काम अभी भी अधूरा:दो साल में भी निगम 24 किमी की सर्विस रोड नहीं बना पाया
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ही कामकाज में लेटलतीफ नहीं है, नगर निगम भी दो साल में सर्विस रोड नहीं बनवा सका। शहरी सीमा में आने वाली बायपास की 24 किमी लंबी सर्विस रोड का निर्माण नगर निगम दो साल बाद भी पूरा नहीं कर पाया है। लंबे टकराव के बाद जुलाई 2023 में निगम ने काम शुरू किया जो जुलाई 2025 तक पूरा होना था, लेकिन अब भी 9 किमी का हिस्सा अधूरा है। बायपास की कुल लंबाई 34 किमी है, लेकिन नगर निगम की सीमा में 24 किमी का हिस्सा आता है। गांवों के शहरी सीमा में शामिल होने और बायपास के दोनों ओर बसाहट बढ़ने से यहां पानी और ड्रेनेज लाइन डालने का काम किया गया, जिसके कारण सड़क खोद दी गई। इस पर एनएचएआई ने काम करने से इनकार करते हुए निगम को ही यह जिम्मेदारी दी कि वे लाइनों का काम कर सर्विस रोड भी बनाएं। एक ओर की 7 मीटर चौड़ी सर्विस रोड और फ्लायओवर के पास 9 मीटर चौड़ी सर्विस रोड का निर्माण निगम को करना है। इसके एवज में पहले 42 करोड़ रुपए और फिर 70 करोड़ रुपए देने पर सहमति बनी। अब तक 15 किमी सर्विस रोड बनाने का दावा किया गया है, लेकिन समस्या यह है कि यह सीधे कनेक्ट नहीं हो रही है। थोड़ी-थोड़ी दूरी पर अड़चनें हैं, जिससे काम रुका हुआ है। वाहन चालकों को कुछ दूर सर्विस रोड पर चलने के बाद मुख्य सड़क पर आना पड़ता है। राऊ सर्कल से डीपीएस तक का हिस्सा बन चुका है। डीपीएस से कनाड़िया के बोगदे के पास एनएचएआई का फ्लायओवर निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके कारण निगम ने वहां काम रोक दिया है। कल पढ़ें: कैसे हर बार जिम्मेदार कार्रवाई टालते रहे... 15 करोड़ रु. मिल चुके हैं{ रालामंडल, फिनिक्स मॉल के आसपास का काम अधूरा।{ जुलाई 2025 तक काम पूरा होना था।{ एनएचएआई से 15 करोड़ रुपए मिल चुके हैं नगर निगम को। ट्रैफिक होने से तेजी से नहीं हो पा रहा कामकुछ हिस्सों पर ट्रैफिक सर्विस रोड से ही गुजर रहा है, जिससे दिन-रात दबाव बना रहता है और काम नहीं हो पा रहा है।- अभय राजनगांवकर, अपर आयुक्त
आजमगढ़ में 3 जुलाई को सपा प्रमुख अखिलेश यादव के घर और कार्यालय का पूजन हुआ। अखिलेश ने इस इमारत का नाम PDA भवन रखा। इसके बाद 3 घटनाक्रम सबसे तेज हुए। पहला - सोशल मीडिया पर PDA हैश टैग के साथ प्रसारित किया गया कि अखिलेश के घर की पूजा कुशवाहा जाति के पंडित ने करवाई। दूसरा - पूजा कराने वाले पंडितों का सोशल मीडिया पर बहिष्कार शुरू हुआ। तीसरा - मैसेज पोस्ट किए गए कि काशी के एक पंडित ने अखिलेश के घर की पूजा कराने से इनकार किया। सवाल उठने लगे कि अखिलेश के आजमगढ़ के घर-कार्यालय के पूजन पर सियासत क्या पंडितों की जाति को लेकर है, या ये सपा बनाम भाजपा की लड़ाई है? क्योंकि 21 जून को इटावा में भागवत कथा में कथावाचक के ब्राह्मण नहीं यादव निकलने पर हंगामा हुआ था। इसके बाद आजमगढ़ के घर-कार्यालय की पूजा कराने पहुंचे, पंडित की जाति पर बवाल शुरू हुआ। ऐसे में दैनिक भास्कर ने पूजा कराने वाले 3 पंडितों को खोजा और उन्हीं से इस मामले को समझने का प्रयास किया। पढ़िए वो क्या कहते हैं... जिन पंडित चंदन पांडेय की जाति पर सबसे ज्यादा बवाल हुआ, उनकी बात समझिए... सवाल : आप चंदन कुशवाहा हैं या पांडेय, पहले ये स्पष्ट करिए?चंदन : मेरा पूरा नाम चंदन पांडेय हैं। आजमगढ़ का रहने वाला हूं। मेरे माता-पिता ने दीक्षा के लिए मुझे काशी विद्यापीठ भेजा था। वहीं से मैंने सनातन संस्कार सीखे हैं। सवाल : अखिलेश के घर-कार्यालय की पूजा के बाद आपका बहिष्कार क्यों हो रहा है?चंदन : मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि मैंने अपना कर्म किया। गुरुकुल में हमें सीख दी गई, पूरे समाज को एक नजर से देखना है। ब्राह्मण युग परिवर्तन का कारक होता है। ब्राह्मण के कर्म को देखकर ही दूसरी जातियां प्रेरित होती हैं। मैंने कुछ ऐसा नहीं किया कि जिससे मेरा और मेरे परिवार का अपयश हो, कोई विरोध हो। सबके प्रभु नारायण हैं, अगर कोई सोचता है कि मेरा बहिष्कार कर देगा, कोई मुझसे पूजा नहीं करवाएगा, तो ये गलत है। सवाल : क्या बहिष्कार का कोई असर आपको दिख रहा है?चंदन : जी नहीं, सब वैसा ही चल रहा है। ऐसा नहीं है कि कोई मुझसे पूजा ही नहीं करवाएगा। हो सकता है कि बहिष्कार के बाद भगवान मुझे कुछ अच्छा देने वाले होंगे। जिसकी जैसी मानसिकता, वो वैसा काम कर रहा है। जिसकी नजर में मेरा कार्य गलत है, वो बहिष्कार कर रहा है। बाकी लोग सपोर्ट कर रहे हैं। मैं किसी जाति विशेष का विद्रोह नहीं कर सकता हूं। मैं सबका हूं, सब मेरे हैं। सवाल : पूजा पर सियासत हो रही, आपको इटावा से जोड़कर देखा गया?चंदन : देखिए, लोगों ने मुझे लेकर लिखा कि मैं कुशवाहा हूं, जबकि मैं जाति से ब्राह्मण हूं। नाम के आगे पांडेय लिखता हूं। लोगों ने मेरे पूजा करने को इटावा पंडित वाले कांड से जोड़ दिया। मैं इन पोस्ट को कैसे सही मान लूं। जबकि इसमें कोई हकीकत नहीं। सवाल : लोग कह रहे हैं कि आपने अपनी जाति छिपाई थी?चंदन : नहीं, बिल्कुल गलत है, कोई अपनी जाति क्यों छिपाएगा। जाति ही हमारी पहचान है, फिर चाहे क्षत्रिय हो, यादव हो..कोई भी हो। हम मुसीबत में होते हैं, तो जो लोग हमारी जाति के होंगे, वहीं सबसे पहले हमारे पास आएंगे। बहुत से यादव लोग हैं, जो कथावाचन करते हैं। हम यज्ञ कराने जाते हैं, तो क्या हम उनका विरोध कर सकते हैं। रही बात इटावा के मामले की। वहां भागवत कथा हो रही थी, वो अनुष्ठान है, उसमें ब्राह्मण की महत्ता होती है। अनुष्ठान में जाति छिपाना गलत है। वहां किसी ब्राह्मण को ही जाना चाहिए था। कथा तो कोई भी कर सकता है, वहां बाह्मण होने की महत्ता नहीं है। पंडित 2. विनय पाठक उर्फ गुंजन, आजमगढ़ ऐसे मैसेज से ठेस पहुंचती है, हमने अपना कर्तव्य कियापूजा में मौजूद दूसरे पंडित विनय पाठक उर्फ गुंजन कहते हैं। सोशल मीडिया पर बहिष्कार के मैसेज नहीं पोस्ट करने चाहिए। इनसे हमें ठेस पहुंचती है, जिस प्रकार से एक मरीज अपने डॉक्टर के पास जाता है, दवा लेता है। तब वहां डॉक्टर उसकी जाति नहीं पूछता है। डॉक्टर पहले उसकी जांच करता है, दवा देता है। ये हमारा कर्तव्य था कि हम पूजा पाठ करवाएं। मगर हमारे कुछ बंधु गण इस पर तरह-तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं। जोकि गलत है। पंडित 3. पंडित ऋषभ पाठक हम यजमान से जाति नहीं पूछते, सिर्फ पूजा करवाते हैंपंडित ऋषभ पाठक कहते हैं- 3 जुलाई को सांसद धर्मेंद्र यादव घर-कार्यालय के पूजन में बैठे। हम कर्मकांड और पूजा पंडितों के साथ करते हैं, यजमान जहां भी बुलाते हैं, हम जाते हैं। सियासत से हमारा कोई मतलब नहीं है। हम करना भी नहीं चाहते, क्योंकि हमारा काम धर्म से जुड़ा हुआ है। मगर कुछ लोग सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं कि पंडित ब्राह्मण नहीं...कुशवाहा थे, ये गलत है। हमारे सभी मित्र ब्राह्मण थे। फिर नेताजी अखिलेश आए, हमको सियासत से कोई मतलब नहीं था, पूजा करवाकर हम लोग चले आए थे। हमारे पास जो भी यजमान आते हैं, हम उनसे जाति नहीं पूछते हैं। सिर्फ पूजा के विषय में ही सवाल करते हैं। उनका जो कर्म होता है, उसको अपने ज्ञान के अनुसार ही करवाते हैं। इस कर्मकांड का राजनीति से कोई मतलब नहीं है। न किसी पार्टी से, न किसी नेता से..हमारा कोई लेनादेना नहीं है। PDA भवन की पूजा के बाद बहिष्कार के मैसेज चले अखिलेश ने कहा- बड़े कथावाचक का बजट बड़ा, इसलिए गरीब कथावाचक बुलाएइस मामले की शुरुआत 3 जुलाई को आजमगढ़ में अखिलेश यादव के घर-कार्यालय में पूजा की सामने आई तस्वीरों से हुआ। यह जिला मुख्यालय से 7 किमी दूर अनवरगंज में बना है। अखिलेश ने आजमगढ़ में 72 बिस्वा में नया भवन बनवाया है। उन्होंने गृह प्रवेश की पूजा की। अखिलेश ने इस भवन का नाम पीडीए रखा है। इसमें ऑफिस रूम, 3 पर्सनल कमरे, सेक्रेटरी के लिए ऑफिस और समर्थकों के लिए बड़ा हॉल बनाया गया है। कथावाचक के साथ जैसा व्यवहार किया गया, हम भूल नहीं सकतेगृह प्रवेश के बाद अखिलेश ने जनसभा को संबोधित किया। कहा- गरीब परिवार कथा कराना चाहता है, लेकिन बड़े-बड़े कथावाचकों का बजट आप जानते नहीं होंगे कि कितना होता है। इसीलिए उन्होंने गरीब कथावाचक बुलाए। आप जानते होंगे कि उनके साथ कैसा व्यवहार हुआ। ऐसा व्यवहार हम लोग कभी नहीं भूल सकते। इसीलिए समय-समय पर हम आप लोगों को जगाते हैं। ये भाजपा के लोग संविधान से नहीं चलना चाहते। इनका रास्ता कोई और है। इनका रास्ता वो है, जो कभी मनु महाराज आए थे। कुछ गड़बड़ किया था। ये लोग उनके रास्ते पर चलते हैं। इसके बाद सपा समर्थकों ने सोशल मीडिया पर लिखना शुरू किया- PDA समाज PDA जाति के पंडितों से ही पूजा भी करवाएगा। ब्राह्मण पंडितों से अब पूजा नहीं करवाई जाएगी। ताकि इटावा जैसी घटना दोबारा न हो। यही से मामला यूपी की सियासत में सुर्खियों में आया। अब इटावा की घटना भी जानिए 21 जून : भागवत कथा में मालूम हुआ कि कराने वाले ब्राह्मण नहीं इटावा में 21 जून से भागवत कथा शुरू हुई। शाम को पता चला कि कथावाचक ब्राह्मण नहीं, यादव है। इसके बाद हंगामा हो गया। कथावाचक को मारा-पीटा गया। उनकी चोटी काट दी गई। सिर मुंडवा दिया गया। एक महिला के पैरों में नाक रगड़वाई गई। इन सबका वीडियो बनाया। अगले दिन एक ब्राह्मण कथावाचक को बुलाया गया। उनसे भागवत करवाई गई। तभी पिछली रात वाले वीडियो वायरल हुए और हंगामा हो गया। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कथावाचक मुकुट मणि और संत सिंह यादव को लखनऊ बुलाया। उनकी मदद की। इसके बाद इटावा पुलिस एक्टिव हुई। 4 कथावाचकों के साथ बदसलूकी करने वाले 5 लड़कों को गिरफ्तार किया। इसके बाद यादव-ब्राह्मण वर्ग आमने-सामने हो गए। कथावाचकों के खिलाफ भी FIR हुई। ------------------------------- ये भी पढ़ें : अखिलेश के सामने 93 साल के विधायक से धक्का-मुक्की, VIDEO:मंत्री राजभर के बेटे बोले- सपा में गुलाम मुस्लिमों का यही हाल आजमगढ़ में सपा के सबसे बुजुर्ग विधायक आलमबदी के साथ अखिलेश के सामने मंच पर धक्का-मुक्की हुई। इस घटना का वीडियो सामने आया है। विरोधी पार्टियों के साथ सोशल मीडिया यूजर्स जमकर निशाना साध रहे हैं। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर ने इसे गुलामी से जोड़ते हुए सपा पर तंज कसा। उन्होंने X पर लिखा, 'अखिलेश यादव के सामने ईमानदार विधायक आलमबदी जी को धक्के देकर किनारे कर दिया। सपा में गुलामी करने वाले मुसलमानों का यही हाल है।' पढ़िए पूरी खबर...
ताजमहल के पीछे फैली गंदगी का पोलैंड के टूरिस्ट ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया X पर पोस्ट किया। इसमें गंदगी के बीच एक महिला टूरिस्ट मुंह पर कपड़ा रखे दिखी। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने X पर लिखा- भाजपा के राज में गंदगी का साम्राज्य है। इस पोस्ट के सामने आते ही नगर निगम की टीमों ने ताजमहल के पीछे के हिस्से पर 3 घंटे अभियान चलाया। पूरा एरिया से कूड़ा हटाया गया। हालांकि, इसके बाद वीडियो में दिख रही गंदगी पर नगर निगम ने दावा किया- ये वीडियो पुराना है, बस वायरल 3 जुलाई को किया गया। ये पहला मामला नहीं है, जब ताजमहल की व्यवस्थाओं पर सवाल उठा हो। इससे पहले बारिश में दीवारों पर उगे पेड़ और गुंबद से रिसते बारिश के पानी की वजह से सवाल उठे हैं। हकीकत में हालात कैसे हैं, इनको समझने के लिए दैनिक भास्कर की टीम ताजमहल पहुंची। पीछे के हिस्से में जहां का वीडियो वायरल किया गया, वहां के हालात देखे। पढ़िए रिपोर्ट... पहले पढ़िए वीडियो में क्या दिखा... टूरिस्ट पूछता है- हमारे लिए क्या है? महिला कहती है- रियल इंडिया 3 जुलाई को सोशल मीडिया X पर एक वीडियो पोस्ट किया गया। इसमें 3 विदेशी टूरिस्ट दिख रहे हैं। 2 महिलाएं और 1 पुरुष। यह वीडियो ताजमहल के पीछे का है। एक दूसरा व्यक्ति उससे पॉलिश भाषा (पोलैंड की राजभाषा) में पूछ रहा है कि कहां है ताजमहल, लेकिन वो महिला जवाब देने की बजाय उल्टी रोकने की कोशिश कर रही है। सवाल करने वाला व्यक्ति हंसता है, फिर वो पूछता है कि यहां हमारे लिए क्या है? महिला जवाब देती है कि रिअल इंडिया। फिर नाला, गंदगी वीडियो में दिखाती है। ताजमहल के अंदर का हिस्सा दिखाया जाता है। फिर महिला पर्यटक कहती है कि इस स्टिंक्स, इट स्टिंक्स मोर दैन इन चेन्नई। फिर नदी में बहती गाय की डेडबॉडी भी दिखाई। फिर लिखा है कि यहां बहुत सुंदर सनसेट हो रहा है, लेकिन कूड़े के ढेर से दिख रहा है। अब 5 जुलाई की स्थिति जानिए भास्कर टीम पहुंची, तब टीम सफाई करती दिखीशनिवार यानी 5 जुलाई को दैनिक भास्कर एप की टीम यमुना टेनरी पहुंची, जहां से वीडियो बनाया गया है। यहां के लिए दशहरा घाट की तरफ जाने वाले रास्ते से ही एक और रास्ता निकलता है। यह बिल्कुल यमुना किनारे है। एक पुरानी इमारत भी बनी हुई है, एक बंद फैक्ट्री है। यहीं से जंगल के बीच में से होते हुए यमुना किनारे पहुंचा जाता है। जैसे ही इस रास्ते पर आगे बढ़े तो नगर निगम की एक टीम नाले में सफाई करते हुए दिखी। सफाई कर्मचारी नाले में उतरकर नाले से गंदगी निकाल रहे थे। इससे आगे बढ़ने पर यमुना टेनरी के रास्ते से नगर निगम की टीम सफाई कर वापस लौटते हुए दिखी। एक व्यक्ति ने बताया कि आज यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। गंदगी बह गई है। अब सफाई की 2 तस्वीर देखिए नदी का पानी बढ़ा, नाले के अंदर जा रहा था पानीयमुना नदी के किनारे पहुंचने पर देखा कि यमुना का जलस्तर बहुत बढ़ गया है। पानी नाले के अंदर तक जा रहा था। गंदगी को बैक मार रहा था। पानी के साथ ही पौधे बहते हुए आ रहे थे। दूर-दूर तक यमुना की धारा दिख रही थी। इस जगह तक पहुंचने के लिए जंगल के बीच से एक पगडंडी से होकर गुजरना पड़ता है, जिसमें दोनों तरफ घने पेड़-पौधे हैं। 7 महीने पहले NGT ने 58 करोड़ का जुर्माना लगायातमाम कोशिशों के बावजूद यमुना में नालों का गंदा पानी जाने से नहीं रोका जा सका है। 90 में से अभी भी 61 नाले ऐसे हैं, जिनका गंदा पानी सीधे यमुना में जा रहा है। 29 नालों को टेप करके गंदे पानी को STP में शोधित किया जा रहा है। इनमें से 21 नाले पूरी तरह से टेप्ड हैं और 8 नाले आंशिक टेप्ड हैं। 90 नालों से 286 MLD गंदा पानी निकलता है। 61 नालों में से 23 नाले टेप्ड करने का कार्य नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत कराया जा रहा है। शेष नालों को टैपिंग करने के लिए बजट का आकलन कर शासन को भेज दिया गया है। 7 महीने पहले NGT ने नालों से गंदी हो रही यमुना पर नाराजगी जताते हुए नगर निगम पर 58 करोड़ रुपए का जुर्माना भी लगाया था। अब जानिए अखिलेश ने क्या लिखा... आगरा स्वच्छता सर्वेक्षण में 16 से 85वीं रैंक पर आयाचार साल के स्वच्छ सर्वेक्षण में आगरा की रैंकिंग 16 से लुढ़क कर 85 पर आ गई है। इस बार के स्वच्छ सर्वेक्षण के नतीजे आने बाकी हैं, लेकिन उससे पहले आगरा नगर निगम ने सफाई पर खर्च होने वाला बजट इन चार सालों में ढाई गुना बढ़ा दिया है। खास तौर पर डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए बीते साल के मुकाबले 35 करोड़ से बढ़ाकर दोगुना यानी 70 करोड़ रुपए का बजट कर दिया गया है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए भी खर्च 17 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 70 करोड़ रुपए कर दिया है। साल 2020-21 में देश में स्वच्छ सर्वेक्षण में आगरा नगर निगम की रैंकिंग 16वीं थी। तब आगरा नगर निगम 172.54 करोड़ रुपए सालाना सफाई पर खर्च कर रहा था। अब आगरा नगर निगम की स्वच्छता रैंकिंग देश में 85वीं है। इस साल के लिए नगर निगम ने 405.50 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया है। बीते साल 20 करोड़ रुपए सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए स्वीकृत किए थे। इस बार बजट साढ़े तीन गुना बढ़ाकर 70 करोड़ रुपए कर दिया है। अब अधिकारियों की बात नगर आयुक्त ने कहा- वीडियो पुराना लग रहा वीडियो में दिख रही गंदगी के बारे में जब नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल से बात की गई, उनका कहना था कि यह वीडियो पुराना लग रहा है। वर्तमान में यमुना नदी का प्रवाह तेज है। वर्तमान समय में तेज बारिश होने के कारण यमुना नदी से लगे तटीय क्षेत्रों में लगे पेड़/पौधे प्रवाह के साथ बह जाते हैं। वीडियो में यमुना नदी के प्रवाह में जिसे गंदगी बताया जा रहा है, वह धारा के साथ आए पेड़/पौधे हैं। सफाई प्रभारी बोले- कोई फिक्स बजट नहींनगर निगम में सफाई अभियान के प्रभारी डॉ. संजीव वर्मा का कहना है कि घाटों की सफाई के लिए कोई फिक्स बजट नहीं है। लेकिन घाटों की नियमित सफाई होती है। शहर में लगभग 4200 सफाई कर्मचारी हैं, जिन्हें रोस्टर पर अलग-अलग क्षेत्रों में भेजा जाता है। दशहरा घाट, हाथी घाट, बल्केश्वर घाट पर बाउंसर भी तैनात किए गए थे, जिससे लोग गंदगी न करें। धोबी कपड़े न धोएं। देश में सबसे ज्यादा कमाई वाला स्मारकताजमहल ने 2023-2024 में टिकटों की बिक्री से 98 करोड़ रुपए की कमाई की है। पिछले 5 वर्षों में यह आंकड़ा 297 करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। साथ ही यह भारत के सबसे अधिक कमाई करने वाले स्मारकों में से एक है। वित्त वर्ष 2023-2024 में 67 लाख 80 हजार पर्यटक यहां पर आए थे। पिछले 5 सालों में इतने आए विदेशी टूरिस्ट ------------------------ ये खबर भी पढ़ें... बॉयफ्रेंड की मौत के बाद जेठ-ससुर से इश्क, झांसी में सास की हत्या करने वाली बहू के सैकड़ों फालोवर, ससुर बोले- बहू को फांसी हो झांसी में सास की हत्या करने वाली पूजा जाटव मामले में अब नए खुलासे हो रहे हैं। पति पर गोली चलवाने के बाद वह बॉयफ्रेंड कल्याण राजपूत के साथ लिव-इन में रहने लगी थी। 6 साल पहले एक्सीडेंट में बॉयफ्रेंड की मौत के बाद पूजा उसके घर में रहने लगी। आरोप है कि उसने शादीशुदा जेठ संतोष राजपूत और ससुर को फंसाया। उन्हें प्रॉपर्टी बेचकर ग्वालियर में रहने के लिए राजी कर लिया। पढ़िए पूरी खबर
देश के कई राज्यों में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के नाम का ऐलान होने के बाद अब नजरें राजनीति के लिहाज से सबसे अहम सूबे यूपी पर हैं। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले 2026 में यहां पंचायत चुनाव भी हैं। ऐसे में पार्टी जातिगत आंकड़ों के गुणा-भाग में लगी है। राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने यूपी में यदि पिछड़े वर्ग के नेता को अध्यक्ष बनाने का निर्णय किया तो पशुधन मंत्री धर्मपाल की ताजपोशी हो सकती है। धर्मपाल लोध समाज (लोधी समाज) के बड़े नेता हैं। 15 जुलाई तक यूपी में पार्टी के नए अध्यक्ष की घोषणा हो सकती है। ऐसे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए लखनऊ से दिल्ली तक दौड़ लगी है। ऐसा माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव 2027 के मद्देनजर सपा के PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की काट के लिए पार्टी का राष्ट्रीय नेतृत्व पिछड़े वर्ग के नेता को ही अध्यक्ष बनाने पर मंथन कर रहा है। कौन नेता प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में हैं? उनका जातिगत समीकरण क्या है? जानिए... पिछड़े वर्ग से ही अध्यक्ष बनाया जाएगाराजनीति के जानकारों में चर्चा है कि यदि दिल्ली में किसी ब्राह्मण नेता को भाजपा अध्यक्ष बनाया गया तो यूपी में पिछड़े वर्ग से ही अध्यक्ष बनाया जाएगा। पिछड़े वर्ग में पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा, राज्यसभा सदस्य अमरपाल मौर्य, राज्यसभा सदस्य बाबूराम निषाद और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति दौड़ में शामिल हैं। वहीं, ब्राह्मण समाज भी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए दबाव बना रहा है। समाज के नेताओं का तर्क है कि लोकसभा चुनाव में भी समाज भाजपा के साथ रहा है। समाज की आबादी के अनुपात में केवल एक डिप्टी सीएम का पद ही दिया गया है। जबकि क्षत्रिय समाज के पास कई महत्वपूर्ण पद हैं। ब्राह्मण समाज से राज्यसभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा, बस्ती के पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी, गौतमबुद्ध नगर के सांसद महेश शर्मा, मथुरा विधायक श्रीकांत शर्मा भी दौड़ में हैं। धर्मपाल सिंह की दावेदारी क्यों मजबूत?धर्मपाल सिंह को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती का सबसे करीबी माना जाता है। धर्मपाल सिंह 2016 में भी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के दावेदार थे। लेकिन उस दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने बाजी मारी थी। लेकिन 2017 विधानसभा चुनाव में यूपी में भाजपा की सरकार बनने पर धर्मपाल सिंह को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। राजवीर सिंह ने किया था बीएल वर्मा का विरोधराजनीति के जानकार बताते हैं कि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए केंद्रीय राज्यमंत्री बीएल वर्मा का नाम दौड़ में सबसे आगे था। लेकिन पूर्व सीएम कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह ने उनका विरोध कर दिया। सूत्रों का कहना है कि राजवीर सिंह ने केंद्रीय नेतृत्व को यहां तक कह दिया कि यदि बीएल वर्मा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया तो वह पार्टी भी छोड़ सकते हैं। लोध समाज में आज भी कल्याण सिंह परिवार का वर्चस्व माना जाता है। राजवीर सिंह और बीएल वर्मा की लड़ाई में धर्मपाल सिंह आगे निकल गए। धर्मपाल सिंह लोध समाज के बड़े नेता हैं। मौजूदा दौर में लोध समाज (लोधी समाज) के बीजेपी नेताओं में सबसे वरिष्ठ भी हैं। ये नेता भी प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में ... वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक आनंद राय का कहना है कि भाजपा चौंकाने वाले फैसले लेती है। ओबीसी में लोध समाज से पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह और केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा का नाम प्रबल है। दलित वर्ग से विद्यासागर सोनकर का नाम भी बड़ा है। लेकिन दावे के साथ कहा नहीं जा सकता है कि किसे अध्यक्ष बनाया जाएगा। बीजेपी नेतृत्व जातीय संतुलन और तात्कालिक चुनौतियों के मद्देनजर निर्णय लेगा। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्रनाथ भट्ट का कहना है कि भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का करीबी होगा। 2024 में पिछड़े और दलित वोट भाजपा से खिसक गया था। पिछड़े वर्ग में फिर पकड़ मजबूत करने के लिए भाजपा पिछड़े वर्ग से ही प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी। ................ ये खबर भी पढ़ें... धर्म जानने के लिए होटल कर्मचारियों की पैंट उतरवाई:यूपी में कांवड़ यात्रा से पहले हिंदू संगठनों ने चलाया चेकिंग अभियान एक लड़का हमारे होटल पर टॉयलेट साफ-सफाई करता था। वो उसको अंदर ले गए। धर्म पहचानने के लिए उसकी पैंट उतारी गई। वो पूछ रहे थे कि आप मुसलमान तो नहीं हो? मैं कहती हूं कि हमारा हाथ काटकर देखो। जब खून के रंग में फर्क नहीं तो और बाकी क्या फर्क है।’ यह कहना है होटल कर्मचारी सुमन का। कांवड़ यात्रा को लेकर दिल्ली-देहरादून हाईवे के होटल-ढाबों पर कुछ हिंदू संगठनों ने चेकिंग अभियान चलाया हुआ है। वो इस बात की चेकिंग कर रहे कि हिंदू या कॉमन नाम से खुले होटल-ढाबों के मालिक/कर्मचारी मुसलमान तो नहीं? इन संगठनों ने जिस होटल पर पहुंचकर जांच-पड़ताल की, वहां के 8 कर्मचारी दहशत के चलते नौकरी छोड़कर भाग गए। फिर रोजाना मीडिया का जमावड़ा लगने लगा। विवादों की वजह से संचालक ने होटल ही बंद कर दिया।पढ़िए पूरी खबर...
अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल का असल उत्तराधिकारी कौन? ये सवाल अब भी बना हुआ है। अपना दल (एस) की अनुप्रिया पटेल ने काफी हद तक ये साबित करने की कोशिश तो की है कि वही असली वारिस हैं, लेकिन अपनी ही मां कृष्णा और सगी बहन पल्लवी की खिलाफत ने साफ कर दिया है कि अभी विरासत की जंग थमी नहीं है। कांग्रेस और बसपा जैसे राष्ट्रीय दल को पछाड़कर प्रदेश की सियासत में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी अपना दल (एस) के अंदरखाने क्या सुलग रहा है? सरकारी नौकरी छोड़कर पार्टी की कमान संभालने वाले यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल की एंट्री से ऐसा क्या बदल गया कि पार्टी के मजबूत चेहरे एक–एक कर छोड़कर जाने लगे? बागियों के अपना मोर्चा का वजूद क्या? उसके नेताओं में कितना दम है? अनुप्रिया पति आशीष का कद घटा कर क्या सियासी संदेश देना चाहती हैं? पढ़िए संडे बिग स्टोरी में… तीन दिन में तीन बड़े सियासी उलट–फेर ओबीसी में यादवों के बाद कुर्मी समुदाय सबसे प्रभावशाली जातिउत्तर प्रदेश में कुर्मी समुदाय (लगभग 6%) को यादवों (लगभग 9%) के बाद दूसरा सबसे प्रभावशाली ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) समूह माना जाता है। सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल सपा (समाजवादी पार्टी) दोनों के पास कुर्मी सहयोगी हैं। भाजपा के पास अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाला अपना दल (एस) है, जबकि सपा के पास अपना दल (के) है, जिसका नेतृत्व उनकी मां कृष्णा पटेल करती हैं, और जिसे उनकी दूसरी बेटी पल्लवी का समर्थन प्राप्त है। दोनों गुट अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की विरासत का दावा करते हुए पारिवारिक झगड़े में उलझे हुए हैं। नाटकीय ढंग से हुई थी पटेल परिवार में आशीष की एंट्रीसोनेलाल पटेल के परिवार में आशीष पटेल की एंट्री के बाद ही विवाद शुरू होने की बात कही जाती है। खुद सोनेलाल की पत्नी कृष्णा पटेल, उनकी बड़ी बेटी पारुल और पल्लवी पटेल भी अक्सर इसका आरोप लगाती रहती हैं। इस परिवार के एक करीबी के मुताबिक, आशीष पटेल की इस परिवार में एंट्री भी नाटकीय ढंग से हुई थी। डॉ. सोनेलाल पटेल की 4 बेटियों में सबसे बड़ी पारुल, फिर पल्लवी, अनुप्रिया और सबसे छोटी अमन पटेल हैं। पारुल की शादी रीवा में हुई है। पति सरकारी नौकरी में हैं। ये परिवार गैर राजनीतिक है। बात 2009 की है। सोनेलाल पटेल अपनी दूसरी नंबर की बेटी पल्लवी की शादी के लिए रिश्ता तलाश रहे थे। उसी क्रम में उन्हें चित्रकूट निवासी आशीष पटेल के बारे में पता चला। आशीष पटेल तब जल निगम में जेई (जूनियर इंजीनियर) थे। रिश्ते की बात चली, लेकिन शादी पल्लवी की बजाय तीसरे नंबर की बेटी अनुप्रिया पटेल से हुई। शुरू में सोनेलाल तैयार नहीं थे, उनका तर्क था कि बड़ी बेटी पल्लवी के रहते कैसे छोटी बेटी अनुप्रिया की शादी कर दें। लेकिन करीबियों ने समझाया कि लड़का पढ़ा–लिखा है और सरकारी जॉब में है। फिर वे मान गए। इस तरह 27 सितंबर 2009 को पल्लवी से पहले उनकी छोटी बहन अनुप्रिया की शादी हो गई। सोनेलाल पटेल की मौत के बाद पटेल कुनबे में शुरू हुआ मतभेदअनुप्रिया की शादी के महज 22 दिनों बाद 18 अक्टूबर 2009 को कानपुर में हुई एक सड़क दुर्घटना में सोनेलाल पटेल की मौत हो गई। उनकी मौत को परिवार और समर्थकों ने साजिश मानते हुए तब सीबीआई जांच की मांग उठाई थी। ये मांग करने वालों में तब अनुप्रिया पटेल भी शामिल थीं। खैर, यहां हम बात पटेल कुनबे में मतभेद बढ़ने की कर रहे हैं। डॉ. सोनेलाल पटेल के निधन के बाद उनकी विरासत की जंग अर्थी उठने के साथ ही शुरू हो गई थी। डाॅ. सोनेलाल पटेल को उनकी चारों बेटियों ने कंधा दिया। बात जब मुखाग्नि देने की आई तो पल्लवी आगे बढ़ीं, लेकिन बताते हैं कि आशीष पटेल ने बड़े शातिराना ढंग से पल्लवी को पीछे कर अनुप्रिया के हाथ में मुखाग्नि की आग थमा दी। अनुप्रिया के मुखाग्नि देते ही समर्थकों की ओर से नारेबाजी हुई–’अनुप्रिया तुम संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं।’ इसके साथ ये भी तय हो गया कि सोनेलाल पटेल की राजनीतिक वारिस अब अनुप्रिया होंगी। सोनेलाल पटेल के जिंदा रहते अनुप्रिया राजनीति से दूर नोएडा में पढ़ाती थीं। पर उनकी मौत के बाद न चाहते हुए भी उन्हें राजनीति में सक्रिय होना पड़ा। परिवार के करीबी बताते हैं कि इसके लिए आशीष ने ही अनुप्रिया को तैयार किया था। अपना दल की कमान सोनेलाल पटेल की पत्नी कृष्णा पटेल ने संभाली और अनुप्रिया को राष्ट्रीय महासचिव का पद मिला। 2012 में वाराणसी जिले की रोहनिया विधानसभा सीट से अनुप्रिया पटेल पहली बार विधायक चुनी गईं। पटेल परिवार से पहली बार कोई जनप्रतिनिधि चुना गया था। 2014 लोकसभा चुनाव के बाद परिवार में बढ़ने लगा विवाद वर्ष 2014, तब देश में कांग्रेस के 10 वर्षों के शासन के बाद एंटी इनकंबेंसी का दौर था। भाजपा नरेंद्र मोदी को चुनावी कैंपेन का प्रमुख बनाकर संकेत दे चुकी थी कि बहुमत मिलने पर उसकी पार्टी से वही पीएम होंगे। भाजपा के लिए यूपी सबसे कमजोर किला था। ऐसे में अमित शाह को इस सूबे की चुनावी कमान सौंपी गई। अमित शाह ने अपना दल से गठबंधन का फैसला लिया। बातचीत अपना दल की तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल से हुई थी। दोनों दलों के बीच गठबंधन की घोषणा दिल्ली में होनी थी। भाजपा की तरफ से मुख्तार अब्बास नकवी और अपना दल की ओर से कृष्णा पटेल को उपस्थित होना था। पर आखिरी समय में इस बैठक में अनुप्रिया पटेल पहुंचती हैं। बताते हैं कि कृष्णा पटेल किसी कारण से नहीं पहुंच पाईं थीं। हालांकि कृष्णा पटेल आरोप लगाती हैं कि इसमें साजिश हुई थी। जानबूझकर मेरे ड्राइवर को छुट्टी पर भेज दिया गया था। मैं ऑटो से पहुंची, लेकिन समय से नहीं पहुंच पाई। गठबंधन में अपना दल को लोकसभा की 2 सीटें मिलीं। पहली मिर्जापुर की और दूसरी प्रतापगढ़ की सीट। कृष्णा पटेल खुद मिर्जापुर से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहती थीं। खैर अनुप्रिया की जिद के चलते कृष्णा ने कदम खींच लिए। इस तरह अनुप्रिया प्रत्याशी बनीं। समझौते में मिली दूसरी सीट प्रतापगढ़ लोकसभा से पार्टी ने कुंवर हरिवंश सिंह को प्रत्याशी बनाया। बताते हैं कि इसके एवज में पार्टी फंड में 2 करोड़ रुपए मिले थे। कृष्णा पटेल के मुताबिक ये रकम आशीष और अनुप्रिया ने खुद रख लिए। लोकसभा चुनाव परिणाम आया तो अपना दल ने दोनों सीटें जीत लीं। इसके चलते अनुप्रिया को रोहनिया विधानसभा से इस्तीफा देना पड़ा। अनुप्रिया चाहती थीं कि उनकी खाली सीट से पति आशीष पटेल चुनाव लड़ें, लेकिन कृष्णा पटेल की अध्यक्षता वाली पार्टी की गवर्निंग बॉडी ने इससे इनकार कर दिया और वे खुद रोहनिया से अक्टूबर 2014 में विधानसभा का उप चुनाव लड़ीं। बताया जाता है कि पार्टी में अनुप्रिया और आशीष के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए ऐसा किया गया। मां कृष्णा पटेल और छोटी बहन पल्लवी पटेल उनके बढ़ते कद से सहज नहीं थीं। कृष्णा पटेल ने रोहनिया से उप चुनाव लड़ा, लेकिन अनुप्रिया का पूरी तरह सहयोग नहीं मिला। इसके चलते वे चुनाव हार गईं। इस चुनाव के नतीजे ने परिवार का तनाव सतह पर ला दिया। कृष्णा ने खुलकर आरोप लगाए कि अनुप्रिया और आशीष के चलते वे चुनाव हारीं। पल्लवी को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाने पर बढ़ा विवाद, दो फाड़ हुई पार्टीपार्टी में अनुप्रिया और दामाद आशीष की दखलअंदाजी पर अंकुश लगाने के इरादे से कृष्णा पटेल ने पल्लवी पटेल को राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया। अनुप्रिया ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि पार्टी के संविधान में उपाध्यक्ष पद की व्यवस्था ही नहीं है। दूसरा गठबंधन के वक्त बीजेपी की ओर से आश्वासन दिया गया था डॉ. सोनेलाल पटेल की मौत की सीबीआई जांच कराई जाएगी। पर केंद्र में मंत्री बनने के बाद भी अनुप्रिया पटेल ने इस मामले में कोई तेजी नहीं दिखाई। इसे लेकर भी परिवार में विवाद बढ़ता गया। स्थिति यह हो गई कि कृष्णा पटेल ने बेटी अनुप्रिया को राष्ट्रीय महासचिव पद से हटाने के साथ पार्टी से बाहर कर दिया। अनुप्रिया ने पार्टी पदाधिकारियों की मदद से खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित करते हुए मां कृष्णा पटेल को बाहर कर दिया। 2016 में दोनों गुट पार्टी पर दावा करते हुए हाईकोर्ट पहुंच गए, जहां यह मामला अब भी विचाराधीन है। ऐसे में चुनाव आयोग ने अपना दल का सिंबल फ्रीज कर दिया। इसके बाद दोनों गुटों की ओर से अलग–अलग पार्टी का गठन किया गया। 14 दिसंबर 2016 को अनुप्रिया पटेल द्वारा अपना दल (सोनेलाल) और 2019 में कृष्णा पटेल की ओर से अपना दल (कमेरावादी) का गठन किया गया। अपना दल (एस) के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष जवाहर लाल पटेल बने। 2017 में भाजपा और अपना दल (एस) में हुआ समझौता2017 का विधानसभा चुनाव आया। भाजपा ने अनुप्रिया के गुट वाले अपना दल (एस) से समझौता किया। भाजपा के समर्थन से अपना दल एस पहली बार 9 विधायकों को जिताने में सफल रहा। ये संख्या कांग्रेस के 7 विधायकों से ज्यादा थी। इस जीत से तय माना जाने लगा कि डॉ. सोनेलाल पटेल की राजनीतिक विरासत अब अनुप्रिया ही संभालेंगी। पर कहानी में अभी कई मोड़ आने थे। गठबंधन में समझौते के तहत तय हुआ था कि अपना दल को एक सीट एमएलसी की मिलेगी, जिस पर अनुप्रिया के पति आशीष प्रत्याशी होंगे। साथ में एक राज्यमंत्री और कैबिनेट का पद मिलेगा। राज्यमंत्री के तौर पर सपा से आए राजकुमार जैकी को कारागार मंत्री बनाया गया। कैबिनेट मंत्री का पद रिक्त रखा गया कि आशीष पटेल के आने पर ये भरा जाएगा। 9 मार्च 2017 को अपना दल (एस) की लखनऊ के गांधी भवन में राष्ट्रीय स्तर की बैठक हुई। इस बैठक में पहली बार आशीष पटेल की एंट्री होती है। वे उसी दिन सरकारी नौकरी से इस्तीफा देते हैं और पार्टी की सदस्यता लेने के साथ ही उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिए जाते हैं। 2018 में भाजपा ने अपने वादे के मुताबिक आशीष पटेल को एमएलसी बनाया। हालांकि कैबिनेट मंत्री बनने का सपना 2022 में ही पूरा हो पाया। 2019 लोकसभा के समय अनुप्रिया ने संभाली पार्टी की कमान2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी और अपना दल (एस) के बीच गठबंधन हुआ। इस बार मिर्जापुर के साथ राबर्ट्सगंज लोकसभा की सुरक्षित सीट समझौते में मिली। मिर्जापुर से अनुप्रिया तो राबर्ट्सगंज से पकौड़ी लाल कोल सांसद चुने गए। इससे पहले वह सपा से 2009 में सोनभद्र से सांसद रह चुके थे। लोकसभा चुनाव से पहले ही अनुप्रिया पटेल ने पार्टी की कमान संभाली और राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गईं। इसके बाद आशीष पटेल राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर कार्य करते रहे। हालांकि पार्टी संविधान में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जैसा कोई पद नहीं था। 2022 में दोनों दल गठबंधन के तहत यूपी विधानसभा चुनाव में फिर उतरे। इस बार अपना दल के 13 विधायक चुने गए। समझौते के तहत पार्टी को एक राज्य मंत्री, एक एमएलसी और 8 दर्जा प्राप्त मंत्री (निगम अध्यक्ष) का पद देने की पेशकश की गई थी। लेकिन आशीष पटेल की तरफ से कहा गया कि हमें सिर्फ एक कैबिनेट मंत्री का पद दे दिया जाए। वे खुद यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री बने। 2024 में बड़ी मुश्किल से जीतीं अनुप्रिया, कोल परिवार में बढ़ी दरारआशीष पटेल की सक्रियता बढ़ने के साथ ही पार्टी में कलह भी बढ़ने लगी। 2022 के विधानसभा चुनाव में अपना दल (एस) के सांसद पकौड़ी लाल कोल के बेटे राहुल कोल विधायक चुने गए। लेकिन उनकी बीमारी के चलते निधन हो गया। उप चुनाव की बारी आई तो पार्टी ने पकौड़ी कोल की इच्छा के विपरीत राहुल कोल की पत्नी रिंकी कोल को प्रत्याशी बना दिया। पकौड़ी यहां से छोटे बेटे को प्रत्याशी बनाना चाहते थे। खैर परिणाम आया तो रिंकी कोल विधायक चुन ली गईं। लेकिन इस परिणाम ने कोल परिवार में दरार पैदा कर दी। 2024 लोकसभा का चुनाव आया तो पार्टी ने पकौड़ी लाल काेल का टिकट काट दिया। इसकी बजाय रिंकी कोल को लोकसभा का प्रत्याशी बनाया। इससे पकौड़ी कोल नाराज हो गए। मिर्जापुर, सोनभद्र जिलों में कोल आबादी में पकौड़ी कोल परिवार का बड़ा दखल है। पकौड़ी कोल ने बहू का विरोध किया और वो चुनाव हार गईं। खुद अनुप्रिया पटेल मिर्जापुर में बड़ी मुश्किल से चुनाव जीत पाईं। अब पढ़िए आशीष की पार्टी में एंट्री से पार्टी क्यों बिखरने लगी? अपना दल (एस) पार्टी छोड़ने वालों में ये नेता भी शामिल- अपना मोर्चा बनाने वालों में कितना दम अपना दल से निकाले गए और खुद पार्टी छोड़ने वालों ने मिलकर 1 जुलाई को अपना मोर्चा बनाया है। इसमें अपना दल बलिहारी के धर्मराज पटेल, राष्ट्रीय जनसरदार पार्टी के हेमंत चौधरी, छत्रपति शिवाजी महाराज फाउंडेशन के बौद्ध अरविंद पटेल, अपना दल यू के बच्चा सिंह पटेल और बृजेंद्र प्रताप सिंह जैसे नेता शामिल हैं। अपना मोर्चा के सूत्रों की मानें तो जल्द ही इस मोर्चे में पकौड़ी कोल, पल्लवी पटेल वाली अपना दल (कमेरा-वादी) सहित और दूसरे नेता भी जुड़ सकते हैं। अपना मोर्चा के नेताओं की इनसे लगातार चर्चा चल रही है। अपना मोर्चा सबसे पहले पंचायत चुनाव में अपनी ताकत दिखाएगा। अपना मोर्चा की ओर से भाजपा–सपा से दोनों से गठबंधन का विकल्प खुला रखा जाएगा। मोर्चा में शामिल सिर्फ अपना दल बलिहारी ही चुनाव लड़ी है। हालांकि कोई चुनावी सफलता नहीं मिली है। ------------------------ ये खबर भी पढ़ें... धर्म जानने के लिए होटल कर्मचारियों की पैंट उतरवाई:यूपी में कांवड़ यात्रा से पहले हिंदू संगठनों ने चलाया चेकिंग अभियान ‘एक लड़का हमारे होटल पर टॉयलेट साफ-सफाई करता था। वो उसको अंदर ले गए। धर्म पहचानने के लिए उसकी पैंट उतारी गई। वो पूछ रहे थे कि आप मुसलमान तो नहीं हो? मैं कहती हूं कि हमारा हाथ काटकर देखो। जब खून के रंग में फर्क नहीं तो और बाकी क्या फर्क है।’ यह कहना है होटल कर्मचारी सुमन का। कांवड़ यात्रा को लेकर दिल्ली-देहरादून हाईवे के होटल-ढाबों पर कुछ हिंदू संगठनों ने चेकिंग अभियान चलाया हुआ है। पढ़ें पूरी खबर
प्रतापगढ़ जिले के धरियावद वनखंड में शनिवार दोपहर काबरा मंगरा क्षेत्र में अवैध बजरी खनन पर कार्रवाई करने गई वन विभाग की टीम पर बजरी माफिया ने हमला कर दिया। टीम में शामिल दो वनकर्मियों को लाठियों से पीटा, उनकी वर्दी फाड़ दी और ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश की। घटना उस वक्त हुई जब उड़नदस्ता अवैध बजरी भरकर भाग रहे ट्रैक्टर को पकड़ने गई थी। यह वही क्षेत्र है जहां पूर्व में भी कई बार हमले हो चुके हैं। धरियावद प्रादेशिक वनखंड की उड़नदस्ता टीम शनिवार को काबरा मंगरा क्षेत्र में गश्त पर थी। टीम में वन नाका आरामपुरा का स्टाफ और प्रतापगढ़ से आई उडऩदस्ता टीम शामिल थी। इस दौरान बजरी से भरे एक ट्रैक्टर को रुकवाने की कोशिश की तो चालक ने ट्रैक्टर को तेजी से वनकर्मियों की ओर दौड़ा दिया और कच्चे रास्ते से भाग गया। सरकारी वाहन से पीछा करने पर ट्रॉली दासगुड़ा पुलिया के पास पलट गई और बजरी बिखर गई। चालक मौके से भाग निकला। सूचना मिलते ही क्षेत्रीय वन अधिकारी रामलाल भील ने अन्य नाकों से जाप्ता मंगवाया और जेसीबी की मदद से ट्रॉली को सीधा कर जब्त किया गया। इसके बाद सहायक वनपाल महेंद्र सिंह चौहान और वनरक्षक गोविंद गवारिया ट्रैक्टर को धरियावद कार्यालय ला रहे थे। तभी रास्ते में 8-10 लोग आए और ट्रैक्टर को रुकवाकर दोनों वनकर्मियों पर हमला कर दिया। गोविंद के कंधे पर लाठियों से वार किया। महेंद्र सिंह को घूंसे मारे गए और उनकी वर्दी फाड़ दी। हमले के बाद हमलावर गाली-गलौच और जान से मारने की धमकी देते हुए भाग निकले। घटना के बाद तीन हमलावरों की पहचान रमेश मीणा, प्रवीण मीणा और धुलेश्वर मीणा निवासी काबरा मंगरा के रूप में की गई है। बाकी की तलाश जारी है। धरियावद के क्षेत्रीय वन अधिकारी रामलाल भील ने बताया कि ट्रैक्टर को जब्त कर वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। हमला करने वालों की पहचान कर रिपोर्ट थाना धरियावद को दी गई है।
मऊगंज जिले का मामला:अवैध उत्खनन पर 10 करोड़ रुपए का जुर्माना
स्वीकृत लीज से सटी शासकीय भूमि बांध के डूब क्षेत्र में अवैध उत्खनन करने पर मऊगंज कलेक्टर ने लीजधारक पर 10 करोड़ 8 लाख का जुर्माना लगाया है। मामला मऊगंज जिले की स्थानीय तहसील अंतर्गत हर्रहा गांव का है। लीजधारी को 15 दिनों के अंदर जुर्माने की राशि जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। सीधी जिले के चुरहट तहसील अंतर्गत नेंगुड़ा निवासी कृष्ण कुमार सिंह ने हर्रहा में खदान लीज पर ले रखी है। इस स्वीकृत खदान से सटी शासकीय जमीन है। लीजधारी ने शासकीय भूमि से पत्थर बोल्डर का अवैध तरीके से उत्खनन कराया। शिकायत मिलने पर खदान और शासकीय भूमि की 8 मई को राजस्व अमले ने पैमाइश की। इसके बाद एसडीएम ने कलेक्टर को जांच प्रतिवेदन सौंपा। जिसमें उल्लेख किया कि खदान नियमों की शर्तों का उल्लंघन कर उत्खनन किया गया है। इस मामले में कलेक्टर ने लीजधारक कृष्ण कुमार सिंह के विरुद्ध 10 करोड़ 8 लाख 1 हजार रुपए का जुर्माना लगा दिया।
रजिस्ट्री के लिए रिश्वत मांगने और फाइल दबाने का मामला सीएम ऑफिस तक पहुंच गया है। पीड़ित नीरज गुप्ता की शिकायत पर सीएम के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने जांच के आदेश दिए हैं, और केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल से पूरी रिपोर्ट मांगी है। इससे पहले केडीए उपाध्यक्ष ने रजिस्ट्री के लिए 30 हजार की रिश्वत मांगने और रजिस्ट्री की फाइल 6 माह तक दबाने में ओएसडी अजय कुमार समेत सहायक अभियंता संदीप मोदनवाल को प्रतिकूल प्रविष्टि दी है। मामले में लिपिक अतुल सोनकर को पहले ही निलंबित कर दिया गया है। पीड़ित का आरोप है कि उनकी रजिस्ट्री अब तक नहीं हुई है। यह था मामला... पीड़ित नीरज गुप्ता ने ओएसडी अजय कुमार पर रजिस्ट्री के नाम पर 30 हजार घूस मांगने का आरोप लगाया था। पीड़ित ने शिकायती पत्र के साथ 30 हजार की चेक ओएसडी के नाम बीते दिनों जिलाधिकारी को दी थी। इस मामले में ओएसडी जोन 3 की रिपोर्ट पर डीएस भूतल योजना-बर्रा-6 के द्वितीय श्रेणी लिपिक अतुल सोनकर को निलंबित कर दिया था। निलंबन के विरोध में किया था कार्य बहिष्कार आरोपी ओएसडी अजय कुमार ने अपना पल्ला झाड़ते हुए सफाई दी थी कि उन तक फाइल पहुंची ही नहीं। लिपिक के निलंबन के विरोध में केडीए के कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया तो तो आनन-फानन में केडीए उपाध्यक्ष ने ओएसडी और सहायक अभियंता पर कार्रवाई की। नीरज ने कहा- ओएसडी को बचाया जा रहा नीरज ने शासन को शिकायत की है कि फाइल ओएसडी अजय कुमार के पास पहुंची थी और उन्होंने बिना किसी टिप्पणी के ई फाइल वापस कर दी। उन्होंने आरोप लगाया है कि ओएसडी को बचाया जा रहा है। शासन की ओर से शुरू हुई कार्रवाई के बाद केडीए में हड़कंप मचा है। मामले में केडीए सचिव अभय कुमार पांडेय ने बताया कि रजिस्ट्री की प्रक्रिया को सहमति तो दे दी गई थी, क्योंकि इसमें समय लगता है। ज्यादा जानकारी ओएसडी ही दे सकते हैं। वहीं केडीए उपाध्यक्ष मदन सिंह गर्ब्याल ने बताया कि शासन को पूरी मामले की जानकारी दी जा रही है। हमने इस मामले में कार्रवाई की है।
स्वास्थ्य विभाग के 4,558 पद डाइंग कैडर घोषित कर दिए गए हैं। इन पदों पर कार्यरत अधिकारी जैसे-जैसे रिटायर होंगे, ये पद खत्म माने जाएंगे। इस बारे में स्वास्थ्य विभाग ने शनिवार को आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य सरकार ने जिन 4,558 पदों को डाइंग कैडर घोषित करने की स्वीकृति दी है, उन पर नई भर्तियों पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया गया है। जो पद खत्म किए गए हैं, उन पर आगे भर्तियां नहीं होंगी। इनमें पुरुष सुपरवाइजर के सबसे ज्यादा 1,483 पद हैं। इसके बाद ड्रेसर ग्रेड-2 के 1,059 और ड्रेसर ग्रेड-1 के 1,031 पद हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य महकमे के जो पद खत्म किए गए हैं, उनमें सीनियर हेल्थ एजुकेटर, सीनियर फिजियोथेरेपी टेक्नीशियन, हेल्थ एजुकेटर, फिजियोथेरेपी टेक्नीशियन, टेक्नीशियन, ओटी असिस्टेंट, टीबी हेल्थ विजिटर ग्रेड-1, ट्रीटमेंट ऑर्गनाइजर, फाइलेरिया, फाइलेरिया हेल्थ विजिटर, पंप मैकेनिक, सब इंजीनियर मैकेनिकल, सीनियर इलेक्ट्रिशियन असिस्टेंट मैकेनिक, इलेक्ट्रिशियन ग्रेड-3, वेल्डर, ब्लैकस्मिथ, कारपेंटर, सेनेटेरियन, सीनियर सेनेटेरियन, सीनियर हेल्थ इंस्पेक्टर, स्वास्थ्य शिक्षा विस्तार अधिकारी, ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट, इलेक्ट्रिशियन ग्रेड-1, मेडिको सोशल वर्कर, सैंपल कलेक्टर, दाई, कहार, कुली, प्लंबर और क्लीनर के पद शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग में जिन 4,558 पदों को खत्म किया गया है, यह निर्णय कैबिनेट के 11 जून 2024 में लिए गए फैसले के अनुसार है। शिक्षा विभाग में खत्म किए जा चुके हैं पद इससे पहले सबसे बड़े स्कूल शिक्षा विभाग में रेग्युलर शिक्षकों, एलडीटी, यूडीटी और लेक्चरर के 3.50 लाख पदों को डाइंग कैडर कर दिया गया था। इसके बाद इन पदों पर भर्ती नहीं हुई। स्कूल शिक्षा विभाग में इन पदों के स्थान पर नया अध्यापक संवर्ग बनाया गया। इन पदों पर अध्यापक संवर्ग-1, अध्यापक संवर्ग-2 और अध्यापक संवर्ग-3 के रूप में शिक्षकों की भर्ती की गई। हालांकि, ये भर्तियां डाइंग कैडर घोषित किए गए शिक्षकों के अनुसार नहीं थीं। अध्यापक संवर्ग में जो नए वेतनमान बनाए गए हैं, वे नियमित शिक्षकों के समान नहीं हैं। ये वेतनमान अलग हैं। जिन पदों की आवश्यकता नहीं, वो खत्म राज्य सरकार द्वारा जिन पदों की सेवाओं की आवश्यकता नहीं है, उन्हें खत्म किया जा रहा है। विभागों में पोस्टमेन के पद थे, जो डाक लेकर जाते थे। अब चूंकि सभी ऑर्डर मेल के जरिए भेजे जाते हैं, इसलिए ऐसे पदों को खत्म किया जा रहा है।
जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट:पेपरलेस हवाई सफर, अब बैगेज भी सैल्फ ड्रॉप कर सकेंगे
जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 3 महीने में हवाई सफर पूरी तरह पेपरलेस होगा। एयरपोर्ट पर अभी हैंड बैगेज वाले यात्रियों के लिए डिजीयात्रा की पेपरलेस यात्रा उपलब्ध है, लेकिन अक्टूबर से चेक इन बैगेज वाले यात्रियों के लिए भी ऐसी सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। दरअसल जयपुर एयरपोर्ट के टर्मिनल-2 का विस्तार होने जा रहा है। एयरपोर्ट प्रशासन ने शुक्रवार से विस्तार से जुड़ा काम शुरू कर दिया है। नए विस्तारित भवन में एक नई सुविधा शुरू होगी। ऐसे कर सकेंगे बैगेज सुविधा का उपयोग एयरपोर्ट प्रशासन यहां ऐसे सैल्फ बैगेज ड्रॉप काउंटर्स विकसित करेगा, जिन पर यात्री खुद ही बैगेज का वजन कर टैग लगाकर चेक इन के लिए दे सकेंगे। कियोस्क में बैग रखते ही यह अपने आप चेक इन के लिए चला जाएगा। वजन 15 किलो से अधिक बैग होने पर अतिरिक्त पैसे लगेंगे। इस तरह यात्रा पेपरलेस होगीटर्मिनल-2 की नई बिल्डिंग में 8 सैल्फ बैगेज ड्रॉप काउंटर बनाए जा रहे हैं। यात्री सिक्योरिटी चैक के बाद सीधे बोर्डिंग गेट पर पहुंच सकेंगे। यहां से विमान में बोर्डिंग करना संभव होगा। एयरपोर्ट प्रबंधन द्वारा सैल्फ बैगेज ड्रॉप की सुविधा 3 महीने में शुरू की जाएगी।
सहकारिता दिवस पर मुख्यमंत्री बोले-:सहकारिता समझें, नहीं तो दूसरों को भी ले डूबेंगे
अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने युवाओं को सहकारिता से लीडरशिप के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सहकारिता एक अलग लोकतंत्र है और सहकारी समिति का अध्यक्ष बनने वाले व्यक्ति में लीडरशिप आती है। फिर भले ही वे पढ़े-लिखे हों या कम पढ़े हों। सीएम ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से युवाओं को नौकरी देने का काम कर रहे हैं। सीएम ने समझाइश भी दी कि सहकारिता की अच्छे से जानकारी लेकर काम करें। जानकारी नहीं है तो संबंधित व्यक्ति खुद डूबेगा और दूसरों को भी डुबाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने व्यवस्था तय कर दी है कि 30 दिन में समिति का रजिस्ट्रेशन हो ही जाएगा। शनिवार को समन्वय भवन में समावेशी एवं संवहनीय विकास में सहकारिता की भूमिका विषय पर युवाओं से सीएम ने संवाद किया। उन्होंने कहा कि सहकारिता में आने का एक सूत्र है - जब भी कोई नया काम करें तो आत्मविश्वास मजबूत रखें। सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि सहकारिता नए आंदोलन के रूप में लगातार आगे बढ़ रही है। सहकारिता सोसायटी और रोजगार नहीं बल्कि समाज का निर्माण है। कार्यक्रम की शुरुआत में एससी अशोक वर्णवाल ने बताया कि युवा पीढ़ी को सहकारिता की समझ के लिए यह कार्यक्रम हो रहा है।
प्लेटफॉर्म टिकट पर रेल यात्रा कर रहे, ऐसे 30 हजार मामले
कई यात्री बिना टिकट रेल यात्रा कर रहे हैं। यदि वे पकड़ा जाते हैं, तो जुर्माना भुगत लेते हैं। हाल ही में बिना टिकट पकड़ाए 5 हजार में से करीब 475 यात्रियों ने चैकिंग स्टॉफ को बताया कि वे अक्सर बिना टिकट यात्रा कर मजे लेते हैं। यदि पकड़ा जाते हैं, तो जुर्माना भर देते हैं। इतना ही नहीं प्लेटफॉर्म टिकट पर भी यात्रा करने से कई यात्री नहीं चूकते। पकड़े जाने पर वह कह देते हैं कि टिकट विंडो पर लंबी लाइन थी, इस तरह के अनुचित टिकट वाले वाले 30 हजार से ज्यादा मामले पकड़े गए। मई के महीने के आंकड़े देखें, तो रेल टिकट के मामले में कुल 64,710 मामलों में अनियमितताएं पाई गईं। इनमें 35 हजार 75 यात्री बिना टिकट यात्रा करते पाए गए, जिनसे कुल ₹2 करोड़ 97 लाख 8 हजार 585 की वसूली की गई। 30 हजार 483 यात्रियों के पास अनुचित टिकट पाए गए, जिनसे ₹1 करोड़ 62 लाख 55 हजार 385 की राशि वसूली गई। वहीं, बिना बुक किए सामान के साथ यात्रा करने के 152 मामलों से ₹43 हजार 950 की वसूली की हुई। टिकट जांच के माध्यम से मई माह में कुल ₹4 करोड़ 60 लाख 7 हजार 920 का राजस्व प्राप्त हुआ। वेटिंग टिकट पर न करें यात्रा: -रेल प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा के लिए वैध एवं पूरा टिकट लेकर ही सफर करें। वेटिंग लिस्ट वाले ई-टिकट पर यात्रा करना रेलवे नियमों के विरुद्ध है और ऐसा करने पर जुर्माना और दोगुना किराया वसूला जा सकता है।
हरियाणा के नारनौल में एक चोर को पकड़ने आए गांव हुडिना के लोगों ने शनिवार रात को यहां की हाउसिंग बोर्ड कालोनी में जमकर हंगामा किया। ग्रामीण वहां पर पुलिस लेकर आये थे, मगर पुलिस कर्मियों ने वहां महिला पुलिसकर्मी उनके साथ न होने का हवाला देकर चोर को नहीं पकड़ा। जिसके बाद ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। बाद में अतिरिक्त पुलिस बुलाकर लोगों को शांत किया गया। हाउसिंग बोर्ड कालोनी में एक मकान में एक परिवार किराये पर रहता है। इस परिवार का एक युवक गांव हुडिना से बाइक चुराकर ले आया। ग्रामीणों ने इसका पता लगा लिया कि उक्त युवक द्वारा ही बाइक चुराई गई है तथा वह किराये पर यहीं रहता है। इससे पूर्व भी युवक ने चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। इस पर गांव हुडिना के ग्रामीण फैजाबाद चौक पुलिस चौकी से चोर को पकड़ने के लिए पुलिसकर्मी ले आए। घर में घुसे तो छिप गया चोर बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मी जब चोर को पकड़ने के लिए घर में घुसे तो युवक मकान के अंदर कहीं छिप गया। वहीं घर में रह रही महिलाएं पुलिसकर्मियों के सामने आ गई। जिस पर पुलिस कर्मी घर से बाहर आ गए। ग्रामीणों ने किया विरोध जब पुलिसकर्मी घर से बाहर आ गए तो वहां मौजूद ग्रामीणों ने पुलिसकर्मियाें का विरोध करना शुरू कर दिया। ग्रामीणों ने पुलिस कर्मियों से पूछा कि बाहर वापस क्यों आ गए। तब पुलिसकर्मियों ने कहा कि वहां अंदर केवल महिलाएं थी तथा उनके साथ महिला पुलिसकर्मी नहीं थी। इसलिए वे चोर को नहीं पकड़ सकते। जिस पर ग्रामीणों ने ज्यादा हंगामा कर दिया। रात 10 बजे तक डटे रहे ग्रामीण इसके बाद ग्रामीण रात को दस बजे तक वहीं पर डटे रहे। ग्रामीणों का कहना है कि यह चोर कई जगह चोरी कर चुका है, मगर पुलिस इसको पकड़ने में नाकामयाब हो रही है।
25 लाख के चेक बाउंस केस में आरोपी पर 52 लाख जुर्माना व 6 महीने की सजा
भोपाल 25 25 लाख रुपए के चेक बाउंस के मामले में 12 साल बाद भोपाल जिला न्यायालय ने फैसला सुनाया। कोर्ट ने आरोपी को 52 लाख 28 हजार 125 रुपए जुर्माना और 6 महीने की जेल की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट फीस के रूप में 81 हजार रुपए अदा करने के निर्देश दिए। फरियादी महबूब खान और आरोपी संतोष कुमार रमतानी अमन बिल्डर्स एंड डेवलपर्स में पार्टनर थे। कंपनी छोड़ने पर 50 लाख रुपए की हिस्सेदारी देने का एग्रीमेंट हुआ था। महबूब के कंपनी छोड़ने पर संतोष ने उसे 25 लाख का चेक 15 अप्रैल 2013 को दिया, जो बैंक में लगाने पर इनसफिशिएंट फंड के कारण बाउंस हो गया। महबूब ने नोटिस भेजकर पैसे की मांग की, लेकिन संतोष ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद महबूब ने कोर्ट में परिवाद दायर किया। फरियादी की ओर से एडवोकेट आकाश तेलंग ने बताया कि आरोपी 11 साल तक फरार रहा। 2024 में संतोष की गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश किया गया, जहां साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।
भोपाल रेलवे स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक सामने आई है। सुरक्षा में चूक के दो वीडियो सामने आए हैं। एक वीडियो में युवक अपनी कार लेकर धड़ल्ले से 6 नंबर प्लेटफॉर्म पर घुस गया। युवक ने कार को 6 नंबर प्लेटफॉर्म के एक छोर से दूसरे छोर तक तेज रफ्तार में चलाया। वहीं, दूसरे वीडियो में एक युवक स्कूटर को प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर चलाते हुए दिख रहा है। यात्री गाड़ियों को आता देख जल्दी से किनारे हो गए। गनीमत रही कि कोई व्यक्ति गाड़ी की चपेट में नहीं आया। खास बात यह है कि भोपाल स्टेशन पर कुल 14 एंट्री-एग्जिट गेट हैं, लेकिन सुरक्षा का इंतजाम कहीं भी नहीं है। बता दें कि 6 नंबर प्लेटफॉर्म की ओर पार्सल ऑफिस की ओर पार्किंग की व्यवस्था की गई है। यही रास्ता भोपाल स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी बन चुका है। इधर से कोई भी व्यक्ति बिना किसी रोक-टोक के प्लेटफॉर्म 6 से लेकर 4-5 और 1 पर वाहन लेकर पहुंच सकता है। इस गेट पर न तो कोई सुरक्षा जांच की व्यवस्था है और न कोई बैरिकेडिंग की गई है। मेटल डिटेक्टर मशीन भी नहीं... पूरे स्टेशन में 14 एंट्री-एग्जिट गेट हैं। यहां किसी गेट पर कोई चेकिंग नहीं होती है और न ही कोई मेटल डिटेक्टर मशीन मौजूद रहती है। ऐसे में कोई भी व्यक्ति बिना किसी झिझक के अंदर आ-जा सकता है। पार्सल के लिए बने रास्ते का उपयोग प्लेटफॉर्म क्रॉस करने के लिए हो रहा सुरक्षा व्यवस्था की चूक को इस तरह देखा जा सकता है कि कोई भी व्यक्ति अपनी जान को खतरे में डालकर प्लेटफॉर्म 6 से 1 पर और बाहर बिना किसी रोक-टोक के पहुंच सकता है। पार्सल लाने-ले जाने के लिए बने रास्ते पटरियों से होकर गुजरते हैं। इस रास्ते का इस्तेमाल सिर्फ पार्सल लाने-ले जाने के लिए होना चाहिए। लेकिन, लोग अपने वाहन लेकर पटरियों के बीच से बाहर और 1 नंबर प्लेटफार्म की ओर जा रहे हैं। दरअसल, स्टेशन के बाहर ट्रैफिक पुलिस चौकी के बगल में रेलवे का गेट लगा है, जो खुला रहता है। इस गेट से रास्ता पटरियों और सभी प्लेटफॉर्म से होता हुआ सीधे पार्सल ऑफिस जाता है। लोग समय बचाने के लिए पार्सल ऑफिस से इस गेट से बाहर निकलते हैं, जो खतरनाक है। दोनों वाहन जब्त किए हैं, कार्रवाई करेंगेप्लेटफॉर्म पर कार और स्कूटर दौड़ाने की जानकारी मिली थी। कार मालिक की पहचान रवि कुमार वाधवानी और स्कूटर मालिक की पहचान मोहम्मद आदिल के रूप में हुई है। दोनों वाहन जब्त कर लिए गए हैं। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। -प्रशांत यादव, सीनियर कमांडेंट आरपीएफ
बिल्डर का अपहरण कर 10 करोड़ मांगने वाला पाइप चोरी में गिरफ्तार
खरगोन पुलिस ने किया गिरफ्तार, प्रोडक्शन वारंट पर लाएगी कोलार पुलिस कोलार के बिल्डर नीतेश सिंह ठाकुर का अपहरण कर 10 करोड़ फिरौती मांगने वाले बदमाश पंकज परिहार समेत तीन लोगों को खरगोन पुलिस ने नल-जल योजना के पाइप चुराने के मामले में गिरफ्तार किया। पंकज और उसके साथियों ने 24 जून को बलकवाड़ा में 27 लाख रुपए कीमत के 143 पाइप चोरी किए थे। अपहरण और फिरौती के मामले में कोलार पुलिस को उसकी 7 महीने से तलाश थी। उस पर झांसी में पुलिस पर हमला करने का केस भी दर्ज है। पंकज पर 30 हजार रुपए का इनाम घोषित था। कोलार थाना प्रभारी संजय सोनी ने बताया कि पंकज की गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद एक टीम खरगोन रवाना कर दी गई है। आरोपी को पूछताछ के लिए प्रोडक्शन वारंट पर भोपाल लाया जाएगा। पिछले साल अक्टूबर में हुआ था अपहरण दानिश हिल्स कोलार निवासी बिल्डर नीतेश का पिछले साल 27 अक्टूबर को अपहरण हुआ था। बदमाशों ने 10 करोड़ फिरौती मांगी थी और 29 अक्टूबर को भोपाल छोड़ दिया। नीतेश का अपहरण उसके दोस्त पंकज परिहार की मुखबिरी पर हुआ था। बैंकॉक से दिल्ली लौटते वक्त पंकज ने सूरज से मिलवाया और जबरन ग्वालियर ले गया। पंकज ने नरेंद्र गिरी गोस्वामी को लोकेशन भेजी थी, जिसके साथियों ने मुरैना टोल पर कार का पीछा कर अपहरण किया।
एम्स में पैलिएटिव केयर वार्ड...:कैंसर के गंभीर मरीजों को इलाज के साथ भावनात्मक सहारा भी
एम्स भोपाल ने कैंसर से जूझ रहे मरीजों और उनके परिजनों को संबल देने के लिए रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग में 10-बेड का पैलिएटिव केयर वार्ड शुरू किया है। यहां मरीजों को मेडिकल ट्रीटमेंट के साथ भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक सहारा भी मिलेगा। इससे मरीज को अपने कठिन समय में सुकून मिलेगा। वार्ड में मनोरंजन, काउंसलिंग और मुलाकात के लिए अलग जगह तय की गई है। इस यूनिट का उद्घाटन एम्स डायरेक्टर डॉ. अजय सिंह ने किया। उन्होंने कहा, हमारा प्रयास मरीजों के चेहरे पर मुस्कान लाना है। मरीजों की देखभाल के लिए डॉक्टरों, नर्सों, काउंसलर्स और सोशल वर्कर्स हर समय साथ रहेंगे। गंभीर मरीज की मृत्यु होने पर परिजन की काउंसिलिंग भी करेंगे ताकि वे खुद को संभाल सकें। पैलिएटिव केयर की जरूरत इसलिए महसूस की गई, क्योंकि कैंसर मरीज इलाज के साथ शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तकलीफें भी झेलते हैं- जैसे दर्द, नींद न आना, थकान और डिप्रेशन। ऐसे में सिर्फ दवाएं काफी नहीं होतीं। यह सेवा मरीज को सम्मानजनक और सहज जीवन जीने में मदद करती है। यह सिस्टम ओपीडी, डेकेयर, भर्ती या होम केयर तक उपलब्ध है। मरीजों को अनावश्यक जांच या भर्ती का बोझ नहीं उठाना पड़ता। पैलिएटिव वार्ड में क्या होता है?{दवाएं: दर्द, उल्टी, सांस फूलना जैसे लक्षणों को कम करने के लिए दी जाती हैं।{थेरेपी: शारीरिक, व्यावसायिक और भाषण चिकित्सा से मरीज की रोजमर्रा की गतिविधियों में मदद की जाती है।{मनोवैज्ञानिक-आध्यात्मिक सहयोग: मरीज और परिजनों को काउंसलिंग और धार्मिक/आध्यात्मिक सहारा दिया जाता है।{सामाजिक सहायता: जरूरत पड़ने पर वित्तीय व सामाजिक मदद दी जाती है।
छोटा तालाब, बड़ी अनदेखी:बाणगंगा सहित 28 नालों से जमा हो रही गंदगी
भोज वेटलैंड का हिस्सा,1794 में अस्तित्व में आया राजधानी का छोटा तालाब कई दशकों की अनदेखी के कारण सीवेज टैंक में बदल गया है। शहर के अलग-अलग इलाकों से आने वाले 28 नाले इस तालाब में मिलते हैं। इन सबसे सीवेज का गंदा पानी सीधे तालाब में आ रहा है। बाणगंगा नाले से आ रही गंदगी साफ देखी जा सकती है। यह ठीक है कि छोटे तालाब के पानी का उपयोग पेयजल के लिए नहीं होता, लेकिन पर्यावरण की दृष्टि से यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि बड़ा तालाब।बड़ा तालाब और छोटा तालाब दोनों मिलकर ही भोज वेटलैंड हैं। लगभग ढाई दशक पहले आए भोज वेटलैंड प्रोजेक्ट में छोटे तालाब पर भी काम हुआ था। फिर भी तालाब में आ रहे सीवेज पर रोक नहीं लग सकी। पर्यावरणविदों के अनुसार, शहर के बीच में तालाब कार्बन डाई ऑक्साइड सोख कर वातावरण को साफ करने में मददगार है। छोटे तालाब को बचाकर शहर का पर्यावरण और बेहतर किया जा सकता है। छह महीने पहले तैयार हुई योजना 5 साल पहले छोटे तालाब के कायाकल्प की योजना बनी पर कुछ खास काम नहीं हो सका। इसके बाद नगर निगम ने छह महीने पहले नए सिरे से योजना बनाई है। नगर निगम के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर प्रमोद मालवीय ने बताया कि 6.99 करोड़ के इस प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है। एमआईसी की स्वीकृति के बाद वर्क ऑर्डर दिया जाएगा। एक साल के भीतर काम पूरा हो जाएगा। उम्मीद कर सकते हैं कि अगली बरसात में छोटे तालाब में गंदगी पर रोक लग जाएगी। यह काम होना है1. रिचार्ज ट्रेंच व फ्लोटिंग बैरियर बनाए जाएंगे, जहां से गंदा पानी तालाब में आता है। फ्लोटिंग बैरियर लगाकर कचरे को रोका जाएगा।2. गाद: तालाब में सैकड़ों क्विंटल गाद इकट्ठी है। यह गाद निकाली जाएगी।3. सुंदरता के साथ ऑक्सीडेशन के लिए 5 फाउंटेन लगाए जाएंगे।4. सुरक्षा के लिए 2000 मीटर में पिचिंग की जाएगी। 150 मी. लंबी बाउंड्री वॉल बनेगी।5. 1800 मी. पाथवे भी बनेगा।
हरियाणा में 700 गांवों को नशामुक्त किए जाने से प्रभावित जींद का पहलवान सीएम नायब सिंह सैनी को गंगाजल से स्नान करवाने के लिए हरिद्वार से गंगाजल लेकर निकला है। करीब 475 किलोमीटर पैदल बुग्गी चलाकर चंडीगढ़ में सीएम हाऊस पर पहुंचेगा और सीएम को गंगा जल अर्पित करेगा, जिससे सीएम स्नान कर सकें। पहलवान रविंद्र तोमर का कहना है कि अगर सीएम सभी गांवों में शराब ठेके बंद करवा दें तो सभी 90 विधायकों, मंत्रियों को गंगाजल से स्नान करवाने का काम करेगा। बता दें कि, पहलवान नशे के खिलाफ हरियाणा और पंजाब में बुग्गी यात्रा निकाल चुका है। जींद के सफीदों क्षेत्र के ऐंचरा कलां गांव निवासी पहलवान रविंद्र तोमर, जिसे लोग अहंकारी रावण के नाम से जानते हैं, वह अपना कामकाज और पहलवानी छोड़कर सड़कों पर नशे के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। युवाओं को नशे के प्रति जागरूक करने के लिए रविंद्र तोमर बुग्गी लेकर हरियाणा और पंजाब के हर जिले को कवर कर चुका है। खुद ही बुग्गी को खींच रहा पहलवान उनकी बुग्गी के आगे कोई बैल, घोड़ा या झोटा नहीं है, बल्कि रविंद्र खुद उस बुग्गी को खींच रहे हैं। इस बुग्गी से रविंद्र युवाओं को नशे से दूर रहने का मैसेज दे रहे हैं। पिछले दिनों सरकार ने घोषणा की थी कि प्रदेश में 700 गांव नशामुक्त हो चुके हैं। सीएम के इस बयान और सरकार की सकारात्मक पहल से रविंद्र तोमर बड़ा प्रभावित हुआ और सीएम नायब सिंह सैनी को गंगाजल से स्नान करवाने के लिए 20 जून को सफीदों के अपने घर से बुग्गी लेकर हरिद्वार के लिए निकल पड़ा। रविंद्र तोमर का कहना है कि जब सीएम साहब नशे के खिलाफ अभियान चला रहे हैं तो उनका भी फर्ज बनता है कि वह सीएम का धन्यवाद करें और धन्यवाद के रूप में 23 जुलाई को महाशिवरात्रि के दिन सीएम के चंडीगढ़ हाऊस पर 11 लीटर गंगाजल लेकर पहुंचेंगे। 20 जून को सफीदों से चला था हरिद्वार रविंद्र तोमर 20 जून को बग्गी लेकर पैदल ही सफीदों से निकला था, जो पानीपत, कैराना, शामली, मुज्जफरनगर, रूड़की होते हुए हरिद्वार पहुंचा। यहां से 11 लीटर गंगाजल लेकर बग्गी में रखा और इस बग्गी को खींचते हुए अब चंडीगढ़ की तरफ रवाना हो गया है। रविंद्र सहारनपुर, यमुनानगर, रादौर, लाडवा, शाहबाद, अंबाला, डेराबस्सी, जीरकपुर होकर 23 जुलाई को चंडीगढ़ में सीएम नायब सिंह सैनी के आवास पर पहुंचेंगे। रविंद्र का कहना है कि सीएम सैनी पहले वाले मुख्यमंत्रियों की तरह नहीं है, नायब सैनी तो सीधे लोगों से मुलाकात करते हैं। अगर 23 जुलाई को सीएम आवास पर नहीं मिले तो गंगाजल को आवास पर रखवाया जाएगा नहीं तो सीएम को अपने हाथों से गंगाजल अर्पित करेंगे, और सीएम से आग्रह करेंगे कि उनके लाए गंगाजल से स्नान करें। भाई की मौत ने झकझोरा, नशे के खिलाफ शुरू की जंग रविंद्र तोमर ने कहा, मैं सफीदों के MLA रहे बचन सिंह का बॉडीगार्ड रहा हूं। मैं इस जॉब की वजह से ज्यादातर अपने घर से दूर रहता था। इस दौरान उसका चचेरा भाई नशे की लत में पड़ गया। मैंने अपनी आंखों के सामने अपने छोटे भाई को बर्बाद होते देखा। लाख समझाया, पर वो नशे की दलदल से बाहर नहीं निकल पाया। जिस भाई के साथ खेल-कूद कर बड़ा हुआ, उसने मेरे सामने छोटी-सी उम्र में दुनिया को छोड़ दिया। नशे की लत से बहुत से परिवार अपने लाल को खो चुके हैं। इसलिए मैंने ठान लिया कि अब ये जहर और नहीं फैलने दूंगा। इसलिए मैंने नशे के खिलाफ अलख जगाने के लिए 4 फरवरी से अपना मिशन नशा मुक्त हरियाणा, दूध-दही का खाना शुरू कर दिया था। वह बग्गी लेकर हरियाणा के हर जिले में और पंजाब के ज्यादातर जिले में जाकर लोगों को जागरूक कर चुके हैं।
रोज दो घंटे शिव स्तुति:इस बार महाकाल की हर सवारी की अलग थीम
उज्जैन में इस बार श्रावण माह श्रद्धा और संस्कृति के अनूठे संगम का साक्षी बनेगा। 11 जुलाई से शुरू हो रहे श्रावण में पहली बार महाकाल लोक में हर शाम शिव स्तुति की गूंज सुनाई देगी। रोज शाम 6 से रात 8 बजे तक कलाकार भगवान शिव की आराधना में प्रस्तुति देंगे। उन कलाकारों को भी मंच मिलेगा जो श्रावण महोत्सव की मुख्य सूची में चयनित नहीं हो सके थे। काम की बात शीघ्र दर्शन गेट नं.1 सेमहाकालेश्वर के दर्शन के लिए गेट नंबर 4 को श्रावण-भादौ में सोमवार को दोपहर 12 बजे से बंद रहेगा। इस दिन शीघ्र दर्शन की टिकट लेने वाले श्रद्धालुओं को भी गेट नंबर 1 से ही प्रवेश दिया जाएगा।
सरकार का तर्क:राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जवाब
मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में साफ तौर पर कहा है कि ट्रांसफर याचिकाओं पर अंतिम फैसला आने तक प्रदेश में ओबीसी को 27% आरक्षण नहीं दिया जाएगा। शासन की ओर से सॉलिसिटर-जनरल तुषार मेहता ने शुक्रवार को कोर्ट को बताया कि कानून पर स्टे नहीं है, लेकिन चूंकि अभी तक मप्र से स्थानांतरित होकर आईं याचिकाओं का निराकरण नहीं हुआ है, इसलिए ओबीसी का आरक्षण नहीं बढ़ाएंगे। जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस आर महादेवन की खंडपीठ ने सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए इस याचिका की सुनवाई छत्तीसगढ़ के प्रकरण के साथ करने की व्यवस्था दी। जबलपुर के कीर्ति चौकसे, बालाघाट निवासी निश्चय सोन वर्षे व अन्य की ओर से याचिका दायर कर बताया गया कि वे ओबीसी वर्ग के हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं में उनका चयन होने के बावजूद उन्हें नियुक्ति नहीं दी जा रही है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने दलील दी कि 8 मार्च 2019 को सरकार ने अध्यादेश लाकर ओबीसी के लिए 27% आरक्षण निर्धारित किया था। विधानसभा ने 14 अगस्त 2019 को कानून बनाकर इसे लागू कर दिया। कानून पर कोई रोक नहीं है, इसके बावजूद सरकार उसे लागू नहीं कर रही है। दलील दी गई कि छत्तीसगढ़ के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम आदेश के तहत 50% से अधिक आरक्षण को मंजूरी दी है। समानता के आधार पर मप्र में भी लागू करने की अनुमति दी जाए। इस पर सरकार ने विरोध किया और कहा कि मप्र के मामले पहले से सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं। अब तक क्या हुआ? सरकार ने गेंद कोर्ट के पाले में डालीवरिष्ठ वकील रामेश्वर सिंह ठाकुर का कहना है, ‘2019 का कानून आज भी प्रभावी है। इस पर कोई स्टे नहीं है। सरकार चाहे तो 27% आरक्षण लागू कर सकती है। उसने फैसला लेने की बजाय मामला सुप्रीम कोर्ट के पाले में डाल दिया है। असली हल तो तभी निकलेगा जब सुप्रीम कोर्ट की 11 जजों की बेंच इस पर अंतिम फैसला सुनाएगी।’ मप्र में 27% ओबीसी आरक्षण पर सरकार-विपक्ष आमने-सामने सरकार आरक्षण से बचना चाहती है, वकीलों को दिए 50 करोड़ : पटवारी पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि सरकार आरक्षण से बचना चाहती है। इसके लिए कोर्ट में वकीलों को 50 करोड़ रु. दिए। उन्होंने कहा, ‘26 फरवरी को हाई कोर्ट व 7 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया था कि 27% आरक्षण पर कानूनी अड़चन नहीं है। फिर भी 25 जून को सुप्रीम कोर्ट को सरकार से यह सवाल पूछना पड़ा कि जब कोई रोक नहीं है तो आरक्षण लागू क्यों नहीं किया जा रहा।’{नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद पिछड़े वर्ग से हैं। फिर भी ओबीसी के हक को टाला जा रहा है। कांग्रेस सरकार ने 4 लाइन में फैसला लागू किया, हम बिल लाएंगे : सीएम सीएम डॉ. मोहन यादव बोले- ‘कांग्रेस केवल भ्रम फैला रही है। हमारी सरकार ओबीसी आरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है। इसके लिए बिल लाएंगे। तब कांग्रेस सरकार ने बिना किसी सर्वे और तैयारी के महज 4 लाइन का एक कागज लाकर आरक्षण लागू करने का नाटक किया था। मामला वर्षों से कोर्ट में अटका रहा। हमने अफसरों से कहा है कि वे सही आंकड़ों के साथ स्पष्ट कानून बनाकर विधानसभा में प्रस्तुत करें।’27% आरक्षण के तहत जो 14% मिल चुका है, उसके अलावा शेष वर्ग को कैसे लाभ मिले, इस पर काम हो रहा है।
बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम की वजह से मध्यप्रदेश में बाढ़ के हालात है। पूर्वी हिस्से जैसे- जबलपुर, सागर, शहडोल और रीवा संभाग में सबसे ज्यादा खतरा है। शनिवार को भी शिवपुरी, शहडोल, नरसिंहपुर, श्योपुर, में हालात बिगड़ गए थे। कई गांव और शहर जलमग्न हो गए। नर्मदा खतरे के निशान से ऊपर बही तो उमरिया के जौहिला डैम के गेट खोलने पड़े। रविवार को 21 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है। वहीं, रविवार को दोपहर में बरगी बांध के गेट खोले जाएंगे। 5000 क्यूमेक जल निकासी होगी। जिससे नर्मदा के घाटों पर 4 से 5 फीट पानी की बढ़ोतरी हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार, जबलपुर, सागर, दमोह, सिवनी, मंडला, डिंडौरी और बालाघाट में अति भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। अगले 24 घंटे में 8 इंच तक पानी गिर सकता है। शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, कटनी, मैहर, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर में भारी बारिश हो सकती है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर में भी बारिश का दौर बना रहेगा। 3 सिस्टम की वजह से ऐसे हालसीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि प्रदेश में बारिश के 3 स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव है। इनमें दो ट्रफ और एक साइक्लोनिक सकुर्लेशन सिस्टम शामिल हैं। इस वजह से अति भारी या भारी बारिश हो रही है। अगले चार दिन तक ऐसा ही मौसम रहेगा। यह सीजन का सबसे स्ट्रॉन्ग सिस्टम है। एमपी के 34 से ज्यादा जिलों में बारिश, हालात बिगड़ेमध्यप्रदेश में शनिवार को तेज बारिश का दौर जारी रहा। भोपाल, सीधी, उमरिया, जबलपुर, सागर, नरसिंहपुर, शिवपुरी, शहडोल, इंदौर, मैहर, शाजापुर, धार, श्योपुर, रायसेन, छिंदवाड़ा, डिंडौरी, उज्जैन, देवास, सीहोर, आगर-मालवा, राजगढ़, विदिशा, मऊगंज, रीवा, सतना, मंडला, रतलाम, दमोह, छतरपुर, सिवनी, बालाघाट, बैतूल, गुना, खरगोन में तेज बारिश हुई। मौसम विभाग के अनुसार, शनिवार को सीधी में 2 इंच, सागर में पौने 2 इंच, रीवा-सतना में 1 इंच, मंडला में पौन इंच, भोपाल, उज्जैन, शाजापुर, रायसेन, रतलाम, छिंदवाड़ा-नरसिंहपुर में आधा इंच हुई। वहीं, अन्य जिलों में हल्की बारिश हुई। इस वजह से कई जिलों में हालात बिगड़ गए। उमरिया में संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र के जोहिला डैम के दो गेट खोले गए। दोनों गेट को एक-एक मीटर खोलकर पानी छोड़ा गया। सागर से बेगमगंज और ग्यारसपुर जाने वाला मार्ग नदियों में बाढ़ के कारण बंद हो गया। नरसिंहपुर में स्टेट हाईवे-22 पर पुलिया धंस गई। जिससे रास्ता बंद हो गया। लोग रस्सी के सहारे शक्कर नदी पार करते रहे। वहीं, डिंडौरी में जबलपुर-अमरकंटक नेशनल हाईवे पर खेत की मिट्टी बहकर आ गई। यहां वाहन कीचड़ में फंसते रहे। शिवपुरी में बैराड़ के कई गांवों में बाढ़ आ गई। घरों में पानी भर गया है। जोराई गांव में सड़क पर खड़ी गाड़ियां पानी में डूब गई हैं। श्योपुर जिले के बेनीपुरा गांव में क्वारी नदी का पानी गांवों में घुस गया है। यहां करीब 20 घरों में पानी भर गया, जिससे गृहस्थी का सामान खराब हो गया। ग्रामीणों को काफी नुकसान हुआ है। शहडोल के केशवाही के मझौली क्षेत्र में तेज बारिश से मकान की कच्ची दीवार गिर गई। हादसे में बुजुर्ग दंपती की मौत हो गई। नरसिंहपुर में बरमान घाट पर नर्मदा नदी का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। प्रशासन ने यहां किनारे पर बसे लोगों को घर खाली करने के लिए कहा है। शनिवार को हुई बारिश की तस्वीरें... 9 जुलाई तक प्रदेश के आधे हिस्से में भारी बारिशमौसम विभाग के अनुसार, अगले चार दिन यानी, 9 जुलाई तक प्रदेश के आधे हिस्से में भारी बारिश का अलर्ट है। पूर्वी हिस्से में सिस्टम का असर ज्यादा रहेगा। इस बार एक दिन ही लेट पहुंचा मानसूनबता दें कि इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। वहीं, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में यह तय समय से पहले पहुंच गया। ऐसे में अनुमान था कि मध्यप्रदेश में यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा। बावजूद यह प्रदेश में 1 दिन लेट हो गया हालांकि, 3 दिन में ही मानसून ने प्रदेश के 53 जिलों को कवर कर लिया। वहीं, एक के ठहराव के बाद बाकी बचे 2 जिले- भिंड और मऊगंज में भी मानसून एंटर हो गया। इस तरह 5 दिन में ही मानसून ने पूरे प्रदेश को कवर कर लिया। एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून ही है। पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था। मानसून के एक्टिव होने के बाद से ही पूरे प्रदेश में तेज बारिश का दौर चल रहा है। एमपी में इतना रहा तापमान... 10 साल में बारिश का ट्रेंड, पहले भोपाल के बारे में जानिए...भोपाल में जुलाई में खूब बारिश होती है। यहां एक ही महीने में 1031.4 मिमी यानी 41 इंच के करीब बारिश होने का रिकॉर्ड है। यह साल 1986 को हुई थी। 22 जुलाई 1973 को एक ही दिन में 11 इंच बारिश हुई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है। साल 2024 में पूरे जुलाई महीने में 15.70 इंच बारिश हुई थी। भोपाल में जुलाई महीने में एवरेज 15 दिन बारिश होती है। यानी, हर दूसरे दिन पानी बरसता है। महीने की एवरेज बारिश 367.7 मिमी यानी 14.4 इंच है। बारिश के चलते दिन का तापमान 30 और रात में पारा 25 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है। इंदौर में इस बार 40% ज्यादा बारिशइंदौर की बात करें तो 24 घंटे में 11.5 इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो 27 जुलाई 1913 को हुई थी। वर्ष 1973 में पूरे महीने 30.5 इंच पानी गिरा था। बारिश के चलते यहां भी तापमान में गिरावट देखने को मिलती है। इंदौर में महीने की एवरेज बारिश 12 इंच है। एवरेज 13 दिन यहां बारिश होती है। पिछले साल इंदौर में पूरे महीने 8.77 इंच बारिश हुई थी। जबलपुर में जुलाई में गिर चुका 45 इंच पानीचारों बड़े शहरों में जबलपुर ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा बारिश होती है। वर्ष 1930 में करीब 45 इंच पानी बरसा था जबकि 30 जुलाई 1915 को 24 घंटे की सर्वाधिक 13.5 इंच बारिश हुई थी। 2013 और 2016 में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी। जबलपुर में जुलाई की सामान्य बारिश 17 इंच है। महीने में 15 से 16 दिन पानी बरसता है। जुलाई में अच्छी बारिश की उम्मीद है। ग्वालियर में कम बारिश का ट्रेंडभोपाल, इंदौर और जबलपुर की तुलना में ग्वालियर में जुलाई के महीने में सबसे कम बारिश होती है। पिछले 10 साल में 6 बार ऐसा हुआ, जब 8 इंच से कम पानी गिरा हो जबकि यहां की एवरेज बारिश 9 इंच के करीब है। ग्वालियर में वर्ष 1935 में महीने की सबसे ज्यादा बारिश हुई थी। तब 623.3 मिमी यानी 24.5 इंच बारिश दर्ज की गई थी। इस बार बारिश के अच्छे संकेत हैं। मानसून की दस्तक के साथ यहां तेज बारिश का दौर जारी है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश की बात करें तो 12 जुलाई 2015 में 190.6 मिमी यानी साढ़े 7 इंच पानी बरसा था। ग्वालियर में जुलाई के महीने में एवरेज 11 दिन बारिश होती है। उज्जैन में 36 इंच बारिश का रिकॉर्डउज्जैन में पूरे जुलाई महीने में 36 इंच बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। इतनी बारिश साल 2015 में हुई थी। 2023 में 21 इंच से ज्यादा पानी गिर गया था। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश 19 जुलाई 2015 को 12.55 इंच हुई थी। उज्जैन में जुलाई की औसत बारिश 13 इंच है। महीने में 12 दिन पानी बरसता है। इससे रात के तापमान में गिरावट हो जाती है।
मुहर्रम को लेकर आज बदलेगी यातायात व्यवस्था
गिरिडीह| मुहर्रम को देखते गिरिडीह शहर की यातायात व्यवस्था बदल दी गई है। इसे लेकर गिरिडीह सदर एसडीओ ने निर्देश जारी किया है। शनिवार की रात के 1 बजे से रविवार की सुबह 8 बजे तक शहर होकर भारी वाहन गुजर सकेंगे। जबकि रविवार को दोपहर 3 बजे से 11 बजे रात तक भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से बंद रहेगा। इस दौरान डुमरी इलाके से आने वाले भारी वाहन पपरवाटांड, चतरो-जमुआ ओर से आने वाली भारी वाहन पचंबा रेलवे पुल के पास, देवघर की ओर आने वाली भारी वाहन कॉलेज मोड़ और टुंडी की ओर से आने वाली भारी वाहन मोहनपुर के पास दोपहर 3 बजे से रात के 11 बजे तक रुकी रहेगी। वही शहर के अंदर की यातायात व्यवस्था को लेकर यातायात पुलिस को विशेष निर्देश दिया गया है।
डाकघरों में सार्वजनिक लेनदेन कल बंद रहेगा : डाक अधीक्षक
गिरिडीह|डाक विभाग 8 जुलाई से गिरिडीह मंडल के सभी डाकघरों में नई एपीटी एप्लीकेशन लागू करने जा रहा है। यह आईटी 2.0 एप्लीकेशन डिजिटल बदलाव की दिशा में बड़ा कदम है। प्रधान डाकघर अधीक्षक राजेश कुमार पाठक ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस नई प्रणाली से सेवा तेज़ और ग्राहक अनुकूल होगी। नई प्रणाली लागू करने से पहले 7 जुलाई को सभी डाकघरों में डाउनटाइम रहेगा। इस दिन कोई सार्वजनिक लेनदेन नहीं होगा। यह अस्थायी सेवा निलंबन डाटा माइग्रेशन, सिस्टम सत्यापन और कॉन्फ़िगरेशन के लिए जरूरी है। एपीटी एप्लीकेशन को स्मार्ट और कुशल डाक सेवाओं के लिए तैयार किया गया है। यह भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन की गई है। पाठक ने ग्राहकों से अपील की कि वे अपनी डाकघर यात्रा की योजना पहले से बना लें। उन्होंने कहा कि यह असुविधा थोड़े समय के लिए है। विभाग का उद्देश्य बेहतर, तेज़ और डिजिटल रूप से सक्षम सेवाएं देना है। उन्होंने ग्राहकों का सहयोग और विश्वास बनाए रखने के लिए आभार जताया।
धालभूमगढ़। वेतझरिया स्थित स्वामी विवेकानंद गुरुकुलम में शनिवार को किशोरियों के मानसिक, शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक बदलावों को समझने के लिए विशेष कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम का नाम था – किशोरियों के मन की बात, माताओं के साथ। इसका उद्देश्य किशोरियों को सही मार्गदर्शन देना और माताओं को जागरूक करना था। कार्यक्रम की शुरुआत स्वामी विवेकानंद कॉलेज ऑफ एजुकेशन, सालबोनी की असिस्टेंट प्रोफेसर अपर्णा भगत और ट्रस्टी श्रेया विश्वास ने दीप जलाकर की। आयोजन चेयरमैन डॉ. सुब्रतो विश्वास और ट्रस्टी श्रेया विश्वास के मार्गदर्शन में हुआ। इसमें छात्राओं के साथ उनकी माताओं की भी सक्रिय भागीदारी रही। विद्यालय की शिक्षिकाएं दीप्ति, राधाश्री, सायनतनी, करिश्मा, सरिता और अंकिता ने किशोरावस्था की चुनौतियों और उनके समाधान पर विस्तार से जानकारी दी। छात्राओं ने अपने अनुभव साझा किए। इससे माताओं को अपनी बेटियों की भावनाओं को समझने में मदद मिली। कार्यक्रम के अंत में सभी माताओं और छात्राओं को नैपकिन वितरित किए गए। आयोजन को सफल बनाने में विद्यालय के प्रधानाध्यापक सुभाष रंजन दास और तन्मय सिंह सोलंकी की अहम भूमिका रही।
पाइप लाइन बिछाने के लिए खोदे गए गड्ढे में कार का पहिया फंसा
भास्कर न्यूज | खड़गपुर झाड़ग्राम शहर के रघुनाथपुर इलाके में पेयजल के लिए पाइप लाइन बिछाने को खोदे गए गड्ढे में एक कार का पहिया फंस गया, जिससे इलाके में यातायात बाधित हुआ। हालांकि इस दौरान किसी भी शख्स के घायल होने की जानकारी नहीं मिली। लेकिन स्थानीय लोगों ने झाड़ग्राम नगरपालिका के उन्नयन कार्यों को लेकर सवाल खडे़ किये गये। मालूम हो कि कुछ दिनों पहले सड़क के किनारे पानी के पाइप बिछाने के लिये झाड़ग्राम नगरपालिका की ओर गड्ढा खोदा गया था। पाइप लाइन बिछाने के बाद गड्ढे को बंद भी कर दिया गया था। शहर में कुछ दिनों से हो रही बारिश के कारण जमीन गीली और नरम हो गयी थी। इस दौरान इलाके से गुजर रही कार का पहिया गड्ढे में जा फंसा। इलाके के लोगों का कहना है कि पाइप लाइन बिछाने के बाद गड्ढे को ठीक तरह से नहीं भरा गया। अगर गड्ढे को मिट्टी से भरा गया होता तो गड्ढे नहीं होते। इस रास्ते से बच्चे स्कूल जाते हैं, कभी भी कुछ भी बड़ा हादसा हो सकता है। वहीं घटना की जानकारी मिलने के बाद झाड़ग्राम नगरपालिका के प्रशासनिक अधिकारी इलाके में पहुंचकर परिस्थिति को सामान्य किया।
कृत्रिम तरीके से मोर के दस बच्चों ने लिया जन्म
भास्कर न्यूज | खड़गपुर झाड़ग्राम के जंगलमहल जूलॉजिकल पार्क में पहली बार कृत्रिम तरीके से दस मोर के बच्चों ने जन्म लिया। जानकारी हो कि करीब 28 दिन पहले चिड़ियाघर के अधिकारियों ने एक बड़े थर्मोकोल के बॉक्स में बिजली का बल्ब लगाकर इनक्यूबेटर बनाया था। इनक्यूबेटर में 37.5 डिग्री सेल्सियस से लेकर 38.5 डिग्री सेल्सियस तापमान में बीच रखा गया था। इनक्यूबेटर में मोर के 25 अंडों को रखा गया। करीबन 28 दिनों बाद 25 अंडे मे से 10 अंडो से कृत्रिम तरीके से मोर के बच्चों ने जन्म लिया। नवजात मोर के बच्चे टिड्डे खाना पसंद करते हैं। टिड्डे पकड़ने के लिए चिड़ियाघर के एक कर्मचारी को नियुक्त किया गया है। इनक्यूबेटर में अभी भी 15 अंडे हैं। वन विभाग का दावा है कि 25 अंडे में से दस अंडे से बच्चे निकले है ,बाकी अंडे से भी बच्चे निकलेंगे। क्या है इनक्यूबेटर : इनक्यूबेटर एक ऐसा उपकरण है जो एक नियंत्रित वातावरण प्रदान करता है, आमतौर पर स्थिर तापमान, आर्द्रता और कभी-कभी सीओ टू के स्तर को बनाए रखता है, जिसका उपयोग जैविक नमूनों, संस्कृतियों, या भ्रूणों के विकास और विकास को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। यह कोशिकाओं, ऊतकों या अंडों को सेने के लिए अनुकूल स्थितियां बनाता है। झाड़ग्राम के डीएफओ उमर इमाम ने बताया कि जंगल से घिरे पार्क में पशु, पक्षी और अन्य जीवों का प्राकृतिक प्रजनन हो रहा है।
वृद्धा का फंदे से लटकता शव बरामद
भास्कर न्यूज | खड़गपुर ग्वालतोड़ थाना के पाथरपाड़ा अंचल के बनकाटा गांव में एक वृद्ध की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गयी। उसका शव उसके कमरे से फंदे से लटकते अवस्था में बरामद हुआ। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मृतका का नाम सुमित्रा माल (60 वर्ष) है। परिजनों ने सर्वप्रथम शव को कमरे में फंदे से लटकते हुए देखा था। घटना की जानकारी पुलिस को दी गई। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। समाचार लिखे जाने तक मौत का कारण मालूम नहीं हो सका। वहीं, मृतिका के परिजनों का कहना है कि वह मानसिक रोग से ग्रस्त थी। पुलिस घटना की जांच कर रही है।
धालभूमगढ़ में महाप्रभु जगन्नाथ का रथ खींचने उमड़ा जनसैलाब
चाकुलिया |चाकुलिया में नागाबाबा मंदिर से शनिवार की शाम घूरती रथ पर सवार होकर मौसीबाड़ी में नौ दिनों तक विश्राम करने के बाद महाप्रभु भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र के साथ अपने घर जुगीपाड़ा पहुंचे। वहीं बैद्यनाथ शर्मा राइस मिल से भी बाहुड़ा रथ से महाप्रभु रासमंच मंदिर पहुंचे। इस दौरान मुख्य सड़क पर भगवान की जयकारा और भजन-कीर्तन के साथ हुई वापसी यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पूजा आराधना की। वापसी यात्रा के दौरान रथ खीचने के लिए श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रही। ग्रामीणों ने भगवान के रथ को खींच कर न केवल पुण्य लाभ अर्जित किया, बल्कि भगवान से बेहतर सुख शांति एवं खुशहाली की कामना की। इसके अलावा सरस्वती मंडप से निकल कर रथ तुलसीबनी आश्रम पहुंचा। मौके पर एसआई कवींद्र पोद्दार, पुजारी अशोक पति, दिलीप पति, सुखदेव पति, बृहस्पति पति, अभिषेक पति, रोहित पति, रवींद्र मिश्रा, पतित दास, बसंत अग्रवाल, संजय मल्लिक, राजू दास आदि मौजूद थे। भास्कर न्यूज | धालभूमगढ़ शनिवार को नरसिंहगढ़ और कोकपाड़ा में बाहुड़ा रथ निकला गया। आठ दिन बाद भगवान जगन्नाथ रथ पर सवार होकर मौसी बाड़ी से अपने घर वापस लौटें। रथ खींचने के लिए लोगों में भारी उत्साह दिखाया। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। रथ यात्रा के दौरान प्रसाद का वितरण हुआ। नरसिंहगढ़ में भगवान जगन्नाथ को दिलीप मिश्रा के घर मौसी बाड़ी से रथ पर सवार कर जगन्नाथ मंदिर लाया गया। कोकपाड़ा में सरोज रंजन श्यामल के घर से रथ चला। भगवान को रथ पर बैठाकर कलीचांद पाणिग्रही के घर ले जाया गया। वहीं रथ यात्रा का समापन हुआ। रथ यात्रा के अवसर पर मेला भी लगा। नरसिंहगढ़ में यह परंपरा सैकड़ों वर्षों से चली आ रही है। यह आस्था का पर्व माना जाता है। मौके पर कुलदा रंजन मिश्र, मनोरंजन दास, भोलानाथ मिश्रा, हर प्रसाद सिंह सोलंकी, शशांक शेखर दास, रविदास, खोकण दास, पुजारी विजय मिश्रा, प्रशांत मिश्रा, अनुपम मिश्रा, त्रिवीद दास और प्रेमानंद शाहा मौजूद थे।
बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता शिविर
धालभूमगढ़ |शनिवार को केजीबीवी स्कूल महुलीशोल धालभूमगढ़ में शनिवार को जागरूकता शिविर हुआ। आयोजन लीगल एड क्लीनिक धालभूमगढ़ की ओर से किया गया। यह शिविर जिला विधिक सेवा प्राधिकार सिविल कोर्ट जमशेदपुर और अनुमंडलीय विधिक सेवा प्राधिकार घाटशिला के आदेश पर हुआ। शिविर में पीएलवी तारक नाथ साव और भोलानाथ साव ने बाल विवाह और नशीली दवाओं के दुष्प्रभाव की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कम उम्र में शादी से बच्चियों का भविष्य खराब होता है। नशे की लत से शरीर और दिमाग दोनों पर बुरा असर पड़ता है।
इंदौर में मंत्री की जुबान फिर फिसली:कैलाश बोले- खंडेलवाल मुर्दाबाद, वीडी जिंदाबाद
नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की जुबान फिसल गई। शनिवार को इंदौर में मीडिया से चर्चा के दौरान वह कांग्रेस से भाजपा में आए नेताओं का जिक्र कर रहे थे। कहा- ‘वो हमें बता रहे थे कि हम तो कभी कांग्रेस में सोच भी नहीं सकते थे कि प्रदेश अध्यक्ष की ऐसे पर्ची खुल जाएगी। कल तक कार्यकर्ता वीडी शर्मा जिंदाबाद बोल रहे थे, आज खंडेलवाल मुर्दाबाद।’ इतना सुनते ही विधायक मधु वर्मा ने टोका- ‘मुर्दाबाद नहीं... जिंदाबाद।’ विजयवर्गीय हंसते हुए बोले- हां, जिंदाबाद। फिर मीडिया से कहा- वीडियो डिलीट कर देना, नहीं तो मैं ठीक कर दूंगा।
युवक को सांप ने डंसा, चल रहा इलाज
गढ़वा|भवनाथपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मुस्कैनी में 25 वर्षीय रिंकू मुसहर पिता स्वर्गीय महंगू मुसहर को शनिवार को सांप ने डस लिया। उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जानकारी के अनुसार रिंकू मुसहर ने ह्वाइट कोबरा सांप (फणिक) को जंगल से पकड़ कर घर लाया था। वह उस सांप के विष के दांत को तोड़कर गांव -देहात एवं बाजार में घूम-घूमकर उसे दिखाकर पैसे कमाना चाहता था। बताया गया कि रिंकू मुसहर ने कोबरा सांप का दांत तोड़ने लगा, इस दौरान सांप ने उसके दायां हाथ में डंस लिया। इसके बाद स्वजनों ने उसे जड़ी-बूटी खिलाया। लेकिन जड़ी-बूटी का स्वाद मीठा लगने लगा। इससे स्वजनों ने यह समझा कि उस पर सांप के विष का असर हो गया है। तब उसे आनन-फानन में लेकर भवनाथपुर सीएचसी में पहुंचे, जहां चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए बेहतर इलाज के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।
विधायक ने प्राकृतिक आपदाओं से बच्चों को बचाने की अपील की
गढ़वा|बंशीधर नगर थाना क्षेत्र के सुनील राम के पुत्र लक्ष्मी कांत 25 वर्ष की मौत सांप के काटने से हो गई। घटना के बाद पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस भेज दिया है। घटना के संबंध में बताया गया वह अपने खेत में कुछ काम कर रहा था। उसी बीच सांप ने उसे काट लिया। उसे सदर अस्पताल में लाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कांडी|वर्षा ऋतु के शुरू होते ही प्राकृतिक आपदाओं की संख्या काफी बढ़ गई है। विशेषकर पानी में डूबने, आसमानी बिजली की चपेट में आने व सांप आदि विषैले जंतुओं के काटने की घटनाएं काफी बढ़ गईं हैं। इस तरह की दुखद सूचनाएं लगातार प्राप्त हो रही हैं। इस परिस्थिति में विधायक नरेश सिंह ने प्राकृतिक आपदाओं से विशेषकर बच्चों को बचाने की अपील की है। विश्रामपुर क्षेत्र के विधायक नरेश प्रसाद सिंह ने क्षेत्रवासियों से अपील की है कि वे बरसात के मौसम में अपने बच्चों पर विशेष निगरानी रखें। उन्होंने कहा कि वर्षा के कारण नहर, तालाब, पोखर और नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। जिससे डूबने जैसी दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। उन्होंने अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे अपने बच्चों को जलस्रोतों के किनारे जाने या उनमें नहाने से रोकें। अक्सर थोड़ी-सी लापरवाही भी एक अनमोल जीवन पर भारी पड़ जाती है। विधायक ने सभी पंचायत प्रतिनिधियों और युवाओं से भी अपील की है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जागरूकता फैलाएं और लोगों को सतर्क करें।
मझिआंव में मोहर्रम को लेकर प्रशासन ने निकाला फ्लैग मार्च
भास्कर न्यूज| मझिआंव मुस्लिम धर्मावलंबियों की मातमी त्यौहार मोहर्रम जुलूस के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी सुनील कुमार तिवारी के द्वारा फ्लैग मार्च निकाला गया। फ्लैग मार्च में मुख्य रूप से अंचलाधिकारी प्रमोद कुमार उपस्थित थे। फ्लैग मार्च थाना परिसर से निकलकर लोहरपुरवा मोड़, बाईपास, पुराना हॉस्पिटल सहित पूरे शहर में भ्रमण करते हुए चंद्रवंशी पेट्रोल पंप तक गया। उसके बाद ब्लॉक रोड होते हुए थाना क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में भ्रमण किया गया। इस दौरान अंचल अधिकारी प्रमोद कुमार व पुलिस निरीक्षक शह थाना प्रभारी सुनील कुमार तिवारी ने बताया कि मुहर्रम त्यौहार में शांति व्यवस्था बनाए रखने को लेकर फ्लैग मार्च निकाला गया है। कहा की जुलूस के दौरान असामाजिक तत्व के लोगों के ऊपर पुलिस की पैनी निगाह है। साथ ही उन्होंने बताया कि थाना क्षेत्र के विभिन्न इलाकों में भी फ्लैग मार्च किया गया। इस दौरान एसआई चंदन प्रधान, संजय मुंडा, नसीम अंसारी, एएसआई आलोक कुमार, सिटी मैनेजर जीतेश कुमार सहित काफी संख्या में पुलिस के जवान शामिल थे।
केंद्रीय सदस्य ने सांसद से समस्याओं से निजात दिलाने की मांग की
गढ़वा| झामुमो के मीडिया पैनलिस्ट सह केंद्रीय सदस्य धीरज दुबे ने सांसद विष्णुदयाल राम से पढुआ-श्रीनगर सोन पुल का निर्माण कार्य जल्द पूरा कराने, सोन-कोयल नदी के सीमावर्ती क्षेत्र के जमीन कटाव और बाढ़ की समस्याओं से निजात दिलाने व सोन एवं कोयल नदी पर तटबंध निर्माण कराने और नीलगाय से होने वाले नुकसान का स्थाई समाधान निकालने की मांग किया है। उन्होंने कहा कि जिले के दीर्घकालिक विकास की दिशा में अति महत्वाकांक्षी योजनाओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। जनता अब बुनियादी परिवर्तन चाहती है। उन्होंने कहा कि जिले में संसाधन भरपूर है, लेकिन योजनाओं के अभाव और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण यह जिला आज भी पिछड़ेपन का शिकार बना हुआ है। उन्होंने सांसद से आग्रह किया कि वह केंद्र सरकार से समन्वय बनाकर गढ़वा में रेल, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग क्षेत्र में बड़ी योजनाएं लाने का प्रयास करें।
अध्यक्ष को पत्नी शोक, टीडीएम इंटर कॉलेज में की शोक सभा
गढ़वा|बंशीधर स्थित टीडीएम इंटर महाविद्यालय के अध्यक्ष राजेश्वर प्रताप देव की पत्नी बिंदु देव (72 वर्ष) का निधन पर कॉलेज परिसर में प्राचार्य धनंजय सिंह की अध्यक्षता में शोक सभा का आयोजन किया गया। मौके पर प्राचार्य ने कहा कि अध्यक्ष की पत्नी बिंदु देव मेधावी और विदुषी महिला थीं। उन्होंने भवनाथपुर प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय में अंग्रेजी की शिक्षिका के रूप में कई वर्षों तक शिक्षण कार्य में अहम योगदान किया था। जीवन भर निरोग रहने वाली बिंदु देव कुछ महीनों से एक लाइलाज जटिल रोग से ग्रसित हो गई थीं। आरएमडी माइंस भवनाथपुर से सेल पदाधिकारी के पद से अवकाश प्राप्त उनके पति राजेश्वर प्रताप देव और शिक्षा विभाग में कार्यरत उनके ज्येष्ठ पुत्र ऋषि देव ने उनके इलाज में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा था। सभा के अंत में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्म की शांति प्रदान करने और शोकाकुल परिवार को इस विषम परिस्थिति में धैर्य सहने की शक्ति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की गई। शोक सभा में शिक्षक प्रतिनिधि राजीव रंजन प्रताप देव, वरुण पांडेय, उमेश सिंह, अमरेश यादव, रजनीश कुमार, विवेक सिंह, जूही कुमारी, दिलीप गुप्ता, सुनील सोनी, आशीष शुक्ला, नवनीत सिंह, अमित सिंह, शैलेन्द्र देव, राहुल कुमार, जितेंद्र कुमार, रामपबन राम, विनेश पाल, विकास सिंह, श्वेता सिंह सहित अन्य मौजूद थे।
तरहसी | मंझौली टू पंचायत के कुम्हराडीह न्यू प्राथमिक विद्यालय में पौधों की घेराबंदी के लिए स्कूली बच्चों से लोहे की जाली ढुलवाई गई। शनिवार को विद्यालय में पौधारोपण के बाद घेराबंदी के लिए जाली लगानी थी। यह जाली सहायक शिक्षक नंद लाल कुमार के घर पर रखी थी। उनका घर विद्यालय से आधा किलोमीटर दूर है। सुबह जब बच्चे स्कूल के लिए निकले तो उन्हें जाली थमा दी गई। चार से पांच बच्चे लोहे की जाली टांगे हुए विद्यालय पहुंचे। प्रधानाध्यापक अरविंद ठाकुर ने कहा कि उन्होंने बच्चों को जाली लाने के लिए नहीं कहा था। सहायक शिक्षक ने भी ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया। शुक्रवार को स्कूल परिसर में पौधारोपण के बाद जाली लगाने की चर्चा हुई थी। बच्चों ने यह बात सुन ली थी। शनिवार को जब वे स्कूल आने लगे तो अपने मन से जाली लेकर आ गए।
जिला से प्रदेश तक जल्द संगठन का निर्माण किया जाएगा : संगठन महामंत्री
भास्कर न्यूज|कांडी स्थानीय प्रखंड मुख्यालय में जिला परिषद की 5 एकड़ सरकारी भूमि रहते हुए कांडी के सरकारी अस्पताल की जमीन का सीना चीरकर प्रखंड सह अंचल कार्यालय के भवन का निर्माण करा दिया गया। जबकि अस्पताल भवन के विस्तार व डॉक्टर तथा स्टाफ क्वार्टर आदि के निर्माण के लिए अब बित्ता भर जमीन भी अस्पताल के पास नहीं बची। पता नहीं यह किसके दिमाग का दिवालियापन था कि अस्पताल को भूमिहीन करके प्रखंड कार्यालय के भवन का निर्माण करा दिया गया। जबकि व्यापक जनहित में अस्पताल को अधिक जमीन की जरूरत है। अब इस कार्रवाई के 20 वर्षों के बाद जिला परिषद की जमीन में टेंपो स्टैंड व दुकानों का निर्माण कराने की योजना पारित की गई है। जिला परिषद के बोर्ड की बैठक में कांडी में जिला परिषद की जमीन का सीमांकन करके उसमें टेंपो स्टैंड व दुकानों का निर्माण करा कर बेरोजगारों को किराए पर देने की योजना पारित हुई है। गढ़वा जिला के डीडीसी सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी के पत्रांक 451 जिप दिनांक 3 जुलाई 2025 के अनुसार कांडी के अंचल पदाधिकारी को खाता नंबर 237 प्लॉट नंबर 32 में 10 डिसमिल व खाता नंबर 237 प्लॉट नंबर 669 में 4 एकड़ 87 डिसमिल के भूखंड की मापी व सीमांकन कराकर डीडीसी ने रिपोर्ट मांगी है। जमीन की मापी एवं सीमांकन हो जाने के बाद इसमें टेंपो स्टैंड व दुकानों के निर्माण की योजना की शुरुआत की जाएगी। कांडी उत्तरी जिला परिषद क्षेत्र संख्या 4 की सदस्य सुषमा कुमारी ने जिप बोर्ड की बैठक में इस संबंध में दर्जनों बार मांग की है। लेकिन इस बार जून महीने की बैठक में इस योजना को सर्वसम्मति से अनुमोदित कर दिया गया। भास्कर न्यूज|गढ़वा भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह एक दिवसीय दौरे पर गढ़वा पहुंचे। संगठन पर्व को लेकर जिला कार्यालय जिलाध्यक्ष ठाकुर प्रसाद महतो की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान सदस्यता अभियान का समीक्षा और संगठन निर्माण को लेकर चर्चा हुई। बैठक के बाद कार्यालय परिसर में पौधरोपण किया गया। जिसमें फलदार व छायादार कईं पौधे लगाए गए। मौके पर मुख्य अतिथि भाजपा संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता संगठन के रीढ़ है। कार्यकर्ताओं के दम पर ही भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी है, जहां हर फैसला कार्यकर्ताओं की सहमति से तय होता है। उन्होंने कहा कि भाजपा का चुनावी प्रक्रिया को लेकर मंडल से जिला तक के नेता कार्यकर्ता काम कर रहे हैं। बहुत जल्द मंडल से लेकर जिला और प्रदेश स्तर पर संगठन का निर्माण किया जाएगा। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री संतोष दुबे व धन्यवाद ज्ञापन जिला उपाध्यक्ष राजीव रंजन तिवारी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से गढ़वा विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी, प्रदेश महामंत्री मनोज सिंह, रघुराज पाण्डेय, ओमप्रकाश केशरी, उपाध्यक्ष विकास प्रितम, सुरज गुप्ता, विधायक प्रतिनिधि विवेकानंद तिवारी, ओमप्रकाश गुप्ता, अरविंद तुफानी, जिला उपाध्यक्ष मथुरा पासवान, मधुलता कुमारी, मीडिया प्रभारी रितेश चौबे, भाजयुमो जिलाध्यक्ष रामशीष तिवारी, रितेश दुबे, विनोद तिवारी, कैलाश कश्यप, सुरेन्द्र राम, धनंजय गौड़, शुभम गुप्ता, मनोज जायसवाल, राजकुमार विश्वकर्मा, ओमप्रकाश दास, बलराम यादव, पवन कुमार, रामलला दुबे सहित अन्य कई नेता कार्यकर्ता मौजूद थे।
एक पेड़ मां के नाम के तहत एसपीडी कॉलेज में लगाए पौधे
गढ़वा| एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम के तहत शनिवार को स्थानीय सूरत पाण्डेय डिग्री कॉलेज, गढ़वा में एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) के द्वारा पौधरोपण किया गया। इस मौके पर प्राचार्य प्रो. निकलेश चैबे ने कहा कि एक पेड़ मां के नाम अभियान पर्यावरण संरक्षण और मातृत्व के महत्व को दर्शाता है।उन्होने कहा कि इस अभियान के माध्यम से छात्र-छात्राओं में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरुकता पैदा हो रही है। छात्र-छात्राओं द्वारा अपनी माताओं के नाम पर पौधे लगाकर उन्हे सम्मानित किया। एनएसएस के तत्वावधान में यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इस अवसर पर महाविद्यालय के एनएसएस प्रभारी प्रो. कमलेश सिन्हा ने कहा कि महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं, एनएसएस, एनसीसी के बच्चें इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं। आज इस कार्यक्रम के तहत छायादार एवं फलदार पौधे लगाए गए। इस कार्यक्रम के लिए पर्यावरण परिवार की ओर से पौधे उपलब्ध कराए गए। इस मौके पर प्रो. विवेकानंद उपाध्याय, डा. उमेश सहाय, डा. हिमांशु भूषण जरुहार, प्रो. धीरेन्द्र कुमार मिश्र, प्रो. प्रमिला, प्रेम सागर राम समेंत महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। भास्कर न्यूज| गढ़वा आरके पब्लिक स्कूल हूर में शनिवार को पर्यावरण संरक्षण के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने और छात्रों में हरियाली के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करने के उद्देश्य से एक विशेष पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय की प्रधानाचार्या नसरीन हक़ द्वारा पौधा लगाकर की गई। उन्होंने उपस्थित विद्यार्थियों और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि पेड़ पृथ्वी के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। यह हमें ऑक्सीजन देते हैं, वायु को शुद्ध करते हैं और प्राकृतिक संतुलन बनाए रखते हैं। हमें अधिक से अधिक पेड़ लगाकर धरती को हरा-भरा बनाना चाहिए। स्वच्छ पर्यावरण से ही स्वस्थ जीवन संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि आज का यह प्रयास आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक छोटा सा मगर महत्वपूर्ण कदम है। इस अवसर पर कक्षा एल.के.जी. से कक्षा सातवीं तक के सभी विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी दिखाई। बच्चों ने विद्यालय परिसर में आम, अमरूद, इमली, गुड़हल, गेंदा, चमेली, एलोवेरा सहित अनेक प्रकार के पौधे लगाए। छोटे-छोटे हाथों में पौधे थामे बच्चों का उत्साह देखने लायक था। विद्यालय के शिक्षकों ने विद्यार्थियों को पौधों की नियमित देखभाल करने और उनके महत्व को समझने के लिए प्रेरित किया। बच्चों ने भी यह संकल्प लिया कि वे इन पौधों को केवल लगाकर ही नहीं छोड़ेंगे, बल्कि उनकी पूरी जिम्मेदारी निभाएंगे और उनका पोषण करेंगे। पौधरोपण के उपरांत सभी विद्यार्थियों को “पर्यावरण संरक्षण” की शपथ दिलाई गई। शपथ में उन्होंने यह संकल्प लिया कि वे अपने घर, मोहल्ले और विद्यालय में अधिक से अधिक पौधे लगाएंगे और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे। विद्यालय की प्रधानाचार्या ने कहा कि भविष्य में इस तरह के कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे ताकि बच्चों में प्रकृति के प्रति सम्मान और प्रेम बना रहे। कार्यक्रम के अंत में शिक्षकों ने बच्चों को पौधों के महत्व पर आधारित गतिविधियों और सवाल-जवाब के माध्यम से जागरूक किया। भास्कर न्यूज|गढ़वा मुहर्रम की नवीं तारीख के मौके पर शनिवार को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने छोटकी चौकी व अखाड़ा के साथ जुलूस निकाला। इस दौरान लोगों ने जुलूस में शामिल लोग हजरत ईमाम हसन-हुसैन की याद में या हसन, या हुसैन, या अली, कर्बला दूर है, जाना जरूर है.. आदि नारे लगा रहे थे। इसके अलावा जुलूस में शामिल लोग मरसिया भी पढ़ रहे थे। मुहर्रम के नवीं तारीख के मौके पर अकीदतमंदों ने रोजा भी रखा। मगरीब अजान के बाद अकीदतमंदों ने रोजा खोला। सभी मोहल्ला के द्वारा निकाली गई जुलूस में शामिल लोग कर्बला के मैदान में पहुंचे। जहां मिलनी के बाद जुलूस का समापन किया गया मिलनी के बाद सभी ताजियादार व अखाड़ेदार अपने-अपने ताजिया व अखाड़ा को लेकर चौक के पास पहुंचे। इसके बाद लोगों ने चौक पर सिरनी फातिहा किया। जुलूस के दौरान अप्रिय घटना से बचने के लिए विद्युत विभाग द्वारा जुलूस के समय शहर में बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई थी। वहीं जुलूस में शांति व्यवस्था कायम रखने को लेकर पुलिस के जवान तैनात किए गए थे। इधर जुलूस में शामिल अकीदतमंदों की सहूलियत को लेकर विभिन्न कमेटियों के द्वारा शहर के मझिआंव मोड़ पर स्टॉल लगाया गया था। जहां अकीदतमंदों के बीच शीतल जल और मिष्ठान का वितरण किया जा रहा था। वहीं विभिन्न कमेटी के द्वारा लंगरखानी का आयोजन किया गया था। इस दौरान आयोजनकर्ता लोगों के बीच लंगरखानी का सिरनी तकसीम कर रहे थे।
फुटबाल : भंडरिया ने बरडीहा को हराया, चिनिया भवनाथपुर को पराजित कर बनी लिटिल चैंपियन
भास्कर न्यूज|गढ़वा जिला स्तरीय प्रथम लिटिल चैंप्स अंडर -12 बालक वर्ग में भंडरिया ने बरडीहा की टीम को 2-1 से वही बालिका वर्ग में चिनिया ने भवनाथपुर को 1-0 से हराकर प्रथम लिटिल चैंप होने का गौरव हासिल किया। लिटिल चैंप के दोनों फाइनल मैच काफी रोमांचक रहा। बालक और बालिका वर्ग का फाइनल मैच बहुत ही रोमांचक रहा। कांटे के मुकाबले में निर्धारित समय तक दोनों टीमों ने शानदार खेल दिखाया और मैच शुन्य-शुन्य की बराबरी पर रहा। मैच का फैसला पेनाल्टी शूट आउट से हुआ। भंडारिया की टीम ने पेनल्टी शूट आउट में बरडीहा की टीम को 2-1 से हराकर खिताब पर कब्जा किया। जबकि चिनियां की टीम ने पेनल्टी शूटआउट में भवनाथपुर की टीम को 1-0 से हराकर खिताब पर कब्जा किया। बालक वर्ग में भंडरिया एवं बालिका वर्ग में चिनिया की टीम राज्य स्तरीय फुटबाल टूर्नामेंट में गढ़वा जिला का प्रतिनिधित्व करेगी। इस मौक पर जिला शिक्षा पदाधिकारी कैसर रजा ने कहा कि गांव के बच्चों की प्रतिभा को आगे लाने के लिए लिटिल चैंप फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। इस तरह के प्रतियोगिता के माध्यम से गांव के वैसे बच्चे जो शहर में आकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन नहीं कर पाते थे। वैसे लोगों को यह प्रतियोगिता मौका दे रहा है। उन्होंने कहा कि आज के मैच में भंडरिया और चिनिया के खिलाड़ियों ने विजेता होकर अपनी प्रतिभा का साबित किया कि वह खेल के क्षेत्र में अग्रणी है।
करंट लगने से पुरवारा के ग्रामीण की मौत
गढ़वा|मेराल थाना क्षेत्र के पुरवारा टोला निवासी स्व. शिव महतो का पुत्र गुप्तेश्वर महतो 50 वर्ष करंट की चपेट में मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस भेज दिया है। घटना के संबंध में बताया गया कि वह अपने खेत में कुछ काम कर रहा था। उसी बीच करंट प्रवाहित तार की चपेट में आ गया। जिससे उसे करंट लग गया। घटना के बाद परिजनों ने उसे सदर अस्पताल लाया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम करापरिजनों को सौंप दिया है। मंझिआंव|गढ़वा जिला अंतर्गत मंझिआंव थाना क्षेत्र के सोनपुरवा गांव के रहने वाले महेंद्र चौधरी की मुंबई में मौत हो गई। 45 वर्षीय महेंद्र चौधरी स्वर्गीय सूर्यदेव चौधरी के पुत्र थे और मुंबई के परेल स्थित ईएम अस्पताल में गुरुवार देर रात उन्होंने अंतिम सांस ली। परिजनों के अनुसार महेंद्र चौधरी मई माह में अपनी बड़ी पुत्री की शादी के बाद करीब डेढ़ माह पहले ही दोबारा मुंबई लौटे थे। वे वहां बिल मोरिया कंपनी में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत थे और पिछले 17 वर्षों से इसी कंपनी में कार्य कर रहे थे। चार दिनों से वे खुद को अस्वस्थ महसूस कर रहे थे और सांस लेने में तकलीफ की शिकायत कर रहे थे। गुरुवार रात लगभग 10 बजे अचानक उनकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद कंपनी के कर्मचारियों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। इलाज के दौरान रात 11:30 बजे उनकी मौत हो गई। शुक्रवार सुबह घटना की खबर मिलते ही मुंबई में कार्यरत गांव के सैकड़ों मजदूर अस्पताल पहुंचे। इसमें प्रकाश चौधरी, शिवचंद चौधरी, उदय चौधरी, मनोज चौधरी, विजय शर्मा, सरफराज खान, अवधेश उरांव समेत कई लोग शामिल थे।
अचेत मिले युवक की इलाज के दौरान मौत
गढ़वा|मेराल थाना क्षेत्र के ओखरगढ़ा गांव निवासी त्रिवेणी पासवान का पुत्र कन्हाई पासवान 47 वर्ष की मौत संदिग्ध स्थिति में हो गई। घटना के बाद पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस भेज दिया। घटना के संंबंध में बताया गया कि कन्हाई पासवान शराब का अधिक सेवन करता था। शुक्रवार की देर शाम घर से निकला था।शनिवार की सुबह गांव के लोगों ने घर से दूर एक पेड़ के नीचे उसे अचेत अवस्था में देखा तो इसकी सूचना परिजनों को दी। उसके बाद परिजन उसे सदर अस्पताल लाया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मुहर्रम पर 13 फीट तक का निकलेगा ताजिया, नहीं सुनाई देगी डीजे की धुन
रंंका|अनुमंडल मुख्यालय ग्राम पंचायत रंका कला स्थित पंचायत सचिवालय में पेंशन लाभुकों का सत्यापन कार्य तेजी से चल रहा है। पंचायत सचिव किरण कुमारी के निर्देशानुसार यह कार्य सभी वार्डों में समन्वय के साथ संचालित हो रहा है। पूर्व मुखिया प्रतिनिधि एवं वर्तमान मुखिया रंजीत सोनी के साथ-साथ सभी वार्ड पार्षद अपने-अपने क्षेत्रों से पेंशनधारियों को पंचायत सचिवालय भेजकर सत्यापन कार्य को गति दे रहे हैं। सत्यापन प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए पंचायत सहायक अमरेंद्र कुमार, अरविंद साव व संदेश कुमार चौबे संयुक्त रूप से क्षेत्र भ्रमण कर लाभुकों को जागरूक कर रहे हैं। भास्कर न्यूज|गढ़वा इस वर्ष का मुहर्रम अन्य वर्षों की अपेक्षा अलग होगा। सरकारी गाइडलाइन के अनुसार इस वर्ष 13 फीट तक की ऊंचाई वाली ताजिया मुहर्रम के अवसर पर निकाली जाएगी। वही मुहर्रम जुलूस के दौरान डीजे का धुन सुनाई नहीं पड़ेगी। इस संबंध में मुहर्रम इंतजामिया कमेटी जेनरल के संरक्षक सिराज खान तथा सदर अशरुदीन खान ने कहा कि सरकार की गाइडलाइन तथा जिला प्रशासन के निर्देशानुसार मुहर्रम के अवसर पर आयोजित सभी कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुहर्रम के अवसर पर दो पाली में जुलूस निकल जाएगी। प्रथम पाली का जुलूस का समय सुबह नौ बजे से अपराह्न एक बजे तक तथा द्वितीय पाली का जुलूस का समय शाम 5 बजे से रात 12 बजे तक निर्धारित है। प्लान के अनुसार रंका की ओर से आने वाली सभी गाड़ियां या तो बाई पास पकड़ लेगी या टंडवा चौक से शाहपुर रोड़ जा सकती है। गढ़वा शहर से सुबह-08 बजे से 01 बजे एवं पुनः संध्या 04 बजे से रात्रि 01 बजे तक कोई गाड़ी प्रवेश नहीं करेगी। वहीं मेराल की ओर से आनेवाली सभी गाड़ियां सदर अस्पताल तक ही जा सकेंगी। चिनियां और कल्याणपुर ओबर ब्रिज की ओर से आने वाली सभी गाड़ियां चिनियां मोड़ से आगे शहर की ओर नहीं जाऐगी। मझिआंव से आने वाली सभी गाड़ियां रेलवे ओवरब्रिज से आगे नहीं जा सकेंगी। रेहला की ओर से आने वाली सभी गाड़ियां स्टेशन रोड से आगे नहीं जाऐंगी। शहर के अन्दर छोटी बड़ी सभी गाड़ियां चिनियां मोड़ से रंका मोड़, मेन रोड़, गढ़देवी मंदिर, मझिआंव मोड़ एवं करबला तक नहीं चलेंगी। सभी गाड़ियां छठ घाट रोड़, विरेन्द्र तिवारी मार्ग से आना जाना कर सकती है। मुहर्रम के दिन 08 बजे सुबह से रात्रि 02 बजे तक सभी बड़ी गाड़ियां शहर में प्रवेश नहीं करेंगी। बाहरी सभी गाड़ियां की पार्किंग टाउन हॉल मैदान एवं मुर्हरम के दौरान करबला के मैदान की ओर जाने वाले लोगों की पार्किंग रामासाहू स्टेडियम में की जा सकेंगी।
अजय वर्मा / जितेंद्र मेहरा की रिपोर्ट हर साल बारिश में शहर जलभराव से जूझता है लेकिन फिर भी यह विडंबना ही है कि यहां के ड्रेनेज सिस्टम का कोई ब्लू प्रिंट तक नहीं है। ऐसे में भास्कर टीम ने राजस्व रिकॉर्ड में शहर के विभिन्न क्षेत्रों से गुजर रहे नालों के नक्शों को गूगल इमेज पर इंपोज कराया। तब पता चला कि राजस्व विभाग के नक्शों में नाले कहां से गुजर रहे हैं। उनके ऊपर कहां-कहां अतिक्रमण हो गए हैं। इस इमेज के आधार पर भास्कर ने 10 दिन तक फील्ड में पहुंचकर पड़ताल की कि नालों का बहाव वर्तमान में कहां है और नक्शे में कहां पर है। इस दौरान 20 से ज्यादा नालों पर 587 मकान, दुकानें, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग का हिस्सा और 50 से ज्यादा झुग्गियां बनी हुई मिलीं। इनमें से 10 प्रमुख नालों की रिपोर्ट... 1. काली बस्ती नाला 50 मकानों के नीचे से निकला 2 किमी लंबा ये नाला बाग मुंशी हुसैन तालाब से शुरू होता है जो काली बस्ती के बीच व सेफिया कॉलेज गुजरता है। इसके ऊपर 50 से ज्यादा मकान बन गए हैं। यहीं पर पर तत्कालीन मेयर आलोक शर्मा और वर्तमान में सांसद तेज बारिश के बाद कुर्सी लगाकर बैठ गए थे। 2. 12 फीट चौड़ा नाला मोड़ा, चौड़ाई 4 फीट ही ये नाला बैरागढ़ इलाके के कोलूखेड़ी जोन-1 के वार्ड 3 के पास स्थित गुजरता है। शुरुआत में इसकी चौड़ाई 12 फीट है। आगे बढ़ते ही ये 4 फीट रह जाती है। करीब 500 मीटर लंबे इस नाले को निजी जमीनों के चक्कर में डायवर्ट कर दिया गया है। इसलिए चौड़ाई घट गई है। 3. भारत टॉकीज ब्रिज के पास …30 दुकानें नाले पर भारत टॉकीज ब्रिज के नीचे की तरफ बना नाला पूरी तरह कब्जों से घिरा है। 30 से ज्यादा दुकानें नाले पर ही बनी हैं। इसी तरह सेंट्रल लाइब्रेरी के पास का नाला अंदर की तरफ तो खुला है, लेकिन भारत टॉकीज रोड की ओर नाला पूरी तरह बंद है। लोगों ने कब्जे कर रखे हैं। 4. हलालपुर नाले पर बने मैरिज गार्डन, 5 मकान भी नाला हलालपुर बस्ती से शुरू हो रहा है। इसकी लंबाई 1.5 किमी है। ये बैरागढ़ जाने वाले मुख्यमार्ग के नीचे से गुजरा है। मून लाइट मैरिज गार्डन का बड़ा हॉल सहित अन्य निर्माण नाले की जद में आ रहे हैं। इस पर 5 मकानों के हिस्सा भी आ रहा है। 5. गुफा मंदिर : दो नालों पर 16 मकान और धर्मशाला लालघाटी से गुफा मंदिर रोड पर दो नाले हैं। बरेला के पास का नाला 300 मी का है। इस पर 6 मकानों का हिस्सा है। दूसरा नाला गुफा मंदिर के पास से शुरू होता है। इस पर 10 से ज्यादा मकान और धर्मशाला का हिस्सा बना है। 6. अहीर मोहल्ले में नाले पर 60 से ज्यादा मकान-दुकान जहांगीराबाद स्थित पीटीआरआई से शुरू होने वाला नाला अहीर मोहल्ले से होते हुए झदा कब्रिस्तान से आगे जा रहा है। इस 500 मीटर लंबे नाले के दोनों तरफ 60 से ज्यादा मकान, दुकान और धार्मिक स्ट्रक्चर बने हुए हैं। 7. बैरागढ़... नाले पर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बैरागढ़ बस स्टैंड… के पास 2 किमी लंबा नाला। कुछ हिस्सा संत हिरदाराम शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के नीचे से गुजर रहा है। आगे संकरा हो गया। कुछ हिस्से पर 30 से अधिक दुकानें बनी हैं। बस स्टैंड रोड क्षेत्र में नाले पर बहुमंजिला धर्मशाला बनी है। 8. झदा कब्रिस्तान नाला...घरों के लिए राह मोड़ी ये नाला पुरानी जेल पहाड़ी और नीचे बनी कॉलोनियों के पानी की निकासी के लिए बनाया था। इसकी लंबाई करीब 1.5 किमी है। राजस्व रिकॉर्ड के तहत 15 से ज्यादा घरों का इस नाले पर कब्जा है। घरों को बचाने के लिए लोगों ने नाले को ही मोड़ दिया है। 9. साईं बोर्ड... निगम की 355 दुकानें, 20 मकान ये नाला करीब 2 किमी लंबा है। इसकी शुरुआत ईश्वर नगर के पास से होती है। ये नाला आसपास की कॉलोनियों से आने वाले नालों से जुड़कर 12 नंबर से 11 नंबर की तरफ बढ़ता है। 12 नंबर पर 355 दुकानें नाले पर बनी हैं। खास बात ये है कि नाले भी निगम के, इस पर बनी दुकानें भी निगम की। दुकानों के आकार हिसाब से 750 से लेकर 1300 रुपए तक प्रतिमाह किराया भी निगम वूसलता है। हाउसिंग बोर्ड के 20 मकान भी इसी नाले पर 11 नंबर सांई बोर्ड के पास बने हुए हैं। इन मकानों को एक रूम नाले पर ही है। ये मकान 1976 में निर्मित हुए थे। 10. सीहोर नाका विसर्जन घाट नाला 12 मकान, निगम का कचरा ट्रांसफर स्ट्रेशन और बस डिपो का कुछ हिस्सा 300 मीटर लंबा ये नाला बैरागढ़ कला से शुरू होता है। राजस्व नक्शे के मुताबिक ये नाला श्रद्धा नगर में बने मकानों के पास से गुजरता है। जबकि मौके पर नाले की दिशा ही बदल गई है। ये श्रद्धा नगर के मकानों से दूर से बह रहा है। यानी इस नाले को डायवर्ट कर दिया गया है। ताकि अतिक्रमण को लेकर विवाद की स्थिति न बने। करीब 12 मकान, निगम का कचरा ट्रांसफर स्ट्रेशन और बस डिपो का कुछ हिस्सा नाले की जद में आता है। ये नाला सीहोर नाके पर मिलता है। विसर्जन घाट की तरफ आते-आते यह नाला काफी हद तक खत्म होता नजर आ रहा है। भास्कर एक्सपर्ट - एसएस उप्पल, पूर्व कमिश्नर, नगर निगम नालों से कब्जे हटाने का जिम्मा तो नगर निगम का ही है... नालों से कब्जे हटाने की पूरी जिम्मेदारी नगर निगम की ही है। इसके लिए निगम के अफसरों को जिला प्रशासन और पुलिस की मदद से लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। जिन इलाकों में नालों के ऊपर बने मकान-दुकानों को तुरंत हटाना संभव नहीं है, वहां शिफ्टिंग की योजना बनाकर नालों को कब्जा मुक्त किया जा सकता है। नियमों का सख्ती से पालन भी जरूरी है। यही इसका स्थाई समाधान है। सीधी बात हरेन्द्र नारायण, निगम कमिश्नर, भोपाल नालों पर मौजूद अतिक्रमण को कोई नहीं हटा सकता नालों पर शहरभर में अतिक्रमण हैं?नालों पर मौजूद अतिक्रमण को कोई नहीं हटा सकता। इसके लिए तो रेवेन्यू कोर्ट में केस लगने के बाद ही कार्रवाई संभव है। किसी नाले पर यदि घर बना है तो उसे भी तोड़ा नहीं जा सकता।नालों के अतिक्रमण कौन देखेगा?यह क्षेत्रीय एसडीएम का काम है। निगम तो सिर्फ सड़कों पर होने वाले ठेले–गुमठियाें को ही हटाता है।क्या निगम के पास कोई रिकॉर्ड है जिसमें नालों पर अतिक्रमण या जलभराव वाले इलाकों की जानकारी हो?नगर निगम में कोई जानकारी सेंट्रलाइज्ड नहीं रहती। हम तो सीधे जोन के एएचओ से बात करते हैं।
भवनाथपुर सीएचसी में 108 एंबुलेंस सेवा डेढ़ माह से ठप
भवनाथपुर|सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवनाथपुर में संचालित सरकारी 108 एंबुलेंस सेवा बीते डेढ़ माह से पूरी तरह ठप है, जिससे यह सेवा जरूरतमंदों के लिए हाथी के दांत साबित हो रही है। जानकारी के अनुसार, सीएचसी परिसर में खड़ी दोनों एंबुलेंस जर्जर हालत में खराब पड़ी हैं, लेकिन मरम्मत नहीं होने के कारण इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि एंबुलेंस को छुपाकर सीएचसी में रखा गया है और इसकी सूचना तक आम मरीजों को नहीं दी जा रही है। इससे खासकर आपात स्थिति में मरीजों को निजी वाहनों, ऑटो रिक्शा या किराए की गाड़ियों से स्थानीय या गढ़वा अस्पताल तक पहुंचने में भारी परेशानी और अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है। सीएचसी प्रभारी डॉ. दिनेश सिंह ने बताया कि इस समस्या की जानकारी कई बार जिला प्रशासन को लिखित रूप से दी जा चुकी है, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है। वहीं, इस मुद्दे पर जब गढ़वा जिला 108 एंबुलेंस सेवा के पदाधिकारी से सवाल किया गया, तो उन्होंने हाल ही में मनाए गए मुहर्रम पर्व के कारण मिस्त्री नहीं मिलने की बात कही। भास्कर न्यूज|गढ़वा डंडई थाना क्षेत्र अंतर्गत करके गांव के दामार टोला में उस वक्त सनसनी फैल गई जब गांव के ही एक पलाश के पेड़ पर एक युवक का शव फांसी के फंदे से लटकता हुआ मिला। मृतक की पहचान रामजी सिंह के 25 वर्षीय पुत्र ननकेश्वर सिंह के रूप में की गई है। जानकारी के अनुसार ननकेश्वर सिंह शुक्रवार की शाम अपना झोला लेकर बाहर के राज्य में मजदूरी करने के लिए निकला था। घर से निकलने के लगभग 3 घंटे बाद ग्रामीणों ने उसी टोला के पलाश पेड़ पर एक युवक का शव लटका हुआ देखा। जब पास जाकर देखा गया तो वह ननकेश्वर ही था। यह देख ग्रामीण सन्न रह गए और घटना की सूचना तुरंत परिजनों और पुलिस को दी। घटना की जानकारी मिलते ही डंडई थाना प्रभारी अनिमेष शांतिकारी दल-बल के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया। ननकेश्वर की मौत की खबर सुनते ही परिजनों में कोहराम मच गया। उसकी पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। बताया जा रहा है कि मृतक की शादी एक वर्ष पूर्व ही हुई थी और वह बाहर मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। कुछ महीनों से वह घर पर ही था और शुक्रवार को पुनः कमाने जाने के लिए निकला था, लेकिन उसकी जीवनयात्रा पलाश पेड़ के नीचे समाप्त हो गई। फिलहाल पुलिस घटना की जांच में जुटी हुई है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर तफ्तीश कर रही है कि यह आत्महत्या है या इसके पीछे कोई और कारण है।
विद्यार्थी अभाव में भी भर सकते हैं उड़ान : उपायुक्त
भास्कर न्यूज| चाईबासा दैनिक भास्कर की ओर से आयोजित मेधावी छात्र सम्मान में जिले के डीसी चंदन कुमार ने बच्चों के आगे की शैक्षिक भविष्य को लेकर ढेर सारी बातें की। इस दौरान अन्य अतिथियों ने भी प्रतिभावान बच्चों को अपने आशीर्वचन से उत्साह बढ़ाया। पश्चिम सिंहभूम उपायुक्त चंदन कुमार ने दैनिक भास्कर द्वारा आयोजित सम्मान समारोह की सराहना करते हुए कहा कि आप में जुनून है तो संसाधनों के अभाव में भी उड़ान भर सकते हैं और मंजिल पा सकते हैं। आज के समय में इंटरनेट से काफी सारी जानकारियां प्राप्त हो रही हैं। उन्होंने कहा कि सफलता उन्हें मिलती है, जिन्हें अपने लक्ष्य मालूम हैं। उन्होंने बच्चों से सफलता पर ध्यान देने की बात कही। सबसे पहले लक्ष्य निर्धारित करें तथा दूसरा संगीत (मित्र) सोच समझ कर बनाएं। उसी से आपका भविष्य निर्धारित होगा। उन्होंने कहा कि जीवन में सीख आवश्यक है। आपकी यह सफलता आगे और इम्तिहान लेने वाली है। यह सफलता की पहली सीढ़ी है, जिसे आगे भी जारी रखना है। उपायुक्त ने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। जेपी इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर अंचल पसारी ने कहा कि अच्छी शुरुआत से भी भविष्य बेहतर होती है। आगे बढ़ने के लिए बच्चे निरंतर पढ़ाई को जारी रखें। मैट्रिक और इंटर का यह पहला सफलता है, लेकिन जीवन को बेहतर करने में ओर भी कई सारी इम्तिहान से गुजरा पड़ेगा। कभी भी मेहनत से भागना नहीं है।
गौरव के पल... सम्मान पाकर गदगद हुए प्रतिभावान छात्र-छात्राएं, दिखा उत्साह
चाईबासा| दैनिक भास्कर के मेधावी छात्र सम्मान समारोह को लेकर छात्र छात्राओं में काफी उत्साह रहा। बच्चों ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम से नई ऊर्जा मिलती है। यह समारोह सुकूनदायक रहा। पेश है सम्मानित होने वाले बच्चों से बातचीत। मैं काफी उत्साहित महसूस कर रही हूं। आगे और मेहनत करने की प्रेरणा मिली। इससे मुझे नई ऊर्जा मिली है। वैष्णवी सिंह, 12वीं, मांगीलाल रूंगटा, चाईबासा। मेरे लिए गौरव का क्षण रहा। लोगों के बीच सम्मानित होना सुखद है। ऋषि राज, शिशु मंदिर, चाईबासा। मैं काफी खुश हूं। आगे 12वीं के लिए ये सम्मान टॉनिक का कार्य करेगा। मन लगातार लक्षय तय करूंगा। दिव्यांशु, शिशु मंदिर, चाईबासा। आज का दिन जीवन भर यादगार रहेगा। दैनिक भास्कर का मेधावी छात्र सम्मान समारोह काबिले तारीफ रहा। झांसी सिंह, 12वीं, संत जेवियर्स गर्ल्स इंटर कॉलेज, चाईबासा। काफी अच्छा लग रहा है। जनसमूह के बीच सम्मानित होना सपने साकार होने जैसा प्रतीत हो रहा है। पूजा बेसरा, जिला स्कूल चाईबासा। सम्मान पाकर अच्छा लगा। अब अगले लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करना है। आगे और बेहतर करना है विनीत कुमार पोद्दार, 10वीं, शिशु मंदिर, नोवामुंडी। शुरुआत में ही सम्मान मिलना काफी खुशी की बात है। सुमन सोलंकी, 10वीं, शिशु मंदिर, नोवामुंडी। दैनिक भास्कर का शुक्रिया। इन्होंने अपने मंच से सम्मान देकर हमारा मान बढ़ाया है। 12वीं में फिर यहां तक पहुंचने का प्रयास रहेगा। अलीजा आसिफ, 10वीं, संत मेरी पब्लिक स्कूल, चाईबासा। गणमान्य लोगों से सम्मान पाकर काफी गदगद हूं। दैनिक भास्कर के कारण ये संभव हो पाया। इसके लिए धन्यवाद। दीपिका केडिया, 12वीं, मधुसूदन पब्लिक स्कूल, चक्रधरपुर। 10. मैं काफी प्रफुल्लित हूं। गिने-चुने लोगों के साथ मुझे भी सम्मानित किया गया। यह मेरे लिए गर्व की बात है। श्वेता बोदरा, मधुसूदन महतो पब्लिक स्कूल, चक्रधरपुर। इस प्रकार कार्यक्रम में पहुंचे लोगों में खासा उत्साह रहा। सभी लोगों काफी सराहना की।
घर लौट रहा व्यक्ति हाइवा से टकराया, मौत
भास्कर न्यूज | सरायकेला सरायकेला- टाटा मुख्य मार्ग पर डीसी ऑफिस मोड पर सड़क किनारे खड़ी हाईवा से टकराने से 42 सुबल महतो की मौके पर ही मौत हो गई। घटना रात 10:00 बजे के आसपास की है ।मृतक सुबल महतो सरायकेला प्रखंड अंतर्गत मुंडाटांड़ पंचायत के गोपीनाथपुर गांव का रहने वाला है। घटना के घायल अवस्था में सुबल सदर अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत्यु घोषित कर दिया। बताया जा रहा है कि मृतक रथ मेला देखने के लिए सरायकेला आया हुआ था, तथा मेला देखकर बाइक से घर लौट रहा था।
भोगनाडीह का प्रकरण भारतीय जनता पार्टी का षडयंत्र : रामदास
भास्कर न्यूज | राजनगर राजनगर प्रखंड क्षेत्र के पाण्डुगीति में रथ महोत्सव के अवसर पर दो दिवसीय फुटबाल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि झारखंड सरकार के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन एवं विशिष्ट अथिति के रूप में सिंहभूम सांसद जोबा माझी, झामुमो केंद्रीय सदस्य कृष्णा बास्के, समाजसेवी कालीपद सोरेन शामिल हुए। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में फुटबॉल एक लोकप्रिय खेल है। इस तरह के आयोजन से गांव के लोगों में एकता की भावना बढ़ती है। ग्रामीण क्षेत्र में प्रतिभा की कमी नहीं है। खेल नीति के माध्यम से खिलाडी नौकरी पा सकते हैं। खेल के साथ शिक्षा भी जरुरी है। वहीं भोगनाडीह प्रकरण के सवाल पर मंत्री रामदास ने कहा कि यह केंद्र में बैठी भाजपा सरकार की षडयंत्र थी। इसमें राज्य के बड़े आदिवासी नेताओं को आदिवासियों के बीच माहौल बिगाड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गईं थी। सांसद जोबा माझी ने कहा कि खेल के क्षेत्र में भी करियर की असीम संभावनाएं है। इसलिए खिलाडी एक लक्ष्य के साथ खेलें। सफलता अवश्य मिलेगी। वहीं केंद्रीय सदस्य कृष्णा बास्के एवं समाजसेवी कालीपद सोरेन ने भी सम्बोधित किया। प्रतियोगिता में कुल 48 टीमों ने भाग लिया। जिसमें कड़को एवं मतलाडीह के बीच फाइनल मुकाबला खेला गया। जिसमें टीम कड़को की टीम विजयी रही। विजेता, उप विजेता सहित तृतीय, चतुर्थ, पंचम एवं छठा स्थान पाने वाले टीमों को भी अतिथियों के हाथों पुरुस्कृत किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय सदस्य विशु हेंब्रम, प्रखंड अध्यक्ष रामसिंह हेंब्रम, उपाध्यक्ष भक्तु मार्डी, सुबोल महतो, विश्वनाथ मुर्मू, रामजीत हांसदा, सोनाराम मुर्मू, सुधीर हांसदा, श्याम टुडू, रोही मुर्मू उपस्थित थे।
सिरसा में एक भतीजे ने अपने चाचा की फावड़ा मारकर हत्या कर दी। यह घटनाक्रम पशु डेयरी फार्म की है, जो वहां पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। सीसीटीवी कैमरे में साफ दिख रहा है कि शुरूआत खाने के समय पहले झगड़ा होता है और बाद में भतीजा फोन पर भी घरवालों से बात करता है। अपने चाचा की तरफ इशारे करके बता रहा है। अचानक दोनों हाथापाई हो जाती है और मारपीट करने लगते है। तभी भतीजा पास में पड़ा फावड़ा उठाकर अपने चाचा के सिर पर मार देता है तो वह बेसुध होकर जमीन पर गिर जाता है। वीडियो के अनुसार, शुरू में सभी लोग डेयरी पर बैठकर खाना खा रहे होते हैं। उस समय अजय यादव और उसका भतीजा गुडडू उर्फ मुकेश दोनों ही फोन पर बात कर रहे होते हैं। दोनों में किसी बात को लेकर बहस हो जाती है। गुडडू फोन पर बात करते-करते अपने चाचा अजय की तरफ इशारे कर रहा है। अचानक दोनों में हाथापाई व मारपीट हो जाती है। एक बार तो वहां पर बैठे लोगों ने दोनों को छुड़वा दिया। तभी गुडडू ने पास में नीचे पड़ा फावड़ा उठाकर चाचा अजय के सिर पर मार दिया। अजय बेसुध होकर नीचे जमीन पर जा गिरा। इसके बाद भी गुडडू नहीं रूका और चाचा अजय के साथ मारपीट करता है और उसे हाथों से इधर-उधर पटकता है। अजय एक बार उठता है और वापस नीचे गिर जाता है। कुछ देर तक वहां पर खड़े लोग भी उसे देखते रहते हैं और बाद में उसे अस्पताल में पहुंचाया। इस मामले में पुलिस ने भतीजे के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपी हत्या की घटना के बाद से फरार है। यह घटना 25 जून की है, शनिवार शाम को तोड़ा दम यह घटना 25 जून की रात करीब 11 बजकर 18 मिनट की है। इसके बाद घायल 48 वर्षीय अजय यादव का सिरसा के प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा था। शनिवार शाम 6 बजे अजय ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। उसे सिर पर गहरी चोट लगी थी, जिस कारण मौत हो गई। पुलिस ने मृतक के शव को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है। रविवार को शव का पोस्टमार्टम किया जाएगा। घर चलाने की जिम्मेदारी थी अजय पर : बहनोई झारखंड के जिला चतरा थाना हंटरगंज के अंतर्गत आने वाले गांव बड़ी बिघा निवासी बलदेव यादव ने बताया कि मृतक अजय उसका साला लगता था और वह बिहार के गया जिले के रोशनगंज थाना के अंतर्गत आने वाले गांव बालासोध का रहने वाला था। उनके दो राज्य है, लेकिन बॉर्डर एरिया होने के कारण उनकी आपस में करीब 10 से 12 किलोमीटर दूरी थी। हाल में वह सिरसा के द्वारका पुरी एरिया में रहते हैं और खुद की डेयरी है। अजय सिरसा के रामनगरिया में सरदार मनप्रीत सिंह के भाटिया पशु डेयरी फार्म पर काम करता था। उसके दो बेटे हैं और उसी पर घर खर्च चलाने की जिम्मेदारी थी। आरोप है कि उसके साले अजय और उसके चाचा मदनलाल व भतीजे गुडडू से साल 2017 से जमीनी विवाद चल रहा था। अजय की जमीन पर कब्जा किया हुआ था। इसी बात की रंजिश के चलते उसे बिहार से सिरसा में बुलाया गया था और उसकी हत्या कर दी। भतीजे ने चाचा को खुद फोन कर बुलाया था शिकायत में झारखंड के बलदेव ने बताया कि साला अजय सिरसा के भाटिया पशु फार्म पर काम करता था और वह 17 मई को पहले ही घर से आया था। उसके भतीजे गुडडू ने ही चाचा अजय को फोन कर बुलाया था और कहा कि उसके पास सिरसा आ जाओ और वह काम लगवा देगा। पैसे भी एडवांस दिलवा देगा। भतीजे के बहकावे में आकर अजय सिरसा आ गया। उसके साले अजय को चोट मारने वाला एक ही उसका भतीजा था और दूसरा उसका साथ दे रहा था। यह घटना सीसीटीवी में भी कैद है। उस समय विनोद ने बीचबचाव कर उसे छुड़वाने की कोशिश की। उनको बाद में पता चला तो ठेकेदार से बात की। तब तक ठेकेदार उसे सिविल अस्पताल में लेकर पहुंचा। यहां से बठिंडा के लिए रेफर कर दिया। विनोद का भाई प्रमोद की उनसे बात हुई और कहा कि वह आएगा और उसे देख लेगा, उसके बाद दूसरे अस्पताल ले जाएंगे। अजय की बेटी का आया फोन, कहा कि फुंफा अस्पताल जाओ, पापा को बहुत पीटा हैबलदेव ने बताया कि विनोद का भाई प्रमोद ठेकेदार से पैसे लेकर आया और निजी अस्पताल में उसे दाखिल करवाया। रात एक बजे साले घर से उसके पास फोन आया और साले अजय की बेटी ने कहा कि फुंफा आप सिरसा जाइए, पिता को बहुत पीटा है, वो अस्पताल में भर्ती है। रात को अस्पताल में पहुंचा तो देखा कि प्रमोद गेट के बाहर ही बैठा था। निजी अस्पताल में सिर का ऑपरेशन हुआ। दो दिन बाद उसके साले को होश आया और कुछ बोले। बाद में नहीं बोले, क्योंकि उनको सिर पर गहरी चोटे लगी थी। सभी ने पी रखी थी शराब, झगड़ा बढ़ा : चश्मदीद विनोद मौके के चश्मदीद विनोद कुमार ने बताया कि 25 जून की रात 10 बजे वह खाना खा रहे थे। सभी ने शराब पी रखी थी। गुडडू और अजय (भतीजा-चाचा) दोनों के बीच खाना खाते समय झगड़ा हो गया। इसके बाद दोनों ने लड़ाई शुरू कर दी और उन्होंने बीचबचाव किया। गुडडू ने चाचा अजय के सिर पर फावड़ा मार दिया।
शंख ध्वनि के साथ महाप्रभु पहुंचे श्री मंदिर
भास्कर न्यूज| जैंतगढ़ आठ दिन मौसीबाड़ी में विश्राम के दाद नौवें दिन प्रभु जगन्नाथ बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ घूरते रथ पर सवार होकर श्रीमंदिर पहुंचे। इस बीच श्रद्धालुओं ने दर्शन किया तथा भोग चढ़ाया। आरती के बाद तीनों विग्रहों को विधि विधान के साथ रथ से उतार कर श्री मंदिर के गर्व गृह में स्थापित किया गया। इस बीच प्रभु के जयघोष, घंटों की ध्वनि और शंख ध्वनि से समूचा परिसर गुंजायमान होता रहा। इससे पूर्व मौसीबाड़ी में आज सुबह विशेष पूजा-अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने भी प्रभु के दर्शन किए तथा भोग चढ़ाया। रथ खींचने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लगभग दो घंटे बाद श्रद्धालुओं ने रथ को खींच कर श्री मंदिर पहुंचाया। इस अवसर पर चंपुआ में मेला का आयोजन भी हुआ।
मांगीलाल रूंगटा स्कूल में छात्रों का स्वागत
चाईबासा| मांगीलाल रूंगटा +2 उच्च विद्यालय, चाईबासा के सभागार में नव नामांकित कक्षा 9वीं व 11वीं कला, विज्ञान एवं वाणिज्य के छात्र-छात्राओं के स्वागत हेतु कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम विद्यालय के प्रभारी प्राचार्या शिल्पा गुप्ता द्वारा संबंधित छात्र-छात्राओं को विद्यालय के महत्वपूर्ण नियमों, यूनिफॉर्म, अनुशासन, स्वच्छता, समय निष्ठता इत्यादि बातों से परिचित कराया गया। अपने भाषण के अंत में उपस्थित छात्र -छात्राओं को पर्यावरण संरक्षण हेतु एक-एक पौधा सभी को लगाने का आह्वान किया गया। विद्यालय के अन्य शिक्षकों अभितेश, हिमांशु, प्रीतम, अटल, संगीता सिन्हा, लेखा सिंह, स्वीटी सिंह आदि ने भी टिप्स दिए।
बच्चों का चतुर्दिक विकास लक्ष्य : रामाकांत
चाईबासा| पद्मावती जैन सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, चाईबासा में कक्षा उदय के भैया-बहनों के अभिभावकों की गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका शुभारंभ प्रधानाचार्य रामाकांत राणा, क्षेत्रीय प्रमुख मंजू श्रीवास्तव और बालिका व्यक्तित्व विकास के प्रमुख जमुना कोया ने मां सरस्वती, ओम, भारत माता और अहिल्याबाई होलकर के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित व पुष्प अर्पित कर किया। मौके पर प्रधानाचार्य ने कहा कि भैया- बहनों का चतुर्दिक विकास ही इस गोष्ठी लक्ष्य है। इस गोष्ठी में अभिभावक अपने बच्चों के शैक्षिक विकास पर खुलकर चर्चा करते हैं। कार्यक्रम का संचालन और धन्यवाद ज्ञापन जमुना कोया ने किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में शिशु वाटिका के समस्त दीदी जी का सहयोग सराहनीय रहा। शांति मंत्र के उपरांत यह अभिभावक गोष्ठी समाप्त हुई।
रसोईया सह सहायिका की प्रखंड स्तरीय रिफ्रेशर ट्रेनिंग का किया गया आयोजन
भास्कर न्यूज | सरायकेला प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के अंतर्गत प्रखंड संसाधन केंद्र सरायकेला में रसोईया सह सहायिका के एक दिवसीय रिफ्रेशर ट्रेनिंग का आयोजन किया गया, जिसमें प्रखंड अंतर्गत सभी संकुल से दो-दो संयोजिका और सभी संकुल साधनसेवी ने प्रशिक्षण में भाग लिया। बतौर ट्रेनर प्रशिक्षण देते हुए प्रखंड साधनसेवी गौतम कुमार ने सभी रसोईया सह सहायिका को उनके कर्तव्य की जानकारी दी। साथ ही स्वच्छ व सुरक्षित भोजन पका कर बच्चों को कराने संबंधी जानकारी उन्होंने दी। प्रशिक्षण के दौरान बताया कि मध्याह्न भोजन तैयार करने में स्वच्छता और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देना है। इसके साथ ही पोषण मूल्यों, स्थानीय पोषक तत्वों और पोषण वाटिका के उपयोग के प्रति सभी को जागरूक किया गया। उन्होंने बताया कि स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री का उपयोग करके मेनू में विधिवत लाने का प्रयास किया जाना चाहिए। स्वच्छता के लिए सूखे व गीले कचरे का अलग-अलग डस्टबिन का प्रयोग सहित अपशिष्ट प्रबंधन बेहतर होना चाहिए। स्थानीय पोषक तत्वों को लेकर भोजन में मोरिंगा और रागी जैसे पोषक तत्वों का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।
पुलिस ने किया एंटी रॉयट मॉक ड्रिल
सरायकेला । मुहर्रम पर्व के मद्देनजर किसी भी आपात स्थिति या उपद्रव से निपटने के लिए शनिवार को पुलिस केंद्र, दुगुनी में सरायकेला-खरसावां पुलिस द्वारा दंगा रोधी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस अभ्यास का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर किया गया। एंटी रॉयट मॉक ड्रिल के दौरान पुलिसकर्मियों को दंगा रोधी उपकरणों के प्रयोग और भीड़ नियंत्रण की विस्तृत जानकारी दी गई। अभ्यास में पुलिसकर्मियों को आपात स्थिति में त्वरित और समन्वित कार्रवाई के लिए प्रशिक्षित किया गया। मौके पर विभिन्न थानों में उपलब्ध दंगा रोधी सुरक्षा उपकरणों का भौतिक सत्यापन भी किया गया। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह अभ्यास त्योहारी मौसम में कानून व्यवस्था बनाए रखने की तैयारी का हिस्सा है, जिससे किसी भी प्रकार की अराजकता से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। जिले के सभी थानों को अलर्ट मोड पर रखा गया है और विशेष सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है।
जिले में सिंचाई योजनाओं को सुदृढ़ करते हुए किसानों के हर खेत को मिलेगा पानी : उपायुक्त
भास्कर न्यूज | सरायकेला सरायकेला-खरसावां जिले में सिंचाई योजनाओं को सुदृढ़ करते हुए किसानों के हर खेत को पानी मिलेगा। समाहरणालय सभागार में शनिवार को उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह की अध्यक्षता में जिले में सिंचाई योजनाओं को और बेहतर और प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस दौरान विभिन्न प्रखंडों में सिचाई से जुड़ी वर्तमान स्थिति, जल संसाधनों की उपलब्धता, संभावित जल स्रोतों का वैज्ञानिक उपयोग, छोटे व मध्यम श्रेणी के चेकडैम निर्माण, खेत तालाब योजना, माइक्रो इरिगेशन पद्धति व किसानों की जल आधारित आवश्यकताओं की समीक्षा की गई। उपायुक्त ने उपस्थित पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि सिंचाई सुविधा को ग्रामीण कृषि आधारित अर्थव्यवस्था से जोड़ते हुए ऐसी कार्य योजना तैयार की जाए, जो जल संरक्षण व जल प्रबंधन के समुचित सिद्धांतों पर आधारित हो। उन्होंने यह भी कहा कि योजना निर्माण में स्थानीय आवश्यकताओं, भौगोलिक परिस्थितियों व कृषि चक्र का विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि अधिक से अधिक किसानों को इसका लाभ मिल सके। इसके अलावा उपायुक्त ने ऐसे क्षेत्र जहां लिफ्ट एरिगेसन से किसानों के खेत तक सिंचाई सुविधा प्रारंभ कर दी गई है वैसे क्षेत्र के किसानों को धान-गेहूं के अलावा अन्य उपजाऊ फसल, फल, सब्जी की खेती के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया। उपायुक्त ने कहा कि किसान के आय में वृद्धि व उन्हें सशक्त बनाने की दिशा में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, किसानों को उन योजना से जोड़कर उन्हें लाभ प्रदान करें। बैठक में उप विकास आयुक्त रीना हांसदा, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी व कार्यपालक अभियंता स्वर्णरेखा डिविजन, कार्यपालक अभियंता खरकई डिवीजन व अन्य संबंधित विभागीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
जिला परिषद बोर्ड की बैठक में महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर लगी मुहर
भास्कर न्यूज | सरायकेला जिला परिषद कार्यालय परिसर स्थित बहुद्देश्यीय भवन में शनिवार को जिला परिषद अध्यक्ष सोनाराम बोदरा की अध्यक्षता में जिला परिषद बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करते हुए प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। बैठक में जिला परिषद उपाध्यक्ष मधुश्री महतो, डीडीसी रीना हांसदा समेत कई जिला परिषद सदस्य, पदाधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। बैठक की शुरुआत वित्तीय वर्ष 2024-25 में अनुशंसित योजनाओं के निविदा प्रकाशन की स्थिति की समीक्षा से की गई। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2025-26 की योजनाओं के प्रस्ताव प्राप्त कर पारित किए जाने पर विचार हुआ। बैठक में जिला परिषद कार्यालय से पूर्व में चोरी हुई सामग्री की जानकारी भी सदस्यों को दी गई। सुरक्षा के दृष्टिकोण से जिला परिषद कार्यालय परिसर में चहारदीवारी निर्माण और सड़क निर्माण की आवश्यकता पर चर्चा की गई। इसके अलावा बहुद्देशीय भवन की आमदनी बढ़ाने के लिए सौंदर्यीकरण कार्यों को प्राथमिकता दिए जाने पर विचार रखा गया। स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त के मौके पर झंडोत्तोलन के लिए मंच निर्माण और अन्य आवश्यक तैयारियों की रूपरेखा तय की गई। बैठक में जिले के वार्ड नंबर 6 में 13वें वित्त आयोग की राशि से मार्केट कॉम्प्लेक्स निर्माण के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। बैठक में यह भी प्रस्तावित किया गया कि जिला परिषद द्वारा बैंक ऑफ इंडिया, गौरांगडीह को दिए गए परिसर में शौचालय का निर्माण कराया जाए। साथ ही परिषद कार्यालय तक पहुंचने के लिए मुख्य सड़क चौक पर एक संकेत बोर्ड लगवाए जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। सदस्यों ने व्यवहार न्यायालय सरायकेला के समीप दुकान संख्या 04 को लेकर भी चर्चा की गई, जिसे उज्ज्वल कुमार द्वारा वर्ष 2019 से किराया नहीं चुकाने के कारण आवंटन रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में जिले के समग्र विकास और पारदर्शी प्रशासनिक व्यवस्था की प्रतिबद्धता दोहराई गई।
इनर व्हील क्लब की अध्यक्ष बनीं शालिनी
चाईबासा| इनर व्हील क्लब, चाईबासा की वर्ष 2025-26 की नई टीम का गठन एक सादे समारोह में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में नई टीम तथा क्लब के सभी सदस्य शामिल हुए। निवर्तमान अध्यक्षा देवजानी डे ने वर्ष 2025-26 की अध्यक्षा शालिनी सराफ एवं पूरी टीम को पिन पहनाकर, उन्हें नए पदों से सम्मानित किया। नई टीम 2025-26 में इनर व्हील क्लब में शालिनी सराफ अध्यक्षा, ममता जिंदल सचिव, श्वेता दोदराजका कोषाध्यक्ष, सहित सभी सदस्यों ने पदभार ग्रहण किया।
प्रतिभाओं को मिला मंच... दैनिक भास्कर ने टॉपरों को किया सम्मानित
चाईबासा| शनिवार का दिन प. सिंहभूम जिले के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं के लिए गर्व और प्रेरणा का पल रहा। दैनिक भास्कर चाईबासा की ओर से कोल्हान यूनिवर्सिटी के सभागार में मेधावी छात्र सम्मान समारोह आयोजित कर दसवीं व 12 वीं बोर्ड के टॉपरों को सम्मानित किया गया। जिले के अलग-अलग स्कूलों से स्टूडेंट पहुंचे थे। चाईबासा, चक्रधरपुर, नोवामुंडी, मनोहरपुर, सोनुआ, खूंटपानी व अन्य दूर दराज स्कूलों से पहुंचे विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र, मेडल दिया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि जिले के उपायुक्त, पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने िकया। अतिथियों का स्वागत परंपरागत नृत्य से हुआ। यह आयोजन न केवल बच्चों के लिए एक सम्मान का क्षण था, बल्कि उनके अंदर आगे बढ़ने की प्रेरणा और आत्मविश्वास भरना था। मौके पर चैंबर्स ऑफ कॉमर्स के अनूप सुल्तानिया, सूर्या नर्सिंग होम के डायरेक्टर गौरीशंकर महतो, रूंगटा स्कूल की शिक्षिका शिल्पा गुप्ता के अलावा दैनिक भास्कर के चाईबासा ब्यूरो चीफ ऋषिकेश सिंह देव, जमशेदपुर यूनिट हेड दीपक कुमार, सर्कुलेशन हेड अशोक सिंह शामिल थे। दैनिक भास्कर के मेधावी छात्र सम्मान समारोह कई मामलों में अलग रहा। यहां न सिर्फ प्रशस्ति पत्र व मेडल देकर प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया बल्कि आगंतुक अतिथियों ने अपने संबोधन में बच्चों को कई सीख दे गए। आगे का शैक्षिक जीवन कैसे सहज बनेगा इसको लेकर जिले के डीसी चंदन कुमार व पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने विद्यार्थियों को टिप्स दिए। पूर्व सांसद, डीसी ने अनुभव शेयर किया
मानकी-मुंडाओं की बर्खास्तगी के आदेश का आदिवासी संगठनों ने किया विरोध
भास्कर न्यूज| चाईबासा पश्चिमी सिंहभूम जिले के उपायुक्त की ओर से 9 बिंदुओं पर आधारित मानकी मुंडाओं के द्वारा जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं करने पर बर्खास्त संबंधित सूचना पर बवाल मचा हुआ है। शनिवार को खूंटकट्टी मैदान में आयोजित परिचर्चा में झारखंड पुनरुत्थान अभियान के केंद्रीय अध्यक्ष सन्नी सिंकू ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कोल्हान चाईबासा में पदस्थापित उपायुक्त की लालफीताशाही से कोल्हान का विकास नहीं होने वाला है, बल्कि उनकी जिद के कारण जिले में पदस्थापित कर्मचारियों और कोल्हान में प्रवृत्त मानकी-मुंडा स्वशासन प्रथा व कोल्हान वासियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। सिंकू ने आगे कहा है यह सही है कि कोल्हान में प्रवृत्त मानकी-मुंडा स्वशासन प्रथा जिला के उपायुक्त के मातहत काम करती है। लेकिन जिला प्रशासन मानकी-मुंडाओं को उपयोग करो और छोड़ दो की संस्कृति अपनाता है। यह सही नहीं है। कोल्हान में पदस्थापित अधिकारियों द्वारा विकास कार्यों में मानकी-मुंडाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाती है, यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। इसलिए उपायुक्त से झारखंड पुनरुत्थान अभियान विनम्र आग्रह करता है कि कोल्हान में मानकी-मुंडाओं को भी विकास कार्यों में शामिल कर भागीदारी सुनिश्चित कराई जाए। कार्यक्रम को झारखंड पुनरुत्थान अभियान के केंद्रीय महासचिव अमृत मांझी ने भी संबोधित किया। परिचर्चा में गितिलपी मुंडा सवैयां, डोबरो बासा मौजा मुंडा रॉबिन पड़ेया, डोंकाहातू मौजा मुंडा गुरुचरण देवगम, टुटूगुटू मौजा मुंडा ब्रजमोहन पूर्ति, खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति सचिव केदारनाथ कालुंडिया, आदिवासी स्वशासन एकता मंच के अध्यक्ष कुसुम केराई, झारखंड पुनरुत्थान अभियान के संस्थापक सदस्य संजय बिरुली, मथुरानाथ चंपिया और अन्य उपस्थित थे।
मृत राशन कार्डधारकों के नाम को हटाने का निर्देश
चाईबासा| खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग की योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने के लिए केंद्र सरकार की टीम ने जिले का दौरा की। तीन दिन के भ्रमण में टीम ने राशन दुकानों, लैंपस और गोदामों की जांच की। टीम का नेतृत्व धीरज मित्तल, उप सचिव- खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने किया। टीम ने चाईबासा नगर पालिका क्षेत्र और नोवामुंडी प्रखंड के लेपांग गांव की राशन दुकानों की जांच की। बताया गया कि राज्य के भीतर लाभुक कहीं से भी राशन ले सकते हैं। दूसरे राज्य में रहने वाले लाभुक भी योजना का लाभ उठा सकते हैं। टीम ने 15 हजार मृत राशन कार्डधारकों के नाम हटाने का निर्देश दिया। नोवामुंडी और खूंटपानी प्रखंड में झारखंड स्टेट फूड कॉरपोरेशन के गोदाम और एफसीआई के पीईजी गोदाम की भी जांच की गई।
गैंग पर शिकंजा:सबसे बड़े साइबर ठग; बेंगलुरु में कंपनी, थाईलैंड-कंबोडिया तक नेटवर्क
साइबर फ्रॉड करने वाला देश का सबसे बड़ा गिरोह पुलिस की पकड़ में आया है। यूं तो इनके मालिक थाईलैंड और कंबोडिया से ऑपरेट कर रहे थे, लेकिन ठगी से आने वाले पैसे को मैनेज करने के लिए बेंगलुरु में पूरी कंपनी खड़ी कर रखी थी। इसने 100 से ज्यादा और फर्जी कंपनियां खोलीं, जिसके जरिए ठगी के पैसे को घुमाया जाता था। इस कंपनी द्वारा किए गए फ्रॉड की रकम अभी तक 3 हजार करोड़ तक पहुंच चुकी है। गिरोह गेमिंग प्लेटफॉर्म और इन्वेस्टिंग स्कीम के जरिए फ्रॉड कर रहा था। इस कंपनी के एक ही बैंक खाते को लेकर अब तक 5 हजार से ज्यादा शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। लेकिन, बैंकों ने न तो इन शिकायतों का निस्तारण किया और न ही खाते को फ्रीज किया। पुलिस की पकड़ में आए कंपनी के दो सदस्यों से पूछताछ में ये खुलासे हुए हैं। पुलिस ने अब तक 26 फर्जी कंपनियों के खाते चेक किए हैं। केवल 4 कंपनियों के खातों में ही अब तक 400 करोड़ रु. के ट्रांजेक्शन हो चुके हैं। एक खाते के खिलाफ 5 हजार शिकायतें, पर फ्रीज नहीं हुआये कहानी शुरू होती है अप्रैल 2025 से। जब धौलपुर के बाड़ी थाने में एक शिक्षक ने अपने साथ हुए 15 लाख रुपए के फ्रॉड का मामला दर्ज कराया। पुलिस ने इसका इन्वेस्टिगेशन शुरू किया और ट्रांजेक्शन के रूट को फॉलो किया तो सैकड़ों खातों की परत खुलती गई। फिर सामने आई मूल कंपनी एबुंडेंस, जिसका हेडक्वार्टर बेंगलुरु में है। यह कंपनी ट्राई-पे नाम से पेमेंट एप चलाती है। इसके एक बड़े कॉर्पोरेट बैंक में चल रहे एक ही खाते के खिलाफ 1800 शिकायतें मिली हैं। जो बढ़ते-बढ़ते अब 5 हजार हो चुकी हैं। इसके बावजूद खाता अब तक फ्रीज नहीं किया गया है। पुलिस की गिरफ्त में आए कंपनी के एक डायरेक्टर रोहित श्रीवास्तव ने पूछताछ में बताया कि वह फर्जी कंपनियों के खातों में आए पैसे को मूल कंपनी के खाते में ट्रांसफर करता था, जो रकम हर दिन करीब एक करोड़ रुपए होती थी। जबकि, कंपनी को काम करते हुए 18 महीने से ज्यादा हो चुके हैं। कंपनियां खुलवाने और शिकायत मैनेज करने के लिए पूरा कॉर्पोरेट सिस्टममुख्य कंपनी एबुंडेंस की शुरुआत रोहित दुबे और शशि सिंह ने की थी। और कंपनियां खुलवाने के लिए आदमी ढूंढ़ने से लेकर ऑफिस तैयार करने तक की अलग टीमें थीं। दो एप से करते थे फ्रॉड - ग्रुप ठगी के लिए केवल दो एप का इस्तेमाल करता था- टेलीग्राम व स्लैक। क्योंकि इन एप में किसी भी तरह से पहचान उजागर नहीं होती। विदेश में टीम लिंक भेज पेमेंट कराती थी, यहां फर्जी खातों में पैसे पहुंचाते थे पहली टीम थाईलैंड-कंबोडिया में - यहां से ठगी के शिकार को गेमिंग और इन्वेस्टिंग के जरिए ठगने वाली टीम बैठती है, जो शिकार को लिंक व पेमेंट के लिए क्यूआर कोड भेजती है। दूसरी टीम बेंगलुरु में - भुगतान भारत में ही हो सकता है। इसलिए, एक कंपनी खड़ी की गई। इसके जरिए 100 फर्जी कंपनियां खोलीं। वैरिफिकेशन करवाकर मिनिस्ट्री ऑफ कॉर्पोरेट और बैंक को संतुष्ट किया, खाते खुलवाए। ज्यादातर खाते पेमेंट बैंकों में खुले, जिसके जरिए क्यूआर कोड तैयार किया जाता। इन्हीं में ठगी का पैसा लिया जाता था। भारत के अंदर जो गैंग काम करता है, उसे चार हिस्सों में बांट दिया गया... 1. ऑनबोर्डिंग- एजेंट, जो फर्जी कंपनी और बैंक अकाउंट खुलवाते हैं। कंपनी का पैन कार्ड, सर्टिफिकेट ऑफ इनकॉर्पोरेशन, आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन, मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन, जीएसटी सर्टिफिकेट, करेंट अकाउंट, वेबसाइट, ऑफिस तैयार करवाते थे। 2.रीसेलर- यह टीम कागज वेरिफाई करती है। ऑफिस खुलवाने में मदद करती है। जहां बैंक वेरिफिकेशन नहीं हो पाता, वहां वेरिफिकेशन एजेंट को मैनेज करती। 3. टेक्निकल सपोर्ट- ये टीम क्यूआर कोड बनाने, लिंक जनरेट करने, ठगी की रकम ट्रांसफर करने के लिए शिकार को राजी करने का काम करती थी। 4. लीगल सपोर्ट - विवाद और सेटलमेंट के लिए भी एक टीम बनाई गई थी। इन्हें बनाया फर्जी डायरेक्टर; कच्ची बस्ती में घर...गार्ड की नौकरी और वो करोड़ों की कंपनी में निदेशक केस-1 - जिस कंपनी पर सबसे पहले जांच की गई, उसका नाम है रुकनैक। 6 माह का ही टर्नओवर 100 करोड़ है। हेडक्वार्टर दिल्ली के रोहिणी में है। इसके डायरेक्टर कुमकुम और दिनेश (पति-पत्नी) हैं। आईजी भरतपुर की टीम जब इनके घर पहुंची तो देखा कि कच्ची बस्ती के एक कमरे में दो बच्चों के साथ रह रहे थे। परिवार जमीन पर सोया था। इन्होंने बताया कि उन्हें तो महीने के 27 हजार रु. ही मिलते हैं। केस-2 - एक और कंपनी है जोविक, जिसका टर्नओवर 80 करोड़ रुपए है। इसकी एक डायरेक्टर शिवानी नाम की महिला फ्रॉड गैंग की कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड थी। साइबर ठगी का यह गैंग कई राज्यों और देशों में फैला हुआ है तथा अभी तक के अनुसंधान में जितनी राशि का खुलासा हुआ है, यह स्कैम उससे कई गुना बड़ा हो सकता है। इसलिए पुलिस मुख्यालय को इसकी जांच किसी सक्षम राज्य या केंद्रीय एजेंसी से कराने का निवेदन किया गया है। -राहुल प्रकाश, आईजी, भरतपुर रेंज
भारतीय नौसेना की पहली महिला फाइटर पायलट बनीं सब लेफ्टिनेंट आस्था पूनिया का हरियाणा से नाता है। उनका पुश्तैनी गांव हरियाणा के हिसार का लाडवा है। इस गांव में एक कुर्सीनामा (पुश्तैनी रिकॉर्ड) मौजूद है। इस कुर्सीनामा में जिक्र है कि गांव लाडवा को बसाने वाले नेता पूनिया की 15वीं पीढ़ी हिसार से यूपी चली गई। अखिल भारतीय सर्वजातीय पूनिया खाप के हरियाणा प्रधान शमशेर सिंह नंबरदार इसी लाडवा गांव से हैं। वे बताते हैं कि उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में 5 गांव पूनिया गोत्र के हैं। हिसार के लाडवा गांव से गए पूनिया गोत्र के लोग वहां जाकर बस गए।लाडवा से निकलकर पहले नेक गांव गए यहां करीब 52,000 बीघा जमीन पूनिया गोत्र के लोगों के पास थी। इसके बाद सरुरपुर खुर्द गांव में बसे। वहां से टिमकिया, रघुनाथ पुर और सावदा बसाया था। शमशेर लाडवा ने कहा कि उनको खुशी है कि उनके गांव से संबंध रखने वाले परिवार की बेटी ने इतना बड़ा मुकाम पाया है। पूनिया खाप बेटी को सम्मानित करेगी और पूनिया रत्न अवॉर्ड भी देगी। शमशेर लाडवा ने कहा कि अभी बेटी विशाखापट्टनम में है। संभवत माता-पिता भी बेटी के पास गए हुए हैं। दादा बोले-लाडवा के बाद भिवानी के मंधाना में गए थे पूर्वजआस्था पूनिया के दादा बुद्ध सिंह चौधरी ने बताया कि उनका पैतृक गांव हिसार का लाडवा है। इसके बाद उनके पूर्वज भिवानी के गांव मंधाना चले गए थे। वहां से वह यूपी आ गए। अब लाडवा में उनके परिवार का कोई नहीं रहता वह कभी लाडवा नहीं आए। आस्था बचपन से ही बड़ी होनहार थी। गांव आती थी तो मुझसे सेना के बारे में पूछती थी। बचपन में जब आसमान में हवाई जहाज उड़ते हुए देखती थी तो बोलती थी- दादू... एक दिन मैं भी जहाज उड़ाउंगी। आज उसने अपना सपना साकार कर लिया। ये है लाडवा गांव का इतिहासलाडवा गांव में मौजूद कुर्सीनामा के अनुसार नेता पूनिया ने लाडवा गांव को बसाया था। इसके बाद उनका बेटा जलिया पूनिया हुआ। जलिया का बेटा कलिया हुआ और उनका परिवार आगे बढ़ा। कलिया के दो बेटे हुए फेरन और जब्दर। फेरन के तीन लड़के हुए। सरिया, जालब, पुसा। पुसा का बेटा था रावल। दादा रावल ही वो शख्स थे जो गांव लाडवा से उत्तर प्रदेश गए और वहां गांव नेक गांव में जाकर बस गए। आस्था का हरियाणा से जुड़ाव रहा हैहरियाणा से जुड़ी आस्था पूनिया भारतीय नौ सेना की पहली महिला फाइटर पायलट बनी हैं। आस्था पूनिया को विंग्स ऑफ गोल्ड सम्मान दिया गया है। अब वह भारतीय नौसेना की लड़ाकू विमानों की पायलट बन गई हैं। आस्था के माता-पिता सरकारी टीचर हैं। परिवार में एक छोटा भाई भी है। वह भी सेना की तैयारी कर रहा है। फैमिली पिछले 12 साल से मुजफ्फरनगर में रह रही है। शुरुआत से ही आस्था का सपना भारतीय नौसेना में जाने का था। उन्होंने नौसेना में जाने के लिए मल्टी नेशनल कंपनी में 21 लाख रुपए के पैकेज को भी ठुकरा दिया था। 3 जुलाई को विशाखापट्टनम में स्थित आईएनएस डेगा में द्वितीय बेसिक हाक कन्वर्जन कोर्स का समापन हुआ, जिसमें आस्था को विंग्स ऑफ गोल्ड सम्मान से नवाजा गया। यह सम्मान उन्हें रियर एडमिरल जनक बेवली ने सौंपा। यह सम्मान सिर्फ नौसेना के लड़ाकू विमानों के पायलटों को प्राप्त होता है। घर में शुरू से ही पढ़ाई का माहौलआस्था के पिता अरुण पूनिया मुजफ्फरनगर के सरधना स्थित नवोदय विद्यालय में गणित के अध्यापक हैं। मां संयोगिता चौधरी भी प्राथमिक विद्यालय में सरकारी शिक्षिका हैं। छोटा भाई अनमोल अभी पढ़ाई कर रहा है। आस्था ने मुजफ्फरनगर के गिरधारी लाल पब्लिक स्कूल से 10वीं और एसडी पब्लिक स्कूल से 12वीं की पढ़ाई की। इसके बाद राजस्थान के वनस्थली विद्यापीठ कॉलेज से बीटेक किया। परिजनों के अनुसार, वह हमेशा टॉपर रही। भाई भी टॉपर रहा। नौसेना के लिए 21 लाख पैकेज की नौकरी छोड़ी आस्था के दादा चौधरी बुद्ध सिंह ने बताया- नवोदय विद्यालय में नौकरी लगने के बाद आस्था के पिता मध्य प्रदेश के अमरकंटक चले गए थे। वहीं आस्था का जन्म हुआ। वहीं से उसने 8वीं तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद पिता मुजफ्फरनगर में पोस्टेड हो गए। आस्था ने राजस्थान से बीटेक करने के बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी में 21 लाख के पैकेज पर ज्वाइन किया था। मगर एक महीने बाद ही उसने रिजाइन कर दिया। वह शुरू से ही नेवी में जाना चाहती थी। 2 साल पहले उसका सीडीएस की माध्यम से नेवी में सिलेक्शन हो गया। वह 2 साल से सीडीएस की तैयारी कर रहीं थी। ऑपरेशन सिंदूर की कहानी के दो चेहरे व्योमिका सिंह व सोफिया कुरैशी का भी हरियाणवी लिंकभारत के पाकिस्तान पर की गई एयर स्ट्राइक 'ऑपरेशन सिंदूर' की कहानी बताने वालीं दोनों महिला अधिकारियों भारतीय वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह और भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी का हरियाणवी लिंक रहा।व्योमिका सिंह की की ससुराल भिवानी के गांव बापोड़ा में हैं। उनके पति दिनेश सभ्रवाल भी वायुसेना में ग्रुप कैप्टन हैं। दिनेश सभ्रवाल के पिता प्रेम सभ्रवाल ईटीएओ से रिटायर्ड हैं और पांच भाई हैं। जब भी गांव में कोई बड़ा कार्यक्रम होता है तो व्योमिका सिंह व उसका परिवार आता है। वहीं, कर्नल सोफिया कुरैशी छह साल पहले हिसार मिलिट्री स्टेशन में तैनात रहीं। कर्नल सोफिया ने सिरसा बस स्टैंड के पास स्थित राजकीय नेशनल कॉलेज में प्लेसमेंट सेल की ओर से मोटिवेशन सेमिनार में 20 मिनट का मोटिवेशनल लेक्चर दिया था। जिसमें कहा था कि परिवार के एक सदस्य को सेना के लिए जरूर तैयार करें। भारतीय सेना में हर 10वां जवान हरियाणवी, दो सेनाध्यक्ष भी दिएदेश की आबादी में हरियाणा का हिस्सा करीब 2.09% ही है। गर्व की बात है कि देश के लिए सैन्य जवान देने में हरियाणा काफी आगे है। एक रिपोर्ट के मुताबिक हर 10वां जवान हरियाणा का है। पिछले 25 साल में हरियाणा से करीब 75 हजार युवा सेना में भर्ती हुए हैं। हरियाणा ने देश को दो सेना अध्यक्ष भी दिए हैं। 24वें सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह भिवानी के गांव बापोड़ा और 26वें सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग झज्जर के गांव बिसहान के हैं।
बड़े-बड़े और टेस्टी परांठों के लिए फेमस हरियाणा का मुरथल एक बिल का लेकर चर्चा में है। फेमस ढाबे का यह बिल 1184 रुपए का है, जिसमें केवल एक परांठे और पानी की बोतल की कीमत लगाई गई है। ढाबे में जब ग्राहक के सामने यह बिल आया, तो उसके होश उड़ गए। उसने ढाबा मालिक से इसे लेकर सवाल किया तो जवाब न देकर उसे पेमेंट करने के लिए कहा गया। ग्राहक ने पेमेंट तो कर दिया, लेकिन इस बिल को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसमें लिखा- एक परांठे और पानी की बोतल का बिल 1184 रुपए!!! इतने में तो पूरे परिवार को पेट भर जाएगा। उधर, यह बिल सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों की तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं। वहीं, जब मामला ढाबा संचालक तक पहुंचा तो उसने भी अपनी सफाई दी। कहा कि परांठा 21 इंच का था, डिस्काउंट न मिलने पर ग्राहक ने बिल को गलत तरीके से पेश किया। यहां सिलसिलेवार ढंग से जानिए पूरा मामला.... रेशम ढाबे पर परांठा खाने पहुंचा था युवकसोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया गया कि मुरथल के रेशम ढाबा में एक युवक ने एक परांठा और पानी की बोतल का ऑर्डर दिया। परांठा खाने के बाद जब उसने इसका बिल मांगा तो 1,184 रुपए की पर्ची उसे थमा दी गई। यह देख उसके होश उड़ गए। उसने वेटर से सवाल किया तो उसने ढाबा मालिक से मिलने के लिए कहा। ढाबा मालिक से मिला, पेमेंट जमा कराईयुवक ने ढाबा मालिक से संपर्क किया। आरोप है कि ढाबा मालिक ने उसे बिल जमा करने का कहा, उसकी कोई बात नहीं सुनी। इसके बाद युवक ने किसी तरह बिल जमा करा दिया। मगर, इसके बाद उसने इस बिल को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिस पर लोगों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए कि आखिर एक परांठा इतना महंगा कैसे हो सकता है? लोगों ने बिल पर दी तीखी प्रतिक्रियाएंएक्स पर ए शुक्ला (@AShukkla) नाम के यूजर ने इस बिल की फोटो शेयर करते हुए लिखा, “परांठा काफी लंबा-चौड़ा था। किसान की फसल के अलावा सब महंगा है”। कुछ ने सवाल उठाए कि एक परांठे की कीमत 1,099 रुपए कैसे हो सकती है। कुछ यूजर्स ने मजाक में लिखा कि इतनी कीमत में तो पूरा परिवार पेट भर परांठे खा सकता है। मामले में ढाबा प्रबंधन ने दी सफाईमामले के बाद जब रेशम ढाबा की मैनेजर मंगत मालिक से बातचीत की गई तो उन्होंने सफाई देते हुए बताया कि यह परांठा साधारण नहीं था। यह 21 इंच का स्पेशल परांठा था, जिसमें 6 प्रकार की सब्जियां, रायता, सलाद, गुलाब जामुन, खीर और 4 पापड़ शामिल थे। यह परांठा एक तरह की फुल मील था, जिसे 5-6 लोगों ने मिलकर खाया। 20% डिस्काउंट न मिलने पर बिल को किया वायरलढाबा मैनेजर मंगत मालिक ने बताया कि दिल्ली से आए कुछ लोगों ने खाना खाने के बाद 20% डिस्काउंट की मांग की। मगर, डिस्काउंट न मिलने पर उन्होंने बिल को गलत तरीके से पेश कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। जबकि असलियत ये थी कि एक ही परांठा 5-6 लोगों ने शेयर किया था और यह एक संपूर्ण भोजन जैसा था। मुरथल: स्वाद और परांठों का हबहरियाणा के सोनीपत जिले का मुरथल अपने स्वादिष्ट परांठों और बड़े-बड़े हाईटेक ढाबों के लिए जाना जाता है। रोड ट्रिप करने वाले लोग अक्सर यहां रुककर भारी भरकम परांठों का लुत्फ उठाते हैं। मुरथल में ‘रेशम ढाबा’ जैसे नामचीन ढाबे परांठों के शौकीनों की पहली पसंद हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र चंडीगढ़ ने आज (6 जुलाई) हरियाणा के 6 जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनमें कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला और यमुनानगर शामिल हैं। 10 जुलाई तक राज्य में तेज बारिश की संभावना जताई गई है। हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय (CCHAU) के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से मानसून की हवाएं दक्षिण की ओर चली गई थीं, जिससे हरियाणा में ज्यादातर जगहों पर कम बारिश हुई। अब ये हवाएं उत्तर की ओर बढ़ रही हैं। अब इनकी स्थिति श्रीगंगानगर, भिवानी, आगरा, बांदा, कोलकाता होते हुए बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। इस वजह से बंगाल की खाड़ी से नमी भरी हवाएं हरियाणा की ओर आ रही हैं। इसलिए 10 जुलाई तक हरियाणा में मौसम बदलता रहेगा। इस दौरान दिन के तापमान में थोड़ी गिरावट आएगी और हवा में नमी बनी रहेगी। 25 प्रतिशत ज्यादा बारिश हुईचंडीगढ़ IMD के अनुसार, पिछले 24 घंटे में अधिकतम तापमान में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी सिरसा में 2.3 डिग्री सेल्सियस की दर्ज की गई। यहां का अधिकतम तापमान 41.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है। वहीं सबसे ज्यादा गिरावट रोहतक में 2.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज की गई। अब तक औसतन 89.6 एमएम बारिश दर्ज की गई है, जबकि सामान्य तौर पर 71.4 एमएम बारिश होनी चाहिए थी। अब तक सामान्य से 25 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। मारकंडा का पानी 10 हजार से घटकर 1300 क्यूसेक हुआकुरुक्षेत्र में पिछले एक हफ्ते से ज्यादा समय से उफान पर चल रही मारकंडा नदी का पानी अब उतर रहा है। झांसा से जल बेहड़ा तक 3000 से 1700 क्यूसेक जलस्तर घट गया। पहले यहां 10 हजार व शाहाबाद में 23 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया था। अब शाहाबाद में एक हजार क्यूसेक से नीचे आ गया है। पानी उतरने के बाद कठवा, तंगौर समेत 9 गांवों में घुसा पानी भी वापस मारकंडा में गिरने लगा है। अगले 3 दिन कैसा रहेगा मौसम... 7 जुलाई: पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, मेवात में 75-100% बारिश की संभावना है। सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी में 50-75% बारिश की संभावना है। 8 जुलाई: पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर में 75-100% बारिश की संभावना है। कैथल, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, मेवात में 50-75% बारिश की संभावना है। हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, जींद, भिवानी, रोहतक, चरखी दादरी, झज्जर, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी में 25-50% बारिश की संभावना है। 9 जुलाई: यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, झज्जर, पलवल, मेवात, गुरुग्राम, फरीदाबाद में 50-75% बारिश की संभावना है। अंबाला, पंचकूला, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद, रोहतक, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी में 25-50% बारिश की संभावना है। सिरसा, हिसार, भिवानी, फतेहाबाद में 25% बारिश की संभावना है।
हरियाणा के करनाल में पकड़े गए जुआघर को चलाने वाला घरौंडा का रिंकू अभी तक पुलिस की पकड़ से दूर है। पुलिस जैसे-जैसे उसकी कुंडली खंगाल रही है, कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पहला तो यह कि रिंकू कोई छोटा-मोटा आदमी नहीं है। वह एक प्राइवेट अस्पताल चलाता है। 5 साल पहले उसने यह अस्पताल खोला था। इसके अलावा रिंकू इस जुआघर से महीने एक से डेढ़ करोड़ रुपए कमाता था। पुलिस ने जिन 4 आरोपियों विजय, अभिषेक, रविंद्र और राकेश को रिमांड पर लेकर पूछताछ की है, वे भी इस काले कारोबार में रिंकू के साझीदार बताए गए हैं।ये सभी मिलकर पूरा नेटवर्क चला रहे थे। वॉट्सएप पर कस्टमर बनाए जाते थे। लोकेशन शेयर कर उन्हें अड्डे की जानकारी दी जाती थी। जुआघर में शराब पार्टी का पूरा इंतजाम करने का जिम्मा रिंकू का था, जिसकी एवज में वह 50 हजार रुपए ज्यादा लेता था। मगर, एक चूक से पुलिस उनके इस नेटवर्क तक पहुंच गई और 55 लोगों को एक साथ धर दबोचा। कौन है रिंक, कैसे चलाता था पूरा नेटवर्क, जुआघर में एंट्री की क्या थी शर्त और पुलिस इस गिरोह तक कैसे पहुंची? पढ़िए दैनिक भास्कर की ग्राउंड रिपोर्ट... पहले जानिए जुआघर में मास्टरमांइड और उसके साथियों के बारे में... घरौंडा का रहने वाला, करनाल में अस्पताल CM फ्लाइंग के डीएसपी सुशील कुमार ने बताया कि इस पूरे जुए के अड्डे का मास्टरमाइंड रिंकू है, जो मूल रूप से घरौंडा का निवासी है। वर्तमान में करनाल में रहता है। उसका करनाल में ही प्रभु नाम से निजी अस्पताल भी है। यह अस्पताल उसने 5 साल पहले खोला था। रिंकू की क्रिमिनल हिस्ट्री भी रही है। उसके खिलाफ 13 अक्तूबर 2023 में सिविल लाइन थाना में चेक बाउंस के दो मामले दर्ज है। जिनमें 12-13 लाख का अमाउंट था। इन दोनों मामलों रिंकू भगौड़ा घोषित है। वर्ष 2021 में रिंकू के खिलाफ पानीपत में लड़ाई झगड़े का मामला दर्ज है, जिसमें मामला न्यायालय में विचाराधीन है। पुलिस के कब्जे में चार साथी, सब पर मुकदमेपुलिस ने जिन चार आरोपियों विजय शर्मा, रविंद्र, अश्विनी उर्फ शम्मी और राकेश को एक दिन रिमांड पर लिया था, ये सभी रिंकू के साथ मिलकर यह जुआघर चलाते थे। इन सभी पर पहले भी गैम्बलिंग के मामले दर्ज है। विजय शर्मा पर गैम्बलिंग के दो मामले दर्ज थे, जो निपट चुके है। अश्वनी पर 6 मुकदमें थे, जिनमें 2017 में 3 और 2022 में भी 3 मामले दर्ज हुए थे। राकेश पर दो और रविंद्र पर एक मामला दर्ज है। इन आरोपियों को इसी लिए रिमांड पर लिया था, क्योंकि रिंकू के बारे में सबसे ज्यादा ये ही लोग नजदीक थे। जिस मकान में जुआघर पकड़ा गया, वह विजय काकरनाल की घरौंडा की पासी कॉलोनी स्थित जिस मकान में पुलिस ने एक साथ 55 लोगों को जुआ खेलते दबोचा था, वह मकान विजय शर्मा का है। इस मकान का बिजली, पानी और अन्य खर्च जुए से होने वाले प्रॉफिट से अलग निकाला जाता था। करीब एक महीन से इस मकान में जुआघर चल रहा था। रोजाना यहां पर शाम 7 बजे गाड़ियां आनी शुरू हो जाती थी। पुलिस के मुताबिक, सुबह 7 बजे तक गाड़ियों का आना जाना लगा रहा था। अब जानिए कैसे पकड़ा गया यह जुआघर... घरों के सामने वाहनों की कतार से हो रही थी परेशानीपुलिस की माने तो घरौंडा की पासी कॉलोनी के लोग करीब एक माह से परेशान थे। कारण था कि बड़ी संख्या में कारें और बाइकें विजय शर्मा के मकान पर आ जाती थी। मकान के पास जगह कम होने की वजह से कार और बाइक वाले कॉलोनी के लोगों के घरों के आसपास अपने वाहन खड़ा कर देते थे। इससे लोगों को परेशानी हो रही थी। लोगों ने कई बार मकान मालिक विजय से इसकी शिकायत की थी, लेकिन हर बार केवल आश्वासन ही मिला था। पुलिस से भी शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद मामला सीएम फ्लाइंग टीम तक पहुंचा। 2 जुलाई को सीएम फ्लाइंग ने मारा छापा, 55 पकड़े2 जुलाई की रात करीब 11 बजे सीएम फ्लाइंग की करनाल, पानीपत और सोनीपत से आई टीमों ने दो चरणों में रेड की थी। मौके से 12 लाख रुपये नकद, 51 मोबाइल फोन, 6 बाइक, 6 कारें, एक डमी पिस्टल, शराब-बियर की बोतलें और खाने के बड़े टिफिन बॉक्स मिले। जुआघर में फर्श पर गद्दे और तकिए बिछाए गए थे, और चार-पांच नौकर खाना-पीना परोस रहे थे। डीएसपी सुशील कुमार की टीम ने सभी आरोपियों को लोकल पुलिस की मदद से घरौंडा थाना में भेज दिया था। 3 जुलाई को सभी आरोपियों को घरौंडा कोर्ट में पेश किया था। इससमें से 4 को रिमांड पर लिया था। यहां जानिए कैसे चलता था पूरा नेटवर्क...एक माह में 1 से डेढ़ करोड़ की कमाईडीएसपी सुशील कुमार ने बताया कि पुलिस की जांच में सामने आया है कि इस जुआघर से ये लोग एक से डेढ़ करोड़ रुपए कमा रहे थे। विजय शर्मा, रविंद्र, अश्विनी उर्फ शम्मी और राकेश में बराबर के हिस्सेदार थे। खर्च निकालने के बाद जो भी प्रॉफिट होता था, उसे बराबर बांट लेत थे। रिंकू 50 हजार रुपए ऊपर की मैनेजमेंट संभालने के लिए लेता था। वॉट्सएप से चलता था नेटवर्कपुलिस के मुताबिक, ये पूरा नेटवर्क वॉटसएप से चल रहा था। करीब दस साल से ही रिंकू इस धंधे से जुड़ा था। उसके अन्य साथियों पर मामले भी दर्ज है और ये सभी उसके नजदीकी भी है। जुए से जुड़े भी रहे है, ऐसे में इन लोगों ने जुआ खेलने वालों का एक वॉट्सएस ग्रुप बना लिया था। इसी के जरिए नए कस्टमर जोड़े जाते और उन्हें अड्डे की लोकेशन भी शेयर की जाती। हर महीने यह अड्डा बदल देते थे। शराब पार्टी का पूरा अरेंजमेंट रिंकू देखता थापुलिस के मुताबिक, रिंकू ही लोकेशन तय करता था, शराब-बियर और खाने-पीने की हर चीज का इंतजाम करवाता था। इसके लिए रिंकू को 50 हजार अलग से मिलते थे। इन पैसों को या तो वह खुद आकर ले जाता था या फिर चारों में से कोई उसको करनाल देकर आ जाता था। पुलिस के मुताबिक, अड्डे पर जुआरियों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाता था। यहां उनके लिए खाने से लेकर पीने तक की व्यवस्था होती थी। शराब, कबाब, दाल मखनी, शाही पनीर और अन्य तरह के पकवान मंगाए जाते थे और किसी तरह का कोई एक्स्ट्रा चार्ज नहीं लिया जाता था। यूपी और उतराखंड से भी आते थे जुआ खेलनेपुलिस के अनुसार, इस मामले में यूपी और उतराखंड के दो जुआरी भी पकड़े गए है। ये लोग मूल रूप से उतराखंड के रहने वाले है लेकिन घरौंडा में ही काम करते थे। उस दिन भी ये ऐसे ही खेलने के लिए गए थे और पकड़े गए। यहां तक कि जुए के अड्डे पर कोई करनाल या पानीपत या सोनीपत से आ रहा है तो उसको किराया तक दे दिया जाता था, ताकि वह यहां पर आता रहे। वॉटसएप ग्रुप पर मेंबर बनाने से पहले लोगों के बारे में अच्छे से पता किया जाता था। दो तरीके से खेला जाता था जुआडीएसपी सुशील कुमार ने बताया कि दो तरीके से सट्टा खेला जाता था, एक तो ताश के माध्यम से और दूसरा गिटियों के माध्यम से। उसके बाद सभी अपनी अपनी चाल बोलते थे। यहां पर 1000 से लेकर नो लिमिट तक सट्टा लगता था। पुलिस ने मौके से 504 ताश के पत्ते और गिटियां भी बरामद की थी। अड्डे पर आने वाले जुआरियों के पास अगर पैसे नहीं होते थे तो उधार का भी इंतजाम था। अगर खेल में जीत जाते तो वापिस कर देते थे और हार जाते तो बाद में अरेंज करके लौटा देते थे। रिंकू की अग्रिम जमानत याचिका खारिजघरौंडा में जुए के अड्डे का मुख्य सूत्रधार रिंकू की अग्रिम जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी। इसके साथ ही 56 आरोपियों में से 47 ने करनाल कोर्ट में बेल के लिए याचिका लगाई हुई है, जिसकी सुनवाई सोमवार को होगी। पुलिस ने खुलासा किया है कि आरोपी विजय शर्मा, रविंद्र, अश्वनी उर्फ शम्मी और राकेश कुमार, रिंकू के साथ मिलकर पूरा काम संभालते थे। ------------------ जुआघर से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... हरियाणा पुलिस ने एक घर से 55 जुआरी पकड़े:जमीन पर बिखरे मिले ₹12 लाख, पुलिस को गिनने में एक घंटा लगा; शराब भी परोस रहे थे हरियाणा के करनाल में CM फ्लाइंग ने जुए के अड्डे पर रेड की। यहां पुलिस ने मौके से जुआ खेलते 55 जुआरी पकड़े। इनसे 12 लाख रुपए, 46 मोबाइल, 6 बाइक, एक पिस्टल और 6 कारें बरामद की हैं। रेड के दौरान 500 और 100 रुपए के नोट जमीन पर बिखरे मिले। पुलिस कर्मचारियों को कैश गिनने में 1 घंटा लगा। (पूरी खबर पढ़ें)
पूरी शान से उठा प्रयागराज में बड़ा ताजिया:आग के भपके ने किया कमाल, अकीदत के लिए उमड़ी जायरीनों की भीड़
प्रयागराज में शनिवार की देर रात मुहोर्रम की नवीं को बड़ा ताजिया, बुड्ढा ताजिया और मासूम अली असगर का झूला पूरी अकीदत और एहतराम के साथ उठाया गया। बड़ा ताजिया उठने से पहले इमाम बाड़े पर रखा गया। जहाँ लाखों लोगों ने ताजिया पर फूल चढ़ाया और मन्नाते मानी, ताजिया पर फूल चढ़ाने के लिए आधी रात तक लोग मैदान में डटे रहे। चाहे पुरुष हो या फिर महिला जायरीन सभी इमाम हुसैन की एक झलक पाने के लिए घंटो भीड़ में मशक्क्त करते रहे, बड़ा ताजिया मुहोर्रम कमेटी के अध्यक्ष रेहांन खान और सचिव इमरान खान लगातार निगरानी करते रहे। डीसीपी सिटी अभिषेक भारती, एडीसीपी अभिजीत कुमार पूरी रात गश्त करते हुए मौके का जायजा लेते रहे। इस दौरान किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो सके, इसके लिए ड्रोन से भी निगरानी होती रही। बहादुरगंज चक रौजे से उठा मासूम अली असगर का झूलाशहर के बहादुरगंज के चक रौजे से मासूम अली असगर का झूला उठाया गया। झूले को सैकड़ों लोगों ने अलग- अलग कन्धा देकर उठाया, झूला बहादुर गंज, बताशा मंडी, लोकनाथ और चौक होता हुआ सब्जी मंडी के इमाम बाड़े पर रखा गया। जहाँ फातेहा के बाद लोगों ने झूले की जियारत की और मासूम अली असगर के झूले के जुलूस में हज़ारों लोग शामिल हुए। इस दौरान लोगों ने हुसैन जिंदाबाद के नारे लगाए। भारी भीड़ को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात दिखा। इमाम बाड़े पर झूला रखने के बाद बड़ा ताजिया उठाया गया, बड़ा ताजिया चौक, शाहगंज, नखास कोहना तक गया। बड़े ताजिये के जुलूस में लाखों लोग शामिल हुए। ताजिया एक जगह पर न रुके इसके लिए पारम्परिक भापके को भी शामिल किया गया था। जिसकी आग की तपिश इतनी अधिक थी कि लोग उससे हटने के लिए आगे बढ़ते रहे। भीड़ को आगे बढ़ाने का यह तरीका सैकड़ो साल पुराना भले ही है, लेकिन आज भी कारगर साबित हुआ। जुलूस में मुस्लिमों के आलावा दूसरे समुदाय के लोग भी चल रहे थे। बड़ा ताजिया उठने तक पुलिस की टीम भी पीछे पीछे चल रही थी। इसी तरह नुरुल्ला रोड से बुड्ढा ताजिया भी अपनी पूरी शानों शौकत से उठ कर नखास कोहना तक गया। बुड्ढा ताजिया के जुलूस में भी लाखों लोग शामिल हुए। इस अवसर पर अलग-अलग इलाकों में लंगरों का आयोजन भी किया गया।
परेशानी:छत्तीसगढ़ के दिव्यांगों को पात्रता का आंकलन कराने जाना पड़ता है जबलपुर
प्रदेश के सैकड़ों दिव्यांगों को राज्य बनने के 25 साल बाद भी सुटेबिलिटी सर्टिफिकेट बनवाने मध्यप्रदेश की दौड़ लगानी पड़ रही है। जबलपुर के वोकेशनल रिहेबलिटेशन सेंटर फॉर हैंडिकेप्ट में यह प्रमाणपत्र बनाया जाता है। दिव्यांगों को यदि बारहवीं के बाद स्नातक या स्नात्तकोत्तर स्तर के सभी कोर्स, इंजीनियरिंग, मेडिकल, एग्रीकल्चर, डिप्लोमा कोर्स, डिग्री-डिप्लोमा, उच्च शिक्षा या तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई करना है तो, इसके लिए सुटेबिलिटी सर्टिफिकेट आवश्यक है। इसके साथ ही नौकरी के लिए वे पात्र हैं या नहीं इसकी क्षमता का मूल्यांकन करने के लिए भी जाने - आने में 600 से 1200 किलोमीटर का चक्कर लगाना पड़ता है। इससे विद्यार्थियों का समय, श्रम और पैसा तीनों बरबाद हो रहा। लगातार शिकायतों के बाद राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में प्रयास नहीं किया जा रहा है। प्रदेश में सिर्फ दिव्यांगता का प्रतिशत बताने तक की सुविधा है। इसके लिए जरूरी है सर्टिफिकेट दरअसल इस सेंटर में किसी सर्टिफिकेट जारी करने से पहले यह जांचा जाता है कि यदि कोई छात्र किसी ब्रांच से इंजीनियरिंग करना चाहता है तो वह उसके योग्य है कि नहीं? दिव्यांगता के अनुसार संबंधित ब्रांच के लिए उसकी क्षमता कितनी है और भविष्य में किस स्तर पर होगी इसका असेस्मेंट किया जाता है। इसी तरह भविष्य में पांच-दस साल बाद उसकी क्षमता की स्थिति क्या होगी इसका भी आंकलन किया जाता है। ठीक यही प्रक्रिया नौकरी के लिए भी की जाती है। छत्तीसगढ़ के अनुरोध पर सेंटर प्रभारी एसके कुशवाहा रायपुर में साल में एक बार कैंप लगाते हैं। वे आवेदकों की जांच कर प्रमाणपत्र जारी करते हैं। यहां सिर्फ बताते हैं कितनी दिव्यांगता हैकेंद्र सरकार के इस महत्वपूर्ण कार्यालय में अब तक प्रदेश के दिव्यांग इसलिए दौड़ लगा रहे हैं क्योंकि अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से ही यह काम यहां हो रहा है। राज्य विभाजन के बाद इस कार्यालय के संबंध में ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा सका। प्रदेश में जिला व संभाग स्तर पर बोर्ड केवल व्यक्तिगत दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनाया जाता है। यह बताया जाता कि उसे किस तरह की दिव्यांगता है और कितने प्रतिशत दिव्यांगता है। संभाग स्तर पर बोर्ड इस संबंध में या तो शिकायतें सुनता है या प्रमाणपत्रों की सत्यता प्रमाणित करता है। अब तक वोकेशनल रिहेबलिटेशन सेंटर फॉर हैंडिकेप्ट के संबंध में पहल क्यों नहीं की गई इसका पता लगाया जाएगा। इस संबंध जो भी उचित पहल होगी वह जल्द से जल्द की जाएगी, ताकि दिव्यांगजनों को इसका लाभ मिल सके। - लक्ष्मी राजवाड़े, समाज कल्याण मंत्री शिक्षा-नौकरी में इतनी मान्यता प्रदेश में सरकारी नौकरियों में 4 प्रतिशत और न्यायिक सेवा में 1 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।दिव्यांग अधिकार नियम 2016 में बना। 19 अप्रैल 2017 से अमल में लाया जा रहा है। इसमें 21 कैटेगरी के दिव्यांगों को शिक्षा, रोजगार, प्रशिक्षण, पुनर्वास तथा इलाज की सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रावधान है। आर्थिक, सामाजिक व शैक्षणिक रूप से भी सक्षम बनाया जाना है।और 83.8 फीसदी गावों में रहते हैं।इनमें से 76 फीसदी दिव्यांग 15 से 59 साल, चार वर्ष के 1 प्रतिशत, 5 से 14 वर्ष के लगभग 6.5 प्रतिशत और 60 वर्ष और ज्यादा के 25 फीसदी दिव्यांग हैं।6 से18 वर्ष के बच्चों को दिव्यांगों को मुफ्त पढ़ाई की सुविधा का प्रावधान है।
झांसी में हजरत इमाम हुसैन की शहादत से एक दिन पहले मोहर्रम की 9 तारीख को शहर में ताजिया निकाले गए। पुराने शहर को छोड़कर सभी इलाकों में देर रात ताजिया मिसिलबद्ध कर ज़ियारत के लिए लाए गए। मिसिल में अखाड़े भी साथ रहे। वहीं, कुरैश नगर और खुशीपुरा में लोगों ने आग से अलाव खेला। बता दें कि आज यानी मोहर्रम की दस तारीख को पुराने शहर में शिया मुसलमान मातमी जुलूस लेकर कर्बला पहुंचेंगे। साथ ही सर्राफा बाजार में ताजिया निकाले जाएंगे। मोहर्रम की 9 तारीख (शनिवार) को झांसी के सीपरी बाजार, एबट मार्केट, सदर बाजार, पुलिया नंबर 9 और नगरा क्षेत्र में देर रात 1 बजे के बाद ताजिया इमाम बाड़ों से उठने लगे। इन सभी ताजिया को एक जगह लाकर मिसिलबद्ध कराया गया। वहीं, ताजियादार अपने-अपने ताजिया के साथ बैंड, डीजे और मातमी ढोल लेकर पहुंचे। इसके बाद ताजिया का जुलूस ज़ियारत के लिए पहले से तय रास्ते पर निकला। यहां सैंकड़ों की तादाद में लोग ताजिया की ज़ियारत के लिए पहुंचे थे। वहीं, ताजिया के जुलूस में खलीफाओं के अखाड़े भी चल रहे थे, जिसमें शामिल युवाओं ने तलवार, लाठी, भाला चेन के औजार से हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए अखाड़ा खेला। यहां दूसरी तरफ कुरैश नगर में युवाओं ने एक गड्ढे में आगरे भरे। इसके बाद कथित सवारी के साथ लोगों ने इमाम हुसैन के नारों के साथ आग में कूद कर अंगारे बाहर फेके। कुरैश नगर के रहने वाले मोहम्मद कलाम कुरैशी ने बताया कि ये दशकों पुरानी परंपरा है, जिसमें अलावा जलाकर सवारियां अंगारों से खेलती हैं। सुरक्षा के रहे कड़े इंतजाम मोहर्रम की 9 तारीख को निकाले गए ताजिया के जुलूस में किसी भी प्रकार की समस्या या विवाद की स्थिति न बने। इसके लिए मिसिल के रास्ते में भारी तादाद में पुलिस बल तैनात किया गया था। सुरक्षा बलों ने आसमाजिक तत्वों की निगरानी के लिए मिसिल क्षेत्र के बाहर भी पुलिस गश्त करती रही। साथ ही ट्रैफिक पुलिस के जवान भी व्यवस्था बनाने के लिए सदर बाजार, सीपरी बाजार, पुलिया नंबर 9 और एबट मार्केट तैनात रहे। इमामबाड़े पर लौट गए ताजिया बता दें कि जिन इलाकों में मोहर्रम की 9 तारीख को ताजिया का जुलूस निकाला गया है, वह ताजिया तड़के 3 से 4 बजे के बीच अपने-अपने इमामबाड़ों को लौट गए। अब यह ताजिया 10 मोहर्रम यानी रविवार को शहर के लक्ष्मीताल स्थित कर्बला में ठंडे करने के लिए ले जाए जाएंगे। इन ताजियों को अब मिसिल में शामिल नहीं किया जाना है। आज शहर कोतवाली इलाके में निकलेंगे ताजिया दस मोहर्रम यानी रविवार को झांसी शहर के कोतवाली इलाके में ताजिया की मिसिल लगाई जाएगी। पुराने शहर के इमामबाड़ों से उठकर ताजिया गन्दीगर के टपरा पर जमा होंगे। यहां से उन्हें ताजिया कमेटी मिसिलबद्ध करेगी। इसके बाद ही ताजिया मातमी ढोल, बैंड और डीजे के साथ सर्राफा बाजार, सिंधी तिराहा, रानी महल पहुंचेंगे। यहां से अधिकांश ताजिया ठंडे करने के लिए कर्बला ले जाए जाएंगे। शहर कोतवाल रानी के ताजिया को उठाएंगे बता दें कि झांसी के राजा गंगाधर राव और रानी लक्ष्मीबाई ने सदियों पहले बाईसा का ताजिया के नाम से रियासत का ताजिया बनवाया था। इसी ताजिया के साथ मिसिल की शुरूआत होती है। रानी के समय से ही बाईसा के ताजिया की जिम्मेवारी शहर कोतवाली के पास रहती है। वही इस ताजिया को इमामबाड़े से उठवाते हैं। इसके बाद दूसरे ताजिया उठाए जाते हैं।
त्रिवेदी ने कहा-:संसद के पारित कानून के खिलाफ विस प्रस्ताव पारित नहीं कर सकती
संसदीय रिपोर्टिंग पर विधानसभा में कार्यशाला का हुआ आयोजन राज्यसभा सांसद डॉ सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि संवैधानिक दृष्टि से संसद के पारित कानून के खिलाफ कोई राज्य विधानसभा प्रस्ताव पारित नहीं कर सकता। संसद का कानून हर राज्य विधानसभा के लिए बाध्यता है। वैसे ही जैसे राज्य विधानसभा से पारित कानून के विरूद्ध कोई भी जिला पंचायत या नगर निगम प्रस्ताव पारित नहीं कर सकता। सांसद त्रिवेदी ने सीएए का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि दो तीन साल पहले सीएए आया। सीएए के खिलाफ कई राज्य विधानसभाओं ने अपने प्रस्ताव पारित कर दिए। दूसरा पक्ष यह है कि सीएए नागरिकता से जुड़ा कानून है। नागरिकता राज्य का विषय नहीं है, यह केंद्र सरकार का विषय है। अब नागरिकता से जुड़े कानून पर प्रोसिडिंग हाउस में हो रही है तो पूरे घटनाक्रम के साथ यह भी निष्पक्ष तरीके से लिखा जाना चाहिए कि यह संवैधानिक दृष्टि से राज्य विधानसभा के अधिकार में है या नहीं। वे विधानसभा के रजत जयंती के अवसर पर संसदीय रिपोर्टिंग विषय पर आयोजित कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उदघाटन सत्र में आईआईएमसी के पूर्व निदेशक डॉ संजय द्विवेदी ने कहा कि संसदीय रिपोर्टिंग गहरा उत्तरदायित्व है, जहां भाषा, अनुशासन एवं मर्यादा की महत्वपूर्ण है। सदन की चर्चा में नोकझोक के साथ-साथ सार्थक चर्चा को भी स्थान दिया जाना चाहिए। उन्होंने वर्तमान पत्रकारिता की शैली को पश्चिमी देशों की देन बताया। पश्चिम की दृष्टि के कारण ही हम समाज में घटित होने वाले नकारात्मक पहलुओं को ही समाचार मानते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा संचार एवं संवाद हमेशा लोक मंगल के लिए होता है जबकि पश्चिमी परंपरा में खींचतान की परंपरा है। शब्दावली, नियमों का ज्ञान होना चाहिए: रमन विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि आसंदी में सभा की सार्वभौमिकता की शक्ति निहित होती है, इसलिए सभा की कार्यवाही अपनी कल्पना अथवा संभावनाओं के आधार पर प्रसारित नहीं करना चाहिए। संसदीय रिपोर्टर को संसदीय शब्दावली, संसदीय प्रक्रिया एवं नियमों का भी ज्ञान होना चाहिए। स्पीकर ने कहा कि भावुकता या रोष में सभा की बाधित कार्यवाही को नकारात्मक स्वरूप में प्रस्तुत करने के बजाए सभा में होने वाले संसदीय कार्यो को प्रमुखता के साथ प्रकाशित एवं प्रसारित करना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि संसदीय रिपोर्टिंग के व्यवहारिक पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित करते हुए उसमें खुलापन लाया जाना चाहिए, जिससे जनता अपने जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही से परिचित हो सके। प्रभावी रूप से जनता तक पहुंचेगी जानकारी: सीएम मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश विधानसभा ने 25 साल की गौरवमयी यात्रा पूरी की और लोकतान्त्रिक मूल्यों को सुदृढ़ किया। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला पत्रकारों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगी। इसके माध्यम से विधान सभा की गतिविधियां प्रभावी रूप से जनता तक पहुंचेगी। उन्होंने कहा कि आप सभी पत्रकार बंधु बड़ी मेहनत से विधानसभा की कार्यवाही को कवर करते हैं, जिससे आमजन यह जान पाते हैं कि विधायकों द्वारा उनके मुद्दों को गंभीरता से उठाया जा रहा है।
राजधानी में लोगों की जान बचाने और इमरजेंसी में सेवा देने वाली गाड़ियां ही दम तोड़ रही हैं। परिवहन विभाग के नियमानुसार इन गाड़ियों की लाइफ समाप्त हो चुकी है, फिर भी ये सड़कों पर दौड़ रही हैं। इसके चलते इमरजेंसी में ये गाड़ियां समय पर नहीं पहुंच पा रही हैं। गाड़ियों का इंजन तो जवाब दे ही रहा है, लेकिन चक्के भी सड़क पर फिसल रहे हैं। इसके चलते इमरजेंसी सेवा में चल रहे कर्मचारी भी हादसे का शिकार हो रहे हैं। प्रदेश में इमरजेंसी सर्विस देने के लिए साल 2018 में प्रदेश के 11 जिलों में डायल-112 की शुरुआत की गई थी। डायल-112 एक तरह से ऐसी इमरजेंसी सर्विस है, जिससे आपातकालीन स्थिति में पुलिस, स्वास्थ्य जैसी सुविधाएं दी जाती है। इसके लिए 2017 में गाड़ियों 252 गाड़ियों की खरीदी हुई थी। 8 साल पहले खरीदी गई यही गाड़ियां अब भी सड़कों पर दौड़ रही है। इनमें से अधिकांश गाड़ियां 3 लाख किमी से ज्यादा चल चुकी है। कई गाड़ियों ने तो 4 लाख किलोमीटर का सफर पूरा कर लिया है। इसके बाद भी इन गाड़ियों को हटाया नहीं गया और आज भी ये इमरजेंसी सेवाओं में तैनात है। डायल-112 का पहिया ही निकल गयाभिलाई में घटना की सूचना पर जा रही डायल-112 की गाड़ी का पहिया ही निकल गया। घटना में पुलिस स्टाफ व ड्राइवर घायल हो गए। उनकी मदद के लिए दूसरी इमरजेंसी सेवा की गाड़ी बुलानी पड़ी। पेट्रोलिंग के दौरान बंद हो गई गाड़ीशहर के सबसे महत्वपूर्ण थाना सिविल लाइन की गाड़ी रात में पेट्रोलिंग के दौरान बंद हो गई। गाड़ी को रास्ते में खड़ी की गई। उसे दूसरे दिन बनाने के लिए भेजा गया। प्रभारी को दूसरी गाड़ी के लिए चक्कर काटना पड़ा। इसी खरोरा से आरोपियों को कोर्ट लाते समय गाड़ी बंद हो गई। हर थाने में एक पेट्रोलिंग गाड़ी : रायपुर के हर थाने में एक पेट्रोलिंग गाड़ी है। हर थाने को दो डायल-112 की गाड़ियां दी गई है। थाना प्रभारियों को निजी गाड़ी भी दी गई। रायपुर में 40 गाड़ियां थाने में चल रही है। जबकि डायल-112 की 52 गाड़ियां है। पेट्रोलिंग और डायल-112 के लिए मौजूद गाड़ियों की स्थिति खराब है। मंदिर हसौद में दौड़ रही 4.24 लाख किमी चल चुकी गाड़ी भास्कर रिपोर्टर ने मंदिर हसौद इलाके में दौड़ रही गाड़ी की पड़ताल की। गाड़ी में ड्राइवर था। जब उससे बातचीत करने की कोशिश की गई तो वह डर गया और दरवाजा बंद कर दिया। चुपके से उसकी गाड़ी की फोटो ली गई। गाड़ी 4 लाख 24 हजार 429 किलोमीटर चल चुकी है। इसी तरह डीडी नगर इलाके में चल रही गाड़ी 3 लाख 39 हजार किलोमीटर से ज्यादा चल चुकी है। संजीवनी को चाहिए जड़ी-बूटी संजीवनी 108 योजना में गाड़ी चलाने का ठेका जय अंबे कंपनी को दिया गया है। जबकि महतारी एक्सप्रेस 102 और मुक्ताजंली शव 1099 का ठेका कैंपस को दिया गया है। कई एंबुलेंस की स्थिति खराब है। रास्ते में बंद हो रही है। मरीज को आधे रास्ते में दूसरे गाड़ियों में शिफ्ट कर लाया जा रहा है। आरटीओ का ये है नियमपरिवहन विभाग के नियमानुसार एक गाड़ी की सामान्य लाइफ 1.80 लाख से 2 लाख किलोमीटर या फिर 15 साल की होती है। इसके बाद गाड़ी को कंडम मान लिया जाता है। लेकिन आरटीओ की सख्ती सिर्फ आम आदमी के लिए है। सरकारी तंत्र में उनका यह नियम लागू ही नहीं हाेता है। एक्सपर्ट व्यू: अधिकतम 2 लाख किमी तक चल सकती है गाड़ी^ हर गाड़ी की लाइफ होती है। एक-डेढ़ लाख किमी तक चलने के बाद इसके इंजन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और पार्ट्स भी खराब हो जाते हैं। इससे खाड़ी कभी भी खराब हो सकती है। ऐन मौके पर बंद हो सकती है और हादसे का भी खतरा बना रहता है। इससे पर्यावरण को भी काफी नुकसान होता है। इस पर सख्ती बरतनी ही चाहिए। -के. महेश कुमार, ऑटो एक्सपर्ट क्या कहते हैं, जिम्मेदार फिटनेस जांच के बाद चल रहीं गाड़ियां सरकारी गाड़ियों की फिटनेस जांच समय-समय पर होती है। जिन गाड़ियों का फिटनेस खराब है, उसे कंडम घोषित किया जाता है। अगर डायल-112 में गाड़ियां दौड़ रही हैं, तो उनका फिटनेस ठीक होगा।- डी. रविशंकर, अपर परिवहन आयुक्त गाड़ियों को बदला जाएगा^ डायल-112 के लिए नई गाड़ियां खरीदी गई हैं। पुरानी गाड़ियों को हटाकर नई गाड़ियां दी जाएगी। इसकी प्रक्रिया चल रही है। - अविनाश ठाकुर, एसपी डायल-112
छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड और राज्य उर्दू अकादमी को बंद करने के लिए सरकार मंथन कर रही है। 2003 में बनी उर्दू अकादमी के पास खुद का भवन नहीं है। इस कारण अभी आरडीए के भवन में तहसील के पास 22 हजार रुपए महीने के किराए पर संचालित है। अकादमी के अध्यक्षों, अफसरों ने आज तक अकादमी की वेबसाइट तक नहीं बनाई। अकादमी को बजट के तौर पर करीब 80 लाख रुपए सालाना मिलते हैं, जो सैलरी में चले जाते हैं। उर्दू को आगे बढ़ाने के लिए साल में कोई कार्यक्रम नहीं हो पा रहा है। लाइब्रेरी में दशकों पहले किताबें खरीदी गईं, जो आलमारी में बंद हैं। यही हाल मदरसा बोर्ड का है। 2005 में राज्य में मदरसों की संख्या 400 से ज्यादा थी। धीरे-धीरे घटकर 300 रह गई। 2021-22 में केंद्र ने मदरसों का अनुदान बंद कर दिया। फिर राज्य सरकार से भी मदद नहीं दी जा रही। यही वजह है कि अब मदरसे 150 के करीब बचे हैं। अभी मदरसा बोर्ड पीएचक्यू के 3 कमरों में चल रहा है। उसकी हालत स्टोर रूम जैसी है। फाइलों के बीच तीन-चार कर्मचारी बैठे रहते हैं। बोर्ड के पास केवल परीक्षा लेने का काम बचा है, जो 5वीं, 8वीं, 10वीं और 12वीं की परीक्षा ले रहा है। इसमें 200 बच्चे भी शामिल नहीं होते, क्योंकि इस बोर्ड की मार्कशीट को सिर्फ छत्तीसगढ़ में ही मान्यता है। बोर्ड को हर साल 1 करोड़ का बजट, अकादमी को 80 लाख, पूरी रकम वेतन में खर्च बोर्ड व अकादमी अध्यक्ष सालों से कोर्ट के स्टे पर छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड और उर्दू अकादमी के अध्यक्ष अभी हाई कोर्ट के स्टे पर हैं। मदरसा बोर्ड में पिछले सात साल से सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई है। कांग्रेस शासन काल में राजनांदगांव के अलताफ अहमद को अध्यक्ष बनाया गया था। भाजपा सरकार ने उन्हें हटाना चाहा, तो वे हाई कोर्ट से स्टे लेकर आ गए। इसी तरह अकादमी के अध्यक्ष इदरीश गांधी भी हाई कोर्ट से स्टे लेकर अध्यक्ष पद पर जमे हुए हैं। उनका और 13 सदस्यों का कार्यकाल इसी साल अक्टूबर में खत्म हो जाएगा। बताया जा रहा है कि पिछले छह महीने से उन्हें कोई सैलरी या भत्ता नहीं मिला है,क्योंकि शासन ने अकादमी का फंड ही रिलीज नहीं किया है। आरोप है कि इदरीश कांग्रेस से जुड़े हैं। अफसरों की साल में बैठक नहीं मदरसा बोर्ड और उर्दू अकादमी के अफसरों की बैठक साल में एक बार भी नहीं हो रही। मंत्रालय के बड़े अफसर भी समीक्षा के लिए अफसरों को नहीं बुलाते। ऐसा भी हुआ है कि एक ही अफसर को बोर्ड व अकादमी दोनों का प्रभार दे दिया गया। अभी बोर्ड में चंद्र प्रकाश द्विवेदी और अकादमी में असलम खान सचिव हैं। दोनों ही प्रतिनियुक्ति पर हैं। उनका तर्क है कि इतना बजट ही नहीं मिलता कि अतिरिक्त काम हो सके। जिम्मेदारों के अपने-अपने तर्क काम: मदरसों को हाइटेक करना था। धर्म के साथ अन्य विषय पढ़ाने थे। छात्रों का कौशल निखारना था।ये किया: अनुदान पर निर्भर रहे। केंद्र ने फंड देना बंद किया तो मदरसे भी बंद हो गए। प्रचार-प्रसार बंद, छात्रों की संख्या भी हुई कम।हमें तो बजट ही नहीं मिल रहा है। हर साल पांच से छह करोड़ का बजट मांगा जाता है। आधे से भी कम मिलता है। अभी तो कई साल से वो भी नहीं मिला। कैसे काम होगा। - अलताफ अहमद, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ मदरसा बोर्ड काम: उर्दू को बढ़ावा देने अभियान-कार्यक्रम करने थे। लाइब्रेरी अपडेट करनी थी। प्रोत्साहित करना था।ये किया: कार्यक्रम-अभियान कभी कुछ नहीं चलाया। लाइब्रेरी के लिए किताबों की खरीदी नहीं की। वेबसाइट तक नहीं बना पाए।उर्दू को बढ़ावा देने समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित कराए गए हैं। लोग उर्दू के प्रति आकर्षित हो इसके लिए हर संभव प्रयास किए। फंड की कमी भी बड़ा मुद्दा है।”- इदरीश गांधी, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य उर्दू अकादमी
घूमने के शौकीनों के लिए बारिश का सीजन सुहाना है ही, लेकिन इसने खतरे भी बढ़ा दिए हैं। फिसलन भरे पहाड़ों में सेल्फी लेने के चक्कर में युवा खुद को खतरे में डाल रहे हैं। सरायपाली से आगे शिशुपाल पहाड़ पर भी यही स्थिति है। खड़ी ढाल वाले इस पहाड़ पर अब जलप्रपात भी बन चुका है। पिछले पांच साल में यहां से गिरकर करीब 15 मौतें हो चुकी हैं। भास्कर टीम इस खतरे का जायजा लेने पहाड़ के ऊपर तक गई। यहां चढ़ते-चढ़ते सांस फूल गई और कई बार रुकना पड़ा। यहां कुछ दूर तक सीढ़ियां हैं मगर उसके आगे पत्थरों पर चलकर ही जाना पड़ा। रास्ते भर युवा पर्यटक आते-जाते मिलते रहे। ऊपर एक बड़ा पथरीला मैदान जैसा इलाका है। यहीं से बारिश का पानी जलप्रपात के रूप में पहाड़ से 350 मीटर नीचे गिरता है। यहां से नीचे का नजारा बहुत भव्य है। लेकिन इस पहाड़ के किनारे जाना बेहद खतरनाक है। काई के कारण पत्थरों पर फिसलन बढ़ गई है। पर लापरवाह युवा कगार के नजदीक तक पहुंचकर फोटो खिंचवाते नजर आए। उन्हें ऐसा करने से रोकने के लिए न बोर्ड है न कोई रेलिंग। एक स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि एक बार युवाओं का एक दल यहां था। अचानक बारिश शुरू हो गई। इससे बचने सब दौड़ने लगे। इसी दौरान फिसलने से एक युवक नीचे गिर गया और उसकी जान चली गई थी। वन विभाग ने चढ़ाई की शुरुआत में ही एक बैरियर लगाया है,जहां 20 रुपए प्रति व्यक्ति शुल्क लिया जाता है। रील बनाने के ट्रेंड से खतरे बढ़े हैं। इसे ध्यान में रखते हुए पहाड़ पर रेलिंग लगाई जाएगी, जिससे आगे जाने पर प्रतिबंध लग सके। ऊपर चढ़ने में आसानी के लिए सीढ़ियां बनाई जा रही हैं। - मयंक पांडे, डीएफओ, महासमुंद
रिवासा फ्लाईओवर पर ‘जानलेवा कट'
महेंद्रगढ़ | शहर में स्टेट हाईवे 148बी का निर्माण होने के बाद शहर में रिवासा के पास दूसरी साइड का फ्लाई ओवर भी बनकर तैयार हो चुका है, जिस पर आवागमन शुरू है। शहर की तरफ फ्लाईओवर खत्म होते ही बना कट लगातार हादसों का कारण बन रहा है। बीते माह इस अवैध कट के चलते पाली के एक व्यक्ति की मौत भी हो चुकी है। इसके बाद भी लगातार इस कट पर आए दिन छोटे-मोटे हादसे हो रहे हैं। फ्लाईओवर की ओर से तेज गति से आते वाहन चालकों को नहीं पता होता कि यहां कट है। कट से अचानक से लोग वाहनों को ले आते हैं जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। लोगों ने प्रशासन से इस कट को या तो बंद करने या फिर इस कट के आसपास संकेतक चिह्न बनाने की मांग की है ताकि इस स्थान पर हो रहे हादसों को रोका जा सके।
जिला स्तरीय सीनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता आज महेंद्रगढ़ में होगी
महेंद्रगढ़ | जिला एथलेटिक्स संघ 6 जुलाई को सीनियर एथलेटिक्स प्रतियोगिता कराएगा। आयोजन खेल स्टेडियम महेंद्रगढ़ में होगा। ओज्स स्पोर्ट्स एकेडमी इसका सहयोगी रहेगा। संघ के सचिव प्रदीप यादव और कोच सुरत गुर्जर ने बताया कि प्रतियोगिता में 16 वर्ष से ऊपर के खिलाड़ी भाग ले सकेंगे। सभी खिलाड़ियों को आधार कार्ड, जन्म प्रमाण-पत्र, दसवीं की मार्कशीट और पासपोर्ट साइज फोटो साथ लाना जरूरी है। उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता 15 और 16 जुलाई को करनाल के कर्ण स्टेडियम में होगी। इसमें 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर, 1500 मीटर, 5000 मीटर, 10000 मीटर दौड़ और 3000 मीटर स्टीपलचेज शामिल हैं। इसके अलावा 5000 मीटर और 10000 मीटर पैदल चाल, लंबी कूद, ऊंची कूद, तिहरी कूद, गोला फेंक, भाला फेंक और चक्का फेंक की स्पर्धाएं भी होंगी।
भ्रष्टाचार की जांच को लेकर पंच का आमरण तीन दिन जारी
भास्कर न्यूज | महेंद्रगढ़ डॉ. भीमराव अंबेडकर चौक पर गांव माजरा खुर्द निवासी सुरेंद्र यादव पंच द्वारा गांव के सरपंच के खिलाफ जारी आमरण अनशन शनिवार को तीसरे दिन में प्रवेश कर गया। गांव के अन्य लोगों ने भी अपना समर्थन देकर पंचायत में किए गए भ्रष्टाचार की जांच उच्च स्तरीय एजेंसी द्वारा कराए जाने की मांग की। आमरण अनशन पर बैठे सुरेंद्र सिंह यादव पंच ने कहा कि 3 दिन भी बीत जाने के बाद भी शासन और प्रशासन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। एक तरफ सरकार एवं प्रशासन शिविर लगाकर जल्द ही लोगों की समस्याओं का समाधान करने का दिखावा कर रहे हैं, वहीं उनके द्वारा समाधान शिविर में भेजी गई शिकायत का कोई समाधान न होने के कारण उन्हें आमरण अनशन पर बैठना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी सत्ताधारी पार्टी से जुड़े हैं जिनके दबाव में शासन व प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा। आज के आमरण अनशन पर राधा, मुकेश, सुमन, अशोक कुमार, हरि सिंह, जगदीश महाराज, भूप सिंह ढाणी फोगाट, रमेश बवाना, बलजीत चितलांग, ब्रह्मानंद वाल्मीकि, राजाराम सुरजन वास, ईश्वर सुरजनवास, सुरेश, अशोक, धर्मवीर,वेद प्रकाश, महेंद्र सिंह लंबरदार, पवन कुमार, शशिकांत, संदीप, निशा, नरदेव, रणवीर सहित अन्य ग्रामीण एवं गैर सरकारी संस्थाओं ने आमरण अनशन पर शिरकत कर सुरेन्द्र पंच के गांव में भ्रष्टाचार की शिकायत पर उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की।
सड़क सुरक्षा जीवन रक्षा कार्यक्रम के जरिए 31 जुलाई तक पढ़ाएंगे जागरूकता का पाठ
भास्कर न्यूज | महेंद्रगढ़ जिले में 1 से 31 जुलाई तक सड़क सुरक्षा, जीवन रक्षा कार्यक्रम चलेगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन व जिला एवं सत्र न्यायाधीश नरेंद्र सुरा और मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी व प्राधिकरण सचिव नीलम कुमारी के मार्गदर्शन में प्रतियोगिताएं होंगी। जिला शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त यादव के निर्देश पर जिले के स्कूलों में ये आयोजन होंगे। रेड क्रॉस सोसाइटी के उपमंडल को-ऑर्डिनेटर राजेश शर्मा झाड़ली ने बताया कि नीलम कुमारी की अध्यक्षता में सभी ब्लॉकों के को-ऑर्डिनेटरों की बैठक हुई। इसमें कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई। छात्रों और आमजन को जागरूक करने के लिए श्लोक लेखन, चित्रकला और वाद-विवाद प्रतियोगिताएं होंगी। 10 जुलाई को सभी सरकारी और निजी स्कूलों में विद्यालय स्तर पर प्रतियोगिता होगी। 22 जुलाई को खंड स्तर पर और 30 जुलाई को जिला स्तर पर प्रतियोगिता करवाई जाएगी। इसमें पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर आने वाले छात्र भाग लेंगे। विद्यालय, कॉलेज, विश्वविद्यालय और सार्वजनिक स्थानों पर नुक्कड़ नाटक के जरिए भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। इस मौके पर टेकचंद यादव, राजेश शर्मा, चरण सिंह, यशपाल सिंह, दीपक शर्मा, हंसराज गुर्जर, पवित्रा यादव, मुकेश रोहिल्ला, नरेश कुमार, विजय कुमार, विक्रम सिंह, अनूप कुमार, अजय कुमार, राजेश कुमार और अशोक कुमार मौजूद रहे। खंड स्तर पर कोऑर्डिनेटरों को सौंपी गई जिम्मेदारी जिला डिवीजन कमांडर टेकचंद यादव ने बताया कि कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए खंड स्तर पर को-ऑर्डिनेटरों को जिम्मेदारी दी गई है। वे अपने क्षेत्र के स्कूलों में जाकर बच्चों को जागरूक करेंगे। खंड शिक्षा अधिकारी अलका ने बताया कि महेंद्रगढ़ खंड के सभी स्कूलों में तैयारी पूरी है। स्कूल प्रमुखों को निर्देश दिए गए हैं कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को भाग लेने के लिए प्रेरित करें। साथ ही चेतना रैली निकालकर गांवों में जाकर लोगों को जागरूक करें।
इनके कारण हादसे भी... अकसर दोपहिया वाहनों के पीछे पड़ जाते हैं कुत्ते
भास्कर न्यूज | महेंद्रगढ़ शहर और आसपास के इलाकों में इन दिनों कुत्तों और बंदरों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। हर गली-मोहल्ले और मुख्य सड़कों पर कुत्तों के झुंड घूमते नजर आते हैं। राह चलते लोगों पर हमला कर रहे हैं। बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों को ज्यादा निशाना बना रहे हैं। बीते छह माह में कुत्ते, बंदर, बिल्ली और चूहे के काटने के 1272 मामले सरकारी अस्पताल में दर्ज हुए हैं। इनमें सबसे ज्यादा 155 मामले जून में कुत्तों के काटने के रहे। प्रशासन का इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं है। गौरतलब है कि लोग बंदरों के आतंक से पहले ही काफी परेशान हैं। बंदरों का आतंक कई वर्षों से लगातार शहर व क्षेत्र के लोग झेलते आ रहे हैं। बंदरों के आतंक से कई बार लोग छतों से गिरकर घायल हो चुके हैं। वहीं अनेक लोगों को बुरी तरह से काटने के मामले भी सामने आए हैं। हाल ही में एक लड़की को बंदर ने सिर पर इतना अधिक काट लिया कि उसे उपचार के लिए रोहतक से उपचार लेना पड़ा। अब कुत्तों के आतंक से भी लोग दुखी हो रहे हैं। क्षेत्र में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। घर से निकलो तो हर ओर बस कुत्तों का ही झुंड नजर आता है। ये कुत्ते अचानक बाइक और स्कूटी सवार पर हमला कर देते हैं। इस कारण कई बार हादसे भी हो चुके हैं। शहर के एक भवन में आराम फरमाता कुत्तों का झुंड। कुत्ता, बंदर और बिल्लियों के काटने के 300 मामले हर माह हर महीने 250 से 300 मामले कुत्ता, बंदर और बिल्लियों के काटने के सामने आ रहे हैं। सरकारी अस्पताल में 6 माह में 1272 मामले आए। जून में 177 मामलों में 155 कुत्तों, 16 बंदरों, 2 बिल्लियों और एक चूहे के काटने के केस दर्ज हुए। अप्रैल से अब तक 582 मामले इनके काटने के आ चुके हैं। वर्ष 2023 में करीब 1600 मामले आए थे। इस साल अब तक 1300 मामले हो चुके हैं। अनुमान है कि यह संख्या 2500 पार कर सकती है। वर्षों पहले कुत्तों व बंदरों की संख्या पर रोक लगाने के लिए प्रशासन की ओर से इनकी नसबंदी व अन्य उपाय अपनाए जाते थे, परंतु अब अब प्रशासन गंभीर नहीं दिख रहा। ऐसे में साल दर साल इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। इनके काटने पर वैक्सीन लगवाई जाती है, जो कभी-कभी सरकारी अस्पताल में सप्लाई न होने से खत्म हो जाती है। वैक्सीन की कमी के कारण कई बार लोगों को बाहर से 300 से 400 रुपए खर्च कर वैक्सीन लगवानी पड़ती है। शिकायतें मिली हैं, हाउस में प्रस्ताव लाएंगे : नपा सचिव ^शहर में कुत्तों व बंदरों के आतंक की शिकायतें मिली हैं। लोगों की परेशानियों को देखते हुए इस पर हाउस में प्रस्ताव करवाकर इनके आतंक से छुटकारा दिलवाने को लेकर कदम उठाए जाएंगे। -अनिल कुमार, सचिव, नगर पालिका, महेंद्रगढ़। बंदर-कुत्तों के काटने पर बरतें ये सावधानियां अस्पताल के चिकित्सकों के अनुसार कुत्ते, बंदर आदि के काटने से होने वाले घाव को लेकर घबराए नहीं, बल्कि सावधानी जरूर बरतें। साबुन और पानी से इस घाव को कुछ सेकेंड नहीं बल्कि 5-10 मिनट तक धोएं। इस पर डिटोल, बीटाडीन जैसे एंटीसेप्टिक लगाएं। यह जानना जरूरी है कि लोगों में धारणा है कि सिर्फ कुत्ते के काटने से हो रैबीज होता है, बंदर व अन्य जानवर के काटने से नहीं। यह बिल्कुल गलत धारणा है। इसके काटने से भी रैबीज हो सकता है। घाव को तुरंत धोने के बाद डॉक्टर से संपर्क करें 24 घंटे में रैबीज की वैक्सीन अवश्य लगवा लें। सरकारी अस्पताल में निर्धारित शेड्यूल के अनुसार पूरी वैक्सीन लगवाएं। कोर्स अधूरा छोड़ने पर इसके परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
आरपीएस की पूर्वा सिंह सीयूईटी-यूजी में हरियाणा टॉपर, देश में तीसरा स्थान
भास्कर न्यूज | महेंद्रगढ़ आरपीएस स्कूल की छात्रा पूर्वा सिंह पुत्री कुलदीप सिंह ने सीयूईटी-यूजी 2025 परीक्षा में हरियाणा में पहली और देशभर में तीसरी रैंक हासिल की। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी ने शुक्रवार को सीयूईटी-यूजी 2025 के नतीजे घोषित किए। पूर्वा ने 1205.17 अंक प्राप्त किए। यह उपलब्धि न केवल पूर्वा के लिए, बल्कि पूरे आरपीएस परिवार और प्रदेश के लिए गर्व का क्षण है। अब वह एसआरसीसी कॉलेज में दाखिला लेना चाहती हैं। आरपीएस की प्राचार्या शिवा यादव ने बताया कि पूर्वा की मेहनत और लगन ने यह मुकाम दिलाया। चेयरपर्सन डॉ. पवित्रा राव, सीईओ इंजीनियर मनीष राव, डिप्टी सीईओ कुनाल राव सहित पूरे आरपीएस परिवार ने पूर्वा को बधाई दी। सीईओ मनीष राव ने कहा कि यह सफलता शिक्षकों, अभिभावकों और कर्मचारियों के सामूहिक प्रयास का नतीजा है। डॉ. पवित्रा राव ने कहा कि आरपीएस के छात्र हर क्षेत्र में जिले, राज्य और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। गौरतलब है कि पूर्वा दसवीं में स्कूल टॉपर रही। बारहवीं में 98.6 प्रतिशत अंक हासिल किए। स्कूल की हेड गर्ल रही। बाल महोत्सव 2024 में रिक्लेमेशन प्रतियोगिता में पहला स्थान पाया।
हैप्पी स्कूल के छात्र चित्राक्ष का शूटिंग में राष्ट्रीय स्तर पर चयन
महेंद्रगढ़ | दिल्ली में 2 से 4 जुलाई तक हुई 10वीं हरियाणा शूटिंग चैंपियनशिप 2025 में महेंद्रगढ़ के हैप्पी एवरग्रीन सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र चित्राक्ष ने शानदार प्रदर्शन किया। हरियाणा इंटर स्कूल शूटिंग चैंपियनशिप के तहत हुई इस प्रतियोगिता में चित्राक्ष ने 400 में से 365 अंक हासिल किए। इस प्रदर्शन के आधार पर उसने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जगह पक्की कर ली है। चित्राक्ष के कोच कैप्टन रामकिशन यादव ने बताया कि वह मेहनती और लगनशील छात्र है। हर बार अपना शत-प्रतिशत देने की कोशिश करता है और सफल भी होता है। इससे पहले चित्राक्ष ने एकलव्य शूटिंग अकादमी द्वारा आयोजित खेलो महाकुंभ में भी शीर्ष 3 खिलाड़ियों में स्थान पाया था। विंग प्रभारी ईश्वर सिंह और प्राचार्य डॉ. जेएस कुंतल ने कहा कि निशानेबाजी छात्रों के लिए कई तरह से लाभदायक है। स्कूल के प्रबंध निदेशक मनीष अग्रवाल, मैनेजर चंचल अग्रवाल, संचालक सुभाष चंद्र अग्रवाल और उप संचालिका कौशल्या अग्रवाल ने चित्राक्ष को शुभकामनाएं दीं।
दुलोठ अहीर में पेट्रोल पंप से 3 बदमाशों ने फायरिंग कर लूटे 3 लाख 38 हजार रुपए
महेंद्रगढ़ | राजस्थान की सीमा से सटे महेंद्रगढ़ के गांव दुलोठ अहीर स्थित एक पेट्रोल पंप से तीन बदमाश फायरिंग कर 3.38 लाख रुपए की लूटकर फरार हो गए। पंप कर्मचारियों ने घटना की सूचना पंप संचालक अशोक को दी। उन्होंने डायल 112 पर पुलिस को सूचना दी। सूचना के बाद सदर थाना प्रभारी टीम सहित मौके पर पहुंच गए। पुलिस मौके से फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट की सहायता से मौके से साक्ष्य जुटाए गए। पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज भी खंगालकर आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। पंप संचालक अशोक कुमार ने बताया कि 3 आरोपी शाम 7:05 बजे हाथों में पिस्तौल लहराते हुए पंप परिसर में घुसे। आरोपी सफेद रंग की बिना नंबरों वाली स्विफ्ट डिजायर गाड़ी में सवार होकर आए थे। इनमें से एक आरोपी गाड़ी में बैठा रहा। अन्य दो ने आते ही दो फायर किए और कर्मचारी को थप्पड़ मारा। कर्मचारियों को डराकर उनकी जेब में रखा कैश छीन लिया। इसके बाद बदमाश कार्यालय में घुस गए। कर्मचारियों के सिर पर पिस्तौल तानकर अलमारी की चाबी छीन ली। अलमारी में रखा करीब 3.38 लाख रुपए का कैश लूटकर आरोपी 7:10 पर राजस्थान की तरफ भाग गए। एक माह पहले हटाया बार्डर से पुलिस नाका गांव दुलोठ अहीर के सरपंच देवेंद्र ने बताया कि एक माह पहले ही राजस्थान बार्डर पर लगा पुलिस नाका हटा लिया गया था। यह नाका हटते ही इस प्रकार की बड़ी वारदात होने लगी है। उनकी मांग की है कि यह नाका पुन: शुरू किया जाए। महज 5 मिनट में वारदात को अंजाम देकर बदमाश गाड़ी में सवार होकर भाग गए। राजस्थान हरियाणा की सीमाएं होने के कारण अपराधी यहां वारदात को अंजाम देकर राजस्थान की ओर फरार हो जाते हैं।
लक्ष्मी नारायण को पूजने व सेवा करने पर भगवान की कृपा स्वतः ही होती है : भारद्वाज
महेंद्रगढ़ | गांव खातोदड़ा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथा वाचक पंडित कुलदीप भारद्वाज ने भगवान की अनेक लीलाओं में श्रेष्ठतम लीला रास लीला का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि रास तो जीव का शिव के मिलन की कथा है। यह काम को बढ़ाने की नहीं काम पर विजय प्राप्त करने की कथा है। इस कथा में कामदेव ने भगवान पर खुले मैदान में अपने पूर्व सामर्थ्य के साथ आक्रमण किया, लेकिन वह भगवान को पराजित नहीं कर पाया, उसे ही परास्त होना पड़ा है। रास लीला में जीव का शंका करना या काम को देखना ही पाप है। गोपी गीत पर व्यास ने कहा जब तब जीव में अभिमान आता है भगवान उनसे दूर हो जाता है, लेकिन जब कोई भगवान को न पाकर विरह में होता है तो श्रीकृष्ण उस पर अनुग्रह करते हैं, उसे दर्शन देते हैं। भगवान श्रीकृष्ण के विवाह प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम विवाह विदर्भ देश के राजा की पुत्री रुक्मणी के साथ संपन्न हुआ, लेकिन रुक्मणी को श्रीकृष्ण द्वारा हरण कर विवाह किया गया। इस कथा में समझाया गया कि रुक्मणी स्वयं साक्षात लक्ष्मी हैं और वह नारायण से दूर रह ही नहीं सकतीं। यदि जीव अपने धन अर्थात लक्ष्मी को भगवान के काम में लगाए तो ठीक नहीं तो फिर वह धन चोरी द्वारा, बीमारी द्वारा या अन्य मार्ग से हरण हो ही जाता है। धन को परमार्थ में लगाना चाहिए और जब कोई लक्ष्मी नारायण को पूजता है या उनकी सेवा करता है तो उन्हें भगवान की कृपा स्वत ही प्राप्त हो जाती है।
बेटियां होती हैं सबसे प्यारी, इनको बोझ न समझो पड़ेगा भारी : डॉ. जीत शर्मा
भास्कर न्यूज | महेंद्रगढ़ उप स्वास्थ्य केंद्र रिवासा में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर जागरूकता बैठक हुई। अध्यक्षता सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी बीरबल ने की। इसमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मालडा बांस के चिकित्सा अधिकारी डॉ. जीत शर्मा, स्वास्थ्य निरीक्षक रणबीर सिंह और स्वास्थ्यकर्मी मुकेश चौहान विशेष रूप से मौजूद रहे। संचालन समाजसेवी सुनील यादव उर्फ सोनू ने किया। उन्होंने कहा कि परिवार का संतुलन बनाए रखने के लिए लड़का और लड़की दोनों जरूरी हैं। डॉ. जीत शर्मा ने कहा कि इस योजना का मकसद लिंग अनुपात सुधारना है। महिलाओं के साथ भेदभाव रोकना, बेटियों का अस्तित्व बचाना, उनकी सुरक्षा और शिक्षा सुनिश्चित करना इसका उद्देश्य है। उन्होंने कहा बेटियां सबसे प्यारी होती हैं, इनको बोझ समझोगे तो भारी पड़ेगा। स्वास्थ्य निरीक्षक रणबीर सिंह और स्वास्थ्यकर्मी मुकेश चौहान ने कहा कि बेटियां स्वर्ग की सीढ़ी हैं। अगर बेटियों को गर्भ में ही मारते रहे या उनके जन्म पर घृणा करते रहे तो अगली पीढ़ी नहीं बढ़ेगी। एएनएम कमला देवी और रितु ने कहा कि आज लड़कियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। इस मौके पर एएनएम कमला, रितु, स्वास्थ्यकर्मी मनोज देवास, डॉ. महेंद्र सिंह, आशा वर्कर सुनीता, जगता, आंगनबाड़ी वर्कर बबीता, सलोचना, हेल्पर रेशम, पंच अनीता, शारदा, कृष्णा, मुन्नी, कविता, संसार, सहीराम, मोतीलाल, हनुमान, संजय, नरेश, मनोज, राजेन्द्र सहित अन्य मौजूद रहे।
जागरूकता अभियान में छात्रों, शिक्षकों व स्टाफ को दी नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी
महेंद्रगढ़ | हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो नशे के खिलाफ लगातार सक्रिय है। शुक्रवार को ब्यूरो की रेवाड़ी यूनिट ने जीनियस एकेडमी में विशेष जागरूकता अभियान चलाया। इसमें छात्रों, शिक्षकों और स्टाफ को नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी दी गई। कार्यक्रम एनसीबी प्रमुख व पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के मार्गदर्शन, पुलिस अधीक्षक पंखुड़ी कुमार के नेतृत्व और उप पुलिस अधीक्षक गनेन्द्र शर्मा के निर्देशन में हुआ। कार्यक्रम का संचालन रेवाड़ी यूनिट इंचार्ज निरीक्षक नीरज कुमार ने किया। सहायक उप निरीक्षक सुनील कुमार और संस्थान के डायरेक्टर अमित कुमार ने छात्रों को बताया कि नशा शरीर, मन, परिवार और समाज को नुकसान पहुंचाता है। नशे की गिरफ्त में आए युवा न केवल अपना भविष्य खराब करते हैं, बल्कि समाज को भी अंधकार की ओर ले जाते हैं। हरियाणा सरकार और एनसीबी की ओर से चलाए जा रहे नमक लोटा अभियान’, साइक्लोथॉन मुहिम’ और नशा मुक्त जीवन-बेकैट चैलेंज’ जैसी पहलें युवाओं को जोड़ रही हैं। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को नशा न करने की शपथ दिलाई गई। जनसमूह से अपील की गई कि नशा तस्करों की सूचना देने में सहयोग करें। इसके लिए टोल फ्री नंबर 1933, ऑनलाइन पोर्टल ncbmanas.gov.in, हरियाणा एनसीबी नंबर 90508-91508 या रेवाड़ी इंचार्ज के नंबर 9813136557 पर संपर्क करें।
बिजली निगम में जागरण 7 को होगा
महेंद्रगढ़ | हर वर्षों की भांति इस वर्ष भी दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम महेंद्रगढ़ के कर्मचारियों द्वारा कुरहावटा रोड स्थित बिजली बोर्ड कार्यालय प्रांगण में हनुमान जी के रोट का आयोजन 8 जुलाई को किया जाएगा। यह कार्यक्रम समस्त बिजली कर्मचारियों की ओर से लगातार आयोजित किया जा रहा है। बिजली कर्मचारियों ने बताया कि 7 जुलाई को रात्रि जागरण एवं भजन संकीर्तन, 8 जुलाई सुबह 8 बजे हवन, इसके पश्चात बाबा बजरंग बली के प्रसाद का वितरण शुरू किया जाएगा। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को पहुंच कर प्रसाद ग्रहण करने का आह्वान किया है।
गुरु दक्ष प्रजापति जयंती समारोह 13 को
महेंद्रगढ़ | राज्य स्तरीय गुरु दक्ष प्रजापति जयंती समारोह 13 जुलाई को भिवानी में आयोजित होगा। कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि होंगे, कैबिनेट मंत्री रणवीर सिंह गंगवा कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। यह आयोजन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि समाज के स्वाभिमान, संस्कृति और संगठनात्मक शक्ति का प्रतीक बनेगा। भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन (बीपीएचओ) जिला महेंद्रगढ़ के अध्यक्ष तेजपाल प्रजापति मालड़ा ने बताया कि यह दिन समाज के लिए विशेष महत्व रखता है। समाज में जागरूकता और एकजुटता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बीपीएचओ द्वारा एक दिन समाज के नाम नामक विशेष मुहिम भी चलाई जा रही है। तेजपाल प्रजापति मालड़ा ने समाज के सभी वर्गों युवा, मातृशक्ति, वरिष्ठजन और बच्चों से अपील की कि वे इस दिन को अपनी पहचान, संस्कृति और संगठन के प्रति समर्पित करें और पूरे उत्साह से इस ऐतिहासिक आयोजन में भाग लें। इस आयोजन में हरियाणा सरकार का शीर्ष नेतृत्व भी उपस्थित रहेगा।
खैरोली में शौर्य चक्र विजेता कृष्ण कुमार की पुण्य तिथि पर विधायक ने किया नमन
भास्कर न्यूज | महेंद्रगढ़ गांव खैरोली में अमर शहीद शौर्य चक्र विजेता कृष्ण कुमार की 13वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा हुई। विधायक कंवर सिंह यादव ने शहीद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। उन्होंने कहा सेना का हर जवान देश की रक्षा के लिए तैयार रहता है। शहीद कृष्ण कुमार ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा। विधायक ने कहा युवाओं को शहीद के साहस और शौर्य से प्रेरणा लेनी चाहिए। ऐसे वीर सपूतों पर देश को गर्व है। उनकी वीरता को कभी भुलाया नहीं जा सकता। शहीद कृष्ण कुमार को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। शहीद स्थल पर पहुंचे ग्रामीणों ने भी श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर चिरंजीलाल, महेन्द्र, सतबीर सिंह, राकेश, पूर्व सरपंच मनीराम, छाजियावास सरपंच पप्पू, मास्टर बाबूलाल सहित कई ग्रामीण मौजूद रहे।
महासमुंद ब्लॉक में ग्रामीणों ने प्राथमिक स्कूल गुड़ेलाभाठा को मुनगोसर में युक्तियुक्तकरण के विरोध में नाराजगी जताई है। ग्रामीण अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे हैं। स्कूल खुलने के 18 दिन बाद भी एक भी बच्चा स्कूल नहीं गया है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। ग्रामीणों ने गांव के सामुदायिक भवन में खुद की पाठशाला शुरू कर दी है। इसमें करीब 95 स्कूली बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं।
भास्कर न्यूज | जींद शहर में नगर परिषद का डोर टू डोर कचरा उठान का टेंडर 30 जून को खत्म हो गया। इसके बाद से शहर में कचरा प्वाइंटों की संख्या तेजी से बढ़ी है। पहले 8 प्वाइंट थे, अब 20 से ज्यादा हो गए हैं। लोग अब सड़कों के किनारे ही कचरा फेंक रहे हैं। रोहतक रोड पर पहले एक प्वाइंट था, अब वहां चार जगह कचरा डाला जा रहा है। लोग कचरा गाड़ी का इंतजार नहीं करते, पहले ही सड़क पर कूड़ा डाल देते हैं। नगर परिषद ने सफाई का ठेका खत्म होने के बाद खुद ही कचरा उठाने का जिम्मा संभाला है। जब तक नया टेंडर नहीं होता, तब तक परिषद के 198 कर्मचारी सफाई और कचरा उठान दोनों का काम कर रहे हैं। पहले 45 टीपर गाड़ियां व 12 ट्रैक्टर-ट्रॉली लगाई गई थीं, अब 31 टीपर और 10 ट्रैक्टर-ट्रॉली से काम चलाया जा रहा है। कुछ कचरा उठान एजेंसी द्वारा हायर किए गए थे। वह टीपर बंद हो गए हैं। शहर में 5 दिनों में बढ़े 12 कचरा प्वाइंट: इसी माह स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम आने की संभावना है। पिछले साल जींद को प्रदेश में 17वीं रैंक मिली थी। स्कोर 3004.8 रहा था। इस बार नगर परिषद रैंकिंग सुधारने का दावा कर रही है। परिषद का कहना है कि शहर में अब केवल 8 कचरा प्वाइंट हैं लेकिन हकीकत यह है कि शहर में 20 से ज्यादा जगहों पर कचरा फेंका जा रहा है। बीते 5 दिनों में ही 12 नए प्वाइंट बन गए हैं। यहां पर नप ने बंद करा दिया था। लेकिन अब फिर से शुरू हो गया है। रोहतक रोड पर रेलवे अंडरपास के नजदीक, एसबीआई के पास, बाइक रिपेयर मार्केट के पास, विश्वकर्मा चौक से 50 मीटर दूर लाल बत्ती चौक की तरफ। वहीं बीएसएनएल ब्रांच के पास, सफीदों रोड सहित अन्य जगहों पर लोगों ने फिर से कचरा डालना शुरू कर दिया है। अर्बन स्टेट निवासी पूनम, रोहताश, दिनेश, जयपाल का कहना है कि उनके क्षेत्र में नगर परिषद की गाड़ी तो कभी कभार ही पहुंचती है। वह रेहड़ी वाले को हर महीने 200 रुपए देते हैं। जो उनका कचरे का उठान करते हैं। ^स्वच्छता सर्वेक्षण कभी भी हो सकता है। इसकी जानकारी पहले नहीं मिलती। सफाई टेंडर खत्म होने के बाद नगर परिषद 198 कर्मचारियों के साथ सफाई कर रही है। कचरा प्वाइंट बढ़े नहीं हैं। तीन माह पहले 45 कचरा प्वाइंट थे, जिनमें से 37 हटाए गए। अब 8 बचे हैं, जहां लोग दिनभर कचरा डालते हैं। सुबह उसकी सफाई की जाती है। -ऋषिकेश चौधरी, ईओ, नगर परिषद जींद।
दादरी में बृजभूषण सिंह का विरोध करेंगी खाप पंचायतें
जींद | भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के चरखी दादरी के बौंदकलां गांव में आने पर जींद की खाप पंचायतों ने विरोध जताया है। शनिवार को माजरा खाप पंचायत के प्रधान और खाप पंचायतों के महासचिव गुरविंदर सिंह संधू, कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश कंडेला और लाठर बारहा के प्रधान बसाऊ राम लाठर ने बैठक की। गुरविंदर सिंह संधू ने कहा कि जिस व्यक्ति पर महिला पहलवानों ने यौन शोषण और छेड़छाड़ के आरोप लगाए, उसके खिलाफ कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज हुई। उसे पद छोड़ना पड़ा। वही नेता रविवार को बौंदकलां गांव में मुख्य अतिथि बनकर आ रहा है। हरियाणा की महिला पहलवान रचना ने वियतनाम में हुई अंडर-17 एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। इसी उपलक्ष्य में सम्मान समारोह रखा गया है। इसमें बृजभूषण सिंह को मुख्य अतिथि बनाया गया है। नौगामा खाप के प्रधान सुरेश बहबलपुर और माजरा खाप के प्रवक्ता समुद्र ने आयोजन समिति की आलोचना की। उन्होंने कहा कि आरोपी पूर्व सांसद को मंच पर बुलाकर समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाई जा रही है। आयोजक भूल रहे हैं कि बेटी सबकी होती है, किसी एक की नहीं। रचना भी हमारी बेटी है। पहलवान बेटियों ने ही बृजभूषण पर आरोप लगाए थे। रचना की जीत पर हमें गर्व है। खाप पंचायतें उसे बधाई देती हैं। इस आयोजन में सांसद धर्मवीर और विधायक सुनील सांगवान को भी बुलाया गया है। खाप पंचायतों ने दोनों नेताओं से अपील की है कि वे आरोपी से दूरी बनाएं। अगर ये नेता आयोजन में गए तो जनता उनसे भी जवाब मांगेगी।