महाराष्ट्र जीएसडीपी वाले राज्य के रूप में अग्रणी, सिक्किम प्रति व्यक्ति आय में नंबर वन

नई दिल्ली, 24 मार्च . केंद्र की मोदी सरकार के नेतृत्व में देश का हर राज्य विकास के पथ पर अग्रसर है. यहां तक कि पूर्वोत्तर राज्यों ने भी विकास की नई इबारत लिखी है, जिसे देखकर आप बदलते दौर के भारत का अंदाजा लगा सकते हैं, जो दुनिया की आर्थिक महाशक्ति बनने की ओर ... Read more

डेली किरण 24 Mar 2025 11:38 pm

हिसार का बेटा सिक्किम में शहीद:सेना के बीआरओ में थी तैनाती, परिवार का इकलौता बेटा, 2 साल पहले शादी, 6 माह की बेटी

सिक्किम में सेना में तैनात हिसार का बेटा शहीद हो गया है। वे BRO (बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन) में थे और इन दिनों भारत सरकार के रोड प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे। इसी दौरान उनके साथ दुर्घटना हो गई और देश के लिए बलिदान दे दिया। 26 साल के अजय की शहीद होने की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। अजय की दो साल पहले ही शादी हुई थी और उसकी 6 महीने की बेटी है। उनके पार्थिव शरीर को बुधवार (26 मार्च) को पैतृक गांव अग्रोहा लाया जाएगा। परिवार को अंतिम दर्शन करवाने के बाद गांव के श्मशान घाट में सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा। 2019 में भर्ती होकर BRO में दे रहे थे सेवाअजय मार्च 2019 में सेना में भर्ती हुए थे। इन दिनों BRO में सेवा दे रहे थे। BRO सेना का ही विंग है, जो दुर्गम इलाकों में सड़कें बनाने सहित अन्य काम करता है। अजय इन दिनों सिक्किम में रक्षा मंत्रालय के अधीन परियोजना स्वास्तिक ( नेशनल हाईवे 10 को रिपेयर करने का काम) में कार्य कर रहे थे। सिक्किम के बार्डर एरिया को जोड़ने वाला यह हाईवे बीते दिनों आई बाढ़ में टूट गया था। यह हाईवे चीन के साथ वाले एरिया को भारत से जोड़ता है और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसी दौरान एक हादसे में उन्होंने मातृभूमि की सेवा में अपने प्राण दे दिए। शहादत की सूचना से अग्रोहा में शोक की लहरअजय के पिता हरपाल और मां रोशनी गांव में रहकर अपनी खेतीबाड़ी करते हैं। अजय पत्नी सुशीला और बेटी के साथ सिक्किम में ही आर्मी क्वाटर में ही साथ रह रहे थे। उनके शहादत की सूचना जैसे ही गांव पहुंची तो हर कोई शोकग्रस्त हो गया। परिवार को जहां बेटे की शहादत पर फख्र है तो वहीं बेटे को खोने का गम भी है। पत्नी और मां का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार को ढांढ़स बंधाने के लिए गांव के लोग पहुंच रहे हैं। उधर, ‌BRO के अधिकारियों ने कहा कि अपनी सेवा के दौरान उन्होंने हमेशा जिम्मेदारी और निष्ठा का परिचय दिया। सीमा सड़क संगठन के लिए उनकी मृत्यु अपूर्णीय क्षति है। 22 मार्च को ही मनाया था बेटी का जन्मदिनअजय परिवार के इकलौते बेटे थे। उनकी दो बहने हैं और दोनों ही बड़ी हैं। दोनों की शादी हो चुकी है। भाई की मौत की खबर के बाद से बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है। अजय बहनों के साथ ही परिवार में सबका लाडला था। परिजनों ने बताया कि अजय ने 22 मार्च को अपनी बेटी के एक साल पूरे होने पर आर्मी क्वाटर में ही पत्नी के साथ बेटी का जन्मदिन मनाया था। फौजियों के गांव के नाम से जाना जाता है सिंदोलगांव सिंदोल की आबादी करीब 1800 है। आबादी को देखते हुए मां भारती की सेवा का जज्बा और जुनून सिंदोल के बच्चे-बच्चे में भरा हुआ है। सरपंच प्रतिनिधि सुरजीत मिठारवाल के अनुसार गांव के करीब 40 युवक देश सेवा में मां भारती की रक्षा में तैनात है। उनके गांव के सबसे पहले बलिदानी कीर्ति चक्र विजेता श्रवण ढूकिया हुए हैं और दूसरे सोमवीर ढूकिया और अब तीसरे अजय। इन तीनों वीरों के बलिदान पर पूरे गांव सहित क्षेत्र के लोगों को उनकी वीरता और बहादुरी पर गर्व है। कीर्ति चक्र विजेता श्रवण ढूकिया ने लिया था दुश्मनों से लोहा मां भारती के लाल श्रवण कुमार ढूकिया पुत्र पतराम ढूकिया ने 2000 में श्रीनगर के सोंपिया में दुश्मनों लोहा लेते हुए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था। कीर्ति चक्र विजेता श्रवण ढूकिया ने सौंपिया सेक्टर में घेराबंदी कर 9 आतंकवादियों को मार गिराया था। दुश्मनों के इस मुकाबले में उनके पिता वीरगति को प्राप्त हुए थे ।

दैनिक भास्कर 24 Mar 2025 3:51 pm