नेता व अफसरों के बीच गहरा अंतर्संबंध
हाल ही वरिष्ठ पत्रकार श्री ओम माथुर ने अपनी बेकद्री के जिम्मेदार अफसर खुद भी हैं शीर्षक से ब्लॉग लिखा है। उनके अनुसार अधिकारियों को सार्वजनिक रूप से अपमानित करने अथवा पीटने की चेतावनी देने के लिए सिर्फ नेताओं की मनमानी या अंहकार ही जिम्मेदार नहीं है, अफसर भी बराबर के दोषी है। मनचाही नियुक्तियों ... Read more
जगतपिता ब्रह्माजी के कई मंदिर हैं
शास्त्रानुसार अब तक स्थापित तथ्य यह है कि जगतपिता ब्रह्माजी का एक ही मंदिर तीर्थराज पुष्कर में स्थित है। ऐसा सावित्री माता के श्राप के कारण है। इस सिलसिले में अजमेरनामा डॉट कॉम न्यूज पोर्टल में एक आलेख साझा करने पर अनेक प्रतिक्रियाएं आई हैं, जिनसे यह ज्ञात होता है कि कई अन्य जगहों पर ... Read more
सृष्टि की रचना से पहले पुष्कर?
हाल ही ब्रह्माजी के बारे में अजमेरनामा डॉट कॉम में प्रकाशित जानकारी पर अजमेर के सुपरिचित बुद्धिजीवी श्री रमेश टेहलानी ने प्रतिक्रिया में कुछ सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि अगर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना पुष्कर में की, तो यह प्रश्न उठता है कि पुष्कर क्या सृष्टि से पहले मौजूद था? अगर ... Read more
ब्रह्माजी का एक और मंदिर यूएसए में
यह सर्वविदित है कि ब्रह्माजी का एक मात्र मंदिर तीर्थराज पुष्कर में है। ऐसा देवी सावित्री के श्राप की वजह से बताया जाता है। शास्त्रों में इसका उल्लेख है। अब तक कहीं और ब्रह्माजी का कोई मंदिर होने की जानकारी भी नहीं है। इस सिलसिले में हाल ही एक पोस्ट अजमेरनामा डॉट कॉम न्यूज पोर्टल ... Read more
मेला किसके लिए vvip के लिए या आमजनता के लिए
जनता का सवाल मेला किसके लिए vvip के लिए या आमजनता के लिए । कोई भी फंक्शन होता है या कोई आर्टिस्ट आता है उसमें vvip के लिए ऐसी व्यवस्था करी जाती है कि प्रशासन जो भी पैसा खर्च कर रहा है वह इन वीवीआईपी लोगों की सुविधा के लिए खर्च कर रहा है ।जबकि ... Read more
बिंदास कांग्रेस नेत्री थीं शकुंतला शर्मा पंडिताइन
अजमेर में ऐसे कई किरदार रहे हैं, जिनकी अजमेर की बहबूदी में अहम भूमिका रही है, मगर उनकी पहचान अतीत में खो गई है। कदाचित मौजूदा पीढी तो उनके नाम तक से वाकिफ नहीं होगी। उनमें से एक हैं स्वर्गीया श्रीमती शकुंतला शर्मा। पंडिताइन के नाम से प्रसिद्ध इस कांग्रेस नेत्री अपने जमाने में कांग्रेस ... Read more
पुष्कर की कहावत इस बार भी चरितार्थ नहीं हुई
कार्तिक एकादषी से धार्मिक पुश्कर मेला आरंभ हो गया, मगर पिछले कुछ सालों की तरह इस बार भी, वह कहावत चरितार्थ नहीं हुई कि पुश्कर सरोवर का पाली हिलने पर कडाके की ठंड षुरू हो जाती है। ज्ञातव्य है कि श्रद्धालुओं के कार्तिक स्नान से पुश्कर के पानी में हलचल होती है, और इसी के ... Read more
तीन नंबर से अजमेर का बहुत पुराना नाता
शुरू से ही तीन के आंकड़े का अजमेर से काफी पुराना रिश्ता-नाता रहा है। यह तथ्य जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के सेवानिवृत्त अधिशाषी अभियंता व व्यंग्य लेखक ई. शिव शंकर गोयल की खोजबीन से सामने आया है। उनका कहना है कि पृथ्वीराज चौहान के नाना महाराजा अजयपाल द्वारा बसाई गई और भोगौलिक रूप से राजस्थान की ... Read more
अजमेर में होम्योपैथी के भीष्म पितामह डॉ. सतीश वर्मा नहीं रहे
होम्योपैथी जगत के एक प्रमुख स्तंभ डॉ. सतीश वर्मा अब हमारे बीच नहीं हैं। हाल ही उनका देहावसान हो गया। उनकी उम्र 91 वर्ष थी। अलवर गेट स्थित सेवा मंदिर हॉस्पिटल मल्टीस्पेशलिटी एंड रिसर्च सेंटर के संस्थापक डॉ. वर्मा का होम्यापैथी चिकित्सा पद्धति के प्रति जनमानस में विश्वास कायम करने में अविस्मरीय योगदान है। उनकी ... Read more
एडीए बोर्ड का गठन न होने से अटका विकास
राज्य में नई सरकार के गठन को एक साल होने को है, मगर अब तक अजमेर विकास प्राधिकरण के बोर्ड का गठन नहीं किया गया है। चाहे इसके लिए सत्तारूढ़ भाजपा की भीतरी राजनीति जिम्मेदार हो या फिर सरकार का कोई असमंजस, मगर यह अजमेर शहर पर तो भारी ही पड़ रहा है। महत्वपूर्ण ये ... Read more
आजादी से पहले अजमेर नगर पालिका के अध्यक्ष
1866-68: मेजर डेविडसन 1868-73: केप्टन एच. एम. रिप्टन 1876र: मिस्टर जेम्स व्हाइट 1883: मिस्टर जे. आर. फिटजाल्ट 1883-84: मिस्टर जे. ई. किट्स 1884: कैप्टन डब्ल्यू.एच.सी. विल्ल 1884-91: रेविड डॉ. जे. हजबैंड 1891: लेफ्टिनेंट कर्नल न्यूमैन 1891-94:मिस्टर एफ.एल. राइड 1894: मिस्टर एच. क्लोस्टन 1895-1900: रेविड डॉ. जे. हजबैंड 1900-02: लेफ्टिनेंट कर्नल विलियम लॉंच 1903-07: मिस्टर सी. ... Read more
ऐसा था स्वतंत्र राज्य अजमेर: भाग दो
सन् 1946 से 1952 तक अजमेर राज्य के संचालन के लिए चीफ कमिश्नर को राय देने के लिए सलाहकार परिषद् बनी हुई थी। इस में सर्वश्री बालकृष्ण कौल, किशनलाल लामरोर व मिर्जा अब्दुल कादिर बेग, जिला बोर्ड व अजमेर राज्य की नगरपालिकाओं के सदस्यों द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधि, संसद सदस्य मुकुट बिहारी लाल भार्गव, कृष्ण गोपाल ... Read more
पार्षद बन कर पछताए थे स्वर्गीय श्री सेवकराम सोनी
नगर निगम चुनाव को लेकर कितनी मारामारी मचती है, सब जानते हैं। हर छोटा-मोटा नेता चाहता है कि उसे पार्टी टिकट दे दे। उसके लिए साम, दाम, दंड, भेद की नीति अपनाता है। येन-केन-प्रकारेण टिकट चाहिए ही। आखिर क्यों? क्या सेवा का भाव उछाल मार रहा होता है? या वर्चस्व की चाह गहरी हो जाती ... Read more
ऐसा था स्वतंत्र राज्य अजमेर: भाग एक
राजस्थान प्रदेश में विलय से पहले अजमेर एक स्वतंत्र राज्य था। केन्द्र सरकार की ओर से इसे सी स्टेट के रूप में मान्यता मिली हुई थी। सन् 1946 से 1952 तक अजमेर राज्य के संचालन के लिए चीफ कमिश्नर को राय देने के लिए सलाहकार परिषद् बनी हुई थी। सन् 1952 में प्रथम आम चुनाव ... Read more
मेरी फितरत में जीहुज़ूर ना था वरना साहब मेरा कुछ कसूर ना था
अजमेर के पत्रकार साथियों के कृतिव एवं व्यक्तित्व के बारे एक सीरीज लिखी तो मेरे पत्रकार साथी श्री अमित टंडन ने आग्रह किया कि अपने बारे में भी तो कुछ लिखिए। भला मैं अपने बारे में कैसे लिख सकता था? इस पर उन्होंने कहा कि वे यह जिम्मेदारी निभाना चाहते हैं। उनके आग्रह को मैं ... Read more
अमेरिका में ट्रंप की जीत की संभावना से आईटी कंपनियों के शेयरों में तेजी, सेंसेक्स 901 अंक चढ़ा
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप की जीत की संभावना के बीच सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और...
शख्सियत: स्वाधीनता सेनानी स्वर्गीया श्रीमती क्रांतिदेवी शर्मा
प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय श्री ज्वाला प्रसाद शर्मा की धर्मपत्नी स्वर्गीया श्रीमती क्रांतिदेवी ने आजादी के आंदोलन में पति के साथ कंधे से कंधा मिला कर भाग लिया। स्वर्गीय श्री कन्हैयालाल झा के घर जन्मी श्रीमती क्रांतिदेवी ने एम.ए. हिंदी तक शिक्षा अर्जित की है और लेखन कार्य करती थीं। वे आजादी के आंदोलन के ... Read more
अजमेर में कांग्रेस के स्तम्भ एडवोकेट जसराज जयपाल
अजमेर शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष रहे एडवोकेट जसराज जयपाल अपने आप में एक संस्था हैं। आजादी के बाद अजमेर की राजनीति में उनके परिवार का खासा वर्चस्व बना हुआ है। उनका जन्म 13 मई 1930 को ब्यावर इलाके के छोटे से गांव झाक में हुआ। उनके पिता स्वर्गीय श्री केशवराम ब्यावर स्थित कपड़ा मिल में ... Read more
अजमेर ने खो दिया समाजसेवी श्री श्यामसुंदर छापरवाल को
अजमेर ने हाल ही प्रमुख समाजसेवी श्री श्यामसुंदर छापरवाल को खो दिया। वे न केवल प्रतिष्ठित व्यवसायी थे, अपितु आध्यात्मिक नगर अजमेर में आयोजित विशाल धार्मिक आयोजनों में उनकी अहम भूमिका रही। श्रद्धेय श्री डोंगरे जी महाराज, कथा वाचक श्री मुरारी बापू, श्री रामसुखदास जी महाराज जैसे बडे संतों के प्रवचनों व कथाओं में उन्होंने ... Read more
हरदिल अजीज शख्सियत: डॉ. सुरेश गर्ग
डॉ. सुरेश गर्ग का नाम परिचय का मोहताज नहीं। शहर का शायद ही कोई ऐसा जागरूक व्यक्ति होगा, जो उनको न जानता हो, या जिसने इस हरदिल अजीज शख्सियत का नाम न सुना हो। असल में इसकी एक मात्र वजह ये है कि एक तो वे आम जनता से जुड़ी नगर पालिका सेवा में रहे, ... Read more
मनो संवाद विधि से गीता पर लिखी अनूठी पुस्तक
आपको यह जान कर अचरज हो सकता है कि क्या मनोसंवाद विधि से, पश्यंति वाणी से कोई पुस्तक लिखी जा सकती है। जी हां, अजमेर के विद्वान श्री शिव शर्मा ने यह उपलब्धि हासिल की है। इस पुस्तक में सूफी संत हजरत हरप्रसाद मिश्रा उवैसी ने गीता के एक श्लोक की 110 पेज में व्याख्या ... Read more
राजस्थान की वित्तीय व्यवस्था के आधार स्तम्भ श्री गोविंद देव व्यास
श्री गोविंद देव व्यास की गिनती राजस्थान के उन अधिकारियों में होती है, जिन्होंने राज्य की वित्तीय व्यवस्था को दिशा देने में अहम भूमिका अदा की है। यदि यह कहा जाए कि वे विकासमान राजस्थान के स्वप्नदृष्टाओं में से एक हैं, तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। सेवानिवृत्ति के बाद भी भावी आरएएस अधिकारियों को प्रशिक्षण ... Read more
अजमेर उत्तर में कांग्रेस टिकट के प्रबल दावेदार थे जस्टिस इंद्रसेन इसरानी
राजनीति की समझ रखने वालों में से कम लोगों को ही जानकारी होगी कि राजस्थान विशेष पिछडा वर्ग आयोग के अध्यक्ष रहे जस्टिस स्वर्गीय श्री इंद्रसेन इसरानी अजमेर उत्तर में कांग्रेस टिकट के प्रबल दावेदार थे। भूतपूर्व राजस्व मंत्री स्वर्गीय श्री किशन मोटवानी के निधन के कारण हुए विधानसभा उप चुनाव में मैदान खाली देख ... Read more
पान की दुकानों पर भी जुटते हैं किस्सागो
ठीयों की बात हो और पान की दुकानें ख्याल में न आएं, ऐसा कैसे हो सकता है। वस्तुतः ये भी शहर की पंचायती करने वालों से सजती रही हैं। एक समय क्लॉक टावर थाने के नुक्कड़ पर इंडिया पान हाउस हुआ करता था, जो बाद में अतिक्रमण हटाओ अभियान में नेस्तनाबूद हो गया और बाद ... Read more
और भी रहे हैं ठीये-ठिकाने चौधर करने वालों के
पिछले किस्से में हमने नाले शाह की मजार का जिक्र किया था। दैनिक राज्यादेश व दैनिक मरु प्रहार के संपादक श्री गोपाल सिंह लबाना ने जानकारी दी है कि नाले शाह की मजार की तरह का ही एक और ठीया हुआ करता था। वे बताते हैं कि मदारगेट पर राधाकृष्ण गुरुदयाल मिष्ठान्न भंडार के पास ... Read more
क्या मीडिया की सतत कवायद बेमानी तो नहीं?
पूरे राजस्थान में अजमेर के मीडिया की विषेश पहचान है। विषेश रूप से खोजपूर्ण पत्रकारिता में यह अग्रणी रहा है। अजमेर की ज्वलंत समस्याओं के लिए यहां का मीडिया षासन-प्रषासन को सतत जगाता रहता है, मगर चहुंओर समस्याओं का अंबार कभी खत्म होने का नाम ही नहीं लेता। स्थाई-अस्थाई अतिक्रमण पसरे हुए हैं। नालों को ... Read more
सर्वधर्म सद्भाव की लौ प्रज्ज्वलित करने के लिए साधुवाद
दरगाह ख्वाजा साहब और तीर्थराज पुष्कर को अपने आंचल में समेटे अजमेर की पावन धरा को सांप्रदायिक सौहार्द की नगरी कहा जाता है। अनेक झंझावातों में इसका पुर सुकून मंजर सदैव अकंपित रहा है। यदाकदा ऐसी चिन्गारियां भी छोडी जाती रही हैं, मगर उसकी यात्रा ज्यादा दूर तक नहीं चल पाती। वस्तुतः इस नगरी का ... Read more
अजमेर की चौधर करने वालों का ठीया था नाले शाह की मजार
शहर के चंद बुद्धिजीवियों को ही पता है कि अजमेर में एक स्थान नाले शाह की मजार के नाम से जाना जाता था। अब उसका कोई नामो-निशान नहीं है। दरअसल न तो नाले शाह नाम के कोई शख्स हुए और न ही वह किसी की मजार थी। वह एक ठीया था। क्लॉक टॉवर पुलिस थाने ... Read more
बहुआयामी व्यक्तित्व थे पत्रकार स्वर्गीय श्री अभय कुमार जैन
शहर के वयोवृद्ध एवं प्रतिष्ठित पत्रकारों में शुमार रहा है स्वर्गीय श्री अभय कुमार जैन का नाम। वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। अनेक वर्ष तक अजमेर जिला पत्रकार संघ के कोषाध्यक्ष और अनेक सामाजिक, राजनीतिक व धार्मिक संस्थाओं में पदाधिकारी रहे। उत्तर प्रदेश के बिल्सी (बदायुं) में 7 जुलाई, 1938 को जन्मे श्री जैन ... Read more
नानकराम जगतराय की आंखें जब नम हो गईं
अजमेर उत्तर जो कि पूर्व में अजमेर पश्चिम सीट रही, के भूतपूर्व कांग्रेस विधायक स्वर्गीय श्री नानकराम जगतराय की छवि कितनी साफ सुथरी थी, इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक बार तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि उन्हें एक सौ एक नानकरामों की जरूरत है। बेशक उन्हें तेज ... Read more
क्या यह भ्रांत सांप्रदायिक सद्भाव नहीं?
हाल ही अखबारों में इस शीर्षक की खबर पढने को मिली कि हर साल की तरह इस साल भी मुस्लिम परिवार ने तैयार किया रावण का पुतला। बहुत सुखद लगा। सांप्रदायिक सद्भाव का नायाब उदाहरण पेश किया। वस्तुतः हम सांप्रदायिक सद्भाव को बहुत महत्व देते हैं। सांप्रदायिक सद्भाव जरूरी है भी। मगर कई बार ऐसा ... Read more
अजमेर रत्न स्वर्गीय श्री केसरी चंद चौधरी
किशनगढ़ के भूतपूर्व विधायक स्वर्गीय श्री केसरीचंद चौधरी अपने समकालीन कांग्रेसी नेताओं में अलग ही पहचान रखते थे। आम कार्यकर्ताओं से उनका गहरा लगाव था। उनका जन्म 5 जून 1926 को स्वर्गीय श्री मदनचंद चौधरी के घर हुआ। सन् 1942 तक स्नातक तक विद्या अध्ययन के बाद महात्मा गांधी के आह्वान पर राज्य प्रजामंडल के ... Read more