विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान शनिवार को सुपौल सदर प्रखंड के बसबिटी स्थित खेल मैदान परिसर में कांग्रेस प्रत्याशी मिन्नुतुल्लाह रहमानी के समर्थन में आयोजित महागठबंधन की विशाल जनसभा में भारी जनसमूह उमड़ा। मंच पर वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी और कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने संयुक्त रूप से सभा को संबोधित किया। दोनों नेताओं ने जनता से महागठबंधन के पक्ष में मतदान करने की अपील करते हुए बिहार में नई सोच, समानता और बदलाव की सरकार लाने का आह्वान किया। सभा को संबोधित करते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि बिहार अब बदलाव चाहता है और इस बदलाव का नेतृत्व महागठबंधन करेगा। उन्होंने कहा कि आजादी के 77 साल बाद पहली बार किसी मल्लाह समाज के बेटे का नाम उपमुख्यमंत्री पद के लिए घोषित हुआ है, जो सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में ऐतिहासिक कदम है। 'बिहार को अब रोजगार, शिक्षा और सम्मान की राजनीति चाहिए' सहनी ने कहा कि बिहार को अब रोजगार, शिक्षा और सम्मान की राजनीति चाहिए, और महागठबंधन की सरकार इन तीनों मोर्चों पर ठोस काम करेगी। उन्होंने कहा कि जनता ने जिन लोगों को वर्षों तक मौका दिया, उन्होंने सिर्फ वादे किए, लेकिन अब समय है ऐसी सरकार चुनने का जो वास्तव में युवाओं, किसानों और गरीबों की आवाज बने। 'पूरे बिहार में इस बार बदलाव की लहर' वहीं, कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि पूरे बिहार में इस बार बदलाव की लहर है। उन्होंने कहा कि अब बिहार को ऐसी सरकार चाहिए जो नौकरी दे, युवाओं के सपनों को पंख दे और हर वर्ग की आवाज बने। कन्हैया ने कहा कि बेरोजगारी, पलायन और शिक्षा की बदहाली से बिहार को मुक्त कराने के लिए जनता को एकजुट होकर मतदान करना होगा। सुपौल से बदलाव की शुरुआत होनी चाहिए - कन्हैया कुमार उन्होंने कहा कि सुपौल से बदलाव की शुरुआत होनी चाहिए और मिन्नुतुल्लाह रहमानी को भारी मतों से विजयी बनाकर जनता अपने हक और हकूक की आवाज बुलंद करे। सभा स्थल पर हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी थी। भीड़ और उत्साह को देखते हुए साफ था कि चुनावी माहौल अब पूरी तरह गरमा गया है।
आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर रावण शनिवार को कैमूर के चैनपुर विधानसभा क्षेत्र के हाटा खेल मैदान पहुंचे। उन्होंने जीडीए महागठबंधन के प्रत्याशी के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान रावण ने एनडीए सरकार पर निशाना साधा। अपने संबोधन में चंद्रशेखर रावण ने कहा कि देश और राज्य में एनडीए सरकारें जनता से झूठे वादे करती हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं होता। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार के मजदूर आज भी रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर हैं। एनडीए सरकार को सत्ता से हटाना होगा - चंद्रशेखर रावण रावण ने जनता से अपील की कि इस बार का वोट जाति या धर्म के नाम पर नहीं, बल्कि बच्चों की शिक्षा और युवाओं के रोजगार के नाम पर दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में सच्चा विकास लाने के लिए एनडीए सरकार को सत्ता से हटाना होगा। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में सुधार और गरीबों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की बात भी कही। जीडीए महागठबंधन के समर्थित प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे सभा में उन्होंने जीडीए महागठबंधन के समर्थित प्रत्याशियों के लिए वोट मांगे। इनमें चैनपुर से मजनू गोंड, भभुआ से विकास उर्फ बबलू तिवारी और मोहनिया से नीतू कुमारी शामिल हैं। रावण ने कहा कि ये प्रत्याशी आम जनता की आवाज को विधानसभा तक पहुंचाएंगे। सभा स्थल पर बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। कार्यकर्ताओं ने फूलमालाओं से चंद्रशेखर रावण का स्वागत किया। जनसभा के दौरान बदलाव चाहिए, रोजगार चाहिए के नारे भी गूंजे। रावण ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि बिहार की जनता अब जाग चुकी है और इस बार परिवर्तन के संकल्प के साथ मतदान करेगी।
छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में एक सहायक शिक्षक को WhatsApp स्टेटस पर टिप्पणी करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। शिक्षक ने स्कूल में बच्चों को किताबें न मिलने और राज्योत्सव मनाने पर सवाल उठाए थे। इस कार्रवाई के विरोध में शिक्षक संगठनों ने जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) का घेराव किया और शिक्षक की बहाली की मांग की, जिसके बाद उन्हें आश्वासन मिला। कुरूद ब्लॉक के ग्राम नारी प्राथमिक शाला में पदस्थ सहायक शिक्षक ढालू राम साहू ने अपने WhatsApp स्टेटस में लिखा था, स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए किताबें नहीं पहुंची हैं और हम राज्य स्थापना दिवस का उत्सव मना रहे हैं। जब तक बच्चों को पूरी पुस्तकें नहीं मिल जातीं, सहायक शिक्षक से लेकर BEO, DEO, कलेक्टर और शिक्षा मंत्री का वेतन रोक देना चाहिए। शिक्षा विभाग ने शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया शिक्षा विभाग ने इस स्टेटस का संज्ञान लेते हुए ढालू राम साहू को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। निलंबन आदेश में कहा गया कि शिक्षक ने बच्चों की शिक्षा व्यवस्था ठप है और हम चले राज्योत्सव मनाने जैसी टिप्पणी कर शिक्षकीय आचरण का उल्लंघन किया है। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत की गई है। शिक्षक संगठन ने डीईओ कार्यालय का घेराव किया इस कार्रवाई से शिक्षक संगठन आक्रोशित हो गए। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव किया और ढालू राम साहू की बहाली को लेकर जमकर हंगामा किया। घंटों चले विरोध प्रदर्शन के बाद, अधिकारियों द्वारा बहाली का आश्वासन मिलने पर मामला शांत हुआ।
विद्या भारती ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को भेंट की अंतरराष्ट्रीय कॉफी टेबल बुक
कोटा में विद्या भारती के पदाधिकारियों ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को अंतरराष्ट्रीय कॉफी टेबल बुक भेंट की, जिसमें संगठन की शिक्षा, संस्कृति और राष्ट्र निर्माण में दीर्घकालिक यात्रा और उपलब्धियों का विस्तृत चित्रण है। मंत्री ने इस पहल की सराहना की।
इनरव्हील क्लब की सराहनीय पहल: बुज़ुर्गों के लिए प्रौढ़ शिक्षा केंद्र में जगाई ज्ञान की ज्योति
बारां में इनरव्हील क्लब द्वारा संचालित प्रौढ़ शिक्षा केंद्र में बुज़ुर्गों को पढ़ाई का अवसर दिया गया। कई वरिष्ठ नागरिकों ने पहली बार नाम लिखना, पढ़ना और भगवान का नाम सीखकर आत्मविश्वास बढ़ाया। इस पहल ने बुज़ुर्गों में शिक्षा और आत्मनिर्भरता की ज्योति जगाई।
शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने आज फिर नगर निगम को निर्देश दिए हैं की चंबल गार्डन में हो रहे अतिक्रमणों को हटाया जाए। चंबल गार्डन को उसके पुराने गौरवशाली स्वरूप में लाया जाए। चंबल गार्डन की हालत बहुत ज्यादा खराब है। सरकार ने इसके विकास के लिए बजट भी स्वीकृत किया है, जिससे विकास कार्य करने हैं। मदन दिलावर कोटा उत्तर दक्षिण नगर निगम के द्वारा रामगंज मंडी में आयोजित शहरी सेवा शिविर में बोल रहे थे। मदन दिलावर ने कहा चंबल गार्डन पुराने समय में कोटा शहर की पहचान हुआ करता था। लोग कोटा जाने की बात सुनकर उत्साहित हो जाते थे कि हम चंबल गार्डन देखने जाएंगे। आज चंबल गार्डन अतिक्रमण और गुंडो का अड्डा बन गया है। चंबल गार्डन में मजार के नाम पर कब्जे कर लिए गए हैं। अवैध अतिक्रमण को तोड़ा जाए मंत्री मदन दिलावर ने कहा- मैंने पूर्व में भी इस बात को लेकर नगर निगम को कहा था की चंबल गार्डन में हुए अवैध अतिक्रमण को तोड़ा जाए। अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। दिलावर ने आयुक्त ओमप्रकाश मेहरा को कहा- मैं आज फिर कह रहा हूं कि नगर निगम चंबल गार्डन में हुए अतिक्रमण को हटाएं। जिन्होंने अतिक्रमण किए हैं, उनसे पट्टा मांगा जाए। यदि उनके पास उस जगह का मालिकाना हक नहीं है तो बगैर नोटिस उनको हटा दिया जाए। फिर चाहे वह अतिक्रमण मजार के नाम पर हो या मंदिर के नाम पर, कोई भी हो। बिरसा मुंडा की प्रतिमा लगाई जाए अवैध अतिक्रमण को तुरंत चंबल गार्डन से हटाया जाए। शिक्षा मंत्री ने सुझाव दिया की चंबल गार्डन में आदिवासियों के भगवान कहे जाने वाले बिरसा मुंडा की प्रतिमा लगाई जाए, जिससे चंबल गार्डन को एक नई पहचान मिले। शिविर में मंत्री मदन दिलावर ने रामगंज मंडी विधानसभा क्षेत्र के धर्मपुरा, आवली, रोजड़ी क्षेत्र में निवास करने वाले 55 लोगों को पट्टे वितरित किए। कार्यक्रम मे नगर निगम की आयुक्त ओमप्रकाश मेहरा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान अगले सत्र से स्टूडेंट्स को सत्र में दो बार बोर्ड परीक्षा का मौका देगा। शिक्षा मंत्री ने कहा-राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के प्रावधानों के अनुसार अगले सत्र से दो बार बोर्ड परीक्षा ली जाएगी। सभी विद्यार्थियों के लिए प्रथम बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होना अनिवार्य होगा। पास होने वाले स्टूडेंट्स को सभी सब्जेक्ट में से किन्हीं तीन में दूसरी परीक्षा में अपने प्रदर्शन में सुधारने की अनुमति दी जाएगी। शिक्षा मंत्री ने यह घोषणा शनिवार को कोटा के गणेश नगर में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में की। फेल होने पर भी सुधार करने का मौका मिलेगा पूरक योग्य घोषित विद्यार्थियों को भी अधिकतम तीन विषयों में दूसरे अवसर में परीक्षा परिणाम सुधारने की अनुमति दी जाएगी। इसमें पूरक विषय सम्मिलित रहेंगे। यदि कोई विद्यार्थी प्रथम परीक्षा में अनुत्तीर्ण (फेल) रहता है तो उसे भी दूसरे अवसर में फेल विषयों में सुधार करने की अनुमति दी जाएगी। यदि विद्यार्थी इस द्वितीय अवसर की परीक्षा में किसी विषय में अनुत्तीर्ण रहता है, तो ऐसे विद्यार्थियों को आवश्यक पुनरावृत्ति श्रेणी में रखा जाएगा। वे केवल अगले वर्ष फरवरी माह में मुख्य परीक्षा में ही सम्मिलित हो सकेंगे। फरवरी-मार्च और मई-जून में होगा एग्जामशिक्षा मंत्री ने बताया कि साल में एक बार मुख्य परीक्षा फरवरी- मार्च में आयोजित की जाएगी। उसके परिणाम की घोषणा के बाद उसी सत्र में दूसरी परीक्षा मई -जून में आयोजित की जाएगी। इसे 'द्वितीय अवसर परीक्षा' नाम दिया जा सकता है। दोनों परीक्षाएं उस साल के पूर्ण पाठ्यक्रम पर आधारित होंगी। अध्ययन योजना और परीक्षा योजना सामान रहेगी। गैरमौजूद होने पर अधिकारी से सर्टिफिकेट चाहिए होगामुख्य परीक्षा में गैरमौजूद रहने वाले विद्यार्थी को सक्षम अधिकारी के चिकित्सा प्रमाण पत्र/संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक मुख्यालय द्वारा जारी प्रमाण पत्र के आधार पर ही द्वितीय अवसर परीक्षा में प्रवेश की अनुमति दी जा सकेगी। द्वितीय अवसर पर परीक्षा शुल्क मुख्य परीक्षा के समान ही रहेगा तथा 'बेस्ट ऑफ टू अटेम्प्ट्स' सिद्धांत लागू रहेगा। यानी दोनों परीक्षाओं में प्राप्त श्रेष्ठ अंक अंतिम परिणाम में मान्य होंगे।
लुधियाना के जगराओं में भारतीय किसान यूनियन (एकता डकौंदा) ने पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ को बचाने के लिए अपना अभियान तेज कर दिया है। संगठन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि नई शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से वह देश की बहुसंख्यक आबादी से शिक्षा का अधिकार छीनने, शिक्षा को व्यवसायिक बनाने और इसका भगवाकरण करने का प्रयास कर रही है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मनजीत सिंह धनेर और उपाध्यक्ष अमनदीप सिंह लालटन ने कहा कि केंद्र सरकार पंजाब यूनिवर्सिटी की सीनेट और सिंडिकेट को भंग कर इसे पंजाब से अलग करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि पंजाब की जनता इस कथित साजिश को विफल करेगी। नेताओं ने बताया कि विश्वविद्यालय बचाओ मोर्चा के दबाव के कारण केंद्र सरकार को फिलहाल पीछे हटना पड़ा है। हालांकि, संगठन ने स्पष्ट किया है कि सीनेट चुनाव की तारीखों की घोषणा होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। सराभा गांव में निकाला जाएगा श्रद्धांजलि मार्च भारतीय किसान यूनियन (एकता डकौंदा) ने घोषणा की है कि वह 10 नवंबर को विश्वविद्यालय बचाओ मोर्चा द्वारा आयोजित बड़े प्रदर्शन में बड़ी संख्या में भाग लेगा। इसी क्रम में, संगठन ने गदर आंदोलन के महान शहीद करतार सिंह सराभा की 110वीं पुण्यतिथि पर सराभा गांव में एक श्रद्धांजलि मार्च निकालने का भी निर्णय लिया है। जिला अध्यक्ष जगतार सिंह देहड़का ने जानकारी दी कि यह वर्ष गदर आंदोलन की वीरांगना बीबी गुलाब कौर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। इस अवसर पर उन्हें भी श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। ब्लॉक अध्यक्ष रणवीर सिंह रुड़का ने बताया कि 15 नवंबर को जिलेभर की इकाइयों के कार्यकर्ता सुबह 11 बजे सराभा गांव में शहीद करतार सिंह सराभा की प्रतिमा के पास एकत्र होंगे। प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद उनके घर तक श्रद्धांजलि मार्च निकाला जाएगा।
कोटपूतली राजकीय एलबीएस पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ, चुनौतियों और भविष्य विषय पर एक व्याख्यान आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में नई शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। मुख्य वक्ता डॉ. प्रीति गुप्ता ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मौलिक सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने रचनात्मकता, कौशल विकास और बहुभाषिकता को बढ़ावा देने को नीति का आधार बताया। डॉ. गुप्ता ने उच्च शिक्षा में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के महत्वपूर्ण प्रावधानों पर भी विस्तृत चर्चा की। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आर. के. सिंह ने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि व्यक्तित्व के विकास और राष्ट्र निर्माण में शिक्षा की अहम भूमिका है। डॉ. सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होगी। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. सत्यवीर सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया और कॉलेज में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत लागू सेमेस्टर पद्धति की जानकारी दी। डॉ. उर्मिल महलावत ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप राजस्थान विश्वविद्यालय द्वारा संचालित पाठ्यक्रमों का परिचय दिया। सहायक आचार्य डॉ. चंदन सिंघल ने कार्यक्रम का संचालन किया, जबकि सहायक आचार्या बरखा ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर सह आचार्य देशराज यादव, सहायक आचार्य डॉ. माधुरी गंगावत और शीशराम मीना सहित बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित रहे।
डीडवाना के डॉ. भीमराव अंबेडकर आवासीय स्कूल में खुलेआम नकल करवाने के चर्चित मामले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। स्कूल की प्रिंसिपल सुनीता सोनी और शारीरिक शिक्षिका पंकज चौधरी को एपीओ (Awaiting Posting Orders) कर दिया गया है। यह कार्रवाई जिला कलेक्टर डॉ. महेंद्र खड़गावत के निर्देश पर हुई। शिक्षा विभाग और समाज कल्याण विभाग की संयुक्त जांच समितियों ने इस प्रकरण की रिपोर्ट तैयार कर शासन को सौंपी थी। कलेक्टर की अनुशंसा पर निदेशक शिक्षा विभाग ने प्रिंसिपल सुनीता सोनी को एपीओ किया, जबकि शारीरिक शिक्षिका पंकज चौधरी को संयुक्त निदेशक शिक्षा विभाग ने एपीओ आदेश जारी किए। दोनों का मुख्यालय बीकानेर निर्धारित किया गया है। गौरतलब है कि पावटा स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर आवासीय बालिका स्कूल में NIOS परीक्षा के दौरान खुलेआम नकल का एक वीडियो 29 अक्टूबर को बनाया गया था। यह वीडियो 3 नवंबर को सोशल मीडिया पर शेयर हो गया, जिसमें छात्राओं को बोर्ड पर लिखे उत्तरों से नकल करते हुए देखा गया था। वीडियो सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आया और जिला कलेक्टर ने तत्काल जांच के आदेश दिए। जांच में प्रिंसिपल की भूमिका संदिग्ध पाई गई, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। हालांकि, इस मामले में अभी भी कुछ सवालों के जबाव बाकी हैं। जिसमें यह शामिल है कि आवासीय बालिका स्कूल में बाहरी छात्रों को किस आधार पर प्रवेश दिया गया और NIOS परीक्षा केंद्र के रूप में स्कूल का चयन किन आदेशों पर किया गया। शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में आगे की जवाबदेही तय किए जाने की संभावना है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. बी राजेन्दर ने नालन्दा जिला शिक्षा अधिकारी आनंद विजय को पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लंबित आवेदनों का तत्काल निपटारा सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए हैं। यह आदेश शैक्षणिक सत्र 2022-23 से लेकर 2025-26 तक के सभी लंबित आवेदनों पर लागू होगा। अपर मुख्य सचिव के इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी छात्र को अपनी पढ़ाई जारी रखने में आर्थिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। वर्तमान में संस्थान और प्रखंड स्तर पर अधिकांश आवेदन लंबित पड़े हैं, जिससे छात्रों के बीच गंभीर आर्थिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही है। आवेदनों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि समग्र शिक्षा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) शाहनवाज ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 में कुल 77,695 छात्रों ने छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा कराया है। इसमें पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के 63,319 विद्यार्थी तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के 14,346 विद्यार्थी शामिल हैं। चालू शैक्षणिक सत्र 2025-26 में अब तक 36,250 छात्रों ने आवेदन किया है। इनमें पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के 29,402 विद्यार्थी और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के 6,848 छात्र-छात्राएं शामिल हैं। प्रशासनिक स्तर पर विलंब की समस्या जानकारों का कहना है कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के आवेदन संस्थान और प्रखंड स्तर पर काफी लंबे समय तक लंबित रहते हैं। इस प्रशासनिक देरी के कारण आवेदनों का समय पर सत्यापन और निपटारा नहीं हो पाता। हालांकि, जिला स्तर पर इन आवेदनों का तेज गति से निपटारा किया जा रहा है। छात्रों की सुविधा के लिए विशेष पहल समग्र शिक्षा कार्यालय में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति से संबंधित एक विशेष टीम गठित की गई है। इस काउंटर पर छात्रों की समस्याओं को सुना जाता है और उन्हें समाधान के संभावित तरीकों की विस्तृत जानकारी प्रदान की जाती है। अभी भी है आवेदन का मौका जो छात्र पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की पात्रता रखते हैं और अभी तक आवेदन नहीं कर सके हैं, उनके लिए अच्छी खबर है। वे 15 नवंबर तक संबंधित पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
शिक्षा विभाग: दो अफसरों का तबादला
शिक्षा विभाग में दो अधिकारियों को नई जिम्मेदारी दी गई है। इनमें राकेश पांडेय को डीपीआई में उप संचालक बनाया गया है। पांडेय अब तक जगदलपुर में संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय में प्रभारी संयुक्त संचालक थे।। एचआर सोम को जगदलपुर में प्रभारी संयुक्त संचालक की जिम्मेदारी दी गई है। वे अब तक डीपीआई में उप संचालक थे। मंत्रालय से स्कूल शिक्षा विभाग ने यह आदेश जारी किया है।
शंकराचार्य ने धर्म रक्षा के लिए शस्त्र-शास्त्र की शिक्षा दी, वंदेमातरम् में इसका समावेश: साय
प्रदेश के पांच संभाग में वंदेमातरम् संस्मरणोत्सव का हुआ आयोजन राष्ट्रगीत वंदेमातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर भाजपा ने प्रदेश के पांच संभाग में वंदेमातरम् संस्मरणोत्सव का आयोजन किया। इसी के साथ एक वर्ष तक चलने वाले समारोह की शुरुआत हो गई। मुख्य समारोह राजधानी के इंडोर स्टेडियम में हुआ। इसमें मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह आयोजन भावी पीढ़ी को राष्ट्रगीत की महत्ता समझाएगा। अंग्रेजों के खिलाफ आदि शंकराचार्य के आह्वान पर संन्यासी विद्रोह पर केंद्रित उपन्यास ‘आनन्द मठ’ में 1875 में वंदेमातरम् गीत की रचना की। आदि शंकराचार्य ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए शस्त्र और शास्त्र, दोनों की शिक्षा दी। इसका वंदेमातरम् में समावेश है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने कहा कि स्वतंत्रता के बाद सरदार वल्लभभाई पटेल और सुचेता कृपलानी के आग्रह पर पहली बार यह गीत आकाशवाणी पर प्रसारित हुआ। कार्यक्रम के अंत में केश शिल्प बोर्ड की अध्यक्ष मोना सेन ने वंदेमातरम् का गायन किया। भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष नंदन जैन ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी, श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक राजेश मूणत, पुरंदर मिश्रा, मोतीलाल साहू, सुनील सोनी, महापौर मीनल चौबे और नान अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव मौजूद रहे। महानदी भवन में लगी फोटो प्रदर्शनी मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मिलकर ‘वंदे मातरम्’ का सामूहिक गायन किया। इससे पहले वे नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्मरणोत्सव में वर्चुअली शामिल हुए। बाद में साय ने महानदी भवन में ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसमें ‘वंदे मातरम्’ के सृजन से राष्ट्रीय चेतना के प्रतीक बनने तक की ऐतिहासिक यात्रा को दिखाया गया है। कार्यक्रम में सांसद चिंतामणि महाराज, मुख्य सचिव विकास शील, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, संस्कृति विभाग के सचिव रोहित यादव, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, मुकेश बंसल, पी. दयानंद और डॉ. बसवराजू एस. उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को मप्र के स्वास्थ्य और वन विभाग के नव चयनित 877 अफसर-कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र सौंपे। सीएम ने कहा कि आज वंदेमातरम गान को 150 साल पूरे हो गए हैं। यह वह गान है जिसने आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। ऐसे ही देश की बटी हुई 600 रियासतों को एक करने में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने भूमिका निभाई।उन्होंने प्रशासनिक पुनर्गठन करके यूपीएससी जैसी परीक्षाएं शुरू कराईं। स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग को लेकर बोले कि देश में सबसे तेज मेडिकल कॉलेज बनाने वाला प्रदेश है हमारा। पीपीपी मोड पर भी हम अस्पताल शुरू कर रहे हैं। वहीं फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को लेकर कहा कि पहले शेर देखने पर डर का माहौल होता था, अब शेर दिखने का मतलब उस इलाके की शोभा माना जाता है। अपना अनुभव सुनाते हुए कहा कि मैंने भी चीते, घड़ियाल और वल्चर छोड़े। अब यह अलग बात है कि वल्चर उड़े नहीं। वन विभाग में 543 में से 76 फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में 334 शासकीय सेवक शामिल हुए। इनका मप्र लोक सेवा आयोग भर्ती परीक्षा के माध्यम से वर्ष 2024-25 में चयन हुआ। इनमें 75 एनेस्थेटिस्ट, 62 सर्जन, 106 शिशु रोग विशेषज्ञ और 91 नर्सिंग ऑफिसर शामिल थे। वन विभाग में कुल 543 को नियुक्ति पत्र मिले। इनमें 467 नव नियुक्त फॉरेस्ट गार्ड और 76 फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर शामिल हैं। इनका चयन मप्र कर्मचारी चयन मंडल भोपाल द्वारा आयोजित वनरक्षक भर्ती परीक्षा वर्ष 2022-23 और मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित वन क्षेत्रपाल भर्ती परीक्षा वर्ष 2020-21 के जरिए हुआ है।
गोंडा जिले की परसपुर पुलिस और यूपी एसटीएफ ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 50 हजार के इनामी आरोपी श्रीप्रकाश शर्मा को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी को परसपुर थाने लाया गया, जहां से उसे न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने श्रीप्रकाश शर्मा को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यह गिरफ्तारी माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड में नौकरी दिलाने के नाम पर की गई ठगी के मामले में हुई है। बीते जून माह में पुराना गांव निवासी अखिलेश प्रताप सिंह से 4.50 लाख रुपए की ठगी की गई थी। आरोपी श्रीप्रकाश शर्मा ने पैसा लेने के बावजूद अखिलेश प्रताप सिंह को नौकरी नहीं दिलाई और फरार हो गया था। पीड़ित अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने 20 जून को गोंडा के परसपुर थाने में श्रीप्रकाश शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। आरोपी की गिरफ्तारी के लिए परसपुर थाने की पुलिस लगातार प्रयास कर रही थी, लेकिन वह फरार चल रहा था। उसकी गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए पुलिस महानिरीक्षक देवी पाटन परिक्षेत्र अमित पाठक ने 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया था। आज यूपी एसटीएफ लखनऊ की टीम और परसपुर थाने की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। गोंडा के पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने बताया कि आरोपी श्रीप्रकाश शर्मा ने माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी की थी। परसपुर थाने में उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज था। पुलिस महानिरीक्षक देवी पाटन परिक्षेत्र द्वारा उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। यूपी एसटीएफ और परसपुर थाने की पुलिस ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार किया है। आरोपी से पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया है और परसपुर थाने की पुलिस आगे की जांच कर रही है।
अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के तहत शिक्षा विभाग कर्मचारी गण सहकारी सभा 696 कोटा-बारां द्वारा रक्तकोश फाउंडेशन व जागृति क्लब पारलिया के सहयोग से शनिवार को विशाल रक्तदान शिविर और सम्मान समारोह आयोजित होगा। कार्यक्रम में 175 यूनिट रक्त संग्रह का लक्ष्य रखा गया है।
पूर्णिया के हॉट सीट अमौर विधानसभा पर अपनी पकड़ मजबूत करने की कवायद में जुटे AIMIM प्रमुख असुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को विशाल जनसभा को संबोधित किया। पार्टी प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी की ये जनसभा अमौर के बड़ा ईदगाह सर्वेली हाई स्कूल में हुई। सभा स्थल पर ओवैसी को सुनने हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी। ओवैसी ने मंच से संबोधन की शुरुआत करते हुए अमौर से प्रत्याशी विधायक अख्तरुल ईमान के लिए लोगों से वोट करने और भारी मतों से जीत दिलाने की अपील की। सभा को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि कब तक कश्ती से गिरकर पानी में डूबकर मरेंगे। हमारी बेटियां, हमारी बहनें 9 महीने तक कोख में रखकर बच्चे को पालती पोसती हैं, मगर अफसोस इनमें से कई बच्चे 6 महीने बाद भी दम तोड़ देते हैं। ऐसे सबसे अधिक बच्चे सीमांचल से ही होते हैं। कब तक हमारे नौजवान बच्चे 16 साल की उम्र में अमौर को छोड़कर दिल्ली, पंजाब, हैदराबाद, हरियाणा, काश्मीर, केरल जाते रहेंगे। AIMIM अमौर और सीमांचल में जीती तो मैट्रिक और इंटर में बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराएगी। 'सीमांचल का बेटा पढ़-लिखकर मजबूत पुल बनाएगा, जिसकी मिसाल गढ़ी जाएगी' ओवैसी ने कहा कि मोदी-नीतीश-तेजस्वी के पुल पानी में गिर जाते। मगर सीमांचल का बेटा पढ़ लिखकर ऐसा मजबूत पुल बनाएगा जिसकी मिसाल गढ़ी जाएगी। बेटियां पढ़ लिखकर डॉक्टर बनेगी, जिससे यहां के लोगों को बेहतर इलाज मिल सके। मैं सीमांचल के लिए हाथ फैलाकर आपसे वोट मांगता हूं। मैंने आपके खातिर सबकी गाली खाई, सबकी बातें बर्दाश्त की। मैं लंदन में रहा। हैदराबाद नहीं आया। वहां दुकानों, होटलों में काम किया। वहां 5 साल तक रात रात भर लाइब्रेरी में बैठकर पढ़ाई की। अल्लाह ने मुझे इस काबिल बनाया कि आज मुझे मुकाम मिला। मेरी पढ़ाई से किसी का भला न हो तो फिर इसका क्या फायदा। सुन लो जालिमों, सुन लो मोदी नीतीश, कांग्रेस और राजद वालों सीमांचल के घर -घर पतंग पहुंच चुकी है।सीमांचल का बच्चा-बच्चा कह रहा है मुझे ओवैसी से बड़ा लीडर बनना है। बेटियां ओवैसी से बड़ा डॉक्टर, लीडर और बैरिस्टर बनेगी। अल्लाह से गुजारिश है कि मेरी आंख बंद होने से पहले मैं ये सारी चीजें देख लूं। सुन लो सबा जफर और जलील मस्तान चैन छिनने वालों AIMIM के जीत से तुम और बेचैन हो जाओगे। अमौर से अख्तरुल ईमान, बायसी से गुलाम सरवर चुनावी मैदान में अमौर से मौजूदा विधायक और AIMIM प्रत्याशी अख्तरुल ईमान, जबकि बायसी से गुलाम सरवर मैदान में हैं। दोनों सीटों पर AIMIM ने पिछली बार जीत दर्ज की और इस बार पार्टी फिर से सीमांचल में अपनी पुरानी पकड़ कायम करने की पुरजोर कोशिश में है। AIMIM प्रत्याशियों का कहना है कि पार्टी गरीबों, किसानों, मजदूरों और नौजवानों की आवाज बनकर न्याय और समान अवसर की लड़ाई लड़ रही है। पूर्णिया की अमौर विधानसभा हॉट सीट में से एक है। इस सीट से AIMIM के प्रदेश अध्यक्ष और अमौर विधानसभा से विधायक अख्तरुल, महागठबंधन से कांग्रेस के अब्दुल जलील मस्तान और NDA से जदयू के सबा जफर चुनावी मैदान में हैं। जबकि बायसी विधानसभा से AIMIM के गुलाम सरवर, महागठबंधन से राजद प्रत्याशी हाजी अब्दुस सुबहान और NDA से भाजपा प्रत्याशी विनोद यादव चुनावी मैदान में हैं। दोनों ही सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला है।
छत्तीसगढ़ के धमतरी में एक शिक्षक ने राज्योत्सव के दौरान स्कूल में शिक्षा व्यवस्था और किताबों की कमी को लेकर वॉट्सऐप स्टेटस डाला था। जिसे जिला शिक्षा अधिकारी ने सस्पेंड कर दिया है। शासन के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी मानते हुए यह कार्रवाई की गई। मामला कुरूद ब्लॉक के नारी प्राइमरी स्कूल का है। जहां ढालूराम साहू सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ है। 31 अक्टूबर को शिक्षक ने अवस्था को लेकर वॉट्सऐप स्टेटस डाला। जो कि तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद डीईओ ने बैठक बुलाकर निलंबन आदेश जारी कर दिया। इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल ने शिक्षा व्यवस्था और किताबों की कमी को लेकर पोस्ट किए गए स्टेटस को शासकीय आचरण नियमों का उल्लंघन बताया है। जानिए शिक्षक ने स्टेटस में क्या लिखा? शिक्षक ने अपने स्टेटस में लिखा था- “बच्चों की शिक्षा व्यवस्था ठप और हम चले राज्य स्थापना दिवस मनाने। क्या हम राज्योत्सव मनाने के लायक हैं? अभी तक स्कूल में बच्चों को पूरी पुस्तक नहीं मिल पाई है, इसका जिम्मेदार कौन है? जब तक बच्चों को पूरी पुस्तक नहीं मिल जाती, सहायक शिक्षक से लेकर डीईओ, कलेक्टर और शिक्षा मंत्री तक का वेतन रोक देना चाहिए।” अभी तक हिंदी की किताबें नहीं मिलीं- बच्चे शिक्षक के इस स्टेटस के बाद जब स्कूल की हकीकत सामने आई तो बच्चों ने बताया कि उन्हें अभी तक हिंदी की किताबें नहीं मिलीं। अंग्रेजी, गणित और पर्यावरण की किताबें तो मिली हैं, लेकिन हिंदी की किताबें पुरानी हैं और एक पुस्तक से तीन बच्चे पढ़ रहे हैं। शासकीय आचरण नियमों का उल्लंघन डीईओ अभय जायसवाल ने कहा कि शिक्षक की ओर की गई टिप्पणी शासकीय आचरण नियमों का उल्लंघन है, इसलिए उन्हें निलंबित किया गया है। उन्होंने बताया कि किताबों की आपूर्ति चरणबद्ध तरीके से की जा रही है और संकुल समन्वयक के माध्यम से वितरण जारी है।
सोनभद्र के शिक्षा विभाग में कूटरचित शासनादेश के आधार पर फर्जी वेतन भुगतान का एक बड़ा मामला सामने आया है। वर्तमान जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) जयराम सिंह की तहरीर पर रॉबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस ने तत्कालीन डीआईओएस सहित नौ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस मामले की अग्रिम जांच में जुट गई है। वर्तमान डीआईओएस जयराम सिंह ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि जंग बहादुर सिंह इंटर कॉलेज, शाहगंज में तैनात तथाकथित सहायक अध्यापक गुलाब, ओम प्रकाश सिंह और राकेश श्रीवास्तव का वेतन कूटरचित एवं फर्जी शासनादेश के आधार पर जारी किया गया था। इन तथाकथित सहायक अध्यापकों को फर्जी शासनादेश का आधार बनाकर वेतन भुगतान और सेवा संबंधी अन्य लाभ प्रदान किए गए थे। हालांकि, यह मामला संज्ञान में आने के बाद तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक ने इन अध्यापकों के वेतन भुगतान पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। वेतन भुगतान पर रोक लगाए जाने के बाद उच्च न्यायालय में याचिका/विशेष याचिका दायर की गई है, जो फिलहाल न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। शासन के निर्देशानुसार, 21 दिसंबर 2016 के कूटरचित और फर्जी पत्र में संलिप्तता के आरोप में तत्कालीन डीआईओएस प्रभुराम चौहान (सेवानिवृत्त, निवासी हेतिमपुर, लंगरपुर, महराजगंज, गाजीपुर), अतुल कुमार श्रीवास्तव (तत्कालीन आशुलिपिक, डीआईओएस कार्यालय सोनभद्र, वर्तमान में मिर्जापुर), अशोक कुमार (तत्कालीन वरिष्ठ सहायक/लेखाकार, डीआईओएस कार्यालय, सेवानिवृत्त, निवासी इग्लिशिया, बलिया), हिमांशु सिंह (तत्कालीन प्रबंधक, जंग बहादुर सिंह इंटर कॉलेज, शाहगंज, सेवानिवृत्त), अमरनाथ दुबे (तत्कालीन प्रधानाचार्य, जंग बहादुर सिंह इंटर कॉलेज, शाहगंज, सेवानिवृत्त), रामानुज शुक्ला (तत्कालीन लिपिक, जंग बहादुर सिंह इंटर कॉलेज, शाहगंज), तथा तथाकथित सहायक अध्यापक गुलाब, ओम प्रकाश सिंह और राकेश कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। रॉबर्ट्सगंज कोतवाली प्रभारी निरीक्षक माधव सिंह ने बताया कि इस मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज कर ली गई है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
फिरोजाबाद के थाना टूंडला क्षेत्र में शिक्षामित्र की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। शव शुक्रवार सुबह एफएच मेडिकल कॉलेज के पास मिला। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा, जिसके बाद परिजनों ने उसकी शिनाख्त की। मृतक की पहचान 43 वर्षीय दीनदयाल पुत्र स्व. वीरपाल सिंह के रूप में हुई है। वह फिरोजाबाद के सत्य नगर, टापा कला, थाना उत्तर का निवासी था। दीनदयाल प्राथमिक विद्यालय पुरानी गढ़ी, बछगांव, थाना नारखी में शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत थे। पढ़िए पूरी खबर... प्रयागराज में पत्नी को तीन तलाक, ओमान से महिला के मोबाइल पर भेजा मैसेज; ससुराल वालों ने घर से निकाला प्रयागराज में ओमान से मैसेज भेजकर पति ने पत्नी को 3 तलाक दे दिया। तलाक के बाद महिला ने करेली थाने मुकदमा दर्ज करया है। पीड़ित महिला गौसिया ने कहा- मेरा निकाह 5 दिसंबर 2024 को राजस्थान के झुंझुनू जिले के मोहम्मद मुस्लिम कुरैशी से मुस्लिम रीति-रिवाज से हुआ था। शादी के बाद से ही पति कम दहेज मिलने पर नाराज रहता था और छोटी-छोटी बातों पर गाली-गलौज व मारपीट करता था। 22 मार्च को ससुरालवालों ने उसे घर से निकाल दिया। वह पहले अपने रिश्तेदार के घर गई और फिर मई में प्रयागराज लौट आई। पढ़िए पूरी खबर... गाजियाबाद में ग्राम प्रधान के घर ताबड़तोड़ फायरिंग, रात में बाइक और गाड़ी से पहुंचे हमलावर; बेटे ने भागकर जान बचाई गाजियाबाद के थाना वेव सिटी क्षेत्र के ग्राम पूठी में गुरुवार रात डरावनी घटना सामने आई। ग्राम प्रधान वीरेंद्र यादव के घर पर कार सवार अज्ञात हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस दौरान ग्राम प्रधान के बेटे अनुज यादव ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। घटना के दौरान घर और कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों में पूरी वारदात कैद हो गई। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है और हमलावरों की तलाश में जुट गई है। पढ़िए पूरी खबर... मेरठ में एक दिन में मिले डेंगू के 5 मरीज: लैप्टोस्पायरोसिस समेत अन्य संक्रमण वाली बीमारियों के मरीजों में भी बढ़ोतरी मेरठ में बदलते मौसम के साथ संक्रमण जनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ने लगा है। सीएमओ ऑफिस से मिले आंकड़ों के अनुसार डेंगू के पांच और लैप्टोस्पायरोसिस के दो मरीज एक दिन में ही मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग ने स्थिति पर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। पढ़िए पूरी खबर... इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर के अधिकारों में दिया बड़ा फैसला, शैक्षिक दस्तावेजों में नाम और जेंडर बदलने से इनकार का आदेश रद्द इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों को लेकर अहम फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकलपीठ ने माध्यमिक शिक्षा परिषद, बरेली के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें याची शरद रोशन सिंह की शैक्षिक दस्तावेजों में नाम और जेंडर परिवर्तन की मांग को ठुकरा दिया गया था। हाईकोर्ट ने इस फैसले से ट्रांसजेंडर समुदाय के शैक्षिक और कानूनी अधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण मिसाल कायम की है। पढ़िए पूरी खबर... प्रयागराज में टीचर की फोटो भेजकर रिश्ता तुड़वाया: सुसाइड की धमकी देकर किया ब्लैकमेलिंग प्रयागराज में एक निजी कॉलेज की 28 वर्षीय महिला शिक्षिका ने आरोप लगाया है कि वॉट्सऐप पर फोटो भेजकर उसके रिश्ते को तोड़ा गया। आरोप है कि जान-पहचान वाला युवक पहले सुसाइड करने की धमकी देकर बातचीत शुरू करता रहा और शिक्षिका की बात न मानने पर उसे बदनाम करने लगा। शिक्षिका ने इस संबंध में लखनऊ के रहने वाले युवक के खिलाफ करेली थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
राजस्थान में सीमावर्ती जिलों में टीचरों की भारी कमी और असमान स्टाफिंग व्यवस्था को लेकर शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को चिट्ठी लिखी। भाटी ने राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में समान रूप से स्टाफिंग पैटर्न सिस्टम लागू करने की मांग की है, ताकि शिक्षा संसाधनों का संतुलित वितरण सुनिश्चित हो सके। भाटी ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि प्रदेश के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत टीचरों के पदों की स्थिति बेहद असमान है। इस असमानता का असर विशेष रूप से सीमावर्ती जिलों पर अधिक दिखाई देता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के प्राथमिक शिक्षा विभाग में औसतन 13.76% पद रिक्त हैं, जबकि सीमावर्ती जिलों में यह आंकड़ा चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है- बाड़मेर में 20.01%, जैसलमेर में 21.13%, बीकानेर में 16.87% और सिरोही में 22.52% पद खाली हैं। इसी प्रकार माध्यमिक शिक्षा विभाग में भी स्थिति गंभीर है। राज्य स्तर पर टीचरों के 26.93% पद रिक्त हैं, जबकि सीमावर्ती जिलों में ये प्रतिशत क्रमशः बाड़मेर में 40.32%, जैसलमेर में 40.56%, बीकानेर में 29.59% और सिरोही में 34.07% तक पहुंच गए हैं। सीमावर्ती जिलों में टीचरों की भारी कमीभाटी ने कहा कि यह स्थिति न केवल सीमावर्ती क्षेत्रों की शिक्षा को रोक रही है। बल्कि यहां के स्टूडेंट्स के भविष्य पर भी विपरीत प्रभाव डाल रही है। सीमावर्ती इलाकों की भौगोलिक और जनसंख्या संबंधी चुनौतियों के कारण यहां टीचरों की भारी कमी बनी रहती है। उन्होंने मांग की है कि आगामी शैक्षणिक सत्र से राज्य में टीचरों की नियुक्ति के लिए समान स्टाफिंग पैटर्न सिस्टम लागू किया जाए। ताकि प्रत्येक जिले में शिक्षा संसाधनों का संतुलित वितरण हो सके और सीमावर्ती जिलों के स्टूडेंट्स को भी समान अवसर मिल सकें। टीचरों की नियुक्ति समान रूप से लगाने की मांगभाटी ने कहा कि “शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है - और इस अधिकार को समान रूप से लागू करने के लिए टीचरों का संतुलित लगाया जाना अनिवार्य है। राज्य को ऐसी नीति अपनानी चाहिए जिससे किसी भी क्षेत्र के स्टूडेंट को शिक्षा के अवसरों से वंचित न होना पड़े।”
‘विद्या ददाति विनयम्' ही सच्ची शिक्षा का आधार: महेन्द्रू
भास्कर न्यूज | अमृतसर भारतीय विद्या भवन केंद्र के तत्वावधान में ‘16वीं ऑल इंडिया कॉन्फ्रेंस फॉर प्रिंसिपल्स ऑफ भवन्ज सेकेंडरी एंड सीनियर सेकेंडरी स्कूल्स’ की शुरुआत हुई। भवन्ज एसएल पब्लिक स्कूल में 9 नवंबर तक चलने वाली इस कांफ्रेंस में भवंस के समूह प्रिंसीपल्स पहुंचे हैं। कांफ्रेंस की शुरुआत वीरवार को राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से की। यह राष्ट्रीय सम्मेलन देशभर के भवन्ज स्कूलों के प्राचार्यों के लिए एक सशक्त मंच है, जहां उन्होंने नवीन रुझानों, संस्थागत विकास और साझा मूल्यों पर विचार-विमर्श किया। इस वर्ष सम्मेलन का विषय है ‘अपनी जड़ों से जुड़े रहते हुए क्षितिज का विस्तार’। इस विषय पर आधारित विभिन्न सत्रों का संचालन देश के प्रख्यात शिक्षाविदों एवं विचारशील व्यक्तित्वों द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में भारतीय विद्या भवन मुंबई के महानिर्देशक एवं कार्यकारी सेक्रेटरी जगदीश लखानी, ट्रस्टी एवं सदस्य एसजी एने, ट्रस्टी डॉ. दिनेश के दफ्तरी, चिन्मय मिशन चेन्नई के हैड स्वामी मित्रानंद, भारतीय विद्या भवन शिक्षण भारती निर्देशक मधुका मल्होत्रा तथा पॉली मेनाचेरी मुख्यातिथि के तौर पर पहुंचे। भवन्ज प्रबंधन के सदस्यों ने मुख्यातिथियों का स्वागत किया। भवन्ज अध्यक्ष अविनाश महेन्द्रू ने पंजाब के गवर्नर का आभार जताया और कहा कि यदि हम वास्तव में ‘विद्या ददाति विनयम्’ (ज्ञान विनम्रता देता है) के ध्येय वाक्य को आत्मसात करें, तो हम भारतीय विद्या भवन द्वारा स्थापित आदर्शों और मूल्यों को अपने जीवन में सच्चे अर्थों में धारण कर सकते हैं। पॉली मेनाचेरी ने कहा कि भारतीय विद्या भवन सदैव गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और कौशल-विकास के माध्यम से विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के योग्य बनाने के अपने मिशन पर अटल रहा है। उन्होंने कहा कि सच्ची शिक्षा वह है जो विद्यार्थियों को जीवन की कठिनाइयों का सामना शक्ति, विवेक और भारतीय संस्कारों के साथ करने में सक्षम बनाती है। इसके उपरांत विद्यालय की वार्षिक पत्रिका आभा तथा चिन्मय अमृत द्वारा ‘100 इंस्पिरेशनल थॉट्स’ पुस्तक का औपचारिक अनावरण किया गया। इस दौरान राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षिका विजय पुरी ने ‘लीडिंग बाय एग्ज़ाम्पल’ विषय पर सत्र दिया, जिसमें उन्होंने बताया कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य प्रत्येक विद्यार्थी की प्रतिभा को पहचानना और उसे विकसित करना है।
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के लिए हुए चुनाव में लेफ्ट यूनिटी की कैंडिडेट अदिति मिश्रा ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल कर ली है। अदिति ने चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंदी एबीवीपी के कैंडिडेट विकास पटेल को मात दी है। अदिति के जीत के साथ वाराणसी में भी चर्चा बढ़ गई है क्योंकि वह बीएचयू की पूर्व छात्र और वाराणसी की ही रहने वाली है। पहले जानिए कौन हैं अदिति मिश्रा? अदिति मिश्रा उत्तर प्रदेश के बनारस की रहने वाली हैं यहां उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है। 2017 में जब अदिति बीएचयू में ग्रेजुएशन की छात्रा थीं, तब उन्होंने महिला हॉस्टल में कर्फ्यू को लेकर हुए आंदोलन में हिस्सा लिया था। इसके बाद 2018 में अदिति ने पांडिचेरी विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। अदिति नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ चले विरोध प्रदर्शनों में भी सक्रिय रूप से भाग ले चुकी हैं। 2017 में BHU के प्रोटेस्ट की हिस्सा रहीं 1 सितंबर 2017 की रात BHU की एक छात्रा ने आरोप लगाया कि मोटरसाइकिल सवार कुछ युवकों ने कैंपस के अंदर उसके साथ छेड़खानी की। छात्रा की शिकायत के बाद यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन और सिक्योरिटी गॉर्ड ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके उलट, पूछा कि वो इतनी रात को हॉस्टल से बाहर क्यों निकली थी। इस जवाब से छात्राओं में रोष पैदा हुआ। अगले दिन यानी 22 सितंबर की सुबह से छात्राओं ने यूनिवर्सिटी के मेन गेट (सिंहद्वार) पर प्रोटेस्ट और नारेबाजी शुरू कर दी। उनका नारा था - 'हमें सुरक्षा नहीं, समानता चाहिए।' छात्राओं का कहना था कि रात 8 बजे हॉस्टल में वापस लौटने की जबरन कर्फ्यू नीति और जेंडर बेस्ड डिस्क्रीमिनेशन यानी लिंग आधारित भेदभाव बंद किया जाए। साथ ही कैंपस में CCTV और गार्ड पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए। अब जानिए जीत के बाद अदिति मिश्रा ने क्या कहा JNU लेफ्ट पॉलिटिक्स की लेगसी है,जो एक स्ट्रांग यूनियन होता है जो गुंडागर्दी और जो सेंट्रल गवर्नमेंट यहां बैठकर हमारा फंड कट रही है उसके खिलाफ यह माइंडेड हमें मिला है। उन्होंने कहा कि झूठ और फारेब की राजनीति पार्लियामेंट से शुरू होती है। उन्होंने कहा मैं अपने राजनीति में स्टूडेंट्स के हक की बात करेंगे। उन्होंने कहा सरकार जेएनयू से नफरत करती है वह यहां की पढ़ाई महंगी करनी चाहती है हम उसके खिलाफ लगातार आवाज उठाएंगे। उन्होंने कहा कि परिवार में हमने बात की सभी खुश हैं। जल्द ही वाराणसी आयेंगे।
भिवानी के लघु सचिवालय के बाहर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा एवं स्कूल टीचर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने प्रदर्शन किय। इस दौरान धरना देकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं कहा कि जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा किया जाए। अध्यापक संघ के जिला प्रधान अजीत राठी व हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ का राज्य संगठन सचिव सुखदर्शन सरोहा ने कहा कि अध्यापकों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। इसके बाद 8 नवंबर को प्रदेशभर के अध्यापक पानीपत में शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव करेंगे। वहीं आगे की रणनीति भी बनाएंगे। सरकार मांगों को करे पूराउन्होंने कहा कि नव उदारवादी नीतियों के चलते सरकार भी बाजार के ढंग से खर्च घटाने की नीति पर चलते हुए रोजगार के स्वरूप, सेवा शर्तों और वेतन ढांचे में ऐसे बदलाव कर रही है। जिनका शिक्षा के साथ-साथ शिक्षकों व उनके परिवारों के हितों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इसके चलते अध्यापकों की कार्य क्षमता पर भी ऋणात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका है। सरकार इसके जरिए जो प्रत्यक्ष बचत करना चाहती है उसका प्रशासनिक दक्षता एवं शिक्षा की गुणवत्ता में कमी आने से नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना ही अधिक है। सरकार को समय-समय पर एक आदर्श नियोक्ता की तरह अपने अध्यापकों की समस्याओं का निराकरण करते रहना चाहिए। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की ओर से एक जिम्मेदार और कर्तव्यनिष्ठ संगठन के रूप में अध्यापकों की मांग पूरी की जाए। ये रखी मांगउन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी, शहरों के विस्तार और नई जरूरतों के अनुसार सार्वजनिक शिक्षा का विस्तार किया जाए और उसकी गुणवत्ता बढ़ाई जाए। अध्यापकों से शिक्षण के इलावा कोई भी गैर शैक्षणिक कार्य न लिया जाए। 2 साल की सेवा के आधार पर सभी कच्चे अध्यापकों (अतिथि, कंप्यूटर, वोकेशनल, आरोही स्कूलों के स्टाफ व एचकेआरएन) को नियमित करने की नीति बनाई जाए। 1 जनवरी 2026 से लागू किए जाने के उद्देश्य से राज्य के अध्यापकों/कर्मचारियों के लिए अलग वेतन आयोग गठित किया जाए। पुरानी पेंशन योजना 1 जनवरी 2006 से बहाल की जाए। सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और विस्तार करते हुए समस्त अध्यापकों / कर्मचारियों एवं जनता के लिए निःशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था की जाए।
भिंड में एड्स जागरूकता वर्कशॉप में अध्यक्षता कर रहीं रेखा सुमन ने शिक्षा पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा युवाओं को एड्स जैसे वायरस से बचाव की दिशा दिखा सकती है। मुख्य अतिथि अनुग्रह दत्त शर्मा ने बताया एचआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ रहना या काम करना पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि एड्स वायरस छूने, साथ खाने या गले मिलने से नहीं फैलता, बल्कि यह केवल असुरक्षित संबंधों, संक्रमित सुई या रक्त के माध्यम से फैलता है। समाज में एड्स पीड़ितों के प्रति डर या भेदभाव की भावना नहीं, बल्कि सहयोग और सहानुभूति की जरूरत है। मेहगांव के स्थित शासकीय महाविद्यालय में 'लाल रिबन – आशा, समर्थन और जागरूकता का प्रतीक' विषय पर आयोजन हुआ। प्रो. शर्मा ने कहा कि लाल रिबन आशा, समर्थन और जागरूकता का प्रतीक है, जो हमें एड्स रोगियों के प्रति संवेदनशील रहने का संदेश देता है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे सुरक्षित जीवनशैली अपनाएं और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराते रहें। 'एड्स जागरूकता के लिए काम कर रही संस्थाओं की मदद करें'कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. रेखा सुमन ने कहा कि कई संस्थाएं एड्स जागरूकता के लिए काम कर रही हैं, इसलिए हमें उनका सहयोग करना चाहिए और समाज में सकारात्मक संदेश फैलाना चाहिए। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने एड्स से बचाव, सुरक्षित जीवनशैली और सहयोग की भावना को अपने पोस्टरों के माध्यम से प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया। निर्णायकों ने रचनात्मकता और संदेश की स्पष्टता के आधार पर विजेताओं का चयन किया। इसमें दीपांजलि भदौरिया ने प्रथम, काजल भदौरिया ने द्वितीय और तनु भदौरिया ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विजेताओं को मुख्य अतिथि प्रो. अनुग्रह दत्त शर्मा एवं आइक्यूएसी प्रभारी द्वारा प्रमाण पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर प्रो. आलोक मिश्रा, प्रो. वंदना श्रीवास्तव, डॉ. दुर्गेश गुप्ता, प्रो. अंबुजा गुप्ता सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। कार्यक्रम के अंत में 60 से अधिक विद्यार्थियों ने समाज में एड्स से जुड़ी भ्रांतियों को दूर कर जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया।
आगरा में कोठी मीना बाजार के सामने अत्याधुनिक साइंस पार्क और नक्षत्रशाला की सौगात मिलने जा रही है। गुरुवार को साइंस पार्क और नक्षत्रशाला का शिलान्यास किया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय और केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने भूमि पूजन किया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार कहा- उत्तर प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के द्वारा साइंस पार्क और नक्षत्रशाला का निर्माण कराया जा रहा है। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय की ये विधानसभा है। जब विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री थे। तो इन्हीं का ये प्रयास था। जिसे हमने बस कार्रवाई कर आगे बढ़ाने का काम किया है। जो बच्चे साइंस में अच्छे है, उन्हें बढ़ावा मिलेगा। जो लोग आगरा में आएंगे वो ताज महल और लाल किले को देखेंगे। तो वो निश्चित रूप से साइंस पार्क को भी जरूर देखने आएगे। हम यहां पर पहले चरण में विज्ञान पार्क का निर्माण करा रहे है। और बहुत ही कम समय में इसे पूरा किया जाएगा। जिसके बाद विभाग एक नक्षत्रशाला देने का काम करेगा। जिससे बच्चों को पता चलेगा ब्रह्मांड में क्या गतिविधि होती है। इसी के चलते प्रदेश में साइंस को बढ़ावा मिलेगा। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय कहा- आगरा को साइंस पार्क और नक्षत्रशाला विज्ञान का पर्यटन का केंद्र भी बनाएगी। जिस दिन से बीजेपी की सरकार आई है। उसी दिन से प्रदेश और आगरा को कोई न कोई उपहार मिलता रहा है। आगरा की इस नक्षत्रशाला से न सिर्फ शिक्षा बल्कि खगोल शास्त्र के साथ शैक्षिक पर्यटन बढ़ेगा और आगरा में समृद्धि आएगी। विस्तार से पढ़े आगरा को अत्याधुनिक साइंस पार्क और नक्षत्रशाला की सौगात मिलने जा रही है। यूपी के तीसरे साइंस पार्क व नक्षत्रशाला का शिलान्यास यूपी सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अनिल कुमार के साथ उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय 6 नवंबर को करेंगे। इस पर लगभग 39.42 करोड़ रुपए खर्च होंगे। 18 महीने में साइंस पार्क व नक्षत्रशाला बनकर तैयार होगी। शाहगंज स्थित कोठी मीना बाजार मैदान के सामने स्थित ACP लोहामंडी कार्यालय के पीछे यह योजना मूर्त रूप लेगी। इसके लिए बेसिक शिक्षा विभाग की जमीन को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को ट्रांसफर किया गया है। इतने क्षेत्रफल में मूर्त रूप लेगी योजना 11,149 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में विकसित होने वाले साइंस पार्क में ग्राउंड फ्लोर पर अत्यधिक नक्षत्रशाला बनेगी। वहीं, लगभग 4,943 वर्ग मीटर क्षेत्र में आकर्षक साइंस पार्क विकसित किया जाएगा। साइंस पार्क परिसर में एग्जिबिशन हॉल, साइंस वर्कशॉप, पैंट्री, कार्यशाला कक्ष के साथ पर्याप्त अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। कैबिनेट मंत्री ने किए प्रयास इस योजना के लिए उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने प्रयास किए थे। उन्होंने बताया-जब उनके पास विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी थी उस समय इस योजना की कार्य योजना तैयार कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। कैबिनेट में प्रस्ताव पारित होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ से अनुरोध कर बेसिक शिक्षा विभाग की भूमि को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में स्थानांतरित कराया गया था। उन्होंने बताया-39.62 लाख रुपए की लागत से बनने वाली नक्षत्रशाला एवं साइंस पार्क उत्तर प्रदेश की तीसरी विकसित नक्षत्रशाला होगी। नक्षत्रशाला के निर्माण से छात्रों को खगोलशास्त्र के रहस्यों को समझने का अवसर मिलेगा। इससे शैक्षिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा व स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। ऊर्जा संरक्षण एवं पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए पूरा परिसर सौर ऊर्जा द्वारा संचालित किया जाएगा। साइंस पार्क में आने वाले विद्यार्थी प्रकृति के जटिल व्यवहार भी खेल-खेल में सीख सकेंगे। पार्क में सामान्य वैज्ञानिक सिद्धांतों को समझने वाले कई मॉडल होंगे, जो बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र होने के साथ ही शिक्षा भी देंगे। इसके साथ ही साइंस पार्क में झूलों के जरिए उनकी विशेषता बताई जाएगी। झूलों का आधार हमेशा केंद्र में नहीं होगा। ताकि, बच्चे समझ सकें कि एक पतला सा बच्चा भी बिना किसी विशेष प्रयास के मोटे बच्चे को भी आसानी से उठा सके। झूलों की लंबाई भी अलग-अलग होगी, ताकि झूलते हुए बच्चे की लंबाई व समय के बीच संबंध को समझ सकें।
भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव ने एक बार फिर राम मंदिर को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा- राम मंदिर में पढ़कर मैं मास्टर, प्रोफेसर या अफसर बन जाऊंगा क्या? नहीं। राम मंदिर आस्था का विषय है, वह अलग है। लेकिन शिक्षा के लिए काम होना चाहिए। शिक्षा से देश चलाया जा सकता है। खेसारी ने कहा- राम मंदिर बनाइए, मस्जिद बनाइए, उसके लिए जो करना है कीजिए, लेकिन शिक्षा के लिए भी काम कीजिए। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए यूनिवर्सिटी खोलिए, रोजगार दीजिए। क्या उसके लिए हम डोनाल्ड ट्रम्प को वोट करेंगे?” खेसारी लाल यादव बिहार की छपरा सीट से राजद प्रत्याशी हैं। गुरुवार को उन्होंने छपरा में वोट डाला। इस दौरान मीडिया से उन्होंने बात की। खेसारी ने कहा, 'भगवान हमारे दिल और भक्ति में बसते हैं, मंदिरों में तो बस एक मूर्ति होती हैं। इसलिए, सब कुछ बनाइए। सिर्फ मंदिर क्यों? ये लोग बदलते रहते हैं। अगर आप इनसे विकास के बारे में सवाल करेंगे, तो ये आपको 'मंदिर-मस्जिद' या 'सनातन' ले जाएंगे, बकवास करेंगे और आपको वहीं व्यस्त रखेंगे। मैं किसी से नहीं डरता। मैं जो हूं, वो जनता ने ही मुझे बनाया है।' आगे बढ़ने से पहले पोल में हिस्सा लें- 10 दिन पहले कहा था- राम मंदिर से जरूरी स्कूल और हॉस्पिटलदरअसल, 27 अक्टूबर को खेसारी ने एक इंटरव्यू में कहा था- राम मंदिर तो जरूरी है, लेकिन उससे जरूरी है देश में स्कूल, हॉस्पिटल और बाकी जरूरी व्यवस्थाएं हैं। किसी भगवान के लिए श्रद्धा दिल में होती है। मंदिर में भगवान नहीं होते हैं। हमारे दिल में होते हैं, उत्पन्न होते हैं, तभी हम मंदिर जाते हैं। मेरा विषय है कि मंदिर बनना चाहिए, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मंदिर नहीं बनना चाहिए। मंदिर बनना चाहिए, लेकिन लोगों का ख्याल भी रखिए। आप यह बताइए कि आप मंदिर ही बना दो और लोगों के पेट में अन्न ही न दें तो भूखे पेट भजन होता है क्या? और रवि भैया की बात के लिए आप बिल्कुल कुछ मत कहिए वह तो जीने के लिए कुछ बनाते नहीं है वह तो मरने के लिए बनाते हैं। रविकिशन ने खेसारी को दिया था जवाब, कहा था- मेरे शब्दबाण से नहीं बचेंगे 29 अक्टूबर को गोरखपुर सांसद और एक्टर रवि किशन ने खेसारी लाल यादव के बयान पर पलटवार किया। कहा था- जहां सनातन विरोध की बात आएगी, प्रभु श्रीराम का मंदिर क्यों बना ये सवाल उठेगा, तो मेरा सगा भाई ही क्यों न हो। मेरे शब्द बाण से बच नहीं पाएगा। आप चुनाव जीतिए, आसमान में जाकर चफना जाइए। लेकिन भगवान राम, सनातन का अपमान...भइया हो, माई हो, मत करा। बहुत चोट लगेला। 4 दिन पहले अखिलेश ने खेसारी के समर्थन में रैली की थी 2 नवंबर को अखिलेश यादव ने खेसारी लाल के समर्थन में छपरा में रैली की थी। उन्होंने कहा था- इस बार का बिहार चुनाव पूरे देश के लिए खास है। पूरा देश बिहार की ओर देख रहा है। लेकिन जिस तरह से छपरा में चुनाव हो रहा है, वैसा पूरे बिहार में नहीं। छपरा और यहां के प्रत्याशी की चर्चा पूरे भारत में है। आप लोगों का जोश और यह भीड़ साफ बता रही है कि इस बार छपरा से खेसारी लाल यादव जीतकर पटना जाएंगे। जब बिहार के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बनेंगे, तब पलायन नौजवानों का नहीं, बल्कि भाजपा का होगा। बिहार ने हमेशा संकट की घड़ी में राजनीति को नई दिशा देने का काम किया। इस बार भी इतिहास दोहराया जाएगा। भाजपा में कई ऐसे लोग हैं, जो पहले सपा के साथ रह चुके हैं। आज वे ऊपर से भले भाजपा में हों, लेकिन भीतर से खेसारी के समर्थक हैं। वे इस बार भाजपा की राजनीति नहीं, बल्कि बिहार के बेटों की आवाज को चुनेंगे। खेसारी के बारे में जानिए --------- ये खबर भी पढ़ें... चुनाव से पहले खेसारी को मुंबई में नोटिस:भोजपुरी एक्टर पर बंगले पर अवैध निर्माण का दावा, नगर निगम बोला -खुद अतिक्रमण हटाएंगे, या हम हटाएं भोजपुरी फिल्म के सुपरस्टार और राजद उम्मीदवार खेसारी लाल यादव को महाराष्ट्र की महापालिका ने नोटिस भेजा है। नोटिस में खेसारी लाल यादव के मीरा रोड में स्थित बंगले में अवैध काम करने का दावा किया गया है। महाराष्ट्र के मीरा भायंदर नगर निगम का कहना है, 'बंगले के अवैध कंस्ट्रक्शन लोहे के एंगल और शेड को तुरंत हटाया जाए, अन्यथा अतिक्रमण विभाग की ओर से बलपूर्वक कार्रवाई की जाएगी। पूरी खबर पढ़ें...
भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव ने एक बार फिर राम मंदिर को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा- राम मंदिर में पढ़कर मैं मास्टर, प्रोफेसर या अफसर बन जाऊंगा क्या? नहीं। राम मंदिर आस्था का विषय है, वह अलग है। लेकिन शिक्षा के लिए काम होना चाहिए। शिक्षा से देश चलाया जा सकता है। खेसारी ने कहा- राम मंदिर बनाइए, मस्जिद बनाइए, उसके लिए जो करना है कीजिए, लेकिन शिक्षा के लिए भी काम कीजिए। बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए यूनिवर्सिटी खोलिए, रोजगार दीजिए। क्या उसके लिए हम डोनाल्ड ट्रम्प को वोट करेंगे?” खेसारी लाल यादव बिहार की छपरा सीट से राजद प्रत्याशी हैं। गुरुवार को उन्होंने छपरा में वोट डाला। इस दौरान मीडिया से बातचीत में ये बातें कहीं। आगे बढ़ने से पहले पोल में हिस्सा लें- 10 दिन पहले कहा था- राम मंदिर से जरूरी स्कूल और हॉस्पिटलदरअसल, 27 अक्टूबर को खेसारी ने एक इंटरव्यू में कहा था- राम मंदिर तो जरूरी है, लेकिन उससे जरूरी है देश में स्कूल, हॉस्पिटल और बाकी जरूरी व्यवस्थाएं हैं। किसी भगवान के लिए श्रद्धा दिल में होती है। मंदिर में भगवान नहीं होते हैं। हमारे दिल में होते हैं, उत्पन्न होते हैं, तभी हम मंदिर जाते हैं। मेरा विषय है कि मंदिर बनना चाहिए, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि मंदिर नहीं बनना चाहिए। मंदिर बनना चाहिए, लेकिन लोगों का ख्याल भी रखिए। आप यह बताइए कि आप मंदिर ही बना दो और लोगों के पेट में अन्न ही न दें तो भूखे पेट भजन होता है क्या? और रवि भैया की बात के लिए आप बिल्कुल कुछ मत कहिए वह तो जीने के लिए कुछ बनाते नहीं है वह तो मरने के लिए बनाते हैं। रविकिशन ने खेसारी को दिया था जवाब, कहा था- मेरे शब्दबाण से नहीं बचेंगे 29 अक्टूबर को गोरखपुर सांसद और एक्टर रवि किशन ने खेसारी लाल यादव के बयान पर पलटवार किया। कहा था- जहां सनातन विरोध की बात आएगी, प्रभु श्रीराम का मंदिर क्यों बना ये सवाल उठेगा, तो मेरा सगा भाई ही क्यों न हो। मेरे शब्द बाण से बच नहीं पाएगा। आप चुनाव जीतिए, आसमान में जाकर चफना जाइए। लेकिन भगवान राम, सनातन का अपमान...भइया हो, माई हो, मत करा। बहुत चोट लगेला। 4 दिन पहले अखिलेश ने खेसारी के समर्थन में रैली की थी 2 नवंबर को अखिलेश यादव ने खेसारी लाल के समर्थन में छपरा में रैली की थी। उन्होंने कहा था- इस बार का बिहार चुनाव पूरे देश के लिए खास है। पूरा देश बिहार की ओर देख रहा है। लेकिन जिस तरह से छपरा में चुनाव हो रहा है, वैसा पूरे बिहार में नहीं। छपरा और यहां के प्रत्याशी की चर्चा पूरे भारत में है। आप लोगों का जोश और यह भीड़ साफ बता रही है कि इस बार छपरा से खेसारी लाल यादव जीतकर पटना जाएंगे। जब बिहार के मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बनेंगे, तब पलायन नौजवानों का नहीं, बल्कि भाजपा का होगा। बिहार ने हमेशा संकट की घड़ी में राजनीति को नई दिशा देने का काम किया। इस बार भी इतिहास दोहराया जाएगा। भाजपा में कई ऐसे लोग हैं, जो पहले सपा के साथ रह चुके हैं। आज वे ऊपर से भले भाजपा में हों, लेकिन भीतर से खेसारी के समर्थक हैं। वे इस बार भाजपा की राजनीति नहीं, बल्कि बिहार के बेटों की आवाज को चुनेंगे। खेसारी के बारे में जानिए --------- ये खबर भी पढ़ें- सांसद रवि किशन को धमकी देने वाला गिरफ्तार:गोरखपुर पुलिस ने पंजाब से किया अरेस्ट, फोन पर कहा था- गोली मार दूंगा सांसद रवि किशन को फोन पर जान से मारने की धमकी देने वाला आरोपी गिरफ्तार हो गया है। गोरखपुर पुलिस ने रविवार को उसे पंजाब के लुधियाना से गिरफ्तार किया। सोमवार को उसे गोरखपुर कोर्ट में पेश करके जेल भेजा गया। आरोपी की पहचान लुधियाना निवासी अजय कुमार यादव पुत्र रामफेर यादव के रूप में हुई है। पढ़ें पूरी खबर
पानीपत में जनता की समस्याओं के समाधान के लिए भाजपा सरकार के शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने गुरुवार को पानीपत स्थित भाजपा कार्यालय में जनता दरबार लगाया। इस दौरान जिले के आला अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। मंत्री ढांडा ने लोगों की शिकायतें, सुझाव और मांगें ध्यानपूर्वक सुनीं और संबंधित विभागों को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। जनता दरबार में शहर और ग्रामीण क्षेत्रों से आए 30 से अधिक लोगों ने बिजली, पानी, सड़कों, राशन, पेंशन और पुलिस से जुड़ी शिकायतें मंत्री के सामने रखीं। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनता के हितों से जुड़ी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। उन्होंने कहा कि हर विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या लेकर बार-बार दफ्तरों के चक्कर न लगाए। जनता दरबार से शासन प्रशासन के बीच की दूरी कम करना ढांडा ने कहा कि जनता दरबार का उद्देश्य लोगों को राहत देना और शासन-प्रशासन के बीच की दूरी कम करना है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही सरकार की प्राथमिकता है। इसलिए अधिकारियों को समयबद्ध समाधान सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी मामले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जनता दरबार उसी दिशा में एक मजबूत कदम है, जहां जनता की आवाज सीधे सरकार तक पहुंचती है।
समग्र शिक्षा अभियान के तहत विद्यार्थियों के लिए आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा शुरू
भास्कर न्यूज | कोडरमा झारखंड के हजारों छात्र लगातार तीसरे साल ई-कल्याण पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए संघर्षरत हैं। यह छात्रवृत्ति दसवीं के बाद आगे की पढ़ाई कर रहे आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को दी जाती है, परंतु शैक्षणिक सत्र 2022-23 से अब तक केंद्र सरकार ने अपना 60% फंड जारी नहीं किया, जिससे पूरे राज्य में छात्रवृत्ति वितरण ठप पड़ा हुआ है। 2 वर्षों तक राज्य खंड से दी गई थी छात्रवृत्ति राज्य सरकार ने पहले दो वर्षों तक तत्कालीन आदिवासी कल्याण आयुक्त अजय नाथ झा के प्रयास से राज्य फंड से राशि दी थी, लेकिन उनके प्रमोशन के बाद विभाग की सक्रियता कम हो गई है। वर्तमान में कल्याण मंत्री चमरा लिंडा और आयुक्त कुलदीप चौधरी दोनों ने स्पष्ट किया है कि केंद्र से फंड आने के बाद ही भुगतान संभव है। 12,000 से अधिक आवेदन पड़े हैं लंबित कोडरमा जिले में सत्र 2024-25 के लिए कुल 23,946 आवेदन आए, जिनमें से 23,153 को संस्थान के नोडल अधिकार द्वारा स्वीकृति मिली। जिला स्तरीय समिति 15,137 आवेदनों को अंतिम स्वीकृति दी है। अब तक सिर्फ 2,442 छात्रों को भुगतान हुआ है। जिले में कुल 15.25 करोड़ रुपये फंड प्राप्त हुए, लेकिन केवल 3.048 करोड़ रुपये ही वितरित किए जा सके हैं। कोडरमा| जिले में समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित विद्यालयों के मेधावी छात्र-छात्राओं के लिए एक विशेष आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण उन विद्यार्थियों के लिए है जो 10वीं और 12वीं कक्षा में विज्ञान संकाय से अध्ययनरत हैं और आगे आईआईटी, आईटीआई, मेडिकल नर्सिंग, क्लैट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं। जिला शिक्षा परियोजना पदाधिकारी-सह-जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अविनाश राम की ओर से जारी निर्देश में बताया गया है कि यह प्रशिक्षण निःशुल्क होगा और इसका आयोजन दिसंबर 2025 से जिला प्रशासन द्वारा किया जाएगा। इसके लिए छात्रों का चयन ऑनलाइन आवेदन के माध्यम से किया जाएगा। इच्छुक छात्र-छात्राएं 4 नवंबर 2025 तक गूगल फॉर्म ऑन लाईन के जरिए आवेदन कर सकते हैं। इस दौरान छात्रों को अपने स्कूल, कक्षा, पिता का नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर और पैन नंबर जैसी आवश्यक जानकारी देनी होगी। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी प्रधानाध्यापकों से कहा है कि वे अपने विद्यालय के पात्र विद्यार्थियों को इस योजना की जानकारी दें। जिससे कि अधिक से अधिक छात्र इसका लाभ उठा सकें। कार्यक्रम का उद्देश्य जिले के प्रतिभावान विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सशक्त बनाना है।इस पहल से सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन और आवासीय प्रशिक्षण का अवसर प्राप्त होगा।
शिक्षा-कृषि दोनों को मिला सहारा
लुधियाना|पीएयू के 1964 बैच के एलुमनाई और अमेरिका के कृषि विभाग में संयुक्त कृषि निदेशक रहे डॉ. गुरचरण सिंह ढिल्लों ने पत्नी डॉ. नैन्सी ढिल्लों के साथ स्कॉलरशिप फंड को 37.5 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपए कर दिया। इसके लिए उन्होंने 12.5 लाख रुपए अतिरिक्त दान दिए। इस फंड से बीएससी (ऑनर्स) कृषि के ग्रामीण छात्रों को 4 हजार रुपए मासिक की 6 छात्रवृत्तियां मिलेंगी। उन्होंने 2023 में अपने माता-पिता की स्मृति में ‘सरदार गज्जन सिंह और माता संत कौर ढिल्लों मेमोरियल स्कॉलरशिप’ स्थापित की थी। साथ ही, उन्होंने और एलुमनाई ऑस्ट्रेलिया एसोसिएशन ने 25 लाख रुपए बाढ़ प्रभावित किसानों की सहायता के लिए दिए। पीएयू वाइस चांसलर और डीन ने उनके योगदान के लिए धन्यवाद किया।
मदरसों में भी गाया जाएगा वंदे मातरम् : शिक्षा मंत्री
राजस्थान के सभी सरकारी ऑफिस, स्कूल-कॉलेज सहित मदरसों में रोजाना राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम्’ गाया जाएगा। 7 नवंबर को ‘वंदे मातरम्’ के 150 साल पूरे होंगे। इस मौके पर राजस्थान सरकार ने पूरे साल देशभक्ति वर्ष के रूप में मनाने की तैयारी की है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- यह नियम उन सभी संस्थानों में लागू होगा, जो राज्य सरकार के अधीन हैं। चाहे वे स्कूल हों, कॉलेज हों या मदरसे।
राजस्थान के सरकारी दफ्तरों, स्कूलों, कॉलेजों सहित मदरसों में रोजाना वंदे मातरम गाया जाएगा। वहीं अगले साल 312 स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। इनमें 25 से कम विद्यार्थियों वाले 155 उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं और 5 या उससे कम नामांकन वाले 157 प्राथमिक विद्यालय शामिल हैं। राजस्थान सरकार यह कवायद ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने के मौके पर कर रही है। अब प्रदेश के सभी सरकारी दफ्तरों, स्कूलों, कॉलेजों और मदरसों में रोजाना ‘वंदे मातरम’ गाया जाएगा। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने घोषणा करते हुए कहा कि वंदे मातरम केवल गीत नहीं, यह भारत की आत्मा है। यह हर नागरिक के हृदय में देशप्रेम की भावना जगाता है। 7 नवंबर को वंदे मातरम गीत के 150 साल होंगे पूरे, देशभक्ति वर्ष के रूप में मनाएंगे7 नवंबर को वंदे मातरम गीत के 150 साल पूरे होंगे। इस मौके पर राजस्थान सरकार ने पूरे साल देशभक्ति वर्ष के रूप में मनाने की तैयारी की है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- यह नियम उन सभी संस्थानों में लागू होगा। जो राज्य सरकार के अधीन हैं, चाहे वे स्कूल हों, कॉलेज हों या मदरसे। नीरजा मोदी स्कूल में छात्रा की आत्महत्या पर बोले- रिपोर्ट के लिए राज्य टीम को दिए दो दिन जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में छात्रा की आत्महत्या मामले पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा- यह घटना बेहद दुखद है। केंद्र की सीबीएसई टीम और राज्य सरकार की टीम मामले में जांच कर रही हैं। राज्य टीम को रिपोर्ट तैयार करने के लिए दो दिन का अतिरिक्त समय दिया गया है। दिलावर ने कहा कि उन्हें इस बात की लिखित जानकारी नहीं है कि स्कूल प्रबंधन ने जांच टीम को अंदर जाने से रोका था। लेकिन अगर स्कूल ने किसी भी शिक्षा विभाग के अधिकारी के साथ ऐसा किया है। इसकी शिकायत विभाग के कर्मचारियों ने दी तो स्कूल प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस साल 449 स्कूलों काे किया मर्जराजस्थान में शिक्षा विभाग अब कम विद्यार्थियों वाले स्कूलों के विलय की प्रक्रिया तेज करने जा रहा है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया- इस साल 449 स्कूलों का विलय किया जा चुका है। वहीं अगले साल 312 और स्कूलों को मर्ज किया जाएगा। इनमें 25 से कम विद्यार्थियों वाले 155 उच्च माध्यमिक विद्यालय और 5 या उससे कम नामांकन वाले 157 प्राथमिक विद्यालय शामिल हैं। दिलावर ने कहा- दो सालों के प्रयासों के बावजूद जिन स्कूलों में नामांकन नहीं बढ़ा है। उन्हें नजदीकी स्कूलों में मिलाया जाएगा। ताकि विद्यार्थियों को ज्यादा दूरी तय न करनी पड़े। सर्वे जारी है और प्रक्रिया अगले वर्ष की शुरुआत तक पूरी कर ली जाएगी।
राजनांदगांव के शिक्षाविद् और नीरन ग्रुप ऑफ स्कूल्स के संचालक इंजीनियर नीरज बाजपेयी को बुधवार को रायपुर में दानवीर भामाशाह सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें राज्योत्सव के अवसर पर उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन प्रदान करेंगे। नीरज बाजपेयी को यह सम्मान उनके उल्लेखनीय सामाजिक योगदान के लिए दिया जा रहा है। राजनांदगांव में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के समय, एप्रोच रोड न होने के कारण परियोजना में बाधा आ रही थी। तब नीरज बाजपेयी ने अपने पिता द्वारिका नाथ बाजपेयी और परिवार के अन्य सदस्यों (पुष्पा बाजपेयी, प्रीतक बाजपेयी, नवनीत बाजपेयी, वीरक बाजपेयी) के साथ मिलकर राष्ट्रीय राजमार्ग से प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज गेट तक 60 फीट चौड़ी और 1600 फीट लंबी 2.15 एकड़ बेशकीमती जमीन शासन को दान कर दी। महामारी में स्कूल बना कोविड अस्पताल इस दान से मेडिकल कॉलेज का मार्ग प्रशस्त हुआ, जिससे कई जिंदगियां बचाने में मदद मिली। कोविड-19 महामारी के दौरान, नीरज बाजपेयी इंटरनेशनल स्कूल (बोरी) को 74 बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल में परिवर्तित किया गया था। उन्होंने उन बच्चों की 50% फीस माफ करने का निर्णय लिया, जिनके माता-पिता दोनों या उनमें से कोई एक महामारी के कारण नहीं रहे। यह पहल शासकीय निर्णय से पहले ही शुरू कर दी गई थी। समाजसेवा और शिक्षा में सतत योगदान इसके अलावा सेना और पुलिस परिवार के शहीदों के बच्चों को कई वर्षों से 50% से 100% तक फीस में छूट देकर शिक्षा प्रदान की जा रही है। नीरज बाजपेयी गरीब, दिव्यांग और अक्षम लोगों को भी नियमित रूप से सहायता प्रदान करते रहे हैं। उनके संस्थान में आर्थिक रूप से कमजोर लगभग 250 बच्चों को स्कूल फीस में छूट दी जा रही है, जिसकी कुल राशि लगभग 10 लाख रुपए है। शिक्षा के अधिकार (RTE) अधिनियम के तहत 850 बच्चों को निशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है।
शिक्षा, संस्कृति के संरक्षण का काम कर रहे
भास्कर न्यूज | कवर्धा लायंस क्लब द्वारा मंगलवार को सामाजिक सेवा की पहल के तहत वनवासी विकास समिति संचालित शहीद वीर नारायण सिंह बालक छात्रावास में रह रहे 25 आदिवासी छात्रों को कंबल और फल वितरित किए गए। ठंड के मौसम में जरूरतमंद बच्चों के बीच यह सेवा कार्य कर क्लब ने सामाजिक दायित्व का उदाहरण पेश किया। कार्यक्रम में आरएसएस के वरिष्ठ कार्यकर्ता हरीश लूनिया मुख्य अतिथि रहे। वनवासी कल्याण आश्रम के जिलाध्यक्ष रामाधार सिंह मेरावी ने छात्रावास की स्थापना और उद्देश्य की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देवारपारा स्थित यह भवन पहले भारतमाता अस्पताल के रूप में कार्यरत था, जहां कई डॉक्टर नियमित रूप से निशुल्क सेवाएं देते थे। विधायक चुने जाने से पहले राज्य के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह भी हर शनिवार यहां अपनी सेवाएं देते रहे हैं। कोरोना काल के बाद इस भवन को आदिवासी छात्रावास के रूप में परिवर्तित किया गया। हरीश लूनिया ने कहा कि वनवासी कल्याण आश्रम देश के आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा, सेवा और संस्कृति के संरक्षण के लिए कार्य कर रहा है। संगठन नागालैंड समेत पूर्वोत्तर राज्यों में आदिवासियों की मूल पहचान बचाने और धर्मांतरण के विरुद्ध जागरूकता अभियान चला रहा है। कार्यक्रम में जिला संगठन मंत्री भगवान सिंह, छात्रावास अधीक्षक उरेन्द्र सिंह, आनंद दानी, डॉ एनके यदु, अजय गुप्ता, रामेश्वर गुप्ता, धनसुख पटेल, रेखराज मूंदड़ा, बीपी शर्मा, मनीष अग्रवाल और शेरसिंह पाली सहित अनेक सदस्य उपस्थित रहे। क्लब की गतिविधियों की जानकारी दी: लायंस क्लब अध्यक्ष प्रेमचंद श्रीश्रीमाल ने कहा कि क्लब वर्षों से आदिवासी अंचलों में सेवा कार्यों के माध्यम से अपनी पहचान बना चुका है। उन्होंने छात्रावास को 3,000 रुपए की दानराशि भी भेंट की। डिस्ट्रिक्ट चेयरपर्सन नीरज मनजीत ने बताया कि क्लब पिछले एक दशक से हर शीत ऋतु में जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण करता आ रहा है।
गुरु की शिक्षाओं को अपनाने को प्रेरित किया
लुधियाना। आर्य कॉलेज गर्ल्स सेक्शन के पंजाबी विभाग ने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस पर मनाए जाने वाले गुरुपर्व को भव्य ढंग से मनाया। इस अवसर पर छात्राओं ने अपने भाषणों के माध्यम से गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला और शबद भी गाए। समारोह का समापन अरदास और प्रसाद वितरण के साथ हुआ। एसीएमसी के सचिव डॉ. एसएम शर्मा ने गुरुपर्व के अवसर पर सभी को बधाई दी और विभाग के प्रयासों की सराहना की। प्रिंसिपल डॉ. सूक्ष्म आहलूवालिया ने सिख धर्म की प्रमुख अवधारणाओं से सीख लेते हुए गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को अपनाने को प्रेरित किया। इंचार्ज डॉ. ममता कोहली ने सभी को गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को अपने जीवन में धारण करने के लिए प्रेरित किया।
मुजफ्फरपुर: कांग्रेस ओबीसी विभाग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय सिंह यादव ने एनडीए सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने जिला कांग्रेस कार्यालय तिलक मैदान में एक पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि बिहार की जनता इस बार संविधान बदलने वालों को खदेड़ देगी। यादव ने आरोप लगाया कि बिहार में जनगणना हुई, लेकिन सरकार की मंशा गलत थी। उन्होंने कहा कि महागठबंधन की सरकार बनने पर जनगणना कराकर 'जिसकी जितनी संख्या, उतनी भागीदारी' के आधार पर आरक्षण दिया जाएगा और इसकी सीमा बढ़ाई जाएगी। उनके अनुसार, आरक्षण की दीवार टूटने से सभी को फायदा होगा। बोले- कहीं बिल्डिंग हैं, तो कहीं टीचर नहीं कैप्टन अजय सिंह यादव ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बिहार कभी शिक्षा का केंद्र था, लेकिन वर्तमान एनडीए सरकार के बीस साल में कहीं बिल्डिंग है तो शिक्षक नहीं और कहीं शिक्षक हैं तो बिल्डिंग नहीं। उन्होंने राज्य में 'गुंडाराज' का आरोप लगाते हुए मुजफ्फरपुर में कुढ़नी की दलित बच्ची के बलात्कार और इलाज के अभाव में मौत, नवरूणा कांड, बालिकागृह कांड, मेयर समीर कुमार और आशुतोष शाही की हत्या जैसी घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने यह भी बताया कि हाल के हफ्तों में मोकामा सहित सात जिलों में हत्याएं हुई हैं, जिससे अपराधी बेखौफ हैं। उन्होंने दावा किया कि बिहार से लगभग 3 करोड़ 18 लाख लोग पलायन कर चुके हैं। यादव ने कैग रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि वर्तमान सरकार में 70 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है, जबकि राज्य की बड़ी आबादी की औसत दैनिक आय मात्र 66 रुपए है। यादव ने जदयू नेता ललन सिंह के बयान पर भी आपत्ति जताई यादव ने जदयू नेता ललन सिंह के उस बयान पर भी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर भाजपा-जदयू के वोटर छोड़कर किसी को वोट न गिराने देने की बात कही थी, इसे भारत के प्रजातंत्र पर हमला बताया। उन्होंने मुजफ्फरपुर के लोगों के लिए 'स्मार्ट सिटी' के नाम पर गड्ढों वाली सड़कें देने को 'भद्दा मजाक' करार दिया। मुजफ्फरपुर मे लीची की प्रोसेसिंग न होने से लीची किसान के लिये यह घाटे की खेती बन गयी। हमारी सरकार बनी तो पलायन पर पहला वार होगा। 20 महीने के अंदर हर घर सरकारी नौकरी, बंद परी चीनी मिले खुलेगी, जीविका दीदी को 30 हजार मासिक वेतन, जरूरतमंद महिलाओं को माई बहिन मान योजना के तहत 2500 रूपए प्रतिमाह मिलेगी , शिक्षा की गौरवशाली परम्परा शुरू होगी , जॉब कैलेंडर जारी होंगे। यह राहुल गांधी और तेजस्वी का प्रण है।
अनूपपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को भारत ज्योति स्कूल का घेराव किया। उन्होंने स्कूल में व्याप्त विभिन्न समस्याओं को लेकर प्राचार्य को एक ज्ञापन सौंपा। शिक्षा के व्यवसायीकरण का लगाया आरोप एबीवीपी के नगर मंत्री अभिषेक तिवारी ने बताया कि स्कूल में कई गंभीर समस्याएं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि आरटीई के तहत एक खास धर्म समुदाय के छात्रों को आरक्षण दिया जाता है और शिक्षा का व्यवसायीकरण किया जा रहा है। तिवारी के अनुसार, स्कूल द्वारा पुस्तकों और यूनिफॉर्म के लिए दुकानें निर्धारित की गई हैं, जहां से कमीशन लिया जाता है। स्कूल में ईसाई धर्म को बढ़ावा देने का आरोप नगर मंत्री अभिषेक तिवारी ने मांग की कि स्कूल परिसर में मां सरस्वती और भारत माता की प्रतिमा स्थापित की जाए। एबीवीपी का कहना है कि संविधान के अनुसार स्कूल धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि शिक्षा के आधार पर चलना चाहिए, लेकिन भारत ज्योति स्कूल में ईसाई धर्म को बढ़ावा दिया जाता है। स्कूल वाहनों में क्षमता से अधिक छात्र बिठाने का आरोप नगर मंत्री ने निजी स्कूल वाहनों में नियमों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया। एबीवीपी ने कहा कि वाहनों में क्षमता से अधिक छात्र बिठाए जाते हैं, जिससे किसी भी दुर्घटना की स्थिति में जिम्मेदारी तय करना मुश्किल होगा। शासन के दिशानिर्देशों के अनुसार, स्कूल वाहनों में सीसीटीवी कैमरा, अग्निशामक यंत्र और पीला रंग होना अनिवार्य है, जिनका पालन नहीं हो रहा है। इसके अलावा, छात्रों को तिलक और रक्षासूत्र लगाकर आने पर प्रतिबंध लगाया जाता है, जबकि ईसाई धर्म से जुड़े सभी त्योहार मनाए जाते हैं और हिंदू धर्म के त्योहारों, जैसे बसंत पंचमी पर सरस्वती पूजा का आयोजन नहीं किया जाता। स्कूल में हर साल फीस में अतिरिक्त बढ़ोतरी का आरोप एबीवीपी ने यह भी बताया कि स्कूल में प्रति वर्ष फीस में अतिरिक्त वृद्धि की जाती है। कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य को सौंपे ज्ञापन में चेतावनी दी कि यदि इन समस्याओं का शीघ्र निराकरण नहीं किया गया, तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की होगी।
पाली जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल, चवाड़िया (मारवाड़ जंक्शन) में कमजोर शिक्षा व्यवस्था को लेकर ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों और अभिभावकों ने इस संबंध में माध्यमिक शिक्षा निदेशक और केंद्र सरकार के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग को अलग-अलग पत्र लिखकर शिकायत की है। उनका कहना है कि कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को हिंदी और अंग्रेजी पढ़ना-लिखना तक नहीं आता, जिससे बोर्ड परीक्षाओं में लगातार कम परिणाम आ रहे हैं। कुछ टीचर्स स्कूल में गुटखा और तंबाकू खाते है, जिससे बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। प्रिंसिपल को जारी हुआ था कारण बताओ नोटिस शिकायत पत्र में उल्लेख किया गया है कि स्कूल का 2024–25 सत्र का रिजल्ट बेहद खराब रहा, जिसके चलते प्रधानाचार्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल में शैक्षणिक माहौल पूरी तरह कमजोर है और बच्चों की बुनियादी शिक्षा पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। लेक्चरर पर गुटखा खाने और फर्जी अटेंडेंस के आरोप ग्रामीणों ने पत्र में कुछ लेक्चरर पर अनुशासनहीनता के आरोप भी लगाए हैं। कहा गया है कि कुछ शिक्षक स्कूल में गुटखा और तंबाकू खाते हैं, जिससे बच्चों पर गलत प्रभाव पड़ रहा है।इसके अलावा, फर्जी उपस्थिति दर्ज करने और यूथ व इको क्लब की राशि के दुरुपयोग के आरोप भी लगाए गए हैं। बाहरी लोगों की एंट्री पर भी सवाल शिकायत में यह भी कहा गया है कि स्कूल में बाहरी लोगों का प्रवेश आम बात बन गया है।कई बार बाहरी लोग नियम विरुद्ध कक्षाओं में बैठते हैं, जिससे अनुशासन और शिक्षण दोनों पर असर पड़ रहा है। निदेशालय ने शुरू की जांच माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के विजिलेंस अनुभाग ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है।विभागीय सूत्रों के अनुसार, जांच टीम को स्कूल से संबंधित सभी दस्तावेज और उपस्थिति रजिस्टर मंगवाए गए हैं।आवश्यक हुआ तो टीम जल्द ही स्थल निरीक्षण भी कर सकती है।
‘25 साल का था, जब बिहार छोड़कर सूरत चला गया। 9वीं तक पढ़ा हूं। महीने के सिर्फ 20 हजार रुपए कमाता हूं, लेकिन एसी में बैठकर नौकरी करता हूं। क्या ऐसा काम बिहार में मिल सकता है। यहां तो हम सोच भी नहीं सकते।' 'मंत्री जी आए थे, भाषण देकर चले गए। बता नहीं पाए कि रोजगार कैसे मिलेगा। शिक्षा मंत्री हैं, तो स्कूल खुलवा दें। 5 साल में क्या किए हैं, ये बता दें। पीछे देखिए बिल्डिंग 10 साल से बंद पड़ी है। चुनाव आया है, तो लोग घूमने आए हैं।’ 40 साल के संतोष कुमार तंतवा गोपालगंज जिले के कुशहां गांव में रहते हैं। ये गांव भोरे विधानसभा सीट में हैं। भोरे में पहले फेज में 6 नवंबर को वोटिंग होनी है। बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार यहां से विधायक हैं और इस बार भी चुनाव लड़ रहे हैं। कुशहां गांव में प्रचार करने आए थे। संतोष कुमार भी उनके लिए जुटी भीड़ में शामिल हो गए। हालांकि, वे सुनील कुमार से नाराज हैं। हाथ में सुनील कुमार का पैम्फलेट लेकर खड़े संतोष पलायन और पढ़ाई दोनों की परेशानी गिना देते हैं। सुनील कुमार के सामने CPI (ML) के धनंजय कुमार हैं। जन सुराज ने प्रीति किन्नर को टिकट दिया है। अब भोरे विधानसभा सीट को जान लीजिए दो सगे भाई अलग पार्टियों से बारी-बारी विधायक बनेभोरे सीट 2008 में अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व कर दी गई थी। 2010 में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए। इसमें BJP के डॉ. इंद्रदेव मांझी ने RJD के बच्चन दास को 43,570 वोट से हरा दिया। इससे पहले RJD के अनिल कुमार लगातार दो बार से ये सीट जीत रहे थे। 2015 में समीकरण बदल गए। कांग्रेस, RJD और JDU ने मिलकर महागठबंधन बनाया। इस बार अनिल कुमार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और इंद्रदेव मांझी को 14,871 वोट से हरा दिया। 2020 में JDU और BJP फिर साथ आ गए। JDU की तरफ से उतरे सुनील कुमार का मुकाबला CPI (ML) के जितेंद्र पासवान से हुआ। सुनील कुमार सिर्फ 462 वोटों से जीत पाए। सुनील कुमार 2015 में विधायक बने अनिल कुमार के सगे भाई हैं। उनके पिता चंद्रिका राम भोरे के पहले विधायक थे। संविधान सभा के सदस्य थे और बिहार सरकार में कृषि मंत्री भी रहे। अनिल कुमार ने 1985 में कांग्रेस, 2005 में RJD और 2015 में कांग्रेस में रहते हुए चुनाव जीता। उनके बाद IPS अधिकारी रह चुके सुनील कुमार 2020 में राजनीति में आए। भाई सुनील की वजह से अनिल कुमार ने चुनाव नहीं लड़ा। नीतीश पसंद, लेकिन विधायक से नाराजगीतिवारी टोला में राहुल पांडेय चार देशों में काम कर चुके हैं। अब गांव आकर दूध बेचते हैं। नीतीश कुमार की तारीफ करते हैं, लेकिन विधायक से नाराज हैं। राहुल बताते हैं, ‘दूध का कारोबार करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उसमें भी फायदा नहीं है। पटना चले भी जाएं तो 10-20 हजार की ही नौकरी मिलेगी।’ ‘हमारे विधायक शिक्षा मंत्री बने, तब से जमीन पर पैर नहीं रख रहे थे। मैंने चार देशों में नौकरी की, दिल्ली में रहा, लेकिन अब गाय चराता हूं।’ CPI (ML) के कैंडिडेट अरेस्ट, पार्टी ने JNU अध्यक्ष रहे धनंजय को उताराइस बार जितेंद्र पासवान दोबारा महागठबंधन के उम्मीदवार थे। नामांकन करने गए थे, तभी 2017 के एक केस में पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। पुलिस के मुताबिक, पासवान इस मामले में वांटेड थे और अदालत के समन की अवहेलना कर रहे थे। जितेंद्र पासवान की गिरफ्तारी के बाद माले ने उनकी जगह JNU के छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके धनंजय कुमार को टिकट दे दिया। धनंजय जितेंद्र पासवान की बूढ़ी मां और पत्नी को साथ लेकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। वे कहते हैं, ‘साफ समझ आ रहा है कि जितेंद्र जी को राजनीति से प्रेरित होकर पुराने केस में गिरफ्तार किया गया है।’ आप तो भोरे के लोगों के लिए बहुत जाना- पहचाना चेहरा नहीं हैं? जवाब में धनंजय कहते हैं, ‘जितेंद्र पासवान पार्टी कार्यकर्ता के तौर पर बीते 5 साल में घर-घर गए थे। लोगों को मालूम है भाकपा माले विचारधारा की पार्टी है, लाल झंडा और चुनाव निशान सबको पता है। इस बात का खास असर मालूम नहीं होता कि जितेंद्र पासवान जेल में है।’ कुशहां के रहने वाले सुरेश राय जर्नलिस्ट हैं। हमने उनसे सियासी समीकरणों के बारे में पूछा। वे कहते हैं, ‘धनंजय कुमार को अगर स्थानीय पहचान जाएं तो सुनील कुमार के लिए मुश्किल हो सकती है। जितेंद्र जेल नहीं गए होते, तो हालात कुछ और होते। महागठबंधन की जीत तय थी। अब लड़ाई कांटे की है। चुनाव रोज बदल रहा है, लेकिन धनंजय का पलड़ा भारी रह सकता है।’ इस मसले पर हमने वोटर अमन सिंह से बात की। वे कहते हैं, ‘धनंजय को पार्टी के बल पर लोग भले वोट दे दें, उनका चेहरा कोई नहीं पहचान रहा है। इसका असर तो पड़ेगा ही। उन्हें बहुत घूमना होगा, अपना चेहरा पहचान कराना होगा।’ सुनील सिंह बोले- मैंने कोई वादा नहीं किया था, लेकिन काम कियाहमने JDU कैंडिडेट सुनील सिंह से अपनी सीट पर कम एक्टिव रहने पर बात की। वे कहते हैं, ‘जितना समय मैंने यहां गुजारा है और जितना विकास किया है, उतना किसी ने नहीं किया। मैंने 2020 में कोई वादा नहीं किया था और कई काम किए। यहां सुधा डेयरी लाने वाले हैं।’ बतौर शिक्षा मंत्री आपने भोरे के लिए क्या किया? सुनील कुमार जवाब देते हैं, ‘हमने न सिर्फ भोरे बल्कि पूरे प्रदेश में वक्त पर किताबें उपलब्ध कराईं। ऐसी व्यवस्था कराई कि टीचर समय पर पहुंचें।' 'भोरे में BPS कॉलेज है, वहां साइंस की पढ़ाई नहीं होती थी। अब वहां 600 से ज्यादा बच्चों ने एडमिशन लिया है और फिजिक्स, बायोलॉजी और साइकॉलोजी की पढ़ाई होने लगी है। उस कॉलेज के लिए अलग से 30 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।’ जन सुराज से प्रीति किन्नर कैंडिडेटभोरे से प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने प्रीति किन्नर को टिकट दिया है। मूलरूप से सीतामढ़ी की रहने वाली प्रीति पिछले करीब 20 साल से भोरे में रहकर सोशल वर्क कर रही हैं। कल्याणपुर की रहने वाली प्रीति पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। महिलाओं के लिए काम करती हैं, लेकिन उनकी पहचान गरीब लड़कियों की शादी कराने की वजह से है। हमने प्रीति पर वोटर्स की राय भी जानी। भोरे के रहने वाले सनी कहते हैं, ‘प्रीति कह रही हैं कि मेरी न मां है, न बाप है। इसलिए मेरी जनता ही मालिक है। इस बात का थोड़ा असर तो पड़ेगा। हालांकि, वे चुनाव निकाल ले जाएं, ये नहीं कह सकते।’ भोरे में 11% मुस्लिम, 14% SC वोटर, जीत-हार में ब्राह्मण निर्णायकभोरे में करीब अनुसूचित जातियों की आबादी करीब 14.27% है। रविदास और उनसे जुड़ी उप-जातियां बड़ा और निर्णायक वोट बैंक माने जाते हैं। हालांकि, सबसे बड़ी चुनावी ताकत ब्राह्मण और अति पिछड़ा वर्ग के हाथ में रहती है। यहां करीब 4-5% ब्राह्मण, राजपूत और बाकी सवर्ण वोट हैं। कुशवाहा वोटर की संख्या भी अच्छी-खासी बताई जाती है, जो JDU के वोटर माने जाते हैं। जाति के समीकरण पर जर्नलिस्ट सुरेश राय कहते हैं, ‘यहां अनुसूचित जाति और ब्राह्मणों के 25% से ज्यादा वोट बैंक हार-जीत तय करते हैं। रविदास समुदाय का एकमुश्त वोट जीत की गारंटी है। हालांकि, महागठबंधन के उम्मीदवार को यादव और सवर्णों में वोटों का संतुलन बनाना होगा। SC-EBC-मुस्लिम गठजोड़ हो गया, तो महागठबंधन की जीत पक्की है।’ ‘इसके अलावा, मुस्लिम आबादी लगभग 11% है। 2020 के चुनाव में भाकपा माले के उम्मीदवार को मिले समर्थन के पीछे मुस्लिम और दलित वोटों को कारण माना गया था। हालांकि इस बार BSP ने सुरेंद्र राम को प्रत्याशी बनाया है। वे महागठबंधन को नुकसान पहुंचा सकते हैं।’
शिक्षक जब ज्ञान का दीप जलाते हैं, तब ही होती है समाज में शिक्षा की रोशनी: श्रीवास्तव
शिक्षक संघ द्वारा जिला स्तरीय बैठक और दीपावली मिलन समारोह का आयोजन शासकीय बुनियादी विद्यालय परिसर में किया गया। इस मौके पर जिलाध्यक्ष अरविंद श्रीवास्तव मौजूद रहे। बैठक में संगठन के पदाधिकारियों और सदस्यों के बीच अहम मुद्दों को लेकर चर्चा हुई। उसके बाद दीपावली मिलन समारोह में संगठन के सदस्यों ने एक-दूसरे को पर्व की शुभकामनाएं दी। इस मौके पर जिलाध्यक्ष अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षक समाज का मार्गदर्शक होता है, इसलिए इस प्रकार के आयोजन पारस्परिक संवाद और सहयोग को बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक जब ज्ञान का दीप जलाते हैं, तब समाज में सच्चे अर्थों में रोशनी फैलती है। ऐसे आयोजन शिक्षकों के बीच एकजुटता और आत्मीयता को मजबूत करते हैं। इससे संगठनात्मक क्षमता में वृद्धि होती है और शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए नए विचार सामने आते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा यह संगठन अब वटवृक्ष बन चुका है। हम लोगों को इसे और अधिक मजबूत बनाना है। इस मौके पर संतोष सिंह, राजीव शर्मा , सत्यवान सिंह भदौरिया, दिनेश भदौरिया, धीरज शुक्ला, डॉ. राजनारायण दोहरे, परमाल सिंह, राम संजीवन भारद्वाज, उमा स्वरूप शर्मा, अरविंद कौरव आदि मौजूद रहे।
शिक्षा के लिए 10 और विवाह के लिए पांच बार कर्मचारी निकाल सकेंगे फंड
जालंधर| कर्मचारी भविष्य निधि संगठन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय में मीटिंग हुई। इसमें क्षेत्रीय आयुक्त पंकज कुमार ने संगठन द्वारा पीएफ से आंशिक निकासी के पुराने 13 जटिल प्रावधानों को सरल बनाते हुए अब उन्हें तीन मुख्य श्रेणियों में एकीकृत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जरूरी आवश्यकताएं- बीमारी, शिक्षा, विवाह आदि, आवास संबंधी आवश्यकताएं जिसमें मकान क्रय, निर्माण या मरम्मत हेतु और विशेष परिस्थितियां जिसमें जैसे प्राकृतिक आपदा, बेरोजगारी इत्यादि को शामिल किया गया है। इन संशोधनों का उद्देश्य सदस्य खाताधारकों को अधिक सुविधा और वित्तीय लचीलापन प्रदान करना है। उदाहरण के रुप में सदस्य बीमारी, शिक्षा या विवाह जैसी आवश्यकताओं के लिए पहली श्रेणी के अंतर्गत निकासी कर सकेंगे, जबकि मकान संबंधी खर्चों के लिए अलग श्रेणी उपलब्ध रहेगी। अब किसी भी आंशिक निकासी के लिए सदस्य की न्यूनतम सेवा अवधि केवल 12 महीने निर्धारित की गई है। पहले यह अवधि इससे अधिक थी, लेकिन नए नियमों के तहत केवल एक वर्ष की सेवा के बाद निकासी संभव हो सकेगी। शिक्षा के लिए अब सदस्य 10 बार तक निकासी कर सकते हैं। विवाह के लिए 5 बार तक निकासी की अनुमति है। पहले इन दोनों उद्देश्यों के लिए संयुक्त रूप से केवल तीन बार तक निकासी की अनुमति थी। सदस्य अब अपने खाते से कर्मचारी तथा नियोक्ता दोनों के योगदान सहित पात्र राशि 100 फीसदी तक निकासी कर सकते हैं। खाते में न्यूनतम 25 फीसदी राशि बनी रहनी चाहिए।
आने वाले समय में पंचायतीराज के अनपढ़ तथा भ्रष्टाचार में लिप्त रहने वाले जनप्रतिनिधियों से छुटकारा मिलने की उम्मीद जगी है। इसके लिए केंद्र सरकार स्कूली छात्रों में लीडरशिप विकसित करने गांवों की स्कूलों में मॉडल ग्राम सभा की पहल शुरू करेगी। पहले चरण में नवोदय स्कूल, एकलव्य स्कूल और पीएमश्री जैसे स्कूलों में मॉडल ग्राम सभाएं बनेंगी। इसमें छात्रों को ग्राम सभा का काम सीखाकर मॉडल के रूप में संचालन करवाया जाएगा। इससे बच्चों को ग्राम सभा की जानकारी मिलेगी। उनमें लीडरशिप भी विकसित होगी। साथ ही उन्हें आसपास की ग्राम पंचायतों की आयोजित होने वाली ग्राम सभाओं में भी शामिल कराया जाएगा। ताकि वे जनप्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली व संचालन सीख सकें। वहां उन्हें ग्राम पंचायत की विकास योजनाएं बनाने, कार्यों में गुणवत्ता व पारदर्शी सिस्टम और एक जिम्मेदार जनप्रतिनिधि की भूमिका से रूबरू कराया जाएगा। सरकार का उद्देश्य है कि विकसित भारत 2047 के विजन को साकार करने के लिए ऐसे युवा नेतृत्व के लिए तैयार हों। वे भारत के लोकतंत्र को समझे ं और इसे सशक्त बनाएं। मॉडल यूथ ग्राम सभा को छात्रों में आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता और नागरिक उत्तरदायित्व की भावना विकसित करने का एक प्रभावी मंच बनाया जाएगा। पंचायतों की ग्राम सभाओं के साथ स्कूलों में भी ग्राम सभाएं होंगी। जिसमें विद्यार्थी निर्णय लेंगे और जिम्मेदारी पूर्वक कार्य करने के विजन को भी रखेंगे। इससे उनमें भविष्य में स्थानीय प्रशासन का हिस्सा बनने की न केवल भावना जागृत होगी, बल्कि समस्याओं के निस्तारण का कौशल भी विकसित होगा। अब तक सरपंच आदि जनप्रतिनिधियों को कर्मचारियों पर निर्भर रहना पड़ता है। गत चुनाव में शिक्षा का मापदंड रखा गया लेकिन फर्जी दस्तावेज लगाकर चुनाव जीतने के कई मामले सामने आए। ऐसे में जनप्रतिनिधि जागरूक, शिक्षित और जिम्मेदार होंगे तो गांव के विकास के प्लान बनाने से लेकर अन्य निर्णय लेने में सक्षम होंगे। गांवों की समस्याएं पंचायत स्तर पर ही निपटाने की दिशा में भी काम संभव हो पाएगा। कई चरणों में स्कूल कवर होंगी, पुरस्कार भी देंगे पंचायती राज, शिक्षा व जनजाति मंत्रालय मिलकर इस मिशन को पूरा करेंगे। नवोदय, एकलव्य स्कूलों के बाद राज्यों की स्कूलों को शामिल किया जाएगा। फिर अलग–अलग चरणों में व्यापक स्तर पर स्कूलों को कवर किया जाएगा। फिलहाल केंद्र सरकार राजस्थान के स्कूली शिक्षा विभाग के साथ पहले चरण में काम करेगी। राजस्थान और महाराष्ट्र के शिक्षा विभाग की स्कूलों का चयन भी किया गया है। बच्चों में लीडरशिप विकसित करने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई गई है। बेहतर प्रदर्शन करने वाली स्कूलों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
नया शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद राज्य सरकार ने ट्रांसफर से 5 हजार से अधिक प्रिंसिपल के स्कूल बदल दिए। लेकिन 6 माह पहले पदोन्नत हुए प्रिंसिपल को आज तक पोस्टिंग नहीं मिली है। पदोन्नत होने के बाद भी वे पुराने स्कूल में ही वाइस प्रिंसिपल के पद पर कार्यरत हैं। हालांकि कागजों में इनको यथास्थान कार्यग्रहण कराकर पदोन्नत तो कर दिया है। लेकिन पोस्टिंग नहीं मिलने से प्रिंसिपल पद का काम यह नहीं कर पा रहे हैं। पदोन्नत प्रिंसिपल पिछले 6 माह से जॉइनिंग का इंतजार कर रहे हैं। प्रिंसिपल के रिक्त पदों को भरने के लिए शिक्षा विभाग ने 26 मई को प्रिंसिपल पदों पर दो वर्ष की बकाया डीपीसी की थी। जिसमें करीब 4224 वाइस प्रिंसिपल पदोन्नत होकर प्रिंसिपल चयनित हुए। लेकिन पोस्टिंग मिलने से पहले ही 300 से अधिक प्रिंसिपल सेवानिवृत हो चुके हैं। अनेक स्कूलों में 4 से 5 वाइस प्रिंसिपल प्रिंसिपल पदों पर पदोन्नत हुए हैं लेकिन इन्हें पोस्टिंग देने के बजाय राज्य सरकार ने नया शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद अगस्त और सितंबर में दो बार तबादलों से करीब 5 हजार से अधिक प्रिंसिपलों के पदस्थापन स्थान बदल दिए। उधर, 5 हजार प्रिंसिपलों के ट्रांसफर के बाद इनकी एक संशोधित ट्रांसफर सूची भी प्रक्रियाधीन है। बताया जा रहा है कि संशोधित सूची जारी नहीं होने के कारण पदोन्नत प्रिंसिपल की पोस्टिंग में विलंब हो रहा है। नया सत्र शुरू होने के बाद 3 अगस्त और 26 सितंबर को हुए ट्रांसफर नया शिक्षा सत्र शुरू होने के बाद दो बार प्रिंसिपलों के ट्रांसफर किए गए हैं। 3 अगस्त को जारी हुई पहली सूची में 509 प्रिंसिपलों के स्थानांतरण किए गए तथा 22 सितंबर को दूसरी ट्रांसफर लिस्ट में 4527 प्रिंसिपलों के स्कूलों में बदलाव हुआ। अब लगभग 700 प्रिंसिपलों की संशोधित तबादला सूची जारी होने का इंतजार है। इधर, 26 सितंबर की डीपीसी में व्याख्याता से वाइस प्रिंसिपल पदों पर चयनित 11 हजार से अधिक पदोन्नत वाइस प्रिंसिपल को भी नई जगह पोस्टिंग नहीं दी जा सकी है। सभी पदोन्नत वाइस प्रिंसिपल को यथास्थान कार्यग्रहण करवाया गया है। नियम तथा व्यवस्था स्पष्ट बता रही है कि जब तक प्रमोटी प्रिंसिपलों को पोस्टिंग नहीं मिलेगी तब तक वाइस प्रिंसिपल के पद स्पष्ट रिक्त नहीं होंगे। यही कारण है कि पदोन्नत प्रिंसिपलों की पोस्टिंग नहीं होने से 11 हजार वाइस प्रिंसिपल की भी पोस्टिंग अटक गई है।
हनोई सम्मेलन में 30 से अधिक देशों के शिक्षाविद, वैज्ञानिक और शोधकर्ता जुटे
जयपुर | अपेक्स यूनिवर्सिटी, जयपुर के शिक्षकों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने बैंकिंग एकेडमी ऑफ वियतनाम (बीएवी), हनोई में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में हिस्सा लिया। उन्होंनें नेटवर्किंग इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन इमर्जिंग ट्रेंड्स इन एक्सपर्ट सिस्टम्स, एप्लिकेशंस एंड सिक्योरिटी (नाइस-टीज एशिया 2025) में प्रमुख भूमिका निभाई। यह सम्मेलन अपेक्स यूनिवर्सिटी, जयपुर और बैंकिंग एकेडमी ऑफ वियतनाम ने संयुक्त रूप से आयोजित किया। प्रबंधन के.के. कंसल्टेंसी सर्विसेज इंडिया ने संभाला। सम्मेलन में भारत, वियतनाम, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, कोरिया, चीन, ताइवान, सर्बिया, इटली, अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम सहित 30 से अधिक देशों के शिक्षाविद, वैज्ञानिक और शोधकर्ता शामिल हुए। भारत से लगभग 35 प्रतिनिधि, मुख्य रूप से अपेक्स यूनिवर्सिटी और उससे सम्बद्ध संस्थानों से हनोई पहुंचे। सम्मेलन में 450 से अधिक शोध पत्र प्राप्त हुए। इनमें से 82 उत्कृष्ट शोध पत्रों का चयन प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया।
देवरिया में स्व. रविन्द्र किशोर शाही स्पोर्ट्स स्टेडियम में दो दिवसीय जनपद स्तरीय बेसिक शिक्षा एवं कस्तूरबा गांधी बाल क्रीड़ा प्रतियोगिता का उद्घाटन किया गया। विधान परिषद सदस्य डॉ. रतनपाल सिंह मुख्य अतिथि और सीडीओ प्रत्यूष पाण्डेय विशिष्ट अतिथि रहे। उद्घाटन सत्र की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इसके बाद ध्वजारोहण, मार्च पास्ट की सलामी, मशाल दौड़ और खेल शपथ के साथ प्रतियोगिता आरंभ हुई। प्रतियोगिता के पहले दिन पीटी स्पर्धा में देसही देवरिया विजेता और गौरी बाजार उपविजेता रहा। कस्तूरबा आवासीय विद्यालय वर्ग में बैतालपुर की टीम ने पहला स्थान हासिल किया। कबड्डी मुकाबलों में रामपुर कारखाना और बैतालपुर की टीमें फाइनल में पहुंचीं। खो-खो के फाइनल में देसही देवरिया ने रुद्रपुर को 3-1 से हराकर जीत दर्ज की। दौड़ प्रतियोगिताओं में प्राथमिक बालिका वर्ग की 50 और 100 मीटर दौड़ में राधिका राजभर (रामपुर कारखाना) ने पहला स्थान प्राप्त किया। 400 मीटर दौड़ बबली निषाद ने जीती। प्राथमिक बालक वर्ग में 50 मीटर दौड़ समर प्रताप (रुद्रपुर) ने, 100 मीटर दौड़ आदर्श (भाटपार रानी) ने और 400 मीटर दौड़ श्याम (बैतालपुर) ने जीती। जूनियर बालिका वर्ग की 100 मीटर दौड़ में अंशिका (लार) और 200 मीटर दौड़ में अतिया (तरकुलवा) विजेता रहीं। अंताक्षरी प्रतियोगिता में देसही देवरिया की टीम विजयी हुई। मुख्य अतिथि डॉ. रतनपाल सिंह ने कहा कि बेसिक शिक्षा के बच्चों में अपार प्रतिभा है, जिसे सही दिशा और प्रोत्साहन की आवश्यकता है। उन्होंने शिक्षकों द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण की सराहना की। डॉ. सिंह ने विजेता प्रतिभागियों को शुभकामनाएं देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि ये बच्चे आगे चलकर मंडल और राज्य स्तर पर जिले का नाम रोशन करेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं बीएसए शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि प्रतियोगिता में 17 ब्लॉकों के परिषदीय विद्यालयों और कस्तूरबा विद्यालयों की बालिकाओं ने भाग लिया है। इस अवसर पर नोडल खेल बीईओ सत्यप्रकाश कुशवाहा, संजय सिंह, शर्मीला यादव, विजय ओझा, विनयशील मिश्रा, राजकिशोर सिंह, देवमुनी वर्मा, शैलेन्द्र सिंह, अनिल यादव सहित जिलेभर के व्यायाम शिक्षक, शिक्षिकाएं और अधिकारी मौजूद रहे।
बारां में आंगनबाड़ी प्रशिक्षण:1600 से अधिक कार्यकर्ताओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की ट्रेनिंग दी जाएगी
बारां जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसका आयोजन जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से संस्था रॉकेट लर्निंग द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम का शुभारंभ शाहाबाद परियोजना के केलवाड़ा प्रथम सेक्टर से हुआ। पहले चरण में, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 150 मिनट के सत्र में आधारशिला पाठ्यक्रम, ईसीसीई कैलेंडर और सतत मूल्यांकन कार्ड (CCE) से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य बच्चों के समग्र विकास में परिवार और समुदाय की भागीदारी के महत्व को समझाना है। इसमें बच्चों की शैक्षणिक, सामाजिक, भावनात्मक और मानसिक प्रगति पर जोर दिया गया। रॉकेट लर्निंग संस्था के अनुसार, इस कार्यक्रम के तहत जिले की 1600 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षित किया जाएगा। इसका लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण पूर्व प्राथमिक शिक्षा को और अधिक प्रभावी बनाना है। कार्यक्रम के संचालन में उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास दुर्गाशंकर मीना, बाल विकास परियोजना अधिकारी प्रदीप कुमार घिलोटिया, महिला सुपरवाइजर ज्योति प्रजापति और देवेंद्र सिंह यदुवंशी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रॉकेट लर्निंग के जिला कोऑर्डिनेटर भुवनेश पंकज ने सुगमकर्ता के रूप में प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण सत्र के समापन पर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सहभागिता प्रमाण पत्र वितरित किए गए और उनके कार्य तथा समर्पण की सराहना की गई।
उदयपुर जिले के कानोड़ तहसील क्षेत्र के राजस्व ग्राम खेताखेड़ा में राजकीय महाविद्यालय कानोड़ के भवन निर्माण को लेकर वल्लभनगर विधायक उदय लाल डांगी का ग्रामीणों ने स्वागत किया। इस दौरान विधायक डांगी ने घोषणा की कि इसी माह में महाविद्यालय भवन का शिलान्यास होगा और निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। सोमवार को विधायक डांगी खेताखेड़ा बस स्टैंड पहुंचे, जहां ग्रामीण चरनोट जमीन से अतिक्रमण हटाने और महाविद्यालय निर्माण के बाद बची जमीन को पुनः चरनोट घोषित करने की मांग को लेकर धरना दे रहे थे। ग्रामीणों ने विधायक का स्वागत कर अपनी मांगें रखीं। विधायक डांगी ने ग्रामीणों की बात सुनकर कहा कि राजकीय महाविद्यालय बनने से कानोड़ तहसील क्षेत्र की प्रतिभाओं को उच्च शिक्षा आसानी से मिल सकेगी। उन्होंने इसे क्षेत्र के लिए शिक्षा के क्षेत्र में वरदान बताया, जो ग्रामीणों की मांग पर खोला गया है। ग्रामीणों ने विधायक को चरनोट जमीन पर अवैध अतिक्रमण की जानकारी दी। इस पर विधायक ने तुरंत उपखंड अधिकारी और तहसीलदार को निर्देश दिए कि चरनोट जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया जाए और अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में सरकारी जमीनों पर अतिक्रमण न हो। इन निर्देशों के बाद ग्रामीणों ने अपना धरना समाप्त कर दिया। ग्रामीणों ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय खेताखेड़ा में कमरों की कमी को लेकर भी ज्ञापन सौंपा, जिस पर विधायक डांगी ने जल्द ही इस कमी को पूरा करने का आश्वासन दिया। विधायक ने ग्रामीणों की सहमति पर राजकीय महाविद्यालय भवन का नक्शा देखा और उनकी इच्छानुसार ही भवन निर्माण की बात कही। इस दौरान भींडर उपखंड अधिकारी रमेश चंद्र बहेडिया, कानोड़ तहसीलदार वगताराम पुरोहित सहित अन्य अधिकारी और ग्रामीण मौजूद रहे।
संघ का शिक्षा एजेंडा : न पढ़ेंगे न पढ़ने देंगे
विवादित पाठ्य पुस्तकों में, इन्हीं विषयों की पिछली पाठ्य पुस्तकों से जो भारी बदलाव किए गए हैं
देश के कई विद्यालयों में सुबह की प्रार्थना सभा में सुविचार प्रस्तुत करने की परंपरा है, विद्यालयों के श्यामपट (ब्लैकबोर्ड) पर भी सुविचार लिखे होते हैं
4 साल की उम्र में श्रेया घोषाल ने ली संगीत की शिक्षा, अमेरिका में मनाया जाता है 'श्रेया घोषाल दिवस'
बॉलीवुड की फेमस सिंगर श्रेया घोषाल 12 मार्च को अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। अपनी सुरीली आवाज से लाखों लोगों को दिवाना बनाने वाली श्रेया का जन्म 1984 में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हुआ था। उन्होंने बेहद कम समय में अपनी सुरीली आवाज से बड़ी ...
दिल्ली में झुग्गी में रहने वाले एक पिता ने, जो चाय बेचते हैं, उन्होंने अपनी बेटी को आखिरकार CA बना दिया। जहां एक ओर लोगों ने कहा, क्यों अपनी बेटी को जरूरत से ज्यादा पढ़ा रहे हो, इसकी शादी करवा देनी चा
NEET UG रिजल्ट को लेकर अभी भी जारी है गुस्सा, छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के पास किया विरोध प्रदर्शन
नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की आशंका जताते हुए छात्रों ने सोमवार को शिक्षा मंत्रालय के पास विरोध प्रदर्शन किया और परीक्षा परिणाम में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग की। आइए जानते हैं, क्या है पूरा म
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का 10 फीसदी भी डाटा नहीं हुआ अपलोड
ई-शिक्षा कोष पर छात्रों का डाटा अपलोड करने में जिले के कई स्कूल ढील दे रहे हैं, वे 10 फीसदी छात्रों का भी डाटा अभी तक अपलोड नहीं कर पाए हैं। डाटा अपलोड करने में आधार कार्ड की अनिवार्यता के बाद से छ
स्कूलों में कैसे पढ़ा रहे हैं शिक्षक, वीडियो में देखेगा शिक्षा विभाग, होगी रिकॉर्डिंग
शिक्षा विभाग वीडियो के जरिए देखेगा कि परिषदीय स्कूलों के शिक्षक छात्रों को कैसे पढ़ाते हैं। बता दें. छात्रों को पढ़ाते हुए शिक्षकों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी। आइए जानते हैं विस्तार से।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति : यूपी बोर्ड ने दिए निर्देश, एनईपी लागू करने को स्कूल बनाएंगे प्लान
यूपी बोर्ड से जुड़े 27 हजार से अधिक स्कूलों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 लागू करने के लिए स्कूल स्तर पर योजना बनाई जाएगी। एनईपी 2020 के विषय में विद्यालयों में कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
बॉलीवुड का ये सुपरस्टार युवाओं को IAS बनाने के लिए मुफ्त में देगा शिक्षा, योजना से अबतक जुड़ चुके है7000 युवा
राम बनने के लिएधनुष-बाण चलाने की शिक्षा ले रहे है Ranbir Kapoor, एक्टर केआर्चरी ट्रेनर ने शेयर की तस्वीरें

