दतिया में भांडेर के चिरगांव रोड स्थित पोला पहाड़ हनुमान मंदिर में सोमवार दोपहर एक युवक अचानक मंदिर परिसर में घुसा और श्री हनुमान महाराज की प्रतिमा को तोड़कर खंडित कर दिया। वहां रह रहे महंत पप्पू बाबा ने जब आरोपी को रोकने की कोशिश की, तो युवक ने उनके साथ अभद्रता की और हाथापाई करते हुए उनका मोबाइल भी तोड़ दिया। अचानक हुई घटना से महंत सहम गए और स्थानीय लोग भी मौके पर पहुंचने लगे। प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के बाद युवक भाग गया मंदिर पर मौजूद भक्तों ने बताया कि घटना दोपहर करीब 1 बजे की है। युवक बेहद उग्र अवस्था में दिखाई दे रहा था और किसी की बात नहीं सुन रहा था। प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के बाद वह मौके से भाग निकला। घटना की सूचना मिलते ही आसपास के लोग बड़ी संख्या में मंदिर पर जमा हो गए। प्रतिमा को खंडित किए जाने की खबर फैलते ही श्रद्धालुओं में नाराजगी फैल गई। मंदिर के महंत ने तुरंत घटना की जानकारी पुलिस को दी और लिखित आवेदन भी दिया। महंत के अनुसार आरोपी की पहचान हसापुर निवासी राघवेंद्र पाल के रूप में हुई है। महंत ने बताया कि आरोपी मंदिर में घुसते ही प्रतिमा को तोड़ने लगा। रोकने पर उसने उन पर हमला करने की कोशिश की और मोबाइल छीनकर फेंक दिया। जिससे वह टूट गया। शाम करीब 4 बजे महंत और स्थानीय भक्तों का समूह भांडेर थाने पहुंचा और कार्रवाई के लिए ज्ञापन सौंपा। भीड़ बढ़ने के बाद पुलिस भी सक्रिय हुई और तुरंत मंदिर पहुंचकर स्थिति की जांच की।
हाथरस। पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) प्रभारी धीरज गौतम पर युवकों के साथ मारपीट करने और मोबाइल फोन तोड़ने का आरोप लगा है। घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मामला कोतवाली हाथरस गेट क्षेत्र के मंडी समिति परिसर का है, जहां एसओजी प्रभारी का निवास है। जानकारी के अनुसार रविवार देर रात कुछ युवक अपने परिचित के यहां कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। उन्होंने अपनी गाड़ी मंडी समिति परिसर में खड़ी कर दी। इसी दौरान विवाद बढ़ा और आरोप है कि एसओजी प्रभारी ने युवकों से अभद्रता करते हुए मारपीट की। वीडियो बनाने पर उनके मोबाइल फोन भी तोड़ दिए गए। पीड़ित युवक विकास कुशवाहा का कहना है कि वह अपने जीजा के कार्यक्रम में शामिल होने गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि एसओजी प्रभारी ने गंदी गालियां देते हुए धक्का-मुक्की की। मामले का वीडियो वायरल होने के बाद युवकों ने पुलिस प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। धीरज गौतम ने आरोपों से इनकार किया उधर, एसओजी प्रभारी धीरज गौतम ने सभी आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि कुछ युवक उस समय परिसर में आतिशबाजी कर रहे थे और शराब के नशे में हंगामा कर रहे थे। उन्होंने केवल उन्हें रोका था, किसी से मारपीट नहीं की। गौतम ने बताया कि घटना के समय वह अपने आवास पर बिना वर्दी के थे। मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। मामला फिलहाल जांच में बताया जा रहा है।
बैतूल शहर के गंज क्षेत्र स्थित सोबेग सिंह साहनी एंड संस मेडिकल होलसेल एजेंसी में कार्यरत कर्मचारी निखिल वाईकर को दवाओं की चोरी करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। एजेंसी के संचालक कवलजोत सिंह साहनी ने सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। यह घटना 6 दिसंबर की रात करीब 9 बजे दुकान बंद होने के बाद हुई। जब कर्मचारी अपने-अपने घर जा रहे थे, तब दुकान के बाहर तैनात गार्ड दीपक मालवी और नरेश मेहरा ने निखिल वाईकर की जांच की। जांच के दौरान उसकी जुराबों (मोजों) में हेम्फर कैप्सूल, सुमोकोल टेबलेट, ममेट और पायोज टेबलेट के पैकेट मिले। इसके अलावा, उसकी स्कूटी (क्रमांक सीजी 12 एल 8797) की डिग्गी से दो जोमेट नेल स्प्रे भी बरामद हुए। स्टॉक में कमी मिलने पर की गई थी जांच एजेंसी संचालक कवलजोत सिंह के अनुसार, पिछले कुछ दिनों से दुकान के सिस्टम रिकॉर्ड में दवाइयों की गड़बड़ी सामने आ रही थी, जिसके चलते निखिल पर पहले से ही शक था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि निखिल दुकान से दवाइयां चोरी कर बाहर बेचता था। संचालक ने बताया कि निखिल के मोबाइल से चोरी का पूरा रिकॉर्ड, डॉक्टरों के साथ दो वॉयस रिकॉर्डिंग, कई चैट्स और लेन-देन के सबूत, और ग्राहकों के नामों की सूची बरामद हुई है। इस पूरे केस में निखिल की पत्नी भी सहयोगी बताई जा रही है, जो पैसों का लेन-देन संभालती थी। मामले की सभी जानकारी और सबूत पुलिस को सौंपे जा चुके हैं और एफआईआर दर्ज की गई है। एजेंसी संचालक के मुताबिक, घटना के बाद कुछ लोगों ने समझौते का दबाव बनाया, लेकिन उन्होंने किसी भी समझौते से इनकार कर दिया। कवलजोत सिंह ने कहा कि उनका उद्देश्य दोषियों को उजागर करना और दवा व्यवसाय की विश्वसनीयता बनाए रखना है।
बारां जिले के शाहाबाद और किशनगंज ब्लॉक में सहरिया समुदाय के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट के माध्यम से निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं। अनुभवी डॉक्टरों द्वारा गांव-गांव जाकर उपचार, जांच और दवाइयों का वितरण किया जा रहा है। ग्राम खेराई में आयोजित शिविर में 121 मरीजों की जांच कर उपचार प्रदान किया गया।
सवाई माधोपुर में ट्रेन से मोबाइल चुराने वाला पकड़ा:GRP ने फोन भी बरामद किया; स्लीपर से चुराकर भागा था
सवाई माधोपुर की जीआरपी थाना पुलिस ने ट्रेन से मोबाइल चुराने के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम ने रामअवतार उर्फ सुदामा को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से चोरी किया गया 5G मोबाइल भी बरामद किया है। सवाई माधोपुर जीआरपी थानाधिकारी हरिमन मीणा ने बताया कि रेलवे में बढ़ती संपत्ति संबंधी अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए शीर्ष अधिकारियों के निर्देश पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसे लेकर जीआरपी पुलिस की ओर से अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में थानाधिकारी हरिमन मीणा CI के नेतृत्व में गठित टीम के ASI ओमप्रकाश, कॉन्स्टेबल मुकेश कुमार, कॉन्स्टेबल मखनलाल ने टेक्निकल एनालिसिस और कॉल डिटेल के आधार पर आरोपी रामअवतार उर्फ सुदामा (27) पुत्र रज्जो निवासी सिरसौदा, थाना रूपवास, जिला भरतपुर को 7 दिसंबर 2025 को गिरफ्तार किया। आरोपी के कब्जे से चोरी गया ओप्पो 5G मोबाइल बरामद किया गया। पूछताछ में आरोपी ने डेढ़ासरावा एक्सप्रेस के कोच S/7 से मोबाइल चोरी करना स्वीकार किया। मामले में आरोपी को आज सोमवार को न्यायालय एसीजेएम रेलवे कोर्ट, कोटा में पेश किया जाएगा।
कोटा शहर में बीच बाजार एक युवक द्वारा चाकू लहराकर दहशत फैलाने का मामला सामने आया हैं। आरोप हैं कि चाकू की नोक पर एक गोल गप्पे का ठेला लगाने वाले युवक से बदमाश ने मोबाइल और गल्ले मे रखे पैसे जबरन छीन लिए। बदमाश ने युवक को चाकू की नोक पर डराया-धमकाया और बाजार में चाकू लहरा कर आम जन मे दहशत फैलाई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा। घटना रविवार शाम 7 बजे के आसपास महावीर नगर थाना क्षेत्र के संतोषी नगर चौराहे की है। पीड़ित जितेंद्र कुशवाह ने बताया कि वो संतोषी नगर चौराहे पर चाट पानी पूरी का ठेला लगाता है। रविवार शाम को ठेले पर कर्मचारी रामू काम कर रहा था। उसी समय इलाके का बदमाश देवा गुर्जर व सोनू मेहरा वहां आए। उन्होंने रामू से पैसे मांगे। रामू ने पैसे देने से इनकार किया तो देवा गुर्जर और सोनू मेहरा ने शराब के नशे में चाकू निकाल लिया और जबरदस्ती गल्ले में रखे 3 हजार रूपए निकाल लिए। और चाकू से जान से मारने की कोशिश की। मौके पर भीड़ जमा हो गई। बदमाशों ने आसपास लगे दो तीन ठेले पलट दिए। जितेंद्र ने बताया कि बदमाश लंबे समय से चौराहे पर चौथ वसूली कर रहे है।इसकी शिकायत महावीर नगर पुलिस थाने में की है।
खरीदी के बहाने बुलाया मोबाइल लूटकर भाग गए
भिलाई| कुम्हारी थाना अंतर्गत युवक से लूट का मामला सामने आया है। पीड़ित ने ऑनलाइन साइट पर अपना स्मार्टफोन बेचने के लिए विज्ञापन दिया, जिसे देखकर एक युवक ने मोबाइल देखने के बाहने उसे बुलाया। इसके बाद एटीएम से पैसे निकालकर देने के बहाने साथ ले जाकर उसका मोबाइल लूटकर फरार हो गया। घटना के करीब दो महीने बाद शिकायत पर पुलिस ने धारा 3(5), 304(2) बीएनएस के तहत केस दर्ज कर जांच में लिया है। मामले में खमतराई, रायपुर निवासी रोहित देवांगन ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। प्रार्थी ने पुलिस को बताया कि उसने मोबाइल बेचने के लिए ओएलएक्स एप पर एड डाला था, जिसके बाद 10 अक्टूबर को उसे एक नंबर से कॉल आया। मोबाइल खरीदने के संबंध में बातचीत की और टाटीबंध के पास बुलाया। 12 अक्टूबर को अपने दोस्त दीपक साहू के साथ स्कूटी पर टाटीबंध पेट्रोल पंप के पास पहुंचा, जहां एक बाइक पर सवार दो युवक पहुंचे।
आइसक्रीम पार्लर में छत से घुसा चोर, 2.50 लाख कैश व 5 मोबाइल चुराए
शहर के व्यस्त इलाकों में से एक फाउंटेन चौक स्थित मशहूर बसंत आइसक्रीम पार्लर में तड़के बड़ी चोरी की वारदात सामने आई। सुबह करीब 4 बजे एक चोर साथ वाली बिल्डिंग की छत से नीचे उतरकर पार्लर में घुसा और कैश काउंटर का ताला तोड़कर 2 लाख 50 हजार रुपये नकद और 5 मोबाइल फोन पर हाथ साफ कर फरार हो गया। पार्लर के मालिक भूपिंदर सिंह ने बताया कि सुबह उनके कर्मचारी ने फोन कर सूचना दी कि शटर खोलते ही कैश काउंटर का ताला टूटा मिला। तुरंत पुलिस को जानकारी दी गई। जब सीसीटीवी फुटेज देखी गई तो पता चला कि चोर ने अपना पूरा चेहरा ढका हुआ था और उसने करीब 40 मिनट तक पार्लर में घूमकर चोरी की योजना को अंजाम दिया।फुटेज में दिखाई दे रहा है कि आरोपी पहले पूरा पार्लर खंगालता है, इसके बाद कैश ड्रॉअर का लॉक तोड़कर रुपये और मोबाइल अपनी जेब में डालता है। फिर जैसे आया था, उसी रास्ते से—छत के रास्ते दूसरी बिल्डिंग में जाकर फरार हो जाता है। डिवीजन नंबर 8 के ड्यूटी अफसर हरदीप सिंह ने बताया कि पुलिस टीम ने आसपास लगे सभी सीसीटीवी कैमरों की जांच की है। उन्होंने कहा कि फुटेज के आधार पर आरोपी नशे का आदी लग रहा है। वह अकेला आया और वारदात को अंजाम देकर चला गया। चौक और नजदीकी बिल्डिंगों के कैमरे भी खंगाले जा रहे हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इलाके में ऐसी वारदातों के बाद स्थानीय व्यापारियों में भी दहशत का माहौल है और सुरक्षा बढ़ाने की मांग की जा रही है।
छत्तीसगढ़ के धमतरी में धीवर समाज का युवक-युवती परिचय सम्मेलन आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मोबाइल के जरिए सभा को संबोधित किया, जबकि प्रभारी मंत्री टंकराम वर्मा ने व्यक्तिगत रूप से शिरकत की। छत्तीसगढ़ धीवर समाज महासभा रायपुर की ओर से रविवार को शहर के एकलव्य खेल परिसर में आयोजित इस प्रदेश स्तरीय सम्मेलन में प्रदेशभर से 500 विवाह योग्य युवक-युवतियों ने मंच पर आकर अपना परिचय दिया। मुख्यमंत्री साय ने अपनी व्यस्तता के कारण कार्यक्रम में उपस्थित न हो पाने पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने धीवर समाज की एकता की सराहना की और आश्वासन दिया कि समाज की सभी मांगों को अवश्य पूरा किया जाएगा। प्रभारी मंत्री टंकराम वर्मा ने धीवर समाज की तेजी से हो रही प्रगति और सामाजिक एकता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मछुआरा समाज एक संगठित समाज है, जिसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने मछुआ कल्याण बोर्ड की स्थापना की है। मंत्री ने समाज के युवक-युवतियों में शिक्षा के प्रति जागरूकता और उच्च शिक्षा के जुनून का भी जिक्र किया। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने जमीनी रजिस्ट्री शुल्क वृद्धि पर कहा कि आदेश अभी लागू रहेगा और इस विषय पर आगे विचार किया जाएगा। सिन्हा कलार समाज को 20 लाख रुपए भवन के लिए छत्तीसगढ़ के धमतरी में सिन्हा कलार समाज की ओर से युवक-युवती परिचय एवं पारिवारिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में प्रभारी मंत्री टंक राम वर्मा शामिल हुए। सम्मेलन में 70 से अधिक युवक-युवतियों ने अपना जीवनसाथी चुनने के उद्देश्य से परिचय दिया। मंत्री ने सिन्हा कलार समाज के भवन निर्माण के लिए 20 लाख रुपए देने की घोषणा की। धमतरी में जिला स्तरीय सिन्हा कलार समाज की ओर से यह युवक-युवती परिचय और पारिवारिक सम्मेलन हर वर्ष नवंबर-दिसंबर माह में आयोजित किया जाता है। इस साल भी यह आयोजन हुआ, जिसमें जिले के साथ-साथ प्रदेश के अन्य जिलों से भी युवक-युवती अपना परिचय देने पहुंचे थे। कई प्रतिभागियों ने पहले से ही अपना पंजीकरण करा लिया था। इस मंच का मुख्य उद्देश्य युवक-युवतियों को दाम्पत्य जीवन से जोड़ने का अवसर प्रदान करना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रभारी मंत्री टंक राम वर्मा थे। उनके अलावा छत्तीसगढ़ योग आयोग के अध्यक्ष रूपनारायण सिन्हा, कलाल समाज के प्रदेश अध्यक्ष युवराज सिन्हा, धमतरी नगर निगम के महापौर रामू रोहरा सहित अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे। युवराज सिन्हा कलार समाज के प्रदेश अध्यक्ष युवराज सिन्हा ने कहा कि यह सम्मेलन केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि ऐसे मंच समाज के सदस्यों को एक-दूसरे को जानने का अवसर प्रदान करते हैं, जो समाज के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसी कारण नवंबर-दिसंबर में हर जिले में ऐसे परिचय सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं, जिससे समय की बचत होती है और योग्य वर-वधू की तलाश आसान होती है। मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि समाज का सम्मेलन हम सभी के बीच भाईचारा, प्रेम और संपर्क बढ़ाने का एक माध्यम है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों में हम अपने सुख-दुख, समाज और संगठन की बातें साझा करते हैं, और समाज को आगे बढ़ाने के तरीकों पर विचार करते हैं। मंत्री वर्मा ने यह भी उल्लेख किया कि 50 साल पहले समाज काफी पिछड़ा हुआ था, लेकिन आज परिस्थितियां बदल गई हैं और सिन्हा कलार समाज निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर है।
मुजफ्फरपुर में ऑनलाइन सामान ऑर्डर करने के नाम पर 37,000 रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के मेहंदी हसन चौक स्थित एक दुकान के मालिक मो. आबिद ने मोबाइल पार्ट्स और सामान ऑनलाइन मंगवाया था, लेकिन पार्सल खोलने पर उसमें पानी की बोतलें मिलीं। उन्होंने ब्रह्मपुरा और साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। मो. आबिद के अनुसार, उन्होंने अर्शनवाज नाम के एक व्यक्ति से मोबाइल नंबर 976388764 पर संपर्क किया था। बातचीत के बाद, उन्हें 51 प्रकार के सामान के लिए 36,620 रुपए का बिल भेजा गया। पैकिंग शुल्क सहित कुल 37,000 रुपए का भुगतान PhonePe के माध्यम से ठग की ओर से दिए गए नंबर- 6398928578 पर किया गया। आबिद ने यह राशि दो अलग-अलग UTR नंबरों के जरिए ट्रांसफर की थी। ऑर्डर में मिली पानी की बोतल 6 दिसंबर 2025 को 'अतुल कुरियर्स लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड' की ओर से यह पार्सल मो. आबिद की दुकान पर पहुंचाया गया। पार्सल खोलने पर, ऑर्डर किए गए मोबाइल पार्ट्स और अन्य वस्तुओं के बजाय, उन्हें केवल पानी की बोतलें मिलीं, जिससे वे ठगी का शिकार होने का एहसास हुआ। इस धोखाधड़ी के बाद, मो. आबिद ने पुलिस से ठगी करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने अपने आवेदन के साथ धोखाधड़ी से संबंधित बिल, बैंक ट्रांजैक्शन रसीदें और पार्सल की तस्वीरें साक्ष्य के तौर पर संलग्न की हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और इसकी जांच कर रही है।
झांसी में पिता को पीटकर बेटे ने सुसाइड कर लिया। वह शराब पीने का आदी था। शनिवार रात को भी शराब पीने के लिए पैसे मांग रहा था। नहीं देने पर झगड़ा कर पिता से मारपीट कर दी। इसके बाद वह रातभर मोबाइल चलाता रहा। सुबह परिजन जगे तो फंदे पर लटका था। परिजन फंदे से उतारकर जिला अस्पताल ले गए। जहां पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस शब कब्जे में लेकर मामले की जांच कर रही है। पूरा मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के छनियापुरा मोहल्ले का है। अक्सर झगड़ा करता था युवक मृतक का नाम पंकज साहू (22) पुत्र ओमप्रकाश साहू था। वह कोतवाली क्षेत्र के छनियापुरा मोहल्ले का रहने वाला था। मृतक के चचेरे भाई राजेश साहू ने बताया- पंकज शराब पीने का आदी था। वो नशा करने घरवालों और मोहल्ले के लोगों से झगड़ा करता था। शनिवार रात को शराब पिए था। अपने पिता से शराब पीने के लिए पैसे मांगने लगा। मना करने पर पंकज ने अपने पिता से मारपीट कर दी। मुझे बहन का कॉल आया तो मैंने समझाया तो मामला शांत हो गया। रात को पंकज लेट गया। सुबह 3 बजे पिता जगे तो वह मोबाइल चला रहा था। सुबह देखा तो वह फांसी पर लटका था। परिजन उतारकर जिला अस्पताल ले गए। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। मां की पहले हो चुकी थी मौत पंकज साहू की मौत के बाद परिजन सदमे में हैं। पंकज दुकान पर काम करता था, जबकि उनके पिता लाइट का काम करते हैं। दो भाइयों में पंकज बड़ा था। छोटे का नाम सोनू है। दोनों अविवाहित है। जबकि पंकज की दो बहनों भारती और पूनम की पहले ही मौत हो चुकी है। पंकज की मां की लगभग 9 साल पहले मौत हो गई थी।
ब्लैकमेलिंग-ऑनलाइन फ्रॉड गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार:3.60 लाख रुपये नकद, मोबाइल फोन बरामद
बाराबंकी में साइबर अपराधों पर प्रभावी कार्रवाई लगातार जारी है। इसी क्रम में साइबर क्राइम थाना, साइबर सेल और देवा पुलिस की संयुक्त टीम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों के जरिए ब्लैकमेलिंग और ऑनलाइन टास्क के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एक सक्रिय गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस टीम ने उनके कब्जे से 3 लाख 60 हजार रुपये नकद और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान राजन सिंह (पुत्र तेज सिंह, निवासी मोहल्ला कचेहरान व कटरा, थाना देवा, बाराबंकी) और अनूप कुमार (पुत्र शत्रोहन लाल, निवासी अड़ौरा, थाना देवा) के रूप में हुई है। पुलिस जांच में सामने आया कि गिरफ्तार दोनों अभियुक्त एक संगठित और शातिर साइबर गैंग का हिस्सा हैं। यह गिरोह टेलीग्राम और व्हाट्सएप पर अश्लील वीडियो कॉल व कंटेंट भेजकर पीड़ितों को ब्लैकमेल करता था। वे 'वर्क फ्रॉम होम', 'ऑनलाइन टास्क' और 'निवेश कर पैसे कई गुना करने' जैसी लुभावनी स्कीमें दिखाकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे। पीड़ितों का विश्वास जीतने के बाद, वे उनके मोबाइल पर स्कैनर, वीपीए लिंक और फर्जी बैंक खाते की जानकारी भेजकर धनराशि ट्रांसफर करवा लेते थे। राजन सिंह ने अपने पिता का नाम बदलकर एयरटेल पेमेंट्स बैंक में एक फर्जी अकाउंट भी खोल रखा था, जिसका उपयोग धोखाधड़ी के लेन-देन के लिए किया जाता था। इस गिरोह के दो अन्य सदस्य, यशराज सिंह (पुत्र जैनेन्द्र सिंह) और सिद्धार्थ तिवारी (पुत्र संजय तिवारी, निवासी इस्माईलगंज, फैजाबाद रोड, लखनऊ) अभी फरार हैं। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। उनके बैंक खातों और तकनीकी नेटवर्क की भी गहन जांच की जा रही है। बाराबंकी पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे अज्ञात नंबरों से आने वाले वीडियो कॉल, अश्लील कंटेंट या संदिग्ध संदेशों से सावधान रहें। 'घर बैठे नौकरी', 'ऑनलाइन टास्क' या 'पैसे दोगुना' करने जैसे किसी भी लुभावने ऑफर से बचें। किसी भी साइबर धोखाधड़ी की सूचना तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर दर्ज करें या हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें।
30 लाख रुपये के 160 खोए मोबाइल बरामद:बाराबंकी में सर्विलांस सेल व थाना पुलिस ने स्वामियों को सौंपे
बाराबंकी पुलिस ने एक विशेष अभियान के तहत 160 गुम हुए मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इन मोबाइलों की अनुमानित कीमत 30 लाख रुपये बताई गई है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक अर्पित विजयवर्गीय के निर्देश पर सर्विलांस सेल और विभिन्न थाना पुलिस की संयुक्त टीमों द्वारा की गई। पुलिस अधीक्षक ने गुम या चोरी हुए मोबाइल फोन की शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए सर्विलांस टीम और थानों को सक्रिय रहने के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों का पालन करते हुए, टीमों ने CEIR (Central Equipment Identity Register) पोर्टल का उपयोग किया। तकनीकी विश्लेषण, IMEI ट्रैकिंग और लोकेशन आधारित जांच के माध्यम से इन मोबाइलों का पता लगाया गया। देखें, 5 तस्वीरें... बरामद किए गए सभी मोबाइल फोन पुलिस लाइन सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उनके वास्तविक स्वामियों को सौंप दिए गए। अपने गुम हुए फोन वापस मिलने पर लोगों ने बाराबंकी पुलिस के प्रति आभार व्यक्त किया। बाराबंकी पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि मोबाइल फोन गुम या चोरी होने की स्थिति में तत्काल नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराएं अथवा CEIR पोर्टल पर ऑनलाइन रिपोर्ट करें। पुलिस के अनुसार, यह पोर्टल मोबाइल को ब्लॉक करने, ट्रैक करने और उसकी शीघ्र बरामदगी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
समस्तीपुर में सड़क हादसे में मोबाइल दुकानदार की मौत हो गई। विरोध में ग्रामीण और परिजनों ने रोड जाम कर दिया। टायर जलाकर प्रदर्शन किया। मृतक की पहचान वार्ड 10 निवासी गंगासागर साह के पुत्र उपेश कुमार(27) के तौर पर हुई है। घटना रोसड़ा थाना क्षेत्र की है। भाई मिथिलेश कुमार ने बताया कि उपेश मब्बी चौक पर मोबाइल की दुकान चलाता था। साथ ही वीडियोग्राफी का भी काम करता था। 2 बच्चे हैं। एक बेटा 3 साल का और दूसरे 1 साल का है। शनिवार दोपहर घर से निकला था, इसके बाद वापस नहीं लौटा। रात में सड़क हादसे में घायल होने की सूचना मिली। जिसके बाद परिवार के सदस्य मौके पर पहुंचे। घायल को पहले प्राइवेट नर्सिंग होम लेकर गए। जहां से डॉक्टरों ने रेफर कर दिया। इसके बाद बेगूसराय लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मौत के बाद शव को अनुमंडलीय अस्पताल लाया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। जांच में जुटी पुलिस जाम की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। थानाध्यक्ष लाल बाबू ने बताया कि हादसे में एक युवक की मौत हुई है। आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर जाम हटवा दिया गया है। परिजनों से लिखित आवेदन मिलने के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अपने स्तर से छानबीन कर रही है।
लुधियाना के फव्वारा चौक के पास स्थित मशहूर बसंत आइसक्रीम रेस्टोरेंट में शनिवार तड़के करीब 4 बजे चोरी की बड़ी वारदात सामने आई है। रेस्टोरेंट के मालिक चरणजीत सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि एक अज्ञात युवक छत के रास्ते अंदर घुसा और मेन काउंटर का लॉक तोड़कर कैश व मोबाइल फोन चोरी कर ले गया। चरणजीत सिंह के अनुसार,जब सुबह कर्मचारियों ने दुकान खोली तो काउंटर टूटा हुआ मिला। उन्होंने बताया पूरी जाँच कर पता चला कि चोर 5 मोबाइल फोन और काउंटर में रखे ₹2,50,000 नकद लेकर फरार हो चुका था। उन्होंने बताया कि रात में सब कुछ सामान्य था, लेकिन सुबह आते ही चोरी का पता चला। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और पूरे इलाके का मुआयना किया। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी जिसमे इक युवक जो 45 साल का लग रह है अपना मुंह ढक कर छात के रास्ते नीचे आया और बारदात को अंजाम दिया आरोपी की पहचान की जा सके इसकी लिए भी अभी इलाके के और सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे है । पुलिस का कहना है कि फुटेज में एक संदिग्ध व्यक्ति दिख रहा है, जिसके आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। रेस्टोरेंट के मालिक ने बताया कि यह इलाका भीड़भाड़ वाला होने के बावजूद तड़के के समय आमतौर पर सुनसान रहता है, जिसका फायदा उठाकर आरोपी छात से अंदर घुसा। हाला की वो छात तक कैसे पहुंचा ये जाँच जारी है पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और दावा किया है कि जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया जाएगा।
दुकान का ताला तोड़ 20 मोबाइल और नकदी चोरी
भास्कर न्यूज | विभूतिपुर अज्ञात चोरों ने शुक्रवार की रात दलसिंहसराय के मुख्य पथ पर स्थित साक्षी मोबाइल इलेक्ट्रिक दुकान को निशाना बनाया और लगभग ढाई लाख रुपये की संपत्ति की चोरी कर ली। चोरों ने लगभग 20 मोबाइल फोन,करीब 10 हेडफोन, गल्ले से ₹20,000 नकद,सीसीटीवी कैमरे का हार्ड डिस्क और अन्य सामान की चोरी कर लिया है। घटना के संबंध में शिवनाथपुर निवासी उमेश प्रसाद सिंह के पुत्र दुकान संचालक पप्पू कुमार ने बताया कि 6 दिसंबर शनिवार की सुबह करीब 9:00 बजे जब वह दुकान खोलने पहुंचा, तो दुकान का ताला टूटा मिला। शटर उठाकर देखा तो भीतर का सारा सामान गायब था। वहीं इधर-उधर खोजबीन के दौरान चोरी किए गए मोबाइलों के सभी खाली डिब्बे (खोला) सिंघिया घाट बालिका उच्च विद्यालय के पीछे फेंका मिला है। इस घटना को लेकर पप्पू कुमार ने इस स्थानीय थाने में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने पुलिस से मामले की गंभीरता से जांच करने और उन्हें न्याय दिलाने की मांग की है।
गोपालगंज मॉडल सदर अस्पताल में बिजली गुल होने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। लगभग ढाई घंटे तक अस्पताल में अंधेरा छाया रहा, जिसके कारण एक मरीज के टूटे हुए हाथ का प्लास्टर मोबाइल टॉर्च की रोशनी में किया गया। इस घटना ने अस्पताल की व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना तब सामने आई जब अस्पताल में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। मरीज और उसके परिजन अंधेरे में प्लास्टर करवाते समय काफी चिंतित थे। उन्हें इस बात का डर था कि अपर्याप्त रोशनी में किया गया प्लास्टर सही तरीके से हुआ होगा या नहीं। मरीज बोला- समझ नहीं पा रहा, प्लास्टर सही हुआ या नहीं प्लास्टर कराने आए एक युवक ने बताया, हम यहां एक से दो घंटे से हैं, लेकिन काफी देर से बिजली कटी हुई है। मैंने अपने मोबाइल की टॉर्च जलाकर अपने हाथ का प्लास्टर करवाया है। अब ऐसे में मैं खुद नहीं समझ पा रहा हूं कि मेरा प्लास्टर सही हुआ भी है या नहीं। युवक ने आगे कहा कि उसने सुना है कि यह मॉडल अस्पताल 43 करोड़ रुपये की लागत से बना है, लेकिन यहां कोई व्यवस्था नहीं है। उसने सीसीटीवी कैमरे न होने और मरीजों को ठीक से इलाज न मिलने की भी शिकायत की। कई अन्य मरीज भी बिजली आने का इंतजार कर रहे थे। मॉडल अस्पताल होने के बावजूद जेनरेटर की व्यवस्था न होना या उसका उपयोग न करना एक गंभीर चूक मानी जा रही है। इस लापरवाही से मरीजों की जान जोखिम में पड़ने की संभावना है। अस्पताल प्रशासन को इस मामले की तुरंत जांच कर उचित कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति दोबारा न हो।
वाराणसी के भेलूपुर थाना अंतर्गत खोजवा चौकी के पास स्थित बाबा कीनाराम हास्पिटल की छत पर लगे जियो और एयरटेल के मोबाइल नेटवर्क टावर में अचानक आग लग गई। आसपास के लोगों ने जब धुआँ उठते देखा तो तुरंत शोर मचाते हुए घटना की जानकारी पुलिस और दमकल विभाग को दी। देखते ही देखते आग की लपटें ऊँची होने लगीं। सूत्रों के अनुसार टावर के पैनल में अचानक शॉर्ट सर्किट हुआ, जिसके कारण आग तेजी से फैल गई। हवा के कारण आग ने कुछ ही मिनटों में पूरे पैनल को अपनी चपेट में ले लिया। घटना के समय छत पर कोई तकनीकी कर्मचारी मौजूद नहीं था, जिससे किसी तरह की जनहानि होने से बचाव हो गया। घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियाँ मौके पर पहुँचीं। दमकल कर्मियों ने लगभग एक घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह काबू पा लिया। आग बुझाने में स्थानीय लोगों ने भी फायर ब्रिगेड की मदद की। यदि समय रहते आग पर नियंत्रण नहीं पाया जाता तो यह आस-पास की इमारतों तक फैल सकती थी और बड़ा हादसा हो सकता था। खबर अपडेट हो रही...
पंजाब के लुधियाना में लोहारा डाबा रोड पर मोबाइल झपटमारी की घटना सामने आई है। गली में चारपाई पर सो रही महिला के हाथ में मोबाइल पकड़ा हुआ था। बाइक सवार दो झपटमार मोबाइल छीन कर फरार हो गए। महिला ने स्नेचरों का पीछा भी किया लेकिन वह पकड़े नहीं गए। इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे में ये घटना कैद हो गई। इस वारदात के बाद इलाके के लोगों में सहम है। लोगों का कहना है कि अब वह गली में बैठे भी सुरक्षित नहीं है। हाथ से छीना बदमाशों ने मोबाइल जानकारी देते हुए पीड़ित महिला गीता ने कहा कि में घर के बाहर गली में चारपाई लगाकर लेटी हुई थी। मुझे शुगर है, इस कारण मुझे नींद भी आ गई। तभी बाइक सवार दो लड़के आए। ये दोनों लड़के काफी समय से इलाके में चक्कर लगा रहे थे। मेरे हाथ में पकड़ा मोबाइल छीन कर दोनों लुटेरे फरार हो गए। मैंने लुटेरों का पीछा करने की भी कोशिश की लेकिन वह पकड़े नहीं गए। अक्सर इलाके में नशेड़ी युवक इस तरह की वारदातें करते है। इलाके में पुलिस की पेट्रोलिंग ना होने के कारण इन अपराधियों को हौंसले बढ़ चुके है। सीसीटीवी से पुलिस करे आरोपियों की पहचान गीता ने कहा कि ये इलाके में झपटमारी की कोई पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी अक्सर मोबाइल झपटमारी की वारदातें इलाके में होती है। मेरा मोबाइल वीवो कंपनी का था। करीब 20 से 25 हजार रुपए का मोबाइल था जो लुटेरे ले गए। इस घटना के बाद अब लोग खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे। पुलिस प्रशासन से मांग है कि आरोपियों की सीसीटीवी जरिए पहचान कर पकड़ा जाए।
डीग जिले में पुलिस ने 'ऑपरेशन एंटीवायरस' अभियान के तहत बड़ी कार्रवाई की है। कामा, सीकरी, जुरहरा और पहाड़ी थाना क्षेत्रों में दबिश देकर 26 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। ये ठग सोशल मीडिया पर सस्ती दुधारू गाय-भैंस बेचने का झांसा देकर लोगों से लाखों रुपए की ठगी करते थे। पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश मीणा के निर्देशन में हुई इस कार्रवाई में पुलिस ने ठगों के पास से 29 मोबाइल फोन और 17 फर्जी सिम कार्ड बरामद किए हैं। गिरफ्तार किए गए सभी ठगों से पुलिस गहनता से पूछताछ कर रही है। साइबर ठग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर विभिन्न ऐप्स के माध्यम से अपनी ठगी को अंजाम देते थे। वे दुधारू नस्ल के पशुओं के फर्जी वीडियो और फोटो पोस्ट कर किसान और मजदूर वर्ग के लोगों को निशाना बनाते थे। ठग फोन पर सस्ते दामों में दुधारू गाय देने का लालच देते थे और फिर उनसे ट्रांसपोर्ट चार्ज के नाम पर पैसे डलवा लेते थे। इसके बाद, वे एक फर्जी लोकेशन बताकर कहते थे कि पशु रास्ते में है। फिर बिल्टी चार्ज और गाड़ी खराब होने का बहाना बनाकर कई हजार रुपए और डलवाकर ठगी को अंजाम देते थे। पुलिस का कहना है कि पकड़े गए ठगों से पूछताछ में और भी कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।
अक्कलकुवा पुलिस की बड़ी सफलता: दो लाख से अधिक मूल्य के 14 गुम मोबाइल फोन बरामद
नंदुरबार के अक्कलकुवा पुलिस ने सीईआईआर पोर्टल की मदद से दो लाख से अधिक मूल्य के 14 गुम मोबाइल फोन बरामद किए। आईएमईआई ट्रैकिंग के जरिए जिले, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों से मोबाइल खोजे गए। पुलिस ने इन्हें मालिकों को सौंपा और अभियान में योगदान देने वाले अधिकारियों का सम्मान किया।
सिरसा में तीन बच्चों को छोड़ विवाहिता फरार:बिना बताए घर से निकली, मोबाइल भी बंद, युवक पर जताया शक
सिरसा जिले में एक विवाहिता तीन बच्चों को लेकर छोड़कर मिसिंग हो गई। 33 वर्षीय महिला दो दिन पहले अपने घर से बिना बताए चली गई। अब महिला के पति ने एक युवक पर शक जताया है। जिस पर झांसे में लेकर उसे भगा ले जाने का आरोप लगा है। संदिग्ध युवक का नाम भी पुलिस को बता दिया है। उसके बारे में भी कोई सुराग नहीं लगा है। विवाहिता के पति का कहना है कि उसका फोन बंद आ रहा है, कोई पता भी नहीं चल पा रहा। लोकेशन नहीं हो पा रही ट्रेस मामले में महिला के पति ने पुलिस को गुमशुदगी की शिकायत दी है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अभी उसका मोबाइल नंबर भी बंद आ रहा है। इस कारण उसकी लोकेशन भी ट्रैस नहीं हो पाई है। इससे परिवार की चिंता बढ़ गई है। उसके मायके से भी पता नहीं चला है। 14 साल पहले हुई थी शादी पुलिस को दी शिकायत में जिले के एक गांव के व्यक्ति ने बताया कि उसकी शादी को करीब 14 साल बीत गए और उसकी तीन बेटियां है। पत्नी की उम्र करीब 33 साल है और वह घरेलू कामकाज करती है। बुधवार दोपहर को वह और उसकी पत्नी व बच्चे घर पर ही थे। तभी उसकी पत्नी अचानक घर से चली गई और जाते समय किसी को कुछ बताया भी नहीं। उन्होंने उसके बारे में आसपास के लोगों व रिश्तेदारी में पता किया, पर उसका कहीं पता नहीं चला। पुलिस से मांग की है कि उसकी पत्नी की तलाश की जाए।
यूपी के गोरखपुर में जीआरपी (GRP) ने 19 नवंबर को 55 लाख रुपए कीमत के 248 मोबाइल उनके मालिकों को लौटाए। मेरठ रेंज की पुलिस इस साल 5 हजार मोबाइल रिकवर करके लोगों को वापस कर चुकी है। ये वो मोबाइल हैं, जो चोरी या खो चुके थे। इन मोबाइलों की रिकवरी संभव हुई है सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) पोर्टल से। प्रदेश में अक्टूबर–2025 में इस पोर्टल पर मोबाइल गुम होने या ब्लॉक करने की करीब पौने 3 लाख शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 57761 मोबाइल बरामद कर लिए गए। आंकड़े बताते हैं कि अब जो मोबाइल रिकवर होते हैं, उसमें 50 फीसदी रिकवरी इसी पोर्टल की वजह से हो पा रही है। केंद्र सरकार का मोबाइल एप ‘संचार साथी’ इसी पोर्टल का ही हिस्सा है जिस पर देशभर में हल्ला मचा। हालांकि, भारी विरोध के बाद इसे सरकार ने ऐच्छिक कर दिया है। आखिर गुम मोबाइल कैसे बरामद होते हैं? गुम मोबाइलों की कंप्लेंट रजिस्टर करने की प्रक्रिया क्या है? पुलिस कैसे उन्हें ढूंढती है? लूट-चोरी के मोबाइलों को खपाने का नेटवर्क क्या है? पढ़िए पूरी रिपोर्ट... सबसे पहले तीन केस स्टडी DIG बोले– मोबाइल चालू होते ही लोकल पुलिस के पास आता है अलर्ट CEIR पोर्टल पर इन मोबाइलों की शिकायत और रिकवरी का प्रोसेस समझने के लिए हमने मेरठ रेंज के DIG कलानिधि नैथानी से बात की। उन्होंने बताया– भारत सरकार के दूरसंचार विभाग का एक पोर्टल सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (ceir.gov.in) है। यदि किसी का मोबाइल कहीं चोरी या गुम हुआ है तो संंबंधित व्यक्ति उस पोर्टल पर कंप्लेंट रजिस्टर कर सकता है। एक प्रावधान तो ये होता है कि व्यक्ति संबंधित पुलिस स्टेशन पर जाकर अपनी शिकायत दे सकता है। दूसरा माध्यम ये पोर्टल है। एफआईआर के साथ–साथ इस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने से ये फायदा होता है कि भविष्य में कभी भी अगर वो फोन चालू होगा तो एक अलर्ट जारी हो जाता है। उदाहरण के तौर पर महाराष्ट्र से चोरी हुआ फोन अगर मेरठ में चालू होता है तो मेरठ में लोकल पुलिस के पास अलर्ट मैसेज आ जाता है। हर जिले में साइबर सेल को इसका नोडल बनाया गया है। फिर हम लोकल स्तर पर एक टीम गठित करके उस मोबाइल को रिकवर करना सुनिश्चित करते हैं। DIG ने बताया– मैं हाल ही में हापुड़ जिले के एक थाने पर गया। वहां मुझे एक ऐसा व्यक्ति मिला, जिसका मोबाइल दो साल पहले खो गया था और इसी पोर्टल के जरिए अपना मोबाइल पाकर वो काफी खुश था। मेरठ रेंज में इस साल पांच हजार से ज्यादा फोन इसी पोर्टल के जरिए रिकवर हो चुके हैं। यूपी से चीन, दुबई, नेपाल तक बिकने जाते हैं लूट–चोरी के मोबाइल मेरठ पुलिस ने अक्टूबर–2019 में मोबाइल चोरों का इंटरनेशनल गैंग पकड़ा था। करीब एक करोड़ रुपए कीमत के मोबाइल रिकवर हुए थे। ये गैंग मेरठ में ब्रह्मपुरी का शरद गोस्वामी चला रहा था। शरद सहित 7 आरोपी पकड़े गए थे। खुलासा हुआ था कि लूट–चोरी के मोबाइलों की सप्लाई चीन, दुबई, नेपाल तक होती है। शरद गोस्वामी ने ऐसा गैंग तैयार कर रखा था, जो सरेराह लोगों से मोबाइल लूटता था। इसके बाद 100–100 के पैकेट तैयार करके ये मोबाइल विदेश भेजे जाते थे। मेरठ के अलावा भी यूपी के कई शहरों में इसी तरह के गैंग पकड़े गए हैं। दरअसल, भारत के मोबाइल जब विदेश में जाकर बिक जाते हैं तो उन्हें ट्रैक करना संभव नहीं होता। क्योंकि भारत के मोबाइल में जो IMEI नंबर होता है, वो विदेश में रन नहीं हो पाता। इसलिए अगर लूट–चोरी का मोबाइल एक बार विदेश चला गया तो पुलिस उसे कभी ट्रैक नहीं कर सकेगी। संचार साथी एप बताएगा फोन चोरी का है या नहीं? हाल ही में संचार साथी एप का मामला चर्चाओं में है। दरअसल, ये एक साइबर सिक्योरिटी टूल है। ये 17 जनवरी 2025 को मोबाइल एप के रूप में पेश किया गया। सरकार के अनुसार– अगस्त 2025 तक 50 लाख से अधिक बार इस एप को डाउनलोड किया जा चुका है और इस एप के जरिए अब तक 37 लाख गुम मोबाइलों को खोजा जा चुका है। बीते दिनों कुछ मीडिया रिपोर्ट्स आईं कि सरकार इस एप को नए फोन में अनिवार्य रूप से इंस्टॉल कराने जा रही है। विपक्ष ने इसका खूब विरोध किया। जिसके बाद सरकार ने स्पष्ट कहा है कि नए मोबाइल्स में इस एप की अनिवार्यता नहीं है। यूजर्स अपनी इच्छा के मुताबिक इस एप को इंस्टॉल या अन-इंस्टॉल कर सकते हैं। यूजर्स जब इस एप को फोन में खोलते हैं तो सबसे पहले ये मोबाइल नंबर मांगता है। नंबर डालने पर एक OTP आता है। OTP दर्ज करते ही वो फोन इस एप से कनेक्ट हो जाता है। इसके बाद ये एप फोन के IMEI नंबर को पहचान लेता है और उसको दूरसंचार विभाग की सेंट्रल इक्विपमेंट आईडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) के डेटाबेस से जांचता है। इससे ये पता चल जाता है कि मोबाइल कहीं चोरी की तो नहीं, कोई एफआईआर तो नहीं, या चोरी का मामला तो दर्ज नहीं। फोन ब्लैक लिस्टेड तो नहीं है। ये एप हिन्दी और 21 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है। -------------------- ये खबर भी पढ़ें... कफ सिरप का मास्टरमाइंड गिड़गिड़ाया, बोला-बेगुनाह हूं:योगीजी जांच करवाइए...सबूत दूंगा; अखिलेश भ्रम न फैलाएं मैंने कोई जहरीली सिरप नहीं बेची। मेरी द्वारा बेची गई दवाओं से बच्चों की मौत नहीं हुई। मैं क्लियर करना चाहता हूं, ये सभी बातें झूठी हैं। फेंसिडिल (Phensydil) सिरप न तो जहरीली है, न ही प्रतिबंधित है। न ही इससे बच्चों की मौत हुई है। सपा प्रमुख अखिलेश और अन्य नेताओं से मैं कहना चाहता हूं कि ऐसी राजनीति न करें। लोगों को भ्रम में न डालें। मैं सीएम योगी से हाथ जोड़कर कहता हूं कि मैं बेगुनाह हूं। मुझे फंसाया जा रहा है। सीएम जी, हमारी मदद कीजिए। आप जांच करा लीजिए। मेरे पास हर तरह के सबूत हैं। पढ़ें पूरी खबर
मॉडल टाउन में दवाई पूछने के बहाने मोबाइल फोन ले भागा
भास्कर न्यूज |लुधियाना मॉडल टाउन इलाके में एक मेडिकल शॉप पर दवाई लेने का बहाना बनाकर मोबाइल चोरी करने का मामला सामने आया है। यह घटना 4 नवंबर रात करीब 11:15 बजे गुर आशीष मेडिकल पर हुई। चोरी की पूरी वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि एक शख्स दुकान के बाहर काफी देर तक खड़ा होकर भीड़ के कम होने का इंतजार करता है। जैसे ही दुकान के अंदर मौजूद नाबालिग लड़का अकेला रह जाता है, आरोपी भीतर आ जाता है और फोन पर दवाई पूछने का नाटक करता है। वह बातों में उलझाकर मौके का फायदा उठाता है। जैसे ही नाबालिग दवाई लेने के लिए पीछे की तरफ मुड़ता है, आरोपी काउंटर पर रखा मोबाइल उठाकर भाग निकलता है और अंधेरे में गुम हो जाता है। सूचना मिलते ही थाना मॉडल टाउन पुलिस हरकत में आई है और वायरल वीडियो के आधार पर आरोपी की पहचान करने की कोशिश जारी है।
दुकान से सेल्समैन का मोबाइल चुराया, केस
उदयपुर| सूरजपोल थाना क्षेत्र में एक व्यापारी ने बदमाश के खिलाफ दुकान से सेल्समैन का मोबाइल चुरा ले जाने का मामला दर्ज कराया है। पुलिस के अनुसार नवरत्न कॉम्पलेक्स निवासी छोटू सिंह ने रिपोर्ट दी कि उदियापोल के पास उनकी जी3 टेलीकॉम नाम से मोबाइल शॉप है। गत 3 दिसंबर को एक बदमाश मोबाइल खरीदने के बहाने आया। मौका पाकर सेल्समैन विक्रम सिंह का मोबाइल चुराकर भाग गया। उन्होंने सीसीटीवी चेक किए। इसमें घटनाक्रम रिकॉर्ड है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
हिसार जिले के गांव सुलखनी स्थित राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में स्टाफ द्वारा स्कूल समय में मोबाइल फोन का उपयोग किए जाने की शिकायतों के बाद प्रिंसिपल राजकुमार श्योराण ने सख्त रुख अपनाया है। प्रिंसिपल ने राजकीय प्राथमिक पाठशाला के उन स्टाफ सदस्यों को तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने के आदेश जारी किए हैं, जो लगातार निर्देशों के बावजूद स्कूल समय में मोबाइल जमा नहीं कर रहे और उनका उपयोग कर रहे हैं। कई बार दिए आदेश, फिर भी नहीं मिला पालन प्रिंसिपल राजकुमार श्योराण ने बताया कि पिछले 6 महीनों के दौरान स्टाफ को कई बार लिखित आदेश जारी किए गए। एसएमसी की बैठक में भी निर्णय लिया गया था कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए स्कूल समय में किसी भी स्टाफ सदस्य को मोबाइल प्रयोग की अनुमति नहीं होगी। इसके बाद भी परिसर में संचालित प्राथमिक विद्यालय के कई शिक्षकों द्वारा इस नियम की लगातार अवहेलना की गई। उन्होंने बताया कि सितंबर में भी नई चेतावनी जारी की गई थी, लेकिन उसके बावजूद कुछ स्टाफ सदस्यों के मोबाइल प्रयोग करने की शिकायतें बढ़ती रहीं। हाल ही में जिला शिक्षा अधिकारी हिसार द्वारा भी सभी सरकारी स्कूलों को सख्त निर्देश जारी किए गए कि कक्षा के समय किसी भी कर्मचारी द्वारा मोबाइल का उपयोग नहीं किया जाएगा। स्कूल प्रशासन ने यह आदेश स्टाफ को अवगत भी कराए, मगर स्थिति जस की तस बनी रही। बच्चों की सुरक्षा पर उठ रहे सवाल प्रिंसिपल द्वारा जारी पत्र में उल्लेख किया गया है कि कुछ स्टाफ सदस्य यह तर्क दे रहे हैं कि वे ठेकेदारी या अन्य निजी कार्य करते हैं, इसलिए उन्हें मोबाइल रखने की आवश्यकता रहती है। पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि मोबाइल में व्यस्त रहने के कारण कई बार बच्चे कक्षा से बाहर निकलकर तालाब की ओर चले जाते हैं, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ है और बेहद गंभीर है। यहां देखें, स्टॉफ को जारी किए गए लेटर की कॉपी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ प्रिंसिपल का लेटर प्रिंसिपल द्वारा स्टाफ को लिखे गए नोटिस की कॉपी गुरुवार को सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई। वायरल लेटर में स्टाफ की लापरवाही, मोबाइल पर निजी काम करने और बच्चों पर ध्यान न देने की बात साफ तौर पर दर्ज है। इससे क्षेत्र में भी स्कूल स्टाफ की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। आगे होगी कार्रवाईप्रिंसिपल राजपाल श्योराण ने कहा कि प्राथमिक स्कूल के स्टाफ को तीन दिन का समय दिया गया है। यदि निर्धारित समय में स्पष्ट व संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता, तो नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की पढ़ाई और सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी कीमत पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मुंगेली जिले के जरहागांव में पुलिस ने सट्टा लिखते एक युवक को गिरफ्तार किया है। आरोपी रितिक साहू (25) को मोबाइल और कागज पर सट्टा पट्टी लेते हुए पकड़ा गया। वह आम लोगों को पैसे का लालच देकर अंकों पर दांव लगवा रहा था। पुलिस ने आरोपी रितिक साहू के पास से सट्टे से अर्जित 4,500 रुपये नकद, एक सट्टा पट्टी, एक डॉट पेन और 10,000 रुपये कीमत का एक मोबाइल फोन जब्त किया है। जब्त की गई कुल सामग्री की कीमत 14,500 रुपये है। सट्टेबाजी पर पुलिस की कार्रवाई पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने जिले में सट्टे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने और सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में जरहागांव पुलिस और साइबर सेल ने मुखबिर की सूचना पर ग्राम जरहागांव में यह कार्रवाई की। रितिक साहू के खिलाफ छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022 की धारा 6 के तहत अपराध क्रमांक 187/25 दर्ज किया गया है। उसे विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। आरोपी का पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड भी संलग्न किया गया है।
कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद में साइबर ठगों ने शादी का कार्ड भेजकर टेलर के साथ 2.20 लाख रुपए का फ्रॉड कर लिया। वॉट्सऐप पर आए कार्ड पर क्लिक करते ही मोबाइल में एप्लिकेशन इंस्टॉल हुई और मोबाइल हैंग हो गया। जब तक टेलर को पता चला, उसके खाते से पैसे ट्रांसफर हो चुके थे। सुखदेव गांव के सुखदेव सिंह ने बताया कि वह गांव में ही टेलर का काम करता है और दिव्यांग है। कुछ दिन पहले उसके वॉट्सऐप पर शादी का निमंत्रण कार्ड आया। बच्चों ने उसे खोलकर देख लिया, इसके बाद उसका मोबाइल हैंग हो गया। खोलकर देखो किसकी शादी ये मैसेज उसके स्कूल के बच्चों के टीचर के मोबाइल नंबर से आया था। बच्चों ने मैसेज देखा, तो उस पर लिखा था, 10 तारीख को शादी है। खोलकर देखो किसकी शादी है। बच्चों ने टीचर का नंबर देखकर उस कार्ड को खोल लिया। हालांकि बाद में उसने टीचर से पूछताछ भी की, लेकिन ठगों ने उनको मोबाइल को हैंक करके सबके पास मैसेज भेज रखा था। कार्ड खोलते ही एप हुई डाउनलोड कार्ड खोलते ही मोबाइल में ऐप डाउनलोड हो गई। बच्चों ने और उसने ऐप को डिलीट करने की कोशिश भी की, लेकिन ऐप डिलीट नहीं हुई। उसने फोन भी बंद करना चाहा, लेकिन नहीं हुआ। इस दौरान उसके अकाउंट से 70 हजार रुपए और दूसरे अकाउंट से 4 बार में करीब डेढ़ लाख रुपए ट्रांसफर हो गए। फोन का सॉफ्टवेयर नया डलवाना पड़ा बाद में उसे अपने फोन का सॉफ्वेयर नया डलवाना पड़ा, जिसके बाद उसने हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दी। उधर, साइबर थाना के SHO महेश कुमार ने बताया कि पुलिस साइबर क्राइम को लेकर जागरूक करती है। ये भी बताया जाता है कि किसी भी लिंक को ओपन ना करें। फिलहाल पुलिस ने शिकायत पर थाना साइबर क्राइम में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
दुर्ग जिले में ऑनलाइन क्रिकेट में सट्टा लगाने वाले 12 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। रायपुर में 3 दिसंबर को हुए भारत-दक्षिण अफ्रीका ODI मैच पर आरोपी मोबाइल ऐप के जरिए सट्टा लगवा रहे थे। जिले के 3 थानों की पुलिस सिटी कोतवाली, पुलगांव और धमधा थाना क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर दबिश देकर आरोपियों को पकड़ा है। उनके कब्जे से लगभग 2 लाख रुपए नकद और 15 मोबाइल फोन जब्त किए हैं। हर दांव पर 3 प्रतिशत कमीशन लेते थे हाल ही के महीनों में जुआ प्रतिबंध अधिनियम के तहत यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। सिटी कोतवाली पुलिस को 3 दिसंबर को सूचना मिली थी कि तांदुला जलाशय के पास राजेंद्र पार्क के सामने एक युवक मोबाइल के माध्यम से ऑनलाइन सट्टा संचालित कर रहा है। टीम ने मौके पर छापा मारकर दिनेश बंजारे (31 वर्ष) को सट्टा खिलाते हुए रंगेहाथ पकड़ा। पूछताछ में दिनेश ने बताया कि उसे सट्टा आईडी 'MYbet777.co' आरोपी अंकित मेडे ने उपलब्ध कराई थी। दिनेश हर दांव पर 3% कमीशन लेता था और इसी आईडी से वह आकाश नंदनवार (25 वर्ष) को भी 2% कमीशन पर दांव लगवाता था। पुलिस ने दिनेश के पास से एक लाख रुपए नकद और दो मोबाइल फोन, जबकि आकाश के पास से 50 हजार रुपए नकद और एक मोबाइल फोन जब्त किया। सूचना मिलते ही पुलगांव थाना पुलिस ने दी दबिश पुलगांव थाना क्षेत्र में भी पुलिस को ऑनलाइन क्रिकेट सट्टा लगाए जाने की सूचना मिली। टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए टीमन बंजारे (26 वर्ष) को गिरफ्तार किया। जांच में टीमन ने बताया कि वह अपने दोस्त पवन तांबूले के जरिए सट्टा आईडी बनवाकर दांव लगवाता था। पुलिस ने उनके कब्जे से दो मोबाइल फोन (वीवो और सैमसंग) जब्त किए। धमधा थाना क्षेत्र में भी पुलिस ने एक ऑनलाइन सट्टा नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, जिसे आठ लोगों की टीम चला रही थी। धमधा पुलिस की कार्रवाई धमधा थाना क्षेत्र में बाजारपारा मंगल भवन के पास पुलिस ने एक और बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया। यहां शशांक शर्मा (24 वर्ष) अपने मोबाइल से क्रिकेट, कल्याण और राजधानी नाइट पर ‘ऑनलाइन सट्टा पट्टी’ लिखता पाया गया। मौक़े पर उपस्थित तुकाराम शर्मा, राकेश सिन्हा, धर्मराज वर्मा, देवचरण साहू, संजय कहार, थान सिंह यादव और शेखर साहू के मोबाइल फोन भी चेक किए गए। सभी के मोबाइल में सट्टा लेनदेन से जुड़े चैट, स्क्रीनशॉट और रिकॉर्डिंग मिलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गई। यहां से पुलिस ने 10 मोबाइल और ₹31,200 नकद जब्त किया। न्यायिक रिमांड पर जेल भेजे गए आरोपी सभी मामलों में सिटी कोतवाली, पुलगांव और धमधा थानों में आरोपियों के खिलाफ धारा 7, छत्तीसगढ़ जुआ प्रतिषेध अधिनियम 2022 के तहत अपराध दर्ज कर उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। गिरफ्तार आरोपी 1. दिनेश बंजारे (31) 2. आकाश नंदनवार (25) 3. टीमन बंजारे (26) 4. पवन तांबूले 5. शशांक शर्मा (24) 6. तुकाराम शर्मा (45) 7. राकेश सिंह (32) 8. धर्मराज वर्मा (29) 9. देवचरण साहू (25) 10. संजय कर (32) 11. थान सिंह यादव (37) 12. शेखर साहू (28)
सीकर शहर में रहकर JEE की तैयारी कर रहे 17 साल के नाबालिग स्टूडेंट के लापता होने का मामला सामने आया है। स्टूडेंट सीकर के प्राइवेट हॉस्टल में रहता था। दोपहर के समय खाना खाकर बाहर निकला लेकिन वापस नहीं लौटा। अब स्टूडेंट के दादा ने उद्योग नगर पुलिस थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। स्टूडेंट के दादा ने पुलिस में शिकायत देकर बताया कि वह जयपुर के रहने वाले हैं। उनका पोता सीकर की प्राइवेट कोचिंग में JEE की तैयारी कर रहा है। यहां पर वह पिपराली रोड एरिया में एक हॉस्टल में रहता है। 3 दिसंबर को दोपहर 2 बजे के करीब पोता हॉस्टल से खाना खाकर निकला था, जो वापस नहीं लौटा। इस संबंध में हॉस्टल स्टाफ ने भी परिजनों को सूचना दी। परिजनों ने काफी तलाश की लेकिन नाबालिग स्टूडेंट का कुछ भी पता नहीं चल सका। मामले में उद्योग नगर थाना SHO राजेश कुमार बुडानिया का कहना है कि स्टूडेंट की गुमशुदगी को लेकर उसके दादा ने मुकदमा दर्ज करवाया है। जिसकी जांच हेड कॉन्स्टेबल चंद्रकला कर रही है। वर्तमान में स्टूडेंट का मोबाइल स्विच ऑफ है। स्टूडेंट की तलाश में टीम लगी हुई है। यह खबर भी पढ़ें: दो बेटों के साथ घर से निकली महिला लापता:बैंक अकाउंट खुलवाने के बहाने बाहर गई थी, पति ने गांव के युवक पर जताया शक सीकर में 35 साल की महिला और उसके दो बेटों की गुमशुदगी का मामला सामने आया है। महिला के पति ने गांव के ही एक युवक पर शक जताते हुए मुकदमा दर्ज करवाया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।(पूरी खबर पढ़ें)
हिसार जिले की हांसी पुलिस ने चोरी के दो अलग-अलग मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों मामलों में चोरी किया गया सामान भी बरामद कर लिया गया है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक हांसी अमित यशवर्धन के निर्देशानुसार थाना सदर की टीमों द्वारा की गई। मामनपुरा में घर से चोरी पहला मामला गांव मामनपुरा निवासी सागर के मकान से 2 दिसंबर 2025 की रात हुई चोरी से जुड़ा है। मुख्य सिपाही विजय कुमार ने बताया कि शिकायत मिलते ही पुलिस ने जांच शुरू की और घटना के 22 घंटे के भीतर प्रेम नगर निवासी रिंकू को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी के कब्जे से चोरी का इन्वर्टर, बैटरी और एक मोबाइल फोन बरामद किया गया है। रिंकू को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। गगनखेड़ी में खेत से कॉपर तार चोरी, एक आरोपी काबू दूसरे मामले में थाना सदर की टीम ने गांव गगनखेड़ी के खेत से सबमर्सिबल की कॉपर तार चोरी करने के आरोप में संदीप को गिरफ्तार किया। मुख्य सिपाही बलजीत ने बताया कि आरोपी से चोरी की गई तार बरामद कर ली गई है। संदीप को भी न्यायालय में पेश कर एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है। रिमांड के दौरान उससे पूछताछ कर यह पता लगाया जाएगा कि क्या वह किसी गिरोह से जुड़ा है या अन्य वारदातों में शामिल रहा है। अपराध पर अंकुश के लिए पुलिस की सख्त कार्रवाई जारी पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दोनों मामलों में की गई त्वरित कार्रवाई अपराध पर नियंत्रण की दिशा में एक मजबूत कदम है। जिले में अपराधियों पर निगरानी बढ़ाई गई है और ऐसे मामलों में तुरंत कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी। जांच अधिकारी सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई और आरोप तय करने की प्रक्रिया में जुटे हैं।
इनोवा सवार पर हमला, कार का शीशा तोड़ा और मोबाइल लूट ले गए आरोपी
लुधियाना| फोकल पॉइंट में एक व्यक्ति पर उस समय हमला कर दिया गया जब वह अपनी पत्नी के ब्लॉक समिति के नामांकन पत्र जमा करवाने से पहले गांव के गुरुद्वारे में माथा टेकने जा रहा था। पीड़ित सुरिंदर कुमार ने बताया कि 3 दिसंबर को वह अपनी इनोवा कार में सवार होकर निकला था। जैसे ही वह गुरुद्वारे के पास पहुंचा, आरोपी दिलदार सिंह और हरदीप सिंह ने उसका रास्ता रोक लिया। सुरिंदर के अनुसार, आरोपियों ने उसे घेर लिया और हाथ में पकड़े बर्छे से उसकी कार के ड्राइवर साइड का शीशा तोड़ दिया। इस दौरान उन्होंने उसका मोबाइल फोन भी छीन लिया, जिसके कवर में कुछ ऑस्ट्रेलियन डॉलर भी थे। पीड़ित का कहना है कि आरोपियों ने उसे जान से मारने की धमकी दी, जिसके बाद वह डर के मारे कार भगा ले गया। घटना की जानकारी मिलते ही थाना फोकल प्वाइंट पुलिस ने पीड़ित का बयान दर्ज किया। जांच अधिकारी निर्मल सिंह ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ बनती धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है।
बुरहानपुर में इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर बुधवार देर रात चार अज्ञात युवकों ने लूट की वारदात को अंजाम दिया। कटी घाटी के पास खराब हुए एक आयशर वाहन के चालक और क्लीनर से बदमाशों ने 2900 रुपए नकद और दो मोबाइल फोन छीन लिए। निंबोला थाना पुलिस ने इस मामले में गुरुवार को अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, घटना बुधवार रात करीब 10 बजे की है। बुरहानपुर से रूई भरकर इंदौर जा रहा आयशर वाहन (एमपी 68 एच 0199) इंदौर-इच्छापुर हाईवे पर कटी घाटी के पास खराब हो गया था। इसी दौरान 18 से 20 साल की उम्र के चार युवक वहां पहुंचे। युवकों ने वाहन चालक श्रीराम पिता नरोत्तम महाजन (निवासी बहादरपुर) और क्लीनर दिनेश पिता गोरेलाल (निवासी इंदिरा कॉलोनी) के साथ मारपीट की। इसके बाद वे उनसे 2900 रुपये नकद और दो मोबाइल फोन छीनकर फरार हो गए। लूट की सूचना मिलने पर निंबोला थाना टीआई राहुल कांबले अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। क्लीनर दिनेश पिता गोरेलाल ठाकुर की शिकायत पर पुलिस ने चार अज्ञात युवकों के खिलाफ लूट का मामला दर्ज किया है। निंबोला थाना प्रधान आरक्षक दीपेंद्र सिंह कलम ने बताया कि अज्ञात आरोपियों की तलाश जारी है।
छतरपुर जिले के राजनगर थाना क्षेत्र के मनिया गांव के पास बम्होरी तिराहे पर गुरुवार सुबह एक 40 वर्षीय महिला का शव संदिग्ध परिस्थितियों में मिला। सूचना मिलते ही राजनगर और महाराजपुर थाना पुलिस के साथ एफएसएल टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस ने शव को राजनगर अस्पताल भेजकर पोस्टमार्टम कराया। मृतका की पहचान रानी (40) पत्नी दशरथ रैकवार, निवासी तालगांव के रूप में हुई है। परिजनों के अनुसार रानी 29 नवंबर को महाराजपुर स्थित अपने भाई के घर भतीजे की शादी में शामिल होने आई थीं। गुरुवार सुबह उनका शव सड़क किनारे संदिग्ध हालात में मिला। घटनास्थल पर शराब का क्वार्टर और संदिग्ध वस्तुएंजांच के दौरान पुलिस को एक पेड़ के नीचे शराब का क्वार्टर, ग्लास और कुछ अन्य संदिग्ध सामान मिला। इन्हीं वस्तुओं के आधार पर पुलिस विभिन्न एंगल से पड़ताल कर रही है। वहीं मृतका के पति दशरथ रैकवार ने बताया कि पुलिस ने उन्हें घटना की सूचना दी। उन्होंने कहा कि रानी का मोबाइल फोन, गहने और पर्स घटनास्थल से गायब हैं, जिससे मामला और संदिग्ध हो गया है। रात 9 बजे किराना दुकान गई थीरानी के भाई प्रकाश ने बताया कि बुधवार रात करीब 9 बजे रानी कुसमा स्थित एक किराना दुकान पर गई थीं। इसके बाद वह घर नहीं लौटीं। इसी आधार पर पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, जिसमें किराना दुकान के फुटेज भी शामिल हैं। परिवार ने हत्या की आशंका जताईपरिजनों ने साफ तौर पर हत्या की आशंका जताई है। राजनगर थाना प्रभारी परशुराम डाबर फिलहाल छुट्टी पर हैं, लेकिन उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद स्थिति और स्पष्ट होगी। पुलिस अलग-अलग एंगल से मामले की पड़ताल कर रही है और जल्द ही घटना का खुलासा होने की उम्मीद जताई जा रही है।
अमृतसर में खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह के दो करीबी साथी पप्पलप्रीत सिंह और कुलवंत सिंह राउके को आज अजनाला अदालत में पेश किया गया। यह पेशी 2023 में दर्ज FIR नंबर 29/16223 से जुड़ी है, जो वरिंदर सिंह की शिकायत पर अगवा करने और मारपीट के आरोप में दर्ज की गई थी। दोनों आरोपियों को पहले किसी अन्य मामले में जेल में रखा गया था और प्रोडक्शन वारंट के जरिए अदालत में लाया गया। पुलिस ने दोनों से पांच दिन का रिमांड मांगा था, लेकिन अदालत ने केवल दो दिन का रिमांड मंजूर किया। एडवोकेट रीतु राज ने बताया कि केस को जानबूझकर लंबा खींचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब तक 12 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं, लेकिन पुलिस को कोई ठोस रिकवरी नहीं मिली। रीतु राज ने कहा, मुकदमा सिर्फ लटकाने के लिए खड़ा किया जा रहा है। रिमांड के दौरान आरोपियों से मोबाइल और अन्य महत्वपूर्ण सबूतों की जांच डीएसपी गुरविंदर सिंह ने कहा कि रिमांड के दौरान आरोपियों से मोबाइल फोन और अन्य महत्वपूर्ण सबूतों की जांच की जाएगी। उनका कहना है कि इससे मामले में अहम खुलासे हो सकते हैं। अमृतपाल के चाचा सुखचैन सिंह ने भी सरकार और पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि केस जानबूझकर लंबा किया जा रहा है, ताकि आरोपियों को कोई राहत न मिले। पहले भी कई दिन के रिमांड लिए गए, लेकिन कोई ठोस सफलता नहीं मिली। अब वही प्रक्रिया दोहराई जा रही है । दो दिन के पुलिस रिमांड के दौरान जांच जारी रहेगी। अदालत में पेशी के बाद मामले की अगली कार्रवाई पर सभी की नजरें टिकी हैं।
पलवल में साइबर क्राइम थाना पुलिस ने फर्जी सिमकार्ड और सोशल मीडिया पर ऑनलाइन बाइक बेचने का विज्ञापन देकर ठगी करने वाले एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी लोगों को सस्ते में बाइक बेचने का झांसा देकर धोखाधड़ी करता था। साइबर थाना प्रभारी नवीन कुमार ने बताया कि, उनकी टीम, जिसका नेतृत्व संदीप कर रहे थे, जयंती मोड़ हथीन में मौजूद थी। इसी दौरान मुखबिर से सूचना मिली कि लखनाका गांव निवासी सोयस फर्जी सिम और सोशल मीडिया प्रोफाइल का उपयोग कर बाइक बेचने के नाम पर ऑनलाइन ठगी कर रहा है। सूचना के आधार पर, पुलिस टीम ने हथीन बाईपास रोड पर दबिश दी और आरोपी सोयस को मौके से पकड़ लिया। तलाशी के दौरान, उसकी पैंट की जेब से एक ओपो मोबाइल फोन बरामद हुआ, जिसमें एक फर्जी सिमकार्ड सक्रिय था। मोबाइल में मिली संदिग्ध चैटिंग मोबाइल की जांच करने पर, वॉट्सऐप में संदिग्ध चैटिंग मिली। इसके अतिरिक्त, एक अन्य वॉट्सऐप खाता और जय कुमार के नाम से एक फेसबुक पेज आईडी भी मिली। इंस्टाग्राम आईडी पर हीरो होंडा स्प्लेंडर बाइक बेचने से संबंधित पोस्ट पाई गई, और गैलरी में बाइक की तस्वीरें तथा क्यूआर कोड भी मिले। जांच में सामने आया कि बरामद किया गया मोबाइल नंबर राहुल नामक व्यक्ति के नाम पर पंजीकृत था। इस नंबर के खिलाफ एनसीआरपी पोर्टल पर एक शिकायत भी दर्ज थी। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर आरोपी से पूछताछ की और उसे अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया। साइबर थाना प्रभारी ने दोहराया कि साइबर ठगी के इस नेटवर्क से जुड़े किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा।
सिरसा में एक विवाहिता अपने दो बच्चों संग मिसिंग होने का मामला सामने आया है। प्राथमिक जांच में सामने आया है कि विवाहिता का पति के साथ मनमुटाव चल रहा था। इन दिनों वह अपने मायके में रह रही थी। अचानक वह अपने घर से चली गई। अब उसका मोबाइल नंबर भी बंद आ रहा है। ऐसे में उसका पता भी नहीं लग रहा है। इस मामले में महिला के घरवालों ने पुलिस को शिकायत दी है। 36 वर्षीय महिला का शादी के कुछ समय बाद पति से मनमुटाव हो गया था। काफी समय से वह अपने पति से अलग रह रही थी। अचानक वह अपने घर से चली गई। परिजनों को भी नहीं पता। ऐसे में उन्होंने पुलिस को शिकायत दी है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उसका मोबाइल नंबर बंद आने के कारण उसका पता लगा पाना भी मुश्किल हो गया है। पुलिस को दी शिकायत में युवक ने बताया कि वह जिले के गांव का रहने वाला है। उसकी बहन की शादी करीब 15 साल पहले राजस्थान में हनुमानगढ़ निवासी व्यक्ति से हुई थी। उनके दो बच्चे हैं। उसकी अपने पति से मनमुटाव चल रहा था। इसके चलते वह अपने मायके में रह रही थी। बीतें 22 तारीख को वह उसकी बहन अपने दोनों बच्चों सहित बिना बताएं कहीं घर से चली गई। उसका पता चलने पर तलाशा और उसके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया। मगर फोन बंद आ रहा है और उसकी तलाश की गई, पर कोई सुराग नहीं लगा है। उसकी बहन के हाथ पर उसका नाम गुदा हुआ है। उसे शक है कि उसकी बहन को किसी ने छिपा रखा है। उसकी बहन व बच्चों की तलाश की जाए।
जिले के देहात थाना क्षेत्र के सेमल्दा हवेली रोड पर बुधवार को एक किसान से लूट की वारदात हुई। बाइक सवार तीन बदमाशों ने जानपुरा निवासी किसान जनरेल सिंह से 5 लाख रुपए और मोबाइल फोन छीन लिया। बदमाशों ने वारदात को अंजाम देने से पहले किसान की आंखों में पाउडर झोंक दिया, जिससे वह कुछ देर के लिए देख नहीं पाया। जानकारी के अनुसार, किसान जनरेल सिंह आईडीबीआई बैंक से 5 लाख रुपए निकालकर अपने गांव जानपुरा लौट रहे थे। सेमल्दा हवेली रोड के सुनसान रास्तों पर पहुंचते ही, पीछे से आए तीन अज्ञात बाइक सवार ने उन्हें रोक लिया। किसान कुछ समझ पाता, इससे पहले ही एक युवक ने उनकी आंखों में पाउडर फेंक दिया, वहीं दूसरा उनके हाथ से रुपयों से भरा बैग और मोबाइल छीन लिया। तीसरा युवक बाइक पर ही बैठा था। तीनों बदमाश तुरंत मौके से तेज रफ्तार में फरार हो गए। पीड़ित जनरेल सिंह ने किसी तरह पानी डालकर अपनी आंखें साफ कीं और राहगीरों की मदद से पुलिस को सूचना दी। शिकायत पर पुलिस सीसीटीवी खंगाल रही है सूचना मिलते ही देहात थाना पुलिस मौके पर पहुंची और आसपास के रास्तों पर नाकाबंदी कराई, लेकिन बदमाशों का कोई सुराग नहीं मिल पाया। पुलिस घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है ताकि बदमाशों की पहचान की जा सके। पुलिस ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ लूट का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का मानना है कि यह वारदात पूरी योजना के साथ की गई है, क्योंकि बदमाश बैंक से ही किसान का पीछा कर रहे थे। पुलिस टीमें बदमाशों के संभावित रूटों पर दबिश दे रही हैं। इस घटना से क्षेत्र के किसानों और आम लोगों में चिंता का माहौल है।
पिछले दिनों डबल चौकी में तीन वर्षीय नर तेंदुए की हत्या और उसके क्षत-विक्षत मिले शव के मामले में वन विभाग ने खुलासा किया है। मामले में दिनेश नामक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है और उसके खेत से तेंदुए के काटे गए आगे के पंजे बरामद किए हैं। जांच में खुलासा हुआ कि तेंदुए की मौत क्लच वायर फंदे में फंसने से हुई है। इसे आरोपी दिनेश ने जंगली सूअर पकड़ने के लिए लगाया था। फंदा कसते-कसते तेंदुए को गंभीर चोट पहुंची और ज्यादा खून बहने से उसकी मौत हो गई। डीएफओ प्रदीप मिश्रा ने बताया कि आरोपी आदतन है और जंगली सूअर का इसी तरह शिकार करता है जिसके लिए अक्सर ऐसे फंदे लगाता रहता है। मामले में तब मोड़ आया जब ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी के नाबालिग बेटे के मोबाइल में फंसे हुए तेंदुए का वीडियो है। वीडियो में तेंदुआ फंदे में जिंदा दिख रहा था और उसके सभी अंग सलामत थे। वीडियो से यह भी खुलासा हुआ कि जिस जगह शव मिला, वहां उसकी मौत नहीं हुई थी। डॉग स्क्वाड से आरोपी के घर का मिला सूत्र वन विभाग का डॉग स्क्वाड जहां तेंदुआ मृत मिला था वहां से सीधे गढ़ी स्थित आरोपी के घर के पास पहुंचा तो विभागा का शक गहरा गया। यहां आरोपी दिनेश की घर की तलाशी ली तो घर से कुल्हाड़ी, पेचकस, प्लायर और एयरगन आदि जब्त किए जिनका उपयोग तेंदुए के अंग काटने में किया गया था। सबूत मिटाने की कोशिश: खेत में दबाए पंजे पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि वह तेंदुए के पंजे को काट लेने के बाद उन्हें बेचने की फिराक में था। पकड़े जाने के डर से उसने पंजों को अपने खेत में गाड़ दिया था। वन विभाग ने बाद में खेत की खुदाई कर पंजों को बरामद किया। डीएफओ प्रदीप मिश्रा ने आरोपी ने तेंदुए के दांत निकालने की भी कोशिश की थी लेकिन फिर वह डर के कारण शव को नाली में फेंककर भाग गया। वन विभाग ने आरोपी के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है। मामले में अन्य लोगों की भूमिका की जांच की जा रही है।
हिसार जिले में मंगाली चौकी पुलिस ने लूट की वारदात का खुलासा करते हुए एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, 2 दिसंबर 2025 की शाम पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि मंगाली कुटिया के पास सातरोड खुर्द निवासी युवक हिमांशु के साथ लूटपाट हुई है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। फोन कॉल के दौरान हुई लूटपाटपीड़ित हिमांशु ने बताया कि वह रात करीब 8:05 बजे तोशाम से हिसार की ओर अपनी बाइक पर आ रहा था। इसी दौरान मंगाली कुटिया के पास फोन कॉल आने पर उसने बाइक रोकी। तभी पीछे से एक काले रंग की स्विफ्ट कार उसके सामने आकर रुकी। कार से तीन नकाबपोश युवक उतरे और पूछताछ के बहाने उसका मोबाइल फोन, पर्स, नकदी और पहचान पत्र छीन लिया। विरोध करने पर आरोपियों ने उसके साथ मारपीट की, गाली-गलौच की और उसकी बाइक की चाबी छीनकर मौके से फरार हो गए। पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई, एक आरोपी गिरफ्तारमामले को गंभीरता से लेते हुए मंगाली चौकी प्रभारी एएसआई संदीप कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने तुरंत नाकाबंदी कर आरोपियों की तलाश शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने वारदात में शामिल कुलदीप उर्फ गोधु, निवासी दुल्हेड़ी (जिला भिवानी) को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से वारदात में प्रयुक्त स्विफ्ट कार भी बरामद की है। फरार आरोपियों की तलाश जारीपुलिस शेष फरार आरोपियों की तलाश में लगातार दबिश दे रही है। साथ ही लूटे गए मोबाइल फोन और नकदी की बरामदगी के प्रयास जारी हैं। पुलिस का कहना है कि जल्द ही बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर वारदात की पूरी साजिश का खुलासा किया जाएगा।
पंजाब के फरीदकोट जिले के कोटकपूरा शहर में एक हैंडलूम स्टोर से युवक द्वारा मोबाइल फोन और नकदी चोरी किए जाने की घटना सामने आई है। वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी की तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई हैं, जिनके आधार पर थाना सिटी कोटकपूरा पुलिस जांच कर रही है। जानकारी के अनुसार, कोटकपूरा शहर में गुरुद्वारा चुल्ला साहिब के नजदीक नेहरू मार्केट में हैंडलूम स्टोर चलाने वाले राकेश मित्तल अपनी दुकान के ऊपर बने वॉशरूम में गए हुए थे। इसी दौरान, कुछ ही सेकंड में एक युवक दुकान में घुस आया। आरोपी दुकान से एक मोबाइल फोन और गल्ले में रखी करीब 10 से 15 हजार रुपए की नकदी लेकर फरार हो गया। सीसीटीवी में कैद हुई आरोपी की तश्वीर पड़ोस की दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में आरोपी की तस्वीरें कैद हुई हैं, जिनके आधार पर पुलिस उसकी पहचान करने का प्रयास कर रही है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले भी कोटकपूरा में एक सरकारी बैंक में एक युवक पैसे जमा कराने आए व्यक्ति के 20 हजार रुपए चोरी कर ले गया था, जिसका अभी तक पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला है। पलक झपकते ही दुकानों से हो रही है चोरियां-दुकानदार इस मामले में पीड़ित दुकानदार राकेश मित्तल ने बताया कि शहर में पहले भी इस तरह की कई घटनाएं पेश आ चुकी हैं, जिसमें पलक झपकते ही दुकान से चोरी हो जाती है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और हुए नुकसान की भरपाई करवाई जाए।
पंजाब के लुधियाना में स्नैचिंग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। ऐसा ही एक मामला थाना डिवीजन नंबर 3 के अंतर्गत डी.डी. जैन कॉलेज रोड पर सामने आया है, जहां कॉलेज से घर जा रही एक छात्रा से मोटरसाइकिल सवार युवक ने मोबाइल फोन छीन लिया और मौके से फरार हो गया। दिनदहाड़े हुई वारदात से फैली दहशतपीड़ित छात्रा नवजोत ने बताया कि बुधवार दोपहर करीब 1 बजे वह अपनी सहेली के साथ कॉलेज से घर लौट रही थी। इसी दौरान पीछे से आए एक मोटरसाइकिल सवार युवक ने अचानक उसका मोबाइल छीन लिया। छात्रा ने शोर मचाया, लेकिन आरोपी तेज रफ्तार में बाइक भगाकर फरार हो गया। छात्रा ने दर्ज कराई शिकायतनवजोत भारत नगर चौक के पास रहती है और डी.डी. जैन कॉलेज में बी.ए. की छात्रा है। उसने थाना डिवीजन नंबर 3 में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तलाश जारीजांच अधिकारी ए.एस.आई. अमरजीत सिंह ने बताया कि छात्रा की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने घटनास्थल और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि आरोपी की पहचान होते ही उसे गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। शहर में बढ़ती स्नैचिंग से लोगों में चिंतालुधियाना में हाल के दिनों में स्नैचिंग की घटनाओं में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। पुलिस ने नागरिकों से सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना देने की अपील की है।
फतेहगढ़ पुलिस ने 151 खोए मोबाइल बरामद किए:एसपी ने 35 लाख रुपये के फोन मालिकों को सौंपे
फतेहगढ़ पुलिस ने बुधवार को एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए 151 खोए हुए मोबाइल फोन बरामद किए। पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने पुलिस लाइन सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम में इन मोबाइलों को उनके असली मालिकों को सौंप दिया। बरामद किए गए मोबाइलों की कुल कीमत लगभग 35 लाख रुपये आंकी गई है। अपने खोए हुए मोबाइल वापस पाकर मालिकों के चेहरों पर खुशी और राहत साफ दिखाई दी। कई लोग भावुक हो गए और उन्होंने पुलिस टीम का सार्वजनिक रूप से आभार व्यक्त किया। पुलिस के अनुसार, इन मोबाइलों को खोजने के लिए सर्विलांस सेल और पुलिस टीम ने कई दिनों तक अथक प्रयास किए। देखें, 3 तस्वीरें... तकनीकी जांच, कॉल डिटेल्स, लोकेशन ट्रैकिंग और क्षेत्रीय नेटवर्क की मदद से इन मोबाइलों को दूसरे जिलों और दूरदराज के इलाकों से भी बरामद किया गया। एसपी ने सर्विलांस टीम की मेहनत की सराहना की। एसपी ने यह भी बताया कि भविष्य में खोई हुई वस्तुओं को तत्काल ट्रैक करने के लिए पुलिस तकनीकी संसाधनों को और मजबूत करेगी। फतेहगढ़ पुलिस की इस पहल से स्थानीय लोगों को न केवल राहत मिली है, बल्कि उनमें पुलिस के प्रति विश्वास भी बढ़ा है कि पुलिस हर संभव सहायता के लिए तत्पर है।
सोनीपत के एसडीएम सुभाष चंद्र ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को राई ब्लॉक स्थित औद्योगिक क्षेत्र में स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने का निर्देश दिया है। इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत प्रवासी मजदूरों के स्वास्थ्य की देखभाल करना है। एसडीएम ने बताया कि इन स्वास्थ्य शिविरों में मजदूरों के रक्तचाप (बीपी), शुगर, खून की जांच और टीबी की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसका लाभ यह होगा कि यदि किसी मजदूर में टीबी के लक्षण पाए जाते हैं, तो उसकी तुरंत पहचान कर उचित देखभाल शुरू की जा सकेगी। एसडीएम सुभाष चंद्र ने अपने कार्यालय में टीबी मुक्त अभियान को लेकर बढख़ालसा पीएचसी के एसएमओ और अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक के दौरान, उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को राई ब्लॉक के औद्योगिक क्षेत्रों में हर महीने 10 मोबाइल वैन एक्सरे मशीन के साथ उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। इन मोबाइल वैन से अधिक से अधिक मजदूर वर्ग को टीबी की जांच का लाभ मिल सकेगा। इसके अतिरिक्त, सभी फैक्टरी प्रबंधकों को टीबी रोगियों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। एसडीएम ने औद्योगिक एसोसिएशनों के साथ समन्वय स्थापित कर स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया। टीबी रोकथाम के लिए ली गई शपथ बैठक के अंत में उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को टीबी की रोकथाम के लिए शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर डॉ. एकता, एसटीएस अमित कुमार, पीपीएम ज्योति सहित अनेक स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।
सोनीपत में पुलिस आयुक्त ममता सिंह (IPS) के नेतृत्व में पुलिस उपायुक्त साइबर कुशल पाल सिंह और सहायक पुलिस आयुक्त साइबर राजदीप मोर के मार्गदर्शन में साइबर सेल सोनीपत की टीम ने नवंबर माह में विशेष अभियान चलाकर 27 गुमशुदा मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इन मोबाइल फोनों की कुल बाजार कीमत लगभग सात लाख रुपए बताई जा रही है। बरामद मोबाइल विभिन्न कंपनियों के हैं। CEIR पोर्टल से मिली मददबुधवार, 3 दिसंबर 2025 को सहायक पुलिस आयुक्त साइबर राजदीप मोर ने सभी मोबाइल फोन उनके असली मालिकों को सौंपे। यह कार्रवाई CEIR (Central Equipment Identity Register) पोर्टल और विभागीय अनुसंधान के माध्यम से की गई। साइबर सेल की लगातार बढ़ती सफलतासहायक पुलिस आयुक्त साइबर राजदीप मोर ने बताया कि साइबर सेल सोनीपत द्वारा लगातार ऐसे मामलों में सफलता हासिल की जा रही है, जहाँ गुम या चोरी हुए मोबाइल फोन को CEIR पोर्टल के माध्यम से ट्रैक किया जा रहा है। शिकायतकर्ताओं द्वारा ऑनलाइन दर्ज रिपोर्टों के आधार पर मोबाइल की लोकेशन का विश्लेषण कर पुलिस टीमों ने ये फोन बरामद किए। सोनीपत पुलिस ने इस वर्ष अब तक कुल 310 मोबाइल फोन ढूंढ़कर उनके मालिकों को सौंपे हैं। नागरिकों को साइबर जागरूक बनाने पर जोरराजदीप मोर ने कहा कि साइबर सेल का उद्देश्य अधिक से अधिक नागरिकों को उनका गुम मोबाइल वापस दिलाना और उन्हें साइबर अपराधों के प्रति जागरूक बनाना है। आमजन से की अपीलउन्होंने लोगों से अपील की कि यदि किसी व्यक्ति का मोबाइल फोन गुम या चोरी हो जाता है, तो वे तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज करवाने के साथ-साथ CEIR पोर्टल पर भी अपनी शिकायत ऑनलाइन दर्ज करें। इससे मोबाइल की लोकेशन ट्रैक होने और बरामदगी की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
दरभंगा जिले के घनश्यामपुर पुलिस ने 'ऑपरेशन मुस्कान' के तहत तीन महीने पहले गुम हुआ एक मोबाइल फोन उसके मालिक को लौटा दिया है। शिकायत घनश्यामपुर थाने में दर्ज एएसआई अशोक कुमार ने बताया कि घनश्यामपुर गांव निवासी सुमित कुमार का मोबाइल भारतीय स्टेट बैंक जाते समय गुम हो गया था। उन्होंने इसकी शिकायत घनश्यामपुर थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस ने जांच शुरू की थाना प्रभारी आलोक ने जानकारी दी कि सुमित कुमार की शिकायत के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की। गुम हुए मोबाइल फोन को मधुबनी जिले के भेजा थाना क्षेत्र के बलथी गांव से मंगलवार देर रात बरामद किया गया। मोबाइल वापस मिलने पर आभार व्यक्त किया बरामद मोबाइल सुमित कुमार को सौंप दिया गया है। मोबाइल वापस मिलने पर सुमित कुमार ने पुलिस का आभार व्यक्त किया।
गोंडा के एससीपीएम नर्सिंग कॉलेज के गर्ल्स हॉस्टल में बीएमएस छात्रा महावीस खानम के सुसाइड मामले में नगर कोतवाली पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। सोमवार देर शाम छात्रा ने हॉस्टल में आत्महत्या की थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सुसाइड की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने इस एंगल पर जांच तेज कर दी है। पुलिस ने मृतक छात्रा का मोबाइल फोन कब्जे में लेकर फोरेंसिक टीम को जांच के लिए सौंपा है। मोबाइल का लॉक तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे जांच में अहम सुराग मिल सकें। इसके साथ ही, पुलिस ने छात्रा की कॉल डिटेल भी निकलवाई है। घटना से पहले छात्रा से बात करने वाले सभी लोग पुलिस के रडार पर हैं। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है और छात्रा के संपर्क में रहने वाले अन्य लोगों से भी जानकारी जुटाई जा रही है। नगर कोतवाली पुलिस सुसाइड के कारणों को जानने का प्रयास कर रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि महावीस खानम ने किन परिस्थितियों में यह कदम उठाया। क्या उस पर कोई दबाव था, या उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था? इन सभी बिंदुओं पर गहनता से जांच की जा रही है। मृतका छात्रा के पिता ने पहले ही षड्यंत्र करके हत्या किए जाने का आरोप लगा चुके हैं। नगर कोतवाल विवेक त्रिवेदी ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सुसाइड की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा, 'हम उन सभी बिंदुओं पर जांच कर रहे हैं कि आखिर छात्रा ने किन परिस्थितियों में आत्महत्या की। क्या उस पर कोई दबाव था या उसे ब्लैकमेल किया जा रहा था? जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।'
नगर निगम रायपुर में संपत्तिकर वसूली को लेकर महापौर मीनल चौबे ने राजस्व वसूली के कई अहम निर्देश दिए। घर की छत पर मोबाइल टावर और होर्डिंग लगवाने वालों से टैक्स वसूलने को लेकर जारी किया गया। महापौर ने निर्देश दिए कि निगम क्षेत्र में जिन भवन मालिकों ने अपनी छत पर मोबाइल टावर लगाए हैं या विज्ञापन होर्डिंग लगवाई है, उनसे व्यवसायिक दरों के अनुसार टैक्स वसूला जाए। उन्होंने कहा कि यह नगर निगम के लिए आय का महत्वपूर्ण स्रोत है। जिसे अब और मजबूती से लागू किया जाएगा। इसके साथ ही निगम को नए राजस्व स्रोत खोजने और उन्हें लागू करने की आवश्यकता है, ताकि वित्तीय स्थिति मजबूत बनी रहे। सीलबंद भवनों पर भी आगे की कार्रवाई होगी बैठक में उन बड़े बकायादारों पर भी चर्चा हुई। जिन्होंने सीलबंदी के बाद भी नगर निगम को लंबित राशि का भुगतान नहीं किया है। महापौर ने निर्देश दिया कि ऐसे भवनों पर नियमानुसार आगे की कार्रवाई की जाए और वसूली में किसी तरह की ढिलाई न रहे। खाली भूखंडों की भी होगी वसूली महापौर ने पहले दिए गए निर्देशों का जिक्र करते हुए कहा कि शहर के सभी खाली भूखंडों की गणना कर, नियमानुसार टैक्स निर्धारित कर वसूली सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि खाली भूखंड भी निगम की आय के महत्वपूर्ण स्रोत हैं और इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। 31 दिसंबर से पहले टैक्स भरने पर 4% की छूट उन्होंने शहर के सभी संपत्तिकर दाता नागरिकों से अपील की कि वे 31 दिसंबर 2025 से पहले-वर्तमान वित्त वर्ष का पूरा संपत्तिकर जमा कर 4 प्रतिशत छूट का लाभ उठाएं। उनका कहना है कि समय पर कर अदा करने वाले सभी सम्माननीय नागरिक बधाई के पात्र हैं। जबकि देरी करने वालों को कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। महापौर ने कहा कि निगम की ओर से कर भुगतान की प्रक्रिया को और आसान करते हुए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं, जिनका अधिकाधिक उपयोग किया जाना चाहिए। लापरवाही पर सख्त रुख, समय पर कर अदा करने की अपील महापौर ने यह भी स्पष्ट किया कि कर वसूली में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने विभाग को निर्देश दिया कि जिन मामलों में बार-बार नोटिस के बाद भी भुगतान नहीं हो रहा है, वहां कानूनी प्रक्रियाएं तेजी से आगे बढ़ाई जाएं।
नवादा थाना क्षेत्र के करमन टोला रोड में आभूषण दुकानदार से लूट की गई। तकनीकी इनपुट और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने कांड में शामिल 2 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपितों में कोईलवर थाना क्षेत्र के बाघ मझौंवा, सुंदरपुर निवासी सचिन कुमार और टाउन थाना के बलबतरा निवासी मोहित कुमार शामिल हैं। इनके कब्जे से घटना में उपयोग की गई बाइक और मोबाइल भी बरामद किए जाने की जानकारी पुलिस ने दी है। एसपी राज ने बताया कि दोनों आरोपितों से की गई पूछताछ में पुलिस को गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। गिरफ्तार सचिन कुमार का पूर्व से भी आपराधिक इतिहास रहा है और कई मामलों में उसका नाम सामने आ चुका है। पुलिस अब इनकी निशानदेही पर अन्य फरार सदस्यों की तलाश में छापेमारी कर रही है। बदमाशों ने ओवरटेक कर रोकी थी बाइक बताया जाता है कि 29 नवंबर 2025 की सुबह टाउन थाना क्षेत्र के गौसगंज निवासी आभूषण व्यवसायी मनोज कुमार प्रसाद रेलवे स्टेशन से अपनी बाइक से बड़ी मस्जिद स्थित दुकान की ओर जा रहे थे। उनके साथ उनके करीबी अभिषेक कुमार भी थे। इसी दौरान करमन टोला स्थित भगत सिंह मूर्ति के पास तीन अलग-अलग बाइकों पर सवार 8 से 9 बदमाशों ने ओवरटेक कर उनकी बाइक को रोका और पिस्तौल सटा कर लूट करने का प्रयास किया। घटना के समय दुकानदार के शोर मचाने पर बदमाश घबरा गए और मौके से फरार हो गए। घटना के बाद पीड़ित ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसके आधार पर पुलिस ने छानबीन शुरू की। एसपी ने डीआईयू की टीम को भी जांच में लगाया था। तकनीकी जांच और फुटेज विश्लेषण के बाद पुलिस आरोपितों तक पहुंचने में सफल रही। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार दोनों आरोपितों के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर बाकी बदमाशों की जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
लुधियाना, पंजाब - लुधियाना देहात की थाना सिटी पुलिस ने एक बड़े सट्टेबाज को गिरफ्तार किया है, जो भोले-भाले लोगों को लालच देकर बड़े पैमाने पर सट्टा खिलवाता था। पुलिस ने उसके पास से ₹4,25,092 की नकदी और एक मोबाइल फोन बरामद किया है। आरोपी की पहचान राकेश कुमार उर्फ घुग, निवासी कन्या पाठशाला रोड, शास्त्री नगर, जगराओं के रूप में हुई है। थाना सिटी के एसएसआई सतपाल सिंह ने बताया कि कमल चौक में नाकाबंदी के दौरान पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी। सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए आरोपी को पकड़ा गया। पुलिस ने उसके खिलाफ संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है 10 के बदले 100 रुपए की लालच में फंसते लोग पुलिस के अनुसार, आरोपी ₹10 के बदले ₹100 देने का लालच देकर लोगों को अपने जाल में फंसाता था। नंबर न निकलने पर वह पैसे हड़प लेता था। पुलिस का कहना है कि सट्टेबाज व्हाट्सएप के जरिए नंबर लेते हैं और ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से लेनदेन करते हैं। पुलिस ने आरोपी का मोबाइल फोन जब्त कर तकनीकी जांच शुरू कर दी है, ताकि अन्य बड़े सट्टेबाजों तक पहुंचा जा सके। सट्टे के गिरफ्तार में फंस रहे युवा लोगों का आरोप है कि शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में पर्ची सट्टा तेजी से फैल रहा है, जिसमें कई सट्टेबाज मोबाइल ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं। प्ले स्टोर पर 'सट्टा बाजार', 'सट्टा मटका', 'ब्लैक सट्टा', 'सट्टा किंग' जैसे कई ऐप उपलब्ध हैं, जिनके जरिए लोग आसानी से नंबर और बाजार अपडेट देख लेते हैं। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है।
अमरपुरा में संत शिरोमणि श्री लिखमीदास महाराज स्मारक विकास संस्थान द्वारा आयोजित 9वें पाटोत्सव के तीसरे दिन भक्त चरित्र कथा का आयोजन किया गया। यह पाटोत्सव संत के भव्य स्मारक व देव मंदिर के लोकार्पण की 9वीं वर्षगांठ पर छह दिन के लिए हो रहा हैं। जोधपुर के बड़ा रामद्वारा, सूरसागर के महंत डॉ. रामप्रसाद ने कथा सुनाई। उन्होंने संत लिखमीदास महाराज और संत घाटमदास महाराज के जीवन प्रसंगों पर बात की। डॉ. रामप्रसाद ने कहा कि भगवान सिर्फ भक्त की भक्ति के वश में रहते हैं, उसमें व्यक्ति के पद (दर्जे) या धन का कोई महत्व नहीं है। उन्होंने अनेक भजनों के माध्यम से लोगों को महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विनयशीलता पर जोर देते हुए कहा कि सत्य बोलना और अच्छी संगति करना जीवन में सद्गुणों के विकास में सहायक है। परिवार व्यवस्था पर जताई चिंता कार्यक्रम में शिक्षाविद और गायिका संतोष मांजू ने भी अपनी बात रखी। उन्होंने मातृशक्ति के रूप में महिलाओं से परिवार को मजबूत करने और पर्यावरण की रक्षा में सक्रिय रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि मजबूत परिवार से ही मजबूत समाज और राष्ट्र का निर्माण होता है। मांजू ने चिंता जताते हुए कहा कि आज दादी और नानी की कहानियों की जगह मोबाइल ने ले ली है। बच्चों की पहली गुरु माता होती है, लेकिन आज की भागदौड़ में मोबाइल के कारण बचपन छूट रहा है। उन्होंने परिवार में होने वाली आपसी कलह व संबंधों में दूरी को प्रदूषण बताया और इसे जल व वायु प्रदूषण से भी अधिक खतरनाक बताया। एकल परिवार और केवल एक बच्चे की नई सोच से पारिवारिक संबंध सीमित हो रहे हैं, जो समाज के लिए ठीक नहीं है। आचार्य पुरुषोत्तम दास महाराज आएंगे भक्त चरित्र कथा के अगले चरण में कल खेड़ापा राम धाम के आचार्य पुरुषोत्तम दास महाराज का सान्निध्य मिलेगा। बीजेपी के राजस्थान के पूर्व और वर्तमान तेलंगाना प्रांत संगठन मंत्री चंद्रशेखर भी इस पाटोत्सव में शामिल होंगे। वे स्मारक स्थल पर पूजन करेंगे और कथा सुनेंगे। उनके साथ बीजेपी हैदराबाद के कोषाध्यक्ष अविनाश देवड़ा भी मौजूद रहेंगे।
कल्पना करें... किसी के पास ऐसा सीक्रेट वेपन हो कि वो जब चाहे आपके फोन में झांक सके। पर्सनल मैसेज के साथ बैंक OTP जैसे मैसेज पढ़ सके। जब चाहे आपकी बात सुन सके। आपकी लोकेशन जान सके और आपके फोन में मौजूद फोटो-वीडियो देख सके। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ ऐसा ही हो सकता है संचार साथी मोबाइल एप से, जिसे सरकार ने हर मोबाइल पर इंस्टॉल करने का निर्देश दिया है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि यह कदम लोगों की प्राइवेसी पर सीधा हमला है। यह एक जासूसी एप है। सरकार हर नागरिक की निगरानी करना चाहती है। इस स्टोरी में जानेंगे कि संचार साथी मोबाइल एप क्या है? इसका विरोध क्यों हो रहा है? क्या इससे जासूसी की जा सकती है और क्या ये लोगों की प्राइवेसी पर हमला है? सवाल 1: संचार साथी मोबाइल एप क्या है, यह एप मेरे लिए कैसे फायदेमंद है? जवाब: यह केंद्र सरकार का एक डिजिटल सेफ्टी प्रोजेक्ट है। इसे 17 जनवरी 2025 को लॉन्च किया गया था। इसे गूगल प्ले स्टोर और एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। वेबसाइट पर भी ये मौजूद है। इसके जरिए आम लोगों को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। जैसे… सवाल 2: संचार एप का विरोध क्यों हो रहा है, यह मेरे फोन में क्या-क्या डेटा देख सकता है? जवाब: 1 दिसंबर 2025 को एक सरकारी प्रेस रिलीज आई। कहा गया, “अब हर नए स्मार्टफोन में सरकार का साइबर सिक्योरिटी एप ‘संचार साथी’ पहले से इंस्टॉल रहेगा। 90 दिन में सभी कंपनियों को लागू करना होगा। इसे डिसेबल नहीं किया जा सकेगा।” पहले तो किसी ने ध्यान नहीं दिया। फिर कुछ एक्सपर्ट्स ने एप की परमिशन लिस्ट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर डाले। इसमें बताया गया कि ये एप कैमरा, माइक, कीबोर्ड, मैसेज, कॉल लॉग, लोकेशन जैसी परमिशन मांगता है, जिन्हें यूजर ऑफ नहीं कर सकते। सवाल 3: क्या इस एप से मेरी निगरानी या जासूसी हो सकती है? जवाब: एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये संभव है। संचार साथी एप को फोन के कई हिस्सों तक एक्सेस चाहिए, जो IMEI चेक से कहीं ज्यादा है। इसका सर्वर भी यही है। सवाल 4: एप जो डेटा लेता है, उसे कितने समय तक रखा जाता है? जवाब: संचार साथी की प्राइवेसी पॉलिसी कहती है कि डेटा सुरक्षित रखा जाएगा और कानूनी जरूरत पर शेयर होगा, लेकिन कितने समय तक स्टोर रहेगा, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। एक्सपर्ट का मानना है कि इससे प्राइवेसी रिस्क बढ़ सकता है। सवाल 5: क्या एप में कोई ऐसी अनुमति है जिसके बिना भी ये चल सकता है? जवाब: संचार साथी एप के कोर फंक्शन IMEI वेरिफिकेशन, खोए फोन की रिपोर्टिंग, फ्रॉड कॉल/SMS रिपोर्टिंग, SIM चेक है। इसके लिए मुख्य रूप से डिवाइस आइडेंटिफायर्स (IMEI), फोन स्टेट (कॉल/SMS), लोकेशन (ट्रैकिंग) और नेटवर्क एक्सेस काफी हैं। लेकिन एप गूगल प्ले और एप स्टोर लिस्टिंग के अनुसार कैमरा, माइक, स्टोरेज, कीबोर्ड जैसी ब्रॉड अनुमतियां मांगता है, जो IMEI चेक या फ्रॉड रिपोर्ट के बिना भी एप को बेसिक रन करने देती हैं। DoT पॉलिसी में इन्हें सपोर्टिंग फीचर्स कहा गया है। सवाल 6: क्या पहले भी जासूसी के मामले आए हैं? जवाब: 2023 में पेगासस स्पाइवेयर केस आया था। ये इजराइल के NSO ग्रुप का टूल था, जो फोन में घुसकर मैसेज, कैमरा, माइक एक्सेस करता था। आरोप लगाए गए थे कि भारत सरकार ने पत्रकारों को निशाना बनाने के लिए बेहद खतरनाक पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल और द वॉशिंगटन पोस्ट की नई जांच में ये खुलासा हुआ था। ये स्पाइवेयर मैसेज और ईमेल पढ़ सकता था, फोटो देख सकता था, कॉल सुन सकता था, लोकेशन ट्रैक कर सकता था, यहां तक कि कैमरा चालू करके वीडियो रिकॉर्डिंग भी कर सकता था। हालांकि ये पेगासस एक स्पाइवेयर था जिसे चुपचाप से फोन में छोड़ दिया जाता था। सरकार का संचार साथी एप डिजिटल सेफ्टी प्रोजेक्ट है। ये फोन में पहले से इंस्टॉल होकर आएगा। अभी इसे गूगल प्ले स्टोर और एप स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। यानी, ये स्पाइवेयर नहीं है। सरकार इसे नागरिकों को बेहतर सर्विस देने के लिए लाई है। हालांकि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि इसका इस्तेमाल भी स्पाइवेयर की तरह हो सकता है। सवाल 7: कई सारे एप्स हैं, जो ऐसी परमिशन मांगते है, संचार एप का विरोध क्यों? जवाब: विरोध और चिंताएं मुख्य रूप से दो फैक्टर्स पर निर्भर करती हैं- बड़ी और स्थापित कंपनियां जैसे गूगल या एपल आमतौर पर डेटा प्राइवेसी पॉलिसीज में ज्यादा पारदर्शिता रखती हैं और सख्त नियमों के तहत काम करती हैं। हां, सैद्धांतिक रूप से किसी भी एप से जासूसी हो सकती है, यदि उसके पास आवश्यक अनुमतियां हैं। इसी वजह से संचार एप के मामले में आलोचकों का तर्क है कि सरकार द्वारा अनिवार्य रूप से इंस्टॉल किया गया एप निगरानी का रास्ता खोल सकता है। डर है कि इस डेटा का उपयोग व्यक्तिगत स्तर पर नागरिकों की निगरानी के लिए किया जा सकता है, न कि केवल धोखाधड़ी रोकने के लिए। सवाल 8: क्या एप को अन इंस्टॉल किया जा सकता है या यह जबरन रहेगा? जवाब: पहले ये खबरें थीं कि इसे अन इंस्टॉल नहीं किया जा सकेगा। इसी वजह से इसका ज्यादा विरोध हो रहा था। हालांकि आज दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ये साफ किया कि एप को अन इंस्टॉल कर सकेंगे। सवाल 9: मोबाइल कंपनियों के पास क्या विकल्प, एपल क्या करेगा? जवाब: मोबाइल कंपनियों को 90 दिन का समय दिया गया है। नए फोन में संचार एप को प्री इंस्टॉल करके देना होगा। वहीं पुराने फोन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह एप इंस्टॉल किया जाएगा। कंपनियों को 120 दिनों में कंप्लायंस रिपोर्ट जमा करनी होगी। ये टेलिकॉम साइबर सिक्योरिटी रूल्स, 2024 के तहत है, लेकिन कंपनियों के पास क्या विकल्प हैं? सवाल 10: यूजर्स को प्राइवेसी के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? जवाब: संचार साथी एप अभी पूरी तरह वैकल्पिक है, इसलिए अगर आपको लगता है कि ये आपकी प्राइवेसी के लिए खतरा है तो इसे डाउनलोड करने से बचें। पुराने फोन में ऑटो सॉफ्टवेयर अपडेट बंद कर दें। प्राइवेसी सेटिंग्स में कैमरा, माइक, लोकेशन, SMS और कॉल लॉग की परमिशन को “आस्क एवरी टाइम” कर दें। हर रीस्टार्ट के बाद बैटरी यूजेज चेक करें कि एप बैकग्राउंड में तो नहीं चल रहा। ---------------- ये खबर भी पढ़ें... संचार साथी एप पर प्रियंका बोलीं-सरकार जासूसी करना चाहती है: सरकार ने कल कहा था- सभी मोबाइल में इंस्टॉल होगा; आज बोली- डिलीट कर सकते हैं सभी मोबाइल फोन में साइबर सिक्योरिटी एप 'संचार साथी' को प्री-इंस्टॉल करने के दूरसंचार विभाग (DoT) के आदेश पर विवाद बढ़ने के बाद मंगलवार को केंद्र सरकार की सफाई आई। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि ये कंपलसरी नहीं है। चाहे तो यूजर इसे डिलीट कर सकते हैं। पूरी खबर पढ़ें...
जमुई के टाउन थाना क्षेत्र में चोरों ने पुलिस को खुली चुनौती देते हुए थाने से मात्र 20 मीटर की दूरी पर स्थित एक मोबाइल दुकान में सेंधमारी कर दी। यह वारदात सोमवार और मंगलवार की आधी रात गर्ल्स मिडिल स्कूल परिसर में स्थित मोबाइल केयर दुकान में हुई, जहां चोरों ने पीछे की दीवार तोड़कर घुसपैठ की और 34 महंगे मोबाइल उड़ा ले गए। चोरी हुए मोबाइलों की अनुमानित कीमत करीब 7 लाख रुपए बताई जा रही है। घटना की जानकारी दुकानदार को मंगलवार सुबह करीब 9 बजे हुई। रात में दीवार तोड़कर घुसे चोर निमारंग निवासी एवं दुकान संचालक मो. वाजिद अंसारी ने बताया कि वे रोज की तरह सोमवार रात लगभग 9:30 बजे दुकान बंद करके घर गए थे। उस समय दुकान पूरी तरह सुरक्षित थी।रात के अंधेरे में चोरों ने दुकान के पीछे के कमजोर हिस्से को तोड़कर अंदर घुसने का रास्ता बनाया और कीमती मोबाइल समेटकर फरार हो गए। सीसीटीवी में बच्चे के हाथ-पैर, रोशनी भी की बंद दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में चोरी की घटना रिकॉर्ड हुई है। लेकिन फुटेज में सिर्फ एक बच्चे के हाथ और पैर दिखाई देते हैं। दुकानदार का अनुमान है कि चोरों ने किसी छोटे बच्चे को आगे कर यह वारदात करवाई, ताकि वह संकरी जगह से मोबाइल आसानी से निकाल सके। चोरों ने दुकान के ऊपर लगा बल्ब भी तोड़ दिया ताकि रोशनी न रहे और अंधेरे का फायदा उठाकर आराम से चोरी की जा सके। पुलिस घटनास्थल पर, लेकिन आरोपियों का सुराग नहीं सूचना मिलते ही टाउन थाना अध्यक्ष पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरू की। हालांकि, अभी तक चोरों की पहचान नहीं हो सकी है।थाने के सामने हुई इस बड़ी चोरी ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि इसी क्षेत्र में लगातार चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं। दुकानदार ने थाना में आवेदन देकर मामले की जल्द कार्रवाई और चोरी गए मोबाइलों की बरामदगी की मांग की है।
कोटपूतली में जिला एवं सत्र न्यायाधीश शिवानी सिंह ने राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (रालसा) द्वारा संचालित मोबाइल वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह वैन दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में आमजन तक कानूनी जानकारियां पहुंचाने का कार्य करेगी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव डिम्पल जंडैल ने बताया कि इस मोबाइल वैन के माध्यम से नालसा और रालसा द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इनमें आपदा पीड़ितों को कानूनी सहायता, श्रमिकों से संबंधित योजनाएं, बाल मैत्रीपूर्ण योजना, पीड़ित प्रतिकर योजना 2011 और निःशुल्क विधिक सहायता योजना जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल हैं। वैन के जरिए आगामी 21 दिसंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में भी प्रचार किया गया। इसका उद्देश्य आमजन को आपसी समझाइश से अपने मामलों का निस्तारण करने के लिए प्रेरित करना है। मोबाइल वैन ने कोटपूतली मुख्यालय से होते हुए सरूण्ड और नारेहड़ा जैसे आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान अधिकारी मित्र सूरजन ने ग्रामीणों को कानूनी विषयों पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर एडीजे प्रथम डॉ. राजेश कुमार, एडीजे तृतीय डॉ. अंजूम खान, एडीजे चतुर्थ डॉ. सुरेश कुमार, जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष एड. उदयसिंह तंवर और सचिव एड. हेमन्त शर्मा सहित कई न्यायिक अधिकारी-कर्मचारी और अधिवक्तागण उपस्थित रहे।
अब हर नए स्मार्टफोन में साइबर सिक्योरिटी एप 'संचार साथी' प्री-इन्स्टॉल (पहले से डाउनलोड) मिलेगा। केंद्र सरकार ने स्मार्टफोन कंपनियों को आदेश दिया कि वे स्मार्टफोन में सरकारी साइबर सेफ्टी एप को पहले से इंस्टॉल करके बेचें। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, ये आदेश आज सामने आया है। इसमें एपल, सैमसंग, वीवो, ओप्पो और शाओमी जैसी मोबाइल कंपनियों को 90 दिन का समय दिया गया है। इस एप को यूजर्स डिलीट या डिसेबल नहीं कर सकेंगे। पुराने फोन पर सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए यह एप इन्स्टॉल जाएगा। हालांकि यह आदेश फिलहाल पब्लिक नहीं किया गया है, बल्कि चुनिंदा कंपनियों को निजी तौर पर भेजा गया है। इसका मकसद साइबर फ्रॉड, फर्जी IMEI नंबर और फोन की चोरी को रोकना है। एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने कहा, 'यह एप फर्जी IMEI से होने वाले स्कैम और नेटवर्क मिसयूज को रोकने के लिए जरूरी है।' संचार साथी एप क्या है, कैसे करेगा मदद डुप्लीकेट IMEI नंबर से बढ़ रहा साइबर क्राइम भारत में 1.2 अरब से ज्यादा मोबाइल यूजर्स हैं, जो दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट है, लेकिन फर्जी या डुप्लीकेट IMEI नंबर की वजह से साइबर क्राइम बढ़ रहा है। IMEI एक 15 डिजिट का यूनिक कोड होता है, जो फोन की पहचान करता है। अपराधी इसे क्लोन करके चोरी के फोन को ट्रैक से बचाते हैं, स्कैम करते हैं या ब्लैक मार्केट में बेचते हैं। सरकार का कहना है कि यह एप पुलिस को डिवाइस ट्रेस करने में मदद करेगा। सितंबर में DoT ने बताया था कि 22.76 लाख डिवाइस ट्रेस हो चुके हैं। कंपनियों पर असर, ऐपल-सैमसंग को दिक्कत हो सकती इंडस्ट्री सोर्सेज कहते हैं कि पहले से कंसल्टेशन न होने से कंपनियां परेशान हैं। खासकर एपल के लिए मुश्किल है, क्योंकि कंपनी की पॉलिसी में गवर्नमेंट या थर्ड-पार्टी एप प्री-इंस्टॉलेशन पर पाबंदी है। पहले भी एपल का एंटी-स्पैम एप पर रेगुलेटर से टकराव हुआ था। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि एपल सरकार से नेगोशिएशन कर सकती है। एपल यूजर्स को वॉलंटरी प्रॉम्प्ट देने का सुझाव भी दे सकता है। हालांकि, अभी तक किसी भी कंपनी ने आदेश के बारे में कोई कमेंट नहीं किया है। यूजर्स की सीधा फायदा मिलेगा यूजर्स को सीधा फायदा मिलेगा। चोरी का फोन होने पर IMEI चेक करके तुरंत ब्लॉक कर सकेंगे। फ्रॉड कॉल रिपोर्ट करने से स्कैम कम होंगे, लेकिन एप डिलीट न होने से प्राइवेसी ग्रुप्स सवाल उठा सकते हैं। यूजर कंट्रोल कम होगा। भविष्य में एप और फीचर्स जुड़ सकते हैं, जैसे बेहतर ट्रैकिंग या AI बेस्ड फ्रॉड डिटेक्शन। DoT का कहना है कि यह टेलीकॉम सिक्योरिटी को नेक्स्ट लेवल पर ले जाएगा। ये खबर भी पढे़ं सुप्रीम कोर्ट बोला- वॉट्सएप क्यों, स्वदेशी एप अपनाएं:सोशल मीडिया अकाउंट्स को सस्पेंड-ब्लॉक करने के नियम बनाने की मांग थी, याचिका खारिज सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका खारिज कर दिया, जिसमें देशभर में सोशल मीडिया अकाउंट्स को सस्पेंड या ब्लॉक करने के नियम बनाने की मांग थी। याचिकाकर्ता चाहते थे कि सोशल मीडिया कंपनियां अकाउंट सस्पेंड या ब्लॉक करने में साफ प्रक्रिया, पारदर्शिता और संतुलन रखें। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने अनुच्छेद 32 के तहत कहा कि वॉट्सएप तक पहुंच को मौलिक अधिकार कैसे कहा जा सकता है। पूरी खबर पढ़ें...
जल्द ही आप घर बैठे आधार कार्ड में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बदल सकेंगे। आधार को रेगुलेट करने वाली संस्था यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने नई डिजिटल सर्विस की घोषणा की है। इसके जरिए यूजर्स आधार एप पर OTP वेरिफिकेशन और फेस ऑथेंटिकेशन से अपना मोबाइल नंबर अपडेट कर पाएंगे। इस सर्विस से दूरदराज इलाकों में रहने वाले लोग और सीनियर सिटिजन को आसानी होगी। नई सर्विस कैसे काम करेगी? UIDAI के मुताबिक मोबाइल अपडेट करने की प्रोसेस काफी सिंपल रखा गया है। इसके लिए कोई डॉक्यूमेंट या फिजिकल विजिट की जरूरत नहीं है। पूरी प्रोसेस कुछ मिनटों में हो जाएगी। आधार मोबाइल अपडेट क्यों जरूरी है? आधार कार्ड देश की सबसे बड़ी आइडेंटिटी सर्विस है, जिसमें 130 करोड़ से ज्यादा लोगों का डेटा जुड़ा हुआ है। मोबाइल नंबर इसका सबसे अहम हिस्सा है, क्योंकि इसी से OTP के जरिए बैंक अकाउंट, सरकारी सब्सिडी, इनकम टैक्स वेरिफिकेशन और डिजिटल सर्विसेज जैसे डिजीलॉकर तक एक्सेस मिलता है। अगर नंबर पुराना हो जाए या खो जाए तो कई समस्याएं हो सकती हैं। अभी तक इसे अपडेट करने के लिए एनरोलमेंट सेंटर जाना पड़ता था, जहां बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन और लंबी कतारों का झंझट होता है। लेकिन अब UIDAI डिजिटल तरीके से इसे आसान बनाने जा रहा है। UIDAI ने पिछले महीने AADHAAR एप लॉन्च किया था एक महीने पहले UIDAI ने आधार कार्ड का नया मोबाइल एप लॉन्च किया था। इसमें यूजर एक ही फोन में 5 लोगों के आधार रख सकते हैं। इसमें आधार की सिर्फ वही जानकारी शेयर करने का ऑप्शन है, जो जरूरी होते हैं। इस ऐप में आप UPI में जिस तरह स्कैन कर पेमेंट करते है, उसी तरह आधार डिटेल्स शेयर कर सकते हैं। एप को ज्यादा सिक्योर बनाने के लिए इसमें फेस ऑथेंटिकेशन जैसे फीचर्स जोड़े गए हैं। आधार के नए एप के फीचर्स पुराना आधार एप पहले से था, फिर नया क्यों लाया गया? पुराना mAadhaar और नया आधार एप का मकसद आधार को डिजिटल तरीके से यूज करना है, लेकिन फोकस अलग-अलग है... नए एप से यूजर्स को क्या फायदा मिलेगा? 2009 में शुरू हुआ था आधार आधार 2009 में शुरू हुआ था। अब 1.3 अरब यानी 130 करोड़ से ज्यादा लोगों के पास आधार हैं। पहले पेपर कार्ड था, फिर mAadhaar एप आया। अब डिजिटल इंडिया के तहत फुली डिजिटल एप लाया गया है। सरकार की कोशिश है कि हर सर्विस ऑनलाइन हो जाए। --------------------------- देश में 6 करोड़ मृतकों के आधार कार्ड एक्टिव: पश्चिम बंगाल में 34 लाख ID धारक अब जिंदा नहीं; UIDAI ने सर्वे शुरू किया देश में जनवरी 2009 में आधार कार्ड लागू हुआ था। हर नागरिक को आधार नंबर जारी करने की शुरुआत के 15 साल हो चुके हैं। इस दौरान 142 करोड़ से अधिक आधार कार्ड जारी हुए, लेकिन 8 करोड़ से ज्यादा धारकों की मौत के बावजूद 1.83 करोड़ कार्ड ही निष्क्रिय हो पाए हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें...
फ्री मोबाइल रिचार्ज का ऑफर! जानिए त्योहारों में कैसे हो रहा है स्कैम
सोशल मीडिया पर अलग-अलग अवसरों पर फ्री मोबाइल रिचार्ज मिलने का वादा करके लोगों के साथ स्कैम किया जा रहा है.
'कल्कि 2898 AD' के ट्रेलर रिलीज के वक्त मोबाइल फेंकने जा रहे थे अमिताभ बच्चन, खुद बताया पूरा किस्सा
बॉलीवुड फिल्मों के जाने माने मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन वैसे तो अक्सर ही खबरों में बने रहते हैं. लेकिन इस बार उनके क्रेज का कारण उनका जबरदस्त एक्शन अवतार है. हिंदी फिल्मों के एंग्री यंगमैन कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन अपनी नई फिल्म 'कल्कि 2898 AD' के ट्रेलर में एक विस्फोटक एक्शन अवतार में दिखाई दे रहे हैं. निर्देशक नाग अश्विन की इस पैन इंडिया फिल्म में कई लोगों को अमिताभ का एक्शन अवतार, फिल्म के हीरो प्रभास से भी अधिक दमदार लग रहा है. लेकिन इस ऑनस्क्रीन एक्शन अवतार का प्रभाव शायद बच्चन साहब को रियलिटी में भी फील होने लगा है. इधर 'कल्कि 2898 AD' का ट्रेलर रिलीज हुआ तथा उधर अमिताभ बच्चन अपने फोन से इतने नाराज हो गए कि उसे तोड़ने की बात कह गए. अपने ब्लॉग पर 'कल्कि 2898 AD' का ट्रेलर साझा करते हुए बताया कि वो अपने मोबाइल से फ्रस्ट्रेट हो गए हैं. उन्होंने ब्लॉग पोस्ट में लिखा, 'अपना फोन ठीक करने की बड़ी कोशिश कर रहा हूं... पहले से जो सेट था, अचानक बदल गया. तो हर तरफ से मदद लेने का प्रयास कर लिया, लेकिन नाकाम रहा... बहुत फ्रस्ट्रेटिंग है ये... चाह रहा था कि इंग्लिश और हिंदी टाइपिंग, दोनों हों. इंग्लिश में एक हिंदी वर्ड लिखूं और वो देवनागरी में आ जाए... मगर कई घंटे लिंक्स और एक्स्पेरिमेंट्स फॉलो करने के बाद, अब मैं खिड़की से बाहर फेंककर अपना फोन तोड़ डालने के बहुत करीब हूं.' कुछ देर पश्चात् बच्चन साहब ने साफ किया कि वो सच में अपना मोबाइल नहीं फेंकने जा रहे, बस गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. उन्होंने लिखा, 'नहीं नहीं नहीं... ऐसी किस्मत कहां... बस गुस्सा निकाल रहा हूं.' अपने ब्लॉग पोस्ट में अमिताभ ने ये भी कहा कि 'कल्कि 2898 AD' एवं 'Section 84 IPC' के पश्चात्, वो समझ नहीं पा रहे कि अगला प्रोजेक्ट क्या चुनना है. उन्होंने लिखा कि आज एक अभिनेता के पास 'मैनेजमेंट एक्सपर्ट्स से लेकर एजेंट्स तक' इतने सारे लोग होते हैं, ये बताने के लिए कि मार्किट में किस प्रकार का कंटेंट चल रहा है तथा सिनेमा लवर्स क्या पसंद कर रहे हैं, क्या नहीं. मगर उनके दौर में ऐसा कुछ नहीं था. अमिताभ ने कहा, 'हम सिर्फ अगली जॉब का मौका खोज रहे होते थे, जिससे हम घर चलाने की, नौकरी बनाए रखने की शर्त पूरी कर सकें. अब बात अलग हो गई है. नई जेनरेशन इस तरह सोचती है, ऐसे चलती है कि... मैं बाद एक काम खोजूंगा और उम्मीद करूंगा कि काम मिले और बस मेरा 'किचन चलता रहे.' अमिताभ बच्चन की अगली फिल्म 'कल्कि 2898 AD' का ट्रेलर सोमवार शाम को रिलीज हुआ है. इस फिल्म में अमिताभ, अश्वत्थामा का माइथोलॉजी बेस्ड भूमिका निभा रहे हैं तथा ट्रेलर में जनता उनके किरदार और काम को बहुत पसंद कर रही है. 'ये मेरी चॉइस है, मेरे मां-बाप…', जहीर इकबाल संग शादी पर आई सोनाक्षी सिन्हा की प्रतिक्रिया शूटिंग से 4 दिन पहले डायरेक्टर ने किया एक्ट्रेस को फिल्म से बाहर, सालों बाद खुद किया चौंकाने वाला खुलासा सैलरी पर हो रही चर्चा को लेकर आई 'पंचायत' के सचिव जी की प्रतिक्रिया, जानिए क्या कहा?
तमन्ना भाटिया को महाराष्ट्र साइबर सेल द्वारा आईपीएल मैचों की अवैध स्ट्रीमिंग में उनकी कथित संलिप्तता के संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। उनसे 29 अप्रैल को पूछताछ के लिए पेश होने की उम्मीद है। संजय दत्त भी इस मामले से जुड़े थे, लेकिन अपनी पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण, वह 23 अप्रैल को पूछताछ सत्र में शामिल नहीं हो सके। इसके बजाय, उन्होंने अपना बयान दर्ज करने के लिए एक अलग तारीख की मांग की। फेयरप्ले, जो महादेव ऑनलाइन गेमिंग ऐप की सहायक कंपनी है, को क्रिकेट, पोकर, कार्ड गेम्स और टेनिस जैसी विभिन्न लाइव गेम्स पर अवैध सट्टेबाजी से जोड़ा गया है। पिछले साल यह ऐप सुर्खियों में आया जब रणबीर कपूर और श्रद्धा कपूर जैसे अभिनेताओं, जिन्होंने इस ऐप का प्रचार किया, को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया। महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप दुबई से संचालित होता है, जिसे भिलाई, छत्तीसगढ़ के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल चलाते हैं। उन्होंने नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए नई वेबसाइटें और चैट समूह बनाकर विभिन्न रणनीतियों का उपयोग किया और सामाजिक मीडिया प्लेटफॉर्म पर भुगतान किए गए विज्ञापनों के माध्यम से लोगों को आकर्षित किया। ईडी एक साल से अधिक समय से महादेव ऐप से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रही है, जिसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न हाई प्रोफ़ाइल राजनेता और अधिकारियों के शामिल होने का आरोप लगाया गया है। भीड़ में पापा अमिताभ को सँभालते नजर आए अभिषेक बच्चन, फैंस कर रहे तारीफ इतनी छोटी स्कर्ट पहनकर इवेंट में पहुंच गई ऋतिक रोशन की Ex वाइफ, हुई Oops मोमेंट का शिकार ऐश्वर्या राय संग इंटीमेट सीन पर बोले रणबीर कपूर- 'हाथ कांप रहे थे फिर...'

