हर्षा रिछारिया फूट फूट कर रोईं, किया महाकुंभ छोड़ने का एलान
Prayagraj Mahakumbh Harsha Richhariya : प्रयागराज महाकुंभ का आज 5वां दिन है। महाकुंभ के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु संगम घाट पर पावन स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। अब तक 7 करोड़ से ज्यादा लोग संगम स्थल पर स्नान कर चुके हैं। इस बीच सोशल मीडिया पर ...
Prayagraj Mahakumbh News : विश्व के सबसे बड़े धार्मिक समागम में श्रद्धालुओं का आना और गंगा और त्रिवेणी में डुबकी लगाना अनवरत जारी है। मेला प्रशासन के मुताबिक 11 जनवरी से 16 जनवरी तक इन 6 दिनों में 7 करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में आस्था की डुबकी ...
डर के मारे भगवा रंग नहीं पहन रही हर्षा रिछारिया, जानिए क्या है वजह?
prayagraj mahakumbh 2025 : प्रयागराज महाकुंभ में सबसे ज्यादा चर्चा हर्षा रिछारिया की है। कोई उन्हें साध्वी कहता है तो कोई एंकर और मॉडल। कई लोगों को उनके भगवा पहनने पर भी आपत्ति है। उन्होंने हाल ही में एक बयान में कहा कि वे डर के मारे भगवा रंग नहीं ...
महाकुंभ में बिछड़ों को अपनों से मिला रहे हैं बिजली के खंभे, 50000 क्यूआर कोड का क्या है मामला
Prayagraj Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ मेले में भूले भटकों को मिलाने के लिए भूले-भटके शिविर लगाए जाते रहे हैं और इस बार तो महाकुंभ मेले में डिजिटल भूले-भटके शिविर भी लगे हैं। लेकिन बिछड़े लोगों को मिलाने और भटके हुए लोगों को रास्ता दिखाने में बिजली के ...
महाकुंभ में कल्पवास क्या है जानें क्यों करें? पढ़ें महत्व, लाभ और नियम के बारे में
important period of Kalpavas: वर्ष 2025 में 13 जनवरी से शुरू हुआ कुंभ मेला, विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक समागम है। इस मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं में से कुछ लोग एक विशेष तपस्या करते हैं, जिसे कल्पवास कहते हैं। कल्पवास का मतलब यह कहा जाता सकता है कि एक माह तक संगम के तट पर रहते हुए वेदों का अध्ययन, ध्यान और पूजा करना। ALSO READ: Prayagraj Kumbh 2025: महाकुंभ मेले में जा रहे हैं तो जान लें ये खास जानकारी आइए जानते हैं कल्पवास क्या है : धार्मिक मान्यतानुसार कल्पवास का शाब्दिक अर्थ है 'कल्प के लिए व्रत रखना' है। कल्प ब्रह्मा जी के एक दिन के बराबर होता है। हालांकि, कुंभ मेले में कल्पवास एक महीने के लिए किया जाता है। यह एक कठोर तपस्या है जिसमें व्यक्ति भोजन, पानी और नींद पर नियंत्रण रखता है और धार्मिक अनुष्ठानों में लीन रहता है। कुंभ मेले में कल्पवास का विशेष महत्व : कल्पवास एक कठिन तपस्या है, लेकिन यह आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का एक शक्तिशाली साधन है। कुंभ मेले में कल्पवास का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि कुंभ मेले में किया गया कल्पवास लाखों गुना फल देता है। कुंभ मेले के दौरान संगम में स्नान करने और कल्पवास करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। ALSO READ: चंद्रमा की इस गलती की वजह से लगता है महाकुंभ, जानिए पौराणिक कथा कल्पवास के लाभ कौन-कौनसे हैं : * कल्पवास करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य प्राप्त होता है। कल्पवास से शरीर स्वस्थ रहता है और मन शांत होता है। * आत्मविश्वास में वृद्धि : कल्पवास करने से व्यक्ति में आत्मविश्वास बढ़ता है। * कल्पवास से धैर्य और संयम : कल्पवास के दौरान व्यक्ति को धैर्य और संयम सीखने को मिलता है। * आध्यात्मिक विकास का समय : कल्पवास से व्यक्ति आध्यात्मिक रूप से विकसित होता है। कल्पवास के नियम क्या-क्या हैं ? : * कौनसा भोजन करें : कल्पवास के दौरान सात्विक भोजन किया जाता है। अक्सर फल, सब्जियां और दूध का सेवन किया जाता है। * कल्पवास में निद्रा कैसी होनी चाहिए : कल्पवास के दौरान कम से कम नींद ली जाती है और अधिक समय ध्यान और पूजा में लगाया जाता है। * कल्पवास में कैसे वस्त्र धारण करें : इस समयावधि में सफेद या पीले रंग के वस्त्र पहने जाते हैं। * नियमित स्नान क्यों है जरूरी : कल्पवास के समय में प्रतिदिन पवित्र नदी में स्नान करना आवश्यक होता है। * मंत्र जाप : कल्पवास के दिनों में विभिन्न मंत्रों का जाप किया जाता है। * धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन: कल्पवास में धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन किया जाता है। * ब्रह्मचर्य का पालन जरूरी : कल्पवास के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना बहुत जरूरी होता है। ALSO READ: खुद के पिंडदान से लेकर जननांग की नस खींचे जाने तक नागा साधु को देनी होती है कई कठिन परीक्षाएं, जानिए कैसे बनते हैं नागा साधु क्यों किया जाता है कल्पवास ? * कल्पवास का धार्मिक महत्व: हिंदू धर्म में कल्पवास को मोक्ष प्राप्ति का एक साधन माना जाता है। माना जाता है कि कल्पवास करने से सभी पाप धुल जाते हैं और व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। * आत्मशुद्धि का समय: कुंभ में कल्पवास के दौरान व्यक्ति अपने आपको शुद्ध करने और आत्म ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास करता है। * कल्पवास यानि ईश्वर से जुड़ाव: कल्पवास के माध्यम से व्यक्ति ईश्वर से जुड़ाव महसूस करता है और आध्यात्मिक विकास करता है। अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। ALSO READ: mahakumbh prayagraj 2025 में आस्था का सैलाब, अमृत स्नान पर्व पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में लगाई डुबकी
Prayagraj Kumbh 2025: महाकुंभ मेले में जा रहे हैं तो जान लें ये खास जानकारी
Kumbh mela 2025: इस वर्ष पौष पूर्णिमा स्नान के साथ ही उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आगाज हो गया है। पहले ही दिन महाकुंभ मेला में 1 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान करके पुण्य लाभ कमाया। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार 13 जनवरी 2025 से कुंभ मेला ...