करवाएगा जांच
सरकारी स्कूलों में डमी एडमिशन के भास्कर खुलासे बाद जयपुर, कोटा, सीकर सहित प्रदेश के सरकारी स्कूलों की जांच होगी। कोटा में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सीबीईओ) मधु वर्मा को जिम्मेदारी सौंपी गई है। भास्कर ने सोमवार के अंक में शिक्षा मंत्री के क्षेत्र में ही सरकारी स्कूलों में डमी एडमिशन, जांच हो तो ही छात्रों को घर से बुलाते हैं...शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने स्कूलों के नाम बताने और कार्रवाई का भरोसा दिया था। मंत्री के ओएसडी सतीश गुप्ता ने बताया कि सरकार डमी एडमिशन के सख्त खिलाफ है। निजी स्कूलों की जांच तो चल रही है। सरकारी स्कूलों में भी बच्चों के नहीं आने के कारणों की जांच की जाएगी। कोटा को लेकर उनका कहना है कि सीबीईओ मधु वर्मा को जांच करने के आदेश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही सीबीएसई ने कोटा के तीन सहित प्रदेश के पांच निजी स्कूलों में डमी सहित अन्य खामियों को लेकर देशभर में 21 स्कूलों की मान्यता रद्द की। वहीं, राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नयागांव की प्रधानाचार्य ज्योति शर्मा ने बयान में कहा कि स्कूल दीपावली अवकाश के बाद खुला था इसलिए बच्चों की उपस्थिति कम थी। उन्होंने स्कूल में डमी प्रवेश से इन्कार करते हुए तर्क दिया कि मध्यावधि अवकाश में विद्यार्थियों का कोचिंग में पाया जाना कहां गलत है। जबकि खुद किसी ड्यूटी में जाने की सफाई दी। भास्कर में प्रकाशित खबर।
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया
लुधियाना| बीवीएम किचलू नगर ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया। प्रख्यात शिक्षाविद् मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती को चिह्नित करते हुए यह दिन मनाया गया। इस मौके पर बुनियादी शिक्षा के साथ संस्कृति विकसित करने के लिए बुलेटिन बोर्ड सजावट से भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के विचारों को प्रदर्शित किया गया। कई चुनौतियों के बारे में चर्चा करते हुए छात्रों ने संपूर्ण शिक्षा को फिर से प्रतिबद्ध करने के लिए संकल्प लिया।
मुस्लिम महिलाएं बोलीं:हिजाब-ट्रिपल तलाक नहीं, शिक्षा, रोजगार और राजनीति में मौका ज्यादा अहम
भास्कर की महिला रिपोर्टर सना एजाज और आमना अली ने 10 विधानसभा क्षेत्र का दौरा किया। मुस्लिम महिलाओं से मिलकर उनकी समस्याएं जानीं। महिलाओं का मानना है कि हिजाब और ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दे ज्यादा अहमियत नहीं रखते हैं। सुरक्षा, शिक्षा, रोजगार और राजनीति में भागीदारी मिलना ज्यादा जरूरी है। कमोबेश यही हाल पूरे झारखंड की मुस्लिम महिलाओं का है। झारखंड में महिला वोटरों की संख्या करीब 1.29 करोड़ है। इनमें 15% मुस्लिम महिलाओं की आबादी है। यानी करीब 19 लाख मुस्लिम महिला वोटर हैं। हिंदू-ईसाई महिलाओं की अपेक्षा मुस्लिम महिलाएं शिक्षा-रोजगार में पिछड़ी हुई हैं। खासकर उच्च शिक्षा काफी कम महिलाएं पूरी कर पाती हैं। झारखंड के 10 विधानसभा क्षेत्र रांची, हटिया, कांके, खिजरी, धनबाद, झरिया, पूर्वी जमशेदपुर, पश्चिमी जमशेदपुर, पोटका और जुगसलाई की महिलाओं से बात करने पर पता चला कि मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक और हिजाब जैसे मुद्दों से ज्यादा वास्ता नहीं है। उन्हें सुरक्षा, शिक्षा और रोजगार चाहिए। वे भी राजनीति में आने के मौके तलाश रही हैं। लेकिन, दुर्भाग्यवश झारखंड बनने के 24 साल बाद भी अबतक एक भी मुस्लिम महिला विधायक नहीं चुनी गई है। झारखंड में विधानसभा की 81 सीटें हैं। इनमें 30 से ज्यादा ऐसी सीटें हैं, जहां मुस्लिमों की आबादी 20 प्रतिशत से अधिक है। इस बार के विधानसभा चुनाव में मुस्लिम महिला वोटरों का क्या रुख है... पढ़िए भास्कर की रिपोर्ट... जानिए.. रांची, हटिया, कांके, खिजरी, धनबाद, झरिया, पूर्वी-पश्चिमी जमशेदपुर, पोटका का हाल... रांची : शिक्षा और रोजगार में आगे नहीं आ पातीं महिलाएं हमारी बेटियां किसी से कम नहीं हैं। हम उन्हें अच्छे स्कूलों में भेजना चाहते हैं। एक महिला ने कहा-देश में बढ़ते नफरत के माहौल की वजह से डर लगता है। अगर बेटियों को अच्छी शिक्षा मिल भी जाए, तो भी जॉब मार्केट में हिजाबी मुस्लिम महिला के लिए नौकरी पाना बहुत मुश्किल है। नाम देखकर ही रिजेक्ट कर दिया जाता है। धनबाद/झरिया: घर चलाते हैं, देश चलाने की क्षमता रखते हैं... धनबाद और झरिया की महिलाओं ने कहा कि हम कम पढ़े लिखे हैं, पर घर-परिवार चलाते हैं। देश चलाने की क्षमता रखते हैं। हम आर्थिक रूप से कमजोर हैं। हमारे लिए तीन तलाक और हिजाब मुद्दा नहीं, बल्कि रोटी, कपड़ा, मकान और रोजगार अहम मुद्दा हैं। रजिया शाहीन ने कहा-देश में धर्म की राजनीति हो रही है, जिस कारण नेता हमारी बातों को उठाने से परहेज करते हैं। जमशेदपुर पू. : राजनीति में मुस्लिम महिला की भागीदारी नहीं जमशेदपुर पूर्वी इलाके में साकची जामा मस्जिद के पास खड़ी शहला ने कहा,-आप मुस्लिम महिलाओं की बात कर रही हैं, यहां तो मुस्लिम समुदाय के पुरुषों को भी टिकट नहीं मिलता। जमशेदपुर पश्चिमी क्षेत्र में मुसलमानों की आबादी 35% है। यहां से आसानी से मुस्लिम उम्मीदवार जीत सकता है, लेकिन किसी पार्टी ने टिकट नहीं दिया। पोटका : ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी पुरुषों की पसंद पर देती हैं वोट पोटका में हल्दीपोखर और कीताडीह मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है। यहां मुसलमानों की आबादी 10,000 है। हल्दीपोखर में मुस्लिम महिलाओं की संख्या 4000 और कीताडीह में 49% महिला वोटर हैं। यहां की महिलाएं अधिकतर नेताओं के बारे में कुछ नहीं जानती हैं। मुस्लिम-हिंदू दोनों वर्गों की अधिकतर महिलाएं उसी पार्टी को वोट देती हैं, जहां परिवार के पुरुष सदस्य कहते हैं। मुस्लिम क्षेत्रों में स्वास्थ्य केंद्रों की कमी, सड़कें भी टूटी हल्दीपोखर की महिलाओं ने बताया कि सरकारी स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। यहां महिलाओं को 12 से 13 में किलोमीटर इलाज के लिए जाना पड़ता है। सड़क की बात करें ताे काफी जर्जर है। गांव काे जाेड़ने वाली सभी सड़कें टूटी हुई हैं। छाेटी बीमारी होने पर महिलाएं छिपा लेती हैं। और यही आगे चलकर गंभीर बन जाती है। डॉ. नेहा कुरैशी का कहना है कि पहले मुस्लिम महिला राजनीति में नहीं आती थीं। लेकिन अब धारणा बदल रही है और वे भी राजनीति में अपनी पकड़ बनाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। जब तक जनप्रतिनिधि महिलाएं नहीं बनेंगी, उनकी आवाज को कौन उठाएगा।
शिक्षक ने शिक्षा के महत्व पर छत्तीसगढ़ी गीत प्रस्तुत किया
भास्कर न्यूज | महासमुंद खरोरा के मिडिल स्कूल में सोमवार को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के उत्थान में शिक्षा की भूमिका पर चर्चा किया गया। कार्यक्रम में प्रधान पाठक उमेश भारती गोस्वामी ने संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति के लिए बहुत आवश्यक है। व्यक्ति समाज और राष्ट्र के उत्थान में शिक्षा की अहम् भूमिका है। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का एक बड़ा उद्देश्य शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना और सभी को शिक्षा की मुख्यधारा में शामिल करना है। भारत सरकार के द्वारा 6 से 14 वर्ष तक अनिवार्य व निशुल्क शिक्षा अभियान चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का उद्देश्य भारत के सभी स्कूल, कॉलेज, संस्थानों को मजबूत करके शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है। वरिष्ठ शिक्षक डोमार राम साहू ने शिक्षा के महत्व पर एक छत्तीसगढ़ी गीत प्रस्तुत किया। बाल संसद के प्रधान मंत्री रीना टंडन ने कहा कि भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में, मौलाना अबुल कलाम आजाद ने ग्रामीण गरीबों और लड़कियों को शिक्षा प्रदान करने पर ध्यान केन्द्रित किया। इस मौके पर दुबे कुमार पटेल, दिलेश्वरी कापरे, मोना चन्द्राकर सहित अन्य लोग मौजूद थे।
बिरला इंस्टीट्यूट में मनाया राष्ट्रीय शिक्षा दिवस
जयपुर | बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा (बीआईटी, मेसरा) के जयपुर कैंपस में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया। संस्थान की नवाचार परिषद (आईआईसी) और विज्ञान विभाग ने एक डिजिटल पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। प्रतियोगिता का उद्देश्य शिक्षा के महत्व को समझाना और छात्र छात्राओं को अपनी रचनात्मकता को डिजिटल माध्यमों के जरिए व्यक्त करने का अवसर प्रदान करना था। संस्थान के निदेशक डॉ. पीयूष तिवारी ने बताया कि प्रतियोगिता में विभिन्न विषयों पर विद्यार्थियों ने डिजिटल पोस्टर बनाए। इसमें ‘शिक्षा और प्रौद्योगिकी’, ‘समावेशी शिक्षा’, और ‘शिक्षा का भविष्य’ जैसे विषय प्रमुख रहे। छात्रों ने डिजिटल टूल्स का इस्तेमाल करते हुए अपने विचारों को आकर्षक और प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया। प्रतियोगिता में विजेताओं के कार्यों की सराहना की गई। कार्यक्रम के अंत में विजेता छात्रों को पुरस्कार वितरित किए गए। कार्यक्रम के संकाय समंवयक डॉ. आनंद श्रीवास्तव, डॉ. रंजना अग्रवाल, डॉ. भावना अग्रवाल आदि रहे।
बाड़मेर जिले में सशक्त नारी, सशक्त समाज के संकल्प को जिला प्रशासन का मरू उड़ान प्रोग्राम साकार करेगा। इसके लिए केन्द्र सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत 12 नवंबर से मरू उड़ान प्रोग्राम की शुरुआत की जा रही है। महिला एवं बाल विकास के सचिव महेंद्र कुमार सोनी और जिला कलेक्टर टीना डाबी ने सोमवार को तैयारियों को लेकर अधिकारियों की मीटिंग ली। साथ ही पोस्टर का विमोचन किया। विभाग के सचिव महेन्द्र सोनी ने कहा कि यह अभियान महिला सशक्तीकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। मैं व्यक्तिगत रूप से अभियान से बड़ा प्रभावित हूं। बाड़मेर में सफलतापूर्वक संचालित होने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह अभियान बहुत ही अच्छे ढंग से डिजाइन किया गया है और इसमें महिला सशक्तीकरण के सभी पहुलाओं का समावेश किया गया है। उन्होंने इस अभियान के लिए जिला कलक्टर टीना डाबी और उनकी पूरी टीम की भूरी-भूरी प्रशंसा की। इस अवसर पर कार्यक्रम की नोडल अधिकारी उप वन संरक्षक श्रीमती सविता दहिया द्वारा प्रस्तुतिकरण के माध्यम से इस कार्यक्रम के महत संचालित की जाने वाली गतिविधियों की जानकारी दी। कलेक्टर टीना डाबी ने बीते दिनों संबंधित संस्थानों के साथ इसको लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने बताया- बाड़मेर जिले में महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वरोजगार एवं आत्मरक्षा के साथ आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के लिए मरू उड़ान प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। इसके तहत आगामी तीन माह तक स्पेशल प्रोग्राम होंगे। जिला मुख्यालय के अलावा पंचायत समिति स्तर पर आयोजित होने वाले प्रोग्राम में अधिकाधिक महिलाओं की भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए उनके सशक्तिकरण का प्रयास किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि बाड़मेर जिले में मरू उड़ान कार्यक्रम की शुरुआत से पहले जिला कलेक्टर टीना डाबी के निर्देशन में नवो बाड़मेर के तहत सफाई अभियान, दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए समन्वित प्रयास सशक्त समाज अभियान की क्रियान्वयन किया है। वहीं सफाई अभियान के माध्यम से बाड़मेर शहर को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने की अभिनव पहल की गई है। इसमें आमजन के साथ भामाशाहों का भी सहयोग लिया गया है। स्पेशल प्रोग्राम का होगा आयोजन जिला कलेक्टर टीना डाबी ने बताया- इस कार्यक्रम के तहत स्तन कैंसर जागरूकता कार्यक्रम, वित्तीय प्रबन्धन कार्यशाला, घरेलू उद्यम प्रोत्साहन सेमीनार, महिला आत्मरक्षा कार्यशाला, साइबर अपराध से बचाव एवं डिजीटल साक्षरता पर सेमीनार, ड्राइविंग कोर्स एवं यातायात नियमों की जानकारी के साथ सुरक्षित वाहन चालन कार्यशाला, 9 वीं से 12 वर्ष तक की बालिकाओं के मानसिक, शारीरिक एवं भावनात्मक शक्ति के विकास के लिए संवाद कार्यक्रम ‘नींव', ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि उत्पादों से आय बढ़ाने एवं नवीन तकनीक की जानकारी के लिए खोजपरक भ्रमण (Exposure Visit), सुपर फूड उत्पादन पर कार्यशाला, मिलट कुकीज प्रशिक्षण कार्यशाला और करियर काउंसलिंग सहित कई कार्यक्रम आयोजित किए जांएगे। संवाद कार्यशालाओं से महिला सशक्तिकरण कलेक्टर टीना डाबी ने बताया- बाड़मेर जिला एवं पंचायत समिति मुख्यालयों पर संवाद कार्यक्रम के माध्यम से किशोरी एवं महिलाओं के साथ खुले एवं मैत्रीपूर्ण माहौल में स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल एवं आत्मविश्वास के अनुछए पहलुओं पर सामूहिक चर्चा की जाएगी। उनकी समस्याओं, जिज्ञासा एवं संभव उपायों के बारे में बताया जाएगा। इसके अलावा उनके कौशल को परखते हुए रोजगार के अवसर के बारे में परामर्श दिया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञों की दो टीमों का गठन किया गया है। इन संवाद कार्यक्रमों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित चिकित्सकीय मनोवैज्ञानिक सलाहकार जोधपुर से बुलवाए गए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में लगेंगे हेल्थ जांच शिविर महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता एवं रोग परामर्श एवं उपचार मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य जांच शिविरों का आयोजन किया जाएगा। जिला कलेक्टर ने बताया- जिले के ग्रामीण इलाकों में स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं न्यूट्रीशियन्स का आमतौर पर अभाव रहा है। महिलाएं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के अभाव में गम्भीर रोगों से ग्रस्त हो जाती हैं। इसको देखते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बाड़मेर के निर्देशन में साउथवेस्ट माइनिंग के सहयोगी हेल्पेज इंडिया के साथ स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित किए जाएंगे। इन शिविरों का आयोजन जिला चिकित्सालय बाड़मेर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गागरिया, उप जिला चिकित्सालय चौहटन एवं धोरीमन्ना में होगा। अभियान में रहेगी इनकी भागीदारी मरू उड़ान कार्यक्रम में जिला प्रशासन के साथ केयर्न वेदांता, जेएसडब्ल्यू, एसडब्ल्यूएमएल के साथ जुड़े गैर सरकारी संगठन, रूमादेवी फाउंडेशन, जीजाबाई फाउंडेशन, श्योर संस्थान, एक्शन एड की भागीदारी रहेगी। मरू उड़ान के कार्यक्रमों के आयोजन एवं संचालन के लिए नोडल अधिकारी उप वन संरक्षक सविता दहिया और सह नोडल अधिकारी महिला अधिकारिता विभाग के उप निदेशक प्रहलादसिंह राजपुरोहित को बनाया गया है।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की 136वीं जयंती पर समारोह का आयोजन किया गया। सदाकत आश्रम में बिहार अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह समेत पार्टी के नेताओं ने अबुल कलाम के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम हुआ अपने संबोधन में अखिलेश सिंह ने कहा कि आजादी में अबुल कलाम आजाद का काफी योगदान रहा है। देश के पहले शिक्षा मंत्री थे। शिक्षा के क्षेत्र में काफी काम किया है। आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थान की नींव उन्होंने ही रखा था। आज देश वहां पहुंचा है, जिसकी हमलोग कल्पना करते थे। वहीं, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष उमैर खान ने कहा कि आज अबुल कलाम के सपने पर भारत आगे बढ़ रहा है। उन्होंने विभाजन के बाद देश के विकास में अपनी अहम भूमिका निभाई थी।
बिहार सरकार ने शिक्षकों के ट्रांसफर पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया है। वैसे जिलें, जहां सिर्फ और सिर्फ एक अनुमंडल हैं, वहां के शिक्षकों को जिले से बाहर नहीं भेजा जाएगा। सिंगल सब डिवीजन वाले डिस्ट्रिक के शिक्षक उसी जिले में पोस्टिंग पाएंगे। बिहार में कुल 8 ऐसे जिले हैं, जहां एक जिले में सिर्फ एक अनुमंडल है। सब डिवीजन को डिवीजन में बांटा जाएगा वैसे जिलें जहां सिर्फ और सिर्फ एक अनुमंडल है, वहां के शिक्षकों की पोस्टिंग अनुमंडल के अंदर ही होगी। शिक्षा विभाग ऐसे अनुमंडल को अपने स्तर पर डिवाइड करेगा। शिक्षकों की पोस्टिंग अनुमंडल के अंदर डिवीजन कर किया जाएगा। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि वैसे 8 जिले जहां एक अनुमंडल हैं, वहां पर सब डिवीजन को डिवीजन में बांट कर शिक्षकों की पोस्टिंग होगी। पॉलिसी मे अमेंडमेंड होगा शिक्षकों के ट्रांसफर पॉलिसी में अमेंडमेंट होगा। शिक्षा विभाग फ्यूचर में बिल को संशोधित भी कर सकती है। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने स्पष्ट कहा है कि लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा से पारित होने वाले कानून संशोधित किए जाते हैं। शिक्षकों के तबादले वाले नियमावली क्यों नहीं संशोधित किए जा सकते हैं। राज्य सरकार जरूरत के हिसाब से कानून को सुधार करेगी और सुविधा के हिसाब से बिल और कानून बनाए जाते हैं। शिक्षक धर्म का पालन करना चाहिए : ACS दरअसल,सम्राट अशोक कन्वेंशन के ज्ञान भवन में मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती और शिक्षा दिवस- 2024 पर कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, ACS डॉ. सिद्धार्थ समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। कार्यक्रम को ACS सिद्धार्थ ने संबोधित किया। उन्होंने शिक्षा मे सभी की भागीदारी को जरूरी बताया। उन्होंने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि राज्य के भविष्य को आप शिक्षा दें रहे हैं। यह याद रखें। इसका असर समाज पर पड़ेगा। शिक्षको का काम सिर्फ सरकारी नौकरी करना नहीं है, बल्कि बच्चे सही ढंग से पढ़े यह भी शिक्षक सुनिश्चित करें। स्कूल की टाइमिंग और शिक्षा की गुणवत्ता पर ACS ने कहा कि स्कूल की टाइम और पढ़ाई की गुणवत्ता को लेकर बार-बार पत्र निकाले गए हैं, लेकिन बार-बार इसका जिक्र करना पड़ता है। शिक्षकों को राजधर्म की तरह शिक्षक धर्म का पालन करना चाहिए।
आर्चडायोसिस ऑफ़ भोपाल ने मनाया शिक्षा रविवार:समाज में ज्ञान और सेवा का महत्व किया स्पष्ट
आर्चडायोसिस ऑफ़ भोपाल ने अपने हर साल के परंपरागत शिक्षा रविवार के अवसर पर शहर के विभिन्न गिरजाघरों में विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया। यह विशेष दिन नवंबर माह के दूसरे रविवार को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य शिक्षा और ज्ञान को प्रोत्साहित करना है। इस अवसर पर पवित्र मिस्सा, उपदेश और सामूहिक प्रार्थनाओं के माध्यम से शिक्षा के महत्व को साझा किया गया। सेक्रेड हार्ट चर्च, रतनपुर में आयोजित पवित्र मिस्सा की अगुवाई आर्चबिशप डॉ. ए. ए. एस. दुरईराज ने की। इस मौके पर उनके साथ फादर विपिन तिग्गा भी उपस्थित थे। आर्चबिशप ने अपनी संबोधन में कहा, आज हम शिक्षा रविवार के अवसर पर उन सभी शैक्षणिक और व्यवसायिक संस्थाओं को सम्मानित करते हैं, जो राष्ट्र सेवा और भावी पीढ़ी के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। हम अपने शिक्षकों, विद्यार्थियों और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े हर व्यक्ति का आभार व्यक्त करते हैं, जो समाज में ज्ञान की ज्योति फैला रहे हैं। इसके बाद कैथोलिक डायोसीजन एजुकेशन के नव नियुक्त सचिव फादर रोनाल्ड वान ने कहा कि शिक्षा का प्रसार धर्मप्रान्तीय और धर्मसंघीय स्तर पर विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के माध्यम से किया जा रहा है। इन संस्थानों का उद्देश्य केवल शैक्षणिक ज्ञान देना ही नहीं, बल्कि नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों से छात्रों को सशक्त बनाना भी है, ताकि वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें। कैथोलिक समाज के जनसम्पर्क अधिकारी फादर अल्फ्रेड डिसूज़ा ने बताया कि शिक्षा रविवार का उद्देश्य शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना और यह याद दिलाना है कि शिक्षा और सेवा का मिलाजुला प्रभाव समाज में शांति, प्रेम और समर्पण का वातावरण बनाता है। इस अवसर पर हजारों श्रद्धालु एकत्रित हुए और शिक्षा के महत्व पर गहरे विचार किए, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव और सुधार की दिशा में एक नई प्रेरणा का संचार हुआ। शिक्षा रविवार का आयोजन इस बात का प्रतीक है कि शिक्षा सिर्फ ज्ञान अर्जन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रत्येक सदस्य की सेवा और समृद्धि का आधार भी है।
भारतीयता के अनुरूप शिक्षा से ही नया भारत संभव
शिक्षक दिवस- 5 सितम्बर 2024 पर विशेष शिक्षक उस माली के समान है, जो एक बगीचे को अलग अलग रूप-रंग के फूलों से सजाता है। जो छात्रों को संकटों में भी मुस्कुराकर चलने के लिए प्रेरित करता है। आज शिक्षा के माध्यम से राष्ट्र-निर्माण एवं शिक्षा को हर घर तक पहुंचाने के लिए तमाम सरकारी ... Read more
दिल्ली में झुग्गी में रहने वाले एक पिता ने, जो चाय बेचते हैं, उन्होंने अपनी बेटी को आखिरकार CA बना दिया। जहां एक ओर लोगों ने कहा, क्यों अपनी बेटी को जरूरत से ज्यादा पढ़ा रहे हो, इसकी शादी करवा देनी चा
NEET UG रिजल्ट को लेकर अभी भी जारी है गुस्सा, छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के पास किया विरोध प्रदर्शन
नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए छात्रों ने सोमवार को शिक्षा मंत्रालय के पास विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा परिणाम में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की। आइए जानते हैं, क्या है पूरा म
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का 10 फीसदी भी डाटा नहीं हुआ अपलोड
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का डाटा अपलोड करने में जिले के कई स्कूल ढील दे रहे हैं, वे 10 फीसदी छात्रों का भी डाटा अभी तक अपलोड नहीं कर पाए हैं। डाटा अपलोड करने में आधार कार्ड की अनिवार्यता के बाद से छ
स्कूलों में कैसे पढ़ा रहे हैं शिक्षक, वीडियो में देखेगा शिक्षा विभाग, होगी रिकॉर्डिंग
शिक्षा विभाग वीडियो के जरिए देखेगा कि परिषदीय स्कूलों के शिक्षक छात्रों को कैसे पढ़ाते हैं। बता दें. छात्रों को पढ़ाते हुए शिक्षकों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। आइए जानते हैं विस्तार से।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति : यूपी बोर्ड ने दिए निर्देश, एनईपी लागू करने को स्कूल बनाएंगे प्लान
यूपी बोर्ड से जुड़े 27 हजार से अधिक स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने के लिए स्कूल स्तर पर योजना बनाई जाएगी। एनईपी 2020 के विषय में विद्यालयों में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
बॉलीवुड का ये सुपरस्टार युवाओं को IAS बनाने के लिए मुफ्त में देगा शिक्षा, योजना से अबतक जुड़ चुके है7000 युवा
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